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2 classes
Bail Application_2008_202101-04-2021407
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में प्रार्थी, अभियुक्त <नाम> <नाम> शर्माका शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है कि जिसमें यह वर्णित है कि अभियुक्तगण का यह प्रथमअग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक सक्षेंप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> के द्वाराथाना खेरागढ <नाम> <नाम> तहरीर इस आशय की दी गईं कि-दिनांक 20.07.214 को समयकरीब 09.00 बजे वादी के मकान के सामने विपक्षी द्वारा करीब 50 मीटर की दूरी परसमरसेविल का वोरिंग <नाम> रहा था। वादी ने <नाम> किया कि यहयू <नाम> उसके हैंडपम्प कावोरिग हैं इसी बात से क्षुब्थ होकर विपक्षी राजवीर, गोकुल, <नाम> एक साथ वादी के घर परआ धमके, वादी के ऊपर गोकुल द्वारा लोहे की सरिया से प्रहार किया, लेकिन बीच में वादीके पिता <नाम> <नाम> उक्त सरिया को पकडा, सरिया छूट जाने <नाम> पुनः सरिया से प्रहारवादी के पिता रोशल <नाम> <नाम> ही <नाम> दिया। जिससे सिर फट गया। सिर में काफी घाव होगया। शोरगुल सुनकर मौहल्ले वाले आ गये। इतने में उक्त विपक्षी फरार हो गये। वादी नेअपने पिता को <नाम> हास्पीटल में भेज दिया। दौरान उपचार उनकी अस्पताल में मृत्यु होगई । ", "उक्त तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण राजवीर, गोकुल व <नाम> के विरूद्धमु0अ0सं० 194 / 2014 धारा-304 भा०दं0सं० थाना खेरागढ <नाम> <नाम> मुकदमा पंजीकृतहुआ। विवेचना के उपरान्त अभियुक्त <नाम> उर्फ जनका के विरूद्ध <नाम> 304 भा०द0सं0 मेंआरोपपत्र प्रेषित किया गया। ", "साक्ष्य आने <नाम> <नाम> 319 द0प्र0सं0 के अर्न्तगत दिनांक 12.02.2024 को Bail Application/3524/2021 -Rajveer Vs. UP State —2— अभियुक्तगण राजवीर, गोकुल व <नाम> को <नाम> उर्फ जनका के विचारण में तलबकिया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया हैकि अभियुक्तगण को झूठा फंसाया गया है, उन्होने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वेनिर्दोष हैं। यह भी तर्क किया गया कि अभियुक्तगण के नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जहुई। विवेचना में अभियुक्तगण के विरूद्ध साक्ष्य <नाम> पाते हुए आरोपपत्र प्रेषित नहीं कियागया। अभियुक्तगण के विरूद्ध किसी भी प्रकार का कोई साक्ष्य नहीं है। <नाम> ही अपराध मेंसंलिप्तता है। अभियुक्तगण द्वारा किसी प्रकार की चोट कारित नहीं की गई है। अभियुक्तगण को पुलिस गिरफ्तार करना चाहती है, वे अग्रिम जमानत देने को तैयार हैं। अतः: प्रार्थी / अभियुक्तगण द्वारा अग्रिम जमानत <नाम> मुक्त किये जाने की <नाम> की गई। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने अग्रिम जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कथन किया है कि अभियुक्तगण को इस मामले की पूर्णजानकारी है और न्यायालय में विचारण <नाम> आरोप पत्र दाखिल किया गया, तदोपरान्तसाक्ष्य आने <नाम> अभियुक्तगण को <नाम> 319 द0प्र0सं० के अर्न्तगत विचारण <नाम> तलबकिया गया है। अभियुक्तगण विचारण में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। अग्रिम जमानत काकोई आधार नहीं है। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र को निरस्त किये जाने की याचनाकी गई । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्धान अधिवक्ता व विद्धान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी व वादी के विद्धान अधिवक्ता को सुना तथा उपलब्धप्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्तगण के नाम प्रथम सूचनारिपोर्ट पंजीकृत कराई गई। विवेचना के उपरान्त अभियुक्त <नाम> उर्फ जनका केविरूद्ध <नाम> 304 भा०द0सं0 के अर्न्तगत आरोपपत्र प्रेषित किया गया। विचारण के दौरानसाक्ष्य <नाम> कराये जाने के पश्चात अभियोजन की ओर से <नाम> 319 द0प्र०स0 केअर्न्तगत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किये जाने <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण को विचारण <नाम> तलबकिया गया है। ", "दं0प्रणससं) की <नाम> 438 में सत्र न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालयको अग्रिम जमानत प्रदान किए जाने की शक्तियों से सशक्त किया गया है, यदिप्रार्थी,/ अभियुक्त को यह <नाम> करने का <नाम> है कि अजमानतीय अपराध को कारितकरने के अपराध में उसे गिरफतार <नाम> लिया जायेगा और झूठे मामले में आलिप्त कियाजा रहा है। इन परिस्थितियों में प्रार्थी,/ अभियुक्त अग्रिम जमानत का आवेदन पत्र प्रस्तुतकर सकता है। अग्रिम जमानत आवेदन पत्र गिरफतार किए जाने की आशंका की <नाम> मेंप्रस्तुत किया जाता है। यह शक्ति असाधारण <नाम> की है और अपवादिक <नाम> में हीन्यायालय द्वारा प्रयुक्त किया <नाम> चाहिए। वर्तमान मामले में पुलिस प्रपत्रों व अन्यसामग्री के अवलोकन से यह स्पष्ट प्रकट हो रहा है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण <नाम> धारा304 का अभियोग लगाया गया है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्र, साक्ष्य व अन्यसामग्री के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि अभियुक्त <नाम> उर्फ जनका को धारा304 भाएदं0सं० का प्रथम दृष्टया आरोप पाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कियाहै। विचारण के दौरान साक्ष्य आने <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तगण को <नाम> 319 द0प्रठ॑ंस0 केतहत दिनांक 12.02.2021 को न्यायालय द्वारा विचारण <नाम> तलब किया गया है इसकेबावजूद वह न्यायालय में नियमित <नाम> से उपस्थित <नाम> होकर उनके द्वारा यह अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी / अभियुकतगण मामले में नामजद है और वादी के पिता <नाम> सरिया Bail Application/3524/2021 -Rajveer Vs. UP State —3— से प्रहार किये जाने और उससे वादी के पिता का सिर फटने एवं दौरान उपचार उनकीमृत्यु होने का आरोप है। प्रार्थी / अभियुक्तगण विचारण में भी उपस्थित नहीं हो रहे हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण द्वारा किया गया अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रथम सूचना रिपोर्टके सम्यक परिशीलन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तगण के विरूद्ध वादी व उसकेपिता <नाम> सरिया से प्रहार करने एवं दौरान उपचार वादी के पिता की मृत्यु होने काअभियोग है। प्रथम दृष्टया यह समाधान होने का कोई आधार नहीं है कि रिपोर्टअसद्भावी <नाम> से दर्ज कराई गई हो। प्रथम सूचना रिपोर्ट से यह भी प्रकट नहीं होता हैकि प्रार्थी / अभियुक्तगण को केवल परेशान करने अथवा अपमानित करने के उद्देश्य सेसूचना दर्ज कराई गई हो। " ] }
0DENIED
Bail Application_1081_202111-02-20212541
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त क द्वारास्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> कुमारअवर अभियन्ता 33/11 के.वी.उपकन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना जगदीशपुरा,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक13.05.2018,// 14.05.2018 की <नाम> के बीच टीम के अन्य सदस्यों के साथचैकिंग किये जाने <नाम> अभियुक्ता <नाम> सरोज को अवैध <नाम> से विद्युत काउपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कीगयी । ", "्रार्थी/अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्ता ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस कस में झूंठाफॅसाया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमनशुल्क / बकाया जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्ता न्यायिक अभिरक्षा मेंहै। अत: जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। " ], "judge-opinion": [ " (2)उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्शी/ अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहींहै। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीद संख्या-ए772706 / 28 दिनांकित 01.06.2018 अंकन 4000/- रूपये दाखिल की गयीहै। इस संबंध में कार्यालय अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, कमलानगर, जिला <नाम> के द्वारा थानाध्यक्ष जगदीशपुरा, जनपद <नाम> को एकपत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है कि उपभोक्ता द्वारा अपना शमनशुल्क जमा <नाम> <नाम> है। अतः शमन के आधार <नाम> पंजीकृत अपराध कोसमाप्त करने का कष्ट करें। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वानअधिवक्ता द्वारा सब्मिट का पृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4316_201913-08-2019681
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमामत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के <नाम> व पैरोकाररजनीकान्त के शपथ पत्र से समर्थित है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादिया मुकदमाकविता द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयीकि वह व उसकी बहन डौली, दोनों आज दिनाक 28.07.2019 को समयकरीब 03:00 बजे <नाम> पुष्पांजलि बाजार गए थे। एक लड़का तोताराम गो काहै, उसने उसे पीछे से बुरी नीयत से पकड़ लिया व उसकी बहन डौली ककपड़े फाड़ दिए व मारपीट की। शोच मचाने <नाम> वह भाग गया। उसकी उम्र22 वर्ष है तथा उसकी बहन की उम्र 20 वर्ष है। इस संबंध में प्राथमिकीअंकित की गयी। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त द्वारा वादिनी व पीड़िता के साथ मारपीट, छेड़छाड़ की गयी है तथा पीड़िता के कपड़े फाड़े गए हैं। उपरोक्त आधघारों <नाम> जसानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> सिंहकुशवाह एवं विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4316/2019रविकान्त उर्फ तोताराम बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 29.07.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी व पीड़ितागढ़ एक ही जगह के रहने वाले हैं। प्रार्थी वादिनीके परिवार से कहा-सुनी हो गयी थी जिसके <नाम> वादिनी के परिवारीजनने देख लेने की धमकी दी थी। प्रार्थी दिनाक 28.07.2019 को नगला बूढी मेंपरिकमा देने वाले लोगों के लिए भण्डारे का इन्तजाम <नाम> रहा था। प्रार्थी नेकढ़ाई रास्ते में रख दी थी, उसी समय उक्त प्रकरण की वादिनी व पीड़िताका निकलना हुआ और कढ़ाई पीड़िता के पैर से लग गयी। इस बात परवादिनी व पीड़िता ने प्रार्थी के साथ मारपीट की और फोन करके पुलिस कोबुला लिया और इस प्रकरण में झूठा फंसा दिया। प्रकरण में कोई गवाहदर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थी पूर्व सजा याफूता नहीं है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्र्रार्थना पत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रअन्य किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 28.07.2019 की समय 15:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> वादियाव पीडिता के साथ मारपीट करने ततथा पीडिता के पकडे फाङने का आरोपहै । प्रार्थी को दिनाक 29.07.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचनापर गिरफूतार किया गया है। सम्पूर्ण केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शितनहीं होता है कि पीड़िता द्वारा तथाकथित फटे हुए कपड़े विवेचक को प्राप्तकराए गए हों। केस डायरी <नाम> उपलब्ध वादिया व पीडिता की चिकित्सीयपरीक्षण आख्या के अनुसार उनकें चिकित्सीय परीक्षण दिनाक 28.07.2019 कोकमशः 06:00 पी0एम0 व 06:15 पी0एम0 <नाम> किए गए हैं। उक्त चिकित्सीय (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4316, 2019रविकान्त उर्फ तोताराम बनाम राज्यपरीक्षण आख्याओं के अनुसार वादिया व पीड़िता के शरीर <नाम> चोट का कोईनिशान नहीं पाया गया है। प्रार्थी लगभग 15 <नाम> से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुतनहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6636_201913-12-2019559
