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c5619acc06c67edbbba6c4494fee4f73 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-yogi-adityanath-says-riots-were-part-of-akhilesh-mayawati-govt-819274 | योगी बोले- दंगे पिछली सरकार की फितरत, अखिलेश का पलटवार- सरकार की मंशा जानता हूं | योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 में नारा लगा था 'सबका साथ सबका विकास' उससे पहले जिन लोगों ने देश और राज्य में शासन किया था उनका नारा होता था "सबका साथ लेकिन उनके परिवार का विकास"। | लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि जब पर्व और त्योहार आते थे, जब कमाई करनी होती थी, जब आस्था का सम्मान करना होता था तब प्रदेश में कर्फ्यू लग जाता था, दंगे होते थे। पिछली सरकारों की फितरत दंगों में थी। वे दंगाइयों को आगे बढ़ाने का काम करते थे। 4.5 साल में UP में एक भी दंगा नहीं हुआ है।उन्होंने कहा कि 2014 में नारा लगा था 'सबका साथ सबका विकास' उससे पहले जिन लोगों ने देश और राज्य में शासन किया था उनका नारा होता था "सबका साथ लेकिन उनके परिवार का विकास"। अपने परिवार के विकास के अलावा उन लोगों की समाज और राष्ट्र के प्रति कोई चिंता नहीं थी।योगी ने कहा कि पहले सिर्फ 4 जिलों में बिजली मिलती थी। जैसा कि आपने सुना है कि कोयले का संकट है क्योंकि कोयला खदानों में बारिश का पानी भर गया है। लेकिन इसके बावजूद हम 22 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद रहे हैं जो पहले 7 रुपये थी। हम नहीं चाहते कि आपका त्योहार प्रभावित हो।योगी पर पलटवार खुद सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने किया। अखिलेश यादव ने कहा कि सुनने में आया है कि बीजेपी अपने 150 विधायकों के टिकट काटने जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ राज्य विधानसभा में 100 विधायक धरने पर बैठ गए। हमारे पास पहले से ही 50 विधायक हैं। तो गणना सरल है, हमने 300 सीटों को पार कर लिया है।उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने कहा कि हम 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाएंगे। यूपी सरकार ने कहा कि वो एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाएगी लेकिन भारत भूख सूचकांक में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल से पीछे है। सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे यूपी में हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि बीजेपी सरकार गलत दिशा में काम कर रही है। अखिलेश यहीं नहीं रुके, उन्होंने जाति जनगणना को लेकर भी योगी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि सपा चाहती है कि जातिगत जनगणना हो। केंद्र में कांग्रेस सरकार के दौरान नेता जी, लालू यादव और दक्षिण भारत के प्रमुख नेताओं ने आचरण करने की मांग की लेकिन ऐसा नहीं हुआ। |
b6257be19a8053b69ffa9c475ff2ff7a | https://www.indiatv.in/india/national-china-planning-two-front-attack-against-india-pakistan-navy-gifted-advance-warship-by-dragon-822510 | भारत को घेरने का प्लान बना रहा ड्रैगन? पाकिस्तान को दिया ये 'खतरनाक गिफ्ट' | पाकिस्तानी नौसेना की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार, पीएनएस तुगरिल चार प्रकार के 054 युद्धपोतों का पहला जहाज है जिनका निर्माण पाकिस्तानी नौसेना के लिए किया जा रहा है। कहा जाता है कि ये जहाज व्यापक निगरानी क्षमता के अलावा सतह से सतह, सतह से हवा और पानी के नीचे की मारक क्षमता के साथ तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यधिक सक्षम मंच है। | बीजिंग. पड़ोसी मुल्कों चीन और पाकिस्तान के हमारे देश को लेकर क्या मंसूबे हैं, इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं। चीन ने पिछले साल लद्दाख में हमारी सरजमीं में घुसने की कोशिश की तो उसे मुंह की खानी पड़ी। गलवान में 40 सैनिकों को खोने के बाद चीन को ये तो समझ आ गया कि वो भारतीय सैनिकों के फौलादी इरादों के आगे नहीं टिक पाएंगे, इसी वजह से वो अन्य पड़ोसी मुल्कों से भारत के रिश्ते खराब करवाने और पाकिस्तान को आधुनिक हथियार देकर गीदड़ भभकी देने को कोशिश करता रहा है।ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब चीन की तरफ से पाकिस्तानी नेवी को अबतक का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा एडवांस युद्धपोत एक्सपोर्ट किया गया है। इस युद्धपोत को चीन की कंपनी चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSSC) ने बनाया है। चीन के शंघाई शहर में एक कमीशन समारोह में इस युदपोत को पाकिस्तानी नौसेना को दिया गया।Type 054A/P के इस युद्धपोत को पाकिस्तानी नौसेना ने PNS Tughril का नाम दिया है। पाकिस्तानी नौसेना की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार, पीएनएस तुगरिल चार प्रकार के 054 युद्धपोतों का पहला जहाज है जिनका निर्माण पाकिस्तानी नौसेना के लिए किया जा रहा है। कहा जाता है कि ये जहाज व्यापक निगरानी क्षमता के अलावा सतह से सतह, सतह से हवा और पानी के नीचे की मारक क्षमता के साथ तकनीकी रूप से उन्नत और अत्यधिक सक्षम मंच है। पाकिस्तान को चीन द्वारा दिया गया ये जहाज आधुनिक आत्मरक्षा क्षमताओं के साथ अत्याधुनिक युद्ध प्रबंधन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से भी लैस है। चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSSC) ने बताया कि यह युद्धपोत चीन द्वारा एक्सपोर्ट किया गया अबतक का सबसे बड़ा और एडवांस वारशिप है। |
f07daf92fb2c6e872b8858d0cefa9047 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-section-144-imposed-in-lucknow-till-5-april-775542 | लखनऊ में 5 अप्रैल तक धारा 144 लागू, ये रहेंगे नियम | लखनऊ में 5 अप्रैल तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान किसी भी बंद हाल या कमरे की क्षमता के 50 फीसदी लोग ही कमरे या हाल में रह पाएंगे। 200 से ज़्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो पाएंगे। | लखनऊ: लखनऊ में 5 अप्रैल तक के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। इस दौरान किसी भी बंद हाल या कमरे की क्षमता के 50 फीसदी लोग ही कमरे या हाल में रह पाएंगे। 200 से ज़्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो पाएंगे। खुली जगह में क्षमता के 50 फीसदी लोग ही जमा हो पाएंगे। सबको मास्क लगाना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।जारी आदेश के अनुसार, पुलिस की अनुमति के बिना कोई जुलूस नहीं निकलेगा। किसी भी जगह रात दस बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर नहीं बजेगा। आदेश में कहा गया है कि इस दौरान कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा (दिव्यांगों को छोड़कर), तेज धार वाले चाकू, तलवार, फरसा, त्रिशूल लेकर नहीं चलेगा।आदेश के मुताबिक, धार्मिक स्थानों, दीवारों पर किसी तरह के धार्मिक झंडे, बैनर, पोस्टर नहीं लगाए जाएंगे। किसी भी खुले स्थान, मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडा वॉटर की बोतल, विस्फोटक सामाग्री नहीं जमा करेगा। |
482ca1a78b21c3b2404430fbedd42e83 | https://www.indiatv.in/india/national-electricity-bill-waived-off-across-india-from-september-1-pib-reveals-truth-fake-video-736941 | क्या 1 सितंबर से पूरे देश में माफ होगा बिजली का बिल? जानिए क्या है सच्चाई | सरकार की तरफ से गलत सूचनाओं के बारे में सावधान करने वाली twitter handle PIB Fact Check ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन सभी वीडियोज को गलत करार दिया है। | नई दिल्ली. इन दिनों सोशल मीडिया पर बिजली के बिल से जुड़े कई वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इन videos में ये दावा किया जा रहा है कि 1 सितबंर 2020 से सरकार पूरे देश में बिजली का बिल माफ करने जा रही है। इन वीडियोज में ये भी दावा किया जा रहा है कि सरकार जिनके बिल माफ नहीं करेगी उन्हें भारी छूट दी जाने वाली है। इन videos में विभिन्न कैटेगरी के हिसाब से बिल माफी और बिल में छूट के दावे भी किए गए हैं।पढ़ें- Coronavirus: एक्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ, अधिकारियों को दिए कई बड़े आदेशहालांकि सरकार की तरफ से गलत सूचनाओं के बारे में सावधान करने वाली twitter handle PIB Fact Check ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन सभी वीडियोज को गलत करार दिया है। PIB Fact Check के ट्वीट में कहा गया, "एक #Youtube वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि बिजली बिल माफी योजना 2020 के तहत 1 सितंबर से पूरे देश मे सबका बिजली बिल माफ होगा। #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। सरकार द्वारा ऐसी किसी योजना की घोषणा नहीं की गई है।"पढ़ें- चीन ने LAC के करीब 5G संरचना का निर्माण शुरू किया |
44c6951f832f6254867cbe1f8720e3e9 | https://www.indiatv.in/india/national-tripura-cm-statement-amit-shah-will-form-bjp-government-in-nepal-and-sri-lanka-772432 | नेपाल, श्रीलंका में भी अमित शाह बनाएंगे BJP सरकार? त्रिपुरा CM के बयान पर विवाद | मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिप्लव देव ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह की श्रीलंका और नेपाल में सरकार बनाने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिप्लब देव ने बताया कि 2018 में जब भारतीय जनता पार्टी त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी उस समय अमित शाह ने यह बात कही थी। | अगरतला. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे एक नया विवाद खड़ा होने की आशंका जताई जा रही है। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम में बिप्लब देव ने कहा कि पार्टी की सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में विस्तार की भी योजना है। बिप्लब देव ने दावा किया, "अमित शाह जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो उन्होंने यहां (अगरतला) राजकीय अतिथि गृह कई पार्टी सदस्यों के साथ बातचीत में कहा था कि पार्टी नेपाल और श्रीलंका में भी अपने विस्तार की योजना बना रही है।" कई मीडिया रिपोर्ट्स में बिप्लव देव के इस बयान को छापा है।पढ़ें- यहां पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरेंपढ़ें- गुजरात के मुख्यमंत्री रैली में मंच पर गिर पड़े, ले जाए गए अस्पताल, देखिए वीडियोमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिप्लव देव ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह की श्रीलंका और नेपाल में सरकार बनाने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिप्लब देव ने बताया कि 2018 में जब भारतीय जनता पार्टी त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी उस समय अमित शाह ने यह बात कही थी। पढ़ें- राम मंदिर निर्माण के लिए 80 शिया अनाथों ने दिया दानपढ़ें- ड्रैगन फ्रूट में सेहत खजाना, बदलेगा किसानों का मुकद्दर, योगी सरकार करने जा रही है ये काममुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब द्वारा 2018 में त्रिपुरा विधानसभा चुनवा की तैयारी के दौरान अमित शाह से की गई बातचीत को लेकर कहा कि जब अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उस दौरान एक बैठक में भारत में सभी राज्यों में पार्टी की जीत के बाद विदेशी विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई थी।पढ़ें- असम में राहुल ने किया भाजपा पर प्रहार, बोले- अगर हम सत्ता में आए तो CAA कभी लागू नहीं करेंगेपढ़ें- जम्मू में बड़ी साजिश नाकाम, 7 किलो IED बरामदउसी बातचीत के आधार पर बिपल्ब देव ने कहा कि, “ हम अतिथिगृह में बात कर रहे थे तब अजय जम्वाल ने कहा था कि बीजेपी ने कई राज्यो में अपनी सरकार बनाई। इस के जवाब में अमित शाह ने कहा था कि अब श्रीलंका और नेपाल में भी विस्तार करना है।” बिप्लब देव के इस बयान पर विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। त्रिपुरा में विपक्षी दल सीपीएम और कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि बिप्लब देन का बयान बहुत की अलोकतांत्रिक है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।अगरतला. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे एक नया विवाद खड़ा होने की आशंका जताई जा रही है। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यक्रम में बिप्लब देव ने कहा कि पार्टी की सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में विस्तार की भी योजना है। बिप्लब देव ने दावा किया, "अमित शाह जब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो उन्होंने यहां (अगरतला) राजकीय अतिथि गृह कई पार्टी सदस्यों के साथ बातचीत में कहा था कि पार्टी नेपाल और श्रीलंका में भी अपने विस्तार की योजना बना रही है।" कई मीडिया रिपोर्ट्स में बिप्लव देव के इस बयान को छापा है।पढ़ें- यहां पढ़िए आज की सभी बड़ी खबरेंपढ़ें- गुजरात के मुख्यमंत्री रैली में मंच पर गिर पड़े, ले जाए गए अस्पताल, देखिए वीडियोमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिप्लव देव ने कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह की श्रीलंका और नेपाल में सरकार बनाने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिप्लब देव ने बताया कि 2018 में जब भारतीय जनता पार्टी त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही थी उस समय अमित शाह ने यह बात कही थी। पढ़ें- राम मंदिर निर्माण के लिए 80 शिया अनाथों ने दिया दानपढ़ें- ड्रैगन फ्रूट में सेहत खजाना, बदलेगा किसानों का मुकद्दर, योगी सरकार करने जा रही है ये काममुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब द्वारा 2018 में त्रिपुरा विधानसभा चुनवा की तैयारी के दौरान अमित शाह से की गई बातचीत को लेकर कहा कि जब अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उस दौरान एक बैठक में भारत में सभी राज्यों में पार्टी की जीत के बाद विदेशी विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई थी।पढ़ें- असम में राहुल ने किया भाजपा पर प्रहार, बोले- अगर हम सत्ता में आए तो CAA कभी लागू नहीं करेंगेपढ़ें- जम्मू में बड़ी साजिश नाकाम, 7 किलो IED बरामदपढ़ें- महाराष्ट्र में सड़क हादसा, जलगांव में ट्रक के पलटने से 15 मजदूरों की मौतपढ़ें- IAS, SSC, NEET, JEE, बैंकिंग सहित कई प्रतियोगिता परीक्षाओं की फ्री कोचिंग, सरकार आज कर रही है योजना का शुभारंभ |
dcc04b199bc6365680cda3534da82c38 | https://www.indiatv.in/india/politics/hardik-patel-says-i-am-ready-to-leave-congress-and-will-do-patidar-movement-again-2022-02-21-836857 | हार्दिक पटेल ने कहा- 'मैं कांग्रेस छोड़ने और पाटीदार आंदोलन को फिर से शुरू करने को तैयार' | हार्दिक पटेल ने कहा कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) द्वारा 2015 के आंदोलन से संबंधित मांगें अभी तक पूरी नहीं की गई हैं, इसलिए उन्हें और अन्य पाटीदार नेताओं को आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया है। | गांधीनगर: गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने सोमवार को 23 मार्च तक लंबित मांगें पूरी न किए जाने पर पाटीदार आंदोलन को फिर से शुरू करने की धमकी दी और कहा कि वह इसके लिए पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) द्वारा 2015 के आंदोलन से संबंधित मांगें अभी तक पूरी नहीं की गई हैं, इसलिए उन्हें और अन्य पाटीदार नेताओं को आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए मजबूर कर दिया है।हार्दिक के सहयोगी और संयोजक जयेश पटेल ने कहा, "23 मार्च की अल्टीमेटम तारीख को सरदार भगत सिंह का शहीदी दिवस है, हमने चार कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। पाटीदार नेता और वे सभी जो आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं, निर्वाचित प्रतिनिधियों से संपर्क करेंगे और अपना ज्ञापन सौंपेंगे। इसी तरह पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के तहसील और जिलों के सरकारी कार्यालयों से भी संपर्क किया जाएगा।"हार्दिक ने कहा, "भाजपा सरकार ने अब तक हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है और सभी लंबित मांगें पूरी करने का आश्वासन सिर्फ लॉलीपॉप साबित हुआ है। मैं एक बार फिर इस मुद्दे को उठा रहा हूं। अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम एक बार फिर से पटेल आंदोलन शुरू करेंगे और यह 2015 की तरह ही तेज होगा।" उन्होंने कहा कि पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण के संबंध में पीएएएस की मांग उचित है, क्योंकि राज्य और केंद्र सरकार ने गरीब और पिछड़े वर्गो को आरक्षण व आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया था।हार्दिक पटेल ने कहा, "सरकार 23 मार्च के हमारे अल्टीमेटम को अनुरोध के साथ-साथ धमकी भी मान सकती है। हम सरकार से आश्वासन पूरा करने का अनुरोध कर रहे हैं।" हार्दिक ने कहा, "मुख्यमंत्री के रूप में आनंदीबेन ने कई मामले वापस ले लिए, लेकिन विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक भी वापस नहीं लिया। इसलिए हम नए नेतृत्व को अपनी मांगें दोहरा रहे हैं। अगर सरकार मुझसे प्रतिशोध लेना चाहती है तो ले, लेकिन 202 अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले कम से कम वापस ले ले।"हार्दिक ने कहा कि उन मामलों से अब भी तीन से चार हजार युवा प्रभावित हैं। उन्हें सरकारी नौकरी, पढ़ाई या विदेश जाने में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि 2015 में उनके आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने पिछड़ी सवर्ण जातियों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। हार्दिक ने कहा, "ऐसा नहीं है कि उस आरक्षण से केवल पटेल समुदाय को फायदा होगा, बल्कि पूरे समाज को फायदा होगा।"पुलिस मामलों को वापस लेने के अलावा, पास की अन्य मांगों में आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले पाटीदार युवाओं के परिजनों को नौकरी देना शामिल है। उन्होंने कहा, "सरकार ने अभी भी पाटीदार आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों के लिए नौकरी जैसी हमारी मांग पूरी नहीं की है।"जीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह आंदोलन को फिर से शुरू करने के लिए पार्टी से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।(इनपुट- एजेंसी) |
1bc8994dc091d645573a66b6daaae419 | https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-why-india-must-speak-to-the-taliban-in-afghanistan-806324 | Rajat Sharma’s Blog: भारत को तालिबान से बातचीत क्यों करनी चाहिए? | भारत की नीति शुरू से ही साफ रही है कि वह किसी भी हालत में अपनी सेना अफगानिस्तान में नहीं भेजेगा। | अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच चल रही लड़ाई की वजह से लगभग पूरा अफगानिस्तान इस वक्त मैदान-ए-जंग में तब्दील होता जा रहा है। इंडिया टीवी के डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद इस समय कैमरापर्सन बलराम यादव के साथ अफगानिस्तान में हैं, और वे वहां से अमेरिका और नाटो फोर्सेज के जाने के बाद हो रही इस जंग की पल-पल की जानकारी भेज रहे हैं। मंगलवार की रात काबुल, कंधार, हेरात, जलालाबाद, मजार-ए-शरीफ और गजनी समेत अफगानिस्तान के तमाम शहरों में लोग सड़कों पर निकल आए और अफगान सरकार के प्रति एकजुटता दिखाते हुए 'अल्लाहू अकबर' के नारे लगाए।दहशत का माहौल बनाने और लोगों की आवाज को खामोश करने के लिए तालिबान ने काबुल में कार्यवाहक रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी के घर पर कार बम से अटैक कर दिया। मोहम्मदी अपने घर पर हुए इस हमले में बाल-बाल बच गए। रक्षा मंत्री के घर पर हमला करके तालिबान ने काबुल के सबसे सुरक्षित इलाके में अपनी मौजदूगी का सबूत दे दिया। देर रात तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली।बुधवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने दिखाया था कि किस तरह काबुल में तालिबान द्वारा किए गए विस्फोट के बाद अफगान सुरक्षा बलों ने जवाबी हमले किए। तालिबान ने काबुल में रक्षा मंत्री के घर पर हमला सोची समझी रणनीति के तहत किया था। दरअसल, बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी ने अफगानिस्तान के लोगों से अपील की थी कि तालिबान के खिलाफ जो जंग चल रही है उसमें अफगान सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ाने के लिए सभी लोग रात 9 बजे घरों से बाहर निकले और एक साथ ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाएं। इसके जवाब में तालिबान ने मंत्री के घर पर ही हमला बोल दिया। एक तरफ तालिबान हमलावरों से मुठभेड़ चल रही थी, तो दूसरी तरफ हजारों अफगान सड़कों पर उतर आए थे और नारे लगा रहे थे। इन लोगों में अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी शामिल थे।मनीष प्रसाद ने बताया कि हमले को तालिबान के 4 हमलावरों ने अंजाम दिया, जिनमें से एक ने खुद को कार धमाके में उड़ा लिया, और बाकी के 3 ने अफगान सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की। इसके बाद हुई मुठभेड़ में तीनों हमलावरों और 4 नागरिकों की जान चली गई और 20 अन्य घायल हो गए। विस्फोट के बाद लगी आग में अफगान सांसद मरियम कुफी का घर जलकर खाक हो गया। उनके घर में मौजूद बॉडीगार्ड मारा गया। मरियम कुफी ने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई थी, जबकि उस समय वह सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बाहर निकलकर नारे लगा रही थीं। हमले से बेपरवाह हजारों अफगान नागरिक मौजूदा शासन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए काबुल की सड़कों पर उतर आए थे। लोग पैदल और गाड़ियों में अफगानिस्तान का झंडा लेकर घरों से निकल पड़े और हर गली, चौक, चौराहे पर ‘अल्लाहु अकबर’ की गूंज सुनाई देने लगी।मंगलवार को हेलमंद, गजनी और हेरात सूबों में तालिबान और अफगान सुरक्षाबलों के बीच भीषण लड़ाई हुई। पिछले 24 घंटों में अफगान सेना के हवाई हमलों में लगभग 200 तालिबान लड़ाके मारे गए हैं। वहीं, समांगन प्रांत में भी करीब 40 तालिबान लड़ाके मारे गए। तालिबान ने हेरात में भारत द्वारा बनाए गए सलमा डैम को नुकसान पहुंचाने के इरादे से हमला किया था, लेकिन अफगान सुरक्षा बलों ने इसे नाकाम कर दिया।हमारे डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद और कैमरापर्सन बलराम यादव ने बुधवार को पूरा दिन इस लड़ाई को देखने के लिए अफगान सुरक्षा बलों के साथ बिताया। अफगान सेना अब हाईटेक हथियारों से लैस है और वह तालिबान की गोली का जवाब गोली से और रॉकेट का जवाब रॉकेट से दे रही है। इंडिया टीवी की टीम उन जगहों पर भी गई जहां अफगान आर्मी के कमांडो की ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग सेंटर्स में सभी कमांडो को बताया जा रहा था कि कैसे किसी इलाके को सैनिटाइज करना है, तालिबान का खात्मा करना है और जहां-जहां तालिबान ने कब्जा किया है उन इलाकों को दोबारा कैसे हासिल करना है।मनीष प्रसाद ने बताया कि इस वक्त अफगानिस्तान के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में तालिबान का दबदबा है। उसके लड़ाके वहां मौजूद हैं और उन्होंने एक बड़े इलाके पर कब्जा कर रखा है, लेकिन अफगान सेना इलाके पर दोबारा कब्जे के लिए लड़ रही है। अफगान फोर्सेज का दावा है कि हेलमंड प्रोविंस की राजधानी लश्कर गाह में तालिबान को काफी नुकसान हुआ। यहां हुई लड़ाई में तालिबान के कई सीनियर कमांडर मारे गए और हवाई हमलों में उनके हथियारों और गोला-बारूद का एक बड़ा डिपो भी उड़ा दिया गया। दक्षिणी अफगानिस्तान में अफगान सेना के कमांडो पूरे ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं और पिछले 24 घंटों में यहां तालिबान के 90 से ज्यादा लड़ाके मारे गए हैं। इसके अलावा तालिबान को सपोर्ट करने आए पाकिस्तान के आतंकवादियों का भी सफाया हो रहा है।अफगान कमांडो के हमलों से बचने के लिए तालिबान लड़ाके आम नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। तालिबान के ये लड़ाके दुकानों, घरों और बाजारों के अंदर पोजिशन लेकर आम लोगों को बंधक बना रहे हैं, ताकि अफगान फोर्सेज के हमलों से बचाव किया जा सके। मनीष प्रसाद ने अफगानिस्तान की सेना के जिन कमांडरों से बात की, उन्होंने कहा कि उनका मकसद बिल्कुल साफ है: एक गोली, एक तालिबान।इस समय अफगानिस्तान की स्थिति काफी जटिल और उलझी हुई है। इसमें कई सारे बड़े खिलाड़ी हैं जिनमें अमेरिका, चीन पाकिस्तान और रूस शामिल हैं। यही वजह है कि भारत को इस मामले में हर कदम फूंक-फूंककर रखना पड़ रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपनी फौज अफगानिस्तान में भेज दे। उसने 2 दशकों के बाद अपनी आर्मी तो वापस बुला ली और चाहता है कि भारत इस जंग में शामिल हो। भारत की नीति शुरू से ही साफ रही है कि वह किसी भी हालत में अपनी सेना अफगानिस्तान में नहीं भेजेगा। भारत ने पहले भी अफगानिस्तान की फौज को ट्रेनिंग दी है, साजो-सामान दिया है, गोला-बारूद दिया है और ये आगे भी चलता रहेगा।भारतीय रणनीतिकार इस बात को समझते हैं कि अमेरिका अफगनिस्तान में भारत का ‘इस्तेमाल’ करने की कोशिश कर रहा है, और वे इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि अमेरिका ने अपने दूत जमलय खलीलजाद द्वारा शुरू की गई तालिबान के साथ हुई शांति वार्ता से भारत को दूर रखा था। अगर अमेरिका की नीयत साफ होती तो झगड़ा सुलझाने की कोशिश में भारत की अहम भूमिका हो सकती थी। ऐसे में भारत अफगानिस्तान मुद्दे को सुलझाने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता था।जैसे अमेरिका चाहता है कि अफगानिस्तान में शांति बनाने की कोशिश में भारत उसकी मदद करे, वैसे ही पाकिस्तान चाहता है कि चीन उसकी मदद करे। वहीं, चीन को डर है कि अगर काबुल में तालिबान का कब्जा हो गया तो चीन का शिनचियांग प्रोविंस उसके हाथ से निकल जाएगा। बड़े लंबे वक्त से वहां के उइगर मुसलमान अपना अलग मुल्क बनाना चाहते हैं। चीन को लगता है कि अगर तालिबान काबुल में आ गया तो उइगर मुसलमान जोश में आ जाएंगे और चीन में जेहाद छेड़ देंगे। इसी डर की वजह से चीन ने तालिबान के नेताओं को अपने यहां बुलाकर उनसे वादा लिया कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल चीन के खिलाफ नहीं होगा और वे उइगर जिहाद को सपोर्ट नहीं करेंगे।पाकिस्तान की समस्या थोड़ी अलग है, और वह समस्या ये है कि तालिबान उसी की खड़ी की हुई मुसीबत है। बेनजीर भुट्टो के शासनकाल में पाकिस्तान ने ही नब्बे के दशक के दौरान अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए तालिबान के लड़ाकों को ट्रेनिंग दी थी, उनकी मदद की थी, उन्हें भड़काया था। पाकिस्तान अभी भी क्वेटा, बलूचिस्तान में तालिबान के बड़े मंत्रियों और और कमांडरों को पनाह दे रहा है, जिसे ‘क्वेटा शूरा’ के नाम से जाना जाता है। यह पाकिस्तान ही है जो अफगानिस्तान के अंदर हमले करने में हक्कानी की मदद कर रहा है। पाकिस्तान को डर है कि अगर तालिबान काबुल में सत्ता में आ जाता है तो वह पठान या पश्तून राजनीति के केंद्र पेशावर पर भी अपना दावा ठोक सकता है।तालिबान बाहरी नहीं हैं, वे भी अफगान ही हैं लेकिन कट्टर हैं। ज्यादातर तालिबान पश्तून हैं, जो शरीयत कानून में यकीन रखते हैं और एक इस्लामी सल्तनत कायम करने का ख्वाब देखते हैं। पाकिस्तान ने पश्तूनों को तालिबानियों का साथ देने के लिए भेज दिया था, लेकिन मुश्किल तब हो गई जब अफगानिस्तान के लोगों ने पाकिस्तानी तालिबानियों को मार कर उनकी लाशें वापस पाकिस्तान भेज दीं। इसीलिए अब पाकिस्तान फंस गया है। वह न तो वापस भाग सकता है और न ही और पाकिस्तानियों को अफगानिस्तान भेज सकता है।इस पूरे मामले में भारत का पक्ष बिल्कुल साफ है। हम जंग में कहीं नहीं हैं, न अफगानिस्तान की सरकार के साथ और न ही तालिबान के साथ। भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ है क्योंकि हमारा वहां के लोगों के साथ सदियों पुराना रिश्ता है। इसलिए भारत ने एक बात साफ कर दी है कि अफगानिस्तान में जंग से कोई रास्ता नहीं निकलेगा। कोई भी सरकार जबरदस्ती अफगानिस्तान के लोगों पर नहीं थोपी जा सकती। रास्ता सिर्फ बातचीत से ही निकल सकता है। बात करने से ही शांति स्थापित होगी, इसलिए बात करना जरूरी है। मुझे लगता है कि इसके लिए अगर भारत को तालिबान से भी बात करनी पड़े, तो करनी चाहिए। अफगानिस्तान में अमन बना रहे, इसी में भारत का हित है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 04 अगस्त, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_5131293647 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/08/0_pexhzmsy/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2021/08/0_pexhzmsy.jpg","title": "आज की बात: काबुल से इंडिया टीवी की रिपोर्ट, तालिबान कैसे आत्मघाती हमले करके दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहा है","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": 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df98393aa4d20548d36bcfe92144b48d | https://www.indiatv.in/india/national/gyanvapi-masjid-case-survey-in-gyanvapi-masjid-complex-today-report-to-be-presented-on-may-17-2022-05-16-851105 | Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम हुआ पूरा, 17 मई तक पेश होगी रिपोर्ट | ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। रविवार तक 80 फीसदी सर्वे हुआ था। 7 मई तक रिपोर्ट पेश होगी। सर्वे के लिहाज से आज का दिन बेहद खास रहा। | Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। रविवार तक 80 फीसदी सर्वे हुआ था। 7 मई तक रिपोर्ट पेश होगी। सर्वे के लिहाज से आज का दिन बेहद खास रहा। रविवार को ज्ञानवापी में दूसरे दिन का सर्वे कार्य संपन्न हुआ। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी मस्जिद के गुंबद की जांच की गई। साथ ही छत, ग्राउंड फ्लोर की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। जहां नमाज पढ़ी जाती है, उस जगह का भी सर्वे का काम किया गया। मस्जिद के उत्तरी पश्चिमी दीवार की भी वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान डीएम कौशल राज शर्मा भी सर्वे खत्म होने से पहले सर्वे वाली जगह पर पहुंचे।तहखानों के खंभों और दरवाजों की माप ली गई। दीवारों की मोटाई भी मापी गई। खंभों से धूल हटाकर आकृतियों की वीडियोग्राफी की गई। सर्वे का काम पूरा होने के बाद 10 सफाई कर्मचारियों को मस्जिद के अंदर बुलाया गया। सर्वे खत्म होने के करीब डेढ़ घंटे बाद सर्वे की टीम बाहर निकली। इस दौरान बताया गया कि थोड़ा काम और बचा हुआ है। सर्वे का काम सोमवार को भी होगा। कल सोमवार को डेढ़ घंटे तक सर्वे होगा। वकील ने बताया कि सर्वे के दौरान शासन प्रशासन का पूरा सहयोग मिला। |
e8fe7953934e259030c9e36c82d765d4 | https://www.indiatv.in/india/national-police-blocking-roads-not-us-says-rakesh-tikait-after-supreme-court-observation-816687 | सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर बोले राकेश टिकैत, हमने नहीं पुलिस ने रोका है रास्ता | टिकैत ने कहा, हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं। | नई दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर शुक्रवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सड़कों को ब्लॉक करने के लिए किसानों को दोष नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर सड़क ब्लॉक किए हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि यदि पुलिस बैरिकेडिंग हटा देती है, तो किसान दिल्ली चले जाएंगे। टिकैत ने कहा कि जिस संगठन ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत मांगी थी, उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई लेना-देना नहीं है।‘'सभी किसान दिल्ली जा रहे थे’टिकैत ने कहा, 'सभी किसान दिल्ली जा रहे थे। ऐसे में अब पुलिस बैरिकेडिंग लगा देगी, तो हमारे पास सड़क पर बैठने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता है।' उन्होंने कहा, ‘हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं। पुलिस ने कर रखे हैं रास्त जाम, बैरिकेडिंग पुलिस ने की हुई है हमने नहीं की है। रास्ता खोल दो, हम दिल्ली चले जाएंगे। सड़क कहीं के लिए है, और रोक किसने रखी है, बैरिकेडिंग तोड़ दिए तो कहेंगे कि बैरिकेड तोड़ दिए, क्या बैरिकेड तोड़कर चले जाएं, बैरिकेड हटा दो, हमें दिल्ली जाना है, हम चले जाएंगे।’‘आपने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है’टिकैत ने कहा, ‘सरकार हमसे बात करना ही नहीं चाहती, हम तो चाहते हैं कि सरकार हमसे बात करे। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि समाधान करो, अब सरकार करे समाधान। हमने सरकार को चिट्ठी लिख रही है कि बातचीत करो हमसे, बातचीत करे सरकार उसके बाद पता चलेगा।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था, 'आपने पूरे शहर का गला घोंट दिया है, अब आप अंदर आना चाहते हो?' न्यायमूर्ति एएम खानविलकर ने कहा कि सत्याग्रह करने की क्या बात है? आपने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट पर भरोसा रखें। एक बार जब आपने अदालत का दरवाजा खटखटाया, तो विरोध का क्या मतलब है? |
e3112c71395de10b08ec521a32d4375f | https://www.indiatv.in/india/national-imd-weather-forecast-cold-wave-in-alwar-bharatpur-churu-bikaner-nagaur-rajasthan-765027 | उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, अगले 24 घंटों में इन जगहों पर शीतलहर की संभावना | मरुस्थल राजस्थान (Rajasthan) में भी इस समय ठंड का प्रकोप देखा जा सकता है। राजस्थान में इस समय ज्यादातर जिले कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। यहां पिछले 24 घंटे में कई शहरो में रात के समय तापमान (temperature) में गिरावट दर्ज की गई है। | जयपुर. उत्तर भारत (North India) में इन दिनों कड़ाके की ठंड (Extreme Cold) पड़ रही है। मरुस्थल राजस्थान (Rajasthan) में भी इस समय ठंड का प्रकोप देखा जा सकता है। राजस्थान में इस समय ज्यादातर जिले कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। यहां पिछले 24 घंटे में कई शहरो में रात के समय तापमान (temperature) में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान में सबसे कम तापमान पाली (Pali) के एरनपुरा में 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।पढ़ें- किसानों का हंगामा, तोड़ दिए बैरिकेडिंग, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोलेपढ़ें- स्कूल में ही होंगे 9वीं और 11वीं क्लास के एग्जाम, इस राज्य के बोर्ड ने दी जानकारीजयपुर. उत्तर भारत (North India) में इन दिनों कड़ाके की ठंड (Extreme Cold) पड़ रही है। मरुस्थल राजस्थान (Rajasthan) में भी इस समय ठंड का प्रकोप देखा जा सकता है। राजस्थान में इस समय ज्यादातर जिले कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। यहां पिछले 24 घंटे में कई शहरो में रात के समय तापमान (temperature) में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान में सबसे कम तापमान पाली (Pali) के एरनपुरा में 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।पढ़ें- किसानों का हंगामा, तोड़ दिए बैरिकेडिंग, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोलेमौसम विभाग के अनुसार बीती शनिवार रात न्यनूतम तापमान बीकानेर में 5.0 डिग्री, चूरू में 5.1 डिग्री, सीकर में 5.5 डिग्री, जैसलमेर में 6.3 डिग्री, और बाडमेर में 7.5, श्रीगंगानगर में 7.5 डिग्री ,फलौदी में 7.6 डिग्री, और अन्य स्थानों पर 9.1 डिग्री सेल्सियस से लेकर 15.5 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।पढ़ें- बर्फबारी के बीच भारतीय रेलवे, वीडियो में देखिए बेहद सुंदर नजारापढ़ें- देर रात अंधेरे में डूब गया था पूरा पाकिस्तान, कुछ को सताने लग गया था हमले का डरराज्य के अधिकतर शहरों में अधिकतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 22.2 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, चूरू, हनुमानगढ, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर व पाली जिलों में शीतलहर की संभावना जताई हैं।पढ़ें- परिवार वाले ही बन गए आदमी की जान के दुश्मन, जलाकर मार डाला, वजह जानकर चौंक जाएंगे आपपढ़ें- LAC पर चीनी सैनिक पकड़ा गयादिल्ली में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियसबर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से मैदानी इलाकों की ओर चलने वाली सर्द हवाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में न्यूनतम तापमान गिर कर 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गयी है जो सामान्य से अधिक है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि 14 जनवरी तक पारे में पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जो यह सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है।पढ़ें- India China Tension: तवांग में ITBP ने की 'अद्भुत' तैयारी, चीन को छोटी सी हिमाकत पड़ेगी बहुत भारीपढ़ें- पाकिस्तान को मिलने वाला है 'पक्के दोस्त' चीन से धोखा! अपना काम निकाल पल्ला झाड़ रहा है ड्रैगनआईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक था। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री और बृहस्पतिवार को 14.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। यह पिछले चार साल में जनवरी में सबसे ज्यादा है। पश्चिमी विक्षोभों के कारण राष्ट्रीय राजधानी में आसमान पर लगातार बादल छाये हुए हैं जिस वजह से से तीन जनवरी से ही न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किये जा रहे हैं । अधिकारी ने बताया कि बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं शनिवार से मैदानी इलाकों की ओर चलनी शुरू हो गई हैं जिससे न्यूनतम तापमान में गिरावट आने लगी है। |
20e4d9f7de15f4480d08e9b546153897 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/noida-instead-of-helping-the-person-injured-in-the-road-accident-his-niece-was-raped-2022-03-22-840731 | नोएडा में हैवानियत: सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की मदद करने के बजाय उसकी भतीजी से रेप | सेक्टर पांच के पास मोटरसाइकिल पर जा रहे चाचा भतीजी सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए। इस दौरान वहां पहुंचा एक युवक किशोरी को अपने साथ जबरन ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। | नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के नोएडा में सड़क दुर्घटना में घायल मोटरसाइकिल सवार की मदद करने की बजाय उसकी भतीजी से दुष्कर्म करने जैसे हैवानियत का मामला सामने आया है। पुलिस मामला दर्ज करके जांच कर रही है। थाना फेस-वन क्षेत्र के सेक्टर पांच के पास मोटरसाइकिल पर जा रहे चाचा भतीजी सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए। इस दौरान वहां पहुंचा एक युवक किशोरी को अपने साथ जबरन ले गया और उसके साथ बलात्कार किया।पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि सेक्टर 3 में पूजा सामग्री की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने थाना फेस-वन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता के मुताबिक 18 मार्च को उनका भाई और उनकी 16 वर्षीया बेटी सेक्टर 8 स्थित नानी के घर गए थे। इस दौरान शिकायतकर्ता के भाई ने दोस्तों के साथ जमकर शराब पी। उसके बाद वह किशोरी को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर सेक्टर पांच आ रहा था। रास्ते में उसकी मोटरसाइकिल से एक बच्चा टकरा गया, जिसकी वजह से शिकायतकर्ता का भाई बेहोश हो गया।पीड़िता के अनुसार वहां पर अजय नामक एक युवक आया तथा उसकी 16 वर्षीय बेटी को जबरन ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। मीडिया प्रभारी ने बताया कि बीती रात को पीड़ित ने थाना फेस-वन पुलिस में शिकायत की है। घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।(इनपुट- एजेंसी) |
55c5b13f0b6cb3bb15bfbfb842493ea9 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-uttar-pradesh-coronavirus-cases-latest-updates-787257 | उत्तर प्रदेश में कोरोना के 32993 नए केस, 265 लोगों की गई जान, अकेले लखनऊ में 39 मौतें | उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण चिंता का कारण बन चुका है। संक्रमण की वजह से उत्तर प्रदेश में होने वाली मौतों के आंकड़े में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का बढ़ता संक्रमण चिंता का कारण बन चुका है। संक्रमण की वजह से उत्तर प्रदेश में होने वाली मौतों के आंकड़े में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान पूरे राज्य में कोरोना वायरस की वजह से 265 लोगों की जान गई है। पूरे यूपी में कोरोना की वजह से एक दिन में हुई यह अबतक की सबसे ज्यादा मौतें हैं। राज्य में अब तक कोरोना से कुल 1167 मौतें हो चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में ज्यादा मौतें हो रही हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान लखनऊ में 39 मरीजों की मौत हुई। वहीं, गाजियाबाद और कानपुर में 15-15 लोगों की जान गई है जबकि प्रयागराज और वाराणसी में 13-13 तथा गौतमबुद्ध नगर में 12 लोगों की कोरोना की वजह से जान गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 32993 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान पूरे राज्य में 1.84 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं यानि कोरोना का पॉजिटिविटी रेट लगभग 18 प्रतिशत दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा मामले लखनऊ में दर्ज किए गये हैं जहां पर 4437 केस आए हैं, इसके बाद कानपुर नगर में 2320, वाराणसी में 1752, प्रयागराज में 1521, गौतमबुद्ध नगर में 971 तथा गाजियाबाद में 1068 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अबतक उत्तर प्रदेश में 1153097 कोरोना मामले दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 834961 लोग पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं, उत्तर प्रदेश में फिलहाल कोरोना वायरस के 306458 एक्टिव मामले हैं। |
