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नोटों से जुड़ी 10 बातें, जो दिलचस्प भी हैं और काम की भी | नकली नोट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नेपाल ने भारतीय 500 और 1000 रुपए के नोट पर प्रतिबंध लगा रखा है। इतना ही नहीं अगर इन नोट के साथ नेपाल में कोई पकड़ा जाता है तो उसे दंड देने का भी प्रावधान है। इसे लेकर भारत और नेपाल के सोनौली बॉर्डर पर एक नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें ये चेतावनी दी गई है। |
दिलीप कुमार के सीने में संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती, पत्नी सायरा बानू ने दिया ये बयान | Saab has been admitted to Mumbai’s Lilavati Hospital as he was bit uneasy due to a chest infection. He’s recuperating. Requesting your duas and prayers. -FF |
2 जी केस : स्वामी की दलील पूरी, 4 फरवरी को आएगा फैसला | जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 2जी घोटाले में चिदंबरम को सह-आरोपी बनाने पर अपनी दलील पूरी कर ली है और अब 4 फरवरी को अदालत इस पर फैसला सुनाएगी।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने चिदंबरम के खिलाफ अपने आरोपों के पक्ष में स्वामी की दलील पूरी होने के बाद कहा कि आदेश 4 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रखा जाता है। दलील में स्वामी ने कहा कि अदालत के सामने प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया लगता है कि चिदंबरम पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा की तरह ही समान रूप से अपराधी हैं, जिनके खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सुनवाई चल रही है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘ए राजा और पी चिदंबरम ने साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। प्रथम दृष्टया लगता है कि आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए चिदंबरम ने राजा के साथ मिलकर साजिश और सांठ-गांठ की।’’ स्वामी ने पहले भी कोर्ट के सामने कई दस्तावेज दिए हैं, जिसमें 2008 में तब के टेलीकॉम मिनिस्टर ए राजा और तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बीच हुए बैठकों का जिक्र है।
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के दाम तय करने में चिदंबरम भी शामिल थे। स्वामी के मुताबिक चिदंबरम ने राजा का साथ दिया और वह इस घोटाले में राजा के बराबर दोषी हैं। इसके अलावा स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर कर रखी है, जिसमें मांग की गई है कि सीबीआई 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच करे।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने चिदंबरम के खिलाफ अपने आरोपों के पक्ष में स्वामी की दलील पूरी होने के बाद कहा कि आदेश 4 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रखा जाता है। दलील में स्वामी ने कहा कि अदालत के सामने प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया लगता है कि चिदंबरम पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा की तरह ही समान रूप से अपराधी हैं, जिनके खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सुनवाई चल रही है।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, ‘‘ए राजा और पी चिदंबरम ने साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। प्रथम दृष्टया लगता है कि आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए चिदंबरम ने राजा के साथ मिलकर साजिश और सांठ-गांठ की।’’ स्वामी ने पहले भी कोर्ट के सामने कई दस्तावेज दिए हैं, जिसमें 2008 में तब के टेलीकॉम मिनिस्टर ए राजा और तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बीच हुए बैठकों का जिक्र है।
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के दाम तय करने में चिदंबरम भी शामिल थे। स्वामी के मुताबिक चिदंबरम ने राजा का साथ दिया और वह इस घोटाले में राजा के बराबर दोषी हैं। इसके अलावा स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर कर रखी है, जिसमें मांग की गई है कि सीबीआई 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच करे।
उन्होंने कहा, ‘‘ए राजा और पी चिदंबरम ने साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया। प्रथम दृष्टया लगता है कि आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए चिदंबरम ने राजा के साथ मिलकर साजिश और सांठ-गांठ की।’’ स्वामी ने पहले भी कोर्ट के सामने कई दस्तावेज दिए हैं, जिसमें 2008 में तब के टेलीकॉम मिनिस्टर ए राजा और तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बीच हुए बैठकों का जिक्र है।
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के दाम तय करने में चिदंबरम भी शामिल थे। स्वामी के मुताबिक चिदंबरम ने राजा का साथ दिया और वह इस घोटाले में राजा के बराबर दोषी हैं। इसके अलावा स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर कर रखी है, जिसमें मांग की गई है कि सीबीआई 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच करे।
उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के दाम तय करने में चिदंबरम भी शामिल थे। स्वामी के मुताबिक चिदंबरम ने राजा का साथ दिया और वह इस घोटाले में राजा के बराबर दोषी हैं। इसके अलावा स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर कर रखी है, जिसमें मांग की गई है कि सीबीआई 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच करे। |
GST Collection: आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को झटका! सितंबर में GST कलेक्शन में 6 हजार करोड़ से ज्यादा की गिरावट | वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, 'सितंबर में कुल सकल जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी 16,630 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 22,598 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 45,069 करोड़ रुपये (22,097 करोड़ रुपये आयात पर जुटाए गए) और उपकर का हिस्सा 7,620 करोड़ रुपये (728 करोड़ रुपये आयात पर जुटाया गया) रहा.'
बयान में कहा गया है कि अगस्त माह के लिए 30 सितंबर तक कुल 75.94 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न (स्व आकलन वाले रिटर्न का संक्षिप्त विवरण) दाखिल किए गए. बयान के अनुसार सितंबर में राजस्व में पिछले साल के समान महीने में जुटाए गए राजस्व की तुलना में 2.67 प्रतिशत कम रहा. |
पाक-अफगान सीमा आतंकवाद का केंद्र : अमेरिका | अमेरिका ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया है कि अफगान-पाकिस्तान सीमा आतंकवाद का केंद्र बनी हुई है। अमेरिका के एक आला सैन्य अधिकारी ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की परमाणु संपन्न सरकार के गिरने के भयंकर परिणाम हो सकते हैं। ज्वाइंट चीव्स ऑफ स्टॉफ के प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन ने कहा, पाकिस्तान की परमाणु संपन्न सरकार अगर गिर गई, तो उसके परमाणु हथियार चरमपंथियों के हाथों में जा सकते हैं और यह वैश्विकतौर पर और निश्चिततौर पर हमारे लिए, बहुत बड़ा खतरा होगा। सदन की रक्षा मामलों की उप समिति के सामने बयान देते हुए, मुलेन ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि यह अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है। इसी दौरान अमेरिका के रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा आतंकवाद का केंद्र बनी हुई है। गेट्स ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान में इसलिए है क्योंकि अमेरिका पर अफगानिस्तान के बाहर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा, अफ-पाक सीमा अब भी आतंकवाद का केंद्र बनी हुई है, ऐसा आतंकवाद जिसमें न केवल पूरे दक्षिणपूर्व और दक्षिणपश्चिम एशिया को अस्थिर करने की क्षमता है, बल्कि वह अमेरिका पर भी हमला कर सकता है। |
शेयर बाजार में रहेगी तिमाही परिणामों पर नजर | देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर तिमाही परिणामों की अगली खेप पर रहेगी। शुक्रवार नौ अगस्त को रमजान के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।
अगले सप्ताह भी कंपनियों के तिमाही परिणामों की घोषणा होती रहेगी। निवेशक इन परिणामों के साथ आने वाली अन्य सूचनाओं से अलग-अलग कंपनियों में संभावनाओं की खोज करेंगे।
सोमवार पांच अगस्त को एनडीटीवी, स्पाइसजेट और व्हील्स इंडिया जैसी कंपनियों के परिणाम आएंगे। मंगलवार को जिंदल होटल, टाटा पावर और यूनीटेक, बुधवार को अपोलो हॉस्पीटल, अपोलो टायर, एनएमडीसी और टाटा मोटर्स के, गुरुवार को जेट एयरवेज, मोजर बेयर और मुक्ता आर्ट्स के और शुक्रवार को बालाजी टेलीफिल्म्स, सिप्ला, मनाप्पुरम फाइनेंस, प्राज इंडस्ट्रीज, सन फार्मा और टीवीएस मोटर के परिणाम आएंगे।
इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्योहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां अच्छा कारोबार कर सकती हैं।
पांच अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक, कंपनी विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।
आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
अगले सप्ताह भी कंपनियों के तिमाही परिणामों की घोषणा होती रहेगी। निवेशक इन परिणामों के साथ आने वाली अन्य सूचनाओं से अलग-अलग कंपनियों में संभावनाओं की खोज करेंगे।
सोमवार पांच अगस्त को एनडीटीवी, स्पाइसजेट और व्हील्स इंडिया जैसी कंपनियों के परिणाम आएंगे। मंगलवार को जिंदल होटल, टाटा पावर और यूनीटेक, बुधवार को अपोलो हॉस्पीटल, अपोलो टायर, एनएमडीसी और टाटा मोटर्स के, गुरुवार को जेट एयरवेज, मोजर बेयर और मुक्ता आर्ट्स के और शुक्रवार को बालाजी टेलीफिल्म्स, सिप्ला, मनाप्पुरम फाइनेंस, प्राज इंडस्ट्रीज, सन फार्मा और टीवीएस मोटर के परिणाम आएंगे।
इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्योहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां अच्छा कारोबार कर सकती हैं।
पांच अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक, कंपनी विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।
आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
सोमवार पांच अगस्त को एनडीटीवी, स्पाइसजेट और व्हील्स इंडिया जैसी कंपनियों के परिणाम आएंगे। मंगलवार को जिंदल होटल, टाटा पावर और यूनीटेक, बुधवार को अपोलो हॉस्पीटल, अपोलो टायर, एनएमडीसी और टाटा मोटर्स के, गुरुवार को जेट एयरवेज, मोजर बेयर और मुक्ता आर्ट्स के और शुक्रवार को बालाजी टेलीफिल्म्स, सिप्ला, मनाप्पुरम फाइनेंस, प्राज इंडस्ट्रीज, सन फार्मा और टीवीएस मोटर के परिणाम आएंगे।
इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्योहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां अच्छा कारोबार कर सकती हैं।
पांच अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक, कंपनी विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।
आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
इस साल बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्योहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां अच्छा कारोबार कर सकती हैं।
पांच अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक, कंपनी विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।
आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
पांच अगस्त से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक, कंपनी विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।
आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर की ओर बढ़ने की उम्मीद कम है।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
वर्ष 2014 में सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।टिप्पणियां
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों की मिलीजुली हो सकती है, जिससे आर्थिक सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। वित्तीय घाटा प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में काफी गिरावट देखी जा रही है। इसको देखते हुए निवेशक बॉटमअप की रणनीति अपना सकते हैं। यानी वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाए खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। |
अनुष्का शर्मा के बाद ट्विटर पर जमकर उड़ रही राधिका आप्टे की खिल्ली, पढ़ें 10 Funny Tweets | Some hard to break bonds*
Carbon - carbon
Jay - veeru
Radhika apte - Netflix#Netflix#Ghoul#RadhikaApte
— Aryan Thakur (@Being_Bkchod) August 27, 2018
Carbon - carbon
Jay - veeru
Radhika apte - Netflix#Netflix#Ghoul#RadhikaApte
— Aryan Thakur (@Being_Bkchod) August 27, 2018
Jay - veeru
Radhika apte - Netflix#Netflix#Ghoul#RadhikaApte
— Aryan Thakur (@Being_Bkchod) August 27, 2018
Radhika apte - Netflix#Netflix#Ghoul#RadhikaApte
Tere chehre me woh jadu hai
Bin dor khincha jata hu
Jana hota hai aur kahi
Teri oar chala aata hu#Netflix to #RadhikaAptepic.twitter.com/wXxWJJQxEk
When you open Netflix. pic.twitter.com/PrHbsidvKM
After Lust Stories And Sacred Games Netflix Signs Radhika Apte For 'Ghoul'. Her 3rd Webseries Within A Year.
Web-series Are Temporary, # pic.twitter.com/rDrwBfmWgV
— Sir Ravindra Jadeja (@SirJadejaaaa) August 27, 2018
Web-series Are Temporary, # pic.twitter.com/rDrwBfmWgV
Just like Dr. Strange and Darmamu were stuck in endless loop of time....
Netflix got Radhika Apte ...#Netflix#Radhikaaptepic.twitter.com/Fto0XnghM3
— (@khatar_naak_) August 28, 2018
Netflix got Radhika Apte ...#Netflix#Radhikaaptepic.twitter.com/Fto0XnghM3
Radhika Apte for Netflix is what Suryavansham for Set max.
And the worst part is,
Many Indians pay 500 Rs a month to see Radhika Apte make faces#RadhikaApte@NetflixIndia#Netflix
— Subhasish (@i_mPups) August 28, 2018
And the worst part is,
Many Indians pay 500 Rs a month to see Radhika Apte make faces#RadhikaApte@NetflixIndia#Netflix
Words that go together
Bread: Butter
Chai: Sutta
Thank: You
Netflix: Radhika Apte#Netflix#RadhikaApte
— Subhasish (@i_mPups) August 28, 2018
Bread: Butter
Chai: Sutta
Thank: You
Netflix: Radhika Apte#Netflix#RadhikaApte
*Netflix office*
Director : we have to cast Nawazuddin Siddiqui
Producer : book his dates
Director : and Radhika Apte
Producer : we have booked her years
— Pakchikpak Raja Babu (@HaramiParindey) August 27, 2018
Director : we have to cast Nawazuddin Siddiqui
Producer : book his dates
Director : and Radhika Apte
Producer : we have booked her years
— Pakchikpak Raja Babu (@HaramiParindey) August 27, 2018
Producer : book his dates
Director : and Radhika Apte
Producer : we have booked her years
— Pakchikpak Raja Babu (@HaramiParindey) August 27, 2018
Director : and Radhika Apte
Producer : we have booked her years
— Pakchikpak Raja Babu (@HaramiParindey) August 27, 2018
Producer : we have booked her years
One More :
Netflix using Radhika Apte...#RadhikaApte#netflix#Indiapic.twitter.com/hK7RdhZQ40
— H3manT (@lmHemantPal) August 27, 2018
Netflix using Radhika Apte...#RadhikaApte#netflix#Indiapic.twitter.com/hK7RdhZQ40
So #RadhikaApte is like Aloo for #Netflix; blends well with every sabji (series).
Whatever the role, Radhika apt hai. pic.twitter.com/H5vAI81qMG |
लीबिया संकट : नाटो का माफी से इनकार | लीबिया के पूर्वी हिस्से में विद्रोहियों के टैंकों पर गुरुवार के हवाई हमले के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है। एक वेबसाइट के अनुसार, रीयर एडमिरल रस हार्डिग ने कहा है कि गुरुवार की घटना तक नाटो को इस बात की जानकारी नहीं थी कि विद्रोही लड़ाकों ने टैंकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। हार्डिग ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारा काम नागरिकों की हिफाजत करना है।" विद्रोही लड़ाकों ने पूर्वी अजदाबिया शहर के पास टैंकों पर किए गए इस हवाई हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है लेकिन विद्रोही कमांडरों ने कहा है कि इससे गठबंधन सेना के साथ संबंधों पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। हार्डिग ने नेपल्स में संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि अजदाबिया और ब्रेगा शहरों के बीच स्थिति बहुत अस्थिर है और उनके बीच वाहनों का आवागमन जारी है। उन्होंने कहा कि इसके पहले सरकारी टैंकों ने मिसराता में नागरिकों पर हमले किए थे, लिहाजा गुरुवार को भी समझा गया कि सड़क पर सरकारी टैंक ही है। उस समय तक नाटो को इस बात की जानकारी नहीं थी कि विद्रोहियों ने टैंकों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के जिस प्रस्ताव के तहत नाटो यहां अभियान का संचालन कर रहा है, उस अनुसार यहां नागरिकों की हिफाजत करनी है। वह चाहे गद्दाफी के सैनिकों से हो, या विद्रोहियों से। हार्डिग ने कहा, "मैं स्पष्ट कर दूं कि संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव नागरिकों की हिफाजत करने में किसी पक्ष का विश्वास हासिल करने की बात नहीं करता।" इसके पहले विद्रोहियों के कमांडर, जनरल अब्देल फतह यूनिस ने नाटो से इस घटना पर "तर्कसंगत एवं संतोषजनक" जवाब मांगा था। उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह की गलतियां न दोहराई जाएं। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य में बेहतर सहयोग का आह्वान किया था। हवाई हमले की चपेट में आए विद्रोही, टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और रॉकेट लांचरों को 30 से अधिक वाहनों में अजदाबिया और ब्रेगा शहरों के बीच अग्रिम मोर्चे के पास पहुंचा रहे थे। एक विद्रोही कमांडर ने बीबीसी को बताया कि उसने देखा कि विद्रोही लड़ाकों पर कम से कम चार मिसाइलें गिरीं। इसके परिणामस्वरूप कई विद्रोही लड़ाके मारे गए और कई घायल हो गए। इस घटना को लेकर विद्रोही सैनिकों के बीच काफी नाराजगी है। विद्रोहियों ने कहा है कि इस हवाई हमले में चार लड़ाके मारे गए थे, जबकि स्थानीय चिकित्सकों ने बीबीसी को बताया कि कम से कम 13 लड़ाके मारे गए हैं। हाल के दिनों में विदेशी बलों द्वारा अंजाम दी गई इस तरह की यह तीसरी घटना है। इस बीच आपात खाद्य एवं दवा आपूर्तियों को लेकर एक राहत पोत विद्रोहियों के कब्जे वाले मिसराता शहर पहुंच गया है। दूसरी ओर, विद्रोहियों के एक अन्य प्रवक्ता ने कहा है कि गुरुवार का घातक हवाई हमला नाटो द्वारा नहीं, बल्कि गद्दाफी समर्थक बलों द्वारा किया गया था। कर्नल अहमद बानी ने अल-अरबिया टेलीविजन को बताया, "यह नाटो का हवाई हमला नहीं था। यह गद्दाफी के सैनिकों द्वारा एसआईएआई मार्चेटी एसएफ-260 विमानों द्वारा किया गया हमला था।" |
भारतीय लड़की ने कहा- पाकिस्तान में गन प्वाइंट पर पढ़ाया गया निकाह, लौटना चाहती हैं अपने वतन | ताहिर ने मुझसे गन प्वाइंट पर निकाह किया. भारतीय लड़की उज़्मा ने इस्लामाबाद में मजिस्ट्रेट के सामने यही बयान दिया है. दो पन्ने के अपने लिखित बयान में उज़्मा ने मलेशिया में ताहिर से हुई दोस्ती से लेकर पाकिस्तान में ताहिर के गांव तक पहुंचने की अपनी पूरी दास्तान पेश की है. उसके मुताबिक़- ताहिर को दोस्त मान कर उस पर भरोसा किया लेकिन उसने न सिर्फ उसके साथ शारीरिक जबरदस्ती की बल्कि जबरन निकाह भी किया. अब वह ताहिर के गांव नहीं जाना चाहती. वह भारतीय उच्चायोग से तब तक नहीं निकलना चाहती जब तक उसकी वापसी के दस्तावेज़ पूरे न हो जाएं. वह अपने मुल्क लौटना चाहती है.टिप्पणियां
भारत से पाकिस्तान गई उज़्मा 5 मई से इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग में शरण लिए हुई है. वह 1 मई को ताहिर के बुलावे पर पाकिस्तान गई थी. ताहिर के साथ उसका निकाहनामा 3 मई का है. उज़्मा का कहना है कि दिल्ली से भाई ने जो पैसे भेजे थे उसे लेने वह भारतीय उच्चायोग गई थी जो ताहिर ने मंगवाए थे.
इससे पहले ताहिर ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई कि जब वह अपने लिए भारत का वीज़ा हासिल करने उज़्मा के साथ भारतीय उच्चायोग गए तो उच्चायोग ने उज़्मा को जबरन रोक लिया. इसके बाद यह मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक चला गया. उच्चायोग की तरफ से उज़्मा के वहां होने की पुष्टि की गई लेकिन कहा गया कि उसने ख़ुद ही शरण और मदद मांगी है. उज़्मा के आग्रह पर उच्चायोग उसे सुरक्षित अपने देश वापस लौटने की व्यवस्था में लगा है.
भारत से पाकिस्तान गई उज़्मा 5 मई से इस्लामाबाद के भारतीय उच्चायोग में शरण लिए हुई है. वह 1 मई को ताहिर के बुलावे पर पाकिस्तान गई थी. ताहिर के साथ उसका निकाहनामा 3 मई का है. उज़्मा का कहना है कि दिल्ली से भाई ने जो पैसे भेजे थे उसे लेने वह भारतीय उच्चायोग गई थी जो ताहिर ने मंगवाए थे.
इससे पहले ताहिर ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई कि जब वह अपने लिए भारत का वीज़ा हासिल करने उज़्मा के साथ भारतीय उच्चायोग गए तो उच्चायोग ने उज़्मा को जबरन रोक लिया. इसके बाद यह मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक चला गया. उच्चायोग की तरफ से उज़्मा के वहां होने की पुष्टि की गई लेकिन कहा गया कि उसने ख़ुद ही शरण और मदद मांगी है. उज़्मा के आग्रह पर उच्चायोग उसे सुरक्षित अपने देश वापस लौटने की व्यवस्था में लगा है.
इससे पहले ताहिर ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई कि जब वह अपने लिए भारत का वीज़ा हासिल करने उज़्मा के साथ भारतीय उच्चायोग गए तो उच्चायोग ने उज़्मा को जबरन रोक लिया. इसके बाद यह मामला पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक चला गया. उच्चायोग की तरफ से उज़्मा के वहां होने की पुष्टि की गई लेकिन कहा गया कि उसने ख़ुद ही शरण और मदद मांगी है. उज़्मा के आग्रह पर उच्चायोग उसे सुरक्षित अपने देश वापस लौटने की व्यवस्था में लगा है. |
नरेंद्र मोदी को देश समझना बाकी है : गोविंदाचार्य | बीजेपी की नई टीम पर नया हमला हुआ है। उनके पुराने साथी ने किया है। कभी बीजेपी में सोशल इंजीनियरिंग की शुरुआत करने वाले गोविंदाचार्य ने नरेंद्र मोदी को संसदीय बोर्ड में शामिल करने के फ़ैसले की आलोचना की है। उनकी राय में नरेंद्र मोदी को अभी देश को समझना बाकी है।
उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ-साथ राहुल गांधी पर भी हमला किया। कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अभी देश को भी समझना बाकी है।
उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ-साथ राहुल गांधी पर भी हमला किया। कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अभी देश को भी समझना बाकी है। |
दिल्ली जल बोर्ड के 800 अधिकारियों का स्थानांतरण | जलापूर्ति व्यवस्था एवं सेवा को बेहतर बनाने की कवायद के तहत दिल्ली में 'आप' की सरकार ने सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में व्यापक फेरबदल करते हुए करीब 800 अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों का स्थानांतरण मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर हुआ है जो जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली जल बोर्ड के सेवा आपूर्ति तंत्र को दुरुस्त बनाने के लिए विशिष्ट निर्देश जारी किए थे और इसी के आलोक में ये तबादले किए गए हैं।
अधिकारियों ने कहा, 'सेवा प्रदान करने की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आज 800 अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया गया।'
डीजेबी में स्थानांतरण की पहल 28 दिसंबर को केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के पश्चात दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ देबाशीष मुखर्जी को हटाये जाने के 10 दिन बाद सामने आई है।
डीजेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'वैसे सभी अधिकारी जो पिछले तीन वषरे से एक ही स्थान पर काम कर रहे थे, उनका स्थानांतरण कर दिया गया है।'
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का स्थानांतरण का आदेश उसी दिन दिया गया है जिस दिन एक टीवी चैनल के स्टिंग आपरेशन में डीजेबी के तीन अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए दिखाने जाने के बाद निलंबित कर दिया गया।
हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि स्थानांतरण कामकाज को बेहतर बनाने के लिए किया गया है।
डीजेबी के प्रवक्ता ने कहा, 'लोक उपयोग की सेवा को बेहतर बनाने के मकसद से इस दिशा में सतत प्रयास के तहत पहल की जा रही है। दिल्ली जल बोर्ड लगातार सेवाओं एवं व्यवस्था को नियोजित बनाने की दिशा में काम कर रहा है।'
सूत्रों ने कहा कि पानी का समान बंटवारा सरकार की प्राथमिकता है तथा जल आपूर्ति प्रणाली को दुरुस्त बनाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। नगर में टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। |
सीबीएसई की 10वीं कक्षा के नतीजे घोषित, छात्राओं ने फिर मारी बाजी | केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कक्षा 10वीं के नतीजों में लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। गुरुवार को यहां 10वीं के नतीजे घोषित किए गए थे।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, 10वीं कक्षा में 97.82 प्रतिशत लड़कियां उत्तीर्ण हुई, जबकि 96.98 लड़के उत्तीर्ण हुए।
कुल 94,474 विद्यार्थियों ने 10 सीजीपीए अंक हासिल किए, जिनमें से 49,392 लड़के, जबकि 45,082 लड़कियां थी।
दिल्ली में 8,026 विद्यार्थियों को 10 सीजीपीए अंक मिले।
इस साल उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों का प्रतिशत घटकर 97.32 प्रतिशत रहा है, जो 2014 में यह 98.87 प्रतिशत था।
केरल के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र में सर्वाधिक 99.77 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
छात्र अपने रिजल्ट www.cbse.nic.in और www.cbseresults.nic.in पर देख सकते हैं। सीबीएसई ने कहा है कि छात्र कुछ मोबाइल फोन ऑपरेटरों की एसएमएस सेवाओं के जरिये भी रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, 10वीं कक्षा में 97.82 प्रतिशत लड़कियां उत्तीर्ण हुई, जबकि 96.98 लड़के उत्तीर्ण हुए।
कुल 94,474 विद्यार्थियों ने 10 सीजीपीए अंक हासिल किए, जिनमें से 49,392 लड़के, जबकि 45,082 लड़कियां थी।
दिल्ली में 8,026 विद्यार्थियों को 10 सीजीपीए अंक मिले।
इस साल उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों का प्रतिशत घटकर 97.32 प्रतिशत रहा है, जो 2014 में यह 98.87 प्रतिशत था।
केरल के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र में सर्वाधिक 99.77 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
छात्र अपने रिजल्ट www.cbse.nic.in और www.cbseresults.nic.in पर देख सकते हैं। सीबीएसई ने कहा है कि छात्र कुछ मोबाइल फोन ऑपरेटरों की एसएमएस सेवाओं के जरिये भी रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
कुल 94,474 विद्यार्थियों ने 10 सीजीपीए अंक हासिल किए, जिनमें से 49,392 लड़के, जबकि 45,082 लड़कियां थी।
दिल्ली में 8,026 विद्यार्थियों को 10 सीजीपीए अंक मिले।
इस साल उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों का प्रतिशत घटकर 97.32 प्रतिशत रहा है, जो 2014 में यह 98.87 प्रतिशत था।
केरल के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र में सर्वाधिक 99.77 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
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इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
दिल्ली में 8,026 विद्यार्थियों को 10 सीजीपीए अंक मिले।
इस साल उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों का प्रतिशत घटकर 97.32 प्रतिशत रहा है, जो 2014 में यह 98.87 प्रतिशत था।
केरल के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र में सर्वाधिक 99.77 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
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इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
इस साल उत्तीर्ण होने वाले कुल विद्यार्थियों का प्रतिशत घटकर 97.32 प्रतिशत रहा है, जो 2014 में यह 98.87 प्रतिशत था।
केरल के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र में सर्वाधिक 99.77 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
छात्र अपने रिजल्ट www.cbse.nic.in और www.cbseresults.nic.in पर देख सकते हैं। सीबीएसई ने कहा है कि छात्र कुछ मोबाइल फोन ऑपरेटरों की एसएमएस सेवाओं के जरिये भी रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
केरल के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र में सर्वाधिक 99.77 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो सभी क्षेत्रों में सर्वाधिक है।
इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
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इस साल कुल 13,73,853 विद्यार्थियों ने परीक्षाएं दी थीं, जो 2014 के मुकाबले 3.37 प्रतिशत अधिक है। टिप्पणियां
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इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
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इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे।
इसके अलावा आईवीआरएस सिस्टम के जरिये 24300699 (दिल्ली के लिए) और 011-24300699 (देश के अन्य भागों के लिए) पर कॉल करके भी परीक्षा के परिणाम जाने जा सकते हैं। इस साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा में 13 लाख से अधिक छात्र बैठे। |
पाक की भर्त्सना करने के लिए शशि थरूर से मदद मांगने की ख़बरें पूरी तरह गलत, शरारतपूर्ण : सुषमा स्वराज | विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने उन रिपोर्टों को 'पूरी तरह गलत तथा शरारतपूर्ण तरीके से प्लान्ट की गई' करार दिया है, जिनमें कहा गया था कि भारत के पूर्व नौसेनाधिकारी कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने पर पाकिस्तान की निंदा करने के लिए प्रस्ताव की भाषा तैयार करने में सुषमा स्वराज ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से मदद मांगी है.
