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प्रसिद्द कबीर अध्येता, पुरुषोत्तम अग्रवाल का यह शोध आलेख, उस रामानंद की खोज करता है
0female
prasidda kabIra adhyetA, puruShottama agravAla kA yaha shodha Alekha, usa rAmAnaMda kI khoja karatA hai
किन्तु आधुनिक पांडित्य, न सिर्फ़ एक ब्राह्मण रामानंद के, एक जुलाहे कबीर का गुरु होने से, बल्कि दोनों के समकालीन होने से भी, इनकार करता है
0female
kintu Adhunika pAMDitya, na sirfa eka brAhmaNa rAmAnaMda ke, eka julAhe kabIra kA guru hone se, balki donoM ke samakAlIna hone se bhI, inakAra karatA hai
उस पर, इन चार कवियों का गहरा असर है
0female
usa para, ina chAra kaviyoM kA gaharA asara hai
इसे कई बार मंचित भी किया गया है
0female
ise kaI bAra maMchita bhI kiyA gayA hai
यहाँ प्रस्तुत है, हिन्दी कवि कथाकार, तेजी ग्रोवर के अंग्रेज़ी के मार्फ़त किए गए अनुवाद के, कुछ अंश
0female
yahA.N prastuta hai, hindI kavi kathAkAra, tejI grovara ke aMgrezI ke mArfata kie gae anuvAda ke, kuCha aMsha
मूल से, अंग्रेज़ी में लाने का काम, मीना कंदसामी ने किया है, और अंग्रेज़ी से हिन्दी अनुवाद, गिरिराज किराडू ने
0female
mUla se, aMgrezI meM lAne kA kAma, mInA kaMdasAmI ne kiyA hai, aura aMgrezI se hindI anuvAda, girirAja kirADU ne
दूसरी तरफ़, साक्षात्कार में वे सुंदर के विरूद्ध, अपनी रणनीति के बारे में बात करते हैं
0female
dUsarI tarafa, sAkShAtkAra meM ve suMdara ke virUddha, apanI raNanIti ke bAre meM bAta karate haiM
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, भारतीय संगीत ही नहीं, समूचे कला संसार में, एक विलक्षण उपस्थिति रहे
0female
ustAda bismillAha khAna, bhAratIya saMgIta hI nahIM, samUche kalA saMsAra meM, eka vilakShaNa upasthiti rahe
अपने व्यक्तित्व और वाद, दोनों से, वे शास्त्रीय संगीत में एक नए टाईप थे
0female
apane vyaktitva aura vAda, donoM se, ve shAstrIya saMgIta meM eka nae TAIpa the
उन पर दो हिन्दी कवियों का गद्य, इस फ़ीचर में शामिल है
0female
una para do hindI kaviyoM kA gadya, isa fIchara meM shAmila hai
यतीन्द्र मिश्र का सुर की बारादरी, इस नाम से, पेंग्विन यात्रा से शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक से लिया गया है, जो उनकी कला, स्थानीय परम्परा, उनके व्यक्तित्व को, एक साथ पढ़ती हैं
0female
yatIndra mishra kA sura kI bArAdarI, isa nAma se, peMgvina yAtrA se shIghra prakAshya pustaka se liyA gayA hai, jo unakI kalA, sthAnIya paramparA, unake vyaktitva ko, eka sAtha pa.DhatI haiM
उस्ताद को ट्रिब्यूट की तरह लिखा गया व्योमेश शुक्ल का गद्य, उनकी कला को, सांस्कृतिक राजनीति के, प्रतिरोध के, संकेतों की तरह देखता है
0female
ustAda ko TribyUTa kI taraha likhA gayA vyomesha shukla kA gadya, unakI kalA ko, sAMskRRitika rAjanIti ke, pratirodha ke, saMketoM kI taraha dekhatA hai
इस अंक से हम, एक नया खंड, उन कला रूपों पर आरंभ कर रहे हैं, जिन्हें लोक प्रिय या पॉपुलर कहा जाता है
0female
isa aMka se hama, eka nayA khaMDa, una kalA rUpoM para AraMbha kara rahe haiM, jinheM loka priya yA paॉpulara kahA jAtA hai