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के चाचा व पैरोकारसुन्दर के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाअरून <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायीगयी कि दिनाक 31.10.2019 को वह मय हमराहियान वाहन चैकिंग में मामूरथे कि उसी दौरान एक मोटरसाईंकिल <नाम> आते तीन व्यक्तियों को गिरफूतारकिया गया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो एक ने अपनानाम <नाम> बताया। जामा तलाशी में पहनी पैण्ट से एक अदद तमंचा, दोजिन्दा कारतूस, एक मोबाइल व 2200/~ रूपए नगद बरामद हुए । दूसरे नेअपना नाम सोनू बताया। इसकी जामा तलाशी में 1200/- रूपए व एकमोबाइल बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकीजामा तलाशी में एक मोबाइल व 200/- रूपए नगद बरामद हुए। इन तीनोंके कब्जे से एक मोटरसाईकिल बरामद हुई । अभियुक्तयण को जुर्म से अवगत्तकराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 01.11.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी दिनाक 30.10.2018 को अपने खेत <नाम> <नाम> <नाम> रहा थातभी खेत के पास ही स्थित खेत <नाम> जो पुलिस का मुखबिर है, से पानीको लेकर कहा सुनी हो गयी। दिनाक 31.10.2019 को थाना डौकी कीपुलिस प्रार्थी को दोपहर 01:00 बजे घर से उठाकर ले गयी और इस केस मेंफंसा दिया। जो भी बरामदगी दिखायी गयी है, वह झूठी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। <नाम> का कोई स्वतन्त्र <नाम> महींहै। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जसानत का विरोधकरते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त की गिरफूतारी के दौरान उससेअवैध <नाम> से एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस तथा लूट का <नाम> व मोटरसाईकिल बरामद की गयी है। उपरोक्त आघारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6636/2019अशोक <नाम> बनाम राज्य्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> एम0एस0कुशवाह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले मेंघटना दिनाक 31.10.2019 की है। प्रार्थी <नाम> उसकी गिरफूतारी के दौरान उसके कब्जे एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व एक मोटरसाईकिल अवैध रूपसे बरामद होने का आरोप लगाया गया है। प्रश्‍नगत मोटरसाईकिल को किसीअपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग डेढ़ माह से जिलाकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1581_202030-07-2020735
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सुलेमान का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा आशूअली द्वारा दिनांक 14.07.2020 को थाना लोहमण्डी <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी कि उसने अपना रिक्शा दिनांक 09.07.2020 को समय करीब 9.30 बजेशाम को अपने घर के बाहर खड़ा किया था, जब वह अगले <नाम> सुबह टूटा तो <नाम> किउसके ई-रिक्शा की बेटरी बोक्स के ताले हटे थे और उससे बैटरी गायब थी, उसने काफीखोजबीन की, किन्तु कहीं से कुछ पता नहीं चल सका। उसकी बैटरी रिक्शा की बैटरियाँकोई अज्ञात चोर चुरा <नाम> ले गया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया कि्रार्थी/अभियुक्त को उक्त मुकदमे में झूठा फंसाया गया है, प्रार्थी/ अभियुक्त से कोईनाजायज वस्तु बरामद नहीं है, पुलिस द्वारा फर्जी कार्यवाही दिखायी गयी है, <नाम> काकोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ्रार्थी/ अभियुक्त किसी न्यायालय से सजायाफ्ता नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त का जमानत्रार्थनापत्र अवर न्यायालय से निरस्त हो चुका है। प्रार्थी/अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा मेंनिरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> कहा गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, उसको इस मामले में पुलिस द्वारा झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है, प्रथम सूचना रिपोर्टविलम्ब से दर्ज करायी गयी है। पुलिस द्वारा अभियुक्त के पास से बैटरी की फर्जीबरामदगी दिखायी गयी है, बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। इन्हीं आधारो <नाम> Bail Application/5239/2020 —-Suman ® Chachu Vs. UP State2जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा बैटरी चोरी कीगयी तथा उससे बैटरी बरामद हुई है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुएजमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त को बैटरी बरामद होने के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल किया गया है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त से बैटरी की बरामदगी होना कहा गया है, बरामदगी का कोईस्वतन्त्र <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त किसी बरामदगी से इंकार करता है और इसप्रकरण में झूठा फसाना <नाम> है। अभियुक्त दिनांक 16.07.2020 से न्यायिक अभिरक्षा मेंहै। थाने से प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का कोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया गयाहै। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2533_202108-04-2021106
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 21.05.2019 को उप निरीक्षक मोहम्मद नदीम पुलिस दल के साथ, मुखबिर की सूचना <नाम> बसई खुर्द में टपलू ढाबे के कोने मेंबने घर <नाम> गये तो जाली के अन्दर झांककर <नाम> कि दो व्यक्ति बाल्टियों में कुछसफेद वस्तु डाल रहे थे तथा दो व्यक्ति अपमिञ्रित शराब को प्लास्टिक की पन्नियों मेंभर रहे थे। दो महिलायें पन्नी उठाकर खरीदने वाले को <नाम> रही थीं। पन्नी भरने वालाव्यक्ति ग्राहकों से पैसे लेकर अपने पास रखे थेले में डाल रहा था। कच्ची शराब कीतीव्र गन्ध आ रही थी। तब आवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> मौके <नाम> एक व्यक्ति तथा दोमहिलाओं को पकड़ लिया तथा <नाम> व्यक्ति छत के रास्ते से बिकी की गयी शराबके रूपये लेकर भाग गये। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछते हुए जामातलाशी ली गयी तो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 रमेशचन्द्र, बताया जिसके सामने रखीदो बाल्टियों में करीब 15-15 लीटर अपमिश्रित शराब बरामद की गयी। पकड़ी गयी Bail Application/4418/2021 -Pramod Kumar Vs. UP State 2दोनों महिलाओं ने अपने नाम सैगो पत्नी <नाम> तथा मनजीता पत्मी विनोदबताया,जिनकी जामातलाशी से कमश: 650 एवं 350 रूपये बरामद किये गये। भागे गयेव्यक्तियों के बारे में पूछा गया तो बताया <नाम> <नाम> द्वारा बताया गया कि उनमेंउसका <नाम> <नाम> पुत्र रमेशचन्द्र तथा दूसरा <नाम> <नाम> पुत्र रमेशचन्द्र एवं दोपड़ौसी <नाम> उफ बच्चा पुत्र <नाम> एवं <नाम> उफ॑ अमूल पुत्र <नाम> <नाम> थे। सब लोगमिलकर अपमिश्रित शराब बनाकर बेचते हैं। मौके <नाम> <नाम> को सर्व मुहर किया गयातथा फर्द बरामदगी तैयार की गयी । ", "फर्द बरामदगी के आधार <नाम> थाना ताजगंज <नाम> <नाम> मु0अ०सं0 495/ 2019अर्न्तयत <नाम> 272,273 भा०द॑0सं० व 60 आबकारी अधिनियम अभियुक्तगण कृष्णकुमार, उफ <नाम> सैगो, मनजीता, <नाम> <नाम> <नाम> उर्फ बच्चा तथा <नाम> उर्फअमू के विरूद्ध अभियोग दर्ज किया गया। ", "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त द्वारा स्वयं को निर्दोष बताते हुए झूंठाफंसाये जाने का कथन किया गया है। यह कथन भी किया गया है कि अभियुक्तगरीब है तथा मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। मौहल्ले केलोगों की पार्टीबंदी एवं रंजिश के <नाम> पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है। मौके परकच्ची शराब को खरीदते हुए अथवा बेचते हुए कोई व्यक्ति नहीं पाया गया है। घटनाका कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। सम्बन्धित थाना पुलिस झूठे मुकदमे लगाकर औरकेसों में फंसा सकती है तथा उसे गिरफूतार <नाम> सकती है। अतः अभियुक्त की ओरसे प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए थाना प्रभारी को आदेशितकरने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारीतथा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा अभिलेखों का परिशीलन किया। ", "अभियुक्त <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। केस डायरी में विवेचकद्वारा संकलित साक्ष्य के अनुसार अभियुक्त <नाम> द्वारा अपने <नाम> <नाम> <नाम> उर्फकान्हा एवं <नाम> तथा पत्नी <नाम> सैगो आदि के साथ मिलकर घर में कच्चीअपमिश्रित शराब बनाकर विकय की जा रही थी तथा अभियुक्त <नाम> मौके से भागगया। प्रकरण में अपमिश्रित अवैध शराब एवं विकय से प्राप्त रूपये, अभियुक्त प्रमोदकुमार के घर से <नाम> अभियुक्तगण से बरामद हुए हैं। विवेचना के उपरान्त सहअभियुक्तगण <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> सैगो, मंजीता एवं <नाम> उर्फ चड्डा केविरूद्ध <नाम> 272,273 भा.द.सः व 60 आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत आरोप पत्र प्रेषितकिया जा चुका है तथा अभियुक्तगण <नाम> <नाम> एवं <नाम> उर्फ अमू के विरूद्धविवेचना प्रचलित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4673_201903-09-20194857
