diff --git "a/hi/shard-62.txt" "b/hi/shard-62.txt" new file mode 100644--- /dev/null +++ "b/hi/shard-62.txt" @@ -0,0 +1,4241 @@ + + +प्रबंधक हेतु नामांकन हिंदुस्थान वासी +यह यात्रियों के लिए परियोजना है तो इसके चौपाल का नाम भी कुछ यात्रा से जुड़ा होना चाहिए। कुछ अन्य भाषाओं में भी इसका नाम चौपाल से अलग है। इस कारण इसके नाम परिवर्तन हेतु कुछ सुझाव दे रहा +:शुरू करें वाले पन्ने का अनुवाद में कर सकता हूँ, दूसरे का शीर्षक ठीक से समझ नहीं आ रहा कि क्या रखना ठीक रहेगा। तीसरा "लेंडिंग पेज" वाले के लिए कोई नाम नहीं सूझ रहा। +विकियात्रा:विकियात्रा सम्पादन प्रतियोगिता 2018" या कुछ और रखना अच्छा रहेगा +लेंडिंग पेज के लिए क्या रखें ? +प्रबंधक हेतु नामांकन हिंदुस्थान वासी 2 +मैं विकी यात्रा पर नया आया हूँ, और मैंने देखा की यहाँ तो अभी तक वार्ता शीर्षक का साँचा बना ही नहीं है, तो मैंने इसका साँचा तैयार कर दिया है। मैंने वैसे तो इसे हिंदी विकिपीडिया के वार्ता सांचे को कॉपी करके उसके लिंक्स में "विकिपीडिया" के जगह पर "विकियात्रा" लिख दिया है, और विकियात्रा के मुखपृष्ठ के कलर थीम जैसा ही रखने की कोशिश की है। फ़िलहाल मेरे द्वारा बनाया गया साँचा कुछ इस प्रकार है: +:चूँकि यह एक बिलकुल ही नया शुरू हुआ प्रकल्प है, आपको कुछ चीजों का ध्यान भी रखना होगा। यह भी कि यह विकिपीडिया नहीं है, और हर चीज जो हम विकिपीडिया पर देखते हों यहाँ हो भी यह भी आवश्यक नहीं। +उदाहरण के लिए आपने यह साँचा इस लिए बना दिया क्योंकि आप इसे हिंदी विकिपीडिया पर लगभग हर लेख के वार्ता पन्ने पर देखते हैं। यदि आप अंगरेजी विकियात्रा के पन्नों को देखें तो आप पायेंगे कि वहाँ शायद ही किसी पन्ने पर इस तरह का कोई साँचा लगा हो। इस साँचे में जिन कड़ियों को रखा गया है वे मौजूद ही नहीं हैं, इस तरह इस प्रकार के साँचे का औचित्य ही नहीं रह जाता यदि नीति न मौजूद हो। +दूसरी बात, जिस वार्ता पन्ने पर कोई चर्चा न हो इस तरह के साँचे लगाए भी नहीं जाने चाहिएँ। कहने का मतलब यह कि यह साँचा अपरिहार्य नहीं है, अंगरेजी विकियात्रा आज तक इसके बिना काम चला रही। +दूसरी चीज मैंने अन्यत्र चर्चा में देखा जहाँ कोलकाता लेख में लाल कड़ियों पर आपके और स जी के बीच चर्चा हुई थी। आपका प्रयास बहुत ही सराहनीय है कि आपने लेख में सुधार किया, किन्तु अभी इस छोटे प्रकल्प पर कड़ियाँ बनायेंगे तो वे ज्यादातर लाल ही रहेंगी। लाल कड़ियों के कई नुक्सान हैं। न केवल यह देखने में ख़राब लगता, इससे प्रकल्प की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है। साथ ही इन कड़ियों के अनुसरण में परीक्षण पृष्ठ बनाए जाने की संभावना बढ़ती है। यही कारण है कि हम लोग लाल कड़ियों के साथ पाठ रखने से यथासंभव बचाव कर रहे हैं। +केवल, लाल कड़ियों को नीला करने के लिए, उन पे छोटे लेख बना दिए जाएँ तो गुणवत्ता के मामले में यह और बुरी स्थिति हो जाती, जहाँ शुरुआत में ही इस प्रकल्प पर भी आधार लेखों का अनुपात बहुत अधिक हो जाएगा। यही कारण है कि इस प्रकल्प पर छोटे नए लेख बनाने को भी हम श्रेयस्कर नहीं मान रहे। नए लेख बनाने से पहले पुराने लेखों को पर्याप्त बड़ा कर रहे। और और नया लेख तभी शुरू कर रहे जब उसे बड़ा बनाने का संकल्प भी हो। +* देखने/ करने/ खरीदने/ पीने/ सोने/ अन्य (लायक स्थान/ की जगह/का स्थान) +अभी वाला मुखपृष्ठ मोबाइल हेतु ठीक नहीं है, जबकि मोबाइल उपयोग करने वालों की संख्या बहुत अधिक है। मैं मोबाइल और डेस्कटॉप दृश्य दोनों में ढंग से दिखने वाले मुखपृष्ठ का निर्माण कर रहा हूँ। यदि कोई सुझाव या बदलाव करना हो, तो कृपया यहाँ लिखें। +* नया तरीका प्रतिभागियों के बीच पृष्ठ समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। विशेष रूप से तब जब वे गहन मूल्यांकन/आलोचनात्मक अंदाज़ में हों। +* पृष्ठ समस्याएँ पाठकों को समझ में आती हैं और वे समझते हैं कि ये कैसे काम करते हैं। +* पाठक पृष्ठ समस्याओं के बारे में परवाह करते हैं और उन्हें महत्वपूर्ण मानते हैं। +* विकिपीडिया की पृष्ठ समस्याओं के बारे में सीखने को लेकर पाठकों की भावनाएँ अत्यधिक सकारात्मक थीं। +१४ सितंबर को हिन्दी दिवस है और इसे भारत समेत कई देशों में मनाया जाता है। हिन्दी भारत की आधिकारिक राजभाषा भी है। साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि एशियाई देश एवं मोरिसश जैसे अफ्रीकी देशों में भी हिन्दी बोली जाती है। +हिन्दी भाषा को बढ़ावा मिले और हिन्दी भाषा के एकमेव ऑनलाइन ज्ञानकोष विकिपीडिया के लेखों में गुणवत्ता युक्त लेखों की वृद्धि हो इस हेतु से हिन्दी विकिपीडिया १४ सितंबर से एक माह तक लेख प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। +हिन्दी की अन्य भगिनी भाषाएँ जैसे बंगाली, गुजराती, मराठी, पंजाबी, मैथिली, भोजपुरी आदि भाषाओं को जानने वाले सदस्य हिन्दी जानते हैं। उर्दू भी हिन्दी की भगिनी भाषा है और उर्दूभाषी सदस्य भी हिन्दी का अच्छा ज्ञान रखते हैं। देखा गया है क�� अन्यभाषी सदस्य हिन्दी से अधिक अंग्रेजी विकि में योगदान देते हैं अथवा हिन्दी के दूसरे प्रकल्पों में अधिक सक्रिय हैं। हमारा प्रयास है कि हिन्दी दिवस के इस अवसर पर हम हिन्दी जानने वालें सदस्यों को हिन्दी विकिपीडिया के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करें। +इस प्रतियोगिता का आरंभ १४ सितंबर से होगा और १ महीने तक लेख बनाये जाएंगे। आप किसी भी विषय पर लेख बना सकते हैं। प्रतियोगिता पूर्ण होने के बाद परिणाम घोषित होगा और विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। +मेरा नाम रूपिका शर्मा है और मैं विकिमीडिआ फाउंडेशन द्वारा नियुक्त हिंदी भाषा की रणनीति समन्वयक हूँ। अगले कुछ महीने मैं हिंदी भाषा समुदाय के साथ रणनीति प्रक्रिया के बारे में चर्चाएँ करुँगी जो 2030 तक विकिमीडिया परियोजनाओं में होने वाले बदलाव को परिभाषित करेंगी। +2017 में आंदोलन रणनीति प्रक्रिया का पहला चक्र शुरू हुआ था जिसमे हिंदी समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया था जिससे हम रणनीतिक दिशा की ओर बढ़ सके और अभी 2018 से 2020 तक दूसरा चक्र चल रहा है। इसमें हम विकिमीडिया की भविष्य की भूमिका को ध्यान में रखते हुए और अपनी संरचनाओं को अद्यतन करने के लिए एक सहयोगी रणनीति विकसित करने के लिए एक व्यापक चर्चा शुरू करेंगे जिससे हम 2030 तक अपनी रणनीतिक दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकें। +विकिमीडिया परियोजनाएं अपने उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को बेहतर ढंग से कैसे पूरा करें? हिंदी समुदाय के सदस्यों को विचार-विमर्श में भाग लेकर इस रणनीतिक दिशा को प्रभावित करने का न्योता दिया जा रहा है। +इन चर्चाओं से प्रतिक्रिया संरचनात्मक परिवर्तनों के लिए संस्तुति का आधार बनेगी जिसके साथ हम अपने रणनीतिक दिशा में सफलतापूर्वक और दृढ़ता से आगे बढ़ सकेंगे। +वे कौन सी बातें हैं जिनकी समुदाय को सबसे ज्यादा महत्वता है? हम आपके लिए आंदोलन की रणनीति प्रक्रिया को समझना कैसे आसान बना सकते हैं? भाषा और तकनीकी प्रवीणता बाधाओं को ध्यान में रखते हुए। आप इन चर्चाओं के लिए किन प्लेटफार्मों और मध्यस्थों को पसंद करेंगे? +नौ कार्यवाहक समूहों भूमिकाएं और ज़िम्मेदारियां, आय के स्रोत, संसाधन आबंटन, विविधता, सहभागिताएं, क्षमता निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य, उत्पाद व प्रौद्योगिकी और वकालत ने दस्तावेज तैयार किए हैं जिनमें हमारे आंदोलन की संरचनाओं से संबंधित विषयों पर ��ुख्य प्रश्न हैं। मई के अंत तक, हिंदी समुदाय के प्रत्येक सदस्य के पास इन सवालों के जवाब देने और स्कोपिंग दस्तावेजों पर अपनी राय साझा करने का मौका है। +आपके जवाब मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों की रूपरेखा तैयार करेंगे जिसे कार्यदल आगे बढ़ाएगा। वे हमारे आंदोलन की गहरी समझ हासिल करने, रोमांचक संभावनाओं की पहचान करने और बदलाव के लिए संस्तुति विकसित करने में मदद करेंगे। इन पहलुओं को विकिमेनिया 2019 में वितरित किया जाएगा। +सभी हिंदी भाषा उपयोगकर्ताओं से अनुरोध किया जाता है: +* पहचानें कि आप किस विषय (स्कोपिंग दस्तावेज़) में सबसे अधिक रुचि रखते हैं। +* रणनीति प्रक्रिया की परिचर्चा के लिए ऑन-विकी, सोशल मीडिया और ऑफ़लाइन वार्तालापों में मित्रवत स्थान नीति का पालन करना याद रखें। ध्यान केंद्रित चर्चाओं के लिए एक सुखद वातावरण सुनिश्चित करने के लिए इन अपेक्षाओं की आवश्यकता होती है जहां योगदानकर्ता सम्मानपूर्वक संलग्न होते हैं। +आपसे अनुरोध है कि आंदोलन रणनीति के पृष्ठों और स्कोपिंग दस्तावेजों को देखें; इनका अनुवाद पेशेवर अनुवादकों द्वारा किया गया है और यदि किसी तरह के बदलाव की आवश्यकता हो तो आप उसके मुताबिक बदलाव कर सकते हैं। इसके इलावा आंदोलन रणनीति से संबंधित कोई भी प्रश्न या संदेह हो, तो अवश्य पूछें। +==ध्यान दें :विकिमीडिया फाउंडेशन ब्रांड चर्चा== +प्रबंधक हेतु नामांकन J ansari (2 +==आंदोलन रणनीति 2030 चर्चा सारांश मार्च अप्रैल== +नमस्कार! सदस्यों के लिए अनाम प्रतिक्रिया के लिए हमने विकिमीडिया आंदोलन रणनीति सर्वेक्षण तैयार किया है। वार्ताओं को सुविधाजनक बनाने के लिए हमने 9 विषयगत क्षेत्र बनाए हैं, जिनमें से प्रत्येक में प्रश्न दिए गए हैं जो संबंधित विषयगत क्षेत्र पर कार्य कर रहे कार्य समूह द्वारा बनाए गए हैं। आपके उत्तर आंदोलन के भविष्य के लिए सिफ़ारिशों को विकसित करने में कार्य-समूह दल को सूचित करेंगे। +==आंदोलन रणनीति 2030 मसौदा अनुशंसाएँ चर्चा सारांश +स्प्रिंट में, सिफ़ारिशों को आधार बनाकर, एक एकीकृत दस्तावेज़ पर काम किया गया। वहाँ से निश्चित किया गया कि विकिमीडिया 2030 दृष्टि देने के लिए किस प्रकार की संरचनाओं की आवश्यकता होगी। प्रारंभ में, सिफ़ारिशों का एक मसौदा दस्तावेज़ बनाया गया पर बाद में यह स्पष्ट हो गया की मूलभूत सिफ़ारिशें तय करने से पहले हमें मूलभ��त सिद्धांत जो 2030 मार्ग को रेखांकित करते हैं, उन्हें एक औपचारिक रूप देने की आवश्यकता है। +कोर टीम चर्चा सामग्री और परिणामों का प्रसंस्करण कर रही है। वर्तमान मसौदा सिफ़ारिशों का एक एकीकृत सेट बनाने के लिए विश्लेषण जारी रहेगा। इस कार्य की समय रेखा बदल सकती है और हम सामुदायिक इनपुट के एक और दौर के लिए विकल्प कर रहें हैं। +कार्यकारी समूहों के लिए आगे क्या है +नौ कार्यकारी समूह वर्तमान में सिफ़ारिशों की दूसरी पुनरावृत्ति पर शेष परिष्करण स्पर्श डाल रहे हैं। यह संस्करण समुदाय के दृष्टिकोण को दर्शाता है जो ऑनलाइन और व्यक्तिगत रूप से विकीमानिया के दौरान और बाद में हुए कई रणनीति सैलून और दो क्षेत्रीय सम्मेलनों में साझा किए गए थे। प्रासंगिक अनुसंधान के अंतिम अंशों को एकीकृत किया जाएगा और कुछ कार्यकारी समूह सिफ़ारिशों में छोटे शोधन कर सकते हैं। इसके साथ ही में सिफ़ारिशों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया चल रही है जो उनके परिप्रेक्ष्य में, हमारे आंदोलन में परिवर्तन के लिए सबसे अधिक मूलभूत है। कार्यकारी समूह के सदस्य 1 नवंबर तक सौंपे कार्य को संपूर्ण कर देंगे। हम सभी कार्यकारी समूह के सदस्यों के अथक प्रयासों और समर्थन के प्रति अविश्वसनीय रूप से आभारी हैं। इसके दौरान, कोर टीम और अनुबंधित रणनीति संपर्क, ऑनलाइन और ऑफलाइन समुदायों के साथ, सिफ़ारिशों के मौजूदा ड्राफ्ट में अब तक साझा किए गए समुदायिक सिफ़ारिशों के निरीक्षण को साझा करेंगे। +अगले कुछ महीनों में 89 सिफ़ारिशों को एक संग्रह में संश्लेषित किया जाएगा और संक्षिप्त, स्पष्ट दस्तावेज़ बनाने के लिए, सामग्री में निर्धारित किया जाएगा कि कौन सी सिफ़ारिशों को कहाँ मिलाया जा सकता है। कार्यान्वयन प्रक्रिया पर विचार के लिए कुछ सिफ़ारिशों को आगे भेजा जा सकता है और कुछ को दूसरी सिफ़ारिशों के साथ मिलाया जा सकता है। इस काम को करने के लिए, एक नया वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें मौजूदा वर्किंग ग्रुप मेंबर्स शामिल होंगे, जो इस काम को जारी रखने में दिलचस्पी रखते हैं। +इस नए समूह में निम्न शामिल होंगे: +* लेखक जो सिफ़ारिशों को संश्लेषित करेंगे और एक सुसंगत सेट विकसित करेंगे। +* कनेक्टर्स, जो लेखकों को मौजूदा सामग्री, शोध और आने वाले समय में और पुराने सामुदायिक वार्तालापों से निवेश एकीकृत करने में मदद करेंगे। +* समीक���षक जो विशिष्ट दृष्टिकोण, विशेषज्ञता, संदर्भों को लाएंगे और प्रक्रिया के लिए सलाह देंगे। +हिंदी विकि सम्मेलन 2020 प्रतिभागिता वृत्ति प्रपत्र की कड़ियाँ +सिफ़ारिशों के लेखक कार्यकारी समूहों द्वारा उत्पादित 89 सिफ़ारिशों को संगठित करने के लिए काम कर रहे हैं। कुछ सप्ताह पहिले बर्लिन में मसौदा सिफ़ारिशों को तैयार करने के लिए लेखकों का सम्मेलन हुआ और इन सिफ़ारिशों को 20 जनवरी तक समुदाय के साथ साझा किया जाएगा। परिवर्तन के लिए कई क्षेत्रों को सिफ़ारिशों में परिलक्षित किया गया है, और लेखकों ने इन क्षेत्रों का मूल्यांकन करके उन्हें क्लस्टर का रूप दिया जिसका लक्ष्य परिवर्तन की दिशा को रेखांकित करना और एक सेट के तौर में प्रस्तुत करना है जिसे स्पष्ट रूप से समझा जा सके। +हम इस नए संश्लेषित संस्करण पर समुदाय के साथ चर्चा करेंगे और लेखकों के साथ-साथ विकिमीडिया फ़ाउंडेशन बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ को समुदाय के विचारों को साझा करेंगे तांकि यह स्पष्ट हो सके कि आगे बढ़ने से पहले क्या अंतिम बदलाव किए जाने चाहिए। रणनीति को और अधिक परिष्कृत करने में आपके विचार अमूल्य होंगे और इसके लिए 20 जनवरी से फरवरी तक 30 दिनों की अवधि के लिए सामुदायिक चर्चा का यह अंतिम चरण शुरू होगा। +सभी सदस्यों से अपने विचारों को साझा करने का अनुवेदन है आप अंतिम मसौदा सिफ़ारिशों पर कैसे और कहॉं चर्चा करना चाहेंगे। यह किसी कॉनफेरेन्स या मीटिंग का एक अंश हो सकता या रणनीति सैलून के माध्यम से, ऑनलाइन बातचीत में शामिल हो कर, या संबंधित चर्चाओं से मीटिंग रिपोर्ट के रूप में हो सकता है। +==सार्वभौमिक आचार संहिता (यूनिवर्सल कोड ऑफ कंडक्ट) पर आपके महत्वपूर्ण विचार== +आपके दिए विचार तथा सुझाव हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है जो की इस सार्वभौमिक आचार संहिता को बनाने में न केवल सहायक होंगे अपितु हमारे विक समुदाय का प्रतिनिधित्व भी करेंगे। आपके लिए इस आचार संहिता की भाषा और सामग्री को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने, उत्पीड़न मुक्त स्थान बनाने तथा विकी आंदोलन को आगे बढ़ाने में योगदान करने का प्रमुख अवसर है। +वो मंगलवार, १ सितम्बर २०२० को पूरा यातायात द्वितीयक आँकड़ा केन्द्र पर बदल देंगे। +संपर्क सूत्र निर्वाचन सितंबर २०२० सूचना +कम्युनिटी टेक टीम (Community Tech team) अनुभवी विकिमीडिया संपादकों के लिए साधनों पर केंद्रित है। आप क��सी भी भाषा में प्रस्ताव लिख सकते हैं, और हम उन्हें आपके लिए अनुवाद करेंगे। आपका धन्यवाद! हम आपके प्रस्तावों को देखने के लिए उत्सुक हैं! +सर्वेक्षण में, अनुभवी संपादकों के लिए नए और बेहतर उपकरणों की इच्छा एकत्र की जाती है। मतदान के बाद, हम आपकी इच्छाओं को पूरा करने की पूरी कोशिश करेंगे। हम सबसे लोकप्रिय विषयों के साथ शुरुआत करेंगे। +हम आपके वोटों का इंतजार कर रहे हैं। धन्यवाद! +सदस्य बनने के लिए अंग्रेज़ी का उत्तम ज्ञान आवश्यक नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर अनुवाद तथा भाषांतरण की सहायता दी जाएगी। सहभाग लेने के व्ययों की प्रतिपूर्ति के लिए सदस्यों को भत्ता दिया जाएगा। इसकी राशि हर दो माह में 100 यू एस डॉलर होगी। +हम ऐसे व्यक्ति खोज रहे हैं जिनमें निम्नोक्त में से कुछ कौशल हों +* अन्य लोगों के साथ मिलकर लेखन कर सकें (सिद्ध अनुभव को प्राधान्य) +* मध्यमार्ग ढूँढने के लिए तत्पर हों +* समावेशता तथा विविधता पर ध्यान देते हों +* सामुदायिक परामर्श का ज्ञान रखते हों +* गैर-सरकारी संस्थाओं अथवा समुदायों में संचालन अथवा संगठन का अनुभव रखते हों +समिति का 15 सदस्यों से कार्य आरंभ करना अपेक्षित है। यदि 20 से अधिक प्रत्याशी होंगे तो चुनाव और चयन की एक मिश्रित प्रक्रिया की जाएगी। यदि 19 या इससे कम प्रत्याशी हुए तो बिना चुनाव के चयन प्रक्रिया की जाएगी। +संदेश को मेटा-विकी पर अतिरिक्त भाषाओं में अनुवादित किया गया है।'' +न्यासी मंडल आगामी बोर्ड चुनावों के बारे में कॉल फॉर फीडबैक तैयार कर रहा है। यह ७ जनवरी १० फरवरी २०२२ के बीच होगा। +भले ही कॉल फॉर फीडबैक का विवरण एक सप्ताह पहले दिया जाएगा, हमने दो प्रश्नों की पुष्टि की है जो कॉल फॉर फीडबैक के दौरान प्रतिक्रिया के लिए पूछे जाएंगे: +* न्यासी मंडल के बीच उभरते समुदायों का निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? +* चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की भागीदारी कैसी होनी चाहिए? +भले ही अतिरिक्त प्रश्न जोड़े जा सकते हैं, लेकिन आंदोलन रणनीति और शासन टीम समुदाय के सदस्यों और सहयोगियों को विचार विमर्श के लिए समय प्रदान करना चाहती हैं। प्रश्नों की पूरी सूची नहीं होने के लिए हम माफी माँगते हैं। प्रश्नों की सूची केवल एक या दो प्रश्नों से बढ़नी चाहिए। हमारा इरादा अनुरोधों के साथ समुदाय को अभिभूत करना नहीं है। +क्या आप स्थानीय बातचीत को व्यवस्थित करने में मदद करना चाहते हैं +यदि आपके कोई प्रश्न हैं तो हमसे संपर्क करें। आंदोलन रणनीति और शासन टीम में ३ जनवरी तक कर्मचारियों की कमी होगी। कृपया विलंबित प्रतिक्रिया को क्षमा करें; यदि हमारा संदेश आपकी छुट्टियों के दौरान आपके पास पहुँचा है तो हम क्षमा चाहते हैं। +समुदाय २८ जनवरी और ११ फ़रवरी के बीच प्रस्तावों पर मतदान करेंगे। +न्यासी बोर्ड चुनाव के लिए प्रतिक्रिया आह्वान शूरु हो गए है +प्रतिक्रिया आह्वान:न्यासी मंडल चुनाव शूरु हो गए है और ७ फरवरी २०२२ को बंद हो जाएंगे। +इस प्रतिक्रिया आह्वान पहल में, हमारा दृष्टिकोण २०२१ की प्रक्रिया से सामुदायिक प्रतिक्रिया को शामिल करना होगा। चर्चा प्रमुख प्रश्नों पर केंद्रित होगी। इरादा सामूहिक बातचीत और सहयोगी प्रस्ताव विकास को प्रेरित करना है। +प्रतिक्रिया आह्वान के दौरान दो पुष्ट प्रश्न पूछे जाएंगे: +# निर्वाचित उम्मीदवारों के बीच उभरते समुदायों का निष्पक्ष प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है न्यासी मंडल समझता है कि उम्मीदवारों का चयन विकिमीडिया आंदोलन की पूर्ण विविधता का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। वर्तमान प्रक्रियाओं ने उत्तरी अमेरिका और यूरोप के स्वयंसेवकों का पक्ष लिया है।'' +# चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की भागीदारी कैसी होनी चाहिए परंपरागत रूप से, न्यासी मंडल के उम्मीदवारों ने आवेदन पूरे किए और सामुदायिक सवालों के जवाब दिए। एक चुनाव स्वयंसेवकों के रूप में उम्मीदवारों की स्थिति की सराहना करते हुए उम्मीदवारों में उचित अंतर्दृष्टि कैसे प्रदान कर सकता है +प्रतिक्रिया आह्वान के दौरान एक अतिरिक्त प्रश्न पूछा जा सकता है। +आंदोलन रणनीति और शासन समाचार प्रकाशन ५ +आंदोलन रणनीति और शासन समाचार के पांचवें प्रकाशन में आपका स्वागत है (जिसे पहले सार्वभौमिक आचार संहित समाचार के रूप में जाना जाता था संशोधित संवादपत्र आंदोलन घोषणापत्र, सार्वभौमिक आचार संहिता, आंदोलन रणनीति कार्यान्वयन अनुदान, न्यासी मंडल चुनाव और आंदोलन रणनीति और शासन से संबंधित अन्य प्रासंगिक विषयों के बारे में समाचार को वितरित करता है। +टीम टास्क फोर्स की जिम्मेदारियां क्या हो सकती है, इस पर सामुदायिक प्रतिक्रिया चाहती है। इसके अलावा, यदि कोई भी समुदाय सदस्य इस १२-सदस्यीय टास्क फ��र्स का हिस्सा बनना चाहता है, तो कृपया तो कृपया हमसे संपर्क करें। प्रतिक्रिया अवधि २५ फरवरी २०२२ तक है। +२ इच्छुक समुदाय के सदस्य Google Meet के माध्यम से 18 फरवरी, शुक्रवार को एक क्षेत्रीय चर्चा में शामिल हो सकते हैं। +सार्वभौमिक आचार संहिता (UCoC) प्रवर्तन दिशानिर्देश और अनुसमर्थन वोट +यह जानकारी न्यासी बोर्ड और चुनाव समिति के साथ साझा की जाएगी ताकि वे आगामी न्यासी बोर्ड के चुनाव के बारे में सूचित निर्णय ले सकें। न्यासी बोर्ड आंतरिक चर्चा के बाद एक घोषणा करेगा। +चुनाव प्रक्रियाओं में सुधार के लिए भाग लेने और मदद करने के लिए धन्यवाद। +UCoC प्रवर्तन दिशानिर्देशों के लिए अनुसमर्थन मतदान शुरू हो गए है (७ २१ मार्च २०२२ +मरियाना इस्कंदर के साथ दक्षिण एशिया ESEAP सम्बंधित वार्षिक योजना की बैठक +बातचीत इन सवालों के बारे में है: +* विकिमीडिया फाउंडेशन क्षेत्रीय स्तर पर काम करने के बेहतर तरीके तलाश रहा है। हमने अनुदान, नई सुविधाओं और सामुदायिक बातचीत में अपना ध्यान बढ़ाया है। हम और कैसे सुधार कर सकते हैं? +* कोई भी आंदोलन रणनीति प्रक्रिया में योगदान कर सकता है। हम आपकी गतिविधियों, विचारों और अनुरोधों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं। विकिमीडिया फाउंडेशन आंदोलन रणनीति गतिविधियों में काम कर रहे स्वयंसेवकों और एफिलिएटस के लिए अपने समर्थन में सुधार कैसे कर सकता है? +==उम्मीदवारों के लिए आह्वान: २०२२ ट्रस्टी बोर्ड चुनाव== +ट्रस्टी बोर्ड विकिमीडिया फाउंडेशन के संचालन की देखरेख करता है। समुदाय और एफिलिएट चयनित ट्रस्टी और बोर्ड द्वारा नियुक्त ट्रस्टी, ट्रस्टी बोर्ड बनाते हैं। प्रत्येक ट्रस्टी तीन साल का कार्यकाल पूरा करता है। विकिमीडिया समुदाय के पास समुदाय और एफिलिएट चयनित न्यासियों के लिए मतदान करने का अवसर है। +विकिमीडिया समुदाय २०२२ में ट्रस्टी बोर्ड में दो सीटों का चुनाव करने के लिए मतदान करेगा। यह ट्रस्टी बोर्ड के प्रतिनिधित्व, विविधता और विशेषज्ञता में सुधार करने का एक अवसर है। +आंदोलन रणनीति और शासन टीम आगामी न्यासी बोर्ड के चुनाव में चुनाव स्वयंसेवकों के रूप में सहयोग करने के लिए समुदाय सदस्यों की तलाश कर रहा है। +२०१७ में भाग नहीं लेने वाले कुल ७४ विकियों ने २०२१ के चुनाव में मतदान किया। क्या आप भागीदारी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं? +चुनाव स्वय��सेवक निम्नलिखित क्षेत्रों में मदद करेंगे: +* छोटे संदेशों का अनुवाद करना, और सामुदायिक स्थानों में चल रही चुनाव प्रक्रिया की घोषणा करना। +वैकल्पिक टिप्पणियों और प्रश्नों के लिए सामुदायिक स्थानों की निगरानी करना। +स्वयंसेवकों को चाहिए की वह: +* बातचीत और कार्यक्रमों के दौरान फ्रेंडली स्पेस नीति बनाए रखें। +* निष्पक्ष तरीके से समुदाय के लिए चुनाव दिशानिर्देश और मतदान की जानकारी प्रस्तुत करें। +२०२२ चुनाव कम्पास के लिए प्रस्तावित वक्तव्य +चुनाव कम्पास एक ऐसा उपकरण है जो मतदाताओं को उन उम्मीदवारों का चयन करने में मदद करता है जो उनके विश्वासों और विचारों के साथ सर्वोत्तम रूप से संरेखित होते हैं। समुदाय के सदस्य वक्तव्यों का प्रस्ताव रखेंगे और उम्मीदवार लिकर्ट स्केल (सहमत/निष्पक्ष/असहमत) का उपयोग करके जवाब देंगे। वक्तव्यों के जवाब चुनाव कंपास उपकरण पर अपलोड किए जाएंगे। मतदाता इस टूल का उपयोग वक्तव्यों पर उत्तर (सहमत/निष्पक्ष/असहमत) साझा करके करेंगे। परिणाम उन उम्मीदवारों की पहचान करेंगे जो मतदाता के विश्वासों और विचारों के साथ सबसे अच्छी तरह मेल खाते हैं। +* ८ २० जुलाई: चुनाव कंपास के लिए स्वयंसेवक अपने वक्तव्यों को प्रस्तावित करते हैं। +* २१ २२ जुलाई: चुनाव समिति स्पष्टता के लिए वक्तव्यों की समीक्षा करती है और विषय से परे वक्तव्यों को हटा देती है। +* २३ जुलाई १ अगस्त: स्वयंसेवक वक्तव्यों पर मतदान करते हैं। +* २ ४ अगस्त: चुनाव समिति शीर्ष १५ वक्तव्यों का चयन करती है। +* ५ १२ अगस्त: उम्मीदवार खुद को वक्तव्यों के साथ संरेखित करते हैं। +चुनाव समिति अगस्त की शुरुआत में शीर्ष १५ वक्तव्यों का चयन करेगी। चुनाव समिति, आंदोलन रणनीति और अनुशासन टीम के समर्थन के साथ, प्रक्रिया की देखरेख करेगी। आंदोलन रणनीति और अनुशासन टीम प्रश्नों की स्पष्टता, दोहराव, गलतियों आदि की जांच करेगी। +''यह संदेश बोर्ड चयन कार्य बल और चुनाव समिति की ओर से भेजा गया है।'' +२०२२ न्यासी बोर्ड चुनाव के लिए सामुदायिक मतदान ख़त्म होने वाली है +आपको निर्णय लेने में सहायता स्वरुप कुछ संसाधन दिए गए हैं: +सार्वभौमिक आचार संहिता के लिए संशोधित प्रवर्तन दिशानिर्देशों पर आगामी मतदान +कौन मतदान कर सकता है +स्वयंसेवकों के एक स्वतंत्र समूह द्वारा मतों की जाँच की जाएगी, और इनके परिणाम विकिमीडिया-I, आंदोलन रणनीति फोरम, डिफ और मेटा-विकी पर प्रकाशित किए जाएँगे। मतदाता पुनः मतदान करने और दिशानिर्देशों के बारे में अपनी चिंताओं को साझा करने में सक्षम होंगे। न्यासी बोर्ड समर्थन के स्तर और उठाई गई चिंताओं को देखेगा क्योंकि वे यह देखते हैं कि प्रवर्तन दिशानिर्देशों को किस प्रकार अनुसमर्थित किया जाना चाहिए या आगे विकसित किया जाना चाहिए। +यूसीओसी (UCoC) प्रोजेक्ट टीम की ओर से +यह अद्यतन कुछ चीजों के बारे में है: +* सार्वभौमिक आचार संहिता को लागू करना; +* अघोषित भुगतान संपादन को बेहतर ढंग से संबोधित करने का प्रस्ताव; +* यूरोपीय डिजिटल सेवा अधिनियम सहित विकिमीडिया फाउंडेशन को प्रभावित करने वाले वर्तमान और हाल ही में पारित कानूनों के अनुरूप हमारी उपयोग की शर्तों को अद्यतन करना| +प्रतिक्रिया प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, दो कार्यालयीन समय आयोजित किए जाएंगे-पहला २ मार्च को और दूसरा ४ अप्रैल को। +विकीमीडिया फाउंडेशन कानूनी विभाग की ओर से, +सभी विकिज़ लघु समय के लिए पढ पायेगे लेकिन इसे संपादित नही कर सकते +*यदि आप इस समय के दौरान सम्पादन अथवा सहेजने का प्रयास करेंगे तो आपको एक त्रुटि सन्देश दिखाई देगा। हम आशा करते हैं कि इस समय के दौरान कोई सम्पादन लुप्त नहीं होगा लेकिन हम इसकी प्रत्याभूति नहीं करते। यदि आपको कोई त्रुटि सन्देश दिखाई देता है तो कृपया सब कुछ सामान्य होने तक प्रतीक्षा करें। तब आपको अपने सम्पादन सहेजने चाहिए। लेकिन, हम अनुशंसा करते हैं कि आप अपने परिवर्तनों की एक प्रति पहले ही बना लें,जिसकी शायद जरूरत पड़े। +*पृष्ठभूमि की नौकरियां धीमी होंगी और कुछ को स्खलित किया जा सकता है। लाल कड़ियाँ सामान्य गति से अद्यतन नहीं हो सकती हैं। यदि आपने कोई लेख निर्मित किया है जो पहले से कहीं जुड़ा हुआ है, तो कड़ी सामान्य से अधिक समय तक लाल रहेगी। कुछ लम्बे समय तक चलने वाली लिपि रुकी रहेंगी। +* हम अपेक्षा करते हैं कि कोड परिनियोजन अन्य किसी सप्ताह की तरह ही होगा। यद्यपि, कुछ विषयानुसार कोड यथासमय बन्द रह सकेगा यदि सम्बंधित संक्रिया की तदुपरांत आवश्यकता होगी। +विकिमेनिया २०२३ स्वागत कार्यक्रम प्रस्तुतियाँ +नई चुनाव समिति के सदस्यों की घोषणा +उन सभी समुदाय सदस्यों को धन्यवाद जिन्होंने विचार के लिए अपने नाम प्रस्तुत किए। हम निकट भविष्य में चुनाव समिति के साथ ��ाम करने के लिए उत्सुक हैं। + + +अलीगढ़ उत्तर भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक शहर है। यह अलीगढ़ जिला का मुख्यालय भी है। यह कानपुर के उत्तर-पश्चिम में 203 किलोमीटर की दूरी पर है और नई दिल्ली से यह दूरी लगभग 140 किलोमीटर है। यह अपने ताले के उद्योग और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिये प्रख्यात हैं। यह उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक है और भारत के 55वें सबसे बड़े शहरों में इसे गिना जाता है। +अठारहवीं सदी से पहले इसे "कोल" के नाम से जाना जाता था। इसका इतिहास बारहवीं शताब्दी तक का इतिहास धुंधला सा है। इसके बारे में उससे पहले तक की कोई जानकारी नहीं है। आयरलैंड के वकील एडविन एटकिनसन के अनुसार इस जगह की स्थापना और नामकरण राजपूतों ने वर्ष 372 में किया था। +वर्ष 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली से यहाँ आया था। इसके कब्जे के बाद अकबर और जहाँगीर यहाँ शिकार करने आते थे। जहाँगीर ने कोल के जंगलों के बारे में अच्छी तरह उल्लेख किया था। उसने यह भी बताया था कि उसने भेड़िया का शिकार भी किया था। इब्राहीम लोधी के समय उमर का पुत्र, मुहम्मद ने कोल में लोधी किले का निर्माण किया था, इसका नाम कोल से मुहम्मदगढ़ कर दिया था। इसके बाद साबित खान उस क्षेत्र का शासक बना और लोधी किले का फिर से निर्माण कर उसका नाम अपने नाम पर साबितगढ़ किला और शहर का नाम साबितगढ़ रख लिया। +जाट शासक सुरजमल ने जयपुर के शासक जय सिंह के साथ मिल कर इसपर कब्जा कर लिया और इसका नाम रामगढ़ कर दिया। फिर उसके बाद नजफ़ खान ने इस पर कब्जा कर इसका नाम अलीगढ़ और किले का नाम अलीगढ़ किला कर दिया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है। उसके बाद इसमें कुछ सुधार फ्रांसीसी अधिकारियों और वहाँ के कलाकारों ने भी किया था। +1803 में मैसूर की शक्ति समाप्त होने के बाद पूरे भारत में केवल मराठाओं के पास ही अंग्रेजों से लड़ने हेतु शक्ति बची थी। 1 सितम्बर 1803 में अलीगढ़ किले पर अंग्रेजों और मराठाओं के मध्य लड़ाई हुआ था। इसके बाद अंग्रेजों ने अलीगढ़ पर भी कब्जा कर लिया था। यह कब्जा वर्ष 1947 तक रहा। उसके बाद अंग्रेजों से भारत को आजादी मिल गई। +अलीगढ़ में मॉनसून-प्रभावित आर्द्र वाला क्षेत्र है, जिसकी जलवायु उपोष्णकटिबंधीय है। इसका मौसम उत्तर-मध्य भारत के शहरों जैसा ही है। यहाँ गर्मी की शुरुआत अप्रैल में हो जाती है और मई में तापमान सबसे अधिक रहता ह���। इसका औसत तापमान 28–38 °C (82–100 °F) के मध्य रहता है। मानसून वाला मौसम जून के अंत में शुरू हो जाता है और अक्टूबर तक इसी तरह जारी रहता है, जिसके कारण उच्च आर्द्रता होती है। मानसून के समय यहाँ साल में सबसे अधिक वर्षा होती है। इन महीनों में 800 मिलीमीटर तक बारिश होती है। अक्टूबर के बाद से धीरे धीरे ठंड की शुरुआत हो जाती है और यह ठंड फरवरी तक चलती है। इस दौरान यहाँ का औसत तापमान 5–11 °C (41–52 °F) के मध्य रहता है। शीत ऋतु में अलीगढ़ का मौसम हल्का ठंडा ही होता है। लेकिन वर्ष 2011 और 2012 के मध्य तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। उस दौरान तापमान 1 °C तक चला गया था। इस दौरान ठंड और धुंध अपनी चरम पर था। +वर्तमान में अलीगढ़ का सबसे करीबी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उससे 140 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। अतः यदि आपको अलीगढ़ से दूसरे किसी देश जाना है तो आपको 140 किलोमीटर दूरी तय करते हुए, इन्दिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली में जाना होगा। अलीगढ़ में भी हवाई अड्डा है, जो अभी बन रहा है। यह धानीपूर में राष्ट्रीय राजमार्ग 91 में स्थित है। उत्तर प्रदेश की सरकार ने 2014 में इसके निर्माण हेतु भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से अनुमति ली थी। +अलीगढ़ रेलवे स्टेशन यहाँ का मुख्य स्टेशन है। दिल्ली और कोलकाता में आने जाने का मार्ग भी इसी से होते हुए जाता है। यह इस मार्ग का सबसे पुराना स्टेशन है। इससे आप अलीगढ़ से होते हुए पश्चिम बंगाल ओड़ीशा बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहर और अन्य जगहों के भी महत्वपूर्ण जगहों में भी जा सकते हैं। जैसे नई दिल्ली मुंबई कोलकाता भोपाल इन्दौर जम्मू ग्वालियर झाँसी, पुरी, कानपुर आगरा और वाराणसी]]। इस स्टेशन में हर दिन लगभग 136 रेल चलती है और दो लाख से अधिक सवारी ले कर चलती है। +इसमें कुछ रेलों में पूर्व एक्सप्रेस 3 बजकर 48 मिनट में, वैशाली एक्सप्रेस 4 बजे, प्रयाग राज एक्सप्रेस 4 बज कर 28 मिनट में, कैफियत एक्सप्रेस 4 बज कर 45 मिनट में चलती है। शाम 6 बजे के आसपास जयनगर आनन्द विहार गरीब रथ एक्सप्रेस चलती है। इसका समय शाम 6 बजकर 14 मिनट रहता है। लेकिन यह रेल हर दिन न चल कर केवल मंगलवार और शनिवार को ही चलती है। इसी की तरह भागलपुर आनन्द विहार गरीब रथ एक्सप्रेस सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को 6 बज कर 15 मिनट में चलती है। लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस हर दिन 7 बज कर 52 मिनट पर और स्वत���त्र सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस 10 बज कर 25 मिनट पर हर दिन चलती है। कानपुर नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस 9 बजकर 4 मिनट पर चलती है, लेकिन यह रविवार को नहीं चलती, पर बाकी सभी दिन आप इसमें सफर कर सकते हैं। +अलीगढ़ से दिल्ली 140 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहाँ उत्तर प्रदेश राज्य सड़क यातायात निगम की बसें चलती है। यह बसें उत्तर प्रदेश के सभी शहरों के अलावा उत्तराखंड राजस्थान मध्य प्रदेश और हरियाणा के शहरों में भी चलती हैं। आप इस बस सेवा के उपयोग से इनमें से किसी भी शहर में जा सकते हैं। +अभी तक इस निगम की दो बस स्टेशन बनी हुई है। तीसरी का निर्माण चल रहा है। इसमें अलीगढ़ बस स्टेशन और मसूदाबाद बस स्टेशन है। इनमें से अलीगढ़ बस स्टेशन को और अच्छा करने के लिए फिर से कुछ हिस्सों को नया बनाया जा रहा है। अभी मसूदाबाद स्टेशन में कोई काम नहीं चल रहा है तो आप वहाँ से भी आसानी से बस ले सकते हैं। रसुलाबाद बस स्टेशन का निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके निर्माण के साथ ही इसके तीन बस स्टेशन हो जाएँगे। +content एक बहुत पुराना और भारत के सबसे मजबूत किलों में से एक है। इसका निर्माण इब्राहीम लोधी के समय उमर के पुत्र मुहम्मद ने 1524 से 1525 के मध्य बनवाया था। इसका नाम उसने अपने नाम से मुहम्मद किला कर दिया। उसके बाद धीरे धीरे अन्य शासकों के आने के बाद इसका नाम भी बदलने लगा था। बाद में इस क्षेत्र और किले का नाम अलीगढ़ रख दिया गया, जो आज भी इसी नाम से जाना जाता है। यह किला बरौली मार्ग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उत्तर में पहाड़ों पर बना है। यह हर ओर से 30 फीट ऊँचा है। अब यह किला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नियंत्रण में है। यह विश्वविद्यालय इस किले के आंतरिक स्थान को अपने विद्यार्थियों को वनस्पति विज्ञान पढ़ाने के लिए उपयोग करती है। +content यह कुछ बहुत पुराने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना सय्यद अहमद खान ने "मद्रासतुल उलूम मसूलमनन-ए-हिन्द" के रूप में की थी। इसका नाम अंग्रेजों के शासन काल के समय एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज कर दिया गया था। वर्ष 1920 में इसका नाम फिर बदला गया और उस समय से अब तक इसका नाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय है। +content इस शहर में अचल ताल के पास, धर्म समाज महाविद्यालय के सामने कई पुराने हिन्दू मन्दिर हैं। यहाँ चार कोणों में चार मन्दिर है। इन सभी चार मंदिरों को हिन्दू स���द्ध पीठ बोला जाता है। खेरेश्वर धाम भी पुराने शिव मन्दिर के कारण जाना जाता है, जो हरिदासपुर में स्थित है। यह अलीगढ़ से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भी शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। +content यह मस्जिद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर के हृदय में स्थित है। सय्यद अहमद खान का मकबरा भी इसी मस्जिद से जुड़ा हुआ है। इसकी रचना वैसे ही की गई है जैसे मुगल बादशाहों द्वारा बनाए गए मस्जिद में होती है। +content यह अलीगढ़-आगरा राजमार्ग में है। इसके लिए आपको मुख्य शहर से 20 मिनट की दूरी तय करनी पड़ेगी। +content विश्वविद्यालय के परिसर में उपस्थित है। +content यह कानून संकाय विश्वविद्यालय के पास ही उपस्थित है। +content शेखा गाँव के समीप स्थित एक झील है। यह अलीगढ़ के 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह पक्षियों के कारण जाना जाता है, सर्दियों के अंत में यहाँ आ जाते हैं। यहाँ का पानी ताजा रहता है। इसमें 1852 में बदलाव करने के बाद से इसमें केवल ताजा पानी ही रहता है। इसकी देख रेख वन विभाग करते हैं। आप यहाँ नवम्बर से फरवरी के मध्य आ सकते हैं, क्योंकि यह यहाँ आने का बहुत अच्छा समय माना जाता है। यह लोगों के लिए जनवरी 2015 को खोल दिया गया था। यहाँ आने के लिए ₹10 रुपये ही खर्च करने होते हैं। इस गाँव के कई जानवर और लोग यहाँ आना जाना करते रहते हैं, जो पक्षियों के लिए परेशानी बन चुका है। +यहाँ रोज 5000 हजार से भी अधिक विद्यार्थी, शिक्षक और विश्वविद्यालय के अन्य सदस्य आते हैं। यहाँ पढ़ने के लिए पाँच कमरे हैं और 1150 लोगों के बैठने हेतु जगह है। पढ़ने का कमरा हर दिन 18 घंटे घुला रहता है। इस पुस्तकालय में कम्प्युटर प्रयोगशाला भी है, जहाँ से डिजिटल जानकारी भी प्राप्त किया जा सकता है। आप विश्वविद्यालय के परिसर में होते हुए भी आसानी से 43,000+ पुस्तकों को देख सकते हैं। इसके मुक्त पुस्तकालय डाटाबेस में 20,00,000 पाठ्य को स्केन कर के रखा गया है। इसमें आपको गणित, रसायन, भूगोल, जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान आदि की किताबें मिल सकती है। +content =यहाँ आप पारंपरिक भारतीय कपड़े खरीद सकते हैं। +content =थोड़ा अविकसित है और गाड़ी खड़े करने के लिए जगह की व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण आपको वाहन खड़े करने में परेशानी हो सकती है, लेकिन आपको यहाँ लगभग हर चीज मिल सकता है जो आप हर दिन घर में उपयोग करने के लिए ढूंढते रहे हैं। इसके अलावा यहाँ आप कारखानों से जुड़ा ���ामान भी खरीद सकते हो। +content =अलीगढ़ यहाँ बनने वाले तालों के कारखानों के कारण काफी प्रसिद्ध है। आप यहाँ के स्थानीय बाजार में कुछ अलग और नए तरह के ताले खरीदने में अपना थोड़ा समय लगा सकते हैं। +अलीगढ़ में कई व्यंजन चखे जा सकते हैं। बिरयानी, छोले भटूरे, डोसा, और चाउमिन सड़क किनारे दुकानों और ठेलों पर जगह जगह मिल जाएंगी। होटल अमीर निशां बाजार, समद रोड और सेंटर पॉइंट पर मिल जाएंगे। रसलगंज बाजार में भी कुछ सस्ते होटल मौजूद हैं। +content यह भोजनालय सुबह 10:30 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। यहाँ चीनी और भारतीय व्यंजन मिलता है। +content यह भोजनालय सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। कबाब, चिकन, मछली आदि इसकी विशेषता है। +content यह भोजनालय बुधवार को बंद रहता है और बाकी दिन सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। इनके व्यंजन में पूरी तरह शाकाहारी भोजन आते हैं। आप बिल को नगद या अपने कार्ड से भी दे सकते हैं। +content यह विश्वविद्यालय के पास है और काफी कम दाम में रह सकते हैं। +content यह भी विश्वविद्यालय के पास ही है और यहाँ भी काफी कम दाम में आप रह सकते हैं। + + +अहमदाबाद भौतिकवादी दृष्टिकोण और आत्म-त्याग की आध्यात्मिकता के बीच अंतर का एक अच्छा उदाहरण है। भारत में सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक, अहमदाबाद सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और उद्योगों का केंद्र है। भद्रा किला, हिलती हुई मीनारें और त्रान दरवाजा शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं। कांकरिया झील और वस्त्रापुर झील ऐसी जगहें हैं जो आपको प्रकृति के आनंद का एहसास कराती हैं। यदि आप इस क्षेत्र के रंगीन पक्ष का आनंद लेना चाहते हैं, तो अहमदाबाद के प्रमुख त्योहारों के दौरान एक यात्रा करें: उत्तरायण और नवरात्रि दो त्यौहार हैं जो बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। शहर घूमने के लिए सर्दियों का समय सबसे अच्छा माना जाता है। +नीचे का वर्गीकरण अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के अनुसार है। पश्चिम क्षेत्र और नया पश्चिम क्षेत्र साबरमती नदी के पश्चिम की ओर हैं जबकि अन्य सभी क्षेत्र पूर्व की ओर हैं। +इस क्षेत्र में ज्यादातर अहमदाबाद के चारदीवारी वाले शहर और पुराने समय की प्रसिद्ध मुगल वास्तुकला शामिल हैं। मुख्य अहमदाबाद रेलवे स्टेशन (ADI) कालूपुर में है। +एसवीपी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एएमडी) हंसोल में है। असरवा अहमदाबाद सिविल अस्पताल के लिए ��ाना जाता है और नरोदा औद्योगिक क्षेत्र है जो अब तेजी से विकसित हो रहा है। +| region3description= कांकरिया झील यहां का बेहद लोकप्रिय और आरामदेह स्थान है। मणिनगर रेलवे स्टेशन मध्य क्षेत्र के कालूपुर में मुख्य रेलवे स्टेशन के वैकल्पिक स्टेशन के रूप में शहर के इस क्षेत्र में कार्य करता है। प्रतिष्ठित अहमदाबाद वडोदरा नेशनल एक्सप्रेसवे 1 सी.टी.एम. से शुरू होता है। +मोटेरा, चांदखेड़ा और वासना तेजी से उपनगर विकसित कर रहे हैं। मोटेरा-चांदखेड़ा, उत्तरी भाग में, राजधानी और जुड़वां शहर गांधीनगर के लिए विसैट-गांधीनगर इंटरसिटी हाईवे (इन्फोसिटी गांधीनगर तक) के माध्यम से बाहर निकलने का काम करता है। साबरमती अहमदाबाद के सबसे पुराने क्षेत्रों में से एक है, जहां उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों के लिए साबरमती रेलवे स्टेशन (एसबीआई) है (मध्य क्षेत्र में कालूपुर में मुख्य रेलवे स्टेशन (एडीआई) के वैकल्पिक स्टेशन के रूप में)। आश्रम रोड और सी जी रोड मुख्य व्यवसाय और वाणिज्यिक क्षेत्र हैं। वासना काफी दक्षिणी भाग में है और एक औद्योगिक क्षेत्र है। +उनमें से ज्यादातर उपनगरों का विकास कर रहे हैं। IIM-अहमदाबाद, भारत के सबसे अच्छे बिजनेस स्कूलों में से एक, वस्त्रपुर में है। वस्त्रपुर झील नवनिर्मित कृत्रिम झील है। रानिप साबरमती के करीब है और मध्य भारत से के लिए ट्रेनों के लिए साबरमती रेलवे स्टेशन (SBT) है (मध्य क्षेत्र में कालूपुर में मुख्य रेलवे स्टेशन (ADI) के लिए एक वैकल्पिक स्टेशन के रूप में)। बोदकदेव और वस्त्रपुर वाणिज्यिक केंद्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। सरखेज एसजी हाईवे का अहमदाबाद छोर है जो पश्चिमी तरफ गांधीनगर से जुड़ता है। +शहर की स्थापना 11वीं शताब्दी में राजा कर्णदेव (कर्ण) ने की थी और मूल रूप से इसे "कर्णावती" कहा जाता था। कर्णावती के हिंदू साम्राज्य ने 1411 तक अपना महत्व बरकरार रखा जब सुल्तान अहमद शाह ने गुजरात पर विजय प्राप्त की और पास में एक नया शहर बनाया, जिसका नाम अहमदाबाद रखा गया। +शहर साबरमती नदी के पूर्व में एक खुले और विशाल मैदान में बनाया गया था। इसमें भद्रा किले के रूप में एक छोटा ज्ञात किला शामिल था। नगर की दीवार में बारह द्वार थे। नदी के दोनों किनारों पर सुंदर इमारतों, झीलों और मस्जिदों के साथ शहर ने धीरे-धीरे हर दिशा में विस्तार किया। +1753 में रघुनाथ राव और दामाजी गायकवाड़ की संयुक���त सेनाओं ने अहमदाबाद में मुगल शासन को समाप्त करते हुए किले पर अधिकार कर लिया। गायकवाड़ और पेशवा के 64 वर्षों के शासन के दौरान, शहर स्वच्छ हो गया। 1818 में अंग्रेजों ने अहमदाबाद पर कब्जा कर लिया। इस अवधि के दौरान नगर पालिका समिति की स्थापना की गई और एक रेलवे लिंक स्थापित किया गया। +अंग्रेजों ने खुद को छावनी क्षेत्र तक सीमित कर लिया और शहर में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ली। न ही वे अहमदाबाद को सांस्कृतिक रूप से उपनिवेश बनाने में सफल रहे उन्होंने पूरे शहर में स्कूल, चर्च और क्लब स्थापित नहीं किए, जैसा कि उन्होंने अन्य शहरों में किया था, उन्होंने अपने जीवन के तरीके को एकीकृत किया। +अहमदाबाद महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम की मेजबानी होने के कारण, भारत की स्वतंत्रता के लिए अहिंसक आंदोलन का उद्गम स्थल था। अहमदाबाद समृद्ध परंपरा और आधुनिक अनुभव का मिश्रण है। +गुजराती समुदाय अपने आतिथ्य और चतुर व्यवसायी होने के लिए जाना जाता है। अहमदाबाद एक बड़ा औद्योगिक शहर है जो अपने कपड़ा उद्योग के लिए लंबे समय से प्रसिद्ध है, और आज अपने रासायनिक, पेट्रोलियम, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और आईटी उद्योगों के लिए और भी अधिक प्रसिद्ध है। यह अपने वित्तीय सेवा उद्योग के लिए और जैन धर्म के आधुनिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। शहर में भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय (पीडीपीयू धीरूभाई अंबानी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी संस्थान, आईएचएम, एमआईसीए, ईडीआई, निरमा विश्वविद्यालय, स्वामीनारायण गुरुकुल, सीईपीटी (सीईपीटी) जैसे संस्थान हैं। पर्यावरण योजना और प्रौद्योगिकी केंद्र) विश्वविद्यालय और निफ्ट। +ग्रीष्म ऋतु मार्च के मध्य से प्रारंभ होकर मध्य जून तक रहती है। मई में एक गर्म, धूप वाले दिन का सामान्य तापमान 34-44 डिग्री सेल्सियस (93-111 डिग्री फारेनहाइट) होता है। गर्मियों के दौरान यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। मध्य जून तक मानसून के आगमन के साथ, शहर एक मजेदार जगह बन जाता है। आप शहर के विभिन्न मानसून विशिष्टताओं का आनंद लेने में सक्षम होंगे जैसे कि सड़क किनारे स्टालों पर उबले हुए या भुने हुए मकई के व्यंजन या कुछ विशेष स्थानीय व्यंजन जैसे। कुछ प्रसिद्ध हिंदू त्यौहार भी हैं जैसे रक्षाबंधन (या राखी) और जन्माष्टम, भगवान कृ��्ण की जन्मतिथि, जो इस मौसम में आते हैं। आप कभी-कभी बाढ़ में समाप्त हो सकते हैं। शहर का दौरा करने के लिए सर्दी सबसे अच्छा मौसम है जब सामान्य तापमान 5-20 डिग्री सेल्सियस (41-68 डिग्री फारेनहाइट) होता है। +अहमदाबाद समुद्र से 174 फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित है। शहर के मध्य से साबरमती नदी गुजराती है, जो गर्मी के मौसम में सूख जाती है। वर्षाकाल के अलावा पूरे वर्ष गर्मी रहती है। शहर का सबसे उच्च तापमान 48 डिग्री व न्यूनतम 5 डिग्री रहता है। +अंतर्राष्ट्रीय उड़ान कनेक्शन में मस्कट लंदन हीथ्रो एयर इंडिया कुवैत (कुवैत एयरवेज दुबई (अमीरात दोहा (कतर एयरवेज शारजाह एयर अरेबिया) और सिंगापुर सिंगापुर एयरलाइंस) शामिल हैं। +दैनिक उड़ानों वाले घरेलू गंतव्यों में मुंबई दिल्ली इंदौर चेन्नई बैंगलोर गोवा कोलकाता जयपुर पुणे कोयंबटूर हैदराबाद नागपुर कांडला और सूरत शामिल हैं। अधिकांश घरेलू एयरलाइनों के पास अहमदाबाद के भीतर और बाहर उड़ानें हैं। +सुबह आने वाले यात्रियों को सलाह दी जाती है कि अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल 24 घंटे खुला नहीं रहता है, और हो सकता है कि देर दोपहर तक न खुले। जैसा कि अन्य भारतीय हवाईअड्डों पर होता है, आपको अपनी निर्धारित उड़ान से लगभग तीन घंटे पहले तक प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा, भले ही टर्मिनल खुला हो। इसलिए, एक घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान के बीच जुड़ने में अक्सर दलालों और हसलरों की भीड़ के साथ घंटों बाहर इंतजार करना पड़ता है। +हवाई अड्डे से शहर जाने के लिए कई विकल्प हैं: +कार द्वारा: हंसोल क्षेत्र जहां हवाई अड्डा नदी के किनारे स्थित है, शाहीबाग और नरोदा के क्षेत्रों के बीच जो अहमदाबाद तक पहुंच प्रदान करते हैं। अहमदाबाद के अधिकांश मुख्य क्षेत्रों की यात्रा के लिए शाहीबाग की दिशा में चलें। नदी के किनारे के विपरीत मटेरा चांदखेड़ा का क्षेत्र है जो अहमदाबाद के उत्तरी छोर हैं और कोटेश्वर भाट रोड कोटेश्वर के माध्यम से मोटेरा में प्रवेश करता है) या रिंग रोड विसाट की ओर जाता है, तपोवन सर्किल पर बाएं मुड़कर) के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। ये दोनों सड़कें एयरपोर्ट सर्कल (हवाई अड्डे से नरोदा की दिशा में) से कोबा सर्कल (एयरपोर्ट सर्कल से इंदिरा ब्रिज पर बाएं मुड़ें) तक सड़क पर अलग-अलग बिंदुओं पर शाखा करती हैं। साथ ही विसाट के लिए बाएं मुड़ने के बजाय सीधे रिंग रोड पर जाकर एस��ी हाईवे तक पहुंचा जा सकता है। +* एक ऑटो रिक्शा या एक टैक्सी की कीमत क्रमशः ₹ 200 या 300 होनी चाहिए। प्रीपेड बूथ का उपयोग करके अपने आप को काफी परेशानी से बचाएं, या अपने होटल के साथ अग्रिम रूप से पिकअप की व्यवस्था करें। +AMTS बसें हवाई अड्डे को सीधे सेवा प्रदान करती हैं। इन बसों का पूरे शहर में व्यापक नेटवर्क है। +बीआरटीएस बस नंबर 1000 हवाई अड्डे और कर्णावती क्लब के बीच 29 स्टॉप के साथ चलती है। अधिकतम किराया ₹50 है। बसें एसी हैं और हर 30 मिनट में आती हैं। +भारतीय रेलवे का पूरे भारत में बहुत व्यापक नेटवर्क है और अहमदाबाद (सेंट्रल) रेलवे स्टेशन स्टेशन कोड ADI मुंबई (500 किमी वडोदरा जयपुर से जुड़ा हुआ है। जोधपुर और दिल्ली ट्रेनों के साथ दिन में कई बार। बीकानेर राजकोट, सूरत, वडोदरा, उदयपुर, इंदौर, पुणे, भोपाल, कोलकाता, नागपुर, लखनऊ, वाराणसी, भुवनेश्वर, पुरी, चेन्नई सहित कई अन्य प्रमुख शहरों के लिए दैनिक कनेक्शन (या कई साप्ताहिक कनेक्शन) भी उपलब्ध हैं। नागरकोइल त्रिवेंद्रम बेंगलुरु और कोयम्बटूर। जम्मू, पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, कोल्हापुर, गोवा, मैंगलोर, कोचीन त्रिवेंद्रम हैदराबाद और बैंगलोर के लिए भी सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। +हालांकि महत्वपूर्ण और अच्छी तरह से जुड़े हुए केवल साबरमती जंक्शन हैं +| name=2 पश्चिम और दक्षिण की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए alt=रानीप url email= +रेलवे स्टेशनों से शहर तक +बस टर्मिनल/स्टॉप से शहर तक +नए राजमार्ग NH-8 पर मुंबई से अहमदाबाद के लिए ड्राइविंग 550 किमी की यात्रा के लिए लगभग 8 घंटे (यातायात के बिना) लेती है। आप अपने रास्ते में वापी, वलसाड सूरत भरूच वड़ोदरा आनंद और नडियाद से गुजरेंगे। NH-8 पर गाड़ी चलाना ऊर्जा से भरपूर है और इसमें कोई मज़ा नहीं है क्योंकि यहाँ भारी मात्रा में ट्रक ट्रैफिक है। हाइवे पर टूटे ट्रकों के कारण आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। वडोदरा से अहमदाबाद की यात्रा समर्पित एक्सप्रेस वे एनई-1 के माध्यम से भी की जा सकती है, जो एनएच-8 के बजाय किसी भी शहर से नहीं गुजरती है। +उत्तर और पूर्व के माध्यम से +एक अन्य विकल्प महात्मा मंदिर रोड का उपयोग करते हुए गांधीनगर को बायपास करना है, फिर एस जी राजमार्ग पर सरगासन सर्कल पर दाएं मुड़ना है। आप एसजी हाईवे पर रुक सकते हैं या रिंग रोड पर एसजीवीपी सर्कल (वैष्णोदेवी सर्कल के रूप में भी जाना जाता है) पर दाएं मुड़ सकते हैं। चरम पश्चिमी अहमदाबाद की सीमा के साथ कई प्रवेश बिंदु हैं, जैसे गोटा, ओगनाज, सोला, थलतेज, बोदकदेव, सैटेलाइट, वस्त्रापुर, शिलाज, बोपाल, प्रह्लादनगर, सरखेज (जहां एसजी हाईवे समाप्त होता है) और जुहापुरा। बोपल जाने के लिए एस जी हाईवे के बजाय रिंग रोड का प्रयोग करें। इसके अलावा अगर आपको दक्षिणी अहमदाबाद जाना है, तो रिंग रोड चुनें क्योंकि यह एसजी हाईवे की तुलना में बहुत तेज़ विकल्प होगा। +AMTS और BRTS की सेवाएं सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक चलती हैं। +जेएनएनयूआरएम के तहत नियोजित नई एएमटीएस बसें]] +उन्हें पहचानने और उन्हें राज्य परिवहन जीएसआरटीसी बसों या निजी लक्जरी बसों से अलग करने के लिए यहाँ कुंजी है: इस सेवा में पुरानी बसें 'लाल और सफेद' या 'लाल और पीले' रंग में रंगी जाती हैं, जबकि नई जेएनएनयूआरएम के तहत लगाए गए चमकीले लाल रंग के इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड हैं। आप आसपास के लोगों से आसानी से पूछ सकते हैं। एएमटीएस में से किसी एक पर प्रतीक्षा करने वाले मार्ग, समय आदि के बारे में रुकते हैं क्योंकि प्रदर्शित जानकारी गुजराती में होती है। साथ ही, गूगल मैप्स पर पब्लिक ट्रांज़िट विकल्प आपको आपके स्थान से गंतव्य तक दिशा-निर्देश खोजते समय निकटतम एएमटीएस स्टॉप दिखाएगा और यह बस नंबर, स्थानांतरण बिंदु आदि के बारे में भी जानकारी देता है, हालांकि समय विश्वसनीय नहीं हो सकता है। इसके अलावा, आप Android उपकरणों के लिए Google Play Store पर उपलब्ध 'अहमदाबाद एएमटीएस इंफो' नामक एक अनौपचारिक ऐप इंस्टॉल कर सकते हैं, जो आपको यात्रा मार्ग, स्थानान्तरण आदि के बारे में मार्गदर्शन करता है। +कालूपुर, सारंगपुर, ओल्ड वादज (जूना वादज मणिनगर, अखबारनगर (नवा वादज वासना और नरोदा में अन्य टर्मिनल हैं और जमालपुर, मेमको (नरोदा पाटिया) और मेमनगर में डिपो हैं। कुल मिलाकर, AMTS के 210 मार्गों के साथ लगभग 1200 स्टॉप हैं। +बस में पीछे के दरवाजे से चढ़ना और आगे के दरवाजे से उतरना अनिवार्य है। बस में कंडक्टर आपके गंतव्य स्टॉप के अनुसार आपको टिकट जारी करेगा। अधिक के बजाय ₹ 10/20/50 मूल्यवर्ग के कुछ नोट अपने पास रखें क्योंकि किराया बहुत कम है ये बसें शहर में यात्रा करने का सबसे सस्ता साधन हैं")। एक पे-पर-राइड किराया आपको न्यूनतम ₹ 3 किराया देना होगा, जबकि अधिकतम किराया केवल ₹ 25 है। आप ₹ 45 (बस कंडक्टर से उपलब्ध) का 'मन पसंद' टिकट खरीदने का विकल्प भी चुन ���कते हैं, जो आपको एक दिन के लिए असीमित सवारी का अधिकार देता है, हालांकि ₹ 45 का टिकट खरीदना बेहतर नहीं है क्योंकि आप पूरा कर सकते हैं 4-5 जगह घूमने का सफर सिर्फ ₹30-35 में। चूंकि शहर में कई लोगों के लिए बसें सबसे आम परिवहन सुविधा हैं, इसलिए वे अक्सर भीड़भाड़ वाली होती हैं। +यात्रा के दौरान आप अपने सह-यात्रियों या कंडक्टर से अनुरोध कर सकते हैं कि वे आपको सूचित करें कि गंतव्य कब आता है/पहुंचने वाला है ताकि आप अपने स्टॉप पर उतरना न चूकें और फिर आपको उल्टी यात्रा करनी पड़े। आगे के दरवाजे की ओर भी बढ़ते रहें क्योंकि बस में सीटों के बीच गलियारे में खड़े लोगों की भीड़ होगी और जब आपका गंतव्य आ जाएगा तो जल्दी से दरवाजे पर जाना और उतरना मुश्किल हो सकता है (बस एक मिनट पर नहीं रुकेगी 10-12 सेकंड से अधिक रुकें, जब तक कि यह लाल दरवाजा पर AMTS सेंट्रल टर्मिनस या यात्रा का अंतिम पड़ाव न हो)। +एएमटीएस का एक विशेष कार्यक्रम देखो अमदवाद है, यानी अहमदाबाद में दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए अहमदाबाद देखें। बसें वातानुकूलित हैं। शुरुआती बिंदु लॉ गार्डन सिविक सेंटर है। 18002337951 917926589172 +सुबह का दौरा सुबह 7:45 बजे लॉ गार्डन सिविक सेंटर से शुरू होकर सिद्दी सैय्यद मस्जिद (जली झूलता मीनार (झूलती हुई मीनार प्रेम दरवाजा (लव गेट दिल्ली दरवाजा (दिल्ली गेट) से होते हुए हूथीसिंह जैन मंदिर, सरदार पटेल स्मारक, गांधी आश्रम-संग्रहालय जाकर दोपहर 1 बजे लौटेंगे। +संडे स्पेशल पिलग्रिम टूर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक। जलाराम मंदिर (पलडी भद्रकाली मंदिर (भद्रा/लाल दरवाजा सिद्धिविनायक मंदिर (लाल दरवाजा जगन्नाथ मंदिर (जमालपुर हुथीसिंह जैन मंदिर (शाहीबाग स्वामीनारायण मंदिर (शाहीबाग गायत्री मंदिर (शाहीबाग कैंप के दर्शन हनुमान मंदिर (शाहीबाग ढोलेश्वर महादेव मंदिर (गांधीनगर अक्षरधाम मंदिर (गांधीनगर त्रिमंदिर (अदलज वैष्णोदेवी मंदिर (एसजी हाईवे बालाजी मंदिर (एसजी हाईवे भागवत विद्यापीठ (गोटा इस्कॉन मंदिर (एस जी हाईवे)। +बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) में सड़कों के केंद्र में समर्पित गलियारों पर चलने वाली चांदी और नीले रंग की बसें हैं। बीआरटीएस पूरे शहर को कवर नहीं करता है, लेकिन जहां भी उपलब्ध है, यह यात्रा करने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि यह अन्य साधनों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से तेज है (क्योंकि बीआरटीएस कॉरिडोर पर कोई अन्य वाहन नहीं चल सकता है) और सभी स्टेशनों को अच्छी तरह से चिह्नित किया गया है। अंग्रेजी और हिंदी दोनों में। कोई बीआरटीएस, एएमटीएस और/या ऑटो रिक्शा के संयोजन का उपयोग करके भी यात्रा कर सकता है। बीआरटीएस और एएमटीएस की टिकट प्रणालियां एकीकृत नहीं हैं। किराया एएमटीएस (न्यूनतम किराया ₹ 4, अधिकतम किराया ₹ 36) से थोड़ा ही अधिक है। +बीआरटीएस स्टेशन शहर की सड़कों के समर्पित केंद्रीय गलियारे में एलिवेटेड शेल्टर हैं, जहां से आप अपना टिकट खरीद सकते हैं। अपने गंतव्य पर उतरने तक टिकट को अपने पास रखें, जहां आप चेकर को टिकट दिखाते हैं और फिर स्टेशन को सड़क पर छोड़ देते हैं। बसें केंद्रीय स्वचालित दरवाजों से सुसज्जित हैं जो किसी स्टेशन पर बस के रुकने पर अपने आप खुल जाती हैं। जब बस किसी स्टेशन पर पहुंचने वाली होती है तो बस के अंदर इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर डिस्प्ले के साथ स्टेशन के नाम के साथ घोषणाएं होती हैं। स्टेशनों के अंदर, आगमन या आने वाली बसों के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदर्शित करने वाले बोर्ड हैं, साथ ही आगमन के लिए मार्ग और अनुमानित समय शेष है। स्टेशन के किनारे (क्षैतिज) और स्टेशन की छत पर (ऊर्ध्वाधर) नीली पट्टियों पर सफेद अक्षरों में स्टेशन का नाम छपा होगा। +आरटीओ सर्किल और कालूपुर रेलवे स्टेशन को छोड़कर सभी बीआरटीएस बसें और स्टेशन व्हीलचेयर से जाने योग्य हैं, जो मानक बीआरटीएस स्टेशनों के विपरीत सड़क के किनारे बसे हैं। +12 बीआरटीएस लाइनें और 126 स्टेशन हैं, और अन्य निर्माणाधीन हैं। वर्तमान पंक्तियाँ हैं: +लाइन 6 सोनी नी चली-ओधव-एसपी रिंग रोड +लाइन 10 अंजली (वासना कालूपुर रेलवे स्टेशन (अहमदाबाद सेंट्रल) +ये पीले और हरे तीन-पहिए वाली शोर वाली मशीनें, जिन्हें ऑटो-रिक्शा या केवल रिक्शा के रूप में जाना जाता है, हमेशा टैक्सियों की तुलना में सस्ती होती हैं, और एएमटीएस या बीआरटीएस की तुलना में बहुत महंगी होती हैं, जब दूरी 3 किमी से अधिक होती है। वे बहुत आरामदायक और विशाल नहीं हैं। चालक बहुत कठोर तरीके से सवारी कर सकते हैं, इस मामले में आप उनसे सुचारू रूप से और धीरे-धीरे गाड़ी चलाने का अनुरोध कर सकते हैं। +गुजरते हुए रिक्शा पर 'ऑटो' या 'रिक्शा' चिल्लाना चालकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। ज्यादातर मामलों में, ड्राइवर हिंदी और शायद अंग्रेजी के कुछ श��्द भी समझ सकेंगे। वे आम तौर पर काफी मददगार होते हैं, लेकिन कुछ पर्यटकों को धोखा देने की कोशिश करेंगे। हमेशा की तरह, अंदर जाने से पहले किराया तय कर लें। दिन और रात का किराया अलग-अलग है। यदि आप शहर के बाहर के व्यक्ति को देखते हैं, तो अंत में आपसे अधिक शुल्क लिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, वह मीटर के आधार पर किराए पर जोर दे सकता है और आपको लंबे रास्ते से आपके गंतव्य तक ले जा सकता है। दूरियों के बारे में कुछ समझ मददगार हो सकती है। +चूंकि बीआरटीएस और एएमटीएस के अलावा ऑटो रिक्शा प्रमुख यात्रा मोड हैं, इसलिए अहमदाबाद में कुछ टैक्सी हैं। इसलिए जब भी जरूरत हो सड़कों पर आपको शायद ही कोई टैक्सी मिलेगी, हालांकि आप या तो किसी होटल से टैक्सी बुक कर सकते हैं या सीधे रेलवे स्टेशन के बाहर टैक्सी बुक कर सकते हैं। सरकार द्वारा अधिकृत टैक्सी स्टैंड है। ₹950 प्रति दिन 12 घंटे के लिए। होटलों के माध्यम से बुकिंग करना अधिक महंगा हो सकता है, और सीधे ड्राइवर से बातचीत करना बेहतर होता है। विभिन्न वेबसाइटों पर ऑनलाइन बुकिंग भी संभव है। +अहमदाबाद हवाई मार्ग से भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से कोलंबो, मशकट, लंदन और न्यूयार्क के लिए भी विमान सेवायें उपलब्ध है। +अहमदाबाद रेलवे स्टेशन देश के लगभग सभी प्रमुख स्‍टेशनों से सीधे जुड़ा हुआ है। कालूपुर अहमदाबाद का प्रमुख रेलवे स्टेशन है, इसके अतिरिक्त साबरमती व मणिनगर भी शहर के अन्य स्टेशन हैं। मीटरगेज रेलवे लाइन शहर के मध्य से गुजराती है जो गुजरात के कुछ हिस्सों के गाँवों को अहमदाबाद से जोड़ती है। +अहमदाबाद से वड़ोदरा तक द्रुतगति मार्ग है। वहीं अहमदाबाद राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर के राजमार्ग से देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हैदराबाद, चेन्नई पुणे मुंबई जयपुर बीकानेर जोधपुर उदयपुर जैसे शहरों से अहमदाबाद के लिए सीधी बस सेवायें उपलब्ध हैं। +शहर में आवागमन हेतु ऑटो व कैब की सुविधा उपलब्ध है। नगरपालिका संचालित बस सेवा व बीआरटीएस जनमार्ग बस सेवा भी उपलब्ध है। +हिंदी लगभग सभी लोगों द्वारा समझी जाती है और अंग्रेजी सुशिक्षित लोगों और पर्यटन उद्योग के अधिकांश लोगों द्वारा समझी जाती है। +गांधी आश्रम (साबरमती आश्रम गांधी स्मारक संग्रहालय, आश्रम सड़क, अहमदाबाद, गुजरात 380 027 में है। यह सुबह 8 बजे से 6 बजे तक खुला रहता है। यह आश्रम गांधी जी का घर था, जिसकी स्थापना इन्होंने वर्ष 1915 में की थी। यह अहमदाबाद में पर्यटकों का सबसे बड़ा आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह साबरमती नदी के पास स्थित है। महात्मा गांधी के रहते समय इसे सत्याग्रह आश्रम के नाम से जाना जाता था। 1930 में नमक कानून को तोड़ने के लिए गांधी जी ने यहीं से दांडी यात्रा शुरू की थी। कई लोग गांधी जी के तीन बंदरों को यहाँ देख सकते हैं। आश्रम में आज भी गांधी जी द्वारा शुरू किया गया कार्य जारी है और आज भी हाथ से बने चीजों का केन्द्र बना हुआ है। +अहमदाबाद में अडालज की बावड़ी और रानी मस्जिदों (रानी सिपरी और रानी रूपमती को समर्पित) सहित कई अलंकृत नक्काशीदार ऐतिहासिक स्मारक हैं। कुछ संग्रहालय और कला दीर्घाएँ हैं। आधुनिक कार्यालय भवनों और मॉल हाल ही में विकसित क्षेत्रों को डॉट करते हैं। +देखने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों में शामिल हैं: +| content=साबरमती आश्रम कभी महात्मा गांधी का घर था और उन्होंने 1915 में आश्रम की स्थापना की थी। आज, निस्संदेह, यह अहमदाबाद में सबसे बड़ा आगंतुक आकर्षण है। यह साबरमती नदी के शांत खंड पर स्थित है और महात्मा के जीवनकाल में इसे सत्याग्रह आश्रम कहा जाता था। यहीं से महात्मा ने अंग्रेजों द्वारा लगाए गए नमक कर के विरोध में 1930 में अपना प्रसिद्ध 'दांडी मार्च' शुरू किया था। आश्रम परिसर में कोई भी तीन बुद्धिमान बंदरों और गांधीजी की कई अन्य शिक्षाओं को देख सकता है। आश्रम आज महात्मा द्वारा शुरू किए गए कार्य को जारी रखता है और एक हस्तशिल्प केंद्र, एक हस्तनिर्मित कागज का कारखाना और एक चरखा का कारखाना है। कई अन्य आकर्षण हैं। +| content=शहर के विभिन्न दर्शनीय स्थलों में विशेष आकर्षण जोड़ने के लिए भद्रा किला है, जिसमें कभी शाही महल और अच्छी तरह से बनाए गए बगीचे थे। यह भद्रकाली के मंदिर का दावा करता है और मराठा शासन के दौरान 1411 में बनाया गया था। +| content=17वीं शताब्दी के दुर्लभ वस्त्रों का शानदार संग्रह है। वस्त्रों पर एक उत्कृष्ट संदर्भ पुस्तकालय भी है। यह साराभाई फाउंडेशन में है, शाहीबाग में कैलिको वस्त्र संग्रहालय, व्यापक रूप से दुनिया के बेहतरीन कपड़ा संग्रहालयों में से एक के रूप में माना जाता है, जिसका निर्माण 1949 में किया गया था। इसमें वस्त्र, कपड़े, फर्नीचर, मंदिर की कलाकृतियो�� और शिल्प का एक अच्छा संग्रह है। इसके अलावा संगमरमर, बलुआ पत्थर और कांस्य चिह्नों का संग्रह भी है। +| content=शहर की सबसे पुरानी प्रदर्शन कला अकादमियों में से एक। इसके एम्फीथिएटर नटरानी में साबरमती नदी के दृश्य के साथ एक शानदार प्रदर्शन स्थल है, और यह शहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को लाने वाले कुछ स्थानों में से एक है। +| content=एक प्रभावशाली सफेद संरचना, सफेद संगमरमर से निर्मित और विस्तृत रूप से नक्काशीदार जैन मंदिर धर्मनाथ को समर्पित है: 15वां जीना या जैन प्रेरित। सभी जैन मंदिरों की तरह, यह मंदिर अन्य चीजों के अलावा, संगीतकारों को प्रदर्शित करने वाली जटिल नक्काशी से समृद्ध है। +ध्रुवों के विरासत घर एक जीवित विरासत, संरचनाएं 200-400 साल पुरानी हैं और निवासी लोग पुराने अहमदाबाद परिवार हैं जो अभी भी पुरानी परंपराओं का पालन करते हैं। स्मारिका दुकान स्थानीय शिल्प पेश करती है। एक बड़े घर में एक पुरानी दुनिया है जो एक महल की तरह है। +| content=प्रबंधन का एक बिजनेस स्कूल वास्तुकला की दृष्टि से प्रभावशाली इमारत में स्थित है। +| content=इस हिंदू मंदिर में कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा को दर्शाया गया है, जिन्हें प्रेम का अवतार माना जाता है। +| content=यह शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। पीले बलुआ पत्थर से बनी यह मस्जिद 260 खंभों पर खड़ी है जो अलग-अलग ऊंचाई पर 15 गुंबदों को सहारा देती है। मस्जिद का निर्माण 1423 में अहमद शाह द्वारा किया गया था। यह आसानी से पहुँचा जा सकता है क्योंकि यह पुराने शहर के केंद्र में स्थित है। यह भव्य संरचना उस काल की मुस्लिम वास्तुकला को दर्शाती है। +| content=काफी असामान्य संरचना, झूलता मिनारा या झूलती मीनारें सिद्दी बशीर की मस्जिद का एक हिस्सा हैं और सबसे ऊपरी मेहराब पर थोड़ा बल लगाकर इसे आगे और पीछे ले जाया जा सकता है। झूलती मीनारों के रहस्य को जानने के अपने प्रयासों में एक अंग्रेज द्वारा मीनारों में से एक को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया था। मस्जिद मास्टर कारीगरों द्वारा बनाई गई थी और कंपन की ओर ले जाने वाली महत्वपूर्ण तंत्र अभी भी एक रहस्य है। +| content=1451 में सुल्तान कुतुब-उद-दीन द्वारा निर्मित एक गोलाकार झील। झील के केंद्र में एक ग्रीष्मकालीन महल के साथ एक द्वीप उद्यान है जिसे नगीना वाडी के नाम से जाना जाता है। इसमें ए��� सुंदर म्यूजिकल फाउंटेन शो है, हालांकि संगीत बहुत अच्छा नहीं है, रोशनी और फाउंटेन देखने लायक हैं। बाल वाटिका एक एक्वेरियम, एक बोट क्लब, एक टॉय ट्रेन, एक प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय और एक चिड़ियाघर। ₹10 प्रवेश शुल्क। +| content=यह कांकरिया झील के पास है और भारत के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में से एक है। +| content=शहर के सर्वश्रेष्ठ कला संग्रहालयों में से एक। इसमें भारतीय लघु चित्रों, पत्थर की मूर्तियों, टेराकोटा, टैगोर के चित्रों, नेपाल और तिब्बत की कला, कांस्य, वस्त्र, लकड़ी के काम, कपड़े के चित्रों, धातु की मूर्तियों, सिक्कों का विस्तृत संग्रह है। +| content=अहमदाबाद में गतिविधि का मुख्य केंद्र माना जाता है, अन्य चीजों के साथ-साथ हस्तकला और पारंपरिक गुजराती पोशाक भी खरीद सकते हैं +| content=डिज़ाइन के 16 से अधिक विषयों वाला एक डिज़ाइन संस्थान। पश्चिम जोन के पालड़ी में। +| content=अच्छे हरे परिवेश वाला एक सार्वजनिक पार्क। जॉगिंग और आराम करने के लिए एक अच्छी जगह। +| content=साबरमती नदी के दोनों किनारों पर शहर के उस पार, सुबह में एक ताज़ा जगह है शाम को एक बहुत ही आराम का माहौल। देखने लायक जगह। शाहीबाग की तरफ जहां सुभाष ब्रिज खत्म होता है, वहां से कुछ मीटर आगे दाहिनी तरफ एक संकरी सड़क से पहुंचा जा सकता है। साथ ही बाईं ओर एक सड़क, आश्रम रोड (आरटीओ की ओर से) पर आयकर से थोड़ा आगे, सुभाष ब्रिज वाले के विपरीत किनारे पर रिवरफ्रंट की ओर जाती है। +| content= यह एक स्मारक और संग्रहालय है जो राष्ट्रीय कार्यकर्ता और स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है। संग्रहालय शाहीबाग में मोती शाही महल परिसर में सर्किट हाउस के सामने है। +| content=नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। टीम इंडिया को यहां खेलते देखना एक अद्भुत दृश्य है क्योंकि हजारों प्रशंसक उनका हौसला बढ़ाते हैं। 2020 में पुनर्निर्माण किया गया। +| content=गुजरात सरकार ने गुजरात साइंस सिटी जनादेश प्राप्त करने के लिए गुजरात काउंसिल ऑफ साइंस सिटी, एक पंजीकृत सोसायटी की स्थापना की है। साइंस सिटी और संबंधित परियोजनाओं के और विस्तार की योजना है। +| content= अपनी अति सुंदर स्क्रीन के लिए अद्वितीय है। एक चट्टान से उकेरी गई स्क्रीन असाधारण है। +स्वामीनारायण गुरुकुल हिंदू धर्म के स्वामीनारायण विश्वास द्वारा संचालित एक आवासीय और डे बोर्डिंग स्कूल। यह न केवल औपचारिक शिक्षा सिखाता है बल्कि घुड़सवारी, तीरंदाजी, डेयरी विकास का प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। +एसजी हाईवे या सरखेज गांधीनगर हाईवे, अहमदाबाद में मनोरंजन का हब। यही सड़क गांधीनगर की ओर भी जाती है, जहां अक्षरधाम मंदिर और अन्य दर्शनीय स्थल हैं। +| content=यह मैदान शाही के शाही प्रवेश द्वार के रूप में काम करने के लिए सुल्तान अहमद शाह द्वारा निर्मित 3 धनुषाकार प्रवेश द्वारों से बना है। मुगल बादशाह जहांगीर और उनकी पत्नी नूरजहाँ इन दरवाजों के ऊपर से माहूराम का ताजिया जुलूस देखा करते थे। +वैष्णोदेवी मंदिर सोला गांधीनगर राजमार्ग पर प्रसिद्ध वैष्णोदेवी मंदिर की प्रतिकृति। +वीचर बर्तन संग्रहालय 3,000 से अधिक पुराने, पारंपरिक घरेलू सामानों के साथ एक अजीब संग्रहालय। यह एक व्यक्ति के व्यक्तिगत संग्रह पर आधारित है। संकेतों या स्पष्टीकरण की कमी आगंतुकों के लिए, और कई रुचियों के लिए समझ को सीमित करती है। संग्रहालय विशाला रेस्तरां का एक हिस्सा है जो जातीय गुजराती भोजन परोसता है। +''केवल कुछ सिनेमाघरों को यहां सूचीबद्ध किया गया है। अधिक जानकारी के लिए, विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग पृष्ठों पर जाएँ।'' +बॉलीवुड (हिंदी) या हॉलीवुड फिल्म देखें +| content=एक मैक्सिकन सिनेमा थियेटर श्रृंखला, अहमदाबाद में सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली स्क्रीनों में से एक। +| content=एशिया में सबसे बड़ी स्क्रीन। आप अपनी कार में, घास पर या बालकनी की सीटों पर बैठकर फिल्म देख सकते हैं। +| content=फिल्म निर्माता सुभाष घई का एक उद्यम। देखने की गुणवत्ता और सीटें (खासकर लेगरूम) अहमदाबाद में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। +| content=दुबई प्रसिद्धि ग्रैंड सिनेमाज। बहुत अच्छी गुणवत्ता वाली स्क्रीन, अहमदाबाद के उत्तर-पश्चिमी परिधि पर एक हाई-एंड मॉल (अगोरा मॉल) में। +दिवाली अहमदाबाद, गुजरात में लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। इसे प्रकाश पर्व कहते हैं। इस दिन लोग ढेर सारी मिठाइयाँ बनाते हैं और एक दूसरे से मिलते हैं। यह भगवान राम का त्योहार है और रामायण से संबंधित है। +मकर संक्रान्ति या पतंगों का पर्व या उत्तरायण 14 जनवरी, मकर संक्रान्ति के पर्व में या पतंगों के पर्व या उतरायण''। त्योहार सर्दियों के अंत और सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में लौटने का प्रतीक है और इसलिए इसे "उत्तर अयन" नाम दिया गया है। इस द���न, शहर में कई लोग दिन की शुरुआत पतंगबाजी से करते हैं, और रात में पतंगों से जुड़े दीयों (तुक्कल) की उड़ान के साथ जारी रहते हैं। दिन भर आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से पटा रहता है। +रक्षाबंधन बहनों और भाइयों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार। इस त्योहार में एक बहन भाई के हाथ पर राखी बांधती है। वे हमेशा अपनी तरफ से रहने के लिए कहते हैं और उन्हें भविष्य में आने वाली सभी समस्याओं से भी बचाते हैं। त्योहार आम तौर पर अगस्त के महीने में मनाया जाता है। +होली रंगों के त्योहार के रूप में बेहतर जाना जाता है, जहाँ लोग अपने प्रिय पर रंग लगाते हैं, जिसे 'गुलाल' के नाम से जाना जाता है, जो आदर्श रूप से 'केसुदा' के फूल वाले पौधे से बना था। लेकिन, अब लोग इसके चूर्ण का इस्तेमाल करते हैं। लोग अपनी सारी समस्याओं को भूलकर एक जगह इकट्ठा होते हैं और इस त्योहार में मस्ती करते हैं। यह मिथक या होलिका फ्र्लाद और हिरण्यकश्यपु से भी बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। +नवरात्रि (नौ रातों का त्योहार नवरात्रि या नौ रातों का त्योहार देवी शक्ति को समर्पित है। इस उत्सव में गुजरात का प्रसिद्ध लोक नृत्य "गरबा" भी है। उत्सव नौ रातों तक जारी रहता है, हर कोई उसी जोर से इसमें भाग लेता है। प्रत्येक रात औपचारिक "आरती" के साथ शुरू होती है और उसके बाद आधी रात तक गरबा होता है। गरबा नृत्य देवी शक्ति की प्रतिमा के चारों ओर किया जाता है। डांडिया हाथ में लेकर गरबा भी खेला जाता है। इन रातों के दौरान शहर को खूबसूरती से सजाया जाता है और रातें छोटी हो जाती हैं। +ईद-उल-फितर या रामधन ईद शव्वाल के पहले दिन रमजान के पूरा होने पर मनाई जाती है। शव्वाल इस्लामिक कैलेंडर का 10वां महीना है। ईद-उल-फितर एक खुशी का दिन है जब मुसलमान स्वास्थ्य, शक्ति और जीवन के अवसरों के लिए खुशी व्यक्त करते हैं, जो मानते हैं कि अल्लाह ने उन्हें रमजान के महीने के दौरान उपवास और अन्य अच्छे कामों के अपने दायित्व को पूरा करने के लिए दिया है। +अहमदाबाद और आसपास के गांवों के मुसलमान ईदगाह (ईद की नमाज (प्रार्थना) करने के लिए एक पवित्र स्थान) और शाही जाम-ए-मस्जिद में आते हैं। लोग अपने घरों, दुकानों, इमारतों को सजाते हैं, एक-दूसरे को बधाई देते हैं आदि। +अहमदाबाद अपने कपड़ा उद्योगों के लिए जाना जाता है जिसमें पारंपरिक हाथ की कढ़ाई और टाई-डाई वाले कपड़े शामिल हैं। यदि आप सड़क क�� किनारे की दुकानों से खरीदारी करते हैं, तो झगड़े के लिए तैयार रहें। स्थानीय गाइड के बिना इन्हें आज़माना उचित नहीं होगा। शहर का मुख्य बाजार क्षेत्र लाल दरवाजा के पास तीन दरवाजा, ढालगढ़वाड़, रतन पोल, मानेक चौक (पुराना क्षेत्र) और वस्त्रापुर और गुरुकुल के पास सीजी रोड और सरखेज-गांधीनगर राजमार्ग जैसे नए बाजारों में स्थित है। यह आम तौर पर एक भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है, और त्यौहारों के मौसम में बहुत भीड़ होती है, हालांकि कपड़ों की एक विस्तृत विविधता के साथ। लॉ गार्डन के पास सड़क किनारे की दुकानें भी अच्छे विकल्प प्रदान करती हैं। बंधेज और संस्कृति जैसी कुछ दुकानें इन पारंपरिक वस्तुओं को निश्चित (और शायद अधिक कीमत) दरों पर पेश करती हैं। लेकिन अब बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल बेहद सस्ते रेट पर लगभग सभी चीजें ऑफर कर रहे हैं। स्थानीय मिठाई की दुकानें, जहां पारंपरिक गुजराती मिठाइयाँ आपका ध्यान आकर्षित करेंगी: कुछ अधिक प्रसिद्ध भोगीलाल मूलचंद कंदोई, जय हिंद और रस रंजन हैं। +अहमदाबाद गैस्ट्रोनोमिक स्वर्ग है, और यहां कई रेस्तरां हैं। गुजराती खाने के शौकीन होते हैं और खाना आम तौर पर मीठा होता है। गुजराती ज्यादातर शाकाहारी होते हैं इसलिए ज्यादातर स्थानीय व्यंजन शाकाहारी होते हैं। हालाँकि, हाल ही में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खाद्य श्रृंखलाओं के आगमन के साथ मांसाहारी भोजन लोकप्रिय हो गया है। राज्य में डेयरी उत्पादों की प्रचुरता और मिठाई के लिए गुजरातियों की प्रवृत्ति के कारण अहमदाबाद अपनी आइसक्रीम के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय विशिष्टताओं में ढोकला, खांडवी, श्रीखंड, हांडवो, भजिया आदि शामिल हैं। +अहमदाबाद और/या गुजरात का एक प्रसिद्ध भोजन 'पनीर और अनानस जैम सैंडविच' है, जो गुजरात के अधिकांश सैंडविच विक्रेताओं द्वारा बेचा जाता है, विशेष रूप से अहमदाबाद में, यह व्यंजन गुजरात में प्रसिद्ध होने के बावजूद, भारत के अन्य भागों में यह व्यंजन घृणित लगता है। तब तक प्रतीक्षा करें जब तक आप वास्तव में सैंडविच को आजमा नहीं लेते! +बहुत सारे गुजराती डाइनिंग हॉल हैं जहां आप लगभग ₹250 में असीमित "थाली" भोजन प्राप्त कर सकते हैं। एक थाली में सलाद, ऐपेटाइज़र, स्नैक्स, ब्रेड, दालें, सब्जी करी और मिठाई सहित विभिन्न प्रकार के मिश्रण होते हैं। +यदि आप लंबे समय तक भारत में नहीं रहे हैं, तो एक भोजन स���थान का चयन करें जो प्रसिद्ध और सुव्यवस्थित (होटल, बड़े रेस्तरां) हो। अन्यथा, सड़क के किनारे के स्टालों में से एक में खाने का मज़ा, विशेष रूप से लॉ गार्डन क्षेत्र में खाऊ गली और मानेकचौक में खान पान बाज़ार में। विभिन्न स्टॉल शाम को देर रात तक खुलते हैं। आप पानी पुरी (गोल गप्पा भारतीय चाट, भारतीय सैंडविच, उत्तर भारतीय, भारतीय-चीनी और कुछ महाद्वीपीय व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं, आश्चर्यजनक रूप से सड़क के किनारे के स्टालों पर और ₹60 से कम आइटम में। हाल ही में शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित एसजी रोड एक रेस्टोरेंट स्ट्रिप में तब्दील हो गया है। इसके पांच मील के दायरे में 100 से अधिक रेस्तरां हैं जो सभी मूल्य श्रेणियों में अधिकांश किस्मों की पेशकश करते हैं। +अमाजो रेस्तरां, गेलैटेरिया, कैफेटेरिया (क्षेत्र: प्रह्लादनगर, सेंट जेवियर्स कॉलेज चौराहा, पालदी विशेष शाकाहारी इतालवी और मैक्सिकन भोजन। +विशाल क्षेत्रः वासना टोल नाका उत्तम व्यंजनः थाली भोजन। औसत भोजन, लेकिन इसकी गाँव जैसी सजावट और बल्कि अजीब बर्तनों के संग्रहालय के कारण असामान्य। इसमें बच्चों के लिए कठपुतली शो, लोक संगीत और नृत्य, सपेरे आदि जैसी कई रात के खाने की गतिविधियाँ होती हैं। +तड़का पंजाबी क्षेत्र: वस्त्रापुर झील के सामने, वस्त्रापुर) अमृतसरी कुलचा, बथुरे-छोले, भरवां परांठे और लस्सी जैसी प्रामाणिक पंजाबी खाद्य विशिष्टताएं परोसता है। +संकल्प क्षेत्र: सीजी रोड, एसजी रोड) पूरे शहर में आउटलेट के साथ एक श्रृंखला जो दक्षिण भारतीय भोजन में माहिर है। इसने "दुनिया में सबसे लंबा डोसा (पतली-क्रेप 25 फीट) के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया +हैवमोर क्षेत्र: पंचवटी, स्टेडियम सर्कल) उत्तर भारतीय व्यंजन छोला भटूरा के लिए जाना जाता है। राजा रानी, कसाटा रोल कट, टॉल ब्यूटी जैसी नॉवेल्टी आइसक्रीम इसकी खासियत हैं +च्वाइस स्नैक्स क्षेत्र: सीजी रोड) भेल, भारतीय शैली के पिज्जा और सैंडविच सहित उत्कृष्ट चाट आइटम। +बड़ो क्षेत्र: सी.जी. रोड, नियर चॉइस) उत्कृष्ट काठियावाड़ी भोजन अच्छे कर्मचारियों और पैसे की कीमत के साथ। +ईमानदार क्षेत्र: पंचवटी, एसजी रोड, आदि) एक प्रसिद्ध फास्ट-फूड श्रृंखला है जो लॉ गार्डन क्षेत्र में पाव-भाजी और पुलाव परोसने वाले सड़क किनारे स्टॉल के रूप में शुरू हुई और अब एक उभरती हुई रेस्तरां श्रृंखला है। +असरफी कुल्फी (क्षेत्र: पंचवटी और लॉ गार्डन और गुरुकुल) वे केवल मिठाई परोसते हैं। कोई भी कुल्फी ट्राई करें'' +भगवती चाट क्षेत्रः पंचवटी) पनीर टिक्का सबसे अच्छा व्यंजन है। मिठाई के लिए गुलाब जामुन या जबेली ट्राई करें। +ओसवाल क्षेत्र: महात्मा गांधी की मूर्ति के पास आश्रम रोड) गुजराती स्नैक्स और मिठाइयों जैसे जलेबी (मीठा-चाशनी से भरे प्रेट्ज़ेल फाफड़ा (मसालेदार पपीते के साथ परोसे जाने वाले चने-मटर के बिस्कुट) में विशेषज्ञता वाली स्नैक शॉप चटनी)। +रायपुर भजिया हाउस क्षेत्र: रायपुर दरवाजा) भजिया के लिए प्रसिद्ध (अस्तोदिया भजिया से कहीं बेहतर स्वाद और गुणवत्ता) +कैफे अपर क्रस्ट क्षेत्र: विजय चार रास्ता, वस्त्रापुर) किशोरों के साथ एक लोकप्रिय कैफे। शाकाहारी मांसाहारी सिज़लर, पास्ता, सैंडविच, केक और डेसर्ट सहित व्यंजन। कभी-कभी भोजन उत्सवों की मेजबानी करता है। +मिर्च मसाला क्षेत्र: सीजी रोड, एसजी रोड) एक विशिष्ट राजमार्ग "ढाबा" सेटिंग में उत्तर-भारतीय भोजन परोसता है। उत्कृष्ट भोजन लेकिन इसकी सजावट के लिए और अधिक दिलचस्प। +किंग्स फूड फैक्ट्री क्षेत्रः पंचवटी चौराहा, सीजी रोड) यह रेस्टोरेंट की नई श्रंखला है। वे भारतीय व्यंजन के साथ-साथ कुछ स्पेनिश, इतालवी, चीनी और अमेरिकी भोजन भी परोसते हैं। कॉफी पार्लर में बहुत अच्छी मिठाई उपलब्ध है और ऊपर कुछ स्क्रैबल या यूनो खेलने की संभावना है। यह साफ है, सभी कर्मचारी अंग्रेजी बोलते हैं वाई-फाई, ए/सी और दो प्लाज्मा टीवी स्क्रीन। +ZK क्षेत्रः राहत मार्ग)। शहर के सबसे अच्छे और सबसे पुराने नॉन-वेज रेस्टोरेंट में से एक +रास रंजन क्षेत्रः विजय चार रास्ता)। मिठाई के लिए बढ़िया जगह, बिस्लारी पानी पुरी, पनीर टिक्का w/प्रसिद्ध चटनी, वड़ा पाव। +हलवा अच्छा शाकाहारी और मांसाहारी भोजन, और विशेष रूप से हैदराबादी बिरयानी। +सेवा कैफे एक गिफ्ट इकोनॉमी रेस्तरां है, जो स्वयंसेवकों द्वारा बनाया गया भोजन परोसता है। भोजन मेहमानों को उपहार के रूप में दिया जाता है, जिन्हें दयालुता की श्रृंखला के रूप में 'आगे भुगतान' करने के लिए कहा जाता है। मेहमानों और स्वयंसेवकों ने इस श्रृंखला को जारी रखा है और 85,000 से अधिक भोजन प्रदान किया है। +इनके अलावा कई अन्य रेस्तरां हैं जो उदाहरण के लिए उत्कृष्ट भोजन परोसते हैं (स्वाति स्नैक्स, हाउस ऑफ एमजी दोनों ठाठ सेटिंग में गुजराती भोजन के लिए प्रसिद्ध हैं, पंजाबी भोजन के लिए बावर्ची, आदि) पश्चिमी स्वाद के लिए, नए रेस्तरां खोजने का एक अच्छा तरीका है एक स्थानीय, विशेष रूप से किसी युवा से पूछने के लिए जो निश्चित रूप से ऐसी जगहों के बारे में जानता होगा। पिज़्ज़ा हट, मैकडॉनल्ड्स, सबवे जैसी अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखलाएँ पूरे शहर में मौजूद हैं। +कुछ स्ट्रीट फूड के लिए निम्नलिखित स्थान काफी प्रसिद्ध हैं: +आर। के वडापौ विजय चार रास्ता, वड़ा पाऊ अपने सबसे अच्छे रूप में, इसे अन्ना के वड़ा पौ के नाम से भी जाना जाता है +गुजरात उन कुछ भारतीय राज्यों में से एक है जहाँ शराब पर प्रतिबंध है। लेकिन यह केवल भारतीयों पर लागू होता है। यदि आपके पास एक गैर-भारतीय पासपोर्ट ग्रीन कार्ड धारक पीआर स्थिति है, तो आप एक बड़े होटल में शराब की दुकान पर जाकर और एक खरीद कर एक महीने के लिए वैध शराब परमिट प्राप्त कर सकते हैं। जिन होटलों में शराब की दुकानें हैं उनमें शामिल हैं: खानपुर में कामा होटल, होटल इंदर रेजीडेंसी, अपोजिट। गुजरात कॉलेज के लिए, सीजी रोड पर कम्फर्ट इन प्रेसिडेंट होटल अन्य लोगों के बीच सोमवार से शनिवार दोपहर 8 बजे तक खुला रहता है, फोन नं। 91 79 26467575। कई स्थानीय लोग आपको निर्देशित करने में सक्षम होंगे क्योंकि वे 'स्वास्थ्य' लाइसेंस पर शराब खरीद सकते हैं। यदि आप गुजरात के अनिवासी हैं, तो अहमदाबाद की यात्रा का प्रमाण दिखाने पर शराब की दुकानों पर जारी शराब परमिट प्राप्त कर सकते हैं जैसे (1) हवाई ट्रेन बस टिकट 2) सरकार द्वारा कोई पहचान प्रमाण। फोटो, पता और जन्मतिथि के साथ अधिमानतः ड्राइविंग लाइसेंस और (3ए) आपका अहमदाबाद पता प्रमाण जैसे कि स्थानीय मित्र रिश्तेदारों के निवास का पता बिजली टेलीफोन बिल ड्राइविंग लाइसेंस या (3बी) होटल में ठहरने का प्रमाण। +हालाँकि, यदि आप अधिक समय तक रह रहे हैं तो आपको अनिवासी परमिट की आवश्यकता होगी। उसके लिए, आपको आवश्यकता होगी: आपके प्रवेश टिकट सहित पासपोर्ट की एक फोटोकॉपी, वीज़ा की एक फोटोकॉपी, एक स्थानीय निवासी के पहचान पत्र की एक फोटोकॉपी (ड्राइविंग लाइसेंस शायद सबसे आसान होगा)। जनवरी 2009 तक, ₹1000 (हालांकि व्यक्ति रिश्वत के रूप में ₹50 अतिरिक्त मांग सकता है लेकिन नहीं दिया जाना चाहिए)। यदि आप किसी स्थानीय व्यक्ति को अपने साथ ले जा सकते हैं, तो पूरा अनुभव बहुत आसान ��ो जाएगा। +1 अपनी प्रतियों को 'सच्ची' प्रतियों के रूप में नोटरीकृत करवाएं। यदि आपके पास ऐसा करने वाले किसी व्यक्ति तक आसान पहुंच नहीं है, तो निषेध और आबकारी विभाग आपको पास के कार्यालय में निर्देशित करेगा। इसकी कीमत लगभग ₹10 प्रति कॉपी होगी। +2. निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग पर जाएं जो पुराने शहर के विक्टोरिया गार्डन की तरफ एलिस ब्रिज से कुछ ही दूर है। +3. बैंक भुगतान फॉर्म उठाएँ, और यदि आपने पहले से ऐसा नहीं किया है तो प्रतियों को नोटरीकृत करवाएँ। +4. परमिट धारक का नाम और स्थानीय पता भरें +5. एक रिक्शा लें और भारतीय स्टेट बैंक जाएं जो बहुत निकट है। यदि रिक्शा उपलब्ध नहीं है, तो बैंक पैदल दूरी पर है। +6. भारतीय स्टेट बैंक में ₹1050 (या मांगी गई फीस) का भुगतान करें +7. बैंक से फार्म पर स्याही की मुहर लगवाएं +8. अपनी प्रतियां, अपनी भुगतान पर्ची और अपने फॉर्म मद्यनिषेध और उत्पाद शुल्क विभाग को वापस ले जाएं। +आप या तो तुरंत लाइसेंस लेने में सक्षम होंगे, या कुछ दिनों में। एक बार जब आपके पास आपका लाइसेंस हो जाता है, तो आप इसे एक बड़े होटल में ले जाते हैं जहाँ उनकी शराब की दुकान होती है, और अपनी खरीदारी करते हैं। +बूटलेगिंग बड़े पैमाने पर है, लेकिन इसमें जोखिम भी है। रम, वोदका और जिन के रूप में भारतीय व्हिस्की के सभ्य ब्रांड ₹200 के आसपास शुरू होते हैं। प्रीमियम ब्रांड 12-वर्षीय स्कॉच के लिए ₹600 से ₹1,800 तक हैं। बीयर, वाइन, शैम्पेन और आयातित स्पिरिट मिलना मुश्किल है। +बूज़ सख्ती से एक निजी मामला है और किसी रेस्तरां में ड्रिंक ऑर्डर करने की अपेक्षा न करें, और कोई पब या बार नहीं हैं, और आपको अपने होटल के कमरे में या किसी के घर पर पीना होगा। यदि कोई आपको किसी पार्टी में आमंत्रित करता है, तो इस बात की अच्छी संभावना है कि वहां आपको पेय पेश किया जाएगा। शराब को प्रतिबंधित करने वाले कानून में एक नए संशोधन के तहत, आपको अवैध रूप से शराब पीने के लिए तब तक गिरफ्तार या हिरासत में नहीं लिया जा सकता है जब तक कि आप प्रभाव में आकर दुर्व्यवहार नहीं करते हैं या शराब की बिक्री नहीं कर रहे हैं। हालाँकि, शराब का सेवन अपने होटल के कमरे में या किसी करीबी दोस्त के स्थान पर करना सबसे अच्छा है। होटल के कमरों में शराब की खपत ने होटल की सहमति को निहित किया है जो आपको बर्फ, गिलास और मिक्सर परोसेगा।। +कई छोटी दुकानें दही पेय लस्सी बेचती हैं। लस्सी के विकल्पों में शामिल हैं: मीठा, नमकीन, बादाम के साथ। फ़र्की, गिरीश कोल्ड ड्रिंक्स और कृष्णा डेयरी कुछ प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा, जनता आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक एक स्वादिष्ट पेय कोल्ड चॉकलेट कोको, चॉकलेट के स्वाद वाला गाढ़ा शेक प्रदान करता है। जनता की अहमदाबाद में अपनी दुकानें हैं। फलों के रस की भी बहुत व्यापक विविधता उपलब्ध है। हैवमोर जैसे अधिकांश बड़े स्थान प्रतिष्ठित हैं और अच्छे पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन आपको छोटी जगहों पर पीते समय सावधानी बरतनी चाहिए। +पुराने शहर क्षेत्र में साबरमती के पूर्वी किनारे पर सस्ते होटल उपलब्ध हैं। +अधिक समृद्ध नवरंगपुरा क्षेत्र में अधिक महंगे और नए होटल उपलब्ध हैं। +यदि आपके पास यह विचार नहीं है कि शहर में आने पर आपको कहाँ जाना है, तो आप एक रिक्शा चालक से आपको रिलीफ रोड पर ले जाने के लिए कह सकते हैं, जहाँ बहुत सारे बजट आवास उपलब्ध हैं और यह मुख्य ट्रेन स्टेशन के काफी करीब है। +| content=ऑफ ड्राइव-इन रोड, एसजी रोड बिजनेस जिले के करीब। एक नो-फ्रिल्स, बिजनेस क्लास होटल, अन्य गिंगर्स के समान। ₹1000/रात से। +| content=जुलाई 2012 में श्रृंखला खोली गई। +होटल रॉयल हाइनेस लाल दरवाजा के व्यापार और खरीदारी क्षेत्रों के केंद्र में है। यह होटल लगभग 50 कमरों और 8 सम्मेलन कक्षों के साथ एक प्रीमियम मिड रेंज होटल शुल्क लेता है। +होटल कामा पार्क प्लाजा अहमदाबाद शहर में संस्कृति और आराम का एक मील का पत्थर है। यह व्यापार और खरीदारी क्षेत्रों के केंद्र में है। यह 21वीं सदी की सुविधाओं के साथ पुरानी दुनिया के आकर्षण को जोड़ता है। +होटल कम्फर्ट इन सनसेट में एक अद्वितीय वास्तुशिल्प डिजाइन है। हवाई अड्डे से इसकी निकटता एक और फायदा है। +होटल फॉर्च्यून अहमदाबाद का एक किफायती होटल है जो हवाई अड्डे से लगभग 10 किमी दूर है। सुविधाओं में बड़े बैठक कक्ष, व्यापार सुविधाएं और भोजन और पेय विकल्प शामिल हैं। शहर के केंद्र, सरकारी घरों और शहर के प्रमुख व्यापार केंद्र के करीब। +होटल कम्फर्ट इन प्रेसिडेंट सी.जी रोड, व्हिस्की, वाइन और बीयर के ब्रांडों की एक विस्तृत श्रृंखला बेचता है। गुजरात के अनिवासी और विदेशियों को फोटो पहचान पत्र पर शराब की दुकान में जारी शराब परमिट। +होटल क्वालिटी इन साबरमती नदी के तट पर व्यावसायिक जिले में एक बिजनेस क्लास होटल है। ह��टल भोर और शाम को नदी का एक उत्कृष्ट दृश्य प्रदान करता है। 69 कमरे और सुइट्स, बहु-व्यंजन रेस्तरां, स्वास्थ्य क्लब और व्यापार केंद्र है। +होटल वेस्टएंड कमर्शियल एरिया में है। +होटल कंट्री इन ड्राइव-इन रोड से दूर व्यापार और खरीदारी क्षेत्रों में व्यापार यात्रियों के लिए अनुकूल होटल है। +होटल रमादा एसजी रोड के पास, प्रह्लादनगर में व्यापारिक यात्रियों के लिए अनुकूल है, जो एक व्यापार और खरीदारी क्षेत्र है +| content=वस्त्रपुर झील से सटे सिटी सेंटर में। +| content=हवाई अड्डे के करीब और केंद्रीय व्यापार जिले और राज्य की राजधानी गांधीनगर से 15 मिनट की ड्राइव दूर। +होटल प्राइड सरखेज-गांधीनगर हाईवे के पास जज बंगला इलाके में है। +*आश्रम रोड पर होटल फॉर्च्यून लैंडमार्क । +''होटल इंदर रेजीडेंसी अहमदाबाद के शांत और शांत पश्चिमी उपनगरों में मुख्य वाणिज्यिक सड़कों के करीब है: सीजी और आश्रम रोड। रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे के लिए आसान पहुँच। +हाउस ऑफ एमजी पुराने ऐतिहासिक शहर में एक 5 सितारा हेरिटेज होटल है +कैम्बे ग्रैंड थलतेज, सरखेज-गांधीनगर हाईवे +होटल सेंट लौर्न शहर के केंद्र, आश्रम रोड में है +भारत का अंतर्राष्ट्रीय कोड +91 है +स्थानीय क्षेत्र कोड 79 है। इस प्रकार कुल मिलाकर 91 79 को फोन नंबर के आगे जोड़ा जाना चाहिए। +एक सिम कार्ड खरीदने के लिए विदेशी नागरिकों को अपने पासपोर्ट की एक फोटोकॉपी, भारतीय वीजा पृष्ठ, एक पासपोर्ट आकार की फोटो और भारत में निवास का प्रमाण देना होगा। जैसा कि भारत में बहुत कुछ है, संबद्ध नौकरशाही धीमी और कुंठित हो सकती है। सिम कार्ड के सक्रिय होने में कई दिन लग सकते हैं। +भारत में शीर्ष मोबाइल फोन नेटवर्क हैं: +| content=बहुत अच्छी कनेक्टिविटी और सेवा। हालांकि मुख्य कार्यालय आश्रम रोड पर सूचीबद्ध है, लेकिन कई दुकानें हैं जहां आप सिम खरीद सकते हैं। +| content=भारत में सबसे अच्छे नेटवर्क में से। +| content=राज्य के स्वामित्व वाला सेलुलर नेटवर्क। +* आपातकालीन सहायता (किसी भी समय 108 +* रेलवे सामान्य पूछताछ 131 +* टेलीफोन स्थानीय सहायता 199 +रेलवे आरक्षण कार्यालय, और पर्यटक बुकिंग खिड़की, कालूपुर रेलवे स्टेशन के ठीक बाहर और दाईं ओर (सड़क से देखने पर) एक वातानुकूलित इमारत में हैं। अन्य रेलवे स्टेशन पर्यटक कोटा बुक करने में सक्षम हैं, लेकिन अक्सर आपकी सेवा करने से मना कर देते हैं और लंबे इंतजार के बाद आपको कालूपुर रेलवे स्टेशन के लिए रेफर कर देते हैं। +कनाडा और यूनाइटेड स्टेट्स वीजा सुविधा केंद्र गुजरात चैंबर्स बिल्डिंग, श्री अंबिका मिल्स, आश्रम रोड (एलिस ब्रिज) +चिकित्सकीय आपात स्थिति के लिए 108 डायल करें। +| content=यह एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल है। भारत के सबसे पुराने और सबसे आधुनिक अस्पतालों में से एक। +| content=CIMS अस्पताल विभिन्न राष्ट्रीय निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त है। +लोग मिलनसार हैं और आपात स्थिति में पुलिस आपकी मदद करेगी। अहमदाबाद अपेक्षाकृत सुरक्षित है क्योंकि शराब की अनुमति नहीं है: अन्य शहरों में देर रात उपद्रव नहीं देखा जाता है। +आपात स्थिति के लिए 100 डायल करें। +*गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर अहमदाबाद से 35 किमी की सवारी छूटी नहीं है। उनके पास पूरे दिन समृद्ध भारतीय विरासत और भगवान स्वामीनारायण की कथा दिखाने वाले विभिन्न शो होते हैं। शाम को होने वाला वाटर शो भारत में आपको मिलने वाले सर्वश्रेष्ठ शो में से एक है। +अदलज स्टेप-वेल एक उल्लेखनीय संरचना, पाँच मंजिलें गहरी भूमिगत और जटिल नक्काशी से भरी हुई हैं। अहमदाबाद से 15 किमी उत्तर में। विवरण के लिए गांधीनगर लेख देखें। +नल सरोवर पक्षी अभयारण्य अहमदाबाद से लगभग 65 किमी दक्षिण-पश्चिम में, 120 किमी<सुप>2 में फैला है, झील नल सरोवर व्यापक रीड बेड और दलदल एक आदर्श निवास स्थान हैं जलीय पौधों और जानवरों के लिए। झील पक्षियों की एक बड़ी विविधता को आकर्षित करती है जैसे प्लोवर, सैंडपिपर्स, स्टेंट, कॉर्मोरेंट, ग्रीब्स और ओपनबिल स्टॉर्क। अभयारण्य की यात्रा के लिए सबसे अच्छा मौसम नवंबर से फरवरी है। +थोल पक्षी अभयारण्य यह अभयारण्य शहर के केंद्र से लगभग 30 किमी पश्चिम में है। नल सरोवर की तरह ही यह झील पक्षियों की कई प्रजातियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अमदावादियों के लिए सुबह की यात्रा करना अधिक बेहतर हो गया है। हालाँकि इसमें नौका विहार जैसी कोई सुविधा नहीं है, लेकिन यह अधिक अनुकूल निकला है क्योंकि यह एक कम ज्ञात स्थान है। सुबह के लिए टैक्सी किराए पर लेना सबसे अच्छा रहेगा क्योंकि यहां कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं है। नवंबर से मार्च घूमने का सबसे अच्छा समय है। + + +आइहा लेबनोन में स्थित एक गाँव है। इसे हसबानी का झरना भी कहते हैं, जो जॉर्डन नदी के कारण होता है। इसके अलावा इसे कुछ समय की ग���ली ज़मीन भी बोला जाता है। यहाँ कराओन वंश ने पहाड़ों को काट काट कर कई मंदिरों का निर्माण कराया था। इसके अलावा यहाँ कई अन्य संस्कृतियों के निशान भी मौजूद है। +अठारहवीं सदी से पहले कई आक्रमणकारियों और व्यापार करने के उद्देश से आने वाले लोगों ने इस जगह पर प्रवेश किया और अपनी संस्कृति के ढेर सारे निशान छोड़ दिये। वर्तमान में उन जगहों पर आधे से अधिक कलाकृति अब टूटे फूटे पत्थरों में तब्दील हो चुकी है। +इसके बहुत छोटे से गाँव होने के कारण यहाँ आपको किसी भी प्रकार की विमान सेवा नहीं मिल सकती है। हाँ, यदि आप चाहें तो हेलीकाप्टर या निजी विमान किराय पर या आपके पास हो तो आपका अपना विमान ला सकते हैं। इसके दूर दूर तक आपको कोई हवाई अड्डा नहीं मिलेगा। +यह इतना विकसित नहीं हुआ है कि आपको कोई रेल सुविधा यहाँ मिल सके। यहाँ रेल की पटरियाँ तक उपलब्ध नहीं है। हो सकता है कि कुछ वर्षों के बाद यहाँ रेल सुविधा भी आ जाये, परन्तु वर्तमान में ऐसी कोई भी सुविधा नहीं है, जिससे आप इस गाँव में रेल द्वारा आ सकें। इस गाँव में भी कहीं भी रेल नहीं चलता है। +यह एक बड़ा रेगिस्तानी क्षेत्र है, इस कारण आपको यहाँ उतना बड़ा जलीय क्षेत्र नहीं मिल सकता, जहाँ आप नाव चला सकें। यदि आप इस गाँव में भी आ जाएँ तो भी आपको कहीं नाव की सुविधा नहीं मिलेगी। यहाँ आने का सबसे अच्छे तरीकों में सड़क द्वारा आना ही है। लेकिन बारिश के दिनों में आप अवश्य नाव का उपयोग कर सकते हैं। केवल तभी, जब बारिश से बाढ़ आया हो। +बिका घाटी अरबी: وادي البقاع वादी अल-बिका) आइहा में आने वाले लोग, इसे देखना बहुत पसंद करते हैं और इसे देखे बिना वापस नहीं जाते। क्योंकि यह गाँव बिका घाटी में ही स्थित है। यह दो पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित है। इस घाटी में देखने के लिए बहुत से स्थान हैं। आमिक का गीला मैदान और करून झील भी इसी घाटी में स्थित हैं। +कुछ भी खरीदने के लिए आपको लेबनोन पाउंड की आवश्यकता होगी। यहाँ शराब का कारोबार काफी फैला हुआ है और विकसित है। यहाँ इसकी भूमि और वातावरण इस तरह का है कि यहाँ इसका खेती बहुत अच्छे से होती है और शराब बनाने के लिए भी अच्छी जगह है। अतः यदि आप शराब के शौकीन हैं तो आप यहाँ से शराब खरीद सकते हैं। +इसके अलावा यह जगह खेती के लिए अधिक जाना जाता है। यहाँ कई तरह की खेती होती है। शराब बनाने के लिए अंगूरों की खेती भी करते हैं। यहाँ का वातावरण भी इन सभी खेती के कार्यों के लिये सही है। अतः आप चाहें तो फल और सब्जियों को भी खरीद सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी खाने या पीने का सामान नहीं खरीदना चाहते तो आप अपना मनोरंजन इन जगहों के दृश्यों को देख कर कर सकते हैं। +यह एक उजड़ा हुआ गाँव है तो ऐसी आशा न करें कि आपको यहाँ कुछ अच्छा खाने को मिल सकता है। यदि आप यहाँ घूमने आए हैं तो आपके लिए यही अच्छा होगा कि आप अपने साथ कुछ खाने का समान भी अवश्य ले आयें, क्योंकि हो सकता है कि आपको यहाँ कुछ भी खाने को न मिले। +यह एक छोटा सा टूटा फूटा गाँव है तो आपको यहाँ कोई भोजनालय भी नहीं मिलेगा। इस तरह के कई कारणों से यहाँ पर्यटक भी बहुत कम ही आते हैं। जिन लोगों को टूटे फूटे पत्तरों में कला कृति देखने और इतिहास जानने का शौक होता है वहीं लोग यहाँ आते हैं। अन्य सभी तरह के पर्यटक इस जगह से दूरी बना लेते हैं। +शराब बनाने का की परंपरा लेबनोन में लगभग 6000 साल पुरानी है। यह औसतन समुद्र के स्तर से लगभग एक हजार मीटर ऊपर रहता है। इस कारण शराब बनाने के लिए इसे काफी अच्छा वातावरण मिलता है। इसके अलावा सर्दियों में प्रचुर मात्रा में बारिश होने और गर्मियों में अच्छी धूप के कारण अंगूर आसानी से पक जाते हैं। यहाँ दर्जनों शराब बनाने वाले मिल जायेंगे, अतः आपको यहाँ शराब की कोई कमी नहीं होगी। यह जिस घाटी में स्थित है, वहाँ सालाना 6 करोड़ से अधिक बोतल शराब का निर्माण होता है। +यह एक बहुत ही छोटा गाँव है, इस कारण आपको सोने के लिए यहाँ कोई निवास स्थान नहीं मिल सकेगा। पर आप इसके पास राशया नामक स्थान पर रुक सकते हैं। + + +आईउन या अल आयुन पश्चिम सहारा में स्थित है। यह एक राजधानी है, जो इस देश की उत्तरी भाग में स्थित है। इसकी जनसंख्या 2,10,000 से अधिक है। यह काफी रेतीला स्थान है, जिसमें बहुत सूखा स्थान है। यहाँ रहने के लिए काफी जगह है, लेकिन रहने का किराया काफी अधिक है। यहाँ रेतीला समुद्री तट देखने लायक स्थान है। इसके समुद्री तटों के कारण यह काफी जाना जाता है। यदि आप इस जगह की वास्तविक खूबसूरती देखना चाहते हैं तो आप पैदल यात्रा कर सकते हैं, इसकी एक और वजह ये भी है कि यहाँ सार्वजनिक यातायात उपलब्ध नहीं है। +इस जगह में पहली बार रहने लायक जगह की स्थापना 1928 में हुई थी। स्पेनियों ने 1934 तक किसी भी प्रकार का रखरखाव या सजाने का कार्य नहीं किया था। किसी स्थायी जगह की तलाश में कमांडर अंटोनिओ दे ओरो और कप्तान गालो बुल्लो डियाज़ ने इस जगह पर कदम रखा। उन्हें यह स्थान काफी अच्छा लगा क्योंकि यह सागर से ज्यादा दूरी पर भी नहीं था और तरफ़ाया व केप जुबी से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ था। इसमें कई सारे कुएं थी, जिससे साफ पानी आसानी से मिल सकता था। इसके अलावा वर्षा ऋतु में भी पानी के जाने के लिए अच्छी व्यवस्था थी। उनके आने के चार वर्षों के बाद 1938 में इसे स्थायी सेना स्थल बना दिया गया था। इसके बाद इसमें कई स्थायी इमारतों का निर्माण किया गया। 1940 में इसे स्पेनी सहारा का आधिकारिक राजधानी के रूप में बनाया गया। 1960 तक यहाँ का काफी धीमा विकास हुआ था। +सामान्यतः साल के दस महीने वर्षा होती है। जुलाई और अगस्त में वर्षा न के बराबर होती है। वर्षा ऋतु की शुरुआत नवम्बर से फरवरी तक रहती है। इसी मध्य रात में थोड़ा ठंड भी होता है। वर्षा ऋतु में लगभग 16 से 18 मिलीमीटर तक बारिश होती है। पूरे वर्ष में औसतन 100 मिलीमीटर वर्षा मापी जाती है। इस दौरान अधिकतम औसत तापमान 20 डिग्री के आसपास रहता है और निम्नतम तापमान 12॰C से 16॰C के मध्य ही होता है। +मुख्य रूप से गर्मी का मौसम अगस्त और सितम्बर माह में होता है। इस दौरान तापमान 28॰C से अधिक हो जाता है। सामान्यतः इसके कुछ महीने पहले और बाद में भी इस तरह का तापमान रहता है। जून से अक्टूबर के मध्य 24॰C से 25॰C तापमान रहता है, जो सामान्य से थोड़ा ही ज्यादा है। गर्मियों में भी रात के समय तापमान काफी नीचे चले जाता है। हालांकि यह बर्फ जमने लायक तापमान में कभी नहीं गया है। +बस सेवा आपको यहाँ से दक्षिण मोरोक्को के मुख्य यातायात केंद्र से जोड़ती है, इसमें मुख्य शहर इनेजगन है। दक्षिणी मोरोक्को से यहाँ तक आने वाला सड़क काफी अच्छी हालत में है। कुछ कुछ दूरी पर ही नाका उपस्थित है। रॉयल एयर मरोक यहाँ से कसबलंका, अगदीर और दखला तक जाता है। आपको मराकेश से हर दिन बस मिल सकती है। +आप यहाँ आसानी से मुख्य देखने वाले जगहों तक पैदल चल कर जा सकते हैं। यहाँ सार्वजनिक यातायात केवल नाम के लिए है। आपको केवल टैक्सी ही मिलेगी, जो आपको शहर के किसी भी कोने में ले जा सकती है। इसके लिए आपको 5 से 6 दिरहम देने होंगे। यदि आपके पास स्मार्टफोन है तो आप यदि चलाने वाले को रास्ता दिखाएंगे तो आपके लिए अच्छा रहेगा। मुख्य टैक्सी सेवा यहाँ के बन्दरगाह से भी जोड़े रहती है। +यहाँ चिड़िय���ं को देखने हेतु पहले इंतजाम भी किया गया था, बाद में उसे बंद कर दिया गया। इसके आसपास पर्यटन कार्यालय में कर्मचारियों को अच्छी तरह से रखा गया है, लेकिन उन्हें इस बारे में कोई खास जानकारी नहीं है कि आपका समय किस तरह से व्यतीत कर सकते हैं। +समुद्री तट स्थानीय लोगों में समुद्री तट काफी प्रसिद्ध है। यह सड़क से कुछ ही दूरी पर स्थित है। यह पश्चिमी सहारा के कुछ जगहों में से एक है, जिसे वास्तव में लोग देखते हैं। मुख्यतः इसे शाम के समय देखा जाता है, जब कई लोग यहाँ आते हैं। स्थानीय लोग यहाँ कई तरह के खेल भी खेलते हैं, जैसे फूटबाल आदि। +स्पेनी चौंकियाँ इसे कई वर्ष पूर्व बनाया गया था और बाद में वहाँ से चौंकियों को हटा दिया गया। लेकिन फिर भी वहाँ आप उस बारे में काफी कुछ देख सकते हो। कुछ मुट्ठी भर स्पेनी प्रवासी आज वहाँ रहते हैं। स्पेनी लोगों ने जब इस जगह को अपनी चौकी बनाने के लिए चुना तो धीरे धीरे यहाँ कई स्थायी इमारतों का निर्माण भी कराया। यदि आप यहाँ आते हैं तो उन इमारतों को भी देख सकते हैं और पुरानी चौकी की कुछ अवशेष भी आपको देखने को मिल सकते हैं। +यहाँ मिलने वाले सभी तरह के खाने लायक भोजन आपको दूसरे कई जगहों पर भी मिल जाएगा। यहाँ कोई ऐसा भोजन नहीं है, जो केवल यहीं मिलता हो। लेकिन यदि आप मांसाहारी हैं तो आप यहाँ ऊंट का मटन खा सकते हैं। यहाँ शहर के कई हिस्सों में ऊंट का मटन आसानी से मिल जाता है और आश्चर्यजनक बात यह है कि इसकी गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है। यहाँ मटन के अलावा फलों को भी काफी पसंद किया जाता है। +संयुक्त राष्ट्र के कई लोग आज भी यहाँ उपस्थित हैं। यहाँ कई होटल हैं, लेकिन मोरोक्को की तुलना में यह सभी होटल बहुत महंगे हैं। यहाँ हवाई अड्डे के दक्षिण में कुछ सस्ते होटल हैं, जिसमें सस्ते होने के कारण सामान्यतः मोरोक्को के लोग रहना पसंद करते हैं। होटल पाराडोर कई वर्षों तक सेना का मुख्यालय बना हुआ था, जो फिर से होटल के रूप में खुल चुका है। होटल लार्कोन भी कई समय से संयुक्त राष्ट्र के सेना द्वारा लिया गया है। यहाँ के लोग जितना हो सकते उतना सहायता न कर सकें, उतनी कोशिश करते रहते हैं और सहायता करने से बचना चाहते हैं। + + +आकीरकेबी डेनमार्क में स्थित एक शहर है। इसे बोर्नहोल्म का दिल भी कहते हैं। यह बोर्नहोल्म के मुख्य गाँवों में से एक है। यह इस द्वीप के ख़ूबसूरत जगहों में ���े एक है। मध्य शताब्दी में यह गाँव बोर्नहोल्म की राजधानी हुआ करता था। यहाँ आप कार द्वारा किसी भी स्थान में जा सकते हो। यहाँ आपको हर जगह, हर संस्था या स्थान पर गाड़ी रखने का स्थान मिल सकता है। सभी जगह इसकी सुविधा बनाई गई है। इसकी ख़ूबसूरती आप पैदल चल कर ही अच्छे से देख सकते हैं। हालाँकि, आपको इसके अलावा भी कई सुविधा मिल जायेगी और उससे भी आप इस जगह को देख सकते हैं। यहाँ बस सेवा भी काफी अच्छी है। कुछ बसें तो केवल पर्यटकों के लिए ही चलती हैं। +डेनमार्क में आकीरकेबी एक छोटा सा गाँव है। एक जनवरी 2015 के जनगणना के अनुसार यहाँ की आबादी 2,015 है। यह बोर्नहोल्म का तीसरा सबसे बड़ा गाँव है। बोर्नहोल्म एक द्वीप है, जो बाल्टिक सागर में स्थित है। यहाँ आप चल कर ज्यादा अच्छे से जगहों को देख सकते हैं। यहाँ आप गाड़ियों के संग्रहालय में जा सकते हैं, जो यहाँ आने से थोड़ी ही दूर पर मिलेगा। यहाँ आपको हर जगह गाड़ी रखने के लिए जगह मिल सकता है। बस से भी आप कई स्थान तक जा सकते हैं। +बोर्नहोल्म में मात्र एक ही हवाई अड्डा मौजूद है, जो रोन नामक स्थान पर है। यदि आप सड़क से जाना चाहते हैं तो आपको सड़क 38 से जाना होगा, जो इसके सबसे समीप पड़ता है। इस सड़क से होते हुए जाने में आपको 12 किलोमीटर की दूरी का सफर तय करना पड़ेगा। आप इस दूरी को बस के माध्यम से भी पूरी कर सकते हैं। आपको इसके लिए 3 और 5 में से कोई बस मार्ग चुनना होगा। +यदि आप बस द्वारा यहाँ आना चाह रहे हैं तो आपके लिए बहुत सारे मार्ग और विकल्प मौजूद है। यहाँ बस की सेवा काफी अधिक अच्छी है, और कई सारी बसें और उनके मार्ग भी मौजूद हैं। इसमें कई अलग अलग मार्गों द्वारा आप अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं। मार्ग 3 से आप रोन, स्टेरलर्स, नेक्सो, आकीरकेबी, हवाई अड्डा, और वहाँ से वापस रोन तक पहुँच सकते हैं। ठीक इसी तरह मार्ग 5 भी है, यह मार्ग 3 का बिलकुल उल्टा है। यदि आपको मार्ग 3 ठीक नहीं लगा तो आप मार्ग 5 का उपयोग कर सकते हैं। +मार्ग 6 भी रोन से निकलती है। यह रोन से निकलने के बाद आकीरकेबी जाती है, वहाँ से पेडार्स्कर, स्नोगेबेक और वहाँ से होते हुए ये नेक्सो में आ जाती है। इसके बाद यह वापस हो जाती है। मार्ग 7 और 8 लगभग समान है। यह हसले, वाङ, हैमरक्षुस, संडविग, आलिंग, गुढेजेम, लिस्टेड, स्वनेक, जोबोंलैंड, आर्सडेल, नेक्सो, बाल्का, स्नोगबेक, पेडरस्किर्क अकीरकेबी, अर्नगर से होते हुए रोन हवाई अड्डे में आ जाती है। यह पर्यटकों के लिए बनाया गया है। जिसमें केवल पर्यटन बसों को जाने की अनुमति है। गर्मियों में यहाँ थोड़ा कम आवागमन होता है। +मार्ग 9: यह मार्ग रोन से होते हुए शुरू होता है, इसके बाद यह आकीरकेबी में आता है। फिर इससे होते हुए आल्मिंडिंग, स्टरमारी, गूढजेम और वहाँ से होते हुए बोर्नहोल्म के कला संग्रहालय में जाता है। उसके बाद वापस यात्रा पर निकल पड़ता है। +रोन और नेक्सो के नामक दो बड़े शहरों के साथ ही मार्ग 38 में आकीरकेबी भी स्थित है। रोन से इसकी दूरी लगभग 15 किलोमीटर है और नेक्सो से लगभग 14 किलोमीटर है। यदि आप समुद्री मार्ग से यहाँ आना चाहते हैं तो आप ड्यूड में समुद्री तट से होते हुए एक छोटे से सड़क तक जा सकते हैं। यहाँ से 16 किलोमीटर की दूरी पर ओस्टर-सोमरकन है। यहाँ आपको समुद्री तट खोजने हेतु कई प्रवेशद्वार मिल जाएँगे। +पवन चक्की यहाँ वर्ष 1865 में में एक सफेद रंग की पवन चक्की का निर्माण हुआ था। इसका नाम म्यरेयग्रे मोल्ले रखा गया है। यदि आप आकीरकेबी में हैं तो इसे देखने के लिए आपको पूर्वी दिशा की ओर जाना पड़ेगा। वहाँ से आपको नेक्सो जाने के लिए सड़क दिखेगी, और वहाँ से आप लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पार कर इसे देखने जा सकते हैं। यह अत्यंत पुराना पवन चक्की होने के साथ साथ काफी सुन्दर भी है। इसकी साफ़ सफाई और मरम्मत होते रहने के कारण यह पुरानी होने के बावजूद भी नयी दिखती है। +आप यदि यहाँ टोरवेट 1 में घूमेंगे तो आपको कई सारे छोटे दुकान देखने को मिल सकते हैं। यहाँ से आप अपने जरूरत की कई सारी वस्तुओं को खरीद सकते हैं। टोरवेट के मार्कटगेन में आपको सक्रिय गतिविधि देखने को मिलेगी। +इस गाँव में तीन बहुत बड़े बाजार भी मौजूद है। उनके नाम निम्न हैं: +* नेट्टो यह वेस्टरब्रो 11 में स्थित है। +* सुपरब्रूगसेन यह वेस्टरब्रो 7 में स्थित है। यह सोमवार से रविवार तक सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक आपको खुला ही मिलेगा। +* सुपरस्पार यह टोरवेट 1 में स्थित है। +इस शहर में जोमफ्रू नामक एक छोटी सी गली है। इस गली में 30 भोजनालय और बार हैं। यह देर तक खुले रहते हैं और आप यहाँ से आसानी से सस्ते में शराब पी सकते हैं। +यहाँ आपको कई जगह मिलेंगे, जहाँ आप आराम से सो सकते हैं। +आकीरकेबी केंपिंग यह स्थान आकीरकेबी में हेरगैड 23 पर स्थित है। + + +वर्ष 1526 से 1658 तक यह मुगल साम्राज्य की राजधानी था, लेकिन इससे भी काफी पहले इसकी स्थापना हो चुकी थी। 1506 में सुल्तान सिकंदर लोदी ने अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा कर दी। इसके पुत्र इब्राहिम लोदी को वर्ष 1526 में बाबर ने हरा दिया और आगरा पर शासन करने वाला पहला मुगल शासक बना। +मानसून और पश्चिमी विक्षोम ही दो मुख्य कारक हैं, जो आगरा के मौसम को अधिक प्रभावित करते हैं। उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश शहरों की तरह, यहाँ का मौसम और जलवायु उष्णकटिबंधीय है। ज़्यादातर पश्चिमी विक्षोम सर्दियों के मौसम में होता है और इसके कारण तेज बारिश और तापमान में कमी होती है। दक्षिण पश्चिम मानसून गर्मियों के मौसम में जून से शुरू होता है और सितम्बर तक रहता है। मानसून भीषण गर्मी से राहत देता है। मानसून में काफी अधिक वर्षा होती है और यह कुछ निचले स्थानों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर देता है। +यह दिल्ली से दक्षिण पूर्व में 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह को आगरा-दिल्ली-जयपुर का स्वर्ण त्रिकोण भी कहा जाता है। आगरा अच्छी तरह से रेल और सड़क से अपने आस पास के शहरों से जुड़ा हुआ है और पर्यटकों के आने का स्थान भी है। जिन लोगों को बहुत सी जगहों को देखना है या अगले दिन सुबह ही दिल्ली के लिए निकलना रहता है, वे लोग यहीं रात भी गुजार लेते हैं। +आगरा का खेरजा हवाई अड्डा ऋतुओं के अनुसार अपनी सेवा प्रदान करता है। इस शहर में मुख्य विमान एयर इंडिया का उड़ता है। यह दिल्ली-आगरा-जयपुर के त्रिकोण पर पर्यटकों को लाने ले जाने का कार्य करता है। यह भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक है और वायु मार्ग द्वारा सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। उड़ान का समय एक घंटे से भी कम होता है। यदि आप इसका वैकल्पिक मार्ग खोजना चाहते हैं तो कार किराय पर लेना ज्यादा सस्ता पड़ेगा। +* राजा की मंडी यह एक बहुत ही छोटा स्टेशन है। कुछ रेल जो आगरा कंट्ट में रुकती है, वो यहाँ भी रुकती है। यह शहर के मध्य में स्थित है। +* ईदगाह रेलवे स्टेशन यदि आप जयपुर से आगरा आ रहे हैं, तो दिखने वाला यह पहला स्टेशन होगा। +आप टैक्सी लेने के लिए या तो सीधे होटल से ले सकते हैं या रेलवे स्टेशन के बाहर में भी ले सकते हैं। आपको कई जगह सरकार द्वारा संचालित टैक्सी स्टैंड देखने को मिलेगा, लेकिन इसे ढूँढने में आपको काफी मेहनत करना पड़ सकता है, क्योंकि स्टेशन में कई ऐसे लोग हो सकते हैं, जो आपकी सहायता न करें। इसके लिए 8 घ��टे में ₹950 का किराया लगता है। यदि आप होटल से टैक्सी लें तो हो सकता है कि यह और महंगा पड़ जाये। सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप सीधे चालक से मिलें या किसी ऑनलाइन जा कर किसी टैक्सी किराय पर देने वाले वेबसाइट से टैक्सी ले लें। +इस बात का ध्यान रखें कि ताज भवन के पास किसी भी प्रकार की टैक्सी ले जाने की अनुमति नहीं है। परन्तु बाकी सभी स्थान पर आप आराम से टैक्सी से घूम सकते हैं। +राष्ट्रीय राजमार्ग 2 दिल्ली में मधुरा सड़क से मुख्य मार्ग में आने का प्राथमिक मार्ग है। यदि आप दक्षिण दिल्ली से या दिल्ली हवाई अड्डे से आ रहे हैं तो महरौली सड़क में जाना आसान होगा। उसके बाद आप तुगलकाबाद से राष्ट्रीय राजमार्ग 2 में आ सकते हैं। जब आगे दो रास्ते हों तो आपको अपनी आँखें अच्छी तरह से खुली रखनी चाहिए, क्योंकि ट्रक, कार या बैल गाड़ी कहीं गलत रास्ते से भी आ कर आपको टक्कर मार सकती है। आप चालक के साथ गाड़ी किराय पर भी ले सकते हो। दिल्ली हवाई अड्डे से आने जाने में पाँच लोगों के बैठने लायक जगह के साथ गाड़ी आपको ₹3,500 में मिल जाएगी। लेकिन समय का भी ध्यान रखें और अपने जाने से थोड़े अधिक समय पहले ही निकल जाएँ, क्योंकि हो सकता है कि यातायात बढ़ जाये और आपको देर हो जाए। साथ ही यह भी अच्छा होगा कि आप चालक को पहले से जान लें, क्योंकि कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि कुछ दूरी तक जाने के लिए कोई पाँच घंटे का समय लगा रहा हो और आप उसे बोल भी नहीं सकते कि कम से कम ऑटो रिक्शा (टूक टूक) से तो तेज चला दो। +ताजमहल सफेद संगमरमर से बना एक विशाल मक़बरा है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहाँ से अपनी पत्नी नूरजहाँ की याद में 1631 और 1648 के बीच बनवाया था। ताजमहल दुनिया में सबसे अच्छी तरह संरक्षित इमारतों में से एक भी है और भारतीय मुस्लिम वास्तुकला की कृतियों के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से भी एक है। +ताजमहल को रात में भी देखा जा सकता है, लेकिन पूर्णिमा से दो दिन पूर्व और दो दिन पश्चात् ही देखने दिया जाता है। भारतीय पुरातत्व संस्था द्वारा चौबीस घंटे पूर्व पूर्णिमा के साथ कुल पाँच दिनों के रह सकते हैं। इस संस्था का कार्यालय आगरा में माल रोड से लगा हुआ है। इसमें जाने हेतु भारतीय से ₹500 और गैर-भारतीय से ₹750 लिया जाता है। रात में देखने का समय 8:30 से 9:00 और 9:00 से 9:30 तक है, लेकिन आपको लगभग तीस मिनट पहले ही यहाँ आना होता है, जिससे सुरक्षा हेतु आपकी जाँच की जा सके। रात के समय देखने वालों को लगभग दो सौ मीटर दूर रखा जाता है और तस्वीर लेने हेतु रौशनी पर्याप्त नहीं होती है। +आगरा का किला काफी हद तक दिल्ली के लाल किले से मिलता है, लेकिन यह काफी अच्छे हालात में है। दिल्ली के किले को अंग्रेजों ने विद्रोह के बाद इसके कई हिस्सों को नष्ट कर दिया था। इसे मुख्यतः लाल बलुआ पत्थरों से बनाया गया है और किले के महल वाले क्षेत्र में सफेद संगमरमर का प्रमुखता से उपयोग किया गया है। +मेहताब बाग में आप ताजमहल से होते हुए यमुना नदी पार कर सीधे आ सकते हैं, और यदि आप शहर के मध्य से यहाँ आना चाहते हैं, तो ऑटोरिक्शा से आपको लगभग तीस मिनट का समय और ₹200 रुपये लगेंगे। वनस्पति उद्यान बॉटैनिकल गार्डन से आप बिना पर्यटकों की भीड़ के भी ताजमहल को देख सकते हैं। बाग में विदेशियों द्वारा प्रवेश हेतु ₹100 रुपये का शुल्क लगता है। +| content=इसे शाह जहां की याद में बनाया गया था। +| content= नूर जहां ने इस मकबरे को बनाया था। इसे कभी कभी छोटा ताज भी कहते हैं। +* चाट जिन्हें चाट खाना पसंद है, उनके लिए आगरा स्वर्ग जैसा है। यहाँ चाट के कई अलग अलग प्रकार मिलते हैं। इसके अलावा कई जगह आलू टिक्की, पनीर टिक्का आदि भी मिलता है। +कामत होटल यह कुछ बड़े भोजनालयों में से एक है, जहाँ से आप ताज महल को देख सकते हैं। यहाँ बियर भी उपलब्ध है। +प्रिया भोजनालय फतेहाबाद सड़क में शांति मांगलिक अस्पताल के पास ही स्थित है। इसमें आपको हर तरह के खाने मिल सकते हैं, केवल दक्षिण भारतीय खानों के अलावा, जिसके लिए आपको ₹250 प्रति व्यक्ति देने होंगे। यह तीन सितारा होटल है, जिसमें एसी, टीवी आदि की भी सुविधा है। +होटल में भारतीय बियर आपको ₹70-100 के आसपास पड़ेगा, लेकिन यहाँ आगरा के बाहर रात को लोग निशाचर की भाति जागे नहीं रहते हैं, इस कारण आपको केवल कुछ बड़े होटल और भोजनालय आदि ही खुले मिलेंगे। आगरा की सड़कों से निकलने के बाद और होटल में घुसने के बाद आपको वापस जाने का कोई मन नहीं करेगा। +अमर विलास बार यहाँ ₹200 में बियर और ₹450 में कॉकटेल मिलता है। यहाँ के छत से आप आराम से ताज को देख सकते हैं। +मुग़ल बार यह कई सारे होटल के साथ मिल कर रहता है। +डाउनिंग स्ट्रीट बार इसमें आपको पिजा, तंदूरी चिकन आदि मिल सकता है। +होटल कमल यह ताजमहल के दक्षिण द्वार की ओर मिलेगा। इसमें रहने के लिए आपको ₹300 से ₹850 तक खर्च करने पड़ेंगे। +होटल नील कंठ यह फत���हाबाद सड़क पर स्थित है। इसमें रहने हेतु आपको ₹100 या उससे अधिक रुपये देने होंगे। +होटल शीला यह ताजगंज में स्थित है और ताजमहल के पूर्वी द्वार से मात्र 100 मीटर की दूरी में आपको मिल जाएगा। यहाँ आने जाने वाला समय 10 बजे है। कोई भी आपको होटल में निःशुल्क कॉल कर सकता है और यहाँ आपको चौबीसों घंटे गर्म पानी मिल सकता है और जनरेटर की सुविधा भी है। इसके लिए आपको ₹500 से ₹800 रुपये लगेंगे। +होटल मन्दाकिनी विलास यह फतेहाबाद सड़क पर पुरानी मंडी में ताजगंज पर स्थित है। यह ताजमहल के पश्चिमी द्वार से 200 मीटर की दूरी पर आपको मिल जाएगा। इसके कमरों में आपको एसी और 100 चैनल के साथ कैबल टीवी की सुविधा भी मिलेगी। इसमें ब्रॉडबैंड इंटरनेट और अपना नहाने का कमरा और ठंडा पानी आदि की सुविधा भी मिलेगी। आप यदि थोड़े गर्म पानी की मांग करेंगे तो आपको थोड़ा गर्म पानी भी मिल सकता है, लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा देर पहले ही बोलना पड़ेगा। यदि आप सबसे नीचे के कमरे में सो रहे हैं तो आपको कान में कुछ डालना पड़ सकता है, क्योंकि नीचे लोगों के आने जाने के कारण काफी शोर होता है। इसके लिए आपको थोड़ी ऊपरी मंजिल में कमरा लेना पड़ेगा। यह ₹2,690 रुपये से शुरू होती है। +होटल प्रिया यह प्रिया भोजनालय के पास, फतेहाबाद सड़क में स्थित है। ताजमहल के पूर्वी द्वार से इसकी दूरी लगभग 400 मीटर है। इसके कमरे में भी आपको एसी और 100 चैनल वाले केबल टीवी की सुविधा मिलेगी। इसी के साथ साथ ब्रॉडबैंड, अपना नहाने का कमरा, जिसमें आप ठंडा और गर्म पानी दोनों का उपयोग कर सकते हैं आदि भी मिलेगा। आप एक कॉल कर के डॉक्टर को भी बुला सकते हैं। यह इस दाम पर सबसे अच्छा होटल है। इसमें नाश्ता हेतु ₹150 रुपये लगेंगे। +* अपने होटल के कमरे में कभी भी पैसा या कोई भी मूल्यवान वस्तुओं को न रखें और अपने होटल, भोजनालय आदि के बिलों की अच्छी तरह से जाँच भी कर लें। +* जेब कतरों से सावधान रहें। +* यदि आप कुछ चीज खरीदना चाहते हैं तो सावधान रहें, क्योंकि कई सारे सस्ते सामान वास्तविक वस्तुओं की नकल होती है और ज्यादा समय तक नहीं चल पाती है। +* ठंड के समय आगरा में मौसम का कोई ठिकाना नहीं होता है, कई बार तापमान शून्य से भी कम हो सकता है, इस कारण सर्दी में आने से पूर्व इसकी तैयारी भी कर लें। + + +आचेन जर्मनी में स्थित एक शहर है। इस शहर का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्त्व है, क्योंकि यहीं जर्���नी के राजाओं की ताजपोशी होती थी। इसके अलावा यहाँ कई पुराने द्वार और फव्वारे हैं, जो उस दौर की याद दिलाते हैं। +यहाँ कई पुराने विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं। शहर की स्थापना के समय यह विश्वविद्यालयों का केंद्र हुआ करता था। यह तीन देशों की सीमा के मिलन स्थल पर बसा हुआ नगर है यहाँ के ठीक बाद, जर्मनी की सीमा, बेल्जियम और नेदरलैंड के साथ मिलती है। +आचेन को तकनीकी रूप से बद आचेन बोलते हैं, लेकिन लोगों ने इस नाम को मानने से साफ इंकार कर देते हैं, क्योंकि इसके कारण यह कई सारे सूचियों में पहले स्थान पर नहीं दिखेगा। यह शहर तीन देशों की सीमा से जुड़ता है। इसमें जर्मनी, बेल्जियम और नेदरलैंड है। +आचेन का क्षेत्र वर्ष 800 से 814 तक रोमन शासकों के कब्जे में था। उस दौरान उनके क्षेत्र में अभी का इटली, फ्रांस, जर्मनी और बेनेलक्स भी था। +जर्मनी के अधिकतर पश्चिमी शहरों की तरह और निचले देशों के करीब ही आचेन का वातावरण है। आचेन और उसके आसपास का क्षेत्र समशीतोष्ण जलवायु क्षेत्र है। इसमें आर्द्र मौसम, शीत ऋतु में हल्की सर्दी और ग्रीष्म ऋतु में गर्मी रहता है। क्योंकि यह इफेल के उत्तर में स्थित है। कई बड़े रुकवाटों के कारण पश्चिमी मौसम का अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। इस कारण आचेन में औसतन 805 मिलीमीटर बारिश सालाना होती है। लेकिन वहीं इसके पास स्थित शहर बोन में 669 मिलीमीटर बारिश सालाना होती है, जो आचेन की तुलना में अधिक है। आचेन में स्थानीय मौसम बलों के कारण दक्षिणी हवालों का निर्माण होता है, जो शहर के भौगोलिक स्थान से उत्तरी किनारे से होते हुए निकलती है। +आचेन अपना हवाई अड्डा मास्टरिच्ट के साथ साझा करता है, जिसके विमान केवल कुछ ही अंतरराष्ट्रीय जगहों पर जाते हैं और कम खर्च पर लाने ले जाने का कार्य करते हैं। यह शहर के मध्य से 40 किलोमीटर की दूरी पर नेदरलैंड में स्थित है। यहाँ आपको एयरपोर्ट एक्सप्रेस मिलेगा जो आचेन बस अड्डे से रोजाना यात्रियों को लाने ले जाने का कार्य करता है। इसे गिलबेचर एयरपोर्टएक्सप्रेस कहा जाता है। इसका टिकट आपको बस चालक से ही खरीदना होगा, जिसके लिए आपको €10 ही लगेंगे। आचेन और हवाई अड्डे के मध्य कोई रेल सुविधा नहीं है। +''यूरोलाइंस बस आचेन से आती है। सीधे यात्रा करने हेतु आपको लंदन से दस घंटे, ब्रसेल्स से 3 घंटे, पेरिस से साड़े छः घंटे, प्राग से साड़े 11 घंटे में आ जा सकते हैं। +आचेन में कई अलग अलग प्रकार के व्यंजन मिलते हैं। इसके मध्य में सभी प्रकार के भोजनालय उपलब्ध हैं। इसमें अन्य शहरों के मुक़ाबले दाम काफी कम है। +* फॉन्ट ग्रिल बहुत ही सस्ते में अच्छा चिकन, फिजा और तुर्की भोजन मिलता है। +* पोलोनिया 50 से अधिक सौस के साथ तला हुआ भोजन मिलता है। +* सराय तुर्की भोजन और कबाब मिलता है। +* डेल नेगरो इस शहर का सबसे अच्छा आइसक्रीम यहाँ मिलता है। +यदि आप आचेन में हैं तो आपको किसी बार में जाने पर पीने हेतु कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है। सीधे किसी कुर्सी में बैठ जायें, उसके बाद कोई भी वहाँ का कर्मी आपके पास आकर आपसे पूछ लेगा कि आप क्या खाना-पीना चाहते हैं। इसके बाद वह एक छोटे से थाली में आपके द्वारा मंगाया गया भोजन आदि लिख लेगा। जब आप अपना पीने का कार्य पूरा कर लेंगे तो कोई आपके पास आकर फिर से पूछेगा कि आप कुछ और पीना चाहते हैं या नहीं। यदि आप और कुछ खाना-पीना नहीं चाहते तो आप वो लिखी हुई थाली को उसे दे सकते हैं। उन्हें आपसे उम्मीद रहती है कि आप अपने जितना खर्च किया है, उसके कम से कम उन्हें पाँच से दस प्रतिशत पैसे टिप में दे देंगे। आपको पैसे देते समय ये साफ कहना होगा कि आप इतना रूपये खाने का बिल दे रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आप उनके कर्मचारियों को अलग से भी पैसे दे रहे हैं। + + +आबेनरा डेनमार्क के जुटलेंड में स्थित एक शहर है। 1 जनवरी 2014 को जनगणना के बाद इनकी जनसंख्या 15,814 थी। आबेनरा डेनिश भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ खुले समुद्री तट से है। वर्ष 1948 में इसे आ के स्थान पर Å का उपयोग करने वाले थे, लेकिन इससे शहर के लोगों को भय हुआ कि इससे उनके शहर का नाम किसी भी सूची में नीचे हो जाएगा। बाद में "आ" को विकल्प के रूप में रख लिया गया। लेकिन स्थानीय लोग ज्यादातर "आ" शब्द का ही उपयोग करते हैं और अबेनरा नाम केवल विकल्प बन कर रह गया है। +डेनमार्क के जुटलैंड में स्थित आबेनरा का उल्लेख बारहवीं शताब्दी में मिलता है, जब इस पर वेंड्स ने आक्रमण कर दिया था। यह मध्य काल में विकसित होने लगा। वर्ष 1240 में इसे व्यापारियों का शहर कहा जाने लगा। 1750 ई॰ से 1864 ई॰ के मध्य यहाँ नाव का आना जाना बहुत हो गया था और इससे व्यापार भी बहुत किया जाने लगा था। इस दौरान इस क्षेत्र का व्यापार चीन, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया तक फैल गया था। इससे इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को काफी लाभ हो रहा था। +���र्ष 1948 में इसके नाम को लेकर चर्चा हुई थी और समिति ने तय किया था कि इसके नाम से "आ" को हटा कर दूसरे लिपि के अक्षर माला से Å एबेनरा को लिया जाये, जो इसका सही उच्चारण होगा। इसे आ के स्थान पर Å का उपयोग करने वाले थे, लेकिन इससे शहर के लोगों को भय हुआ कि इससे उनके शहर का नाम किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सूची में नीचे हो जाएगा। इस निर्णय के विरोध करने के बाद समिति ने फैसला किया कि "आ" को विकल्प के रूप में रख लिया जाये और "Å एबेनरा को इसका सही उच्चारण माना जाये। लेकिन स्थानीय लोग ज्यादातर "आ" शब्द का ही उपयोग करने लगे और आज भी इसके नाम में "आ" शब्द का उपयोग होता है। +यहाँ जुलाई और अगस्त माह में सबसे अधिक गर्मी होती है। लोगों के लिए यहाँ की अधिकतम गर्मी भी कोई खास नहीं है। गर्मी का मौसम सामान्यतः जून और सितम्बर के मध्य होता है। ग्रीष्म ऋतु में भी रात को मौसम काफी ठंडा हो जाता है और तापमान 10 डिग्री से भी कम हो जाता है। शरद ऋतु नवम्बर से मार्च तक रहता है। इस दौरान दिन का तापमान भी शून्य के आसपास चला जाता है और रात में तो शून्य से भी कम रहता है। वर्षा हेतु कोई खास समय नहीं है। यहाँ हर महीने बारिश होती रहती है और सबसे अधिक बारिश वाला समय शरद ऋतु में होता है। +डेनिश यहाँ की स्थानीय भाषा है। लेकिन यहाँ लगभग सभी लोग जर्मन भाषा को समझ और बोल भी लेते हैं, क्योंकि यहाँ आने वाले अधिकांश पर्यटक जर्मनी से आते हैं। यह पर्यटक गर्मियों के महीने में काफी समय समुद्री तटों के पास गुजरते हैं। यहाँ छोटा सा समूह मूल रूप से जर्मन बोलता है, लेकिन यहाँ सभी बहुभाषी लोग हैं। यदि आप यहाँ आते हैं तो आपके लिए जर्मन या डेनिश भाषा जानना अच्छा रहेगा। वैसे आप यहाँ आ कर भी इन भाषाओं को सीख सकते हैं। +यह स्थान समुद्र के समीप ही है और आपको आसपास कई सारे समुद्री तट दिखाई दे सकते हैं, जहाँ आप आराम से तैराकी कर सकते हैं, या लेटे रह सकते हैं। यहाँ आपके खेलने और आराम करने की पूरी व्यवस्था होती है। छुट्टियों के समय यदि आप किसी स्थान पर घूमना आराम करना चाहते हैं तो यह स्थान आपके लिए सही है। +पुराने समय में आबेनरा को मछलियों के अधिक पकड़े जाने के कारण उसका बाजार कहा जाता था। यहाँ बड़ी संख्या में लोग मछलियों का व्यापार करते हैं। तो यदि आपको मछलियों को खाने में मजा आता है तो आपके लिए यह स्थान बहुत अच्छा है। + + +आलबोर्ग डेनमार्क में स्थित एक क्षेत्र है जिसकी 2008 में हुई जनगणना के अनुसार यह डेनमार्क में चौथा सबसे बड़ी जनसंख्या वाला क्षेत्र है। 2016 में इसकी जनसंख्या 1,34,672 हो गई। यह उत्तर जुटलैंड का सबसे बड़ा शहर है और इस क्षेत्र की राजधानी भी है। यहाँ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और बन्दरगाह भी मौजूद है। इसके अलावा यहाँ कई सारे विश्वविद्यालय हैं, जो इसे शिक्षा का केन्द्र बनाते हैं। यह काफी पुराना शहर है, इस कारण यहाँ कई ऐतिहासिक इमारतें मौजूद हैं और इन्हें संरक्षित भी रखा गया है। +यह डेनमार्क के सबसे बड़े शहरों में से एक है। इसकी आबादी ने 2008 के जनगणना के अनुसार इसे डेनमार्क का चौथा सबसे बड़ी आबादी वाला शहर बना दिया था। 2016 में भी जनगणना हुई थी और इस जनगणना के अनुसार भी यह चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहर था। +आलबोर्ग शहर का इतिहास लगभग कुछ हजार वर्ष पुराना है। यह पहले व्यापारिक केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा था। इसका नाम पहली बार 1040 में बने एक सिक्के में दिखाई दिया था। उसमें इसका नाम अलाबु या अलाबुर लिखा हुआ था। उस समय हरथानूट वहाँ का राजा था। नावों के आवागमन हेतु यह जर्मन का बहुत उपयोगी भाग हुआ करता था। क्योंकि यहीं से नावों में सामान को नॉर्वे तक लाया ले जाया जाता था। वालदेमर ने अपने पुस्तक में 1231 को इसका नाम आलेबुर्ग लिखा था, जिसका अर्थ "वाष्प के किले" से है। कुछ पुराने भाषाओं में इसका अर्थ वर्तमान या भाप से है और किला या साम्राज्य से। +यह स्थान वर्ष के ज्यादातर समय तक ठंडा ही रहता है। इस दौरान इसका औसत तापमान 20 °C (68 °F) के आसपास और गर्मी के मौसम में 11 °C (52 °F) के आसपास निम्नतम तापमान रहता है। जनवरी और फरवरी माह के मध्य इसका औसत तापमान −3 से 2 °C (27 से 36 °F) के मध्य रहता है। कभी कभी ही −10 °C (14 °F) से कम होता है। जुलाई और अगस्त माह में काफी गर्मी होता है। इस दौरान औसत तापमान 16 °C (61 °F) रहता है। अक्टूबर में यह 9 °C (48 °F) में आ जाता है। जून में सबसे अधिक सूर्य की रोशनी मिलती है। औसत 218 घंटे की रोशनी जून में मिलती है। इसी तरह मई और जुलाई में भी होता है। वर्षा साल के हर माह में होती है। सामान्यतः अक्टूबर में 76 मिमी तक वर्षा होती है। बारिश वाले माह में लगभग 14 दिन बारिश होती ही है। फरवरी में औसतन 35 मिमी बारिश होती है। अप्रैल काफी सूखा माह होता है, जिसमें केवल औसतन 8 दिन ही बारिश होती है। +नॉर्वेई और सास दो उड़ाने हैं, जो आपको ���ोपेनहगेन से आलबोर्ग तक ल सकती है। नॉर्वेई विमान कई और अंतरराष्ट्रीय शहरों में भी जाती है। यह कई यूरोपीय शहरों से सीधे ही अंतरराष्ट्रीय उड़ान भर कर आपको आलबोर्ग में छोड़ सकती है। डेनमार्क में स्थित आलबोर्ग में एक हवाई अड्डा, डेनमार्क का तीसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह शहर के उत्तर की ओर स्थित है। शहर में बस या टैक्सी लेना काफी महंगा होता है। बस छुट्टी के दिन या शाम को चलते हैं और रात 11 बजने से पूर्व ही अपनी सेवा बंद कर देते हैं। यदि आप बहुत देर से पहुँचें हैं, और आपके पास अधिक पैसे भी नहीं है तो आपको कम से कम 2 किलोमीटर तक चल कर लिंडहोल्म रेल स्टेशन में जाना पड़ेगा। यहाँ बस या रेल आपको आधी रात में भी आसानी से मिल सकते हैं। +यह शहर कोपेनहगेन, रोस्कील्डे, ओडेन्स और आरहस के मार्ग में ही पड़ता है। आपको 4½ घंटे में यह कोपेनहगेन शहर से यहाँ छोड़ देगा, इसके लिए आपको 403 डेनमार्क क्रोना देना होगा। +टैक्सी का किराया काफी महँगा होता है और यदि आपके पास अधिक पैसे नहीं है या इस तरह के चीजों में खर्च नहीं करना चाहते तो आप पैदल घूम सकते हैं। यदि आपको लंबी दूरी तक जाना है तो आप बस के द्वारा भी जा सकते हैं। यदि आप टैक्सी के साथ इसकी तुलना करें तो बस काफी सस्ता होता है। हालाँकि, आप बस के द्वारा रात को ग्यारह बजे के बाद सफर नहीं कर सकते, क्योंकि यह सेवा उसके बाद बंद हो जाती है, पर दिन में आप आसानी से घूम सकते हैं। +यहाँ कई चीज बहुत सस्ती तो कुछ महँगी भी है। लेकिन आप यदि विज्ञापन देख कर खरीदी का कार्य करें तो आपको आसानी से कम दाम में कई महँगी चीजें मिल सकती है। जैसे कई बार विज्ञापनों में कुछ समय के लिए सस्ता सामान मिलने का समय दिया होता है। यदि आप उस दौरान उस दुकान से कोई सामान ले लें तो आपको काफी सस्ता पड़ेगा। इसके लिए आपको कोई विज्ञापन देखना होगा, जिसमें कुछ 10 से 11 बजे तक कम दाम में सामान या ऐसा ही कुछ लिखा होगा। विज्ञापन आपको आसानी से बाहर में भी दिख जाएगा। इसके अलावा कई जगह आपको अधिक गुणवत्ता के नाम पर अधिक पैसे भी देने पड़ सकते हैं। +इस शहर में लगभग 300 छोटे बड़े भोजनालय उपलब्ध है। इस कारण आपको आसपास कहीं न कहीं एक न एक भोजनालय तो मिल ही जाएगा। +फोंटानेन इस शहर में सबसे सस्ता हॉट डॉग यहीं मिलता है। इसके अलावा रात को आप जो खाना चाहें बहुत कम दाम में खा सकते हैं। +1000फ्रिड वैकल्पिक रूप में एक बार है, जिसमें आप मंगलवार को रात में भोजन कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले आपको पहले ही इस बारे में वहाँ बताना होगा। +केएन पिजा और कबाब पिजा का एक बहुत छोटा स्थान है, लेकिन यह अपने खाने के गुणवत्ता के लिए काफी जाना जाता है। बस यह सस्ता नहीं है, बल्कि सामान्य से थोड़ा महँगा है। +सैन गियोवैनी एक बहुत अच्छा इटली का भोजनालय है। +फ्रेंड्स गली में बसा एक बहुत अच्छा स्थान है, जहाँ आप रुक भी सकते हैं। कृपया आप यहाँ आने से पहले देख लें कि आपके पास डेनमार्क क्रोना (डेनमार्क की मुद्रा) उपलब्ध हो, क्योंकि यह यूरो आदि स्वीकार नहीं करता है। +एमिकी पिजा एक छोटा सा पिजा का स्थान, जिसमें आप पिजा और कोक मंगवा सकते हो। इसके लिए 45 डेनमार्क क्रोना में ले सकते हैं। +इस शहर में लगभग 30 भोजनालय के साथ साथ बार उपलब्ध है। बार काफी देर तक खुली रहती है और शराब काफी सस्ते दाम में उपलब्ध रहता है। आपको कई चिह्न भी दिखाई दे सकते हैं जैसे 10 डेनमार्क क्रोना में शराब उपलब्ध है या रात 10 से 12 बजे तक कम दाम में आपको शराब मिल सकता है। इस तरह के कई अन्य विज्ञापन भी होते हैं, जिससे आप आसानी से सस्ते दाम पर शराब खरीद सकते हैं। +द वार्फ बोरगरगेड 16 में है। +इस शहर में आपको सोने के लिए कई अच्छे स्थान मिल सकते हैं। +* एयविंड एंड्रेयसेन पुलिया के उत्तर की ओर आपको यह मिल जाएगा। इसमें आपको टीवी और शराब सब कुछ आसानी से मिल सकता है। यहाँ तीन कमरे हैं। इसमें एक रसोई, नहाने का कमरा और एक सामने का कमरा। +होटल चगाल छोटा और घर जैसा होटल है। यह मध्य आलबोर्ग में स्थित है। +फस्ट होटल आलबोर्ग 4 सितारा होटल और भोजनालय है। इसमें सामान्यतः व्यापारी लोग ही भोजन करने और ठहरने आते हैं। + + +आलेसूंड पश्चिम नॉर्वे में स्थित सबसे बड़ा शहर है। यह 40,000 निवासियों के साथ पश्चिमी नॉर्वे का सबसे बड़ा शहर है। इसके आसपास के क्षेत्रों में लगभग 70,000 लोग निवास करते हैं। 1904 में लगी विनाशकारी आग के कारण यह शहर तबाह हो गया था, लेकिन इसने बहुत जल्दी ही इस विनाश पर काबू पा लिया और जीवन पहले की तरह सामान्य चलने लगा। +23 जनवरी 1904 की रात को इस शहर में बहुत बड़ी आग लग गई थी। इस शहर में घरों को बनाने के लिए लकड़ियों का सबसे अधिक उपयोग किया जाता था, इस कारण यह पूरा शहर लगभग नष्ट हो गया था। रात के मध्य में ही सूचना मिलते ही इतनी बड़ी आबादी ने शहर को कुछ ही मिनट में छोड़ दिया ��ा। आग के कारण केवल एक व्यक्ति की मौत हुई और बाकी दस हजार से अधिक लोग बच जाने में सफल रहे। +आलेसूंड हवाईअड्डा यहाँ का मुख्य हवाई अड्डा है। यहाँ स्कैनडिनावियन एयरलाइंस ओस्लो, बरगेन, ट्रोन्धेम और कोपेनहगेन से आना जाना करता है। एयरबाल्टिक रीगा से और केएलएम अपना सफर अंसटेरडैम से करता है। +स्थानीय रेलवे स्टेशन अंडल्सनेस में स्थित है, जिससे आप आलेसूंड नगर तक आ सकते हैं, लेकिन यह सेवा केवल शहर के मध्य तक ही आपको छोड़ सकती है। यहाँ बस सेवा भी उपलब्ध है, जो आपको इन दोनों शहरों के बीच आने-जाने के लिए उपयोगी होगी। डंबस तक दिन में तीन बार रेलगाड़ी आती-जाती रहती है, जो मुख्य केन्द्र से जुड़ा हुआ है और ट्रोधेस से ओस्लो तक को जोड़ता है। इसके अलावा यह दिन में एक बार लिल्लेहैमर से भी जुड़ता है, जो ओस्लो से स्थानीय रेल से जोड़ता है। +दिन में एक बार हार्टीग्रुटेन से दक्षिणी दिशा की ओर से (ट्रॉनहैम से बर्गन तक) और उत्तरी दिशा की ओर बर्गन से किरकेंस की ओर चलता है। +* आलेसूंड संग्रहालय यह रसमुस रोनबर्ग के द्वार 16 के पास स्थित है। +द एटलांटिक समुद्री बाग़ पुराने शहर के केंद्र से पश्चिम की ओर यह 3 किलोमीटर की दूरी में स्थित है। +आलेसूंड भोजनालयों से भरा हुआ शहर है। आपको यहाँ कुछ भी मिल सकता है, जिस स्वाद में आप उसे चाहते हैं। सस्ते भोजन हेतु भी यहाँ कुछ दुकानें हैं, जहाँ से आप पिज्जा, क़बाब, बर्गर आदि खरीद सकते हैं। इसी के आसपास आपको कई ऐसे भोजनालय भी मिल जायेंगे जो चौबीसों घंटे खुले रहते हैं और गर्म भोजन देते हैं। कुछ और भोजनालय ऐसे भी हैं, जहाँ मछुआरे उसी दिन पकड़ी गयी मछलियों से वहीं भोजन बनाते हैं। +यहाँ पीने के लिए बहुत सारी जगहें उपलब्ध हैं। बियर खरीदने के लिए आपको कम से कम 80 से 90 नोर्वेई क्रोन देना होगा, क्योंकि यहाँ के लोग ज्यादातर किसी के घर में इकट्ठे होकर पीते हैं और सामान्यतः आधी रात से पहले बाहर नहीं निकलते हैं। +नॉर्वे के कानून के अनुसार सभी दुकानें आदि रात 3 बजे बंद हो जाती हैं। इसके कारण आमतौर पर अराजकता उत्पन्न हो जाती है, क्योंकि कई लोग 3 बजे तक वहीं दुकानों आदि में रहते हैं और उस समय ही निकलना शुरू करते हैं। इस कारण टैक्सी आदि के आने-जाने में रुकावट पैदा हो जाती है और वे घंटों इस भीड़ में उलझे रहते हैं। अतः यदि आप टैक्सी कंपनी से टैक्सी बुलाना चाहते हैं तो, यहाँ 2 बजे से पह��े ही फोन कर बुला लें। यदि आप शहर के मध्य केन्द्र में स्थित हैं तो आपको उससे भी पहले निकलने के बारे में सोचना चाहिए। इसके अलावा सड़कों पर नशे में धुत लोगों से अच्छी दूरी बना कर रहें। +यहाँ कई सारे होटल और भोजनालय उपलब्ध हैं, इनमें से कई ऐसे भोजनालय और होटल भी हैं, जिसमें आपको 10% या अलग अलग छूट भी मिल सकता है। आलेसूंड वन्ड्रेहजेम में उच्च सदस्यता लेने पर आपको 10% छूट मिलता है। + + +| region1description=यह क्षेत्र बगदाद के उत्तर और उत्तरपश्चिम में स्थित है। यहाँ अस्सुर नामक स्थान भी है, जो -2500 वर्ष के आसपास का हो सकता है। इसके बारे में लगभग 14वीं सदी को ज्ञात हुआ था और यह युनेस्को के विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है। इसी तरह हातरा भी इसी सूची में अन्तर्भूत था, जिसे 2015 में पूरी तरह नष्ट कर देने के कारण इस सूची से हटा दिया गया। +| region2description=इनमें वे सभी इलाके आते हैं, जो बगदाद के केंद्र से बाहर निकलती हैं, जिसमें कस्बे, नगर आदि शामिल है। +| region3description=यह देश के पश्चिम व दक्षिण-पश्चिम के विशाल खाली बंजर भूमि है। अल अंबर प्रांत भी इसी क्षेत्र में स्थित है। इसका हाल भी वैसा ही है, जैसे चारों ओर से घिरे बड़े बड़े रेगिस्तान वाले क्षेत्रों का होता है। यहाँ सड़कों का हाल काफी खराब है और भूमि में छुपे हुए बम भी होते हैं, जो इस मार्ग को काफी खतरनाक बना देते हैं। +| region4description=कुर्दिश लोगों का घर और मुख्य रूप से एक अलग सरकार द्वारा संचालित जगह है। इसे इराक़ का सबसे सुरक्षित क्षेत्र भी माना जाता है। यह एक पहाड़ी क्षेत्र है जिसमें आपको कई खूबसूरत दृश्य देखने को मिलेंगे। यदि इसके मौसम की तुलना करें तो इराक़ के अन्य भागों की तुलना में काफी हल्का है, अर्थात अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक वर्षा, गर्मी या ठंड नहीं होती है। +| region5description=यहाँ कई प्रमुख और पवित्र स्थल मौजूद हैं, इन जगहों में करबला, नजफ, बसरा और नसीरिया आदि शामिल है। इन जगहों में कई प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष मौजूद है। +यह पृथ्वी की कई प्राचीन सभ्यताओं का जन्मस्थान है। यह -6वीं सदी में फारसी साम्राज्य का हिस्सा था। वर्ष 1918 में यह ब्रिटिश के नियंत्रण में आ गया था। वर्ष 1932 में यह स्वतंत्र हो गया। +इसका ज्यादातर हिस्सा रेगिस्तान है, पर दो प्रमुख सदावाहिनी नदियों के कारण यह देश पूरी तरह से रेगिस्तान भी नहीं है। देश के उत्तर का अधिकांश हिस्सा पहाड़ी भूमि ���े रूप में है। सबसे ऊँचा शिखर 3,611 मीटर (11,847 फीट) ऊँचाई वाला है। नक्शे में इस जगह का कोई नाम नहीं है, लेकिन स्थानीय निवासी इसे चीका दार कहते हैं। इराक का बहुत छोटा सा भाग समुद्री तट से जुड़ा हुआ है, जिसकी लंबाई मात्र 58 किलोमीटर ही है। +इराक के अधिकांश भाग शुष्क जलवायु वाले होते हैं और ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 40°C के आसपास ही रहता है और अक्सर यह 48°C से अधिक हो जाता है। शीत ऋतु में तापमान कभी कभी 21°C से भी नीचे चला जाता है और ज्यादातर रात के समय 15°C से 16°C के आसपास ही तापमान रहता है। आमतौर पर वर्षा कम होती है और ज्यादातर इलाकों में 250 मिलीलीटर वार्षिक वर्षा होती है। नवम्बर से अप्रैल के मध्य सबसे अधिक वर्षा होती है। देश में उत्तरी भाग को छोड़ दिया जाये तो गर्मियों में वर्षा ना के बराबर होती है। +यहाँ के लोग अपने आप को अरब मानते हैं। इस्लाम और अरबी भाषा का प्रसार एक साथ सातवीं शताब्दी को शुरू हुआ। उत्तर के इलाके को छोड़कर सभी लोग (72%-75 अरबी भाषा बोलते हैं। उत्तर में मुख्यतः चार प्रकार के लोग रहते हैं: कुर्द (20 तुर्कमान 2 असीरियन 2 और यज़ीदी। अरबी और कुर्दी अधिकारिक भाषाएँ हैं हालाँकि, अरबी लगभग हर कोई समझता है। 99 प्रतिशत जनता इस्लाम धर्म को मानती है। +इराक में कदम रखने से पहले ही आपको वीजा की आवश्यकता होगी। अमेरिका के रक्षा विभाग में कार्य करने वाले लोगों को इस वीजा की नीति से छूट दी गई है, जब तक की उनके पास रक्षा मंत्रालय द्वारा दिया गया कार्ड होगा, वे तब तक बिना वीजा के भी आ सकते हैं। लेकिन यह भी तभी संभव है यदि आप सेना की ओर से वहाँ सेना के विमान द्वारा ही जाओ। यदि आप बगदाद हवाई अड्डे पर बिना वीजा के चले गए तो आपको वहाँ से वापस भेज दिया जाएगा। +वे लोग जो बिना वीजा के देश में घुस आते हैं, उन लोगों को 80 डॉलर में केवल एक घंटे के लिए आने की अनुमति मिल सकती है। यदि आप वीजा प्राप्त करना चाहते हैं तो हो सकता है कि आपको अधिक समय लगे। वीजा प्राप्त करने में सामान्यतः अधिक समय ही लगता है, तो प्रतीक्षा करने के लिए तैयार रहें। आपको अपने बारे में और आप इराक में क्या व्यापार करते हैं आदि की जानकारी दस्तावेज़ के साथ देनी होगी। कंपनी या सरकार द्वारा प्रमाणित पत्र भी अच्छा रहेगा। +यात्रा करने के लिए वीजा लेना बहुत कठिन है और समय भी काफी ले लेता है। इसके लिए आपको इराक के स्थानीय दूतावास से आवेदन लेना पड़ेगा। सभी आवेदन बगदाद में देने होते हैं। यदि आपको वीजा मिल भी गया तो भी हो सकता है कि आपको इराक में आने के बाद प्रवेश करने से मना कर दिया जाये। वीजा आपको पहले ही इराकी दूतावास से लेनी पड़ती है। +बगदाद के मध्य से आपको लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर बगदाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मिलेगा। युद्ध के दौरान यह क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन इराक के इन युद्धों से संभलने के बाद इसे वापस ठीक कर लिया गया और अब यह पूरी तरह से कार्य करने के लायक बन चुका है। +इराकी एयरलाइन यहाँ का राष्ट्रीय विमान प्रदाता कंपनी है। यह मुख्य रूप से देश में ही विमान सुविधा उपलब्ध कराती है, लेकिन इसकी कुछ विमानें बाहर के कुछ देशों में भी जाती हैं। इनमें यूरोप, एशिया आदि के देश शामिल है। यदि इराकी विमान के अलावा आप किसी अन्य विमान द्वारा यूरोप से बगदाद आना चाहते हो तो आप ऑस्ट्रेलिया या तुर्की एयरलाइन से भी आ सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया का विमान विएना से सप्ताह में चार बार और तुर्की विमान इस्तानबुल से प्रतिदिन आता है। मध्य पूर्व से रॉयल जॉर्डन एयरलाइन अमान से हर दिन आना जाना करती है। अमीरात और फ्लायदुबई दोनों दुबई से बगदाद हर दिन आते हैं। +लगभग 20 वर्षों से रेल सेवा ठप पड़ी थी। इसे बाद में शुरू किया गया। इसमें सप्ताह में एक बार चलने वाली रेल को ही रखा गया था, जो गाजियांटेप से होते हुए मोसुल में आती है। यह सीरिया में थोड़ी देर रहती भी है। यह हर गुरुवार के दिन रात 9 नाके गाजियांटेप से मोसुल के लिए निकलती है और 2 बजे मोसुल तक आती है। इराक में रेल द्वारा आने का बस यही तरीका है। लेकिन रेल विभाग ने अनुरोध पर इसे बंद कर दिया गया। जब तक इसे शुरू करने का निर्देश नहीं आ जाता, तब तक यह सेवा बंद ही रहेगी। +कार से किसी दूसरे देश जाना बहुत ही खतरनाक हो सकता है। आप कार के साथ यदि सीमा के पास जाते हैं तो आपको अपने कार को वहीं छोड़ने के लिए बोला जाता है और आपको बख्तरबंद गाड़ी में ले जाया जा सकता है, यदि आपने इसे किराए पर लिया हो। यदि आपको और अधिक सुरक्षा की आवश्यकता लगे तो आप इसके साथ किसी सुरक्षाकर्मी को भी ले जा सकते हो। यह सारा काम ब्रिटिश सुरक्षा कंपनी करती है। इसके लिए आपको उस ब्रिटिश कंपनी को लगभग 460 अमेरिकी डॉलर देना होगा। +आप जॉर्डन से बस के द्वारा इराक में आ सकते हो, लेकिन इसके लिए आपको अम्मान से बस में चढ़ना होगा। अन्य द���शों की बस सेवा के द्वारा भी आप इराक में आ सकते हो। इसके अलावा कुछ अन्य देशों ने भी कार्य के वजहों से आने की अनुमति हासिल कर ली है। इस तरह की बसें मुख्यतः कुवैत से रवाना होती हैं। +इराक में ईंधन काफी सस्ता है। इस कारण किराए में गाड़ी लेना एक अच्छा फैसला हो सकता है। इसके अलावा आप अपनी गाड़ी का भी उपयोग कर सकते हैं या किसी गाड़ी चलाने वाले को भी गाड़ी चलाने बोल सकते हैं। यदि आप किराए में गाड़ी ले रहे हैं और उसके साथ चलाने वाले को नहीं ले रहे कि उससे अधिक पैसे खर्च हो जाएँगे तो ऐसा नहीं है। यदि आप ही गाड़ी चलाओगे तो भी आपको उतने ही पैसे देने होंगे। अतः किसी को गाड़ी चलाने देना ज्यादा अच्छा रहेगा, क्योंकि उसे सड़क के नियम आदि भी अच्छी तरह से पता होंगे। +रात में कार चलाना, दिन में कार चलाने से काफी सुरक्षित है। लेकिन आपको रात में गाड़ी चलाते समय कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा, नहीं तो आप मुश्किल में आ सकते हैं। +* शहर के मध्य में रात को गाड़ी न ले जाएँ, क्योंकि मध्य रात्रि को यहाँ के लगभग सभी लोग सोते रहते हैं और आपके गाड़ी के आवाज से वे लोग उठ सकते हैं, जो ठीक नहीं है। +* सेना पर नजर रखें, हो सकता है कि आप रात में सफर कर रहें हों और कोई आपका अपहरण करने या परेशान करने आदि के लिए बैठा हो। ऐसा होते रहता है और इस बात का भी ध्यान रखें कि हो सकता है नाका में आपको भी अपराधी समझ लिया जाये। वे यदि किसी तरह का शक आप पर कर रहे होंगे तो जब तक शक दूर न हो जाये आपको जाने नहीं देंगे। +* यदि आपकी मुलाकात सेना से हो जाती है तो अपने गाड़ी की रोशनी बंद न रखें। आपको जो भी निशान या निर्देश मिले, उसे करते रहें। जैसे रुकने के निशान दिखने से रुकें, हरे रंग के जाने के निशान देखने से आगे बढ़ें या कोई अन्य निशान दिखे तो उसके अनुसार कार्य करें। सभी सामान्य निर्देशों का पालन करना ही होता है। +* यदि आप इराक में घूम रहे हैं और कई दोस्त भी बना लिए हैं, तो यदि वे आपको घूमने के लिए अपने साथ ले जाएँ तो ध्यान रखें कि वे कुर्दिस्तान प्रांत से आगे न जा रहे हैं। +अरबी इराक की राष्ट्रीय भाषा है। इसके अलावा कुछ इलाकों में कुर्दिश भी बोली जाती है। वैसे यहाँ सामान्यतः अंग्रेजी भी समझ लिया जाता है, लेकिन आप यदि अंग्रेजी में बोल रहे होंगे तो सीधे ही सभी को पता चल जाएगा कि आप इराक से नहीं हैं और कोई हमलावरों को इसकी सूचना भी दे सकता ��ै। सूचना का जाल काफी अधिक फैला हुआ है, इस कारण बहुत आसानी से हमला करने वालों को आपके बारे में जानकारी मिल जाएगी और वे आप पर हमला भी कर सकते हैं। अतः यदि आपको यहाँ घूमना हो तो आप अरबी सीख सकते हैं। आपके द्वारा हिन्दी पहले से जानने के कारण आपको अरबी सीखने में अधिक परेशानी नहीं होगी, क्योंकि इसके कई शब्द आपको पहले से पता हो सकते हैं। इसके अलावा यहाँ कुर्दिश भी बोला जाता है। लेकिन यह कुछ इलाकों में ही बोला जाता है। +पिछले चालीस वर्षों में इराक में सभी सरकारों ने इराक में केवल विनाश ही किया है। इसके अलावा युद्ध ने भी इराक के यात्रा व्यवसाय को काफी चोट पहुँचाई है। प्राचीन और अपना वैभवशाली इतिहास रखने वाले क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता देखने को मिले यही कामना ही की जा सकती है, क्योंकि यह क्षेत्र इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है और पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के साथ यह एक अत्यंत आकर्षक पर्यटन स्थान बन सकता है। +यहाँ लगभग चार हजार वर्ष पुरानी कला आदि देखने को मिलती है। इसके अलावा मध्ययुगीन इस्लामी इतिहास और उसके बाद तुर्क का इतिहास व इसी के साथ साथ इक्कीसवीं शताब्दी का इतिहास भी देखने को मिलता है। लेकिन सरकार इसे बचाने और इसके पुनः निर्माण कराने में कोई रुचि नहीं ले रही है। इसे हुसैन सरकार ने पुनर्निर्माण करवाया था, लेकिन उसमें भी काफी लापरवाही हुई थी। जिस कारण इसका कोई खास लाभ नहीं हुआ। उर, सुमेरिया आदि कई प्राचीन शहर भी मौजूद हैं, जिन्हें क्षतिग्रस्त होने के बावजूद भी आप देख सकते हैं और यह क्षति के बावजूद भी शानदार दिख रहे हैं। +इमाम अली मस्जिद इस मस्जिद को शहंशाह अदूद अल-दावला ने वर्ष 977 में बनाया था। बाद में आग के कारण यह बर्बाद हो गया था। 1086 में सेलजुक मलिक शाह ने इसे फिर बनाया और वर्ष 1500 में सफाविद शाह स्माइल ने इसे फिर बनवाया। लेकिन मार्च 1991 में इसे सद्दाम हुसैन के सुरक्षाकर्मियों ने काफी नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद दो वर्षों के लिए इस मस्जिद को बंद कर दिया गया। इस दौरान आधिकारिक रूप से इसकी मरम्मत के लिए इसे बंद किया गया था। +दीनार के आधिकारिक मुद्रा होने के बावजूद भी आप यूरो या डॉलर में कई स्थानों पर खरीदी कर सकते हो। कई लोग बड़े नोट हेतु चिल्हर नहीं देना चाहते हैं। यदि आपके बिल में किसी भी प्रकार की गलती या हानि दिखी, जैसे आँसू के निशान, कुछ मिटा हुआ आदि तो हो सकता है कि लोग आपको धोकेबाज समझें। अतः पुराने बिल को अपने साथ न रखें और अपने दैनिक कार्यों में खर्च होने वाले छोटे बिलों को ही अपने साथ रखें। यदि हो सके तो इराकी दीनार वाले बिल रखें। +नए इराकी दीनार के आने के बाद इस देश इसका उपयोग बहुत तेजी से बढ़ गया और अब बहुत से हिस्सों में इसका ही उपयोग किया जाने लगा है। इसके मुकाबले अब अमेरिकी डॉलर का उपयोग बहुत ही कम हो गया है। कई दुकान वाले अब अमेरिकी डॉलर लेने से मना कर देते हैं। लेकिन कई लोग अब भी बड़े होटलों में बिल की राशि को अमेरिकी डॉलर में ही देते हैं। मुद्रा परिवर्तन की दर दिन प्रतिदिन या एक शहर से दूसरे शहर अलग अलग रहती है। लेकिन 2003 से हर वर्ष 65% तक मुद्रा परिवर्तन होता था, लेकिन 2008 के बाद से यह मात्र 11% ही प्रति वर्ष बदल रहा है। +यदि आपको यहाँ कुछ खरीदना है या पैसों का किसी प्रकार का लेनदेन करना है तो आपको इससे पहले नए दीनार और अमेरिकी डॉलर के सुरक्षा विशेषताओं को सीखना होगा। क्योंकि पिछली इराकी सरकार ने कई 5, 10, 20 डॉलर के आसानी से मिलने वाले बिल बना रखे हैं। इस कारण इसे बेचने वाले अभी भी इसे बेचने का व्यापार करते हैं और हो सकता है कि आप भी इनके जाल में फंस जाओ। +इराक में मसगौफ को राष्ट्रीय व्यंजन माना जाता है। मछली को साफ पानी से धो कर काटा जाता है और अच्छी तरह से भुंजने के बाद उसमें तेल, नमक आदि डाला जाता है। इसके साथ ही नींबू, प्याज और टमाटर भी डाल दिया जाता है। +क्लैचा अरबी: الكليچة‎‎ इसे इराक का राष्ट्रीय कुकी माना जाता है। यह कई अलग अलग आकार में मिलता है। इसमें क्लैचट तमूर सबसे अधिक प्रसिद्ध है। कुछ में मिठाई और नारियल आदि भी डाला जाता है। इसमें सुगंध और सजावट हेतु गुलाब जल और अंडे से भी इसे धोया जाता है। यह इराक के अलावा तुर्क और सऊदी अरब में भी मिलता है। +लहम अजीम अरबी: لحم بعجين‎‎) गोल और पतला मटन होता है। जिसमें सब्जी और सलाद मिलाया जाता है। सलाद में प्याज, टमाटर आदि मिलाया जाता है। इसमें मसाले के रूप में काली मिर्च और जीरा आदि मिलाया जाता है। उसके बाद इसे पकाया जाता है। यह भोजन कई हजार वर्ष पूर्व से था, लेकिन पिछले कुछ दशकों में ही इसे प्रसिद्धि मिली है। +खिचड़ी यह भारतीय मूल का भोजन है, इसे सामान्यतः हल्का भोजन माना जाता है। +यदि आप केवल थोड़ी देर के लिए इराक में आए हैं तो आपके लिए पानी पीना ठ���क नहीं होगा। यदि पीते भी हैं तो बोतल के पानी का ही हमेशा उपयोग करें। वे ही बोतल जो विदेशों में बनी हो। विदेशों से यहाँ काफी बड़ी संख्या में बोतलों को बेचा जाता है और रख लिया जाता है, इस कारण आपको इस तरह की बोतलें आसानी से कहीं भी मिल जाएगी। कई इराक़ी कंपनी सीधे नदियों से पानी ले लेते हैं और ओजोनिकरण के पश्चात छान कर बोतल में रख देते हैं। इस तरह के पानी का स्वाद भी अच्छा नहीं होता है। इस तरह के पानी को पीने से बचें। गलियों में कई लोग आपको नींबू के साथ पानी दे सकते हैं, विदेशी लोगों के लिए पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। +आप यहाँ चाय पी सकते हैं। यदि आपको लग रहा हो कि इसे वहाँ किस नाम से जाना जाता है तो इस बारे में चिंता न करें। इसे वहाँ भी चाय ही बोला जाता है। यहाँ चाय पीना कुछ लोगों के लिए सुरक्षित रहता है, क्योंकि इसे पीने से पहले उबाला जाता है। यदि आपको लग रहा हो कि गर्म नहीं किया गया है तो आप बोल सकते हैं कि गर्म पानी का ही उपयोग करें। गर्म पानी में कई प्रकार के प्रदूषण, जीवाणु और पानी से होने वाले बीमारी आदि का कोई खतरा नहीं रहता है। अभी भी आपको गर्म कर के ही पानी पीना चाहिए। +गर्मियों के मौसम में यहाँ सोना काफी कठिन है, क्योंकि यहाँ का तापमान रात में भी अधिक रहता है। यदि आप बाहर में कहीं पानी वाले स्थान पर जा सकते हैं, जहाँ पानी हिलते रहे जैसे, नदी आदि तो आपको सोने में आसानी होगी। वैसे इराकी कुर्दिस्तान में आराम करने और सोने के लिए कई होटल हैं, लेकिन आपको इसकी जानकारी किसी यात्रा मार्गदर्शक में नहीं मिल सकती। गली या सड़क में कोई आपको अवश्य ही पास के होटल में ले जा सकता है। कई स्थानों में जगह की कोई कमी नहीं है। इसके लिए आपको 15 से 25 डॉलर हर रात के लिए एक रहने और नहाने के कमरे के देने होंगे। +कभी भी अपने पैरों की परछाई को किसी दूसरे की तरफ न करें। इसे अधिकांश इराकी लोग बहुत ही अपमानित करने का तरीका मानते हैं। यदि आप अपने दोस्तों के साथ हो तो एक बार के लिए चल सकता है, लेकिन तब भी कोशिश करें कि किसी भी व्यक्ति के सामने अपने पैर की परछाई न आ सके। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों में या किसी के सामने थूकने से भी बचें। इसे भी बहुत बुरा और अपमान करने जैसा माना जाता है। + + +प्रयागराज का प्राचीन नाम प्रयाग है। हिन्दू पुराणों के अनुसार त्रिदेवों में से एक ब्रह्मा ज��� द्वारा यहाँ प्रकृष्ट यज्ञ करने के कारण इसे प्रयाग नाम दिया गया बताया जाता है। प्राचीन काल में गंगा और यमुना नदियों के मिलन स्थल की यह भूमि ऋषियों की तपस्थली और शिक्षा का केंद्र थी। कहते हैं कि सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा ने स्वयं इसे तीर्थराज नाम दिया था। पुराणों में इसे गंगा और यमुना के अतिरिक्त (अदृश्य) सरस्वती नामक पौराणिक नदी, अर्थात् तीन नदियों का मिलन स्थल माना गया है और इसका उल्लेख वेदों, महाकाव्यों और पुराणों में भी प्रयाग के नाम से मिलता है। इसी कारण इसका एक अन्य नाम त्रिवेणी या त्रिवेणी संगम भी है। +इसका पूर्व नाम इलाहाबाद मुगल सम्राट अकबर द्वारा दिया गया बताया जाता है जिन्होंने १५७५ में यहाँ की यात्रा की और एक किले का निर्माण करवाने का आदेश दिया। हालाँकि, कुछ इतिहासकार इस शहर के ठीक विपरीत गंगा के दूसरे किनारे पर वर्तमान झूंसी उपनगरीय क्षेत्र को प्राचीन प्रतिष्ठान पुर के नाम से पहचान करते हैं और यहाँ के चंद्रवंशी राजा पुरुरवा द्वारा अपनी माता इला के लिए एक आश्रम संगम क्षेत्र में बनवाने की बात बताते हुए यह स्थापित करते हैं कि इसका एक नाम इलावास पहले से प्रचलित था जिसे अकबर ने परिवर्तन के साथ इलाहाबाद कर दिया। +तब से लेकर अब तक, यहाँ नगर धार्मिक महत्त्व के साथ साथ एक विद्या और राजनीति और सामरिक महत्त्व के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थित है। शहर सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक इतिहास की धरोहर इस शहर से संबंधित लोगों में विद्वान (मेघनाद साहा, हरीशचंद्र, गंगा नाथ झा, अमरनाथ झा) लेखक (रामकुमार वर्मा, अमरकांत, उपेन्द्रनाथ अश्क, जगदीश गुप्त कवि (सूर्यकान्त त्रिपाठी "निराला फ़िराक़" गोरखपुरी, महादेवी वर्मा, हरिवंशराय बच्चन राजनीतिज्ञ (मदन मोहन मालवीय, मोती लाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, मुरली मनोहर जोशी) और चिन्तक (पुरुषोत्तम दास टंडन) तथा प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के नाम आते हैं। +यहाँ भारत का चौथा सबसे पुराना विश्वविद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्थित है। भारत के कुछ अत्यंत प्रतिष्ठित संस्थानों में गिना जाने वाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) तथा संस्कृत के अध्ययन के लिए समर्पित गंगानाथ झा शोध संस्थान यहाँ के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान हैं। +अस्सी के दशक तक इसका एक उपनगरीय क्षेत्र (नैनी) उद्योगों का एक प्रमुख संकुल था। हालाँकि, यहाँ स्थापित कई पब्लिक सेक्टर के कारखाने बंद होने के कारण इसके औद्योगिक महत्त्व में कमी आई है। नैनी में ही सैम हिगिसबॉटम इन्स्टीट्यूट मौजूद है जो विभिन्न विषयों में शिक्षा प्रदान करता है। +वर्तमान में प्रयागराज प्रगति के पथ पर धीरे-धीरे अग्रसर एक महत्त्वपूर्ण नगर है। +प्रयागराज का मौसम फरवरी से अप्रैल तक और सितम्बर से दिसम्बर के बीच अत्यंत सुहाना रहता है और यात्रा के लिये सबसे अच्छा है। दिसंबर के अंतिम दो सप्ताह और जनवरी का महीना काफ़ी ठंडा होता है। जनवरी के प्रथम दो सप्ताहों में न्यूनतम तापमान 5° C से भी नीचे तक गिर सकता है। चूँकि, संगम क्षेत्र में लगने वाला माघ मेला इसी जनवरी महीने में लगता है, यदि आप इस दौरान प्रयागराज की यात्रा करने की योजना बना रहे तो पर्याप्त गर्म कपड़ों के साथ यहाँ आयें। +इसके उलट मध्य अप्रैल के बाद गर्मी काफी पड़ती है जो मध्य जून तक जारी रहती है जब तक मानसून न आ जाए। इस दौरान दिन में गर्म तेज हवायें चलती हैं जिन्हें "लू" कहा जाता है और अधिकतम तापमान 45° C तक भी पहुँच सकता है। मानसून आने के बाद तापमान में अवश्य कुछ कमी आती है, लेकिन उमस बढ़ जाती है। अगस्त महीने में सर्वाधिक बारिश होती है। +अगर आप भारत के बाहर से यहाँ आ रहे हैं तो हैं तो सबसे अच्छा विकल्प है दिल्ली तक हवाईजहाज से यात्रा करना और वहाँ से प्रयागराज के लिये रेल पकड़ना। दिल्ली से इलाहाबाद जाने के लिए प्रयागराज एक्सप्रेस (ट्रेन नं 2418) सबसे अच्छी रेल है। यह नई दिल्ली स्टेशन से रात में 21:30 पर खुलती है और सुबह प्रयागराज पहुँचाती है। +भारत के अन्य शहरों से प्रयागराज पहुँचने के लिए काफी रेलगाड़ियाँ उपलब्ध हैं। मुम्बई से प्रयागराज आने के लिए दोरंतो एक्सप्रेस सर्वोत्तम है। मुंबई-मुगलसराय मार्ग की काफी सारी रेलगाड़ियाँ उपलब्ध हैं हालाँकि यह ध्यान रखें कि इनमें से कई प्रयागराज शहर में प्रवेश नहीं करती बल्कि एक नए विकसित किये जा रहे स्टेशन छिवकी तक ही जाती हैं। रात के समय यहाँ से प्रयागराज पहुँचने में समस्या हो सकती है। +प्रयागराज में पाँच रेलवे स्टेशन मुख्य शहर में स्थित हैं: प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज रामबाग, प्रयाग स्टेशन, प्रयागघाट स्टेशन, और दारागंज स्टेशन। उपांत इलाकों में सूबेदारगंज, और बम्हरौली स्टेशन कानपुर की ओर से जाने पर प्रयागराज से पहले पड़ते हैं किन्तु ज्यादातर रेलगाड़ियाँ यहाँ नहीं रुकतीं। छिवकी स्टेशन, यमुना पार इलाके में है जिसे एक बाहरी टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा। यहाँ उतर कर प्रयागराज पहुँचने के लिए सिटी बसें और टैम्पो उपलब्ध हैं, व्यस्त घंटों में मुख्य शहर पहुँचने में आधे घंटे से अधिक का समय लग सकता है। +प्रयागराज प्राचीन समय की ग्रैंड ट्रंक रोड पर पड़ता है, इसे वर्तमान में विकसित करके चार लेन का दिल्ली-कोलकाता मार्ग निर्मित किया गया है और यात्रा के लिए अच्छी सड़क सुविधा है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्तर प्रदेश के कई शहरों से प्रयागराज के लिए बसें चलाता है। लखनऊ और वाराणसी से प्रयागराज के लिए काफी अच्छी बस सुविधा उपलब्ध है। रीवां, जबलपुर और नागपुर इत्यादि शहरों से रात में चलने वाली प्राइवेट बसें भी यहाँ पहुँचने का अच्छा साधन हैं। +प्रयागराज में बम्हरौली एयरपोर्ट पर नागरिक विमान उतरते हैं, हालाँकि यह मूल रूप से सैन्य हवाई अड्डा है। दिल्ली और मुंबई से सीमित उड़ानें उपलब्ध हैं। बम्हरौली उतर कर शहर पहुँचने के लिए पहले से टैक्सी बुक करा लेना बेहतर विकल्प है क्योंकि पब्लिक परिवहन सेवा यहाँ से उपलब्ध नहीं है। +हवाई जहाज से प्रयागराज पहुँचने के लिए एक विकल्प यह भी है कि आप लखनऊ या वाराणसी तक हवाई जहाज से पहुँचे और वहां से टैक्सी द्वारा प्रयागराज जाएँ। +शहर के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान को जाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प ई-रिक्शा या सामान्य साइकिल रिक्शा है। आंतरिक परिवहन के लिए सिटी बसें भी काफी चलती हैं, हालाँकि यदि आप नितांत अपरिचित हैं तो इनके मार्ग समझने में दिक्कत हो सकती है। दो प्रमुख बस रूट: शांतिपुरम-रेमंड गेट (नैनी उत्तर-दक्षिण) और त्रिवेणीपुरम (झूसी)-बम्हरौली (पूरब-पच्छिम) हैं। इनमें से दूसरा रूट रेलवे जंक्शन और मुख्य बस अड्डे (सिविल लाइंस) से हो कर गुजरता है, जबकि पहला रूट आनन्द भवन और संगम से पास (अलोपी चुंगी) से होकर गुजरता है। +शहर के संगम क्षेत्र में प्रतिवर्ष माघ के महीने में माघ मेला और हर बारहवें वर्ष कुंभ मेला का आयोजन होता है। हिन्दू रीति रिवाजों और धार्मिक परम्पराओं को करीब से देखना हो तो यह समय इस क्षेत्र में गुजारना एक अच्छा विकल्प प्रस्तुत करता है। पूरे देश से संत-महात्मा और श्रद्धालु इस मेले में आते हैं। वर्ष 2001 का कुंभ मेला अब तक का, दुनिया का सबसे बड़ा जनसमागम था। +मेले की शुरूआत दिसंबर के अंत में हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पौष पूर्णिमा से होती है। इस दिन प्रथम स्नान पर्व होता है। इसी दिन से श्रद्धालु "कल्पवास" का आरम्भ करते हैं जो संगम के इलाके में तम्बुओं के शिविरों में एक माह का धार्मिक प्रवास है। मेले का अंत माघ महीने की पूर्णिमा को होता है जो जनवरी में पड़ता है। इस दौरान अन्य शाही स्नान पर्व हैं मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी। कुंभ मेले के समय (बारहवें वर्ष लगने वाला) यह मेला महाशिवरात्रि तक चलता है। +इस पूरे मेले के दौरान गंगा और यमुना के संगम क्षेत्र में तम्बुओं और अस्थाई निवासों तथा मंडपों के द्वारा एक नगर सा बस जाता है। रात भर रौशनी की कतारों के बीच भ्रमण किया जा सकता है और प्रातः काल स्नान और संध्या के समय विभिन्न मंडपों में सत्संग, प्रवचनों और भजन कीर्तन में शामिल हुआ जा सकता है। +इस खूबसूरत शहर में दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। शहर के हरेक हिस्से में रामलीला का आयोजन होता है। यहाँ "पथरचट्टी" की रामलीला विशेष रूप से देखने योग्य है। +नवरात्र के नौ दिनों में अलग-अलग दिन शहर के अलग-अलग हिस्सों में मेले का आयोजन किया जाता है। इनमें छठवें दिन दारागंज मोहल्ले का मेला प्रसिद्ध है। यह मेला रात भर चलता है और इसका प्रमुख आकर्षण "काली नृत्य" है जो अवश्य देखना चाहिए। +प्रयागराज में बंगाली समुदाय के काफी लोग निवास करते हैं और दुर्गापूजा एक विशेष अवसर होता है। पूरे शहर में इन दिनों उत्साह का माहौल होता है। नवरात्र के नवें और अंतिम दिन तथा दशहरे के दिन चौक इलाके में मेला लगता है। बड़ी संख्या में लोग मेले में घूमने आते हैं और देर रात तक झाँकियों का अवलोकन करते हैं। +गंगा यमुना और पौराणिक सरस्वस्ती नदियों का मिलन स्थल त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। यह पर्याप्त विस्तृत नदी के कछार (बलुआ भूमि का विस्तार) वाला क्षेत्र है। यह स्थान हिन्दू धर्म मानने वालों के लिए पवित्र है और पूरे देश से लोग यहाँ पवित्र स्नान करने आते हैं। वर्ष भर यहाँ पंडों की चौकियाँ लगी रहती हैं और लोग स्नान करते हैं। नाव द्वारा नदियों के मिलन स्थल का अवलोकन भी एक प्रमुख आकर्षण है। +हर वर्ष माघ महीने में यहाँ माघ मेले का और हर बारहवें वर्ष कुंभ मेले का योजन होता है। इसके अलावा कार्तिकी पूर्णिमा इत्यादि विशेष अवसरों पर भारी संख्या में लोग पवित्र स्नान करने आते हैं। +प्रतिदिन संध्या के समय गंगा आरती में शामिल होने भी काफी संख्या में लोग आते हैं। समीप ही लेटे हनुमान जी का मंदिर है जिन्हें एक प्रकार से इस शहर का नगर देवता माना जाता है। संगम के समीप ही अकबर का बनवाया किला चार सौ साल पुराना किला है। किले के अंदर पातालपुरी मंदिर भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण अहि और मान्यता अनुसार कभी नष्ट न होने वाले अक्षयवट वृक्ष की पूजा की जा सकती है। + + +ईरान में फारसी बोलने वाले सबसे अधिक हैं। फारसी इकलौती अधिकारिक भाषा भी है। कुर्द और आज़रबाइजानी अन्य मुख्य समुदाय हैं। कुल मिलाकर फारसी 65% द्वारा मातृभाषा के रूप में बोली जाती हैं। चूँकि ये इकलौती सरकारी भाषा है, इसके बोलने वाले हर जगह मिलेंगे। +ईरान एक विविध जलवायु वाला देश है। उत्तर-पश्चिम में शीत ऋतु में मौसम काफी ठंडा हो जाता है और भारी बर्फबारी होती है। दिसम्बर और जनवरी के आसपास तापमान शून्य के आसपास रहता है। ग्रीष्म ऋतु में मौसम काफी सूखा और गर्म रहता है। वहीं दक्षिण में शीत ऋतु में हल्की ठंड होती है और ग्रीष्म ऋतु में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है। जुलाई में औसत तापमान 38° C (100° F) से ऊपर हो जाता है और रेगिस्तानी स्थानों में 50° C तक भी पहुँच जाता है। खुज़ेस्तान में गर्मी के समय उच्च आर्द्रता होती है। +सामान्य तौर पर ईरान में एक शुष्क जलवायु होती है, जिसमें अक्टूबर से अप्रैल के मध्य काफी कम वर्षा होती है। देश के अधिकांश हिस्सों में वार्षिक औसतन 25सेमी वर्षा या उससे कम होती है। जाग्रोस और कुछ तटीय मैदान इसके अपवाद स्वरूप हैं। यहाँ बड़े बड़े पर्वतों के कारण वर्ष में 50मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की जाती है। कैस्पियन के पश्चिमी भाग में तो साल में 100सेमी से भी अधिक वर्षा गिरती है। यहाँ साल भर थोड़ी थोड़ी वर्षा होती रहती है। +पर्यटन वीजा आपको अधिकतम 30 दिन के लिए मिल सकता है। उसके बाद इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। आपको ईरान आने से पहले ही वीजा लेना होगा। यह बनने के 90 दिनों तक ही काम आ सकता है। ईरान के स्वीकृत यात्रा संचालक किसी भी देश के लोगों (केवल इजरायल को छोड़ कर) सभी के लिए वीजा प्रदान कर सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ईरानी नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण ईरानी सरकार ने सभी अमेरिकी नागरिकों का प्रवेश वर्जित कर दिया है। +यदि आप वीजा लेना चाहते हैं तो आपको पहले स्वीकृत यात्रा संचालक से बात करनी होगी। आपकी सभी जानकारी उनके पास पहुँचने के बाद वे विदेश मंत्रालय में आपके वीजा हेतु आवेदन करेंगे। +तेहरान में उतरने वाली हर अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने केवल नए बने इमाम खोमैनी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में ही उतरती है। यह हवाई अड्डा तेहरान के दक्षिण-पश्चिम में 37 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। हज हेतु सऊदी अरब जाने वाली सभी उड़ाने केवल मेहराबाद हवाई अड्डे से जाती हैं। यहाँ इसके अलावा 70 छोटे क्षेत्रीय हवाई अड्डे मौजूद हैं। इनमें शिराज, मशाद और इसफ़हान शामिल है, जहाँ से विमान हर दिन कई अंतर्राष्ट्रीय जगहों में उड़ान भरती हैं। +बहुत ही चौड़े सड़क और ईंधन के ऐतिहासिक रूप से कम दाम ने इस देश को अपने कार द्वारा घूमने के लिए बहुत आकर्षक बना दिया है। लेकिन हाल ही में सरकार ने पर्यटकों के लिए ईंधन पर कर थोड़ा बढ़ा दिया है। लेकिन यह कर केवल निजी कारों के लिए लागू है और उतना अधिक भी नहीं है कि आपको परेशान होना पड़े। +विदेशों से आए लोगों को ईरान में अपने कार के साथ आने के लिए कारनेट दे पस्सेज और वाहन चलाने के अंतरराष्ट्रीय लाइसेन्स की आवश्यकता होती है। पेट्रोल आपको हर शहर में मिल जाएगा और कार की मरम्मत हेतु भी आपको कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कारों से भरे ईरान में आपको कहीं भी मिस्त्री मिल सकते हैं। + + +उत्तर कोरिया एशिया महाद्वीप के पूर्वी हिस्से में स्थित एक देश है। यह दक्षिण कोरिया से जुड़ा हुआ है। इसके एक ओर चीन है और दूसरे ओर जापान है। पर्यटकों को यात्रा केवल तभी करने को मिलती है जब वे किसी संचालित दौरे का हिस्सा हों। किसी पर्यटक को यहाँ अकेले यात्रा करने की अनुमति नहीं है। सभी आने वालों पर कड़ी नजर रखी जाती है, जिससे कोई भी उत्तर कोरिया की प्रणाली में हस्तक्षेप न कर सके। अवांछनीय व्यवहारों में तस्वीरें लेना, उत्तर कोरिया की आलोचना करना और यहाँ के महान नेताओं का अपमान करना शामिल है। इसके अलावा, बिना अनुमति के किसी स्थानीय व्यक्ति से बात भी नहीं कर सकते हैं। इस तरह के कार्य आपको काफी बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं। +लगभग एक हजार पाँच सौ पर्यटक हर साल यहाँ आते हैं। उनमें से बहुत से लोग बिना किसी हादसे के अपनी यात्रा पूरी कर लेते हैं। इस तरह की घटना होती है और जब होती है तो प्रक्रिया बहुत कठिन होती है। यदि अधिकारियों के साथ किसी भी तरह की कोई परेशानी होती है तो आपको बाहर भेजने से पहले वहाँ कारावास में रहना पड़ेगा। आपको उत्तर कोरिया में यात्रा नहीं करना चाहिए, जब तक आप उन बहुत कठिन सीमाओं हेतु तैयार नहीं रहते हैं। +| region1description=डोंघाए एक कोरियाई नाम है, जिसका अर्थ "पूर्व नदी" से है। ये नदी दुनिया भर में आमतौर से "जापान की नदी" के नाम से जाना जाता है। इसके तट का विस्तार 800 किलोमीटर तक हुआ है। ये विस्तार उत्तर-पश्चिम दिशा में दक्षिण कोरिया के सीमा से लेकर रूस की सीमा तक जाता है। इसके उत्तरी इलाकों के कई क्षेत्र उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के काम आते हैं। इस कारण इस ओर यात्रा करना आसान नहीं है। +इस जगह को बैकडु पर्वत शृंखलाओं के कारण बैकडु पर्वत कहा जाने लगा, इसे चांगबाई पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। +| region3description=प्योंगन का क्षेत्र कोरिया के आठ पुराने प्रान्तों में से एक है, जोसेओन वंश के समय 15वीं सदी में बना था। अब ये जगह दक्षिण प्योंगन और उत्तर प्योंगन नाम से दो अलग अलग जगहों में बंट गया है। इसका नाम इस क्षेत्र के दो आदर्श नगरों से लिया गया है। प्योंगयांग से "प्योंग" और अंजु से "न" लिया गया है। ये पीले सागर में कोरिया की खाड़ी के साथ दक्षिण में उत्तर कोरिया की राजधानी से उत्तर में चीनी सीमा तक जाती है। पूर्वी सीमा का सबसे बड़ा हिस्सा रंगरिम पहाड़ों के साथ चलता है। +| region4description= ये भी कोरिया के आठ प्रान्तों में से एक था। ये कोरिया के उत्तर-पश्चिम इलाके में स्थित था। इस प्रांत की राजधानी हेजू थी। इस प्रांत का क्षेत्रीय नाम हाएसेओ था। +कोरिया में हथियार और उपकरण बनाना लगभग सत्तर हजार वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। पुरातात्विक खोज से इसका पता चला। साथ ही इस बात का भी पता चला कि यहाँ लगभग आठ हजार वर्ष पूर्व लोगों को बर्तन बनाना आता था। तीन से दो हजार वर्ष पूर्व तक यह बहुत तेजी से फैलने लगा था। +आमतौर पर बीच बीच में गर्मियों में वर्षा होती रहती है। गर्मी का मौसम बहुत गर्म होता है और वहीं शरद ऋतु में तापमान -30 डिग्री के भी नीचे चले जाता है। बसंत के सूखे के जाने के साथ साथ बाढ़ भी आता है। यहाँ शरद ऋतु में चक्रवात भी आते हैं। +यहाँ की आधिकारिक भाषा कोरियाई है। आपका मार्गदर्शक आपसे मंडरिन, जर्मन, रूसी, अंग्रेज़ी, जापानी और स्पेनी भाषा में ��ात कर सकता है, और हो सकता है कि वो आपके कहने पर कुछ अंश अनुवाद भी कर दे। लेकिन यहाँ स्थानीय लोग विदेशियों से बात करना पसंद नहीं करते हैं। क्योंकि यहाँ का कानून बहुत कड़क है और सरकार यहाँ ऐसा प्रचार करती है कि विदेशी लोग उनका कभी कोई अच्छा नहीं कर सकते हैं। +यहाँ सभी आने जाने का कार्य और देख रेख आपको यात्रा करवाने वाली कंपनी करती है। यहाँ सबसे अधिक यात्रा केवल बस के द्वारा होता है। यहाँ कुछ स्थानों जैसे पहाड़ वाले जगहों के लिए एयर कोरयो नामक विमान का उपयोग किया जाता है। आप यहाँ अकेले नहीं घूम सकते हैं। आपको अपने मार्गदर्शक को भी अपने साथ रखना ही पड़ेगा। +प्योंगयांग मेट्रो से होते हुए कई सारे यात्रा होते हैं। लेकिन यहाँ स्थानीय यातायात साधनों का उपयोग सामान्यतः नामुमकिन है। कुछ यात्रा में तेल का भी उपयोग होता है। यह लगभग एक दिन का यात्रा होता है। यह विकल्प केवल अमेरिकी नागरिकों को नहीं दिया जाता है। बाकी सभी के लिए यह विकल्प उपलब्ध है। +सभी अंतरराष्ट्रीय विमान केवल प्योंगयांग के सुनान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में ही आते हैं। उत्तर कोरिया में कोई और हवाई अड्डा नहीं है जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बना हो। यहाँ केवल दो ही ऐसे विमान है जो आपको कहीं छोड़ सकते हैं। इसमें एयर कोरयो, जो उत्तर कोरिया का विमान है और एयर चीन है। +उत्तर कोरिया का एक मात्र एयरलाइन बीजिंग से बुधवार और शनिवार को 11;30 बजे निकलता है और 9 बजे उसी दिन प्योंगयांग में आ जाता है। एयर कोरयो शेन्यंग से भी उड़ान भरता है। यहाँ से यह गुरुवार और शनिवार को उड़ता है। यह व्लादिवोस्टोक से बुधवार को सुबह उड़ता है। यह कुआला लम्पूर और कुवैत के लिए भी इस तरह की सेवा देता है। +स्काईट्राक्स की सूची में केवल एक सितारा मिलने वाला यह दुनिया का एक मात्र विमान है। यह इसे चार वर्षों से मिल रहा है। इसे ईयू ने सुरक्षा के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया था। 1983 में इस विमान के साथ बहुत खतरनाक हादसा भी हो चुका है। एयर कोरयो में उड़ान भरने का एक ही कारण हो सकता है कि आप उसमें बैठ कर उसे महसूस करना चाहते हैं। इसके अलावा एयर चीन उड़ान भरने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। +आप उत्तर कोरिया में अपने मर्जी से कहीं नहीं घूम सकते हैं। आपको इस तरह की कोई भी आजादी नहीं है। आपको अपने साथ कम से कम एक मार्गदर्शक लेना होता है जो आपको हर तरह क��� जानकारी देता है। जिसमें कानून के बारे में वो आपको बताएगा। यहाँ आने जाने की शर्ते कभी भी लगभग कुछ कुछ समय में बदलते रहते हैं। यह राजनीतिक उतार चढ़ाव के कारण होता रहता है। उत्तर कोरिया को अक्टूबर 2014 से मार्च 2015 तक पर्यटकों के लिए बंद रखा गया था। क्योंकि यहाँ इबोला विषाणु फैला है आदि के कारण सब डरे हुए थे। लेकिन इस विषाणु का देश के आस पास भी कुछ पता नहीं चला। +सभी देशों के नागरिकों को यहाँ आने के लिए वीजा लेना ही होता है। यह केवल तभी मिलता है जब आपकी यात्रा तय हो और उसे उत्तर कोरिया के अधिकारी स्वीकृत करें। सिंगापूर और मलेशिया के पासपोर्ट होने से आप तीस दिन या उससे कम समय के लिए यहाँ किसी आधिकारिक या व्यापारिक कार्यों के लिए आ सकते हो। लेकिन तब भी आपको उचित दस्तावेज़ पहले से ही देना होता है। +पर्यटकों के लिए पर्यटन वीजा उनके यात्रा का आयोजन करने वाले ही कर देते हैं। यात्रा करवाने वाले लोग आपके न रहने पर भी आपके लिए वहाँ वीजा के लिए आवेदन कर देते हैं। कुछ खास मामलों में ही उत्तर कोरिया के दूतावास से फोन आता है। जिसमें वो लोग आपसे कुछ बातें पूछते हैं। बहुत से मामलों में आपसे विनम्र भाव से ही वो लोग बात करते हैं। वीजा केवल आपके यात्रा करने वाले दिन से पहले ही स्वीकृत होता है। कई बार इस कारण भी आपका आवेदन निरस्त किया जाता है कि आप राजनीति से जुड़े हों या पत्रकार हो। +उत्तर कोरिया में खाने की बहुत कमी है। इस कारण लाखों लोग मर रहे हैं। लेकिन आपको खाना प्राप्त करने में कोई परेशानी नहीं होगी। आपका मार्गदर्शक आपके लिए सारे खाने ले आएगा जो भी आप चाहते हैं। लेकिन यह खाना केवल महंगे होटल में ही मिलेगा। यदि कोई शाकाहारी है या कोई चीज अच्छा नहीं लगता तो आप इसके लिए पहले से बता दें। आप सही के होटल में जा सकते हैं। इस बारे में आप मार्गदर्शक से बात कर सकते हैं। आपको कम से कम उन 95% लोगों के द्वारा खाये जा रहे भोजन से तो अच्छा ही खाना मिलेगा। यहाँ खाना बहुत अच्छा नहीं हो सकता है। खाने के लिए यहाँ कुछ ही विकल्प मौजूद है। इसे कई दिनों तक सहेज के रखा जाता है। +कुछ पश्चिमी देशों के खाने विकल्प के रूप में प्योंगयांग में कुछ भोजनालय में मिलते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अपने मार्गदर्शक को पहले से बताना पड़ेगा। इसके लिए आपको और पैसे खर्च करने पड़ेंगे। +यहाँ इंसम-जु नाम से शराब मिलता है। इसे घर में बनाया जाता है। कुछ आयातित शराबें भी यहाँ कुछ समान पैसे में उपलब्ध हैं। लेकिन आपको शराब नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इसके बाद आप बहुत बड़ी मुसीबत में भी आ सकते हैं। आप सीधा चल कर दूसरों का सम्मान करें, नहीं तो आप और आपका मार्गदर्शक बहुत बड़ी मुसीबत में आ सकते हैं। +आप उत्तर कोरिया में केवल कुछ ही होटल में रह सकते हो। यह सभी होटल में बहुत अधिक पैसे खर्च होते हैं। आप कुछ पैसे कम करने के लिए भी पूछ सकते हो यदि आप निम्न वर्ग में रहना चाहते हो या अपने समूह के साथ वहाँ रहने आए हो। यहाँ लगभग ₹4,200 से लेकर ₹12,000 तक का एक दिन के रुकने का खर्च आता है। +आपको होटल छोड़ने से पहले ही अपने सभी खाने, यात्रा आदि का खर्चा अपने मार्गदर्शक को देना होता है। यदि आप चार सितारा होटल में रहना चाहते हो तो वहाँ का किराया लगभग ₹1,04,000 से ₹1,28,000 तक होता है। लेकिन यह ₹64,000 तक सस्ता हो सकता है। +किसी बाहर के व्यक्ति के लिए उत्तर कोरिया में विद्यार्थी बनना काफी कठिन हो सकता है। हालांकि शायद विश्वविद्यालय परिवर्तन कार्यक्रम हो सकता है। प्योंगांग परियोजना के तहत उत्तर कोरिया में अकादमिक यात्रा का आयोजन करती है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ये है कि जो लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं, वे लोग इस देश के बारे में जानें, न कि बस देखें। उत्तर पूर्वी चीन में स्थित यंबियन विश्वविद्यालय का उत्तर कोरिया के विश्वविद्यालयों से काफी करीबी है और इस कारण ये उत्तर कोरिया के बारे में जानने वाले कुछ पाठ्यक्रम भी उपलब्ध कराता है। +जनवरी 2013 में दूसरे देशों से मोबाइल लाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन आप अपना वर्तमान सिम कार्ड का उपयोग यहाँ नहीं कर सकते हैं। आपको यहाँ केवल एक ही नेटवर्क मिलेगा, लेकिन वो भी आपको केवल स्थानीय नेटवर्क से ही जोड़ता है। यहाँ केवल कोर्योलिंक नाम से एक सिम कार्ड मिलता है। आपके फोन में कम से कम 2100 मेगाहट्ज़ के साथ 3जी उपलब्ध होना चाहिए। +कोर्योंलिक के द्वारा 3जी सेवा वाला नेटवर्क 2008 में प्योंगयांग में शुरू हुआ था और अब यह 42 शहरों में उपलब्ध है। यह उन स्थानीय लोगों द्वारा बहुत उपयोग किया जाता है, जिनके पास इसे खरीदने लायक पैसे होते हैं। कुछ बहुत समय के लिए रहने वाले यात्री भी इस सिम कार्ड हेतु आवेदन कर सकते हैं। सिम कार्ड और फोन आप अंतरराष्ट्रीय संचार केन्द्र से भी खरीद सकते हैं। जो पोथोंगगंग जिला में ���क मैदान के विपरीत स्थित है। इसके अलावा यह कुछ हवाई अड्डों और कुछ होटलों में भी मिल जाता है। 25 फरवरी 2013 में विदेशियों के लिए 3जी इंटरनेट सेवा उपलब्ध हुआ था। लेकिन अब तक इसके दाम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। सिम कार्ड के साथ आप केवल तीन विकल्प में से एक चुन सकते हो। +# सिम कार्ड ₹4,000 रुपये में खरीद कर आप हमेशा के लिए उसका उपयोग कर सकते हो। इसमें लगभग ₹2,000 के आसपास या उससे कम का बात करने के लिए पैसा होगा। +# आप सिम कार्ड ₹4,000 रुपये में किराये पे ले सकते हो। उसमें भी आपको लगभग ₹2,000 के आसपास या उससे कम का बात करने के लिए पैसा मिलेगा। +# आप ₹6,000 रुपये दे कर सिम कार्ड एक महीने तक उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ आपको लगभग ₹4,000 रुपये बात करने के लिए मिलेगा। +लेकिन इसके कॉल दर बहुत महंगे हैं। +किसी दूसरे देख में कॉल करने के लिए आप होटल के फोन का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यह और भी महंगा होता है। फरवरी 2012 की जानकारी के अनुसार यह ₹160 रुपये प्रति मिनट के दर से होता है। सभी कॉल को रिकॉर्ड किया जाता है और नजर भी रखा जाता है। +स्थानीय कॉल 10 चोन सिक्के से आप कर सकते हैं। इसका उपयोग आप होटल या किसी डाक कार्यालय में कर सकते हैं। सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि आपका हर बात रिकॉर्ड हो रहा होता है। तो आपको इस बात का हमेशा ध्यान देना होगा कि आप उत्तर कोरिया से बात कर रहे हैं। +इंटरनेट का उपयोग यहाँ बहुत ही सीमित है। केवल कुछ स्थानीय लोगों को ही इसके उपयोग की अनुमति है। कुछ बहुत बड़े होटलों में इंटरनेट की सुविधा है, लेकिन आपको इसका उपयोग करने के लिए भी कई दिन पहले बताना होता है। आप अपने यात्रा मार्गदर्शक को अपने आवश्यकता के बारे में बता सकते हो। जिससे अनुमति लेने के लिए काफी समय मिलेगा और आपके आवश्यकता से पूर्व आपको अनुमति मिल जाएगा। +यहाँ कोई भी सार्वजनिक इंटरनेट उपयोग हेतु कोई स्थान नहीं है। मोबाइल में इंटरनेट कोर्योलिंक के द्वारा स्थानीय सिम कार्ड पर उपलब्ध है। लेकिन इसकी कोई जानकारी नहीं है कि इसका उपयोग आप कर सकते हैं या ऐसी कोई सुविधा है या नहीं। आपको इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि आपका इंटरनेट में हर कार्य की निगरानी होती है। तो इस बात का ख्याल रखें कि आप कोई भी ऐसी बात ईमेल में न लिखें। इसके अलावा उत्तर कोरिया में कई ऐसे वेबसाइट हैं, जिन्हें उत्तर कोरिया के बाहर प्रतिबंधित रखा जाता है। + + +[[भारत के उत्तरी हिस्से के मैदानों के बीचोबीच स्थित एक राज्य है। विविध ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की चीजें देखने लायक। +भारत का प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण ताजमहल, प्रसिद्ध शहर वाराणसी (बनारस गंगा-यमुना का इलाहाबाद (प्रयाग) में संगम और बौद्ध तीर्थ सारनाथ तथा कुशीनगर इसी राज्य में स्थित हैं। खुद राजधानी लखनऊ की ऐतिहासिक विरासत महत्वपूर्ण है और बहुत सी पुरानी बिल्डिंगें दर्शनीय हैं। कई पक्षी विहार और दुधवा नेशनल पार्क प्राकृतिक दृश्यावलोकन के लिए बेहतरीन हैं। +यहाँ के नौ प्रमुख शहर निम्नलिखित हैं: +mdash; वर्तमान उत्तर प्रदेश और पुराने समय के अवध प्रांत की राजधानी, ऐतिहासिक किन्तु आधुनिक शहर। +mdash; भारत की पर्यटन राजधानी; ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध, जिनमें से एक विश्व प्रसिद्ध ताज महल भी है। +mdash; धार्मिक और शैक्षणिक महत्व का नगर; पवित्र गंगा, यमुना और मिथकीय सरस्वती नदियों के संगम और कुंभ मेला के लिए प्रसिद्ध। +mdash; राम की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध धार्मिक नगरी; पहले जैन तीर्थंकर ऋषभदेव की भी जन्मस्थली माना जाता है। +mdash; बौद्ध धर्म के चार पवित्रतम तीर्थ स्थलों में से एक, जहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ। +mdash उत्तर भारत का मानचेस्टर" कहा जाने वाला शहर, जो चमड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध, आईआईटी भी यहाँ स्थित है। +mdash; भगवान कृष्ण की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध धार्मिक महत्व का नगर। +mdash; बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में एक जहाँ शाक्यमुनि गौतम ने पहला उपदेश दिया; बौद्ध स्तूपों और मंदिरों के लिए देखने लायक। +mdash; हिन्दुओं के लिए पवित्रतम तीर्थों में से एक; गंगा के बायें किनारे पर मौजूद घाटों का नगर; काशी विश्वविद्यालय उल्लेखनीय शैक्षणिक केंद्र है। +उत्तर भारत के मैदानी इलाके के बीचोबीच स्थित यह राज्य गंगा, यमुना, गोमती और सरयू नदियों द्वारा लायी मिटटी से बना एक लगभग समतल हिस्सा है। इसी कारण प्राचीन काल से ही यहाँ खेती का विकास हुआ और सघन जनसंख्या का बसाव हुआ। वर्तमान समय में भी यहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार खेती ही है। यहाँ के उद्योगों में गन्ने से चीनी बनाना, सूती वस्त्र उद्योग और कृषि आधारित विविध खाद्य-प्रसंस्करण उद्योग शामिल हैं। +परम्परागत रूप में उत्तरी पश्चिमी हिस्से में लकड़ी के सामान, लखनऊ का चिकन (एक तरह का कपडा) और बनार�� की ज़रदोज़ी (कढ़ाई की कला) के सामान, कालीन, बाँस और मूँज (ऊँची घास) के इस्तेमाल से बनी डलिया इत्यादि हस्तशिल्प की चीजें यहाँ खरीदने लायक हैं। +हिन्दी भाषा का गढ़ भी यही है। हिंदी यहाँ की अधिकारिक भाषा है, मध्य भाग में अवधी और दक्षिणी भाग में बुन्देली तथा बघेली बोलियाँ बोली जाती हैं; पूर्वांचल की स्थानीय भाषा भोजपुरी है। +उत्तर प्रदेश का एक समृद्ध इतिहास रहा है। पश्चातवर्ती वैदिक काल की सभ्यता के साक्ष्य पुरातात्विक खनन में यहाँ के विभिन्न हिस्सों से मिले हैं। महाजनपद काल में यह इलाका कुरु, मत्स्य और वत्स तथा कोसल का हिस्सा रहा है। बाद के समय में मगध साम्राज्य के अंतर्गत यह इलाका आता था। मौर्य एवं गुप्त काल के अवशेष आज भी विभिन्न स्थानों पर देखे जा सकते हैं। +मुगलों के काल में और बाद में अवध के नवाबों के दौर में इस प्रदेश की अपनी एक अलग पहचान रही। इसी दौर में यहाँ हिंदू-मुसलमान लोगों की मिली जुली एक ख़ास संस्कृति विकसित हुई जिसे गंगा-जमुनी तहज़ीब के नाम से जाना जाता है। +अंग्रेजों के शासन काल में भी इस क्षेत्र का काफ़ी महत्व रहा और लखनऊ और इलाहाबाद जैसे शहर कई मायनों में अंगरेजी शासन के दौरान बहुत महत्व के शहर रहे हैं। +उत्तर प्रदेश की संस्कृति एक बहुलतावादी सामासिक संस्कृति है जो इस क्षेत्र के इतिहासी विकास का परिणाम है। लगभग हिंदू और इस्लामी त्यैहार यहाँ धूमधाम से मनाये जाते हैं तथा इलाहाबाद और लखनऊ एवं कुछ अन्य शहरों में क्रिसमस इत्यादि का ख़ास महत्त्व है। होली, दीवाली, दशहरा, रमजान, ईद और क्रिसमस इलाके के प्रमुख त्योहार हैं। इनके अलावा स्थानीय मेलों और पर्वों की भी अत्यंत बहुलता है। +आम पहनावा बुजुर्गों में धोती-कुरता, कुरता पायजामा और स्त्रियों में साड़ी, सलवार-कुरता इत्यादि हैं। आधुनिक पीढ़ी के लोग पेंट-बुशर्ट और जींस-टीशर्ट पहनते हैं। +संगीत और नृत्य के मामले में इसका अपना अलग ही मुक़ाम रहा है। कथक यहाँ का प्रमुख नृत्य है। ठुमरी, दादरा, कजरी इत्यादि यहाँ की सेमी-क्लासिकल गायकी के लिए मशहूर चीजें हैं। उत्तर भारतीय, यानी हिंदुस्तानी संगीत के कई घराने (स्कूल्स) यहाँ उत्तर प्रदेश से हैं जिनमें बनारस घराना, लखनऊ घराना, आगरा घराना, ग्वालियर घराना इत्यादि महत्वपूर्ण हैं। +उत्तर प्रदेश का मौसम खास उत्तर भारतीय मौसम की तरह ही होता है। साल में ��ार स्पष्ट ऋतुएँ होती हैं: जाड़ा, मध्य नवंबर से मध्य फरवरी तक; मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल तक बसंत; मध्य अप्रैल से जून तक गर्मी और जून के अंत से लेकर अक्टूबर तक बरसात। जाड़ा और गर्मी दोनों खूब पड़ते हैं। जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है जब किसी किसी दिन न्यूनतम तापमान शून्य से भी नीचे जा सकता है, हालाँकि आमतौर पर यह पाँच डिग्री सेल्सियस तक गिरता है। गर्मियों में मई का अंत और जून की शुरूआत के कुछ दिनों के दौरान अधिकतम तापमान पैंतालीस डिग्री पार कर जाता है। गर्मियों की ख़ास विशेषता यहाँ चलने वाली "लू" है। ये पछुवा हवाएँ अत्यधिक गर्म होती हैं और हर साल इनके कारण कुछ मौतें भी दर्ज की जाती हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसूनी हवाएँ 15 जून के आसपास पहुँचती हैं और लगभग 25 जून तक इनका असर पूरे उत्तर प्रदेश पर फैल जाता है, इसके बाद सितंबर तक बरसात का सीज़न रहता है और इलाके में भारी बारिश होती है। +इस तरह, अगर आप घूमने के लिहाज से देखें तो अक्टूबर से मध्य दिसंबर तक का समय और मध्य फरवरी से अप्रैल तक का समय सर्वोतम है जब मौसम सुहाना रहता है; न तो बहुत गर्मी होती है न जाड़ा। इस समय आप हलके कपड़ों के साथ काम चला सकते हैं और गर्मी भी आपको परेशान नहीं करेगी। बाक़ी अगर आप जाड़े में यहाँ घूमना चाहते हैं तो अपने साथ भारी ऊनी कपड़े और जैकेट इत्यादि अवश्य लें। जाड़ों कि एक अन्य समस्या कोहरा भी है जिसके कारण पूरे उत्तर भारत में चलने वाली रेलगाड़ियाँ प्रभावित होती हैं। कभी-कभी तो स्थिति इतनी ख़राब हो जाती कि ट्रेन रद्द भी हो सकती है। दूसरी ओर गर्मियों में अर्थात मई-जून में दोपहर तक गर्मी और धूप इतनी तेज हो जाती और अंधड़ की तहर लू चलने लगती कि आप बाहर नहीं निकल सकते। +उत्तर प्रदेश, उत्तर भारत के मैदानी इलाके के स्थित है और यहाँ देश के किसी भी हिस्से से पहुँचना अत्यंत ही आसान है। आप अपनी सुविधानुसार वायु, रेल अथवा सड़क मार्ग से यहाँ पहुँच सकते हैं। +उत्तर प्रदेश में कई हवाई अड्डे हैं जहाँ के लिए देश और विदेशों से विभिन्न वायु सेवायें उड़ान भरती हैं। +अन्य हवाई अड्डों में, बम्हरौली, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) प्रमुख है। +उत्तर प्रदेश भारतीय रेल के नेटवर्क से भली-भांति जुड़ा हुआ है। दिल्ली से हावड़ा जाने वाला रेल मार्ग सबसे प्रमुख और व्यस्ततम मार्ग है जिसपर कानपुर, इलाहाबाद और बनारस का उपनगर म���ग़लसराय स्थित हैं। +लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और इलाहाबाद जैसे शहरों से मुंबई, हैदराबाद और अन्य शहरों के लिए रोज़ाना रेलगाड़ियाँ उपलब्ध हैं। +फरवरी से अप्रैल तक और सितंबर से नवंबर तक जब मौसम सुहाना होता है आप किसी भी रेल में स्लीपर कोच में यात्रा कर सकते हैं। यह सबसे सस्ता विकल्प है। ध्यान दें कि त्यौहारों के समय में रेल रिजर्वरेशन मिलना काफ़ी मुश्किल होता है। +नई दिल्ली से उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए इंटर-स्टेट बसें चलती हैं। +लखनऊ और इलाहाबाद तक पहुँचने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नागपुर इत्यादि से कई रात्रि सेवाएँ उपलब्ध हैं। +नेपाल से जुड़े स्थानों के लिए गोरखपुर-सोनौली बस मार्ग काफ़ी प्रमुख मार्ग है। +उत्तर प्रदेश में स्टैंडर्ड उत्तर भारतीय खाने का प्रचलन है। उत्तर प्रदेश में लगभग हर शहर-कसबे में आपको "थाली" के रूप में एक पूरा भोजन उपलब्ध होता है। एक उत्तर प्रदेशी थाली में दाल, दो तरह कि सब्जियाँ, दो से लेकर पाँच तक रोटियाँ, एक छोटी कटोरी भर चावल और कुछ अचार, चटनी पापड़ में से, इतनी चीजें उपलब्ध होती हैं। सब्जी में आमतौर पर एक सब्जी सूखी होती है और एक करी होती है, यानि रसदार। दाल में आपके पास विकल्प हो सकता है कि आप सादी डाल लें अथवा फ्राई (तड़के वाली)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आपको काली मसूर की डाल भी मिलेगी जो काफ़ी चटाखेदार होती है। रोटियाँ भी तंदूरी और तवे वाली होती हैं, कई बार आप चुन सकते हैं कि आपको किस तरह की रोटी चाहिए। +थाली के अलावा, पनीर के विविध व्यंजन उपलब्ध होते हैं। आप अपनी पसंद कि पनीर की सब्जी, रोटी नान इत्यादि चुनकर अपना कोम्बो बना सकते हैं। +लखनऊ ख़ासतौर से मुगलई पकवानों के लिए जाना जाता है। चिकन और मटन के विविध व्यंजनों के प्रकार आपको मिलेंगे। इसके साथ कबाब के बिबिध रूप और लच्छा पराँठे इत्यादि खासतौर पर बहुत बेहतरीन बनते हैं। +पूर्वी उत्तर प्रदेश में आप बाटी-चोखा का आनंद भी ले सकते हैं। यह आटे की गोलियाँ होती हैं जिन्हें आग पर सेंक कर पकाया जाता है और इसके साथ आलू-बैंगन का चोखा (भरता) और कभी कभी गाढ़ी तड़का लगी डदाल भी सर्व की जाती। +पीने के लिए यहाँ सभी बड़े शहरों में आधुनिक बार मिल जायेंगे। इसके अलावा मॉडल शॉप्स पर आप उसी दाम में शराब पी सकते हैं जिस दाम में बोतल उपलब्ध होती है। छोटे कस्बों में, सभी शराबें नहीं उपलब्ध होतीं और कहीं बैठकर पीने लायक जगह भी मुश्किल से मिलती है। आप ऐसे होटल में ठहरें जहाँ बार की सुविधा हो तो यह मुश्किल कुछ आसान हो सकती है। +वैसे भी उत्तर प्रदेश में खुलेआम पीना अच्छा आचरण नहीं माना जाता और पब्लिक प्लेस पर शराब पीना मना है। शराब की दुकाने दोपहर बारह बजे के बाद खुलती हैं और रात दस बजे तक ही खुली रहती हैं। +यहाँ के लोगों के आम पेय में सबसे प्रचलित चाय है जो हर नुक्कड़-चौराहे पर आसानी से मिलती है। थोड़ी कोशिस करे तो आप किसी भी कसबे शहर में अच्छी और प्रसिद्ध चाय की दुकाने खोज सकते हैं। +इसके अतिरिक्त जूस, मोसंबी, अनन्नास, और अनार का, हर जगह आसानी से मिल जाएगा। गन्ने का जूस भी काफी प्रचलित पेय है पर यदि आप को आदत नहीं तो इससे आपका पेट ख़राब हो सकता है। सीजनल आइटम में बेल का शरबत, लस्सी, आम का पना और सत्तू का घोल (पूर्वी उत्तर प्रदेश में) आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। हालाँकि, इनमें से कोई पेय ऐसा नहीं जो पहली ही बार में आपको बहुत अच्छा लगे पर धीरे-धीरे आप इन्हें जरूर प्यार करने लगेंगे। बेल का शर्बत और सत्तू सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं और उपरोक्त सभी गर्मियों के दिनों में ख़ास पेय के रूप में उपलब्ध होते हैं। + + +उदयपुर जिला जो कि झीलों, महलों, प्राचीन हवेलियों, प्राचीन दुर्गों तथा विभिन्न स्थलों के लिए पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है इसलिए यहाँ पर कई बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी की गई है। +उदयपुर की संस्कृति राजस्थान भर ही नहीं अपितु पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध रहा है यहाँ ले लोग ज्यादातर रंगबिरंगे कपड़े पहना करते है। यहाँ पर लोग बड़े अच्छे से हर त्यौहार मनाते है। +उदयपुर में जगदीश देवालय है, जो महाराणा जगतसिंह ने १६५१ में बनवाया था। 'इण्डो आर्यन्'-शैली में निर्मित ये देवालय विष्णु की कृष्ण(काली) शिलामूर्ति के कारण आकर्षणीय है। +उदयपुर पूरे भारतभर में झीलों की नगरी के नाम से काफी लोकप्रिय है। +* उदयपुर की सात बहनें +इनके अलावा उदयपुर के आसपास अन्य दर्शनीय स्थल भी काफी प्रसिद्ध है जिनमें, +उदयपुर ज़िले में कई उत्सव और मेले भी काफी प्रसिद्ध है जिसमें मुख्य रूप से मेवाड़ उत्सव और शिल्पग्राम मेला है। +यह उत्सव उदयपुर में सबसे अधिक प्रसिद्ध है जो वसन्त ऋतू के आरम्भ में मार्च/अप्रैल माह में मनाया जाता है। इसमें महिलाएँ नए नए वस्त्र प���नती है। +यह मेला उदयपुर के पश्चिमी क्षेत्र में नवम्बर/दिसम्बर माह में मनाया जाता है यह मेला हर साल में एक बार आता है। इस मेले में राजस्थान के कला एवं संस्कृति की वस्तुओं का प्रचार प्रसार किया जाता है। + + +एशिया दुनिया का सबसे बड़ा और आबाद महाद्वीप है, जहाँ 440 करोड़ लोग रहते हैं, जो कि दुनिया की आधी से ज़्यादा आबादी है। +एशिया इतना बड़ा है कि यहाँ पर देखने की चीज़ों के लिए एक "सारांश" नहीं बनाया जा सकता है। आपको तय करना होगा कि आप मध्य पूर्व के सुनसान और गगनचुंबी इमारतें देखना चाहते हैं दक्षिण एशिया के प्राचीन स्मारक और ऊँची पर्वतें देखना चाहते हैं दक्षिणपूर्व एशिया के समुद्र तटों पर चलना चाहते हैं या फिर पूर्व एशिया के मशहूर शहरों में समय बिताना चाहते हैं। +एशिया में दुनिया भर से लोग आते हैं। दुनिया के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले शहरों में से कई एशिया में हैं, जैसे बैंकॉक बीजिंग दुबई हाँग काँग यरूशलेम मुंबई सियोल सिंगापुर और टोक्यो]]। +यहाँ पर हर तरह के यात्री के लिए कोई-न-कोई देखने लायक जगह है। आधुनिक और अमीर जगहें हैं जापान और पूर्व एशिया के शेर यानी सिंगापुर हाँग काँग ताइवान और दक्षिण कोरिया जहाँ लोगों के जीवन की गुणवत्ता काफ़ी अच्छी है। एशिया में काफ़ी गरीब देश भी हैं जैसे कंबोडिया अफ़ग़ानिस्तान लाओस और पूर्वी तिमोर]]। कुछ देश, कम पैसों में यात्रा करने वाले पर्यटकों को बहुत पसंद आएँगे जैसे थाईलैंड और इंडोनेशिया]]। +कुछ देश ऐसे हैं जो पर्यटन को काफ़ी हद तक सीमित रखते हैं और हो सके तो सिर्फ कुछ ही प्रकार के पर्यटनों की अनुमति प्रदान करते हैं, जैसे भूटान और मालदीव]]। उत्तर कोरिया और तुर्कमेनिस्तान जो दुनिया के सबसे दमनकारी देशों में से हैं, इसे एक कदम आगे ले जाते हैं। वहाँ पर पर्यटन समूहों पर हमेशा नज़र रखा जाता है और अपने "महान नेताओं" के बारे में बताया जाता है। +बेशक, कुछ देश हैं जो इनके बीच कहीं ना कहीं मिलेंगे, और इन्हीं जगहों पर शायद लोग चीन और भारत को पाएँगे; इन देशों के लंबे इतिहास, इनकी परंपराओं और विविधता में भी कई राज़ छुपे हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। +एशिया दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है और यहाँ के भूगोल में काफ़ी विविधता देखने को मिलती है। साइबेरिया के बर्फीले मैदानों से इंडोनेशिया के घने जंगलों और अरब के रेगिस्तानों तक, एश��या में हर तरह के मौसम और इलाके मौजूद हैं। +एशिया के पूर्व की तरफ़ है प्रशांत महासागर दक्षिण-पूर्व की तरफ़ है ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण की तरफ़ हिंद महासागर]]। इसके दक्षिण-पश्चिम की ओर है लाल सागर पश्चिम की तरफ़ यूरोप और उराल पर्वतमाला, और उत्तर की ओर है आर्कटिक महासागर]]। +एशिया में विमान द्वारा यात्रा करना काफी सरल और अच्छा है। यहाँ कई उच्च गुणवत्ता युक्त हवाई अड्डे मौजूद हैं, जिसमें आप आसानी से अपने घूमने के स्थान तक जा सकते हैं। इसमें कुछ हवाई अड्डे बहुत महत्वपूर्ण हैं, जिससे होते हुए ही आप किसी दूर स्थान तक जा सकते हैं। इनमें दुबई सिंगापुर टोक्यो दिल्ली होंग कोंग जकार्ता आदि है। शंघाई नई दिल्ली मुंबई चेन्नई कुछ मुख्य हवाई अड्डे हैं, जिससे आप चीन और भारतीय उपमहाद्वीप में घूम सकते हो। +भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और जापान में अत्यधिक विकसित रेल नेटवर्क है, पर साथ ही साथ दक्षिण पूर्व एशिया में ये सेवाएँ कम विकसित हैं। ये सभी देश तेज रेल योजनाओं में बहुत पैसा लगा रहे हैं, जिसमें चीन सबसे ज्यादा पैसा तेज और लंबी दूरी वाले रेलों की योजनाओं में लगा रहा है। ये केवल आराम से यात्रा करने के लिए ही नहीं बल्कि गति और कीमत के मामले में भी बहुत अच्छा है। भारत और रूस के बड़े हिस्सों में धीमी रेल वाली सेवा उपलब्ध है, जो स्थानीय लोगों के साथ संपर्क बनाने का भी एक अच्छा तरीका है। चीन और जापान अपने अपने उच्च गति के रेल नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं। चीन अपना ये विस्तार दक्षिण पूर्व एशिया में भी करने की योजना बना रहा है, जो संभवतः उनमें उत्तर और दक्षिण कोरिया भी शामिल है। दक्षिण कोरिया भी अपने रेल मार्ग को अगले कुछ दशकों में उच्च गति का बनाने की योजना बना रहा है, लेकिन राजनीतिक स्थिति के कारण इस समय अंतरराष्ट्रीय रिश्ता बनाया नहीं जा सकता है। +एशिया का बन्दरगाह क्रूज वाला स्थान है, जिसमें कई सारे कंपनियों के क्रूज चलते हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया से रॉयल कैरिबियन और प्रिंसेस आते हैं, वहीं उत्तर अमेरिका से प्रशांत सागर को पार करते हुए हॉललैंड अमेरिका नाम का क्रूज आता है। अफ्रीका के नदी से होते हुए आने पर आपको समुद्री डकेतों को मजाक में नहीं लेना चाहिए। ये मलाक्का के जल वाले इलाके में काफी कम हो गए हैं, लेकिन फिर भी इस तरह की घटना देखने को मिलती रहती है। +एशिया में विभिन्न प्रकार के खाने उपलब्ध हैं, जो एक दूसरे से काफी अलग है। जैसे तुर्की के क़बाब से अरबी पीटा हो या भारतीय करी से चीनी नूडल, सभी एक दूसरे से भिन्न हैं। इसके अलावा आप चावल भी कई अलग अलग प्रकार के खा सकते हैं। यहाँ आम तौर पर लोग चाय पीते हैं। यहाँ ताजे फल का रस और नारियल पानी पी सकते हैं। कुछ स्थानों में साफ पीने का पानी आसानी से उपलब्ध नहीं होता है। लेकिन बंद बोतल में आपको आसानी से पीने का पानी मिल सकता है। भारत और पाकिस्तान में आप लस्सी भी पी सकते हैं। +शराब यहाँ व्यापक रूप से मिलता है। लेकिन यहाँ कई मध्य पूर्वी देशों और भारत के कुछ भागों में गैर-कानूनी है। जापान, कोरिया और चीन में शराब मुख्य रूप से चावल से बनाई जाती है। +सोने हेतु उपलब्ध सुविधा, आपके स्थान के ऊपर निर्भर करती है। कुछ ऐसे स्थान भी हैं, जहाँ आप तंबू गाड़ कर सो सकते हैं और कई जगह पाँच सितारे होटल भी उपलब्ध है। जगह के अनुरूप कीमत भी बदलती रहती है। +इसके बहुत बड़े होने के कारण अलग अलग जगहों में अलग अलग सुरक्षा स्तर होता है। यह सामान्य रूप से एक सुरक्षित जगह है और कई विदेशी यात्रियों के आकर्षण का केन्द्र भी है। लेकिन कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहाँ कानून नाम की कोई चीज नहीं बची। इसके कुछ उदाहरण में अफगानिस्तान, सीरिया और इराक का बहुत विशाल भाग शामिल है। अफगानिस्तान की सरकार केवल देश के भागों को ही नियंत्रित करती है और इराक में अभी युद्ध चल रहे हैं। इन देशों में जाने लायक कोई जगह नहीं है और यात्रियों से निवेदन भी किया जाता है कि वे इस तरह के जगहों से दूर ही रहें। +कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का खतरा एशिया में रहता है। दक्षिण एशिया में स्थित देशों में बारिश के कारण बाढ़ का खतरा रहता है। इसके अलावा उत्तर में स्थित देशों में भूकंप और चक्रवात का बहुत खतरा होता है। चीन के कुछ भागों में साँस लेने में भी बहुत परेशानी होती है, क्योंकि चीन में बहुत सारे कारखाने होने के कारण प्रादूषण के चलते शुद्ध हवा की बहुत कमी हो गई है। + + +* ओटावा कनाडा की राष्ट्रीय राजधानी। यह शहर नेशनल गैलरी जैसी राष्ट्रीय संग्रहालयों और पार्लमेंट हिल जैसे राष्ट्रीय सरकारी स्मारकों का घर है। +* कैलगरी कैलगरी एक प्रमुख कनाडाई वित्तीय शहर है, लेकिन गैर-व्यापारिक यात्रियों के लिए यह विश्वस्तरीय कैलगरी चिड़ियाघर, कैलगरी टॉवर, कैलगरी स्टैपेडे, ग्लेनबो म्यूजियम आदि प्रदान करता है। +* मॉन्ट्रियल कनाडा के सबसे बड़े महानगरों में से एक। मॉन्ट्रियल उत्तरी अमेरिका के फ्रांसीसी संस्कृति का मूल है (आप तब भी अंग्रेज़ी से काम चला सकते हैं) और कुछ बेहतरीन दीर्घाओं, संग्रहालयों, जगहों का घर है। +* क्यूबेक सिटी क्यूबेक प्रांत की राजधानी। 1608 में स्थापना की गई थी। अपने विचित्र पुराने शहर, भव्य शीतकालीन त्यौहार और शेट्ओ फ्रेंटेनाक जैसी खूबसूरत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। +निम्न देशों के नागरिक इस देश में बिना वीजा के भी 6 महीनों तक रह सकते हैं। इन देशों में अंडोरा, अंगुइला, अंटिगुया, बार्बूडा, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रीया, बहामास, बर्बाडोस, बेल्जियम, बरमूडा, ब्रिटिश विर्गिन द्वीप, केमन द्वीप, चिली, क्रोटिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फाल्कलैंड द्वीप, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, गिब्राल्टर, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इस्रायल, इटली, जापान, लातविया, माल्टा, मेक्सिको, मोनाको, नोर्वे, आदि हैं। +कनाडा की मुद्रा कनाडाई डॉलर है, जिसे डॉलर के चिह्न से दिखाया जाता है। इसे सामान्य बोलचाल में बक या लूनी कहा जाता है। लूनी शब्द पहले एक डॉलर के सिक्कों के लिए उपयोग किया जाता था, बाद में मुद्रा के लिए उपयोग करने लगे हैं। एक डॉलर में सौ सेंट होते हैं। तेल की कीमत बढ़ने या घटने से उसका प्रभाव कनाडाई डॉलर पर उसके करीबी देश अमेरिका से अधिक पड़ता है। दामों में बढ़ोतरी होने पर कनाडाई डॉलर की कीमत भी बढ़ जाती है और तेल की कीमत घटने पर डॉलर की कीमत में भी गिरावट होती है। 1970 के समय तेल के कारण, कनाडाई डॉलर की कीमत में भारी उछाल आया था, जिससे कनाडाई डॉलर की कीमत अमेरिकी डॉलर से भी बढ़ गई थी। हालांकि 1990 के मध्य तेल की कीमत फिर से पहले जैसी होने लगी और उस कारण कनाडाई डॉलर की कीमत घट गई, जिससे कनाडाई डॉलर की कीमत 66 अमेरिकी सेंट के बराबर हो गई थी। +2000 से 2010 के दशक के ग्रीष्म के दौरान कनाडा के कई सारे शहरों में पश्चिमी नाइल विषाणु का प्रकोप देखने को मिला था, जो आमतौर पर किसी मच्छर के काटने से फैलता है। कुछ बीमारियाँ जैसे निमोनिया, बुखार या कफ आदि कनाता के शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में देखने को मिलते हैं। कनाडा वहाँ रहने वाले निवासियों के लिए मुक्त चिकित्सा सेवा प्रदान करता है, लेकिन ये चिकित्सा वहाँ घूमने आने वाले पर्यटकों या यात्रियों के लिए मुफ्त नहीं है। तो यदि आप कनाडा में घूमने जा रहे हैं, तो ये पक्का कर लें कि आप बीमा द्वारा सुरक्षित है। + + +कुंजम माता यहाँ की अधिष्ठात्री देवी हैं। यहाँ से जाने वाले लगभग सभी वाहन कुंजम माता के मंदिर पर प्रणाम करते हुए जाते हैं। + + +बौद्ध ग्रंथों के मुताबिक़ महात्मा बुद्ध की मृत्यु ककुत्था नदी को पार करने के बाद कुछ दूर जाने के उपरांत कुशीनारा नामक एक वन क्षेत्र मे हुई थी। बाद में उनके निधन और महापरिनिर्वाण स्थल पर स्तूपों का निर्माण करवाया गया और बौद्ध धर्म के मानने वालों के लिए यह एक तीर्थ बन गया। कुछ अन्य लोग इस स्थान को कोशल के राजाओं की बसाई नगरी कुशवती के रूप में भी पहचानते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह राम के बेटे कुश द्वारा स्थापित की गयी थी। +वर्तमान समय में विद्वान् इसे ही उस स्थान के रूप में पहचानते हैं जहाँ गौतम बुद्ध की मृत्यु हुई थी, और उनका अंतिम संस्कार किया गया। सम्राट अशोक ने यहाँ स्तूप का निर्माण करवाया और बाद में गुप्त राजाओं ने इसे विस्तृत करवाया। गौतम बुद्ध की लेटी हुई मुद्रा में मूर्ति भी गुप्तकाल की मानी जाती है। बाद में बारहवी सदी में मुस्लिम शासन काल में यह स्थान उपेक्षा का शिकार हुआ और इतिहास की गर्त में खो गया था। अंग्रेजों के समय में जब यहाँ पुराने दब चुके स्तूपों और मंदिर तथा विहार अवशेषों की खोज हुई, इसे दुबारा महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ। +इस स्थान की खोज का श्रेय जनरल कनिंघम और उनके सहयोगी कार्लाइल को जाता है। +यहाँ स्थान बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों लिए मत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। इसी की स्मृति में यहाँ स्तूप और बौद्ध मंदिरों का निर्माण हुआ है। इसके अलावा यहाँ के बौद्ध मंदिरों और स्तूपों की सुन्दरता सभी को आकर्षित करती है। +वायुमार्ग से कुशीनगर सीधे नहीं पहुँचा जा सकता हालाँकि, यहाँ एक अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है। वर्तमान में निकटतम हवाईअड्डा गोरखपुर में है जहाँ से यहाँ सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। गोरखपुर हवाई अड्डा भी मुख्यतः सेना के द्वारा संचालित है और यहाँ नागरिक हवाई जहाज बहुत कम उतरते हैं। चूँकि गोरखपुर हवाईअड्डे पर बहुत कम विमान उतरते हैं, अन्य विकल्प यह हैं कि वायुमार्ग से लखनऊ अथवा वाराणसी पहुँचा जाय और यहाँ स��� रेल अथवा सड़क मार्ग से कुशीनगर तक पहुँचें। वाराणसी और लखनऊ दोनों हवाई अड्डे पूरे देश के लगभग सभी बड़े शहरों से विमान सेवाओं द्वारा जुड़े हैं। अतः यदि आप हवाई मार्ग से कुशीनगर आना चाहते तो लखनऊ या वाराणसी आयें और यहाँ से अपनी सुविधानुसार टैक्सी इत्यादि द्वारा कुशीनगर पहुँचें। +पड़रौना, सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो गोरखपुर-थावे रेलमार्ग पर स्थित है और इस जिले का मुख्यालय भी यहीं हैं। पड़रौना कुशीनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। देवरिया और गोरखपुर यहाँ से अन्य नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। +अन्य विकल्प रेल द्वारा देवरिया पहुँचना और वहाँ से सड़क मार्ग से कुशीनगर पहुँचना है। देवरिया, वाराणसी-गोरखपुर रेलमार्ग पर स्थित स्टेशन है और इस लाइन पर रेलों की संख्या अधिक है। देवरिया से कुशीनगर पहुँचने के लिए बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। +गोरखपुर और देवरिया और पड़रौना से यहाँ सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। ये तीनों शहर रेल स्टेशन से युक्त हैं। गोरखपुर इस इलाके का सबसे बड़ा शहर है और रेल एवं सड़क मार्गों द्वारा पूरे भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। गोरखपुर से नियमित बसें कुशीनगर के लिए जाती हैं और यात्रा में लगभग डेढ़-दो घंटे का समय लगता है। +वाराणसी से कुछ बसें सीधे कुशीनगर (पडरौना) के लिए जाती हैं पर ये दिन में एक या दो हैं और सुबह के समय वाराणसी से रवाना होती हैं। +निजी रूप से टैक्सी का विकल्प अच्छा है यदि आपके पास खर्च करने के लिए पर्याप्त पैसा है। बड़े शहरों, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, अथवा वाराणसी से आप टैक्सी किराए पर लेकर यहाँ की यात्रा कर सकते हैं। +कुशीनगर में देखने लायक चीजों में प्राचीन स्तूप तथा विहारों के भग्नावशेष के अलावा कई आधुनिक बौद्ध मंदिर भी हैं। बौद्ध धर्म के लिए प्रमुख तीर्थस्थल होने के कारण पूर्व एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों द्वारा यहाँ मंदिरों का निर्माण कराया गया है क्योंकि इन देशों में बौद्ध धर्म को काफी महत्त्व दिया जाता है। +महापरिनिर्वाण मंदिर अथवा परिनिर्वाण स्तूप एक प्राचीन मंदिर है और यहाँ का सबसे प्रमुख मंदिर भी है। यह एक सफ़ेद रंग का स्तूप और मंदिर है। पीछे का गोल गुंबद वाला हिस्सा स्तूप के रूप में है। स्तूप के अंदर गौतम बुद्ध के अवशेष रखे माने जाते हैं और आगे के हिस्से की रचना म���दिरनुमा है। इस मंदिर में भगवान बुद्ध की लेटी हुई मुद्रा में एक बड़ी सी मूर्ति है। यहाँ मूर्ति के आसपास बैठ कर ध्यान अथवा मन्त्र जाप करते भिक्षु मिलेंगे, आप चाहें तो आप भी यहाँ बैठ कर ध्यान कर सकते हैं। किसी व्यक्ति को दान देना मना है। मंदिर से ठीक पहले प्राचीन काल के बौद्ध विहारों के भग्नावशेष हैं। +रामभर स्तूप प्राचीन काल का स्तूप है, जिसे सम्राट अशोक द्वारा बनवाया माना जाता है। यह ईंटों का बना एक विशाल टीला है। इसके चारों ओर परिक्रमा पथ है और अगर आप इसके चारों ओर घूम कर देखना चाहते हैं तो बाएँ से शुरू करके दाहिने की ओर जाएँ अर्थात परिक्रमा में चलते समय स्तूप आपके दाहिने हाथ की ओर रहे। स्तूप पर चढ़ें नहीं, इसे धार्मिक रूप से बहुत पवित्र माना जाता है। +जापानी मंदिर परिनिर्वाण स्तूप से थोड़ी दूर पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित यह मंदिर जापान के लोगों द्वारा बनवाया गया है। इसकी रचना में जापानी शैली की झलक दिखती है और यह आधुनिक समय में बने कुछ सबसे सुंदर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में जापान में निर्मित भगवान बुद्ध की धातु की मूर्ति स्थापित है। +थाई मंदिर वाट मंदिर, अथवा थाई मंदिर यहाँ के सबसे सुंदर आधुनिक मंदिरों में से एक है और यहाँ जाने पर अवश्य ही देखने लायक है। ख़ास तौर से इसकी थाई मंदिरों के वाट शैली के लिए जाना जाता है और इसके आसपास का वातावरण भी काफी सुंदर और शांत है। यहाँ से थोड़ी दूर पर ही ध्यान मंदिर और चीनी मंदिर भी है। +ध्यान मंदिर प्रचलित नाम मेडिटेशन टेम्पल है। यह थाई वाट मंदिर से कुछ ही दूरी पर है। +अन्य मंदिरों में चीन, श्रीलंका और कई अन्य देशों के मंदिर हैं। एक छोटा किन्तु बहुत सुन्दर मंदिर कृत्रिम तालाब के बीचोबीच भी बना हुआ है और मंदिर तक जाने के लिए पुल से होकर जाना पड़ता है। +कुशीनगर में एक संग्रहालय भी स्थापित किया गया है जिसे राजकीय बौद्ध संग्रहालय अथवा प्रचलित रूप से केवल बुद्ध संग्रहालय के नाम से जाना जाता है। कुशीनगर में मंदिरों के अलावा इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए यह संग्रहालय महत्त्व की चीज है। इस संग्रहालय में पुरातात्विक खुदाइयों में प्राप्त हुई चीजें रखी हुई हैं। पुरातत्ववेत्ता जनरल अलेक्जेंडर कनिंघम के सहायक ए॰सी॰एल॰ कार्लाइल ने सन् 1876 में कुशीनगर में पुरातात्विक खुदाई प्रारंभ कराई और1904 में डा. वोगेल तथा 1906 से 1912 तक हीरानंद शास्त्री द्वारा यहाँ खुदाई कराई गई थी जिसमें बुद्ध की निर्वाण प्रतिमा के अतिरिक्त अन्य प्रतिमाएं, ताम्रघट, मोहरें, चांदी, तांबे के सिक्के, मोती, पन्ना, मिट्टी व धातु के हथियार व अन्य अनेक पुरातात्विक सामग्री प्राप्त हुई थी। इनमें से ज्यादातर चीजें नेशनल म्यूजियम नई दिल्ली, इण्डियन म्यूजियम कोलकाता तथा स्टेट म्यूजियम कोलकाता में संग्रहीत है। बुद्ध संग्रहालय 1993 में प्रारंभ किया गया था और इसमें चार वीथिकायें हैं कुशीनगर और आसपास के जिलों से संग्रहीत लगभग 15 सौ कलाकृतियाँ व पुरावशेष प्रदर्शित हैं। यहाँ आप गुप्तकाल की बनी मूर्तियाँ और अन्य कई चीजें देख सकते हैं जिससे आपको उस समय की कला और कुशीनगर के इतिहास के बारे में काफी जानकारी मिलेगी। यह संग्रहालय इंडो-जापान-श्रीलंकन बौद्ध केन्द्र के निकट स्थित है। यह संग्रहालय सोमवार के अलावा प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। +यहाँ रुकने के लिए दो तरह के विकल्प हैं। यहाँ मौजूद मंदिरों में भी तीर्थयात्रियों के रुकने की व्यवस्था है जहाँ आप दान के रूप में भुगतान करके रुक सकते हैं। इसके अलावा यहाँ उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा विकसित रुकने का स्थान भी है। +निजी होटलों में भी रुका जा सकता है जो कुशीनगर के केंद्र से दो किलोमीटर के दायरे में कई सारे हैं। +तिब्बती मठ यहाँ आप दान के रूप में भी भुगतान कर सकते हैं और कमरे के किराए के रूप में भी। +जापानी श्रीलंकाई मठ मूल रूप से जापानियों द्वारा बनवाया गया और श्रीलंका को प्रबंधन हेतु सौंपा गया मंदिर है। मंदिर सुबह सात बजे से शाम पाँच बजे तक खुला रहता है और इस दौरान आप यहाँ जाकर पता कर सकते हैं कि यहाँ के गेस्टहाउस में कोई कमरा खाली है या नहीं। भुगतान के रूप में आपको कुछ रकम दान करनी होगी। बर्मीज टेम्पल कुशीनगर में सैकडों कमरों का गेस्ट रूम है जिसे भिक्षु ज्ञानेश्वर जी से समपर्क कर कमरा लिया जा सकता है। बिरला मन्दिर कुशीनगर में दर्जनो कमरे है जिसमें कम किराया देकर रहा जा सकता है। +राही पथिक निवास उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा स्थापित संचालित होटल और रेस्तरां है। यहाँ के कमरे पर्याप्त बड़े हैं जैसा कि सरकारी होटलों में होता है। इसे दो सितारे प्राप्त हैं। फोन 05564 273 045 +लोटस निक्को होटल यह एक साफसुथरा और बढ़िया से प्रबंधन वाला होटल है। कमरे का किराया लगभग 4000 रु॰ है। +दि इम्पीरियल होटल को विभिन्न यात्रा वेबसाइटों पर अच्छी रेटिंग है। +यहाँ का स्थानीय खाना परम्परागत उत्तर भारतीय खाना है जिसमें चावल, दाल, रोटी, सब्जियाँ और मछली शामिल है। नाश्ते में पकौड़ियाँ और जलेबी इस क्षेत्र का सुबह का प्रचलित नाश्ता है। चाट और छोले-समोसे आपको काफी जगहों पर मिल जायेंगे। +पथिक निवास रेस्तराँ उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटल का रेस्तराँ है, यहाँ भोजन और नाश्ते की अच्छी व्यवस्था है और यहाँ खाने के लिए रुकना जरूरी नहीं, आप केवल भोजन करने के लिए भी जा सकते हैं। चूँकि कुशीनगर में बाहरी देशों से भी काफी तीर्थयात्री आते हैं, यहाँ आप कुछ विदेशी व्यंजनों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। +उपरोक्त के अलावा यहाँ सड़क के किनारे कई ढाबे हैं जहाँ आप सस्ते में उत्तर भारतीय खाना खा सकते हैं। +यह एक धार्मिक स्थल है और भगवान बुद्ध के स्मारक के रूप में यहाँ मंदिर और स्तूप हैं, अतः आपसे उमीद की जाती है कि आप यहाँ के शांत और पवित्र वातावरण में कोई उत्पात न मचाएँ। आपको नीचे लिखी कुछ बातों का ध्यान रखना होगा: +* प्रयास करें कि यहाँ के माहौल के अनुसार कपड़े पहनें, हलके रंग के और शरीर को ज्यादा ढंकने वाले। +* वातावरण की शांति भंग न करें, ख़ास तौर से ध्यान मंदिरों में बात न करें। +* मूर्ति अथवा स्तूपों की परिक्रमा करते समय घड़ी की सुई की दिशा में घूमें, यानि आपके चलते समय वह स्तूप या मूर्ति आपके दाहिने ओर रहनी चाहिये। +* किसी स्तूप या मूर्ति पर न चढ़ें, जूते चप्पल पहन कर मंदिरों में न घुसें, मूर्तियों के सिर अथवा ऊपरी हिस्से को न छुयें। +कुशीनगर जिले में अन्य कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जहाँ आप यात्रा कर सकते हैं। ये सभी स्थान कुशीनगर के आसपास 50 किलोमीटर से कम दूरी के दायरे में हैं हालाँकि, यहाँ जाने के लिए आपको टैक्सी रिजर्व करानी होगी और शाम से पहले कुशीनगर वापस आना होगा। इन स्थानों पर रुकने की कोई व्यवस्था नहीं मिलेगी। +फाजिलनगर एक छोटा सा कस्बा है जहाँ से कुछ दूर पर मिट्टी का स्तूप मौजूद है। माना जाता है कि यह उस स्थान पर निर्मित है जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना अंतिम भोजन किया था। +सूर्य मंदिर तुर्कपट्टी महेवाँ नामक स्थान पर एक छोटा सा मंदिर है। इसमें स्थापित मूर्ति गुप्तकाल की है और खास नीले पत्थर की है जिसे नीलमणि शैल कहा जाता है। मूर्ति में मुख्य रूप से सूर्य को दिखाया गया है और उनके चारों ओर अन्य ग्रहों को छोटे रूप में उत्कीर्ण किया गया है। +सिधुआ स्थान यह स्थान भी कुशीनगर जिले में ही है, यह नाथ सम्प्रदाय के सिद्धों की तपोभूमि रहा है और यहाँ समाधियाँ हैं। हाल में यहाँ सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया गया है। +थावे पडरौना सीवान रेल मार्ग का आखरी स्टेशन है, यह हिन्दू धर्म के मानने वालों के लिए आकर्षण स्थल है और यहाँ देवी का मंदिर है। +सारनाथ उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित वाराणसी (बनारस) के पास एक उपनगर है। यह बनारस से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में है। यह स्थान बौद्ध और जैन धर्म के तीर्थ यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। गौतम बुद्ध ने अपना पहला धर्मोपदेश यही दिया था। इस उपदेश को धर्मचक्रप्रवर्तन कहा जाता है, इसके बाद संघ की स्थापना यहीं हुयी थी और इसीलिए यह बौद्ध धर्म के चार सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है। +यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। यदि आप यहाँ से होते हुए कुशीनगर नहीं आये हैं तो कुशीनगर की यात्रा के उपरान्त यहाँ जाना सबसे बेहतर विकल्प है। + + +कोलकाता बंगाली: কলকাতা, पूर्व में कलकत्ता भारत के पश्चिम बंगाल प्रांत की राजधानी और देश के सबसे बड़े शहरों में से एक है। इसे खुशियों का शहर भी बोला जाता है। यह पूर्वी भारत का सबसे बड़ा शहर है। यदि आपको भारत के केवल एक या दो महानगरों में यात्रा करने की अनुमति है या आप केवल एक या दो ही नगरों में घूमना चाहते हैं तो आप अपने यात्रा के कार्यक्रम में कोलकाता को जोड़ने पर निश्चित रूप से विचार करें। यह भारत के सबसे अधिक सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रगतिशीलता वाले शहरों में से एक है। +| region1description=अंग्रेजों के राज करते समय ये एक औपनिवेशिक जिला हुआ करता था। आजादी मिलने के बाद भी ये क्षेत्र व्यापार का केंद्र माना जाता है। +| region4description=शहर के विस्तार में ये अपेक्षाकृत एक नया हिस्सा है, जहाँ बहुत तेजी से शहर का विस्तार किया जा रहा है। +| region6description=यहाँ पूर्वी बंगाल रेलवे का मुख्य मार्ग है, जिसे बहुत पहले कोलकाता और बंगाल के पूर्वी भाग (अब बांग्लादेश) को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता था। +| region7description=ये क्षेत्र काफी तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें विशेष तौर से ये मॉल, घर आदि हैं। +| region8description=आधिकारिक रूप से भी ये ��पना अलग शहर है, फिर भी ये कोलकाता के महानगरीय क्षेत्र का हिस्सा है। +कोलकाता का इतिहास काफी हद तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और ब्रिटिश इंडिया से जुड़ा हुआ है। यहाँ यह कंपनी वर्ष 1690 में आई थी और इसे अंग्रेजों ने 1772 में अपनी राजधानी बना दिया था। इस कारण जॉब चार्नोक नामक अंग्रेज को इसका संस्थापक माना जाता है। उस समय कलकत्ता को तीन गाँवों से मिला कर बनाया गया था, जिसमें सूतानुटी, गोबिंदोपुर और कालिकता था। बाद में कालिकता का नाम कोलकाता हो गया। लेकिन कई इतिहासकारों के अनुसार कोलकाता का निर्माण प्राकृतिक रूप से धीरे धीरे हुआ था। +आधुनिक कोलकाता व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक विकास का केन्द्र बन चुका है। इसके व्यापार के कारण कई जगह के लोग यहाँ आने लगे थे जैसे जर्मन, अर्मेनी, चीनी, सिंहली और तिब्बती। इन सब के आने से इनकी संस्कृति सभ्यता का भी प्रभाव पड़ा और कई तरह के भोजन भी इसमें शामिल है। आप यहाँ कई अन्य देशों के भोजन भी कर सकते हैं। कोलकाता को भारत का बहुत बड़ा चीनी शहर के रूप में भी जाना जाता है। कई चीनी निवासी कई पीढ़ियों से यहाँ रह रहे हैं। +ये एक आधुनिक शहर है, जो तेजी से विकसित हो रहा है। यहाँ विभिन्न निजी क्षेत्र की कंपनियों ने अपना कारोबार स्थापित किया है। शहर का परिदृश्य काफी तेजी से फ्लाईओवर, उद्यान और नई नई व्यावसायिक संस्थानों आदि से बदल रहा है। इस शहर ने अपने आप को कई उपनगरों के रूप में विस्तारित किया है। इसकी अर्थव्यवस्था देश में सबसे तेजी से बढ़ रही है। +कोलकाता में तीन मुख्य ऋतुयें होती हैं। ये ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु हैं। मार्च से मई तक का मौसम गर्मी वाला रहता है। जिसमें गर्मी के साथ उमस भी होती है और तापमान 38-42° से॰ के आसपास हो जाता है। ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। इस दौरान मानसून के कारण वर्षा होती है, जो जून से शुरू होती है और सितम्बर के अंत तक या अक्टूबर के शुरुआत में समाप्त होती है। इस दौरान बहुत वर्षा होती है और कई बार इससे कुछ क्षेत्रों में वर्षा का पानी रुक जाता है और आने-जाने में परेशानी होती है। शरद ऋतु की शुरुआत वर्षा के जाने के बाद ही होनी शुरू हो जाती है पर इसका असर नवम्बर से पता चलता है। यह नवम्बर से फरवरी तक रहती है। इस दौरान शहर का तापमान 8 से 20° से॰ तक गिर जाता है। नवम्बर और फरवरी के आसपास में मौसम खुला भी रहता है और न तो अधिक गर्��ी रहती है और न ही अधिक ठंड होती है। अतः इन दोनों महीने के आसपास जाना सबसे अच्छा रहता है। +यहाँ के लोगों की मातृ भाषा बंगाली है। फिर भी यहाँ के लोग हिन्दी समझ लेते हैं और कई लोग बोल भी लेते हैं। यदि आप हिन्दी जानते हैं तो आप काफी हद तक बंगाली भी समझ लेंगे। काम चलाऊ अंग्रेजी भी कई लोग समझ और बोल सकते हैं। खास कर टैक्सी चालक या मार्गदर्शक आपसे इन भाषाओं में या कुछ लोग अन्य भारतीय भाषाओं में भी बात कर सकते हैं। यदि आप यहाँ आराम से अपनी छुट्टी बिताना चाहते हैं या रहना और घूमना चाहते हैं तो आपको बंगाली भाषा सीख ही लेनी चाहिए। हिन्दी भाषा के कई शब्द बंगाली भाषा में भी प्रयोग होते हैं और व्याकरण का रूप भी वैसा ही है, बस आपको शब्दों और वाक्यों के लिए थोड़ी मेहनत बस करनी है। +| content=इसे दम दम हवाई अड्डा भी बोलते हैं। यह शहर के मध्य से 18 किलोमीटर दूरी पर है। यहाँ पहुँचने के लिए आप टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं, जिसके लिए आपको ₹150-₹250 के आसपास रुपये देने होंगे। एक नई रेल मार्ग भी इस हवाई अड्डे तक ले जा सकती है। लेकिन कुछ ही रेल इस मार्ग से आना जाना करती है। आप शहर के मध्य से वोल्वो बस सेवा ले सकते हैं, जिसके लिए आपको ₹20, ₹40 या ₹60 रुपये देने होंगे। यह बस पाँच अलग अलग मार्गों से आना जाना करती है, यदि आपको नहीं पता कि यह किस मार्ग से होते हुए जाएगी तो आप बस चालक से पूछ सकते हैं। +कोलकाता अच्छी तरह से भारत के सभी बड़े स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। यह इसके अलावा आपको पूर्वोत्तर भारत के हिस्से में भी जाने की सुविधा देता है। इसके अलावा मैत्री एक्सप्रेस नाम से एक अंतर्राष्ट्रीय रेल सुविधा भी है, जिससे कोलकाता से ढाका, बांग्लादेश में जा सकते हो। यह सप्ताह में तीन दिन चलती है। इस रेल के साथ-साथ अन्य सभी रेल के आने जाने के समय और अन्य जानकारी के लिए आपको भारतीय रेल की आधिकारिक वेबसाइट देखना होगा। +बांग्लादेश में जाने और वहाँ से वापस आने के लिए यहाँ पर कुछ बसों की सेवा उपलब्ध है। इसमें से सबसे आम रास्ता एसी बसों द्वारा ढाका से कोलकाता आने का मार्ग है। सरकार द्वारा भी बसें चलाई जाती है। कोलकाता में बसें "पश्चिम बंगाल ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड" के नाम से चलाई जाती है और बांग्लादेश में "बांग्लादेश रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन" के नाम से चलाई जाती है। कोलकाता से बसें हर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को ��ुबह 5:30, 8:30 और 12:30 बजे निकलती हैं और ढाका से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को 7 और 7:30 बजे वापस कोलकाता में आने हेतु निकलती है। सामान्यतः आने जाने के लिए 12 घंटों का समय लगता है। जिसके लिए ₹550 या 600 से 800 बांग्लादेशी टका लगता है। +आपको यहाँ मीटर वाले सस्ते टैक्सी आसानी से मिल सकते हैं। हालांकि कुछ जगहों में जाने से टैक्सी वाले ज्यादातर मना कर देते हैं, ऐसे जगह जिससे वापस आते समय उन्हें यात्री नहीं मिलेंगे। यदि वे लोग राजी भी हो जाएँ, तो भी वे लोग इसके लिए अधिक दाम मांगते हैं। आपको यहाँ कई ऐसे टैक्सी भी देखने को मिलेंगे, जिसमें एसी लगा हुआ होता है। पर यदि आप उसे चालू रखेंगे तो आपको 25% अधिक दाम देने होंगे। कोई भी टैक्सी वाला यदि किसी को कुछ दूरी पर छोड़ने से इंकार करता है, तो ये एक अपराध है और उसे उसके लिए जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। लेकिन यदि आप कहेंगे कि वहाँ चलो या यहाँ चलो, नहीं तो पुलिस से शिकायत करेंगे, तो वे लोग सीधे ही आपको शिकायत करने के लिए कहेंगे। +यहाँ बसों की मात्रा काफी अधिक है और कई जगहों से होते हुए बस आना जाना करते रहते हैं। ऐसा माना जा सकता है कि पूरे भारत में सबसे अधिक बसें यहाँ चलती हैं। बसों में यात्रा करना काफी सस्ता होता है, हालांकि ये हमेशा ही आरामदायक यातायात करने लायक नहीं होते हैं। रंगीन बसों में बंगाली और अंग्रेजी में उनके आने जाने के जगहों के नाम लिखे हुए होते हैं। जब किसी जगह में बस आता है तो कंडक्टर आवाज दे कर सभी को उस जगह के बारे में बता देता है। यदि कई लोग एक ही जगह पर उतरते हैं, तो कई बार एक छोटी कतार बन जाती है। +कोलकाता का मेट्रो रेलवे भारत का पहला गुफा के अंदर चलने वाली रेलवे है। अब तक ये एक मात्र ऐसा मार्ग है, जो शहर को उत्तर से दक्षिण तक जोड़ता है। यह दमदम से नई गरिया तक जाता है। ये तेज, साफ, अधिक विश्वसनीय और अन्य भीड़ वाले मार्गों से कम भीड़ वाला है। ये कोलकाता में उपलब्ध सभी यातायात साधनों में से सबसे आसान साधन है। कोलकाता का एक मार्ग वाला मेट्रो काफी आरामदायक और तनावरहित सार्वजनिक यातायात है। यहाँ हर 6 से 15 मिनट में ट्रेन चलते रहती है। यहाँ सोमवार से शनिवार तक सुबह 7 बजे से रात 9:45 तक और रविवार को सुबह 10 बजे से रात 9:45 तक चलती रहती है। +कोलकाता में ऑटो रिक्शा साक्षा सवारी बिठाते हैं। अर्थात वे किसी एक व्यक्ति को ही नहीं घुमाएंगे, बल्कि एक समय पर चा�� लोगों को बैठा लेते हैं। इस तरह से उन्हें आसानी से एक बार के ईंधन के खर्च में अधिक सवारी होने से अधिक लाभ मिल जाता है। ये मीटर द्वारा पैसे नहीं लेते, बल्कि इनके विभिन्न क्षेत्रों में जाने हेतु ऑटो रिक्शा संघ ने पैसे तय किए हैं। हालांकि टैक्सी वालों की तरह ये आपको ले जाने से मना नहीं करेंगे और टैक्सी की तुलना में ये काफी सस्ते हैं। इसके लिए आपको ₹7 से ₹10 रुपये लगते हैं। इसका ख्याल रखें कि आपके पास चिल्हर भी मौजूद हो, क्योंकि उन लोगों के पास कई बार चिल्हर की कमी रहती है। +कोलकाता में दो तरह के रिक्शा उपलब्ध हैं, जिसमें से एक मानव द्वारा खिचा जाता है और दूसरा साइकल से चलाया जाता है। कुछ जगहों पर आपको साइकल वाले रिक्शा की अपेक्षाकृत मानव द्वारा खिचने वाले रिक्शे देखने को मिलेंगे। कोलकाता में घूमने के लिए साइकल रिक्शा काफी उपयोगी है। ये काफी सस्ता है और आराम से इसमें दो बड़े व्यक्ति बैठ कर घूम सकते हैं। ऑटो रिक्शा की तरह ये मीटर द्वारा पैसे नहीं मांगते और न ही ये किसी भी जगह जा सकते हैं। हालांकि रात के 11 बजे के बाद रिक्शा चालक अधिक पैसों की मांग करते हैं। ठीक इसी तरह यदि मौसम अधिक खराब हो तो भी अधिक पैसे मांगते हैं। इन खराब मौसम में भारी वर्षा आदि शामिल है। +कोलकाता में पाव भाजी बहुत प्रसिद्ध है, इसे पावु भाजी बोला जाता है। आपको ₹20 रुपये में घी में सब्जी और डबल रोटी को तल कर दिया जाता है। सड़कों पर कई लोग अंडे और चिकन भी बेचते रहते हैं। यह सभी सामान्यतः ताजे ही होते हैं और खाने हेतु सुरक्षित होते हैं। यहाँ मुगली पराठा भी मिलता है, जिसमें पहले कीमा डाला जाता था। बाद में इसके स्थान पर इससे सस्ता और मजेदार खाने के सामान का उपयोग किया जाता है। यहाँ पानी पूरी को पुचका बोलते हैं, यह दिल्ली में मिलने वाले पानी पूरी से बहुत हद तक अलग होता है। यह आपको सड़कों पर कहीं भी मिल सकता है। इसमें इमली पानी का उपयोग किया जाता है। यह स्थानीय लोगों या बाहरी लोगों के पीने लायक होता है और जब तक आप बहुत ज्यादा पानी नहीं पीते, तब तक यह आपको कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकेगा। यदि आप कुछ घुंट पानी पीना चाहते हैं तो कोई बात नहीं, इतने से कोई विशेष हानि नहीं होगी। +कोलकाता में आपको बहुत सारे भारतीय चीनी भोजन खाने को मिल सकते हैं। आपको इस शहर में चारों ओर कहीं न कहीं चीनी भोजनालय मिल ही जाएगा। आप इनमे�� से किसी भी भोजनालय में जा कर भारतीय शैली में बनी कई व्यंजन खा सकते हैं। इसमें चिली चिकन काफी प्रसिद्ध है। इसके लिए सबसे अच्छा जगह चाइना टाउन है। यह जगह टंगरा के पास ही है। यहाँ आपको कई छोड़े बड़े और मध्यम आकार के भोजनालय मिल जाएँगे, जिसमें आप चीनी भोजन का सकते हैं। इसके साथ ही यहाँ थाई और इतालवी भोजन भी मिलता है। +पूरे शहर में कई ऐसे जगह हैं, जहां से आप शराब खरीद सकते हैं। कोलकाता में कई पब्स और बार मौजूद हैं, जिसमें जवान लोगों के साथ साथ कई पुराने समय से रहने वाले लोग भी आते जाते रहते हैं। कुछ पब्स जिसमें लाइव कंसर्ट या डीजे की व्यवस्था है, वे निम्नानुसार हैं:- +* ओलिपब — पार्क स्ट्रीट +* शीशा बार स्टॉक एक्स्चेंज — द फैक्टरी आउटलेट +* आफरा लॉज — सिटी सेंटर साल्ट लेक +* फैयरलांस — सुदर स्ट्रीट +सभी मॉल का बंद होने का समय मध्य रात्रि या रात के 1 बजे होता है। +कोलकाता एक पुराना महानगर है और यहाँ रात गुजारने के लिए औसत दर्जे से लेकर उच्च कोटि के विश्रामालय मौजूद हैं। सदर बाजार इलाके में कई मध्यम दर्जे के होटल हैं जो उपनिवेशी युग के सितारे हैं हालाँकि अब इनकी हालत खस्ता होती जा रही है। यह इलाका शहर के बीचोबीच है और आने-जाने के साधनों की बेहतरीन उपलब्धता है। इसके अलावा यहाँ के दोनों प्रमुख रेलवे स्टेशनों, हावड़ा और सियालदह के आसपास काफी सारे होटल मौजूद हैं जहाँ रात्रि विश्राम किया जा सकता है। दक्षिणी कोलकाता में गैरीहाट इलाके में भी सोने के लिए बढ़िया होटल मिल जायेंगे। +नए जमाने के होटल यहाँ के कुछ अस्पतालों के आस पास विकसित हुए हैं और पूरबी कोलकाता में आईटी सेक्टर के विकास के कारण यहाँ भी होटलों का एक संकुल विकसित हुआ है। +कई पाँच सितारा और चार सितारा होटल भी शहर में उपलब्ध हैं जो बड़े बजट की दरकार रखते हैं। +ब्रिटिश काल के कुछ क्लब, जैसे टालीगंज क्लब (बोस मार्ग सैटरडे क्लब (थियेटर रोड) और बंगाल क्लब (रसेल स्ट्रीट) में आपको ऐशोआराम लायक जगह किराए पे मिल सकती है, दिक्कत यह है कि ये क्लब केवल सदस्यों द्वारा बुकिंग स्वीकार करते हैं। +विष्णुपुर टेराकोटा के मंदिरों और मिट्टी की कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है; यहाँ की रेशमी साड़ियाँ भी मशहूर हैं। +* शान्तिनिकेतन आश्रम के रूप में स्थापित स्कूल और विश्वविद्यालय। इसकी स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा की गयी थी। यह क़स्बा हाथ की कारीगरी से बने चमड़े के सामानों और कंथा नामक कढ़ाई की साड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है। +* उत्तरी बंगाल पहाड़ी इलाका है जहाँ कई मनोरम जगहें, जैसे कि दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी इत्यादि मौजूद हैं। निचले मैदानी इलाकों में, जो कोलकाता से जाने पर पहाड़ों के पहले पड़ते हैं, मालदा और मुर्शिदाबाद जैसे ऐतिहासिक शहर स्थित हैं। +* सुंदरबन राष्ट्रीय पार्क कोलकाता से दक्षिण में, समुद्र के किनारे दुनिया का सबसे बड़ा मैन्ग्रोव वनों का क्षेत्र है। प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर (भारतीय शेर) का प्राकृतिक आवास भी है। यहाँ फेरी अथवा नाव द्वारा घूमा जा सकता है। +* समुद्र तट पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी इलाके में कई सुंदर समुद्री बीच भी हैं जैसे, दीघा, शंकरपुर, जूनपुट और मोंदारमोनी (मंदारमणि)। कोलकाता से कार किराए पर लेकर यहाँ जाया जा सकता है; बस सेवाएँ भी उपलब्ध हैं। + + +गया भारतीय राज्य बिहार का दूसरा बड़ा शहर है और झारखंड और बिहार की सीमा के पास फल्गु नदी के तट पर बसा हुआ है। इसकी प्रसिद्धि मुख्यतः एक धार्मिक नगरी के रूप में है। हिंदू धर्म के अनुयायी यह मानते हैं कि यहाँ एक बार पिंडदान कर लेने से फिर इसकी आवश्यकता नहीं रहती। पिंडदान एक धार्मिक क्रिया है जिसमें, पितृपक्ष (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह सितंबर महीने में पड़ता है) में हिंदू लोग अपने पितरों यानी पूर्वजों की पूजा करते हैं और आटे के बने लड्डू की आकृति पिंड समर्पित करते हैं। +गया के मंदिरों में विष्णुपाद मंदिर प्रसिद्ध है जहाँ मान्यता अनुसार भगवन विष्णु के चरणों के निशान मौजूद हैं। इन चिह्नों के बारे में कहा जाता है कि गयासुर नामक दैत्य का वध करते समय भगवान विष्णु के ये पदचिह्न यहाँ पड़े थे। ब्रह्मयोनि पहाड़ी एक अन्य धार्मिक स्थल है जिसकी चोटी पर शिव मंदिर स्थापित है और यहाँ भी पिंडदान किया जाता है। कथाओं के मुताबिक़ सीता के शाप के कारण यहाँ से होकर बहने वाली फल्गु नदी नीचे चली गयी और पहाड़ी के निचले हिस्से से होकर बहती है। अन्य मंदिरों में मंगला गौरी का मंदिर प्रमुख है। इसे एक शक्तिपीठ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। +गया से 17 किलोमीटर की दूरी पर बोधगया स्थित है जो बौद्ध तीर्थ स्थल है और बौद्ध परंपरा की मान्यता के अनुसार यहीं बोधि वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। +12वीं सदी मे�� मुहम्मद बख्तियार खिलजी ने गया पर हमला कर दिया था। लेकिन हिन्दू शासकों ने उसे हरा दिया। वर्ष 1764 में बक्सर की लड़ाई के बाद अंग्रेजों ने इस जगह पर कब्जा कर लिया। उसके बाद कई वर्षों तक स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने के बाद वर्ष 1947 में आजादी मिली। +अप्रैल से जून तक यहाँ का मौसम 40 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो जाता है। जून के अंत से लेकर सितम्बर और अक्टूबर के शुरू में यहाँ बारिश का मौसम रहता है। इस दौरान रात का तापमान 26 डिग्री के आसपास रहता है और दिन में भी तापमान 33 डिग्री से अधिक नहीं होता है। नवम्बर से धीरे धीरे ठंड का मौसम शुरू होने लगता है। दिसम्बर और जनवरी माह में काफी ठंडा मौसम रहता है और फरवरी के बाद मार्च में धीरे धीरे ठंड कम होने लगता है और गर्मी के मौसम की शुरूआत होने लगती है। +यहाँ वर्षा ऋतु में सबसे अधिक बारिश जुलाई और अगस्त माह में होती है। इस दौरान माह के लगभग 20 दिन बारिश होती है। इन दो माह में 300 मिलीलीटर तक बारिश होता है। पूरे वर्ष में 1,130 मिलीलीटर औसत बारिश होती है। +| content=गया के नजदीक, बोधगया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो दिल्ली कोलकाता और वाराणसी से घरेलू विमान सेवाओं और थाईलैंड और जापान से अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवाओं द्वारा जुड़ा हुआ है। घरेलू उड़ान सेवा एक मात्र एयर इंडिया (AI-433) की है जो दिल्ली और बनारस से रोजाना चलती है। +* दूसरा विकल्प पटना है। पटना हवाई अड्डा देश के लगभग सभी बड़े शहरों से विमान सेवाओं द्वारा जुड़ा हुआ है। पटना उतरने के बाद आपको 100 किलोमीटर की दूरी सड़क अथवा रेलमार्ग से तय करके गया पहुँचना होगा। बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। +यह शहर रेल मार्ग द्वारा भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गया जंक्शन, बिहार राज्य का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है और यहाँ से पटना, कोलकाता, पुरी, बनारस, चेन्नई, मुम्बई, नई दिल्ली, नागपुर, गुवाहाटी आदि के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। प्रमुख रेल मार्ग जो इस स्टेशन से होकर गुजरते हैं: +| content= यह बिहार का दूसरा सबसे व्यस्त स्टेशन है। +यहाँ कुछ प्रमुख रेलगाड़ियों की सूची दी जा रही जो उपयोगी हो सकतीं हैं: +!यहाँ से पकड़ सकते हैं +यहाँ बिहार की राजधानी पटना और अन्य कई नगरों से सड़क मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। पटना से सरकारी और प्राइवेट बसें उपलब्ध हैं। आमतौर पर पटना से गया पहुँचने में बस द्वारा लगभग तीन घंटे का समय लगता है। बस टिकट आप पहले से भी बुक करा सकते हैं। +उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक तीर्थ वाराणसी से भी गया तक के लिए बसें चलती हैं। बनारस से गया पहुँचने में लगभग पाँच घंटों का समय लगता है। +गया शहर में आवागामन के निम्लिखित तरीके हैं: +ऑटो रिक्शा को यहाँ "टेम्पो" कहा जाता है। शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प साबित होता है। आप अकेले अथवा साझा तरीके से इन्हें रिजर्व भी कर सकते हैं और अलग-अलग रूटों पर चलने वाले टेम्पो में बैठ के भी आवागमन कर सकते हैं अगर आपको भलीभांति पता हो कि आपका गंतव्य किस रूट पर है। +छोटी दूरियों के लिए यह विकल्प भी बुरा नहीं है। मुख्य रूट के अतिरिक्त अगर आपको कहीं पहुँचना हो तो यह बाकियों से अच्छा विकल्प भी साबित हो सकता है जो आपको अपने गंतव्य तक पहुँचायेग़ा। +| content=एक पहाड़ी है। धार्मिक रूप से इसे हिंदू लोग पवित्र पहाड़ी मानते हैं और यहाँ से मैदानी इलाके के विहंगम दृश्य का आनंद लिया जा सकता है। +| content= पहाड़ी के शीर्ष पर बना हुआ मंदिर। शिव की पहली पत्नी मंगला गौरी को समर्पित यह मंदिर भारत के शक्ति पीठों में प्रमुख स्थान रखता है। +| content= पहाड़ी है जहाँ से मैदानों का सुंदर नज़ारा किया जा सकता। +| content= यहाँ चरण चिह्न हैं जिन्हें हिंदू लोग भगवान विष्णु के चरण-चिह्न मानते हैं और पूजा करते हैं। अपने पूर्वजों को श्राद्ध का पिंडदान करने के बाद यहाँ दर्शन करने आते हैं। +| content= फल्गु नदी के दूसरे किनारे पर स्थित एक धार्मिक महत्व का स्थान है। पास ही में नागकूट नामक पहाड़ी भी है। +| content= ये एक पार्क है जो रॉक एरिया में स्थित है। +| content=यहाँ कई प्रचलित ब्रांड के शोरूम हैं। जैसे कि रेमंड, एडिडास, लीवाइस इत्यादि। +| content=यहाँ का मुख्य बाजार है। +उत्तर भारतीय खाना सबसे प्रचलित भोजन है जिसमें चावल, दाल और सब्जियाँ प्रमुख होती हैं। चावल प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहाँ रोटी का प्रचलन चावल की तुलना में कम अवश्य है परन्तु यह सभी जगह उपलब्ध होती है। लगभग हर शहर-कसबे में आपको "थाली" के रूप में एक पूरा भोजन उपलब्ध होता है। थाली के अलावा, पनीर के विविध व्यंजन उपलब्ध होते हैं। आप अपनी पसंद कि पनीर की सब्जी, रोटी नान इत्यादि चुनकर अपना कोम्बो बना सकते हैं। +अन्य प्रमुख खाने निम्नलिखित हैं: +पूरी-सब्जी सुबह के नाश्ते में काफ�� लोकप्रिय है। +लिट्टी-चोखा आटे की गोल लोइयों में भुने चने का पिसा हुआ सत्तू मसालों के साथ मिला कर भरा जाता है और इसे उपले की आग पर सेंका जाता है, इसे लिट्टी, भउरी अथवा छोटे आकर की होने पर फुटेहरी कहते हैं। आलू और बैंगन को भूनकर मसालों के साथ उसका चोखा बनाया जाता है। यह यहाँ का आम प्रचलित खाना है सड़कों के किनारे ठेले पर मिल सकता है। +सत्तू मुख्यतः जौ और चने को भूनकर पीसा हुआ आटा होता है। इसे सीधे पानी में सान कर भी खाया जाता है या घोल कर पेय के रूप में भी पीते हैं। +| content= शाकाहारी रेस्टोरेंट है। परिवार के साथ भोजन करने के लिए अच्छा है। +गया में बहुत सारे सस्ते होटल मौजूद हैं। इनमें से ज्यादातर होटल स्टेशन रोड पर हैं। +शहर में कुछ अच्छे होटल भी हैं। इनमें से कुछ हैं: +| content= यहाँ एक रेस्टोरेंट भी है जहाँ विविध प्रकार के व्यंजन उपलब्ध हैं। +| content= बैंक्वेट हाल और रेस्टोरेंट के साथ। +| content= यह एक चार सितारा होटल है। एक रेस्टोरेंट और एक जिम उपलब्ध है साथ ही, नाश्ता और पार्किंग मुफ़्त हैं। +| content= एक तीन सितारा होटल है। कैफ़े के साथ प्रार्थना और मेडिटेशन हॉल है। +बराबर गुफाएँ mdash; ये चट्टान काट कर निर्मित की गयी गुफाएँ हैं जो अब भी ठीक हालत में मौजूद ऐसी गुफाओं में भारत में सबसे पुरानी हैं। ये सभी मौर्य काल में (322–185 ईसापूर्व) और कुछ में सम्राट अशोक के आदेशलेख खुदे हुए हैं। यह गुफाएँ बिहार के जहानाबाद जिले में हैं, गया से तकरीबन 24 किलोमीटर उत्तर में। +बोध गया mdash; इस क्षेत्र का सबसे प्रमुख स्थान है और गया से कुछ ही दूरी पर है। यह स्थान बौद्ध धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है और उनके चार प्रमुख तीर्थों में से एक है। यहाँ गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ माना जाता है और यहाँ का प्रमुख मंदिर महाबोधि मंदिर है। +ब्रह्मयोनी पहाड़ी mdash; एक पवित्र मानी जाने वाली पहाड़ी है। गया में पिण्डदान करने के बाद यहाँ भी आकर पिण्डदान किया जाता है। +काकोलत झरना mdash; नवादा के पास स्थित एक प्राकृतिक जल-प्रपात है। काकोलत पहाड़ी से उतरने वाली एक छोटी नदी द्वारा निर्मित यह झरना लगभग 150 फीट ऊँचा है। वैशाख के महीने में यहाँ मेला लगता है और लोग स्नान करने आते हैं। मान्यता है कि पाण्डव अपने वनवास के दौरान यहाँ आये थे। +नालंदा mdash; ऐतिहासिक पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ प्राचीन काल में नालंदा विश्वविद्यालय स���थापित था। +पावापुरी mdash; नालंदा ज़िले में राजगीर और बोधगया के समीप स्थित एक शहर है। यह जैन धर्म के लोगों के लिये एक अत्यंत पवित्र शहर है और माना जाता है कि भगवान महावीर को यहीं मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। यहाँ के जलमंदिर देखने लायक हैं। +राजगीर mdash; राजगृह के नाम से यह प्राचीन नगर, मगध राज्य की राजधानी था। यहाँ से राजधानी स्थानांतरित करके पाटलिपुत्र ले जाई गयी थी, जिसे अब पटना के नाम से जाना जाता है। + + +| region1description=राजस्थान से सटा इलाका, पालनपुर और महेसाणा जैसे शहर। +| region3description=सतपुड़ा की पहाड़ियाँ यहाँ से पूर्व की ओर आरंभ होती हैं, सूरत और वलसाड जैसे शहर। +गुजरात प्राचीन सभ्यता वाला क्षेत्र रहा है। लोथल जैसे प्राचीन शहर के अवशेष गुजरात में है। लोथल पुरातत्व में रुची रखने वालों के लिए पर्यटन का केंद्र है। माना जाता है कि भगवान कृष्‍ण मथुरा से गुजरात के पश्चिमी तट पर द्वारिका में आकर बसे थे। द्वारिका धार्मिक आस्था का तथा पर्यटन का केंद्र है। मौर्य, गुप्त, गुर्जर, प्रतिहार जैसे अनेक राजवंशों ने गुजरात पर राज किया था। गुर्जर चालुक्य (सोलंकी) राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्धि का युग था। महमूद गजनवी यहाँ की समृद्धि की बाते सुन कर ही सोमनाथ मंदिर को लूटने चला आया था। इस प्रकार की विदेशी लूटपाट के बाद भी स्थानीय गुर्जर राजाओं ने लोगों की समृद्धि और भलाई का पूरा ध्‍यान रखा। +यहाँ की स्थानीय भाषा गुजराती है, जो संस्कृत और प्राकृत भाषा से निर्मित हुई है। यह गुजरात की मुख्य भाषा है। यह पाँच करोड़, नब्बे लाख भाषियों के साथ विश्व की छब्बीसवीं सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है। गुजराती स्थानीय भाषा है, लेकिन हिंदी आसानी से बोली व समझी जाती है। गुजराती, हिंदी के अतिरिक्त यहां राजस्थानी, सिंधी और अंग्रेजी भी बोली जाती है। +शरद ऋतु काफी हल्का, सूखा और खुशनुमा होता है। इस दौरान दिन में तापमान 24°C और रात के दौरान 10 °C के आसपास होता है। इस दौरान आकाश दिन और रात पूरी तरह खुला होता है। ग्रीष्म ऋतु में मौसम बहुत गर्म हो जाता है। इस दौरान दिन में तापमान 46 °C और रात में 34 °C के आसपास रहता है। +गुजरात में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है। +सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यह हवाई अड्डा अहमदाबाद के उत्तर क्षेत्र में स्थित है। गुजरात में अंत���राष्ट्रीय हवाई अड्डा केवल अहमदाबाद में ही है, जिससे हर दिन विमान लंदन, न्यू यॉर्क, शिकागो, सिंगापुर, कुवैत, दुबई आदि में जाता है। इसके अलावा कुछ घरेलू उड़ाने भी होती है, जो आपको मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, इंदौर और कोलकाता में जाने देती है। +सूरत हवाई अड्डा यह एक घरेलू हवाई अड्डा है, जो सूरत में मगदला क्षेत्र में स्थित है। यहाँ से एयर इंडिया का विमान हर दिन दिल्ली आना जाना करते रहता है। स्पाइसजेट भी हर दिन मुंबई और दिल्ली आना जाना करता है। +* गुजरात में 10 घरेलू हवाई अड्डे हैं। +गुजरात में रेल का जाल कुल पाँच हजार आठ सो नब्बे किलोमीटर की दूरी तक फैला हुआ है। यहाँ कई रेल मुंबई और दिल्ली से आना जाना करते रहते हैं। इसमें यह कई बड़े शहरों तक दिन में कई बार आना जाना करता है, जिसमें उत्तर-मध्य-दक्षिण गुजरात है, इसमें अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत शामिल है। +यदि आप दिल्ली, आगरा, जयपुर, जोधपुर और उत्तर भारत के अन्य जगहों में जाना चाहते हैं तो आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 8 लेना पड़ेगा। यदि आप मुंबई या अन्य उत्तर भारत के स्थान में जाना चाहते हैं तो भी आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 8 लेना पड़ेगा। यदि आप नागपूर और विदर्भ के अन्य भागो में जाना चाहते हैं तो आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 6 लेना पड़ेगा। इंदोर, भोपाल और मध्य भारत के अन्य जगहों में जाने हेतु आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 59 लेना पड़ेगा। +केलिको संग्रहालय यह साराभाई संस्थान के पास स्थित है। यह सुबह 10:30 से 12:30 तक और फिर 2:30 से लेकर शाम 5 बजे तक खुला रहता है। इसमें सुबह 11 बजे के बाद आने की अनुमति नहीं है और आने हेतु भी 30 लोगों को आने दिया जाता है। उसमें भी 15 लोगों को जो पहले आएगा, उसे ही मौका मिलता है और अन्य 15 लोगों को पंजीयन द्वारा लिया जाता है। +लालभाई दलपतभाई संग्रहालय यह गुजरात विश्वविद्यालय के पास स्थित है। इसमें आने हेतु सुबह 10:30 से शाम 5:30 बजे का समय है। इसके अलावा यह सोमवार और सार्वजनिक छुट्टी के दौरान बंद रहता है। यहाँ आने हेतु कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। इसमें कई तरह के विषय के पुस्तक आपको मिल सकते हैं। +साबरमती आश्रम महात्मा गांधी द्वारा निर्मित आश्रम, जो आश्रम सड़क पर अहमदाबाद में स्थित है। यह सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है। यह रविवार और छुट्टी के दिन भी खुला रहता है। इसमें जाने हेतु कोई भी शुल्क नहीं लगता है। +सासन गिरी सासन गिरी या गीर, गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित गिर पहाडि़यों के उत्तर और पश्चिम में विश्व प्रसिद्ध सिंह अभयारण्य है। सिंह अभयारण्य परियोजना 1972 में शुरु हुई थी। +अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव यह उत्सव तीन से चार दिन चलता है, जो हर वर्ष जनवरी माह में अहमदाबाद में होता है। इस दौरान पूरे भारत से लोग पतंग उड़ाने आते हैं और कई विदेशी पर्यटक भी इस उत्सव को देखने के लिए कई अलग अलग देशों से आते हैं। +मधेरा नृत्य उत्सव यह हर वर्ष जनवरी माह में तीसरे सप्ताह तीन दिन के लिए मनाया जाता है। पतंग उत्सव समाप्त होने के बाद यह उत्सव शुरू हो जाता है। +रणोत्सव यह भी तीन दिन तक होता है। इसे पूर्णिमा के दिन दिसम्बर माह में मनाया जाता है। +शाकाहारियों के लिए गुजरात स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ पर रहने वाले 80% लोग केवल शाकाहारी भोजन ही करते हैं। शाकाहारी भोजन में यहाँ सौ से भी अधिक प्रकार उपलब्ध है। इसमें आपको रोटी, चपाती, पूड़ी, सब्जी, चावल, दाल आदि गुजराती थाली के रूप में भोजनालय में मिल सकता है। किसी मांसाहारी भोजनालय की तलाश करना थोड़ा कठिन है। यहाँ कई भोजनालय भी हैं, जो आपको दूसरे देशों के भोजन भी दे सकते हैं। +शराब पर गुजरात में पूरी तरह प्रतिबंध है। फिर भी विदेशी पर्यटकों के लिए इसमें कुछ छूट दी गई है। वे लोग किसी भी पाँच सितारा होटल में जा कर आराम से शराब पी सकते हैं। लेकिन सार्वजनिक रूप से शराब पीना गैर-कानूनी है। यदि आप गुजरात में ज्यादा समय तक रुकना चाहते हैं तो आप शराब पीने की अनुमति प्राप्त कर सकते हैं। इसकी अनुमति कैसे प्राप्त करें, इस बारे में जानने के लिए आप होटल में या आसपास में पूछ सकते हैं। +राज्य में वस्त्र हस्तशिल्प की समृद्ध परंपरा रही है। यहां की कढ़ाई का प्राचीन इतिहास है। पर्यटक यहाँ से पटोला सिल्क साड़ी, बांधनी और पांरपरिक घाघरा-चोली खरीदना पसंद करते हैं। साथ ही लौहे का फर्नीचर भी प्रसिद्ध है। +यहाँ के व्यंजन जो पर्यटक अपने साथ ले जाना पसंद करते है, उनमें थेपला, खाखरा और ढोकला लोकप्रिय हैं। + + +इसके चंद्रमा जैसे आकार के कारण इसका यह नाम पड़ा। लाहुल-स्पीति जिले के लाहुल क्षेत्र में स्थित यह दुर्गम झील ट्रेकिंग व कैंपिंग जैसी रुचि वाले साहसी पर्यटकों में अति प्रसिद्ध है। +आश्चर्य की बात यह भी है कि इस झील में पानी के आने का कोई स्रोत दिखाई नहीं पड़ता जबकि निकलने का रास्ता स्पष्ट है। इसका अर्थ यह लगाया जा सकता है कि पानी का स्रोत झील में धरती के नीचे से ही है। +चंद्र ताल से 30 किलोमीटर की दूरी पर सूरज ताल भी दर्शनीय है। +चंद्रताल से चंद्र नदी का उद्गम होता है और सूरज ताल से भागा नदी का। लाहौल स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग से 7 किमी दूर, पत्तन घाटी के टाण्डी गांव के पास दोनों मिल कर चंद्रभागा नदी का रूप ले लेती हैं जो कि जम्मू-कश्मीर में जाकर चेनाब कहलाने लगती है। +चंद्रताल एक अति दुर्गम स्थान है। सर्दियों में तो यहाँ पहुंचा ही नहीं जा सकता। केवल मई के अंत से अक्टूबर प्रारंभ तक के समय में यह झील गम्य है। +रोहतांग दर्रा पार करने के बाद पहला गाँव ग्राम्फू है जहाँ से एक रास्ता लद्दाख की ओर चला जाता है तथा दूसरा लाहौल स्पीति की ओर। चंद्रताल यहाँ से 50 किमी है। मुख्य सड़क छतड़ू, छोटा दड़ा, होते हुए बातल तक है। बातल में कुल दो इमारतें हैं जिनमें से एक है सरकारी विश्राम गृह और दूसरा है 40 साल पुराना चंद्रा ढाबा जो अपने आप में एक विशिष्ट स्थान है। इस ढाबे को चला रहे दंपति पिछले 40 वर्षों में सैकड़ों पर्यटकों की जान बचा चुके हैं जिसके लिए उन्हें कई सम्मान भी दिए गए हैं। यदि कहा जाए कि चंद्रताल की गम्यता इस ढाबे की मौजूदगी के कारण ही संभव है तो गलत ना होगा क्योंकि इसके अतिरिक्त यहाँ पर दूर दूर तक कोई इनसानी बस्ती नहीं है, सुविधाओं का तो कहना ही क्या। इस इलाके में एक पेड़ तक नहीं है जैसा कि इस क्षेत्र के चित्रों में स्पष्ट देखा जा सकता है। +बातल से वाहन योग्य एक सड़क भी है, जिससे चंद्र ताल 14 किलोमीटर की दूरी पर पड़ती है, किंतु अगस्त से पहले इस सड़क की हालत प्रायः खराब ही होती है। +* निकटतम रेलवे स्टेशन रोपड़ (रूपनगर पंजाब -आगे सड़क मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग 21) से। + + +चीन में मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे पुरानी जानकारियाँ पीले सागर के पास के क्षेत्र से मिलनी शुरू होती हैं। ऐसा माना जाता है कि यहाँ सबसे पहले जिया वंश (夏朝) रहा करता था। लेकिन इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कुछ लोगों के अनुसार इस वंश से पहले ही इसमें धातु आदि के बारे में लोगों को पता चल चुका था। +शांग वंश (商朝) चीन के इतिहास में सबसे पहले वंश के रूप में प्रमाणित हुआ है। इसके अलावा झाऊ वंश (周朝) के बारे में यह पता चला है कि उसका शासन पूरे पीले सागर तक फैला हुआ था। झाऊ वंश ने सरकार चला��े के लिए एक बहुत ही गैर-केन्द्रीय शासन प्रणाली अपनाई थी। इसमें कई लोग अपने अपने स्थान के शासक थे। सभी की अपनी ही सेना थी। वे सभी एक साथ राजा को सलामी देते थे, इस तरह से राजा पूरे चीन का प्रतिकात्मक रूप से शासक के रूप में पहचाना जाने लगा। +इस देश के बहुत बड़ा क्षेत्र में फैले होने के कारण इसमें मौसम कई जगह अलग-अलग तरह का होता है। इसके दक्षिण भाग में ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्र है। उत्तर चीन में मुख्य रूप से चार मौसम होते हैं। इसमें गर्मी के दिन में बहुत अधिक गर्मी होती है। शरद ऋतु में यह बहुत ठंडा हो जाता है। +पहले के दिनों में उत्तर के ओर के इमारत काफी गरम होते थे और दक्षिण में रहने वाले इमारत बहुत ठंडे होते थे। इसे ठीक करने का भी प्रयास किया गया लेकिन अब भी इस तरह के प्रभाव दिखाई देते हैं। +चीन बहुत विविधता वाला देश है जिसमें कई भाषाएँ, रिवाज, संस्कृति और आर्थिक स्तर वाले लोग रहते हैं। 9 करोड़ लोग सरकार की गरीबी रेखा के नीचे आते है। पूर्वी और दक्षिण के राज्य दूसरे जगह के राज्यों के तुलना में ज्यादा संपन्न है। +यहाँ घूमने के लिए बहुत सारे जगह हैं। इसमें चीन का विशाल दीवार (万里长城) भी है। जो 8,000 किलोमीटर में फैला हुआ चीन का प्राचीन दीवार है। चीन में 40 स्थानों को विश्व धरोहर माना गया है और उसे विश्व धरोहर की सूची में डाला भी गया है। हाइनन (海南) नामक एक छोटा सा द्वीप जिसे बहुत सारे पर्यटकों के लिए बनाया गया है। जीउझाईगोउ (九寨沟) में बहुत सारे जलप्रपात होते हैं। इसमें कई रंगों के झील भी होते हैं। +चीन में छुट्टी केवल चीनी नए वर्ष में और राष्ट्रीय दिवस के दिन मिलता है। इस दिन यहाँ काम करने वाले कई लाख मजदूर अपने घर में जाते हैं। इस दौरान हर तरह के रास्ते अच्छे से भरे हुए होते हैं। जब छुट्टी का समय नहीं होता है, तब चीन में कोई भी टिकट खरीदना बहुत आसान होता है। सबसे आसान यात्रा करने के लिए वायु मार्ग ही सबसे अच्छा विकल्प होता है। इसके चीनी नए वर्ष के दौरान पूरे वर्ष भर में सबसे अधिक लोग इसी दिन एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। यह विश्व में सबसे अधिक है। +* चीनी नया वर्ष या वसन्तोत्सव (春节 चूंजिये यह जनवरी महीने के अंत से मध्य फरवरी के बीच होता है। +* किंगमिंग महोत्सव या मकबरे का व्यापक दिन सामान्यतः 4 से 6 अप्रैल के मध्य होता है। लोग अपने पूर्वजों के मकबरे में जाते हैं और अपने बलिदान का प्रस्ताव रखते हैं। इस दौरान मकबरे तक जाने वाले मार्ग में काफी भीड़ भी हो सकता है। +* श्रम दिवस या मई दिवस (劳动节 लैडोनग्जे 1 मई +* ड्रैगन नौका उत्सव (端午节 दुयनवुजिए पाँचवी चन्द्र मास के पांचवें दिन, सामान्यतः मई से जून के मध्य पड़ता है। 2013 में यह 12 जून को हुआ था। इसमें नौका दौड़ और जोंगजी खाना (粽子, उबाला हुआ चिपचिपा चावल इस उत्सव का पारंपरिक हिस्सा है। +* मध्य शरद ऋतु दिवस (中秋节 zhōngqiūjié आठवें चन्द्र महीने के पन्द्रहवें दिन, आमतौर पर अक्टूबर (2012 में यह 30 दिसम्बर को पड़ा था) को मनाया जाता है। +चीन एक बहुत बड़ा देश है। यदि आप कोई पहाड़ी में चढ़ाई, नदी में तैरना आदि जैसा कुछ करने की योजना नहीं बना रहे हैं और किसी शहर आदि में घूमना चाहते हैं तो घरेलू विमान सबसे अच्छा विकल्प होगा। यदि आप कई दिन रेल या सड़क के रास्ते में व्यर्थ नहीं करना चाहते, तो यही सबसे अच्छा होगा। चीन में कई घरेलू विमान लगभग सभी मुख्य शहरों को आपस में जोड़ते हैं। इन विमानों में तीन अंतराष्ट्रीय वाहक भी हैं। +होंग कोंग, मकाओ और चीन में जाने वाले विमान अंतर्राष्ट्रीय होते हैं, और उनमें अधिक पैसा भी लगता है। इसका अर्थ है कि जब हम होंग कोंग या मकाओ से आते हैं या जाते है तो इससे कई गुणा कम में शेनझेन या झुहाई से उड़ान भरने लगता है। इसके लिए आपको थोड़े दूर तक चलना होगा और सीमा को पार करना होगा। उदाहरण के लिए फुझोउ से होंग कोंग, शेनझेन, या गुंगझोउ जाने के लिए सामान रुपये लगता है। लेकिन होंग कोंग में जाने के लिए ¥1,400 लगता है और वहीं बाकी जगह के लिए यह केवल ¥880 होता है। वहीं शेनझेन के लिए यह ¥550 छूट भी मिलता है। वैसे पूरे रात भर के लिए बस लेने से उसका किराया ¥250 होता है। इससे हम इनमें से किसी भी स्थान पर जा सकते हैं। +घरेलू उड़ानों के लिए एक मानक दर में पैसे लिए जाते हैं। लेकिन इनमें छूट मिलना आम बात है। वो भी बस वाले रास्तों में। कई अच्छे होटल या बहुत से होटल में टिकट सेवा भी होता है। जिससे आपके 15%-70% पैसे भी बच सकते हैं। चीन में बिना किसी छूट के भी विमान द्वारा यात्रा करना सस्ता होता है। उड़ान का तय समय से धीमा होना एक आम बात है। किसी बहुत ही कम दूरी के लिए यह बहुत ही धीमा विकल्प होता है। उड़ान का रद्द होना कोई आम बात नहीं है। यदि आपने टिकट खरीदा है तो वे आप से इस बारे में बात करेंगे। +चीन में बहुत लम्बी दूरी के लिए यात्रा हेतु रेल बहुत ही अच्छा व मुख्य विकल्प है। रेल पटरी देश के बहुत से भाग में बिछा हुआ है। चीन के रेल में लगभग पूरी दुनिया के एक तिहाई लोग रह सकते हैं। चीन में अब कई बहुत तेजी से चलने वाले रेल भी आ चुके हैं। यह फ्रांस और जापान के रेल भी बहुत मिलते जुलते हैं। +यहाँ अंतर्राष्ट्रीय चालन अनुमति नहीं है और किसी भी गैर-चीनी व्यक्ति को यहाँ गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है। इसके लिए चीनी लाइसेंस की आवश्यकता होती है। ध्यान दें कि होंग कोंग और मकाओ के भी लाइसेंस यहाँ पर दूसरे देश के माने जाते हैं। 2007 में बहुत ही कम समय के लिए बिना चीनी लाइसेंस के गाड़ी चलाना गैर-कानूनी नहीं है। लेकिन कई कानून के अनुसार व आधिकारिक बदलाव के कारण भी दिसम्बर 2008 में किसी भी गैर-चीनी द्वारा गाड़ी चलाया जाना गैर-कानूनी होता है। कहीं दूसरे देश से गाड़ी आयात करना भी बहुत कठिन काम है। +चीन की आधिकारिक मुद्रा को चीनी युआन कहा जाता है। इसे मंदारिन में रेनमिंबी कहा जाता है। चीन में सभी रकम युआन में होती है। इसे चीनी अक्षर 元 से दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी को रकम दर्शाना होगा, तो वो 20 元, 20 rmb, RMB 20, 20 युआन या ¥20 से उस रकम को दिखाएगा। + + +छत्तीसगढ़ भारत के पूर्व भाग में एक राज्य है। इसके पूर्व में ओडिशा झारखण्ड तथा पश्चिम में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों की सीमा लगती है। +भारत में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया एक तो 'मगध' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "बिहार" बन गया और दूसरा 'दक्षिण कौशल' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध के साथ ही अनेकों आर्य तथा अनार्य संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। +:छत्तीसगढ़ प्राचीनकाल के दक्षिण कोशल का एक हिस्सा है और इसका इतिहास पौराणिक काल तक पीछे की ओर चला जाता है। पौराणिक काल का 'कोशल' प्रदेश, कालान्तर में 'उत्तर कोशल' और 'दक्षिण कोशल' नाम से दो भागों में विभक्त हो गया था इसी का 'दक्षिण कोशल' वर्तमान छत्तीसगढ़ कहलाता है। +इसके सबसे महत्वपूर्ण शहर एवं नगर निम्नलिखित है – +mdash; छत्तीसगढ़ की प्राचीन राजधानी रतनपुर के नज़दीक स्थित राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर +छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से दक्षिण में लगभग 15 किलोमीटर दूर स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा IATA: RPR, ICAO: VERP) है जिसे पूर्व में 'माना' हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता था। +घूमने के लिए गिरौधपुरी जो मानव मानव एक समान के प्रणेता संत गुरु घासीदास जी की नगरी है | + + +जगदलपुर भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बस्तर ज़िले का एक शहर है। यहाँ मुख्य रूप से हिन्दी भाषा बोली जाती है और कुछ लोग यहाँ हल्बी, भत्रि, आदि बोलियों में भी एक दूसरे से वार्ता करते रहते हैं। यहाँ कई उच्च गुणवत्ता के हिन्दी विद्यालय, विश्वविद्यालय मौजूद है। यहाँ मुख्य रूप से बस्तर विश्वविद्यालय सबसे अधिक प्रचलित है। +बस्तर ने कुछ साम्राज्यों के शासन को देखा है, जैसे नल, चालुक्य और काकतीय आदि। लगभग 1424 ई॰ पू॰ काकतीय राजा प्रताप रुद्र के भाई अन्नमा देव ने वारंगल, तेलंगाना से निकल कर अपना साम्राज्य बस्तर में स्थापित किया। अन्नम देव के बाद इस पर हमीर देव, प्रताप राज देव, राजपाल देव, दलपत देव और अन्य राजाओं का शासन चला। दलपत देव के समय जगदलपुर को राजधानी बनाया गया। +यहाँ बस्तर के घने जंगल होने के कारण मौसम काफी अच्छा रहता है। यहाँ 15 जून से 15 सितम्बर तक मानसून के कारण बारिश होती है। यहाँ फरवरी-मार्च और सितम्बर-अक्टूबर के माह के मध्य चक्रवात का आना एक आम बात है। यहाँ फरवरी और मार्च के मौसम में गर्मी रहती है लेकिन कई बार तूफान के साथ साथ वर्षा भी होती है और साथ में कभी कभी ओले भी गिरते रहते हैं। +यहाँ गर्मी का मौसम लगभग फरवरी से ही शुरू हो जाता है। इस बीच धीरे धीरे गर्मी बढ़ने लगती है। यह लगभग अप्रैल से लेकर 15 जून तक काफी अधिक होती है। इस समय मई और जून में सभी विद्यालयों में गर्मी की छुट्टी दी जाती है। जिससे बच्चे गर्मी से बच सकें। +15 जून से 1 जुलाई के मध्य ही मानसून आ जाता है। यहाँ लगभग 15 जुलाई को मानसून पूरी तरह से आ जाता है। जबकि बारिश होना 15 जून से ही शुरू हो जाती है। वर्षा ऋतु लगभग 15 सितम्बर तक रहता है और इसके बाद मानसून लौटने लगता है। इसके लौटते साथ ही ठंड की शुरुआत होने लगती है। इसके बाद का मौसम काफी अच्छा रहता है। क्योंकि यहाँ अधिक ठंड नहीं पड़ती है और जब पड़ती भी है तो केवल कुछ ही दिनों के लिए ही। इस��े अलावा 15 सितम्बर से लेकर 15 जनवरी तक का मौसम यहाँ बहुत अच्छा होता है। इस बीच पुरे आसमान से बादल गायब हो जाते हैं और सूरज की किरणें बहुत ठंडक देती हैं। क्योंकि इस समय सूरज की किरणें काफी दूर से आने के कारण गर्म नहीं होती हैं। +लेकिन कई बार अक्टूबर के आसपास यहाँ बंगाल की खड़ी में बनने वाले चक्रवात के कारण यहाँ अब तक कई बार चक्रवात आ चूकें हैं। लेकिन यह हर वर्ष नहीं होते हैं और लगभग वर्ष में एक ही चक्रवात आते हैं। +विशाखापत्तनम से जगदलपुर के लिए १ विशाखापत्तनम-किरंदुल पैसेंजर (१वीके लीजिए, जिसमें आरक्षित प्रथम श्रेणी और स्लीपर क्लास दोनों होते हैं। +यहाँ घूमने के लिए काफी स्थान है। यह पहले जंगल से घिरा हुआ था। लेकिन जैसे जैसे इसका विकास हुआ, वैसे वैसे यहाँ लोग आते गए और पेड़ पौधों को काट काट कर अपना घर आदि बनाने लगे। +यहाँ पर बीएसएनएल, एयरटेल, डोकोमो, आइडिया, और रिलायंस के मोबाइल टावर उपलब्ध रहते हैं। + + +जयपुर ज़िले में कई हिन्दू मन्दिर है जिसमें ये शामिल है +जयपुर ज़िले में कई दर्शनीय महल और दुर्ग भी जिसमें , + + +जापान जापानी: 日本) पूर्वी एशिया महाद्वीप में पूर्व की ओर स्थित एक द्वीप देश है, जो चारों ओर से जल से घिरा हुआ है। यहाँ की आधिकारिक भाषा जापानी है। यहाँ एक बहुत ही अनोखी, जटिल संस्कृति विकसित हुई है, जबकि यह अन्य प्राचीन सुदूर पूर्वी संस्कृतियों के निकट है। विशेष तौर पर चीन का इस पर विशेष स्थायी प्रभाव है। जबकि यह हमेंशा से युद्धरत देश रहे हैं। जापान दुनिया का सबसे घनी जनसंख्या वाला देश है। इसके शहरों में जीवन काफी व्यस्त है। यह देश सर्वदा अपना बल आंतरिक संतुलन, शांति और प्राकृतिक सौंदर्य को देता है, यह अब अधिक महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है। +| region1description=यह जापान का उत्तरी द्वीप है, जिसमें बर्फ भी जमी रहती है +। यह जगह अपने बड़े खुले क्षेत्र और बहुत ही ठंडे शीत ऋतु के कारण प्रसिद्ध है। +| region2description=यह मुख्य द्वीप का उत्तरी-पूर्व इलाका है। इसे जलीय खाने के कारण काफी जाना जाता है। +| region3description=यह एक तटीय इलाका है, जिसमें टोक्यो और योकोहामा जैसे शहर शामिल है। +| region4description=यह होंशु का मध्य पहाड़ी क्षेत्र है। +| region5description=यह होंशु के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। यह एक बहुत पुराना सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से इसकी राजधानी था। इसमें ओसाका, क्योटो, नारा और कोबे नामक श��र मौजूद है। +| region6description=दक्षिण-पूर्वी होंशु में यह स्थित है। यह क्षेत्र हिरोशिमा और ओकायामा नामक क्षेत्रों के कारण जाना जाता है। +| region7description=चार मुख्य द्वीपों में से सबसे छोटा द्वीप है। +| region8description=यह द्वीप चार मुख्य द्वीपों में सबसे दक्षिण दिशा में स्थित है। इसे जापानी सभ्यता का जन्मस्थान भी माना जाता है। +| region9description=उपऊष्मकटिबंधीय द्वीप समूह है, जिसमें रियूक्यू साम्राज्य था और 1879 के बाद यह स्वतंत्र जापान में शामिल हो गया। इसकी संस्कृति और सभ्यता जापान के अन्य हिस्सों से थोड़ी ही अलग है। +इसे उगते सूरज का देश भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ सबसे पहले दिन होता है। जैसा हम नक्शा देखते हैं, तो पूर्वी दिशा में सबसे पहले जापान पड़ता है और नक्शे के अनुसार व समय प्रणाली के अनुसार भी सबसे पहले दिन की शुरुआत जापान में होती है। यहाँ इसकी संस्कृति सदियों से फल फूल रही है और अभी तक सभी के द्वारा अपनाया गया है। यहाँ नवीनतम आधुनिक शैली का निर्माण किया जाता है, जो बाद में पूरी दुनिया में फैल जाता है। +यहाँ मुख्य रूप से चार ऋतु होते हैं। गर्मी का मौसम जून से शुरू होता है। जुलाई और अगस्त में यह 40 डिग्री से भी अधिक हो जाता है। यहाँ बसंत का मौसम सितम्बर से शुरू होता है। इस दौरान आसमान साफ रहता है, लेकिन कई बार चक्रवात भी इस दौरान आ जाता है। फिर भी यह ऋतु जापान में रहने और आने के लिए सबसे अच्छा रहता है। इस ऋतु में तापमान भी अधिक नहीं होता है और बहुत अधिक वर्षा भी नहीं होती है। मार्च से अप्रैल के मध्य यहाँ चेरी फूल खिलता है, जो काफी प्रसिद्ध है। यह कई तरह के उत्सव और त्योहारों का समय होता है। +गर्मियों का समय जून से शुरू होता है। यहाँ इस दौरान बहुत कम बारिश होती है, जिसे "त्सुयु" के नाम से भी जाना जाता है। जून के बाद जुलाई से अगस्त के मध्य का मौसम इस वर्षा को गरम पानी में बदल देता है। जिससे आपको ऐसा लगेगा जैसे आप गर्म पानी में नहा रहे हैं। इस दौरान अत्यधिक नमी आ जाती है और तापमान चालीस के पार चले जाता है। +यहाँ शरद ऋतु में बहुत अच्छा रहता है। कई भवनों में गर्मी के लिए अच्छी व्यवस्था होती हैं। +जापान काफी लम्बे समय से खुला और उसके इतिहास में भी वह अलग-थलग रहा है। इसके इतिहास में चीनी संस्कृति का बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है, जो जापानी संस्कृति में आसानी से देखा जा सकता है। यह इनके मूल रूप में पूरी तरह घु��� मिल गया है। इसके अतिरिक्त भी कुछ और से इनकी संस्कृति प्रभावित हुई है। परन्तु सबसे अधिक प्रभाव केवल चीनी संस्कृति का ही दिखाई देता है। +सबसे अहम छुट्टी जापान में नववर्ष (お正月 ओशूगत्सु) को होती है। इस दौरान 30 दिसम्बर से लेकर 3 जनवरी तक पूरा देश पूरी तरह से बंद रहता है। सभी जापानी लोग इस दौरान अपने अपने घर में परिवार से मिलने जाते हैं। इसके कारण यातायात पर प्रभाव पड़ता है। इस दौरान सभी इस उत्सव में उत्सव का भोजन खाते हैं और पास के मन्दिर में जा कर मंगल कामना करते हैं। कई जापानी लोग दूसरे देशों में भी यात्रा करते हैं। इस दौरान विमान का किराया काफी अधिक बढ़ जाता है। +मार्च या अप्रैल में जापानी एक बाहर घूमने का त्योहार (花見, फूल देखना) भी मनाते हैं। इसे इसमें लोग घर से बाहर निकल कर दूर कहीं पर पेड़ों के नीचे बैठ कर चेरी (桜 सकुरा) के फूलों को गिरता देखते हुए खाना खाते हैं। इसका सटीक समय हर वर्ष बदलते रहता है। +गर्मी के मौसम में जो उत्सव मनाया जाता है, उसका मुख्य कारण लोगों के मन को असहनीय गर्मी से हटकर किसी और जगह लगाना है। इस दौरान स्थानीय त्योहार (祭 मत्सुरी) और अतिशबाजी वाले प्रतियोगिता (花火 हनबी) भी होता है। टनबटा (七夕) 7 जुलाई को और कुछ स्थानों में अगस्त के शुरुआत में भी होता है। +गर्मी का सबसे बड़ा त्योहार ओबोन (お盆) है, जो जुलाई के मध्य में पूर्वी जापान और अगस्त के मध्य में पश्चिमी जापान में होता है। यह आत्माओं के सम्मान के लिए रहता है। +द्वीप होने के कारण जापान की जनसङ्ख्या अनेक सजातीय हैं। 99% लोग जापानी जाती के है। बाकियों में 10 लाख के लगभग कोरियाई लोग है और कुछ चीनी। स्वदेशी जातीय अल्पसंख्यकों में ऐनू है जो लगभग 50,000 के आसपास है। +आने पर निःशुल्क वीजा 15, 30 या 90 दिनों के लिए कुछ देशों के नागरिकों को मिलता है। +अस्थाई अतिथियों को अधिकतम 90 दिनों के लिए कुछ छोटे कार्य जैसे यात्रा आदि हेतु। +कार्य हेतु वीजा अधिकतम 3 वर्ष +विशेष वीजा अधिकतम 3 वर्ष (लंबे समय तक रहने हेतु) +कई पहले से बने देश के लोग, जो मुख्यतः अमेरिका, कनाडा या यूरोप आदि से आते हैं, उन्हें आने के बाद बिना वीजा के ही अनुमति मिल जाती है। यह अनुमति 90 दिनों के लिए मिलती है। मेक्सिकी और अन्य कुछ यूरोपीय देशों के नागरिकों को यदि वे आने पर अधिक समय मांगे तो 180 दिनों तक रुकने की अनुमति मिल जाती है। अन्य सभी देशों के अस्थाई अतिथिय���ं को आने से पूर्व ही वीजा लेना होता है। यह वीजा सामान्यतः 90 दिनों के लिए वैध रहता है। जापान के विदेश मंत्रालय के अनुसार यदि आप जापान में उसी दिन उतरे और उसी दिन ही किसी अन्य देश हेतु रवाना हो गए तो आपको जापानी वीजा की कोई आवश्यकता नहीं होगी। बस आपको हवाई अड्डे के सुरक्षित स्थान से बाहर नहीं जाना है। +ज्यादातर विमान टोक्यो के पास स्थित नारिटा हवाई अड्डे में आते हैं या ओसाका के पास स्थित कांसाई हवाई अड्डे में आते हैं। चुबू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में भी कुछ विमान आते हैं। यह हवाई अड्डा नागोया के पास स्थित है। इन तीनों हवाई अड्डों की दूरी अपने अपने शहर के केंद्र में बहुत ही कम है। यह सभी रेल और बस सेवा द्वारा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। टोकयो में एक और हवाई अड्डा भी है। हनेडा नामक यह हवाई अड्डा आज भी कई घरेलू विमानों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। परन्तु अब अधिकतर अंतरराष्ट्रीय विमान नारिटा हवाई अड्डे से उड़ते हैं। +लगभग हर आकार के शहरों में आपको हवाई अड्डे मिल सकते हैं, लेकिन वे विशेषतः घरेलू उड़ानों के लिए होते हैं। हालांकि कुछ जगहों से आप चीन और दक्षिण कोरिया में भी जा सकते हैं। कुछ बार दोनों देशों से होते हुए जाने से जापान से दोनों देश जाना सस्ता पड़ जाता है। +नारीटा और कांसाई में आपको हवाई अड्डा आसानी से मिल जाएगा और यदि आप कुछ छुट्टियों के समय को छोड़ कर इन जगहों में आए हो तो आपको भीड़ भी बहुत कम दिखेगी। इन छुट्टियों के कुछ विशेष समय होते हैं, जैसे नववर्ष (दिसम्बर के अंत से जनवरी के शुरुआत दिन तक सुनहरा सप्ताह (अप्रैल के अंत से लेकर मई के शुरुआत तक) और ओबोन (अगस्त के मध्य में) हैं। इस दौरान भीड़ तो होता ही है, लेकिन चीजों के दाम भी अधिक हो जाते हैं। +दुनिया के सबसे अच्छे यातायात साधनों वाले देशों में जापान भी है। आसपास घूमने के लिए सामान्य तौर पर आपको कोई पुलिया मिल ही जाएगा और उसमें रेल से जाना सबसे प्रचलित विकल्प है। जापान में रेल बहुत कम बार या कभी देरी से नहीं चलते हैं। ये लगभग दुनिया का सबसे साफ सुथरा यातायात प्रणाली है। लेकिन यहाँ घूमना दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले काफी खर्चिला जगह है। +जापान में आने वाले पर्यटकों को सबसे पहले जिस चीज को लेना चाहेंगे, वो यही है। आप सार्वजनिक यातायात के लिए स्मार्ट कार्ड ले सकते हैं। इसमें आपको कई अलग अलग कंपनियों के कार्ड मिल सकते हैं, जिसमें प्रमुख कंपनी पस्मो और सुइसा है। 2013 से सभी एक दूसरे से बदले जा सकते हैं। अर्थात आप कोई भी कार्ड का उपयोग पूरे देश में कहीं भी कर सकते हैं। इसका उपयोग आप दुकानों, भोजनालयों आदि में कर सकते हैं, हालांकि इसका उपयोग शिंकांसेन बुलेट ट्रेन में नहीं कर पाएंगे। +इस तरह के कार्ड को आप किसी भी स्टेशन से खरीद सकते हैं। इस तरह के कार्ड आपको हवाई अड्डों में भी मिल सकते हैं और इसके लिए आपको शुरू में ¥500 की रकम और जितना आप इसमें उपयोग करना चाहते हैं, उतना और रकम देना होता है। आप चाहें तो और रकम भी कार्ड में उसी जगह से डाल सकते हैं। आपका जमा किया हुआ रकम और जो आप इसमें डालते हैं, उसका बचा हुआ पैसा भी आप जापान से लौटते समय वापस ले सकते हैं। आप चाहें तो कार्ड को अपने साथ रख भी सकते हैं, ताकि अगली बार जब आप वापस जापान आयें तो उसका उपयोग कर सकें, क्योंकि इस तरह के कार्ड पूरे दस सालों तक मान्य रहते हैं। +जापान में दुनिया का सबसे आराम दायक रेल सुविधा उपलब्ध है। शिनकांसेन 新幹線) दुनिया का सबसे तेज चलने वाला रेल है, इसे अंग्रेजी में बुलेट ट्रेन कहते हैं। +जापान के रेलों में आपको सामान रखने के लिए पर्याप्त बड़ा जगह नहीं मिलेगा। इसका मतलब ये है कि आप वहाँ बस एक छोटे से शूटकैश के अलावा और कुछ भी साथ नहीं रख पाएंगे। हालांकि जापान में कूरियर सेवा बहुत ही सरल और सस्ती है। इस सेवा से आप अपने अगले होटल में अपना सामान ले जा सकते हो। इसमें केवल एक ही समस्या है। सभी सामान को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने में लगभग एक दिन का समय लग ही जाता है। इस कारण आपको कम से कम एक छोटा बैग अपने साथ रख लेना चाहिए, जिससे आप अपने कपड़े और कुछ जरूरी चीजों का जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकें। +देखा जाये तो जापान के द्वीप देश होने के कारण वहाँ नाव का बहुत उपयोग किया जाना चाहिए था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसका उपयोग यातायात के लिए बहुत ही कम होता है। इसके कई कारणों में से सभी द्वीपों का एक दूसरे से पूल आदि के जरिये जुड़ना भी है। होवरक्राफ्ट और जेट फेरी बहुत तेज होते हैं, लेकिन उतने महंगे भी पड़ते हैं। आपको घंटे भर की दूरी के लिए ¥2000-5000 तक देने पड़ सकते हैं। +जापान में आपको बसों की कोई कमी नहीं होगी। कुछ दशकों से इसे एक शहर से दूसरे शहर जाने के एक प्रमुख माध्यम के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से रात में यात्रा करने को आसान और आरामदायक बनाने की कोशिश की गई है। बसों, ट्रेनों और हवाई जहाजों के मध्य काफी प्रतिस्पर्धा है, जिसके कारण इनके कीमतों में काफी गिरावट आई है। कुछ बसों ने एक जगह से दूसरे जगह हेतु निश्चित दाम निर्धारित किया है, पर बहुत से अन्य बसों ने हाल के कुछ वर्षों में अनिश्चित दाम वाले प्रारूप को अपना लिया है, जिसमें दिन के कुछ समय का दाम अलग होता है और रात के समय का भी कुछ और होता है। इसके अलावा आप बस में कहाँ बैठ रहे हैं और कितने समय पूर्व आपने टिकट लिया है, उस पर भी ये बस का दाम निर्भर करता है। +आपको जापान में टैक्सी हर जगह मिल जाएगी, केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मिलेगी। टैक्सी साफ और पूरी तरह सुरक्षित होते हैं, लेकिन दूसरे यातायात साधनों की अपेक्षाकृत थोड़े महंगे होते हैं। इनका दाम सामान्यतः ¥640-710 के बीच होता है और मीटर पहले दो किलोमीटर या उसके बाद से बहुत तेजी से आगे बढ़ता है। टैक्सी में मीटर होना अनिवार्य होता है, जो यात्रियों को अच्छी तरह से दिखता है। यदि आपको नहीं लग रहा कि आपके पास यात्रा का पूरा खर्च है, तो आप ड्राइवर से यात्रा में लगने वाले संभावित खर्च के बारे में पूछ सकते हैं। यदि पैसा कोई समस्या नहीं है, फिर भी यदि आप संभावित खर्च के बारे में पुछेंगे तो कई टैक्सी वाले उस रकम के पास मीटर के आते ही उसे बंद कर देते हैं, जिससे आपका काफी पैसा बच जाता है। ऐसा होना काफी अच्छा होता है, लेकिन ऐसी अपेक्षा न रखें कि ऐसा सभी टैक्सी वाले करेंगे। रात में टैक्सी से सफर काफी महंगा होता है। टिप देना कोई परंपरा नहीं है और ज्यादातर इसे लेने से इंकार कर दिया जाता है। +किराये के कार द्वारा जापान में गाड़ी चलाना काफी कम देखा जाता है, क्योंकि यहाँ का सार्वजनिक यातायात काफी अच्छा है और आप इसके द्वारा जापान में कहीं भी जा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ प्रमुख शहरों में यातायात काफी भीड़ वाला होता है और उसमें आप कई समय तक फंस भी सकते हैं, इसके अलावा गाड़ी को पार्क करने के लिए जगह देखना भी कठिन है, और इन्हें रखने के लिए पैसे भी काफी अधिक देने होते हैं। +जापान की मुद्रा को जापानी येन कहते हैं, जिसे छोटे रूप में ¥ (जिसे मुद्रा परिवर्तन करते समय या अन्य कार्यों JPY से भी पहचाना जाता है।) में के निशान से दिखाया जाता है। जापानी भाषा में इसे 円 के रूप में लिखा जाता है। इसका उच्चारण भी येन ही होता है। +सिक्का ¥1 (चाँदी ¥5 (बीच में छेद के साथ सोने का सिक्का ¥10 (तांबा ¥50 (बीच में छेद के साथ चाँदी का सिक्का) और ¥500 का सिक्का है। इसमें ¥500 के दो अलग अलग सिक्के चलते हैं। इन दोनों को आप रंगों से आसानी से पहचान सकते हैं। पुराना वाला चाँदी का था और नया वाला सोने का है। +नोट ¥1,000 (नीला ¥2,000 (हरा ¥5,000 (बैंगनी और ¥10,000 (भूरा ¥2,000 का नोट बहुत कम देखने को मिलता है। ¥2,000 के नोट को छोड़ कर नवम्बर 2004 को सभी नोटों के लिए नए डिजाइन के नोट बाजार में लाये गए थे। इसके कारण बाजार में दो अलग अलग प्रकार के नोटों का चलन है। बहुत से व्यापारी आपके द्वारा बहुत कम रकम की चीज खरीदने पर ¥10,000 का नोट देने पर भी कोई लेने से इंकार नहीं करेगा। +जापान मूल रूप से ही नकदी में लेनदेन करने वाला देश है, लेकिन फिर भी विदेशों से आने वाले ग्राहकों के लिए यहाँ के दुकानदार और होटल वाले क्रेडिट कार्ड की भी सुविधा देते हैं। लेकिन यह सुविधा आपको छोटे दुकानों, छोटे होटलों आदि जगहों पर नहीं मिलेगी। इसके अलावा जो क्रेडिट कार्ड लेते भी हैं, वे लोग इसके साथ कुछ शुल्क भी ले लेते हैं, पर आज कल इस तरह का अलग से शुल्क लेने वाली घटना देखें को नहीं मिलती है। जापान में क्रेडिट कार्ड में सबसे प्रचलित और प्रसिद्ध कार्ड जेसीबी का है। डिस्कवर और जेसीबी के बीच गठबंधन होने के कारण वीजा मास्टर कार्ड यूनियन पे की तुलना में इसे काफी अधिक जगह स्वीकार किया जाता है। पर इसका कोई कोई सीधा लाभ नहीं होता है, क्योंकि कई सारे व्यापारियों को केवल जेसीबी और एमएक्स के मध्य समझौते के बारे में पता है। इस कारण आप डिस्कवर वाले क्रेडिट कार्ड को देंगे तो वे उसे लेने से ही मना कर देंगे। लेकिन आप उन्हें ऐसा करने को कहें, तो यह जरूर काम कर सकता है। +जापानी लोग आमतौर पर बड़ी मात्रा में नगदी लेकर जाते हैं। यहाँ ऐसा करना काफी सुरक्षित है और छोटे शहरों में या किसी ऐसे जगह में जाने पर, जो ठीक से शहरों से जुड़ा न हो, वहाँ इस तरह से नगदी ले जाने की बहुत जरूरत पड़ती है। कई शहरों में अपनी खरीददारी करने के लिए जापानी लोग अपना मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। यहाँ मोबाइल फोन का उपयोग क्रेडिट कार्ड की तरह होता है और कई तरह के काम भी आसानी से मोबाइल से हो जाते हैं। इसमें यह फोन के बिल के रूप में आता है या यह प्रीपैड कार्ड की तरह भी उपयोग होता है, जिसमें पैसे पहले दि��े जाते हैं और बाद में उसका उपयोग होता है। लेकिन इस तरह की सुविधा केवल जापानी फोन और सिम कार्ड में ही आपको मिलेगा, इस कारण जो विदेशी लोग केवल कुछ समय के लिए आते हैं, उनके लिए इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं है। +यदि आपके पास कोई जापानी फोन है, तो कोई नया प्रीपैड सिम लेते हैं, तो इसे शुरू करने के लिए आपको इंटरनेट लगेगा और उसके उपयोग से उसका पैसा भी लगेगा। इस तरह के खर्च को आप वाईफाई की सहायता से बचा सकते हैं। वैसे केवल फीचर फोन में ही सिम को शुरू करने की जरूरत पड़ती है। एक बार आपने अपने फोन से उनका अवरोध हटा लें तो आप किसी भी सिम को लगा कर किसी भी तरह से उसे शुरू भी कर सकते हैं। इसके बाद आप वाईफाई का भी उपयोग कर सकते हैं, अपने सिम का भी और किराये पर लिए सिम का भी उपयोग कर सकते हैं। इसका मतलब ये है कि आप अपने आने से पहले भी इसके लिए तैयारी कर सकते हैं। सुइसा और एडी दो बड़े प्रीपैड कार्ड के एप पहले से स्मार्ट फोन में रहते हैं। ये लोग पहले से क्रेडिट कार्ड वालों से मिले रहते हैं, जिसके कारण मोबाइल बिल नहीं देना होता है, सीधे क्रेडिट कार्ड से काम हो जाता है। सुइसा ¥1000 वार्षिक शुल्क लेता है, यही एक तरीका है, जिससे आप सुइसा में क्रेडिट से पैसे डाल सकते हैं, जो जेआर द्वारा जारी नहीं हुआ है। हालांकि यह कुछ दूसरे देशों के कार्ड भी उपयोग कर लेता है, जिसमें जेसीबी और अमेरिकन एक्सप्रेस है। इसका ध्यान रखें कि सुइका या एडी से आप कुछ बड़ी खरीद करते हैं, तो एमएक्स का खरीद पर सुरक्षा और वारंटी लागू नहीं होती है। +जापान में कोई भी बड़े बैंक में आप अमेरिकी डॉलर (नगद या चेक) को किसी विदेशी मुद्रा के साथ बदल सकते हैं, अर्थात मुद्रा विनियम कर सकते हैं। दर लगभग सभी बैंकों में एक जैसा ही मिलेगा, लेकिन कुछ निजी विनिमय करने वालों के पास आपको अच्छे और बुरे दोनों दर मिल सकते हैं। बैंक में आपको 15 से 30 मिनट तक रुकना पड़ सकता है। इसका समय बैंक के ब्रांच के व्यस्त होने पर ही निर्भर करता है। अमेरिकी डॉलर के अलावा यहाँ कनाडाई, ऑस्ट्रेलियाई, और न्यूज़ीलैंड के डॉलर चलते हैं। इसके साथ साथ यूरो और ब्रिटिश पाउंड और कई एशियाई मुद्रा भी चलती है। बहुत से जगहों में चलने में सिंगापुर का डॉलर और उसके बाद कोरिया का वोन और चीन का युआन भी शामिल है। +जापानी खाने इसके ताजा मौसमी खानों के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इनके कई सारे भोजन में सफेद चावल डला होता है, जिसे थोड़ा भाप में पकाया जाता है। इसका जापानी शब्द गोहन (ご飯) है, जिसका अर्थ "भोजन" होता है। इनके भोजन में प्रोटीन के मुख्य स्रोत में सोयाबीन रहता है, जो कई तरह से जापानी भोजन में शामिल है, लेकिन खास तौर पे इसका उपयोग मिसो सूप (味噌汁 मिसो शिरो) के लिए किया जाता है। इसी के साथ साथ (豆腐 टोफू) और (醤 油 श्योयु) भी होता है। जापानी भोजन में समुद्री भोजन का बहुत ही खास स्थान है। कई सारे चीजों में उन्हीं भोजन का उपयोग किया जाता है, इसमें केवल समुद्री जीव ही शामिल नहीं है, बल्कि कई सारे समुद्र में पाये जाने वाले शैवाल आदि भी शामिल है। पूरा भोजन कुछ अचार (漬 物 त्सुकेमोनो) के साथ पूरा हो जाता है। +टोक्यो से बाहर निकलकर, जापान की सैर करने और कई जगहों की अलग अलग खानों को चखने में ही अपना एक अलग मजा है। देश के हर क्षेत्र में आपको कई अलग अलग तरह के भोजन खाने को मिलेंगे, जो वहाँ उगने वाले फसल और मछलियों के अनुसार होते हैं। जब आप होकाइडो में घूमने आयें तो ताजी साशिमि और केकड़ों को न भूलें। ओसाका में आपको खाने के लिए हरे प्याज के साथ ओकोनोमियाकी (お好み焼き) मिलेगा और ओक्टोपस या अष्टपाद की गेंद (たこ焼き टाकोयाकी) भी खाने को मिलेगा। +जापान में ज्यादातर खानों को दो छोटे छड़ी, जिसे जापानी भाषा में हाशि (箸) कहते हैं, से खाया जाता है। इससे खाने से पहले ऐसा करना कठिन लग सकता है, लेकिन खाने की शुरुआत से ही इससे आप आराम से भोजन कर सकते हैं। लेकिन इसमें माहिर होने के लिए थोड़ा समय जरूर लगता है। ध्यान रहे कि इसके उपयोग करने के दिशा निर्देश भी है। +* कभी अपना कांटा चावल के कटोरी में सीधा न छोड़ें या किसी को भी खाने का कुछ भी अपने कांटे से न दें। यदि आप किसी को भोजन देना चाहते हैं, तो सीधे दे सकते हैं, या अपने प्लेट से भी दे सकते हैं। +* एक बार कांटे का काम पूरा हो जाये तो आप उसे कटोरी या बर्तन के किनारे रख सकते हैं। कुछ अच्छे भोजनालयों में इसके लिए एक खास जगह भी बनाया जाता है। इसे हाशि-ओकि कहते हैं, जो छोटी लकड़ी के टुकड़े से बना होता है। आप चाहें तो कागज को मोड़ कर अपने लिए अपना हाशि-ओकि बना सकते हैं। +* कांटे के छोर को चाटना बहुत छोटे वर्ग का माना जाता है। ऐसा करने से अच्छा है कि आप चावल को अपने कांटे से ही ले लें। +* अपने कांटों से भोजन के अलावा कुछ भी, जैसे थाली या कटोरी को एक जगह से दूसरे जगह ले जा���ा अशिष्ट माना जाता है। +* किसी को कांटे से दिखाना भी अशिष्ट माना जाता है, चाहे आप एक कांटे से दिखा रहे हों, या दोनों से भी दिखा रहे हों। +* भोजन को कांटे से काटना भी अच्छा नहीं माना जाता है, इसे अंतिम उपाय के रूप में देखा जाता है। +जापान में बहुत बड़ी संख्या में भोजनालय हैं। आपको कभी भी जगह की कमी नहीं पड़ेगी। जापानी लोग अपने सांस्कृतिक और व्यावहारिक कारणों से किसी भी अतिथि को अपने घर नहीं बुलाते हैं, उनका बाहर ही स्वागत किया जाता है। इस कारण उन्हें खाना भी बाहर ही खिलाते हैं। अधिक संख्या में लोगों का भोजनालयों में खाना खाने से जापान में चावल और नूडल पश्चिमी देशों की तुलना में काफी सस्ता खाना मिलता है। हालांकि एशियाई देशों की तुलना में ये अभी भी काफी महंगा है और यदि आप चावल और नूडलों के अलावा भी कुछ खाने की सोच रहे हैं या अच्छी तरह भर पेट खाने वाले हैं, तो आपको खाना और भी महंगा पड़ सकता है। आगे का भोजन और भी महंगा हो जाता है। +आपके खाने के बाद आपको बिल दे दिया जाएगा और आपको बिल का भुगतान बाहर जाते समय करना होता है। टेबल पर रकम रख कर न जाएँ। यहाँ बिल को कंजो या काइके कहा जाता है। बहुत देर होने से वहाँ उन लोग आ कर आपसे कहेंगे कि अब आपके अंतिम खाने का समय हो गया है। ऐसा तभी कहते हैं, जब सही में जाने का समय हो जाता है। लगभग पूरे देश में आपको खाने के बाद पैसे देकर सीधे बाहर जाना होता है। हालांकि कुछ महंगे भोजनालयों में ऐसा नहीं होता है। +जापान दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है। यहाँ अपराध की दर पश्चिमी देशों से भी कम है। सड़क पर आधी रात को भी अपराध होने की संभावना बहुत ही कम होती है। फिर भी यात्रियों को अकेले रात को यात्रा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा यहाँ जेब कतरे भी मौजूद होते हैं, जो खास कर भीड़ वाले जगह पर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। +आपको ट्रेन में काफी संभल कर रहना चाहिए, खास कर जब ट्रेन में काफी भीड़ हो। ऐसे समय में हो सकता है कि आपके ऊपर किसी और के किए काम का आरोप भी लग सकता है। इस तरह के मामले में गिरफ्तारी भी हो सकती है। + + +कुछ निजी ट्रेवल कंपनियाँ कार-टेक्सी की सुविधा भी देती हैं जो प्रति किलोमीटर या हर दिन के हिसाब से किराया वसूल करते हैं। +ऊंट जिसे रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है यहाँ इन सब के अलावा ऊंट के द्वारा भी यात्रा की जा सकती है। यहां रेतीली धोरों में जैसलमेर में ऊंट काफी प्रसिद्ध है साथ ही ऊंट की सवारी करने के लिए लोग विदेश भी आते रहते है। +यहां जैसलमेर में छोटे-छोटे गाँवों में सभी तरह के मोटर साइकिल और साइकिलें भाड़े पर मिल जाती है, चूँकि नजदीकी लोग भाड़े पर दे देते है। इस प्रकार लोग भाड़े की साइकलों और मोटर साइकलों से शहर में घूमकर आनंद उठा सकते है। +जैसलमेर मुख्यतः अपने किले के लिए जाना जाता है किला जो सोनार किले के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह पीले पत्थरों से निर्मित है, सोनार यानी सोना होता है। +जैसलमेर में बहुत सारे दर्शनीय स्थल है जिसमें निम्नलिखित प्रमुख हैं : +इनके अलावा बहुत सारी प्राचीन हवेलियाँ भी है। +यहां पर अक्सर सर्दियों के दिनों में भारतीय तथा विदेशी लोगों की भीड़ जमी रहती है क्योंकि ये धोरे पुरे भारत में सबसे लोकप्रिय धोरे है यहाँ पर अनगिनत लोग भर्मण करने आते है। +कुलधरा जो भूतिया या रहस्यमयी गाँव के नाम से जाना जाता है यह जैसलमेर से मात्र १७ किलोमीटर दूर स्थित है। इस गाँव के बारे में लोगों का कहना है कि यहाँ पर भूत निवास करते है इसलिए अब यहां पर कोई नहीं रहता है इस कारण अब यह एक जैसलमेर का लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है। यहाँ पर स्थलीय ही नहीं अपितु देश और विदेश से भी लोग आते रहते है। + + +मौसम में यहाँ गर्मियों के दिनों में काफी गर्मी रहती है साथ ही पूर्ण रूप से रेतीली भूमि के कारण गर्मियों के दिनों में दिन एवं रात में आँधियाँ चलती रहती है और धूल भी उड़ती रहती है। जून जुलाई के महीने में काफी गर्मी एवं लू चलती है। यहाँ सबसे ज्यादा गर्मी फलोदी तहसील में पड़ती है। +गर्मियों के ततपश्चात जुलाई अगस्त माह में बरसात का मौसम शुरू हो जाता है और सितम्बर महीने तक बरसात होती रहती है। +सर्दियों में भी काफी ठण्ड पड़ती है ,ठण्ड की शुरुआत यहाँ नवम्बर माह में हो जाती है और होली तक थोड़ी थोड़ी ठण्ड रहती है। +जोधपुर में ग्रामीण क्षेत्र में लगभग शत प्रतिशत मारवाड़ी भाषा ही बोली जाती है जबकि शहरी क्षेत्र में हिन्दी और मारवाड़ी भाषा बोली जाती है तथा कुछ-कुछ अंग्रेजी भाषा का भी प्रभाव रहता है। +जोधपुर खाने के मामले में भी काफी प्रसिद्ध है जिसमें दाल बाटी ,चूरमा ,दाल करी और बाटी ,बाजरे की रोटी (सोगरा गेहूँ की रोटी तथा बेसन के गट्टों की सब्जी काफी प्रसिद्ध है। यहाँ पर सूखी सब्जियां काफी होती है जैसे सांगरी ,कुमटिया ,कैर इत्यादि ,लोग ज्यादातर ऐसी सूखी सब्जियां बनाते रहते है। मिर्ची बड़ा जो कि पूरे भारत जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध है। +जोधपुर दर्शनीय स्थलों के लिए काफी प्रसिद्ध है यहाँ मुख्य शहर में मेहरानगढ़ दुर्ग जसवंत थड़ा और उम्मैद पैलेस काफी लोकप्रिय है। मेहरानगढ़ दुर्ग पर कई बार फ़िल्मों की शूटिंग भी होती रहती है। +जसवंत थड़ा जो पूरी तरह से संगमरमर से निर्मित है। इसका निर्माण १८९९ में महाराज सरदार सिंह ने अपने पिता राजा जसवंत सिंह (द्वितीय) और उनके सैनिकों की याद में किया गया था। +महाराजा उम्‍मैद सिंह ने इस महल का निर्माण सन १९४३ में करवाया था। संगमरमर और बालूका पत्‍थर से बने इस महल का दृश्‍य पर्यटकों को खासतौर पर लुभाता है। इस महल के संग्रहालय में पुरातन युग की घड़ियाँ और चित्र भी संरक्षित हैं। यही एक ऐसा बीसवीं सदी का महल है जो बाढ़ राहत परियोजना के अंतर्गत निर्मित हुआ। +छोटी छोटी दुकानों वाली, संकरी गलियों में छितरा रंगीन बाजार शहर के बीचों बीच है और हस्तशिल्प की विस्तृत किस्मों की वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है तथा खरीददारों का मनपस्द स्थल है। +इस संग्राहलय में चित्रों, मूर्तियों व प्राचीन हथियारों का उत्कृष्ट समावेश है। +अरना झरना मरु संग्रहालय एक मरु संग्रहालय है जो जोधपुर के मोकलावास गाँव के निकट स्थित है। +जिले के ओसियां तहसील में सच्चीयाय माता का मन्दिर ,जैन मन्दिर तथा महावीर मन्दिर काफी पुराने मन्दिर है। +जोधपुर में सभी पर्वों को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, यहाँ का बेतमार मेला और कागा का शीतला माता मेला बहुत प्रसिद्ध है लोग दूर दूर से ये मेला देखने आते है। राजस्थान के लोक देवता रामदेव पीर का मसुरिया मेला भी काफी प्रसिद्ध है। +मारवाड़ उत्‍सव, नागौर का प्रसिद्ध पशु मेला और पीपाड़ का गंगुआर मेला। यह कुछ महत्‍वपूर्ण उत्‍सव है जो जोधपुर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाते है। यहाँ पर सावन माह की बड़ी तीज और बेतमार मेला विश्व प्रसिद्ध है। +जोधपुर में गणगौर पूजन का भी विशेष महत्व है और इसी उत्सव पर पुराने शहर में गणगौर की झांकियां भी निकाली जाती हैं। धिंगा गवर इसके बाद आने वाला एक आयोजन है इस दिन महिलाऐं शहर के परकोटे में तरह तरह के स्वांग रच कर रात को बाहर निकलती हैं और पुरुषों को बैंत से मारती हैं अपने प्रकार का एक अनो���ा त्योहार है। +जोधपुर पहुँचने के लिए परिवहन की अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध है। यहाँ से लगभग सभी बड़े शहरों के लिए रेलगाड़ियाँ मिलती है। जोधपुर में कई रेलवे-स्टेशन है। जोधपुर भारतीय रेल नेटवर्क के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण प्रभाग है। इसका जोधपुर रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) का संभागीय मुख्यालय है। यह अलवर अहमदाबाद इंदौर कानपुर कोटा कोलकाता गुवाहाटी चेन्नई तिरुवनंतपुरम दिल्ली धनबाद नागपुर पटना पुणे बरेली बैंगलोर भोपाल मुंबई लखनऊ तथा हैदराबाद जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से रेल के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। + + +टिंबक्टू माली नामक देश का एक शहर है। यह निगेर नदी के पास स्थित है। वर्तमान में यहाँ उत्तरी माली पर युद्ध छिड़ा हुआ है। इस कारण अभी इस स्थान पर जाने के लिए उचित समय नहीं है। इस क्षेत्र का अपना बहुत पुराना इतिहास रहा है। यह रेगिस्तानी भूमि पर स्थित है। इस स्थान को 1988 में विश्व धरोहर के रूप में चुन लिया गया था। +साल के बारह महीने यहाँ तेज गर्मी होती है। यह पूरा स्थान रेगिस्तानी क्षेत्र में बसा हुआ है। इस कारण पानी भी जमा नहीं हो पाती है। +2012 के युद्ध के बाद यहाँ पर्यटकों का आना बंद हो गया है, फिर भी कई बार कुछ पर्यटक यहाँ आ भी जाते हैं। लेकिन वर्तमान में यहाँ पर्यटकों के आने और रहने के लिए कोई तैयारी नहीं की जा रही है। कई भोजनालय जो इससे पहले पर्यटकों के लिए घुले रहते थे, युद्ध के बाद पर्यटकों के न आने के कारण बंद किए जा चुके हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में मौसम भी कुछ अच्छा नहीं है। यहाँ बहुत तेज गर्मी रहती है। कोई भी ऐसा मौसम नहीं होता, जिसमें यह गर्मी कम रहे। इसके अलावा पीने योग्य स्वच्छ पानी की कमी भी होती है। +यदि आप यहाँ घूमना चाहते हैं तो उससे पहले इस बात को जान लें कि यहाँ काफी अधिक गर्मी होती है, केवल गर्मी के मौसम में ही नहीं बल्कि साल के सभी महीने में ऐसा ही होता है। अतः आपको घूमने से पूर्व गर्मी से बचने के लिए अच्छी तरह से तैयारी कर लेनी चाहिए। इसके अलावा पीने के लिए अच्छा पानी भी अच्छी तरह से रख लें क्योंकि बाहर घूमते समय पानी की बहुत आवश्यकता पड़ेगी। +यहाँ देखने के लिए कोई खास स्थान नहीं है। लेकिन आप रेगिस्तानी इलाकों को देखना चाहते हैं और वहाँ की कला कृति देखने का मन बना लिए हैं तो आप उन्हें देखने य��ाँ आ सकते हैं। यहाँ कई प्राचीन इमारते हैं। +2012 में शुरू हुए विद्रोह के कारण कई लोग यहाँ नहीं जाते हैं। पर्यटकों के न आने के कारण वे सभी भोजनालय जो मुख्य रूप से पर्यटकों के आने और उनके द्वारा खाना खाने आदि से चलते थे, वे सभी बंद हो गए। इसके बाद काफी कम संख्या में ही पर्यटक आते हैं। इस कारण हो सकता है कि आपको कोई भी भोजनालय खुला न दिखे। +यदि आपको पानी पीना हो तो कोशिश करें कि केवल बोतल बंद पानी ही हो। यहाँ पानी खुले नल से या अन्य खुले स्रोत से पानी का उपयोग किया जाता है, तो हो सकता है कि आपको भी वही पानी पीने के लिए दे दिया जाये। यदि आप खुला पानी पीने की सोच रहे हैं और कोई अन्य मार्ग नहीं हैं तो उसे अच्छी तरह गर्म कर के ही पीना चाहिए। +हमेशा याद रखें कि आपको अच्छी तरह पानी पीना है और अपने साथ अच्छी तरह जितना हो सके उतना बोतल में पानी ले कर जाना है। चाहे आप किसी बहुत छोटे से यात्रा में भी क्यों न जाये। क्योंकि यहाँ साल के बारह महीने गर्मी ही रहती है। इतनी अधिक गर्मी होती है कि आपके शरीर का पानी भी आपको ठंडा नहीं रख सकेगा। इस कारण आपके शरीर का तापमान सामान्य रखने के लिए आपका शरीर और अधिक पानी का उपयोग करता है और इस कारण आपको अधिक पानी की आवश्यकता होती है। +| content=इसमें आपको एसी की सुविधा मिलेगी। सड़क से थोड़ा नीचे जाने पर एक सस्ता आवास भी उपलब्ध है, जिसे कोलोम्ब 2 के नाम से जाना जाता है। दुश्मनी समाप्त होने के बाद 2013 के बसंत में इसे फिर चालू किया गया। + + +टूनीसिया अरबी: تونس‎) उत्तरी अफ्रीका का एक देश है। इसे आधिकारिक रूप से गणतांत्रिक टूनीसिया अरबी: الجمهورية التونسية‎ अल-जुम्हूरियाह अत-टूनीसिया कहा जाता है। यह उत्तरी अफ्रीका में क्षेत्र के अनुसार बहुत ही छोटा है। +| region1description=यह सभी उत्तर के तटीय इलाकों और पहाड़ों, कई सारे लोकप्रिय रिसोर्ट आदि का केंद्र है। +| region2description=यहाँ आपको दक्षिण में रिजोर्ट देखने को मिलेगा और साथ ही लीबिया में जाने के लिए बस सुविधा भी उपलब्ध है। +| region3description=सहारा का तटवर्ती इलाका है, जिसमें आपको चट्टानी मैदान, ढेले, रेगिस्तान और कई सारे प्रमुख पुरातात्विक स्थलों का ठिकाना मिलेगा। +इसका इतिहास बहुत समृद्ध था। +इसका उत्तरी भाग में तापमान बहुत सामान्य होता है। शीत ऋतु में यहाँ वर्षा होती है और ग्रीष्म ऋतु में मौसम बहुत सूखा और गरम होता है। इसके अलावा दक्षिण भ���ग में रेतीला स्थान है। +टूनीसायर यहाँ का राष्ट्रीय विमान है। इसका मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ट्यूनिस के पास स्थित है। आप हवाई अड्डे से टैक्सी के द्वारा ट्यूनिस के मध्य स्थान पर जा सकते हैं। आप इसके अलावा बस से भी जा सकते हो, जो हर आधे घंटे के बाद आते रहता है। इसमें वाई-फाई की सुविधा भी है, लेकिन उसके लिए पैसे देने पड़ते हैं। +यहाँ खाने के सामान, जैसे चाय इत्यादि बहुत महंगे दाम में मिलते हैं। आप केवल तीन मिनट की दूरी तय कर के अपने लिए सस्ता और अच्छा भोजन प्राप्त कर सकते हैं। +इसकी राष्ट्रीय मुद्रा टूनीसियाई दीनार है, जिसे دينار या DT से दिखाया जाता है। सामान्य नोटों में सबसे अधिक उपयोग 5 दीनार (हरा 10 दीनार (नीला या कत्था 20 दीनार (बैंगनी लाल 30 दीनार (नारंगी) और 50 दीनार (हरा और बैंगनी) का उपयोग किया जाता है। +टूनीसिया के व्यंजन मध्य पूर्वी व्यंजनों से काफी हद तक समान होते हैं। मुख्य रूप से उत्तरी अफ्रीकी मघरेब परंपरा के अनुसार बनाए जाते हैं। इसमें भोजन के रूप में सबसे अधिक रीढ़ की हड्डी के साथ बनाए जाते हैं। इसमें कई अलग अलग तरह की चीजें डाली जाती है जैसे मिर्च की चटनी और जैतून का तो देश में प्रचुर मात्रा में उपयोग किया जाता है। यहाँ एक पकवान का मोरोक्को के पकवान समान ही नाम है, लेकिन इसे मटन के साथ और कई अलग अलग सब्जियों के मिश्रण से बनाया जाता है। इसमें अंडे और पनीर का भी उपयोग किया जाता है। यहाँ मांस से बने व्यंजन और समुद्री भोजन बहुतायत से मिलता है। लेकिन बंद भोजन उतना अधिक नहीं मिलता है। इसके लिए आप मुख्य बाजार या भोजनालय में जा सकते हैं। +एक प्रगतिशील किन्तु मुस्लिम देश होने के कारण यहाँ शराब प्रतिबंधित है। परन्तु उतना भी नहीं की आप प्राप्त न कर सकें। यह लाइसेन्स के साथ कुछ बहुत महँगे भोजनालयों अथवा दुकानों (आपणों) से प्राप्त कर सकते हैं। कुछ बड़े बाज़ार भी शराब बेचते हैं। +टूनीसिया में बहुत सारे होटल हैं और बहुत से छोटे होटल प्रमुख शहरों में पाये जाते हैं। इसमें सबसे अधिक होटल सड़कों से जुड़े होते हैं। आप चाहें तो कोई कमरा या मकान किराये पर ले सकते हैं। यहाँ आप सुसज्जित मकान विशेष रूप से गर्मियों में ले सकते हैं। +यहाँ आने के लिए पहले ऑनलाइन या फोन के द्वारा पहले ही बताने की सलाह दी जाती है, जिससे व्यवस्था करने में आसानी हो। यदि आप बहुत पैसे वाले होटल मे��� रुक रहे हैं तो इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। वैसे कई होटल के वेबसाइट भी नहीं होते हैं। यदि आप फ्रांसीसी में बात करते हैं तो कार्य बहुत आसानी से हो सकता है। +कई बार किसी महिला यात्री द्वारा यात्रा करने के दौरान उसके साथ छेड़छाड़ कि घटनाएँ हुई हैं। यदि आप जोड़े में हैं तो जितना हो सके उतना एक साथ ही रहें। तंग करने में आम तौर पर विचित्र शब्दों का उपयोग होता है, और कभी कभी स्पर्श भी करते हैं। लेकिन लगातार ऐसा होना कष्टप्रद हो सकता है। +कई यात्रा करने वालों ने इस समस्या के बारे में बताया है कि कई बार लोग किसी चीज को बिना किसी कारण खरीदने के लिए बोलते हैं। कोई यदि ना भी बोले तो परिणाम में बहुत बुरी प्रतिक्रिया मिलती है। + + +यहाँ का मौसम अप्रैल से सितम्बर तक ग्रीष्म और वर्षा ऋतु के दौरान गर्म रहता है। इसके बाद अक्टूबर से मार्च के मध्य सूखा और ठंडा रहता है। ठंडे देशों के लोग यहाँ शरद ऋतु के दौरान आ सकते हैं, जब यहाँ का तापमान 20 डिग्री तक ठंडा होता है। अधिकतर वर्षा मई और अक्टूबर में होती है। यहाँ वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के साथ साथ यातायात और कारखानों का कचरा बहुत बड़ी समस्या है। +यहाँ की आधिकारिक और प्रचलित भाषा बांग्ला (बंगाली) है। बांग्ला का थोड़ा बहुत ज्ञान यहाँ घूमने में काफी सहायक सिद्ध होगा। हालाँकि, आपको यहाँ अंग्रेजी समझने वाले भी मिल जायेंगे और अंग्रेजी से काम चलाया जा सकता है। +ये बांग्लादेशी रेलवे का केन्द्र है, जिसमें लगभग सभी बड़े शहरों के लिए रोज की 2-3 सीधी सेवा है। यहाँ से आप दिन में या रात में भी सफर कर सकते हैं। दूसरे देशों से रेल के द्वारा आने की सुविधा मात्र भारत के कोलकाता शहर में ही है। इन दोनों देशों में मैत्री एक्सप्रेस नाम की एक रेल ही आना जाना करती है। ये रेल सप्ताह में तीन बार यात्रा करती है और बहुत सुबह ही निकल जाती है। बांग्लादेशी रेलवे सुविधा का उपयोग आप ई-टिकट के माध्यम से भी कर सकते हैं। लेकिन ये सुविधा केवल वहाँ के क्रेडिट कार्ड और फोन से ही आप उपयोग कर सकते हैं। यदि पर्यटक हैं और रेलवे सुविधा का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको रेलवे स्टेशन या यात्रा संचालन करने वाली एजेंसी से संपर्क करना होगा। ट्रेन का काफी अधिक उपयोग होता है, इस कारण आपको यात्रा करने से कई समय पूर्व ही टिकट ले लेना चाहिए। + + +थाईलैंड थाई: ประเทศ���ทย) को आधिकारिक रूप से थाई का साम्राज्य ราชอาณาจักรไทย) कहा जाता है। अच्छे भोजन, अच्छा मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यह दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थल है। इसे मुस्कान की भूमि भी कहा जाता है। +दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे अधिक पर्यटक यहीं आते हैं। यहाँ हरा भरा जंगल है, जो उतना ही हरा है, जितना होता है। साफ नीला पानी और भोजन, जिसे बिना खाये आप रह नहीं पाएंगे। +कई एशियाई और पश्चिमी देशों के लोगों के पास यदि पासपोर्ट हो और केवल घूमने के लिए थाईलैंड आयें हों, तो उन्हें वीजा की कोई जरूरत नहीं होती है। +यहाँ बैंकॉक और फुकेट में थाईलैंड के मुख्य हवाई अड्डे मौजूद हैं, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों तरह के उड़ान भरते हैं। लगभग सभी विमान जो एशिया में उतरते हैं, वे लोग बैंकॉक में भी आते ही हैं। इस कारण यहाँ की सेवा काफी अच्छी है और चुनौती मिलने के कारण इस मार्ग की सभी टिकटें सस्ती होती है। बैंकॉक में दो बड़े हवाई अड्डे हैं। इसमें सुवर्णभूमि हवाई अड्डा मुख्य हवाई अड्डा है, जो बड़े विमानों के लिए है। वहीं डॉन मुएंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा केवल छोटे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों के लिए है। + + +दक्षिण कोरिया एशिया महाद्वीप पूर्व की ओर स्थित एक देश है। यह उत्तर कोरिया से जुड़ा हुआ है। एक ओर इसके चीन है और दूसरे ओर जापान है। इसे शांत सुबह की भूमि भी कहते हैं। इसकी संस्कृति चीन और जापान से काफी पुराने समय से जुड़ी हुई है। यह चीन और जापान के मध्य सांस्कृतिक सेतु के रूप में भी कार्य करता है। यह विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्ति वाला देश है। इक्कीसवीं सदी के अंत के बाद यह पूर्व एशिया में काफी लोकप्रिय हो गया है और यह बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है। +इसे सुबह का स्थान भी कहा जाता है। इसकी संस्कृति काफी पुरानी है और अपने पड़ोसी देशों जैसे चीन और जापान से जुड़ी हुई है। इक्कीसवीं सदी के आस पास दक्षिण कोरिया की संस्कृति पूर्व एशिया में काफी लोकप्रिय हो गई, इसके कारण यह दूसरे देशों के लोगों के लिए घूमने का बहुत बड़ा स्थान बन गया। +बसंत ऋतु कोरिया में वर्ष का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस दौरान तापमान गर्म होता है, लेकिन उतना गर्म नहीं होता, जिससे गर्मी लगे और बारिश भी ज्यादा नहीं होती है। लेकिन बसंत ऋतु में चीन से होते हुए पीले धूल का तूफान भी आत��� है, जिसके कारण सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। +ग्रीष्म ऋतु में बहुत कम बारिश वाला ऋतु (장마철 जंगमा-चेयोल) भी जून में शुरू होता है। इसके बाद जुलाई और अगस्त के महीने में वर्षा के जल में भीगने से ऐसा लगता है मानों गर्म पानी से नहा रहे हों। इस दौरान नमी बहुत बढ़ जाती है और तापमान 35°C के पार चले जाता है। इस दौरान सूर्य के किरण से दोपहर के समय बचना चाहिए। +पतझड़ की शुरुआत सितम्बर माह से होती है। शायद इसे कोरिया में सबसे अच्छा समय माना जा सकता है। इस दौरान तापमान और आर्द्रता दोनों अधिक संतोषजनक हो जाते हैं। इस दौरान आसमान काफी साफ रहता है और कई बार रंगों से भरा भी हो जाता है। +शरद ऋतु का समय बसंत की आश करने का समय भी होता है। कोरियाई आविष्कार ओंडोल द्वारा बाहर के किसी जमीन से बर्फ को हटाया जा सकता है। लेकिन जनवरी और फरवरी में साइबेरियाई ठंडी हवाओं के कारण कड़कती ठंडी लगती है और हड्डियाँ भी ठिठुरने लगती है। +दक्षिण कोरिया में कोरियाई भाषा बोली जाती है। इसके कुछ शब्द जानना काफी उपयोगी रहेगा। इसका व्याकरण हिन्द-यूरोपीय भाषाओं के व्याकरण से काफी अलग है। इस कारण पश्चिमी देशों में रहने वाले लोग इसे आसानी से सीख नहीं पाते हैं। इसके अलावा आप देश के किस कोने में हो, यह भी देखना होता है। क्योंकि यहाँ कई अलग बोलियाँ भी है। मानक कोरियाई भाषा सियोल बोली पर आधारित है और लगभग सभी इसे समझ और बोल सकते हैं। +कोरियाई लेखन पद्धति काफी सरल है, लेकिन इसे पहली बार देखने से ऐसा लगता है कि यह भी चीनी और जापानी भाषाओं कि तरह मिला कर लिखी जाती है। लेकिन यह काफी सरल और अनन्य है, इस लेखन पद्धति को हंगुल (한글) कहा जाता है। +यदि आप जेजू नामक द्वीप नहीं जा रहे हैं तो आपको किसी विमान की कोई आवश्यकता नहीं है। दक्षिण कोरिया बहुत छोटा सा देश है और रेल सुविधा बहुत अच्छी व तेज है। +राष्ट्रीय रेल केन्द्र कोरैल दक्षिण कोरिया के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हाल के वर्षों में पैसे को ले जाने के लिए रेल सबसे अच्छा साधन बना हुआ है। यह बस और हवाई जहाज से सस्ता और तेज होता है और सुरक्षा का भी अच्छे से इंतजाम रहता है। +बस (버스 बेयोसेउ) अब तक पूरे राष्ट्रीय में यातायात करने का मुख्य तरीका है। यह सभी शहर और महानगरों को एक दूसरे से जोड़ता है। इसका काफी आना जाना रहता है और यह तेज भी है। कभी कभी यह खतरनाक भी होता है, इस का���ण आपको सीट के साथ बेल्ट भी देखने को मिल सकता है। +दक्षिण कोरिया की मुद्रा दक्षिण अफ्रीकी वोन (KRW, ₩) है। जिसे हंगुल भाषा में 원 लिखा जाता है। ₩1,000 लगभग ₹60 रुपये के बराबर है। यहाँ सभी नोट अलग अलग रंगों में आते हैं। ₩1,000 (नीला ₩5,000 (लाल ₩10,000 (हरा) और ₩ 50,000 (पीला) में अधिक रकम ले जाने के लिए ₩50,000 के नोट का ज़्यादातर उपयोग किया जाता है। लेकिन यदि आप ₩10,000 से कम का कोई सामान लेना चाहते हैं तो इस नोट का उपयोग करना काफी कठिन होगा। ₩50,000 के नोट प्राप्त करना भी काफी कठिन है। यह केवल कुछ एटीएम में ही मिलता है, वो भी जिस एटीएम के बाहर निशान लगा हो कि यहाँ पीले रंग का नोट मिलता है। +₩100,000 का चेक काफी अधिक उपयोग किया जाता है। कुछ चेक ₩10,000,000 तक के रकम वाले भी हो सकते हैं। इन चेकों को बैंक निजी रूप से जारी करता है। अधिक रकम देकर खरीदने के बजाय लोग चेक द्वारा पैसे देते हैं। इनमें होटल के कमरे आदि हैं, जिनमें इस तरह के चेक का उपयोग किया जाता है। +सिक्कों में ₩10, ₩50, ₩100 और ₩500 के सिक्के देखे जाते हैं। ₩1 और ₩5 के सिक्के भी मौजूद हैं, लेकिन बहुत ही कम देखे जाते हैं। ₩100 से कम मूल्य के वस्तु को खरीदना बहुत ही कम देखने को मिलता है। +कोरिया के लोग नूडल को बहुत पसंद करते हैं। इस कारण यह कुक्सु (국수) और म्योन (면) जैसे कई अन्य प्रकारों में भी उपलब्ध है। इसे दुकानों में ₩3000 रकम दे कर खरीदा जा सकता है। इस देश में नूडल बनाने हेतु प्राथमिक रूप से गेहूँ का उपयोग किया जाता है। +कोरिया एक प्रायद्वीप है, इस कारण आप हर प्रकार का समुद्री भोजन (해물 हैमूल) पका हुआ या कच्चा प्राप्त कर खा सकते हैं। आप भोजनालय में खुद अपनी मछली चयन कर सकते हैं या बाजार से लाने हेतु भी कह सकते हैं, बाजार से लाना भी लोकप्रिय है, लेकिन यह बहुत महँगा भी हो सकता है। यह इस पर निर्भर करता है कि आप क्या मांग रहे हैं। +''होए 회 जिसे आम तौर पे लोग हवेह बोलते हैं। यह एक कच्ची मछली है, जिसे कोरियाई शैली में मसालेदार चटनी चो-गोचूजंग मिर्ची के साथ तेल) के साथ दिया जाता है। चोबप 초밥) भी एक कच्ची मछली है, जिसे जापान के सुशी के जैसे ही तेल मिले चावल के साथ परोसा जाता है। यदि आप होए या चोबप मंगवाते हो तो आपको हड्डियों वाला भाग नहीं परोसा जाता है, पर स्वादिष्ट और मसालेदार झोल, जिसे मेयुन्तांग (매운탕) कहते हैं, भी परोसते हैं। +कुछ तट के किनारे के शहरों में किसी उत्सव के दौरान कुछ भोजनालयों में ह्वेल का मटन भी उपलब्ध रहता है। लेकिन इन्हें ढूंढना उतना आसान भी नहीं है। जापान में इसे संस्कृति का हिस्सा माना जाता है, लेकिन यहाँ नहीं माना जाता है। पोहंग नामक शहर का व्हेल के शिकार का इतिहास बहुत लंबा है और यहाँ समुद्री भोजन के बाजार में अब तक व्हेल मिलता है। दक्षिण कोरिया में व्हेल के शिकार पर रोक है, लेकिन गलती से मछली पकड़ने के दौरान व्हेल पकड़ में आ जाये तो छूट दी गई है। हाल ही में कुछ भोजनालयों में व्हेल का मटन बेचे जाने के बारे में पता चला है, जो गैर-कानूनी है। लेकिन इसे ज्यादातर नजरंदाज कर दिया जाता है। व्हेल मिलने वाले भोजनालयों को जानना बहुत आसान है। उन भोजनालयों के आगे व्हेल का चित्र लगे रहता है। यदि आप व्हेल खाना चाहते हैं तो उससे पहले यह जान लें कि यह प्रजाति विलुप्ति के कगार पर है और निर्णय आपका है। + + +दिल्ली भारत की राजधानी है। यह दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आती है। यहाँ मुख्य रूप से हिन्दी भाषा बोली जाती है, हालांकि उर्दू, पंजाबी और अंग्रेज़ी भी जगह-जगह लोग समझ लेते है। यहाँ कई प्राचीन इमारत, महल और कई घूमने के स्थान मौजूद है। +| region2description=इस जगह को पुरानी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें कई ऐतिहासिक स्थल मौजूद है, जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से आते हैं। इनमें लाल किला और जमा मस्जिद शामिल है। यहाँ दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन मौजूद है। लाल मेट्रो लाइन पूर्व से पश्चिम और पीली लाइन उत्तर से दक्षिण की ओर जाती हैं। +| region4description=यह आमतौर पर दक्षिण दिल्ली की तरह ही अधिक आमदनी वाला जिला है। इसके अलावा इस जिले की सीमा में कुछ महत्वपूर्ण जगहें भी शामिल है, जिसमें शहर के मध्य के करीब स्थिति हुमायूँ का मकबरा, पुराना क़िला और नई दिल्ली के शहर की योजना वाला दक्षिणपूर्व भाग भी शामिल है। +दिल्ली का मौसम अलग अलग 5 तरह का है। शरद ऋतु दिसम्बर के मध्य से जनवरी के अंत तक रहता है। इसमें रात को तापमान बहुत कम हो जाती है, और दिन में तापमान अधिक रहता है। इस दौरान अधिक धुंध होने के कारण कई उड़ाने रद्द होते रहती है। फरवरी से मार्च के मध्य यहाँ बहुत अच्छा मौसम होता है। अप्रैल से जून के मध्य यहाँ बहुत अधिक गर्मी रहती है। इसके बाद जुलाई से सितम्बर तक मानसून के कारण बरसात होता है। इसके बाद अक्टूबर में धीरे धीरे गर्म दिन और ठंडी रात शुरू ���ो जाती है। +| content=दिल्ली आने वाले ज़्यादातर यात्री इसी हवाई अड्डे से होते हुए दिल्ली आते हैं। यहाँ कई जगह आपको सुरक्षा के दृष्टि से जांच का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको दर्जनों बार अपना पासपोर्ट और बोर्डिंग पास दिखाना पड़ सकता है, जो काफी समय ले लेता है। +सर्दियों के दौरान, दिल्ली में अक्सर घने कोहरे छाए रहते हैं, इस कारण दृश्यता काफी कम हो जाती है और विमान उतारने या उसके उड़ान भरने में काफी समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस कारण इस दौरान कई बार विमान के उतरने और उड़ान भरने के समय में बदलाव होता रहता है और कई बार इन्हें रद्द भी करना पड़ जाता है। +नेपाल के काठमांडू और चितवन से 36 घंटे या उससे अधिक समय में बस आता है, जो भारत के लगभग हर शहर में जाता है। लेकिन यह रेल के जितना आरामदायक नहीं होता है। कुछ जगहों जैसे पर्वतों से आने के लिए केवल बस का ही विकल्प होता है। +दिल्ली में भारत के सभी जगहों से रेल मार्ग द्वारा आवागमन की सुविधा उपलब्ध है। बहुत दूर-दूर से यात्री रेल द्वारा सफ़र कर दिल्ली घूमने आते हैं। +दिल्ली का हर हिस्सा बस द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसकी टिकट सामान्य बसों में ₹5-15 तक होती है। जबकि वातानुकूलित बस में इसकी कीमत ₹25 से 50 तक होती है जो काफी सस्ती है। लेकिन ज्यादातर समय इसमें भीड़ अधिक होता है। लाल रंग के बस में आपको एसी की सुविधा मिलेगी, जबकि हरे रंग के बस में यह सुविधा नहीं है। बस अड्डों में बस के मार्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं दी होती है। यदि आपको मार्ग नहीं पता तो उसे ढूंढने में आपको परेशानी हो सकती है। आप बस अड्डे में बस की प्रतीक्षा कर रहे लोगों से इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ लगभग सभी मार्गों में बस हर 15 से 20 मिनट में आते जाते रहता है। दिल्ली में दो अलग अलग प्रकार के बस होते हैं। +* सरकारी बस सरकारी बस में आपको लाल और हरे रंग का बस देखने को मिलेगा, जिसमें बड़ी खिड़की दी होती है। +* निजी बस निजी बस का रंग नारंगी होता है। +यह इसके नाम की तरह पूरे बाजार के ऊपर छत्ते की तरह फैला रहता है। इसी कारण इसे छत्ता चौक नाम से पुकारा जाता है। +इसके नीचे का हिस्सा पूरी तरह से मार्बल का बना हुआ है। +यह पूरी तरह से मार्बल का बना हुआ है। यहाँ पर बादशाह केवल कुछ खास लोगों से ही मिलते थे। +यहाँ सुल्तान की पत्नी रहती थी। +इसमें मुख्य रूप से राजकुमा��� रहते थे। लेकिन अंग्रेजों ने इसमें कब्जा करने के बाद इसे खाने पीने का स्थान बना दिया था। +यह छत्ता चौक के बाएँ ओर है। इसमें भारत के आजादी से जुड़े वस्तुओं को रखा गया है। +महरौली में स्थित यह स्मारक कुतुबुद्दीन एबक द्वारा बनवाया गया था। +दक्षिण दिल्ली में स्थित इस मन्दिर को बहाई मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। +दिल्ली में रहने वाले लगभग सभी चीजों के बारे में शिकायत करते रहते हैं, लेकिन यहाँ का भोजन उनकी मांगों को संतुष्ट कर देता है। यहाँ आप केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलने वाले सभी अच्छे भोजन चख सकते हैं। इतना ही नहीं, यहाँ धीरे धीरे कई अंतर्राष्ट्रीय भोजनालय खुलने लगे हैं, जिससे आप दुनिया के कई प्रकार के भोजन भी खा सकते हैं। जब आप कोई खाना लाने को बोल रहे हों, तो इस बात का ख्याल रखें कि दिल्ली निकटतम समुद्र से लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस कारण सब्जी, चिकन और मटन के भोजन को लाना बस है। +आप यहाँ चाँदनी चौक के पराठे वाली गली में जा सकते हैं। इस गली में आपको कई दुकान मिलेंगे जो अलग से पराठा बना कर बेचते हैं। इसमें आपको सौ से भी ज्यादा अलग अलग प्रकार के किस्में मिल जाएंगी, जिसमें करेला से लेकर आइसक्रीम तक शामिल है। वैसे दिल्ली में भी खुले में मिलने वाले बहुत लजीज खाना उपलब्ध है, लेकिन बाहर का खुले में बिकने वाला कुछ भी खाना आपके सेहत के लिए अच्छा नहीं होगा। इनमें कुछ भोजनालय भी हैं, जो बाहर में मिलने वाले भोजन भेचते हैं, जो बाहर मिलने वाले भोजन से भी अधिक गंदगी वाले माहोल में बनाए गए हो सकते हैं। +आप की पसंद चाय की दुकान 15 नेताजी सुभाष मार्ग, दरयागंज, डाक घर के सामने स्थित है। आप आसानी से लाल किले से चलते हुए यहाँ आ सकते हैं। भारतीय चाय पीने का यह बहुत अच्छा स्थान है। +दिल्ली के होटलों में धूम्रपान की अनुमति नहीं है। यदि आप सस्ते होटल में रहना चाहते हैं तो ऐसे होटल आपको शहर के बीचों बीच और नई दिल्ली में मिलेंगे। कुछ और होटल भी हैं, जो थोड़े दक्षिण की ओर हैं। यह दक्षिण से लेकर हवाई अड्डे तक फैले हुए हैं। तो आपको इस रास्ते में कहीं भी आसानी से सस्ते होटल मिल सकते हैं। सस्ते होटलों में ₹400-2,500 तक पैसा लगता है। +सस्ते होटलों में अच्छी सुविधाओं की कमी होती है। यदि आपको थोड़ी अच्छी सुविधा चाहिए तो आप थोड़े महंगे होटल में रह सकते हैं। जिसमें खटिया और भोजन आदि की अ��्छी सुविधा होती है। दिल्ली में बहुत महंगे होटल भी मौजूद है, जो नई दिल्ली में मिलेंगे। कुछ होटल दक्षिण की ओर भी हैं। इन होटलों का खर्चा सामान्यतः ₹8000 से अधिक ही होता है। +मोबाइल फोन का नेटवर्क इस शहर में काफी अच्छा है। यहाँ यह सेवा देने हेतु कई नेटवर्क प्रदाता हैं। प्रीपैड के साथ मोबाइल लेना आपके लिए अच्छा रहेगा, जिससे आप पूरे शहर से जुड़े रह सकते हैं। दिल्ली में फोन नंबर 011 से शुरू होता है और उसके बाद 8 अंकों का उपयोग होता है। यदि आपको भारत के बाहर किसी से बात करना है तो आपको अंतर्राष्ट्रीय कोड के बाद देश का कोड लगा कर बात करना होगा। यदि आप किसी फोन पर कॉल करना चाहते हैं तो आपको उसके फोन नंबर के आगे 011 लगाना होगा। + + +दुबई विश्व के सबसे अधिक प्रचलित 10 स्थानों में से एक है। यह संयुक्त अरब अमीरात का भाग है, लेकिन कई बार इसे एक देश के रूप में समझ लिया जाता है। यह व्यापार का केन्द्र है। यह एक व्यस्त यातायात वाला शहर है। यह मध्य पूर्व का एक व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र है और वैश्विक यातायात का केंद्र भी है, जो इसके कई अच्छे नायाब तरीके से परियोजना पूर्ण करना और खेल का आयोजन करना आदि से पूरी दुनिया के आकर्षण का केंद्र भी बना है। यहाँ दुनिया की सबसे ऊंची इमारत भी है और मानव द्वारा निर्मित द्वीप भी बनाया गया है। +| region2description=दुबई क्रीक के दक्षिण की ओर स्थित एक ऐतिहासिक संभाग जो इसके बाज़ारों और तैरते हुए भोजनालयों आदि के लिए जाना जाता है। +| region3description= यूरोप से आने वाले लोगों को यह जगह काफी पसंद है, क्योंकि आप यहाँ से आसानी से समुद्री तट तक आजा सकते हैं। +| region4description=यह मानव निर्मित एक बहुत बड़ा बन्दरगाह है, जिसमें नया हवाई अड्डा भी मौजूद है। +दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यह दुबई का मुख्य हवाई अड्डा है। इसके अलावा दुबई वर्ल्ड सेंट्रल नाम के हवाई अड्डे को भी खोला गया है, लेकिन वो अभी मात्र कुछ ही उड़ानों के लिए खुला है। आप यहाँ शरजाह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी आ सकते हैं। +दुबई वर्ल्ड सेंट्रल अल मक्तौम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यह लोगों के लिए अक्टूबर 2013 से खुला है। इसकी तमन्ना है कि यह दुनिया के बड़े हवाई अड्डों में से एक बने, यह 16 करोड़ लोगों को एक वर्ष में लाने ले जाने में सक्षम है। अभी यह कम दाम वाले उड़ानों के लिए ही खुला है और अमीरात इसे 2025 तक किसी अन्य जगह नहीं ले ���ाएगा। +दुबई में सख्ती से इस्लामी कानून चलता है जिसका सम्मान किया जाना चाहिये। इस्लाम अधिकारिक धर्म है जिसकी आलोचना नहीं की जा सकती। रमजान के वक्त सार्वजनिक जगह में सुबह से लेकर शाम तक कुछ नहीं खाया जाना चाहिये। + + +निगेर सेहर का एक स्थान है जो पूरी तरह से स्थल से घिरा हुआ है। इसकी जनसंख्या एक करोड़ बीस लाख है। पहले यह फ्रांसीसियों का उपनिवेश था जिसे वर्ष 1960 में आजादी मिली। यहाँ ज्यादातर पहाड़ी मैदान हैं, इसके अलावा यहाँ देखने के लिए कुछ भी नहीं है। +फ्रांस से आजादी मिले 35 वर्ष बाद भी 1993 तक यहाँ किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं हुआ था। वर्ष 1995 में उत्तर में चले आ रहे तुयरेग विद्रोह पाँच वर्षों के बाद समाप्त हो गया। 