83f4572ce57309c26d9c6a385b0e272f | https://www.indiatv.in/india/national-twitter-removes-distorted-map-of-india-798848 | Twitter ने सुधारी गलती, J&K को अलग देश और लेह को चीन का हिस्सा बताने वाला मैप हटाया | सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने अपनी गलती सुधारते हुए जम्मू-कश्मीर को अलग देश और लेह-लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने वाले मैप (Map) को वेबसाइट से हटा दिया है। | नई दिल्ली: सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने अपनी गलती सुधारते हुए जम्मू-कश्मीर को अलग देश और लेह-लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने वाले मैप (Map) को वेबसाइट से हटा दिया है। दरअसल, सोमवार सुबह को ट्विटर की वेबसाइट पर मैप नजर आया, जिसमें कश्मीर को अलग देश और लद्दाख को चीन के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। लेकिन, रात होते-होते ट्विटर ने अपनी इस गलती को सुधारा और मैप को अपनी वेबसाइट से हटा लिया।गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब ट्विटर ने भारत के नक्शे को गलत तरीके से पेश किया हो। इससे पहले भी ट्विटर ऐसी कर गलती कर चुका है और भारत सरकार की तरफ से ट्विटर की खिंचाई भी की जा चुकी है। पहली बार गलती करने पर जब ट्विटर से इसे ठीक करने के लिए भारत की तरफ से कहा गया था तब ट्विटर ने करीब 15 दिन का समय लिया था लेकिन इस बार ट्विटर ने एक दिन के भीतर ही अपनी गलती ठीक कर ली।बता दें कि इससे पहले नवंबर 2020 में भी ट्विटर ऐसी ही गलती कर चुका है। लेह वास्तव में लद्दाख में है लेकिन ट्विटर ने इसे जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बताया था। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय की ओर से पहले ही ट्विटर को नोटिस जारी किया गया था। 9 नवंबर 2020 को ट्विटर के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट को जारी नोटिस में लिखा गया था कि ट्विटर लेह को लगातार जम्मू-कश्मीर का हिस्सा बता रहा है। यह भारतीय संसद की संप्रभुता की भावना का उल्लंघन है क्योंकि संसद ने लद्दाख को भारत का केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया है और लेह उसका मुख्यालय है।यहां तक कि सरकार ने कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दे दी थी। सरकार ने इस हरकत को 'भारत की संप्रभु संसद की इच्छाशक्ति को नीचा दिखाने के लिए ट्विटर की तरफ से जान-बूझकर की गई कोशिश' की तरह देखा था। |
db065a33a1c05743e70f6122a71db65c | https://www.indiatv.in/india/national/govt-orders-blocking-35-youtube-channels-twitter-instagram-facebook-account-websites-for-spreading-anti-india-fake-and-divisive-contents-2022-01-21-832443 | भारत विरोधी समाचार और अन्य सामग्री फैलाने वाले पाकिस्तान से संचालित 35 यूट्यूब चैनल बंद किए गए | भारत विरोधी समाचार और अन्य सामग्री फैलाने वाले पाकिस्तान से संचालित यूट्यूब चैनलों, ट्विटर, इंस्टाग्राम, वेबसाइट और फेसबुक अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने इसको लेकर जानकारी दी है। | नई दिल्ली। भारत विरोधी समाचार और अन्य सामग्री फैलाने वाले पाकिस्तान से संचालित यूट्यूब चैनलों, ट्विटर, इंस्टाग्राम, वेबसाइट और फेसबुक अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (P&A) विक्रम सहाय ने शुक्रवार को बताया कि कल 20 जनवरी को मंत्रालय को प्राप्त खुफिया सूचना के आधार पर हमने 35 यूट्यूब चैनल, 2 ट्विटर अकाउंट, 2 इंस्टाग्राम अकाउंट, 2 वेबसाइट और एक फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। इन सभी अकाउंट्स में आम बात यह है कि ये पाकिस्तान से संचालित होते हैं और झूठे भारत विरोधी समाचार और अन्य सामग्री फैलाते हैं।विक्रम सहाय ने आगे कहा कि यह भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने वाले सूचना युद्ध की तरह है। खुफिया एजेंसियों की तरफ से लगातार निगरानी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, बंद किए गए इन यूट्यूब चैनल्स के करीब 1.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे और इनके द्वारा डाले गए वीडियो के व्यूज मिलियन में थे। इन सभी चैनल्स के जरिए भारत विरोधी प्रोपोगैंडा फैलाया जा रहा था। विक्रम सहाय ने बताया कि ये सभी चैनल्स और अकाउंट पाकिस्तान से संचालित होते हैं और भारत विरोधी समाचार और अन्य सामग्री फैलाते हैं।सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में खुफिया एजेंसियों के साथ एक समन्वित प्रयास में 20 यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट को अवरुद्ध (ब्लॉक) करने का आदेश दिया था, क्योंकि वे भारत विरोधी दुष्प्रचार और फर्जी खबरें फैला रहे थे। भारत विरोधी दुष्प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने के लिए 20 यूट्यूब चैनल और दो वेबसाइट को अवरुद्ध (ब्लॉक) किए जाने के कुछ दिनों बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बीते बुधवार को चेतावनी दी कि सरकार देश के खिलाफ ‘‘साजिश रचने’’ वालों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई जारी रखेगी। मंत्री ने कहा, "और भविष्य में भी, भारत के खिलाफ साजिश रचने, झूठ फैलाने और समाज को विभाजित करने वाले ऐसे किसी भी अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कार्रवाई की जाएगी।" |
ae483e60a4c6633054022dd5af7562f1 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-man-accused-of-molesting-beaten-blackened-and-sat-on-ass-762815 | छेड़छाड़ करने के आरोपी की कर दी पिटाई, मुंह काला कर गधे पर बैठाया | बदायूं जिले के बिसौली क्षेत्र में छेड़छाड़ के एक आरोपी को मुंह काला करके गधे पर बैठा कर पूरे गांव में घुमाया गया | बदायूं। बदायूं जिले के बिसौली क्षेत्र में छेड़छाड़ के एक आरोपी को मुंह काला करके गधे पर बैठा कर पूरे गांव में घुमाया गया और पूरी घटना का वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि बिसौली थाना क्षेत्र के एक गांव में मंगलवार देर रात गांव का ही रहने वाला 40 वर्षीय व्यक्ति एक महिला के घर में घुस गया और उसने उससे कथित रूप से छेड़छाड़ की। उन्होंने बताया कि महिला द्वारा शोर मचाने पर पीड़िता के परिजनों ने उसे पकड़ लिया और उसकी पिटाई की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नाराज परिजनों ने आरोपी की पिटाई करने के बाद उसका मुंह काला करके उसे गधे पर बैठाया और पूरे गांव में घुमाया। इसी बीच, किसी ने इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए फौरन कार्रवाई की और मुकदमा दर्ज कर दो लोगों को हिरासत में ले लिया। अपर पुलिस अधीक्षक शंकर शर्मा ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। |
55a562aa692a42402c04f6b0bb694ee5 | https://www.indiatv.in/india/national-lalu-prasad-yadav-granted-bail-fodder-scam-case-ranchi-highcourt-785217 | चारा घोटाला: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को झारखंड हाईकोर्ट से मिली जमानत, जेल से बाहर आने का रास्ता साफ | राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में रांची हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। | रांची: राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में रांची हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इसके साथ ही उनके जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है। लालू प्रसाद को दुमका कोषागार से गबन के मामले में जमानत मिली है। दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के केस में लालू को हाईकोर्ट से यह राहत मिली है। हाईकोर्ट ने आधी सजा पूरी करने के आधार पर लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सशर्त जमानत प्रदान की। बिना अनुमति के वे देश से बाहर नहीं जाएंगे। चारा घोटाला से जुड़े अन्य मामलों जैसे चईबासा और देवघर कोषागार मामले में लालू प्रसाद को पहले से ही जमानत मिली हुई है। सिर्फ दुमका कोषागार का मामला ही ऐसा था जिसमें जमानत मिलने पर लालू के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो सकता था।आज झारखंड हाईकोर्ट ने लालू को इस मामले में भी जमानत दे दी। |
65b570c6996abea8e71ab3dc2592ce06 | https://www.indiatv.in/india/national-karnataka-corona-curfew-updates-786822 | कर्नाटक में दूसरा सप्ताहांत कर्फ्यू, काफी हद तक घरों में रहे लोग | कर्नाटक में कोविड-19 की रोकथाम के लिये दूसरी बार सप्ताहांत कर्फ्यू प्रभावी हो चुका है, जिसके चलते बेंगलुरु और राज्य के अन्य अधिकतर हिस्सों में रविवार को सन्नाटा पसरा रहा। | बेंगलुरु: कर्नाटक में कोविड-19 की रोकथाम के लिये दूसरी बार सप्ताहांत कर्फ्यू प्रभावी हो चुका है, जिसके चलते बेंगलुरु और राज्य के अन्य अधिकतर हिस्सों में रविवार को सन्नाटा पसरा रहा। कारोबारी प्रतिष्ठान और रेस्त्रां बंद रहे। वाहन भी सड़कों के नदारद रहे। प्रशासन ने सुबह छह बजे से 10 बजे के बीच लोगों को दूध, किराने का सामान, सब्जी जैसी आवश्यक सामग्री खरीदने की अनुमति दी। इसे छोड़कर अधिकतर समय लोग घरों में ही रहे। लोगों की अनावश्यक आवाजाही को रोकने के लिये विभिन्न फ्लाई ओवरों और सड़कों पर अवरोधक लगाए गए हैं। पूर्वाह्न दस बजे के बाद पुलिस ने पाबंदियां लगानी शुरू कर दीं और उसके बाद भी सड़कों पर घूम रहे लोगों से पूछताछ की गई। वाजिब कारण बताने वाले लोगों को जाने दिया गया और बिना वजह इधर-उधर घूम रहे लोगों को पकड़कर दंडित किया गया और उनके वाहन जब्त कर लिये गए। राज्य के अन्य हिस्सों में भी ऐसे ही नजारे देखने को मिले हैं। राज्य के गृह मंत्री बसावराज बोम्मई ने कहा कि लोग स्वेच्छा से आवाजाही नहीं कर रहे हैं और इससे कोविड-19 की रोकथाम में मदद मिलेगी। राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा कि उन्होंने शनिवार को जिलों के उपायुक्तों से बात कर उनसे जानकारी हासिल की है। 21 अप्रैल से चार मई के बीच लागू कोविड-19 दिशानिर्देशों के अनुसार पूरे राज्य में प्रतिदिन रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा। सप्ताहांत में पूरे दिन-रात का कर्फ्यू लागू रहेगा, जो शुक्रवार रात नौ बजे से शुरू होकर सोमवार सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। |
50047435e6efd4ef31ed544c3ddf80a4 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-uttar-pradesh-coronavirus-latest-news-36-new-covid-19-cases-4-more-die-804564 | उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 36 नए मामले, 4 लोगों की मौत | रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा 2 मौतें सूबे के उन्नाव जिले में हुईं और इसके अलावा गाजीपुर तथा कन्नौज में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमण के 36 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इसी अवधि में कोविड-19 संक्रमित 4 और मरीजों की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में कोविड-19 संक्रमित 4 और लोगों की मौत हो गई और इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 22754 हो गई है।सबसे ज्यादा 2 नई मौतें उन्नाव मेंरिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज्यादा 2 मौतें सूबे के उन्नाव जिले में हुईं और इसके अलावा गाजीपुर तथा कन्नौज में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। इसके मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 36 नए मरीजों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई। रिपोर्ट में बताया कि देवरिया में 4 तथा प्रयागराज, गौतम बुद्ध नगर और बाराबंकी में 3-3 नए मरीज मिले हैं। इसमें कहा गया है कि इसी अवधि में 73 मरीज पूरी तरह ठीक भी हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में इस वक्त 798 कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है।पॉजिटिविटी दर घटकर मात्र 0.01 प्रतिशतस्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में 225000 से ज्यादा नमूनों की जांच की गई, और पॉजिटिविटी दर घटकर मात्र 0.01 प्रतिशत रह गई है। इसके मुताबिक राज्य में अब तक 6 करोड़ 45 लाख से ज्यादा सैंपल्स की जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में अब तक 17,08,226 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 16,84,674 मरीज पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं। बता दें कि सोमवार को उत्तर प्रदेश में कुल 33 नए मामले सामने आए थे और किसी भी मरीज की जान नहीं गई थी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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4e333b77ef6b88365076fe5a914aeda8 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-cm-yogi-adityanath-asks-officials-to-consider-partial-relaxation-in-two-day-weekly-closure-of-shops-markets-807317 | अब शनिवार और रविवार को भी खुलेंगे बाजार? योगी के आदेश पर नई गाइडलाइन बनाने में जुटा गृह विभाग | उत्तर प्रदेश के लोगों को दो दिन की साप्ताहिक बंदी से छुटकारा मिल सकता है। राज्य में कोरोना वायरस के मामलों में उल्लेखनीय कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दो दिवसीय साप्ताहिक बंद में आंशिक छूट पर विचार करने का निर्देश दिया। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोगों को दो दिन की साप्ताहिक बंदी से छुटकारा मिल सकता है। राज्य में कोरोना वायरस के मामलों में उल्लेखनीय कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दो दिवसीय साप्ताहिक बंद में आंशिक छूट पर विचार करने का निर्देश दिया और गृह विभाग को इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन पेश करने को कहा। बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया, ''प्रदेश में कोविड की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी में आंशिक छूट दिए जाने पर विचार किया जा सकता है, इस संबंध में गृह विभाग विस्तृत गाइडलाइन प्रस्तुत करे। प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक दशा में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराया जाए। कहीं भी अनावश्यक भीड़भाड़ न हो, पुलिस की गश्त सतत जारी रहे। नवीन व्यवस्था के संबंध में समुचित गाइडलाइन प्रस्तुत किये जाएँ।’’बता दें कि जुलाई माह में, राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी किए थे, जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार तक बाजार, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई थी, जबकि शनिवार और रविवार साप्ताहिक बंदी के दिन थे। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने एक बयान में बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। उन्होंने बताया कि बुधवार को जनपद अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, गोंडा, हाथरस, कासगंज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, शामली और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड मुक्त हैं। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक परीक्षण हो रहे हैं, विगत 24 घंटे में हुई दो लाख 39 हजार 909 जांच में 59 जिलों में संक्रमण का एक भी नया मामला नहीं पाया गया, जबकि 16 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 505 रह गई है। बयान के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कक्षा छठी से आठवीं तक की कक्षाओं में नवीन प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाए तथा स्थिति का आकलन करते हुए इन विद्यालयों में एक सितंबर से पठन-पाठन शुरू किया जा सकता है। कोरोना के हालात की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। बैठक में बताया गया कि अब तक प्रदेश में 06 करोड़ 81 लाख 37 हजार 752 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। पिछले 24 घंटे में हुई जांचों में 27 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी दौरान में 63 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 85 हजार 555 लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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22262d815081a9779bf90625a7bbf864 | https://www.indiatv.in/india/politics-senior-tmc-leader-kunal-ghosh-meets-tripura-royal-scion-pradyot-deb-barman-806360 | TMC के कुणाल घोष ने त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन से मुलाकात की | तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन से मुलाकात कर राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। | अगरतला: तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने बृहस्पतिवार को त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन से मुलाकात कर राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। देबबर्मन ने कहा कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल के नेता से मुलाकात करने से कोई परहेज नहीं है, यदि वह संगठन पृथक तिपरालैंड राज्य की मांग का संवैधानिक समाधान करने में मदद करता है। बता दें कि तिपरालैंड के समर्थक त्रिपुरा से अलग राज्य की मांग करते हैं जो वर्तमान राज्य के दो तिहाई इलाके में फैला होगा।देबबर्मन के राजनीतिक संगठन TIPRA (त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन) ने इस साल की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित राज्य में हुए आदिवासी परिषद चुनावों में भारी जीत हासिल की थी। TIPRA के अध्यक्ष ने कहा, ‘हम ग्रेटर तिपरालैंड चाहते हैं। हम किसी भी राजनीतिक दल के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, चाहे वह भाजपा, टीएमसी, या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) हो। यदि, वे हमें हमारी मांग का संवैधानिक समाधान देते हैं। हम एक लिखित आश्वासन चाहते हैं ताकि हम उसे तिपरासा के लोगों को दिखा सकें।’तिपरालैंड के समर्थक त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को शामिल कर एक अलग राज्य बनाना चाहते हैं, जोकि त्रिपुरा के क्षेत्र का दो-तिहाई हिस्सा होगा और इसकी आबादी का एक तिहाई होगा। देबबर्मन ने कहा कि उन्होंने TMC की पश्चिम बंगाल इकाई के महासचिव कुणाल घोष से त्रिपुरा के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की। देबबर्मन ने कहा, ‘मैं कुणाल घोष को कई वर्षों से जानता हूं। वह राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं और मेरी उनसे उसी विषय में बातचीत हुई। हमारे बीच किसी प्रकार के गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।’ (भाषा) /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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0b186ba01fd73e8955f13c654e76eece | https://www.indiatv.in/india/national-late-mohan-delkar-s-son-meets-maharashtra-cm-uddhav-thackeray-817717 | शिवसेना से चुनावी जंग में उतरेगी डेलकर परिवार? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले मोहन डेलकर के बेटे | बता दे कि सांसद मोहन डेलकर की 22 फरवरी 2021 को मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मौत हुई थी। डेलकर का शव पंखे से लटका मिला था और कई सारी चर्चाएं उठी थी। | मुंबई: दादर और नगर हवेली के दिवंगत सांसद मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। मोहन डेलकर के मौत के बाद केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के सांसद की जगह रिक्त है जहां उप चुनाव की तारीख तय की गई है। इस सीट पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस सीट पर बीजेपी ने महेश गावित को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, इस चुनाव के मद्देनजर मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने आज बान्द्रा में मातोश्री आकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात की।माना जा रहा है की डेलकर परिवार शिवसेना से चुनावी जंग में उतरेगी और मातोश्री सूत्रों की माने तो उद्धव ठाकरे ने मोहन डेलकर की पत्नी कला बेन डेलकर को चुनाव लड़वाने का मन बना भी लिया है। खुद उद्धव ठाकरे और संजय राउत दादरा नगर हवेली डेलकर परिवार के प्रचार के लिए जाएंगे और शिवसेना के एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को भी इस चुनाव में लगाया जाएगा।बता दे कि सांसद मोहन डेलकर की 22 फरवरी 2021 को मुंबई के मरीन ड्राइव के एक होटल में मौत हुई थी। डेलकर का शव पंखे से लटका मिला था और कई सारी चर्चाएं उठी थी। मोहन डेलकर 7 बार सांसद का चुनाव जीत चुके है और 7 बार सांसद बन चुके थे। दादरा नगर हवेली के अलावा वापी, दमन, सूरत और नवसारी में भी डेलकर परिवार के समर्थक बड़ी संख्या में हैं।इसके पहले शिवसेना ने अर्जुन टाइगर को पार्टी की तरफ से 1998 में उम्मीदवार बनाया था और खुद बालासाहेब ठाकरे अर्जुन टाइगर के प्रचार में गए थे लेकिन उस चुनाव में मोहन डेलकर ने शिवसेना उम्मीदवार को हरा दिया था। मोहन डेलकर पहली बार 1989 में आदिवासी विकास संगठन नाम के निर्दलीय पार्टी से सांसद चुनकर आये थे। उसके बाद 1991 से 1996 तक वो कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे।1998 में वो बीजेपी के टिकेट पर लड़े और शिवसेना उम्मीदवार को हराया, 1999 और 2004 में भी मोहन डेलकर बीजेपी के टिकेट पर जीते। 2009 में मोहन डेलकर ने फिर कांग्रेस जॉइन कर लिया था लेकिन 2019 मैं उन्होंने कांग्रेस से दूरी बना ली और निर्दलीय जीत कर आये। 2020 में डेलकर ने जनता दल जॉइन कर लिया था और 2021 फरवरी में उनकी मौत हुई।मोहन डेलकर ने 19 सितंबर 2020 को एक वीडियो ट्वीट कर दादरा नगर हवेली के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था। मोहन डेलकर के बेटे अभिनव ने भी लोकल ऑथोरिटी पर उनके समर्थकों को गलत मामलों में फंसाने के आरोप लगाया था। डेलकर परिवार के एसएसआर कॉलेज को तोड़ने की भी लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कोशिश की जिसे डेलकर परिवार ने कोर्ट के आर्डर से बचाया था। |
2c797144a421a67bb027fa515d4a7964 | https://www.indiatv.in/india/national-special-trains-from-bandra-to-jhansi-kanpur-central-and-from-ahmedabad-to-agra-cantt-gwalior-also-from-ratlam-to-gwalior-bhind-by-western-railway-744867 | बांद्रा से झांसी और कानपुर, अहमदाबाद से आगरा और ग्वालियर तथा रतलाम से ग्वालियर और भिंड के लिए 6 स्पेशल ट्रेन | रेलवे ने बांद्रा टर्मिनल से झांसी, बांद्रा टर्मिनल से कानपुर सेंट्रल, अहमदाबाद से आगरा कैंट, अहमदाबाद से ग्वालियर, रतलाम से ग्वालियर और रतलाम से भिंड के लिए 6 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाने जा रहा है। | वेस्टर्न रेलवे ने यात्रियों की भारी मांग को देखते हुए 6 और अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। रेलवे ने बांद्रा टर्मिनल से झांसी, बांद्रा टर्मिनल से कानपुर सेंट्रल, अहमदाबाद से आगरा कैंट, अहमदाबाद से ग्वालियर, रतलाम से ग्वालियर और रतलाम से भिंड के लिए 6 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाने जा रहा है। रेलवे की ओर से चलाई जा रही ये सभी ट्रेनें रोजाना, सप्ताह में 2 दिन, 3 दिन, 4 दिन चलाई जाएंगी। बात करें बांद्रा टर्मिनल से झांसी सप्ताह में 2 बार चलने वाली स्पेशल ट्रेन की बात करें तो ट्रेन संख्या 01104 (मंगलवार, बुधवार) 6 अक्टूबर से 5.10 बजे चलेगी जो अगले दिन 6 बजकर 45 मिनट पर झांसी पहुंचेगी। इसी तरह ट्रेन संख्या 01103 (रविवार, सोमवार) 4 अक्टूबर से झांसी से 16.50 बजे चलेगी और अगले दिन 16.45 बजे बांद्रा टर्मिनल पर पहुंचेगी। इसी तरह 9 अक्टूबर से बांद्रा टर्मिनल से कानपुर सेंट्रल के लिए चलने वाली साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन संख्या 02244 बांद्रा टर्मिनल से 5.10 बजे प्रत्येक शुक्रवार को चलेगी जो अगले दिन 8.35 बजे कानपुर पहुंचेगी। वहीं 7 अक्टूबर से चलने वाली स्पेशल ट्रेन संख्या 02243 कानपुर सेंट्रल से प्रत्येक बुधवार को 18.20 बजे चलेगी जो अगले दिन 23.05 बजे बांद्रा टर्मिनल पर पहुंचेगी। अहमदाबाद और आगरा कैंट के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन की बात करें तो 4 अक्टूबर से सप्ताह में 4 दिन चलने वाली सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन संख्या 02548 (सोमवार, बुधवार, गुरुवार और रविवार) अहमदाबाद से 16.55 पर चलेगी जो अगले दिन 8.20 बजे आगरा कैंट पहुंचेगी। वहीं सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन संख्या 02547 (सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार) आगरा कैंट से 22.10 बजे चलेगी जो अगले दिन 13.40 बजे पहुंचेगी। सप्ताह में तीन दिन ट्रेन नंबर 02248 कल यानि 3 अक्टूबर से अहमदाबाद से ग्वालियर के बीच चलेगी। ट्रेन नंबर 02247 ग्वालियर से अहमदाबाद के बीच 3 अक्टूबर से चलेगी। सप्ताह में 4 दिन सुपरफास्ट ट्रेन नंबर 01125 रतलाम से ग्वालियर के बीच 4 अक्टूबर से चलेगी, वहीं ट्रेन नंबर 01126 ग्वालियर से रतलाम 2 अक्टूबर से चल रही है। सप्ताह में 3 दिन सुपरफास्ट ट्रेन नंबर 02125 रतलाम से भिंड के बीच 3 अक्टूबर से चलेगी। वहीं भिंड से रतलाम के बीच ट्रेन नंबर 02126 कल यानि 3 अक्टूबर से चलेगी। स्पेशल ट्रेन संख्या 01104, 01125 और 02548 के लिए बुकिंग 3 अक्टूबर 2020 (शनिवार) से शुरू हो जाएगी वहीं स्पेशल ट्रेन संख्या 02244 के लिए टिकटों की बुकिंग 4 अक्टूबर (रविवार) से शुरू होगी। वहीं ट्रेन संख्या 02125 और 02248 के लिए टिकटों की बुकिंग शुरू हो चुकी है। इन स्पेशल ट्रेनों में टिकट की बुकिंग पीआरएस काउंटर और आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए की जा सकती है। चूंकि ये सभी ट्रेनें पूरी तरह रिजर्व्ड होंगी और इनमें बिना कन्फर्म टिकट के यात्री सफर नहीं कर सकेंगे, ऐसे में यात्रियों को इन ट्रेनों में सफर करने के लिए रिजर्वेशन कराना ही होगा।Image Source : INDIA TVWestern Railway Special trains |
cf3bb19bbde246f8996713df70d6785c | https://www.indiatv.in/india/politics-himanta-biswa-sarma-shooting-criminals-remark-has-ramifications-says-congress-800930 | कांग्रेस ने कहा, हिमंत के ‘अपराधियों को गोली मारो’ बयान के गंभीर नतीजे होंगे | असम के कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के हिरासत से भागने या बंदूक छीनकर भागने का प्रयास करने वाले अपराधियों को गोली मार देने वाले बयान के गंभीर नतीजे होंगे। | गुवाहाटी: असम के कांग्रेस प्रमुख रिपुन बोरा ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के हिरासत से भागने या बंदूक छीनकर भागने का प्रयास करने वाले अपराधियों को गोली मार देने वाले बयान के गंभीर नतीजे होंगे और असम ‘पुलिस राज्य’ में बदल जाएगा। मुख्यमंत्री ने पद संभालने के बाद से कम से कम 12 संदिग्ध उग्रवादियों और अपराधियों के मारे जाने के मामले में पांच जुलाई को बयान जारी कर सिलसिलेवार मुठभेड़ों को सही ठहराया, जिससे राज्य में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया था।‘अपराधियों को जिंदा पकड़ा जाना चाहिए’बोरा ने कहा, ‘सरमा को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट और गुवाहाटी हाई कोर्ट दोनों ने फैसला सुनाया है कि अपराधी कितने भी खूंखार क्यों न हों, उन्हें जिंदा पकड़ा जाना चाहिए और पुलिस को आरोपियों पर गोली चलाने या उन्हें अपनी मर्जी से मारने का कोई अधिकार नहीं है।’ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि केवल आत्मरक्षा के मामले में ही उन पर गोलियां चलाई जा सकती हैं और वह भी घुटनों के नीचे। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि अगर किसी अपराधी को आत्मरक्षा में या किसी अन्य स्थिति में गोली मार दी जाती है, तो पुलिस को अपने कार्यों के लिए अदालत के समक्ष औचित्य बताना होगा।‘सीएम न्यायपालिका के प्रति अनादर दिखा रहे हैं’बोरा ने कहा, ‘शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद इस तरह का बयान जारी कर मुख्यमंत्री न्यायपालिका के प्रति अपना अनादर दिखा रहे हैं।’ सरमा ने पूर्व में टिप्पणी की थी कि सभी विपक्षी विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि ‘वे 5 साल तक विपक्ष में क्या करेंगे?’ इस बयान पर बोरा ने कहा, ‘इस तरह की टिप्पणियां पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए असम्मान को और एक निरंकुश तानाशाही में उनके विश्वास को दर्शाती हैं। उनकी टिप्पणी न केवल निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए अपमानजनक है बल्कि भारत के पवित्र संविधान का भी अपमान है। राजनीति विज्ञान की डिग्री धारक और सरमा जैसे पीएचडी विद्वान का संविधान के बारे में इस तरह के शब्द बोलना बहुत शर्मनाक है।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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faba7cba54c3d9bdfd3a46cc0a88b3dd | https://www.indiatv.in/india/national/education-will-act-as-a-bridge-between-australia-and-india-piyush-goyal-2022-04-07-843521 | शिक्षा ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच के बीच एक ब्रिज का काम करेगी- पीयूष गोयल | केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, मेरा मानना है कि इस तरह की साझेदारियां दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि हम ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच अपनी रणनीतिक भागीदारी बढ़ाते हैं। शिक्षा दोनों देशों के बीच एक ब्रिज का काम करेगी, यह हमेशा हमारी साझेदारी का एक महत्वपूर्ण तत्व रहा है। | नई दिल्ली। सिडनी के UNSW में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि बहुत सारे अच्छे काम जो शोधकर्ता करते हैं, उन्हें उस तरह के पैमाने और संचालन का अवसर नहीं मिलता है इसलिए दोनों देशों के बीच साझेदारी वास्तव में ऑस्ट्रेलिया और भारत के जीवन को बदल सकती है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, मेरा मानना है कि इस तरह की साझेदारियां दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि हम ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच अपनी रणनीतिक भागीदारी बढ़ाते हैं। शिक्षा दोनों देशों के बीच एक ब्रिज का काम करेगी, यह हमेशा हमारी साझेदारी का एक महत्वपूर्ण तत्व रहा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, मैं न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी को भारत में अपने पदचिह्न का विस्तार करने और दोनों पक्षों के छात्रों को लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए आमंत्रित करता हूं। सिडनी के UNSW में ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन तेहान ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों को शिक्षित करें और इसका उपयोग दो देशों के बीच शिक्षा संबंधों को विकसित करने के लिए एक आधार के रूप में भी करें। |
ed1192ca0e0d86c34ccb8eb10e8b52be | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-uttar-pradesh-ats-arrests-two-chinese-in-noida-connection-with-a-money-laundering-case-767983 | चलती कार में 'मौज' कर रहे थे 2 चीनी नागरिक, UP ATS ने किया गिरफ्तार, जानिए क्या हैं आरोप | अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग से जुड़े दो चीनी नागरिकों को उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने नोएडा से गिरफ्तार किया है। | अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग से जुड़े दो चीनी नागरिकों को उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने नोएडा से गिरफ्तार किया है। ये दोनों फरार चल रहे थे। इन चीनी नागरिकों के नाम जू जूंफू उर्फ जुलाही और पोंचली तेंगली उर्फ ली तेंग ली है। उनकी बिजनेस वीजा अवधि पिछले साल ही समाप्त हो चुकी है। इस गैंग के 14 अभियुक्तों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पकड़े गए दोनों चीनी अभियुक्तों के विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस व ब्लू कॉर्नर नोटिस पूर्व में जारी करा दिया गया था। जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर इन दोनों चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। जू जूंफू के बिजनेस वीजा की अवधि अगस्त 2020 में तथा ली तेंग ली के बिजनेस वीजा की अवधि सितंबर 2020 में समाप्त हो चुकी है। दोनों को कोर्ट के सामने पेश किया जा रहा है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि दोनों चीनी नागरिक दिल्ली के विभिन्न लोगों के माध्यम से प्री-ऐक्टिवेटेड सिम प्राप्त करते थे। प्री-ऐक्टिवेटेड सिम मुहैया कराने वाले अभियुक्तों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। प्री-ऐक्टिवेटेड सिम गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित एक होटल के चीनी मूल के मालिक (पति-पत्नी) के निर्देश पर होटल के चीनी मैनेजर को उपलब्ध कराए जाते थे। इनमें से एक चीन में रहते हैं, जिससे अभियुक्त वी-चैट के माध्यम से जुड़े थे। इस गैंग ने 150 भारतीय मोबाइल नंबरों पर वॉट्सऐप रजिस्ट्रेशन के लिए जेनरेटेड ओटीपी को वी-चैट के माध्यम से चीनी नागरिकों को शेयर किया था। आईजी एटीएस डॉ जीके गोस्वामी ने बताया कि होटल मैनेजर को अब तक लगभग एक हजार प्री-ऐक्टिवेटेड भारतीय मोबाइल सिम अभियुक्तों द्वारा उपलब्ध कराने की बात प्रकाश में आई है। इस संबंध में गहन विवेचना अभी चल रही है। यह गैंग फर्जी कागजातों के आधार पर प्री-ऐक्टिवेटेड सिमों के माध्यम से आनलाइन बैंक खाते खोलकर पैसों का लेन-देन कर रहा था। इन बैंक खातों में अज्ञात स्रोतों से भारी मात्रा में धन जमा किया गया, जिसे प्री-ऐक्टिवेटेड मोबाइल नंबरों पर कार्ड-लेस मोड से एटीएम या अन्य माध्यमों से निकाला गया। इन खातों में अब तक करोड़ों रुपये जमा होने और निकाले जाने की जानकारी मिली है। |
00ca7b94964ba25b004e01de09f6dd00 | https://www.indiatv.in/india/national-kejriwal-ignores-manoj-tiwari-invite-on-farm-laws-bjp-leaders-repeat-request-762259 | केजरीवाल ने कृषि कानूनों पर तिवारी का न्योता नजरअंदाज किया, भाजपा नेताओं ने दोबारा किया अनुरोध | दिल्ली प्रदेश भाजपा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार (27 दिसंबर) को घेरने की कोशिश की। | नयी दिल्ली। दिल्ली प्रदेश भाजपा ने केंद्र के नये कृषि कानूनों का विरोध करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार (27 दिसंबर) को घेरने की कोशिश की। पार्टी के प्रदेश प्रमुख आदेश गुप्ता और पार्टी के लोकसभा सदस्य मनोज तिवारी ने केजरीवाल से अपनी पसंद की तारीख और जगह तय करने को कहा, जहां वे इन कानूनों के उन्हें फायदे समझा सकें। इससे पहले तिवारी ने शनिवार को मुख्यमंत्री को यहां मदर टेरेसा क्रीसेंट रोड स्थित अपने आवास पर नए कृषि कानूनों को लेकर "संदेह" स्पष्ट करने के लिए आमंत्रित किया था, जिसे केजरीवाल ने नजरअंदाज कर दिया है। तिवारी ने कहा कि वह रविवार को दोपहर तीन बजे मुख्यमंत्री का अपने आवास पर इंतजार कर रहे थे। तिवारी ने मुख्यमंत्री के नहीं आने पर मीडिया से कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता को कृषि कानूनों पर "लोगों को गुमराह" करना बंद करना चाहिए या उनका आमंत्रण स्वीकार करना चाहिए। गुप्ता भी तिवारी के साथ उनके आवास पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि चूंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री भाजपा सांसद के घर नहीं आए, इसलिए वह समय और स्थान तय कर लें, जहां उन्हें तीनों कानूनों के लाभ के बारे में बताया जा सके। केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया था कि केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों से किसी सूरत में किसानों का फायदा नहीं होगा, बल्कि उन्हें नुकसान होगा। केजरीवाल ने ट्वीट किया था, “भाजपा का कहना है इन क़ानूनों से किसानों का कोई नुक़सान नहीं होगा, पर फ़ायदा क्या होगा? वे कहते हैं कि अब किसान मंडी के बाहर कहीं भी फसल बेच पाएगा। पर मंडी के बाहर तो आधे दाम में फसल बिकती है? ये “फ़ायदा” कैसे हुआ? सच्चाई ये है कि इन क़ानूनों से ढेरों नुक़सान हैं और एक भी फ़ायदा नहीं।“ तिवारी ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। लेकिन वे विपक्षी नेताओं से मिलने नहीं आए, यहां तक कि वह अपने घर के बाहर बैठे जन प्रतिनिधियों से भी नहीं मिले थे। हाल ही में, शहर के तीनों महापौरों और भाजपा शासित नगर निगमों के अन्य नेताओं ने 13 दिन तक केजरीवाल के घर के बाहर धरना दिया था, लेकिन वह उनसे मिलने बाहर नहीं आए थे।तिवारी ने रविवार को पत्रकारों से कहा, “ अगर अरविंद केजरीवाल को कृषि कानूनों को लेकर वास्तव में कोई शंका है और वह इन्हें समझने में विफल रहे हैं, तो हम उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्हें कृषि कानूनों पर लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए या हमारी पेशकश स्वीकार करनी चाहिए।“ केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन कर रही है। इस महीने के शुरू में केजरीवाल सिंघू बॉर्डर गए थे, जहां किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और किसानों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा की गई व्यवस्था की समीक्षा की थी। |
dfb7546cd8c852261477c6a996d92d2d | https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-remains-the-india-most-popular-leader-on-social-media-755682 | सोशल मीडिया पर देश के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं PM मोदी: रिपोर्ट | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं, क्योंकि अगस्त से अक्टूबर के दौरान ट्विटर, गूगल सर्च और यूट्यूब जैसे मंचों पर सर्वाधिक ट्रेंड उनसे जुड़े रहे। | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं, क्योंकि अगस्त से अक्टूबर के दौरान ट्विटर, गूगल सर्च और यूट्यूब जैसे मंचों पर सर्वाधिक ट्रेंड उनसे जुड़े रहे। चेकब्रांड की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। एक ऑनलाइन सेंटिमेंट एनालिसिस कंपनी चेकब्रांड ने इस साल अगस्त से अक्टूबर के बीच सोशल मीडिया पर शीर्ष 95 राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ शीर्ष 500 प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन विश्लेषण किया। चेकब्रांड ने रिपोर्ट के प्रथम संस्करण के लिए 10 करोड़ से अधिक ऑनलाइन मतों का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पिछली तिमाही में ट्विटर, गूगल सर्च और यूट्यूब जैसे मंचों पर सर्वाधिक 2,171 ट्रेंड प्रधानमंत्री मोदी से जुड़े रहे और इसके बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी से 2,137 ट्रेंड जुड़े रहे।’’ इसमें कहा गया है कि कई महत्वपूर्ण ट्रेंड पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी जुड़े रहे। रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी के पास 70 का समेकित ब्रांड स्कोर था, जो निकटतम राजनीतिक नेता की तुलना में लगभग दोगुना है। ब्रांड स्कोर पांच मापदंडों पर आधारित है - फॉलोअर्स (20), ट्रेंड (10), सेंटिमेंट (30), इंगेजमेंट (20) और मेन्संस (20)। गृह मंत्री अमित शाह का स्कोर 36.43 था जबकि असम के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगाई का 31.89, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू का 31.89 और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 27.03 था। गोगोई का सोमवार को निधन हो गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम का पिछले तीन महीनों में सोशल मीडिया पर 40,000 बार उल्लेख आया। |
4158dcfa2a255acee2417f62556243fe | https://www.indiatv.in/india/national-anand-mahindra-came-forward-to-help-the-family-on-the-hathras-gangrape-incident-744126 | हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार की मदद के लिए आगे आए आनंद महिंद्रा, Tweet कर कही यह बात | हाथरस में गैंगरेप की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। गैंगरेप पीड़िता के परिवार की मदद के लिए देश के जाने-माने बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा आगे आए हैं। | नई दिल्ली: हाथरस में गैंगरेप की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। गैंगरेप पीड़िता के परिवार की मदद के लिए देश के जाने-माने बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा आगे आए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''बलात्कार हमारे बीच में सबसे ज्यादा खतरनाक वायरस है। यह किसी भी अन्य बीमारी की तुलना में ज्यादा खतरनाक साबित होता है। अगर उसके परिवार को वित्तीय सहायता की आवश्यकता है तो मैं इसमें योगदान दूंगा।''बता दें कि हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि लड़की की आज सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है। उन्होंने कहा, “इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद चारों आरोपियों के खिलाफ अब भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी जाएगी।” हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने कहा कि पीड़िता को घटना के बाद अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, सोमवार सुबह उसकी हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिये उसे दिल्ली भेजा गया था। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के अनुसार लड़की जीवन रक्षक प्रणाली पर थी। इससे पहले पुलिस अधीक्षक ने बताया कि था कि वारदात के दौरान लड़की का गला भी दबाया गया था जिससे उसकी जुबान बाहर आ गई थी और कट गई थी। लड़की की हालत काफी गंभीर थी इस कारण उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लवकुश और रवि नामक युवकों ने उससे दुष्कर्म किया था। उन्होंने कहा कि वारदात के दौरान विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला भी दबाया गया था। |