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी पेरौकार श्रीमतीअनु <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनोक 25.07.2019 को वह मय हमराहियान थाना <नाम> मेंरोकथाम जुर्म जरायम आदि में मामूर थे कि उसी दौरान एक व्यक्ति को शकहोने <नाम> पकड़ा गया। पकड़े गए व्यक्ति ने बताया कि उसके पास हीरोइन हैतो उससे कहा गया कि आप अपनी तलाशी किसी राजपत्रित <नाम> यामजिस्ट्रेट के समक्ष चलकर <नाम> सकते हैं तो उसने पुलिस द्वारा ही जामातलाशी लिए जोन की सहमति व्यक्त की। पकड़े गए व्यक्ति से नाम पतापूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> उफअक्कू <नाम> बताया तथा बताया कि उसकी जामा तलाशी से <नाम> पन्नी में38 पुडिया पीले रंग का पाउडर बरामद हुआ जिसे उसने हीरोइन बतायाजिसका कुल वजन 18 ग्राम 220 <नाम> ग्राम पाया गया। अभियुक्त को जुर्मसे अवयत कराते हुए हिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार कीगयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 26.07.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी को दिनाक 25.07.2019 को <नाम> 11:00 बजे खाना खातेसमय उसके घर से उठाया गया है। प्रार्थी से कोई बरामदगी महीं है। बरादमगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> दर्शित नहीं किया गया है। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया किअभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गय है तथा उसके कब्जे सेनाजायज <नाम> से हीरोइन पाउडर बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4673 2019ार्गव _ बनामअनुज <नाम> उर्फ अक्क भाराव बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> सुब्रत <नाम> एवंविद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड कोसुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 26.07.2019 की समय 08:15 बजे की है। प्रार्थी परगिरफूतारी के दौरान उसके कब्जे से नाजायज <नाम> से हीरोइन पाउडरबरामद होने का आरोप लगाया गया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी कोपुलिस पार्टी द्वारा दिनाक 26.07.2019 को गिरफ्तार किया <नाम> तथा उसकेकब्जे से 18 ग्राम 290 मिलीग्राम हीरोइन पाउडर बरामद किया <नाम> दर्शितकिया गया है। अभियोजन की ओर से उक्त तथाकथित हीरोइन पाउडर केसंबंध में किसी <नाम> विज्ञान प्रयोगशाला की कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गयीहै । प्रार्थी लगभग 40 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2503_202025-09-20202431
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार रविकान्त यादवपुत्र नेत्रपाल <नाम> जो कि प््रार्थी/अभियुक्त का सगा <नाम> है, ने शपथपत्र प्रस्तुतकिया है, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में रंजिशवश झूंठाफंसाया गया है, जबकि प््रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त का यह द्वितीय वारंट जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायाल, इलाहाबाद मेंविचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त की दिनांक 16.05.2019 को तबीयत खराब होगयी थी, जिस <नाम> उसने अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> <नाम> था, परन्तु अन्यन्यायालय में व्यस्त होने के <नाम> प््रार्थी/अभियुक्त का हाजिरी माफी प्रार्थनापत्रप्रस्तुत करना भूल गये, जिस <नाम> माननीय न्यायालय ने प्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्धगैर जमानती वारंट दिनांक 16.05.2019 को जारी <नाम> दिये, फिर उसको अग्रिम Bail Application/7202/2020 -Ashok Vs. UP State 2तिथियों की जानकारी नहीं हो पायी, क्योंकि वह अपने घर के पालन-पोषण <नाम> कामकरने के लिए <नाम> जिले से बाहर चला गया था। फिर सम्पूर्ण <नाम> में कोविड-19महामारी से लॉकडाउन होने के <नाम> न्यायालय बंद हो जाने से वह अपने विरूद्धजारी गैर जमानती वारंट को निरस्त नहीं <नाम> पाया। लॉकडाउन समाप्त होने के बादजब न्यायालय खुली तब प्रार्थी/अभियुक्त ने स्वयं ही माननीय न्यायालय के समक्षदिनांक 21.07.2020 को आत्मसमर्पण किया, तब से प्रार्थी / अभियुक्त जिला कारागारआगरा में निरूद्ध है । प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है तथागलतीवश उसके विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी हो गये है। प्रार्थी/ अभियुक्तमाननीय न्यायालय के समक्ष नियत तिथियों <नाम> उपस्थित होता रहेगा तथा गैर हाजिरनहीं होगा। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाये। ", "्रार्थी/ अभियुक्त <नाम> के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के आदेशानुसारजमानत <नाम> था। प्रार्थी/अभियुक्त की दिनांक 16.05.2019 को तबीयत खराब हो गयीथी, जिसके बारे में उसने अपने अधिवक्ता को सूचित भी किया लेकिन विद्वानअधिवक्ता अन्य न्यायालय में व्यस्त होने के <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त का हाजिरी माफी्रार्थनापत्र प्रस्तुत करना भूल गये, जिस <नाम> माननीय न्यायालय ने प्रार्थी / अभियुक्तके विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी <नाम> दिये। उसके <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को अग्रिमतिथियों की जानकारी नहीं हो पायी तथा वह अपने परिवार के पालन-पोषण <नाम> कामकरने के लिए <नाम> जिले से बाहर चला गया था, उसके पश्चात्‌ सम्पूर्ण <नाम> मेंकोविड-19 महामारी से लॉकडाउन होने के <नाम> न्यायालय बंद हो गये, जिस कारणवह अपने विरूद्ध जारी गैर जमानती वारंट को निरस्त नहीं <नाम> पाया। ्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा न्यायालय में किये गये आत्म <नाम> के आधार <नाम> दिनांक21.07.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे न्यायहित में जमानतपर <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में जानबूझकर गैर हाजिर हुई है, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू० की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा पूर्व मेंप्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। उसे पुन: जमानत पररिहा किये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्र्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाये। " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/7202/2020 -Ashok Vs. UP State 3्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त अशोकइस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिन बीचमें उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानतीवारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। <नाम> गैर जमानती वारण्ट के आधार पर्रार्थी/ अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1882_202123-03-2021669
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन मेंअभियुक्त के पिता नौशाद <नाम> का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व अभियोजन की तरफ सेउपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया है और केसडायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन <नाम> लिया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा अब्दुल सलाम द्वाराथाने में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी कि दिनांक 29.10.2020को समय करीब सुबह 10:00 बजे उसकी बेटी नसरीन अपनी मौसकी की लडकीशबाना उर्फ शायबा के साथ लेडी लॉयल एस0०एन0 दवा लेने के लिए गयी थी। शबाना उर्फ शायवा अन्दर डॉ० <नाम> के पास चली गयी शबाना उर्फ शायबा वापसआ तो बाहर नसरीन नहीं थी बहुत खोजबीन की कहीं पता नहीं चला तमाम लोगोंसे भी पूछा तो किसी ने बताया कि एक लडकी एक लडके के साथ सडक <नाम> जल्दीजल्दी जा रही थी पता करने <नाम> पता चला कि मुहल्ले का ही शाहरूख पुत्र नौसाद प्रार्थी की पुत्री नसरीन को बहला फुसलाकर कहीं भगाकर ले गया है। आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किवादी मुकदमा ने असत्य आरोप लगाया है तथा झूठा फंसा <नाम> गया है। उसने कोई अपराधनहीं किया है। वह निर्दोष है। विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि विवेचक को दिये गयेबयान में अपहूता द्वारा स्वयं की मर्जी से शाहरूख के साथ <नाम> कहा है। इस मामले में अपहूता को भगा ले जाने का कोई <नाम> नहीं है। अपहूता ने विवेचक को दिये गये बयान मेंअपने को वयस्क बताया है। विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि वह पर्याप्त जमानतें देने केलिए तैयार है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> आवेदक / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने का अनुरोध किया गया है। इसके विपरीत अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्रका विरोध करते हुए कहा गया है कि अपहृता माध्यमिक स्कूल में पढी हुई है और उसकाप्रधानाचार्य द्वारा अपहृता को अवयस्क आयु 17 वर्ष का बताया है। विद्वान सहायक शासकीयअधिवक्ता ने आवेदक / अभियुक्ता का अपराधिक इतिहास भी बताया है और कहा हैऽ किउसके विरूद्व मुअ0सं0 564/2019 <नाम> 354,506 भा0दं0सं0 व 7/8 पॉक्सो अधिनियमपंजीकृत है। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने आवेदक /अभियक्त के कृत्य कोगंभीर बताया है और जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किए जाने का अनुरोध किया है। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली <नाम> उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि अपहुताद्वारा विवेचक को दिये गये <नाम> 161दं0प्रoसं0 के बयान में यह स्पष्ट कथन किया गयास है कि उसने अभियुक्त शाहरूख को स्वयं फोन करके लेडी लॉयल बुलाया था और वह अपनीइच्छा से शाहरूख के साथ चली गयी थी। शाहरूख ने उसे बहला फुसलाकर नहीं भगायाथा। अपहूता का <नाम> 164द0प्रश्‍सं0 का बयान लेखबद्ट कियास गया है जिसमें उसने स्पष्ट कहा है कि उसकी आयु 18 वर्ष है और वह लेडी लॉयल हॉस्पीटल से शाहरूख के साथअपनी मर्जी से गयी थी। उसके उपर कोई दबाव नहीं था। आवेदक / अभियुक्त इस मामलेमें दिनांक 02.11.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। अपहृता की बरामदगी हो चुकी है। आरोपपत्र भी न्यायालय में दाखिल किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त मु0अ0सं0 564 / 2019 में पूर्व से जमानत <नाम> है। इन तथ्य एवं परिस्थितियों में गवाहों को बहलाने फुसलाने याधमकाने का अब कोई अवसर नही रह गया है। इस मामले का निकट भविष्य में विचारणसमाप्त होने की कोई <नाम> नहीं है। प््रार्थी/अभियुक्त विचारण के दौरान अपनीउपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त जमानत देने <नाम> तत्पर हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_472_202027-02-2020466