बस इतना पता है कि उस ज़माने में, एशिया यूरोप अफ़्रीका, और शायद अमेरिका महाद्वीप भी, आपस में जुड़े हुए थे
0female
basa itanA patA hai ki usa zamAne meM, eshiyA yUropa afrIkA, aura shAyada amerikA mahAdvIpa bhI, Apasa meM ju.De hue the
यूरोप का बायाँ हिस्सा अफ़्रीका के दाहिने में, और आस्ट्रेलिया का ऊपरी पश्चिमी किनारा, आज के तमिलनाडु के बगल में था
0female
yUropa kA bAyA.N hissA afrIkA ke dAhine meM, aura AsTreliyA kA UparI pashchimI kinArA, Aja ke tamilanADu ke bagala meM thA
मतलब कि, यू एन ओ जो सपना हमारे भविष्य के लिए देखता है, वो हमारे इतिहास में, पहले ही पूरा हो चुका है
0female
matalaba ki, yU ena o jo sapanA hamAre bhaviShya ke lie dekhatA hai, vo hamAre itihAsa meM, pahale hI pUrA ho chukA hai
मतलब कि, भाषा एक एक्शन नहीं, प्रकृति को देखकर दिया गया हमारा रिएक्शन मात्र है
0female
matalaba ki, bhAShA eka ekshana nahIM, prakRRiti ko dekhakara diyA gayA hamArA riekshana mAtra hai
सूरज को देखकर, हर प्रजाति के मनुष्य के मुँह से, रा ही निकला
0female
sUraja ko dekhakara, hara prajAti ke manuShya ke mu.Nha se, rA hI nikalA
इसलिए, मिस्र में भी सूर्य भगवान, रा हैं, और सिंधु के इस पार भी, सूर्यवंशी भगवान का नाम, राम है
0female
isalie, misra meM bhI sUrya bhagavAna, rA haiM, aura siMdhu ke isa pAra bhI, sUryavaMshI bhagavAna kA nAma, rAma hai
उसमें कहा गया है, कि एक ज़माना था, जब पूरी दुनिया बाबिलू नाम के एक शहर में बसती थी, और एक ही भाषा बोलती थी
0female
usameM kahA gayA hai, ki eka zamAnA thA, jaba pUrI duniyA bAbilU nAma ke eka shahara meM basatI thI, aura eka hI bhAShA bolatI thI
उस शहर के लोगों ने, एक बार, एक बड़ी सी मीनार बनाने की कोशिश की, इतनी ऊँची, कि जिस पे चढ़ के इंसान भगवान के पास पहुँच जाए
0female
usa shahara ke logoM ne, eka bAra, eka ba.DI sI mInAra banAne kI koshisha kI, itanI U.NchI, ki jisa pe cha.Dha ke iMsAna bhagavAna ke pAsa pahu.Ncha jAe
उसके दोस्त, प्रेमिकाएँ, और रिश्तेदार, उसे इसी नाम से बुलाते थे, और वो भी, अक्सर समझ जाता था, कि क्वैं उसी को संबोधित है
0female
usake dosta, premikAe.N, aura rishtedAra, use isI nAma se bulAte the, aura vo bhI, aksara samajha jAtA thA, ki kvaiM usI ko saMbodhita hai
क्वैं की उम्र तकरीबन अठारह साल रही होगी, यानि कि, वो नवकिशोर था, आज का टीनेजर
0female
kvaiM kI umra takarIbana aThAraha sAla rahI hogI, yAni ki, vo navakishora thA, Aja kA TInejara
शिकार करना अनिवार्य था, लेकिन इस मामले मे, क्वैं थोडा कमज़ोर था
0female
shikAra karanA anivArya thA, lekina isa mAmale me, kvaiM thoDA kamazora thA
उसे जंगली जान वरों से डर लगता था
0female
use jaMgalI jAna varoM se Dara lagatA thA
मतलब कि, क्वैं सिर्फ़ मछलियाँ पकड कर, बहुत दिन चैन से नहीं रह सकता था
0female
matalaba ki, kvaiM sirfa maChaliyA.N pakaDa kara, bahuta dina chaina se nahIM raha sakatA thA
उसके अंदर, जाने कहाँ से, एक अजीब सा गुस्सा पनपने लगा था
0female
usake aMdara, jAne kahA.N se, eka ajIba sA gussA panapane lagA thA