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बुधवार सुबह लिखा, "ख़बर पूरी तरह गलत है, और शरारतपूर्ण तरीके से मीडिया में प्लान्ट की गई थी..."
उन्होंने इससे पहले भी पोस्ट किया था, "मेरे मंत्रालय में काबिलियत की कोई कमी नहीं है... मुझे बेहद काबिल सचिवों की मदद हासिल है..."
सोमवार को मीडिया में रिपोर्टें थीं कि 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में पाकिस्तान को चेतावनी देता बयान देने वाली विदेशमंत्री ने दोनों सदनों में रखे जाने वाले प्रस्ताव की भाषा तैयार करने के लिए शशि थरूर से सहायता मांगी है.
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."टिप्पणियां
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बुधवार सुबह लिखा, "ख़बर पूरी तरह गलत है, और शरारतपूर्ण तरीके से मीडिया में प्लान्ट की गई थी..."
उन्होंने इससे पहले भी पोस्ट किया था, "मेरे मंत्रालय में काबिलियत की कोई कमी नहीं है... मुझे बेहद काबिल सचिवों की मदद हासिल है..."
सोमवार को मीडिया में रिपोर्टें थीं कि 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में पाकिस्तान को चेतावनी देता बयान देने वाली विदेशमंत्री ने दोनों सदनों में रखे जाने वाले प्रस्ताव की भाषा तैयार करने के लिए शशि थरूर से सहायता मांगी है.
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."टिप्पणियां
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
उन्होंने इससे पहले भी पोस्ट किया था, "मेरे मंत्रालय में काबिलियत की कोई कमी नहीं है... मुझे बेहद काबिल सचिवों की मदद हासिल है..."
सोमवार को मीडिया में रिपोर्टें थीं कि 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में पाकिस्तान को चेतावनी देता बयान देने वाली विदेशमंत्री ने दोनों सदनों में रखे जाने वाले प्रस्ताव की भाषा तैयार करने के लिए शशि थरूर से सहायता मांगी है.
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."टिप्पणियां
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
सोमवार को मीडिया में रिपोर्टें थीं कि 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में पाकिस्तान को चेतावनी देता बयान देने वाली विदेशमंत्री ने दोनों सदनों में रखे जाने वाले प्रस्ताव की भाषा तैयार करने के लिए शशि थरूर से सहायता मांगी है.
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."टिप्पणियां
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
इस पर शशि थरूर ने NDTV से कहा था, "यह ऐसा मुद्दा है, जो हम सभी को प्रभावित करता है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."टिप्पणियां
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा बलूचिस्तान में 'जासूसी तथा तोड़फोड़ की गतिविधियों' का दोषी करार देकर कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाए जाने की भारतीय संसद ने पूरी तरह एकजुट होकर भर्त्सना की. अपने बयान में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "(कुलभूषण) जाधव द्वारा कोई गलत हरकत किए जाने का सबूत नहीं है... यदि है भी, तो वह उस साजिश का शिकार बना है, जो भारत पर कलंक लगाकर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन और सहायता दिए जाने की तरफ से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बंटाने के लिए रची गई है..." सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि "यदि वह इस मुद्दे (कुलभूषण जाधव) पर आगे बढ़ता है, तो उसे द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य पर विचार कर लेना चाहिए..."टिप्पणियां
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों को 'गढ़ा हुआ' करार देते हुए विदेशमंत्री ने कहा था, "इन हालात में, हमारे पास इस सज़ा, यदि दी जाती है तो, को सोची-समझी हत्या समझने के अलावा कोई चारा नहीं है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..."
सुषमा स्वराज ने कहा था, "भारत की सरकार तथा जनता इसे बेहद गंभीरता से ले रही है कि पाकिस्तान में बिना सही प्रक्रिया का पालन किए, और कानून, न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों का सरासर उल्लंघन करते हुए किसी निर्दोष भारतीय को फांसी की सज़ा दी जा सकती है..." |
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर क्या बोले शत्रुघ्न सिन्हा? | बिहार की पटना साहिब सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा(Shatrughan Sinha) ने सोमवार को पीरमुहानी में जनसभा संबोधित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये चुनाव किसी राजनैतिक दलों के बीच नहीं, बल्कि देश के स्वाभिमान और सांप्रदायिक ताकतों के बीच है. आज देश में एक सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है. उन्होंने पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के गांधी मूर्ति चौराहा, पुनाईचक पर आयोजित जनसभा को भी संबोधित किया. कहा कि सभा में भारी संख्या में उपस्थित लोगों ने जो स्नेह और आशीर्वाद दिया इसके लिए मैं पुनाईचक की तमाम जनता को प्रणाम करता हूं. साथ ही, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का भी आभार की वे मेरे साथ सभा के दौरान सम्मिलित रहें. शत्रुघ्न ने कहा कि 'वन मैन शो टू मैन आर्मी' के तानाशाही शासन के विरुद्ध देश व प्रदेश में जो बदलाव का बहार दिख रहा है तो मैं कह सकता हूं कि 'परिवर्तन' आना तय है. इस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भी तारीफ की. कहा कि राहुल गांधी ने पिछले वर्ष पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व को प्रदर्शित किया वो...प्रशंसनीय, सराहनीय औरअनुकरणीय है.
कल पटना साहिब के पीरमुहानी में लोगों से मुखातिब होकर जनसभा को सम्बोधित किया। ये चुनाव किसी राजनैतिक दलों के बीच नहीं, बल्कि देश के स्वाभिमान और साम्प्रदायिक ताकतों के बीच है। आज देश में एक सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है और जिस प्रकार से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष pic.twitter.com/CLozZxwi8f
राहुल गांधी ने पिछले वर्ष पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व को प्रदर्शित किया वो...प्रशंसनीय, सराहनीय औरअनुकरणीय है।
Jai Hind, Jai Bihar! pic.twitter.com/HRTEMU8Yi7
शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha News) भी पिछले दो बार से पटना साहिब की सीट (Patna Sahib Lok Sabha Seat) बतौर बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर जीतते आए हैं, मगर यह भी सच्चाई है कि परिसीमन के पहले आरजेडी के रामकृपाल यादव (Ram Kripal Yadav) ने पटना की यह सीट 2004 में जीती थी. बाद में पटना साहिब और पाटलीपुत्र (Patliputra Lok Sabha Seat) नाम से दो लोकसभा सीट बनाई गई. पटना साहिब में जहां शत्रुघ्न सिन्हा और रविशंकर के बीच मुकाबला है, वहीं पाटलीपुत्र में आरजेडी की मीसा भारती और बीजेपी के रामकृपाल यादव के बीच कड़ी टक्कर है. |
'डेविस कप के ड्रॉ भारत के पक्ष में', मुकाबले शुक्रवार से | दिल्ली के DLTA स्टेडियम में शुक्रवार से शुरू होने वाले डेविस कप के वर्ल्ड ग्रुप प्ले ऑफ मुकाबलों के ड्रॉ तय हो गए हैं। इसके मुताबिक शुक्रवार को पहले सिंगल्स में युकी भांब्री की भिड़ंत चेक गणराज्य के नंबर 2 खिलाड़ी ल्यूकॉस रोसोल से होगी। युकी भांब्री की सिंगल्स रैंकिंग 125 है जबकि रोसोल की सिंगल्स रैंकिंग 85 है।
दूसरे सिंगल्स में सोमदेव देववर्मन (164 रैंकिंग) की टक्कर जिरी वेसेली (40) से होगी। शनिवार को डबल्स मुकाबलों में लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना की जोड़ी का चेक जोड़ी राडेक स्टेपानेक एडम पावलासेक की जोड़ी से मुकाबला होगा। रिवर्स सिंगल्स रविवार को खेले जाना है।
भारतीय कप्तान आनंद अमृतराज मानते हैं कि दुनिया की नंबर 1 टीम के सामने भारत (21वीं रैंकिंग) की चुनौती आसान नहीं होगी। आनंद कहते हैं कि मैच दिल्ली में होने हैं जो युकी भांब्री और सोमदेव देववर्मन जैसे खिलाड़ियों का पसंदीदा कोर्ट है। दिल्ली के युकी फ़ैन्स अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों के मैदान पर आने की उम्मीद कर रहे हैं।
सबसे बड़ी बात जो भारत के पक्ष में साबित हो सकती है वह है दिल्ली की गर्मी और वातावरण की नमी। आनंद यहां तक कहते हैं कि अगर बारिश हो गई तो यह फायदा भारत के हाथ से निकल जाएगा। कप्तान आनंद अमृतराज ने यह भी साफ कर दिया कि मैच के लिए दिल्ली का चुनाव भी खिलाड़ियों की सहमति के साथ ही हुआ है। टिप्पणियां
सोमदेव देववर्मन और वेसेली की रैंकिंग में करीब सवा सौ पायदान का फासला है। फिर भी सोमदेव ने दिल्ली के कोर्ट पर 2010 से लेकर अब तक कोई मैच नहीं गंवाया है। इसी कोर्ट पर सोमदेव ने कॉमनवेल्थ खेलों का गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन सोमदेव फ़ॉर्म में नहीं हैं और वेसेली के खिलाफ उनकी चुनौती आसान नहीं होने वाली।
हालांकि डेविस कप मुकाबलों में चेक गणराज्य के वर्ल्ड नंबर 5 टॉमस बर्डिच हिस्सा नहीं ले रहे, मगर इसके बावजूद फिलहाल तीन बार की चैंपियन चेक टीम का पलड़ा ही भारी नज़र आ रहा है।
दूसरे सिंगल्स में सोमदेव देववर्मन (164 रैंकिंग) की टक्कर जिरी वेसेली (40) से होगी। शनिवार को डबल्स मुकाबलों में लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना की जोड़ी का चेक जोड़ी राडेक स्टेपानेक एडम पावलासेक की जोड़ी से मुकाबला होगा। रिवर्स सिंगल्स रविवार को खेले जाना है।
भारतीय कप्तान आनंद अमृतराज मानते हैं कि दुनिया की नंबर 1 टीम के सामने भारत (21वीं रैंकिंग) की चुनौती आसान नहीं होगी। आनंद कहते हैं कि मैच दिल्ली में होने हैं जो युकी भांब्री और सोमदेव देववर्मन जैसे खिलाड़ियों का पसंदीदा कोर्ट है। दिल्ली के युकी फ़ैन्स अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों के मैदान पर आने की उम्मीद कर रहे हैं।
सबसे बड़ी बात जो भारत के पक्ष में साबित हो सकती है वह है दिल्ली की गर्मी और वातावरण की नमी। आनंद यहां तक कहते हैं कि अगर बारिश हो गई तो यह फायदा भारत के हाथ से निकल जाएगा। कप्तान आनंद अमृतराज ने यह भी साफ कर दिया कि मैच के लिए दिल्ली का चुनाव भी खिलाड़ियों की सहमति के साथ ही हुआ है। टिप्पणियां
सोमदेव देववर्मन और वेसेली की रैंकिंग में करीब सवा सौ पायदान का फासला है। फिर भी सोमदेव ने दिल्ली के कोर्ट पर 2010 से लेकर अब तक कोई मैच नहीं गंवाया है। इसी कोर्ट पर सोमदेव ने कॉमनवेल्थ खेलों का गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन सोमदेव फ़ॉर्म में नहीं हैं और वेसेली के खिलाफ उनकी चुनौती आसान नहीं होने वाली।
हालांकि डेविस कप मुकाबलों में चेक गणराज्य के वर्ल्ड नंबर 5 टॉमस बर्डिच हिस्सा नहीं ले रहे, मगर इसके बावजूद फिलहाल तीन बार की चैंपियन चेक टीम का पलड़ा ही भारी नज़र आ रहा है।
भारतीय कप्तान आनंद अमृतराज मानते हैं कि दुनिया की नंबर 1 टीम के सामने भारत (21वीं रैंकिंग) की चुनौती आसान नहीं होगी। आनंद कहते हैं कि मैच दिल्ली में होने हैं जो युकी भांब्री और सोमदेव देववर्मन जैसे खिलाड़ियों का पसंदीदा कोर्ट है। दिल्ली के युकी फ़ैन्स अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों के मैदान पर आने की उम्मीद कर रहे हैं।
सबसे बड़ी बात जो भारत के पक्ष में साबित हो सकती है वह है दिल्ली की गर्मी और वातावरण की नमी। आनंद यहां तक कहते हैं कि अगर बारिश हो गई तो यह फायदा भारत के हाथ से निकल जाएगा। कप्तान आनंद अमृतराज ने यह भी साफ कर दिया कि मैच के लिए दिल्ली का चुनाव भी खिलाड़ियों की सहमति के साथ ही हुआ है। टिप्पणियां
सोमदेव देववर्मन और वेसेली की रैंकिंग में करीब सवा सौ पायदान का फासला है। फिर भी सोमदेव ने दिल्ली के कोर्ट पर 2010 से लेकर अब तक कोई मैच नहीं गंवाया है। इसी कोर्ट पर सोमदेव ने कॉमनवेल्थ खेलों का गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन सोमदेव फ़ॉर्म में नहीं हैं और वेसेली के खिलाफ उनकी चुनौती आसान नहीं होने वाली।
हालांकि डेविस कप मुकाबलों में चेक गणराज्य के वर्ल्ड नंबर 5 टॉमस बर्डिच हिस्सा नहीं ले रहे, मगर इसके बावजूद फिलहाल तीन बार की चैंपियन चेक टीम का पलड़ा ही भारी नज़र आ रहा है।
सबसे बड़ी बात जो भारत के पक्ष में साबित हो सकती है वह है दिल्ली की गर्मी और वातावरण की नमी। आनंद यहां तक कहते हैं कि अगर बारिश हो गई तो यह फायदा भारत के हाथ से निकल जाएगा। कप्तान आनंद अमृतराज ने यह भी साफ कर दिया कि मैच के लिए दिल्ली का चुनाव भी खिलाड़ियों की सहमति के साथ ही हुआ है। टिप्पणियां
सोमदेव देववर्मन और वेसेली की रैंकिंग में करीब सवा सौ पायदान का फासला है। फिर भी सोमदेव ने दिल्ली के कोर्ट पर 2010 से लेकर अब तक कोई मैच नहीं गंवाया है। इसी कोर्ट पर सोमदेव ने कॉमनवेल्थ खेलों का गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन सोमदेव फ़ॉर्म में नहीं हैं और वेसेली के खिलाफ उनकी चुनौती आसान नहीं होने वाली।
हालांकि डेविस कप मुकाबलों में चेक गणराज्य के वर्ल्ड नंबर 5 टॉमस बर्डिच हिस्सा नहीं ले रहे, मगर इसके बावजूद फिलहाल तीन बार की चैंपियन चेक टीम का पलड़ा ही भारी नज़र आ रहा है।
सोमदेव देववर्मन और वेसेली की रैंकिंग में करीब सवा सौ पायदान का फासला है। फिर भी सोमदेव ने दिल्ली के कोर्ट पर 2010 से लेकर अब तक कोई मैच नहीं गंवाया है। इसी कोर्ट पर सोमदेव ने कॉमनवेल्थ खेलों का गोल्ड मेडल जीता था, लेकिन सोमदेव फ़ॉर्म में नहीं हैं और वेसेली के खिलाफ उनकी चुनौती आसान नहीं होने वाली।
हालांकि डेविस कप मुकाबलों में चेक गणराज्य के वर्ल्ड नंबर 5 टॉमस बर्डिच हिस्सा नहीं ले रहे, मगर इसके बावजूद फिलहाल तीन बार की चैंपियन चेक टीम का पलड़ा ही भारी नज़र आ रहा है।
हालांकि डेविस कप मुकाबलों में चेक गणराज्य के वर्ल्ड नंबर 5 टॉमस बर्डिच हिस्सा नहीं ले रहे, मगर इसके बावजूद फिलहाल तीन बार की चैंपियन चेक टीम का पलड़ा ही भारी नज़र आ रहा है। |
मराठी साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार | मराठी के मशहूर साहित्यकार भालचंद्र नेमाड़े को 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। नेमाड़े देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान पाने वाले 55वें साहित्यकार हैं। इससे पहले पांच दफा संयुक्त रूप से यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
ज्ञानपीठ की ओर से आज जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि ज्ञानपीठ पुरस्कारों के स्वर्ण जयंती वर्ष में मराठी भाषा के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्य साधक भालचंद्र नेमाड़े को वर्ष 2014 का 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।
ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति के चैयरमैन और प्रसिद्ध आलोचक नामवर सिंह की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुना गया।
पद्मश्री से सम्मानित नेमाड़े को उपन्यासकार, कवि, आलोचक और शिक्षाविद् के तौर पर जाना जाता है। वह 60 के दशक के लघु पत्रिका आंदोलन के प्रमुख हस्ताक्षर थे।
ज्ञानपीठ के निदेशक लीलाधर मंडलोई ने बताया कि नेमाड़े भारतीय भाषाओं के ऐसे साहित्यकारों में शामिल हैं, जिन्होंने तीन पीढ़ियों को प्रभावित किया है। मराठी साहित्य में उनकी प्रमुख कृतियों में साल 1968 में प्रकाशित उपन्यास 'कोसला' और साल 2010 में प्रकाशित वृहद उपन्यास 'हिन्दू : जगण्याची समृद्ध अडगल' शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि नेमाड़े को आलोचनात्मक कृति 'टीका स्वयंवर' के लिए वर्ष 1990 में साहित्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। मंडलोई ने बताया कि ज्ञानपीठ पुरस्कार के रूप में 11 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी की प्रतिमा प्रदान की जाएगी।
गौरतलब है कि पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार से 1965 में मलयालम के लेखक जी शंकर कुरूप को सम्मानित किया गया था। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले नेमाड़े मराठी के चौथे साहित्यकार हैं। इससे पहले वीएस खांडेकर, वीवीएस कुसुमाग्रज और विंदा करंदीकर इस सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं। |
यूपी : दो नाबालिग बच्चियों को कथित रूप से गैंगरेप के बाद फांसी पर लटकाया | उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के कटरा गांव में दो नाबालिग बच्चियों के शव पेड़ से लटके मिले हैं। परिजनों का आरोप है कि दोनों नाबालिग बच्चियों की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई है। इस मामले में दो पुलिसवालों समेत पांच लोगों पर केस दर्ज किया गया है। वहीं एसपी सिटी ने बलात्कार की पुष्टि नहीं की है।
घटना से आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर रास्ता जाम किया। इस मामले में दो आरोपी सिपाहियों के खिलाफ वारदात की साजिश रचने का मामला दर्ज करके उन्हें निलम्बित कर दिया गया है। इसके अलावा चौकी प्रभारी रामविलास यादव को भी लापरवाही के आरोप में मुअत्तल किया गया है।
पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना ने बताया कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा गांव में दलित जाति की 14 तथा 15 साल की दो चचेरी बहनें रात शौच करने के लिए गांव के बाहर गई थीं। उनके घर न लौटने पर परिजन ने रात भर उनकी तलाश की। सुबह एक बाग में आम के पेड़ की डाली पर फांसी से दोनों लड़कियों के शव लटकते पाये गये।
उन्होंने बताया कि कटरा चौकी में तैनात सिपाहियों सर्वेश यादव और रक्षपाल यादव समेत इस मामले के सात आरोपियों में से पप्पू यादव, अवधेश यादव और बृजेश यादव को नामजद किया गया है जबकि दो अज्ञात के खिलाफ भी मुकदमा हुआ है। आरोपियों में से पप्पू को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी की तलाश जारी है। |
Rajasthan Elections Results 2018: कांग्रेस ने बीजेपी के हाथों से छीना राजस्थान | Ashok Gehlot, Congress: This is a grand victory. We're forming govt in 3 states what can be better than that. The way Rahul Gandhi ji tackled Modi ji&Amit Shah ji in Gujarat, after that graph of Congress is going up and the graph of Modi ji is constantly going down. It's a sign. pic.twitter.com/xTaaqhhF7B
Ashok Gehlot, Congress: Party President will decide on who will be the Chief Minister #RajasthanElections2018pic.twitter.com/UDPx7W79v7
राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जबरदस्त वापसी, मध्य प्रदेश में भी आगे #ResultsWithNDTVhttps://t.co/N7Cvj44Q8t
#ResultsWithNDTV | सुबह 09 बजकर 43 मिनट की स्थिति#RajasthanElections2018
चुनाव परिणाम की विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करें: https://t.co/Q7gd0IM3gRpic.twitter.com/ZL9SFJa5Xm
राजस्थान की फिलहाल आठ सीटों पर कांग्रेस ने बनाई है बढ़त, बीजेपी की बढ़त सिर्फ चार सीटों पर. रुझान देखकर कांग्रेस नेता दिख रहे उत्साहित. -राजस्थान में कांग्रेस ने बनाई बढ़त, बीजेपी हुई पीछे, छह सीटों पर कांग्रेस आगे, तीन पर बीजेपी चल रही आगे
-राजस्थान में मतगणना शुरू, प्रत्याशियों की दिल की धड़कनें तेज
-राजस्थान की दो सौ विधानसभा सीटों में से 199 सीटों पर हुए हैं चुनाव
-एक सीट पर प्रतयाशी की मौत के कारण नहीं हुआ चुनाव
-200 में से सौ सीट जीतने पर किसी पार्टी को मिलेगा बहुमत
मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव परिणाम 2018 Live Updates: कौन बनेगा एमपी का सरताज ?
छत्तीसगढ़ चुनाव परिणाम 2018 Live Updates: छत्तीसगढ़ में बदलेगी सत्ता या रमन सिंह बने रहेंगे बादशाह ?
छत्तीसगढ़ चुनाव परिणाम 2018 Live Updates: छत्तीसगढ़ में बदलेगी सत्ता या रमन सिंह बने रहेंगे बादशाह ? |
'Article 15' Trailer: आयुष्मान खुराना को आया गुस्सा, बोले- इंसाफ की भीख मत मांगो... | बॉलीवुड में बैक-टू-बैक हिट फिल्में देने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) जल्द ही सिनेमाघरों में नजर आएगी. इन्वेस्टिगेटिव ड्रामा और रोमांच से भरी आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म का दमदार ट्रेलर रिलीज हो चुका है, जिसमें आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) पुलिस अधिकारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. इससे पहले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) के शानदार टीजर ने भी सोशल मीडिया पर काफी धमाल मचाया था. टीजर रिलीज होने के बाद से ही आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) के फैंस में फिल्म को लेकर एक्साइटमेंट बढ़ गई है.
गुरुवार को रिलीज हुए 'आर्टिकल15' (Article 15) के ट्रेलर में आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की एक्टिंग काफी जबरदस्त लग रही है. इसमें आयुष्मान खुराना ऐसे पुलिस अधिकारी का रोल अदा कर रहे हैं, जो समाज में बदलाव लाने का लक्ष्य रखता है. फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) का ट्रेलर डॉ. बी आर अंबेडकर (BR Ambedkar) की प्रतिमा से शुरू होता है. 'आर्टिकल 15' (Article 15) के ट्रेलर के दौरान यह भी संदेश दिया गया कि 'सबसे पहले भारतीय बनें'.