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा बेगपाल सिंहप्रभारी निरीक्षक थाना फतेहपुर सीकरी, जिला <नाम> ने दिनांक 17.04.2019 को 22-11 बजेथाना <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर महेन्द्रसिंह व गैंग के सकिय सदस्य हाकिम <नाम> <नाम> व <नाम> ने एक संगठित गिरोह बना रखाहै, जिसका गैंगलीडर महेन्द्र <नाम> स्वयं है। गैंगलीडर अपने सकिय सदस्यों के साथ मिलकरहत्या करने जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> अवैध धन अर्जित करता है, इनके आपराधिककृत्यों से <नाम> में भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्तिइनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनकेविरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृतकराया गया है। ", "आवेदकगण /अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदकगण /अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदकगण/ अभियुक्तगण काकोई गिरोह नहीं है और ना ही वे किसी गिरोह का सदस्य है, उनका समाज में कोईभय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उन <नाम> जो मामला दर्शाया गयाहै, वह पारिवारिक रंजिश में झूंठा दर्शाया गया है। आवेदकगण /अभियुक्तगण कारागार में निरूद्ध है। अतःउनको जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तगण आदतन अपराधी है। अभियुक्तगण कासंगठित गैंग है, जिसका अभियुक्त महेन्द्र <नाम> गैंग लीडर है तथा अभियुक्तगण हाकिम <नाम> 2 व <नाम> सकिय सदस्य हैं। अभियुक्तगण के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उनके विरूद्ध अ.सं. 665/18 धारा-147, 148, 149, 302, 307,504 भा.द.स. का मुकदमा लंबित है। अभियुक्तगण का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत निरस्त किये जाने कौ प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्तमामला दर्शाया गया है, जिसमें अभियुक्तगण के विरूद्ध हत्या का प्रयास एवं हत्या करने काअभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। आवेदकगण /अभियुक्तगण <नाम> जिस मुकदमे के आधार <नाम> गैंगस्टर एक्ट कीकार्यवाही की गयी है, उसमें आवेदकगण/अभियुक्तगण की जमानत होने के संबंध मेंजमानत प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में कोई कथन नहीं किया गया है। आवेदकगण / अभियुक्तगण के द्वारा अपने अन्य साथी के साथ मिलकर हत्या किये जाने काआरोप है। आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखतेहुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्तगण उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1408_202105-03-20211451
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र केसमर्थन में अभियुक्त की मां मुन्नीदेवी का शपथ पत्र संलग्न किया गया हूै। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार उप निरीक्षक <नाम> <नाम> दिनांक01.02.2021 को मय हमराही थाना हाजा से देखरेख, <नाम> व्यवस्था चैकिंग संदिग्धवाहन वांछित अपराधी मामूर होकर गुरूद्वारा ओवर ब्रिज <नाम> आये तथा बैरियर लगाकरआने जाने वाले वाहनों की चैकिंग करने लगे तभी मुखबिर ने थाना आकर सूचना दीकि दो बाइक चोर एक चोरी की मोटरसाइकिल <नाम> किसी घटना को अंजाम देने कीफिराक में बाईपुर तिराहा <नाम> ट्रांसफार्मर के पास खडे हैं। यदि जल्दी की जाए तोपकड़े जा सकते हैं। मुखबिर के बताने <नाम> बाईपुर तिराहे <नाम> पहुँचे । मुखबिर खास नेदूर से इशारा करके बताया कि <नाम> जो दो व्यक्ति हीरो स्पेलेंडर मोटरसाइकिल परखड़े हुए हैं ये वही हैं। मुखबिर द्वारा बताये गये व्यक्तियों की तरफ चले तो दोनों @)व्यक्तियों ने मोटरसाइकिल को स्टार्ट <नाम> भागने का प्रयास किया। आवश्यक बलप्रयोग <नाम> पकड लिया तो एक ने अपना नाम <नाम> पुत्र लक्ष्मीनारायन कुशवाह बतायाजिसकी पहने पेंट की दाहिनी जेब से पांच पांच सौ के दो नोट कुल 1,000/-रूपयेके अलावा तथा दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र राधेश्याम बताया जिसकी जामातलाशी से पहने पेंट की पीछे की जेब से कुल 1,000/-रूपये बरामद हुए। पकडे गयेव्यक्तियों के कब्जे से मोटरसाकिल हीरो स्पलैंण्डर <नाम> नम्बर का निरीक्षण किया तोबताया <नाम> करीब चारमहीने पहले हम दोनों ने पल्सर मोटरसाइकिल से <नाम> कुंजकमला नगर से एक व्यक्ति से गले की चेन लूटी थी। चैन लूटते समय चेन टूट गयीतथा चैन का टुकडा हमें मिला उस चैन के टुकडे को 4,000/-रूपये में बेच <नाम> है। आवेदक / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्थी/ अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। उसे झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। शिनाख्त नहीं करायी गयी है। इन्हीं आधारों परजमानत दिये जाने का अनुरोध किया गया है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि वादीमुकदमा ने चैन छीनने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। छीनी गयी चैन के एक टुकडेको 4,000/-रूपये में विकृय किए जाने का आरोप आवेदक/ अभियुक्त <नाम> है। विद्वानसहायक अभियोजन <नाम> ने आवेदक/ अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्य अत्यन्तगंभीर बताया है इन्हीं आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी । मैंने आवेदक / अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता तथाअभियोजन की तरफ से उपस्थित सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कोसुन लिया है तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त सामग्री का अनुशीलन <नाम> लिया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से प्रकट होता है कि आवेदक / अभियुक्तप्राथमिकी में नामित नहीं है उसकी कोई शिनाख्त नहीं करायी गयी है। उसके पास सेचैन की कोई बरामदगी नहीं है। उसके पास से 1,000/-रूपये बरामद होना दर्शायागया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्वहै। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। मामले की निकट भविष्यमें विचारण समाप्त होने की कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त विचारण केदौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त जमानत देने <नाम> तत्पर हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1569_202007-09-20202880
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> सोनू <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "आवेदक /अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त को झूंठाफंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियुक्त का घटना से कोईसम्बन्ध नहीं है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनांक 16.07.2020 से जिला कारागार मेंनिरुद्ध है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के पास से लूट की मोटरसाइकिलें बरामद हुयी हैं। अतः जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> उपनिरीक्षक थानाशमशाबाद द्वारा थाना शमशाबाद <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि दिनांक 16.07.2020 को वह मय हमराही रपट नं0 10 समय 10.13 बजे रवाना होकर भनपुरा तिराहे <नाम> 2थे कि मुखविर ने सूचना दी कि कुछ बदमाश चोरी की मोटरसाइकिल सहित इसी भनपुरा तिराहे की तरफ आने वाले हैं जिनक पास अवैध असलाह भी हैं। इस सूचना परविशवास करके बैरियर लगाकर चैकिंग करना शुरू <नाम> दिया। कुछ देर <नाम> दो मोटरसाइकिल आती हुयी दिखायी दिये। मुखविर ने इशारा करके बताया कि यही तीनोंबदमाश हैं। एक वारगी दविश देकर एक मोटरसाइकिल <नाम> एक व्यक्ति व दूसरी मोटरसाइकिल <नाम> दो व्यक्तियों को पकड़ लिया। नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली ययी तो पहले ने अपना नाम घनश्याम बताया जिसके कब्जे से मोटरसाइकिल स्पलेंण्डर रंगकाला जिसकी प्लेट <नाम> नं0 यू0पी080-सी.एक्स-5230 <नाम> है, बरामद हुयी। जामातलाशी से पहने पेन्ट की बांयी फॅट से एक तमंचा 315बोर, व एक कारतूस बरामद हुआ । ", "दूसरी मोटरसाइकिल के चालक ने अपना नाम <नाम> बताया जिसके पहने पेन्ट कीबांयी फॅट में घुरसा हुआ एक तमंचा 315 बोर व एक अदद कारतूस बरामद हुआ। मोटरसाइकिल <नाम> पीछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> उफ भूरा बताया। उक्त दोनों व्यक्तियों के कब्जे से मोटरसाइकिल स्पलैंण्डर रंग काला व <नाम> जिसकी न॑0 प्लेट <नाम> यू0पी080-एफ.डी.-1244 आकित है, बरामद हुयी। बरामद तमंचा, कारतूस व मोटर साइकिलों के सम्बन्ध में कागजात तलब किये गये तो नहीं दिखा सके। अभियुक्तगण कीनिशादेही <नाम> लहर पट्टी लहर की पुलिया के नीचे से तीन मोटरसाइकिलें बरामद हुयीं,जिनके वह कागजात नहीं दिखा सके। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना शमशाबाद <नाम> मु0अछसं0 146,/2020 अन्तर्गत <नाम> 41/102 सी.आर.पी.सी. व 414,411, 420, 468, 471 भा०दं0सं0 व 15 द0प्रOक्षे0 अधिनियम पंजीकृत इुआ। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान्‌ अभियोजन <नाम> के तर्क सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि आवेदक वसहअभियुक्तगण के कब्जे से दो अदद मोटरसाइकिलों की बरामदगी हुयी है। इसकेअलावा आवेदकगण की निशानदेही <नाम> तीन अन्य मोटरसाइकिलें बरामद हुयी हैं। अभियुक्तगण से बरामद मोटरसाइकिलों का किसी अपराध से सम्बन्ध नहीं हो सका है। इसके अलावा अभियुक्त की निशानदेही <नाम> एक बरामद मोटरसाइकिल के चोरी होने सेसम्बन्धित अ0सं0 145, 2020 अन्तर्गत <नाम> 380 भा०दं0सं0 थाना शमशाबाद के सम्बन्धमें आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को अपर सनत्र न्यायाधीश, कोर्ट सं0 15,आगरा द्वारा दिनांक 13.08.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। बरामदगी का कोईस्वतंत्र <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 16.07.2020 से जिला कारागार मेंनिरुद्ध हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_151_202024-01-20201847
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार रविके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा नरेन्द्रकुमार द्वारा थाना मलपुरा जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनोक 09.12.2018 को वह व उसकी पत्नी पिंकीमोटरसाईकिल से एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपने गोवश्यामों से फतेहपुर सीकरी सौनेठी जा रहे थे कि करीब 92:00 बजे दक्षिणीबाईपास <नाम> नगला <नाम> पुत्र के पास पीछे से अपाचे मोटर साईकिल से तीनलड़के आए और उसकी मोटर साईकिल रूकवाकर उस <नाम> व उसकी पत्नीपर तमंचा तान <नाम> और उसकी पत्नी के पहले हुए जेवर लर, कन्दोनी, लूटकर ले गए जिसकी सूचना उसने 100 नम्बर <नाम> दी। इस संबंध में प्राथमिकीदर्ज की गयी । ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त घटना में संलिप्त रहा तथा उसके द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा की पत्नी के जेवरातों की लूट की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारकुशवाह एवं विद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा अभियोजनप्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 151, 2020दिवाकर बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीगण से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी मौके से गिरफूतार नहीं हुआ है। प्रार्थी दिनांक 04.01.2020 को अपने <नाम> से <नाम> आया था, वहीं से गेटसंख्या-1 से सादा वर्दी में पुलिस वाले उठाकर ले गए और जेल भेज दिया। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी को मुख्य अभियुक्तगण <नाम> उर्फबेदी व <नाम> के इकबालिया कथन के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। शिनाख्त कार्यवाही नहीं करायी गयी है। प्रार्थी दिनाक 05.01.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी भी न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनोक 09.12.2018 की 14:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> प्रश्‍नगत मामलेमें रेकी करने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामितनहीं है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण <नाम> उर्फ वेदी व <नाम> के कथन केआधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है जिन्होंने प्रार्थी की <नाम> लूटकरने के लिए रेकी करने की बतायी गयी है। प्रार्थी से इस मामले से संबंधितकोई बरामदगी दर्शित नहीं की गयी है। केस डायरी के अवलोकन से यहदर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनाक 05.01.2020 को गिरफूतार किया गयाहै । प्रार्थी लगभग 20 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6188_201914-11-20191774