5e393ed99a55a71ccc9c02b4d809edd3 | https://www.indiatv.in/india/national-classical-singer-pandit-jasraj-passes-away-in-new-jersey-us-734165 | पद्म विभूषण पंडित जसराज का निधन, अमेरिका के न्यू जर्सी में ली अंतिम सांस | पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज का 90 वर्ष की आयु में अमेरिका के न्यू जर्सी में निधन हो गया। | पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित जसराज का 90 वर्ष की आयु में अमेरिका के न्यू जर्सी में निधन हो गया। पंडित जसराज मेवाती घराने से ताल्लुक रखते थे। पंडित जसराज के निधन से संगीत जगत शोक में डूब गया है। पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा हिसार में हुआ था और उनके पिता पंडित मोतीराम भी मेवात घराने में एक संगीतज्ञ थे। पंडित जसराज ने संगीत दुनिया में 80 वर्ष से अधिक बिताए और कई प्रमुख पुरस्कार प्राप्त किए। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शनों को एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक के रूप में भी बनाया गया है। जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत सिखाया है। उनके कुछ शिष्य नामी संगीतकार भी बने हैं। साल 2000 में भारत सरकार ने पंडित जसराज को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्होंने न सिर्फ भारत में बल्कि कनाडा और अमेरिका में भी शास्त्रीय संगीत सिखाया। |
d46f3bed2e002a576558f94599688b53 | https://www.indiatv.in/india/national-jammu-kashmir-630-terrorists-killed-during-last-3-years-in-400-encounters-government-says-in-parliament-806145 | 3 साल में 630 आतंकवादियों का जम्मू-कश्मीर में हुआ खात्मा, 400 मुठभेड़ हुईं | जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए हुए गुरुवार को 2 वर्ष हो रहे हैं। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था और लद्दाख को अलग करके अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था | नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि पिछले करीब तीन साल में जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच 400 मुठभेड़ हुयी जिनमें 85 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए वहीं 630 आतंकियों को मार गिराया गया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मई, 2018 से जून, 2021 तक जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच 400 मुठभेड़ होने की सूचना है। इन मुठभेड़ों में 85 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए वहीं 630 आतंकवादी मारे गए। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने) की नीति अपनाई है और आतंकवादी संगठनों द्वारा दी जाने वाली चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र के सुदृढ़ीकरण, राष्ट्र-विरोधी तत्वों के विरूद्ध कानून को सख्ती से लागू करने, घेराबंदी एवं तलाशी अभियानों में वृद्धि जैसे विभिन्न उपाय किए हैं। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सुरक्षा बल आतंकवादियों को सहायता देने का प्रयास करने वाले लोगों पर भी कड़ी नजर रखते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सीमा-पार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवादी हिंसा से प्रभावित रहा है।जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए हुए गुरुवार को 2 वर्ष हो रहे हैं। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था और लद्दाख को अलग करके अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था, जम्मू-कश्मीर भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।इनपुट-भाषा |
6d9b96f627efd2f9881b62db757449e4 | https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-speaks-to-russian-president-vladimir-putin-thanks-him-for-support-in-indias-fight-against-covid-787464 | पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से बात कर कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की, सहयोग के लिए धन्यवाद दिया | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच बुधवार को कोरोना के हालात पर बात हुई है। पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कोरोना के अलावा भी कई मसलों पर चर्चा हुई। | नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच बुधवार को कोरोना के हालात पर बात हुई है। पीएम मोदी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कोरोना के अलावा भी कई मसलों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष अन्वेषण और नवीकरणीय ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया कि बातचीत में भारत और रूस के रक्षा तथा विदेश मंत्रियों के बीच ‘टू प्लस टू’ मंत्रीस्तरीय वार्ता स्थापति करने पर सहमति जताई गयी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से आज मेरी अच्छी बातचीत हुई। हमने कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की और इसके खिलाफ लड़ाई में रूस की ओर से दी जा रही मदद और सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतरिक्ष अन्वेषण, नवीकरणीय ऊर्जा और हाइड्रोजन इकोनॉमी सहित अन्य क्षेत्रों में हमने अपने विभिन्न द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। स्पूतनिक-V टीके पर हमारे बीच सहयोग से इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मानवता को मदद मिलेगी।’’बता दें कि टीकाकरण का नया चरण शुरू होने के साथ ही भारत को नई रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V भी मिलने जा रही है। देश में स्पूतनिक-V की पहली खेप 1 मई को पहुंच रही है। इस बात की जानकारी रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के प्रमुख किरील दिमित्रीव ने दी है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि इस खेप में वैक्सीन के कितने डोज शामिल होंगे।गौरतलब है कि भारत में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की तेज गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी विश्व के कई नेताओं से लगातार फोन पर चर्चा कर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी बात की थी।ये भी पढ़ें |
4e9d68cbc10ed9b4e1c8799777103b7a | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/sadhvi-rithambhara-asks-hindu-couples-to-produce-4-kids-each-dedicate-2-to-nation-2022-04-18-845718 | सभी हिंदू महिलाएं चार-चार बच्चे पैदा करें; 2 राष्ट्र को दें: साध्वी ऋतंभरा | साध्वी ऋतंभरा ने कहा, देश को कुछ ऐसे लोग चाहिए, आप देखो संघ के कितने लाखों प्रचारक निकले। आज से 30-35 साल पहले, जिनमें से आज देश के प्रधानमंत्री भी हैं, जो देश के लिए अपना तन, मन, एक-एक पल समर्पित किए हुए हैं...तो आने वाले समय में भी इस धरती को बंजर नहीं होना चाहिए। | कानपुर/लखनऊ (उत्तर प्रदेश): हिंदूवादी नेता साध्वी ऋतंभरा ने देश की सभी हिंदू महिलाओं से चार-चार बच्चे पैदा करने का आह्वान करते हुए कहा है कि इनमें से दो बच्चे राष्ट्र को समर्पित कर दिए जाएं। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत जल्द ही ‘हिंदू राष्ट्र’ बन जाएगा। दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में उन्होंने कहा कि हनुमान जयंती शोभा यात्रा पर ‘‘हमला’’ करने वाले देश की तरक्की से जल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जो राजनीतिक आतंकवाद के जरिए हिंदू समाज को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।’’ऋतंभरा ने रविवार को कानपुर के निराला नगर रेलवे प्रांगण में आयोजित राम महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा "आपने तो दो बच्चे पैदा किये। है ना, हम दो हमारे दो....मेरा निवेदन है हिंदू समाज के बंधुओं से, दो संतानें नहीं, चार संतानों को जन्म दीजिये। दो संतानें राष्ट्र के लिए समर्पित कीजिए।" उपस्थित भीड़ द्वारा 'जय श्री राम' के उद्घोष के बीच ऋतंभरा ने कहा "वे दोनों (संतान) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित सेवक बनेंगे।" उन्होंने कहा "श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हो रहा है और हमें कण-कण को, जन जन को राममय बनाना है।"बाद में 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत में साध्वी ऋतंभरा ने अपने बयान के समर्थन में दलील देते हुए कहा, "आप अगर भारत के अतीत को देखोगे तो तमाम बच्चे देश के लिए अपने आपको समर्पित करते थे। उनके माता-पिता को भी बहुत परेशानी नहीं होती थी क्योंकि उनकी परंपरा चलाने के लिए और भी संतानें होती थीं, लेकिन अब सज्जनों की स्थिति यह है कि वह सक्षम भी हैं, पढ़ा भी सकते हैं, तो भी वह संतानों को जन्म नहीं देना चाहते हैं।" उन्होंने कहा "देश को भी कुछ ऐसे लोग चाहिए। आप देखो संघ के कितने लाखों प्रचारक निकले। आज से 30-35 साल पहले, जिनमें से आज देश के प्रधानमंत्री भी हैं, जो देश के लिए अपना तन, मन, एक-एक पल समर्पित किए हुए हैं...तो आने वाले समय में भी इस धरती को बंजर नहीं होना चाहिए। उनकी संतानें इस देश को समझें। ऐसी हमारी देश की परंपरा रही है। मैं उसी को याद दिला रही थी।"उन्होंने भारत के जल्द ही ‘हिंदू राष्ट्र’ बनने की बात कही। ऋतंभरा ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की वकालत करते हुए कहा "देश में समान आचार संहिता लागू हो। अगर देश में जनसंख्या का असंतुलन हुआ तो राष्ट्र का भविष्य अच्छा नहीं होगा।" यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने माता पिता से अपने बच्चों को संघ के प्रर्ति समर्पित करने को कहा है तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैंने उनसे कहा था कि अपने दो बच्चों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समर्पित करें, विश्व हिंदू परिषद का कार्यकर्ता बनाएं, देश को समर्पित करें।"ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही हैं और उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की महिला शाखा दुर्गा वाहिनी का भी गठन किया था। |
2fb4b2230d4f99e0505cdc3f0e571baa | https://www.indiatv.in/india/national/government-of-india-bound-due-to-assurance-given-to-portugal-government-abu-salem-will-not-be-punished-for-more-than-25-years-2022-04-19-845882 | पुर्तगाल सरकार को दिए आश्वासन के चलते बाध्य भारत सरकार, अबू सलेम को नहीं होगी 25 साल से ज्यादा सजा? | भारत सरकार पुर्तगाल सरकार को दिये गये इस औपचारिक आश्वासन का पालन करने जा रही है कि कुख्यात अपराधी अबू सलेम को दी गई अधिकतम सजा 25 साल से ज्यादा नहीं होगी। | केंद्रीय गृह सचिव ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा पुर्तगाल सरकार को दिए गए इस आश्वासन के चलते बाध्य है कि गैंगस्टर अबू सलेम को 25 साल से अधिक की सजा नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने 12 अप्रैल को केंद्रीय गृह सचिव को निर्देश दिया था कि वह हलफनामा दाखिल कर बताएं कि क्या भारत सरकार पुर्तगाल सरकार को दिये गये इस औपचारिक आश्वासन का पालन करने जा रही है कि कुख्यात अपराधी अबू सलेम को दी गई अधिकतम सजा 25 साल से ज्यादा नहीं होगी। कोर्ट के इस आदेश के बाद दाखिल हलफनामे में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि 10 नवंबर, 2030 को 25 साल की अवधि समाप्त हो जाने के बाद यह आश्वासन प्रभावी होगा। शपथ पत्र में कहा गया है, ‘यह सम्मानपूर्वक बताया जाता है कि भारत सरकार 17 दिसंबर, 2002 के आश्वासन के चलते बाध्य है। आश्वासन में जिस 25 वर्ष की अवधि का जिक्र किया गया है, भारत उसका उचित समय पर पालन करेगा।’ गृह सचिव ने अभ्यावेदन में कहा कि आश्वासन का पालन नहीं किए जाने का सलेम का दावा समय से पहले किया गया है और काल्पनिक अनुमानों पर आधारित है तथा वर्तमान कार्यवाही में उसे नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका द्वारा अपनाए गए किसी भी रुख से बंधे बिना और आपराधिक मामलों सहित सभी मामलों में लागू कानूनों के अनुसार फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। इस मामले पर न्यायमूर्ति एस के कौल और एम एम सुंदरेश की पीठ 21 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने केंद्र से इस विषय पर रुख स्पष्ट करने को कहा था। न्यायालय ने कहा था कि केंद्र सरकार की इस प्रतिबद्धता पर उसके रुख का अगली बार किसी भगोड़े को देश लाने के संबंध में व्यापक असर पड़ेगा। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दाखिल हलफनामे से संतुष्ट नहीं है, जिसमें कहा गया है कि मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के दोषी सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान पुर्तगाल सरकार को दिया गया भारत का आश्वासन भारतीय अदालतों के लिए बाध्यकारी नहीं है। न्यायालय ने सलेम द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया है कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अनुसार उसकी जेल की सजा 25 साल से अधिक नहीं हो सकती। सलेम मुंबई बम धमाकों के मामले में अपनी भूमिका के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। |
24eb01c90dacc1faeb3bca953cc0d6d8 | https://www.indiatv.in/india/national/chhattisgarh-sukma-road-accident-three-policemen-including-police-officer-died-826133 | छत्तीसगढ़ के सुकमा में सड़क हादसा, पुलिस अधिकारी समेत तीन पुलिसकर्मियों की मौत | पुलिस लाइन में पदस्थ तीनों पुलिसकर्मी रविवार को शाम करीब साढ़े सात बजे मोटरसाइकिल से शहर से पुलिस लाइन जा रहे थे। | सुकमा (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सड़क दुर्घटना में पुलिस अधिकारी समेत तीन पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में मोटरसाइकिल सवार पुलिसकर्मियों को कार ने टक्कर मार दी। इस घटना में मोटरसाइकिल सवार उप निरीक्षक अथनासियुस मिंज (61), प्रधान आरक्षक रघुनाथ मरकाम (52) और आरक्षक सोमनाथ मरकाम (32) की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस लाइन में पदस्थ तीनों पुलिसकर्मी रविवार को शाम करीब साढ़े सात बजे मोटरसाइकिल से शहर से पुलिस लाइन जा रहे थे। इस दौरान जब वह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक कार्यालय के करीब पहुंचे तब एक कार ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। उन्होंने बताया कि इस घटना में उप निरीक्षक मिंज की मौके पर ही मौत हो गई तथा रघुनाथ मरकाम और सोमनाथ मरकाम गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधिकारी और जवान घटनास्थल पहुंच गए और उन्होंने घायल पुलिस कर्मियों को बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल जगदलपुर भेजा। उन्होंने बताया कि जगदलपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान प्रधान आरक्षक रघुनाथ मरकाम की मृत्यु हो गई। वहीं, रायपुर ले जाते समय आरक्षक सोमनाथ मरकाम की भी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने कार चालक घुरउ राम राणा (40) को गिरफ्तार कर लिया है।इनपुट-भाषा |
a83fce041ff7e4a01afae5ac5e158cb5 | https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-lakhimpur-kheri-keep-politics-out-let-the-probe-begin-817532 | Rajat Sharma’s Blog: लखीमपुर खीरी घटना को सियासत में न उलझाएं, निष्पक्ष जांच होने दें | केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा ने इंडिया टीवी के रिपोर्टर पवन नारा को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दावा किया कि वे निर्दोष हैं। | लखीमपुर खीरी का घटना को लेकर सियासी घमासान जारी है और नेताओं के बीच घटनास्थल पर पहुंचने की होड़ लगी है। बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और 3 अन्य नेताओं को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी है। राहुल गांधी अपने 2 मुख्यमंत्रियों भूपेश बघेल और चरनजीत सिंह चन्नी के साथ लखीमपुर खीरी जाने के लिए लखनऊ पहुंचे हुए थे।इस बीच राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को लखीमपुर खीरी में दाखिल होने से रोकने के लिए ईस्टर्न पेरीफेरल हाईवे पर बागपत के पास ट्रैफिक बंद कर दिया गया था। बहराइच में एक किसान के अंतिम संस्कार के दौरान कुछ घंटों के लिए इंटरनेट बंद रहा।झड़प में मारे गए एक किसान के शव का अंतिम संस्कार करने से परिवार के लोगों ने मंगलवार को मना कर दिया था। उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने का जिक्र नहीं है। किसान नेता राकेश टिकैत के दखल के बाद तीनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया जबकि चौथे शव का फिर से पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एडिशनल एसपी अरुण कुमार की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है।लखीमपुर खीरी पुलिस की ओर से जो FIR दर्ज की गई है उसमें साफ तौर पर केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा का नाम मुख्य आरोपी के रूप में दर्ज है। उस पर किसानों की भीड़ को गाड़ी से कुचलने और पिस्टल से फायरिंग करने का आरोप है। आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप दर्ज किए गए हैं। FIR में साफ तौर पर कहा गया है कि आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद थे। वह थार जीप पर सवार था और उसके साथ अन्य गाड़ियों में 15 से 20 हथियारबंद लोग थे। FIR में कहा गया है कि आशीष मिश्रा थार जीप में ड्राइवर के पास बाईं तरफ वाली सीट पर बैठा था और उसे भीड़ पर फायरिंग करते हुए देखा गया। FIR में 'दरिंदगी' शब्द का इस्तेमाल किया गया है।FIR में कहा गया है कि आशीष मिश्रा जीप पलटने के बाद उससे कूदकर बाहर निकला और पास के गन्ने के खेत में छिपने के लिए भागा। FIR में यह भी जिक्र है कि यह सब पूरी तरह पहले से प्लान करने के बाद किया गया। FIR में इस्तेमाल किए गए ज्यादातर शब्द किसानों द्वारा जिले के अधिकारियों को दिए गए आवेदन में लिखे गए शब्दों से मेल खाते हैं।इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की जीप से किसानों को कुचलने का दर्दनाक वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक दलों ने केंद्रीय राज्यमंत्री को तत्काल पद से हटाने और उनके बेटे को गिरफ्तार करने की मांग की। घटनास्थल का 29 सेकेंड का दिल दहलाने वाला वीडियो किसानों द्वारा शेयर किया गया है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि एक खेत के पास सड़क के दोनों ओर काले झंडे और बैनर के साथ किसान जा रहे थे, लेकिन उनमें से कोई भी पीछे की तरफ नहीं देख रहा था। तभी अचानक पीछे से एक गाड़ी तेजी से आती है। इस वीडियो में ड्राइवर दोनों हाथों से स्टीयरिंग व्हील को थामे नजर आ रहा है। आगे खड़े किसान को जरा भी अंदाजा नहीं था कि गाड़ी उसे कुचलने जा रही है। गाड़ी उसे कुचलते हुए आगे बढ़ जाती है।ये जानबूझकर की गई हत्या के हृदय विदारक दृश्य हैं। जब गाड़ी आगे चली गई तो पीछे कई लोग जमीन पर पड़े हुए थे। इनमें से कई लोग चीख रहे थे, उनकी सांसें तेज चल रही थी। कोई बेसुध था तो किसी की सांसें टूट रही थी। लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस जीप के पीछे आ रही ब्लैक कलर की SUV ने भी रोड पर मौजूद शख्स को रौंद दिया। ये सब कुछ इतनी जल्दबाजी में हुआ कि वहां मौजूद लोगों को कुछ समझ ही नहीं आया। उन्हें जरा भी आभास नहीं था कि पीछे से कोई कार उनके चीथड़े उड़ाने के लिए आगे बढ़ रही थी। कुछ प्रदर्शनकारी तो छलांग लगाकर रास्ते से हट गए लेकिन कुछ लोग गाड़ी से कुचल दिए गए।एक अन्य वीडियो में आसमानी रंग का कुर्ता पहने हुए एक शख्स थार जीप से उतरकर तेजी से भागता हुआ हुआ दिखाई दिया। उस शख्स का कई लोग पीछा करते हैं और वह खेतों की ओर भागता है। किसानों ने एक और वीडियो शेयर किया जिसमें एक शख्स अपनी पिस्टल लहराते हुए दौड़ रहा है और कुछ लोग उसे घेरे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वह शख्स मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा था। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर बीजेपी सांसद वरुण गांधी और कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने शेयर किया था। वरुण गांधी ने ट्वीट किया, लखीमपुर खीरी के खिसानों को जानबूझकर कुचले जाने का यह वीडियो किसी को भी अंदर से हिला देने वाला है। पुलिस को इसका संज्ञान लेना चाहिए और कार में जो लोग भी दिख रहे हैं उन्हें और उनसे जुड़े लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए।केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्रा ने इंडिया टीवी के रिपोर्टर पवन नारा को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दावा किया कि वे निर्दोष हैं। मंत्री ने कहा, 'मेरा बेटा थार जीप में नहीं था। प्रदर्शनकारियों ने जब जीप पर हमला बोला तो उसमें ड्राइवर घायल हो गया, जिससे गाड़ी ने बैलेंस खो दिया और यह प्रदर्शनकारियों को कुचलती हुए आगे बढ़ गई।’ मंत्री के बेटे ने दावा किया कि वह घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर दंगल के कार्यक्रम में मौजूद थे।अजय मिश्रा टेनी ने स्वीकार किया कि वीडियो में दिख रही गाड़ी उनके नाम पर रजिस्टर्ड है और इसे उनका ड्राइवर हरिओम मिश्रा चला रहा था, जिसे प्रदर्शनकारियों ने पीट-पीट कर मार डाला। यह पूछे जाने पर कि कुर्ता पहने हुए गाड़ी से भागता हुआ शख्स कौन था, अजय मिश्रा ने उसे पहचानते हुए कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल था।अजय मिश्रा ने बार-बार यही कहा कि वीडियो में जो गाड़ियां दिख रही हैं, उनमें उनका बेटा आशीष नहीं था। उन्होंने कहा, उन्हें नहीं पता कि किन परिस्थितियों में गाड़ियां भीड़ पर चढ़ गईं। उन्होंने कहा कि हो सकता है लोग जान बचाकर भाग रहे हों। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ड्राइवर ने गाड़ी पर से अपना कंट्रोल खो दिया हो जिससे वह बाद में पलट गई। सुमित जायसवाल ने हमारे रिपोर्टर पवन नारा से बात करते हुए माना कि गाड़ी से उतरकर भागते हुए वही दिखाई दे रहे हैं।विपक्ष के नेता आशीष मिश्रा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने लखीमपुर खीरी घटना की तुलना ब्रिटिश शासन के दौरान हुए जलियांवाला बाग कांड से कर दी। पवार ने कहा, यह साफ तौर पर ‘शक्ति का दुरुपयोग’ था और सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश को इस घटना की जांच करनी चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि वह किसानों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार की असंवेदनशीलता और निष्क्रियता को लेकर स्तब्ध हैं। सीनियर बादल ने कहा, ‘दोषी चाहे भी हों, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।’इसमें कोई शक नहीं कि लखीमपुर खीरी में जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था और किसानों की दर्दनाक तरीके से गाड़ियों से कुचलकर मौत हो गई। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कार्रवाई करने में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है। सरकार ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है, हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज द्वारा न्यायिक जांच की घोषणा की है और मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 45 लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। मंत्री के बेटे के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है और सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। इन सबके बावजूद विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे भी किसी को शिकायत नहीं होनी चाहिए। सियासी दलों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है, लेकिन ऐसा करते हुए उन्हें राष्ट्र हित का ध्यान रखना चाहिए।मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि शरद पवार जैसे सीनियर नेता ने इस घटना की तुलना जलियांवाला बाग से कर दी। कुछ नेताओं ने कहा कि ऐसा अत्याचार अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं हुआ था, जबकि कुछ अन्य नेताओं ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर दी। मुझे लगता है ये कुछ ज्यादा हो गया।सबकी कोशिश यह होनी चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों को सजा मिले और आगे ऐसी घटना न हो। चुनाव आएंगे और जाएंगे, सरकारें बनेंगी और गिरेंगी लेकिन लोग अगर कानून अपने हाथ में लेने लगे, बदला लेने के लिए एक दूसरे की जान लेने लगेंगे तो प्रदेश कैसे बचेगा, देश कैसे चलेगा। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 अक्टूबर, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_2153744752 = {"file": 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ec57149b1512318bb86c468be918248e | https://www.indiatv.in/india/national-vietnam-is-an-important-pillar-of-india-s-act-east-policy-pm-modi-india-vietnam-virtual-summit-761017 | भारत के हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण में वियतनाम महत्वपूर्ण साझेदार: पीएम मोदी | भारत-वियतनाम वर्चुअल समिट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वियतनाम भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और हमारे इंडो-पैसिफिक विजन का महत्वपूर्ण साझेदार भी है। | नई दिल्ली: वियतनाम को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है। वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत वियतनाम के साथ अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी का दायरा काफी विस्तृत है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा उद्देश्य है। हमारा सहयोग क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है।’’ उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए वियतनाम की भी सराहना की। भारत और वियतनाम ने 2016 में अपने द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित किया और रक्षा सहयोग तेजी से बढते इन द्विपक्षीय संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण स्तभों में से एक रहा। नई दिल्ली: वियतनाम को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है। वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत वियतनाम के साथ अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘वियतनाम भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।’’ दोनों ही देशों का हिंद-प्रशांत क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर है और उनका लक्ष्य इस क्षेत्र के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण के आधार पर वहां सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं तलाशने का हैं। पिछले साल बैंकाक में पूर्व एशिया सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र के संरक्षण और सतत इस्तेमाल तथा सुरक्षित समुद्री क्षेत्र के निर्माण के वास्ते सार्थक प्रयास करने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। दस सदस्यीय आसियान ने ‘आसियान आउटलुक ऑन इंडो पैसफिक (एओआईपी)’ नामक दस्तावेज में इस क्षेत्र के वास्ते अपना दृष्टिकोण सामने रखा है। |
6d81e14c3d2bd2c2deec30ae3ee64165 | https://www.indiatv.in/india/politics/sonia-gandhi-strict-message-to-congress-leaders-before-chintan-shivir-2022-05-09-849793 | Sonia Gandhi on Chintan Shivir: "अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है," ‘चिंतन शिविर’ से पहले सोनिया की कांग्रेस नेताओं को दो टूक | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ से पहले सोमवार को पार्टी नेताओं से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पार्टी के मंचों पर आलोचना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि आम कांग्रेसजन का आत्मविश्वास एवं हौंसला टूट जाए। | Sonia Gandhi on Chintan Shivir: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ से पहले सोमवार को पार्टी नेताओं से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पार्टी के मंचों पर आलोचना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि आम कांग्रेसजन का आत्मविश्वास एवं हौंसला टूट जाए। उन्होंने पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कांग्रेस नेताओं का यह आह्वान भी किया कि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है और ऐसे में उन्हें नि:स्वार्थ भाव एवं अनुशासन के साथ काम करना होगा क्योंकि पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए जादू की कोई छड़ी नहीं है। सोनिया की अगुवाई में CWC बैठक सोनिया गांधी का कहना था कि ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ रस्म अदायगी भर नहीं होना चाहिए, बल्कि इसमें पार्टी का पुनर्गठन प्रतिबिंबित होना चाहिए। यह चिंतन शिविर 13-15 मई को राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हो रहा है। सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई अन्य नेता शामिल हुए। क्या रहा बैठक का एजेंडासीडब्ल्यूसी की बैठक में चिंतन शिविर के एजेंडे पर चर्चा की गई। इसमें राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा एवं सशक्तीकरण से जुड़ी समन्वय समितियों के संयोजकों ने वो एजेंडा भी रखा जिन पर चिंतन शिविर में मंथन होगा। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह चिंतन शिविर कोई एक गंतव्य नहीं होगा, बल्कि एक लंबी यात्रा की शुरुआत होगी और यह एक मील का पत्थर भी होगा। उन्होंने बताया, ‘‘मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजनतिक मुद्दों, चिदम्बरम ने आर्थिक मुद्दों, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कृषि से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी। इसके साथ ही सलमान खुर्शीद ने एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर बात की, मुकुल वासनिक ने संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने युवाओं से जुड़े मुद्दों पर बात की।’’ उन्होंने कहा कि 15 मई को जो ‘उदयपुर नवसंकल्प’ सामने आएगा उसमें संगठन के पुनर्गठन की बात होगी और वह एक कार्य योजना होगी। रमेश ने जोर देकर कहा, ‘‘यह राजनीतिक चिंतन शिविर है। यह कदम उठाने से जुड़ा है। इसमें कोई प्रस्ताव नहीं, बल्कि कार्ययोजना सामने आएगी।’’ 2024 का लोकसभा चुनाव टारगेट रमेश के अनुसार, ‘‘इस चिंतन शिविर में हम दो साल के निर्णय ले रहे हैं। हमारा मकसद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के संगठन को तैयार करना है।’’ कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि चिंतन शिविर में कुल 422 नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति के सभी सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य एवं स्थायी आमंत्रित सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, विधानमंडल दल के नेता, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, पूर्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, संयुक्त सचिव, पार्टी के विभिन्न विभागों के प्रमुख, महिला कांग्रेस की सभी पदाधिकारी, युवा कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, एनएसयूआई के सभी पदाधिकारी तथा समन्वय समितियों के सदस्य और कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा चयनित लोग शामिल होंगे।’’ बैठक में लिए गए दो अहम निर्णयसुरजेवाला के अनुसार, ‘‘चिंतन शिविर में शामिल होने वाले 50 प्रतिशत लोग 50 साल से कम आयु के हैं और इनमें भी करीब आधे 40 साल से कम उम्र के हैं। इनमें से 21 प्रतिशत महिलाएं हैं। समाज के भिन्न-भिन्न वर्गों से जुड़े लोगों को भी बुलाया गया है ताकि भारत की विविधता प्रतिबिंबित हो सके।’’ उन्होंने बताया, ‘‘सीडब्ल्यूसी की बैठक में दो निर्णय किए गए। डिजिटल सदस्यता अभियान लगभग संपन्न हो चुका है। ऐसे में इसके लिए कांग्रेस के संविधान में संशोधन की जरूरत थी और इसका अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही यह फैसला भी हुआ कि पार्टी की लद्दाख इकाई का गठन किया जाएगा।’’ सोनिया गांधी की चेतावनी के संदर्भ में सुरजेवाला ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी जी ने स्पष्ट कहा है। वो यह है कि कभी-कभी आलोचना ठीक है, लेकिन यह हौंसला तोड़ने के लिए नहीं होनी चाहिए।’’ सोनिया गांधी ने क्या कहासीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने नेताओं से कहा, ‘‘जादू की कोई छड़ी नहीं है। नि:स्वार्थ काम, अनुशासन और सतत सामूहिक उद्देश्य की भावना से हम दृढ़ता और लचीलेपन का प्रदर्शन कर सकते हैं। पार्टी ने हमेशा हम सबका भला किया है। अब समय आ गया है कि कर्ज को पूरी तरह चुकाया जाए।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा, ‘‘हमारे पार्टी के मंचों पर स्व-आलोचना की निश्चित तौर पर जरूरत है। किंतु यह इस तरह से नहीं होनी चाहिए कि आत्मविश्वास और हौसले को तोड़े तथा निराशा का माहौल बनाए।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘चिंतन शिविर महज एक रस्म अदायगी नहीं होना चाहिए। मैं इसको लेकर प्रतिबद्ध हूं कि इसमें संगठन का पुनर्गठन परिलक्षित होना चाहिए ताकि वैचारिक, चुनावी और प्रबंधकीय चुनौतियों से निपटा जा सके।’’ |
5212ac1e0c2a76e9df969e233a786c56 | https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-sushant-death-case-new-twists-and-turns-738160 | Rajat Sharma’s Blog: सुशांत की मौत के मामले में कई नए मोड़ सामने आए हैं | जानकारों का कहना है कि पिछले 13 दिन से सीबीआई ने जो भी जांच की है उसमें अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की गई थी। फिलहाल CBI ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अगर सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की तो इसकी वजह क्या थी? | ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को एक नया मोड़ देते हुए मंगलवार को रिया चक्रवर्ती के वकील ने आरोप लगाया कि सुशांत की बहनें इंश्योरेंस क्लेम हासिल करने के लिए उनकी मौत को हत्या के मामले का रूप देने की कोशिश कर रही हैं। रिया के वकील का आरोप है कि सुशांत की बहनें ये जानती थीं कि सुशांत मेंटल डिप्रेशन से गुजर रहे हैं और वे उनकी संपत्ति हड़पने की साजिश रच रही थीं।इस बीच सीबीआई ने बुधवार को दूसरे दिन भी रिया के माता-पिता से पूछताछ की। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को गौरव आर्य से ड्रग्स एंगल के बारे में पूछताछ की थी। नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो की पूछताछ में एक बड़े ड्रग पेडलर ने रिया के भाई शॉविक के साथ अपने रिश्तों को कबूल किया है। इससे रिया और उसके भाई की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हैरानी की बात ये है कि सुशांत की मौत के केस में ड्रग्स के एंगल से हो रही जांच पर फिलहाल NCB के DG राकेश अस्थाना खुद करीबी नजर रखे हुए हैं।मंगलवार को रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘यदि किसी शख्स के पास कोई बड़ी जीवन बीमा पॉलिसी है तो क्या उस पॉलिसी का लाभ लेने के लिए व्यक्ति की मौत को आत्महत्या या उसका कोई अन्य कारण घोषित नहीं किया जा सकता? घर में रहने वाले लोगों के बयानों से पता चलता है कि सुशांत के परिवार को लगातार जानकारी दी जा रही थी। शुरू से ही, जब दरवाजा खोला गया, दरवाजे को खटखटाने के निर्देश दिए गए, जब कमरे में लोग दाखिल हए और सुशांत की बॉडी को फंदे से झूलता हुआ पाया, आईपीएस ओपी सिंह भी निर्देश दे रहे थे। उनका परिवार सबकुछ जनता था। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि उसने (रिया) घर छोड़ दिया क्योंकि सुशांत ने उसे ऐसा करने के लिए कहा था। रिया पर सुशांत के परिवार की ओर से दुर्भावनापूर्ण तरीके से आरोप लगाए जा रहे हैं।’यह साफ है कि मानशिंदे अपने मुवक्किल को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया कि सुशांत की बहन ने सुशांत के लिए नकली प्रेस्क्रिप्शन बनवाए। मानशिंदे ने कहा, ‘रिकॉर्ड से यह पता चलता है कि परिवार को सुशांत के इलाज और दवा के बारे में 29 नवंबर, 2019 से पता था। श्रुति (मोदी) और सुशांत के परिवार के बीच प्रेस्किप्शन और दवाइयों को लेकर मैसेज का आदान-प्रदान किया जाता था। यह पता चला कि 8 जून, 2020 को जब रिया ने 12:30 के आसपास घर छोड़ा था, तब सुशांत अपनी बहनों के संपर्क में थे। प्रियंका ने मैसेज भेजकर सुशांत के स्वास्थ्य के बारे में पूछा था। पहले सुशांत ने उनसे कुछ दवाएं मांगी थीं। उन्होंने कुछ दवाओं के नाम भेजे, जिसके बारे में उसने कहा कि वे दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं मिल सकतीं। जिसके बाद प्रियंका ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल से प्रेस्क्रिप्शन मंगवाया और उन्हें भेजा। ये प्रेस्क्रिप्शन फर्जी है। इस प्रेस्क्रिप्शन में सुशांत को ओपीडी मरीज के रूप में दर्ज किया गया है। जो दवाएं उन्हें दी गईं वे नारकोटिक्स की धाराओं के अंतर्गत आती हैं। प्रेस्क्रिप्शन पर जो तारीख दर्ज है, उस दिन वह दिल्ली में नहीं थे।’मानशिंदे ने कहा, 'उन्होंने एक ऐसे डॉक्टर से प्रेस्किप्शन लिया हैं जिसने कभी सुशांत की जांच भी नहीं की। आप किसी शख्स को उसकी चल रही दवा के बारे में जानकारी लिए बिना दवाएं कैसे लिख सकते हैं? साथ ही उन्हें आउट पेशेंट के रूप में दिखाया जा रहा है। इसलिए यह साफ है कि सुशांत के परिवार की ओर से नकली कहानी गढ़ी गई है।' मानशिंदे ने 25-26 नवंबर को वाटरस्टोन रिजॉर्ट में सुशांत और उनकी बहनों के बीच हुए झगड़े का भी जिक्र किया। इस झगड़े के दौरान सुशांत की तीनों बहनें मौजूद थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि सुशांत की बहनें उन्हें मुंबई से दूर ले जाना चाहती थीं और उनकी संपत्ति हड़पना चाहती थीं। वकील के मुताबिक, सुशांत को इसके बारे में पता चल गया और इसके बाद उसका अपनी बहनों के साथ झगड़ा हुआ।मानशिंदे का कहना है कि सुशांत ने अपनी बहनों के साथ चंडीगढ़ के लिए टिकट बुक किए थे, लेकिन झगड़े के बाद उन्होंने एक महीने के लिए रिया के साथ रहना छोड़ दिया और अपनी चंडीगढ़ यात्रा भी कैंसिल कर दी। मानशिंदे का दावा है कि वॉटरस्टोन रिजॉर्ट में एक स्टाफ मेंबर ने सुशांत की 3 बहनों की बात सुनी थी जो आपस में सुशांत की प्रॉपर्टी अपने नाम कराने की बात कह रही थीं। ये बात उस स्टॉफ ने सुशांत को बता दी। इसके बाद ही सुशांत ने चंड़ीगढ़ जाने से इंकार कर दिया। सुशांत का परिवार इस आरोप को खारिज करने के लिए अभी तक आगे नहीं आया है। मंगलवार को सुशांत की पूर्व मैनेजर श्रुति मोदी के वकील अशोक सरावगी ने आरोप लगाया कि सुशांत की बहनें जानती थीं कि वह ड्रग्स ले रहे थे और उनका इलाज चल रहा था। सुशांत के परिवार के सदस्यों या उनके वकीलों ने अशोक सरावगी के इस आरोप को भी अभी तक खारिज नहीं किया है। मंगलवार को अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने कुशल जावेरी के बयान दिखाए, जिन्होंने 2008 से टीवी सीरियल्स में सुशांत सिंह राजपूत के साथ ऐक्टिंग की थी। इन दोनों ने 3 साल तक ‘पवित्र रिश्ता’ नाम के सीरियल में साथ काम किया था। बाद में सुशांत ने टीवी सीरियल्स को छोड़कर बॉलीवुड में कदम रखा। सुशांत ने कुशल जावेरी को सीरियल छोड़कर अपने साथ काम करने के लिए बुलाया था। कुशल जावेरी ने बिहार पुलिस के जांचकर्ताओं को सुशांत के निजी जीवन के बारे में विस्तार से बताया था। हमारे पटना के रिपोर्टर नीतीश चंद्रा ने उनके वर्ड टू वर्ड स्टेटमेंट एक्सेस किया है और मैंने भी इस स्टेटमेंट को ध्यान से पढ़ा है। इससे दो या तीन बहुत बड़े तथ्य निकलकर सामने आए हैं।पहला, कुशल ने जांचकर्ताओं को बताया कि सुशांत पिछले साल दिसंबर में अपने आर्थिक हालात को लेकर परेशान थे। उन्होंने श्रुति मोदी से अपना बैंक स्टेटमेंट मांगा था, जिसने रिया को फोन किया और रिया तुरंत भागकर घर वापस आ गई और सुशांत को दूसरी बातों में उलझा दिया और बैंक स्टेटमेंट की बात भुला दी गई।दूसरा, कुशल ने खुलासा किया कि 2018 की शुरुआत में सुशांत के बैंक अकाउंट में लगभग 10 करोड़ रुपये थे। उसी साल सुशांत ने केरल और नागालैंड में बाढ़ राहत के लिए 2.25 करोड़ रुपये का डोनेट कर दिए। सुशांत ने 2 दिनों के लिए नागालैंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा भी किया। कुशल ने कहा कि उनके खाते में लगभग 8 करोड़ रुपये बचे थे, लेकिन साल के आखिर में अपनी थाईलैंड ट्रिप पर उन्होंने काफी पैसा खर्च किया था। कुशल ने खुलासा किया कि इन तमाम खर्चों के बावजूद सुशांत बेफिक्र थे। वह कहते थे कि वह आगे और पैसे कमा लेंगे।तीसरा, कुशल जावेरी ने यह भी खुलासा किया कि मौत से एक दिन पहले 13 जून को सुशांत ने एक वीडियो कॉल पर रमेश तौरानी के लिए 2 फिल्में करने को लेकर सहमति जताई थी। कुशल ने कहा कि चूंकि बड़े निर्माता एक साथ 2 फिल्मों के लिए साइन करवाते हैं, इसलिए सुशांत के लिए यह डील 12-15 करोड़ रुपये की थी।जावेरी ने बिहार पुलिस को यह भी बताया कि जब 8 जून को रिया घर छोड़कर गई, उसी रात दिशा सालियान ने खुदकुशी कर ली। जावेरी के मुताबिक, दिशा सालियन की आत्महत्या के बाद सुशांत परेशान हो गए क्योंकि न्यूज चैनल खबरें चला रहे थे कि सुशांत की एक्स-मैनेजर ने खुदकुशी कर ली। कुशल ने कहा कि सुशांत अक्सर दिशा सालियान से जुड़ी खबरें गूगल पर सर्च किया करते थे। उनके मुताबिक, सुशांत ने दीपेश और सिद्धार्थ पिठानी से रिया से संपर्क करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने बताया कि रिया ने उनका नंबर ब्लॉक कर दिया है। कुशल ने खुलासा किया कि रिया के साथ ब्रेकअप के बाद सुशांत अपने जीवन के आखिरी 15 दिनों में अपने पुराने दोस्तों के करीब आ गए थे। उन्होंने मार्च से दवाएं लेनी बंद कर दी थीं।फिलहाल इस मामले को परिप्रेक्ष्य में रखते हैं। सुशांत के परिवार ने आरोप लगाया था कि रिया ने उनके बैंक अकाउंट्स से 15 करोड़ रुपये का गबन किया और या तो उनकी हत्या की साजिश रची या उन्हें खुदकुशी के लिए मजबूर किया। सुशांत के पिता ने पटना पुलिस के समक्ष अपनी प्राथमिकी में यह आरोप लगाया था। लेकिन सुशांत की हत्या या आत्महत्या के पीछे की मंशा क्या थी? रिया ने ऐसा क्यों किया? सुशांत के परिवार की तरफ से कोई भी इसका मोटिव एस्टेबलिश नहीं कर सका।वहीं दूसरी तरफ, रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने अपने वे सारे पत्ते खोल दिए जिनपर वह अदालत में मामले की बहस करने जा रहे हैं। उन्होंने ये साबित करने की कोशिश की कि सुशांत की मौत को आत्महत्या की बजाय हत्या साबित करने के पीछे क्या मकसद हो सकता है। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस का पैसा इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है। यह एक गंभीर आरोप है।दूसरी बात, सतीश मानेशिंदे ने कहा कि सुशांत के परिवार को उनकी बीमारी के बारे में पता था, बिना डॉक्टर्स को कन्सल्ट किए सुशांत को प्रतिबंधित दवाएं लेने की सलाह दी गई थी। मुंबई में बैठे मरीज की जांच किए बिना ही दिल्ली सरकार के एक डॉक्टर से नकली प्रेस्क्रिप्शन लिया गया। यह अपने आप में एक अपराध है।मानशिंदे ने जोर देकर कहा कि 8 जून को रिया का सुशांत के साथ उनकी बहन को लेकर बात हुई थी, और दोनों के बीच कोई झगड़ा नहीं हुआ था। 8 जून से 14 जून के बीच की घटनाओं के सीक्वेंस की अब ठीक से जांच की जानी चाहिए। इससे सुशांत की मौत के पीछे की सच्चाई लोगों के सामने आ जाएगी। मानशिंदे और श्रुति मोदी के वकील अशोक सरावगी, दोनों ही आरोप लगा रहे हैं कि सुशांत की बहनें उनकी संपत्ति हड़पना चाहती थीं।जानकारों का कहना है कि पिछले 13 दिन से सीबीआई ने जो भी जांच की है उसमें अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या की गई थी। फिलहाल CBI ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अगर सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की तो इसकी वजह क्या थी? क्या किसी ने उन्हें खुदकुशी करने के लिए मजबूर किया था? या फिर उनकी आत्महत्या के पीछे की वजह उनका मेंटल डिप्रेशन था? यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या सुशांत की मौत का ड्रग्स से कोई कनेक्शन था?इस मामले की जांच के दौरान ड्रग्स की बात बार-बार सामने आई है, लेकिन एक अच्छी बात यह हुई है कि पिछले कुछ दिनों में इस केस की वजह से मुंबई में ड्रग्स सप्लाई करने वाले माफिया पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट का शिकंजा कस गया है और वे सभी अंडरग्राउंड हो गए हैं। नारकोटिक्स विंग ने बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद की है। कुछ खबरें ये भी मिली है कि बहुत सारी ड्रग्स समंदर में फेंक दी गई है। अब हमें उम्मीद करनी चाहिए कि सुशांत सिंह राजपूत के केस के बहाने अब मुंबई में ड्रग्स माफिया का सफाया होगा। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 01 सितंबर, 2020 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_8409895029 = {"file": "https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_t9berfn3_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8","image": "https://thumbs.indiatvnews.com/vod/0_t9berfn3_big_thumb.jpg","title": "आज की बात रजत शर्मा के साथ | 1 सितंबर, 2020","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 3029,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_8409895029 = ''; jwsetup_8409895029(); function jwsetup_8409895029() {jwvidplayer_8409895029 = jwplayer("jwvidplayer_8409895029").setup(jwconfig_8409895029);jwvidplayer_8409895029.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_8409895029, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_t9berfn3\", ns_st_pr=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 1 सितंबर, 2020\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 1 सितंबर, 2020\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"आज की बात रजत शर्मा के साथ | 1 सितंबर, 2020\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2020-09-01\", ns_st_tdt=\"2020-09-01\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://indiatv-vh.akamaihd.net/i/vod/0_t9berfn3_,20,21,22,.mp4.csmil/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_8409895029.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_8409895029.getState() == 'error' || jwvidplayer_8409895029.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_8409895029.stop();jwvidplayer_8409895029.remove();jwvidplayer_8409895029 = '';jwsetup_8409895029();return; }});jwvidplayer_8409895029.on('error', function (t) { jwvidplayer_8409895029.stop(); jwvidplayer_8409895029.remove(); jwvidplayer_8409895029 = ''; jwsetup_8409895029(); return;});jwvidplayer_8409895029.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8409895029.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8409895029.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8409895029.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8409895029.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8409895029.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_8409895029.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); } |
