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https://www.indiatv.in/india/national-pak-trying-to-link-jadhav-matter-with-another-indians-case-mea-757661
पाकिस्तान जाधव मामले को एक अन्य भारतीय के मामले से जोड़ने का प्रयास कर रहा है: विदेश मंत्रालय
पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में दावा किया गया कि भारतीय उच्चायोग के वकील शाहनवाज नून ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया है कि भारतीय उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया मृत्यु दंड का सामना कर रहे जाधव के लिए वकील की नियुक्ति को लेकर भारत के रूख को स्पष्ट करना चाहते हैं।
नयी दिल्ली: भारत ने कुलभूषण जाधव मामले को, सजा काटने के बावजूद जेल में बंद एक अन्य भारतीय के मामले से जोड़ने का प्रयास करने को लेकर पाकिस्तान की निंदा की। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में दावा किया गया कि भारतीय उच्चायोग के वकील शाहनवाज नून ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया है कि भारतीय उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया मृत्यु दंड का सामना कर रहे जाधव के लिए वकील की नियुक्ति को लेकर भारत के रूख को स्पष्ट करना चाहते हैं। हालांकि, भारत ने कहा कि नून इस बारे में बोलने के लिए अधिकृत नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान के दबाव के तहत यह कदम उठाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले को एक अन्य कैदी के मामले से जोड़ने का प्रयास कर रहा है।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय उच्चायोग ने नून को भारतीय कैदी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई और वापसी से जुड़े मामले में अदालत में पेश होने के लिए चुना था। इस्माइल अपनी सजा पूरी कर चुके हैं लेकिन उन्हें पाकिस्तान में जेल में रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि इस्माइल के मामले की सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने जाधव से जुड़ा मामला उठाया जबकि दोनों मामलों में कोई जुड़ाव नहीं है । ’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘खबरों के मुताबिक नून ने जो बयान दिए वह सही नहीं हैं और यह मामले में हमारे रूख के विपरीत हैं । ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के दबाव में इस तरह के बयान दिए जबकि वह इसके लिए अधिकृत नहीं है।’’ श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय उच्चायोग ने नून से साफ तौर पर कहा था कि वह भारत सरकार या जाधव की ओर से पेश होने के लिए अधिकृत नहीं है। भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान नहीं किए जाने पर 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रूख किया था और सैन्य अदालत द्वारा जाधव को सुनाये गए मृत्युदंड को चुनौती दी थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की दोषिसिद्धि, सजा की समीक्षा, उस पर पुनर्विचार करने तथा बिना किसी देरी के उन तक राजनयिक पहुंच देने को कहा था। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनायी थी।
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https://www.indiatv.in/india/national/cds-bipin-rawat-pictures-from-childhood-to-youth-died-in-helicopter-crash-826358
हेलिकॉप्टर क्रैश में गई CDS बिपिन रावत की जान, देखिए बचपन से जवानी तक की तस्वीरें
बिपिन रावत ने देहरादून में कैम्ब्रायन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी से शिक्षा ली थी।
नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) की मौत हो गई। जनरल रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। इनके परिवार के लोग कई पीढ़ियों से भारतीय सेना (Indian Army) को अपनी सेवाएं देते आए थे। सैणा गांव के रहने वाले इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। बिपिन रावत ने देहरादून में कैम्ब्रायन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी से शिक्षा ली थी। आईएमए में उन्हें 'सोर्ड ऑफ ऑनर' भी दिया गया था। रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद दशकों भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा करने वाले बिपिन रावत का बुधवार को निधन हो गए। देखिए- उनकी बचपन से अभी तक की कुछ तस्वीरें.बिपिन रावत के बचपन की तस्वीरबिपिन रावतबिपिन रावत ने 1978 में सेना ज्वाइन की थी।बिपिन रावत var gfpFlag1 = 0; var galleryCtr1 =0; (function ($) {$("#gallery-slider-1 .slideshow").cycle({ fx: "scrollHorz", speed: "fast", timeout: 0, prev: "#gallery-slider-1 .prev", next: "#gallery-slider-1 .next", nowrap: 1, pager: "#gallery-slider-1 .slide-pager ul", pagerAnchorBuilder: function (idx, slide) {return "#gallery-slider-1 .slide-pager ul li:eq(" + idx + ")"; 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https://www.indiatv.in/india/national-tractor-rally-republic-day-route-farmer-leader-ss-pandher-reaction-768069
Tractor Rally: शाम को हम बताएंगे ट्रैक्टर परेड का रूट- किसान नेता एसएस पंधेर
किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब हमें कल रात पता चला कि घोषित मार्ग तय किए गए से अलग हैं, तो हमने नाराजगी व्यक्त की और अपनी समिति के भीतर बैठक की। हम शाम को ट्रैक्टर परेड के लिए मार्गों की घोषणा करेंगे।
नई दिल्ली. दिल्ली में किसान आंदोलन जारी है। कल गणतंत्र दिवस है। इस मौके पर किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं लेकिन अब इस रैली को लेकर किसानों में फाड़ होता नजर आ रहा है। दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को जो रूट ट्रैक्टर रैली के लिए दिया गया है, उसपर कुछ किसान संगठनों ने ऐतराज जताया है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब हमें कल रात पता चला कि घोषित मार्ग तय किए गए से अलग हैं, तो हमने नाराजगी व्यक्त की और अपनी समिति के भीतर बैठक की। हम शाम को ट्रैक्टर परेड के लिए मार्गों की घोषणा करेंगे।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने इन ट्रेनों के समय में किया बदलाव, कहीं आपकी ट्रेन भी शामिल तो नहींउन्होंने कहा कि हमने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से फिर से अनुरोध किया, लेकिन कोई बीच का रास्ता नहीं निकला। हमने उनसे उनके वरिष्ठ अधिकारियों से बाचीत करने के लिए कहा और अगर वे हमारे मार्गों से सहमत हैं, तो यह अच्छा होगा। हम पहले तय किए गए मार्गों पर ट्रैक्टर परेड आयोजित करेंगे।पढ़ें- LAC पर भारतीय सेना और PLA में झड़प, कई चीनी सैनिक घायल, ड्रैगन ने कही ये बातइससे पहले आज सुबह मीडिया से बातचीत करते हुए किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि हमें लगता है कि ट्रैक्टर रैली के लिए हमें जिस तरह की अनुमति दी गई है वह सही नहीं है। हम ओल्ड रिंग रोड पर जाना चाहते थे, लेकिन हमें सशर्त अनुमति दी गई और उस हिस्से की अनुमति दी गई है जो बड़े पैमाने पर हरियाणा के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि हम बस यही कह रहे हैं कि हम वहां नहीं जाना चाहते, हम सिर्फ रिंग रोड पर जाना चाहते हैं। सुबह 10 बजे हमारी पुलिस के साथ बैठक है उसमें तय किया जाएगा कि कौन से रूट पर रैली निकालनी है और कितने बजे रैली निकालनी है। 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है।पढ़ें- 'गंभीर खतरे में पाकिस्तान, अगले कुछ महीने बहुत महत्वपूर्ण'इन रास्तों पर मिली रैली निकालने की इजाजतदिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि किसान संगठनों के साथ कई दौर की वार्ता के बाद गणतंत्र दिवस पर उन्हें ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दे दी गई है। पुलिस ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड समाप्त हो जाने के बाद सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेड हटा दिया जाएगा और किसानों को उनके ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली के अंदर 100 किमी तक आने की इजाजत होगी। किसानों को केवल उन्हीं मार्गो पर जाने की अनुमति होगी जिनके बारे में उनसे पहले विचार-विमर्श किया गया है।नई दिल्ली. दिल्ली में किसान आंदोलन जारी है। कल गणतंत्र दिवस है। इस मौके पर किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने पर अड़े हुए हैं लेकिन अब इस रैली को लेकर किसानों में फाड़ होता नजर आ रहा है। दिल्ली पुलिस द्वारा किसानों को जो रूट ट्रैक्टर रैली के लिए दिया गया है, उसपर कुछ किसान संगठनों ने ऐतराज जताया है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब हमें कल रात पता चला कि घोषित मार्ग तय किए गए से अलग हैं, तो हमने नाराजगी व्यक्त की और अपनी समिति के भीतर बैठक की। हम शाम को ट्रैक्टर परेड के लिए मार्गों की घोषणा करेंगे।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने इन ट्रेनों के समय में किया बदलाव, कहीं आपकी ट्रेन भी शामिल तो नहींउन्होंने कहा कि हमने दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से फिर से अनुरोध किया, लेकिन कोई बीच का रास्ता नहीं निकला। हमने उनसे उनके वरिष्ठ अधिकारियों से बाचीत करने के लिए कहा और अगर वे हमारे मार्गों से सहमत हैं, तो यह अच्छा होगा। हम पहले तय किए गए मार्गों पर ट्रैक्टर परेड आयोजित करेंगे।पढ़ें- LAC पर भारतीय सेना और PLA में झड़प, कई चीनी सैनिक घायल, ड्रैगन ने कही ये बातइससे पहले आज सुबह मीडिया से बातचीत करते हुए किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि हमें लगता है कि ट्रैक्टर रैली के लिए हमें जिस तरह की अनुमति दी गई है वह सही नहीं है। हम ओल्ड रिंग रोड पर जाना चाहते थे, लेकिन हमें सशर्त अनुमति दी गई और उस हिस्से की अनुमति दी गई है जो बड़े पैमाने पर हरियाणा के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि हम बस यही कह रहे हैं कि हम वहां नहीं जाना चाहते, हम सिर्फ रिंग रोड पर जाना चाहते हैं। सुबह 10 बजे हमारी पुलिस के साथ बैठक है उसमें तय किया जाएगा कि कौन से रूट पर रैली निकालनी है और कितने बजे रैली निकालनी है। 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है।पढ़ें- 'गंभीर खतरे में पाकिस्तान, अगले कुछ महीने बहुत महत्वपूर्ण'इन रास्तों पर मिली रैली निकालने की इजाजतपढ़ें- दोस्तों से भगवान कृष्ण से मुलाकात की इच्छा जताती थी रशियन महिला, छठी मंजिल से लगा दी छलांगजिन मार्गो से ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी गई है, उनमें सिंघु बॉर्डर से संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, कांझावाला, बवाना से औचड़ी, टिकरी बॉर्डर से नांगलोई, नजफगढ़, झरौंदा, डासना, बादली, गाजीपुर बॉर्डर से अप्सरा बॉर्डर और यहां से हापुड़ रोड शामिल हैं। विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि हमने किसानों से स्पष्ट कह दिया है कि गणतंत्र दिवस परेड समाप्त हो जाने के बाद ही किसान अपनी रैली निकाल सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि किसानों की यह रैली शांतिपूर्ण होगी।पढ़ें- वायरल हो गई प्रधानमंत्री मोदी की यह तस्वीर! 24 घंटे से कम समय में 10 लाख से ज्यादा ने की पसंद
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https://www.indiatv.in/india/national-four-accused-arrested-for-beating-ex-navy-man-740411
पूर्व नौसेना अधिकारी से मारपीट के 6 आरोपी गिरफ्तार, शिवसेना का शाखा प्रमुख भी शामिल
मुंबई में पूर्व नौसेना अधिकारी से मारपीट करने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने छाह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार आरोपियों के नाम कमलेश कदम , संजय मांजरे, राकेश बेलवेकर और प्रताप मोतीरामजी सुंद वेरा हैं।
मुंबई: मुंबई में पूर्व नौसेना अधिकारी से मारपीट करने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने छाह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार आरोपियों के नाम कमलेश कदम , संजय मांजरे, राकेश बेलवेकर और प्रताप मोतीरामजी सुंद वेरा हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में शिवसेना का एक शाखा प्रमुख भी शामिल है। दरअसल, राज्य सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया कंटेंट को शेयर करने से शिवसैनिक नाराज थे और उन्होंने पूर्वे नौसेना अधिकारी मदन शर्मा को बुरी तरह पीट दिया। यह मामला मुम्बई के समता नगर पुलिस स्टेशन का है, यहीं FIR दर्ज कराई गई है। शुक्रवार शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कार्टून सोशल मीडिया पर शेयर करने को लेकर गुस्साए शिवसैनिकों ने पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा के साथ मारपीट की।शिवसैनिकों की इस गुंडागर्दी को अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी शर्मनाक बताया है।बता दें कि हाल के दिनों में अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ विवाद को लेकर शिवसेना की काफी फजीहत हो चुकी है। मुंबई के बीएमसी अधिकारियों द्वारा कंगना रनौत के कार्यालय के कुछ हिस्सों को गिराने के एक दिन बाद, अभिनेत्री ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर '' सत्ता के दुरुपयोग '' का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और घोषणा की कि उनकी आवाज दूर तक जाएगी। रनौत ने शिवसेना के नेतृत्व वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की गुंडों से तुलना करते हुए कई ट्वीट् पोस्ट किए, जिसमें राज्य सरकार को एक ‘‘मिलावटी सरकार’’ कहकर मराठी संस्कृति को याद करने की नसीहत दी गई। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिवसेना से टकराव के कारण महाराष्ट्र सरकार उन्हें निशाना बना रही है। कंगना के इन्हीं आरोपी के बीच अब शिवसेना इस नए विवाद में फंस गई है।पूर्व नौसेना अधिकारी मदन शर्मा से शिवसैनिकों द्वारा की गई मारपीट को शिवसेना की गुंडागर्दी के रूप में देखा जा रहा है। मदन शर्मा के साथ जमकर मारपीट की थी, जिससे उनकी आंख पर काफी चोट लगी है। इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुजेज भी है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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इंदौर लगातार पांचवी बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित, दूसरे नंबर पर सूरत, तीसरे पर विजयवाड़ा
सर्वेक्षण में वाराणसी को ‘‘स्वच्छ गंगा शहर’’ की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर को लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई। स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 में सबसे स्वच्छ शहरों में दूसरा स्थान सूरत को और तीसरा स्थान विजयवाड़ा को प्राप्त हुआ। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा घोषित सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ को भारत का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया।सर्वेक्षण में वाराणसी को ‘‘स्वच्छ गंगा शहर’’ की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये । इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और गांधीजी की इसी प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया।उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 35 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हुए हैं। कोविंद ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की सबसे बड़ी सफलता देश की सोच में बदलाव आना है जहां अब घर के छोटे बच्चे भी बड़ों को गंदगी फैलाने से रोकते और टोकते हैं।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मनुष्य द्वारा सिर पर मैला ढोना एक शर्मनाक प्रथा है और इसे रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं बल्कि समाज और देश के सभी नागरिकों की है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी शहरों में मशीन से सफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जानी चाहिए। राष्ट्रपति ने स्वच्छता पुरस्कार विजेता शहरों की अच्छी प्रथाओं एंव चलन को अपनाने की बात भी की।
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https://www.indiatv.in/india/national-rafale-deliveries-to-india-ahead-of-schedule-says-french-ambassador-emmanuel-lenain-817921
Rafale Fighter Jets: भारत को निर्धारित समय से पहले मिलेंगे सभी राफेल विमान, फ्रांसीसी राजदूत ने दी जानकारी
इंडो-फ्रेंच चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईएफसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित चौथे भारत-फ्रांस निवेश सम्मेलन से इतर लेनैन ने कहा कि यूरोपीय देश से संबंधित कंपनियों ने भारत में 10 अरब यूरो से अधिक का निवेश किया है जिससे 2.50 लाख भारतीयों को रोजगार मिल रहा है।
हैदराबाद: भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए कुछ दिनों के लॉकडाउन के बावजूद वैमानिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा नयी दिल्ली को सभी 36 राफेल विमान समय से पहले उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है।इंडो-फ्रेंच चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईएफसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित चौथे भारत-फ्रांस निवेश सम्मेलन से इतर लेनैन ने कहा कि यूरोपीय देश से संबंधित कंपनियों ने भारत में 10 अरब यूरो से अधिक का निवेश किया है जिससे 2.50 लाख भारतीयों को रोजगार मिल रहा है।राजदूत ने कहा, "यह (विमान प्रदायगी) समय से पहले होगी। हमें इस पर बहुत गर्व है। कोविड के बावजूद इसमें जरा भी व्यवधान नहीं आया है।" भारत ने लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। पांच राफेल जेट विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी।अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम को "चिंताजनक" बताते हुए उन्होंने कहा कि फ्रांस सहित कुछ देशों ने तालिबान शासन से आतंकवादियों को आश्रय न देने के अलावा संकटग्रस्त देश में मानवीय सहायता के मुक्त प्रवाह की अनुमति देने को कहा है। उन्होंने कहा, "आज तक उन्होंने कोई भी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है और यह बेहद चिंताजनक है। जब तक वे इनमें से कुछ प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर लेते, तब तक वे हमसे किसी तरह की मान्यता नहीं मांग सकते।"
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-us-visit-meet-ceos-narendra-modi-meet-vice-president-kamala-harris-know-full-schedule-815133
PM Modi US Visit: पीएम मोदी अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस समेत इन हस्तियों से करेंगे मुलाकात, जानें पूरा शेड्यूल
वे आज कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करनेवाले हैं। पीएम मोदी आज रात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से भी मुलाकात करेंगे।
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिनों के दौरे पर अमेरिका पहुंच गए हैं। भारतीय समय के मुताबिक सुबह करीब 3 बजे वे वाशिंगटन डीसी पहुंचे। वे आज कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करनेवाले हैं। पीएम मोदी आज रात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से भी मुलाकात करेंगे। देर रात वे अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात करेंगे।पीएम मोदी भारतीय समय के मुताबिक शाम 7.15 बजे ग्लोबल कंपनियों के CEOs के साथ व्यक्तिगत तौर पर मीटिंग करेंगे। रात 11 बजे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वहीं रात 12 बजकर 45 मिनट पर वे अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी जिन ग्लोबल कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे उनमें Qualcomm के सीईओ क्रिस्टियानो एमॉन, फर्स्ट सोलार के सीईओ मार्क विडमर, General Atomics के सीईओ, ब्लैकस्टोन के सीईओ और Adobe के चेयरमैन शामिल हैं।इससे पहले आज सुबह वाशिंगटन में पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ। सुबह से ही भारी बारिश के बावजूद, प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए एंड्रयूज ज्वाइंट एयरफोर्स बेस पर बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी भी मौजूद थे। पीएम मोदी के पहुंचते ही उत्साहित लोग उनके समर्थन में नारे लगाने लगे। पीएम मोदी ने प्रोटकॉल तोड़कर वहां मौजूद लोगों का अभिवादन किया।अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित विश्व के अन्य नेताओं के साथ वार्ता करेंगे। उल्लेखनीय है कि क्वाड समूह में अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। अमेरिका क्वाड समूह की मेजबानी कर रहा है जिसमें समूह के नेता हिस्सा लेंगे। इसके जरिये अमेरिका हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और समूह के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने का मजबूत संकेत देना चाहता है। मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद सातवीं बार अमेरिका पहुंचे हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-terrorists-can-get-nuclear-weapons-of-pakistan-this-possible-because-of-dawood-ibrahim-824938
दाऊद इब्राहिम की सांठगांठ से आतंकियों के हाथ लग सकते हैं पाकिस्तान के परमाणु हथियार
एक आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक वास्तविक चिंता है। हमें पाकिस्तानी अधिकारियों से नियमित रूप से आश्वासन मिलता है कि उनके पास परमाणु हथियार कड़े नियंत्रण में हैं, लेकिन चिंता की बात तो है।"
नई दिल्ली: भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की आतंकवादी संगठनों से सांठगांठ और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कालाबाजारी परमाणु वैज्ञानिक ए.क्यू. खान के लिए 2009 में मुंबई में 26/11 हमलों के बाद अमेरिकी सीनेट की सुनवाई में चिंता का विषय बन गई थी। उस समय की सुनवाई के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए मुंबई हमलों से सबक पर सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा था, "यह एक खतरा है कि पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी संगठन परमाणु हथियार प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है।"इस पर, एक आतंकवाद विरोधी विशेषज्ञ ने जवाब दिया, "मुझे लगता है कि यह एक वास्तविक चिंता है। हमें पाकिस्तानी अधिकारियों से नियमित रूप से आश्वासन मिलता है कि उनके पास परमाणु हथियार कड़े नियंत्रण में हैं, लेकिन चिंता की बात तो है।" उन्होंने कहा, "जब हम दाऊद इब्राहिम और आतंकवादी संगठनों जैसे संगठित अपराध के आंकड़ों के बीच पाकिस्तान में गठजोड़ को देखते हैं और हम उन काले बाजारों को देखते हैं जो ए.क्यू. खान के माध्यम से पाकिस्तान के अपने परमाणु कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए बनाए गए थे, मेरा मतलब है, यह कनेक्शन का एक सेट है। संगठित अपराध, सरकारी प्राधिकरण और आतंकवादी संगठन यदि सामूहिक विनाश की राह पर चले जाते हैं, तो बड़े पैमाने पर वित्त और वास्तविक चिंताओं की संभावना बढ़ा देते हैं।"उन्होंने कहा, "मैं खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहता, क्योंकि मैं अभी भी मानता हूं कि आतंकवादियों को कुछ अधिक तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण चीजों को करने का प्रयास किए बिना कम तकनीकी चीजें ही करने से जबरदस्त लाभ मिलता है। उदाहरण के तौर पर मुंबई हमला को लिया जा सकता है। जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया गया है, मूल रूप से छोटी-इकाई वाली पैदल सेना की रणनीति का एक उदाहरण है, जिसने 3 दिनों के भीतर 2 करोड़ लोगों के शहर को पंगु बना दिया।"विशेषज्ञों ने आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर कहा, "इसके अलावा हमारे पास यह वास्तविकता है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया सेवाओं पर नागरिकों द्वारा चुनी गई सरकार का अधिकार सीमित है।" उन्होंने कहा, "इसलिए हम उन पर दबाव बना सकते हैं, जैसा कि हमें करना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि यह एक दीर्घकालिक कूटनीतिक नारा है, इससे पहले कि हम वास्तव में पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से सहयोग करने के लिए सूचीबद्ध कर सकें।"विशेषज्ञों ने कहा, "वैसे, समस्या इस सरकार या यहां तक कि पिछली सरकार के साथ शुरू नहीं हुई थी। 1999 और 2000 में राष्ट्रीय आतंकवाद आयोग द्वारा इसे मान्यता दी गई थी कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह से सहयोग नहीं कर रहा है।"
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https://www.indiatv.in/india/national-robber-looted-bank-in-haryana-jhajjar-video-gone-viral-749130
Video: हरियाणा में बैंक डकैती का खौफनाक वीडियो वायरल, बंदूक की नोक पर बदमाशों ने लूटे 7 लाख
हरियाणा में कानून व्यवस्था का क्या हाल है, इसका हाल दिखाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हरियाणा में कानून व्यवस्था का क्या हाल है, इसका हाल दिखाता एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो हरियाणा के झज्जर जिले का है। यहां बदमाशों ने बंदूक के दम पर बैंक डकैती को अंजाम दिया। बैंक दिन दहाड़े यहां की पंजाब नेशनल बैंक से 7 लाख रुपए लूट कर ले गए। बदमाशों ने बैंक को उस समय लूटा जब वहां पर एक दर्जन से अधिक ग्राहक भी मौजूद थे। फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बैंक डकैती की यह वारदात झज्जर जिले के माछरौली गांव में घटी। यहां पंजाब नेशनल बैंक में करीब पांच हथियारबंद बदमाशों ने धावा बोल दिया। बदमाशों ने यहां कुल 7 लाख 11 हजार रुपये की नकदी लूट ली। इस दौरान बदमाशों ने बैंक के सुरक्षा गार्ड की बंदूक भी छीन ली। लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश फरार हो गए।घटना सीसीटीवी में कैद हुई है। बताया जा रहा है कि बदमाश बाइक पर सवार होकर बैंक पहुंचे थे। बदमाशों ने अपने मुंह को ढक रखा था। बदमाशों ने बैंक के बाहर फायरिंग भी की थी। मामले को लेकर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है और पुलिस जल्दी आरोपियों को गिरफ्तार करने की बात कह रही है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-no-new-coronavirus-case-in-7-districts-of-uttar-pradesh-795662
UP: 7 जिलों में एक भी कोरोना का नया केस नहीं
उत्तर प्रदेश में कोरोना की चाल अब थमने लगी है। प्रदेश में शुक्रवार को जो सैंपल की रिपोर्ट आई है, उसमें सात जिले ऐसे हैं जहां पर एक भी नया संक्रमित केस नहीं मिला है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना की चाल अब थमने लगी है। प्रदेश में शुक्रवार को जो सैंपल की रिपोर्ट आई है, उसमें सात जिले ऐसे हैं जहां पर एक भी नया संक्रमित केस नहीं मिला है। यूपी में शुक्रवार को 619 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। जबकि 1642 लोग संक्रमण मुक्त होकर स्वस्थ हुए हैं। इसी के साथ प्रदेश में कुल 11000 एक्टिव मरीज बचे हैं। मरीजों के ठीके होने की दर भी 98.1 प्रतिशत हो गई है। 24 घंटे में दो लाख 77 हजार टेस्ट किए गए। उत्तर प्रदेश 5.25 करोड़ से ज्यादा टेस्ट करने वाला अकेला राज्य है। अब तक 2.19 करोड़ वैक्सीनेशन हो चुका है। इस महीने एक करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य है।अपर मुख्य सचिव सूचना डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि बीते 24 घंटे की जो सैंपल टेस्ट रिपोर्ट मिली है, उसके अनुसार आज कोरोना वायरस संक्रमण के 619 नए कोविड मामले मिले हैं। प्रदेश के 75 जिलों में से सात जिलों में एक भी नया केस नहीं मिला जबकि 45 जिलों में सिंगिल डिजिट के अंक में नए संक्रमित मिले हैं।23 जिलों में दस से पचास तक नए केस मिले हैं। अब प्रदेश में कुल सक्रिय केस की संख्या 11,127 रह गई है। प्रदेश में आज 1642 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की ट्रैक, टेस्ट तथा ट्रीट की नीति पर सरकार के लगातार काम करने के कारण ही प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार काफी नियंत्रित है। बीते 24 घंटे में 74 लोगों ने दम तोड़ा है। इनमें कानपुर में 15, गोरखपुर में छह तथा बरेली में पांच लोग हैं। लखनऊ में सर्वाधिक 49 नए संक्रमित मिले हैं, जबकि वाराणसी में इनकी संख्या 24 की है।डॉ. सहगल ने बताया कि प्रदेश में टीकाकरण का काम भी काफी गति पकड़ चुका है। सरकार 18 वर्ष से अधिक तथा 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का एक साथ टीकाकरण करा रही है।प्रदेश सरकार कोरोना वायरस संक्रमण की थर्ड स्ट्रेन को भी लेकर बेहद गंभीर है। माना जा रहा है कि इसका सर्वाधिक असर बच्चों पर होगा। प्रदेश सरकार इसी क्रम में 600 बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर्स भर्ती कर रही है। इनकी जिलों में तैनाती की जाएगी। चिकित्सा,स्वास्थ्य सेवा संवर्ग ने इसकी भर्ती निकाल दी है। इसके तहत 3620 विशेषज्ञ डॉक्टर भर्ती होंगे। 590 पद जनरल फिजिशियन तथा इतने ही पद पर जनरल सर्जन की भी तैनाती होगी। इसमें रेडियोलॉजिस्ट के साथ ईएनटी विशेषज्ञ भी भर्ती होंगे।
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https://www.indiatv.in/india/national/govt-working-tirelessly-to-bring-back-indians-stuck-in-ukraine-pm-modi-2022-02-27-837631
यूक्रेन में फंसे हर भारतीय को वापस लाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए दिन-रात काम कर रही है।
बस्ती (उप्र): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। मोदी ने उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक चुनावी रैली को संबोधित हुए दुनिया भर में मौजूदा संकट का जिक्र किया और देश को ‘‘आत्मनिर्भर’’ बनाकर मजबूत करने की वकालत की। उन्होंने बस्ती के पॉलिटेक्निक कॉलेज मैदान, हथियागढ़ में बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर और आम्बेडकर नगर जिले के विधानसभा क्षेत्रों की संयुक्त रैली के दौरान कहा कि चुनौती भरे समय में भारत ने हमेशा अपने हरेक नागरिक के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी है और जहां भी संकट आया, वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन गंगा चलाकर हम यूक्रेन से हजारों भारतीयों को वापस ला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार यूक्रेन में मौजूद भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। मोदी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि घोर परिवारवादी कभी प्रदेश और देश का भला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि ‘‘घोर परिवारवादी समाज के कमजोर वर्गों पर गुंडई करने वाले माफ‍ियाओं को ताकत देते’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘घोर परिवारवादियों का एक ही मंत्र है, पैसा परिवार की तिजोरी में, कानून जेब में और जनता उनके पैरों पर। ये उत्तर प्रदेश और देश को ताकतवर नहीं होने देंगे।’’मोदी ने कहा, ‘‘कबीर जी ने इनके (परिवारवादियों के) लिए कहा था कि 'दुर्बल को न सताइए, जाकी मोटी हाय' और गरीब की इसी हाय ने 2014 में इन्हें झटक दिया, 2017 में पटक दिया और 2019 में साफ कर दिया और अब 2022 में तो इन्हें अपनी ही सीट बचाने के लाले पड़ गए हैं।’’ उन्‍होंने कहा कि यह भारत को ज्यादा से ज्यादा ताकतवर और आत्मनिर्भर बनाने का समय है और यह ‘‘जात-पात, छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठकर राष्‍ट्र के साथ खड़े होने का समय है।’’ उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले की सरकारों की जो नीतियां थी, उन्‍होंने विदेश से सामान मंगाने पर जोर दिया क्योंकि इन लोगों को भारत का दूसरे देशों पर निर्भर होना अच्छा लगता है और उन्हें एक ही बात नजर आती है-कमीशन, इसलिए ये लोग कभी आत्मनिर्भर भारत की बात भी नहीं करते।''‘राष्ट्रभक्ति’ और ‘परिवार भक्ति’ में फर्क समझाते हुए मोदी ने कहा कि इन परिवारवादियों ने दशकों तक देश की सेना को पूरी तरह विदेशों पर निर्भर रखा और भारत के रक्षा उद्योग को बर्बाद कर दिया, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही बहुत बड़ा रक्षा गलियारा बन रहा है। मोदी ने कहा, ‘‘हमारे पास तेल के कुएं नहीं हैं। हम बहुत सारा कच्चा तेल बाहर से मंगाते हैं। लाखों करोड़ रुपये उस पर खर्च करते हैं। इन लोगों ने कभी ध्यान नहीं दिया कि गन्ने से ज्यादा से ज्यादा इथेनॉल बनाकर पेट्रोल में मिलाया जा सकता है।’’ प्रधानमंत्री ने चीनी मिल और गन्ना किसानों की बदहाली का जिक्र करते हुए भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया और बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला करते हुए कहा, ‘‘याद रखिए, ये किसी जाति के नहीं होते, किसी समाज के नहीं होते, इनके लिए अपना स्‍वार्थ सबसे बड़ा होता है।''उन्‍होंने अपनी बात को बल देने के लिए तर्क दिया, ‘‘2017 में ये किसके साथ घूमते थे, 2019 में किसका साथ लिया और 2022 में नये साथी लेकर आए हैं तथा जो अपने साथियों को छोड़ देते हैं, वे आपका साथ कभी नहीं दे सकते हैं।'' उन्‍होंने विपक्षी दलों पर उत्तर प्रदेश को लूटने का आरोप लगाया और कहा कि जब इनके पांच साल के खर्च का लेखा जोखा किया गया, तो पता चला कि ‘‘हजारों करोड़ रुपये का कोई हिसाब ही नहीं है। रातों रात फर्जी कंपनियां बनाकर उन्हें सरकारी ठेके तो दे दिए गये लेकिन वह पैसा खर्च कहां हुआ, इसका कभी हिसाब नहीं दिया गया।’’प्रधानमंत्री ने राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने जाति एवं धर्म से ऊपर उठकर और गरीबों के कल्‍याण की भावना के साथ काम किया है। भाजपा सरकार में शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं सिंचाई संबंधी परियोजनाएं लागू करने का दावा करते हुए उन्‍होंने कहा, ‘‘मेरे लिए इस देश का हर नागरिक मेरा अपना परिवार है और इसलिए बिना किसी भेदभाव, बिना पक्षपात के सरकार गरीब को पक्की छत देती है और यह सबका विकास है, लेकिन घोर परिवारवादियों के लिए उनका और उनके परिवार का विकास ही सर्वोपरि है।उल्‍लेखनीय है कि बस्‍ती और आसपास के जिलों में तीन मार्च को मतदान होगा। मोदी ने कहा, ‘‘हमें हर साल, लगातार हर हाल में अपनी सेनाओं को आधुनिक बनाते रहना होगा और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद को खपाना होगा, लेकिन ये काम घोर परिवारवादी, घोर स्‍वार्थी कभी नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों का इतिहास रक्षा सौदों में कमीशन खाने का रहा हो, वे परिवारवादी देश को कभी मजबूत नहीं कर सकते। जो लोग देश की सेनाओं की जरूरत को हमेशा नजरअंदाज करते रहे, वे परिवारवादी देश को मजबूत नहीं कर सकते।' मोदी ने भरोसा जताया किया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘‘प्रचंड बहुमत वाली सरकार’’ बनेगी।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-cm-yogi-called-akhilesh-yadav-and-wish-him-a-very-happy-birthday-799277
अखिलेश यादव का जन्मदिन आज, CM योगी ने फोन करके दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव को फोन करके जन्मदिन की बधाई दी है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव को फोन करके जन्मदिन की बधाई दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव का एक जुलाई को जन्मदिन है। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा दिल दिखाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को फोन पर बात कर जन्मदिन की बधाई दी है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने उनके जन्मदिन पर बधाई को लेकर एक ट्वीट भी किया है।उन्होंने ट्वीट किया है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई। प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने इस बार कार्यकर्ताओं से अपने जन्मदिन को सादगी से मनाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में कार्यकर्ता प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सादगी से मनाएं। बावजूद इसके लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी मुख्यालय पर नेताओं और कार्यकतार्ओं ने भारी संख्या में बधाई के होर्डिंग्स लगाए हैं।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का जन्म एक जुलाई 1973 को इटावा के सैफई में हुआ है। वह सबसे कम आयु के मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड कायम कर चुके हैं। वह 38 वर्ष की उम्र के उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री बने। आजमगढ़ से सपा के सांसद पहले विधान परिषद सदस्य भी थे। इससे पूर्व वह लगातार दो बार कन्नौज से सांसद थे।समाजवादी पार्टी के संरक्षक तथा संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