1996 से 1999 में राष्ट्रीय पुनर्निर्माण परिषद की स्थापना हुई और उसने नागरिकों के नियमों का निर्माण किया, जो दिसम्बर 1999 से प्रभावी हुआ। 2009 में तख्तापलट के बाद निगेर फिर से लोकतन्त्र वाला देश बन गया। +निगेर की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है, लेकिन नियामे के बाहर सिर्फ कुछ ही लोग इसे बोल पाते हैं और बाजारों में भी कोई अच्छी तरह इस भाषा में बात नहीं कर सकता है। स्थानीय भाषाओं में द्जेरमा, हौसा, फुल्फ़ुल्दे, तमाशेक और कानुरी है। अंग्रेजी का उपयोग भी केवल नियामे के कुछ बड़े होटलों में ही किया जाता है। +देर रात निजी गाड़ियों से यात्रा करने से बचें, क्योंकि यहाँ बीच बीच में हथियारों के साथ आकर लुटपाट मचाते हैं। यह आम तौर पर शहर में लूट करते हैं, लेकिन इसी के साथ साथ यह सड़कों में भी लूटपाट मचाते हैं। सामान्यतः दिन में मुख्य राजमार्ग में पुलिस चौकी होती है, जिससे इस तरह की गतिविधि दिन में कम होती है। +नियामे में सुरक्षा थोड़ी अच्छी है। यदि आप बाजार से दूर हैं तो आप टैक्सी ले सकते हैं, और आपको गलियों के गुजरने के दौरान अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, जिससे आप किसी परेशानी में न पड़ सकें। यहाँ बाजारों में जेबकतरों और बैग चुरा कर भागने वालों से ख़तरा रहता है। +निगेर में अतिथियों का राजाओं जैसा स्वागत किया जाता है। हमेशा प्रयास करें कि उनके द्वारा दिया हर उपहार स्वीकार कर लें, जैसे चाय से लेकर कोई छोटा सा उपहार आदि, जो आपको निगेर में समय बिताते समय वे लोग देंगे। यह अच्छा नहीं होगा कि आप उनके दिये हर उपहार को अस्वीकार करते जायें। +कई निगेर वासियों को आपके द्वारा उनकी तस्वीरें लेना ठीक नहीं लगेगा, अतः ऊँट की सवारी करवाने वाले, दुकानदार या किसी बड़े की तस्वीरें लेने से पूर्व उससे मर्जी जान लेना चाहिए। + + +प्रशासन के लिए नेपाल को १४ भागों में बाँटा गया है। हालाँकि, यात्रा करने वालों की सुविधा के लिए ऊँचाई अनुसार और उत्तर से दक्षिण की ओर अलग-अलग इलाकों में एक आसान वर्गीकरण नीचे दिया जा रहा है: +| region1description=संसार का सबसे ऊँचा पर्वतीय क्षेत्र जहाँ सबसे ऊँचा पहाड़ माउंट एवरेस्ट मौजूद है। अन्य पहाड़ों में अन्नपूर्णा, मकालू और कंचनजंघा देखने लायक हैं। लांगतांग नेशनल पार्क और ग्रेट हिमालयी ट्रेल कुछ बहुत सुंदर प्राकृतिक देखने लायक जगहें के साथ और भी कई तरह के मनोरंजन और पर्यटन संबंधी अवसर उपलब्ध कराते हैं। +| region2description=काठमांडो बौद्धनाथ पाटन और भक्तपुर जैसी बस्तियों और सुंदर उपत्यकाओं से सजी यह पहाड़ी घाटी कई पवित्र मंदिरों, दर्शनीय स्थलों और मनोरम दृश्यों को देखने का मौका उपलब्ध कराती है। +| region3description= 700 से 4,000 मीटर की ऊँचाई का यह "पहाड़" क्षेत्र तराई और हिमालय के बीच मौजूद है। पोखरा घाटी यहाँ का प्रमुख देखने लायक स्थान है जहाँ कई तरह के पर्यटन अवसर मौजूद हैं। +| region4description=सुन्दर पहाड़ी श्रेणियों के बीच स्थित चितवन राष्ट्रीय पार्क और बारीदा राष्ट्रीय पार्क यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं। +| region5description=मनोरम दृश्यों और पर्याप्त आबादीयुक्त यह इलाका बिराटनगर जैसे शहर और अन्य कई दर्शनीय जगहों के कारण घूमने लायक है। +यहाँ अक्टूबर से दिसम्बर तक साफ और ठंडा मौसम होता है। मानसून के जाने के बाद यहाँ थोड़ी धूल बढ़ती है लेकिन यह पहाड़ी इलाके में जाने के लिए बहुत अच्छा मौसम होता है। जनवरी से मार्च तक यहाँ का तापमान बहुत कम रहता है और शीत का मौसम रहता है। काठमांडू में रात में तापमान 0°से॰ तक गिर जाता है। ऊपरी इलाके में ठंड बहुत अधिक हो जाती है। एवरेस्ट और कुछ पहाड़ी इलाके में शीत ऋतु में बहुत ठंड होती है और बर्फ भी गिरती है। इसके कारण समुद्र तल से चार से पाँच हजार मीटर तक की ऊंचाई से ऊपर के ईलाकों में बर्फ जम जाती है। यहाँ कुछ इलाकों में बर्फ तीन हजार मीटर से ही शुरू हो जाती है और तापमान -10°से॰ तक नीचे गिर जाता है। +अप्रैल से जून तक सूखा और गर्म मौसम रहता है। इस दौरान तापमान 40°से॰ को भी पार कर लेता है। कुछ जगहों जैसे काठमांडू आदि का तापमान 30°से॰ के आसपास रहता है। +नेपाल की आधिकारिक भाषा नेपाली है, जो हिन्दी, पंजाबी और अन्य हिन्द-आर्य भाषाओं से मिलती जुलती है। इस भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। यहाँ बहुत से नेपाली लोग थोड़ा न थोड़ा नेपाली जानते ही हैं। यहाँ अधिक जनसंख्या की कोई और मातृ भाषा है। जैसे थारु, नेवारी, शेर्पा आदि। +यहाँ जंगल में चितवन राष्ट्रीय उद्यान में आपको हाथी की सवारी करने का और जंगल की सैर करने का मौका मिल सकता है। जिससे आप आसानी से प्रकृति के सौंदर्य को देख सकते हो और कई तरह के पक्षियों को भी देख सकते हैं। यहाँ इसके साथ बाघ आदि भी देखने को मिलते हैं। जंगल में कई सारे सुन्दर सरोवर भी हैं जिन्हें काफी लोग देखने आते हैं। +रक्सी एक प्रकार की बेरंग मदिरा है, अल्कोहल की मात्रा और तेजी के मामले में यह टकीला की समकक्ष है। आमतौर पर यह घरों में ही बनती है और इसी लिए इसके स्वाद और तेजी में विविधता भी पायी जाती है। कुछ विशेष अवसरों पर इसे चीनी मिट्टी के प्यालों में सर्व किया जाता है जिसमे एक घूँट से भी कम मात्रा होती है। यह फलों के जूस के साथ भी ली जा सकती है। बार में यह "नेपाली शराब" के नाम से मेनू में दर्ज होती है। +जाँड नेपाली) अथवा चयांग तिब्बती) धुँधले रंग की कम अल्कोहल वाली मदिरा है जिसे "नेपाली बियर" भी कहा जाता है। ज्यादातर चावल से बनाई जाती है, विशेष रूप से नेवारी संस्कृति में। रक्सी की तुलना में यह हलकी होती है पर नशा जरूर करती है। नेपाली लोग इसे अपने मेहमानों को प्रस्तुत करते हैं। पीने के लिए इसे पानी मिला कर हल्का किया जाता है। +बियर यहाँ तेजी से प्रचलित हुई है और यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहाँ लगभग सभी अन्तर्राष्ट्रीय ब्रांड की बियर मिल जायेंगी और साथ ही कुछ स्थानीय ब्रांड भी। एवरेस्ट और गोरखा यहाँ की स्थानीय बियर हैं जो काफी प्रचलित हैं। +काकटेल आपको काठमांडो और पोखरा जैसे शहरों में आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। + + +पूर्वी भारत का एक प्रमुख शहर होने के साथ ही पटना का ऐतिहासिक महत्त्व भी है। यह पहले पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। लगभग 500 ईसा पूर्व से 400 ईसवी के मध्य के दौर में यह भारतीय उपमहाद्वीप पर विस्तृत कुछ सबसे पहले भारतीय साम्राज्यों की राजधानी रहा है। अजातशत्रु ने गंगा के किनारे स्थित एक छोटे, किन्तु सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ग्राम, पाटलिग्राम में एक किला निर्मित करवा कर इसकी नींव रखी और बाद में यह विशाल मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य की राजधानी रहा। कहते हैं, जब गौतम बुद्ध यहाँ पहली बार आये तो उस समय यहाँ लकड़ी का किला और महल अभी निर्माणाधीन अवस्था में ही था और बुद्ध ने इसके भावी स्वर्णिम इतिहास की उसी समय भविष्यवाणी कर दी थी। +गंगा, सोन और पुनपुन नदियों के संगम पर बसा यह शहर व्यापार और सामरिक दृष्टि से इसलिए महत्वपूर्ण था कि गंगा द्वारा उत्तरी मध्य भारत (मध्यदेश) से बंगाल की खाड़ी तक नावों द्वारा बड़ी मात्रा में व्यापार होता था। कुछ ही पश्चिम में गंडक नदी भी उत्तर से आकर गंगा में मिलती है। +मौर्यों और गुप्तों के अतिरिक्त यहाँ से पाल राजाओं ने भी शासन किया और शेर शाह सूरी ने भी। औरंगजेब के पौत्र, अजीमुश्शान ने अठारहवीं सदी में इसका नाम अजीमाबाद रखा। सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्म भी यहीं हुआ था। +पटना में पटना हवाई अड्डा है जिसे लोकनायक जयप्रकाश हवाई अड्डा के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ के लिए दिल्ली कोलकाता लखनऊ मुंबई हैदराबाद, चेन्नई, बंगलोर अहमदाबाद इंदौर और राँची से विमान उपलब्ध होते हैं। एयर इण्डिया, जेट एयरवेज, जेट लाईट और इंडीगो तथा गो एयर जैसी विमानन कंपनियाँ यहाँ के लिए, और यहाँ से, सेवायें संचालित करती हैं। +पटना भारत के विभिन्न नगरों और महानगरों से रेल-मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। यह दिल्ली-हावड़ा जैसे प्रमुख और अत्यंत व्यस्त रेल-मार्ग पर स्थित है। गोरखपुर और वाराणसी मुगलसराय) से भी भली-भांति जुड़ा है। लंबी दूरी की ट्रेन सेवायें मुंबई पुणे हैदराबाद इत्यादि शहरों तक जाती हैं। +उत्तर की तरफ़ चलने वाली रेलगाड़ियाँ हाजीपुर जंक्शन पर रुकती हैं जो पटना शहर के विपरीत किनारे पर गंगा के उत्तर में स्थित है। हाजीपुर और पटना के बीच प्रसिद्ध महात्मा गाँधी सेतु है जो असम के ढोला-सदिया पुल के निर्माण से पहले नदी के ऊपर बना भारत का सबसे लंबा पुल था, और अब अब दूसरा सबसे बड़ा पुल है। हालाँकि, हाजीपुर और पटना के बीच, इस पुल से होकर, दूरी मात्र 11 किलोमीटर ही है, ट्रैफिक बहुत होता है और अगर कहीं लंबा जाम लग गया तो आपको 40 मिनट से लेकर 2 घंटे तक का समय भी इस छोटी सी यात्रा में लग सकता है। +* पटना राजधानी एक्सप्रेस (12309/12310) वाया कानपुर इलाहाबाद]] +* संपूर्ण क्रांति ऍक्स 12393/12394) वाया कानपुर, इ���ाहाबाद +* श्रमजीवी ऍक्स 12391/12392) वाया लखनऊ वाराणसी]] +* मगध ऍक्स. वाया कानपुर, इलाहाबाद +* विक्रमशिला ऍक्स 12367/12368) वाया कानपुर, इलाहाबाद +* लाल किला ऍक्स 13111/13112) वाया कानपुर, इलाहाबाद; कलकत्ता तक। +* पटना हटिया ऍक्स 8623/8624) वाया गया बोकारो स्टील सिटी। +* पटना राँची जनशताब्दी ऍक्स 2365/2366) वाया गया, बोकारो +पटना शहर में आवागामन के निम्लिखित तरीके हैं। +पटना में कुछ कार किराए पर देने वाली सुविधायें उपलब्ध हैं। कुछ अतिरिक्त खर्च करके आपको ड्राइवर की सुविधा भी मिल सकती है। हालाँकि, विदेशी पर्यटकों और उत्तर भारत से बाहर के लोगों के सलाह यही दी जाती है कि आप खुद ड्राइव न करें क्योंकि बिहार और पटना में ख़राब सड़कों, भारी ट्रैफिक और लोगों द्वारा ट्रैफिक नियमों का बहुत कड़ाई से पालन न करने के कारण यह काफी सरखपाऊ काम हो सकता है। +ऑटो रिक्शा को यहाँ "टेम्पो" कहा जाता है। शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प साबित होता है। आप अकेले अथवा साझा तरीके से इन्हें रिजर्व भी कर सकते हैं और अलग-अलग रूटों पर चलने वाले टेम्पो में बैठ के भी आवागमन कर सकते हैं अगर आपको भलीभांति पता हो कि आपका गंतव्य किस रूट पर है। +केवल कुछ मुख्य रूट पर ही चलती हैं। टेम्पो से सस्ती पर कम आरामदायक हैं और इनकी संख्या कम होने के कारण आपको प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। +छोटी दूरियों के लिए यह विकल्प भी बुरा नहीं है। मुख्य रूट के अतिरिक्त अगर आपको कहीं पहुँचना हो तो यह बाकियों से अच्छा विकल्प भी साबित हो सकता है जो आपको अपने गंतव्य तक पहुँचायेग़ा। +| content=उद्यान पटना जंक्शन के समीप, स्टेशन से बाहर निकल कर सीधे जाने पर कुछ दूरी के बाद बायीं ओर स्थित है। पुराने समय में यहाँ जेल हुआ करती थी। जेल के विस्तृत इलाके को अब पार्क में बदल दिया गया है। शहर कि भीड़ और शोरोगुल से निजात पाने के लिए यहाँ आना एक अच्छा विकल्प है। यहाँ एक समृद्ध और सुव्यवस्थित पुस्तकालय भी है। पार्क में बने स्तूप में वैशाली से लायी गयी बुद्ध स्मृतियाँ (बुद्ध के अवशेष) स्थापित हैं। यह पार्क सोमवार को बंद रहता है। पार्क में प्रवेश का शुल्क ₹10 है और स्तूप तक जाने के लिए आपको ₹50 का टिकट लेना होता है। +| content=शहर के बीचोबीच एक बृहदाकार खाली मैदान है। इसका उपयोग राजनीतिक रैलियों और भाषण के लिए होता है। कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम इत्यादि भी य��ाँ समय-समय पर आयोजित होते हैं। साल में एक बार यहाँ विशाल पुस्तक मेले का आयोजन भी होता है। अन्य समय में यह मैदान खाली ही रहता है। आप यहाँ सुबह टहलने जा सकते हैं। +| content=गांधी मैदान के समीप ही यह संग्रहालय स्थित है। यहाँ भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन से सम्बंधित काफी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। +| content=भारत के अन्य कई शहरों की तरह यहाँ भी अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया गोलघर मौजूद है। शहर के मध्यवर्ती इलाके में यह भवन अंग्रेज कप्तान जॉन ग्रास्टिन द्वारा सेना के लिए रसद सामग्री एकत्रित रखने और शस्त्रागार के लिए बनवाया गया था। +| content=यह एक गुरुद्वारा है। सिख धर्म के लोगों के लिए इसका बहुत ही महत्व है क्योंकि इसी जगह पर दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था। सिखों के लिए यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है। यह सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए खुला रहता है। +| content=पाटलिपुत्र के भग्नावशेष। नगर के 80 स्तंभों (जिन्हें फाह्यान ने 5वीं सदी में शीशे की तरह चमकते हुए होने का विवरण दिया है) वर्तमान में केवल एक बचा है। +| content=गंगा नदी पर बना प्रमुख पुल जो पटना को हाजीपुर से जोड़ता है। +| content=एशिया के सभसे बेहतरीन और बड़े तारामंडलों में से एक। यहाँ काफ़ी संख्या में देशी एवं विदेशी सैलानी आते हैं। यहाँ खगोलिकी से जुड़ी फ़िल्में भी दिखाई जाती हैं और अन्य प्रदर्शनियाँ भी आयोजित की जाती है। +| hours price=विदेशी सैलानियों के लिए ₹250 भारतीय लोगों के लिए ₹10 अतिरिक्त ₹250 यदि आप पवित्र पेटिका देखना चाहें। +| content=यहाँ पर लगभग 50,000 दुर्लभ कलाकृतियाँ रखी हैं, इनमें से बहुत सारी भारत के प्राचीन एवं मध्य युग की हैं जबकि ब्रिटिश काल की कलाकृतियाँ भी इनमे शामिल हैं। गौतम बुद्ध के अंतिम अवशेष एक पवित्र पेटिका में रखे हैं जिन्हें अवश्य देखें। इसके अतिरिक्त यक्षिणी की सुंदर मूर्ति अवश्य देखने योग्य है। +| content= शहर में काली देवी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक +| content=बिहार के सबसे पुराने चर्च में से एक। जब रोमन कैथोलिक लोग यहाँ आये 1713 में उन्होंने एक छोटा चर्च स्थापित किया। +| content= बौद्ध धार्मिक स्थल। सबसे पुराने स्तूपों में से एक। मुख्य शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। +बड़ी पाटनदेवी मंदिर शहर में मुख्य भाग में मौजूद हिंदू मंदिर है। यह और छोटी पाटन देवी मंदिर इस शहर का नाम पटना रखे जाने का कारण बताये जाते हैं। +उत्तर भारतीय खाना सबसे प्रचलित भोजन है जिसमें चावल, दाल और सब्जियाँ प्रमुख होती हैं। चावल प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहाँ रोटी का प्रचलन चावल की तुलना में कम अवश्य है परन्तु यह सभी जगह उपलब्ध होती है। लगभग हर शहर-कसबे में आपको "थाली" के रूप में एक पूरा भोजन उपलब्ध होता है। थाली के अलावा, पनीर के विविध व्यंजन उपलब्ध होते हैं। आप अपनी पसंद कि पनीर की सब्जी, रोटी नान इत्यादि चुनकर अपना कोम्बो बना सकते हैं। +अन्य प्रमुख खाने निम्नलिखित हैं: +लिट्टी-चोखा आटे की गोल लोइयों में भुने चने का पिसा हुआ सत्तू मसालों के साथ मिला कर भरा जाता है और इसे उपले की आग पर सेंका जाता है, इसे लिट्टी, भउरी अथवा छोटे आकर की होने पर फुटेहरी कहते हैं। आलू और बैंगन को भूनकर मसालों के साथ उसका चोखा बनाया जाता है। यह यहाँ का आम प्रचलित खाना है सड़कों के किनारे ठेले पर मिल सकता है। +सत्तू मुख्यतः जौ और चने को भूनकर पीसा हुआ आटा होता है। इसे सीधे पानी में सान कर भी खाया जाता है या घोल कर पेय के रूप में भी पीते हैं। +चिउड़ा-दही या दही-चूड़ा धान के चिवड़े (पोहे) को ताजी दही के साथ खाया जाता है। मिथिला और भोजपुरी क्षेत्र में काफी प्रचलित है। +पूरी-सब्जी सुबह के नाश्ते में काफी लोकप्रिय है। +स्थानीय पेय में सत्तू-पानी काफी प्रचलित है जो भुने चने और भुने अनाजों को पीस कर बनाए गए सत्तू को पानी में घोल कर बनाया जाता है। यह नमकीन पेय है और गर्मियों में काफी प्रचलित है। इसके अलावा दही को फेंट कर मेवों के साथ बनाई गई लस्सी भी काफी प्रचलित पेय है। +ममता रेजीडेंसी डाकबंगला चौराहा के पास +दि पर्पल लाउंज एस पी वर्मा रोड +दि वेलासिटी डाकबंगला चौराहा के पास +पटना एक तेजी से विकसित होता शहर है और यहाँ रात्रि विश्राम के लिए मिलने वाले होटल प्राप्त सुविधाओं के हिसाब से महँगे हैं। तात्पर्य यह कि ज्यादातर होटल यात्रियों से भरे रहते हैं और इसीलिए सुविधाओं पर कम ध्यान देते हैं क्योंकि माँग अधिक है। +होटल आदर्श पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास +होटल आनंद रीजेंसी पटना जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास +होटल नंद भट्टाचार्य रोड, नया टोला चौराहा +| address=नंदिनी अपार्टमेन्ट, 28-किदवईपुरी, पटना lat long directions= इनकम-टैक्स गोलचक्कर के पास + + +पश्चिमी सहारा अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी भाग में अटलांटिक महासागर के तट पर स्थित क्षेत्र है। यह ज���ह मॉरिटानिया और मोरक्को के बीच है। इस जगह की सरकार का मोरक्को और सहरावी अरब के मध्य विवाद का विषय है। लेकिन बहुत लोग मोरक्को के साथ रहते हैं। इस सामग्री में कुछ भी ऐसा नहीं है, जो इसके राजनीतिक या अन्य तरह से इसके बारे में बता सके। +यहाँ बहुत सारे पहाड़ हैं और कोई भी जगह किनारे रहने या यात्रा करने के लायक नहीं है। इसमें बहुत बड़ा भाग रेतीला है। इसमें पश्चिम का भाग रेत के दीवार के नाम से भी जाना जाता है, जिसे मोरक्को सेना ने बनाया है। इसमें इस सेना द्वारा कई जमीनी बम लगाये गए हैं। यहाँ राजनीतिक के साथ साथ स्वास्थ्य के दृष्टि से जाने को मना करना चाहिए। क्योंकि यहाँ आस पास कोई नहीं रहता है। +मोरक्को ने 1976 में इसके दो तिहाई हिस्से को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके दक्षिणी हिस्से का बहुत सारा भाग को 1979 में ले लिया। जिसमें मॉरिटानिया ने हार मान लिया था। इसके बाद 1991 में गुरिल्ला युद्ध भी समाप्त हुआ था। इस देश में केवल 28 राज्य ही है, जिसका पूरा नियंत्रण इसके पास है। +पश्चिमी सहारा बहुत ही गरम जगह है और सूखा स्थान है। यहाँ बारिश होना बहुत कम देखा जाता है। लेकिन कई बार अचानक बाढ़ भी आ जाती है। इसके वायु इसमें कोहरे का निर्माण करते हैं। यहाँ जमीन में बहुत ही कम पानी रहता है। यहाँ बहुत सारा पानी वायु में वाष्प बन कर उड़ जाता है। दिन के समय यहाँ बहुत गर्मी होती है। जिसके कारण यहाँ का पानी बहुत जल्दी ही आसमान में चले जाता है। लेकिन रात में यहाँ ठण्ड पड़ती है। +यह पर्यटन हेतु सही जगह नहीं है, फिर भी आप यहाँ घूमने जाते हैं तो आपको कम से कम चौबीस घंटों के लिए पानी अपने साथ रखना चाहिए। चाहे आप अपने गाड़ी से जा रहे हो या बस से, कई बार गाड़ी खराब होने से यहाँ पानी की पहले ही कमी होती है। इसके अलावा यहाँ किसी भी फल और सब्जियों को न छूएँ। यहाँ कई अच्छे दिखने वाले फलों के रूप में विषैला फल भी होता है। पहाड़ चढ़ते समय इस बिच्छू से बच कर रहें। यहाँ कोबरा बहुत कम पाया जाता है, फिर भी कई बार सामने आता रहता है। +इसका सबसे बड़ा जगह मोरक्को द्वारा नियंत्रित होता है। अतः मोरक्को के ही समान यहाँ भी आने के लिए वैसे ही करना होगा जैसा आप मोरक्को जाने के लिए करते हैं। लेकिन यहाँ बाहरी यात्रा करने वाले नहीं आ सकते हैं। वहीं मोरक्को और मॉरिटानिया के मध्य यात्रा करते समय ठीक रहता है। कुछ यात्रा करने ���ाले राजनीतिक कारण होने से वापस भी हो जाते हैं। +आधिकारिक रूप से प्रवेश का कोई साफ अनिवार्यता नहीं है। वैसे ये पूरा जगह लोगों के आने जाने के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि कोई भी कानूनी तौर पर भी भारी सेना बल और अज्ञात छुपे हुए बम के बीच से नहीं जा सकता है। इसके अलावा अलजेरिया के तरह से सीमा बंद है और मौरितना में कोई कानूनी तरीका नहीं है। + + +| region1description=यह क्षेत्र दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ों में से कुछ का घर है। +| region3description=विवादित कश्मीर क्षेत्र का पाकिस्तान-प्रशासित भाग। इसकी प्राकृतिक सुंदरता के कारण कभी-कभी इसे "पृथ्वी पर स्वर्ग" के रूप में संदर्भित किया जाता है। +| region4description=देश में सबसे ज्यादा आबादी वाला और कृषि उपजाऊ क्षेत्र है। कई ऐतिहासिक तीर्थस्थानों और मस्जिदों का घर है। +| region6description=सबसे बड़ा और सबसे दूरस्थ प्रांत, इसकी बुनियादी ढांचे की कमी के कारण यात्रा करने में काफ़ी परेशानी हो सकती है। +इस देश का इतिहास ब्रिटिश राज से शुरू हुआ। पाकिस्तान का इतिहास 1947 से शुरू होता है, जब यह भारत से अलग हुआ था। आजादी के बाद सभी लोग खुश थे। इसके बाद अंग्रेजों ने इसके बारे में घोषणा किया था। इसके बाद सभी लोग अलग अलग स्थान (पाकिस्तान और भारत) में जाने लगे थे। क्योंकि कई लोग इस बारे में नहीं जानते थे और अचानक ही उन्हें इस बारे में पता चला था। बहुत भीड़ होने के कारण कई लोगों की मौत भी हो गई। +यह देश 13 अगस्त 1947 को आजाद होने वाला था, लेकिन कुछ कारण से यह 14 अगस्त को आजाद हुआ। भारत के आजादी के कागजातों में भी 14 अगस्त की रात को हस्ताक्षर हुआ था। लेकिन रात होने के कारण आजादी के बारे में लोगों को उसके दूसरे दिन 15 अगस्त को पता चला। इस कारण 14 अगस्त को पाकिस्तान में और 15 अगस्त को भारत में आजादी का दिन मनाया जाता है। +यहाँ मुख्य रूप से मानसून के कारण बारिश होती है। +मुख्य रूप से इस्लाम अपनाये जाने के कारण यहाँ के लोग रूढ़िवादी है। अधिकारिक धर्म भी इस्लाम है। सिंध में और छोटे स्तर तक पंजाब में कुछ गैर मुस्लिम बसते हैं। पंजाबी भाषा को सबसे ज्यादा लोग मातृभाषा के रूप में बोलते हैं पर लगभग सभी लोग उर्दू बोलते समझते हैं क्योंकि वो विद्यालयों में पढ़ाई जाती है। +* समझौता एक्सप्रेस मंगलवार और शुक्रवार को दिल्ली से लाहौर के बीच अत्तारी और वागा सीमा से होते हुए चलता है। यह यात्रा का सबसे आम मार्ग है। +*थ��र एक्सप्रेस के द्वारा भारत में राजस्थान के "भारत की कोठी" नामक स्थान से आप पाकिस्तान के कराची तक जा सकते हैं। चालीस वर्षों से बंद बड़े इस सेवा को फरवरी 2006 में शुरू किया गया था, लेकिन अभी यह दूसरे देशों के लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। +* ईरान से यहाँ आने के लिए केवल एक ही मार्ग है, जो जहेदन से कुएट्टा तक है। +पाकिस्तान में रेगिस्तानी मैदानों, जंगलों और उत्तर में काराकोरम पहाड़ों से लेकर दक्षिण में अरब सागर के तटीय क्षेत्रों तक अलग अलग परिदृश्य का गहरा मिश्रण है। + + +बांग्लादेश एक बहुत ही छोटा देश है और यह 8 प्रशासनिक मंडलों में बंटा हुआ है: +| region1description=जिसमें देश की राजधानी स्थित है, जूट और धान के खेतों का इलाका है। +| region3description=रेशम, आम और दर्जनों पुरातात्विक महत्व के खंडहरों के लिए जाना जाता है। +| region6description=नदियों और धान के खेतों से भरपूर सुंदर इलाका। +| region8description=दक्षिणी एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय, अपनी संस्कृति और ग्रामीण जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध। +ज्यादातर शहर अपने ही नाम के मंडल का मुख्यालय (राजधानी) हैं: +* रंगपुर उत्तर पश्चिम में स्थित महत्वपूर्ण शहर, कृषि उत्पादों का बाजार। +* बारिसाल- दक्षिणी शहर, धान के खेत और नदियों के के बीच नौका विहार के लिए प्रसिद्ध। +* जेसोर- एक छोटा सा शहर, अपने गुड़ के लिए मशहूर जो खजूर से बनाया जाता है। +बांग्लादेश में उप-उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु है। यहाँ कुल छः ऋतुयें होती हैं। दिसम्बर से जनवरी तक शरद ऋतु, फरवरी से मार्च तक बसंत, अप्रैल से मई तक गर्मी, जून से जुलाई तक बारिश, अगस्त से सितम्बर तक पतझड़ और अक्टूबर से नवम्बर तक पतझड़ के बाद वाली ऋतु होती है। यहाँ का औसत तापमान शरद ऋतु में 9 से 29 डिग्री तक रहता है और गर्मियों में 21 से 34 डिग्री तक रहता है। यहाँ वार्षिक वर्षा 160से॰ मी॰ से 200 से॰ मी॰ तक होती है। +लगभग 17 करोड़ की आबादी होने के बावजूद बांग्लादेश बहुत ही कम विवधता वाला देश है। 98% जनता बंगाली भाषा को अपनी मातृभाषा मानती हैं। हालांकि चटगांव और सिलहट की बोलियाँ मानक बंगाली से काफी भिन्न है। 87% जनता इस्लाम और 12% हिन्दू धर्म को मानती हैं। + + +बाल्कन दक्षिणी यूरोप में बाल्कन प्रायद्वीप पर देशों को समाहित करने वाला क्षेत्र है जिसमें पूर्व :पश्चिमी बाल्कन युगोस्लाविया का अधिकतर भाग शामिल है। इस क्षेत्र में लम्बी पर्वत शृंखला औ��� गहरे जंगल, समतल और नदियों का मिश्रित दृश्य रखता है। +| region1description=एक सुन्दर और विविधता वाला देश जिसमें प्रभावी दुर्ग, लम्बा समुद्र तट और अद्वितीय संस्कृति एवं इतिहास है। +| region2description=राजनीति का बड़ा केन्द्र बिन्दु लेकिन संस्कृतियों का प्रभावी मिलन एवं सुन्दर ऐतिहासिक नगर। +| region3description=सुन्दर समुद्रतट के साथ पूर्व एवं पश्चिम का पिघलता बर्तन। +| region4description=क्रोएशिया नामी प्राकृतिक सुन्दरता, लम्बा समुद्र तट, पार्टी द्वीप लम्बे दिन और इसका विनीशियाई इतिहास रखता है जो इसे भूमध्य का शीर्ष पर्यटन स्थल बनाता है। +| region6description=क्षेत्र का सबसे जोखिम भरे स्थानों में से एक; कुछ अलग देखने की इच्छा वाले पर्यटक कभी निराश नहीं होंगे। +| region7description=अपने पारम्परिक गाँवों और चर्चों के लिए जाना जाता है, मैसिडोनिया कुछ सर्वश्रेष्ठ वन्यजीवन भी रखता है। +| region8description=देहाती और बहु-जातीय देश, केवल अपनी संस्कृति के रोमानिया से जुड़ा होने के कारण बाल्कन देशों में गिना जाता है। +| region9description=कोतोर की खाड़ी, बुडवा रिवेरा, शीत खेल और प्राकृतिक दृश्यों के साथ मौंटीनीग्रो क्षेत्र का सबसे अच्छा पर्यटन-अनुकूल देश है। +| region11description=ऐतिहासिक नगर, मोनास्ट्री, राष्ट्रीय उद्यान और अच्छे रात्रि जीवन के साथ सर्बिया पर्यटकों को बहुत कुछ देता है। +| region12description=यह नहीं पहचाना गया वास्तविक गणराज्य पूर्वी मॉल्दोवा पर अपना दावा करता है; यहाँ की यात्रा आपको शीत युद्ध के दौरान किसी साम्यवादी देश के जीवन को नजदीक से परिचित करवायेगा। +२०वीं सदी के अन्तिम दशकों की समाचार सुर्खियों ने लोगों के दिमाग में बाल्कन का अनुवाद जातीय संघर्ष और गृह युद्ध के रुप के रूप स्थापित कर दिया। दुर्भाग्यवश इस अनूभूति में अल्प सत्यता भी है। यहाँ की अक्सर अशांत इतिहास, आश्चर्यजनक प्रकृति से समृद्ध रही है। मोहक बहुसांस्कृतिक नगरीय प्रभावशाली ईशाई मठ एवं ढालु दुर्ग,सुन्दर जंगलों एवं सुहावनी झीलों के साथ प्रभवी पर्वतों और लोक संगीत परम्परा यहाँ की विशेषताओं में से एक रहा है। इस इलाके में सैकड़ों किलोमीटर लम्बा समुद्रतट है जिसमें एड्रियाटिक और काला सागर व अन्य समुद्र तट शामिल हैं जो आपको कभी निरास नहीं होने देगें। +राष्ट्रवादी और भाषाविद् दावा करते हैं कि संयुक्त सर्बो-क्रोएशियाई भाषा अस्तित्व में नहीं है। हालांकि, बहुत अच्छी भाषायी समझ वाल�� यात्री सभी को समरूप और एक तरह से देखते हैं। +औपचारिक रूप से, सर्बो-क्रोएशियाई भाषा की अलग शाखायें निम्नलिखित हैं: +कुछ अन्य उपयोगी भाषाओं में तुर्की रोमानी भाषा हैं। तुर्की यूनान और बुलगारिया में बहुत लोग बोलते हैं तथा रोमानी भाषा लगभग सभी बाल्कन राज्यों में उपयोगी है। मुख्यतः नगरों और पर्यटन स्थलों पर अधिकतर लोग अंग्रेज़ी और कभी-कभी जर्मन, इतालवी, फ्रांसीसी (रोमानिया में) भी बोलते हैं। +ऑस्ट्रो-हंगेरियाई साम्राज्य के उत्थान और उसके भी कुछ समय बाद तक इस इलाके में जर्मन भाषा ही काम में ली जाती रही है लेकिन अंग्रेज़ी ने आम भाषा के रूप में इसे हटा दिया है। हलांकि जर्मन और ऑस्ट्रियाई लोगों द्वारा भ्रमण किये जाने वाले क्षेत्रों में आज भी जर्मन बोली जाती है। साम्यवादी काल में रूसी यहाँ की दूसरी अनिवार्य भाषा थी और अब भी कुछ वृद्ध लोगों से सुनी जा सकती है लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया है और मॉल्दोवा को छोड़कर विदेशी भाषा के विकल्प रूप में अंग्रेज़ी ने प्रतिस्थापित कर दिया है। +बाल्कन क्षेत्र में विभिन्न अनर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। इस क्षेत्र के बड़े हवाई अड्डे निम्नलिखित हैं (देशवार): +केवल राजधानी नगरों से आरम्भ होने वाली उड़ानें ही नियमित उड़ान हैं जो वर्षभर चलती रहती हैं। क्रोएशिया के तटीय हवाई अड्डों पर गर्मियों में कम-मूल्य वाली एयरलाइन्स द्वारा अच्छी सेवायें दी जाती हैं जबकि सर्दियों में ज़ग्रेब और जर्मनी के लिए कुछ ही उड़ानें होती हैं। ओहरिड प्राथमिक रूप से मौसमी उड़ानों प्रदान करता है और सर्बिया के बेलग्रेड हवाई अड्डे के अलावा २०१४ तक कोई भी हवाई अड्डा वाणिज्यिक उड़ान नहीं रखता, जबकि उनको अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति प्राप्त है। +सभी देशों में रेल-किराया बहुत ही सस्ता है। अन्तर्राष्ट्रीय किराये भी बहुत उचित दाम पर उपलब्ध हैं। +ओहरिड ग्रीष्मकालीन उत्सव ओहरिड, मैसिडोनिया जुलाई से अगस्त तक होने वाला वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव। +अन्य स्थानीय पेय बोज़ा है, यह मिलट, मक्क अथवा गेहूँ के साथ बहुत कम मात्रा में (१% से भी कम) एल्कोहॉल की मात्रा मिलाकर शीतकाल में पारम्परिक पेय बनाया जाता है जो गाढ़ा और मीठा होता है। +यहाँ पर उत्कृष्ठ स्थानीय बीयर क्षेत्र के हर देश में मिलती है। मदिरा भी आम बाद है, प्रायद्वीप में एक तरफ से दूसरी ओर अंगूरों के बाग फैले हुये हैं। + + +| region1description= फ़िनलैण्ड के साथ भाषायी जुड़ाव वाला तीन बाल्टिक देशों का प्रमुख नॉर्डिक देश]]। +| region3description= विस्तार कर रहा आर्थिक बाजार, यह यूरोप की कुछ सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक क्षेत्र रखता है। +डॉगावपिल्स – लातविया का दूसरा सबसे बड़ा नगर +कौनस – लिथुआनिया का दूसरा सबसे बड़ा नगर +क्लैपेदा – लिथुआनिया का शरण स्थल +लीपाया – लातविया का समुद्रतट वाला नगर जो यहाँ के संगीत के लिए जाना जाता है। +सियौलिया – अजीब विशेषज्ञता वाले संग्राहलयों के साथ लिथुआनिया का नगर और पार पहाड़ियाँ +तारतू – कम छात्र खिंचाव वाला एस्टोनिया का दूसरा नगर +* यूरमाला – बाल्टिक सागर पर लातविया का रिसोर्ट कस्बा; मिट्टी वाले समुद्र तटों और ठण्डे जंगलों में गर्मियों में काफी भीड़ खिंचता है। +* सारेमा – एस्टोनिया का सबसे बड़ा द्वीप, विलक्षण गाँवों और मध्यकालीन दुर्गों के साथ हरा परिदृश्य +* क्यूरोनीयाई स्पिट – यूरोप में सबसे अधिक रेतीले टीलों वाला स्थान जो लिथुआनिया और कैलिनिनग्राद ओब्लास्ट की सीमा पर स्थित है। +बाल्टिक देश विविधता वाले देश हैं और सभी देश अपना अलग-अलग इतिहास और संस्कृति रखते हैं। हालांकि लातविया और एस्टोनिया सदियों से विदेशी अधिपत्य में रहे हैं और लिथुआनिया इस क्षेत्र में बड़ी शक्ति के रूप में रहा है। बाल्टिक देशों की संस्कृति स्कैंडिनेवियाई, जर्मनी, पोलैण्ड और रूस से काफी प्रभावित रही है। बाल्टिक देशों का आधुनिक इतिहास मुख्यतः रूस के द्वारा रूप दिया गया है, क्योंकि १८वीं सदी में यहाँ रूस का साम्राज्य स्थापित हो गया था। बाल्टिक देशों के लोग अपनी प्रबल राष्ट्रीय पहचान रखते हैं और वर्तमान में पश्चिमी दुनिया के साथ अच्छे से एकीकरण में शामिल हैं। +बाल्टिक देश बहुत प्रभावशाली इतिहास नहीं रखते। ईसाई, जर्मन और सामंतवाद सभी १३वीं सदी में यहाँ आये। १३वीं सदी में ही लिथुआनिया के ग्रांड डची मध्यकालीन यूरोप में एक बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरे। बाल्टिक सागर में डेनमार्क और स्वीडन के आने से पहले तक हंसियाटिक लीग का प्रभुत्व था। +१६वीं सदी में पोलिस-लिथुआनियाई राष्ट्रमंडल ने क्षेत्र को अपने अधीन ले लिया। यह १८वीं सदी के अन्त तक चला। बाल्टिक देशों का क्षेत्र पूरी तरह से रूसी साम्राज्य के अधीन आ गया जिसका वर्तमान लिथुआनिया का ए�� छोटा सा हिस्सा प्रशिया के अधीन था। +पारम्परिक ईसाई धर्म का लुथर सम्बन्ध अधिकतर लातविया और एस्टोनिया में है तथा कैथोलिक मत पूर्वी लातविया और लिथुआनिया में है। साम्यवाद और पश्चिमी दुनिया में धार्मिक हानि के कारण पारम्परिक सम्बंधों को नष्ट करने का कार्य किया है: एस्टोनिया में ४९% लोग भगवान में विश्वास नहीं करते; लिथुआनिया में ४९% लोग समान विचार रखते हैं। बहुत कम लोग पादरी में विश्वास रखते हैं, उदाहरण के लिए रोमुवा मत शायद देखने को मिल सकता है क्योंकि यह यूरोप के उन अन्तिम क्षेत्रों में से एक है जिनका अन्त में ईसाईकरण किया गया था। +सभी तीनों देश अपनी अलग-अलग भाषा रखते हैं और सब में रूसी भाषा द्वितीय भाषा के रूप में है और कुछ नगरों में यह प्रथम भाषा भी है। अंग्रेज़ी भी व्यापक रूप से, मुख्यतः युवा लोगों और अकादमिकों द्वारा बोली जाती है। वर्ष १९८० और उसके बाद नगरों में जन्मे लोग सामान्यतः अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह हैं। यहाँ के लोग अक्सर जर्मन भाषा को भी समझते हैं। किसी भी स्थान पर वहाँ की स्थानीय भाषा को अत्यधिक पसन्द किया जाता है। +चूँकि रूसी उपनिवेशक की भाषा के रूप में समझे जाने के कारण सम्भव है कि इसे अच्छी तरह से प्राप्त न किया जाये। अतः कोशिश करें कि या तो वहाँ की स्थानीय भाषा अथवा अंग्रेज़ी में बात करें। कम से कम अभिवादन करके सामने वाले व्यक्ति से पूछें कि वो रूसी भाषा बोलना पसन्द करते हैं। रूसी भाषा के लिए नकारात्मक प्रतिक्रिया एस्टोनिया और लातविया में देखने को मिलेगी, साथ ही लिथुआनिया में रूसी भाषा का विरोधी भाव कम देखने को मिलता है। +सामान्य तौर पर यूरोप के अन्य भागों से तथा पूर्व सोवियत संघ के पश्चिमी भागों से अच्छे सम्पर्क हैं। कुछ अपवादों के अतिरिक्त बाल्टिक से अन्य स्थानों से जुड़ने के लिए एक बार बदलना पड़ेगा। +बाल्टिक सागर क्रूज फ़ेरी वहाँ का हेलसिंकी]]–[[ताल्लिन का लोकप्रिय पथ है। यहाँ और और भी बहुत बाल्टिक क्रूज़ हैं। +सभी राजधानियाँ एक दूसरे से छोटी हवाई यात्राओं से जुड़ी हुई हैं। रीगा से कौनस और पलंगा के लिए उडान हैं। ताल्लीन से तारतू कुरेस्सार और कार्दला के लिए हवाई यात्रा सम्भव है। +अन्तर्राष्ट्रीय बस जाल भी सुन्दर रूप से विकसित है जिससे यहाँ का भ्रमण आसान होता है। यदि आपके पास कार नहीं है तो बस यहाँ पर एक नगर से दूसरे नगर में ���ाने के लिए प्रायोगिक रूप से सबसे अच्छा और तेज वाहक है। +किसी भी राजधानी में सीधी रेलसेवा नहीं है, हालांकि सभी देशों में काम में लेने लायक और सस्ता रेलजाल है। रीगा से ताल्लीन का सफर वाल्गा में रेलगाडी बदलकर एक दिन में किया जा सकता है। रीगा से विल्नुस की यात्रा करने के लिए डॉगावपिल्स में एक रात रुकना पड़ता है। +* बाल्टिक समूद्र तटों पर बालुई मिट्टी मिलेगी जिसमें कौरोनियन स्पिट भी शामिल है। +* यूरोप के कुछ निम्नतम "उच्चतम राष्ट्रीय स्थान" वोरू के निकट सूर मुनामागी (३१८ मीटर दक्षिणतम एस्टोनिया, माडोना के निकट गैज़िंकल्न्स (३१२ मीटर दक्षिणी लिथुआनिया के बेलरूसी सीमा पर मध्य लातविया और औक्स्टोयस (२९४ मीटर) स्थित हैं। +* सभी तीनों राजधानियों में पुराने कस्बों को विश्व धरोहर सूची में रखा गया है। +* भवन और अन्य अवशेश सोवियत संघ के हैं। +* सियुलियाई के निकट पार पहाड़ियाँ। +बाल्टिका से एस्टोनिया की राजधानी ताल्लीन से रीगा, लातविया और कौनस, लिथुआनिया से होते हुये वॉरसा, पोलैण्ड तक जाता है। +नॉर्डिक देश पर्वतों, झीलों, ग्लेशियरों, झरनों, जल-प्रपातों के शानदार दृश्य। वाइकिंग युग (लगभग ८वीं से १०वीं ई॰ संवत्) के लिए जाने जाते हैं। +ग्डांस्क ऐतिहासिक परशियाई बंदरगाह, बाद में पोलिस आंदोलन मत्यैक्य की जगह बना, जिसने साम्यवाद को झुकाया। +मास्को रूस की राजधानी, विश्व की सबसे उत्तरी राजधानी जिसमें एक करोड़ से भी अधिक लोग निवास करते हैं और जहाँ बहुत कुछ देखने को मिलता है। +वारसॉ कंपकपाने वाली संस्कृति और अच्छा भोजन। + + +सांस्कृतिक-ऐतिहासिक दृष्टि से बिहार को चार क्षेत्रों में बाँटा जा सकता है। इन चारों क्षेत्रों में क्रमशः अंगिका, भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाएँ बोली जाती हैं। इन भाषाओं के सामूहिक रूप से बिहारी भाषाओं के नाम से जाना जाता है। ये सभी मागधी प्राकृत से उपजी भाषाएँ हैं। मागधी प्राकृत ही संभवतः बुद्धकाल में इस इलाके की प्रचलित भाषा थी। +प्राचीन बिहार मगध और मौर्य साम्राज्यों का जन्मस्थल रहा है, जिन्होंने लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर अपना विस्तार किया था। वर्ष 185 में मौर्य साम्राज्य का पतन होना शुरू हो गया। संभवतः मौर्य साम्राज्य के बाद के उत्तराधिकारी इतने बड़े साम्राज्य को चलाने में पूरी तरह से कुशल नहीं थे। 1990 के दशक में यह गंभीर मंदी, गरीबी, ���्रष्टाचार और अपराध के लिए जाना जाता था। वर्ष 2005 के बाद से इस ओर कई सुधार हुए हैं। +बिहार में 85% युवा मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी में आते हैं। यहाँ मुख्य रूप से कृषि ही रोजगार का सबसे प्रमुख माध्यम है। उत्तरी बिहार में बारहमासी बाढ़ का खतरा रहता है। पिछले कई वर्षों में यहाँ से लोगों का बहुत बड़े पैमाने पर पलायन भी देखने को मिला है। पहले के दशकों में यहाँ, मुख्य रूप से दक्षिण बिहार में, नक्सलियों का आतंक रहता था लेकिन धीरे-धीरे अब यह भी कम हो गया है। +बिहार का इतिहास अति गौरवमयी रहा है। इसे पहले मगध के नाम से जाना जाता था। शिक्षा और संस्कृति से युक्त यह जगह उस समय पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के शक्ति का केन्द्र था। पाटलिपुत्र (वर्तमान में पटना) मगध की राजधानी था। +बाद में इस स्थान पर कई बाहरी लोगों द्वारा हमले हुए। इसके प्राचीन संस्कृति और ज्ञान को 12वीं सदी के अंत तक लगभग समाप्त ही कर दिया गया था। बिहार शब्द वास्तविक में एक शहर का नाम था। इसे मुख्यालय के रूप में उपयोग किया जाता था। बाद में इसे बिहार से पटना में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद मगध को बिहार के नाम से बोला जाने लगा। बिहार नामक शहर अभी भी उपस्थित है, जिसे अब बिहार-शरीफ के नाम से जाना जाता है। +बिहार की जलवायु नम ऊष्णकटिबंधीय है। यहाँ गर्मियाँ काफी गर्म और जाड़े के दिन काफी ठंडे होते हैं। वर्षा पर्याप्त मात्रा में होती है और पूरब से पश्चिम की ओर घटती जाती है। उत्तरी बिहार में दक्षिणी हिस्से की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है। नेपाल से सटा तराई (नमभूमि) वाला प्रदेश बिहार में भी विस्तृत है। इसमें गंगा और उसकी सहायक नदियाँ सहायता करती हैं। बिहार में बहुत बड़ा हिस्सा उपजाऊ है। इन नदियों की शुरुआत हिमालय से होती है। यह नेपाल के अंदरूनी हिस्सों से और उत्तर बिहार से होते हुए बिहार के पहाड़ों से इसके भूभाग, जलवायु और संस्कृति को प्रभावित करती है। बिहार का कुल क्षेत्र 94,163 वर्ग किलोमीटर (36,357 वर्ग मीटर) है। यह 24°-20'-10" उत्तर 27°-31'-15" उत्तर अक्षांश और 83°-19'-50" पूर्व 88°-17'-40" पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है। समुद्र के सतह से इसकी औसत ऊँचाई 173 फीट (53 मीटर) है। +हिंदी एवं उर्दू को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। संपर्क भाषा के रूप में हिंदी और हिन्दुस्तानी भाषा का व्यवहार होता है और क्षेत्र अनुसार अंगिका, बज्जिका, भोजपुरी, मैथिली और मगही लोगों की अलग-अलग मातृभाषायें हैं। साहित्य की भाषा मुख्य रूप से हिंदी है जबकि कई उर्दू के अखबार भी प्रचलित हैं। +* मुख्य रूप से बौद्ध पर्यटन की सुविधा के लिए बोधगया हवाईअड्डे पर बैंकाक (थाइलैंड) और पारो (भूटान) जैसे देशों से हवाई सेवाएँ पहुँचती हैं। इसके अलावा पटना हवाईअड्डा देश के विभिन्न बड़े शहरों से वायु सेवायों द्वारा जुड़ा हुआ है। +बिहार मैदानी इलाका होने के कारण देश के बिभिन्न शहरों से रेल मार्गों द्वारा अच्छे से जुड़ा हुआ है। बिहार की राजधानी पटना पहुँचने के लिए कुछ अच्छी रेल सेवाएँ निम्नलिखित हैं: +दिल्ली से- पटना राजधानी एक्सप्रेस (2309/2310 संपूर्ण क्रांति ऍक्स रातभर की यात्रा) +कोलकाता जन शताब्दी एक्सप्रेस 8-9 घं.) +मुंबई राजेंद्रनगर लोकमान्य तिलक टर्मिनस (कुर्ला) एक्सप्रेस +बिहार सड़क मार्ग द्वारा भी देश के विभिन्न बड़े शहरों से जुड़ा है और कुछ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग जो इसे अन्य जगहों से जोड़ते हैं उनमें शामिल हैं एनएच 2, 19, 28, 30, और 31. +पटना के लिए डीलक्स बस सेवाएँ राँची, जमशेदपुर, कोलकाता, सिलीगुड़ी और नेपाल सीमा तक के लिए मिलती हैं। +आम उत्तर भारतीय खाना सबसे प्रचलित भोजन है जिसमें चावल, दाल और सब्जियाँ प्रमुख होती हैं। चावल प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहाँ रोटी का प्रचलन चावल की तुलना में कम अवश्य है परन्तु यह सभी जगह उपलब्ध होती है। लगभग हर शहर-कसबे में आपको "थाली" के रूप में एक पूरा भोजन उपलब्ध होता है। एक थाली में दाल, दो तरह कि सब्जियाँ, दो से लेकर पाँच तक रोटियाँ, एक छोटी कटोरी भर चावल और कुछ अचार, चटनी पापड़ में से, इतनी चीजें उपलब्ध होती हैं। सब्जी में आमतौर पर एक सब्जी सूखी होती है और एक करी होती है, यानि रसदार। दाल में आपके पास विकल्प हो सकता है कि आप सादी दाल लें अथवा फ्राई (तड़के वाली)। रोटियाँ भी तंदूरी और तवे वाली होती हैं, कई बार आप चुन सकते हैं कि आपको किस तरह की रोटी चाहिए। +थाली के अलावा, पनीर के विविध व्यंजन उपलब्ध होते हैं। आप अपनी पसंद कि पनीर की सब्जी, रोटी नान इत्यादि चुनकर अपना कोम्बो बना सकते हैं। +नम क्षेत्र और नदियों की भूमि होने के कारण मछली यहाँ का प्रिय भोजन है। मछलियाँ नदियों और तालाबों से पकड़ी जाने वाली, अर्थात मीठे पानी की मछलियाँ अधिक पसंद की जाती हैं। रोहू मीठे पानी की प्रमुख मछली है जिसे यहाँ के लोग पसंद करते है���। देश के अन्य हिस्सों से भी मछलियों का आयात किया जाता है। +अन्य प्रमुख खाने निम्नलिखित हैं: +लिट्टी-चोखा अब बिहार की पहचान के रूप में स्थापित हो चला है हालाँकि यह भोजपुरी क्षेत्र के उस हिस्से में भी व्यापक रूप से प्रचलित है जो उत्तर प्रदेश में पड़ता है। आटे की गोल लोइयों में भुने चने का पिसा हुआ सत्तू मसालों के साथ मिला कर भरा जाता है और इसे उपले की आग पर सेंका जाता है, इसे लिट्टी, भउरी अथवा छोटे आकर की होने पर फुटेहरी कहते हैं। आलू और बैंगन को भूनकर मसालों के साथ उसका चोखा बनाया जाता है। यह यहाँ का आम प्रचलित खाना है और लगभग सभी शहरों में सड़कों के किनारे ठेले पर मिल सकता है। +सत्तू मुख्यतः जौ और चने को भूनकर पीसा हुआ आटा होता है। इसे सीधे पानी में सान कर भी खाया जाता है या घोल कर पेय के रूप में भी पीते हैं। +चिउड़ा-दही या दही-चूड़ा धान के चिवड़े (पोहे) को ताजी दही के साथ खाया जाता है। मिथिला और भोजपुरी क्षेत्र में काफी प्रचलित है। +पूरी-सब्जी सुबह के नाश्ते में काफी लोकप्रिय है। +आम झोरा हरे रंग के आम अर्थात कच्चे आम के रस से इसे बनाया जाता है और इसे पानी, नमक, मिर्ची आदि के साथ मिलाया जाता है। इसे मुख्य रूप से ग्रीष्म ऋतु के दौरान दिया जाता है, क्योंकि इस दौरान यह गर्म हवाओं जैसे लू आदि से बचाता भी है। +लस्सी एक प्रकार का मीठा शर्बत होता है, जिसे शक्कर, सूखे फलों आदि से मिला कर बनाया जाता है। इसे भी मुख्य रूप से ग्रीष्म ऋतु में दिया जाता है। +कथाओं के मुताबिक़ यहाँ बौद्ध धर्म के प्रवर्तक महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। दक्षिणी बिहार में स्थित यह जगह एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ है और पूर्वी एशिया तथा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से यहाँ काफी पर्यटक आते हैं। +महाबोधि मंदिर यहाँ का मुख्य आकर्षण है। इसके अलावा शांति स्तूप, और अन्य देशों के द्वारा बनवाये गए मंदिर भी दर्शनीय हैं। चूँकि यह एक तीर्थ स्थल है, यहाँ घूमते वक्त शांति का ध्यान रखें और मंदिरों और धार्मिक प्रतीकों का सम्मान करें। +बिहार की राजधानी पटना के उत्तर में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। यह प्राचीन काल में वज्जि महाजनपद की राजधानी था। यहाँ मौजूद अशोक का सिंह स्तंभ सबसे प्रमुख आकर्षण है। यह स्तंभ अशोक के स्तंभों में सबसे बेहतर ढंग से संरक्षित है। +राजगीर का पुराना नाम राजगृह था और यह मगध साम्राज्य ���ी राजधानी था। बाद में यहाँ से राजधानी पाटलिपुत्र (पटना) स्थानांतरित हुई। इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए घूमने लायक जगह है। वेणु वन, प्राचीन नगर परिखा (दीवाल) और हाल में बना जापानी मंदिर जिसमें विशाल बुद्ध प्रतिमा है, यहाँ प्रमुख देखने लायक चीजें हैं। पास में एक कुण्ड है जिसे स्थानीय लोग औषधीय गुणों युक्त पानी वाला मानते हैं। +यह एक छोटा किन्तु प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ एक विशालकाय स्तूप मौजूद है जिसे केसरिया स्तूप के नाम से जाना जाता है। कुछ दावों के मुताबिक़ यह सबसे ऊँचा स्तूप है। पटना से आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं। +प्राचीन बौद्ध केंद्र और भारत में तत्कालीन गिने चुने शिक्षा के केन्द्रों में से एक। मध्यकाल में इसे ध्वंस कर दिया गया था परन्तु अब भी इतिहास और प्राचीन भारतीय संस्कृति में रूचि रखने वालों के लिए अवश्य दर्शनीय स्थल। +बिहार के सुदूर उत्तर पश्चिमी कोने में नेपाल से सटे जंगली इलाके में यह राष्ट्रीय पार्क स्थित है। यहाँ शेर, गौर और अन्य पशु पक्षी देखे जा सकते हैं। यह गंडक नदी के किनारे का इलाका है और पटना से तकरीबन 300 किलोमीटर की दूरी पर है। बेतिया सबसे नजदीकी शहर है जहाँ से यह नेशनल पार्क 80 किलोमीटर की दूरी पर है। दैनिक बस सेवाएँ बेतिया से उपलब्ध हैं। +बिहार में पुराने समय में अपराध की मात्रा बहुत अधिक रही है। डकैती और अपहरण कि तमाम घटनाएँ दर्ज की जाती रही हैं। हालाँकि, अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही और काफी सुधार हुआ है पर फिर भी यहाँ घूमते समय आपको सतर्क और सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है। +बिहार में पब्लिक परिवहन जैसे कि रेलों और बसों में काफी भीड़ रहती है। सड़कें बहुत अच्छी नहीं हैं अतः स्वयं गाड़ी न चलायें अगर आपको भारत में गाड़ी चलाने का पर्याप्त अनुभव नहीं है। +नेपाल प्राकृतिक रूप से मनोरम देश है जो बिहार की उत्तरी सीमा से लगा हुआ है। काठमांडो राजधानी नगर है जहाँ बिहार से आसानी से पहुँचा जा सकता है। पर्वतीय मनोरम दृश्यों, हिंदू मंदिरों और वन्य जीव अभयारण्यों में रूचि हो तो बिहार के बाद सर्वोत्तम विकल्प है। +झारखंड बिहार के दक्षिण में स्थित पठारी प्रदेश है। कई प्राकृतिक झरने और वन्य जीव संरक्षण स्थल दर्शनीय हैं। राँची इस राज्य की राजधानी है और नेतरहट यहाँ का प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। + + +बर दुबई सार में दु��ई शहर का मुख्यतम भाग है। यह बहुत ही छोटी सा जगह है, लेकिन आपको यहाँ कई तरह के खाने हेतु भोजनालय, रुकने हेतु होटल और कई तरह के मनोरंजन के साधन मिल सकते हैं। यहाँ देखने घूमने और खरीदने के लिए आपको इतनी अधिक चीजें मिलेंगी कि आप देखते हुए ही थक जाएँगे। इसमें कम दाम से अधिक दाम में भी आपको चीजें मिल सकती है। इस स्थान के छोटे होने के कारण आप आसानी से इस पूरे क्षेत्र में घूम सकते हैं। यह छुट्टी मनाने हेतु भी एक अच्छा जगह है। +| content=यह डेरा जिले के पास में है और आप यदि दुबई से उड़ रहे हैं तो आप इस जगह से भी होते हुए जाएँगे। बर दुबई और दुबई के अन्य भाग डेरा से पाँच अलग अलग मार्गों से जुड़े हुए हैं। इन मार्गों को अल मक्तौम, अल गरहौद, अल शिंदाघा आदि बोलते हैं। +| content=पुराने दुबई के कुछ बचे हुए जगहों में से एक है और कई पुराने पारंपरिक तरीकों से बने इमारतों का घर भी है। यहाँ का वातावरण काफी उत्सुकता पैदा करता है और काफी अच्छे कलाकृतियाँ भी यहाँ मौजूद हैं। +| content=यह एक भारतीय भोजनालय है, जिसमें आप कई तरह के मसाले वाले खाने खा सकते हैं। इसमें आपके मनोरंजन का भी ध्यान रखा जाता है। +एस्कॉट होटल यह होटल खालिद बिन अल वालीद सड़क पर स्थित है। इसमें आपको रूसी, आयरिश और थाई खाना मिल सकता है। इसमें कमरों के लिए आपको AED $180 देंगे होंगे। +हाइलैंड होटल यह होटल भी एस्कॉट होटल की तरह खालिद बिन अल वालीद सड़क पर स्थित है। इसके लिए आपको US$108 देने होंगे। +ग्रांड हयात दुबई यह एक रिज़ॉर्ट की शैली में बना होटल है, जिसमें बैठक हेतु बहुत अच्छी सुविधा भी है। यह दुबई क्रीक द्वारा संचालित है। इसमें आने जाने हेतु समय क्रमशः 12:00 और 15:00 है। +रफ़ल्स दुबई यह शेख रशीद सड़क पर स्थित है। आपको यह वाफ़ि ख़रीदारी केंद्र के बाद ही यह दिख जाएगा। यह मिस्र शैली पर आधारित है और मॉल से जुड़ा हुआ है। इसमें आने जाने का समय क्रमशः शाम 3 है। + + +बेनेलक्स Benelux) तीन पड़ोसी देशों बेल्जियम बे ल्जियम नीदरलैण्ड ने दरलैण्ड और लक्ज़मबर्ग लक्स मबर्ग का आर्थिक संघ है। यह नाम इन देशों के अंग्रेज़ी भाषा के नाम के प्रथम दो अक्षरों के मिलने से बना है। यह यूरोपीय संघ का प्रेणता है। +| region1description= एक समतल देश जो सागरों द्वारा लगातार परिवर्तित होता रहता है। डच इतिहास में खोजी इतिहास ने महासागरों से भूमि पुनः प्राप्त करने की तकनीक विकसीत की। +| region3description= लगभग ६०० वर्ष पूर्व इनका दावा पूरे बेनेलक्स पर था। + + +भारत दक्षिण एशिया का सबसे विशाल देश है। यात्रा एवं पर्यटन की दृष्टि से यह एक अति समृद्ध देश है जहाँ कई प्रकार के दर्शनीय स्थल मौजूद है, जिसमें कई स्थान कई हजार वर्ष पुराने भी होते हैं। इसमें कई ऐसे स्थल भी मौजूद है, जिसे अब तक लोगों ने नहीं देखा है और कई स्थल तो ऐसे भी हैं जिसके बारे में कई लोग जानते भी नहीं है। इसमें कई व्यस्त शहर भी हैं, जैसे राजधानी दिल्ली, मुम्बई आदि। +ऐसे कम ही देश इस दुनिया में हैं जहाँ एक ही देश में यात्रा व पर्यटन के इतने विविधता भरे स्थान उपलब्ध हों। जहाँ भारत की सीमा एक तरफ हिन्द महासागर से घिरी है वहीं दूसरी ओर विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत हिमालय हैं। राजस्थान में विशाल रेतीले रेगिस्तान हैं, तो लद्दाख व लाहौल स्पीति में बर्फीले मरुस्थल भी हैं। कश्मीर से अरुणाचल तक जहाँ बर्फीली चोटियाँ हैं, वहीं पूर्वी व पश्चिमी घाट पर्वत भी हैं जिनकी जैव विविधता अतुल्य है। गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र नर्मदा ताप्ती कावेरी आदि गतिमान नदियाँ भी हैं, वहीं चिल्का, डल, वूलर आदि झीलें भी दर्शनीय हैं। समुद्रतट (सी बीच) तो न जाने कितने हैं, अंडमान और लक्षद्वीप जैसे चारों ओर समुद्र से घिरे हुए द्वीप भी हैं। एक तरफ गंगा यमुना के और पंजाब की पञ्च विशाल नदियों के हरे भरे मैदान हैं तो दूसरी ओर कच्छ का विशाल रन है, जहाँ प्रकृति निराले ही रूप में कभी जल तो कभी थल के रूप में रहती है। +प्राकृतिक ही नहीं, मानवीय प्रयासों से बने भी अनेकानेक दर्शनीय स्थल भारत में भरे पड़े हैं। ताजमहल को कौन नहीं जानता? खजुराहो के मंदिर, अजंता एल्लोरा की गुफाएं विश्व प्रसिद्ध हैं। +| region1description=यहाँ बहुत से खूबसूरत पहाड़ मौजूद है। ये जगह पर्यटकों के लिए बहुत ही रोमांचक और आध्यात्मिक है। +| region6description= लगभग कटा हुआ और अनछुआ यह क्षेत्र भारत का जनजातीय कोना है। मनोरम दृश्यों और जैव विविधता से भरपूर यह क्षेत्र endemic flora and fauna of the Indo-Malayan group और चाय के बागानों के लिए मशहूर है। विश्व में सर्वाधिक वर्षा मेघालय में ही होती है। ये सात राज्य भारत के अन्य राज्यों से तुलनात्मक रूप से काफी छोटे हैं हालाँकि इनमें से कुछ स्विट्ज़रलैण्ड या ऑस्ट्रिया से तो बड़े ही हैं तथा इन्हें ७ सिस्टर्स भी कहा जाता है। +मुगल फ़रग़ना वादी (वर्तमान उज्बेकिस्तान में है) के वंशगत शासक थे। पहले उन्होंने काबुल पर शासन स्थापित किया। वहाँ से उन्होंने दिल्ली सल्तनत के पठान लोदी वंश को हराया। यह भारत में अपना शासन बसाने आये थे। 1540 से 1555 तक एक और पठान वंश सूरी द्वारा भारत से खदेड़ दिये गए थे। इनका भारत के हिन्दूओं के साथ दीर्घकाल तक संघर्ष चला और अन्त में मुग़लों को सत्ता छोड़नी पड़ी +पहले अंग्रेज़ यहाँ से सामान लेकर अपने देश में बेचने के का कार्य कर रहे थे। उसके बाद धीरे धीरे वे लोग हर राजा के राज्य को अपने कब्जे में लेने लगे थे। अंग्रेज़ केवल अपने देश के लिए हिंदुस्तान से सोना चाँदी मसाले हीरे पुरानी मूर्ति आदि ले जाते थे। उन लोगों ने इस कार्य को आसान करने के लिए बहुत सारे रेल मार्ग का निर्माण कराया था। अंग्रेजों ने इसी के साथ साथ धर्म परिवर्तन का कार्य भी किया। हिंदुस्तान में कई स्थानों पर ईसाई विद्यालय बनाने लगे और चर्च आदि का निर्माण भी करने लगे। +भारत में बरसात केवल मुख्यतः वर्ष के कुछ माह में ही होता है। यह समय लगभग 15 जून से 15 सितम्बर तक का होता है। इस मौसम को मानसून के नाम से भी जाना जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं, जिसे हवा के दिशा से पहचाना जाता है। इनके नाम दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून है। इसमें दक्षिण-पश्चिम मानसून बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे लगभग पूरे देश के हर भाग में वर्षा होती है। यह खेती के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। +उत्तर-पूर्व मानसून मुख्यतः अक्टूबर और फरवरी में प्रभाव में रहता है। यह सामान्यतः चक्रवात और तूफान के रूप में आता है। हर साल इसके कारण कई प्रकार की हानि होती है। लेकिन अक्टूबर के बाद मौसम काफी खुला हो जाता है और इसके कुछ दिनों के बाद देश के कई स्थानों में एक भी बादल नहीं होते हैं और मौसम बहुत अच्छा रहता है। क्योंकि इस समय न तो अधिक गर्मी होती है और न ही अधिक ठंड पड़ती है। +देश की नागरिकता के अनुसार नियम और रुकने की अवधि अलग अलग है। नेपाल और भूटान के लोग बिना वीजा के भी भारत में अनन्त समय तक रह सकते हैं। आपके आने के कारण अनुसार आपको पर्यटन वीजा (6 महीने व्यापार वीजा (6 महीने, एक साल और उससे अधिक, कई बार) या विद्यार्थी वीजा मिल सकता है, जिसकी अधिकतम अवधि पाँच वर्षों तक होती है। एक विशेष वीजा पूरे दस वर्षों तक आपको देश में घूमने देता है, हालांकि इसका उपयोग केवल कुछ ही देशों के लोग कर सकते हैं। भारतीय वीजा की अवधि आपने आने पर नहीं, बल्कि जिस दिन जारी होता है, उसी दिन से उसकी अवधि भी शुरू होती है। जैसे, यदि आपके लिए 1 जनवरी को 6 माह का वीजा जारी किया गया है, तो वह 30 जून को ही समाप्त होगा, चाहे आप कितने भी दिनों की देरी करें। +अफगानिस्तान, चीन, ईरान, पाकिस्तान, इराक, सुडान, बांग्लादेश, विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी, बांग्लादेशी मूल के लोगों को 2012 के अनुसार साठ दिनों तक रुकना होता है। पर्यटन वीजा की अवधि 6 माह में समाप्त हो जाती है। इसके द्वारा आप अधिकतम 90 दिनों तक रह सकते हैं। इसमें रहने की सीमा अलग अलग नागरिकता वालों की अलग अलग होती है। आपको अपने स्थानीय दूतावास में इसकी अधिकतम अवधि के बारे में जान लेना चाहिए। +विमान द्वारा यात्रा करना समय को बचाता है, क्योंकि सड़क के बहुत बड़े और घुमाव दार होने के कारण इसमें काफी समय लग जाता है। कई स्थानों में केवल विमान द्वारा ही पहुँचा जा सकता है। हैदराबाद और बेंगलुरु के हवाई अड्डे में बहुत नए उपकरण लगाए गए हैं। उत्तर और उत्तर पूर्व में ठंड के समय काफी धुंद होने के कारण कई बार विमान नहीं चलता है। +रेल की सुविधा भारत में ब्रिटिश लोगों ने वर्ष 1853 में शुरू की थी। इसका मुख्य कारण भारत से मसाले, रत्न, आदि को आसानी से अपने देश ले जाना था। आजादी के बाद भारतीय रेल विभाग ने इसे खूबसूरत बनाने का कार्य किया और यह भारत में यात्रा करने के सुरक्षित मार्ग में से है। वर्तमान में यह दुनिया का सबसे बड़ा रेल मार्ग है। +बस द्वारा यात्रा भारत में दूसरा सबसे पसंदीदा तरीका है। इससे उन स्थानों में जाया जा सकता है, जहाँ रेल द्वारा हम नहीं जा सकते हैं। कुछ निजी बस भी होते हैं, जिससे किसी स्थान में जाने के लिए उसे किराये पर ले सकते हैं। इसके अलावा कुछ छोटे दूरी के स्थान के लिए टैक्सी का भी उपयोग किया जा सकता है। लेकिन अधिक लोग होने पर बस ही सबसे अधिक उपयोगी होता है। निजी बस हर स्थान के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। लेकिन इसके द्वारा लगभग हर स्थान तक जाया जा सकता है। इसके अलावा गाँव वाले स्थानों में जाने के लिए किसी दूसरे माध्यम का भी उपयोग किया जा सकता है। +जुलाई 2010 से पहले ₹ के स्थान पर रु॰ चिह्न के रूप में प्रयोग किया जाता था। लेकिन कई जगह आज भी रु॰ चिह्न के रूप में मिलता है। इसे पूरे जगह उपयोग होने में कुछ और साल लगेंगे। +यहाँ कई विभिन्न प्रकार के भोजन और नाश्ते मिलमिलते हैं, जिसमें से कई तो पूरे दुनिया में भी नहीं मिलते हैं। यहाँ कई तरह के मसाले भी होते हैं। इससे भोजन में स्वाद और खुशबू दोनों बहुत अच्छे होते हैं। यहाँ के मसाले कई देशों में भेजे जाते हैं। आजादी से पूर्व भी ब्रिटेन के लोग यहाँ से मसाले लेकर वहाँ ऊँचे दामों में बेचा करते थे। +बासमती और कई तरह के चावल भी यहाँ होते हैं, जिसे कई देशों में भेजा जाता है। यहाँ के समोशे, जलेबी, इडली, दोसा, भुजिया, और कई प्रकार के नास्ते भी विश्व प्रसिद्ध हैं। रोटी, पुरी, आदि भी भोजन के लिए उपयुक्त हैं। +भारत की संघीय स्तर पर कुल 2 आधिकारिक भाषाएँ हैं: हिन्दी और अंग्रेज़ी। अन्य भाषाएँ जैसे असमी, बंगाली, बोड़ो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, और उर्दू राज्य स्तर पर अधिकारिक हैं। इसके अलावा सैकड़ों अन्य भाषाएँ और बोलियाँ भी हैं जो कई स्थानों पर बोली जाती हैं। हिन्दी के विभिन्न बोलियाँ बोलने वाले जनसंख्या के लगभग 40% है। यहाँ कई भाषाएँ हिन्दी भाषा से मिलती जुलती हैं, जिस कारण कई अन्य भाषाओं को समझने वाले भी हिन्दी को आसानी से समझ लेते हैं। जैसे कि गैर हिन्दी राज्यों गुजरात, पंजाब, और महाराष्ट्र में आपका काम हिन्दी से चल सकता हैं। उत्तर पूर्व के कई राज्यों में अंग्रेज़ी अधिकारिक भाषा है और विद्यालयों में पढ़ाई जाती है। वहाँ के शिक्षित लोग अंग्रेज़ी बोलना जानते हैं। हालांकि इनकी अधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी नहीं है पर दक्षिण के राज्यों तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक का भी यही हाल है। +पीने के लिए नारियल पानी, गन्ना रस, आदि कई जगह में मिल जाते हैं। इसके अलावा यहाँ कई तरह के फलों के रस भी मिलते हैं। +सोने के लिए बहुत सारे सस्ते स्थान उपलब्ध हैं, यह जगह के अनुसार बदलते रहते हैं। शहरों में यह काफी महंगे होते हैं और गाँव जैसे इलाकों में काफी सस्ते होते हैं। + + +यहाँ अप्रैल से जून के आस पास गर्मी का मौसम रहता है। मई और जून में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण यहाँ शाम होते होते कई बार बादल भी आ जाते हैं, जिसके कारण कुछ घंटे तेज हवा के साथ वर्षा भी होती है। इसमें कई बार ओले भी गिरते हैं। जुलाई में मुख्यतः मानसून आ जाता है और बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। सितम्बर और अक्टूबर के आते आते मानसून चले जा��ा है और ठंड का मौसम आ जाता है। इस मौसम में आसमान साफ हो जाता है और नीला आसमान दिखाई देने लगता है। इस बीच कोई बादल भी नहीं दिखता है। इससे जनवरी के आसपास तक मौसम इसी तरह सुहाना रहता है। +भोपाल शहर के अंदर कई दर्शनीय स्थल है जैसे लक्ष्मीनारायण मंदिर, भारत भवन,राज्य संग्रहालय, ट्राईबल म्यूजियम, क्षेत्रीय प्राकृतिक संग्रहालय, ताज-उल मस्जिद, जामा मस्जिद, मोती मस्जिद, शौकत महल, सदर मंजिल, गौहर महल, स्टेट म्यूजियम, गाँधी भवन, वन विहार और लक्ष्मी नारायण मन्दिर।बड़ा तालाब एवं छोटा तालाब दर्शनीय हैं। +भोपाल के पास स्थित भीम बैठका साँची का स्तूप भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। भोपाल से लगभग २८ किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर स्थित भोजेश्वर मंदिर एक एतिहासिक दर्शनिय स्थल है। +भोपाल में स्थित हवाई अड्डे का नाम राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह दो अलग अलग भागों में बंटा हुआ है। एक घरेलू और दूसरा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए है। इसमें सभी नई तकनीकों का उपयोग किया गया है। इसमें 750 यात्री आराम से बैठ सकते हैं। इसमें कार रखने के लिए भी जगह है। यहाँ हवाई अड्डे के बाहर 1500 कारों को रखा जा सकता है। एयर इंडिया और जेट एयरवेज यहाँ से लगातार नई दिल्ली अहमदाबाद हैदराबाद इंदौर चेन्नई और मुंबई से भोपाल आना जाना करते रहते हैं। +भोपाल अच्छी तरह से रेल से जुड़ा हुआ है। यहाँ इसका बहुत बड़ा केन्द्र भी है, जिसमें मध्य और पश्चिमी रेलमार्ग एक दूसरे से जुड़ते हैं। भोपाल में मुख्य दो रेल स्टेशन है। पहला भोपाल रेल स्टेशन जो पुराना भोपाल में और दूसरा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (पूर्व नाम हबीबगंज जो नया भोपाल में है। शताब्दी एक्सप्रेस दिल्ली से भोपाल तक आना जाना करता रहता है। इसमें बहुत अच्छी सुविधा युक्त सफर करने होता है। इसके अलावा भी कई सारे रेल भोपाल से जुड़े हुए हैं और भारत के प्रमुख जगहों से भी जुड़े हैं। +भोपाल अच्छी तरह से भारत के कई राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है। यहाँ पर कार या बस के द्वारा आसानी से सफर किया जा सकता है। इससे अन्य प्रमुख जगहों पर भी आसानी से जाया जा सकता है। इसके अलावा सड़क लगभग सभी रेल और हवाई अड्डों से भी जुड़े हुए हैं। जिससे इनमें से किसी भी जगह आप कार से आसानी से जा सकते हैं। +एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण यहाँ पर बहुत सारे मान्यता प्राप��त अधिकृत ट्रैवल एजेंसी तथा टूर ऑपरेटर हैं जिन की सूची निम्न है: + + +| region1description=मंगोलिया में मध्य मंगोलिया एक ऐसा जगह है, जहाँ आधुनिक मंगोलिया की राजधानी है और मंगोल साम्राज्य की राजधानी के टूटे फूटे अवशेष भी मौजूद हैं। +| region2description= यह स्थान चंगेज खान के जन्मस्थान और मंगोलिया के हृदय के नाम से भी जाना जाता है। यह राजधानी के काफी करीब है, लेकिन इस क्षेत्र के ज्यादातर क्षेत्र पक्के सड़कों से जुड़े नहीं हैं। लेकिन आपको बसों में बहुत सारे विकल्प मिल सकते हैं। हर दिन विमानें उड़ान भी भरती है। +| region3description=जैसाकि नाम के अर्थ से ही स्पष्ट है कि यह एक विशाल गोबी रेगिस्तान का घर है। यह एशिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी क्षेत्र है। रेगिस्तान के शुष्क ठंडे मौसम ने डायनासोर की हड्डियों को खोजने के लिए इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक बना दिया है। +| region4description=राजधानी के बाहर यात्रा करने के लिए उत्तरी मंगोलिया सबसे आसान क्षेत्र है, जिनमें से अधिकांश शहर पक्की सड़क और रेल मार्ग से युक्त है। मंगोलिया के बहुत से जंगलों और बड़े पैमाने पर झील इसी भाग में है। होवेस्सोल झील इस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा झील है और मंगोलिया के सबसे सुंदर जगहों में से एक है। +| region5description=यूवीएस नूरूर झील और तवन बोगद पर्वत एक दर्जन से अधिक भिन्न जनजातियों के साथ यह सबसे अधिक विविधतायुक्त क्षेत्र है। +मंगोलिया में जाने हेतु सबसे अच्छा और आदर्श मौसम मई महीने से शुरू होता है और जुलाई माह में यह शीर्ष पर रहता है। अगस्त में यह यात्रा करने के लिए काफी अच्छा और अनुकूल समय होता है। यदि आपको संस्कृति से रूबरू होना अच्छा लगता है और अन्य पर्यटकों की भारी भीड़ को सहन कर सकते हैं तो आपके लिए यह सबसे अच्छा समय है। यदि आप अपने व्यस्त जीवन शैली से दूर जाना चाहते हैं तो आपके लिए यह कतई सही समय नहीं है, क्योंकि इस दौरान बहुत अधिक यातायात, व्यस्त कार्यक्रम और भारी भीड़ आपका इंतजार कर रही होगी। +सितंबर भी दौरा करने करने हेतु एक बहुत अच्छा समय है, और अक्टूबर तक भी मंगोलिया की यात्रा हेतु बहुत देर नहीं हुई है। इस समय दिन के दौरान गर्मी रहती है लेकिन रातों में थोड़ी ठंड हो जाती है। शरद ऋतु में मंगोलिया बहुत भीड़ भरा नहीं होता है और यदि आप देर से या अंतिम समय पर बिना नियोजित यात्रा कर रहे हैं तो इस समय कर सकते हैं। आप पूरे देश के दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं, संस्कृति का आनंद ले सकते हैं और घोस का दूध भी चख सकते हैं। हालांकि, यह थोड़ा कड़वा होता है और कई लोगों को अच्छा भी नहीं लगता है। +उन यात्रियों हेतु, जो ठंड या किण्वित घोड़ी के दूध पीने से डरते हैं, उनके पास नवम्बर से चंद्रमा के नववर्ष तक मंगोलिया की यात्रा करने का अभी भी विकल्प है। मंगोलियाई पर्यटन उद्योग का शीतकालीन पर्यटन एक विकासशील भाग है। सबसे अच्छा अनुभव आपको तब हो सकता है जब आप प्रतीक्षा कर "त्सगाण सर" या चंद्रमा के नए वर्ष के दौरान वहाँ प्रस्तुत हों, क्योंकि इस दौरान आप देख सकेंगे कि किस प्रकार से पारंपरिक रूप से चंद्र नए वर्ष का उत्सव मनाया जाता है और यह देखने का यकीनन आपका यह पहला अनुभव होगा। +मंगोलिया चारों ओर से दो देशों से घिरा हुआ है। इस कारण यहाँ आने के कुछ ही रास्ते हैं। आप विमान द्वारा यहाँ आ सकते हैं या फिर आपको चीन या रूस का वीसा प्राप्त करना होगा और बस, रेल या अपने गाड़ी से होते हुए यहाँ आना होगा। +मंगोलिया की मुद्रा को टोगरोग या टुगरुग कहते हैं, इसे "₮ मंगोली: төгрөг) के चिह्न के साथ दिखाया जाता है। बैंक द्वारा 1, 5, 10, 20, 50, 100, 500, 1,000, 5,000, 10,000 और 20,000 ₮ का लेनदेन किया जाता है। +मंगोलिया में लोगों का मुख्य आहार बकरी या भेड़ होता है। आप 2,000-4,000 ₮ में एक बड़े कटोरे में भर कर नूडल के साथ मटन खा सकते हैं। इसके साथ आपको एक बड़े बोतल में टमाटर का सॉस भी मिलेगा। +यहाँ कई इंटरनेट कैफे मौजूद है और राजधानी में आपको कई सारे भोजनालय वायफाय की सुविधा भी देंगे। पोस्ट वाली सेवा बहुत धीमी है और यहाँ कई लोगों के पास पोस्ट बॉक्स होता है तो वे वहाँ से कुछ भी चीज मंगवा सकते हैं। यदि आप मोबाइल कार्ड खरीद सकते हैं तो आप विदेश में आसानी से कम दाम में भी बात कर सकते हैं। लेकिन यह सुविधा सभी फोन में नहीं है, इसके लिए आपको मीकॉम या मोबिकॉम कार्ड लेना पड़ेगा। इसका नेटवर्क कुछ गांवों में ही आता है। मोबिकॉम, यूनिटेल और जीमोबाइल का नेटवर्क लगभग सभी गांवों में है। कई गांवों में भी इंटरनेट कैफे मौजूद है, लेकिन वे सभी बहुत धीमी है और कई बार खराब रहते हैं। + + +मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्��न कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास, स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है। मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। +मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर दिल्ली और आगरा के बीच स्थित है। दिल्ली से लगभग 150 किमी दक्षिण में और आगरा से लगभग 50 किमी उत्तर में। मथुरा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, राज्य की राजधानी लखनऊ और सभी प्रमुख शहरों से सड़क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। कई राज्य परिवहन विभाग की बसें मथुरा से होकर चल रही हैं। +मथुरा एक महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शन है। मथुरा में दिल्ली और आगरा के बीच की अधिकतर ट्रेनें रुकती हैं। +सबसे पास का हवाई अड्डा आगरा में स्थित है जो कि 50 किलोमीटर दूर है। +चूँकि मान्यता के अनुसार मथुरा हिन्दू देवता विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है इसलिए यहाँ भगवान कृष्ण के अनेकों मंदिर हैं, जिनके दर्शन के लिए यहाँ देश-विदेश से विभिन्न मौक़ों पर लाखों पर्यटक आते हैं। जबकि दो अवसरों,कृष्ण जन्माष्टमी (कृष्ण का जन्मदिन) व होली पर यहां सर्वाधिक भीड़ आती है। +सभी मंदिरों में प्रमुख है श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर। कथाओं के अनुसार मथुरा के राजा कंस के समय ये उसका कारागार (जेल) था,जहाँ पर कंस ने अपनी बहिन देवकी और बहिन के पति वसुदेव को बंदी बनाकर रखा। जिनके आठों संतानों का जन्म यहीं हुआ,और कृष्ण उनके आठवें पुत्र थे। +इस मंदिर में बने गर्भगृह को वह स्थान माना जाता है जहाँ भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। +ये मथुरा नगरी का दूसरा प्रमुख मंदिर है। यहाँ राधाकृष्ण की सुंदर प्रतिमा और यहाँ की शंध्या कालीन आरती आकर्षण का केंद्र है। +चूंकि मथुरा शहर यमुना नदी के किनारे बसा है इसलिए यहाँ आने वाले पर्यटक विशेष अवसरों पर यमुना में स्नान करते रहे हैं। इसलिए यहां अनेक घाट हैं जहाँ शाम को होने वाली यमुना की आरती को देखने के लिए लोग जुटते हैं। +मथुरा शहर से 14 किमी दूर स्थित वृंदावन में ये मंदिर है। जहाँ स्थित भगवान कृष्ण की प्रतिमा अन्य प्रतिमाओं से अलग है। +वृंदावन में स्थित इस मंदिर में विदेशी मूल के भक्त पूजारी की भूमिका में होते हैं अतः इसे अंग्रेजों का मंदिर भी कहा जाता है। +ये भी वृंदावन में है। प्रख्यात धर्मगुरु कृपालु महाराज द्वारा बनवाया गया ये मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इसका लाईट शो देखने योग्य है। +निधिवन, रंगजी का मंदिर,गोविंद देव मंदिर व गीता मंदिर (बिड़ला मंदिर) आदि वृंदावन के प्रमुख मंदिर हैं। +इनके अलावा मथुरा जिले के नंदगाँव,बरसाना व बलदेव के दाऊजी मंदिर का भी अपना विशेष महत्व है। + + +यहाँ मुख्य रूप से मानसून के आने पर बारिश होती है। यह 15 जून से 15 सितम्बर के आसपास रहता है। इसके बाद धीरे धीरे ठंड बढ़ने लगती है। सितम्बर से फरवरी तक ठंड का मौसम रहता है। इसके बाद धीरे धीरे गर्मी बढ़ने लगती है। अप्रैल से जून तक गर्मी का मौसम रहता है। जिसमें बीच बीच में वायु का दाब कम होने के कारण बंगाल की खाड़ी से उठे बादल के कारण यहाँ बारिश होता है। +* बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश दुनिया में बाघों की सबसे अधिक घनत्व है और यह उन कुछ प्राकृतिक स्थानों में से एक स्थान है जहाँ आप बाघों को उनके प्राकृतिक निवास स्थान में देख सकते हैं। +* खजुराहो खजुराहो मध्य प्रदेश का सबसे अच्छा आकर्षण है। हर साल कई लोग दुनिया भर से खजुराहो आते हैं। +* कन्दारिया मन्दिर यह मन्दिर छतरपुर जिले के खजुराहो गाँव में स्थित है। मन्दिर लगभग 6 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है। यह गाँव के पश्चिमी छोर में विष्णु मन्दिर के पश्चिम में स्थित है। यह मंदिर सभी रेल, सड़क और वायु मांग से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। आप किसी भी मार्ग से आसानी से यहाँ आ सकते हैं। दक्षिण महोबा से खजुराहो की दूरी 55 किलोमीटर है। +यहाँ देखने लायक कई नदियाँ हैं। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी है। यह पश्चिम कि ओर से एक घाटी के दरार के मध्य से निकलती है। फिर यह ताप्ती नदी के समानान्तर बहती है। दोनों के कारण मध्य प्रदेश के एक चौथाई भूमि क्षेत्र को आसानी से जल आपूर्ति होती है। +नमकीन सेव नमकीन सेव के लिए रतलाम काफी प्रसिद्ध स्थान है। +मटन और मछली इसके लिए भोपाल सबसे अधिक जाना जाता है। यहाँ कोरमा, कीमा, बिरयानी, पिलफ, कबाब और कई प्रकार के भोजन मिलते हैं। +चाट ग्वालियर में काफी प्रसिद्ध है। यह शरद ऋतु में काफी पसंद किया जाता है। इसे सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसमें सूजी, पूरी और आलू की टिक्की आदि रहता है। +दाल बाफला यह इस क्षेत्र का आम भोजन है। मध्य प्रदेश के मध्य क्षेत्र में पोहा खाया जाता है। +मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हीरा पाया जाता है + + +अक्टूबर से मार्च तक यहाँ का निम्न तापमान -15° C से -5°C तक रहता है। यहाँ दिसम्बर, जनवरी और फरवरी सबसे ठंडा महीना होता है। इसके अलावा बाकी बचे सभी महीनों में तापमान 15° C से 20° C डिग्री के आसपास ही रहता है। यहाँ का तापमान पानी के जमने वाले स्तर तक में जाते रहता है। विशेष रूप में शरद ऋतु में ऐसा होता है। यहाँ जाने वाले सभी पर्यटकों को अपने साथ गर्म कपड़े ले जाने हेतु निर्देश भी दिये जाते हैं। +यहाँ का मौसम आम तौर पर ठंडा ही रहता है। गर्मी के मौसम में भी यहाँ सामान्य ठंडा मौसम ही रहता है और ठंड के मौसम में बहुत ही ठंडा हो जाता है। यहाँ के तापमान को देखें तो यह पूरे वर्ष में 4° C से 20° C से अधिक नहीं होता। यहाँ तक कि गर्मी के मौसम में भी यह तापमान 4° C से 15° C के मध्य ही रहता है। ठंड के मौसम में -15° C से लेकर 5° डिग्री तक रहता है। यहाँ बारिश +यहाँ सबसे पास रेल मुख्यालय दिल्ली से 290 किलोमीटर दूर अंबाला में और 250 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ में है। अंबाला से 10 घंटे में बस के द्वारा मनाली में आया जा सकता है। जोगिन्दर और कल्का दूसरे विकल्प के रूप में हैं। यहाँ से भी मनाली आया जा सकता है, लेकिन यह थोड़ा दूर है। +मनाली की दूरी दिल्ली से लगभग 550 किलोमीटर की है। यहाँ बस इस शहर को दिल्ली, शिमला आदि जगहों से जोड़ती है। दिल्ली से मनाली तक जाने के लिए बस का टिकट दिल्ली में हिमाचल पर्यटन कार्यालय के द्वारा भी लिया जा सकता है। दिल्ली से मनाली जाने के लिए 14 घंटे का समय लगता है। वहीं अंबाला से मनाली आने में 10 घंटे का समय और कुलु से मनाली के लिए आधे से लेकर तीन घंटे का समय लगता है। +मनाली से सबसे पास का हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है। यह मनाली से 50 किलोमीटर दूर है और कुल्लू से इसकी दूरी 10 किलोमीटर है। यह कम से कम एक घंटे दूर है। एयर इंडिया की उड़ाने सुबह के समय दिल्ली से आती है। दिल्ली सबसे पास का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मनाली से 560 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा भारत के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यह दूसरे देशों के कई शहरों से भी जुड़ा हुआ है। +यदि आप निजी टैक्सी किराय पर लिए हैं, तो अच्छी तरह से जाँच कर लें कि चालक को पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाने का पर्याप्त अनुभव है और उसे शराब पीने जैसी कोई बुरी आदत नहीं है। यह भी पता कर लें कि उस चालक ने इससे प���ले भी एक बार किसी को घुमाने ले गया है और सभी सड़कों से परिचित है। इसे भी अच्छी तरह जान लें कि वह चालक कई घंटों तक गाड़ी चला भी सकता है या नहीं। पहाड़ों पर जाते समय कई चालक अपने गाड़ी का एसी बंद कर देते हैं और कुछ लोग उसे चालू करने के लिए अधिक पैसे मांगते हैं, तो यदि आपको एसी की आवश्यकता हो तो पहले ही इस बारे में जानकारी ले लें। यदि अप मनाली आने के लिए चंडीगढ़, रोपर, किरतपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू मार्ग का चयन किए हैं, तो आपके चालक को पहाड़ों में कम से कम 6 घंटे गाड़ी चलाना पड़ेगा। इसके लिए एक दिन में ₹3000 से ₹4000 तक का किराया लग सकता है। +| content=सागर के स्तर से 3979 मीटर (13,050 फिट) ऊपर ये पर्यटन स्थल है। ये एक ऐसा जगह है, जहाँ गर्मी के मौसम में भी ठंडी रहती है। ये सड़क में सबसे ऊंचे स्थान पर है, जहाँ से आपको पहाड़ का विस्तृत विशाल दृश्य देखने को मिलता है। इसी के पास दसौर नाम से एक झील भी है। ठंड के मौसम में यह मार्ग बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा यह जगह सड़क निर्माण या मरम्मत आदि कार्यों के लिए सभी मंगलवार को सुबह नौ बजे से रात छः बजे तक बंद रहता है। यदि आप नौ बजे से पहले वहाँ से निकल सकते हैं, तो आपको भारी भीड़ से सामना नहीं करना पड़ेगा, जो बाकी दिनों में रहती है। यदि आप अपने से गाड़ी चला कर जाना चाहते हैं, तो गड्डेदार सड़क और न दिखने वाले मोड़ आदि के लिए तैयार रहें। यदि आप किसी ड्राईवर को रख रहे हैं, तो कृपया चार चक्के वाले वाहन को किराये पर लें, क्योंकि इसके अन्दर गैर-चार चक्के वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह दूरी इस दर्रे के 16 किलोमीटर तक होती है। यदि आप दो पहिया वाहन से प्रवेश करेंगे तो आपको चार पहिया वाहन लेने को कहा जाएगा, जिसका किराया ₹1500-₹2000 प्रति व्यक्ति होता है। यह ज्यादातर सर्दी के मौसम में होता है, जब यहाँ बर्फ की बहुत बड़ी परत जमी होती है। साझा टैक्सी भी यहाँ उपलब्ध है। + + +यहाँ मुख्य रूप से मराठी भाषा बोली जाती है, लेकिन बहुत से लोग हिन्दी भाषा भी समझ और बोल लेते हैं। साथ ही यहाँ अंग्रेजी भाषा का भी काफी अच्छा चलन है। हिन्दी सिनेमा के प्रभाव के कारण बहुत से गैर-हिन्दी भाषी लोग भी हिन्दी बहुत आसानी से समझने लगे हैं। +mdash; गुफाएं है जो औरंगाबाद में स्थित है +mdash; श्री गणेश जी के आठ मंदिर +mdash; भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक +mdash; बेसाल्टिक रॉक में पृथ्वी का एकमात्र उल्का गड्ढा है +mdash; महात्मा गांधी का "गांव सेवा +महाराष्ट्र राज्य में कई सारे उद्यान (Park) भी है जैसे - + + +सुडान और सेनेगल ने 22 सितम्बर 1960 में फ्रांस से आजादी पाई और माली फ़ैडरेशन के रूप में स्थापित हुए। लेकिन कुछ ही महीने में सेनेगल उससे अलग हो गया और सुडान ने अपना नाम माली रख लिया। इस देश पर 1991 तक तानाशाहों ने सरकार चलाया था। 1992 में देश में पहली बार चुनाव हुआ था। +देश में उष्णकटिबंधीय सवाना वाला जलवायु क्षेत्र है। देश के अधिकांश भाग में बहुत कम वर्षा होती है। सूखा पड़ना एक आम बात है। मई के अंत से या जून के शुरूआत में वर्षा शुरू हो जाती है, जो अक्टूबर के अंत डाक या नवम्बर से शुरुआत तक रहता है। इस समय के दौरान निगेर नदी में बाढ़ आना भी एक सामान्य सी बात है। वर्षा ऋतु के जाने के बाद नवम्बर के शुरू से ही ठंड भी शुरू हो जाता है और फरवरी के शुरुआत तक रहता है। फरवरी के मध्य से लेकर वर्षा की शुरुआत तक का मौसम गर्मी वाला होता है। दिन का तापमान मार्च और अप्रैल में उच्चतम संख्या को पार कर लेता है। यह वर्षा का सबसे गर्म समय होता है। +कुछ देशों के नागरिकों के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है। इन देशों में अल्जेरिया, एंडोरा, बेनिन, बुर्किना, फासो, केमरून, केप, चाड, कोटे, गाम्बिया, घाना, गुइना, लिबेरिया, मोनाको, मोरोक्को, निगेर, निगेरिया, सेनेगल, सिएरा लोन, टोगो और टूनीशिया है। अन्य सभी देशों के नागरिकों के लिए माली में आने से पहले वीजा लेना अनिवार्य है। वीजा प्राप्त करने के लिए आमंत्रण अनिवार्य है। आप जिस होटल में जा रहे हैं या जिस कंपनी ने आपको बुलाया है, उसकी रसीद या यात्रा का कारण बताना जरूरी है। इसके बाद ही आपको वीजा मिल सकता है। अमेरिकी नागरिकों के लिए 131 अमेरिकी डॉलर लगता है, यह समय के अनुसार है। आप केवल पाँच वर्षों तक ही रुक सकते हैं। अन्य देशों के नागरिकों के लिए 80 डॉलर एक व्यक्ति के लिए और 110 डॉलर एक से अधिक हेतु 3 महीने के लिए, 200 डॉलर 6 माह और 370 डॉलर एक वर्ष हेतु एक से अधिक लोगों के लिए है। +नल के पानी का उपयोग सावधानी से करें, क्योंकि इसमें भारी मात्रा में क्लोरीन होता है और उसके बाद भी कुछ जीवाणु उसमें जीवित रह जाते हैं। लेकिन कुछ समय के लिए आने वाले यात्री बोतल के पानी के कारण सुरक्षित रह सकते हैं। यहाँ कई स्थानीय कंपनियों के सस्ते बोतल मिलते हैं, हालांकि उसे केवल विदेशी या अमीर म���ली वासी ही पीते हैं। इस कारण इस तरह के बोतल मिलना काफी कठिन है और आपको इस तरह के बोतल के सहारे यात्रा नहीं करना चाहिए। यहाँ कोकाकोला या फैन्टा आदि भी मिलते हैं, जो सुरक्षित भी होते हैं, लेकिन कोक के कारण आपका पेट खराब हो सकता है। गर्म देशों में यह एक बहुत बड़ी समस्या है। सड़कों में कई लोग घर में बना ठंडा पानी बेचते हैं, लेकिन आपको बिना उबाले इस तरह के पानी को नहीं पीना चाहिए। + + +मुंबई निस्संदेह भारत की वाणिज्यिक राजधानी और देश के प्रमुख बंदरगाह शहरों में से एक है। विश्व स्तर पर प्रभावशाली हिन्दी फिल्मों तथा टीवी उद्योग के केन्द्र बॉलीवुड की शहर में उपस्थिति मुम्बई के सर्वाधिक सारग्राही और विश्वजनीन भारतीय महानगर होने का प्रतीक है। यह भारत की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में रहने वाली आबादी का घर भी है। +मुंबई प्रवासन की क्रमिक लहरों में बना शहर है। यहाँ के इलाकों ने उन समुदायों से अपना चरित्र पाया जो उस स्थान पर पहले बसे थे। सूचीबद्ध करने हेतु इन इलाकों की गिनती बहुत ज़्यादा है और इन्हें बड़े जिलों में बाँटने का कोई आम-स्वीकृत तरीका नहीं है। वर्तमान मुंबई का विस्तार मोटा-मोटी, दक्षिण से उत्तर दिशा की तरफ, कुछ इस तरह हुआ – +| region1description=मुम्बई के सबसे पुराने इलाके; महानगर का मुख्य शहरी भाग इस क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह मुम्बई का केन्द्र माना गया है। रहवास हेतु देश के सबसे महँगे इलाके यहाँ स्थित हैं जहाँ पर प्रचलित संपत्ति दरें पूरी दुनिया में अधिकतम के करीब हैं। दक्षिण मुम्बई में अचल संपत्ति की कीमतें आपको मैनहट्टन की याद दिला देगी। एक आम पर्यटक के लिए यह क्षेत्र मुम्बई का पर्याय है। गेटवे ऑफ़ इन्डिया के साथ ही साथ शहर के अधिकांश संग्रहालय, कला गैलरियाँ, उम्दा भोजनालय और मदिरालय यहीं पर हैं। +| region2description=यह मुंबई का औद्योगिक गढ़ हुआ करता था लेकिन आजकल उद्योगधर्मी इसके मुकाबले दूसरे क्षेत्रों को ज़्यादा पसंद करते हैं। अब यहाँ पर केवल सफेदपोशा कार्यालय ही पाएँ जाते हैं। मुंबई का एकमात्र चिड़ियाघर, वरली समुद्रतट और लोगों के द्वारा शहर की संरक्षक माने जानी वाली देवी का मंदिर इस भाग में है। उत्तर की दिशा में बढ़ने पर यह एक साफ-सुथरे मध्यमवर्गीय रिहायशी इलाके में तब्दील हो जाता है। +| region3description एशिया की दूसरी सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी को छोड़ दें तो यहाँ अधिकतर ऊपरी मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं। भारत की आजादी के तुरंत बाद ही लोगों ने यहाँ बसना शुरू कर दिया था। इन प्रवासियों में एक वर्ग विभाजन पश्चात् आए शरणार्थियों से बना था। +| region4description=मुंबई का दूसरा मुख्य शहरी भाग इस क्षेत्र में शामिल है। यहाँ वे अमीर लोगों रहते हैं जो अपने रहने की जगह के आसपास एक शांत वातावरण चाहते हैं। इस क्षेत्र में एक-दो समुद्रतट है, जहाँ पर आप सुकून के कुछ पल बिताने जा सकते हैं। एक बड़े ईसाई समुदाय ने इस जगह को अपना घर बनाया है और शहर का सबसे प्रसिद्ध गिरजाघर भी यहीं मिलेगा। इसके अलावा मुंबई के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पश्चिम हिस्से में आते हैं। +| region5description=यह पक्के रूप से मध्यम वर्ग का गढ़ है। मुलुंड और घाटकोपर में ज़्यादातर मध्यम और ऊपरी मध्यम वर्ग की आबादी वाले घर हैं, जिनमें से कई उद्यमशील गुजराती परिवारों के हैं। +| region6description=नवी मुंबई के एक उपग्रह शहर के रूप में उभरने से पहले यह क्षेत्र केवल एक परमाणु शोध केंद्र के यहाँ पर वास के लिए जाना जाता था। अब लोग इस रास्ते से होकर नवी मुम्बई जाते हैं। +| region7description=यह वह जगह है जहाँ आपको समुद्रतटों पर गंदगी नहीं दिखेगी। इसे छोड़कर यह बंबई के तीवर शहरीकरण का एक और शिकार मात्र है। बाकी देखने लायक जगहों में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान और पहली सदी ईपू से पाँचवी सदी ईसवी के बीच चट्टानों को तराश कर बने कन्हेरी, महाकाली, जोगेश्वरी तथा मंडपेश्वर मंदिर जैसे मुम्बई के प्राचीनतम विरासत स्थल शामिल है। गोराई मुम्बई में एक ग्लोबल विपस्सना पगोडा नाम से एक मशहूर स्मारक भी है, जिसका उदघाटन भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने 8 फरवरी 2009 को किया था। +मुंबई के उपनगरीय इलाकों में कोई भी आगंतुक बहुत जल्दी जान जाएगा कि उपनगरों को "पश्चिमी" और "सेन्ट्रल" में वर्गीकृत किया गया है। वह एक "पश्चिम" पक्ष और "पूर्व" पक्ष के बारे में भी सुनेगा/सुनेगी। अगर आप विमूढ़ है तो यहाँ एक त्वरित विवरण पेश है – +*पश्चिमी तथा सेन्ट्रल उपनगरों का विभाजन उन स्थानीय रेल लाइनों के आधार पर किया गया है जो क्रमशः उन क्षेत्रों में सेवाएँ प्रदान करती है। पश्चिम और मध्य रेल भारत के पश्चिमी और मध्य भागों में कार्य करने वाली इकाइयाँ हैं। दोनों का मुख्यालय मुम्बई में है। +*मुम्बई के लगभग सभी इलाकों का एक "पश्चिम" और एक "पूर्व" पक्ष है। "पश्चिम" से तात्पर्य रेल लाइन से पश्चिम दिशा की तरफ और "पूर्व" का मतलब लाइन से पूर्व दिशा की ओर वाले भाग से है। उदाहरणार्थ, मुलुंड (पश्चिम) का मतलब उस क्षेत्र से है जो मुलुंड रेलवे स्टेशन से पश्चिम दिशा में है।}} +इसका वर्तमान नाम "मुंबई" है जिसकी उत्पत्ति के बारे में दो मत हैं। पहला मत इसे "मुंबा" देवी और "आई मराठी में माँ) के जुड़ाव से बना बताते हैं। ऐसा मानने वाले यह दावा करते हैं कि वर्तमान नाम ही मूल नाम भी है। इसके विपरीत कुछ लोगों का मानना है कि इसे पुर्तगालियों ने "बोम बाहिया" नाम दिया था जिसका अर्थ "खूबसूरत खाड़ी" होता है जिसे बाद में अंग्रेजों ने अंग्रेजीकरण करते समय बॉम्बे (Bombay) किया। अंग्रेजों के राज्य में यह इसी नाम से जाना जाता रहा और बॉम्बे को कुछ अन्य भाषाओं के बोलने वाले स्थानीय लोग तथा हिंदी-उर्दू भाषी लोग बंबई भी कहते रहे। +इसका नाम 1995 में बदल कर मुंबई किया गया और यह निर्णय विवादित भी रहा। हालाँकि, अब पश्चिमी देशों में इसका वर्तमान नाम प्रचलित है। स्थानीय तौर पर अभी भी कुछ लोग बंबई कहते हैं, आमतौर पर ये लोग अन्य राज्यों से आये लोग होते हैं। स्थानीय मराठी इसे मुंबई कहते हैं और गर्व से "आमची मुंबई" अर्थात "हमारा मुंबई" भी। +यह क्षेत्र 1498 तक गुजरात के सुल्तान के पास ही था, लेकिन इसके बाद पुर्तगालियों हमला कर इस जगह पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उन लोगों ने रहने का स्थान, किला, चर्च आदि का निर्माण शुरू कर दिया। इस तरह का कार्य तब रुका जब इस जगह को इंग्लैंड ने अपने हिस्से में ले लिया। 1661 में कैथरिन डे ब्रैगंजा के कारण पुर्तगालियों ने इसे इंग्लैंड के हवाले कर दिया। लेकिन इंग्लैंड का चार्लस द्वितीय इस क्षेत्र में कोई रुचि नहीं ले रहा था और 1668 में इसने ईस्ट इंडिया कंपनी को £10 प्रति वर्ष में इसे किराये पर दे दिया। ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहाँ बन्दरगाह का निर्माण कराया, व्यापार के केंद्र स्थापित किये और किला बनवाया और इसे व्यापार करने के लायक जगह में बदल दिया। उनका कार्य भारत के आजाद होने से पूर्व तक चलता ही रहा। +बंदरगाह और समुद्री व्यापार ने बहुत से व्यापारिक और वाणिज्यिक समुदायों को आकर्षित किया जिनमें पारसी, गुजराती, और मारवाड़ी (राजस्थान से) लोग प्रमुख थे। इन लोगों ने 19वीं सदी के आख़िरी दौर में यहाँ व्यापार केंद्र बनाने और उद्योग लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका ��िभाई। उद्योगों ने देश के बाकी हिस्सों से प्रवासी मज़दूरों को आकर्षित किया और अलग-अलग प्रवास-तरंगों में यहाँ मज़दूर और अन्य छोटे-मोटे काम धंधे करने वालों का आगमन हुआ जिसका यहाँ की विशिष्ट संस्कृति विकसित करने में काफ़ी योगदान रहा। +शहर के असली जन्म का श्रेय ब्रिटिश (अंग्रेज) लोगों को ही जाता है और बाद में यहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म भी हुआ; शहर भारत की आज़ादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा और भारतीय इतिहास के वर्तमान स्वरूप को निर्धारित करने वाली कई घटनाएँ यहाँ घटित हुईं। +हिन्दी फिल्म उद्योग, जिसे बॉलीवुड कहते हैं, का विकास भी मुंबई में ही हुआ है। बॉलीवुड शब्द का निर्माण अमेरिका के हॉलीवुड और मुंबई के पुराने नाम बम्बई से मिल कर हुआ है। मुंबई मुख्य रूप से हिन्दी सिनेमा के कारण जाना जाता है। यह उद्योग बहुत ही बड़ा है और लगभग पूरी दुनिया में फैला हुआ है। यहाँ सभी हिन्दी फिल्मों के कलाकार रहते हैं। +मुंबई में तीन प्रमुख ऋतुएँ होती हैं — गर्मी, मानसून (वर्षा और जाड़ा (हल्की गर्मी)। यहाँ जाने का सबसे उत्तम समय जाड़े की ऋतु है, अर्थात नवंबर से फ़रवरी के बीच। इस दौरान तापमान न्यूनतम 17°C और अधिकतम 30-31°C के आसपास रहता है। जाड़ों में यहाँ हवा में नमी भी कम रहती है। गर्मी की गर्मी की ऋतु मार्च से मई तक होती है और इसके बाद वर्षा ऋतु आ जाती है। वर्षा की ऋतु बीत जाने के बाद भी गर्मी पड़ती है, विशेषकर अक्टूबर में। जून से सितंबर तक बारिशों का समय है जब यहाँ भारी बारिश होती है। मौसम साफ़ होने पर भी इस दौरान तैयारी के साथ निकलें क्योंकि कभी भी बारिश शुरू हो सकती है। ऐसा इसके समुद्र के किनारे होने के कारण है। +चूँकि, मुंबई महासागर के किनारे ही बसा हुआ है। इस कारण कई बार यहाँ चक्रवात भी आते रहते हैं। चक्रवात के समय कई बार ज्वार-भाटा भी समस्या उत्पन्न करता है। इसके कई स्थान नीचे होने के कारण यहाँ पानी भरने की समस्या भी कुछ स्थानों में रहती है। इन सब के अलावा यहाँ का मौसम काफी अच्छा रहता है। +यहाँ घूमने के लिए बहुत सी जगहें हैं। यहाँ रात में भी दिन के जैसे ही चहल-पहल होती है और कोई भी रात को भी यहाँ आराम से घूम सकता है। यह बहुत ही व्यस्त शहर है। इस कारण यहाँ यातायात एक समस्या है। फिर भी यहाँ आसानी से घूमा जा सकता है। इसके लिए कई टेक्सी भी उपलब्ध होती है। +"भारत का प्��वेशद्वार गेटवे ऑफ इंडिया) भी एक बहुत ही प्रसिद्ध स्मारक है, जहाँ आप घूम सकते हैं। यह बहुत पहले बनाया गया था और इसे घूमने हेतु रखा गया है। यहाँ घूमने और इसे देखने के लिए कई देशी और विदेशी लोग भी आते रहते हैं। +| phone hours price content=चोर बाजार का अर्थ चोरों के बाजार से है, जहाँ चोरी किए गए सामान को चोर उस बाजार में बेचते हैं। यह कई गलियों से जुड़ा हुआ होता है, जिसमें आपको कई अलग अलग तरह के सामान देखने को मिलेंगे। इसमें पुराने सामान से लेकर नए मोजे और कार के सामान तक मिलते हैं। इसमें उपलब्ध सामान और प्रकार देखना चौंकाने लायक है। लेकिन कोई भी सामान खरीदते समय अपनी आँखें अच्छी तरह खोल लें। कई बार ऐसे सामान भी यहाँ बेचे जाते हैं, जो नकली होते हैं या पुराने सामान को ठीक कर के उसे नया बता कर बेचे जाते हैं। इस तरह के साथ जल्दी से थोड़े पैसे कमाने के चक्कर में बेचे जाते हैं। ऐसे जगह पर अधिक सामान ले कर न आयें, जैसे पैसा, हार, घड़ी आदि। ऐसे चीजें चोरों को आपके तरफ आकर्षित करेंगे। यदि आप पहली बार इस बाजार में आ रहे हैं, तो इसकी बहुत अधिक संभावना है कि वहाँ आपका सारा पैसा और कीमती सामान कोई लूट कर चला जाये, क्योंकि वहाँ के स्थानीय लोग, नए लोगों को बहुत आसानी से पहचान लेते हैं। +| content=बहुत ही जाना पहचाना आभूषणों का बाजार है। +| content= यहाँ सिल्क आदि कपड़े मिलते हैं। +मुंबई के भोजनालयों में खाने का अनुभव दुनिया के किसी और भोजनालय से कम नहीं है। इस जगह पे आप मध्य पूर्व, पश्चिमी यूरोप, दक्षिण अमेरिका और चीन में मिलने वाले भोजन मिल सकते हैं। लेकिन अगर आप मुंबई के वास्तविक स्वाद का मजा लेना चाहते हैं तो आपको थोड़े कम स्तर के भोजनालय या रास्ते में मिलने वाले खाने का मजा ले सकते हैं। मार्च 2015 से बीफ पर महाराष्ट्र में प्रतिबंध लगाया गया है। किसी भोजनालय में बीफ मिलना सामान्य बात नहीं है। किसी एक भोजनालय में या अन्य जगह खाना खाने के लिए आप उस जिले के पन्नों में जा सकते हैं। +मुम्बई में कोई सस्ता होटल ढूँढना काफी कठिन काम है। यदि आप मुम्बई में केवल घूमने आए हो या अपने व्यापार के लिए, आपको दक्षिण मुम्बई में रहना चाहिए, जो व्यापार के लिए भी ठीक है और कई देखने लायक जगह भी है। यहाँ एक समस्या ये है कि यहाँ जगहों की कमी है, अर्थात यदि आप किसी सस्ते से भी सस्ते होटल में रुकेंगे तो भी आपको अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा पैसा देना होगा। सार्वजनिक यातायात और भीड़ को देखने से ऐसा नहीं लगता कि कहीं और रहना ठीक होगा। यदि आप हवाई अड्डे के निकट कोई होटल देख रहे हैं तो अन्य चीजें ठीक नहीं होंगी। आपको कोलाबा में कई सारे सस्ते अतिथि घर मिल जाएँगे, जिसमें अधिकांश विदेशी यात्री भी रहते हैं। अन्य होटल आपको रेलवे स्टेशन के पास मिल सकते हैं। + + +मेरठ भारत के उत्तर प्रदेश में पश्चिम भाग में स्थित एक शहर है। यह एक प्राचीन शहर है, जिसके आसपास के क्षेत्रों में सिंधु घाटी सभ्यता के कई सारी बस्तियाँ पाई गई हैं। यह दिल्ली के 70 किलोमीटर उत्तरपूर्व और लखनऊ के 453 किलोमीटर उत्तरपश्चिम में स्थित है। यह शहर अपने बहुत सारे वाद्ययंत्र और खेल के सामान बनाने और बेचने के लिए जाना जाता है। इसके सामान विश्व भर में निर्यात किए जाते हैं। यहाँ से आप सस्ते दाम पर ये सामान ले सकते हैं। 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ हुए विद्रोह के कारण भी इस शहर को जाना जाता है। +1803 में दिल्ली सल्तनत के पतन के बाद दौलत राव सिंधिया ने इस क्षेत्र को अंग्रेजों को सौंप दिया। इस शहर को 1818 में उसके जिले का मुख्यालय बना दिया गया था। +1857 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत के लोगों का विद्रोह, मेरठ से जुड़ा हुआ है और इस कारण यह जगह काफी प्रसिद्ध भी है। "दिल्ली चलो" जैसा प्रसिद्ध नारा भी यहीं पर पहली बार बोला गया था। यह विद्रोह मेरठ में तब शुरू हुआ, जब अंग्रेजों ने हिन्दू और मुस्लिम सिपाहियों को जानवर के चर्बी वाला राइफल का कारतूस दिया था। +दिल्ली से बस से पहुँचा जा सकता है। +मेरठ में दो रेलवे स्टेशन हैंः- +| content=काली पालटन के रूप में भी जाना जाता है +| content=पांडव के शासन की राजधानी और केंद्र स्थान +| content=1857 के भारतीय विद्रोह का स्मारक +| content=इसमें कई सारे खाने की चीजें मिलती हैं। +| content= क्रिकेट के बहुत अच्छे सामान यहाँ बनते हैं। जिसे पूरी दुनिया में निर्यात किया जाता है। +| content=यहाँ कई सारे वाद्ययंत्र बनाए और बेचे जाते हैं। यहीं पर बनने के कारण आपको काफी अच्छे दाम में वाद्ययंत्र मिल सकता है। +| content=निःशुल्क भोजनालय और वाईफाई की सुविधा है। +| content=वाईफाई, नाश्ता और गाड़ी पार्क करना निःशुल्क है। इसमें भोजनालय भी है और चौबीसों घंटे कैफे भी खुला रहता है। इसके अंदर पुल भी है और कमरों में एसी की सुविधा भी उपलब्ध है। इसमें स्पा, आरोग्य केन्द्र आदि भी मौजूद है। +| content=इसम��ं होटल के साथ साथ भोजनालय भी है। + + +मोहम्मद पंचम के मृत्यु के बाद 3 मार्च 1961 को हसन द्वितीय यहाँ का राजा बन गए यहाँ 1963 में पहली बार आम चुनाव हुआ था। लेकिन हसन ने आपातकाल की घोषणा करते हुए 1965 में इसे निरस्त कर दिया। 1971 में राजा को हटाने और गणतन्त्र लाने का विफल प्रयास किया गया था। इसके बाद 2005 में मानवाधिकार उलंघन के मामले में जाँच हेतु एक समिति का गठन हुआ था, उसे इस बार में लगभग 10,000 मामले मिले थे। इस समिति के अनुसार हसन के शासन के दौरान कुल 592 लोगों को मारा गया था। +इसका मौसम दक्षिणी कैलीफोर्निया के मौसम से काफी मिलता जुलता है। इसके दक्षिण में स्थित जंगल और मध्य में पहाड़ों के कारण यह स्थान काफी सूखा रहता है। इसके दक्षिण-पूर्व में रेतीला भाग है। इसके तटीय इलाकों में गर्मी के मौसम में भी सामान्य से थोड़ी ही अधिक गर्मी पड़ती है। +अन्य देशों के लोगों को यहाँ आने से पूर्व ही वीजा लेना पड़ता है। इसके लिए आप इसके दूतावास में कॉल कर सकते हैं। वीजा हेतु एक व्यक्ति के लिए ब्रिटिश £17 और दो लोगों या अधिक के लिए £26 लगते हैं। दो या उससे अधिक वीजा दूतावास के निर्णय पर ही निर्भर करता है। हो सकता है कि आपको केवल एक ही वीजा मिले। सामान्यतः वीजा 3 माह के लिए मान्य रहता है और इसके लिए आपको 5 से 6 कार्य दिवस तक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। +वीजा प्राप्त करने हेतु कुछ अनिवार्यता है। इसमें आपको फॉर्म पूरा भरना पड़ता है, पासपोर्ट आकार के 4 तसवीरों की आवश्यकता होती है जो पिछले 6 महीने के भीतर ली गई हो। इसके अलावा मान्य पासपोर्ट और कम से कम एक कोरा कागज भी लगता है। आपको जरूरी दस्तावेजों की फोटो कॉपी देना होता है। इसमें सभी विमान, जिसमें आप आने जाने वाले हैं; होटल जिसमें आप रहने वाले हैं आदि के दस्तावेजों की फोटो कॉपी आपको उपलब्ध करानी होती है। +यात्री केवल 90 दिनों तक ही रुक सकते हैं, उसके बाद वीजा के समय को बढ़ाना पड़ता है। लेकिन यह काम बहुत थकाने वाला और समय बर्बाद करने वाला कार्य है। इससे अच्छा आपके लिए ये होगा कि आप यहाँ से बाहर जा कर फिर से 90 दिनों के वीजा के साथ वापस आयें। इसके अलावा यदि आप किसी ऐसे जगह से आ रहे हैं, जहाँ किसी प्रकार की बीमारी है तो आपको और आपके पालतू जानवर को भी स्वास्थ्य सही होने का प्रमाण पत्र देना होगा। स्वास्थ्य सही होने का प्रमाण पत्र दस दिन से ज्यादा पुराना नहीं होन��� चाहिए। इसके अलावा रेबीज नहीं है, इसके लिए भी प्रमाण पत्र लगेगा। यह प्रमाण पत्र कम से कम 6 महीने से पुराना न हो। +कई यूरोपीय देशों के विमान यहाँ आना जाना करते हैं। इनमें एयर फ्रांस, लुफ़्थांसा, स्विस, तुर्की एयरलाइंस, ब्रिटिश एयरवेज, ब्रुसेल्स एयरलाइंस, एयर बर्लिन, अलिटलीय, एयर जर्मनी आदि हैं। +एयर अरेबिया मरोक — एयर अरेबिया द्वारा संचालित होने वाला एक बहुत ही कम दाम में यात्रा को सुविधा देता है। यहाँ के अन्य जगहों पर, फ्रांस, इटली, स्पेन, नेदरलैंड, बेल्जियम, टूनीसिया और टर्की में ये आपको ले जाता है। +यहाँ आप या तो नौका के सहारे आ सकते हैं या दो खुले सीमा द्वारा अपने कार से भी आ सकते हैं। यह सीमा स्पेन के केउटा और मेलीला हैं। अल्जेरिया से भी आप पहले आ सकते थे, लेकिन इस मार्ग को दस वर्षों के लिए बंद कर दिया गया है। यदि आप बंद रहते समय ही अल्जेरिया या स्पेन के तरीफा क्षेत्र में आए हैं तो आप अल्जेरिया से नौका के द्वारा अपने कार को ले जा सकते हैं। तरीफा में भी इसी तरह की सेवा आप ले सकते हैं। तरीफा से टंगीर में जाना सबसे तेज और छोटा रास्ता है। इसके लिए आपको मात्र 35 मिनट ही लगेंगे। +आप दखला से मौरितनिया अपने कार द्वारा आ सकते हैं, लेकिन कई सारे देशों के लिए यहाँ आने हेतु वीजा लगता है, जो आप इसके दूतावास से प्राप्त कर सकते हैं। सीमा पर वीजा देने वाली सुविधा बंद कर दी गई है। +किसी व्यावसायिक वाहन द्वारा यहाँ आना काफी कठिन है। यहाँ केवल कैम्पर वाहन को ही आने दिया जाता है और उस वाहन को दिखना भी उसी तरह चाहिए, नहीं तो उस वाहन को भी आने की इजाजत नहीं मिलती है। अन्य सभी व्यावसायिक वाहनों को आगे जाने नहीं दिया जाता है, इस कारण उन वाहनों को वहीं रुकना पड़ता है। यदि एक से अधिक लोग यात्रा कर रहे हैं तो ये आपके लिए लाभकारी हो सकता है यदि कोई फ्रांसीसी भाषी भी आपके साथ यात्रा कर रहा हो। इसका लाभ आपको यहाँ के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर मिल सकता है, जब आप व्यावसायिक वाहन के साथ यहाँ प्रवेश कर रहे होंगे। +कई सारे नाम यहाँ आते हैं, इसमें सबसे ज्यादा स्पेन के होते हैं। अलजकिरा मुख्य बन्दरगाह है, जिसमें मुख्यतः केउता और टंगीर से आने वाले नाव आते जाते हैं। अलजकिरा और केउता से नाव में आने के लिए 40 मिनट का समय लगता है और यदि आप टंगीर से आ रहे हैं तो आपको कम से कम 2 घंटे का समय लगेगा। आप तरीफा के छोटे से ब��्दरगाह से भी टंगीर में आ सकते हैं। इसके लिए आपको दक्षिणी स्पेन के ओर से आना पड़ेगा। यह 35 मिनट से एक घंटे में आपको ले जा सकता है। +मुख्य यूरोपीय शहरों से कुछ घंटों की दूरी पर आपको यह जगह मिल जाएगा, जहाँ आपको आश्चर्यजनक रंगों, गंधों और आवाजों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहाँ कई सारे मस्जिद हैं, कई सागर हैं, जिसे देख कर आपको लगेगा कि किसी ने सफ़ेद रंग से उसे धो डाला है। बर्फ से ढके पहाड़ों का नायाब दृश्य भी देखने को मिलता है। इसके अलावा यहाँ सहारा का अंतहीन रेतीला जगह भी है। इतनी सारी चीजें हैं कि कोई भी यहाँ आकार ऊब नहीं सकेगा। +कौतौबिया मस्जिद किताब विक्रेताओं के बाजार के नाम से इस जगह का नाम कौतौबिया पड़ा। जिस तरह से पेरिस के लिए एफिल टावर है, उसी प्रकार माराकेश के लिए कौतौबिया मस्जिद है। यह रात को बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। गैर-मुस्लिमों को अन्दर आने की अनुमति नहीं है। +मोरोको दिरहम यहाँ की स्थानीय मुद्रा है। इसे "Dh Dhs DH درهم, या इसके बहुवचन रूप में "دراهم" या "Dhm" लिखा जाता है। इसे 100 सेंटीम में विभाजित किया जा सकता है। यहाँ 5, 10, 20, 50 सेंटीम और 1, 2, 5 और 10 दिरहम के सिक्के मिलते हैं। लेकिन 20 सेटीम से छोटा सिक्का आज कल बहुत मुश्किल से ही देखने को मिलता है। बैंक में 20, 50, 100 और 200 दिरहम के नोट उपलब्ध रहते हैं। दिरहम एक मात्र ऐसी मुद्रा है जिसे यहाँ आधिकारिक रूप से लिया जाता है, फिर भी कुछ होटल यूरो और डॉलर में पैसे ले लेते हैं। +सामान्यतः दिरहम का आयात या निर्यात नहीं किया जाता है। इसे लिखते समय यात्रा करने वालों पर 1000 दिरहम की सीमा लागू है। अर्थात कोई भी यात्री अपने साथ 1000 दिरहम से अधिक मुद्रा को देश के बाहर नहीं ले जा सकता और ना ही ला सकता है। +मुद्रा परिवर्तन 1,000 से अधिक दिरहम देश के बाहर ले जाना गैर-कानूनी है। इस कारण आप इस देश के बाहर यह मुद्रा नहीं खरीद सकेंगे। तय कानून के अनुसार सभी बैंक में मुद्रा परिवर्तन की दर एक समान है। ठीक उसी दर के अनुसार नोट तैयार कर लें उसके बाद ही विश्वास करें कि आपको सही में उतनी दर पर पैसे मिले हैं। +ऐसी आशा न करें कि आपको सौक्स या मेडिना में बहुत सारे बैंक मिल सकते हैं। बड़े शहरों में आपको मुख्य द्वार के पास ही एटीएम मिल जाएगा। यदि आप ढूंढ सकते हो तो आपको वहीं पास में एक या दो एटीएम आराम से मिल सकता है। यहाँ पर ऐसे लोगों की बहुत कम है, जो आपको यूरो या डॉलर आदि के बदले में दिरहम दें। अनाधिकारिक मुद्रा परिवर्तन आपको सौक्स और मेडिना के बाहर शायद ही कभी देखने को मिले। +बैंक और कुछ इसके लिए बने कार्यालय के अलावा कुछ बड़े डाक विभाग भी मुद्रा परिवर्तन का कार्य करते हैं। यह काफी देर रात तक भी काम करते रहते हैं। कसबलंका हवाई अड्डे के पास में कई सारे कार्यालय हैं, जो मुद्रा परिवर्तन करते हैं। मुद्रा परिवर्तन करते समय उसकी रशीद लेना न भूलें। जब आप दिरहम के स्थान पर अपनी मुद्रा लेना चाहेंगे तो आपको इससे बहुत आसानी होगी। आधिकारिक "बुरेऔ दे चेंज" कभी भी बिना रशीद के मुद्रा परिवर्तन नहीं करते हैं, चाहे आप एटीएम से भी क्यों न पैसे निकाले रहो। +यात्रियों के होटल या विले नौवेल्ले के पास ही आपको कोई न कोई एटीएम मिल जाएगा। कृपया कार्ड डालने से पहले ही देख लें कि वह एटीएम विदेश कार्ड स्वीकार करता भी है या नहीं। इसके लिए आप एटीएम के बाहर मेस्टरों, वीजा, आदि के चिह्न देख सकते हैं। कुछ छोटे शहरों में सप्ताह के अंत में पैसे नहीं डाले जाते हैं, तो आप शुक्रवार या शनिवार के सुबह ही जरूरत के अनुसार पैसे ले सकते हैं। इसके अलावा कोशिश करें कि जितना हो सके उतना छोटा चिलहर पकड़ें और अपने महंगे बिल को कहीं अलग जगह छुपा कर रखें। +मोरोको के कुछ भोजन दुनिया के सबसे अच्छे भोजन में गिने जाते हैं। यहाँ कई सारे भोजन हैं, जिसे आप गिन भी नहीं सकते हैं। यह उपनिवेश और अरबी व्यंजनों का प्रभाव है। लेकिन यदि आप मोरोको में आते हैं तो कम पैसों में आप बहुत अच्छा खाना नहीं खा सकेंगे। इसके अलावा यहाँ के अधिकांश भोजनालय विदेशी खाने ही देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि मोरोको के लोग तो अपने घर में वो खाना खा ही लेंगे तो वे क्यों उनके भोजनालय में खाना खाने आयेंगे। यहाँ के लोग बहुत कम ही भोजनालय में खाना खाते हैं, इस कारण यहाँ फ्रांसीसी, इटली और चीनी भोजन ही आपको मिल सकता है। +सलाद इसमें कच्चे और पक्के दोनों प्रकार के सब्जियों को मिलाया जाता है। इस कारण आपको गर्म वाला सलाद भी मिल सकता है और ठंडा वाला भी। आप अपने पसंद के अनुसार सलाद का चयन कर सकते हैं। टकतौला सलाद में टमाटर को काट कर उसके साथ हरी मिर्च, लहसुन और मसाला के साथ बनाया जाता है। ठंडे सलाद में टमाटर, बैंगन आदि का उपयोग किया जाता है। +मिठाई भोजन के करीब आपको पकाया हुआ मिठाई नहीं परोसा जाता है। इसके स्था��� पर मौसमी फलों को परोसा जाता है। इनमें शक्कर के साथ पिसा हुआ बादाम होता है या "हलवा चेबाकिया" दिया जाता है। यह आटा को हल्का तल कर शहद में भिगाया हुआ तिल छिड़क कर बनाया जाता है। इसे रमजान के महीने के दौरान खाया जाता है। +समुद्री भोजन इसका तटीय भाग लगभग 3,000 किलोमीटर तक फैला हुआ है। समुद्री भोजन के निर्यात में इसे विश्व के बड़े निर्यातकों में गिना जाता है। यहाँ के मछली बाजार में आपको स्वोर्डफिश, टूना, आदि आने प्रकार की मछलियाँ मिल जाएंगी। +आपको शराब आसानी से भोजनालय, पेय दुकान, बार, बाजार, क्लब, होटल और डिस्को में मिल जाएगा। कुछ स्थानीय निवास भी शराब पीते हैं, लेकिन इसका ध्यान रखें कि सार्वजनिक जगहों पर शराब पीना स्वीकार नहीं किया जाता है। स्थानीय शराबों में सबसे वास्तविक नाम कसबलंका बियर का है। यह बहुत बड़ा पूरे आकार में मिलता है और आप इसे स्थानीय भोजन के साथ भी ले सकते हैं या अपने आप को ताजा करने के लिए भी पी सकते हैं। इसके अलावा भी दो मुख्य बियर भी है, इनके नाम फ्लैग स्पेशल और स्टोर्क है। इसके अलावा आप स्थानीय वोडका आदि भी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ कई अन्य तरह के वाइन का निर्माण भी होता है। इनमें से कुछ की गुणवत्ता तो आपको हमेशा याद रहेगी। बाजार से एक बोतल लेने के लिए आपको 35 से 1,000 दिरहम तक देना पड़ सकता है। अच्छी गुणवत्ता वाली वाइन आपको कम से कम 50 दिरहम पड़ेगी। +यहाँ आप कहीं भी रहें, चाहे होटल में भी हों पर नल का पानी न पीयें, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में अयस्क होते हैं। किसी स्थानीय व्यक्ति के द्वारा नल का पानी पीने से कुछ नहीं होता, क्योंकि उनका शरीर पहले से ही उस पानी को पीने लायक हो जाता है। लेकिन वहीं कोई यात्री यहाँ का पानी पी ले तो उसे ज्यादातर बीमारी ही होता है। लेकिन यह कोई गंभीर बात नहीं है, पेट दर्द देना इसका एक मात्र पहचान है। लेकिन इस दर्द के कारण हो सकता है कि आपके छुट्टी का एक या दो दिन बर्बाद हो जाये। केवल इसलिए कि आपने सीधे नल का पानी पी लिया और उसे गर्म करने तक का कष्ट नहीं किया। +आपको यहाँ कई प्रकार के आपके पसंद के अनुसार होटल मिल सकता है। यहाँ होटलों को एक सितारा से पाँच सितारा तक की श्रेणी में रखा जाता है। इसमें रहने के अलावा सामान्यतः सुबह का खाना और रात का खाना भी जुड़ा हुआ होता है। +औबेर्गेस यह बहुत छोटे स्थानों में पाया जाता है। इसका निर्मा��� पारंपरिक रूप से कस्बा के रूप में निर्माण किया जाता है। कई सारे ऐसे होटल में लकड़ियों से आग जलाया जाता है और पत्तों पर खाना परोसा जाता है। यह काफी आराम दायक और छोटा होता है और सामान्यतः परिवार द्वारा चलाया जाता है। + + +इसका इतिहास भारत से जुड़ा हुआ है। सम्राट अशोक के शासन काल के समय यह पूरा मगध साम्राज्य में अन्तर्भूत था। ब्रिटिश इंडिया से लेकर 1947 तक यह अंग्रेजों के आधिपत्य में था। भारत की स्वतन्त्रता के साथ ही यह एक देश बन गया। परन्तु इसे वास्तविक रूप में स्वतन्त्रता 1948 को मिली। +म्यांमार में तीन तरह का ऋतु होता है। मार्च से अप्रैल तक मौसम बहुत गर्म रहता है। मई से अक्टूबर तक बारिश वाला मौसम हो जाता है और ठंड भी लगने लगता है। सबसे अधिक पर्यटकों के आने का समय शरद ऋतु में होता है। यहाँ नवम्बर से फरवरी तक काफी ठंड रहता है। गर्मी के समय यहाँ का तापमान 36 डिग्री तक रहता है और ठंड के समय अधिक तापमान 32 डिग्री तक ही पहुँच पाता है। म्यांमार का ऊपरी क्षेत्र यांगोन में इसके निचले क्षेत्र मंडलय के अपेक्षाकृत अधिक वर्षा होती है। +ऊपर के क्षेत्रों जैसे इन्ले झील के आस पास शरद ऋतु के समय तापमान रात को 10 डिग्री के पास पहुँच जाता है। वहीं दिन के समय तापमान सामान्य और खुशनुमा हो जाता है। ग्रीष्म ऋतु में भी यहाँ का तापमान मुश्किल से ही कभी 32 डिग्री के पार जाता है। भारतीय सीमा से लगे कचिन राज्य के पहाड़ों में लगभग हमेशा ही बर्फ गिरते रहता है। +बर्मी भाषा इसकी आधिकारिक भाषा है। इसमें अधिक मात्रा में पालि भाषा से उच्चारण लिया गया है। लेकिन इसके शब्दों में चीनी भाषा का अधिक प्रभाव दिखता है। इसे बर्मी लिपि में लिखा जाता है। यह पहले के पालि लिपि पर आधारित है। इसमें अंकों को भी बर्मी लिपि में लिखा जाता है। इसमें इसके अलावा भी कई और भाषा बोलने वाले रहते हैं। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग अंग्रेज़ी भाषा का अच्छा ज्ञान रखते हैं। + + +| region3description=यह क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिम की पहाड़ियों से पूर्व की ओर जा रहा है। +| region4description=यह एक रेगिस्तान है, जिसमें केवल खानाबदोश लोग ही रहते हैं। +| region6description=यह बड़ा द्वीप, यूनेस्को के विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है। +दक्षिण पूर्वी अरब में इसके सबसे प्राचीन सभ्यता के केन्द्रों से जुड़ी संस्कृतियाँ बहुत लंबे समय तक यमन में मौजूद थी। यह -12वीं शता��्दी से -6वीं शताब्दी के बीच मिनेयान, सबैयन, हधरामौत, कताबान, औसन और हिमायराइट राज्यों का हिस्सा था और बाद में इथियोपियाई और फारसी का शासन रहा। सातवीं शताब्दी के बाद इस्लामी खलीफा का इस क्षेत्र में नियंत्रण शुरू हुआ। उसके जाने के बाद दक्षिण अफ्रीकी राजवंशों ने उस पर नियंत्रण कर लिया। इसके बाद फारसी इमाम ने यमन पर 160 वर्षों तक राज किया। इसी मध्य उन्होंने यहाँ राजनीतिक संरचना स्थापित की। +11वीं शताब्दी के दौरान मिस्र के सुन्नी खलीफा द्वारा यमन के अधिकाश भागों पर कब्जा कर लिया गया था। 16वीं शताब्दी के बाद फिर 19वीं शताब्दी में यमन ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था और कुछ ऐसे समय भी था, जिसमें यमन पूरी तरह इमामों के नियंत्रण में था। 1918 में यमन ओटोमन के कब्जे से आजाद हो गया और तभी से यमन के आधुनिक इतिहास की शुरुआत होती है। +आजादी प्राप्त होने के पश्चात 1918 से लेकर 1962 के मध्य यमन पर हामिद्दीन परिवार का शासन था। 1962 में उत्तर यमन एक गणराज्य बन गया। लेकिन ये 1967 तक एक पूरा गणराज्य नहीं था, क्योंकि अंग्रेजों ने दक्षिण अरब के एडन में 19वीं शताब्दी में एक सुरक्षात्मक क्षेत्र के रूप में अपना बदरगाह स्थापित किया था। उनके जाने के बाद वो हिस्सा दक्षिण यमन बन गया। दक्षिणी सरकार ने 1970 में नाममात्र के लिए साम्यवादी सरकारी प्रणाली को अपनाया, और 22 मई 1990 में दोनों देशों को औपचारिक रूप से यमन गणराज्य के रूप में एकजुट किया गया। +14 दिसम्ब एर 2014 को अमेरिका के राज्य विभाग द्वारा चेतावनी जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि "सैन्य हमलों के कारण बुनियादी सुविधाएँ, जैसे बिजली की उपलब्धता, स्वच्छ जल और चिकित्सकीय देखभाल आदि कम हो गया है। इस कारण आंतरिक सड़कों पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है। इस तरह की अस्थिरता अक्सर मानवतावादी संगठनों द्वारा आवश्यक साधनों जैसे खाद्य पदार्थ, चिकित्सा से जुड़े सामान और वितरित करने की क्षमता आदि पर रोक लगा देते हैं।" +यमन को आप भौगोलिक रूप से चार मुख्य क्षेत्रों में विभाजित कर सकते हो। इसके पश्चिम में तटीय मैदान हैं, पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में पहाड़ी इलाका है और पूर्व में "रुब अल खाली" है। "रुब अल खाली" का अर्थ खाली रेगिस्तान से है। यह लगभग एक हजार मीटर नीचे रहता है और यहाँ पानी न के बराबर गिरता है। +तिहमा पूरे लाल सागर तट पर बहुत शुष्क और सपाट तटीय मैदान है। इस शब्द क�� अर्थ गर्म भूमि या गर्म पृथ्वी से है। शुष्क इलाका होने के बावजूद भी इस इलाके में काफी दलदल है, जिस कारण यह मलेरिया वाले मच्छरों के लिए एक बहुत ही उपयुक्त प्रजनन का मैदान है। यहाँ पानी इतनी तेजी से भाप बन जाता है कि समुद्र का पानी मैदान में आने के बाद वापस जाने से पूर्व ही वाष्पीकृत हो जाता है। फिर भी यह भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने में सहायता करता है और आज कल इसे खेती करने के लिए भी उपयोगी बनाया जा रहा है। मदार गाँव से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी डायनासोर के पैरों के निशान पाये गए थे। यह दर्शाता है कि यह स्थान पहले कभी एक बड़ा दलदल वाला क्षेत्र रहा होगा। +तिहमा का क्षेत्र पश्चिमी ढलाओं के बाद अचानक समाप्त हो जाता है। इस क्षेत्र को भोजन की मांगों को पूरा करने के लिए सीढ़ीदार बनाया गया है। अब यह अरब में सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला क्षेत्र है। यह अचानक से 100 मिलीमीटर प्रति वर्ष से 760 मिलीमीटर प्रति वर्ष तक बढ़ गया है। +दिन में तापमान बहुत अधिक रहता है, लेकिन रात को बहुत कम हो जाता है। समुद्र की लहरें साल के बारह महीने तेज ही रहते हैं, लेकिन उच्च वाष्पीकरण के कारण कभी समुद्र तक नहीं जा पाते। मध्य के पहाड़ी क्षेत्रों की ऊँचाई पठारों में 2000 मीटर से भी ऊंची है। यह पश्चिमी पहाड़ी इलाकों की अपेक्षाकृत अधिक सूखे होते हैं। लेकिन बारिश के दिनों में फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में बारिश मिल ही जाती है। जल संग्रहण करने से सिंचाई के साथ साथ गेहूँ और जौ की खेती भी आसान हो जाती है। यमन के पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे ऊँचा जगह 3,666 मीटर (12,028 फीट) है। +यमन की आधिकारिक भाषा अरबी है। किसी गैर-अरबी भाषी से यहाँ के स्थानीय लोग किसी अन्य भाषा में बात करने की कम से कम कोशिश तो करेंगे ही लेकिन निश्चित रूप से आपको कुछ स्थानों में अरबी की जरूरत तो पड़ेगी ही। यदि आप राजधानी के बाहर घूमने गए हैं तो वहाँ आपको दो अलग अलग भाषाओं में संकेत शायद ही मिले। आम तौर पर राजधानी के बाहर ऐसे संकेत नहीं होते हैं, अतः आपको यहाँ यात्रा करने के लिए अरबी लिपि जानना बहुत जरूरी है। ऐसा कहा जाता है कि यमनी लोग बातचीत के मामले में बहुत घुले हुए होते हैं। +देश के कुछ हिस्सों में ऐतिहासिक दुर्गमता के कारण कई लहजे हो गए हैं। किसी गाँव वाले का कहना कि उसका अरबी भाषा बोलने के कड़ी मेहनत किया है, कोई असाधारण बात नहीं है। भीतरी इलाकों में रहने वाले बच्चे आपके द्वारा उनकी भाषा बोलने की कोशिश करने को बड़े ही आनन्द से से सुनते हैं। उन्हें आपके द्वारा बोलने में गलती भी काफी अच्छी लगती है। +साना में कई सारे संस्था मौजूद हैं जो केवल अरबी में ही निर्देश देते हैं। यमन में अरबी सीखने से एक लाभ तो ये है कि यमन में अधिकांश बोलियों को आप आसानी से समझ सकेंगे और वे आपकी भाषा भी समझ लेंगे। +वीजा के लिए नियम नियमित रूप से बदलते रहते हैं। जाने से पूर्व दूतावास से संपर्क कर लें कि सभी आवश्यक दस्तावेज आपके पास है या नहीं। आप साना के किसी लाइसेंस वाले संचालक से भी इस बारे में पूछ लेंगे तो और अच्छा होगा। वैसे जनवरी 2010 में आगमन पर वीजा मिलने वाली सुविधा को समाप्त कर दिया गया था। अधिकांश देशों के नागरिकों के लिए अग्रिम वीजा अनिवार्य हो गया है। वीजा जारी होने के 30 दिनों तक ही वह वैध रहता है। यूरोपीय संघ के लिए यह 3 महीने है, लेकिन कभी कभी यह अधिकारिकों के मन पर भी निर्भर करता है। इसके अलावा वीजा प्राप्त करने का दूसरा तरीका लाइसेंस प्राप्त यात्रा संचालक के पास ही है। वे अपने ग्राहकों के लिए विदेश मंत्रालय से पहले ही वीजा के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार कर लेते हैं जो उसके 30 दिन तक वैध रहता है और आपके साना के हवाईअड्डे पर वास्तविक वीजा मिल जाएगा। 21 जनवरी 2010 को यमनी प्राधिकरण ने आगमन पर वीजा मिलने वाली सुविधा को समाप्त कर दिया था, जिसका कारण आतंकवाद को रोकना और उसके खतरे को कम करना है। +यहाँ रेल से पहुँचने की कोई सुविधा नहीं है। यदि आप आ भी गए तो भी यमन में आपको कोई रेल उपलब्ध नहीं होगी। यदि आप नाव से यात्रा करना चाहते हैं तो दिज्बौती से आप नाव द्वारा आ सकते हैं। यह सस्ता तो है, लेकिन आराम से आने के लिए यह अच्छा विकल्प नहीं होगा। +राजधानी के बाहर यात्रा करने वाले ज्यादातर लोगों को कार में सफर करना पसंद होता है। कुछ लोग तो ड्राइवर भी रख लेते हैं। यात्रा करने वाले अन्य लोग वहाँ के स्थानीय बस से ही सफर करना पसंद करते हैं, क्योंकि यह काफी सस्ता होता है और आरामदायक होने के साथ साथ ही आप इससे देश को भी बहुत अच्छी तरह से देख सकते हैं। बस लगभग हर एक घंटे में बीच बीच में रुकते रहते हैं, यदि आप इस धीमी गति से परेशान नहीं हो रहे हैं तो यात्रा करने का यह सबसे मनोरंजन तरीका है। +यमन की राष्ट्रीय मुद्रा यमनी रियाल है, जिसे YER या ﷼ के रू��� में दिखाया जाता है। चलने में और बैंक द्वारा दिये जाने वाले नोट में YER50, YER100, YER200, YER250, YER500 और YER1000 के ही नोट रहते हैं। शायद ही आपको कभी YER10 और YER20 के सिक्के मिले। +लगभग सभी जगह आपको यहाँ जाम्बिया बेचेते स्थानीय लोग दिखेंगे और आपको उनसे जाम्बिया खरीदने और पहनने का मौका मिल सकता है। इसमें जाम्बिया के साथ साथ म्यान भी हो सकता है। इसके साथ ही वे लोग हाथों से बने बेल्ट और चाँदी की पाउच भी बेचते हैं। जाम्बिया खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे कुछ प्रयोजनों में हथियार के रूप में भी उपयोग किया जाता है। यह किसी पशु के सिंग या हाथी के दांतों से बना होता है। आज कल यह संदेश का विषय है कि आप जो चीज ले रहे हैं, वो सच में उन जानवरों के सिंग या दाँत से बना है या किसी लकड़ी या अन्य किसी चीज से मिला कर बनाया गया है। अतः लड़की या ऐसे किसी चीज से बना हुआ चीज लेना ही सही विकल्प है। +अरब प्रायद्वीपों से यमन के व्यंजन स्पष्ट रूप से काफी अलग है और यह इस देश में यात्रा करने का एक विशेष आकर्षण है और विशेष रूप से यदि कोई स्थानीय निवासी आपको कुछ खाने को दे। सामान्यतः आने वाले लोगों को यहाँ खाने के लिए आमंत्रित किया जाता है, बस आपको थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। +शीतल और अन्य प्रकार के पेय आपको आसानी से प्राप्त होंगे, पर इसका ध्यान रखें कि गंदे दिखने वाले दुकानों से किसी भी प्रकार का पीने का कोई सामान न खरीदें, क्योंकि हो सकता है कि वे लोग नल के पानी का उपयोग करते हों। कई यमनी लोग अपने भोजन के साथ चाय (शे) और कॉफी (कहवा या बुन) पीते हैं। तुर्क के कॉफी के मुकाबले यहाँ का कॉफी काफी हल्का होता है। हमेशा नल के पानी से दूरी बनाये रखें, क्योंकि इससे आप बीमार भी हो सकते हैं। इससे बचने के लिए आप बोतल वाले पानी का उपयोग कर सकते हैं। कमरे के तापमान में पानी के बोतल सभी जगह उपलब्ध रहते हैं। +मुख्य शहरों और राजधानी के बाहर आपको सोने के लिए कमरे में नीचे जमीन पर ही बिस्तर मिलेंगे। नहाने के लिए भी एक ही जगह मिलेगा, जिसमें कई अन्य लोग उसका उपयोग करेंगे। अधिकांश बड़े गाँवों में इस प्रकार के आवास होते हैं। कई जगह आपको गाँव के नाम का पर्यटन होटल भी दिख सकता है। जैसे गाँव का नाम] पर्यटन होटल" इस तरह के नाम वाले होटल में हमेशा बिजली नहीं रहती है और इस कारण आपको हमेशा गर्म पानी नहीं मिल सकेगा। + + +यूरोप अन्य स्थानों क��� तुलना में सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला महाद्वीप है। यह महाद्वीप प्रतिवर्ष 6 करोड़ से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत करता है जो वैश्विक संख्या के आधे से भी अधिक है। विश्व के अच्छे कारणों के लिए माने जाने वाले शीर्ष 10 देशों में से 7 यूरोप महाद्वीप में हैं। +हालाँकि यूरोप प्रभावी रूप से एक अकेला देश नहीं है लेकिन एक देश से दूसरे देश की सीमा में प्रवेश सुगमता ऐसा आभास देती है, यहाँ की बुनियादी परिवहन सुविधायें सामान्यतः कुशल और अच्छी तरह से उल्लिखित हैं। दूसरी तरफ उच्च गति वाली रेलगाड़ी, छोटी उड़ान अथवा सामान्य यात्रा से थोड़ी दूरी पर नयी संस्कृति और पद्धतियाँ देखने को मिल सकती हैं। +यूरोप की सांस्कृतिक विरासत तीन हज़ार वर्षों से भी पुरानी है; महाद्वीप ने प्राचीन यूनान और रोमन साम्राज्य का उत्थान और पतन देखा है तथा पुनर्जागरण और औद्योगिक क्रांति को जन्म दिया। अनगिनत राज्यों, गणराज्यों और साम्राज्यों ने विभिन्न पुरातात्त्विक स्थल और पुराने नगर एवं प्रचुर मात्रा में व सबसे शानदार गिरिजाघरों को विश्व धरोहर के रूप में छोड़ा। इतिहास से अलग, यूरोप उच्च संस्कृति का गृह स्थल है जो अपने विविध व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है और अपने रोमांचक और रुमानी नगरों के लिए जाना जाता है। +लगभग 40 हज़ार वर्ष पूर्व अफ़्रीका से मानव जाति यूरोप पहुँची और मूल 30 हज़ार वर्ष पूर्व लुप्त हो चुके नीदरलैण्ड मानव को विस्थापित किया। +लगभग 300 ई॰ में प्रव्रजन काल आरम्भ हुआ और मुख्य रूप से जर्मन जनजातियाँ पूरे महाद्वीप में फैलने लगी। 500 ई॰ के लगभग (सामान्य रूप से 476 ई॰ को सन्दर्भित किया जाता है, लेकिन इससे थोड़ी भिन्न तिथि के भी कुछ अच्छे तर्क उपलब्ध हैं) पश्चिमी रोमन साम्राज्य को मुख्यतः जनजातियों द्वारा समाप्त कर दिया गया, इन जनजातियों में गॉल और जर्मनी में फ्रैंक्स एवं स्पेन की विजिगोठ्स शामिल हैं। रोम साम्राज्य के पतन से आरम्भ होने वाले अगले हज़ारों वर्ष के समय को आगामी पीढ़ी द्वारा मध्य युग बोला गया। +काली मौत ने वर्ष 1350 के लगभग यूरोप की लगभग एक तिहाई जनसंख्या को मार दिया। +औद्योगिक क्रान्ति की शुरूआत 18वीं शताब्दी में ब्रिटेन में हुई लेकिन पूरे महाद्वीप में फैलने में एक सदी का समय ले लिया। +शीतयुद्ध और यूरोप का एकीकरण +इस युद्ध में यूरोप ने सबसे अधिक विन��श देखा जिसमें वहाँ के व्यक्तियों सहित बड़ी मात्रा में युद्ध अपराधों ने जन्म लिया। इससे पहले यूरोप की प्रमुख शक्ति ही विश्व की प्रमुख शक्ति थी जिसको इस विश्वयुद्ध ने अकेले ही समाप्त कर दिया और संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के रूप में दो नयी महाशक्तियों का उद्भव हुआ। +यूरोप के एकीकरण की प्रक्रिया की सफलता ने सिद्ध किया कि अधिकतर देश यूरोपीय देश जल्दी ही यूरोपीय संघ में शामिल हो सकते हैं। आयरलैण्ड, डेनमार्क और यूनाइटेड किंगडम (ब्रितानी सदस्यता पर फ़्रांस ने अपना बहुकालिक विटो छोड़ दिया) 1973 में यूरोपीय समुदाय में शामिल हुये जबकि यूनान, पुर्तगाल और स्पैन वर्ष 1980 के दशक में उनके यहाँ तानाशाही के लोकतंत्र में परिवर्तित होने के बाद शामिल हुये। इसमें और अधिक वृद्धि वर्ष 1995 में देखने को मिली जब शीत-युद्ध की समाप्ति पर तीन लोकतांत्रिक और पूँजीवादी निष्पक्ष राष्ट्र ऑस्ट्रिया, स्वीडन और फिनलैण्ड भी यूरोपीय संघ में शामिल हुये। इसी समय पर यूरोपीय समुदाय को विभिन्न अधिकार प्राप्त हुये। वर्ष 1992 में इसका नया नामकरण यूरोपीय संघ (यूरोपीयन यूनियन) रखा गया तथा सभी यूरोपीय मुद्राओं के स्थायी विनियम दर निर्धारित करने के पश्चात् वर्ष 2002 में इसकी नयी मुद्रा प्रस्तावित की गयी। इसके बाद यह यूरोपीय संघ के सदस्यों के अतिरिक्त इसके सम्भावित भावी सदस्यों में जैसे मोनाको अथवा कोसोवो में भी यह उद्रा चलन में है। विभिन्न अन्य देश भी अपनी मुद्रा का विनिमय फ्रेंच फ्रैंक्स अथवा डच मार्क के स्थान पर यूरो के साथ करने लगे। +शीत-युद्ध की समाप्ति ने यह प्रश्न भी खड़ा कर दिया कि क्या सोवियत गटबन्धन भी यूरोपीय संघ में शामिल होगा और कैसे एवं कब। पूर्व के तीन-तीन देशों के संग्रह के स्थान पर 1 मई 2004 को सोवियत पिछलगू (पोलैण्ड, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और हंगरी तीन पूर्व सोवियत गणराज्य (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया) एक पूर्व युगोस्लाव गणराज्य (स्लोवेनिया) और दो पूर्व ब्रितानी उपनिवेश मेडिटेरेनियन (साइप्रस और माल्टा) भी यूरोपीय संघ में शामिल हो गये जिसे "पूर्वी विस्तार" के रूप में जाना जाता है। रोमानिया और बुलगारिया 2007 में शामिल हुये और क्रोएशिया दूसरा पूर्व युगोस्लाव गणतंत्र ने 2013 में यूरोपीय संघ से नाता जोड़ा। वर्तमान में विभिन्न देश "परिग्रहण कार्य" के अलग-अलग चरणों में हैं लेकिन कोई भी अभी समझौते के करीब नहीं हैं और उनमें से कुछ राजनयिक शिष्टाचार से अधिक कुछ नहीं हैं। आइसलैण्ड ने आधिकारिक रूप से 2007 में आर्थिक मंदी के दौर में पहले यूरोपीय संघ में शामिल होने का कार्य आरम्भ किया लेकिन बाद में शामिल होने का इरादा नहीं दिखाया। मैसिडोनिया, मोंटेनेग्रो और सर्बिया आधिकरिक आवेदक बने के स्थान पर वर्तमान में आर्थिक आधार पर माने जाते हैं और राजनैतिक तौर पर जुड़ने के लिए तैयार नहीं हैं तथा तुर्की के साथ बातचीत चल रही है (जो वर्तमान में केवल कागजों पर दिखाई दे रही है) जो अभी रुकी हुई है और वर्तमान सरकार की राजनयिक असहमतियों के चलते स्पष्टतः समाप्त मानी जा सकती है। नॉर्वे और स्विट्ज़रलैण्ड ने अपने आप को यूरोपीय संघ से बाहर रखा है और किसी तरह से शामिल होने की कोई योजना नहीं रखते। +वर्ष 2016 में यूनाइटेड किंगडम ने यूरोपीय संघ को छोड़ने का निर्णय लिया लेकिन अब तक यूरोपीय संघ को छोड़ने की कोई औपचारिक तिथि निर्धारित नहीं हुई। +यूरोप का उच्चतम बिन्दु रूस में कोकश पर्वत-शृंखला का माउंट एलब्रुस है जो समुद्र तल से 5,642 मीटर (18,510 फुट) ऊँचाई पर स्थित है। कोकश के अतिरिक्त एल्प्स में मोंट ब्लैंक है जो समुद्र तल से 4,810 मीटर (15,771 फुट) ऊँचाई पर स्थित है। इसके अतिरिक्त अन्य महत्त्वपूर्ण पर्वत शृंखला में फ़्रांस और स्पैन के मध्य प्रेनीस एवं कारपैथियन्स जो मध्य यूरोप और बाल्कन्स से गुजरता है। इसका अधिकतर भाग उत्तर और बाल्टिक सागर समतल हैं, जिसमें मुख्यतः नीदरलैण्ड, उत्तर जर्मनी और डेनमार्क शामिल हैं। उत्तर और बाल्टिक सागर समतल हैं जिसमें मुख्यतः नीदरलैण्ड, उत्तर जर्मनी और डेनमार्क हैं। बाल्टिक सागर और उत्तरी समुद्री तट पर विभिन्न द्वीपसमूह और सैकड़ों मील लम्बे मिट्टी के समुद्र तटों को दर्शाता है। +यूरोप का अधिकतर भाग शीतोष्ण जलवायु में आता है। गल्फ स्ट्रीम के प्रभाव के कारण यह अपने समान अक्षांश वाले (उदाहरण के लिए उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका) अन्य क्षेत्रों से सौम्य है। हालांकि, यहाँ पर भी अलग-अलग क्षेत्रों की जलवायु में गहन अन्तर पाया जाता है। यूरोप की जलवायु दक्षिण में भूमध्य सागर के पास उपोष्णकटिबंधीय से आरम्भ होकर बेरिंट सागर और आर्कटिक महासागर तक शीतोष्ण जलवायु परिवर्तन रखता है। +सामान्य रूप से, अंतर्देशीय भूभाग पर मौसमी परिव���्तन अधिक होता है जो अटलांटिक द्विपों पर कुछ डीग्री तथा रूसी समतल क्षेत्रों में सूर्य की दहकती गर्मी और जमानेवाली सर्दी तक का परिवर्तन देखने को मिलता है। +अटलांटिक और पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है। मुख्यतः उत्तर-पश्चिम स्पेन, ब्रितानी द्वीप, नॉर्वे, एल्प्स और पश्चिमी बाल्कन्स पर दिनारिक पर्वत अधिक वर्षा वाले स्थान हैं। एल्प्स के उत्तरी भाग सामान्यतः सर्दियों की तुलना में गर्मियों में अधिक बारिस वाले स्थान हैं। समतल भूभाग पर अधिकतम बारिस सामान्यतः सर्दियों में होती है और गर्मियाँ सूखी गुजरती हैं। +एल्प्स की उच्ची चोटियाँ हमेशा बर्फ से ढ़की रहती हैं। +90 दिन का विजा-मुक्त रहना सभी शेंगेन क्षेत्रों पर लागू होता है, अर्थात् यह किसी के अनुमान के अनुसार प्रत्येक देश के लिए 90 दिन नहीं हैं। उपरोक्त देशों के नागरिक जो 90 दिन से अधिक समय के लिए यूरोप में घूमना चाहते हैं, को रेसीडेन्सी परमिट (निवास अनुमति) के लिए आवेदन करना आवश्यक है। यह किसी भी शेंगेन देश में किया जा सकता है लेकिन जर्मनी और इटली की संस्तुति की जाती है क्योंकि विभिन्न अन्य देश आवेदकों से अपने गृह देशों से आवेदन करने की मांग करते हैं। +यूरोपीय देशों और शेंगेन देशों में अन्तर का ध्यान रखें। आप आवर्जन नियंत्रण से भिन्न देशों से गुजर सकते हो और यह सीमा नियन्त्रण से भिन्न हो सकते हैं तथा इसका विपरीत भी सत्य है। +आप यूरोपीय संघ की सीमाओं से तम्बाकु की सीमित मात्रा (ठीक संख्या उस देश पर निर्भर करती है जिसमें आप पहुँच रहे हो एक लीटर मद्यसार (22% अल्कोहल से ज्यादा) अथवा 2 लीटर अल्कोहल (उदाहरण के लिए 22% से कम अल्कोहल वाली स्पार्कलिंग शराब) और 4 लीटर गैर-स्पार्कलिंग शराब और 16 लीटर बीयर लाने की अनुमति है। यदि आपकी आयु 17 वर्ष से कम है तो आपको या तो इससे आधी मात्रा लाने की अनुमति होगी या फिर बिलकुल अनुमति नहीं होगी। +जो देश यूरोपीय संघ के सदस्य नहीं हैं उनकी अपनी सीमा-शुल्क नीतियाँ हैं। +बड़ी संख्या में यूरोपीय संघ क्षेत्र में रेफुजी प्रवेश के कारण वर्ष 2015 से इस क्षेत्र में मुक्त गतिशीलता बाधित हो चुकी है। कुछ सीमाओं को बन्द (कम से कम आंशिक रूप से) एवं कुछ स्थानों पर यातायात सामान्य से बहुत कम कर दिया गया है। कुछ सीमा-पार पर पहचान पत्र के दस्तावेज पूछे जाने लगे हैं। अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर देरी अपेक्षित है। +यूरोप में हवाई अड्डे "शेंगेन" और "गैर-शेंगेन" के रूप में विभक्त हैं, जो अन्य स्थानों के लिए "स्थानीय" और "अन्तर्राष्ट्रीय" के रूप में प्रभवकारी लगते हैं। यदि आप यूरोप के बाहर से शेंगेन देश की उडान भरते हो और दूसरे पर जारी रहते हो तो आपको पहले देश में पासपोर्ट नियंत्रण से गुजरना पड़ेगा और इसके बाद आप बिना किसी अन्य जाँच के अपने गंतव्य स्थान तक जा सकते हो। हालांकि, यदि आप यूरोपीय संघ के शेंगेन देश से यूरोपीय संघ के गैर-शेंगेन देश में जाते हो तो उस स्थान पर सीमा-शुल्क नियंत्रण पुनः लागू होता है। +शेंगेन देश से गैर-शेंगेन देश में यात्रा पर आपको सामान्य सीमा जाँच से गुजरना पड़ेगा। चाहे आप शेंगेन क्षेत्रों में किसी बन्दरगाह और हवाई अड्डे पर घूम रहे हो तो वहाँ के कर्मचारी आपसे आपके पहचान पत्र और पासपोर्ट दिखाने की मांग कर सकते हैं (यह अब कुछ भौगोलिक सीमाओं पर भी आरम्भ हो गया है, मुख्यतः स्विडन, डेनमार्क और स्विट्ज़रलैण्ड में)। +वास्तविक यात्रा के समय यात्री इन बाधाओं को ध्यान में रखे: +* जर्मनी से फ़्रान्स के मध्य यात्रा (दोनो यूरोपीय संघ, दोनों शेंगेन कोई नियन्त्रण नहीं +* जर्मनी से स्विट्ज़रलैण्ड के मध्य यात्रा (दोनो शेंगेन, स्विट्ज़रलैण्ड यूरोपीय संघ में नहीं सीमा-शुल्क जाँच, लेकिन कोई आवर्जन नियंत्रण नहीं +* फ़्रान्स से यूनाइटेड किंगडम यात्रा (दोनो यूरोपीय संघ, यूके शेंगेने में नहीं आवर्जन जाँच, लेकिन कोई सीमा-शुल्क जाँच नहीं +* स्विट्ज़रलैण्ड से यूनाइटेड किंगडम: आवर्जन और सीमा-शुल्क जाँच दोनों। +यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र या शेंगेन देशों के नागरिकों को किसी अन्य यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र या शेंगेन देशों में किसी भी उद्देश्य से कितने भी समय तक रहने के लिए किसी तरह के विजा अथवा अनुमति की आवश्यकता नहीं है। क्रोएशियाई कार्यकर्ताओं के रोजगार के लिए केवल कुछ देशों में अपवाद हैं। +* आपके पास वैध टिकट है +* आपने पुष्ट आरक्षण पहले से करवा रखा है +* एयरलाइन द्वारा दी गयी समयसीमा में आपने आगमन की सूचना दे दी है +तब आप क्षतिपूर्ति के हकदार हैं, जो निम्नलिखित हैं: +* यदि उड़ान 1500 किमी से कम है तो €250 +लेकिन यदि देरी 2 घण्टे से कम हो तो केवल €125 +* यदि उड़ान 1500 किमी से 3500 किमी के मध्य है तो €400 +लेकिन 3 घण्टे से कम देरी पर केवल €200 +* यदि उड़ान 3500 किमी से लम्बी है तो €600 +लेकिन 4 घण्टे से कम देरी के लिए केवल €300 +और आपके टिकट की धनवापसी (आपके प्रारम्भिक प्रस्थान बिन्दु तक की मुफ्त पुनः वापसी की उड़ान, यदि प्रासंगिक हो तो) +या आपके गंतव्य तक वैकल्पिक परिवहन। +एयरलाइन निम्नलिखित खर्चे भी वहन करती है: +* दो टेलीफोन अथवा ईमेल, टेलेक्स या फैक्स +* प्रतीक्षा समय में उचित सम्बंध में भोजन और जलपान +* यदि आपको पूरी रात्रि में प्रतीक्षा करनी पड़ती है तो होटेल आवास। +सामान्यतः वो आपको एक प्रिपेड फोन कार्ड देंगे और भोजनालय एवं होटेल के वाउचर देंगे। +देरी वाली उड़ान के लिए प्रतिदाय +यूरोपीय संघ से और इसमें सभी उड़ानों में हाथ में पकड़ने वाले सामान में 100 मिली प्रति पात्र द्रव, जेल और क्रीम की सीमा है जिसको किसी पारदर्शी, ज़िप-लोक प्लास्टिक बस्ता (1 लीटर या कम) में ले जाया जा सकता है। यह बस्ता सुरक्षा जाँच के समय प्रस्तुत करना होता है और एक यात्री केवल एक ही बस्ता लेकर जा सकता है। +दर्जनों सस्ती एयरलाइन यूरोप में सस्ती यात्रा की अनुमति देती हैं, कभी-कभी समान यात्रा की रेलगाडी या बस के किराया भी सस्ता, हालांकि आपके पास सामान होने पर "लेजेसी" एयरलाइन (अथवा उनकी सहायक कंपनियां) बेहतर सौदा उपलब्ध करवा सकती हैं। वर्तमान में यूरोविंग्स, इजीजेट, नोर्वेजियन, रायनएयर, ट्रांसवाया, वुयेलिंग और वज़्ज़एयर जैसी कम लागत वाली एयरलाइन सबसे सस्ती उडान दे सकती हैं। इन सभी एयरलाइन की टिकट पर्याप्त रूप से अग्रिम समय पर इंटरनेट से बनानी चाहिए अन्यथा कीमत का लाभ नहीं उठाया जा सकता। हमेशा कीमतों की तुलना ब्रिटिश एयरवेज, एयर फ़्रान्स-केएलएम अथवा लुफ्तांसा जैसी बड़े वाहकों से कर लेनी चाहिए। केवल कुछ ही मामलों में एक माह या इससे अधिक समय पहले टिकट बनवाने पर एयरलाइन पर कीमतें €80 से ज्यादा पड़ता है (बहुत लम्बे मार्ग उदाहरणार्थ डबलिन-इस्तांबुल को छोड़कर)। आपको इसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए कि हवाई अड्डा कहाँ पर स्थित है, चूँकि कुछ कम लागत वाली एयरलाइन बड़े नगर के छोटे हवाई अड्डे से जोड़ सकती हैं, जहाँ की दूरी बस द्वारा दो घण्टे तक की हो सकती है (उदाहरण के लिए रायनएयर और वज़्ज़एयर की फ्रैंकफर्ट-हहन, जो कि फ्रैंकफर्ट/मुख्य अन्तर्राष्ट्रिय हवाई अड्डा नहीं है)। इसके अतिरिक्त ध्यान रहे कि सस्ती एयरलाइन छोटी सेवाओं पर अतिरिक्त सेवा कर रखती हैं (उदाहरण के लिए सामान, नाश्ता, बोर्डिंग पास और अन्य) जिनको कीमत की तुलना के समय ध्यान में रखना चाहिए। +2010 के दशक से पहले यूरोप के अन्तर-नगरीय परिवहन में बसों ने अहम भूमिका निभाई। तीव्र गति की रेल और सस्ती हवाई यात्रा ने इन्हें दूसरे और तीसरे स्थान पर पहुँचा दिया जो अब खराब रेल सेवा वाले देशों और बहुत कम बसावट वाले क्षेत्रों जैसे नॉर्डिक देश अथवा रूस और बाल्कन्स में अपनी सेवायें दे रही हैं। हालांकि, जर्मनी और बाद में फ़्रान्स में हुये कानूनी सुधारों ने बस कंपनियों को कम अन्तर-नगरीय सेवा वाले नगरों और पहले से उपलब्ध सेवाओं को जारी रखने को अनुमत किया। +बस कंपनियों के मध्य सहयोग विद्यमान नहीं होने की सम्भावना है। अतः सभी कंपनियों की अलग-अलग अथवा स्थानीय जाँच हो सकती है। एक देश से दूसरे में व्यवस्था बदलती है यद्यपि बड़े खिलाड़ी (उदाहरण के लिए फ्लिक्सबस, यूरोलाइन, स्टूडेंट एजेंशी) विभिन्न देशों में सक्रिय हैं। +लम्बे समय तक, बसें मुख्यतः केवल पर्यटन अथवा किसी विशिष्ट यात्रा के लिए सेवा देती थी। इसके अपवाद के रूप में चाइनटाउन बसें, पूर्वी यूरोप की बसें, बल्कन्स एवं तुर्की मुख्यतः लोगों को उनके प्रवास तक छोड़ने और प्रवास से दूर कार्यस्थल के लिए सेवा देती थी। जबकि वो अधिकतर कंपनियाँ आज भी वो सेवा दे रही हैं जो हमेशा से देती थी, लेकिन पर्यटन उन्मुख कंपनियों ने सघन जाल और स्थानीय मार्गों पर अधिक ध्यान देकर इनपर छा गयी हैं। +और अन्ततः काला सागर और इसके जल में विभिन्न नौकायन फेरी उपलब्ध हैं, यद्यपि सेवायें समय पर अस्थिर हो सकती हैं। पोटी, इस्तांबुल और सेवस्तोपोल प्रमुख बन्दरगाह हैं। लगभग काला सागर के सभी बन्दरगाह कहीं न कहीं फेरी जाती है लेकिन शायद ही कहीं भी तार्किक हैं। +पश्चिमी यूरोप की लगभग सभी सड़कें अच्छी अवस्था में हैं और विस्तृत हैं एवं अच्छी तरह से विकसित राजमार्क जाल है, इसी तरह पूर्वी यूरोप अभी भी ऐसी अवस्था प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है। +यदि आप यूरोप में ड्राइव करने के लिए भाड़े पर कार लेने की योजना बना रहे हैं तो यह अक्सर विभिन्न देशों में विभिन्न दरें देखकर करना चाहिए न कि जिस देश में पहुँचे हैं वहाँ से ही कार लें। लम्बे किराये के लिए मूल्यान्तर इस हद तक पर्याप्त है कि इसके अनुसार आप अपनी यात्रा की योजना समायोजित कर सकते हैं, उदाहरण के लिए यदि आप कार द्वारा स्कैंडेनेविया के पास यात्���ा की योजना बनाते हैं तो यह अक्सर जर्मनी में उड़ान भरने और कार किराये करने से बहुत अधिक सस्ता है। उत्तर अमेरिका से तुलना करने पर आपको छोटी और कुशल कार के लिए तैयार रखना चाहिए और उनमें से अधिकतर का स्थानान्तरन हाथ से होता है, अतः आज्ञप्ति देने से पहले यदि इसका आग्रह करना चाहिए (और अक्सर इसके लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है)। कुछ किराये पर देने वाले अभिकरण अपने मसौदे में शर्तें रखती हैं जो एक देश में कार किराये पर लेकर उसे दूसरे देश में जाने की अनुमति नहीं देती। इसके उदाहरण के तौर पर जर्मनी से किराये पर ली गयी कार पोलैण्ड नहीं ले जा सकते क्योंकि वहाँ इसके चोरी होने की सम्भावना रहती है। इसके विपरीत देखें तो यह शर्त नहीं होती अतः यदि आप दोनों देशों की यात्रा किराये की कार से करना चाहते हो तो आपका पोलैण्ड में कार किराये पर लेना आसान (और सस्ता भी) हो सकता है और इससे आप जर्मनी की यात्रा भी कर सकते हैं। +ध्यान रहे, पूर्व पूर्वी ब्लॉक में अंगूठे के इशारे से चलने में भाषा सम्बंधि समस्या आयेगी, विशेषतः यदि आप अंग्रेज़ी भाषा बोलते हैं तो यह समस्या आयेगी। पूर्व युगोस्लाविया में आपको अंगूठे के इशारे से यात्रा नहीं करने की सलाह दी जाती है उदाहरण के लिए यदि आप क्रोएशिया और सर्बिया के मध्य यात्रा कर रहे हैं तो अंग्रेज़ी भाषा बोलने पर यहाँ के राष्ट्रवादियों से बहुत विकट समस्या आ सकती है। क्रोएशिया से स्लोवेनिया के मध्य सामान्यतः यह समस्या नहीं आती। मोल्डोवा और यूक्रेन में इसके स्थान पर बस या रेलगाड़ी से यात्रा करना ठीक रहेगा। पश्चिमी यूरोप में, मुख्यतः नीदरलैण्ड और जर्मनी में अंगूठे के इशारे से चलना थकाऊ और सुस्त करने वाला हो सकता है। +अधिकतर यूरोपीय भाषायें हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार से आती हैं। वो एकसमान वंशक्रम रखती हैं और समान मूलभूत शब्दकोश फादर मदर संख्यात्मक शब्द आदि) और व्याकरणीय संरचना रखती हैं। व्याकरणीय समानता और साझा शब्दकोश यूरोपीय भाषाओं के मध्य मजबूत भाषाई-सम्पर्क प्रदान करती हैं जिसके साथ चिरसम्मत यूनानी और लातिन असम्बद्ध में भी बहुतायत में प्रभावशाली हैं। इनको मौटे तौर पर निम्नलिखित उप-भाषा-परिवारों में विभक्त किया जा सकता है: +समान उप-भाषा-परिवार की भाषाओं में शब्दकोश और व्याकरणीय समानता बहुत अधिक मिलती है लेकिन ये सम्बन्ध जानने के लिए ��ी प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती है। रोमन भाषा बोलने वाला अल्प मात्रा में पुर्तगाली, स्पेनी, फ़्रान्सीसी, इतालवी और रोमानियाई को काम में ले सकता है जबकि यदि आप पूर्व में स्लाविक भाषा बोलते हो तो उसके साथ भी यह सत्य है। +लेटिन वर्णमाला का उद्भव यूरोप में हुआ और यह लगभग यूरोप में काम में ली जाती है, अक्सर इसमें कुछ छोटे बदलाव अथवा अतिरिक्त अक्षर जोड़े गये हैं। सम्बंधित स्लाव वर्णमाला का उपयोग रूसी, कुछ अन्य स्लाविक भाषाओं और रूस और पूर्व सोवियत संघ के भाग रहे कुछ अन्य भागों में कुछ गैर-स्लाविक अल्पसंख्यक भाषाओं में काम में ली जाती है। ये दोनों वर्णमालायें यूनानी वर्णमाला से व्युत्पन्न हुई हैं। अन्य लेखन प्रणालियों में जॉर्जियाई और आर्मेनियाई वर्णमालायें हैं। +शायद खेलों के जितना मजबूत कोई भी क्षेत्र नहीं है यूरोप के एकीकरण में भागीदार है। अधिकतर पैशेवर खेल यूरोप-व्यापी लीग रखते हैं और लगभग सभी खेल द्वि-वार्षिक यूरोपीय प्रतियोगिता रखते हैं। +स्कीइंग अल्पाइन स्कीइंग) पहाड़ी देशों स्कैंडेनेविया, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, स्विटज़रलैंड, फ़्रान्स और इटली का बड़ा खेल है। +पूर्वी यूरोप बढ़ती हुई लोकप्रियता देख रहा है क्योंकि यहाँ पर पूरे महाद्वीप में सबसे कम कीमते हैं। नकारात्मक पक्ष यह है कि यहाँ पर सुविधायें इतनी महंगी अथवा आधुनिक नहीं हैं जितनी यूरोप के अन्य भागों में हैं लेकिन चीजें तेजी से सुधर रही हैं। स्लोवानिया एल्प्स में सबसे महंगे का विकल्प है क्रांज्स्का गोरा देश का सबसे बड़ा रिसोर्ट है। अधिकतम 2200 मीटर (7200 फुट) दौड़ के साथ कार्पेथियन पहाड़ अन्य सबसे लोकप्रिय क्षेत्र है पोयाना बार्सोव रोमानिया, 20 किमी, 11 चढ़ाव ज़कोपाने पोलैण्ड, 30 किमी, 20 चढ़ाव) और जस्ना स्लोवाकिया, 29 किमी, 24 चढ़ाव) सम्बंधित देशों के सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय क्षेत्र हैं। भूमध्य के मध्य की तरफ साइप्रस में ट्रूडोस पहाड़ियों पर स्की-पर्यटन बढ़ रहा है। +यूरोप में बहुत देश सायक्लिंग (सायकिल दौड़) के लिए प्रसिद्ध हैं। +यूरोप में वाइटवॉटर स्पोर्ट्स और कैनोनिंग के विभिन्न स्थान हैं। +कम आकर्षण वाली खरीददारी की शर्तों पर, यूरोप सामान्यतः थोड़ी समस्या रखता है। खुदरा अधिकतर देशों में अच्छे से विकसित है और आपको आधारभूत किराने के सामान एवं अन्य सामान्य रूप से आवश्यक वस्तुओं के लिए परेशानी नहीं होगी लेकिन सबसे दूरस्थ एवं निर्जन स्थानों पर थोड़ी समस्या आ सकती है। दुकान खुलने का समय, क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति जैसे मुद्दे समस्या का कारण बन सकते हैं इसके अतिरिक्त विक्रेता द्वारा बोली जाने वाली विदेशी भाषा भी समस्या बन सकती है। +वो देश जिन्होंने अपनी मुद्रा को यूरो से प्रतिस्थापित कर लिया उन्हें सामान्यतः यूरोज़ोन कहा जाता है। कभी-कभी यूरोज़ोन के बाहर भी यूरो को स्वीकृत किया जाता है लेकिन सर्वत्र नहीं और दुकानों एवं रेस्त्रां में विनिमय दर आपके अनुकूल नहीं होगी। यूरोज़ोन के बाहर भी विभिन्न हॉटेल किमतें यूरो में बतायेंगे और स्वीकार भी कर लेंगे। +पूरे यूरोप में स्वचालित (ऑटोमेटिक) टेलर मशीन शीघ्रता से उपलब्ध हैं। इन मशीनों द्वारा विभिन्न यूरोपीय बैंकों सहित क्रेडिट कार्ड भी स्वीकृत किये जाते हैं। हालांकि, इनमें सेवा शुल्क (सामान्यतः न्यूनतम यूरो के साथ निकासी का कुछ प्रतिशत) देना पड़ेगा जो विदेशी कार्डों से लेनदेन के लिए लगने वाले खर्चे के अतिरिक्त होता है। मशीन को काम में लेने से पहले उसपर लिखे लेबल/नोटिश पढ़ लें। सामान्यतः मशीन पर आप द्वारा हाल ही में किये जाने वाले लेन-देन से सम्बंधित शुल्क की जानकारी और इसकी पुष्टि के बारे में लिखा होता है। +यूरोपीय एटीएम की-पैड (कुंजीपटल) पर अक्षर नहीं रखते। 