740e4ebd2b05180f59608d45e63becf5 | https://www.indiatv.in/india/national-assam-mizoram-border-row-states-agree-on-deployment-of-neutral-central-force-says-mha-804772 | केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, असम-मिजोरम की विवादित सीमा पर तटस्थ बलों की तैनाती पर बनी सहमति | गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर अशांत अंतरराज्यीय सीमा पर तटस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती के लिए सहमति व्यक्त की है। | नई दिल्ली: असम-मिजोरम की अंशात सीमा पर तटस्थ केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा। दोनों राज्यों की सीमा पर संघर्ष में 5 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में 2 घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया है जिसमें असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत तथा मिजोरम के उनके संबंधित समकक्षों लालनुनमाविया चुआंगो और एसबीके सिंह ने हिस्सा लिया।सीमा पर CAPF की तैनाती के लिए सहमत हुए दोनों राज्यगृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर अशांत अंतरराज्यीय सीमा पर तटस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती के लिए सहमति व्यक्त की है। तटस्थ बल की कमान CAPF के एक वरिष्ठ अधिकारी के हाथ में होगी। इसके अलावा, बल के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए, दोनों राज्य सरकारें उचित समय सीमा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन्वय से व्यवस्था करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने असम और मिजोरम के प्रतिनिधिमंडलों को यह भी बताया कि दोनों सरकारों को सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के लिए पारस्परिक रूप से चर्चा जारी रखनी चाहिए।‘सीमा पर हर कोई शांति बनाए रखने की कोशिश करेगा’असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को बुलाया था। बाद में, मिजोरम के मुख्य सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है और बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि हर कोई शांति बनाए रखने की कोशिश करेगा और हिंसा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि विवादित क्षेत्र से राज्य बलों को हटाया जा रहा है। असम के मुख्य सचिव ने कहा कि सीएपीएफ अंतरराज्यीय सीमा की जिम्मेदारी संभालेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों की वापसी की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है।‘केंद्र सरकार असम-मिजोरम सीमा विवाद से चिंतित है’इससे पहले मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘केंद्र सरकार असम-मिजोरम सीमा विवाद से चिंतित है जिसके कारण हिंसा हुई और 6 लोगों की मौत हो गई। बैठक का उद्देश्य तनाव कम करना, शांति स्थापित करना और संभावित समाधान खोजना है।’ अधिकारी ने बताया कि CRPF के महानिदेशक भी बैठक में शामिल हुए क्योंकि अर्धसैनिक बल के जवानों को असम-मिजोरम के तनावग्रस्त सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मिजोरम पुलिस ने असम के अधिकारियों की एक टीम पर सोमवार को गोलीबारी कर दी, जिसमें में असम पुलिस के 5 कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक सहित 50 से अधिक अन्य लोग जख्मी हो गए।असम और मिजोरम के बीच है 164 किमी लंबी सीमाअसम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी की मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी और सीमा विवादों को सुलझाने की जरूरत को रेखांकित किया था, जिसके 2 दिन बाद यह घटना हुई थी। (भाषा) |
cf17222ac9dffa0feafdee7c548934df | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-mother-and-infant-bleed-to-death-after-class-eighth-pass-doctor-performs-surgery-779527 | ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा की मौत, 8वीं पास डॉक्टर और संचालक गिरफ्तार | उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक कथित झोलाछाप डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किए जाने के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। | सुलतानपुर (उप्र): उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में एक कथित झोलाछाप डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किए जाने के बाद जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर डॉक्टर और अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने शनिवार को बताया कि जिले के बल्दीराय थाना क्षेत्र के पूरे मल्लाहन का पुरवा गांव निवासी राजाराम कोरी की 35 वर्षीया पत्नी पूनम को प्रसव पीड़ा होने पर बृहस्पतिवार को डीह गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया।उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद प्रसूता व नवजात शिशु की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मृतका के पति राजाराम की तहरीर पर अस्पताल संचालक खीरी जिले के मितौली थाना क्षेत्र के राजेश कुमार साहनी व अयोध्या जिले के थाना पूरा कलन्दर निवासी झोलाछाप डाक्टर राजेंद्र कुमार शुक्ल के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार चिकित्सक आठवीं कक्षा जबकि संचालक 12वीं कक्षा पास है। |
76828cf08fb0fbd4c254de4c26b73c94 | https://www.indiatv.in/india/politics-pm-modi-aligarh-university-centenary-celebrations-speech-big-points-761127 | AMU में PM मोदी: मुस्लिम बच्चियों ड्रॉपआउट घटा, लाइब्रेरी में गीता-रामायण का अनुवाद, ये रही मुख्य बातें | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी शताब्दी समारोह में कहा कि एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। | अलीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी शताब्दी समारोह में कहा कि एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहाँ जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है। पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम बच्चियों का ड्रॉपआउट रेट घटकर 30 प्रतिशत रह गया है।एएमयू में अब महिला छात्रों की संख्या बढ़कर 35 प्रतिशत हो गई है एएमयू इसके लिए बधाई का पात्र है।पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें |
d347695396852b74ae4e55ad0d9c9c7b | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-govt-will-thoroughly-investigate-exact-cause-of-death-of-narendra-giri-says-keshav-prasad-maurya-814861 | महंत नरेंद्र गिरि केस में यूपी सरकार हर तरह की जांच को तैयार: केशव प्रसाद मौर्य | उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस मामले की जिस भी प्रकार की जांच की जरूरत पड़ेगी, सरकार वह जांच कराएगी और जो भी दोषी हैं, वे बचने नहीं पाएंगे। | प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले की CBI जांच की मांग पर मंगलवार को कहा कि सरकार इस मामले की हर तरह से जांच कराने के तैयार है। प्रयागराज श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने आए मौर्य ने कहा,‘अभी दो दिन पहले ही मैं महंत जी का आशीर्वाद लेने आया था। मुझे पता नहीं था कि आज मुझे श्रद्धांजलि देने के लिए आना पड़ेगा।’‘जो भी जांच जरूरी होगी, वह करायी जाएगी’मौर्य ने कहा कि इस मामले की जिस भी प्रकार की जांच की जरूरत पड़ेगी, सरकार वह जांच कराएगी और जो भी दोषी हैं, वे बचने नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि जांच की दृष्टि से पुलिस द्वारा या CBI द्वारा, जो भी जांच जरूरी होगी, वह करायी जाएगी। श्रीमठ बाघंबरी मठ पधारे कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा, ‘जांच में जो भी आवश्यकता होगी, वह हम पूरा करेंगे। किसी भी स्तर पर कोई कोताही नहीं होगी, इसकी जिम्मेदारी हमारी है।’ उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरा संत समाज भी बहुत आहत है और जांच को लेकर संतों की जो भी मांग होगी, सरकार पूरा करेगी।‘अखिलेश राजनीति कर रहे हैं, उनका यह पेशा है’राज्य के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की हाई कोर्ट के जज की निगरानी में जांच कराने की समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की मांग पर कहा कि अखिलेश यादव राजनीति कर रहे हैं उनका यह पेशा है, लेकिन आज के इस मौके पर यह शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा, ‘इस घटना के हुए अभी चौबीस घंटे नहीं हुए हैं, लेकिन वह (अखिलेश) अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का कार्य कर रहे हैं। उन्हें महंत जी के पार्थिव शरीर का दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर चले जाना चाहिए था।’कई गणमान्य लोगों ने गिरि को श्रद्धांजलि दीसिद्धार्थ नाथ सिंह ने श्रीमठ बांघमरी गद्दी में महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, इलाहाबाद की सांसद रीता बहुगुणा जोशी, फूलपुर की सांसद केशरीदेवी पटेल, नगर की महापौर अभिलाषा गुप्ता सहित कई गणमान्य लोगों ने महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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1b0add125223785019bc8228874c4de8 | https://www.indiatv.in/india/national-jammu-kashmir-grenade-attack-on-crpf-in-kupwara-one-jawan-injured-808288 | J&K: कुपवाड़ा में CRPF पर ग्रेनेड हमला, एक जवान घायल | जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सोमवार को आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान घायल हो गया। | श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सोमवार को आतंकवादियों के ग्रेनेड हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान घायल हो गया। अधिकारियों ने यहां बताया कि रात 9 बजकर 40 मिनट पर जिले के सरकारी मध्य विद्यालय, लांगेट में सीआरपीएफ दल पर निशाना बनाकर आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका, जिसमें एक जवान घायल हो गया।अधिकारियों के अनुसार एक अन्य हमले में बारामूला शहर में बस पड़ाव के पास आजाद गंज में एक पुलिस दल पर आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका, लेकिन इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को श्रीनगर में सुरक्षा बलों के एक दल पर आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड फेंके जाने से सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया था। अधिकारियों ने कहा था कि घटना श्रीनगर के सनत नगर चौक पर रात करीब 8 बजकर 55 मिनट पर हुई थी। इससे पहले ऐसी ही एक अन्य घटना में आतंकवादियों ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में सुरक्षा बलों के एक दल को निशाना बनाया था, जिसमें सीआरपीएफ कांस्टेबल और दो आम निवासी घायल हो गए थे। |
39e5bb97c37183c5a440ea33420f0eed | https://www.indiatv.in/india/national-watch-top-5-gold-smuggling-videos-774147 | सोने की स्मगलिंग के लिए कैसे-कैसे हथकंडे अपनाते हैं लोग, ये 5 वीडियो देख दांतों तले दबा लेंगे उंगली | तस्करी करने वाले लोगों और उनके सामान को देखकर लगता ही नहीं कि वो सोना छिपाकर ले जा रहे हैं लेकिन बहुत ज्यादा बारीकी से चेक करने पर वो पकड़े जाते हैं। आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं ऐसी पांच वीडियो, जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे। | नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों में विदेश से तस्करी कर भारत ला गए सोने के पकड़े जाने की कई खबरें सामने आई हैं। ज्यादातर मामलों में तस्करों को सोने के साथ एयरपोर्ट पर ही दबोच लिया गया। सोने की स्मगलिंग करने वाले तस्कर विदेश से भारत सोना लाने के लिए ऐसे-ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं, जो आप शायद आसानी से सोच भी न पाएं। तस्करी करने वाले लोगों और उनके सामान को देखकर लगता ही नहीं कि वो सोना छिपाकर ले जा रहे हैं लेकिन बहुत ज्यादा बारीकी से चेक करने पर वो पकड़े जाते हैं। आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं ऐसी पांच वीडियो, जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे।पढ़ें- पाकिस्तान फिर शर्मसार, मौलाना ने की 14 साल की बच्ची से शादी, संसद का है सदस्यपढ़ें- क्या तमिल नाडु में BJP की मुश्किलें बढ़ाएगा येदियुरप्पा का बयान?पढ़ें- अब होगी मनोहर लाल खट्टर की असली परीक्षा! भूपिंदर सिंह हुड्डा ने बताया क्या है प्लानपढ़ें- कोलंबो पहुंचने से पहले ही इमरान को झटका, भारत की वजह से श्रीलंका ने उठाया ये कदम |
9d20276d8fbf47096f024550edb018dd | https://www.indiatv.in/india/national/illegal-sand-mining-case-punjab-cm-channi-s-nephew-arrested-by-ed-after-day-long-interrogation-2022-02-04-834332 | Illegal Sand Mining Case: पंजाब सीएम चन्नी के भतीजे को दिनभर पूछताछ के बाद ED ने किया गिरफ्तार | पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्ने के भतीजे भूपिुदर सिंह हनी को लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जालंधर से गिरफ्तार कर लिया। हनी पर अवैध रेत खनन के आरोप लगे हैं। | पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्ने के भतीजे भूपिुदर सिंह हनी को लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जालंधर से गिरफ्तार कर लिया। हनी पर अवैध रेत खनन के आरोप लगे हैं।जानकारी के अनुसार ईडी अधिकारियों ने उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की। भूपिंदर के घर से 7.9 करोड़ रुपए और उसके सहयोगी संदीप कुमार के परिसर से 2 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे। ईडी अधिकारी भूपिंदर सिंह 'हनी' और संदीप सहित उसके दो सहयोगियों से फिर से जब्त की गई नकदी के स्रोत के बारे में पूछताछ करेंगे।बता दें कि अवैध रेत खनन रैकेट के इर्द-गिर्द मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तीनों की जांच की जा रही है। भूपिंदर सिंह हनी और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि फर्जी कंपनियां बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई और उन पर बालू के अवैध खनन में भी शामिल होने का आरोप है। आशंका जताई जा रही है कि धन शोधन और अवैध बालू खनन के लिए मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा था। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला है कि भूपिंदर सिंह, कुदरतदीप सिंह और संदीप कुमार प्रोवाइडर्स ओवरसीज सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं।इस कंपनी की स्थापना अक्टूबर 2018 में हुई थी। छह महीने बाद कुदरतदीप सिंह के खिलाफ अवैध बालू खनन मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ईडी को संदेह है कि रेत खदान का ठेका दिलाने में काले धन का निवेश किया गया था। सूत्रों का कहना है कि कंपनी बहुत छोटे पैमाने की है और करोड़ों का ठेका मिलने की संभावना नहीं है। एक बयान में, प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अवैध रेत खनन और संपत्ति लेनदेन, मोबाइल फोन, 21 लाख रुपए से अधिक के सोने और 12 लाख रुपए की रोलेक्स घड़ी से संबंधित अपमानजनक दस्तावेज भी तलाशी के दौरान जब्त किए गए थे। |
580756315c0a34da13d8b18ad4e422b6 | https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-active-cases-death-toll-recovered-cases-recovery-rate-total-testing-december-11th-759062 | Coronavirus के एक्टिव मामले घटकर 3.71% बचे, लेकिन रोजाना मौतों का आंकड़ा 400 के ऊपर | कोरोना से होने वाली मौतें अभी भी चिंता का कारण बनी हुई हैं, रोजाना अभी भी 400 से ज्यादा लोगों की मौत इस जानलेवा वायरस की वजह से हो रही है | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस को लेकर राहत की बात है कि एक्टिव केस लगातार कम हो रहे हैं, नए मामलों में कमी और ठीक होने वाले लोगों की संघ्या अधिक होने की वजह से कोरोना के एक्टिव केस लगातार घट रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में अबतक जितने कोरोना वायरस मामले सामने आ चुके हैं उनमें अब सिर्फ 3.71 प्रतिशत की एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 11 दिसंबर सुबह तक 366749 एक्टिव मामले दर्ज किए गए हैं और 24 घंटों के दौरान इनमें 8544 की कमी आई है।हालांकि कोरोना से होने वाली मौतें अभी भी चिंता का कारण बनी हुई हैं, रोजाना अभी भी 400 से ज्यादा लोगों की मौत इस जानलेवा वायरस की वजह से हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 414 लोगों की जान गई है और अबतक इस वायरस की वजह से कुल 142186 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ गई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 29398 नए मामले दर्ज किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 9796769 तक पहुंच गया है हालांकि इस आंकड़े में 9290834 मामले ऐसे हैं जो पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए सरकार की तरफ से टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। देशभर में रोजाना भारी संख्या में कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार बुधवार को देशभर में 8.72 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं और देश में कुल टेस्टिंग का आंकड़ा 15 करोड़ को पार कर गया है।वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 7 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 15.88 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 4.91 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 1.60 करोड़ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 2.99 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 67.83 लाख मामले सामने आए हैं और 1.79 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। चौथे नंबर पर रूस है जहां पर 25.69 लाख कोरोना मामले दर्ज किए जा चुके हैं और 45 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। पांचवें नंबर पर फ्रांस है जहां पर 23.37 लाख मामले आ चुके हैं और 56 हजार से ज्यादा की जान गई है। |
13381f037052a1f11f46af8898220a90 | https://www.indiatv.in/india/national/jammu-and-kashmir-bus-accident-at-nowshera-one-dead-56-injured-2022-03-28-841646 | Nowshera Bus Accident: जम्मू-कश्मीर के नौशेरा में खाई में जा गिरी बस, 56 यात्री घायल, एक ने दम तोड़ा | जम्मू कश्मीर के नौशेरा में एक बस दुर्घटना का शिकार हो गई। यात्रियों से भरी बस राजौरी-नौशेरा रूट पर जा रही थी तभी अचानक सड़क किनारे खाई में जा लुढ़की। हादसे के बाद बस में से 56 घायल यात्री निकाले गए लेकिन एक यात्री ने दम तोड़ दिया। | नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के नौशेरा में एक बस दुर्घटना का शिकार हो गई। यात्रियों से भरी बस राजौरी-नौशेरा रूट पर जा रही थी तभी अचानक सड़क किनारे खाई में जा लुढ़की। हादसे के बाद बस में से 56 घायल यात्री निकाले गए लेकिन एक यात्री ने दम तोड़ दिया। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सोमवार को एक ओवरलोड बस के सड़क से फिसलकर खाई में जा गिरी. इस हादसे में एक 65 वर्षीय यात्री की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।नौशेरा के एडीसी सुखदेव सिंह ने जानकारी दी कि बस राजौरी-नौशेरा रूट पर थी। हादसे के बाद 56 घायल यात्री मिले हैं, जिनमें से एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल चार मरीजों को जम्मू के जीएमसी अस्पताल रेफर किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 50 से ज्यादा यात्रियों को लेकर बस पुखरनी गांव से नौशेरा जा रही थी और दुर्घटना सुबह करीब 10 बजे लाम के निकट देबट्टा में हुई।उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों, सेना और पुलिस के बचाव दल ने गंभीर रूप से घायल नौ लोगों को अस्पताल पहुंचाया, जिनमें से एक पुखरनी गांव के बिलाल हुसैन ने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि कई और यात्री जिन्हें मामूली चोटें आई थीं, उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। इस दौरान एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने बचाव अभियान में मदद की।रक्षा प्रवक्ता ने कहा, "राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना खड़ी ढलानों पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को घायल बस में से निकाला। घायलों को सैन्य वाहनों में प्राथमिक उपचार और आगे के इलाज के लिए उप-जिला अस्पताल नौशेरा ले जाया गया।" |
e1a5056e625a498743c7f57a17bb3921 | https://www.indiatv.in/india/national-appointment-on-compassionate-ground-is-concession-not-right-supreme-court-817447 | अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति अधिकार नहीं, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने और क्या-क्या कहा | न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन मानदंडों को लेकर अपवाद हो सकता है। | नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है, अधिकार नहीं है। न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन मानदंडों को लेकर अपवाद हो सकता है। पीठ ने कहा, “अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को लेकर इस अदालत के निर्णयों के क्रम में निर्धारित कानून के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी सरकारी रिक्तियों में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। हालांकि, एक मृत कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की पेशकश उक्त मानदंडों में अपवाद है। अनुकंपा का आधार एक रियायत है, अधिकार नहीं।'' पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें राज्य सरकार और पुलिस विभाग को ग्रेड- III सेवा में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए एक महिला की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। पढ़ें : अब गाड़ियों के हॉर्न में केवल इन वाद्ययंत्रों की आवाज का होगा इस्तेमाल, जानिए क्या है नितिन गडकरी का प्लानशीर्ष अदालत ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को भी बहाल कर दिया जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया था। एकल-न्यायाधीश पीठ ने महिला की ग्रेड- III पद पर उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है क्योंकि उसका पति ग्रेड- IV पद पर कार्यरत था, जिसकी मौत हो चुकी है। (भाषा) |
c913b4dbe33890667f2065b1614d6cf0 | https://www.indiatv.in/india/national/sonia-gandhi-said-about-the-cut-in-the-budget-of-mnrega-made-fun-of-it-2022-03-31-842236 | सोनिया गांधी ने मनरेगा को लेकर कहा- मजाक उड़ाया था..., सराकर ने आरोपों को खारिज किया | लोकसभा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि, कुछ साल पहले कई लोगों ने महात्मा गांधी मनरेगा का मजाक उड़ाया था, उसी मनरेगा ने कोरोना और लॉकडाउन में करोड़ों प्रभावित गरीबों को ठीक समय पर मदद करते हुए सरकार की बचाव में सकारात्मक भूमिका निभाई। | नयी दिल्ली: कांग्रेस के अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के बजट में कटौती की गई है जिसके कारण मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सरकार को पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित करना चाहिए। सोनिया गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। लोकसभा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगे कहा कि, कुछ साल पहले कई लोगों ने महात्मा गांधी मनरेगा का मजाक उड़ाया था, उसी मनरेगा ने कोरोना और लॉकडाउन में करोड़ों प्रभावित गरीबों को ठीक समय पर मदद करते हुए सरकार की बचाव में सकारात्मक भूमिका निभाई। फिर भी मनरेगा के लिए आवंटित बजट में लगातार कटौती की जा रही है। इस साल मनरेगा का बजट साल 2020 की तुलना में 35% कम है जबकि बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है। बजट में कटौती से कामगारों के भुगतान में देरी होती है जिससे सुप्रीम कोर्ट ने बंधुआ मजदूरी मना है।शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हि मनरेगा के लिए उचित आवंटन हो, काम के 15 दिनों के भीतर कामगारों को मजूदरी का भुगतान हो तथा भुगतान में देरी पर मुआवजे भी दिया जाए।’’ सरकार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन हुआ है, जबकि पूर्व की संप्रग सरकार के समय न सिर्फ आवंटन कम था, बल्कि ‘भ्रष्टाचार’ भी होता था। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘संप्रग के समय आवंटित बजट खर्च नहीं होता था। लेकिन मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया। इनके (कांग्रेस) समय सिर्फ भ्रष्टाचार होता था।’’ ठाकुर ने कहा, ‘‘ये लोग मंत्री की ओर से जवाब देने का विरोध कर रह है। यह दिखाता है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करता है।’’बाद में पीठासीन सभापति रमा देवी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने शून्यकाल में जो विषय उठाये हैं, सरकार उसका उत्तर देना चाहे, तो दे सकती है। इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘वह (सोनिया) देश की एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने सदन में जो विषय रखा है वो पूर्ण रूप से तथ्यों से परे है। साल 2013-14 में (संप्रग सरकार के समय) मनरेगा का 33 हजार करोड़ रुपये का बजट था, जो आज एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।’’ |
ff2327fe5bb6b74bbf90e1be1b6e3a74 | https://www.indiatv.in/india/national-kisan-andolan-rakesh-tikait-says-prime-minister-is-ours-also-we-are-thankful-for-his-initiative-769327 | Kisan Andolan: पीएम मोदी के ऑफर के बाद राकेश टिकैत का बड़ा बयान | राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहल की है। हम उनका धन्यवाद करते हैं। हम उनका सम्मान नहीं गिरने देंगे। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा औऱ देश के प्रधानमंत्री का भी सम्मान रहेगा। | नई दिल्ली. गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। राकेश टिकैत के नेतृत्व में यहां दिए जा रहे धरने में किसानों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ऑफर के बाद अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहल की है। हम उनका धन्यवाद करते हैं। हम उनका सम्मान नहीं गिरने देंगे। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा औऱ देश के प्रधानमंत्री का भी सम्मान रहेगा।पढ़ें- Kisan Andolan पर सियासत तेज! कैप्टन अमरिंदर ने ताकत दिखाने के लिए बुलाई ऑल पार्टी मीटिंगराकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "दबाव में समझौता नहीं करेंगे, conditional समझौता नहीं करेंगे, झुका समझौता नहीं, बात करेंगे जो मुद्दे होंगे। प्रधानमंत्री जी ने पहल की है। वो हमारे भी पीएम हैं, किसानों के भी पीएम हैं। सम्मानजनक समझौता होगा। उन्होंने कॉल किया है तो उनका सम्मान किया जाएगा। हमारी तरफ से बातचीत का रास्ता खुला हुआ है। हमारे जो लोग जेलों में बंद हैं, वो रिहा हो जाएं और एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएं, जो प्रधानमंत्री जी ने बात कही है, उनकी बात का सम्मान रहेगा। अंदर क्या बात होगी, हम (किसान)और सरकार आपस में बैठकर बात कर लेंगे।"पढ़ें- खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध्, प्रयास जारी रहेंगे: पीएम मोदीराकेश टिकैत की आंखों में आंसू देखकर फिर जुटे किसान, आंदोलन में आयी नयी गतिभारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं से वह भावनात्मक खिंचाव उत्पन्न हुआ जिसकी कल्पना उन्होंने भी नहीं की थी। इससे उस किसान आंदोलन में फिर से गति आ गई जो गणतंत्र दिवस समारोह में हिंसा होने के बाद खो गई थी। राकेश टिकैत किसी समय में दिल्ली पुलिस में कान्स्टेबल थे। उन्होंने चुनावों में भी हाथ आजमाया और वर्षों तक किसान नेता रहे। हालांकि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता टिकैत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बाहर निकलकर राष्ट्रीय सुर्खियों में जगह बनायी और उन्होंने वर्तमान समय में सबसे शक्तिशाली किसान नेता के रूप में खुद को स्थापित किया है।पढ़ें- Tourist Highway में बदलेगी लेह से कारगिल की सड़क, जानिए क्या है सरकार का प्लानकेंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गत दो महीने से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं जिसमें सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर शामिल हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। अब, ध्यान दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर स्थानांतरित हो गया है जहां किसान हजारों की संख्या में अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। यह आंदोलन दो दिन पहले कमजोर पड़ता दिखायी दे रहा था। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि किसान आंदोलन खत्म हो रहा है, उनका मनोबल टूट गया है और कई किसान घर लौट गए।पढ़ें- Kisan Andolan: गणतंत्र दिवस पर हिंसा को लेकर पीएम की टिप्पणी के बाद नरेश टिकैत का बड़ा बयानबुधवार रात में गाजीपुर में माहौल तनावपूर्ण था। गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को ‘‘अल्टीमेटम’’ जारी किया और उन्हें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के एक हिस्से से हटने को कहा। जब वहां सुरक्षा कड़ी की गई और बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई तो ऐसा लगा कि उन्हें वहां से जबर्दस्ती हटाया जाएगा लेकिन संवाददाताओं बात करते हुए टिकैत रो पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शन समाप्त नहीं किया जाएगा। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है।’’ यहां तककि उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने की भी धमकी दे दी। जल्द ही यह पता चल गया कि 51 वर्षीय टिकैत जो 28 नवंबर से गाजीपुर सीमा पर बीकेयू समर्थकों का नेतृत्व कर रहे हैं वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं।पढ़ें- Kisan Andolan: बॉर्डर खाली कराने को लेकर 42 गांवों की महापंचायत, टेंशन बढ़ीसरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखने के उनके आह्वान ने एक गहरा भावनात्मक माहौल उत्पन्न किया। उनका वीडियो कई सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित हुआ। इसके बाद उनके भाई नरेश टिकैत ने शुक्रवार को अपने गृह नगर मुजफ्फरनगर में एक 'महापंचायत' का आयोजन किया, जहां हज़ारों किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए एकत्रित हुए। गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ बृहस्पतिवार की रात घटकर अगले 12 घंटे में कई गुना बढ़ गई और अगले 24 घंटों में 5,000 से अधिक हो गई। किसान आंदोलन न केवल पुनर्जीवित हुआ बल्कि उसमें नयी ऊर्जा आ गई।टिकैत जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्र के साथ बात कर रहे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे हैं। वह दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा के आरोपियों में से एक हैं जिसमें एक किसान की मौत भी हो गई थी जब उसका ट्रैक्टर पलट गया था। साथ ही उक्त हिंसा में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों भी घायल हुए थे। टिकैत ने साजिश के आरोपों से इनकार किया है और हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने हिंसा के लिए ट्रैक्टर परेड में घुस आये घुसपैठियों को दोषी ठहराया है। दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें आरोपी बनाया जाना उनके लिए शायद अजीब है, जिन्होंने बल में एक हेड कांस्टेबल के रूप में काम किया है। लेकिन उन्होंने 1992-93 में तब बल छोड़ दिया था जब उन्हें अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व वाले किसान आंदोलन से निपटना पड़ा था।चार जून, 1969 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुज़फ़्फ़रनगर जिले के सिसौली गाँव में जन्मे राकेश टिकैत दिल्ली पुलिस छोड़ने के बाद बीकेयू में शामिल हो गए थे और मई 2011 में अपने पिता की कैंसर से मृत्यु के बाद एक किसान नेता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की। महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के एक बड़े नेता था जिन्हें किसानों का ‘‘मसीहा’’ कहा जाता था। उन्हें क्षेत्रीय बालियान खाप (उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में एक सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था) के 'चौधरी' का पद का मिला था। खाप की परंपरा के अनुसार, यह उपाधि उनके बड़े बेटे और राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत को मिली।मेरठ विश्वविद्यालय से बीए स्नातक राकेश टिकैत को बीकेयू का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया। उनके दो छोटे भाई हैं - सुरेंद्र, जो एक चीनी मिल में प्रबंधक के रूप में काम करते हैं और नरेंद्र जो कृषि में लगे हुए हैं। दो बेटियों और एक बेटे के पिता राकेश टिकैत के, किसानों के मुद्दों पर कई सरकारों के साथ मतभेद रहे हैं। उन्होंने चुनावों में भी हाथ आजमाया लेकिन दोनों बार हार गए। उन्होंने 2007 में, एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुजफ्फरनगर में खतौली निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा। 2014 में, उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (रालोद) के टिकट पर अमरोहा जिले से लोकसभा चुनाव लड़ा।2014 के चुनावों से पहले, टिकैत ने 4.25 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जिसमें 10 लाख रुपये नकद और 3 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि के साथ 10.95 लाख रुपये की देनदारियां शामिल थीं। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ तीन आपराधिक मामले लंबित रहने की भी घोषणा की थी। ये मामले उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर और मध्य प्रदेश के अनूपपुर में दर्ज किए गए थे। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच गाजीपुर सीमा पर जब टिकैत की आंखों में आंसू आये तो इससे उनके समर्थक भी भावुक हो गए। ग्रामीण भावनाओं से अभिभूत होकर, बच्चों सहित पानी, घर का बना भोजन और छाछ लेकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। टिकैत ने घोषणा की थी कि वह तभी पानी पीएंगे जब किसान इसे लाएंगे क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने विरोध स्थल पर पानी के टैंकरों को रोक दिया था। (भाषा) नई दिल्ली. गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। राकेश टिकैत के नेतृत्व में यहां दिए जा रहे धरने में किसानों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ऑफर के बाद अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहल की है। हम उनका धन्यवाद करते हैं। हम उनका सम्मान नहीं गिरने देंगे। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा औऱ देश के प्रधानमंत्री का भी सम्मान रहेगा।पढ़ें- Kisan Andolan पर सियासत तेज! कैप्टन अमरिंदर ने ताकत दिखाने के लिए बुलाई ऑल पार्टी मीटिंगराकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "दबाव में समझौता नहीं करेंगे, conditional समझौता नहीं करेंगे, झुका समझौता नहीं, बात करेंगे जो मुद्दे होंगे। प्रधानमंत्री जी ने पहल की है। वो हमारे भी पीएम हैं, किसानों के भी पीएम हैं। सम्मानजनक समझौता होगा। उन्होंने कॉल किया है तो उनका सम्मान किया जाएगा। हमारी तरफ से बातचीत का रास्ता खुला हुआ है। हमारे जो लोग जेलों में बंद हैं, वो रिहा हो जाएं और एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएं, जो प्रधानमंत्री जी ने बात कही है, उनकी बात का सम्मान रहेगा। अंदर क्या बात होगी, हम (किसान)और सरकार आपस में बैठकर बात कर लेंगे।"