बता दें कि फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) को अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) ने डायरेक्ट किया है, साथ ही इसका प्रोडक्शन जी स्टूडियो (Zee Studio) के बैनर तले हुआ है. 'आर्टिकल 15' (Article 15) 28 जून, 2019 को रिलीज होगी. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना के अलावा ईशा तलवार (Isha Talwar), एम नसार (M Nassar), मनोज पाहवा (Manoj Pahwa), सयानी गुप्ता (Sayani Gupta), कुमुद मिश्रा (Kumud Mishra) और मोहम्मद जीशान अय्यूब (Md Zeeshan Ayyub ) भी नजर आएंगे. इसके साथ ही आयुष्मान खुराना (Anubhav Sinha) अभिनीत फिल्म 'आर्टिकल 15' (Article 15) लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल के दसवें संस्करण में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए भी तैयार है. |
व्यापमं घोटाले पर संघ चुप क्यों? | व्यापमं को उजागर करने वाले व्हीसलब्लोअर में से एक आशीष चतुर्वेदी 2006 के साल से ही संघ की शाखा में जाने लगे। तब 12वीं में थे। 2008 तक आते आते आशीष प्राथमिक वर्ग पूरा कर संघ शिक्षित हो गए। कुछ समय बाद विद्यार्थी विस्तारक बन गए और ग्वालियर के नई सड़क स्थित संघ कार्यालय में कई महीने रहे भी। आशीष विस्तारक से प्रचारक बनना चाहते थे लेकिन मां की बीमारी आशीष को घर ले आई और फिर वहां से वो उस रास्ते पर चल दिए जहां आर एस एस के वैचारिक और शारीरिक श्रम से बनी बीजेपी सरकार की छवि ही दांव पर लगनी थी। ये और बात है कि संघ के क्षेत्रीय प्रचारक आशीष का व्यक्तिगत और गुप्त रूप से हौसला बढ़ाते हैं और पिछले महीने तक वे व्यापमं घोटाले के खिलाफ लड़ते हुए जब भी भोपाल गए, हबीबगंज रेलवे स्टेशन के सामने संघ कार्यालय समिधा में रुकते भी रहे। आशीष को सुरक्षा के लिए गनर दिया गया है। अभी तक सत्तर अस्सी बार गनर बदल चुका है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दिन से ग्वालियर लौटने के बाद इनका गनर पांच बार बदल चुका है।
पहले भी बताया है कि एक और व्हीसलब्लोअर इंदौर के डॉक्टर आनंद राय भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। आनंद राय की सुरक्षा का अभी भी क्या हाल है आप जानते हैं।
व्यापमं घोटाला जब सामने आया तब फरवरी 2014 में संघ के बीस बाइस साल तक प्रचारक रहे तीन चार लोगों ने एक बैठक बुलाई। प्रचारक रहे इसलिए कहा कि संघ में यह व्यवस्था है कि आप कुछ समय तक प्रचारक रहने के बाद संघ की व्यवस्था से बिल्कुल अलग हो सकते हैं और अपने स्तर पर मर्ज़ी से काम कर सकते हैं।
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
पहले भी बताया है कि एक और व्हीसलब्लोअर इंदौर के डॉक्टर आनंद राय भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। आनंद राय की सुरक्षा का अभी भी क्या हाल है आप जानते हैं।
व्यापमं घोटाला जब सामने आया तब फरवरी 2014 में संघ के बीस बाइस साल तक प्रचारक रहे तीन चार लोगों ने एक बैठक बुलाई। प्रचारक रहे इसलिए कहा कि संघ में यह व्यवस्था है कि आप कुछ समय तक प्रचारक रहने के बाद संघ की व्यवस्था से बिल्कुल अलग हो सकते हैं और अपने स्तर पर मर्ज़ी से काम कर सकते हैं।
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
व्यापमं घोटाला जब सामने आया तब फरवरी 2014 में संघ के बीस बाइस साल तक प्रचारक रहे तीन चार लोगों ने एक बैठक बुलाई। प्रचारक रहे इसलिए कहा कि संघ में यह व्यवस्था है कि आप कुछ समय तक प्रचारक रहने के बाद संघ की व्यवस्था से बिल्कुल अलग हो सकते हैं और अपने स्तर पर मर्ज़ी से काम कर सकते हैं।
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
इन लोगों ने फेसबुक पर एक पेज भी बनाया व्यापमं घोटाला संघर्ष समिति। जिसे अभी तक 409 लाइक्स ही मिले हैं। इस समिति को शुरू करने वाले थे पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले, किशोर गोले और रंजन सिन्हा। इन लोगों ने फरवरी 2014 में एक बैठक तय कर समिति बनाई और अपने स्तर पर दस हज़ार लोगों से पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया कि व्यापमं की जांच कोर्ट की निगरानी में ही हो। इसके बाद इन लोगों ने राज्य के 51 ज़िलों में हस्ताक्षर अभियान चलाया। पांच लाख पैम्फलेट बांटे और पचास हज़ार हस्ताक्षर लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपने गए। लेकिन भोपाल में इनसे ज्ञापन लिए बगैर गिरफ्तार कर लिया गया। ये बात 15 सितंबर 2014 की है। अभय जैन भी गिरफ्तार हुए जो बीस साल तक आर एस एस के प्रचारक रहे हैं। इसके बाद इस समिति ने इस साल 2 मार्च को दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया और राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर अपने ज्ञापन सौंपे। अभय जी जैन ने कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली प्राप्ति रसीद भी है यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने डाक से भी प्राप्ति भेजी है। इनका कहना है कि वे स्वयंसेवक तो हैं लेकिन आर एस एस की लिखित या मौखिक सहमति के बगैर आंदोलन चला रहे हैं क्योंकि इन्हें अनुमति की ज़रूरत नहीं है।
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
लेकिन ये लोग शिवराज सिंह का इस्तीफे की मांग जैसी स्थिति से भी बचते हैं। फिलहाल अब ये व्यापमं को लेकर सक्रिय नहीं हैं। तमाम सरकारी नीतियों पर बोलने वाला आर एस एस न तो अपने स्वयंसेवकों की भूमिका पर सार्वजनिक रूप से बोल रहा है न व्यापमं पर। तब भी जब इसकी लड़ाई लड़ने वालों में से कई लोग उसी की विचारधारा और संगठन क्षमता में प्रशिक्षित हैं। क्या संघ इसलिए चुप है कि उसके बोलने से पुराने स्वयंसेवकों का मनोबल तो बढ़ेगा लेकिन उसके दिग्गज स्वयंसेवकों की बोलती बंद हो जाएगी।
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
आप आदरणीय सुधीर शर्मा हैं। खनन कारोबारी हैं और कोई चार हज़ार करोड़ का कारोबार है। शिक्षा के क्षेत्र में भी गंभीर योगदान है। इन दिनों व्यापमं घोटाले के संदर्भ में कारोबार छोड़ कारागार में सेवा कर रहे हैं। जेलागमन से बहुत साल पहले आप राष्ट्रीय स्वयंसेवन संघ के स्कूल में एक टीचर थे। 2000 में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आपको सहयोगी के तौर पर रखा और उनके खनन मंत्री बनते ही आपकी प्रतिभा को मौका मिला और सुधीर शर्मा जी जल्द ही चार हज़ार करोड़ के कारोबारी बन गए। आपकी प्रगति आयकर विभाग से देखी नहीं गई और उन लोगों ने आपके यहां छापे मार दिए। तब पता चला कि आप बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं की यात्राओं का ख्याल रखते थे। उनका खर्चा उठाते थे। कांग्रेस के विधायक वीर सिंह भूरिया भी आपके लाभार्थी रहे हैं। आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार आपने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रभात झा जी के यात्रा खर्च को वहन किया है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का भी नाम सुधीर शर्मा के लाभार्थी लोगों में शामिल हैं। सुधीर शर्मा की दान में दी हुई ज़मीन पर ही आर एस एस के विज्ञान भारती का दफ्तर है। एन डी टी वी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सुधीर शर्मा को व्यापम घोटाले से जुड़े दो कालेजों से नियमित लाखों रुपये कैश मिलते थे। आयकर अधिकारियों के मुताबिक जिस दिन ये पैसा सुधीर शर्मा को मिलता था उसी दिन ये मध्यप्रदेश के एक मंत्री के सहयोगी को पहुंच जाता है। ये होती है ईमानदारी। मेरी ईमानदारी ये है कि मैंने बरखा दत्त और अभिषेक शर्मा की रिपोर्ट का लाभ उठाकर आपको बता दिया।
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
अब खंडन टाइम्स। प्रभात झा ने कहा कि किसी से टिकट करा लेना कोई अपराध नहीं है। पार्टी मेरे टिकट का पैसा देती है तो गलत क्या है। सुधीर शर्मा ने कार्यकर्ता के नाते कुछ किया होगा इसमें गलत क्या है। पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा है कि पार्टी दफ्तर ने मेरा टिकट बुक किया था। मेरा सुधीर शर्मा से कोई संबंध नहीं हैं। बीजेपी के राज्य सभा सदस्य अनिल दवे का भी नाम हैं उन्होंने नो कमेंट्स कहा है। संघ के सुरेश सोनी जी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बीजेपी के अनुसार व्यापमं घोटाले में इन्हें क्लीन चिट मिल गई है। जिस घोटाले में अभी जांच चल रही हो कोई ऐसा भी है जिसे क्लीन चिट मिल गई है। कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह ने भी कुछ कहा है।टिप्पणियां
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो तो ये बात पांच साल से कह रहे हैं। सुधीर शर्मा 2003-04 में स्कूटर पर चलते थे। दस साल में साम्राज्य खड़ा कर लिया। इस आदमी का आर एस एस और बीजेपी के नेताओं से नेक्सस था। आयकर विभाग के जिन लोगों ने छापे मारे थे उन्हें हटा दिया गया। आर एस एस बीजेपी को डर है कि अगर शिवराज के खिलाफ कार्रवाई हुई तो वे सबकी पोल खोल देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि जब तक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते इसकी जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है।
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम
बीजेपी इस बहस में शामिल नहीं है। सुधीर शर्मा की भूमिका क्या व्यापमं घोटाले के तार को व्यापमं से आगे नहीं ले जाती है। आर एस एस की चुप्पी को बेचैनी समझें या इंतज़ार कि मीडिया में ठंडा पड़ते ही व्यापमं लोग भूल जायेंगे। प्राइम टाइम |
Airtel 4जी हॉटस्पॉट के साथ हर महीने 50 जीबी डेटा, 399 रुपये की मासिक शुल्क में | Airtel ने एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट खरीदने वाले ग्राहकों के लिए नया मासिक प्लान रिलीज किया है। इच्छुक ग्राहक Airtel 4G Hotspot को 399 रुपये प्रति महीने की दर से किराये पर ले पाएंगे। इस प्लान के साथ ग्राहक को मासिक तौर पर 50 जीबी 4जी डेटा मिलेगा। इसका मतलब है कि अगर आप 399 रुपये का मासिक रेंटल प्लान चुनते हैं तो आपको नया Airtel 4G Hotspot मिलेगा और इस्तेमाल के लिए 50 जीबी डेटा भी। अगर आप 50 जीबी डेटा इस्तेमाल कर लेते हैं तो इसके बाद इंटरनेट की स्पीड घटकर 80 केबीपीएस हो जाएगी।
नए बंडल ऑफर को एयरटेल की वेबसाइट पर लाइव कर दिया गया है। अब यूज़र को एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट खरीदने के अलावा अलग से प्लान चुनने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। Airtel के नए 399 रुपये वाले बंडल प्लान में दोनों ही सुविधाएं किफायती दाम में मिल जाएंगी। याद रहे कि Airtel 4G Hotspot की कीमत हाल ही में कम हुई थी। आप इसे 999 रुपये में खरीद सकते हैं। बता दें कि एयरटेल 4जी हॉटस्पॉट को 1,500 रुपये में खरीदा गया था।
आपको बता दें कि हॉट स्पॉट को इस्तेमाल करते रहने के लिए यूज़र्स को हर महीने 399 रुपये से रीचार्ज कराना होगा। एक मासिक साइकल में बचा हुआ डेटा अगले साइकल का हिस्सा बन जाएगा। इस डिवाइस को काम करने के लिए एक एक्टिव एयरटेल सिम कार्ड की ज़रूरत होती है। इसे नियमित तौर पर रीचार्ज कराने की ज़रूरत है। अगर किसी क्षेत्र में 4जी नेटवर्क नहीं उपलब्ध है तो वहां 3जी नेटवर्क मिलेगा। आधिकारिक पेज पर कंपनी ने दावा किया है कि यूज़र्स एक वक्त पर हॉटस्पॉट से 10 डिवाइस को कनेक्ट कर सकते हैं। इसके बारे में 6 घंटे की बैटरी लाइफ देने का दावा है। कंपनी ने शर्तों वाले पेज पर बताया है कि अगर सिम को डिवाइस से हटाया जाता है और फायदे मिलने बंद हो जाएंगे।
मार्केट में Airtel 4G Hotspot की भिड़ंत JioFi M2S 4G हॉटस्पॉट डॉन्गल से है। जियो भी अपने जियोफाई 4जी हॉटस्पॉट के साथ नए ऑफर का ऐलान किया था। जियो का हॉटस्पॉट भी 999 रुपये में मिलता है। |
वार्ता विफल, एयर इंडिया पायलटों की हड़ताल जारी | प्रमुख श्रम आयुक्त (सीएलसी) की पहल पर एयर इंडिया के हड़ताली पायलटों और प्रबंधन के बीच वार्ता का नया दौर बृहस्पतिवार को असफल हो गया और हड़ताल के दूसरे दिन में प्रवेश कर जाने के चलते अनेक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों सहित लगभग 60 विमानों की उड़ानें रद्द कर दी गई। एयर इंडिया प्रबंधन ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि हड़ताली पायलटों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने काम पर वापस आने संबंधी अदालत के आदेश का पालन नहीं किया। इस पर अदालत ने काम पर लौटने के आदेश का पालन नहीं करने वाले हड़ताली पायलटों की कड़ी आलोचना की। एयर इंडिया ने इंडियन कमर्शियल पायलट्स ऐसोसिएशन (आईसीपीए) को समर्थन देने के लिए कार्यकारी पायलट वी के भल्ला की सेवाओं को भी समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही बख्रास्त होने वाले काकपिट चालक दल सदस्यों की संख्या बढ़कर सात हो गयी है। सीएलसी एनके प्रसाद ने मंगलवार को वार्ता का पहला प्रयास असफल होने के बाद एयर इंडिया के प्रबंधन और यूनियन के साथ आज बातचीत के दूसरे दौर की शुरूआत की। पहले दौर की बातचीत के असफल होने के बाद आईसीपीए से संबद्ध 800 पायलट हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद प्रबंधन ने आईसीपीए की मान्यता रद्द कर दी, दिल्ली और मुंबई स्थित इसके कार्यालयों को सील कर दिया, छह पायलटों को बख्रास्त कर दिया और दो अन्य को निलंबित कर दिया। बैठक में प्रबंधन इस बात को लेकर अड़ा रहा कि वह रद्द मान्यता वाले श्रमिक संगठन के साथ वार्ता नहीं करेगा जबकि पायलटों ने अपने संगठन की मान्यता को बहाल करने, इसके कार्यालयों से सील हटाने और बख्रास्त तथा निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने की मांग की। विमानसेवा के प्रतिनिधियों ने यह कहते हुए पायलटों से वार्ता करने से इंकार कर दिया कि उनका संगठन मान्यता प्राप्त नहीं है और उन्होंने अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया है। |
टाइटैनिक के डूबने की जगह पर मिलेंगे अमेरिकी, ब्रिटिश पोत | टाइटैनिक के दीवाने अमेरिकी और ब्रिटिश पोतों में सवार होकर उस स्थान पर जा रहे हैं जहां आज से 100 साल पहले टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर डूब गया था।
टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
टाइटैनिक हादसे के 100 साल पूरे होने पर इसकी स्मृति में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
हादसे की 100वीं बरसी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। कलाकार, वैज्ञानिक और संग्रहालय ब्रिटेन, कनाडा, आयरलैंड और अमेरिका में महीनों से तैयारियों में जुटे थे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
टाइटैनिक का निर्माण बेलफास्ट में हुआ था। यह साउथम्पटन से न्यूयार्क की ओर जा रहा था, लेकिन शवों को लेने के लिए जहाज हैलीफैक्स से भेजे गए थे । हादसे में मरे 1514 लोगों में से 150 लोग यहां दफन हैं।टिप्पणियां
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
दो क्रूज पोतों-एमएस बैलमोरल (साउथंप्टन से) और अजमारा (न्यूयार्क सिटी से) में 1700 से अधिक लोग सफर पर निकले हैं । उनकी योजना उस स्थान पर मिलने की है जहां टाइटैनिक डूबा था।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे।
यात्री हैलीफैक्स के करीब 800 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में जहाज के डूबने के समय और दुर्घटना के स्थल पर तड़के दो बजकर 20 मिनट पर श्रद्धांजलि के तौर पर समुद्र में पुष्पचक्र अर्पित करेंगे। |
शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' से सनी लियोनी का यह सपना जल्द होगा पूरा! | खबर है कि इस ईद पर रिलीज होने जा रही शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' में सनी लियोनी एक गाना करने जा रही हैं। इस फिल्म में एक स्पेशल आइटम सांग होगा जो सनी लियॉन पर फिल्माया जाएगा।
यानी अब सनी का एक और सपना पूरा होने जा रहा है और उनकी एक शिकायत दूर होने जा रही है, क्योंकि सनी कई बार दुखी होते हुए यह कह चुकी हैं कि उनके पुराने पेशे यानी पोर्न स्टार होने की वजह से उनके साथ कोई बड़ा स्टार और बड़ा फिल्मकार काम करना नहीं चाहता।टिप्पणियां
पिछले कुछ दिनों में बॉलीवुड के दिग्गज उनके साथ खड़े नजर आए हैं। आमिर खान कह चुके हैं कि उन्हें सनी के साथ काम करने में कोई हिंचकिचहट या संकोच नहीं है। आमिर से पहले करण जोहर जैसे बड़े फिल्मकार अपनी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में मेहमान भूमिका के लिए कास्ट कर चुके हैं, जिसमें रणबीर कपूर जैसे अभिनेता मौजूद हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं।
यानी अब सनी का एक और सपना पूरा होने जा रहा है और उनकी एक शिकायत दूर होने जा रही है, क्योंकि सनी कई बार दुखी होते हुए यह कह चुकी हैं कि उनके पुराने पेशे यानी पोर्न स्टार होने की वजह से उनके साथ कोई बड़ा स्टार और बड़ा फिल्मकार काम करना नहीं चाहता।टिप्पणियां
पिछले कुछ दिनों में बॉलीवुड के दिग्गज उनके साथ खड़े नजर आए हैं। आमिर खान कह चुके हैं कि उन्हें सनी के साथ काम करने में कोई हिंचकिचहट या संकोच नहीं है। आमिर से पहले करण जोहर जैसे बड़े फिल्मकार अपनी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में मेहमान भूमिका के लिए कास्ट कर चुके हैं, जिसमें रणबीर कपूर जैसे अभिनेता मौजूद हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में बॉलीवुड के दिग्गज उनके साथ खड़े नजर आए हैं। आमिर खान कह चुके हैं कि उन्हें सनी के साथ काम करने में कोई हिंचकिचहट या संकोच नहीं है। आमिर से पहले करण जोहर जैसे बड़े फिल्मकार अपनी फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' में मेहमान भूमिका के लिए कास्ट कर चुके हैं, जिसमें रणबीर कपूर जैसे अभिनेता मौजूद हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं।
अब खबर आ रही है कि शाहरुख की फिल्म 'रईस' में सनी एक गाना करने वाली हैं। यानी धीरे धीरे ही सही और छोटे पैमाने पर ही सही, बॉलीवुड के बड़े सितारे और बड़े फिल्मकार सनी को अपनी फिल्मों में ले रहे हैं। |
सुशील महापात्रा की कलम से : अरविंद केजरीवाल के प्रिय : माफ़ी, फांसी और टीआरपी | शुक्रवार को जब में दफ्तर बैठा था तब एक आवाज़ सुनाई दी, 'माफ़ी मांगता हूं ,जो भी दोषी हैं, उसे फांसी चढ़ा दो,।' मुझे यह आवाज़ जानी पहचानी-सी लग रही थी। यह आवाज़ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी की थी। यह पहली बार नहीं था कि केजरीवाल "माफ़ी" और "फांसी" की बात कर रहे थे। जब से केजरीवाल राजनीति में आए हैं, तब से इन दोनों शब्दों के साथ उनका गहरा रिश्ता रहा है।
माफ़ी मांगना कोई गलत बात नहीं है। बहुत नेता ऐसे भी हैं, जो गलती करने के बावजूद भी माफी नहीं मांगते और ऐसे नेताओं को केजरीवाल जी से कुछ सीखना चाहिए, लेकिन कभी-कभी केजरीवाल जी यह माफ़ी किस मकसद से मांगते हैं, यह समझना मुश्किल हो जाता है। क्या सच में उन्हें गलती का अहसास है? अगर ऐसा है तो बहुत अच्छी बात है। यह भी समझ नहीं आता कि केजरीवाल अगर माफी की बात करते हैं तो फांसी की जिक्र क्यों करते हैं। माफी और फांसी के बीच रिश्ता दूर- दूर तक नहीं है। ऐसा लगता हैं केजरीवाल महात्मा गांधी जी के साथ-साथ हिटलर को भी अपना आदर्श मानते हैं।
केजरीवाल आज जिस मुद्दे को लेकर माफी मांग रहे हैं, वह गंभीर मुद्दा है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की आत्महत्या काफी दिल दहला देने वाली घटना थी। गजेंद्र सिंह की मौत का ज़िम्मेदार आम आदमी पार्टी या किसी और को ठहरना गलत होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के रवैये को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या ऐसी दुर्घटना के बाद केजरीवाल या उनके दूसरे सदस्यों का मंच पर भाषण देना सही था? क्या केजरीवाल या उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को गजेन्द्र सिंह के साथ अस्पताल नहीं जाना चाहिए था? सवाल यह भी उठता है क्या संजय सिंह की जगह केजरीवाल जी को खुद गजेन्द्र सिंह के घर दौसा पहुंचाना नहीं चाहिए था।
माफी के साथ केजरीवाल जी का रिश्ता पुराना हैं। चाहे 49 दिन की सरकार छोड़ने के बाद दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगने का बात करें या रेल भवन के सामने धरने पर बैठ जाने पर जनता को हुई असुविधा के लिए। माफ़ी को महान समझने वाले केजरीवाल शायद खुद दूसरे को माफ करने में विश्वास नहीं रखते हैं। अगर केजरीवाल चाहते तो अपने साथी योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण को भी माफ कर सकते थे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया।
चलिए अभी फांसी की बाद करते हैं। 2011 में अण्णा आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की साथी किरण बेदी के ऊपर यात्रा बिल को लेकर जब सवाल उठ रहा था तब भी केजरीवाल ऐसे ही बोले थे। अगर हमने गलती की है तो हमें फांसी दे दीजिए, लेकिन लोकपाल बिल लाइए। अब तो केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन लोकपाल का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले चुनाव के दौरान दो करोड़ के फंड ट्रांसफर को लेकर जब सवाल उठ रहे थे तब भी केजरीवाल का बयान था, जांच कीजिए अगर हम गलत हैं तो हमें सजा दीजिए।
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
माफ़ी मांगना कोई गलत बात नहीं है। बहुत नेता ऐसे भी हैं, जो गलती करने के बावजूद भी माफी नहीं मांगते और ऐसे नेताओं को केजरीवाल जी से कुछ सीखना चाहिए, लेकिन कभी-कभी केजरीवाल जी यह माफ़ी किस मकसद से मांगते हैं, यह समझना मुश्किल हो जाता है। क्या सच में उन्हें गलती का अहसास है? अगर ऐसा है तो बहुत अच्छी बात है। यह भी समझ नहीं आता कि केजरीवाल अगर माफी की बात करते हैं तो फांसी की जिक्र क्यों करते हैं। माफी और फांसी के बीच रिश्ता दूर- दूर तक नहीं है। ऐसा लगता हैं केजरीवाल महात्मा गांधी जी के साथ-साथ हिटलर को भी अपना आदर्श मानते हैं।
केजरीवाल आज जिस मुद्दे को लेकर माफी मांग रहे हैं, वह गंभीर मुद्दा है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की आत्महत्या काफी दिल दहला देने वाली घटना थी। गजेंद्र सिंह की मौत का ज़िम्मेदार आम आदमी पार्टी या किसी और को ठहरना गलत होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के रवैये को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या ऐसी दुर्घटना के बाद केजरीवाल या उनके दूसरे सदस्यों का मंच पर भाषण देना सही था? क्या केजरीवाल या उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को गजेन्द्र सिंह के साथ अस्पताल नहीं जाना चाहिए था? सवाल यह भी उठता है क्या संजय सिंह की जगह केजरीवाल जी को खुद गजेन्द्र सिंह के घर दौसा पहुंचाना नहीं चाहिए था।
माफी के साथ केजरीवाल जी का रिश्ता पुराना हैं। चाहे 49 दिन की सरकार छोड़ने के बाद दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगने का बात करें या रेल भवन के सामने धरने पर बैठ जाने पर जनता को हुई असुविधा के लिए। माफ़ी को महान समझने वाले केजरीवाल शायद खुद दूसरे को माफ करने में विश्वास नहीं रखते हैं। अगर केजरीवाल चाहते तो अपने साथी योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण को भी माफ कर सकते थे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया।
चलिए अभी फांसी की बाद करते हैं। 2011 में अण्णा आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की साथी किरण बेदी के ऊपर यात्रा बिल को लेकर जब सवाल उठ रहा था तब भी केजरीवाल ऐसे ही बोले थे। अगर हमने गलती की है तो हमें फांसी दे दीजिए, लेकिन लोकपाल बिल लाइए। अब तो केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन लोकपाल का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले चुनाव के दौरान दो करोड़ के फंड ट्रांसफर को लेकर जब सवाल उठ रहे थे तब भी केजरीवाल का बयान था, जांच कीजिए अगर हम गलत हैं तो हमें सजा दीजिए।
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
केजरीवाल आज जिस मुद्दे को लेकर माफी मांग रहे हैं, वह गंभीर मुद्दा है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की आत्महत्या काफी दिल दहला देने वाली घटना थी। गजेंद्र सिंह की मौत का ज़िम्मेदार आम आदमी पार्टी या किसी और को ठहरना गलत होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी के रवैये को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं जैसे कि क्या ऐसी दुर्घटना के बाद केजरीवाल या उनके दूसरे सदस्यों का मंच पर भाषण देना सही था? क्या केजरीवाल या उनकी पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को गजेन्द्र सिंह के साथ अस्पताल नहीं जाना चाहिए था? सवाल यह भी उठता है क्या संजय सिंह की जगह केजरीवाल जी को खुद गजेन्द्र सिंह के घर दौसा पहुंचाना नहीं चाहिए था।
माफी के साथ केजरीवाल जी का रिश्ता पुराना हैं। चाहे 49 दिन की सरकार छोड़ने के बाद दिल्ली की जनता से माफ़ी मांगने का बात करें या रेल भवन के सामने धरने पर बैठ जाने पर जनता को हुई असुविधा के लिए। माफ़ी को महान समझने वाले केजरीवाल शायद खुद दूसरे को माफ करने में विश्वास नहीं रखते हैं। अगर केजरीवाल चाहते तो अपने साथी योगेन्द्र यादव, आनंद कुमार और प्रशांत भूषण को भी माफ कर सकते थे, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा नहीं किया।
चलिए अभी फांसी की बाद करते हैं। 2011 में अण्णा आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल की साथी किरण बेदी के ऊपर यात्रा बिल को लेकर जब सवाल उठ रहा था तब भी केजरीवाल ऐसे ही बोले थे। अगर हमने गलती की है तो हमें फांसी दे दीजिए, लेकिन लोकपाल बिल लाइए। अब तो केजरीवाल खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन लोकपाल का कोई नामोनिशान दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले चुनाव के दौरान दो करोड़ के फंड ट्रांसफर को लेकर जब सवाल उठ रहे थे तब भी केजरीवाल का बयान था, जांच कीजिए अगर हम गलत हैं तो हमें सजा दीजिए।
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
मैं यह नहीं कहता कि दूसरी पार्टी के नेता ऐसे बयान नहीं देते। 2012 में गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी जी ने भी बयान दिया था कि अगर में दोषी हूं तो मुझे फांसी दे दीजिए। जयंती नटराजन ने जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने भी इस तरह का बयान पेश किया था, लेकिन केजरीवाल की सबके साथ तुलना करना सही नहीं है, क्योंकि दूसरी पार्टी के विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ है।
एक तीसरा शब्द भी, जो केजरीवाल जी के दिल के करीब है, वह है "टीआरपी"। जब मीडिया केजरीवाल या उनकी पार्टी पर सवाल उठाती है तो वह मीडिया पर भड़क जाते हैं और आरोप लगाते हैं कि मीडिया टीआरपी के लिए ऐसी खबर को आगे बढ़ा रही है।
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
शुक्रवार को भी केजरीवाल मीडिया के ऊपर ऐसी सवाल उठाये थे, लेकिन केजरीवाल जी को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी के हर अच्छे काम के लिए मीडिया ने उनका साथ दिया। नकारात्मक से ज्यादा मीडिया ने आम आदमी पार्टी की सकारात्मक खबरों को दिखाया। शुरुआती दौर में केजरीवाल जब जंतर-मंतर पर बैठे थे, तब मीडिया लगातार कवरेज कर रहा था। अगर केजरीवाल बिजली बिल कम करते हैं तो मीडिया दिखाता है, केजरीवाल जब फ्री पानी की बात करते हैं तब मीडिया दिखाता है, यह भी सच है कि जब केजरीवाल बिजली की तार काटने के लिए खंबे पर चढ़ जाते हैं तो मीडिया इसे खबर बना देता है। केजरीवाल जी के अच्छे काम को अगर मीडिया विशेष ने ध्यान नहीं दिया होता तो शायद केजरीवाल आज जितने लोकप्रिय हैं, नहीं होते। तब केजरीवाल क्यों नहीं कह रहे थे कि मीडिया सिर्फ टीआरपी के लिए काम करती है।टिप्पणियां
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
मैं मीडिया का पक्ष नहीं ले रहा हूं। मीडिया पर भी बहुत गंभीर सवाल उठ रहा है, जिसके ऊपर मंथन होना जरूरी है। चाहे हम पेड मीडिया की बात करें या टीआरपी की। कहीं न कहीं मीडिया टीआरपी के चक्कर में तमाशा जरूर दिखाती है, लेकिन इसके लिए सभी पर सवाल उठाना गलत है। मीडिया अच्छा काम भी करती है। जंतर-मंतर पर जो कुछ हुआ वह मीडिया के कैमरा में कैद है। मीडिया के ऊपर भी यह सवाल उठता है कि अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को समझते हुए पत्रकारों को गजेंद्र सिंह के पास पहुंचना चाहिए था और समझा-बुझाकर पड़े से नीचे उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी। मीडिया की ज़िम्मेदारी को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं। निर्भया कांड के प्रोटेस्ट के दौरान जब पुलिसकर्मी सुभाष तोमर की मौत हुई थी तब भी मीडिया की सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेकर सवाल उठा था। जब सुभाष तोमर बेहोशी के हाल में नीचे पड़े हुए थे तब कुछ पत्रकार उनकी फोटो ले रहे थे जबकि पत्रकारों का यह फर्ज बन रहा था कि उन्हें पहले अस्पताल पहुंचाया जाए।
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ?