कबीले में भी झगड़े बढ़ने लगे, और क्वैं के मूक समर्थक, यानि कि कबीले के बड़े लोग भी, अब धीरे धीरे, उससे कटने लगे
0female
kabIle meM bhI jhaga.De ba.Dhane lage, aura kvaiM ke mUka samarthaka, yAni ki kabIle ke ba.De loga bhI, aba dhIre dhIre, usase kaTane lage
वो रात को देर तक जागता, झाड़ियों की आवाज़ में नए नए स्वर सुनता, और उन्हें जोड़कर, कुछ बनाने की कोशिश करता
0female
vo rAta ko dera taka jAgatA, jhA.DiyoM kI AvAza meM nae nae svara sunatA, aura unheM jo.Dakara, kuCha banAne kI koshisha karatA
पर झाड़ियों से आई एक आवाज़ दुबारा नहीं आती, हर बार, नई तरह का स्वर निकलता, और क्वैं, उन्हें याद करते करते, जोड़ते जोड़ते, परेशान हो जाता
0female
para jhA.DiyoM se AI eka AvAza dubArA nahIM AtI, hara bAra, naI taraha kA svara nikalatA, aura kvaiM, unheM yAda karate karate, jo.Date jo.Date, pareshAna ho jAtA
जिन दिनों बारिश होती, क्वैं की ये उलझन, और बढ़ जाती
0female
jina dinoM bArisha hotI, kvaiM kI ye ulajhana, aura baढ़ jAtI
इसलिए अब वो, दिन भर आवाज़ें इकठ्ठी करता फिरता
0female
isalie aba vo, dina bhara AvAzeM ikaThThI karatA phiratA
जहाँ भी कोई नई ध्वनि सुनता, तुरंत उसे दोहराता
0female
jahA.N bhI koI naI dhvani sunatA, turaMta use doharAtA
नदी किनारे, दो काले गोल पत्थर थे, जो एक दूसरे से रगड़कर, वही आवाज़ दे रहे थे
0female
nadI kinAre, do kAle gola patthara the, jo eka dUsare se raga.Dakara, vahI AvAza de rahe the
क्वैं बड़ी देर तक वहाँ बैठा, उनको रगड़ता रहा, उसके सामने एक खज़ाना खुल गया था
0female
kvaiM ba.DI dera taka vahA.N baiThA, unako raga.DatA rahA, usake sAmane eka khazAnA khula gayA thA
पत्थरों में वो आवाज़ें कैद थीं, जिन्हें वो दुनिया भर में ढूँढता फिरता था
0female
pattharoM meM vo AvAzeM kaida thIM, jinheM vo duniyA bhara meM DhU.NDhatA phiratA thA
अब क्वैं का दिन, दो हिस्सों में बँट गया
0female
aba kvaiM kA dina, do hissoM meM ba.NTa gayA
इसके बाद, वो आज की आवाज़ वाले पत्थरों को, अलग अलग गुच्छों में बाँधता, और उन्हें अपने कँधे पर, लटका लेता
0female
isake bAda, vo Aja kI AvAza vAle pattharoM ko, alaga alaga guchChoM meM bA.NdhatA, aura unheM apane ka.Ndhe para, laTakA letA
कई दिन तो ऐसा होता, कि शाम को, कबीले की ओर लौटते वक़्त, उसके पास, पत्थरों के पचास से ज़्यादा समूह होते
0female
kaI dina to aisA hotA, ki shAma ko, kabIle kI ora lauTate vaqta, usake pAsa, pattharoM ke pachAsa se zyAdA samUha hote
कुछ लोगों को तो डर था, कि क्वैं किसी काले देवता की आराधना करता है
0female
kuCha logoM ko to Dara thA, ki kvaiM kisI kAle devatA kI ArAdhanA karatA hai
इस बीच, क्वैं ने अपने कबीले वालों के साथ, खाना बिल्कुल ही बंद कर दिया
0female
isa bIcha, kvaiM ne apane kabIle vAloM ke sAtha, khAnA bilkula hI baMda kara diyA
अब वो कच्ची मछली, और फलों पर ही ज़िंदा रहता
0female
aba vo kachchI maChalI, aura phaloM para hI ziMdA rahatA
महीने बीतते गए, और क्वैं का पत्थरों वाला खज़ाना, बड़ा होता गया
0female
mahIne bItate gae, aura kvaiM kA pattharoM vAlA khazAnA, ba.DA hotA gayA