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https://www.indiatv.in/india/national-lone-wolf-isis-operative-arrested-near-delhis-dhaula-kuan-area-explosive-devices-recovered-by-police-735360
धौला कुआं में एनकाउंटर के बाद ISIS का एक आतंकी गिरफ्तार, दूसरा फरार; दिल्ली से यूपी तक हाई अलर्ट
दिल्ली के धौलाकुआं रिंग रोड के पास एनकाउंटर के बाद आईएसआईएस के एक आतंकी को पकड़ लिया गया है। स्पेशल सेल की टीम अभी भी ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। उसका कहना है कि अभी और भी गिरफ्तारी हो सकती है।
नई दिल्ली: दिल्ली के धौलाकुआं रिंग रोड के पास एनकाउंटर के बाद आईएसआईएस के एक आतंकी को पकड़ लिया गया है। स्पेशल सेल की टीम अभी भी ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। उसका कहना है कि अभी और भी गिरफ्तारी हो सकती है। इस आतंकी के पास से 2 आईईडी भी बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि स्पेशल सेल ने बीती रात एनकाउंटर के बाद आतंकी को गिरफ्तार किया। उसे लोधी रोड स्थित स्पेशल सेल के ऑफिस में रखा गया है। आतंकी के पास से बरामद आईईडी को NSG ने निष्क्रिय कर दिया है।पकड़े गए आतंकी का नाम अबू यूसुफ है। बताया जा रहा है कि आतंकी के निशाने पर एक महत्वपूर्ण शख्सियत थी। अबू युसूफ के साथ एक और आतंकी था, जो फरार हो गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।दिल्ली पुलिस का कहना है कि आईएसआईएस के आतंकी दिल्ली में बड़ा आतंकी हमला करने का प्लान बना रहे थे। लोन वुल्फ अटैक का प्लान था। कई जगह की आतंकी ने रेकी की थी। पुलिस के मुताबिक, दिल्ली कुछ लोग अबू यूसुफ को संसाधन मुहैया करा रहे थे, उनकी धर पकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/politics-pakistan-is-first-love-of-congress-says-giriraj-singh-795693
कांग्रेस का पहला प्यार पाकिस्तान, कश्मीर पर दिग्विजय ने दिया राहुल गांधी का मैसेज- गिरिराज सिंह
भारतीय जनता पार्टी के बिहार से लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी का पहला प्यार पाकिस्तान है।
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए दिग्विजय सिंह के कथित 'क्लब हाउस ऑडियो चैट' के बाद कांग्रेस पार्टी पर लगातार हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के बिहार से लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस पार्टी का पहला प्यार पाकिस्तान है। दिग्जविजय सिंह ने पाकिस्तान को राहुल गांधी का संदेश दिया है। गिरिराज यहीं नहीं रुके, उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पाकिस्तान को कश्मीर पर कब्जा करने में मदद करेगी।दिग्विजय सिंह के ऑडियो चैट पर बीजेपी के नेता संबित पात्रा ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि दिग्विजय सिंह की भाषा कांग्रेस पार्टी के लिए नई नहीं है। पहली बात ये कि चैट में दिग्विजय सिंह एक उत्तर दे रहे हैं औऱ ये उत्तर पाकिस्तान के एक पत्रकार का है। पाकिस्तान के एक पत्रकार का प्रश्न है कि मोदी को हटाने के बाद जो सरकार आएगी उसका रुख कश्मीर पर क्या रहेगा। ये पहली बार नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी के मणिशंकर ने पाकिस्तान में कहा था कि मोदी सरकार को हटाना होगा। भारत के आंतरिक मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ बातचीत करना क्या मामला है।संबित पात्रा ने कहा कि हम ये मांग करते हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ये स्पष्ट करें कि कश्मीर पर कांग्रेस पार्टी की मंशा क्या है। पीएम मोदी से घृणा करते-करते कांग्रेस पार्टी कब हिंदुस्तान से घृणा करने लगी है, ये कांग्रेस पार्टी खुद नहीं समझ पाई है। पीएम मोदी से नफरत करते करते आर भारत से घृणा करने लगे हैं, हिंदुस्तान की जनता आपको माफ नहीं करेगी। दिग्विजय और कांग्रेस पार्टी का पाकिस्तान पर सॉफ्ट रवैया रहा है।आपको बता दें कि भाजपा द्वारा जारी किए गए क्लब हाउस चैट में दिग्विजय सिंह ये कहते सुनाई दे रहे हैं, "जब उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया तो वहां लोकतंत्र नहीं था। वहां इंसानियत भी नहीं थी क्योंकि उन्होंने सभी को जेल में बंद कर दिया था। कश्मीरियत वहां के सेक्युलरिज्म का अहम हिस्सा है क्योंकि मुस्लिम बहुल राज्य का राजा हिंदू था और दोनों साथ मिलकर काम करते थे। यहां तक कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया गया था। ऐसे में आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला बेहद दुखद था और कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो 370 को हटाने के फैसले पर फिर से विचार करेगी।"
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https://www.indiatv.in/india/national-mani-shankar-aiyar-praises-babur-akhbar-and-other-mughals-watch-video-823309
मणिशंकर अय्यर ने पढ़े बाबर की शान में कसीदे, भाजपा पर किया प्रहार
मणिशंकर अय्यर ने पुरानी जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि 1872 में देश में 72 फीसदी हिंदू थे और 24 फीसदी मुसलमान थे। कमोबेश ये संख्या अब भी वैसी ही है, इसलिए मुसलमानों पर जनसंख्या बढ़ाने के आरोप पूरी तरह से गलत हैं।
नई दिल्ली. अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने इस बार मुगल शासन की जमकर तारीफ की है। नेहरू जयंती पर हुए एक कार्यक्रम के दौरान मणिशंकर अय्यर ने मुगल शासन में हुए अत्याचारों की बातों का खंडन किया। मणिशंकर अय्यर ने ये दावा किया कि मुगलों ने कभी देश में धर्म के नाम पर अत्याचार किया ही नहीं। उन्होंने मुगल बादशाह अकबर के शासन से लेकर तमाम दूसरे मुगल बादशाहों का उदाहरण देकर दावा किया कि मुगल शासन में कभी जोर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं करवाया गया। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर हमला बोला।'सत्ता में बैठे लोगों को सिर्फ 80 फीसदी लोगों की चिंता'कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोगों को सिर्फ देश के 80 फीसदी लोगों की चिंता है। उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे कुछ लोग केवल हिंदुत्व को मानते हैं। ये लोग सोचते हैं कि जो हिंदू धर्म को माने केवल वही भारतीय है और बाकी लोग गैर-भारतीय हैं, जिन्हें जब वो चाहें देश से निकाल सकते हैं। मणिशंकर अय्यर ने भाजपा पर घृणा फैलाने और देश में लोगों को बांटने का आरोप भी लगाया। अपने संबोधन में मणिशंकर अय्यर ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि मुसलमानों की जनसंख्या तेज़ी से बढ़ी है।नई दिल्ली. अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने इस बार मुगल शासन की जमकर तारीफ की है। नेहरू जयंती पर हुए एक कार्यक्रम के दौरान मणिशंकर अय्यर ने मुगल शासन में हुए अत्याचारों की बातों का खंडन किया। मणिशंकर अय्यर ने ये दावा किया कि मुगलों ने कभी देश में धर्म के नाम पर अत्याचार किया ही नहीं। उन्होंने मुगल बादशाह अकबर के शासन से लेकर तमाम दूसरे मुगल बादशाहों का उदाहरण देकर दावा किया कि मुगल शासन में कभी जोर जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं करवाया गया। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी जमकर हमला बोला।'सत्ता में बैठे लोगों को सिर्फ 80 फीसदी लोगों की चिंता'नहीं बढ़ी मुस्लिमों की जनसंख्या?मुसलमानों की जनसंख्या को लेकर अपने बयान के समर्थन में तर्क पेश करते हुए उन्होंने बकायदा तथ्य भी पेश किया। मणिशंकर अय्यर ने पुरानी जनगणना का हवाला देते हुए कहा कि 1872 में देश में 72 फीसदी हिंदू थे और 24 फीसदी मुसलमान थे। कमोबेश ये संख्या अब भी वैसी ही है, इसलिए मुसलमानों पर जनसंख्या बढ़ाने के आरोप पूरी तरह से गलत हैं। अय्यर ने कहा कि 1872 में अंग्रेजों ने पहला सेंसस करवाया और उससे पता लगा कि 666 साल राज करने के बाद मुसलमानों की तादाद भारत में क़रीब 24 फीसदी और हिंदुओं की 72 फीसदी थी।उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, "ये कहते हैं कि मारपीट हुई, सब लड़कियों से बलात्कार हुआ और इन्होंने सबको मुसलमान बना लिया। अरे..मुसलमान बनते तो आंकड़े तो अलग होने चाहिए। 72 प्रतिशत मुसलमान होने चाहिए और 24 प्रतिशत हिंदू होने चाहिए, लेकिन असलियत क्या थी कि इतने ही थे और इसलिए पार्टीशन मांगने के पहले जिन्ना जी की बस एक ही मांग थी कि 30 फीसदी आरक्षण दीजिए सेंट्रल एसेंबली में....उन्होंने ये नहीं मांगा कि हमें 80 दो या 90 दो....उन्होंने 30 प्रतिशत मांगा..और ये इनकार किया गया क्योंकि उनकी तादाद मात्र 26 प्रतिशत की थी उस दिन।"'भारत को अपना देश मानते थे मुगल'मुगलिया शासन की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए अय्यर ने कहा कि अंग्रेजों और मुगलों में बड़ा फर्क ये था कि मुगल इस देश को अपना मानते थे। मणिशंकर अय्यर ने बाबर की तारीफ कहते हुए कहा कि बाबर ने अपने बेटे हूमायूं को चिट्ठी लिखी थी जिसमें हिंदुस्तान के लोगों के धर्म में किसी तरह का दखल ना देने की बात कही थी। यही वजह है कि अकबर के शासन में धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होता था।उन्होंने कहा, "मुगलों ने इस देश को अपना बनाया। अंग्रेजों ने कहा कि हम तो यहां राज करने आए हैं। बाबर जो थे..जिसकी औलाद भारतीय जनता पार्टी के लोग मुझे नाम देते हैं...कि ये बाबर की औलाद है...इन लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि वही बाबर भारतवर्ष आया सन 1526 में और उनकी मौत हुई 1530 में..मतलब वो भारत में मात्र 4 साल रहे...उन्होंने हूमायूं को बताया कि यदि आप इस देश को चलाना चाहते हो...यदि आप अपने साम्राज्य को सुरक्षित रखना चाहते हो तो आप यहां के निवासियों के धर्म में दखल ना दीजिएगा।"
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https://www.indiatv.in/india/national-zydus-cadila-s-covid-vaccine-to-be-administered-only-to-adults-as-of-now-sources-823275
जायडस कैडिला का कोविड रोधी टीका अभी केवल वयस्कों को लगाया जाएगा: सूत्र
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘जायकोव-डी, जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 वर्ष और अधिक आयु के लोगों को देने की मंजूरी दी है, वह राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी केवल वयस्कों को ही लगाया जाएगा।’’
नयी दिल्ली: जायडस कैडिला का कोविड-19 रोधी टीका ‘जायकोव-डी’ सरकार के राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी केवल वयस्कों को ही लगाया जाएगा। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्वदेश विकसित और सुई रहित टीके को राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण अभियान में शामिल करने की मंजूरी दे चुका है तथा उसने इसके लिए तैयारी करने को कहा है।इस टीके को अब कभी भी इस कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। भारत का औषधि नियामक 12 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को यह टीका लगाने की मंजूरी दे चुका है। मंत्रालय इस टीके की एक करोड़ खुराक के लिए पहले ही अहमदाबाद स्थित कंपनी को खरीद का ऑर्डर दे चुका है।इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘जायकोव-डी, जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 वर्ष और अधिक आयु के लोगों को देने की मंजूरी दी है, वह राष्ट्रीय कोविड रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी केवल वयस्कों को ही लगाया जाएगा।’’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि सरकार बच्चों को कोविड-रोधी टीका लगाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती और इस संबंध में कोई भी निर्णय विशेषज्ञों की राय के आधार पर ही लिया जाएगा।जायडस कैडिला के कोविड-19 रोधी टीके को 12 साल एवं उससे अधिक आयु के लोगों के लिए आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल जाने के मद्देनजर बच्चों का टीकाकरण शुरू होने के संबंध में मांडविया ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी बच्चों को बड़े पैमाने पर कोविड-19 रोधी टीका नहीं लगाया जा रहा है। हालांकि कुछ देशों में बच्चों का सीमित टीकाकरण शुरू किया गया है। जायकोव-डी ऐसा पहला कोविड रोधी टीका है जिसे भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 वर्ष और अधिक आयु के लोगों को लगाने की मंजूरी दी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-india-china-ladakh-border-s-jaishankar-statement-770667
चीन के साथ हुईं वार्ताओं का जमीन पर कोई प्रभाव नहीं दिखा: जयशंकर
उन्होंने कहा, ''सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।''
अमरावती. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन की सेना के शीर्ष कमांडर पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को लेकर नौ दौर की वार्ता कर चुके हैं और भविष्य में भी ऐसी वार्ताएं की जाती रहेंगी। जयशंकर ने विजयवाड़ा में पत्रकारों से कहा कि अब तक हुई वार्ताओं का जमीन पर कोई प्रभाव दिखाई नहीं दिया है।पढ़ें- Chakka Jam: अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा- राकेश टिकैतउन्होंने कहा, ''सैनिकों के पीछे हटने का मुद्दा बहुत पेचीदा है। यह सेनाओं पर निर्भर करता है। आपको अपनी (भौगोलिक) स्थिति और घटनाक्रम के बारे में पता होना चाहिये। सैन्य कमांडर इस पर काम कर रहे हैं।''पढ़ें- Chakka Jam Live Updates: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारी, बाकी जगह असर नहींजयशंकर से पूछा गया था कि क्या भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुईं झड़पों को लेकर दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय वार्ता हो सकती है। इस सवाल पर विदेश मंत्री ने यह जवाब दिया। भारत और चीन के बीच बीते साल पांच मई से पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चल रहा है। गतिरोध खत्म करने लिये दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है।पढ़ें- दिलीप कुमार के घर के पाकिस्तानी सरकार ने लगाए 80 लाख, मालिक ने मांग लिए 250000000 रुपयेविदेश मंत्री ने कहा, ''सेना के कमांडर अब तक नौ दौर की वार्ताएं कर चुके हैं। हमें लगता है कि कुछ प्रगति हुई है लेकिन इसे समाधान के तौर पर नहीं देखा जा सकता। जमीन पर इन वार्ताओं का प्रभाव दिखाई नहीं दिया है।'' जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल अपने-अपने समकक्षों से बात की थी और इस बात पर सहमति बनी थी कि कुछ हिस्सों में सैनिकों को पीछे हटना चाहिये।पढ़ें- Video: मौत में मुंह में जा सकता था दिव्यांग! 'फरिश्ता' बनकर आया RPF कर्मी, बचा ली जान
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https://www.indiatv.in/india/national-nangal-mayur-vihar-rape-cases-to-be-heard-in-fast-track-courts-mha-807547
नांगल, मयूर विहार बलात्कार मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी: गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नांगल में बच्ची से बलात्कार और हत्या मामले तथा मयूर विहार बलात्कार मामले की जांच दिल्ली में फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी।
नयी दिल्ली। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नांगल में बच्ची से बलात्कार और हत्या मामले तथा मयूर विहार बलात्कार मामले की जांच दिल्ली में फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस के साथ दोनों मामलों की समीक्षा की। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के अनुसार गृह मंत्रालय ने दिल्ली के नांगल इलाके में एक बच्ची से बलात्कार एवं हत्या तथा मयूर विहार में एक बच्ची से बलात्कार मामले की दिल्ली पुलिस के साथ समीक्षा की।’’प्रवक्ता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस मामला दर्ज होने के 30 दिनों के अंदर अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि इन मामलों में सुनवाई जल्द से जल्द हो सके। दोनों मामलों की दिल्ली के फास्ट ट्रैक अदालतों में सुनवाई होगी।’’बता दें कि, महानगर के पुराने नांगल गांव में नौ वर्षीय बच्ची से कथित बलात्कार और हत्या मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है। लड़की की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी और उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि उससे बलात्कार हुआ एवं उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने पहले कहा था कि पीड़िता की मां के बयान के आधार पर प्राथमिकी में बलात्कार का मामला जोड़ा गया। इस मामले में एक पुजारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।मयूर विहार मामले में 34 वर्षीय एक व्यक्ति ने छह वर्षीय बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार किया। यह जानकारी पुलिस ने दी थी। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने बृहस्पतिवार को महानगर पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी। नयी दिल्ली। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नांगल में बच्ची से बलात्कार और हत्या मामले तथा मयूर विहार बलात्कार मामले की जांच दिल्ली में फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस के साथ दोनों मामलों की समीक्षा की। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देशों के अनुसार गृह मंत्रालय ने दिल्ली के नांगल इलाके में एक बच्ची से बलात्कार एवं हत्या तथा मयूर विहार में एक बच्ची से बलात्कार मामले की दिल्ली पुलिस के साथ समीक्षा की।’’प्रवक्ता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस मामला दर्ज होने के 30 दिनों के अंदर अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि इन मामलों में सुनवाई जल्द से जल्द हो सके। दोनों मामलों की दिल्ली के फास्ट ट्रैक अदालतों में सुनवाई होगी।’’बता दें कि, महानगर के पुराने नांगल गांव में नौ वर्षीय बच्ची से कथित बलात्कार और हत्या मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा कर रही है। लड़की की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी और उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि उससे बलात्कार हुआ एवं उसका जबरन अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने पहले कहा था कि पीड़िता की मां के बयान के आधार पर प्राथमिकी में बलात्कार का मामला जोड़ा गया। इस मामले में एक पुजारी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।मयूर विहार मामले में 34 वर्षीय एक व्यक्ति ने छह वर्षीय बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार किया। यह जानकारी पुलिस ने दी थी। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने बृहस्पतिवार को महानगर पुलिस को नोटिस जारी कर मामले में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी थी।
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https://www.indiatv.in/india/national/basant-panchami-president-and-pm-modi-extend-greetings-4-5-lakh-people-take-holy-dip-in-ganga-prayagraj-2022-02-05-834522
बसंत पंचमी: राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई, प्रयागराज में 4.5 लाख लोगों ने गंगा में स्नान किया
‘बसंत पंचमी’ के अवसर पर शनिवार को सुबह 10 बजे तक लगभग 4.5 लाख श्रद्धालुओं ने यहां गंगा और संगम में स्नान किया। मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नई दिल्ली/प्रयागराज: बसंत पंचमी के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी है। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अभी अपने संदेश देशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की शुभकामनाएं दी है।राष्ट्रपति कोविंद ने अपने संदेश में कहा-बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूँ कि बसंत का आगमन सभी देशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य का संचार करे तथा विद्या की देवी मां सरस्वती सभी के जीवन को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करें।वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा-'सभी देशवासियों को बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की ढेरों शुभकामनाएं। मां शारदा की कृपा आप सभी पर बनी रहे और ऋतुराज बसंत हर किसी के जीवन में हर्षोल्लास लेकर आए।'प्रयागराज में 4.5 लाख लोगों ने गंगा में स्नान कियाउधर, प्रयागराज में संगम तट पर चल रहे माघ मेला के चतुर्थ स्नान पर्व ‘बसंत पंचमी’ के अवसर पर शनिवार को सुबह 10 बजे तक लगभग 4.5 लाख श्रद्धालुओं ने यहां गंगा और संगम में स्नान किया। मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मेला प्रशासन ने बताया कि सुबह से ही श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है और धूप खिली होने की वजह से दिन में भारी संख्या में लोगों के आने की संभावना है। मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के मद्देनजर पुलिस ने मेला क्षेत्र में आठ नए खोया-पाया केंद्र बनाए हैं जिन्हें विभिन्न सेक्टरों में स्नान घाट पर पहले से बने वाच टावर के समीप स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय भूले-भटके शिविर को पीले हवाई गुब्बारे से चिह्नित किया गया है।इनपुट-भाषा
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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-security-lapse-hearing-in-supreme-court-live-updates-investigation-started-in-ferozepur-punjab-2022-01-07-830471
PM Modi Security Breach: SC ने कहा- PM का काफिला रोकना गलत, दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए एक जांच टीम बनाई गई है जो अब पंजाब के फिरोजपुर पहुंची है। साथ ही इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए एक जांच टीम बनाई गई है जो अब पंजाब के फिरोजपुर पहुंची है। सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए गठित पैनल फिरोजपुर में मामले की जांच कर रही है। यहां टीम तीन दिन जांच करेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कहा कि पीएम का काफिला रोकना गलत है। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। साथ ही इसे Rarest Of The Rare केस बताया।वहीं, आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पीएम सुरक्षा मसले को लेकर सुनवाई की। इस दौरान वकील मनिंदर सिंह ने कहा, पीएम सुरक्षा का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है और संसदीय दायरे में आता है। घटना की पेशेवर रूप से जांच की जानी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ये सीमा पार आतंकवाद का मामला है इसलिए एनआईए (NIA) अधिकारी जांच में सहायता कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान उनके यात्रा के रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया है।न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा को लेकर हुई चूक की घटना के संबंध में केन्द्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और राज्य सरकार ने खामियों की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है।गौरतलब है कि, गुरुवार को वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के सामने मामला रखते हुए कोर्ट से घटना पर रिपोर्ट लेने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने उनसे याचिका की कॉपी पंजाब सरकार को सौंपने को कहा था। जानिए क्या है पूरा मामलाबता दें, चुनावी राज्य पंजाब के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जनवरी, 2022 को निकले थे। इसके बाद मौसम के कारण उन्हें सड़क मार्ग से निकलना पड़ा। इसी बीच जब पीएम का काफिला फिरोजपुर पहुंचा था तब कुछ प्रदर्शनकारियों ने उस सड़क मार्ग को जाम कर रखा था। इस कारण प्रधानमंत्री एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक फंसे रहे। घटना के बाद प्रधानमंत्री बिना रैली किए दिल्ली लौट गए थे।
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https://www.indiatv.in/india/national-rs-25-lakh-compensation-to-each-family-says-cyrus-poonawalla-serum-institute-of-india-fire-latest-update-767355
सीरम अग्निकांड: प्रत्येक परिवार को मिलेगा 25 लाख रुपए का मुआवजा, जानिए अबतक का पूरा अपडेट
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और एमडी साइरस पूनावाला ने कहा कि मानदंडों के अनुसार अनिवार्य राशि के अलावा प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
नई दिल्ली। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और एमडी साइरस पूनावाला ने कहा कि आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में अत्यंत दुखद दिन है। हमें बेहद दुख हुआ है और दिवंगत लोगों के परिवार के प्रति हमारी संवेदना है। मानदंडों के अनुसार अनिवार्य राशि के अलावा प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट ने हादसे में मरने वालों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिवार को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार सीरम इंस्टीट्यूट पहुंच गए हैं।अबतक 5 की मौतमहाराष्ट्र के पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी परिसर की एक इमारत में आज आग लगने से पांच लोगों की मौत हो गई जबकि 6 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। सीरम इंस्टीट्यूट अग्निकांड में मरने वालों में 2 यूपी के, 2 पुणे के और एक बिहार का व्यक्ति शामिल है। सीरम इंस्टीट्यूट की मंजरी प्लांट में लगी आग पर काबू पाने के लिए दमकल की कई गाड़ियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। महाराष्ट्र सरकार ने दिए जांच के आदेशमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए ट्वीट के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट में निर्माण कार्य के दौरान इलेक्ट्रीक फॉल्ट के कारण आग लगी है। प्राथमिक जांच में ये बात सामने आई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पूरे मामले की जांच के लिए आदेश दिए हैं। ठाकरे ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग वहां नहीं लगी जहां कोविड-19 टीकों का निर्माण किया जा रहा है बल्कि उस इकाई में लगी है जहां बीसीजी टीके बनाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कल स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दौरा करेंगे। राष्ट्रपति और पीएम ने दुख व्यक्त कियासीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में आग की घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जान जाने से दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के प्रति हमारी संवेदना है। घायल लोगों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।''राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि 'पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में आग की दुर्घटना में हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।'राहुल गांधी ने सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने पर दुख जताया कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में आग लगने तथा इससे पांच लोगों की मौत की घटना पर दुख जताया और महाराष्ट्र सरकार से पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह जानकर बहुत दुख हुआ कि सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने की घटना में पांच लोगों की मौत हुई है। वहां पुन: आग की एक और खबर बहुत चिंताजनक है। मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं राज्य सरकार से आग्रह करता हूं कि वह आग में झुलसे लोगों और पीड़ित परिवारों को हर जरूरी मदद मुहैया कराएं।’’ये भी पढ़ेंसीरम इंस्टीट्यूट अग्निकांड: CM ठाकरे ने बताई आग लगने की वजह, पीएम मोदी ने जताया दुखसीरम इंस्टीट्यूट में अभी भी उठ रही हैं आग की लपटें, अबतक 5 की मौत /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-national-herald-case-subramanian-swamy-seeks-summoning-of-documents-witnesses-758017
नेशनल हेराल्ड मामला: सुब्रमण्यम स्वामी ने गवाहों को तलब करने के लिए अदालत का रुख किया
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गवाहों को तलब करने का अनुरोध करते हुए शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में गवाहों को तलब करने का अनुरोध करते हुए शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रुख किया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ यह मामला दायर किया है। अदालत में दायर अर्जी में स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस कलगांवनार, उपभूमि एवं विकास अधिकारी रजनीश कुमार झा, आयकर उपायुक्त (सर्किल-1) साकेत सिंह और दो नंबवर 2012 को प्रेस विज्ञप्ति जारी करने वाले कांग्रेस के एक पदाधिकारी को तलब करने का अनुरोध किया है। मामले में आरोप तय करने से पहले साक्ष्य दर्ज करने की कार्यवाही के तहत अदालत में शिकायतकर्ता स्वामी की जिरह के लिए मामले की सुनवाई निर्धारित है।आवेदन में कहा गया, ‘यह मामला दस्तावेजी साक्ष्य का एक उत्कृष्ट मामला है। इस तथ्य के कारण कि कई दस्तावेज शिकायतकर्ता के मुख्य परीक्षण के लिये संलग्न किए गए हैं, जो सार्वजनिक दस्तावेज हैं। इन दस्तावेजों को मार्क किया गया है और ये सार्वजनिक दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियां हैं। इन दस्तावेजों को मार्क किए जाने की वजह से इन्हें उचित गवाहों की गवाही के माध्यम से साबित करने की जरूरत है। यह दोहराया जाता है कि शिकायतकर्ता का मामला दस्तावेजी साक्ष्य का एक उत्कृष्ट मामला है, इसलिए इन्हें गवाहों द्वारा साबित किए जाने की जरूरत है।’अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई 23 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी क्योंकि आरोपी पक्ष के वकील प्रत्यक्ष रूप से सुनवाई में शामिल नहीं हुए और उन्होंने मामले की सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इससे पहले अदालत ने दोनों पक्षों से कहा था कि कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए सुनवाई के तरीके का समाधान तलाशें।बता दें कि स्वामी ने अदालत में गांधी परिवार और अन्य के खिलाफ निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने महज 50 लाख रुपये का भुगतान करके धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रची। इसके जरिए यंग इंडियन (वाईआई) प्राइवेट लिमिटेड ने महज 50 लाख रुपये देकर एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (एजेएल) से 90.25 करोड़ प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त कर लिया, जो उसपर कांग्रेस का बकाया था। एजेएल नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक है। सभी 7 आरोपियों- सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन- ने इन आरोपों का खंडन किया है। (भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-balia-murder-accused-arrested-bjp-mla-support-747880
बलिया कांड का एक आरोपी गिरफ्तार, खुलकर आरोपियों के पक्ष में आए BJP विधायक
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती कांड के आरोपियों में से एक को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है।
बलिया (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती कांड के आरोपियों में से एक को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किया गया व्यक्ति मामले के मुख्य आरोपी का भाई है। अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी ब्रज भूषण ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने इस मामले में आरोपी नरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है। नरेन्द्र प्रताप रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू का बड़ा भाई है। अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। बलिया के जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि आरोपियों के असलहा लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जायेगी। वहीं, दूसरी ओर भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह, रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं। अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जिले के बैरिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने शुक्रवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में दुर्जनपुर ग्राम में कल सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान आवंटन को लेकर आयोजित बैठक के दौरान हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद करार दिया। भाजपा विधायक ने इसके साथ ही प्रशासन पर न्याय का गला घोंटने का आरोप लगाया। उन्होंने रेवती कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह का बचाव करते हुए घटना को क्रिया के विरूद्ध प्रतिक्रिया करार दिया। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि धीरेंद्र प्रताप ने आत्मरक्षा में गोली चलाई है, वरना उसके परिवार तथा उसके सहयोगी दर्जनों लोग मार दिये गए होते। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि आत्मरक्षा के लिए असलहा लाइसेंस दिया जाता है। विधायक ने कहा कि धीरेंद्र प्रताप के समक्ष मरने-मारने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया था। भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की सीबीसीआईडी जांच की मांग की है। उन्होंने प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि दूसरे पक्ष की छह महिलाएं घायल हुई हैं, लेकिन उनकी पीड़ा कोई नहीं देख रहा। गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बृहस्पतिवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी गयी थी और इस घटना का मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-narenra-modi-talk-to-farmers-pm-kisan-yojana-rs18000-crores-fund-761721
करोड़ों किसानों के खाते में आज आएंगे 2000 रुपए, 6 राज्यों के किसानों से बात करेंगे पीएम मोदी
नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 9 करोड़ से ज्यादा किसानों और उनके परिवार के बैंक खाते में 18,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त जारी करेंगे।
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 9 करोड़ से ज्यादा किसानों और उनके परिवार के बैंक खाते में 18,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त जारी करेंगे। 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम किसान सम्मान निधि के तहत वित्तीय लाभ की 7वीं किश्‍त जारी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से जारी एक बयान में कहा गया कि एक बटन दबाकर मोदी नौ करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करेंगे। बयान में कहा गया कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री छह अलग-अलग राज्यों के किसानों के साथ संवाद भी करेंगे। पीएमओ की ओर से जानकारी दी गई कि पीएम-किसान और केंद्र सरकार की अन्य कृषि कल्याण की योजनाओं को लेकर किसान अपने अनुभव प्रधानमंत्री से साझा करेंगे। इस बातचीत में वह किसान कल्याण के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न अन्य पहलों को लेकर किसानों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे। इस बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहेंगे। केंद्र सरकार अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाती है। पीएम-किसान योजना के तहत अभी तक 10 करोड़ 65 लाख से अधिक किसानों ने अपना रजिस्‍ट्रेशन कराया है।केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत 9.13 करोड़ किसानों को कुल 18,253 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। लाभार्थी किसान परिवारों की पहचान की पूरी जिम्मेदारी राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के साथ है। बता दें कि, पीएम मोदी किसान सम्मान निधि की ये किश्त ऐसे समय जारी करने जा रहे हैं जब पंजाब और हरियाणा के आंदोलनकारी किसान पिछले करीब एक महीने के प्रदर्शन कर सरकार से नए कृषि सुधार कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसानों का कहना है कि सरकार इन कानूनों को पूरी तरह से वापस ले जबकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों की भलाई के लिए हैं और इस पर किसानों को बातचीत करनी चाहिए। सरकार का दावा है कि तीनों नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं।क्‍या है पीएम किसान योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एक केंद्रीय योजना है, जिसमें सरकार की ओर से 100 फीसदी सहायता दी जाती है। यह योजना 1 दिसंबर, 2018 को लागू की गई है। इस योजना के तहत, पूरे भारत में सभी किसानों को हर चार महीने में 2,000 रुपए की तीन किस्तों में 6,000 रुपए प्रति वर्ष की आय प्रदान की जाती है। फंड सीधे लाभार्थी के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता है। दिसंबर 2018 में शुरू की गई PM-KISAN योजना के तहत, केंद्र सरकार तीन समान किश्तों में लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपए का नकद लाभ प्रदान करती है। इसकी धनराशि केवल लाभार्थियों के आधार सत्यापित बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है। ऐसे चेक करें लिस्ट में अपना नामलिस्ट में नाम होने पर इस तरह करें ट्रैकअगर आपका नाम इस लिस्ट में है तो आपको चिंता करने की बात नहीं है. लिस्ट में नाम होने पर आप ट्रैक कर सकते हैं कि आपके खाते में पैसा कब तक आएगा। सरकार द्वारा पैसे ट्रांसफर किए जाने के बाद आप 'Beneficiary Status' में जाकर आगे ट्रैक कर सकते हैं। आप इस ऑप्शन के तहत Aadhaar No, Account No और मोबाइल नंबर में से किसी एक नंबर के जरिए यह ट्रैक कर सकते हैं कि सरकार द्वारा भेजी गई किस्त की स्थिति क्या है। स्टेटस में अगर FTO is Generated and Payment confirmation is pending यह लिखा आता है तो आपको निश्चिंत हो जाने की जरूरत है। इसका मतलब होता कि सरकार ने आपके द्वारा दिए गए विवरण की पुष्टि कर ली है और देर-सवेर आपके अकाउंट में यह रकम आ जाएगी।लिस्ट में नाम न होने पर यहां करें शिकायतबता दें कि, कई लोगों के नाम पिछली लिस्ट में था, लेकिन नई लिस्ट में नहीं है तो इसकी शिकायत आप पीएम किसान सम्मान के हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए आप हेल्पलाइन नंबर 011-24300606 पर कॉल कर सकते हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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पीएम मोदी ने की 'मन की बात', बोले- देश के युवाओं में है Can Do की Approach और Will Do की Spirit