लेकिन कभी-कभी परिस्थिति मीडिया के साथ नहीं होती। बहुत बार लोग मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकत करते रहते हैं, तब यह जांचना नामुमकिन हो जाता है कि क्या सच है क्या झूठ? |
भारत के साथ द्विपक्षीय सीरीज चाहते हैं शीर्ष पाक क्रिकेटर | शाहिद अफरीदी और शोएब अख्तर सहित पाकिस्तान के कुछ शीर्ष क्रिकेटरों ने भारत के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों के दोबारा शुरू होने का समर्थन किया है और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत दौरे के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की होगी।
पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अख्तर ने कहा कि क्रिकेट ने हमेशा ही दो देशों के लोगों को करीब लाने में बड़ी भूमिका अदा की है।
अख्तर ने कहा, मैं खुश हूं कि हमारे प्रधानमंत्री भारत गए और मैं उम्मीद लगाए हूं कि इन बड़ी बैठकों में क्रिकेट संबंधों के बारे में चर्चा की गई होगी। क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट रिश्ते होना जरूरी है। उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान के लिए विशेष रूप से अहम है क्योंकि जब भी पाकिस्तान और भारत एक-दूसरे से खेलते हैं तो इन मैचों से दोनों बोर्डों को वित्तीय लाभ होता है और पीसीबी को विशेषतौर पर वित्तीय मदद चाहिए। अख्तर ने कहा कि वह जल्द ही आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के मुद्दे को निपटता हुआ देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, अगर चीजें इसी तरह चलती हैं जैसे अब चल रही हैं तो मुझे लगता है कि इस साल के अंत में भारतीय आईपीएल में हमारे खिलाड़ियों को अनुमति देने पर फैसला करेंगे। |
भारतीय वायुसेना में शामिल होगा विंटेज एयरक्राफ्ट 'डकोटा' | वायुसेना के पास पहले से ही विंटेज एयरक्राफ्ट के तौर पर टाइगर मोथ और हार्वर्ड मौजूद है और अगले 5 सालों से 6 और विंटेज एयरक्राफ्ट आएंगे. डकोटा के अलावा हरिकेन और स्पिट फायर आएंगे . |
इस माह के अंत तक बढ़ेंगे जेके टायर के दाम | रबड़ की कीमतें बढ़ने से टायर विनिर्माता कंपनी जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज ने अपने उत्पादों की कीमतों में दो से चार फीसदी तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। कंपनी के निदेशक (विपणन) एएस मेहता ने कहा, प्राकृतिक रबड़ की कीमतें 210-220 रुपये प्रति किलो की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जो पिछली तिमाही में 180 रुपये प्रति किलो थीं, लेकिन अभी तक हमने टायरों की कीमतें नहीं बढ़ाई हैं। उन्होंने कहा, रबड़ की कीमतों की इस तेजी के कारण हमने सभी प्रकार के टायरों की कीमत बढ़ाने का निर्णय किया है। एक सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, टायर विनिर्माताओं के लिए चौथी तिमाही के परिणाम दूसरी अथवा तीसरी तिमाही से बेहतर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने 2009-10 में 3,678 करोड़ रुपये की बिक्री की थी, लेकिन अगले कुछ सालों तक इसमें कुछ गिरावट आने की संभावना है। कंपनी चेन्नई में एक नया विनिर्माण संयंत्र लगाने वाली है। इसका परिचालन 2011 से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि चेन्नई संयंत्र के पहले चरण में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस कारखाने से प्रति साल चार लाख ट्रक टायर एवं करीब 25 लाख कार टायर बनाए जाएंगे। इस कारखाने से करीब 1,200 लोगों को रोजगार मिलेगा। |
नहीं बाज आ रहा पाकिस्तान, सीमा पर लगातार कर रहा है फायरिंग | जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन लगातार जारी है। जम्मू में सांबा से लेकर कठुआ ज़िले के बीच मौजूद बीएसएफ की चौकियों और गांवों को पाकिस्तानी रेंजर्स लगातार निशाना बना रहे हैं। देर रात भी बीएसएफ की कई चौकियों को निशाना बनाया गया। पाक की ओर से लागातार हो रही फायरिंग के बीच आज बीएसएफ के डीजी जम्मू दौरे पर हैं, जहां वह हालात का जायजा लेंगे।
पाक की ओर से जारी फायरिंग में 1 जनवरी से लेकर अभी तक दो जवान शहीद हुए हैं। इसके अलावा एक महिला की भी मौत हुई है और दस से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
फायरिंग की वजह से इलाके के सभी स्कूलों को बंद कर दिया है और चार हज़ार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। बीएसएफ के मुताबिक, पाक की ओर से उसकी 15 से ज्यादा चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की जा रही है। |
अमेरिका के रिचर्ड थेलर को मिला इकोनॉमिक्स का नोबेल पुरस्कार, जानिए उनकी उपलब्धि के बारे में | शिकागो विश्वविद्यालय के रिचर्ड थेलर को इकोनॉमिक्स के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर उनके काम के लिए दिया गया. थेलर ने अपने काम के जरिए यह दिखाया कि आर्थिक और वित्तीय फैसले करने वाले हमेशा तार्किक नहीं होते बल्कि वे बहुत हद तक मानवीय हदों में बंधे होते हैं. जहां तक व्यावहारिक अर्थशास्त्र का सवाल है तो यह व्यक्ति और संस्थानों की आर्थिक निर्णय प्रक्रिया से जुड़ा है, यानी यह बताता है कि ये फैसले कैसे किए जाते हैं. दरअसल थेलर ने अपने काम और अध्ययन के जरिये अर्थशास्त्र और मनोविज्ञान के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की.
यह भी पढ़ें : मशहूर ब्रिटिश लेखक काजुओ इशिगुरो को साहित्य का नोबेल पुरस्कार
थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां
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अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से)
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थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां
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अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से)
थेलर का शोध व्यावहारिक अर्थशास्त्र पर केंद्रित है जो यह पड़ताल करता है कि वित्तीय और आर्थिक बाजारों में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों या समूहों द्वारा किए गए फैसलों पर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों का क्या असर रहता है. नोबेल ज्यूरी ने थेलर के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा है, 'उन्होंने अर्थशास्त्र को और अधिक मानवीय बनाया.' पुरस्कार की घोषणा करने वाली समिति ने सोमवार को कहा कि थेलर को 'अर्थशास्त्र के मनोविज्ञान' पर अध्ययन के लिए 90 लाख क्रोनोर (11 लाख डॉलर) की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी. नोबेल समिति ने कहा कि थेलर का काम दिखाता है कि कैसे मानवीय लक्षण बाजार के परिणामों और व्यक्तिगत निर्णयों को प्रभावित करते हैं.टिप्पणियां
यह भी पढ़ें : परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ अभियान चलाने वाली संस्था ICAN को नोबेल का शांति पुरस्कार
अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से)
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अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से)
अकादमी ने थेलर का परिचय देने वाले अपने प्रपत्र में कहा है कि 72-वर्षीय थेलर व्यवहारिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने वाले अग्रणी अर्थशास्त्री हैं. यह शोध का एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक निर्णय निर्माण की प्रक्रिया के दौरान मनोवैज्ञानिक अनुसंधानों का अनुपालन करने का अध्ययन किया जाता है. इससे व्यक्तियों के आर्थिक निर्णय लेते समय सोच और व्यवहार का अधिक वास्तविक आकलन करने में मदद मिलती है. उल्लेखनीय है कि अल्फ्रेड नोबेल ने जब इन पुरस्कारों की शुरुआत की थी तब अर्थशास्त्र के क्षेत्र में यह पुरस्कार नहीं दिया जाता था. पहली बार अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1969 में दिया गया. (इनपुट एजेंसियों से) |
VIDEO: रथ यात्रा में पहुंची TMC सांसद नुसरत जहां बोलीं- दिल से मुस्लिम हूं, राजनीति और धर्म दोनों अलग-अलग हैं | TMC MP Nusrat Jahan, in Kolkata, on reports that a fatwa was issued against her: I don't pay heed to things which are baseless. I know my religion. I have been a Muslim by birth and I am still a Muslim. It's about faith. You have to feel it inside your heart & not in your head. pic.twitter.com/pbNjxXh6EV
इससे पहले देवबंद के मौलवियों के एक धड़े ने नुसरत जहां (Nusrat Jahan) के खिलाफ कथित तौर पर 'फतवा' भी जारी किया था. पश्चिम बंगाल के बसीरहाट की सांसद नुसरत जहां 25 जून को पहली बार संसद में सिंदूर लगाए हुई पहुंची थीं. और शपथ लेने के बाद उन्होंने 'वंदे मातरम' कहा था. नुसरत जहां ने व्यवसायी निखिल जैन से जून में तुर्की में शादी की और इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने संसद में शपथ ली थी. इस संबंध में मौलवियों ने दावा किया था कि नुसरत जहां ने जैन धर्म में शादी कर इस्लाम का अपमान किया और उनके वस्त्र को 'गैर इस्लामिक' बताया था. जामिया शेख उल हिंद के मुफ्ती असद कासमी ने दावा किया था, 'मुस्लिमों की शादी मुस्लिमों में ही हो सकती है और वे केवल अल्लाह के सामने झुक सकते हैं, इस्लाम में वंदे मातरम, मंगलसूत्र और सिंदूर के लिए कोई जगह नहीं है और ये चीजें धर्म के खिलाफ हैं.'
#WATCH Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee and TMC MP Nusrat Jahan flag off #JagannathRathYatrapic.twitter.com/Qf0hgyVeXu
आलोचनाओं का जवाब देते हुए जहां ने शनिवार की रात को (Nusrat Jahan) ट्वीट किया था, "किसी भी धर्म के कट्टरपंथियों के बयानों पर ध्यान देना या प्रतिक्रिया देना केवल नफरत और हिंसा को बढ़ावा देना है और इतिहास इसका गवाह है. समग्र भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं जो जाति, पंथ और मजहब के दायरे से परे है. मैं अब भी मुसलमान हूं और किसी को यह नहीं बताना चाहिए कि मैं क्या पहनूं... मजहब कपड़े से परे होता है.' बता दें कि केंद्र की सत्तारूढ़ भाजपा की महिला नेताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने जहां का समर्थन किया था. |
इस पुलिस ऑफिसर से निर्भया ने कहा था, 'जिन लोगों ने मेरे साथ ये गंदा काम किया, उन्हें छोड़ना मत' | "जिन लोगों ने मेरे साथ ये गंदा काम किया है उन्हें छोड़ना मत " ये वाक्य डीसीपी साउथ छाया शर्मा को निर्भया ने तब कहे थे जब छाया उससे पहली बार सफ़दरजंग अस्पताल में मिलने गई थी. आज यानी शुक्रवार को जब सप्रीम कोर्ट ने जब सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई तब छाया ने मन ही मन निर्भया को याद किया और उसका धन्यवाद किया. धन्यवाद इसलिए क्यूंकि वो कभी अपने बयान से पलटी नहीं. इन दिनों छाया राष्ट्रीय मानवाधिकार कमीशन में बतौर डीआईजी तैनात हैं. छाया ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा. "दिल्ली पुलिस ने जो सबूत पेश किए है वो एकदम ठोस है," सप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने फ़ैसला देते हुए कहा. "इन सभी आरोपियों को सज़ा निर्भया के कारण ही मिली है. वो अपने बयान पर निरंतर क़ायम रही "
उन्हें आज भी वो दिन याद है जब वो 23 साल की निर्भया से वह पहली बार मिली थीं. "उसकी हालत बहुत ख़राब थी. उससे बोला नहीं जा रहा था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी,". सप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला देते हुए माना कि जो कुछ निर्भया के साथ हुआ वो बहुत भयानक था. "अक्सर देखा है कि बलात्कार पीड़ित घबरा जाते हैं. सच नहीं बताते या पूरा सच याद नहीं कर पाते लेकिन इस लड़की का रवैया बड़ा पॉज़िटिव था," छाया आज भी उसके हौसले की दाद देती है.
निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई.
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
उन्हें आज भी वो दिन याद है जब वो 23 साल की निर्भया से वह पहली बार मिली थीं. "उसकी हालत बहुत ख़राब थी. उससे बोला नहीं जा रहा था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी,". सप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला देते हुए माना कि जो कुछ निर्भया के साथ हुआ वो बहुत भयानक था. "अक्सर देखा है कि बलात्कार पीड़ित घबरा जाते हैं. सच नहीं बताते या पूरा सच याद नहीं कर पाते लेकिन इस लड़की का रवैया बड़ा पॉज़िटिव था," छाया आज भी उसके हौसले की दाद देती है.
निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई.
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
निर्भया ने पहला अपना बयान अस्पताल के डॉक्टर को दिया फिर एसडीएम और फिर जज के सामने. तीनों बार वो अपने बयान पर क़ायम रही. उसने ऐसी छोटी-छोटी बातें अपने बयान में बोली जो आख़िर कर पुलिस के लिए बहुत अहम साबित हुई. निर्भया की मौत के पहले के इन बयानों को डाइइंग डिक्लेरेशन माना गया. निर्भया की मौत हादसे के 13 दिन बाद सिंगापुर में हुई.
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
छाया के मुताबिक़ जब ये मामला दर्ज हुआ था तब पुलिस के आगे सबसे बड़ी चुनौती आरोपियों तक पहुंचना थी. अक्सर बलात्कार के मामलों में आरोपी पीड़ित को जानता है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं था. "हमारा काम इसलिए बहुत मुश्किल था कि हमें शुरुआत से मामले में तफ्तीश करनी पड़ी," 1999 बैच की आईपीएस अफ़सर का कहना है कि जांच में सबसे पहला अहम सुराग़ पुलिस को तब मिला जब पता चला कि जिस बस में रेप हुआ उसकी सीट लाल रंग की थी और परदे पीले.टिप्पणियां
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
"अब ऐसी बस को ढूंढना आसान नहीं था. हमने 300 बस की लिस्ट बनाई और हमारी टीम सबकी पहचान करने लगी,". छाया की टीम में क़रीब 100 पुलिसकर्मी थे. सबका काम बांट दिया गया. "मेरी टीम बहुत मेहनती थी. आपस में बैठकर फ़ैसले लेती थी. हम सब इस नतीजे पर पहुंचे कि जिस बेरहमी से आरोपियों ने और जिस निडरता से उन्होंने अपराध किया उस से साबित होता है कि वो उस इलाक़े को अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती."
छाया ने बताया, पुलिस ने CCTV फुटेज खंगाले पर इससे ज़्यादा मदद नहीं मिली. लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. बार-बार फुटेज देखने से सामने आया कि बस पर यादव लिखा हुआ था. इससे पुलिस की सर्च का दायरा और कम हो गया. "ड्राइवर या फिर क्लीनर को उस इलाक़े का ही होना चाहिए था ये सोचकर हमने जांच आगे बढ़ाई. फिर क्या था एक-एक सभी आरोपी गिरफ़्तार होते चले गए."
अपराध होने के 18 घंटो के अंदर पहले आरोपी बस ड्राइवर रामसिंह को गिरफ़्तार किया. "पूछताछ के बाद सभी आरोपी गिरफ़्तार कर लिए गए,". आज जब सप्रीम कोर्ट ने पुलिस की जांच पर मुहर लगते हुए आरोपियों को सज़ा सुनाई तब जो पुलिस वाले इस तफ्तीश से जुड़े थे उनके चेहरों से परेशानी कुछ समय के लिए ग़ायब हो गई. सब अपनी की हुई तफ़तीश पर फक्र करने लगे. "हमने इस मामलेमें आरोप पत्र सिर्फ़ 18 दिन में कोर्ट में पेश किया था. वो आरोप पत्र इतना पक्का था कि तीन अदालतों ने उस को सही ठहराया. अगर उसमें कोई ख़ामी होती तो सप्रीम कोर्ट आज हमें ही टांग देती." |
विरोध जताने के लिए गांधीजी ने नहीं लौटाई थी अंग्रेजों की दी हुई कानून की डिग्री : कमल हासन | तीन बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले हासन ने कहा, ‘मैं आवाज उठाऊंगा यदि संदेह पैदा होगा कि मेरी और मेरे दोस्तों तथा बंधुओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसे उद्देश्यों के लिए कोई राजनीतिक पार्टी शुरू करने की जरूरत नहीं है। यदि ऐसा विचार जाहिर किया जाता है तो लोग पूछते हैं कि क्या मैं राजनीति में आ रहा हूं। |
एशियाई कारोबार में तेल का मिला-जुला रुख | एशियाई कारोबार में तेल का भाव मिला-जुला रहा। निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के संबोधन का इंतजार है और वे फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं। इसके अलावा लीबिया में जारी संकट का भी तेल भाव पर असर पड़ा है। शुरुआती कारोबार में न्यूयॉर्क का मुख्य अनुबंध वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट लाइट स्वीट क्रूड का भाव अक्तूबर डिलीवरी के लिए 10 सेंट्स घटकर 85.20 डॉलर रहा। वहीं ब्रेंट नार्थ सी क्रूड की कीमत अक्तूबर डिलीवरी के लिये 19 सेंट्स बढ़कर 110.81 डॉलर रही। कारोबारियों के अनुसार निवेशकों को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख बेन बर्नान्के के संबोधन का इंतजार है और वे फिलहाल सतर्क रुख अपना रहे हैं। बर्नान्के केंद्रीय बैंक के सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं। निवेशकों को इस बात का इंतजार है कि अपने संबोधन में वह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए और प्रोत्साहन उपायों का समर्थन करते हैं या नहीं। अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा तेल खपत वाला देश है। इसके अलावा लीबिया में जारी संकट का भी तेल भाव पर असर दिख रहा है। |
टिकटॉक पर कपिल शर्मा से भी आगे निकली ये बॉलीवुड एक्ट्रेस, 2019 में सबसे ज्यादा पसंद किए गए इनके Videos | अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडिज का जलवा इस पूरे साल शॉर्ट वीडियो मेकिंग एप टिकटॉक पर बरकरार रहा. इस एप ने मंगलवार को अपने हैशटैगटिकटॉकरिवाइंड2019 कैम्पेन के एक हिस्से के रूप में शीर्ष 50 विषय सामग्री और वीडियो ट्रेंड्स को जारी किया.
जैकलीन 95 लाख फॉलोअर्स के साथ सेलेब्रिटीज लिस्ट में पहले स्थान पर रहीं. उनके बाद रितेश देशमुख (68 लाख फॉओलर्स), कपिल शर्मा (22 लाख फॉओलर्स), माधुरी दीक्षित नेने (12 लाख फॉओलर्स) और डीजे ब्रावो (15 लाख फॉओलर्स) के भी नाम क्रमश: इस सूची में शामिल हैं.
शीर्ष पांच संगीत कलाकारों की सूची में 1.25 करोड़ फालोअर्स के साथ नेहा कक्कड़ पहले स्थान पर रहीं. गुरु रंधावा 58 लाख फॉलोअर्स, टॉनी कक्कड़ 41 लाख, मिलिंद गाबा और अर्जुन कानूनगो 31 लाख फॉलोअर्स के साथ दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर रहे. |
VIRAL VIDEO: स्कूटी पर था कपल, बिना हेलमेट पहने लड़की को यूं Delhi Traffic Police ने सिखाया सबक | बिना हेलमेट गाड़ी चलाने वालों को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) तमाम तरीके अपनाती है. चालान काटने से लेकर सुरक्षा से जुड़े बोर्ड और पोस्टर्स तक लगाती है. ताकि लोग बिना हेलमेट गाड़ी ना चलाकर अपनी और दूसरों की जान को खतरे में ना डालें. लेकिन कुछ लोग हैं कि सुधरने का नाम नही लेते, उनके लिए अब दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) ने एक नई तरकीब निकाली है. नेशनल रोड सेफ्टी वीक 2019 (National Road Safety Week, 2019) के दौरान ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) अब खुद हेलमेट पहनकर रोड पर खड़ी है.
जी हां, दिल्ली के आईटीओ (ITO) की तरफ से गुज़रने वाले लोगों को ऐसे ट्रैफिक पुलिस अफसर (Traffic Police Officer) दिख रहे होंगे, जो हेलमेट पहन रोड़ पर खड़े हैं. सिर्फ इतना नहीं उनके हाथ एक शीशा भी है, जिसपर मैसेज लिखा हुआ है,"क्योंकि आइना झूठ नही बोलता (Because the mirror never lies)"
pic.twitter.com/bnHXC8e5J5
ITO पर हेलमेट लगाए शीशा लेकर खड़े कॉन्स्टेबल संदीप कुमार लोगों को मैसेज दे रहे हैं कि, ‘क्योंकि आइना झूठ नही बोलता के बाद मेरा हेलमेट मेरी सुरक्षा. और आपकी? सदैव ISI मार्क वाला हेलमेट ही प्रयोग करें. आपकी सुरक्षित यात्रा की शुभकामना.' (‘Because the mirror never lies, My helmet, my safety. What about yours?', ‘Always use ISI marked helmet', ‘We wish you a safe journey.')
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस मुहिम की वीडियो पोस्ट की, जिस लोगों ने काफी पसंद किया. ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस वीडियो में एक कपल स्कूटी पर है, लड़की ने हेलमेट नहीं पहना हुआ है. ट्रैफिक पुलिस अफसर उन्हें शीशा दिखाकर सभी मैसेज भी दिखाते हैं.
कुछ लोग बेशक अभी भी इस पहल की धज्जियां उड़ाकर फिर बिना हेलमेट घर से निकलें, लेकिन जो लोग ट्रैफिक रूल्स (Traffic Rules) को फॉलो करते हैं उन्हें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) की ये कोशिश काफी पसंद आ रही है. वे सभी सोशल मीडिया पर इस तरकीब की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.
दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस पर गर्व है हमे।जाम मे फँसने पर या किसी तरह की अपनी शिकायत दर्ज कराने पर यक़ीन मनाइए फ़िल्मी स्टाइल मे नही बल्कि तुरंत यथार्थ रूप मे मदद करती है
Such a great way
Innovative... Hope now people will understand the importance of safety
Very good and sensible way to make people understand about what we are doing with our safety. #SaluteDTP
Commendable job . By these people should be punished with challan |
जामिया शिक्षक संघ ने की छात्रों पर हुई हिंसा की निंदा, CAA और NRC को भी नकारा | जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा पर जामिया विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने अपना पक्ष रखा है. संघ ने एक प्रेस कांन्फ्रेंस कर कहा कि हम (शिक्षक संघ) विश्वविद्यालय में पुलिस के हमले की निंदा करते हैं. साथ ही शिक्षक संघ CAA और NRC को भी नकारता है, क्योंकि ये समानता, और अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है. जामिया विश्वविद्यालय वसुधैव कुटुंबकम को मानने वाली विचारधारा का है. हम शांतिपूर्ण तरीके से होने वाले प्रदर्शन को समर्थन देते रहेंगे और छात्रों से अपील कर रहे हैं कि बाहरी और अराजक तत्वों को जामिया विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल न होने दें.
जामिया विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने कहा कि हम अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई चाहते है. उन पुलिसवालों के खिलाफ भी, जिन्होंने निर्दोष छात्रों को पिटाई की है. छात्रों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लिए जाएं. साथ ही विश्वविद्यालय की प्रापर्टी को दो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाए. विश्वविद्यालय और छात्रों के हित के लिए हम काम करते रहेंगे. आपको बता दें कि दो दिन पहले ही जामिया की कुलपति (VC) नजमा अख्तर (Nazma Akhtar) भी मीडिया के सामने आईं थीं और दिल्ली पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा, 'यूनिवर्सिटी में संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई किस तरह होगी. इसके अलावा भावनात्मक नुकसान भी हुआ है. |
Ind Vs WI: 49 रन पर ही खुशी मनाने लगे श्रेयस अय्यर, तो विराट कोहली ने हंसते हुए किया ऐसा- देखें Video | India Vs West Indies: विशाखापटनम में भारत और वेस्टइंडीज (Ind Vs WI) के बीच दूसरा वनडे (Ind Vs WI 2nd ODI) खेला गया, जिसको टीम इंडिया ने 107 रन से जीत लिया. पहले रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और केएल राहुल (KL Rahul) की जोड़ी ने विंडीज गेंदबाजों की कमर तोड़ी फिर श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) की धमाकेदार पारी के सामने गेंदबाज पस्त नजर आए. अय्यर ने 32 गेंद पर 53 रनों की पारी खेली, जिसमें 4 छक्के और 3 चौके शामिल थे. उनकी पारी में कुछ ऐसा हुआ, जिसको देखकर कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) हंस-हंसकर लोट-पोट हो गए.
श्रेयस अय्यर 48 रन पर थे तो कीमो पॉल गेंदबाजी कर रहे थे. उन्होंने पॉल की गेंद पर बाउंड्री की तरफ शॉट खेला और सिंगल रन लिया. जिसके बाद वो बल्ला उठाकर अर्धशतक का जश्न मनाने लगे. लेकिन उस वक्त वो अपने अर्धशतक से एक रन दूर थे. दरहसल जिस वक्त अय्यर 48 रन पर थे तो स्कोरबोर्ड पर उनका स्कोर 49 रन लिखा था. ऐसे में उन्होंने सिंगल रन लिया और अर्धशतक का जश्न मनाने लगे. देखकर विराट कोहली ड्रेसिंग रूम में हंस पड़े और हाथ दिखाकर बताने लगे कि उनको अर्धशतक के लिए एक रन और चाहिए.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद श्रेयस अय्यर ने एक और शॉट खेला और रन लेकर अर्धशतक जमाया. भारत ने रोहित की 138 गेंद में 17 चौकों और पांच छक्कों से 159 रन की पारी और राहुल (102) के साथ पहले विकेट की 227 रन की साझेदारी से पांच विकेट पर 387 रन बनाए थे. श्रेयस अय्यर (32 गेंद में 53 रन, तीन चौके, चार छक्के) और ऋषभ पंत (16 गेंद में 39 रन, तीन चौके, चार छक्के) ने चौथे विकेट के लिए सिर्फ चार ओवर में 73 रन की साझेदारी करके भारत का स्कोर 350 रन के पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.
मैच में कुलदीप यादव ने शानदार परफॉर्मेंस दी. कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो या अधिक हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय और दुनिया के छठे गेंदबाज बन गये हैं. कुलदीप ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में बुधवार को यहां शाई होप, जैसन होल्डर और अलजारी जोसेफ को आउट करके हैट्रिक पूरी की। इससे पहले उन्होंने 21 सितंबर 2017 को आस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में हैट्रिक बनायी थी. |
गोवा के मंत्री के खिलाफ फर्जी डिग्री का आरोप लगा आप पार्टी ने दर्ज कराई शिकायत | आम आदमी पार्टी (आप) गुरुवार को गोवा के लोक निर्माण मंत्री सुदीन धावलीकर के खिलाफ फर्जी डिग्री और अपने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायत में गोवा की आप इकाई ने मंत्री पर कई आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि मंत्री ने हलफनामे में किए गए दावे के विपरीत 1979 में बीएससी की शिक्षा पूरी नहीं की है और निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे में गलत जानकारी दी है।
भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक धावलीकर ने किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है और कहा है कि उनकी डिग्री पूरी तरह वैधानिक है।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
शिकायत में गोवा की आप इकाई ने मंत्री पर कई आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि मंत्री ने हलफनामे में किए गए दावे के विपरीत 1979 में बीएससी की शिक्षा पूरी नहीं की है और निर्वाचन आयोग को दिए गए हलफनामे में गलत जानकारी दी है।
भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक धावलीकर ने किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है और कहा है कि उनकी डिग्री पूरी तरह वैधानिक है।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक धावलीकर ने किसी तरह के फर्जीवाड़े से इनकार किया है और कहा है कि उनकी डिग्री पूरी तरह वैधानिक है।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
आप सदस्य प्रदीप अमोनकर ने पुलिस में दर्ज शिकायत में धावलीकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की है।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
पोंटा पुलिस थाने के प्रभारी सुदेश नाइक ने भाजपा विधायक के खिलाफ गुरुवार को आप नेता द्वारा शिकायत मिलने की पुष्टि की है।टिप्पणियां
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
शिकायत में कहा गया है कि धावलीकर ने निर्वाचन आयोग को दिए हलफनामे में 1975 में एसएससी और 1979 में स्नातक की शिक्षा पूरी करने की जानकारी दी है।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी।
धावलीकर ने हालांकि इसी सप्ताह इससे पहले कुछ दस्तावेज जारी कर कहा कि उन्होंने 1978 में स्नातक की शिक्षा पूरी की थी। |
वीरेंद्र सहवाग ने एमएस धोनी के जन्मदिन को बताया- नेशनल हेलिकॉप्टर-डे, जानिए किसने क्या कहा | Happy Birthday @msdhoni .