पढ़ें- खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध्, प्रयास जारी रहेंगे: पीएम मोदीराकेश टिकैत की आंखों में आंसू देखकर फिर जुटे किसान, आंदोलन में आयी नयी गतिभारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं से वह भावनात्मक खिंचाव उत्पन्न हुआ जिसकी कल्पना उन्होंने भी नहीं की थी। इससे उस किसान आंदोलन में फिर से गति आ गई जो गणतंत्र दिवस समारोह में हिंसा होने के बाद खो गई थी। राकेश टिकैत किसी समय में दिल्ली पुलिस में कान्स्टेबल थे। उन्होंने चुनावों में भी हाथ आजमाया और वर्षों तक किसान नेता रहे। हालांकि भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता टिकैत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बाहर निकलकर राष्ट्रीय सुर्खियों में जगह बनायी और उन्होंने वर्तमान समय में सबसे शक्तिशाली किसान नेता के रूप में खुद को स्थापित किया है।पढ़ें- Tourist Highway में बदलेगी लेह से कारगिल की सड़क, जानिए क्या है सरकार का प्लानकेंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गत दो महीने से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं जिसमें सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर शामिल हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। अब, ध्यान दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर स्थानांतरित हो गया है जहां किसान हजारों की संख्या में अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। यह आंदोलन दो दिन पहले कमजोर पड़ता दिखायी दे रहा था। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि किसान आंदोलन खत्म हो रहा है, उनका मनोबल टूट गया है और कई किसान घर लौट गए।पढ़ें- Kisan Andolan: गणतंत्र दिवस पर हिंसा को लेकर पीएम की टिप्पणी के बाद नरेश टिकैत का बड़ा बयानबुधवार रात में गाजीपुर में माहौल तनावपूर्ण था। गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को ‘‘अल्टीमेटम’’ जारी किया और उन्हें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के एक हिस्से से हटने को कहा। जब वहां सुरक्षा कड़ी की गई और बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई तो ऐसा लगा कि उन्हें वहां से जबर्दस्ती हटाया जाएगा लेकिन संवाददाताओं बात करते हुए टिकैत रो पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शन समाप्त नहीं किया जाएगा। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है।’’ यहां तककि उन्होंने अपना जीवन समाप्त करने की भी धमकी दे दी। जल्द ही यह पता चल गया कि 51 वर्षीय टिकैत जो 28 नवंबर से गाजीपुर सीमा पर बीकेयू समर्थकों का नेतृत्व कर रहे हैं वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं।पढ़ें- Kisan Andolan: बॉर्डर खाली कराने को लेकर 42 गांवों की महापंचायत, टेंशन बढ़ीसरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखने के उनके आह्वान ने एक गहरा भावनात्मक माहौल उत्पन्न किया। उनका वीडियो कई सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित हुआ। इसके बाद उनके भाई नरेश टिकैत ने शुक्रवार को अपने गृह नगर मुजफ्फरनगर में एक 'महापंचायत' का आयोजन किया, जहां हज़ारों किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए एकत्रित हुए। गाजीपुर बॉर्डर पर भीड़ बृहस्पतिवार की रात घटकर अगले 12 घंटे में कई गुना बढ़ गई और अगले 24 घंटों में 5,000 से अधिक हो गई। किसान आंदोलन न केवल पुनर्जीवित हुआ बल्कि उसमें नयी ऊर्जा आ गई।टिकैत जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्र के साथ बात कर रहे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे हैं। वह दिल्ली में 26 जनवरी की हिंसा के आरोपियों में से एक हैं जिसमें एक किसान की मौत भी हो गई थी जब उसका ट्रैक्टर पलट गया था। साथ ही उक्त हिंसा में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों भी घायल हुए थे। टिकैत ने साजिश के आरोपों से इनकार किया है और हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने हिंसा के लिए ट्रैक्टर परेड में घुस आये घुसपैठियों को दोषी ठहराया है। दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें आरोपी बनाया जाना उनके लिए शायद अजीब है, जिन्होंने बल में एक हेड कांस्टेबल के रूप में काम किया है। लेकिन उन्होंने 1992-93 में तब बल छोड़ दिया था जब उन्हें अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व वाले किसान आंदोलन से निपटना पड़ा था।चार जून, 1969 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुज़फ़्फ़रनगर जिले के सिसौली गाँव में जन्मे राकेश टिकैत दिल्ली पुलिस छोड़ने के बाद बीकेयू में शामिल हो गए थे और मई 2011 में अपने पिता की कैंसर से मृत्यु के बाद एक किसान नेता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की। महेंद्र सिंह टिकैत किसानों के एक बड़े नेता था जिन्हें किसानों का ‘‘मसीहा’’ कहा जाता था। उन्हें क्षेत्रीय बालियान खाप (उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में एक सामाजिक और प्रशासनिक व्यवस्था) के 'चौधरी' का पद का मिला था। खाप की परंपरा के अनुसार, यह उपाधि उनके बड़े बेटे और राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत को मिली।मेरठ विश्वविद्यालय से बीए स्नातक राकेश टिकैत को बीकेयू का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया। उनके दो छोटे भाई हैं - सुरेंद्र, जो एक चीनी मिल में प्रबंधक के रूप में काम करते हैं और नरेंद्र जो कृषि में लगे हुए हैं। दो बेटियों और एक बेटे के पिता राकेश टिकैत के, किसानों के मुद्दों पर कई सरकारों के साथ मतभेद रहे हैं। उन्होंने चुनावों में भी हाथ आजमाया लेकिन दोनों बार हार गए। उन्होंने 2007 में, एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुजफ्फरनगर में खतौली निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा। 2014 में, उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (रालोद) के टिकट पर अमरोहा जिले से लोकसभा चुनाव लड़ा।2014 के चुनावों से पहले, टिकैत ने 4.25 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जिसमें 10 लाख रुपये नकद और 3 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि के साथ 10.95 लाख रुपये की देनदारियां शामिल थीं। उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ तीन आपराधिक मामले लंबित रहने की भी घोषणा की थी। ये मामले उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर और मध्य प्रदेश के अनूपपुर में दर्ज किए गए थे। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच गाजीपुर सीमा पर जब टिकैत की आंखों में आंसू आये तो इससे उनके समर्थक भी भावुक हो गए। ग्रामीण भावनाओं से अभिभूत होकर, बच्चों सहित पानी, घर का बना भोजन और छाछ लेकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। टिकैत ने घोषणा की थी कि वह तभी पानी पीएंगे जब किसान इसे लाएंगे क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने विरोध स्थल पर पानी के टैंकरों को रोक दिया था। (भाषा) |
b43bcb4e067a1910093305622584efc4 | https://www.indiatv.in/india/national-indian-railway-malabar-express-train-luggage-van-catches-fire-766407 | मालाबार एक्सप्रेस के डिब्बे में लगी आग, मचा हड़कंप | गनीमत ये रही कि ये आग ट्रेन के सामान वाले डिब्बे (Luggage Van) में लगी थी। ट्रेन के डिब्बे में आग लगने की ये घटना तिरुवनंतपुरम के Varkala के नजदीक हुई। | तिरुवनंतपुरम. आज (रविवार) अचानक केरल के तिरुवनंतपुरम में मालाबार एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लग गई, जिस पर अब काबू पाया जा चुका है। गनीमत ये रही कि ये आग ट्रेन के सामान वाले डिब्बे में लगी थी। ट्रेन के डिब्बे में आग लगने की ये घटना तिरुवनंतपुरम के Varkala के नजदीक हुई। इल घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। ट्रेन के डिब्बे में आग कैसे लगी इसका अभी तक पता नहीं चल सका है।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया कई और स्पेशल रेल गाड़ियों का ऐलान, यहां है पूरी जानकारीमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबकि ट्रेन में आग सुबह करीब 7.47 बजे लगी, इस वक्त ट्रेन Edava रेलवे स्टेशन के नजदीक थी। ट्रेन में सवार यात्रियों ने जैसी ही गाड़ी के डिब्बे से धुआं उठता देखा, उन्होंने चेन खींच दी, जिसके बाद मालाबार एक्सप्रेस रुक गई। घटना के तुरंत बाद फायर डिपार्टमेंट की दो टीमें मौके पर पहुंचीं और उन्होंने आग पर काबू पाया।पढ़ें- IMD Alert: दिल्ली, लखनऊ और अमृतसर में जीरो विजिबिलिटी, जानिए कल और परसों कैसे रहेंगे हालातपढ़ें- BJP-JDU गठबंधन "डबल इंजन" के बजाय "trouble इंजन" बन गया है- तेजस्वी |
517ab6d40e396ecd331b343532a2b01b | https://www.indiatv.in/india/politics-cm-charnajeet-singh-channi-navjot-singh-sidhu-dgp-dispute-resolved-816666 | सीएम चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू के बीच डीजीपी विवाद सुलझा | पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के बीच डीजीपी विवाद सुलझ गया है। पंजाब सीएम ऑफिस ने पंजाब सरकार की और से आईपीएस अफसरों के नामों का पैनल यूपीएससी को अप्रूवल के लिए भेज दिया है। | चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के बीच डीजीपी विवाद सुलझ गया है। पंजाब सीएम ऑफिस ने पंजाब सरकार की और से आईपीएस अफसरों के नामों का पैनल यूपीएससी को अप्रूवल के लिए भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक सीएम चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू में सहमति बनी है कि जो भी नाम यूपीएससी से अप्रूव होकर आएगा वो नाम पंजाब सरकार और पंजाब कांग्रेस संगठन को मंजूर होगा। अब सिर्फ एडवोकेट जनरल के नाम पर पेच फंसा है जिस पर फैसला कांग्रेस आलाकमान की सहमति पर लिया जाएगा।आपको बता दें कि कल सीएम चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबी बैठक हुई थी। ये बैठक दो घंटे तक चली लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। सिद्धू अपनी मांग पर अड़े रहे और चन्नी अपनी...आखिरकार बैठक बेनतीजा खत्म हुई। हां सूत्र बताते हैं कि मीटिंग में सरकार चलाने के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाने पर सहमति बन गई है। इस कमेटी में सीएम चन्नी, सिद्धू और कांग्रेस पर्यवेक्षक हरीश चौधरी होंगे। मीटिंग में सिद्धू को बता दिया गया था कि एडवोकेट जनरल और डीजीपी को हटाने की मांग नहीं मानी जाएगी।इस बीच पंजाब कैबिनेट की बैठक 4 अक्टूबर को बुलाई गई है। पहले चन्नी ने कहा था कि कैबिनेट की बैठक हर मंगलवार को होगी लेकिन इसे एक दिन पहले ही बुलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कैबिनेट मीटिंग में उन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी जिन मुद्दों को सिद्धू ने कल की बैठक में उठाया था। |
b3d12fedb3d53e1944307748168be530 | https://www.indiatv.in/india/national-centre-has-stood-by-states-throughout-covid-19-pandemic-mansukh-mandaviya-809666 | कोविड-19 महामारी के दौरान राज्यों के साथ खड़ी रही केंद्र सरकार: मनसुख मांडविया | स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना तृतीयक चिकित्सा देखभाल में क्षेत्रीय असंतुलन को दुरुस्त कर रही है और पिछड़े राज्यों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर रही है। | नयी दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान केन्द्र सरकार राज्यों के साथ खड़ी रही है और केन्द्र की आपातकालीन वित्तीय सहायता ने कोविड -19 का मजबूती से सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना तृतीयक चिकित्सा देखभाल में क्षेत्रीय असंतुलन को दुरुस्त कर रही है और पिछड़े राज्यों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर रही है।बयान में कहा गया है कि मांडविया एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जिसमें उन्होंने झारखंड के देवघर जिले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक आयुष भवन, रैन बसेरे और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं के लिये नए भवन का उद्घाटन किया। बयान के अनुसार मंत्री ने कहा कि अब लोगों को देवघर में सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं मिल सकती हैं।उन्होंने कहा कि संस्थान की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 मई, 2018 को रखी गई थी। उन्होंने कहा कि दूर-दराज से आने वाले लोग रैन बसेरों में रहकर अपना इलाज करा सकते हैं। मांडविया ने कहा कि संस्थान न केवल देवघर के 15 लाख निवासियों बल्कि झारखंड के 3.19 करोड़ लोगों की भी सेवा करेगा। बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के गतिशील नेतृत्व में केंद्र सरकार महामारी के दौरान राज्यों के साथ खड़ी रही है।मांडविया ने कहा कि ईसीआरपी-1 और ईसीआरपी-2 (आपातकालीन कोविड-19 प्रतिक्रिया पैकेज) ने कोविड-19 से मजबूती से निपटने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में झारखंड की हर संभव मदद की है। दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित 'अंत्योदय' - समाज के अंतिम नागरिक की सेवा- की अवधारणा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को लागू करने के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रयासों का मार्गदर्शक सिद्धांत है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि भोपाल, भुवनेश्वर, रायपुर, पटना, जोधपुर और ऋषिकेश में एम्स अब पूरी तरह कामकाज शुरू हो चुका है। |
499b18f09b7638bd484cd0af51cbe04b | https://www.indiatv.in/india/politics-harish-rawat-to-visit-chandigarh-next-week-amid-power-tussle-in-punjab-807553 | अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू में फिर ठनी, हरीश रावत अगले हफ्ते करेंगे चंडीगढ़ का दौरा | रावत का चंडीगढ़ दौरा आने वाले दिनों में पंजाब मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल के मद्देनजर भी मायने रखता है। राज्य मंत्रिमंडल में एक पद खाली है। | चंडीगढ़: पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी से मंगलवार को मुलाकात महज औपचारिकता नहीं थी, बल्कि नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के रवैये को लेकर कैप्टन ने नाराज़गी जताई है। इसी के मद्देनजर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के अगले हफ्ते चंडीगढ़ आने की संभावना है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पंजाब सरकार और पार्टी की प्रदेश इकाई को साथ मिलकर काम करने की सलाह दी थी। सोनिया ने रावत से यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि सिंह और सिद्धू अपनी-अपनी सीमाओं में रह कर काम करें, लेकिन एक-दूसरे का सहयोग करें। अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की थी और उन्हें पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा पर हुई प्रगति से अवगत कराया था। समझा जाता है कि उन्होंने सिद्धू द्वारा राज्य सरकार को लगातार निशाना बनाये जाने के बारे में भी पार्टी अध्यक्ष को बताया था। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने मादक पदार्थों पर विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की रिपोर्ट पर कार्रवाई में विलंब को लेकर सोमवार को पंजाब में अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा था। सिद्धू, पार्टी आलाकमान के 18 सूत्री एजेंडा को लागू करने पर जोर देते आ रहे हैं। इसमें 2015 में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी पर कार्रवाई, मादक पदार्थों के बड़े तस्करों की गिरफ्तारी तथा केंद्र के नये कृषि कानूनों को खारिज किया जाना शामिल है। सिंह के कड़े विरोध के बावजूद सिद्धू को पिछले महीने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। रावत का चंडीगढ़ दौरा आने वाले दिनों में पंजाब मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित फेरबदल के मद्देनजर भी मायने रखता है। राज्य मंत्रिमंडल में एक पद खाली है। यह 2019 में सिद्धू के मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने से खाली हुआ था। सूत्रों ने बताया कि दलित समुदाय से आने वाले विधायक राज कुमार वेरका और पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के. पी. सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। समझा जाता है कि बुधवार को सिद्धू द्वारा नियुक्त किये गये चार सलाहकारों में शामिल भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मुस्तफा, पंजाब में कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं। मुस्तफा ने अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ, 2019 में अमरिंदर सिंह नीत सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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ad89c0f97c963e63e79be34e0b2be1e0 | https://www.indiatv.in/india/national/bjp-mla-from-telangana-assembly-suspended-for-entire-session-2022-03-07-838777 | तेलंगाना विधानसभा से BJP विधायक पूरे सत्र के लिए निलंबित | भगवा पार्टी के विधायक राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के बिना बजट सत्र शुरू करने के सरकार के कदम का विरोध कर रहे थे। काला दुपट्टा ओढ़े और नारेबाजी करते हुए भाजपा विधायक सदन के वेल में आ गए। उन्होंने बजट भाषण की प्रतियां भी फाड़ दीं। | हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा के तीनों भाजपा विधायकों को बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में सदन से निलंबित कर दिया गया। अध्यक्ष पोचारम श्रीनिवास रेड्डी ने राजा सिंह, रघुनंदन राव और एटाला राजेंदर को पूरे सत्र के लिए निलंबित करने की घोषणा की।सत्र शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर, भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया गया क्योंकि वे वित्त मंत्री हरीश राव के बजट भाषण को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे। भगवा पार्टी के विधायक राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के बिना बजट सत्र शुरू करने के सरकार के कदम का विरोध कर रहे थे। काला दुपट्टा ओढ़े और नारेबाजी करते हुए भाजपा विधायक सदन के वेल में आ गए। उन्होंने बजट भाषण की प्रतियां भी फाड़ दीं।उन्होंने अपनी सीटों को फिर से शुरू करने के लिए अध्यक्ष द्वारा बार-बार अपील पर ध्यान नहीं दिया, इसके बाद मंत्री टी. श्रीनिवास यादव ने पूरे सत्र के लिए सदन से उनके निलंबन का प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किया गया और विधायकों को बाहर भेज दिया गया। निलंबन के विरोध में तीनों विधायक विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि टीआरएस सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए अलोकतांत्रिक तरीकों का सहारा ले रही है।उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल के अभिभाषण को रद्द कर उन्होंने संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का अपमान किया है। हालांकि, सरकार ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह कोई नया सत्र नहीं है बल्कि पिछले सत्र की निरंतरता है।राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी सरकार के इस कदम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने शनिवार को एक बयान में कहा, "सदन पांच महीने बाद बैठक कर रहा है। सामान्य परिस्थितियों में, जब इतने लंबे अंतराल के बाद सदन बुलाया जाता है, तो यह एक नया सत्र होता है, लेकिन सरकार ने पहले के सत्र को जारी रखने के लिए चुना है।" राज्यपाल ने सरकार द्वारा उनका अभिभाषण रद्द किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्होंने बजट पेश करने के लिए अपनी सिफारिश दी है क्योंकि उनका प्राथमिक उद्देश्य लोगों का कल्याण है।राज्यपाल ने कहा, "हालांकि, मैंने संवैधानिक सम्मेलन का सम्मान करते हुए और राजनीतिक विचारों से परे जाकर और सहकारी संघवाद की भावना को ध्यान में रखते हुए, वित्तीय विधेयक को पेश करने के लिए अपनी सिफारिश से अवगत कराया है। मुझे अपनी सिफारिश देने के लिए अपना समय लेने की स्वतंत्रता है। लेकिन यह अच्छी तरह से जानते हुए कि लोगों का कल्याण शामिल है और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए, मैंने बिना किसी समय के अपनी सिफारिश दी।"(इनपुट- एजेंसी) |
6c089e283e1f6d675977dabec9ca52fe | https://www.indiatv.in/india/politics-congress-leader-anand-sharma-said-only-rahul-gandhi-can-clarify-his-statement-774424 | कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, अपने बयान पर राहुल गांधी ही स्पष्टीकरण दे सकते हैं | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्री मंत्री आनंद शर्मा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर मचे बवाल के बाद बुधवार को कहा कि उन्होंने अपने किसी अनुभव के आधार पर टिप्पणी की होगी। | नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्री मंत्री आनंद शर्मा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के एक बयान पर मचे बवाल के बाद बुधवार को कहा कि उन्होंने अपने किसी अनुभव के आधार पर टिप्पणी की होगी। बता दें कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ‘पहले 15 वर्षों के लिए मैं उत्तर (भारत) से एक सांसद था। मुझे एक अलग प्रकार की राजनीति की आदत हो गई थी। केरल आने पर मुझे अलग तरह का अनुभव हुआ क्योंकि मैंने अचानक पाया कि लोग मुद्दों में रुचि रखते हैं और न केवल सतही तौर पर बल्कि मुद्दों में विस्तार से जाते हैं।’‘राहुल गांधी ही स्पष्टीकरण दे सकते हैं’कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के बयान पर टिप्पणी करते हुए आनंद शर्मा ने कहा, ‘राहुल गांधी जी ने अपने किसी अनुभव के आधार पर टिप्पणी की है, मुझे किसी क्षेत्र के अपमान की बात मुझे नहीं दिखती। राहुल गांधी ही स्पष्टीकरण दे सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने देश को एक समझा है, हमने कभी क्षेत्र, भाषा और धर्म के आधार पर लकीर नहीं खींची।’ बता दें कि राहुल के बयानों का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें ‘एहसान फरामोश’ बताया। बता दें कि ईरानी ने पिछले आम चुनावों में गांधी को उनके पारिवारिक गढ़ माने जाने वाली अमेठी में हराया था, लेकिन वह केरल में वायनाड से जीत गए थे।‘अमेठी के मतदाताओं के भी हम कृतज्ञ हैं’शर्मा ने कहा, ‘क्या कहना चाह रहे हैं कुछ लोग, हम नहीं कह सकते। जहां तक अमेठी की बात है, वहां के मतदाताओं के भी हम कृतज्ञ हैं, उन्होंने लंबे समय तक राजीव गांधी जी को चुनकर भेजा, राहुल गांधी भी 3 बार वहां से चुने गए। कांग्रेस पार्टी वहां के मतदाताओं का सम्मान करती है।’ गुजरात नगर निगम के चुनावों में कांग्रेस की करारी हार पर न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए आनंद शर्मा ने कहा, ‘गुजरात में जो नतीजे आए हैं, हमारे जो 8 विधायक दल बदल करके चले गए थे, वहां हमारा प्रदर्शन बहुत खराब रहा और कल के नतीजे भी चौंकाने वाले हैं। ये समय है कि इसका अवलोकन किया जाए।’ |
1d4fc7395e33ffe7ea17a100bb2b3b3f | https://www.indiatv.in/india/national-income-tax-survey-actor-sonu-sood-house-813698 | सोनू सूद के घर पर इनकम टैक्स का सर्वे, बुधवार सुबह पहुंची थी टीम | अभिनेता सोनू सूद के घर पर आयकर विभाग ने सर्वे किया। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, उनके घर से कोई सामान सीज नहीं किया गया है। | मुंबई: अभिनेता सोनू सूद के घर पर आयकर विभाग ने सर्वे किया। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, उनके घर से कोई सामान सीज नहीं किया गया है। आयकर विभाग की टीम बुधवार की सुबह से उनके घर पहुंची थी। सुबह से ही आयकर विभाग की टीम उनके घर पर सर्वे कर रही है। हालांकि, टीम ने अभी कोई जब्ती नहीं की है। आयकर विभाग ने सिर्फ उनके घर पर ही सर्वे नहीं किया है बल्कि सोनू सूद से संबंधित 6 जगहों पर सर्वे किया गया है। गौरतलब है कि आयकर विभाग का यह 'सर्वे' सोनू सूद को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से स्कूल स्टूडेंट्स के मेंटोरशिप प्रोग्राम का ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने के कुछ दिन बाद हो रहा है।जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोनू सूद को स्कूल स्टूडेंट्स के मेंटोरशिप प्रोग्राम का ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने का ऐलान किया, तब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोनू सूद ने कहा था कि फिलहाल उनका सियासत में आने का इरादा नहीं है।बता दें कि कोविड महामारी के दौरान लोगों की मदद करने के लिए सोनू सूद को जमकर प्रशंसा मिली थी। इस दौरान सोनू सूद को लोगों ने रियल हीरो का दर्जा दिया और उनकी जमकर सराहना की।ये भी पढ़ें |
4ab74ba5d84ddbf8514bcee241971cda | https://www.indiatv.in/india/national-covid-19-survivors-face-increased-risk-of-death-serious-illness-study-786460 | कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में मौत, गंभीर बीमारी का ज्यादा खतरा: अध्ययन | कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में वायरस का पता चलने के बाद के छह महीनों में मौत का जोखिम ज्यादा रहता है। इनमें वह लोग भी हो सकते हैं जिन्हें कोराना से संक्रमित होने के बाद भर्ती करने की जरूरत न पड़ी हो। | नयी दिल्ली। कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में वायरस का पता चलने के बाद के छह महीनों में मौत का जोखिम ज्यादा रहता है। इनमें वह लोग भी हो सकते हैं जिन्हें कोराना से संक्रमित होने के बाद भर्ती करने की जरूरत न पड़ी हो। यह जानकारी कोविड-19 के बारे में अब तक के सबसे व्यापक अध्ययन में सामने आई है। नेचर पत्रिका में गुरुवार को प्रकाशित शोध में अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि यह सामने आया कि आने वाले सालों में दुनिया की आबादी पर इस बीमारी से बड़ा बोझ पड़ने वाला है। अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्याल में स्कूल ऑफ मेडिसिन के अध्ययनकर्ताओं ने ने कोविड-19 से संबद्ध विभिन्न बीमारियों की एक सूची भी उपलब्ध कराई है जिससे महामीर के कारण लंबे समय में होने वाले परेशानियों की एक बड़ी तस्वीर भी उभरती है। उन्होंने पुष्टि की कि शुरू में महज सांस के रोग से जुड़े एक विषाणु के तौर पर सामने आने के बावजूद दीर्घकाल में कोविड-19 शरीर के लगभग हर अंग-तंत्र को प्रभावित कर सकता है। इस अध्ययन में करीब 87000 कोविड-19 मरीज और करीब 50 लाख अन्य मरीजों को शामिल किया गया जो इससे उबर चुके थे। अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर जियाद अल-अली कहते हैं, “हमारे अध्ययन में यह सामने आया कि रोग का पता लगने के छह महीने बाद भी कोविड-19 के मामूली मामलों में मौत का जोखिम कम नहीं है और बीमारी की गंभीरता के साथ ही बढ़ता जाता है।” अल-अली कहते हैं, “चिकित्सकों को उन मरीजों की जांच करते हुए निश्चित रूप से सजग रहना चाहिए जो कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हों। इन मरीजों को एकीकृत, बहुविषयक देखभाल की जरूरत होगी।” कोरोना की दूसरी लहर से जानिए कब मिलेगी राहतशोधकर्ताओं ने मरीजों से बातचीत के आधार पर पहली नजर में सामने आए मामलों और लघु अध्ययनों से मिले संकेतों की गणना की जिनमें कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों में इसके विभिन्न दुष्प्रभाव सामने आए। उन्होंने कहा कि इन दुष्प्रभावों में सांस की समस्या, अनियमित दिल की धड़कन, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और बालों का गिरना शामिल हैं।शोधकर्ताओं ने पाया कि शुरुआती संक्रमण से ठीक होने के बाद, बीमारी के पहले 30 दिनों के बाद- कोविड-19 से ठीक हुए लोगों में अगले छह महीनों तक आम आबादी के मुकाबले मौत का जोखिम 60 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि छह महीने की सीमा तक, कोविड-19 से ठीक हुए सभी लोगों में प्रति 1000 मरीजों पर अधिक मौत के आठ मामले सामने आते हैं।उन्होंने कहा कि कोविड-19 के ऐसे मरीज जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है और जो बीमारी के शुरुआती 30 दिनों के बाद ठीक हो जाते हैं, उनमें अगले छह महीनों में प्रति 1000 मरीज मौत के 29 मामले ज्यादा होते हैं। वार्ड ब्वॉय ने कोविड अस्पताल से मृत मरीज के रूपए चुराये, पुलिस ने संदिग्ध को किया गिरफतार |
cbdf2935144677f2a43ac7641954a715 | https://www.indiatv.in/india/national-security-tightened-in-gurugram-amid-bharat-bandh-called-by-farmers-758353 | कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का कल 'भारत बंद', गुरुग्राम में बढ़ाई गई सुरक्षा | कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने मंगलवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। इस बीच गुरुग्राम के अधिकारियों की ओर से एहतियात के तौर पर सोमवार को जिले में सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद कर दी गई है। | गुरुग्राम | कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने मंगलवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। इस बीच गुरुग्राम के अधिकारियों की ओर से एहतियात के तौर पर सोमवार को जिले में सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद कर दी गई है। अधिकारियों ने 'भारत बंद' के दौरान किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने की योजना भी बनाई है। एसीपी (मुख्यालय) उषा कुंडू ने कहा कि जिले में संवेदनशील स्थानों पर 2,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।उन्होंने कहा, "हमने किसानों और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित बंद के आह्वान के मद्देनजर आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को एक सलाह (एडवाइजरी) जारी की है।" कुंडू ने कहा, "पुलिस जरूरत पड़ने पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करेगी। गुरुग्राम पुलिस हरियाणा के साथ ही दिल्ली एवं आसपास के जिलों में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में है।" कुंडू ने कहा, "सभी पुलिसकर्मियों के अवकाश के आवेदन रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें भारत बंद के मद्देनजर समय पर ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने के लिए सख्त आदेश जारी किए गए हैं।"पुलिस अधिकारियों को सभी संवेदनशील स्थानों, विशेष रूप से दिल्ली सीमाओं पर क्षेत्रों में गश्त तेज करने के लिए कहा गया है, ताकि जानमाल के नुकसान या संपत्ति से संबंधित किसी भी नुकसान को होने से बचाया जा सके। गुरुग्राम पुलिस ने सोमवार को फिर से वाहनों की जांच शुरू कर दी है। गुरुग्राम में वाहनों और लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए राज्य के राजमार्गो पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। सभी संवेदनशील स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इस बीच, गुरुग्राम पुलिस ने कहा कि जिले में तीन से चार सबसे संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है और वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।कुंडू ने कहा, "इन स्थानों के अलावा पुलिस मंगलवार को बंद के मद्देनजर अंतर्राज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों पर भी नजर रखेगी।" गुरुग्राम पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया। एसीपी ने कहा, "किसानों के विरोध के बीच गुरुग्राम पुलिस हाई अलर्ट पर है। जिले में सभी अंतर्राज्यीय और अंतर-जिलों की सीमाओं पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। साथ ही सीमाओं पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को रिजर्व में रखा गया है।" |
0d694a4e188c7846d6c10c6cde621979 | https://www.indiatv.in/india/politics-china-using-congress-to-attacked-india-says-bjp-739012 | कांग्रेस के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहा है चीन, BJP का आरोप | भाजपा ने शनिवार को एक चीनी अखबार की खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और दावा किया कि भारत के दुश्मन विपक्षी दल के कंधे पर बंदूक रखकर देश पर हमले कर रहे हैं। | नई दिल्ली: भाजपा ने शनिवार को एक चीनी अखबार की खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और दावा किया कि भारत के दुश्मन विपक्षी दल के कंधे पर बंदूक रखकर देश पर हमले कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए इसे ‘‘भारत विरोधी’’ रुख का सटीक उदाहरण बताया और आरोप लगाया कि गांधी परिवार को चीन और उसके राष्ट्रपति शी जिनपिंग का समर्थन हासिल है। भाजपा के इस आरोप पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चीन ने हमारे सीमा क्षेत्र में ‘‘घुसपैठ’’ करने का दुस्साहस किया है लेकिन सत्ताधारी दल सवाल पूछने वालों पर ही सवाल उठा रहा है। उन्होंने टवीट कर कहा, ‘‘देश से विश्वासघात बंद करो।’’चीनी दैनिक ग्लोबल टाइम्स ने इससे पहले ट्वीट किया, ‘‘चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा बहुत दबाव का सामना कर रहे हैं क्योंकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भाजपा सरकार को घरेलू मोर्चे पर विफलता और जोखिम भरी विदेश नीति के मुद्दों पर कटु आलोचना कर हिलाने के मौके का इंतजार कर रही हैं: विशेषज्ञ।’’ पात्रा ने कहा कि चीन द्वारा नियंत्रित इस अखबार की यह रिपोर्ट भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करने के चीन के प्रयासों को असफल किए जाने के बाद चीन की खीझ के रूप में सामने आई है। उन्होंने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि चीन कांग्रेस को अपना एजेंडा चलाने वाली पार्टी के रूप में देख्रता है। उन्होंने कहा, ‘‘ये ट्वीट कोई मामूली नहीं है। चीन और कांग्रेस में जो इश्क हुआ है वह छुपाए नहीं छिपने वाला है।’’भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इसका संबंध उस समझौता ज्ञापन से है जो 2008 में कांग्रेस ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से किया था। उन्होंने कहा कि यह दोनों दलों के निकट संबंधों को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन बाहर से भारत में आक्रमण करने की कोशिश कर रहा है, जिसे हम नाकाम करते रहे हैं। लेकिन भारत के अंदर से देश की सरकार को हिलाने और गिराने की साजिश चीन की साथी कांग्रेस पार्टी कर रही है।’’ पात्रा ने पूछा, ‘‘पाकिस्तान हो, आतंकवादी हों या चीन हो, सब कांग्रेस को क्यों पसंद करते हैं?’’ उन्होंने कहा कि भारत ने जब जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को निरस्त किया तब राहुल गांधी का इस संबंध में दिए गए एक बयान को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ सबूत के रूप में पेश किया था।राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी को मुबारकबाद देना चाहता हूं आज। पहले आप पाकिस्तान के हीरो थे। अब आप चीन के भी हीरो हो गए हैं। लेकिन भारत में आज आप भी जीरो ही हो। आप हमारे दुश्मनों के लिए हीरो हो। चीन कहीं न कहीं पीछे हटा हुआ और वह आज कांग्रेस के कंधे पर रखकर भारत पर बंदूक चला रहा है...यह भारत विरोधी रुख का क्लासिक उदाहरण है।’’सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चीन का नाम लेने तक से घबराते हैं और भाजपा के लोग कांग्रेस को ज्ञान बांट रहे हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘मोदी जी चीन का नाम लेने से घबराते हैं और भाजपाई हमें ज्ञान बांटने आते हैं। लाल आंख दिखाने का वादा कर वोट जुटाते हैं, सत्ता में आ चीन पर आंख मूंद सो जाते है। चीनी दुस्साहस कर हमारी जमीं पर क़ब्ज़ा करने आते हैं, पर वे सवाल पूछने वालों पर सवाल उठाते हैं।’’ कांग्रेस पर हमले के लिए भाजपा प्रवक्ता पात्रा ने डोकलाम संकट के दौरान राहुल गांधी और चीनी राजदूत के बीच हुई मुलाकात का उदाहरण दिया और चीनी दूतावास द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को कथित तौर पर दी गई दानराशि का भी जिक्र किया।उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ताजा संकट के दौरान प्रधानमंत्री के बारे में कहा था वह चीन से ‘‘डरे’’ हुए हैं और उन्होंने उसके समक्ष ‘‘सरेंडर (समर्पण)’’ कर दिया हैं। पात्रा ने कहा कि अब दुश्मन देश राहुल गांधी के बयान का इस्तेमाल भारत को निशाना बनाने के लिए कर रहा है। कांग्रेस नेताओं का मजाक उडृाते हुए पात्रा ने कहा, ‘‘शी जिनपिंग का नाम अब सोनिया शीन और राहुल पिंग जैसा सुनाई देता है।’’ |
ec72a450519e293298f80a1cd0dc7f9b | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-purvanchal-expressway-inauguration-by-pm-narendra-modi-live-updates-823438 | Purvanchal Expressway Inauguration: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर शौर्य का प्रदर्शन, देखिए वायुसेना का एयर शो Live | Purvanchal Expressway: लखनऊ से शुरू होकर गाजीपुर तक जाता है। इसकी लंबाई करीब 341 किलोमीटर है। यह राज्य के लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिले की सीमाओं से होकर गुजरेगा। | नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश को बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री ने पूर्वी यूपी के सुल्तानपुर में लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ने वाले 341 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने के लिए भारतीय वायुसेना के सी-130 जे हरक्यूलिस विमान में सवार होकर एक्सप्रेस-वे पर बनाई गई हवाई पट्टी पर उतरे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमानों को आपात स्थिति में उतारने की सुविधा के लिए एक्सप्रेस-वे पर 3.2 किलोमीटर लंबी एयर स्ट्रिप का निर्माण किया गया है।आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ी सभी खबरें आप हमारे इस लाइव पेज पर पा सकेंगे। |
6f4245e946fc6aebbedc158c84a6dc57 | https://www.indiatv.in/india/good-news/madhya-pradesh-policemen-set-an-example-of-humanity-gave-new-motorcycle-to-the-delivery-boy-2022-05-02-848462 | MP: पुलिसकर्मियों ने पेश की मानवता की मिसाल, डिलीवरी बॉय को दिलाई नई मोटरसाइकिल, खुद किया पेमेंट | एसएचओ तहजीब काजी ने बताया कि हमने इस शख्स को पेट्रोलिंग के दौरान देखा। हमारे पूछने पर उसने बताया कि वह आर्थिक रूप से परेशान है और इसलिए मोटरसाइकिल खरीदने में असमर्थ है। | Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश पुलिस ने मानवता की एक मिसाल पेश करते हुए एक खाना डिलीवरी करने वाले शख्स को नई मोटरसाइकिल दी है। ये मामला इंदौर के विजय नगर पुलिस स्टेशन का है। जहां पुलिसकर्मियों ने साइकिल पर खाना डिलीवरी करने वाले एक शख्स को मोटरसाइकिल खरीदकर दी। एसएचओ तहजीब काजी ने बताया कि हमने इस शख्स को पेट्रोलिंग के दौरान देखा। हमारे पूछने पर उसने बताया कि वह आर्थिक रूप से परेशान है और इसलिए मोटरसाइकिल खरीदने में असमर्थ है। एसएचओ तहजीब ने बताया कि एक मानवीयता के नाते हमने पैसों का योगदान दिया और उसके लिए एक बाइक खरीदी। हमने करीब 32,000 रुपए का शुरुआती भुगतान कर दिया है और पहली किस्त भी दे दी है। उसने हमें आश्वासन दिया है कि वह बाकी किश्तों का भुगतान करेगा लेकिन अगर उसे कोई समस्या आती है तो हम उसकी मदद करेंगे। |
b60d96dce40fb4f0ad56ac90eac70835 | https://www.indiatv.in/india/national-seeing-condition-of-afghan-sikh-hindus-akali-dal-leader-manjinder-sirsa-demands-amendment-in-caa-809527 | CAA की कट-ऑफ डेट बढ़ाने की मांग, अफगानिस्तान में सिखों की हालात देख अकाली नेता ने लगाई गुहार | अकाली नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से सीएए में संशोधन करने और कट-ऑफ की तारीख 2014 से 2021 तक बढ़ाने का अनुरोध करता हूं।" | नई दिल्ली. अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते हालातों के बीच भारत सरकार लगातार वहां फंसे हुए भारतीय नागरिकों और अफगान नागरिकों को निकाल रही है। वहां से भारत लाए जा रहे लोगों में अफगान सिख व हिंदू भी शामिल हैं। आज पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के तीन स्वरूपों के साथ अफगान सिखों का एक समूह भी भारत पहुंचा है। अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों को देखते हुए अकाली दल के नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने प्रधानमंत्री से सीएए की कट ऑफ डेट 2014 से 2021 करने की गुहार लगाई है।अकाली नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से सीएए में संशोधन करने और कट-ऑफ की तारीख 2014 से 2021 तक बढ़ाने का अनुरोध करता हूं ताकि अफगानिस्तान से आने वाले लोग लाभान्वित हों और यहां एक सुरक्षित जीवन जी सकें और उनके बच्चे यहां पढ़ सकें।" |