खूँ बेढंग से उन्हें बजाता, और अजीब सी आवाज़ सुनकर, खूब हँसता
0female
khU.N beDhaMga se unheM bajAtA, aura ajIba sI AvAza sunakara, khUba ha.NsatA
कभी कभी क्वैं गुस्से में पत्थर उठाकर, फेंक भी देता
0female
kabhI kabhI kvaiM gusse meM patthara uThAkara, pheMka bhI detA
ऐसे ही एक झगड़े में, एक दिन, क्वैं ने खूँ को मार डाला
0female
aise hI eka jhaga.De meM, eka dina, kvaiM ne khU.N ko mAra DAlA
गुस्से में आकर, उसने ज़ोर ज़ोर से चिल्लाना शुरु कर दिया
0female
gusse meM Akara, usane zora zora se chillAnA shuru kara diyA
खूँ का गुस्सा, अभी भी हरा था, और वो फिर से, क्वैं पे ही झपट पड़ा
0female
khU.N kA gussA, abhI bhI harA thA, aura vo phira se, kvaiM pe hI jhapaTa pa.DA
लेकिन इस बार, क्वैं के हाथ में, वो बारिश वाले पत्थर थे, काले गोल पत्थर, जो टप टप करते थे
0female
lekina isa bAra, kvaiM ke hAtha meM, vo bArisha vAle patthara the, kAle gola patthara, jo Tapa Tapa karate the
खूँ के नज़दीक आते ही, ये पूरी ताकत से, उसके माथे पर जा पड़े
0female
khU.N ke nazadIka Ate hI, ye pUrI tAkata se, usake mAthe para jA pa.De
शायद एक ही वार में, खूँ अंधा हो गया
0female
shAyada eka hI vAra meM, khU.N aMdhA ho gayA
उसके बाद, क्वैं ने नुकीले पत्थर उठा कर, खूँ की एक एक नस काट डाली
0female
usake bAda, kvaiM ne nukIle patthara uThA kara, khU.N kI eka eka nasa kATa DAlI
तीन कबीलेवाले बीच में आए, लेकिन वो भी मारे गए
0female
tIna kabIlevAle bIcha meM Ae, lekina vo bhI mAre gae
सुबह होते होते पूरा कबीला खाली हो गया
0female
subaha hote hote pUrA kabIlA khAlI ho gayA
मान लिया गया, कि क्वैं सचमुच रात की ही आराधना करता हैं
0female
mAna liyA gayA, ki kvaiM sachamucha rAta kI hI ArAdhanA karatA haiM
उसके अंदर, कोई काली शक्ति आ गई, जो पूरे कबीले को खाने पे आमादा थी
0female
usake aMdara, koI kAlI shakti A gaI, jo pUre kabIle ko khAne pe AmAdA thI
जिन पत्थरों पे खून लग गया था, उन्हें वो डैन्यूब में धो लाया
0female
jina pattharoM pe khUna laga gayA thA, unheM vo DainyUba meM dho lAyA
कबीले में अब अजीब सी शांति थी, सिर्फ़ क्वैं, और उसके पत्थर ही बोलते थे
0female
kabIle meM aba ajIba sI shAMti thI, sirfa kvaiM, aura usake patthara hI bolate the
पर उसे ऐसे ही अच्छा लगता था
0female
para use aise hI achChA lagatA thA
उन्होंने अपनी राग अदायगी में, जिस एक चीज़ पर सर्वाधिक मेहनत की है, वो उनका मींड़ का काम है
0female
unhoMne apanI rAga adAyagI meM, jisa eka chIza para sarvAdhika mehanata kI hai, vo unakA mIM.Da kA kAma hai
प्रसिद्ध संगीत विद्वान, चेतन करनानी लिखते हैं, बिस्मिल्ला खान की कला की सबसे बड़ी खूबी ये है कि, उनके ध्वनि विन्यास की शुद्धता, उत्तेजना जगाती है
0female
prasiddha saMgIta vidvAna, chetana karanAnI likhate haiM, bismillA khAna kI kalA kI sabase ba.DI khUbI ye hai ki, unake dhvani vinyAsa kI shuddhatA, uttejanA jagAtI hai
उनकी सांगीतिक प्रतिभा अप्रतिम है
0female
unakI sAMgItika pratibhA apratima hai
वे राग का विस्तार करने, उसकी सरंचना के ब्यौरों को उभारने में, हमेशा बेहद सधे हुए और जागरूक रहे हैं