Mann ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। इस बार पीएम नरेंद्र मोदी का ये कार्यक्रम किसान आंदोलन के बीच हो रहा है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस बार पीएम नरेंद्र मोदी का ये कार्यक्रम किसान आंदोलन के बीच हुआ। केंद्र सरकार द्वारा कुछ ही समय पहले लाए गए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पंजाब सहित कुछ अन्य राज्यों के विभिन्न किसान संगठन इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी कई बार इन कानूनों को किसान के हित वाला बता चुके हैं और लगातार कह रहे हैं कि वो किसानों के हित में इनमें संशोधन करने के लिए तैयार हैं लेकिन किसान संगठन कानूनों को पूरी तरह वापस लेने के लिए अड़े हुए हैं।पढ़ें- पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरेंआज हुए मन की बात कार्यक्रम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले देशवासियों ने उनकी राय मांग थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से प्रभावित रहे साल 2020 पर लोगों से उनकी राय मांगी और आने वाले साल से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा था। आज का 'मन की बात' कार्यक्रम इस साल का आखिरी प्रसारण होगा।
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https://www.indiatv.in/india/national-rt-pcr-test-on-arrival-separate-isolation-for-covid-positive-cases-centres-sops-for-uk-flyers-761265
New coronavirus strain: ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए SOP जारी, करना होगा यह काम
ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप के चलते भारत सरकार सतर्क हो गई है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'मानक संचालन प्रक्रिया' (एसओपी) जारी की है।
नयी दिल्ली: ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए रूप के चलते भारत सरकार सतर्क हो गई है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'मानक संचालन प्रक्रिया' (एसओपी) जारी की है। इसमें कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें संस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजना चाहिए। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने के बाद भारत ने बुधवार से 31 दिसंबर या अगले आदेश तक ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। कुछ अन्य देशों ने भी ब्रिटेन से उड़ानों पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी में 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन होकर आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी के संबंध में विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि पिछले चार हफ्ते में भारत के विभिन्न हवाई अड्डे पर ब्रिटेन से आयी उड़ानों के यात्रियों के बारे में सूची आव्रजन ब्यूरो द्वारा राज्य सरकारों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) को मुहैया करायी जाएगी। इससे निगरानी टीमें यात्रियों का पता लगा पाएंगी। ये भी पढ़े: कनाडा में मृत मिली पीएम मोदी को भाई मानने वाली करीमा, ISI पर हत्या की आशंकाइसमें कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों की यात्रा का ब्योरा देना होगा और कोविड-19 की जांच के लिए एक आवेदन भरना होगा। एसओपी में कहा गया है कि संबंधित राज्य 21 से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों की आरटी-पीसीआर तरीके से जांच कराएंगे। हवाई अड्डे पर संक्रमित नहीं पाए गए यात्रियों को घर में पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। संक्रमित पाए गए यात्रियों को संबंधित राज्य के प्राधिकारों द्वारा संस्थानिक पृथक-वास केंद्रों में अलग कक्ष में भेजा जाएगा। ये भी पढ़े: मुंबई में क्लब पर छापेमारी में पकड़े गए सुरेश रैना, सुजैन खान समेत 34 लोगदिशा-निर्देश में कहा गया है कि जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण को लेकर नमूनों को राष्‍ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे या किसी उपयुक्त प्रयोगशाला में भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। एसओपी में कहा गया कि जीनोम अनुक्रमण में कोरोना वायरस के नए स्वरूप का पता लगने पर मरीज को पृथक-वास के अलग कक्ष में ही रखा जाएगा। मौजूदा परामर्श के तहत आवश्यक उपचार किया जाएगा और शुरुआती जांच के 14 वें दिन फिर से जांच की जाएगी। ये भी पढ़े: New coronavirus strain: नए कोरोना वायरस से निपटने के लिए योगी सरकार ने दिया ये बड़ा आदेशदिशा-निर्देश में कहा गया, ‘‘अगर 14 वें दिन भी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो आगे 24 घंटे के अंतराल पर दो बार और नमूने लेकर जांच की जाएगी।’’ जिन यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी उनकी सूची एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के साथ साझा की जाएगी। ऐसे यात्रियों को भी घर पर पृथक-वास में रहने की सलाह दी जाएगी। ब्रिटेन से 25 नवंबर और आठ दिसंबर के बीच भारत आने वाले यात्रियों से जिला निगरानी अधिकारी संपर्क करेंगे और उन्हें अपने स्वास्थ्य की स्थिति की निगरानी करने के लिए कहेंगे और किसी भी तरह के लक्षण पाए जाने पर आरटी-पीसीआर तरीके से जांच करायी जाएगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-police-recovering-10-kg-improvised-explosive-device-in-pulwama-jammu-kashmir-latest-news-790623
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 10 किलोग्राम वजनी आईईडी बरामद
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को 10 किलोग्राम वजन का एक आईईडी बरामद किया गया। वहीं पुलिस ने दावा किया कि उसने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक हमले को अंजाम देने का षड्यंत्र विफल कर दिया।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को 10 किलोग्राम वजन का एक आईईडी बरामद किया गया। वहीं पुलिस ने दावा किया कि उसने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक हमले को अंजाम देने का षड्यंत्र विफल कर दिया। एक अधिकारी ने कहा कि आईईडी को इस गुप्त सूचना पर बरामद किया गया कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद हमले को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहा है। अधिकारी ने कहा कि कुछ संदिग्धों से पूछताछ की गई और पुलवामा में 10 किलोग्राम वजन का एक आईईडी बरामद किया गया। फलस्तीन के मुद्दे पर घाटी में शांति भंग होने की अनुमति नहीं देंगे: जम्मू-कश्मीर पुलिस जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि वह उन तत्वों पर करीब से नजर रख रही है जो फलस्तीन के हालात का लाभ उठाकर घाटी की शांति और कानून व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर सकते हैं। पुलिस ने कहा कि इस मुद्दे पर हिंसा और अराजकता फैलाने के लिए लोगों की नाराजगी को भड़का कर उसका फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जाएी। पुलिस ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर उन ‘गैर जिम्मेदाराना’ टिप्पणियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जिनकी वजह से वास्तव में हिंसा भड़केगी और कोविड-19 नियमों सहित कानून टूटेगा। यहां जारी बयान में कहा गया, ‘‘ जम्मू-कश्मीर पुलिस उन तत्वों पर करीब से नजर रखे हुए है जो फलस्तीन में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का लाभ कश्मीर घाटी में शांति और कानून व्यवस्था को भंग करने की कोशिश में लगे हुए हैं हैं।’’ बयान में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस पेशेवर है और जन आक्रोश के प्रति संवेदनशील है लेकिन कानून व्यवस्था को कायम रखना भी उसकी जिम्मेदारी है। बयान में कहा गया कि कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने लोगों से सहयोग की अपील की है।जम्मू-कश्मीर में ‘कोरोना कर्फ्यू’ की मियाद 24 मई तक बढ़ाई गई जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में लागू कर्फ्यू की मियाद शनिवार को आगामी 24 मई तक के लिए बढ़ा दी। इससे पहले यहां कोरोना कर्फ्यू 17 मई तक लागू किया गया था। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘ सभी 20 जिलों में सोमवार 17 मई 2021 की सुबह सात बजे तक लागू कोरोना कर्फ्यू की मियाद अगले सोमवार 24 मई 2021 की सुबह तक बढ़ा दी गई है। कुछ आवश्यक सेवाओं के अलावा कर्फ्यू में कड़ी पाबंदी रहेगी। ।’’ गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 29 मई को 11 जिलों में कोरोना कर्फ्यू लगाया था जिसे अगले दिन ही सभी 20 जिलों में लागू कर दिया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-new-guidelines-for-covid-19-containment-zones-756023
कोरोना को लेकर नई गाइडलाइंस जारी, 1 से 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे ये नियम
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 की स्थिति की निगरानी के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, राज्यों से रोकथाम के उपायों का कड़ाई से पालन करने, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कहा गया है।
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने कोविड-19 से संबंधित निगरानी, नियंत्रण और सावधानी के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संक्रमण की रोकथाम के कड़े उपाय करना, विभिन्न गतिविधियों पर SOPs जारी करने और भीड़ को नियंत्रण रखना अनिवार्य होगा। MHA की नई गाइडलाइन के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्थानीय जिला, पुलिस और नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार होंगे कि निर्धारित उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए। आदेश में कहा गया कि राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकार संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक, निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किसी भी प्रकार का स्थानीय लॉकडाउन लागू करने के पहले राज्यों, केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को केंद्र से अनुमति लेनी होगी।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 की स्थिति की निगरानी के लिए जारी नए दिशा-निर्देश 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे। नई गाइडलाइंस का मुख्य फोकस कोरोना वायरस के संक्रमण पर पाए गए काबू को मजबूत करना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों/एसओपी की निगरानी, नियंत्रण और सख्त से नियमों के पालन पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिला, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि निर्धारित उपायों का कड़ाई से पालन किया गया है। इसके साथ ही बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए केंद्र शासित राज्‍य अपने आकलन के आधार पर स्थानीय प्रतिबंध लगा सकते हैं।गृह मंत्रालय ने कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता भी जाहिर की। इस पर मंत्रालय में आदेश में कहा कि कुछ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हाल में मामलों में बढ़ोतरी के चलते इस बात पर जोर दिया जाता है कि सावधानी बरतने की जरूरत है। राज्य/कें‍द्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को सूक्ष्म स्तर पर गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए डेमोकेशनऑफ जोन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कंटेनमेंट जोन की सूची संबंधित जिला कलेक्टरों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वेबसाइटों पर डाली जाएगी और यह सूची गृह मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी।कंटेमेंट जोन में चिकित्सा आपात स्थिति, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति होगी, जबकि बाहर के लोगों की आवाजाही नहीं होगी। गठित निगरानी टीमों द्वारा घर-घर निगरानी की जाएगी। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण किया जाएगा। कोरोना पॉजिटिव व्‍यक्‍ति को 14 दिनों के लिए क्‍वांरटीन रहना होगा और उसके संपर्क में आने वाले 80 प्रतिशत लोगों का 72 घंटे में पता लगाया जाएगा। COVID-19 रोगियों को जल्‍द ही उपचार सुविधाओं/घर (घर क्‍वारंटीन दिशानिर्देशों को पूरा करने के अधीन) में सुनिश्चित किया जाएगा।राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें कोरोना वायरस के उचित व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए और फेस मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्‍टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी। फेस मास्क पहनने की मुख्य आवश्यकता को लागू करने के लिए राज्य और कें‍द्र शासित प्रदेश उपयुक्त जुर्माना लगाने पर विचार कर सकते हैं। सार्वजनिक और कार्य स्थलों में फेस मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। भीड़-भाड़ वाली जगहों, विशेषकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और सार्वजनिक परिवहन में सोशल डिस्‍टेंसिंग के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एक SOP जारी करेगा, जिसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा सख्ती से लागू किया जाएगा। आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता रहेगा।घर में रहें बुजुर्ग और बच्‍चे, एक-राज्‍य से दूसरे राज्‍य में जाने पर कोई पाबंदी नहींकमजोर व्यक्तियों, अर्थात 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी जाती है। पड़ोसी राज्‍यों के साथ क्रॉस लैंड-बॉर्डर व्यापार के लिए व्यक्तियों और वस्तुओं पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के लिए कोई अलग से अनुमति/ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-yogi-adityanath-on-mukhat-ansari-736681
मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ना तय! सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही ये बात
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है। अब तक इसकी ₹66 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है।
लखनऊ. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। यूपी सरकार द्वारा न सिर्फ मुख्तार के सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाही की गई है बल्कि उसकी अवैध संपत्ति पर भी अब प्रशासन की नजर है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से ट्वीट कर कहा गया, "उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है। यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक व अराजक जैसे शब्द नहीं हैं। मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है। जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी।"पढ़ें- लगातार बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसलासीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने आगे कहा, "माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है। अब तक इसकी ₹66 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है। ₹41 करोड़ की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है। इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी..."ध्वस्त किये गये मुख्तार के दो अवैध निर्माणआपको बता दें कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्राधिकारियों ने कुख्यात अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी के स्वामित्व वाले दो अवैध निर्माण राजधानी लखनऊ के डालीबाग क्षेत्र में बृहस्पतिवार सुबह ध्वस्त कर दिये। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेसीबी मशीनों से भवनों को गिराये जाते समय बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।लखनऊ. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। यूपी सरकार द्वारा न सिर्फ मुख्तार के सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाही की गई है बल्कि उसकी अवैध संपत्ति पर भी अब प्रशासन की नजर है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से ट्वीट कर कहा गया, "उत्तर प्रदेश में कानून का शासन है। यहां के शब्दकोष में अवैध, अनैतिक व अराजक जैसे शब्द नहीं हैं। मुख्तार अंसारी जैसा माफिया हो या कोई भी अन्य अपराधी, योगी सरकार जीरो टॉलरेंस के साथ इनके कुकृत्यों पर पूर्णविराम लगाने को प्रतिबद्ध है। जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई जारी रहेगी।"पढ़ें- लगातार बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए यूपी सरकार ने लिया बड़ा फैसलासीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने आगे कहा, "माफिया मुख्तार अंसारी के काले-साम्राज्य के अंत का समय आ गया है। अब तक इसकी ₹66 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त हो चुकी है। ₹41 करोड़ की अवैध आय की प्राप्ति का मार्ग बंद किया जा चुका है। इसके गिरोह के 97 साथी पुलिस की हिरासत में हैं। कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी..."ध्वस्त किये गये मुख्तार के दो अवैध निर्माणपढ़ें- हिंदू देवी-देवताओं पर अश्लील टिप्पणी से भड़का अखाड़ा परिषद, कह दी ये बड़ी बातमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी की अवैध प्रॉपर्टी को आज यूपी पुलिस (ने) तोड़ दिया। तोड़-फोड़ का सारा खर्च योगी सरकार गैंगस्टर से ही लेगी।''पढ़ें- Delhi Riots पर लिखी किताब की रिकॉर्ड बुकिंग, अब BJP ने बनाया ये प्लानउन्होंने कहा कि अपराधी या तो अपराध छोड़ दें या फिर ऐसे और कड़े फ़ैसले झेलने के लिए तैयार रहें । उधर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ध्वस्त किये गये दो टॉवर हैं, जो निष्क्रांत संपत्ति पर बने थे। विभाजन के समय जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी जो भूमि यहां थी, उसे निष्क्रांत श्रेणी में रखा गया था।पढ़ें- लद्दाख को हिमाचल से नए रणनीतिक रास्ते के जरिए जोड़ने का काम तेज, सेना के लिए ये सड़क होगी बेहद महत्वपूर्णप्रवक्ता ने बताया कि ध्वस्तीकरण में हुए खर्च को वसूला जाएगा और प्राथमिकी भी दर्ज होगी। साथ ही जिन अधिकारियों के समय यह अवैध निर्माण हुआ, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि उक्त निर्माण का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने स्वीकृत नहीं किया था। राज्य सरकार ने मऊ से बसपा के वर्तमान विधायक मुख्तार के निकट सहयोगियों की संपत्तियां हाल ही में विभिन्न जिलों में जब्त की हैं और गाजीपुर में मुख्तार के चार सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित किये हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-can-t-offer-free-post-covid-complications-treatment-to-all-tells-kerala-govt-to-hc-824542
केरल सरकार ने कोर्ट से कहा, कोरोना से जुड़ी दिक्कतों का फ्री में इलाज नहीं कर सकते
केरल सरकार ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि निजी अस्पताल मरीजों से अत्यधिक शुल्क ना वसूलें, उपचार पैकेज की ऊपरी सीमा तय की गई है।
कोच्चि: केरल में सत्तारूढ़ वाम सरकार ने बुधवार को केरल हाई कोर्ट से कहा कि राज्य के वित्तीय संकट को देखते हुए सभी श्रेणी के लोगों के वास्ते कोविड-19 बाद की जटिलताओं का असीमित मुफ्त उपचार प्रदान नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार ने यह बात अदालत की इस टिप्पणी के जवाब में कही कि जब कोरोना वायरस की जांच निगेटिव आने के 30 दिनों के बाद भी मृत्यु को एक कोविड-19 से मौत के रूप में माना जाता है, तो उसी तर्क से कोविड-19 बाद की जटिलताओं के लिए उपचार भी कोरोना देखभाल के तहत होना चाहिए।जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस कौसर एडप्पागथ की पीठ ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि उसने गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों के लिए कोविड-19 बाद की जटिलताओं के लिए उपचार शुल्क क्यों तय किया। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ सरकारी वकील एस कन्नन कर रहे थे। राज्य सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में बुधवार को पीठ को बताया कि उसने ‘BPL, KBF और KASP लाभार्थियों को मुफ्त में कोविड-19 जांच, उपचार और कोविड-19 बाद जटिलताओं के लिए उपचार प्रदान करने के लिए एक नीतिगत निर्णय लिया है।’राज्य सरकार ने यह भी कहा कि ‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि निजी अस्पताल मरीजों से अत्यधिक शुल्क ना वसूलें, उपचार पैकेज की ऊपरी सीमा तय की गई है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए हैं कि गरीबी रेखा से ऊपर (APL) के रोगियों के लिए सरकारी अस्पतालों में उचित लागत पर कोविड-19 बाद का उपचार उपलब्ध हो। सरकारी अस्पतालों में भुगतान वाले वार्ड के लिए प्रतिदिन 750 रुपये की दर है।’केरल सरकार ने कहा, ‘सामान्य वार्ड में एक बिस्तर के लिए ‘स्टॉपेज चार्ज’ के रूप में मरीजों से केवल 10 रुपये वसूले जाते हैं। इसलिए, यह रोगी की पसंद है कि वह इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल में जाए या किसी सरकारी अस्पताल के भुगतान वाले वार्ड या सामान्य वार्ड में।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/politics-jp-nadda-interacted-with-his-teachers-online-738944
जिनके सिखाए सबक से BJP अध्यक्ष बने जेपी नड्डा, उन शिक्षकों से आज की ऑनलाइन मुलाकात
जेपी नड्डा ने सेंट पटना स्थित सेंट जेवियर स्कूल के शिक्षक केएन पांडेय तथा रैमी ओस्टा के साथ ऑनलाइन मुलाकात की। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में उन्हें पढ़ा चुके प्रोफेसर चमन लाल गुप्ता से भी ऑनलाइन मुलाकात की।
नई दिल्ली. आज 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने अपने उन शिक्षकों के साथ ऑनलाइन मुलाकात की। BJP के अध्यक्ष की शुरुआती पढ़ाई पटना में हुई है और उन्होंने उच्च शिक्षा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। आज शिक्षक दिवस के मौके पर जेपी नड्डा ने पटना के सेंट जेवियर स्कूल के 2 शिक्षकों और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में उन्हें पढ़ा चुके एक शिक्षक के साथ ऑनलाइन मुलाकात की और शिक्षक दिवस के मौके पर गुरुजनों का आशीर्वाद लिया।पढ़ें- 80 नई स्पेशल ट्रेनें चलाएगा रेलवे, 10 सितंबर से शुरू होगा रिजर्वेशनजेपी नड्डा ने सेंट पटना स्थित सेंट जेवियर स्कूल के शिक्षक केएन पांडेय तथा रैमी ओस्टा के साथ ऑनलाइन मुलाकात की। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में उन्हें पढ़ा चुके प्रोफेसर चमन लाल गुप्ता से भी ऑनलाइन मुलाकात की। जगत प्रकाश नड्डा मूल रूप से तो हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं लेकिन उनका जन्म बिहार में हुआ है, जेपी नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा रांची विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर थे।पढ़ें- इस शहर के 5.15 प्रतिशत निवासियों में कोविड-19 एंटीबॉडी विकसितबिहार की राजधानी पटना में ही 2 दिसंबर 1960 को जगत प्रकाश नड्डा का जन्म हुआ है और उनकी अधिकतर पढ़ाई लिखाई भी बिहार में ही हुई है तथा राजनीति के अधिकतर दांव भी उन्होंने बिहार में ही सीखे हैं। जेपी नड्डा की स्कूलिंग पटना के सेंट जेवियर स्कूल से हुई है और उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय के पटना कॉलेज से की है।पढ़ें- जानिए चीनी रक्षा मंत्री से बैठक में क्या बोले राजनाथ सिंहस्नातक की पढ़ाई पटना में पूरी करने के बाद जगत प्रकाश नड्डा ने शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया और वहीं से हिमाचल प्रदेश की छात्र राजनीति में चमके। वर्ष 1983 में जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी (ABVP) के प्रत्याशी के तौर विश्वविद्यालय की छात्रसंघ इकाई के अध्यक्ष चुने गए।इसके बाद 1989 में जेपी नड्डा ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री चुने गए और वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। हर व्यक्ति के आगे बढ़ने में उसके शिक्षकों का अहम योगदान होता है और जेपी नड्डा आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाने में उन शिक्षकों के सिखाए सबक हर जगह काम आए होंगे।
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https://www.indiatv.in/india/national-kisan-andolan-farmers-protest-end-at-chilla-border-after-republic-day-violence-latest-news-768479
Farmers Protest Updates: 2 संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का किया ऐलान, कही ये बड़ी बात
दिल्ली-नोएडा से सटे चिल्ला बार्डर पर नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों का विरोध-प्रदर्शन खत्म हो चुका है। गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने ये फैसला लिया है।
नई दिल्ली। दिल्ली-नोएडा से सटे चिल्ला बार्डर पर नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों का विरोध-प्रदर्शन खत्म हो चुका है। 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि अभी आंदोलन खत्म किया जा रहा है लेकिन कृषि कानूनों का विरोध आगे जारी रहेगा। भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मैं कल (26 जनवरी) की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं। राकेश टिकैत लें जिम्मेदारी- वीएम सिंहवहीं शाम करीब साढ़े चार बजे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने भी खुद को किसान आंदोलन से अलग कर लिया। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने बुधवार को कहा कि हम अपना आंदोलन यहीं वापस ले रहे हैं। हमारा संगठन इस हिंसा में शामिल नहीं है। वीएम सिंह ने आगे कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए।एक और संगठन खत्म कर सकता है आंदोलनगाजीपुर बॉर्डर से किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी। हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं... ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि बीते करीब दो महीने से नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर डटे भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) की किसान आंदोलन खत्म करने को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। आंदोलन स्थल पर गिने-चुने लोग ही बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) की नोएडा प्रशासन से बातचीत जारी है।किसान आंदोलन पर उठ रहे सवालगणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद से किसानों के आंदोलन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर दंगा करने वाले 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पुलिस ने 22 एफआईआर दर्ज की हैं। गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस अब हुड़दंगियो की पहचान में जुट गई है। दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज की FIRदिल्ली पुलिस की 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कई किसान नेताओं का नाम शामिल है। इनमें किसान नेता दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम शामिल हैं। एफआईआर में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम शामिल है। बता दें कि, राकेश टिकैत का एक वीडियो 'लाठी लेकर आना..' सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने रिपोर्ट तलब कीवहीं केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने बुधवार (27 जनवरी) को लालकिले का दौरा कर ऐतिहासिक इमारत में किसानों के एक समूह द्वारा जबरन यहां घुसने और झंडा लहराने से हुए नुकसान का जायजा लिया। मंत्री ने घटना की रिपोर्ट भी तलब की है। प्रहलाद पटेल ने कहा कि 'मैंने आज संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के उच्च अधिकारियों के साथ लाल किले का भ्रमण किया। मैंने 2 निर्देश दिए है-तत्काल रिपोर्ट बनाई जाए और उसे गृह मंत्रालय को सौंपी जाए तथा तत्काल FIR दर्ज की जाए। रिपोर्ट आने के बाद बाकी चीज़े स्पष्ट हो सकेंगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मजदूर संघर्ष समिति पर साजिश का आरोप लगायावहीं बुधवार (27 जनवरी) को दिल्ली पुलिस की एक टीम जांच करने के लिए लाल किले पर पहुंची है। वहीं गणतंत्र दिवस पर हिंसा मामले में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसान मजदूर संघर्ष समिति पर साजिश का आरोप लगाया है। एसकेएम ने कहा, दीप सिद्धू जैसे असामाजिक तत्वों और KMSS ने साजिश के तहत किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की। हिंसा में कई पुलिसकर्मी हुए थे घायलदिल्ली के LNJP अस्पताल के डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कल 22 लोग हमारे अस्पताल में भर्ती हुए। जिसमें 12 पुलिसकर्मी थे, 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं बाकि प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किए गए। ट्रॉमा सेंटर में 62 पुलिसकर्मी और 2 प्रदर्शनकारी भर्ती थे। ज़्यादातर डिस्चार्ज हो गए, 2 पुलिसकर्मी अभी भी भर्ती हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-punjab-cm-amarinder-singh-meets-pm-modi-seeks-repeal-of-farm-laws-807409
पंजाब के CM अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी से की मुलाकात, कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि उन्होंने किसानों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने वालों की श्रेणी में शामिल करने के लिए संबंधित कानून में संशोधन की भी मांग की। बुधवार देर शाम हुई मुलाकात में पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को 2 अलग-अलग पत्र सौंपे। इनमें पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों में आक्रोश पैदा करने वाले 3 कृषि कानूनों की तत्काल समीक्षा और उन्हें रद्द करने का आह्वान किया गया है।किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इन कानूनों को तत्काल वापस लिया जाए। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के आंदोलन से पंजाब और देश के लिए सुरक्षा खतरे पैदा करने की आशंका है, क्योंकि पाकिस्तान समर्थित भारत विरोधी ताकतें किसानों के असंतोष का फायदा उठाना चाहती हैं। उन्होंने किसानों की चिंताओं के शीघ्र निवारण के लिए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप का आह्वान किया।अमरिंदर ने कहा कि भारत सरकार को निरंतर चल रहे आंदोलन को समाप्त करने के लिए एक स्थायी समाधान तलाशना चाहिए क्योंकि यह न केवल पंजाब में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले भी पंजाब के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए प्रधानमंत्री से समय मांगा था। उन्होंने धान की पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मुआवजा देने और डीएपी की कमी की आशंकाओं को दूर करने की भी आवश्यकता बताई, जिससे किसानों की समस्याएं और कृषि कानूनों से उत्पन्न संकट बढ़ सकता है।एक अन्य पत्र में, मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भूमि के विखंडन, पट्टेदारों व विभिन्न बाजार संचालकों और एजेंटों के साथ लगातार विवादों के कारण, किसानों को इन दिनों मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके अल्प वित्तीय संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है। उन्होंने इस तरह के मुकदमों के परिणामस्वरूप किसानों पर पड़े वित्तीय बोझ को कम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि केंद्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है, जिन्हें समाज का कमजोर वर्ग माना जाता है। सिंह ने कहा कि देश के किसान भी बहुत कमजोर हैं और वे कभी-कभी वित्तीय समस्याओं के कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।सिंह ने कहा, 'इस प्रकार, कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 में संशोधन करना समय की आवश्यकता है, ताकि किसानों और कृषि श्रमिकों को उन व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल किया जा सके, जो अदालतों में अपना बचाव करने के लिए मुफ्त कानूनी सेवाओं के हकदार हैं।' उन्होंने कहा कि इस कदम से किसानों की आत्महत्या के मामलों को कम करने और उनके कानूनी और वित्तीय अधिकारों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से किसानों के व्यापक हित में कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 में आवश्यक संशोधन करने के लिए किसान कल्याण और कानूनों से संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को सलाह देने का आग्रह किया। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national/can-covid-vaccine-be-given-without-consent-center-gave-this-answer-in-supreme-court-2022-01-17-831797
बिना मर्जी के कोविड का टीका लगाया जा सकता है? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया ये जवाब
केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी नहीं की है, जो किसी मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखने को अनिवार्य बनाती हो
दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना का कोहराम देखने को मिल रहा है। ऐसे में हर देश का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना की रोकथाम का टीका लगाने का है। कल यानी 16 दिसंबर को भारत को कोविड टीकाकरण अभियान के एक साल पूरे हो गए थे। इस खास मौके पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी कोविड-19 टीकाकरण दिशानिर्देशों में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन टीकाकरण कराने की बात नहीं की गई है। दिव्यांगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मामले पर केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी नहीं की है, जो किसी मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखने को अनिवार्य बनाती हो। केंद्र ने गैर सरकारी संगठन एवारा फाउंडेशन की एक याचिका के जवाब में दायर अपने हलफनामे में यह बात कही। याचिका में घर-घर जाकर प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगजनों का टीकाकरण किए जाने का अनुरोध किया गया है। हलफनामे में कहा गया है, ‘भारत सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश संबंधित व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना जबरन टीकाकरण की बात नहीं कहते।’ केंद्र ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसका टीकाकरण नहीं किया जा सकता।कोरोना टीकाकरण अभियान को एक साल हो चुके हैं। इसके तहत अभी तक 156.02 करोड़ डोज योग्य लोगों को दी जा चुकी है। अभी भी ये अभियान जारी है और 15-18 वर्ष के बच्चों को भी टीका लगाया जा रहा है। पिछले वर्ष 16 जनवरी, 2021 को कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई थी। देखिए हमने इस विकट घड़ी में एक साल का सफर पूरा कर लिया है। इस खास अवसर पर भारत सरकार ने 'कोविड-19 वैक्सीनेशन' पोस्टल स्टैंप जारी करने की घोषणा की है। ये निर्णय इसको यादगार बनाने के लिए लिया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-china-says-india-playing-with-fire-on-taiwan-national-day-issue-746729
चीनी दूतावास के सामने लगे ताइवान के होर्डिंग तो खिसियाया ड्रैगन, बोला- भारत को....