063dfb2c27f3388605b78e590263a372 | https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-sidharth-shukla-difficult-to-believe-that-he-is-no-more-811469 | Rajat Sharma's Blog-सिद्धार्थ शुक्ला: ये कोई जाने की उम्र नहीं होती | उनकी मौत के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर है कि सिद्धार्थ शुक्ला जैसे फिटनेस फ्रीक की मौत हार्ट अटैक से कैसे हो सकती है? | लोकप्रिय टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी असामयिक मौत की खबर फैलते ही मुंबई की फिल्म-टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। सिद्धार्थ की उम्र सिर्फ चालीस साल थी और वो शारीरिक तौर पर पूरी तरह फिट थे। वे अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखते थे और उन्हें दिल की कोई बीमारी भी नहीं थी। इसलिए जब अचानक उनके निधन की खबर आई तो अधिकांश लोगों को यकीन ही नहीं हुआ कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो सकती है। सिद्धार्थ शुक्ला ने अपने अभिनय से करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया था। लोकप्रिय टीवी धारावाहिक 'बालिका वधू' में अपने रोल के कारण उन्हें काफी प्रशंसा मिली थी और उनका करियर आगे बढ़ रहा था। उस समय इंडिया टीवी पर युवा अवॉर्ड के समारोह में सिद्धार्थ को उनकी एक्टिंग के लिए सम्मानित किया गया था। यह सम्मान सिनेमा, टेलीविजन, संगीत, व्यवसाय और अन्य विधाओं में आनेवाले लोगों को दिया जाता है। आठ साल पहले सिद्धार्थ से मेरी वह पहली मुलाकात थी। वे अपने काम को लेकर बहुत जुनूनी थे। उन्हें बड़ी सफलता मिली थी और टीवी सीरियल के दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता अपने चरम पर थी। तब मैंने उनसे कहा था 'सफल होना आसान है, लेकिन उस सफलता को संभालना मुश्किल है'। तब सिद्धार्थ ने मुझसे कहा था, 'सर, मैं कभी कोई टेंशन नहीं लेता, मैं कोई चिन्ता नहीं करता, लेकिन आप की सलाह याद रखूंगा।' पिछले साल 2020 में सिद्धार्थ शुक्ला टीवी प्रतियोगिता बिग बॉस-13 के विजेता बने। बीस हफ्ते तक चले बिग बॉस में सिद्धार्थ ने जिस तरह से परफॉर्म किया, संयम रखा और अपनी परफॉर्मेंस से लोगों का दिल जीता, इससे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई। यह उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा मुकाम था। वहां शहनाज़ गिल समेत अन्य महिला कलाकारों को लेकर उनके किस्से मशहूर हुए लेकिन सिद्धार्थ ने हमेशा शालीनता बनाए रखी। बिग बॉस प्रतियोगिता के दौरान मैंने 'आप की अदालत' लगाई थी जहां सिद्धार्थ से मैंने बहुत सारे सवाल पूछे थे। उनकी हाजिर जबाबी ने मुझे बहुत प्रभावित किया। सारे प्रतियोगियों में वो सबसे ज्यादा स्मार्ट लगे, आत्मविश्वास से भरे हुए थे। उस दिन मुझे ये लगा कि वे निश्चित तौर पर बिग बॉस के विजेता होंगे। उन्होंने इसे साबित भी कर दिखाया। 'बिग बॉस' सलमान खान भी सिद्धार्थ शुक्ला की बहुत ताऱीफ करते थे। पूरे शो में सिद्धार्थ शुक्ला मानसिक रूप से बेहद मजबूत और शारीरिक तौर पर बेहद फिट दिखे। इसलिए जब उनके आकस्मिक निधन की खबर मिली तो ये यकीन करना मुश्किल था कि वो दुनिया से इतनी जल्दी चले गए। सिद्धार्थ शुक्ला का इतनी कम उम्र में जाना बेहद दुखद है। आम तौर पर चालीस साल की उम्र में हार्ट अटैक बहुत कम सुनने को मिलता है। सिद्धार्थ फिटनेस का पूरा ध्यान रखते थे। वे हाईप्रोटीन डाइट पर थे और रोजाना तीन-तीन घंटे वर्कआउट करते थे। उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। कोरोना महामारी में मैंने कई लोगों को कोविड से ठीक होने के कई महीने बाद ज्यादा वर्कआउट करने, ज्यादा डाइट कन्ट्रोल करने से बीमार होकर अस्पताल जाते देखा है। कई मामलों में हार्ट अटैक भी हुए हैं। लेकिन मुंबई में रहने के दौरान भी सिद्धार्थ शुक्ला कोविड से हमेशा बचे रहे। मुंबई में जब दूसरी लहर के दौरान कोविड पीक पर था तब भी सिद्धार्थ शुक्ला ने सावधानी बरती। सिद्धार्थ की इम्युनिटी अच्छी थी उन्हें कोरोना का इंफेक्शन नहीं हुआ। ऐसे में उनको आए हार्ट अटैक से और भी हैरानी हुई। उन्हें उल्टा-सीधा खाने की आदत नहीं थी और उन्हें कोई टेंशन नहीं थी। उनका पारिवारिक जीवन खुशियों से भरा था। सिद्धार्थ का अपनी मां से बहुत गहरा लगाव था। उनके पिता की मौत कैंसर से हुई थी। उन्हें लंग्स कैंसर था। डॉक्टर्स ने उन्हें जबाव दे दिया और कहा कि दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे। लेकिन सिद्धार्थ के पिता सात साल और जीवित रहे। पिता की मौत के बाद अपनी मां और दो बहनों का सहारा सिद्धार्थ ही थे। वे एक खुशहाल जीवन जी रहे थे लेकिन अचानक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वे बड़ी खामोशी से इस दुनिया से चले गए। सिद्धार्थ की ज़िंदगी से बहुत कुछ सीखा जा सकता है कि कैसे उन्होंने सफलता की एक-एक सीढ़ी चढ़ी। सिद्धार्थ ने 25 साल की उम्र में मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 2005 में तुर्की में एक अंतरराष्ट्रीय मॉडलिंग प्रतियोगिता जीती। इसके बाद उन्होंने म्यूजिक वीडियोज और विज्ञापनों के लिए काम किया। जल्द ही उनकी प्रतिभा का पता चला और उन्हें टीवी धारावाहिकों में अभिनय करने का मौका मिला। उनके अभिनय की शुरुआत सीरियल 'बाबुल का आंगन छूटे ना' से हुई थी। ब्लॉकबस्टर 'बालिका वधू' जिसने घर-घर में उन्हें एक नई पहचान दी, से पहले वे 'जाने पहचाने से .. ये अजनबी' और 'लव यू जिंदगी' जैसे टीवी शो में नजर आए। करण जौहर की फिल्म 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' में सिद्धार्थ के रोल की काफी तारीफ हुई। उन्होंने टीवी प्रतियोगिता 'खतरों के खिलाड़ी सीजन 7' भी जीता। बिग बॉस 13 के दौरान इंडिया टीवी की वेबसाइट पर भी हम उन दिनों बिग बॉस को लेकर पोल कंडक्ट करते थे और सबसे ज्यादा वोट सिद्धार्थ शुक्ला को ही मिलते। सबसे ज्यादा ट्वीट उन्हीं के नाम पर आते थे। इसलिए जब उन्हें सीजन-13 का विजेता घोषित किया गया तो किसी को हैरानी नहीं हुई। बिग बॉस प्रतियोगिता के दौरान, जितनी चर्चा उनके अच्छे आचरण की होती थी उतनी ही चर्चा उनकी फिटनेस की भी होती थी। यही वजह है कि उनकी मौत के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात को लेकर है कि सिद्धार्थ शुक्ला जैसे फिटनेस फ्रीक की मौत हार्ट अटैक से कैसे हो सकती है? उनके अचानक निधन की खबर से उनके लाखों फैंस गमजदा हैं। बुधवार की रात सिद्धार्थ ने रोज की तरह डिनर किया और सो गए। मुंबई पुलिस के मुताबिक, गुरुवार की सुबह उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और गिर पड़े। उस समय उनकी मां, बहन और उनके बहनोई मौजूद थे। इन लोगों ने डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर ने चेक किया तो पल्स नहीं चल रही थी। सिद्धार्थ को कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम से पहले डॉक्टरों और पुलिस अधिकारियों को सिद्धार्थ के शरीर पर कोई बाहरी चोट का निशान नहीं मिला। गुरुवार की रात को पोस्टमार्टम पूरा हो गया था, लेकिन विसरा जांच के बाद ही मौत की सही वजह का पता चल पाएगा। तीन डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में कहा गया, 'कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं मिली।' सिद्धार्थ शुक्ला के आकस्मिक निधन ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। एक बात तो समझ आ जाती है कि किसका जीवन कब कहां कैसे खत्म हो जाए इस पर किसी का कोई बस नहीं है। गुरुवार को मैंने कई डॉक्टर्स से बात की। इनमें से ज्यादतर ने कहा कि आप कितने भी फिट हों, डाइट का कितना भी ध्यान रखते हों, हार्ट अटैक पर किसी का बस नहीं चलता। अगर बेचैनी और घबराहट महसूस हो तो सीधे डॉक्टर के पास जाएं। गैस का दर्द समझकर अनदेखा न करें। एक बार जब ये पता चल जाए की हार्ट अटैक नहीं है तो फिर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन ये सोचना ठीक नहीं है कि मेरी तो अभी उम्र कम है, मेरी कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं है। क्योंकि डॉक्टर कहते हैं कि हार्टअटैक किसी को भी हो सकता है और अगर इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकता है। दुर्भाग्य से, सिद्धार्थ शुक्ला के साथ यही हुआ। ये कोई जाने की उम्र नहीं होती। बार-बार उनकी मां के बारे में सोचकर दिल भर आता है। मां को वो इतना प्यार करते थे, मां के बारे में इतनी बातें करते थे। जिस मां को अपने बेटे पर इतना गर्व था, उनका दर्द असहनीय है। हम सब मिलकर ईश्वर से यही प्रार्थना कर सकते हैं कि सिद्धार्थ की मां और उनकी बहनों को इस आघात को सहने की शक्ति दे। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 02 सितंबर, 2021 का पूरा एपिसोड |
d59382567b12c2669c7d28d9f4dfa627 | https://www.indiatv.in/india/national-kisan-andolan-farmer-protests-hindi-news-farm-law-supreme-court-verdict-today-live-updates-765334 | हम किसानों के हितों की रक्षा करेंगे, किसानों की जमीन बिकने नहीं देंगे: सुप्रीम कोर्ट | केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून और किसानों के आंदलोन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा। | नयी दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानून और किसानों के आंदलोन के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा। सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हम किसानों के हितों की रक्षा करेंगे, किसानों की जमीन बिकने नहीं देंगे। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा कि-हम अंतरिम आदेश पारित करेंगे। हम सही तस्वीर जानने के लिए कमेटी बना रहे हैं। संभव है कि सुप्रीम कोर्ट इस गतिरोध को दूर करने के इरादे से देश के किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर दे। इससे पहले कल चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान संकेत दिया था कि वह कृषि कानूनों और किसानों के आन्दोलन से संबंधित मुद्दों पर अलग-अलग हिस्सों में आदेश पारित कर सकती है।पढ़ें:-IMD Weather Alert: दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच पारा 5 डिग्री से नीचे गिरा, कोहरे ने बढ़ाई मुश्किलेंइस संबंध में बाद में सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड की गयी है कि इसे 12 जनवरी को आदेश के लिये सूचीबद्ध किया जाये।’पीठ ने सोमवार को तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ ही किसानों के आन्दोलन के दौरान नागरिकों के निर्बाध रूप से आवागमन के अधिकार के मुद्दे उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी।सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ बातचीत का अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर केन्द्र को आड़े हाथ लिया था और सारी स्थिति पर घोर निराशा व्यक्त की थी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी संकेत दिया था कि वह किसी पूर्व चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर सकता है जिसमें देश की सभी किसान यूनियनों के प्र्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है।पढ़ें:- दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ और पटना सहित 13 शहरों के लिए निकली कोरोना वैक्सीन की पहली खेप, पुणे से रवानासुप्रीम कोर्ट ने इस गतिरोध का सर्वमान्य समाधान खोजने के लिये केन्द्र सरकार को और समय देने से इंकार करते हुये कहा था कि पहले ही उसे काफी वक्त दिया जा चुका है। हम अपने हाथों पर किसी का खून नहीं चाहते: सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों की स्थिति पर चिंता जताते हुये सोमवार को आशंका व्यक्त की कि कृषि कानूनों के खिलाफ यह आन्दोलन अगर ज्यादा लंबा चला तो यह हिंसक हो सकता है और इसमें जान माल का नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने कहा, ‘‘ हम नहीं चाहते कि हमारे हाथों पर किसी का खून लगे।’’ साथ ही चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने सर्दी और कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत वृद्ध किसानों, महिलाओं और बच्चों से अपने घरों को लौटने का आग्रह किया। उन्होंने किसानों को समझाने का आग्रह करते हुये कहा कि लोग सर्दी और महामारी की स्थिति से परेशानी में हैं। किसानों के लिये सर्दी से न सही, लेकिन कोविड-19 का खतरा तो है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आन्दोलन से उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक वार्ता पर गहरी निराशा व्यक्त की और टिप्पणी की, ‘‘केन्द्र ने बगैर पर्याप्त सलाह मशविरे के ही ये कानून बना दिये। पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी प्रकार की हिंसा और लोगों की जान जाने की संभावना को लेकर चिंतित है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी पर इसकी जिम्मेदारी है। एक छोटी सी घटना भी हिंसा भड़का सकती है। अगर कुछ भी गलत हो गया तो हम सभी इसके लिये जिम्मेदार होंगे। हम नहीं चाहते कि हमारे हाथों पर किसी का खून लगा हो।’इनपुट-भाषा |
5a05c7429d56e65912fb29f277cd015e | https://www.indiatv.in/india/national-do-rakesh-tikait-want-to-become-agriculture-minister-of-india-824707 | क्या देश के कृषि मंत्री बनना चाहते हैं राकेश टिकैत? इंडिया टीवी के सवाल पर दिया जवाब | राकेश टिकैत ने कहा कि MSP का बड़ा सवाल है, इसपर कानून बनना चाहिए अभी। कानून बन जाए और वो 2-3 महीने में प्रभावी करने के लिए कमेटी बने। 750 किसान शहीद हुए हैं उनको मुआवजा मिले और उनको दिल्ली में एक जगह मिल जाए उनका शहीद समारक बनाने के लिए। | नई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन अभी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा के बाद भी प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा से हटने को राजी नहीं है। किसान आंदोलन का 1 साल पूरा होने पर इंडिया टीवी ने बात की किसान नेता राकेश टिकैत से। उनसे जब सवाल किया गया कि कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद भी प्रदर्शन की क्या वजह है तो उन्होंने कहा, "MSP पर कौन बात करेगा, ये MSP पर गारंटी कानून कौन बनाएगा, 750 किसान शहीद हो गए इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। ये बहुत से सवाल हैं हमारे, बहुत से सवाल सरकार को अभी करने पड़ेंगे, कुछ सवाल ऐसे हैं जो बाद में हो जाएंगे और उनपर कमेटी बनेगी। MSP तुरंत का मामला है, ये अभी होना चाहिए।राकेश टिकैत ने कहा कि MSP का बड़ा सवाल है, इसपर कानून बनना चाहिए अभी। कानून बन जाए और वो 2-3 महीने में प्रभावी करने के लिए कमेटी बने। 750 किसान शहीद हुए हैं उनको मुआवजा मिले और उनको दिल्ली में एक जगह मिल जाए उनका शहीद समारक बनाने के लिए। अजय टेनी दोषी है और 120 का मुलजिम है, ये कुछ अभी के मामले हैं, वे तुरंत हल हों। ये तीन चार चीजें हो जाएं तो धरना समाप्त हो सकता है।उन्होंने कहा कि बाद के मामलों में सरकार अगर कोई पॉलिसी लेकर आना चाहती है तो उसपर कमेटी बन जाए, सीड बिल है, दूध का बिल है, ऐसे मामलों पर कमेटी बने और सरकार हमसे समय-समय पर सरकार बात करती रहे। उन्होंने कहा कि MSP पर लूट हो रही है। इनको देश के किसानों का अनाज लूटना है और इसलिए MSP पर बात नहीं करना चाहते। MSP पर कोई बात नहीं करता, धान की फसल कई जगहों पर एमएसपी से नीचे बिक रही है।राकेश टिकैत ने कहा कि जाति का आंदोलन नहीं है। इस आंदोलन को जातियों का आंदोलन मत बनाओ इसे किसानों का आंदोलन ही रहने दो। मैं नहीं जानता की आंदोलन बने रहने से भाजपा को लाभ होगा या नुकसान। उन्होंने कहा कि हम चुनाव का नहीं बल्कि सड़क का हिस्सा बनेंगे, क्योंकि यहां से भी कोई आवाज उठाने वाला चाहिए, यहीं से बात सही जगह जाती है। इंटरव्यू के अंत में जब राकेश टिकैत से सवाल किया गया कि क्या वो क्या देश के कृषि मंत्री बनना चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि हम हम कृषि मंत्री नहीं बनना चाहते बल्कि सड़कों पर आंदोलन करना चाहते हैं। |
9684eb344b1c33a5d73ebbf75554bc23 | https://www.indiatv.in/india/politics-colonialism-ended-colonial-mindset-exists-says-narendra-modi-at-constitution-day-celebration-824782 | उपनिवेशवाद की मानसिकता देश के विकास में रुकावट, तोड़ती है करोड़ों आशाएं: पीएम मोदी | पीएम ने कहा, इसका नुकसान उस मां को भुगतना पड़ता है जिसका बच्चा बिजली प्लांट नहीं लगने के कारण पढ़ नहीं पाता। | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि उपनिवेशवाद की मानसिकता देश के विकास में एक रुकावट है। उन्होंने कहा, ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मां नर्मदा पर इस तरह के डैम का सपना देखा था, पंडित नेहरू ने इसका शिलान्यास किया था, लेकिन यह परियोजना दशकों तक अपप्रचार में फंसी रही, पर्यावरण के नाम पर चले आंदोलन में फंसी रही, न्यायालय तक इसमें निर्णय लेने में हिचकचाते रहे, विश्वबैंक ने भी इसको पैसे देने से मना कर दिया था। उसी नर्मदा के पानी से कच्छ में जो विकास हुआ, उसकी वजह से हिंदुस्तान के तेजी से बढ़ रहे जिलों में कच्छ एक जिला है।’‘कोलोनियल मानसिकता अभी समाप्त नहीं हुई है’मोदी ने कहा, ‘कभी रेगिस्तान के रूप में जाने जाने वाला कच्छ आज एग्रो एक्सपोर्ट की वजह से अपनी पहचान बना रहा है, इससे बड़ा ग्रीन अवॉर्ड और क्या हो सकता है? भारत के लिए और विश्व के अनेक देशों के लिए उपनिवेशबाद की बेड़ियों में जकड़े हुए जीना एक मजबूरी थी, भारत की आजादी के समय से पूरे विश्व में एक पोस्ट कॉलोनियनल कालखंड की शुरुआत हुई। कोलोनियल मानसिकता अभी समाप्त नहीं हुई है और इसका सबसे ताजा उदाहरण हमें विकाशील देशों के विकास में आ रही बाधाओं में दिख रहा है। जिस मार्ग पर चलते हुए विकसित विश्व आज जिस मुकाम पर पहुंचा है आज वही साधन विकासशील देशों के लिए बंद किए जाने की साजिश हो रही है।’उत्सर्जन के मुद्दे पर भी जमकर बोले पीएम मोदीमोदी ने कहा, ‘पर्यावरण के विषय को भी इसी काम के लिए हाईजैक करने का प्रयास हो रहा है। कुछ सप्ताह पहले हमने COP-26 में इसका उदाहरण देखा। विकसित देशों ने मिलकर 1850 से अबतक भारत से 15 गुना अधिक उत्सर्जन किया है, अगर हम प्रति व्यक्ति के आधार पर देखें तो विकसित देशों ने भारत के मुकाबले 15 गुना ज्यादा उत्सर्जन किया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने मिलकर भारत की तुलना में 11 गुना अधिक उत्सर्जन किया है। इसमें भी प्रति व्यक्ति आधार बनाया जाए तो अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत की तुलना में 20 गुना ज्यादा उत्सर्जन किया है।’‘भारत की संस्कृति में प्रकृति के साथ जिया जाता है’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत की संस्कृति में प्रकृति के साथ जिया जाता है, जिस भारत में प्रकृति के कण कण में परमात्मा देखा जाता है, जहां धरती को मां के रूप में पूजा जाता है, उस भारत को पर्यावरण संरक्षण के उपदेश सुनाए जाते हैं। हमारे लिए यह मूल्य सिर्फ किताबी बातें नहीं हैं, आज भारत में शेर, टाइगर डॉलफिन की संख्या लगातार बढ़ रही है, वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, गाड़ियों के ईंधन के मानक को हमने अपनी इच्छा से बढ़ाया है। पेरिस समझौते के लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त करने की ओर अग्रसर अगर कोई है तो सिर्फ भारत है।’‘विकास के रास्ते बंद करने की कोशिश होती है’मोदी ने कहा, ‘जी-20 देशों में अच्छे से अच्छा काम करने वाला देश भारत है, और फिर भी ऐसे भारत को पर्यावरण के नाम पर तरह तरह के दबाव बनाए जाते हैं और ये सब उपनिवेशवाद मानसिकता का काम है। हमारे देश में भी ऐसी ही मानसिकता के चलते विकास में रोड़े अटकाए जाते हैं, कभी फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के नाम पर तो कभी किसी और चीज का सहारा लेकर। कई बार दूसरे देशों के बेंचमार्क पर भारत को तोला जाता है और इसकी आड़ में विकास के रास्ते बंद करने की कोशिश होती है।’‘उपनिवेशवाद की मानसिकता को दूर करना ही होगा’पीएम ने कहा, ‘इसका नुकसान उस मां को भुगतना पड़ता है जिसका बच्चा बिजली प्लांट नहीं लगने के कारण पढ़ नहीं पाता, उस मध्यमवर्गीय परिवार को जिसके लिए आधुनिक जीवन की सुविधाएं पर्यावरण के नाम पर रोक दी जाती है। उपनिवेशवाद की मानसिकता से करोड़ों आशांए टूटती हैं। विकास की राह में उपनिवेशवाद की मानसिकता बहुत बड़ी बाधा है और हमें उपनिवेशवाद की मानसिकता को दूर करना ही होगा। इसके लिए सबसे बड़ा स्रोत हमारा संविधान ही है।’ /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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9d74c4bc5cfe7ad20daaf8dfe701dd37 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/lucknow-police-encounter-one-lakh-bounty-criminal-injured-aliganj-jewelers-robbery-case-wanted-2022-03-25-841101 | लखनऊ: पुलिस मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश घायल, अलीगंज ज्वैलर्स लूट कांड में थी तलाश | जनकारी के मुताबिक हसनगंज इलाके में अलीगंज क्राइम ब्रांच की टीम ने राहुल सिंह को घेर लिया। इसी दौरान उसने बचकर भागने के लिए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। | लखनऊ: लखनऊ के हसनगंज इलाके में पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश राहुल सिंह घायल हो गया है। पुलिस राहुल सिंह को अलीगंज ज्वैलर्स लूट कांड में तलाश रही थी। इस लूटकांड के दौरान ज्वैलर्स शॉप के कर्मचारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।जनकारी के मुताबिक हसनगंज इलाके में अलीगंज क्राइम ब्रांच की टीम ने राहुल सिंह को घेर लिया। इसी दौरान उसने बचकर भागने के लिए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में राहुल सिंह को गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल राहुल सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह मुठभेड़ हसनगंज इलाके में हुई। |
930f0260b332536acb8e7d712f84b20d | https://www.indiatv.in/india/national/hours-after-the-murder-of-a-pfi-leader-an-rss-worker-killed-in-palakkad-of-kerala-2022-04-16-845398 | केरल के पलक्कड़ में RSS नेता की हत्या, कुछ घंटे पहले ही PFI नेता का हुआ मर्डर | केरल के पलक्कड़ जिले में शनिवार को एक गिरोह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता की हत्या कर दी। इससे कुछ घंटे पहले जिले में पीएफआई के एक नेता की हत्या का मामला सामने आया था। | तिरुवनंतपुरम। केरल के पलक्कड़ जिले में शनिवार को एक गिरोह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता की हत्या कर दी। इससे कुछ घंटे पहले जिले में पीएफआई के एक नेता की हत्या का मामला सामने आया था। पुलिस ने कहा कि आरएसएस के पदाधिकारी एस के श्रीनिवासन (45) पर छह सदस्यीय गिरोह ने मेलमुरी में उनकी मोटरसाइकिल की दुकान पर हमला किया। इस घटना से कुछ घंटे पहले यहां पास के एक गांव में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक नेता की हत्या कर दी गई। दोपहर में आरएसएस नेता की हत्या के बाद स्थानीय लोगों ने आसपास के इलाकों में दुकानें बंद करा दी और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। टीवी चैनल द्वारा प्रसारित आस-पास की दुकानों के सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि हमलावर तीन मोटरसाइकिल पर सवार होकर दुकान पर पहुंचे और उनमें से तीन ने श्रीनिवासन पर हमला कर दिया। आरएसएस नेता की हत्या के बाद मौके से फरार हुए अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने व्यापक छापेमारी शुरू कर दी है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय सखारे 24 घंटे के भीतर हुई दो राजनीतिक हत्याओं की जांच के साथ समन्वय करने के लिए पलक्कड़ शहर पहुंचेंगे और वहां रहेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘केरल सशस्त्र पुलिस-1 (केएपी-1) की तीन कंपनियों को पलक्कड़ जाने का निर्देश दिया गया है।’’ सशस्त्र पुलिस बटालियन के लगभग 270 सदस्य सुरक्षा उपायों के तहत पलक्कड़ में डेरा डालेंगे। इस बीच, पुलिस ने शनिवार को कथित तौर पर पिछले दिन सुबैर की हत्या के सिलसिले में आरएसएस के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। सुबैर (43) की जिले के एलाप्पल्ली में कथित तौर पर उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह शुक्रवार दोपहर एक मस्जिद में नमाज अदा कर घर लौट रहे थे। पीएफआई नेता का शव यहां के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया। बड़ी संख्या में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पीएफआई कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के साथ सुबैर के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान ले जाया गया। पीएफआई ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि उसके नेता की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ है। पुलिस को आशंका है कि प्रतिशोध में आरएसएस नेता पर हमला किया गया। |
0959bd767612019525b7bb409e6ec683 | https://www.indiatv.in/india/national-rashtrapati-bhavan-to-reopen-for-public-from-february-6-769661 | राष्ट्रपति भवन 6 फरवरी से आम जन के लिए खुलेगा, फ्री में ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन | कोविड-19 महामारी के चलते करीब 11 महीने तक बंद रहने के बाद राष्ट्रपति भवन अब शनिवार से आंगुतकों के लिए खुलेगा। सोमवार को जारी किये गये आधिकारिक बयान के अनुसार राष्ट्रपति भवन शनिवार और रविवार को खुलेगा (बस सरकारी अवकाश अपवाद होंगे)। | नयी दिल्ली। कोविड-19 महामारी के चलते करीब 11 महीने तक बंद रहने के बाद राष्ट्रपति भवन अब शनिवार से आंगुतकों के लिए खुलेगा। सोमवार को जारी किये गये आधिकारिक बयान के अनुसार राष्ट्रपति भवन शनिवार और रविवार को खुलेगा (बस सरकारी अवकाश अपवाद होंगे)। राष्ट्रपति भवन के अंदर मुगल गार्डन सप्ताह में प्रत्येक सोमवार को बंद रहेगा। सुरक्षा कारणों से मुगल गार्डन परिसर में पानी, दूध के बोतल, ब्रीफकेस, हैंड बैग, लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो, छाता और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं प्रतिबंधित रहेगी।राष्ट्रपति भवन से जारी इस बयान में कहा गया है कि आंगुतक वेबसाइट एचटीटीपीएस://प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया डॉट एनआईसी डॉटन इन पर या एचटीटीपीएस:// राष्ट्रपति सचिवालय डॉट गवर्न डॉट इन पर अपना समय देख सकते हैं। उसमें कहा गया है, ‘‘कोविड-19 के चलते 13 मार्च, 2020 से राष्ट्रपति भवन आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था लेकिन अब यह शनिवार छह फरवरी, 2021 शनिवार से आम लोगों के वास्ते खुलेगा। ’’50 रुपए प्रति आगुंतुक लगेगा शुल्कपहले की तरह प्रति आगंतुक 50 रूपये का नाममात्र शुल्क देना हेागा। बयान के अनुसार एक दूसरे के बीच दूरी बनाये रखने के लिए साढे दस, साढे 12 और ढाई बजे का पूर्व बुकिंग समय रखा गया है और एक बार अधिकतम 25 आंगुतक ही आ सकते हैं। इस दौरान आंगुतक को कोविड-19 नियमों का पालन करना होगा। बेहद खास है मुगल गार्डनमुगल गार्डन के भीतर 12 गार्डन हैं जो अपनी गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं। इनमें मुख्य रूप से मुगल गार्डन रेक्टेंगिल, लॉन व सर्कुलर तीन हिस्सों में बंटा है। इसके अलावा रोज गार्डन, बायो डायवर्सिटी पार्क, म्यूजिकल फाउंटेन, हर्बल गार्डन, बटरफ्लाई, सनकीन गार्डन, स्प्रीचुअल गार्डन (जिसमें धर्म में वर्णित पेड़-पौधे लगे हैं) और कैक्टस गार्डन, न्यूट्रीशियन गार्डन व बायो फ्यूल पार्क स्थित है। पूरे गार्डन में कैनाल है जिसमें पानी कल-कल बहता रहता है। इसके साथ ही यहां पर फव्वारे भी हैं जो दिखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं।रजिस्ट्रेशन होगा मुफ्तमुगल गार्डन छह फरवरी से सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक आम जनता के लिए खुला रहेगा। इसमें प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन मुफ्त है जिसे ऑनलाइन ही करवाना पड़ेगा। एक मोबाइल नंबर से सिर्फ एक ही बुकिंग हो सकती है। जिनकी बुकिंग ऑनलाइन है उन्हें पहचान पत्र को साथ ले जाना पड़ेगा।ऐसे जाएं मुगल गार्डन देखनेअगर आप भी मुगल गार्डन देखने जाना चाहते हैं तो आप खुद की गाड़ी की बजाय मेट्रो से जाएं। केंद्रीय सचिवालय स्टेशन पर उतरकर मुगल गार्डन जाया जा सकता है। मुगल गार्डन में चर्च रोड की तरफ गेट संख्या 35 से प्रवेश व निकासी का प्रबंध होगा। |
c496a028e72e0082b2f6003335864b7f | https://www.indiatv.in/india/national/two-rtbp-jawans-injured-in-ied-blast-in-manipur-were-on-election-duty-voting-is-on-february-28-2022-02-21-836751 | मणिपुर में IED ब्लास्ट में आरटीबीपी के दो जवान घायल, चुनाव ड्यूटी पर तैनात थे, 28 फरवरी को है मतदान | चुनावी राज्य मणिपुर में रविवार को एक आईईडी धमाके में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के दो जवान घायल हो गए। यह धमाका राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर काकशिंग जिले के वांगू तेरा इलाके में शाम करीब 8 बजे हुआ। | चुनावी राज्य मणिपुर में रविवार को एक आईईडी धमाके में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के दो जवान घायल हो गए। यह धमाका राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर काकशिंग जिले के वांगू तेरा इलाके में शाम करीब 8 बजे हुआ। अधिकारियों ने बताया कि जख्मी कांस्टेबल गौरव राय और गिरिजा शंकर राज्य पुलिस के साथ गश्त कर रहे थे। ये दोनों चुनाव ड्यूटी पर तैनात 610 बटालियन के जवान हैं। दोनों को जिले के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों की हालत खतरे से बाहर है। राज्य में 28 फरवरी और 5 मार्च को दो चरणों में चुनाव है। बताया जाता है कि सैनिक राज्य में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात 610 आईटीबीपी चुनाव बटालियन की 'ई' कंपनी का हिस्सा थे। घायल जवानों को काकचिंग सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।गौरतलब है कि मणिपुर में दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को विधानसभा चुनाव होने हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए गए हैं। काकचिंग एसपी अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंचे। बता दें कि करीब तीन माह पहले भी मणिपुर में सेना की टुकड़ी पर आईडी हमला हुआ था। सेना की टुकड़ी पर घात लगाकर बैठे आतंकियों ने हमला किया था।इस हमले में असम राइफल्स के सीओ समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, अफसर के परिवार के दो सदस्यों की भी मौत इस हमले में हो गई थी। हमले के पीछे मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ बताया गया था। मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का गठन 1978 में किया गया था। इसे भारत सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया है। |
80f203a60c6f78b8dbca7c886af34bdf | https://www.indiatv.in/india/national-delhi-police-special-cell-interrogation-of-indian-mujahideen-terrorist-tehseen-akhtar-at-tihar-jail-778118 | दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल टीम ने आतंकी तहसीन अख्तर से तिहाड़ में 6 घंटे से अधिक की पूछताछ, हुआ ये खुलासा | दिल्ली की तिहाड़ जेल में आतंकी की बैरक से मोबाइल फोन मिलने के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम ने शनिवार को इंडियन मुजाहिदीन (IM) के आतंकी तहसीन अख्तर से करीब 6 घंटे पूछताछ की। | नई दिल्ली। दिल्ली की तिहाड़ जेल में आतंकी की बैरक से मोबाइल फोन मिलने के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम ने शनिवार को इंडियन मुजाहिदीन (IM) के आतंकी तहसीन अख्तर से करीब 6 घंटे पूछताछ की। पूछताछ के बाद स्पेशल सेल की टीम तिहाड़ जेल से बाहर निकल गई है। बता दें कि, तहसीन अख्तर को साल 2014 में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का नेतृत्व करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। तिहाड़ जेल में स्पेशल सेल की टीम ने तहसीन अख्तर से मुम्बई में अंबानी के घर एंटीलिया के घर के पास मिले विस्फोटक को लेकर पूछताछ की। सेल के सूत्रों के मुताबिक लगातार तहसीन अख्तर आतंकी अपनी इन्वॉल्वमेंट को नकारता रहा। स्पेशल सेल ने तहसीन के सामने उसके इन्वॉल्वमेंट के सबूत रखे। सोमवार यानि 15 मार्च को फिर तहसीन से पूछताछ की जाएगी।पूछताछ में इजरायल एंबेसी के पास विस्फोटक के बाद मिला धमकी भरा लैटर को लेकर तहसीन ने नकार दिया। तहसीन ने कबूला कि मुम्बई में अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक के बाद दी गई धमकी को कुबूला। मुम्बई में विस्फोटक मिलने के बाद तिहाड़ जेल से तहसीन के जरिए धमकी दी गई थी।बता दें कि, देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर से बीते 25 फरवरी को एक एसयूवी कार में मिले विस्फोटक के मामले में आतंकी घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए जिस मोबाइल फोन पर 'टेलीग्राम चैनल तैयार किया गया था, उसे तिहाड़ जेल से जब्त किया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जेल प्रशासन से संपर्क किया था।दिल्ली सरकार ने तिहाड़ जेल डीजी से मांगी रिपोर्टतिहाड़ जेल से मोबाइल फोन मिलने के संबंध में दिल्ली सरकार ने जेल महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली के जेल महानिदेशक से मोबाइल जब्त होने के मामले में रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। जैन ने तिहाड़ जेल से मोबाइल जब्त होने के मामले में महानिदेशक (जेल) को पत्र लिखा है और पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। |
c20116f268767dd37b7ad19caa540aa2 | https://www.indiatv.in/india/politics-we-will-not-compromise-issue-affectiing-common-people-said-congress-mallikarjun-kharge-773600 | खड़गे की खरी-खरी: 'आम लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर हम समझौता नहीं करेंगे' | राज्यसभा में नए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केवल विरोध के लिए सरकार का विरोध उनके काम करने का तरीका नहीं है लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा। | तिरुवनंतपुरम: राज्यसभा में नए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केवल विरोध के लिए सरकार का विरोध उनके काम करने का तरीका नहीं है लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल विरोध करने के लिए सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं।’’ नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनके काम करने के तरीके के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि हम आम आदमी को प्रभावित करने वाली सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खड़गे को इस हफ्ते नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। उन्होंने संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन के प्रति आगाह करते हुए उन्हें ‘सभी प्रक्रिया का उल्लंघन’ बता वापस लेने की मांग की। खड़गे ने सरकार को सलाह दी कि वह इन विवादित कानूनों को वापस लेने के बाद नए प्रस्ताव के साथ आए और उसे विचार-विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजे। केरल के कोल्लम में कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा वरिष्ठ पार्टी नेता रमेश चेन्नीथला के नेतृत्व में आयोजित ‘ऐश्वर्य केरल यात्रा’ को संबोधित करने खड़गे शुक्रवार को प्रदेश पहुंचे थे। यह यात्रा इस साल संभवत: अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं तक पहुंचने के लिए आयोजित किया गया है। गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले खड़गे ने कहा कि पार्टी नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें सदन के पटल पर गरीब लोगों के मुद्दों को रेखांकित’ करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम मुद्दे (संसद में) लोकप्रिय होने के लिए नहीं उठाते। हम गरीबों को प्रभावित करने वाले मुद्दे को उठाते हैं जिसपर बात होनी चाहिए।’’ राजनीति में करीब 50 साल से सक्रिय 78 वर्षीय खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा से प्रदर्शनकारी किसानों की आवाज सुनने एवं उनकी शिकायतों के समाधान का आह्वान किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे हैं और वे उन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी प्रणाली समाप्त हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। सरकार किसानों और प्रमुख हितधारकों को कानून के लिए संतुष्ट करने में असफल हुई है और इन्हें वापस लिया जाना चाहिए।’’ खड़गे ने केंद्र की इस मुद्दे पर आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि सरकार अपने तंत्र का इस्तेमाल किसानों को ‘खालिस्तानी’ एवं ‘पाकिस्तानी’ बता कर उन्हें बांटने में कर रही है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को लाल किले में हुई घटना सरकार की साजिश के तहत हुई जिसके जरिये वह किसानों में विभाजन पैदा करना चाहती थी और ‘अपनी नाकामियों को छिपाना’ चाहती थी। ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए खड़गे ने कहा कि यह आम लोगों के साथ ‘बड़ा अन्याय’ है। उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोल की कीमतें अबतक के उच्चतम स्तर पर है जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत न्यूनतम स्तर पर है।’’ खड़गे ने केरल की माकपा नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) की सरकार से भी पेट्रोल एवं डीजल पर कर कम करने की मांग की ताकि लोगों को राहत दी जा सके। |
77a736f2674b750ad14ead121ec933fa | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-39-officers-to-adopt-two-tb-patients-in-shahjahanpur-763548 | शाहजहांपुर से Tuberculosis के सफाए के लिए प्रशासन करेगा ये काम, जानकर आपको होगी खुशी | Tuberculosis: शाहजहांपुर जिले में क्षय रोग को समूल समाप्त करने के लिए जिलाधिकारी ने 39 अधिकारियों को दो-दो मरीज़ों को गोद लेने का निर्देश दिया है। | शाहजहांपुर. शाहजहांपुर जिले में क्षय रोग को समूल समाप्त करने के लिए जिलाधिकारी ने 39 अधिकारियों को दो-दो मरीज़ों को गोद लेने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप जिले में क्षय रोग को समूल समाप्त करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को जिले भर से क्षय रोग के मरीजों की खोज करने और प्रत्येक अधिकारी को दो रोगियों को गोद लेकर उनके इलाज आदि की समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।पढ़ें- अचानक बंगाल पहुंचे ओवैसी, बढ़ाई 'दीदी' की चिंताएं, इस शख्स से की मुलाकातपढ़ें- कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद ये बोले पीएम मोदीशाहजहांपुर. शाहजहांपुर जिले में क्षय रोग को समूल समाप्त करने के लिए जिलाधिकारी ने 39 अधिकारियों को दो-दो मरीज़ों को गोद लेने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप जिले में क्षय रोग को समूल समाप्त करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को जिले भर से क्षय रोग के मरीजों की खोज करने और प्रत्येक अधिकारी को दो रोगियों को गोद लेकर उनके इलाज आदि की समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।पढ़ें- अचानक बंगाल पहुंचे ओवैसी, बढ़ाई 'दीदी' की चिंताएं, इस शख्स से की मुलाकातउन्होंने बताया कि इन में चिकित्सक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि क्षय रोग का इलाज नि:शुल्क होता है फिर भी ग्रामीण क्षेत्र के तमाम ऐसे मरीज जो दवा नहीं ले पाते उनकी देखरेख करके नियमित रूप से उन्हें दवा दिलवाना तथा इस दौरान उन्हें पौष्टिक आहार आदि की जरूरत के अनुसार व्यवस्था भी यही अधिकारी करेंगे। सिंह ने बताया कि उन्होंने जिले भर से पहले 39 अधिकारियों का चयन किया है और पहले चरण में यह अधिकारी 18 वर्ष तक के आयु के लोगों को गोद लेंगे और ये लोग पूर्णतया स्वस्थ होने तक इन अधिकारियों की देखरेख में रहेंगे।पढ़ें- चिंताजनकर खबर! मध्य प्रदेश में घुसे 100 नक्सली, मचा हड़कंपपढ़ें- पुलिस को चकमा देने के लिए ड्रग सप्लायर ने किया ऐसा काम सभी रह गए हैरान! |
5731396a8de6be9be85a77791b49670c | https://www.indiatv.in/india/politics-for-the-first-time-a-new-argument-has-come-we-did-not-ask-so-why-did-you-give-modi-771517 | 'पहली बार इस सदन में एक नया तर्क आया, हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों' | राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ नागरिकों के संकल्प शक्ति का परिचायक है। | नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में कहा कि राष्ट्रपति जी का भाषण भारत के 130 करोड़ नागरिकों के संकल्प शक्ति का परिचायक है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, "पहली बार इस सदन में एक नया तर्क आया, हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों, लेना न लेना आपकी मर्जी है, ऑप्शनल है, एक व्यवस्था है, कंपल्सरी नहीं है, मांगा और दिए का मतलब नहीं होता है।" पीएम मोदी ने आगे कहा, "इस देश में बहस के खिलाफ कानून बने, किसी ने मांग नहीं की थी फिर भी कानून बना, ट्रिपल तलाक के लिए किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन कानून बना, बाल विवाह के खिलाफ किसी ने कानून की मांग नहीं की थी लेकिन कानून बना, शादी की उम्र बढा़ने के कानून के लिए किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन प्रगतिशील विचार के साथ वह निर्णय किया गया। बेटियों को संपत्ति में अधिकार की किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन समाज के लिए आवश्यक था इसलिए बनाया गया।पीएम मोदी ने यह भी कहा कि शिक्षा को अधिकार देने की बात किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन बदलाव के लिए आवश्यक होता है तो कानून बनते हैं। क्या कभी भी इतने सुधार हुए और बदते हुए समाज ने इसको स्वीकार किया या नहीं। इससे पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस के मनीष तिवारी को जवाब देते हुए कहा, "ये भगवान की ही कृपा है कि कोरोना से दुनिया हिली लेकिन भारत बचा रहा। कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स भगवान बनकर आए। कोरोना काल में ऐम्बुलेंस का ड्राइवर भी भगवान के ही रूप में आया।"उन्होंने कहा, "वो डॉक्टर, वो नर्स भगवान का रूप बनकर आए थे, क्योंकि वे अपने छोटे-छोटे बच्चों को शाम को घर लौटूंगा कहकर घर से जाते थे, 15-15 दिन तक लौट नहीं सकते थे वो भगवान का रूप ही थे। हम कोरोना से जीत पाए क्योंकि यह हमारे सफाई कर्मचारी मौत और जिंदगी का खेल उनके लिए भी था, लेकिन जिस मरीज के पास कोई नहीं जा सकता था मेरा सफाई कर्मचारी वहां जाकर उसे साफ सुथरा रखने का प्रयास करता था।"पीएम ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है, भारत में भी भय का वातावरण पैदा करने के प्रयास हुए थे, विश्वास से कोई कुछ कर और कह नहीं सकता लेकिन इतनी कम व्यवस्थाओं वाला देश तो दुनिया में शक होना स्वाभाविक था। लेकिन 130 करोड़ देशवासियों के समर्पण ने हमें बचाकर रखा है। इसका गौरव गान हमें करना चाहिए। भारत की पहचान बनाने के लिए भी यह अवसर है।ये भी पढ़ें |