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है । ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाइलयास अंसारी द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृतकरायी गयी कि वह व उसके गॉव का भतीजा रहमत अंसारी दिनाक05.10.2019 को समय करीब 09:30 बजे <नाम> को अग्रसेन मील <नाम> सेट्रक संख्या- जे0एच0 11 / डब्लू0 2922 में 14400 टीन सरसों का तेल और200 कार्टून बोतल पैक सरसों का तेल लोडकर झारखण्ड जिला गिरिडिह जा रहा था। सेंया फलाईओवर रेलवे लाइन किनारे समय करीब रात 11:30 बजेआ रहा था इतने में पीछे से सफेद रंग की बोलेरों गाड़ी में सवार 5-6अज्ञात ने ओवरटेक <नाम> ट्रक को रोक लिया और उसके ट्रक में लोट <नाम> सहित लूट लिया तथा उन दोनों को बोलेरो में डाल <नाम> रात रात भर घुमाते रहे और उसे गाँव नयाबांस के जंगलों में सुबह छोड़कर भाग गए। उसका मोबाइल व उसके कंडक्टर का मोबाइल भी बदमाश छीन ले गए । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रकक्षेत्र) »अपर सत्र न्यायाथीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "प्रार्थ / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 17.40.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है और नही मौके से गिरफतार हुआ है। प्रार्थी की निशानदेही <नाम> कोई बरामदगी भीनहीं है। गिरफतारी का कोई जनसाक्षी नहीं है। <नाम> बरामदगी का कोईजनता का <नाम> नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। यहप्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीभी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त उक्तअपराध में संलिप्त रहा है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त oremपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6188 / 2019भीकम <नाम> कुशवाह उर्फ भीका बनाम राज्यप्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> अरून कुमारसिंह एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 05.10.2019 की समय 21:30 से 23:30 बजे के मध्य की है। ", "प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादी व उसके साथी को बन्धक बनाकर उसका ट्रक व उसमें लदे <नाम> को लूटने व उक्त ट्रक व <नाम> उससे बरामदहोने का आरोप लगाया गया है। प्रार्थी का नाम दौराने विवेचना सह-अभियुक्त हरिओम के बयान के आधार <नाम> <नाम> में आया है। केस डायरी केअवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनोक 17.10.2019 को पुलिसपार्टी द्वारा गिरफ्तार किया गया है तथा उसकी निशानदेही <नाम> प्रश्नगतअपराध से संबंधित लूटे गए <नाम> के 180 खाली टीन तथा उक्त 180 टीनोंके तेल को बेचने से प्राप्त रूपए मु0. 2,09,250,“- रूपए बरामद किए गएहैं। प्रार्थी द्वारा अपने कथन में उक्त लूट का <नाम> लेने व उसे कय किए (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रएक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6188 / 2019भीकम <नाम> कुशवाह उर्फ भीका बनाम राज्यजाने का कथन किया गया है। प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई कारणदर्शित नहीं होता है। सह-अभियुकत हरिओम, बिजेन्द्र उर्फ पप्पू. <नाम> आदिकी जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। अभियोजनकी ओर से प्रार्थी द्वारा मामले में सकिय <नाम> अदा किया <नाम> दर्शितकिया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1187_202005-08-2020569
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के <नाम> व पैरोकारभूरीसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा हरीसिंह द्वारादिनांक 10.02.2020 को समय 22:51 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट यहकथन करते हुए दर्ज करायी गयी कि वह दिनांक 03.02.2020 को समयलगभग 19:40 बजे उसका परिवार अपने ससुर <नाम> <नाम> <नाम> के संजयपैलेस स्थित एस0बी0आई कार्यालय से सेवानिवृत्ति की कार्यवाही के विदाईसमारोह में सम्मिलित होकर निकट भगवान टॉकीज <नाम> वाला के सामनेभोजन करने के लिए बाहर खडे होकर बात <नाम> रहे थे तभी दो अज्ञातबदमाशों ने जो कि बाइक <नाम> आये थे उनमें से एक बाईक <नाम> से उतर कररोड के किनारे खडी उसकी सलेज रेनू के हाथ से पीच व सफेद रंग के बैगको छीनकर भाग गये जिसमें लगभग 20,000/-रूपये नकद एवं एक स्मार्टमोबाइल फोन और घर की चाबियां सहित अन्य सामान था। मोबाइल में दोसिमकार्ड थे। वह व्यक्ति जिसने <नाम> छीना उसने व्हाइट रंग की जैकेट पहनरखी थी। ", "वादी मुकदमा हरीसिंह की लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना न्यूआगरा <नाम> मु0अ0सं0 99/2020 अंतर्गत <नाम> ३92, भा0दं0सं0 पंजीकृत किया (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1187 2020प्रेमसिंह बनाम राज्यगया। दौरान विवेचना अभियुक्त के पास से बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411भा0दं0सं0 की बढोतरी की गयी। विवेचना प्रचलित है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 24.06.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उससे मुकदमे से सम्बन्धित कोई भी वस्तु बरामद नहींहुआ है। प्रार्थी/अभियुक्त के ही रूपये को उक्त अपराध से सम्बन्धित करदिया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट देरी से दर्ज करायी गयी है जिसका कोईस्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों परप्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की सलेज से <नाम> कीलूट की गयी है जिसमें 20,000/-नकद व एक स्मार्टफोन व घर की चाबियांसहित अन्य सामान था की लूट की गयी है। प्रार्थी /अभियुक्त से उक्त लूट के 4,000/-रूपये की बरामदगी हुई है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना गया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन कियागया। ", "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि घटना दिनांक03.02.2020 समय 19:40 बजे क सम्बन्ध में दिनांक 10.2.2020 कोप्रथम सूचना रिपोर्ट अंतर्गत <नाम> 392 भा0दं0सं0 अज्ञात के विरूद्व दर्जकरायी गयी है। घटना के लगभग साढे <नाम> माह बाद्रार्शी/ अभियुक्त की गिरफतारी होने <नाम> स्वयं अभियुक्तगण के बयानके आधार <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त को प्रकरण में नामजद किया गया है (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 1187, 2020प्रेमसिंह बनाम राज्यतथा उसकी निशानदेही <नाम> मु0 4,000//-रूपया की बरामदगी दर्शायीगयी है। कोई कार्यवाही शिनाख्त नहीं की गयी है। प्रार्थी दिनांक24.06.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6106_201924-10-20192491
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ महेन्द्र <नाम> पुत्र चिरोजीलाल का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. सूरज <नाम> थाना इरादतनगर जिला <नाम> द्वारा दिनांक 13.10.19 को समय 22.15 बजे जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> उफ श्रीकेश, लोकेन्द्र उर्फ लुक्का, गब्बर, जोगेन्द्र, सोनू उफ जयवीर <नाम> व देवा उर्फ देवेन्द्र के द्व ररा एक सुसंगठित गिरोह बना लिया गया है, जो अपने साथियों के साथ मिलकर फिरौती, अपहरण, डकैती, <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त रहते है । ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, व 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारितकिया गया है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्धधारा 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकूत कराया गया हूै। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तकं में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त ने कोई अपराध कारित नही किया है। उसे झूँठा फंसाया गया है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमों में उसकी जमानत हो चुकी है। उसका कोईसंगठित गिरोह नही है <नाम> ही वह किसी गिरोह का लीडर है और <नाम> ही किसी गिरोह का सदस्यहै। उसका <नाम> में कोई भय व आतंक व्याप्त नही है। <नाम> ही व अवैध <नाम> से धन अर्जित करताहै। वह उक्त अध्याय में वर्णित अपराधों का आदी नही है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र हैअन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह दिनॉक- 14.05.19 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 41/19 धारा-364ए, 395, 412, 120बी भा.द.सं. थाना-इरादतनगर जिला आगरा। ", "(2) अ.सं. 50/19 धारा-307/34 भा.द.सं. थाना-इरादतनगर जिला <नाम> । के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर फिरौती, अपहरण, डकैती, <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने जेसे जघन्य अपराध करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर फिरौती, अपहरण, डकैती, <नाम> से मारने की नीयत सेफायर करने जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने कीसम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_870_202118-02-20212201