Shanghai Institute for International Studies स्थित Center for Asia-Pacific Studies के डॉयरेक्टर Zhao Gancheng ने कहा कि भारत वन चाइना पॉलिसी को चैलेंज कर आग से खेल रहा है।
बीजिंग. भारत की राजधानी में स्थित चीन के दूतावास के सामने ताइवान के नेशनल डे के होर्डिंग लगाए गए हैं। ये होर्डिंग भारतीय जनता पार्टी के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लगवाए हैं। ये होर्डिंग्स लद्दाख में पहले से जारी विवाद के बीच लगाए गए हैं, जिसके बाद चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक आर्टिकल में विश्लेषकों के हवाले से कहा गया कि इन होर्डिंग्स की वजह से भारत और चीन के संबंधों में और खटास आ सकती है। होर्डिंग्स की वजह से बौखलाए चीन ने इस आर्टिकल के जरिए गीदड़भभकी दिखाते हुए कहा कि भारत को आग से खेलना बंद कर देना चाहिए। आपको बता दें कि लद्दाख विवाद के बाद से ही सोशल मीडिया पर ताइवान और भारत के आम नागरिकों को चीन के खिलाफ एक दूसरे का समर्थन करते देखा जा सकता है। ताइवान के कई नेता भी खुलकर भारत का समर्थन कर चुके है। भारत के ज्यादातर मीडिया संस्थानों ने भी ताइवान नेशनल डे मनाने को लेकर ताइवान का समर्थन किया है।हाल ही में भारत स्थित चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया को मेलकर ताइवान को लेकर एक पत्र लिखकर कहा था कि ताइवान चीन का ही हिस्सा है, इसलिए चीन के ही आधिकारिक बयान को मानें जबकि भारत के ताइवान से पहले से ही अच्छे संबंध हैं। चीन ताइवान को मान्यता नहीं देता है। भारत में ताइवान के बढ़ते समर्थन से बौखलाए चीन ने ग्लोबल टाइम्स के जरिए कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों में खराब असर पड़ेगा।पढ़ें- असम में बंद होंगे सभी सरकारी मदरसे Shanghai Institute for International Studies स्थित Center for Asia-Pacific Studies के डॉयरेक्टर Zhao Gancheng ने कहा कि भारत वन चाइना पॉलिसी को चैलेंज कर आग से खेल रहा है। चीन की नापाक हरकतों पर पर्दा डालते हुए और उल्टा भारत पर आरोप लगाते हुए Zhao Gancheng ने आगे कहा कि भारत एक अच्छे पड़ोसी को खुद से दूर कर रहा है। भारत को धमकी देते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारत को आश्चर्य नहीं होना चाहिए अगर आर्थिक और लोगों के बीच होने वाले आदान-प्रदान से संबंधित नुकसान झेलने पड़ें।पढ़ें- मुंह में राम बगल में छुरी, चीन के सुरक्षाकर्मियों ने बॉर्डर पर नेपाली टीम के साथ किया 'गंदा काम'ग्लोबल टाइम्स ने आगे कहा कि भारत की सत्ता में काबिज राष्ट्रवादी बीजेपी ने भारत-चीन संबंधों की परवाह न करते हुए चीन के सवाल को उठाया है। आर्किटल में आगे कहा गया कि भारत सोचता है कि ताइवान का मुद्दा उठाकर भारत के साथ समझौता कर लेगा लेकिन चीन को ये बिलकुल स्वीकार नहीं है।पढ़ें- दिल्ली से देश के विभिन्न रूटों पर चलेंगी नई स्पेशल trains, यहां है पूरी जानकारीLAC पर भारतीय सेना के हाथों मुंह की खाने के बाद और भारत सरकार के कड़े रवैये से खिसियाए चीनी के अखबार ने भारत पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय पक्ष की तरफ से न तो LAC पर सेना कम की जा रही है और न ही मॉस्को में हुए 5 बिंदु वाले समझौते का पालन किया जा रहा है। आर्टिकल में कहा गया कि इसके उलट भारत LAC पर अपनी फौज बढ़ाता ही जा रहा था।
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https://www.indiatv.in/india/national/corona-case-1-lakh-68-thousand-063-new-cases-in-last-24-hours-277-people-died-2022-01-11-830989
कोरोना केस: बीते 24 घंटे में 1 लाख 68 हजार 063 नए मामले, 277 लोगों की हुई मौत
भारत में कोरोना के 1 लाख 68 हजार 063 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 69 हजार 959 लोग ठीक हुए हैं और 277 लोगों की मौत हुई है।
देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में कोरोना के 1 लाख 68 हजार 063 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 69 हजार 959 लोग ठीक हुए हैं और 277 लोगों की मौत हुई है। अभी देश में 8 लाख 21 हजार 446 एक्टिव केस हैं और पॉजिटिविटी रेट 10.64 प्रतिशत पहुंच गई है। ओमिक्रॉन के 4 हजार 461 मामलों की पुष्टि हुई है। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 19,166 नए मामले सामने आए, 14,076 रिकवरी हुई और कोरोना से 17 लोगों की मौत हुई। दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण दर बढ़कर (पॉजिटिविटी रेट) 25 प्रतिशत जबकि मृत्यु दर 1.60 प्रतिशत है। बीते 24 घंटे में दिल्ली में 19166 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, ये आंकड़ा रविवार से कम है और इसकी वजह ये है कि कल की तुलना में 20008 टेस्ट कम किए गए, इसलिए 3585 केस कम दिख रहा है। जबकि पॉजिटिविटी रेट देखें तो रविवार से ज्यादा हैं। रविवार के हेल्थ बुलेटिन में पॉजिटिविटी रेट 23.53% था जो सोमवार को बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया है।दिल्ली स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना के अभी 65,806 सक्रिय मामले हैं। वहीं दिल्ली में कोरोना के अबतक कुल 15,68,896 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं दिल्ली में अबतक कुल 14,77,913 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुके हैं। दिल्ली में कोरोना से मौत के आंकड़ों की बात करें तो अबतक कुल 25,177 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच दिल्ली सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वालों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट जारी की है। इसमें कई ऐसी चीजों पर गौर किया गया है जो इस संक्रमण के खतरे की जानकारी देता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 5-9 जनवरी के बीच 46 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। दिल्ली सरकार की रिपोर्ट बताती है कि इसमें से सिर्फ 11 लोगों को ही कोरोना का टीका लगा था। यानी 35 लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगी थी। इसके अलावा मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग भी शामिल हैं। मरने वाले 46 लोगों में 25 लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा थी। बता दें, इस दौरान 28 पुरुष और 18 महिलाओं की कोरोना से मौत हुई है। साथ ही इसमें से 50 प्रतिशत यानी 23 लोगों की मौत कोरोना के तुरंत बाद हुई है।
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https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-karauli-killing-kondagaon-rape-insensitive-police-746557
Rajat Sharma’s Blog- राजस्थान में पुजारी की हत्या, छत्तीसगढ़ में गैंगरेप: पुलिस संवेदनशून्य
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले में दखल देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और बलात्कारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
अपने शो 'आज की बात' में शुक्रवार की रात मैंने 2 बेहद ही खौफनाक घटनाओं का जिक्र किया था। इनमें से एक घटना राजस्थान की थी, जबकि दूसरी वारदात छत्तीसगढ़ में हुई थी। ये दोनों ही घटनाएं दिखाती हैं कि जिस पुलिस को कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी मिली है, उसमें किस हद तक सड़ांध पैदा हो गई है। राजस्थान में हुई घटना में करौली के एक गांव में दबंगों ने एक मंदिर की जमीन हड़पने के लिए उसके पुजारी पर पेट्रोल डाला और उनके साथ-साथ उसकी झोपड़ी को भी आग के हवाले कर दिया। लोकल पुलिस ने इस मामले को खुदकुशी के रूप में दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वहीं, छत्तीसगढ़ की घटना में एक आदिवासी लड़की के साथ 7 लोगों ने गैंगरेप किया, जिसके बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। बलात्कारियों ने मामला दबाने के लिए स्थानीय पुलिस अधिकारी को 10,000 रुपये की रिश्वत दी और 3 महीने तक FIR दर्ज करने की गुहार लगाने के बाद पीड़िता के पिता ने भी जहर पी लिया।ये दोनों ही मामले इस बात के जीवंत उदाहरण है कि विभिन्न राज्यों की पुलिस किस तरह से अपराधियों के साथ मिलीभगत में काम कर रही है। मैंने मंदिर के पुजारी के दबंगों द्वारा जिंदा जलाए जाने का वीडियो देखा है। ये दृश्य इतने भयावह हैं कि इन्हें टीवी पर नहीं दिखाया जा सकता। 50 वर्षीय पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने इन गुंडों में से एक, कैलाश मीणा को बुकना गांव में बुधवार को अपने ऊपर हुए हमले का मास्टरमाइंड बताया। वैष्णव ने अगले दिन जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में दम तोड़ दिया।पुलिस ने बताया कि सारा झगड़ा ग्राम पंचायत द्वारा राधा गोपाल मंदिर को दान में दी गई 15 बीघा जमीन को लेकर था। पुजारी अपने परिवार के साथ मंदिर के पास एक फूस की झोपड़ी में रह रहे थे। वह पिछले कई सालों से इस जमीन पर खेती करते आ रहे थे। इस हत्या ने राजस्थान में ब्राह्मण समाज को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया और सूबे की सत्ता पर काबिज कांग्रेस एवं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए।मौत से पहले अपने आखिरी बयान में पुजारी ने कैलाश मीणा और 5 अन्य लोगों का नाम लेते हुए कहा कि इन्हीं लोगों ने उन्हें और उनकी झोपड़ी को जलाया है। शुरुआत में पुलिस ने यह कहकर घटना को कमतर दिखाने की कोशिश की कि पुजारी ने ही खुद को आग लगा ली थी, लेकिन घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुजारी के परिजनों ने मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। अब तक कैलाश मीणा सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।मैंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ट्वीट देखा है जिसमें उन्होंने इस घटना की निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘राजस्थान सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’सवाल यह नहीं है कि अब क्या ऐक्शन लिया जाएगा। सवाल यह है राजस्थान के गांवों में हालात क्या हैं। यदि मीडिया इस जघन्य अपराध के मामले को न उठाता, तो स्थानीय पुलिस घटना का सारा दोष पुजारी पर मढ़कर इस मामले को दबा देती। जांच अधिकारी ने तो अपनी रिपोर्ट में यह कहा था कि पुजारी ने ही खुद को आग लगाई थी। अगर मीडिया ने हत्यारों के साथ जांच अधिकारी की मिलीभगत को उजागर नहीं किया होता, तो पुजारी के परिवार को कभी न्याय नहीं मिलता। हत्यारे खुलेआम घूम रहे होते।पुलिस से मेरी अपील है के कि अत्याचार से संबंधित मामलों में थोड़ा संवेदनशील रहे। यह कोई एकलौती ऐसी घटना नहीं है। ऐसे सैकड़ों मामले हैं जिनमें गरीबों और दलितों को पुलिस द्वारा न्याय से वंचित किया गया है।छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक नाबालिग आदिवासी लड़की ने 3 महीने पहले 7 लोगों द्वारा गैंगरेप किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली थी। उसके पिता ने FIR दर्ज करने के लिए पुलिस अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मदद नहीं की। हताशा होकर पीड़िता के पिता ने जहर पी लिया। जब इस खबर ने स्थानीय मीडिया में सुर्खियां बटोरीं तब कहीं राज्य की पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद पोस्टमॉर्टम के लिए लड़की की लाश को कब्र से निकाला गया।मैंने अपने रिपोर्टर अनुराग अमिताभ को इस माओवाद-प्रभावित इलाके में मामले की विस्तार से जांच करने के लिए भेजा था। उन्होंने पाया कि स्थानीय पुलिस इंस्पेक्टर ने बलात्कारियों से 10,000 रुपये रिश्वत लेकर FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया था। इसके साथ ही आरोपियों को छोड़ दिया गया। आरोपी से रिश्वत लेने वाले पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।यह घटना साफ तौर पर दिखाती है कि गरीब लोगों को न्याय पाने के लिए किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बलात्कारियों से रिश्वत लेने और गैंगरेप की FIR दर्ज करने से इनकार करने पर पुलिस अधिकारी को सिर्फ सस्पेंड कर देना एक बहुत ही मामूली सजा है। यह गरीबों के दिलों में कानून के प्रति भरोसे की हत्या से कम नहीं है। हमारे रिपोर्टर ने गांववालों के बीच 12 घंटे बिताए और उन लोगों के बयान लिए जिनके सामने बलात्कारियों ने पुलिस इंस्पेक्टर को रिश्वत दी थी।मेरा सवाल है कि 3 महीने का वक्त बर्बाद करने के बाद पुलिस अब क्या हासिल कर पाएगी? छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस मामले में दखल देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों और बलात्कारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। यदि इस मामले में जल्दी ऐक्शन न हुआ तो हो सकता है कि अदालत को उसी तरह दखल देना पड़े, जिस तरह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस गैंगरेप मामले में दिया था। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 09 अक्टूबर, 2020 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_7512775969 = {"file": "https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_cjxxo5ua_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8","image": "https://thumbs.indiatvnews.com/vod/0_cjxxo5ua_big_thumb.jpg","title": "आज की बात रजत शर्मा के साथ | 9 अक्टूबर, 2020","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 2888,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_7512775969 = ''; jwsetup_7512775969(); function jwsetup_7512775969() {jwvidplayer_7512775969 = jwplayer("jwvidplayer_7512775969").setup(jwconfig_7512775969);jwvidplayer_7512775969.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_7512775969, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_cjxxo5ua\", ns_st_pr=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 9 अक्टूबर, 2020\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 9 अक्टूबर, 2020\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 9 अक्टूबर, 2020\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2020-10-09\", ns_st_tdt=\"2020-10-09\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_cjxxo5ua_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_7512775969.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_7512775969.getState() == 'error' || jwvidplayer_7512775969.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_7512775969.stop();jwvidplayer_7512775969.remove();jwvidplayer_7512775969 = '';jwsetup_7512775969();return; }});jwvidplayer_7512775969.on('error', function (t) { jwvidplayer_7512775969.stop(); jwvidplayer_7512775969.remove(); jwvidplayer_7512775969 = ''; jwsetup_7512775969(); return;});jwvidplayer_7512775969.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_7512775969.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_7512775969.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_7512775969.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_7512775969.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_7512775969.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_7512775969.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); }
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https://www.indiatv.in/india/national-covaxin-vaccine-price-covishield-vaccine-price-private-hospitals-786712
बढ़ गई COVAXIN और Covishield की कीमत, जानिए- कितने में मिलेगी
भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) के दाम की घोषणा कर दी है। वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी अपनी वैक्सीन कोविशील्ड के दाम तय कर दिए हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रहा है। देश में अभी 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 मई से देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीन के दरवाजे खोल दिए हैं। एक मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। लेकिन, अब वैक्सीन की कीमत को लेकर बहस तेज हो गई है। भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) के दाम की घोषणा कर दी है। वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी अपनी वैक्सीन कोविशील्ड के दाम तय कर दिए हैं।भारत बायोटेक ने शनिवार देर रात को ट्वीट कर अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) के दाम की घोषणा की। भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार हमने COVAXIN डोज़ की कीमतों की घोषणा की है। बयान के मुताबिक, राज्य सरकार के लिए प्रति डोज़ 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये प्रति डोज़ दिया जाएगा।भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एम एल्ला ने कहा कि अभी उनकी कंपनी केन्द्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से कोवैक्सीन की आपूर्ति कर रही है और केन्द्र अपनी ओर से यह वैक्सीन मुफ्त वितरित कर रहा है।एल्ला ने कहा, ‘‘हम यह बताना चाहते हैं कि कंपनी की आधी से अधिक उत्पादन क्षमता, केन्द्र सरकार को आपूर्ति के लिए आरक्षित की गई है।’’ उन्होंने कहा कि कोविड चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने भी शनिवार को प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन के लिए दाम तय कर दिए हैं। एसआईआई ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक निजी अस्पतलों को 600 रुपए प्रति डोज के हिसाब से कोविशील्ड वैक्सीन दी जाएगी। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोविड कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत काफी कम है।सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन का मूल्य शुरुआती कीमत के मुकाबले डेढ़ गुना तय करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि शुरुआती कीमत अग्रिम वित्त पोषण पर आधारित थी और अब उसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए और अधिक निवेश करने की जरूरत है।पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने इस सप्ताह की शुरुआत में वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के साथ किसी नए करार के लिए 400 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक तय की थी। एसआईआई एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का विर्निमाण करती है। वह इस समय केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक की दर से वैक्सीन की आपूर्ति कर रही है।एसआईआई ने कहा, ‘‘भारत वैक्सीन की कीमत और वैश्विक कीमतों के बीच एक गलत तुलना की गई है। कोविशील्ड आज बाजार में उपलब्ध कोविड-19 की सबसे सस्ती वैक्सीन है।’’ कंपनी ने कहा कि शुरुआती कीमत ‘‘दुनिया भर में कम थी, क्योंकि यह उन देशों के अग्रिम वित्त पोषण पर आधारित थी, जिसमें वैक्सीन निर्माण का जोखिम शामिल था।’’ बयान में कहा गया, ‘‘भारत सहित सभी सरकारी टीकाकरण कार्यक्रमों के लिए कोविशील्ड की शुरुआती कीमत सबसे कम थी।’’कंपनी ने आगे कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति एकदम अलग है, वायरस लगातार रूप बदल रहा है, जबकि जनता पर जोखिम बना हुआ है। अनिश्चितता की पहचान करते हुए, हमें स्थिरता सुनिश्चित करनी होगी, क्योंकि हमें महामारी से लड़ने के लिए क्षमता विस्तार में निवेश करना है और लोगों की जान बचानी है।’’ एसआईआई ने कहा कि वैक्सीन के थोड़े से हिस्से को निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति खुराक की दर पर बेचा जाएगा और यह कीमत अभी भी कई दूसरे चिकित्सकीय उपचारों की तुलना में कम है। बता दें कि, कुछ समय पहले टीका बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एसआईआई ने कहा था कि कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपये प्रति खुराक तथा निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक होगी। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदार पूनावाला ने यह भी कहा था कि 150 रुपए प्रति खुराक का मौजूदा अनुबंध समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार के लिये भी दर 400 रुपये प्रति खुराक होगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-rt-pcr-test-rates-reduced-to-rs-499-in-haryana-latest-news-766929
हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस के लिए RT-PCR टेस्ट की लागत को घटाकर 499 रुपये किया
हरियाणा सरकार ने प्राइवेट लैब्स के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) और रैपिड एंटीजेन टेस्ट की दर को 700 रुपये से घटाकर 499 रुपये कर दिया है।
गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने प्राइवेट लैब्स के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन- पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) और रैपिड एंटीजेन टेस्ट की दर को 700 रुपये से घटाकर 499 रुपये कर दिया है। वहीं, घरेलू कलेक्शन के लिए तत्काल प्रभाव से इसकी राशि 900 रुपये से घटाकर 699 रुपये कर दी गई है। इस संबंध में एक आदेश, राजीव अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा जारी किया गया। यह छठी बार है जब हरियाणा सरकार ने निजी प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर के माध्यम से कोविड-19 परीक्षण के लिए कीमत कम की है।‘सभी अस्पतालों और प्राइवेट लैब्स को आदेश जारी’सिविल सर्जन वीरेंद्र यादव ने गुरुग्राम जिले के सभी निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को एक आदेश जारी किया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि इस संबंध में उनके द्वारा किया गया कोई भी उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 का उल्लंघन होगा। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, विशेषज्ञों द्वारा उचित विचार के बाद यह दर तय की गई है। इस बीच हरियाणा में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। इसके साथ ही मौतों के मामले भी कम होते जा रहे हैं। सोमवार को प्रदेश में कोरोना से 4 मरीजों की मौत हो गई, जबकि संक्रमण के 199 नए मामले सामने आए।‘हरियाणा में सोमवार को 280 लोगों ने दी कोरोना को मात’हरियाणा में सोमवार को 280 लोगों को कोरोना वायरस से ठीक होने पर अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समय सूबे में रिकवरी रेट 98.15 और मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत है। सोमवार को हरियाणा में 182 स्थानों पर 11,457 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई। वैसे देश के बाकी कई हिस्सों की तरह हरियाणा में भी लक्ष्य से भी कम लोगों को टीका लगाया जा सका। बता दें कि हरियाणा में टीकाकरण का सोमवार को दूसरा ही दिन था, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा।
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गुरुग्राम: 50 साल से अधिक उम्र के 77 फीसदी मरीजों की Covid-19 से मौत
गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि 1 अप्रैल से 10 मई के बीच जिले में घातक वायरस से मरने वाले 77 फीसदी मरीज 50 साल से अधिक उम्र के थे। केवल 23 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 50 साल से कम थी।
गुरुग्राम: गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि 1 अप्रैल से 10 मई के बीच जिले में घातक वायरस से मरने वाले 77 फीसदी मरीज 50 साल से अधिक उम्र के थे। केवल 23 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 50 साल से कम थी। गुरुग्राम में अब तक कुल 673 लोगों की जान जा चुकी है और बड़ी संख्या में कोविड संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।एक दैनिक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, 1 अप्रैल से 10 मई के बीच जिले में 235 मरीजों की मौत कोविड से हुई है, जिनमें से 181 की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। इनमें 62 मरीज 61-70 आयु वर्ग के हैं और 91-100 आयु वर्ग के थे। इसके अलावा, कोरोनावायरस के कारण 11-20 आयु वर्ग के केवल एक रोगी की मृत्यु हुई। आंकड़े के मुताबिक इस वायरस ने महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की जान ले ली है। 1 अप्रैल से 10 मई के बीच कोरोनावायरस से मरने वाले 235 रोगियों में से लगभग 82 महिलाएं और 153 पुरुष थे।इस बीच, गुरुग्राम में कोविड से ठीक होने वालो की दर 79.64 प्रतिशत तक पहुंच गई है। अधिकारियों ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें परीक्षण, ट्रेसिंग और उपचार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी गुरुग्राम के वीरेंद्र यादव ने कहा, "कोविड संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की करीब 138 टीमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एक समर्पित टीम होम आइसोलेशन के मरीजों की स्थिति की निगरानी कर रही है।" यादव ने कहा कि जिला वासियों, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में जागरूकता के कारण कोविड से ठीक होने की दर में लगातार सुधार हो रहा है।
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यूपी में दो नाबालिग दलित बहनों की हत्या, तालाब में मिले शव
फतेहपुर पुलिस में एसीपी राजेश कुमार ने बताया कि तालाब से दो लड़कियों की शव मिले हैं, ये लड़कियां अनुसूचित जाति से संबंध रखती थीं। दोनों के शरीर पर चोट के निशाना हैं।
फतेहपुर. योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला सामने आया है यूपी के फतेहपुर जिले से, जहां अनुसूचित जाति की दो नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी गई। दोनों मृतक लड़कियां महज 12 साल और 8 साल की बहनें हैं। ये मामला है फतेहपुर के असोधर इलाके का जहां गुनहगारों ने लड़कियों की हत्या के बाद शवों के एक तालाब में फेंक दिया। फतेहपुर पुलिस में एसीपी राजेश कुमार ने बताया कि तालाब से दो लड़कियों की शव मिले हैं, ये लड़कियां अनुसूचित जाति से संबंध रखती थीं। दोनों के शरीर पर चोट के निशाना हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों लड़कियां दोपहर में खेतों से सब्जी लेने गईं थीं लेकिन लौटी नहीं। पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि हमलावरों ने लड़कियों को बलात्कार के असफल प्रयास के बाद मार डाला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार है।नोएडा- फ्लैट में मिला शव सोमवार को ग्रेटर नोएडा स्थित एक अपार्टमेंट में एक 42 वर्षीय युवक का शव मिला, इसकी जानकारी पुलिस ने दी। दादरी पुलिस स्टेशन की सीमा में आने वाले सुपरटेक सीज़र के फ्लैट में व्यक्ति के शव की जानकारी पुलिस को उसके ही एक दोस्त ने दी। पुलिस ने बताया मृतक की पत्नी के अनुसार, मृतक शराब पीने का आदी था। पुलिस ने डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।फतेहपुर. योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला सामने आया है यूपी के फतेहपुर जिले से, जहां अनुसूचित जाति की दो नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी गई। दोनों मृतक लड़कियां महज 12 साल और 8 साल की बहनें हैं। ये मामला है फतेहपुर के असोधर इलाके का जहां गुनहगारों ने लड़कियों की हत्या के बाद शवों के एक तालाब में फेंक दिया। फतेहपुर पुलिस में एसीपी राजेश कुमार ने बताया कि तालाब से दो लड़कियों की शव मिले हैं, ये लड़कियां अनुसूचित जाति से संबंध रखती थीं। दोनों के शरीर पर चोट के निशाना हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों लड़कियां दोपहर में खेतों से सब्जी लेने गईं थीं लेकिन लौटी नहीं। पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि हमलावरों ने लड़कियों को बलात्कार के असफल प्रयास के बाद मार डाला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार है।नोएडा- फ्लैट में मिला शव
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पंजाब में 10-12वीं तक के स्कूल 26 जुलाई से खुलेंगे, वैक्सीन ले चुके अध्यापक ही लेंगे क्लास
पंजाब सरकार ने मंगलवार को कोविड पाबंदियों में और ढील देते हुए 26 जुलाई से दसवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए विद्यालयों को खोलने का आदेश दिया। एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य सरकार ने इसके अलावा बंद स्थान पर कार्यक्रमों में लोगों की संख्या बढ़ाकर 150 करने की भी घोषणा की।
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने मंगलवार को कोविड पाबंदियों में और ढील देते हुए 26 जुलाई से दसवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए विद्यालयों को खोलने का आदेश दिया। एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य सरकार ने इसके अलावा बंद स्थान पर कार्यक्रमों में लोगों की संख्या बढ़ाकर 150 तथा खुली जगहों पर कार्यक्रमों में लोगों की संख्या बढ़ाकर 300 करने की भी घोषणा की लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगायी कि मेहमान कार्यक्रम स्थल की क्षमता के 50 फीसद तक ही हों। पहले, कार्यक्रमों/आयोजनों के लिए बंद जगहों पर 100 तथा खुली जगहों पर 200 के एकत्र होने की छूट दी गयी थी। कोविड-19 समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि विद्यालयों को दसवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं के लिए खुलने की अनुमति होगी लेकिन केवल उन्हीं अध्यापकों एवं कर्मियों को विद्यालय पहुंचने की अनुमति होगी, जिनका पूरी तरह वैक्सीनेशन हो चुका है। सरकार के अनुसार विद्यालयों में बच्चे अपने अभिभावकों की मर्जी से ही आयेंगे तथा डिजिटल कक्षाओं का विकल्प बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर स्थिति नियंत्रण में रहती है, तो बाकी की कक्षाओं को इसी तरह 2 अगस्त 2021 से खोलने की अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले हफ्तों में मामलों में और गिरावट आएगी।मुख्यमंत्री ने सामाजिक समारोहों के संबंध में कहा कि सभी क्षेत्रों में ऐसे समारोहों और कार्यक्रमों में कलाकारों, संगीतकारों को उचित कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अनुमति दी जाएगी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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बिल गेट्स ने दी चेतावनी, कहा- हम सभी के घर पर ओमिक्रॉन देगा दस्तक, मैंने कैंसिल की सभी छुट्टियां
गेट्स ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने अपनी अधिकांश छुट्टियों की योजनाओं को रद्द कर दिया है क्योंकि उनके करीबी दोस्त तेजी से कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे हैं।
नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और अरबपति परोपकारी बिल गेट्स ने चेतावनी दी है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। इसी के साथ लोग अब महामारी के सबसे बुरे हिस्से में प्रवेश कर सकते है और हम सभी के घर पर ओमिक्रॉन वेरिएंट दस्तक देने वाला है। गेट्स ने ट्वीट करके कहा कि उन्होंने अपनी अधिकांश छुट्टियों की योजनाओं को रद्द कर दिया है क्योंकि उनके करीबी दोस्त तेजी से कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे हैं।गेट्स ने मंगलवार देर रात ट्वीट किया, "बस जब ऐसा लग रहा था कि जीवन सामान्य हो जाएगा, हम महामारी के सबसे बुरे हिस्से में प्रवेश करने वाले हैं। ओमिक्रॉन हम सभी के घर पर दस्तक देगा। मेरे करीबी दोस्त कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं और मैंने अपनी अधिकांश छुट्टियों की योजना रद्द कर दी है।"विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम ग्रेब्येयियस ने पहले ही कहा है कि "जीवनलीला खत्म होने से बेहतर है कि छुिट्टयों को खत्म कर दिया जाए।"अमेरिका में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से फैल रहे हैं। अब तक ओमिक्रॉन के 73 प्रतिशत नए मामलों की संख्या हो चुकी है।गेट्स ने कहा, "पहले के कोरोनावायरसके वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। यह जल्द ही दुनिया के हर देश को अपनी चपेट में ले लेगा।"उन्होंने पोस्ट किया, "यह अभी तक सामने नहीं आया है कि ओमिक्रॉन आपको किस हद बीमार कर सकता है। हमें इसे तब तक गंभीरता से लेने की जरूरत है जब तक कि इसके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आती है। भले ही यह डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम घातक है लेकिन इसके दस्तक देने से कोरोना मामलों में तेजी से उछाल आया है।"यूके में अब तक ओमिक्रॉन के 37,000 से ज्यादा पुष्ट मामले सामने हैं, जिनमें से बीते दो-तीन दिनों में ज्यादातर मामलों का पता चला है जबकि 12 मौतें हुई हैं।भारत में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नया कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तीन गुना ज्यादा संक्रामक है।गेट्स ने एक ट्वीट में कहा, "कुछ महीने खराब हो सकते हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि अगर हम सही कदम उठाते हैं, तो 2022 में महामारी खत्म हो सकती है।"
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केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा: अनलॉक प्रक्रिया में सावधानी बरतें
केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों से अपील की है कि वह कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन खोलते समय कोविड अनुकूल व्यवहार, जांच-निगरानी-इलाज, टीकाकरण जैसी ‘अति महत्वपूर्ण’ पांच रणनीतियां अपनाए।
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों से अपील की है कि वह कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन खोलते समय कोविड अनुकूल व्यवहार, जांच-निगरानी-इलाज, टीकाकरण जैसी ‘अति महत्वपूर्ण’ पांच रणनीतियां अपनाए। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे संदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि संक्रमण के प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए मौजूदा परिदृश्य में कोविड-19 रोधी टीकाकरण बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि ऐसे में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टीकाकरण की गति तेज करें। गृह सचिव ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई और कइयों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए। उन्होंने कहा, ‘‘ संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्रतिबंधों में राहत देना शुरू किया है, ऐसे में मैं यह रेखांकित करना चाहूंगा कि लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और जमीनी स्थिति के आकलन के आधार पर हो।’’ गृह सचिव ने कहा कि संक्रमण से निपटने के लिए अनुकूल व्यवहार की नियमित निगरानी की जरूरत है ताकि खामियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस व्यवहार में मास्क का इस्तेमाल, हाथ धोना, सामाजिक दूरी और बंद स्थलों का हवादार होना सुनिश्चित करना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राज्यों में प्रतिबंधों में राहत से बाजार में भीड़ जमा हो गई और कोविड-19 से बचाव संबंधी नियमों का पालन नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा कि संक्रमण के प्रसार पर सतत आधार पर नियंत्रित करने के लिए यह आवश्यक है कि जांच-निगरानी-इलाज जैसी रणनीति का सहारा लिया जाए और खास तौर पर यह सुनिश्चित हो कि जांच दर में कमी न होने पाए। भल्ला ने कहा कि चूंकि महामारी की स्थिति में बदलाव होता रहता है, ऐसे में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में वृद्धि या फिर संक्रमण दर में वृद्धि की शुरुआती संकेत पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लघु स्तर पर एक ऐसा तंत्र बनाने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जब कभी भी भी छोटे स्थलों पर मामले बढ़ने शुरू हो, उससे वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिशानिर्देशों के अनुसार स्थानीय नियंत्रण कदमों के जरिए निपटा जाए।
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दिल्ली में Covid-19 से 31 और रोगियों की मौत, संक्रमण के 2,154 नए केस सामने आए
दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 से 31 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 6,040 हो गई।
नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 से 31 और रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 6,040 हो गई। इसके अलावा 2,145 और लोगों के वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमितों की कुल तादाद बढ़कर 3.33 लाख हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि कल कोविड-19 की 36,445 जांचें की गईं, जिसमें संक्रमण के तुलनात्मक रूप से कम मामले सामने आए।दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार कोविड-19 से 31 और रोगियों की मौत हुई है, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या 6,040 हो गई है। बुलेटिन में कहा गया है कि सोमवार को इलाजरत रोगियों की संख्या में भी थोड़ी कमी आई है।रविवार को यह संख्या 23,292 थी, जो सोमवार को घटकर 22,570 रह गई। बुलेटिन में कहा गया है कि संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,33,171 हो गई है।
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https://www.indiatv.in/india/politics/akhilesh-yadav-is-not-ready-to-accept-defeat-even-after-losing-the-assembly-elections-2022-03-16-839976
Uttar Pradesh: विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी हार मानने को तैयार नहीं अखिलेश यादव
यूपी में मिली हार पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि सपा की नैतिक जीत हुई है. जनता और लोगों के सहयोग से सपा आगे बढ़ी है जबकि बीजेपी घटी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के नतीजे हो चुके है। चुनाव के नतीजो को आए करीब एक सप्ताह का समय भी बीत गया है हो चुके हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब भी अपनी पार्टी ‘गंठबधन’ की हार मानने को तैयार नहीं है। अखिलेश यादव बुधवार को सीतापुर पहुंचे यहां उन्होंने पार्टी की हार को लेकर कहा कि समाजवादी पार्टी की नैतिक जीत हुई है।सपा के हार पर बोले उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 चुनाव में 403 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में 255 जबकि सपा के हिस्से में 111 सीटें आई है। अखिलेश यादव बुधवार सीतापुर पहुंचे, जहां वो पूर्व मंत्री नरेन्द्र वर्मा के बड़े भाई महेन्द्र वर्मा के शांति पाठ में शामिल हुए. इस दौरान मीडिया से समाजवादी पार्टी की हार को लेकर बात की. "यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की नैतिक जीत हुई है. जनता के सहयोग और सपा के कार्यकर्ताओं के सहयोग से समाजवादी पार्टी बढ़ रही है और BJP घटी है. वोट का प्रतिशत और सीटें दोनों बढ़ी हैं." ट्वीट कर भाजपा पर साधा निशानाअखिलेश यादव इससे पहले भी ट्वीट कर यूपी में मिली हार का ठीकरा ईवीएम के सिर फोड़ चुके हैं। आज सीतापुर जाते वक्त अखिलेश के काफिले के सामने एक सांड आ गया था। अखिलेश यादव ने वीडियो टैग करते हुए ट्वीट किया, "सफ़र में साँड़ तो मिलेंगे… जो चल सको तो चलो… बड़ा कठिन है यूपी में सफ़र जो चल सको तो चलो।" (भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/national-ahmedabad-to-kevadia-seaplane-fare-route-and-ticket-booking-full-detail-751084
Seaplane का किराया, रूट, टाइमिंग और कहां से बुक करें टिकट, ये रही पूरी डिटेल
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती (एकता दिवस) के मौके पर आज से अहमदाबाद-केवड़िया के बीच सी-प्लेन सेवा शुरू हो गई।
नई दिल्ली: लौह पुरुष सरदार वल्‍लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती (एकता दिवस) के मौके पर आज से अहमदाबाद-केवड़िया के बीच सी-प्लेन सेवा शुरू हो गई। यह सी-प्लेन सेवा स्पाइसजेट द्वारा शुरू की गई है। सी-प्लेन की उड़ानों को स्पाइसजेट की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी स्पाइस शटल द्वारा संचालित किया जा रहा है। इन उड़ानों के लिए 15 सीटर ट्विन ओटर 300 विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।अहमदाबाद से केवड़िया के बीच शुरू हुई सी-प्लेन सेवा का एक तरफ का टिकट 1500 रुपये का है। ऐसे में अहमदाबाद से केवड़िया के बीच दोनों तरफ से सी-प्लेन से सफर करने के लिए आपको 3000 रुपये चुकाने होंगे। गौरतलब है कि अहमदाबाद से केवड़िया के बीच की दूसरी करीब 200 किलोमीटर है। सी-प्लेन के जरिए यह सफर कुल 30 मिनट में पूरा किया जा सकता है।इस रूट पर दो दैनिक उड़ानें संचालित हो रही है। अहमदाबाद से सुबह 10:15 बजे (प्रतिदिन) सी-प्लेन उड़ेगा, जो 10:45 बजे केवड़िया पहुंचेगा। फिर, केवड़िया से 11:45 पर सी-प्लेन उड़ेगा (प्रतिदिन), जो 12:15 बजे अहमदाबाद पहुंचेगा। इसके बाद अहमदाबाद से दिन की दूसरी उड़ान 12:45 होगी, जो दोपहर 1:15 पर केवड़िया पहुंचेगी और फिर केवड़िया से सी-प्लेन दोपहर 3:15 पर उड़ेगा, जो 3:45 पर अहमदाबाद पहुंचेगा।अहमदाबाद-केवड़िया के बीच सी-प्लेन की टिकटों की बुकिंग 30 अक्टूबर से शुरू हो गई थी। सी-प्लेन से सफर करने के इच्छुक लोग यहां क्लिक करके अपना टिकट बुक कर सकते हैं। गौरतलब है कि सी-प्लेन में पानी से उतरने और टेक-ऑफ करने की क्षमता होती है, जिससे ऐसे क्षेत्रों तक पहुंच होती है, जिनमें लैंडिंग स्ट्रिप्स या रनवे नहीं होते हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/rahul-gandhi-will-speak-in-lok-sabha-will-debate-on-budget-and-president-ramnath-kovind-speech-2022-02-01-833993
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में पहले वक्ता होंगे राहुल गांधी
संभावना है कि कांग्रेस नेता अपने वक्तव्य के दौरान पेगासस, चीन और एलएसी के मुद्दे उठाएंगे, क्योंकि पार्टी सरकार द्वारा कथित रूप से जासूसी करवाए जाने के खिलाफ है।
नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में विपक्ष की ओर से अगुवाई करेंगे। वह पार्टी के पहले वक्ता होंगे। संभावना है कि कांग्रेस नेता अपने वक्तव्य के दौरान पेगासस, चीन और एलएसी के मुद्दे उठाएंगे, क्योंकि पार्टी सरकार द्वारा कथित रूप से जासूसी करवाए जाने के खिलाफ है।राहुल ने मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह 'जीरो सम' बजट है। उन्होंने ट्वीट किया, "मोदी सरकार का 0 सम बजट!" राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में बजट की समग्रता में आलोचना करते हुए अंग्रेजी में मोदी लिखने में जानबूझकर 'ओ' के बजाय '0' (शून्य) डाल दिया।" उन्होंने कहा, "बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं।"कांग्रेस ने संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कहा है कि राष्ट्रपति ने चीन और पाकिस्तान का उल्लेख नहीं किया, जबकि इन दो मोर्चो से भारत जुड़ा हुआ है और यह भी कहा कि नागालैंड में हुईं हत्याओं का कोई उल्लेख नहीं है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने कोविड से हुईं मौतों के लिए माफी नहीं मांगी है और सवाल किया है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का कोई जिक्र क्यों नहीं हुआ।कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "चीन/पाक/दो मोर्चे की स्थिति पर एक शब्द नहीं। नागालैंड में नागरिकों के नरसंहार पर कोई खेद नहीं। जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की कोई घोषणा नहीं। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत पर इसके आतंकी प्रभाव अस्पष्ट हैं। कोविड की दूसरी लहर में हुईं मौतों के लिए माफी भी नहीं मांगी गई।"कांग्रेस इस बात से खफा है कि सरकार चीन के साथ एलएसी पर चुनौती का सामना कर रही है और खबरें हैं कि चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। पार्टी चाहती थी कि राष्ट्रपति उस मोर्चे पर सरकार के प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत करते। हालांकि राष्ट्रपति ने दुनिया में सरकार की राजनयिक पहुंच का उल्लेख किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि भारत ने राजनयिक संबंधों में सुधार के माध्यम से तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक वातावरण में अपनी स्थिति मजबूत की है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-ram-mandir-ayodhya-prepartion-to-illuminate-garbhgrah-with-sun-light-819258
रामलला के गर्भगृह को सूर्य की किरणों से प्रकाशमय करने की तैयारी
न्यास के सदस्य ने बताया कि मंदिर निर्माण से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर एक समिति बनाई गई है जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, आईआईटी मुम्बई, आईआईटी रूड़की सहित राष्ट्रीय भवन निर्माण संस्थान के विशेषज्ञों एवं अन्य प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शामिल हैं और इनसे भी परामर्श हो रहा है।
नई दिल्ली. अयोध्या में बन रहे राममंदिर में अनेक खूबियों के साथ-साथ रामलला के गर्भगृह को सूर्य की किरणों से प्रकाशमय करने की तैयारी है और इसके लिये ओडिशा के कोणार्क मंदिर जैसी विशिष्ट तकनीक को अपनाने पर विचार किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया, "भगवान राम के मंदिर में प्रत्येक रामनवमी पर गर्भगृह में सूर्य की किरणें रामलला को सुशोभित करें, ऐसे एक प्रस्ताव पर काम चल रहा है।"उन्होंने बताया कि राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा स्थापित की जायेगी और प्रत्येक रामनवमी पर गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा तक सूर्य की किरणें सीधे पहुंचे इसके लिये कुछ प्रारूपों (मॉडल) पर वैज्ञानिकों, खगोल शास्त्रियों तथा तकनीकीविदों से परामर्श चल रहा है। चौपाल ने बताया, "ओडिशा स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर उदाहरण है जहां मंदिर के अंदर सूर्य की किरणें पहुंचती हैं। ऐसे में गर्भगृह तक सूर्य की किरणें कैसे पहुंचे, इसको लेकर सभी तकनीकी पहलुओं और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर विचार किया जा रहा है।"न्यास के सदस्य ने बताया कि मंदिर निर्माण से जुड़े तकनीकी पहलुओं पर एक समिति बनाई गई है जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली, आईआईटी मुम्बई, आईआईटी रूड़की सहित राष्ट्रीय भवन निर्माण संस्थान के विशेषज्ञों एवं अन्य प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शामिल हैं और इनसे भी परामर्श हो रहा है। वहीं, ट्रस्ट के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, "श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से जारी है। ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि दिसंबर 2023 तक गर्भ गृह का निर्माण पूरा हो जाए और लोग दर्शन कर सकें। इसके आगे विस्तार एवं भव्यता का और काम चलता रहेगा।"उन्होंने बताया कि नींव का पहला चरण पूरा हो चुका है, जबकि दूसरा चरण नवंबर के मध्य तक खत्म हो जाएगा। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण के दौरान भूगर्भीय, भौगोलिक एवं पारिस्थितिकी संबंधी स्थितियों सहित कई बातों पर ध्यान दिया जा रहा है। चौपाल ने बताया कि भूगर्भीय वर्गीकरण के अनुसार उत्तर प्रदेश भूकंप संवेदी क्षेत्र में आता है, मंदिर परिसर के पास नदी क्षेत्र है और सम्पूर्ण इलाका हिमालयी क्षेत्र के दायरे में आता है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों, खगोलशास्त्रियों से इन सभी विषयों पर परामर्श किया जा रहा है।चौपाल ने बताया, "15 नवंबर से प्लिंथ (स्तंभ के आधार वाला हिस्सा) निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। अप्रैल 2022 से प्लिंथ के उपर स्तम्भों एवं उपरी संरचना का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।"उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर पूर्व के नक्शे एवं मॉडल में कुछ बदलाव किये गए हैं। उनके मुताबिक पहले दो मंजिलों का निर्माण किया जाना था, अब तीन मंजिल का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 400 फीट लम्बाई तथा 300 फीट चौड़ाई में प्लिंथ का निर्माण किया जा रहा है तथा इस पर 365 फीट लम्बाई और 235 फीट चौड़ाई में 171 फीट ऊंचे मंदिर का निर्माण किया जायेगा। चौपाल ने बताया कि राम मंदिर में एक संग्रहालय, अभिलेख कक्ष, अनुसंधान केंद्र, सभागार, गौशाला, पर्यटन केंद्र, प्रशासनिक भवन, योग केंद्र और अन्य सुविधाएं शामिल की जाएंगी।
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Rajat Sharma's Blog | ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला या फव्वारा ?
मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि यह सैकड़ों साल पुराना शिवलिंग है जो पहले से मौजूद नंदी की मूर्ति के ठीक सामने है।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में वज़ूखाने से शिवलिंग मिलने के दावे के बाद उस स्थान पर सीआरपीएफ की टुकड़ी तैनात कर दी गई है। सीआरपीएफ के जवान चौबीसों घंटे इस जगह की चौकीदारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को आदेश दिया था कि वह ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में उस इलाके की सुरक्षा का प्रबंध करें, जहां स्थानीय अदालत द्वारा नियुक्त कमिश्नरों के सर्वे के दौरान शिवलिंग पाने का दावा किया गया था। जस्टिस डी. वाई. चन्द्रचूड़ और जस्टिस पी. एस. नरसिंम्हा की पीठ ने वाराणसी के निचले कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद, जो कि ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करता है, ने अपनी अर्जी में यह आरोप लगाया था कि सिविल जज ने एक के बाद एक कई आदेश जारी किए, जो असंवैधानिक हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अजुनम इंतेजामिया की इस अर्जी को खारिज कर दया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में पहले की तरह नमाज अदा होती रहेगी। लेकिन वजूखाने के जिस इलाके को निचली अदालत ने सील करने का आदेश दिया है, वह सील रहेगा। सील किए गए इलाके में किसी के भी जाने पर पाबंदी रहेगी। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ैफ़ा अहमदी ने कहा कि बिना वजू किए नमाज पढ़ने का इस्लाम में कोई मतलब नहीं रह जाता। लेकिन यूपी सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चूंकि जिस जगह पर शिवलिंग पाया गया है, उस जगह पर मुसलमान वजू करते हैं, ऐसे में शिवलिंग को कोई नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर कानून और व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाएगी। तुषार मेहता ने अदालत से कहा, 'अगर जरूरी हो तो वे कहीं और वजू कर सकते हैं, लेकिन जिस जगह पर शिवलिंग पाया गया है उसकी सुरक्षा जरूरी है।' मुस्लिम पक्ष के वकील हुज़ैफ़ा अहमदी ने आरोप लगाया कि कोर्ट की कार्यवाही की आड़ में मस्जिद की यथास्थिति को बदलने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि निचली अदालत के आदेशों पर रोक लगाई जाए, कमिश्नरों द्वारा किये गये सर्वे पर रोक लगाई जाए और यथास्थिति बहाल की जाए। उन्होंने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 और इसकी धारा 4 का जिक्र किया जिसमें साफ कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 को पूरे भारत में किसी भी पूजा स्थल की यथास्थिति को बदलने के लिए न तो कोई मुकदमा मान्य होगा और न ही कोई नयी कानूनी कार्यवाही मान्य होगी। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका को गुरुवार (19 मई) को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया और इस मामले में हिंदू पक्ष को नोटिस जारी कर दिया। इस बीच मंगलवार को एक नए घटनाक्रम में सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को उनके पद से हटा दिया। उनपर अपने कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का आरोप लगा। साथ ही अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कमिश्नरों को दो दिनों की मोहलत दे दी। सिविल जज ने अपने आदेश में कहा, जब कोई अदालत एक वकील को कमिश्नर के तौर पर नियुक्त करती है तो उसकी स्थिति एक पब्लिक सर्वेंट जैसी होती है और उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे और गैर-जिम्मेदाराना बयान न दे। सिविल जज ने यह आदेश तब दिया जब स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने कोर्ट को बताया कि अजय मिश्रा ने एक प्राइवेट कैमरामैन आरपी सिंह को तैनात किया था जो नियमित तौर पर मीडिया में गलत बयान दे रहा था। शाम तक अजय मिश्रा की प्रतिक्रिया आई। अजय मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और उनके साथी वकील विशाल सिंह ने उन्हें धोखा दिया है। मिश्रा ने कहा, ‘उन्होंने दूसरों पर भरोसा करने की मेरा आदत का बेजा फायदा उठाया।' ज्ञानवापी विवाद में इस वक्त सबसे अहम मुद्दा ये है कि सोमवार को जो पत्थर पाया गया वो शिवलिंग है या फव्वारा। मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि यह सैकड़ों साल पुराना शिवलिंग है जो पहले से मौजूद नंदी की मूर्ति के ठीक सामने है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि जिस पत्थर के बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यह 450 साल पुराना शिवलिंग है, वह वजूखाने के बीच में बना एक फव्वारा है। मंगलवार को हिंदू पक्ष ने अपने दावे के समर्थन में कई सबूत पेश किए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार के बाद पहली प्रतिक्रिया एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से आई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वजू पर रोक नहीं लगाई है। अदालत ने मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद में अपनी मजहबी रस्में अदा करने की इजाजत दी है और वजू एक महजबी रस्म है। लेकिन ओवैसी ने साफ-साफ कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से निराशा हुई है। ओवैसी ने यह आरोप लगा दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में वाराणसी की निचली अदालत में जो हो रहा है वह कानून के साथ मजाक है। ओवैसी के मुताबिक जिस तरह मुस्लिम पक्ष को सुने बगैर निचली अदालत आदेश पर आदेश जारी कर रही है, उससे भानुमती का पिटारा खुल गया है । तमाम मस्जिदों को लेकर विवाद पैदा किए जा रहे हैं और ये ठीक नहीं है। जबसे निचली अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया है तब से ओवैसी बेहद नाराज और खफा है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली इसलिए उनकी नाराजगी और बढ़ गई। ओवैसी ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो देश में एक बार फिर चालीस साल पहले जैसे हालात हो जाएंगे, जब सांप्रदायिक तनाव आम बात थी। ओवैसी ने यह भी साबित करने की कोशिश की कि ज्ञानवापी परिसर में जो रहा है वो सब साजिश का हिस्सा है और सबकुछ सोच समझ कर साजिश के तहत किया जा रहा है। ओवैसी ने तीन सवाल उठाए। सबसे पहले उन्होंने निचली अदालत के फैसले को गलत, गैरकानूनी और न्याय के खिलाफ बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी का मुद्दा उठाकर प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (पूजा स्थल अधिनियम 1991) का उल्लघंन हो रहा है। फिर उन्होंने सबसे बड़ा इल्जाम लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का शिलान्यास किया था उसी वक्त ज्ञानवापी मस्जिद में एक नंदी को दफनाने की कोशिश हुई थी। इसका मतलब ओवैसी ये कह रहे हैं कि जो हो रहा है वो कानूनी तरीके से नहीं हो रहा है। निचली अदालत में कानूनी प्रक्रिया और न्यायिक निष्पक्षता का पालन नहीं किया जा रहा है। मैंने ओवैसी के इल्जामात के बारे में कई कानूनी विशेषज्ञों से बात की और जो जवाब मिले उसके बारे में आपको बताता हूं। पहला इल्जाम, ज्ञानवापी के वजूखाने में जो शिवलिंग मिला क्या वो फव्वारा है ? असल में सर्वे करने वाली टीम के सदस्य जिसे शिवलिंग बता रहे हैं उसे मुस्लिम पक्ष फव्वारा साबित करने की कोशिश कर रहा है। सोमवार देर रात मोहम्मद असद हयात नाम के वकील ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जिसे असद्दुदीन ओवैसी ने भी रीट्वीट किया। यह वीडियो कब का है ये तो कोई नहीं जानता लेकिन यह दावा किया गया है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है उसे पानी में नहीं छुपाया गया था। जब-जब वजूखाने की सफाई होती थी तब ये दिखता था। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह शिवलिंग नहीं फव्वारा है और इसके ऊपर फव्वारे जैसा सुऱाख भी है। इसलिए इसे शिवलिंग कहना गलत है। लेकिन तस्वीरों में यह साफ दिख रहा है कि शिवलिंग के ऊपर अलग से कुछ पत्थर लगाकर इसे फव्वारे की शक्ल देने की कोशिश की गई है। दूसरी बात यह कि वजू के छोटे से हौज में इतने चौड़े पत्थर के फव्वारे की क्या जरूरत ? तीसरी बात यह कि अगर फव्वारा था तो चलता क्यों नहीं ? चौथी बात, सर्वे टीम का दावा है कि इस वजूखाने के पास नीचे जाने के लिए एक रास्ता भी है जो बंद है। इसके नीचे शिवलिंग का बाकी हिस्सा है। सवाल यह पूछा जा रहा है कि काले पत्थर का चार फुट चौड़ा फव्वारा क्या दुनिया के किसी औऱ मस्जिद के वजूखाने में भी लगा है ? इसके बारे में किसी के पास कोई जानकारी नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फव्वारे के लिए एक छोटा पाइप काफी होता है। उसके चारों तरफ डिजाइन हो सकता है। लेकिन अगर ये डिजाइन था तो उसे ईंट की 9 ईंच चौड़ी दीवार से छुपाने की क्या जरूरत थी ? लेकिन फिर भी अगर दावा ये है कि ये शिवलिंग नहीं फव्वारा है तो जांच का इंतजार करना चाहिए। जब वजूखाने के नीचे बने तहखाने में कैमरा जाएगा तो इसकी सच्चाई भी सामने आ जाएगी। ओवैसी ने एक औऱ बात कही। उन्होंने कहा कि जब मोदी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की नींव रखने आए तो उसी वक्त ज्ञानवापी परिसर में नंदी की मूर्ति को दफनाने की कोशिश की गई। उनका इल्जाम है कि ये सब साजिश है। पूरी तैयारी और प्लानिंग के साथ किया जा रहा है। इसका हिंदुओं की आस्था से कोई लेना-देना नहीं है। ओवैसी बैरिस्टर हैं लेकिन साथ-साथ वो एक चतुर राजनेता भी हैं। ओवैसी जानते हैं कि कहां कब क्या कहना है। नंदी की मूर्ति को दफननाने का इल्जाम ओवैसी एक मैगजीन में छपी रिपोर्ट के आधार पर लगा रहे हैं । लेकिन ओवैसी ने उन रिपोर्टस को नजरअंदाज कर दिया जो लाइव कैमरे दिखा रहे हैं। वाराणसी में इस जगह आनेवाले किसी भी शख्स को यह साफ दिखता है कि काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के पश्चिमी गेट के सामने नंदी की विशाल प्रतिमा है जिसका मुंह ज्ञानवापी के वजूखाने की तरफ है। इसी नंदी की प्रतिमा की सीध में 83 फीट की दूरी पर वजूखाने में शिवलिंग मिला है। जब इतनी भारीभरकम नंदी की प्रतिमा सैकड़ों साल से सामने खड़ी हो तो फिर जमीन में नंदी की छोटी सी मूर्ति दफनाने का क्या फायदा और क्या मतलब ? ऐसा नहीं है कि नंदी की ये मूर्ति नई है। सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोगों ने ज्ञानवापी परिसर के सामने नंदी की पुरानी तस्वीरें भी पोस्ट की हैं। इनमें से एक तस्वीर कम से कम 140 साल पहले 1880 में ली गई थी। इस फोटो को इस्कॉन के वाइस प्रेसीडेंट और प्रवक्ता राधारमण दास ने शेयर किया। इस तस्वीर के साथ उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के उस फरमान की फोटो भी डाली जिसमें उसने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का हुक्म जारी किया था। नंदी की मूर्ति की एक और तस्वीर है जिसे सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने ट्विटर पर शेयर किया है। इसके साथ कैप्शन लगाया है कि नंदी महाराज 400 साल से इंतजार कर रहे हैं । ज्ञानवापी विवाद में नंदी महाराज को भी अहम सबूत माना जा रहा है। इस तस्वीर को वर्ष 1890 में लिया गया था। इस तस्वीर में भी नंदी महाराज उसी जगह पर हैं। आसपास की चीजें वक्त के हिसाब से बदली हैं। पहले नंदी के ऊपर कोई छत नहीं थी फिर बाद में घासफूस की छत दिखी और उसके बाद एक स्ट्रक्चर भी बन गया था। ओवैसी ने जोर देकर कहा था, हमेशा से ज्ञानवापी मस्जिद थी.. है..और कयामत तक रहेगी। यानि ओवैसी ये कह रहे हैं कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई। लेकिन पुराने ऐतिहासिक आंकड़े ब्रिटिश शासकों द्वारा तैयार किए गए सरकारी गजट में दर्ज हैं। ओवैसी को इसे पढ़ना चाहिए। पेज नंबर 25 से पेज नंबर 75 तक काशी का प्रमाणिक इतिहास इसमें दर्ज है। गजेटियर में कहा गया है कि 9 अप्रैल 1669 को औरंगजेब ने काशी के फौजदार को काशी के दो मंदिरों विश्वनाथ और बिंदु माधव मंदिर को तोड़ने का फरमान जारी किया था। अब ये गजेटियर तो अभी नहीं लिखा गया। वैसे इस बात पर तो विवाद ही बेकार है कि काशी विश्वनाथ का मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई या नहीं। कुछ मुस्लिम नेता यह तर्क दे रहे हैं कि अगर औरंगजेब इतना विशाल मंदिर तोड़ सकता था तो उसने शिवलिंग क्यों छोड़ दिया ? उसे क्यों नहीं तोड़ा ? हिन्दुओं का जबाव है कि ज्ञानवापी मस्जिद के गुंबद मंदिर की दीवारों पर बने हैं। नंदी की मूर्ति मस्जिद के सामने है। शिवलिंग वजूखाने में है। ये सब उस वक्त के आक्रांताओं ने हिन्दुओं को अपमानित करने के लिए किया। हालांकि इन बातों का कानूनी विवाद से कोई लेना देना नहीं है। ये भावना और आस्था की बात है। जहां तक तथ्यों की बात है तो इतिहास की किताबें और दस्तावेज तो ये कहते हैं कि औरंगजेब ने 1645 में अहमदाबाद के चिंतामणि पार्शवनाथ मंदिर को तोड़ा। इसके बाद 1664 में ग्वालियर के सिद्धग्वाली मंदिर को तोड़ा। 1665 में उसने सोमनाथ मंदिर पर बुरी नजर डाली। 1666 में हरियाणा के पिजर में भीमादेवी मंदिर को तोड़ा फिर 1669 में काशी विश्वनाथ का ध्वंस किया। औरंगजेब ने 1670 में बृंदावन का गोविन्द देव मंदिर और मथुरा के केशव राज मंदिर को तोड़ा। 1685 में मध्य प्रदेश के मुरैना में चौसठ योगिनी मंदिर को भी औरंगजेब के द्वारा तोड़ने की बात इतिहास में दर्ज है। यह बहुत लंबी फेहरिस्त है। चूंकि ओवैसी कह रहे हैं कि ऐसे अगर लिस्ट निकालने बैठें तो आरएसएस तो तीस हजार मस्जिदों की लिस्ट लिए बैठा है। कहां तक मस्जिदों को खोएंगे। इसीलिए आगे की रणनीति बनाने के लिए अब ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। हालांकि ज्ञानवापी के मामले में मुस्लिम पक्ष का दावा कमजोर है। जो लोग ये कह रहे हैं कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत यह विवाद कानूनी तौर पर नहीं टिकेगा क्योंकि इस कानून के मुताबिक 1947 के वक्त जो धार्मिक स्थल जिस स्थिति में था, वैसा ही रहेगा.. उसका स्ट्रक्चर और नेचर नहीं बदला जा सकता। इन लोगों को पांचों हिंदू महिलाओं द्वारा दाखिल की गई याचिका को पढ़ना चाहिए। वाराणसी कोर्ट में इन महिलाओं द्वारा जो अपील की गई है उसमें यही कहा गया कि 1947 से 1991 तक ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार-गौरी की पूजा होती थी। अब फिर से रोज पूजा की इजाजत दी जाए। यह मांग कानून के हिसाब से गलत नहीं है। मुश्किल यह है कि एक विवाद खत्म नहीं होता कि दूसरा शुरू हो जाता है। मथुरा में भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थान और ईदगाह मस्जिद का विवाद है तो मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला विवाद है। ऐसे विवादों की श्रृंखला काफी लंबी है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 17 मई, 2022 का पूरा एपिसोड
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केरल की 2 हिंदू जुड़वा बहनें पांच दिन से गायब, CCTV फुटेज में दो लड़कों के साथ दिखीं
इलाके के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि ये दोनों लड़किया, दो अन्य समुदाय के लड़कों के साथ कहीं जा रही हैं। दोनों लड़के इन लड़कियों के साथ ही पढ़ते हैं और उनकी उम्र भी 14 साल है। पलक्कड़-थ्रिसुर हाइवे पर स्थित गांव में हुई इस घटना के बाद से तनाव का माहौल है।
पलक्कड़: केरल के पलक्कड़ जिले से एक बेहद ही चौंका देने वाली खबर सामने आई है। यहां स्थित अलाथुर से तीन नवंबर को 4 नाबालिग बच्चे गायब हो गए थे जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। गायब बच्चों में 14 साल की दो जुड़वा हिंदू लड़किया हैं। इलाके के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि ये दोनों लड़किया, दो अन्य समुदाय के लड़कों के साथ कहीं जा रही हैं। दोनों लड़के इन लड़कियों के साथ ही पढ़ते हैं और उनकी उम्र भी 14 साल है। पलक्कड़-थ्रिसुर हाइवे पर स्थित गांव में हुई इस घटना के बाद से तनाव का माहौल है।दोनों लड़कियों के साथ ही चुंडाककड़ के रहने वाले दो लड़के भी गायब है। ये सभी कक्षा 9 के ही छात्र हैं। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि ये सभी बुधवार (3 नवंबर, 2021) को शाम 3:30 बजे पलक्कड़ शहर में पहुंचे थे। पुलिस ने इनके माता-पिता के बयान आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है।अलाथुर के पुलिस इंस्पेक्टर रियाज चक्केरी ने बताया कि उनकी फोन डिटेल्स का पुलिस पता लगा रही है, ताकि उन्हें ट्रेस किया जा सके। KSRTC बस स्टैंड के सीसीटीवी से पता चला है कि वो लोग तमिलनाडु के लिए निकले हैं। पुलिस की जांच में ये भी पता चला कि लड़कियों ने अपनी एक सहेली को बताया था कि वो एक टूर प्लान कर रहे हैं लेकिन कहां जा रहे हैं ये बात नहीं बताई।पुलिस को इस बात की भी जानकारी मिली कि जुड़वां लड़कियों में से एक के पास मोबाइल फोन भी था जो कि पलक्कड बस स्टैंड जाने के बाद स्विच ऑफ हो गया। लड़कियों के घर वालों के मुताबिक उन्होंने बच्ची को मोबाइल नहीं दिलाया था ऐसे में पुलिस को ये भी पता करना है कि इस बच्ची के पास मोबाइल कहां से आया। पलक्कड के एसपी इस केस को देख रहे हैं। फिलहाल 3 स्पेशल टीम का गठन किया गया है जो तमिलनाडु के पोल्लाची और आस पास के इलाकों में इन चारों बच्चों को ढूंढ रही है।वहीं, आपको बता दें कि इसी साल 30 अगस्त को एक कॉलेज में पढ़ने वाली सूर्या कृष्णा नाम की एक लड़की अलाथुर से लापता हुई थी जिसका आज तक कोई पता नहीं चल पाया है। इससे पहले 22 मार्च 2018 को जसना जेम्स नाम की एक लड़की भी अलाथुर से लापता हुई थी उसका भी आज तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
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https://www.indiatv.in/india/politics/gyanvapi-masjid-case-congress-p-chidambaram-statement-it-is-not-right-to-change-the-status-of-religious-places-it-will-increase-tension-2022-05-14-850739
Gyanvapi Masjid Case: पी. चिदंबरम का बयान-'धार्मिक स्थलों का स्टेटस बदलना ठीक नहीं, इससे तनाव बढ़ेगा'
चिदंबरम ने कहा कि जो धार्मिक स्थल जिसके पास है उसी के पास रहे। राम जन्म भूमि का मामला अपवाद था। चिदंबरम ने एक प्रेस वार्ता के दौरान ये बातें कहीं।
Gyanvapi Masjid Case : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिंदबरम (P. Chidambaram ) ने ज्ञानवापी मस्जिद केस (Gyanvapi Masjid Case) पर कांग्रेस (Congress) का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों का स्टेटस बदलना ठीक नहीं है, ऐसा करने से तनाव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पूजा अधिनियम (Worship Act ) नरसिम्हा राव जी के सरकार के समय इसीलिए बना था कि धार्मिक जगहों का स्टेटस नहीं बदला जाए। जो धार्मिक स्थल जिसके पास है उसी के पास रहे। चिदंबरम ने कहा कि राम जन्म भूमि का मामला अपवाद था। चिदंबरम ने एक प्रेस वार्ता के दौरान ये बातें कहीं। उल्लेखनीय है कि आज एडवोकेट कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम चल रहा है। यह सर्वे स्थानीय कोर्ट के आदेश पर कराया जा रहा है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई जा रही है। मस्जिद के दो तहखानों का भी सर्वे हो रहा है और वीडियोग्राफी कराई जा रही है। कोर्ट ने 17 मई को सर्वे की रिपोर्ट सौपने का आदेश दिया है।इससे पहले उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में पी. चिदंबरम ने कहा कि महंगाई अस्वीकार्य स्तर तक बढ़ गई है। सरकार अपनी गलत नीतियों से महंगाई बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है और महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार बहुत सुस्त रही है। उन्होंन कहा कि विदेश के हालात से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है, सरकार इन घटनाक्रमों से निपटने के उपायों को लेकर अनभिज्ञ नजर आ रही है।
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https://www.indiatv.in/india/national-covid-vaccine-booster-dose-covishield-covaxin-sputnik-v-807239
Covid: क्या वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद Booster Dose की भी पड़ेगी जरूरत?
दुनियाभर में कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के खिलाफ जंग में बूस्टर डोज की भी जरूरत पड़ सकती है। भारत में भी बूस्टर डोज (Booster Dose) की जरूरत को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है।
नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन अभियान (Covid Vaccine) जारी है। कोरोना के खिलाफ जंग में भारत में जिन दवाओं को मंजूरी दी गई है (जॉनसन एंड जॉनसन के सिंगल डोज वाले टीके को छोड़कर), उनके दो डोज लगवाने जरूरी हैं। दुनियाभर में कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के खिलाफ जंग में बूस्टर डोज की भी जरूरत पड़ सकती है। भारत में भी बूस्टर डोज (Booster Dose) की जरूरत को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है।नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने टीके की बूस्टर खुराक देने पर विचार किया है और इसे बहुत गहराई से देखा जा रहा है। पॉल ने कहा कि इसे कार्य में प्रगति के रूप में लिया जाना चाहिए क्योंकि विज्ञान अब भी इस क्षेत्र में काम कर रहा है।कोविड-19 टीके की Booster Dose देने की जरूरत पर किए गए सवाल के जवाब में पॉल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने अपनी पिछली बैठक में टीके की Booster Dose लगाने के मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा, "मैं कहना चाहूंगा कि हम इस तरह की जरूरतों के लिए विज्ञान पर बहुत सावधानी से निगाह बनाए हुए हैं, वैश्विक कार्य के साथ-साथ आप जानते हैं कि देश में कुछ अध्ययन किए गए हैं और हम इसे बहुत गहराई से देख रहे हैं।"उन्होंने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, WHO ने Booster Dose पर रोक का आह्वान किया है, तो देखते हैं कि इसे कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों को पूरी सुरक्षा के लिए टीके की दूसरी खुराक लेनी चाहिए। पॉल ने कहा, "जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या जिनका कैंसर का इलाज चल रहा है, वे अपना टीकाकरण सुनिश्चित करें।"
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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-to-address-matua-dharma-maha-mela-2022-today-2022-03-29-841696
पीएम मोदी आज 'मतुआ धर्म महा मेला 2022' को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करेंगे
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ठाकुर ने स्वतंत्रता से पहले अविभाजित बंगाल में अपना पूरा जीवन वंचितों, दबे कुचले लोगों की बेहतरी के लिए समर्पित किया। उनके द्वारा अब के बांग्लादेश स्थित ओरकांडी में वर्ष 1860 में शुरू सामाजिक और धार्मिक आंदोलन से मतुआ धर्म की स्थापना हुई।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के श्रीधाम ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की प्रख्यात हस्ति श्री श्री हरिचंद ठाकुर की 211 जयंती पर आयोजित ‘ मतुआ धर्म महा मेला’ को आज यानी मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि ठाकुर ने स्वतंत्रता से पहले अविभाजित बंगाल में अपना पूरा जीवन वंचितों, दबे कुचले लोगों की बेहतरी के लिए समर्पित किया। उनके द्वारा अब के बांग्लादेश स्थित ओरकांडी में वर्ष 1860 में शुरू सामाजिक और धार्मिक आंदोलन से मतुआ धर्म की स्थापना हुई। बता दें कि, अखिल भारतीय मतुआ महासंघ ने ‘मतुआ धर्म महा मेला-2022’का आयोजन 29 मार्च से पांच अप्रैल के बीच किया है। मोदी ने ट्वीट कर रेखांकित किया कि वर्ष 2019 में उन्हें ठाकुरनगर जाने का मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस यात्रा को कभी नहीं भूल सकता है। यह बहुत विशेष थी कि बोरो मां बिनापानी ठाकुर का आशीर्वाद मिला।’’ प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही पिछले साल बांग्लादेश यात्रा के दौरान ओराकांडी ठाकुरबाड़ी में दिए भाषण का लिंक भी साझा किया है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-bye-election-results-will-answer-many-future-questions-753151
भविष्य की सियासत के संकेत और कई बड़े सवालों के जवाब देंगे यूपी उपचुनाव के नतीजे
इन नतीजों से जहां कोरोना संकट के दौरान सरकार व भाजपा संगठन की तरफ से किए गए कामों के दावों का सच सामने आएगा, वहीं विपक्ष की तरफ से सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दों का असर भी दिखेगा।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इन दिनों हुई सियासी उठापटक के बीच आ रहे उपचुनाव के नतीजे भविष्य की सियासत के संकेत देंगे। वर्तमान परिस्थितियों तथा समीकरणों ने उपचुनाव के नतीजों को अहम बना दिया है। राज्यसभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच जो कुछ हुआ, वह भी सियासी रूख तय करेगा। सत्ता पक्ष को लगता है कि राममंदिर के रूप में उसके पास मजबूत विकल्प पहले से मौजूद हैं।क्या भाजपा के काम के दावों पर लगेगी मुहर?इन नतीजों से जहां कोरोना संकट के दौरान सरकार व भाजपा संगठन की तरफ से किए गए कामों के दावों का सच सामने आएगा, वहीं विपक्ष की तरफ से सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दों का असर भी दिखेगा। उपचुनाव के पहले प्रदेश में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम हुए। मसलन, राज्यसभा चुनाव में नौ सदस्य निर्वाचित कराने की ताकत होते हुए भी भाजपा का सिर्फ आठ उम्मीदवार उतारना। बसपा का आश्चर्यजनक तरीके से एक उम्मीदवार का पर्चा भरवाना तथा सपा का बसपा विधायकों में तोड़फोड़ कराना।लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इन दिनों हुई सियासी उठापटक के बीच आ रहे उपचुनाव के नतीजे भविष्य की सियासत के संकेत देंगे। वर्तमान परिस्थितियों तथा समीकरणों ने उपचुनाव के नतीजों को अहम बना दिया है। राज्यसभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच जो कुछ हुआ, वह भी सियासी रूख तय करेगा। सत्ता पक्ष को लगता है कि राममंदिर के रूप में उसके पास मजबूत विकल्प पहले से मौजूद हैं।क्या भाजपा के काम के दावों पर लगेगी मुहर?सियासी पार्टियों के रिश्तों भी होंगे तयसात सीटों के परिणाम से ये संकेत भी सामने आएंगे कि प्रदेश के भविष्य की सियासत और सियासी पार्टियों के रिश्तों तथा उनके संभावित समीकरणों की दिशा व दशा क्या होगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस सियासी बिसात पर भाजपा के खिलाफ अपने मोहरे अलग-अलग ही चलने वाले हैं या कोई किसी से मिलकर खेल खेलेगा।2022 चुनाव से पहले सेमीफाइनलवरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय बताते हैं कि वैसे उपचुनाव को सत्ता पक्ष का माना जाता है। लेकिन जब 2022 में मुख्य चुनाव होने हैं, ऐसे में इस उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है। यदि सत्तारूढ़ दल को सफलता मिलेगी तो उसे अपने कामकाज पर भरोसा होगा। वहीं अगर विपक्ष को सफलता मिलेगी तो कार्यकतार्ओं का मनोबल बढ़ेगा। आगे आने वाले समय में यह चुनाव नतीजे सियासी सफर की तस्वीर को साफ करेंगे।विपक्ष के सवालों में कितना असर?उन्होंने बताया कि कुछ घटनाओं को लेकर विपक्ष की तरफ से ब्राह्मणों की उपेक्षा व उत्पीड़न को लेकर सरकार की घेराबंदी तथा हाथरस जैसी घटनाओं के सहारे विपक्ष, खास तौर से कांग्रेस व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की पार्टी का सरकार को कठघरे में खड़ा करना तथा कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उठाए गए सवालों का जनता में असर भी इन नतीजों से सामने आएगा। पता चलेगा कि कांग्रेस के सड़कों पर संघर्ष तथा राहुल गांधी व प्रियंका गांधी वाड्रा की यूपी में सक्रियता का जनता में कुछ असर हुआ है या नहीं।कौन है मुख्य विपक्षी दल?अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा स्वयं को स्वाभाविक रूप से मुख्य विपक्षी दल मानती है। पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर यह दावा बसपा भी करने लगी है। लेकिन इधर प्रियंका गांधी वाड्रा की कांग्रेस भी सड़क पर कूदकर अपनी दावेदारी मजबूत कर रही है। अब तीनों खुद को एक दूसरे पर बीस साबित करने के प्रयास में लगे है। इस कारण उपचुनाव के नतीजे बहुत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-nia-raid-at-several-places-in-jammu-kashmir-terror-funding-806749
Terror Funding: जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर NIA की छापेमारी
NIA CRPF के साथ मिलकर 40 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर रही है। कई संगठनों के दफ्तरों से लेकर उनके बड़े-बड़े नेताओं के घरों तक रेड पड़ी है।
श्रीनगर. टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में NIA बड़ा ऑपरेशन चला रही है। NIA CRPF के साथ मिलकर 40 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर रही है। कई संगठनों के दफ्तरों से लेकर उनके बड़े-बड़े नेताओं के घरों तक छापेमारी की गई है। NIA की ये रेड बैन किए गए संगठन जमात-ए-इस्लामी से कनेक्शन रखने वालों के ठिकानों पर हो रही है।सूत्रों ने बताया कि जमात-ए-इस्लामी के सीनियर सदस्यों के साथ-साथ नौगांव में फलाह-ए-आम ट्रस्ट पर एनआईए ने छापेमारी की है। कुछ ही दिन पहले हिजबुल मुजाहिदीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन के दोनों बेटों सैयद अहमद शकील और शाहिद यूसुफ को टेरर फंडिंग के आरोप में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि NIA के टारगेट पर फलाह-ए-आम ट्रस्ट भी है, इस ट्रस्ट के नौगाम वाले दफ्तर पर भी रेड डाली गई हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-rahul-gandhi-s-haryana-visit-cut-short-to-single-day-745502
राहुल गांधी की हरियाणा यात्रा घटाई गई, अब वह एक दिन हरियाण में रहेंगे
नये कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के तहत पूर्व निर्धारित उनकी दो दिवसीय हरियाणा यात्रा में बदलाव किया गया है और अब वह मंगलवार को एक दिन के लिए राज्य का दौरा करेंगे।
चंडीगढ़: नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के तहत पूर्व निर्धारित उनकी दो दिवसीय हरियाणा यात्रा में बदलाव किया गया है और अब वह मंगलवार को एक दिन के लिए राज्य का दौरा करेंगे। गांधी ने पिछले ही महीने संसद से पारित और राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त विवादास्पद कानूनों के खिलाफ रविवार और सोमवार को पंजाब में ट्रैक्टर रैलियां की थीं। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सोमवार शाम को ट्वीट किया, ‘‘ राहुल गांधी जी की हरियाणा यात्रा दो दिनों के बजाय अब एक दिन के लिए होगी।’’ उन्होंने कहा कि गांधी मंगलवार सुबह दस बजे पंजाब से हरियाणा के पिहोवा में दाखिल होंगे तथा बाद में कुरुक्षेत्र जायेंगे जहां उनकी ‘खेती बचाओ यात्रा’ का समापन होगा। प्रदेश कांग्रेस द्वारा पहले बताये गये कार्यक्रम के हिसाब से गांधी को बुधवार करनाल में एक सभा को संबोधित करना था। सोमवार को हरियाणा सरकार ने कहा कि गांधी राज्य में थोड़े से लोगों को ला सकते हैं लेकिन वह पंजाब से भारी भीड़ को अनुमति नहीं देगी क्योंकि इससे वातावरण ‘बिगड़’ सकता है।हरियाणा में नए कृषि कानूनों के खिलाफ राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली से पहले राज्य की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि कांग्रेस नेता राज्य में थोड़े लोगों को लेकर आ सकते हैं, लेकिन पंजाब से बड़ी भीड़ को लाने की इजाजत नहीं होगी, जिससे माहौल "खराब" हो सकता है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि गांधी को अपना नजरिया रखने का अधिकार है, लेकिन "अगर वह पंजाब से बड़े जुलूस के साथ आते हैं, तो हम उसकी अनुमति नहीं देंगे।" खट्टर ने कहा कि किसी को भी माहौल खराब करने या कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। विपक्षी पार्टी के मंगलवार से दो दिवसीय प्रस्तावित प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, " अगर वह चाहते हैं कि राज्य के कुछ लोगों के संग उनका कार्यक्रम हो, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है। “ वह राज्य के गृह मंत्री अनिल विज के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब दे रहे थे। विज ने कहा है कि सरकार गांधी को पंजाब की बड़ी भीड़ के साथ राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं देगी और कांग्रेस नेता "अकेले या थोड़े लोगों" के साथ आ सकते हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-massive-fire-breaks-out-at-chemical-factory-at-sangareddy-in-telangana-735519
तेलंगाना: संगारेड्डी में केमिकल फैक्ट्री में भयंकर आग, बहुत दूर से दिखाई दे रही हैं लपटें
आग की लपटें बहुत दूर तक दिखाई दे रही हैं। कंपनी में बड़े-बड़े ड्रमों में केमिकल भरकर रखा हुआ था, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल गई।
संगारेड्डी. तेलंगाना के संगारेड्डी जिले की एक केमिकल फैक्ट्री में भयंकर आग लगी है। बताया जा रहा है कि ये केमिकल फैक्ट्री संगारेड्डी जिले के बोन्तुपल्ली इलाके के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित हैं। आग की लपटें बहुत दूर तक दिखाई दे रही हैं। कंपनी में बड़े-बड़े ड्रमों में केमिकल भरकर रखा हुआ था, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल गई। इस वक्त आग को बुझाने के लिए कई दमकल विभाग की गाड़ियां घटना स्थल पर पहुंची हुई हैं।श्रीशैलम पनबिजली संयंत्र में आग लगने की जांच सीआईडी ने अपने हाथों में लीसंगारेड्डी. तेलंगाना के संगारेड्डी जिले की एक केमिकल फैक्ट्री में भयंकर आग लगी है। बताया जा रहा है कि ये केमिकल फैक्ट्री संगारेड्डी जिले के बोन्तुपल्ली इलाके के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित हैं। आग की लपटें बहुत दूर तक दिखाई दे रही हैं। कंपनी में बड़े-बड़े ड्रमों में केमिकल भरकर रखा हुआ था, जिसकी वजह से आग तेजी से फैल गई। इस वक्त आग को बुझाने के लिए कई दमकल विभाग की गाड़ियां घटना स्थल पर पहुंची हुई हैं।तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम पनबिजली संयंत्र में 20 अगस्त को आग लगने की घटना की जांच शनिवार को अपराध जांच शाखा (सीआईडी) ने अपने हाथों में ले ली। घटना में नौ लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे। मृतकों में अधिकतर इंजीनियर थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी, गोविंद सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने अधिकारियों के एक दल के साथ शनिवार को दुर्घटनास्थल का मुआयना किया।सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था जिसे सीआईडी को सौंप दिया गया है। भूमिगत संयंत्र के इलेक्ट्रिक पैनलों में आग लगने के बाद घने धुएं के कारण 12 घंटे तक बचाव अभियान बाधित था। शुक्रवार दोपहर तक नौ शव निकाले गए थे। अधिकारियों ने कहा था कि संयंत्र के भीतर फंसे लोग आग बुझाने के प्रयास में काल के गाल में समा गए।इस हादसे में मारे गये दो इंजीनियर सुंदर नायक एवं पवन कुमार हाल में कोविड-19 से उबर कर आये थे। डिवीजनल इंजीनियर कुमार और सहायक इंजीनियर नायक हाल में कोरोना वायरस से संक्रमण मुक्त हुए थे। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को घटना की जांच सीआईडी से कराने का आदेश दिया था।
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https://www.indiatv.in/india/politics-sanjay-singh-house-soot-blowing-defaced-aap-rajya-sabha-mp-ayodhya-ram-mandir-land-deal-796260
AAP सांसद संजय सिंह के घर पर कुछ लोगों ने कालिख पोती
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर पर कुछ लोगों ने आज कालिख पोत दी। यह घटना संजय सिंह के नॉर्थ एवेन्यू स्थित घर पर हुई।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के घर पर कुछ लोगों ने आज कालिख पोत दिया। यह घटना संजय सिंह के नॉर्थ एवेन्यू स्थित घर पर हुई। संजय सिंह ने इस मामले को अयोध्या लैंड डील से जोड़ा है। आपको बता दें कि संजय सिंह राम जन्मभूमि ट्रस्ट के द्वारा खरीदी गई जमीन में खोटाले का आरोप लगाते आ रहे हैं। संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि मेरे घर पर हमला हुआ है। उन्होंने लिखा-'कान खोलकर सुन लो भाजपाइयों चाहे जितनी गुंडागर्दी कर लो प्रभु श्री राम के नाम पर बनने वाले मंदिर में चंदा चोरी नही करने दूँगा। इसके लिए चाहे मेरी हत्त्या हो जाय।'
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https://www.indiatv.in/india/national-is-pakistan-planning-another-terrorist-attack-in-india-736160
भारत में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहा है पाकिस्तान? रावलपिंडी में जैश और ISI के बीच हुई मीटिंग
पिछले साल14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले से पहले ठीक एक महीने पहले इसी तरह की मीटिंग की गई थी इसलिए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की तैयारी शुरू कर चुका है।
नई दिल्ली. क्या पाकिस्तान ने बालाकोट से कुछ नहीं सीखा? क्या पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक से कोई सबक नहीं लिया? क्या पाकिस्तान को एक बार फिर दहलाने की ज़रूरत है? दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान एक बार फिर भारत पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। इंटेलीजेंस ऐजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक 20 अगस्त को पाकिस्तान के रावलपिंडी में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI के बीच एक मीटिंग हुई हैं। इस मीटिंग में भारत पर आतंकी हमले करने को लेकर प्लानिंग की गई।पढ़ें- सऊदी अरब की नाराजगी पाकिस्तान को पड़ी भारी! जानिए हर हाल में क्यों डैमेज कंट्रोल चाहती है पाकिस्तान आर्मीपिछले साल 14 फरवरी को हुआ था पुलवामा अटैकपिछले साल14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले से पहले ठीक एक महीने पहले इसी तरह की मीटिंग की गई थी इसलिए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की तैयारी शुरू कर चुका है। इस जानकारी के मिलने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। रावलपिंडी में हुई इस मीटिंग में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI के साथजैश-ए-मोहम्मद, मजलिस-ए-शूरा और हरकतुल मुजाहिद्दीन के आतंकी मौजूद थे। पढ़ें- क्या चीन का गुलाम बन गया है पाकिस्तान?ISI ने जैश के साथ की मीटिंगइस मीटिंग में ISI के 2 सीनियर अधिकारियों के साथ जैश ए मोहम्मद की तरफ से आतंकी मसूद अजहर का भाई आतंकी मौलाना अब्दुल रऊफ अशगर और मौलाना अम्मार मौजूद था। मसूद अज़हर के बीमार होने की वजह से आजकल जैश की ज़िम्मेदारी रऊफ अशगर संभाल रहा है। रऊफ अशगर कश्मीरी गुरिल्ला फोर्स का कमांडर है। इससे पहले आतंकी संगठन हरकतउल मुजाहिद्दीन के मजलिस ए शूरा का मेंबर भी था। बाद में इसने अपने आतंकी साथियों के साथ जैश ए मोहम्मद को ज्वॉइन कर लिया। मौलाना अम्मार वही आतंकी है, जिसने बालाकोट में एयर स्ट्राइक होने के बाद एक ऑडियो क्लिप जारी करते हुए भारत से बदला लेने की धमकी दी थी।मीटिंग में कारी जरार था मौजूदइनके अलावा मीटिंग में आतंकी कारी जरार भी मौजूद था। कारी जरार पीओके में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड का कमांडर है। ये 2016 में हुए नगरोटा आर्मी कैंप पर हुआ आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी है। रावलपिंडी में हुई इस मीटिंग की प्लानिंग इस्लामाबाद में जैश मरकज के आंतकियों ने की थी। ये मीटिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पुलवामा हमले के एक महीने पहले भी पाकिस्तान में ठीक ऐसी ही बैठक हुई थी। पुलवामा हमले में दायर की गई NIA की चार्जशीट को आधार बनाया जाये तो ये बात साफ होती है कि पाकिस्तानी ऐजेंसी ISI और जैश-ए-मोहम्मद ही पुलवामा हमले के सबसे बड़े गुनहगार हैं।इस बार बड़ी साजिश रच रहा है पाकिस्तान?किसी भी आतंकी वारदात के लिए तीन चीजें अहम होती हैं- पहला आतंकी, दूसरा पैसा और तीसरा विस्फोटक। आतंकियों की इस बार की साजिश बहुत बड़ी हो सकती है। इसमें सरहद पार से भी आतंकी आ सकते हैं और उनके जो लोकल मददगार होते हैं, उनके साथ मिल कर किसी बड़े वारदात को अंजाम दे सकते हैं। टेरर फंडिंग की एक खास किस्म की खुफिया चेन बनी हुई है और विस्फोटक का जखीरा जमा करने के लिए भी तरीका भी बहुत खरतनाक होता है।सरहद पार कर भारत में प्रवेश करते हैं पाकिस्तानी आतंकी अगर जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकी वारदात को अंजाम देना होता है तो वो पाकिस्तान से आए आतंकियों के बगैर नहीं होता। प्लानिंग के तहत आतंकियों को सरहद पार कराया जाता है और फिर पाकिस्तान से आए आतंकी कश्मीर के लोकल आतंकियों को साथ लेकर किसी भी आतंकी वारदात को अंजाम देते हैं, वहीं अगर कश्मीर के बाहर देश में कहीं और हमला करना हो तो अपने लोकल मॉड्यूल के जरिए इसे ऑपरेट करवाते हैं।पुलवामा हमले के गुनाहगारपुलवामा हमले में जैश-ए- मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अज़हर और उसका भाई रउफ असगर को हमले का मास्टरमाइंड था लेकिन अम्मार अल्वी ने हमले की पूरी प्लानिंग तैयार की, जो इस समय पाकिस्तान में बैठा है जबकि पुलवामा में आत्मघाती हमले की ज़िम्मदारी आदिल अहमद डार और समीर को दी गई थी। इसके अलावा आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को एनकाउंटर में मारा जा चुका है।पुलवामा में हुआ था भारी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमालपुलवामा हमले में 200 किलोग्राम विस्फोटक का इस्लेमाल किया गया था। पाकिस्तान के आतंकियों के पास सुसाइड बॉम्बर नहीं था। इसलिए आतंकियों ने आदिल डार को बॉम्बर बनाया। मसूद अजहर की स्पीच सुनाकर आदिल डार का ब्रेनबॉश किया गया और फिर उसे सुसाइड बॉम्बर बनाया। आदिल डार कश्मीर का रहने वाला था। इस हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक के रूप में पूरी दुनिया ने भारत का जवाब भी देखा लेकिन पाकिस्तान है कि सुधरने को तैयार ही नहीं है। बालाकोट की तबाही के बाद भारत पर हमले की प्लानिंग के लिए 100 बार सोचता।
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https://www.indiatv.in/india/national-haryana-no-confidence-motion-manohar-lal-khattar-jjp-mla-statement-777284
हरियाणा में खट्टर की अग्नि परीक्षा, क्या JJP के विधायक बन जाएंगे मुसीबत?