May you keep doing Anhoni ko Honi.#NationalHelicopterDaypic.twitter.com/PGHp9M6gNT
Happy Birthday @msdhoni .. Have a wonderful and blessed year ahead!! pic.twitter.com/DfiwtYqB9l
Happy Birthday @msdhoni! The more the candles the more the light that will shine in your life wish you all the best pic.twitter.com/uECxolq7ZX
Happy Birthday to one of the greatest captains of all time, as well as an exceptional batsman and WK, @msdhoni! pic.twitter.com/rJj4i8Brds
T 2309 - Happy birthday MS .. pic.twitter.com/Ccn2mujfQs
धोनी ने अब तक खेले 278 वनडे मैचों में 8918 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 89.27 है। वह वनडे में 9 शतक और 60 अर्धशतक लगा चुके हैं। उन्होंने 90 टेस्ट मैचों में 4876 रन बनाए हैं, जिनमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। |
सपा में संग्राम : मुलायम ने मंत्री पवन पांडे को निकाला, अखिलेश पहुंचे राज्यपाल से मिलने | मुलायम, अखिलेश और शिवपाल के बीच 24 घंटे में हुई 4 बैठकें बेनतीजा रही हैं. यही नहीं मंगलवार को दिनभर अखिलेश के समर्थन में समाजवादी पार्टी दफ्तर के बाहर पार्टी की युथ विंग के लोग प्रदर्शन करते रहे.
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
वहीं मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनको पार्टी के अध्यक्ष और उनके पिता ने मुख्यमंत्री बनाया है और अगर वह पद छोड़ने के लिए कहेंगे तो उनकी बात मानेंगे.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
वहीं अमर सिंह पर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा संकट के लिए अमर सिंह ज़िम्मेदार हैं. अमर सिंह ही मौजूदा साज़िश के पीछे हैं.अमर सिंह सपा अध्यक्ष से दोस्ती का फ़ायदा उठा रहे हैं.टिप्पणियां
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा.
उन्होंने रामगोपाल यादव पर कहा कि उनकी कोई भूमिका नहीं है. मंत्रियों को हटाने की सलाह उन्होंने नहीं दी. पार्टी और चुनावों के प्रचार को लेकर वह बोले कि पार्टी नहीं छोड़ूंगा. चुनाव के रंग में हूं. 25 साल के जश्न में शामिल रहूंगा. दूसरे पार्टी तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उनसे लड़ूंगा. |
श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का चयन चार जुलाई को | श्रीलंका के आगामी दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन चार जुलाई को किया जाएगा। टीम इंडिया इस दौरे पर पांच वनडे और एक ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी।टिप्पणियां
बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति मुंबई के क्रिकेट सेंटर में चार जुलाई को बैठक करके श्रीलंका में जुलाई अगस्त में होने वाली एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीमों का चयन करेगी।’’
श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘अखिल भारतीय सीनियर चयन समिति मुंबई के क्रिकेट सेंटर में चार जुलाई को बैठक करके श्रीलंका में जुलाई अगस्त में होने वाली एकदिवसीय और टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीमों का चयन करेगी।’’
श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा।
श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला का आयोजन 22 जुलाई से चार अगस्त तक किया जाएगा जिसके बाद सात अगस्त को पाल्लेकल स्टेडियम में एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाएगा। मार्च में बांग्लादेश में एशिया कप के बाद यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। |
पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के बंगले में रह सकते हैं गृहमंत्री अमित शाह | बतौर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 14 साल तक इस बंगले में रहे. पिछले साल 16 अगस्त को उनके निधन के बाद तत्कालीन मोदी सरकार ने इस बंगले को 'अटल स्मृति' के रूप में घोषित करने के कुछ भाजपा नेताओं के विचार को खारिज कर दिया था. सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि, 'राजघाट' के पास वाजपेयी के समाधि स्थल को उनकी स्मृति में 'सदैव अटल' के नाम से विकसित किया है.
बता दें कि 2000 में तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने ही राष्ट्रीय नेताओं के सरकारी आवास को उनके निधन के बाद स्मृति स्थल के रूप में घोषित करने पर रोक लगाने का फैसला किया था. इस फैसले को बरकरार रखते हुए मोदी सरकार ने अक्तूबर 2014 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के 12, तुगलक रोड, स्थित बंगले को स्मृति स्थल घोषित करने की रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह की मांग को खारिज कर दिया था. सरकार द्वारा पुनगर्ठित मंत्रिमंडलीय समितियों में आवास संबंधी समिति में अमित शाह बतौर गृहमंत्री सदस्य हैं.
केंद्रीय मंत्रियों एवं अन्य आला अधिकारियों को दिल्ली में सरकारी आवास मुहैया कराने से जुड़े अहम फैसले करने वाली इस समिति में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल सदस्य हैं. वहीं, जबकि आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं. |
करीना कपूर का फिटनेस मंत्रा, Video में खोला फिट बॉडी का राज़ | A post shared by Namrata Purohit (@namratapurohit) on Apr 26, 2018 at 10:07pm PDT |
'सिब्बल ने राजा को बचाने के लिए रिपोर्ट गढ़वाई' | NDA कायर्काल में टेलीकॉम मंत्री रह चुके अरुण शौरी ने 2-जी घोटाले पर जस्टिस पाटिल की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। शौरी का आरोप है कि ए राजा को बचाने के लिए मौजूदा दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने रिपोर्ट में फेरबदल कराए हैं। उन्होंने कहा कि जस्टिस पाटिल की रिपोर्ट से अदालत की भी बदनामी हुई है। शौरी ने कहा कि 2-जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस बांटते वक्त राजा ने पहले आओ पहले पाओ की नीति नहीं अपनाई। उन्होंने जस्टिस पाटिल की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उन्हें 2-जी घोटाले की जांच के लिए जान बूझकर चुना गया था। |
कलाम ने कहा, सही समय पर लूंगा फैसला | समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के पसंद के रूप में नाम आगे किए जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है कि वह इस उच्च पद के लिए दौड़ में शामिल होने के संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करेंगे।टिप्पणियां
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना के बिहटा पहुंचे कलाम ने संवाददाताओं से कहा, कई राजनीतिक पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया है, जो मुझे देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहती हैं। मुझे उनके विचार पसंद हैं और मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं इस संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करूंगा। संवाददाताओं ने उनसे प्रश्न पूछा था कि क्या वह राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं।
नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना के बिहटा पहुंचे कलाम ने संवाददाताओं से कहा, कई राजनीतिक पार्टियों ने मुझसे संपर्क किया है, जो मुझे देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहती हैं। मुझे उनके विचार पसंद हैं और मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। मैं इस संबंध में सही समय पर कोई निर्णय करूंगा। संवाददाताओं ने उनसे प्रश्न पूछा था कि क्या वह राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पाटी और तृणमूल कांग्रेस ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में कलाम, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का नाम सामने रखा है। ममता बनर्जी ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति के पद के उम्मीदवार के रूप में वह कलाम का समर्थन करती हैं। |
UPSC ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे घोषित किए | वे यूपीएससी की वेबसाइट पर भी अपने नतीजे को लेकर सूचना हासिल कर सकते हैं।घटाई जा सकती है UPSC सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने की अधिकतम आयु सीमाटिप्पणियांदृष्टिबाधित, मस्तिष्क पक्षाघात प्रभावित उम्मीदवार कर सकते हैं ‘राइटर’ का इस्तेमाल: UPSCयूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज
घटाई जा सकती है UPSC सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने की अधिकतम आयु सीमाटिप्पणियांदृष्टिबाधित, मस्तिष्क पक्षाघात प्रभावित उम्मीदवार कर सकते हैं ‘राइटर’ का इस्तेमाल: UPSCयूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज
दृष्टिबाधित, मस्तिष्क पक्षाघात प्रभावित उम्मीदवार कर सकते हैं ‘राइटर’ का इस्तेमाल: UPSCयूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज
यूपीएससी ने मूल्यांकन की प्रक्रिया सार्वजनिक करने की संसदीय समिति की सिफारिश की खारिज |
गुरुग्राम : भीषण आग में 250 से ज्यादा झुग्गियां जलकर खाक | दिल्ली से सटे गुरुग्राम (गुड़गांव) के खरकी गांव के पास झुग्गी बस्ती में सोमवार को लगी भीषण आग में 250 से ज्यादा झुग्ग्यिां जलकर खाक हो गईं, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
पुलिस ने बताया कि आग दोपहर दो बजे लगी, जिसके बाद दमकल के सात वाहनों को मौके पर भेजा गया और आग पर शाम छह बजे तक काबू पाया जा सका। आग में नष्ट हुईं झुग्गियों की संख्या 300 के करीब है।टिप्पणियां
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता हवा सिंह ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है और कोई हताहत नहीं हुआ है। तंबू लगाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सूची तैयार है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस ने बताया कि आग दोपहर दो बजे लगी, जिसके बाद दमकल के सात वाहनों को मौके पर भेजा गया और आग पर शाम छह बजे तक काबू पाया जा सका। आग में नष्ट हुईं झुग्गियों की संख्या 300 के करीब है।टिप्पणियां
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता हवा सिंह ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है और कोई हताहत नहीं हुआ है। तंबू लगाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सूची तैयार है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता हवा सिंह ने बताया कि सबकुछ नियंत्रण में है और कोई हताहत नहीं हुआ है। तंबू लगाए जा रहे हैं और प्रभावित परिवारों की सूची तैयार है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
मेरठ में तीन बहनों की लाश कुएं से बरामद | उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के थाना किठौर क्षेत्र में एक कुएं से तीन सगी बहनों की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही एनसीआर एडीजी के एल मीणा, आईजी राजीव कृष्ण और डीआईजी प्रेम प्रकाश ने मौके पर पहुंच कर घटना के संबंध में छानबीन की।
डीआईजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त बुशरा (10), सना (8) और शादिया (6) पुत्री शकील निवासी महलंका के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि तीनों बहनें गत 14 दिसम्बर को घर से मुंगफली खरीदने पड़ोस की दुकान में गई थीं। तबसे वह गायब थीं। 15 दिसम्बर को इस संबंध में थाना किठौर में शकील की तहरीर पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। तभी से पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी। आज गांव के कुएं से बदबू आने पर जब उसमें उतर कर देखा गया तो वहां तीनों बहनों की लाश सड़ी अवस्था में लाश पड़ी थीं।
डीआईजी के अनुसार प्रथम दृष्टया लगता है कि गला घोंटकर हत्या की गई है। उन्होंने दुराचार की आशंका से इनकार नहीं किया है। डीआईजी के अनुसार लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज कर घटना में शामिल हमलावरों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। |
अंतिम संस्कार को छोड़कर सभी सेवाओं पर लगेगा कर | वित्त मंत्रालय ने कहा कि एक जुलाई से निषेधात्मक सूची में शामिल 17 सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं पर कर लगाया जाएगा।
निषेधात्मक सूची में शामिल सेवाएं कर दायरे से बाहर रहेंगी।
सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
निषेधात्मक सूची में शामिल सेवाएं कर दायरे से बाहर रहेंगी।
सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
सरकार ने सेवाओं की परिभाषा का विस्तार किया है ताकि अधिक से अधिक सेवा क्षेत्र की गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जा सके। फिलहाल 119 सेवाएं कर के दायरे में हैं।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
बजट में सेवाओं की निषेधात्मक सूची का प्रावधान किया गया है। वित्त विधेयक को राष्ट्रपति का अनुमोदन प्राप्त होने के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा कि नई सेवा कर प्रणाली एक जुलाई से लागू हो जाएगी।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
बजट में सेवाकर की दर भी दो फीसद बढ़ाकर 12 फीसद कर दी गई।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
मीटर वाली टैक्सी, ऑटो रिक्शा, मनोरंजन पार्क में प्रवेश, सामान और सवारियों का परिवहन, बिजली पारेषण और बिजली वितरण को निषेधात्मक सूची में रखा गया है। दाह संस्कार, मृतक को ले जाने वाली परिवहन सेवाओं को भी सेवाकर से बाहर रखा गया है।
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सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
कोचिंग क्लास और प्रशिक्षण संस्थान भी सेवाकर के दायरे में आएंगे हालांकि, स्कूल, विश्वविद्यालय की शिक्षा और मान्यता प्राप्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर कर नहीं लगेगा।टिप्पणियां
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सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
रेलगाड़ी में प्रथम श्रेणी और वातानुकूलित कोच में यात्रा करने वालों पर सेवा कर लगेगा। देश के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा कर का योगदान करीब 60 फीसद है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है।
सरकार ने 2012-13 के दौरान सेवा कर से 1.24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान लगाया है। |
तुर्कमान गेट रोडरेज मामला : बीजेपी का केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन | बीजेपी ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर जोरदार प्रदर्शन किया। बीजेपी का आरोप है कि रोडरेज के मामले को अंजाम देने वाला आरोपी आम आदमी पार्टी से जुड़ा हुआ है।
सतीश उपाध्याय के नेतृत्व में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन किया। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारें फेंकनी पड़ीं।
दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में सड़क पर तैश में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने पांचवें और मुख्य आरोपी अमीन पहलवान को भी गिरफ्तार कर लिया है। उस पर इसी इलाके में रहने वाले शाहनवाज़ की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है।
इससे पहले पुलिस ने वसीम, आतिफ़, सलीम और शादाब को गिरफ़्तार किया था। इनमें शादाब तो अमीन पहलवान का ही बेटा है। पुलिस के मुताबिक अमीन पहलवान पर पहले से 17 केस दर्ज हैं और वो इलाके का घोषित अपराधी है।
शाहनवाज़ के परिवार के मुताबिक अमीन पहलवान के 16 भाई हैं और इनकी दबंगई से इलाके के लोग परेशान हैं। इलाके में अवैध मकानों के निर्माण का धंधा, जबरन वसूली और लड़ाई झगड़े इनके लिए आम हैं। इलाके के कुछ लोग कहते हैं पहले अमीन पहलवान पूर्व विधायक शोएब इकबाल के लिए काम करता था लेकिन पिछले चुनाव में उसने आम आदमी पार्टी के असीम अहमद का साथ दिया। चुनाव के दौरान छोटे-मोटे झगड़ों और मारपीट करना और निपटाना उसके लिए बाएं हाथ का खेल था।
इसे लेकर अब सियासत तेज़ हो गयी है। बुधवार को ना केवल आप नेताओं को इस पर सफ़ाई देने आगे आना पड़ा बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पीड़ित परिवार से भी मिले। आप नेता संजय सिंह, आशुतोष और कुमार विश्वास ने आरोप लगाया कि बीजेपी बेवजह शाहनवाज के कातिलों को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताने की कोशिश कर रही है। दरअसल कत्ल के बाद एक पोस्टर सामने आया था जिसमें हत्या का मुख्य आरोपी अलीम पहलवान 'आप' के स्थानीय विधायक एक साथ हैं। |
पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, 120 एमएम के मोर्टार बम दागे, दो लोग जख्मी | पाकिस्तानी सैनिकों ने आज (सोमवार को) दिन में चार बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के करीब अग्रिम चौकियों एवं रिहाइशी इलाकों को निशाना बनाकर 120 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की, जिसका भारतीय सैनिकों ने माकूल जवाब दिया. गोलीबारी में दो लोगों के मामूली रूप से जख्मी होने की खबरें हैं.
पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी और सब्जियां सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के शाहपुर, कृष्णगटी, मंडी और सब्जियां सेक्टरों में नियंत्रण रेखा के पास गोले दागे.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रक्षा प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'पाकिस्तानी सैनिक पुंछ जिले के मंडी और सब्जियां सेक्टरों में आज दोपहर के पौने दो बजे से अकारण गोलीबारी कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन लोगों ने 120 एमएम, 80 एमएम के मोर्टार बम दागे और स्वचालित एवं छोटे हथियारों से गोलीबारी की। प्रवक्ता ने साथ ही बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी जारी है.
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कर्नल मेहता ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ में छोटे और स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और मोर्टार बम दागकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर से हो रही गोलीबारी का माकूल और करारा जवाब दिया गया और संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
गुरुद्वारा गोलीबारी : हमलावर की पूर्व प्रेमीका गिरफ्तार | विस्कोन्सिन के गुरुद्वारे में हुए गोलीबारी कांड में बुधवार को एक नया मोड़ तब आ गया जब पुलिस ने हमलावर की पूर्व प्रेमिका के घर से हथियार मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है।
इस हमले में छह लोग मारे गए थे। लेकिन अभी भी जांचकर्ता श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले ‘नव-नाजी’ हमलावर की मंशा से अनभिज्ञ हैं।
हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
इस हमले में छह लोग मारे गए थे। लेकिन अभी भी जांचकर्ता श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले ‘नव-नाजी’ हमलावर की मंशा से अनभिज्ञ हैं।
हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
हमलावर वेड माइकल पेज की पूर्व प्रेमिका मिस्टी कुक को हथियार रखने के मामले में एफबीआई और साउथ मिलवाउकी पुलिस विभाग ने एक संयुक्त जांच के दौरान गिरफ्तार किया है।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
हमलावर की पूर्व प्रेमिका कुक एक वेटरेस और नर्सिंग की छात्रा है। उसके श्वेतों की श्रेष्ठता मानने वाले नस्ली उन्मादियों का संगठन से जुड़े होने की सूचनाएं हैं।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
31 वर्षीय कुक को गिरफ्तार करने के बाद मिलवाउकी पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘उसके खिलाफ आरोप मिलवाउकी काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस के माध्यम से लगाई जाएगी।’’
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
‘एबीसी न्यूज’ के अनुसार संघीय कानून अधिकारी का कहना है कि पहले से किसी मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुक को हथियार रखने की मनाही थी। इसी कारण उसे हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कुक पर वर्ष 2002 में एक यातायात पुलिसकर्मी को धोखा देकर भागने का आरोप लगा था। रविवार को गुरुद्वारे में गोलीकांड करने वाले 41 वर्षीय पेज के साथ कुक का संबंध इस घटना के कुछ सप्ताह पहले ही टूटा था। इस हमले में छह लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
पुलिस ने कुक के घर की जांच के दौरान वहां से एक बंदूक बरामद की है लेकिन उनका कहना है कि इसका उपयोग गोलीबारी कांड में नहीं हुआ है। कुक पेज के साथ साउथ मिलिवाकी के दो अलग-अलग अपार्टमेंट में रही है।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
संघीय एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आखिर पूर्व सैनिक पेज ने यह गोलीबारी क्यों की और इसके पीछै उसकी मंशा क्या थी। गोलीबारी के बाद पुलिस ने पेज को मार गिराया था। गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी की घटना की जांच के कई दिन बाद भी संघीय एजेंसियों का कहना है कि उन्हें इसके पीछे के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
एजेंसियों को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि किस वजह से पूर्व सैनिक ने गोलीबारी की इस भयंकर घटना को अंजाम दिया। उन्हें डर है कि घटना के पीछे का कारण भी हमलावर की मौत के साथ ही समाप्त हो गया। मिलवाउकी गुरुद्वारे में गोलीबारी की घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय पूर्व सैनिक वेड माइकल को मार गिराया था।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
एजेंसियों का कहना है कि अब शायद घटना के पीछे की वजह के बारे में कभी पता नही चल पाएगा। ‘सीएनएन’ के मुताबिक ओक क्रीक के पुलिस प्रमुख जॉन एडवर्डस का कहना है, ‘‘अंत में शायद हमारे पास इस बारे में बहुत सारे तथ्य हों कि वह किन चीजों से जुड़ा हुआ था, वह किसके साथ जुड़ा हुआ था, लेकिन शायद हम उसकी मंशा के बारे में कभी जान नहीं सकेंगे, क्योंकि वह मर गया है, और मंशा भी उसके साथ ही मर गई है।’’
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
जांचकर्ता विभिन्न राज्यों में इससे जुड़े तारों को खंगाल रहे हैं लेकिन मीडिया में आयी खबरों के अनुसार कानून विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें इन तथ्यों को अदालत में पेश करने का मौका नहीं मिलेगा।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
फिलहाल, हमलावर के घर, परिवार, दोस्तों, व्यक्तिगत आंकड़े, उसके पुराने आपराधिक रेकार्ड आदि के बारे में पता किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एफबीआई इस पूरे मामले की जांच की रही है लेकिन उसने बहुत कम जानकारी सार्वजनिक की है। एजेंसी अपनी इस जांच के दौरान नस्ली घृणा के पहलू के बारे में भी तहकीकात कर रही है।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
यहां खास बात यह है कि अमेरिका के विस्कोन्सिन स्थित गुरुद्वारे में गोलीबारी करने वाला वेड माइकल पेज यहां के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के रेडार पर बिल्कुल नहीं था। अलबत्ता उस पर कुछ निजी समूह गुप्त रूप से नजर बनाए हुए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कम से कम दो निजी समूह ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ और ‘साउथ पावर्टी लॉ सेंटर’ बीते कुछ साल से पेज की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे। ये समूह अतिवादी और नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों-संगठनों पर नजर रखते हैं। दूसरी ओर, एफबीआई को इस शख्स के खतरनाक मंसूबों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसका कहना है कि पेज उसके रेडार पर नहीं था।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
एफबीआई के प्रवक्ता पॉल ब्रेसन ने कहा, ‘‘आपराधिक गतिविधियों की जांच करने के साथ अमेरिकी नागरिकों की स्वतंत्रता का संतुलन बनाना हमारे लिए रोजाना एक चुनौती होती है। कोई कितना आक्रामक विचार व्यक्त करे, लेकिन वह हमारे लिए अपराध नहीं है।’’
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
उधर, ‘एंटी-डिफामेशन लीग’ की संयोजक मारिलीन मायो ने कहा, ‘‘जब हम जानते हैं कि कोई अतिवादी हिंसक कार्रवाई के बारे में बात कर रहा है तो हम इसकी जानकारी यहां के न्याय विभाग के साथ साझा करते हैं। परंतु इस शख्स के बारे में हमने सोचा नहीं था कि वह इस तरह का कदम उठाने जा रहा है।’’ अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने विस्कोन्सिन के ओक क्रीक गुरुद्वारे में हुई गोलीबारी के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर पूरी मदद का भरोसा दिया।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
निरुपमा ओक क्रीक में पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही ओक क्रीक के मेयर स्टीव स्काफिदी से भी मिलीं। उन्हें एफबीआई और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने घटना की जांच के बारे में जानकारी दी।टिप्पणियां
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
अधिकारियों ने भारतीय राजदूत को बताया कि यह घटना कैसे हुई और अब सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। निरूपमा मंगलवार की शाम निकाले गए कैंडल मार्च में भी शमिल हुईं। कैंडल मार्च इस घटना में मारे गए लोगों के सम्मान में निकाला गया था।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे।
वह गुरुद्वारा के अध्यक्ष दिवंगत सतवंत सिंह कालेका सहित सभी पीड़ितों के रिश्तेदारों से मिलीं। कालेका ने हमलावर को रोकने का प्रयास किया था और लोगों की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। गोलीबारी की घटना में हमलावर सहित सात लोग मारे गए थे। |
ममता बोलीं- हमें तो बहुमत मिल गया, तो कांग्रेस-सीपीएम गठबंधन ने किया 200 सीटें जीतने का दावा | ममता के ही दल के मुकुल राय ने भी दावा किया कि तृणमूल आज के मतदान के बाद बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई है। उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने दावा किया कि 19 मई को नतीजे घोषित होने के बाद तृणमूल कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।टिप्पणियां
गौरतलब है कि सोमवार तक 216 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो चुके है। बाकी 78 सीटों पर 30 अप्रैल और पांच मई को मतदान है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
गौरतलब है कि सोमवार तक 216 सीटों पर विधानसभा चुनाव हो चुके है। बाकी 78 सीटों पर 30 अप्रैल और पांच मई को मतदान है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
'कबीर सिंह' को देख वायरल हो रहे ये वीडियो, राज कपूर ने पीटा नरगिस को तो रंगोली बोलीं- बॉलीवुड का असली चेहरा... | 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' को लेकर सोशल मीडिया पर माहौल गर्मा गया है. 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा का बयान आने के बाद तो जैसे इंटरनेट पर हंगामा ही हो गया है. 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' के डायरेक्टर संदीप वांगा रेड्डी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जब आप किसी पुरुष या स्त्री के साथ बहुत गहराई से प्रेम करते हैं या गहरे जुड़े होते हैं, तो इसमें काफी ईमानदारी रहती है. अगर आप के पास फिजिकल डेमोनस्ट्रेशन की आजादी नहीं है...अगर आपके पास एक-दूसरे को झापड़ मारने की आजादी नहीं है तो मुझे नहीं लगता है उनके बीच कुछ है.' अब बॉलीवुड के ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें हीरो हीरोइन को पीट रहा है, और फिर भी हीरोइन उसे गले लगा रही है. राज कपूर और नरगिस की फिल्म 'आवारा' का एक वीडियो वायरल हो रहा है और इस पर कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल का ट्वीट भी काफी वायरल हो रहा है.
Raj Kapoor's most sexist and troublesome scene, this is the true face of Bollywood so don't act holier than thou for a south maker and consider Raj Kapoor a legend #saynotoselectiveoutragehttps://t.co/o06FPov3bQ
'कबीर सिंह (Kabir Singh)' को लेकर एक शख्स ने ट्विटर पर राज कपूर (Raj Kapoor) और नरगिस (Nargis) का 'आवारा' का वो सीन पोस्ट किया है जिसमें राज कपूर नरगिस को बुरी तरह पीटते हैं और उसके बावजूद वो उनके पांव में गिर जाती है. इसे लेकर उस शख्स ने लिखा हैः 'राज कपूर थे सबसे पहले कबीर सिंह.' इस पर कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल ने भी अपनी बात रखी और बोली- 'राज कपूर का सबसे सेक्सिस्ट सीन, ये है बॉलीवुड का असली चेहरा. तो साउथ के मेकर के लिए ज्यादा साफ-सुथरा बनने की जरूरत नहीं है...'
Another true Panjabi love story .... the delicate strings of the heart, the subtle play of emotion, the essence of true love like only Panjabis can express .. pic.twitter.com/gGgLxrsbEv
कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल काफी समय से 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' के डायरेक्टर संदीप वांगा रेड्डी का समर्थन कर रही हैं और पहले भी उन्हें लेकर कई ट्वीट कर चुकी हैं. 'कबीर सिंह' बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है और शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की फिल्म दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाए हुए है. |
लोकपाल विधेयक में संशोधन कैबिनेट से मंजूर | लोकपाल विधेयक में राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए संशोधनों को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
केंद्रीय कानूनमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने संशोधनों पर अनुमोदन की मुहर लगा दी। प्रवर समिति की सिफारिशें व्यापक रूप में स्वीकार कर ली गई हैं।"
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
गौरतलब है कि यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में विचाराधीन है। इस विधेयक को उच्च सदन की प्रवर समिति को भेज दिया गया था, जिसने कई संशोधनों के सुझाव दिए। इस विधेयक को पारित कराने के लिए अब राज्यसभा में लाया जाएगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया था कि संसद के बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित कराया जाएगा।टिप्पणियां
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, सरकार राज्यों में लोकायुक्तों से इतर लोकपाल का पद सृजित करने को राजी हो गई है, मगर समिति के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक की नियुक्ति का अधिकार लोकपाल को दिया जाए। विधेयक में यह भी प्रस्तावित है कि भ्रष्टाचार के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए सीबीआई की एक अभियोजन इकाई गठित की जाए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए।
सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार प्रवर समिति के इस सुझाव से सहमत नहीं है कि एक अधिकारी जब लोकपाल की जांच का सामना कर रहा हो, उस दौरान प्रारंभिक जांच नहीं चलनी चाहिए। |
16वीं लोकसभा में सांसदों का शपथ लेना जारी, पीएम मोदी, सोनिया, आडवाणी ने ली शपथ | 16वीं लोकसभा के नव-निर्वाचित सांसदों को आज शपथ दिलाई जा रही है। सांसदों को शपथ प्रोटेम स्पीकर कमलनाथ दिला रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लालकृष्ण आडवाणी शपथ ले चुके हैं। सोनिया गांधी ने आज हिन्दी में शपथ ली।
अब कैबिनेट मंत्री लेंगे शपथ, फिर राज्यमंत्रियों के बाद राज्यों के नामों के वर्णक्रमानुसार सभी सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी
प्रोटेम स्पीकर लोकसभा के स्पीकर का चुनाव होने तक कार्यकारी स्पीकर के तौर पर काम करता है, हालांकि स्पीकर का चुनाव भी आज ही होना है और इस पद के लिए बीजेपी की इंदौर से सांसद सुमित्रा महाजन का नाम तय माना जा रहा है। स्पीकर पद के लिए सुमित्रा महाजन के चुनाव पर वेंकैया नायडू ने कहा है कि उन्होंने सभी पार्टियों से सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी पर बातचीत की है और सभी ने सहमति जताई है।
उल्लेखनीय है कि सांसदों को पहले 4 जून को यह शपथ दिलाई जानी थी, लेकिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे के निधन की वजह से बुधवार को सदन की कार्यवाही को स्थागित कर दिया गया था। नए सांसदों को आज देर रात तक शपथ दिलाई जाएगी, जो शुक्रवार को भी जारी रहेगा। |
अंतरिम बजट पेश करने अमेरिका से लौटेंगे वित्तमंत्री अरुण जेटली : सूत्र | पिछले साल 14 मई 2018 को 66 वर्षीय जेटली का गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था. उसके बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है. पिछले नौ महीनों में उन्होंने कोई विदेश यात्रा नहीं की है. उन्हें पिछले साल अप्रैल में एम्स में भर्ती कराया गया था जहां वह डायलसिस पर थे और बाद में उनका गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था. जेटली की अनुपस्थिति में वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी रेलमंत्री पीयूष गोयल को सौंपी गई थी. जेटली 23 अगस्त 2018 को वापस वित्त मंत्रालय संभालने पहुंचे थे.