4 अंक से बड़ा पिन भी किसी तरह की समस्या नहीं है। +क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह वैश्विक नहीं है और बहुधा केवल विजा और मास्टरकार्ड तक सीमित हैं, मास्टरकार्ड के साथ विभिन्न देशों में व्यापक रूप से स्वीकृत किया जाता है। अमेरिकन एक्सप्रेस और डिनर्स क्लब की स्वीकृति कुछ देशों तक सीमित है और कुछ खुदरा विक्रेता उनपर लगने वाले उच्च शुल्क के कारण जानबूझकर मना कर देते हैं। जेसीबी और यूनियनपे भी अच्छे से स्वीकृत नहीं किये जाते और डिसकवर की व्याप्ति बहुत छोटी है। +विभिन्न नकदीहीन लेनदेन डेबिट कार्ड से की जाती हैं जो तकनीकी रूप से क्रेडिट कार्ड से अलग तरह से प्रक्रमणित किया जाता है और इसके लिए विक्रेता को वैकल्पिक प्रक्रिया काम में लेनी पड़ सकती है। यह मुख्यतः बिना चिप वाले पुराने क्रेडिट कार्ड के लिए सत्य है, जो साधारणतया स्वीकार्य नहीं हों। अधिकतर यूरोपीय देश चिप और पिन प्रणाली की ओर जा चुके हैं जहाँ क्रेडि��� कार्ड में एक चिप बनी हुई होती है और रशीद पर हस्ताक्षर के स्थान पर पिन डाला जाता है। +नकदी से सम्बंधित असामान्य भुगतान की प्रक्रिया के लिए आपके पहचानपत्र की जाँच की जा सकती है, अतः आश्चर्य न करें अथवा यदि आपको पासपोर्ट के लिए पूछा जाता है तो अपमानित महसूस न करें क्योंकि ऐसे कार्यों के लिए विभिन्न यूरोपीय देशों में ड्राइविंग लाइसेंस को अक्सर वैध पहचान पत्र के रूप में नहीं माना जाता। +गहनता से जुड़े 50 देशों और लेकिन एक ही 28 देशों के पेरे हुये क्षेत्र में जो आकार में लगभग चीन अथवा कनाडा के तुल्य है और ग्रह का सबसे बड़ा फैलाव वाला क्षेत्र है जो महाद्वीपों के औपनिवेशिक सम्बंधों से कल्पित रूप से पूरे विश्व को जोड़ता है और किसी भी अन्य स्थान से अधिक पर्यटन को आकर्षित करता है के साथ यूरोप में मुद्रा विनिमय जीवन का तथ्या बना हुआ है एवं विश्व के किसी भी स्थान से अधिक बाजार बेहतर ढ़ंग से स्थापित हैं और लगभग हर जगह उपलब्ध हैं। बैंक लगभग बिना किसी अपवाद के सभी यूरोपीय देशों में और यूरोपीय संघ के बैंक लगभग सभी विदेशी कारोबार वाली मुद्रायें स्वीकृत करते हैं। विशिष्ट मुद्रा विनिमय कंपनियाँ भी प्रचलित हैं, जो मुख्यतः बड़े पर्यटन स्थलों और अक्सर बैंको से थोड़ी सस्ती हैं। हालांकि एटीएम सभी बड़े क्रेडिट व डेबिट कार्ड स्वीकृत करते हैं अतः विभिन्न यात्री साधारणतया सम्भावित वास्तविक विनिम्य दर के निकट प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रोनिक रूप से धन निकालते हैं। +विभिन्न यूरोपीय देश महंगे हैं; विशेषतः पश्चिमी यूरोप, बड़े नगर और पर्यटन क्षेत्र। यादें सहजने वालों के लिए बड़े स्टोरों के स्थान पर कीमतें अक्सर छोटे स्टालों पर कम मिलेंगी। भोजन के समय कुछ वस्तुयें (जैसे जल, ब्रेड) आपको लागतविहिन लगें लेकिन आपके बिल में जुड़ी हुई मिल सकती हैं। +ईयू में अधिकतर सामान और सेवायें प्रकाशित कीमतों में बड़े मुद्रण के साथ मूल्य वर्धित कर (वैट) को समाहित करना अपेक्षित करती हैं। यदि आप गैर-प्रवासी हैं तो वैट आपको वापस लौटाया जा सकता है यदि आप उस सामान को काम में लिए बिना ही यूरोपीय संघ से बाहर लाते हो। इसके लिए स्टोर से वाउचर का अनुरोध करें और अपने निकास बिन्दु पर कस्टम को दिखायें। सुरक्षित रूप के लिए स्टोर के दरवाजे अथवा खिड़की पर वैट वापसी का स्टीकर देखें। वैट सामान्यतः देशवार औ�� कभी कभी सामान (की श्रेणी) के साथ एक ही देश में परिवर्तित होता है जैसे "आधारभूत जरूरत" खाद्य सामग्री और कुछ सामान "आरामदायक" सामान से कम कर वाले होते हैं लेकिन देश से देश तक प्रणाली परिवर्तित हो सकती हैअ उर अक्सर कीमतें वैट की तुलना में अन्य कारकों के कारण अधिक परिवर्तित हो रही हों। संयुक्त राज्य अमेरिका के विपरीत यहाँ पर कोई स्थानीय विक्रय कर नहीं होता तथापि विभिन्न नगरपालिकायें आवास के लिए पर्यटन कर लगाती हैं जो स्वाभाविक रूप से स्थान के अनुसार और कभी-कभी समय अथवा आवास के प्रकार के अनुसार भी बदलता है। +यद्यपि काफी विविधता के साथ यूरोपीय महाद्वीप के व्यंजनों का सिद्धान्त और मुख्य परिपाटी यूरोपीय व्यंजन का आधार रखती हैं। यहाँ पर ठण्डे उत्तर और यूरोप के दक्षिण के भूमध्य भाग के ऐतिहासिक रूप से उत्पादित और वास्तव में राष्ट्रीय व्यंजन वहाँ पर उपलब्ध सामान पर पूरी तरह से निर्भर हैं। +यूरोपीय नगरों में भोजन का दृश्य अन्य विश्व से के भोजन से भारी रूप से प्रभावित है। यूरोप के लोग खुशी से अपने क्षेत्रीय भोजन को यूरोप के अन्य भागों, एशिया और अमेरिका के व्यंजनों के साथ मिश्रित करते हैं। इसके साथ अधिकतर बड़े नगरों में यात्रियों और स्थानीय दोनों तरह के लोगों के लिए बड़ी मात्रा में विकल्पों की शृंखला प्रस्तुत करते हैं। +भूमध्य के निकट के समुद्री तट के पास आप जैतून के तेल की प्रचुरता पायेंगे जो विश्व में अन्य वसाओं से कहीं अधिक स्वस्थ विकल्प के रूप में काम में लिया जाता है। यह अच्छा भोजन करने के बावजूद पतले रहने और लम्बा जीवन जीने के रहस्य की कुंजी हो सकती है जो भूमध्य के पार विभिन्न स्थानों की स्थिति है। +यूरोप के लोग मद्य पदार्थ पीने के मामले में उदारवादी दृष्टिकोण रखते हैं और मुक्त समय में मिलने पर अल्कोहॉल को मानक भाग माना जाता है। अधिकतर देशों में पीने की वैध आयु 16-18 के मध्य परिवर्तित होती है जो अक्सर बीयर और स्प्रिट्स के लिए अलग-अलग है। जबकि अनुचित व्यवहार आपको न केवल इनसे दूर रहने को मजबूर अक्र सकता है बल्कि आप पर जुर्माना एवं गिरफ्तारी की सम्भावना भी बढ़ा देता है, अकेले पीना अपराध नहीं है और इसे सहन किया जाता है यदि कभी-कभी सामाजिक असमति भी हो। +ब्रितानी द्वीपों के अतिरिक्त, नाइटक्लब बहुत ही कम ऐसे हैं जो आधीरात से पहले बन्द होते हों – जब तक लोग आयें तब तक बार और रेस्त्रां खुले मिलेंगे। मुख्यतः यूरोप के दक्षिणी भागों में अल्कोहॉल आपके भोजन का अभिन्न अंग होगा और शराब को आपके दोपहर और रात के भोजन का कठोर भाग माना जाता है। सार्वजिन नियमों में मद्यसेवन के नियम बहुत अधिक बदलाव रखते हैं, कुछ देशों में यह "यदि नगरपालिका द्वारा विरोध नहीं किया जाये तो वैध" है जबकि अन्यों में सर्वत्र प्रतिबन्धित है लेकिन आवश्यक रूप से प्रतिबन्ध लागू नहीं है। यहाँ पर पीने पर "एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते समय" अक्सर कुछ कमीयाँमिलती हैं जिसे अलग तरह से लिया जाता है। साधारण तौर पर पुलिस आप पर तब कार्यवाही करेगी जब आप अधिक मात्रा में उपद्रवी बन गये, जोर से व्यवहार अथवा बतरतीब अथवा अन्य लोगों के लिए परेशानी वाले काम करने लग गये हो। +वास्तव में शराब-सेवन करके गाड़ी चलाना भारी रूप से दण्डनीय है और इसे लगभग पूरे यूरोप में लागू किया जा चुका है। जुर्माना भारी हो सकता है, आप अपना ड्राइविंग लाइसेंस खो सकते हो और इसके प्रभाव में किसी तरह की दुर्घटना को अंज़ाम देना विभिन्न देशों में अपराध की श्रेणी में देखा जाता है। वहाँ पर इसी तरह कभी-कभी कुछ अन्य पदार्थों पर भी नियंत्रण है – विभिन्न देशों में विभिन्न प्रकार के भारी नशे में गाड़ी चलाने पर आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है। कुछ पदार्थ आपके रक्त में मिल जाते हैं और वो आपके रक्त अथवा पेशाब में कई दिनों बाद तक देखे जा सकते हैं और आपके चालन की क्षमता को प्रभावित करने के उपरान्त भी कानूनी रूप से आवश्यक नहीं की आप पर जुर्माना हो। बाइक चलाते समय भी आप मद्य प्रभाव में चालन सीमा की श्रेणी में आ सकते हो लेकिन इनपर बहुत कम मात्रा में नियम लागू किये जाते हैं। पुलिस सामान्यतः बाइक चला रहे लोगों पर ध्यान नहीं देती लेकिन यदि वो आपको किसी अन्य कारण (उदाहरण के लिए पिछे की बत्ती) से रोकते हैं और आपमें अल्कोहॉल की गंध आती है तो वो आपकी जाँच कर सकते हैं और आपको दोनों के लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है। +गेंहू से बनी बीयर जर्मनी, बेल्जियम और नीदरलैण्ड में बहुत लोकप्रिय है और यह विभिन्न किस्मों में आती है। पारम्परिक जर्मन हेफ़ेवाइज़न बिना फिल्टर की हुई और धूमिल होती है जबकि क्रिस्टल फ़िल्टर की हुई और बीयर जैसी होती है। हीयोगार्डन की तरह बेल्जियाई विटबीयर्स अक्सर धीमे स्वाद वाली और ग्रमियों में लोकप्रिय होती है, कभी-कभी इसे नीम्बू की फांकी के साथ भी लिया जाता है। +स्टाउट पोर्टर) एक विशेष प्रकार की बोतल (गिनेश) में पूरे महाद्वीप में मिलने वाली ब्रितानी और आयरिश विशिष्टता है। यह भुने हुये यवपानीय बीज से बनती है, स्टाउट गहरे रंग की और अपने नाम की तरह स्वाद एवं अल्कोहॉल की मात्रा दोनों में प्रबल होती है। +जैसे कि अन्य सभी स्थानों पर वोडका, रम और गिन उपलब्ध हैं। नॉर्डिक देशों, पूर्वी यूरोप और रूस मुख्यतः वोडका से प्यार करते हैं और यदि आप केवल स्मरनॉफ या एब्सोल्यूट पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं तो आपको वोडका का स्वाद देखना चाहिए; आपको उसका स्वाद आश्चर्य में डाल सकता है। अन्य स्थानों पर आपको स्थानीय गुणवता के स्थानीय पेय मिलेंगे जो। मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी यूरोप और बाल्कन (मुख्यतः सर्बिया) में स्लिवोवित्ज़ रैकिया भी कहते हैं) मिलेगी जो कठोर स्वाद और फलीय मदिरा की तरह होती है जो सामान्यतः बेर से बनती है। उसी प्रकार के नाम की अन्य सौंफ़ के स्वाद वाला पेय रैकी यूनान, तुर्की और बाल्कन में भी प्रसिद्ध है। स्प्रिट्स के अन्य रूप जो अंगूरों से बनती हैं में पारम्परिक ब्रांडी कोगनाक सहित) और पॉर्ट यूके एवं दक्षिण-पश्चिम यूरोप में प्रसिद्ध हैं। यूनान और इटली में ओउज़ो सम्बुका लोकप्रिय है जो चक्र फूल और चीनी से मिलाकर बनायी जाती है, जो इसे नद्यपान जैसा स्वाद देता है। उत्तरी यूरोप में आपको श्नैप्स परोसी जा सकती है, जिसे सामान्यतः अनाज और आलु से डिल अथवा झरबेर जैसी जड़ी बूटियों के प्रभाव में बनाया जाता है; ध्यान रहे, यह बिना किसी चेतावनी के अचानक परेशान भी कर सकता है। उत्तरी जर्मनी में कॉर्न पसंदिदा मदिरा है, जो अनाज से बना हुआ और सामान्यतः फिल्टर नहीं किया हुआ पेय पदार्थ है। स्कॉट और आयरिश में विस्की का सबसे अधिक लोकप्रिय होना शायद ही आश्चर्यजनक लगे। हालांकि ये सभी पेय मजबूत क्षेत्रिय महत्त्व रखते हैं लेकिन फिर भी सामान्य रूप से महाद्वीप के किसी भी मदिरालय में एक दो तरह के पेय मिल सकते हैं। +यूरोप की बदलती संस्कृति के साथ यह विभिन्न देशों में अलग-अलग है लेकिन महाद्वीप में अधिकतर लोग होटलों में सोते हैं। अधिकतर मध्यम अकार के कस्बे कम से कम एक हॉटल जरुर रखते हैं और सामान्य तौर पर अलग-अलग मूल्य परास में ज्यादा भी हो सकते हैं। मकान सामान्यतः महंगे मिलते हैं: ये सामान्यतः एक रात का लगभग €90-300 लेते हैं और यदि आप किसी बड़े नगर के किसी बड़े हॉटल में रुकना चाहते हैं तो यह मूल्य और भी अधिक हो सकता है। इन होटलों में टीवी, टेलीफोन, नाश्ता सहित कुछ विलासिता की वस्तुयें भी सुविधा के रूप में मिलती हैं। फ़्रान्स जैसे कुछ देशों में सड़क किनारे वाले होटल भी हैं जो संयुक्त राज्य के मोटेल के समरूप हैं। +आपेक्षिकतः उच्च लागत के कारण युवा यात्रियों के लिए अस्थायी आवास के रूप में छात्रावास होस्टल) अधिक प्रचलित हैं। सभी बड़े नगरों में ये मिल जायेंगे लेकिन प्ररूपी पर्यटन स्थलों के बाहर ये मुश्किल हैं। लगभग €15–30 प्रति रात्रि के हिसाब से छात्रावास, होटलों की तुलना में बहुत सस्ते हैं। महाद्वीप में गुणवता में विशाल मात्रा में परिवर्तित होता है। पूर्वी यूरोप में छात्रावास बहुत सस्ते हैं और कभी-कभी पश्चिमी भाग की तुलना में बहुत ही खराब गुणवता के होते हैं। +कैंपिंग कैंप लगाना) यूरोपीय लोगों में भी लोकप्रिय है। यह प्रत्येक के अधिकार (अल्लेमेंस्राटेटन, जोकोमिनेनोइकस) के तहत (कमोबेश औपचारिक मंजूरी) स्कैंडेनेविया के लीव-नो-ट्रेस कैंपिंग, जहाँ कोई भी एक रात्रि गुजार सकता है जबकि कोई नुकसान न पहुँचाये से लेकर "दीर्घकालिक" कैंपिंग ग्राउंड तक विस्तृत है उदाहरण के तौर पर जर्मनी, जहाँ कुछ लोग अपने सप्ताहान्त और छुटियाँ अर्ध-स्थायी कारवां के साथ व्यतीत करते हैं। सामान्यतः कैंपिंग ग्राउंड रुकने के लिए सस्ते एवं सस्ते रास्ते हैं – यहाँ तक कि कुछ जगहों पर पहले से बने हुये टेंट अथवा कारवां उपलब्ध करवाते हैं, जिनमें आपकी अधिकतर आधारभूत सुविधायें पहले से ही मौजूद होती हैं – लेकिन कभी-कभी ऐसे स्थानों पर पहुँचना बहुत खराब अनुभव देता है यदि आप कार से नहीं नहीं जाना चाहते। विभिन्न शिविर स्थल शटल (बस) सेवा भी देते हैं लेकिन वो पूरे दिन नहीं चलती। +रूस और बेलारूस जैसे कुछ देश भ्रष्टाचार और प्राधिकारी दुराचार की चपेट में हैं। +चूँकि पड़ोसी देशों में जातीय प्रतिद्वंद्विता दोस्ती के स्तर पर है और विभिन्न यूरोपीय देश पीढ़ियों से बहुसांस्कृतिक हैं, जातिवाद यूरोप के भागों में अभी भी एक समस्या है। +यूरोप बहुत ही नगरीय और सामान्यतः सघन आबादी वाला हो सकता है लेकिन हमेशा की तरह ग्रामीण और जंगली अथवा पहाड़ी क्षेत्रों में घुमने के लिए भी तैयार रहें। आपका एक गलत कदम आपको कहीं फंसने को मजबूर कर सकता है। +यूरोप के अधिकतर रेस्त्रां, कम से कम यूरोपीय संघ/यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र में, उच्च मानकों वाली स्वच्छता बनाकर रखते हैं और अधिकतर देशों में नल का पानी पीने के लिए सुरक्षित है। इन मामलों पर और अधिक सटीक जानकारी के लिए और इसी प्रकार आपातकालीन सेवाओं पर अधिक जानकारी, औषधियों, दंतचिकित्सा मानकों आदि के बारे में अधिक जानने के लिए विशेष देश के लेख में 'सुरक्षित रहें' नामक अनुभाग देखें। +यूरोपीय संघ/यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के नागरीकों को निःशुल्क यूरोपीय स्वास्थ्य बीमा कार्ड ईऍचआईसी) के लिए आवेदन करना (अथवा साथ में लाना) चाहिए, जो यूरोपीय संघ सहित नॉर्वे, स्विट्ज़रलैण्ड और लिचेंस्टीन में आपकी यात्रा के देश के आवासी नागरिकों के समान शर्तों पर, आपको या तो बहुत कम लागत पर अथवा निःशुल्क राज्य द्वारा उपलब्ध स्वास्थ्य देखभाल का उपयोग करने की अनुमति देता है। यदि आप अपने देश में निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल के अभ्यस्त हैं तो ध्यान रखें, कुछ देश आपसे मरीज शुल्क ले सकते हैं। +ईऍचआईसी यात्रा बिमा नहीं है; यह निजी स्वास्थ्य देखभाल, पर्वत बचाव अथवा आपके गृह देश में प्रत्यावासन को सम्मिलित नहीं करता। ना ही यह आपको विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल के लिए विदेश जाने के लिए अनुमत करता है। +गैर यूरोपीय संघ अथवा गैर यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के नागरीको को यात्रा बीमा क्रय करनी चाहिए। हालांकि कुछ देश यात्रियों को निःशुल्क आपात देखभाल उपलब्ध करवाते हैं और अनुवर्तन इलाज एवं देश-प्रत्यावर्तन आपकी अपनी जिम्मेदारी होती है तथा कुछ देश आपके इलाज का पूरा खर्चा आपसे लेंगे – कल्पित सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली गैर यूरोपीय संघ नागरीकों के लिए निःशुल्क इलाज के समान नहीं है। +आपातकाल में आप किसी भी यूरोपीय संघ के तथा इसी प्रकार प्रमुख अन्य यूरोपीय देशो में 112 डायल कर सकते हैं – यहाँ तक कि यदि यह स्थानीय प्राथमिक क्रमांक अलग हों। यूरोपीय संघ के सभी 112 आपातकालीन केन्द्र वैध रूप से आपको अंग्रेज़ी भाषी प्रचालक से जोड़ने में सक्षम हैं। 112 किसी भी जीएसएम फोन से, सामान्यतः लोक किया हुआ फोन अथवा बिना सिम-कार्ड वाले फोन से भी सम्भव है। बिना सिम-कार्ड वाले फोन-कॉल को कुछ देशों में अलग तरिके से प्रबंधित किया जाता है, उदाहरण के लिए जर्मनी में प्���ाधिकारी कुल मिलाकर नज़र-अंदाज करते हैं। + + +# सीता माता वन्य जीव अभ्यारण्य — यह अभ्यारण्य राज्य के प्रतापगढ़ ज़िले में स्थित है। +यहाँ लोग मुख्य रूप से राजस्थानी भाषा और हिन्दी भाषा बोलते हैं। कई बार लोग हिन्दी में बोली के शब्द भी जोड़ देते हैं, जिसके कारण समझने में परेशानी हो जाती है। यहाँ के लोग मारवाड़ी, मेवाड़ी ,मेवाती, हाड़ोती, शेखावाटी, ढूंढाड़ी आदि बोली बोलते हैं परंतु लोग ज्यादातर शेखावटी तथा मारवाड़ी बोली बोलते है। जबकि शहरों विशेष में अंग्रेजी भाषा भी बोली जाती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर शेखावटी और मारवाड़ी बोली बोलते है। +राजस्थान खाने के मामले में काफी प्रसिद्ध है जिसमें दाल बाटी ,चूरमा ,दाल कड़ी या (कढ्ढी) और बाटी ,बाजरे की रोटी (सोगरा गेहूँ की रोटी तथा बेसन के गट्टों की सब्जी काफी प्रसिद्ध है। यहाँ पर सूखी सब्जियां भी काफी होती है जिसमें सांगरी ,कुमटिया ,कैर इत्यादि सूखी सब्जियां है। +सांगरी गर्मियों के दिनों में खेजड़ी नामक पेड़ पर लगती है ,खेजड़ी जो कि राजस्थान के मरुस्थल में सबसे अधिक लगने वाला पेड़ है। +पूरे राजस्थान में जोधपुर का मिर्ची बड़ा और बीकानेर का भुजिया तथा लूणी का रसगुल्ला भी अपनी पहचान रखता है। +आप रात के रेल से दिल्ली और मुंबई से राजस्थान के मुख्य शहरों में जा सकते हो। यहाँ शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस बहुत अच्छे रेल है और अच्छी सेवा भी देते हैं। +राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से राजस्थान जाना बहुत अच्छा रहता है, जो दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। मुंबई से यहाँ आना बहुत लंबा हो सकता है। वहीं दिल्ली से जयपुर आना सबसे प्रसिद्ध मार्ग माना जाता है। यहाँ सड़क काफी अच्छी हालत में है और आप यहाँ से यात्रा मात्र 4 घंटों में पूरी कर सकते हो। +दिल्ली में कई सारे यात्रा सेवा देने वाले यहाँ से आपको राजस्थान ले जा सकते हैं, लेकिन इसमें काफी अधिक पैसे खर्च हो जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप कोई कार से दिल्ली के मुख्य हवाई अड्डे से नीमराना गाँव में जाते हैं तो आपको पाँच लोगों के लिए ₹4,000 रुपये का खर्च लगेगा। यदि आप अकेले सैर नहीं करना चाहते तो आप ड्राईवर को गाड़ी चलाने हेतु पैसे दे सकते हैं। +राजस्थान पर्यटन और राजस्थान यातायात कई सर्वसुविधायुक्त बसों को दिल्ली और जयपुर के मध्य चलाती है। बस 5:25 से चलना शुरू होती है और अंत ��ें 1 बजे चलती है। यह हर दिन लगभग हर आधे घंटे में चलती है। इसमें निजी टीवी, वाईफाई भी होता है। यह बसें बहुत सुविधायुक्त होते हैं और दिल्ली और जयपुर के मध्य आना जाना करने के लिए सबसे प्रिय विकल्प है। इसके लिए कोई भी ऑनलाइन भी पंजीकृत कर सकता है। आप राजस्थान यातायात कार्यालय में फोन कर के भी सारी जानकारी एकत्रित कर सकते हैं। + + +रायपुर भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी है और इसके बीचोबीच स्थित एक सुंदर शहर है। +छत्तीसगढ़ी, हिन्दी, अंग्रेजी (अल्प ज्ञाता) +रायपुर से दक्षिण में लगभग 15 किलोमीटर दूर स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा (IATA: RPR, ICAO: VERP) है जिसे पूर्व में 'माना' हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता था। +रायपुर भारत के विभिन्न महानगरो से रेल-मार्ग से जुड़ा हुआ है। प्रमुख नगर देहली, पटना, लखनउ, राँची से सीधी रेल रायपुर के लिये उपलब्ध हैं। + + +लखनऊ भारत के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है, और राज्य के पाँच सबसे बड़े शहरों में से एक है। पुराने समय में ऐतिहासिक अवध की राजधानी रहने के कारण देखने लायक नगर है। इसका लगभग पाँच प्रतिशत भाग वनों से घिरा हुआ है। +भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भी इस स्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। इसके अलावा, अवध के नवाबों के समय में ख़ास तरह की संस्कृति का विकास हुआ, संगीत के क्षेत्र में यहाँ का कथक नृत्य और ठुमरी गायन काफी प्रसिद्ध है। यहाँ की हिंदी, हिन्दुस्तानी भाषा की सबसे मधुर शैली मानी जाती है और बोलचाल का यह रूप लखनवी तहजीब के नाम से जाना ही जाता है। खाने के मामले में आपको यहाँ बहुत विकल्प मिलेंगे, विशेषकर यदि आप मांसाहारी हैं। नवाबी शैली में बिरयानी और कबाब आदि के लिए भी अधिक जाना जाता है। यहाँ के पकवानों को मुगलई पकवान कहा जाता है। इसके अतिरिक्त यहाँ कपड़े पर ख़ास तरह की कढ़ाई की जाती है जिसे चिकनकारी कहते हैं और इस तरह निर्मित कपड़े ख़रीदे जा सकते हैं। +यहाँ से आप किसी भी प्रमुख नगर को जा सकते हैं। हर दिन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि से विमान आते जाते रहते हैं और यह एक मुख्य रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है जिससे आप कई सारे शहरों में आसानी से जा सकते हैं। +वर्ष 1350 की शुरुआत से लखनऊ और अवध क्षेत्र के भागों पर दिल्ली सल्तनत, मुगल शासक, अवध क��� नवाब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी अंग्रेज आदि हुकूमत कर रहे थे। अंग्रेजों के ख़िलाफ़ 1857 में विद्रोह हुआ था, उस दौरान यह इस विद्रोह के मुख्य केन्द्रों में से एक था। इसके अलावा भारत को आजादी दिलाने के आन्दोलन में भी इसकी काफी अधिक भूमिका थी। +अबतक की सबसे अधिक ठंड 2012-13 के मध्य पड़ी थी। इस दौरान यहाँ का तापमान पूरे दो दिनों तक शून्य से भी कम हो गया था। यहाँ का न्यूनतम तापमान लगभग सप्ताह भर तो शून्य के आसपास रहता ही है। लेकिन ग्रीष्म ऋतु में गर्मी भी बहुत पड़ती है। इस दौरान तापमान 40 °C (104 °F) से 45 °C (113 °F) तक बढ़ जाता है। इस दौरान औसत तापमान 30 °C के आसपास रहता है। +यहाँ के अमौसी हवाई अड्डे पर हर दिन दिल्ली मुंबई कोलकाता और पटना से विमान आते रहते हैं। यह हवाई अड्डा इसी के साथ-साथ बैंगलोर, शारजाह, जेद्दा, मुसकट, देहारादून, इन्दौर पुणे गोवा और वाराणसी से सीधे जुड़ा हुआ है, अर्थात् आप इस हवाई अड्डे से मात्र एक बार विमान में बैठ कर इनमें से किसी भी स्थान को जा सकते हैं। आपको इन स्थानों को जाने के लिए किसी अन्य विमान या गाड़ी में बैठने की कोई जरूरत नहीं है। +आलमबाग और कैसर बाग में बस हड्डा स्थित है। जो बस सुनौली-भैरव से भारत/नेपाल सीमा तक जाती है, वह वाराणसी में रुक जाती है। लखनऊ से दिल्ली जाने वाली बस में एसी की सुविधा उपलब्ध है। इस मार्ग पर लखनऊ सीतापुर बरेली मुरादाबाद गाजियाबाद दिल्ली है। +सड़क द्वारा यह देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इनमें से कुछ शहरों की दूरी इस प्रकार है: आगरा 363 किमी, इलाहाबाद 210 किमी, अयुध्या135 किमी, कोलकाता 985 किमी, दिल्ली 497 किमी, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान 238 किमी, कानपुर 79 किमी, खजुराहो 320 किमी, वाराणसी 280 किमी है। +देखने लायक जगहों तक पहुँचने के लिए आपको लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, इस कारण आपको टैक्सी या रिक्शा लेना ही पड़ेगा। इस ऐतिहासिक स्थान को रिक्शे का उपयोग कर आप प्रदूषण से बचाने में सहायता कर सकते हैं। वहीं पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों का आप जरूरत के अनुसार उपयोग कर सकते हैं। यदि आपको कहीं बहुत दूर और बहुत सारा सामान ले जाना है और जल्दी भी जाना है तो ऐसी स्थिति में आप टैक्सी आदि का उपयोग कर सकते हैं। +| content=एक नया, लगभग 107 एकड़ इलाके में विकसित किया गया स्मारक है जो डाक्टर भीमराव अंबेडकर की स्मृतियों को समर्पित है। पत्थरों की कारीगरी का सुंदर नमूना है। यहाँ पत्थरों से बनी सुंदर मूर्तियाँ और फव्वारे बहुत ख़ूबसूरती से बागों और खुले हिस्से के साथ समायोजित किये गये हैं। +| content= साल 2002 में शुरू हुआ, लखनऊ के टॉप पाँच वाटर पार्कों में गिना जाता है। पानी से संबंधित खेलों और कौतुक के लिए एक बेहतरीन जगह है। +| content=एक बहुत बड़ा और खूबसूरत मकबरा है, जिसका निर्माण वर्ष 1783 में किया गया था। आप इसमें आसानी से इसकी खूबसूरती देखने और इसके बारे में जानने में अपना आधा दिन बिता सकते हैं। यदि आप किसी मार्गदर्शक को मार्ग दिखाने के लिए चुनते हैं तो उससे उम्मीद न करें कि उसे भी अच्छी तरह जगहों का मार्ग पता होगा। कई लोग रास्ता भूल भी जाते हैं। आपको इसमें आने के साथ साथ छोटे इमामबाड़ा में प्रवेश हेतु भी अनुमति मिल जाता है। यहाँ एक भूलभुलैया भी है। इस बात का ध्यान रखें कि बिना किसी मार्गदर्शक के आपको भूलभुलैया में जाने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा जूते चप्पल को अन्दर ले जाने की भी अनुमति नहीं है। आपको जूते चप्पल बाहर ही छोड़ना पड़ेगा। इसके लिए ₹1 रुपये देने होते हैं, जिससे कोई आपके जूते को सहेज कर रख सके।}} +| content= इसका निर्माण अवध के तीसरे नवाब ने 1837 में किया था। या बड़ा इमामबाड़ा के पास ही स्थित है और यहाँ प्रवेश के लिए बड़ा इमामबाड़ा का टिकट ही पर्याप्त होता है। इसे रोशनियों का महल भी कहते हैं क्योंकि यहाँ झूमरों के द्वारा बहुत सुंदर प्रकाश-व्यवस्था की गयी है और ख़ास मौक़ों पर इसे और अच्छे से सजाया जाता है।}} +| content=एक विद्यालय है। इसके भवन को "कुस्तुन्तुनिया" के नाम से जाना जाता है। यह ऐतिहासिक कालेज और इमारत है जिसका निर्माण 1840 में हुआ और विद्यालय 1845 में शुरू किया गया। भवन अभी भी अच्छी अवस्था में है और स्थापत्य अवश्य देखने योग्य है। +| content= लखनऊ के केन्द्रीय भाग में मौजूद लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत उद्यान है जहाँ शोध करने वालों, विद्यार्थियों और उद्यान-प्रेमी लोगों के लिए काफी कुछ देखने लायक है। यहाँ देसी और अन्य सजावटी पौधों की लगभग 6,000 प्रजातियाँ प्रदर्शित की गयी हैं। यह गोमती नदी के किनारे है और इसका संचालन एनबीआरआई द्वारा किया जाता है। +| name=लखनऊ रेजीडेंसी और संग्रहालय url email= +| hours price=₹100 विदेशी पर्यटकों हेतु, ₹5 भारतीय नागरिको हेतु +| content=यह भवन और इसके खंडहर एक रक्त-रंजित इतिहास के गवाह हैं। 1857 के ग़दर के जमाने के, तोपों के गोलाबा���ी के निशान आज भी इसकी दीवालों पर देखे जा सकते हैं। हालाँकि, वर्तमान में यह एक शांतिपूर्ण स्थान है और यहाँ के एकांत में जोड़े समय बिताते देखे जा सकते हैं। शहर की धूल-गर्द से मुक्त यह हिस्सा शांत वातावरण में कुछ समय बिताने के लिए अत्यंत उपयुक्त है। यहाँ वैसे तो फोटो लेना मना है और कैमरा ले जाने पर ₹25 की फीस है, लेकिन एक बार कैमरे के साथ अंदर जाने के बाद कोई आपको रोकेगा नहीं। +| content=विक्टोरिया चौक पर एक सुंदर इमारत है। यहाँ यूरोपीय लोगों का निवास था जिसके कारण इसे यह नाम मिला है। भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान महात्मा गांधी यहाँ कुछ दिन रुके थे। खिलाफत आन्दोलन में भी यहाँ के उलेमाओं का योगदान रहा। +| content=अंग्रेजों के जमाने का एक सुंदर स्थापत्य। यह एक छोटे से पार्क में स्थित है और यहाँ से चित्र गैलरी भी है लेकिन बहुत अच्छी तरह इसका प्रबंधन नहीं किया जाता। शाम से समय यह बहुत सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है और बड़ा इमामबाड़ा का टिकट ही यहाँ भी काम कर जाता है। +| content=यह शनि ग्रह के आकृति में बनायी गई सुंदर इमारत है। गोमती के किनारे मौजूद हाथी पार्क से भारतीय मेडिकल एसोसियेशन के ओर जाने पर, सूरज कुण्ड मार्ग पर स्थित है। तारामंडल की स्थापना 1988 में ही थी और वर्ष 2003 में इसका उद्घाटन हुआ। +* अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल गोमती नगर +* अमीनाबाद बाजार एक बहुत पुराना बाजार है। हाथ से की गई कारीगरी हेतु भी यह जगह काफी अच्छा है। यहाँ चमड़े के जूते और बैग भी मिलते हैं। इसके अलावा यहाँ चाट और मिठाई भी मिलता है। इस पूरी गली में एक बहुत बड़ा पुस्तकों का बाजार है। +* चौक यहाँ से आप घर में उपयोग होने वाली चीजें खरीद सकते हैं। इसमें खरीदने हेतु शाम को जाना ठीक रहेगा। +* हजरतगंज बाजार इसमें काफी नई चीजें आपको मिल जाएंगी। कई चीजें दूसरे देशों से आयात की गई होती हैं। +इनोक्स इसमें सिनेमा घर भी है और खरीदने के लिए मॉल भी है। +* निशातगंज राजमार्ग 24 में स्थित है। यहाँ फलों और सब्जियों का बहुत बड़ा बाजार है। यहाँ से आप बहुत से नए कपड़े भी खरीद सकते हैं। +लखनऊ में खाने में सबसे प्रसिद्ध व्यंजनों में टिक्का और कबाब है। सड़क के किनारे, अमीनाबाद और पुराने चौक के पास में स्थित कई सारे होटलों में आपको सस्ते में कई अनोखे व्यंजन खाने को मिल सकते हैं। हजरतगंज में तुलसी सिनेमाघर के पास आपको कई मांसाहारी व्यंज�� मिल जाएगा। +* अल्जाइका आपको यहाँ बहुत अच्छा मांसाहारी भोजन मिलेगा, इसमें मुख्यतः चिकन है। +* बाजपई कचौरी भंडार लखनऊ के बहुत अच्छे कचौरी यहाँ मिलते हैं। +आपको शराब ढूंढने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन कई होटलों में आपको शराब तो मिल जाएगी लेकिन उन होटलों में से कई ऐसे हो सकते हैं, जिन्हें शराब बेचने की अनुमति ही प्राप्त नहीं हुई है। अतः पाँच सितारा होटल या भोजनालय से शराब लेना आपके लिए ठीक रहेगा। +अच्छा पानी पीने के लिए आपको आसानी से बोतल में बंद पानी किसी भी दुकान में मिल जाएगा। इसके अलावा आप अच्छे होटल में जा सकते हैं या घर में ही पानी गर्म कर पी सकते हैं। इनमें से लगभग सभी विकल्प उपलब्ध होता ही है, लेकिन आप चाहें तो आम का रस, गन्ने, संतरे आदि का रस भी पी सकते हैं। कई स्थानों में इस तरह के फलों के रस निकालते समय अधिक सफाई नहीं की जाती है, तो आप किसी ऐसे जगह से फलों के रस ले सकते हैं, जहाँ अच्छी तरह से सफाई होती हो। +* होटल मानसी गंगा पंडरीबा सड़क पर, चारबाग, खालसा अस्पताल के पास में है। +* शर्मा होटल यहाँ दो शर्मा होटल है, एक 30 वर्ष पुराना भी है। नया वाला चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने, दूसरा भी वहीं है। +आरिफ कासल्स राणा प्रताप मार्ग में +करल्टन राणा प्रताप मार्ग में +कम्फर्ट इन विभूति खंड, गोमती नगर +* होटल गोमती हजरतगंज के पास +पार्क इन हजरतगंज के पास +क्लार्क्स अवध परिवर्तन चौक, महात्मा गांधी मार्ग, बेगम हजरत महल बाग के सामने में है। +दयाल पैराडाइज विपुल खंड 5, गोमती नगर में। +पिक्काडिली होटल कानपुर सड़क, बारा बिरवा में, लखनऊ हवाई अड्डे से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित है। +लखनऊ घूमने के पश्चात् आप आस-पास की कई जगहों पर जा सकते हैं – +* अगर आपकी रुचि बौद्ध धर्म में है तो आप यहाँ से पूर्व की ओर बढ़ सकते हैं, गोरखपुर होते हुए कुशीनगर की यात्रा कर सकते हैं जहाँ गौतम बुद्ध का निधन और परिनिर्वाण हुआ था। यह बौद्ध धर्म के चार सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है। यहाँ से आगे, आप लुंबिनी के लिए नेपाल भी जा सकते हैं और नेपाल में अन्य जगहों के लिए भी। पहले नेपाल जाना चाहें तो सीधे लखनऊ से नेपाल जाना और घूम कर वापस लौटते समय कुशीनगर की यात्रा भी अच्छा विकल्प है, जिससे आप और आगे सारनाथ इत्यादि भी जा सकें। +उत्तराखण्ड पहले उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा था, जो अब अलग राज्य बन चुका है। यहाँ पहाड़ी मनोरम स्थल हैं जहाँ आप गर्मियों में ठंढे वातावरण हेतु और खूब जाड़े में बरफबारी देखने जा सकते हैं। लखनऊ से काठगोदाम तक रेल से यात्रा करना बेहतरीन अनुभव है। आगे नैनीताल और अन्य पर्यटन स्थल के लिए जा सकते हैं। + + +यदि आप पहले से ही लीबिया में हैं, तो बड़े सार्वजनिक समारोहों, सार्वजनिक प्रदर्शनों और नागरिक या मिलिशिया संघर्ष के स्थलों से दूर रहें। अपने क्षेत्र में राजनीतिक और नागरिक स्थिति और सैन्य व्यस्तताओं से संबंधित स्वतंत्र जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करें। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा की सरकारें सलाह देती हैं कि लीबिया में उनके नागरिक जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से देश छोड़ दें। +कई देशों की सरकारों ने औपचारिक यात्रा की चेतावनी जारी की है, और सिफारिश की है कि उनके नागरिक लीबिया की यात्रा से बचें। यदि आपको लीबिया की यात्रा करनी चाहिए, तो महत्वपूर्ण एहतियाती जानकारी के लिए युद्ध क्षेत्र सुरक्षा सुरक्षा देखें। +लीबिया उत्तर अफ्रीका में समुद्र तट के पास बसा एक देश है। इस देश की सीमा पश्चिम में अल्जेरिया और टूनीसिया, दक्षिण में चाड और निगेर, दक्षिण-पूर्व में सुडान से मिलती है। इस देश का 90% भूभाग रेगिस्तान है। यह अफ्रीका का चौथा और दुनिया में सोलहवाँ सबसे बड़ा देश है। तेल संसाधन में यह दुनिया का दसवाँ बड़ा देश है। इसकी अर्थव्यवस्था मूल रूप से इसी पर निर्भर करती है। +पुरातात्विक साक्ष्य यह दर्शाता है कि वर्ष -8,000 में प्राचीन लीबिया के तटीय मैदान में नव पाषाण के समय कई लोग यहाँ पशु पालन, खेती आदि कार्यों में कुशल थे। बाद में इसके कई या सभी हिस्सों पर ग्रीक रोमन आदि लोगों ने कब्जा किया था। +लीबिया को पाँच अलग अलग प्रकार के जलवायु वाला क्षेत्र माना जाता है। जिसमें भूमध्यसागर का अधिक प्रभाव पड़ता है। लगभग सभी तटीय क्षेत्रों में गर्मी के साथ साथ हल्की ठंड पड़ती है। ग्रीष्म ऋतु में बहुत गर्मी वाला मौसम हो जाता है और शरद ऋतु में मौसम हल्का ठंडा ही रहता है। बारिश के मौसम में भी बारिश बहुत कम होती है। पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान ठंडा होता है और अधिक ऊँचे स्थान में तो बर्फ भी जमे रहता है। रेगिस्तान वाला सारा इलाका काफी गर्मी वाला होता है और पर्वतमाला से भी अधिक तापमान वाला क्षेत्र हो जाता है। +यहाँ आने के लिए आपको अनिवार्य रूप से पासपोर्ट और वीजा की आ��श्यकता है। कुछ देशों जैसे अल्जेरिया, जॉर्डन, सीरिया, टूनीसिया, तुर्की आदि के लिए आने हेतु वीजा की आवश्यकता नहीं है। यदि आपके पासपोर्ट से पता चला कि आप इस्रायल में गए थे तो आपको यहाँ आने की अनुमति नहीं मिलेगी। +ट्रिपोली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आईएटीए: TIP अरबी: مطار طرابلس العالمي इस देश के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक है। यह ट्रिपोली शहर के केंद्र से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे में कई लीबियाई विमान उपस्थित हैं। यह अफ्रीकी विमानों के रुकने का भी स्थान है और बुराक के विमान भी पहले यहीं रुकते थे, लेकिन 2011 में हुए लीबियाई गृह युद्ध के बाद बुराक विमानों के लिए यह हवाई अड्डा बंद कर दिया गया था। +मितिगा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा आईएटीए: MJI) ट्रोपोली शहर के मध्य से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जून 1970 से पहले तक इस स्थान का उपयोग अमेरिकी वायु सेना करती थी। इस हवाई अड्डे को नागरिकों के लिए अक्टूबर 2011 में खोला गया था, जब तुर्की विमान इस्तांबुल और अतातुर्क में अपनी सेवा सीमित देना शुरू कर दिया था। इसके बाद यह विमान अपने यात्रियों को वापस ट्रिपोली हवाई अड्डे में ले जाने लगा। +आप लीबिया में जमीन में चलते चलते भी आ सकते हैं। यहाँ बस और साझा टैक्सी है। टैक्सी में 6 लोग आ सकते हैं। यह सेवा ट्यूनिस, अलेक्जेंडरिया, कैरो और ड्जेरबा से संचालित होती है। +आप चाहें तो आप आणि गाड़ी से भी यात्रा का आनन्द उठा सकते हैं। यहाँ आप रेगिस्तानी गाड़ी या कोई अन्य गाड़ी का उपयोग कर सकते हैं। विदेशी गाड़ियों को आने के लिए केवल कुछ ही जगह है, जिससे आप अपनी गाड़ी ल सकते हैं। इसके लिए आपको टूनीसिया से रस जदर और मिस्र से सलूम में जाना पड़ेगा। आपको उस सीमा में अस्थाई लाइसेन्स लेना होगा, इसके साथ आपको गाड़ी का नंबर भी मिलेगा। इसके लिए मार्च 2008 में €300 लगते थे। +यहाँ कोई भी अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू रेल सुविधा नहीं है। अतः रेल के द्वारा यात्रा नहीं कर सकते हैं। बस सेवा भी केवल मिस्र और टूनीशिया हेतु ही है। आप नाव द्वारा ट्रिपली, माल्टा, टूनीशिया में जा सकते हैं। पिछली सेवा को पूरा करने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है, इस कारण टिकट लेने से पूर्व ही जाँच कर लें कि सब कुछ ठीक है या नहीं। +ट्रिपोली यह लीबिया की एक रंगीन राजधानी है। यदि आप लीबिया में घूमना चाहते हैं तो यहाँ से शुरुआत करना आपके लिए काफी अच्छा रहेगा। +एटीएम कार्ड का भी बहुत जगह उपयोग होता है। जिसमें बड़े नाम वाले दुकान और कुछ कॉफी की दुकान आदि में सभी प्रमुख कार्ड उपयोग किए जाते हैं। कई पुराने एटीएम सुविधा को बर्बाद कर दिया गया या चोरी हो चुके हैं। इस कारण किसी मुख्य जगह से जाने से पूर्व अपने कार्ड का उपयोग कर लें। +ट्रिपोली में आपके लिए कोई पारंपरिक भोजनालय ढूंढना काफी कठिन है। लगभग सभी भोजनालय मुख्यतः पश्चिमी शैली के भोजन ही देते हैं। कुछ भोजनालय ऐसे हैं, जो मोरोक्को आदि के भोजन देते हैं। इसके अलावा यहाँ कुछ अच्छे तुर्की भोजनालय भी हैं। +लीबिया में चाय पीना बहुत आम है। आपको सभी जगह छोटे कप में हरा या लाल रंग का चाय दे दिया जाएगा। यह चाय ज्यादातर मीठा ही होता है। +तुर्की शैली में यहाँ कॉफी भी दिया जाता है। यह छोटे कप में बहुत कड़ा होता है। इसके साथ कोई क्रीम भी नहीं होता है। सभी बड़े शहरों में कॉफी की दुकानें होती ही हैं। लेकिन सभी का अलग अलग स्वाद होता है। कुछ अच्छी गुणवत्ता के होते हैं तो कुछ कम गुणवत्ता के, इस कारण सभी का एक एक बार स्वाद लेने से अच्छा है कि आप किसी स्थानीय निवासी से पूछ लें कि कौनसा वहाँ सबसे अच्छा है। +लीबिया में शराब पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध है। लेकिन आप आसानी से काला बाजार से शराब खरीद सकते हैं। वहाँ विस्की से लेकर बियर और बियर से लेकर वाइन तक आपको मिल सकता है। लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि यहाँ गैर-कानूनी खरीददारी पर आपको जुर्माना भी लग सकता है और सजा भी हो सकती है। यात्रा करने वाले सभी लोगों को इतनी समझ होनी चाहिए कि वे स्थानीय कानून, स्थानीय लोगों के भावनाओं आदि का सम्मान करें। + + +वाराणसी या बनारस भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और शहर है। यह शहर गंगा के किनारे बने अपने घाटों की खूबसूरती के लिये जाना जाता है। +शहर, हिंदू और जैन धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए पवित्र है। इस नगर को बसे हुए काफी समय हुआ और इसे भगवान् शिव का नगर माना जाता है तथा यह भी मान्यता व्यक्त की जाती है कि यह शास्वत नगरी है। प्राचीन काल से इसकी प्रसिद्धि महाश्मसान के रूप में भी है और यहाँ मृत्यु अथवा अंतिम संस्कार द्वारा मोक्ष प्राप्ति की मान्यता भी है। +प्रसिद्ध विश्वेश्वर रूप में शिव का मंदिर यहाँ स्थित है जहाँ पूरे देश से दर्शनार्थी आते हैं�� पौराणिक कथाओं के मुताबिक़ सती की मृत्यु के बाद उनके शव को लेकर दुःख में इधर-उधर भटकते शिव को इस दुःख से मुक्त कराने हेतु विष्णु ने सती के उस शव को अपने सुदर्शन चक्र द्वारा कई टुकड़ों में विभक्त कर दिया था, सती के कर्णाभरण की मणि काशी में गिरी थी जहाँ वर्त्तमान मणिकर्णिका घाट स्थित है, जो महाश्मासन माना जाता है। +गंगा यहाँ उत्तर की ओर बहती हैं और शहर इसके बायें किनारे पर बसा हुआ है। नदी के किनारे सुरम्य घाटों की लंबी शृंखला है। प्रतिदिन प्रातःकाल गंगा स्नान करने वालों की भीड़ रहती है। "सुब्हे-बनारस" के नाम से प्रसिद्ध यहाँ के सवेरे के दृश्य इस शहर का प्रमुख आकर्षण हैं और प्रतिदिन संध्या के समय गंगा-आरती देखने वालों की भी भीड़ लगती है। +आसपास कई बौद्ध और जैन धार्मिक स्थल भी हैं। सारनाथ यहाँ से कुछ ही दूरी पर स्थित है जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। शहर के इर्द-गिर्द पाँच कोस के परिक्रमा पथ पर शिव के विभिन्न मंदिर मौजूद हैं और इस पञ्चकोशी परिक्रमा का ख़ास धार्मिक महत्त्व है। +कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली "देव दीपावली" यहाँ का विशिष्ट पर्व और पहचान है। +यह जगह उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में है और उत्तर भारत के मैदान के लगभग बीचोबीच है। यहाँ साल में चार ऋतुएँ होती हैं: जाड़ा, मध्य नवंबर से मध्य फरवरी तक; मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल तक बसंत; मध्य अप्रैल से जून तक गर्मी और जून के अंत से लेकर अक्टूबर तक बरसात। जाड़ा और गर्मी दोनों खूब पड़ते हैं। जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है जब किसी किसी दिन न्यूनतम तापमान शून्य से भी नीचे जा सकता है, हालाँकि आमतौर पर यह पाँच डिग्री सेल्सियस तक गिरता है। गर्मियों में मई का अंत और जून की शुरूआत के कुछ दिनों के दौरान अधिकतम तापमान पैंतालीस डिग्री पार कर जाता है। गर्मियों की ख़ास विशेषता यहाँ चलने वाली "लू" है। ये पछुवा हवाएँ अत्यधिक गर्म होती हैं और हर साल इनके कारण कुछ मौतें भी दर्ज की जाती हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसूनी हवाएँ 15 जून के आसपास पहुँचती हैं और लगभग 25 जून तक इनका असर पूरे उत्तर प्रदेश पर फैल जाता है, इसके बाद सितंबर तक बरसात का सीज़न रहता है और इलाके में भारी बारिश होती है। +इस तरह, अगर आप घूमने के लिहाज से देखें तो अक्टूबर से मध्य दिसंबर तक का समय और मध्य फरवरी से अप्रैल तक का समय सर्वोतम ह�� जब मौसम सुहाना रहता है; न तो बहुत गर्मी होती है न जाड़ा। इस समय आप हलके कपड़ों के साथ काम चला सकते हैं और गर्मी भी आपको परेशान नहीं करेगी। बाक़ी अगर आप जाड़े में यहाँ घूमना चाहते हैं तो अपने साथ भारी ऊनी कपड़े और जैकेट इत्यादि अवश्य लें। जाड़ों कि एक अन्य समस्या कोहरा भी है जिसके कारण पूरे उत्तर भारत में चलने वाली रेलगाड़ियाँ प्रभावित होती हैं। कभी-कभी तो स्थिति इतनी ख़राब हो जाती कि ट्रेन रद्द भी हो सकती है। दूसरी ओर गर्मियों में अर्थात मई-जून में दोपहर तक गर्मी और धूप इतनी तेज हो जाती और अंधड़ की तहर लू चलने लगती कि आप बाहर नहीं निकल सकते। +वाराणसी हवाई मार्ग, रेल और सड़कों द्वारा पूरे भारत से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। +बनारस के लिए कई रेल सेवायें प्रतिदिन दिल्ली (13 घंटे आगरा 13 घंटे लखनऊ (7 घंटे मुंबई (25-27 घंटे कोलकाता (12-14 घंटे) और सिलीगुड़ी 14-16 घंटे) उपलब्ध हैं। +यहाँ तीन प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं: +| content= स्टेशन यहाँ का सबसे व्यस्त स्टेशन है। यहाँ स्टेशन के बाहर निकल कर आप आसानी से शहर में कहीं भी जाने के लिए ऑटो रिक्शा ले सकते हैं; गंगा किनारे तक जाने के लिए टुकटुक ऑटो रिक्शा लगभग ₹100 किराया लेते हैं। +| content=कैंट स्टेशन के पश्चिम में, बनारस इलाहाबाद रेलमार्ग पर स्थित है। यहाँ से भी शहर में गंगा किनारे तक जाने का किराया लगभग ₹100 है। +| content=मुग़लसराय जंक्शन IR स्टेशन कोड MGS वर्तमान नाम पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, बनारस से करीब 20 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और बनारस और इसके बीच में गंगा नदी बहती है। यहाँ से बनारस पहुँचने के लिए टैक्सी का किराया तकरीबन ₹500 है। +बनारस में गंगा नदी उत्तर की ओर बहती है और एक अर्धचंद्राकार आकृति का निर्माण करती है जिसके बाएँ, अर्थात पश्चिमी किनारे पर शहर बसा है। इस तट पर सीढ़ी की शक्ल में पक्के घाट बने हुए हैं जो बनारस की ख़ास पहचान हैं और अवश्य देखे जाने योग्य हैं। अधिकतर घाट स्नान पूजा इत्यादि के लिए ही हैं परन्तु इनमें से कई श्मशान घाट भी हैं जहाँ हिन्दू लोग मृतकों का दाह संस्कार करते हैं। हिन्दू लोग बनारस में निधन को पवित्र मानते हैं और अंतिम संस्कार बनारस में गंगा के तट पर होने को स्वर्ग प्राप्ति का साधन मानते हैं। कुछ प्रमुख शमशान घाटों पर प्रतिदिन 200 से भी अधिक शव जलाए जाते हैं। +बनारस के प्रमुख और प्रसिद्ध घाट उत्तर से दक्षिण के क्रम में निम्नवत हैं: +| content= यहाँ का मुख्य श्मशान घाट है। मान्यता अनुसार यहाँ हिन्दू देवी सती के कर्णाभरण की मणि गिरी थी। प्रतिदिन ढेरों शव जलाए जाते हैं। शांत रहें और फोटो न खींचे। +| content= यहाँ का सबसे प्रमुख घाट है। प्रतिदिन यहाँ गंगा आरती का आयोजन होता है। यदि आप शाम को बनारस में हैं तो यह आरती अवश्य देखें। +| content=स्नान और पूजा के लिए एक शांत और सुविधाजनक घाट है। +| content= बहुत सुंदर और सजीला घाट है। नहाने वालों की काफी संख्या रहती है। +| content=परंपरा और मान्यता अनुसार यहाँ अपने जीवनसंगी के साथ स्नान वर्जित है। +| content= जहाँ राजा हरिश्चंद्र ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार किया और खुद को बेच दिया था। +| content=यहाँ पानी साफ़ करने का प्लांट लगा हुआ है। स्नान करने के लिए भी काफी लोग आते हैं। +| content= एक प्रसिद्ध घाट है। तुलसीदास ने यहाँ निवास किया था और यही रामचरितमानस पूरा किया। यहाँ वर्तमान में कई होटल, रेस्तरां और इंटरनेट कैफे इत्यादि हैं। +| content= समकालीन कला से परिचित होने के लिए एक बेहतर जगह। +सारनाथ समीप ही लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ है। कथाओं के मुताबिक़ यहाँ गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था जिसे 'धर्मचक्रप्रवर्तन' के नाम से जाना जाता है। +इलाहाबाद प्रयागराज गंगा और यमुना नदियों का संगम और प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ। +गया बिहार में हिंदू और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ है। + + +नमस्कार, विकियात्रा पर आपका स्वागत है। विकियात्रा में किस प्रकार लेख बनाए इस हेतु यहाँ से सहायता प्राप्त की जा सकती है। + + +शिमला भारत के हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। यह शरद ऋतु के साथ-साथ ग्रीष्म ऋतु में भी घूमने के लिए बहुत अच्छा है। यहाँ काफी ठंड पड़ती है और कई बार बर्फ भी गिरती है, जो इस जगह को पर्यटन के लिए बहुत अच्छा बना देती है। स्थानीय लोगों के अनुसार इस जगह का नाम श्यामली देवी से पड़ा है। शिमला की कुल जनसंख्या लगभग 1,45,000 है। यहाँ के लोगों द्वारा मुख्य रूप से हिन्दी भाषा बोली जाती है। इसके अलावा कुछ लोग अन्य स्थानीय भाषायें भी बोलते हैं। +शिमला की जनसंख्या लगभग 1cr है। ज्यादातर लोग पहाड़ी समुदाय के हैं (हिमाचल प्रदेश के निवासी हालाँकि काफी संख्या में यहाँ पर पंजाबी और सिन्धी समुदाय के लोग भी बसे हुए हैं जो भारत विभाजन के बाद यहाँ आकर बसे थे। इसीलिए यहाँ हिंदी, अंग्रेजी के साथ पंजाबी बोलने वाले भी हैं। स्थानीय लोगों की भाषा पहाड़ी है। +मैदानी हिस्से से ऊपर, पहाड़ी ढालों पे बसा यह शानदार शहर अंग्रेजों द्वारा भारत की गर्मी के दिनों की राजधानी बनाया गया था। ऊंचाई पर बसे हिस्से अभी भी अंग्रेजी दौर की याद दिलाते हैं। काफी भवन विक्टोरियन शैली में हैं। शहर के निचले हिस्से भारतीय शैली के बाजार और रेस्तरां वाले हैं। शहर के बीच से होकर गुजरने वाली सड़क "दि माल" प्रमुख आकर्षण है, यहाँ गाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया है, अतः शांत और टहलने लायक खूबसूरत सड़क है। +यहाँ अधिक गर्मी नहीं पड़ती है। इस कारण गर्मियों के दिनों में छुट्टियाँ बिताने के लिए यह बहुत ही अच्छी जगह है। यहाँ गर्मियों के दिन में भी ठंडा मौसम रहता है और आसमान धुला-धुला रहता है। इसके अलावा बारिश के दिन में भी केवल कुछ समय के लिए वर्षा होती है और अन्य दिनों में आसमान हमेशा की तरह साफ रहता है। यहाँ बहुत बर्फ गिरती है। जिसके कारण यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। +| ठंडा और नम। बारिश का मौसम। +यहाँ से सबसे पास की जगह कालका है, दिल्ली से यहाँ केवल 4 से 7 घंटे में पहुँचा जा सकता है। यह रेल मार्ग युनेस्को की सूची में भी दर्ज है। यह मार्ग 103 छोटी सुरंगों से होता हुआ जाता है। +शिमला सड़क मार्ग द्वारा अच्छे से सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। सरकार द्वारा निजी बसों को चंडीगढ़ से शिमला चलाया जा रहा है, जो केवल आधे घंटे में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचा सकता है। इसके लिए कुछ अलग-अलग बसें अलग-अलग जगहों के लिए उपलब्ध हैं। शिमला के सड़क मार्ग में कई भोजन के स्थान भी हैं। +शिमला में लालची बंदरों से दूर रहें, क्योंकि ये बंदर कभी भी आपके ऊपर हमला कर सकते हैं और आपके हाथों से भोजन छिन कर भाग सकते हैं। इनसे आँखें न मिलाएँ और अनदेखा करते हुए ही चले जाएँ। आपका किया हुआ कोई भी अलग इशारा इन जानवरों को गलत संदेश देगा। +यदि आप छुट्टियाँ मनाने शिमला जा रहे हैं, तो अपने साथ अच्छी तरह गरम कपड़े भी ले जाएँ, क्योंकि सर्दियों के समय यहाँ का तापमान शून्य डिग्री से भी कम हो जाता है। इसके अलावा मुद्रा/पैसा बदलने के लिए कभी काला बाजार न जाएँ। इसके लिए किसी अधिकृत प्रतिष्ठान में जाएँ और उसकी रसीद भी मांग लें। + + +आधिकारिक तौर पर श्रीलंका को 9 भागों मे�� बाँटा गया है: +| regionmaptext=रंग-कोड के साथ श्रीलंका के प्रान्तों का मानचित्र +| region1description=इस इलाके में पहाड़ियाँ हैं और इस क्षेत्र को "पहाड़ी इलाका" भी कहा जाता है। यहाँ तीन अलग अलग सुरक्षा क्षेत्र है, जिसमें पहाड़ी इलाका, जंगली इलाका और राष्ट्रीय उद्यान शामिल है। जिन लोगों को पहाड़ों में चढ़ने में मजा आता है, उनके लिए यह काफी अच्छा जगह है। आप जंगली क्षेत्र में जाने के लिए रेल का उपयोग भी कर सकते हैं, लेकिन उसमें भी बस की तरह ज्यादातर भीड़ ही होती है। बस आपको 100 रुपये में तीन घंटे में यहाँ तक ले जा सकता है। +| region2description=तमिल बहुल इलाका, युद्ध के बाद यहाँ पुनर्निर्माण के काम जारी है। इस श्रीलंका के दक्षिणी प्रांत को कई सदियों से तमिल देश के नाम से भी जाना जाता है। इसमें से अधिकांश भाग तमिल शेरों के अधिकार में है। इसमें कई नदियाँ, झरने और जंगल है, जिसे अभी तक नहीं देखा गया है। यहाँ की अधिकतर आबादी शिविरों में ही रहती है। +| region3description= श्रीलंका की प्राचीन राजधानी, ढाई हजर साल से लम्बे इतिहास क गवाह यह इलाका सांस्कृतिक त्रिभुज भी कहलाता है। यहाँ अनुराधापुरा भी है, जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में जगह भी मिली है। यह पहले सिंहला साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। वर्ष 1100 में इसकी राजधानी को दक्षिण में ले जाया गया था। +| region4description=यहाँ प्राकृतिक बंदरगाह त्रिंकोमाली है और लम्बे समुद्र तट और बीच हैं जिन्हें सर्फिंग करने वालों का स्वर्ग कहा जाता है। +| region5description=नारियल के बागान, डॉल्फिन निहारना और नमक संग्रह के लिए मशहूर है। +| region6description=श्रीलंका का रत्न खनन क्षेत्र। इसे रत्न-राजधानी कहते हैं। +| region7description=यहाँ याला और उड़वालव राष्ट्रीय उद्यानों के वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। 2004 में आए सुनामी ने इस क्षेत्र को बहुत गंभीर रूप से प्रभावित किया था, उसके बाद इसके पुनर्निर्माण का कार्य फिर से शुरू किया गया। +| region8description=ये श्रीलंका का दूसरा सबसे कम आबादी वाला प्रांत है। यहाँ उच्च भूमि, चाय के बागान आदि हैं। +| region9description=ये प्रांत पूरे देश का सबसे घनी आबादी वाला प्रांत है। इसी प्रांत में प्रशासनिक और व्यापार का केंद्र माने जाने वाला कोलंबो भी है और देश की राजधानी श्री जयवर्धनिपुरा कोटे भी यहीं स्थित है। ये प्रांत उन्नीसवीं सदी से उपस्थित है, लेकिन आधिकारिक रूप से इसे 1987 के बाद मान्यता प्राप्त हुई। कई ब��र बारिश के औसत में वृद्धि और भारी बारिश होने के कारण यहाँ बाढ़ आ जाता है, जिसका काफी प्रभाव बुनियादी सुविधाओं पर पड़ता है। +अनुराधापूरा साम्राज्य की स्थापना वर्ष -380 में की गई थी। उसके बाद अनुराधापूरा लगभग 1,400 वर्षों तक देश की राजधानी था। +16वीं सदी में इसे पुर्तगालियों ने अपने अधिकार में ले लिया था और 17वीं सदी में इसे डच ने अपने अधिकार में ले लिया। उसके बाद 1796 में डच ने इसे अंग्रेजों को दे दिया। इसके बाद 1802 में ये अंग्रेजों का एक प्रमुख उपनिवेश बन गया। इसे 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिल गई और इसने 1972 में अपने देश का नाम श्रीलंका रख लिया। +श्रीलंका के उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण आप यहाँ वर्ष के किसी भी समय अधिकांश भागों में वर्षा होने की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि साल में यहाँ दो ऐसे समय आते हैं, जब यहाँ मुख्य रूप से बारिश होती है। इनमें से एक समय "उत्तर-पूर्व मानसून" है, जो अक्टूबर से जनवरी तक रहता है और दूसरा "दक्षिण-पश्चिम मानसून" है, जो मई से जुलाई तक रहता है। +इसके अलावा आप बिना विद्युतीय यात्रा अनुमति के भी बन्दरानाइके अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से पर्यटन वीजा प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको $40 अमेरिकी डॉलर लगेंगे। श्रीलंका में विमान या नाव से आने से पूर्व ऑनलाइन वीजा लेना जरूरी नहीं है। आप बिना किसी वीजा के यहाँ आ सकते हैं और वहीं से ही पर्यटन वीजा प्राप्त कर सकते हैं। +कोलंबो हवाई अड्डे में अप्रवास अधिकारियों को ऑनलाइन प्राप्त होने वाली आपके यात्रा की अनुमति में पासपोर्ट संख्या की जानकारी को मिलाने में वे बहुत सटीकता चाहते हैं। यदि थोड़ी सी भी त्रुटि या एक अंक की गलत जानकारी दिखी तो उसके कारण आपको वे लोग नया वीजा लेने कहेंगे और आपको सरकारी कार्यालय में आपके ऑनलाइन भुगतान की वापसी के लिए भेज देंगे। इस कारण आपको 1 और I व शून्य और O पर अच्छी तरह ध्यान देना होगा। संख्या का आपके पासपोर्ट में मशीन के पढ़ने वाले हिस्से में दिये संख्या से मेल खाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा और उसमें कुछ नहीं होना चाहिए। +आप वीजा विस्तार कर के देश में 2 महीने और रह सकते हैं। वीजा लेते समय आपको 30 दिन का समय मिल जाता है। इस तरह से आप आसानी से तीन महीने तक रुक सकते हैं। आप वीजा के विस्तार के लिए कभी भी अनुरोध कर सकते हैं। आप जैसे ही देश में आ जाते हैं तब से लेकर वीजा के समाप्ति से पहले तक कभी भी आप इसका अनुरोध कर सकते हैं। इसके अलावा और तीन महीने का समय भी आपको मिल सकता है। जिससे आप कुल 6 महीने तक देश में रह सकते हैं। लेकिन इसके विस्तार हेतु आपको और एक बार पैसा देना पड़ेगा। उस विस्तार की रकम के साथ साथ आपको 10,000 का अतिरिक्त रकम भी देना होगा। यह विस्तार केवल विभाग के मर्जी के ऊपर निर्भर करता है और इसके लिए आपको 15,000 और विस्तार करने का रकम अलग से देना होगा। +विभाग ने मूल्य को अमेरिकी डॉलर में निर्धारित किया है, लेकिन आपको भुगतान करते समय श्रीलंकाई रुपये में ही रकम देना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में आपको अपना पासपोर्ट और आगे का टिकट भी विभाग के कार्यालय में देना पड़ेगा। इससे आप पासपोर्ट के समाप्ति तिथि से पहले तक कम से कम दो महीने रुक सकते हो। +यदि आप अमेरिका से श्रीलंका आना चाहते हैं, तो आपको कोई भी सीधी उड़ान नहीं मिलेगी। इसके लिए आपको एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप से कोई विमान द्वारा आना होगा। अमेरिकी पश्चिम तट से इसकी दूरी लगभग आधे दुनिया को पार करने के समान है। आप अपने आवश्यकता और समय के हिसाब से यूरोप या दक्षिण-पूर्व एशिया में आ सकते हैं और वहाँ से किसी सीधी उड़ान द्वारा श्रीलंका में सा सकते हैं। आप एक सीधी उड़ान द्वारा सिकागो, नेवार्क, न्यू यॉर्क या टोरंटो से नई दिल्ली या मुंबई में आ सकते हैं। कई मामलों में ये मार्ग सबसे तेज है, बस इसका ध्यान रखें कि हो सकता है आपके लिए भारतीय यात्रा वीजा अनिवार्य तो नहीं है। इसका एक और तेज और आसान तरीका ये हो सकता है कि आप अमेरिका से ही कतर, बहरीन, या संयुक्त अरब अमीरात हेतु सीधी विमान यात्रा कर लें, इसके लिए यात्रा वीजा की अनिवार्यता नहीं है। उदाहरण के लिए, दुबई में स्थित अमीरात विमान आपको हर दिन विमान यात्रा की सुविधा एसएफ़ओ, एलएएक्स, ह्यूस्टन हॉबी और टोरंटो से बस एक ही जगह थोड़ी देर दुबई में रुक कर आपको दो से तीन बार कोलंबो ले जा सकती है। +भारत के कन्याकुमारी से श्रीलंका के लिये नावयात्रा की सेवा उपलब्ध है। +श्रीलंका का ज्ञात इतिहास 2,500 सालों से भी अधिक का है। श्रीलंका में कुल 8 पर्यटक स्थलों को विश्व धरोहर की सूची में जोड़ा गया है। यदि भारत के 30 विश्व धरोहरों को छोड़ दिया जाये, तो ये पूरे दक्षिण एशिया में सबसे अधिक विश्व धरोवर वाला देश है। कृपया इस बात का ध्यान रखें कि श्रीलंका में विदेशियों को पर्यटक स्थलों में स्थानीय लोगों की तुलना में दस गुना तक अधिक पैसा लग सकता है। +श्रीलंका की मुद्रा श्रीलंकाई रुपये है, जिसे "රු" या "Rs" के चिह्न के रूप में दिखाया जाता है। यहाँ 25 और 50 पैसे के तांबे के सिक्के होते हैं, एक रुपये का सिक्का पुराना वाला बड़ा और चाँदी का होता था और बाद में नया वाला काफी छोटा और सोने का बना होता है। 2 रुपये (चाँदी) और 5 रुपये (सोने का) होता है। नोट में 10 से 5000 तक के नोट हैं। सिक्के जो कुछ वर्ष पुराने हैं, उनका हालत काफी खराब हो चुका है। +दक्षिण पूर्व एशिया से यह थोड़ा ज्यादा ही महंगा है, लेकिन आपको खाना आपको सस्ता मिलेगा। सड़कों पर आपको €1 में कुछ खाने की चीजें, स्थानीय भोजनालय में €2-5 देने पर भोजन, €1 एक बोतल बियर भी मिल जाएगा। सभी जगह आपको होटल या रहने का स्थान मिल जाएगा और रकम, वहाँ उपस्थित सामान के हिसाब से €10-20 के आसपास होगी। तटीय इलाकों में कई सारे होटल पिछले साल €20-30 हर रात के लिए ले रहे थे, जिसमें दो कमरे भी शामिल हैं। अधिक आराम दायक जगह के लिए आपको €40 से भी अधिक देना होगा। +यहाँ श्री लंकाई खाने के साथ साथ दक्षिण भारतीय खाना भी आम तौर पर मिल जात अहै। कई सारे स्थानीय भोजनालय श्री लंकाई और दक्षिण भारतीय खाने के रूप में भोजन सूची प्रस्तुत करते हैं। इसमें कई तरह के अलग अलग प्रकार भी होते हैं। +श्री लंकाई खाने में बहुत अधिक मसाला होता है, लेकिन आपके पास विकल्प भी है कि आप उन्हें कम मसाला वाला भोजन देने हेतु भी बोल सकते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि यहाँ दायें हाथ से ही खाना खाया जाता है। लेकिन यह कोई बड़ी समस्या नहीं है आपको काटने आदि के लिए भी सुविधा दी जाती है, यदि आप दायें हाथ से नहीं खा सकते तो, पर यह लगता कठिन है, पर उतना है नहीं। +कोट्टु या कोथु रोटी यह रोटी ही है, लेकिन इसमें सब्जी और आपके पसंद अनुसार मटन मिला कर बनाया जाता है। यह सभी के लिए होता है। श्रीलंका में इसे नए तरह से बनाया जाता है, जिसमें सबसे अच्छा रोटी सड़क पर ताजा ताजा बनाया जाता है। लेकिन इस तरह के कोट्टु रोटी आपको भोजनालय में भी मिल सकते हैं, लेकिन हाल ही में कुछ इस तरह के भोजनालयों को बंद कर दिया गया है। इस तरह के कई भोजनालयों में बासी रोटी का उपयोग हो रहा था, जिसके कारण कई लोग बीमार हो गए थे। तो यदि आप इस तरह किसी भोजनालय में रोटी खाना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें और इससे भी अच्छा रहेगा कि आप किसी ���्थानीय व्यक्ति से इस बारे में बात कर लें कि कौनसे जगह आपको बहुत ही अच्छा कोट्टु रोटी का भोजनालय मिल सकता है। +हाल के वर्षों में श्रीलंका में रहने के स्थानों में काफी परिवर्तन किया गया है। आधुनिक पर्यटक उद्योग के रूप में पहचान बनाने के लिए, पश्चिमी तट पर होटल बनाने का कार्य 1960 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से छुट्टी के दौरान आने वाले पर्यटकों के लिए ही था। लेकिन पिछले कुछ दशक में विला, बड़े और छोटे होटलों का निर्माण हुआ है, जिससे आपके पास कई सारे विकल्प हैं। इसके अलावा मई 2009 में गृह युद्ध भी समाप्त हो गया था, जिसमें तमिल सेना की हार हुई थी और उसी के साथ ही पर्यटकों का आगमन भी काफी बढ़ गया। फिलहाल यहाँ अच्छे होटलों की काफी कमी है, इस कारण यदि आप यहाँ आना चाहते हैं तो पहले ही उस होटल में इंटरनेट, फोन द्वारा या अन्य तरीकों द्वारा पहले ही कमरा ले लें तो अच्छा रहेगा। + + +संयुक्त राज्य अमेरिका उत्तरी अमेरिका में एक बड़ा देश है, जिसे अक्सर अमेरिका के रूप में जाना जाता है। इसमें दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या; 32 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। इसमें घनी आबादी वाले शहर शामिल हैं जिनमें विशाल उपनगरों और प्राकृतिक सौंदर्य के विशाल निर्जन क्षेत्र शामिल हैं। इसका 17वीं सदी से बड़े पैमाने पर आप्रवासन का इतिहास रहा है। साथ ही ये दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है। इसे दुनिया में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली देश के रूप में माना जाता है। +संयुक्त राज्य अमेरिका में 50 राज्य और देश की राजधानी वाशिंगटन, डी.सी शामिल हैं, जिन्हें विकियात्रा के प्रयोजनों के लिए निम्नलिखित क्षेत्रों में बांटा गया है: +| region1items कनेक्टिकट मैंने मैसाचुसेट्स न्यू हैम्पशायर रोड आइलैंड वरमोंट]] +| region1description=नुकीले चर्चों, देहाती प्राचीन वस्तुओं, और अमेरिकी इतिहास में डूबा हुआ, न्यू इंग्लैंड समुद्र तटों, शानदार समुद्री भोजन, ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों, अक्सर सर्दियों के स्नो, और देश के कुछ सबसे पुराने शहरों की पेशकश करता है, एक छोटे से क्षेत्र में (जल्दबाजी में) एक सप्ताह में दौरा करने के लिए। +| region2description=न्यू यॉर्क से लेकर वाशिंगटन, डी.सी. तक, मध्य-अटलांटिक देश के कुछ सबसे घनी आबादी वाले शहरों का घर है, इसके सबसे ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल, लुढ़कते पहाड़ और समुद्र तटीय सैरगाह हैं। +| Region5description=सरल और सत्कार करने वाले लोगों का क्षेत्र, खेत, जंगल, सुरम्य शहर, औद्योगिक शहर और ग्रेट झील एसएनडी दनिया में मीठे पानी की झीलों की सबसे बड़ी प्रणाली, जो 'उत्तरी तट' बनाती है 'यू.एस.। +| region6description=दूसरा सबसे बड़ा राज्य अपने स्पेनिश और मैक्सिकन अतीत के मजबूत सांस्कृतिक प्रभावों के साथ एक अलग देश की तरह है (और वास्तव में एक बार था)। इलाक़ा काफी विविध है, दक्षिण-पूर्व में दलदली भूमि, दक्षिण मैदानों में समतल भूमि और कपास के खेत, दक्षिण टेक्सास में रेतीले समुद्र तट और सुदूर पश्चिम टेक्सास में पहाड़ और रेगिस्तान हैं। +| region7description=एक पूर्व वाइल्ड वेस्ट फ्रंटियर भूमि को अक्सर "पैनकेक की तुलना में चापलूसी" के रूप में वर्णित किया जाता है, इस क्षेत्र में अंतहीन घास के मैदान होते थे। इसका अधिकांश हिस्सा अब एक के बाद एक विशाल खेत है, कभी-कभार कस्बों के साथ, लेकिन शेष प्रेयरी अभी भी विशाल और कुछ हद तक उजाड़ हैं। +| region8description=शानदार बर्फ से ढके रॉकी पर्वत (संयुक्त राज्य अमेरिका रॉकी लंबी पैदल यात्रा, राफ्टिंग, उत्कृष्ट स्कीइंग, रेगिस्तान और कुछ बड़े शहरों की पेशकश करते हैं। +| region9description=स्पेनिश, मैक्सिकन और मूल अमेरिकी संस्कृतियों से अत्यधिक प्रभावित, यह क्षेत्र देश के कुछ सबसे शानदार प्राकृतिक आकर्षणों और फलते-फूलते कलात्मक समुदायों का घर है। हालांकि ज्यादातर खाली हैं, इस क्षेत्र के रेगिस्तान में कुछ बड़े शहर हैं। +| region10description=दक्षिण पश्चिम की तरह, कैलिफोर्निया अपने पूर्व स्पेनिश और मैक्सिकन शासकों और एशियाई संस्कृति और व्यंजनों से भी काफी प्रभावित है। कैलिफोर्निया विश्व प्रसिद्ध शहर, रेगिस्तान, वर्षावन, बर्फीले पहाड़ और सुंदर समुद्र तट प्रदान करता है। +| region11description=सुखद सौम्य पैसिफिक नॉर्थवेस्ट बाहरी गतिविधियों और महानगरीय शहरों की पेशकश करता है। इलाके में शानदार वर्षावन, सुंदर पहाड़ और ज्वालामुखी, खूबसूरत समुद्र तट और ऋषि से ढके मैदान और रेगिस्तान हैं। +| region12description=संयुक्त राज्य अमेरिका के बाकी हिस्सों जितना बड़ा, अलास्का आर्कटिक में अच्छी तरह से पहुंचता है, और पहाड़ी जंगल की विशेषता है, जिसमें उत्तरी अमेरिका का सबसे ऊंचा पर्वत डेनाली और संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्यत्र अनदेखी मूल अलास्का संस्कृति शामिल है। +| region13description=उष्णकटिबंधीय प्रशांत में एक ज्वालामुखीय द्वीपसमूह, कैलिफोर्निया (निकटतम राज्य) के दक्षिण-पश्चिम में 2,300 मील (3,700 किमी आरामदेह हवाई छुट्टियों के लिए स्वर्ग है।}} +अमेरिका दुनिया भर में गैर-राज्य क्षेत्रों के संग्रह का भी संचालन करता है, मुख्यतः कैरिबियन प्यूर्टो रिको और यू.एस वर्जिन आइलैंड्स और ओशिनिया गुआम अमेरिकन समोआ नॉर्दर्न मैरियाना आइलैंड्स और विभिन्न निर्जन द्वीप और द्वीप समूह)। चूंकि ये यात्री के दृष्टिकोण से 50 राज्यों से काफी अलग हैं, इसलिए इन्हें अलग-अलग लेखों में शामिल किया गया है। +संयुक्त राज्य में 10,000 से अधिक शहर, कस्बें और गांव हैं। सबसे उल्लेखनीय नौ की सूची निम्नलिखित है +संयुक्त राज्य अमेरिका यूएसए यू.एस या सिर्फ "अमेरिका" के रूप में भी जाना जाता है) टेलीविजन और फिल्मों का अमेरिका नहीं है। यह विशिष्ट सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान के साथ बड़ा, जटिल और विविध है। शामिल दूरियों के कारण, क्षेत्रों के बीच यात्रा करना समय लेने वाला और महंगा हो सकता है। +सन्निहित संयुक्त राज्य या "निचला 48" अलास्का और हवाई को छोड़कर क्षेत्र को संदर्भित करता है। अधिकांश आबादी अटलांटिक, प्रशांत या मैक्सिको की खाड़ी के तटों या महान झीलों के किनारे रहती है। इसकी एकमात्र भूमि सीमाएँ, दोनों काफी लंबी हैं, उत्तर में कनाडा और दक्षिण में मेक्सिको के साथ साझा की जाती हैं। महाद्वीपीय संयुक्त राज्य 48 सन्निहित राज्य, डी.सी. और अलास्का हैं, लेकिन हवाई को बाहर कर देते हैं। +देश के केंद्र में ग्रेट प्लेन्स है, जिसमें ओक्लाहोमा कान्सास नेब्रास्का साउथ डकोटा नॉर्थ डकोटा] की संपूर्णता शामिल है। और आसपास के राज्यों के हिस्से। इस क्षेत्र की विशेषता समतल भूमि के लंबे खंडों और कोमल घुमावदार पहाड़ियों के क्षेत्रों से है। इसमें बड़े पैमाने पर खेत और प्रेयरी शामिल हैं। +मेक्सिको की खाड़ी टेक्सास के दक्षिण-पूर्व में लुइसियाना मिसिसिपी अलबामा और फ्लोरिडा के पैनहैंडल के दक्षिण में है, और पश्चिम का गठन करती है फ्लोरिडा का तट। +[[ग्रेट लेक्स पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच की अधिकांश सीमा को परिभाषित करती हैं। झीलों की तुलना में अधिक ताजे पानी के अंतर्देशीय समुद्र, वे अंतिम हिमयुग के अंत में ग्लेशियरों के पीछे हटने के दबाव से बने थे। मिनेसोटा विस्कॉन्सिन इलिनोइस इंडियाना मिशिगन ओहियो +मेक्सिको की खाड़ी टेक्सास के दक��षिण-पूर्व में लुइसियाना मिसिसिपी अलबामा और फ्लोरिडा के पैनहैंडल के दक्षिण में है, और पश्चिम का गठन करती है फ्लोरिडा का तट। +हालांकि अधिकांश अमेरिका में समशीतोष्ण जलवायु है, अलास्का में आर्कटिक टुंड्रा से हवाई और दक्षिण फ्लोरिडा में उष्णकटिबंधीय मौसम में भी एक विस्तृत विविधता है। महान मैदान सूखे, सपाट और घास वाले हैं, जो सुदूर पश्चिम में रेगिस्तान और कैलिफोर्निया तट के साथ भूमध्यसागरीय में बदल रहे हैं। +महान मैदान और मिडवेस्टर्न राज्य भी बवंडर देर से वसंत ऋतु से लेकर शुरुआती गिरावट तक, पहले दक्षिण में और बाद में उत्तर में अनुभव करते हैं। जून और नवंबर के बीच अटलांटिक तट और मैक्सिको की खाड़ी के राज्यों में तूफान आ सकता है। ये तीव्र और खतरनाक तूफान अक्सर अमेरिकी मुख्य भूमि को याद करते हैं, लेकिन खाली करने का अक्सर आदेश दिया जाता है और इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। +रॉकी ठंडे और बर्फीले होते हैं। रॉकीज़ के कुछ भागों में एक मौसम में 500 इंच (1,300 सेमी) से अधिक हिमपात होता है। गर्मियों के दौरान भी, पहाड़ों में तापमान ठंडा रहता है, और लगभग साल भर बर्फ गिर सकती है। सर्दियों में बिना तैयारी के पहाड़ों पर चढ़ना खतरनाक होता है और उनके बीच की सड़कें बहुत बर्फीली हो सकती हैं। +तटीय उत्तर-पश्चिम (कैस्केड रेंज के ओरेगन और वाशिंगटन पश्चिम, और कोस्ट रेंज/कैस्केड के पश्चिम में कैलिफोर्निया के उत्तरी भाग) में ठंडा और नम मौसम साल के अधिकांश समय में आम है। ग्रीष्मकाल (जुलाई से सितंबर) आमतौर पर कम आर्द्रता के साथ काफी शुष्क होता है, हालांकि, यह बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श जलवायु बनाता है। सर्दियों में बारिश सबसे अधिक होती है, बर्फ दुर्लभ होती है, विशेष रूप से तट के किनारे, और अत्यधिक तापमान असामान्य होते हैं। तट के साथ शुरुआती वसंत के माध्यम से देर से गिरने से लगभग विशेष रूप से वर्षा होती है। कास्केड्स के पूर्व, उत्तर पश्चिम काफी शुष्क है। अधिकांश अंतर्देशीय उत्तर-पश्चिम या तो अर्ध-शुष्क या रेगिस्तान है, विशेष रूप से ओरेगन में। +पूर्वोत्तर और ऊपरी दक्षिणी शहर ग्रीष्मकाल के लिए जाने जाते हैं, जहां तापमान 90°F (32 °C) या उससे अधिक तक पहुंच जाता है, अत्यधिक उच्च आर्द्रता के साथ, आमतौर पर 80% से अधिक। यह दक्षिण पश्चिम से एक कठोर परिवर्तन हो सकता है। उच्च आर्द्रता का मतलब है कि ताप��ान वास्तविक रीडिंग से अधिक गर्म महसूस कर सकता है। पूर्वोत्तर में भी हिमपात होता है, और हर कुछ वर्षों में कम से कम एक बार भारी मात्रा में सफेद सामग्री का डंपिंग होता है। +मूल अमेरिकी या अमेरिकी भारतीय 13,500 से 16,000 साल पहले बेरिंग जलडमरूमध्य पार करने वाले पूर्वोत्तर एशियाई लोगों के प्रवास से अलास्का में पहुंचे, और परिष्कृत समाजों की एक विस्तृत विविधता का प्रतिनिधित्व किया जो 15वीं शताब्दी के अंत में यूरोपीय लोगों के पहले आगमन से पहले अस्तित्व में था। मिसिसिपियन संस्कृतियों ने दक्षिण पूर्व में विशाल बस्तियों का निर्माण किया, और अनासाज़ी ने दक्षिण पश्चिम में विस्तृत चट्टान-किनारे कस्बों का निर्माण किया। इन समाजों को चेचक जैसी पुरानी दुनिया की बीमारियों से नष्ट कर दिया गया था और युद्ध और यूरोपीय उपनिवेशवादियों द्वारा अतिक्रमण करके पश्चिम की ओर धकेल दिया गया था। उनकी घटती संख्या ने आगे हाशिए पर जाने का नेतृत्व किया, हालांकि आज उनकी संस्कृतियां बनी हुई हैं और अमेरिकी अनुभव में योगदान करना जारी रखती हैं। +एक राष्ट्रीय सरकार के गठन पर तकरार 1787 तक चली जब एक संविधान पर सहमति बनी। व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बारे में इसके ज्ञान-युग के विचारों ने तब से कई राज्यों के संस्थापक आदेशों को प्रेरित किया है। जॉर्ज वाशिंगटन क्रांतिकारी सेना के जनरल-इन-चीफ, पहले राष्ट्रपति चुने गए थे। 19वीं शताब्दी के अंत तक, नव-निर्मित वाशिंगटन, डी.सी को राष्ट्रीय राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था। +नए राज्य बनाए गए क्योंकि सफेद बसने वाले अप्पलाचियन पर्वत से पश्चिम की ओर चले गए। मूल अमेरिकी आबादी विस्थापित हो गई और युद्ध और बीमारी से और परेशान हो गई। 1803 में मिसिसिपी के पश्चिम में फ्रांसीसी भूमि की लुइसियाना खरीद लुईस और क्लार्क ट्रेल लुईस और क्लार्क अभियान द्वारा चार्टर्ड ने प्रभावी रूप से राष्ट्र के आकार को दोगुना कर दिया, और "भारतीय क्षेत्र" प्रदान किया पूर्व से कई मूल अमेरिकी जनजातियों के लिए अब ओक्लाहोमा क्या है जिसे 1830 के दशक के ट्रेल ऑफ टीयर्स के दौरान जबरन स्थानांतरित कर दिया गया था। +नेपोलियन के युद्धों और रॉयल नेवी के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली ब्रिटिश वाणिज्य नीतियों के साथ आगे की असहमति के कारण 1812 का युद्ध हुआ। भूमि और समुद्र पर नाटकीय कार्रवाई के दो साल से अधिक समय तक कनाडा पर आक्रमण और वाशिंगटन, डीसी में व्हाइट हाउस और सार्वजनिक भवनों को जलाना शामिल था। वस्तुतः युद्ध के परिणामस्वरूप क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, लेकिन युद्ध ने अलग-अलग अमेरिकी और कनाडाई पहचान। इस युद्ध के दौरान राष्ट्रगान द स्टार-स्पैंगल्ड बैनर" की कल्पना की गई थी। पश्चिमी मूल अमेरिकी जनजातियाँ जिन्होंने अंग्रेजों का पक्ष लिया था, उन्हें बहुत नुकसान हुआ क्योंकि उनका क्षेत्र श्वेत बसने वालों को दे दिया गया था। +एक राष्ट्रीय सरकार के गठन पर तकरार 1787 तक चली जब एक संविधान पर सहमति बनी। व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बारे में इसके ज्ञान-युग के विचारों ने तब से कई राज्यों के संस्थापक आदेशों को प्रेरित किया है। जॉर्ज वाशिंगटन क्रांतिकारी सेना के जनरल-इन-चीफ, पहले राष्ट्रपति चुने गए थे। 19वीं शताब्दी के अंत तक, नव-निर्मित वाशिंगटन, डी.सी को राष्ट्रीय राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था। +नए राज्य बनाए गए क्योंकि सफेद बसने वाले अप्पलाचियन पर्वत से पश्चिम की ओर चले गए। मूल अमेरिकी आबादी विस्थापित हो गई और युद्ध और बीमारी से और परेशान हो गई। 1803 में मिसिसिपी के पश्चिम में फ्रांसीसी भूमि की लुइसियाना खरीद लुईस और क्लार्क ट्रेल लुईस और क्लार्क अभियान द्वारा चार्टर्ड ने प्रभावी रूप से राष्ट्र के आकार को दोगुना कर दिया, और "भारतीय क्षेत्र" प्रदान किया पूर्व से कई मूल अमेरिकी जनजातियों के लिए अब ओक्लाहोमा क्या है जिसे 1830 के दशक के ट्रेल ऑफ टीयर्स के दौरान जबरन स्थानांतरित कर दिया गया था। +नेपोलियन के युद्धों और रॉयल नेवी के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली ब्रिटिश वाणिज्य नीतियों के साथ आगे की असहमति के कारण 1812 का युद्ध हुआ। भूमि और समुद्र पर नाटकीय कार्रवाई के दो साल से अधिक समय तक कनाडा पर आक्रमण और वाशिंगटन, डीसी में व्हाइट हाउस और सार्वजनिक भवनों को जलाना शामिल था। वस्तुतः युद्ध के परिणामस्वरूप क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, लेकिन युद्ध ने अलग-अलग अमेरिकी और कनाडाई पहचान। इस युद्ध के दौरान राष्ट्रगान द स्टार-स्पैंगल्ड बैनर" की कल्पना की गई थी। पश्चिमी मूल अमेरिकी जनजातियाँ जिन्होंने अंग्रेजों का पक्ष लिया था, उन्हें बहुत नुकसान हुआ क्योंकि उनका क्षेत्र श्वेत बसने वालों को दे दिया गया था। +युद्ध के बाद, उद्योग और बुनियादी ढांचे का बहुत ���िस्तार हुआ, खासकर पूर्वोत्तर में देखें अमेरिकन इंडस्ट्री टूर]]। सड़कें और नहरें पहले आईं और लोगों को अंतर्देशीय फैलने में मदद मिली। 1825 में एरी नहर ने अटलांटिक को महान झीलों से जोड़ा। 1860 के दशक के अंत तक मिडवेस्ट में शिकागो के औद्योगिक केंद्र के माध्यम से रेलमार्ग और टेलीग्राफ लाइनें पूर्वी और पश्चिमी तटों को जोड़ती थीं। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में, धार्मिक पुनरुत्थान की एक श्रृंखला, द्वितीय महान जागृति, ने विभिन्न सुधार आंदोलनों का नेतृत्व किया, जो संयम, गुलामी के उन्मूलन और महिलाओं के मताधिकार जैसे लक्ष्यों के लिए प्रयासरत थे। +दक्षिण और पश्चिम में अमेरिकी विस्तार ने स्पेनिश और मैक्सिकन क्षेत्र को तोड़ दिया। अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के बाद 1813 में स्पेन ने फ्लोरिडा को बेच दिया, और मैक्सिकन टेक्सास में अमेरिकी बसने वालों द्वारा 1836 के विद्रोह ने एक स्वतंत्र गणराज्य की स्थापना की जो दस साल बाद संघ में समाहित हो गया। इसने मैक्सिकन-अमेरिकी युद्ध को जन्म दिया जिसमें मेक्सिको हार गया जो अब कैलिफोर्निया नेवादा यूटा एरिजोना और न्यू मैक्सिको] है। और सन्निहित संयुक्त राज्य ने अनिवार्य रूप से इसकी आधुनिक रूपरेखा ग्रहण की। मूल अमेरिकियों को आरक्षण से हटा दिया गया और ओरेगन ट्रेल और अन्य पश्चिमी मार्गों पर बसने वालों से संधि, सैन्य बल और बीमारी द्वारा शुद्ध किया जाना जारी रखा गया। यह भी देखें ओल्ड वेस्ट +संघीय शासन हल्का था और राज्य अत्यधिक स्वायत्त थे। 1850 के दशक तक, औद्योगिक और अधिक शहरी उत्तरी राज्यों के बीच असहनीय असमानता थी, जिसमें क्रांति के तीन दशकों के भीतर गुलामी को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था, और वृक्षारोपण पर निर्भर ग्रामीण दक्षिण। उत्तर में कई लोग गुलामी के विस्तार पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाना चाहते थे, जबकि दक्षिणी राज्यों ने नए क्षेत्रों में गुलामी का विस्तार करने की मांग की। उन्मूलनवादियों ने एक भूमिगत रेलमार्ग संचालित किया, जिससे उत्तरी राज्यों में भगोड़े दासों को कनाडा में स्वतंत्रता मिली। 1861 में, ग्यारह दक्षिणी राज्य, हाशिए पर जाने से भयभीत और कथित रूप से गुलामी-विरोधी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन संघ से अलग हो गए और अमेरिका के एक स्वतंत्र संघ राज्य का गठन किया। आगामी अमेरिकी नागरिक युद्ध अमेरिकी धरती पर सबसे खूनी संघर्ष बना हुआ है और इसने सैकड़ों हजारों लोगों को मार डाला। 1865 में, संघ बलों ने जीत हासिल की, राज्यों पर संघीय सरकार के अधिकार को मजबूती से मजबूत किया। गुलामी को राष्ट्रव्यापी रूप से समाप्त कर दिया गया था और पुनर्निर्माण की अवधि के दौरान संघीय राज्यों को फिर से संघ में शामिल किया गया था। पूर्व दासों और उनके वंशजों को विशेष रूप से दक्षिण में एक आर्थिक और सामाजिक निम्नवर्ग बने रहना था। +19वीं सदी के अंत में और 20वीं सदी में, दक्षिणी और पूर्वी यूरोपियों, रूसी यहूदियों और आयरिश ने सस्ते श्रम प्रदान करके पूर्वी शहरों के निरंतर औद्योगीकरण को बल दिया। उत्तर में औद्योगिक नौकरियों के लिए कई दक्षिणी अफ्रीकी-अमेरिकी ग्रामीण गरीबी और नस्लवाद से भाग गए। कई स्कैंडिनेवियाई और जर्मन सहित अन्य अप्रवासी, पश्चिम और मिडवेस्ट में नए खुले प्रदेशों में चले गए, जहाँ किसी को भी जमीन दी गई थी जो इसे विकसित करेगा। +1917 में प्रथम विश्व युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रवेश ने एक युग की शुरुआत को चिह्नित किया जिसमें यह एक विश्व शक्ति बन जाएगा। हालांकि, जीत के तुरंत बाद अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से परहेज किया और संगठन को प्रभावी ढंग से अपंग करते हुए नवजात लीग ऑफ नेशंस में शामिल होने से इनकार कर दिया। वास्तविक संपत्ति तेजी से बढ़ी और 20 के दशक में शेयर की अटकलों ने एक विशाल वित्तीय "बुलबुला" बनाया। यह 1929 में फट गया, जिससे ग्रेट डिप्रेशन के वैश्विक आर्थिक कहर को बढ़ावा मिला। परिणामी निजीकरण ने बलिदान और कड़ी मेहनत की संस्कृति को बढ़ावा दिया जो आने वाले संघर्ष में देश की अच्छी सेवा करेगा। इसने राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट की भी शुरुआत की। उनका "न्यू डील" सरकारी कार्यक्रमों की एक श्रृंखला थी जिसने अमेरिकी कल्याणकारी राज्य का आधार बनाते हुए देश भर में हजारों इमारतों और पुलों का निर्माण किया। +1941 में जापान ने हवाई में एक अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर हमला किया, जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका को मित्र देशों की शक्तियों की ओर से द्वितीय विश्व युद्ध में डुबो दिया। देखें यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध और प्रशांत युद्ध]]।) अमेरिका ने परमाणु बम विकसित किए और 1945 में जापान पर दो बार गिराए, जिससे युद्ध अचानक समाप्त हो गया। युद्ध के अंत तक, संयुक्त राज्य अमेरिका ने खुद को दुनिया की प��रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में मजबूती से स्थापित कर लिया था, जो वैश्विक औद्योगिक उत्पादन के लगभग आधे हिस्से के लिए जिम्मेदार था। आगामी शीत युद्ध के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ ने परमाणु हथियारों के साथ अपने स्वयं के पारस्परिक रूप से सुनिश्चित विनाश को स्वीकार करते हुए सत्ता के लिए धक्का-मुक्की की। हालांकि दो महाशक्तियों के बीच युद्ध कभी नहीं हुआ, दोनों पक्ष अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न प्रॉक्सी राज्यों के माध्यम से गुप्त संचालन और सैन्य प्रयासों में शामिल थे जो कि (अक्सर नकारात्मक रूप से) लोगों के दृष्टिकोण को प्रभावित करते हैं और वैश्विक राजनीति में इसकी भूमिका को प्रभावित करते हैं। +युद्ध के बाद के अमेरिका में संपन्नता और औद्योगीकरण की विशेषता थी। तेजी से प्रौद्योगिकी आधारित अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए लोगों ने कृषि छोड़ दी और शहरों में चले गए। अमेरिकी कार संस्कृति 1950 के दशक में उभरी और एक व्यापक अंतरराज्यीय राजमार्ग प्रणाली के निर्माण द्वारा समर्थित थी। इन प्रवृत्तियों ने उपनगरों के उदय और सार्वजनिक परिवहन और रेल यात्रा में गिरावट का भी नेतृत्व किया, जिससे कार के बिना संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करना विशेष रूप से आज तक कठिन हो गया है। इसके परिणामस्वरूप कई अमेरिकी शहरों में उपनगरों के लिए 'श्वेत उड़ान हुई, जिससे कई काले लोग शहर के अंदरूनी इलाकों में पीछे रह गए। अमेरिकी उपभोक्ता संस्कृति, हॉलीवुड फिल्मों और लोकप्रिय संगीत के कई रूपों ने संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया में एक सांस्कृतिक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया। अमेरिका दुनिया के उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्रों में से एक के रूप में विकसित हुआ, और अब दुनिया के कई सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों का घर है, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करता है। +सोवियत संघ के पतन के बाद से, संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की एकमात्र महाशक्ति रहा है, और जबकि इसके आधिपत्य को एक पुनरुत्थानवादी चीन और रूस द्वारा तेजी से चुनौती दी जा रही है, यह प्रमुख सैन्य, आर्थिक भूमिका निभाना जारी रखता है विश्व मामलों में राजनीतिक और सांस्कृतिक भूमिका। आशा है कि अमेरिका के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के पतन के बाद, महंगे और कभी-कभी विनाशकारी युद्ध (जैसे विय��नाम युद्ध) अतीत की बात थे, दुख की बात है कि यह सच साबित नहीं हुआ है। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से प्रशासनों को किसी न किसी रूप में "दुष्ट राज्यों आतंकवाद, और तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य के खतरे से निपटना पड़ा है। 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले, अभी भी बहुत खुले घाव हैं और आज तक राजनीतिक बहस को प्रभावित करते हैं, हवाईअड्डे पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाना सिर्फ एक तरीका है जिसमें आतंकवाद (या इसके डर) ने यात्रियों को प्रभावित किया है। आर्थिक रूप से, आवास बाजार के बुलबुले के ढहने से 2007 में शुरू हुई "महान मंदी 2009 में समाप्त हो गई, लेकिन औसत अमेरिकी ने कई वर्षों तक नकारात्मक प्रभावों को महसूस करना जारी रखा है। +संयुक्त राज्य अमेरिका एक संघीय गणराज्य है। इसके प्रमुख घटक 50 राज्य और डिस्ट्रिक्ट ऑफ़ कोलंबिया (वाशिंगटन डी.सी इसमें कैरेबियन और प्रशांत क्षेत्र में विभिन्न द्वीप क्षेत्र भी हैं जो दृढ़ता से एसएनडी}}हैं लेकिन अक्सर पूरी तरह से एसएनडी}}संघ में एकीकृत नहीं होते हैं। +संघीय सरकार अमेरिकी संविधान से अपनी शक्ति प्राप्त करती है, जो निरंतर उपयोग में आने वाला सबसे पुराना लिखित संविधान है। व्यापक संघीय कानूनों के भीतर, प्रत्येक राज्य अपने स्वयं के संविधान, सरकार और कानूनों को बनाए रखता है, और इसलिए संघ के भीतर काफी स्वायत्तता रखता है। राज्य कानून उनके विवरण में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश भाग के लिए, एक राज्य से दूसरे राज्य में काफी समान हैं। +गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद से राज्य और संघीय स्तरों पर दो प्रमुख राजनीतिक दलों का वर्चस्व रहा है: रिपब्लिकन पार्टी (अक्सर GOP के रूप में संदर्भित ग्रैंड ओल्ड पार्टी" के लिए छोटा) और डेमोक्रेटिक पार्टी। 1960 के दशक के बाद से रिपब्लिकन पार्टी आम तौर पर अधिक दक्षिणपंथी या "रूढ़िवादी" पार्टी बन गई है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी आमतौर पर दोनों पार्टियों की अधिक वामपंथी या "उदार" है। जबकि छोटे राजनीतिक दल मौजूद हैं, विनर-टेक-ऑल इलेक्शन सिस्टम का मतलब है कि वे शायद ही कभी किसी स्तर पर सफल होते हैं। हालाँकि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में लाल और नीला क्रमशः वामपंथी और दक्षिणपंथी झुकाव वाले दलों को इंगित करते हैं, वे यू.एस. में उलटे हैं ताकि रिपब्लिकन लाल हों और डेमोक्रेट नीले हों। +संयुक्त राज्य अमेरिका कई विविध जातीय समूहों से ��ना है और संस्कृति देश के विशाल क्षेत्र में और यहां तक कि शहरों के भीतर भी बहुत भिन्न होती है{{एसएनडी}}न्यूयॉर्क जैसे शहर में दर्जनों, यदि सैकड़ों नहीं, तो अलग-अलग जातियों का प्रतिनिधित्व होगा पड़ोस। इस अंतर के बावजूद, राष्ट्रीय पहचान और कुछ प्रमुख सांस्कृतिक लक्षणों की एक मजबूत भावना मौजूद है। आम तौर पर, अमेरिकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जिम्मेदारी में दृढ़ता से विश्वास करते हैं, और यह कि एक व्यक्ति अपनी सफलता या असफलता को स्वयं निर्धारित करता है, लेकिन इसके कई अपवाद हैं। आप दक्षिण में मिसिसिपी को उत्तर में मैसाचुसेट्स से सांस्कृतिक रूप से बहुत अलग पाएंगे। +संयुक्त राज्य अमेरिका में धर्म बहुत महत्वपूर्ण है, जहां 80% लोग धार्मिक जुड़ाव रखते हैं। वर्तमान अनुमान है कि 49% अमेरिकी एक प्रोटेस्टेंट चर्च के हैं और अन्य 23% रोमन कैथोलिक हैं। 5% अमेरिकी गैर-ईसाई धर्मों जैसे कि यहूदी धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। कई व्यवसाय और संस्थान रविवार को बंद रहते हैं, और दक्षिण और मध्यपश्चिम में कई क्षेत्रों में रविवार को होने वाली कुछ गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है, जबकि कुछ यहूदी व्यवसाय सब्त के लिए शुक्रवार की रात और शनिवार को बंद हो जाते हैं। +11 नवंबर, जो यूरोप और अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों में स्मरण दिवस है, को अमेरिकी सशस्त्र बलों के सभी दिग्गजों को मनाने के लिए विस्तारित किया गया है मेमोरियल डे युद्ध के मृतकों को पहचानने के उद्देश्य से कार्य करता है।}} +कोई राष्ट्रव्यापी, अनिवार्य सार्वजनिक अवकाश नहीं हैं। संघीय छुट्टियां सबसे केंद्रीय रूप से समन्वित छुट्टियां हैं, लेकिन वे केवल संघीय सरकार और बैंकों के लिए अनिवार्य हैं। सभी संघीय सरकारी कार्यालय, डाकघर और बैंक संघीय छुट्टियों के दिन बंद रहते हैं, लेकिन निजी व्यवसाय यह चुन सकते हैं कि उनका पालन किया जाए या नहीं। +लगभग सभी राज्य और इलाके संघीय अवकाश मनाते हैं अधिकांश अपने स्वयं के एक अतिरिक्त मुट्ठी भर का भी निरीक्षण करते हैं। यदि एक संघीय अवकाश सप्ताहांत पर पड़ता है, तो पालन फरवरी में राष्ट्रपति दिवस के समान समापन के साथ निकटतम कार्यदिवस या तो शुक्रवार या सोमवार) में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उत्सव और प्रमुख खुदरा समापन वार्षिक तिथि पर होंगे, भले ही वह सप्ताहांत हो। +थैंक्सगिविंग (नवंबर में चौथा गुरुवार) और 1 जनवरी के बीच के समय में प्रमुख छुट्टियों की इतनी अधिक मात्रा होती है कि इसे आमतौर पर "छुट्टियों का मौसम" कहा जाता है। बहुत से लोग इस अवधि के दौरान छुट्टियां लेते हैं, परिवार और दोस्तों से मिलने वाले लोगों के साथ। प्रमुख छुट्टियों के पास हवाई अड्डों, अंतरराज्यीय राजमार्गों, बस स्टेशनों और ट्रेन स्टेशनों पर बहुत भीड़ होगी। यदि आपको यात्रा करनी ही है, तो चेक-इन करने और सुरक्षा समाप्त करने के लिए अतिरिक्त समय दें। यह उपहार देने का एक प्रमुख मौसम भी है: अधिकांश शॉपिंग मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर में भीड़ होगी, विशेष रूप से थैंक्सगिविंग के बाद के दिन, क्रिसमस से एक सप्ताह पहले और क्रिसमस के अगले दिन। +जैसा कि अधिकांश अन्य देशों में जहां शराब कानूनी है, सड़कों पर और प्रमुख छुट्टियों के आसपास सावधान रहें, जैसे कि नए साल, स्मृति दिवस, या स्वतंत्रता दिवस, क्योंकि तब सड़कों पर नशे में वाहन चलाने वालों की संख्या अधिक होती है। +नीचे दी गई सूची में, संघीय छुट्टियों को बोल्ड इटैलिक में सूचीबद्ध किया गया है। संघीय छुट्टियों के अलावा, निम्नलिखित सूची में छुट्टियां शामिल हैं जो यात्रियों को असुविधा कर सकती हैं, और अन्य घटनाओं के राष्ट्रव्यापी उत्सव जो यात्रियों के लिए रुचिकर हो सकते हैं: +नए साल का दिन 1 जनवरी अधिकांश गैर-खुदरा कारोबार बंद परेड ब्रंच और फुटबॉल पार्टियां। +मार्टिन लूथर किंग डे जनवरी में तीसरा सोमवार कई सरकारी कार्यालय और बैंक बंद लोग अपने समुदायों में स्वयंसेवा करते हैं भाषण, विशेष रूप से अफ्रीकी-अमेरिकी इतिहास और संस्कृति पर। +सुपर बाउल संडे 2022 में शुरू, फरवरी में दूसरा रविवार नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) का यह वार्षिक चैंपियनशिप गेम साल का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्पोर्टिंग इवेंट है सुपरमार्केट, बार और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर व्यस्त हैं बड़ी फुटबॉल देखने वाली पार्टियां। +वेलेंटाइन डे 14 फरवरी रोमांस और प्यार का निजी उत्सव। अधिकांश रेस्तरां में भीड़ होती है अधिक लोकप्रिय रेस्तरां को पहले से आरक्षण की आवश्यकता हो सकती है। +राष्ट्रपति दिवस या वाशिंगटन का जन्मदिन फरवरी में तीसरा सोमवार कई सरकारी कार्यालय और बैंक बंद कुछ गैर-खुदरा कारोबार बंद कई दुकानों में बिक्री होती है, विशेष रूप से फर्नीचर और गद्दे की दुकानों में�� +अनुसूचित जनजाति। सेंट पैट्रिक डे 17 मार्च आयरिश-थीम परेड और पार्टियां। सलाखों में भीड़ होने की अपेक्षा करें। वे अक्सर थीम्ड ड्रिंक स्पेशल पेश करेंगे। हरे रंग के कपड़े या एक्सेसरीज पहनना आम बात है। +गुड फ्राइडे ईस्टर से पहले का शुक्रवार ईसाई (विशेष रूप से कैथोलिक) धार्मिक अनुष्ठान। कुछ रेस्तरां और दुकानें बंद हैं। बड़ी कैथोलिक आबादी वाले कुछ राज्यों की सरकारें (जैसे न्यू जर्सी) इस दिन छुट्टी मनाती हैं और सरकारी कार्यालयों को बंद कर देती हैं। +ईस्टर मार्च या अप्रैल में एक रविवार ईसाई धार्मिक अनुष्ठान। कई फास्ट-फूड रेस्तरां बंद हैं, लेकिन सिट-डाउन रेस्तरां के खुले रहने की संभावना अधिक है। प्रमुख खुदरा विक्रेता आम तौर पर खुले छोटी दुकानें बंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। +फसह यहूदी कैलेंडर के आधार पर भिन्न होता है, ईस्टर के आसपास आठ दिन यहूदी धार्मिक अनुष्ठान। कई अमेरिकी यहूदी गैर-यहूदियों को पहली दो रातों में से एक पर अपने 'सेडर' में आमंत्रित करते हैं। न्यूयॉर्क मेट्रो क्षेत्र और दक्षिण फ्लोरिडा जैसे बड़ी यहूदी आबादी वाले क्षेत्रों में सेडर दोपहर और शाम को बहुत भारी यातायात की अपेक्षा करें। +सिन्को डे मेयो 5 मई मेक्सिको में एक मामूली छुट्टी जो फ्रेंच के खिलाफ प्यूब्ला की 1862 की लड़ाई का जश्न मनाती है, लेकिन मैक्सिकन-अमेरिकी संस्कृति का एक प्रमुख उत्सव है। बड़े मैक्सिकन-अमेरिकी समुदायों के बिना स्थानों पर भी बार में भीड़ होने की अपेक्षा करें। +मदर्स डे मई में दूसरा रविवार बच्चे और बड़े अपनी मां को उपहार देते हैं। अधिकांश रेस्तरां में भीड़ होती है, खासकर ब्रंच और लंच के लिए कुछ रेस्तरां को पहले से ही आरक्षण की आवश्यकता हो सकती है। +मेमोरियल डे मई में अंतिम सोमवार अधिकांश गैर-खुदरा व्यवसाय बंद कुछ देशभक्ति समारोह समुद्र तटों और पार्कों की यात्राएं ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन की पारंपरिक शुरुआत। +फादर्स डे जून में तीसरा रविवार बच्चे और बड़े अपने पिता को उपहार देते हैं। कई रेस्तरां और खेल आयोजनों में भीड़ होती है, हालांकि मदर्स डे के समान नहीं। +स्वतंत्रता दिवस/जुलाई की चौथी 4 जुलाई अधिकांश गैर-खुदरा कारोबार बंद देशभक्ति परेड और संगीत कार्यक्रम, कुकआउट और समुद्र तटों और पार्कों की यात्राएं। आतिशबाज़ी प्रदर्शन, दोनों पेशेवर और शौकिया, जो अक्सर ��ात या सुबह जल्दी जारी रहते हैं। लगभग हर शहर दिन मनाने के लिए किसी न किसी तरह का उत्सव मनाता है। +मजदूर दिवस सितंबर में पहला सोमवार अधिकांश गैर-खुदरा कारोबार बंद कुकआउट और समुद्र तटों और पार्कों की यात्राएं कई दुकानों की बिक्री होती है ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन का पारंपरिक अंत। +रोश हसनाह और योम किप्पुर यहूदी कैलेंडर, सितंबर या अक्टूबर की शुरुआत के आधार पर भिन्न होता है यहूदी धार्मिक अनुष्ठान। +वेटरन डे 11 नवंबर सरकारी कार्यालय और बैंक बंद कुछ देशभक्ति के कार्यक्रम। +ब्लैक फ्राइडे थैंक्सगिविंग के बाद का दिन प्रमुख क्रिसमस की खरीदारी पारंपरिक रूप से शुरू होती है, अधिकांश दुकानों में बिक्री होती है और बहुत से स्टोर बहुत जल्दी खुल जाते हैं (कुछ अब थैंक्सगिविंग नाइट पर खुल रहे हैं)। अधिकांश गैर-खुदरा कर्मचारियों को शुक्रवार की छुट्टी दी जाती है या वे इसे छुट्टी के रूप में लेते हैं। +हनुक्काह/चनुकाह यहूदी कैलेंडर के आधार पर भिन्न होता है, आमतौर पर दिसंबर में आठ दिन यहूदी धार्मिक अनुष्ठान, अक्सर सांस्कृतिक रूप से क्रिसमस से जुड़े होते हैं। +क्रिसमस 25 दिसंबर परिवार और करीबी दोस्त उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं ईसाई धार्मिक अनुष्ठान। लगभग सभी व्यवसाय, किराना स्टोर और कई रेस्तरां शाम से पहले और पूरे दिन बंद रहे। कई कार्यालय 24 तारीख को दोपहर में बंद हो जाते हैं, 25 तारीख को सब कुछ बंद हो जाता है। हालाँकि, कई चीनी और यहूदी व्यवसाय खुले हैं। +क्वांज़ा 26 दिसंबर – 1 जनवरी अफ्रीकी-अमेरिकी सांस्कृतिक अनुष्ठान। +नए साल की पूर्व संध्या 31 दिसंबर कई रेस्तरां और बार देर से खुलते हैं बहुत सारी पार्टियां, खासकर बड़े शहरों में। कुछ कार्यालय दोपहर में बंद हो जाते हैं। +कपड़े या जूते के आकार का कोई औपचारिक नियमन नहीं है, और केवल एक चीज जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं वह यह है कि आकार एक ही ब्रांड के अनुरूप होते हैं। जूते के आकार के लिए प्रत्येक मॉडल के लिए कुछ परीक्षण और त्रुटि की आवश्यकता होगी। +प्रशांत महासागर के छोटे क्षेत्रों (जिनमें से कुछ तक आसानी से नहीं पहुँचा जा सकता) को ध्यान में रखते हुए, यू.एस. ग्यारह समय क्षेत्र तक फैला हुआ है। 48 राज्यों में केवल चार समय क्षेत्रों का उपयोग किया जाता है, जिसमें अतिरिक्त दो अलास्का और हवाई शामिल हैं। समय क्षेत्र की सीमाएँ हमेशा राज��य की सीमाओं के अनुरूप नहीं होती हैं। +अलास्का समय UTC-9 अलास्का अलेउतियन द्वीपसमूह को छोड़कर +हवाई-अलेउतियन समय UTC-10 हवाई अलेउतियन द्वीपसमूह]] +यू.एस. के अधिकांश भाग डेलाइट सेविंग टाइम का निरीक्षण करते हैं हवाई और एरिज़ोना (नवाजो राष्ट्र को छोड़कर) नहीं। +*टू-गो (खाना ऑर्डर करने में ले जाना +लगभग सभी अमेरिकी अंग्रेजी बोलते हैं। अधिकांश अमेरिकी लहजे में बोलते हैं जो एक दूसरे के समान हैं और पारंपरिक रूप से मिडवेस्ट से जुड़े हैं, जो 20 वीं शताब्दी में अमेरिकी रेडियो, टीवी और फिल्मों द्वारा लोकप्रिय हुआ था। हालांकि कई अमेरिकी कुछ लहजों के बीच के अंतर को समझ सकते हैं, विदेशी आगंतुकों द्वारा विशिष्ट के रूप में सुने जाने की सबसे अधिक संभावना में वे शामिल हैं जो आमतौर पर दक्षिण और टेक्सास, बोस्टन क्षेत्र, न्यूयॉर्क शहर क्षेत्र, ऊपरी मिडवेस्ट और हवाई में बोली जाती हैं। +अमेरिकी अंग्रेजी अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया के अन्य हिस्सों में बोली जाने वाली अंग्रेजी से कुछ अलग है। ये अंतर ज्यादातर मामूली हैं, और मुख्य रूप से मामूली वर्तनी और उच्चारण अंतर के आसपास हैं। हालाँकि, एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि तारीखें अक्सर MM/DD/YYYY या MM/DD लिखी जाती हैं। विस्तृत चर्चा के लिए अंग्रेजी भाषा की किस्मों पर लेख देखें। +कई अफ्रीकी-अमेरिकी और कुछ अन्य अमेरिकी भी अफ्रीकी-अमेरिकी वर्नाक्युलर इंग्लिश (AAVE) बोलते हैं, जिसका व्याकरण और शब्दावली अमेरिकी अंग्रेजी की शैलियों से कुछ अलग है जिसे आमतौर पर मानक माना जाता है। लगभग सभी अफ्रीकी-अमेरिकी आसानी से एएवीई और मानक अमेरिकी अंग्रेजी के बीच आगे और पीछे स्विच कर सकते हैं। आम तौर पर, यदि आप अफ्रीकी-अमेरिकी नहीं हैं, तो आपको एएवीई बोलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, भले ही वह आपसे बोली जाती हो इसे अजीब और संभवतः आपत्तिजनक माना जाएगा। स्पैंग्लिश एसएनडी}}स्पेनिश और अंग्रेजी का मिश्रण{{एसएनडी समान रूप से बड़ी हिस्पैनिक आबादी वाले कई क्षेत्रों में आम है, और स्पैंग्लिश और मानक अमेरिकी अंग्रेजी के बीच कोड-स्विचिंग समान रूप से सामान्य है। +आप कुछ क्षेत्रों में अन्य भाषाओं का सामना कर सकते हैं, जैसे हवाईयन, फ्रेंच, अमेरिकी भारतीय भाषाएँ (नवाजो सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है यिडिश और पेंसिल्वेनिया डच। ये क्षेत्रीय लेखों में शामिल हैं। +अमेरिकी सांकेतिक भाषा एएसएल संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रमुख सांकेतिक भाषा है। जब घटनाओं की व्याख्या की जाती है, तो उन्हें एएसएल में व्याख्यायित किया जाएगा। फ्रेंच साइन लैंग्वेज और अन्य संबंधित भाषाओं के उपयोगकर्ता एएसएल को समझने योग्य पा सकते हैं, क्योंकि वे बहुत अधिक शब्दावली साझा करते हैं, लेकिन जापानी साइन लैंग्वेज, ब्रिटिश साइन लैंग्वेज, या ऑस्लान के उपयोगकर्ता ऐसा नहीं करेंगे। टेलीविज़न पर क्लोज्ड-कैप्शनिंग व्यापक है, लेकिन सर्वव्यापी से बहुत दूर है। कई थिएटर एफएम लूप या अन्य सहायक सुनने वाले उपकरणों की पेशकश करते हैं, लेकिन कैप्शनिंग और दुभाषिए दुर्लभ हैं। +नेत्रहीनों के लिए, कई चिह्नों और प्रदर्शनों में मुद्रित अंग्रेजी के ब्रेल लिप्यंतरण शामिल हैं। बड़ी रेस्तरां श्रृंखलाएं, संग्रहालय और पार्क ब्रेल मेनू और गाइडबुक पेश कर सकते हैं, लेकिन आपको उनके लिए पूछना पड़ सकता है। +विदेशी जो पूरी तरह से टीकाकरण के योग्य नहीं हैं, चाहे वे हवाई या जमीन से यात्रा कर रहे हों प्रवेश से वंचित होंगे। जनादेश के अपवादों में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे, उपलब्ध टीकों की कमी के कारण कम टीकाकरण दर वाले देश से हवाई मार्ग से आने वाले और मानवीय कारणों से यात्रा करने वाले शामिल हैं। +अन्य सभी आगमनों के लिए, यू.एस. सीडीसी अनुशंसा करता है, लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं है, कि हवाई यात्री संयुक्त राज्य अमेरिका जाने के तीन दिनों के भीतर और फिर आगमन के बाद 3-5 दिनों के भीतर एक COVID-19 परीक्षण करें। बिना टीके वाले विदेशियों को 5 दिनों के लिए आत्म-पृथक करने और आगमन के 3-5 दिनों के बाद एक COVID परीक्षण करने के लिए कहा जाएगा (और संभवतः प्रमाणित)। प्रस्थान के 10 से 91 दिनों के बीच COVID-19 से ठीक होने के दस्तावेजी प्रमाण वाले लोगों को सभी परीक्षण और संगरोध आवश्यकताओं से छूट दी गई है। +जमीन के रास्ते युनाइटेड स्टेट्स में प्रवेश करने वाले विदेशियों को एक सीमा अधिकारी के सामने अपने टीकाकरण की स्थिति को साबित करने के लिए तैयार रहना चाहिए। टीकाकरण की स्थिति की परवाह किए बिना, भूमि सीमा पार करने के बाद COVID परीक्षण की आवश्यकता नहीं है। +योजना और आगमन पूर्व प्रलेखन +वीज़ा वेवर प्रोग्राम 90 दिनों तक वीज़ा-मुक्त रहने की अनुमति देता है यह एंडोरा, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्रुनेई, चिली, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनि��ा, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, लातविया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया के नागरिकों पर लागू होता है। लक्समबर्ग, माल्टा, मोनाको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, सैन मैरिनो, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान (पासपोर्ट में आईडी कार्ड नंबर शामिल होना चाहिए और यूनाइटेड किंगडम (जरूरी है यूके, चैनल आइलैंड्स या आइल ऑफ मैन में निवास का अधिकार है)। +माइक्रोनेशिया, मार्शल आइलैंड्स और पलाऊ के फेडरेटेड स्टेट्स के नागरिक केवल एक वैध पासपोर्ट के साथ अमेरिका में अनिश्चित काल के लिए प्रवेश, निवास, अध्ययन और काम कर सकते हैं। +बहामास के नागरिक बहामास में अमेरिकी सीमा शुल्क पूर्व-मंजूरी सुविधाओं पर वीजा-मुक्त प्रवेश केवल के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन 14 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए पिछले छह महीनों के भीतर जारी किया गया एक वैध पुलिस प्रमाणपत्र आवश्यक है। प्रवेश के किसी अन्य बंदरगाह के माध्यम से प्रवेश करने का प्रयास करने के लिए वैध वीजा की आवश्यकता होती है। +तुर्क और कैकोस द्वीप समूह के नागरिक अमेरिका में बिना वीज़ा केवल प्रवेश कर सकते हैं यदि वे वहां से सीधी उड़ान पर यात्रा कर रहे हों, लेकिन 14 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए पिछले छह महीनों के भीतर जारी एक वैध पुलिस प्रमाणपत्र आवश्यक है किसी अन्य देश से प्रवेश करने का प्रयास करने के लिए वैध वीजा की आवश्यकता होती है। +केमैन द्वीप के नागरिक, यदि वे वहां से सीधे अमेरिका की यात्रा करने का इरादा रखते हैं, तो प्रस्थान से पहले लगभग $25 के लिए एकल-प्रवेश वीजा छूट प्राप्त कर सकते हैं। 13 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए पिछले तीन महीनों के भीतर जारी किया गया वैध पुलिस प्रमाणपत्र आवश्यक है। किसी अन्य देश से प्रवेश करने का प्रयास करने के लिए आपके पास वैध वीज़ा होना आवश्यक है। +केवल कुछ अपवादों{{एसएनडी}}यातायात उल्लंघन, नागरिक उल्लंघन जैसे कूड़ा फैलाना, शोर उल्लंघन, उच्छृंखल आचरण विशुद्ध रूप से राजनीतिक अपराध जैसे उन देशों में अहिंसक विरोध जहां इसकी अनुमति नहीं है और 16 वर्ष की आयु से पहले किए गए अपराध{{एसएनडी}}एक आपराधिक रिकॉर्ड संभवतः यू.एस. के लिए वीजा-मुक्त यात्रा के किसी भी अधिकार को रद्द कर देगा। आपराधिक रिकॉर्ड वाले किसी भी व्यक्ति, जिसमें कनाडाई और बरमुडियन शामिल हैं, को अमेरिकी दूतावास से सलाह लेनी चाहिए चाहे उन्हें वीजा प्राप्त करने की आवश्यकता हो। +वीजा छूट कार्यक्रम की आवश्यकताएं +इसी तरह, वीज़ा छूट के लिए पात्र राष्ट्रीयता के अलावा ईरान, इराक, सूडान, या सीरिया की नागरिकता रखने वाले दोहरे नागरिक VWP के तहत प्रवेश नहीं कर सकते हैं।}} +कार्यक्रम केवल उन यात्रियों के लिए खुला है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में पर्यटन या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए हैं। आप औपचारिक शिक्षा के लिए, नौकरी पाने के लिए, या इस कार्यक्रम के तहत पत्रकारिता करने के लिए यू.एस. नहीं आ सकते हैं यदि आप ऐसा करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको पहले से ही उचित वीज़ा प्राप्त करना होगा, भले ही आपकी यू.एस. की यात्रा कितनी ही छोटी क्यों न हो। +90-दिन की सीमा विस्तार योग्य नहीं है। कनाडा, मैक्सिको, या कैरेबियन की एक छोटी यात्रा अमेरिका लौटने पर नए 90 दिनों की अनुमति नहीं देगी। पड़ोसी देशों के लिए एक विस्तारित अनुपस्थिति सीमा को रीसेट कर सकती है, खासकर यदि आपकी पहली यू.एस. यात्रा कम थी। उत्तरी अमेरिका के चारों ओर 90 दिनों से अधिक की यात्रा पर यू.एस. के माध्यम से पारगमन करते समय सावधानी बरतें। +एक आपराधिक रिकॉर्ड होने, प्रवेश से इनकार करने, या यू.एस. वीजा से वंचित होने के कारण आप VWP में प्रवेश करने के लिए अपात्र हो जाएंगे इसके बजाय आपको यू.एस. वीजा के लिए आवेदन करना होगा। +सभी पासपोर्ट बायोमेट्रिक होने चाहिए। यदि आपका पासपोर्ट पुराना है जो बायोमेट्रिक पासपोर्ट उपलब्ध होने से पहले जारी किया गया था, तो आपको VWP पर यू.एस. की यात्रा करने के लिए एक नया पासपोर्ट प्राप्त करना होगा। +VWP के तहत हवाई या समुद्री मार्ग से प्रवेश के लिए एक हस्ताक्षरकर्ता वाहक के साथ यात्रा की आवश्यकता होती है। यू.एस. के लिए कोई भी वाणिज्यिक अनुसूचित सेवाएं ठीक होंगी, लेकिन यदि आप एक चार्टर्ड उड़ान या जहाज पर हैं तो आपको वाहक की स्थिति की जांच करनी चाहिए, क्योंकि आपको वीज़ा की आवश्यकता हो सकती है। अपना खुद का निजी विमान उड़ाना, या यू.एस. के लिए अपना खुद का निजी यॉच चलाना, आपको अग्रिम रूप से एक पर्यटक वीजा प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। +हवाई या समुद्री मार्ग से प्रवेश करने वाले यात्रियों के पास संयुक्त राज्य अमेरिका से वापसी या आगे का टिकट भी होना चाहिए। यह आवश्यकता कनाडा, मैक्सिको, बरमूडा, या कैरेबियन के निवासियों के लिए आवश्यक नहीं है। +VWP के तहत प्रवेश आपको अपनी अप्रवास स्थिति बदलने की अनुमति नहीं देता है, और यदि आपको प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है, तो निर्णय की अपील नहीं की जा सकती है और आपको तुरंत पहली उड़ान पर रखा जाएगा। +बी-2 पर्यटक खुशी के लिए आगंतुक") +B-1/B-2 कॉम्बो वीज़ा जिसका उपयोग या तो पर्यटन और व्यवसाय दोनों के लिए किया जा सकता है +WB वीजा छूट कार्यक्रम, व्यापार पिछले 90 दिनों के विस्तार योग्य नहीं +शेष विश्व के लिए, वीज़ा आवेदन शुल्क एक अप्रतिदेय 160 अक्टूबर 2018 तक) वीजा के लिए है जो एक याचिका के आधार पर जारी नहीं किए गए हैं और जो हैं उनके लिए $190 यह शुल्क बहुत ही सीमित परिस्थितियों में माफ किया जाता है, अर्थात् कुछ विनिमय आगंतुक वीजा का अनुरोध करने वाले लोगों के लिए। +आपकी राष्ट्रीयता और आपके द्वारा अनुरोध किए जा रहे वीज़ा की श्रेणी के आधार पर, वीज़ा जारी होने पर आपको अतिरिक्त शुल्क 7–200 से लेकर) का भुगतान करने की आवश्यकता हो सकती है। इसे पारस्परिकता शुल्क कहा जाता है और यू.एस. द्वारा अन्य देशों द्वारा यू.एस. नागरिकों पर लगाए गए शुल्क से मेल खाने के लिए शुल्क लिया जाता है। +आप्रवासन और राष्ट्रीयता अधिनियम में कहा गया है कि अमेरिका में गैर-आप्रवासी के रूप में प्रवेश का अनुरोध करने वाले सभी व्यक्तियों को तब तक अप्रवासी माना जाता है जब तक कि वे अपने गृह देश के लिए "बाध्यकारी संबंधों" का सबूत दिखाकर उस धारणा को दूर नहीं कर लेते हैं, और इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि यात्रा अस्थायी होगी आवेदकों को यह भी प्रदर्शित करने की आवश्यकता है कि वे जिस वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं, उसके लिए वे वास्तव में हकदार हैं। लगभग सभी राष्ट्रीयताओं के लिए निकटतम अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में आमने-सामने साक्षात्कार की आवश्यकता होती है, और साक्षात्कार स्लॉट और वीज़ा प्रसंस्करण के लिए प्रतीक्षा में कई महीने लग सकते हैं। +मेजबान देश की छुट्टियों पर अमेरिकी छुट्टियों और पर दूतावास बंद रहते हैं, इसलिए आपको वीज़ा के लिए आवेदन करने की तारीखें निर्धारित करते समय दोनों छुट्टियों को जानना होगा। आपको अपनी यात्रा की योजना पहले से ही शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि आवेदन प्रक्रिया में छह महीने तक का समय लग सकता है। +आपका वीज़ा आम तौर पर आपके ठहरने की ���नुमत अवधि से बंधा नहीं होता है उदाहरण के लिए, 10 साल का वीजा 10 साल तक ठहरने की अनुमति नहीं देता है। दूसरी ओर, आप अपने वीजा की वैधता के अंतिम दिन देश में प्रवेश कर सकते हैं और फिर भी रहने की अनुमति दी जा सकती है, उदाहरण के लिए, एक पर्यटक के रूप में 180 दिनों तक। +अमेरिका की विदेशी संपत्ति के नियम थोड़े अलग हैं। विवरण के लिए प्रत्येक गंतव्य का लेख देखें। +संक्षेप में गुआम प्यूर्टो रिको यू.एस वर्जिन आइलैंड्स और नॉर्दर्न मैरियाना आइलैंड्स सभी में 50 राज्यों के समान प्रवेश आवश्यकताएं हैं। हालांकि, गुआम और उत्तरी मारियाना कुछ अतिरिक्त देशों में वीज़ा छूट कार्यक्रम लागू करते हैं, जबकि यू.एस. वर्जिन आइलैंड्स भी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स के नागरिकों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है। +[[अमेरिकन समोआ संघीय आप्रवास अधिकार क्षेत्र से बाहर है और इसकी अलग प्रवेश आवश्यकताएं हैं। +आगमन पर, यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आप स्वीकार्य हैं और आपके प्रवेश का उद्देश्य और परिस्थितियाँ आपके वीज़ा वर्ग या ईएसटीए शर्तों से मेल खाती हैं, आपसे आव्रजन पर संक्षिप्त पूछताछ की जाएगी। यदि आप आप्रवासन अधिकारियों को यह विश्वास दिलाने में असमर्थ हैं कि आप अपने वीज़ा या ईएसटीए की शर्तों का पालन करना चाहते हैं या उन्हें पता चलता है कि आप किसी भी कारण से अस्वीकार्य हैं (उदाहरण के लिए पिछले अप्रवासन उल्लंघन, सीबीपी डेटाबेस पर फ़्लैग किए गए आपराधिक रिकॉर्ड तो आपको मना किया जा सकता है प्रवेश और निर्वासित। +एक बार जब वे आपको अंदर जाने का निर्णय लेते हैं, तो आप फिंगरप्रिंटेड होते हैं और एक डिजिटल फोटोग्राफ लिया जाता है। यदि इनमें से किसी भी प्रक्रिया से इनकार किया जाता है तो प्रवेश से इनकार कर दिया जाएगा। +चयनित हवाई अड्डों पर, कनाडा और VWP के नागरिक अपने पासपोर्ट और बायोमेट्रिक विवरण रिकॉर्ड करने के लिए स्वचालित पासपोर्ट नियंत्रण (APC) कियोस्क का उपयोग करने में सक्षम हो सकते हैं। एक साथ यात्रा करने वाले परिवार के सदस्य इसे एक बार में कर सकते हैं। VWP नागरिकों के पास ESTA क्लीयरेंस होना आवश्यक है, और उन्होंने 2008 से कम से कम एक बार अमेरिका में प्रवेश किया है। सफल होने पर, यात्री को एक रसीद मिलती है और निरीक्षण प्रक्रिया जारी रखने के लिए नामित CBP डेस्क पर जाता है। कनाडाई और अन्य चयनित नागरिक विभि��्न विश्वसनीय यात्री कार्यक्रमों जैसे ग्लोबल एंट्री और नेक्सस में भाग लेने के पात्र हो सकते हैं, जो पूर्व-अनुमोदित यात्रियों को निरीक्षण प्रक्रिया के लिए निर्दिष्ट कियोस्क का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। एपीसी के विपरीत, इन कार्यक्रमों के लिए पूर्व आवेदन, पृष्ठभूमि की जांच, एक साक्षात्कार और एक आवेदन शुल्क की आवश्यकता होती है, लेकिन यात्री को गहन पूछताछ को बायपास करने और 5 साल तक के लिए आव्रजन पर लाइनों को छोड़ने की अनुमति देता है। +क्योंकि संघीय कानून के तहत मारिजुआना अभी भी अवैध है, अगर आपने मारिजुआना का सेवन किया है या मारिजुआना उद्योग में निवेश किया है, तो आपको संयुक्त राज्य में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जा सकता है। यह तब भी सच है जब मारिजुआना उन न्यायालयों में कानूनी है जहां आपने इसका सेवन किया था और भले ही यह उस राज्य (राज्यों) में भी कानूनी हो जहां आप जाने की योजना बना रहे हैं। सीमा अधिकारी आमतौर पर मारिजुआना के बारे में नहीं पूछते हैं, लेकिन अगर उन्हें पूछने का कोई कारण दिखाई देता है, तो वे पूछ सकते हैं। यहां तक कि "हाई टाइम्स" पत्रिका या इसी तरह की किसी भी चीज की एक प्रति भी संदेह पैदा करने के लिए काफी है। यदि आप मारिजुआना (या अमेरिकी संघीय कानून के तहत अवैध किसी भी अन्य दवा) का उपयोग करने या उद्योग में निवेश करने की बात स्वीकार करते हैं, या यदि आप इसके बारे में झूठ बोलते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपको वापस लौटाया जा सकता है और प्रवेश करने से जीवन भर के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। देश। प्रतिबंध के विरुद्ध अपील करने के लिए, आपको $585 की छूट के लिए आवेदन करना होगा। +आपके व्यक्तिगत सामान के अलावा, जो आपके साथ घर जाएगा, आपको प्रति आइटम $100 या उससे कम मूल्य के व्यक्तिगत उपहार आयात करने की अनुमति है। यदि आपकी आयु 21 वर्ष या उससे अधिक है, तो आप सीमित मात्रा में तंबाकू और अल्कोहल उत्पादों का शुल्क-मुक्त आयात कर सकते हैं: +*200 सिगरेट तक (एक कार्टन या 50 सिगार तक, या 2 किलो तक खुला तंबाकू उत्पाद जैसे सूंघना, या उसका एक आनुपातिक संयोजन। +*1 लीटर तक शराब। कुछ देशों के विपरीत, एक लीटर प्रतिबंध शक्ति के बावजूद लागू होता है: 40% एबीवी पर स्कॉच का पांचवां हिस्सा या 14% एबीवी पर शराब की मानक 750 एमएल बोतल दोनों भत्ते के भीतर हैं, लेकिन 12-औंस का छह पैक 5% ABV पर बियर लगभग 2 लीटर है और श��ल्क-मुक्त भत्ते से अधिक है। +ध्यान दें कि पूर्व-मंजूरी के साथ कुछ हवाई अड्डों से निकलते समय, पूर्व-निकासी क्षेत्र में शुल्क-मुक्त दुकानें हो सकती हैं, उस बिंदु से आगे जहां सीमा शुल्क उनका निरीक्षण कर सकता है और यू.एस. में आने पर किसी भी लागू कर्तव्य का आकलन कर सकता है। इन दुकानों में खरीदारी की मात्रा पर एक डॉलर मूल्य की सीमा लगाई गई है (2019 के अंत में YVR पूर्व-निकासी पर यह सीमा 800 थी जो अभी भी सूचीबद्ध प्रति-आइटम सीमा से कहीं अधिक है। ऊपर। +उचित मात्रा में परफ्यूम या कोलोन का भी आयात किया जा सकता है, बशर्ते ब्रांड "संयुक्त राज्य अमेरिका में ट्रेडमार्क प्रतिबंध" के तहत न हो। यू.एस. में या उससे बाहर लाये जा सकने वाले पैसे की राशि पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, यदि आप प्रति घर $10,000 या उससे अधिक (या विदेशी मुद्रा में इसके समतुल्य) के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो आपको इसकी घोषणा अवश्य करनी चाहिए। आपका कस्टम फॉर्म और आपको भरने के लिए एक विशेष फॉर्म दिया जाएगा घोषणा नहीं करने पर आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उस नकदी को जब्त किया जा सकता है। चेक, बांड और अन्य वित्तीय साधनों को भी घोषित किया जाना चाहिए। उक्त राशि वाले गैर-यू.एस. बैंक खातों से जुड़े एटीएम/डेबिट कार्डों को घोषित करने की आवश्यकता नहीं है (हालांकि आपका बैंक यू.एस. में इस पैसे को एक्सेस करने के लिए कुछ निकासी प्रतिबंध और शुल्क लगा सकता है)। +अमेरिकी समोआ, गुआम, उत्तरी मारियानास द्वीप समूह और अमेरिकी वर्जिन द्वीप समूह की अमेरिकी संपत्ति संघीय सीमा शुल्क क्षेत्राधिकार से बाहर हैं और प्रत्येक की अपनी अलग आवश्यकताएं हैं। इन क्षेत्रों और शेष यू.एस. के बीच यात्रा के लिए सीमा शुल्क जांच की आवश्यकता होती है। इन गंतव्यों से लौटने वाले अमेरिकी नागरिकों के लिए शुल्क छूट में कुछ अंतर (ज्यादातर बड़े) हैं। +यदि आप चिकित्सा आपात स्थिति और उड़ान में देरी या रद्दीकरण जैसे बाध्यकारी कारणों से अधिक रुकते हैं, तो आपको उपरोक्त किसी भी प्रतिबंध से बचने के लिए आव्रजन अधिकारियों को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करना होगा।}} +अधिकांश देशों के विपरीत, अमेरिका के पास बाहर निकलने पर कोई औपचारिक पासपोर्ट नियंत्रण नहीं है, विशेष रूप से हवाई या समुद्र से यात्रा करने वालों के लिए। जैसे, आपकी एयरलाइन या शिपिंग कंपनी आपके प्रस्थान का दस्तावेजीकरण करेगी और इसकी रिपोर्ट यू.एस. सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CBP) को करेगी। CBP तब आपके अप्रवासन रिकॉर्ड को अपडेट करता है। 2013 के मध्य के बाद वाणिज्यिक वायु या समुद्री जहाजों द्वारा यू.एस. में आने वाले एलियंस और वाणिज्यिक हवाई या समुद्री जहाजों से प्रस्थान करते हैं, उन्हें आगे कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है (कोर्स के समय पर प्रस्थान को छोड़कर)। +यदि आप निम्नलिखित में से किसी एक श्रेणी में आते हैं, तो आपको सक्रिय रूप से यह साबित करने के लिए और कार्रवाई करने की आवश्यकता हो सकती है कि आपने समय पर यू.एस. छोड़ दिया: +# भूमि या निजी वाहनों के माध्यम से यू.एस. छोड़ दिया: किसी भी सबूत को बचाएं कि आप अपने अधिकृत प्रवास की समय सीमा समाप्त होने से पहले यू.एस. के बाहर थे +यदि आप कनाडा या मैक्सिको की तरफ से जमीन से यात्रा करते हैं और 30 दिनों के भीतर वापस आते हैं या आपके ठहरने की अनुमत समय (जो भी कम हो तो आप यू.एस आपके कनाडा या मैक्सिको जाने से पहले I-94 कार्ड। यह तब भी किया जा सकता है जब आपने एकल-प्रवेश वीज़ा पर यू.एस. में प्रवेश किया हो, या यू.एस. में प्रवेश करने वाले वीज़ा की अवधि समाप्त हो गई हो। हालाँकि, आपको केवल आपके शेष मूल अनुमत समय के लिए ही प्रवेश दिया जाएगा केवल उत्तरी अमेरिका में कहीं और जाने से अमेरिका छोड़ने की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी। यदि आप साइड ट्रिप के दौरान I-94 लौटाते हैं, तो आपको यू.एस. में प्रवेश करने के लिए फिर से आवेदन करना होगा (जिसका अर्थ है सिंगल-एंट्री वीज़ा धारकों के लिए एक नया वीज़ा) और सामान्य पूछताछ के अधीन होना होगा। +एक यात्रा के कुछ दिनों, सप्ताहों या महीनों के बाद यू.एस. में फिर से प्रवेश करने से बचने का प्रयास करें। यहां तक कि अगर आप अपने वीजा से अधिक समय तक नहीं रहते हैं, तो एक-दूसरे के तुरंत बाद कई अमेरिकी यात्राओं को आप्रवासन अधिकारियों द्वारा आप्रवासन के इरादे के रूप में व्याख्या की जा सकती है। +सामान्य तौर पर, पूर्वी तट के प्रमुख शहरों का यूरोप, अफ्रीका, कैरेबियन और मध्य पूर्व से सबसे अच्छा संबंध है, जबकि पश्चिमी तट के प्रमुख शहरों का पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया से सबसे अच्छा संबंध है। अधिकांश बड़े शहरों को एक प्रमुख कनाडाई शहर के लिए कम से कम एक उड़ान द्वारा सेवा प्रदान की जाएगी, जबकि न्यूयॉर्क शहर, मियामी, लॉस एंजिल्स और ह्यूस्���न आमतौर पर लैटिन अमेरिका के लिए सबसे अच्छा कनेक्शन प्रदान करते हैं। 2014 में 55 साल के प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद क्यूबा से सीधी हवाई यात्रा को मियामी के लिए बहाल कर दिया गया था, लेकिन कुछ प्रतिबंध लागू हैं क्यूबा में अमेरिकी लेख देखें। +अधिकांश हवाईअड्डों के बाहर निकलने के पास "शिष्टाचार फोन" की एक दीवार होती है जिसमें विवरण और क्षेत्र में मोटल की कीमतें होती हैं। आप इन मोटल को मुफ्त में कॉल कर सकते हैं और एक कमरा मांग सकते हैं और एक पिक-अप शटल आपको हवाई अड्डे पर लाने के लिए आएगी। शटल आमतौर पर नि: शुल्क हैं, लेकिन आपको ड्राइवर को टिप देना चाहिए। +यदि आप अपने चेक किए गए सामान को लॉक करना चाहते हैं, तो टीएसए के लिए आपको विशेष लॉक का उपयोग करने की आवश्यकता होती है जिसमें ट्रैवल सेंट्री टीएसए लॉक सिस्टम होता है। इन तालों को टीएसए अधिकारियों द्वारा एक मास्टर कुंजी का उपयोग करके खोला जा सकता है, यदि वे आपके बैग का निरीक्षण करना चाहते हैं। यदि आपका ताला टीएसए-अनुमोदित तालों में से एक नहीं है, तो टीएसए इसे खोल देगा और आप क्षति के लिए किसी मुआवजे के हकदार नहीं होंगे। +जिन यात्रियों की यात्रा पूर्व-मंजूरी सुविधाओं के साथ हवाईअड्डों पर शुरू होती है, वे आम तौर पर अपने बाहर निकलने के बंदरगाह पर अमेरिकी प्रवेश औपचारिकताओं (पासपोर्ट नियंत्रण और सीमा शुल्क) को पूरा करने में सक्षम होंगे। आगमन पर, इन उड़ानों को यू.एस. घरेलू उड़ानों के समान माना जाता है। इसके अलावा, एक ही टर्मिनल में घरेलू उड़ान के लिए आगे के कनेक्शन वाले लोग अपने बैग या समाशोधन सुरक्षा का दावा किए बिना आसानी से उस कनेक्टिंग फ्लाइट के लिए आगे बढ़ सकते हैं, जिसका अर्थ है कि मूल हवाई अड्डे में खरीदे गए तरल पदार्थ और अन्यथा टीएसए-प्रतिबंधित आइटम के माध्यम से ले जाया जा सकता है। +जिन यात्रियों की यात्रा कनाडा के प्रमुख हवाईअड्डों से शुरू होती है या जुड़ती है और जिसमें यू.एस. या कैनेडियन वाहक शामिल होते हैं, वे आमतौर पर यू.एस. प्रवेश औपचारिकताओं (पासपोर्ट नियंत्रण और सीमा शुल्क) को कनाडा के बाहर निकलने के अपने बंदरगाह पर पूरा करने में सक्षम होंगे। इन उड़ानों को अमेरिकी घरेलू उड़ानों के समान माना जाता है, और अधिकांश कनाडाई वाहक अमेरिकी घरेलू टर्मिनलों या अधिकांश हवाई अड्डों में कॉन्कोर्स में स्थित हैं�� कुछ हवाईअड्डे (जैसे न्यूयॉर्क शहर में लागार्डिया हवाईअड्डा) जिनके पास सीमा शुल्क और आव्रजन सुविधाएं नहीं हैं, कनाडा से पूर्व-मंजूरी वाली उड़ानें प्राप्त करते हैं। +कैथे पैसिफ़िक जैसे विदेशी वाहकों द्वारा संचालित यूएस-कनाडाई उड़ानों के यात्री, और छोटे कनाडाई हवाईअड्डों से यात्री जिनके पास पूर्व-निकासी की सुविधा नहीं है, वे अभी भी आगमन पर पूर्ण प्रवेश औपचारिकताओं का सामना करेंगे उनका पहला यू.एस. पड़ाव एक कैनेडियन ट्रांजिट वीज़ा की आवश्यकता हो सकती है, भले ही यात्री पूरे ट्रांज़िट समय के लिए होल्डिंग क्षेत्र तक ही सीमित हों। +[[वैंकूवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे टोरंटो पियर्सन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 1, और मॉन्ट्रियल-पियरे इलियट ट्रूडो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित कनाडा के कुछ हवाई अड्डों को आम तौर पर विदेश से पारगमन के लिए यात्रियों की आवश्यकता नहीं होती है। यू.एस. के माध्यम से जाने से पहले कनाडाई सीमा शुल्क और आप्रवासन नियंत्रण पूर्व-निकासी औपचारिकताएं। हालांकि, भले ही आप इन हवाईअड्डों से गुजरते हों, सुनिश्चित करें कि आपके कागजात आपको कनाडा में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए हैं: यदि आप उसी दिन यू.एस युनाइटेड स्टेट्स या यदि आप और/या आपके सामान को आपकी एयरलाइन द्वारा कम से कम युनाइटेड स्टेट्स में आपके पहले गंतव्य तक चेक नहीं किया गया है, तो आपको कनाडा कस्टम्स को रिपोर्ट करना होगा एक कैनेडियन ट्रांजिट या अस्थायी निवासी वीजा की आवश्यकता हो सकती है। यह व्यवस्था उल्टी दिशा में लागू नहीं होती है, जिसका अर्थ है कि आपको अपनी उड़ान के दौरान कनाडा के रीति-रिवाजों और आप्रवासन से गुजरना होगा। +[[अरूबा ग्रैंड बहामा में क्वीन बीट्रिक्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट और बहामास बरमूडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट डबलिन और डबलिन में लिंडेन पिंडलिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर प्रीक्लियरेंस सुविधाएं उपलब्ध हैं। शैनन आयरलैंड में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, और अबू धाबी संयुक्त अरब अमीरात में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे। +[[लंदन से न्यूयॉर्क शहर के लिए डबलिन या शैनन, आयरलैंड से होकर जाने वाली ब्रिटिश एयरवेज की उड़ानों के यात्री डबलिन या शैनन में अमेरिकी पासपोर्ट नियंत्रण और सीमा शुल्क पूर्व-निकासी का लाभ उठा सकते हैं। +भूमि से प्रवेश करने वाले विदेशियो�� को सीमा पार करते समय $6 शुल्क देना होता है। यदि आपने कनाडा या मैक्सिको की साइड ट्रिप की है और यू.एस. में फिर से प्रवेश कर रहे हैं तो कोई शुल्क देय नहीं है। +[[विंडसर, ओंटारियो सुरंग बस) की सिटी बस प्रणाली के मार्गों में से एक मार्ग यात्रियों को डेट्रायट तक ले जाता है पैदल यात्रियों या साइकिलों को पुल पर, सुरंग में, या फेरी पर जाने की अनुमति नहीं है +कार या ट्रेन यात्रियों की तुलना में बस यात्रियों को अक्सर अमेरिकी सीमा शुल्क अधिकारियों से अधिक जांच का अनुभव होता है। +समुद्र के द्वारा प्रवेश आज बहुत आम नहीं है। निजी नावों के लिए सबसे आम प्रवेश बिंदु लॉस एंजिल्स या फ्लोरिडा और अन्य पूर्वी तटीय राज्य हैं। कनाडा से कुछ यात्री घाट मौजूद हैं, ज्यादातर ब्रिटिश कोलंबिया और वाशिंगटन राज्य या अलास्का के बीच। +मॉन्ट्रियल और टोरंटो से अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनों में, सीमा पर आव्रजन औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं इसमें बस की तुलना में काफी अधिक समय लगता है, जिसका अर्थ है कि बस अक्सर ट्रेन की तुलना में कम खर्चीली और तेज होती है। +वैंकुवर के यात्री ट्रेन में बैठने से पहले पैसिफ़िक सेंट्रल स्टेशन पर अमेरिकी आप्रवासन और सीमा शुल्क साफ़ करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे हवाई यात्रा के लिए करते हैं। निरीक्षण के लिए पर्याप्त समय देना सुनिश्चित करें।'' +मेक्सिको से निकटतम एमट्रैक स्टेशन सैन डिएगो युमा डेल रियो और एल पासो में हैं। एमट्रैक ट्रेनें मेक्सिको में सीमा पार नहीं करती हैं, इसलिए यात्रियों को स्थानीय सार्वजनिक परिवहन या एमट्रैक स्टेशन से टैक्सी द्वारा सीमा तक जारी रखा जाता है। मेक्सिको में कहीं से भी सीमा के लिए कोई यात्री ट्रेन नहीं है। +कुछ राज्य आपके फ़ोन पर 511 डायल करके ट्रैफ़िक और सार्वजनिक परिवहन की जानकारी प्रदान करते हैं। +अमेरिका में लंबी दूरी की इंटरसिटी यात्रा का सबसे तेज और अक्सर सबसे सुविधाजनक तरीका हवाई जहाज है। भूमि परिवहन के लिए आवश्यक दिनों की तुलना में तट से तट की यात्रा में पूर्व से पश्चिम तक लगभग 6 घंटे और पश्चिम से पूर्व (हवाओं के कारण भिन्न) में 5 घंटे लगते हैं। यू.एस. के अधिकांश बड़े शहरों में एक या दो हवाई अड्डों द्वारा सेवा प्रदान की जाती है कई छोटे शहरों में भी कुछ यात्री हवाई सेवा उपलब्ध है, हालांकि आपको वहां पहुंचने के लिए एक प्रमुख हब हवाई अड्डे से चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। आप कहां से शुरू कर रहे हैं, इस पर निर्भर करते हुए, बस, ट्रेन, या कार से पास के बड़े शहर तक यात्रा करना और उड़ान भरना या, इसके विपरीत, अपने गंतव्य के पास एक बड़े शहर में उड़ान भरना और जमीन से अपने गंतव्य तक यात्रा करना सस्ता हो सकता है। +प्रमुख वाहक प्रमुख मार्गों पर व्यापार के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, और दो या अधिक सप्ताह पहले बुक करने के इच्छुक यात्रियों को सस्ते दाम मिल सकते हैं। हालाँकि अधिकांश छोटे गंतव्यों को केवल एक या दो क्षेत्रीय वाहकों द्वारा सेवा प्रदान की जाती है, और वहाँ कीमतें महंगी हो सकती हैं। कम लागत" और "मेनलाइन" वाहकों के बीच शुल्क और सेवा में अब लगभग कोई अंतर नहीं है। कम लागत वाले वाहक कभी-कभी मेनलाइन वाहकों की तुलना में अधिक सुविधाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि छोटी दूरी की उड़ान के लिए भी उड़ान मनोरंजन, या मुफ्त चेक किए गए सामान। उदाहरण के लिए, साउथवेस्ट एयरलाइंस यात्रियों को उनके बेस प्राइस में दो बैग तक चेक-इन करने की अनुमति देती है। +सबसे छोटे निजी जेट को किराए पर लेने की लागत लगभग $4000 प्रति उड़ान घंटे से शुरू होती है, जिसमें बड़े, लंबी दूरी के विमानों के लिए लागत काफी अधिक होती है, और छोटे प्रोपेलर विमानों के लिए सस्ता होता है। जबकि निजी उड़ान किसी भी तरह से सस्ती नहीं है, चार या अधिक का एक परिवार अक्सर प्रथम श्रेणी के वाणिज्यिक एयरलाइन टिकट खरीदने के समान या यहां तक कि अनुकूल लागत पर एक साथ उड़ान भर सकता है, विशेष रूप से छोटे हवाई अड्डों के लिए जहां अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानें सबसे महंगी हैं। और निजी उड़ान सबसे सस्ती है। हालाँकि आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चार प्रथम श्रेणी के परिवार के साथ उड़ान भरने से सस्ता लग सकता है, लेकिन ऐसा शायद ही कभी होता है, सिवाय पश्चिमी यूरोप से यात्रा करने के। सामान्य उड्डयन अलास्का के बाहरी बोरो तक पहुंचने का सबसे व्यावहारिक तरीका है। +एयर चार्टर एक बार की यात्रा के लिए एक निजी विमान किराए पर लेने को संदर्भित करता है। जेट कार्ड्स प्री-पेड कार्ड हैं जो मालिक को एक निर्दिष्ट विमान पर विशिष्ट संख्या में उड़ान घंटों के लिए हकदार बनाते हैं। चूंकि सभी खर्च कार्ड पर प्री-पेड होते हैं, इसलिए आपको डेडहेड टाइम, रिटर्न फ्लाइट्स, लैंडिंग फीस आदि के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। +अमेरिका की सीमाओं पर कई छोटे शहरों के हवाईअड्डे व्यक्तिगत स्वामित्व वाले छोटे विमानों का स्वागत करते हैं। उन्हें एक या दो घंटे की अग्रिम सूचना दें ताकि वे विदेशी और विदेशी ब्रॉकविले से छोटे निजी विमान से मिलने के लिए सीमा अधिकारियों को ला सकें, और आपने उनके नाम में "अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा" जोड़ने के लिए आवश्यक बहाना प्रदान किया है। +एमट्रैक में छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 15% की प्रचार छूट है, और 30-दिवसीय यूएसए रेल पास अब यूएस और विदेशी निवासियों दोनों के लिए उपलब्ध है। यदि आप यात्रा के एक सप्ताह के भीतर एक नियमित टिकट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह कभी-कभी महत्वपूर्ण "साप्ताहिक विशेष" के लिए वेबसाइट की जांच करने का भुगतान करता है। +सामान्य अमेरिकी छुट्टियों के समय के दौरान, लंबी दूरी की कुछ ट्रेनें (पूर्वोत्तर के बाहर) सप्ताह या महीने पहले ही बिक सकती हैं। समय से पहले बुकिंग करने से आमतौर पर सभी ट्रेनों का किराया कम होता है। उसी दिन का आरक्षण आमतौर पर आसान होता है, और आपके द्वारा खरीदे गए किराए के नियमों के आधार पर, आप बिना किसी शुल्क के उसी दिन यात्रा की योजना बदल सकते हैं। +कई प्रमुख शहर बहुत विश्वसनीय कम्यूटर ट्रेनें प्रदान करते हैं जो यात्रियों को उपनगरों या अन्य अपेक्षाकृत निकटवर्ती क्षेत्रों से ले जाती हैं। कुछ कम्यूटर ट्रेन स्टेशनों में कम्यूटर ट्रेन के लिए शहर के डाउनटाउन कोर तक जाने के लिए पार्क-एंड-राइड की सुविधा है जहाँ ट्रैफ़िक और पार्किंग की समस्याएँ कार के उपयोग को जटिल बनाती हैं। कुछ कम्यूटर ट्रेन सिस्टम और सेवाएं सप्ताहांत और छुट्टियों पर काम नहीं करती हैं, और यहां तक कि जो अक्सर करते हैं उनकी आवृत्ति बहुत कम होती है, इसलिए आगे की योजना बनाने के लिए सिस्टम की वेबसाइट की जांच करना सबसे अच्छा है। ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट खरीदें क्योंकि या तो आपको बहुत अधिक महंगा किराया या भारी जुर्माना देना होगा। +कई बड़े शहर शहर या मेट्रो क्षेत्र के भीतर स्थानीय यात्रा के लिए सबवे या लाइट रेल सेवा भी संचालित करते हैं। +अमेरिका के पास दुनिया के किसी भी देश के अंतर्देशीय जलमार्ग की सबसे बड़ी प्रणाली है। संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर नाव से नेविगेट करना पूरी तरह से संभव है। वाटरक्राफ्ट की आपकी पसंद स्व-चालित डोंगी और कश्ती से लेकर विस्तृत हाउसबोट और रिवरबोट परिभ्रमण तक है। +नदियाँ और नहरें देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण थीं, और नाव से यात्रा करने से आपको राष्ट्र और कुछ एक तरह के दृश्यों का एक अनूठा दृष्टिकोण मिलता है। मनोरंजक नौका विहार और/या अनुसूचित परिभ्रमण के लिए खुले जलमार्गों के कुछ उदाहरण हैं: +मिसिसिपी नदी अमेरिका के आंतरिक भाग से होते हुए मैक्सिको की खाड़ी तक उत्तर-दक्षिण पहुंच प्रदान करती है और मिसौरी और सहित सभी प्रमुख आंतरिक जलमार्गों से जुड़ती है। ओहियो रिवर । +हर साल, कई नौसिखिए नाविक सफलतापूर्वक इन जलमार्गों पर नेविगेट करते हैं। किसी भी तरह की नौका विहार के लिए कुछ तैयारी और योजना की आवश्यकता होती है। सामान्य तौर पर, तट रक्षक, नहर और समुद्री मार्ग के अधिकारी मनोरंजक नाविकों की मदद करने के लिए अपने रास्ते से हट जाते हैं। वे कई बार ऐसे निर्देश भी देंगे जिनका आपसे तुरंत पालन करने की अपेक्षा की जाती है। उदाहरण के लिए, छोटे जहाजों को नहरों पर बड़े जहाजों के लिए रास्ता देने के लिए कहा जा सकता है, और मौसम की स्थिति के लिए आपको अपना रास्ता रोकना या बदलना पड़ सकता है। +तटों के साथ विभिन्न गंतव्यों के लिए नियमित घाट मौजूद हैं। देश के उत्तर-पश्चिम में, आप अलास्का मरीन हाईवे सिस्टम की फेरी से बेलिंगहैम (वाशिंगटन से अलास्का के दक्षिणी तट के साथ-साथ डच हार्बर-अनलास्का तक यात्रा कर सकते हैं। एक बोनस के रूप में आपको सुंदर पहाड़ और द्वीपसमूह के दृश्यों का आनंद मिलता है। इसके अलावा, अधिकांश ऑफ-द-पीटन-पथ-अलास्का केवल नाव द्वारा पहुँचा जा सकता है। महाद्वीपीय यू.एस. और हवाई के बीच कोई वाणिज्यिक यात्री सेवा नहीं है। +ऑटोमोबाइल के साथ अमेरिका का प्रेम संबंध पौराणिक है, इसलिए बिना कार के संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करना मुश्किल हो सकता है। अधिकांश अमेरिकी शहर ऑटोमोबाइल को ध्यान में रखकर विकसित हुए हैं, इसलिए अपनी कार किराए पर लेना या लाना आमतौर पर एक बहुत अच्छा विचार है। केवल कुछ प्रमुख शहर हैं जहां सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना ड्राइविंग के लिए बेहतर है: न्यूयॉर्क शहर, शिकागो, बोस्टन, सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन। अन्य बहुत बड़े शहरों जैसे लॉस एंजिल्स, अटलांटा और मियामी में सीमित सार्वजनिक परिवहन विकल्प हैं, और विकल्प केवल छोटे शहरों में बदतर हो जाते हैं। टैक्सी और राइड-हेलिंग सेवाएं अक्सर उपलब्ध होती हैं, लेकिन वे महंगी हो सकती हैं और हवाई अड्डों के बाहर टैक्सी (विशेष रूप से) खोजना मुश्किल हो सकता है। जबकि अधिकांश अमेरिकी ड्राइविंग निर्देश देने में खुश हैं, अगर कई स्थानीय सार्वजनिक परिवहन विकल्पों से परिचित नहीं हैं तो आश्चर्यचकित न हों। +मुख्य अंतरराज्यीय राजमार्ग प्रणाली आम तौर पर हर राज्य के केवल प्रमुख शहरों को जोड़ती है। यदि आपको ट्रैफिक लाइट पर रुकने और पैदल चलने वालों से निपटने में कोई आपत्ति नहीं है, तो अमेरिकी राजमार्ग और राज्य मार्ग आपको कई दिलचस्प ऑफ-द-पीट-पथ स्थलों तक ले जा सकते हैं। सड़कों के अधिकांश खंड उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो शुल्क लगाते हैं। +लंबी दूरी की कार यात्रा के विचार से एक रोमांटिक अपील जुड़ी हुई है कई अमेरिकी आपको बताएंगे कि आप "असली" अमेरिका को कार के अलावा नहीं देख सकते। अधिकांश अमेरिकी शहरों में सार्वजनिक परिवहन की कमी को देखते हुए, उड़ान भरने के बजाय कार द्वारा बीच शहरों में यात्रा करने में लगने वाले समय के नुकसान की भरपाई एक बार आने के बाद शहरों के भीतर के आसपास ड्राइविंग की सुविधा से की जा सकती है। इसके अलावा, देश के कई प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण जैसे कि स्मारक घाटी बिना किसी ऑटोमोबाइल या बस के दौरे पर जाना लगभग असंभव है। यदि आपके पास समय है, तो किराए की कार के साथ एक क्लासिक अमेरिकी रोड ट्रिप हासिल करना बहुत आसान है। अधिकांश प्रमुख किराये की कार कंपनियां एकतरफा किराये की अनुमति देंगी। इस बात पर ध्यान दें कि वे आपको वाहन पर कितने मील की दूरी तय करने की अनुमति देती हैं, क्योंकि आप शायद दर्शनीय स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं।) दूरियों के कारण, इस तरह की यात्रा कर सकती है मतलब गाड़ी चलाने में कई लंबे दिन, इसलिए आप जिस कार का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके आराम पर ध्यान दें। एक से अधिक ड्राइवर और कुछ स्टॉप के साथ एक "तट-से-तट" यात्रा में कम से कम 5 दिन लगेंगे (यदि आपके पास मजबूत मूत्राशय हैं तो 4½)। +अमेरिकी बाएं हाथ के वाहनों में दाईं ओर ड्राइव करते हैं, कनाडा और मैक्सिको के समान। ड्राइविंग कानून मुख्य रूप से राज्य के कानून का मामला है और इसे राज्य और स्थानीय पुलिस द्वारा लागू किया जाता है। हालांकि राज्य-दर-राज्य कुछ मामूली बदलाव हैं, सड़क के नियम पूरे देश में काफी सुसंगत हैं। +राज्य के कानून के आधार पर, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के विदेशी आगंतुक आमतौर पर एक वर्ष तक के लिए अपने विदेशी ड्राइवर के लाइसेंस पर गाड़ी चला सकते हैं। जो लाइसेंस अंग्रेजी में नहीं हैं, उनके साथ अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट (आईडीपी) या प्रमाणित अनुवाद होना चाहिए। +अधिकांश अमेरिकी ड्राइवर रिहायशी इलाकों में शांत और सुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाते हैं। हालांकि, डाउनटाउन सतह सड़कों और बड़े-शहर एक्सप्रेसवे अक्सर बहुत सारे "जल्दी" ड्राइवरों के साथ भीड़ हो जाते हैं, जो गति सीमा से अधिक हो जाते हैं, असुरक्षित लेन परिवर्तन करते हैं, या असुरक्षित निकट दूरी टेलगेटिंग पर अन्य कारों का पालन करते हैं। गति सीमा के संबंध में और प्रवर्तन अप्रत्याशित है और एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापक रूप से भिन्न होता है। अन्य ड्राइवरों के साथ तालमेल बिठाने से आमतौर पर परेशानी से बचा जा सकता है। अन्यथा उच्च गति वाली ग्रामीण सड़कों (और मध्यम गति की उपनगरीय सड़कों) के साथ-साथ छोटे शहरों से सावधान रहें इन शहरों के भीतर धीमी गति की सीमा को सख्ती से लागू किया जाता है। +इंटरसिटी बस यात्रा व्यापक है, लेकिन हर जगह उपलब्ध नहीं है। आस-पास के प्रमुख शहरों के बीच सेवा अक्सर होती है, और अक्सर कई छोटे शहरों को क्षेत्रीय शहरों से जोड़ती है। इसे आमतौर पर यात्रा करने का "निम्न वर्ग" तरीका माना जाता है, लेकिन आम तौर पर यह भरोसेमंद, सुरक्षित और सस्ती है। हालांकि, कुछ शहरों में बस स्टेशन उबड़-खाबड़ इलाकों (जैसे लॉस एंजिल्स) में स्थित हैं। +मनोरंजक वाहन बड़े, कभी-कभी बस के आकार के वाहन जिनमें सोने और रहने के क्वार्टर शामिल होते हैं देश को क्रूज करने का एक विशिष्ट अमेरिकी तरीका है। कुछ RVers अपने घर को कहीं भी चलाने में सक्षम होने की सुविधा से प्यार करते हैं और RV कैंपग्राउंड की पेशकश करने वाले सौहार्द का आनंद लेते हैं। अन्य लोग RVing के साथ आने वाली परेशानियों और रखरखाव के मुद्दों को नापसंद करते हैं। और न्यूयॉर्क जैसे विशाल महानगर में RV चलाने के बारे में सोचें भी नहीं। फिर भी, यदि आप संयुक्त राज्य के भीतर बड़े पैमाने पर ड्राइव करना चाहते हैं और एक बड़ी रिग को संभालने में सहज हैं, तो आरवी किराए पर लेना एक विकल्प है जिस पर आपको विचार करना चाहिए। +मोटरसाइकिलों के प्रति अमेरिकी उत्साह ने मोटरसाइकलिंग उपसंस्कृति को जन्म दिया है। मोटरसाइकिल क्लब अत्यधिक संरचित क्लब पदानुक्रम के भीतर मोटरसाइकिल के एक विशेष ब्रांड की सवारी करने के लिए समर्पित सदस्यों के लिए विशेष क्लब हैं। राइडिंग क्लब बाइक के एक विशिष्ट ब्रांड के आसपास आयोजित हो भी सकता है और नहीं भी और सवारी में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को खुली सदस्यता प्रदान करता है। स्टर्गिस दक्षिण डकोटा में प्रसिद्ध मोटरसाइकिल रैलियां, देश भर से मोटरसाइकिल सवारों का विशाल जमावड़ा होता है। कई मोटरसाइकिल चालक किसी क्लब से संबद्ध नहीं होते हैं और स्वतंत्र रूप से या दोस्तों के साथ सवारी करने का विकल्प चुनते हैं। सामान्य तौर पर, मोटरसाइकिल चलाना एक शौक के रूप में देखा जाता है, परिवहन के व्यावहारिक साधन के विपरीत इसका मतलब है, उदाहरण के लिए, अधिकांश अमेरिकी मोटरसाइकिल चालक खराब मौसम में सवारी नहीं करना पसंद करते हैं। आप जैसे भी सवारी करना चुनते हैं, और आप जिस भी ब्रांड की बाइक पसंद करते हैं, मोटरसाइकिल चलाना देश को देखने का एक रोमांचक तरीका हो सकता है। +[[हिचहाइकिंग का एक लंबा इतिहास 1911 की शुरुआत में ऑटोमोबाइल सहयात्रियों के रिकॉर्ड के साथ अमेरिका से बाहर आता है। कानून की बारीकियां अलग-अलग राज्यों में भिन्न होती हैं, लेकिन सामान्य तौर पर, देश के अधिकांश हिस्सों में हिचहाइकिंग स्वयं कानूनी है। हालांकि आम तौर पर अंतरराज्यीय राजमार्गों पर नहीं (जहां पैदल चलने वालों को सामान्य रूप से प्रतिबंधित किया जाता है) या ट्रैफिक लेन के भीतर खड़े होने पर (आमतौर पर सड़क के कंधे पर एक ठोस सफेद रेखा द्वारा चिह्नित)। यदि आप हिचहाइक करने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे अच्छा अभ्यास प्रवेश रैंप, या (बेहतर अभी तक) राजमार्ग विश्राम क्षेत्रों पर सवारी करना है। +हालांकि, संभावित खतरों (समाचार मीडिया में सनसनीखेज कहानियों द्वारा आंशिक रूप से ईंधन) की बढ़ती युद्ध के कारण, यू.एस. में हिचहाइकिंग पहले की तुलना में बहुत कम आम है। यू.एस. जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को इस अभ्यास से बचना चाहिए जब तक कि उनके पास या तो विशेष रूप से सामाजिक साहस की प्रबल भावना न हो या बहुत कम पैसा हो। यहां तक कि बहुत से अमेरिकी स्वयं भी "थंबिंग अ राइड" सहज महसूस करेंगे यदि उन्हें लोकेल का अच्छा ज्ञान हो, और अमेरिकी ड्राइवर भी उन्हीं कारणों से सावधा���ी बरतते हैं। +अवर्णनीय रूप से सुंदर दृश्य, इतिहास जो एक पटकथा की तरह पढ़ता है, मनोरंजन के विकल्प जो आपको कई दिनों तक बनाए रख सकते हैं, और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी वास्तुकला{{एसएनडी}}चाहे आपकी खुशी कैसी भी हो, आप इसे संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग कहीं भी देख सकते हैं। +अलास्का के शानदार ग्लेशियरों से लेकर एपलाचिया की जंगली, अपक्षयित चोटियों तक दक्षिण पश्चिम के अलौकिक रेगिस्तान से लेकर महान झील के विशाल जल तक कुछ अन्य देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह व्यापक प्राकृतिक दृश्य हैं। +यू.एस. के पास ऐतिहासिक आकर्षण एसएनडी}}की जबरदस्त संपत्ति है जो महीनों के इतिहास-केंद्रित पर्यटन को भरने के लिए पर्याप्त है। +अमेरिकी कभी भी इंजीनियरिंग के वीरतापूर्ण कारनामों से पीछे नहीं हटे हैं, और उनमें से कई देश के सबसे बड़े पर्यटक आकर्षणों में से हैं। +वाशिंगटन, डी.सी देश की राजधानी के रूप में, एक दिन में आप जितना देख सकते हैं उससे कहीं अधिक स्मारक और मूर्तियाँ हैं, लेकिन वाशिंगटन स्मारक (दुनिया का सबसे ऊँचा ओबिलिस्क आलीशान लिंकन मेमोरियल, और अविश्वसनीय रूप से आगे बढ़ने वाला वियतनाम वेटरन्स मेमोरियल। शहर की वास्तुकला भी एक आकर्षण है{{एसएनडी}}कैपिटल बिल्डिंग और व्हाइट हाउस देश की दो सबसे प्रतिष्ठित इमारतें हैं और अक्सर दुनिया के सामने पूरे देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। +कई अमेरिकी शहरों में विश्व प्रसिद्ध स्काइलाइन हैं, शायद न्यू यॉर्क शहर का हिस्सा मैनहट्टन की कंक्रीट घाटी से ज्यादा कुछ नहीं। वहाँ, एक नया वर्ल्ड ट्रेड सेंटर टॉवर गिरे हुए जुड़वां टावरों के निकट एक साइट पर खड़ा हो गया है, और एम्पायर स्टेट बिल्डिंग और क्रिसलर बिल्डिंग अभी भी खड़े हैं, जैसा कि उनके पास लगभग एक सदी से है। शिकागो जहां गगनचुंबी इमारत का आविष्कार किया गया था, अब देश में सबसे ऊंची इमारत का दावा नहीं कर सकता है, लेकिन इसमें अभी भी शिकागो स्काईलाइन गाइड वास्तव में ऊंची इमारतें हैं । देखने लायक अन्य स्काईलाइन में सैन फ्रांसिस्को (गोल्डन गेट ब्रिज के साथ सिएटल (स्पेस नीडल सहित मियामी और पिट्सबर्ग शामिल हैं। +हालांकि, कुछ मानव निर्माण क्षितिज को पार करते हैं, और अपने आप में प्रतिष्ठित प्रतीक बन जाते हैं। सेंट लुइस में गेटवे आर्क, मैनहट्टन में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, लॉस एंजिल्स में हॉलीवु�� साइन, और यहां तक कि लास वेगास में बेलगियो कैसीनो के फव्वारे सभी अपने-अपने शहरों में आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यहां तक कि अविश्वसनीय माउंट रशमोर जो किसी भी बड़े शहर से बहुत दूर स्थित है, अभी भी हर साल दो मिलियन आगंतुकों को आकर्षित करता है। +अमेरिका में व्यावहारिक रूप से सब कुछ के लिए एक संग्रहालय है। खिलौनों से लेकर बेशकीमती कलाकृतियों तक, मनोरंजन के दिग्गजों से लेकर डायनासोर की हड्डियों तक snd}}देश के लगभग हर शहर में एक संग्रहालय देखने लायक है। +बेशक, इन संग्रहालयों की सबसे अधिक सघनता सबसे बड़े शहरों में पाई जाती है, लेकिन किसी की तुलना वाशिंगटन, डीसी से नहीं की जा सकती, जहां स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन का घर है। लगभग बीस स्वतंत्र संग्रहालयों के साथ, उनमें से अधिकांश नेशनल मॉल पर स्थित हैं, स्मिथसोनियन अमेरिकी इतिहास और उपलब्धि का अग्रणी क्यूरेटर है। स्मिथसोनियन संग्रहालयों में सबसे लोकप्रिय हैं राष्ट्रीय वायु और अंतरिक्ष संग्रहालय राष्ट्रीय संग्रहालय अमेरिकी इतिहास और राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय लेकिन कोई भी स्मिथसोनियन संग्रहालयों में से एक दोपहर एसएनडी बिताने का एक शानदार तरीका होगा और वे सभी 100% मुफ़्त हैं। +न्यूयॉर्क शहर में विश्व स्तर के संग्रहालयों की एक उत्कृष्ट श्रेणी भी है, जिसमें गुगेनहाइम संग्रहालय अमेरिकी प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय आधुनिक कला संग्रहालय (मोमा शामिल हैं। मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट इंटेरेपिड सी-एयर-स्पेस म्यूज़ियम और एलिस आइलैंड इमिग्रेशन म्यूज़ियम । +आप सिर्फ डीसी और बिग एप्पल में सांस्कृतिक संस्थानों की खोज में सप्ताह बिता सकते हैं, लेकिन विश्व स्तर के संग्रहालयों के साथ कई अन्य शहर भी हैं जैसे शिकागो फिलाडेल्फिया सैन फ्रांसिस्को पिट्सबर्ग और बोस्टन]]। कई विश्वविद्यालय छोटे संग्रहालय भी संचालित करते हैं जिनमें दिलचस्प प्रदर्शन होते हैं और अक्सर प्रवेश करने के लिए स्वतंत्र होते हैं, जबकि विशिष्ट खेलों या विषयों में रुचि रखने वाले अक्सर कुछ छोटे शहरों में भी संग्रहालयों को खोजने में सक्षम होते हैं जो उनके स्वाद के अनुरूप होते हैं। +यहाँ संयुक्त राज्य भर में फैले कुछ यात्रा कार्यक्रम हैं: +एपलाचियन ट्रेल जॉर्जिया से मेन तक एपलाचियन पर्वत की रीढ़ के साथ एक पैदल मार्ग +अंतरराज्य���य 5 कैलिफोर्निया के साथ मैक्सिकन सीमा से पश्चिमी तट के साथ प्राथमिक अंतरराज्यीय राजमार्ग वाशिंगटन राज्य के साथ कनाडा की सीमा तक, प्रमुख पश्चिमी तट के शहरों और तीन राज्यों की राजधानियों से होकर गुजरता है +द जैज़ ट्रैक जैज़ इतिहास और आज के जैज़ प्रदर्शन के सबसे महत्वपूर्ण क्लबों का राष्ट्रव्यापी दौरा +लुईस और क्लार्क ट्रेल मिसौरी नदी के साथ महान अमेरिकी खोजकर्ताओं के उत्तर-पश्चिम मार्ग का पता लगाएं +ओरेगन ट्रेल 19वीं सदी के मध्य का रास्ता जो मिसौरी से ओरेगॉन तक पश्चिमी बसने वालों द्वारा लिया गया था +पैसिफिक क्रेस्ट ट्रेल मूल राष्ट्रीय दर्शनीय ट्रेल्स में से एक मेक्सिको से कनाडा तक पश्चिमी तट के साथ यात्रा करता है +पोनी एक्सप्रेस नेशनल हिस्टोरिक ट्रेल सेंट जोसेफ, मिसौरी और सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया के बीच ओल्ड वेस्ट के माध्यम से मेल सेवा मार्ग की याद दिलाता है +रूट 66 शिकागो से लॉस एंजिल्स तक चलने वाले प्रतिष्ठित ऐतिहासिक राजमार्ग का भ्रमण करें +टूरिंग शेकर कंट्री आपको मध्य-अटलांटिक, न्यू इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के मिडवेस्ट क्षेत्रों में एक वर्तमान और आठ पूर्व शेकर धार्मिक समुदायों में ले जाता है +ट्रेल ऑफ़ टीयर्स नेशनल हिस्टोरिक ट्रेल 1830 के दशक में कई अमेरिकी भारतीय जनजातियों के जबरन पश्चिम की ओर प्रवास के मार्ग का अनुसरण करता है +हम। राजमार्ग 1 मेन से फ्लोरिडा तक पूर्वी तट के साथ यात्रा +अमेरिका को म्यूजिकल थिएटर का आध्यात्मिक घर माना जाता है, और दुनिया के कई सबसे प्रसिद्ध संगीतकारों ने ब्रॉडवे पर न्यूयॉर्क शहर में एक या दूसरे समय पर प्रदर्शन किया है। ब्रॉडवे पर कम से कम एक संगीत को देखे बिना न्यूयॉर्क की कोई यात्रा पूरी नहीं होगी। संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की प्रमुख ओपेरा कंपनियों में से एक, न्यूयॉर्क में मेट्रोपॉलिटन ओपेरा का घर भी है। +''मार्चिंग बैंड उत्सव एक सर्वोत्कृष्ट अमेरिकी अनुभव है। आप इन घटनाओं को लगभग हर सप्ताहांत सितंबर और थैंक्सगिविंग के बीच पूरे देश में और फिर मार्च से जून तक कैलिफोर्निया में देख सकते हैं। बारीकियों को खोजने के लिए स्थानीय ईवेंट लिस्टिंग और कागजात देखें। यह भी उल्लेखनीय है कि इंडियानापोलिस में प्रत्येक शरद ऋतु में आयोजित बैंड ऑफ अमेरिका ग्रैंड नेशनल चैम्पियनशिप है। सर्वश्रेष्��� में से सर्वश्रेष्ठ देखने के लिए फाइनल" प्रदर्शन के लिए टिकट प्राप्त करें, जहां उत्सव के दस सर्वश्रेष्ठ बैंड चैंपियनशिप के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। दोनों "स्ट्रीट" या परेड मार्चिंग बैंड के साथ-साथ "फ़ील्ड" या शो बैंड अमेरिका के लगभग हर हाई स्कूल और विश्वविद्यालय में पाए जाते हैं। +संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग हर खेल के लिए एक पेशेवर लीग है, जिसमें तकिया लड़ाई भी शामिल है। खेलों के लिए अमेरिका के जुनून की दुनिया में कहीं भी प्रतिद्वंद्विता नहीं है, प्रति खेल (एनएफएल) और कुल (एमएलबी) दोनों में दुनिया की सबसे अधिक उपस्थिति वाली लीग और अन्य लीग जो अपने संबंधित खेल में सबसे अच्छी और सबसे लोकप्रिय हैं। खेल देखना स्थानीय लोगों से मिलने और बातचीत करने का एक अच्छा तरीका है। कुछ सबसे लोकप्रिय खेल हैं: +कई समुदाय अपनी हाई स्कूल स्पोर्ट्स टीमों पर भी बहुत गर्व करते हैं, और विशेष रूप से छोटे स्थानों में, वे टीमें स्थानीय संस्कृति का एक प्रमुख हिस्सा हैं। अगस्त से मई तक, एक हाई स्कूल गेम स्थानीय लोगों से मिलने और उस क्षेत्र की खोज करने का एक शानदार (और सस्ता) तरीका हो सकता है, जिसे कई आगंतुकों ने कभी अनुभव नहीं किया। सबसे लोकप्रिय खेल आमतौर पर फुटबॉल और लड़कों के बास्केटबॉल (और कुछ हद तक लड़कियों के बास्केटबॉल) होते हैं।, न्यू इंग्लैंड और ऊपरी मिडवेस्ट में प्लस हॉकी। कुछ क्षेत्रों में, एक विशेष हाई स्कूल खेल एक उन्नत सांस्कृतिक स्थिति का आनंद लेता है। उदाहरणों में टेक्सास में फुटबॉल, इंडियाना में बास्केटबॉल, मिनेसोटा में हॉकी और आयोवा में कुश्ती शामिल हैं। +सवारी, खेल और अन्य आकर्षण के साथ एक शहर या काउंटी की स्थापना के उपलक्ष्य में कई कस्बों और/या काउंटी में मेले लगते हैं। लगभग हर राज्य में एक या अधिक राज्य मेले होते हैं। ये कृषि और पशुधन को बढ़ावा देने के लिए प्रतियोगिताओं और शो के रूप में शुरू हुए अब इनमें औद्योगिक उत्पाद प्रदर्शनियां, संगीत कार्यक्रम और कार्निवाल सवारी और खेल शामिल हैं। +नेशनल ट्रेल्स सिस्टम 21 "नेशनल सीनिक ट्रेल्स" और "नेशनल हिस्टोरिक ट्रेल्स" का एक समूह है, और 50,000 मील (80,000) से अधिक की कुल लंबाई के लिए 1,000 से अधिक छोटे "नेशनल रिक्रिएशन ट्रेल्स" हैं। किमी)। जबकि सभी लंबी पैदल यात्रा के लिए खुले हैं, अधिकांश माउंटेन बाइकिंग, घुड़सवारी और शिविर के लिए भी खुले हैं और कुछ एटीवी और कारों के लिए खुले हैं। +आधिकारिक यू.एस. मुद्रा संयुक्त राज्य अमेरिका डॉलर है, जो 100 सेंट ¢ में विभाजित है, लेकिन अक्सर दशमलव डॉलर के रूप में लिखा जाता है विदेशी मुद्राएं लगभग कभी भी स्वीकार नहीं की जाती हैं, हालांकि कुछ प्रमुख होटल शृंखलाएं अन्य मुद्राओं में ट्रैवेलर्स चेक स्वीकार कर सकती हैं। कनाडा की सीमा के करीब कुछ प्रतिष्ठान कनाडाई डॉलर स्वीकार करते हैं, हालांकि आमतौर पर खराब विनिमय दर पर। एल पासो और लारेडो जैसे सीमावर्ती शहरों में मैक्सिकन पेसो का भी इस्तेमाल किया जा सकता है (फिर से खराब विनिमय दरों पर)। जापानी येन को कभी-कभी हवाई में स्वीकार किया जाता है। +डॉलर को कभी-कभी बोलचाल की भाषा में बक के रूप में जाना जाता है, इसलिए "5 बक्स" का अर्थ $5 होता है। सामान्य अमेरिकी बैंक नोट (या बिल 1 5 10 20 50 और $100 हैं। 2 बिल अभी भी निर्मित होता है, लेकिन शायद ही कभी प्रचलन में देखा जाता है और कभी-कभी भुगतान के रूप में मना कर दिया जाता है अधिकांश वेंडिंग मशीनें जो $1 और $5 बिल लेती हैं, वे $2 बिल को पहचान नहीं पाएंगी। लुटेरों के खिलाफ बचाव के रूप में, कुछ छोटे स्टोर अपने रजिस्टर की दराज में ज्यादा नकदी रखने से बचते हैं, और बहुत अधिक छुट्टे देने से बचने के लिए, वे $50 या $100 के बिलों को अस्वीकार कर देंगे। बड़े मूल्यवर्ग के सभी $1 और $2 बिल और पुराने बिल हरे रंग के होते हैं और काली और हरी स्याही से मुद्रित होते हैं (इस प्रकार उपनाम "ग्रीनबैक")। 5 10 20 50 और $100 बिल के नए संस्करण थोड़े अधिक रंगीन हैं। सभी बिल एक ही साइज के हैं। बैंकनोट कभी भी समाप्त नहीं होते हैं और प्रत्येक नोट के कई डिज़ाइन एक साथ प्रसारित हो सकते हैं, लेकिन पुराने डिज़ाइन जिनमें आधुनिक जालसाजी सुविधाओं की कमी है (शायद ही कभी) कुछ खुदरा विक्रेताओं द्वारा अस्वीकार कर दिया जा सकता है। यदि आप $50 या $100 बिल के साथ भुगतान करते हैं, तो एक क्लर्क इसे चिह्नित करने के लिए एक विशेष पेन का उपयोग कर सकता है या इसे प्रकाश स्रोत तक पकड़ सकता है ताकि यह जांचा जा सके कि यह वास्तविक है या नहीं। यदि आपके पास एक पुराना या क्षतिग्रस्त बिल है, तो एक स्थानीय बैंक इसे एक नए बिल के साथ बदलने में सक्षम हो सकता है यदि आप इसे टेलर के पास लाते हैं। +मानक सिक्कों में पेनी 1¢, तांबे का रंग निकल 5¢, चाँदी का रंग छोटा डीम 10¢, चाँदी का रंग) और क्व��र्टर (25¢, चाँदी का रंग) हैं। इन सिक्कों में उनका मूल्य अंकों में नहीं, केवल शब्दों में लिखा होता है, जैसे "एक सेंट पाँच सेंट एक डीम और "क्वार्टर डॉलर" आदि। जब इसे मूल्य के अनुसार देखते हैं, तो आकार का कोई महत्व नहीं होता है। डीम सबसे छोटा सिक्का है और उसके बाद पेनी निकल और क्वार्टर आते हैं। आधा डॉलर (50¢, चाँदी) और डॉलर 1, चाँदी या सोना) के सिक्के भी मौजूद हैं, लेकिन उनका उपयोग बहुत ही कम होता है। सिक्कों से चलने वाले मशीन केवल निकल, डीम, क्वार्टर और $1 व $5 के नोटों को ही स्वीकार करते हैं। हालांकि कुछ डॉलर के सिक्के को भी ले लेते हैं। कुछ बड़े मशीन, जो बसों में या डाक घरों में होते हैं, वे लोग $10 या $20 भी ले सकते हैं। कनाडा के सिक्कों का आकार भी समान ही होता है, जिसे मशीन ज्यादातर अस्वीकार कर देता है। दूसरी ओर लोग कभी इस बात पर गौर नहीं करते हैं, और कनाडा के सिक्कों को अमेरिका के सिक्कों के साथ मिला देते हैं। इस तरह के मिलाने की घटना सबसे ज्यादा उत्तरी भाग में देखने को मिलती है। कई सारे मुद्राओं में सिक्कों को नहीं बदला जा सकता है और हवाई अड्डों में यूनिसेफ दान करने की पेटी प्रदान करता है, जिससे आप दूसरे देश जाने से पहले किसी अच्छे काम के लिए उसे दे सकते हैं। +कुछ तटीय जगहों या सीमा से सटे शहरों और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को छोड़ कर बाकी जगहों में शायद ही आपको मुद्रा विनिमय केन्द्र अर्थात मुद्रा बदलने वाला स्थान दिखे। कुछ बैंक भी मुद्रा विनिमय की सुविधा देते हैं। बहुत सारे मुख्य अमेरिकी हवाई अड्डों में आपको इसकी सुविधा मिल जाएगी, जो मुख्यतः ट्रैवलएक्स या आईसीई के होते हैं। लेकिन इस तरह से बदलने में बहुत कम रकम ही मिलती है और इस बदलाव के लिए आपको रकम ज्यादा देनी होती है। इस कारण आपके लिए यही अच्छा होगा कि आप अपने देश में ही यात्रा करने से पहले अमेरिकी डॉलर साथ ले लें। +एटीएम जिन्हें "कैश मशीन" और अन्य क्षेत्रीय नाम भी कहा जाता है) वीजा/प्लस या मास्टरकार्ड/साइरस लोगो वाले विदेशी बैंक कार्ड या क्रेडिट कार्ड को संभाल सकते हैं। वे आम तौर पर $20 मूल्यवर्ग के बिल वितरित करते हैं और आम तौर पर अन्य बैंकों द्वारा जारी किए गए कार्डों के लिए लगभग $2-4 शुल्क लेते हैं। रेस्तरां, पेट्रोल स्टेशनों आदि में छोटे एटीएम अक्सर उच्च शुल्क 5 तक) चार्ज करते हैं। ये शुल्क आपके कार्ड जारीकर्ता के अपने ��ुल्क के अतिरिक्त हैं। कुछ एटीएम, जैसे कि कोर्टहाउस या अन्य सरकारी भवनों में, कोई शुल्क नहीं है। जैसा कि दुनिया में कहीं और होता है, इन मशीनों पर कार्ड स्किमर्स लगाने का जोखिम होता है जो आपके क्रेडिट कार्ड विवरण चुरा सकते हैं। स्किमर्स को रोकने के लिए, कुछ एटीएम मोबाइल ऐप या कॉन्टैक्टलेस डेबिट कार्ड का उपयोग करके प्रमाणीकरण की अनुमति देते हैं, हालांकि ये दुर्लभ हैं और विदेशी बैंकों के साथ काम करने की संभावना नहीं है। +सुपरमार्केट, सुविधा स्टोर, या वॉलमार्ट जैसे बड़े डिस्काउंट स्टोर पर डेबिट कार्ड से खरीदारी करते समय एक अन्य विकल्प नकद (आमतौर पर आपके सामान की कीमत पर 40 या 60 तक) वापस लेना है। इसे "कैश बैक" प्राप्त करने के रूप में जाना जाता है। अधिकांश बड़े स्टोर इस सेवा के लिए शुल्क नहीं लेते हैं (हालांकि यह स्टोर के लॉयल्टी प्रोग्राम के लिए साइन अप करने पर निर्भर हो सकता है, जो आमतौर पर मुफ्त भी होता है हालाँकि, आपका कार्ड जारी करने वाला बैंक शुल्क लगा सकता है। कैश बैंक की सीमा स्टोर के साथ-साथ छोटे सुविधा स्टोरों पर $10 से लेकर बड़े स्टोरों पर $100 (और इससे अधिक कभी नहीं) तक भिन्न होती है। +यू.एस. में बैंक खाता खोलना काफी सीधी प्रक्रिया है, और विदेशियों के पास होने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। +सीधे बैंक ट्रांसफर द्वारा भुगतान (स्वचालित समाशोधन गृह के लिए एसीएच भी कहा जाता है) केवल घरेलू खर्चों जैसे किराए और उपयोगिताओं के लिए आम हैं, और अधिकांश व्यापारियों द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं। व्यक्तिगत चेक चेक) अधिकांश सुपरमार्केट और बड़े स्टोरों पर स्वीकार किए जाते हैं, लेकिन लगभग सभी व्यापारी अब इसके बजाय क्रेडिट या डेबिट कार्ड पसंद करते हैं। विदेशी खातों पर आहरित चेक स्वीकार किए जाने की बहुत संभावना नहीं है। शब्द ईबीटी सुपरमार्केट में आम है, इलेक्ट्रॉनिक लाभ हस्तांतरण (एक सरकारी लाभ जिसे कभी-कभी इसके पिछले शब्द फूड स्टैम्प्स" के नाम से जाना जाता है) को संदर्भित करता है और कुछ में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (ईएफटी या ईएफटीपीओएस) से संबंधित नहीं है। देशों। +JCB, UnionPay (चीन) और RuPay (भारत) का डिस्कवर के साथ गठजोड़ है, इसलिए उनका उपयोग किसी भी रिटेलर पर किया जा सकता है जो डिस्कवर कार्ड स्वीकार करता है, भले ही स्टोर अपनी खिड़की पर लोगो प्रदर्शित न करे। +दुकानें विदेश में जारी किए गए कार्डों के लिए फोटो पहचान पत्र भी मांग सकती हैं। बड़ी खरीदारी करते समय, यू.