विधायक देवेंद्र सिंह बबली के तेवर बहुत सख्त हैं। उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने को कहा है। देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि सरकार का साथ छोड़ने चाहिए, जनता हमारे से नाखुश है। अगर किसानों का मामला हल नहीं होता है तो अब जेजेपी को सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए।
चंडीगढ़. हरियाणा में आज बीजेपी की अग्निपरीक्षा है। सवाल है खट्टर का क्या होगा, अविश्वास प्रस्ताव पर नंबर गेम में क्या खट्टर बाज़ी मारेंगे ये सभी जानना चाहते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यत चौटाला पूरे आत्म विश्वास में हैं लेकिन खट्टर सरकार के लिए मुश्किलें कम नहीं हैं। दरअसल जेजेपी के कुछ विधायक सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं। विधायक देवेंद्र सिंह बबली के तेवर बहुत सख्त हैं। उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने को कहा है। देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि सरकार का साथ छोड़ने चाहिए, जनता हमारे से नाखुश है। अगर किसानों का मामला हल नहीं होता है तो अब जेजेपी को सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए।पढ़ें- महाशिवरात्रि से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने retweet किया ये वीडियो, आप भी हो जाएंगे इन सिंगर्स के फैनहालांकि जेजेपी के सभी विधायकों का ये हाल नहीं है। कुछ विधायक बीच का रास्ता निकालने की बात भी करते हैं। जेजेपी के विधायक राम कुमार गौतम ने कृषि कानून टालने की अपील की है। हालांकि वो अविश्वास प्रस्ताव के ख़िलाफ हैं। राम कुमार गौतम ने कहा कि वो पूरी तरह से अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हैं और किसानों के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, "मैं मोदी साहब से कहता हूं, मोदी साहब तूने जो काम किए हैं, किसी माई के लाल में हिम्मत नहीं थी वो काम करने की। अगर मोदी साब आपकी ये मजबूरी है कि आप ये कानून वापस नहीं ले सकते हो, कोई ऐसी मजबूरी है खास, डेढ़ साल के लिए तो आप होल्ड पर रखने के लिए कह ही रहे हो, मैं कहता हूं आप 3 साल 2 महीने के लिए जबतक नेकस्ट इलेक्शन आता है तबतक होल्ड पर रख लो। मैं सरकार के साथ हूं।मैं खट्टर के साथ हूं। मैं किसान के साथ हूं।"पढ़ें- दरोगा के बेटे ने साथियों के साथ किया गैंगरेप! कक्षा 8 में पढ़ती है लड़कीमंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कांग्रेस पर उठाए सवालहरियाणा के मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने भी कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस ने सिर्फ सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ खबरों में रहना चाहती थी, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। पिछले 15-20 दिन में वो खबरों में भी रही है। सरकार को लेकर जनता में पूरा विश्वास है। कर्म से पता चलेगा कि किसान का हितैषी कौन है, भाषणों से पता नहीं चलेगा। केवल भाषण किसान का पेट नहीं भर सकता। हम किसान के हितैषी हैं, ये किसान को बहकाने का काम कर रहे हैं।चंडीगढ़. हरियाणा में आज बीजेपी की अग्निपरीक्षा है। सवाल है खट्टर का क्या होगा, अविश्वास प्रस्ताव पर नंबर गेम में क्या खट्टर बाज़ी मारेंगे ये सभी जानना चाहते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यत चौटाला पूरे आत्म विश्वास में हैं लेकिन खट्टर सरकार के लिए मुश्किलें कम नहीं हैं। दरअसल जेजेपी के कुछ विधायक सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं। विधायक देवेंद्र सिंह बबली के तेवर बहुत सख्त हैं। उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने को कहा है। देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि सरकार का साथ छोड़ने चाहिए, जनता हमारे से नाखुश है। अगर किसानों का मामला हल नहीं होता है तो अब जेजेपी को सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेना चाहिए।पढ़ें- महाशिवरात्रि से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने retweet किया ये वीडियो, आप भी हो जाएंगे इन सिंगर्स के फैनहालांकि जेजेपी के सभी विधायकों का ये हाल नहीं है। कुछ विधायक बीच का रास्ता निकालने की बात भी करते हैं। जेजेपी के विधायक राम कुमार गौतम ने कृषि कानून टालने की अपील की है। हालांकि वो अविश्वास प्रस्ताव के ख़िलाफ हैं। राम कुमार गौतम ने कहा कि वो पूरी तरह से अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हैं और किसानों के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, "मैं मोदी साहब से कहता हूं, मोदी साहब तूने जो काम किए हैं, किसी माई के लाल में हिम्मत नहीं थी वो काम करने की। अगर मोदी साब आपकी ये मजबूरी है कि आप ये कानून वापस नहीं ले सकते हो, कोई ऐसी मजबूरी है खास, डेढ़ साल के लिए तो आप होल्ड पर रखने के लिए कह ही रहे हो, मैं कहता हूं आप 3 साल 2 महीने के लिए जबतक नेकस्ट इलेक्शन आता है तबतक होल्ड पर रख लो। मैं सरकार के साथ हूं।मैं खट्टर के साथ हूं। मैं किसान के साथ हूं।"पढ़ें- दरोगा के बेटे ने साथियों के साथ किया गैंगरेप! कक्षा 8 में पढ़ती है लड़कीमंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कांग्रेस पर उठाए सवालपढ़ें- Ayushman Card PMJAY: आज से शुरू हो रहा है आयुष्मान पखवाड़ा, जानिए कैसे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड
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https://www.indiatv.in/india/politics-coronavirus-third-wave-could-be-worse-says-rahul-gandhi-797673
राहुल गांधी ने कहा, कोरोना की तीसरी लहर में हालत और बदतर होगी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि भारत में तीसरी लहर में स्थिति और भी खराब होने वाली है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर तो खराब थी ही, और इस दौरान मरने वालों की संख्या दिए गए आंकड़े से 5 से 6 गुना ज्यादा हो सकती है।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि भारत में तीसरी लहर में स्थिति और भी खराब होने वाली है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर तो खराब थी ही, और इस दौरान मरने वालों की संख्या दिए गए आंकड़े से 5 से 6 गुना ज्यादा हो सकती है। राहुल गांधी अपनी वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरोना से हुई मौतों पर डेटा की हेराफेरी पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘यह निश्चित है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सच छुपा रही है। मेरे विचार से मरने वालों की संख्या रिपोर्ट किए गए आंकड़े से 5 से 6 गुना ज्यादा है, लेकिन अब इस पर बहस करने से कोई फायदा नहीं है।’‘तीसरी लहर और भी खराब होने वाली है’राहुल ने सरकार को आगाह करते हुए कहा, ‘पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने वाली है। वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है। इसीलिए हम सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह अभी से पूरी तैयारी करे।’ उन्होंने कहा, ‘महामारी खत्म होने के बाद हम सरकार पर हमला कर सकते हैं कि आपने आंकड़ों को लेकर झूठ क्यों बोला। लेकिन अभी यह सवाल पूछने का वक्त नहीं है। आज मैं फिर से इस बात को दोहरा रहा हूं कि दूसरी लहर तो खराब थी ही, लेकिन तीसरी लहर और भी खराब होने वाली है। इसलिए टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वायरस को फिर से पनपने न दिया जाए।’‘...तब प्रधानमंत्री उनके साथ नहीं खड़े थे’पिछले दिनों डॉक्टरों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक हो जाने से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘ प्रधानमंत्री के आंसू इन परिवारों के आंसू नहीं पोंछ सकते। वे परिवार जानते हैं कि जब लोगों की मौत हो रही थी तो प्रधानमंत्री उनके साथ नहीं खड़े थे। उनके आंसू लोगों को नहीं बचा सके। लोगों की जान ऑक्सीजन से बच सकती थी जो उन्हें समय पर नहीं मिली। प्रधानमंत्री तो पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे थे। इस देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन बहुत सारे लोगों की, ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई। ऐसे कई परिवारों को मैं जानता हूं।’
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https://www.indiatv.in/india/national/today-10-april-2022-breaking-news-in-hindi-pm-modi-bjp-amit-shah-imran-khan-pakistan-congress-political-latest-update-news-844078
Today 10 April 2022 Breaking News: पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरें और रहिए हर वक्त अपडेट
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भारत के विदेश सचिव ने नगरोटा आतंकी हमले पर कई देशों के राजदूतों को दी जानकारी
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को नगरोटा में आतंकियों से मुठभेड़ के बारे में कुछ देशों के राजदूतों के साथ जानकारी साझा की। हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि इस घटना के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।
नई दिल्ली: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को नगरोटा में आतंकियों से मुठभेड़ के बारे में कुछ देशों के राजदूतों के साथ जानकारी साझा की। हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि इस घटना के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। हथियारों से पता चला कि यह पाकिस्तान से चल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे। मिशन के प्रमुखों को इस घटना का विवरण देते हुए एक विस्तृत सूचना डॉक्यूमेंटस प्रदान किए गए थे। इसमें वस्तुओं और हथियारों की सूची थी जो आतंकवादियों से बरामद किए गए थे जो स्पष्ट रूप से उनके पाकिस्तानी होने का संकेत दे रहे थे।राजदूतों को इस बात की भी जानकारी दी गई थी कि आतंकवादी भारत में कैसे आए जो अब सांबा सेक्टर में एक भूमिगत सुरंग की खोज के माध्यम से स्पष्ट है। यह उनके साथ साझा किया गया कि कैसे पुलिस और खुफिया अधिकारियों द्वारा प्रारंभिक जांच, बरामद एके47 राइफल्स और अन्य वस्तुओं पर चिह्नों ने हमें यह विश्वास दिलाया कि आतंकवादी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के थे।जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर बृहस्पतिवार को हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के चार संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे। मारे गए आतंकवादियों के पास से 11 एके राइफल, तीन पिस्तौल, 24 मैगजीन, 29 ग्रेनेड, छह यूबीजीएल ग्रेनेड बरामद हुए हैं। इसके अलावा उनके पास से भारी मात्रा में दवाएं, विस्फोटक सामग्री, तारों के बंडल, इलेक्ट्रोनिक सर्किट और थैले बरामद हुए हैं। अधिकारियो ने बताया था, ''बीते कुछ साल में पहली बार, मारे गए आतंकवादियों के पास से इतनी भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए है।''
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https://www.indiatv.in/india/national-nia-files-charge-sheet-in-bhima-koregaon-elgar-case-746352
भीमा-कोरेगांव मामले में NIA ने दाखिल की चार्जशीट, गौतम नवलखा सहित आरोपियों के नाम
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)ने भीमा कोरेगांव मामले में विशेष NIA अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है और चार्जशीट में षडयंत्र के लिए 8 आरोपियों के नाम दिए गए हैं।
नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)ने भीमा कोरेगांव मामले में विशेष NIA अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है और चार्जशीट में षडयंत्र के लिए 8 आरोपियों के नाम दिए गए हैं। 8 आरोपियों के नाम इस तरह से हैं, गौतम नवलखा, आनंत तेलदुम्बडे, हनी बाबू, सागर गोरखे, रमेश गईचोर, ज्योती जगताप, फादर स्टैन स्वामी और मिलिंद तेलतुम्बडे।चार्जशीट में कहा गया है कि दिसंबर 2017 में पुणे के शनिवारवाड़ा में हुए एल्गार परिषद के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए जिससे महाराष्ट्र के अलग-अलग जातीय वर्गों में शत्रुता बढ़ी और हिंसा हुई जिसमें राज्य की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। चार्जशीट में कहा गया है कि जांच में पता चला कि प्रतिबंधित सीपीआई के वरिष्ठ नेता एल्गार परिषद के आयोजकों के साथ संपर्क में थे ताकि गैर कानूनि गतिविधियों के जरिए माओवाद और नक्सलवाद की विचारधारा को फैलाया जा सके।भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा की भूमिका और भागीदारी को उजागर करते हुए, एनआईए ने अपने आरोप पत्र में दावा किया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि उसके सीपीआई (माओवादी) कैडरों के बीच गुप्त संचार हुआ था। एनआईए ने कहा, "नवलखा को सरकार के खिलाफ बुद्धिजीवियों को एकजुट करने का काम सौंपा गया था। वह कुछ तथ्य-खोज समितियों का हिस्सा थे और उन्हें सीपीआई (माओवादी) की गुरिल्ला गतिविधियों के लिए कैडर भर्ती करने का काम सौंपा गया था।" एजेंसी ने कहा, "इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ भी उनके संबंध सामने आए हैं।"एनआईए ने यह भी कहा कि बाबू सीपीआई (माओवादी) क्षेत्रों में विदेशी पत्रकारों की यात्राओं के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और उसे रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के वर्तमान और भविष्य के कार्य सौंपे गए थे। बाबू प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, मणिपुर की कुंगलपाक कंगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी) के संपर्क में था और दोषी अभियुक्त जी. एन. साईबा सीपीआई (माओवादी) के निर्देशों पर चल रहा था और उसी के लिए धन जुटा रहा था।एनआईए ने इस साल 28 जुलाई को बाबू को नोएडा स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था, जबकि नवलखा को 14 अप्रैल को आनंद तेलतुम्बडे के साथ गिरफ्तार किया गया था। स्वामी की भूमिका का हवाला देते हुए, जिसे गुरुवार रात रांची से गिरफ्तार किया गया था और शुक्रवार को मुंबई में एक अदालत के समक्ष पेश किया गया था, एनआईए ने कहा कि वह एक सीपीआई (माओवादी) कैडर है और उसकी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। आरोप पत्र में कहा गया है कि स्वामी अन्य सीपीआई (माओवादी) कैडरों के साथ संचार में थे।एनआईए ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी ने अपनी गतिविधियों के लिए अन्य माओवादी कैडरों से धन प्राप्त किया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह सीपीआई (माओवादी) के फ्रंटल संगठन पीपीएससी का संयोजक है। एजेंसी ने कहा, "भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए संचार से संबंधित दस्तावेजों और प्रचार सामग्री को जब्त कर लिया गया है।"आरोपपत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि आनंद तेलतुम्बडे, नवलखा, बाबू, गोरखे, गाइचोर, जगताप और स्वामी ने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर भाकपा (माओवादी) की विचारधारा को आगे बढ़ाया और कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असहमति पैदा करते हुए विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति और समुदाय को लेकर दुश्मनी को बढ़ावा दिया। एनआईए ने आरोप पत्र में दावा किया, "फरार आरोपी मिलिंद ने अन्य आरोपी व्यक्तियों को हथियार प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए।"इस मामले में एनआईए ने इस साल 24 जनवरी को मामला दर्ज किया था। मालूम हो कि पुणे के पास भीमा कोरेगांव में एक युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा भड़क गई थी। इसके एक दिन पहले ही पुणे शहर में हुए एल्गार परिषद सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर उकसाने वाले भाषण दिए गए थे। पुणे पुलिस ने इस मामले में क्रमश: 15 नवंबर, 2018 और 21 फरवरी, 2019 को एक आरोप पत्र और एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए ने सात सितंबर को गोरखे और गाइचोर को गिरफ्तार किया था। (With inputs from IANS)
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https://www.indiatv.in/india/national-cbi-raids-on-multiple-locations-in-connection-with-army-recruitment-scam-778492
सेना भर्ती घोटाला मामला: CBI ने 30 से ज्यादा जगहों पर मारे छापे, 6 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 23 के खिलाफ केस दर्ज
सेना भर्ती घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को 30 से ज्यादा लोकेशन पर रेड मारते हुए पांच लेफ्टिनेंट कर्नल के अलावा कई अन्य अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
नई दिल्ली। सेना भर्ती घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को 30 से ज्यादा लोकेशन पर रेड मारते हुए 6 लेफ्टिनेंट कर्नल के अलावा कई अन्य अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया। एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने सेना भर्ती घोटाला मामले के संबंध में तलाशी अभियान चलाया जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है। वहीं छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इन लोगों पर सेवा चयन बोर्ड (SSB) के माध्यम से अधिकारियों और अन्य पदों की भर्ती में रिश्वत और अनियमितताओं से संबंधित आरोप लगे हैं।भारतीय सेना की भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सीबीआई लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक सीबीआई ने इस मामले में 17 सेना अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, नायब सूबेदार, सिपाही आदि हैं। सेना के जिन 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, उनमें सेना के 6 लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल हैं। इसके अलावा सीबीआई टीम ने करीब 30 जगहों पर छापेमारी भी की है। सीबीईआई ने जिन 30 स्थानों पर छापेमारी की है वो बेस अस्पताल, छावनी और दूसरे सेना प्रतिष्ठान आदि है।सीबीआई ने आर्मी ऑफिशियल्स को मिलाकर कुल 23 लोगों जिसमें प्राइवेट पर्सन भी हैं इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही 6 सिविलियंस के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। सीबीआई की तरफ से की गई इस छापेमारी में कुछ अहम कागजात भी बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में आगे कुछ और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। फिलहाल एजेंसी इस पूरे रैकेट के जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, जिसमें सेना के कई अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं।सीबीआई ने कपूरथला, भठिंडा, दिल्ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, गुवाहाटी और जोरहाट समेत कई शहरों में भी छापेमारी की है। छापेमारी में कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. तलाशी के दौरान बरामद दस्तावेजों की छानबीन की जा रही है, फिलहाल जांच जारी है।भर्ती परीक्षा को किया गया था रद्दइससे पहले पुणे पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था। जिसमें रैकेट के तहत सेना की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक किया गया था। मामला सामने आने के बाद देशभर में होने वाली सेना की जीडी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को दी गई और अब इस मामले में एक के बाद एक कई गिरफ्तारियां हो रही हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-bjp-worried-as-jat-support-increases-for-kisan-andolan-makes-strategy-772863
Kisan Andolan: जाटों को लेकर BJP चिंतित! समझाने के लिए झोंकेगी पूरी ताकत, बनाया ये प्लान
पंजाब के बाद हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। इन लोगों में एक बड़ा तबका जाट समाज का है, जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद चिंतित है।
नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन दो महीने से ज्यादा समय से जारी है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन न सिर्फ दिल्ली की सीमा पर बल्कि देश में कई और जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। शुरुआत में किसान संगठनों का ये आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के संगठनों का आंदोलन कहा जा रहा था, जिसे परोक्ष रूप से कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल था, लेकिन अब ये आंदोलन लगातार फैल रहा है। पंजाब के बाद हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। इन लोगों में एक बड़ा तबका जाट समाज का है, जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद चिंतित है।पढ़ें- खुशखबरी! भारतीय रेलवे 22 फरवरी से चलाने जा रहा है 35 नई unreserved special trains, ये रही लिस्टBJP ने की अहम बैठकइस विषय को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डू और गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा मुख्यालय पर एक अहम बैठक की, जिसमें ये तय किया गया कि जाटों को समझाने के लिए पार्टी अपनी पूरी ताक झोंक देगी। जाटों के बीच कृषि कानूनों को लेकर कोई नाराजगी न फैले औज जो असंतोष पैदा हुआ है वो खत्म हो इसके लिए भारतीय जनता पार्टी पंचायत स्तर पर काम करेगी और अफवाहों व भ्रम से मुकाबला करेगी। अमित शाह और नड्डा के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा पश्चिम यूपी ,हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के नेता शामिल हुए। करीब ढ़ाई घंटे चली इस मीटिंग में 10 सांसद और 26 विधायक भी थे।नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन दो महीने से ज्यादा समय से जारी है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन न सिर्फ दिल्ली की सीमा पर बल्कि देश में कई और जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। शुरुआत में किसान संगठनों का ये आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के संगठनों का आंदोलन कहा जा रहा था, जिसे परोक्ष रूप से कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल था, लेकिन अब ये आंदोलन लगातार फैल रहा है। पंजाब के बाद हरियाणा, पश्चिमी यूपी और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोग इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। इन लोगों में एक बड़ा तबका जाट समाज का है, जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद चिंतित है।पढ़ें- खुशखबरी! भारतीय रेलवे 22 फरवरी से चलाने जा रहा है 35 नई unreserved special trains, ये रही लिस्टBJP ने की अहम बैठकपढ़ें- तस्वीरें: लद्दाख में पैंगोंग झील के पास से वापस लौटते चीन के सैनिक40 सीटों पर पड़ सकता है असरबैठक में अमित शाह ने कहा कि लोकसभा की 40 सीटों पर जाटों की नाराजगी का असर पड़ सकता है,अगर किसान कानूनों को लेकर जाटों में नाराजगी हुई तो जाटों के बीच नाराजगी फैलने से रोकना जरूरी है। बैठक में शाह ने कहा कि जो लोग जाट वोट के समर्थन से चुनाव जीते हैं अगर जाट नाराज हुए तो उनका चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए बेहतर है कि कृषि कानूनों पर भ्रम ना फैलने दें और कानून के सही पक्ष को बताने के लिए जनता के बीच काम करें। भ्रम फैलाने की हर कोशिश का जवाब दें।पढ़ें- उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया ऐसा काम, जानकार करने लगेंगे तारीफ बुकलेट, पम्पलेट और सभा से किसानों को समझाएगी सरकारअमित शाह ने बैठक में शामिल हुए सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं से कहा कि पंचायत स्तर पर अफवाहों और भ्रम से मुकाबला करें। बुकलेट, पम्पलेट, सभा आदि के मार्फत कानून के बारे में बताएं। अमित शाह ने कहा कि जो आंदोलन हो रहे है वो वामपंथी विचारधारा के लोग कर रहे है, ऐसे लोगों ने सीएए को लेकर भी ऐसा ही भ्रम फैलाया था। इसका काउंटर सक्रियता से करना जरूरी है। अमित शाह ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए बेहतर हैं और यह किसानों को बताना जरूरी है। बैठक में जेपी नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में लगातार फैसले लिए हैं और किसानों के बीच फैलनेवाले किसी भ्रम का जवाब देने के लिए संगठन के लोग ग्राउंड पर काम करें।पढ़ें- राकेश टिकैत को पसंद नहीं आया कांग्रेस नेता का शराब वाला बयान, कही बड़ी बातजाट लैंड में भाजपा ने किया था सबका सुपड़ा साफदरअसल हिंदू जाट, न सिर्फ हरियाणा बल्कि पश्चिमी यूपी और राजस्थान में बड़ी तादाद में है। लोकसभा चुनाव में तो इस समुदाय का इन तीनों प्रदेशों में पिछले दो चुनाव में खुलकर समर्थन हासिल हुआ है। हरियाणा में भाजपा ने सभी 10 लोकसभा सीटें जीती थी, राजस्थान में सभी जाट प्रभाव वाली सीटों पर भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया और यूपी में कभी जाटों के एकमात्र नेता कहे जाने वाले अजित सिंह और उनके बेटे जयंत सपा-बसपा से गठबंधन होने के बावजूद भी चुनाव हार गए। लेकिन राकेश टिकैत की आंखों में आंसू आने के बाद किसान आंदोलन को लेकर बड़ी तादाद में जाट समाज के लोग गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। अन्य प्रदर्शन स्थलों पर भी जाट युवाओं की संख्या अच्छी-खासी है, जो भाजपा की चिंता बढ़ा रहा है।
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https://www.indiatv.in/india/national-russian-president-vladimir-putin-will-pay-an-official-visit-to-new-delhi-on-6th-december-824765
रूसी राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 6 दिसंबर को आएंगे भारत, वार्षिक शिखर बैठक में लेंगे हिस्सा
रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन अगले महीने 6 दिसंबर को भारत आएंगे जहां वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें रक्षा, सुरक्षा सहित दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर व्यापक चर्चा होने की संभावना है।
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन अगले महीने 6 दिसंबर को भारत आएंगे जहां वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें रक्षा, सुरक्षा सहित दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर व्यापक चर्चा होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी। शिखर बैठक से पूर्व '2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे।रूसी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, "6 दिसंबर को, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु के साथ नयी दिल्ली में अपने भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ वार्ता करेंगे।" उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मंत्री एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और अफगानिस्तान तथा सीरिया के घटनाक्रम सहित प्रमुख क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा करेंगे। रूस हिंद-प्रशांत को एशिया-प्रशांत के रूप में संदर्भित करता है।प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय बैठक में भी विचारों का आदान-प्रदान करने की उम्मीद है। प्रवक्ता ने कहा, "भविष्य में, रूस और भारत के बीच वैकल्पिक तौर पर समय- समय पर इस प्रारूप में वार्ता आयोजित करने का इरादा है।''शिखर बैठक से दोनों देशों के विशिष्ठ एवं विशेष सामरिक गठजोड़ के सम्पूर्ण आयामों को गति मिलने की उम्मीद है। समझा जाता है कि दोनों पक्ष रक्षा, कारोबार और निवेश एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई समझौते भी कर सकते हैं। शिखर बैठक में सैन्य तकनीकी सहयोग के नवीन ढांचे को कार्यरूप दिया जा सकता है, साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आयोग की घोषणा की जायेगी। रूस, भारत का समय की कसौटी पर खरा उतरा सहयोगी और नयी दिल्ली की विदेश नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। समझा जाता है कि शिखर बैठक में अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रम सहित क्षेत्रीय मुद्दों की भी समीक्षा की जायेगी। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों के साथ '2+2' मंत्रिस्तरीय वार्ता करता रहा है, जिसमें दोनों देशों के दो-दो मंत्री शामिल होते हैं।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/petrol-pump-atm-card-beware-those-who-get-oil-the-gang-who-took-money-out-of-the-account-busted-2022-03-14-839642
पेट्रोल पंप पर ATM कार्ड से तेल डलवाने वाले सावधान! खाते से पैसे निकालने वाले गिरोह का भंडाफोड़
पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने वाले लोग जब भुगतान करने के लिए सेल्समैन को अपना एटीएम कार्ड देते तो आरोपी अपने पास रखी स्कैनर मशीन से एटीएम कार्ड को स्कैन कर लेते और उसकी सहायता से एटीएम का क्लोन बना लेते थे।
नोएडा (उप्र): अगर आप भी पेट्रोल पंप पर ATM कार्ड से तेल डलवाते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आजकल हैकर ऑनलाइन फ्रॉड के तमाम तरीकों से लोगों के बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं। यूपी पुलिस ने सोमवार को एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने वाले लोगों के एटीएम कार्ड को हैक करके उसका क्लोन बनाकर उनके खाते से पैसे निकाल लेता था। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि इनके तीन साथी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से एक पेट्रोल पंप पर काम करने वाला कर्मचारी है। बीटा-2 के थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि एक सूचना के आधार पर सोमवार को पुलिस ने आरोपी तरुण, विकास तथा पंकज को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि तरुण एच्छर गांव स्थित पेट्रोल पंप पर काम करता था। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने वाले लोग जब भुगतान करने के लिए सेल्समैन को अपना एटीएम कार्ड देते तो आरोपी अपने पास रखी स्कैनर मशीन से एटीएम कार्ड को स्कैन कर लेते और उसकी सहायता से एटीएम का क्लोन बना लेते थे। इतना ही नहीं, आरोपी पीड़ित द्वारा भुगतान करते समय एटीएम कार्ड का पिन कोड भी हासिल कर लेते थे।थाना प्रभारी ने बताया कि एटीएम कार्ड का क्लोन बनाने के बाद ठग मुंबई, महाराष्ट्र और कोलकाता में रहने वाले अपने दोस्तों के माध्यम से पीड़ितों के खाते से पैसा निकाल लेते थे। उन्होंने बताया कि गिरोह के तीन लोग अभी फरार हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के कई पेट्रोल पंपों पर सेल्समैन के रूप में इस तरह के ठग कार्यरत हैं, जो आम लोगों के एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर उनके खाते से पैसे निकाल रहे हैं। सिंह ने कहा कि मामले में कुछ और लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने स्कैनर मशीन, मोबाइल फोन बरामद किया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों के एटीएम का डाटा हैक कर पैसे निकालने की बात स्वीकार की है।
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https://www.indiatv.in/india/national-india-china-ladakh-lac-border-news-india-takes-big-step-against-china-this-tank-will-be-tried-773192
लद्दाख के पास LAC पर चीन के पीछे हटते ही भारत ने उठाया बड़ा कदम, इस टैंक की होगी आजमाइश
चीनी सेना लद्दाख में फिंगर 4 क्षेत्र को भी खाली कर रही है, जिस पर उसने पिछले साल कब्जा कर लिया था। ऐसा होने के बाद भारत के साथ LAC पर लंबे समय से बनी हुई स्थिती अब बदल रही है।
नई दिल्ली: चीनी सेना लद्दाख में फिंगर 4 क्षेत्र को भी खाली कर रही है, जिस पर उसने पिछले साल कब्जा कर लिया था। ऐसा होने के बाद भारत के साथ LAC पर लंबे समय से बनी हुई स्थिती अब बदल रही है। इस बीच भारतीय सेना ने तीन K9 वज्र तोपों को सीमा पर भेज दिया है। बता दें कि भारतीय सेना को उसकी 100वीं K9 वज्र तोप मिल गई है। जनरण एमएम नरवण ने सूरत में इसे हरी झंडी दिखाकर भारतीये सेना में शामिल किया। एलएंडटी कंपनी द्वारा भारतीय सेना को सौंपी गई इन तोपों का निर्माण भारत में ही किया गया है। इनमें से तीन तोपों को लद्दाख के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाके में ट्रायल के लिए तैनात किए गए हैं।सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि तीन K9 वज्र तोपें कल लेह पहुंचीं और परीक्षण के लिए उच्च ऊंचाई वाले बेस पर पहुंचाई जा रही हैं। वहां यह देखा जाएगा कि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग दुश्मन के खिलाफ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किया जा सकता है या नहीं। सूत्रों के अनुसार इन तोपों के प्रदर्शन के आधार पर, भारतीय सेना इनकी दो से तीन अतिरिक्त रेजिमेंटों के ऑर्डर पर विचार करेगी।इन तोपों की खासियत यह है कि यह जीरो रेडियस में घूम सकती है यानि इसे घूमने के लिए जगह नहीं चाहिए। सेल्फ प्रोपेल्ड K9 वज्र तोपों की मारक क्षमता 28-38 किलोमीटर है। यह विस्फोट मोड में 30 सेकेंड में तीन राउंड गोलाबारी कर सकती है। इंटेंस मोड में तीन मिनट में 15 राउंड और सस्टेंड मोड में 60 मिनट में 60 राउंड गोलाबारी करने में समर्थ है।इन तोपों को शामिल किए जाने से पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना की आग्नेयास्त्र की क्षमता को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। K9 वज्र तोपें हर मिनट एक राउंड फायर कर सकती है। K-9 Vajra-T एक ऐसी बख्तरबंद तोप है, जो पलक झपकते ही एक ठिकाने पर हमला करने के बाद दूसरी जगह पर अटैक कर सकती है।ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-meeting-with-jammu-kashmir-leaders-full-detail-797997
जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की बैठक, कौन-कौन होगा शामिल और क्या हो सकते हैं मुद्दे? पूरी डिटेल
नए कश्मीर पर देश की राजधानी दिल्ली में आज बहुत बड़ी बैठक होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही ये मीटिंग दोपहर तीन बजे होगी।
नई दिल्ली: नए कश्मीर पर देश की राजधानी दिल्ली में आज बहुत बड़ी बैठक होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही ये मीटिंग दोपहर तीन बजे होगी। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद आज पहली बार केन्द्र और जम्मू कश्मीर की पॉलिटिकल पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत होने जा रही है। बैठक से पहले दिल्ली में भी हलचल तेज है, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जम्मू कश्मीर के बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई है। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक बुलाई है, पीएम मोदी के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की बैठक होगी।जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्थानीय नेताओं के साथ होने वाली बैठक 3 बजे शुरू होगी और इस बैठक के लिए भारत सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री यानि फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी की तरफ से रवींद्र रैना, निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता को बुलाया गया है। अन्य नेताओं में युसूफ तारिमागी, सज्जाद लोन, गुलाम अहमद मीर, भीम सिंह तथा अल्ताफ बुखारी को भी न्यौता है और वे भी बैठक में शामिल होने वाले हैं।इस बैठक में सरकार की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल रहेंगे, प्रधानमंत्री मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधान सचिव पीके मिश्रा तथा गृह सचिव अजय भल्ला भी केंद्र सरकार की तरफ बैठक में शामिल होंगे।बैठक में मुख्य तौर पर किन मुद्दों पर बात होगी, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करना, विधानसभा चुनाव कराना, परीसीमन तथा विकास योजनाओं पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से आने वाले कुछ राजनीतिक दलों ने पहले ही कह दिया है कि वे अनुच्छेद 370 और 35 ए की वापसी का मुद्दा उठाएंगे। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की लंबे समय से मांग उठती आई है। मौजूदा समय में जम्मू क्षेत्र में 37 विधानसभा सीटें हैं जबकि कश्मीर क्षेत्र में 46 विधानसभा सीटे हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-court-orders-bail-but-man-remains-in-jail-for-8-months-760940
अदालत के आदेश के बावजूद जेल में बिताने पड़े 8 महीने, हैरान करने वाली है वजह
विनोद ने हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की थी और 9 अप्रैल को अदालत ने जमानत पर उनकी रिहाई का निर्देश भी दे दिया था।
प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति को अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद भी 8 महीने जेल में गुजारने पड़े। इसके पीछे वजह है अदालत द्वारा दिए गए आदेश में हुई एक छोटी सी गलती। दरअसल, जमानत के आदेश में उनके मध्य नाम 'कुमार' का उल्लेख नहीं किया गया था। रिमांड शीट में आवेदक का नाम विनोद कुमार बरुआर था, जबकि अदालत के आदेश ने उसका नाम विनोद बरुआर बताया। जेल अधीक्षक ने केवल इस गलती के कारण 8 महीने तक एक व्यक्ति को अवैध कारावास में रखा।पढ़ें- प्रशांत किशोर का BJP को चैलेंजविनोद ने हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की थी और 9 अप्रैल को अदालत ने जमानत पर उनकी रिहाई का निर्देश भी दे दिया था। लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया था क्योंकि जेल अधिकारियों ने नाम में विसंगति के कारण आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था। अदालत को उनके कारावास में होने के बारे में तब पता चला जब उन्होंने नाम में सुधार के लिए आवेदन दिया।पढ़ें- लद्दाख में नहीं चली 'दादागिरी' तो शी जिनपिंग को आया गुस्सा, सेना में किया बड़ा बदलावआवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने छोटी तकनीकी गलती के कारण उन्हें बेवजह इतने महीनों तक जेल में रहने के मामले को गंभीरता से लेते हुए आवेदक को रिहा करने का निर्देश दिया। साथ ही सिद्धार्थनगर जिला जेल के अधीक्षक राकेश सिंह को तलब किया। साथ ही कहा कि कोर्ट के आदेश के पालन के बाद जेल अधीक्षक कोर्ट में आकर बताएं कि उनके खिलाफ उचित विभागीय जांच की सिफारिश क्यों नहीं की जानी चाहिए। बाद में जेल अधीक्षक कोर्ट में पेश हुए और हलफनामा भी दायर किया, जिसे जस्टिस जे.जे. मुनीर ने स्वीकार कर लिया।
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https://www.indiatv.in/india/national-man-arrested-from-punjab-in-red-fort-flag-hoisting-case-798736