0female
ve rAga kA vistAra karane, usakI saraMchanA ke byauroM ko ubhArane meM, hameshA behada sadhe hue aura jAgarUka rahe haiM
बिस्मिल्ला खान की मींड़, जो उनकी वादन कला का सबसे सशक्त पक्ष बन गयी है, देखने लायक है
0female
bismillA khAna kI mIM.Da, jo unakI vAdana kalA kA sabase sashakta pakSha bana gayI hai, dekhane lAyaka hai
वादन के समय, मींड़ लेते वक्त, वे सुरों में जो मोड़ घुमाव और दैवीय स्पर्श महसूस कराते हैं, वो सुनने वाले को, अपूर्व अनुभव देता है
0female
vAdana ke samaya, mIM.Da lete vakta, ve suroM meM jo mo.Da ghumAva aura daivIya sparsha mahasUsa karAte haiM, vo sunane vAle ko, apUrva anubhava detA hai
लगता है कि बिस्मिल्ला खान, मींड़ लेते वक्त, शहनाई नहीं बजा रहे, बल्कि शरीर के किसी घाव पर, मरहम कर रहे हैं
0female
lagatA hai ki bismillA khAna, mIM.Da lete vakta, shahanAI nahIM bajA rahe, balki sharIra ke kisI ghAva para, marahama kara rahe haiM
शहनाई में मींड़ भरने की यह दिव्यता, उनकी कला यात्रा का सबसे प्रमुख बिन्दु बन गयी है
0female
shahanAI meM mIM.Da bharane kI yaha divyatA, unakI kalA yAtrA kA sabase pramukha bindu bana gayI hai
शहनाई में मींड़ के काम पर, चेतन करनानी की यह बात, बिस्मिल्ला खान के उस घनघोर रियाज़ की ओर इशारा करती है
0female
shahanAI meM mIM.Da ke kAma para, chetana karanAnI kI yaha bAta, bismillA khAna ke usa ghanaghora riyAza kI ora ishArA karatI hai
यदि एक सुर का कोई कण, सही पकड़ में आ गया, तो समझो कि सारा संगीत, तुम्हारी फूँक में उतर आयेगा
0female
yadi eka sura kA koI kaNa, sahI paka.Da meM A gayA, to samajho ki sArA saMgIta, tumhArI phU.Nka meM utara AyegA
सा और रे का फर्क करने की तमीज़, उन्हें मींड़ को बरतने के व्या करण के सन्दर्भ में ही, बचपन से सिखायी गयी थी
0female
sA aura re kA pharka karane kI tamIza, unheM mIM.Da ko baratane ke vyA karaNa ke sandarbha meM hI, bachapana se sikhAyI gayI thI
संगीत के व्या करण का अनुशासन मिला हुआ है, और पूरब की लोक लय व देसी धुनें, शहनाई के प्याले में आकर ठहर गयी हैं
0female
saMgIta ke vyA karaNa kA anushAsana milA huA hai, aura pUraba kI loka laya va desI dhuneM, shahanAI ke pyAle meM Akara Thahara gayI haiM
वो इसी बात की ओर बार बार इशारा करती हैं, कि संगीत के मींड़, व तान की तरह ही, उनके जीवन में कला और रस, एक सुर से दूसरे सुर तक, बिना टूटे हुए पहुँचे हैं
0female
vo isI bAta kI ora bAra bAra ishArA karatI haiM, ki saMgIta ke mIM.Da, va tAna kI taraha hI, unake jIvana meM kalA aura rasa, eka sura se dUsare sura taka, binA TUTe hue pahu.Nche haiM
वे एक साधारण इन्सान हैं, जिनके भीतर, आपको अनायास ही, सहज मानवीयता के दर्शन होते हैं
0female
ve eka sAdhAraNa insAna haiM, jinake bhItara, Apako anAyAsa hI, sahaja mAnavIyatA ke darshana hote haiM
ये खान साहब कोई दूसरे हैं
0female
ye khAna sAhaba koI dUsare haiM
उनसे मिलना, मोमिन के उस शेर से मिलना है, जहाँ वे यह दर्ज करते हैं, तुम मेरे पास होते हो, जब कोई दूसरा नहीं होता
0female