ad31f6d36c19e878281676561c067ab6 | https://www.indiatv.in/india/national-pranab-mukherjees-health-declines-develops-lung-infection-734608 | पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत और बिगड़ी, फेफड़ों में हुआ संक्रमण | पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत बुधवार को और खराब हो गई। बताया जा रहा है कि फेफड़ों में संक्रमण होने के बाद उनकी हालत और बिगड़ गई। सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने यह जानकारी दी। | नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत बुधवार को और खराब हो गई। बताया जा रहा है कि फेफड़ों में संक्रमण होने के बाद उनकी हालत और बिगड़ गई। सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने यह जानकारी दी। मुखर्जी को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। इससे पहले कोविड-19 जांच में उनके संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी।प्रणब मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि वह अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं। प्रणब मुखर्जी के बेटा एवं पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनके पिता की हालत में सुधार के सकारात्त्मक संकेत हैं।अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘श्री प्रणब मुखर्जी की हालत थोड़ी और बिगड़ गई है क्योंकि उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया है। वह अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं और विशेषज्ञों का एक दल उनका इलाज कर रहा है।’’वहीं अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया कि उनके पिता की हालत स्थिर है। उन्होंने कहा, ‘‘सभी शुभकामनाओं और डॉक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद, मेरे पिता की हालत अब स्थिर है। सुधार के सकारात्म्क संकेत दिखे हैं। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं, उनके जल्द ठीक होने की कामना करें।’’ मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे। |
6fa3f93fbbc02e6154afea97b0eadc82 | https://www.indiatv.in/india/national-congress-again-alleges-scam-in-land-purchase-in-ayodhya-says-responsibility-of-sc-pm-to-find-truth-797339 | अयोध्या जमीन घोटाले में सच सामने लाना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी: कांग्रेस | कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उच्चतम न्यायालय से सच का पता लगाने के लिये अदालत की निगरानी में जांच का आदेश देकर ''जिम्मेदारी'' निभाने का आग्रह किया। | नयी दिल्ली। कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा भूमि खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उच्चतम न्यायालय से सच का पता लगाने के लिये अदालत की निगरानी में जांच का आदेश देकर ''जिम्मेदारी'' निभाने का आग्रह किया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि अयोध्या में भाजपा नेताओं के हाथों भगवान राम के नाम पर चंदा इकट्ठा कर ''लूट'' की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और उच्चतम न्यायालय की ''चुप्पी'' पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता ने फरवरी में अयोध्या में 890 मीटर जमीन 20 लाख रुपये में खरीदी और फिर उसे 2.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि में मंदिर ट्रस्ट को बेचकर केवल 79 दिन में 1250 प्रतिशत का मुनाफा कमाया। सुरजेवाला ने कहा, ''भगवान राम के मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार किया जा रहा है। क्या यह ट्रस्ट बनाने वाले उच्चतम न्यायालय, उसके न्यायाधीशों और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है कि वे सच का पता लगाएं और इसकी जांच कराएं।'' पत्रकारों ने सुरजेवाला से पूछा कि क्या पार्टी इस कदम के खिलाफ अदालत जाएगी तो उन्होंने कहा, ''क्या उच्च न्यायालय को इस मामले पर स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिये? उच्चतम न्यायालय को अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी निगरानी में, पूरे लेनदेन का ऑडिट कराना चाहिये और दोषियों को सजा देनी चाहिये।'' उन्होंने कहा, ''अब सवाल यह है कि क्या उच्चतम न्यायालय और प्रधानमंत्री अपने कर्तव्य निभाएंगे? हम इसे उनके विवेक पर छोड़ते हैं। '' सुरजेवाला ने कहा कि अगर किसी की जिम्मेदारी बनती है तो वह हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,जिन्होंने यह ट्रस्ट बनाया है। उन्होंने कहा, ''यह न केवल नैतिकता नहीं बल्कि संवैधानिकता का भी सवाल है।' कांग्रेस नेता ने कहा कि गेंद प्रधानमंत्री के पाले में है। देखते हैं कि वह क्या निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि जनता भगवान राम के नाम पर चंदा लूटने वालों को माफ नहीं करेगी। इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इस साल 18 मार्च को पंजीकृत भूमि दस्तावेजों के अनुसार 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई जमीन ट्रस्ट ''मिनटों के भीतर'' 18.5 करोड़ रुपये में बेच दी गई। पार्टी ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में ''घोटाले'' की जांच की मांग की थी। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए दावा किया था कि जो लोग राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रहे थे, वे अब झूठे और भ्रामक आरोप लगाकर इसे पटरी से उतारने की कोशिश कर रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने भी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था। सुरजेवाला ने कहा कि ''तथ्य'' सार्वजनिक हो चुके हैं। सच सामने लाने के लिये उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पांच सवाल रखते हुए पूछा, ''करोड़ों रुपये की खुली लूट पर मोदीजी-आदित्यनाथ की चुप्पी का क्या कारण है और राम मंदिर के निर्माण के नाम पर खुलेआम लूट मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।'' सुरजेवाला ने कहा, ''मोदी-योगी सरकारों को दोषियों को सजा दिलाने के अपने बाध्यकारी कर्तव्य राजधर्म से बचकर नहीं भागना चाहिये।'' |
88c8ec5ed1461dce07e102866d661149 | https://www.indiatv.in/india/national-lockdown-in-aizawl-mizoram-740293 | देश के इस हिस्से में एक हफ्ते के लिए आंशिक lockdown की घोषणा | Mizoram में coronavirus संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने आइजोल नगर पालिका क्षेत्र में एक सप्ताह के आंशिक लॉकडाउन की घोषणा की है। | आइजोल. पूरे देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच मिजोरम राज्य में राजधानी आइजोल नगर पालिक इलाके में एक हफ्ते का आंशिक lockdown लगाने का फैसला किया गया है।Mizoram में coronavirus संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार ने आइजोल नगर पालिका क्षेत्र में एक सप्ताह के आंशिक लॉकडाउन की घोषणा की है। मुख्य सचिव एल चुआंगो की ओर से जारी सरकारी आदेश में कहा गया कि आंशिक लॉकडाउन बृहस्पतिवार मध्य रात्रि से शुरू हो कर 17 सितंबर तक चलेगा।पढ़ें- LAC पर चीन के साथ विवाद के बीच ISRO के पूर्व प्रमुख का बड़ा बयानआदेश में कहा गया, “महामारी को काबू में करने के लिए मद्देनजर संक्रमितों के संपर्क की तलाश, निगरानी, जांच और स्थानीय स्तर पर संक्रमण को फैलने से रोकने के वास्ते आइजोल नगर पालिका क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के आवागमन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया।”पढ़ें- अब कंगना रनौत को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री अनिल परब ने दिया बयानमिजोरम में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 141 नए मामले सामने आए थे जिसके बाद सरकारी आदेश जारी किया गया। आदेश में कहा गया कि हाल ही में संक्रमितों के संपर्क में आने से और अज्ञात स्रोतों से संक्रमण के मामले सामने आए हैं और स्थानीय स्तर पर वायरस के प्रसार की दर राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय है। (भाषा) |
95d2a4d541e54c184a235ea346e16b60 | https://www.indiatv.in/india/national-himachal-government-canceled-12th-board-exam-corona-curfew-extended-till-june-14-794503 | हिमाचल सरकार ने 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द की, कोरोना कर्फ्यू 14 जून तक बढ़ाया | हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने शनिवार को वर्ष 2020-21 के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है और जारी 'कोरोना कर्फ्यू' को भी 14 जून तक बढ़ा दिया है। | शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने शनिवार को वर्ष 2020-21 के लिए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी है और जारी 'कोरोना कर्फ्यू' को भी 14 जून तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान 'कोरोना कर्फ्यू', जो सात जून को समाप्त होना था, अब 14 जून को सुबह 6 बजे तक बढ़ा दिया गया है। 10+2 बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने पर उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड सीबीएसई द्वारा तैयार किए जा रहे फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए छात्रों हेतु अवार्ड की गणना के लिए एक फॉर्मूला तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि यदि कुछ छात्र इस तरह से प्राप्त परिणामों से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुकूल स्थिति होने पर आयोजित की जाने वाली विशेष परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। |
055c563bd77fc3bcec9b49d04c31b929 | https://www.indiatv.in/india/national-pm-narendra-modi-says-government-committed-to-modernize-farming-769315 | खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध्, प्रयास जारी रहेंगे: पीएम मोदी | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार खेती को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में उसके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। | नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार खेती को आधुनिक बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और इस दिशा में उसके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की ताजा कड़ी में यह बात कही। देश के विभिन्न इलाकों में नयी प्रौद्योगिकी की मदद से हिसालू यानी स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर बढ़ रहे उत्साह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "जो स्ट्रॉबेरी कभी, पहाड़ों की पहचान थी, वो अब कच्छ की रेतीली जमीन पर भी होने लगी है। किसानों की आय बढ़ रही है।"पढ़ें- Kisan Andolan: बॉर्डर खाली कराने को लेकर 42 गांवों की महापंचायत, टेंशन बढ़ीइस कड़ी में प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड के झांसी में पिछले दिनों हुए ‘‘स्ट्रॉबेरी महोत्सव’’ का उल्लेख किया और इसके लिए इसकी शुरुआत करने वाली वहां की कानून की छात्रा गुरलीन चावला की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड और स्ट्रॉबेरी की बात सुनकर हर किसी को आश्चर्य होता है लेकिन यह सच्चाई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है। झांसी का स्ट्रॉबेरी महोत्सव ‘स्टे एट होम’ की अवधारणा पर जोर देता है।’’पढ़ें- Tourist Highway में बदलेगी लेह से कारगिल की सड़क, जानिए क्या है सरकार का प्लानपीएम मोदी ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से किसानों और युवाओं को अपने घर के पीछे खाली जगह पर, या छत पर बागवानी करने और स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा नयी प्रौद्योगिकी की मदद से ऐसे ही प्रयास देश के अन्य हिस्सों में भी हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्ट्रॉबेरी महोत्सव का प्रयोग नवाचार की भावना को तो प्रदर्शित करता ही है, साथ ही यह भी दिखाता है कि देश का कृषि क्षेत्र कैसे नयी प्रौद्योगिकी को अपना रहा है।पढ़ें- Kisan Andolan: गणतंत्र दिवस पर हिंसा को लेकर पीएम की टिप्पणी के बाद नरेश टिकैत का बड़ा बयानउन्होंने कहा, "खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।" केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री का यह बयान बहुत मायने रखता है और वह भी तब जब वह खेती के क्षेत्र में हो रहे बदलावों का उदाहरण देते हुए उन्होंने बुंदेलखंड का उल्लेख किया। उल्लेखनीय है कि सूखा और भुखमरी की समस्या को लेकर बुंदेलखंड प्राय: चर्चाओं में रहता है। पढ़ें- 'मन की बात' में बोले पीएम मोदी- गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के अपमान से देश दुखी, जानिए बड़ी बातें |
082bb477033c4694d20c7a8e222a4c8f | https://www.indiatv.in/india/national-pakistan-home-minister-sheikh-rashid-describes-pakistan-victory-against-india-as-victory-of-islam-820459 | PAK की जीत पर शेख रशीद ने उगला जहर, कहा- हमारे साथ थे हिंदुस्तान के मुसलमानों के जज्बात | शेख रशीद ने पाकिस्तान की जीत पर इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाए हैं और कहा है कि पाकिस्तान में लोगों को जश्न मनाने के लिए ट्रैफिक की बंदिशें खोल दी गई हैं। शेख रशीद ने यहां तक कह दिया कि भारतीय मुसलमान भी भारत में पाकिस्तान की जीत चाह रहे थे। | नई दिल्ली: T-20 विश्वकप के मैच में भारतीय टीम पर पाकिस्तानी टीम की जीत को पाकिस्तान के गृहमंत्री इस्लाम की जीत बता रहे हैं। शेख रशीद ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें उसने दुनियाभर के मुसलमानों को इस जीत की बधाई दी है, वीडियो में शेख रशीद ने जीत पर इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाए हैं और कहा है कि पाकिस्तान में लोगों को जश्न मनाने के लिए ट्रैफिक की बंदिशें खोल दी गई हैं। शेख रशीद ने यहां तक कह दिया कि भारतीय मुसलमान भी भारत में पाकिस्तान की जीत चाह रहे थे। भारतीय टीम पर पाकिस्तानी टीम की जीत को पाकिस्तान के गृह मंत्री द्वारा इस्लाम की जीत बताना पाकिस्तान में रह रहे लोगों की मानकिसता को साफ दर्शाता है।शेख रशीद ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें वह बोल रहा है, "मैं आज सारी पाकिस्तान की कौम को इस फतेह अजीम पर मुबारकबाद देता हूं, जिस बहादुरी से पाकिस्तान की टीम ने अपने रिवायती खरीफ को शिकस्त दी है उसको मैं सलाम पेश करता हूं। आज सारे आलमे इस्लाम में पाकिस्तान ने अपनी सलाहितों का लोहा मनवाया है, मुझे अफसोस है कि यह पहला पाकिस्तान हिंदुस्तान मैच है जो मैं कोमी जिम्मेदारियों से ग्राउंड पर नहीं देख सका, लेकिन मैंने तमाम ट्रैफिक को इस्लामाबाद रावलपिंडी को हिदायत दी है कि कंटेनर हटा दिए जाएं ताकि कौम अपनी जश्न को तारीखी तरीके से मनाए और पाकिस्तान की टीम को मुबारक हो आज हमारा फाइनल था। दुनिया के मुस्लमान समेत हिंदुस्तान के मुसलमानों के जज्बात पाकिस्तानी टीम के साथ थे, सारी आलमे इस्लाम को फतेह मुबारक हो पाकिस्तान जिंदाबाद इस्लाम जिंदाबाद।"देखें वीडियो-शेख रशीद का यह वीडियो दर्शाता है कि पाकिस्तान में लोग आज भी किस दौर में भारत और पाकिस्तान के मैच को देखते हैं। एक दौर होता था जब भारत और पाकिस्तान में लोग एक क्रिकेट मैच की हार जीत को जंग में हुई हार जीत के चश्मे से देखते थे, भारत में लोग इस दौर से बाहर निकल चुके हैं लेकिन पाकिस्तान में अभी भी लोग इसी मानसिकता से क्रिकेट मैच को देख रहे हैं।हालांकि भारत में अब क्रिकेट मैच के दर्शक और खिलाड़ी हर मैच को क्रिकेट मैच के नजरिए से ही देखते हैं, यही वजह है कि रविवार को जब पाकिस्तानी टीम की जीत हुई तो सबसे पहले गर्मजोशी से भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों को जीत की शुभकामनाएं दी। |
2c95d0960fa568678ad0bf43d3774932 | https://www.indiatv.in/india/national-independence-day-descendants-of-tatya-tope-shaheed-udham-singh-733541 | तात्या टोपे के वंशज चला रहे किराना दुकान, शहीद उधम सिंह के वंशज दिहाड़ी मजदूर | भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के 73 से अधिक विस्मृत (भुला दिए गए) नायकों के वंशजों पर चार किताबें लिखने वाले पूर्व पत्रकार शिवनाथ झा का कहना है, "मैंने तात्या के पड़पोते विनायक राव टोपे को बिठूर में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हुए देखा।" | नई दिल्ली. देशभर में शनिवार को 74वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जाएगा। मगर हमें आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के वंशज अभी भी दयनीय स्थिति में रह रहे हैं। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले शहीदों के कुछ वंशज जहां दैनिक मजदूरी के काम में लगे हैं, वहीं कुछ तो सड़कों पर भीख मांगने तक को मजबूर हैं। मिसाल के तौर पर, शहीद उधम सिंह के भांजे के बेटे जीत सिंह को पंजाब के संगरूर जिले में एक निर्माण स्थल के पास देखा गया। जीत वहां पर दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं।पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सातवीं बार लाल किले से देश को संबोधित करेंगेजलियावालां बाग नरसंहार का बदला लेने के लिए 1940 में उधम सिंह लंदन गए और पंजाब के तत्कालीन उपराज्यपाल माइकल ओ'डायर की हत्या कर दी। लेकिन पंजाब में बाद की सरकारों ने शहीद उधम सिंह के परिवार की कोई सुध नहीं ली। इसी तरह 1857 के विद्रोह के नायकों में से एक तात्या टोपे के वंशज बिठूर, कानपुर में संघर्ष कर रहे हैं।भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के 73 से अधिक विस्मृत (भुला दिए गए) नायकों के वंशजों पर चार किताबें लिखने वाले पूर्व पत्रकार शिवनाथ झा का कहना है, "मैंने तात्या के पड़पोते विनायक राव टोपे को बिठूर में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हुए देखा।"पढ़ें- Independence Day 2020: इन बहादुर सैनिकों को मिला शौर्य चक्र पुरस्कार, देखिए पूरी लिस्टझा ने शहीद सत्येंद्र नाथ के पड़पोते की पत्नी अनिता बोस को भी खोजा और उन्होंने देखा कि मिदनापुर में अनिता की हालत भी दयनीय बनी हुई है। सत्येंद्र नाथ और खुदीराम बोस अलीपुर बम कांड में शामिल थे। दोनों को 1908 में फांसी दी गई थी। अंग्रेजों द्वारा दी गई फांसी के वक्त सत्येंद्र नाथ 26 वर्ष के थे और खुदीराम महज 18 साल के थे। अपने दैनिक जीवन में संघर्ष कर रहे स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों के वंशजों की मदद के लिए शिवनाथ झा हमेशा प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने विनायक राव टोपे और जीत सिंह को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पांच लाख रुपये भी एकत्र किए थे।शिवनाथ झा ने कहा, "मैंने सत्येंद्र नाथ के अपाहिज पड़पोते और उनकी पत्नी अनिता बोस को भी खोज निकाला, जो मिदनापुर में लकवाग्रस्त हालत में थीं। मैंने उनसे बात की, वह बोलने में सक्षम थीं। पूर्व पत्रकार झा ने कहा कि अब वह इस बुजुर्ग दंपति के पुनर्वास की कोशिश कर रहे हैं। शिवनाथ झा और उनके दोस्त एक एनजीओ चलाते हैं और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवन शैली का विस्तार से वर्णन करते हुए किताबें प्रकाशित करते हैं।उनका संगठन 800 पृष्ठों की एक नई किताब '1857-1947 के शहीदों के वंशज' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुत करने के विचार में है। इस पुस्तक में झांसी की रानी, जसपाल सिंह (बाबू कुंवर सिंह कमांडर-इन-चीफ), वाजिद अली शाह, मंगल पांडे, जबरदस्त खान, तात्या टोपे, बहादुर शाह जफर, दुर्गा सिंह, सुरेंद्र साई, उधम सिंह, अशफाकउल्ला खान, खुदीराम बोस, भगत सिंह, सत्येंद्र नाथ (खुदीराम बोस के गुरु), चंद्र शेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, राज गुरु, सुखदेव, बटुकेश्वर दत्त, जतिंद्रनाथ मुखर्जी जैसे अन्य कई नायकों के वंशजों का उल्लेख किया गया है। |
ab7f62f8b4d00e4b00c26c4368119bd5 | https://www.indiatv.in/india/national/three-inmates-injured-after-boiling-food-falls-on-them-in-punjab-s-ambala-jail-2022-04-16-845392 | अंबाला सेंट्रल जेल में खाना बनाते समय फटा कुकर, 3 कैदी झुलसे | शुक्रवार रात को यह घटना तब घटी जब तीनों कैदी खाना पका रहे थे। निर्धारित समय पर कुकर से सीटी नहीं बजी तो एक कैदी ने चेक करने के लिए उसका ढक्कन खोला, इसी बीच कुकर फट गया और उसकी अंदर का खौलता खाद्य पदार्थ उनपर जा गिरा। | अंबाला (पंजाब): पंजाब की अंबाला केंद्रीय जेल में एक प्रेशर कुकर के फट जाने से तीन कैदी झुलस गए। पुलिस ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार रात को जेल के रसोई घर में जब कैदी खाना पका रहे थे तब यह घटना घटी। पुलिस के अनुसार दो कैदी गंभीर रूप से झुलस गए हैं और उन्हें चंडीगढ़ के स्नातोकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमआर) भेज दिया गया है।उन्होंने बताया कि जब निर्धारित समय पर कुकर से सीटी नहीं बजी तो एक कैदी ने चेक करने के लिए उसका ढक्कन खोला, इसी बीच कुकर फट गया और उसकी अंदर का खौलता खाद्य पदार्थ उनपर जा गिरा। पुलिस के मुताबिक तत्काल जेल अधिकारियों को इस घटना की सूचना दी गई जो घायल कैदियों को स्थानीय सिविल अस्पताल ले गए।उन्होंने बताया कि एक कैदी को प्राथमिक उपचार के बाद जेल वापस भेज दिया गया जबकि बाकी दो को पीजीआईएमआर ले जाया गया क्योंकि वे करीब 30 फीसद झुलस गए थे। अंबाला केंद्रीय जेल के अधीक्षक लखबीर सिंह बरार ने बताया कि शुक्रवार रात को यह घटना तब घटी जब तीनों कैदी खाना पका रहे थे। उन्होंने बताया कि झुलस गए कैदियों की हालत स्थिर है।(इनपुट- एजेंसी) |
7f24394d22a116063ac1abd909639779 | https://www.indiatv.in/india/national-tejashwi-yadav-says-result-we-have-won-not-lost-nitishkumar-should-resign-753696 | हार के बाद पहली बार बोले तेजस्वी, कहा- बिहार का फैसला हमारे पक्ष में है | प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में अगर नैतिकता है तो कुर्सी छोड़ दें। बिहार का फैसला हमारे पक्ष में है। | पटना. बिहार चुनाव परिणाम के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव को राजद और महागठबंधन का नेता चुना गया। इसके बाद एक प्रेस वार्ता में उन्होंने नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में अगर नैतिकता है तो कुर्सी छोड़ दें। बिहार का फैसला हमारे पक्ष में है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कुर्सी पर बैठे है, हम लोगों की लोगों के दिलों में बैठे हैं। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी बनने से नहीं रोक पाई। तेजस्वी यादव ने इस दौरान चुनाव की मतगणना प्रक्रिया पर भी कुछ सवाल उठाए।तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव का जो फैसला आया है वह एक तरह से महागठबंधन के पक्ष में रहा है लेकिन नतीजा उनके (NDA) के पक्ष में गया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि 2015 में भी भारतीय जनता पार्टी ने चोर दरवाजे से नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। उन्होंने कहा कि एनडीए ने धन, बल और छल के दम पर चुनाव जीता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री एक तरफ रहे, लेकिन कई जोड़-भाग के बावजूद इस 31 साल के नौजवान को रोकने में नाकाम रहे।राजद नेता ने कहा कि भाजपा को प्रकोष्ठ ने जोड़-भाग गुणा सबकुछ किया लेकिन फिर भी राष्ट्रीय जनता दल को सबसे बड़ा दल होने से रोक नहीं पाए। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार जी तीसरे नंबर पर खिसक गए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ने बदलाव का जना देश दिया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार में थोड़ी भी नैतिकता बची होगी तो उन्हें जनता के फैसले का सम्मान करते हुए कुर्सी से हट जाना चाहिए।तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने कहा कि कुछ लोग भले ही कुर्सी पर बैठे हों, लेकिन महागठबंधन और हम लोग जनता के दिलों पर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता हम लोगों के साथ है। तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में धन्यवाद यात्रा निकालेगी और उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि चुनाव हारे नहीं जीते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर 19 लाख रोजगार, समान काम समान वेतन, स्वंय सहायता समूह को मानदेय और शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरी तो जनवरी के बाद उनकी पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी। |
64705ca462a1da8f03f64076cdb3c0ca | https://www.indiatv.in/india/national-pakistan-tries-to-push-drugs-into-india-bsf-took-action-742130 | भारत में ड्रग्स लाने की कोशिश में थे पाकिस्तानी, सेना ने चलाई गोली तो दुम दवाकर भागे | भारत के युवाओं को नशे की लत डलवाने के मंसूबों से पाकिस्तान ड्रग्स को बॉर्डर पार कराने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, भारतीय सेना की मुस्तैदी ने पाकिस्तानी तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। | जम्मू: पाकिस्तान बॉर्डर पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। कभी वह सीजफायर का उल्लंघन करता है, तो कभी घुसपैठियों को बॉर्डर पार कराने की कोशिश करता है। अब वह भारत के युवाओं को नशे की लत डलवाने के मंसूबों से ड्रग्स को बॉर्डर पार कराने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, भारतीय सेना की मुस्तैदी ने पाकिस्तानी तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। दरअसल, जम्मू में BSF की बुधवार (Budhwar Post) पोस्ट इलाके में 42वीं बटालियन को शनिवार रात दो बजे जीरो लाइन पर पाकिस्तान की तरफ तीन से चार लोगों की संदिग्ध गतिविधि का अहसास हुआ। तभी एक शख्स को बाड़ की ओर आते देखा गया, जिसके बाद संतरी ने गोली चलाई। गोली चलते ही संदिग्ध शख्स वापस पाकिस्तान की ओर भाग गया।इसके बाद BSF ने सुबह सर्च ऑपरेशन चलाया तो मौके से ड्रग्स के 58 पैकेट बरामद हुए। इसके अलावा दो पिस्टल भी वहां से मिली हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान की 'ड्रग्स' वाली इस चाल का भी खुलासा हो गया। ड्रग्स को पाकिस्तान की ओर से भारत में दाखिल कराया जा रहा था। लेकिन, BSF ने ऐसा होने ने रोक लिया।आर.एस. पुरा में BSF के IG एनएस जामवाल ने कहा, "बॉर्डर पार से तस्करी के इनपुट्स के चलते कल रात 2 बजे ड्रग्स सप्लाई करने वालों से मुठभेड़ हुई। चारों वहां से भाग गए लेकिन कंसाइनमेंट वहीं छोड़ गए। घटनास्थल से 62पैकेट हेरोइन एक पैकेट का वजन 1 किलो, इसके अलावा 2 पिस्टल, 3 मैंग्ज़ीन्स और 100 राउंड बरामद हुए।" |
66a47e97238b53e265def08594e4a0ff | https://www.indiatv.in/india/national-advocate-writes-to-ag-seeking-consent-to-initiate-contempt-proceeding-against-prashant-bhushan-758041 | अधिवक्ता ने अटॉर्नी जनरल से प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिये सहमति मांगी | एक अधिवक्ता ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को पत्र लिखकर हाल में एक समाचार पत्र को दिये गए साक्षात्कार के दौरान अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा की गई टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के वास्ते उनकी सहमति मांगी है। | नयी दिल्ली। एक अधिवक्ता ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल को पत्र लिखकर हाल में एक समाचार पत्र को दिये गए साक्षात्कार के दौरान अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा की गई टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के वास्ते उनकी सहमति मांगी है। अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह के पत्र में दावा किया है कि भूषण का 29 नवंबर का साक्षात्कार ‘‘इस बात की ओर संकेत करता है कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय निष्पक्ष तरीके से काम नहीं करता है।’’ अधिवक्ता के अनुसार प्रथम दृष्टया साक्षात्कार की सामग्री ‘‘दुराग्रही’’ है। पत्र में कहा गया है, ‘‘यह उच्चतम न्यायालय की समग्रता के खिलाफ गंभीर इशारा है कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष संस्था नहीं है, बल्कि सरकार के आगे झुकने को इच्छुक है। यह बेहद आपत्तिजनक और दुस्साहसिक है। यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर एक दुर्भावनापूर्ण हमला है।’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘प्रशांत भूषण द्वारा दिए गए बयान बहुत गंभीर प्रकृति के हैं। ये दुर्भावनापूर्ण हैं और उच्चतर न्यायपालिका को बदनाम करने की मंशा से दिये गये हैं।’’ इससे पूर्व अटॉर्नी जनरल ने भूषण के खिलाफ उनके ट्वीट के लिए आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के वास्ते सहमति देने से इनकार कर दिया था। भूषण ने ट्वीट में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भारत के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को एक विशेष हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराये जाने पर सवाल उठाये थे। उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट करने के कारण आपराधिक अवमानना के दोषी अधिवक्ता प्रशांत भूषण को पर एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना लगाया था। |
659dc359e4a42c6baa5d607547d6f954 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-govt-suspend-ias-officer-for-misuse-of-official-position-as-observer-in-bengal-polls-after-ec-orders-780481 | बंगाल में पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए IAS एनपी पांडेय को चुनाव आयोग के आदेश पर योगी सरकार ने किया सस्पेंड | चुनाव आयोग द्वारा की गई जांच में सभी आरोपों को सही पाया गया, जिसके बाद आयोग ने राज्य सरकार को दोषी आईएएस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी नरेंद्र प्रसाद पांडेय को चुनाव आयोग के आदेश पर सस्पेंड कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नरेंद्र प्रसाद पांडेय पर पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी के दौरान एक महिला के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था। चुनाव आयोग द्वारा की गई जांच में सभी आरोपों को सही पाया गया, जिसके बाद आयोग ने राज्य सरकार को दोषी आईएएस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। आयोग की सिफारिश पर शासन ने बुधवार को पांडेय को निलंबित कर दिया। IAS अधिकारी एनपी पांडेय एसीपी ब्रांच में विशेष सचिव हैं।आरोप सही पाए गएपश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनावों में नरेंद्र प्रसाद पांडेय को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्यूटी के दौरान आईएएस अफसर ने एक महिला से अभद्रता की थी। महिला ने अपने साथ हुई इस हरकत की शिकायत चुनाव आयोग से की थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने IAS अफसर पर जांच बैठा दी थी जिसमें उनके ऊपर लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद आयोग ने यूपी सरकार को आईएएस अफसर नरेंद्र प्रसाद पांडेय पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। आयोग के आदेश के बाद ही योगी सरकार ने आईएएस पांडेय को सस्पेंड कर दिया।क्या था पांडेय का पक्ष?वहीं, दूसरी तरफ नरेंद्र प्रसाद पांडेय का कहना था कि सस्पेंड होने के पहले ऑब्जर्वर के रूप में उन्होंने सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की ओर से सरकारी जमीन पर अवैध रूप से आयोजित की गई रैली के खिलाफ पुरूलिया के डीएम को एक पत्र लिखा था। पांडेय का आरोप है कि इसी से नाराज होकर पुरूलिया के डीएम ने, जो कि सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं, उनके खिलाफ मामला बनाकर चुनाव आयोग को भेजा था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। पश्चिम बंगाल में 27 मई को पहले चरण का मतदान होना है। |
7336cfad4e2dc977c18b113fb06bf996 | https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-how-facts-were-twisted-to-spread-canard-about-calf-blood-in-covid-vaccines-796751 | Rajat Sharma’s Blog: कैसे फैलाई गई कोविड वैक्सीन में बछड़े के खून की अफवाह | कोवैक्सीन में काफ सीरम को लेकर जब अफवाहें फैलने लगीं, लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के सवाल पूछने लगे तो हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी किया। | बुधवार को जब मैंने कोवैक्सीन के टीके से जुड़ी खबर पढ़ी तो मैं चौंक गया। यह खबर निश्चित तौर पर टीका लगवाने को तैयार लोगों के मन में डर और आशंका पैदा करने वाली थी। कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया विंग को संभालने वाले गौरव पांधी ने एक वीडियो में आरोप लगाया था कि कोवैक्सिन में गाय नवजात बछड़े के खून का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने ट्विटर पर दावा किया कि वैक्सीन बनाने में 20 दिन के बछड़े के खून का इस्तेमाल किया जाता है और बछड़े को मार दिया जाता है। उन्होंने लिखा कि यह जघन्य है।गौरव के इस बयान ने वैज्ञानिकों को भी चौंका दिया और हेल्थ मिनिस्ट्री के कान खड़े कर दिए। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी किया। वैज्ञानिकों ने भी तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि वैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम होने की बात सरासर झूठ है। कोवैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक ने भी एक बयान जारी कर आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। भारत में पहले ही कई लोग वैक्सीन लगवाने में हिचकिचा रहे हैं, और वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता थी कि यह नया आरोप लोगों के मन में और ज्यादा डर पैदा कर सकता है। चूंकि मामला गंभीर था, इससे टीकाकरण पर असर पड़ सकता था और लोगों के मन में डर पैदा हो सकता था, इसलिए मैंने एक-एक करके इस मामले से जुड़ा सारा सच आपके सामने रखने का फैसला किया।गौरव पांधी कोई आम आदमी नहीं हैं। वह कांग्रेस की डिजिटल कम्युनिकेशन और सोशल मीडिया टीम के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं। वह राहुल गांधी के हर ट्वीट को फैलाने का काम करते हैं। बुधवार को गौरव पांधी ने पांधी ने कोवैक्सिन में नवजात बछड़े के सीरम की मौजूदगी को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने ट्वीट में एक RTI के जरिए मिले एक जवाब को टैग किया। गौरव पांधी ने ट्विटर पर लिखा, ‘एक आरटीआई के जवाब में, मोदी सरकार ने स्वीकार किया है कि कोवैक्सिन में नवजात बछड़े का सीरम होता है, यह जघन्य है! यह जानकारी पहले सार्वजनिक की जानी चाहिए थी।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने एक रिसर्च डॉक्युमेंट शेयर किया जिसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि बछड़े का सीरम कैसे निकाला जाता है।रिसर्च डॉक्युमेंट में लिखा है, ‘नवजात बछड़े का सीरम 20 दिन से कम उम्र के स्वस्थ बछड़े के खून के थक्के का तरल अंश होता है, जिसे बछड़े को मारकर प्राप्त किया जाता है। इसे पूर्व और/या पोस्टमॉर्टम इंस्पेक्शन के जरिए मानव उपभोग के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसे मूल देश के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जांचे किए गए बूचड़खानों में एकत्र किया जाता है। इसमें किसी तरह के डिलीशन या ऐडिशन (प्रिजर्वेटिव सहित) की अनुमति नहीं है।’गौरव पांधी अपने ट्वीट्स के राजनीतिक और धार्मिक असर के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। उन्हें पता है कि उनके आरोप कोविड की वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में डर और आशंका पैदा कर सकते हैं। जब लोग उनके ट्वीट्स को रिट्वीट करने लगे. तब कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक अपने बयान के साथ सामने आई। भारत बायोटेक ने कहा, ‘कोवैक्सीन टीके में किसी तरह का सीरम नहीं है। वायरल टीकों को तैयार करने के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इनका इस्तेमाल सेल्स की ग्रोथ के लिए होता है। सार्स सीओवी-2 वायरस की ग्रोथ या फाइनल फॉर्मूले में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है। कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है।’कोवैक्सीन में काफ सीरम को लेकर जब अफवाहें फैलने लगीं, लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के सवाल पूछने लगे तो हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘फाइनल वैक्सीन (कोवैक्सीन) में नवजात बछड़े का सीरम बिलकुल नहीं होता है और काफ सीरम फाइनल वैक्सीन प्रॉडक्ट का घटक नहीं है।’ मंत्रालय ने कहा, नवजात बछड़ा सीरम का इस्तेमाल केवल वैक्सीन के लिए वेरो कोशिकाओं को तैयार करने में किया जाता है। गोजातीय और अन्य जानवरों के सीरम का उपयोग आम है और पोलियो, रैबीज और इन्फ्लूएंजा जैसी अन्य बीमारियों की वैक्सीन में कई दशकों से इसका इस्तेमाल हो रहा है।इसमें कहा गया, ‘जब वैज्ञानिक किसी लैब में वायरस विकसित करते हैं, तो वे उन्हीं स्थितियों को रीक्रिएट करने की कोशिश करते हैं जो मानव शरीर में पाई जाती हैं। ऐसा करने के लिए वे चीनी, नमक और विभिन्न तरह के मांस के अर्क के घोल का इस्तेमाल करते हैं। वे वेरो कोशिकाओं का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं, जो कि अफ्रीकी हरे बंदर के गुर्दे की कोशिकाएं हैं। इन वेरो कोशिकाओं का इस्तेमाल जेनेटिकली इंजीनियर्ड वायरस विकसित करने के लिए एक वेक्टर के रूप में किया जाता है।’बयान में कहा गया, ‘चूंकि वायरस किसी होस्ट के बिना नहीं रह सकते, ये कोशिकाएं उन्हें बढ़ने में मदद करती हैं। न्यूबॉर्न काफ सीरम से छुटकारा पाने के लिए इन कोशिकाओं को कई बार पानी और केमिकल्स से धोया जाता है। फिर उनका इस्तेमाल वैक्सीन को विकसित करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, जब वायरस को इसमें इंजेक्ट किया जाता है, वेरो कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं। बाद में SARS-CoV-2 वायरस को भी मार दिया जाता है (निष्क्रिय किया जाता है) और शुद्ध किया जाता है, ताकि टीका लगवाने वाले व्यक्ति में संक्रमण की कोई संभावना न रहे।’कोवैक्सीन को लेकर जो सवाल उठाए गए उनके बारे में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने बड़ी सफाई से जवाब दिया। पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में स्वदेशी रूप से विकसित एक कोविड वैक्सीन पर सवाल उठाकर कांग्रेस ‘पाप’ कर रही है। संबित पात्रा एक डॉक्टर हैं और उन्होंने वैक्सीन बनाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे वेरो कोशिकाओं को बनाने के लिए बोवाइन सीरम का इस्तेमाल किया जाता है, जो की वैक्सीन के निर्माण में सबसे जरूरी चीज है।हमने इस फील्ड में वायरोलॉजी और जेनेटिक्स के विशेषज्ञों से बात की। ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर एन. के. गांगुली ने जोर देकर कहा कि फाइनल प्रॉडक्ट में, यानी कि कोरोना के टीके में, बछड़े का सीरम नहीं है। सारा विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि गौरव पांधी ने आरोप लगाया था कि वैक्सीन बनाने के लिए (20 दिन से कम उम्र के) नवजात बछड़े को मार दिया जाता है। जब हमने यही सवाल डॉक्टर गांगुली से किया, तो उन्होंने जवाब दिया कि नवजात बछड़े से सीरम निकाला जा सकता है और इसके लिए उसे मारना जरूरी नहीं है।अदालती भाषा में एक लैटिन कहावत है, 'सप्रेसियो वेरी, सजेसियो फाल्सी", जिसका अर्थ है कि आप सच को दबाइए और फिर गलत चीज का सुझाव दीजिए। कांग्रेस के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने कोवैक्सीन टीके में न्यूबॉर्न काफ सीरम के होने को लेकर पूरी तरह से एकतरफा और गलत धारणा फैलाने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत बायोटेक कंपनी के बयानों से उस प्रक्रिया के बारे में पूरे विस्तार से पता चलता है जिसमें नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल न केवल कोविड के टीकों के लिए, बल्कि पोलियो, रेबीज और इन्फ्लूएंजा के टीकों के लिए भी किया जाता है। दोनों इस बात को जोरदार तरीके से खारिज करते हैं कि फाइनल प्रॉडक्ट में काफ सीरम मौजूद है।कांग्रेस कोऑर्डिनेटर अच्छी तरह से समझते हैं कि भारत जैसे विशाल देश में जहां 85 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग गायों की पूजा करते हैं और गोहत्या को वर्जित मानते हैं, इस तरह के आरोपों का असर बहुत बड़ा होगा। गोहत्या एक संवेदनशील मुद्दा है और यह कहना कि कोविड का टीका बनाने की प्रक्रिया में नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है, निश्चित रूप से लाखों हिंदुओं की भावनाओं को आहत कर सकता है।ऐसी बातें कहकर गौरव पांधी ने लाखों भारतीयों के दिल में वैक्सीन को लेकर शक पैदा करने की कोशिश की। मैं तो कहूंगा कि कांग्रेस पार्टी के नेशनल सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर ने घोर पाप किया है। उन्होंने लाखों हिंदुओं के मन में ऐसा डर पैदा करने की कोशिश की है जो बहुत खतरनाक हो सकता है। उनका ये कहना कि कोवैक्सीन में गाय के नवजात बछड़े का कोई अंश होता है, महापाप है। स्वास्थ्य मंत्रालय की सफाई के बावजूद गौरव पांधी अपने ट्वीट को लेकर अड़े हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को उनके ट्वीट में कम्युनल ऐंगल का एहसास हुआ और पांधी को ट्वीट डिलीट करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आखिरकार, ट्विटर ने इन आपत्तिजनक ट्वीट्स को पोस्ट करने के लिए उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है।हालांकि कांग्रेस ने पांधी के ट्वीट से खुद को दूर कर लिया है, लेकिन वह उस पार्टी की सोशल डिजिटल मीडिया टीम के चीफ बने हुए हैं, जिसने 70 से भी ज्यादा सालों तक भारत पर राज किया। पांधी ने कांग्रेस पार्टी को शर्मिंदा किया है और लोगों में कोविड के टीके को लेकर अविश्वास के बीज बोने की कोशिश की है। मैं स्वास्थ्य मंत्रालय और भारत बायोटेक द्वारा समय पर प्रतिक्रिया की सराहना करता हूं, जिसके चलते सांप्रदायिक नफरत का बीज फलने-फूलने से पहले ही नष्ट हो गया।यह पहली बार नहीं है जब कोविड के टीके के बारे में बेबुनियाद अफवाहें फैलाई गई हैं। भारत के दूर दराज के इलाकों, गांवों और कस्बों में जाकर लोगों से बात करने वाले इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने पाया कि ग्रामीणों के मन में वैक्सीन को लेकर हिचक है। कुछ को तो यह भी डर लगता है कि यदि वे टीका लगवाएंगे तो उनकी मौत हो सकती है। गांव में कैंप लगाने पहुंची वैक्सीनेशन टीम को ग्रामीण दौड़ा लेते हैं। गांव के लोगों को वैक्सीन के असर को समझाने और टीका लगवाने के लिए कन्विंस करने में हेल्थ वर्कर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।मैं अपने सभी दोस्तों और दर्शकों से लोगों को यह बताने की अपील करूंगा कि काफ सीरम को लेकर गौरव पांधी ने सोशल मीडिया के जरिए जो बात फैलानी चाही, वह सरासर झूठ और बेबुनियाद है। उन्हें लोगों को जरूर बताना चाहिए कि किसी भी कोविड टीके में काफ सीरम या बछड़े का सीरम मौजूद नहीं है। अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहें, अफवाहों का प्रसार बंद करें और जल्द से जल्द टीका लगवाएं। इस घातक महामारी से से बचने का सिर्फ यही एक रास्ता है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 16 जून, 2021 का पूरा एपिसोड |