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार दिनेशबाबू ने शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि प्रार्थ /अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय यामाननीय उच्च न्यायालय में <नाम> तो लगाया गया है और <नाम> ही विचाराधीन है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> <नाम> द्वारादिनांक 09.11.2020 को थाना जैतपुर <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि आजदिनांक 09.11.2020 समय करीब 6.15 बजे मैं अपनी दुकान बढ़ाकर अपने <नाम> नवीनके साथ <नाम> लेकर पैदल-2 अपने घर जा रहा था कि अचानक तीन-चार अज्ञातबदमाशों ने मेरा <नाम> छीनने का प्रयास किया, मैं अपने बचाव में <नाम> इलैक्ट्रानिक्सकी दुकान में घुस गया, तभी काफी भीड़-भाड़ इकट्ठी हो गयी वह अज्ञात बदमाशभागते हुए हवाई फायरिंग करते हुए भाग गये। भागते हुए मैनें एक दो बदमाशों केचेहरों को पहचाना है, <नाम> है जिन्हें मैं सामने आने <नाम> पहचान सकता हूँ। रिपोर्टलिखकर कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> की गयी। 2वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना जैतपुर, <नाम> <नाम> ३-4अज्ञात बदमाशों के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 93 / 2020, <नाम> 393 भा0दं0सं0 मेंरिपोर्ट दर्ज की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया है किप्रार्थी / अभियुक्त को इस मामले में रंजिशवश झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईआपराध कारित नहीं किया है। मामले का <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी,, अभियुक्त से कोई बरामदगी भी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में भीप्रार्थी /, अभियुक्त का कोई नाम नहीं है, प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायीगयी है। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को सह-अभियुक्त से पूर्व में हुए मनमुटाव के <नाम> नामलिये जाने <नाम> घर से गिरफ्तार किया गया है। वादी के दो बदमाशों के पहचान लेनेके कथन के बावजूद प्रार्थी / अभियुक्त की कोई शिनाख्त वादी से नहीं करायी गयीहै। प्रार्थी को उक्त मामले से संबंधित अन्य मामलों में भी संलिप्त किया गया है। अग्रेतर यह बताया गया कि उसपर अन्य मु0अ0सं0 244 धारा-392,411भा0द0सं0 एवंमु0अ0सं0० 249 / 20 एवं 93,20 में रिमाण्ड लेकर संलिप्त किया गया है, जिसमेंप्रार्थी /, अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज अधिकतर मामलों में जमानत स्वीकृत हो चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त उचित एवं विश्वसनीय जमानत दाखिल करने को तैयार है। प्रार्थी /, अभियुक्त दिनांक 06.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वाराकिया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। थाने की आख्या मेंप्रार्थी / अभियुक्त का आपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है, अतः उसका जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलनकिया गया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि इस मामले कीप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करवायी गयी थी। प्रार्थी ,/ अभियुक्त को मौके सेगिरफ्तार नहीं किया गया। थाने की आख्ता में प्रार्थी / अभियुक्त के किसी मामले मेंपूर्व सजायाफ्‌्ता होने का कोई कथन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 06.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> भी नहीं दर्शाया गयाहै। प्रार्थी / अभियुक्त को अन्य मामले में गिरफ्तार <नाम> की गयी पूँछताछ के दौरान 3स्वयँ स्वीकारोक्ति के आधार <नाम> अन्य मामले में संलिप्त किया गया है, जिनमेंअधिकांश मामलों में जमानत स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2413_202124-03-2021629
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथआवेदक /» अभियुक्त के द्वारा स्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क रख गया है किप्रार्थी / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में Aol GR TATहै। प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार कियाजाय। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहीं है। ", "प्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग में जमा कराये गये शमन शुल्करसीद एवं विद्युत विभाग द्वारा शमन शुल्क जमा होने के संबंध में जारी पत्र की <नाम> दाखिल की गयी है। इस पत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट कापृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3693_201906-07-20192477
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थिया/अभियुक्ता क पैरोकार अर्जुनसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा फतेहसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायी गयी कि उसका पुत्र <नाम> उम्र करीब 32 वर्ष जो परचून की दुकान करता है,दिनाक 20.04.2019 को अपने बेटे <नाम> के साथ समय करीब 7-8 बजे शामदुकान बंद करके अपनी मोटरसाईकिल से घर के लिए गया था जो अब तकघर नही पहुँचा है। उसकी मोटरसाईकिल छक्की और शेर बीच में सड़क परपड़ी <नाम> है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ", "प्रार्थिया/ अभियुक्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थिया/ अभियुक्ता को मामले में झूंठा फंसाया गया है, (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, व्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3693 2019श्रीमती रामदुलारी बनाम राज्यउसने कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। इसी मुकदमा अपराध संख्यामें प्रार्थिया का जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> 364ए, 395, 412 भारतीय दण्डसंहिता में न्यायालय द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। पूर्व जमानत प्रार्थनापत्र में भूलवश <नाम> 120बी भारतीय दण्ड <नाम> लिखने से रह गयी थी। प्रार्थिया का इस <नाम> में यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावाअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थिया का कोई अपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थिया दिनाक 14.05.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थिया/ अभियुक्त की प्रश्‍नगत मामले में संलिप्तता रही है। उपरोक्त आघधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थिया/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> कुमारचौधरी एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि इसीमुकदमा अपराध संख्या में <नाम> 3640, 395, 412 भारतीय दण्ड <नाम> में ्रार्थिया की जमानत न्यायालय द्वारा दिनाक 26.06.2019 को स्वीकार की जाचुकी है। प्रार्थिया की ओर से कथन किया गया है कि उक्त जमानत प्रार्थनापत्र में भूलवश <नाम> 120बी भारतीय दण्ड <नाम> लिखने से रह गयी थी। चूँकि प्रार्थिया की गम्भीर धाराओं में जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व मेंस्वीकार की जा चुकी है, अतः ऐसी स्थिति में प्रार्थिया की जमानत धारा120बी भारतीय दण्ड <नाम> में भी स्वीकार किए जाने <नाम> है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4684_201912-09-20194493
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के चाचा जुगनू के शपथपत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि उसके मकान के नीचे <नाम> <नाम> अपने परिवार केसाथ किराए <नाम> रहता है। दिनाक 29.04.2019 को समय करीब 03:15 एछएम0 <नाम> कुछ अज्ञात बदमाश बाहर दरवाजे का ताला तोड़कर किराएदार के कमरेमें घुस <नाम> कुछ नगदी व जेवरात चोरी <नाम> लिए। उसके <नाम> उपर उसकेमकान में आए और 22,000/ ~ रूपए नगद, 1 हार, 4 चूड़ी, 7 अंगूठी व 1 चेन अलमारी तोड़कर निकाल ली। जागने <नाम> उसके लड़के की पत्नी <नाम> को धमकाते हुए तमंचा लगाकर डराते हुए चले गए। इस संबंध में प्राथमिकीदर्ज की गयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सनत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 18.08.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी को इकबालिया बयान के आधार <नाम> मामले में अभियुक्तबनाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से अज्ञात में दर्ज करायी गयी है । प्रार्थी से प्रस्तुत प्रकरण से संबंधित कोई बरासदगी नहीं है। जो बरासदगीदिखायी गयी है वह फर्जी है। प्रार्थी का कोई पूर्व अपराधिक इतिहास नहीं ह। गिरफूतारी व बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों पर्रार्शी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसम्मिलित रहा है और उसक द्वारा सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादीमुकदमा के घर में चोरी की गयी है। सह-अभियुक्तगण <नाम> <नाम> उवैश,बन्टी उर्फ नासिर व इरफान की जमानत पूर्व में न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4684/2019इमरान उर्फ एक किलो बनाम राज्य्रार्शी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> शरन <नाम> एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनांक 29.04.2019 की समय 03:15 बजे की बतायी गयी है। प्रार्थी कोदिनाक 18.08.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया <नाम> तथा उसककब्जे से कुल 5,000/- रूपए बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। ", "उक्त 5,000/- रूपए में से मुछ 4,000/- रूपए प्रस्तुत प्रकरण से संबंधित होना कहा गया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा अपने बयान में प्रश्‍नगत अपराध मेंसम्मिलित होने की संस्वीकृति की गयी है। सह-अभियुक्तगण <नाम> <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4684, 2019इमरान उफ एक किलो बनाम राज्यउवैश, बन्टी उफ नासिर व इरफान की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व मेंनिरस्त की जा चुकी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3132_201911-06-20193168
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में स्वयं काशपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त आज <नाम> न्यायालय के आदेश से अंतरिम जमानत परथा तथा उसने आज न्यायालय में आत्मसमर्पण किया हैंअभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा देवेन्द्र <नाम> द्वारा प्रार्थना पत्र अंतर्गत <नाम> 156(3) द0प्र0सं0 यह कथन करतेहुए प्रस्तुत किया गया कि वेह अनुसूचित जाति का जाटव है। उसने <नाम> शर्मासे एक प्लॉट श्रीराधेश्याम कॉलोनी, निकट नगला <नाम> मौजा नरायच तहसीलएत्मादपुर जिला <नाम> का खरीदने के लिए तीन लाख रूपये में सौदा तय किया था। पूर्व से <नाम> पहचान होने के <नाम> शिवकुमार <नाम> के समक्ष राजीवशर्मा को 25हजार रूपये नकद पेशगी बैनामा व एक चेक संख्या 388161 दिनांकित 05.02.2016मु0 2,75,000/-रूपये का दिनांक 10.02.2016 को दिया। बैनामा अगले <नाम> दिनांक11.02.2016 को होना तय हुआ था। अगले <नाम> <नाम> <नाम> ने बैनामा करने सेइन्कार <नाम> <नाम> तब वादी ने अपना चैक मु0 2,75,000/-रूपये तथा 25 हजाररूपये नकद की मांग की। वह टालमटोल करने लगा, वापस नहीं किये। वादी नेसंबंधित बैंक को तुरन्त प्रार्थना पत्र देकर भुगतान रूकवा दिया। दिनांक 08.04.2016को चैक मांगने के लिए <नाम> <नाम> के आफिस धर्मकांटा <नाम> गया तो <नाम> <नाम> एवं 2दो अज्ञात व्यक्तियों ने उसके साथ मारपीट करते हुए भद्दी-भद्दी देकरसार्वजनिक <नाम> से अपमानित करते हुए चमार डेढ़ कहा और कहा कि <नाम> तो चैकमिलेगा और <नाम> ही रूपये। दुबारा मांगने आया तो <नाम> से मार देंगे। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि उसे झूंठा फंसाया गया है। उसके द्वारा इस प्रकार का कोईअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि पैसा केलेनदेन के संबंध मे प्रार्थनापत्र में ही कहा गया है। अभियुक्त द्वारा कोई धमकी वजातिसूचक शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त की ओर से <नाम> 138 परकाम्य लिखत अधिनियम के अंतर्गत दिनाक05.03.2016 को परिवाद प्रस्तुत किया गया है, जिसके <नाम> यह प्रार्थना पत्रदिया गया है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फो0) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा पैसा लेलिया गया और बैनामा नहीं किया गया तथा वादी को गालीगलौज करजातिसूचक शब्दों से अपमानित किया गया व <नाम> से मारने की धमकी दी गयी। ", "उसे जमानत <नाम> छोड़ने का कोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौ0) एवंप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी व पत्रावली कापरिशीलन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्यक परिशीलन से स्पष्ट होता है किविपक्षी के मध्य प्लॉट कय किये जाने के संबंध में पैसा देने व चैक द्वारा भुगतानकरने के संबंध में विवाद है। इसके संबंध में <नाम> 138 परकाम्य लिखत अधिनियमके अंतर्गत कार्यवाही की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3186_201925-06-20192866