जेटली को एक फरवरी को अपना छठा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार का आखिरी बजट पेश करना है. यद्यपि इस बार का बजट अंतरिम बजट होगा लेकिन उम्मीद की जा रही है कि उनका बजट भाषण आम बजट के जैसा ही होगा. मई में लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी.
जेटली को पिछले हफ्ते ही लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा की चुनावी प्रचार रणनीति प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें पिछले साल अप्रैल में 10वें भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्त संवाद के लिए लंदन जाना था, लेकिन अपनी गुर्दे की बीमारी के चलते उन्हें यह यात्रा रद्द करनी पड़ी थी. जेटली 2000 से राज्यसभा के सांसद हैं. पिछले साल मार्च में उन्हें उत्तर प्रदेश से फिर से राज्यसभा का सांसद चुना गया है. गुर्दा प्रतिरोपण से पहले 2014 में वजन बढ़ने की समस्या को लेकर भी जेटली की एक सर्जरी हो चुकी है. |
देख रहे हैं पॉर्न तो गूगल और फेसबुक रख रहे हैं आप पर नज़र | अगर आप 'इंकॉग्निटो मोड' (प्राइवेट ब्राउज़र या प्राइवेट विंडो) का इस्तेमाल कर पोर्नोग्राफी देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि इसका किसी को पता नहीं चलेगा, तो आप गलत हैं. गूगल, फेसबुक और यहां तक कि ओरेकल क्लाउड भी आप पर चुपके से नजर बनाए रखते हैं.
लैपटॉप या स्मार्टफोन पर 'इंकॉग्निटो मोड' पर स्विच करने पर भी आपके द्वारा देखी जाने वाली पोर्न पर गुप्त रूप से नजर रखी जाती है.
माइक्रोसॉफ्ट, कानेर्गी मेलन विश्वविद्यालय और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के एक नए संयुक्त अध्ययन में यह बात सामने आई है.
जांच में पता चला कि 93 प्रतिशत वेब पेज ऐसे हैं, जो यूजर्स के डेटा को थर्ड पार्टी संगठनों के लिए ट्रैक और लीक करते हैं.
इसके लिए 'वेबएक्सरे' नामक एक उपकरण का उपयोग करके 22,484 सेक्स वेबसाइटों को टटोला गया.
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अपने नमूने में यूजर्स को ट्रैक करने वाली 230 विभिन्न कंपनियों और सेवाओं की पहचान करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा, "इन साइटों पर हो रही ट्रैकिंग कुछ प्रमुख कंपनियों द्वारा केंद्रित है।"
गैर-पोर्नोग्राफी-विशिष्ट सेवाओं में से, गूगल 74 प्रतिशत साइटों को ट्रैक करता है, ओरेकल 24 प्रतिशत और फेसबुक 10 प्रतशित साइटों को ट्रैक करता है.
पोर्नोग्राफी-विशिष्ट ट्रैकरों में शीष 10 हैं- ईएक्सओ क्लिक (40 प्रतिशत), जूसीएड (11 प्रतिशत) और इरो एडवरटाइजिंग (9 प्रतिशत).
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अध्ययन में कहा गया है, "गैर-पोर्नोग्राफी की शीर्ष 10 कंपनियां अमेरिका में हैं, जबकि पोर्नोग्राफी-विशिष्ट की अधिकतर कंपनियां यूरोप में हैं."
शोधकर्ताओं की टीम ने 'जैक' नाम का एक काल्पनिक प्रोफाइल बनाया, जो अपने लैपटॉप पर पोर्न देखने का फैसला करता है.
जैक अपने ब्राउजर में 'इंकॉग्निटो मोड' ऑन करता है और यह मान लेता है कि उसके कार्य अब निजी हैं. वह एक साइट को खोजता है और एक गोपनीयता नीति के लिए एक छोटी सी लिंक को स्क्रॉल करता है.
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वह सोचता है कि गोपनीयता नीति के तहत आने वाली साइट उसकी निजी जानकारी की रक्षा करेगी, इसलिए जैक एक वीडियो पर क्लिक करता है.
शोधकर्ताओं ने कहा, "जैक को पता नहीं है कि 'इंकॉग्निटो मोड' केवल यह सुनिश्चित करता है कि उसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री उसके कंप्यूटर पर संग्रहीत न हो. वह जिन साइटों पर जाता है, उससे संबंधित ऑनलाइन कार्यों को थर्ड-पार्टी ट्रैकर्स देख और रिकॉर्ड कर सकते हैं."
जैक द्वारा एक्सेस की गई सारी जानकारी से ये थर्ड-पार्टी ट्रैकर्स उन साइटों के यूआरएल की मदद से उसकी यौन इच्छाओं का भी अनुमान लगा सकते हैं. वे जैक से जुड़े डॉटा को बेच भी सकते हैं.
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इनपुट-आईएएनएस |
एकता कपूर सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में | चर्चित टीवी शो और फिल्म प्रोड्यूशर एकता कपूर का नाम भारतीय कारोबारी जगत की 25 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है।
बालाजी टेलीफिल्म की संयुक्त प्रबंध निदेशक कपूर का नाम कारोबार पत्रिका 'बिजनेस टुडे' ने टेलीविजन और फिल्म में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची में शामिल किया।टिप्पणियां
कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।"
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
बालाजी टेलीफिल्म की संयुक्त प्रबंध निदेशक कपूर का नाम कारोबार पत्रिका 'बिजनेस टुडे' ने टेलीविजन और फिल्म में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सूची में शामिल किया।टिप्पणियां
कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।"
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
कपूर ने एक बयान में कहा, "मैं इस सम्मानित पुरस्कार को पाकर गौरव महसूस कर रही हूं और मानती हूं कि इससे महिलाओं की क्षमता और बालाजी टेलीफिल्म्स की सामग्री को मान्यता मिली है।"
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है।
सूची में रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्ष नीता अम्बानी, हिंदुस्तान युनिलीवर की कार्यकारी निदेशक-एचआर लीना नायर, गोदरेज समूह की कार्यकारी निदेशक और मुख्य ब्रांड अधिकारी तान्या दुबाश और पारले एग्रो की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुआना चौहान सलुजा का नाम भी शामिल है। |
मेरठ में दो गुटों के बीच झड़पों में छह लोग घायल, इलाके में तनाव | उत्तर प्रदेश के मेरठ में दो गुटों के बीच हुए झड़पों में छह लोग घायल हो गए हैं। संघर्ष के बाद इलाके में तनाव कायम है। यह झगड़ा शनिवार दोपहर को करीब दो बजे एक प्याऊ बनाने को लेकर हुआ।
भीड़ ने कथित तौर पर दो मोटरसाइकिलों और कुछ दुकानों को भी फूंक दिया। इस घटना के बाद आसपास के कुछ अन्य इलाकों में भी तनाव फैल गया। कुछ स्थानों पर पथराव की भी सूचना है। स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है।
जिलाधिकारी के अनुसार घटना के बाद शहर में तनाव को देखते हुए आठ कंपनी आरएएफ की बुलाई गई है। इसके अलावा शहर के सभी संवेदनशील इलाकों में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शहर का दौरा कर स्थिति को सामान्य करने की कोशिशों में जुटे हैं। यह संघर्ष ऐसे समय में हुआ है, जब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान में 12 मई को राज्य की 18 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। |
केरल के मंदिर में आग : पीएम ने किया मुआवजे का ऐलान, कहा- घटना दिल दहलाने वाली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह कोल्लम के पुत्तिंगल मंदिर में लगी आग को ‘‘दिल दहला देने वाली’’ और ‘‘स्तब्ध कर देने वाली’’ करार देते हुए कहा कि वह स्थिति का जायजा लेने के लिए केरल जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने हादसे में मरने वाले लोगों के निकटतम संबंधी को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। इस हादसे में घायल हुए लोगों को पचास पचास हजार रुपये का मुआवजा देने का भी ऐलान किया।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा ‘‘कोल्लम में मंदिर में लगी आग दिल दहला देने वाली और स्तब्ध कर देने वाली है जिसके बारे में कुछ कह पाना शब्दों से परे है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के लिए प्रार्थनाएं हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं कोल्लम में दुर्भाग्यपूर्ण अग्निकांड की वजह से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द ही केरल पहुंचूंगा।’’ प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को दुर्घटना स्थल पर पहुचने के लिए भी कहा है।
I will be reaching Kerala soon to take stock of the situation arising due to the unfortunate fire tragedy in Kollam.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 10, 2016
इस हादसे पर गहरी पीड़ा और दुख जाहिर करते हुए उन्होंने भारतीय वायु सेना को घायलों को इलाज के लिए तिरूवनंतपुरम के अस्पतालों में पहुंचाने का आदेश भी दिया ।
केरल के कोल्लम जिले में एक मंदिर में आतिशबाजी के दौरान आग लग जाने से कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई और लगभग 350 अन्य घायल हो गए। प्रधानमंत्री ने दुर्घटना के बारे में केरल के मुख्यमंत्री से बात की। googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘कोल्लम में मंदिर में आग लगने के बारे में मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को हेलीकॉप्टर से तत्काल स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है।’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा ‘‘कोल्लम में मंदिर में लगी आग दिल दहला देने वाली और स्तब्ध कर देने वाली है जिसके बारे में कुछ कह पाना शब्दों से परे है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के लिए प्रार्थनाएं हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं कोल्लम में दुर्भाग्यपूर्ण अग्निकांड की वजह से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए जल्द ही केरल पहुंचूंगा।’’ प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को दुर्घटना स्थल पर पहुचने के लिए भी कहा है।
I will be reaching Kerala soon to take stock of the situation arising due to the unfortunate fire tragedy in Kollam.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 10, 2016
इस हादसे पर गहरी पीड़ा और दुख जाहिर करते हुए उन्होंने भारतीय वायु सेना को घायलों को इलाज के लिए तिरूवनंतपुरम के अस्पतालों में पहुंचाने का आदेश भी दिया ।
केरल के कोल्लम जिले में एक मंदिर में आतिशबाजी के दौरान आग लग जाने से कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई और लगभग 350 अन्य घायल हो गए। प्रधानमंत्री ने दुर्घटना के बारे में केरल के मुख्यमंत्री से बात की। टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘कोल्लम में मंदिर में आग लगने के बारे में मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को हेलीकॉप्टर से तत्काल स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है।’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
I will be reaching Kerala soon to take stock of the situation arising due to the unfortunate fire tragedy in Kollam.
केरल के कोल्लम जिले में एक मंदिर में आतिशबाजी के दौरान आग लग जाने से कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई और लगभग 350 अन्य घायल हो गए। प्रधानमंत्री ने दुर्घटना के बारे में केरल के मुख्यमंत्री से बात की। टिप्पणियां
उन्होंने कहा ‘‘कोल्लम में मंदिर में आग लगने के बारे में मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को हेलीकॉप्टर से तत्काल स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है।’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा ‘‘कोल्लम में मंदिर में आग लगने के बारे में मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को हेलीकॉप्टर से तत्काल स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जा रही है।’’(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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तलवार दंपती ने मारा आरुषि को : सीबीआई अधिकारी | सीबीआई ने मंगलवार को एक अदालत को बताया कि पांच साल पहले आरुषि तलवार की सनसनीखेज हत्या उसके अभिभावकों एवं पेशे से दंत चिकित्सक राजेश एवं नूपुर तलवार ने की थी और अपराध के समय बाहर का कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।
अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के समक्ष अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आरके सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अतिरिक्त न्यायाधीश एस लाल के समक्ष अपनी गवाही में सीबीआई के जांच अधिकारी एजीएल कौल ने बताया कि उनकी जांच से यह खुलासा हुआ है कि मकान में किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश नहीं हुआ था। कौल ने मामले में सीबीआई जांच का नेतृत्व किया था। एजेंसी के वकील आरके सैनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश होते हुए अधिकारी ने कहा कि सीबीआई जांच से पता चलता है कि जब 15 और 16 मई के बीच की रात आरुषि एवं घरेलू नौकर हेमराज की मौत हुई, उस समय मकान में केवल राजेश एवं नूपुर ही मौजूद थे।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
कौल ने कहा कि हेमराज के शव को खींच कर छत तक ले जाना, उसे कूलर पैनल से ढंकना, आरुषि के बेडरूम को बाहर से बंद करना, अपराध स्थल से छेड़छाड़ करने जैसे संकेत बताते हैं कि राजेश एवं नूपुर ने आरुषि एवं हेमराज की हत्या की थी लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अधिकारी ने दिसंबर 2010 में मामले को बंद करने की रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने उन घटनाओं की शृंखला जिक्र किया था जो तलवार दंपती की ओर संकेत करते हैं लेकिन उनके खिलाफ स्वीकार्य साक्ष्य नहीं थे।टिप्पणियां
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
मजिस्ट्रेट ने सीबीआई की मामले को बंद करने की रिपोर्ट खारिज कर दी थी और तलवार दंपती को मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। चौदह वर्षीय आरुषि 16 मई को अपने बेडरूम में मृत पाई गई थी और उसका गला रेत दिया गया था। शुरुआत में इस हत्या के लिए हेमराज पर शक किया गया लेकिन बाद में उसका शव दिल्ली के बाहरी क्षेत्र स्थित नोएडा के जलवायु विहार में बने तलवार दंपती के मकान की छत पर मिला था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
अपनी पुत्री को मारने के आरोपों से तलवार दंपती ने इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। |
ओडिशा : आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को कोई मुआवजा नहीं | ओडिशा की सरकार ने शनिवार को कहा कि वह फसल खराब होने के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने के पक्ष में नहीं है।
विपक्षी कांग्रेस के प्रस्ताव पर उद्योग मंत्री देवी प्रसाद मिश्रा ने बताया, 'राज्य सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता देने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इसका बहुत बुरा प्रभाव हो सकता है।'टिप्पणियां
मिश्रा कृषि मंत्री प्रदीप कुमार महारथी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव चर्चा का जवाब दे रहे थे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
विपक्षी कांग्रेस के प्रस्ताव पर उद्योग मंत्री देवी प्रसाद मिश्रा ने बताया, 'राज्य सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता देने के पक्ष में नहीं है क्योंकि इसका बहुत बुरा प्रभाव हो सकता है।'टिप्पणियां
मिश्रा कृषि मंत्री प्रदीप कुमार महारथी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव चर्चा का जवाब दे रहे थे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मिश्रा कृषि मंत्री प्रदीप कुमार महारथी की ओर से एक स्थगन प्रस्ताव चर्चा का जवाब दे रहे थे। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
दिल्ली में सरकार : बीजेपी का मंथन, संसदीय बोर्ड की बैठक आज | दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने की अटकलों के बीच आज शाम 6 बजे बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक होनी है। इस बैठक में यह तय होगा कि दिल्ली में बीजेपी सरकार बनाएगी या नहीं।
बीजेपी के भीतर सरकार बनाने को लेकर दो राय है। पार्टी का एक धड़ा दिल्ली में सरकार बनाने के पक्ष में है। उनका मानना है कि अभी अगर चुनाव होते हैं तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है, वहीं पार्टी का दूसरा धड़ा जोड़−तोड़ कर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है।
उनका मानना है कि ऐसा करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की छवि खराब होगी। इसके अलावा अगर दिल्ली में सरकार बनती है तो सीएम पद के उम्मीदवार का नाम भी इस बैठक में तय होगा।
साथ ही हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी इस बैठक के बाद चुनाव समिति जारी कर सकती है। |
रणवीर सिंह ने ट्रेन में किया 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का सीन, लेकिन हीरोइन के साथ नहीं... | फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का वह ट्रेन वाला सीन तो आपको याद ही होगा, जिसमें शाहरुख खान ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ती काजोल को हाथ पकड़ कर अंदर लेते हैं. बॉलीवुड के सबसे सुपरहिट सीन्स की बात करें तो यह सीन कुछ ऐसे ही फिल्मी सीन्स में शुमार है. ऐसे में अपने अनोखे अंदाज और जबरदस्त एनर्जी के प्रसिद्ध रणवीर सिंह ने भी यह सीन ट्राई किया है. लेकिन उनके साथ उनकी हीरोइन कोई और नहीं बल्कि कॉरियोग्राफर गणेश आचार्य बने हैं. मंगलवार को रणवीर सिंह ने फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के इस सीन का अपना एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं और शेयर भी कर रहे हैं.
यूं तो यह सीन फिल्म में काफी सीरियस तरह से फिल्माया गया था और यह इस फिल्म का क्लाइमेक्स था, लेकिन रणवीर ने इस सीन को कॉमेडी अंदाज में किया है. वीडियो में रणवीर, ट्रेन में हैं और गणेश आचार्य, काजोल की तरह भागते हुए आ रहे हैं. लेकिन जैसे ही गणेश अपना हाथ रणवीर को देते हैं तो रणवीर उन्हें खींच तो नहीं पाते, उल्टा ट्रेन से नीचे गिर जाते हैं. वीडियो को शेयर करने के साथ रणवीर ने कैप्शन में लिखा, 'इस स्टंट को प्रशिक्षित फिल्मियों द्वारा किया गया है, कृप्या इसे घर और ट्रेन में ना करें. '
This stunt is performed by trained Filmys. Do not try this at home. Or at the train station.pic.twitter.com/BKrFl8fVxF
— Ranveer Singh (@RanveerOfficial) February 7, 2017
बता दें कि यह सीन किसी फिल्म का हिस्सा नहीं है बल्कि इसे सिर्फ मस्ती के लिए किया गया है. ऐसा नहीं है कि फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के इस सीन को पहली बार किसी ने ट्राई किया है. शाहरुख खान के साथ फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' में दीपिका पादुकोण भी कुछ ऐसा ही सीन फिलमा चुकी हैं. इसके अलावा फिल्म 'ये जवानी है दिवानी' में भी रणबीर कपूर ट्रेन में खड़े होकर दीपिका पादुकोण को कुछ इसी अंदाज में हाथ देकर ट्रेन ऊपर की तरफ खींचते हैं.
बता दें कि इन दिनों रणवीर सिंह डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग में व्यस्त हैं. इस फिल्म में रणवीर, अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में नजर आने वाले हैं. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
यूं तो यह सीन फिल्म में काफी सीरियस तरह से फिल्माया गया था और यह इस फिल्म का क्लाइमेक्स था, लेकिन रणवीर ने इस सीन को कॉमेडी अंदाज में किया है. वीडियो में रणवीर, ट्रेन में हैं और गणेश आचार्य, काजोल की तरह भागते हुए आ रहे हैं. लेकिन जैसे ही गणेश अपना हाथ रणवीर को देते हैं तो रणवीर उन्हें खींच तो नहीं पाते, उल्टा ट्रेन से नीचे गिर जाते हैं. वीडियो को शेयर करने के साथ रणवीर ने कैप्शन में लिखा, 'इस स्टंट को प्रशिक्षित फिल्मियों द्वारा किया गया है, कृप्या इसे घर और ट्रेन में ना करें. '
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— Ranveer Singh (@RanveerOfficial) February 7, 2017
बता दें कि यह सीन किसी फिल्म का हिस्सा नहीं है बल्कि इसे सिर्फ मस्ती के लिए किया गया है. ऐसा नहीं है कि फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के इस सीन को पहली बार किसी ने ट्राई किया है. शाहरुख खान के साथ फिल्म 'चेन्नई एक्सप्रेस' में दीपिका पादुकोण भी कुछ ऐसा ही सीन फिलमा चुकी हैं. इसके अलावा फिल्म 'ये जवानी है दिवानी' में भी रणबीर कपूर ट्रेन में खड़े होकर दीपिका पादुकोण को कुछ इसी अंदाज में हाथ देकर ट्रेन ऊपर की तरफ खींचते हैं.
बता दें कि इन दिनों रणवीर सिंह डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' की शूटिंग में व्यस्त हैं. इस फिल्म में रणवीर, अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में नजर आने वाले हैं.
This stunt is performed by trained Filmys. Do not try this at home. Or at the train station.pic.twitter.com/BKrFl8fVxF |
मानवाधिकार समूहों को मान्यता देने से संयुक्त राष्ट्र का इनकार 'शर्मनाक' : निक्की | संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि ईरान और उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले अमेरिकी समूहों को आधिकारिक मान्यता देने से संयुक्त राष्ट्र की समिति का इनकार करना ‘‘शर्मनाक’’ है.
निक्की ने कहा कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठनों को आधिकारिक मान्यता देने वाली 19 सदस्यीय समिति को ‘‘वे देश प्रभावित कर रहे हैं जिनका स्वयं का मानवाधिकार रिकॉर्ड बहुत खराब है.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘ईरान ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर’ और ‘यूएस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स इन नॉर्थ कोरिया’ की संयुक्त राष्ट्र में पहुंच के लिए लड़ना जारी रखेगा.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है.
निक्की ने कहा कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने वाले गैर सरकारी संगठनों को आधिकारिक मान्यता देने वाली 19 सदस्यीय समिति को ‘‘वे देश प्रभावित कर रहे हैं जिनका स्वयं का मानवाधिकार रिकॉर्ड बहुत खराब है.’’ टिप्पणियां
उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘ईरान ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर’ और ‘यूएस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स इन नॉर्थ कोरिया’ की संयुक्त राष्ट्र में पहुंच के लिए लड़ना जारी रखेगा.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका ‘ईरान ह्यूमन राइट्स डॉक्यूमेंटेशन सेंटर’ और ‘यूएस कमेटी फॉर ह्यूमन राइट्स इन नॉर्थ कोरिया’ की संयुक्त राष्ट्र में पहुंच के लिए लड़ना जारी रखेगा.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है.
निक्की ने कहा कि मान्यता देने से इनकार करने का यह फैसला 54 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद पलट सकती है. |
दिल्ली की मॉडल फंदे से लटकी मिलीं, एक माह पहले ही हुई थी शादी, पति गिरफ्तार | दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके में शादी के एक माह बाद ही 25 साल की एक मॉडल ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। लड़की के परिवार वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित करने के आरोप लगाए जाने के बाद पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह डिफेंस कॉलोनी स्थित एक बंद फ्लैट में नितिन चावला की पत्नी प्रियंका कपूर फांसी के फंदे से लटकी मिली थीं।
प्रियंका के फोन न उठाने पर परिवारवालों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने पाया कि फ्लैट अंदर से बंद है। बाद में पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रात में फांसी लगाई।टिप्पणियां
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह डिफेंस कॉलोनी स्थित एक बंद फ्लैट में नितिन चावला की पत्नी प्रियंका कपूर फांसी के फंदे से लटकी मिली थीं।
प्रियंका के फोन न उठाने पर परिवारवालों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने पाया कि फ्लैट अंदर से बंद है। बाद में पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रात में फांसी लगाई।टिप्पणियां
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
प्रियंका के फोन न उठाने पर परिवारवालों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने पाया कि फ्लैट अंदर से बंद है। बाद में पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बरामद किया। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने रात में फांसी लगाई।टिप्पणियां
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
प्रियंका की बहन डिंपी ने अपनी शिकायत में नितिन चावला पर आरोप लगाया है कि वह उनकी बहन को दहेज के लिए मारते और प्रताड़ित करते थे। इसी तरह के आरोप दो पेज के सुसाइड नोट में भी हैं, जिसे पुलिस ने फ्लैट से बरामद किया है।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था।
नितिन चावला के दिल्ली में कई पब्स हैं और इसके अलावा उनकी एक स्टील फर्म है। प्रियंका कपूर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी चलाती थीं और वह नितिन चावला की दूसरी पत्नी थीं। वे दोनों पिछले अप्रैल में मिले थे। परिवार वालों ने बताया कि नितिन चावला ने अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद प्रियंका से शादी की थी। इस दंपति ने फरवरी में शादी के बाद डिफेंस कॉलोनी में शिफ्ट किया था। |
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के नाम खुली चिट्ठी | प्रेसीडेंट बराक ओबामा
द व्हाइट हाउस
1600, पेन्सिलवेनिया एवेन्यू, एनडब्ल्यू
वॉशिंगटन डीसी, 20500
मिस्टर प्रेसीडेंट,
आपने कई बार कहा कि आप गांधी जी और मार्टिन लूथर किंग से प्रेरणा लेते हैं। आप भारत आए तो गांधी जी की समाधि पर भी गए, लेकिन भारत दौरे से जाने के बाद आपने कहा कि भारत में पिछले कुछ सालों में धार्मिक असहनशीलता बढ़ी है और अगर आज गांधी होते, तो आहत होते।
आपके देश में 9/11 के बाद मुसलमान को किस नज़र से देखा जाता है...? पगड़ी पहने सिखों पर हमले किए जाते हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं है। चैपल हिल में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ केरोलिना के नज़दीक तीन मुस्लिम नौजवानों को एक सनकी ने गोली मार दी। पुलिस इसे पार्किंग की लड़ाई बता रही है, लेकिन मारी गई एक लड़की के पिता की मानें तो तीनों मुस्लिम नौजवानों को मार देने वाला क्रैग स्टीफन हिक्स उनसे नफरत करता था और यह नफरत इसलिए थी, क्योंकि वे मुस्लिम थे।
आपके ही अमेरिका में भारत से गए एक नन्हे बच्चे का दादा और अमेरिका में काम करने वाले बेटे का बाप, आपकी पुलिस की मारपीट का शिकार बना। उसे लकवा मार गया है और वह अस्पताल में भर्ती है। उसका कसूर इतना था कि उसका रंग सफेद नहीं था और वह इंग्लिश नहीं बोल पाता था। मुझे यकीन है कि जिसने पुलिस को उसके संदिग्ध होने की ख़बर दी होगी, उसने उन्हें आतंकी या चोर-उचक्के की नज़र से ही देखा होगा, क्योंकि उसकी चमड़ी का रंग सफेद नहीं था।
आप तो अमेरिका के अश्वेत राष्ट्रपति हैं, लेकिन आपके राज में पिछले कुछ महीनों में काले रंग के लोगों को गोली मारने की घटनाएं हुईं, बदला लेने की कोशिश हुई और कुछ पुलिसवालों को भी जान गंवानी पड़ी है। यह आपको इसलिए नहीं कह रहा हूं, बॉलीवुड का वह डॉयलॉग आपको याद दिलाऊं कि 'जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते' और 'सेनोरिटा बड़े-बड़े देशों में होने वाली हर बात छोटी नहीं होती'... यू नो वॉट आई मीन...