एस. खुदरा विक्रेताओं के लिए यह विशिष्ट है कि वे फोटो पहचान के किसी रूप को देखने के लिए कहें। कभी-कभी, लेन-देन करने के लिए क्रेडिट/डेबिट कार्ड ही एकमात्र साधन होते हैं। यदि आपके पास एक नहीं है, तो आप विभिन्न प्रकार के स्टोर से प्रीपेड कार्ड या वीज़ा, मास्टरकार्ड या एमएक्स लोगो के साथ उपहार कार्ड खरीद सकते हैं। कुछ पुनः लोड करने योग्य कार्डों को उपयोग करने से पहले पहचान प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है इस समस्या से बचने के लिए, एक बार लोड होने वाले गिफ़्ट कार्ड से चिपके रहें, जिसके लिए कभी भी इसकी आवश्यकता नहीं होती है। +ज्यादातर मामलों में, कागजी बिक्री पर्ची या कंप्यूटर पैड पर हस्ताक्षर करके लेनदेन प्राधिकरण किया जाता है, हालांकि कई खुदरा विक्रेता छोटी खरीदारी के लिए हस्ताक्षर की आवश्यकता को छोड़ देंगे। हालांकि कुछ दुकानों में, विशेष रूप से सुपरमार्केट, सुविधा स्टोर, परिवहन वेंडिंग मशीन और फार्मेसियों में, आपको "डेबिट" या "क्रेडिट" कहा जा सकता है। यदि आपके पास वीज़ा या मास्टरकार्ड डेबिट कार्ड है, तो "क्रेडिट" चुनने से आपके खाते में "डेबिट" लेन-देन (यानी आपके खाते से धन की कटौती) के समान ही काम होगा, लेकिन आपको चार्ज स्लिप पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाएगा। इस बीच "डेबिट" चुनने पर एक पिन मांगा जाता है (वही पिन जिसे आप कैश मशीन पर अपने खाते तक पहुंचने के लिए उपयोग करते हैं)। अमेरिका विदेशों में उपयोग किए जाने वाले ईएमवी "चिप-एंड-पिन" क्रेडिट कार्ड प्राधिकरण प्रणाली को लागू कर रहा है। +गैस स्टेशन पंप, कुछ सार्वजनिक परिवहन वेंडिंग मशीन और कुछ अन्य प्रकार की स्वचालित वेंडिंग मशीन में अक्सर क्रेडिट/डेबिट कार्ड रीडर होते हैं। इनमें से कई कार्ड के लिए यू.एस. बिलिंग पते का ज़िप कोड (यानी, पोस्टल कोड) मांगते हैं, जो प्रभावी रूप से उन्हें विदेशी कार्ड स्वीकार करने से रोकता है (वे एक विदेशी कार्ड का पता लगाने और पिन प्रमाणीकरण पर स्विच करने में असमर्थ हैं)। गैस स्टेशनों पर, आप अंदर स्टेशन अटेंडेंट को भुगतान करके विदेश में जारी किए गए कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपके पास कैनेडियन मास्टरकार्ड या अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड है, तो आप इसे अपने पोस्टल कोड के अंकों को ��र्ज करके (अक्षरों और रिक्त स्थान को छोड़कर) और अंत में दो शून्य जोड़कर उन सभी पंपों पर उपयोग कर सकते हैं जिनके लिए ज़िप कोड की आवश्यकता होती है। डेबिट कार्ड का उपयोग करते समय, कुछ स्टेशन एक निर्दिष्ट राशि के लिए आपके खाते पर रोक लगा देंगे (पंप पर एक नोटिस मौजूद होगा, आम तौर पर $75) और फिर शुल्क भरने के बाद अपडेट करें (लेकिन अक्सर एक 1 होता है होल्ड" हटाने और चार्ज की गई राशि को अपडेट करने के बीच 2 दिन का विलंब)। +अधिकांश रेस्तरां अनुरोध पर "अलग चेक बिल) जारी करेंगे ताकि समूह का प्रत्येक सदस्य अपने कार्ड से भुगतान कर सके। यदि आप अलग-अलग चेक चाहते हैं, तो 'आदेश देने से पहले' यह अनुरोध करना सबसे अच्छा है, क्योंकि एक चेक को कई चेक में विभाजित करना अधिक कठिन है। वैकल्पिक रूप से, आप आमतौर पर एक बिल का भुगतान कई कार्डों के साथ कर सकते हैं, या कार्ड और नकदी के मिश्रण के साथ, आम तौर पर शेष राशि को कार्डों में समान रूप से विभाजित कर सकते हैं। रेस्तरां एक बिल के लिए कई भुगतान स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं हैं, क्योंकि इसके लिए अधिक समय और प्रयास की आवश्यकता होती है यदि आप एक बड़े समूह के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो "टैब लेने" के कर्तव्य को घुमाने पर विचार करें ताकि प्रत्येक भोजन पर एक व्यक्ति भुगतान करे। +यू.एस. में, सबसे लोकप्रिय मोबाइल भुगतान विकल्प नियर-फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) तकनीकों का उपयोग करते हैं जैसे कि Apple Pay और Google Pay। यदि आप भुगतान टर्मिनल पर एनएफसी लोगो देखते हैं, जो वाई-फाई प्रतीक की तरह 90 डिग्री घूमता हुआ दिखता है, तो आप एनएफसी कार्ड या मोबाइल डिवाइस के तैयार होने पर उसके खिलाफ टैप करने में सक्षम हो सकते हैं (एक पंक्ति में चार रोशनी देखें जिनमें से एक हरे रंग में जलाया जाता है)। छोटी खरीदारी के लिए, आम तौर पर $50 से कम, NFC भुगतानों के लिए किसी पिन, हस्ताक्षर या आईडी सत्यापन की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ शहरों में, टिकट या प्रीपेड कार्ड खरीदने की आवश्यकता को हटाते हुए, एनएफसी कार्ड और उपकरणों का उपयोग सार्वजनिक परिवहन की सवारी के लिए किया जा सकता है। +एनएफसी क्षमताओं के साथ विदेशों में जारी किए गए कार्ड और डिवाइस (जैसे आईफोन और ऐप्पल पे के साथ ऐप्पल वॉच) कुछ व्यापारियों में काम नहीं कर सकते हैं जहां एनएफसी/संपर्क रहित उपयोग किया जाता है ऐसे मामलों में अपना कार्ड स्वाइप करें या चिप और पिन का इस्तेमाल करें। यह जापान के आगंतुकों के लिए विशेष रूप से दिलचस्प है, जहां ऐप्पल पे और एनएफसी कार्ड यू.एस. की तुलना में विभिन्न मानकों का उपयोग करते हैं। +कुछ छोटे विक्रेता पेपाल या वेनमो के माध्यम से भुगतान स्वीकार करते हैं, हालांकि यह दुर्लभ है। इस तरह भुगतान करते समय उच्च मुद्रा रूपांतरण शुल्क से सावधान रहें। +चीनी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय स्थानों में, अलीपे और वीचैट पे जैसे चीनी मोबाइल भुगतान ऐप कुछ व्यापारियों पर स्वीकार किए जा सकते हैं। नकद या क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी ले जाएं इन ऐप्स को बहुत कम स्वीकार किया जाता है और अधिकांश व्यापारियों को यह भी पता नहीं होता है कि वे मौजूद हैं। +कोई संघीय बिक्री कर (जैसे वैट या जीएसटी) नहीं है, इसलिए जब आप यू.एस. छोड़ते हैं तो आप टैक्स रिफंड का दावा नहीं कर सकते। +कर आमतौर पर पोस्ट की गई कीमतों में शामिल नहीं होते होते हैं, लेकिन आपके बिल में जोड़े जाते हैं, इसलिए कुल मिलाकर सूचीबद्ध कीमतों से अधिक होने के लिए तैयार रहें। +कुछ शहरों में हवाईअड्डे और व्यापार जिलों के पास टैक्स ज़ोन हैं जो यात्रियों का शोषण करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं एसएनडी}}बिक्री कर कुछ मील के मामले में 2% तक भिन्न हो सकते हैं। क्षेत्रीय मूल्य भिन्नता, हालांकि, आमतौर पर एक यात्री के बटुए पर कम या बिना बिक्री-कर गंतव्य की तलाश करने से होने वाली बचत से अधिक प्रभाव पड़ता है। कुछ नगर पालिकाएं, जैसे न्यूयॉर्क शहर, आवास पर होटल टैक्स भी लगाती हैं, जो बिक्री कर के शीर्ष पर लगाया जाता है। रेंटल कार टैक्स भी बिक्री कर की दरों से बहुत अधिक है कई किराये की कार एजेंसियां उन्हें सुविधा शुल्क और अन्य शुल्कों के साथ जोड़ देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप बिल विज्ञापित आधार दर से बहुत अधिक होता है। +अमेरिका आधुनिक संलग्न शॉपिंग मॉल और खुली हवा में शॉपिंग सेंटर का जन्मस्थान है। इसके अलावा, अमेरिकी उपनगरों में छोटे स्ट्रिप मॉल एसएनडी}}साझा पार्किंग स्थल वाली छोटी दुकानों की लंबी कतारें हैं। बड़े शहरों में केंद्रीय शॉपिंग जिले हैं जिन्हें सार्वजनिक परिवहन पर नेविगेट किया जा सकता है, लेकिन पैदल यात्री-अनुकूल खरीदारी सड़कें असामान्य और आमतौर पर छोटी होती हैं। +अमेरिकी खुदरा स्टोर, विशेष रूप से उपनगरीय क्षेत्रों में, कई अन्य देशों में खुदरा स्टोरों की तुल��ा में विशाल हैं, और दुनिया में कुछ सबसे लंबे समय तक व्यापार घंटे हैं, कई श्रृंखलाएं दिन में 24 घंटे, सप्ताह में 7 दिन खुलती हैं। डिपार्टमेंट स्टोर और अन्य बड़े खुदरा विक्रेता आमतौर पर सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक खुले रहते हैं, और नवंबर और दिसंबर में, सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक खुले रह सकते हैं। डिस्काउंट स्टोर रात 10 बजे या आधी रात तक खुले रहते हैं, या दिन में 24 घंटे खुले रह सकते हैं। अधिकांश सुपरमार्केट देर शाम तक खुले रहते हैं, आमतौर पर कम से कम रात 9 बजे तक, और कई 24/7 खुले रहते हैं। रविवार के घंटे कुछ कम होते हैं, या स्टोर बंद हो सकते हैं। +अमेरिका ने फैक्ट्री आउटलेट स्टोर का नेतृत्व किया, जिसमें ब्रांडेड सामान सस्ते दामों पर बेचे जाते हैं, और बदले में आउटलेट सेंटर एक शॉपिंग मॉल जिसमें मुख्य रूप से ऐसे स्टोर होते हैं। अधिकांश अमेरिकी शहरों के बाहर प्रमुख अंतरराज्यीय राजमार्गों पर आउटलेट केंद्र पाए जाते हैं, आमतौर पर शहर के केंद्र से एक लंबी दूरी ताकि आबादी वाले क्षेत्रों में उच्च कीमत वाली बिक्री में कटौती न की जा सके। बड़े शहरों में आने वाले कई अंतरराष्ट्रीय पर्यटक सौदों का लाभ लेने के लिए आउटलेट केंद्रों की लंबी यात्राएं करते हैं। +यदि आप गर्मियों के सप्ताहांत में सामान से भरा एक ड्राइववे या यार्ड देखते हैं, तो यह संभवतः एक गेराज बिक्री या यार्ड बिक्री है, जहां परिवार घरेलू सामान बेचते हैं जिनकी उन्हें अब आवश्यकता नहीं है। चर्च अक्सर अफवाह बिक्री आयोजित करते हैं, आम तौर पर आय उनके चर्च या मिशन या परियोजना में जाती है जिसका वे समर्थन करते हैं। +थ्रिफ्ट स्टोर चर्च, चैरिटी और गैर-लाभकारी संगठनों द्वारा चलाए जाने वाले खुदरा स्टोर हैं जो अवांछित या अनावश्यक घरेलू सामान को दान के रूप में लेते हैं और उन परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए उन्हें फिर से बेचते हैं जिनमें वे लगे हुए हैं। +यू.एस. को आमतौर पर महंगा माना जाता है, हालांकि रहने की लागत आम तौर पर कई अन्य पश्चिमी देशों की तुलना में कम है, जिनके निवासी अक्सर खरीदारी करने के लिए यू.एस. आते हैं। +कई होटल और मोटल कुछ संगठनों के सदस्यों के लिए छूट प्रदान करते हैं, जिसमें कोई भी शामिल हो सकता है, जैसे एएए (अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन)। यदि आप एक सदस्य हैं, या AAA से संबद्ध किसी क्लब के सदस्य हैं (जैसे कि कैनेडियन ऑटोमोबाइल एस���सिएशन, यूके में ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, या जर्मनी में ADAC तो चेक-इन पर पूछना उचित है। कई चेन मोटल/होटलों में लगातार ग्राहक योजनाएं भी होती हैं जो लॉयल्टी छूट प्रदान करती हैं। +[[टिपिंग संयुक्त राज्य अमेरिका में व्यापक रूप से प्रचलित है। मानक अलग-अलग होते हैं, लेकिन ग्रेच्युटी हमेशा रेस्तरां और बार में सर्वर, टैक्सी ड्राइवर, पार्किंग वैलेट और होटलों में बेलस्टाफ को दी जाती है। इन व्यवसायों में किए गए वेतन, और यहां तक कि उनके करों को भी ध्यान में रखा जाता है कि उन्हें इत्तला दी जाएगी, इसलिए उन्हें छोड़ना वास्तव में अनुचित है। यू.एस. में यात्रा करते समय, छोटी-छोटी युक्तियों के लिए अपने बटुए में कुछ $1 और $5 बिल रखने का प्रयास करें। +संयुक्त राज्य अमेरिका में टिप देना इतना आम है कि कई सेवा प्रतिष्ठानों में, जैसे हेयर सैलून और रेस्तरां में, टिप नहीं देने वाले ग्राहकों को अक्सर टिप देने के लिए कहा जाता है, या दुर्लभ मामलों में कर्मचारियों द्वारा उन्हें "कठोर" करने के लिए मौखिक रूप से डांटा जाता है। रेस्तरां में सर्वर बिल में एक स्वचालित ग्रेच्युटी जोड़ सकते हैं यदि उन्हें संदेह है कि उनके मेहमान, उनकी उपस्थिति या व्यवहार (जैसे, एक विदेशी भाषा बोलना) के आधार पर, अमेरिकी टिपिंग रीति-रिवाजों से अपरिचित हैं। +जबकि अमेरिकी स्वयं अक्सर सही स्तरों पर बहस करते हैं और वास्तव में किसे इत्तला दी जानी चाहिए, आम तौर पर स्वीकृत मानक दरें हैं: +टैक्सी 10–20%। लीवरी कैब के लिए, यदि आप सड़क पर कैब चलाते हैं और पहले से किराए पर बातचीत करते हैं, तो बातचीत की गई राशि और अतिरिक्त $1–2 का भुगतान करें। +शटल बस ड्राइवर 2–5 (यदि वे आपके सामान के साथ आपकी मदद करते हैं तो अधिक टिप दें) +निजी कार और लिमोसिन ड्राइवर 15–20% +पार्किंग वैलेट आपकी कार को पुनः प्राप्त करने के लिए $1–3 (जब तक कि पार्किंग के लिए पहले से कोई शुल्क न हो) +टूर गाइड/गतिविधि गाइड समूह के आकार के आधार पर $5 और $10 के बीच (टिप्स बड़े समूहों में कम हैं टूर की लागत, गाइड कितना मज़ेदार/सूचनात्मक था। +पूर्ण-सेवा रेस्तरां 18–20 न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को जैसे उच्च लागत वाले शहरों में उच्च टिप 20%)। कई रेस्तरां में बड़े समूहों के लिए एक अनिवार्य सेवा शुल्क शामिल होता है, इस मामले में आपको अतिरिक्त राशि बख्शीश देने की आवश्यकता नहीं है बिल की जांच करें। +खाद्य वितरण (पिज़्ज़ा, आदि 2-5 न्यूनतम बड़े ऑर्डर के लिए 15-20% +बारटेंडर 1 प्रति ड्रिंक अगर सस्ता हो या कुल का 15–20% +होटल में हाउसकीपिंग लंबे समय तक रहने के लिए $2-3 प्रति दिन या बहुत कम रहने के लिए न्यूनतम $5 +पोर्टर, स्काईकैप, बेलहॉप, होटल डोरमैन 1–2 प्रति बैग यदि वे सहायता करते हैं 3–5 न्यूनतम टैक्सी बुलाने या कैब बुलाने के लिए $1 +हेयरड्रेसर, मालिश करने वाले, अन्य व्यक्तिगत सेवाएं 10–15% +रेस्तरां में, कर से पहले आपके भोजन की लागत, उप-योग के आधार पर अपनी बख्शीश की गणना करें। यदि आपको कोई मुफ्त या छूट वाली वस्तु प्रदान की गई थी, या यदि आपने कूपन या वाउचर का उपयोग किया था, तो टिप दें जैसे कि आपने पूरी कीमत चुकाई हो। उदाहरण के लिए, यदि आपकी पार्टी ने $100 मूल्य के खाने-पीने का ऑर्डर दिया है तो उस पर $60 की छूट दी जाती है, तो अपनी बख्शीश की गणना $100 के प्रतिशत के रूप में करें। यदि आप अपने बिल का भुगतान नकद में कर रहे हैं, तो आप प्रदान किए गए फोलियो या ट्रे में कुल (कर सहित) और अपनी टिप छोड़ सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो आपका सर्वर या बारटेंडर आपको चेंज या ब्रेक बिल दे सकता है (उदाहरण के लिए 20 के लिए दो $10 बिल प्रदान करें)। यदि क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर रहे हैं, तो आप भुगतान डिवाइस का उपयोग करके या रेस्तरां द्वारा उपयोग की जाने वाली भुगतान प्रणाली के आधार पर चार्ज स्लिप पर अपनी वांछित टिप लिखकर टिप जोड़ सकते हैं। अपनी टिप को डॉलर में साफ-साफ लिखें, प्रतिशत के रूप में नहीं पूरे डॉलर में टिपिंग करना आम तौर पर आसान होता है। क्रेडिट कार्ड से केवल कुल राशि का भुगतान करना और नकद में बख्शीश छोड़ना स्वीकार्य है, और असामान्य नहीं है। +कुछ रेस्तरां एक निश्चित आकार (कभी भी 6 से कम नहीं से ऊपर की पार्टियों के लिए स्वचालित ग्रेच्युटी या सर्विस चार्ज लागू करते हैं, इसे मेनू पर और बिल आने पर प्रकट किया जाना चाहिए। कुछ मामलों में, सेवा शुल्क 18% या 20% है, इस मामले में कोई अतिरिक्त बख्शीश आवश्यक नहीं है (हालांकि आपको एक जोड़ने का विकल्प दिया जा सकता है)। अन्य मामलों में, सेवा शुल्क आपके बिल का केवल कुछ प्रतिशत हो सकता है, इस स्थिति में आपको अपनी ओर से एक युक्ति जोड़नी चाहिए। सेवा शुल्क, विशेष रूप से छोटे सेवा शुल्क, रेस्तरां द्वारा रखे जा सकते हैं और सीधे कर्मचारियों को नहीं दिए जाते हैं। यदि आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आ��की बख्शीश कर्मचारियों तक पहुंचे, तो नकदी छोड़ दें। +फास्ट फूड स्थानों पर बख्शीश देना आवश्यक नहीं है, और मैकडॉनल्ड्स जैसी प्रमुख शृंखलाएं अपने कर्मचारियों को बख्शीश स्वीकार नहीं करने देती हैं। आमतौर पर टेबल सेवा प्रदान करने वाले रेस्तरां से टेकआउट ऑर्डर करते समय टिप देना भी जरूरी नहीं है, हालांकि कई लोग इस स्थिति में 5% से 10% तक टिप देते हैं। कुछ भोजनालयों में, ज्यादातर फास्ट कैजुअल सेक्टर में, चेकआउट स्टेशन पर एक "टिप जार" होता है, लेकिन उस परिदृश्य में टिप देना पूरी तरह से वैकल्पिक है, और आपसे सिक्कों से ज्यादा योगदान की उम्मीद नहीं की जाएगी। आपको परिवर्तन के रूप में वापस सौंप दिया गया है। कैफेटेरिया और बुफे में, उन कर्मचारियों के लिए एक छोटी सी टिप (10% या इससे अधिक) की अपेक्षा की जाती है जो आपके लिए टेबल साफ करते हैं और जो आपके पेय को फिर से भरते हैं। स्वतंत्र कॉफी शॉप्स में, यदि आपके पास एक विस्तृत पेय ऑर्डर है या यदि आप अपने पेय के साथ दुकान में बहुत समय बिताते हैं, तो कर्मचारी एक या दो डॉलर की सराहना करेंगे जिसे आप टिप जार में जमा कर सकते हैं या अपने क्रेडिट कार्ड शुल्क में जोड़ें। यदि आप किसी ऐसे स्थान पर माल खरीदते हैं जो मुख्य रूप से एक रेस्तरां या कॉफी शॉप के रूप में संचालित होता है, तो आपको आइटम की लागत का प्रतिशत टिप करने की आवश्यकता नहीं है। यदि, उदाहरण के लिए, एक बरिस्ता आपको कॉफी का एक बैग चुनने या पीसने में मदद करता है, तो आप उन्हें धन्यवाद देने के लिए एक या दो डॉलर टिप कर सकते हैं। +होटलों में हाउसकीपिंग स्टाफ़ को टिप देने के लिए, संक्षिप्त धन्यवाद नोट के साथ टेबल या नाइटस्टैंड पर थोड़ी सी नकदी छोड़ दें। यह आपके ठहरने के अंतिम दिन, या विस्तारित प्रवास के लिए प्रति सप्ताह एक बार करना आम है। जब आप बाहर जाते हैं तो अपने कमरे में नकदी न छोड़ें, क्योंकि यह टिप के लिए गलती हो सकती है। +द्वारपाल को ढोने के नियम रहस्यपूर्ण हैं। अधिकांश सेवाओं के लिए snd}}नक्शे, जानकारी, पर्यटन आदि के लिए पूछना snd}}एक टिप की उम्मीद नहीं है। लेकिन विशेष, असामान्य, समय लेने वाले अनुरोधों की तरह ऊपर और बाहर की चीजों के लिए, यदि आप बहुत अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं जबकि अन्य प्रतीक्षा कर रहे हैं, या यहां तक कि असाधारण रूप से उच्च स्तर की सेवा के लिए, सुझाव आम तौर पर बड़े होने चाहिए, आमत��र पर 5 से शुरू होते हैं 1 बख्शीश अपमानजनक होगी)। +कैसीनो में, क्रेप्स और ब्लैकजैक जैसे टेबल गेम के डीलर टिप्स प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि जब डीलर सहायक होते हैं और विशेष रूप से जब खिलाड़ी एक महत्वपूर्ण राशि जीतता है। खिलाड़ी मेज पर चिप्स रखकर और "आपके लिए" या "डीलरों के लिए" कहकर डीलरों को टिप देते हैं। कुछ खिलाड़ी "दो तरफा" दांव लगाते हैं: दो दांव, एक खुद के लिए और एक डीलरों के लिए। यदि बेट जीत जाती है, तो डीलर बेट और जीत को टिप के रूप में एकत्र करते हैं। यदि बाजी हार जाती है, तो डीलरों को बख्शीश नहीं मिलती है। खिलाड़ियों से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे उन कर्मचारियों को टिप दें जो उन्हें खेलते समय "मुफ्त" पेय लाते हैं प्रति पेय $1 या $2 की टिप देना आम बात है, जिसका भुगतान नकद या चिप्स के साथ किया जाता है। +अच्छी तरह से टिपिंग करने से आप अपने अमेरिकी दोस्तों, तारीखों और व्यापार भागीदारों के सामने अच्छे दिख सकते हैं, और यहां तक कि आप कर्मचारियों से अधिमान्य व्यवहार भी अर्जित कर सकते हैं, इसके विपरीत खराब टिपिंग के लिए भी सही है। +अमेरिकी भोजन मैकडॉनल्ड्स/कोका-कोला मोनोलिथ की तुलना में कहीं अधिक है जो कि अंतरराष्ट्रीय रूढ़िवादिता है। यह खुद अमेरिकी लोगों की तरह ही विविधतापूर्ण है, देश के विभिन्न हिस्सों के बीच क्षेत्रीय भिन्नताएं खेलती हैं और दुनिया भर के जातीय व्यंजनों के स्थानीय संस्करणों को शामिल करती हैं। प्रत्येक क्षेत्र का व्यंजन उनकी अप्रवासी विरासत और हाथ में सामग्री की उपलब्धता के आधार पर विकसित हुआ। +पॉटलक सपर पूरे मिडवेस्ट और दक्षिण में आयोजित किए जाते हैं (यदि आप भाग्यशाली हैं तो आपको तटों पर कुछ मिल सकते हैं)। यदि आप उनमें से किसी एक को आमंत्रित कर सकते हैं जाना सुनिश्चित करें आप जेलो सलाद से लेकर वेनिसन (हिरण) और एल्क, दक्षिणी तला हुआ चिकन तक सब कुछ का आनंद लेंगे। यह सर्वोत्तम प्रकार का आत्मा भोजन है। +कई रेस्तरां, विशेष रूप से फास्ट फूड या नाश्ता परोसने वाले, शराब नहीं परोसते हैं, और कई अन्य केवल बीयर और शराब परोस सकते हैं। रेस्तरां शैली की परवाह किए बिना भाग अक्सर बड़े होते हैं। कई रेस्तरां कई भाग विकल्प प्रदान करते हैं: ऑर्डर करते समय पूछें कि क्या विकल्प उपलब्ध हैं। घर पर "बचे हुए" ले जाना बहुत आम है और एक की कीमत पर दो भोजन प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका है। अपने भोजन के अंत में "टू-गो बॉक्स" मांगें। +अधिकांश अमेरिका में, घर का बना खाना सामान्य रेस्तरां के किराए जितना अच्छा या काफी बेहतर होता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में विशेष रूप से सच है। यदि आपके पास पोटलक या कैरी-इन डिनर में शामिल होने का अवसर है, तो यह अवसर है जिसे आप गंवा नहीं सकते। +बड़े शहर हर प्रकार के रेस्तरां के कई उदाहरणों की मेजबानी करते हैं, जो सस्ते पड़ोस के भोजनालयों से लेकर व्यापक शराब की सूची और कीमतों के साथ असाधारण पूर्ण-सेवा रेस्तरां तक की कल्पना करते हैं। अधिकांश मध्यम आकार के शहरों और उपनगरों में भी एक अच्छा चयन होगा। सबसे महंगे रेस्तरां में, पुरुषों के लिए जैकेट और टाई पहनने के नियमों में ढील दी गई है। संदेह होने पर रेस्तरां से जाँच करें। +टेकआउट खाना बड़े शहरों में आम है। फोन या ऑनलाइन ऑर्डर दें और फिर उसे लेने के लिए रेस्तरां जाएं। कई जगह डिलीवरी भी ऑफर करते हैं कुछ शहरों में, बैठकर रेस्तरां खोजने की तुलना में पिज़्ज़ा या चाइनीज़ फ़ूड की डिलीवरी करवाना आसान होता है। पिज़्ज़ा और चीनी विशेष रूप से यू.एस. में सर्वव्यापी हैं 5,000 जितने छोटे शहरों में आमतौर पर कम से कम एक पिज्जा की दुकान और एक चीनी टेकआउट/डिलीवरी रेस्तरां, और अक्सर एक से अधिक होते हैं। कट्टर पिज़्ज़ा प्रशंसक आमतौर पर बड़ी राष्ट्रीय श्रृंखलाओं के लिए स्थानीय पिज़्ज़ा स्थानों को पसंद करेंगे ऐसे कई रेस्तरां टेकआउट और डिलीवरी की सुविधा भी देते हैं। +डाइनर्स सर्वोत्कृष्ट रूप से अमेरिकी हैं और 1940 और 50 के दशक में अपने उत्कर्ष के बाद से लोकप्रिय बने हुए हैं। वे आम तौर पर व्यक्तिगत रूप से चलाए जाते हैं, 24 घंटे खुले रहते हैं और बड़े शहरों या उपनगरों में प्रमुख सड़कों पर पाए जाते हैं। वे कई प्रकार के विशाल भोजन प्रदान करते हैं जिनमें अक्सर सूप या सलाद, ब्रेड, पेय और मिठाई शामिल होती है। +ट्रक रुकता है भी एक अमेरिकी अनुभव है। यदि आप शहरों के बीच यात्रा कर रहे हैं तो आप केवल इन स्थानों का सामना करेंगे। वे अंतरराज्यीय राजमार्गों पर पाए जाते हैं और ट्रक ड्राइवरों को पूरा करते हैं। ये प्रसिद्ध रेस्तरां "प्लेन होम कुकिंग" के लिए सड़क पर गुजरने वाली चीज़ों को परोसते हैं: हॉट रोस्ट बीफ़ सैंडविच, मीटलोफ़, फ्राइड चिकन, और निश्चित रूप से सर्वव्यापी क्लब सैंडविच य�� बर्गर और फ्राइज़, बड़े हिस्से में परोसे जाते हैं, अक्सर 24 घंटे। आप सब खा सकते हैं" बुफे और बड़े नाश्ते लाजिमी हैं। ट्रक वाले उनके खाने को जानते हैं: अगर बाहर बहुत सारे ट्रक हैं, तो यह स्वादिष्ट होगा, लेकिन स्वस्थ नहीं होगा। +बैकपैकर या बहुत सीमित बजट वाले लोगों के लिए, अमेरिकी सुपरमार्केट विभिन्न प्रकार के पैक किए गए या प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की पेशकश करते हैं जो या तो तैयार हैं या उपभोग के लिए लगभग तैयार हैं, जिनमें नाश्ता अनाज, रेमन नूडल्स, डिब्बाबंद सूप और जमे हुए भोजन शामिल हैं। +सबसे बड़े शहरों में कोने की दुकानें लाजिमी है। ये छोटे सुविधा स्टोर विभिन्न प्रकार के स्नैक्स, पेय और पैकेज्ड खाद्य पदार्थ ले जाते हैं। अधिकांश सुविधा स्टोरों के विपरीत, उनके उत्पाद अपेक्षाकृत कम कीमतों पर बेचे जाते हैं (विशेष रूप से शहरी मानकों द्वारा) और एक दिन में 5 से अधिक के बजट के लिए स्नैक्स या साधारण भोजन भी प्रदान कर सकते हैं। +अप्रवासन की एक समृद्ध परंपरा के साथ, अमेरिका में जातीय खाद्य पदार्थ की एक विस्तृत विविधता है snd}}इथियोपियाई व्यंजनों से लेकर लाओस के भोजन तक सब कुछ बड़ी आप्रवासी आबादी वाले प्रमुख शहरों में उपलब्ध है{{snd}}और वे दो या दो से अधिक विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के मिश्रण वाले मेनू के साथ फ्यूजन रेस्तरां में क्रॉस-परागण करना भी शुरू कर रहे हैं। +इतालवी भोजन शायद अमेरिका में जातीय व्यंजनों का सबसे व्यापक है, लगभग उस बिंदु तक जहां इसकी "विदेशी-नेस" बहस योग्य है। जबकि कट्टर रेस्तरां में अधिक प्रामाणिक किराया निश्चित रूप से उपलब्ध है, यू.एस. में इतालवी भोजन ने अक्सर इटली की तुलना में एक अलग दिशा ले ली है, विशेष रूप से पिज्जा के मामले में, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में पिज्जा संयुक्त राज्य अमेरिका स्थानीय स्तर पर और कभी-कभी देश भर में प्रसिद्ध घरेलू शैलियों के असंख्य में उपलब्ध है, लेकिन इटली में अज्ञात है। ऐसे रेस्तरां भी हैं जो ग्रीक मध्य पूर्वी व्यंजनों में विशेषज्ञ हैं फेटा पनीर और हम्मस के साथ सुपरमार्केट काउंटरों पर काफी व्यापक हैं और कुछ हद तक कम संख्या में भी जर्मन और फ्रेंच रेस्तरां। +चीनी भोजन व्यापक रूप से उपलब्ध है और अमेरिकी स्वाद के लिए समायोजित है। बड़ी चीनी आबादी वाले समुदायों के अलावा चाइनाटाउन के रेस्तरां में प्रामाणिक ��ीनी भोजन पाया जा सकता है। जापानी सुशी वियतनामी और थाई भोजन को भी बड़े शहरों में समर्पित रेस्तरां के साथ अमेरिकी बाजार के लिए अनुकूलित किया गया है। भारतीय और कोरियाई रेस्तरां भी मौजूद हैं। रेस्तरां के लिए सामान्य रूप से "एशियाई" होना आम बात है, जिसे यू.एस. में आमतौर पर पूर्वी एशियाई समझा जाता है इन रेस्तरां में अक्सर जापानी या चीनी व्यंजनों का सुझाव देने वाला नाम होगा, लेकिन दोनों देशों से जुड़े व्यंजन पेश करेंगे। आमतौर पर थाई और वियतनामी भोजन को भी शामिल किया जाता है, और अन्य व्यंजनों के प्रसाद अनसुने से बहुत दूर हैं। +यहूदी समुदाय ने पाक दृश्य को बहुत कुछ दिया है। जबकि पूर्ण विकसित कोशर डेलिस एक मरने वाली नस्ल है जो आजकल ज्यादातर न्यूयॉर्क शहर और असाधारण रूप से बड़ी यहूदी आबादी वाले अन्य स्थानों पर चला जाता है, कुछ विशिष्टताओं जैसे बैगेल्स और पास्त्रामी पाक मुख्यधारा में प्रवेश किया है और अब सभी प्रकार के अमेरिकियों द्वारा राष्ट्रव्यापी आनंद लिया जाता है। अधिकांश अमेरिकी यहूदी व्यंजन (अधिकांश अमेरिकी यहूदियों की तरह) एशकेनाज़ी मूल के हैं सेफ़र्दी और मिज़राही भोजन यू.एस. में काफी हद तक अज्ञात है। +अमेरिका में शाकाहारियों के लिए खानपान करने वाले रेस्तरां अधिक आम होते जा रहे हैं। अधिकांश बड़े शहरों और कॉलेज कस्बों में विशेष रूप से या मुख्य रूप से शाकाहारी व्यंजन परोसने वाले रेस्तरां होंगे। छोटे शहरों में आपको अधिक चुनौती मिल सकती है। वेटस्टाफ मेनू आइटम के बारे में सवालों के जवाब दे सकता है, लेकिन शाकाहारी होने के लिए बीफ या पोर्क फ्लेवरिंग, मछली, चिकन या अंडे वाले व्यंजनों पर विचार कर सकता है। यह दक्षिण में सब्जियों के साइड डिश के साथ विशेष रूप से आम है। मांस-मुक्त नाश्ता खाद्य पदार्थ जैसे पेनकेक्स या अंडे डिनर में आसानी से उपलब्ध हैं। शाकाहारी रेस्तरां (और अन्य रेस्तरां में शाकाहारी विकल्प) तेजी से दिखाई दे रहे हैं, खासकर बड़े शहरों में। +यू.एस. में लो-फैट या लो-कैलोरी डाइट पर लोगों को अच्छी तरह से परोसा जाना चाहिए। यहां तक कि फास्ट-फूड रेस्तरां में मेनू में कुछ स्वस्थ विकल्प होते हैं, और अनुरोध पर कैलोरी और फैट काउंट के चार्ट प्रदान कर सकते हैं। +खाद्य एलर्जी के प्रति जागरूकता अलग-अलग होती है। पैकेज्ड फूड में दूध, अंडे, मछली, शंख, मूंगफली, ���्री नट्स, गेहूं या सोया शामिल होने पर लेबल लगाना चाहिए। पैकेज्ड फूड में इसके अवयवों को भी सूचीबद्ध किया जाना चाहिए, हालांकि इसमें "मसाले मसाले" या "अतिरिक्त रंग" जैसी गैर-विशिष्ट वस्तुएं शामिल हो सकती हैं। लेकिन आम तौर पर बिना पैकेज वाले भोजन में एलर्जेंस को लेबल करने की कोई बाध्यता नहीं होती है, उदा। रेस्तरां, बेकरी, और किराने की दुकानों पर ताजा भोजन (लेकिन राज्य के अनुसार कानून अलग-अलग होते हैं)। कुछ रेस्तरां एलर्जी के लेबल लगाते हैं, और खाद्य एलर्जी वाले लोगों को पूरा करते हैं। फास्ट फूड और कैज़ुअल-डाइनिंग चेन रेस्तरां अक्सर खाद्य एलर्जी वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित विकल्प होते हैं क्योंकि उनके पास लगातार सामग्री और तरीके होते हैं। सिट-डाउन रेस्तरां में, अपने वेटर को सूचित करें, प्रश्न पूछें, और यदि आपका वेटर किसी भी चीज़ के बारे में अनिश्चित है, तो उन्हें दोबारा जाँचने दें या शेफ से बात करने पर जोर दें। ग्लूटेन-मुक्त खाद्य पदार्थों का एक बड़ा चयन उपलब्ध है, लेकिन अन्य एलर्जी कारकों की तरह, लेबलिंग कानून (20 पीपीएम ग्लूटेन से कम होना चाहिए) पैक किए गए भोजन पर लागू होते हैं, लेकिन रेस्तरां में नहीं। +आमतौर पर पहले से ही अन्य भोजनकर्ताओं के कब्जे वाली मेज में शामिल होना अनुचित है, भले ही उसमें अप्रयुक्त सीटें हों जब वे खाते हैं तो अमेरिकी गोपनीयता की इस डिग्री को पसंद करते हैं। अपवादों में लंबी मेजों के साथ कैफेटेरिया-शैली के भोजनालय और भीड़ भरे अनौपचारिक भोजनालय और कैफे शामिल हैं जहां आप किसी अजनबी से यह पूछने में सफल हो सकते हैं कि क्या आप उस मेज को साझा कर सकते हैं जिस पर वे बैठे हैं। इस स्थिति में बातचीत शुरू करना स्वागत योग्य हो भी सकता है और नहीं भी। +कई फास्ट फूड आइटम (सैंडविच, बर्गर, पिज्जा, टैकोस, आदि) को हाथ से खाने के लिए डिज़ाइन किया गया है कुछ खाद्य पदार्थ लगभग हमेशा हाथ से खाए जाते हैं (फ्रेंच फ्राइज़, बेकन, बारबेक्यू रिब और कई ऐपेटाइज़र) यहां तक कि मामूली अच्छे रेस्तरां में भी। यदि अनिश्चित हैं, तो कांटे और चाकू के साथ तथाकथित "फिंगर फूड्स" खाने से शायद किसी को ठेस नहीं पहुंचेगी हाथ से कांटा-चाकू खाना खा सकता है। +यदि आप अपना भोजन समाप्त नहीं करते हैं तो अपराध नहीं लिया जाता है अधिकांश रेस्तरां शेष को अपने साथ ले जाने के लिए पैकेज करेंगे, ���ा आपको ऐसा करने के लिए एक बॉक्स प्रदान करेंगे (कभी-कभी व्यंजनापूर्ण रूप से "डॉगी बैग" कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि बचा हुआ आपके पालतू जानवरों के लिए है)। यदि आप ऐसा करना चाहते हैं, तो सर्वर से शेष "जाने के लिए" प्राप्त करने के लिए कहें यह लगभग सार्वभौमिक रूप से समझा जाएगा, और किसी भी शर्मिंदगी का कारण नहीं बनेगा snd जबकि एक अधिक आकस्मिक रेस्तरां आमतौर पर "डॉगी बैग" शब्द पर नहीं झपकाएगा, इसे एक बढ़िया भोजन प्रतिष्ठान में कच्चा माना जा सकता है। कुछ रेस्तरां "ऑल-यू-कैन-ईट" बुफे या अन्य सेवा प्रदान करते हैं ऐसे भोजन से घरेलू हिस्से लेने की या तो अनुमति नहीं है या अतिरिक्त लागत वहन करती है। +जब एक निजी घर में भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है, तो आप पूछ सकते हैं कि क्या आप भोजन में कुछ योगदान दे सकते हैं, जैसे मिठाई, साइड डिश, वाइन या बियर, या आउटडोर कुकआउट के लिए, कुछ उपयोगी जैसे बर्फ या डिस्पोजेबल कप या प्लेट मेजबान अक्सर मना कर देगा, खासकर जब से आप एक यात्री हैं। यदि आपसे भोजन में योगदान देने के लिए नहीं कहा जाता है, तो मेजबान के लिए एक छोटा सा उपहार लाना अच्छा व्यवहार माना जाता है (जिसे अक्सर परिचारिका उपहार कहा जाता है)। शराब की एक बोतल, कैंडी का डिब्बा या ताज़े कटे हुए फूल सबसे आम हैं। आपको अपने उपहार की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, यदि यह भोजन है, तो भोजन के साथ परोसा जाएगा मेज़बान ने पहले ही भोजन के अवयवों का चयन कर लिया है। नकद या बहुत निजी वस्तुओं (जैसे प्रसाधन सामग्री) का उपहार उचित नहीं है। +एक अपवाद पोटलक या कैरी-इन भोजन है, जहां प्रत्येक अतिथि (या समूह/परिवार) सभी के साथ साझा करने के लिए एक भोजन पकवान लाता है ये साझा व्यंजन पूरे भोजन को बनाते हैं। आमतौर पर व्यंजनों को समूहीकृत किया जाता है (उदाहरण के लिए, सलाद, मुख्य व्यंजन या पुलाव, साइड डिश हॉर्स डी'ओवरेस डेसर्ट आपको मेजबान से पूछना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि आप विशेष रूप से कुछ लेकर आएं। पोट्लक के लिए आदर्श व्यंजन एक बड़े बर्तन डिश या कटोरे से परोसे जाने चाहिए, और आम तौर पर बुफे शैली में परोसे जाते हैं snd}}इसलिए सलाद, कैसरोल और काटने के आकार के खाद्य पदार्थों पर जोर दिया जाता है। इस प्रकार के भोजन आम तौर पर अच्छी तरह से तैयार किए गए खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं और प्रामाणिक अमेरिकी व्यंजनों का अनुभव करने का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है{{snd}}और आपकी विदेशी विशेषता सिर्फ स्टार आकर्षण हो सकती है! +अमेरिका में पीने के रीति-रिवाज उतने ही विविध हैं जितने कि इसके कई लोगों की पृष्ठभूमि। शहरों में, आप कठिन स्थानीय "शॉट और एक बीयर" बार से लेकर अपस्केल "मार्टिनी बार" तक सब कुछ पा सकते हैं शहरी बार और नाइटक्लब अक्सर साधारण भोजन ही परोसते हैं, या बिल्कुल भी नहीं। उपनगरों में, बार के बजाय मुख्य रूप से रेस्तरां में शराब परोसी जाती है। और ग्रामीण क्षेत्रों में बार" और "रेस्तरां" के बीच की रेखा अक्सर अर्थहीनता की हद तक धुंधली हो जाती है आस-पास के कुछ प्रतिष्ठानों के साथ, स्थानीय लोग भोजन और रात के जीवन दोनों के लिए एक ही स्थान पर जाते हैं। कुछ राज्यों में ड्राई काउंटी हैं, ऐसे स्थान जहां स्थानीय खपत के लिए शराब बेचना अवैध है ये ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। +अधिकांश विश्व में 12 जनवरी expr CURRENTYEAR 21 की जन्मतिथि दिन-माह-वर्ष क्रम का उपयोग करके लिखी जाएगी, जैसे 12/1 expr वर्तमान वर्ष 21 । लेकिन यू.एस. हमेशा महीने-दिन-साल के क्रम का उपयोग करता है, जिसमें 12/1 का अर्थ 1 दिसंबर लिया जाएगा, लगभग पूरे एक साल बाद जब तक आपकी आईडी विशेष रूप से यह नहीं बताती है कि यह दिन-महीना-वर्ष प्रारूप का उपयोग करती है, या महीने के लिए [अंग्रेजी] नामों का उपयोग करती है, जैसा कि कुछ पासपोर्ट करते हैं, यह संभव है कि आपकी आईडी स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि कर्मचारी अन्यथा आपको अपने स्थान पर ले जाएगा। शब्द है कि आप पीने के लिए उम्र के हैं। यदि आप समस्या से बचना चाहते हैं, तो एक वैकल्पिक आईडी प्राप्त करें जो आपकी जन्मतिथि को स्पष्ट प्रारूप में दिखाती है।}} +शराब पीने की उम्र पूरे अमेरिका में 21 है अधिकांश बाहरी प्रदेशों को छोड़कर (जहां यह 18 है)। इसका प्रवर्तन अलग-अलग होता है, लेकिन यदि आपको कार्ड दिया जाता है तो हमेशा एक मान्य फोटो आईडी साथ रखें। आईडी के आम तौर पर स्वीकृत रूप यू.एस. ड्राइवर का लाइसेंस, राज्य आईडी या पासपोर्ट हैं। कुछ बार और खुदरा विक्रेताओं को सभी लेन-देन पर आईडी की आवश्यकता होती है, और कुछ विदेशी ड्राइविंग लाइसेंस (संभवतः कनाडा को छोड़कर) को स्वीकार नहीं कर सकते हैं, इसलिए शराब खरीदते समय अपना पासपोर्ट उपलब्ध रखने की जोरदार सलाह दी जाती है। कुछ राज्यों में, 21 वर्ष से कम आयु के लोग कानूनी रूप से किसी बार या शराब की दुकान में प्रवेश नहीं कर सकते{{एसएनडी}}और यहां तक कि जहां कानून इसकी अनुमति देता है, व्यक्तिगत बार अभी भी नाबालिगों को प्रवेश न देने का विकल्प चुन सकते हैं। +शराब की बिक्री आम तौर पर 2:00 बजे के बाद प्रतिबंधित होती है, हालांकि कुछ ऐसे शहर हैं जहां बार बाद में या पूरी रात भी खुले रहते हैं। कुछ राज्यों में, अधिकांश स्टोर केवल बियर और वाइन ही बेच सकते हैं हार्ड शराब समर्पित शराब की दुकानों पर बेची जाती है। कई "शुष्क प्रान्त ज्यादातर दक्षिणी राज्यों में सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में कुछ या सभी प्रकार की शराब पर प्रतिबंध निजी क्लब (नाममात्र सदस्यता शुल्क के साथ) अक्सर इससे बचने के लिए स्थापित किए जाते हैं। रविवार की बिक्री कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंधित है। +पूरे अमेरिका में अल्कोहल का मूल्य निर्धारण और उपलब्धता काफी भिन्न होती है। यहां तक कि परिचित ब्रांड नाम वाले उत्पादों में भी अल्कोहल की मात्रा और ब्रांडिंग स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए भिन्न होती है। +1990 के दशक के बाद से अन्य प्रकार की बीयर के उभरने के बावजूद बीयर अमेरिका में उपभोग की जाने वाली शराब का लगभग आधा हिस्सा है। माइक्रोब्रेवरीज जो पारंपरिक तरीकों से बनाए गए छोटे-बैच, उच्च-गुणवत्ता वाले बियर के विशेषज्ञ हैं, बहुत आवश्यक विविधता जोड़ते हैं। माइक्रोब्रू, जिसे "क्राफ्ट बियर" भी कहा जाता है, अक्सर आविष्कारशील और प्रयोगात्मक होते हैं कुछ क्लासिक बीयर शैलियों के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जबकि अन्य सीमाएं बढ़ाते हैं और नए, अद्वितीय स्वाद विकसित करते हैं। अधिकांश केवल स्थानीय रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रीय या राष्ट्रीय वितरण तक पहुंच गए हैं। कुछ बार और रेस्तरां शिल्प बियर की सेवा करते हैं, जबकि अन्य यादृच्छिक रूप से प्रतीत नहीं होते हैं। अधिकांश स्टोर (यहां तक कि सुविधा स्टोर) में कम से कम कुछ होते हैं, और कई का विस्तृत चयन होता है। ब्रू पब माइक्रोब्रायरी और बार को मिलाते हैं और परिसर में बनाई जाने वाली अत्यधिक सम्मानित बियर परोसते हैं। +सबसे सस्ती शराब एक बॉक्स में बंद प्लास्टिक बैग में आती है। फोर्टिफाइड वाइन जिसे "बम वाइन" के रूप में जाना जाता है, उच्च श्रेणी के यूरोपीय बंदरगाह, शेरी या मदीरा के ठीक विपरीत हैं। +स्पार्कलिंग वाइन अपस्केल रेस्तरां में बोतल द्वारा उपलब्��� हैं, और कभी-कभी ग्लास द्वारा भी परोसी जाती हैं। सबसे अच्छी कैलिफ़ोर्नियाई स्पार्कलिंग वाइन को प्रमुख फ्रेंच शैंपेन के साथ तुलनात्मक रूप से रेट किया गया है, लेकिन वे आमतौर पर कैलिफ़ोर्निया के बाहर सुपरमार्केट में नहीं बेची जाती हैं। +स्पार्कलिंग साइडर आमतौर पर एक गैर-मादक पेय है जो शैम्पेन की बोतल के आकार में आता है और इसका स्वाद लिया जा सकता है। हार्ड साइडर वे हैं जिनमें अल्कोहल होता है। यूरोप के विपरीत, शब्द साइडर अपने आप में एक गैर-अल्कोहलिक और अभी भी पेय का अर्थ है, लगभग हमेशा सेब के साथ बनाया जाता है।) +हार्ड अल्कोहल यानी स्पिरिट्स) आमतौर पर मिक्सर के साथ पिया जाता है, लेकिन इसे "चट्टानों पर बर्फ के साथ) या "स्ट्रेट अनमिक्स्ड, बिना बर्फ के, जिसे "साफ" भी कहा जाता है) परोसा जाता है। व्हिस्की, पारंपरिक पसंद, वोडका और अन्य स्पष्ट आत्माओं की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद लोकप्रिय बनी हुई है। व्हिस्की कई अलग-अलग अनाजों से आसुत है। मुख्य प्रकार राई, माल्ट (मुख्य रूप से जौ से बने) और बोरबॉन (मुख्य रूप से मकई, यानी मक्का से बने) हैं। +अमेरिका में नाइटक्लब विभिन्न संगीत दृश्यों की सामान्य सरगम चलाते हैं, शीर्ष -40 नृत्य धुनों के साथ डिस्को से लेकर अस्पष्ट संगीत शैलियों के छोटे स्लाइस परोसने वाले अस्पष्ट क्लबों तक। कंट्री म्यूजिक डांस क्लब, या होंकी टोंक्स दक्षिण और पश्चिम में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में और तटों से दूर, काफी घने हैं, लेकिन लगभग किसी भी शहर में एक या दो पाए जा सकते हैं। इसके अलावा, गे/लेस्बियन नाइटक्लब लगभग हर माध्यम से बड़े आकार के शहर में मौजूद हैं। +हैप्पी आवर आमतौर पर 30 मिनट से लेकर तीन घंटे तक की अवधि, आमतौर पर शाम 5-8 बजे के बीच, चयनित पेय पर महत्वपूर्ण छूट देखी जाती है। महिलाओं की रातें जिसके दौरान महिलाओं को छूट मिलती है, तेजी से सामान्य होती जा रही है। +1977 तक, वैध जुआ वाला एकमात्र अमेरिकी राज्य नेवादा था। इस प्रक्रिया में लास वेगास और रेनो जैसे रिज़ॉर्ट शहरों का निर्माण करते हुए, राज्य ने 1930 के दशक से चांस के खेल की अनुमति दी है। डब्ड "सिन सिटी लास वेगास विशेष रूप से एक अंत-गंतव्य वयस्क खेल के मैदान में विकसित हुआ है, जो मनोरंजन पार्क, नाइट क्लब, स्ट्रिप क्लब, शो, बार और चार सितारा रेस्तरां जैसी कई अन्य घंटों के बाद की गतिविधियों की पेशकश करता है। तब से जुआ नेवादा के बाहर अटलांटिक सिटी न्यू जर्सी और बिलोक्सी, मिसिसिपी जैसे अमेरिकी शहरों के साथ-साथ रिवरबोट्स, अपतटीय परिभ्रमण और भारतीय आरक्षणों तक फैल गया है। राज्य लॉटरी और "स्क्रैच गेम" वैध जुए का एक और लोकप्रिय रूप है। कुछ क्षेत्रों में, ऑनलाइन जुआ (खेल सहित) कानूनी है, हालांकि आपको उस राज्य में शारीरिक रूप से उपस्थित होना चाहिए जहां कैसीनो या बुकमेकर संचालित होता है। अमेरिका में राज्य की तर्ज पर दांव लगाना अवैध है। +कुछ बार और नाइटक्लब कवर शुल्क लेते हैं, जो प्रवेश पर नकद या क्रेडिट कार्ड द्वारा देय हो सकते हैं। नकद 1 2, और $5 बिल) लाओ यदि आप कर्मचारियों को सुझाव देने की अपेक्षा करते हैं, जैसे दरबान, पार्किंग सेवक, या कोट चेक क्लर्क। कुछ विशेष रूप से महंगे स्थानों में टॉयलेट में परिचारक होते हैं जो तौलिए और प्रसाधन सामग्री प्रदान करते हैं और जो बदले में नकद बख्शीश की उम्मीद करते हैं। +समय बचाने के लिए, अधिकांश बार उन संरक्षकों के लिए टैब चलाएंगे जो क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना चाहते हैं, या तो ग्राहक के कार्ड को पकड़कर या एक बार स्कैन करके और कार्ड को वापस करके। एक खुला टैब वह है जिसमें आप पेय ऑर्डर जोड़ना जारी रख सकते हैं यदि आपने पहले एक टैब खोला है, तो बारटेंडर को अपना अंतिम नाम बताएं (और आपका पहला नाम, यदि आपका एक सामान्य अंतिम नाम है) ताकि वे इसमें एक और आइटम जोड़ सकें। जब आप छोड़ने के लिए तैयार हों, तो अनुरोध करें कि बारटेंडर आपका नाम देते हुए आपके टैब को बंद करें या बंद करें । सुनिश्चित करें कि आपको अपना कार्ड वापस मिल गया है (आपके द्वारा दिए गए कार्ड पर नाम की जांच करें)। जब आप बंद कर देंगे तो आपको एक टिप जोड़ने के लिए कहा जाएगा। यदि आप ड्रिंक ऑर्डर करते हैं और आपके पास टैब खुला नहीं है, तो बारटेंडर एक प्रश्न पूछ सकता है, जैसे "क्या आप इसे खुला या बंद करना चाहते हैं यदि आप "बंद" कहते हैं, तो आप तुरंत अपने पेय के लिए भुगतान करेंगे। यदि आप बार बंद होने से पहले अपना टैब बंद नहीं करते हैं, तो एक संकेत आमतौर पर इंगित करेगा कि टैब स्वचालित रूप से एक विशेष प्रतिशत ग्रेच्युटी के साथ बंद हो जाएगा। +संयुक्त राज्य अमेरिका में सॉफ्ट ड्रिंक्स आमतौर पर पॉप सोडा या कोक की व्यापक विविधता है। भावना, क्षेत्र के आधार पर) यहां उत्पन्न होने वाले कुछ सबसे प्रसिद्ध ब्रा��डों के साथ। जबकि पेप्सी और कोका-कोला दुनिया भर में बेचे जाते हैं, कुछ स्वाद उत्तरी अमेरिका के बाहर शायद ही जाने जाते हैं। जगमगाता पानी, जिसे एक बार यूरोपीय जिज्ञासा के रूप में देखा जाता था, अब शक्करयुक्त शीतल पेय के स्वस्थ विकल्प के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो गया है और अब अधिकांश दुकानों में उपलब्ध है। नल का पानी आम तौर पर पीने के लिए सुरक्षित है (विवरण के लिए अलग-अलग जगह लेख देखें) और आमतौर पर रेस्तरां में मुफ्त में परोसा जाता है, हालांकि आपको इसके लिए अनुरोध करने की आवश्यकता हो सकती है। देश के अधिकांश हिस्सों में, ब्रू की गई कॉफी, चाय और फाउंटेन शीतल पेय का ऑर्डर देने पर ग्राहक को मुफ्त रिफिल का अधिकार मिल जाता है। एस्प्रेसो पेय और बोतलबंद शीतल पेय को मुफ्त में रिफिल नहीं किया जाता है। यदि आप अनिश्चित हैं कि रिफिल मुफ़्त है या नहीं, तो ऑर्डर करने से पहले पूछें। अमेरिकी अपने पेय में बहुत अधिक बर्फ डालना पसंद करते हैं, इसलिए जब तक आप विशेष रूप से अनुरोध नहीं करते हैं, तब तक किसी भी गैर-मादक पेय की अपेक्षा करें, जिसे आप एक रेस्तरां (पानी सहित) में बड़ी मात्रा में बर्फ के टुकड़े रखने के लिए ऑर्डर करते हैं। फास्ट फूड रेस्तरां में पानी का ऑर्डर करते समय, यदि आप बोतलबंद पानी नहीं चाहते हैं तो "पानी का कप" मांगें। +देश भर में व्यापार या विस्तारित-रहने वाले होटल तेजी से उपलब्ध हैं। वे मिडवेस्ट या तटीय शहरी इलाकों में छोटे शहरों में पाए जा सकते हैं। आम तौर पर वे मोटेल की तुलना में अधिक महंगे होते हैं, लेकिन फुल-स्केल होटल जितने महंगे नहीं होते हैं, जिनकी कीमत लगभग $70 से $170 के बीच होती है। जबकि होटल मोटल के आकार के प्रतीत हो सकते हैं, वे बड़े होटलों से सुविधाएं प्रदान कर सकते हैं। +कुछ विस्तारित-रहने वाले होटल व्यापार यात्रियों या परिवारों को लंबे समय तक रहने के लिए निर्देशित किए जाते हैं (जो अक्सर कॉर्पोरेट निर्णयों के कारण स्थानांतरित होते हैं)। इन होटलों में अक्सर अधिकांश कमरों में रसोई, दोपहर के सामाजिक कार्यक्रम (आमतौर पर एक पूल के पास) होते हैं, और कॉन्टिनेंटल नाश्ता परोसा जाता है। इस तरह के "सूट" होटल अन्य देशों में देखे जाने वाले सर्विस्ड अपार्टमेंट के बराबर हैं, हालांकि यह शब्द आमतौर पर अमेरिकी अंग्रेजी में उपयोग नहीं किया जाता है। +होटल अधिकांश शहरों में उ��लब्ध हैं और आमतौर पर मोटल की तुलना में अधिक सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करते हैं। कमरे आमतौर पर प्रति रात लगभग $80-300 चलते हैं, लेकिन बहुत बड़े, ग्लैमरस और महंगे होटल अधिकांश प्रमुख शहरों में पाए जा सकते हैं, जो कुछ घरों से बड़े लक्ज़री सुइट्स पेश करते हैं। चेक-इन और चेक-आउट का समय लगभग हमेशा 11AM-दोपहर और 2PM-4PM के बीच होता है। यू.एस. में कुछ होटल 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को नहीं लेंगे यदि वे बड़े वयस्कों के साथ चेक-इन नहीं करते हैं। कई अमेरिकी शहरों में अब उनके उपनगरों में "किनारे के शहर" हैं, जो संपन्न व्यापार यात्रियों के उद्देश्य से उच्च गुणवत्ता वाले अपस्केल होटल पेश करते हैं। ये होटल अक्सर अपने डाउनटाउन/सीबीडी चचेरे भाई (और अधिक) की सभी सुविधाएं प्रदान करते हैं, लेकिन कम कीमतों पर। होटलों के एक अल्पसंख्यक कुत्ते के अनुकूल हैं, यहां तक कि अन्य प्रकार के पालतू जानवरों की अनुमति भी कम है किसी भी तरह से आपको एक अधिभार और एक वापसी योग्य क्षति जमा राशि का भुगतान करने की आवश्यकता होगी। वाई-फाई और नाश्ता जैसी सुविधाएं आमतौर पर मिड-रेंज होटलों में मुफ्त होती हैं, लेकिन अक्सर सबसे सस्ते मोटल में बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं होती हैं, और केवल लक्ज़री होटलों में अत्यधिक कीमतों के लिए उपलब्ध होती हैं। +कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिस्तर और नाश्ता बी एंड बी) आवास पाए जा सकते हैं जो आमतौर पर परिवर्तित घरों में होते हैं। B&Bs में ठहरने का एक अधिक घर जैसा अनुभव है, जिसमें नि:शुल्क नाश्ता परोसा जाता है। बिस्तर और नाश्ता प्रति रात लगभग 50 से 200 तक होता है और चेन होटल और मोटल की अवैयक्तिकता से एक अच्छा ब्रेक हो सकता है। यूरोप के विपरीत, अधिकांश अमेरिकी बिस्तर और नाश्ता अचिह्नित हैं। +अमेरिका को कवर करने वाले दो सबसे प्रसिद्ध होटल गाइड एएए (पूर्व में अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन; आमतौर पर "ट्रिपल-ए" कहा जाता है) टूरबुक हैं, जो स्थानीय एएए कार्यालयों में दुनिया भर के सदस्यों और संबद्ध ऑटो क्लबों के लिए उपलब्ध हैं और मोबिल ट्रैवल गाइड, बुकस्टोर्स पर उपलब्ध है। ऑनलाइन होटल बुक करने वाली कई वेबसाइटें हैं ध्यान रखें कि इनमें से कई साइटें कमरे की दर में एक छोटा सा कमीशन जोड़ती हैं, इसलिए होटल के माध्यम से सीधे बुकिंग करना सस्ता हो सकता है। दूसरी ओर, कुछ होटल आरक्षित कमरों या एजेंटों और दलालों के मा���्यम से अधिग्रहित कमरों की तुलना में "ड्रॉप-इन" व्यवसाय के लिए अधिक शुल्क लेते हैं, इसलिए यह दोनों की जाँच करने योग्य है। +कुछ असामान्य आवास विकल्प विशिष्ट क्षेत्रों में या पूर्व व्यवस्था द्वारा उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, आप झील तेहो या एरी नहर में हाउसबोट में रहने का आनंद ले सकते हैं। या ओरेगन में एक ट्रीहाउस में रहें। अधिक पारंपरिक आवास कॉलेज या विश्वविद्यालय के छात्रावासों में पाए जा सकते हैं, जिनमें से कुछ गर्मियों के दौरान यात्रियों को कमरे किराए पर देते हैं। अंत में, कई पर्यटन क्षेत्रों के साथ-साथ बड़े शहरों में, आप दिन के हिसाब से एक सुसज्जित घर किराए पर ले सकते हैं। +युनाइटेड स्टेट्स में पूर्णकालिक अध्ययन एक उन्नत शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा वयस्कों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है, एक विदेशी देश को देखने का मौका है, और यू.एस. और उसके लोगों की बेहतर समझ है। यह प्रवेश के लिए किसी कॉलेज में सीधे आवेदन करके, या अपने देश में एक कॉलेज के "विदेश में अध्ययन" या "विदेशी मुद्रा" विभाग के माध्यम से, आमतौर पर एक अवधि या एक वर्ष के लिए स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। बाद वाला आमतौर पर सबसे आसान होता है दोनों संस्थाएँ अधिकांश व्यवस्थाओं को संभालेंगी, और आपको किसी अजनबी देश में चार साल रहने के लिए प्रतिबद्धता नहीं करनी होगी। यू.एस. दुनिया के कई सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों का घर है और दुनिया के किसी भी देश की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करता है, और इसके शीर्ष विश्वविद्यालयों में बहुत सारी सांस्कृतिक विविधता देखी जा सकती है। +संयुक्त राज्य अमेरिका, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, कौशल स्तर और आर्थिक क्षेत्रों की पूरी श्रृंखला में रोजगार के अवसरों के साथ विदेशियों को लुभाता है। हालांकि, अन्य देशों की तरह, यू.एस. ने अप्रवासन और वीज़ा कानूनों को अपनाया है जो यू.एस. निवासियों को वरीयता देने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। सुनिश्चित करें कि आप समझते हैं कि यू.एस. में नौकरी पाने के लिए आपको किन कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यू.एस. में अवैध रूप से काम करने का प्रयास न करें, क्योंकि आप संभावित रूप से गिरफ्तारी, निर्वासन और पुन: प्रवेश पर प्रतिबंध के अधीन हो सकते हैं। अवैध कामगारों को असुरक्षित कार्य स्थितियों का जोखिम भी उठाना ���ड़ता है। +हालांकि सुर्खियां बटोरने वाले प्रमुख अपराध अमेरिका को अपराध के लिए एक प्रतिष्ठा देते हैं, कुछ आगंतुकों को किसी भी समस्या का अनुभव होता है परेशानी से बचने के लिए आम तौर पर सामान्य ज्ञान की सावधानियां और सतर्क रहना पर्याप्त होता है। अमेरिका में यूरोपीय देशों की तुलना में विशेष रूप से उच्च हत्या दर है, लेकिन विशिष्ट पड़ोस में गिरोहों और ड्रग्स से जुड़े हिंसक अपराध की उच्चतम दर और गर्म विवादों के साथ, उनसे बचें और आप ठीक हो जाएंगे। अधिकांश शहरी पर्यटन क्षेत्र भारी पुलिस वाले हैं और आम तौर पर सभी छोटे अपराधों से सुरक्षित हैं। +ग्रामीण अमेरिका में अपराध दुर्लभ होता है, और बहुत गरीब, परेशान समुदायों में स्थानीय होता है जिससे बचना आसान होता है। शहरी क्षेत्रों में बेघर लोग होते हैं जो आक्रामक रूप से पैसे मांग सकते हैं। यदि आप परेशान महसूस करते हैं, तो दृढ़ता से "नहीं" कहें और चले जाएं। +अवैध अप्रवासन और नशीली दवाओं की तस्करी, और अधिकारियों द्वारा उनके साथ भारी व्यवहार, मैक्सिकन सीमा को यात्रा करने के लिए अवांछनीय बनाते हैं। आधिकारिक सीमा पार उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं। +2016 के बाद से बड़े पैमाने पर गोलीबारी और श्वेत राष्ट्रवादी आतंकवाद में कथित तौर पर वृद्धि हुई है, हालांकि कुल मिलाकर मानवहत्या से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है। जबकि ये यादृच्छिक स्थानों पर होते हैं, जिनका अनुमान लगाना लगभग असंभव है, एक पर्यटक के रूप में, आपके किसी से मिलने की संभावना कम है। +हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति व्यक्ति पुलिस की संख्या अन्य विकसित देशों की तुलना में बहुत अधिक नहीं है, अमेरिकी पुलिस उन तरीकों से अधिक आक्रामक हो सकती है जो उन लोगों को डरा सकती हैं जो अमेरिका की कानून-व्यवस्था संस्कृति के अभ्यस्त नहीं हैं। हाल के वर्षों में, यहां तक कि स्थानीय पुलिस विभाग भी सैन्य-अधिशेष वाहनों और हथियारों से लैस हो गए हैं। आमने-सामने की बातचीत में, पुलिस आम तौर पर विनम्र और पेशेवर होती है, लेकिन वे अन्य पश्चिमी देशों के पुलिस बलों की तुलना में अपने हथियारों को खींचने और इस्तेमाल करने के लिए अधिक इच्छुक होती हैं। यदि पुलिस द्वारा रोका जाता है: शांत रहें, विनम्र और सहयोगी बनें, अचानक हरकत करने से बचें, और यदि आपको अपनी पहचान प्रस्तुत करने के लिए अपने पर्स या बटुए तक पहुँचने की आवश्यकता हो तो अनुमति माँगें। यदि आप रंग के व्यक्ति हैं तो आपके लिए शांत और सहयोगी दिखना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि गैर-गोरे लोगों को पुलिस उत्पीड़न के अधीन होने की अधिक संभावना है। +यदि आपको किसी अधिकारी के व्यवहार के बारे में कोई शिकायत है तो आपको सलाह के लिए पहले अपने देश के दूतावास से संपर्क करना चाहिए। उपलब्ध सहारा राज्य और इलाके के अनुसार अलग-अलग होता है, और कुछ कम ईमानदार विभागों ने शिकायत दर्ज करने वालों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है। +रंगभेदी, मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति या बेघर व्यक्ति के बारे में पुलिस को कभी भी सतर्क न करें क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें मदद की आवश्यकता है या वे सार्वजनिक रूप से नशे में होने जैसा उपद्रव पैदा कर रहे हैं। पुलिस ही उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है। +यदि आपको एक पुलिस अधिकारी द्वारा खींच लिया गया है, तो अपनी कार के खतरे और आंतरिक रोशनी को चालू करें और अपने हाथों को पहिये पर रखें (यात्रियों को भी अपने हाथ दिखाई देने चाहिए वाहन से बाहर न निकलें जब तक ऐसा करने के लिए न कहा जाए। +''किसी भी परिस्थिति में पुलिस अधिकारी को नहीं करना अमेरिकी पुलिस संस्कृति स्पष्ट रूप से रिश्वत को अस्वीकार करती है, और यहां तक कि मात्र सुझाव के परिणामस्वरूप आपकी तत्काल गिरफ्तारी हो सकती है। यदि आपको जुर्माना भरने की आवश्यकता है, तो अधिकारी को भुगतान करने का प्रयास न करें वह आपको उपयुक्त पुलिस थाना, न्यायालय, या सरकारी कार्यालय में निर्देशित कर सकता/सकती है। अधिकांश मामूली ट्रैफ़िक उल्लंघनों का भुगतान मेल द्वारा किया जा सकता है। टिकट प्राप्त करने के कुछ ही मिनटों के भीतर बढ़ते हुए जुर्माने का भुगतान ऑनलाइन या फोन पर किया जा सकता है, हालांकि अक्सर कुछ डॉलर के सुविधा शुल्क के लिए। निर्देश अक्सर टिकट पर छपे होते हैं। जुर्माना आय से बंधा नहीं है और कई शहरों और काउंटी के रूप में विवादास्पद रूप से राजस्व के एक प्रमुख स्रोत के रूप में उन पर भरोसा कर सकते हैं। इस प्रकार आपको कम स्पष्ट नियमों का पालन करने के लिए विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए। यहां तीन प्रकार की पुलिस हैं जिनसे आपका सामना होने की सबसे अधिक संभावना है: प्रमुख राजमार्गों पर राज्य पुलिस या राजमार्ग गश्ती इकाइयां, ग्रामीण क्षेत्रों और/या राज्य सरकार के कार्यालय, डिप्टी शेरिफ द्वारा नियोजित ग्रामीण क्षेत्रों में काउंटी सरकारें, और शहरी क्षेत्रों में शहर या नगर सरकारों द्वारा नियोजित पुलिस अधिकारी। छोटे पुलिस विभाग भी हैं, जैसे ट्रांज़िट या एयरपोर्ट पुलिस जो सार्वजनिक परिवहन की निगरानी करती है, और विश्वविद्यालय या कैंपस पुलिस जो विश्वविद्यालयों की निगरानी करती है। संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारी, जैसे कि एफबीआई एजेंट, आमतौर पर केवल संघीय सुविधाओं में या उसके पास पाए जाते हैं, जैसे कि प्रवेश के बंदरगाह, राष्ट्रीय उद्यान और संघीय सरकारी कार्यालय। यदि आप उनका सामना कहीं और करते हैं, तो आमतौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे संघीय अपराधों के विशिष्ट आरोपों की जांच कर रहे होते हैं। +अमेरिका के पास संवैधानिक अधिकार हैं जो भाषण की स्वतंत्रता और विधानसभा की स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। विशेष रूप से प्रमुख शहरों में, प्रमुख समाचार घटनाओं के जवाब में बड़े विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं। ये एक स्थान पर सभाएं हो सकती हैं, या प्रमुख सड़कों पर जुलूस हो सकते हैं। ये विरोध लगभग हमेशा शांतिपूर्ण होते हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों के वास्तविक या कथित कार्यों के कारण कुछ हिंसक हो गए हैं। विरोध प्रदर्शन सार्वजनिक परिवहन और पैदल मार्गों सहित यातायात को बाधित कर सकते हैं, और व्यवसायों को अचानक बंद करने का कारण बन सकते हैं। विरोध के कारण होटल और परिवहन केंद्र लगभग कभी बंद नहीं होते हैं, हालांकि अशांति के समय प्रवेश की अनुमति देने के लिए उन्हें दस्तावेज़ जांच (जैसे, होटल के कमरे की चाबी या उड़ान आरक्षण) की आवश्यकता हो सकती है। +अमेरिका में गैर-नागरिक हो सकते हैं विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो सकते हैं। यदि आप किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं, तो अपने आस-पास के बारे में जागरूक रहें और हर समय कोई रास्ता निकालें अगर विरोध हिंसक हो जाता है। अपने साथ एक मोबाइल फोन रखें जिसमें स्थानीय दोस्तों या परिवार के फोन नंबर हों। आप पुलिस को भी कॉल कर सकते हैं, हालांकि अगर विरोध पुलिस के खिलाफ है तो इससे ज्यादा मदद नहीं मिल सकती है।) +किसी भी टेलीफोन पर 911 डायल करने पर आपातकालीन सेवाएं (पुलिस, दमकल, एंबुलेंस आदि) पहुंच जाएंगी। कोई भी यू.एस. फोन, भले ही वह "सक्रिय" हो या नहीं, यदि वह नेटवर्क से जुड़ा है तो उसे 911 डायल करने में सक्षम होना चाहिए, और ऐसी कॉल हमेशा निःशुल्क होती हैं। जब तक आप किसी मोबाइल या इंटरनेट-आधारित फोन से कॉल नहीं कर रहे हैं, तब तक ऑपरेटर को आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे फोन से आपका पता लगाने में सक्षम होना चाहिए, भले ही आप कुछ न कहें। आधुनिक सेल फोन 911 डायल करने के कुछ सेकंड के भीतर कुछ मीटर नीचे आपके स्थान का जीपीएस फिक्स भेज देंगे। 911 डायल करने और एक खुली लाइन छोड़ने से सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में 5 मिनट के अंदर सभी 3 आपातकालीन सेवाएं आपके स्थान पर आ जाएंगी। कम आबादी वाले क्षेत्रों या अंतरराज्यीय क्षेत्रों में प्रतिक्रिया समय अधिक हो सकता है। +किसी भी जीएसएम मोबाइल फोन पर (दुनिया भर में, विशेष रूप से यूरोप में मानक तकनीक आप 112 भी डायल कर सकते हैं, जो दुनिया भर में जीएसएम नेटवर्क के लिए मानक आपातकालीन नंबर है। यूएस जीएसएम वाहक (एटी एंड टी, टी-मोबाइल और छोटे क्षेत्रीय ऑपरेटर) स्वचालित रूप से 112 कॉल को 911 पर रीडायरेक्ट करते हैं। +यदि आप 112 या 911 को गलती से डायल करते हैं काटना नहीं डिस्पैचर के उत्तर की प्रतीक्षा करें और फिर अपनी गलती के लिए क्षमा मांगें। यदि आप डिस्पैचर के उत्तर देने से पहले फोन काट देते हैं, तो आपको एक कॉल बैक प्राप्त होगी। यदि आप इस कॉल का उत्तर नहीं देते हैं, तो आपातकालीन उत्तरदाता आपके स्थान पर आ सकते हैं। +यूनाइटेड स्टेट्स बॉर्डर पेट्रोल कनाडा और मैक्सिकन दोनों सीमाओं के साथ-साथ फ्लोरिडा कीज़ जैसे दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में काम करता है। वे आप्रवासन स्थिति को सत्यापित कर सकते हैं और "सीमा क्षेत्रों snd में आम तौर पर कनाडा के 40 मील और मेक्सिको के 75 मील के भीतर (हालांकि कानून समुद्र और ग्रेट झीलों सहित किसी भी सीमा से 100 मील की अनुमति देता है) में आप्रवासन कानूनों को लागू कर सकता है। कनाडा के पास वे विनीत होते हैं और आम तौर पर लंबी दूरी की बसों और ट्रेनों पर अपना काम केंद्रित करते हैं। दक्षिणी सीमा के पास, व्यवस्थित वाहन चौकियों या एक दोस्ताना "कागजात, कृपया के साथ सड़क पर रोके जाने की संभावना अधिक है। वे विशेष रूप से पर्यटकों को लक्षित नहीं करते हैं। +विदेशियों को हमेशा अपने पासपोर्ट, वीजा और लैंडिंग कार्ड (या ग्रीन कार्ड) ले जाने की आवश्यकता होती है। उनके बिना सीमा के पास पाए जाने पर आपको तब तक हिरासत में रखा जा सकता है जब तक कि आपकी स्थिति सत्��ापित नहीं हो जाती, या संभवतः जुर्माना नहीं लगाया जाता। यदि आपके दस्तावेज़ क्रम में हैं, तो आपसे आमतौर पर पूछताछ नहीं की जाएगी। अधिकांश राज्यों में एरिज़ोना एक उल्लेखनीय अपवाद है पुलिस और अन्य स्थानीय अधिकारियों को आपकी आव्रजन स्थिति के बारे में आपसे पूछताछ करने या आपका पासपोर्ट या वीजा देखने के लिए कहने की अनुमति नहीं है, जब तक कि आपको गिरफ्तार नहीं किया जाता है और अपराध का आरोप लगाया जाता है और फिर केवल आपको अपने दूतावास से जोड़ने के उद्देश्य से। 9/11 के हमलों के परिणामस्वरूप, कुछ आंकड़ों से पता चला है कि मुसलमानों या जिन्हें मुसलमान माना जाता है, हवाईअड्डों पर अतिरिक्त स्क्रीनिंग के लिए असमान रूप से लक्षित हो सकते हैं, दावों के बावजूद कि यात्रियों को यादृच्छिक रूप से चुना जाता है। +हवाई में कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं, लेकिन वे आमतौर पर जीवन और अंग के लिए खतरा नहीं हैं। मुख्य भूमि यू.एस. में अंतिम उच्च प्रोफ़ाइल विस्फोट 1980 में माउंट सेंट हेलेंस का था। +प्राकृतिक आपदा के मामले में, स्थानीय, राज्य या संघीय अधिकारी आपातकालीन चेतावनी प्रणाली पर चेतावनी जारी कर सकते हैं। इसमें एक बहुत विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक कर्कश है जिसके बाद किसी भी संदेश से पहले डायल टोन के समान ध्वनि होती है। यह एएम/एफएम रेडियो प्रसारण के साथ-साथ टीवी सिस्टम को ओवरराइड करेगा। लगभग 2011 के बाद से बेचे गए स्मार्टफ़ोन को अक्सर फ़ोन की वर्तमान स्थिति के आधार पर एक अलर्ट संदेश प्राप्त होगा (फ़ोन की सेटिंग के आधार पर, इसमें तेज़ अलर्ट टोन शामिल हो सकता है)। +अमेरिका में मारिजुआना पर एक अंतिम टिप्पणी यह है कि औषधालयों में हरे रंग का क्रॉस प्रदर्शित करना आम बात है कई यूरोपीय देशों में ग्रीन क्रॉस एक सामान्य फार्मेसी/एपोथेकरी का संकेत देगा। हर डिस्पेंसरी ऐसा नहीं करती है, लेकिन लगभग हर कोई ज्वलंत हरे रंग की इमेजरी का कोई न कोई रूप प्रदर्शित करेगा। +2020 में, ओरेगन कठोर दवाओं के उपयोग को अपराध की श्रेणी से बाहर करने और साइलोसाइबिन तथाकथित "मैजिक मशरूम के उपयोग को पूरी तरह से वैध बनाने वाला पहला अमेरिकी राज्य बन गया। इसके अतिरिक्त, कुछ और उदारवादी सोच वाले शहरों उदा डेनवर, ओकलैंड, सांता क्रूज़, और ऐन अर्बोर) ने नगरपालिका कानून द्वारा कठिन दवाओं को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। +यह सच है: अमेरि���ा में एक मजबूत बंदूक संस्कृति है, और कई किसी भी तरह से अमेरिकियों के पास बन्दूक नहीं है। आग्नेयास्त्रों के कब्जे को अलग-अलग राज्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, और जबकि ये नियम (आवश्यक परमिट प्राप्त करना, हथियारों के प्रकार की अनुमति) एक राज्य से दूसरे राज्य में बहुत भिन्न होते हैं, और कभी-कभी, एक ही राज्य के भीतर एक शहर से दूसरे शहर में, यू.एस विशेष रूप से यूरोप और एशिया की तुलना में आग्नेयास्त्रों के स्वामित्व के प्रति उदार दृष्टिकोण वाला स्थान। +हालांकि अमेरिकी नागरिकों के पास आग्नेयास्त्र रखने और ले जाने का संवैधानिक रूप से गारंटीकृत अधिकार है, अमेरिका में 180 दिनों से कम समय के लिए मौजूद गैर-आप्रवासी एलियंस कानूनी रूप से आग्नेयास्त्र या गोला-बारूद नहीं रख सकते हैं, जब तक कि वे शिकार या खेल की शूटिंग के लिए विशेष रूप से यात्रा नहीं करते हैं या जिस राज्य में वे शूटिंग कर रहे हैं, वहां से एक वैध शिकार लाइसेंस। मान्यता प्राप्त शूटिंग प्रतियोगिता में प्रवेश भी योग्य है। और कुछ भी सख्ती से अवैध है। +चेतावनी जिन लोगों ने अमेरिकी नागरिकता त्याग दी है, उन्हें खेल उद्देश्यों के लिए भी आग्नेयास्त्र या गोला-बारूद रखने की अनुमति नहीं है। +आपकी गोली लगने की संभावना बहुत कम लेकिन है: +*एक शहर में, खुले तौर पर दिखाई देने वाली आग्नेयास्त्र वाला एक नागरिक आम तौर पर एक दुर्लभ दृष्टि है, और इस प्रकार ग्रामीण इलाकों में संभावित रूप से एक से अधिक चिंता का विषय है। फिर भी, चूंकि कई राज्य "ओपन कैरी" की अनुमति देते हैं, आप होलस्टर्ड बन्दूक के साथ किसी का सामना कर सकते हैं। पुलिस अधिकारी, यहां तक कि ड्यूटी पर सामान्य कपड़े पहनने वाले जासूस भी लगभग हमेशा आग्नेयास्त्र लेकर चलते हैं। कई राज्यों में "छिपे हुए कैरी" कानून भी हैं जो कपड़ों में या वाहन में छिपी हुई आग्नेयास्त्र रखने की अनुमति देते हैं। ध्यान रखें कि जिन लोगों के पास खुले तौर पर या छुपाकर हथियार ले जाने का परमिट है, वे आम तौर पर अपराधी नहीं होते हैं और वे आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। हालांकि अगर आप किसी को बंदूक दिखाते हुए देखते हैं, तो 911 डायल करें, क्योंकि कई राज्यों में आग्नेयास्त्र लहराना अपराध है। +*शिकार ग्रामीण अमेरिका में लोकप्रिय है। चिह्नित ट्रेल्स का उपयोग आम तौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन यदि आप पीटा ��थ से बाहर निकलने की योजना बना रहे हैं, तो पता लगाएं कि कोई शिकार कहाँ हो सकता है। यदि ऐसा है, तो आपकी पार्टी में सभी (आपके कुत्ते सहित को चमकीले रंग पहनने चाहिए, विशेष रूप से "ब्लेज़ ऑरेंज जो शिकारियों को अत्यधिक दिखाई दे। शिकार के मौसम का समय और अवधि, और कोई भी लागू परमिट और नियम, राज्यों के बीच अलग-अलग होते हैं{{snd}}अधिक जानकारी के लिए संबंधित राज्य सरकार की वेबसाइट देखें। आम तौर पर राष्ट्रीय या राज्य पार्कों में शिकार की अनुमति नहीं है, लेकिन कुछ राष्ट्रीय वनों में इसकी अनुमति है। +*लक्ष्य शूटिंग एक लोकप्रिय खेल है। कई रेंज पर्यटकों का स्वागत करती हैं और रेंज में किराए पर लेने और शूट करने के लिए विभिन्न प्रकार के आग्नेयास्त्र उपलब्ध होंगे। कई लोग "दो व्यक्ति न्यूनतम" नियम लागू करते हैं और अकेले व्यक्तियों को आग्नेयास्त्र किराए पर देना असुरक्षित मानते हैं। +*जाने-माने लंबी पैदल यात्रा ट्रेल्स के साथ अत्यधिक प्रचारित घटनाओं की एक छोटी संख्या के कारण जंगल में लंबी पैदल यात्रा, अन्वेषण या शिविर लगाने वाले व्यक्तियों द्वारा सुरक्षा के लिए आग्नेयास्त्रों को ले जाना बढ़ रहा है। हाइकिंग/कैंपिंग समुदाय में यह एक विवादास्पद मुद्दा है, जिसमें दोनों पक्षों के मजबूत तर्क हैं। समर्थकों का तर्क है कि आग्नेयास्त्र का कानूनी कब्ज़ा दर्शकों के लिए खतरे के स्तर को नहीं बढ़ाता है: जो लोग ले जाते हैं वे बहुत अच्छी तरह से सैन्य या पुलिस पृष्ठभूमि वाले हो सकते हैं और किसी आपात स्थिति में दूसरों की सहायता करने के लिए तैयार हो सकते हैं। +निजी संपत्ति दुनिया के कई अन्य हिस्सों की तुलना में अमेरिका में कानून और प्रथा दोनों में अधिक मजबूती से संरक्षित है। कुछ क्षेत्रों में, मालिकों के लिए अपनी संपत्ति की रक्षा के लिए लोगों को गोली मारना कानूनी है। जबकि ऐसी घटनाएं दुर्लभ होती हैं, इसे जोखिम में न डालें snd}}सुनिश्चित करें कि आप निजी स्वामित्व वाली भूमि पर शॉर्टकट लेने से बचें, भले ही बाड़ न हो। सभी मामलों में, इसे अतिचार माना जाता है, जो एक अपराध है। यदि आप किसी अत्यावश्यक स्थिति में हैं जहाँ आपको किसी की संपत्ति में शरण लेनी है, तो सुनिश्चित करें कि स्वामी को उचित रूप से सूचित करें, या आप एक अतिचारी के रूप में गलत होने का जोखिम उठाते हैं। +यू.एस. कम से कम सार्वजनिक रूप से एक नस���लीय सहिष्णु देश है। अमेरिकी संविधान, दोनों राज्य और संघीय कानून के साथ, रोजगार, विश्वविद्यालय प्रवेश और खुदरा व्यवसायों से सेवाएं प्राप्त करने जैसे कई सार्वजनिक क्षेत्रों में नस्लीय भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। हालांकि, संविधान अधिकांश अन्य पश्चिमी लोकतंत्रों की तुलना में अधिक मात्रा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, इसलिए दुर्भाग्य से सार्वजनिक मंचों पर नस्लवादी टिप्पणियों (दोनों स्पष्ट और सूक्ष्म) का सामना करना संभव है। +फिर भी, अधिकांश अमेरिकी अन्य जातियों के प्रति सहिष्णु हैं, या कम से कम होने का दावा करते हैं, और केवल किसी की दौड़ के परिणामस्वरूप यादृच्छिक लोगों से खुली आक्रामकता का सामना करना असामान्य है। देश नस्लीय अल्पसंख्यकों या अप्रवासियों के प्रति कभी-कभी बढ़ी हुई दुश्मनी के दौर से गुजरता है, लेकिन लंबी अवधि की प्रवृत्ति बढ़ती सहिष्णुता और स्वीकृति में से एक रही है। +2022 में, यूक्रेन के रूसी आक्रमण से उपजी दुश्मनी के परिणामस्वरूप, रूसी नागरिकों और रूसी रेस्तरां के प्रति बढ़ती दुश्मनी की खबरें आई हैं, और सामुदायिक संगठनों को यूक्रेन के समर्थकों द्वारा बर्बरता के लिए निशाना बनाया गया है। +पर्यटक-उन्मुख क्षेत्रों में, दलाल मुफ्त या अत्यधिक छूट वाले टिकट, या रेस्तरां, होटल या आकर्षण के लिए वाउचर प्रदान करते हैं। कई मामलों में, ये आपको एक टाइमशेयर प्रस्तुति में शामिल करने के लिए आते हैं। इन प्रस्तुतियों के लिए आपको एक दूरस्थ साइट पर जाने की आवश्यकता हो सकती है, एक घंटे की प्रस्तुति देखें, और फिर एक टाइमशेयर सदस्यता के लिए बहुत सारा पैसा (अक्सर $10,000 से अधिक) खर्च करने के लिए एक व्यक्तिगत बिक्री पिच प्राप्त करें। हालांकि टाइमशेयर वास्तविक संपत्ति का एक रूप है और इसे फिर से बेचा जा सकता है, उनके पास वार्षिक शुल्क है जो मालिकों को भुगतान करना होगा और वे शायद ही कभी अपने मूल खरीद मूल्य से अधिक के लिए पुनर्विक्रय करते हैं। +इन प्रस्तुतियों में शामिल होने से आपको कोई खतरा नहीं है, लेकिन "मुफ्त" वाउचर का मूल्य अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है, और आपकी पार्टी प्रस्तुति देखने और उच्च दबाव वाली बिक्री पिच को सहन करने के दौरान अपने अवकाश के समय के घंटों को खो देगी। कुछ मामलों में, आप अंतिम-मिनट के टिकट बूथों पर या पुरानी बिक्री ��े माध्यम से रियायती टिकट प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं, हालांकि ऑन-लाइन मार्केटप्लेस के माध्यम से बेचे जाने वाले फर्जी टिकटों से सावधान रहें। +लगभग सभी अमेरिकी अंग्रेजी बोलते हैं। अमेरिकी अंग्रेजी दुनिया के अन्य हिस्सों में अंग्रेजी बोलने वालों से कुछ अलग है। ये अंतर ज्यादातर मामूली हैं और मुख्य रूप से वर्तनी और उच्चारण से संबंधित हैं। कई अफ्रीकी-अमेरिकी और कुछ अन्य अमेरिकी भी अफ्रीकी-अमेरिकी वर्नाक्युलर अंग्रेज़ी बोलते हैं जिसकी मानक अमेरिकी अंग्रेज़ी से कुछ अलग व्याकरण और शब्दावली है। इस अंग्रेज़ी का सामान्य अमेरिकी कठबोली और बोलचाल की भाषा पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। हालांकि लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में अक्सर अन्य भाषाओं में संकेत और जानकारी उपलब्ध होती है। लेकिन आम तौर पर आगंतुकों को अंग्रेजी बोलने और समझने की क्षमता होनी चाहिए। + + +सहारा अफ्रीका का सबसे उत्तर में बहुत बड़ा रेगिस्तान है। 94 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह रेगिस्तान सयुंक्त राष्ट्र अमेरिका या चीन के आकार का है। इसके सभी रास्ते उत्तर-दक्षिण दिशा में एक दूसरे को काटते हैं। इसका कोई भी मार्ग सूर्य की ओर से नहीं है। वैसे इसके बहुत सारे छोटे रास्ते भी है। लेकिन यह सभी सुरक्षित नहीं है। यहाँ हथियार से युक्त सेना पहरा देते रहती है। +यह अल्जीरिया, चाड मिस्र लीबिया माली मॉरिटानिया मोरक्को नाइजर पश्चिमी सहारा सूडान और ट्यूनीशिया के बड़े हिस्से तक फैला है। इसका आकार 9 लाख वर्ग किलोमीटर (3,500,000 वर्ग मील) है, जो अफ्रीका का 31% हिस्सा है। यहाँ वार्षिक औसत वर्षा मात्र 250 मिमी से भी कम होती है। +यह दुनिया का सबसे बड़ा निम्न-अक्षांश वाला गर्म रेगिस्तान है। यह उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है। इसका कुछ भाग अर्ध-स्थायी उप-उष्णकटिबंधीय गर्म-भाग के उच्च दबाव वाले क्षेत्र में स्थित है। यहाँ इसके कारण ऊपरी स्तर पर स्थित वायु नीचे की ओर आती है और जमीन में समा जाती है। इस कारण एक तरह का नियमित वायु प्रवाह बनता है, जो इस जगह को गर्म और सूखा बना देता है। इस तरह की हवा के कारण जल वाष्पीकृत हो कर ऊपर नहीं जा पाता और इस तरह से बादल का निर्माण हो ही नहीं पाता है। +सहारा में अरबी की बोलियों को काफी अधिक बोला जाता है। अरबी के अलावा फ्रांसीसी भाषा भी बोली जाती है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को ही पता है। जब फ्रांसीसियों ने इस जगह को अपने उपनिवेश के रूप में बनाया था, तभी फ्रांसीसी भाषा का इन क्षेत्रों में प्रभाव पड़ा था। लेकिन यहाँ के लोग और सरकार भी अरबी को ही आधिकारिक और पारंपरिक भाषा मानती है। + + +सारनाथ भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित वाराणसी (बनारस) के पास एक गाँव है। यह बनारस से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में है। यह स्थान बौद्ध और जैन धर्म के तीर्थ यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। गौतम बुद्ध ने अपना पहला धर्मोपदेश यही दिया था। इस उपदेश को धर्मचक्रप्रवर्तन कहा जाता है, इसके बाद संघ की स्थापना यहीं हुयी थी और इसीलिए यह बौद्ध धर्म के चार सबसे प्रमुख तीर्थों में से एक है। यहाँ के बौद्ध मठ ध्यान करने के लिये उत्तम स्थल हैं। +हिरन पार्क के परिसर में सम्राट अशोक द्वारा बनवाया हुआ 249 ईसा पूर्व का धम्मेक स्तूप है, साथ ही तीसरी से ग्यारहवीं सदी के बीच के बनवाये हुए अन्य स्थापत्य भी हैं। यह बनारस के उपनगर के रूप में विकसित हो रहा है और जो पर्यटक बनारस की भीड़-भाड़ से दूर खुले हरे-भरे वातावरण में कुछ समय बिताना चाहते हैं उनके लिए अच्छा अवसर उपलब्ध कराता है। +यह जगह उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में है और उत्तर भारत के मैदान के लगभग बीचोबीच है। यहाँ साल में चार ऋतुएँ होती हैं: जाड़ा, मध्य नवंबर से मध्य फरवरी तक; मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल तक बसंत; मध्य अप्रैल से जून तक गर्मी और जून के अंत से लेकर अक्टूबर तक बरसात। जाड़ा और गर्मी दोनों खूब पड़ते हैं। जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है जब किसी किसी दिन न्यूनतम तापमान शून्य से भी नीचे जा सकता है, हालाँकि आमतौर पर यह पाँच डिग्री सेल्सियस तक गिरता है। गर्मियों में मई का अंत और जून की शुरूआत के कुछ दिनों के दौरान अधिकतम तापमान पैंतालीस डिग्री पार कर जाता है। गर्मियों की ख़ास विशेषता यहाँ चलने वाली "लू" है। ये पछुवा हवाएँ अत्यधिक गर्म होती हैं और हर साल इनके कारण कुछ मौतें भी दर्ज की जाती हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसूनी हवाएँ 15 जून के आसपास पहुँचती हैं और लगभग 25 जून तक इनका असर पूरे उत्तर प्रदेश पर फैल जाता है, इसके बाद सितंबर तक बरसात का सीज़न रहता है और इलाके में भारी बारिश होती है। +इस तरह, अगर आप घूमने के लिहाज से देखें तो अक्टूबर से मध्य दिसंबर तक का समय और मध्य फरवरी से अप��रैल तक का समय सर्वोतम है जब मौसम सुहाना रहता है; न तो बहुत गर्मी होती है न जाड़ा। इस समय आप हलके कपड़ों के साथ काम चला सकते हैं और गर्मी भी आपको परेशान नहीं करेगी। बाक़ी अगर आप जाड़े में यहाँ घूमना चाहते हैं तो अपने साथ भारी ऊनी कपड़े और जैकेट इत्यादि अवश्य लें। जाड़ों कि एक अन्य समस्या कोहरा भी है जिसके कारण पूरे उत्तर भारत में चलने वाली रेलगाड़ियाँ प्रभावित होती हैं। कभी-कभी तो स्थिति इतनी ख़राब हो जाती कि ट्रेन रद्द भी हो सकती है। दूसरी ओर गर्मियों में अर्थात मई-जून में दोपहर तक गर्मी और धूप इतनी तेज हो जाती और अंधड़ की तहर लू चलने लगती कि आप बाहर नहीं निकल सकते। +| content= यह वाराणसी का सबसे व्यस्त स्टेशन है। यहाँ स्टेशन के बाहर निकल कर आप आसानी से सारनाथ जाने के लिए ऑटो रिक्शा ले सकते हैं; टुकटुक ऑटो रिक्शा लगभग ₹150 किराया लेते हैं। +| content= यह दूसरा स्टेशन है और गोरखपुर, गाजीपुर इत्यादि के ओर से आने वाली रेलगाड़ियाँ यहाँ रुकती हैं और उनके लिए यह बनारस कैंट स्टेशन से ठीक पहले पड़ता है। ऑटो रिक्शा लगभग ₹100 किराया लेते हैं। +| content= सारनाथ में भी एक छोटा किंतु सुंदर और साफसुथरा स्टेशन है जहाँ गोरखपुर, गाजीपुर इत्यादि के ओर से आने वाली कुछ रेलगाड़ियाँ रुकती हैं। यह बनारस सिटी स्टेशन से ठीक पहले पड़ता है। यहाँ से आप पैदल टहलते हुए मुख्य बौद्ध मंदिर तक जा सकते हैं। +लम्बी दूरी की बसें वाराणसी कैंट बस अड्डे तक पहुँचती हैं। यहाँ से आप नगरीय परिवहन की बस, टैक्सी अथवा ऑटो रिक्शा द्वारा सारनाथ पहुँच सकते हैं। +बनारस से टैक्सी और ऑटो रिक्शा द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। अगर आप भारत से बाहर के हैं, बनारस से यहाँ पहुँचने के लिए पहले कोई दाम न तय करें। आप पहुंच कर पैसे देंने के बारे में बात कर सकते हैं। +अगर आपके पास सामन बहुत अधिक है तो टैक्सी करें, नहीं तो ऑटो रिक्शा बेहतर होगा। +अगर सामान बहुत कम है और आप बस में सफ़र कर सकते तो लोकल परिवहन कि बीएस पकड़ कर बनारस कैंट से सारनाथ जाना सबसे बेहतर चुनाव होगा। +यहाँ की स्थानीय भाषा पश्चिमी भोजपुरी है, इसका ज्ञान आपको किराए में बारगेन करने में काफ़ी लाभ दे सकता है। +| content=तुर्की आक्रमण के दौरान यह टूट गया था और उस मूल स्थान पर केवल आधार ही बचा है, टूटा हुआ हिस्सा अब सारनाथ संग्रहालय में प्रदर्शन हेतु रखा गया है। इसमें चारों ओर ��क दौरे की ओर पीठ किए शेर खड़े हैं। इसे 1950 में भारत के राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में स्वीकार किया गया था। पहले इसके ऊपर एक बड़ा सा चक्र भी रखा हुआ रहा होगा परन्तु अब उस चक्र के कुछ टुकड़े ही मौजूद हैं जिन्हें संग्रहालय में पूरे चक्र के कल्पित चित्र के साथ मिला कर रखा गया है ताकि देखकर अंदाजा हो सके कि यह चक्र अपने मूल रूप में कैसा रहा होगा। +| content=पाँचवीं शताब्दी में इसे बनाया गया था। यदि आप बनारस से सारनाथ जाते हैं तो सबसे पहले आपको यही स्तूप दीखता है जो सड़क के बायीं ओर है। स्तूप एक बड़े से चबूतरे पर है और यह तीन स्तरों या मंजिलों में बना हुआ है। इसके सबसे नीचे के चबूतरों के आलों में बुद्ध मूर्तियाँ हैं। सबसे ऊपरी भाग में मुग़ल काल में बनायी गयी एक अष्टकोणीय छतरी बनी हुई है जो नीचे की संरचना से मेल नहीं खाती। जयशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध हिंदी कहानी "ममता" इसी छतरी की कथा के आधार बार लिखी गयी है। स्तूप का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जाता है। संरक्षण कि स्थिति अच्छी है। स्तूप के परिसर के उत्तरी भाग में बाग़ भी है जहाँ कुछ देर विश्राम किया जा सकता है। +| content=यह बहुत छोटा संग्रह है, लेकिन बहुत खास चीजों को ही यहाँ रखा गया है। यहाँ कुल 6,832 चीजें रखी गयी हैं। इनमें से सबसे प्रमुख आकर्षण अशोक के सिंह स्तंभ का शीर्ष है। यह सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुला रहता है और शुक्रवार को बंद रहता है। +| content=धमेख स्तूप के पास ही यह मंदिर स्थित है। यहाँ आप मुख्य सड़क से आ सकते हैं, जो धमेख स्तूप तक भी जाता है। +* यहाँ आपको थाई मंदिर, जापानी मंदिर, चीनी मंदिर, बर्मा मंदिर, इंडोनेशिया मंदिर आदि भी मिलेंगे। +यहाँ आपको उत्तर भारतीय खाना सभी रेस्तरां में आसानी से मिल जाएगा। उत्तर भारतीय थाली में आमतौर पर दाल, दो सब्जियाँ, चावल और रोटियाँ परोसी जाती हैं और अचार, सलाद और चटनियाँ भी होती हैं। +इसके अलावा यहाँ कई रेस्तरां में दक्षिण भारतीय खाना भी मिलता है और यदि आप थाई, चीनी अथवा कोरियाई धर्मशालाओं या मंदिरों से जुड़े रहने की जगह का उपयोग कर रहे हों तो पता करें कि वहाँ उक्त देशों में पसंद किये जाने वाले व्यंजन भी मिल सकते हैं। +| content=मसालेदार खाना पसंद करने वालों के लिए काफी अच्छा है। दाल फ्राई और आलू जीरा भी अच्छा मिलता है। +| content= उत्तर भारतीय मसालेदार खाना। यहाँ ट्रांसपोर्ट की ��ीम पर सजावट है। +| content=सारनाथ के 2-3 रेस्त्राँ में से एक है। खाना अच्छा है और वाज़िब दाम में उपलब्ध है। +| content= यहाँ आप विशेष तिब्बती पकवान का आनंद ले सकते हैं। +| content= बहुत ही सस्ता है और परिवार जैसा आतिथ्य भी किया जाता है। इसके लिए आपको ₹300 हर रात के लिए देने होंगे। जिसमें हो सकता है कि आपको परिवार के साथ ही यहाँ सुबह शाम और रात का भोजन भी करने दे दिया जाये। +महाबोधि धर्मशाला मंदिर थाई मंदिर और बर्मी मंदिर ये सभी बहुत ही सस्ते में रात्रि विश्राम की सुविधा देते हैं और यह अच्छी भी होती है। +| content= एक सरकारी गेस्ट हाउस है जो बहुत अच्छा तो नहीं पर इसकी लोकेशन अच्छी है जहाँ से घूमने में सुविधा रहती है। +| content= मुख्य घूमने लायक इलाकों और स्थानों के समीप ही स्थित है। यहाँ से धमेख स्तूप मात्र 5-10 मिनट में टहलते हुए जाया जा सकता है। उपलब्धता के आधार पर छोटे और बड़े कमरे मिल जाते हैं जिनका किराया 200/300 प्रति बेड अथवा प्रति कमरा होता है। साफ़-सुथरा और सादा गेस्ट हाउस है। +| content= संभवतः यह इस कसबे का सबसे बेहतर होटल है। आयुर्वेदिक मसाज और हॉट-टब बाथ जैसी सुविधायें भी हैं। रेस्तरां में आप भारतीय व्यंजनों का लुत्फ़ ले सकते हैं। सुन्दर शांत लान है। मुख्य मंदिर तक यहाँ से टहलते हुए जाया जा सकता है और होटल वाले आपको स्टेशन से लेने के लिए टैक्सी इत्यादि की व्यवस्था (अतिरिक्त खर्च पर) भी कर सकते हैं। +==पवित्र स्थलों का सम्मान करें== +ध्यान दें कि यह एक धार्मिक रूप से पवित्र स्थान है और तमाम मंदिर, स्तूप और अन्य धार्मिक चीजें हैं जहाँ आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए: +* मंदिरों, स्तूपों और अन्य पवित्र चीजों के पास जूते-चप्पल उतार कर जाएँ +कुशीनगर वह स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध को परिनिर्वाण प्राप्त हुआ था। +बोधगया गौतम बुद्ध को यहाँ ज्ञान प्राप्त हुआ माना जाता है और प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ है। +* वैशाली बिहार में एक प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है। +नेपाल कई प्राकृतिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। + + +सूडान अफ्रीका का तीसरा और दुनिया का सोलहवाँ सबसे बड़ा देश है। यहाँ की राजधानी खारतूम है। यह मिस्र, एरिट्रेया, मध्य अफ्रीकी गणतन्त्र, चाड, लीबिया और दक्षिण सुडान से जुड़ा हुआ है। सुडान का वीजा लेना अधिक कठिन काम है, परन्तु यदि आपने अपने प्रयासों से वीजा ले लिया तो आपको एक बहुत ही सुरक्षित स्था��� मिलेगा, जो आपके लिए हमेंशा स्मरणीय रहेगा। सूडान के लोग काफी मददगार होते हैं और की एक खास बात ये है कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र जब आप देखने जाएँगे तो हो सकता है कि आपको कोई और पर्यटक भी न दिखे। +region1description=केंद्रीय सुडान को राजनीति, संस्कृति, आर्थिक विकास का केंद्र माना जाता है। यह सूडान के राजधानी, खारतौम के केंद्र में स्थित है। +region2description= दार फूर एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ "फूर लोगों का जगह" होता है। इसे सामान्यतः दरफुर भी लिखते हैं। यह क्षेत्र 4,93,180 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो स्पेन के आकार के आसपास ही है। इसका पूरा पूर्वी दार फूर का इलाका समतल भूमि और छोटे छोटे पत्तर और रेत से घिरा हुआ है, जिसे गोज और रेतीले पत्तर का पहाड़ कहते हैं। इसके बहुत सारे हिस्से बिना पानी के हैं और जिस स्थान पर पानी है, वह काफी गहरा है। +region3description= इसके नाम से ही पता लग रहा है कि यह सूडान के पूर्व दिशा में स्थित है। पूर्वी सूडान का यह क्षेत्र खारतौम के पूर्व में स्थित है। इसी के साथ नीली नील नदी भी है। +region4description यह क्षेत्र मध्य सूडान का पूर्व प्रांत था। बाद में इसे तीन राज्यों में विभाजित किया गया। इस क्षेत्र को परंपरागत रूप से चिपचिपे परार्थ के निर्माण के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहाँ की फसलों में मूंगफली, कपास और बाजरा भी शामिल है। | +region5description यह क्षेत्र नुबा और मेरोए सभ्यता के कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जगहों का घर है। इसमें हर समय नई नई खोजें होती रहती हैं। मेरोए, मुसावरत-एस-सोफ्रा और वाद बेन नाका बहुत सारे मंदिर, पिरामिड और महलों का केंद्र है। इसके तटीय भाग में लाल सागर है, जिसमें दो राष्ट्रीय पार्क मौजूद हैं, यह दोनों साथ में विश्व के राष्ट्रीय धरोवर घोषित किए गए हैं।| +सूडान 40 वर्षों से अधिक समय तक गृह युद्ध झेल रहा था, जब तक कि दक्षिण सूडान को जुलाई 2011 में आजादी नहीं मिल गई। कॉलोनी शक्ति ने मुस्लिम और ईसाई को एक ही देश में सम्मिलित कर लिया था। इस कारण आजादी से लेकर 2011 तक गृह युद्ध चलता रहा। अभी भी छिटपुट हिंसा होती रहती है। +देश के आजाद होने के बाद पहली बार चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें इस्माइल अल-अजहरी को पहला प्रधानमंत्री चुना गया और उनके नेतृत्व में सूडान की नई सरकार का निर्माण हुआ। 1 जनवरी 1956 में एक विशेष कार्यक्रम हुआ और उसी दौरान मिस्र और ब्रिटिश झंडे को नीचे कर नया सूडानी झंडा फहराया गया। इसे सूडान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इस्माइल अल-अजहरी ने फहराया था। +सूडान भौगोलिक दृष्टि से विविधता वाला जगह है, जो इसके सांस्कृतिक रूप में भी है। उत्तर में नील नदी सहारा के पूर्वी किनारे से जुड़ी हुई है। जहाँ नूबी रेगिस्तान है, जिसमें कश और मेरो नामक प्राचीन साम्राज्य और सेटी भूमि है। यहाँ कई किसान खेती करते हैं और फसल पैदा करते हैं। पूर्वी और पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्रों और देश के बाकी हिस्सों में ज्यादातर सवाना का प्रभाव पड़ता है। +दक्षिण की ओर वर्षा की मात्रा बढ़ती जाती है। मध्य और उत्तरी भाग में बहुत अधिक सूखा ही रहता है और रेगिस्तानी इलाका है। जैसे उत्तरपूर्व में नूबी रेगिस्तान और पूर्व में बयुदा रेगिस्तान है। इसके दक्षिण में दलदली क्षेत्र है और वर्षावन भी मौजूद है। इसमें उत्तरी क्षेत्र में जुलाई से सितंबर तक मात्र तीन महीने ही वर्षा का मौसम रहता है, जबकि दक्षिण क्षेत्र में जून से नवम्बर तक कुल छह महीने तक वर्षा वाला मौसम रहता है। +यहाँ के शुष्क क्षेत्र एक प्रकार के रेतीली तूफान से प्रभावित हैं, जिसे हबूब कहते हैं। इस तूफान के दौरान पूरा सूरज तक ढक जाता है। उत्तरी और पश्चिमी इलाकों के अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में लोग अपना जीवन कुछ हल्की बारिश के भरोसे बिताते हैं। इसी के द्वारा वे अपना कृषि कार्य करते हैं और अपने भेड़ों और ऊंटों के झुंड के साथ यात्रा करते हैं। लोग नील नदी के पास काफी सारे अच्छे फसल पैदा करते हैं। पूरे देश में सूरज की रोशनी बहुत समय तक रहती है। खास तौर पर रेगिस्तानी इलाकों में यह पूरे साल में चार हजार घंटों तक रहती है। +सुडान में यात्रा हेतु वीजा मिलना कुछ देशों के लोगों के लिए या आपके इस्राइल जाने का कोई प्रमाण मिलने पर काफी महंगा और कठिन है। यदि हो सके तो अपने ही देश में वीजा प्राप्त करें। +मिस्र से वीजा लेने के लिए काहिरा सबसे आसान जगहों में से एक है। जिसमें आवेदन करने पर कुछ ही घंटों का समय लगता है। कई सारे देशों के नागरिकों को $100 अमेरिकी डॉलर देना होता है और यह सुविधा अब मिस्र पाउंड में भी उपलब्ध है। लेकिन आपको अपने दूतावास से कोई आमंत्रण पत्र या परिचय पत्र देना आवश्यक है। इसके बिना आपको वीजा नहीं मिल सकेगा। इसे प्राप्त करने में अलग अलग दूतावास में अलग अलग समय लगता है। ब्रिटिश दूतावास में आपको 450 मिस्र पाउंड अर्थात 45 ब्रिटिश यूरो का खर्चा लगेगा, तभी वे लोग आपको पत्र देंगे। यहाँ से मात्र 200 मीटर की दूरी पर सूडानी दूतावास उपस्थित है। कनाडाई दूतावास आपको कभी कोई लिखा हुआ पत्र नहीं देगी, लेकिन काहिरा में स्थित सूडानी दूतावास किसी भी कनाडाई नागरिक को बिना किसी पत्र के भी वीजा दे देती है। लेकिन कनाडाई दूतावास द्वारा पत्र जारी न करना एक तरह से नई परेशानी को भी जन्म देता है। यदि किसी को कोई अनुमति चाहिए या वीजा की समाप्ति तिथि को बढ़ाना है तो उसके लिए दूतावास से पत्र लेना अनिवार्य हो जाता है, लेकिन कनाडाई दूतावास इस तरह का कोई पत्र कभी नहीं देता है। +इथियोपिया से अदीस अबाबा में सूडानी दूतावास से वीजा मिलना बहुत अप्रत्याशित है, लेकिन यह काफी सस्ता है। आपको वीजा के लिए मात्र $60 अमेरिकी डॉलर खर्च करने होंगे। आपके नाम को खारटूम में वीजा के स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा और आधिकारिक रूप से कहा जाएगा कि इसके लिए कम से कम दो सप्ताह लगेंगे या कम से कम दो माह लगेंगे। एक बार आपके नाम की स्वीकृति मिल गई तो आपको कुछ ही दिनों के भीतर वीजा मिल जाएगा। ब्रिटेन और अमेरिका के लोग वीजा जल्दी प्राप्त करने के लिए काफी दौड़ भाग करते रहते हैं, लेकिन किसी भी देश के नागरिक को जल्दी वीजा नहीं मिलता है। इसके लिए आपको कम से कम दो सप्ताह रुकना ही पड़ेगा। यदि आप लगातार सूडान से मिस्र में यात्रा कर रहे हैं और आपके पास मिस्र का वीजा है तो आपको एक ही दिन में एक सप्ताह के लिए यात्रा वीजा मिल सकता है, जिसे आप खारटूम में कुछ और पैसे देकर और आगे बढ़ा सकते हो। अदीस अबाबा में स्थित ब्रिटिश दूतावास केवल एक पत्र के लिए आपसे 740 बीर अर्थात 40 ब्रिटिश पाउंड लेती है। +केन्या से आप वीजा हेतु आवेदन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक दे सकते हैं। अगले सुबह आपको तीन से तीन बजकर पचास मिनट के मध्य वीजा मिल जाएगा। इसके लिए आपको पाँच हजार केनियाई शिलिंग देने होंगे, अर्थात $50 अमेरिकी डॉलर देने होंगे। आपको अपने आवेदन हेतु अपने दूतावास से समर्थन पत्र भी लाना होगा। सूडानी दूतावास आपको कबरनेट सड़क पर, गोंग सड़क से 10 मिनट की दूरी पर मिलेगा। यहाँ का दूतावास मिस्र के दूतावास से कम भ्रमित करता है। लेकिन जनवरी 2010 से यहाँ के कर्मचारियों द्वारा अव्यवसायिक ढंग से कार्य किया जा रहा है, जिसमें कई बार गलत जानकारी का सुझाव भी दे दिया जाता है। +खारतूम हवा�� अड्डा यहाँ का मुख्य हवाई अड्डा है। इसमें कई अंतराष्ट्रीय उड़ाने इससे हो कर पूरी होती है। जिसमें यह सूडान हवाई अड्डे का उपयोग करता है। खारतूम हवाई अड्डा कई यूरोपीय, अफ्रीकी आदि उड़ानों के लिए खुला रहता है। यह कई शहरों से सीधे तौर पर जुड़ा भी है। यह अबु धबी, अदिस अबाबा, अम्मान, एम्स्टर्डैम, काहिरा, दमिश्क, दोहा, दुबई, लंदन, नैरोबी आदि से भी जुड़ा हुआ है। +मिस्र से सूडान आने का यह सबसे भरोसेमंद मार्ग है। यह हर सप्ताह मिस्र के आसवन से निकलती है और वादी हल्फा में रुकती है। यह सूडान के लिए सोमवार को निकलती है और बुधवार को वापस हो जाती है। इसके लिए हर व्यक्ति को $33 अमेरिकी डॉलर देना होता है। नाव काफी पुरानी और भीड़ वाली होती है। जिसमें सामान भी बहुत भरा होता है। यहाँ भोजन और पीने की व्यवस्था होती है। +आप दक्षिण सूडान में वौ शहर से रेल मार्ग द्वारा सूडान के बबनुसा शहर में आ सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो सड़क मार्ग से सूडान में आ सकते हैं। एथियोपिया के सीमा से लगे गाँव गल्लाबत से आप सड़क पार करते हुए आ सकते हैं। मिस्र से आने का मार्ग कई बार बंद रहता है, यह दोनों देशों के मध्य आपसी लेनदेन के ऊपर निर्भर करता है। इस कारण आपको यदि इस मार्ग से आना जाना करना है तो इस मार्ग के बारे में पहले से जानकारी ले लें। +यदि मिस्र से सड़क का मार्ग खुला भी हो तो वहाँ से आने जाने के लिए कोई भी सार्वजनिक यातायात सुविधा जैसे बस आदि उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा सूडान और नए बने दक्षिणी सूडान के मध्य किसी सार्वजनिक यातायात की सुविधा उपलब्ध है या नहीं, इस बारे में कोई नई जानकारी उपलब्ध नहीं है। +यदि आप एक आत्मनिर्भर यात्री की तरह सूडान में घूमना चाहते हो तो आपके पास अपना गाड़ी होना ही चाहिए या किसी सार्वजनिक यातायात सुविधा का उपयोग करना पड़ेगा और उसी के साथ ही आपको यात्रा करने के लिए अनुमति भी लेना होगा। यह अनुमति आपको तभी लेने की जरूरत है, यदि आप खारटुम शहर के सीमा से दूर जा रहे हो। इस तरह की अनुमति झट से मिल जाती है और कोई परेशानी भी नहीं होती है। आपको पूरे दिन भर की अनुमति के लिए $15 अमेरिकी डॉलर देने होंगे। +यदि आप कहीं किसी दूसरे शहर जाते हैं तो जाते साथ आपको अपने बारे में पुलिस को जानकारी देनी होगी और अपना पंजीकरण करा सकते हैं। यह बहुत तेजी से हो जाता है और जिस तरह से अनुमति लेने में कोई कठिनाई नहीं होती, उसी प्रकार पंजीकरण में भी कोई कठिनाई नहीं होती है। एक बार पुलिस ने आपको किसी नाके में देखा हुआ पा लिया है तो आगे अक्सर ही आपके द्वारा किसी पुलिस थाने को देखने से पूर्व ही वे लोग आप तक पहुँच जाएँगे। कुछ शहरों में फिर से पंजीकरण करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। +विमान द्वारा सफर काफी तेजी से पूरा हो जाता है और आप भी विमान द्वारा ही यहाँ सफर करना चाह सकते हैं। पर किसी विमान द्वारा घूमने से पूर्व यह जान लेना अच्छा होगा कि सूडान एयरवेज का पूरे अफ्रीका में सबसे खराब सुरक्षा इंतजाम रहता है। इसके कारण पिछले दस सालों में चौबीस से अधिक भयानक हादसे हो चुके हैं। +खारतौम के बाहर कुछ छोटे हवाई अड्डे हैं, जिसमें वादी हलफ़ा, अल डब्बा, डोंगोला, सुडान बन्दरगाह, अल फशर, वाद मदनी, अल ओबेद हैं, यहाँ सभी में सूडान एयरवेज आपकी यात्रा के लिए अपनी सेवा प्रदान करता है। इसमें से कई सारे विमान, खारटूम द्वारा संचालित होते हैं। यदि आप विमान से यात्रा करने निकलें हैं तो उसके समय सारणी में बदलाव और उड़ान के रद्द होने आदि की घटना के लिए भी तैयार रहें। +खारटौम ओमडुरमैन में आपको सूर्यास्त और शुक्रवार की प्रार्थना से लगभग एक घंटे पहले आपको सूफी रस्मों को देखना चाहिए। ये अनुष्ठान ओमडुरमैन में नाइल नदी के उत्तर-पश्चिम में होता है। इस दौरान बहुत स्वागत वाला और उत्सवपूर्ण माहौल हो जाता है। +सूडानी पाउंड अरबी: جنية जेने) इस देश की मुद्रा है, जिसे 100 पियास्ट्रेस (सिक्कों) में विभाजित किया जा सकता है। इस मुद्रा को "G" गुइना चिह्न द्वारा दिखाया जाता है। पाउंड को जनवरी 2007 में लाया गया था, जिसने सूडानी दीनार (अरबी: دينار दीनार की जगह ली। एक पाउंड की कीमत 100 पुरानी दीनार है। +लेकिन ये सब इतना आसान नहीं है, खास कर तब, जब कोई नए पाउंड या दीनार के स्थान पर पैसा मांग रहा हो। कई लोग आज भी पुराने पाउंड के रूप में पैसा मांगते हैं, जबकि पुराने पाउंड के नोट अब वहाँ प्रचलन में नहीं हैं। एक दीनार की कीमत 10 पुराना पाउंड होता है, अर्थात जब कोई व्यक्ति आपसे 10,000 पाउंड मांगता है तो वो आपसे 1,000 दीनार मांगते रहता है। सामान्यतः लोग उतने पैसे लेकर चले भी जाते हैं, जिसके कारण और भ्रम पैदा हो जाता है। तो हो सकता है कि आपका टैक्सी चलाने वाला आपसे 10 पाउंड मांगे, जिसका अर्थ 10,000 पुराना पाउंड हो, जो 1,000 दीनार के बराबर है। इसे भी 10 पाउंड ���ाना जाता है। इस भ्रम से दूर रहने का एक तरीका भी है। जब भी कोई इस तरह से पैसे मांगे तो आप उससे पूछ सकते हैं कि नया पाउंड या جنية الجديد जेने अल-जेदिद चाहिए। +इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं 1 नया पाउंड 100 दीनार 1000 पुराना पाउंड +आप सूडान में केवल विदेशी नकद ही ला सकते हैं। कई सारे होटल में अमेरिकी डॉलर को स्वीकार कर लिया जाता है। कुछ होटल इंग्लैंड का पाउंड भी स्वीकार कर लेते हैं। कुछ बड़े शहरों के बैंकों में आप यूरो का विनियम आराम से कर सकते हैं। आंशिक रूप से अमेरिका के प्रतिबंध के कारण यात्रा चेक, क्रेडिट कार्ड और विदेशी बैंक के एटीएम कार्ड को सूडान में स्वीकार नहीं किया जाता है। +सूडानी व्यंजनों में आप कई तरह के प्रभाव देख सकते हैं, लेकिन इनमें से कोई भी प्रभाव क्षेत्रीय व्यंजनों पर नहीं पड़ा है। इनमें मिस्र, इथियोपिया, यमनी, तुर्की व्यंजनों का प्रभाव पड़ा है, लेकिन यह सभी व्यंजन अरब देशों में समान्य हैं। +इस्लाम इस देश का आधिकारिक धर्म है, इस कारण यहाँ शराब या किसी भी प्रकार का एल्कोहॉल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यहाँ के लोग मुख्य रूप से चाय पीते हैं। जो मुख्यतः मीठा और काला होता है। यहाँ पर ताजगी के लिए कुछ और पेय भी होते हैं। यहाँ स्थानीय रूप से ऊर्जा के लिए पेय मदीदा के नाम से जाना जाता है। यह कई सामग्री को पीस कर बनाया जाता है। जिसमें ताजा दूध, भारी मात्रा में चीनी डाला जाता है। +सभी बड़े शहरों में आपको अच्छे होटल मिल जाएँगे। लेकिन यह आपके सोचने के जितना ही सस्ता नहीं रहता है। यह सामान्यतः गुणवत्ता के अनुसार ही बढ़ता रहता है। सामान्य होटल आपको बिस्तर और पंखा देते हैं। कुछ कमरों में एक से अधिक बिस्तर होते हैं, लेकिन उसके लिए आपको अधिक पैसे देने होते हैं। कुछ छोटे शहरों में काफी सस्ते होटल होते हैं, लेकिन वहाँ सफाई अधिक नहीं रहती है और कुछ समय के लिए ठहरने के लिए यह काफी अच्छा होता है। यहाँ मध्यम श्रेणी के भी होटल होते हैं, जो थोड़े अच्छे तो होते हैं, लेकिन पैसे भी अधिक लेते हैं। इसके अलावा यहाँ बहुत उच्च गुणवत्ता के भी होटल होते हैं, लेकिन यह मध्यम श्रेणी के होटल से अधिक पैसे लेते हैं, साथ ही आपको पूरी सुविधा भी देते हैं। यह पाँच सितारे होटल में आने जैसा है। +सूडान में आपको सुरक्षा के कई आयाम देखने को मिलेंगे, इस कारण यहाँ चोरी की घटना तो शायद आप कभी सुने भी न, और सड़��� पर भी आपको कोई नहीं लूटेगा और यहाँ के लोग भी आपको और आपके कमाई को बचाने के लिए काफी दूर तक जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर सूडान का इतिहास संघर्षों से भरा पड़ा है। सूडानी सरकार भी इसके और भ्रष्टाचार के बारे में न तो खुली है और न ही जवाबदेह रहती है। इसके सतह के नीचे व्यापक रूप से भ्रष्टाचार होता रहता है। इस बारे में यात्रियों को जानना भी जरूरी है। +सूडान के खारतूम में स्थित केन्द्र सरकार और दक्षिण में स्थित गैर-मुस्लिम अलगाववादियों के मध्य 40 वर्षों का गृह युद्ध हो रहा था, जबकि उस समय दक्षिण सूडान भी सूडान का भाग था। दक्षिण सूडान के स्वतंत्र होने के बाद भी दोनों देशों के मध्य तनाव और मतभेद जारी है। दुरफुर में जो संघर्ष चल रहा है, उसका काफी प्रचार होता रहता है। यात्रियों को पश्चिमी हिस्से में जाने का कोई भी सुझाव नहीं देता है। +सूडान दुनिया के चार देशों में से एक है, जो उड़ान के अंतरराष्ट्रीय मानकों को नहीं मानता है। राज्य का आधिकारिक विमान, सूडान एयरवेज का निर्माण 1950 के दशक में हुआ था, जिसमें न तो आप कहाँ हो वो देख सकते हैं, न ही रात के लिए कोई रोशनी की सेवा है और नीचे आते समय के लिए उपयोग में लाने वाले गेयर का महत्वपूर्ण टुकड़ा भी कहीं गुम हो गया है। इस कारण पिछले साल केवल उत्तरी क्षेत्र में ही 27 घातक दुर्घटनाएँ हुई हैं। इसी ने सूडान को विमान द्वारा आंतरिक यात्रा हेतु एक सबसे खतरनाक देश बना दिया है। +आपको चुनौती पसंद है तो आप सूडान में अपने निजी कार से भी जा सकते हैं। सूडान के सीमा पर बहुत सारे सैन्य टुकड़ियाँ आपके स्वागत के लिए तैयार रहते हैं। खास तौर पर सूडान के पड़ोसी देश, मिस्र या पश्चिमी लोगों के आने पर यदि वे दूसरे ओर जाना चाहते हैं तो उन्हें सीमा पर काफी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। +आप बिना किसी तकलीफ के बस से भी यात्रा नहीं कर सकते हैं। कुछ बसें दूसरे से काफी अच्छी होती है और कुछ तो अपने ठंडे एसी के साथ सबसे अच्छी बसों में गिने जाते हैं। इन बसों में आपको पीने के लिए भी अच्छा पानी मिलेगा और कुछ अन्य सुविधायें भी मिलेंगी। किसी गर्म बस में बैठने से तो यह काफी अच्छा ही लगेगा। कुछ बसों में एसी नहीं होता है, जो मिस्र के पर्यटकों को एक जगह से दूसरे स्थान पर पूरा दिन लगा कर ले जाता है। +आपके संपत्ति के लिए कोई आपके ऊपर हमला करे, ऐसी कोई संभावना यहाँ नहीं है, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर अपनी चीजों से कभी ध्यान न हटाएँ। सड़क पर या किसी खाने पीने वाले जगहों में चोर अपने दोस्तों या समूह के साथ मिल कर कार्य करते हैं और एक पल के लिए भी यदि आपका ध्यान कहीं ओर हुआ तो वे आपके सामान को धीरे से कहीं ओर जगह रख कर ले जा सकते हैं। इसके अलावा यहाँ जेबकतरों का मामला भी काफी है। +यहाँ किसी अकेली महिला के लिए भी यात्रा अपेक्षाकृत काफी सुरक्षित रहता है। खास तौर पर उन क्षेत्रों में जो गृह युद्ध के दौरान प्रभावित नहीं हुए हैं और यदि आप इस्लामी देश के अनुसार अच्छी तरह से कपड़े पहने हों, तो हो सकता है कि कई लोग आपको देखें, लेकिन वे आपका काफी अधिक सम्मान भी करेंगे। सामान्य तौर पर देखें तो किसी महिला को यहाँ समूह में यात्रा करना अच्छा होता है, और यदि कोई पुरुष साथ हो तो और भी अच्छा रहेगा। +सूडान का क्षेत्र मलेरिया से ग्रस्त है। खास तौर पर वर्षा ऋतु में आपको अधिक संभल कर रहना होगा। इस दौरान विषैले सर्प, मकड़ी और बिच्छू आम तौर पर दक्षिणी क्षेत्रों में दिखाई देते हैं। इस दौरान उन क्षेत्रों में न जाना ही सही है। इसके अलावा आपको पीने के पानी पर भी ध्यान देना चाहिए और आपको केवल बोतल का पानी या किसी जल को स्वच्छ करने वाले किसी मशीन से ही पानी पीना चाहिए जो काम कर रहा हो और इसी के साथ आपको फलों के रस से भी दूरी बना कर रहें, क्योंकि उसमें भी स्थानीय जल का उपयोग किया जाता है, अर्थात मिलाया जाता है। सोडा या कुछ और भी पीते समय बर्फ के टुकड़ों का उपयोग भी न करें, क्योंकि वो भी केवल स्थानीय जल से बना बर्फ ही है। +खास तौर पर ग्रीष्म ऋतु के समय लंबे यात्रा पर किसी सार्वजनिक यातायात सुविधा का उपयोग करके जाना संभव नहीं है या बहुत कठिन है। इसके अलावा जगह दूर होने और गर्मी के कारण आपको पानी की अधिक आवश्यकता होगी, लेकिन उतने दूर बहुत सारे बोतल को ले जाना काफी कठिन रहेगा और पैसे भी अधिक लगेंगे। दूर जगह से साफ पीने का पानी बोतल में काफी अधिक दाम में मिलता है। आप जाते समय अपने हाथों को साथ में मिला कर रखें, इधर उधर छत या कहीं ओर न रखें, क्योंकि उन सभी में अधिक गंदगी होगी और उतनी गंदगी आपको बीमार करने के लिए काफी है। कुछ क्षेत्रों में आपको स्वच्छता भी नहीं मिलेगी, इस कारण आपको अपने हाथों को जब मौका मिले, तब धोना चाहिए, ताकि उसमें कोई भी विषाणु न रह जाये। +सड़क पर भोजन बनाने वालों से प्राय भोजन लेना ठीक होगा है, यदि वे अपना भोजन उसी समय आपके सामने ही बना रहे हों और लोग खा भी रहे हों। कुछ खाली भोजनालयों और जगहों पर खाना न खाएँ, क्योंकि खाली जगह यह दिखाता है कि वहाँ बहुत कम लोग जाते हैं और कई घंटों तक वहाँ खाना ऐसे ही पड़ा रहता है और हो सकता है कि वहाँ उसे कोई ढक कर भी न रखता हो और साफ सफाई भी नहीं होती हो। कई स्थानीय लोग भी केवल अच्छे भोजनालयों में ही जाना पसंद करते हैं, अर्थात यदि किसी भोजनालय में अधिक लोग हों, तो हो सकता है कि वहाँ की सेवा अच्छी हो और भोजन भी काफी अच्छा हो। +सूडानी मुद्रा मुख्यतः गंदगी से भरी होती है और उसे छूने से बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है। कोशिश करें कि जितना कम हो सके उतना कम छोटे बिल को अपने पास रखें। इससे बचाने और बार बार हाथ धोने से यही अच्छा है कि आप कोई विषाणु मारने वाले दवा का छिड़काव अपने सामान में कर दें, जिससे आपको बार बार हाथ धोने से मुक्ति मिल सके और जब भी आप कोई नोट को पकड़ेंगे या किसी से हाथ मिलायेंगे, तो वापस अपने सामान को छूने से उनमें उपस्थित विषाणु मर जाएँगे। +2004 में बताया गया कि इबोला का कहर सूडान में शुरू हो गया है और यदि कोई आपातकाल न हो तो स्थानीय अस्पताल में जाना सही नहीं है, क्योंकि वहाँ सुविधाओं की और अच्छे इलाज की भी कमी रहती है। यदि आपको लगे कि आपको मलेरिया हो गया है तो उसका जल्द से जल्द इलाज करना जरूरी है। आपको चिकित्सा हेतु कई निजी अस्पताल मिल सकते हैं, जहाँ काफी अच्छी तरह से इलाज होता है और उसी के हिसाब से पैसे भी लगते हैं। +नहाने या किसी ताजा पानी के झरने या गिरते हुए पानी के नीचे से न चलें, क्योंकि उसमें कई जीवाणु हो सकते हैं। यदि आपने ऐसा किया और कोई खुजली हो रही हो या बुखार आया तो जल्द से जल्द चिकित्सकीय जाँच करा लें, लेकिन पश्चिमी चिकित्सक यही समझ कर आपका इलाज करेंगे कि आपको मलेरिया हुआ है। +सूडान एक इस्लामी देश है, इस कारण शराब या अन्य हानिकारक पदार्थों पर पूरी तरह रोक है। सूडानी स्त्रियों को अच्छी तरह ठक कर कपड़े पहनने पड़ते हैं। यदि कोई विदेशी महिला भी आए तो उसे भी अपनी बुद्धिमानी से वैसे ही कपड़े पहनने चाहिए, चाहे कोई अन्य पर्यटकों में उस तरह का सम्मान न दिखा रहा हो या नहीं। इसके अलावा पुरुषों को भी छोटे पतलून के स्थान पर लंबे पतलून ही पहनने चाहिए। +सूडानी लोग किसी भी विदेशी से रमजान के पवित्र महीने में उपवास करने की कोई उम्मीद नहीं करते अहीन, लेकिन इस दौरान सार्वजनिक रूप से कहीं खाना, पीना या धूम्रपान करना सही नहीं है। बहुत से लोग, जिसमें मधुमेह के रोगी और किसी निश्चित दूरी तय करने वाले यात्रियों को भी इससे छूट दी जाती है। इस कारण दिन में कुछ भोजनालयों का खुला मिलना संभव है, लेकिन इन भोजनालयों का अच्छी तरह से प्रचार नहीं होता है कि इस दिन कोई भोजनालय खुला है। +यहाँ किसी को भी अपने पैर के निचले हिस्से को दिखाना अपमानजनक समझा जाता है। हालांकि सूडान एक उदारवादी मुस्लिम संस्कृति वाला देश है, फिर भी विदेशियों को कोशिश करना चाहिए कि किसी भी महिला से सीधे बातचीत न करें और यदि जरूरत भी पड़े तो उसके लिए अनुमति लें फिर बात करें। इसके अलावा महिलाओं को शारीरिक स्पर्श करने से बचने की कोशिश करें या उसने जितनी दूर हो सके, उतनी ही दूरी बना कर चलें या रहें। +कृपया बातचीत के दौरान किसी भी व्यक्ति से सीधा कोई राजनीतिक प्रश्न कर उनसे इस बारे में उनके विचार न पूछें और पुछते भी हैं तो ऐसे व्यक्ति से पूछें, जिसे आप अच्छी तरह से जानते हों और उसके साथ आप आराम से बात कर सकते हो, नहीं तो इसके बहुत अधिक गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। यह देश लगभग 40 वर्षों से गृह युद्ध झेल रहा है और उन्हें अब शांति की आवश्यकता है। इससे प्रभावित होने वाले शरणार्थियों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में शरण लिया है और इसमें खास तौर लोग खारटूम में शरण लिए हैं। +सूडान में सीधे कॉल करने के लिए आपको 249 भी सामने लिखना होगा। इसका अंतरराष्ट्रीय कॉल करने का अंक 00 है, लेकिन सूडान के मोबाइल उपयोग करने वाले अपने देश के कोड के आगे लगा कर भी बात कर लेते हैं। यदि आप सूडान में गए हैं, तो आपको प्रीपैड मोबाइल फोन खरीदने में कोई दिक्कत नहीं होगा, यह सूडान में आपको आसानी से मिल जाएगा। यहाँ संचार के क्षेत्र में जैन और एमटीएन दो बड़ी कंपनियाँ हैं। जैन वाला प्रीपैड फोन आपको एमटीएन की तुलना में काफी सस्ता पड़ेगा। जैन प्रीपैड फोन खरीदने में आपको 10 सूडानी गुइना लगेगा, जबकि एमटीएन में आपको 20 सूडानी गुइना देने होंगे। एमटीएन के ग्राहक सेवा से आप किसी भी समस्या के हल हेतु बात कर सकते हैं, लेकिन उनसे काफी मुश्किल से ही बात हो पाती है। + + +* हिंद महासागर प्रशांत और अंध महासागर से से जुड़ा हुआ है। +* हिंद महास���गर की ओसत गहराई 4 कि.मी. है। +हिंद महासागर के पानी का बहाव दो बार बदलता है। +1. गर्मियों में मानसूनी हवाओं के कारण भारत कि ओर बहता है। +विश्व की दो बड़ी नदी ब्रह्मपुत्र और गंगा हिंद महासागर में मिलती है। +ये दोनों नदिया 2000 किमी हिमालय पर्वतमाला से रेत व मिट्टी ला कर समुद्र में डालती है। जिनसे नदियों के मुहानों के आगे महासागर में अनेक टापू बन हैं। +यह पूरा महासागर ही है, लेकिन यहाँ कई द्वीप उपस्थित हैं, जिसमें आप जा सकते हैं। यह सभी द्वीप अलग अलग देश हैं और आपको उन देशों में जाने के लिए अलग अलग नियमों का पालन करना होगा। इसमें वीजा से जुड़े और अन्य कई तरह के नियम शामिल हैं। महासागर पार करके किसी देश में जाने के लिए आपके पास दो ही उपाय है तो विमान से जाना और दूसरा पानी के जहाज द्वारा यात्रा पूरी करना। +यदि आप विमान से किसी द्वीप में जाना चाहते हैं तो आपको पहले उस द्वीप के बारे में जानना होगा कि वहाँ हवाई अड्डा उपलब्ध है या नहीं और किस तरह की सुविधा है। इसके अलावा यदि आप पानी जहाज द्वारा जाना चाहते हैं तो आपको पहले ही यह जान लेना चाहिए कि वहाँ से आप वापस कब पानी जहाज द्वारा आ सकते हैं। यदि आप भारत से हैं तो आप आराम से अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में जा सकते हैं। अन्य देशों के लिए उन देशों का लेख देखें। +हिंद महासागर का अधिकांश हिस्सा दक्षिणी गोलार्ध में हैं। + + +if ftt icon-ftt=पूर्व निर्वाचित यात्रा के विषय + + +"description लेख में साइडबार में जानकारी जोड़ने हेतु है।" + + +यह श्रेणी विकियात्रा की सर्वोच्च श्रेणी है। अन्य सभी श्रेणियाँ इस श्रेणी की उप-श्रेणियाँ हैं। + + +श्रेणियों का लेख पर आना +विकियात्रा, एक विकिमीडिया परियोजना के रूप में अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है + + +बिलासपुर भारत के छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है। +छत्तीसगढ़ी, हिन्दी, अंग्रेजी (अल्प ज्ञाता) +बिलासपुर भारत के विभिन्न महानगरो से रेल-मार्ग से जुड़ा हुआ है। प्रमुख नगर देहली, पटना, लखनउ, राँची से सीधी रेल बिलासपुर के लिये उपलब्ध हैं। + + +खजुराहो भारतीय राज्य मध्य प्रदेश में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। मंदिरों का शहर खजु��ाहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। भारत के अलावा दुनिया भर के आगन्तुक और पर्यटक प्रेम के इस अप्रतिम सौंदर्य के प्रतीक को देखने के लिए निरंतर आते रहते है। +खजुराहो घूमने का सबसे अच्छा मौसम फरवरी, मार्च, सितंबर,अक्टूबर,नवंबर, दिसंबर माह है। जून से लेकर सितंबर माह के पहले सप्ताह तक यहाँ अच्छी बारिश होती है। +गर्मियों के मौसम में यहाँ भीषण गर्मी या तथा इसी प्रकार सर्दियों में अत्यधिक ठंड पड़ती है उन महीनों में जाने से बचना चाहिए +हिन्दी, अंग्रेजी, इसके अतिरिक्त कई देशी विदेशी भाषाओ को जानने वाले स्थानीय गाइड वहा होते है जो की सहजता से भाषांतर कर सकते है +खजुराहो वायु मार्ग द्वारा दिल्ली मुंबई हैदराबाद वाराणसी और इंदौर जैसे शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। खजुराहो एयरपोर्ट +शहर के केंद्र से लगभग २ कि॰मी॰ दूर स्थित है और शहर के केंद्र तक पहुँचने के लिए हवाई अड्डे से टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। +खजुराहो रेलवे स्टेशन से दिल्ली भोपाल इंदौर और वाराणसी के लिए सीधी तथा सतना रेलवे स्टेशन होते हुए मुंबई और कोलकाता के लिए रेल सेवा है। दिल्ली और मुम्बई से आने वाले पर्यटकों के लिए झांसी भी सुविधाजनक रेलवे स्टेशन है। जबकि चेन्नई और वाराणसी से आने वालों के लिए सतना अधिक सुविधाजनक होगा। नजदीकी और सुविधाजनक रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस के माध्यम से खजुराहो पहुँचा जा सकता है।खजुराहो रेलवे स्टेशन मुख्य शहर के केंद्र से लगभग ५ कि॰मी॰ दूर है। +खजुराहो- महोबा, हरपालपुर, छतरपुर सतना पन्ना झाँसी आगरा ग्वालियर सागर जबलपुर इन्दौर भोपाल वाराणसी और इलाहाबाद से नियमित और सीधा जुड़ा हुआ है। दिल्ली के राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से पलवल, कौसी कला और मथुरा होते हुए आगरा पहुँचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 3 से धौलपुर और मुरैना के रास्ते ग्वालियर जाया जा सकता है। उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 75 से झांसी, मउरानीपुर और छतरपुर से होते हुए बमीठा और वहां से राज्य राजमार्ग की सड़क से खजुराहो पहुँचा जा सकता है। +एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण यहां पर बहुत सारे मान्यता प्राप्त अधिकृत ट्रैवल एजेंसी तथा टूर ऑपरेटर हैं जिन की सूची निम्न है: +खजुराहो अपने कलात्मक मंदिर समूहों के लिए विश्व विख्यात है। यह पश्चिमी एवं पूर्वी मंदिर के समूहों में विभक्त है।पूर्वी समूहों में आदिनाथ मंदिर एवं जवारी मंदिर है। पश्चिमी समूहों में कंदरिया महादेव मंदिर,लक्ष्मण मंदिर एवं मातंगेश्वर मंदिर है। +मूल रूप से वर्ष १९१० में डब्ल्यू ए जार्डाइन द्वारा निर्मित और २०१६ में नव निर्मित, यह पुरातत्व संग्रहालय पश्चिमी समूह मंदिरों के उत्तर में स्थित है। यह स्थान पर्यटकों की रुचि के आकर्षण प्रदान करता है जो अतीत की कहानियों को बताता है, पर्यटकों, इतिहासकारों के लिए यह एक विशिष्ट जगह है। अंदर, आप मूर्तियों, वास्तुशिल्प खंडहरों और विभिन्न दीर्घाओं का एक दुर्लभ संग्रह देख सकते हैं। इसके अलावा, आप कुछ जानकारी पैनल पर पा सकते हैं जो चंदेल इतिहास को दर्शाती है। इस तरह के संग्रहालय को बनाए रखने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग का मुख्य उद्देश्य प्राचीन और अनमोल हैं प्राचीन वस्तुओं को संरक्षित करना है। +मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, भोपाल के माध्यम से आयोजित खजुराहो नृत्य महोत्सव प्रतिवर्ष आयोजित शास्त्रीय नृत्यों का एक सप्ताह का उत्सव है। आजकल इस नृत्य समारोह में देश-विदेश के विख्यात कलाकार भी नृत्य प्रस्तुतियाँ देते हैं. यह उत्सव सामान्यतः फरवरी माह में आयोजित किया जाता है। +यह समारोह भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे कि कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, और कथकली जैसे क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्धता को उजागर करता है। आधुनिक भारतीय नृत्य को हाल ही में इसमें जोड़ा गया है। +नृत्य एक मुक्ताकाश सभागार में किए जाते हैं, आमतौर पर सूर्य (सूर्य देव) को समर्पित चित्रगुप्त मंदिर और पश्चिमी समूह से संबंधित भगवान शिव को समर्पित विश्वनाथ मंदिर के सामने इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. +एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल होने के कारण खजुराहो में विश्व स्तरीय पांच सितारा होटल से लेकर साधारण होटल पर्याप्त संख्या में है, साथ ही यहाँ पर मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के कई होटल भी हैं। +वैसे तो खजुराहो बहुत सुरक्षित है फिर भी कई बार अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल होने के कारण कुछ विदे���ी सैलानियों के साथ अप्रिय घटनाएं होने की भी जानकारी भी आई है. पर्यटक स्थलों पर बरतने वाली सामान्य सतर्कता रखनी चाहिए. +खजुराहो की निकट पन्ना राष्ट्रीय उद्यान है तथा पन्ना में विश्व प्रसिद्ध हीरे की खदानें भी हैं। + + +झाँसी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का प्रमुख नगर है। यह शहर उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है और बुंदेलखंड क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। झाँसी एक प्रमुख रेल एवं सड़क केन्द्र है और झाँसी जिले का प्रशासनिक केन्द्र भी है। +झाँसी की प्रसिद्धि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई से है। मराठा साम्राज्य के अधीन होने के पश्चात् इसे सर्वप्रथम महत्व प्राप्त हुआ। झांसी भारत का सबसे लोकप्रिय शहर है। महाराज गंगाधर राव की नगर एवं महारानी लक्ष्मीबाई का ससुराल झांसी है। झांसी विश्व विख्यात शहर है। खासकर झांसी की पहचान महारानी लक्ष्मीबाई से जानी जाती है। +झांसी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्वालियर निकटतम एयरपोर्ट है। +झांसी का रलवे स्टेशन भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशन में से एक है जो की तमाम प्रमुख शहरों अनेकों रेलगाड़ियों से जुड़ा है। गौरतलब हो कि झांसी भारत का मध्य बिंदु है। खासकर रेलवे मार्ग की तर्ज पर अगर आपको भोपाल से दिल्ली जाना है तो झांसी आना पढ़ेगा। अगर आपको दिल्ली से मुंबई जाना है तो झांसी आना होगा। +झांसी में राष्ट्रीय राजमार्ग 25 और 26 से अनेक शहरों से पहुंचा जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसें झांसी पहुंचने के लिए अपनी सुविधा मुहैया कराती हैं। + + +विकियात्रा के लेखों के मूल्यांकन हेतु पाँच स्तरों की व्यवस्था है जिनमें पहला स्तर सबसे निचले दर्जे को और पाँचवाँ स्तर सबसे उच्च कोटि के लेख को प्रदर्शित करता है: + + +विकियात्रा पर विविध कारणों से पन्ने हटाये जा सकते हैं। इस पन्ने पर उन नीतियों का विवरण है जिनके तहत विकियात्रा का कोई पृष्ठ हटाया जा सकता है। +कई ऐसे कारण हो सकते हैं कि विकियात्रा पर बने किसी पन्ने को हटा दिया जाय। उदाहरण के लिए कुछ कारण निम्नलिखित हैं: +विकियात्रा के दायरे से बाहर विकियात्रा एक यात्रा में सहयोगी मार्गदर्शिका है। वे सभी लेख जो, इस शैली में नहीं लिखे गये अथवा जिनका यात्रा से कुछ लेना-देना नहीं, हटाये जाने चाहियें। +# कृपया सुनिश्चित कर लें कि लेख विकियात्रा पर रखने लाय��� नहीं है और हटाने योग्य ही है। यदि यह तुरंत हटाने के मापदंड के अनुसार है, तो नीचे के अनुभाग में बताये गए टैगों का प्रयोग करके तुरंत हटाने के लिए नामांकित करें। यदि हटाने को लेकर कोई संदेह है अथवा लेख में कोई मामूली समस्या ही है तो लेख के वार्ता पन्ने पर अपने मुद्दे को उठायें। +# टैग लगाने के बाद विकियात्रा:हटाने हेतु चर्चा| हटाने हेतु चर्चा पन्ने पर जाकर वहाँ बताये तरीके से चर्चा आरंभ करें। +# हटाने की चर्चा के लिए रखे गए लेख पर यदि दो सप्ताह के भीतर आम सहमति उसे रखने के पक्ष में होती है तो उसे रखा जाएगा अन्यथा हटा दिया जाएगा। +किसी भी खाली पन्ने का कोई भी उपयोग नहीं किया जा सकता। यदि किसी के द्वारा किसी रिक्त पन्ने का निर्माण किया है और उस पन्ने के इतिहास में पहले भी कोई सामग्री नहीं रही है, तो उस पन्ने को इस मापदंड के तहत हटाया जा सकता है। +ऐसे पन्ने जो वर्तमान में खाली हैं, किन्तु जिनमें पहले कोई उपयोगी सामग्री थी, इस मापदंड के तहत नहीं हटाये जा सकते। ऐसे में, जिस संपादन द्वारा पन्ना खाली किया गया है उसे वापस करके, पन्ने की पुरानी सामग्री को पुनःस्थापित किया जाय। हालाँकि, यह बिलकुल संभव है कि पुनःस्थापित की गयी सामग्री, इस पृष्ठ पर बताये गए किसी और मापदंड के तहत आती हो जिसके कारण पन्ना तुरंत हटाया जा सकता हो। ऐसी दशा में पुनःस्थापित पन्ने को किसी अन्य मापदंड (जो भी लागू होता हो) के तहत हटाया जा सकता है। +नोट: ऐसे पन्ने जिन्हें लेखक ने स्वयं ही खाली कर दिया हो, और किसी अन्य का कोई ख़ास योगदान उस पन्ने पर न हो, नीचे दिए गए व7 के तहत सदस्य का अनुरोध मानते हुए हटाया जा सकता है। +व2: साफ बर्बरता अथवा अर्थहीन सामग्री +ऐसे शीर्षक या सामग्री वाला पन्ना, जिसका कोई अर्थ नहीं हो इस मापदंड के अंतर्गत हटाया जा सकता है। बर्बरता का अर्थ, जानबूझकर उत्पात मचाने अथवा विकि को नुकसान पहुँचाने के लिए संपादन करना है, इस तरह के संपादनों से बनाए गये पन्ने इस मापदंड के तहत हटाये जा सकते हैं। (नोट: गलती से अथवा नासमझी में किया गया संपादन बर्बरता नहीं है, हालाँकि यदि इस कारण को अनावश्यक पन्ना निर्मित होता है तो उसे किसी अन्य मापदंड अथवा व3 के अनुसार हटाया जा सकता है। +कई बार ऐसे सदस्य, जिन्हें पता नहीं होता है कि विकि में लेख भी बना सकते हैं या मौजूदा पन्नों में लिख भी सकते हैं, ऐसे सदस्य परीक��षण हेतु कोई भी पन्ना बना देते हैं। ऐसे पन्नों में टूलबार के किसी बटन का उपयोग या सदस्य का नाम आदि होता है। इस तरह के पन्नों को इसके अंतर्गत तुरंत हटाया जा सकता है। +व4: अन्य भाषा में लिखा लेख +यह हिन्दी भाषा में बना विकियात्रा है, इस कारण इसमें केवल हिन्दी में ही लेख बनाया जा सकता है। अन्य किसी भी भाषा में बने लेखों को इसके अंतर्गत सीधे हटाया जा सकता है। इस मापदंड के तहत ऐसे लेख भी आते हैं जिन्हें मशीनी अनुवाद द्वारा, अथवा बहुत खराब अनुवाद के रूप में बनाया गया है। +विकियात्रा किसी भी प्रकार के प्रचार का माध्यम नहीं है। यदि कोई पन्ना किसी वेबसाइट, कंपनी, समूह, व्यक्ति आदि का प्रचार हेतु बनाया जाये, तो उसे इसके अंतर्गत तुरंत हटाया जा सकता है। किसी अनुल्लेखनीय स्थान पर लेख बनाना, जबकि वह पहले से पर्यटन हेतु बिलकुल महत्वपूर्ण न हो, प्रचार की श्रेणी में गिना जाएगा। +यदि पन्ने पर ऐसी सामग्री डाली गयी हो जो स्पष्ट रूप से कॉपीराइट उल्लंघन हो और पन्ने को किसी ऐसे पहले के अवतरण पर पण नहीं ले जाया जा सकता हो जहाँ कोई समझ में आने लायक अथवा कॉपीराइट मुक्त सामग्री मौजूद हो, इस मापदंड के तहत हटाया जा सकता है। कॉपीराइट उल्लंघन में अन्य विकि परियोजनाओं से नकल करके लायी गयी सामग्री भी आती है। +कई बार सदस्यों द्वारा गलती से कोई पन्ना बन जाता है या कुछ समय बाद उसकी आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में कोई भी सदस्य उस पन्ने को हटाने का नामांकन कर सकता है। इसमें सदस्य का वार्ता पृष्ठ शामिल नहीं है, क्योंकि उसका उपयोग अन्य सदस्यों को बातचीत हेतु करना होता है। इसके अलावा यदि सदस्य कोई रखने लायक लेख बना लेता है, तो उसे भी इसके अंतर्गत नहीं हटाया जा सकता है। +व8: सदस्य नामस्थान का वेबहोस्ट के रूप में दुरूपयोग +सदस्य पृष्ठ का उपयोग केवल अपने बारे में जानकारी देने के लिए उपयोग किया जा सकता है, जिसमें आप अपने रुचि के लेख, या आपको किन भाषाओं का ज्ञान है आदि बता सकते हैं। इसके अलावा विकियात्रा या विकि से जुड़ी अन्य परियोजनाओं के कड़ियों को भी रख सकते हैं। इसके उपपृष्ठ में आप विकियात्रा में काम आने वाली चीजें ही रख सकते हैं। यदि आप अपने सदस्य पृष्ठ या उसके उपपृष्ठ पर व्यर्थ की जानकारी या अन्य किसी तरह से वेबहोस्ट की तरह उपयोग करेंगे तो उसे इसके अंतर्गत हटा दिया जाएगा। +व9: आम गैर-विवादित रखरखाव सफाई +समय के साथ साथ धीरे धीरे कई ऐसे पन्ने भी बन जाते हैं, जिसका बाद में कोई उपयोग ही नहीं होता है। ऐसे पन्नों को, जिसका भविष्य में कोई उपयोग ही नहीं होगा, उन्हें इसके अंतर्गत सीधे हटाया जा सकता है। इनमें ऐसे पन्ने ही आते हैं, जिनका भविष्य में कोई उपयोग नहीं है और किसी भी प्रकार का विवाद भी नहीं है। उदाहरण के लिये, कोई अप्रयुक्त साँचा या खाली श्रेणी आदि। इसी मापदंड के तहत कुछ तरह के अनुप्रेषित शीर्षकों को भी हटाया जा सकता है, जैसे: +असंभावित नाम वाले अथवा गलत नामस्थान में बने शीर्षक से अनुप्रेषण आमतौर पर होने वाले टाइपो गलतियों को इससे मुक्त रखा जाय हालाँकि, नीचे के मापदंड के अनुसार ऐसे शीर्षकों का देवनागरी में होना अनिवार्य है) +गैर-हिंदी अथवा गैर-देवनागरी नाम से अनुप्रेषण +डुप्लीकेट पन्ने ऐसे नये लेख जिनके विषय के लिए पहले से बेहतर लेख मौजूद है, इस मापदंड के तहत हटाये जा सकते हैं। (प्रबंधक विचार कर लें कि पन्ने को हटाने की बजाय अनुप्रेषण अथवा विलय से काम चल जाए तो हटाने की जगह यही किया जाय।) +व10: निश्चित समयावधि में पर्याप्त विस्तार नहीं + + +ऑस्ट्रेलिया एक देश हैं और इस महाद्वीप का नाम ओसीनिया है इस महाद्वीप का सबसे बड़ा देश ऑस्ट्रेलिया है इसलिए इसे अधिकतर लोग ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के नाम से जानते हैं। यह सभी महाद्वीपों में सबसे छोटा महाद्वीप भी है। ये एक मात्र ऐसा देश है, जिसके नाम से हम पूरे एक महाद्वीप को नाम दिया गया है। इसका विशाल भूभाग रेगिस्तानी या अर्धशुष्क है। पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी तट में ही उपजाऊ भूमि मिलती है और ज्यादातर वर्षा भी वहीं होती है। ये देश अपने प्राकृतिक सौंदर्य, विस्तृत खुली जगहों, समुद्री तटों और रेगिस्तान के लिए जाना जाता है। लेकिन वास्तव में ये देश दुनिया के सबसे अधिक शहरीकरण वाले देशों में से एक है। इसके महानगरों में मेलबर्न, ब्रिस्बेन, सिडनी और पर्थ जैसे शहर आते हैं। यहाँ के मूल निवासियों की भाषाएँ और संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं और संस्कृतियों में आती हैं, लेकिन यहाँ दुनिया के हर कोने से अप्रवासी भी आए हैं। यूरोप और एशिया ने यहाँ अपने निशान छोड़े हैं। +| regionmaptext=ऑस्ट्रेलिया के राज्य और राजमार्ग +| region1name=नई दक्षिण वेल्स और ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र +इसके मूल निवासी ऑस्ट्रेलिया में कम से कम 65,000 सालों से रह रहे हैं। वे लोग दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया से इस जगह आए थे। जब समुद्र का स्तर बढ़ने लगा तो ये जगह सारी दुनिया से बिल्कुल अलग हो गया। कहा जाता है कि आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संख्या बर्तमान में और भी ज्यादा होती ।यदि ब्रिटिश उपनिवेश वादी सोच ने उनका सभी स्तरो पे शोषण ना किया होता,पश्चिमी सभ्यता ने आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों से उनकी पहचान दूर कर दी ,कुछ इतिहास कर तो ये भी मानते है कि, ऐसा करने के लिए बल प्रयोग का प्रयोग किया जाता था +दुनिया के किसी भी कोने से ऑस्ट्रेलिया बहुत दूर ही पड़ता है, इस कारण बहुत से यात्री केवल हवाई मार्ग से यहाँ आना पसंद करते हैं। उन यात्रियों में से लगभग आधे यात्री पहली बार ऑस्ट्रेलिया आते समय सिडनी के किंग्सफोर्ड स्मिथ हवाई अड्डे में उतरते हैं और यात्रियों की कुछ टुकड़ी मेल्बर्न, ब्रिस्बेन और पर्थ में उतरते हैं। +औकलैंड और न्यू ज़ीलैंड से सिडनी में आने के लिए तीन घंटे का सफर करना पड़ता है, वहीं एशिया के कई देशों से आने में लगभग सात से ग्यारह घंटे का समय लग जाता है। यदि आप संयुक्त राष्ट्र या कनाडा से आएंगे तो आपको 14 घंटे का सफर करना पड़ेगा। दक्षिण अमेरिका से आने में 13-16 घंटे का सफर और पश्चिमी यूरोप से आने में 24 घंटे से भी ज्यादा का समय लग जाएगा। यूरोप से आने में इतना अधिक समय लगने के कारण उन यात्रियों को बीच में रुकना भी पड़ता है। इन रुकने वाले जगहों में आम तौर से सिंगापूर, होंग कोंग, दुबई, बैंकॉक या कुआला लमपुर में से कोई एक होता है। +यहाँ नवम्बर से फरवरी के मध्य पर्यटन वाले जहाज चला करते हैं। आमतौर पर इस समय के दौरान यहाँ अन्य देशों से लगभग दस जहाज आते हैं। इन जहाजों के माध्यम से आप ऑस्ट्रेलिया आ सकते हैं और किसी विमान के द्वारा अपने घर वापस जा सकते हैं। होलेंड अमेरिका लाइन प्रिंसेस क्रुसेस रॉयल कैरेबियन आदि जहाज प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया में आने की सुविधा प्रदान करते हैं। +इस समय कोई भी अंतरराष्ट्रीय नौका सेवा प्रदान करने वाली कंपनी यहाँ संचालन नहीं कर रही है। पर आप अपनी नौका से भी ऑस्ट्रेलिया आ सकते हैं। लेकिन आपको सीमा पर तैनात दलों को सही कागजात दिखाना होगा और स्वीकृत बन्दरगाह में ही प्रवेश करना होगा। +ऑस्ट्रेलिया की मुद्रा को डॉलर के नाम से जाना जाता है, जिसे या A के चिह्न से दिखाया जाता है। इसे आप 100 सें��� (¢ में विभाजित कर सकते हो। इस पन्ने पर कहीं भी का चिह्न केवल ऑस्ट्रेलिया के डॉलर को दर्शाने के लिए लिखा गया है, जब तक की उसके साथ कोई जानकारी न दी गई हो। सिक्कों में 5¢, 10¢, 20¢, 50¢ 1 और $2 का छोटा सिक्का आता है। इसका आकार और बनावट काफी हद तक यूनाइटेड किंगडम के सिक्कों जैसा ही है। नोट $5 10 20 50 और $100 के होते हैं। जिसमें $100 का नोट बहुत मुश्किल से ही दिखता है और दुकानों में उतने ही मुश्किल से आप उसका उपयोग कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के नोट को कागज के स्थान पर पॉलीमर प्लास्टिक से बनाया जाता है। यदि आप नगद में रकम दे रहे हैं और आपके देने का रकम 5 सेंट का गुणक नहीं है, तो उस रकम के 5 सेंट के करीब वाली राशि आपको देगी होगी। यदि आप कार्ड से दे रहे हैं, तो आपको ठीक उतनी ही राशि देनी होगी, जितना का सामान ले रहे हैं या आपका बिल है। +ऑस्ट्रेलियाई डॉलर को एक प्रमुख विश्व मुद्रा माना जाता है, इस कारण ये दुनिया भर में मुद्रा परिवर्तक और बैंकों में व्यापक रूप से उपलब्ध है। ऑस्ट्रेलिया में मुद्रा बदलने वाले लोग एक मुक्त बाजार के रूप में काम करते हैं। वे लोग आपसे मुद्रा बदलने के लिए सीधी कोई राशि ले सकते हैं, उस राशि पर प्रतिशत में शुल्क लगा सकते हैं या मुद्रा बदलते समय कोई अज्ञात शुल्क भी ले सकते हैं। ये भी हो सकता है कि इन तीनों को मिला कर आपसे शुल्क वसूला जाये। आप कुछ प्रमुख केन्द्रों के बैंक, हवाई अड्डे और पर्यटन केन्द्रों का उपयोग कर अधिक शुल्क देने से बच सकते हैं। हालांकि आपको अच्छे और खराब दर, दोनों ही निजी विक्रेताओं से मिल सकते हैं। आप बैंकों के आसपास के जगहों से खरीददारी कर के अपने पैसे बचा सकते हैं। हमेशा पैसा बदलते समय लगने वाले शुल्क आदि की जानकारी पहले ही प्राप्त कर लें। सामान्यतः आपको पहचान पत्र की आवश्यकता होगी, जिसमें आपकी छवि भी लगी हुई हो, लेकिन बहुत ही कम मात्रा में मुद्रा परिवर्तन करने के लिए आपको कोई पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। +खर्च के मामले में ऑस्ट्रेलिया काफी महंगा जगह है। कुछ सर्वे के अनुसार पूरी दुनिया में ये देश सामान के दाम में तीसरा सबसे महंगा देश है। + + +कृपया नीचे दिए गए प्रारूप में अपना अनुरोध लिखें। +# यहाँ अनुरोध करने के बाद इस पृष्ठ को अपनी ध्यानसूची में रखें और समय-समय पर देखते रहें। प्रबंधक द्वारा, अनुरोध पूर्ण होने की सूचना मात्र इसी पन्ने पर दी जायेगी। +# बॉट की समीक्षा हेतु परीक्षण संपादन आप अपने मुख्य खाते से करें और उन्हें प्रबंधक द्वारा पूछे जाने पर उद्धृत करें। परीक्षण संपादन केवल तभी करें जब प्रबंधक द्वारा 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कुछ विस्तार से लिख सकते हैं। +चर्चा, आम दशा में दो सप्ताह चलेगी। इस दौरान लेख में सुधार भी किया जा सकता है। यदि दो सप्ताह की अवधि में लेख को रखने हेतु आम सहमति नहीं बनती तो उसे हटा दिया जाएगा। अपवाद स्वरुप, यदि चर्चा के अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि अवधि को बढ़ाने से कोई आम सहमति प्राप्त की जा सकती है और चर्चा इसके समीप पहुँच चुकी है, प्रबंधक अपने विवेकानुसार इस अवधि को दो सप्ताह की अतिरिक्त अवधि के लिए बढ़ा सकता है। अवधि बढ़ाने का निर्णय पूरी तरह प्रबंधक के विवेक पर है और इसके लिये चर्चा में भागीदार सदस्य माँग नहीं कर सकते। लेख को कुछ अवधि तक और बचाए रखा जाय, केवल इसलिए यह अवधि नहीं बढ़ाई जायेगी। + + +विकियात्रा शैली इस परियोजना पर बनने वाले लेखों के लिए शैली दिशानिर्देश है। यहाँ कुछ सामान्य तारीकों का विवरण दिया गया है जिनका पालन लेख बनाते समय विकियात्रियों से अपेक्षित है। यह भी संभव है कि इन दिशानिर्देशों के अपवाद भी हों और विशेष परिस्थितियों में यहाँ बताये गए दिशानिर्देशों से हटकर कोई अन्य तरीका अपनाना बेहतर साबित हो। हालाँकि, इन अपवाद की दशाओं का निर्धारण हमेशा आम सहमति से किया जाना चाहिए और बाकी सामान्य दशाओं में, यहाँ बताये गए शैली निर्देशों के अनुसार ही चलना आम और उचित व्यवहार है। अपवादों को अपवाद की तरह ही इस्तेमाल करें। दूसरे शब्दों में कहें तो आम तरीकों को तभी छोड़ें जब वे परिस्थिति विशेष के कारण उचित न रह जायें, अन्यथा इन्ही का अनुपालन करना सर्वश्रेष्ठ है। +यहाँ, पन्ने पर अत्यधिक विस्तृत विवरण से बचने के लिए इन दिशानिर्देशों को उपपन्नों पर बाँट कर लिखा गया है और संक्षिप्त परिचय यहाँ दिया गया है। यदि आप नये हैं और इन ढेर सारे दिशानिर्देशों को देखकर उलझन महसूस होती है, सहज रहें और विकियात्रा पर अपनी जानकारी साझा करना शुरू करें, यदि आपसे कोई गलती होती है तो उसे कोई अन्य विकियात्री अवश्य सुधारेगा। यदि किसी लेख में शैली संबंधी किसी विशेष समस्या के बारे में आपको कुछ पूछना है तो लेख के वार्ता पर लिखें। अन्य विकियात्रियों को अपने विचार जाहिर करने के आमंत्रित करें। +यदि किसी लेख में अच्छी जानकारी हो, पर वो लेख सुन्दर न हो तो किसी भी पाठक को उस लेख को पढ़ने में अच्छा नहीं लगेगा। वहीं सुन्दरता के साथ लिखा गया कोई अच्छा लेख पाठकों को आगे भी पढ़ने हेतु प्रेरित करता है। इस तरह से पाठक के लेखक के रूप में योगदान देने की संभावना भी अधिक हो जाती है। लेखों की सुन्दरता केवल पाठकों को प्रेरित ही नहीं करता है, बल्कि उसी के साथ साथ लेखों की गुणवत्ता को भी दर्शाता है। +लेख को सुन्दर बनाने के लिए आपको लेखक के दृष्टि से नहीं, बल्कि पाठक के दृष्टि से लेख को देखना होगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई लेख नहीं बना है, उस लेख की कड़ी किसी और लेख में जोड़ देने से लाल कड़ी के रूप में दिखाई देता है। इसका उपयोग लेखक सीधे कोई नया लेख बनाने के लिए तो कर सकता है, लेकिन पाठकों के लिए लाल कड़ी उपयोगी नहीं है, बल्कि लाल कड़ियों को देखने से ऐसा प्रतीत होता है, जैसे विकि में सामग्री की बहुत कमी है। +ठीक इसी प्रकार यदि आप ढेरों अनुभाग बना लेते हैं, लेकिन उसमें एक वाक्य भर की जानकारी रखते हैं, तो उससे भी ऐसा ही लगता है, जैसे इस विकि में जानकारी की कमी है। हालांकि हम हर अनुभाग का अच्छी तरह विस्तार नहीं कर सकते, पर लेख को अच्छा बनाने के लिए अनुभाग का सीमित आकार का होना अच्छा होता है। अर्थात किसी अनुभाग को न तो बहुत ही बड़ा होना चाहिए और न ही बहुत ही छोटा होना चाहिए। +कुछ जगहों के भोजनालयों, होटल और पर्यटन स्थलों में कई प्रकार की खराबियाँ रहती है, जिसके कारण वहाँ जाना अलाभकारी होता है। यदि ऐसा कुछ है, तो उसे लेख में जोड़ने से अच्छा है कि उसे न लिखा जाये, क्योंकि ऐसे जगहों के बारे में सूची बनाने का कोई कारण नहीं है, जहाँ यात्रियों को नहीं जाना चाहिए। +लेकिन कुछ मामलों में ऐसे जगहों के बारे में जानकारी जोड़ा जा सकता है, यदि उस जगह के बारे में अन्य मार्गदर्शक पुस्तकों आदि में विशेष रूप से जानकारी दी गई हो, व्यापक रूप से प्रचार किया गया हो, रेलवे स्टेशन आदि जैसे प्रमुख स्थलों के समीप हो या उस जगह में केवल कुछ ही या मात्र एक ही विकल्प के रूप में हो। यदि इनमें से कोई इसका कारण हो तो, उसके बारे में लिखा जा सकता है, लेकिन उसके साथ ये भी जोड़ना चाहिए कि वहाँ न जाने का क्या कारण है और क्यों वहाँ नहीं जाना चाहिए। +यदि किसी जगह के बारे में बहुत कम समीक्षा मौजूद हो, और उनमें से भी कुछ नकारात्मक हो, तो भी उन समीक्षाओं को हटाना नहीं चाहिए। रिक्त जानकारी से अच्छा है कि कुछ जानकारी उपलब्ध हो। इसके अलावा कुछ सामान्य चीजों को नकारात्मक समीक्षा के रूप में नहीं लिया जाता है, जैसे असुरक्षित जगहों, नशीली दवाओं, भ्रष्टाचार, प्रदूषण और खराब मौसम के बारे में, जब तक कि उससे यात्रियों को लाभ हो। +विकियात्रा में कुछ खास प्रकार के ही लेख मौजूद हैं, जिसमें देश, राज्य, शहर या अन्य कोई उल्लेखनीय घूमने की जगहों पर ही लेख मौजूद है। लोगों द्वारा जानकारी को आसानी से ढूँढने के लिए इसमें एक समान अनुभागों का सभी लेखों में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किस अनुभाग के उप-अनुभाग में कौनसी जानकारी होगी, यदि पाठकों को पहले से पता होगी तो वे आसानी से उस जानकारी तक पहुँच सकते हैं। इसी के साथ साथ सभी लेखों के अनुभागों में एक ही शब्द का उस जानकारी वाले अनुभाग हेतु उपयोग करने से साइट की गुणवत्ता में भी बढ़ोत्तरी होती है। +कोशिश करें कि सभी लेखों में अनुभागों के नाम हेतु उसी शब्द का इस्तेमाल हो, जो अन्य लेखों में भी हो रहा है। हालांकि आप अपने शब्दों में अनुभागों के अंदर जानकारी लिख सकते हैं, ���र कोशिश यही करें कि सारे विकियात्रा के लेखों में एक रूपता रहे और शब्द अत्यधिक जटिल या अन्य भाषा के न हो। यात्रा हेतु मार्गदर्शन प्राप्त करने वाले सभी पाठकों का किसी भाषा विशेष का अच्छा ज्ञान हो, यह संभव नहीं है, पर हिन्दी विकियात्रा में पढ़ने आने वाले पाठकों को हिन्दी का अवश्य ही ज्ञान होगा, इस कारण यदि आप कोई दूसरे भाषा की किसी चीज़ के बारे में जानकारी जोड़ रहे हैं, तो कृपया उसका स्थानीय नाम के साथ साथ हिन्दी नाम भी अवश्य लिखें। यदि उसका हिन्दी में कोई नाम न हो तो उसके बारे में कोई छोटी जानकारी लिख सकते हैं, जिससे पाठकों को उसकी जानकारी हो। + + +विकियात्रा लेख का एकमात्र उद्देश्य है, यात्री को उसके वांछित गंतव्य के बारे पर्याप्त जानकारी देना जिसे वह अपनी यात्रा में इस्तेमाल कर सके। यहाँ दो चीजों में परस्पर प्रतिस्पर्धा है: +लेख में सभी आवश्यक चीजों का विवरण हो, यात्री लेख को छाप सके और इसे अपने जेब में रखकर आपने गंतव्य तक और वहाँ आसपास भ्रमण कर सके, उसे सभी जरूरी जानकारियाँ लेख में उपलब्ध हो जायें। +लेख इतना बड़ा न हो कि छपे रूप में उसे पढ़ना और संभालना ही कठिन काम हो जाये। +इसी कारण यहाँ कुछ बिंदु सुझाए गए हैं जिनके आधार पर तय किया जा सकता है कि कौन से विषयों पर लेख बनाना उचित होगा। अर्थात कौन से स्थान (गंतव्य) स्वतंत्र लेख बनाने की जरूरत रखते हैं। यहाँ लिखी बातों के अपवाद भी हो सकते हैं, लेकिन अपवाद लागू करने के पीछे मज़बूत वज़ह होनी चाहिए। +गंतव्य-शैली के लेखों के लिए परीक्षण +इस बात का निर्धारण करने के लिये कि किस तरह के स्थान पर लेख होना चाहिये है, सबसे आम और आसान तरिका है ये जानना कि आप वहाँ सो सकते हैं । इसका अर्थ यह है कि क्या वहाँ जनता के लिए किसी भी तरह के आवास खुले हैं कि नहीं, जैसे होटल, हॉस्टल, कैम्पिंग की जगह, कुटिया, झोपड़ी, यर्ट, आदि। यदि किसी जगह में, जैसे कि राष्ट्रीय उद्यान में कोई सुविधाएं नहीं हैं, लेकिन जंगल में तम्बू बनाने के लिए अनुमति हैं, तो वह भी काम करेगा। दूसरी ओर, लंदन जैसे शहर में कई होटल और अन्य आवास विकल्प तो हैं। लेकिन आप उस शहर के भीतर किसी संग्रहालय या पार्क में सो नहीं सकते। इस तरह के पार्कों और संग्रहालयों को शहर के बारे में लिखे गए लेख के भीतर आकर्षण के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। +भौगोलिक क्रम में भौगोलिक इकाइयो�� के पास अपने स्वयं के लेख होने चाहिए । इन्के बारे में लेख होना चाहिए: +दक्षिणपूर्व एशिया जैसे महाद्वीपीय वर्ग +रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान जैसे राष्ट्रीय उद्यान + + +विकियात्रा को खराब या अनुपयोगी संपादन करने वालों से बचाने हेतु उन्हें अवरोधित करना कभी कभी आवश्यक हो जाता है। किसी को भी किन कारणों से अवरोधित किया जाता है, इस बारे में इस नीति में उल्लेख किया गया है, जिससे कोई भी सदस्य ये समझ सके कि सदस्य को किस कारण से अवरोधित किया गया है और प्रबन्धक भी इन कारणों को पढ़ कर समझ सकें कि किस स्थिति में सदस्यों को अवरोधित किया जाता है। +अवरोध नीति केवल विकियात्रा और इसके अच्छे योगदान करने वाले सदस्यों को बचाने के लिए बनाई गई है। जिससे विकि की गुणवत्ता और विश्वसनीय बनी रहे और अच्छे योगदान करने वाले सदस्य भी अपना योगदान जारी रख सकें। अवरोध किसी सदस्य को सजा देने के लिए नहीं है, अतः इनमें दिये गए सभी कारण किसी न किसी तरह विकि को हानि पहुंचाने का कार्य करते हैं। यदि आपको लगता है कि कोई कारण ऐसा है, जो इस नीति में उपस्थित नहीं है, तो आप उसे इस नीति के वार्ता पृष्ठ में प्रस्तावित कर सकते हैं। +यदि सदस्यों को लगता है कि अवरोध किसी गलत कारण से किया गया है या किसी सदस्य को एक और मौका मिलना चाहिए, तो वे अपने वार्ता पृष्ठ में अवरोध हटाने का अनुरोध कर सकते हैं, कोई भी प्रबन्धक उस अनुरोध की समीक्षा कर अपने विवेक से निर्णय ले सकते हैं। यदि सदस्य अवरोध होने के बाद कोई नया खाता बना कर सम्पादन करता है, तो उस खाते को भी अवरोध जारी रखने के लिए अवरोधित किया जाता है। +लेखों में मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद भरना, ढेर सारे आधार लेख बनाना, अर्थहीन जानकारी भरना या उससे लेख का निर्माण करना आदि सभी विकियात्रा की गुणवत्ता को क्षति पहुँचाता है, इस कारण ऐसे सम्पादन करने वालों को रोकने हेतु उन्हें अवरोधित किया जाता है। इस नीति में मशीनी अनुवाद और खराब अनुवाद को भी बर्बरता की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद पढ़ने लायक नहीं होते हैं। इन्हें एक तरह से अर्थहीन सामग्री के रूप में भी देखा जा सकता है। हालांकि इस तरह के अनुवाद से लोगों को ऐसा लग सकता है कि विकियात्रा में केवल मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद ही भरा हुआ है, या आधे से अधिक जानकारी इन्हीं सब से बनाई गई है। इस क��रण लोग यात्राओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी दूसरे स्रोत का उपयोग करना शुरू कर सकते हैं। +विकियात्रा पर सबसे ज्यादा ध्यान लेखों की गुणवत्ता पर दिया जाता है, ताकि उसमें किसी में भी कोई मात्रा, शब्द या वाक्य में त्रुटि न रहे। गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए ये जरूरी है कि लेखों में किसी भी प्रकार का व्याकरण त्रुटि, मात्रा त्रुटि आदि न रहे और लोग सही सही जानकारी पढ़ सकें। लोग योगदान देने के लिए मशीनी अनुवाद का सहारा ले लेते हैं। मशीनी अनुवाद काफी हद तक सही अनुवाद दिखाता है, लेकिन उसमें कई तरह की त्रुटि रह ही जाती है और अच्छी तरह अनुवाद करने का काम केवल इंसान ही कर सकता है। इस कारण इस तरह के अनुवाद किए लेखों को पढ़ते समय लोगों को कई वाक्य ठीक से समझ नहीं आता है, हालांकि कई बार अनुवाद के समय ऐसे वाक्य देखते समय ठीक तो लगते हैं, लेकिन उसका सही अर्थ समझा नहीं पाते हैं। कई बार अनुवाद किसी अन्य विषय से जुड़ा हो जाता है और इस तरह से पूरा लेख खराब हो जाता है। इससे एक और नुकसान ये होता है कि लोगों को ऐसा लगने लगता है कि विकियात्रा की तमाम जानकारी इसी तरह से लिखी गई है। इस कारण मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद कों जल्द से जल्द ठीक कर देना चाहिए या हटा देना चाहिए। मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद की ही तरह अर्थहीन जानकारी को भी नहीं रखा जा सकता है। लगातार इस तरह की जानकारी भरने वाले सदस्यों को एक या दो चेतावनी के बाद या अधिक बर्बरता किए जाने पर बिना चेतावनी के भी अवरोधित किया जा सकता है। +यह किसी प्रचार का माध्यम नहीं है। इसमें व्यक्ति, संगठन, वेबसाइट, कंपनी आदि किसी भी प्रकार के प्रचार करने वाले सदस्य को अवरोधित किया जा सकता है। यह एक यात्रा मार्गदर्शक है और इसमें केवल यात्रा से जुड़ी जानकारी ही होनी चाहिए। इस कारण इसमें यात्रा से जुड़े कंपनी जैसे विमान संचालन कंपनी आदि के बारे में लिख सकते हैं, लेकिन उसे इतना उल्लेखनीय भी होना चाहिए कि उसे लेख में जोड़ा जा सके। इसके अलावा किसी भी उत्पाद या हवाई अड्डे या घूमने की जगह के बारे में बताने के स्थान पर विज्ञापन की तरह लिखा जाये तो उसे भी प्रचार की श्रेणी में लिया जा सकता है और बार बार इस तरह का प्रचार करने पर अवरोधित भी किया जा सकता है। +विकियात्रा या विकिमीडिया संस्थान के किसी भी परियोजना में एक से अधिक खाते रखने की अनुमति नहीं है। हाँ, कुछ खाते जैसे बॉट या वैकल्पिक खातों का निर्माण कर सकते हैं। पर उन खातों की पहले से जानकारी देना जरूरी है। इसके लिए आप अपने सदस्य खाते और अपने बॉट खाते में इसकी जानकारी लिख सकते हैं। इसके अलावा ऐसे सदस्य जो खाते की जानकारी रखे भी हों पर अपने कई खातों द्वारा सदस्यों को तंग कर रहे हों या परियोजना को हानि पहुंचाने की कोशिश कर रहे हों, तो ऐसे सदस्य को हमेशा के लिए अवरोधित किया जा सकता है। +विकियात्रा में किसी भी प्रकार के स्वचालित सम्पादन हेतु अनुमति लेना अनिवार्य है। हालांकि वैश्विक बॉट अनुप्रेषण ठीक करने और विकिडाटा से जोड़ने का कार्य बिना अनुमति के भी कर सकते हैं, क्योंकि उनका ये मुख्य कार्य है। स्वचालित सम्पादन या इस तरह के बड़े पैमाने पर किए जाने वाले कार्यों के बारे में चर्चा करना ही सही होता है, यदि कोई सदस्य इस तरह का बदलाव करना चाहे तो इस पर चर्चा कर के निर्णय लेने के बाद कोई भी बॉट संचालक यह कार्य बॉट से कर लेगा। +यदि आप बॉट से सम्पादन करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बॉट अधिकार लेना होगा और उसके साथ साथ आप जिस कार्य को करना चाहते हैं, उसकी अनुमति भी लेनी होगी। बिना बॉट अधिकार के सम्पादन करने पर बॉट खाते को अवरोधित किया जा सकता है। यदि आपने बॉट अधिकार ले लिया, लेकिन अनुमति प्राप्त नहीं की, तो भी बिना किसी सूचना के आपके बॉट खाते को अनिश्चित काल के लिए अवरोधित कर दिया जाएगा। +यदि बिना अनुमति बॉट चलाने के कारण खाता अवरोधित हो जाये तो जब तक उस खाते को बॉट चलाने की अनुमति और बॉट अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक उसे अवरोधित ही रखा जाएगा। जिससे भविष्य में बॉट द्वारा फिर से बिना अनुमति सम्पादन न हो। +यदि कोई सदस्य अपने खाते का नाम किसी का मजाक उड़ाने के लिए रखता है या किसी वेबसाइट, कंपनी या संगठन के प्रचार करने हेतु रखता है तो ऐसे नाम वाले सदस्यों को तुरंत अवरोधित किया जा सकता है और अवरोध तब तक हटाया नहीं जा सकता, जब तक सदस्य अपना कोई ढंग का नाम न रख ले। ऐसे सदस्य, जो इस कारण से अवरोधित हुए हैं, वे अपने सदस्य नाम को बदलने का अनुरोध कर सकते हैं, उसके बाद उन्हें अवरोध से मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन यदि उनके पिछले सदस्य नाम से या उनके कार्य से यह कार्य जानबुझ कर किए गए लगे तो ऐसे सदस्यों के खातों को अवरोध मुक्त नहीं किया जाएगा। +सदस्य के खाते को बिना किसी पूर्व चेतावनी के इस तरह के नामों का उपयोग करने पर अवरोधित किया जा सकता है: +प्रचारात्मक नाम — सदस्यों के नाम में यदि किसी संस्था, उत्पाद, वेबसाइट आदि का नाम हो तो यह प्रचारात्मक नाम की श्रेणी में आता है। +अशिष्ट या बुरे व्यवहार से विकि का माहोल खराब होता है और जिसके साथ किया जाता है, उसे भी खराब लगता है। अशिष्ट व्यवहार करने से कोई लाभ तो होता नहीं है, लेकिन आपकी छवि दूसरों के सामने गिर जरूर जाती है और यदि आपकी गलती न भी तो तो भी आपको ही गलत मान लिया जाता है। इस कारण विकि में केवल शिष्ट व्यवहार ही किया जाना चाहिए। +नीतियों का बार बार उल्लंघन करने पर उस उल्लंघन को रोकने के लिए सदस्य को अवरोधित किया जा सकता है। आम तौर पर सदस्य को कम से कम दो बार चेतावनी या सामान्य संदेश दे कर ये बताया जाता है कि ये नीतियों के विरुद्ध है। यदि दो बार संदेश देने के बाद भी कोई सदस्य नीतियों का उल्लंघन करता है तो उसे अवरोधित कर दिया जाता है। विकि में स्थापित सभी नीतियों की सूची आप विकियात्रा:नीति में देख सकते हैं। +विशेष रूप से नीतियों का उल्लंघन करने पर सदस्य को तभी अवरोध करना चाहिए, जब इसके अलावा कोई और मार्ग शेष न रहे। उदाहरण के रूप में यदि सदस्य अपने अधिकार का दुरुपयोग करता है, तो उसके अधिकारों को ही हटाना चाहिए, और यदि इसके बाद भी नीतियों का उल्लंघन करने पर उसे अवरोधित करना चाहिए। यदि केवल अधिकार हटाने से ही इस तरह के हानि को रोका जा सकता है, तो अवरोध करना उचित नहीं है। +सामान्यतः नीतियों में सभी कार्य जिससे भी विकि को लाभ हो, उसे अच्छा माना जाता है और सभी ऐसे कार्य जिससे विकि को किसी न किसी तरह की हानि होती है, उसे बुरा माना जाता है और ऐसे कार्य करने पर उसे नीति विरुद्ध माना जाता है। फिर भी यही अपेक्षा रहती है कि आप योगदान से पूर्व इन नीतियों को पढ़ लेंगे। इसके अलावा ये जानना भी आपके लिए जरूरी है कि अन्य विकि परियोजनों की तरह ये भी एक विकि परियोजना ही है, लेकिन इसके लिखने की शैली और तरीका विकिपीडिया, विकिस्रोत आदि से भिन्न है और दूसरे शैली में बार बार लिखना भी नीतियों के विरुद्ध ही है, क्योंकि ऐसे में उन्हें विकियात्रा के स्थान पर दूसरे विकियों में रखना होगा। अतः नीतियों के साथ साथ शैली भी अच्छी तरह पढ़ लें। +ऊपर केवल सामान्य अधिक होने वाले कुछ कारण ही दिये गए हैं, जिससे सदस्यों को पढ़ ��र आसानी से समझ आ सके कि किस तरह के कार्य करने चाहिए और किस तरह के कार्यों को करने से दूर रहना चाहिए। इससे प्रबन्धक भी सही कारणों से ही अवरोध लगाने का कार्य करेंगे। हालांकि इसके अलावा भी कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है, जिसमें ऊपर दिये गए कारण उस मामले से मेल नहीं खाते पर अवरोध करना जरूरी हो जाता है। +यदि आपको लगता है कि ये आम कारण है तो इस नीति के वार्ता पृष्ठ पर इसे जोड़ने हेतु आप अनुरोध कर सकते हैं और यदि कोई सदस्य ऊपर दिये कारणों में से अवरोध के लायक न हो, पर उसे अवरोध करना आवश्यक हो तो आप इस बारे में चर्चा कर के उसे अवरोधित कर सकते हैं। चर्चा के परिणाम स्वरूप अवरोध करते समय उस चर्चा की स्थायी कड़ी देना होता है। ताकि कोई भी सदस्य उसे देख कर उस अवरोध का कारण जान सके। +ध्यान रखें कि "अन्य" कोई कारण नहीं है, बल्कि उपरोक्त कारणों के अलावा कोई कारण हो तो क्या करें, इस बारे में बताने हेतु इसे कारण अनुभाग में रखा गया है। अतः इसके साथ अवरोध करते समय आपको चर्चा की कड़ी देना होगा, जिसमें सदस्य को अवरोधित करने हेतु चर्चा हुई है। +विकियात्रा में सभी का स्वागत ही होता है, लेकिन हर सदस्य एक ही जैसा कार्य नहीं कर सकता, कुछ विकि में बहुत ही अच्छी तरह नीतियों को समझ कर अपना बहुत ही अच्छा योगदान देते हैं तो कुछ सदस्यों को नीतियों और इसके कार्य प्रणाली को समझने में समय लग जाता है। कुछ सदस्य नीतियों की अच्छी समझ होने के बावजूद भी उनका उल्लंघन करते हैं, तो कुछ अंजाने में ही उल्लंघन कर देते हैं। आम तौर पर किसी को भी कोई छोटी सी गलती के लिए अवरोधित नहीं किया जाता है, जब तक की वही छोटी गलती बार बार न हो। कुछ गलतियों जैसे गलत सदस्य नाम रखना, कठपुतली आदि में किसी भी प्रकार की चेतावनी बिना दिये ही अवरोधित किया जाता है। हालांकि अवरोधित करने के बाद उनके वार्ता पृष्ठ में इसकी जानकारी दे दी जाती है कि उन्हें किस कारण अवरोधित किया गया है। +कुछ सीधे अवरोधित करने वाले कारणों को छोड़ दें तो बाकी सभी कारणों में सदस्य को कम से कम दो बार चेतावनी देना जरूरी होता है। इसके लिए आप शुरू में केवल समझाने लायक शब्दों में संदेश दे सकते हैं, ताकि सदस्य अपनी गलती भी समझ सके और विकि में योगदान भी चालू रख सके, यदि पहले संदेश के बावजूद सदस्य विकिनीतियों का उल्लंघन करता है, तो उसे थोड़े कड़क शब्दों के साथ चेतावनी दिया ज��ता है, ताकि वो अपना कार्य रोक कर विकि की कार्य प्रणाली को समझ सके। यदि इसके बावजूद सदस्य अपना कार्य जारी रखता है तो उसे तीन दिन या एक महीने या अनंत काल के लिए अवरोधित किया जा सकता है। +* यदि कोई मामले से जुड़ी चर्चा हो तो उसे भी कारण के साथ कड़ी के रूप में जोड़ दें। +अवरोध कितने समय तक किया जाये और किस स्तर तक किया जाये, ये प्रबन्धकों के विवेक पर निर्भर करता है। आम तौर पर ये सदस्य द्वारा किए गए कार्य अनुसार तय होता है। ऊपर कारण अनुभाग में दिये कुछ कारणों में सीधे सीधे अनंत काल के लिए अवरोधित किया जाता है। जिसमें अमान्य सदस्य नाम, कठपुतली खातों का उपयोग करना, आदि शामिल है। +आईपी सदस्यों के खातों को हमेशा के लिए अवरोधित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि कई सारे आईपी पते का उपयोग एक से अधिक सदस्य भी करते हैं। उन आईपी का उपयोग हो सकता है कि भविष्य में कोई अच्छे योगदान करने वाले सदस्य भी कर लें। हमेशा के लिए अवरोध लगाने पर उन सदस्यों को विकि में योगदान करने का मौका नहीं मिलेगा। आईपी सदस्यों को जितना हो सके, उतने कम समय के लिए अवरोधित करें। +आमतौर पर अवरोधित सदस्य को अपने वार्ता पृष्ठ में अवरोध हटाने हेतु अनुरोध करने का विकल्प होता है। यदि अन्य सक्रिय प्रबन्धक मौजूद हों तो अवरोध हटाने हेतु अनुरोध को अन्य प्रबन्धकों को ही अस्वीकार करने का मौका दिया जाना चाहिए। अन्य प्रबन्धकों के सक्रिय रहते समय अवरोध करने वाले प्रबन्धक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं या उस अनुरोध को स्वीकार कर सकते हैं। वैसे तो अवरोध करने वाले प्रबन्धकों को उसी सदस्य के अनुरोध को अस्वीकार नहीं करना चाहिए और अन्य प्रबन्धकों की प्रतीक्षा करनी चाहिए, लेकिन परियोजना में प्रबन्धकों के बहुत कम होने और उनमें भी अन्य प्रबन्धकों के लंबे समय से निष्क्रिय रहने पर अवरोध करने वाले प्रबन्धक भी अनुरोध को अस्वीकार कर सकते हैं। +हालांकि कभी कभी सदस्य द्वारा इस सुविधा के दुरुपयोग करने पर इस विकल्प को भी हटा दिया जाता है और ऐसे सदस्य के अवरोध के हटने की संभावना भी न के बराबर हो जाती है। इसके अलावा लम्बे समय से नीतियों का बार बार उल्लंघन करने वाले सदस्यों के अवरोधित होने पर भी उनके अवरोध मुक्त होने की संभावना बहुत कम रहती है। +वैश्विक अवरोध मीडियाविकि के एक्सटेंशन द्वारा किया जाता है, जिसका उपयोग स्टीवर्ड करते हैं। इसे दो या दो से अधिक विकियों में आईपी पतों या उनके रेंज आईपी पतों द्वारा किए जाने वाले बर्बरता को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है। इस अवरोध में आने वाले आईपी सदस्य सार्वजनिक विकिमीडिया साइट में सम्पादन नहीं कर सकते, और केवल उन्हें मेटा विकि में ही सम्पादन करने का अधिकार होता है, जिसमें वे अवरोध हटाने का अनुरोध कर सकते हैं। वैश्विक रूप से अवरोधित होना और वैश्विक प्रतिबंध लगना, दोनों अलग होता है। यदि कोई सदस्य वैश्विक रूप से अवरोधित होता है तो उसे MediaWiki:Globalblocking-ipblocked पूर्व में MediaWiki:Globalblocking-blocked का संदेश दिखाई देता है, जबकि स्थानीय अवरोधित सदस्य को MediaWiki:Blockedtext का संदेश दिखाई देता है। किसी भी पंजीकृत सदस्य को वैश्विक रूप से अवरोधित नहीं किया जा सकता है। उनके खातों के लिए वैश्विक लॉक का विकल्प होता है, जिससे वे अपने खाते में प्रवेश नहीं कर पाते हैं। +वैश्विक रूप से अवरोधित सदस्यों की सूची देखने के लिए विशेष:वैश्विक अवरोध सूची देखें। + + +अधिक जानकारी के लिए विकियात्रा:क्षेत्र श्रेणियाँ देखें। + + +यदि आपको फ्रांसीसी भाषा के उच्चारण के नियम न पता हों तो आप केवल कुछ ही शब्दों का सही उच्चारण कर सकेंगे। इसके समान अक्षर के दो अलग अलग शब्दों में बिल्कुल अलग उच्चारण होते हैं। और कई सारे अक्षरों के तो उच्चारण होते ही नहीं हैं। इसमें एक अच्छी बात ये है कि इसमें उच्चारण के कई सारे नियम हैं, जिससे आप थोड़ी मेहनत कर के आसानी से सही उच्चारण कर सकते हैं। हालांकि कई सारे अक्षरों का उच्चारण नहीं किए जाने के कारण यदि कोई फ्रांसीसी बोले और कोई उसे लिखने का प्रयास करे तो शब्दों में त्रुटि हो ही जाती है, चाहे आप मातृभाषी भी क्यों न हों। + + +मई 2021 के बाद शुरू लेख + + +कानपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर तथा उत्तर भारत का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र है। यह शहर इसके रासायनिक (उर्वरक एवम् अपमार्जक द्रव्य कपड़ा और चमड़े के उद्योगों के लिए जाना जाता है। आज़ादी से पहले के काल में यह एक महत्वपूर्ण ब्रितानी गैरिसन था। +भारतीय रेल के राष्ट्रस्तरीय संजाल पर एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में यह शहर अन्य सभी जगहों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। देश में व्यस्ततम कोलकाता दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित होने के कारण कई राजधानी गाड़ियाँ (जिसमें हावड़ा राजधानी, डिब्रुगढ़ राजधानी तथा भुवनेश्वर राजधानी शामिल हैं) यहाँ से होकर जाती है। दिल्ली और कानपुर के बीच एक शताब्दी एक्सप्रेस भी चलती है। +नगर के प्रमुख रेलवे स्टेशन +गोविन्दपुरी यह एक हाल्ट रेलवे स्टेशन है जहाँ कुछ चित्रकूट मानिकपुर इटावा व झाँसी जाने वाली ट्रेने रुकती है। यह नगर के दक्षिणी भाग में स्थित है। +पनकी यह दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर स्थित है। प्रमुख ट्रेनों में कानपुर से दिल्ली के मध्य चलने वाली गाड़ी संख्या 12451/52 श्रमशक्ति एक्सप्रेस का यहाँ ठहराव है। +कानपुर में चकेरी स्थित अहिरवा हवाई अड्डा है जहाँ वर्तमान में स्पाइसजेट की प्रतिदिन दिल्ली कोलकाता मुम्बई के लिये उड़ान है। यहाँ से अन्य निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जहाँ से सामान्यतः लोग सड़क मार्ग द्वारा कानपुर आते हैं। लखनऊ से कानपुर की दूरी 80 किमी है जो सड़क मार्ग द्वार सामान्यतः 2:30 में पूरी होती है। +कानपुर दिल्ली, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, भोपाल तथा अन्य नगरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहाँ का प्रमुख बस अड्डा झकरकटी बस अड्डा है जहाँ से दिल्ली, आगरा जयपुर व लखनऊ के लिये वॉल्वो प्रकार की बस सेवा भी उपलब्ध है। +नगर में सिटी बसें यूपीएसारटीसी तथा जेएनयूआरएम द्वारा संचालित होती हैं। इनका किराया ऑटोरिक्शा की तुलना में कम भी है। इसके अतिरिक्त कुछ लो-फ्लोर एसी बसें भी कल्याणपुर-मॉल रोड के रास्ते पर चलती हैं, जो अन्य बसों से अधिक आरामदेह व तुलनात्मक मंहगी है। इसके अतिरिक्त कुछ निजी बस संचालक भी अपनी बसे नगर में चलाते हैं। +यहाँ पर ऑटोरिक्शा व टेम्पो,जिसे स्थानीय नागरिक विक्रम कहते हैं, चलते हैं। विक्रम यहाँ पर आवागमन का सबसे सस्ता माध्यम है पर यात्रा के अनुसार सुविधाजनक नहीं है। इनका किराया बंधा हुआ है, जिसमें 10 लोग तक एक साथ सफ़र करते हैं। यहाँ के ऑटोरिक्शा की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है और यह बिना किराये वाले मीटर के चलते हैं। आपको इनसे मोलभाव करना पड़ सकता है। +यहाँ पर ई रिक्शा व साइकिल रिक्शा के लिये कोई भी निर्धारित पथ नहीं है। ये आपको कहीं भी बड़ी या छोटी सड़कों पर मिल सकते हैं। +यहाँ पर ऑनलाइन टैक्सी सेवा ओला के द्वारा प्रदान की जाती है जिसकी नगर में आवृत्ति अच्छी है। इसके अतिरिक्त होटल व ट्रेवल एजेंसी द्वारा भी निजी टैक्सी की सुविधा उपलब्ध करायी ज��ती है। +इसका निर्माण जारी है कुछ समय के बाद इसकी भी सुविधा मिल जायेगी ये रावतपुर घंटाघर झकरकटी जैसे कही जगाए रुकेगी +| content= यह पुराने कानपुर स्थित गंगा पर बना एक बैराज है। यहाँ पर गंगा का मनोरम दृश्य दिखायी देता है। यहाँ बोटिंग क्लब भी है। +| content= यह बिठूर जाने वाले मैनावती मार्ग पर स्थित एक राधा कृष्ण मंदिर है। यहाँ एक बड़ी गौशाला भी है। +| content= यह कानपुर का एक पुराना तथा बड़ा मंदिर है। यहाँ भगवान राधा-कृष्ण, भगवान राम, भगवान हनुमान, भगवान शिव जी विराजमान हैं। यह रात के समय रोशनी के कारण इसका एक अलग ही विहंगम दृश्य देखने को मिलता है। कानपुर आयें तो यह स्थान घूमना न भूलें। +| content= फूलबाग स्थित इस संग्राहलय का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था। यहाँ पर बहुत सी पुराने चित्र, पुस्तकें व हथियार देखनें को मिलेंगे। +| content=यह भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, 1857 से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है। यहाँ पर 1857 में क्रांति के दौरान क्रांतिकारियों ने बहुत से अंग्रेजी अफसरों को गंगा नदी में नाव से इलाहबाद जाते समय गोलियों से भून दिया था। +| content=यह वही स्थान है जहाँ स्वतंत्रता सेनानी तात्या टोपे को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, 1857 के दौरान फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया था। इसके अतिरिक्त 1857 क्रांति के बहुत से क्रांतिकारियों को भी यहाँ फांसी दी गयी है। +| content=यह अंग्रेजों द्वारा स्थापित एक प्रसिद्ध गिरजाघर है। +यह स्थान नगर से लगभग 20 किमी दूर गंगा नदी के तट पर बसा है। यहाँ जाने के लिये आपको सिटी बसें व ऑटोरिक्शा मिलेंगे। यहाँ के मुख्य दर्शनीय स्थल निम्न हैं - +| content=यह एक एतेहासिक घाट है। इस स्थान का उल्लेख वेदों व पुराणों में भी मिलता है। यहाँ पर प्रसिद्ध ब्रह्मा खूँटी है जो कि पुष्कर के बाद एकमात्र उत्तर भारत का ब्रह्मा मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यह स्थान ही ब्रह्मांड का केन्द्र है। यहाँ पर गंगा में नौका भी चलती हैं। +| content=रामायण में उल्लेखित वाल्मीकि आश्रम यही है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के पुत्र लव व कुश का जन्म यहीं हुआ था साथ ही सीता समाहित स्थल भी यहीं है जहाँ सीता जी भूमि में समाहित हो गयी थी। +| content=प्राचीन रूप से यह 1857 के स्वातंत्रय संग्राम का कानपुर में नेतृत्व कर रहे नानासाहेब पेशवा द्वितीय का किला था मगर अत्यधिक जर्जर हो जाने पर 2005 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका जीर्णोद्धार कराया त���ा आसपास के क्षेत्र को पिकनिक स्थल बनाने के उद्देश्य से एक अत्यंत मनोरम पार्क का निर्माण कराया। यहाँ पर नौका विहार की भी सुविधा उपलब्ध है। +| content=यह सुधांशु जी महाराज का आश्रम है। यहाँ पर एक बड़ा मंदिर भी है। इसके अतिरिक्त कृत्रिम कैलाश पर्वत का भी निर्माण किया गया है जहाँ पूरा भगवान शिव का परिवार विराजमान है। संध्या काल में यह स्थान अत्यंत मनोरम दिखायी पड़ता है। इसी कृत्रिम पर्वत के अन्दर गुफा भी है। अन्दर कैमरा ले जाना मना है परन्तु मोबाइल के लिये कोई मनाही नहीं है। +| content= यह प्राचीन एतेहासिक महत्व का टीला है। + + +hi नागरी और अरबी अंकों में परिवर्तन करें' + + +उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश में एक शहर है। +1. यहाँ से निकटतम हवाईअड्डा इंदौर (58 किमी) है इंदौर से उज्जैन रेलमार्ग व सड़क मार्ग (55 किमी) द्वारा जुड़ा है | +3. कायथा एवं नागदा पुरातात्विक स्थल यहीं पर है/ +4. महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना 2008 में की गई +7. यह हिंदू धर्म मान्यता अनुसार महाकाल की पवित्र भूमि है +8. यह भारतीय ज्योतिष के अनुसार समय का मानक स्थल है +9. यह स्थल क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है और सुंदर पर्यटन स्थल है. +उज्जैन में कर्केश्वर महादेव मंदिर कर्क रेखा पर स्थित है जिसका अपना महत्व है, ठीक इसी प्रकार मंगल ग्रह की उतपत्ति उज्जैन से मानी गई है और मंगलनाथ का मंदिर भी यहाँ स्थित है, गढ़काली ,सिद्धवट भी यहाँ स्थित प्रमुख स्थल है साथ ही नाथ सम्प्रदाय के अधिष्ठाता योगी मत्स्येंद्रनाथ जी की समाधि ओर उसके पास ही महाराज से सन्त बने भर्तहरि जी की गुफा भी यहाँ स्थित है। + + +मुझे जितने भी कारण मिले, जिससे विकि के गुणवत्ता को नुकसान हो सकता था या सदस्यों को परेशानी हो सकती थी, उन सभी कारणों को मैंने अवरोध नीति वाले पन्ने पर लिख दिया है। इन सभी कारणों को काफी विस्तार से लिखा है ताकि किसी भी सदस्य को कारण और उसके उद्देश्य को समझने में परेशानी न हो और यदि कोई सदस्य इन कारणों में से किसी कारण से अवरोधित हो जाता है तो वह इस पन्ने को पढ़ कर आसानी से समझ सके कि उसे क्यों अवरोधित किया गया है। +हो सकता है कि मैंने कुछ महत्वपूर्ण कारणों को इसमें जोड़ना भूल गया या किसी कारण का अच्छी तरह विस्तार नहीं किया। अतः कृपया इन सभी कारणों को पढ़ें और कुछ नए कारणों को जोड़ने का सुझाव दें, और उसी के साथ ��ाथ वर्तमान कारणों में यदि कोई त्रुटि हो या विस्तार करना हो तो भी नीचे लिख दें। +वैसे हिन्दी भाषा में लिखी गई जानकारियों में ज्यादातर यही देखने को मिलता है कि वहाँ मशीनी अनुवाद का उपयोग हुआ है या जानकारी बिल्कुल कम होती है। इस तरह की चीजें विकिपीडिया में काफी अधिक है और हो सकता है कि विकियात्रा का भी ऐसा ही कुछ हाल हो जाये। इस कारण हमें इस परियोजना में अपना पूरा ध्यान इसकी गुणवत्ता पर ही देना चाहिए। ताकि कोई भी पाठक इसके कुछ पन्नों को भी देखे और कोई कड़ी देखे तो उसे पूरा यकीन हो कि उसे खोलने के बाद उसे भरपूर जानकारी मिलेगी, वो भी बिना खराब या मशीनी अनुवाद के। आप सभी से अनुरोध है कि अपने सुझावों में भी इसके गुणवत्ता को उच्च रखने पर ही जोर दें। जिससे कम से कम एक परियोजना को दिखा कर कह सकें कि हिन्दी में लिखे लेखों में भी गुणवत्ता होती है। +यदि हम इस तरह की नीति को बना कर अच्छी तरह लागू कर सके तो हिन्दी विकियात्रा हिन्दी की पहली ऐसी परियोजना बन जाएगी, जिसमें सभी लेख गुणवत्ता वाले होंगे। यकीनन इससे पाठकों को पढ़ने का मन करेगा और लेखकों को और अच्छी तरह लेख बनाने का मन करेगा। हालांकि इससे लेखों की संख्या काफी धीमी बढ़ेगी, लेकिन पाठकों को पढ़ने में और लेखकों को लिखने में अच्छा ही लगेगा। इससे पाठकों का नए लेखक बनने की संभावना भी काफी अधिक बढ़ जाएगी। + + +विकियात्रा कोई मामूली यात्रा मार्गदर्शक नहीं है। हालांकि हमारे लेख पारंपरिक कागजों में लिखे यात्रा मार्गदर्शक के जैसे दिखते हैं, लेकिन इसमें कई अलग अलग तरह की सामग्री है, जिससे आप आसानी से उससे जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें जगहों के नाम के साथ संख्या दिया होता है, जिसमें क्लिक करने से आप नक्शे में उस जगह को और उसके आसपास के जगहों को देख सकते हैं। आप यात्रा कर रहे हों, तब भी आप अपने मोबाइल से भी विकियात्रा के लेखों को बढ़ा सकते हैं। +सबसे पहले तो आपको उस लेख को ढूंढना होगा, जिसका विस्तार करने में आपकी रुचि है। आपको ऊपर में दायें ओर कोने में एक जगह "विकियात्रा में खोजें" लिखा हुआ दिखेगा, बस उसमें लेख का नाम लिख दें और "एंटर" दबा दें। आपको ये तरीका अच्छा न लगे तो आप लेखों से भी दूसरे लेखों तक जा सकते हैं। बस कोई भी लेख देख लें और उसमें दी गई कड़ियों से किसी लेख में चले जाएँ। +विकियात्रा के लेखों को इस प्र���ार से बनाया गया है कि आप बिना इंटरनेट के भी इसे अपने यात्रा में उपयोग कर सकते हैं। बिना इंटरनेट किसी वेबसाइट की जानकारी का कैसे उपयोग किया जा सकता है? इसके लिए आपको दायें ओर दिये गए स्थान में "PDF के रूप में डाउनलोड करें" वाली कड़ी दिखेगी, जिसमें आप क्लिक कर किसी भी लेख को पीडीएफ़ फ़ाइल के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। जिसे आप किसी भी उपकरण में रख सकते हैं या उसका प्रिंट भी निकाल सकते हैं। प्रिंट निकालने के लिए आप उसी जगह "छापने योग्य संस्करण" की कड़ी भी देख सकते हैं, उसमें जाने से आपको प्रिंट निकालने लायक संस्करण मिल जाएगा। +अन्य कई परियोजनाएँ, जिसमें लोग अपना योगदान दे कर उसे आगे बढ़ाते हैं, उसी प्रकार विकियात्रा भी है, जिसमें हमेशा कार्य प्रगति पर रहता है और आगे बढ़ता रहता है। विकियात्रा में कुछ ऐसे लेख भी हैं, जिसे पूरा हुआ माना जा सकता है, और कई सारे ऐसे भी हैं, जिन पर अभी भी काम चल रहा है। इसमें बहुत सारे ऐसे लेख हैं, जो अभी अपनी शुरुआती अवस्था में हैं। हमारी कोशिश यही रहती है कि दुनिया के अधिक से अधिक घूमने वाले जगहों के बारे में लेख उपलब्ध कराएँ। यहाँ कुछ लेख जो ठीक से नहीं लिखे गए हैं, हम उन लेखों को उनके गुणवत्ता के आधार पर अलग अलग भागों में बांटते हैं। जिससे जिन लेखों में काम करना हो, उस लेख को आसानी से खोजा जा सके। + + +दूसरे कई परियोजनायें, जो कई लोगों की मदद से चलती रहती हैं, उसी प्रकार विकियात्रा भी है, जिस पर हमेशा काम चलता ही रहता है और परियोजना आगे बढ़ते रहती है। विकियात्रा में बस कुछ ही लेख ऐसे हैं, जिसे हम पूरा हुआ कह सकते हैं। बहुत से लेखों को अभी भी बनाया जा रहा है और बहुत से लेख तो अपनी शुरूआती स्थिति में हैं। इसके बावजूद भी हम दुनिया के अधिक से अधिक पर्यटन स्थलों के बारे में लेख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कई ऐसे जगहों के लेख इसमें अभी लिखे भी नहीं गए हैं, जिस पर लेख होना चाहिए था। खराब स्थिति के लेखों को ठीक करने और आवश्यक लेखों को और अच्छा करने के लिए हम लेखों को गुणवत्ता के अनुसार श्रेणियों में बांटते हैं। जिससे लेखों तक जाना काफी आसान हो जाता है। +विकियात्रा का लक्ष्य थोड़ा अलग है। विकियात्रा परियोजना को यात्रियों के लिए यात्रियों द्वारा लिखा जाता है। जिसमें काफी उपयोगी जानकारी भी मौजूद होती है, केवल किसी देश के किसी बड़े पर्यटन स्थल की ही नहीं, जो लगभग हर पर्यटन पुस्तकों में आपको मिल ही जाएगा। इसका मतलब ये नहीं कि हम बड़े पर्यटन स्थलों के बारे में नहीं लिख सकते, बल्कि हम उनके बारे में भी लिख सकते हैं। हम उस जानकारी के साथ साथ कुछ और भी उपयोगी जानकारी भी जोड़ने का प्रयास करते हैं, जो पारंपरिक यात्री मार्गदर्शक पुस्तकों में नहीं मिलता है। कृपया हमारी मार्गदर्शिका को पढ़ें और अतिरिक्त उपयोगी जानकारी, जिससे पाठकों को लाभ हो, उसे डालने से न घबराएँ। धन्यवाद + + +विकियात्रा सम्पादन प्रतियोगिता 2018 एक ऑनलाइन लेखन प्रतियोगिता थी, जो 1 फरवरी से लेकर 28 फरवरी 2018 तक हुई थी। इस प्रतियोगिता का आयोजन विकियात्रा के विकिमीडिया संस्थान के सर्वर में आने के पांचवें वर्षगांठ पर किया गया था। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य है कि इसके द्बारा अधिक से अधिक सदस्य मिलकर विकियात्रा के लेखों की गुणवत्ता और संख्या में वृद्धि कर सकें। +* यदि आपने नीचे अपना नाम जोड़ लिया है, तो प्रतियोगिता के दौरान जितने भी लेख आप बनाएँगे, वे सभी इस प्रतियोगिता में अपने आप जुड़ जाएँगे। +* नए लेख का आकार कम से कम 10 हजार बाइट्स और शब्दों की संख्या पाँच सौ से अधिक होनी चाहिए। +* पुराने लेखों को आप कितना भी बढ़ा सकते हैं, हालांकि केवल 4,000 बाइट्स और 400 शब्दों से अधिक होने पर ही उसे एक विस्तार के रूप में लिया जाएगा। +* लेख में मशीनी अनुवाद न डालें, यदि अनुवाद कर रहे हैं तो उसे पूरी तरह ठीक करने के बाद ही सहेजें। +* लेख जानकारी देने वाला होना चाहिए। +# उसके बाद आप कोई नया लेख बना सकते हैं, या पुराने लेखों में विस्तार कर सकते हैं। 1 फरवरी से 28 फरवरी तक आपके बनाए और विस्तार किए सभी लेख, इस प्रतियोगिता में जुड़ जाएँगे। +! सदस्य लेख आकार टिप्पणी +| J ansari मध्य पूर्व 2,571 बाइट्स 1 फरवरी से 28 फरवरी के मध्य बदलाव का आकार + + +| region1items इंग्लैण्ड स्कॉट्लैण्ड वेल्स उत्तरी आयरलैण्ड]] +| region1description= इंग्लैण्ड की छोटी पहाड़ी शृंखला से, स्कॉटलैण्ड की सुन्दर घाटियाँ, उत्तरी आयरलैण्ड की जंगली तटरेखा, विश्व के सबसे बड़े साम्राज्य के रूप में विस्तृत राज्य का दिल जिसका इतिहास यहाँ समाहित है, रोमन विजय से पूर्व का बेमिसाल इतिहास रखने वाला और विविधता वाले नगर असंख्य मात्रा में अनन्त अवसर उपलब्ध करवाते हैं। +| region3description= आयरिस सागर में ब्रितानी ताज अधिकृत क्षेत्र, यह ग्रेट ब्रिटेन और आ���रलैण्ड के मध्य है। +| region4description= इंग्लिश चैनल में ब्रितानी अधिकृत द्वीपसमूह जो फ्रांस के नॉरमैंडी क्षेत्र के समुद्री तट पर स्थित हैं। इनकी नॉरमैंडी से काफी भाषाई समानता है। +ब्रिटेन और आयरलैण्ड ग्रह के सबसे ज्यादा सबसे अधिक लोगों द्वारा देख गये स्थान हैं। यहाँ पर विश्व के सबसे अधिक पहचाने जाने वाले स्थान, हज़ारों वर्ष पुराने ऐतिहासिक स्थल और अद्वितीय प्राकृतिक परिवेश समाहित हैं। यहाँ पर प्रमुख नगर, विचित्र कस्बे विलगित क्षेत्र और द्वीप हैं। +ट्रैन, फेरी, हवाई जहाज, और सड़कें इन क्षेत्रों को आपस में जोड़ते हैं। अंग्रेजी भाषी पर्यटक यहाँ पर लोगों से आसानी से बात कर सकते हैं, महत्त्वपूर्ण संकेतों और मानचित्र से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और यहाँ के लोगों को जान सकते हैं। +अधिकतर लोग अपनी प्राथमिक भाषा के रूप में अंग्रेजी बोलते हैं। हालांकि पर्यटकों को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कुछ क्षेत्रो में स्थानीय बातचीत की प्रथम भाषा अंग्रेज़ी नहीं है जबकि स्थानीय केल्टिक भाषा को वरियता दी जाती है। वेल्स में ये सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और वेल्स के कुछ इलाकों में रास्तों पर सबसे अधिक इसी भाषा को सुना जाता है। अयरिस, मैंक्स और स्कॉटिस गेलिक एक दूसरे से काफी जुड़ी हुई गेलिक भाषायें हैं जिनका मूल शब्दकोश भी लगभग समान है। कोर्निश भाषा विलुप्त होने के कगार पर है जिसे कॉर्नवाल के कुछ उत्साही पुनःस्थापित कर रहे हैं। चैनल द्वीपसमूह में अंग्रेज़ी के साथ फ्रांसीसी सह-भाषा के रूप में स्थापित है, यद्यपि यहाँ के अंग्रेज़ीभाषी निवासी वहाँ की तीन बोलियों जेरिसिस, ग्वेर्नसिया और सेक्वियस में से कोई एक बोलते हैं। हालांकि इस इलाके में सभी अंग्रेज़ी बोलते हैं और बहुत लोग अच्छे लहजे में अंग्रेज़ी भाषा बोलते हैं। +इस क्षेत्र में अच्छी अंग्रेज़ी बोलने में समर्थ पर्यटकों को किसी तरह की भाषाई समस्या नहीं होती। हालांकि यहाँ पर अंग्रेज़ी बोलने के स्थानीय लहजे हैं और यह अन्तर यहाँ के स्थानीय निवासियों के लिए असामान्य नहीं है और वो आसानी से एक-दूसरे को समझ पाते हैं। यह अंग्रेज़ी भाषा के विदेशी पर्यटक के लिए थोड़ा आसान हो जाता है क्योंकि लोग इस तरह के परिवर्तनों को समझने में सक्षम हैं। यदि आप किसी को समझ नहीं पाते हैं अथवा वो आपको नहीं समझ पाते हैं तो इसमें ��्याकुल होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यहाँ के स्थानीय लोगों को भी समय-समय पर यह समस्या देखने को मिलती है। +यहाँ पर अधिकतर आधिकारिक संकेत अंग्रेज़ी में हैं। कुछ इलाको में अंग्रेज़ी को स्थानीय भाषा के साथ काम में लिया गया है: आयरलैण्ड गणराज्य में आयरिस भाषा, हाइलैण्ड एवं हब्रिदेश में स्कॉटिश गेलिक और वेल्स में वेल्स भाषा। इन जगहों पर सड़कों पर मुख्य मुद्रन स्थानीय भाषाओं में किया गया है जिसके नीचे अथवा छोटे अक्षरों में तुल्य अंग्रेज़ी अर्थ भी लिखा होता है अथवा कुछ भी नहीं लिखा होता (जैसा की आयरलैण्ड के गेलेटैच्ट क्षेत्र में)। विदेशी भाषायें आधिकारिक संकेतों से अनुपस्थित है, हालांकि इसके अपवाद कुछ बंदरगाह इलाको में मिल सकते हैं जहाँ फ्रांसीसी, जर्मन और स्पेनिश भाषा भी मिल जाती हैं। +ब्रितानी द्वीप आप्रवासियों को अच्छी मात्रा में आकर्षित करता है जिससे अच्छी मात्रा में विश्व के विभिन्न समुदायों के लोग मिल जाते हैं और नगरों में अन्य भाषायें भी आसानी से सुनने में मिल जायेंगी। +पर्यटकों को अधिक उपयोगी जानकारी सम्बंधित क्ष्रेत्र के "प्रवेश" अनुभाग में मिल सकती है जिसमें उनकी अधिक रूचि होगी। +यहाँ पर उनके क्षेत्रों में जाने के लिए पाँच अलग-अलग आप्रभाव अधिकारक्षेत्र हैं: यूके, आयरलैण्ड, आइल ऑफ़ मैन और चैनल द्वीपों के लिए दो "बैलीविक्स"। वो अब भी उभयनिष्ठ यात्रा क्षेत्र का परिवेश रखते हैं जो विभिन्न प्राधिकारों के आपसी सहयोग और समन्वय को दिखाता है और विभिन्न सीमाओं को व्यापक स्तर पर परेशानी मुक्त सीमाओं को पार करते हुये अपनी यात्रा का आनन्द देते हैं। +यूके का विजा आइल ऑफ़ मैन और चैनल द्वीपों में वैध होता है लेकिन आयरलैण्ड ने अपना अलग विजा-निकाय बनाकर रखा है। यात्रियों को विशिष्ठ अधिकारक्षेत्रों की जाँच करने की आवश्यकता हो सकती है। +यह क्षेत्र शेंघन क्षेत्र में नहीं है लेकिन यूरोपीय संघ (ईयू) और यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (ईईए) नागरिकों को पर्यटकों की तरह थोड़े समय के लिए जाते समय विजा की आवश्यकता नहीं है। चैनल द्वीपों और अन्य आइल ऑफ़ मैन पर कार्यकारी अनुमति की आवश्यकता है। +यहाँ पर आइल ऑफ़ मैन के अतिरिक्त इस क्षेत्र के सभी भागों के लिए सीधी उड़ान हैं। +इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए सबसे बड़ा विमानपत्तन लंदन हीथ्रो हवाई अड्डा है। यह केन्द्रीय लंदन से १५ मील पश्चिम में स्थित है, हीथ्रो अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों में लगभग विश्व के सभी देशों से बहुत अधिक मात्रा में विकल्प उपलब्ध करवाता है। इस क्षेत्र में भविष्य के विभिन्न जुड़ाव सम्भव हैं। ग्रेट ब्रिटेन की मुख्य भूमि से अन्य स्थानों के स्थानीय जुड़ाव भी अच्छे हैं। हीथ्रो से लंदन की रेलसेवा भी अच्छी है; हालांकि यहाँ से ग्रेट ब्रिटेन के अन्य भागों को जोड़ने की कोई सीधी सेवा नहीं है, लंदन में अथवा किसी अन्य स्टेशन से रेलगाड़ी बदलना आवश्यक है जो शटल सेवा से जुड़ी हुई हैं। +हीथ्रो सुदूर दक्षिण पूर्व में स्थित है अर्थात् अन्य स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को अपने विशिष्ठ गंतव्य स्थान की सीधी उड़ान लेनी चाहिए। हालांकि विश्व के कुछ भागों से यहाँ प्रवेश करने का हीथ्रो एकमात्र वास्तविक विकल्प हो सकता है तब ऐसी स्थिति में आगे की यात्रा के इंतजाम करना आवश्यक हो जाता है। +चैनल सुरंग इंग्लैण्ड और फ़्रान्स को जोड़ती है तथा यहाँ पर्याप्त मात्रा में यात्रियों और कारों के परिवहन का कार्य होता है। +[[यूनाइटेड किंगडम आयरलैण्ड द आइल ऑफ़ मैन और चैनल द्वीप समूह मिलकर सामान्य यात्रा क्षेत्र बनाते हैं जो यूरोपीय महाद्वीप में शेंगेन क्षेत्र जैसा है। व्यापक रूप में कहा जाये तो यहाँ की सीमायें अन्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की तुलना में बहुत आम हैं। +[[आयरलैण्ड और यूनाइटेड किंगडम कई दशकों से अलग देश रहे हैं लेकिन अधिकतर मुद्दों पर दोनों भागों में इसको लाभदायक माना जाता है कि सीमायें खुली रखी जायें। हालांकि, चूँकि इसका विकास बहुत वर्षों में हुआ, जिसमें सामान्य यात्रा क्षेत्र प्रबन्धन को अन्य समरूप प्रबन्धनों (जैसे शेंगेन क्षेत्र) की तरह सूत्रित नहीं किया जा सका अतः अन्य देशों के लोगों के लिए सही नियमावली काफी जटिल हो सकती है। +कॉमन ट्रेवल एरिया" के देशों के लोग बिना किसी पासपोर्ट के किसी भी क्षेत्र में घूम सकते हैं, हालांकि उनसे उनके पहचान पत्र को माँगा जा सकता है। +* यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के लोग किसी भी देश में घूम सकते हैं लेकिन उन्हें साथ में कोई पहचान पत्र अथवा पासपोर्ट रखना आवश्यक है। +* वो अन्य देश जहाँ के लोगों को विजा की आवश्यकता नहीं होती और वो एक क्षेत्र (जैसे इंग्लैण्ड) में आप्रवासन जाँच से गुजर चुके हैं तो उन्हें दूसरे भाग (जैसे आयरलैण्ड) में जाने क�� लिए विजा की आवश्यकता नहीं है लेकिन उन्हें एक वैध पासपोर्ट साथ में रखना आवश्यक है। +* विजा की आवश्यकता रखने वाले लोग जब इस क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उन्हें अलग-अलग देश में जाने के लिए अलग-अलग विजा लेना आवश्यक है। हालांकि दोनों देश लगभग एक जैसे विजा नियम रखते हैं लेकिन यह याद रखना महत्त्वपूर्ण है कि शेंगेन के विपरीत यहाँ पर यूनाइटेड किंगडम और आयरलैण्ड अलग-अलग विजा प्रणाली रखते हैं। +सामान्य रूप में, यदि आपके पास पासपोर्ट अथवा यूरोपीय संघ का पहचान पत्र है तो आप इसको पहचान पत्र के रूप में साथ लेकर बिना किसी समस्या के घूम सकते हैं। इसके अतिरिक्त आपको एयरलाइन अथवा फेरी (जिससे भी यात्रा करते हैं) के पहचान पत्र आवश्यकताओं को देखना जरूरी है। +यूनाइटेड किंगडम और इसके ताज अधीनस्थ (महारानी के ताज के अधीन आने वाले) क्षेत्रों में मुद्रा के रूप में पाउंट स्टर्लिंग (£) काम में लिया जाता है जबकि आयरलैण्ड की मुद्रा यूरो (€) है। कुछ सीमित अपवादों को छोड़कर इस क्षेत्र में इनके प्रशासित क्षेत्रों में अन्य कोई मुद्रा काम में नहीं ली जा सकती। +यूनाइटेड किंगडम और ताज अधीनस्थ +यहाँ की स्थानीय मुद्रा स्टर्लिंग है। यूरो कुछ सीमान्त इलाकों में स्वीकार किया जाता है; उदाहरण के लिए आयरलैण्ड के निकट सीमान्त क्षेत्र अथवा कुछ आयरलैण्ड द्वारा दिये गये फेरी टर्मिनल वाले व्यावसायिक केन्द्र। +यूनाइटेड किंगडम में चलने वाले अधिकतर नोट बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड द्वारा जारी किये जाते हैं। स्कॉटलैण्ड, उत्तरी आयरलैण्ड और ताज अधीनस्थ सभी के अपने स्थानीय बैंक नोट हैं। सभी पाउंट स्टर्लिंग हैं। +पाउंट स्टर्लिंग काम में लेने वाले सभी क्षेत्रों में बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड के नोट बिना किसी रुकावट के काम में लिए जाते हैं। सामान्यतः कम राशी वाले नोट काम में लेना बहुत आसान है, लेकिन ऐसा सम्भव है कि उनके क्षेत्र के अलावा उनको स्वीकार न किया जाये। सभी बैंक, बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड अथवा अन्य किसी स्थानीय बैंकों (उदाहरण के लिए स्कॉटलैण्ड में स्कोटिश नोट) के कम मूल्य के नोटों के विनिमय की मुफ्त सुविधा देते हैं। +किसी भी यात्रि को यूके अथवा ताज अधीनस्थ क्षेत्र को छोड़ने से पहले कम मूल्य के पाउंट स्टर्लिंग नोटों का विनिमय बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड से कर लेना चाहिये क्योंकि अन्य देशों में उनका विनिमय मुश्किल हो ���कता है। इसका अपवाद यह है कि उत्तरी आयरलैण्ड स्टर्लिंग के नोट आयरलैण्ड में बहुत आसानी से यूरो में विनिमय किये जा सकते हैं। +अधिक मूल्य वर्ग के बैंक नोट (५० और अधिक) दुकानों में हमेशा स्वीकृत नहीं किये जाते, सामान्यतः कम मूल्य की खरीददारी पर यह समस्या आती है। कोई भी बैंक इन नोटों को छोटे मूल्य के नोटों में बदल देगा। +यूनाइटेड किंगडम में जारी किये जाने वाले सिक्के केन्द्रीकृत रूप से रॉयल मिंट द्वारा जारी किये जाते हैं और यद्यपि इनकी बनावट इंग्लैण्ड, उत्तरी आयरलैण्ड, स्कॉटलैण्ड तथा वेल्स की विशिष्ट है। वो सभी यूके में सभी जगह मान्य हैं। +ताज अधिनास्थ और अन्य बाहरी शासित क्षेत्र (जैसे फॉल्कलैण्ड द्वीपसमूह और गिब्राल्टर) अपने स्थानीय स्वरूप के सीक्के जारी करते हैं और वो सामान्यतः उनके स्थानीय शासित क्षेत्रों में ही प्रसारित होते हैं। ये सीक्के वजन, आकार, मोटाई और धातु में मुख्यभूमि यूके के सिक्कों के समान रखे जाते हैं जो स्थायी सिक्कों के ही अन्य संस्करण जैसे होते हैं। हालांकि ये निश्चित रूप से हर जगह स्वीकृत नहीं होते और कुछ विक्रेता इन्हें लेने से मना कर देते हैं। बैंक इनका विनिमय बिना किसी समस्या के कर देते हैं अतः सामान्य स्वीकृति प्राप्त होने के कारण इसकी आवश्यकता नहीं पड़ती और ये विक्रय मशीनों द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। +केवल यूरो को ही स्वीकृत मुद्रा माना जाता है। स्टर्लिंग कुछ सीमान्त इलाकों में स्वीकृत किया जा सकता है उदाहरण के लिए फेरी बन्दरगाह अथवा उत्तरी आयरलैण्ड की भौगोलिक सीमा। डबलिन और बेलाफ़ास्ट के मध्य पूरी यात्रा की ट्रेनों (उदाहरण के लिए भोजन-यान) में सामान्यतः दोनों मुद्रायें स्वीकृत की जाती हैं। +यूरो बैंक नोटों में कोई भी स्थानीय बदलाव नहीं मिलता। यूरो सिक्कों के पिछले हिस्से में क्षेत्रिय आधार पर कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता। उनके उपरी भाग पर सदस्य राष्ट्र का राष्ट्रीय चिह्न पाया जाता है। इससे यूरोक्षेत्र में उनकी वैधता पर कोई असर नहीं पड़ता। सिक्के पसन्द करने वालों को शायद इसमें खुशी मिले कि आयरलैण्ड का अन्य यूरोक्षेत्र से आपेक्षिक विलगाव इसके सिक्कों में कम विविधता वाला लगे जिसे इसके चिह्न से पहचाना जा सके। उदाहरण के लिए लक्ज़मबर्ग । + + + मुरादाबाद उत्तर भारत में एक शहर है। यह दिल्ली से लगभग 167 ��िमी की दूरी पर स्थित है और इसे ब्रास सिटी या पीतल नगरी भी कहा जाता है। +आप मॉल्स पर जा सकते हैं जैसे वेस्टवेन मॉल, क्रॉस रोड मॉल, पार्श्वनाथ मॉल, रैप मॉल, पैसिफिक मॉल, टीडीआई मॉल, पार्श्वनाथ स्क्वायर, पार्श्वनाथ प्लाजा, टीडीआई आर्केड, वेव। और आप डियर पार्क और प्रेम वंडरलैंड भी देख सकते हैं। +मुरादाबाद में पीतल के बर्तन, पीतल के गहने और हस्तशिल्प का एक बड़ा बाजार है। शहर अन्य देशों के लिए पीतल के बर्तन निर्यात करता है। + + +मध्य पूर्व पश्चिमी एशिया का एक क्षेत्र है, भूमध्य सागर के पूर्वी तट से हिंद महासागर के बीच। +शब्द "मध्य पूर्व" ब्रिटिश द्वारा 19 वीं सदी में बनाया गया था, और कोई ठोस परिभाषा नहीं है; यह एक राजनीतिक शब्द है जितना भौगोलिक, लेकिन यह भी यूरेनसेंट्रिक, जिसका अर्थ है कि "पश्चिम यूरोप) को सुदूर पूर्व से अलग करता है। +हालांकि इस क्षेत्र को इसकी शुष्क जलवायु के लिए जाना जाता है, न कि सभी भूमि रेगिस्तान की होती हैं। तुर्की ईरान और लेबनान में पहाड़ों में स्की रिसॉर्ट हैं यह क्षेत्र दुनिया की पहली शहरी सभ्यताओं (विशेष रूप से प्राचीन मेसोपोटामिया) का पालना है, और इब्राहीमी धर्मों का जन्मस्थान यहूदी धर्म ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म]]। +अवधि के अस्पष्ट और राजनीतिक रूप से सुगंधित परिभाषा को देखते हुए, कुछ देशों और क्षेत्रों को कभी-कभी मध्य पूर्व के हिस्से के रूप में और कभी-कभी पड़ोसी क्षेत्रों के हिस्से के रूप में माना जाता है। तुर्की को यूरोप के हिस्से के रूप में भी माना जाता है, जबकि मिस्र उत्तरी अफ्रीका का भी हिस्सा है। अज़रबैजान और आर्मेनिया को यूरोप का हिस्सा माना जाता है, भले ही उनके पास इस क्षेत्र के साथ मजबूत ऐतिहासिक, भौगोलिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध हों। ईरान और अफगानिस्तान अक्सर मध्य पूर्व का हिस्सा माना जाता है, लेकिन इसे मध्य एशिया का हिस्सा माना जा सकता है। साइप्रस को मध्य पूर्व का एक हिस्सा भी माना जा सकता है लेकिन राजनीतिक कारणों के लिए आम तौर पर इसे यूरोप के हिस्से के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। +| region1description=फारस खाड़ी में एक छोटे देश है, यह आगंतुकों के लिए खेल मैदान के रूप में जाता है।. +| region2description= दुनिया की सबसे बड़ी प्राचीन सभ्यताओं में से कुछ का घर, मिस्र अपने उत्कृष्ट पुरातात्विक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, उनमें से पिरामिड, जिनमें से एक प्राचीन दुनिया का एकमात्र शेष चमत्कार है। देश में आने वाले पर्यटकों को भी लाल सागर और भूमध्य सागर किनारे, साथ ही साथ नील नदी का आनंद भी मिल सकता है। +| region3description= ऐतिहासिक स्थानों से भरा एक देश, विभिन्न पर्यटन आकर्षण और पारिस्थितिक तंत्र, जो केंद्रीय और दक्षिणी भागों में रेगिस्तान से लेकर कैस्पियन सागर के पास उत्तर में सुंदर आर्द्र जंगलों तक फैले हुए हैं। ईरान भी बहुत ही जातीय और सांस्कृतिक रूप से विविध है, और दुनिया के सबसे शानदार साम्राज्यों की भूमि है। +| region4description= सभ्यता का यह पालना वर्तमान में यात्रा के लिए बहुत खतरनाक है जिसका कारण आंतकी गतिविधियां, हालांकि अधिक निडर यात्रियों को इराकी यात्रा के लिए एक सौहार्दपूर्ण स्थान मिल सकता है। +| region5description= धार्मिक, ऐतिहासिक और प्रागैतिहासिक महत्व के अलावा मुस्लिम, दुर्ज और बहाई के लिए कई पवित्र स्थलों के साथ, यहूदी और ईसाई धर्म दोनों का जन्मस्थान है। एक छोटी सी भूमि जिसमें विभिन्न प्रकार के लुभावनी प्राकृतिक दृश्य होते हैं, जिनमें रेगिस्तान, तटों और चोटियों को शामिल किया गया है, जो सर्दियों में बर्फ से ढंके हुए हैं, एक जीवंत नाइटलाइफ़, उदारवादी रवैया और उच्च मानव और तकनीकी विकास के साथ, इसराइल एक ऐसा देश है जो पुराने और नए को जोड़ता है । +| region6description= यह देश, अपने विशाल रेगिस्तान के साथ, जॉर्डन नदी के पूर्वी तट और इसकी सहायक नदियों जैसे यर्मोक सहित उपजाऊ भूमि भी शामिल है, जिसमें अमीर पुरातात्विक अवशेष शामिल हैं, खासकर जारश और पेट्रा में, जो कि दुनिया के सात आश्चर्ययो में से एक है; और बहुत नमकीन मृत सागर है। +| region7description=संभवत: 1990-1991 के खाड़ी युद्ध में इराक द्वारा अपने संक्षिप्त कब्जे के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अच्छा जाना जाता है, कुवैत तेल समृद्ध अमीरात है जो कि मजदूरों और व्यवसायियों के लिए एक गंतव्य है, आम तौर पर पर्यटकों के लिए नहीं। +| region8description=यह छोटा देश संस्कृति, धर्म, राजनीति और इलाके में विविध है। विशेष रूप से बेरूत बहुत उदार शहर के रूप में है। हालांकि, लेबनान कभी-कभी विवादास्पद राजनीति अक्सर देश में अस्थिरता का कारण बनती है। +| region9description=यह एकमात्र देश है जिसकी अधिकांश आबादी मुसलमान हैं, और यह सुंदर दृश्यों में बहुत समृद्ध है। +| region10description=वेस्ट बैंक के ऐतिहासिक शहरों जैसे बेथलेहेम, हेब्रोन और जेरिको है। गाज��� पट्टी,जो एक ऐतिहासिक देश है, लेकिन अरब-इजराइल संघर्ष के मुख्य विन्दु के रुप जाना जाता है। +| region11description=यह अरब प्रायद्वीप स्थित है जो प्रति व्यक्ति आय जीडीपी (पीपीपी) की अवधि में दुनिया का सबसे अमीर देश है। यह संभवतः अल जज़ीरा मीडिया निगम के विश्व मुख्यालय के लिए जाना जाता है, जो इसकी सरकार के स्वामित्व में है और दूसरी तरफ, अपनी राजधानी राजधानी दोहा आधुनिक इमारतो के लिए। +| region12description=यह तेल-समृद्ध रेगिस्तान देश, दुनिया में इस्लामी कानून के सख्त व्याख्याओं के अधीन है, मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र शहरों में मक्का और मदीना स्थित है। +| region13description=यह ऐतिहासिक देश प्राचीन काल में उपजाऊ कलीसेंट का हिस्सा था और सभी ऐतिहासिक कालों से पता चलता है, लेकिन दुख की बात है, वर्तमान में एक खूनी गृहयुद्ध के गले में है, जिसने न केवल बड़ी संख्या में लोगों को मार डाला है और अधिक विस्थापित भी किया है, लेकिन इसमें आंतकी संगठन "आईएसआईएस" संगठन द्वारा पुरातात्विक अवशेषों की थोक लूट और विनाश भी शामिल है, जो वर्तमान में सीरिया में लड़ रहे कई आंतकी संगठन हैं। +| region14description=एक बहुत ही विविध देश जो सचमुच यूरोप और एशिया का हैकापुल कहलाता है। इसमें इस्तानबुल महानगरीय महानगर, कई ऐतिहासिक स्थलों और खूबसूरत पहाड़ों, झीलों और तट रेखाएं शामिल हैं। प्रथम विश्व युद्ध तक, तुर्कों का एक बड़ा साम्राज्य था, जिसे उसके शासक वंश के बाद ओटोमन साम्राज्य कहा जाता था, और सदियों से अधिकांश मध्य पूर्व और यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के बड़े हिस्सों पर हावी था। साम्राज्य के पतन के तुरंत बाद, तुर्की ने आधुनिकीकरण और धर्मनिरपेक्षता की प्रक्रिया शुरू की। +| region15description=तेल शिपिंग और विदेशी श्रम का एक प्रमुख केंद्र जिसमें दुबई और अबू धाबी की प्रसिद्ध इमारतें और और पर्यटकों का मुख्य केन्द्र है। +| region16description=यह खूबसूरत देश, अपनी पारंपरिओं, उपजाऊ भूमि और स्वादिष्ट भोजन के लिए प्रसिद्ध है,लेकिन एक क्रूर गृहयुद्ध और एक बहुत विनाशकारी अंतरराष्ट्रीय बमबारी अभियान की कगार पर है। +प्राचीन और मध्ययुगीन दुनिया में मानव सभ्यता में से एक, कई विश्व के धर्मों (जन्म, ईसाई, ईसाई धर्म, इस्लामी धर्म और बहाई विश्वास) का जन्मस्थान और बहुत आधुनिक आर्थिक और राजनीतिक महत्व का एक क्षेत्र, मध्य पूर्व पर्यटकों के लिए लोकप्रिय गंतव्य +नैतिक रूप से, यह क्षेत्र मुख्य रूप से यूरोपीय और अफ्रीकी मूल के लोगों के साथ मिश्रित होता है। आज, दक्षिणी और दक्षिणी एशिया से आने वाले आर्थिक प्रवासियों का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा है, और नौकरियों की तलाश में सहायक संख्या अफ्रीकी है। अरब, फारसी और तुर्क सबसे बड़ा समूह हैं, लेकिन कुर्द, अर्मेनियन, यहूदी, अज़ेरीज़ और अन्य कई अलग-अलग जातीय समूह हैं, प्रत्येक अपनी भाषा, रीति-रिवाजों और संस्कृतियों के साथ। +ईरान, इराक और बहरीन में मुख्य रूप से शिया मुस्लिम, ओमान मुख्य रूप से इबादी, सऊदी अरब सलफी और अन्य क्षेत्रों में मुख्य रूप से सुन्नीओ के साथ मध्य पूर्व में हर देश में मुस्लिम बहुमत है (वर्तमान में इजरायल का उल्लेखनीय अपवाद है)। इनमें से अधिकांश देशों में कानूनी प्रणाली शरिया (इस्लामी कानून) से प्रभावित होती है, लेकिन बहुत कम पूरी तरह से इस पर आधारित हैं। देशी ईसाइयों के महत्वपूर्ण समुदाय हैं, विशेष रूप से लेबनान, सीरिया, फिलिस्तीन, मिस्र और इराक में। +मध्य पूर्वी राजनीति विवादास्पद है, अविश्वसनीय रूप से जटिल, अक्सर हिंसक और तेज़ी से परिवर्तन योग्य। दरअसल, यह आमतौर पर पर्यटकों के लिए अजनबियों के साथ राजनीतिक चर्चा में शामिल होने के लिए सलाह नहीं है। मध्य पूर्व दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक क्षेत्रों में से एक है। दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार, संघर्ष और सभ्यता और धार्मिक तनाव की शुरुआत की तारीख से मध्य पूर्व को खतरनाक माना जाता है हालांकि सीरिया और यमन में गृहयुद्ध से मध्य पूर्व में एक खलबली सी मची हुई है। +उत्तरी अफ्रीका कई तरह से मध्य पूर्व के समान है भाषा, धर्म, संस्कृति और कुछ जातीय समूहों। कुछ लेखकों ने "मिडल ईस्ट" शब्द के उपयोग में मिस्र, या सूडान और लीबिया को शामिल किया हैं +दूसरी ओर, मध्य एशिया भी मध्य पूर्व के साथ बहुत अधिक समान है। जातीय समूहों और भाषाएं अलग-अलग हैं, लेकिन धर्म, भोजन, कपड़े और वास्तुकला बहुत समान हैं। ईरान को भी मध्य पूर्व क्षेत्र के हिस्से के रूप में गिना जा सकता है; एक बिंदु पर अधिकांश मध्य एशिया फ़ारसी साम्राज्य का हिस्सा था। +दक्षिण-पूर्व यूरोप और मध्य पूर्व के बीच की सीमा भी स्पष्ट नहीं है। कई लेखों में "मध्य पूर्व" के उपयोग में तुर्की शामिल है और हम इसे ऊपर शामिल करते हैं, लेकिन तुर्की का कुछ हिस्सा यूरोपीय है। और लेबनान और इसराइल स्पष्ट ���ूप से भूमध्य क्षेत्र में है। +अरबी इस क्षेत्र की प्राथमिक भाषा है, और ईरान (जहां फारसी की प्रमुखता तुर्की में (तुर्की) और इज़राइल (हिब्रू, लेकिन अरबी के साथ दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में) लेकिन अरबी मध्य पूर्वी देशों में मुख्य भाषा है। जबकि मानक अरबी सभी अरबी भाषी देशों और स्कूलों में शिक्षा के माध्यम में आधिकारिक भाषा है, अरबी के कई बोलियां भी हैं जो कि उनके संबंधित क्षेत्रों में दैनिक जीवन में मुख्य बोली जाने वाली भाषा हैं, +कुछ क्षेत्रों में कुर्द, अजेरी, अर्मेनियाई, यिद्दी और कई अन्य भाषाएं बोली जाती है। +अंग्रेजी पर्यटन क्षेत्रों में मामूली सामान्य है, लेकिन समझ अन्यत्र भिन्न है। अंग्रेजी व्यापक रूप से इसराइल, जॉर्डन और खाड़ी राज्यों, विशेष रूप से शिक्षित नागरिकों और बड़े शहरों में समझा जाता है। तुर्की में कुछ जर्मन बोली जाती है क्योंकि तुर्की लोग जर्मनी में काम करते हैं। +उर्दू और अंग्रेजी भी व्यापक रूप से सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, ओमान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात में प्रचलित हैं और इन देशों में बड़े पाकिस्तानी और भारतीय समुदाय के लोग काम करते हैं। +यदि आप दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं के अवशेषों में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह दुनिया के लिए प्रमुख हिस्सा है मिडल ईस्ट इब्राहीमी धर्मों का घर है। हालांकि, खाड़ी राज्यों में विशेष रूप से, आप पूरी तरह से कुछ अलग देख सकते हैं। दुनिया की सबसे प्रभावशाली आधुनिक इमारतेंं, दुनिया के सबसे उच्चतम इमारत, बुर्ज खलीफा सहित, यहां देखने को मिलते हैं, मशहूर मॉल, कृत्रिम द्वीपों और विश्व के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों के साथ। +प्राकृतिक पक्ष पर, मध्य पूर्व में बड़े रेगिस्तानी परिदृश्य हैं, जिनमें सऊदी रेगिस्तान (दुनिया का सबसे खतरनाक मरूस्थल) और साथ ही ईरान में लूत रेगिस्तान भी है जहां दुनिया में सबसे अधिक पृथ्वी का तापमान मापा जाता है। क्या आप चाहें तो कुछ प्राकृतिक पहाड़ी परिदृश्य, ईरान या तुर्की में देख सकते है लेकिन कुछ स्थानों पर मौसम अनुकूल कठिनाईयों सामना करना पड़ता है। +मध्य पूर्व बाजार या सूक प्रसिद्ध है सूक का मतलब मॉल होता है जिसमें सभी प्रकार का सामान बिकता है, लेकिन प्रत्येक वस्तु की अपनी विशिष्टता होती है चाहे मसाले या कालीन हो। गुणवत्ता बहुत भिन्न होती है कई सूक अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों को बे��ते हैं, लेकिन कई नकली या चिकनी स्मृति चिन्ह बेचते हैं। +सूक यरूशलम, दमिश्क और दुबई में बाजार या मॉल के लिए उल्लेखनीय नाम है दमिश्क का "सूक हामिदिया" बहुत प्रसिद्ध है। + + +जे॰ अंसारी जी आपका हिन्दी विकियात्रा में स्वागत है। आप हिन्दी विकिपीडिया में काफी समय से सक्रिय हैं, तो आपने देखा ही होगा कि उसमें कई सारे लेख बहुत ही छोटे होते हैं और जो बड़े भी होते हैं, उनमें भी मशीनी अनुवाद भरा हुआ रहता है। उन सभी को देखने के बाद इस परियोजना में उसका बिलकुल उल्टा करने की योजना के साथ ही इस परियोजना को शुरू किया गया था। +इसमें छोटे लेखों को हटाने की नीति भी बनाई गई है, जिसमें 30 दिन से पुराने लेख, जो 30 हजार बाइट्स की सीमा पार नहीं किए हों, उन्हें हटाया जा सकता है। वैसे तो विकियात्रा में 30 हजार बाइट्स वाले लेखों में बहुत ही कम जानकारी रहती है और कम से कम एक लाख बाइट्स से ज्यादा वाले लेखों में ही पर्याप्त जानकारी मिलती है, लेकिन फिलहाल हम सभी 30 हजार बाइट्स को ही लक्ष्य मान कर चल रहे हैं। हिन्दी विकिपीडिया में मशीनी अनुवाद को बस टैग लगा कर छोड़ दिया जाता है, पर इसमें मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद वाले लेखों को हटाया जा सकता है। ताकि ऐसे लेख इकट्ठे होकर लेखों की गुणवत्ता को कम न कर सकें और पाठकों को पूरी तरह विश्वास रहे कि इसमें उपलब्ध हर लेख बड़ा ही होगा और बिना मशीनी अनुवाद या खराब अनुवाद वाला ही होगा। +कुछ समय पूर्व मैंने आपका बनाया हुआ मध्य पूर्व वाला लेख देख रहा था, उसे आपने कुछ ही समय में 30 हजार बाइट्स के करीब कर दिये हो। इतना तेजी देख कर काफी अच्छा लगा, लेकिन जब मैंने उसका पहला वाक्य पढ़ा तो ऐसा लग रहा था, जैसे आपने उसे अनुवादक द्वारा बिना ठीक किए ही सहेज लिया था। मध्य पूर्व पश्चिमी एशिया का एक क्षेत्र है, भूमध्य सागर के पूर्वी तटों और हिंद महासागर के बीच। इस वाक्य को आप पढ़ कर देखें, वाक्य का अर्थ तो सही है, लेकिन क्रम सही नहीं है, जो मशीनी अनुवाद करते समय होता है। इस तरह की त्रुटि से पाठकों को ऐसा लगेगा जैसे लेख में पूरा मशीनी अनुवाद ही भरा हुआ है। उससे लोग जब कोई लेख खोजते रहेंगे तो वो लोग विकियात्रा को छोड़ कर किसी और वेबसाइट के लिंक को खोलेंगे, क्योंकि उन्हें ऐसा लगेगा कि ये लेख भी छोटा या मशीनी अनुवाद वाला होगा। +अच्छे बड़े और गुणवत्ता वाले लेख बनाने में काफी समय लगेगा, पर यदि हम यही कार्य करते रहे तो भविष्य में ये हिन्दी की सबसे अच्छी परियोजना बन सकती है। लोग अच्छे बड़े लेखों को देख कर ऐसे ही अच्छे बड़े लेख बनाने लगेंगे। तब तक हमें बस अच्छे बड़े लेख ही बनाने हैं। कृपया आप भी इस कार्य में सहायता करें। +विकियात्रा में 16 जनवरी से सम्पादन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाने वाला था। लेकिन बाद में बैनर वाली एक समस्या के कारण इसे 1 फरवरी कर दिया गया है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो 1 फरवरी से 28 फरवरी तक इस सम्पादन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। +हिंदी विकिपीडिया से साँचे कॉपी करना + + +कुछ सवाल भी है जिनके उत्तरों की आपसे गुजारिश है - +श्रेणी:नक्शों के साथ पन्ने कई लेखों के नीचे लाल रंग में दिख जाती है, जैसे कि पुणे]]। लेकिन यह उसके स्रोत में नहीं है, न ही यह किसी साँचे में मुझे मिल सकी। मैंने इसकी जगह श्रेणी:मानचित्र वाले पृष्ठ बनाई है। क्या आपको पता है कि इसे कैसे सही किया जा सकता है? +* मुम्बई शायद विकियात्रा का पहला लेख है। यदि ये लेख श्रेष्ठ स्तर तक आने वाला पहला लेख बने तो बहुत अच्छा रहेगा। +* फोन या दूरभाष शब्द हेतु आप एक बार एसएम जी से भी बात कर लें। +* चौपाल के नाम और अनुभागों के नामों पर इस तरह चौपाल या वार्ता पृष्ठ में चर्चा करेंगे तो कई दिनों का समय लग जाएगा। वैसे ये कार्य जल्दी भी हो सकता है, पर जल्दी करेंगे तो बहुत अच्छा नहीं कर पाएंगे। यदि आप हैंगआउट आदि में उपलब्ध हों तो बहुत अच्छा रहेगा। वहीं नामों के बारे में अच्छी तरह चर्चा कर लेंगे और उसके बाद चौपाल में रख देंगे। + + +नमस्कार। मैं मुख्यतः हिन्दी विकिपीडिया पर सक्रिय हूँ, जहाँ मैं वर्तमान में पुनरीक्षक हूँ। विकियात्रा पर मेरे अधिकतर योगदान उत्तराखण्ड राज्य से सम्बंधित होंगे। + + +पुणे भूतकाल में पूना भारत के महाराष्ट्र राज्य में है। यह महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है एवं राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। +पर्यटन के लिहाज से पुणे इसके शैक्षणिक संस्थानों के अलावा अपनी सांस्कृतिक, व्यवसाय, स्वास्थ्य व भोजन-संबंधी विरासत की वजह से महत्त्वपूर्ण है। शहर की बड़ी छात्र आबादी से यहाँ की शामें रंगीन और माहौल जीवंत रहते हैं। साथ ही साथ पुणे में बेहतरीन जलपान गृह, संग्रहालय और मनोरम दृश्य पेश करते पहाड़ी किले भी हैं। +चूंकि पुणे महाराष्ट्र में है, यहा��� के अधिकांश निवासी मराठी या तो महाराष्ट्रीयन हैं। यह शहर पुणे ज़िले का प्रशासकीय मुख्यालय है। इसका लगभग १,६०० वर्षों का इतिहास है। पाँचवीं सदी की पातालेश्वर गुफाएँ (जंगली महाराज रोड के नज़दीक) पुणे में पुराकालीन बसाहट का सबूत हैं। +पुणे को "पूर्व का ऑक्सफोर्ड" कहा गया है। सावित्रीबाई फुले विद्यापीठ का शहर में प्रमुख महत्व है। यहाँ कई महाविद्यालय और संस्थान हैं जो अभियांत्रिकी से लेकर ललित कला तक हर प्रकार की शिक्षा प्रदान करते हैं। +पुणे का मौसम खुशनुमा है। यहाँ तीन मुख्य ऋतुएँ होती हैं ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु। गर्मी के समय में दिन का अधिकतम तापमान ३५ से ४२° से॰ के बीच रहता है। आमतौर पर पुणे में सबसे गर्म माह अप्रैल का होता है जबकि शेष दक्कन के पठार में यह मई में होता है। +यहाँ का ग्रीष्मकाल भीषण नहीं होता। गर्मी के चरम के दौरान भी हवा ठंडी होती है और किसी पेड़ के नीचे खड़े रहने मात्र से राहत मिल सकती है। हालांकि, अक्सर सूरज की रोशनी कालिमा पैदा कर सकती है। इसके लिए सनस्क्रीन (एसपीएफ़-३० से ऊपर) ध्यान से अपने साथ रखिए और उपयोग करना न भूलें। क्षेत्र के अन्य भागों की तुलना में पुणे की अधिक ऊँचाई के कारण यहाँ रातें काफी शीतल रहती है। +औसतन लगभग ५५०मिमी वर्षा होती है। मई में अक्सर भारी बारिश होती है जिससे तापमान नीचे आ जाता है। कभी-कभी बरसात का समय उदास-सा प्रतीत हो सकता है जब कई दिनों तक लगातार बदली छाई रहती है। सर्दियों में दिन का तापमान २४ से २८° से॰ के बीच और रात में ५ से ८° से॰ तक नीचे जा सकता है। शीतकाल आमतौर पर शुष्क रहता है। साधारणतः नवंबर के महीने में पुणे में जलवायु सुखद होती है। +पुणे के ज़्यादातर लोग उदारपंथी है। यह बहुत ही पारंपरिक और रूढ़िवादी नगरी हुआ करती थी, लेकिन अब समय बदल चुका है। अब यह कोई पहले जैसा अपरिवर्तनवादी छोटा शहर नहीं रहा अपितु एक पूर्वाग्रहमुक्त और अधिक विकसित जगह है। +पुणे बहुत हद तक एक विश्वजनीन शहर है। यद्यपि मराठी यहाँ की आधिकारिक और सड़कों पर सबसे अधिक सुनाई देने वाली भाषा है, अधिकांश जन अंग्रेज़ी व हिंदी भी जानते हैं। +पुणे पश्चिमी महाराष्ट्र का एक प्रमुख परिवहन केंद्र है। यह सह्याद्री पहाड़ियों के कई पहाड़ी स्टेशनों के लिए प्रवेश-द्वार के रूप में कार्य करता है। +| content=पुणे का अपना नागरिक हवाई अड्डा नहीं है। सभी वा��िज्यिक हवाई वाहक लोहेगाँव स्थित सैन्य हवाई अड्डे से संचालन करते हैं जो शहर के केंद्र से लगभग १० किमी दूर है। यातायात स्थिति के आधार पर पहुँचने में तकरीबन आधे से 1 घंटे तक का समय लगता है। यहाँ से लगभग सभी घरेलू वाहक उड़ान भरते हैं लेकिन विमानक्षेत्र के वायुसेना के नियंत्रण में होने के कारण उड़ानों की संख्या सीमित है। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें केवल दुबई और फ्रैंकफर्ट के लिए चलती हैं। सुविधाएँ अपर्याप्त हैं आगंतुकों के लिए एक पैसा विनिमय करने की जगह, एक बहुत छोटा-सा ड्यूटी फ्री और एक पूर्व-भुगतान टैक्सी स्टॉल हैं; प्रस्थान स्थल के पास हल्के नाश्ते के लिए कुछ दुकानें, एक छोटा ड्यूटी फ्री और सामग्री स्टोर है। विमानपत्तन का बिज़नेस लाउंज एकदम मूलभूत है। अगर सीधी उड़ान मिलना आपके लिए मुश्किल लग रहा है तो मुंबई पहुँचकर टैक्सी या रेल से पुणे तक की यात्रा करना एक व्यवहार्य विकल्प है। लंबी दूरी के लिए निजी टैक्सी से जाने पर करीब तीन घंटे और ₹३,००० लगने चाहिए। +पुणे को जोड़ने वाली उड़ानें इस प्रकार हैं - +एअर इंडिया एक्सप्रेस ndash दुबई तथा मुंबई]] + + +यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किसी जगह वाले स्थानों की सूची। + + +प्रबंधक मात्र कुछ कार्य विशेष हेतु दिया जाने वाला अधिकार है। इन कार्यों में लेख हटाना, वापस लाना, उत्पात फैलाने वाले सदस्यों को अवरोधित करना, पन्नों को सुरक्षित करना आदि हैं। यह अधिकार समुदाय द्वारा समर्थन प्राप्त सदस्य को दिया जाता है, जिसे विकियात्रा की नीति और दिशा निर्देशों का अच्छी तरह से ज्ञान हो और विकियात्रा के लेखों में अच्छा योगदान भी दिया हो। +प्रबंधक अधिकार कोई इनाम नहीं है, इससे केवल यही पता चलता है कि समुदाय का आपके ऊपर विश्वास है कि आप इन अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करेंगे और सही तरीके से नीति और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए ही कार्य करेंगे। इसे भी याद रखें कि विकियात्रा में कोई भी सदस्य लगभग सभी पन्नों में सम्पादन, बदलाव, अनुप्रेषण, स्थानांतरण आदि कर सकता है। ये आवश्यक नहीं है कि प्रबंधन कार्यों हेतु प्रबंधक की प्रतीक्षा की जाये। आप भी उन कार्यों को कर सकते हैं। +विकि में प्रबन्धक कोई पद नहीं है और न ही कोई विशेष अधिकार है। यह केवल कुछ अधिक कार्य हेतु अधिकार मात्र है। जिसका उपयोग कर लेखों को सुरक्षित या हटाया जाता है, सुरक्षित पृष्ठों में सम्पादन किया जाता है और उत्पात मचाने वाले सदस्यों को अवरोधित किया जाता है। इसके अलावा भी कुछ अन्य अधिकार होते हैं, जैसे इतिहास विलय आदि। 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प्रश्नों को जोड़ कर एक प्रश्न न बना दें। यदि आप एक प्रश्न में दो या दो से अधिक प्रश्न करेंगे, तो उसे एक प्रश्न के रूप में न ले कर दो या दो से अधिक प्रश्नों के रूप में लिया जाएगा। +प्रश्न पूछने वाला अनुभाग चर्चा के लिए नहीं है, अतः उसमें चर्चा न करें। यदि आपने कोई प्रश्न किया है, और उसका जवाब आ जाये, तो उसके बाद आप उस उत्तर से अपना मत तय कर सकते हैं या टिप्पणी अनुभाग में अपनी टिप्पणी रख सकते हैं। नामांकन पृष्ठ लंबी लंबी चर्चा करने का स्थान नहीं है। अन्य सदस्यों को भी अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए, इस लिए इस तरह की लंबी चर्चाओं को आप उसके उचित स्थान पर कर सकते हैं। +यह कोई लोकतंत्र नहीं है, अर्थात यदि कोई अनुचित कार्य या निर्णय पर सारा समुदाय भी पूरी तरह समर्थन करे, तो भी ऐसे कार्य नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि प्रबंधकों के कार्यों से समुदाय पर सीधा प्रभाव पड़ता है, इस कारण समुदाय अपने मतों के द्वारा किसी सदस्य को प्रबन्धक कार्य हेतु चुन सकते हैं। चुनाव में भाग लेने वालों में से कम से कम 80% सदस्यों का समर्थन होने पर ही नामांकन को सफल घोषित किया जा सकता है। +कई बार ऐसे सदस्य भी मतदान में भाग ले लेते हैं, जिनके योगदान विकि में शून्य या न के बराबर होते हैं। उन्हें न तो विकि के नीतियों का ज्ञान होता है और न ही उन्हें सदस्य के बारे में कोई जानकारी होती है। ऐसे सदस्यों के मतों को गिना नहीं जा सकता है, क्योंकि ऐसे सदस्यों के कठपुतली होने या मात्र किसी के कहने पर मतदान करने आने की संभावना भी अधिक रहती है। इस तरह के मतों को रोकने के लिए योगदान की सीमा तय करना आवश्यक है। अतः केवल ऐसे सदस्य ही मतदान कर सकते हैं, जिनका खाता विकियात्रा में कम से कम तीन माह पुराना हो और मुख्य नामस्थान में कम से कम 100 सार्थक योगदान किया हो। +यदि कोई प्रबंधक कई महीनों से निष्क्रिय रहता है, तो उस खाते के हैक होने की संभावना अधिक हो जाती है। क्योंकि उसे इसकी सूचना भी शायद नहीं मिलती की उसके में प्रवेश करने का कोई प्रयास कर रहा है। इसके अलावा विकि में उत्पात मचाने और बर्बरता फैलाने हेतु भी लोग ऐसे खातों में प्रवेश करने की क��शिश करते हैं। इस तरह से ऐसे खातों के हैक होने की संभावना अन्य खातों से अधिक हो जाती है। इसके अलावा यदि कोई लंबे समय तक अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर रहा है, तो ऐसे में अधिकार का खाते में रखना उचित नहीं है। +ऐसे सदस्य जो छः माह या उससे अधिक समय से निष्क्रिय हैं, उनके खाते से प्रबंधक अधिकार हटाया जा सकता है। इसके लिए उस सदस्य को कम से कम सात दिन पूर्व सूचित करना जरूरी होता है। उस सदस्य को उसके वार्ता पृष्ठ पर संदेश लिख कर बताया जाना चाहिए कि उसके निष्क्रियता के कारण उससे इस अधिकार को वापस लिया जा रहा है। यदि सात दिनों तक उस सदस्य का कोई उत्तर नहीं आता या वह सदस्य अपनी सहमति दे देता है तो उसके बाद उसके खाते से इस अधिकार को हटाया जा सकता है। यदि सदस्य दिये गए समय पर वापस आ जाता है और आगे सक्रिय रहने का इच्छुक हो तो इस स्थिति में अधिकार वापस नहीं लिया जा सकता है। +इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियों में भी अधिकार हटाये जा सकते हैं। जैसे नीतियों का बार बार उल्लंघन करना, कठपुतली खाते बनाना आदि। कठपुतली खाते बना कर सदस्यों को परेशान करना विकि नीतियों के विरुद्ध है। ऐसे सदस्य से प्रबंधक अधिकार वापस लेने के साथ साथ हमेशा के लिए अवरोधित भी किया जा सकता है। इसके अलावा मनमानी से काम करना, लगातार विकिनीतियों का उल्लंघन करना आदि भी अधिकार हटाने के कारणों में से एक है। इन कारणों से हटाने के लिए चौपाल पर प्रस्ताव रखा जा सकता है और अस्सी प्रतिशत या उससे अधिक सदस्यों की सहमति होने पर उससे इस अधिकार को हटाया जा सकता है। +ऐसे सदस्य, जिन्हें निष्क्रियता के कारण उनसे प्रबंधक अधिकार वापस ले लिया गया था, वे चाहें तो एक महीने तक लगातार सक्रिय रहने पर पुनः नामांकन प्रक्रिया द्वारा फिर से प्रबंधक अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। +* नामांकित सदस्य का कुछ महीनों तक लगातार विकियात्रा में योगदान होना चाहिए। +* चर्चा कम से कम 7 दिन तक चलेगा। +* बिना कोई कारण दिये विरोध को नहीं गिना जाएगा। +इन अधिकारों का उपयोग करते समय हमेशा सतर्क रह कर ही इसका उपयोग करें, खास कर लेखों को हटाने और सदस्य या आईपी को अवरोधित करते समय इसका अच्छी तरह ख्याल रखें। नए प्रबंधकों को इन कार्यों को शुरू में इन कार्यों को धीरे धीरे करना चाहिए, ताकि कोई भी त्रुटि हो तो उतने ही आसानी से उसे ठीक किया जा सके। कुछ ऐसे कार्य जिसमें कई पन���नों में बदलाव करना हो, तो ऐसे कार्यों को शुरू में न करें और यदि करना भी चाहें तो ऐसे कार्यों के लिए चौपाल में लिख लें, उसके बाद ही ऐसे कार्य करें। ताकि बहुत सारे पन्नों में किए गए बदलावों को वापस करने की जरूरत न पड़े। +लेख हटाते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि लेख हटाते समय उसका वार्ता पृष्ठ यदि बना हुआ हो और कोई उपयोगी पाठ न हो तो उसे भी हटाया जाता है या उसे किसी अन्य पन्ने पर उस अवतरण के साथ आप रख सकते हैं। पन्ने के हटाने पर भी अवतरण से कोई भी प्रबंधक उस पन्ने को देख सकता है, या उसे वापस ला सकता है। कई पन्नों में कई अन्य नाम वाले शीर्षक अनुप्रेषित रहते हैं, लेख हटाते समय इसका भी ध्यान रखना चाहिए कि उसमें अनुप्रेषित कितने लेख हैं और उन्हें भी हटाना जरूरी होता है। लेख हटाने से पूर्व उसके इतिहास को भी देखना चाहिए कि कभी उसमें कोई रखने लायक जानकारी थी या नहीं। +लेख हटाने के साथ साथ अवरोध करते समय भी ध्यान रखना जरूरी होता है। कई सारे आईपी पते डाइनैमिक होते हैं, जिसका उपयोग कई सारे सदस्य करते रहते हैं, कई बार ऐसे आईपी का उपयोग बर्बरता फैलाने वाले भी करते हैं, लेकिन उसे अवरोधित करने से भी कोई खास लाभ नहीं होता है, क्योंकि आईपी का पता बदलते रहता है, केवल कुछ आईपी पता ही स्थायी रहता है। इस कारण केवल उन आईपी को ही हमेशा के लिए अवरोधित करना सही रहता है, जिसमें से कभी भी उपयोगी सम्पादन होने की कोई आशा न हो। +कुछ विकि परियोजनाओं में प्रबंधकों को ताकतवर पासवर्ड और निजी सुरक्षा रखना अनिवार्य होता है। क्योंकि इससे मात्र एक क्लिक से ही पूरे साइट को क्षति हो सकती है। ऐसे सदस्य के खाते को साइट की सुरक्षा के कारण तुरंत ही अवरोधित कर दिया जाता है और उस खाते के सारे अधिकार भी हटा दिये जाते हैं। कुछ स्थितियों में अधिकारों को हमेशा के लिए हटा दिया जाता है। +प्रबंधकों को कभी भी अपना पासवर्ड या खाता किसी अन्य के साथ किसी भी कारण से साझा नहीं करना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपके खाते का पासवर्ड किसी को पता चल गया है या कोई और उपयोग कर रहा है, चाहे आप उसे जानते भी हों या आप उस पर पूरी तरह भरोसा भी करते हों, फिर भी आपको उसी समय अपना पासवर्ड बदलने का प्रयास करना चाहिए, यदि ऐसा नहीं कर सकते तो इसकी सूचना आप स्टीवर्ड को दे कर अपने अधिकार हटाने हेतु अनुरोध कर सकते हैं। यदि आप अपने खाते के दूसरों के द्वारा उपयोग होने के बारे में सूचना नहीं देंगे तो अनाधिकृत उपयोग होने के कारण आपके सदस्य अधिकार हमेशा के लिए हटा दिये जाएँगे और इस स्थिति में वे अधिकार स्वतः ही वापस नहीं होंगे। +इस विकि समुदाय में सभी योगदान करने वाले सदस्य स्वयंसेवक ही हैं, और केवल अपने मन से ही योगदान करते हैं। किसी भी प्रकार का खराब व्यवहार उनके मन में योगदान करने की भावना को दूर कर सकता है या उन्हें विकि से हमेशा के लिए दूर भी कर सकता है। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे व्यवहार के बाद स्वयं भी उसी तरह के व्यवहार करने लगते हैं, जिससे समुदाय को एक प्रकार से क्षति पहुँचती है। हालांकि सभी स्वयंसेवकों को अन्य सभी स्वयंसेवकों से अच्छी तरह ही बात करनी चाहिए, परंतु यह प्रबन्धन करने वाले सदस्य के लिए अनिवार्य होता है कि वह सभी से आदर पूर्वक ही चर्चा करे और समुदाय के माहोल को खराब होने से बचाने में पूरी तरह सहायता करे। इस कारण यदि कोई सदस्य किसी तरह से समुदाय का माहोल खराब करने की कोशिश करता है या किसी से दुर्व्यवहार करता है तो उसे अवरोध और प्रतिबंध नीति अनुसार अवरोध या प्रतिबंधित किया जा सकता है। हालांकि इस दौरान भी किसी भी प्रबन्धक को उस सदस्य के साथ भी किसी भी प्रकार से खराब व्यवहार नहीं करना चाहिए। +अतः यदि कोई सदस्य आपके साथ बहुत बुरा व्यवहार भी करे तो भी उसके बाद अच्छे से व्यवहार करें। हालांकि अच्छे से व्यवहार करने का मतलब ये नहीं है कि कोई बुरा व्यवहार करे तो उसे करने दिया जाये। उनके साथ अच्छा व्यवहार रखते हुए भी आप उन्हें अवरोधित कर सकते हैं या समुदाय द्वारा उस पर प्रतिबंध भी लगा सकते हैं। हालांकि कोशिश यही करें कि किसी भी सदस्य को अवरोधित करने या उस पर प्रतिबंध लगाने की स्थिति न आए। + + +प्रबंधक नामांकन एक प्रक्रिया है, जिससे विकियात्रा के सदस्य किसी को प्रबंधक के रूप में चुनते हैं। सदस्य स्वयं अपना नामांकन कर सकते हैं, या कोई अन्य सदस्य किसी को इसके लिए नामांकित कर सकता है। कृपया अपना नामांकन करने से पूर्व, इस विकि के नीति और दिशानिर्देशों को अच्छी तरह समझ लें। यदि आप किसी अन्य सदस्य का नामांकन करने वाले हैं, तो भी ये अवश्य ध्यान रखें कि उसे नीतियों और दिशानिर्देशों का अच्छी तरह ज्ञान हो और कई महीनों से सक्रिय रूप से अपना सकारात्मक योगदान दे रहा हो। +प्रबंधक के पास मात्र कुछ अतिरिक्त अधिकार ही होते हैं, हालांकि इनके कार्य सार्वजनिक रूप से दिखते हैं और कोई अन्य प्रबंधक भी उन कार्यों में बदलाव या पूर्ववत कर सकता है, जैसे किसी पन्ने पर सम्पादन किया जाता है। लेकिन इनके कार्यों का प्रभाव पूरे साइट पर पड़ता है, यदि कहीं भी त्रुटि हो तो उससे बहुत सारे सदस्य प्रभावित हो सकते हैं। + + +बिष्णुपुर या विष्णुपुर बंगला: বিষ্ণুপুর भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बाँकुरा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक महत्व का शहर है। इस नगर की सांस्कृतिक पहचान विशेषतः पूर्वी भारत के ऐतिहासिक राढ़ क्षेत्र से जुड़ी हुई है। बिष्णुपुर विशेहतः अपने प्राचीन और मध्यकालीन टेराकोटाकृत मंदिरों और उनकी विशिष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है। +बिष्णुपर में, पश्चिम बंगाल के किसी भी क्षेत्र या शहर से अधिक मंदिर हैं, जोकि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक लिहाज़ से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं तथा राढ़ क्षेत्र की विशिष्ठ ऐतिहासिक वास्तुकला के बेशकीमती मिसाल हैं। यहाँ के अधिकांश मंदिर वैष्णव पंथ से सम्बंधित हैं, जबकि कुछ, शैव, तथा अन्य बौद्ध और जैन संप्रदाय के मंदिर भी बिष्णुपर और इसके इर्द-गिर्द बिखरे पड़े हैं। हालाँकि कुछ पुराने मंदिर, मखरैली मिट्टी के बने हैं, परंतु बिष्णुपर में अनेकों ईंट-कृत मंदिर हैं, जिनमें टेराकोटा की उत्कृष्ट नक्काशियाँ की हुई हैं। +बिष्णुपर और इसके आस-पास के क्षेत्र की विशिष्ट पहचान और वास्तुकला का मूल कारण छिपा है इस क्षेत्र के विशिष्ठ इतिहास में, जिसका सबसे खास पहलु है, बिष्णुपर राजशाही की लंबे समय तक, मुर्शिदाबाद-केंद्रित बंगाल सल्तनत से स्वतंत्रता, और बाकि के बंगाल से सांस्कृतिक अलगाव। +१९ वीं सदी में इतिहासकार रमेशचंद्र दत्त ने लिखा था: +बाँकुरा जिले में उड़ीसा की कलिंग वास्तुकला में निर्मित रेखा देओल शैली के कुछ उत्कृष्ट उदाहरण हैं उदाहरण के लिए बहुलारा में)। लेकिन बंगाल शैली का वास्तुकला है जो इस जिले में उल्लेखनीय है। 1643 में रघुनाथ सिंह द्वारा निर्मित "श्यामराय मंदिर" बंगाल में संभवतः सबसे पुराना 'पंचरत्न' मंदिर है। झुका हुए घुमावदार छतों के साथ, इसमें केंद्र में एक, तथा प्रत्येक कोने में एक-एक 'पीढ़ा देउल' मौजूद है। जोर बांग्ला मंदिर 1655 में बनाया गया था, इसे भी राजा रघुनाथ सिंह ने बनवाया था। यह मंदिर, बंगाल शैली की वास्तुकला का एक बढ��िया उदाहरण है। इस मंदिर की वास्तुकला यह दर्शाता है कि देवताओं को मनुष्य के करीबी के तौरपर देखा जाता था और ऐसे मंदिरों में रखा गया था जो सामान्य मानव निवास (कच्चे छतों वाली झोंपड़ियाँ) के समान थे। +बिश्नुपुर में चार अलग-अलग प्रकार के मंदिरों को अलग किया जा सकता है। पहले एक घुमावदार छत पर एक वर्ग है और मल्लेश्वर मंदिर द्वारा प्रतिनिधित्व किया है। दूसरी ओर एक घुमावदार छत पर एक टावर है इसके सर्वोत्तम उदाहरण ईद में मदन मोहन मंदिर हैं और लेटेला लालजी और राधा श्याम मंदिरों में हैं। 'पंचरत्न' मंदिर में घुमावदार छत पर पांच टावर हैं सर्वश्रेष्ठ उदाहरण श्याम राय ईंट में मंदिर और लेटेराइट में मदन गोपाल मंदिर हैं। चौथा प्रकार जोर बंगाला प्रकार है, जिसकी आकार दो इमारतों की तरह होती है, जैसे कि एक ठेठ बंगाल झोपड़ी एक साथ एक छोटे से बुर्ज के साथ मिलकर आती है। वास्तुकला दृष्टिकोण से यह सबसे दिलचस्प है। श्याम राय मंदिर में नक्काशीदार टाइलों का बेहतरीन नमूना है। +बिष्णुपर के समाज और संस्कृति में इन मंदिरों की महत्व का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है, की इतने सुसम्पन्न और मनोहर मंदोरों को बनवाने के बावजूद, बिष्णुपर के शक्तिशाली राजकुटुंब एक सरल, विनयशील, एक मंज़िल महल में रहा करते थे, जोकि तत्कालीन बंगाल के समय छोटे-बड़े ज़मींदारों की हवेलियों के सामने भी कुछ नहीं था। यहाँ तक की बिष्णुपर के सुरक्षा दुर्ग और किलों को भी विशेष कर, इन मंदिरों की सुरक्षा को ध्याम में रखते हुए बनाया गया था। +[[कोलकाता से बस, सड़क या ट्रेन से। +* बस से कलकत्ता राज्य परिवहन निगम (सीएसटीसी) और दक्षिण बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एसबीएसटीसी) बसों का नियमित रूप से कोलकाता के धर्मतला/एस्प्लनेड बस स्टैंड और बिश्नुपुर के बीच होता है। यह बिष्णुपुर तक पहुंचने में लगभग 4-5 घंटे लगते हैं। सड़क की दूरी रेल दूरी की तुलना में कम है, यह लगभग 150 किमी है। +* सड़क मार्ग से कोलकाता से डानकुनी की यात्रा, दुर्गापुर एक्सप्रेसवे को ले, रतनपुर के पार की ओर मुड़ें और शोरफुली-तारकेवार रोड ले जाने के लिए सीधे सरबाग और बिष्णुपुर तक जाएं +* ट्रेन से- कोलकाता से लगभग 3:30 से 4:15 घंटो, दूरी 201 और nbsp; किमी सुविधाजनक कनेक्शन रूपशी बंगाला एक्सप्रेस' 6:00 बजे हावड़ा प्रस्थान पुरूलिया एक्सप्रेस 4:45 बजे हावड़ा प्रस्थान और अरण्य�� एक्सप्रेस शालीमार को 7:45 बजे प्रस्थान करते हैं। हावड़ा से बिष्णुपुर तक "अरण्यक एक्सप्रेस" आने के लिए, पहले को स्थानीय रेलगाड़ी से संतरागाछी और फिर अरण्यक एक्सप्रेस से आना होगा। ये सभी ट्रेन खड़गपुर, मिदनापुर के माध्यम से हैं। आप हावड़ा-चक्रधरपुर यात्री के लिए भी विकल्प चुन सकते हैं जो हावड़ा को 23: 05 बजे छोड़ देता है। इस ट्रेन में स्लीपर क्लास प्रावधान है +दूसरे विकल्प, खड़गपुर मिदनापुर बर्धमान दुर्गापुर में आने के लिए ट्रेन के रूप में हावड़ा। +कोलकाता में नेताजी सुभाष हवाई अड्डा नियमित व्यावसायिक उड़ानों के लिए सबसे नज़दीकी है। जो लोग उड़ान कनेक्शन की तलाश कर रहे हैं वे आंदाल, दुर्गापुर में और काजी नज़रुल हवाई अड्डे से उड़ानों की जांच कर सकते हैं। +* तारकेश्वर से बस द्वारा +* दुर्गापुर से बस द्वारा +* खड़गपुर से ट्रेन द्वारा +* बर्धमान से बस द्वारा +* दुर्गापुर से बस द्वारा +* आसनसोल से ट्रेन द्वारा +अधिकांश मंदिर पैदल चलने योग्य दुरी पर स्थित है, हालाँकि, रिक्शा और भाड़े पर गाड़ियां भी पाई जा सकती हैं। इसके अलावा बिष्णुपर शहर में परिवहन के लिए ऑटो और टुकटुक(टोटो) भी पाए जाते हैं। +बिष्णुपर का मुख्य आकर्षण है, मल्ल वंश के समय निर्मित टेराकोटा मंदिरें। हालाँकि अन्य पर्यटन स्थल भी यहाँ सूचित हैं। +| content= १७वीं साड़ी में राजा रघुनाथ सिंह देव द्वितीय द्वारा १७वीं सदी में निर्मित। बानगी की पारंपरिक चाल वास्तुशैली में निर्मित, अपने टेराकोटा नक्काशियों के लिए मशहूर। +| content=राजा रघुनाथ सिंह द्वारा 1643 में निर्मित, यह बिष्णुपर के सांसे विशाल मंदिरों में से है, इसमें श्रीकृष्ण के जीवन काल से संबंधित कहानियाँ अंकित हैं। +| content= पश्चिम दिशा से बागड़ियों(मराठों) के हमले से बिष्णुपर की रक्षा करने के लिए बनाया गया था। +| content= सबसे पुराने ईंट संरचना बीर हंबिर द्वारा 1587 में निर्मित शहर के केंद्र में एक पिरामिड संरचना है, जहां अन्य मंदिरों के देवता रसना समारोह के अवसर पर एक जुलूस में लाए जाते हैं। इस इलाके में मल्ला राजाओं के कुछ तोप हैं +| content= एक 18 वीं शताब्दी जैन-हिंदू मंदिर है। मंदिर में तीन उत्कृष्ट पत्थरों की मूर्तियां हैं- दो जैन देवताओं और विष्णु सभी तीन बाहरी दीवारों पर हैं धरपत में कुछ पत्थर अवशेष हैं उनमें से एक और बहुत ही रोचक, पारसनाथ का एक मूर्ति है जिसे विष्णु की मूर्ति में दो हाथों से जोड़कर ध्यान में लाया गया है। यह स्पष्ट रूप से क्षेत्र में जैन धर्म की गिरावट के बाद हिंदू प्रभाव को बल देने का प्रतीक है। +| content= टेराकोटा घोड़ों के हस्तशिल्प के लिए मशहूर गाँव +मंदिर पर्यटन और वास्तुकला के अलावा बिष्णुपर हिंदुस्तानी और बंगाली शास्त्रीय संगीत का केंद्र है। यहाँ आप समय निकल कर। +बिष्णुपर की कुछ विशिष्ट हस्तशिल्प, जो बाजार में उपलभ्ध है: +बालूचरी सरिस एक और प्रसिद्ध बिष्णूपुर उत्पाद। पारंपरिक रूप से "रामायण" और "महाभारत" प्रतीकों के साथ बुना हुआ है लेकिन आधुनिक संस्करण भी उपलब्ध हैं। +बाँकुरी घोड़ा जो अब भारतीय हस्तशिल्प का प्रतीक बन चूका है टेराकोटा और लकड़ी के संस्करणों में अलग-अलग आकारों में उपलब्ध है। +शंख के मोती और अन्य चीज़ें +वहाँ बहन से दुकानें हैं जहाँ आप जा सकते है, जिनमे कुछ विशेष दुकानें निम्न लिखित हैं: +# टेराकोटा क्राफ्ट, दलमंडल रोड +# बालतला क्षेत्र में सिल्क खादी सेवा मंडल रेशम बेचती है। +# चौक बाज़ार में न्यू कृष्णा क्लॉथ स्टोर, बिश्नुपुर बलूचारी साड़ी का उत्तम संग्रह है। +बिश्नुपुर एक छोटा शहर है। यहां मंदिरों के आसपास और साथ ही मुख्य बस स्टैंड के पास कई छोटी भोजनालय मिल सकते हैं। हालांकि, किसी को 'पोस्टो-आर बोरा' की कोशिश करनी चाहिए। आप विभिन्न प्रकार के फ्राइज़ टेलीछाजा की कोशिश भी कर सकते हैं और शुद्ध घी से तैयार सिब्दास गर्ल्स स्कूल के पास स्वीटमेट भी कर सकते हैं। +यदि आप पोस्टो बोरा के साथ एक साधारण बंगाली लंच चाहते हैं, तो होटल मोनालिसा आपके मन लायक स्थान है। +सामान्यतः होटल में हार्ड ड्रिंक उपलब्ध हैं +बिहारीनाथ प्रकृति की गोद में छुट्टियों के लिए +जयरामबाटी और कामारपुकुर 43   किमी विष्णुपुर से जयरबाटी और कमपुरपुरा, श्री मा सरदामौई के जन्मस्थान और श्री रामकृष्ण प्रमोहांस हैं। कमपुरपुर्क के निकट बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा प्रसिद्ध 'गढ़ Mandaran' नामक ऐतिहासिक है। +मुकुटमणिपुर काङ्शाबाटी नदी के किनारे बिष्णुपुर से करीब 83 किमी दूर है। मुख्य आकर्षण नदी के पार बांध और पहाड़ी परिदृश्य है। +सुसूनिया सुसूनिया पहाड़ जिले के महत्वपूर्ण पहाड़ियों में से एक, पड़ोसी मैदानों से अचानक 44 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ रहा है। 4 वीं शताब्दी के राजा चंद्रवर्म के पत्थर के शिलालेखों को यहां खोजा गया है। बंकुरा-पुरूल���या रोड पर बंकुरा से, 13 किमी पर छाटना में उतरना पड़ता है। सुसूनिया 7 किमी है छाटना के उत्तर में + + +उत्तराखण्ड जो २००७ तक उत्तराञ्चल के नाम से जाना जाता था, उत्तर भारत के हिमालयी क्षेत्र में स्थित एक राज्य है। +उत्तराखण्ड दो बड़े भागों में बाँटा जाता है। दोनों की अपनी अलग संस्कृति और भाषा है। +उत्तराखण्ड के प्रमुख नगर निम्नलिखित हैं: +mdash; राज्य की राजधानी। अपने बोर्डिंग स्कूलों के लिए यह "भारत का ऑक्सफ़ोर्ड" कहलाता है। +mdash; गंगा तट पर स्थित एक पवित्र नगर, और कुंभ मेले का एक स्थल, जो दुनिया का सबसे बड़ा त्योहार है। +mdash; कुमाऊँ क्षेत्र के मध्य बसा एक ऐतिहासिक नगर। +mdash; देहरादून के निकट स्थित प्रसिद्ध हिल स्टेशन, जो अपनी सुंदरता और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। +mdash; कुमाऊँ रेजिमेंट का केंद्र, अपने गोल्फ मैदान तथा सुंदरता के लिए विख्यात। +mdash; भगवान् विष्णु का मंदिर, चार धामों में एक। +mdash; सरयू तथा गोमती नदियों के संगम पर बसा तीर्थ +mdash; अल्मोड़ा से कुछ दूरी पर स्थित प्रसिद्द हिल स्टेशन +mdash; सुन्दर पहाड़ी स्टेशन, जहाँ से नंदा देवी पर्वत शृंखला के सर्वश्रेष्ठ दृश्य देखे जा सकते हैं। +| name कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान]] +mdash; भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान +mdash; घने जंगलों के मध्य स्थित एक प्रमुख नगर +mdash; भगवान् शिव का मंदिर +mdash; अपनी उत्कृष्ट प्राकृतिक सुंदरता, लुप्तप्राय जानवरों और स्थानिक अल्पाइन फूलों के लिए प्रसिद्ध है +mdash; यहाँ सड़क मार्गों का अंत और पर्वतीय क्षेत्रों में ट्रेकिंग मार्गों की शुरुआत होती है +उत्तराखण्ड, जो हिमालय क्षेत्र में है, देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। यहाँ कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें हिल स्टेशनों से लेकर लोकप्रिय नगर और तीर्थ स्थल भी शामिल हैं। +हालांकि राज्य की स्थानीय भाषाएं कुमाउँनी और गढ़वाली हैं, लेकिन हर कोई हिंदी भी बोलता है। अंग्रेजी भाषा आम नहीं है, लेकिन राज्य के कुछ हिस्सों में अच्छी तरह से समझी और बोली जाती है। +राज्य में प्रवेश विभिन्न नगरों से होता है। गढ़वाल क्षेत्र में प्रवेश सहारनपुर से देहरादून मसूरी के रास्ते से, रुड़की से हरिद्वार-ऋषिकेश के रास्ते से या बिजनौर से कोटद्वार नगर के रास्ते से हो सकता है। हरिद्वार से ऋषिकेश होते हुए, जबकि कोटद्वार से लैंसडौन होते हुए आप गढ़वाल के भीतरी हिस्सों में पहुँच ���कते हैं। कुमाऊँ क्षेत्र में प्रवेश मुरादाबाद से काशीपुर रामनगर के रास्ते से, रामपुर से रुद्रपुर-पंतनगर के रास्ते से, बरेली से किच्छा हल्द्वानी के रास्ते से तथा पीलीभीत से खटीमा-टनकपुर के रास्ते से होता है। +देहरादून के रास्ते से प्रवेश कर आप मसूरी, चकराता, बड़कोट, यमुनोत्री की ओर घूम सकते हैं। +* हरिद्वार के रास्ते से प्रवेश कर आप ऋषिकेश, टिहरी, उत्तरकाशी, गंगोत्री की ओर घूम सकते हैं। +* कोटद्वार के रास्ते से प्रवेश कर आप लैंसडौन, सतपुली, पौड़ी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, केदारनाथ की ओर घूम सकते हैं। +* रामनगर के रास्ते से प्रवेश कर आप रानीखेत, चौखुटिया, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, औली, बद्रीनाथ की ओर घूम सकते हैं। +हल्द्वानी के रास्ते से प्रवेश कर आप नैनीताल, अल्मोड़ा, कौसानी, बागेश्वर, चौकोड़ी, मुनस्यारी की ओर घूम सकते हैं। +* टनकपुर के रास्ते से प्रवेश कर आप चम्पावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़, अस्कोट, जौलजीबी, धारचूला की ओर घूम सकते हैं। +पहाड़ी खाना बहुत सरल, लेकिन बहुत ही पौष्टिक होता है, जो कि हिमालय के कठिन माहौल के लिए उपयुक्त भी है। गहत जैसी दालों का प्रमुखतः प्रयोग रस-भट्ट, छैण, फाणा और ठटवानी जैसी अलग-अलग व्यंजनों में होता है। दाल को दही में पका कर बनाया जाने वाला झोली अन्य प्रमुख व्यंजन है। +आलू गुटुक और पिनालू गुटुक को तले हुए आलू या पिनलू में विभिन्न मसाले मिलकर तैयार किया जाता है। +बाल मिठाई भुने हुए खोये से बनता है, और फिर इसपे सफेद चीनी की गेंदों का लेप लगाया जाता है। +भट्ट की चुड़कानी भट्ट की दाल से तैयार एक तरह का सूप है, इसे चावल के साथ खाया जाता है। +छैण बनाने के लिए उड़द की दाल को पहले भून कर पीसा जाता है, और फिर सूप की तरह पकाया जाता है। +डुबका एक साधारण पकवान है जो विभिन्न दालों के बना होता है। +कापा एक पकवान है, जिसे पालक के पेस्ट को अन्य मसालों के साथ पकाकर बनाया जाता है। + + +मेरा नाम अनूप कुमार है। मैं भारत देश का नागरिक हूँ। मुझे हिन्दी लिखना, पढ़ना, बोलना और टंकण करना आता है। मैं फरवरी 2018 से विकि पर सक्रिय हूँ। + + +अजमेर पश्चिमी भारत के राजस्थान राज्य में स्थित एक खूबसूरत शहर हैं। यह पुष्कर के प्रवेश द्वार के रूप में अधिक लोकप्रिय है तथा जयपुर और दिल्ली के साथ सड़क से जुड़ा हुआ हैं। +इस शहर में एक महत्वपूर्ण इस्लामी तीर्थ स्थल भी हैं। सूफी संत ख्वा���ा मोइनुद्दीन चिश्ती का तीर्थस्थल अजमेर में हैं। +*दिल्ली से दिल्ली-अहमदाबाद मेल एक सभ्य स्लीप ट्रेन हैं (धीमी है, लेकिन यह आपको सोने के लिए अधिक समय देती हैं) जबकि अजमेर शताब्दी एक्सप्रेस वहां पहुंचने का सबसे तेज़ तरीका हैं। सुबह और शाम जयपुर से यात्री रेलगाड़ियां हैं और वह रेलगाड़ी अहमदाबाद को जाती हैं। यह शहर उदयपुर से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें से इंटरसिटी एक्सप्रेस एक बेहतर विकल्प होगा। +*कोलकाता से सियालदह स्टेशन और कोलकाता (चितपुर) स्टेशन अच्छी तरह से अजमेर जंक्शन से जुड़े हुए हैं। अनन्या एक्सप्रेस (सियालडाह सियालदह-अजमेर डेली एक्सप्रेस और कोलकाता (चित्तपुर अजमेर एक्स्प्रेस जैसी ट्रेन अजमेर के लिए हैं। +विभिन्न टूर ऑपरेटर और ट्रैवल एजेंसियों कार-टैक्सी की सेवाएं प्रदान करते हैं। यह प्रति किलोमीटर या प्रति दिन के अनुसार शुल्क लेते है। आप शहर में आने या शहर के चारों ओर आसपास के दर्शनीय स्थलों के लिए एक टैक्सी लेने के लिए योजना बना सकते हैं। यदि आप टूर के लिए एक उचित कार चाहते हैं तो आप जिला परिषद भवन (जिला प्रबंधन मुख्यालय) के सामने एक स्टैंड से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। यदि आप सौदेबाजी में अच्छा हैं तो यह सबसे अच्छा विकल्प होगा। +| name=अकबर का महल और संग्रहालय +| content= यह सम्राट अकबर का शाही निवास था। लेकिन अब एक संग्रहालय के रूप में कार्य करता है जो मुगल और राजपूत कवच का उत्कृष्ट संग्रह और कुछ ठीक मूर्तियां हैं। +| content= यह अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान के दादा द्वारा निर्मित बांध हैं। दौलत बाग अना सागर के पास एक विशाल पार्क है और आराम करने के लिए एक अच्छी जगह है। +| content= पुष्कर झील के नजदीक इस अद्भुत ब्रह्मा मंदिर की यात्रा के लिए आपको पुष्कर जाना चाहिए। आपको यदि शॉपिंग करनी है तो आपको तंग रास्तो मे जाना पड़ेगा। बाजार मे कई धार्मिक और रंग बिरंगी गलिया हैं। कई भोजनालयों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों के साथ साथ आप अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों का भी सेवन कर सकते हैं। +| content=दरगाह मुस्लिम धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थान केंद्र है और सूफी संत ख्वाजा मोइन उद्दीन चिस्ती के जीवन में एक विशेष स्थान रखता हैं। यहाँ एंट्री मुफ़्त है, लेकिन आपको अपने जूते की देखभाल के कुछ रुपये का बाहर भुगतान करना पड़ सकता हैं। यहाँ पुरुषों और महिलाओं को अपने सिर को कवर करना चाहिए तथ��� महिलाओं को अपने कंधों को कवर करना चाहिए। दरगाह बाजार में भिखारी काफी निरंतर हो सकते हैं। यह सुझाव है कि महिलाओं को पश्चिमी कपड़ों में तीर्थस्थल में प्रवेश नहीं करना चाहिए। +| content=सिर्फ अगर यह बरसात का मौसम है और आपके पास अपने समूह में बुजुर्ग सदस्य नहीं हैं। +| content=बाहरी इलाके (किशनगढ़ बाईपास) पर स्थित एक जैन स्थान हैं। यह यात्रा करने के लिए एक अच्छी जगह है यहाँ एक बहुत बड़ा मंदिर है और यहाँ प्रामाणिक जैन भोजन प्रदान किया जाता हैं। (आप भोजन के समय को पहले से ही देख लें। क्यूकी वे केवल उन्ही घंटों में भोजन की सेवा प्रदान करते हैं।). +| content= यह 11वीं शताब्दी के सम्राट पृथ्वीराज चौहान को समर्पित एक पार्क हैं। +| content=यह मस्जिद दरगाह परिसर मे सभी संरचनाओं में सबसे खूबसूरत हैं। यह सफेद संगमरमर का बना हैं। +| name=सोनी जी की निस्यान +| content= अना सागर के रास्ते पर एक जैन मंदिर जो बाहर से काफी सुंदर हैं। इसमें अयोध्या शहर (जो हिंदू भगवान राम का जन्मस्थान) का एक स्वर्ण मॉडल हैं। लेकिन सामान्यता इस मंदिर पर प्रोटोकॉल लागू होते हैं। +| content= यह एक मंदिर है और यह राजस्थान में दूसरा सबसे ऊंचा शिखर हैं। +*दरगाह के पास कई होटल और गेस्ट हाउस हैं। लेकिन अगर आप उर्स सीजन के दौरान जा रहे हैं। तो यदि हो सके तो आप संभवतः 2-3 महीने पहले अपने कमरे बुक करें। +होटल मानसिंह पैलेस रहने के लिए एक अच्छी जगह हैं। यह सभ्य सुविधाओं के साथ एक 3-सितारा होटल हैं। +होटल पंडित में किफायती कमरे हैं और यह सुभाष पार्क के ठीक सामने बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के केंद्र में स्थित हैं। +खादीम पर्यटक बंगले आरटीडीसी द्वारा चलाए जा रहे किफायती रेंज के कमरे हैं और यह बस स्टैंड के बहुत करीब है, रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूर है। + + +अमरीश जी, आपका विकियात्रा में स्वागत है। विकियात्रा के सम्पादन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए धन्यवाद। आप एक फरवरी से अट्ठाईस फरवरी तक जितने भी लेख विकियात्रा में बनाएँगे, वे सभी लेख इस प्रतियोगिता में जुड़ जाएँगे। बस आपको ऐसे जगहों के लेख बनाने होंगे, जिसमें बहुत सारे देखने लायक जगह मौजूद हो। + + +Ksrajan11 जी, आपका विकियात्रा में स्वागत है। शायद आप विकियात्रा के सम्पादन प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते थे, और किसी अन्य सदस्य के हस्ताक्षर में आपने बदलाव कर दिया था। उसे पूर्ववत कर दिया गया है। यद�� आप प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं, तो बस उस पन्ने में लिख दें, इससे अपने आप ही आपका नाम और उस समय की तारीख उसमें दर्ज हो जाएगी। आपके द्वारा 1 फरवरी से 28 फरवरी के मध्य बनाए गए सभी लेख इस प्रतियोगिता में स्वतः शामिल हो जाएँगे। + + +PAGENAME के लेख और उप-क्षेत्र। + + +इन श्रेणियों में लेख हैं लेकिन इनका मुख्य पृष्ठ एक पुनःनिर्देशन है। + + +निम्नलिखित श्रेणियों में शामिल लेख आपकी मदद से बेहतर बनाए जा सकते हैं। कृपया अग्रसर हो और उन्हें सुधारने में मदद कीजिए! + + +इन श्रेणियों में लेख हैं लेकिन इनका मुख्य पृष्ठ एक पुनःनिर्देशन है। + + +ओडिशा भारत के नौवां सबसे बड़ा राज्य है, और जनसंख्या से ग्यारहवां सबसे बड़ा है। यहां आधिकारिक और सर्वाधिक व्यापक रूप से ओडिया भाषा बोली जाने की साथ अंग्रेजी और हिंदी भाषा की भी प्रयोग किया जाता हे। पर्यटकों के लिए यह श्रेष्ठ राज्य हे, क्यूं कि ओडिशा के समस्त प्रान्त में मन्दिरों का श्रृंखला हे। इसके आलावा मठ, आश्रम, प्राकृतिक चमत्कार, समुद्र तट, वास्तुशिल्प सौंदर्य और कई चीजें जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। महानदी नदी समेत, तटीय स्तर अधिक आबादी से भरा है। राज्य का आंतरिक भाग पहाड़ी और यहाँ कम से कम आबादी है। पुरी रथ यात्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है, त्योहार के दौरान लाखों लोग ओडिशा का दौरा करते हैं। कोनार्क ओडिशा में भगवान सूर्य का एक और प्रसिद्ध मंदिर है, इसके वास्तुकला एक विशाल रथ के आकार में है जिसमें २४ पहियों की नक्काशी हुई हे और ७ घोड़ों द्वारा खींचा जाना दिखता हे। इसमें १७ एयर बेस और १६ हेलीपैड हैं, उनमें से प्रमुख हैं बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जो की भुबनेश्वर स्थित हे। +ओडिशा का प्राचीन नाम कालिंग था। विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ ओडिशा में हुआ। २६१ बीसी में कलिंग युद्ध में सम्राट अशोक ने लड़ा था। इस युद्द के बाद उन्होने अहिंसा को गले लगाने और बुद्ध की शिक्षाओं का नेतृत्व करने के लिए स्वयं को चंडाशोक से धर्माशोक में परिबर्तित किया था। इस राज्य को उत्कल भी कहा जाता है, जो की भारत की राष्ट्रीय गीत में अन्य राज्यों के नाम की साथ शामिल हे। उड़ीसा को आधुनिक राज्य १ अप्रैल, १९३६ में स्थापित किया गया था। इस दिन को उत्कल दिवस की रूप में पालन किया ज���ता हे। १९४८ में भुबनेश्वर ओडिशा की राजधानी बनी थी, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान इस के राजधानी कटक में स्थित थी। यह ४ राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ सीमाएं बना रखी हे। ओडिसी ओडिशा का विश्व प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है। +ओडिशा सामुद्रिक तटीय स्तर पर होने का कारण, इस के मौसम समुद्र से काफी प्रभावित होता है। इस क्षेत्र की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है जिसके परिणाम स्वरूप अप्रैल और मई के महीनों में बहुत अधिक तापमान होता है। इसके विपरीत, राज्य के पूर्वी घाट एक बहुत ही शांत जलवायु का अनुभव करते हैं। +यहाँ पर तीन प्रमुख मौसम अनुभब किया जाता हैं ग्रीष्म (मार्च-जून बरसात का मौसम (जुलाई-सितंबर) और सर्दी (अक्टूबर-फरवरी)। ओडिशा कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित है, इसलिए एक उष्णकटिबंधीय जलवायु से सुन्दरगढ़, संबलपुर, बारागढ़, बोलंगीर, कालाहांडी और मयूरभंज के पश्चिमी जिलों में लगभग पूरे वर्ष गर्म रहता है, जबकि अधिकतम तापमान ४०-४६ डिग्री सेल्सियस और सर्दी में यह असहनीय रूप से ठंडा होता है। तटीय जिलों में, जलवायु बराबर है लेकिन अत्यधिक नम और चिपचिपा होता है। गर्मी का अधिकतम तापमान ३५-४० डिग्री सेल्सियस के बिच और कम तापमान आमतौर पर १२-१४ डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। कोरापुट और फूलबनी के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर सर्दी बहुत गंभीर नहीं है, जहां न्यूनतम तापमान ३-४ डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। +औसत वर्षा १५० सेमी है, जो जुलाई-सितंबर के दौरान दक्षिण पश्चिम मनसून के परिणाम के रूप में अनुभवी है। जुलाई का महीना सबसे खराब होता है और प्रमुख नदियों में बाढ़ आ जाती है। राज्य अक्टूबर-नवंबर के महीनों में पीछे हटने वाले मनसून से छोटी बारिश का अनुभव करता है। जनवरी और फरवरी शुष्क होते हैं। +ओडिशा तक पहुंचने के लिए, बहुत से वाहन उपलब्ध हैं आगंतुकों को आम तौर पर, वायुमार्ग का उपयोग दूरी और उपलब्धता के आधार पर गाड़ियों। ओडिशा तक पहुंचने के लिए, बहुत से सुविधाएं उपलब्ध हैं आगंतुकों को आम तौर पर, वायुमार्ग, जलमार्ग और रेलमार्ग का उपयोग दूरी और उपलब्धता के आधार पर करते हुए देखा गेया हे। इसके अलावा बस, टैक्सी और निजी बाहनो की इस्तेमाल करके भी आगंतुक यहाँ पहुंचते हे। +बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ओडिशा राज्य का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, इसका ना��� प्रसिद्ध वायुयान और स्वतंत्रता सेनानी बीजू पटनायक के नाम पर रखा गया है। यह ओडिशा की राजधानी भुबनेश्वर में स्थित जिसका एयरपोर्ट कोड बीबीआई हे। टर्मिनल (टी १ जिसमें ४० लाख यात्रियों की क्षमता है और घरेलू उड़ानों के लिए पुराने टर्मिनल (टी २) को अंतरराष्ट्रीय परिचालनों का समर्थन करने के लिए नवीनीकृत किया गया था। टी १ टर्मिनल, कई सुविधाओं के साथ भरा हुआ है। यह ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार बनाया गया है, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और वर्षा जल संचयन के प्रावधान के साथ। टर्मिनल की आंतरिक दीवारों को ओडिशा के समृद्ध संस्कृति से प्रेरित कला और मूर्तिकला से सजाया गया है। खाद्य कियोस्क, कला दीर्घाओं और बुकस्टोर्स भी शामिल हैं। दूसरा टर्मिनल (टी २) एयर इंडिया और एयर एशिया के उड़ानों का संचालन करता है। +* यहाँ अंतरास्ट्रीय उड़ान भर ने के लिए एयर इंडिया, एयर कनाड़ा, लुफ्तहंसा, एयर एशिया, एयर सहारा, जेट एयरवेज जैसे प्रमुख विमान सेवाओं के साथ इंडिगो, विस्तारा, और स्टार अलायन्स विमान सेवाएं उपलभ्ध हे। भुबनेश्वर से लॉस एंगेल्स, फ्रैंकफुर्ट, सन फ्रांसिस्को, लंदन, वाशिंगटन, मेड्रिड, ब्रुसेल्स, तायपेई, न्यू योर्क, बैंगकॉक, सीओल, और सिडनी जानेकी दोनों तरफ की सीधी उड़ान ले सकते हे। +* भुबनेश्वर एयरपोर्ट से घरेलु उड़ान सुविधा में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, नागपुर, वाराणसी, और विशाखापट्नम जैसे सहरो को प्रतिदिन उड़ान भरा जाती हे. एयर इंडिया, गो एयर, और इंडिगो जैसे एयरलाइन्स अधिक मात्रा में सक्रीय हे. मुंबई से भुबनेश्वर की दोनों तरफ की यात्रा की अधिकतम आवृत्ति का श्रृंखला दर्शाती हे। +भुवनेश्वर रेलमार्ग के माध्यम से भारत के अधिकतम शहरों को सीधे तरीके से जुड़ा हुआ है। यह रेल मार्ग ओडिशा के बिभिर्न शहरों को संजोग करता हे। राजधानी भुबनेश्वर से (स्टेशन कोड बीबीइस हे) से लगभग सारे ट्रैन आना-जाना करता हे, पूरी इसका अंतिम स्टेशन हे। यह रेल माध्यम से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, और सभी मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद जैसे शहरों को संजोग करता हे। दूर स्थानों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई सहरो के लिए राजधानी एक्सप्रेस जैसे और भी रेल गाड़ी चलती रही हे जो १९ २२ घंटे में गंतब्य में पहुंचा ने में मदद करती हे। +प्रमुख रेलमार्ग जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हे: +* पूरी नई दिल्ली रेलमार्ग +* भुबनेश्वर नई दिल्ली रेलमार्ग +* भुबनेश्वर कन्या कुमारी रेलमार्ग +ओडिशा में सड़क सुविधाएँ भी हे। कई पडोसी राज्यों से बस माध्यम से जातयत कर सकते हैं इसमें कोलकाता, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य शामिल हे। निजी गाड़ी माध्यम से जानने के लिए भी यहां सड़के राष्ट्रीय सड़कों से मिली हुई हे। ब्यापार के लिए रोज सैकड़ो ट्रक, और लोरी आते जाते रहते हे। +ओडिशा की एक जिल्ला से दूसरी जिल्ला जाने के लिए भरपूर सरकारी और निजी बस सुविधाएँ हे। ओडिशा स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन द्वारा सरकारी बसें ओडिशा तथा पडोसी राज्य में परिबहन करता हे। रोजाना लाखों लोग इस सुविधा का इस्तमाल करके स्थानांतरित होते हे। ओडिशा की शहरों और गाओं में बस, ट्रक के अलावा बहुत सारे कार, जीप, एक्स इउ वि, मोटर साइकिल, स्कूटी, ऑटो, और साइकिल रिक्शा की इस्तेमाल करते हे। +ओडिशा, पारादीप बंदरगाह के लिए प्रसिद्ध है। यह पोर्ट प्राथमिक बंदरगाह है, और भारत के पूर्वी तट पर सबसे बड़ा है। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट (पीपीटी) द्वारा वर्ष १९६६ में १२ मार्च को खोला गया था। यह एक बहुत बड़ा बंदरगाह है और महानदी नदी और बंगाल की खाड़ी के मिलन बिंदु पर स्थित है। बंदरगाह का क्षेत्र बहुत बड़ा है पारादीप बंदरगाह में कई अंतरराष्ट्रीय जहाजों आ रही हैं। बंदरगाह मुख्य रूप से अन्य साफ कार्गो के अलावा थोक कार्गो के साथ काम करता है। यह सम्पूर्ण बाणिज्य क्षेत्र में निबृत हे। +ओडिशा एक आध्यात्मिक राज्यो की श्रेणी में आता हे, जिस की हर एक सहर में ऐतिहासिक और दैविक कहानिया छुपी हुई हे। प्राचीन कालों से यह अद्भुत कहानी मंदिरो, मठ, पूजा स्थल जैसे जगह में बर्णित हे। इस राज्य में जो महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हे: +भुबनेश्वर यह ओडिशा की राजधानी होने की साथ टेम्पल-सिटी या मंदिरों की सहर कहा जाता हे, और एक विशाल महानगर जिसमे पुराने मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत है। भुबनेश्वर एक जिल्ला हे, जो की प्रसंसनीय रूप में स्वच्छ और सुन्दर हे। यहाँ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जो बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की नाम से जाना जाता हे।भुवनेश्वर कुछ बेहतरीन मंदिरों का घर है जिसमें लिंगराज मंदिर, राजरानी मंदिर, केदार गौरी मंदिर, अनंत बासुदेव मंदिर, चिन्तामणिस्वर मंदिर, इस्कॉन मंदिर और मुक्तेश्वर मंदिर शामिल हैं। इनमे लिंगराज मंदिर और अनत वासुदेव मंदिर का अन्नाहार बहुत बढ़िया और सबसे पवित्र भोजन में से एक हे। अन्य पर्यटक आकर्षण में राज्य संग्रहालय, बिंदू सरोवर और नंदन कानान शामिल हैं। यह एक पिंक सिटी से बढ़ कर हे । पर्यटकों की ठहरने के लिए अनेक सारे ५-स्टार होटेल, ३-स्टार होटेल, बजेट होटल्स और लॉजिंग उपलभ्द हे। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के अलावा सहर की हर स्थान पर होटेल सुविधाएं हे। यहाँ ६०० रु से लेकर १६,००० रु तक के प्रशुल्क २४ घंटे के लिए होटेल सेवाएं प्राप्त होता हे। जातयत के लिए सहर में निजी कैब सेवाएं के साथ ऑटो रिक्शा, रिक्शा और सिटी बस भी महजूद हे। भुबनेश्वर सहर में बहुत सारे छोटे बड़े रेस्टोरेंट होनेके साथ मनोरंजन के लिए सिनेमा घर हे। सहर में बड़े मात्रा में मार्किट प्लेस और शॉपिंग मॉल उपलभ्ध हे। यह एक सांत और श्रृंखलित सहर में गिना जाता हे। +कुट्क भुवनेश्वर से लगभग २४ किलोमीटर दूर, कटक स्थित है। जगह तक पहुंचने का समय लगभग ४५ मिनट है। यह राज्य का सबसे पुराना जिला था। ब्रिटिश शासन के दौरान, कटक ओडिशा की राजधानी थी। सबसे अधिक आबादी वाला शहर और यहां से अन्य सभी स्थानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह फिर से एक व्यवसाय केंद्र है और ओडिशा की व्यावसायिक राजधानी भी कहा जाता है। शहर का प्रमुख आधिकारिक आकर्षण कटक मेडिकल और उसका कॉलेज, रेवनशॉ कॉलेज, बाराबाटी स्टेडियम, हाईकोर्ट और काठजोडी, महानदी नदी है। +बिशेष ध्यान दे: भुबनेश्वर से कटक सिटी जाने और आने की समय रास्ते में एक छोटा सा स्थान, जिसका नाम 'पाहल' हे। यह हाईवे स्टाप हे, केवल रसगुल्ले के लिए प्रसिद्ध हे। यहाँ हाईवे की दोनों तरफ लगभग ६० रसगुल्ला स्टाल मिलेगा और यहाँ का रसगुल्ला की स्वाद इतिहास में जगा बनाया हे। +पारादीप ओडिशा में पारीदीप जगतसिंहपुर जिले में स्थित है। सड़क से भुवनेश्वर से इसकी दुरता १२५ किलोमीटर और रेलवे माध्यम से कटक रेलवे स्टेशन से ९५ किलोमीटर दूर। यह सबसे बड़ा बंदरगाह है, और बहुत सारी औद्योगिक गतिविधियां इस जगह से गुजरती रही हैं। इस क्षेत्र में लोग बहुत सहज जीवन बिता तेन हे। सहर में होटल, हॉस्पिटल, रेस्टुरेंट सुविधाएँ उपलब्ध हे। + + +लंदन, जिसे ग्रेटर लंदन भी कहा जाता है, इंग्लैंड के नौ क्षेत्रों में से एक है। यह एक शीर्ष स्तर का उपखंड है जिसमें शहर के अधिकांश क्षेत्र शामिल है। केन्द्र में बसा छोटा और प्राचीन लंदन शहर, जहाँ कभी पुरा शहर बसता था, लेकिन जैसा कि इसके शहरी क्षेत्र में वृद्धि हुई, लंदन निगम ने इसके आस-पास के उपनगरों के साथ शहर को एकजुट करने के प्रयासों का विरोध किया, जिससे आज विभिन्न प्रयोजनों के लिए कई तरह से "लंदन" को परिभाषित किया जाता है। ग्रेटर लंदन, अन्दरुनी लंदन और बाहरी लंदन में विभाजित है। अपने आंतरिक इलाके में एक अनौपचारिक केंद्रीय लंदन क्षेत्र के साथ शहर, थेम्स नदी के द्वारा उत्तर और दक्षिण में विभाजित है। +लंदन के भीतर, लंदन शहर और वेस्टमिंस्टर शहर दोनों को नगर का दर्जा हसिल है। ग्रेटर लंदन में उन क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है जो मिडलसेक्स, केंट, सरे, एसेक्स और हर्टफोर्डशायर काउंटियों का हिस्सा हैं। इंग्लैंड और बाद में यूनाइटेड किंगडम की राजधानी के रूप में लंदन का दर्जा, क़ानून या लिखित रूप में आधिकारिक तौर पर कभी भी स्वीकृति या पुष्टि नहीं हुई है। +ग्रेटर लन्दन में 1,583 वर्ग किलोमीटर (611 वर्ग मील) के कुल क्षेत्र शामिल हैं, जिसकी 2001 में आबादी 7,172,036 थी, और जनसंख्या घनत्व 4,542 प्रति वर्ग किलोमीटर (11,760/वर्ग मील) था। लंदन मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र या लंदन मेट्रोपॉलिटन एजग्लोमेंटेशन के रूप में जाना जाने वाला विस्तारित क्षेत्र, 8,382 वर्ग किलोमीटर (3,236 वर्ग मील) का कुल क्षेत्रफल का है, और इसकी आबादी 13,709,000 है, और जनसंख्या घनत्व 1,510 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर (3,900/वर्ग मील) है। थेम्स वेली एक बाढ़ का मैदान है जोकि लहरदार पहाड़ियों से घिरा हुआ है जिसमें पार्लियामेंट हिल, अदिंग्टन हिल्स और प्रिमरोस हिल शामिल हैं। +औसत गर्मियों का दिन तापमान 20 से 26°C (68 और 79 डिग्री फ़ारेनहाइट) के बीच होता है। +विक्टोरियन युग के बाद से थेम्स में बड़े पैमाने पर बाँध लगा चुके हैं, और अब इसके कई सहायक नदी, लंदन में भूमिगत प्रवाह करते हैं। थेम्स एक ज्वारीय नदी है, जिससे लंदन में बाढ़ के आने कि स्थिती बनी रहती है। और समय के साथ-साथ इस खतरे में वृद्धि हुई है,जिसका कारण हिम-ग्लेशियल के पिघलने की वजह से पानी का लेवल बढना है। 1974 में, इस खतरे से निपटने के लिए वूलविच में थेम्स के पार थेम्स बाँध के निर्माण पर एक दशक का काम शुरू हुआ। चुकि बाँध को लगभग 2070 तक पुरा होने की उम्मीद है, इसके भविष्य के अनुसार विस्तार या पुन: डिज़ाइन की अवधारणाओं पर चर्चा हो रही है। +शरद ऋतु आम तौर पर शांत, बादल छाए हुए होते हैं और थोड़ा तापमान में भिन्नता के साथ नमी लिये होते हैं। बर्फबारी कभी-कभी होती है, और ऐसा होने पर यात्रा में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है। हलाकि, लंदन के बाहर बर्फबारी आम है। +कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, मीडिया, पेशेवर सेवाओं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है। [1 9 20 21 यह दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र [22 23 24 25] के रूप में ताज पहनाया गया है और दुनिया में पांचवां या छठा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र जीडीपी है। [नोट 3 26 27] लंदन एक है विश्व सांस्कृतिक राजधानी। [28 2 9 30] यह दुनिया का सबसे अधिक का दौरा किया जाने वाला शहर है, जो अंतरराष्ट्रीय आगमन [31] द्वारा मापा जाता है और यात्री ट्रैफिक द्वारा मापा जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा शहर हवाई अड्डा है। [32] लंदन विश्व के अग्रणी निवेश गंतव्य है 33 34 35] किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक अंतरराष्ट्रीय खुदरा विक्रेताओं [36 37] और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ वाले लोगों [38 3 9] की मेजबानी यूरोप में लंदन के विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों का सबसे बड़ा केंद्र बनते हैं। [40] 2012 में, लंदन तीन बार आधुनिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया। [41] +लंदन में चार विश्व धरोहर स्थल हैं: टॉवर ऑफ़ लंदन; किऊ गार्डन; वेस्टमिंस्टर पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और सेंट मार्गरेट्स चर्च क्षेत्र; और ग्रीनविच ग्रीनविच वेधशाला (जिसमें रॉयल वेधशाला, ग्रीनविच प्राइम मेरिडियन, 0 डिग्री रेखांकित, और जीएमटी को चिह्नित करता है)। अन्य प्रसिद्ध स्थलों में बकिंघम पैलेस, लंदन आई, पिकैडिली सर्कस, सेंट पॉल कैथेड्रल, टावर ब्रिज, ट्राफलगर स्क्वायर, और द शर्ड आदि शामिल हैं। लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय, नेशनल गैलरी, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, टेट मॉडर्न ब्रिटिश पुस्तकालय और वेस्ट एंड थिएटर सहित कई संग्रहालयों, दीर्घाओं, पुस्तकालयों, खेल आयोजनों और अन्य सांस्कृतिक संस्थानों का घर है। लंदन अंडरग्राउंड, दुनिया का सबसे पुराना भूमिगत रेलवे नेटवर्क है। + + +पेरिस फ़्रांसीसी &ndash Paris फ़्रांसिसी उच्चारण &ndash पैरी फ़्रांस का सबसे बड़ा नगर और उसकी राजधानी है। यह 105 वर्ग किलोमीटर (41 वर्ग मील) में फैला हुआ है, और इसकी प्रशासनिक सीमा के भीतर 2015 में 22,29,621 की आबादी है। 17वीं शताब्दी में पेरिस, यूरोप में वित्त, वाणिज्य, फैशन, विज्ञान और कला के प्रमुख केंद्रों में से एक बना, और यह आज भी उस स्थिति को बरकरार रखता है। पेरिस क्षेत्र का 2012 में 624 बिलियन (687 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का सकल घरेलू उत्पाद था, जो कि पूरे फ्रांस के सकल घरेलू उत्पाद का 30 प्रतिशत होता है। इसे दुनिया के सबसे सुन्दर नगरों में से एक और दुनिया की फ़ैशन और ग्लैमर राजधानी माना जाता है। +पेरिस के शहर को सेन नदी के किनारे एक निर्मित क्षेत्र के केंद्र के रूप में बनाया गया था, जोकि अब प्रशासनिक सीमाओं से परे भी फैल चुकी है। 2013 की जनगणना के अनुसार पेरिस शहर की आबादी 10,601,122 है, जो इसे यूरोपीय संघ में सबसे बड़ा बनाता है। वही इसके महानगरीय क्षेत्र की अबादी 12,405,426 है, जोकि फ्रांस की कुल आबादी का पांचवाँ हिस्सा है। और साथ लंदन के बाद, यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे बड़ा महानगर क्षेत्र है। + + +देहरादून उत्तराखण्ड राज्य की अन्तरिम राजधानी है। यह नगर उत्तर में हिमालय की तलहटी और दक्षिण में शिवालिक के बीच स्थित है। शहर लुभावनी दृश्यावली प्रदान करता है +देहरादून दून घाटी में २,२०० फीट की ऊंचाई पर भारत की दो महत्वपूर्ण नदियों, गंगा और यमुना के मध्य स्थित है। यह गर्मियों में सुंदर दृश्य और मध्यम जलवायु प्रदान करता है, और नीचे के मैदानी इलाकों की गर्मी से बचने के लिए एक आदर्श स्थान है। यह नगर उत्तराखण्ड राज्य के कई पर्यटन स्थलों का दौरा करने के लिए एक सुविधाजनक आधार के रूप में भी कार्य करता है। +देहरादून में हाल के वर्षों में भारी वृद्धि हुई है, और वर्तमान में इसकी जनसंख्या लगभग ५,५०,००० है। यह नगर दून स्कूल के लिए भी प्रसिद्ध है, जिसे अक्सर भारत का ईटन कहा जाता है। +जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से स्पाइसजेट और जेट एयरवेज प्रतिदिन देहरादून और दिल्ली के बीच दो उड़ानें संचालित करती हैं, जहां से मुंबई सहित अन्य प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं। विमानक्षेत्र नगर से २० किमी की दूरी पर है, और यहां तक ​​पहुंचने के लिए आईएसबीटी (अंतर्राज्यीय बस अड्डे) से सीधे बस सेवा है। ये बसें उत्तराखण्ड परिवहन द्वारा संचालित की जाती हैं, और दिन में हर २० से ३० मिनट पर चलती रहती हैं। निजी टैक्सी सेवाएं विमानक्षेत्र पर ही उपलब्ध हैं, या फिर होटल अपनी स्वयं की व्यवस्था भी प्रदान करा सकते हैं। +देहरादून उत्तराखण्ड में उत्तर रेलवे का एक प्रमुख स्टेशन और टर्मिनस है। यह स्टेशन रेल सेवाओं द्वारा दिल्ली मुंबई वाराणसी इलाहाबाद कोलकाता गोरखपुर, अमृतसर, इंदौर, उज्जैन और चेन्नई इत्यादि नगरों से जुड़ा हुआ है। देहरादून पहुंचने के लिए कुछ उपयोगी ट्रेनें निम्न हैं: +उत्तराखण्ड परिवहन की डीलक्स, वोल्वो, सेमि-डीलक्स और साधारण बसें हर घंटे नई दिल्ली के आईएसबीटी, कश्मीरी गेट से देहरादून के लिए प्रस्थान करती हैं। उत्तराखण्ड पर्यटन द्वारा संचालित एक रात्रि डीलक्स एसी सेवा भी है। देहरादून बस स्टेशन पहुँचने में दिल्ली से छह से सात घंटे लगते हैं। हालांकि, बस स्टेशन शहर के केंद्र से लगभग ५-६ किमी की दूरी पर स्थित है। अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं, तो ट्रेन आमतौर पर अधिक सुविधाजनक होगी। +दिल्ली से देहरादून का रास्ता वैसे तो ५ घंटे का ही है, लेकिन यदि आप सुबह-सुबह दिल्ली से नहीं निकलते हैं, तो आपको रस्ते में ट्रैफ़िक मिल सकता है, जो यात्रा को काफी लंबा बना देगा। देहरादून में राष्ट्रीय राजमार्ग ७ (फाजिल्का माना) तथा राष्ट्रीय राजमार्ग ३०७ (सहारनपुर देहरादून) द्वारा पहुंचा जा सकता है। विभिन्न कंपनियां नई दिल्ली हवाई अड्डे और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए किराए पर कार भी प्रदान करती हैं। +| content= देहरादून के चारों ओर स्थित चार मंदिरों का एक समूह लक्ष्मण सिद्ध देहरादून-ऋषिकेश रोड पर देहरादून से १२ किमी पर कालू सिद्ध बनीयावाला के निकट मानक सिद्ध शिमला बायपास रोड के पास) और मधु सिद्ध प्रेमनगर के पास)। ऐसी मान्यता है कि एक ही दिन में सभी चार सिद्धों की भेंट करने पर भक्तों की इच्छाऐं पूरी होती हैं। +| content= भारतीय सैन्य अकादमी में स्थित एक आकर्षक संग्रहालय, जिसमें २०वीं शताब्दी की सैन्य कलाकृतियों का संग्रह है। +| content= ब्रिटिश काल में निर्मित यह घंटाघर शहर के मध्य क्षेत्र का प्रतीक है। +| content= दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र युद्ध स्मारक, जिसे अंग्रेजों ने अपने दुश्मन, गोरखाओं के सम्मान में बनावाया था। +| content= देहरादून जनपद में स्थित एक छोटा सा नगर, जहाँ सम्राट अशोक के शिलालेख स्थित हैं। +| content= गुरु हर राय के पुत्र द्वारा निर्मित यह दरबार पंजाब तथा आस-पास के अन्य राज्यों से कई सिख तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। +| name=रॉबर्स केव alt=गुच्छू पानी नाम से भी प्रसिद्ध url email= +| content= एक सुंदर पिकनिक स्था�� है। यहां प्रदर्शन पर एक प्रकृति की अजीब घटना है; पानी की एक धारा यहां भूमिगत हो जाती है और कुछ मीटर दूर फिर से दिखाई देती है। +गुफा पहाड़ियों से घिरा हुआ है और पहाड़ियों की शांति और शांति की खोज करने वालों के लिए एक सुंदर छुट्टी है। +| content= इस मन्दिर उच्च आध्यात्मिक मूल्य रखता है, और इस कारण पूरे देश के पर्यटकों यहाँ का दौरा करते है। +| content=देहरादून से करीब १४ किमी दूर शीत सल्फर जल-स्रोत है, जिसे सहस्त्रधारा कहा जाता है। माना जाता है कि इस जल-स्रोत में असाधारण औषधीय मूल्य हैं, और इसकी टपकती गुफाओं और पास में बहती बलडी नदी में स्नान करने से शरीर और आत्मा जीवंत हो उठते हैं। +| content= भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर, जो एक छोटी नदी के तट पर स्थित है। +| content= एक पौराणिक कथा के अनुसार गुरु द्रोणाचार्य ने यहां तपस्या की थी। +| content= वाडिया हिमालय भू-विज्ञानं संस्थान देश में हिमालयी भूविज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान है। भारतीय उप-महाद्वीप की भौगोलिक विविधता को प्रदर्शित करने वाला एक संग्रहालय यहां का आकर्षण का केंद्र है। +| content=इंग्लिश बुक डिपो के पास, 15 राजपुर रोड। बढ़िया कॉफ़ी और पेस्ट्रीज मिलती हैं। +* देहरादून में कुछ होटल हैं, जिनमें से अधिकतर राजपुर रोड पर हैं। नगर में फिलहाल तो कोई भी ५ सितारा होटल नहीं है। हालांकि ३४ किमी आगे मसूरी में आपको रुकने के बेहतर विकल्प मिल सकते हैं। +| address=मोहब्बेवाला, सहारनपुर रोड lat long directions= रेलवे स्टेशन से ५ किमी तथा आईएसबीटी से २ किमी की दूरी पर +देहरादून से आगे घूमने और यात्रा करने लायक और भी कई स्थान हैं जो यहाँ से जुड़े हुए हैं। +* ऋषिकेश एक महत्वपूर्ण पड़ाव है जो स्वयं भी घूमने लायक है और यहाँ से गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे धामों की यात्रा की जा सकती है। +* चकराता दूर उत्तर में है। विदेशी यात्रियों के निषिद्ध है। +* मसूरी एक प्रसिद्ध हिल-स्टेशन है जो अपनी सुंदर दृश्यावली हेतु जाना जाता है। +* हरकीदून एक बेहतरीन ट्रेकिंग स्थल है। +* हरिद्वार गंगा के तट पर एक पवित्र हिंदू तीर्थ है। + + +[[भारत के महाराष्ट्र राज्य शिरडी के लिए अधिक प्रसिद्ध है। अहमदनगर महाराष्ट्र का एक जिला और शिरडी उसका छोटा सा शहर है। साईं बाबा की पूजा और दर्शन करने के लिए हर दिन हजारों लोग शिरडी जाते हैं। यहाँ के स्थानीय लोग बोलने के लिए मराठ�� भाषा इस्तेमाल करते हैं, जो कि उनका मतृभाषा हे। लेकिन हर कोई हिन्दी और अंग्रेजी भाषा बोल और समझ सकते है। शिरडी को मराठी भाषा में 'शिर्डी' कहा जाता है यह बेहद प्रसिद्ध छोटे शहर है जिसके जनसंख्या बहुत कम है। शिरडी तीर्थयात्रिओं का सपनों का शहर है। यहाँ श्रद्धालु साल में कई दफे बारम्बार आते रहते हे और यह सहर तीर्थयात्रियों से भरा रहता हे। +शिरडी अहमदनगर जिले के एक छोटा सा शहर है, जो महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। यह अरब सागर के तटरेखा की निकटता में स्थित है। २०११ में दर्ज भारतीय जनगणना के अनुसार, इसकी जनसंख्या केवल ३६,००४ थी। इस जगह की साक्षरता दर ७०% है। सदियों से यह विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थान लाखों अनुबृत भक्तों द्वारा अनुभव किया गया है। इस जगह का आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र पवित्र संत साईं बाबा है। यह देखा गया है कि १९१८ तक साईं बाबा इस जगह में रहते थे। साईं इस जगह पर अपनी समाधि लीये थे। रोजाना यहाँ बाबा की दर्शन के लिए २८,००० श्रद्धालु आतें हे, और त्योहारों और छुट्टियों के दौरान, ५,००००० से भी अधिक भक्त इस पवित्र स्थान पर जाते हैं। +शिर्डी अर्थात शिरडी का अर्थ तमिल में 'समृद्धि का पैर' होता है, यह तमिल शब्दावली से प्राप्त किया गया है। यह दो शब्द 'सीर् अडी' का योग से बनी है। यह एक छोटा सा शहर है जिसकी जनसंख्या ३६,००४ है, जैसा कि २०११ में जनगणना द्वारा दर्ज की गई थी। शिरडी महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। यहां बोली जाने वाली भाषा मराठी है। +यह स्थान संत योगी श्री साई बाबा के लिए प्रसिद्ध हे। वह १८५८ में शिरडी को स्थायी रूप से वापस आके यह स्थान को एक पवित्र स्थान में बदल दिए थे। वह पैंच साल तक एक नीम के पेड़ के निचे दयँ और तपस्या करते थे। नीम की निचे की खोदाई करने के लिए बाबा ने आदेश दिया था। ग्रामीणों ने बाबा के शब्दों का पालन किया और इसे खुदाई शुरू कर दिया। जेसे ही पृथ्वी की परत मिटी निकल गये उन्हें पत्थर से बना एक स्लैब मिला, तेल और वायु के बिना जलने वाली दिया जो की चमक भी रही थी और जो विज्ञान के बिल्कुल विपरीत थी। उसी जगह में उन्हें एक कटोरी या बर्तन मिला जो एक लकड़ी की मेज पर गाय के मुंह के आकार में थी। बाबा ने स्पष्ट किया कि यह पवित्र स्थान है जहां उनके गुरु ने तपस्या की थी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मुझे (सई बाबा) की पूजा करने के बजाय, पेड़ की प���जा करें और इसे अछूता छोड़ दें। आज तक कोई भी इसे छुआ नहीं था यह वृक्ष शिरडी में तीर्थयात्री का पहला स्थान है। साई बाबा लोगों की हर तरीके से मदद करते थे और उनकी ही लिए यह स्थान विश्व भर में प्रसिद्धि हासिल किया हे। +शिरडी का मौसम न्यूनतम २० डिग्री से अधिकतम ४० डिग्री तक बढ़ जाता है। इसके अलावा तापमान ३० डिग्री तक गिर जाता है और मानसून के दौरान ३५ डिग्री पर रहता है। +शिरडी तक पहुंचने के लिए यह बहुत सारे आसान यातायात सुविधाएँ उपलब्ध हे। इनमे बायुमार्ग, रेलमार्ग, और सड़कमार्ग शामिल हे। यहाँ विश्व की सारे देशों से भक्त आतें हे, इसीलिए यह जगा हर तरके की परबहान और यातायात सुविधाएं उपलब्ध हे। +शिरडी पहुँच ने के लिए, बायुमार्ग का उपयोग करके दुनिया भर की लोग यहाँ आतें हे। एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से लगभग १४ किलोमीटर दूर शिर्डी के पास काकाडी गांव में स्थित है। लोगों को हवाई अड्डे से शहर तक पहुंचने के लिए परिवहन आसानी से मिलता है। सीधे बिमान द्वारा यहाँ दिल्ली, मुंबई, और हैदराबाद जैसे शहरों से यात्रा कर सकतें हे। +शहर में एक रेलवे स्टेशन उपलब्ध है, जिसे साईनगर शिरडी रेलवे स्टेशन कहा जाता है। अपनी सुविधा के अनुसार अधिकतम लोग रेल परिवहन का उपयोग करते हैं। हालांकि, श्रद्धालु अपने आरामदायक यात्रा के लिए 'कोपर गाओं' और 'मनमाड' नाम वाले अन्य दो स्टेशनों का उपयोग करते हैं। शिरडी स्टेशन में रेल यातायात की अधिक से अधिक सुवधाएं बढ़ई जाती रहती हे. यहाँ पे सीधे रूट माध्यम से लगभग हर राज्य से रेल गाड़ियां आती जाती रहती हे जो की प्रमुख सहरो को जोड़ती हे. इसमें मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, और कोलकाता शामिल हे. इसके अलावा हैदराबाद, काकीनाडा पोर्ट, सिकंदराबाद, त्रिपुरा, जलना, कालका जैसे स्थान शामिल हे कॉपर गाँव और मनमाड के लिए दिल्ली, पंजाब, कर्णाटक, लक्ष्द्वीप, जम्मू, अमृतसर, गोवा, कालका जैसे स्थानों से जय्यत की पूरा सुविधा हे +इसके अलावा सड़क मार्ग की प्रयोग करके दूर दूर से लोग टोली में भी आते हे। शिरडी को बहुत से सारे शहरों आने जाने की बस सुविधा हे, जिसमे दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, इंदौर, हैदराबाद शामिल हे। शिरडी अहमदनगर-मनमाड राजमार्ग पर स्थित है और सड़क से नासिक, मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कार की माध्यम से शिरडी की यात्रा काफी दिलचस्प हे। शिरडी नासिक से ७५ किलोमीटर, औरंगाबाद से १३० किलोमीटर, पुणे से १५७ किमी और मुंबई से २५० किलोमीटर दूर है। +शिरडी एक आध्यात्मिक स्थल होने की कारण यह स्थान भक्त और पर्याटको के लिए महत्वपूर्ण हे। यह प्रधान रूप से साई बाबा के लिए प्रसिद्ध हे और इसके अलावा यहाँ गुरुस्तान, समाधी मंदिर, द्वारकामाई, शनि सिगनापुर जैसे और भी पर्यटन स्थल हे। रेहने के लिए यहाँ बहुत सारे होटल उपलब्ध होने के साथ अनेक धर्मशाला और गेस्टहाउसे महजूद हे। खाने के लिए साई बाबा की निशुक्ल लंगर की प्राबधान होने की साथ रेस्टुरेन्ट् भी हरदम खुला रहता हे। +श्री साई बाबा संस्थान मंदिर यह साई बाबा की प्राचीन मंदिर हे जिसे श्री साई बाबा संस्थान मंदिर कहा जाता हे। यह मंदिर साईं बाबा को समर्पित है। माना जाता है कि साईं बाबा को अभूतपूर्व शक्तियां मिली हैं, और उन्हें श्री साई बाबा संस्थान मंदिर में भगवान अवतार के रूप में पूजा की जाती है। मंदिर परिसर लगभग २०० वर्ग मीटर के कुल क्षेत्र में फैला हुआ है और शिरडी गांव के दिल में स्थित है। यह दुनिया भर से भक्तों का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और प्रत्येक दिन औसतन ८०,००० भक्तों का दौरा किया जाता है। त्योहारों और कुछ विशेष अवसरों पर, संख्या प्रति दिन ५,००,००० भक्तों तक बढ़ जाती है। +द्वारकामाई यह साई बाबा मंदिर से मात्र ३०० मीटर की दुरी पे पिंपलवाड़ी रोड, राहता में है। जिस स्थान पर महान साईं बाबा ने अपने अंतिम क्षणों सहित अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बिताया था, उसे द्वारकामाई कहा जाता हे। साई बाबा इस धरती के भगबान हे, यह स्थान बाबा की घर था इसीलिए यह भक्त और श्रद्धालुओं के लिए खजाना जैसे हे। द्वारकामाई को शिरडी के दिल माना जाता हे। द्वारकामाई भक्तों के लिए शिरडी के खजाने में से एक है। वे कहते हैं कि द्वारकामाई शिर्डी का दिल है यह बाबा के सभी भक्तों के लिए खजाना है क्योंकि यह उनका घर था, क्योंकि उन्हें पृथ्वी पर भगवान कहते हैं। द्वारकामाई पहले एक छोटा सा मस्जिद हुआ करता था, इसे बाबा ने बदल दिया था। जिसमे एक मंदिर हे जो की भक्तो की पूजा स्थल हे। इसी जगह बाबा ने 'सब का मालिक एक हे' दोहराते थे। यह स्थान इतनी पवित्र हे के इसमें प्रवेश मात्र ही इंसान सभी कष्ट, दुख, और पापों से मुक्त होने का एहसास करता हे। साई बाबा की यह पवित्र स्थान भक्तों की दिल और आत्मा को सुद्ध करती हे। +गुरुस्थान यह जगह कोपरगांव में स्थित है जो शिर्डी के मुख्य शहर से लगभग १४ किमी दूर है। जिस जगह पे साईं बाबा पहले १६ साल के उम्र में एक लड़के के भांति दुनिया में दिखाई दिए थे, इस स्थान को गुरुस्थान कहा जाता हे। यह जगह नीम के पेड़ के नीचे स्थित है। इसमें एक मंदिर भी है जिस पर साईं बाबा के चित्र शिवलिंगम और नंदी बुल के सामने रखा जाता है। गुरुस्थान का मतलब है- शिक्षक की स्थान, भक्तों का सचमुच विश्वास है कि इस जगह पर धूप लगाई जाती है जिससे वे सभी बीमारियों का इलाज होती हे। +शनि शिंगणापुर अहमदनगर जिले का शानदार और अनोखा शनि शिंगणापुर मंदिर, यह शिरडी साई बाबा मंदिर से ७५ किलोमीटर दूर हे। यहाँ पहुँच ने के लिए कोई बस यातायात सुविधा नहीं हे पर निजी गाडी के प्रयोग और सम्मिलित किराये की बाहन की सुविधा हे। यह जगह जादुई और शक्तिशाली भगवान शनी के लिए प्रसिद्ध है, जो एक काले पत्थर में रहते हैं। शनि ग्रह को प्रतीक वाले हिंदू भगवान को स्वयंभू के रूप में जाना जाता है जो एक काले पत्थर में अन्तर्निहित हे जिसका कोई वास्तुशिल्प सौंदर्य नहीं है, और भगवान की आध्यात्मिक चमक के साथ साधारण पत्थर हर साल कई भक्तों को फल देता है। शनि भगवान के लोगों का भरोसा इतना मजबूत है कि चमत्कारिक गांव में घरों में से कोई भी दरवाजे और ताले नहीं है। लोग मानते हैं कि भगवान शनि उनके चोरों से अपने क़ीमती सामानों की सुरक्षा कर रहे हैं। लोगों को भगवान के लिए भक्ति और प्यार के स्तर को देखकर आश्चर्यचकित होता है। शनिवार, अमावस्या और श्री शानेश्वर जयंती जैसे कुछ सबसे पवित्र दिवसों पर, ज्यादा भीड़ रहती हे। भगवान शनी की पूजा करने के लिए उन्हें खुश करने से किसी के भी जीवन सुखमय होता हे. यह शनि ग्रह के प्रभाव को दुर्भाग्य माना जाता है। + + +बर्लिन संघीय गणराज्य जर्मनी की राजधानी और उसके १६ राज्यों में से एक है। 35 लाख (राज्य-सीमा के पार ब्रांडेनबुर्ग में शामिल समीपवर्ती उपनगरों को मिलाकर 45 लाख) की आबादी के साथ यह देश का सबसे बड़ा शहर है लेकिन तार्किक रूप से रूर महानगरीय क्षेत्र की आबादी ज़्यादा है। लंदन पेरिस और मद्रिद का अपने-अपने देशों में ऐतिहासिक एवं वर्तमान वर्चस्व की तुलना में बर्लिन का स्थान जर्मनी में हमेशा से कमतर रहा है। + + +अभी तैयार नहीं है, पर पूरा होने पर साइडबार में बदलाव करना है। +* हाल में हुए बदलाव + + +मथुरा से ३५ किमी0 दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग -२ पर स्थित छाता (छत्रवन) जो कि जिला मथुरा (उत्तर प्रदेश) में ही स्थित है; में शेरशाह सूरी द्वारा बनवायी गयी "सराय" हैं जिन्हें छाता की स्थानीय भाषा में "छतरी" कहा जाता है । + + +मेरा नाम सृष्टि हैं पेशे से पत्रकार हूं। सलेमपुर यूपी की रहने वाली हूँ लिखने का बहुत शौक़ हैं। इसके लिए में नीचे कुछ लिंक्स दे रही हूं जिससे आप मुझसे जुड़ सकते हैं। + + +जिसको लिखने वाली है उत्तर प्रदेश के जिले औरैया की बेटी आकांक्षा सक्सेना | +आकांक्षा सक्सेना, मथुरा में जन्मीं जिनके पिता का नाम राकेश प्रकाश सक्सेना और माता का नाम मंजुलता है | +लिखने की प्रेरणा और ब्लाग की शुरूवात : +समाज भी ऐसा है कि ससुराल से पीड़ित बेटी को सम्मान की नज़र से नहीं देखता तो वह कहाँ जायें बेटी के अस्तित्व का सबसे बड़ा खतरा यह दहेज़ ही है दूसरी ओर गरीब लोगों के लिये जो सरकारी कॉलोनिया बनी तब भी गरीब सड़कों और फुटपाथ पर ठण्ड में सिकुड़ने और गरमीं में झुलसने को विवश है जरा सोचो वो मजबूर भी इसी देश का नागरिक है उसको भी जीने का हक है आज भी देश की बेटी रात में ट्रेन और बस में अकेले सफर करने से डरती है जब पाँच साल की बच्ची और साठ साल की नर्स के साथ दुराचार हो जाता है जिससे पूरी की पूरी इंसानियर शर्मशार हो जाती है | +इन्हीं सब समाजिक विंसगतियों, लोगों की परेशानियों ने लिखने पर विवश ही कर दिया | +हमने 2011में ऑनलाईन ब्लाग लिखना शुरू किया और अपने ब्लाग को नाम दिया 'समाज और हम' काफी लम्बी मेहनत के बाद देखने में आया कि लाखों लोग इसे पढ़ने लगे और एक दिन भारत रत्न डॉ अब्दुल कलाम जी का मेल मिला और खुशी का ठिकाना ना रहा | +आकांक्षा का मानना है कि दर्द कम करने की प्राकृतिक औषधि है लिखना | +आकांक्षा की आकांक्षा यह है कि +समाज में सुन्दर परिवर्तन आये और लोग अपनी दकियानूसी मानसिकता से बाहर निकल कर देश के विकाश की ओर सोचें और जिस काबिल हो उस तरह से देश की सेवा करें वह अपने लेख, कविता ,कहानी,भजन के रूप में समाज में बदलाव की आकांक्षी हैं | +आकांक्षा अपनी सफलता का श्रेय फेसबुक को देती है जिसने उसे एक ब्लागिस्ट की पहिचान दी| उनको ब्लाग बनाने का विचार फेसबुक से मिला और फिर लिखने का मंच मिला और लोग जुड़ते गये और आज ब्लाग "समाज और हम" में व्यू��र की संख्या ढ़ाई लाख के पार जो कि एक साधारण परिवार की बेटी के लिये बड़ी बात है.. +कभी गरीबी दुख झेल कर समाज की सच्चाईयों को लिख डाला ब्लाग में और समाज को अपनी शब्दों से सही दिशा देने का प्रयास कर रहीं हैं +जिसके ब्लॉग को कलाम सर,मोदी सर, और ऐक्टर,डाईरेक्टर प्रसिद्ध फोटो ग्राफर और इंटरनेशलन कन्ज्यूमर फार्म के प्रेसीडेण्ट अरूण सक्सेना और हैदराबाद की जानी मानी हस्ती डॉ योगेश राज श्रीवास्तव जिनके नाम ढ़ेरो रिकॉर्ड दर्ज है जिनमें जीनियस बुक ऑफ रिकॉर्ड,फिलिप्स ब्रैवरी अवार्ड,वंडर बुक ऑफ रिकॉर्ड,ब्लड डोनेट रिकार्ड और महान समाज सुधारक करूणामयी हृदय के स्वामी होने के साथ सच्चे देशभक्त जनप्रिय शख्शियत भी समाज और हम से जुड़े हैं इसी कड़ी में लखनऊ के फेमस युवा ब्यूरो चीफ,पटकथा लेखक,समाज सुधारक,प्रतिभावान शख्शियत सत्यम सिंह बघेल भी जुड़े हैं और कन्हैया त्रिपाठी जो अतिथि संपादक राष्ट्रपतिभवन और वर्तमान में डॉ हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश, लेखक कवि, अभिनेता, पत्रकार और समाजसेवी जितेन्द्र देव पाण्डेय विद्यार्थी, दैनिक जागरण कानपुर के पत्रकार डॉ दीपक सक्सेना, इटावा के एसडीएम शैलेन्द्र श्रीवास्तव, डाईरेक्टर राजेश पाण्डेय, फिल्म डाइरेक्टर पुष्पेन्द्र, ऐक्टर ऐकान्श भारद्वाज ऐक्टर सागर सैनी, ऐक्टर,डाईरेेक्टर राजक परिहाड़वी,फिल्म डाईरेक्टर अमृत सिन्हा, रोशनी दर्शन मैग्जीन के ऐडीटर सुमन वर्मा,प्रेरणा एनजीओ के डाईरेक्टर संतोष श्रीवास्तव, डाईरेक्टर लव लोहिवाल, ऐक्टर राजेश दुबे, ऐक्टर और ऐडीटर राजेश कुमार राजा, टीवी ऐक्टर प्रोड्यूसर राकेश मनोचा, ऐक्टर डाईरेक्टर दीपक नूर, महान आर्टिस्ट भारत के पिकासो कॉजी एम रागहिब जी और बहुमुखी प्रतिभा के धनी ऐक्टर, मॉडल रेमण्ड डिसूजा,टीवी के मशहूर ऐक्टर मोहम्मद इकबाल और भोपाल की लॉयन क्लब की समाजसेविका रूचि भार्गव,तेज न्यूज के ऐडिटर सेख शकील, द मिड डे एक्टिविस्ट न्यूज पैपर के चीफ ऐडीटर मोहम्मद ताहिर और मुख्यमन्त्री झारखन्ड रघुवर दास जैसे नामी गिरामी लोग ब्लाग से जुड़े हैं जो एक छोटी जगह की लड़की के लिये बड़ी बात है | +उपरोक्त समाचारपत्रों ने आकांक्षा के समाज और हम ब्लाग के लेखों की गम्भीरता को समझा और अपने अखबारों में जगह दी| +आकांक्षा सक्सेना देश की नेता मंत्री और लालबहादुर जी की पुत्र बधु नीरा शास्त��री जी से और औरैया की डीएम माला स्रीवास्तव सांसद डिप्पल यादव सुसमा स्वराज, आईएएस ईरा सिंघल से मिलने की इच्छा रखती हैं और समाज में श्रेष्ठ बदलाव की आकांक्षा रखतीं हैं | +समाज और बेटियों को संदेश : +समाज को देश को युवाओं की प्रतिभा, शक्ति और सामर्थ की जरूरत है तो आईये साथ मिलकर अपने भारत निर्माण में अपना योग्यदान दें और इंसान होने का परिचय दें | + + +भगवान चित्रगुप्त प्रगटोत्सव 31मार्च कायस्थवाहिनी प्रमुख आदरणीय पंकज भैया का मिशन +विश्व चित्रगुप्त प्रगटोत्सव का आवाह्न : +विश्व चित्रगुप्त प्रगटोत्सव की तैयारियां आरम्भ हो गयी हैं। भगवान चित्रगुप्त जी के अवतरण पर्व देश विदेश में पुरे हर्षोल्लास के साथ चैत पूर्णिमा के दिन मनता आ रहा है। इस वर्ष यह 31 मार्च को मनाया जायेगा। कायस्थवाहिनी अंतर्राष्ट्रीय ने इसकी भव्य तैयारियों के लिए अपने संगठन से आहवाहन किया है ; +भगवान चित्रगुप्त जी जो प्राणियों के चित्त में गुप्त रूप से विराजित होकर उनके शुभ-अशुभ कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले प्रभु श्री चित्रगुप्त जी का अवतरण पर्व देश में चैत पूर्णिमा के दिन काफी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। कहीं प्रभु की मनोरम झाँकी निकलती है, तो कहीं रथयात्रा, कहीं पूजा की जाती है तो कहीं भण्डारा, इस दिन लोग अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर पुरे परिवार के साथ प्रभू चित्रगुप्त जी का स्वागत करते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। पुराणों में वर्णित है कि भगवान विष्णु जी की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि का निर्माण किया और सभी जीव-जन्तुओं की उतपत्ति की और सृष्टी के संचालन की व्यवस्था की जिम्मेदारी यमराज जी को सौंपी गयी तो उन्होंने अकेले इस पुरे कार्य को सम्पादित करने में असमर्थता जताई। फिर यमराज ने ब्रह्मा जी से निवेदन किया कि हे प्रभु मुझे एक ऐसा सहायक दीजिये जो लेखा-जोखा रखने में निपुण हों, लेखनी पर जिनका अधिपत्य हो, विराट स्वरूप धारी हों, तब ब्रह्मा जी ने यमराज जी की मांग के अनुसार उनका काल्पनिक चित्र हृदय में धारण किये महाकाल की नगरी उज्जैन के शिप्रा नदी के तट पर अंकपात नामक स्थान पर ध्यानमग्न हो गए। 11000 वर्षों की साधना के पश्चात् चैत पूर्णिमा के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त जी का अवतरण हुआ। ब्रह्मा जी के सामने वह प्रकाश पुंज के रूप में विराट स्वरूप, मनोहर छवि लिए, चतुर्भुजरूप धारण किय�� खड़े हुए प्रभु चित्रगुप्त से ब्रह्मा जी ने पूछा हे देव आप कौन हैं भगवान श्री चित्रगुप्त ने हाथ जोड़कर विनम्रता से कहा हे परमपिता मैं आपके ही हृदय में विराजित छवि से उत्पन्न हुआ हूँ। आपने जिस कल्पना को अपने हृदय में लेकर साधना की उसी कल्पना के चित्रण से मेरा जन्म हुआ है। ब्रह्मा जी ने उनका नामकरण करते हुए कहा कि हमारे हृदय में आपके चित्रण से आपका जन्म हुआ है तो आपको आज से सारा ब्रह्माण्ड चित्रगुप्त के नाम से जानेगा। आप ब्रह्मांड के सभी प्राणियों के चित्त में गुप्त रहकर हर प्राणी के कर्मों का लेखा-जोखा रखेंगे और आप ऐसे भगवान होगें जिन्हें कभी आराम करने का समय नही होगा और इस अत्यंत कठिन कार्य को पूरी पार्दर्शिता से केवल आप ही करने में सक्षम हैं। इसीलिये हर सनातन हिन्दू आज चैत्र पूर्णिमा के दिन पूजा भक्ति सत्कर्म करेगा तो वह आपकी कृपा पात्र होगा और कर्मों के बंधनों से मुक्त होगा। चूँकि आप हमारी काया से आप जुड़े हैं तो आपके वंशज कायस्थ के नाम से पहचाने जायेंगे। इसी समय से देश में हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त प्रगटोत्सव महापर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। भगवान श्री चित्रगुप्त जी की इस महिमा से सर्व समाज एवं विश्व भर में प्रसारित करने में सफल रही कायस्थवाहिनी अंतर्राष्ट्रीय, इसके फलस्वरूप इस प्रगटोत्सव को एक नयी ऊँचाई मिली और यह प्रगटोत्सव पुनः देश में हर्षोल्लास का पर्व बनता जा रहा। कायस्थवाहिनी के प्रयास से साल दर साल इस महापर्व की भव्यता बढ़ती जा रही है। इस वर्ष इस महापर्व को भव्य बनाने एवं जन-जन में मन-मंदिर में स्थापित करने के लिए कायस्थ वाहिनी अन्तर्राष्ट्रीय, प्रमुख पंकज भैया ने वाहिनी के सारे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को जुट जाने का आवाह्न किया है। + + +पोर्टलैंड नामक एक से अधिक जगह है: +पोर्टलैंड (विक्टोरिया nbsp;– विक्टोरिया (राज्य में। +पोर्टलैंड (जमैका nbsp;– जमैका के पूर्वोत्तर तट पर एक बस्ती। +आइल ऑफ पोर्टलैंड nbsp;– इंग्लैंड के डोरसेट में एक शहर (और एक सच्चा द्वीप नहीं) +पोर्टलैंड (मेन nbsp;– न्यू इंग्लैंड का एक शहर, पोर्टलैंड मैन का सबसे बड़ा शहर है। +पोर्टलैंड (ओरेगन nbsp;– प्रशांत सागर के उत्तरपश्चिम में एक शहर। यह ओरेगन में सबसे बड़ा शहर है। इसका नाम मैन के पोर्टलैंड के नाम पर रखा गया है। + + +पोर्टलैंड, ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में एक शहर है। +पोर्टलैंड विक्टोरिया का पहला स्थायी बंदोबस्त था, जो इसे 1800 के दशक से 200 से अधिक ऐतिहासिक इमारतों के साथ एक समृद्ध विरासत का एहसास देता है। +शार्प एयरलाइंस एडिलेड और मेलबोर्न से पोर्टलैंड के लिए उड़ान भरती है। +यह क़स्बा मेलबर्न के 360 किमी पूर्व के आसपास प्रिंसेस राजमार्ग से थोडा हट कर है। +वी लाइन ट्रेन सेवा पोर्टलैंड को कोच सेवा के साथ जोड़ती है, और माउंट गैम्बियर तक जाती है। + + +इटली अपनी स्वादिष्ट व्यंजनों, फैशनेबल फैशन, लक्जरी स्पोर्ट्स कार और मोटरसाइकिल, विविध क्षेत्रीय संस्कृतियों और बोलियों के लिए प्रसिद्ध है +सैन मैरिनो और वेटिकन सिटी दो शहर हैं जो इटली से घिरे हुए हैं। जैसा कि वे यूरो, इतालवी भाषा का उपयोग करते हैं और कोई सीमा नियंत्रण भी नहीं हैं तो वहाँ यात्रा करना आसान हैं। +* लेक कोमो, मिलान के पास का स्थान है, जो एक घंटे से भी कम की ड्राइव पर है, इसे मिलान का एक विशिष्ट और सुपर लक्जरी जिला माना जाता है। हम अक्सर हर दिन मिलान में काम पर जाने के लिए लेक कोमो पर रहते हैं। लेक कोमो उन लोगों के लिए मनोरंजन से भरपूर है जिनके पास खर्च करने के लिए बहुत सारा पैसा है, जिसमें विशेष रिसेप्शन और नौकाएं शामिल हैं जो अक्सर पूरी गोपनीयता के साथ अंतरराष्ट्रीय वीआईपी और हॉलीवुड सितारों की कंपनी में होती हैं।. लेक कोमो संभवतः दुनिया का सबसे अधिक पर्यटन वाला क्षेत्र है, जो अपनी हल्की जलवायु और सितारों (जॉर्ज क्लूनी, डोनाटेला वर्साचे, आदि) और दुनिया के सबसे अमीर परिवारों से मुलाकात के लिए प्रसिद्ध है। कोमो झील पर रहना खूबसूरत अरबपतियों के लिए एक वास्तविक वैश्विक स्थिति का प्रतीक है, इसमें वह चकाचौंध और ग्लैमर है जिसकी बराबरी दुनिया में कुछ ही जगह कर सकते हैं। हालाँकि लेक कोमो रिवेरा अपने ग्लैमर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पहाड़ों में कई अन्य कम-ज्ञात आकर्षण हैं, जहाँ लियोनार्डो दा विंची ने उनका अध्ययन करने में लंबा समय बिताया। लियोनार्डो दा विंची के सभी चित्रों की पृष्ठभूमि में कोमो झील के परिदृश्य हैं। लेक कोमो कई प्रसिद्ध कलाकारों के लिए प्रेरणा रही है और उनके कई काम स्थानीय संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में प्रदर्शित किए गए हैं। + + +द्वारका गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले में स्थित एक नगर तथा हिन्दूओं का तीर्थस्थल है। यह हिन्दुओं के साथ सर्वाधिक पवित्र तीर्थों में से एक तथा चार धामों में से एक है। यह सात पुरियों में एक पुरी है। जिले का नाम द्वारका पुरी से रखा गया है जीसकी रचना २०१३ में की गई थी। यह नगरी भारत के पश्चिम में समुन्द्र के किनारे पर बसी है। हिन्दू धर्मग्रन्थों के अनुसार, भगवान कॄष्ण ने इसे बसाया था। यह श्रीकृष्ण की कर्मभूमि मानी जाती है। +द्वारका नागरी का इतिहास ५००० साल पुराना माना जाता है। द्वापर युग में महाभारत के समय में श्रीकृष्ण द्वारका द्वारका नागरी को बसाया गया था। महाभारत के उल्लेख के अनुसार द्वारका नागरी सोने की नागरी थी और अपर वैभव था। ऋषि के शाप के कारण द्वारका मेन रहने वालें सभी यादवों का विनाश हो गया और द्वारका नागरी को भी समुद्र ने अपने अंदर समा लिया। मूल द्वारका जिस में कृष्ण रहते थे उसे समुद्र के अंदर माना जाता है और किनारे बसी द्वारिका नगरी आज एक आधुनिक शहर के रूप में है। श्री कृष्ण से जुड़े हुये इतिहास के कारण द्वारका हिंदुओं के लिए एक पवित्र यतरधाम है और भारत की सात पवित्र नगरीओं में इसकी गणना होती है। +द्वारिका नगरी भारत के गुजरात राज्य में स्थित है और यहाँ साल में तीन प्रकार की ऋतुयेँ होती हैं। दिसंबर से मार्च तक यहाँ ठंड होती है। मार्च से जून तक तापमान बढ़ जाता है और दिन में असह्य गरमी रहती है। जून के मध्य भाग से लेकर अगस्त तक बारिश होती है। बारिश के दोनों को छोडकर आने जाने का समय यात्रियों के लिए अनुकूल है। +द्वारका के दक्षिण में एक लम्बा ताल है। इसे 'गोमती तालाब' कहते है। इसके नाम पर ही द्वारका को गोमती द्वारका कहते है। +इस गोमती तालाब के ऊपर नौ घाट है। इनमें सरकारी घाट के पास एक कुण्ड है, जिसका नाम निष्पाप कुण्ड है। इसमें गोमती का पानी भरा रहता है। नीचे उतरने के लिए पक्की सीढ़िया बनी है। यात्री सबसे पहले इस निष्पाप कुण्ड में नहाकर अपने को शुद्ध करते है। बहुत-से लोग यहां अपने पुरखों के नाम पर पिंड-दान भी करतें हैं। +गोमती के दक्षिण में पांच कुंए है। निष्पाप कुण्ड में नहाने के बाद यात्री इन पांच कुंओं के पानी से कुल्ले करते है। तब रणछोड़जी के मन्दिर की ओर जाते है। रास्तें में कितने ही छोटे मन्दिर पड़ते है-कृष्णजी, गोमती माता और महालक्ष्मी के मन्दिर। रणछोड़जी का मन्दिर द्वारका का सबसे बड़ा और सबसे बढ़िया मन्दि��� है। भगवान कृष्ण को उधर रणछोड़जी कहते है। सामने ही कृष्ण भगवान की चार फुट ऊंची मूर्ति है। यह चांदी के सिंहासन पर विराजमान है। मूर्ति काले पत्थर की बनी है। हीरे-मोती इसमें चमचमाते है। सोने की ग्यारह मालाएं गले में पड़ी है। कीमती पीले वस्त्र पहने है। भगवान के चार हाथ है। एक में शंख है, एक में सुदर्शन चक्र है। एक में गदा और एक में कमल का फूल। सिर पर सोने का मुकुट है। लोग भगवान की परिक्रमा करते है और उन पर फूल और तुलसी दल चढ़ाते है। चौखटों पर चांदी के पत्तर मढ़े है। मन्दिर की छत में बढ़िया-बढ़िया कीमती झाड़-फानूस लटक रहे हैं। एक तरफ ऊपर की मंमें जाने के लिए सीढ़िया है। पहली मंजिल में अम्बादेवी की मूर्ति है-ऐसी सात मंजिलें है और कुल मिलाकर यह मन्दिर एक सौ चालीस फुट ऊंचा है। इसकी चोटी आसमान से बातें करती है। +रणछोड़जी के दर्शन के बाद मन्दिर की परिक्रमा की जाती है। मन्दिर की दीवार दोहरी है। दो दावारों के बीच इतनी जगह है कि आदमी समा सके। यही परिक्रमा का रास्ता है। रणछोड़जी के मन्दिर के सामने एक बहुत लम्बा-चौड़ा १०० फुट ऊंचा जगमोहन है। इसकी पांच मंजिलें है और इसमें ६० खम्बे है। रणछोड़जी के बाद इसकी परिक्रमा की जाती है। इसकी दीवारे भी दोहरी है। +कुशेश्वर शिव के मन्दिर के बराबर-बराबर दक्षिण की ओर छ: मन्दिर और है। इनमें अम्बाजी और देवकी माता के मन्दिर खास हैं। +रणछोड़जी के मन्दिर के पास ही राधा, रूक्मिणी, सत्यभामा और जाम्बवती के छोटे-छोटे मन्दिर है। इनके दक्षिण में भगवान का भण्डारा है और भण्डारे के दक्षिण में शारदा-मठ है। +रणछोड़जी के मन्दिर से द्वारका शहर की परिक्रमा शुरू होती है। पहले सीधे गोमती के किनारे जाते है। गोमती के नौ घाटों पर बहुत से मन्दिर है- सांवलियाजी का मन्दिर, गोवर्धननाथजी का मन्दिर, महाप्रभुजी की बैठक। +आगे वासुदेव घाट पर हनुमानजी का मन्दिर है। आखिर में संगम घाट आता है। यहां गोमती समुद्र से मिलती है। इस संगम पर संगम-नारायणजी का बहुत बड़ा मन्दिर है। +संगम-घाट के उत्तर में समुद्र के ऊपर एक ओर घाट है। इसे चक्र तीर्थ कहते है। इसी के पास रत्नेश्वर महादेव का मन्दिर है। इसके आगे सिद्धनाथ महादेवजी है, आगे एक बावली है, जिसे ‘ज्ञान-कुण्ड’ कहते है। इससे आगे जूनीराम बाड़ी है, जिससे, राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तिया है। इसके बाद एक और राम का मन्दिर है, जो नया बना है। इसके बाद एक बावली है, जिसे सौमित्री बावली यानी लक्ष्मणजी की बावजी कहते है। काली माता और आशापुरी माता की मूर्तिया इसके बाद आती है। +इनके आगे यात्री कैलासकुण्ड़ पर पहुंचते है। इस कुण्ड का पानी गुलाबी रंग का है। कैलासकुण्ड के आगे सूर्यनारायण का मन्दिर है। इसके आगे द्वारका शहर का पूरब की तरफ का दरवाजा पड़ता है। इस दरवाजे के बाहर जय और विजय की मूर्तिया है। जय और विजय बैकुण्ठ में भगवान के महल के चौकीदार है। यहां भी ये द्वारका के दरवाजे पर खड़े उसकी देखभाल करते है। यहां से यात्री फिर निष्पाप कुण्ड पहुंचते है और इस रास्ते के मन्दिरों के दर्शन करते हुए रणछोड़जी के मन्दिर में पहुंच जाते है। यहीं परिश्रम खत्म हो जाती है। यही असली द्वारका है। इससे बीस मील आगे कच्छ की खाड़ी में एक छोटा सा टापू है। इस पर बेट-द्वारका बसी है। गोमती द्वारका का तीर्थ करने के बाद यात्री बेट-द्वारका जाते है। बेट-द्वारका के दर्शन बिना द्वारका का तीर्थ पूरा नहीं होता। बेट-द्वारका पानी के रास्ते भी जा सकते है और जमीन के रास्ते भी। +जमीन के रास्ते जाते हुए तेरह मील आगे गोपी-तालाब पड़ता है। यहां की आस-पास की जमीन पीली है। तालाब के अन्दर से भी रंग की ही मिट्टी निकलती है। इस मिट्टी को वे गोपीचन्दन कहते है। यहां मोर बहुत होते है। गोपी तालाब से तीन-मील आगे नागेश्वर नाम का शिवजी और पार्वती का छोटा सा मन्दिर है। यात्री लोग इसका दर्शन भी जरूर करते है।कहते है, भगवान कृष्ण इस बेट-द्वारका नाम के टापू पर अपने घरवालों के साथ सैर करने आया करते थे। यह कुल सात मील लम्बा है। यह पथरीला है। यहां कई अच्छे और बड़े मन्दिर है। कितने ही तालाब है। कितने ही भंडारे है। धर्मशालाएं है और सदावर्त्त लगते है। मन्दिरों के सिवा समुद्र के किनारे घूमना बड़ा अच्छा लगता है। +रणछोड़ जी के मन्दिर की ऊपरी मंजिलें देखने योग्य है। यहां भगवान की सेज है। झूलने के लिए झूला है। खेलने के लिए चौपड़ है। दीवारों में बड़े-बड़े शीशे लगे हैं। इन पांचों मन्दिरों के अपने-अलग भण्डारे है। मन्दिरों के दरवाजे सुबह ही खुलते है। बारह बजे बन्द हो जाते है। फिर चार बजे खुल जाते है। और रात के नौ बजे तक खुले रहते है। इन पांच विशेष मन्दिरों के सिवा और भी बहुत-से मन्दिर इस चहारदीवारी के अन्दर है। ये प्रद्युम्नजी, टीकमजी, पुरूषोत्तमजी, देवकी माता, माधवजी अम्बाजी और गरूड़ के मन्दिर है। इनके सिवाय साक्षी-गोपाल, लक्ष्मीनारायण और गोवर्धननाथजी के मन्दिर है। ये सब मन्दिर भी खूब सजे-सजाये हैं। इनमें भी सोने-चांदी का काम बहुत है। +बेट-द्वारका में कई तालाब है-रणछोड़ तालाब, रत्न-तालाब, कचौरी-तालाब और शंख-तालाब। इनमें रणछोड तालाब सबसे बड़ा है। इसकी सीढ़िया पत्थर की है। जगह-जगह नहाने के लिए घाट बने है। इन तालाबों के आस-पास बहुत से मन्दिर है। इनमें मुरली मनोहर, नीलकण्ठ महादेव, रामचन्द्रजी और शंख-नारायण के मन्दिर खास है। लोगा इन तालाबों में नहाते है और मन्दिर में फूल चढ़ाते है। +रणछोड़ के मन्दिर से डेढ़ मील चलकर शंख-तालाब आता है। इस जगह भगवान कृष्ण ने शंख नामक राक्षस को मारा था। इसके किनारे पर शंख नारायण का मन्दिर है। शंख-तालाब में नहाकर शंख नारायण के दर्शन करने से बड़ा पुण्य होता है। +बेट-द्वारका से समुद्र के रास्ते जाकर बिरावल बन्दरगाह पर उतरना पड़ता है। ढाई-तीन मील दक्षिण-पूरब की तरफ चलने पर एक कस्बा मिलता है इसी का नाम सोमनाथ पट्टल है। यहां एक बड़ी धर्मशाला है और बहुत से मन्दिर है। कस्बे से करीब पौने तीन मील पर हिरण्य, सरस्वती और कपिला इन तीन नदियों का संगम है। इस संगम के पास ही भगवान कृष्ण के शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था। + + +अधिक जानकारी के लिए देखें विकियात्रा:लेख स्तर + + +यह लेख अभी एक आधार लेख है जिसे ध्यान देने की जरूरत है। आगे बढ़ें और इसे बड़ा बनाने में मदद करें + + +अधिक जानकारी के लिए देखें विकियात्रा:लेख स्तर + + +अधिक जानकारी के लिए देखें विकियात्रा:लेख स्तर + + +नियम भी दो तरह के है साहेब +रसूख के अपराध -खामियां पुरानी +आम के अपराध- कानूनी शिकंजा +रसूख ने लिया है नियम साध, +सिस्टम की खामियों को भांप, +लूट खेल ,खेल गया विदेश भाग +शब्द संग,शब्द से हो जाती जंग +शब्द भाव ,शब्द से विभाव +शब्द चाव, शब्द से लगाव +मौलिक- डॉ इन्दिराईश्वर की पूजा ही काफी नही है, +ईश्वर की पूजा ही काफी नही है, + + +राधौगढ. स्टेट की धार्मिक एतिहासिक परंपराओं की पुनरावृति देशभर के प्रबुद्ध धार्मिक समाज में चर्चा का बिषय बन गई है +श्री दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती अमृता सिंह की श्री नर्मदा परिक्रमा यात्रा पर चर्चा से पहले राघौगढ स्टेट और उससे जुडी.धार्मिक किंवदंतियों पर एक सिंहावलोक��� +सन् १६७३ से १९४७ तक राघौगढ स्टेट विधिवत अस्तित्व में रही. दिल्ली के पृथ्वीराज राजवंश की शाखा के राजपूत खींची वंशज राजा लाल सिंह नें १६७७ में राघौगढ के किले की स्थापना की राघौगढ़ राजवंश में प्रतापी राजा हुए प्रताप राव खींची। उच्च राजसी शिक्षा-दीक्षा के साथ इनकी रुचि आध्यात्म की ओर भी थी, जिसका प्रभाव उनके साहित्य में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। किवदंतियों के अनुसार राजा प्रताप सिंह जिन्हें बाद में स्नेहवश “पीपाजी” संबोधन मिला अपनी कुलदेवी से प्रत्यक्ष साक्षात्कार करते थे एवं उनसे बात भी किया करते थे।  जब इनको पीपाराव नाम से संबोधन प्राप्त हुआ उस समय वे जन-जन में लोकप्रिय हो चुके थे. अपने अल्प राज्यकाल में पीपाराव जी द्वारा फिरोजशाह तुगलक, मलिक जर्दफिरोज व लल्लन पठान जैसे योद्धाओं को पराजित कर अपनी वीरता का लोहा मनवाया। उनकी प्रजाप्रियता व नीतिकुशलता के कारण आज भी उन्हें गागरोन व मालवा के सबसे प्रिय राजा के रूप में मान सम्मान दिया जाता है। +कालांतर में वैराग्य भाव उत्पन्न होने व कुलदेवी से प्राप्त निर्देशानुसार रामानन्दजी ने एक वर्ष पश्चात् गागरोण आकर दीक्षा प्रदान करने का आश्वासन देकर इनको वापस गागरोण भेज दिया। इनके द्वारा ईश्वर भक्ति व् सन्त सेवा में एक वर्ष व्यतीत करने के पश्चात् रामानन्दजी गागरोण पधारे। इन्होने अपने भतीजे कल्याणराव का गागरोण नरेश के रूप में राज्याभिषेक किया व् छोटी रानी सीता के साथ दीक्षा ग्रहण कर नरेश पीपाराव से संत शिरोमणि भक्त पीपाजी महाराज हुए,  जिनका उल्लेख भक्तमाल में आता है। संत पीपा का अध्यात्मिक दर्शन सगुण व् निर्गुण भक्ति की निर्मल धारा का प्रवाह है। इन्होने “ब्राम्हण सोई पिंडे” यानि आत्मा में ही परमात्मा की उपस्थिति को माना। +राघौगढ स्टेट बहुत छोटी सी रियासत रही लेकिन इतिहास में भी समूचे भारतबर्ष में हिन्दू धर्म-ध्वजा लहराने में अव्वल मानी जाने वाली इस रियासत के लगभग सभी पूर्व राजाओं ने हिन्दुत्व के मौलिक रूप को न केवल आत्मसात किया बल्कि इसके प्रचार-प्रसार में सदैव अगुवाई की है +राघौगढ. स्टेट के द्भितीय राजा थे श्री धीरज सिंह जिन्होंने आमेर के महाराजा जय सिंह और सिसोदिया घराने के महाराजा संग्राम सिंह द्भितीय के साथ गहरा आत्मीय रिश्ता जोडा. १६९७-१७२६  के दौर के इन धर्म-धुरंधर महाराज नें अनेक म���दिर बनबाये कुओं तालाबों और बाबडि.यों का निर्माण कराया. आरोन, जारखोन और चांचौडा. के किलों की मरम्मत के अलावा राघौगढ किले को वृहत स्तर पर निर्मित कराया. महाराज धीरज सिंह के कार्यकाल में हिन्दुत्व की सर्वेभवन्तु सुखिन: की भावना राज्य भर में प्रचलित रही. वे सीखने- सिखाने के माध्यम से राज्य में सुख-चैन की परम स्थापना के पक्षधर थे. उनके कार्यकाल में संगीत और पेंटिंग कला को बहुत संरक्षण मिला. उनकी विभिन्न मुद्राओं के पोर्टरेट्स आज भी राघौगढ. में संरक्षित हैं. इसके अलावा ललित कलाओं राग-रंगिनी बारामास रामायण और महाभारत के प्रसंगों का चित्रण किये जाने के अनेक प्रमाण आज भी जीवित हैं. धीरपुर गांव के चारभुजी मंदिर की दीवारों पर चित्रित पेंटिग्स और राघौगढ. स्कूल आफ मालवा पेंटिग्स कलाप्रेमियों के आकर्षण की केन्द्र हैं. महाराजा धीरज सिह अपने कार्यकाल में ब्राहम्णों के प्रति बहुत उदारमना और दानी पृवृति के रहे. उनके काल में भाट, चारण, बैरागी सब कृपापात्र रहे. बजरंगगढ के किले में सिद्ध रूप में राजा धीरज सिंह आज भी पूज्नीय रूप में प्रतिष्ठित हैं. राघौगढ़ में महाराज धीरज सिंह जी के नाम से आज भी ऊतरी बांधी जाती है। राघौगढ़ किले के पीछे एक धीरपुर नाम का स्थान है, जहां राजपरिवार के पूर्व राजाओं की छतरियां बनी हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी को भी सांप काट ले, तो आज भी महाराज धीरज सिंह जी के नाम का धागा बाँधा जाता है। उस व्यक्ति को एक निश्चित समय वहां ले जाकर पूजा की जाती है और राघव जी की कृपा से वो व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है। ऐसे हज़ारों उदाहरण, राघौगढ़ की जनता ने देखें हैं। आप यकीन कीजिये, इस घोर कलियुग में कहीं सत्य, धर्म और पूर्वजों के आशीर्वाद का साक्षात्कार के लिये राघौगढ़ का महत्ता आज भी है +राघौगढ. के तीसरे राजा गज सिंह महाराज धीरज सिंह के बडे. पुत्र थे जो १७२६ से १७२९ तक गद्दी पर रहे. १७३० से १७४४ तक चौथे राजा विक्रमजीत सिंह प्रथम का कार्यकाल रहा. विक्रमजीत शासनकाल की सबसे बडी उपलब्धि रही कि वे राजपूत राजाओं के परस्पर एकीकरण के केन्द्र में रहे. उदयपुर के राजा श्री जगत सिंह कोटा के श्री दुर्जनसाल बूंदी के महाराज उम्मेद सिंह और राजगढ. के राजा श्री जगत सिंह नें मिलकर काम किया. इसके बाद रियासत के पंचम राजा बलभद्र सिंह प्रथम का कार्यकाल १७४४ से १७७० रहा और छठवें राजा बलबंत जैसी धर्मपरायण संतान को जो शासन सौंपा वह बर्ष १७९७ तक अनवरत रहा. राजा बलबंत सिंह के पुत्र और रियासत के सप्तम राजा हिन्दुपत राजा जय सिंह बहुत विख्यात हुए चो १८१८ तक अपने पुण्यप्रताप का जो  अनुवांशिक प्रभाव अपनी पीढियों के रक्त में घोलकर गये हैं वह वर्तमान में भी परिलक्षित दिखाई देता है +राजा जयमंडल के बेटे और दसवें राजा विक्रमजीत सिंह जी का कार्यकाल १९०० से १९०२ तक रहा. तत्पशचात राजा बहादुर सिंह १९०२ – १९४५   ११वें राजा के रूप में प्रतिष्ठित हुए +राजा बलभद्रसिंह द्भितीय राघौगढ के बारहवें राजा हुए. १९१६ में जन्में.इनका विवाह महाराज बहादुरचंद्र मौलेश्वर प्रसाद सिंह की बेटी गिधौर  की राजकुमारी अपर्णा कुमारी से हुआ डेली कालेज इंदौर में वे बहुत प्रतिभाशाली छात्र और बेहतरीन खिलाडी. थे.अजमेर के मेयो कालोज से वे पोस्ट डिप्लोमा की उपाधिधारक रहे जहां से उन्हें आल राउंड एफीशिएंसी के लिये गोल्ड मैडल भी मिला. १९५२ में राजा बलभद्र सिंह मध्यप्रदेश विधानसभा में राघौगढ. का प्रतिनिधित्व करते हुए वे सामाजिक और चैरिटैबल गतिविधियों से जुडे. रहे. “हिंदुपत विजय” और “खींची वंशावली” में नामक पुस्तकों में राघौगढ से जुडी महत्वपूर्ण बातों को जाना जा सकता है +राघौगढ. के इतिहास के सिंहावलोकन से सहज ही ज्ञात हो जाता है कि इस राजपरिवार के गौरवशाली इतिहास में हिंदुत्व के मौलिक आचरण और हिन्दू धर्म की सनातन परंपराओं के प्रति आस्था और निष्ठा का बेजोड. संगम रहा है. श्री दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ जिस दृढता के साथ हजारों मील की पैदल यात्रा पर निकले हैं उसनें कहीं न कहीं कट्टर हिंदूवादियों के बेलगाम बोलों पर ताला जड. दिया है. कमोवेश बहुतेरे अब यह कहकर श्री सिंह की आलोचना कर सकते हैं कि देश की बहुसंख्यक जनता के मिजाज के चलते उनका रूख बदला है पर वास्तव में ऐसा नहीं है. क्योंकि श्री दिग्विजय सिंह की धर्मनिरपेक्षता नें उनके भीतर हिंदुत्व के मौलिक स्वरूप का आदर करने वाले व्यक्ति का कभी भी बाल भी बांका न किया बल्कि उनके द्वारा व्यक्त धर्म निरपेक्षता उनके मौलिक रूप से हिंदू होने का प्रबल प्रमाण है. हालांकि श्री दिग्विजय सिंह की श्री नर्मदा परिक्रमा यात्रा उनका नितांत निजी पारिवारिक और धार्मिक आराधना को व्यक्त करने वाला कार्य है जिसकी आध्यात्मिक जडे. श्री पीपाजी महाराज के आध्यात्मिक चिंतन और रक्त मज्जा के सांसारिक रूप से सीधे संबद्धता रखती हैं. यही श्री दिग्विजय सिंह का वह उच्चस्तरीय चिंतन है जो उनके व्यक्तित्व और कृतित्व में साफ- साफ परिलक्षित होता है +इस यात्रा के आरंभ से ही यह तथ्य हमारे देश के आधुनिक मीडिया में विवादास्पद रूप से चर्चित है कि श्री दिग्विजय सिंह और रानी अमृता सिंह की श्री नर्मदा परिक्रमा यात्रा को राजनीतिक समझा जाय या धार्मिक यात्रा समझा जाय. जबाब नर्मदांचल के पूर्व सांसद  श्री रामेशवर नीखरा की ओर से आता है जो इस यात्रा में पूरे समय से उनके साथ रहे है .