लालकिला पर धार्मिक झंडा लगाने के मामले में पंजाब से एक शख्स गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने लाल किला पर धार्मिक झंडा लगाने से जुड़े मामले के संबंध में पंजाब से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने लाल किला पर धार्मिक झंडा लगाने से जुड़े मामले के संबंध में पंजाब से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि आरोपी का नाम गुरजोत सिंह है। पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया, “सिंह को पंजाब में अमृतसर से गिरफ्तार किया गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया था।”केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों की 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस से झड़प हो गई थी। ट्रैक्टर चला रहे कई प्रदर्शनकारी लाल किले पहुंचकर, इस ऐतिहासिक धरोहर के भीतर प्रवेश कर गए थे।कुछ प्रदर्शनकारियों ने इसके गुंबद और इसकी प्राचीर पर धार्मिक झंडे भी लगा दिए थे जहां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
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UP ब्लाक प्रमुख चुनाव 2021: 349 क्षेत्र पंचायत प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित, 476 पदों के लिए शनिवार को होगा मतदान
उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की कड़ी में शुक्रवार को राज्‍य में 349 क्षेत्र पंचायत प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए, जबकि 476 पदों के लिए शनिवार को मतदान होगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की कड़ी में शुक्रवार को राज्‍य में 349 क्षेत्र पंचायत प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए, जबकि 476 पदों के लिए शनिवार को मतदान होगा। उत्तर प्रदेश में गांव तथा जिला की सरकार के गठन के बाद अब ब्लाक की सरकार के गठन की प्रक्रिया जारी है। उत्तर प्रदेश के राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त मनोज कुमार ने एक बयान में यह जानकारी दी। राज्‍य में 825 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ शुरू हुई और आज शुक्रवार को नामांकन पत्रों की वापसी तय थी। शनिवार (10 जुलाई) को मतदान सुनिश्चित किया गया है। निर्वाचन आयुक्‍त ने बताया कि 825 प्रमुख क्षेत्र पंचायत के पदों के लिए कुल 1,718 नामांकन प्राप्त हुए जिनमें 68 नामांकन रद्द होने, 187 उम्मीदवारों द्वारा अपना नामांकन वापस लिए जाने के बाद 1,710 वैध उम्मीदवार पाए गए हैं। कुमार ने बताया कि शनिवार को 476 प्रमुख क्षेत्र पंचायत के पदों के लिए पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान तथा अपराह्न तीन बजे से मतगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि गोंडा जिले के मुजेहना क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल पूर्ण न होने के कारण वहां चुनाव नहीं कराया जा रहा है। यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को बताया कि ब्लॉक प्रमुख चुनाव में हुई हिंसा में अब तक 25 गिरफ्तार, 22 ज़िलों के 24 थानों में चुनाव से जुड़ी 24 घटनाएं हुई हैं। कुमार ने आगे बताया कि 16 मुकदमे दर्ज हुए हैं जबकि 115 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं 1730 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मतगणना के दौरान सभी ब्लाक पर हंगामा रोकने के लिए स्थानीय पुलिस बल के साथ ही पीएसी को भी तैनात किया जाएगा।
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भारत की राजनीतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला कर रहा है ट्विटर: राहुल गांधी
पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ट्विटर को पत्र लिखकर कहा था कि दुष्कर्म की पीड़िता के माता-पिता की पहचान उजागर करने को लेकर राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
नयी दिल्ली: राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक वीडियो बयान जारी कर उनके ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने पर कंपनी की जमकर आलोचना की और आरोप लगाया कि ट्विटर भारत की राजनीतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला कर रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया कि ट्विटर पक्षपातपूर्ण है और वह सरकार के कहे मुताबिक काम कर रहा है। बता दें कि ट्विटर ने राहुल गांधी, कांग्रेस और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के ट्विटर अकाउंट बंद कर दिये हैं। कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में कथित दुष्कर्म एवं हत्या की पीड़िता नौ वर्षीय बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का ट्विटर अकाउंट बंद किया गया था। दूसरी तरफ, ट्विटर ने कहा है कि उसने ये कदम नियमों के तहत उठाए हैं। राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मेरा ट्विटर अकाउंट बंद करके वे हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं। एक कंपनी हमारी राजनीति का दायरा तय करने के लिए अपने कारोबार का उपयोग कर रही है। एक नेता के तौर पर मैं इसे पसंद नहीं करता।’’राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘यह हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है। सिर्फ यह नहीं है कि राहुल गांधी का अकाउंट बंद कर दिया गया। मेरे पास 1.9 करोड़ से दो करोड़ के बीच फॉलोवर हैं। आप उन्हें अपने विचार रखने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। आप यही कर रहे हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह सिर्फ अनुचित ही नहीं, बल्कि उस विचार की अह्वेलना है कि ट्विटर एक तटस्थ मंच है। यह निवेशकों के लिए बहुत खतरनाक है क्योंकि राजनीतिक मुकाबले में किसी एक का पक्ष लेने पर ट्विटर के लिए प्रतिक्रिया भी होंगी।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह दावा भी किया, ‘‘हमारे लोकतंत्र पर हमला किया गया है। हम संसद के अंदर बोल नहीं सकते। मीडिया नियंत्रित है। मैंने सोचा था कि यह उम्मीद एक रोशनी है जहां हम ट्विटर पर अपने विचार रख सकते थे। लेकिन यह बात नहीं है।’’ पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ट्विटर को पत्र लिखकर कहा था कि दुष्कर्म की पीड़िता के माता-पिता की पहचान उजागर करने को लेकर राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके बाद ट्विटर ने अकाउंट को बंद किया। एनसीपीसीआर ने शुक्रवार को फेसबुक को भी पत्र लिखकर कहा कि वह दिल्ली में कथित दुष्कर्म की पीड़िता नौ साल की बच्ची के माता-पिता की तस्वीर पोस्ट करने के लिए राहुल गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल के खिलाफ कार्रवाई करे। इंस्टाग्राम फेसबुक के स्वामित्व वाली इकाई है। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उसके और उसके कई नेताओं के ट्विटर अकाउंट को इस माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने लॉक कर दिया है, हालांकि ट्विटर ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर ये कदम उठाया गया है। कांग्रेस का कहना है कि उसके संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, महासचिव अजय माकन, जितेंद्र सिंह, सांसद मणिकम टैगोर, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव, प्रवक्ता पवन खेड़ा और कई अन्य नेताओं के ट्विटर अकाउंट लॉक किये गए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि ट्विटर, भारत में भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटने में उसका साथ दे रहा है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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त्योहारों में लोग कोविड अनुकूल व्यवहार ना भूलें, कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों की चेतावनी
टीकाकरण पर राष्ट्रीय तनकीकी परामर्शदाता समूह के कोविड-19 कार्यसमूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से तेजी से हो रहे टीकाकरण और सार्स-सीओवी-2 के किसी नए स्वरूप के सामने नहीं आने के बाद अब तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा तब होगा जब लोग त्योहारों में नियमों का पालन करना भूल जाएंगे।
नयी दिल्ली: कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच त्योहारों का मौसम और इस दौरान लोगों द्वारा कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन महत्वपूर्ण कारक साबित होंगे। विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के संबंध में वायरस का एक नया स्वरूप निर्णायक साबित हो सकता है क्योंकि त्योहारों के दौरान लोगों की भीड़ में इसके तेजी से फैलने की संभावना अधिक होगी।लोगों को ईमानदारी से कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाने की सलाहटीकाकरण पर राष्ट्रीय तनकीकी परामर्शदाता समूह के कोविड-19 कार्यसमूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से तेजी से हो रहे टीकाकरण और सार्स-सीओवी-2 के किसी नए स्वरूप के सामने नहीं आने के बाद अब तीसरी लहर को लेकर सबसे बड़ा खतरा तब होगा जब लोग त्योहारों में नियमों का पालन करना भूल जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सामाजिक और धार्मिक आयोजनों से उन लोगों के बीच डेल्टा वायरस तेजी से फैल सकता है जिन्हें अब भी संक्रमण का खतरा है। इसलिए इस बात की पुरजोर सलाह दी जाती है कि लोग पूरी ईमानदारी से कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाएं तथा प्रशासन सामाजिक एकत्रीकरण को हतोत्साहित करने के लिए कड़े कदम उठाए।’’वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘‘इस समय कोविड-19 के मामलों में तेजी से गिरावट देखी जा रही है और स्थिति काफी बेहतर है। हालांकि आने वाले दिनों में त्योहारों के मौसम तथा उस दौरान कोविड संबंधी तौर-तरीकों के पालन में आने वाली कमी, बड़े स्तर पर भीड़ का जुटना भी तीसरी लहर को लेकर निर्णायक कारक साबित हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन महीने देश में स्थिति बेहतर बने रहने के लिहाज से रोकथाम वाली रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।पूरी दुनिया में लोगों के भीड़ के रूप में जुटने से मामलों में बढ़ोतरी देखी गयी है- लहरियाचिकित्सा विज्ञानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि रोजाना आने वाले कोविड-19 के मामलों की संख्या कम है तथा अधिकतर भारतीय राज्यों में यह स्थिर हो गयी है लेकिन पूरी दुनिया में लोगों के भीड़ के रूप में जुटने से मामलों में बढ़ोतरी देखी गयी है, फिर भले ही लोग कम संख्या में जुटे हों या बड़ी संख्या में। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अगले तीन महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं जिनमें कई पर्व पड़ेंगे। अगर लोग, खासतौर पर वे, जिन्होंने टीके की दोनों खुराक नहीं ली हैं, किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचते हैं तो अगली लहर को टालने की गुंजाइश होगी।’’'अक्टूबर से नवंबर के बीच कोविड-19 की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है'लहरिया ने कहा, ‘‘अगले साल क्या होगा जब अधिकतर वयस्क भारतीय आबादी टीका लगवा चुकी होगी। यह टीका लगवाने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बने रहने की अवधि, वायरस के किसी चिंताजनक स्वरूप के सामने आने और कुछ अन्य अज्ञात कारकों के बारे में बनती वैज्ञानिक समझ पर निर्भर करेगा।’’ महामारी का गणितीय मॉडल बनाने में शामिल एक वैज्ञानिक ने अगस्त में आशंका जताई थी कि यदि भारत में वायरस के मौजूदा स्वरूपों से अधिक संक्रामक कोई स्वरूप सितंबर तक सामने आता है तो अक्टूबर से नवंबर के बीच कोविड-19 की तीसरी लहर चरम पर हो सकती है। हालांकि इसकी तीव्रता दूसरी लहर के मुकाबले कम रहने की संभावना व्यक्त की गयी थी।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/where-did-cm-yogi-s-bulldozer-run-on-crime-since-march-25-know-about-a-month-s-account-2022-04-27-847358
25 मार्च से अब तक अपराध पर कहां-कहां चला सीएम योगी का बुलडोजर? जाने करीब एक महीने का लेखा-जोखा
सीएम योगी का सबसे बड़ा संकल्प यूपी में अपराध खत्म करना है, इस दिशा में योगी के बुलडोजर की रफ्तार 25 मार्च 2022 से काफी तेज दिखी
लखनऊ: बीते 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस दौरान मुख्यमंत्री जो संकल्प पत्र में वादे किए थे उसे धरातल पर उतारने के लिए पूरी तरह सक्रीय रहे हैं। सीएम योगी का सबसे बड़ा संकल्प यूपी में अपराध खत्म करना है, इस दिशा में योगी के बुलडोजर की रफ्तार इस दौरान काफी तेज दिखी।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-in-india-today-14-june-2021-796031
कोरोना वायरस: एक्टिव केस 10 लाख से नीचे, 24 घंटे में 70421 नए केस, रिकवरी दर में सुधार
देश में कोरोना वायरस को लेकर हालात धीरे धीरे नियंत्रण में नजर आ रहे हैं। देश में अब कोरोना वायरस के रोजाना आनने वाले नए मामले लगातार कम हो रहे हैं...
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस को लेकर हालात धीरे धीरे नियंत्रण में नजर आ रहे हैं। देश में अब कोरोना वायरस के रोजाना आनने वाले नए मामले लगातार कम हो रहे हैं और साथ में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है, इस वजह से देश में कोरोना वायरस के एक्टिव केस लगातार घट रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों में 53001 की कमी आई है और अब देश में एक्टिव कोरोना केस 10 लाख से नीचे आकर 9.73 लाख बचे हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस के 70421 नए मामले सामने आए हैं और कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 119501 रही है। देश में अबतक कोरोना वायरस के 2.95 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और उनमें 2.81 करोड़ से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। यानि देश में कोरोना वायरस से रिकवरी की दर बढ़कर 95.43 प्रतिशत तक पहुंच गई है।हालांकि कोरोना की वजह से होने वाली मौतें अभी भी चिंता का विषय हैं, पिछले 24 घंटों के दौरान मौतों के आंकड़े में 3921 की बढ़ोतरी हुई है और अबतक देश में इस वायरस की वजह से 3.74 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। देश में कोरोना वायरस की मृत्यु दर 1.26 प्रतिशत तक पहुंच गई है।कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन सबसे अहम माना जा रहा है और देश में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान देश में लगभग 15 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई है और अबतक 25.48 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है हालांकि इसमें अधिकतर को अभी वैक्सीन का पहला टीका ही मिला है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-kapil-sibal-donated-3-crore-rupees-to-congress-sonia-gandhi-and-rahul-gandhi-donation-770537
कांग्रेस को कपिल सिब्बल ने दिया सबसे ज्यादा 3 करोड़ रुपये का चंदा
कांग्रेस पार्टी की ओर से निर्वाचन आयोग को सौंपी गई कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अन्य नेताओं के मुकाबले पार्टी फंड में सबसे ज्यादा योगदान दिया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की ओर से निर्वाचन आयोग को सौंपी गई कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अन्य नेताओं के मुकाबले पार्टी फंड में सबसे ज्यादा 3 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। साल 2019-2020 में कांग्रेस को मिले योगदान राशि की रिपोर्ट को निर्वाचन आयोग ने जारी किया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पार्टी को दिया गया चंदा सिब्बल के योगदान से काफी कम है। वहीं, चंदा देने वालों की लिस्ट में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी शामिल है।कपिल सिब्बल से काफी पीछे हैं बाकी नेतारिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया गांधी ने 50,000 रुपये, जबकि राहुल गांधी ने पार्टी फंड में 54,000 रुपये का योगदान दिया है। पेशे से वकील सिब्बल ने अन्य नेताओं के मुकाबले पार्टी फंड में सर्वाधिक योगदान दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिवंगत नेता अहमद पटेल, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी फंड में 54,000 रुपये का योगदान दिया। पार्टी को चंदा देने वालों की सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया और मौसम नूर का नाम भी शामिल है। हालांकि सिंधिया अब भाजपा में चले गए हैं और नूर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम चुकी हैं। पिछले साल मार्च में सिंधिया की बगावत के कारण मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।आनंद शर्मा और शशि थरूर का नाम भी है शामिलजैसा कि विदित है कि पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के मुताबिक, सभी राजनीतिक दलों को पार्टी फंड में 20,000 रुपये से अधिक के योगदान की जानकारी निर्वाचन आयोग को देना जरूरी है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को जानकारी दी कि 2019-2020 में उनकी पार्टी को 139 करोड़ रुपये का योगदान मिला जिसमें प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट का 31 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा योगदान है जो मुख्य रूप से भारती एयरटेल द्वारा समर्थित है। बहरहाल, पार्टी को चंदा देने वाले 'जी23' ग्रुप में आनंद शर्मा, शशि थरूर, गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर का भी नाम शामिल है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-west-bengal-bjp-mp-sunil-mandal-said-i-am-not-feeling-comfortable-in-the-party-796404
भाजपा सांसद सुनील मंडल ने दी अटकलों को हवा, कहा- पार्टी में सहज महसूस नहीं कर रहा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने वाले लोकसभा सांसद सुनील मंडल ने मंगलवार को कहा कि वह नयी पार्टी में ''सहज महसूस'' नहीं कर रहे
कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने वाले लोकसभा सांसद सुनील मंडल ने मंगलवार को कहा कि वह नयी पार्टी में ''सहज महसूस'' नहीं कर रहे। मंडल के इस बयान से उनके भविष्य के राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वर्धमान पूर्व सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने वाले मंडल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब उनकी पुरानी पार्टी दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिये लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को प्रतिवेदन भेजने की तैयारी कर रही है। मंडल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने जिले में भाजपा की जीत के लिये हर संभव प्रयास किया, फिर भी पार्टी में तृणमूल से आने वालों को लेकर विश्वास की कमी है। उन्होंने कहा, ''भाजपा तृणमूल से आने वालों पर विश्वास नहीं करती। भाजपा की सांगठनिक ताकत को लेकर मेरे विचार भी गलत साबित हुए हैं। मैं यहां सहज महसूस नहीं कर रहा। '' मंडल ने दावा किया कि जो लोग पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान राज्य के बाहर से भाजपा के लिए प्रचार करने आए थे, उन्हें बंगाली संस्कृति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, ''ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग हिंदी से परिचित नहीं हैं, ऐसे में उनके भाषण जनता को जोड़ने में विफल रहे।'' मंडल पिछले साल दिसंबर में खड़गपुर में गृह मंत्री अमित शाह की एक रैली में शुभेन्दु अधिकारी के साथ भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने दावा किया, ''शुभेन्दु ने साथ काम करने का अपना वादा नहीं निभाया। उन्होंने मुझसे संपर्क नहीं रखा। मेरा अब उनसे कोई संपर्क नहीं है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल में वापसी करना चाहते हैं तो मंडल ने कहा कि वह इस बारे में सोचेंगे।मंडल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि उनके पार्टी छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। घोष ने कहा, ''हमारी पार्टी एक बड़ी नदी की तरह है, जहां कुछ स्वार्थी लोग आ सकते हैं और जा सकते हैं।'' तृणमूल के वरिष्ठ सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने मंडल को ''तुच्छ व्यक्ति'' बताया। उन्होंने कहा, ''हम तुच्छ, मौकापरस्त व्यक्ति के बयान पर टिप्पणी नहीं करते, जिनका कोई खास जनाधार नहीं है।''
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https://www.indiatv.in/india/national-raigad-maharashtra-building-collapse-death-toll-latest-update-news-735923
VIDEO: रायगढ़ में 5 मंजिला इमारत ढहने से एक की मौत, कई लोगों के दबे होने की आशंका
रायगढ़ के महाड सालीवाड़ा नाका हापुस तलाब के पास पांच मंजिला इमारत गिर गई है। हादसे में एक की मौत हो गई है जबकि कई मलबे में फंसे हुए हैं। घटनास्थल पर पुलिस और दमकल की कई टीमें पहुंच गई हैं।
रायगढ़। महाराष्ट्र के रायगड के महाड सालीवाड़ा नाका हापुस तलाब के पास सोमवार (24 अगस्त) को भारी बारिश के बाद अचानक पांच मंजिला इमारत गिर गई है। हादसे में एक की मौत हो गई है जबकि कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों और पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार रेसक्यू ऑपरेशन किया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीब 7 बजे बिल्डिंग गिरी है। घटनास्थल पर पुलिस और दमकल की कई टीमें पहुंच गई हैं। ये जानकारी शुरुवाती तौर पर दी गयी है, लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो मलबे में दबे लोगों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।Image Source : INDIA TVRaigarh Building collapse death toll latest update newsसोनिया गांधी फिलहाल कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी, इस्तीफा नामंजूर- सूत्रबताया जा रहा है कि हादसे में 25 लोगों को गंभीर जख्मी हालत में मलबे से बाहर निकाला गया है। कहा जा रहा है कि अभी 70 से 80 लोगों के दबे हुए हैं। इमारत 6 साल पुरानी थीं। पुलिस का कहना है कि मलबे में 70 से 80 लोग दबे हुए हैं लेकिन जिला कलेक्टर ने 47 लोगों के मलबे में दबे होने की जानकारी दी है। घटनास्थल पर एनडीआरएफ की 3 टीमें पहुंच चुकी हैं। जिला कलेक्टर के मुताबिक, हादसे वाली इमारत में कुल 40 परिवार रहते थे 25 परिवार को रेस्क्यू किया गया है और 15 परिवार अब भी मलबे में दबे हुए हैं।Image Source : INDIA TVRaigad Maharashtra Building collapse death toll latest update news पुणे से एनडीआरएफ की कई टीमें भेजी गई हैं। बिल्डिंग का नाम तारिक गार्डेन बताया जा रहा है। मुम्बई से NDRF की तीन टीम रायगढ़ भेजी गई हैं। एनडीआरएफ से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के रायगड जिले की महाड तहसील के काजलपुरा इलाके में शाम करीब 6 बजकर 50 मिनट पर 5 मंजिला इमारत गिरी है। मलबे में करीब 50 लोगों के फंसे होने की आशंका है। 5 बीएन एनडीआरएफ की 3 टीमें स्थानांतरित हो गई हैं। सभी आवश्यक CSSR उपकरण, कैनाइन स्क्वाड इत्यादि के साथ टीमें चली गई हैं। आखिर CWC की बैठक में बात क्या हुई थी? गुलाम नबी आजाद ने दी जानकारीजल्द शुरू हो सकती हैं मेट्रो सेवाएं, अनलॉक 4.0 के लिए गृह मंत्रालय जारी कर सकता है निर्देश: सूत्र /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_8670371215 = {"file": "https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_rnb9m8g7_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8","image": "https://thumbs.indiatvnews.com/vod/0_rnb9m8g7_big_thumb.jpg","title": "Breaking: महाराष्ट्र के रायगढ़ में पांच मंजिला इमारत गिरी, मलबे में 47 लोगों के दबे होने की आशंका","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 45,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_8670371215 = ''; jwsetup_8670371215(); function jwsetup_8670371215() {jwvidplayer_8670371215 = jwplayer("jwvidplayer_8670371215").setup(jwconfig_8670371215);jwvidplayer_8670371215.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_8670371215, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_rnb9m8g7\", ns_st_pr=\"Breaking: महाराष्ट्र के रायगढ़ में पांच मंजिला इमारत गिरी, मलबे में 47 लोगों के दबे होने की आशंका\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"Breaking: महाराष्ट्र के रायगढ़ में पांच मंजिला इमारत गिरी, मलबे में 47 लोगों के दबे होने की आशंका\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"Breaking: महाराष्ट्र के रायगढ़ में पांच मंजिला इमारत गिरी, मलबे में 47 लोगों के दबे होने की आशंका\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2020-08-24\", ns_st_tdt=\"2020-08-24\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_rnb9m8g7_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_8670371215.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_8670371215.getState() == 'error' || jwvidplayer_8670371215.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_8670371215.stop();jwvidplayer_8670371215.remove();jwvidplayer_8670371215 = '';jwsetup_8670371215();return; }});jwvidplayer_8670371215.on('error', function (t) { jwvidplayer_8670371215.stop(); jwvidplayer_8670371215.remove(); jwvidplayer_8670371215 = ''; jwsetup_8670371215(); return;});jwvidplayer_8670371215.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8670371215.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8670371215.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8670371215.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8670371215.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8670371215.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8670371215.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); }
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-over-1-200-people-without-masks-fined-in-noida-greater-noida-755187
Covid-19: मास्‍क न लगाने पर 1200 से ज्‍यादा लोगों पर लगा जुर्माना, पुलिस ने विशेष अभियान चलाया
गौतम बुद्ध नगर जिले में इस समय 1401 एक्टिव कोरोना मामले हैं और यहां कोरोना वायरस के शुक्रवार को मिले 175 नए संक्रमण मामलों के साथ कुल मामले 21,166 हो गए हैं।
नोएडा। नोएडा पुलिस ने कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी मास्क नहीं पहनने वाले लोगों के खिलाफ शुक्रवार को नोएडा और ग्रेेेेटर नोएडा में एक विशेष अभियान चलाया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए मास्क नहीं पहनने वाले 976 लोगों का आज चालान किया गया।उन्होंने बताया कि इनसे करीब एक लाख रुपये जुर्माने के रूप में वसूला गया। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले 800वाहनों का भी चालान काटा गया। इनसे 5,81,400 रुपए का जुर्माना वसूला गया। गौतम बुद्ध नगर जिले, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा आते हैं, में इस समय 1401 एक्टिव कोरोना मामले हैं और यहां कोरोना वायरस के शुक्रवार को मिले 175 नए संक्रमण मामलों के साथ कुल मामले 21,166 हो गए हैं। प्रयागराज जिले में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 148 नए मामले सामने आए जिससे यहां संक्रमण के मामले बढ़कर 25,834 हो गए। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर जीएस बाजपेयी ने बताया कि शुक्रवार को संक्रमण से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जिससे यहां कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 334 हो गई।उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 15 व्यक्तियों को उपचार के उपरांत अस्पताल से छुट्टी दी गई। अभी तक 6,100 व्यक्तियों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण से दो और व्यक्तियों की मौत हुई जिससे मृतक संख्या बढ़कर 939 हो गयी, वहीं संक्रमण के 185 नये मामले सामने आने से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,07,157 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग की शुक्रवार रात जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटो में दो मरीजों की मौत हो गयी जिससे राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 939 हो गयी। झारखंड में 1,03,624 लोग अब तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। इसके अलावा 2594 अन्य संक्रमितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है। जबकि 939 लोगों की मौत हो चुकी है।
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https://www.indiatv.in/india/national/haryana-cm-ml-khattar-recalls-rajiv-longowal-accord-on-punjab-s-resolution-for-transferring-chandigarh-2022-04-02-842635
मान की चंडीगढ़ को पंजाब हस्तांतरित करने की मांग, हरियाणा सीएम ने याद दिलाया राजीव-लोंगोवाल समझौता
चंडीगढ़ को पंजाब हस्तांतरित करने की पंजाब सरकार की मांग को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निंदनीय बताया है। खट्टर ने कहा कि उन्हें (पंजाब सरकार) ऐसा नहीं करना चाहिए था।
चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब की साझा राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब हस्तांतरित करने की पंजाब सरकार की मांग को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निंदनीय बताया है। खट्टर ने कहा कि उन्हें (पंजाब सरकार) ऐसा नहीं करना चाहिए था। हरियाणा सीएम ने कहा कि राजीव-लोंगोवाल समझौता 35-36 साल पहले हुआ था, जिसके अनुसार यह हरियाणा और पंजाब दोनों की राजधानी है। खट्टर ने कहा कि इससे जुड़े कई मुद्दे हैं। अगर वे ऐसा कुछ करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले सतलुज यमुना लिंक मुद्दे को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। साथ ही हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को नहीं दिए गए, जिससे बाकी मुद्दों में देरी हुई। खट्टर ने आगे कहा कि उन्हें ये कहना चाहिए कि वे हिंदी भाषी क्षेत्र हरियाणा को देने के लिए तैयार हैं।इतना ही नहीं इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अरविंद केजरीवाल को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को इस फैसले निंदा करनी चाहिए और हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। पंजाब के सीएम को भी हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। खट्टर ने कहा कि उन्होंने जो भी किया है वह निंदनीय है।क्या है राजीव-लोंगोवाल समझौता?दरअसल, 1 नवंबर 1966 को पंजाब पुनर्गठन एक्ट पास किया गया। इस एक्ट के पारित होने के बाद पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ अस्तित्व में आए। पंजाब पुनर्गठन एक्ट के करीब 20 साल बाद 1985 में राजीव-लोंगोवाल समझौता हुआ। इस समझौते के तहत चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने की लगभग पूरी तैयारी की जा चुकी थी। लेकिन ठीक वक्त पर राजीव गांधी ने इस समझौते से हाथ पीछे खींच लिए। बताया जाता है कि साल 1970 में केंद्र सरकार ने हरियाणा को 5 साल में अपनी राजधानी बनाने को कहा था, जिसके लिए राज्य को 10 करोड़ रुपये की मदद भी दी गई थी। लेकिन राजधानी नहीं बन सकी। यही कारण है कि पंजाब और हरियाणा में चंडीगढ़ को लेकर लगातार खींचतान जारी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-assam-government-decision-detention-centres-for-foreigners-now-called-transit-camps-808758
डिटेंशन सेंटर को अब ट्रांजिट कैंप कहा जाएगा, असम सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
असम सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिरासत में रखने के उद्देश्‍य से बनाए गए डिटेंशन सेंटर्स को अब ट्रांजिट कैंप के नाम से जाना जाएगा। यह 17 जून 2009 को जारी नोटिफिकेशन का आंशिक संशोधन है।
नई दिल्ली। अमस में विदेशियों के लिए बनाए जा रहे डिटेंशन सेंटर को नया नाम दिया गया है। असम सरकार ने गुरुवार को कहा कि असम में 'विदेशियों' को रखने वाले डिटेंशन सेंटर को अब 'ट्रांजिट कैंप' कहा जाएगा। असम सरकार ने बताया कि विदेशियों के लिए बनाए गए डिटेंशन सेंटर्स को अब ट्रांजिट कैंप के नाम से जाना जाएगा। इस संबंध में असम के गृह एवं राजनीतिक विभाग के प्रमुख सचिव नीरज वर्मा ने 17 अगस्‍त 2021 को नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। असम सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशनअसम सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिरासत में रखने के उद्देश्‍य से बनाए गए डिटेंशन सेंटर्स को अब ट्रांजिट कैंप के नाम से जाना जाएगा। यह 17 जून 2009 को जारी नोटिफिकेशन का आंशिक संशोधन है।गौरतलब है कि असम में घुसपैठ का मसला काफी पुराना है। असम में दशकों से पूर्वी बंगाल (बाद में पूर्वी पाकिस्तान और अब बांग्लादेश) से प्रवासी आते रहे हैं। असम में गोलपारा, कोकराझार, तेजपुर, जोरहाट, डिब्रूगढ़ और सिलचर में जिला जेलों के अंदर दोषी विदेशियों और घोषित विदेशियों को रखने के लिए 6 डिटेंशन सेंटर्स बनाए गए हैं। इन्हें राज्य सरकार द्वारा 2009 में अस्थायी रूप से अधिसूचित किया गया था। राज्य सरकार की ओर से एक और डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है, इसमें अवैध रूप से आए विदेशों को हिरासत में रखा जाएगा। नया डिटेंशन सेंटर पूरी तरह से अवैध रूप से आए विदेशियों को हिरासत में लेने के उद्देश्य से गुवाहाटी से लगभग 150 किलोमीटर दूर गोलपारा जिले के मटिया में निर्माणाधीन है। जुलाई में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा में बताया था कि 6 केंद्रों में 181 बंदी हैं। 181 में से 61 घोषित विदेशी हैं और 120 दोषी विदेशी हैं। हिमंत सरमा ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि वह विदेशी नागरिक जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश करता है और अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है, जबकि एक घोषित विदेशी वह होता है, जिसे एक बार भारतीय नागरिक माना जाता था, लेकिन फिर विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किया जाता था।हालांकि, 10 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश आया था इसके बाद से डिटेंशन सेंटर में रखे गए लोगों की संख्या में कमी आई है। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि घोषित विदेशियों को सरकार कुछ शर्तों के साथ तीन साल की हिरासत पूरी होने के बाद रिहा किया जा सकता है। हालांकि, इसके बाद एक आदेश और आया। अप्रैल 2020 में एक और आदेश ने इन बंदियों को रखने की अवधि को घटाकर दो साल कर दिया, इन दो आदेशों का पालन करते हुए करीब 750 लोगों को रिहा किया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-kisan-sansad-discusses-one-of-3-farm-laws-passes-resolution-demanding-its-repeal-804989
Kisan Sansad: ‘किसान संसद’ में 3 कृषि कानूनों में से एक पर चर्चा, निरस्त करने की मांग का प्रस्ताव पारित
किसानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ में गुरुवार को तीन कृषि कानूनों में से एक पर चर्चा की गयी और ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गयी।
नयी दिल्ली। किसानों द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित ‘किसान संसद’ में गुरुवार को तीन कृषि कानूनों में से एक पर चर्चा की गयी और ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की गयी। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा कि किसान संसद के छठे दिन किसानों ने कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून को निरस्त करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। कृषि कानूनों के खिलाफ 40 से ज्यादा यूनियन एसकेएम के नेतृत्व में पिछले आठ महीने से आंदोलन कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कानून ‘‘असंवैधानिक और कॉरपोरेट समर्थक’’ है। ‘किसान संसद’ ने कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 को असंवैधानिक, किसान विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक बताते हुए खारिज कर दिया। ‘संसद’ के दौरान किसानों ने बताया कि कैसे कानून, विभिन्न धाराओं के तहत कॉरपोरेट को कानूनों के नियामक दायरे से छूट देता है, जबकि यह अनुबंध खेती में करने वाले किसानों को कोई सुरक्षात्मक प्रावधान प्रदान नहीं करता है। बता दें कि, संसद के मॉनसून सत्र के समानांतर ‘किसान संसद’ का आयोजन किया जा रहा है। किसान पिछले साल नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ‘किसान संसद’ में हिस्सा लेने के लिए जंतर मंतर पर हर दिन 200 किसान एकत्र होते हैं। एसकेएम ने कहा 'किसान संसद' ने भी संकल्प लिया और भारत के राष्ट्रपति से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि ‘‘संसद की सर्वोच्चता बरकरार रहे।’’बयान में कहा गया, ‘‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने कार्यकाल के दौरान नियमों और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार संसद की कार्यवाही का संचालन करने में बुरी तरह विफल रही है।’’ एसकेएम ने कहा, ‘‘संसद के दोनों सदनों में लोगों के दुख- दर्द तथा जीवन और मृत्यु के मुद्दों समेत गंभीर मुद्दों पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गयी।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-about-16-thousand-new-covid-cases-reported-in-india-819120
भारत में कोविड-19 के 15,981 नए मामले, 166 मरीजों की मौत
आंकड़ों के मुताबिक, एक दिन में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 2,046 की कमी दर्ज की गयी है। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,33,99,961 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गयी।