मुझे तो हमारे-आपके गांधी जी की एक कहानी याद आई गई थी। आपने भी पढ़ी होगी। शायद भूल गए होंगे, इसलिए ज़िक्र कर रहा हूं। गांधी जी पर लोगों का अटूट भरोसा था। एक दिन एक मां-बाप अपने बेटे को लेकर आए और गांधी जी से कहा कि यह गुड़ बहुत खाता है। गांधी जी ने उनसे कहा कि आप अगले हफ्ते आइए, ऐसे ही कुछ हफ्ते गुज़रते गए और गांधी जी अगले हफ्ते फिर आने को कहते। एक दिन गांधी जी ने बच्चे को समझाया कि ज़्यादा गुड़ मत खाओ, तो मां-बाप ने बापू से कहा कि यह बात तो आप पहले भी कह सकते थे... तो गांधी जी ने कहा, मैं उस समय खुद बहुत गुड़ खाता था, अब बंद कर दिया है। मैं जो काम खुद नहीं कर सकता, उसके लिए दूसरों को नहीं कहता हूं।
गांधी के देश का बाशिंदा
गौरव ताम्रकार |
ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर 'फोटोग्राफी निषेध' से मिली छुट्टी, पीएम मोदी की वजह से अब ऐसे आप खूब ले सकेंगे फोटो | उन्होंने कहा, ‘अगर लोगों में अपनी धरोहरों के प्रति गर्व का भाव नहीं होगा, तब उनकी सुरक्षा नहीं की जा सकेगी. इस कार्य से कारपोरेट क्षेत्र को भी जोड़ा जा सकता है जहां लोग स्वेच्छा से कुछ घंटे का योगदान कर सकते हैं .’ पीएम मोदी ने सुझाव दिया कि ऐतिहासिक स्थलों वाले 100 शहरों में स्कूलों के पाठ्यक्रम में स्थानीय पुरातात्विक स्थलों के बारे में जानकारी शामिल की जा सकती है ताकि छात्रों को इनके बारे में पढ़ने को मिल सके. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि एएसआई क्यों कुछ धरोहर स्थलों पर लोगों को फोटो खींचने से मना करता है. उन्होंने कहा कि जब प्रौद्योगिकी के उपयोग से उपग्रह के जरिये दूर से फोटो ली जा सकती है तब लोगों को इस तरह से फोटो खींचने से मना करना सही नहीं है. |
उत्तर प्रदेश : मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे मेडिकल कॉलेज, सरकार ने तय की फीस | उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र के 13 डेंटल कॉलेजों तथा 23 मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी है. ऐसा प्रदेश में पहली बार किया गया है, जब निजी डेंटल और मेडिकल कॉलेजों की फीस का निर्धारण किया गया है. फीस निर्धारण के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए फीस 8.50 लाख रुपये से लेकर 11.50 लाख रुपये निर्धारित की गई है जबकि बीडीएस के लिए 1.37 लाख रुपये से लेकर 3.65 लाख रुपये फीस निर्धारित की गई है.
प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, "यह फीस शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए निर्धारित की गई है. निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए फीस नियमन समिति भी बनाई गई है."
इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रदेश चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, "यह फीस शैक्षणिक सत्र 2017-18, 2018-19 व 2019-20 के लिए निर्धारित की गई है. निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस पर अंकुश लगाने के लिए फीस नियमन समिति भी बनाई गई है."
इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इससे पहले शैक्षणिक सत्र, 2016-17 के लिए निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए 11.30 लाख रुपये एवं बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 3.25 लाख रुपये अंतरिम शुल्क समस्त संस्थानों के लिए निर्धारित था. टिप्पणियां
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
देखना होगा कि सरकार ने इस फैसले से इन कॉलेजों की फीस पर कितना अंकुश लगता है. हालांकि कॉलेज संचालक डोनेशन के नाम पर कई गुना फीस दाखिले के वक्त ही वसूल लेते हैं.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
अवमानना मामले में पूर्व जस्टिस सीएस कर्णन की याचिका खारिज | कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह घोषणा करने की मांग की थी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 मई को उन्हें दिए गया सजा का आदेश और इसके तहत आगे की कार्यवाही 'असंवैधानिक और शून्य' है क्योंकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का कथित तौर पर पालन नहीं किया गया था. खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें छह महीने की जेल की सजा देने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि यह नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता (कर्णन को) को अदालत में अपनी रक्षा करने का पर्याप्त मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था.
कर्णन ने उच्च न्यायालय से यह घोषणा करने की मांग की थी कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 मई को उन्हें दिए गया सजा का आदेश और इसके तहत आगे की कार्यवाही 'असंवैधानिक और शून्य' है क्योंकि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का कथित तौर पर पालन नहीं किया गया था. खंडपीठ ने कर्णन की ओर से दिए गए तर्क को खारिज कर दिया कि उन्हें छह महीने की जेल की सजा देने में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया. अदालत ने कहा कि यह नोट किया गया है कि याचिकाकर्ता (कर्णन को) को अदालत में अपनी रक्षा करने का पर्याप्त मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया था. |
हिंसा भड़काने के मामले में ट्रंप को मुकदमे से छूट नहीं : संघीय न्यायाधीश | एक संघीय न्यायाधीश ने एक अभियान रैली में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के मामले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मुकदमे से छूट देने से इनकार कर दिया है. ट्रंप के वकीलों ने उन तीनों प्रदर्शनकारियों की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे को खारिज करने की मांग की थी जिनका कहना था कि केंटकी के लुइसविल में 1 मार्च 2016 को हुई रैली में ट्रंप के समर्थकों ने उनके साथ हिंसा की थी.
वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.टिप्पणियां
दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप का इरादा अपने समर्थकों को उकसाने का नहीं था.टिप्पणियां
दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
दो महिलाओं और एक पुरष प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप के आदेश पर उनके समर्थकों ने उन्हें धक्का दिया और घूंसे मारे. इनमें से अधिकांश दृश्य वीडियो में कैद हो गये थे और अभियान के दौरान इन्हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया. वीडियो में ट्रंप को प्रदर्शनकारियों की तरफ इशारा कर यह कहते हुये सुना गया, ‘‘उन्हें बाहर निकालो.’’ लुइसविल में न्यायाधीश डेविड जे हेल ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि ट्रंप, उनके अभियान और उनके तीन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा जारी रहेगा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा.
हेल ने उन तथ्यों को पर्याप्त पाया जिनसे यह आरोप साबित होता है ट्रंप की गतिविधियों की वजह से प्रदर्शकारियों को हिंसा का सामना करना पड़ा. |
विकलांग बच्चों के लिए समग्र विकास सुनिश्चित करने की जरूरत : राखी बिड़ला | दिल्ली की महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न आश्रय गृहों में रहने वाले विकलांग बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के संपर्क में है।
अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की सबसे कम उम्र की मंत्री 26 वर्षीय राखी ने उम्मीद जताई कि ऐसे प्रयास से इन बच्चों का भला हो सकेगा।
मंत्री बनने के बाद से राखी सरकार द्वारा संचालित आश्रय स्थलों का औचक दौरा कर रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘विकास के लिए कई दूसरी गतिविधियों में शामिल करने की बजाय बच्चों को दिन भर टेलीविजन दिखाया जा रहा है। अगर कोई सामान्य आदमी भी पूरे दिन टेलीविजन देखेगा तो वह पागल हो जाएगा।’’
राखी ने कहा कि इन बच्चों को प्रशिक्षण देने के लिए जल्द ही विशेषज्ञ शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। |
बिल पास होने से संतुष्ट, लेकिन हमारी बेटी को इंसाफ नहीं मिला : निर्भया के माता-पिता | निर्भया के माता-पिता ने जुवेनाइल जस्टिस बिल के पास होने का यह कहते हुए स्वागत किया कि यह नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा, लेकिन उन्होंने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला।टिप्पणियां
निर्भया की मां ने संसद के बाहर कहा, वैसे तो हम संतुष्ट हैं कि बिल पास हो गया है और इससे जघन्य अपराध की पीड़िताओं को न्याय पाने में मदद मिलेगी, लेकिन इस बात का दुख है कि हमारी बेटी ज्योति को इंसाफ नहीं मिला। सबसे अधिक क्रूर रहा नाबालिग अपराधी हमारी बार-बार की अर्जियों और मांग के बावजूद रिहा हो गया।
निर्भया के पिता ने कहा, यह अच्छी बात हुई है। हमारे प्रयास से कुछ नतीजे तो आए। इस मामले में नाबालिग अपराधी को रिहा कर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है, लेकिन नया कानून नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा। राज्यसभा में जब इस बिल चर्चा चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे। उन्होंने इस बिल को पारित कराने में सहयोग की मांग को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यराज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी।
निर्भया की मां ने संसद के बाहर कहा, वैसे तो हम संतुष्ट हैं कि बिल पास हो गया है और इससे जघन्य अपराध की पीड़िताओं को न्याय पाने में मदद मिलेगी, लेकिन इस बात का दुख है कि हमारी बेटी ज्योति को इंसाफ नहीं मिला। सबसे अधिक क्रूर रहा नाबालिग अपराधी हमारी बार-बार की अर्जियों और मांग के बावजूद रिहा हो गया।
निर्भया के पिता ने कहा, यह अच्छी बात हुई है। हमारे प्रयास से कुछ नतीजे तो आए। इस मामले में नाबालिग अपराधी को रिहा कर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है, लेकिन नया कानून नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा। राज्यसभा में जब इस बिल चर्चा चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे। उन्होंने इस बिल को पारित कराने में सहयोग की मांग को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यराज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी।
निर्भया के पिता ने कहा, यह अच्छी बात हुई है। हमारे प्रयास से कुछ नतीजे तो आए। इस मामले में नाबालिग अपराधी को रिहा कर प्रशासन ने गलत संदेश दिया है, लेकिन नया कानून नाबालिगों को महिलाओं के खिलाफ ऐसा अपराध करने से रोकेगा। राज्यसभा में जब इस बिल चर्चा चल रही थी, तब दर्शक दीर्घा में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे। उन्होंने इस बिल को पारित कराने में सहयोग की मांग को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्यराज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भेंट की थी। |
Bhojpuri Cinema: काजल राघवानी और पवन सिंह का रोमांटिक गाना हुआ रिलीज, सोशल मीडिया पर मचा दी धूम | अम्बर ख़ुशी फिल्म एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी फिल्म 'मैंने उनको साजन चुन लिया' है. इसके निर्देशक 'देवेंद्र तिवारी', निर्माता 'ऐस पी चौधरी, 'भूचि सिंह', 'अजय कुमार चौधरी' और सह- निर्माता 'सतेंद्र सिंह', 'बिमलेश सिंह', 'मधुनरेन्द्र सिंह' है.
#नैना #बेचैन #बटे #देखे #खातिर #कब #से #मिलाने #के #अगिया #दिल #मे #जारत #बा #तब #से ???????????????????? super hit song बहुत ही प्यार और आशीर्वाद दे रहे हैं आप सब इस गाने को इसके लिए दिल से धन्यवाद करता हूं जो लोग नहीं सुने हैं एक बार आप सब जरूर सुने और ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद दीजिए आप सब इस गाने को ????????
A post shared by Pawan Singh (@pawansingh_singer) on May 25, 2019 at 1:22am PDT
फिल्म के सभी गाने दर्शकों को खूब पसंद आ रहे हैं. फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों का कहना है कि जिस तरह फिल्म के गानों को दर्शकों का प्यार मिल रहा है उसी तरफ फिल्म को भी दर्शकों का प्यार मिलेगा. बता दें कि फिल्म में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह, काजल राघवानी , आम्रपाली दुबे, अंजना सिंह, प्रीति बिस्वास, अयाज़ खान, विपिन सिंह आदि मुख्य किरदार में नजर आएंगे. फिल्म का डिजिटल प्रमोशन बी फिल्म्स डिजिटल मीडिया कर रही है. |
एवरेस्ट पर दो भारतीय पर्वतारोही लापता, एक अन्य के हाथ पैर सुन्न पड़े | पिछले दो दिनों में नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के एक-एक पर्वतारोही की माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने के बाद ऊंचाई पर होने वाली स्वास्थ्य तकलीफों से मौत हो गई। कुछ दिन पहले नेपाल के धौलागिरी पर्वत चोटी से उतरते समय बीमार पड़ने से एक भारतीय पर्वतारोही की मौत हो गई थी।टिप्पणियां
श्रेष्ठ ने कहा कि पर्वतों पर मानवीय लापरवाही के कारण ठंड से हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं। पर्वतारोहियों को इस तरह की स्थिति से बचने के लिए बार-बार अपने हाथ पांव हिलाने चाहिए।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
श्रेष्ठ ने कहा कि पर्वतों पर मानवीय लापरवाही के कारण ठंड से हाथ पैर सुन्न पड़ जाते हैं। पर्वतारोहियों को इस तरह की स्थिति से बचने के लिए बार-बार अपने हाथ पांव हिलाने चाहिए।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
भाजपा ने बलात्कार पर अध्यादेश को ‘ऐतिहासिक’ बताया, विपक्ष ने पूछा क्यों लगा इतना वक्त | (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
यूपी : पांचवीं की छात्रा से रेप फिर हत्या | उत्तर प्रदेश में एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार का एक और मामला सामने आया है। घटना मथुरा की है जहां पांचवीं क्लास में पढ़ने वाली ग्यारह साल की लड़की का शव एक खेत में मिला है। लड़की के माता−पिता के मुताबिक वह दो दिन से गायब थी। लड़की के शव पर कई निशान पाए गए हैं और उसकी हत्या उसी के कपड़े से गला दबाकर की गई है। इसी वजह से लड़की के परिजनों ने हत्या से पहले बलात्कार की बात कही है। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी कुंवर सिंह पर बलात्कार के बाद हत्या करने का मामला दर्ज किया है। |
पीएम मोदी ने कहा, बाला साहेब ठाकरे के प्रति सम्मान में शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे और बाला साहेब ठाकरे के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करेंगे। सांगली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह बात कही।
शनिवार से महाराष्ट्र में विभिन्न रैलियों को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी ने शिवसेना पर चुप्पी साधे रखी थी और आज उन्होंने साफ कर दिया कि वह अपने पूर्व सहयोगी दल के खिलाफ कोई शब्द नहीं बोलेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे की गैरहाजिरी में यह पहला चुनाव होने जा रहा है। मैंने तय किया है कि मैं बाला साहेब के प्रति आदर को व्यक्त करने के लिए शिवसेना के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलूंगा। पीएम मोदी ने कहा, मैं बाला साहेब की संकल्प शक्ति का हमेशा आदर करता रहा हूं। अखबार के लोग हमारी भावनाओं को समझें... जो लोग सब कुछ राजनीति के तराजू से तौलते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि राजनीति के ऊपर भी श्रद्धा के कुछ तत्व होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर शिवसेना के नेता संजय राउत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि मोदी हमें भी प्रिय हैं, हम भी उनके प्रति आदर सम्मान रखते हैं, लेकिन अगर 25 साल पुराना गठबंधन बनाए रखते तो यह बाला साहेब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होती।
सांगली की रैली में पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस और एनसीपी पर जमकर निशाना साधा। खास तौर पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि पवार यह बताएं कि इस इलाके में चीनी मिलें बंद क्यों हुईं, जबकि उनकी पार्टी राज्य की सत्ता में हिस्सेदार थी और वह खुद केंद्र में कृषि मंत्री के पद पर थे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी का चरित्र एक जैसा ही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के विकास के लिए राज्य में बीजेपी की सरकार जरूरी है और इसलिए लोगों ने जिस तरह लोकसभा चुनावों में उन्हें भरपूर समर्थन दिया, अब विधानसभा चुनावों में भी वैसा ही समर्थन दें।
मराठी भाषा में भाषण शुरू करते हुए मोदी ने शरद पवार पर तीखा हमला बोला और कहा, पवार के बयान ने मुझे बहुत आहत किया है। आपको (पवार को) इतिहास की समझ नहीं है। 1960 से पहले गुजरात महाराष्ट्र का ही हिस्सा था। हमने महाराष्ट्र को बड़ा भाई माना है।
उन्होंने कहा, मैं पवार से पूछना चाहता हूं कि आप शिवाजी की बात करते हैं। वाजपेयी सरकार ने मुंबई हवाई अड्डे का नाम शिवाजी के नाम पर रखा था। आप मुख्यमंत्री थे, लेकिन इस बारे में नहीं सोचा। यहां तक कि विक्टोरिया टर्मिनस का नाम वाजपेयी सरकार ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रखा। मोदी ने कहा, आपके चरित्र में शिवाजी के गुण आने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन अगर कृषि मंत्री के रूप में आपने शिवाजी की जल प्रबंधन तकनीकों को लागू किया होता, तो महाराष्ट्र के किसानों ने खुदकुशी नहीं की होती।
पीएम मोदी ने कहा, पवार को शिवाजी की बात करना शोभा नहीं देता। सूरत में शिवाजी की प्रतिमा आपके बारामती में लगी प्रतिमा से बड़ी है। गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में एक रैली में बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज को 'लुटेरा' कहने वाले लोग वोट मांगने के लिए उनके नाम का सहारा ले रहे हैं। |
महाराष्ट्र के नांदेड़ महानगरपालिका चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत, 81 में 63 सीटें जीतीं | महाराष्ट्र के नांदेड़ महानगर पालिका चुनाव के नतीजे आ गए हैं. गुरुवार को सुबह 10 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई थी. म्युनिसिपल कारपोरेशन की 81 सीटों पर 11 अक्टूबर (बुधवार) को हुए मतदान में करीब 60 फीसदी लोगों ने मतदान किया था. 81 में से 81 के परिणाम आ चुके हैं. इसमें कांग्रेस पार्टी को 73 सीटों पर, बीजेपी को 6, शिवसेना को 1 और निर्दलीय को 1 सीट पर जीत मिली है. उधर बाकी सीटों पर भी कांग्रेस और बीजेपी में लड़ाई चल रही है. उल्लेखनीय है कि एनसीपी और एआईएमआईएम को एक सीट नहीं मिली है.
कांग्रेस पार्टी ने यहां पर कांग्रेस की जीत पर अशोक चव्हाण को बधाई दी है.
Congratulations @INCMaharashtra on an impressive victory! @AshokChavanINChttps://t.co/bxwxjfoH4K
— Congress (@INCIndia) October 12, 2017
साल 2012 में हुए चुनाव में भी कांग्रेस ने 81 सीटों में से 41 सीटें जीती थी जबकि शिवसेना ने 12 सीटें जीती थीं. वहीं एआईएमआईएम ने 11 सीटों पर कब्जा किया था. बीजेपी को महज दो सीटें से संतोष करना पड़ा था.
एक बार बीजेपी ने इस बार यहां पर जीत के लिए पूरा जोर लगाया है. खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यहा पर लोगों तक पहुंच बनाने के लिए रैलियां की. वैसे यह चुनाव सीएम के लिए नाक का सवाल है क्योंकि यह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से लगा मराठवाड़ा का इलाका है और सीएम इस बार विदर्भ से बना है. अमूमन इससे पहले मराठवाड़ा का ही नेता सीएम बनता रहा है. नांदेड़ कांग्रेसी नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण का इलाका है. उनके लिए यहां जीत दर्ज करना इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि उन्होंने यहीं से जीत हासिल कर संसद का सफर तय किया था. नांदेड़ के आंध्र प्रदेश से और खासतौर पर हैदराबाद से करीबी के चलते यहां पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी कुछ जोर रहा है. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });टिप्पणियां
ये चुनाव बीजेपी, कांग्रेस और शिवसेना तीनों के लिए ही काफी अहम था.
- कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी ने चार सीटों पर बढ़त बना ली है.
- कांग्रेस 39 और बीजेपी दो सीटों पर आगे चल रही है. वहीं शिवसेना और एआईएमआईएम दौड़ से लगभग बाहर हो गई हैं.
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मां जकिया बेगम चुनाव हार गई है.
- कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. जबकि बीजेपी एक हाथ सिर्फ एक ही सीट लगी है.
- कांग्रेस ने 31 सीट पर बढ़त बनाई. भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है.
- ताजा रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस ने आठ सीटों पर कब्जा जमा लिया है और 20 सीटों पर आगे चल रही है. लेकिन बीजेपी की हालत खस्ता बनी हुई है. शिवसेना को दो सीटों पर बढ़त मिली है.
-ताजा अपडेट में कांग्रेस 28 सीट पर आगे चल रही है. बाकी किसी भी पार्टी को बढ़त हासिल नहीं है.
-अभी तक कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई है. ट्विटर पर अशोक चव्हाण को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है.
-कांग्रेस के 8 सीटों पर जीतने की पुष्टि हो गई है. वह 20 सीटों पर आगे चल रही है. शिव सेना ने दो सीटों पर बढ़त बना रखी है. भाजपा व एआईएमआईएम किसी सीट पर टक्कर नहीं दे रहे.
वार्ड 19 से भाजपा के शांता गोर जीते. कांग्रेस ने अब तक 12 सीटें जीत ली हैं.
कांग्रेस पार्टी ने यहां पर कांग्रेस की जीत पर अशोक चव्हाण को बधाई दी है.
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साल 2012 में हुए चुनाव में भी कांग्रेस ने 81 सीटों में से 41 सीटें जीती थी जबकि शिवसेना ने 12 सीटें जीती थीं. वहीं एआईएमआईएम ने 11 सीटों पर कब्जा किया था. बीजेपी को महज दो सीटें से संतोष करना पड़ा था.
एक बार बीजेपी ने इस बार यहां पर जीत के लिए पूरा जोर लगाया है. खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यहा पर लोगों तक पहुंच बनाने के लिए रैलियां की. वैसे यह चुनाव सीएम के लिए नाक का सवाल है क्योंकि यह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से लगा मराठवाड़ा का इलाका है और सीएम इस बार विदर्भ से बना है. अमूमन इससे पहले मराठवाड़ा का ही नेता सीएम बनता रहा है. नांदेड़ कांग्रेसी नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण का इलाका है. उनके लिए यहां जीत दर्ज करना इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि उन्होंने यहीं से जीत हासिल कर संसद का सफर तय किया था. नांदेड़ के आंध्र प्रदेश से और खासतौर पर हैदराबाद से करीबी के चलते यहां पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी कुछ जोर रहा है. टिप्पणियां
ये चुनाव बीजेपी, कांग्रेस और शिवसेना तीनों के लिए ही काफी अहम था.
- कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी ने चार सीटों पर बढ़त बना ली है.
- कांग्रेस 39 और बीजेपी दो सीटों पर आगे चल रही है. वहीं शिवसेना और एआईएमआईएम दौड़ से लगभग बाहर हो गई हैं.
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मां जकिया बेगम चुनाव हार गई है.
- कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. जबकि बीजेपी एक हाथ सिर्फ एक ही सीट लगी है.
- कांग्रेस ने 31 सीट पर बढ़त बनाई. भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है.
- ताजा रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस ने आठ सीटों पर कब्जा जमा लिया है और 20 सीटों पर आगे चल रही है. लेकिन बीजेपी की हालत खस्ता बनी हुई है. शिवसेना को दो सीटों पर बढ़त मिली है.
-ताजा अपडेट में कांग्रेस 28 सीट पर आगे चल रही है. बाकी किसी भी पार्टी को बढ़त हासिल नहीं है.
-अभी तक कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई है. ट्विटर पर अशोक चव्हाण को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है.
-कांग्रेस के 8 सीटों पर जीतने की पुष्टि हो गई है. वह 20 सीटों पर आगे चल रही है. शिव सेना ने दो सीटों पर बढ़त बना रखी है. भाजपा व एआईएमआईएम किसी सीट पर टक्कर नहीं दे रहे.
वार्ड 19 से भाजपा के शांता गोर जीते. कांग्रेस ने अब तक 12 सीटें जीत ली हैं.
Congratulations @INCMaharashtra on an impressive victory! @AshokChavanINChttps://t.co/bxwxjfoH4K
एक बार बीजेपी ने इस बार यहां पर जीत के लिए पूरा जोर लगाया है. खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यहा पर लोगों तक पहुंच बनाने के लिए रैलियां की. वैसे यह चुनाव सीएम के लिए नाक का सवाल है क्योंकि यह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र से लगा मराठवाड़ा का इलाका है और सीएम इस बार विदर्भ से बना है. अमूमन इससे पहले मराठवाड़ा का ही नेता सीएम बनता रहा है. नांदेड़ कांग्रेसी नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण का इलाका है. उनके लिए यहां जीत दर्ज करना इसलिए भी काफी अहम है, क्योंकि उन्होंने यहीं से जीत हासिल कर संसद का सफर तय किया था. नांदेड़ के आंध्र प्रदेश से और खासतौर पर हैदराबाद से करीबी के चलते यहां पर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी कुछ जोर रहा है. टिप्पणियां
ये चुनाव बीजेपी, कांग्रेस और शिवसेना तीनों के लिए ही काफी अहम था.
- कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी ने चार सीटों पर बढ़त बना ली है.
- कांग्रेस 39 और बीजेपी दो सीटों पर आगे चल रही है. वहीं शिवसेना और एआईएमआईएम दौड़ से लगभग बाहर हो गई हैं.
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मां जकिया बेगम चुनाव हार गई है.
- कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. जबकि बीजेपी एक हाथ सिर्फ एक ही सीट लगी है.
- कांग्रेस ने 31 सीट पर बढ़त बनाई. भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है.
- ताजा रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस ने आठ सीटों पर कब्जा जमा लिया है और 20 सीटों पर आगे चल रही है. लेकिन बीजेपी की हालत खस्ता बनी हुई है. शिवसेना को दो सीटों पर बढ़त मिली है.
-ताजा अपडेट में कांग्रेस 28 सीट पर आगे चल रही है. बाकी किसी भी पार्टी को बढ़त हासिल नहीं है.
-अभी तक कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई है. ट्विटर पर अशोक चव्हाण को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है.
-कांग्रेस के 8 सीटों पर जीतने की पुष्टि हो गई है. वह 20 सीटों पर आगे चल रही है. शिव सेना ने दो सीटों पर बढ़त बना रखी है. भाजपा व एआईएमआईएम किसी सीट पर टक्कर नहीं दे रहे.
वार्ड 19 से भाजपा के शांता गोर जीते. कांग्रेस ने अब तक 12 सीटें जीत ली हैं.
ये चुनाव बीजेपी, कांग्रेस और शिवसेना तीनों के लिए ही काफी अहम था.
- कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी ने चार सीटों पर बढ़त बना ली है.
- कांग्रेस 39 और बीजेपी दो सीटों पर आगे चल रही है. वहीं शिवसेना और एआईएमआईएम दौड़ से लगभग बाहर हो गई हैं.
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मां जकिया बेगम चुनाव हार गई है.
- कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. जबकि बीजेपी एक हाथ सिर्फ एक ही सीट लगी है.
- कांग्रेस ने 31 सीट पर बढ़त बनाई. भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है.
- ताजा रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस ने आठ सीटों पर कब्जा जमा लिया है और 20 सीटों पर आगे चल रही है. लेकिन बीजेपी की हालत खस्ता बनी हुई है. शिवसेना को दो सीटों पर बढ़त मिली है.
-ताजा अपडेट में कांग्रेस 28 सीट पर आगे चल रही है. बाकी किसी भी पार्टी को बढ़त हासिल नहीं है.
-अभी तक कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई है. ट्विटर पर अशोक चव्हाण को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है.
-कांग्रेस के 8 सीटों पर जीतने की पुष्टि हो गई है. वह 20 सीटों पर आगे चल रही है. शिव सेना ने दो सीटों पर बढ़त बना रखी है. भाजपा व एआईएमआईएम किसी सीट पर टक्कर नहीं दे रहे.
वार्ड 19 से भाजपा के शांता गोर जीते. कांग्रेस ने अब तक 12 सीटें जीत ली हैं.
- कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि बीजेपी ने चार सीटों पर बढ़त बना ली है.
- कांग्रेस 39 और बीजेपी दो सीटों पर आगे चल रही है. वहीं शिवसेना और एआईएमआईएम दौड़ से लगभग बाहर हो गई हैं.
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की मां जकिया बेगम चुनाव हार गई है.
- कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. जबकि बीजेपी एक हाथ सिर्फ एक ही सीट लगी है.
- कांग्रेस ने 31 सीट पर बढ़त बनाई. भाजपा एक सीट पर आगे चल रही है.
- ताजा रुझानों के मुताबिक, कांग्रेस ने आठ सीटों पर कब्जा जमा लिया है और 20 सीटों पर आगे चल रही है. लेकिन बीजेपी की हालत खस्ता बनी हुई है. शिवसेना को दो सीटों पर बढ़त मिली है.
-ताजा अपडेट में कांग्रेस 28 सीट पर आगे चल रही है. बाकी किसी भी पार्टी को बढ़त हासिल नहीं है.
-अभी तक कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई है. ट्विटर पर अशोक चव्हाण को बधाइयां देने का सिलसिला शुरू हो गया है.
-कांग्रेस के 8 सीटों पर जीतने की पुष्टि हो गई है. वह 20 सीटों पर आगे चल रही है. शिव सेना ने दो सीटों पर बढ़त बना रखी है. भाजपा व एआईएमआईएम किसी सीट पर टक्कर नहीं दे रहे.