श्री रामेश्वर नीखरा के अनुसार +“ श्री दिग्विजय सिंह केवल एक शीर्ष राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि एक परम आध्यात्मिक व्यक्ति भी है जिन्हे श्री नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा करने की प्रेरणा राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि में समाहित उन मौलिक धार्मिक विचारों से आई है जो उनके मन-मस्तिष्क में सदा से ही स्थापित है.” +“ दिग्विजयी नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा उनका एक महान धार्मिक कृत्य है जो उनकी मां नर्मदा के प्रति असीम श्रद्धा का परिचायक है. इस प्रकार की यात्रा जो बहुत दुर्गम तथा शारिरिक रूप से असुविधाजनक और कष्टकारी है वह केवल असाधारण आध्यात्मिक शक्ति के बूते ही संपन्न हो पाती है ” +पूर्व संसद सदस्य श्री रामेश्वर नीखरा जी का उपरोक्त संदेश मां रेवा के कल-कल बहते निर्मल जल जैसा साफ है राजा दिग्विजय सिंह नें श्री नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा का बीडा. निभाकर हिंदुत्व की गहरी छाप छोडी. है साथ ही इस यात्रा के बिषय में सामाज को सोचने के लिये नया आयाम भी दे दिया है +गैर- राजनीतिक स्वरूप बनाये रखने और धार्मिक यात्रा का लक्ष्य आध्यात्मिक बनाये रखने में अब तक सफल रहे राजा दिग्विजय और रानी अमृता का यह सफर बडे-छोटे अनेक राजनेताओं की बीच-बीच में हुई उपस्थिति से अपने लक्ष्यों से जरा भी नहीं भटका. ये बात और है कि इस महायात्रा के भविष्य में प्रभाव राजहठी श्री दिग्विजय सिंह के राजनीतिक भविष्य को मजबूती देने में कहीं न कही कोई महती भूमिका जरूर निबाहेंगे + + +विकियात्रा में कोई भी लिख सकता है, इसका लक्ष्य भी यही है कि जितना हो सके, उतने पन्नों को सभी के लिए खुला रखा जा सके, ताकि सभी लोग उसमें जानकारी जोड़ सकें, और गलतियों को दूर कर सक��ं। लेकिन कभी कभी कुछ स्थितियों में पन्नों को बचाने के लिए उसे तकनीकी रुकावट डाल दिया जाता है, जिससे कुछ लोग ही उसमें बदलाव कर सकें, और बर्बरता या अन्य तरह के बदलावों से वो पन्ना बचा रहे। सुरक्षा का समय कुछ समय के लिए भी होता है या अनंत काल के लिए भी रह सकता है। सुरक्षित करने या हटाने का कार्य केवल प्रबंधक कर सकते हैं, लेकिन कोई भी सदस्य किसी पन्ने के सुरक्षा हेतु या उसे हटाने हेतु अनुरोध कर सकता है। +इसमें मुख्य रूप से दो प्रकार की सुरक्षा होती है, एक पूर्ण सुरक्षा, जिसमें केवल प्रबंधक ही कोई बदलाव कर सकते हैं, और दूसरी अर्ध-सुरक्षा होती है, जिसमें केवल स्थापित सदस्य या स्वतः स्थापित सदस्य ही बदलाव कर सकते हैं। कोई भी सदस्य जिसका खाता 4 दिन या उससे ज्यादा पुराना हो, और कम से कम 10 सम्पादन किया हो, वो अपने आप ही स्वतः स्थापित सदस्य बन जाता है। +पूरी तरह सुरक्षित पन्नों में केवल प्रबंधक ही बदलाव या स्थानांतरित कर सकते हैं। यह सुरक्षा कुछ समय के लिए या अनंत काल तक के लिए भी हो सकती है। यदि ऐसे पन्नों में कोई बदलाव करना हो तो उसके वार्ता पृष्ठ में बदलाव हेतु अनुरोध कर सकते हैं। यदि कोई ध्यान न दे रहा हो तो चौपाल में इसके बारे में सूचना छोड़ सकते हैं। गैर-विवादित बदलावों, जैसे त्रुटि ठीक करना, जानकारी अद्यतन करना आदि को कोई भी प्रबंधक बिना किसी चर्चा के भी उसी समय बदलाव कर सकता है। अन्य सभी मामलों में समुदाय की सहमति के बाद ही बदलाव सहेजे जा सकते हैं। +अर्ध सुरक्षा केवल आईपी सदस्यों और नए खाते बनाने वाले सदस्यों को ही सम्पादन करने से रोकता है। नए सदस्य अर्थात ऐसे खाते, जिसे बन कर चार दिन न हुआ हो और उससे अब तक दस से कम संपादन किया गया हो। इस स्तर की सुरक्षा को अर्ध सुरक्षा कहा जाता है, जिसका उपयोग नए खातों और आईपी से होने वाले बर्बरता, परीक्षण या प्रचार वाले संपादनों को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कठपुतली सदस्यों को भी संपादन से रोकने लिए उपयोग किया जाता है। विशेष रूप से इसका उपयोग ऐसे जगहों पर किया जाता है, जिसमें लगातार बर्बरता होती रहती है, पर उपयोगी संपादन उससे कई गुना कम या ना के बराबर होती है। +विकियात्रा के कुछ हिस्सों को मीडियाविकि सॉफ्टवेयर हमेशा सुरक्षित रखता है। यह हिस्सा मीडियाविकि नामस्थान के नाम से रहता है, जो साइट किस प्रकार दिखेगा और क्या क्या जावास्क्रिप्ट या सीएसएस उपयोग करेगा, इसे लिखा जा सकता है। इस नामस्थान के किसी भी पन्ने में सम्पादन करने से लगभग पूरे साइट पर प्रभाव पड़ता है। इस कारण इसे हमेशा सुरक्षित रखा जाता है और केवल प्रबंधक ही इन पन्नों में सम्पादन कर सकते हैं। इसकी सुरक्षा स्थायी होती है और प्रबंधक भी इसकी सुरक्षा नहीं हटा सकते। इसके अलावा सदस्यों के सीएसएस और जावास्क्रिप्ट वाले पन्नें भी स्वतः सुरक्षित रहते हैं। जिसका खाता है, वही सदस्य या प्रबंधक ही उन पन्नों में बदलाव कर सकते हैं। यह सुरक्षा सदस्यों के सभी उपपृष्ठों में होती है, जो css" या js" नाम से समाप्त होते हैं। इन पन्नों में यदि कोई अनावश्यक या हटाने लायक कोई सामग्री हो तो उसे प्रबंधक हटा सकते हैं। +किसी पन्ने को इस कारण सुरक्षित करना कि उसमें बर्बरता हो सकती है, ठीक नहीं है और विकियात्रा में लोगों के द्वारा योगदान को रोकता है। हालांकि कभी कभी किसी पन्ने पर लगातार बर्बरता होने पर उसे कुछ समय के लिए सुरक्षित करना भी जरूरी हो जाता है। लेकिन फिर भी सुरक्षा को इतना ही रखना चाहिए कि केवल बर्बरता को ही रोका जा सके, न कि किसी सकारात्मक सम्पादन करने वालों को। सुरक्षा का समय जितना हो सके, उतना छोटा चुनना चाहिए और सुरक्षा के स्तर को भी जितनी आवश्यकता है, उतना ही रखना चाहिए। यदि कम स्तर की सुरक्षा के बाद भी बर्बरता हो रही हो, तो सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है। +यदि किसी लेख में सामग्री को लेकर विवाद उत्पन्न हो जाये और लगातार दो या अधिक पक्षों द्वारा सम्पादन युद्ध हो, तो कोई भी ऐसा प्रबंधक, जो उस विवाद का हिस्सा न हो, वो उन सदस्यों को अवरोधित कर सकता है, जिससे आगे वे लोग उस पन्ने पर सम्पादन न कर सकें और अन्य सदस्य उसमें आसानी से बदलाव कर सकें। इसी का वैकल्पिक उपाय अस्थाई रूप से उस लेख को पूरी तरह सुरक्षित करना भी है। यह उपाय उस समय के लिए अधिक उपयोगी होता है, जब कई सदस्यों द्वारा उसमें बदलाव किया जाता है। इस तरह की सुरक्षा के बाद कोई भी बदलाव वार्ता पृष्ठ में चर्चा कर के ही डाली जा सकती है। +यदि किसी लेख के वार्ता पृष्ठ में लगातार कई अलग अलग आईपी सदस्यों और नए खातों द्वारा बर्बरता या उत्पात मचाया जा रहा हो, तो ही उस पन्ने को कुछ समय के लिए अर्थ सुरक्षित किया जा सकता है। यदि ऐसा करने वाले स्थापित सदस्य हैं, और उनकी संख्या अधिक हो, तो ही पूर्�� सुरक्षा का कदम उठाया जा सकता है। हालांकि वार्ता पृष्ठों को हमेशा के लिए सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। +विकियात्रा में वार्ता पृष्ठों का उपयोग सदस्य एक दूसरे से बात करने के लिए करते हैं। इसे सुरक्षित या अर्ध सुरक्षित करने से सदस्यों को बात करने में समस्या होगी और साथ ही सदस्यों के वार्ता पृष्ठ का उपयोग कई तरह की आवश्यक जानकारियों के आदान प्रदान करने के लिए होता है। इस कारण केवल बहुत ही गंभीर मामलों में ही सदस्यों के वार्ता पृष्ठ को सुरक्षित किया जाना चाहिए। यदि किसी गंभीर कारण से किसी के वार्ता पृष्ठ को सुरक्षित करना पड़े तो उसे वार्ता पृष्ठ के सदस्य पृष्ठ का निर्माण करना चाहिए और उसकी कड़ी उसके वार्ता पृष्ठ में रखनी चाहिए, ताकि कुछ अच्छे भाव से सूचना या संदेश छोड़ने वाले सदस्य उस सदस्य को सूचना या संदेश दे सकें। +सदस्य का अपने वार्ता पृष्ठ को सुरक्षित करने का अनुरोध उस पन्ने के सुरक्षित करने का उचित कारण नहीं है। +सदस्य पृष्ठ या उसके उपपृष्ठों को केवल उस सदस्य द्वारा ही बनाया और संपादित किया जाना चाहिए, यदि कोई अन्य आईपी सदस्य या पंजीकृत सदस्य उन पन्नों में बदलाव करें तो सदस्य अपने सदस्य पृष्ठ या उसके उपपृष्ठ को सुरक्षित करने के लिए सदस्य अनुरोध कर सकते हैं, और जब तक कारण बना रहेगा, तब तक उसे सुरक्षित रखा जा सकता है। +बहुत ज्यादा लेखों में दिखने या उपयोग में आने वाले साँचों को उनके देखने की संख्या, उपयोग के तरीके और सामग्री के अनुसार सुरक्षित या अर्ध-सुरक्षित किया जा सकता है। +सुरक्षित साँचों में आमतौर पर उस साँचे के उपयोग को दर्शाने वाली जानकारी होती है, जो साँचे के असुरक्षित पन्ने doc से लोड होता है। ये पन्ना साँचे की जानकारी डालने, श्रेणियों आदि को बदलने के लिए होता है, जिसमें कोई भी गैर-प्रबन्धक या आईपी सदस्य भी उन पन्नों को बदल सकते हैं। + + +मैं आर्यावर्त विकियात्रा का सदस्य हूँ। + + +मेरा नाम राहुल राजपूत है और आप सभी का मेरे पेज पर स्वागत है + + +टोंक राजस्थान में एक नगर है। +टोंक जयपुर से सड़क-मार्ग द्वारा तकरीबन 100 किमी की दूरी पर है जो कि यहाँ पहुँचने का एकमात्र सहज रास्ता है। +| content=इस संस्थान में अरबी और फारसी में पांडुलिपियों का एक शानदार संग्रह है। उनमें से कुछ स्वर्ण, माणिक, पन्ने तथा मोतियों से भव्य रूप से सज्जित है। +उस ��मय राजस्थान को राजपूताना कहा जाता था और राजपूताने में 19 रियासतें व तीन ठीकानें सम्मिलित थे जिनमे टोंक रियासत एकमात्र मुस्लिम रियासत थी| 25 मार्च,1948 को राजस्थान के एकीकरण के द्वितीय चरण पूर्व राजस्थान (संघ) में टोंक रियासत भी अन्य आठ रियासतों के साथ सम्मिलित कर ली गई| 30 मार्च 1949 को लावा ठीकानें को टोंक रियासत में शामिल करते हुए टोंक को राजस्थान का जिला मुख्यालय बना दिया गया| टोंक रियासत में लगने वाले मेले एवं त्योंहार राष्ट्रीय एकता और गंगा- जमुनी तहजीब के उदहारण एवं दृश्य प्रस्तुत करते थे| पुरे हिन्दुस्थान में टोंक की ईद की सवारी प्रसिद्ध हो गयी थी| इसके अलावा टोंक रियासत में लोकगीतों का समृद्ध भंडार है| तेजाजी,हीरामन,बगडावतों की हीड,ढोला मारू से सम्बंधित लोकगीत इस समृद्ध भंडार की श्रेणी में आते है| टोंक रियासत में कविता कहने की एक शेली प्रसिध्द है जिसे चार बेंत कहा जाता है| अपनी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर को समेटे होने के कारण टोंक को राजस्थान का लखनऊ, रूमानी शायर अख्तर शिरानी का नगर, अदब का गुलशन, मीठे खरबुजों का चमन कहा जाता है| + + +डॉ अशोक कुमार जाट राजस्थान सरकार में व्याख्याता के पद पर बूंदी जिले में कार्यरत है तथा राजस्थान के राजपत्रित अधिकारीयों के सबसे बड़े संगठन राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला) में प्रमुख प्रदेश प्रवक्ता है| अशोक कुमार जाट राजस्थान राज्य के टोंक जिले की पीपलू तहसील के हाजीपुरा उर्फ़ इलाहीपुरा गाँव के निवासी है| अशोक कुमार जाट ने "राजस्थान के इतिहास में टोंक रियासत का सांस्कृतिक अवदान (1817-1948 विषय पर राजस्थान विश्वविद्यालय के इतिहास एवम भारतीय संस्कृति विभाग से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है तथा इस दौरान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जूनियर व सीनियर रिसर्च फ़ेलोशिप प्राप्त की| विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पत्रिकाओ में अशोक कुमार जाट के शोध पत्र प्रकाशित हुए है| + + +संघर्ष एक यात्रा जो सफलता का मार्ग स्पष्ट करती है! +परन्तु एक प्रश्न जो प्रत्येक नागरिक को जान लेने योग होगा कि कई बार सफल नागरिक संतुष्ट नहीं हो पाता हैं,सुख शांति का आभाव हम को आपने मार्ग से विचलित करता है इस विचलित स्थिति में क्या वो मार्ग स्पष्ट होता हैं| + + +ये विकियात्रा में उपयोग होने वाले आम शब्दों की सूची और उसकी सर��� परिभाषा है, जिसका उद्देश्य लेखकों से नहीं, बल्कि पाठकों से है। इसे ऐसे सदस्यों के लिए बनाया गया है, जो विकियात्रा में नए नए आए हैं और उन्हें इसके शब्द समझ नहीं आ रहे हैं। यदि आपको किसी शब्द का अर्थ देखना है तो आप अनुभाग अनुसार उस शब्द को ढूंढ सकते हैं, या अपने ब्राउज़र में "ctrl f" दबा कर उस शब्द को लिख सकते हैं, जिसे आप ढूंढ रहे हैं। +:किसी भी लेख में जब उप शीर्षक डाला जाता है, तो वे सभी अनुभाग बन जाते हैं। इन अनुभागों को "संपादित करें" वाले बटन में क्लिक कर के आप केवल उतने ही हिस्से में सम्पादन कर सकते हैं। इससे आपको पूरे लेख को खोलने की जरूरत नहीं होगा। केवल उसके किसी छोटे से हिस्से को ही खोल कर आप अपना कार्य कर सकते हैं। इसका लाभ तब भी होता है, जब एक से अधिक सदस्य किसी एक लेख में सुधार करते हैं। वे लोग अपने तय किए अनुभाग में लेखों का विस्तार कर सकते हैं, जिससे सम्पादन में अवरोध पैदा न हो। +:विकियात्रा एक खुला स्थान है, जिसमें सभी को लिखने का अधिकार है। लेकिन कभी कभी कुछ लोग इस खुले स्थान में कचरा, प्रचार आदि भर कर अपने लिखने के अधिकार का दुरुपयोग करते हैं। ऐसे सदस्यों के कार्य को पूर्ववत करने में विकियात्रा के सदस्यों का समय बर्बाद होता है, इस कारण ऐसे सदस्यों पर अवरोध लगा दिया जाता है, जिससे वे अपने खाते या आईपी से संपादन न कर सकें। +:विकि में किसी पन्ने में सम्पादन करने, उसका नाम बदलने, नया लेख बनाने, पढ़ने आदि को अधिकार के रूप में माना जाता है। यदि कोई सदस्य अपने सम्पादन अधिकार का उपयोग बुरे सम्पादन करने के लिए करता है, तो उससे सम्पादन का अधिकार ले लिया जाता है। ठीक इसी तरह अन्य अधिकार भी दिये या हटाये जा सकते हैं। +:किसी पन्ने को आईपी सदस्य अर्थात जिनका विकि में खाता नहीं है और नए सदस्य, जिन्हें विकि में आए कुछ ही समय हुआ है, ऐसे खातों से बचाने के लिए अर्ध सुरक्षा का सहारा लिया जाता है। इससे अन्य सभी सदस्य उन पन्नों में आसानी से बदलाव कर सकते हैं, पर नए या बिना खाते वाले सदस्यों को ऐसे पन्ने पूरी तरह सुरक्षित दिखते हैं। +:किसी अन्य भाषा के विकियात्रा या विकि परियोजना से किसी लेख, साँचे या अन्य कोई पन्ने को उनके योगदानकर्ताओं के साथ विकियात्रा में डाला जा सकता है। विकियात्रा या अन्य परियोजनाओं के किसी भी लेख या पन्नों की जानकारी डालने के लिए उनके योगदानकर्ताओं को श्��ेय देना जरूरी होता है और आयात से यह कार्य बहुत आसानी से हो जाता है। क्योंकि उससे लेख के इतिहास में उन सभी योगदानकर्ताओं के योगदान दिखते रहते हैं। +:आधार लेख की एक स्थिति या स्तर होता है। ऐसे लेख जिसमें बहुत ही कम जानकारी हो और उसका पर्याप्त विस्तार नहीं किया गया हो, उसे आधार लेख या आधार स्तर वाले लेख कहते हैं। इन लेखों के विस्तार हेतु इनमें आधार साँचा जोड़ दिया जाता है, ताकि ऐसे लेखों को धीरे धीरे बड़ा कर अच्छे बड़े लेखों में शामिल किया जा सके। +:लगभग सभी लोग विकि में लेख बना सकते हैं या बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए खाता खोलना भी जरूरी नहीं है। बिना खाते के कोई भी सम्पादन या बदलाव करने पर उस अपंजीकृत सदस्य का आईपी पता दिखने लगता है। ऐसे सम्पादन करने वाले सदस्यों को आईपी सदस्य कहा जाता है। हालांकि केवल आईपी दिखने के कारण उन्हें उनके योगदान का श्रेय नहीं मिल पाता है, क्योंकि आईपी का उपयोग कई अन्य सदस्य भी किसी निश्चित या अनिश्चित अवधि के लिए कर सकते हैं। +:विकियात्रा में इतिहास का अर्थ लेख या पन्नों के इतिहास से होता है। आप इनमें जो भी बदलाव करते हैं, वे सभी बदलाव इतिहास में जुड़ते रहते हैं और केवल नया अवतरण (बदलाव) ही लोगों को दिखाई देता है। इतिहास देख कर आप जान सकते हैं कि कितने सदस्यों ने क्या क्या और किस प्रकार उस लेख या अन्य पन्नों को बढ़ाने में अपना योगदान दिया है। +:आपके और अन्य सदस्यों के हर बदलाव लेख या उस पन्ने के इतिहास में दर्ज होते रहते हैं, ताकि आपके और अन्य सभी के योगदान को श्रेय दिया जा सके। लेकिन कभी कभी एक जैसे दो या अधिक लेख बन जाते हैं और दोनों में अलग अलग उपयोगी जानकारी होती है। जानकारी को सीधे मिटा देने के स्थान पर यदि किसी उचित शीर्षक वाले लेख में उसे डाल दें तो दूसरे लेख में योगदान करने वाले सदस्यों को उसका श्रेय नहीं मिलता है, इस कारण उस दूसरे लेख के इतिहास को मूल लेख में डाल दिया जाता है। इस कार्य को ध्यान से करना चाहिए। +:ये पन्नों में नीले रंग के शब्द के रूप में दिखाई देता है, जिससे आप किसी अन्य पन्नों में जा सकते हैं। इसे जोड़ने के लिए आपको जोड़ना होता है। सहेजने के बाद ये अपने आप ही कड़ी के रूप में दिखने लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आपको किसी लेख में "भारत" लेख को जोड़ना है, तो आप लिख कर जोड़ सकते हैं। सहेजने के बाद इसकी तरह दिखेगा भारत]] +:एक से अधिक खाते खोलने पर मुख्य खाते को छोड़ कर अन्य सभी खातों को कठपुतली कहा जाता है। इनमें वैकल्पिक या बोट खाते शामिल नहीं किए जाते हैं। वैकल्पिक खाते तभी वैकल्पिक माने जाते हैं, यदि उनके उपयोग से पूर्व ही सूचित कर दिया जाए कि वह खाता आपका वैकल्पिक खाता है। ऐसे कठपुतली खातों को हमेशा के लिए अवरोधित किया जाता है। कठपुतली खातों के संचालन करते हुए पकड़े जाने पर उस सदस्य के मुख्य खाते को भी हमेशा के लिए अवरोधित किया जा सकता है। +:किसी भी जगह से कोई भी जानकारी की नकल कर के सीधे विकियात्रा में डालना कॉपीराइट उल्लंघन के अंतर्गत आता है। इसके अलावा विकिपीडिया से भी सीधे सीधे जानकारी ले लेना और श्रेय न देना भी कॉपीराइट उल्लंघन ही माना जाता है। हालांकि विकिपीडिया के लेख कॉपीराइट मुक्त हैं, लेकिन उनके हर सम्पादन का उनके लेखकों को श्रेय दिया जाना जरूरी होता है। विकियात्रा में अपने किसी स्रोत से कॉपी कर के कुछ न डालें और जो भी डालते हैं, उसे अपने शब्दों में ही लिखें। +:किसी समस्या का हल प्राप्त करने हेतु या कुछ चुनने आदि हेतु चर्चा किया जाता है। सामान्यतः चर्चा का समय कम से कम सात दिनों का होता है। यदि सात दिनों में चर्चा से निर्णय निकाल लिया जाता है तो उसे बंद कर दिया जाता है और उसके बाद उस चर्चा में कोई बदलाव नहीं करता है। यदि चर्चा से सात दिनों तक कोई हल नहीं निकलता तो वह चर्चा आगे भी जारी रह सकती है। +:जब भी आप किसी पन्ने को खोलते हैं, तो उसमें आपको "झलक देखें" वाला विकल्प भी दिखाई देगा। आप इस बटन का उपयोग अपने बदलाव करने के बाद उसकी झलक देखने में कर सकते हैं। झलक देखने से आपको पता चल जाएगा कि आपने गलती से कोई त्रुटि तो नहीं कर दी है या सब कुछ ठीक है। यदि सब कुछ सही हो तो आप बदलाव सहेज सकते हैं। +:डा का अर्थ विकिडाटा से है। यह हाल में हुए बदलाव पृष्ठ पर "डा" के रूप में दर्शाया जाता है। मूल रूप से ये दिखाई नहीं देता है, लेकिन यदि आपने हाल में हुए बदलाव में विकिडाटा में हुए बदलाव देखने के विकल्प में क्लिक किया हो तो उसमें इसके सम्पादन भी दिखने लगेंगे। हालांकि यह सारे विकिडाटा के सम्पादन नहीं दिखाता, केवल वही सम्पादन दिखाता है, जो इस विकि से जुड़े लेखों से जुड़ा हो। +:यदि कोई न तो समर्थन की ओर हो और न विरोध की ओर, तो उसे तटस्थ कहा जाता है। इस शब्द का उपयोग ज्यादातर मतदान में होता है, जिसमें कोई सदस्य जो विरोध या समर्थन में मत नहीं देना चाहते हों, पर मतदान में भाग लेना चाहते हों, तटस्थ रह कर मत दे सकते हैं। यदि किसी चर्चा में कोई सदस्य भाग नहीं लेता है, उसे भी तटस्थ के रूप में लिया जाता है। इस कारण किसी भी विवादित चर्चाओं को बंद करने का कार्य ऐसे सदस्य ही करते हैं, जिनका उस मामले से कोई लेना देना नहीं होता है। या किसी एक ओर उनका झुकाव नहीं होता है। +:लेख या कुछ पन्नों का ध्यान रखने के लिए आप उसे अपने ध्यानसूची में जोड़ सकते हैं। ऐसे लेख या पन्नें, जो आपके ध्यानसूची में हैं, वो सभी आपको हाल में हुए बदलावों में गहरे रंग में दिखेंगे। आप पसंद में जा कर ध्यानसूची वाले अनुभाग में पन्नों को ध्यानसूची में जोड़ और हटा सकते हैं। +:निर्यात एक सुविधा है, जिससे आप विकि के किसी पन्ने का निर्यात कर सकते हैं। इसमें आप किसी पन्ने को एक्सएमएल प्रारूप में निकाल सकते हैं और किसी अन्य मीडियाविकि आधारित साइट में उसे आसानी से डाल सकते हैं। इसमें आप उन सभी के केवल नए अवतरण को ले सकते हैं या सभी अवतरणों का निर्यात कर सकते हैं। +:प्रतिबंध एक प्रकार के चर्चा का परिणाम होता है, जिसमें किसी सदस्य को उसके कार्य से रोकने के लिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। यह प्रतिबंध किसी प्रकार का रोक नहीं है, लेकिन यदि सदस्य इस प्रतिबंध को नहीं मानता तो उसके खाते को अवरोधित किया जाता है। प्रतिबंध किसी खाते विशेष पर नहीं होता है, बल्कि उसका उपयोग करने वाले सदस्य पर होता है। यदि किसी सदस्य पर प्रतिबंध हो तो उसके आगे उपयोग करने वाले सभी खातों पर भी प्रतिबंध समान रूप से लगा रहेगा। +:आप विकि में अपने लिए, अपने पसंद अनुसार कई सारे बदलाव कर सकते हैं। यह सारे बदलाव आप ऊपर दिये गए "पसंद" वाली कड़ी में क्लिक कर के कर सकते हैं। जिसमें आपको ईमेल डालने, हस्ताक्षर बदलने, रूप बदलने, सूचना और भी कई तरह के अपने पसंद के बदलाव करने के विकल्प मिलेंगे। इसमें किए सारे बदलाव केवल आपको ही दिखेंगे। हालांकि हस्ताक्षर में बदलाव, या ईमेल दूसरे सदस्यों के लिए रखने या हटाने जैसे विकल्प ही दूसरों को दिखेंगे। +:विकि में सभी के योगदान का स्वागत किया जाता है, लेकिन कभी कभी कुछ लोग भूल से या कभी कभी जानबुझ कर भी ऐसे सम्पादन कर देते हैं, जिससे विकि के किसी पृष्ठ में कुछ समय के लिए कचरा या अर्थहीन जानकारी रह जाती है। इन्हें बर्बरता कहते हैं, जिसे कोई भी सदस्य कारण सहित या बिना कारण बताए भी हटा सकते हैं। +:किसी भी पन्ने के सबसे ऊपर लिखे पाठ को लेख की भूमिका कहते हैं। इसे न तो बहुत ही बड़ा होना चाहिए और न ही छोटा होना चाहिए। यदि कोई भी किसी लेख या पन्ने को किसी खोज इंजन में खोजता है या विकियात्रा में खोजता है तो उसे लेख के शीर्षक के अलावा भूमिका ही ज्यादातर दिखता है। इसके अलावा कोई भी पाठक, जो लेख को शुरू से पढ़ता है, उसे भी भूमिका ही पहले दिखती है, इस कारण उसे सरल और अच्छा होना चाहिए। +:यह एक मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर है, जिससे विकि का निर्माण और संचालन किया जाता है। विकियात्रा भी इसी सॉफ्टवेयर से बनी है। आप मीडियाविकि के वेबसाइट से इसे डाउनलोड कर के अपना भी इसी तरह का साइट बना सकते हैं। इसके अलावा मीडियाविकि इसके नामस्थान को भी कहा जाता है। मीडियाविकि नामस्थान में बने पन्नों को केवल प्रबन्धक ही संपादित कर सकते हैं। क्योंकि इससे सारे विकि के रूप और पाठ को बदला जा सकता है। +:ये एक सदस्य समूह का नाम है, जो सम्पादन को एक बार में हटा सकते हैं। हालांकि इस विकि और कुछ अन्य विकियों में इस समूह को अब तक बनाया नहीं गया है। पर इसका उपयोग वैश्विक रोलबैकर या प्रबन्धक आदि इस विकि में कर सकते हैं। वैसे आप बिना इसके भी सम्पादन पूर्ववत कर सकते हैं, और इसके होने के बावजूद भी आपको केवल बर्बरता या परीक्षण वाले सम्पादन ही पूर्ववत करने हेतु इसका इस्तेमाल करना होगा, क्योंकि बाकी सभी में कारण दे कर ही सम्पादन हटाया जाता है और इस तरीके में कारण डालने की सुविधा नहीं है। +:लेख से आशय किसी जगह जैसे देश, राज्य, शहर या गाँव के बारे में बने पन्ने से है। मुख्य नामस्थान में बने पन्नों को लेख कहते हैं। लेख किसी जगह के बारे में होते हैं और वहाँ के छोटे छोटे जगहों के बारे में मात्र कुछ जानकारी ही जोड़ी जाती है। +:ऐसे पृष्ठ जिसमें हम चर्चा कर सकें, उसे वार्ता पृष्ठ कहते हैं। हर सदस्य का अपना एक वार्ता पृष्ठ होता है, जिसमें अन्य सदस्य संदेश छोड़ सकते हैं। ठीक इसी प्रकार हर लेख, श्रेणी, साँचों आदि का अपना अलग वार्ता पृष्ठ होता है। उन वार्ता पृष्ठों में आप उन लेखों, श्रेणियों या साँचों आदि को किस प्रकार अच्छा कर सकते हैं या किस प्रकार से त्रुटि दूर कर सकते हैं आदि के बारे में चर्चा कर सकते हैं। +:यह ए��� प्रकल्प है, जिससे आप अन्य भाषाओं के विकियात्रा लेखों को इस विकियात्रा के लेखों से जोड़ सकते हैं। इसके लिए आपको लेख में साइडबार के नीचे "कड़ी संपादित करें" में क्लिक करना होगा। उसके बाद आपको दूसरे विकि के भाषा का नाम या कोड डालना होगा और लेख का नाम नीचे देना होगा। उसके बाद आप उसे जोड़ सकते हैं। विकिडाटा से जोड़ना आवश्यक होता है। इसे जोड़ने से एक से अधिक एक ही जगह के लेख बनने की संभावना नहीं होती है। +:विकिमीडिया एक गैर-लाभकारी संस्थान का नाम है, जो विकियात्रा और अन्य कुछ मुक्त पारियोजनाओं का संचालन करती है। इसे ज्यादातर विकिमीडिया संस्थान के रूप लिखा जाता है। कृपया मीडियाविकि और विकिमीडिया नाम से भ्रमित न हों, मीडियाविकि एक मुक्त सॉफ्टवेयर का नाम है। +:यह ऐसे पन्ने होते हैं, जिसमें लेखों या अन्य पन्नों की सूची होती है। इसे किसी लेख में को जोड़ कर उसे उस नाम वाले श्रेणी में जोड़ सकते हैं। जैसे ही आप किसी पन्ने में श्रेणी का टैग जोड़ देते हैं, वैसे ही विकिमीडिया सर्वर द्वारा अपने आप ही वह उस श्रेणी के पन्ने में जुड़ जाता है। +:हर व्यक्ति जो विकि में खाते के साथ या बिना खाते के योगदान देता है, उसे सदस्य कहते हैं। ऐसे सदस्य जो खाते के बिना योगदान देते हैं, उन्हें आईपी सदस्य कहते हैं और जो खाता बना कर योगदान देते हैं, उन्हें पंजीकृत सदस्य कहते हैं। खाता बना लेने के बाद आपका आईपी पता किसी को दिखाई नहीं देता है और आपके हर योगदान का आपको श्रेय भी मिलता है। +:हहेच का अर्थ हटाने हेतु चर्चा है। ऐसे सभी लेख या पन्ने, जो शीघ्र हटाने (शीह) योग्य नहीं होते, पर उन्हें रखना ठीक न हो या हटाने का कोई कारण हो, जो शीघ्र हटाने की नीति में न शामिल हो तो ऐसे में उन लेखों को हहेच अर्थात हटाने हेतु चर्चा के लिए नामांकित कर सकते हैं। जिसमें सात दिनों बात सहमति होने पर उन्हें हटाया जा सकता है। + + +आम सहमति निर्णय लेने का एक प्राथमिक मार्ग है, और इसे हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने का सबसे अच्छे तरीके के रूप में माना गया है। आम सहमति का अर्थ सभी के एक मत होने से नहीं है और न ही इसका अर्थ किसी चुनाव में वोटों द्वारा प्राप्त नतीजों से होता है। आम सहमति से निर्णय, विकियात्रा के नीतियों और दिशानिर्देशों का सम्मान करते हुए सभी संपादकों के वैध कारणों को शामिल कर ���े लिया जाता है। +किसी स्थान विशेष में कुछ सदस्यों द्वारा यदि आम सहमति बनती है तो भी वह पूरे समुदाय के आम सहमति को बदल नहीं सकती है। +विकियात्रा में नीतियों और दिशानिर्देशों के चर्चाओं में भाग लेने और सहमति हेतु एक मानक है। उसकी स्थिरता और निरंतरता समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है। सदस्य ज्यादातर उन पन्नों के वार्ता पृष्ठ में बदलाव हेतु प्रस्ताव रखते हैं, जिससे उस पर चर्चा हो सके और आम सहमति बनने पर उस बदलाव को डाला जा सके। बिना किसी चर्चा नीतियों के पन्नों में सम्पादन का विरले ही स्वागत किया जाता है। किसी भी नीति में सुधार धीरे धीरे और संरक्षित तरीके से हो तो ही उससे एक अच्छी नीति बनती है। +यदि आम सहमति नहीं बनती है तो सामान्यतः कार्य को आगे नहीं बढ़ाया जाता है। जैसे कि विकियात्रा में कुछ विशेष बदलाव करना हो, लेकिन कोई सहमति नहीं बन रही हो। ऐसी स्थिति में ऐसे बदलाव को आगे नहीं बढ़ाया जाता है। क्योंकि ऐसे बदलावों का प्रभाव सभी सदस्यों पर पड़ता है, और बिना आम सहमति के ऐसे कार्य करना सही नहीं माना जाता है। +हालांकि कुछ मामलों में आम सहमति नहीं बनती तो उस कार्य को किया जाता है, जैसे कि किसी लेख में बाहरी कड़ी को हटाने हेतु चर्चा होती है और आम सहमति नहीं बनती है, तो उस कड़ी को हटाया जाता है और केवल तभी जोड़ा जाता है, जब उसे जोड़ने हेतु आम सहमति बनती हो। +ऐसे सदस्य जो तटस्थ और अच्छे रवैये के साथ रहते हैं, वे आमतौर पर आसानी से आम सहमति तक आ जाते हैं। लेकिन कभी कभी उनके कार्य में गतिरोध उत्पन्न हो जाता है, जिसे सुलझाने के लिए तर्कसंगत आधार नहीं मिलते या उस चर्चा में एक या दोनों पक्ष भावनात्मक रूप से या विचारधारा के कारण उस चर्चा में केवल जीत चाहते हैं। +ऐसे कुछ विवादों को इस तरह की चर्चाओं से दूर करने के लिए नीचे कुछ उपाय दिये गए हैं। हो सकता है कि इससे आपको आम सहमति के निर्माण में कोई मदद मिले। +किसी लेख से जुड़ा कोई विवाद होने पर उसी के वार्ता पृष्ठ में चर्चा करना सबसे अच्छा तरीका होता है। इनमें आम सहमति न बनने का मुख्य कारण यही होता है कि सदस्य उस पन्ने पर चर्चा में जवाब देना बंद कर देते हैं। इसमें कभी ये नहीं देखा जाता कि कितने लोग विरोध कर रहे हैं और कितने लोग इसका समर्थन कर रहे हैं। निर्णय में केवल गुणवत्तायुक्त तर्क को ही अधिक महत्व दिया जाता है। "मुझे ये नहीं पसंद" या "मुझे पसंद है" जैसे तर्क इनमें किसी काम के नहीं होते हैं। अर्थात उन्हें अनदेखा किया जा सकता है। +वार्ता पृष्ठ पर चर्चा केवल लेख को ध्यान में रख कर नीतियों और दिशानिर्देशों के अनुसार ही होनी चाहिए। यदि किसी सम्पादन पर कोई विरोध करता है या करना चाहता है, तो सदस्यों को वार्ता पृष्ठ का उपयोग करना चाहिए और बताना चाहिए कि क्यों उस बदलाव को जोड़ना, बदलना या हटाना जरूरी है और उससे लेख कैसे अच्छा होगा। +सामान्यतः वार्ता पृष्ठ में केवल दो सदस्यों (या दो समूहों) के भाग लेने के कारण आम सहमति प्राप्त करना संभव नहीं हो पाता है। ऐसा होने पर चर्चा विफल हो जाती है। विकियात्रा में कई ऐसे तरीके हैं, जिससे आप उस चर्चा से बाहर के सदस्यों को चर्चा में भाग लेने और अपना सुझाव देने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। उस चर्चा से पूरी तरह दूर रहने वाले सदस्यों का उस चर्चा में आने से कभी कभी ऐसा सुझाव भी मिल जाता है, जिससे उस चर्चा के दो पक्षों में पूरी तरह सहमति बन जाती है, क्योंकि चर्चा में भाग लेने वाले सदस्य अपने से उन चीजों को नहीं देख पाते, जिसे दोनों पक्षों में शामिल न होने वाले सदस्य देख लेते हैं। यदि वार्ता पृष्ठ में समस्या हल न हो, तो नीचे दिये कुछ सुझावों से आप आम सहमति प्राप्त कर सकते हैं। +* तीसरे सदस्य का मत – ऐसे विवाद में जब विवाद केवल और केवल दो सदस्यों के मध्य ही हुआ हो या हो रहा हो, तो कोई तीसरा तटस्थ सदस्य उस चर्चा में सुझाव या अपना ऐसा मत दे सकता है, जिससे दोनों सदस्य संतुष्ट हो जाएँ और दोनों सदस्यों में आम सहमति बन जाये। यह केवल दो सदस्यों के विवादों की स्थिति में ही सही रहता है। +* चौपाल – समुदाय का ध्यान किसी चर्चा में ले जाने का यही सबसे अच्छा तरीका है। आप चौपाल में किसी चर्चा के बारे में सूचना छोड़ सकते हैं। सूचना को तटस्थ रखना चाहिए और किसी भी पक्ष की ओर झुका हुआ न रहे, इसका अच्छी तरह से प्रयास करना चाहिए। किसी विषय पर चर्चा करने हेतु चौपाल सबसे सही स्थान है। यदि आपकी चर्चा किसी लेख या पृष्ठ विशेष हेतु नहीं है तो आप चौपाल में चर्चा कर सकते हैं। +इस बात का ध्यान रखें की ऊपर दिये सुझावों में से कई में आम सहमति प्राप्त करने के लिए मत लिया जा सकता है, लेकिन आम सहमति मतों से तय नहीं होती, बल्कि तर्क की गुणवत्ता पर आधारित होती है। अर्थात यदि किसी एक पक्ष में मतों की संख्या अधिक ह���, लेकिन तर्क सही नहीं है, तो उसे आम सहमति नहीं माना जाएगा। चर्चा में विकियात्रा की नीतियों और दिशानिर्देशों के साथ सही तर्क रखने वाले मत को अधिक महत्व मिलता है। +आम सहमति बनाने के लिए सदस्य आमतौर पर कुछ गलतियों को करते हैं, जिसे नीचे दिया गया है, ताकि सदस्य इस तरह की गलतियों को करने से बचें और सही तरीके से सहमति बनाने का प्रयास करें। +* विकि से बाहर चर्चा विकि से बाहर किसी वेबसाइट, फोरम, आईआरसी, ईमेल या अन्य किसी बाहरी चर्चा के माध्यम द्वारा चर्चा करने को विकि में आम सहमति के रूप में नहीं लिया जाता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में इस तरह की चर्चा संदेह और अविश्वास को जन्म देती है। लगभग सभी विकि से जुड़े चर्चाओं को विकि में ही करना चाहिए, जिसमें सभी लोग उस चर्चा को देख सकें और भाग ले सकें। +* किसी भी चर्चा में लोगों को बुलाना एक अच्छी बात है और इसका हमेशा स्वागत किया जाता है, लेकिन किसी चर्चा में अपने पक्ष को मजबूत बनाने के लिए ऐसे लोगों को लाना, जो केवल आपके पक्ष में रहें या अपने ढेर सारे खाते खोल कर अपने पक्ष को मजबूत दिखाना आदि सही नहीं है। एक से अधिक खाते खोल कर ऐसे कार्य करने वाले सदस्यों को हमेशा के लिए अवरोधित भी किया जा सकता है। +* कुछ सदस्य अपने पक्ष में ही निर्णय आए, इसलिए आक्रामक रूप से सम्पादन करने लगते हैं, जिसे विकि के लिए हानिकारक माना जाता है और ऐसे कार्य को जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए। आम सहमति बनाने के लिए सदस्यों को दूसरे सदस्यों की बातों को ध्यान दे कर सुनना चाहिए और उसका जवाब भी देना चाहिए। +कई जगह पर चर्चा करना और कई सूचनापटों और वार्ता पृष्ठों में संदेश भेजने आदि से आम सहमति बनाने में आसानी के स्थान पर यह कार्य और मुश्किल हो जाता है। किसी सूचनापट में या किसी वार्ता पृष्ठ में यदि आप इस पर चर्चा चाहते हैं, तो तटस्थता के साथ ही संदेश लिखें। यदि आप समान समस्या या विषय पर कहीं और भी चर्चा कर रहे हैं, तो उसकी कड़ी भी संदेश के साथ रखें। +सदस्य वर्तमान आम सहमति पर बदलाव हेतु नया प्रस्ताव ला सकते हैं, विशेष रूप से ऐसे बदलाव हेतु, जिसके बारे में पिछली चर्चा में बात नहीं हुई हो। यदि हाल ही में आम सहमति द्वारा कोई निर्णय लिया गया हो और उसके बदलाव हेतु आप कोई प्रस्ताव ला रहे हों, तो यह सदस्यों को तंग करने वाला भी हो सकता है। अतः किसी ऐसे प्रस्ताव के पूर्ण होने के बाद, शीघ्र ही उसी में कोई नया बदलाव हेतु प्रस्ताव लाने से बचें। +सदस्य आम सहमति हेतु लिख कर या चर्चा कर के बदलाव कर सकते हैं।हालांकि यदि किसी विषय पर पहले ही चर्चा हो चुकी है तो ऐसे बदलावों हेतु प्रस्ताव केवल चर्चा के जरिये ही करना चाहिए। यदि कोई सदस्य ऐसे बदलाव वाले सम्पादन को पूर्ववत करता है, तो उसे सम्पादन सारांश में लिखना चाहिए कि पहले चर्चा कर लें या आम सहमति होने पर ही ऐसा बदलाव करें। जिससे ऐसा करने वाले सदस्य को इतना ज्ञात हो जाये कि किस तरह प्रस्ताव रखना है। यदि आप किसी को चर्चा हेतु समझा रहे हैं तो ये अच्छा रहेगा कि आप उस सदस्य को पुराने चर्चा की कड़ी भी दे दें, जिसमें आम सहमति बनी थी। +कुछ निर्णय सदस्यों के आम सहमति से बाहर होते हैं। कुछ नीतियाँ और निर्णय जो विकिमीडिया संस्थान और उसके अधिकारी बनाते हैं, वे सभी आम सहमति के द्वारा परिवर्तित नहीं किए जा सकते हैं। + + +अभी इस साँचे का नाम "काभागहै" जो देवनागरी में एक साथ लिखे होने के कारण ठीक से समझ नहीं आ रहा है। और यदि रिक्त स्थान भी छोड़ें तो का भाग है" जैसा कुछ होने से अच्छा लगता, लेकिन विकि में जानकारी को साँचे के दूसरी ओर लिखते हैं, तो इससे कोई सम्पादन करने खोलेगा तो उसे नाम अच्छा नहीं दिखेगा। अर्थात का भाग है" के स्थान पर "का भाग है पूरी तरह विपरीत हो रहा है। +साँचे के नाम के मध्य रिक्त स्थान होने से पढ़ने में आसानी होगी और आईएमई टूल आदि से बहुत तेजी से लिखने भी होगा। और यदि नाम इस प्रकार हो कि पढ़ने से +nowiki इसका भाग है nowiki पढ़ने से आसानी से समझ आ जाएगा। + + +इस कार्य में आगे बढ़ने से पहले, इनके नामों और स्तर को जानने के तरीकों पर चर्चा करना जरूरी होगा। मेरे कुछ सुझाव हैं, जो नीचे लिख रहा : +* उपयोग लायक → उपयोगी लेख +* गुणवत्ता को अधिक बनाए रखने हेतु आधार स्तर को कम से कम दस हजार बाइट्स का रखना ठीक रहेगा, क्योंकि विकियात्रा में ऐसे जगहों के लेख ही बनते हैं, जिसमें लोग आना जाना करेंगे और ऐसे जगहों के बारे में दस हजार बाइट्स तक लिखने लायक जानकारी मिल ही जाएगी। इसके अलावा कोई भी लेख इतना छोटा नहीं रहेगा कि किसी यात्री के काम भी न आ सके। विकिपीडिया में हर जगह के लेख होते हैं, इस कारण छोटे जगहों के लेख में ज्यादातर भूमिका ही होती है, या नीचे में एक दो अनुभाग और ज्ञानसन्दूक, लेकिन ऐसे लेख विकियात्रा के कुछ ���ाम के नहीं होंगे, क्योंकि घूमने वालों को बहुत ही कम जानकारी मिलेगी या ऐसे जगहों में वे लोग जाना ही नहीं चाहेंगे। कम से कम इतनी जानकारी तो होनी ही चाहिए कि वे लोग लेख पढ़ कर संतुष्ट हो सकें। +* दस हजार बाइट्स से ऊपर के लेखों को शुरुआती लेख में गिन सकते हैं, जिसमें सोने, खाने, पीने, घूमने आदि की कुछ जानकारी हो, अर्थात अपूर्ण लेख हो। +* उपयोगी लेख में सोने, खाने, पीने, घूमने, देखने, करने आदि सभी आवश्यक अनुभाग मौजूद होंगे, तो उसे उपयोगी लेख कहा जाएगा। +* अच्छे और श्रेष्ठ लेख हेतु समीक्षा होगी। +इन सभी के लिए समय मिलने पर पृष्ठ बना दूंगा। यदि उससे पूर्व नामों को लेकर सहमति बन जाये तो अच्छा रहेगा। ताकि बाद में नाम बदलना न पड़े। क्योंकि बार बार नाम बदलने से उसका खोज इंजन में काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। + + +एक महाद्वीप लेख पर जाने के लिए नीचे दिए गए मानचित्र पर क्लिक करें, और फिर अपने इच्छित लेख (उदाहरण के लिए उत्तरी अमेरिका rarr संयुक्त राज्य अमेरिका rarr कैलिफ़ोर्निया rarr +नीचे दिए गए एक लिंक पर क्लिक करें, और फिर अपने वांछित लेख (उदाहरण के लिए उत्तरी अमेरिका rarr संयुक्त राज्य अमेरिका rarr कैलिफ़ोर्निया rarr सैन फ्रांसिस्को पर जाएँ। +किसी विषय या गंतव्य के बारे में लेख के लिए खोज करने के लिए नीचे दिए गए बॉक्स का उपयोग करें जो आपको रुचिकर लगे (उदाहरण टोक्यो" या "रॉक क्लाइम्बिंग" के लिए खोज करें): +किसी विशिष्ट गंतव्य के लिए मार्कर को ज़ूम करने के लिए नीचे दिए गए मानचित्र का उपयोग करें और इसके विकिवॉयज विकियात्रा लेख को देखें (निम्न दाएं मेनू चयन का उपयोग करें और देश में ज़ूम करने के बाद "निकटवर्ती लेख" का चयन करें): + + +इस्लाम दुनिया का एक मजहब है, इसके अनुयाइयों की संख्या में ईसाई धर्म के बाद दूसरा स्थान है। इसके अनुयायियों को मुसलमान और इनके प्रार्थना स्थल को मस्जिद कहते हैं। +इस्लाम अधिकांश मध्य पूर्व उत्तरी अफ्रीका सहेल और मध्य एशिया का मुख्य मजहब है, और दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया, पश्चिम और पूर्वी अफ्रीका में भी व्यापक है। आज दुनिया के अधिकांश देशों में मुसलमान हैं, जो मुख्य रूप से आप्रवासन के कारण हैं। +[[मक्का की वार्षिक तीर्थयात्रा, हज, सबसे बड़े मानव प्रवासियों में से एक है और दुनिया भर से मुसलमानों को एक साथ लाता है। कुछ मुस्लिम अन्य इस्लामी इबादत गाहो स्थलों की भी तीर्थयात्रा करते हैं। इस्लाम के नाम पर कई साइटें यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में हैं। +इस्लाम एक एकेश्वरवादी धर्म है (जो कि, एक ईश्वर पर विश्वास करता है, जिसे अल्लाह कहा जाता है भगवान" के लिए अरबी में "अल्लाह"। यह इब्राहीमी धर्म है जैसे यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और बहाई धर्मो, ने पैग़म्बर हजरत इब्राहीम (अब्राहम के पुत्र हजरत इश्माएल (अरबी में, इस्माइल) के माध्यम से अपनी आध्यात्मिक विरासत का पता लगाया। यहूदियों और ईसाइयों के विपरीत, जो मानते हैं कि इसहाक का हजरत इब्राहीम द्वारा बलिदान करने का आदेश दिया गया था, लेकिन मुसलमानों का मानना ​​है कि यह इश्माएल (इस्माइल थे। +इस्लाम के पहले नबी, मुसलमानों के अनुसार, पहला आदमी, हजरत एडम (अरबी में, आदम) और बाइबल में उल्लेखित थे, उन्हें भी मुसलमानों को पैग़म्बर के रूप में माना जाता है, हजरत मुहम्मद साहब को इस्लाम के अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पैग़म्बर के रूप में माना जाता है। +इस्लाम और ईसाई धर्म के बीच प्रमुख सैद्धांतिक अंतर यह है कि इस्लाम ने इस दावे को खारिज कर दिया कि यीशु (ईसा मसीह) ईश्वर है और इसके साथ ही परमेश्वर का संपूर्ण विचार ट्रिनिटी के रूप में है। इस्लामी विश्वास में केवल एक ही भागवान (अल्लाह है, अविभाज्य है, और यीशु (ईसा मसीह) एक पैग़म्बर हैं, लेकिन कोई भी इंसान ईश्वर नहीं हो सकता। यीशु को एक महान सम्मान के हकदार हैं, जैसा अन्य पैग़म्बर (ईश्वरदूत इस्लाम अनुसार लेकिन कोई भी व्यक्ति पूजा का पात्र नहीं है। +इस्लाम का उदय सातवीं सदी में अरब प्रायद्वीप में हुआ। इसके अन्तिम नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। लगभग 613 इस्वी के आसपास हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों को अपने ज्ञान का उपदेशा देना आरंभ किया था। इसी घटना को इस्लाम का आरंभ के रूप में जाना जाता है। हँलांकि इस समय तक इसको एक नए धर्म के रूप में नहीं देखा गया था। परवर्ती वर्षों में हजरत मुहम्म्द सहाब के अनुयायियों को मक्का के लोगों द्वारा विरोध तथा हजरत मुहम्मद साहब के मदीना प्रस्थान (जिसे हिजरा नाम से जाना जाता है) से ही इस्लामी (हिजरी) पंचांग माना गया। +हजरत मुहम्मद साहब की वफात के बाद अरबों का साम्राज्य और जज़्बा बढ़ता ही गया। अरबों ने पहले मिस्र और उत्तरी अफ्रीका पर विजय प्राप्त की और फिर बैजेन्टाइन तथा फारसी साम्���ाज्यों को हराया। यूरोप में तो उन्हें विशेष सफलता नहीं मिली पर फारस में कुछ संघर्ष करने के बाद उन्हें जीत मिलने लगी। इसके बाद पूरब की दिशा में उनका साम्राज्य फेलता गया। सन् 1200 ईस्वी तक वे भारत तक पहुँच गए। +मुस्लिम जनसंख्या के मामले में दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, अफ्रीका और ज्यादातर मध्य पूर्व में सुन्नियां बहुसंख्यक हैं दुनिया के 90% मुसलमान सुन्नी हैं और शेष वाकी लगभग 10% शिया हैं, लेकिन पूरी स्थिति जटिल है; मुख्य रूप से सुन्नी क्षेत्रों में शिया अल्पसंख्यक हैं और इसके विपरीत। इंडोनेशिया में सबसे बड़ी संख्या में सुन्नी मुसलमान हैं, जबकि ईरान में दुनिया में शिया मुस्लिमों की सबसे बड़ी संख्या है। पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सुन्नी और दूसरी सबसे बड़ी शिया मुस्लिम आबादी है। पूरे मुद्दे को उलझाना यह तथ्य है कि शिया बहुसंख्यक देशों के कुछ हिस्सों पर ऐतिहासिक तौर पर सुन्नियों और इसके विपरीत शासन किया गया है। उदाहरण के लिए इराक में सद्दाम हुसैन एक सुन्नी मुस्लिम शासक थे, लेकिन इराक 60% शिया देश है। इसी के विपरीत सीरिया के वर्तमान राष्ट्रपति बशर अल-असद एक शिया परिवार से लेकीन सीरिया की लगभग 70% जनसंख्या सुन्नी मुसलमान हैं सीरिया में अशद परिवार पिछले 35 सालों से लगातार सीरिया पर शासन कर रहा है। +दुनिया में मुस्लिम समूह, अलग अलग पर्वों को अलग अलग दिवसों में मनाते हैं। हर दिवस का अपना एक महत्व होता है। +मीलाद उन-नबी 12 रबीउल अव्वल पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की जन्म तिथी। ध्यान रहे कि इसी तिथी को मुहम्मद साहब का देहांत भी हुआ था। +* शब-ए-बारात इसको लैलतुल बारात भी कहते हैं। यह शाबान मास में आती है। +* रमज़ान (महीना इस महीने में उपवास रखा जाता है, और परम पवित्र माना जाता है। +* शब-ए-क़द्र यह रमज़ान महीने की 21वी,23वी,25वी, 27वी वा 29वी रात को आती है। +* जुमातुल विदा रमज़ान महीने का आखरी जुमा (शुक्रवार) +* ईद उल-फ़ित्र यह ईद शव्वाल मास की पह्ली तारीख को मनाई जाती है। +* ईद-उल-अज़हा या बक्रीद ज़ु अल-हज्जा के १० वीं तारीख़ को यह ईद मनाई जाती है। +इस्लाम के दो मुख्य संप्रदाय सुन्नी और शिया पंथ हैं। वे मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करते हैं कि उम्मह वफादार को किस तरह +नियंत्रित किया जाना चाहिए, और इमाम की भूमिका। सुन्नियों का मानना है कि सनाह के अनुसार पैगंबर के सच्चे राजनीतिक उत्तराधिकारी को शूरा (परामर्श) के आधार पर चुना +जाना चाहिए, जैसा सैकिफा में +किया गया था, जो हजरत मुहम्मद सहाब के ससुर अबू बक्र का चयन करते जो उत्तराधिकारी चुने गये थे शिया, दूसरी ओर, मानते हैं कि हजरत मुहम्मद सहाब ने अपने दामाद हजरत अली इब्न अबी तालिब को अपने असली राजनीतिक और धार्मिक +उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया था। दुनिया में +मुसलमानों की भारी संख्या में +87-90% के बीच सुन्नी है। शिया और अन्य समूह शेष मुस्लिम आबादी का करीब 10-13% हिस्सा हैं। ईरान -96 अज़रबैजान-85 इराक -60 70 बहरीन -70 यमन -47 तुर्की- 28 लेबनान -41 सीरिया -17 अफगानिस्तान -15 पाकिस्तान -25 और भारत -5%। खुरिजा मुस्लिम, जो कम ज्ञात हैं, ओमान देश में 75% आबादी वाले लोगों का अपना गढ़ है। +इस्लामी राजनीति में प्रमुख रूप से शिया और सुन्नी समुदाय को सामिल किया जाता। +==इस्लामी कानून==इस्लाम में सरिया कानून लागू होता है जहां पर मुस्लिम राष्ट्र होता है वहा पर यह लागू होती है सरिया कानून में वहा की सरकार इस्लाम के दायरे में काम करती है और अगर कोई अपराध करता है तो वहा की अदालतें सरिया कानून के हिसाब से जो कुरान, अहादीस में नियम है उसके अनुसार सजा सुनाती है।। +इस्लाम में पांच सर्वोच्च नियम या पांच सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्यों हैं, जिन्हें "इस्लाम के पांच स्तंभ" कहा जाता है, जिन्हें सभी मुसलमानों के लिए उनके जीवन के दौरान पालन करना अनिवार्य माना जाता है: +विश्वास (शाहदा शाहदा एक गवाही है, धर्म में विश्वास की घोषणा और भरोसा है कि अल्लाह को छोड़कर कोई ईश्वर नहीं है और ना ही कोई पूजनीय है, और हज़रात मुहम्मद सहाब ईश्वर के संदेशवाहक है (अरबी में, ला इलाहा इल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुलाह)। विश्वास के इस कथन का पाठ सभी मुस्लिमों के लिए विश्वास की सबसे आम घोषणा है, और इस लिए अरबी सुलेख अक्सर +[[सऊदी अरब और इराक तथा इस्लामी देशों के आधुनिक इस्लामी झ पर पाया जाता है। +प्रार्थना (सलाह सलाह इस्लामी प्रार्थना है। मुसलमान मक्का शहर में स्थित काबा के सामना करते हुए रोजाना पांच बार नमाज़ पड़ते हैं। सलाह का अभ्यास कहीं भी किया जा सकता है, लेकिन यह ज्यादातर मस्जिदों में किया जाता है, प्रत्येक मुस्लिम निवास वाले देश या हर शहर में मस्जिद और छोटे प्रार्थना कक्ष बनाए जाते हैं। शुक्रवार (जुम्मा) को, मुस्लिम पुरुषों को एक मस्जिद में प्रार्थना करते हैं जिस का उद्देश्य सभी मुस्लिमो का एक जगह एकत्र होना, मुस्लिम महिलाएं घर में प्रार्थना करती हैं क्योंकि महिलाओ को मस्जिद मे प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। +दान (जाकत जकात दान है कि हर मुस्लिम, अपने धन के आधार पर, इस्लामी कानून द्वारा प्रतिवर्ष भुगतान करने के लिए आवश्यक है। आमतौर पर धर्मार्थ संगठनों के साथ-साथ जरूरतमंद तथा गरीब लोगों को धन दिया जाता है। +तीर्थयात्रा (हज एक बार जीवनभर में, मुसलमानों को हज तीर्थयात्रा पर मक्का जाना पड़ता है यदि वे यात्रा, वित्तीय और शारीरिक रूप से यात्रा कर सकते हैं। अपने जीवन में मक्का जाने के लिए धन इकट्ठा करे। जिन लोगों ने हज का प्रदर्शन किया है उन्हें अक्सर हाजी (पुरुष) या हज्जन (महिलाओं) के शीर्षक से संबोधित किया जाता है। +इस्लामी के आर्किटेक्चर वास्तुकला का अन्य कलाओं और शिल्प पर भारी प्रभाव पड़ा है मध्य पूर्व मध्य एशिया उत्तरी अफ़्रीका पाकिस्तान मलेशिया या इंडोनेशिया में लगभग हर शहर में इस्लामी बस्तुककला कलाकारी देखने को मिलती है, अधिकतर मस्जिदों में देखने को मिलती है। जिसके साथ भारत काकेशस स्पेन और पूर्वी अफ्रीका की कुछ जगहों पर इस्लामी वस्तकला का प्रभाव अलग दिखाई देता है। इसी आधार पर निचे कुछ बेहतरीन स्थानों की सूची ह। +मक्का पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सहाब का जन्मस्थान और वार्षिक हज तिर्र्थयात्रा का अंत बिंदु है। सऊदी अरब के कानून के तहत गैर-मुस्लिमों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित (वर्जित) है। +मदीना शहर हज़रत मुहम्मद सहाब की हिज़रत के लिए जाना जाता है। और आज इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है और गैर-मुसलमानों को भी रोक दिया जाता है। +यरूशलेम इस शहर को इस्लाम में तीन सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है और जिसे अरबी अरब नाम "अल कुद्दस" से जाता है। +करबाला 61 हिजरी या 680 ईस्बी में हज़रात इमाम हुसैन बिन अली को यह एक लड़ाई में शहीद कर दिया था। यह अभी भी मनाया जाता है, खासकर शिया समुदाय का सबसे पवित्र स्थान है। +नजफ शिया समुदाय के लिए सबसे पवित्र शहरों में से एक, एक प्रमुख तीर्थ स्थान है, यह पर हज़रात अली का और कई अन्य धार्मिक मकबरे है। +इस्फहान दुनिया की सबसे मशहूर मस्जिदों के साथ-साथ प्रभावशाली कब्रों और ऐतिहासिक महलों का घर है। +मशहाद मशहाद पवित्र शहर शानदार हज़रत इमाम रेजा मकबरा का है, जो आठवीं के श��या इमाम को समर्पित है, जिन्हें 9वीं शताब्दी में शहीद किया गया था। +क्यूम शियाओं का एक बड़ा केंद्र +शिराज प्रभावशाली कब्रों तथा मकबरों को प्रस्तुत करता है यहाँ नसीर अल-मुल्क मस्जिद भी है, जिसमें रंगीन सीसा और खूबसूरत टाइलों की छत है। +हारान आजकल अपने ग्रामीण अनुभव और पारंपरिक व्यवहार के लिए बेहतर जाना जाता है, यह गांव इस्लामी शिक्षा के शुरुआती केंद्रों में से एक था, जहां खगोल विज्ञान, दर्शन, प्राकृतिक विज्ञान के शास्त्रीय ज्ञान और ग्रीक से अरबी में दवा विधी का अनुवाद किया गया था। एक प्राचीन इस्लामी विश्वविद्यालय के खंडहर मौजूद हैं। आस-पास उर्फ इस्लामी वास्तुकला और पैगंबर हज़रत इब्राहिम से जुड़े मिथकों में भी समृद्ध है। +इस्तांबुल पूर्व नाम में कॉन्स्टेंटिनोपल, यह सबसे बड़ा मुस्लिम साम्राज्यों में से एक का आध्यात्मिक और राजनीतिक केंद्र था तुर्क साम्राज्य और इस्लाम की सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है, पैगंबर हज़रत मोहम्मद सहाब के सहाबी हज़रत अबू अय्युब अल अंसारी, जो 8 वीं शताब्दी में कॉन्स्टेंटिनोपल की पहली घेराबंदी के दौरान मृत्यु हो गई थी और यहां दफनाया गया था। इस्तांबुल में अनेक स्थल देखने के योग्य हैं। +कोन्या महान सूफी शिक्षक रुमी नासरुद्दीन का घर (जिनका मकबरा पास के शहर "अक्सेहिर" में है बहुत बढ़िया इस्लामी वास्तुकला के साथ बनाया गया है। +काहिरा मिस्र) का प्राचीन शहर है इस्लामिक युग के दौरान अफ्रीका दीप में इस्लाम का केन्द्र था वर्तमान में की मिस्र की राजधानी है, काहिर निश्चित रूप में अरब दुनिया का सांस्कृतिक केंद्र है। यह प्रसिद्ध और प्राचीन अल अजहर विश्वविद्यालय का भी है और ऐतिहासिक मस्जिदों का हिस्सा है। मिस्र अरबी अरब के विशाल बहुमत के लिए सुगम है और जैसे की मिस्र के टीवी और फिल्मों में मिस्र से परे खुद का प्रभाव है। +कैराउआन ट्यूनीशिया) एक प्रमुख तीर्थ स्थान और एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। +दिल्ली भारत) भारत की राजधानी से पहले कई इस्लामी राजवंशों की राजधानी थी, खासकर मुगल साम्राज्य]]। और पूर्वी काल के कई शानदार स्मारकों और मस्जिदों का स्थल है, जिनमें लाल किला, सम्राट हुमायण की समाधी और जामा मस्जिद शामिल है। +आगरा भारत) सबसे प्रसिद्ध मुगल साम्राज्य मुगल की वास्तुकला और दुनिया में सबसे प्रसिद्ध इस्लामी इमारतों में ���े एक है ताजमहल इसके अलावा, आगरा का अपना सुंदर किला है, और पास में अच्छी तरह से संरक्षित शाही शहर फतेहपुर सीकरी है, जिसे मुगल सम्राट अकबर के लिए बनाया गया था। +अजमेर भारत) 1236 ईस्वी में निर्मित, तीर्थस्थल ख्वाजा मोइन-उद दीन चिश्ती, एक प्रसिद्ध फारसी सुफी संत को समर्पित है। अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भील पूर्वजों के वंशज हैं। 12 वीं सदी की कृत्रिम झील आना सागर एक और पसंदीदा पर्यटन स्थल है। +लाहौर पाकिस्तान) एक महत्वपूर्ण शहर था और कभी-कभी मुगल साम्राज्य की राजधानी थी। जैसे, उस समय बहुत प्रभावशाली आकर्षण हैं, जिसमें बादशाही मस्जिद, लाहौर किला, और शानदार तीन-स्तरीय शालीमार उद्यान शामिल हैं। +बुखारा और समरकंद उज़्बेकिस्तान में इस्लामी विज्ञान को सीखने की दोनों प्रमुख जगहें थीं, जिसमें नाजुक टाइलवर्क के साथ बड़ी संख्या में प्राचीन इमारतों की विशेषता है। मध्य एशिया में रेशम रोड सिल्क मार्ग) भी मुसलमानो का एक मुख्य केंद्र रहा है जिस कारण इस्लामी वस्तुकला का प्रभाब साफ़ देखाई देता हैं। +तुर्कस्तान कजाकिस्तान, 12 वीं शताब्दी के कवि अहमद यास्वी का मकबरा है जो तुर्किक मुसलमानों के बीच एक बहुत सम्मानित व्यक्ति थें। वह यशस्विया के सूफी आदेश के संस्थापक थे, जो पूर्व इस्लामी तुर्किक शमनवाद से प्रभावित थे। +कॉर्डोबा (शहर, स्पेन कॉर्डोबा अल-अंडलस की राजधानी था, उस समय के कई महत्वपूर्ण अवशेष शामिल हैं, विशेष रूप से जैसे एक सुन्दर, बड़ी मस्जिद जो बाद में स्पेन के पुन स्थापना के बाद एक चर्च में परिवर्तित कर दी गयी है। +ग्रेनाडा इस्लामी ख़िलाफ़त के दौरान एक महत्वपूर्ण केन्द्र था। +लार्नाका इस शहर पर मुस्लिमों ने 7 वीं शताब्दी में घेराबंदी के दौरान अपने आधीन कर लिया था। जो इस्लामी वास्तुकला स्थलों में से एक है। +गैर-मुस्लिमों को मस्जिदों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। यदि आपको मस्जिद जाने के लिए आमंत्रित किया जाता है, तो रूढ़िवादी रूप से तैयार होना और सम्मान दिखाना उचित है; विवरण जगह के हिसाब से भिन्न होते हैं लेकिन यदि आप एक महिला हैं, तो आपके बालों, धड़, बाहों और पैरों को ढकने अन्यवार्य है, और जो लोग प्रवेश करते हैं उन्हें अपने जूते उतरने पड़ेंगे। मस्जिद जाने से पहले स्थानीय नियमों के बारे में कुछ सीखना बहुत अच्छा विचार है, खासकर यदि आप एक गैर-मुस्लिम हैं। यह भी ध्यान रखें कि सभी मस्जिदों में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग वर्ग या प्रार्थना कक्ष होता अधिकतर यूरोप में । +अधिकांश मुस्लिम या वहुसंख्यक मुस्लिम पश्चिमी देशों में कई गैर-मुसलमानों की तुलना में अपने धर्म को अधिक गंभीरता से लेते हैं, इसलिए कुरआन और हदीस की शिक्षाओं जैसे धार्मिक मुद्दे पर कोई हंसी नहीं कर सकता, और यहां तक ​​कि आप जो भी कर सकते हैं विचार करें कि सौहार्दपूर्ण आलोचना आपको कुछ स्थितियों में शारीरिक खतरे में नहीं डाल सकती है या आप कुछ देशों में निंदा के लिए मुकदमा चला सकते हैं। लेकिन यदि आप इस्लाम के बारे में अधिक जानने में वास्तव में रूचि रखते हैं तो सवाल पूछने से डरो मत; ईसाईयों की तरह, मुस्लिमों को उनके धर्म के बारे में जानकारी देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, उनके विश्वास के अनुसार कि कुरान में उल्लिखित सीधे मार्ग के बाद पापमुक्त लोगों को जजमेंट डे (अंतिम दिन या प्रलय) पर स्वर्ग में जाने का मौका मिलता है। +मुस्लिमों द्वारा बनाई गई डिजाइन और शैली और इस्लामी संस्कृति में उनके भवनों और संरचनाओं के निर्माण में वास्तुशिल्प प्रकार शामिल हैं: मस्जिद, मकबरे, महल और किले। शायद इस्लामी कला की सबसे महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति वास्तुकला है, विशेषकर मस्जिद की वास्तुकला। इस्लामी वास्तुकला माध्यम से, इस्लामी सभ्यता के भीतर भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के प्रभाव को सचित्र किया जा सकता है। आम तौर पर, इस्लामी +आधारित अरबस्क शैली का प्रयोग प्रमुख था। वहाँ चित्रों के +बजाय सजावटी सुलेख का उपयोग किया गया था क्योंकि मस्जिद वास्तुकला में जीवित चित्रण हराम (वर्जित) थे। ध्यान दें कि मुस्लिम स्थापत्य में सजाने के लिए जीवित वस्तुओ का चित्रण जैसे मानव, पशु आदि का चित्रण निषिद होने के कारण लिखावट एवं ज्यमितीय डिजाइनों का अंकन प्रचलित था जो अरबस्क शैली या अरब मुस्लिम शैली कहलाती है भारत में भी इस शैली का प्रभाव मुस्लिम शासन के दौरान रहा है। +जादा तर बातचीत में अरबी व फ़ारसी भाषाओं का उपयोग होता है पर भारतीय मुस्लिम हिन्दी भाषा का जादा उपयोग किया करते हैं +ईसाई के दुनिया में अपने विश्विद्यालय खोलने से पहले मुस्लिम दुनिया में इस्लाम के विश्वविद्यालय थे। जो कुछ आज भी सक्रिय हैं, जिसमें फ़ेज़, मोरक्को में अल-क़ारवायिन विश्वव���द्यालय भी शामिल है, जिसने 859 ईस्वी के बाद से संचालित किया है, और 972 ईस्वी में स्थापित अल-अजहर विश्वविद्यालय काहिरा मिस्र में है। इस्लामी दुनिया भर में कई इस्लामी विश्वविद्यालय हैं। +खरीदने के लिए विशेष रूप से इस्लामी वस्तुओं में प्रार्थना की वस्तुएं शामिल हैं; हाजी टोपी और अन्य विशेष रूप से धार्मिक परिधान (हेज, फीज़, गानकॉक्स्, आदि मक्का से ज़मज़म पानी; कुरान और हदीस के संग्रह हैं। +इस्लामी कानून में, कई खाद्य पदार्थों को वर्जित (अरबी: हराम) मना किया जाता है, जिसमें सूअर-व्युत्पन्न जिलेटिन और सुअर का चमड़े, साथ ही साथ शराब और कोई भी व्यंजन जो शराब का इस्तेमाल होता हैं। जिस खाद्य की अनुमति है हलाल के रूप में जाना जाता है और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से यह सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है कि यह इस्लामी शिक्षण के अनुरूप है। हलाल शब्द का उपयोग अरब देशो में होता था लेकिन अब यूरोपीय और उत्तर और दक्षिण अमेरिकी देशों में पर्याप्त मुस्लिम आबादी के साथ प्रयोग किया जाता हैं। मुस्लिम द्वारा एक जानवर निश्चित तरीके से कत्ल (ज़ीवा) किया जाता है, जिसमें अल्लाह का नाम ज़ीवा करने के समय लिया जाता है। मछली को हमेशा हलाल माना जाता है, जब तक कि यह किसी भी हराम खाद्य पदार्थ के संपर्क में नहीं आयी है। गैर-मछली समुद्री भोजन जैसे स्क्विड, प्रॉन, केकड़ा, लॉबस्टर या शेलफिश के बारे में बहस है; प्रश्न में इस्लाम के संप्रदाय के आधार पर ये हलाल हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं। + + +अथवा भाग में इस समय विस्तार अथवा सुधार किया जा रहा है if notready +और यह अभी प्रयोग के लिये तैयार नहीं है +। इसको बनाने एवं सम्पादित करने में आपकी किसी भी सहायता 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पहचान सकते हैं। इसके लिए आपको लेख का आकार देखना होगा, यदि आकार दस हजार से कम है तो उसे आधार स्तर का मान सकते हैं। इसके अलावा कभी कभी लेख बड़ा होने के बावजूद उसमें जानकारी का अभाव रहता है, ऐसी स्थिति में भी उसे आधार लेख माना जा सकता है। +लेख को आधार स्तर में जोड़ने का ये अर्थ नहीं है कि हम उसे उस स्तर का मान कर दूसरे लेखों कि ओर बढ़ रहे हैं। लेखों को स्तर के रूप में चिन्हित करने से हम उन लेखों के विस्तार का कार्य आसानी से कर सकते हैं। इस कारण आधार लेख की पहचान करते समय लेख के आकार के अलावा उसकी जानकारी भी अवश्य देखें। +कोई भी लेख, जिसे विकियात्रा में उपयोगी स्तर तक का लेख बनाय��� जा सकता है, पर अभी आधार स्तर में ही है, उसे आप आधार लेख के रूप में टैग कर सकते हैं। टैग करते समय इसका ध्यान रखें कि लेख हटाने योग्य न हो। अच्छे स्तर का होने पर भी निचले स्तर के रूप में टैग करने से कोई विशेष हानि नहीं होती है, लेकिन निचले स्तर वाले लेख को उच्च स्तर के लेख के रूप में टैग करने से कई तरह से हानि हो सकती है। +किसी कम स्तर वाले लेख को उच्च स्तर के लेख के रूप में टैग करने से किस तरह से विकियात्रा को 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सकता है। +कोई न कोई लेख में विस्तार कर के उसे बढ़ाने में मदद कर ही लेगा, केवल यही सोच कर कृपया आप लेख में विस्तार करना बंद न कर दें। क्योंकि ये आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप उस लेख का विस्तार कर के उसे उपयोगी स्तर तक ले जाएँ, ताकि पाठकों को उनके यात्रा में उपयोग करने लायक लेख ही दिखे। +आधार लेखों के कारण विकियात्रा की गुणवत्ता खराब होती है और केवल गुणवत्ता ही नहीं, बल्कि पाठकों के सामने विकियात्रा की छवि भी खराब होती है। जितने अधिक आधार लेख होंगे, विकि की गुणवत्ता भी उतनी ही कम होती जाएगी और पाठकों को ऐसा लगने लगेगा कि इसमें केवल आधार लेख ही होंगे। इसके अलावा आधार लेख नए संपादकों को भी छोटे लेख ब���ाने की ओर आकर्षित करेंगे। इस तरह के कई कारणों से विकियात्रा में ऐसे आधार लेखों को हटाया जाता है, जिन लेखों का विस्तार हो ही नहीं सकता, क्योंकि उस जगह पर पर्यटन हेतु कुछ भी मौजूद नहीं है। +एक ही बार में आप बहुत बड़ा लेख नहीं बना सकते या ऐसा करना आपके लिए कठिन हो सकता है। इस कारण आप लेख की शुरुआत आधार स्तर से कर सकते हैं। लेकिन आधार स्तर से शुरुआत कर के आपको धीरे धीरे उसमें विस्तार भी करना होगा। टैग करने से आप विकियात्रा में बने सभी आधार लेखों तक आराम से पहुँच सकते हैं। इससे स्पष्ट पता भी रहता है कि कितने आधार लेख बने हुए हैं। इसका ध्यान रखें कि आधार लेख केवल आपके धीरे धीरे विस्तार करने के लिए ही रखा जाता है। आधार लेख विकिपीडिया में उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन यात्रा मार्गदर्शक में उपयोगी स्तर तक लाने के लिए आधार लेख में विस्तार और सुधार करना ही पड़ेगा। +आधार स्तर केवल लेखों को आप आसानी से बना लें और धीरे धीरे उनका विस्तार करें, केवल इस कारण होता है। विकियात्रा में आधार लेख रखने योग्य नहीं होते हैं। हालांकि आधार लेखों में कोई अन्य सदस्य आ कर लेख में विस्तार कर के आपकी सहायता कर सकता है, लेकिन इसका ये अर्थ नहीं है कि आप लगातार आधार लेख बनाते जाएँ और दूसरों से अपेक्षा करें कि वे ही लेखों का विस्तार करें। यदि आप कोई लेख बनाते हैं, तो उसके विस्तार की जिम्मेदारी भी आपके ऊपर होती है। नीतियों के अनुसार लगातार आधार लेख बनाने वाले सदस्यों को अवरोधित भी किया जा सकता है। +* कोई भी पाठक यदि पहली बार विकियात्रा में आए और उसे आधार लेख दिखे तो पहली नजर में उसके सामने विकियात्रा की खराब छवि बनेगी कि इसमें केवल ऐसे छोटे लेख ही भरे हुए हैं, क्योंकि उसने अन्य अच्छे लेखों को देखा भी नहीं होगा। इस तरह की छवि बनने से कई बार लोग दूसरे साइट में जाना अधिक पसंद करते हैं। +* आधार लेखों की संख्या जितनी अधिक होगी, उसमें आने वाले पाठकों की संख्या भी उतनी ही अधिक होगी और उनके सामने विकियात्रा की केवल खराब छवि बनेगी। इतना ही नहीं, गुणवत्ता के मामले में भी विकियात्रा पिछड़ जाएगा। +* यहाँ सभी स्वयंसेवक हैं, और अपने रुचि के अनुसार ही काम करते हैं। यदि आप कोई लेख बनाते हैं, तो ऐसी अपेक्षा न रखें कि कोई और सदस्य आ कर आपके लेख को बड़ा कर देगा या सुधार लेगा। हो सकता है कि आपके बनाए लेख में कई सालों तक कोई ��म्पादन ही न करे और उसी स्थिति में पाठकों को लेख दिखते रहे। +अतः आधार लेखों की संख्या जितनी कम हो सके, उतनी कम रखने का ही प्रयास करें। + + +नोट फिलहाल इन नीतियों में से कुछ को लागू नहीं किया गया है। अतः इनके वार्ता पृष्ठ में चर्चाओं को देख सकते हैं कि किस नीति को लागू किया गया है और किस नीति को अभी तक बनाया जा रहा है। + + +विकियात्रा, जिसे विकिवोयाज भी कहते हैं, एक ऑनलाइन यात्रा मार्गदर्शक है। इसमें लोग स्वयंसेवक के रूप में अपना योगदान दे कर इसे बड़ा और उपयोगी बनाने की कोशिश करते हैं। इस परियोजना में कोई भी लिख सकता है, जिसके लिए केवल इंटरनेट की सुविधा ही चाहिए होती है। कृपया इस बात का ध्यान रखें कि इसमें से किसी भी जानकारी के सही न होने की संभावना भी है। अर्थात इसकी जानकारी पूरी तरह सही, पूर्ण या सीधे विश्वास करने योग्य नहीं है। +इसका मतलब ये नहीं है कि आपको कोई भी अच्छी और प्रमाणित जानकारी नहीं मिलेगी। लगभग आधे से ज्यादा समय तक तो आपको अच्छी जानकारी मिलेगी ही, लेकिन विकियात्रा इसकी जिम्मेदारी नहीं ले सकता है कि आपको जो भी जानकारी मिलेगी, वो सही ही होगी। इसकी जानकारी को हो सकता है कि थोड़ी देर पहले ही किसी ने बदला हो, बर्बरता किया गया हो, या किसी ने जानकारी को हटा दिया हो और अपने विचार जोड़ दिये हों। +हमारा सक्रिय समुदाय हाल में हुए बदलाव और नए लेखों की समीक्षा करता है, हालांकि विकियात्रा में कोई विशेष समीक्षा कार्य नहीं किया जाता है; इसमें पाठक त्रुटियों को देख कर उसे ठीक करते हैं या अनियत ही पूरे लेख की समीक्षा कर लेते हैं। लेकिन ये उनकी कोई कानूनी रूप से कोई कार्य 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आपको ऐसा भी नहीं दिखाना है कि विकियात्रा से आपका कोई अनुबंध है या आपके लिए विकियात्रा ने इसे बनाया है। आपको ये साफ कहना होगा कि ये जानकारी आपने विकियात्रा से ली है। +कोई भी ट्रेडमार्क, सेवा चिह्न, डिजाइन का अधिकार या उस तरह का कोई अधिकार, जिसके बारे में विकियात्रा में लिखा, उपयोग या कड़ी जोड़ी गई है, उन सभी पर उनके मालिकों का हक है। इसमें उनका उपयोग करने का मतलब ये नहीं कि आप उनका कहीं भी, किसी भी तरह से उपयोग कर सकते हैं। आप इनका उपयोग केवल इस तरह की जानकारी देने हेतु ही कर सकते हैं या लेख के मूल लेखकों को श्रेय देते हुए CC-BY-SA या जीएफ़डीएल लाइसेंस के तहत कर सकते हैं। विकियात्रा या विकिमीडिया साइटों का किसी भी अधिकार रखने वालों के साथ कोई संबंध नहीं है, इस कारण विकियात्रा किसी को भी सुरक्षित सामग्री के उपयोग की अनुमति नहीं दे सकता और आपके द्वारा इस तरह के किसी सामग्री का उपयोग करना, आपकी ही ज़िम्मेदारी है। +विकियात्रा में मिलने वाली कोई जानकारी का प्रकाशन हो सकता है कि आपके देश या अधिकार क्षेत्र के कानून का उल्लंघन करता हो, जिस जगह से आप इसे पढ़ रहे हैं। विकियात्रा का डेटाबेस संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वर में रखा जाता है, जिसे स्थानीय और संघीय कानून के तहत सुरक्षा के अनुसार होता है। आपके देश या अधिकार क्षेत्र के अनुसार हो सकता है कि इस तरह की सुरक्षा वहाँ उपलब्ध न हो और इस तरह के वितरण की अनुमति न हो। विकियात्रा किसी को भी कानून के उल्लंघन करने को प्रोत्साहित नहीं करती है और इस जानकारी को इस डोमैन की कड़ी से जोड़ने, जानकारी को फिर बनाने या फिर प्रकाशित करने से जो कानूनों का उल्लंघन होगा, उस तरह के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार भी नहीं हो सकता। + + +काशीपुर उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल का एक प्रमुख नगर है। उधम सिंह नगर जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित काशी��ुर जनसंख्या के मामले में कुमाऊँ का तीसरा और उत्तराखण्ड का छठा सबसे बड़ा नगर है। यह नगर भारत की राजधानी नई दिल्ली से लगभग २४० किलोमीटर, और उत्तराखण्ड की अंतरिम राजधानी देहरादून से लगभग २०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। +काशीपुर को पुरातन काल से गोविषाण या उज्जयनी नगरी भी कहा जाता रहा है। इस जगह का नाम काशीपुर, चन्दवंशीय राजा देवी चन्द के एक पदाधिकारी काशीनाथ अधिकारी के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इसे १६-१७ वीं शताब्दी में बसाया था। ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र की अर्थव्यस्था कृषि तथा बहुत छोटे पैमाने पर लघु औद्योगिक गतिविधियों पर आधारित रही है। काशीपुर को कपड़े और धातु के बर्तनों का ऐतिहासिक व्यापार केंद्र भी माना जाता है। +भौगोलिक रूप से काशीपुर कुमाऊँ के तराई क्षेत्र में स्थित है, जो पश्चिम में जसपुर तक तथा पूर्व में खटीमा तक फैला है। कोशी और रामगंगा नदियों के अपवाह क्षेत्र में स्थित काशीपुर ढेला नदी के तट पर बसा हुआ है। १८७२ में काशीपुर नगरपालिका की स्थापना हुई, और २०११ में इसे उच्चीकृत कर नगर निगम का दर्जा दिया गया। यह नगर अपने वार्षिक चैती मेले के लिए प्रसिद्ध है। +काशीपुर उत्तराखण्ड में पूर्वोत्तर रेलवे का एक प्रमुख स्टेशन और टर्मिनस है। यह स्टेशन लालकुआं-काशीपुर और मुरादाबाद-रामनगर रेल लाइन से जुड़ा हुआ है। काशीपुर पहुंचने के लिए कुछ उपयोगी ट्रेनें निम्न हैं: +| भगत की कोठी-रानीखेत एक्सप्रेस +| दिल्ली-उत्तराखण्ड संपर्क क्रांति एक्सप्रेस +| रामनगर-कॉर्बेट पार्क लिंक एक्सप्रेस +राष्ट्रीय राजमार्ग ७३४ (पहले राष्ट्रीय राजमार्ग ७४) काशीपुर को जसपुर और नगीना होते हुए नजीबाबाद से जोड़ता है, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग ३०९ (पहले राष्ट्रीय राजमार्ग १२१) काशीपुर को पूर्व में रुद्रपुर से और उत्तर में रामनगर तथा श्रीनगर से जोड़ता है। आप दिल्ली से गाज़ियाबाद-हापुड़-मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा के रास्ते, चंडीगढ़ से देहरादून-रुड़की-हरिद्वार-नजीबाबाद के रस्ते, पीलीभीत से खटीमा-सितारगंज-रुद्रपुर-बाजपुर के रस्ते तथा लखनऊ से बरेली-किच्छा-रुद्रपुर-बाजपुर के रस्ते काशीपुर पहुँच सकते हैं। काशीपुर से आप आगे रामनगर होते हुए कॉर्बेट या रानीखेत की ओर और कालाढूंगी होते हुए नैनीताल या अल्मोड़ा की ओर जा सकते हैं। +दिल्ली-रामनगर, देहरादून-हल्द्वानी, और हरिद्वार-टनकपुर मार्गों पर चलने वाली सभी बसें काशीपुर से होकर जाती हैं। दिल्ली के आनंद विहार आईएसबीटी से तो विशेषकर सुबह और शाम के समय में प्रत्येक घंटे काशीपुर के लिए बस सेवाएं चलती हैं। इसके अतिरिक्त केमू (कुमाऊँ मोटर ओनर्स यूनियन) की बसें काशीपुर से पहाड़ी क्षेत्रों की ओर चलती हैं। +| content= उज्जैन किले के पास ही मोटेश्वर महादेव का मन्दिर है, जिसे शिव के बारह उप-ज्यार्तिलिंगों में से एक माना जाता है। लोकमान्यतानुसार इस मन्दिर की स्थापना द्वापर युग में भीम ने गुरु द्रोणाचार्य व अपने परिवार के पूजा-अर्चना के लिए कराई थी। तभी से इस ऐतिहासिक मन्दिर में पूजा-अर्चना व जलाभिषेक होता आ रहा है। +| content= द्रोण सागर झील को पाण्डवों ने गुरू द्रोणाचार्य को गुरूदक्षिणा के रूप में देने के लिये बनाया था। यह ६०० वर्ग फुट की है, और इसके किनारे कई देवी-देवताओं के मन्दिर हैं। द्रोणसागर को भारतीय पुरातत्व विभाग का संरक्षण प्राप्त है। +| content= माता बालासुन्दरी का मन्दिर, जिसे चैती देवी मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है, काशीपुर का सबसे प्रसिद्ध मन्दिर है। मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के चारों ओर १५ अन्य पूजनीय स्थल भी हैं। इसी मन्दिर के पास नवरात्रियों में चैती मेला लगता है। इस मन्दिर का शिल्प मस्जिद के समान है, जिससे प्रतीत होता है कि इसे संभवतः मुगल साम्राज्य के समय में बनाया गया होगा। +| content= काशीपुर नगर में स्थित जागेश्वर महादेव को समर्पित इस मन्दिर की ऊंचाई २० फुट है। +| content= काशीपुर-रामनगर मार्ग पर नगर से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर गिरिताल नमक एक तालाब स्थित है। काशीपुर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस ताल के एक सिरे पर पर्यटक आवास गृह का निर्माण करवाया गया था, और कुछ वर्ष पहले तक स्थानीय लोग इस ताल में नौका विहार करते देखे जा सकते थे। +| content= मां महिषासुर मर्दिनी देवी का मन्दिर गिरिताल के समीप स्थित है। मन्दिर परिसर में भगवान शंकर, लक्ष्मी-नारायण, सत्यनारायण, राधा-कृष्ण, सीता-राम, हनुमान, गायत्री, और सरस्वती की, जबकि मुख्य द्वार पर शनि व ब्रह्मदेव की प्रतिमाऐं स्थापित है। मान्यता है कि पांडव काल में यहां पर ऋषि-मुनियों के मठ हुआ करते थे, जहां वे देवी की आराधना करते थे। +| content= तुमरिया बाँध काशीपुर नगर के उत्तर में स्थित है। १९६१ में बना यह बाँध १० कि��ोमीटर लम्बा है। +इनके अतिरिक्त भी काशीपुर में कई प्रसिद्ध मन्दिर हैं, जिनमें चैती स्थित खोखराताल देवी मन्दिर, मोहल्ला लोहरियान स्थित मां मनसा देवी मन्दिर, मां गायत्री देवी मन्दिर, पक्काकोट स्थित मां काली देवी मन्दिर, सिंघान स्थित श्री दुर्गा मन्दिर, मुखर्जीनगर स्थित शीतला माता मन्दिर, गिरीताल स्थित मां चामुंडा देवी मन्दिर, पुष्पक विहार स्थित श्री सीताराम एवं मां चामुंडा देवी मन्दिर व सुभाष नगर स्थित काली माता मन्दिर प्रमुख हैं। गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब काशीपुर भी काशीपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। +| address= द्वितीय तल, प्रिया प्लाजा मॉल, बाजपुर रोड (एनएच ७४ lat long directions=रोडवेज तथा रेलवे क्रॉसिंग के समीप, +| content= ३४० सीट तथा दो पर्दों वाला सिनेमाघर। +| content= पहले रतन सिनेमा नाम से प्रसिद्ध + + +हल्द्वानी उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल का सबसे बड़ा नगर है। नैनीताल तथा अल्मोड़ा की यात्रा से पूर्व अंतिम मैदानी नगर होने के कारण इसे कुमाऊँ का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। +ब्रिटिश अभिलेखों से हमें ये ज्ञात होता है कि इस स्थान को १८३४ में एक मण्डी के रूप में उन लोगों के लिए बसाया गया था जो शीत ऋतु में भाभर आया करते थे। सन् १९०१ में यहाँ की जनसँख्या ६,६२४ थी और सयुंक्त प्रान्त के नैनीताल ज़िले के भाभर क्षेत्र का मुख्यालय हल्द्वानी में ही स्थित था। और साथ ही ये कुमाऊँ मण्डल और नैनीताल ज़िले की शीत कालीन राजधानी भी हुआ करता था। +सन् १९०४ में इसे "अधिसूचित क्षेत्र" की श्रेणी में रखा गया और १९०७ में हल्द्वानी को क़स्बा क्षेत्र घोषित किया गया। १९४४ में हल्द्वानी और काठगोदाम कस्बों को एक साथ जोड़कर नगर पालिका परिषद् हल्द्वानी-काठगोदाम का गठन किया गया। २१ मई २०११ को हल्द्वानी-काठगोदाम को उच्चीकृत कर नगर निगम घोषित किया गया, और फिर इसके विस्तार को देखते हुए इसका नाम बदलकर नगर निगम हल्द्वानी कर दिया गया। २०११ की जनगणना के अनुसार देहरादून और हरिद्वार के बाद यह उत्तराखण्ड का तीसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है। +हल्द्वानी सड़कमार्ग द्वारा उत्तराखण्ड के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। नगर से गुजरने वाली प्रमुख सड़कों में राष्ट्रीय राजमार्ग १०९, तथा उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५ और ४० प्रमुख हैं। दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग ९ (पहले राष्ट्रीय राजमार्��� २४) द्वारा रुद्रपुर तक, और फिर वहां से आगे उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५ के माध्यम से आप हल्द्वानी पहुंच सकते हैं। +राष्ट्रीय राजमार्ग १०९, जिसे नैनीताल रोड, या बरेली-बागेश्वर हाईवे भी कहा जाता है, रुद्रपुर से शुरू होकर पंतनगर हल्द्वानी नैनीताल भवाली अल्मोड़ा रानीखेत द्वाराहाट चौखुटिया गैरसैण तथा आदिबद्री होते हुए कर्णप्रयाग तक जाता है। उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ५, जिसे रामपुर रोड भी कहा जाता है, हल्द्वानी को मटकोटा और दिनेशपुर होते हुए गदरपुर से जोड़ता है। उत्तराखण्ड राज्य राजमार्ग ४० दो अलग अलग मार्गों के नाम से प्रख्यात है; पहला कालाढूंगी रोड, जो हल्द्वानी बाजार से शुरू होकर पश्चिम की ओर कालाढूंगी होते हुए रामनगर तक जाता है, और दूसरा चोरगलिया रोड, जो काठगोदाम से शुरू होकर दक्षिण की ओर चोरगलिया होते हुए सितारगंज तक जाता है। +हल्द्वानी का टैक्सी स्टेशन भोटियापड़ाव में स्थित है। अन्य क्षेत्रों से उलट यहां टैक्सियां एक निर्धारित रूट पर अलग अलग यात्रियों से भरकर चलती हैं। हल्द्वानी टैक्सी स्टैंड से कुमाऊँ के दूरस्थ क्षेत्रों तक के लिए भी टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं। हल्द्वानी नैनीताल भीमताल भवाली रामगढ़ मुक्तेश्वर हल्द्वानी खैरना रानीखेत द्वाराहाट हल्द्वानी अल्मोड़ा कौसानी बागेश्वर हल्द्वानी-सेराघाट बेरीनाग थल मुन्स्यारी और हल्द्वानी चम्पावत लोहाघाट पिथौरागढ़ धारचूला सबसे प्रसिद्ध टैक्सी रूट हैं, जहां के लिए टैक्सियां लगभग हर समय उपलब्ध रहती हैं। +उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित रोडवेज बस स्टेशन हल्द्वानी का मुख्य बस स्टेशन है। हल्द्वानी कोतवाली से कुछ दूरी पर स्थित इस स्टेशन के दो गेट हैं, जहां दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही होती है। यहां से उत्तराखण्ड तथा अन्य राज्यों के लिए अंतर्राज्यीय बस सेवाओं का संचालन होता है। हल्द्वानी से दिल्ली देहरादून बरेली मुरादाबाद तथा जयपुर समेत कई नगरों के लिए यहां से बस सेवाएं हर समय उपलब्ध रहती हैं। +दूसरा मुख्य बस अड्डा रेलवे स्टेशन के समीप स्थित है। यह कुमाऊं मोटर ओनर्स यूनियन लिमिटेड (केमू) द्वारा संचालित है। इस स्टेशन से लगभग ३१० बसें जुडी हुई हैं। केमू स्टेशन से अल्मोड़ा रानीखेत बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ के लिए निरंतर बस सेवाएं चलती हैं। इन दोनों के अतिरिक्त गौलापार क्षे��्र में एक आईएसबीटी भी निर्माणाधीन है, जो लगभग ८ एकड़ क्षेत्र में फैला है, और उत्तर भारत का सबसे बड़ा आईएसबीटी है। +हल्द्वानी में रुकने के काफी विकल्प उपलब्ध हैं, आप निम्न में से किसी भी होटल का चयन कर सकते हैं; +क्योंकि हल्द्वानी की पहचान पारंपरिक तौर पर एक व्यापारिक मंडी एवं परिवहन बिंदु, तथा हाल के दिनों में मुख्यतः एक रिहायशी नगर के रूप में रही है, इसलिए पर्यटन की दृष्टि से यह नगर सदैव उपेक्षित ही रहा है। समय व्यतीत करने के लिए आप नगर के मॉलों या पार्कों में घूम सकते हैं। +कालाढूंगी रोड तिराहे के पास स्थित हल्द्वानी के मुख्य बाजार में भी काफी चहल पहल रहती है। +हल्द्वानी में दर्शनीय स्थलों का नितांत अभाव है, हालांकि नैनीताल, भीमताल और हैड़ाखान जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नगर से मात्र 2-3 घंटों की दूरी पर स्थित हैं, और इसलिए समय मिलने पर आप इन जगहों का रुख कर सकते हैं। + + +बहुत सारे ऐसे काम हो सकते हैं, जिसमें किसी इंसान को उस काम को करने में बहुत ज्यादा समय लग जाये या बहुत उबाऊ काम हो, और ऐसे कार्य किसी स्क्रिप्ट या बॉट के माध्यम से आसानी से किए जा सकते हों। ऐसे कार्य जिसमें इंसानों का सीधा सीधा नियंत्रण नहीं रहता है। इस तरह के कार्य विकियात्रा में किए जा सकते हैं, जिससे इसके सदस्यों का अधिक समय व्यर्थ न हो सके और वे अन्य कार्य अधिक तेजी से कर सकें। ये पन्ना विकियात्रा की स्क्रिप्ट या बॉट नीति को दर्शाता है कि हम इसका इस्तेमाल किस तरह से और किन किन कारणों से कैसे कर सकते हैं। +समुदाय यही चाहता है कि जिस कार्य के लिए बॉट या स्क्रिप्ट का नामांकन किया जा रहा है, उससे पहले ही बॉट उच्च मानकों को पूरा करता हो। किसी बिना अनुमति वाले बॉट या अनुमति प्राप्त बॉट द्वारा किसी बिना अनुमति वाले कार्य करने पर उस बॉट खाते को सीधे सीधे अवरोधित कर दिया जाता है और हो सकता है कि इसके कारण उस सदस्य के मुख्य खाते को भी अवरोधित किया जाये। इसका ध्यान रखें कि अर्ध-स्वतः सम्पादन को भी यदि आप तेजी से करेंगे तो उसे बॉट के रूप में लिया जाएगा, चाहे वो कोई इंसान भी क्यों न कर रहा हो। +सभी बॉट, जो भी लॉग वाले कार्य करते हैं, जैसे पन्नों में बदलाव करना, फ़ाइल अपलोड करना, या खाते बनाना आदि, उन सभी को उन कार्यों से पहले उस कार्य के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होता है। अनुरोध में स्पष्ट रूप से लिखा ��ोना चाहिए कि बॉट क्या काम करेगा और उसके कार्य से जुड़ी अन्य सभी जानकारियों को भी उसमें होना चाहिए। इसके साथ साथ उस विषय में कोई चर्चा हुई हो तो उसकी कड़ी या उस कार्य के लिए सभी की सहमति आदि भी होनी चाहिए। इसके अलावा बॉट संचालक को ये दिखाना होता है कि उसे उस कार्य का अच्छा अनुभव है। +अनुमति हेतु अनुरोध के समय कभी कभी बॉट को उस कार्य को दिखाने के लिए कुछ समय भी दिया जाता है, जिसमें बॉट से बॉट संचालक कुछ समय के लिए कुछ सम्पादन कर सकते हैं, जिससे पता चल सके कि बॉट सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। इसका समय चर्चा अनुसार ही तय किया जाता है। इस दिये गए समय पर बॉट संचालक को उस पर पूरी तरह से ध्यान देना होता है, ताकि कोई भी परेशानी उत्पन्न हो या गलती हो जाये तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। संपादनों के निरीक्षण और गलतियों को सुधारने के लिए बॉट संचालक ही जिम्मेदार होता है। बॉट को तब तक अनुमति नहीं मिलती है, जब तक कि समुदाय को ये भरोसा न हो जाये कि अब बॉट सही तरीके से कार्य करेगा। +कोई भी अनुरोध समुदाय के सदस्यों के टिप्पणी करने और सवाल पुछने के लिए कुछ दिनों तक खुला रहता है। इसी दौरान परीक्षण सम्पादन करने की अनुमति और प्रतिक्रिया भी मिल जाती है। अनुरोध को पूर्ण या अपूर्ण करने का निर्णय ऊपर दिये अनिवार्यता, नीतियों और दिशानिर्देशों के साथ साथ अनुरोध की चर्चा को देख कर लिया जाता है। सामान्यतः किसी कम देखे जाने वाले पन्ने पे कुछ लोगों द्वारा बनी आम सहमति भविष्य में विवाद का कारण बन जाती है। इस कारण बॉट संचालकों से यही आशा रहती है कि वे बॉट से कोई कार्य कर रहे हों, तो उससे होने वाले बदलाव का जितना हो सके, उतने लोगों को ज्ञात हो, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न उत्पन्न हो। +छोटी भूल, शिकायतें और सुधार +यदि आपको बॉट के कारण को परेशानी दिख रही हो, कोई शिकायत हो या इसे बेहतर बनाने के लिए कोई सुझाव देना चाहते हों, तो आप बॉट संचालक से सीधे उसके वार्ता पृष्ठ में (या बॉट खाते के वार्ता पृष्ठ में) संदेश छोड़ सकते हैं। बॉट संचालकों से यही अपेक्षा की जाती है कि वे समुदाय की परेशानियों और सुझावों का जल्द से जल्द उत्तर देंगे, लेकिन घबरा न जाएँ, और इसे अच्छी भावना के रूप में लें, क्योंकि त्रुटि और गलतियाँ तो होती ही है। +सभी मानव संपादकों से यही अपेक्षा की जाती है कि वे अपने सम्पादन में इस बा�� का ख्याल रखें कि तेजी से सम्पादन करने या बहुत सारे सम्पादन करने के चक्कर में वे गुणवत्ता की बलि न चढ़ा दें। ऐसे बहुत तेजी से होने वाले या बहुत बड़ी संख्या में सम्पादन, जिसमें कोई त्रुटि हो, चाहे वो न तो बॉट से की गई हो और न किसी स्क्रिप्ट या अन्य प्रोग्राम की सहायता के की गई हो। इसमें कोई भी तरीका हो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, और ऐसे सम्पादन जब भी होंगे उसे रोकना ही होगा और आम तौर पर सदस्य को अवरोधित कर के ही ऐसे कार्यों को रोका जाता है। +इसका बात का भी ध्यान रखें कि केवल कुछ समय के लिए बहुत तेजी से सम्पादन को आमतौर पर हानिकारक नहीं माना जाता है। +प्रबन्धक चाहें तो ऐसे बॉट खाते को अवरोधित कर सकते हैं, जो बिना अनुमति के चल रही है, या जिसने अनुमति लेते समय जिस कार्य हेतु अनुमति लिया था, उसके जगह कोई और कार्य करने लगा हो, या सामान्य बॉट नीति अथवा अनुमति की नीतियों का उल्लंघन कर रहा हो। अवरोध तब भी किया जा सकता है, यदि बॉट संचालन बिना लॉगिन किए किया जा रहा हो या किसी और खाते से लॉगिन किया गया हो। +ऐसे बॉट खाते, जो बिना अनुमति चल रहे हों, या जिस कार्य के लिए अनुमति ली गई है, उसके जगह कोई और काम कर रहे हों, या कोई सदस्य अपने मुख्य खाते से बॉट का कार्य कर रहा हो, तो ऐसे में उस खाते को हमेशा के लिए अवरोधित किया जाता है। + + +[[उत्तराखण्ड में स्थित नैनीताल भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है। यह नगर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। नगर के बीचों-बीच नैनी झील है, जिसके नाम पर ही इस नगर का नाम नैनीताल रखा गया है। नैनीताल की आबादी 41,400 है। (2011 अनुमान) +नैनीताल हिमालय की कुमाऊँ पहाडि़यों की तलहटी में स्थित है। समुद्र तल से नैनीताल की कुल ऊंचाई लगभग 1938 मीटर (6358 फुट) है। नैनीताल की घाटी में नाशपाती के आकार की एक झील है जो नैनी झील के नाम से जानी जाती है। यह झील चारों ओर से पहाड़ों से घिरी है तथा इसकी कुल परिधि लगभग दो मील है। +नैनी झील के चारों ओर स्थित पहाडो़ं के उत्तर में इनकी सबसे ऊंची चोटी नैना पीक है जिसकी ऊँचाई (2615 मीटर (8579 फीट है, जबकि पश्चिम की ओर देवपाठा (2438 मीटर (7999 फुट और दक्षिण में अयार पाठा (2278 मीटर (7474 फुट स्थित है। इन चोटियों से संपूर्ण क्षेत्र के मनोरम दृश्य दिखते हैं। +नैनीताल दो हिस्सों में बंटा हुआ है, तल्लीताल और मल्लीताल। तल्लीताल नैनी झील के दक्षिणी हिस्से ���ो कहते हैं, जबकि इसके उत्तर की ओर स्थित ऊपरी भाग मल्लीताल कहलाता है। 1880 में आये एक भीषण भूस्खलन में यह पूरा नगर नष्ट हो गया था, जिसके बाद यह अंग्रेजों द्वारा पुनर्निर्मित किया गया। +नैनीताल में ग्रीष्मकाल समशीतोष्ण होता है, जिसके दौरान अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस (81 °F) तथा न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस (50 °F) के करीब रहता है। सर्दियों में, नैनीताल में दिसंबर से फरवरी के मध्य हिमपात होता है और इस दौरान तापमान अधिकतम 15 डिग्री सेल्सियस (59 °F) से लेकर न्यूनतम -3 डिग्री सेल्सियस (27 °F) तक चला जाता है। +सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो 35 किमी दूर हल्द्वानी में स्थित है। काठगोदाम से नैनीताल आने के लिए टैक्सी का किराया 450-600 रुपये के बीच है. आप टैक्सियों को साझा भी कर सकते हैं, जिसके बाद प्रति व्यक्ति 50 रुपये खर्च होंगे। अधिकांश होटल पूर्व अनुरोध पर पिकअप की व्यवस्था करे देंगे, जिसमें 600-900 रुपये तक खर्चा आएगा। आप काठगोदाम स्टेशन से पैदल भी बाहर निकल सकते हैं, बस स्टेशन यहाँ से मात्र 100 मीटर दूर है, जहाँ से प्रति व्यक्ति केवल 34 रुपये की दर पर आप नैनीताल के लिए बस ले सकते हैं। +नैनीताल आने के लिए कुछ उपयोगी ट्रेनें निम्न हैं: +!आप यहाँ चढ़ सकते हैं +!आप यहाँ उत्तर सकते हैं +* दिल्ली से नैनीताल के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है। ये सभी बसें आनन्द विहार बस अड्डे से चलती हैं, और उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा संचालित की जाती हैं। +* दिल्ली से नैनीताल के लिए कार से आने में 7 से 8 घंटे लगते हैं। पूरा सफर राजमार्ग पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर दिल्ली से हापुड़, गजरौला और मुरादाबाद होते हुए रामपुर तक आते हैं। रामपुर से इसी हाईवे पर बायीं ओर मुड़कर कुछ दूर चलने पर रुद्रपुर आता है, जहाँ से राष्ट्रीय राजमार्ग 109 उत्तर की ओर नैनीताल तक जाता है। मुरादाबाद से एक कम प्रचलित वैकल्पिक मार्ग भी है, जो थोड़ा छोटा पड़ता है। यह मार्ग मुरादाबाद से थोड़ा आगे से बायीं ओर को जाता है, और टाण्डा, बाजपुर और कालाढूंगी होते हुए नैनीताल पहुँचता है। +* आप दिल्ली से टैक्सी भी ले सकते हो, हालाँकि यहाँ टैक्सी साझा करने का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा, और टैक्सी का किराया लगभग 1500 से 2200 रुपये तक हो सकता है। +विमान इस हिल स्टेशन तक पहुंचने का सबसे तेज़ तरीका है। पंतनगर हवाई अड्डा नैनीताल से मात्र 2 घंटे की दूरी पर है। यह देश के सबसे कम व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है, जहाँ से सप्ताह में केवल 6 निर्धारित उड़ानें संचालित होती है। +पंतनगर नैनीताल से 70 किमी दूर स्थित है। दिल्ली में निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो 280 किलोमीटर की दूरी पर है, और भारत के साथ-साथ विदेश के प्रमुख शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। +* नैनीताल अपने आस-पास के विभिन्न कस्बों से बसों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। +* नगर में कुछ रिक्शे भी हैं। ये मॉल रोड के एक छोर से दूसरी छोर तक 20 रुपये की पूर्वनिर्धारित दर पर चलते हैं। हालाँकि, वे केवल मॉल रोड के दोनों छोरों पर उपस्थित टिकट बूथों पर ही यात्रियों को चढ़ा और उतार सकते हैं। +* पैदल चलने की तुलना में नैनीताल घूमने का कोई बेहतर तरीका नहीं है। पूरी मॉल रोड के किनारे बराबर फुटपाथ हैं, जो इसे पैदल यात्रियों के लिए बेहद अनुकूल बनाते हैं। गर्मियों के मौसम में तो शाम 6 से 9 बजे तक मॉल रोड पर वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया जाता है, जिससे सड़क पर केवल पैदल यात्री ही घूम सकते हैं। शहर आकार में काफी छोटा है, और मॉल रोड पर कुछ बहुत ही रोचक दुकानें और एम्पोरियम हैं, जिस कारण पैदल चलना नगर में घूमने का सर्वोत्तम विकल्प है। +| content=एक कहानी से हमें पता चलता है कि यह मंदिर कुशाण शासनकाल के दौरान १५वीं शताब्दी में बनाया गया था, हालाँकि एक अन्य कथा बताती है कि इसे मोती राम शाह द्वारा बनवाया गया था। हालाँकि सर्वमान्य तथ्य यह है कि 1880 के भूस्खलन के दौरान यह मंदिर नष्ट हो गया था, और फिर इसे पुनर्निर्मित किया गया। यह नैनी झील के उत्तरी किनारे पर है। +| content=नैनी झील सात पहाड़ों के बीच स्थित है, जो इस स्थिर ताल के चारों ओर फैली हुई हैं, और लगभग आकाश को छूती प्रतीत होती हैं। +| content=नगर का एकमात्र गुरुद्वारा; यह नैनीताल के केंद्र में स्थित है। +| content=एक समय पर यह घर जिम कॉर्बेट का आवास हुआ करता था। अब इसे एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है, जहाँ कॉर्बेट की यादें संरक्षित हैं। +| content= इस आकर्षक गिरिजाघर का नाम कलकत्ता के बिशप और इसके संस्थापक सेंट जॉन के नाम पर पड़ा है। +| content=नीम करौली बाबा धाम कैंची में स्थित एक हिंदू धार्मिक केंद्र है, जो संत और गुरु श्री नीम करौली बाबा को समर्पित है। उनके कई भक्त दुनिया भर से इस मंदिर में आते हैं। +| content=सरियाताल नैनीताल में स्थित एक झील है। यहाँ का प��नी बहुत ठंडा हो सकता है, लेकिन यह कुछ समय बिताने के लिए एक अच्छा क्षेत्र है। निकट ही सरियाताल पार्क भी स्थित है। +| content= 2270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्नो व्यू नैना देवी छोटी के शानदार दृश्य पेश करता है। यहां एरियल एक्सप्रेस रोपेवे द्वारा पहुंचा जा सकता है, जिसका आने-जाने का किराया 100 रुपये, और एक तरफा किराया 50 रुपये है। समीप ही माउंटेन मैजिक नामक एक और जगह है, जो बंपिंग कार और गो कार्टिंग सुविधाएं प्रदान करती है। +| content=ऊंचाई: 2292 मीटर। यहां पहुंचने के लिए आप पहले शेरवुड कॉलेज तक वाहन से आ सकते हैं, और फिर एक छोटी सी पैदल यात्रा कर यहाँ पहुंच सकते हैं। +| content=पैडल नौकाओं को घंटे के हिसाब से किराए पर लिया जा सकता है। इसके अलावा आप नैनीताल बोट क्लब से एक यॉट भी किराए पर ले सकते हैं, जिसकी कीमत प्रति घंटे 160 है और एक नाविक भी साथ में आता है। स्व-पैडल नाव का विकल्प भी उपलब्ध है। +| content=मल्लीताल (झील के उत्तरी छोर) से 2 किमी आगे की ओर एक गुफा परिसर है, जिसे स्थानीय प्रशासन द्वारा विकसित और प्रबंधित किया जाता है। इसमें छह गुफाओं (टाइगर, पैंथर, पोर्क्यूपिन, बैट्स, फ्लाइंग फॉक्स और एपिस) की एक श्रृंखला शामिल है जो आगे बढ़ते-बढ़ते संकुचित होते जाते हैं। क्लॉस्ट्रोफोबिया से ग्रसित लोगों को सलाह दी जाती है कि वे आगे की गुफाओं में न जाएँ, और शुरुआती गुफाओं के अंत में उपलब्ध निकास से बाहर निकल जाएँ। +| content=आप नैनीताल चिड़ियाघर में जानवरों को खिला सकते हैं, जहां आपको उच्च ऊंचाई पर निवास करने वाली प्रजातियां मिलेंगी, जो इस क्षेत्र की मूल निवासी हैं। चिड़ियाघर प्रवेश शुल्क: ₹ 30; ₹ 10 बच्चों के लिए; ₹ 25 कैमरे के लिए अतिरिक्त; सोमवार को बंद। चिड़ियाघर में एक दिलचस्प प्रायोजन कार्यक्रम भी है जहां आप अपनी पसंद के जानवर के रखरखाव और भोजन को प्रायोजित कर सकते हैं। चिड़ियाघर एक विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे पूरा देखने के लिए बहुत पैदल चलना पड़ता है, इसलिए केवल तभी जाएं जब आप इसके साथ सहज हों। +| content=नगर में दो मुख्य खरीदारी क्षेत्र हैं, मॉल रोड और बड़ा बाजार। यहाँ खरीदने की पारंपरिक चीजों में शॉल, स्कार्फ, कार्डिगन और स्थानीय जैम शामिल हैं। आप लकड़ी के हस्तशिल्प भी खरीद सकते हैं जो स्मृति चिन्हों के लिए अच्छे और सस्ते विकल्प हैं। + + +करबला या कर्बला (अरबी: كربلاء) दक्षिणी इराक में एक शहर है। इस��� देश के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। +कर्बला शिया इस्लाम में सबसे पवित्र शहरों में से एक है कर्बला की लड़ाई में, जो इस्लामी इतिहास में एक बहुत है जिसमें हज़रत इमाम हुसैन शहीद हो गए थे। शहीद हज़रत हुसैन को सम्मान देने के लिए, शिया और सुन्नी मुसलमान हज़रत इमाम हुसैन की जियारत पर आते हैं, जो हर साल के रूप में कर्बला में सबसे बड़ा पर्यटन आकर्षण रहता है। +अधिकांश यात्री बस या कार द्वारा शहर में प्रवेश करते हैं क्योंकि शहर में अभी तक एक भी सार्वजनिक कार्यरत हवाई अड्डा नहीं है। इसके धार्मिक महत्व के कारण, पूरे इराक के शहरों में नियमित बस सेवाएं हैं। शहर का प्रवेशद्वार अच्छी तरह से संरक्षित है और चेक पॉइंट शहर में आने वाली प्रत्येक कार पर कड़ी निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में एक नई रेलवे लाइन बनाई गई है, और बगदाद और बसरा से प्रत्येक सप्ताह एक या दो ट्रेनें हैं। +हज़रत इमाम हुसेन और हज़रत अल-अब्बास के पवित्र दरगाह के आस-पास कई धार्मिक स्थान भी हैं +| content=(कर्बला के दक्षिणपश्चिम)। 775 ईस्वी में निर्मित अब्बासिद आर्किटेक्चर का एक प्रमुख उदाहरण। किला वर्ष 2000 से यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल है। +| content= अल हुसेनीया रोड के साथ नया खोला गया होटल। पवित्र स्थलों से पैदल दूरी के भीतर। नदी के साथ कई रेस्तरां और एक सैरगाह शामिल है। +| content=बगदाद सड़क के साथ शहर के बाहर लक्जरी होटल। + + +अफ्रीका में विश्व धरोहर स्थलों की सूची]] +यूरोप में विश्व धरोहर स्थलों की सूची]] +दक्षिण जॉर्जिया एवं दक्षिण सैंडविच द्वीप समूह]] +विश्व की प्रमुख वायुयान सेवाओं की सूची]] +द फास्ट एंड द फ्यूरियस (फ़िल्म शृंखला + + +जर्मनी जर्मनी: Deutschland) मध्य यूरोप का बहुत बड़ा देश है। इसके पूर्व में ये चेक और पोलैंड से जुड़ा हुआ है, उत्तर में डेनमार्क, पश्चिम में बेल्जियम, लक्ज़ेम्बर्ग, नीदरलैंड और फ्रांस से जुड़ा है। इसके दक्षिण में ये ऑस्ट्रीया और स्विट्जरलैंड से जुड़ा हुआ है। जर्मनी को 16 राजनीतिक शक्तिशाली राज्यों में बांटा गया है। +जर्मनी में ऐतिहासिक रूप से राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक का प्रभाव रहा है। ये प्रभाव आज भी कायम है। अपनी जनसंख्या और आर्थिक उत्पादन के कारण ये यूरोप सदस्य राज्यों में सबसे बड़ा है। ये देश पूरी दुनिया में अपने "जर्मन इंजीनियरिंग" के कारण जाना जाता है। इसके अलावा ��सके बैंक और बीमा कंपनियों का स्थान भी दुनिया में बहुत ऊपर है। +जर्मनी में आते साथ ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इस्राइल, जापान, न्यू ज़ीलैंड, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य के नागरिकों को रहने की अनुमति प्राप्त करने का अधिकार है। लेकिन बिना वीजा के ये अवधि 90 दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बिना इसके आप यहाँ कोई कार्य नहीं कर सकते, बस कुछ कार्यों के लिए इसमें छूट दी गई है, जिसमें कलाकार आदि शामिल हैं। होन्डुरस, मोनाको, और सैन मैरिनो के नागरिकों को भी अनुमति लेनी होती है। हालांकि उन्हें ये अनुमति तभी मिलती है, यदि वे रहने की अनुमति के साथ कोई कार्य नहीं करते हैं। अन्य देशों के नागरिक, जो जर्मनी में 90 दिन से ज्यादा रहना चाहते हैं, उन्हें रहने के लिए वीजा लेनी होती है। चाहें, वे वीजा मुक्त अवधि में ही क्यों न रहें। +जर्मनी में किसी रेस्तरां में जाने पर आपको आम तौर पर अपने लिए कुर्सी अपने से ही लेनी होती है। कुछ बहुत बड़े रेस्तरां में वेटर ही आपके अंदर आते साथ आपको आपके टेबल तक ले जाएँगे। जब आपको टेबल मिल जाएगा, तो जब तक आप वहाँ से चले नहीं जाते, तब तक वो टेबल आपका ही रहता है। आपको जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि यदि रेस्तरां में भीड़ कुछ ज्यादा है और लोगों को जगह ढूंढने में परेशानी हो रही है, तो आपको भोजन करने के बाद दूसरों के लिए टेबल छोड़ कर अपने दोस्तों से कहीं और बात करने चले जाना चाहिए। +म्यूनिच आदि जैसे शहरों के किसी रेस्तरां में ऐसी किसी घटना के बारे में सुनने को नहीं मिलता कि किसी टेबल में कुछ लोग बैठे हुए हैं, और कोई अन्य व्यक्ति भी आ कर बैठ जाये। खास कर तब, जब कोई और कुर्सी उपलब्ध न हो। ऐसे समय पे किसी से बात करना बहुत मुश्किल होता है, पर जरा सी बात करना बहुत लंबी चर्चा में भी बदल सकता है। +आप अपना बिल सीधे वेटर को दे सकते हैं। किसी टेबल में बिल को लोगों के बीच बांटना बहुत आम बात है। टिप देने की जानकारी आप "खरीदें" अनुभाग में देख सकते हैं। + + +सीरिया (الجمهورية العربية السورية अल-जुमहुरिया अल-अरबिया असुरिया, सीरियाई अरब गणराज्य मध्य पूर्व के बड़े राज्यों में से एक था लेकिन अब विखंडन की संभावना में है। इसकी राजधानी दमिश्क जो अलेप्पो के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर, है, जो दुनिया का सबसे पुराना शहर है। सीरिया तुर्की के उत्तर में, पूर्व में इराक द्वारा, जॉर्डन और इज़��ाइल द्वारा दक्षिण में, और लेबनान द्वारा दक्षिण-पश्चिम में सीमा तक है। इसके अलावा, देश के पश्चिमी हिस्से में भूमध्य सागर पर एक छोटी तट रेखा है। +सीरिया में 14 प्रान्त हैं, लेकिन निम्नलिखित वैचारिक विभाजन यात्रियों के लिए अधिक समझ में आता है: +| region1description=अलेप्पो, दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक, साथ ही वर्तमान में दुनिया के असुरक्षित शहरों से एक है, +| region2description=सीरिया के दक्षिणपश्चिम में ज्वालामुखीय पठार में राजधानी दमिश्क और इसके प्रभाव का क्षेत्र भी शामिल है +| region3description=ओरोन्टेस घाटी, हामा और होम्स के कस्बों का क्षेत्र है +| region4description=हरा और उपजाऊ, अपेक्षाकृत ईसाई, कुछ हद तक उदार, और फोनीशियन और क्रूसर इतिहास का प्रभुत्व था +| region5description=पलमीरा के ओएसिस के साथ-साथ यूफ्रेट्स के बेसिन के साथ एक विशाल खाली रेगिस्तान, जो ऐतिहासिक रूप से अश्शूर और बेबीलोनियन इतिहास से जुड़ा हुआ है +| region1items=1967 में इजरायल द्वारा कब्जा कर लिया गया और 1981 में कब्जा कर लिया गया, गोलान हाइट्स का दावा सीरिया ने किया। इजरायल के कब्जे को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे सीरिया का क्षेत्र मानता है। कुनेत्ररा पर केंद्रित भूमि का एक छोटा सा क्षेत्र 1974 में सीरिया को वापस स्थानांतरित कर दिया गया था विवरण के लिए गोलान हाइट्स (सीरिया देखें। +*रक़्क़ा- आईएसआईएस की स्वयं घोषित खलीफा की पूर्व राजधानी +| emergencies=112 (पुलिस 110 (आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं 113 (अग्नि विभाग) +सीरिया की आबादी मुख्य रूप से अरब (90 है, जिसमें अन्य जातीय समूहों के बड़े अल्पसंख्यक हैं: कुर्द, अर्मेनियन, सर्कसियन और तुर्क। आधिकारिक भाषा अरबी है, लेकिन कभी-कभी समझा जाता है कि अन्य भाषाएं कुर्द, अर्मेनियाई, तुर्की, फ्रेंच और अंग्रेजी शामिल हैं। सीरियाई गणराज्य आधिकारिक रूप से धर्मनिरपेक्ष है। फिर भी, यह इस्लाम के बहुमत धर्म (80% आबादी, 64% सुन्नी मुस्लिम और 16% अन्य मुस्लिम, अलावाइट्स और ड्रुज़ के बीच विभाजित) से काफी प्रभावित है। एक बड़ी ईसाई अल्पसंख्यक है जो आबादी का लगभग 10% है। +सीरिया का राष्ट्रपति बशर अल-असद है, जिसने 10 जून 2000 को अपनी मृत्यु के तुरंत बाद अपने पिता हफेज़ अल-असद को बदल दिया। दमिश्क और लंदन में नेत्र रोग विशेषज्ञ (आंख डॉक्टर) बनने के लिए अध्ययन करने के बाद, बशर को राष्ट्रपति पद के लिए तैयार किया ग��ा था 1 99 4 के अपने बड़े भाई तुलसी की कार दुर्घटना। नतीजतन, वह सेना में शामिल हो गया और 1 999 में कर्नल बन गया। बशर के आधुनिकीकरण प्रमाण-पत्रों को घरेलू भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में उनकी भूमिका से कुछ हद तक बढ़ा दिया गया। हाल ही में, हालांकि, खुले खुलेपन की प्रारंभिक अवधि के बाद। सीरियाई राज्य के प्रमुख के रूप में बशर की स्थिति बाथ पार्टी के अध्यक्ष और सेना के उनके कमांडर-इन-चीफ पर निर्भर है। +असद के शासन और बाथ पार्टी सीरिया के मीडिया के विशाल बहुमत को नियंत्रित या नियंत्रित करते हैं। राष्ट्रपति और उनके परिवार की आलोचना की अनुमति नहीं है और प्रेस (दोनों विदेशी और घरेलू) को सरकार को धमकी देने या शर्मिंदा करने वाली सामग्री के लिए अत्यधिक सेंसर किया जाता है। 2000 में बशर राष्ट्रपति बने जाने के बाद सापेक्ष प्रेस स्वतंत्रता की एक संक्षिप्त अवधि सामने आई और लगभग 40 वर्षों में पहले निजी प्रकाशनों के लाइसेंस को देखा। बाद में, एक क्रैकडाउन ने लाइसेंसिंग और सामग्री के संबंध में कई प्रतिबंध लगाए। अधिक आराम से (शायद इस तथ्य के कारण कि ये मामले बड़े पैमाने पर संभावित सरकारी नियंत्रण से परे हैं कई सीरियाई लोगों ने विदेशी टेलीविजन प्रसारण (आमतौर पर उपग्रह के माध्यम से) के साथ-साथ तीन राज्य संचालित नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त की है। 2002 में सरकार ने निजी, वाणिज्यिक एफएम रेडियो स्टेशनों को लाइसेंस देने के लिए शर्तों को निर्धारित किया, हालांकि, एक ही समय में फैसला किया गया कि रेडियो स्टेशन समाचार या राजनीतिक सामग्री प्रसारित नहीं कर सके। +अधिकांश व्यक्तिगत यात्रियों के लिए वीजा की आवश्यकता है। ये 6 महीने (एकल एकाधिक प्रविष्टि 3-महीने (एकल) और 15 दिन (भूमि सीमाएं केवल) संस्करणों में उपलब्ध हैं। अरब देशों के नागरिकों को वीजा की आवश्यकता नहीं है, 40 साल से कम उम्र के असंगत मोरक्कन महिलाओं को छोड़कर। इसके अलावा, मलेशिया, तुर्की और ईरान के नागरिकों को वीजा की आवश्यकता नहीं है। +अग्रिम में वीजा प्राप्त करना महंगा और भ्रमित है। अमेरिकियों को वाशिंगटन डीसी में सीरियाई दूतावास में अग्रिम आवेदन करने की आवश्यकता है, भले ही वे कहीं और रहते हों, और USD131 या € 100 का भुगतान करें। हालांकि, अधिकांश अन्य यात्रियों को उन्हें कहीं भी मिल सकता है, इस्तांबुल (तुर्की) के लोकप्रिय विकल्प जहां उन्हें आमतौर पर € 20 (कनाडाई नागरिक) या € 30 (ईयू नागरिक) के लिए एक दिन के भीतर जारी किया जाता है। एक "अनुशंसा पत्र" जिसमें कहा गया है कि सीरिया की आपकी यात्रा के लिए आपके वाणिज्य दूतावास को "कोई आपत्ति नहीं है" की आवश्यकता हो सकती है। जारी किए गए वीज़ा में दो टिकट और हस्ताक्षर होना चाहिए, अन्यथा वीजा को अमान्य माना जाता है और आपको सीमा पर वापस कर दिया जाएगा। नीले आगमन के फॉर्म को रखना जरूरी है क्योंकि इसे प्रस्थान पर जमा किया जाना चाहिए। +आधिकारिक नीति का कहना है कि यदि आपके देश में सीरियाई दूतावास या वाणिज्य दूतावास है, तो आपको अपने वीज़ा के लिए पहले से आवेदन करना चाहिए। अधिकांश नागरिकों को उस देश में सीरियाई वीजा के लिए आवेदन करना चाहिए जिसमें वे नागरिक हैं। वैकल्पिक रूप से एक विदेशी नागरिक अपने देश के अलावा किसी अन्य देश में एक सीरियाई वाणिज्य दूतावास से सीरियाई वीजा के लिए आवेदन कर सकता है, यदि वे उस देश के लिए कम से कम 6 महीने के लिए वैध निवास वीजा धारण करते हैं जिसमें वे आवेदन कर रहे हैं। इस नियम के बहुत कम अपवाद हैं। व्यावहारिक रूप से अधिकांश नागरिकों के लिए सीमा पर वीजा प्राप्त करना संभव है। +यदि जमीन से जा रहे हैं, और आप सीमा पर वीजा प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, तो यूएस डॉलर, यूरो या सीरियाई पाउंड लाएं। अन्य विदेशी मुद्रा को अच्छी विनिमय दर नहीं मिलेगी और अधिकतर क्रॉसिंग पर क्रेडिट डेबिट कार्ड की कोई सुविधा नहीं है। यात्रियों की जांच भी स्वीकार नहीं की जाती है। +अमेरिकी नागरिकों को सीरिया पर प्रतिबंधों से सावधान रहने की जरूरत है। सीरिया में यात्रा और खर्च करने की अनुमति है, आप सीरियाई अरब एयरलाइंस के साथ उड़ान नहीं ले सकते हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कई अमेरिकी बैंक सुरक्षित पक्ष पर गलती करते हैं और सीरिया के साथ सभी व्यवसायों पर प्रतिबंध लगाते हैं। कुछ क्रेडिट या एटीएम कार्ड काम नहीं कर सकते हैं, हालांकि आजकल कई अमेरिकियों को इस संबंध में छोटी समस्याएं आ रही हैं। सावधान रहें, हालांकि, कुछ यात्रियों के पास उनके बैंक खाते को जमा कर दिया गया है, भले ही उन्होंने सीरिया की यात्रा के अपने बैंक को सूचित किया हो या नहीं। +संघर्ष के कारण सीरिया के विभिन्न क्षेत्रों सीरियाई केंद्र सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं। तुर्की के पास के क्षेत्र कुर्द सेनाओं और ���िद्रोही बलों के नियंत्रण में हैं। इन सीमाओं पर विदेशियों को पार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और संघर्ष के कारण तुर्की/सीरिया सीमाएं सामान्य रूप से बंद हो गई हैं। इराक के कुर्द क्षेत्र से वहां लोग फ़िश खबर नामक जगह पर सीरिया में नदी पार कर रहे हैं, हालांकि क्रॉसिंग केवल मानवीय श्रमिकों के लिए है और किसी भी गैर-सहायता श्रमिकों को पार करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। +सीरिया के तीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं: राजधानी के 35 किमी (22 मील) दक्षिण पूर्व, दमस्कस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (डीएएम आईएटीए देश के उत्तर में अलेप्पो के उत्तर-पूर्व में अलेप्पो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एएलपी आईएटीए) और बेसल अल-असद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे एलटीके आईएटीए लताकिया के दक्षिण, देश के मुख्य समुद्री बंदरगाह। चल रहे गृहयुद्ध के कारण, अधिकांश एयरलाइंस ने इन हवाई अड्डों में सेवा निलंबित कर दी है। 2018 तक, दमिश्क अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा परिचालन है, हालांकि रोज़ाना सिर्फ एक दर्जन प्रस्थान होते हैं। +आगमन पर, एक स्थानीय प्रवेश एजेंसी द्वारा प्राप्त किए जा रहे हैं, तो लगभग सभी यात्रियों को एक मुफ्त प्रवेश वीज़ा दिया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने घर देश में सीरियाई दूतावास को बुलाओ। +सीरिया ने जमीन और समुद्र सीमाओं पर एसईपी 550 यूएस 13) का प्रस्थान कर लगाया। एयरपोर्ट प्रस्थान कर टिकट की कीमत में शामिल है, और एयरलाइंस आपके बोर्डिंग पास पर मैनुअल स्टैंप लगाएंगी। +तुर्की से सीरिया में प्रवेश करने के व्यावहारिक और उचित तरीकों में से एक है गैजियंटेप के लिए घरेलू उड़ान लेना और फिर किलिस में ऑनकूपिनर सीमा-द्वार के माध्यम से अलेप्पो को टैक्सी लेना। यात्रा में औपचारिक औपचारिकताओं सहित लगभग 2 घंटे लगते हैं। किराया USD60 है, प्रति कार अधिकतम 4 और एक तरफ के साथ। किलिस या गजियांटेप में टैक्सी होल्डिंग लाइसेंस की व्यवस्था की जा सकती है। तुर्कन टुरिज़्म, 0348 822 3313 +2017 तक, सभी अंतरराष्ट्रीय रेलगाड़ियों और लगभग सभी घरेलू रेलगाड़ियों को अनिश्चित काल तक निलंबित कर दिया गया है। पूर्व अंतरराष्ट्रीय मार्गों में इस्तांबुल से अलेप्पो तक ऐतिहासिक टोरोस एक्सप्रेस और तेहरान से दमिश्क तक रात भर की ट्रेनें शामिल थीं। +तुर्की से चलती बसें, अंतकाया (हैट) शहर से लगातार कनेक्शन के साथ। आप जॉर्डन और लेबनान से भी बस से यात्रा कर सकते हैं। +बस द्वारा दमिश्क में पहुंचने पर, शहर के केंद्र में एक टैक्सी खोजने के लिए बस टर्मिनल से दूर जाना सुनिश्चित करें। अन्यथा, आप कई बार चलने वाली दर का भुगतान करने का जोखिम चलाते हैं, जो एसईपी 150 के आस-पास होना चाहिए, क्योंकि टैक्सियों टर्मिनल के बगल में चलने वाली कारें होती हैं। +अरबी आधिकारिक भाषा है। कुछ शब्दों को जानना हमेशा अच्छा विचार है हैलो धन्यवाद" इत्यादि)। लोगों की एक आश्चर्यजनक संख्या कम से कम (बहुत) प्राथमिक अंग्रेजी बोलती है। हालांकि टैक्सी किराए पर बातचीत करने के लिए अरबी में मूल संख्या सीखने के लिए यह आपके लायक होगा। विदेशी पर्यटकों (जैसे पर्यटक होटल, रेस्तरां, टूर गाइड इत्यादि) के साथ काम करने वाला कार्मिक आम तौर पर अंग्रेजी में उचित रूप से अच्छी तरह से संवाद कर सकता है। +दमिश्क, अलेप्पो, पाल्मेरा, क्रेक डेस चेवालीर्स और बोसरा जैसे प्राचीन शहर मध्यकालीन सूक समेत। +* हामा में एक नदी में अल आसी जल पहियों हैं (نواعير نهر العاصي)। +* होम्स में अल होसन कैसल। +* कलायत समान (सेंट शिमोन स्टाइलिट्स का बेसिलिका) अलेप्पो के उत्तर-पश्चिम में लगभग 30 किमी (1 9 मील) और 5 वीं शताब्दी में सबसे पुराना बीजान्टिन चर्च स्थित है। इस चर्च को या तो कलक सेमैन (अरबी: قلعة سمعان कलकट सिमन शिमोन का किला या दीर सेमैन (अरबी: دير سمعان दया सिमैन शिमोन का मठ' के रूप में जाना जाता है। +* अपने क्रूसर-युग टेम्पलर किले के साथ टार्टस +* देश के अधिकांश हिस्सों में अंतहीन रेगिस्तान और ग्रामीण इलाके +* पर्वत (माउंटेन) देश के पश्चिम में स्थित है। +सीरिया में मुद्रा की इकाई सीरियाई पाउंड या 'लीरा' है। आप स्थानीय रूप से उपयोग की जाने वाली विभिन्न टिप्पणियों को देखेंगे: £ एस, एलएस या एस £, अरबी: الليرة السورية अल-लीरा ए-सूरीया, लेकिन विकीवॉज आईएसओ (सीरियन पाउंड) अमेरिकी डॉलर के लिए काला बाजार दर काफी अधिक हो सकती है। अमेरिकी डॉलर, पाउंड स्टर्लिंग या यूरो जैसी हार्ड मुद्राएं कानूनी रूप से खरीदी नहीं जा सकती हैं; सीरियाई व्यवसायियों, छात्रों और विदेशों से बचने की इच्छा रखने वाले बहुत से विदेशी मुद्राओं का एकमात्र स्रोत काला बाजार है। निर्यात करने के लिए तकनीकी रूप से अनुमत अधिकतम विदेशी मुद्रा राशि प्रत्येक यात्री के लिए प्रति वर्ष उल्लेखनीय उदार USD3,000 बराबर है। USD3,000 से अधिक की कोई भ�� राशि प्राधिकरणों में जब्त करती है। प्रति व्यक्ति अधिकतम SYP2,500 की सीरियाई मुद्रा के निर्यात पर प्रतिबंध हैं। +उच्च मुद्रास्फीति और राजनीतिक अस्थिरता के कारण, इन गाइडों में सीरियाई पाउंड में व्यक्त की गई राशि महत्वपूर्ण परिवर्तन के अधीन हैं। +गृहयुद्ध शुरू होने से पहले, एटीएम अधिकांश प्रमुख शहरों में उपलब्ध हो गए थे: बैंक, मुख्य वर्ग और 5-सितारा होटल। इनमें से कोई भी एटीएम अब अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक नहीं पहुंचता है। रियल एस्टेट बैंक का सबसे बड़ा नेटवर्क था जो विदेशी कार्ड स्वीकार करता था लेकिन कार्ड ऑफ सीरिया और ओवरसीज और सीरिया के कमर्शियल बैंक द्वारा संचालित मशीनों में कार्ड का भी इस्तेमाल किया जाता था। बड़े शहरों के बाहर युद्ध के कारण एटीएम मौजूद नहीं होने से पहले और बड़े शहरों को ग्रामीण इलाकों में अपना दौरा पूरा करने और नकदी से बाहर आने से पहले शहर लौटने पर पर्याप्त नकदी लेना बुद्धिमानी होगी। यदि आपके पास यूएस जारी कार्ड था तो बैंक ऑडी सबसे अच्छा इस्तेमाल कर सकते है। +एक डबल कमरा जो आप SYP1500 के आसपास पा सकते हैं, हालांकि यह लागत दमिश्क में अधिक हो सकती है। तीन सितारों के होटल में एक डबल रूम के बारे में USD50, USD80 चार सितारों के लिए लागत है, और पांच सितारा (फाइव स्टार) होटल में USD250 तक पहुंच सकता है। +युद्ध से पहले, सीरिया अरबी का अध्ययन करने के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन रहा था, जिसमें कई भाषा स्कूल दमिश्क में काम कर रहे थे। +यदि आप एक पर्यटक वीजा पर देश में प्रवेश करते हैं, तो काम करने और पैसे कमाने की कोशिश न करें। विदेशी श्रमिकों को हमेशा काम करने के लिए आधिकारिक मंजूरी मिलनी चाहिए। इसके बावजूद, कई विदेशी छात्र शिक्षण द्वारा अपनी आय का पूरक करते हैं और दमिश्क में कई संस्थान खुशहाल विदेशियों को किराए पर लेते हैं और उन्हें भुगतान करते हैं। + + +यह साँचा सभी जानकारी और सूचनायें सीधे विकिडेटा से लेता है। कृपया जानकारी वहीं जोड़ें। इन मानों के बारे में संक्षिप्त विवरण d:Wikidata:Wikivoyage/Lists/Quickbar पर उपलब्ध है। +ट्रांस्क्लूजन के लिए निम्नलिखित प्रारूप (फारमेट) का इस्तेमाल करें: + + +return श्रेणी:नामौजूद सूचनाओं के साथ क्विक्बार n' + + +विनिमय दर में उतार चढ़ाव। इन और अन्य मुद्राओं के लिए वर्तमान दरें उपलब्ध हैं। source + + +लेबनान गणराज्य अरबी: لبنان मध्य पूर��व में भूमध्य सागर के तट पर एक देश है। यह सीरिया के उत्तर और पूर्व में और दक्षिण में इज़राइल से सीमा पर है। +यद्यपि इसका छोटा आकार (जमैका देश के आकार के बराबर है) लेबनान के पास कई महान गंतव्य हैं, जिनमें से कुछ दुनिया के सबसे पुराने शहर हैं, और मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों जैसे कि दाख बारियां, नाइटक्लब और स्की रिसॉर्ट्स में पाए जाने वाले स्थान हैं। लेबनानी व्यंजन सबसे प्रसिद्ध मध्य पूर्वी व्यंजनों में से एक है। +लेबनान को पांच क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है: +देश को दो पहाड़ के किनारों से चिह्नित किया जाता है जो भूमध्य समुद्र तट के समानांतर चलते हैं। माउंट लेबनान रिज समुद्र के नजदीक है, और ट्रांसवर्स वैली और घाटी से उत्तर से दक्षिण में कटौती की जाती है। परिदृश्य ज्यादातर पहाड़ी और कभी-कभी बहुत ऊबड़, खड़ी चट्टानों और ग्रेडियेंट के साथ होता है। धाराएं अक्सर होती हैं और खेती और प्राकृतिक वनस्पति के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती हैं। +एंटीलेबानन माउंट लेबनान रिज के समानांतर पूर्व में चलता है, और सीरिया के साथ सीमा का हिस्सा बनता है। +ओरेन्टेस (नाहर अल-आसी) और लिटानी नदियों द्वारा घिरे पर्याप्त फ्लैटलैंडों के साथ बेका घाटी है । +नियोलिथिक युग के बाद लेबनान का लंबा और जटिल इतिहास है। सबसे महत्वपूर्ण फीनशियन शहरों (बाईबोस और टायर दूसरों के बीच) की स्थापना यहां की गई थी और तब से संपन्न हो रही है। यह क्षेत्र मिस्र, मेसोपोटोमियन और फारसी प्राचीन सभ्यताओं के प्रभाव के क्षेत्र में था। लेबनान में हेलेनिस्टिक और रोमन स्मारकों की समृद्ध विरासत है, जिसमें बाल्बेक और टायर के मंदिर शामिल हैं। बीजान्टिन और उमाय्याद शासन (जो अंजर के खंडहरों के पीछे छोड़ दिया गया था) के बाद, आज के लेबनान का क्षेत्र क्रूसेडर्स और मामलुकों द्वारा विजय प्राप्त किया गया था, देश में बिखरे हुए कई महत्वपूर्ण स्मारकों (किले और पूजा के स्थान और विशेष रूप से त्रिपोली में । +द्वितीय विश्व युद्ध के बाद फ्रांसीसी संधि के निर्माण के साथ स्वायत्त शासन की महत्वपूर्ण डिग्री के साथ चार शताब्दियों ओटोमन शासन (1516-19 18) समाप्त हो गए थे। 1943 में लेबनान स्वतंत्र हो गया। +तीन दशक की वृद्धि एक लंबी गृह युद्ध (1975-1909) द्वारा अपंग थी, जो एक बिजली साझा करने के समझौते और सुलह और पुनर्निर्माण की एक जटिल प्रक्रिया ���े साथ समाप्त हुई। +हेज़बुल्लाह (जैसे कि जुलाई 2006 युद्ध और सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध) के साथ राजनीतिक तनाव और क्षेत्रीय संघर्ष ने देश को प्रभावित किया है, जो कि फिर भी लचीला रहता है। +लेबनान के लोगों में विभिन्न प्रकार के जातीय समूहों और धर्म शामिल हैं, जिनमें अधिकांश ईसाई (मारोनाइट, ग्रीक रूढ़िवादी, ग्रीक-कैथोलिक मेलकिइट्स, आर्मेनियन, प्रोटेस्टेंट, सिरिएक ईसाई) और मुस्लिम (शिया, सुन्नी अलावाइट्स, और ड्रुज़। देश में फिलिस्तीनी शरणार्थियों की एक बड़ी संख्या (250,000 से अधिक) है। सीरिया में चल रहे संघर्ष के चलते सीरियाई शरणार्थियों और विस्थापित लोगों की एक बड़ी संख्या भी है। +ग्रीष्मकालीन महीनों (जून से सितंबर) में आबादी बढ़ती है, क्योंकि लेबनान डायस्पोरा और विदेश में काम कर रहे लेबनानी नागरिकों के लौटने वाले सदस्यों के बड़े प्रवाह के कारण। +लोग आम तौर पर बहुत आसान और स्वागत करते हैं। कई लोग बहुभाषी और अत्यधिक शिक्षित हैं, खासकर बेरूत और इसके उपनगरीय इलाकों में। बेका घाटी और उत्तर और दक्षिण के ग्रामीण इलाकों में दृष्टिकोण और व्यवहार अधिक रूढ़िवादी होते हैं। +लेबनान में समशीतोष्ण भूमध्य जलवायु है, गर्म, आर्द्र ग्रीष्म और ठंडे, गीले सर्दियों के साथ। +गर्मी आमतौर पर लोगों के दौरे के लिए सबसे लोकप्रिय समय है, क्योंकि जून और अगस्त के बीच लगभग कोई वर्षा नहीं होती है, और तापमान लगभग 20-30 डिग्री सेल्सियस (68-86 डिग्री फारेनहाइट) के बीच होता है। हालांकि, तापमान बढ़ने के साथ कभी-कभी गर्मी की लहरें हो सकती हैं, और आम तौर पर, गर्मियों के महीनों के दौरान तट रेखा के साथ यह बहुत ही आर्द्र हो सकता है। यह पहाड़ों में कुछ हद तक ड्रायर और कुछ हद तक ठंडा है, और कई लेबनान गर्मियों के दौरान पहाड़ों में यात्रा और छुट्टी करते हैं, यदि वे समुद्र तट की गर्मी और आर्द्रता से बचना चाहते हैं। +शरद ऋतु और वसंत भी थोड़ी अधिक बारिश के साथ यात्रा करने के लिए अच्छे समय होते हैं, लेकिन पर्यटक भीड़ गर्मियों में आकर्षित होते हैं, और काफी कम आर्द्रता के साथ भी। +बर्फ पहाड़ क्षेत्रों में सर्दी के एक बड़े हिस्से के लिए गिरता है जो देश का एक बड़ा हिस्सा बनता है, और कई स्की रिसॉर्ट्स हैं। हालांकि, तट अभी भी अपेक्षाकृत हल्का है, अधिकतम सीमाएं शायद ही कभी 13 डिग्री सेल्सियस (55 डिग्री फ़ारेनहाइट) से नीचे गिर रही हैं, हालांकि यह उससे बहुत कम हो सकती है और कई अवसरों पर पड़ सकती है। +लेबनान ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) से दो घंटे आगे है, और मार्च के अंत तक अक्टूबर के अंत तक डेलाइट सेविंग का निरीक्षण करता है। +लेबनान में कई ईसाई और इस्लामी छुट्टियां हैं। लेबनानी सरकार द्वारा देखी जाने वाली छुट्टियों को बोल्ड अक्षरों में इंगित किया जाता है। +नया साल का दिन 1 जनवरी) +पैगंबर हज़रत मुहम्मद सहाब का जन्मदिन इस्लामी कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +घोषणा का पर्व 25 मार्च) +गुड फ्राइडे कैथोलिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +ईस्टर रविवार कैथोलिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +गुड फ्राइडे रूढ़िवादी चंद्र कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +मुक्ति दिवस 25 मई 2000 में इजरायल के कब्जे से दक्षिण की मुक्ति की सालगिरह) +सेंट एलियास दिवस 20 जुलाई) +मैरी डे की धारणा 15 अगस्त) +रमजान इस्लामी कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +ईद अल-फ़ितर इस्लामी कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +ईद अल-आधा इस्लामी कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +अशूरा इस्लामी कैलेंडर के अनुसार परिवर्तनीय) +ईद आईएल-बरबारा या सेंट बारबरा दिवस (4 दिसंबर) +नव वर्ष की पूर्व संध्या 31 दिसंबर) +तुर्की के नागरिकों को एक मुफ्त 3 महीने का वीजा मिलता है जिसे उनकी प्रविष्टि के बाद से एक महीने पहले ही नवीनीकृत किया जा सकता है। +लेबनानी वीजा और प्रवेश और निकास टिकटों +मिस्र, सूडान, ट्यूनीशिया, मोरक्को, अल्जीरिया, लीबिया, यमन, सोमालिया, जिबूती, मॉरिटानिया, कोमोरोस, नाइजीरिया, घाना और कोटे डी'आईवोयर के नागरिक एक महीने का पर्यटक वीज़ा प्राप्त करते हैं बशर्ते उनके पास दो तरह की यात्रा टिकट हो एक होटल आरक्षण निवास स्थान और USD2,000 (यदि आप पहले लेबनान दूतावास से वीज़ा प्राप्त करते हैं तो नकदी की स्थिति को बचाया जा सकता है)। +भारत के नागरिक, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, ताइवान, थाईलैंड और कई अन्य "श्रम निर्यात" देशों को अन्यथा इस खंड में सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है, वे सीधे हवाई अड्डे पर या लेबनानी दूतावास में वीज़ा नहीं प्राप्त कर सकते हैं। इसके बजाय, बेरूत में जनरल सिक्योरिटी हेड ऑफिस के माध्यम से लेबनान में एक लेबनान प्रायोजक द्वारा वीजा की व्यवस्था की जानी चाहिए। यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें महीनों लग सकते हैं, इसलिए जल्दी शुरू करें। इस तरह जारी किए गए वीजा 1 महीने के लिए मान्य हैं लेकिन लेबनान में एक बार सामान्य सुरक्षा पर 3 महीने तक बढ़ाया जा सकती है। +खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों और जॉर्डन से नागरिकों के लिए तीन महीने के वीजा मुक्त हैं। अन्य नागरिक एलएल 25,000 (यूएसडी 17 या एलबीपी 50,000 (यूएसडी 35) के लिए तीन महीने के वीजा के लिए 15-दिन का वीज़ा प्राप्त कर सकते हैं। ये वीजा सिंगल-एंट्री हैं; कई देशों के नागरिक भी एकाधिक प्रविष्टि वीजा प्राप्त कर सकते हैं (USD75 छह महीने के लिए मान्य)। 48 घंटे नि: शुल्क ट्रांजिट वीजा (तीन कैलेंडर दिनों के लिए मान्य) अभी भी जारी किए गए हैं, लेकिन केवल तभी जब आप जमीन से प्रवेश करते हैं और हवाई अड्डे या इसके विपरीत छोड़ते हैं। +वीजा अन्य देशों में लेबनानी दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में, या बेरूत हवाई अड्डे पर आने और कुछ राष्ट्रीयताओं के लिए प्रवेश के अन्य बिंदुओं पर प्राप्त किया जा सकता है। +अधिक जानकारी के लिए, सामान्य सुरक्षा पृष्ठ पर जाएं। +एक अद्यतन वीजा आवश्यकता पाठ हमेशा वीजा पर लेबनान पृष्ठ पर पाया जा सकता है +बेरूत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बीईवाई शहर के केंद्र के 5 किमी (3 मील) दक्षिण में है मध्य पूर्व एयरलाइंस [2] रोज़ाना अबिजन, अबू धाबी, अकरा, अम्मान, एथेंस, काहिरा, कोलोन, कोपेनहेगन, दम्मम, दोहा दुबई, फ्रैंकफर्ट, जिनेवा, इस्तांबुल-अतातुर्क, जेद्दाह, कानो, कुवैत, लागोस, लार्नाका, लंदन-हीथ्रो, मिलान-मालपेन्सा, नाइस, पेरिस-चार्ल्स डी गॉल, रियाद और रोम-फ़्यूमिसीनो, वारसॉ-ओकेसी। +इसके अलावा एयरपोर्ट विदेशी एयरलाइंस द्वारा परोसा जाता है +बसें हर घंटे दमिश्क छोड़ती हैं और आम तौर पर 400 या 500 एसईपी खर्च करती हैं। सीमा पर यातायात के आधार पर यात्रा आमतौर पर 4-5 घंटे होती है। सीरिया छोड़ते समय, आपको 550 एसईपी के बाहर निकलने का शुल्क चुकाना होगा और सीमा के दूसरी तरफ लेबनानी वीज़ा प्राप्त करना होगा (48 बजे ट्रांजिट वीजा मुफ़्त है, 15 दिन ट्रांजिट वीजा एलएल 25,000 (यूएस 17) है, एकल प्रवेश 30 दिन पर्यटक वीजा एलएल 50,000 (यूएस 34) है, केवल लेबनानी पाउंड में देय है। मुद्रा परिवर्तक मुद्रा का आदान-प्रदान कर सकते हैं, आमतौर पर 1 विनिमय शुल्क के साथ)। +नौका द्वारा लेबनान पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण है, एकमात्र नियमित यात्री नौका त्ससुकू से दो बार साप्ताहिक सेवा है, सिर्फ मेर्सिन, तुर्की के बाहर उत्तरी शहर त्रिपोली से अकगुनर डेनिज़िलिक द्वारा। उस एकल यात्री नौका के अलावा, समुद्र द्वारा लेबनान पहुंचने का एकमात्र तरीका क्रूज जहाज या अधिक साहसी यात्री मालवाहक यात्रा के लिए है। +लेबनान की आधिकारिक भाषा मानक अरबी और मूल भाषा लेबनानी अरबी है, जो सीरिया, जॉर्डन और फिलिस्तीन की अरबी (लेकिन इससे अलग नहीं है) के समान है। +लगभग सभी लेबनानी मानक अरबी बोलते हैं, जबकि कई लोग फ्रेंच और या अंग्रेजी भी बोलते हैं। जबकि फ्रांसीसी ज्यादातर लोगों की पहली विदेशी भाषा है, अंग्रेजी भी व्यापक रूप से बोली जाती है। पहले विश्व युद्ध के बाद लेबनान की अवधि के दौरान लेबनान की अवधि के कारण, अरबी (प्रथम) और फ्रेंच (द्वितीय) दोनों में स्ट्रीट और जगह संकेत हैं। आम तौर पर, संकेत और सड़क कम से कम दो भाषाओं, मानक अरबी और फ्रेंच और या अंग्रेजी में लिखी जाती हैं। +लेबनान सुंदर समुद्र तटों से पहाड़ों और घाटियों तक प्राकृतिक दृश्यों में समृद्ध देश है। लेबनान के लोगों को गर्व है कि लेबनान उन कुछ देशों में से एक है जो आपको सुबह में स्कीइंग जाने और दोपहर में समुद्र तट पर जाने का मौका देता है (हालांकि वास्तव में यातायात के कारण ऐसा करना असंभव है)। यह केवल वर्ष में कुछ दिनों के लिए संभव है, आमतौर पर कुछ दिनों में जब सर्दी वसंत में जाती है और या ग्रीष्म ऋतु शरद ऋतु में बदल जाती है +आसपास के बेरूत डाउनटाउन आगंतुक सुंदर शहर से आश्चर्यचकित हैं। प्लेस डी एल'ओटोइल में, पर्यटक आउटडोर कैफे में एक सुखद भोजन या एक कप कॉफी का आनंद ले सकते हैं। उन लोगों के अलावा, राजधानी अन्य रेस्तरां और हैंगआउट प्रदान करती है जो सभी उम्र के लोग आनंद ले सकते हैं। कई नाइटक्लब, बार, कैफे और रेस्तरां भी हैं, जो शैलियों और बजट की विविध मात्रा में खानपान करते हैं। +बाल्बेक शहर में बाल्बेक रोमन मंदिर सबसे बड़े और सबसे खूबसूरत रोमन खंडहरों में से हैं। +अल बास पुरातत्व स्थल, टायर, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी रोमन पुरातात्विक स्थलों में से एक है। यह साइट एक विशाल नेक्रोपोलिस से बना है, जो एक विशाल स्मारक आर्क है जो रोमन रोड की ओर अग्रसर है, जिसके साथ एक अधिग्रहण के साथ-साथ अब तक का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा संरक्षित रोमन हिप्पोड्रोम का उत्कृष्ट उदाहरण है। +जीता ग्रोटो नहर अल-कालब: की घाटी में बेरूत के 20 क���मी उत्तर में लेबनान में क्रिस्टलाइज्ड गुफाओं का एक परिसर है। यह ग्रोट्टो दो चूना पत्थर की गुफाओं, ऊपरी दीर्घाओं और निचली गुफा से बना है जिसके माध्यम से 6230 मीटर लंबी नदी चलती है। +कदीशा घाटी पवित्र घाटी) उत्तरी लेबनान में स्थित पवित्र घाटी" बचेरे से तट तक फैली हुई है। यूनेस्को की विश्व धरोहर के तहत वर्गीकृत, यह अनगिनत गुफाओं, चैपल और मठों से भरा है। +बाइबिल अरबी में "जेबेइल" के रूप में भी जाना जाता है, यह एक प्राचीन फोनीशियन शहर है जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। इसके पर्यटन आकर्षण में मध्ययुगीन महल और रोमन एम्फीथिएटर, साथ ही साथ कई समुद्रतट कैफे और रेस्तरां ताजा सीफ़ूड की सेवा भी शामिल हैं। +अंजर बेकहा घाटी: का एक शहर है जहां कई स्थानीय रेस्तरां हैं जहां आप अद्वितीय लेबनानी व्यंजन का आनंद ले सकते हैं। यह शहर 8 वीं शताब्दी उमायाद शहर के अद्वितीय खंडहरों का घर है। +लेबनानी पाउंड और यूएस डॉलर लगभग हर जगह स्वीकार किए जाते हैं, और डॉलर में भुगतान करना आम है लेकिन पाउंड में परिवर्तन प्राप्त होता है (इस मामले में, सुनिश्चित करें कि आपको शॉर्ट-चेंज नहीं मिलता है)। +उपयोग किए गए बिल एलएल 1000, एलएल 5000, एलएल 10,000, एलएल 20,000, एलएल 50,000 और एलएल 100,000 हैं। आपको एलएल 1000 के दो रूप मिल सकते हैं और वे दोनों स्वीकार किए जाते हैं। +उपयोग नहीं किए गए बिल एलएल 1, एलएल 5, एलएल 10, एलएल 25, एलएल 50, एलएल 100, एलएल 250, एलएल 500 हैं। +एलएल 250 और एलएल 500 सिक्के हैं। एलएल 25, एलएल 50 और एलएल 100 सिक्के वस्तुतः कभी भी उपयोग नहीं किए जाते हैं। +आप पश्चिमी संघ के माध्यम से लेबनान से लेबनान स्थानांतरित कर सकते हैं। मनी ट्रांसफर की पेशकश करने वाले स्थानों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप लेबनान के अंदर से 1262 नंबर पर बीओबी फाइनेंस बेरूत समूह के बैंक या 961-5-955262 से 24/7 ग्राहक सेवा सहायता के साथ संपर्क कर सकते हैं। + + +इज़राइल राज्य (हिब्रू: מדינת ישראל; अरबी: دولة إسرائيل) मिस्र सीमा तथा भूमध्य सागर के किनारे एक छोटा सा विविध मध्य पूर्वी देश है और दक्षिण पश्चिम में गाजा पट्टी, पश्चिम बैंक और जॉर्डन द्वारा पूर्व में, और सीरिया और लेबनान द्वारा उत्तर की दिशा। पूर्वी भूमध्य सागर पर देश की लंबी तट रेखा है, और अकाबा की खाड़ी में लाल सागर तक सीमित पहुंच है (जिसे अक्सर इज़राइल में ईलाट की खाड़ी कहा जाता है)। 1967 से, इज़राइल ने अधिकांश वेस्ट बैंक को नियंत्रित किया है (जिसे अक्सर "जुडिया और समरिया" कहा जाता है) साथ ही गोलान हाइट्स क्षेत्र भी नियंत्रित किया जाता है। इज़राइल ने पूर्वी जेरूसलम और गोलान को जोड़ दिया है, लेकिन अधिकांश देश इस समझौते को अस्वीकार करते हैं, और अवैध रूप से कब्जे के लिए इन क्षेत्रों और वेस्ट बैंक (जो इज़राइल ने अनुबंध नहीं किया है, और इजरायल कानून लागू नहीं होता) पर विचार करें। विकीवॉयज इन राजनीतिक मुद्दों पर कोई रुख नहीं लेता है, लेकिन नोट करता है कि व्यावहारिक रूप से, इन क्षेत्रों के मौजूदा आगंतुकों को इज़राइली वीजा और परमिट की आवश्यकता होगी। +इजरायली आबादी लगभग 80% यहूदी, 19% अरब और 1% अन्य है। अधिकांश यहूदी ओलिम (यहूदी डायस्पोरा से "वापसीकर्ता से निकले हैं, और उनके विभिन्न मूल (रूसी, जर्मन, मोरक्कन, यमेनाइट और इथियोपियाई, कुछ प्रमुख नामों के नाम से) विभिन्न पहलुओं में देखे जा सकते हैं आधुनिक इज़राइली संस्कृति। +अपने लंबे प्राचीन इतिहास के विपरीत, इज़राइल एक बेहद शहरीकृत, आर्थिक रूप से विकसित, प्रथम विश्व समाज है। दुर्भाग्यवश यह अभी भी फिलिस्तीनियों और उसके कुछ अन्य अरब पड़ोसियों के साथ संघर्ष में है, और कभी-कभी आप इन तनावों के संकेत देखेंगे, लेकिन आप लगभग खतरे में नहीं होंगे (हालांकि ऐसी जगहें हैं जहां आपको वेस्ट बैंक की तरह अधिक सावधान रहना चाहिए) । हालांकि यह एशिया में है, अरब देशों से शत्रुता के कारण, इजरायल एशियाई क्षेत्रीय निकायों के बजाय यूरोपीय में भाग लेता है। +इज़राइल में कई विविध क्षेत्र हैं, जिनमें समुद्र तट, पहाड़, जंगल और रेगिस्तान परिदृश्य के बीच के परिदृश्य हैं, जिनमें बस कुछ भी है। एक शीतकालीन दिन, उदाहरण के लिए, आप गोलान हाइट्स पर हर्मन पर्वत पर स्कीइंग कर सकते हैं, और फिर मृत सागर के बगल में धूप से स्नान कर सकते हैं। यरूशलेम और तेल अवीव के महानगरीय क्षेत्र अपने स्वयं के क्षेत्रों का निर्माण करते हैं; उत्तर से दक्षिण तक, हालांकि, इज़राइल के क्षेत्र निम्नानुसार हैं: +| region1name=गलील पश्चिमी गलील ऊपरी गलील निचली गलील गलील पैनहैंडल और गलील सागर क्षेत्र +| region1description=एक पहाड़ी वन क्षेत्र, जो अपने सुंदर परिदृश्य और धार्मिक इतिहास के लिए जाना जाता है। गलील पाँच उप क्षेत्रों से बना है पश्चिमी गलील (उत्तरी तटीय मैदान ऊपरी गलील (पहाड़ों की विशेषता है, जिसका ���बसे ऊँचा पर्वत मेरून है निचला गलील (घाटियों से अलग अपेक्षाकृत कम पहाड़ियों की विशेषता गैलीली पैनहैंडल (सुदूर उत्तर पूर्व में और गैलील सागर (इज़राइल की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील)। +| region2description=एक प्लैनर क्षेत्र जो भूमध्यसागरीय तट के साथ फैला है जो देश का सबसे विकसित हिस्सा है और जिसमें इज़राइल की लगभग 70% आबादी रहती है। इस क्षेत्र में रेतीले तटों और भूमध्यसागरीय जलवायु की विशेषता है। इस क्षेत्र में कई शहर, कस्बे और गाँव शामिल हैं तेल अवीव शहरी क्षेत्र, जो इज़राइल का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। +| region4description=देश के केंद्र में एक पर्वतीय क्षेत्र, जो कि जुडियन पर्वत का एक उप-क्षेत्र है। इस क्षेत्र में इजरायल की राजधानी जेरुसलम शामिल है, जो देश का सबसे बड़ा शहर है। +| region5description=पश्चिम में तटीय मैदान, पूर्व में जूडियन पर्वत, उत्तर में सामरिया और दक्षिण में नेगेव से घिरा उपजाऊ, पहाड़ी पहाड़ी इलाका है। +| region6description=मृत सागर, जो जॉर्डन नदी से अपना पानी प्राप्त करता है, पृथ्वी पर सबसे कम बिंदु है (2013 की शुरुआत में समुद्र तल से 427 मीटर नीचे)। तकनीकी रूप से, पश्चिमी डेड सी वैली का उत्तरी आधा भाग वेस्ट बैंक और इस प्रकार फिलिस्तीन में है। हालांकि, यह एरिया सी का हिस्सा है और इसलिए पूरी तरह से इजरायल के नियंत्रण में है। + + +विकियात्रा:हटाने की नीति अनुसार कारण: + + +बरेली भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रुहेलखण्ड क्षेत्र में स्थित एक नगर है। +लगभग १० लाख की आबादी के साथ, बरेली उत्तर प्रदेश का सातवां सबसे बड़ा महानगर है। यह एक व्यस्त शहर है, जहां काफी संकीर्ण और भीड़ग्रस्त सड़कों पर पैदल यात्री कारों और रिक्शों के साथ प्रतिस्पर्धा सी करते प्रतीत होते हैं। +बरेली गंगा के ऊपरी मैदानों में बसा है नदी के लगभग ७० किमी उत्तर में, और हिमालय की बाहरी तलहटी की दृष्टि सीमा के भीतर स्थित है। यह एक महत्वपूर्ण रेलवे और परिवहन केंद्र है, जो दिल्ली और लखनऊ के लगभग मध्य में स्थित है। यह रेलमार्ग द्वारा भारत के अधिकांश प्रमुख शहरों से, और साथ ही सड़क से तो नेपाल के पश्चिमी हिस्से से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। +प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, नगर की स्थापना १५३७ में दो भाइयों, बंस देव और बरल देव द्वारा की गई थी। उन्होंने एक किले का निर्माण किया और उसे अपने पिता के नाम पर जगतपुर नाम दिया, जो तब उस रा���्य के गवर्नर थे। यह शब्द अभी भी एक रिहायशी कॉलोनी के संदर्भ में उपयोग किया जाता है, जो अब पुराने शहर का हिस्सा है। शनैः शनैः किले के चारों ओर एक छोटे से नगर ने आकर लेना प्रारम्भ किया, जिसे उन दोनों भाइयों के नाम पर बांस-बरेली कहा जाने लगा। मुगल काल के दौरान एक नए किले के साथ-साथ यहाँ मिर्जई मस्जिद और जामा मस्जिद का निर्माण हुआ। १७०७ में औरंगजेब की मृत्यु के बाद अफगानी लोगों का एक गुट, जिसे रुहेला कहा जाता था, बड़ी संख्या में क्षेत्र में आकर बसा, और फिर इस क्षेत्र को रुहेलखण्ड के नाम से जाना जाने लगा। बरेली नगर तत्कालीन रुहेलखण्ड राज्य की राजधानी थी। १७७४ में रुहेलखण्ड पर अवध के नवाब ने कब्ज़ा कर लिया। +बसें बरेली में आवागमन का प्रसिद्ध साधन हैं। बरेली में दो बस अड्डे हैं: पहला, जिसे पुराने रोडवेज बस अड्डे के नाम से जाना जाता है, पुराने शहर के एक छोर पर नोवेल्टी चौराहे तथा बरेली कॉलेज चौराहे को जोड़ती एक सड़क पर स्थित है। यहाँ से दिल्ली, हल्द्वानी तथा आगरा की ओर जाने वाली बसों का संचालन होता है। दूसरा, जिसे बरेली सैटेलाइट बस अड्डे के नाम से जाना जाता है, नगर के पूर्वी छोर पर शाहजहाँपुर रोड तथा पीलीभीत बाईपास रोड के तिराहे पर स्थित है। यहाँ से लखनऊ तथा पीलीभीत की ओर को जाने वाली बसों का संचालन होता है। हालाँकि दिल्ली तथा लखनऊ जैसे प्रमुख नगरों के लिए तो दोनों ही बस अड्डों से निरंतर बसें चलती ही रहती हैं। +नगर में कुल छह रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें से तीन (बरेली जंक्शन, सीबी गंज तथा बरेली कैण्ट) उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मण्डल के अधीन तथा अन्य तीन (बरेली सिटी, इज़्ज़तनगर तथा भोजीपुरा) उत्तर-पूर्वी रेलवे के इज़्ज़तनगर मण्डल के अधीन हैं। दिल्ली-कलकत्ता मुख्य रेलवे लाइन पर स्थित बरेली जंक्शन नगर का सबसे बड़ा तथा व्यस्त रेलवे स्टेशन है, जहाँ से भारत के लगभग सभी प्रमुख नगरों तक रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। बरेली सिटी बरेली-काठगोदाम रेलवे लाइन का अंतिम स्टेशन है, यहाँ से हल्द्वानी-काठगोदाम तथा पीलीभीत तक की ट्रेनें चलती हैं। +बरेली के उत्तर पूर्व में पीलीभीत रोड के समीप त्रिशूल एयरबेस स्थित है। यह हवाई अड्डा भारतीय वायु सेना के नियंत्रण में है, तथा यहाँ से वर्तमान में सार्वजनिक सेवाओं का संचालन नहीं होता, हालाँकि इसे सार्वजनिक हवाई अड्डे में बदलने का कार्य निर्माणाधीन है। निकटतम कार्यात्मक हवाई अड्डा लगभग ८० किमी दूर उत्तराखण्ड में स्थित पन्तनगर हवाई अड्डा है। पन्तनगर से दिल्ली तथा देहरादून तक विमान सेवाएं उपलब्ध हैं। दिल्ली में स्थित इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बरेली से निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। +उत्तर भारत के किसी भी अन्य नगर की ही तरह बरेली में भी एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए परिवहन के गिने चुने साधन ही उपलब्ध हैं ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा तथा इलेक्ट्रिक रिक्शा। नगर में ऑटो रिक्शा दो प्रारूपों में चलते हैं- शेयरिंग तथा रिज़र्व। शेयरिंग रिक्शे तय स्थानों के मध्य फेरे लगाते हैं, तथा आमतौर पर तीन-चार सवारियों को लेकर चलते हैं। अपेक्षाकृत सस्ते होने के कारण नगर में परिवहन का सबसे प्रमुख साधन ये ही हैं। रिज़र्व रिक्शे मनचाहे स्थान तक जाते हैं, परन्तु ये किराया अधिक लेते हैं। पहले छोटी दूरी तय करने के लिए साइकिल रिक्शे लोगों की पहली पसंद थे, हालाँकि अब इलेक्ट्रिक रिक्शों के चलन के कारण इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। +| content=संग्रहालय में प्रागैतिहासिक पत्थर की मूर्तियां, मौर्य युग के देवियों की मूर्तियों के सिर और गुप्ता काल का रथ शामिल है। इसके अतिरिक्त यहाँ गुप्त काल से भी पहले की अवधि के ५०० सिक्के उपस्थित हैं। अधिकांश कलाकृतियाँ अहिछत्र (या अहि-क्षेत्र) के पुरातात्विक स्थलों से हैं। +| content=आनन्द अखाड़े से संबंधित नागा सन्यासियों का मुख्य केंद्र +| content=यह इस नगर का सबसे पुराना मन्दिर है +| content= उत्तर प्रदेश के कुछ अच्छी तरह से रखे गए जंगली इलाकों में से एक यह रिज़र्व नगर के केंद्र से मात्र ७० किमी दूर है। रिज़र्व के अपने पर्यटक लॉज हैं। +| content=बजट यात्रियों के लिए बरेली के सबसे प्रसिद्ध बाजार में स्थित एक व्यापारिक होटल। + + +युद्ध क्षेत्र या पूर्व युद्ध क्षेत्र, जिसे अक्सर शत्रुतापूर्ण वातावरण कहा जाता है, विशिष्ट रूप से खतरनाक होते हैं। यह किसी विशिष्ट मिशन, या स्थानीय लोगों के साथ भेजे गए पेशेवरों के अलावा किसी अन्य के लिए अत्यधिक असामान्य है जो युद्ध क्षेत्रों में भटकने के लिए नहीं जा सकते हैं या नहीं छोड़ेंगे। +हालाँकि, कई लोगों को अपनी नौकरी के हिस्से के रूप में इन क्षेत्रों की यात्रा करनी चाहिए; इनमें सैनिकों, पत्रकारों, राजनयिकों, सैन्य या सुरक्षा ठेकेद��रों, और अक्सर विभिन्न सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा नियोजित लोगों को युद्ध के कुछ संकटों से राहत प्रदान करना, शरणार्थी समस्याओं से निपटने के लिए, या युद्ध के बाद पुनर्निर्माण करना शामिल है। आमतौर पर, उन लोगों ने सुरक्षित रहने के लिए विशेष प्रशिक्षण लिया होगा और संगठन व्यापक समर्थन प्रदान करेगा लगभग हमेशा एक पेशेवर सुरक्षा टीम और भारी-सुरक्षित इमारतें, अक्सर किसी भी आवश्यक यात्रा के लिए बख्तरबंद वाहन और सशस्त्र +सामान्य तौर पर, राष्ट्रीय सरकारें किसी भी कारण से युद्ध क्षेत्रों का दौरा करने की दृढ़ता से सलाह देती हैं, और केवल राजनयिकों और अन्य आधिकारिक प्रतिनिधियों को इन क्षेत्रों में भेजती हैं जब वे सुरक्षा टीमों के साथ होते हैं या एक अच्छी तरह से संरक्षित क्षेत्र में स्थित होते हैं। अन्य संगठन गैर सरकारी संगठनों और मानवीय सहायता समूहों जैसे समूहों को सुरक्षा जानकारी भी प्रदान करते हैं जो युद्ध क्षेत्रों में काम करते हैं। +सूचना और यात्रा सलाह के स्रोतों में शामिल हैं: +* ब्रिटिश विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय यात्रा सलाह प्रदान करता है। +* एनजीओ के लिए सुरक्षित परिस्थितियों को सक्षम करने के लिए सूचना और सहायता प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ सुरक्षा संगठन मौजूद है। +* अमेरिकी विदेश विभाग यात्रा सलाह, चेतावनी और देश की जानकारी प्रदान करता है। +* ऑस्ट्रेलियाई विदेश विभाग स्मार्ट्रेलर देशों और घटनाओं के लिए यात्रा सलाह, यात्रा सुझाव और सुरक्षा जानकारी प्रदान करता है। + + +पंजाब Punjabi: ਪੰਜਾਬ; IPA pəɲdʒaːb उत्तर-पश्चिम भारत का एक राज्य है, जिस्को "पांच नदियों का क्षेत्र" कहा जाता है। इसके पश्चिम में पाकिस्तानी पंजाब, उत्तर में जम्मू और कश्मीर उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश दक्षिण में हरियाणा दक्षिण-पूर्व में चंडीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान राज्य हैं। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है। +सिख धर्म पंजाब का मुख्य धर्म है। सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल, स्वर्ण मंदिर, पंजाब के अमृतसर नगर में है। यहाँ हिंदू धर्म भी बहुत आम है और कई मंदिर लगभग हर शहर और कस्बे में पाए जा सकते हैं। अमृतसर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। +सबसे आम भाषा पंजाबी (गुरुमुखी लिपि) है। मुख्य रू��� से शिक्षित लोगों के बीच और अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़, पटियाला, जालंधर जैसे प्रमुख शहरों में हिंदी और अंग्रेजी भी बोली जाती है। +पंजाब के नौ महत्वपूर्ण शहर हैं, +अमृतसर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, राजा सांसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो 24 घंटे खुला रहता है। +पंजाब भारत के अन्य प्रमुख शहरों के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है: अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और फिरोजपुर भारतीय उत्तर रेलवे के प्रमुख जंक्शन हैं। + + +केरल भारत का एक राज्य है जिस्को "ईश्वर का अपना देश God's own Country) कहा जाता है। इसकी राजधानी तिरुवनंतपुरम है। केरल अपने बैकवाटर्स, पहाड़ों, कला रूपों जैसे कथकली और मोहिनीअट्टम के लिए भी प्रसिद्ध हैं। +केरल के नौ महत्वपूर्ण शहर हैं, +दक्षिणी भारत में स्थित केरल में चौदह जिले हैं। यह भारत का सबसे साक्षर राज्य है। +द्रविड़ भाषा मलयालम यहाँ की मुख्य भाषा है। यह भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। अधिकांश पढ़े-लिखे लोग भी तमिल, हिंदी और अंग्रेजी बोलने में सक्षम हैं। हालांकि केरल को अक्सर एक उच्च साक्षर राज्य माना जाता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोई अंग्रेजी में संवाद कर सकता है। +केरल के तीन अलग-अलग मौसम हैं: +* ग्रीष्म काल फरवरी के मध्य से शुरु होकर मई के मध्य तक रहती है और उस समय दोपहर की तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और 38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। +* पश्चिमी वर्षा काल: मध्य मई से सितंबर की शुरुआत तक होता है। +* पूर्वी वर्षा काल: सर्दी का मौसम हल्की होती है और अक्टूबर के मध्य से फरवरी की शुरुआत तक रहती है। +घूमने का सबसे सुखद समय सितंबर से मार्च तक होता है, जब मौसम पर्यटन, ट्रैकिंग और नौका विहार के लिए आदर्श होता है। +केरल में 44 नदियाँ हैं जिनमें 41 नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं और 3 नदियाँ पूरब की ओर बहती हैं। +केरल में चार हवाई अड्डे हैं: कोच्चि (कोचीन कोझीकोड (कालीकट कण्णूर और तिरुवनंतपुरम (त्रिवेंद्रम)। +राज्य के भीतर लंबी दूरी की यात्रा के लिए ट्रेनें अच्छी हैं। अधिकांश ट्रेनें केरल के कई स्टेशनों पर रुकने वाली लंबी दूरी की ट्रेनें हैं। छोटी दूरी की ट्रेनें मुख्य रूप से इंटरसिटी पैसेंजर ट्रेनें हैं, जो केवल प्रमुख शहरों जैसे कि तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, पालक्काड, आलप्पुष़ा, कोल्लम, कोट्टायम, कोझीकोड, कन्नूर और त्रिशूर को जोड़ती हैं। भारतीय रेलवे केरल के भीतर और बाहर कई ट्रेनों का परिचालन करती है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से लंबी दूरी की सीधी ट्रेन सेवाएं भी उपलब्ध हैं। +ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए भारतीय रेलवे बुकिंग साइट पर लॉग ऑन करें या आप भारत के किसी भी दो गंतव्यों के बीच टिकट बुक करने के लिए किसी भी रेलवे स्टेशन तक चल सकते हैं। +बस द्वारा यात्रा केरल में सबसे पसंदीदा तरीका है। इससे उन स्थानों में जाया जा सकता है, जहाँ रेल द्वारा हम नहीं जा सकते हैं। कुछ निजी बस भी होते हैं, जिससे किसी स्थान में जाने के लिए उसे किराये पर ले सकते हैं। SETC जैसी तमिलनाडु स्टेट बस भी केरल से नियमित रूप से संचालित होती है। +केरल राष्ट्रीय राजमार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है: + + +सीताकुण्ड बिहार राज्य के मुंगेर ज़िले में एक महत्वपूर्ण स्थान है। यहां ५ कुंड है जिसमे से ४ कुंड जिनके नाम राम कुंड, लक्ष्मण कुंड, भरत कुंड, शत्रुघ्न कुंड और सीता कुंड है। जिसके नाम पर इस स्थान का नाम सीताकुंड पड़ा। सीताकुंड से गर्म जल निकलता है। + + +विकिमीडिया का वैश्विक समुदाय दुनिया के विभिन्न देशों में हमारे प्रभाव को बेहतर बनाने की रणनीति विकसित करने की प्रक्रिया में है। हमारी रणनीतिक दिशा: सेवा और समानता। 2030 तक, विकिमीडिया मुक्त ज्ञान के पारिस्थितिकी तंत्र का आवश्यक बुनियादी ढाँचा बन जाएगा, और जिसकी भी यह प्रतिबद्धता है वह हमारे साथ जुड़ने में सक्षम होंगे। +2017 में आंदोलन रणनीति प्रक्रिया का पहला चक्र शुरू हुआ था जिसमे हिंदी समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया था जिससे हम रणनीतिक दिशा की ओर बढ़ सके और अभी 2018 से 2020 तक दूसरा चक्र चल रहा है। इसमें हम विकिमीडिया की भविष्य की भूमिका को ध्यान में रखते हुए और अपनी संरचनाओं को अद्यतन करने के लिए एक सहयोगी रणनीति विकसित करने के लिए एक व्यापक चर्चा शुरू करेंगे जिससे हम 2030 तक अपनी रणनीतिक दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकें। +विकिमीडिया परियोजनाएं अपने उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को बेहतर ढंग से कैसे पूरा करें? हिंदी समुदाय के सदस्यों को विचार-विमर्श में भाग लेकर इस रणनीतिक दिशा को प्रभावित करने का न्योता दिया जा रहा है। +इन चर्चाओं से प्रतिक्रिया संरचनात्मक परिवर्तनों के लिए संस्तुति का आधार बनेगी जिसके साथ हम अपने रणनीतिक दिशा में सफलतापूर्वक और दृढ़ता से आगे बढ�� सकेंगे। +वे कौन सी बातें हैं जिनकी समुदाय को सबसे ज्यादा महत्वता है? हम आपके लिए आंदोलन की रणनीति प्रक्रिया को समझना कैसे आसान बना सकते हैं? भाषा और तकनीकी प्रवीणता बाधाओं को ध्यान में रखते हुए। आप इन चर्चाओं के लिए किन प्लेटफार्मों और मध्यस्थों को पसंद करेंगे? +नौ कार्यवाहक समूहों भूमिकाएं और ज़िम्मेदारियां, आय के स्रोत, संसाधन आबंटन, विविधता, सहभागिताएं, क्षमता निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य, उत्पाद व प्रौद्योगिकी और वकालत ने दस्तावेज तैयार किए हैं जिनमें हमारे आंदोलन की संरचनाओं से संबंधित विषयों पर मुख्य प्रश्न हैं। मई के अंत तक, हिंदी समुदाय के प्रत्येक सदस्य के पास इन सवालों के जवाब देने और स्कोपिंग दस्तावेजों पर अपनी राय साझा करने का मौका है। +आपके जवाब मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों की रूपरेखा तैयार करेंगे जिसे कार्यदल आगे बढ़ाएगा। वे हमारे आंदोलन की गहरी समझ हासिल करने, रोमांचक संभावनाओं की पहचान करने और बदलाव के लिए संस्तुति विकसित करने में मदद करेंगे। इन पहलुओं को विकिमेनिया 2019 में वितरित किया जाएगा। +सभी हिंदी भाषा उपयोगकर्ताओं से अनुरोध किया जाता है: +* पहचानें कि आप किस विषय (स्कोपिंग दस्तावेज़) में सबसे अधिक रुचि रखते हैं। +* रणनीति प्रक्रिया की परिचर्चा के लिए ऑन-विकी, सोशल मीडिया और ऑफ़लाइन वार्तालापों में मित्रवत स्थान नीति का पालन करना याद रखें। ध्यान केंद्रित चर्चाओं के लिए एक सुखद वातावरण सुनिश्चित करने के लिए इन अपेक्षाओं की आवश्यकता होती है जहां योगदानकर्ता सम्मानपूर्वक संलग्न होते हैं। +आपसे अनुरोध है कि आंदोलन रणनीति के पृष्ठों और स्कोपिंग दस्तावेजों को देखें; इनका अनुवाद पेशेवर अनुवादकों द्वारा किया गया है और यदि किसी तरह के बदलाव की आवश्यकता हो तो आप उसके मुताबिक बदलाव कर सकते हैं। इसके इलावा आंदोलन रणनीति से संबंधित कोई भी प्रश्न या संदेह हो, तो अवश्य पूछें। + + +नौ कार्यवाहक समूहों भूमिकाएं और ज़िम्मेदारियां, आय के स्रोत, संसाधन आबंटन, विविधता, सहभागिताएं, क्षमता निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य, उत्पाद व प्रौद्योगिकी और वकालत ने दस्तावेज तैयार किए हैं जिनमें हमारे आंदोलन की संरचनाओं से संबंधित विषयों पर मुख्य प्रश्न हैं। मई के अंत तक, हिंदी समुदाय के प्रत्येक सदस्य के पास इन सवालों के जवाब देने और स्कोपिंग दस्तावेजों पर अपनी राय साझा करने का मौका है। +जवाब मुद्दों, चुनौतियों और अवसरों की रूपरेखा तैयार करेंगे जिसे कार्यदल आगे बढ़ाएगा। वे हमारे आंदोलन की गहरी समझ हासिल करने, रोमांचक संभावनाओं की पहचान करने और बदलाव के लिए संस्तुति विकसित करने में मदद करेंगे। इन पहलुओं को विकिमेनिया 2019 में वितरित किया जाएगा। +अपनी रुचि के अंतर्गत आने वाले विषय में कार्यवाहक समूहों द्वारा तैयार किए गए। इन स्कोपिंग दस्तावेज़ों के बारे में टिप्पणी और सिफारिशें को ऊपर दिए गए गूगल फॉर्म में अपनी प्रतिक्रिया के रूप में छोड़ें। आप मेटा में इन स्कोपिंग दस्तावेज़ों के वार्ता पृष्ठ पर भी अपनें विचारों को छोड़ सकतें हैं। इसके अतिरिक्त, इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए हम प्रत्येक सप्ताह 2 विषयों पर विकी, हैंगआउट और सोशल मीडिया पर खुली चर्चा करेंगे। इसके लिए कार्यक्रम निम्नानुसार हैं: +सामुदायिक वार्तालाप का सारांश मासिक आधार पर मेटा पेज पर साझा किया जाएगा। जिस पर समुदाय को प्रतिक्रिया प्रदान करने का अवसर दिया जाएगा। + + +उनकी छोटी पत्नी ने अपने राज्य पर देश को स्वत्रंत होने 1947 तक किया. भारत को इंडिपेंडेंट देश बनने के बाद उस वक्त के देव राज्य के अटॉर्नी जॉर्नल मुनेश्वर सिंह ने देश मे विलय मर्ज के लिए हस्ताक्षर किया था और इस तरह से देव राज्य भारत देश मे विलय हो गया। +देव से पश्चिम दो किलोमीटर दूरी पर पतालगंगा नामक एक सिध तीर्थ स्‍थान हैा + +हरिद्वार जिसे हरद्वार भी कहा जाता है, भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक नगर है। +हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ है हरि का द्वार या भगवान विष्णु का द्वार। भारत में हिन्दुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले स्थानों में से एक हरिद्वार सदियों से हिन्दू धर्म और रहस्यवाद का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है और दुनिया भर से बड़ी संख्या में हिन्दू तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। गंगा नदी के तट पर बसे इस नगर का महत्त्व यह भी है कि यहाँ पर गंगा पहाड़ियों से उत्तर भारतीय मैदानों में उतरती है। +नगर में मनाये जाने वाले अन्य वार्षिक उत्सवों में शामिल हैं: +बैसाखी ndash; यह अप्रैल के महीने में आयोजित किया जाता है और झारखण्ड बिहार गुजरात उत्तर प्रदेश दिल्ली और हरियाणा से भक्तगण यहां बैसाखी मनाने के लिए एकत्रित होते हैं। +कांवड़ मेला जुलाई माह में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा वार्षिक उत्सव, जो लगभग ३ लाख लोगों को आकर्षित करता है। +कार्तिक पूर्णिमा नवम्बर माह में दीपावली के १५ दिन बाद पूर्णिमा की पहली रात्रि को आयोजित होता है। +सोमवती अमावस्या यह जुलाई माह में आयोजित होता है, और लगभग कांवड़ मेले जितना बड़ा होता है। +हालाँकि ये त्योहार रंगीन और आकर्षक होते हैं, परन्तु वे शहर के सीमित बुनियादी ढांचे पर तनाव डालते हैं; कभी कभी तो उसे तोड़ देने के बिन्दु तक। इनमें शामिल होने के लिए आते समय पहले से ही कमरे और टिकट बुक करा लें, और सड़क से यात्रा करने से बचें, क्योंकि इस समय ट्रैफिक जाम भयावह हो सकता है। +हरिद्वार भारत की राजधानी नयी दिल्ली से लगभग २०० किमी की दूरी पर स्थित है और भारत के सभी हिस्सों से सड़क और रेल नेटवर्क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सावन के महीने के दौरान हरिद्वार की यात्रा करने से बचना बेहतर है क्योंकि तब कांवड़ मेले के कारण यहाँ भारी भीड़ होती है और परिमाणस्वरूप सभी महत्वपूर्ण मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं और अधिकांश होटलों बसों ट्रेनों में भीड़ होती है। +मानसून के मौसम के दौरान (मई से अगस्त के अंत में) भी इस स्थान पर जाना अच्छा विकल्प नहीं है, क्योंकि वर्षा आपकी यात्रा में व्यवधान डाल सकती है। +दिल्ली से हरिद्वार जाने के लिए आप कार या निजी टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। ट्रेन से जाना भी अच्छा विकल्प है क्योंकि दिल्ली से यहाँ के लिए ट्रेनें लगातार उपलब्ध हैं और निजी कैब की तुलना में वे कम खर्चीली हैं। +[[देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा हरिद्वार से निकटतम हवाई अड्डा है। यह घरेलू हवाई अड्डा है और शहर के केंद्र से २० किमी की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से हरिद्वार के लिए टैक्सी का किराया लगभग ₹४०० है। जॉली ग्रांट के लिए दिल्ली से लगातार उड़ानें उपलब्ध हैं। +नगर से लगभग २०० किमी दूर, दिल्ली निकटतम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो घरेलू और विदेशी हवाई अड्डों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। +हरिद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन (स्टेशन कोड: एचडब्लू) भारत के लगभग सभी प्रमुख नगरों से रेलमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ से दिल्ली (प्रत्येक ४-५ घण्टे के अन्तराल पर) और देहरादून (प्रत्येक १ घण्टे के अन्तराल पर) के लिए लगातार ट्रेनें हैं। ऋषिकेश के लिए भी प्रतिदिन कुछ रेलगाड़ियाँ चलती हैं, लेकिन वहां जाने के लिए बसें बेहतर विकल्प हैं क्योंकि वे तेज़ हैं और संख्या में भी अधिक हैं। रेलवे स्टेशन शहर के दक्षिण में स्थित है, और अधिकांश होटलों से पैदल दूरी पर है, लेकिन हर की पौड़ी से लगभग २ किमी दूर है। +हरिद्वार आने के लिए प्रमुख ट्रेनें निम्न हैं: +!आप यहां से चढ़ सकते हैं +!आप यहाँ उतर सकते हैं +हरिद्वार का बस अड्डा रेलवे स्टेशन के समीप ही है, लेकिन वहां चहुंओर अव्यवस्था व्याप्त है और अंग्रेजी में किसी भी प्रकार के कोई संकेत-चिह्न नहीं है। दिल्ली से (सैद्धांतिक रूप से ४ घण्टे दूर, अभ्यास मे�� लगभग ६-८ घण्टे ऋषिकेश से (१ घण्टे दूर और उत्तर भारत के अन्य सभी महत्वपूर्ण शहरों से हरिद्वार के लिए नियमित बस सेवाएं हैं। बस की बुकिंग करने से पहले बस की स्थिति की जांच करें, और हमेशा कुशन और पुश-बैक सीटों को प्राथमिकता दें क्योंकि लम्बा और ऊबड़-खाबड़ सफर आपके मिजाज और शरीर दोनों को बिगाड़ सकता है। +हरिद्वार के केन्द्रीय क्षेत्र को आप पैदल ही आराम से कवर कर सकते हैं। हालांकि, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर टैक्सी और ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध हैं। +हरिद्वार वैसे तो अन्य शहरों से अच्छी तरह से ट्रेन और बसों के माध्यम से जुड़ा हुआ है, लेकिन अग्रिम में बुकिंग करना याद रखें, खासकर तीर्थयात्रा के मौसम के दौरान। +आम तौर पर निकट दूरी के लिए साइकिल रिक्शा पर ₹१० लगते हैं, जबकि लम्बी दूरी के लिए (जैसे रेलवे स्टेशन से हर की पौड़ी तक) ₹२५ लगते हैं। यदि आप आश्रमों और स्थानीय मन्दिरों की यात्रा के लिए तीन घंटे से अधिक समय के लिए टैक्सी किराए पर लेना चाहते हैं तो आपका ₹४०० का खर्चा आ सकता है। समान दूरी के लिए, ऑटो-रिक्शा की कीमत लगभग ₹२०० तक हो सकती है। +| content नगर के केन्द्र से ५ किमी उत्तर में स्थित। भारत माता को समर्पित, यह आधा मन्दिर, आधा राष्ट्र निर्माण अभ्यास है, जिसमें सात मंजिलें हैं, जो सभी भारतीय धर्मों के देवताओं, संतों और धर्मनिरपेक्ष नायकों के से भरी पड़ी हैं। कुछ संकेत-चिह्न अंग्रेजी में हैं। +| content=नील पर्वत पर चण्डी देवी को समर्पित एक मन्दिर। इसे १९२९ में कश्मीर के राजा, सुचात सिंह ने बनाया था। कहा जाता है कि मन्दिर की मूर्ती आठवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित की गई थी। एक केबल कार मन्दिर की यात्रा के लिए उपलब्ध है +| content नगर के केंद्र के उत्तर में स्थित, यह हरिद्वार का मुख्य बिन्दु है, जहाँ भक्त गंगा नदी में स्नान करने और पूजा करने के लिए एकत्रित होते हैं। किंवदंती के अनुसार यही वह जगह है जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत की एक बूंद गिर गई थी, और यहाँ एक पत्थर की दीवार में विष्णु के पदचिह्न हैं। लगभग १९:०० के आसपास हर शाम सर्दियों में १७:४५ पर) हजारों लोग नदी में दीये डालकर देवी की पूजा करते हैं। यदि आप घाटों के पास घूमते हैं तो आपको दान करने के लिए कहा जा सकता है। अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत होने वाले चोर-उचक्कों से सावधान रहें। यदि आप दान करना चाहते हैं तो घा��ों के मध्य में प्रकाश खम्भों के चारों ओर दानपात्र रखे हुए हैं। +| content= ऊपरी सड़क पर स्थित। यह मन्दिर ५१ "शक्ती पीठों" में से एक है। इसी मन्दिर से हरिद्वार को इसका दूसरा नाम मायापुर मिलता है। +| content= नगर के केन्द्र के पास पहाड़ी की चोटी पर स्थित। केबल कार (वापसी टिकट के लिए ₹४८) या रेलवे रोड से शुरू होने वाली (लगभग २ किमी की) धीमी गति से चलने वाली सड़क से पहुंचा जा सकता है। मन्दिर सौंदर्यवादी रूप से विशेष रूप से उल्लेखनीय नहीं है, लेकिन यहाँ के दृश्य भव्य हैं। केबल कार में चढ़ते समय, और मन्दिर में प्रवेश करते समय एक बार फिर लम्बी कतार में लगने को तैयार रहे: भीड़ नियंत्रण के कुछ अल्प प्रयास के बावजूद, भक्तों की भीड़ इसे एक बहुत ही गहन अनुभव बना सकती है। +| content=हरिद्वार के बाहर और राजाजी नेशनल पार्क के भीतर स्थित यह शांत और धार्मिक स्थल एक दर्शनीय स्थल है। वन रेंजरों से इस स्थल में प्रवेश की अनुमति लेना आवश्यक है। +| content=पार्क में घूमते समय आप हाथी, तेंदुए और हिरण देख सकते हैं। पक्षी जीवन यहाँ विपुल है और हाथियों की भी एक बड़ी आबादी है। ५ घण्टे के दौरे की लागत लगभग ₹१,८०० प्रति व्यक्ति है, और यह मध्य दोपहर या सुबह के दौरान किया जा सकता है। यह हिमालय की तलहटी में हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी जिलों में फैला हुआ है। +| content=नौ दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर, जहाँ वैज्ञानिक अध्यात्म यानी योग, यज्ञ, ध्यान, प्रार्थना, प्रेरक संगोष्ठी, कार्यशाला, गीत और जीवन जीने की कला सिखाया जाता है। पंजीकरण आवश्यक। दिनांक: १-९, ११-१९, २१-२९ पूरे वर्ष में हर महीने तीन शिविर। +| content= पतंजलि योग पीठ हरिद्वार में आयुर्वेद और योग गतिविधियों का केंद्र है। यह महर्षि पतंजलि को श्रद्धांजलि के रूप में बनाया गया है, जिन्होंने योग के आविष्कार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह आश्रम स्वामी रामदेव की देखरेख में संचालित होता है, जो पूरी दुनिया में योग को बढ़ावा देते रहे हैं। +हरिद्वार भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। गंगा नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर के तीर्थयात्री इस पवित्र शहर में आते हैं। तीर्थाटन यहाँ आने का उनका मुख्य उद्देश्य होने के कारण, हरिद्वार में खरीदारी करना सामान्य तौर पर यहाँ आने वाले पर्यटकों की प्राथमिकता नहीं होती है। +हालांकि हरिद्वार की दुकानों में पर्यटक���ं को कुछ दिलचस्प चीजें मिल सकती हैं। नगर के मुख्य खरीदारी केंद्र मोती बाजार, ऊपरी सड़क, ज्वालापुर और कनखल हैं। आप सरकारी हथकरघा और हस्तशिल्प एम्पोरियम और गांधी आश्रम भी देख सकते हैं, जहाँ हस्तकला सजावटी टुकड़ों की एक श्रृंखला मिलती है। यदि आप आभूषणों में रुचि रखते हैं, तो आप विभिन्न प्रकार के नकली आभूषणों में से चुन सकते हैं जो अच्छे फैशन एक्सेसरी साबित होते हैं। +हरिद्वार में, आप बड़े करीने और जटिलता से तराशी गयी नक्काशीदार पत्थर की मूर्तियाँ पाएंगे, जो अद्वितीय स्मृति चिन्ह बनते हैं। यह आकर्षक है कि इन पत्थरों को गंगा अपने साथ कई जगहों से बहा कर ले आयी और वे अंततः ऋषिकेश में जमा होते हैं जहाँ नदी मैदानों में प्रवेश करती है। इससे पत्थरों को अद्भुत आकार और एक प्राकृतिक पॉलिश मिलती है। मूर्तियों के अलावा, पत्थर से बने रसोई सेट खिलौने भी मिलते हैं, जो दिलचस्प हैं। +| content=यहाँ रुद्राक्ष की माला, स्फटिक की माला, चन्दन की माला और चन्दन से बने अन्य सामान मिलते हैं। +हरिद्वार विशुद्ध रूप से शाकाहारी नगर है। +| content= नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए अच्छा स्थान। भगवती छोले वाला, एक पुरानी संस्था है, जहाँ छोले-भटूरे, छोले के साथ बन-ब्रेड, छोले-चावल तथा छोले की ग्रेवी और में बन-ब्रेड का मिश्रित कीमा जैसा नाश्ता मिलता है। यहाँ काफी भीड़ रहती हैं और आमतौर पर हर भोजन के साथ गर्म छोले परोसे जाते हैं। भोजन की कीमत ₹३० प्रति प्लेट है, जिसे पत्ते से ढक कर परोसा जाता है। +| content= मूल, अपरिचित चोटीवालास होने का दावा करने वाली यह हरि की पौड़ी से दक्षिण की ओर चलते हुए कदमों के ठीक नीचे पहली दुकान है। "चोटीवालास स्पेशल ₹७५) एक मलाईदार टमाटर के आधार में पनीर और सब्ज़ियों का एक मिश्रण है, जिस पर पनीर और दही डालकर परोसा जाता है। +| content= हरिद्वार मैकडॉनल्ड्स के जितना निकटतम (बहुत अधिक नहीं) जाता है, वह चोटीवालास है, जो दक्षिण और उत्तर भारतीय व्यंजनों का एक विस्तृत मेनू पेश करता है, जिसमें कुछ भारतीय-चीनी व्यंजन भी शामिल हैं। अधिकांश भोजन ₹६० के आसपास है। +| content=यह एक स्वादिष्ट बंगाली भोजनालय है, जो दोपहर और रात का खाना परोसता है। देहरादून चावल में घी, फ्राई, दो सब्जियां, चटनी, दाल, आदि कई सर्विंग्स सहित यहाँ की कीमत ₹४५ प्रति प्लेट हैं। + + +मेरा नाम अनिरुद्ध कुमार है। मैं विकिपीडिया, विकि��्रोत तथा विकि पुस्तक का नियमित उपयोगकर्ता तथा योगदानकर्ता हूँ। + + +जिला बरेली तहसील आंवला ग्राम ब्राहिमपुर + + +अप्रैल से जून माह तक साँची में गर्मियां पड़ती है एवं तापमान औसतन अधिकतम ४२ डिग्री तक पहुँच जाता है। जुलाई से मध्य सितंबर माह तक यहाँ बरसात होती है। यहाँ औसतन इन माह में ३५० एमएम से अधिक वर्षा होती है। पर्यटन हेतु जनवरी से मार्च माह तक एवं मध्य सितंबर माह से दिसंबर माह तक यहाँ सर्वोत्तम मौसम होता है। +यहाँ हिंदी प्रमुख भाषा है इसके अतिरिक्त यहाँ बुंदेलखंडी भाषा का भी बहुतायत में प्रयोग होता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल होने के कारण यहाँ अंग्रेजी भाषा के भी जानकार लोग हैं। +यहाँ पहुँचने के लिए आवागमन के कई साधन जैसे रेल मार्ग सड़क मार्ग एवं के तथा निकटवर्ती हवाई अड्डे उपलब्ध है +साँची के निकटतम हवाई अड्डे राजा भोज हवाई अड्डा (BHO) ४६ कि॰मी॰ देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा (IDR) २१५ कि॰मी॰ डुमना स्थित जबलपुर हवाई अड्डा (JLR) २४२ कि॰मी॰ दूर है। +आप इन निकटतम हवाई अड्डों के द्वारा मुंबई (BOM नई दिल्ली (DEL हैदराबाद (HYD रायपुर (RPR) से साँची पहुँच सकते हैं। +साँची एक रेलवे स्टेशन भी है जो कि दिल्ली-मुंबई मुख्य रेलवे मार्ग पर स्थित है यहाँ कई गाड़ियां रूकती है। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन विदिशा एवं भोपाल है। +सांची सड़क मार्ग से विदिशा एवं भोपाल शहर से जुड़ा है आप यहाँ निजी टैक्सी अथवा बस एवं मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की बस के माध्यम से भी आ सकते हैं। +सांची में ठहरने हेतु आजकल कई होटल हो गए हैं लेकिन इनमें मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग का होटल प्रमुख है। +साँची के निकट ही कई और घूमने लायक जगह है, जैसे उदयगिरी की गुफाएं, माला देवी का मंदिर, भोपाल इत्यादि। + + +पश्चिम बंगाल भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक राज्य है। अपने 9 करोड़ आबादी (2011 के अनुसार) के साथ यह भारत का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यह क्षेत्र के अनुसार भारत का तेरहवाँ सबसे बड़ा राज्य है। इसकी सीमा पूर्व में बांग्लादेश नेपाल और उत्तर में भूटान से मिलता है। इसकी सीमा भारतीय राज्यों ओडिशा, झारखंड, बिहार, सिक्किम और असम से मिलता है। इस राज्य की राजधानी कोलकाता कलकत्ता) है, जो भारत का सातवाँ सबसे बड़ा शहर है, जिसे भारत की सांस्कृतिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। पश्चिम बंगाल में दो विश्व धरोहर स्थल है। +पश्चिम बंगाल में 23 जिले हैं। +mdash; फ्रांस का एक पूर्व उपनिवेश था। +पश्चिम बंगाल का इतिहास 20,000 साल पहले का रहा है। यह क्षेत्र मगध साम्राज्य का भाग था। इसके व्यापारिक रिश्ते बर्मा (म्यांमार थाईलैंड और सुमात्रा से थे। +बंगाली यहाँ की मुख्य भाषा है, और इसके अलावा स्थानीय लोग काफी हद तक अंग्रेजी भी समझ लेते हैं। दार्जिलिंग क्षेत्र की मुख्य भाषा नेपाली है। +उत्तर बंगाल में अधिकतम 200-400 से॰ मी॰ वर्षा दर्ज होती है। वहीं तटीय इलाकों में यह 200 से॰ मी॰ के आसपास रहती है। पर पश्चिमी पठार इलाकों में यह आंकड़ा गिर कर 100 से 150 से॰ मी॰ के मध्य आ जाता है। पुरुलिया और बांकुरा जैसे जिलों में कभी कभी सूखे जैसी स्थिति बन जाती है। +यह मछलियों और मीठा-मटन के मामले में काफी प्रसिद्ध है, हालांकि यहाँ की कुछ शाकाहारी खाने भी इसकी विशेषता है। कुछ बड़े शहर जैसे कोलकाता में आपको पूरे देश के अलग अलग पकवान मिल जाएँगे तो कहीं आपको चीनी, थाई आदि के मिलेंगे। + + +| style="background fff valign=top साँचा:ज्ञास इसका प्रयोग लेख में एक ज्ञानसंदूक बनाने में किया जाता है जिसमें कोई महत्वपूर्ण अथवा रोचक जानकारी दिखलाई जा सकती है। इसका प्रयोग कभी-कभार ही करना चाहिए। + + +लेखों में चित्रों के प्रयोग से सिर्फ उस लेख की खूबसूरती ही नहीं बढ़ती, बल्कि एक यात्रा गाइड के रूप में उसकी उपयोगिता भी बढ़ती है। पर इसका मतलब ये नहीं है कि आप किसी छोटे से लेख में कई सारे चित्र भर दें। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि लेख में चित्रों की संख्या शब्दों के अनुपात से अधिक न हो। +चित्रों का प्रकार निम्न में से कोई एक होना चाहिए: +* PNG पाठ या मैप या कम्प्युटर द्वारा निर्मित चित्रों हेतु +* SVG आइकॉन और मैप स्रोत हेतु +अच्छे बड़े आकार के चित्रों को अपलोड करना बेहतर है। इससे यात्रियों को पर्यटक स्थलों के बारे में ज्यादा अच्छी तरह जानकारी मिल सकेगी। +अपने या किसी व्यक्ति की तस्वीर + + +भूटान को सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है, जो आगे चलकर 20 जिलों (एकवचन और बहुवचन) में विभाजित हैं:- +वन्यजीव अभयारण्य और प्रकृति भंडार +* 2 जनवरी शीतकालीन संक्रांति (पश्चिमी भूटान में उत्सव)। +* 21–23 फ़रवरी- एचएम की पांचवीं किंग जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की जयंती। +* 2 मई तीसरे राजा जिग्मे दोरजी वां���चुक की जयंती। +* अप्रैल या मई शबद्रुंग कुचो (1651 ईस्वी में शबद्रुंग न्वांग नामग्याल के निधन की याद में)। +* मई या जून भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण का स्मरणोत्सव। +* जून या जुलाई गुरु रिनपोछे के जन्म की वर्षगांठ। +* जुलाई या अगस्त भगवान बुद्ध का पहला धर्मोपदेश। +* सितंबर या अक्टूबर हिंदी कैलेंडर में 6 वें महीने (अश्विन) का पहला दिन दशान का हिंदू समारोह। +* सितंबर या अक्टूबर थिम्फू सेचू । +* 1 नवंबर महामहिम राजा का राज्याभिषेक दिवस। +* 11 नवंबर संविधान दिवस पर भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंगये वांगचुक की जयंती +* नवंबर (तिब्बती कैलेंडर में 10 वें महीने का 22 वां दिन भगवान बुद्ध का अवतरण दिवस। +* 17 दिसंबर राष्ट्रीय दिवस, भूटान के पहले वंशानुगत राजा, उइगेन वांगचुक के 1907 के राज्याभिषेक की याद में। +उपयुक्त राष्ट्रीय छुट्टियों के अलावा, कई त्यौहारों छुट्टियां भी हैं जो क्षेत्रीय रूप से मनाई जाती हैं। +पारो और थिम्पू परंपरागत रूप से सबसे लोकप्रिय रहे हैं, किन्तु पर्यटकों को छोटे और ग्रामीण त्योहार में सम्मलित होना ही अत्यधिक अंतरंग महसूस करते है। +वर्ष भर होने वाले अन्य त्योहार हैं:- +दूसरा भूटान बर्ड्स महोत्सव (BBF) 11-13 नवंबर, 2019 को ज़िंगगैंग के तिंगटिबी में आयोजित किया गया। +[[भूटानी या दोज़ोंगख पश्चिमी भूटान में रहने वाले अधिकांश लोगों की राष्ट्रीय और मातृभाषा भाषा है। शार्कोप पूर्वी भूटान में बोली जाने वाली एक प्रमुख क्षेत्रीय भाषा और बुमथांग भाषा बुमथांग क्षेत्र में बोली जाती है। सीमाओं से सटे शहर के ज्यादातर लोग नेपाली भाषा का प्रचलण में लाते हैं। इसके साथ ही अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं को शहरी क्षेत्रों में अधिकांश लोग बोलते हूए देखा जा सकता है। +भूटान अपनी सांस्कृतिक और पर्यावरण धरोहर के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटकों के घुमने के स्थान पारो, थिम्फू, पुनाखा, फोबजीखा और जकार लोकप्रिय गंतव्य हैं। इसके अलावा, ज़ेमागांग (पक्षी स्वर्ग, उत्कृष्ट वन्यजीव देखने) और पूर्वी भूटान के बेरोज़गार क्षेत्र को पर्यटन के लिए खोल दिया गया है। जिनमें निम्नलिखित हैं- +# टकत्संग मठ पारो यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों में से एक है। +# कुरजे लखंग, जकर यह गुरु रिनपोचे के शरीर के दिवारो के साथ एक गुफा के चारों ओर एक मंदिर बनाया गया है। इस तरह यह देश का सबसे प्राचीन बौद्ध अवशेष मे��� आता है। +# बुद्ध डोरडेन्मा यह भूटान के पहाड़ों में निर्माणाधीन विशाल शाक्यमुनि की बुद्ध प्रतिमा है। +भूटान की यात्रा का सबसे अच्छा समय वसंत और सर्दियों का मौसम है। वसंत (मार्च से जून) में जकरंडा और रोडोडेंड्रोन के जैसे फूल खिलते है। और सर्दियों में (अक्टूबर से दिसंबर) बर्फ से ढकी हिमालयन विस्तार दृश्य दिखा जा सकता है। +चावल हर भोजन के साथ एक प्रधान है; पारंपरिक रूप से लाल चावल, लेकिन सफेद चावल अब भी आम है। मिर्ची या पनीर के साथ पकाए गए सब्जी या मांस व्यंजन के साथ व्यंजन शामिल हैं। +चावल के साथ एमा दत्ती मिर्च भूटानी भोजन में एक प्रमुख स्वाद है। यह छोटा लाल मलादार मिर्च न केवल हर व्यंजन में जोड़ा जाता है, बल्कि अक्सर इसे कच्चा भी खाया जाता है। +भूटानी व्यंजनों मसालेदार मिर्च और पनीर से भरपूर होते हैं। सभी होटल, रिसॉर्ट और रेस्तरां स्वादिष्ट भूटानी भोजन, चीनी, कॉन्टिनेंटल और भारतीय व्यंजनों की पेशकश करेंगे। +चावल भूटानी भोजन का मुख्य शरीर है। यह मांस या सब्जियों से युक्त एक या दो साइड डिश के साथ होता है। सूअर का मांस, बीफ और चिकन सबसे ज्यादा खाया जाता है। आमतौर पर खाई जाने वाली सब्जियों में पालक, कद्दू, शलजम, मूली, टमाटर, नदी खरपतवार, प्याज और हरी फलियाँ शामिल हैं। चावल और जौ जैसे अनाज की खेती देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय जलवायु पर आधारित होती है। +निम्नलिखित कुछ सबसे लोकप्रिय भूटानी व्यंजनों की सूचीयां है:- +एमा दत्शी यह भूटान की राष्ट्रीय डिश है। मिर्च का एक मसालेदार मिश्रण और स्वादिष्ट स्थानीय पनीर जिसे दत्शी के रूप में जाना जाता है। यह व्यंजन लगभग हर भोजन का एक मुख्य स्रोत है और पूरे देश में पाया जा सकता है। एमा दत्शी की भिन्नताओं में हरी बीन्स, फ़र्न, आलू, मशरूम को शामिल है। +मोमोज इन तिब्बती शैली के पकौड़ों में सूअर का मांस, बीफ या गोभी और पनीर भरा हुआ होता है। यह विशेष अवसरों के दौरान पारंपरिक रूप से खाया जाता है। +फकसा पोर्क पोर्क मसालेदार लाल मिर्च के साथ पकाया जाता है। इस डिश में मूली या पालक सब्जीयां भी शामिल हो सकते हैं। +हरनोट सुगंधित एक प्रकार का अनाज पकौड़ी शलजम साग पनीर पालक और अन्य सामग्री के साथ होता है। +जशा मारू मसालेदार कीमा बनाया हुआ चिकन, टमाटर और अन्य सामग्री जो आमतौर पर चावल के साथ परोसी जाती है। +लाल चावल यह चावल भूरे रंग क�� चावल के समान और बेहद पौष्टिक से भरपूर होता है। पकने पर यह हल्का गुलाबी, मुलायम और थोड़ा चिपचिपा होता है। +गोएप (ट्रिप हालांकि कई देशों में ट्रिप की लोकप्रियता कम हो गई है लेकिन भूटान में अभी भी इसका आनंद लिया जाता है। अधिकांश अन्य मांस व्यंजनों की तरह, यह मसालेदार मिर्च और मिर्च पाउडर के साथ पकाया जाता है। +मिर्च और पनीर से बना एक पारंपरिक भूटानी व्यंजन- +ईएमए-दत्शी ईमा का अर्थ है मिर्च और दत्सी एक प्रकार का पनीर होता है, इसलिए ईमा-डैटी क्रीम पनीर के साथ जलेपीनोस के समान होता है। +किमा-दत्शी यह एक आलू, पनीर और मिर्च का पकवान होता है। +शामू ह्वेल-दत्शी यह एक मशरूम, पनीर और मिर्च का पकवान होता है। +केवा-डैटी और शमू-डैटी ईमा-डैटी से कम गर्म होते हैं; सभी तीन व्यंजन आम तौर पर चावल के साथ ही परोसे जाते हैं। +मटर पनीर हालांकि यह भूटानी व्यंजन नहीं है, लेकिन करी मटर और पनीर का यह भारतीय स्टेपल पूरे भूटान में आसानी से उपलब्ध है और इसलिए यह शाकाहारियों के लिए एक अतिरिक्त विकल्प है। +पनीर मोमो यह एक छोटा धमाकेदार रोटी जिसमें पारंपरिक रूप से पनीर, गोभी और कभी-कभी प्याज होते हैं। हालांकि, इन दिनों गोभी के लिए हरी पपीता सहित अन्य सब्जियों को भी लिया जा रहा है। +खुली यह एक प्रकार का अनाज पेनकेक्स है। इसे अक्सर चावल के विकल्प के रूप में ईमा-डैटी के साथ परोसा जाता है। +पुत यह एक प्रकार का अनाज नूडल्स डिश है जो आमतौर पर दही के साथ परोसा जाता है। +अतः भूटान में भोजन की गुणवत्ता अच्छी के साथ ही बहुत सस्ती भी है। भोजनालय के कैंटीन पूरे देश में विद्यमान है। +आरा यह एक स्थानीय आत्म चावल या मकई से पीस कर बनाया जाता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की लोकप्रिय पेय पर्दाथ रहा है। +चाय असम और दार्जिलिंग के चाय उगाने वाले क्षेत्रों के बगल में स्थित होने के कारण भूटान में एक वाष्पशील कुप्पा लोकप्रिय पेय पदार्थ है, जिसमें मक्खन किस्म (सुजा) और मीठे दूध की किस्म (चाय) दोनों ही आसानी से उपलब्ध हैं। मक्खन की चाय बहुत ही पारंपरिक है, लेकिन इसका स्वाद काफी तीखा होता है और यह तिब्बती चाय के समान है, जबकि मीठे दूध की तरह पीने योग्य पेय पदार्थ भारतीय चाय की समान है। +कॉफ़ी अभी हाल में ही कॉफी उत्पादन की शुरुआत की गई है। थिम्फू में कुछ अच्छे कैफे हैं। हालांकि, अधिकांश भाग के लिए, भूटान में कॉफी का तात्पर्य तात्कालिक किस्म है जिसे सफेद या काले रंग में परोसा जाता है। +बीयर यहां के मुख्य स्थानीय बियर भूटान ब्रेवरी (2006 की स्थापना ताशी समूह समूह का हिस्सा हैं, जिसे 650 मिलीलीटर की बोतलों में बेची जाती हैं: ड्रुक 11000 (8 सबसे सस्ती शराब है; थोड़ा उच्च गुणवत्ता और कम शराब ड्रुक लेगर प्रीमियम (5 और ड्रुक सुप्रीम (6 हैं इनमें से कोई भी विशेष रूप से अच्छा नहीं है। कभी-कभी रेड पांडा वेइसबीर (गेहूं की बीयर) भी होता है, जो अच्छा है। +* भूटान में पूर्व या शासकीय राजा का बहुत ही सम्मान किया जाता है। अतः स्थानीय लोगों से बातचीत करने के दौरान बेहद ध्यान रखना बुद्धिमानी होंगी। +* हमेशा अपने दाईं ओर वस्तु के साथ मणि पत्थर, स्तूप और अन्य धार्मिक स्थानों से होकर गुजरे, और प्रार्थना के पहियों को घड़ी की दिशा में ही घुमाएं। मणि पत्थर या स्तूप पर कभी न बैठें। +* मंदिरों का दौरा करते समय, जूते और हेडगेयर को हटा दें और ऐसे कपड़े पहनें जो उस जगह की पवित्र प्रकृति के लिए सम्मान व्यक्त करते हो। आपको यहां तक पतलून और लंबी शर्ट पहनने की आवश्यकता भी हो सकती है। +* मठों में सम्मान के संकेत के रूप में भिक्षुओं को एक छोटा दान देने का रिवाज है; और यह उदार और विशालाकय मन को बौद्ध प्रतिमाओं के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। प्रत्येक मंदिर में कई स्थान हैं जहाँ आप दान कर सकते हैं, और यह अपेक्षा की जाती है कि आप प्रत्येक स्थान पर दान करें। +* मठों और सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करना अवैध है। तम्बाकू (सिगरेट, चबाने वाले तंबाकू आदि) से युक्त उत्पादों को पूरे भूटान में प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाता है (जो ऐसा करने वाला दुनिया का एकमात्र देश है) और इस तरह के आमान्य व्यवहार के लिए दंड गंभीर भी हो सकता है। + + +मालदीव दक्षिण एशिया के हिन्द महासागर में स्थित एक द्विपसमूह है। यहां के शानदार समुद्री तट, विचित्र नीले पानी और कई आनन्द से परिपूर्ण पर्यटन स्थल, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। +मालदीव के प्रवाल द्वीप लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर में फेला क्षेत्र है।, जो इसे दुनिया के सबसे पृथक देशों में से एक बनाता है। इसमें 1,192 टापू और 26 प्रवाल भित्ति में बंटा हैं, जिसमें से 200 घने आबादी वाले बस्ती के साथ 154 द्विप मौजूद है। मालदीव गणराज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। माले, जिसकी आबादी 103,693 (2006) है। यह काफू प्रवाल द्वीप में, उत���तर माँले प्रवाल द्वीप के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। यह मालदीव का एक प्रशासकीय विभाग भी है। +मलादीप में 21 प्रशासनिक शहर और उत्तर से दक्षिण में केवल 10 पर्यटन स्थल खुले है। जिनमें- +| region4items=उत्तर और दक्षिण माले का प्रवाल भित्ति। +| region5description=काफू के पश्चिम में, दूसरा सबसे लोकप्रिय स्थान। +| region10description=सबसे दक्षिणी छोर का प्रवाल भित्ति, आबादी में दूसरा और गण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का स्थान। +| region4description=राजधानी और जनसंख्या में सबसे बड़ा शहर। +| region5description=जनसंख्या में दूसरा सबसे बड़ा शहर। +| region6description= जनसंख्या में तीसरा सबसे बड़ा शहर। +मालदीवियन (धीवेही सिन्थला (श्रीलंका में बोली जाने वाली) की करीबी भाषा हैं, लेकिन उर्दू, हिंदी, अरबी और कई अन्य आधिकारिक भाषा है। यह थाना नामक एक उल्लेखनीय संकर लिपि में लिखा गया है, जो अरबी और इंडिक संख्याओं को वर्णमाला के आधार के रूप में उपयोग किया जाता है, जो अरबी स्वर संकेतों के साथ दाईं से बाईं ओर लिखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि स्क्रिप्ट को जादुई फॉर्मूले लिखने के लिए एक गुप्त कोड के रूप में उत्पन्न किया गया है ताकि बाहरी लोग उन्हें पढ़ ना सकें। +अंग्रेजी व्यापक रूप से सरकारी अधिकारियों और पर्यटन उद्योग में काम करने वालों द्वारा बोली जाती है। और अंग्रेजी स्कूलों में शिक्षा की भाषा भी है। चूंकि मालदीव जर्मन और इतालवी अवकाश निर्माताओं के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, इसलिए स्थानीय रिज़र्व श्रमिकों की एक बड़ी संख्या जर्मन और इतालवी बोलते है। +एक सामान्य मालदीवियन भोजन में मसरोइपास्ट्रीज़, मेस रीहा फिश करी, पपरु, ग्रिल्ड फिश, चावल और मीठी काली चाय आदि है। +मालदीवियन भोजन विशेष रूप से टूना (कंदू मास) के साथ मछली होता है। और यह दक्षिण भारतीय परंपरा, विशेष रूप से केरल से बहुत अधिक आकर्षित करता है। व्यंजन में अक्सर नारियल के साथ गर्म, मसालेदार और स्वाद वाले होते हैं, लेकिन बहुत कम सब्जियों का उपयोग किया जाता हैं। एक पारंपरिक भोजन में चावल, के साथ एक मछली शोरबा, जिसे गढ़िया कहा जाता है और चूने, मिर्च और प्याज के साइड डिश होते हैं। रीहा के रूप में जाना जाने वाली मुद्राएं भी लोकप्रिय हैं और चावल को अक्सर रोटी, भारतीय रोटी के लिए अखमीरी रोटी, और पापारू, खस्ता भारतीय पॉपपैड्स के मालदीवियन संस्करण के साथ पूरक किया जाता है। कुछ अन्य सामान्य व्यंजन��ं में शामिल हैं: +* मास हुनी कसा हुआ नारियल और प्याज के साथ स्मोक्ड मछली, यह आमतौर पर मालदीव का नाश्ता है। +* फ़िहानू मास इसे बर्बरीक मछली को मिर्च के साथ पकाया जाता है +* हदीका यह हमेशा मछली आधारित और गहरे तले हुए, किसी भी मालदीवियन रेस्तरां में पाए जा सकते हैं। +* बाजिया पेस्ट्री मछली, नारियल और प्याज के साथ होता है। +* गुल्ला पेस्ट्री बॉल्स स्मोक्ड मछली के साथ होता है। +* लूली मसला मिर्च और लहसुन के साथ तली हुई मछली होती है। +मालदीव एक मुस्लिम राष्ट्र है। अतः स्थानीय तौर पर शराब पूरी तरह से प्रतिबंध है। लेकिन लगभग सभी रिसॉर्ट्स, लाइव-नावों और नावों वाले हुलहुले द्वीप होटल (हवाई अड्डे के समान द्वीप पर) को इसकी सेवा के लिए लाइसेंस दिया जाता है। +मालदीव पहुंचने के मुख्य चार साधन है, घरेलू उड़ान, नाव, समुद्री जहाज और निजी नौका (लिवबोर्ड) है। वेलन इंटरनेशनल एयरपोर्ट माले राजधानी ठीक बगल हुले द्वीप पर स्थित है। यह हवाई अड्डा चीन, भारत, श्रीलंका, के साथ दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रमुख देशों को जोड़ता है। गन एयरपोर्ट एद्दे प्रबाल भित्ति के दक्षिणी छोर पर स्थित, कई अंतरराष्ट्रीय उड़ाने प्रदान करती है। +यात्रियों को मालदीव लेजाने के लिए रोजना नौका की उपलब्धता नहीं है। साथ ही मालदीव में कुत्तों को पूरी तरह से प्रतिबंधित है। और रात में यहां समुद्री जहाज नहीं चलाया जाता जिसके फलस्वरूप यात्रियों को रात होटलों में बिताने के लिए अत्यधिक पैसे चुकना भी पड़ सकता है। मालदीव का कोई बिंदु माले से, विमान द्वारा 90 मिनट से अधिक दूर नहीं है, और यात्रियों के आने-जाने के लिए दूर-दराज टैक्सी की उपलब्धता है। + + +उमेश जैन दिल्ली में रहने वाले एक निवासी है जिनके दुनिया में काफी लोग पसन्द किया करते है टिक टॉक के सुपर स्टार रह चुके है इनके विडियो देश विदेश में काफी पसंद किए जाते थे उमेश जैन की शिक्षा श्री अरबिंदो विश्वविद्याल से करी है + + +[[ईसाई और इस्लाम के बाद हिंदू धर्म दुनिया का तीसरा सबसे अधिक प्रचलित धर्म है। कई हजारों वर्षों के इतिहास के साथ, यह दक्षिण एशिया में प्रमुख धर्म है और दक्षिण पूर्व एशिया में बहुत प्रभावशाली रहा है, इसकी उत्पत्ति बौद्ध धर्म और जैन धर्म के साथ हुई है। +हिंदू धर्म एक अत्यंत विविध धार्मिक और आध्यात्मिक परंपरा है। इसका कोई संस्थापक, शासी निकाय या एकल पवित्र पुस्तक नहीं है, हालांकि वेदों (संस्कृत: वेद, साहित्यिक ज्ञान) को अधिकांश हिंदुओं द्वारा सबसे पवित्र और सबसे आधिकारिक धार्मिक ग्रंथ माना जाता है। इसे अक्सर न केवल एक धर्म बल्कि जीवन शैली के रूप में जाना जाता है। हिंदू धर्म की शुरुआत कम से कम वेदों जितनी पुरानी है, जिनमें से सबसे पहले का अनुमान लगभग 1700 ईसा पूर्व से है, जिसमें 3300 ईसा पूर्व से शुरू हुई सिंधु घाटी सभ्यता में पाए गए धर्म के निशान हैं। कई विद्वान अब मानते हैं कि हिंदू धर्म की वैदिक पौराणिक कथा मूल रूप से प्रोटो-इंडो-यूरोपीय पौराणिक कथाओं से विकसित हुई है, इस प्रकार पूर्व-ईसाई यूरोप की कई पौराणिक कथाओं जैसे ग्रीक, रोमन, सेल्टिक, स्लाव और जर्मनिक पौराणिक कथाओं के साथ एक सामान्य उत्पत्ति साझा की गई है। उपनिषदों, पुराणों और महाभारत और रामायण महाकाव्यों सहित वेद और अन्य ग्रंथ संस्कृत की प्राचीन और पवित्र भाषा में हैं। +हिंदू धर्म एक समृद्ध रूप से प्रतिष्ठित धर्म है, जिसमें कई देवी-देवताओं को मूर्तियों और चित्रों के रूप में और संगीत, नृत्य और कविता के रूप में मनाया जाता है। हिंदू जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र में विश्वास करते हैं, जो हिंदू त्रिमूर्ति ब्रह्मा, निर्माता, विष्णु, संरक्षक और शिव, संहारक के अनुरूप है। माना जाता है कि हिंदू देवताओं को अवतार के रूप में नश्वर दुनिया में आने में सक्षम माना जाता है मानव या पशु रूप में अवतार जो आकार-परिवर्तन भी कर सकते हैं। सबसे प्रसिद्ध उदाहरण राम और कृष्ण हैं, जो विष्णु के दो सबसे प्रिय अवतार हैं। अवतारों में विश्वास ने हिंदुओं को अन्य धर्मों के तत्वों को अपनाने की अनुमति दी है, उदाहरण के लिए बुद्ध को विष्णु के अवतार के रूप में स्वीकार करके। हिंदुओं का यह भी मानना ​​​​है कि जब दुनिया पूरी तरह से बुराई और अराजकता में उतर गई है, तो विष्णु एक बार फिर कल्कि नामक एक नए अवतार के रूप में पृथ्वी पर उतरेंगे, जिसके दौरान वह बुराई की ताकतों को हरा देंगे और दुनिया को न्याय और व्यवस्था बहाल करेंगे . +ब्रह्मा की पत्नी के रूप में सरस्वती, विष्णु की पत्नी के रूप में लक्ष्मी, और शिव की पत्नी के रूप में पार्वती के साथ कई हिंदू देवताओं की पत्नी है। ये पत्नी देवी भी अवतार के रूप में पृथ्वी पर आ सकती हैं, अक्सर अपने संबंधित पति के अवतार की पत्नियों के रूप में। अन्य देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें इंद्र, वज्र और बिजली के देवता, और देवताओं के राजा, अग्नि, अग्नि के देवता और गणेश, हाथी के चेहरे वाले देवता और शिव के पुत्र शामिल हैं। ब्राह्मण में एक हिंदू मान्यता भी है दिव्य एकता और इसलिए, कुछ हिंदुओं का मानना ​​​​है कि सभी देवी-देवता समग्र एकता की अभिव्यक्ति हैं, और एकेश्वरवादी हैं। +कई अलग-अलग हिंदू त्योहार हैं, कुछ केवल विशेष क्षेत्रों में या केवल एक विशेष हिंदू देवता के भक्तों द्वारा मनाए जाते हैं। कुछ मुख्य रूप से हिंदू क्षेत्रों में अन्य धर्मों के मुख्य त्योहार, जैसे कि क्रिसमस या ईद अल-फितर भी सार्वजनिक अवकाश हैं और कम से कम मनाए जाने पर उनका सम्मान किया जाता है। +* दिवाली हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, और हिंदुओं द्वारा हर साल अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में हिंदू महीने कार्तिका में चंद्रमा के अंधेरे में मनाया जाता है; सिख और जैन दोनों धर्मों में भी एक ही दिन प्रमुख त्योहार होते हैं। यह त्योहार भारत के अधिकांश हिस्सों में पांच दिनों तक चलता है। यह अंधकार पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की, बुराई पर अच्छाई की, और निराशा पर आशा की विजय का उत्सव मनाता है। इसमें शामिल मुख्य देवता लक्ष्मी, समृद्धि की देवी हैं। घरों और मंदिरों के आसपास कई लालटेन जलाई जाती हैं। इस मौके पर कई लोग नए कपड़े खरीदते हैं। बड़े शहरों में रात के समय हर गली में आतिशबाजी होगी और घंटों तक चलेगी। यात्रियों के लिए कई बेहतरीन फोटो अवसर हैं। +* दशहरा राम के हाथों राक्षस रावण की मृत्यु की याद दिलाता है, और यकीनन रामायण महाकाव्य कथा में सबसे महत्वपूर्ण क्षण है। पूरे हिंदू जगत में, बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए रावण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं। +* महा शिवरात्रि, जिसका अर्थ है "शिव की महान रात भगवान शिव और उनकी पत्नी, देवी पार्वती के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाई जाती है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर में जनवरी/फरवरी के साथ माघ के महीने में आता है। महाशिवराती में भाग लेने के लिए सबसे अच्छे स्थान जूनागढ़ गुजरात मंडी हिमाचल प्रदेश|(हिमाचल प्रदेश उज्जैन मध्य प्रदेश और श्रीकालहस्ती आंध्र प्रदेश हैं। +* मकर संक्रांति हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर में एक ही तारीख को पड़ने वाला एक फसल उत्सव है: 14 जनवरी। यह भारत और नेपाल में लगभग हर जगह मनाया ��ाता है। मकर संक्रांति को पंजाब में माघी, तमिलनाडु में थाई पोंगल गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण और हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। +हिंदुओं के रूप में कुल जनसंख्या के 10% से अधिक वाले देश। + + +गोवा पश्चिमी घाट की पर्वतमाला, इसपर पाए जाने वाले सुंदर झरनों (दूधसागर, अंबोली, मंगेली और दूधमार्ग इत्यादि) और सुंदर समुद्र तटीय मैदानों और बीच से सुसज्जित है। 1960 के दशक के बाद से यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या में सतत रूप से बढ़त हुई है: पहले यहाँ हिप्पी लोग आना शुरू किये, उसके बाद गोवा से दूर जा बसे यहाँ के लोग आये और उसके पश्चात यहाँ चार्टर पर्यटक आने शुरू हुए (जिनमें 1987 में जर्मन सबसे पहले आना शुरू हुए)। यहाँ कैथोलिक ईसाई और हिंदू धार्मिक धार्मिक लोगों का आगमन भी शुरू हुआ, कुछ लोग यहीं आ कर रहने और बस जाने के उद्देश्य से यहाँ आये। इसके अलावा यहाँ पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों द्वारा इलाज कराने और कई प्रकार के सम्मेलनों, कॉन्फ्रेंस और फेस्टिवल में शामिल होने भी बहुत से लोग आते हैं। +बाक़ी के भारतीय राज्यों के हिसाब से देखें तो गोवा एक बहुत ही छोटा राज्य है जिसमें मात्र दो जिले हैं उत्तरी गोवा और दक्षिणी गोवा। ये जिले इसके बाद कुल 12 तालुकों में बँटे हुए हैं। हालाँकि, इन विभाजनों का पर्यटकों और यात्रियों से कोई बहुत लेना देना नहीं है। दोनों ही जिले एक जैसे ही हैं और हरेक अपना अंदरूनी हिस्सा और समुद्र तटीय हिस्सा है। मुख्य विभाजन यहाँ के समुद्र तटीय इलाकों और अंदरूनी पश्चक्षेत्रों (हिंटरलैंड) के बीच है। जहाँ एक ओर तटीय इलाकों में औपनिवेशिक काल के पुर्तगाली प्रभाव अधिक परिलक्षित होते हैं वहीं अंदरूनी भागों में स्थानीय पुरानी संस्कृति के प्रभाव अधिक हावी दिखते हैं। तटीय इलाकों में उपनिवेशी काल के स्थापत्य हैं, चर्च हैं और कैथोलिक आबादी पर्याप्त मात्रा में है; वहीं दूसरी ओर अंदरूनी हिस्सों में पर्वत मालाएँ, घने जंगल, प्राकृतिक प्रपात, और अपेक्षाकृत अधिक हिंदू जनसंख्या तथा गाँव की संस्कृति दिखती है। इन्ही अंदर के भागों में कई खदानें भी हैं। +गाँव यहाँ के चित्ताकर्षक हैं और इनकी अपनी अलग ही दुनिया है, हालाँकि, अब पर्यटन और रियल एस्टेट के बूम ने इन्हें ख़तरे में ला दिया है और वही सबकुछ नष्ट होने के लिए दाँव पर लग गया है जिसे देखने और अनुभव करने लोग यहाँ आया करते हैं।}} +इसके अलावा गोवा में कई छोटे, ख़ूबसूरत और कभी कभार भीड़भरे कस्बे हैं जो बीच के किनारे वाले इलाकों में हैं (जैसे कि, कलंगूट और कैंडोलिम) या फिर अंदरूनी इलाकों में हैं (जैसे: कानाकोना, सैनवोरडेम-क्वेपेम, बिचोलिम, पेर्नेम, इत्यादि)। इनमें से कई कस्बे ऐसे हैं जो आसपास के क्षेत्रों में स्थित पर्यटक स्थलों के लिए एक तरह से प्रवेशद्वार का कार्य करते हैं। और देखें तो, गोवा में कुल साढेतीन सौ गाँव है, बहुधा ख़ूबसूरत दृश्यों वाले और हरेक का अपना एक अद्वितीय स्वरूप है। +भगवान् महावीर सैंक्चुअरी और मोल्लेम नेशनल पार्क एक पवित्र और परा-प्राकृतिक क्षेत्र की तरह है जो पेड़-पौधों और फूलों की विविधता भरा और भांति-भांति के जानवरों, पक्षियों और तितलियों तथा सरीसृपों के लिए दर्शनीय है। यह गोवा का सबसे बड़ा संरक्षित इलाका है। यहाँ ताम्ब्डी सुरला मंदिर और ताम्ब्डी मंदिर भी भ्रमण योग्य हैं; साथ ही कई अन्य चीजें भी देखने लायक हैं। +1510 से 1961 तक गोवा पुर्तगाल का उपनिवेश था, इसे वापस लेने के लिए भारतीय सेना भेजी गई थी। इस विलय को भारत में गोवा की मुक्ति और पुर्तगाल में गोवा पर आक्रमण के रूप में जाना जाता है। +गोवा का हृदय वास्तव में उसके गावों में ही निवास करता है। गोवा के विख्यात वास्तुकार जेरार्ड दा कुन्हा ने अन्यत्र तर्क दिया है कि, दूसरी जगहों के विपरीत, गोवावासी शहरों में नहीं रहते हैं। वे अधिकतर गांवों में रहते हैं और काम के सिलसिले में यात्रा करते हैं। +आश्चर्य की बात नहीं, यह गोवा के गांव हैं जो अपना एक ख़ास आकर्षण और विशिष्ट चरित्र दोनों रखते हैं। गोवा में जिंदगी कठिन और अपेक्षाकृत धीमी हो सकती है, लेकिन यहाँ छुट्टियाँ मनाना एक अच्छा विकल्प है। एक आरामदायक शाम या एक सुस्त सुबह में बिना किसी ख़ास लक्ष्य के घूमा जा सकता है, और ऐसी यात्रा गोवा गाँवों के आकर्षण से आश्चर्यचकित कराने वाली हो सकती है। +शहरी क्षेत्रों के विपरीत, गाँव साफ-सुथरे, मैत्रीपूर्ण और यहाँ तक कि पैसे के हिसाब से भी उचित होते हैं, सिवाय उन क्षेत्रों को छोड़कर जहाँ पहले से ही बहुत सारे पर्यटक आते हैं। +गोवा के कई अलग-अलग पहलू हैं। बिल्कुल समुद्र के किनारे का तट "आंतरिक भूभाग" से भिन्न होता है। असोलना, बेनौलीम, ब्रिटोना, कोरटालिम, कर्टोरिम, राया, गोवा वेल्हा, ��ोल्लेम, उस्गाओ, रीस मैगोस, सावोई वेरेम और शिरोडा जैसे कुछ गांव कुछ अधिक असामान्य चीजे प्रस्तुत कर सकते हैं, लेकिन यही सूची पूरी नहीं है। इस तरह के गांव अक्सर उन स्थानों के करीब होते हैं जहां अधिकांश पर्यटक रहते हैं, इसलिए आवास की तलाश में कोई समस्या होने की आशंका नहीं है। +पुर्तगाली शासन के कारण गोवा शेष भारत से स्पष्ट रूप से भिन्न है, जिसने इसे 451 वर्षों तक शेष भारत से अलग रखा। गोवा की आबादी हिंदुओं और रोमन कैथोलिकों का मिश्रण है, जिसका वितरण लगभग 65% हिंदू और 24% ईसाई है। वहां मुस्लिम आबादी भी कम है। सांप्रदायिक हिंसा यहाँ लगभग न के बराबर रही है और गोवा को भारत के सबसे शांतिपूर्ण राज्यों में से एक माना जाता है। +गोवा के लोगों का मुख्य आहार मछली, करी और चावल है। + + +कोटा राजस्थान राज्य के दक्षिण-पूर्व में स्थित एक शहर है। यह राज्य की राजधानी जयपुर से लगभग 240 किलोमीटर (149 मील) दक्षिण में स्थित है, जो चंबल नदी के तट पर स्थित है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा देश का एक प्रमुख कोचिंग हब है और यहां कई इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग संस्थान हैं। यह भारतीय रेल के नई दिल्ली मुम्बई मार्ग पर दिल्ली से 458 किमी की दूरी पर स्थित है । +कोटा राजस्थान के सभी शहरों/कस्बों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। दिल्ली (510 किमी जयपुर (250 किमी) और अहमदाबाद 950 किमी) जैसे शहरों के लिए इसका एक अच्छा सड़क नेटवर्क है। कोटा में तीन बस स्टेशन हैं: रामचंद्रपुरा कोटा पर राजस्थान रोडवेज बस स्टैंड, डीसीएम रोड पर इंटर-स्टेट बस टर्मिनल और घोडे वाले बाबा क्रॉसिंग पर रावतभाटा बस स्टैंड। कोटा की यात्रा के प्रमुख साधनों में राज्य परिवहन की बसें, निजी बसें और किराए की जीप/कार शामिल हैं। ऑन-हायर वाहन एक अच्छा विचार है, क्योंकि वे तेज़ और सुविधाजनक होते हैं, हालांकि उन्हें उचित मात्रा में सौदेबाजी की आवश्यकता होती है। +कोटा दिल्ली-मुंबई लाइन पर पश्चिम रेलवे सेक्टर का एक प्रमुख जंक्शन है। इस वजह से ज्यादातर ट्रेनें कोटा से होकर गुजरती हैं। जयपुर से एक ट्रेन यात्रा लगभग 4 घंटे है दिल्ली, लगभग 7 घंटे। +कोटा का अपना एक हवाई अड्डा (KTU IATA) है लेकिन अभी तक कोई सेवा उपलब्ध नहीं है। निकटतम परिचालन हवाई अड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (JAI IATA) है, जो 240 किमी दूर है। +शहर के भीतर घूमना ऑटो-रिक्शा, निजी तौर पर संचालित बसों और छोटी यात्रा के लिए साइकिल-रिक्शा तक सीमित है। वे 50 पैसे/किमी से कहीं भी चार्ज करते हैं। 4/कि.मी लेकिन सीट लेने से पहले दरें तय करना उचित होगा। कोटा में एक बड़ा तिपहिया वाहन भी है जिसे टेम्पो कहा जाता है, जो शहर के भीतर अब तक का सबसे सस्ता यात्रा साधन है। यह पूर्व-निर्धारित स्टॉप और किराए वाला एक साझा वाहन है, आमतौर पर .50 पैसे/किमी। +(25 किमी) प्राचीन भारतीय पत्थर की नक्काशी वाला एक पुरातत्व क्षेत्र। +यह उद्यान चंबल नदी के किनारे फैला हुआ है।  इसमें दुर्लभ घड़ियाल और मगरमच्छों वाला एक तालाब है, जिसे एक टीटरिंग सस्पेंशन ब्रिज के माध्यम से पार किया जा सकता है।  इसमें पक्षियों, खरगोशों आदि के लिए बाड़े भी हैं।  इसके ठीक बगल में अनोखा यतायत (यातायात) पार्क है।  यह एक थीम पार्क है;  लघु फ्लाईओवर, स्पीडब्रेकर, सुरंग, भवन और ऐसे सभी यातायात नियमों को प्रदर्शित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। +(50 किमी राजस्थान के 3 वन्यजीव अभ्यारण्यों में से एक, जिसमें बड़े पैमाने पर वन और विभिन्न प्रकार के वन्यजीव हैं। +महल और किला परिसर अक्सर पर्यटकों द्वारा देखा जाता है। +यह चंबल उद्यान से कुछ किमी की दूरी पर एक हनुमान मंदिर है। +4 जग मंदिर (लेक गार्डन पैलेस): +कृत्रिम किशोर सागर तालाब (पिछोला झील) के ठीक बीच में सुंदर लाल बलुआ पत्थर का स्मारक, जगमंदिर है। +गणेश मंदिर (शहर का दक्षिणी भाग) अपने खड़े गणेश के लिए अपनी प्रसिद्धि का श्रेय देता है, जो भारत में और कहीं नहीं पाया जाता है।  रंगबाड़ी बालाजी मंदिर पास में है। +चंबल नदी पर सिंचाई नहर प्रणाली के हिस्से के रूप में एक बांध, यह एक लोकप्रिय स्थान है, खासकर जब अतिरिक्त पानी को बहने की अनुमति देने के लिए बाढ़ के फाटकों को खुला छोड़ दिया जाता है। +• महाराव माधो सिंह संग्रहालय: +कोटा के पहले शासक के नाम पर बने इस संग्रहालय में लघु चित्रों, शस्त्रागार और मूर्तियों का मंत्रमुग्ध कर देने वाला संग्रह है।  यह शुक्रवार को बंद रहता है। +यह हाडोती क्षेत्र का एकमात्र वाटरपार्क है और शहर में सबसे बड़ा पूल है। +चंबल नदी पर एक बोट सफारी लें और पास में ही मगरमच्छों को देखें। इसकी शुरुआत चंबल गार्डन से होती है। +• गैपरनाथ मंदिर (चंबल गार्डन से लगभग 12 किमी): +भगवान शिव को समर्पित एक सुंदर और प्राचीन मंदिर का निर्माण जमीनी स्तर से 200 फीट से अधिक नीचे किया गय��� है।  एक प्राकृतिक जलप्रपात से मंदिर की लगातार वर्षा होती रहती है।  चारों ओर हरियाली और चट्टानी चट्टानें एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करती हैं।  एक यात्रा अवश्य करें।  सावधानी: जगह आमतौर पर सुनसान होती है, इसलिए अकेले जाने से बचें।  7 से 8 लोगों का समूह ठीक रहेगा, जितना अच्छा होगा। +बहुत प्रसिद्ध कोटा कपड़ा साड़ी, पोशाक सामग्री (सलवार-कमीज के लिए) के रूप में खरीदा जा सकता है। नवोन्मेषी उपयोगों में पर्दे, स्कार्फ आदि शामिल हैं। +बहुत प्रसिद्ध लाख की चूड़ियाँ हैं जिन्हें स्थानीय दुकानदारों द्वारा डिज़ाइन और आकार दिया गया है। आपके पसंदीदा चूड़ियाँ (चूड़ियाँ कडे (मोटी चूड़ियाँ आमतौर पर एक हाथ में पहनी जाती हैं) या सेट (चुड़ियाँ और कडे का मिश्रण) हो सकती हैं। स्टाइलिश, खूबसूरती से नक्काशीदार आभूषण आपके हाथों की सुंदरता को बढ़ाते हैं। आप स्थानीय बाजारों से सबसे कम रेंज से शुरू होकर हज़ारों रुपये तक की कई प्रकार की चूड़ियाँ प्राप्त कर सकते हैं। +हस्तनिर्मित कठपुतली घर वापस ले जाने के लिए महान स्मृति चिन्ह बनाती है। +यदि आप देश के विशिष्ट गर्म, मसालेदार भोजन को संभाल सकते हैं, तो आप निश्चित रूप से यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कचौरी/समोसा (मसूर/सब्जी भरने के साथ गहरे तले हुए आटे की पेस्ट्री) को आजमाना चाहेंगे।  राजस्थानी व्यंजन भी आज़माएँ: दाल-बाटी-चूरमा।  दाल मसूर की सब्जी है, बाटी आटे की भुनी हुई लोइयां हैं, चूरमा गेहूं के आटे, घी और चीनी या गुड़ से बनी मिठाई है.  पकवान के साथ भी परोसा जाता है गट्टे-की-सब्जी, जो दही की ग्रेवी में पकाए गए बेसन के स्टीम्ड रोल होते हैं। +यह एक विशिष्ट राजस्थानी गाँव का अनुभव वाला एक रिसॉर्ट है।  मिट्टी के घरों और छप्परों में उत्तम भोजन करें। +गुमानपुरा रोड पर स्थित है। बस और रेलवे स्टेशन से कम दूरी। +रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है।  यदि आप कम से कम 12 घंटे रुकते हैं तो आपको छूट की दरें मिल सकती हैं- शुरुआत में यह सस्ता है और देर से आने पर यह रात में शहर में घूमने से बचता है।  कोई वाई-फाई नहीं है जब तक कि आप मुफ्त प्लेटफॉर्म वाई-फाई की सीमा में न हों और आपके पास एक भारतीय फोन नंबर न हो। +टिकट कार्यालय 9 पर उपलब्धता के बारे में पूछताछ करें, केवल रेल से आने वाले यात्रियों को रहने की अनुमति है (अपना टिकट रखें कीमतों पर एक बोर्ड पर हस्ताक्षर किए जा���े हैं।  380 प्राइवेट नॉन एसी, डॉरमेटरी और एसी उपलब्ध.. +कोटा से लगभग 10 किमी दूर, यह शाही महल अंदर पर कोटा शैली के चित्रों के साथ है। +हाड़ौती जंगल में स्थित कोटा से लगभग 50 किमी दूर भगवान शिव के ये खूबसूरत मंदिर हैं।  वे आकर्षक नक्काशीदार दीवारों और शांतिपूर्ण परिवेश का दावा करते हैं। +पूर्वी राजस्थान में एक नीला शहर।  रेगिस्तानी राज्य में एक नखलिस्तान। +राजस्थान के जोधपुर में स्थित भारत के सबसे बड़े किलों में से एक, + + +सासाराम भारतीय राज्य बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्र का एक शहर है। शहर में सूर राजाओं के तीन मकबरे और कुछ संबंधित स्मारक हैं। सासाराम ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित है, जिसे शेर शाह सूरी ने बनवाया था। सासाराम के पास कुछ किले भी हैं। सासाराम में कुछ प्राचीन हिंदू मंदिर, अशोक का एक शिलालेख, महापाषाण और शैल चित्र भी हैं। +सासाराम बिहार के रोहतास जिले का एक शहर है। यह एक प्राचीन शहर है और भारतीय पौराणिक कथाओं के एक महान योद्धा सहस्रबाहु का घर बताया जाता है। यह सूर राजवंश का गढ़ भी है जिन्होंने 1540 56 के बीच उत्तर भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया था। +भौगोलिक दृष्टि से सासाराम सोन नदी के पश्चिम में स्थित है। यह कैमूर पहाड़ी शृंखला पर स्थित है, जो विंध्य पर्वत श्रेणी का पूर्वी विस्तार है। लहरदार परिदृश्य कई झरनों का घर हैं। +सासाराम, हावड़ा मुगलसराय रेलमार्ग पर एक जंक्शन रेलवे स्टेशन है। यह आरा होते हुए बिहार राज्य की राजधानी पटना से भी जुड़ा हुआ है। +सासाराम ग्रैंड ट्रंक रोड (जीटी रोड) पर स्थित है, यह भारत के राजमार्गों (हाइवे) की पुरानी नंबरिंग में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 कहलाता था जिसका नया क्रमांकन अब राष्ट्रीय राजमार्ग 19 (NH-19) है। इस प्रकार यह दिल्ली और कोलकाता से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है +सासाराम में सार्वजनिक परिवहन की बहुत उचित व्यवस्था नहीं है। शहर घूमने के लिए पैदल चलना सबसे अच्छा विकल्प है। शहर के आस-पास के स्थानों के लिए ऑटो बुक करने की आवश्यकता पड़ सकती है। शहर से दूर स्थानों के लिए कारों को बुक करने की आवश्यकता पड़ती है। +सासाराम सूर राजवंश की सीट थी, जिन्होंने 1540 56 के बीच उत्तर भारत के बड़े हिस्से पर शासन किया था। इस शहर में सूर राजाओं के तीन मकबरे और कुछ संबंधित स्मारक हैं। शहर में कुछ प्राचीन हिंदू मंदिर, एक अशोकन शिलालेख, महापाषाण और शैल चित्र भी हैं। पास में कुछ किले और कई झरने हैं। + + +सिक्किम पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। इसकी राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है। सिक्किम में बहुत सारे सुन्दार पर्वत हैं। + + +लेक कोमो झील पर सबसे सुंदर और विशिष्ट गाँव है, बेलाजियो के दृश्य के साथ, कोमो झील का सबसे सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। यह एक अनोखी जगह है, जो चट्टानों को ऊपर उठाने की विशेषता है, इसलिए इसका नाम लिर्ना, या "ला सुल्ला रोक्का" है और इस कारण से "ला रोक्का" भी कहा जाता है।. +लेक कोमो, मिलान के पास का स्थान है, जो एक घंटे से भी कम की ड्राइव पर है, इसे मिलान का एक विशिष्ट और सुपर लक्जरी जिला माना जाता है। लोग अक्सर हर दिन मिलान में काम पर जाने के लिए लेक कोमो पर रहते हैं। लेक कोमो उन लोगों के लिए मनोरंजन से भरपूर है जिनके पास खर्च करने के लिए बहुत सारा पैसा है, जिसमें विशेष रिसेप्शन और नौकाएं शामिल हैं जो अक्सर पूरी गोपनीयता के साथ अंतरराष्ट्रीय वीआईपी और हॉलीवुड सितारों की कंपनी में होती हैं। +लेक कोमो संभवतः दुनिया का सबसे अधिक पर्यटन वाला क्षेत्र है, जो अपनी हल्की जलवायु और सितारों (जॉर्ज क्लूनी, डोनाटेला वर्साचे, आदि) और दुनिया के सबसे अमीर परिवारों के साथ मुलाकात के लिए प्रसिद्ध है। कोमो झील पर रहना खूबसूरत अरबपतियों के लिए एक वास्तविक वैश्विक स्थिति का प्रतीक है, इसकी चकाचौंध और ग्लैमर पृथ्वी पर कुछ ही स्थानों से प्रतिस्पर्धा करती है। हालाँकि लेक कोमो रिवेरा अपनी चकाचौंध के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पहाड़ों में कई अन्य कम प्रसिद्ध आकर्षण भी हैं, जहाँ लियोनार्डो दा विंची ने लंबे समय तक रहकर उनका अध्ययन किया था। लियोनार्डो दा विंची के सभी चित्रों की पृष्ठभूमि में कोमो झील के परिदृश्य हैं। लेक कोमो कई प्रसिद्ध कलाकारों के लिए प्रेरणा रही है, और उनके कई काम स्थानीय संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में प्रदर्शित हैं। +चित्रकारों के चित्रों में सदियों से लेक कोमो झील पर सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला स्थान है। सिगिस्मोंडो बोल्डोनी, जिन्होंने झील के इस तट पर स्थापित "महंगाई" के उपन्यास को प्रेरित किया, ने पुष्टि की कि यह "लेर्ना है जो सभी झील कोमो को समृद्ध करता है"। गोपनीयता चाहने वाले वीआईपी लोगों के लिए प्रसिद्ध हॉलिडे रिसॉर्ट, इस कारण से "पोर्टोफिनो डेल लागो डि कोमो" के रूप में जाना ���ाता है, यह अपनी सुरम्य स्थिति के लिए प्रसिद्ध है, जो बेलाजियो प्रांत के दृश्य के साथ, दक्षिणी भुजाओं में कोमो झील की शाखा पर, आल्प्स के साथ है। झील से परे दिखाई देता है, जो इसे पूरे कोमो झील का सबसे अधिक दृश्य देता है। Lierna विचारोत्तेजक मनोरम बालकनी है जहाँ दो शाखाएँ विभाजित होती हैं, और बेलाजियो पर्वत के दृश्य के साथ कोमो झील का सबसे सुंदर दृश्य है। जॉर्ज क्लूनी की तुलना में मोंटे कार्लो की तुलना में लिएर्ना एक बहुत ही प्राचीन गांव है, जहां प्राचीन रोम के कुलीनों ने अपने हॉलिडे विला का निर्माण किया था, जिस पर संकीर्ण मध्ययुगीन रक्षात्मक सड़कों की एक प्रणाली पैदा हुई थी, लगभग इसे एक व्यापक महल बनाने के लिए, जो 12 छोटे से जुड़ा था गांवों में, प्रत्येक में गुहिकायन वाले गुम्मट हैं जो आग और धुएं के माध्यम से एक दूसरे के साथ संचार करते हैं, जिनमें से सबसे विशिष्ट बोर्गो विला है, यहां विला कॉमेडिया डि प्लिनियो इल गियोवेन खड़ा था, जिसकी परंपरा में यह झील की ओर एक चट्टान पर है। आखिरकार, लीर्ना या लियर का असली नाम मूल रूप से "चट्टान पर जगह" या "किले" था। 1930 के दशक की शुरुआत में, शहरी लेआउट को 1900 के सबसे महत्वपूर्ण मूर्तिकार, जियानिनो कास्टिग्लिओनी द्वारा फिर से डिजाइन किया गया था, जो पानी में विशेष रुचि रखने वाले एक आध्यात्मिक विद्वान थे और सीढ़ियों की अपनी मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध थे। कास्टिग्लिओनी ने लीर्ना में सम्मान की दो बड़ी सीढ़ियाँ बनाईं जो कोमो झील में उतरती हैं। एक पियाजेट्टा डी लिएर्ना में और एक रीवा बियांका में, जिसे छत के बजाय आकाश के साथ एक महल के हॉल के रूप में डिजाइन किया गया है। जियानिनो कैस्टिग्लिओनी ने लिर्ना के टाउन हॉल को डिजाइन किया, उनके बेटे, एचीले कास्टिग्लिओनी, डिजाइन के पिताओं में से एक, जिसे उनके भाइयों के साथ न्यूयॉर्क के एमओएमए द्वारा मान्यता प्राप्त थी, ने 1950 के दशक में लीरना स्कूल की इमारत को डिजाइन किया था। लिएर्ना में बहुत भीड़ नहीं है, भले ही यह प्रसिद्ध और पर्यटन वर्ना की सीमा पर हो, पार्किंग रिक्त स्थान और कारों की जानबूझकर कमी के कारण धन्यवाद, जो इसे कोमो झील पर शांति के सबसे छिपे और अनन्य कोनों में से एक बनाते हैं।. +लिएर्ना में, कोमो झील के सबसे उत्तेजक दृश्यों और सूर्यास्तों की प्रशंसा करना संभव है, इसकी जंगली सैर और झील की ओर ���ैले हुए, जो पैनोरमा और असाधारण सुंदरता के रंग पेश करते हैं, जो लंबे समय तक लियोनार्डो दा विंची द्वारा भी देखे जा सकते हैं। बेलाजियो के उच्च से प्रशंसा की, जिस पर यह कहा जाता है कि लियोनार्डो लिर्ना के रास्तों पर चलते हुए मोना लिसा के सिल्हूट से प्रेरित थे। लीर्ना को कई फिल्मों और विज्ञापनों में फिल्माया गया है, जिसमें ओशन्स ट्वेल्व या गोल्डन ग्लोब-विजेता कम टू क्रोकोडाइल्स का निर्माण शामिल है।. +लिएर्ना लागो डी कोमो, कोमो झील के सबसे गुप्त गांव के रूप में जाना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि स्थानीय व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अक्सर प्रेस कार्यालयों का भुगतान किया है और इसे मानचित्रों पर प्रदर्शित नहीं करने के लिए इस्तेमाल किया है, यह कई महान परिवारों और अंतरराष्ट्रीय की उपस्थिति की व्याख्या करता है वीआईपी, जिनमें से कोई भी उनकी उपस्थिति के बारे में नहीं जानता है, इसे गोपनीयता और पूर्ण सुरक्षा का नखलिस्तान बनाते हुए, इसके सहस्राब्दी निवासियों के विशिष्ट आरक्षित चरित्र द्वारा प्रबलित किया गया है, जिसे डिजाइनर एचीले कास्टिग्लिओनी ने सरल, आवश्यक और सुरुचिपूर्ण लीर्ना कुर्सी समर्पित की थी। यह पार्किंग रिक्त स्थान की कमी है जिसने लीर्ना लेक कोमो को अद्वितीय और विशिष्ट बना दिया है, यह चुनना कि नाव से कौन पहुंच सकता है, जिससे यह निवासियों का एक विशेष क्लब बन गया है। ऐसा लगता है कि जॉर्ज क्लूनी और सिल्वेस्टर स्टेलोन सहित कई मशहूर हस्तियों ने कई वर्षों तक लिर्ना में एक विला खरीदने की कोशिश की है, लेकिन इसमें कोई सफलता नहीं मिली है। लेकिन वे अकेले नहीं हैं, कई लोगों ने कोमो झील के दृश्य वाले विला खरीदने की असफल कोशिश की है, जिसमें वर्जिन रिचर्ड ब्रैनसन और डेविड बेकहम के अध्यक्ष रूपर्ट मुरोच शामिल हैं। विलासिता और डिजाइन विला बहुत दुर्लभ हैं, कोई भी नहीं बेचता है और इन मामलों में आवश्यक आंकड़े, प्रति वर्ग मीटर कभी नहीं बल्कि "प्रति यूनिट" मोनाको की रियासत की कीमतों से अधिक है। संक्षेप में, वे "ट्रॉफी विला" हैं जिनकी गोपनीय बातचीत कला के कार्यों के मूल्यों पर होती है। मध्यकालीन गांवों में साइड व्यू के बिना विशेषता वाले अपार्टमेंट ढूंढना संभव है।. +लिएर्ना ने हमेशा अपने स्थानों के लिए प्रेरित किया है, न केवल एचीले कास्टिग्लिओनी, पियर गियाकोमो कास्टिग्लिओनी, लिवियो कैस्टिग्लिओनी, पिएरो कैस्टिग्लिओनी जैसे डिजाइनरों बल्कि सदियों से कई कलाकारों, चित्रकारों, जैसे जियान बत्तीस्ता मैकोलिनो और बेटे, विटोर ग्रुबिसी डी ड्रैगन, लुइगी टैगलीफेरी एज़ियो मोइओली (लेको म्यूज़ियम कार्लो बेस्टेटी जैसे पत्रों के पुरुष, जिन्होंने लिरना में चलते हुए, जियोर्जियो डी चिरिको के साथ नई संपादकीय परियोजनाओं पर चर्चा की, जैसे उनके दादा एमिलियो बेस्टेटी ने पहले ही गैब्रिएल डी'अन्नुन्ज़ियो के साथ किया था। लिर्ना के जंगल में सेल्टिक जनजातियों के प्रागैतिहासिक रक्षात्मक खाइयों के नष्ट हुए अवशेष हैं, उनमें से एक रक्षात्मक खाई जिसे "बैट डैम" कहा जाता है, अन्य खाई जिनके निशान देखे जा सकते हैं, जानवरों को आंतरिक से बचाव करने के बजाय दूर जाने से रोकने के लिए थे। हमले। +लिरना के प्राचीन गांव में कोमो झील के कुछ सबसे खूबसूरत पहाड़ हैं, विशेष रूप से उनके द्वारा पेश किए जाने वाले अनूठे दृश्यों के लिए।. +पैर और टैक्सी की नावें लीर्ना की यात्रा करने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन चलने के दौरान आपको यात्रा का अधिक आनंद लेने का सबसे आसान और तेज़ तरीका भी है। लीर्ना में केवल पैदल ही जाने की सलाह दी जाती है, या विभिन्न लैंडिंग और समुद्र तटों के लिए नाव से आने और जाने की सलाह दी जाती है, और यह न केवल डाउनशिफ्टिंग के लिए बल्कि पूरी झील की सुरक्षा और सबसे कम वायु प्रदूषण के लिए भी देश की विशेषता है। कोमो। Lierna के पहाड़ों में आप पैदल या घोड़े की पीठ पर कई रास्ते ले सकते हैं, या हेलीकाप्टर द्वारा Alpe di Lierna की चोटी तक पहुँच सकते हैं।. + + +padding: 0 इसे पहले h3 के लिए सेट किया गया था, और स्किन के स्टाइल्स h2 के लिए ऐसा कर देते थे। लेकिन मोबाइल पर स्किन काम नहीं करेगा। + + +विकियात्रा एक लाइव सहयोग है, जो दरख़्वास्तों पर आधारित गाइड पुस्तकों से अलग है। जहाँ साधारण गाइड पुस्तकों को मासिक या वार्षिक रूप से बदला जाता है, विकियात्रा को हर समय संपादित और अपडेट किया जाता है, क्योंकि जानकारी काफ़ी जल्दी बदलती है। बर्बरता को आम तौर पर कुछ ही मिनटों के अंदर पूर्ववत कर दिया जाता है। +किसी समय आपको लग सकता है कि "जब Lonely Planet जैसे पहले से कई सारे यात्रा गाइड उपलब्ध हैं, तो विकियात्रा क्यों ये रहे कुछ कारण: +* विकियात्रा की सबसे अच्छी बात ये है कि ये पूरी तरह खुला हुआ है, और सार�� योगदान क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेन्स के अंतर्गत आते हैं, जो पारंपरिक यात्रा गाइड से बिलकुल अलग है, जिसमें उसके कॉपीराइट मालिक के पास ही पूरा अधिकार होता है कि उस जानकारी का किस प्रकार से उपयोग होगा और शेयर किया जाएगा। लोगों को पता है कि यह एक सार्वजनिक परियोजना है, जिसका सभी इस्तेमाल कर सकते हैं। +* पारंपरिक यात्रा गाइडों को मासिक या वार्षिक रूप से अपडेट किया जाते हैं, वहीं इसे हर कुछ समय पर लिखा या 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के लॉग्स का संरक्षण 2 PAGENAME + + +यात्रा की जानकारी प्राप्त करना +विकियात्रा पर ज़्यादातर लेख भौगोलिक स्थानों पर आधारित हैं। आपको किसी एक पर्यटक स्थल, होटल या भोजनालय के बारे में एक लेख नहीं मिल जाएगा, मगर आपको वह सारी जानकारी हमारे देशों, शहरों और गाँवों के लक्ष्यों के लेखों पर मिल जाएगी। +साथ ही, आप हमारे भौगोलिक पदानुक्रम की सूची में से खोज सकते है। आप मुखपृष्ठ पर सूचीबद्ध महाद्वीपों और क्षेत्रों से शुरुआत कर सकते हैं, और धीरे-धीरे क्षेत्र, शहर और मुहल्ले के पृष्ठों पर आ सकते हैं। +जब आपको अपनी रूचि का गाइड मिल जाए, वहाँ पर भी काफ़ी जानकारी हो सकती है जो आपको पढ़ना चाहिए। हर लक्ष्य के गाइड में हम यह नहीं लिखते कि किसी जगह तक कैसे पहुँचा जा सकता है। आपको सिडनी के लेख पर ऑस्ट्रेलिया के लिए वीज़ा की जानकारी नहीं मिलेगी। तो अगर आप कहीं बाहर से आ रहे हैं, पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप ऊपर के ब्रेडक्रम्ब कड़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं, राष्ट्र या क्षेत्र के गाइड पढ़ सकते हैं, आदि। +याद रखें कि विकियात्रा एक खुला गाइड है जिसे कोई भी संपादित कर सकता है। अकसर आपको प्रसिद्ध स्थानों के बारे में बिलकुल अद्यत जानकारी मिल जाएगी लेकिन इसका यह भी मतलब हो सकता है कि वह जानकारी अनिरीक्षित है और अविश्वसनीय है। हर गाइड की तरह अपनी यात्रा को सफल बनाने के लिए हर चीज़ को दो बार जाँचें। +आपका विकियात्रा को पढ़ना और यहाँ योगदान करना कितना मूल्यवान है, यह हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते। अगर आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत है, हमसे पूछें। हम चाहते हैं कि आप विकियात्रा पर मज़े करें, जानकारी पाएँ, और (आशा करते हैं कि) अपना ज्ञान दूसरों के साथ बाँटें। + + +आगे बढ़ने का मतलब है: +डटे रहना । आपके ज्ञान और अनुभव का मूल्य है! विकियात्रा पर कुछ "यात्रा विशेषज्ञ" हैं जो काम कर रहे हैं (अगर वे अब भी कहीं हैं तो बिलकुल सटीक न होने की चिंता बिलकुल न करें। हमें आपकी मदद चाहिए । +परीक्षण करना । विकियात्रा पर आप किसी भी तरह से स्थायी हानि नहीं पहुँचा सकते। अगर चीज़ें ज़्यादा टूट जाती हैं, विकियात्री आकर उन्हें ठीक करेंगे। +कदम उठाना । विकियात्रा पर किसी भी चीज़ को बदलने, जोड़ना और सुधारने का आपके पास उतना ही अधिकार है जितना दूसरों के पास है। अगर आपको कोई भी चीज़ ठीक करना आता है, आपको किसी से पूछने 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पूर्ववत कर देता है, आप लेख का इतिहास देख सकते हैं, और उधर पूर्ववत का कारण दर्ज होना चाहिए। अगर कारण दर्ज नहीं है या फिर आपको कारण समझ नहीं आया, कृपया लेख के वार्ता पृष्ठ पर स्पष्टीकरण की माँग करें। + + +अनुकूलित बैनर चित्र का इस्तेमाल करने वाले पृष्ठ। + + +विकियात्रा पर लागू होने वाले दिशानिर्देश। + + +इंदौर भारत के मध्यप्रदेश राज्य में स्थित हैं। +इंदौर मालवा के पठार पर समुद्र तल से 553 मीटर की ऊंचाई पर, दो छोटी नदियों सरस्वती और खान के तट पर स्थित है।  वे शहर के केंद्र में एकजुट होते हैं जहां +संगमनाथ या इंद्रेश्वर का एक छोटा 18 वीं शताब्दी का मंदिर मौजूद है।  इसी देवता के कारण इंदौर का नाम पड़ा है।  यह मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर है।  यह भारत के लाखों की आबादी वाले शहरों में से एक है और यह मध्य प्रदेश राज्य की व्यावसायिक राजधानी है।  इंदौर शहर ऐतिहासिक अतीत और तेजी से भविष्य के आधुनिकीकरण के वादों का सुखद मिश्रण प्रस्तुत करता है। +पूर्व में एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र, शहर, पीथमपुर और देवास के अपने उपग्रह टाउनशिप के साथ, खुद को एक मजबूत औद्योगिक आधार के रूप में स्थापित कर चुका है।  उदारीकरण के युग ने इंदौर को कई निजीकरण पहलों में सबसे आगे देखा है जिसमें देश का पहला टोल रोड और निजी टेलीफोन नेटवर्क (एयरटेल) शामिल है।  ऐसी जीवंत औद्योगिक गतिविधियों के बीच यह शहर अपने गौरवशाली अतीत के साथ अपनी कड़ी बनाए रखता है।  इंदौर की जड़ें 16वीं शताब्दी में हैं, जो दक्कन और दिल्ली के बीच एक व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित हुई थी।  18 मई 1724 को मराठा पेशवा बाजी राव प्रथम द्वारा मालवा पर पूर्ण नियंत्रण  करने के बाद शहर और उसके आसपास हिंदू मराठा साम्राज्य के अधीन आ गया।  इंदौर ने भारतीय इतिहास की सबसे महान महिलाओं में से एक रानी अहिल्याबाई होल्कर का शासन देखा है।  अहिल्याबाई के ससुर मल्हार राव होल्कर को मराठा पेशवा बाजी राव ने इंद्रेश्वर या इंद्रपुर (जिससे इंदौर नाम लिया गया था) प्रदान किया गया था।  वह मुश्किल से अपनी किशोरावस्था से बाहर थी कि वह विधवा हो गई। रानी अहिल्याबाई ने इंदौर की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली और इस शहर की योजना बनाने और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  होल्कर वंश की 14 पीढ़ियों ने इंदौर पर 220 वर्षों तक शासन किया।  16 जून 1948 को, होल्कर राज्य का आधिकारिक रूप से भारतीय गणराज्य में विलय कर दिया गया था। +इंदौर शहर से गुजरने वाले आगरा-मुंबई राजमार्ग के साथ सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।  यह मुंबई (593 किमी) और दिल्ली (807 किमी) के करीब होने के कारण रणनीतिक रूप से स्थित है। +इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे विकसित शहर है।  मालवा पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित होने के कारण यह एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल है, दिन के समय ठंडी हवा चलने लगती है जो शाम को काफी सुहावना बना देती है।  कोई आश्चर्य नहीं कि कवियों ने शब-ए-मालवा (मालवा की रात) को तुलना से परे उत्तम माना है।  शहर के आसपास कई अच्छे पर्यटन स्थल भी हैं।  मांडव इंदौर के बहुत करीब महलों और झीलों का शहर है।  यह एक सुंदर और बहुत अच्छा पर्यटन स्थल है। +मालवा पठार की समृद्ध काली मिट्टी की बदौलत इंदौर भारत में सूती वस्त्र उद्योग का चौथा सबसे बड़ा केंद्र बन गया है।  यह अपनी खूबसूरत चूड़ियों के लिए भी प्रसिद्ध है। +इंदौर को 'फूड सिटी' कहा जाता है।  यहाँ का भोजन खाने में काफी अलग-अलग प्रकार और स्वाद वाला होता है जैसे पंजाबी भोजन, भारतीय मिठाई (जलेबी, मालपुए, काजू कतली, और बहुत कुछ) आदि। +इंदौर देश के प्रमुख शहरों से हवाई, ट्रेन और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। +देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा :   यह भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख हवाई अड्डा है और इंदौर में स्थित है।  हवाई अड्डा बैंगलोर, दिल्ली, नागपुर, हैदराबाद, कोलकाता, रायपुर, लखनऊ, मुंबई, पुणे, श्रीनगर और गोवा से अच्छी तरह जुड़ा हुआ  है। +एयर इंडिया और इंडिगो ने इंदौर से उड़ान भरी। +इंदौर हवाई अड्डा मुफ्त वाईफाई इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करता है।  एयरपोर्ट पर इंदौर के सभी प्रमुख होटलों का सर्विस-डेस्क है जहां आप एक कमरा बुक कर सकते हैं।  हवाई अड्डा मुख्य शहर से 8 किमी दूर स्थित है।  शहर के केंद्र तक पहुँचने के लिए निजी भुगतान वाली टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।  सिटी कैब बुक करने के लिए (0731) 4288 888 डायल करें। +इंदौर मुंबई, पुणे, नागपुर, दिल्ली, जयपुर, आगरा, अहमदाबाद, वडोदरा, हावड़ा, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, भिंड, जबलपुर, बिलासपुर, खंडवा, लखनऊ, वाराणसी, पटना, अंबाला सीटी, जम्मू,देहरादून और त्रिवेंद्रम जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है।। +रेलवे स्टेशन के दो खंड हैं: मीटर गेज (एमजी) और ब्रॉड गेज (बीजी)।  खंडवा और रतलाम दो प्रमुख रेलवे जंक्शन हैं जो मीटर गेज के माध्यम से जुड़े हुए हैं।  इंदौर रेलवे स्टेशन, शहर के केंद्र में स्थित, कम्प्यूटरीकृत टिकट बुकिंग कार्यालय के साथ एक औसत भारतीय रेलवे स्टेशन है।  रेलवे आरक्षण कार्यालय रेलवे स्टेशन के पास (मीटर गेज की तरफ) है। स्टेशन पर ट्रॉली उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन सामान की मदद के लिए कुलियों को किराए पर लिया जा सकता है।  लाइसेंसधारी कुली एक लाल शर्ट पहनते हैं जिस पर धातु का हाथ बैंड होता है जिस पर उनका क्रमांक होता है।  लक्ष्मीबाई नगर (एमजी और बीजी राजेंद्र नगर (एमजी लोकमान्य नगर (एमजी) इंदौर शहर के सब-स��टेशन हैं। +राष्ट्रीय राजमार्ग NH3 (बॉम्बे-आगरा रोड) और NH59 (इंदौर-अहमदाबाद रोड) इंदौर से होकर गुजरता है और इंदौर से मुंबई, जयपुर, ग्वालियर, भोपाल आदि के लिए दैनिक बस सेवाएं हैं। कुछ बस सेवाएं रॉयल ट्रैवल्स और हंस हैं। +ईओ कैब्स (कार रेंटल सर्विस 91-8102810281  पूछताछ: सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक।  मुंबई से डिस्काउंट कार रेंटल सेवा प्रदाता।  मुंबई से इंदौर कार बुक करें और आराम से यात्रा करें। +ज़ी टैक्सी (टैक्सी सेवा ☎ +91-7275495696  पूछताछ: सुबह 5:00 बजे से रात 11:00 बजे तक।  लोकल ट्रिप, एयरपोर्ट ड्रॉप, आउटस्टेशन राउंड ट्रिप और वन वे ट्रांसफर के लिए सबसे कम किराया दर पर गाड़ी उपलब्ध कराता है। +इंदौर में खरीददारी बाजार से लेकर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों तक देखने के लिए  कई अच्छी जगहें हैं।  शहर की समृद्ध विरासत और संस्कृति खूबसूरती से निर्मित महलों और मंदिरों के माध्यम से परिलक्षित होती है। +मराठा साम्राज्य के होल्कर शासकों के बीते वैभव के मूक गवाह के रूप में खड़ा है।  होल्करों का यह 200 साल पुराना सात मंजिला ऐतिहासिक महल मराठा, मुगल और फ्रेंच शैलियों के मिश्रण में बनाया गया है।  निचली तीन मंजिलें पत्थर से बनी हैं और ऊपरी मंजिलें लकड़ी से बनी हैं, जिससे यह आग से नष्ट होने की चपेट में आ गया।  अपने इतिहास में रजवाड़ा को तीन बार जलाया गया;  1984 में आखिरी आग ने सबसे अधिक हानि की।  आज केवल सामने का हिस्सा बचा है।  हाल के जीर्णोद्धार ने इस खूबसूरत महल के कुछ पुराने वैभव को फिर से बनाया है। +सबसे भव्य स्मारकों में से एक होल्कर वंश ने इंदौर छोड़ दिया।  उनके स्वाद, भव्यता और जीवन शैली का प्रतिबिंब, इसका निर्माण 1886 में तुकोजी राव द्वितीय होल्कर के तहत शुरू हुआ, और तीन चरणों में किया गया।  अंतिम चरण 1921 में तुकोजी राव होल्कर तृतीय के तहत पूरा हुआ।  यहां कई शाही कार्यक्रम हुए।  इसका कुल क्षेत्रफल 28 हेक्टेयर है, और एक समय में इसे देश के सबसे अच्छे गुलाब के बागों में से एक होने की प्रतिष्ठा प्राप्त थी। +पुरातनता की तुलना में अपने आकार के लिए बेहतर जाना जाता है, इस मंदिर में शायद दुनिया की सबसे बड़ी गणेश मूर्ति है, जो मुकुट से लेकर पैर तक 25 फीट की है।  एक अवंतिका (उज्जैन) निवासी श्री दधीच के स्वप्न के फलस्वरूप निर्मित, यह 1875 में बनाया गया था। +यह जैन मंदिर कांच से निर्मित एक वास्तुशिल्प चमत्कार है।  दीवारों, छतों, फर्शों, खंभों और दरवाजों के घुंडी पूरी तरह से कांच से जड़े हुए हैं।  पेंटिंग भी कांच में की जाती है।  ऊपर एक विशेष कांच का कक्ष है जो भगवान शांतिनाथ, आदिनाथ और महावीर की तीन मूर्तियों को एक अनिश्चित संख्या में स्थापित करता है (24 तीर्थंकरों के अनुरूप 24 बार दिखाई देने के लिए कहा जाता है)। +इंदौर के प्रसिद्ध एमवाय अस्पताल के ठीक सामने, जौरा कंपाउंड क्षेत्र में, एचएच महाराजा यशवंत राव होल्कर के शासनकाल के दौरान होल्कर राज्य के महान प्रधान मंत्री राय बहादुर सर सिरमल बापना की प्रतिमा है।  इन्दौर को आधुनिक युग में लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है और वे एक योग्य और ईमानदार प्रशासक, महान समाज सुधारक, महान परोपकारी और आधुनिक युग के संत थे। +इंदौर संग्रहालय में हिंगलाजगढ़ से परमार की मूर्तियों का बेहतरीन संग्रह है।  परमार शैली की उत्पत्ति यहीं हुई थी, और पत्थर में सावधानीपूर्वक और अलंकृत रूप से चित्रित समानुपातिक आकृतियों की विशेषता है।  संग्रहालय अपने सिक्कों, हथियारों और कवच के संग्रह के लिए भी जाना जाता है। +छत्रियां मृत होल्कर शासकों और उनके परिवार के सदस्यों की याद में बनाए गए मकबरे या कब्रगाह हैं।  राजावाड़ा के पास खान नदी के तट पर सुरम्य रूप से बनी छतरियां मराठा वास्तुकला और अपने काल की मूर्तिकला के मामले में अतुलनीय हैं।  छत्री बाग में दो परिसरों में रखे मकबरों का मुख्य संग्रह है।  पास में ही सरदार चिमनाजी अप्पा साहिब बोलिया की स्मृति में 1858 ई. में निर्मित सुंदर बोलिया सरकार की छतरी है। +अहिल्याबाई होल्कर के शासनकाल में बने इस गणेश मंदिर में इंदौर के नागरिकों की बहुत आस्था है।  मान्यता है कि यहां पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।  पास ही नाहर सैयद की दरगाह है।  यह मैता मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। +शहर के केंद्र से 10-12 किमी दूर पहाड़ी पर, जैन समाज ने भगवान गोमतेश्वर की 21 फीट की मूर्ति का निर्माण किया है, जो श्रवणबेलगोला की बाहुबली प्रतिमा की प्रतिकृति है।  यहां प्रत्येक तीर्थंकर के शिलारों के साथ 24 संगमरमर के मंदिर भी बने हैं।  यह स्थान रात में इंदौर शहर का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करता है। +वेंकटेश मंदिर (लक्ष्मी वेंकटेश मंदिर 36, छत्रीबाग, नंबर 2340987 8]।  जहां भारत का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे बड़ा रथ-यात्रा जुलूस निकाला जाता है और उसमें हजारों लोग भाग लेते हैं और मंदिर का निर्माण 50 साल पहले इंदौर शहर के मध्य में नागोरिया पिथडीश्वर द्वारा किया गया था +सपना- संगीता रोड।  यह एक और बहुत प्रसिद्ध और शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है।  यहां कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड स्टोर मौजूद हैं।  जिस सड़क का नाम आधिकारिक तौर पर महान श्री अग्रसेन महाराज के नाम पर रखा गया है, वह लोकप्रिय मल्टीप्लेक्स सपना संगीता के नाम से जानी जाती है, जो पहले के दिनों में एक सिंगल स्क्रीन थिएटर था जिसमें दो थिएटर थे, अब एक मल्टीप्लेक्स है जिसमें तीन स्क्रीन आईनॉक्स हैं।  सड़क सबसे व्यस्त है और कई स्थानीय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को संबोधित करती है +रवींद्र नाटय गृह, आरएनटी मार्ग।  यह कई आधुनिक सुविधाओं के साथ शहर के सबसे अच्छे सभागारों में से एक है। +यह भोजन की देवी का प्रसिद्ध मंदिर है।  मंदिर का नाम अन्नपूर्णा यह स्वयं का अर्थ है "अन्ना" जिसका शाब्दिक अर्थ है भोजन।  शहर के लोगों की मंदिर में गहरी आस्था है।  मंदिर प्रवेश द्वार पर किए गए सुंदर रंगीन काम से बना है। +यह वैष्णो का एक प्रसिद्ध मंदिर है।  शहर के ट्रैफिक से दूर। +शहर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक।  पलासिया शहर के केंद्र के पास स्थित है। +झील प्रमुख प्रवासी पक्षियों के आवास की मेजबानी करती है और झील की प्राकृतिक सुंदरता और प्राकृतिक दृश्य के लिए जानी जाती है।  सरकार ने झील के पास एक बगीचा विकसित करने का फैसला किया है। +शहर के सबसे प्रसिद्ध देवी मंदिरों में से एक।  हवाई अड्डे के पास ऊपर की ओर स्थित है। + + +शामली भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है। जिले का मुख्यालय शामली है। +[[उत्तर प्रदेश राज्य के, जिला शामली करनाल हाईवे के, झिंझाना कस्बे के, वेदखेड़ी गांव में सुप्रसिद्ध संत रामपाल जी महाराज का सतलोक आश्रम स्थित हैं। +सतलोक आश्रम 28 बीघे लगभग पौने 6 एकड़ में आश्रम हैं। +आश्रम में बिजली पानी की व्यवस्था है। आश्रम में महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग अलग शौचालय व स्नानघर की व्यवस्था है। +सतलोक आश्रम में हजारों लोगों की एक साथ रूकने, भण्डारा करने व बैठ कर सत्संग सुनने की निशुल्क व्यवस्था हैं। सतलोक आश्रम में 10000 व्यक्ति एक साथ बैठकर सत्संग सुन सकते हैं। आश्रम में एक साथ 3000 भगत मिलकर भंडारा कर सकते हैं। इस आश्र�� में हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्मों के व्यक्ति आ सकते हैं। यहाँ पर सभी पवित्र शास्त्रों के आधार पर हवन, यज्ञ, ज्योति, पाठ करवाये जाते हैं इसलिए यहां पर जाने वाले श्रद्धालुओं को बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं और सत्संग के माध्यम से मनुष्य जीवन के मूल उद्देश्य की जानकारी प्राप्त होती है। सतलोक आश्रम शामली जिले में ही स्थित है। तथा शामली रेलवे स्टेशन से करनाल रोड पर 12 किलोमीटर पर है। आश्रम शामली करनाल हाइवे से मात्र 100 मीटर वेदखेडी गांव के रास्ते पर है। आश्रम पहुंचे के लिए पानीपत व करनाल से बस द्वारा जाया जा सकता है। आश्रम करनाल 32 किमी, पानीपत से 42 किमी, सहारनपुर से 70 किमी, मुजफ्फरनगर से 55 किमी, मेरठ से 80 किमी पर है +उत्तर प्रदेश के जिला शामली में हनुमान मंदिर स्थित हैं यह हनुमान मंदिर शहर का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में हनुमान जी को स्थापित किया गया है। जिस कारण से यह मंदिर हनुमान टीला के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार बहुत ही भव्य है। यह मंदिर देखने में बहुत ही सुंदर है। +शामली जिले के कैराना तहसील में नवाब तालाब स्थित है। मुग़ल बादशाह जहांगीर (1569–1627) ने अपनी आत्मकथा 'तुज़क-ए-जहाँगीरी' में नवाब तालाब का वर्णन किया है। बादशाह जहांगीर के मंत्री नवाब मुकर्रब खां ने 'नोलखा बाग़' अर्थात नो लाख फलदार वृक्षों के बाग के मध्य में नवाब तालाब का निर्माण कराया था। तालाब में जल निकट ही यमुना नदी से आता था। आसपास कई दयनीय अवस्था में अवशेष देखे जा सकते हैं। इस तालाब वाले बाग़ के 'आम' अकबर और जहांगीर को पसंद थे। सम्राट जहांगीर ने कुछ समय इस बाग़ और तालाब पर बिताया था। +श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर यह मराठा कालीन प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के शामली जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में शिव जी की मूर्ति को स्थापित किया गया है जिस कारण से यहां पर आने वाले श्रद्धालु शिव जी के दर्शनार्थ हेतु आते है। यह मंदिर शामली जिले में सती मंदिर रोड में स्थित है। +शामली जिले के कैराना तहसील में वनखंडी महादेव मंदिर स्थित है। यह मंदिर बहुत सुंदर है। मंदिर में शिव भगवान जी की मूर्ति दर्शन करने के लिए मिलते हैं। मंदिर के पास में ही एक तालाब स्थित हैं। +जामा मस्जिद शामली शहर में स्थित मुस्लिम लोगों का धार्मिक स्थल है। यह मस्जिद प्राचीन ह��। जामा मस्जिद शामली के कैराना में स्थित है। इस मस्जिद में आपको 3 गुंबद देखने के लिए मिलते हैं, जो बहुत ही सुंदर लगते हैं। इस मस्जिद का वास्तुकला भी बहुत सुंदर है। +जैन मंदिर शामली जिले के जलालाबाद में स्थित है। यह जैन लोगों के लिए एक तीर्थ स्थल है। इस मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की बहुत सुंदर प्रतिमा हैं। +दिल्ली शामली से लगभग 85 किमी. दूर स्थित है। +दिल्ली से शामली के लिए ट्रेनें प्रतिदिन चलती हैं। +ट्रेन द्वारा दिल्ली से शामली के बीच की दूरी 93 किमी किलोमीटर) है। +दिल्ली शामली से लगभग 85 किमी. दूर स्थित है। +शामली जिले का निकटतम एयरपोर्ट इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जोकि यहाँ से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यह एयरपोर्ट देश-विदेश से भलीभांति जुड़ा हुआ है। +दिल्ली से शामली के लिए बस भी उपलब्ध हैं। +दिल्ली से शामली के लिए बस का समय लगभग 2 घंटे 13 मिनट का समय लग जाता है। + + +ये पड़ोसी कम से कम वाइकिंग एज के लिए एक साझा विरासत साझा करते हैं, अतीत में कई यूनियनों और आज घनिष्ठ सहयोग के साथ। लगभग 1,200,000 किमी² (463,000 वर्ग मील) में, नॉर्डिक देश यूरोप के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक हैं, लेकिन लगभग 24,000,000 लोगों का घर है, जो इसकी आबादी का केवल 4% है। नॉर्डिक देशों में यूरोप के कुछ सबसे बड़े प्राकृतिक चमत्कार हैं, और जीवन के उत्कृष्ट स्तर का दावा करते हैं। साझी विरासत और राजनीतिक संबद्धता के बावजूद, यह विस्तृत क्षेत्र प्रकृति और बस्तियों में एक महान विविधता को शामिल करता है: डेनमार्क की घनी आबादी और गहन कृषि से लेकर नॉर्वे के ऊबड़-खाबड़ तट और आर्कटिक के हिमनद रेगिस्तान, आइसलैंड के ज्वालामुखियों से लेकर स्वीडन और फ़िनलैंड के विस्तृत जंगल और झीलें। +| region1description= सबसे छोटे मुख्य भूमि नॉर्डिक देश में सैकड़ों द्वीप, रोलिंग फार्मलैंड, अंतहीन समुद्र तट और एक अधिक महाद्वीपीय खिंचाव है। +| region2description= इस पुल के पूर्व में एक लाख द्वीपों और झीलों का पता लगाने के लिए। सबसे कम आबादी वाला यूरोपीय संघ देश और यूरो का उपयोग करने वाला एकमात्र नॉर्डिक देश; फ़िनिश भाषा शेष नॉर्डिक्स में मुख्य भाषाओं से संबंधित नहीं है। +| region3description= इस उत्तरी अटलांटिक द्वीप पर ज्वालामुखियों, ग्लेशियरों, गीज़र और झरनों के शानदार दृश्य। +| region4description= एक अंतहीन समुद्र तट, खड़ी पहाड़ियों, ग्लेशियरों, अनगिनत झरनों, लकड़ी के चर्चों, नॉर्दर्न लाइट्स और सहस्राब्दी समुद्री परंपराओं के लिए प्रसिद्ध। नॉर्वे की स्थलाकृति और प्रकृति में विशिष्ट क्षेत्रीय विविधता है। +| region5description= क्षेत्र और आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा नॉर्डिक देश अंतहीन जंगलों, साफ नीली झीलों और इसके तटों के साथ सुंदर द्वीपसमूह का घर है। +| region6description= अटलांटिक महासागर में डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र एक बहुत ही विशिष्ट संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान की भावना के साथ। विशेष रूप से अपने नाटकीय प्राकृतिक दृश्यों और अद्वितीय पक्षी जीवन के लिए जाना जाता है। +| region7description= बाल्टिक सागर में फ़िनलैंड का एक द्वीपसमूह और स्वायत्त क्षेत्र, जहाँ स्वीडिश भाषी आबादी की अपनी विशिष्ट संस्कृति और अर्ध-राष्ट्रीय पहचान की भावना है। +स्कैंडेनेविया एक भौगोलिक शब्द है जिसमें केवल डेनमार्क, नॉर्वे और स्वीडन शामिल हैं। शब्द नॉर्डिक देशों में फ़िनलैंड और आइसलैंड भी शामिल हैं, हालांकि ये शब्द अक्सर आगंतुकों द्वारा परस्पर विनिमय के लिए उपयोग किए जाते हैं। ग्रीनलैंड भौगोलिक रूप से उत्तरी अमेरिका का एक हिस्सा है, लेकिन राजनीतिक रूप से शेष नॉर्डिक देशों से जुड़ा हुआ है, दोनों डेनिश साम्राज्य का एक अभिन्न अंग और एक सहकारी संगठन नॉर्डिक परिषद का सदस्य है। +नॉर्वे और स्वीडन स्कैंडिनेवियाई प्रायद्वीप बनाते हैं, क्योंकि डेनमार्क बाल्टिक सागर में प्रवेश से दोनों से अलग हो गया है। स्कैंडिनेवियाई मुख्य भूमि प्लस फ़िनलैंड के लिए "फेनोस्कैंडिया" शायद ही कभी इस्तेमाल किया जाने वाला तकनीकी शब्द है, जबकि जटलैंड प्रायद्वीप (डेनमार्क का मुख्य भूमि का हिस्सा, लेकिन इसकी आबादी का मुख्य केंद्र नहीं) में जर्मन श्लेस्विग होल्स्टीन का हिस्सा भी शामिल है। एक राजनीतिक और सांस्कृतिक शब्द के रूप में नॉर्डिक देशों" में अटलांटिक में द्वीप शामिल हैं जैसे कि आइसलैंड, फरो और अधिकांश परिभाषाओं में ग्रीनलैंड, क्योंकि लंबे समय से राजनीतिक और भाषाई संबंध हैं। एस्टोनिया खुद को कम से कम आंशिक रूप से नॉर्डिक मानता है लेकिन दूसरों के द्वारा हमेशा ऐसा नहीं देखा जाता है। +उत्तरी जर्मेनिक भाषाएँ सभी नॉर्डिक देशों में बोली जाती हैं। जिन लोगों के नियमित नॉर्डिक संपर्क हैं, वे आमतौर पर जानते हैं कि कैसे अपने डेनिश, नार्वेजियन या स्वीडिश को "स्कैंडिनेविया��" में समायोजित करना है ताकि दूसरों द्वारा इसे आसानी से समझा जा सके। हालाँकि, पारस्परिक बोधगम्यता उन लोगों के बीच सीमित है, जिनका सीमाओं के पार कम संपर्क था (और इस प्रकार कम प्रशिक्षित कान और फ़िनिश, ग्रीनलैंडिक और सामी बिल्कुल भी संबंधित नहीं हैं (हालाँकि निकटता और सामान्य इतिहास के परिणामस्वरूप बहुत सारे ऋण शब्द हैं, और शब्दों के समान अर्थ भले ही शब्द स्वयं भिन्न हों)। +डेनिश, नार्वेजियन और स्वीडिश निकटता से संबंधित हैं और विशेष रूप से लिखित रूप में उनके मानक रूपों में अधिक या कम पारस्परिक रूप से सुगम हैं। मध्य युग से 19वीं शताब्दी के अंत तक (जब नार्वेजियन के लिए लेखन मानक बनाए गए थे डेनिश नॉर्वे की लिखित भाषा थी। जैसा कि वे जर्मनिक भाषाएं हैं, जर्मन और डच के कई संज्ञेय हैं, और यहां तक ​​कि अंग्रेजी बोलने वाले भी ध्वन्यात्मक वर्तनी के आसपास अपने सिर प्राप्त करने के बाद अजीब शब्द को पहचानने में सक्षम होंगे। +जबकि आइसलैंडिक और फिरोज़ी भी उत्तरी जर्मेनिक भाषाएँ हैं, वे 13वीं शताब्दी से एक भाषाई फ्रीज़र में हैं, और अन्य जर्मनिक वक्ताओं के लिए काफी हद तक अप्राप्य हैं। वे ओल्ड नॉर्वेजियन (ओल्ड वेस्ट नॉर्स के रूप में भी जाना जाता है) से विकसित हुए, क्योंकि द्वीप बड़े पैमाने पर नॉर्वेजियन द्वारा उपनिवेशित थे। नॉर्न, लगभग 1500 तक शेटलैंड और ओर्कने में बोली जाने वाली नॉर्स संस्करण, फिरोज़ी से निकटता से संबंधित है। कई सगोत्र अभी भी विशेष रूप से पश्चिम नॉर्वे के आगंतुकों के लिए पहचानने योग्य होंगे। आइसलैंडर्स और फिरोज़ी स्कूल में डेनिश सीखते हैं, और सिद्धांत रूप में अपने स्कैंडिनेवियाई रिश्तेदारों के साथ एक नॉर्डिक जीभ में बात कर सकते हैं, हालांकि व्यवहार में, डेनिश प्रवीणता आइसलैंडर्स के बीच खराब होती है, जिनका स्कैंडिनेविया के साथ नियमित संपर्क नहीं होता है। +असली आउटलेयर फ़िनिश और सामी हैं, जो फिनो-उग्रिक परिवार और ग्रीनलैंडिक हैं, जो एस्किमो-अलेउत हैं। ये जर्मनिक या इंडो-यूरोपीय भाषाएं बिल्कुल भी नहीं हैं, जिससे अधिकांश अन्य यूरोपीय भाषाओं के बोलने वालों के लिए इन्हें सीखना काफी कठिन हो जाता है। दूसरी ओर, फ़िनलैंड में लगभग 5% स्वीडिश भाषी अल्पसंख्यक हैं, और फ़िनिश और स्वीडिश के पास समान कानूनी स्थिति है। फ़िनिश बोलने वाले स्कूल में स्वीडिश पढ़ते हैं और लगभग 45% वयस्कता से स्वीडिश में परिचित हैं। हालाँकि, अधिकांश फिन्स के पास स्वीडिश की तुलना में अंग्रेजी की बेहतर महारत है, जबकि शहरी स्वीडिश स्पीकर आमतौर पर तीनों में धाराप्रवाह हैं। फ़िनिश एस्टोनियाई से काफी निकटता से संबंधित है, जबकि हंगेरियन इतना दूर है कि बोधगम्यता में मदद नहीं करता है। सामी भाषाएँ भी फिनो-उग्रिक परिवार से संबंधित हैं और सामी लैपलैंड और फ़िनमार्क की कुछ नगर पालिकाओं में एक आधिकारिक भाषा है और स्वीडन में एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा भी है। आलैंड के लोग स्वीडिश बोलते हैं (फिनिश में व्यापक रूप से भिन्न दक्षता के साथ)। ग्रीनलैंड में कई डेनिश के साथ द्विभाषी हैं। +अधिकांश नॉर्डिक देश शेंगेन क्षेत्र का हिस्सा हैं (अपवादों में ग्रीनलैंड, फरो आइलैंड्स और स्वालबार्ड शामिल हैं इसलिए यूरोपीय संघ के निवासी और आगंतुक आमतौर पर कम नौकरशाही के साथ यहां आ सकते हैं। हवाई मार्ग से स्वालबार्ड तक पहुंच आमतौर पर नॉर्वे की मुख्य भूमि से ही संभव है। ध्यान दें कि आइसलैंड, नॉर्वे और गैर-शेंगेन क्षेत्र ईयू का हिस्सा नहीं हैं, इसलिए यहां अभी भी एक सीमा शुल्क सीमा है। पालतू जानवरों के साथ यात्रा करने वालों के लिए भी विशेष आवश्यकताएं हैं (मध्य यूरोप में कुछ सामान्य बीमारियां नॉर्डिक देशों में अनुपस्थित हैं)। बॉर्डर क्रॉसिंग आमतौर पर बिना या न्यूनतम विलंब के आगे बढ़ता है। +बड़ी दूरी और आसपास के पानी के कारण, नॉर्डिक देशों में जाने के लिए हवाई यात्रा अक्सर सबसे व्यावहारिक तरीका है। सभी बड़े शहरों में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं, और यहां तक ​​कि हौगसुंड और आलेसुंड जैसे शहरों में भी कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। लगभग सभी यूरोपीय एयरलाइंस कम से कम एक नॉर्डिक हवाई अड्डे की सेवा प्रदान करती हैं। +नॉर्वे को डेनमार्क और जर्मनी के घाटों द्वारा सेवा प्रदान की जाती है। स्वीडन के लिए, डेनमार्क, जर्मनी, फ़िनलैंड, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया और पोलैंड से घाट हैं। आइसलैंड फेरी द्वारा डेनमार्क और फरो आइलैंड्स से जुड़ा हुआ है। फ़िनलैंड के लिए एस्टोनिया और जर्मनी से घाट हैं। +डेनमार्क जर्मन रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हालांकि, कोपेनहेगन से सीधा संबंध पुटगार्डन-रॉडबी फेरी से है (समुद्री सुरंग द्वारा एक निश्चित लिंक 2020 के अंत में ख���लने की उम्मीद है)। स्वीडन डेनिश रेलवे से कोपेनहेगन और माल्मो के बीच Øresund पुल के माध्यम से और गर्मियों के दौरान द्वि-दैनिक स्लीपर ट्रेन द्वारा जर्मनी की राजधानी से जुड़ा हुआ है, ट्रेलेबॉर्ग-रोस्टॉक फेरी के माध्यम से डेनमार्क को दरकिनार करते हुए यह एक बार दुर्जेय नेटवर्क का अंतिम है मध्य यूरोप और स्कैंडिनेविया के बीच स्लीपर सेवाएं, क्योंकि जर्मन रेलवे व्यवसाय से बाहर हो गया है। पर्यटन के मौसम में व्यस्त दिनों में जर्मनी से कनेक्शन बेचे जा सकते हैं, समय पर बुक करें। पूर्व से एकमात्र रेल कनेक्शन रूस में सेंट पीटर्सबर्ग और मास्को से दक्षिणी फ़िनलैंड के लिए है, यूक्रेन पर रूस के युद्ध के कारण 2022 में निलंबित कर दिया गया था। +इंटररेल पास धारकों के लिए बाल्टिक और उत्तरी समुद्रों को पार करने वाले अधिकांश घाट छूट (25-50 प्रदान करते हैं, लेकिन केवल स्कैंडलाइन्स घाट पूरी तरह से पास में शामिल हैं (नीचे फेरी देखें)। +शेंगेन क्षेत्र और नॉर्डिक पासपोर्ट यूनियन के लिए धन्यवाद, आपको शायद ही कभी सीमा पार करने के बारे में चिंता करने की ज़रूरत है। मुख्य अपवाद ग्रीनलैंड, फरो आइलैंड्स या स्वालबार्ड की यात्रा है, जो शेंगेन का हिस्सा नहीं हैं। +आइसलैंड, नॉर्वे और गैर-शेंगेन क्षेत्र यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं, और आलैंड यूरोपीय संघ के सीमा शुल्क संघ का हिस्सा नहीं है, इसलिए अभी भी सीमा शुल्क सीमाएँ हैं। यदि आपके पास पालतू जानवर, हथियार या अन्य विशेष सामान हैं, तो आपको सीमा शुल्क से संपर्क करना पड़ सकता है, चाहे कोई सीमा शुल्क स्टेशन हो या न हो जहां आप पार करते हैं या कोई वास्तविक जांच होती है। +अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर फेरी और हवाई जहाज में सवार होने के लिए पासपोर्ट या उपयुक्त आईडी की आवश्यकता हो सकती है। एक भूमि सीमा जहां चेक आम हैं, वह डेनमार्क और स्वीडन के बीच है, जहां 2015 से अपवाद के बजाय "अस्थायी चेक" नियम रहा है। +कोपेनहेगन और स्टॉकहोम के बीच निरंतर और लंबे समय से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता है कि कौन सा शहर स्कैंडिनेविया की अनौपचारिक राजधानी के रूप में खिताब का दावा कर सकता है। आप कैसे गणना करते हैं इसके आधार पर, दोनों शहर सबसे बड़े, सबसे अधिक देखे जाने वाले और सबसे अधिक निवेश के लक्ष्य हैं। हालांकि, ओरेसंड पुल के पूरा होने के बाद, और बाद में कोपेनहेगन और माल्मो स्वीडन का तीसरा सबसे बड़ा शहर यह क्षेत्र तेजी से स्कैंडिनेविया में मुख्य शहरी केंद्र के रूप में उभर रहा है, जबकि स्टॉकहोम यकीनन सबसे सुंदर के रूप में खिताब हासिल करता है। +जबकि नॉर्वे के जोर्ड्स सबसे शानदार नॉर्डिक परिदृश्य हो सकते हैं, अन्य देशों में भी सुंदर प्रकृति का उचित हिस्सा है, उदा। बाल्टिक सागर में स्टॉकहोम द्वीपसमूह और द्वीपसमूह सागर, फ़िनलैंड की हज़ार झीलें (और कुछ स्वीडन में शांत जंगल और आइसलैंड और उत्तर के विस्तृत खुले परिदृश्य। +नॉर्डिक देश यूरेशियन वन्यजीवन को देखने का अवसर भी देते हैं। आइसलैंड, फरो आइलैंड्स और नॉर्वेजियन तट में व्हेल और शानदार पक्षी चट्टानों के साथ अटलांटिक है। टैगा वन फ़िनलैंड और स्वीडन के माध्यम से प्रशांत तट से लेकर नॉर्वे के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है, और विशेष रूप से फ़िनलैंड में कई पूर्वी प्रजातियाँ हैं जो पश्चिमी यूरोप में नहीं देखी जाती हैं। +यह क्षेत्र आर्कटिक का सबसे सुलभ अनुभव भी प्रदान करता है। जबकि थोड़ा वास्तविक टुंड्रा है, गिर गया हीथ टुंड्रा जैसा है, जिसमें कई आर्कटिक प्रजातियां हैं, और देश दक्षिण की ओर नहीं पाए जाने वाले फीचर्स दिखाते हैं, जैसे आपा और पलसा बोग्स। उत्तर में बड़े क्षेत्र विरल रूप से बसे हुए हैं, थोड़ा प्रकाश प्रदूषण के साथ, ध्रुवीय रात, सितारों और उत्तरी रोशनी का पूरी तरह से अनुभव करने की अनुमति देता है। आर्कटिक पक्षियों का प्रवास आर्कटिका, अधिक दक्षिणी क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है। +नॉर्दर्न लाइट्स (लैटिन: ऑरोरा बोरेलिस) को आइसलैंड और फिनलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के उत्तरी भागों में देखा जा सकता है, और दुर्लभ अवसरों पर दक्षिण में डेनमार्क के रूप में देखा जा सकता है। थोड़े से दुर्भाग्य से वे बादलों से ढके रहते हैं, इसलिए यदि आप उन्हें देखने की योजना बना रहे हैं तो स्थानीय मौसम को ध्यान में रखें और वे हर रात दिखाई नहीं देते हैं। शहरों में वे आमतौर पर प्रकाश प्रदूषण से ढके रहते हैं, इसलिए जब तक आप बाहर, गांवों या छोटे शहरों के लिए लक्ष्य नहीं रखते हैं, आपको उन्हें देखने के लिए कुछ प्रयास करना चाहिए। +सभी स्कैंडिनेवियाई देशों के व्यंजन काफी समान हैं, हालांकि प्रत्येक देश के अपने विशिष्ट व्यंजन हैं। रेस्तरां के मेनू में समुद्री भोजन प्रमुखता से होता है, हालांकि गोमांस, सूअर का मांस और चिकन रोज़मर्रा के व्यंजनों में अधिक आम हैं। आलू मुख्य स्टेपल हैं, जिन्हें अक्सर केवल उबाला जाता है, लेकिन मैश किए हुए आलू, आलू का सलाद और भी बहुत कुछ बनाया जाता है। मसालों का उपयोग बहुत कम किया जाता है, लेकिन सामग्री को बढ़ाने के लिए ताजी जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है। +ब्रेड दर्जनों किस्मों में आती है, जिसमें डार्क, हैवी राई ब्रेड एक विशेषता है, और स्कैंडिनेवियाई पेस्ट्री बहुत प्रसिद्ध हैं। +21 वीं सदी की शुरुआत से, स्थानीय उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करके और आम तौर पर न्यू नॉर्डिक या आधुनिक स्कैंडिनेवियाई व्यंजन कहे जाने वाले दृष्टिकोण में, क्षेत्र में गैस्ट्रोनॉमी की गुणवत्ता को बढ़ाकर नॉर्डिक रसोई को पुनर्जीवित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसने रोजमर्रा के खाना पकाने और बढ़िया भोजन दोनों को प्रभावित किया है। परिणामस्वरूप, क्षेत्र के शहरों, विशेष रूप से कोपेनहेगन और स्टॉकहोम में उत्कृष्ट हाई एंड रेस्तरां विकसित हुए हैं। +अधिकांश यूरोप की तरह, प्रमुख नॉर्डिक शहरों में अंतरराष्ट्रीयकृत फास्ट फूड और जातीय व्यंजन लोकप्रिय हैं। डेनमार्क और स्वीडन में विशेष रूप से बड़ी संख्या में मध्य पूर्वी, चीनी और अन्य एशियाई भोजनकर्ता हैं। नॉर्वे में बड़ी संख्या में एशियाई कैफे और रेस्तरां हैं। +अपराध दर आम तौर पर कम है, लेकिन विशेष रूप से बड़े शहरों में शराब के नशे में होने वाले झगड़े, बर्बरता और जेबकतरे से बचने के लिए सामान्य ज्ञान का उपयोग करें। नॉर्डिक देशों को आमतौर पर दुनिया के सबसे कम भ्रष्ट देशों के रूप में स्थान दिया जाता है। +सर्दियों के दौरान ठंडा मौसम एक प्रमुख जोखिम कारक होता है; और हाइलैंड और आर्कटिक क्षेत्रों में साल भर। हवा या बारिश होने पर हाइपोथर्मिया ठंड से काफी ऊपर हो सकता है, और एक जोखिम कारक है, खासकर जब आप घर के अंदर नहीं जा सकते, जैसे लंबी पैदल यात्रा करते समय। रात में शहरों में विशेष रूप से ठंड के मौसम में इसी तरह की समस्या हो सकती है, अगर आप खो जाते हैं या टैक्सी नहीं मिल पाती है, लेकिन आपको शायद ही कभी ऐसी स्थिति कई घंटों तक सहन करनी पड़ती है। शहरों और कस्बों में दिन की गतिविधियों के लिए, ठंड शायद ही खतरनाक है, क्योंकि जरूरत पड़ने पर आप घर के अंदर आ सकते हैं, लेकिन पर्याप्त कपड़े आपको सर्दियों के मौसम का आनंद लेने की अनुमति देते हैं और गंभीर ठंड में आप आसानी से खुद को इनडोर गतिविधियों तक ही सीमित पाएंगे यदि आपका कपड़ों की कमी है। +बाल्टिक देश व्यापक और शानदार समुद्र तटों, मध्यकालीन कस्बों और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के साथ बाल्टिक सागर के पार एक आकर्षक राज्य। + + +अल्मोड़ा हिल स्टेशन उत्तराखंड राज्य में है। +यह शहर उत्तरी भारत के भीड़-भाड़ वाले पहाड़ी शहरों की तरह है, लेकिन इसके आसपास की प्राकृतिक सुंदरता आश्चर्यजनक है। अल्मोड़ा को मंदिरों का शहर कहा जाता है। शहर के केंद्र में स्थित देवी नंदा देवी का मंदिर है। पहाड़ आस-पास के इलाकों से भी दिखाई देता है। +अल्मोड़ा पूर्वी उत्तराखंड में हिमालय के कुमाऊं पहाड़ों में लगभग 36,000 (2011) का एक शहर है। अधिकांश शहर लगभग 5 किमी लंबी अर्धचंद्राकार पर्वत श्रृंखला पर बसा है, और इसका अधिकांश भाग 1,800 मीटर से ऊपर है। कोसी और सुयाल नदियाँ अल्मोड़ा के चारों ओर बहती हैं जो एक प्राकृतिक अवरोध प्रदान करती हैं। शिमला, रानीखेत और नैनीताल के विपरीत, जो अंग्रेजों द्वारा विकसित किए गए थे, अल्मोड़ा पूरी तरह से कुमाऊँनी भारतीयों द्वारा विकसित एक हिल स्टेशन है। +अल्मोड़ा एक कृषि आधार है और एक व्यापार केंद्र भी है। +अल्मोड़ा चंद राजवंश की सत्ता का केंद्र था जिसने लगभग एक हजार वर्षों तक कुमाऊं की भूमि पर शासन किया। अल्मोड़ा की खोज के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि अन्य हिल स्टेशनों के विपरीत, यह अंग्रेजों द्वारा खोजा और विकसित नहीं किया गया था। कत्युरी राजवंश ने 9वीं शताब्दी ईस्वी से अल्मोड़ा के आसपास के क्षेत्र पर शासन किया, जब तक कि इसने चंद वंश के लिए रास्ता नहीं बनाया। राजा बालो कल्याण चंद ने 1560 ईस्वी में अल्मोड़ा को अपनी नई राजधानी बनाया, जब उन्होंने अपनी राजधानी को चंपावत से अल्मोड़ा स्थानांतरित कर दिया। चंदों ने 19वीं शताब्दी ईस्वी तक अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया। +अल्मोड़ा की खोज के बारे में एक दिलचस्प स्थानीय कथा है। चंद वंश के शासक राजा कल्याण चंद शिकार की तलाश में घोड़े की नाल के आकार के रिज पर सवार थे। शिकार की गई खदान ने एक स्थानीय जंगली दारुहल्दी झाड़ी किल्मोरा की घनी झाड़ियों के पीछे शरण लेकर अपने जीवन की रक्षा की और राजा को वह स्थान बताया। कहानी की पुष्टि किसी भी साहित्यिक या पुरातात्विक साक्ष्य से नहीं हो सकती है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाना जारी है। 1790 ई. में गोरखाओं ने अल्मोड़ा पर कब्जा कर लिया और अंततः 1814-1815 के गोरखा युद्धों के बाद अंग्रेजों ने इसे गोरखाओं से छीन लिया। +जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश शासन के दौरान अल्मोड़ा की जेल में कारावास की अवधि पूरी की। उन्होंने अपनी बेटी को इस स्थान से लिखे गए अपने विभिन्न पत्रों में एकांत के सुख और प्रकृति के विविध मिजाज का विस्तृत विवरण पीछे छोड़ दिया। +अल्मोड़ा तीन अलग-अलग रास्तों से पहुंचा जा सकता है। इनमें से सबसे आम नैनीताल के माध्यम से है। अल्मोड़ा निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम से 90 किमी उत्तर में स्थित है। +शहर को काठगोदाम स्टेशन से सेवा मिलती है, जो लगभग 35 किमी दूर स्थित है। टैक्सी अल्मोड़ा के लिए ₹600 चार्ज करती है। आप प्रति व्यक्ति ₹125 पर कैब शेयर भी कर सकते हैं। अधिकांश होटल पूर्व अनुरोध पर ₹700-1000 लेने की व्यवस्था करेंगे। स्टेशन प्रति सप्ताह 46 एक्सप्रेस ट्रेनों का प्रबंधन करता है। +* शताब्दी एक्सप्रेस (12040) दैनिक-ईसी, सीसी-विभाग नई दिल्ली 06:20, काठगोदाम आगमन 11:20 +बाग एक्सप दैनिक प्रस्थान। हावड़ा 21:45 आगमन। 09:35 2 रातें +देहरादून काठगोदाम एक्सप्रेस डब्ल्यू सु प्रस्थान। 22:30 आगमन। 07:25 1 रात +संपर्क क्रांति एक्सप्रेस दैनिक प्रस्थान। दिल्ली जंक्शन 16:00 आगमन। 22:45 7 घंटे +[[दिल्ली से दैनिक बस सेवाएं हैं। बसें आईएसबीटी आनंद विहार से निकलती हैं और उत्तराखंड रोडवेज द्वारा चलाई जाती हैं। +अल्मोड़ा जाने में 10 से 12 घंटे लगते हैं। दिल्ली से, यह हाईवे ड्राइविंग भर है। NH 24 हापुड़ के रास्ते दिल्ली को रामपुर से जोड़ता है। रामपुर में, एनएच 87 पर उत्तर की ओर मुड़ें और अल्मोड़ा तक जाएँ। रास्ते में पड़ावों में वंडरलैंड, रेलवे क्रॉसिंग, मुरादाबाद और कैची मंदिर, कैची शामिल हैं। +जेए 101 विभाग। दिल्ली 13:15 आगमन। पंतनगर 14:15 (मेगावाट एफ) +जेए 102 विभाग। दिल्ली 14:45 आगमन। पंतनगर 15:45 (एमडब्ल्यूएफ) +किराया वयस्कों के लिए ₹2250, बच्चों के लिए ₹1400। +बिनसर मंदिर बिनेश्वर मंदिर अल्मोड़ा से 8 किमी दूर एक बड़ा मंदिर परिसर है। इसके अलावा, पास के बिनसर टॉप से एक अच्छा दृश्य दिखाई देता है। +''कसार देवी शहर से 8 किमी दूर, शानदार दृश्य है। +पुराने कुमाऊंनी संस्कृति की झलक के साथ प्रसिद्ध बाजार घूमें +अल्मोड़ा की प्रसिद्ध दूध मिठाई बाल मिठाई। इसके अलावा चोकलेट (चॉकलेट नहीं एक कंडेंस्ड मिल्क स्वीट जिसमें फज जैसी स्थिरता और सिंगौरी, फिर से हरे मालू के पत्ते में लिपटी हुई एक प्रकार की दूध की मिठाई है, जो इसे इसका प्रशंसित स्वाद देती है। +बहुत सारी 'अदरक अदरक) चाय लोकप्रिय स्थानीय पेय मेहमानों का स्वागत करने और गर्म रखने के लिए भी पेश की जाती है। +होटलों में अपस्केल क्लब महिंद्रा और अपेक्षाकृत डाउन-टू-अर्थ केएमवीएन कुमाऊं मंडल विकास निगम) टूरिस्ट रेस्ट हाउस शामिल हैं। +कलमटिया संगम अल्मोड़ा के ठीक बाहर। +* बिनसर अल्मोड़ा से 25 किमी दूर एक वन्यजीव अभ्यारण्य है। अल्मोड़ा टैक्सी स्टैंड से टैक्सी ली जा सकती है। अभयारण्य में एक रिसॉर्ट (क्लब महिंद्रा रिज़ॉर्ट) और एक संलग्न रेस्तरां के साथ वन गेस्टहाउस है। बिनसर के चारों ओर एक सुंदर आलसी अनुभव है। जंगल के रास्ते हैं और हर जगह बहुत सारे पक्षी देखे जा सकते हैं। सर्दियों में बिनसर बहुत ठंडा हो सकता है और भारी ऊनी कपड़ों की आवश्यकता होती है। +* चौकोरी, रानीखेत, शीतलाखेत, बिनसर, कौसानी और बागेश्वर जैसे विचित्र पहाड़ी सैरगाह अल्मोड़ा के चारों ओर हैं और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। + + +अपनी हरी-भरी पहाड़ियों और विविध वनस्पतियों और जीवों के साथ, मसूरी एक आकर्षक हिल रिसॉर्ट और एक शानदार हनीमून स्थल है। उत्तर-पूर्व में विस्तृत हिमालयी बर्फ़ की श्रेणियों और दक्षिण में दून घाटी रुड़की सहारनपुर और हरिद्वार के शानदार नज़ारों के साथ, यह शहर एक परियों का देश प्रस्तुत करता है पर्यटकों के लिए माहौल। इसका इतिहास 1827 का है जब एक साहसी सैन्य अधिकारी कैप्टन यंग ने इस स्थल का पता लगाया और इस हॉलिडे रिसॉर्ट की नींव रखी। मसूरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और व्यस्त सामाजिक जीवन के लिए प्रसिद्ध है। +[[देहरादून रेलवे स्टेशन से बसें चलती हैं। दो बसें हैं जो मसूरी मॉल, लाइब्रेरी और पिक्चर पैलेस के विपरीत छोर पर जाती हैं। यह एक से दूसरे में काफी बढ़ोतरी है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप सही को पकड़ते हैं। +देहरादून से सीधे केम्प्टी फॉल्स पहुंचने के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन हिल बस सर्विस सेक्शन से बस लें या टैक्सी लें। आपको बरकोट, नैनबाग, यमुनोत्री, और पुरोला जैसे गंतव्यों के लिए जाने वाली बसों की तलाश करनी चाहिए (सावधानी: कभी-कभी पुरोला बसें विकास नगर से होकर जाती हैं जो आपको मार्ग से पूरी तरह से दूर ले जा सकती हैं इसलिए सावध���न रहें)। +आप मसूरी के लाइब्रेरी छोर के लिए भी बस ले सकते हैं और केम्प्टी बस स्टॉप तक पैदल जा सकते हैं और बस या टैक्सी या मिल्क वैन ले सकते हैं या उस दिशा में जाने वाले पर्यटक के साथ सवारी भी कर सकते हैं लाइब्रेरी एंड या कुलरी एंड (देहरादून से) के लिए बस शुल्क ₹47 है। +केम्प्टी गांव में प्रवेश करने पर प्रति बस/टैक्सी/कार/स्कूटर पर टोल टैक्स देना होता है। लाइब्रेरी छोर से केम्प्टी तक बस का किराया लगभग ₹15 है। +मसूरी तक की यात्रा के लिए टैक्सी किराए पर लेना संभव है। दरें ₹610 प्रति टैक्सी और रात के शुल्क के लिए ₹50 अतिरिक्त हैं, लेकिन आप एक साझा टैक्सी में भी प्रति सीट का भुगतान कर सकते हैं, जिसमें आम तौर पर अधिकतम पांच यात्री बैठ सकते हैं। साझा या चार्टर्ड टैक्सियाँ भी उसी हिल सेक्शन बस टर्मिनल के पास उपलब्ध हैं और दरों को टैक्सी यूनियन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ये दरें आम तौर पर उनके कार्यालय के बाहर एक बोर्ड पर प्रदर्शित की जाती हैं। +मसूरी देहरादून से सिर्फ 38 किमी दूर है और आप यहां टैक्सियों और बसों से पहुंच सकते हैं। मसूरी पहुंचने के लिए नियमित बसों में लगभग डेढ़ घंटे और ₹47 लगते हैं। देहरादून रेलवे स्टेशन से टैक्सी लगभग ₹610 चार्ज करती हैं। प्रति व्यक्ति ₹100 से थोड़ा अधिक चार्ज करने वाली साझा टैक्सियाँ भी उपलब्ध हैं। +मसूरी में एक बार आने के बाद, शहर के चारों ओर घूमने का सस्ता और प्रभावी तरीका बस प्रणाली या साइकिल रिक्शा का विकल्प चुनना है। शहर के भीतर यात्रा करने के लिए साइकिल रिक्शा की कीमत लगभग ₹20 हो सकती है। हालाँकि, यह भीड़ हो सकती है, खासकर पीक ऑवर्स के दौरान। अधिकांश भाग के लिए आप पैदल ही घूमना चाहेंगे। मॉल ज्यादातर वाहनों के लिए बंद है। +मॉल का एक अपेक्षाकृत सपाट खंड रिक्शा के बेड़े को अपना व्यापार करने की अनुमति देता है। आप मॉल के लाइब्रेरी छोर से लगभग मध्य बिंदु तक सवारी पकड़ सकते हैं। +निजी कैब या टैक्सियों की तुलना में रिक्शा द्वारा मसूरी के दर्शनीय स्थलों की यात्रा का एक पूरा दिन कम खर्चीला है। लेकिन इसमें समय लगता है। इसलिए यदि आप जल्दी में हैं और अतिरिक्त पैसे देने के लिए तैयार हैं तो टैक्सियाँ बेहतर हैं। +मसूरी के भीतर टैक्सी परिवहन का एक उपयोगी रूप नहीं है। यदि आप अपने सामान के साथ लंढौर जा रहे हैं, तो सवारी करना बुद्धिमानी होगी। उन्हें के���्प्टी फॉल्स या हैप्पी वैली जैसी जगहों पर घूमने के लिए भी किराए पर लिया जा सकता है। मॉल के दोनों सिरों पर टैक्सी स्टैंड हैं। कई स्थानीय लोग 'टैक्सी' सेवाओं की पेशकश करते हैं, और यदि आप लंबे समय तक रह रहे हैं तो आपको ये (थोड़े सस्ते) विकल्प मिलेंगे। लेकिन सभी टैक्सियाँ एक संघ के अधीन हैं, इसलिए दरें अलग-अलग नहीं होंगी और उन्हें संघ कार्यालय के माध्यम से पुस्तकालय छोर, मॉल रोड, केम्पटी बस स्टैंड आदि पर किराए पर लेना होगा। +आप एक निजी कार भी किराए पर ले सकते हैं जो थोड़ी महंगी होगी लेकिन कम समय लेने वाली होगी। धनोलत्री और केम्प्टी फॉल्स सहित टैक्सी द्वारा शहर के चारों ओर दर्शनीय स्थलों की यात्रा का एक पूरा दिन ₹1800 से अधिक का है। + + +भारत के पंजाब राज्य के संगरूर ज़िले में धूरी शहर स्थित हैं। +सतलोक आश्रम पंजाब राज्य के जिला संगरूर के धूरी शहर में स्थित हैं। यह सतलोक आश्रम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित हैं। +सतलोक आश्रम धूरी 2 बीघा 3 बिस्वा जमीन में बना है। सतलोक आश्रम धूरी में सभी प्रकार की व्यवस्थाएं है बिजली, पानी, आश्रम में महिलाओं के लिए शौचालय व स्नानघर पुरुषों के लिए शौचालय व स्नानघर की अलग-अलग व्यवस्था है। सतलोक आश्रम धूरी में लोगों के लिए ठहरने, भण्डारा करने व सत्संग सुनने की बिल्कुल निशुल्क व्यवस्था हैं। इस आश्रम में सभी धर्मों के व्यक्ति आ सकते हैं। सतलोक आश्रम धूरी में सुप्रसिद्ध संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी पवित्र शास्त्रों के ज्ञान आधार पर हवन, यज्ञ, ज्योति, पाठ करवाये जाते हैं इससे यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को पवित्र सतग्रंथों का ज्ञान व पुन्य प्राप्त होते हैं। सतलोक आश्रम धूरी शहर में संगरूर जिला में स्थित हैं सतलोक आश्रम धूरी पहुंचने के लिए बस, रेलवे, जंक्शन के माध्यम से पहुंचा जा सकता हैं। +सतलोक आश्रम धूरी शहर से 2 किमी दूर संगरूर से 12 किमी दूर स्थित हैं। +कंझला गांव में गुरुद्वारा नानकियाना साहिब स्थित है। +इस स्थान पर गुरु नानक देव जी रुके थे और उन्होंने स्थानीय पुजारियों को सही रास्ता दिखाया था। +गुरुद्वारा नानकियाना साहिब पहुंचने के लिए टैक्सी या बस से गुरुद्वारा तक पहुंचने के लिए करीब 25 मिनट लगते हैं। +गुरुद्वारा पातशाही नवमी संगरूर-पटियाला रोड पर एक छोटे से कस्बे भवानीगढ़ में स्थित हैं। गुरुद्वारा पातशाही नवमी का निर्माण भव्य तरीके से किया गया है। इस गुरुद्वारे में रोजाना श्रद्धालुओं का कतार लगा रहता है। +यह मशहूर बनासर बाग शहर के एक तालाब के बीच में स्थित हैं। बनासर बाग संगमरमर की एक बारादरी यानि 12 दरवाजों की एक इमारत है। इस बनारस बाग में एक महल भी है जो अब संग्रहालय के रूप में हो चुका है। यहां पर प्राचीन हथियारों और आलेखों को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर संगत सर्दियों में ज्यादा आती हैं। +शहर से उत्तर की ओर 5 किमी की दूरी पर मालेरकोटला-संगरूर रोड पर अकोई गांव में गुरुद्वारा अकोई साहिब स्थित है। यहां पर पहला दौरा पहले, छठे और नौवें सिख गुरुओं ने किया था। गुरुद्वारा अकोई साहिब में श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी ने अपने घोड़े को करीर के पेड़ से बांधा था यह आज भी मौजूद हैं। गुरुद्वारे के मध्य में एक बड़ा सा गुंबद है जो चारों तरफ से छोटे छोटे गुंबदों से घिरा हुआ है। गुरुद्वारा अकोई साहिब में विदेशों से भी यहां संगत आती रहती है। +जिला संगरूर और धूरी जंक्शन के बिच में 20 ट्रैन रोजाना चलती है। संगरूर से धूरी सफ़र तय करने में किराया 30-45 रूपए लगता हैं। +संगरूर से धूरी शहर पहुंचने के लिए बस के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं। संगरूर से धूरी शहर पहुंचने में बस का किराया लगभग 15 रुपए लगते हैं। संगरूर और धूरी शहर के लिए हर 10 मिनट में बस आती जाती हैं। +संगरूर से धूरी शहर पहुंचने के लिए रिक्शा से भी जाया जा सकता हैं रिक्शा का किराया लगभग 15-20 रुपए हैं। + + +यह हिन्दी विकियात्रा का स्वचालित स्वागत संदेश वाहक है। + + +यह पुराना मूल सांचा है। + + +साँचा संपादक विकिवॉयजर हैं जो साँचा और मॉड्यूल को संपादित करने की क्षमता रखते हैं जिन्हें "संरक्षित साँचा" सुरक्षा स्तर से संरक्षित किया गया है, आमतौर पर एक उच्च ट्रांसक्लूजन गिनती (बड़ी संख्या में पृष्ठों में उपयोग) के कारण, उदा। मुख्य पृष्ठ। +यदि आप साँचा संपादक बनना चाहते हैं, तो किसी भी व्यवस्थापक से पूछें; यदि आप भरोसेमंद हैं और आपके पास विकियात्रा का कुछ अनुभव है, तो आपका अनुरोध स्वीकार कर लिया जाएगा। पैट्रोलर्स की तरह, साँचा संपादक बनने के लिए किसी नामांकन प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है। + + +विकियात्रा के सदस्य विभिन्न शहरों, राज्यों व यहाँ तक अनेक देशों से आते है। हमारे हिन्दी विकियात्��ा पर भी अनेक प्रान्तों व सभ्यताओं के लोग अपना योगदान दे रहे है। भारत जैसे विभिन्ताओं वाले देश में भी एकता से सब शांति से रह पाते है वैसे ही यहाँ विकियात्रा पर भी हमें ध्यान देना चाहिए की हर सदस्य अलग परिस्थिति, सोच, विचार, भाषा व भौगोलिक स्थिति से आता है व जरूरी नहीं की किन्हीं दो व्यक्तियों के विचार हर सम्बन्ध में हर समय एक दूसरे से मिले। +मुख्य बात यह हैं की हम सभी से तमीज़ और प्यार से पेश आयें ताकि इस बड़े कार्य जिसे हम विकिपीडिया कहते पे अधिक से अधिक योगदान हो सके वह यह प्रयास अधिक लाभकारी बन सके। +कुछ अन्य मुख्य बातें जिनपर आपका ध्यान होना चाहिए: +सद्भाव कायम करे विकियात्रा जिस तरक्की व नेकी की राह पर चल रहा है वो उस नीति की वजह से ही संपन्न हो पाया है जो किसी को भी मुक्त रूप से ज्ञान उपलब्ध कराती है व किसी को भी किसी प्रतिबन्ध के बिना उसमे और अधिक जानकारी जोड़ने का हक देती है। +विनम्र रहे चाहे हालत कुछ भी हो हमेशा विनम्र रहे इससे यह होगा की आपकी बात अंत तक सुनी और समझी जायेगी। +भावों को समझे यहाँ विकियात्रा पर हम आपस में वार्ता लिखकर करते है व यह एक अच्छा माध्यम है। पर ध्यान देने वाली बात यह है की शब्द आखिरकार शब्द होते है व कोरे शब्द कई बार असली मंशा व भाव प्रदर्शित नहीं कर पाते या सामने वाले को इसके पीछे की मंशा पर संशय हो सकता है। जितना हो सके खुलकर व सीधे रूप में बात करे। शब्दों के चयन व लिखने के तरीके पे ध्यान दे, ताकि आपके साथी सदस्य पर इसका विपरीत असर न हो। +समझोते का प्रयास करे विचारों में मतभेद होना लाज़मी है पर बात बढ़ाने की जगह एक मध्यम रास्ता निकाले और किसी निर्णायक समझोते तक पहुचे। +तथ्यों पे तर्क करे न की व्यक्तित्व पर व्यक्ति विशेष को निशाना न बनाये। याद रखे आपका उनके किये गए कार्य से मतभेद हो सकता है पर यह कोई निजी दुश्मनी नहीं है। +उचित प्रश्नों की उपेक्षा नहीं करे सवाल कई तरह के हो सकते है व हो सकता सभी हमें रास नहीं आये या कुछ हमारे खुद के कार्यों की समीक्षा के बारे में हो। याद रखे की उचित प्रश्न जवाब के हक़दार होते है। +आपके किये गए संपादन की समीक्षा अगर कोई अन्य सदस्य आपके द्वारा किये गए संपादन से संतुष्ट नहीं है या उसके खिलाफ है तो वाद-विवाद की जगह तर्कपूर्ण तरीके से यह बात स्पष्ट करे की आपका संपादन सही क्यों है। +अपने विचार रखे अगर आपके ���ास किसी विषय के बारे में कोई उत्तर नहीं हो तो उसे स्वीकार करे या अगर आप किसी विषय वस्तु के खिलाफ है तो उसे बताए व वजह साफ़ करे। +सभ्य रहे चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो हमेशा सभ्य बने रहे। इससे आप सामने वाले का दिल जीत सकते है। हां ऐसा करना कई बार मुश्किल हो सकता है वो भी जब वार्ता आपके बारे में या आप की ग़लतियाँ निकालने के लिए हो रही हो। हो सकता है की सामने वाला आप से सभ्य न हो पर आप शालीनता का परिचय दे। +बदतमीजी का जवाब दे पर बदतमीजी से नहीं ऐसा करने वाले व्यक्ति को बताए की वह क्या गलत कर रहे है व आप इस प्रकार के व्यवहार का जवाब नहीं देंगे व अगर उन्हें आपसे वार्ता जारी रखनी है तो सभ्यता से पेश आये। +क्षमा मांगे कई बार हम भावना के वश में ऐसी कुछ बाते कर जाते है जिनपर हमें बाद में खेद होता है। अपनी ग़लती स्वीकारे। क्षमा मांगे। +क्षमा करे और भूल जाये अगर आप किसी को क्षमा कर रहे है तो फिर दिल से उन्हें माफ़ कर दे, व नयी शुरुआत करे। बाद के लिए मन काला नहीं रखे। +अपने पूर्वाग्रहों को समझे हम में से कोई भी परिपूर्ण नहीं है। अगर आप भी कोई पूर्वाग्रह रखते हो तो उन्हें पहचाने व उनपे काबू रखे। + + +रानीखेत उत्तराखंड भारत में एक 1830 मीटर ऊंचा हिल स्टेशन है । +यह एक छावनी शहर है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की अत्यधिक सुशोभित कुमाऊं रेजिमेंट और नागा रेजिमेंट का घर है। +कुमाऊं की पहाड़ियों और आसपास के जिलों के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। +रानीखेत में मुख्य सड़क NH87 है जो काठगोदाम से ऊपर चढ़ती है, दक्षिण में 85 किमी। नैनीताल के पास से गुजरने वाले मुख्य राजमार्ग के बजाय आप भीमताल के माध्यम से अधिक सुंदर मार्ग पर विचार कर सकते हैं (थोड़ा छोटा, पैच में अच्छी तरह से बनाए नहीं रखा गया है)। खैरना ब्रिज के बाद चीड़ के जंगलों के बीच का आखिरी हिस्सा शानदार है। +अल्मोड़ा मंदिरों के शहर जागेश्वर से होते हुए पूर्व में 44 किमी +काठगोदाम काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 85 किमी टैक्सी उपलब्ध हैं। वे लगभग ₹250-₹300 चार्ज करते हैं। यूके रोड ट्रांसपोर्ट की सरकारी बसें रेलवे स्टेशन से 3 किमी नीचे बस स्टैंड से उपलब्ध हैं। बस यात्रा में लगभग 4 घंटे लगते हैं। +पिथौरागढ़ (पिथौरागढ़ जिले, पूर्वी उत्तराखंड में 161 कि.मी +दिल्ली कार द्वारा 350 किमी (लगभग 8 घंटे)। बस द्वारा 12-14 घंटे। +निकटतम हवाई अड्डा पंत नगर, 112 किमी है। बल्कि अल्प सेवा। +निकटतम रेलहेड काठगोदाम, 85 किमी और रामनगर 96 किमी है +रानीखेत कई स्तरों पर है। एक मोटर योग्य सड़क से दूसरी सड़क के बीच शॉर्टकट तलाशने के लिए पैदल चलना पसंदीदा तरीका है। एसयूवी हैं जो गांवों के बीच चलती हैं, और बसें भी। +मुख्य बाजार और मॉल क्षेत्र मध्य पहुंच पर है, जो गिंगरीखाल तक जाता है, जहां से एक सड़क द्वाराहाट में प्रमुख मंदिर के मार्ग में तेजी से गगास तक जाती है । आगे अल्मोड़ा रोड पर सेना का गोल्फ कोर्स है, जिसके चारों ओर चीड़ हैं। +छावनी क्षेत्र दक्षिण में चौबटिया शीर्ष तक जाने वाली ऊपरी पहुंच पर कब्जा कर लेता है। पश्चिम में गनियाटोली जंक्शन है, जहाँ से कोई भी तरिकेत और सौनी के छोटे से दर्शनीय गाँव से होते हुए रामगढ़ जा सकता है। +साफ मौसम में नवंबर से अप्रैल तक (या बारिश के बाद) आप रानीखेत के अधिकांश स्थानों से राजसी नंदा देवी श्रृंखला देख सकते हैं। +* कुछ घंटे मॉल में बिताएं। ऊपर और नीचे जाने वाले तीखे रास्तों को देखें, बस स्टैंड के ठीक ऊपर सार्वजनिक उद्यान, चाउमीन, समोसा, राम-मिठाई और चाय के अंतहीन कप बेचने वाले छोटे स्टाल। +* गोल्फ कोर्स पर जाएं। अपनी तस्वीर लो। आसपास के लोग बताएंगे कि यहां राजा हिंदुस्तानी जैसी बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग कैसे हुई है। +* सोमनाथ द्वार (मॉल का पूर्वी छोर) से चौबटिया की ओर बढ़ते हुए, एक पुराने चर्च के पीछे सेना द्वारा स्थापित हैंडलूम ट्वीड फैक्ट्री पर रुकें। आप आमतौर पर सड़क से करघे की आवाज़ सुन सकते हैं। आगे बढ़ते हुए (कार से आप कैंट के द्वार पर झूला देवी मंदिर पहुँचते हैं। ऊपर के पास आप ताजा माल्टा जूस पी सकते हैं। राजमार्ग और गनियाटोली से लौटें। +नर सिंह मैदान के पास मनकामेश्वर मंदिर के ठीक सामने, पुराने चर्च में हैंडलूम/ट्वीड सेटअप देखें। आप बुनकरों को तेजी से (और शोरगुल) काम करते हुए देख सकते हैं, और सामने की दुकान से उनका सामान खरीद सकते हैं। इनमें से अधिकांश कार्यकर्ता युद्ध विधवा हैं। +बाल मिठाई' नामक स्थानीय मिठाई का प्रयास करें यह एक चॉकलेट रंग दूध की कमी क्यूब्स में कटौती की जाती है जिस पर सफेद चीनी बॉल कोटिंग होती है। चॉकलेट के रूप में जाना जाने वाला चीनी बॉल कोटिंग के बिना इसका एक और संस्करण भी उपलब्ध है। +बुरांश का रस पहाड़ रोहोडेरोन के फूलों से बना एक खट्टा पेय। +गोल्फ कोर्स और उससे आगे, शीतलाखेत तक सड़क पर कई अपस्केल रिसॉर्ट हैं। + + +ऋषिकेश भारत के उत्तरी राज्य उत्तराखंड का एक छोटा सा शहर है । जहां गंगा नदी हिमालय से नीचे आती है, वहां दर्शनीय रूप से स्थित, ऋषिकेश ने पश्चिमी प्रसिद्धि के लिए गुलेल लगाई जब बीटल्स ने महर्षि महेश योगी के आश्रम की यात्रा की। यह शहर आज भी योग की विश्व राजधानी के रूप में जाना जाता है । +पास के देहरादून और हरिद्वार के साथ ऋषिकेश उत्तराखंड हिमालय का एक उपयोगी प्रवेश द्वार है। उत्तरी चार धाम यात्रा चार तीर्थ पवित्र यात्रा) आदर्श रूप से ऋषिकेश से शुरू होती है। +शहर का केंद्र जहां बस और ट्रेन स्टेशन हैं, ज्यादातर यात्रियों के लिए बहुत कम रुचि रखते हैं। आगे उत्तर पूर्व में गंगा पर फैले दो पुल हैं राम झूला और लक्ष्मण झूला । इन पुलों के सिरों पर गतिविधि और रुचि के मुख्य केंद्र हैं। +पास में स्थित शिवपुरी 12 किमी दूर, कई साहसिक खेलों का केंद्र है, इसके नाम शिवपुरी से भ्रमित नहीं होना चाहिए । +कार द्वारा ऋषिकेश के लिए दिल्ली हवाई अड्डा परेशानी मुक्त यात्रा के लिए एक अच्छा विकल्प है, खासकर उन विदेशी पर्यटकों के लिए जो पहली बार भारत की यात्रा कर रहे हैं। यह 6- से 7 घंटे की यात्रा है। कीमतें एक वातानुकूलित कॉम्पैक्ट कार के लिए US$85 से लेकर वातानुकूलित SUV के लिए US$125 तक भिन्न होती हैं (लेकिन यदि आप हवाई अड्डे पर प्रीपेड टैक्सी बूथों से ये सेवाएं प्राप्त करते हैं तो दरें बहुत अधिक हैं)। +दिल्ली से हरिद्वार के लिए कई ट्रेनें हैं. कुछ बेहतर हैं: शताब्दी एक्सप्रेस, जन शताब्दी, एसी स्पेशल एक्सप्रेस, मसूरी एक्सप्रेस। एक शांत शाखा लाइन हरिद्वार को ऋषिकेश से जोड़ती है, लेकिन प्रतिदिन लगभग तीन धीमी ट्रेनें हैं। आम तौर पर, ट्रेन को हरिद्वार ले जाना और बस (45 मिनट, ₹20 टैक्सी (30 मिनट, ₹650) या साझा ऑटो-रिक्शा (40 मिनट, ₹25) से जारी रखना बेहतर होता है। हालांकि, पीक सीजन में या 'मेला मेला) के दौरान ट्रेन से यात्रा करने की सिफारिश की जाती है, जब हरिद्वार में बस मार्गों को बदल दिया जाता है, जबकि ट्रेनें अक्सर खाली चलती हैं और किराया कम होता है (यात्री ट्रेन सेवा के लिए सिर्फ ₹4)। आप ऋषिकेश स्टेशन से लक्ष्मण झूला (₹15) की ओर शेयर रिक्शा (वाहन ब्रांड नाम विक्रम) ले सकते हैं। गंगा के उस पार स्वर्ग आश्रम तक पहुँचने के लिए आपको राम झूला को पार करना होगा। +* हरिद्वार से ऋषिकेश के लिए यात्री ट्रेनें (अनुमानित यात्रा समय, 1 घंटा): +दिल्ली से ऋषिकेश लगभग 230 किमी दूर है और बसों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एक बस यात्रा में लगभग 5-7 घंटे लग सकते हैं (यातायात के आधार पर) और आपको ₹130-350 खर्च करने होंगे। एक एसी बस का किराया ₹200-500 होगा। घूमने का सही समय फरवरी, मार्च, अगस्त-अक्टूबर होगा। जुलाई में सावन नाम का एक त्यौहार होता है जिसमें हज़ारों लोग ऋषिकेश आते हैं। प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हैं और होटलों में भीड़ है। उस दौरान ऋषिकेश की यात्रा से बचना ही बेहतर होगा। +ऑटो-रिक्शा (विक्रम) बस/ट्रेन स्टेशनों से किसी भी पुल (₹8) और गंगा के दक्षिणी हिस्से तक जाने के लिए उपयोगी हैं। स्वर्गाश्रम बहुत अधिक पैदल यात्री है, लेकिन यह कॉम्पैक्ट और चलने योग्य है (जैसा कि पूरे शहर में है)। अन्य ऑटो-रिक्शा यात्राओं के लिए आपको लगभग ₹15/किमी भुगतान करने की उम्मीद करनी चाहिए। +गंगा के पूर्वी तट पर जाने के लिए, आपको निलंबन पुलों पर चलना होगा या राम झूला से नौका लेना होगा। नीलकंठ मंदिर और जलप्रपात पर आगंतुकों को छोड़ने के लिए गंगा तट के पास शेयर जीप और टैक्सी उपलब्ध हैं। कुल मिलाकर, नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे तक जाने के लिए सड़क मार्ग से 16 किमी से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है। +* प्रतिष्ठित उपचार शक्तियों के साथ गंगा में पवित्र डुबकी लगाएं । +* छोटा चार धाम का मौसम गर्मियों में शुरू होता है और अक्टूबर के अंत तक जारी रहता है। छोटा चार धाम उत्तराखंड के भीतर चार पवित्र स्थलों में ले जाने वाला एक हिंदू तीर्थ मार्ग है: बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री (गंगा नदी की सहायक नदियों के सभी स्रोत) और यमुनोत्री (यमुना नदी का स्रोत)। +* योग, ध्यान और हिंदू दर्शन का अध्ययन करने के लिए किसी आश्रम में जाएँ । +* दुनिया की योग राजधानी के शीर्ष योग शिक्षकों के साथ मुफ्त योग कक्षाएं प्राप्त करें और वार्षिक मुफ्त योग और संगीत समारोह में लाइव शास्त्रीय भारतीय संगीत के मुफ्त संगीत कार्यक्रम का आनंद लें । +ऋषिकेश गंगा नदी (गंगा) पर राफ्टिंग के लिए बहुत लोकप्रिय है। सितंबर-नवंबर और मार्च-मई राफ्टिंग के लिए आदर्श हैं। राफ्टिंग कई किलोमीटर तक जाती है, और पथ कठिनाई के क्रम में, स्तर 1 से स्तर 5 तक, रैपिड्स से घिरा हुआ है। यात्रा के अंत में, आपके पास एक कगार से करीब 20 फीट पानी में कूदने का विकल्प होता है। कई स्थानीय ट्रैवल एजेंसियां ​​हैं, जो इन राफ्टिंग यात्राओं की पेशकश करती हैं। पैकेज में आमतौर पर नदी के किनारे रात भर का शिविर शामिल होता है, सुबह पहाड़ियों के बीच एक शानदार और मध्यम ट्रेक होता है। यदि किसी के पास समय है, तो राफ्टिंग के पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं। +कैंपिंग का आनंद कोई भी उठा सकता है जिसे नई जगहों की खोज करना पसंद है और प्रकृति की सुंदरता और शांति पसंद है। गंगा तट पर ऋषिकेश में शिविर लगाने से पक्षियों के साथ जागने और गंगा नदी के ताजे पानी में तैरने का वातावरण मिलता है। ऋषिकेश में कैम्पिंग एक बहुत ही लोकप्रिय गतिविधि है। निकटतम शिविर लक्ष्मण झूला से सटे गोवा समुद्र तट के पार है। +91 9410540000 पर कॉल करें +क्लिफ जंपिंग आपको क्लिफ से ठंडे पानी में कूदना है! हाँ, यह अजीब लगता है लेकिन यह एक ऐसी चीज है जिसके बारे में घर में हर कोई शेखी बघार सकता है। बेशक आप एक लाइफ जैकेट और एक हेलमेट पहने हुए हैं, लेकिन फिर भी इतनी ऊंचाई से गंगा में कूद रहे हैं, जो कि गंदी है, इसलिए नीचे नहीं देखा जा सकता है, स्विमिंग पूल में कूदने के विपरीत, जहां आप नीचे देख सकते हैं और पानी स्थिर है। . +रैपलिंग रस्सी के सहारे नीचे उतरना रैपलिंग कहलाता है। समूह को एक ऐसे स्थान पर ले जाया जाता है जहां चट्टान गिरती है, उचित उपकरण वाले विशेषज्ञ जो पहले गियर सेट करते हैं और फिर एक-एक करके सभी नीचे आते हैं। यह आपके गियर पर भरोसा करने और निर्देशों का पालन करने के बारे में है और फिर यह बहुत मजेदार है। +कुछ शिविरों में रॉक क्लाइंबिंग यह भी शामिल है लेकिन हर कोई इसे नहीं कर सकता क्योंकि इसके लिए बहुत ताकत और कौशल की आवश्यकता होती है। समूह को चट्टान की तरफ ले जाया जाता है और उचित सुरक्षा गियर के साथ सभी को चट्टान की तरफ चढ़ने का मौका दिया जाता है। +ट्रेकिंग इस क्षेत्र में बहुत सारे सॉफ्ट ट्रेक हैं और अच्छे पक्षी-देखने हैं। +योग संपादित करें सूची जोड़ें +ऋषिकेश खुद को दुनिया की योग राजधानी मानता है। यह हर जगह उपलब्ध है, और अधिकांश शैलियों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। योग शिक्षक प्रशिक्षण कई स्थानों पर दिया जाता है। लिस्टिंग के लिए ऋषिकेश में योग देखें । +संगीत संपादित करें सूची जोड़ें +मंदिर और मठ संपादित करें सूची जोड़ें +खरीदें संपादित करें सूची जोड़ें +जैसा कि अधिकांश पवित्र शहरों में पर्यटन स्थल आते हैं, वहां धार्मिक साज-सामान, विदेशियों के लिए सस्ते कपड़े, धूप, कांस्य शिव की मूर्तियाँ आदि की अधिकता होती है । अच्छी कीमत के लिए। +खाओ संपादित करें सूची जोड़ें +शहर में कई सालों से मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उत्तर और दक्षिण भारतीय भोजन व्यापक रूप से उपलब्ध है, और विशेष रूप से लक्ष्मण झूला में बहु-व्यंजन बैकपैकर कैफे की कोई कमी नहीं है। योग के बाद के भोजन के लिए उपयुक्त स्वादिष्ट आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य भोजन रेस्तरां कई विदेशी लोगों को उत्साहित करते हैं। कई मुख्य गलियां लकड़ी के पुश कार्ट के साथ पंक्तिबद्ध हैं जो इन-सीज़न फल, सब्जियां, पॉपकॉर्न, नट्स, गर्म कुकीज़ और बहुत कुछ बेचती हैं, और आपको आमतौर पर उचित मूल्य उद्धृत किया जाएगा। यहां के पपीते विशेष रूप से स्वादिष्ट होते हैं। प्रसिद्ध छोटीवाली स्पेशल/जनता या डीलक्स थाली का प्रयास करें। यह एक असीमित मामला हुआ करता था लेकिन अब व्यावहारिक बाधाओं के कारण मात्रा सीमित है और अतिरिक्त सहायता शुल्क लिया जाता है। जलेबी, इमरती, समोसा और अन्य भारतीय स्नैक्स पेश करने वाले कई भोजनालय हैं। यदि आपने इनके बारे में पहले नहीं सुना है, +स्वर्ग आश्रम में चोटीवाला मूल होने का दावा करता है, और 5 अलग-अलग थालियों सहित महान भारतीय भोजन परोसता है। भोजन ₹100 से शुरू होता है। +गंगा आयुर्वेदिक फूड प्लेस ज्यादातर आश्रमों से बाहर, वेद निकेतन आश्रम के ठीक सामने । स्वादिष्ट भोजन, प्यार से तैयार। आसपास साफ-सुथरी रसोई में से एक; अच्छे सलाद से डरो मत। नाश्ते के लिए भी बढ़िया। +लिटिल इटली स्वर्ग आश्रम ग्रीन होटल में । अच्छा पास्ता, पिज्जा, आदि। मुख्य ₹30 से। +मुक्ति का स्वास्थ्य भोजन शिवानंद झूला पुल से कुछ सौ मीटर पश्चिम में, टैक्सी स्टैंड पार्किंग स्थल की ओर मुख किए हुए । एक अजीब जगह में एक छोटी सी जगह, लेकिन बहुत लोकप्रिय और बहुत ही उचित मूल्य पर उत्कृष्ट भोजन। घर का बना हरा पास्ता, इंडोनेशियाई गैडो-गाडो, और घर का बना दही, सेब पाई या मिठाई के लिए चॉकलेट केक। +कार्यालय । आम, सेब, केला और/या चॉकलेट के साथ-साथ स्वादिष्ट मसाला चाय से भरे मीठे समोसे हैं। +शिवा-रिसॉर्ट जोंक गांव में नीलकंठ रोड की ओर राम-झूला के हलचल बाजार से दूर एक अच्छी जगह है। जैविक भोजन करने के लिए एक बढ़िया जगह और आप वहाँ एक शांत और सुखद जगह में भी रह सकते हैं। +स्वागत केंद्र शिवानंद झूला पुल से हरिद्वार की ओर लगभग 10-15 मिनट की पैदल दूरी पर । सड़क के नीचे छिपा हुआ (लेकिन साइनपोस्टेड यह व्यस्त सड़क से शांत होने का एक छोटा सा नखलिस्तान है। महान आयुर्वेदिक भोजन और चाय। वे खाना पकाने की कक्षाएं, कई प्रकार के योग आदि भी प्रदान करते हैं और प्राकृतिक धूप, नेति बर्तन, योग मैट और इसी तरह की चीजें बेचते हैं। अगर आपको माहौल पसंद है, तो यहां रहने के बारे में भी पूछताछ करें। +पियो संपादित करें सूची जोड़ें +यहां ढाबों और कैफे में बैठना लगभग अनिवार्य है। मसाला चाय और लस्सी जैसे पुराने मानकों के अलावा आप आयुर्वेदिक चाय की अच्छी रेंज पा सकते हैं । कुछ रेस्तरां आपको बीमार करने वाली किसी भी चीज़ का इलाज करने के लिए अपने स्वयं के टॉनिक बनाते हैं। +कॉफी पर केंद्रित दो इतालवी शैली/सिएटल शैली के कैफे हैं। +शराब प्रतिबंधित और अनुपयुक्त है, क्योंकि ऋषिकेश एक पवित्र शहर है, हालांकि आप बेहतर होटलों में से एक में अपने भोजन के साथ बीयर (8% अल्क) खरीद सकते हैं। +तृप्ति रेस्तरां बद्रीनाथ राजमार्ग पर मुख्य रूप से है और घूमने के लिए एक अच्छी जगह है। इसमें बैठने और आराम करने के लिए एक सुंदर दृश्य और एक हवादार रेस्तरां क्षेत्र है। भोजन स्वस्थ और ताजा और स्वादिष्ट है। यह विदेशियों और आगंतुकों के लिए एक शांत और काफी विश्राम के लिए एक आम जगह है। छत पर बैठना एक और बात है जिसे आप "तृप्ति" में मिस नहीं करना चाहेंगे +नींद संपादित करें सूची जोड़ें +ऋषिकेश लगभग पूरी तरह से बजट होटलों से भरा हुआ है, अच्छे उपाय के लिए कुछ मिड-रेंज फेंके गए हैं। लक्ष्मण झूला बैकपैकर्स के बीच लोकप्रिय है और सबसे सस्ता आवास है, जबकि स्वर्ग आश्रम जहां अधिकांश आश्रम स्थित हैं, और यह एक अच्छा विकल्प है। हाई बैंक में मुट्ठी भर आवास विकल्प भी उपलब्ध हैं । +पीक टूरिस्ट सीज़न में, और पड़ोसी हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान अग्रिम बुकिंग करना बुद्धिमानी है । +बजट संपादित करें सूची जोड़ें +इस श्रेणी के होटल ₹100 से कम कीमत से शुरू होते हैं। +कई आश्रम सस्ते आवास भी प्रदान करते हैं। +मिड-रेंज संपादित करें लिस्टिंग जोड़ें +दो सरकारी पर्यटक लॉज हैं। इनकी कीमत ₹600 से ₹2000 तक है। +* कस्बे में भारत भूमि । +शेख़ी संपादित करें सूची जोड़ें +यह एक पवित्र शहर हो सकता है, लेकिन ऋषिकेश अपर��धियों और ठगों के अपने उचित हिस्से से अधिक आकर्षित करता है। रात्रि में अकेले न घूमें और एक-एक को उपदेश देने वाले साधुओं की मंशा से सावधान रहें। कम से कम एक रत्न की दुकान में एक रत्न का धोखा भी चल रहा है: वे आपको अपने देश में एक "खरीदार" के लिए पत्थर लाने के लिए कहते हैं जो मौजूद नहीं है। +देखें कि आप कहां कदम रखते हैं: सूर्यास्त के बाद घोर अंधेरा होता है, इसलिए रोशनी लेकर आएं। कभी-कभी चटपटा खाना चुराने वाले बंदरों से भी सावधान रहें। वे ज्यादातर फुट ब्रिज पर और उसके आस-पास "संचालन" करते हैं, और यदि आप उन्हें आंखों में देखते हैं तो वे आक्रामक हो जाते हैं, लेकिन जब तक आप भोजन नहीं लेते तब तक शायद ही कभी हमला करते हैं। साधु और पुलिस अधिकारी बंदरों और गायों/बैलों को दूर रखने के लिए लाठी लेकर चलते हैं। भूरे बंदर आक्रामक होते हैं; ग्रे बड़े निस्तेज अच्छे हैं। ग्रे कभी-कभी पर्यटकों (पुलों पर नहीं) से भोजन चुराते हैं, लेकिन अधिकतर क्योंकि उनका आकार पर्यटकों को डराता है, वे आपको भोजन प्राप्त करने के लिए नहीं काटते हैं। +यदि कोई बैल आपके रास्ते में है तो सतर्क रहें: वे ज्यादातर हानिरहित होते हैं, लेकिन अंधेरा होने के बाद वे कभी-कभी घबरा जाते हैं। विशेष रूप से संकरे पैदल पुलों पर, आपको करीबी मुठभेड़ से पहले उनकी हाव-भाव को पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। +किसी भी स्थानीय गाइड के साथ शामिल होने की कोशिश न करें जो आपको सेवाएं दे रहा है। वे ज्यादातर ठग और गुंडे होते हैं। +स्वर्ग आश्रम और लक्ष्मण झूला में ट्रैवल एजेंट आगे की यात्रा के लिए ट्रेन टिकट बुक कर सकते हैं; टिकट खरीदने के लिए ऋषिकेश रेलवे स्टेशन जाने से कहीं ज्यादा आसान। कुछ लोग आपको ऋषिकेश और हरिद्वार के बीच एक छोटे से पड़ाव रायवाला से टिकट बेच सकते हैं, लेकिन यह स्टेशन, जबकि करीब है, छोटा है और ट्रेनें केवल कुछ सेकंड के लिए रुकती हैं हरिद्वार में सवार होना बेहतर है। +* ऋषिकेश से साधारण/पैसेंजर ट्रेनें +स्वर्ग आश्रम और लक्ष्मण झूला के आसपास फैली कई ट्रैवल एजेंसियां ​​​​दिल्ली (₹250-₹500 जयपुर पुष्कर और वाराणसी जैसे सामान्य स्थलों के लिए लग्जरी बसें बुक कर सकती हैं । ऋषिकेश से उत्तराखंड के अन्य स्थलों और मैदानी इलाकों के लिए सार्वजनिक और निजी बसें चंद्रभागा पुल के दक्षिण की ओर मुख्य बस स्टेशन से निकलती हैं। +देवप्रयाग, श्रीनग�� और केदारनाथ सहित उत्तर-पश्चिम गंतव्यों के लिए बसें राम झूला और लक्ष्मण झूला से गुजर सकती हैं, हालाँकि आपको ऋषिकेश शहर के बस स्टेशन पर सीट मिलने की अधिक संभावना होगी। +साझा टैक्सी द्वारा संपादित करें +उत्तराखंड के भीतर गंतव्यों के लिए साझा टैक्सियाँ नटराज चौक से निकलती हैं, जो ऋषिकेश बस स्टेशन से 1 किमी दूर है। +आस-पास के गंतव्य संपादित करें +* धनोल्टी 84 किमी दूर, शांति और शांति का वातावरण प्रदान करता है। अगर आप शहर की भीड़भाड़ से दूर जाना चाहते हैं तो बस धनौल्टी की ओर चलें। +* मसूरी 77 किमी दूर, भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक, हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है और वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है। +* राजाजी राष्ट्रीय उद्यान 20 मिनट की ड्राइव। 1983 में स्थापित, यह तीन अलग-अलग अभयारण्यों को एकीकृत करके बनाया गया था: मोतीचूर अभयारण्य, चिल्ला अभयारण्य और राजाजी अभयारण्य। पार्क अच्छी तरह से शिवालिक पर्वत श्रृंखला की हरी पहाड़ियों और तलहटी में स्थित है। +* शिवपुरी 12 किमी दूर ऋषिकेश के आसपास सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक। शिव के नाम पर। यह एक आध्यात्मिक गाँव है जो साहसिक खेलों का केंद्र भी है। शिवपुरी में रिवर राफ्टिंग, कैंपिंग, जिपलाइनिंग और ट्रेकिंग जैसी कई साहसिक गतिविधियां की जा सकती हैं। +* यमुनोत्री ऋषिकेश से 215 किमी दूर। प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक यमुनोत्री मंदिर समुद्र तल से 4,421 मीटर की ऊंचाई पर है। +* एक या डेढ़ दिन के लिए आसपास के अन्य भ्रमण: वशिष्ठ गुफा, कुंजापुरी मंदिर (1700 मीटर नीर गड्डू जलप्रपात, हरिद्वार । कई ट्रैवल एजेंसियों में गाइड और टैक्सी बुक की जा सकती है। + + +पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक शहर है । यह चीन नेपाल और तिब्बत सीमा के करीब है। +पिथौरागढ़ बस और टैक्सी द्वारा पहुँचा जा सकता है। बसें नई दिल्ली से आईएसबीटी आनंद विहार में उपलब्ध हैं जो सामान्य से विलासिता की श्रेणी की हैं: +# नई दिल्ली से हल्द्वानी से पिथौरागढ़ +# नई दिल्ली से टनकपुर से पिथौरागढ़ +यदि आप पहले विकल्प से आते हैं तो आपको हल्द्वानी उतरना होगा और वहां से आपको पिथौरागढ़ के लिए साझा टैक्सी मिल जाएगी, इस विकल्प में दिल्ली से दोनों प्रकार की बसें उपलब्ध हैं (अर्थात् ए/सी, नॉन ए/सी लेकिन अगर आप दूसरे विकल्प से आते हैं तो आपको वहां से सीधी बस मिल जाएगी, लेकिन सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए पहले विकल्प से आने की सलाह दी जाती है। +यदि आपके पास अपना वाहन है तो तीसरा विकल्प सबसे अच्छा है। दिल्ली से यात्रा का समय 10½ घंटे है, यदि आप पहाड़ी ड्राइविंग में अनुभवी हैं; यदि नहीं, तो 12 घंटे। इस समय में फोटोग्राफी के लिए कई ठहराव शामिल हैं। सड़क बहुत अच्छी है और सड़क मार्ग से दूरी 490 किमी है। +नैनीसैनी के पास एक नई हवाई पट्टी और एटीसी की स्थापना की गई है और कुछ राजनीतिक और तकनीकी बाधाओं को दूर करने के बाद इसके खुलने की संभावना है। +नदी के किनारे एक नई सड़क परियोजना लाइन में है, जो यात्रा के समय को एक बड़े कारक से कम कर देगी। +मुनश्यारी का राजमा शाकाहारी व्यंजन मसाले से लदी ग्रेवी में लाल बीन्स) +* स्थानीय मिठाइयों को बाल मिठाई और खिंछवा कहा जाता है +* मुनस्यारी से थुलमा/चुटका एक प्रकार का ऊनी कंबल/रजाई) । +* धारचूला जिले से ऊनी कालीन (स्थानीय रूप से दून कहा जाता है)। +कम बजट से लेकर उच्च बजट तक बहुत सारे भोजनालय उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं: +शहर के आसपास कई अच्छे बार और कैफे हैं। +सभ्य होटल उपलब्ध हैं जो बहुत महंगे नहीं हैं लेकिन ये अनुशंसित हैं। +अस्कोट नदियाँ, झीलें और प्रसिद्ध अस्कोट अभयारण्य (हिम तेंदुए, हिमालयी काले भालू, कस्तूरी मृग और कई अन्य जानवरों के लिए संरक्षित क्षेत्र। +गंगोलीहाट कालिका मंदिर में हटकालिका मेले के लिए प्रसिद्ध। +पाताल भुवनेश्वर भगवान शिव का भूमिगत मंदिर। गुफा मंदिर पिथौरागढ़ से 91 किमी दूर है। + + +गढ़वाल (हिंदी: गढ़वाल उत्तराखंड के दो प्रमुख क्षेत्रों में से एक है । गढ़वाल उत्तराखंड का अधिक आसानी से सुलभ उत्तरी और पश्चिमी भाग है और चीन की सीमाएँ हैं । +* 1 औली अपने स्की रिसॉर्ट के लिए जाना जाता है +* 2 बद्रीनाथ विष्णु का मंदिर भारत के चार धाम तीर्थ यात्रा के चार स्थलों में सबसे महत्वपूर्ण है +* 4 चंबा प्राकृतिक सुंदरता वाला एक छोटा सा शहर +* 5 देहरादून हिमालय की तलहटी और शिवालिक के बीच स्थित देहरादून उत्तराखंड की राजधानी और इसका सबसे बड़ा शहर है +* 7 धनोल्टी एक छोटा सा शहर (हिल स्टेशन धनोल्टी एक लोकप्रिय पलायन बन गया है +* 8 गंगोत्री शक्तिशाली गंगा नदी के उद्गम स्थल पर एक तीर्थ स्थान +* 9 घांघरिया फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यानऔर हेमकुंड के सिख तीर्थ केंद्र के लिएट्रेक के लिए शुरुआती बि���दु +* 10 हरिद्वार गंगा पर एक महत्वपूर्ण हिंदू पवित्र स्थान +* 11 जोशीमठ बद्रीनाथ, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, हेमकुंड औरऔली +* 12 केदारनाथ शिव का मंदिर, भारत के उत्तराखंड में 4 चार धाम हिंदू तीर्थ केंद्रों में से एक। +* 13 कोटद्वार कई दिलचस्प मंदिर +* 14 लैंसडाउन एक छोटा सा हिल स्टेशन जिसे कुछ लोगों ने स्वर्गीय निवास हिमालय +* 15 मसूरी देहरादून के पास प्रसिद्ध हिल स्टेशन जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हॉलिडे रिसॉर्ट के रूप में जाना जाता है +* 16 ऋषिकेश चार धाम यात्रा चार तीर्थ पवित्र यात्रा आदर्श रूप से इस खूबसूरत स्थान से शुरू होती है +* 17 रुड़की ऊपरी गंगा नहर और शिक्षा के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध +* 18 टिहरी देवी कुंजपुरी मंदिर का स्थान और ग्लेशियर और ट्रेकिंग के अवसर +* 19 उत्तरकाशी कई आश्रमों और मंदिरों का घर +* 20 विकासनगर डाक पाथेर और कट्टा पाथेर जैसे खूबसूरत स्थानों के साथ घूमने के लिए एक शानदार जगह +* 21 यमुनोत्री प्रसिद्ध यमुनोत्री मंदिर तक ट्रेक करें और गर्म सल्फर झरनों का आनंद लें और विभिन्न झरनों को देखें +* 1 बेदनी बुग्याल चमोली जिले मेंएक सुंदर बुग्याल अल्पाइन घास का मैदान या घास का मैदान'' +* 2 दयारा बुग्याल उत्तरकाशी जिले का एक खूबसूरत बुग्याल। एक विश्व स्तरीय स्की रिसॉर्ट वहां आ रहा है +* 3 ग्वालदम चमोली जिले का एक खूबसूरत पहाड़ी शहर, त्रिशूल और नंदा देवी चोटियों के नज़दीक के नज़ारे देखे जा सकते हैं, यह रूपकुंड और बेदनी बुग्याल (घास के मैदान) के लिए एक आधार शिविर है +* 4 हेमकुंड तीर्थ और पूजा का स्थान +* 5 हरसिल — भागीरथी नदी के तट पर स्थित एक गाँव। यह चार धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम स्थल है +* 6 लच्छीवाला इसके आकर्षणों में हैं: लक्ष्मण सिद्ध मंदिर, राजाजी राष्ट्रीय उद्यान और वन अभ्यारण्य +* 7 ब्रह्मताल झील हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान ब्रह्मा (निर्माता) ने इस झील के पास ध्यान किया था, जो एक अच्छा ट्रेकिंग स्थल बन गया है। +* 8 नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान भारत में पूरी तरह से स्थित उच्चतम पर्वत की विशेषता वालायूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है +* 9 सहस्त्रधारा आपको देहरादून के इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर झरनों और गुफाओं की यात्रा करनी चाहिए +* 10 फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी उत्कृष्ट प्राकृतिक सुंदरता, लुप्तप्राय जानवरों और स्थानिक अल्पाइन फूलों के लिए प्���सिद्ध है +* 11 देवप्रयाग सुरम्य शहर जहाँ भागीरथी और अलकनंदा नदियाँ मिलती हैं और गंगा का नाम लेती हैं +गढ़वाल नाम की उत्पत्ति अज्ञात है, लेकिन कुछ का मानना ​​है कि यह 'गढ़वाला शाब्दिक रूप से 'किलों का मालिक से लिया गया है, संभवतः गढ़वाल साम्राज्य के पहले शासक अजय पाल के संदर्भ में। +हालांकि शहरों और कस्बों में रहने वाले लोग आमतौर पर हिंदी बोलते हैं, इसके बाहर गढ़वाल हिंदी की एक स्थानीय बोली बहुत अधिक आम है। +संग्रहालय और अन्य रुचि के स्थान। +वन अनुसंधान संस्थान भारत के सबसे पुराने संस्थानों में से एक, FRI देहरादून में स्थित है, जो 450 हेक्टेयर के परिसर में फैला हुआ है, औपनिवेशिक वास्तुकला पर निर्मित प्रभावशाली ईंट संरचना में भारत का सबसे बड़ा वनस्पति संग्रहालय है। मामूली शुल्क के साथ आम जनता के लिए प्रवेश खुला है। +मालसी डियर पार्क देहरादून-मसूरी राजमार्ग पर स्थित, मालसी डियर पार्क एक छोटा प्राणी उद्यान है और बच्चों के साथ मसूरी के हिल स्टेशन पर जाने वाले परिवारों के लिए एक पसंदीदा पड़ाव है। +क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र सुधोवाला में उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के परिसर में स्थित क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एक विज्ञान संग्रहालय, तारामंडल और एक 3डी थियेटर प्रदान करता है। आरएससी शैक्षिक दौरों के लिए लोकप्रिय है। +दरवान सिंह संग्रहालय प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रेजिमेंट के पहले विक्टोरिया क्रॉस धारक दरवान सिंह की स्मृति में गढ़वाल राइफल्स द्वारा स्थापित लैंसडाउन में एक युद्ध स्मारक और संग्रहालय है। +आदिवासी विरासत संग्रहालय भोटिया समुदाय की आदिवासी विरासत को प्रदर्शित करने वाला मुनस्यारी में एक निजी संग्रहालय। +व्याख्या केंद्र: जैव सांस्कृतिक विविधता, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान गांव लता में स्थित, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार, व्याख्या केंद्र पारंपरिक कलाकृतियों के प्रदर्शन के साथ-साथ नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र और जैव विविधता प्रोफ़ाइल का विस्तृत इतिहास प्रस्तुत करता है। और हस्तशिल्प। केंद्र नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के लिए बाहरी व्याख्यात्मक ट्रेक भी आयोजित करता है। +नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी में स्थित, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान भारत में एक प्रमुख पर्वतारोहण संस्थान है। संस्थान बेसि���/एडवांस पर्वतारोहण और पर्वत खोज और बचाव में पाठ्यक्रम प्रदान करता है। सामान्य जागरूकता के लिए एनआईएम ने अपने परिसर में पर्वतारोहण और स्मारिका दुकान का एक संग्रहालय स्थापित किया है। +नंदा देवी इंस्टीट्यूट ऑफ एडवेंचर स्पोर्ट्स एंड आउटडोर एजुकेशन नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग द्वारा प्रमाणित, नंदा देवी इंस्टीट्यूट ऑफ एडवेंचर स्पोर्ट्स भारत का पहला निजी संस्थान है जो समुदाय आधारित आपदा प्रतिक्रिया में प्रशिक्षण के साथ-साथ बुनियादी पर्वतारोहण, खोज और बचाव में पाठ्यक्रम प्रदान करता है। और पक्षी देख रहे हैं। संस्थान का मुख्य परिसर कुफलोन, उत्तरकाशी में है और इसकी शाखा गाँव लता, नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में है। +गढ़वाल जाने के लिए, नई दिल्ली में आईएसबीटी कश्मीरी गेट (मेट्रो स्टेशन) से कोटद्वार और ऋषिकेश के लिए आसानी से बस मिल सकती है। +* ऋषिकेश दिल्ली से करीब 280 किलोमीटर दूर है +* कोटद्वार दिल्ली से करीब 215 किलोमीटर दूर है। +देहरादून एक अन्य उपयोगी प्रवेश बिंदु है, जहां नई दिल्ली से नियमित ट्रेनें और गढ़वाल के भीतर कई गंतव्यों के लिए साझा टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं। +गढ़वाल में टेरेन वाहन और टैक्सी परिवहन का सबसे अच्छा साधन हैं। साझा भू-भाग वाहन और बसें दिन के दौरान प्रमुख उत्तर-दक्षिण मार्गों पर चलती हैं, देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार को ऊपर सूचीबद्ध अधिकांश शहरों से जोड़ती हैं। उन कस्बों के लिए जो प्रमुख उत्तर-दक्षिण तीर्थ मार्गों पर नहीं हैं, आपको कई बार वाहन बदलने पड़ सकते हैं अधिकांश ड्राइवर आपको सही चौराहे पर छोड़ने में सक्षम होंगे और आपको सही दिशा में इंगित करेंगे कि आपको कहाँ जाना है। +गढ़वाल में इसके सभी महत्वपूर्ण शहरों के लिए एक अच्छा बस नेटवर्क है। देहरादून, रुड़की, ऋषिकेश और कोटद्वार के लिए 24 घंटे नियमित बस सेवाएं हैं। +गढ़वाल क्षेत्र में घूमने और आनंद लेने के लिए कई जगह हैं। नीचे उनमें से कुछ हैं! +* उत्तरकाशी में डोडीताल झील +* चमोली में नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान +गढ़वाल यात्रियों को क्या प्रदान करता है, इससे परिचित होने के लिए विभिन्न शहरों और अन्य स्थलों पर जाएँ ! +डोडीताल झील डोडीताल 5- से 7 दिन की ऊंचाई वाला ट्रेक। दिन 1. अस्सी गंगा घाटी में कुफ्लॉन कैंपिंग साइट पर आगमन और रात भर। दूसरा दिन। संगमचट्टी के लिए 3 किमी ड्राइव कर��ं और बेबरा कैंपसाइट के लिए 8 किमी ट्रेक करें। दिन 3. डोडीताल (3024 मीटर) तक 14 किमी ट्रेक करें। दिन 4. दरवा टॉप (4200 मीटर) तक 6 किमी (एक तरफ) ट्रेक करें और डोडीताल लौटें। दिन 5. बेबरा के लिए 14 किमी का वापसी ट्रेक। छठा दिन। संगमचट्टी के लिए 8 किमी ट्रेक करें और देहरादून/हरिद्वार के लिए वापसी ड्राइव। नोट: निचली सीमा पर डेरा डालने के लिए कोई भी व्यक्ति 4 दिन को हनुमानचट्टी की तरफ जा सकता है। अगले दिन, यमुनोत्री घाटी में हनुमानचट्टी रोड हेड तक 6 किमी नीचे की ओर चढ़ाई। बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेबरा और डोडीताल के बीच मांझी में डेरा डालने का विकल्प है। +अपने साथ ऊनी कपड़े ले जाएं क्योंकि कई पहाड़ी स्थान हमेशा ठंडे रहते हैं। अधिकांश कस्बों में पारंपरिक गढ़वाली बुने हुए कपड़े भी बिक्री के लिए हैं। +दिल्ली-ऋषिकेश और दिल्ली-कोटद्वार-पौड़ी मार्ग में कई पारंपरिक ढाबे उपलब्ध हैं। +हालांकि लोकप्रिय शीतल पेय हर नुक्कड़ और कोने में उपलब्ध हैं, लेकिन किसी को भी पारंपरिक और स्वादिष्ट बुरांस के रस की तलाश करनी चाहिए, जो कि बुरांस से बना होता है, एक स्वदेशी पौधा जिसे अंग्रेजी में रोडोडेंड्रॉन कहा जाता है। +GMVN गेस्ट हाउस क्षेत्र के लगभग हर शहर में स्थित हैं। मुख्य तीर्थ के साथ लगे अधिकांश कस्बों में कम से कम कुछ होटल हैं। +एनएच 119 से कोटद्वार से सीधे दिल्ली के लिए और ऋषिकेश से हरिद्वार-दिल्ली राजमार्ग के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। कोटद्वार और ऋषिकेश से दिल्ली के लिए प्रतिदिन ट्रेनें चलती हैं। + + +विज़ुअल एडिटर में पाई जानेवाली कमियाँ +विज़ुअल एडिम्टर से पन्ने धीमी रफ़तार से डाउनलोड होते हैं। +* ये केवल लेखों और सदस्य पन्नों पर काम करता है। +* वेक्टर और मोनोबुक को छोड़कर ये किसी और रूप को नहीं अपनाता। +* ये केवल एक अनुभाग का सम्पादन नहीं कर सकता। +* कई पेचीदा सम्पादन विज़ुअल एडिटर में इस समय मौजूद नहीं है। +* सन्दर्भों के उल्लेख में ये कम ही सहायक है। +* एक पन्ने को दूसरे पर उसी रूप में कॉपी करना कठिन है। +* इसकी सम्पादकीय शैली सुधारने की आवश्यकता है। +* इसे एक साँचे में छिपा साँचा कहा गया है। +* इससे अधिकतर विषय वाक्य की आंतरिक कड़ियों को ठीक से सम्पादित नहीं किया जा सकता है। +* विज़ुअल एडिटर के वर्तमान साँचों को पूर्व के बहु-उपयोगी साँचों से जोड़ना। +* नए सदस्यों को इस नवीनतम प्रणा���ि का मार्गदर्शन करना तथा समय-समय पर सम्पादकीय सहायता प्रदान करना। + + +कुमाऊं या कुमाऊं हिंदी: कुमाऊं) पूर्वी, कम आसानी से पहुँचा जाने वाला, उत्तराखंड का हिस्सा है, जो भारत का एक राज्य है । +* 1 अल्मोड़ा एक हिल स्टेशन +* 2 भोवाली नैनीताल जिले में +* 3 बिगुल बागेश्वर जिले में सुंदर छोटा सा गांव जो हिमालय के शानदार दृश्य पेश करता है +* 4 दूनागिरी छोटे गाँवों का एक ऐतिहासिक क्षेत्र, जिसे द्रोणगिरी, द्रोणागिरी और दूनागिरी भी कहा जाता है +* 6 हल्द्वानी कुमाऊँ मंडल का सबसे बड़ा शहर +* 7 जागेश्वर अल्मोड़ा क्षेत्र में एक हिंदू तीर्थ शहर +* 9 कौसानी हिमालय के सुंदर दृश्यों वाला अल्मोड़ा का एक छोटा सा शहर +* 10 मुक्तेश्वर जिम कॉर्बेट द्वारा प्रसिद्ध एक छोटा सा शहर, जिसने "द मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं" उपन्यास लिखा था +* 12 नैनीताल भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक, जो अपनी झील के लिए प्रसिद्ध है +* 13 नौकुचियाताल हिल स्टेशन अपने धुएँ से भरे पहाड़ों, झील, पैराग्लाइडिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। +* 15 पेओरा हिमालय के पालने में स्थित मुक्तेश्वर के पास एक छोटा सा गाँव और पर्यावरण-पर्यटन के लिए बेहतरीन स्थलों में से एक +* 16 पिथौरागढ़ चीन, नेपाल और तिब्बत सीमा के करीब एक शहर +* 17 रानीखेत एक हिल स्टेशन +* 1 बिनसर वन्यजीव अभयारण्य मध्य हिमालयी क्षेत्र के व्यापक पत्ती वाले ओक (क्वेरकस) के जंगलों और इसके वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए बिनसर में स्थापित एक वन्यजीव अभयारण्य +* 2 जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क जंगल और पक्षियों, सरीसृपों, वनस्पतियों आदि की कई प्रजातियों का एक शानदार चित्रमाला। +अन्य स्थलों में भीमताल, सातताल शामिल हैं जो नैनीताल जिले में आपस में जुड़ी हुई झीलें हैं। पिथौरागढ़ में चौकोरी और बेरीनाग भी हिमालय की पंचाचूली चोटियों के राजसी दृश्य प्रदान करते हैं। +इस क्षेत्र की स्थानीय बोली कुमाऊंनी है, लेकिन हर कोई हिंदी में संवाद कर सकता है। अधिकांश व्यापारी और सभी अधिकारी अंग्रेजी बोलते हैं। +नैनीताल जिले में हल्द्वानी कुमाऊं का प्रवेश द्वार है, जो दिल्ली से लगभग 290 किलोमीटर दूर है । आईएसबीटी आनंद विहार से उत्तराखंड रोडवेज और उत्तर प्रदेश रोडवेज की दैनिक बस सेवाएं उपलब्ध हैं। काठगोदाम कुमाऊँ का टर्मिनल रेलवे स्टेशन है जो दिल्ली, देहरादून हावड़ा और ज���्मू शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है । लालकुआं एक और नजदीकी रेलवे स्टेशन है। हल्द्वानी से बस और टैक्सियों द्वारा कुमाऊं के हर हिस्से तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। +गढ़वाल राज्य का पश्चिमी भाग + + +यह चर्चा समाप्त हो चुकी है। red कृपया इसे न बदलें। आगे की 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में शुमार है। डुमरियागंज के सिकहरा ताल से निकलकर यह नदी बांसी, रुधौली, मगहर होते गोरखपुर तक जाती है। बस्ती मंडल के तीनों जिलों के बड़े हिस्से से आमी गुजरी है। सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर के बड़े हिस्से को सिंचित करने वाली आमी नदी हैं। मगहर शहर में आमी नदी के आसपास बहुत ही सुन्दर दर्शनीय स्थल हैं। जहां पर आकर घुम सकते हैं। देख सकते हैं। +==मगहर शहर में स्थित दर्शनीय स्थल== +राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस्ती से गोरखपुर के रास्ते में सत कबीर नगर में मगहर नगर पंचायत है जहां पर कबीर साहेब जी का निर्वाण स्थल स्थित है। +कबीर साहेब जी द्वारा शिवजी के श्राप से सूखी नदी में जल बहाना +बनारस काशी में व्याप्त नक़ली धर्मगुरुओं द्वारा करौंत जैसा पाखंड चलाया गया था कि जो लोग काशी करौंत में मरेगा वह स्वर्ग जाएगा। स्वर्ग जाने के लिए केई लोग पैसा देकर ���रौंत में मरने लगें। इस पाखंड का खात्मा करने के लिए हिंदू तथा मुसलमान दोनों के दर्द को समझने वाले कबीर साहेब जी काशी से चलकर मगहर आए। मगहर में पहुंचते ही कबीर साहेब जी ने जब बहते पानी में स्नान करने की इच्छा जताई तो बिजली खां ने कहा कि यहां एक आमी नदी है जो शिवजी के श्राप से सूखी हुई है। कबीर साहेब जी ने नदी के किनारे पर पहुंचकर अपनी शक्ति से इशारे से वर्षों से सूखी नदी में जल प्रवाहित कर दिया। आज भी आमी नदी प्रमाण के तौर पर बह रही है। उसके बाद जब शरीर को गाड़ने तथा जलाने को लेकर नकली धर्मगुरु हिंदू मुस्लिम का झगड़ा करवाना चाहते थे। किंतु उन पाखंडी धर्मगुरुओं को पता ही नहीं था कि कबीर साहेब जी तो अजर-अमर परमात्मा हैं उनका तेजोमय नूरी शरीर है अर्थात उन्हें ना जलाया जा सकता है और ना ही दफन किया जा सकता है। हिंदू राजा बीर सिंह बघेल और मुस्लिम राजा बिजली खाँ पठान को कबीर परमात्मा ने सतलोक जाने से पहले कहा जो मेरे जाने के बाद मिले आधा आधा बांट लेना। परमेश्वर कबीर साहेब ने लाखों लोगों के सामने सशरीर सतलोक जाकर यह प्रमाणित किया कि पूर्ण परमात्मा ही ऐसी लीला करते हैं। कबीर साहेब जी के शरीर के स्थान पर दो चद्दर और सुगंधित फूल मिले, परमात्मा का शरीर नहीं मिला था। उस स्थान पर हिन्दू व मुसलमानों ने मंदिर व मजार 100 100 फुट की दूरी में यादगार बना रखी है। हिन्दू व मुसलमान में जो भाईचारे, धार्मिक सामंजस्य का बीज कबीर साहेब जी बो गए थे, उसकी मिसाल मगहर में आज भी देखी जा सकती है। +मगहर में हर साल तीन बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिनमें 12-16 जनवरी तक मगहर महोत्सव और कबीर मेला, माघ शुक्ल एकादशी को तीन दिवसीय कबीर निर्वाण दिवस समारोह और कबीर प्राकट्य समारोह के अंतर्गत चलाए जाने वाले अनेक कार्यक्रम शामिल हैं। मगहर महोत्सव और कबीर मेला में संगोष्ठी, परिचर्चाएं तथा चित्र एवं पुस्तक प्रदर्शनी के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। कबीर प्राकट्य समारोह में अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से सत कबीर जी के संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जाता है। +यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को बहुत ही सुन्दर दृश्य देखने घुमने को मिलता हैं तथा अच्छी शिक्षाओं का ज्ञान विकास होता हैं। +मगहर शहर पहुंचने के लिए जिला गोरखपुर से सबसे नजदीक हवाई अड्डा है। यहां से हवाई जहाज द्वार पहुंच सकते हैं। +मगर शहर में छोटा रेलवे स्टेशन है यहां पर बहुत कम ट्रेनें रुकती हैं अन्य नजदीकी रेलवे स्टेशन जिला गोरखपुर व बस्ती में हैं। यहां से भी पहुंचा जा सकता हैं। +मगहर शहर जाने के लिए जिला गोरखपुर व बस्ती से सड़क मार्ग द्वारा बस एवं टैक्सी और अन्य साधन भी उपलब्ध हैं। +गर्मियों के समय में गर्मी ज्यादा पड़ता है +ठंड के समय ठंड बहुत अधिक पड़ता है। +वर्षा ऋतु में वर्षा अधिक कम होता रहता है। + + +मुंडका शहर दिल्ली में स्थित हैं। +दिल्ली के मुंडका शहर में सतलोक आश्रम स्थित हैं। +सतलोक आश्रम मुंडका दिल्ली में G/F 40/12/2 हनुमान गली, रानी खेड़ा अंडरपास के पास मुंडका, दिल्ली 110041 में स्थित है। +सतलोक आश्रम मुंडका पहुंचने के लिए हवाई जहाज़ के माध्यम से पहुंचा जा सकता हैं। +मैट्रो रेल के माध्यम से सतलोक आश्रम मुंडका पहुंचें। +रेलवे स्टेशन के माध्यम से सतलोक आश्रम मुंडका पहुंच सकते हैं। +सतलोक आश्रम मुंडका पहुंचने के लिए बस के माध्यम से पहुंचा जा सकता हैं। +सतलोक आश्रम मुंडका के मुख्य द्वार तक पहुंचने के लिए एक पतली और संकरी गली है, जिसमें से पैदल चलने वाले या साइकिल, स्कूटर और मोटरसाइकिल सवार सभी आसानी से आश्रम जा सकते है। और दूसरी तरफ से बड़े बड़े वाहन से भी पहुंचा जा सकता हैं। + + +कई देश रूस के किसी भी हिस्से की यात्रा न करने की सलाह दे रहे हैं, और विशेष रूप से यूक्रेन के पास के क्षेत्रों में, जहां सीमा पार से हमले और गोलाबारी हुई है। हवाई हमले फ्रंटलाइन के पीछे रूसी शहरों के खिलाफ (विशेष रूप से मॉस्को भी संभव हैं। अद्यतन जानकारी के लिए अपने देश के विदेश मामलों के मंत्रालय या राज्य विभाग से संपर्क करें, और युद्ध क्षेत्र सुरक्षा देखें कि क्या आपको प्रभावित स्थलों पर जाना चाहिए। आतंकवादी हमलों का भी खतरा बढ़ गया है। +सितंबर 2022 में, रूस ने आंशिक लामबंदी की घोषणा की। जबकि अब तक केवल सैन्य जलाशय जिनके पास पिछले युद्ध का अनुभव है, को जुटाया गया है, एक मौका है कि भविष्य की लामबंदी अन्य देशों के नागरिकों पर लागू हो सकती है जो रूसी नागरिकता भी रखते हैं। यदि आप रूस में हैं और दोहरी नागरिकता रखते हैं, तो आपकी नागरिकता के दूसरे देश का दूतावास केवल बहुत सीमित सहायता प्रदान करने में सक्षम हो सकता है। +रूस (विवादित प्रदेशों को छोड़कर) 83 हिस्सों में विभाजित है: 46 ओब्लास्ट (प्रांत 21 गणराज्��, 9 क्राइस (क्षेत्र 4 स्वायत्त ओक्रग्स, 2 संघीय शहर और 1 स्वायत्त ओब्लास्ट। +रूसी रूस की मुख्य भाषा है। अधिकांश रूसियों को विदेशी भाषाओं का बहुत कम ज्ञान है, सिवाय अंग्रेजी के। इसलिए स्वतंत्र यात्री के लिए रूसी का कुछ ज्ञान आवश्यक है। +* मेजबानों के साथ भोजन करते समय, तब तक न उठें जब तक कि आपको टेबल छोड़ने के लिए कहा न जाए। +* अपनी कुहनियों को टेबल पर टिकाकर न रखें। +प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट परिणामों के साथ, रूस में दुनिया की सबसे अच्छी जन-शिक्षा प्रणाली है। मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी रूस का सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है, जबकि मॉस्को कंज़र्वेटरी महत्वाकांक्षी शास्त्रीय संगीत कलाकारों के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है। +शैक्षणिक वर्ष 1 सितंबर से मध्य जून तक हर जगह रहता है, जिसमें 1 जुलाई से 31 अगस्त तक लंबी गर्मी की छुट्टियां होती हैं। वर्ष को "ऑटम सेमेस्टर 1 सितंबर से 25 जनवरी तक) और "स्प्रिंग सेमेस्टर फरवरी से जून तक) में विभाजित किया गया है। +कई विश्वविद्यालय और निजी स्कूल रूसी भाषा पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। +{{warningbox| कई सरकारें क्षेत्र के भीतर चल रहे संघर्ष के कारण कॉकस की यात्रा न करने की सलाह देती हैं। यूक्रेन की पूर्वी सीमा के 10 किमी के दायरे में यात्रा करना सुरक्षित नहीं है। अधिकांश देश रूस द्वारा क्रीमिया के विलय को मान्यता नहीं देते हैं, और वहां कांसुलर सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। +रूस ने रूसी सेना को बदनाम करने और यूक्रेन में चल रहे युद्ध, प्रतिबंधों और युद्ध-विरोधी संदेशों की वकालत करने, आधिकारिक दृष्टिकोण से किसी भी विचलन (जैसे इसे "युद्ध" या "आक्रमण" के बजाय "आक्रमण" के रूप में संदर्भित करने) के लिए कानून बनाया है। "विशेष सैन्य अभियान या Z प्रतीक जैसे युद्ध-समर्थक प्रतीकों का अपमान करना। अपराधियों को अधिकतम 15 साल की कैद हो सकती है। यहां तक ​​कि निजी चर्चा भी खतरनाक है, क्योंकि युद्ध के समर्थकों द्वारा गुप्त रूप से युद्ध का विरोध करने वालों के साथ बातचीत रिकॉर्ड करने और पुलिस को रिपोर्ट करने की सूचना दी गई है। +1990 के दशक से अपराध दर में बहुत गिरावट आई है, और आज मध्यम है। हमला, डकैती, या जेबकतरा सबसे अधिक दोहराए जाने वाले अपराध हैं। वे अक्सर अंडरग्राउंड वॉकवे, सबवे, नाइट ट्रेन, ट्रेन स्टेशन, एयरपोर्ट, मार्केट और टूरिस्ट आकर्षण में होते हैं। +रात के समय टहलते समय, किसी को अपने साथ ले जाएं अकेले जाने से आप अपराधियों का निशाना बन सकते है। +यदि आपको रूसी ट्रैफिक पुलिस द्वारा खींच लिया जाता है, तो चिंता न करें वे केवल आपके कागजात की जांच करेंगे। यदि वे रिश्वत मांगने का प्रयास करते हैं, तो आपको नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का अधिकार है। किसी भी परिस्थिति में उनसे दूर भागने की कोशिश न करें यदि आप ऐसा करते हैं, तो वे आपके वाहन को गोली मार देंगे, भले ही आपके पास हथियार न हों। + + +| region4items अंगोला कैमरून मध्य अफ्रीकी गणराज्य कांगो गणराज्य कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य इक्वेटोरियल गिनी गैबॉन साओ टोमे और प्रिंसिपे दक्षिण सूडान]] +| region6name पूर्व अफ्रीकी द्वीप समूह]] +| region7items बोत्सवाना इस्वातिनी लेसोथो मलावी मोजाम्बिक नामीबिया दक्षिण अफ्रीका जाम्बिया जिम्बाब्वे]] +अफ्रीका का इतिहास बहुत विशाल है। अफ्रीका मूल निवासी, इस्लामी और यूरोपीय शासकों और लोगों से प्रभावित है। +अफ्रीका दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप होने के कारण, वहाँ जलवायु की एक विस्तृत श्रृंखला पाई जाती है। हालाँकि, चूंकि महाद्वीप लगभग भूमध्य रेखा पर केंद्रित है, महाद्वीप का अधिकांश भाग काफी गर्म है या समशीतोष्ण जलवायु है, महाद्वीप पर बहुत कम, छोटे क्षेत्रों में किसी भी तापमान का अनुभव होता है जिसे "ठंडा" माना जा सकता है। + + +तेलंगाना दक्षिण-मध्य भारत में स्थित एक राज्य है, जिसकी राजधानी हैदराबाद है। इसका गठन 2014 में हुआ था। तेलंगाना में 33 जिले हैं। +तेलंगाना दक्षिण भारत में एक राज्य है। यह उत्तर और उत्तर-पश्चिम में महाराष्ट्र पश्चिम में कर्नाटक उत्तर-पूर्व में छत्तीसगढ़ और दक्षिण में आंध्र प्रदेश राज्यों से घिरा है। और पूर्व। +ऐतिहासिक रूप से, इस क्षेत्र के राज्य के दर्जे में इसके पूरे अस्तित्व में कई बदलाव देखे गए हैं। मूल रूप से हैदराबाद राज्य कहा जाता था, इसे भारत के स्वतंत्र होने के कुछ ही समय बाद 1950 में मिला लिया गया था। 1956 में, आंध्र प्रदेश बनाने के लिए इसे आंध्र राज्य में मिला दिया गया था। 2 जून 2014 को इस क्षेत्र को हैदराबाद शहर की राजधानी के रूप में राज्य का दर्जा दिया गया, और अलगाव के लिए एक लोकप्रिय आंदोलन के बाद तेलंगाना कहा गया। राज्य के नएपन को धोखा न देने दें; तेलंगाना सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों में समृद्ध है। +तेलंगाना लैंडलॉक है और इसके माध्यम से दो प्रमुख नदियां बहती हैं: उत्तर में गोदावरी नदी और दक्षिण में कृष्णा नदी। ग्रीष्म ऋतु गर्म होती है, मार्च के आसपास शुरू होती है और मई तक रहती है। मानसून का मौसम जून से सितंबर तक होता है। राज्य में नवंबर और जनवरी की शुरुआत के बीच हल्की सर्दी का अनुभव होता है, और अगर गर्मी या उमस चिंता का विषय है तो यात्रा करने का यह सबसे अच्छा समय हो सकता है। +तेलुगु आधिकारिक भाषा है और राज्य के लगभग सभी निवासियों द्वारा बोली जाती है। उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी भी बोली जाती है। +दक्षिण भारत की तरह, कुछ शहरी क्षेत्रों को छोड़कर, हिंदी न तो व्यापक रूप से बोली जाती है और न ही समझी जाती है। लोग हिंदी की तुलना में अंग्रेजी का अधिक तत्परता से जवाब देंगे। +तेलुगु का न्यूनतम ज्ञान अत्यंत उपयोगी है, हालांकि यह आवश्यक नहीं है। + + +कर्नाटक दक्षिण भारत का एक राज्य है। + + +अरुणाचल प्रदेश उत्तर-पूर्व भारत में स्थित एक राज्य है, जिसकी राजधानी ईटानगर है। + + +दक्षिणपूर्व एशिया हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच विविध उष्णकटिबंधीय देशों का एक समूह है, जिसमें भारत और चीन दोनों से प्रभावित संस्कृतियाँ हैं और यह प्रवासी चीनी के बड़े समुदायों की मेजबानी करता है। इस क्षेत्र में इंडोनेशिया, दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला मुस्लिम देश, साथ ही बहुत प्रमुख बौद्ध देश और काफी महत्वपूर्ण ईसाई, हिंदू और एनिमिस्ट समुदाय शामिल हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया लंबे समय से विश्व-यात्रा करने वाले बैकपैकर्स के लिए दुनिया का एक पसंदीदा कोना रहा है, जो अपने उत्तम समुद्र तटों, स्वादिष्ट व्यंजनों, कम कीमतों और अच्छे उड़ान कनेक्शन के लिए जाना जाता है। + + +लेक कोमो, मिलान के पास का स्थान है, जो एक घंटे से भी कम की ड्राइव पर है, इसे मिलान का एक विशिष्ट और सुपर लक्जरी जिला माना जाता है। लोग अक्सर हर दिन मिलान में काम पर जाने के लिए लेक कोमो पर रहते हैं। लेक कोमो उन लोगों के लिए मनोरंजन से भरपूर है जिनके पास खर्च करने के लिए बहुत सारा पैसा है, जिसमें विशेष रिसेप्शन और नौकाएं शामिल हैं जो अक्सर पूरी गोपनीयता के साथ अंतरराष्ट्रीय वीआईपी और हॉलीवुड सितारों की कंपनी में होती हैं। +लेक कोमो संभवतः दुनिया का सबसे अधिक पर्यटन वाला क्षेत्र है, जो अपनी हल्की जलवायु और सितारों (जॉर्ज क्लूनी, डोनाटेला वर्साचे, आदि) और दुनिया के सबसे अमीर परिवारों के साथ मुलाकात के लिए प्रसिद्ध है। कोमो झील पर रहना खूबसूरत अरबपतियों के लिए एक वास्तविक वैश्विक स्थिति का प्रतीक है, इसकी चकाचौंध और ग्लैमर पृथ्वी पर कुछ ही स्थानों से प्रतिस्पर्धा करती है। हालाँकि लेक कोमो रिवेरा अपनी चकाचौंध के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन पहाड़ों में कई अन्य कम प्रसिद्ध आकर्षण भी हैं, जहाँ लियोनार्डो दा विंची ने लंबे समय तक रहकर उनका अध्ययन किया था। लियोनार्डो दा विंची के सभी चित्रों की पृष्ठभूमि में कोमो झील के परिदृश्य हैं। लेक कोमो कई प्रसिद्ध कलाकारों के लिए प्रेरणा रही है, और उनके कई काम स्थानीय संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में प्रदर्शित हैं। + + +मध्य भारत एक मैदानी क्षेत्र है। मध्य भारत का एक बड़ा भाग कृषि के लिये उपयोग किया जाता है। गंगा और यमुना जैसी नदियाँ मध्य भारत के मैदानी इलाकों से होकर बहती हैं। उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश और देश की राजधानी दिल्ली जैसे बड़े राज्य मध्य भारत में हैं। मध्य भारत की जनसंख्या लगभग 1 अरब है। + + +सुमात्रा सुमातेरा संस्कृत में सुवर्णद्वीप इंडोनेशिया का एक क्षेत्र और दुनिया का छठा सबसे बड़ा द्वीप है। जंगली और ऊबड़-खाबड़, इसमें अपार प्राकृतिक संपदा है। + + +दक्षिण भारत में प्रायद्वीपीय भारत के पांच प्रमुख राज्य और दो द्वीप समूह शामिल हैं भारत के पश्चिमी तट पर अरब सागर में लक्षद्वीप और पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में अंडमान व निकोबार]]। + + +* स्थानीयकरण सदस्य:SM7 18 जुलाई 2023. +'hoo-tagger-other अन्य कृपया संपादन सारांश भी अवश्य दें +'hoo-tagger-customTag निजी टैग (कृपया इन्हें नीतियों के अनुरूप ही बनायें + + +हॉटकैट HotCat) एक जावास्क्रिप्ट आधारित उपकरण (गैजेट) है जिसका उपयोग करके पन्नों पर आसानी से श्रेणियाँ जोड़ी अथवा हटाई जा सकती हैं। यह मूलतः विकिमीडिया कॉमंस के लिए निर्मित उपकरण था जिसे अब बहुत सारे विकिमीडिया प्रकल्पों पर इस्तेमाल किया जाता है। +