नई दिल्ली. भारत में एक दिन में कोविड-19 के 15,981 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,40,53,573 पर पहुंच गयी जबकि 166 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 4,51,980 हो गयी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 2,01,632 रह गयी है जो 218 दिनों में सबसे कम है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.59 प्रतिशत है जो पिछले साल मार्च के बाद से सबसे कम है। कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.07 प्रतिशत है।आंकड़ों के मुताबिक, एक दिन में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 2,046 की कमी दर्ज की गयी है। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,33,99,961 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गयी। मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को कोविड-19 के लिए 9,23,003 नमूनों की जांच की गयी जिससे अब तक देश में इस महामारी का पता लगाने के लिए जांचें गए नमूनों की संख्या 58,98,35,258 हो गयी है। देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत 97.23 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण की दैनिक दर 1.73 प्रतिशत दर्ज की गयी जो पिछले 47 दिनों से तीन प्रतिशत से कम रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर 1.44 प्रतिशत दर्ज की गयी और यह पिछले 113 दिनों से तीन फीसदी से कम रही है। आंकड़ों के अनुसार, देश में जिन 166 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 67 की मौत केरल में और 29 की महाराष्ट्र में हुई। अभी तक देश में कुल 4,51,980 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 1,39,734 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 37,931 की कर्नाटक, 35,869 की तमिलनाडु, 26,734 की केरल, 25,089 की दिल्ली, 22,897 की उत्तर प्रदेश और 18,935 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई है।
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आत्मविश्वास से भरा है भारत, सीमा पर आया नजर: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत आज आत्मविश्वास से भरा है और सीमा पर हो रही गतिविधियों मे यह बात नजर आ रही है।
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत आज आत्मविश्वास से भरा है और सीमा पर हो रही गतिविधियों मे यह बात नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि भू-स्थानिक (जियो-स्टेटिक) आंकड़ों को हासिल करने और उत्पादन को नियंत्रित करने वाली नीतियों के उदारीकरण का फैसला इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने ‘नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम’ को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि पूर्व में सुरक्षा संबंधी विचारों में बहुत बड़ी बाधा थी, जिसकी वजह से भू-स्थानिक आंकड़ों के उदारीकरण संबंधी कदम नहीं उठाये जा सके। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में महीनों चली तनातनी के बाद सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए आत्मविश्वास एक बहुत बड़ी ताकत होती है और आज भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है, सीमा पर हम ये देख रहे हैं। तभी इस प्रकार के निर्णय भी संभव होते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ये निर्णय सिर्फ प्रौद्योगिकी के दायरे के तहत आने वाले प्रशासनिक सुधार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ये निर्णय भारत के सामर्थ्य का परिचायक है। भारत को विश्वास है कि कभी ये निर्णय करने के बाद भी, हम देश को सुरक्षित भी रख पाएंगे और देश के नौजवानो का विश्व के अंदर अपना लोहा मनवाने के लिए अवसर भी देंगे।’’ इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और इस क्षेत्र में अगुवा बनने के लिये नवप्रवर्तन पर जोर, प्रतिस्पर्धी क्षमता विकसित करने के साथ उत्कृष्ट संस्थान निर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने आईटी उद्योग से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास समेत देश के लोगों की अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर समाधान तलाशे जाने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नये भारत के लिये अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें निजी क्षेत्र की भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय आईटी उद्योग की विश्व में छाप है, लेकिन हमें इस क्षेत्र में अगुवा बनना है, तो हमें नवप्रवर्तन, प्रतिस्पर्धी क्षमता और उत्कृष्टता के साथ संस्थान निर्माण पर ध्यान देना होगा।’’ उन्होंने विशेष रूप से स्टार्टअप का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘स्टार्टअप संस्थापकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि कैसे वे संस्थानें सृजित कर सकते हैं, केवल मूल्यांकन पर जोर नहीं होना चाहिए।’’ आईटी बीपीएम (बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट) उद्योग का शीर्ष निकाय नासकॉम का यह सम्मेलन तीन दिन (17-19 फरवरी) तक चलेगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘विश्व में भारतीय प्रौद्योगिकी की जो पहचान है, उससे देश को काफी उम्मीदें हैं। आपके समाधान पर मेक फॉर इंडिया की छाप होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आईटी उद्योग देश की जरूरत के हिसाब से भी काम करे। कृषि क्षेत्र को बेहतर और लाभदायक बनाने के लिये कैसे कृत्रिम मेधा व अन्य प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं, इस पर विचार करें। स्वास्थ्य सुविधाओं को सस्ता और सुलभ बनाने तथा शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण समेत अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग पर विचार करने की जरूरत है।’’
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-block-pramukh-elections-uttar-pradesh-bjp-samajwadi-party-latest-news-801007
उत्तर प्रदेश: ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए हो रहा मतदान, आज ही आएंगे नतीजे
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को दावा किया था कि निर्विरोध चुने गये क्षेत्र पंचायत प्रमुखों में 334 भारतीय जनता पार्टी के हैं।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 476 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के निर्वाचन के लिए शनिवार सुबह 11 बजे से मतदान प्रारंभ हुआ। अपराह्न तीन बजे तक मतदान चलेगा और आज ही अपराह्न तीन बजे के बाद मतगणना भी कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश के राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त मनोज कुमार ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि राज्‍य में 825 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ शुरू हुई और शुक्रवार को नामांकन पत्रों की वापसी तय की गई थी। शनिवार को मतदान सुनिश्चित किया गया है।निर्वाचन आयुक्‍त ने बताया कि 825 प्रमुख क्षेत्र पंचायत के पदों के लिए कुल 1,718 नामांकन प्राप्त हुए थे जिनमें 68 नामांकन रद्द किए जाने और 187 उम्मीदवारों द्वारा अपना नामांकन वापस लेने के बाद 1,710 वैध उम्मीदवार तय हुए।उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की कड़ी में शुक्रवार को राज्‍य में 349 क्षेत्र पंचायत प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए, जबकि 476 पदों के लिए शनिवार को मतदान हो रहा है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को दावा किया था कि निर्विरोध चुने गये क्षेत्र पंचायत प्रमुखों में 334 भारतीय जनता पार्टी के हैं। हालांकि, उत्तर प्रदेश में क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में विपक्ष ने, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ पार्टी पर धांधली करने और लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए शुक्रवार की देर रात जारी बयान में कहा, ''उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद जातिवाद एवं भ्रष्टाचार को खत्म कर विकास एवं सुशासन का राज्य स्थापित किया गया है। यही कारण है कि प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी भाजपा लगातार विजय प्राप्त कर रही है। यह जीत भाजपा की नीतियों पर जनता की मुहर है।''
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https://www.indiatv.in/india/national-india-china-talk-on-ladakh-lac-issue-big-points-818258
लद्दाख पर बातचीत में ड्रैगन ने फिर दिखाया अड़ियल रुख, जानिए 13वें दौर की बातचीत की 5 बड़ी बातें
लद्दाख में LAC पर पिछले साल से लेकर अबतक गतिरोध जारी है। रविवार को LAC पर तनाव कम करने के लिए भारत औऱ चीन के बीच हुई 13वें दौर की बातचीत बेनतीजा रही। भारत ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि एलएसी पर हालात यथास्थिति को बदलने के चीन के एकतरफा प्रयासों के कारण पैदा हुए हैं।
नई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए रविवार को भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लंबी बातचीत हुई। इस बातचीत में चीनी सेना के अड़ियल रुख की वजह से लद्दाख में LAC के विभन्न इलाकों में जारी तनाव को कम करने के लिए कोई नतीजा नहीं निकल सका। हालांकि दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने तथा संचार/संवाद कायम रखने पर सहमत हुए। भारतीय सेना ने कहा कि हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह लंबित मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम करेगा।पढ़ें- क्या चीन बना रहा है कोई 'गंदा प्लान'? रात के अंधेरे में कर रहा मिलिट्री ड्रिलपढ़ें- चीन को लगेगा बड़ा झटका! अमेरिका अपनी पूंजी भारत ट्रांसफर करने में दिखा रहा रुचिनई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए रविवार को भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लंबी बातचीत हुई। इस बातचीत में चीनी सेना के अड़ियल रुख की वजह से लद्दाख में LAC के विभन्न इलाकों में जारी तनाव को कम करने के लिए कोई नतीजा नहीं निकल सका। हालांकि दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने तथा संचार/संवाद कायम रखने पर सहमत हुए। भारतीय सेना ने कहा कि हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह लंबित मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम करेगा।पढ़ें- क्या चीन बना रहा है कोई 'गंदा प्लान'? रात के अंधेरे में कर रहा मिलिट्री ड्रिलयह वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चूशुल-मोल्दो सीमा क्षेत्र में चीन की तरफ रविवार को हुई। वार्ता करीब साढ़े आठ घंटे तक चली। आइए 5 बिंदुओं में आपको बतातें हैं भारतीय सेना के सूत्रों की तरफ से दी गई बातचीत को लेकर पूरी जानकारी-भारतीय सेना ने बयान में ये बतायाभारतीय सेना ने जो वक्तव्य जारी किया, उसमें मामले पर उसके सख्त रुख का संकेत मिला। सेना ने कहा कि रविवार को हुई बैठक में, बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों का समाधान नहीं निकला और भारतीय पक्ष ने जोर देकर कहा कि वह चीनी पक्ष से इस दिशा में काम करने की उम्मीद करता है। सेना ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष उनसे सहमत नहीं लगा और वह आगे बढ़ने की दिशा में कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका। अत: बैठक में बाकी के क्षेत्रों के संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका।’’सेना ने कहा कि वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि एलएसी पर जो हालात बने वे यथास्थिति को बदलने के चीन के ‘एकतरफा प्रयासों’ के कारण पैदा हुए हैं और यह द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन भी करते हैं। उसने कहा, ‘‘इसलिए यह आवश्यक है कि चीनी पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अमन और चैन की बहाली के लिए बाकी के क्षेत्रों में उचित कदम उठाए।’’ भारतीय पक्ष ने चीन और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले महीने हुई वार्ता का भी जिक्र किया, जो ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर हुई थी। सेना ने कहा, ‘‘यह दुशांबे में विदेश मंत्रियों के बीच हाल में हुई बैठक में दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप होगा, जिसमें उनके बीच सहमति बनी थी कि दोनों पक्ष लंबित मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान निकालें।’’
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https://www.indiatv.in/india/politics-what-pm-narendra-modi-demand-from-public-as-birthday-gift-741689
पीएम मोदी ने देशवासियों से बर्थ-डे गिफ्ट के तौर पर मांगी ये पांच चीजें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 70 वें जन्मदिवस लोगों को शुभकामनाओँ के लिए धन्यवाद दिया है। गुरुवार देर रात उन्होंने देश देशवासियों से कुछ चीजों की डिमांड रखी है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 70 वें जन्मदिवस लोगों को शुभकामनाओँ के लिए धन्यवाद दिया है। गुरुवार देर रात उन्होंने देश देशवासियों से कुछ चीजों की डिमांड रखी है। देर रात पीएम मोदी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, ‘चूंकि बहुत लोगों ने पूछा है, कि वह क्या है जो मैं अपने जन्मदिन के मौके पर चाहता हूं, तो ये वही है जो मैं अभी चाहता हूं।‘ पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कोरोना से बेहतर लड़ाई के लिए देशवासियों से पांच चीजों की मांग की है।उन्होंने लिखा है कि लोग मास्क पहन कर रखें और उसे ठीक से पहनें। क्योंक देश में कोरोना के नए मामले लोगों द्वारा मास्क पहनने में की जा रही लापरवाही की वजह से ही बढ़ रहे हैं।पीएम मोदी की जनता से दूसरी मांग है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। दो गज की दूरी' याद रखें। पीएम मोदी की तीसरी मांग है लोग भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। देश की जनता से पीएम मोदी की चौथी मांग है कि लोग अपनी इम्यूनिटी में सुधार करें, उसे मजबूत बनाएं। पीएम मोदी की देश की जनता से अंतिम और पांचवी मांग है कि हम सब मिलकर अपने ग्रह को स्वस्थ करें। यानी पीएम मोदी ग्रह को स्वस्थ करने के बहाने पर्यावरण संरक्षण का भी वादा लेना चाह रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-covid-cases-decreasing-but-deaths-on-rise-in-india-wear-mask-properly-791151
Covid: केस तो कम हुए लेकिन मौतें बढ़ गई, 24 घंटों में 4529 लोगों की गई जान
कोरोना वायरस के नए मामलों की बात करें तो पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2.67 लाख नए केस दर्ज किए गए हैं, रोजाना आने वाले नए मामले अब लगातार 3 लाख से नीचे दर्ज किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भले ही नए केस पहले के मुकाबले कम देखे जा रहे हों लेकिन कोरोना की वजह से होने वाली मौतें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 4529 लोगों की मृत्यु हुई है। कोरोना के कारण किसी एक दिन में कभी भी इतनी तबाही नहीं हुई है जितनी पिछले 24 घंटों के दौरान देखने को मिली है। देश में कोरोना के नए केस कम हो रहे हैं, एक्टिव मामले भी लगातार घट रहे हैं और कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है इन सभी के साथ कोरोना से रोजाना होने वाली मौतों के आंकड़े ने चिंता बढ़ा दी है। अबतक यह वायरस देश में 2.83 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका हे जिसमें 1.20 लाख लोगों की जान अप्रैल और मई के दौरान ही गई है। कोरोना वायरस के नए मामलों की बात करें तो पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 2.67 लाख नए केस दर्ज किए गए हैं, रोजाना आने वाले नए मामले अब लगातार 3 लाख से नीचे दर्ज किए जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना मरीजों की पहचान के लिए देशभर में रिकॉर्ड 20.08 लाख कोरोना टेस्ट हुए हैं, यानि पिछले 24 घंटों का कोरोना पॉजिटिविटी रेट 13.31 प्रतिशत दर्ज किया गया है। पहले देश में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 20-25 प्रतिशत के बीच पहुंच गया था। देश में कोरोना के मरीज तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान भी देश में 3.89 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए हैं। देश में अबतक 2.54 करोड़ से ज्यादा करोना मामले दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें लगभग 2.2 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं और देश में कोरोना से रिकवरी की दर 85 प्रतिशत के ऊपर पहुंच गई है। हालांकि कोरोना के संक्रमण से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन का जो टीकाकरण चल रहा है वह पहले के मुकाबले अब काफी धीमा हो गया है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में सिर्फ 13.12 लाख लोगों को ही वैक्सीन मिल सकी है। अबतक देश में कुल 18.58 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिली है जिनमें 4.22 करोड़ को दोनों डोज और 14.35 करोड़ को सिर्फ एक डोज मिल पायी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-rahul-gandhi-condoles-death-of-dilip-kumar-800399
दिलीप कुमार के निधन पर राहुल गांधी ने जताया शोक, कहा-उनके असाधारण योगदान को रखा जाएगा याद
बुधवार सुबह मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में दिलीप कुमार का निधन हो गया है। उनकी आयु 98 वर्ष हो चुकी थी और उम्र बढ़ने के साथ उन्हें कई रोगों ने घेर लिया था जिनका वे उपचार करा रहे थे।
नई दिल्ली। दिग्गज फिल्म अभिनेता और फिल्म इंडस्ट्री के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले दिलीप कुमार के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शोक जताया है। राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय सिनेमा में दिलीप कुमार के असाधारण योगदान को आने वाली पुश्तें याद रखेंगी। राहुल गांधी ने दिलीप कुमार के परिवार, मित्र और समर्थकों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त की है। बुधवार सुबह मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में दिलीप कुमार का निधन हो गया है। उनकी आयु 98 वर्ष हो चुकी थी और उम्र बढ़ने के साथ उन्हें कई रोगों ने घेर लिया था जिनका वे उपचार करा रहे थे। भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े कलाकारों में दिलीप कुमार की गिनती होती है,1950 से लेकर 1970 तक भारतीय सिनेमा में दिलीप कुमार सबसे बड़े कलाकार माने जाते थे और वे भारत के साथ पाकिस्तान में भी लोकप्रिय थे। साल 1944 में दिलीप कुमार की पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' आई थी, लेकिन उनकी पहली सफल फिल्म 'जुगनू' मानी जाती है जो 1947 में रिलीज हुई थी। इसके अलावा उस समय बॉक्स ऑफिस पर उनकी सबसे ज्यादा हिट रही फिल्म 'नूर जहां' थी। उन्होंने भारतीय सिनेमा के 'शो मैन' कहे जाने वाले राज कपूर के साथ मिलकर भी कई फिल्मों में काम किया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-regulatory-nod-given-to-conduct-clinical-trials-of-colchicine-csir-795764
औषधि नियामक ने कोविड मरीजों पर कोलचीसीन दवा के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दी: सीएसआईआर
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीएसआईआर और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को कोविड-19 मरीजों पर कोलचीसीन दवा के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दे दी है।
नयी दिल्ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने सीएसआईआर और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को कोविड-19 मरीजों पर कोलचीसीन दवा के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी दे दी है। शनिवार को जारी एक बयान में उक्त जानकारी दी गई। सीएसआईआर महानिदेशक के सलाहकार राम विश्वकर्मा ने बताया कि सामान्य देखभाल/इलाज के साथ कोलचीसीन का उपयोग हृदय रोग से पीड़ित कोविड-19 मरीजों के लिए मददगार साबित होगा और यह प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करके जल्दी संक्रमण मुक्त होने में मदद करेगा।उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हुए कई अध्ययनों से इसकी पुष्टि हुई है कि हृदय रोग से पीड़ित कोविड-19 मरीजों को जान को खतरा है और इस कारण काफी लोगों की मौत हो रही है, ऐसे में नयी दवा की जरुरत है। बयान के अनुसार, 'वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड (हैदराबाद) को डीसीजीआई ने कोविड-19 मरीजों के इलाज में कोलचीसीन दवा के उपयोग के प्रभाव और सुरक्षा के संबंध में दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण करने की मंजूरी दे दी है।'इस महत्वपूर्ण क्लीनिकल परीक्षण में साझेदार हैं। सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी, हैदराबाद) और सीएसआईआर-भारतीय समवेत औषध संस्थान (आईआईआईएम, जम्मू)। आईआईसीटी के निदेशक एस.चन्द्रशेखर ने कहा कि भारत इस महत्वपूर्ण दवा के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है और अगर यह सफल रहती है तो मरीजों को यह (कोलचीसीन दवा) किफायती दाम पर उपलब्ध करायी जाएगी।लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राम उपाध्याय ने बताया कि देश में विभिन्न जगहों पर मरीजों के पंजीकरण का काम शुरू हो गया है और परीक्षण 8 से 10 सप्ताह में समाप्त होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि परीक्षण के परिणाम और नियामक संस्था से मंजूरी के आधार पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह दवा उपलब्ध करायी जाएगी। बता दें कि, सीएसआईआर ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उसने लक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए एंटी-हेलमिंथिक दवा (परजीवियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाई) निकलोसमाइड का दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण कर रहा है।सीएसआईआर ने कहा कि निकलोसमाइड दवा का अतीत में बच्चों और व्यस्कों दोनों में टेपवर्म (फीता कृमि) के इलाज में खूब इस्तेमाल हुआ है। समय-समय पर इस दवा के सुरक्षित होने की जांच हुई है और अलग-अलग डोज में भी यह लोगों के सेवन के लिए सुरक्षित है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-congress-revokes-suspension-of-former-union-minister-shakeel-ahmad-736389
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन किया रद्द
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन रद्द कर दिया है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में बिहार में यूपीए उम्मीदवार के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बाद उन्हें कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था।
नई दिल्ली: कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन रद्द कर दिया है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में बिहार में यूपीए उम्मीदवार के खिलाफ एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बाद उन्हें कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था। शकील अहमद ने बिहार में महागठबंधन के उम्मीदवार के खिलाफ मधुबनी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था।कांग्रेस के इस फैसले को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि शकील अहमद बिहार के बड़े मुस्लिम चेहरों में से एक हैं।हालांकि, निलंबित किए जाने के कुछ समय बाद पिछले साल सितंबर महीने में शकील अहमद ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, इसके बाद से ही उनकी वापसी की अटकलें तेज हो गई थीं।
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https://www.indiatv.in/india/politics-rajasthan-s-farmers-have-voted-in-favor-of-agricultural-reforms-bjp-s-statement-after-victory-in-panchayat-elections-758719
राजस्थान के किसानों ने कृषि सुधारों के पक्ष में वोट किया है, पंचायत चुनाव में जीत के बाद भाजपा का बयान
राजस्थान में जिला परिषद चुनावों में जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि राज्य के किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के पक्ष में वोट किया है और राजस्थान के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत नए किसान कानून की जीत है।
नई दिल्ली: राजस्थान में जिला परिषद चुनावों में जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि राज्य के किसानों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के पक्ष में वोट किया है और राजस्थान के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत नए किसान कानून की जीत है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विपक्ष का कृषि सुधारों पर कुप्रचार होने के बावजूद भाजपा को सब जगह मतदाता पसंद करते हैं क्योंकि वे विपक्षियों की नकारात्मक राजनीति पसंद नहीं करते, उन्होंने कहा कि मतदाता देश की तरक्की देखना चाहते हैं और तरक्की मोदी जी के नेतृत्व में होगी यह उनको विश्वास है।प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “राजस्थान में ढाई करोड़ वोटरों में अधिकतर ग्रामीण इलाकों में थे और उनमें अधिकतर किसान थे, इसका मतबल है कि राजस्थान में किसान कोरोड़ों की संख्या में सरकार के कृषि सुधारों के पक्ष में हैं। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राजस्थान में मतदाताओं ने ट्रेंड बदला है और अब वे भाजपा के साथ हैं।”प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “राजस्थान के चुनाव की और विशेषता है कि इस बार मार्जिन बहुत ज्यादा रहा, हमारी जीत का और उनकी (कांग्रेस की) हार का अंतर बहुत ज्यादा है, प्रदेश अध्यक्ष अपने क्षेत्र की दो पंचायत समिति पूरी हार गए, पायलट के टोंक जिले में भाजपा ने जिला परिषद जीता। चार बड़े मंत्री जो सरकार चलाते हैं, वो भी अपना जिला परिषद बचा नहीं पाए, यह आने वाले समय का एक शुभ चिन्ह है कि किस तरह से मतदाता सब तरफ कैसे जा रहा है।राजस्थान में आमतौर पर यही होता रहा है कि विधानसबा में जिस दल की सत्ता है वही दल पंचायत चुनाव जीतता रहा है लेकिन इस बार राजस्थान में ट्रेंड बदला है, ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों से कांग्रेस को बड़े अंतर से हराकर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट किया है, 21 जिला परिषदों में से भाजपा ने 14 में जीत प्राप्त की है जबकि कांग्रेस को सिर्फ 5 में जीत मिली है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राजस्थान में उनकी जीत कृषि सुधारों के लिए किसानों का वोट है।
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सीएम योगी ने कहा, 'केंद्र की तर्ज पर यूपी में सभी भर्ती परीक्षाओं के लिए एक एजेंसी'
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में सभी भर्ती परीक्षाओं के संचालन के लिए एक एजेंसी बनाई जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में सभी भर्ती परीक्षाओं के संचालन के लिए एक एजेंसी बनाई जाए। गुरुवार को यहां अनलॉक स्थिति की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार के विभागों और उपक्रमों में भर्ती परीक्षाएं नियमित एवं समयबद्ध ढंग से होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य में सभी भर्ती परीक्षाओं के संचालन के लिए एक एजेंसी बनाई जाए।आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाएं। उन्होंने इसकी संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सर्विलांस, डोर-टू-डोर सर्वे व मेडिकल टेस्टिंग और प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए।उन्होंने बसों के अंतर्राज्यीय आवागमन को सुचारु बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा। सीएम ने प्रदेश में सभी निर्धारित रूटों पर परिवहन निगम की बसें चलाने के निर्देश भी दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ और कानपुर नगर में कोविड-19 के नियंत्रण और उपचार की व्यवस्था को सु²ढ़ करने उद्देश्य से बुधवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के दौरान दिए गए निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए। वहीं, इस संबंध में शिथिलता बरतने वालों की जवाबदेही तय की जाए।मुख्यमंत्री ने सभी विभागों की कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, सभी दफ्तरों को समयबद्ध तरीके से ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाए। साथ ही निर्धारित प्रक्रिया के तहत शासकीय कार्यों में त्वरित निर्णय लिए जाएं, जिससे विभागीय मुख्यालय सहित अधीनस्थ कार्यालयों में पत्रावलियां 7 दिन से अधिक लंबित न रहें। वहीं, किसी पटल पर तीन दिन से अधिक समय तक पत्रावली के लंबित रहने पर संबंधित स्तरों पर जवाबदेही तय की जाए।
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चैत्र नवरात्रि की आज से शुरुआत, पीएम मोदी ने देशवासियों को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चैत्र नवरात्रि पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-'सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई। शक्ति की उपासना का यह पर्व हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे।'
Navratri : चैत्र नवरात्रि की आज से शुरुआत हो गई है। करीब दो साल बाद मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिल रही है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चैत्र नवरात्रि पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-'सभी देशवासियों को नवरात्रि की बधाई। शक्ति की उपासना का यह पर्व हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे।'अपने दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा-आप सभी को नव संवत्सर की शुभकामनाएं। विक्रम संवत 2079 सबके जीवन में नया उत्साह और नई उमंग लेकर आए।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी चैत्र नवरात्रि पर देशवासियों को शुभाकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-
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LoC पर पाकिस्तान कर रहा अंधाधुंध फायरिंग, सेना का JCO शहीद
पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में गोलीबारी की और मोर्टार से गोले दागे। पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में सेना के जूनियर कमीशंड ऑफिसर शहीद हो गए हैं।
जम्मू: पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा से लगे इलाकों में गोलीबारी की और मोर्टार से गोले दागे। पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में सेना के जूनियर कमीशंड ऑफिसर शहीद हो गए हैं। बीते पांच दिनों में पाकिस्तान की ओर से किए संघर्षविराम उल्लंघन में यह चौथी मौत है। अधिकारियों ने बताया, "राजौरी के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से अकारण गोलीबारी। गोलाबारी में एक JCO की जान चली गई।" उन्होंने बताया कि मामले की अधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। इससे पहले एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया था कि जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ के दो सेक्टरों में नियंत्रण रेखा से लगे अग्रिम इलाकों में गोलीबारी की और मोर्टार से गोले दागे। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने शाम करीब साढ़े छह बजे भीषण गोलीबारी की और मोर्टार से गोले दागकर बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने भी माकूल जवाब दिया। दोनों ओर से कुछ समय तक गोलीबारी होती रही। उन्होंने बताया कि रात आठ बजकर करीब 20 मिनट पर पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ जिले के देगवार सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी की तथा मोर्टार से गोले दागे, जिसका भारतीय सेना ने जबर्दस्त जवाब दिया। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि अंतिम खबर मिलने तक दोनो ओर से गोलाबारी हो रही थी। एक अक्टूबर को पुंछ जिले के कृष्णा घाटी और कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टरों की अग्रिम चौकियों पर पाकिस्तानी गोलीबारी और गोलाबारी में सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे और पांच अन्य घायल हो गए थे।
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https://www.indiatv.in/india/national-we-re-firmly-committed-to-resolving-all-issues-through-peaceful-dialogue-mea-to-china-738438
चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर कहा, ''जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए।'' मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ''यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं।
नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर कहा, ''जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए।'' मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ''यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं। चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटकर सीमा पर तेजी से शांति बहाली के लिये गंभीरता से भारतीय पक्ष का साथ दे। आगे भी बातचीत जारी रहेगी, भारत संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान के लिये प्रतिबद्ध है। भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयारभारतीय वायुसेना के प्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने पूर्वी वायु (सेना) कमान के तहत आने वाले मुख्य ठिकानों का दौरा किया। साथ ही, चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इलाके में सामरिक रूप से महवपूर्ण कुछ खास स्थानों पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके में उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए वायुसेना के जांबाज जवानों से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है। वायुसेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय शिलांग में है, जो सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों और क्षेत्र के कई अन्य हिस्सों में हवाई रक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। वायुसेना के प्रवक्ता ने वायुसेना के ठिकानों के नामों का उल्लेख किये बगैर कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बुधवार को पूर्वी वायु (सेना) कमान में अग्रिम एयर बेस का दौरा किया।’’ सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ीथल सेना और वायुसेना ने करीब 3,400 किमी लंबी एलएसी पर सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया है। वायुसेना प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना प्रमुख को कमान के तहत लड़ाकू इकाइयों की ‘‘तैयारियों की स्थिति’’ और अभियानगत तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इन इकाइयों में सेवारत वायुसेना के जांबाज जवानों से भी अपने दौरे पर बातचीत की। उन्होंने सभी भूमिकाओं के निर्वहन में वायुसेना ठिकाने के कर्मियों के लक्ष्य केंद्रित प्रयासों की भी सराहना की और उनसे पूरी कर्मठता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को कहा। ’’ भारतीय थल सेना ने इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों पर कब्जा कियापैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की कोशिश के बाद, भारतीय थल सेना ने इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों पर कब्जा किया है, जहां से चीन के महत्वपूर्ण मोर्चों पर नजर रखी जा सकती है। मई की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने से उपजे सीमा विवाद के बाद से वायुसेना प्रमुख नियमित रूप से एलएसी से लगे वायु सेना के अहम ठिकानों का दौरा कर रहे हैं। जून में भदौरिया ने वायुसेना की संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा के लिये बल के लद्दाख और श्रीनगर स्थित ठिकानों का दौरा किया था। सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान तैनातपिछले दो महीने में वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अहम सीमांत एयर बेसों पर अग्रिम मोर्चे के अपने लगभग सभी श्रेणी के लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान शामिल हैं। वायुसेना ने अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और सैनिकों को क्षेत्र में विभिन्न अग्रिम स्थानों पर पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किये हैं। वायुसेना के विमान रात में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवाई गश्त कर रहेंवायुसेना के विमान रात में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवाई गश्त कर रहे हैं , जो संभवत: चीन को यह संदेश देने के लिये है कि यह इस पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये तैयार है। सोमवार को, थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथा स्थिति में एकतरफा बदलाव करने के इरादे से उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की, लेकिन उसकी यह कोशिश भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक दिन पहले उकसाने वाली हरकत की थी ।उस समय दोनों पक्षों के कमांडर तनाव दूर करने के लिये वार्ता कर रहे थे।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-death-toll-total-vaccination-positivity-rate-vaccination-june-30th-report-799078
कोरोना वायरस: 24 घंटे में 45951 नए मामले, संक्रमण की दर भी घटी, लेकिन वैक्सीन टीकाकरण में आई सुस्ती
पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कुल 45941 नए मामले सामने आए हैं और 60729 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में 15595 की कमी आई है
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण पहले के मुकाबले काफी कम हुआ है, कोरोना के एक्टिव मामले भी लगातार कम हो रहे हैं और नए कोरोना मामले भी कम हो रहे हैं। लेकिन वैक्सीन के टीकाकरण के लिए पिछले 8 दिन में जितनी तेजी देखने को मिली थी उतनी रफ्तार से मंगलवार को टीकाकरण नहीं हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह 8 बजे तक देशभर में 36.51 लाख लोगों को ही वैक्सीन का टीका लग पाया है। 21 जुलाई से देश के वैक्सीन टीकाकरण अभियान को नए सिरे शुरू किया गया था और रोजाना 50 लाख से ऊपर टीके लगाए जा रहे ते लेकिन मंगलवार को टीकाकरण में सुस्ती देखने को मिली है। अबतक देशभर में कुल 33.28 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिल चुकी है, हालांकि उनमें सिर्फ 5.88 करोड़ को ही वैक्सीन की दोनों डोज मिली हैं जबकि 27.40 करोड़ को अभी वैक्सीन की पहली डोज ही लग पाई है। कोरोना के मामलों की बात करें तो पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कुल 45941 नए मामले सामने आए हैं और 60729 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में 15595 की कमी आई है और अब देश में 5.37 लाख एक्टिव कोरोना मामले बचे हैं। कोरोना के मरीजों की जांच के लिए पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 19.60 लाख टेस्ट किए गए हैं और उसमें 45941 लोग पॉजिटिव मिले हैं, यानि संक्रमण की दर घटकर 2.34 प्रतिशत तक आ गई है। देश जिस रफ्तार से कोरोना के मामले कम हुए हैं, उस रफ्तार से कोरोना कोरोना की मृत्यु दर नहीं घटी है, बल्कि उल्टे मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान भी देश में कोरोना की वजह से 817 लोगों की जान गई है, अबतक यह वायरस देश में 398454 लोगों की मौत का कारण बन चुका है।