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की सास अनीसा का शपथपत्रसंलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, पुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। इस मामले के संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 06.06.19 कोमुकदमा वादी उप निरीक्षक <नाम> <नाम> मय पुलिस कर्मियों के थानाजगदीशपुरा से रवाना होकर बोदला चौकी <नाम> में शान्ती व्यवस्थादेखरेख व संदिग्ध व्यक्ति व वाहन तलाश वाछित अपराधी गश्त में मामूरथे तो उन्हें जरिये मुखबिर सूचना <नाम> कि जिन व्यक्तियों की वे तलाशकर रहे है वह एक <नाम> व्हीलर बिचपुरी से बोदला की तरफ आ रहे है। जिसपर अवधपुरी तिराहे <नाम> आकर बिचपुरी की तरफ से आने वालेटैम्पो का इंतजार करने लगे तथी एक <नाम> व्हीलर आता दिखायी <नाम> जो बिचपुरी की तरफ से आ रहा था। मुखबिर ने इशारा किया कि इसीश्री व्हीलर में चोर बैठे है और उनके पास चोरी का सामान है। टैम्पोनजदीक आने <नाम> रूकने का इशारा किया तो वह पीछे की तरफ मोड़कर भागने का प्रयास करने लगा तो एक बारगी <नाम> मौके दिये दविशदेकर औसतन <नाम> प्रयोग करके उसमें बैठे दो व्यक्तियो को समय 23.20बजे पकड़ लिया। जमा तलाशी <नाम> शरीफ के कब्जे से पैन्ट की दाहिनीजैब में से दो कान के टाप्स पीली धातु व चैन मय पैण्डल के वजनीकरीब 9 ग्राम पीली धातु, कोधनी उल्टा पल्‍ला वजनी करीब 450 ग्रामसफेद धातु जिसमें घुघरू व ठप्पे से लगे है बरामद हुये। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि उसे उक्तअपराध में झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। उससे कोई बरामदगी नहीं हुयी है। आवेदक दिनांक 06.06.19 को ईदका त्यौहार होने के <नाम> अपनी पत्नी व बच्चो को अपने ऑटो सेघूमने जा रहा था तथी दो पुलिस कर्मी जबरन उसके ऑटो में बैठ गयेऔर कहा कि जगदीशपुरा में छोड़ दो। जगदीशपुरा में छोड़ने केउपरान्त जैसे ही पैसे मांगे तो उसके ऑटो को जबरन थाने में बद करदिया तथा आवेदक की पत्नी के पहने हुये जेवरात को उतरवा लियाऔर झूठी बरामदगी दर्शाते हुये कई मुकदमे लगा दिये। आवेदकअभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और ना ही कोई मामलाकिसी भी न्यायालय में विचाराधीन है। उसे मामले में झूठा संलिप्त करदिया गया है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 07.06.19 से जिला कारागारमें निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्कों <नाम> आवेदक अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता ने आवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है किअभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है, उसके कब्जे सेचोरी किया हुआ जेवरात बरामद हुआ है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्धकई मामले दर्ज है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहींहै। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन कियागया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों व अन्य सामग्री के अवलोकनसे यह प्रकट होता है कि आवेदक अभियुक्त से कथित बरामद <नाम> कोकिसी चोरी की घटना से सम्बद्ध नहीं किया गया है। आवेदक अभियुक्तकी शिनाख्त भी नहीं करायी गयी है और ना ही बरामद <नाम> के सम्बन्धमें कोई शिनाख्त हुयी है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0346/19, 251/19, 267/19, 153/19 व 1168/19 एक हीबरामदगी से सम्बन्धित है। अभियोजन की ओर से बरामद <नाम> को चोरीका बताया गया है परन्तु <नाम> <नाम> बरामद <नाम> की कोई शिनाख्त नहींकरायी गयी है और ना ही किसी मामल से सम्बद्ध किया गया है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 07.06.19 से न्यायिक अभिरक्षा में है। इसमामले में अभियोजन की ओर से कोई चोरी की प्राथमिकी भी प्रस्तुत नहींकी गयी है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध उक्त आरोपित अपराधप्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। आवेदक अभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानतेदेने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामले का निकट भविष्य में विचारण होनेकी कोई सम्भावना नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6153_201925-10-20192430
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र कोप्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ धरमवीर पुत्र रामप्रसाद का शपथ पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना सिकन्दरा जिला <नाम> द्वारा दिनांक 23.08.19को समय 18.22 बजे जुबानीप्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुकतगण <नाम> प्रांशु, भूरा उर्फ हरविन्दर <नाम> उर्फ <नाम> पुष्पेन्द्र उर्फ <नाम> <नाम> महेन्द्र, व हेमसिंह के द्वारा एक सुसंगठित गिरोहबना लिया गया है, जो अपने साथियों के साथ मिलकर डकैती, जैसे जघन्य अपराध करते हैं और समाज विरोधी किया कलाप में संलिप्त रहते है। ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17 में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके विरूद्ध <नाम> का कोई व्यक्ति गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्धधारा 2/3 उ0प्र0गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गतअभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थ / अभियुक्त को झूँठा फंसाया गया है। उसने कोईअपराध कारित नही किया है। वह <नाम> तो घटनास्थल से पकड़ा गया है और <नाम> ही उससे घटना से सम्बन्धित कोई वस्तु ही बरामद हुई है। उसे घर से पकड़कर गुडवर्क दिखाने @ fay gor eeकर <नाम> है। उसका <नाम> तो कोई संगठित गिरोह है और <नाम> ही वह किसी संगठित गिरोह कासदस्य है। वह <नाम> अभियुकतगण को <नाम> तो जानता है और <नाम> ही उनसे कोई सम्बन्ध है। उसने नतो किसी व्यक्ति को गवाही देने से रोका गया और <नाम> ही किसी को उसके विरूद्ध मुकदमा लिखानेसे रोका गया। वह आज <नाम> किसी मुकदमें में सजायाफता नहीं है और <नाम> ही उसका कोई आपराधिक इतिहास &। dé ward परिवार का व्यक्ति है। अभियुक्त दिनॉक 02.09.2019 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 346 /19 धारा-427, 395, 412/34 भा.द.सं. थाना-सिकन्दरा जिला आगरा। 1 मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर डकैती, जैसे जघन्य अपराध करने काअभिकथन है । उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर डकैती जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध केतथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 49(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1206_202123-02-20212025
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार किशन सिंहपुत्र लालाराम, निवासी-स्वामी, थाना सिकन्दरा, <नाम> जो कि प्रार्थ / अभियुक्त कासमधी है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि उक्त केस मेंप्रार्थी // अभियुक्त पूर्व से जमानत <नाम> था। मा0 न्यायालय ए0डी0जे0-20 के यहां सेपत्रावली में वारंट हो जाने <नाम> दिनांक 14.02.2021 को जेल भेज <नाम> गया है। उक्तकेस की पत्रावली माननीय न्यायालय ए0डी0जे0 20 में लम्बित है, जिसमें नियत तिथि19.02.2021 है। प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त केस में कोविड-19 कोरोना काल के चलतेमाननीय न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। सह-अभियुकत नत्थीलाल आदि केवारंट दिनांक 15.02.2021 को माननीय न्यायालय ए0डी0जे0-20 द्वारा निरस्त <नाम> दियेगये हैं। प्रार्थी ,/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की है, वह माफी चाहता हैऔर भविष्य में माननीय न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। प्रार्थी / अभियुक्त वारंट परगिरफ्तार होने के <नाम> उसकी ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थनापत्र माननीय न्यायालय या मा0० उच्च न्यायालय इलाहाबाद या अन्य Bail Application/2413/2021 -Chob Singh Vs. UP State 2किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। प्रार्थी,, अभियुक्त अपनी जमानत देने को तैयारहै। अतः: जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाये। ", "प्रार्थी / अभियुक्त चोब <नाम> के विद्वान अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थ ,, अभियुक्त चोब <नाम> इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी,/, अभियुक्त कोविड-19 महामारी कोरोना काल के <नाम> माननीय न्यायालय मेंउपस्थित नहीं हो सका था। प्रार्थी / अभियुक्त के सह-अभियुक्त नत्थीलाल आदि केवारंट दिनांक 15.02.2021 को माननीय न्यायालय ए0डी0जे0-20 द्वारा निरस्तकर दिये गये हैं। प्रार्थी / अभियुक्त ने जानबूझअकर कोई गलती नहीं की है, वह माफीचाहता है और भविष्य में माननीय न्यायालय में समय से उपस्थित होता रहेगा। अतःउसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया है किप्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में जानबूझकर गैर हाजिर हुआ है, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी / अभियुक्त की वजह से इसमामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा पूर्व मेंप्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वाराअन्य सह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा व उसके परिजनों केसाथ घर के अन्दर घुसकर, एकराय होकर मारपीट करना, तोड़फोड़ करना व घर मेंरखे 12,000 //-रुपये निकाल लिये जाने का अभियोग है। उसे पुनः जमानत <नाम> रिहाकिये जाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियाजाये। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी ,/ अभियुक्त चोबसिंह इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार जमानत <नाम> था, लेकिनबीच में उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैरजमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। <नाम> गैर जमानती वारण्ट के आधारपर प्रार्थ / अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4364_202022-12-2020105