unase milanA, momina ke usa shera se milanA hai, jahA.N ve yaha darja karate haiM, tuma mere pAsa hote ho, jaba koI dUsarA nahIM hotA
ये कोई दूसरा न होने जैसा व्यक्ति, एक उस्ताद है, जो प्रेम में पड़े हुये हैं
0female
ye koI dUsarA na hone jaisA vyakti, eka ustAda hai, jo prema meM pa.De huye haiM
उन्हें काशी से बे पनाह मुहब्बत है
0female
unheM kAshI se be panAha muhabbata hai
वो शहनाई को, अपनी प्रस्तुति का एक वाद्य यन्त्र नहीं मानते, बल्कि, उसे सखी, और महबूबा कहते हैं
0female
vo shahanAI ko, apanI prastuti kA eka vAdya yantra nahIM mAnate, balki, use sakhI, aura mahabUbA kahate haiM
अपनी पत्नी के गुज़र जाने के बाद से, उनकी यह महबूबा ही, उनके सिरहाने बिस्तर पर, साथ सोती है, और अपने प्रेमी को दो एक क्षण, खुद की खुशी बटोरने का, बहाना देती है
0female
apanI patnI ke guzara jAne ke bAda se, unakI yaha mahabUbA hI, unake sirahAne bistara para, sAtha sotI hai, aura apane premI ko do eka kShaNa, khuda kI khushI baTorane kA, bahAnA detI hai
वे आज भी, बचपन में कचौड़ी खिलाने वाली कुलसुम को, पूरी व्यग्रता से याद करते हैं
0female
ve Aja bhI, bachapana meM kachau.DI khilAne vAlI kulasuma ko, pUrI vyagratA se yAda karate haiM
अपने बड़े भाई, शम्सुद्दीन का जब भी ज़िक्र करते हैं, भीतर के जज़्बात, दोनों आँखों की कोरों में, पानी बनकर, ठहर जाता है
0female
apane ba.De bhAI, shamsuddIna kA jaba bhI zikra karate haiM, bhItara ke jazbAta, donoM A.NkhoM kI koroM meM, pAnI banakara, Thahara jAtA hai
हड़हा सराय से अलग, वे कहीं जाना नहीं चाहते, फिर वो लाहौर हो, या लन्दन, कोई फ़र्क नहीं पड़ता
0female
ha.DahA sarAya se alaga, ve kahIM jAnA nahIM chAhate, phira vo lAhaura ho, yA landana, koI farka nahIM pa.DatA
अपने भरे पूरे कुनबे के साथ रहना, और पाँचों वक्त की नमाज़ में संगीत की शुद्धता को मिला देना, उन्हें बखूबी आता है
0female
apane bhare pUre kunabe ke sAtha rahanA, aura pA.NchoM vakta kI namAza meM saMgIta kI shuddhatA ko milA denA, unheM bakhUbI AtA hai
गंगा के पानी के लिये उनकी श्रद्धा देखते बनती है
0female
gaMgA ke pAnI ke liye unakI shraddhA dekhate banatI hai
देश में, जब भी कोई फ़साद होता है, तो हर एक से उस्ताद कहने लगते हैं, कि भैया, गंगा के पानी को छू लो, और सुरीले बन जाओ, फिर लड़ नहीं पाओगे
0female
desha meM, jaba bhI koI fasAda hotA hai, to hara eka se ustAda kahane lagate haiM, ki bhaiyA, gaMgA ke pAnI ko ChU lo, aura surIle bana jAo, phira la.Da nahIM pAoge
वे प्रेम को इतने नज़दीक से महसूस करते हैं, कि प्रेम का वितान रचने वाले रागों के पीछे पगलाये से घूमते हैं
0female
ve prema ko itane nazadIka se mahasUsa karate haiM, ki prema kA vitAna rachane vAle rAgoM ke pIChe pagalAye se ghUmate haiM
अपने कमरे में जब बैठते हैं, तब ऊपर आसमान की ओर ताकना, उनकी फ़ितरत में शामिल है
0female
apane kamare meM jaba baiThate haiM, taba Upara AsamAna kI ora tAkanA, unakI fitarata meM shAmila hai
लगता है उनकी शहनाई के सात सुरों ने ही, ऊपर सात आसमान रचा है
0female