वार्ड 19 से भाजपा के शांता गोर जीते. कांग्रेस ने अब तक 12 सीटें जीत ली हैं. |
42 लाख कीमत के सोने के साथ तीन यात्री एयरपोर्ट पर पकड़े गए | (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
जहरीले खतों के जरिये लोगों को निशाना बनाने की थी आईएम की साजिश : पुलिस | इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी जहर लगे खत भेजकर कई वीवीआईपी लोगों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश एक सप्लीमेंटरी चार्जशीट (पूरक आरोपपत्र) में दिल्ली पुलिस ने यह सनसनीखेज खुलासा किया है।
कथित रूप से गैर कानूनी हथियार फैक्ट्ररी स्थापित किए जाने के मामले में आतंकवादी संगठन के छह संदिग्ध लोगों के खिलाफ अदालत में दाखिल किए गए अपने आरोपपत्र में पुलिस ने यह खुलासा किया है।
अपने पूरक आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने दावा किया है कि पूछताछ के दौरान आईएम के संदिग्ध आतंकियों - तहसीन अख्तर और मोहम्मद वकार अजहर ने बताया था कि उन्होंने उपलब्ध रसायनों से जहर बनाने का प्रयास किया था।
आरोपपत्र में कहा गया है, पूछताछ के दौरान आरोपियों वकार और तहसीन ने खुलासा किया कि उन्होंने मैग्नीशियम सल्फेट, एसीटोन और कैस्टर सीड्स जैसे उपलब्ध रसायनों की मदद से जहर बनाने की कोशिश की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रीतेश सिंह के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में कहा गया है, जहर बनाने के पीछे उनका मकसद जहर लगे पत्र भेजकर अपने शिकार को निशाना बनाना था। वकार से ये रसायन बरामद किए गए हैं।
पूरक आरोपपत्र में पुलिस ने आईएम के शीर्ष सदस्यों - तहसीन अख्तर, जिया उर रहमान, मोहम्मद वकार अजहर, मोहम्मद मारूफ, मोहम्मद साकिब अंसारी तथा इम्तियाज आलम का नाम आरोपी के रूप में लिया है। इन सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है। चार्जशीट में पुलिस ने यह भी कहा है कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों ने ताजमहल और आगरा के किले की भी रेकी की थी, ताकि वहां बम धमाकों को अंजाम दिया जा सके। |
सोमालिया में अमेरिकी हवाई हमले में अल-शबाब के 100 से ज्यादा लड़ाके ढेर | अमेरिकी बलों ने सोमालिया में मंगलवार को अल कायदा से संबद्ध अल-शबाब समूह के खिलाफ हवाई हमला किया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए. अमेरिकी-अफ्रीका कमान ने एक बयान में कहा, 'सोमालिया की संघीय सरकार के साथ तालमेल से अमेरिकी बलों ने सोमालिया में मंगलवार, 21 नवंबर को सोमालियाई समयानुसार सुबह साढ़े 10 बजे (वैश्विक समयानुसार साढ़े सात बजे) अल-शबाब के खिलाफ हवाई हमला कर 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया.'
यह भी पढ़ें : सोमालिया में होटल के बाहर भीषण आत्मघाती हमला, 25 लोगों की मौतटिप्पणियां
यह अभियान सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 200 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में चलाया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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यह अभियान सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 200 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में चलाया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह अभियान सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से 200 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में चलाया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मानव चेहरे के भावों को पहचान सकते हैं घोड़े, Study में हुआ खुलासा | यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के कारेन मैककॉम्ब ने बताया कि घोड़ों को भावनाओं से संबंधित बातें याद रहती हैं. यह सामाजिक तौर पर बुद्धिमान जीव होते हैं. लेकिन यह पहली बार है जब किसी स्तनपायी जीव ने इस किस्म की क्षमता का प्रदर्शन किया है. |
यूपी : शराब पीने की आदत को लेकर महिला ने पति की पीट-पीटकर हत्या की | मुजफ्फरनगर शहर की बच्चन सिंह कॉलोनी में 30 साल की एक महिला ने अपने पति की शराब पीने की आदत से तंग आकर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी.टिप्पणियां
एसएसआई समयपाल सिंह ने कहा, ज्योति ने अपने पति की शराब पीने की आदत को लेकर उसे मार डाला. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एसएसआई समयपाल सिंह ने कहा, ज्योति ने अपने पति की शराब पीने की आदत को लेकर उसे मार डाला. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
यूएस ओपन : फेडरर, जोकोविच की छुट्टी, फाइनल में भिड़ेंगे सिलिच और निशिकोरी | 2005 के बाद ऐसा कोई फाइनल मुकाबला होगा, जिसमें फेडरर, जोकोविच या फिर राफेल नडाल हिस्सा न हों। यूएस ओपन के सेमीफाइनल में हुए बड़े उलटफेर में रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच हार गए हैं।
17 बार ग्रैड स्लैम खिताब जीतने वाले फेडरर को 25 साल के क्रोएशिया के मारिन सिलिच ने तीन सीधे सेटों में 6-3, 6-4, 6-4 से हरा दिया। फेडरर पांच बार यूएस ओपन चैंपियन रह चुके हैं और इस बार टूर्नामेंट में राफेल नडाल के न होने से फेडरर को यहां जीत का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। मगर 14वीं वरियता प्राप्त मारिन सिलिच ने शानदार खेल दिखाया और सीधे सेटों में फेडरर का काम तमाम कर दिया। फेडरर को हराने में मारिन सिलिच को 1 घंटे 45 मिनट लगा।
मैच के बाद फेडरर ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन सिलिच का खेल उनसे कई गुणा बेहतर था। सिलिच की मानें तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि उन्होंने किसी ग्रैंड स्लैम खिताब के सेमीफाइनल में रोजर फेडरर को हरा दिया।
वहीं एक अन्य सेमीफाइनल मुकाबले में के निशिकोरी ने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को मात दे दी। इस जीत के साथ निशिकोरी किसी भी ग्रैंड स्लैम के सिंगल्स फाइनल में पहुंचने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी हो गए हैं।
सेमीफाइनल मुकाबले में निशिकोरी ने चार सेटों में 6-4, 1-6, 7-6, 6-3 से नोवाक जोकोविच को हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया। 11वीं वरीयता प्राप्त निशिकोरी के पैर के अंगूठे में चोट के कारण इस टूर्नामेंट में खेलना तय नहीं था, लेकिन उन्होंने अपने खेल से सबको चौंका दिया। |
वित्त विधेयक पारित, संसद की कार्यवाही 2 मई तक स्थगित | लोकसभा में मंगलवार को वित्त वर्ष 2013-14 के लिए वित्त विधेयक पारित हो गया, जिसके बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो मई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है।
भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि वित्त विधेयक पारित होने में सहयोग दिया, लेकिन वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर अब भी अड़ी है।
भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
भाजपा ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गतिरोध दूर करने के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वित्तीय कामकाज होने देने पर सहमति जताई थी। मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर मतदान से पहले सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संसदीय कामकाज में बाधा के लिए सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने केंद्र की मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार दिया।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
सुषमा ने कहा, "मैं राष्ट्र को बताना चाहती हूं कि संसद में कामकाज नहीं हो पाने के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि केंद्र की सरकार जिम्मेदार है, जो स्वतंत्रता के बाद से अब तक देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है।"
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक के साथ-साथ रेलवे विनियोग विधेयक भी ध्वनि मत से पारित कर दिया। हालांकि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड), शिवसेना, वामपंथी पार्टियों, तृणमूल कांग्रेस, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने विरोधस्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
संप्रग की सहयोगी रही द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने भी 2जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट और समिति के अध्यक्ष पीसी चाको को हटाए जाने की मांग को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।टिप्पणियां
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
लोकसभा में वित्तीय कामकाज हो जाने के बाद अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी। 1 मई को मई दिवस की वजह से संसद में अवकाश होगा।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके।
भाजपा सदस्यों के विरोध के कारण लोकसभा की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्तीय कामकाज निपटाए जा सके। |
विंबलडन पर चोटों का कहर, चार खिलाड़ी हटे | राफेल नडाल को विंबलडन के पहले दौर में हराने वाले दुनिया के 135वें नंबर के खिलाड़ी स्टीव डार्सिस, ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन विक्टोरिया अजारेंका, राडेक स्टेपनेक और जान इसनर को बुधवार को चोटों के कारण इस टूर्नामेंट से हटना पड़ा। विक्टोरिया अजारेंका को सेंटर कोर्ट पर अपना मैच शुरू होने से कुछ देर पहले हटना पड़ा।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन अजारेंका का पोलैंड की मारिया जोओ कोलहर के खिलाफ पहले दौर के मैच में दाहिना घुटना चोटिल हो गया था। अजारेंका को दूसरे दौर में इटली की फ्लेविया पेनेटा से भिड़ना था।
डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन चैंपियन अजारेंका का पोलैंड की मारिया जोओ कोलहर के खिलाफ पहले दौर के मैच में दाहिना घुटना चोटिल हो गया था। अजारेंका को दूसरे दौर में इटली की फ्लेविया पेनेटा से भिड़ना था।
डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
डार्सिस पहले दौर में नडाल को हराने के बाद टेनिस जगत में मशहूर हो गए थे लेकिन कंधे की चोट के कारण वह दूसरे दौर का मैच नहीं खेल पाएंगे। बेल्जियम के इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने ट्वीट किया है, ‘‘इस तरह की जीत के बाद हटना। मेरे लिए यह सबसे मुश्किल काम था।’’टिप्पणियां
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
डार्सिस पहले दौर के मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। उन्हें दूसरे दौर में पोलैंड के लुकास कुबोट से भिड़ना था। विंबलडन के मैराथन पुरुष इसनर को भी केवल दो गेम खेलने के बाद कोर्ट छोड़ना पड़ा। अमेरिका के 28 वर्षीय इसनर ने घुटने की चोट के कारण तब हटने का फैसला किया जब फ्रांस के एड्रियन मैननरिनो के खिलाफ स्कोर 1-1 से बराबर था।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे।
इसनर ने 2010 में निकोलस माहूट को 11 घंटे पांच मिनट तक चले मैच में हराया था। यह विंबलडन के इतिहास का सबसे लंबा मैच था। स्टेपनेक उस समय दूसरे दौर के मुकाबले से हट गए जब वह पोलैंड के जार्जी जानोविच से 2-6, 3-5 से पीछे चल रहे थे। |
भारत के रक्षामंत्री एंटनी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर पहुंचे | एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ भारत के रक्षा संबंध मजबूत करने के उद्देश्य से तीन देशों की अपनी यात्रा के तहत रक्षा मंत्री एके एंटनी आज आस्ट्रेलिया पहुंच गए।
एंटनी ऑस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री स्टीफन स्मिथ से ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में आस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्री स्तर के संवाद में शामिल होंगे।
एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
एंटनी ऑस्ट्रेलियाई रक्षामंत्री स्टीफन स्मिथ से ऑस्ट्रेलियाई राजधानी कैनबरा में आस्ट्रेलिया-भारत रक्षा मंत्री स्तर के संवाद में शामिल होंगे।
एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
एंटनी ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं। वह ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी शहर पर्थ पहुंचे और वहां उनकी स्मिथ से मुलाकात हुई। वह पर्थ में आयोजित एक स्वागत समारोह में भी शामिल हुए। इस समारोह में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख लोग और भारतीय शिक्षाविद्, कारोबारी एवं सामुदायिक संगठनों के लोग मौजूद थे।टिप्पणियां
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
उनका यह दौरा उस वक्त हुआ है, जब हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार की ओर से पेश श्वेत पत्र में कहा गया, भारत एक महत्वपूर्ण रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है। स्मिथ ने एक बयान में कहा, श्वेत पत्र में उन बड़े रणनीतिक बदलावों का उल्लेख है जो आर्थिक, रणनीति और सैन्य ताकत का हमारी ओर स्थानांतरण के तौर पर हो रहे हैं।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था।
एंटनी और स्मिथ पर्थ से कैनबरा के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों नेताओं के साथ-साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के अन्य अधिकारियों के बीच कैनबरा में भी बैठकें होने का कार्यक्रम है। एंटनी सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के दौरे पर हैं। स्मिथ ने कहा, हमारे बीच द्विपक्षीय और सैन्य सहयोग बड़े पैमाने पर बदलावों के साथ होता है। उन्होंने कहा कि साल 2009 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंध को रणनीति साझेदारी में तब्दील करने पर सहमति जताई थी तथा सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया था। |
केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने पर देश भर में आयोजित होंगे कार्यक्रम | इस दौरान मंत्रियों और सांसदों से प्रेस कांफ्रेंस, पब्लिक मीटिंग और अन्य कार्यक्रम भी आयोजित करने को कहा गया है. |
केंद्रीय कार्यालयों और बैंकों में करें मराठी भाषा का उपयोग: महाराष्ट्र सरकार | (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
PAKvsWI : पहले दिन-रात क्रिकेट टेस्ट मैच में पाक ने वेस्टइंडीज को 56 रनों से हराया | पाकिस्तान ने पहले दिन-रात क्रिकेट टेस्ट मैच के पांचवें और अंतिम दिन सोमवार को यहां वेस्टइंडीज को 56 रनों से हरा दिया और तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली. डेरेन ब्रावो ने आखिर तक पाकिस्तानी गेंदबाजों का प्रतिरोध किया और 116 रन बनाए. वेस्टइंडीज की टीम ने कुल 289 रन बनाए. वेस्टइंडीज की टीम दुबई स्टेडियम की टूटती पिच पर 346 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. लेग स्पिर यासिर शाह ने दूसरी पारी में दो विकेट और पूरे मैच में कुल सात विकेट लिए.
ब्रावो का एशिया में यह पांचवां और विदेशी सरजमीं पर सातवां शतक है. पाकिस्तान ने छह विकेट पर 224 रन के स्कोर पर नयी गेंद ली जिसके बाद ब्रावो ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की पहली ही गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया.
इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रावो का एशिया में यह पांचवां और विदेशी सरजमीं पर सातवां शतक है. पाकिस्तान ने छह विकेट पर 224 रन के स्कोर पर नयी गेंद ली जिसके बाद ब्रावो ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर की पहली ही गेंद पर चौके के साथ शतक पूरा किया.
इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इससे पहले वेस्टइंडीज ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 95 रन से की. मोहम्मद आमिर ने दिन की पहली गेंद पर मार्लन सैमुअल्स (04) को विकेट के पीछे कैच कराया. बायें हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज ने इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड (15) को पगबाधा आउट करके टीम का स्कोर चार विकेट पर 126 रन किया. टिप्पणियां
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रावो और चेज ने इसके बाद पारी को संभाला और पाकिस्तान के गेंदबाजों को काफी समय तक विकेट से महरूम रखा. यासिर शाह ने चेज को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ा जबकि एक गेंद बाद वहाब रियाज ने शेन डाउरिच (00) को बोल्ड किया. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में ब्रावो के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज टिक नहीं सका और पूरी टीम 289 रनों पर ढह गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
लंदन की 24 मंजिला इमारत में भीषण आग, कम से कम 12 लोगों की मौत | पश्चिमी लंदन में 24 मंजिला एक आवासीय इमारत में बुधवार को भीषण आग लग गई, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 74 अन्य झुलस गए. ब्रिटेन में पिछले करीब तीन दशक में यह सबसे भीषण अग्निकांड है. लेटिमेर रोड पर स्थित लैंकेस्टर वेस्ट एस्टेट के ग्रेनफेल टावर में स्थानीय समयानुसार रात एक बजकर 16 मिनट पर आग लगी. समझा जाता है कि जब इमारत आग की लपटों से घिर गई, तब करीब 600 लोग टावर के 120 फ्लैटों में मौजूद थे.
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना में 12 लोग मारे गए हैं. पहले मरने वालों की संख्या छह बताई गई थी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा था कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली.
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि इस घटना में 12 लोग मारे गए हैं. पहले मरने वालों की संख्या छह बताई गई थी. मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कमांडर स्टुअर्ट कंडी ने कहा था कि लोगों को तलाशने का काम कुछ दिनों तक चलेगा.
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली.
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इमारत के बाहर लकड़ी, धातु या प्लास्टिक से बने आवरण के कारण आग तेजी से फैली.
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
दूसरी तरफ, इमारत का नवीनीकरण का काम करने वाली कंपनी रेडन कंसटक्शन ने कहा कि पूरा काम अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुरूप किया गया था.
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
आग बुझाने के लिए मौके पर करीब 200 दमकलकर्मी, 40 दमकल वाहन और एंबुलेंस के 20 लोग मौजूद थे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने बताया कि कुल 74 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 20 लोगों की हालत नाजुक है. दमकलकर्मियों ने बड़ी संख्या में लोगों को बचाया है, लेकिन लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि कई सारे लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटों में घिरी इमारत के अंदर फंसे कई लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे और अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगा रहे थे. कुछ लोगों को चादर का इस्तेमाल कर इमारत से बचकर निकलने की कोशिश करते देखा गया.
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
लंदन दमकल सेवा प्रमुख डैनी कॉटन ने संवाददाताओं को बताया, 'यह एक अभूतपूर्व घटना है. मेरे 29 साल के करियर में कभी भी मैंने इतने बड़े पैमाने पर आग लगने की घटना नहीं देखी'.
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
समझा जाता है कि आग आधी रात के ठीक बाद तीसरी और चौथी मंजिल पर एक खराब रेफ्रीजरेटर के कारण लगी और यह फैलती चली गई.टिप्पणियां
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
हालांकि, महानगर पुलिस ने कहा है कि आग लगने की वजह की पुष्टि करने से पहले उसे कुछ वक्त चाहिए. गौरतलब है कि ग्रेनफेल टावर इलाके के आसपास काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं. कई लोग आग लगने के वक्त जगे हुए थे. वे रमजान के दौरान सहरी की तैयारी कर रहे थे.
(इनपुट एजेंसी से)
(इनपुट एजेंसी से) |
डीटीसी की टक्कर से हुई थी सैन्यकर्मी की मौत, परिजनों को मिलेगा 1.17 करोड़ रुपये का मुआवजा | दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस की चपेट में आने से हुई सैन्यकर्मी की मौत पर मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) परिवार को 1.17 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया है. सैन्यकर्मी की मौत 2016 में डीटीसी बस की टक्कर से रफी मार्ग पर जेब्रा क्रॉसिंग पार करते समय हो गई थी. डीटीसी की बस ने लालबत्ती क्रॉस की और उत्तर प्रदेश निवासी राइफलमैन राम कुमार यादव को टक्कर मारने से पहले गलत लेन पर चली गई. पैदलयात्रियों के निकलने के लिए उस वक्त बत्ती हरी थी और यादव सड़क पार कर रहे थे.
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी एम के नागपाल ने भारतीय सेना के राइफलमैन यादव की पत्नी और दो बच्चों को मुआवजा दिये जाने के आदेश दिये. यादव यहां सेना भवन में तैनात थे. अदालत ने कहा, ‘‘यह साबित होता है कि उपरोक्त दुर्घटना में यादव की मृत्यु हो गई थी, जो डीटीसी बस के चालक की लापरवाही के कारण हुई. इसी के अनुसार यह मामला याचिकाकर्ताओं के पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ तय किया जाता है.'' |
उत्तर प्रदेश में सभी जिला कांग्रेस कमेटियां भंग, अनुशासनहीनता की जांच करेगी समिति | लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कांग्रेस ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया है व चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता की जांच की जिम्मेदारी तीन सदस्यीय समिति को सौंपेगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनुशंसाओं को स्वीकार कर लिया है जिनमें कई कदमों का प्रस्ताव किया गया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक दोनों प्रभारियों की अनुशंसा के मुताबिक सभी जिला कांग्रेस कमेटियों को भंग कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उप चुनाव की तैयारियों और चुनावी प्रबंधन के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की जाएगी. पार्टी तीन सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति गठित करेगी जो लोकसभा चुनाव के दौरान घोर अनुशासनहीनता की जांच करेगी. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजय कुमार लल्लू को पूर्वी उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव करने के लिए प्रभारी बनाया गया है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठन में बदलाव के लिए प्रभारी की नियुक्ति सिंधिया द्वारा की जाएगी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है. वह सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत पाई. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अमेठी से चुनाव हार गए. (इनपुट भाषा से) |
वायरल वीडियो में नशे में नहीं था पुलिसकर्मी, मुआवजे के लिए पहुंचा सुप्रीम कोर्ट | एक समय वीआईपी की सुरक्षा टीमों में सेवा दे चुके दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके एक वीडियो में उन्हें 'गलत तरीके से' पेश करने के लिए मुआवजा मांगा है। पिछले साल सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में इस पुलिसकर्मी को कथित रूप से नशे की हालत में मेट्रो के एक डिब्बे में डगमगाते और फर्श पर गिरते हुए दिखाया गया था।
हेड कांस्टेबल सलीम पी. के. को वीडियो में दिल्ली मेट्रो के एक डिब्बे में गिरते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि वह नशे में नहीं थे, बल्कि ड्यूटी से लौटते वक्त उनके दिमाग की नसों में बड़ा अवरोध आने के कारण वह होश खो रहे थे।
सलीम की याचिका एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस मजबूरी वाली हालत का वीडियो बनाया गया और उसे विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा यह आरोप लगाते हुए दिखाया गया कि वह नशे में थे और यह 'सुनवाई के बगैर एक कथित अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने' का मामला है।
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हेड कांस्टेबल सलीम पी. के. को वीडियो में दिल्ली मेट्रो के एक डिब्बे में गिरते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि वह नशे में नहीं थे, बल्कि ड्यूटी से लौटते वक्त उनके दिमाग की नसों में बड़ा अवरोध आने के कारण वह होश खो रहे थे।
सलीम की याचिका एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस मजबूरी वाली हालत का वीडियो बनाया गया और उसे विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा यह आरोप लगाते हुए दिखाया गया कि वह नशे में थे और यह 'सुनवाई के बगैर एक कथित अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने' का मामला है।
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सलीम की याचिका एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आ सकती है। उन्होंने कहा कि उनकी इस मजबूरी वाली हालत का वीडियो बनाया गया और उसे विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा यह आरोप लगाते हुए दिखाया गया कि वह नशे में थे और यह 'सुनवाई के बगैर एक कथित अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने' का मामला है।
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
केरल के रहने वाले और साल 1986 में दिल्ली पुलिस में शामिल सलीम को यह वीडियो सामने आने के बाद निलंबित कर दिया गया था। वह केन्द्रीय खाद्य एवं वितरण मंत्री राम विलास पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की सुरक्षा टीम में सेवाएं दे चुके हैं।टिप्पणियां
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हालांकि सलीम द्वारा अपनी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी देने के बाद पुलिस ने उनकी सेवाएं बहाल कर दी थीं और निलंबन काल को 'ड्यूटी को दिया गया समय' माना था।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
कांग्रेस से सहयोग के संकेत, मोदी बोले, मैच्योर नेता मिलकर काम करने की अहमियत समझते हैं | कांग्रेस पर तीखे हमले कर रहे नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुनावों के बाद कांग्रेस का सहयोग लेने पर साफ संकेत दिया है। मोदी ने कहा है कि मैच्योर नेता मिलकर काम करने की अहमियत समझते हैं। यह बात मोदी ने अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कही है।
मोदी ने कहा कि चुनाव के दौरान तो हमले तेज होते ही हैं। हमारे रिश्ते इतने भी खराब नहीं हुए हैं। हमने यूपीए के 10 साल के दौरान फूड सिक्योरिटी बिल, भूमि अधिग्रहण बिल, लोकपाल बिल जैसे कई मुद्दों पर सरकार का साथ दिया है।
अर्थव्यवस्था को पहली प्राथमिकता देने की मंशा साफ करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि फैसले लेने के मोर्चे पर निरंतरता में कमी न आ पाए, ऐसा कोई संदेश न दिए जाए, जिससे निवेशकों के हित पर बुरा असर पड़े।
एफडीआई पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि हमने मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई को लेकर आपत्ति जताई है, लेकिन हमारे मेनिफेस्टो में साफतौर पर कहा गया है कि हम सभी सेक्टर्स में एफडीआई का स्वागत करेंगे। साथ ही कहा कि हमें लगेगा कि एफडीआई से युवाओं के लिए रोजगार पैदा होगा। वहां हम इसे बढ़ावा देंगे।
साथ ही मोदी ने साफ किया कि इसमें कोई शक नहीं है कि नई सरकार के सामने अर्थव्यवस्था की बुरी हालत से निपटने की चुनौती होगी। मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ भी करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर जो काम किए उनके लिए उन्हें निश्चिततौर पर श्रेय दूंगा। साथ ही मोदी ने कहा कि अगर उन्हें अधिकार और काम करने की स्वतंत्रता दी गई होती तो वह प्रधानमंत्री के रूप में भी अच्छा काम कर सकते थे।
इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इस इंटरव्यू में मोदी ने कांग्रेस और यूपीए पर निशाना भी साधा। इन चुनावों में कांग्रेस की हार तो तय है ही, वह अब तक की सबसे कम सीटों पर सिमटने जा रही है। मोदी ने कहा है कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस किसी भी राज्य में 10 सीटों से ज्यादा न जीत पाए। साथ ही मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस 100 के आंकड़े तक नहीं पहुंचेगी और बीजेपी और एनडीए दोनों ही अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने जा रहे हैं। |
भारतीय सेना के चार 'निशांत' यूएवी में से आखिरी भी पोखरण में क्रैस | देश में विकसित भारतीय सेना का एक मानवरहित हवाई यान (यूएवी) राजस्थान में पोखरण के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पिछले 15 दिन में हुई यह इस तरह की दूसरी घटना है।टिप्पणियां
सेना सूत्रों ने कहा कि यूएवी राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह 2011 में शामिल किए गए इस तरह के चार यूएवी में आखिरी था।
इससे पहले बीते चार नवंबर को इसी इलाके में एक और यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूत्रों ने कहा, 'आज की दुर्घटना किसी तकनीकी खामी के कारण हुई।' सूत्रों के अनुसार सेना के और निशांत यूएवी ना खरीदने के फैसले के साथ निशांत यूएवी कार्यक्रम अब मृतप्राय हो गया है।
सेना सूत्रों ने कहा कि यूएवी राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोखरण के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह 2011 में शामिल किए गए इस तरह के चार यूएवी में आखिरी था।
इससे पहले बीते चार नवंबर को इसी इलाके में एक और यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूत्रों ने कहा, 'आज की दुर्घटना किसी तकनीकी खामी के कारण हुई।' सूत्रों के अनुसार सेना के और निशांत यूएवी ना खरीदने के फैसले के साथ निशांत यूएवी कार्यक्रम अब मृतप्राय हो गया है।
इससे पहले बीते चार नवंबर को इसी इलाके में एक और यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। सूत्रों ने कहा, 'आज की दुर्घटना किसी तकनीकी खामी के कारण हुई।' सूत्रों के अनुसार सेना के और निशांत यूएवी ना खरीदने के फैसले के साथ निशांत यूएवी कार्यक्रम अब मृतप्राय हो गया है। |
Om Birla: कुछ ऐसा है ओम बिरला के छात्र नेता से स्पीकर बनने तक का सफर, जानिए 10 बातें | बीजेपी नेता और कोटा से सांसद ओम बिरला (OM Birla) लोकसभा स्पीकर बनाए गए हैं. बीजेपी नेता ओम बिरला (Om Birla) ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को हराया था. उन्होंने रामनारायण मीणा को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों शिकस्त दी थी. ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटो में हुआ था. ओम बिरला वर्तमान में कोटा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सांसद हैं. बिरला (BJP MP Om Birla) कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. वह 2003, 2008 और 2013 में 12वीं, 13वीं एवं 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. आइये जानते हैं बीजेपी सांसद ओम बिरला से जुड़ी 10 बातें..
बीजेपी नेता ओम बिड़ला का लोकसभा स्पीकर बनना लगभग तय, विपक्ष ने नहीं किया उम्मीदवारी का विरोध
राहुल गांधी के इनकार के बाद अधीर रंजन चौधरी को चुना गया लोकसभा में कांग्रेस का नेता |