0dd9de2ec835833342c71c503ae961ce | https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-in-india-active-cases-deaths-discharge-latest-updates-755352 | Coronavirus Cases in India: 24 घंटे में मिले 45,209 नए मरीज, एक्टिव मामले- 4,40,962 | कुल मामलों में से फिलहाल 4 लाख 40 हजार 962 एक्टिव केस है, 1 लाख 33 हजार 227 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है जबकि 85 लाख 21 हजार 617 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। | नई दिल्ली. पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 45 हजार 209 नए मरीज सामने आए हैं जबकि इस बीमारी ने 501 मरीजों की जान ले ली है। पिछले 24 घंटे में 43,493 मरीज कोरोना को हराने वाले कामयाब रहे हैं। नए मरीज सामने आने के बाद देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 90 लाख 95 हजार 807 हो गए हैं। कुल मामलों में से फिलहाल 4 लाख 40 हजार 962 एक्टिव केस है, 1 लाख 33 हजार 227 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है जबकि 85 लाख 21 हजार 617 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं।इलाज करा रहे संक्रमितों की संख्या लगातार 12वें दिन भी पांच लाख से कम बनी हुई है। संक्रमण से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 85,21,617 हो गई। रोगियों के संक्रमणमुक्त होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 93.69 फीसदी हो गई वहीं मृत्यु दर घटकर 1.46 फीसदी हो गई है।आंकड़ों के अनुसार देश में अब 4,40,962 संक्रमितों का इलाज चल रहा है, जो कि कुल मामलों का 4.85 फीसदी है। देश में कोविड-19 से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख को पार कर गयी थी। इसके बाद 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख को पार कर गयी थी। 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख एवं 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को यह 90 लाख को पार कर गई। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, 22 नवंबर तक 13.17 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है, जिनमें से 10,75,326 नमूनों की जांच शनिवार को हुई। विभिन्न राज्यों में कोरोना के मामले /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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72912b3e44091ceec14c719eb3463eaf | https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-rajya-sabha-ensure-that-ugly-spectacle-is-not-repeated-807746 | Rajat Sharma's Blog- राज्यसभा: यह तय करें कि भविष्य में फिर ऐसा तमाशा न हो | राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस के बाहरी लोगों को बड़ी संख्या में मार्शल के रूप में विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए तैनात किया गया था। | पूरे देश ने गुरुवार को राज्यसभा में हुए हंगामे की उस तस्वीर को देखा जो बेहद शर्मनाक है। सदन के अंदर सांसद पुरुष और महिला मार्शलों के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई करते नजर आए। सदन के अंदर हुई धक्का-मुक्की और हाथापाई के लिए सरकार और विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।विपक्षी सांसदों के साथ संसद भवन से विजय चौक तक मार्च करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे और शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में विरोधी दलों के सांसदों को पिटवाने के लिए बाहर से गुंडे बुलाए गए थे और उन्हें मार्शल की ड्रेस पहनाकर संसद में तैनात किया गया था। पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर और प्रह्लाद जोशी सहित सरकार के आठ मंत्रियों ने इसे सरासर झूठ बताते हुए खारिज कर दिया। इन लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ सांसदों ने हाथापाई के दौरान एक महिला मार्शल को घायल कर दिया था।पीयूष गोयल ने इल्जाम लगाया कि कुछ सांसदों ने एक महिला मार्शल के साथ हाथापाई की और उसे खींचकर गिरा दिया। फिर राज्यसभा का वो वीडियो भी सामने आया जिसमें साफ दिख रहा है कि महिला मार्शल के साथ धक्कामुक्की हो रही है। इस पर विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने सेलेक्टिव वीडियो जारी किया है। संजय राउत ने यहां तक कह दिया कि उन्हें ऐसा लगा कि वह हिंदुस्तान-पाकिस्तान की बॉर्डर पर हैं।गुरुवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में मैंने हंगामे के समय सभी वीडियो क्लिप और सदन के अंदर मौजूद सभी सुरक्षा अधिकारियों (मार्शल) की लिस्ट दिखाई। मैंने विपक्ष के इस आरोप को जांचने के लिए 42 मार्शलों में से हर एक की पहचान की कि बाहरी लोगों को मार्शल की वर्दी में लाया गया था या नहीं। मैंने मार्शलों की मेडिकल रिपोर्ट भी दिखाई, जिन्हें चोटें आई हैं।राहुल गांधी ने यह आरोप लगाते हुए कि बाहर से मार्शल की वर्दी पहनकर आए आरएसएस के लोगों ने सांसदों को पीटा, राज्यसभा के चेयरमैन की गरिमा और निष्पक्षता पर सवाल उठाए। ये बहुत गंभीर बात है। पूर्व में विपक्ष प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के खिलाफ आरोप लगाता था लेकिन आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि चेयरमैन की निष्पक्षता पर सवाल उठाया गया हो। ये पहली बार हुआ है। विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू पर संदेह की उंगली उठाकर उनके आंसुओं का मजाक उड़ाया है।राहुल गांधी पिछले 17 साल से संसद के सदस्य हैं और देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनके द्वारा लगाए गए इस तरह के गंभीर आरोप की विस्तार से जांच की जरूरत है।अपने शो में मैंने आपको वह फुटेज दिखाया जो कैमरे में रिकॉर्ड तो हुए लेकिन प्रसारण के सख्त नियमों के कारण टीवी पर टेलीकास्ट नहीं हुए। शाम 6 बजकर 2 मिनट पर बीमा संशोधन विधेयक सदन के अंदर पेश किया जा रहा था उसी समय तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने अपनी पार्टी की सहयोगी डोला सेन की ओर इशारा किया। डोला सेन अपनी पार्टी की सांसद शांता छेत्री के गले में एक रस्सी जैसे कपड़े को बांधकर वेल में पहुंच गईं और नारे लगाने लगीं। इस दौरान विरोधी दलों के दूसरे सांसद अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे।जैसे ही डोला सेन और शांता छेत्री चेयर की ओर बढ़ीं, मार्शल आगे बढ़े और चेयरमैन के आसन को घेर लिया। ऐसा लगा कि वो पूरे एरिया को चारों तरफ से सुरक्षित करना चाहते हैं। उस समय बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा चेयर पर बतौर पीठासीन अधिकारी मौजूद थे।शाम करीब छह बजकर पांच मिनट पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के सांसद वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने रिपोर्टर्स की मेज के चारों ओर एक घेरा बना लिया। 6 बजकर 22 मिनट पर डोला सेन ने पहले लीडर ऑफ द हाउस पीयूष गोयल को धक्का दिया और फिर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का रास्ता रोकने की कोशिश की। शाम 6 बजकर 26 मिनट पर कांग्रेस के व्हिप लीडर नासिर हुसैन, शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और तृणमूल कांग्रेस की अर्पिता घोष ने चेयर की तरफ पेपर फाड़कर फेंके।जब मैंने दूसरे कैमरों के फुटेज देखे तो ये देखकर हैरान रह गया कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद जब वेल में हंगामा कर रहे थे उस वक्त तृणमूल कांग्रेस के एमपी सुखेन्दु शेखर रॉय इंश्योरेंस बिल पर भाषण दे रहे थे। इसके बाद बिल पर BJD और AIADMK के नेता भी बोले। ऐसा लगा कि सदन में कार्यवाही चलने लगी है। कुछ ही देर में जब विरोधी दलों के कुछ नेताओं को लगा कि सदन चलने लगा तो फिर वे एकदम एग्रेसिव हो गए, नारेबाजी करने लगे, धक्कामुक्की शुरू हुई, पेपर फाड़कर चेयर की तरफ फेंके गए और करीब 24 सांसद वेल में दाखिल हो गए।इसके बाद वहां मार्शल ने रिपोर्टर्स की टेबल को घेर लिया था। महिला मार्शल को देखकर विरोधी दलों के नेताओं ने अपनी महिला सांसदों को आगे किया। छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की सांसद फुलो देवी नेताम और छाया वर्मा रिपोर्टर्स की टेबल के सामने खड़ी लेडी मार्शल को हटाने की कोशिश करने लगीं। जिससे पुरूष सासदों के चेयर और रिपोर्टर्स की टेबल तक पहुंचने का रास्ता क्लीयर किया जा सके। इसके बाद फुलो देवी नेताम और छाया वर्मा ने पहले लेडी मार्शल से हाथापाई और फिर धक्कामुक्की की।वीडियो फुटेज में इस बात के सबूत हैं कि फुलो देवी नेताम ने महिला मार्शल की गर्दन पकड़ रखी थी और अपने सिर से उसके चेहरे पर हमला करने की कोशिश भी की। जिस महिला के साथ ये बदसलूकी हुई उसका नाम अक्षिता भट्ट है। वह राज्यसभा में सुरक्षा सहायक हैं। उसकी गर्दन पर चोट के निशान थे और शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन थी। मेरे पास सबूत के तौर पर उसकी मेडिकल रिपोर्ट है जो पार्लियामेंट हाउस के CGHS के सीएमओ की साइन की हुई है। अक्षिता के कंधे और छाती की एक्स-रे रिपोर्ट में गंभीर चोटें आई हैं।अक्षिता भट्ट ने अपनी शिकायत में कांग्रेस की 2 सांसदों फूलो देवी नेताम और छाया वर्मा पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। उसने अपनी शिकायत में कहा, 'मैंने संयम बनाए रखा और और पीछे नहीं हटी। इस वजह से मुझे कई जगह चोटें आई हैं।' अक्षिता की बाईं कलाई और बाएं कंधे पर सूजन आ गई है।सदन की कार्यवाही छह बजकर दस मिनट पर स्थगित की गई लेकिन फिर 15 मिनट के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा चेयर की तरफ चढ़ने की कोशिश करते दिखाई दिए। इसके बाद रिपुन बोरा रिपोर्टर्स की टेबल पर चढ़कर चेयर की तरफ जाना चाह रहे थे। करीब 7 से 8 मिनट बाद वहां तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन आए। उनके हाथ में मोबाइल था और वे सारा हंगामा रिकॉर्ड कर रहे थे। टीएमसी की अर्पिता घोष, मौसम नूर और डोला सेन सदन की पहली कतार में बेंच पर खड़ी थीं। हैरानी की बात ये है कि एक तरफ विरोधी दलों के सांसद हंगामा कर रहे थे तो दूसरी तरफ इसी हंगामे के बीच आरजेडी के मनोज झा और आम आदमी पार्टी के सासंद सुशील कुमार गुप्ता चर्चा में हिस्सा ले रहे थे।राज्यसभा में क्या हुआ, कैसे हुआ, किसने क्या किया, ये बताने की जरूरत नहीं है। बुधवार की शाम को सदन के अंदर जो हुआ उसकी 20 से अधिक तस्वीरें मेरे पास हैं।कैमरे की फुटेज में कौन किसको मारा, यह बताने की जरूरत नहीं है। बुधवार की शाम को सदन के अंदर जो हुआ उसकी 20 से अधिक तस्वीरें मेरे पास हैं। बुधवार शाम जिस वक्त डोला सेन और शांता छेत्री ने कपड़े का फंदा बनाकर वेल में नारे लगाए, उसके कुछ देर बाद कांग्रेस सांसद फुलो देवी नेताम ने पेपर फाड़कर चेयर की तरफ फेंका, ये सारी तस्वीरें हैं। जिस वक्त लीडर ऑफ हाउस पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी चेयरमैन के चेंबर से सदन में दाखिल हो रहे थे तब डोला सेन ने दोनों का रास्ता रोका। इसके बाद कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने शिवसेना के एमपी संजय राउत को सिक्योरिटी ऑफिशियल्स के आगे कर दिया जिससे टेबल ऑफ द हाउस को घेरा जा सके और फिर उन्हें वापस अपनी तरफ खींचा। उसी वक्त कुछ और सांसद ई करीम, रिपुन बोरा, बिनोय बिस्वम और अखिलेश प्रसाद सिंह वेल में आ गए। CPM के राज्यसभा सांसद ई. करीम ने एक मार्शल से धक्कामुक्की की और मार्शल का गला दबाया। इन्ही तस्वीरों में एक लेडी मार्शल को खींचने और घसीटने की भी तस्वीर है। वेल के अंदर उनके साथ मारपीट की गई। पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड है।राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस के बाहरी लोगों को बड़ी संख्या में मार्शल के रूप में विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए तैनात किया गया था। पीयूष गोयल राज्यसभा में नेता सदन हैं और उन्होंने बताया कि कल सदन में सिर्फ 30 मार्शल थे। उनमें 12 महिला मार्शल और 18 पुरुष मार्शल थे। गोयल ने कहा कि ये सदन में रिपोर्टर टेबल और चेयर की सुरक्षा के लिए जरूरी था।राहुल गांधी ने जो आरोप लगाया वह बेहद गंभीर है। संसद के अंदर मार्शल की वर्दी में बाहरी लोगों को कैसे लाया जा सकता है? वह खुद राज्यसभा के सभापति से सवाल कर रहे हैं।हमें पता होना चाहिए कि मार्शल सरकार द्वारा नियुक्त नहीं किया जाता है। मार्शल की नियुक्ति सदन के अध्यक्ष द्वारा की जाती है। जिस वक्त पिछड़े वर्ग से संबंधित बिल पर चर्चा हो रही थी उस वक्त हाउस में 14 मार्शल ही थे जिनमें दो लेडी मार्शल थी। जैसे ही विरोधी दलों के सासंदों ने नारेबाजी शुरू और हंगामे की आशंका बढ़ी तो एहतिहात के तौर पर कुल 42 मार्शल को तैनात किया गया। ज्यादातर मार्शल्स को रिपोर्टर्स टेबल के चारों तरफ खड़ा किया गया ताकि वो एक दीवार बना लें जिससे 10 अगस्त जैसी हरकत दोबारा न हो सके। कोई MP रिपोर्टर्स टेबल पर चढ़कर हंगामा न कर सके।अपने शो में मैंने उन सभी 42 मार्शलों का नाम लिया जिन्हें उनके पदनाम के साथ सदन में तैनात किया गया था। उनका नेतृत्व राजीव शर्मा, विशेष निदेशक (सुरक्षा) कर रहे थे, जिसमें चार अतिरिक्त निदेशक, एक संयुक्त निदेशक, चार उपनिदेशक, आठ सहायक सुरक्षा अधिकारी और छह सुरक्षा सहायक शामिल थे। ये 24 मार्शल राज्यसभा सुरक्षा से हैं। बाकी लॉबी में तैनात सुरक्षा अधिकारी थे और उन्हें सपोर्ट के लिए बुलाया गया था। 42 मार्शलों में 31 पुरुष और 11 महिलाएं थीं। राज्यसभा में एक और सुरक्षा सहायक राकेश नेगी ने भी मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है। राकेश नेगी राज्यसभा में सिक्योरिटी असिस्टेंट हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा सांसद ई. करीम और शिवसेना सांसद अनिल देसाई ने उन पर हमला किया। करीम ने उनकी गर्दन पकड़ ली और घसीटने लगे जिसकी वजह से उनका दम घुटने लगा।कई अनुभवी विपक्षी नेताओं ने इस धक्कामुक्की और हाथापाई की घटना को अपनी आंखों से देखा फिर भी वे सच्चाई को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। भले ही उन्हें सभी मार्शलों के नाम और सभी कैमरा फुटेज क्यों न दिखाए जाएं। उनकी अपनी मजबूरियां हो सकती हैं। लेकिन मामले की वजह क्या थी? आखिर क्या था विवाद?असल में विरोधी दलों ने मॉनसून सेशन की शुरुआत से ही ये तय कर रखा था कि सदन की कार्यवाही किसी कीमत पर नहीं चलने देनी है। चूंकि बुधवार सुबह सरकार के साथ विरोधी दलों की ये सहमति बन गई थी कि पिछडे़ वर्ग से जुड़े संविधान संसोधन बिल पर चर्चा होगी और विरोधी दल भी उसमें हिस्सा लेंगे। यहां तक तो ठीक था। लेकिन सरकार चाहती थी कि जो दो बिल और बचे हैं उन्हें भी पास कराने में विपक्ष सहयोग करे। विरोधी दलों के नेताओं ने कहा कि बाकी बिलों पर चर्चा तब होगी जब सरकार उनके मुद्दों पर चर्चा कराए। इस पर सरकार की तरफ से कहा गया कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार सोमवार तक सदन की कार्यवाही बढ़ा सकती है लेकिन विरोधी दल फिर भी तैयार नहीं हुए। बस यहीं से टकराव की शुरूआत हुई।जिन मार्शल्स को तैनात किया गया था वे सब पार्लियामेंट के कर्मचारी थे। कोई बाहरी नहीं था। ये सारी बातें रिकॉर्ड पर हैं। वे राज्यसभा के कर्मचारी हैं। इन लोगों को माननीय सदस्य जानते हैं, रोज इनसे मिलते हैं। ये सही है कि ज्यादा संख्या में मार्शल्स की तैनाती थी। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बुधवार शाम को 42 मार्शल तैनात किए गए थे। यहां तक कि लोकसभा के सुरक्षा कर्मचारियों की भी मांग की गई थी। फिर भी, विपक्षी नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उन्होंने हाथापाई की और मार्शलों को धक्का दिया। जब वीडियो फुटेज दिखा दिया तो ये कहने लगे कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। वे यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी ही पार्टी के सहयोगियों ने वेल के अंदर धक्कामुक्की और हाथापाई की।राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू का एक लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है। उन्होंने हमेशा पद की गरिमा का ख्याल रखा है। उन्होंने विरोधी दलों के सम्मान की चिंता की है और सबको बोलने का मौका दिया है। उन्होंने किसी की आवाज दबाने की कोशिश नहीं की। लेकिन अगर कोई टेबल पर चढ़ जाए, रूल बुक फाड़ कर चेयर की ओर फेंके तो वह इसे नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं। और सबसे बड़ी दुख की बात है कि आज देश संकट में है। लॉकडाउन की वजह से लोगों को रोजगार खोना पड़ रहा है। जब पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है, पार्लियामेंट में सांसद बहस करने की बजाए हंगामा कर रहे हैं, सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं और मार्शल से धक्कामुक्की कर रहे हैं।इससे भी ज्यादा दुख की बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम को सियासी रंग देने की कोशिश की गई। विरोधी दलों के नेता बार-बार ये कहते रहे कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया। वीडियो दिखाते हैं कि आरक्षण के बिल पर विपक्षी दलों के नेता बोले भी और उन्होंने सुना भी। ये कहना भी सरासर गलत है कि पहली बार मार्शल बुलाए गए, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।मुझे याद है मणिराम बागड़ी और राजनारायण जैसे वरिष्ठ सांसदों को इंदिरा गांधी के शासन के दौरान कई बार मार्शलों ने हाउस से घसीटते हुए बाहर निकाला था। विपक्षी दलों का ये कहना था कि मार्शल्स ने उनके साथ हाथापाई की। महिला सांसदों की पिटाई की। वीडियो सामने आया तो कहा कि सरकार ने सेलेक्टेड वीडियो रिलीज किए हैं। वीडियो फुटेज से इससे साबित होता है कि विरोधी दलों के नेताओं ने हंगामा किया, मार्शल के साथ हाथापाई और मारपीट की।विपक्ष का यह आरोप कि मार्शल की वर्दी में बाहरी लोगों को सदन के अंदर लाया गया, ये बिल्कुल झूठ और बेबुनियाद बात है। ये मार्शल राज्यसभा की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा हैं, जो सालों से काम कर रहे हैं। इन लोगों को बाहर से आए गुंडे और आरएसएस का एजेंट करार देना, इन सिक्योरिटी अफसरों के साथ अन्याय है। सरकार और विरोधी दलों के टकराव में जिस तरह विरोधी दलों के नेताओं ने सुरक्षा कर्मचारियों को मोहरा बनाने की कोशिश की, उसे मैं ठीक नहीं मानता। हमें कभी नहीं भूलना चाहिए कि ये वही सुरक्षा कर्मचारी हैं जिन्होंने 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले के वक्त अपने सीने पर गोलियां खाई थी। अपनी जान पर खेलकर संसद को बचाया था।सवाल संसद की गरिमा और लोकतंत्र की प्रतिष्ठा का है। मुझे लगता है कि राज्यसभा के चेयरमैन को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जो भी दोषी हो सजा देनी चाहिए। मैं एक और बात कहना चाहता हूं कि अब तक जितनी बातें सामने आई हैं उससे साफ है कि विरोधी दल पहले ही तय कर चुके थे कि वे संसद में हंगामा करेंगे। किसी भी कीमत पर संसद की कार्रवाई चलने नहीं देंगे। विपक्ष ने वही किया जो वो पहले से तय कर चुके थे लेकिन उन्होंने इसका सारा इल्जाम उल्टा सरकार पर डाल दिया। इसे किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता। मैं तो यही उम्मीद करूंगा कि जो हंगामा इस सेशन में हुआ और जैसी तस्वीरें इस बार देखने को मिलीं, वे आगे देखने को न मिलें। इसके लिए जरुरी है कि सभी दलों के सांसद आपस में बैठें, चेयरमैन की सलाह लें और आपस में तय करें कि आगे से ऐसी घटना न हो ताकि संसद सुचारू रूप से चले। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 12 अगस्त, 2021 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_1197017791 = {"file": 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816744560bdadceeba3927419e2da2dd | https://www.indiatv.in/india/national/10th-pass-youth-are-being-given-free-laptops-do-not-click-on-this-link-even-fraudulently-pib-fact-check-2022-02-04-834377 | 10वीं पास युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जा रहे हैं? इस लिंक पर भूलकर भी ना करें क्लिक | सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की फोटो के साथ एक लिंक शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री लैपटॉप वितरण योजना के अतंर्गत बड़ा फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री लैपटॉप वितरण योजना 200 के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है, जिसमें सभी 10वीं पास (उम्र 16 से 40 वर्ष) युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जाएंगे। | नई दिल्ली। प्रधानमंत्री लैपटॉप वितरण योजना 2022 के तहत 10वी पास युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगा एक लिंक तेजी से शेयर किया जा रहा है, इस लिंक पर क्लिक करने से पहले इसकी सच्चाई जान लें। कोरोना कॉल में ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों ने नए-नए तरीके निकाल लिए हैं, जिसको लेकर गृह मंत्रालय हमेशा से सतर्क करता रहता है। अगर आपके पास भी फ्री लैपटॉप को लेकर इस तरह का कोई लिंक या मैसेज आया है तो पहले इसकी सच्चाई जान लें वरना आप धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं और आपका बैंक अकांउट खाली हो सकता है।दरअसल, सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की फोटो के साथ एक लिंक शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री लैपटॉप वितरण योजना के अतंर्गत बड़ा फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री लैपटॉप वितरण योजना 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन हो रहा है, जिसमें सभी 10वीं पास (उम्र 16 से 40 वर्ष) युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जाएंगे। साथ ही मैसेज में ये भी कहा जा रहा है कि अपने मोबाइल से अभी इस लिंक में रजिस्ट्रेशन कर लें। इस लिंक पर भूलकर भी क्लिक ना करें https://pm-laptop--vitaran-yojana-2022.blogspot.com/जानिए क्या है सच्चाईसरकार के लिए तथ्यों की जांच करने वाली प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी है। पीआईबी की तरफ से ट्वीट में कहा गया है कि, 'दावा: प्रधानमंत्री लैपटॉप वितरण योजना 2022 के तहत 10वी पास युवाओं को फ्री लैपटॉप दिए जा रहे हैं। #PIBFactCheck केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। ऐसे फर्जी संदेशों को फॉरवर्ड/शेयर न करें। ऐसे लिंक व वेबसाइट पर अपनी निजी जानकारी भी साझा न करें।आप भी करा सकते हैं फैक्ट चेकअगर आपके पास कोई इस तरह का मैसेज आता है और आप उसकी सच्चाई जानना चाहते हैं तो फैक्ट चेक करा सकते हैं। इसके लिए आपको पीआईबी के ऑफिशियल फेसबुक पेज https://factcheck.pib.gov.in/ पर जाना होगा। इसके अलावा आप व्हाट्सएप नंबर +918799711259 या ईमेलः pibfactcheck@gmail.com पर भी जानकारी दे सकते हैं। |
c1fe84181378d1f9290beea3ea8f5819 | https://www.indiatv.in/india/national-mamata-banerjee-attacks-pm-modi-donald-trump-774408 | ममता बनर्जी का PM मोदी पर हमला, कहा- "ट्रंप के साथ जो हुआ, उससे भी बुरा होगा" | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें “सबसे बड़ा दंगाबाज” करार दिया। | शाहगंज (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें “सबसे बड़ा दंगाबाज” करार दिया। TMC प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी (PM Narendra Modi) किस्मत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से भी बुरी होगी। हुगली जिले के शाहगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पूरे देश में झूठ और नफरत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े दंगाबाज हैं। ट्रंप के साथ जो हुआ, उनके (मोदी के) साथ उससे भी बुरा होगा। हिंसा से कुछ हासिल नहीं किया जा सकता।” बनर्जी ने कहा, “मैं विधानसभा चुनाव में गोलकीपर रहूंगी और तुम (भाजपा) एक भी गोल नहीं कर पाओगे। सभी शॉट गोल पोस्ट के ऊपर से चले जाएंगे।” इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कोयले की हेराफेरी से जुड़े एक घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी से सीबीआई पूछताछ की भी निंदा की।सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह “हमारी महिलाओं का अपमान” था। इस बीच क्रिकेटर मनोज तिवारी और कई बंगाली अभिनेता रैली में ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी में शामिल हुए।(इनपुट-भाषा) |
d32fe3ae2e99123e520f72dc551163d5 | https://www.indiatv.in/india/national-over-37-57-crore-vaccine-doses-administered-in-india-so-far-union-health-ministry-801123 | भारत में अब तक 37.57 करोड़ से अधिक टीके लगाए गए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में अब तक कोविड-19 टीके की दी गई खुराक की कुल संख्या 37.57 करोड़ को पार कर गई है। | नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि देश में अब तक कोविड-19 टीके की दी गई खुराक की कुल संख्या 37.57 करोड़ को पार कर गई है। शाम सात बजे तक की एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से टीके की 34,01,696 खुराक शनिवार को दी गई। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को 18-44 वर्ष आयु वर्ग में पहली खुराक के रूप में 15,72,451 टीके लगाए गए और दूसरी खुराक के रूप में 1,74,472 टीके लगाए गए।टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से कुल मिलाकर, देश भर में 18-44 वर्ष आयु वर्ग के 11,16,46,378 व्यक्तियों को उनकी पहली खुराक मिल चुकी है और 36,93,265 लोगों को दूसरी खुराक मिल चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन का आंकड़ा 37.57 करोड़ (37,57,10,173) के पार पहुंचा। आज शाम 7 बजे तक कोरोना वायरस वैक्सीन की 34 लाख से ज़्यादा डोज़ लगाई जा चुकी हैं।आठ राज्यों- बिहार, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश 18-44 वर्ष आयु वर्ग में कोविड-19 टीके की 50 लाख से अधिक पहली खुराक दे चुका है।मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, केरल, ओडिशा, पंजाब, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल ने 18-44 वर्ष आयु वर्ग के 10 लाख से अधिक लोगों को पहली खुराक दे चुका है। |
627e52d7b8d4116af5f196ba5c2b3117 | https://www.indiatv.in/india/national-modi-cabinet-expansion-2021-full-detail-800456 | PM मोदी के नए मंत्रिमंडल में 27 OBC, 12 दलित और 3 अनुसूचित जनजाति के मंत्री होंगे: सूत्र | पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में देश के अधिकतर राज्यों और वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है, 8-10 मंत्रियों की छुट्टी होने जा रही है | नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार आज होने जा रहा है और इस विस्तार के बाद प्रधानमंत्री मोदी का मंत्रिमंडल कैसा होगा इसकी एक्सक्लूसिव जानकारी इंडिया टीवी को मिली है। मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल में युवा और अनुभवी चेहरों का संगम होगा। इसके अलावा देश के अधिकतर राज्यों और अधिकतर वर्गों को प्रतिनिधित्व मिलने जा रहा है। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के अनुसार पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में वकील, डॉक्टर, इंजीनियर और मैनेजमेंट ग्रेजुएट की संख्या बढ़ जाएगी। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के अनुसार आज होने वाले कैबिनेट विस्तार के बाद प्रधानमंत्री मोदी का जो नया मंत्रिमंडल होगा उसमें 68 से ज्यादा मंत्री होंगे और उनमें 27 लोग ऐसे हैं जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंध रखते हैं, 12 मंत्री ऐसे होंगे जो दलित समुदाय से संबंध रखते हैं और 3 मंत्री ऐसे होंगे जो अनुसूचित जनजाति से संबंध रखते हैं। मिली जानकारी के अनुसार नए मंत्रिमंडल में देश के 25 राज्यों का प्रतिनिधित्व होगा और बड़े राज्यों के अलग अलग क्षेत्रों से अलग अलग मंत्री होंगे यानि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य से ज्यादा मंत्री मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं और 5 अल्पसंख्य चेहरे भी होंगे।इंडिया टीवी को मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के नए मंत्रिमंडल में युवा और अनुभवी मंत्रियों का संगम होगा और मंत्रिमंडल की औसत आयु घटकर 58 वर्ष हो जाएगी। मंत्रिमंडल में अलग अलग क्षेत्रों के प्रोफेशनल होंगे जिनमें 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर, 7 सिविल सर्वेंट, 7 पीएचडी होल्डर और 3 MBA शामिल होंगे। सभी मंत्रियों में 68 मंत्री कम से कम ग्रेजुएट हैं, यानि यह तय है कि मंत्रिमंडल का नया आकार 68 से ज्यादा होगा जो अभी तक 53 था। मंत्रिमंडल में अनुभव को रखने के लिए 4 ऐसे लोग भी होंगे जो पूर्व में अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इसके अलावा 18 लोग ऐसे होंगे जिनके पास सरकार में काम करने का पुराना अनुभव है, 23 लोग ऐसे होंगे जो कम से 3 बार पहले सांसद रह चुके हैं तथा 14 मंत्री ऐसे होंगे जिनकी आयु 50 वर्ष से नीचे है और उनमें 6 लोग कैबिनेट रैंक के मंत्री होंगे। |
5d5e1a3c25fb6f36d09d6b16735955af | https://www.indiatv.in/india/national/missing-boy-from-arunachal-pradesh-found-chinese-army-informed-to-indian-army-2022-01-23-832679 | चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के लापता लड़के की दी सूचना, भारतीय सेना लगातार कर रही संपर्क | डिफेंस पीआरओ ने बताया है कि चीनी सेना ने हमें सूचित किया है कि उन्हें अरुणाचल प्रदेश का एक लापता लड़का मिल गया है और उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। | Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश से लापता एक लड़के के बारे में पता चल चुका है। रविवार को मिली जानकारी के मुताबिक चीनी सेना ने भारतीय सेना को इसके बाबत जानकारी दी है। डिफेंस पीआरओ ने बताया है कि चीनी सेना ने हमें सूचित किया है कि उन्हें अरुणाचल प्रदेश का एक लापता लड़का मिल गया है और उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।अरुणाचल प्रदेश के बीडेपी सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों पर एक युवक के अपहरण का आरोप लगाया था। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट करके जानकारी थी और पीएम मोदी और अमित शाह से लड़के को बचाने की गुहार लगाई थी। अब उम्मीद जताई जा रही है कि लड़का अपने घर जल्द लौट आएगा।तापिर गाओ ने ट्वीट किया था, "चीनी पीएलए ने मंगलवार को जि़दो गांव के 17 वर्षीय श्री मिराम तारोन को भारतीय क्षेत्र के लुंगटा जोर क्षेत्र (चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क बनाया) से सियुंगला क्षेत्र (बिशिंग गांव) में अपहरण कर लिया है। यह इलाका अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले में है। उसके दोस्त पीएलए की गिरफ्त से भाग निकले और अधिकारियों को सूचना दी। केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध है कि वे उसकी जल्द रिहाई के लिए कदम उठाएं।"जानिए पूरी घटनाघटना अपर सियांग जिले की है। जहां चीन ने 2018 में 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया था वहींं से 17 साल के एक स्थानीय युवक का अपहरण किया गया। किशोर के अन्य दोस्त भागने में सफल रहे। उन्होंने घटना की सूचना अधिकारियों को दी और मामला अरुणाचल प्रदेश के एक सांसद तापिर गाओ के ध्यान में लाने का काम किया है। |
766a11454f3f7bebcdd188bd02d34e0f | https://www.indiatv.in/india/national-covid-19-positive-oxygen-level-check-black-pepper-honey-ginger-pib-fact-who-786808 | तो क्या काली मिर्च, शहद-अदरख से नहीं होंगे कोरोना संक्रमित? सामने आई ऑक्सीजन लेवल चेक करने की सच्चाई | दरअसल, कहा जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कोरोना वायरस का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है। | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच कोरोना से बचाव के सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य कोरोना संक्रमित हो गया है, तो आप भी अपनी तरफ से या सोशल मीडिया पर वायरल तरीकों से इलाज करने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लें। दरअसल, एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कोरोना वायरस का घरेलू उपचार ढूंढ लिया है व विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी इसे स्वीकृति दी गई है।जानिए कोरोना के इस घरेलू इलाज को WHO ने क्या पहली बार में दी स्वीकृति?सोशल मीडिया पर यूपी के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह के नाम से जोड़कर कोविड-19 से जुड़ा एक घरेलू नुस्खा वायरल हो रहा है। इसमें सांसद के हवाले से कहा जा रहा है कि 'एक सुखद समाचार, भारतीय छात्र ने ढूंढा कोरोना संक्रमण का घरेलू इलाज WHO ने दी पहली बार में स्वीकृति'। मैसेजे में कहा जा रहा है कि पांडिचेरी विश्वविद्यालय के एक भारतीय छात्र रामून ने कोविड-19 के संक्रमण का घरेलू इलाज खोज लिया, जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति प्रदान कर दी। उसने सिद्ध कर दिया कि एख चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण, दो चम्मन शहद, थोड़ा सा अदरख का रस लगातार 5 दिनों तक लिया जाए तो कोरोना के प्रभालव को 100 प्रतिशत तक समाप्त किया जा सकता है। संपूर्ण जगह इस उपचार को लेना आरंभ कर रहा है। अंतत: 2021 में एक सुखद अनुभव। इसे अपने सभी समूहों में प्रेषित अवश्य करें। जानिए क्या है सच्चाईकेंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की फैक्ट चेक यूनिट ने इसको वायरल मैसेज को लेकर सच्चाई सामने ला दी है। पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने ट्वीट कर बताया कि ऐसे भ्रामक संदेश साझा न करें। कोविड-19 से जुड़ी सही जानकारी हेतु आधिकारिक सूत्रों पर ही विश्वास करें।ऑक्सीजन लेवल चेक करने का ये तरीका है फर्जीसाथ ही एक अन्य वायरल मैसेज में ऑक्सीजन लेवल चेक करने के तरीके के बारे में बताया जा रहा है। वायरल मैसेज में कहा जा रहा है कि अगर आप A और B नाम के दो पॉइंट दिए गए हैं जिसमें अगर आप A से लेकर B तक अपनी सांस रोकने में कामयाब होते हैं तो आप कोरोना फ्री हो जाएंगे। कई लोग इस मैसेज को सही मानकर सांस रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पर क्या वाकई ये तरीका सही है। इस बात का जवाब खुद एक डॉक्टर ने दिया है। फहीम नाम के एक डॉक्टर कि मानें तो ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए वायरल हो रहा ये तरीका फर्जी है और इसे ट्राई करना सही नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि 'ये मैसेज फर्जी है, इसे बिल्कुल भी ट्राई न करें। ये बिल्कुल सही नहीं है।' |
c492cc58c113f3ba07debd569db3d166 | https://www.indiatv.in/india/national-india-coronavirus-deaths-surpasses-2000-total-cases-295041-on-wednesday-april-21st-785962 | कोरोना संक्रमण का फूटा 'बम', 24 घंटे में 2.95 लाख से ज्यादा केस और 2000 से ज्यादा लोगों की गई जान | कोरोना के संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 16 लाख से ज्यादा टेस्ट हुए हैं और अबतक देश में 27 करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं और जिस रफ्तार से नए मामले आ रहे हैं उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि देश में कोरोना संक्रमण का बम फूट चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 2.95 लाख से ज्यादा मामले आए हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर कभी अमेरिका में जिस तरह के हालात थे और उसी तरह के हालात भारत में नजर आ रहे हैं। देश में अब कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों का आंकड़ा 21.57 लाख के भी पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सिर्फ कोरोना संक्रमण के मामले ही नहीं बढ़े हैं बल्कि देश में कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 2023 लोगों की जान चली गई है। सबसे ज्यादा मौतें, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़,उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में हुई हैं। 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र में 351 लोगों की जान गई है जबकि दिल्ली में 240 लोगों को कोरोना ने अपना शिकार बनाया है। हालांकि कोरोना से लोगों को सुरक्षित करने के लिए देशभर में टीकाकरण को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 29.90 लाख लोगों को वैक्सीन का टीका लगाया गया है और अबतक 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। सरकार ने पहली मई से सभी व्यस्क नागरिकों को टीका लगवाने की अनुमति दे दी है और संभावना है कि आने वाले दिनों में टीकाकरण में तेजी आएगी। कोरोना के संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 16 लाख से ज्यादा टेस्ट हुए हैं और अबतक देश में 27 करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। देश में कुल कोरोना मामलों का आंकड़ा 1.56 करोड़ तक पहुंच गया है। |
f03e79c27e76e9e736c76dd71ee4a4a7 | https://www.indiatv.in/india/national-jind-mahapanchayat-demands-repeal-of-farm-laws-rakesh-tikait-latest-news-770057 | जींद की महापंचायत में किसान नेताओं ने की कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग | रियाणा के जींद में आज हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। जींद के कंडेला गांव में हुई इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में यह मांग की गई। | जींद: हरियाणा के जींद में आज हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। जींद के कंडेला गांव में हुई इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में यह मांग की गई। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में हुई महापंचायत के दौरान वह मंच भी टूट गया जिस पर किसान नेता बैठे हुए थे। शुरुआती खबरों के मुताबिक जींद जिले के कंडेला गांव में बनाए गए मंच के टूटने से कोई घायल नहीं हुआ। मंच पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा थे, जिसके कारण यह भार सहन नहीं कर पाए। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई हफ्ते से टिकैत दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। वह महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए कंडेला गांव आए। महापंचायत में कई खाप नेताओं ने भी भाग लिया। इसका आयोजन टेकराम कंडेला की अगुवाई में सर्व जातीय कंडेला खाप ने किया है। मंच गिरने के बाद टिकैत ने लोगों से अफरातफरी नहीं मचाने की अपील की।महापंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, कृषि कर्ज माफी और 26 जनवरी को हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करने की मांग की गयी। लोगों को संबोधित करते हुए कंडेला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सीधी वार्ता करनी चाहिए। करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है। किसान यूनियनों ने प्रदर्शन स्थल के आसपास इंटरनेट सेवा बंद करने और प्रशासन द्वारा उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्ग को अवरूद्ध करने की सोमवार को घोषणा की थी।ये भी पढ़ें |
79f4df5f7b4e872835c20cf298fc0061 | https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-pays-tribute-to-freedom-fighter-vinayak-damodar-savarkar-on-the-occasion-of-his-birth-anniversary-792857 | स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती आज, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि | स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर वीर सावरकर को नमन किया | नई दिल्ली: स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर वीर सावरकर को नमन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा-आजादी की लड़ाई के महान सेनानी और प्रखर राष्ट्रभक्त वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक के भगूर गांव में हुआ। 1937 में वह हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी चुने गए थे। उन्हें वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है। |