lagatA hai unakI shahanAI ke sAta suroM ne hI, Upara sAta AsamAna rachA hai
खुदा और सुर, संगीत और अज़ान, जैसे उनके शरीर का पानी, और रूह है
0female
khudA aura sura, saMgIta aura azAna, jaise unake sharIra kA pAnI, aura rUha hai
उनका पूरा शरीर, और व्यक्तित्व ही, जैसे लय का बागीचा है, जिसे उन्होंने ढेरों घरानों से, अच्छे अच्छे फूल तोड़कर, सजाया हुआ है
0female
unakA pUrA sharIra, aura vyaktitva hI, jaise laya kA bAgIchA hai, jise unhoMne DheroM gharAnoM se, achChe achChe phUla to.Dakara, sajAyA huA hai
इस बागीचे में, आप शुरू से अन्त तक घूम आइये, तो दुनिया भर की सुन्दर चीज़ों के साथ, एक अनन्यता महसूस करेंगें
0female
isa bAgIche meM, Apa shurU se anta taka ghUma Aiye, to duniyA bhara kI sundara chIzoM ke sAtha, eka ananyatA mahasUsa kareMgeM
कुल मिलाकर किस्सा कोताह ये, कि बिस्मिल्ला खान, सिर्फ़ एक कलाकार नहीं हैं, वो मानवीय गरिमा की सबसे सरलतम अभि व्यक्ति हैं
0female
kula milAkara kissA kotAha ye, ki bismillA khAna, sirfa eka kalAkAra nahIM haiM, vo mAnavIya garimA kI sabase saralatama abhi vyakti haiM
उनके साथ होने में, हमें अपने को थोड़ा बड़ा करने में, मदद मिलती है
0female
unake sAtha hone meM, hameM apane ko tho.DA ba.DA karane meM, madada milatI hai
आधा गाँव उपन्यास की पहली पंक्ति है
0female
AdhA gA.Nva upanyAsa kI pahalI paMkti hai
गाज़ीपुर के पुराने तेले में, अब एक स्कूल है, जहां गंगा की लहरों की आवाज़ तो आती है, लेकिन, इतिहास के गुनगुनाने, या ठंडी सांसें, लेने की आवाज़, नहीं आती
0female
gAzIpura ke purAne tele meM, aba eka skUla hai, jahAM gaMgA kI laharoM kI AvAza to AtI hai, lekina, itihAsa ke gunagunAne, yA ThaMDI sAMseM, lene kI AvAza, nahIM AtI
अजीब सी पंक्ति नहीं है, गंगा की लहरें, जितनी मूर्त और यथार्थ हैं, इतिहास उतना ही अमूर्त
0female
ajIba sI paMkti nahIM hai, gaMgA kI lahareM, jitanI mUrta aura yathArtha haiM, itihAsa utanA hI amUrta
गंगा की लहरों का, क्या कोई इतिहास नहीं, बिलाशक है, राही मासूम रज़ा, तीसरी ही पंक्ति में बता देते हैं
0female
gaMgA kI laharoM kA, kyA koI itihAsa nahIM, bilAshaka hai, rAhI mAsUma razA, tIsarI hI paMkti meM batA dete haiM
गंदले पानी की इन महान धाराओं को न जाने कितनी कहानियाँ याद होंगी
0female
gaMdale pAnI kI ina mahAna dhArAoM ko na jAne kitanI kahAniyA.N yAda hoMgI
इस्लाम और अन्य किसी भी धार्मिक अस्मिता के संदर्भ में, यह देखा जा सकता है कि, वे इलाकाई आधार पर बदलती रहती हैं, और दूसरे, उनके भीतर के कई द्वंद, देखे जा सकते हैं
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islAma aura anya kisI bhI dhArmika asmitA ke saMdarbha meM, yaha dekhA jA sakatA hai ki, ve ilAkAI AdhAra para badalatI rahatI haiM, aura dUsare, unake bhItara ke kaI dvaMda, dekhe jA sakate haiM
राष्ट्रवाद सामुदायिक पहचान की तलाश में, आसानी से धर्म की ओर मुड़ता है
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rAShTravAda sAmudAyika pahachAna kI talAsha meM, AsAnI se dharma kI ora mu.DatA hai
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