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रबताया गया है तथा इसके साथ <नाम> <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि थाना प्रभारी कुलदीप कुमारदीक्षित के द्वारा द्वारा दिनाक 12.10.2020 को 19--30 बजे थाना बरहन <नाम> इस आशयकी रिपोर्ट दर्ज कराई गयी कि गैंग लीडर राधेलाल उर्फ <नाम> उर्फ फौजी का एकसंगठित गिरोह है,जिसके गैंग में ब्रहमादत्त, मनमोहन उर्फ गुल्लन, कुलदीप, वेदसिंह वराहुल उर्फ रामपत गैंग सदस्य हैं। उक्त सभी लोग आपस में मिलकर भौतिक वआर्थिक <नाम> प्राप्त करने के उद्देश्य से लूट एवं चोरी जैसे दण्डनीय अपराध कर,समाज विरोधी किया कलाप करते हैं तथा इनके भय और आतंक के <नाम> <नाम> काकोई भी व्यक्ति गवाही <नाम> तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍नमुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्रएगिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक »/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त को पुलिसने घर से पकड़कर झूंठी मुठभेड़ दिखाकर बन्द <नाम> <नाम> है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जोमामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक /» अभियुक्तपूर्व सजायाफ्ता नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 21.07.2020 से कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्रका विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त कासंगठित गैंग है, जिसका वह गैंग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट,आगरा से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध 1. मु0अ0सं0106 / 2020 अर्न्तगत <नाम> 395,397,412 भा0दं0सं0० थाना बरहन,आगरा 2. मु0अ0सं0138 / 2020 अर्न्तगत <नाम> 307 भाठदं0सं0० व 12 द0प्र0क्षेत्र अधि.थाना बरहन, आगरा3. मु0अ0सं0 122 /2020 अर्न्तगत <नाम> 380,411 भा0दं0सं० थाना बरहन,आगरा केमुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत निरस्तकिये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ " मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व कंस डायरी, गैंगचार्ट आदि कासम्यक परिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल तीनउपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध डकैती, <नाम> से मारने काप्रयास, चोरी करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क)लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहा लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्‍क्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समयउसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकारहोने का प्रश्न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवलजमानत स्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त <नाम> अपने साथियों के साथ मिलकरचोरी, डकैती व <नाम> से मारने का प्रयास करने जैसे आरोप हैं। पूर्व में इस न्यायालयद्वारा इस मामले के <नाम> अभियुक्त मनमोहन उर्फ गुल्लन का जमानत प्रार्थनापत्र संख्या-3505 // 2020 दिनांक 05.11.2020 को निरस्त किया जा चुका है। ", "आवेदक /» अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्य व vatअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालयका यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानतपर रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6391_201921-11-20191460
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी ,/ अभियुक्त के <नाम> व पैरोकार कमलसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाभगवती <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की अंकितकरायी गयी कि दिनाक 29,/30.09.2019 की <नाम> समय करीब 02:00 बजेचार व्यक्ति उसके घर में दीवार फांदकर घुस आए और उन्होंने जैसे हीकिवाड़ खोले, उसकी पत्नी जग गयी तो उन्होंने उसकी पत्नी को धमकायाऔर कहा कि आवाज निकाली तो <नाम> से मार देंगे। उन्होंने घर में रखेबक्से का <नाम> तोउकर उसमें रखे 12,000 /- रूपए व एक कन्दोनी, एक जोड़ी तोड़िया <नाम> व दो कुन्डल सोने के निकालकर ले गए। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के घर में लूट की गयी है। अभियुक्त से बरामदगी भी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता राजवीर सिंहसिकरवार एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 21102019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। पुलिस मुखबिर से रंजिश होने के <नाम> उसके कहने <नाम> (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रकक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6391 / 2019शंकर बनाम राज्यपुलिस द्वारा पकड़कर बंद <नाम> <नाम> है। प्रार्थी से जा बरामदगी दिखायी गयीहै, वह प्रार्थी की है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी ,// अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनांक 30.09.2019 की समय 02:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के घर लूट कारित करने का आरोप लगायागयाहै। केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि दिनांक20.10.2019 को पुलिस पार्टी द्वारा प्रार्थी को अन्य के साथ गिरफतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, एक जिन्दा कारतूस, एक मोबाइल,दो <नाम> सफेद धातु व 40,/- रूपए नगद बरामद किए गए हैं। अभियोजन द्वारा उक्त <नाम> प्रश्नगत प्रकरण से संबंधित होना बताया गया है। उक्ततथाकथित <नाम> की वादी द्वारा शिनाख्त कराया arn aia नहीं कियागया है। प्रार्थी लगभग एक माह से जिला करागार में निरूद्ध है। इस प्रकरणके अतिरिक्त अभियोजन की ओर से प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहासप्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_7058_201909-12-2019801
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्त के मामा शशिपाल काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाओमवीर <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि प्रार्थी का भाईश्रीनिवास बैलोठ थाना खन्दौली, <नाम> गाव के चन्द्रपाल के बाजरे परचन्द्रपाल <नाम> के साथ कल रात 08.10.2015 को सोने के लिये गया था, रात एक बजे गॉव का भगवानदास उर्फ होलू व <नाम> व लोकेन्द्र ने एक रायहोकर सरिया व रोड से भगवानदास आदि ने दोनों <नाम> हमला किया, जिससेप्रार्थी के <नाम> क सिर में गभ्भीर चोट आयी तथा मौके <नाम> ही मौत हो गयीतथा चन्द्रपाल के बाजू व कूल्हे के नीचे चोट आयी। पोस्टमार्टम व मेडीकल कराकर उपरोक्त लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने की कूपा करे। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 09.10.2015 को अभियुक्तगणभगवानदास उर्फ होलू, <नाम> व लोकेन्द्र के विरूद्ध अपराध संख्या-439/2015पर धारा-302, 323 भा०द0सं0 का अभियोग थाना खन्दौली, <नाम> <नाम> पंजीकृतकिया गया। ", "इस मामले में विवेचनाधिकारी ने <नाम> विवेचना वर्तमानआवेदक / अभियुक्त <नाम> व लोकेन्द्र की नामजदगी गलत पायी गयी तथाकेवल अभियुक्त भगवान <नाम> उर्फ होलू के विरूद्ध आरोप पत्र अंतर्गत धारा302, 201 भा०द0सं0 का न्यायालय में प्रेषित किया गया। ", "दौरान साक्ष्य अभियोजन की ओर से 12ख प्रार्थना पत्र प्रस्तुत <नाम> कहागया कि <नाम> पीडब्लू1 ओमवीर <नाम> व पीडब्लू2 चन्द्रपाल ने अपनी साक्ष्य में _2-लोकेन्द्र व <नाम> को भी अभियुक्त बताया है, जिस <नाम> न्यायालय के आदेशदिनांक 03.02.2017 से वर्तमान आवेदक / अभियुक्त <नाम> व लोकेन्द्र को इसमामले में <नाम> 302, 323 भा०द0सं0 में विचारण <नाम> तलब किया गया। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले गॉव कीपार्टीबन्दी की दुश्मनी के <नाम> झूंठा रंजिशन फँसाया गया है। इस मामले कीप्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है, जिसका कोई स्पष्टीकरणप्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं दर्शाया गया है। पत्रावली <नाम> आवेदक / अभियुक्तके विरूद्ध कोई विशिष्ट साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। विवेचक के द्वारा उसे निर्दोषपाते हुये उसकी नामजदगी झूंठी पायी गयी थी। आवेदक / अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है और ना ही वह पूर्व सजायाफूता है। ", "आवेदक / अभियुक्त दिनांक 30.11.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त नेअपने अन्य साथियों के साथ मिलकर दिनांक 08.09.2015 को रात एक बजेवादी मुकदमा के <नाम> श्रीनिवास एवं चन्द्र पाल के साथ सरिया, डण्डों सेमारपीट <नाम> शरीर में गम्मीर एवं प्राणघातक चोटें पहुंचायी तथा उक्त चोटों केकारण श्रीनिवास की मौके <नाम> ही मृत्यु हो गयी। आवेदक/ अभियुक्त काअपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के मुताबिक दिनांक 08.10.2015 को चन्द्रपाल केसाथ श्रीनिवास सोने के लिये गया था, उसके गाव का भगवानदास, लोकेन्द्र वराकेश सरिया आदि से हमला <नाम> <नाम> जिससे श्रीनिवास की मौके <नाम> मृत्युहो गयी तथा चन्द्रपाल को भी चोटें आयी। ", "मुख्य <नाम> से आवेदक,/ अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसकेखिलाफ आरोप पत्र नहीं आया है, उसे गॉव की पार्टीबन्दी के <नाम> झूंठाफॅसाया गया है, कोई विशिष्ट साक्ष्य नहीं पाया गया, <नाम> विवेचना जैसी किऊपर अंकना की गयी है अभियुक्त भगवानदास उफ होलू के विरूद्ध आरोप पत्र -3-प्रेषित किया गया है। साक्षीगण पीडब्लू1 व पीडब्लू.2 के बयानों के बादन्यायालय के द्वारा अपने आदेश दिनांक 03.02.2017 के द्वारा प्रार्थना पत्र 12खअंतर्गत <नाम> ३19 द0प्र0सं० <नाम> आवेदक, अभियुक्त लोकेन्द्र व एक अन्यअभियुक्त <नाम> क विरूद्ध प्रथम दृष्टया साक्ष्य पाने <नाम> अंतर्गत <नाम> 302, 323भा०द0सं0 में विचारण <नाम> आहूत किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से न्यायालय के इस आदेश दिनांक03.02.2017 को माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में फौजदारी निगरानीसंख्या 97/2019 द्वारा चुनौती दी गयी, जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने अपनेआदेश दिनांक 05.02.2019 के द्वारा खारिज <नाम> <नाम> गया। ", "जहाँ <नाम> आवेदक / अभियुक्त के निर्दोष होने और पत्रावली <नाम> उसकेविरूद्ध कोई साक्ष्य <नाम> होने का प्रश्‍न है ? प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त कानाम मृतक के <नाम> वादी मुकदमा द्वारा लिखाया गया है तथा न्यायालय में बादप्रेषित किये जाने आरोप पत्र <नाम> पीडब्लू1 ओमवीर <नाम> वादी मुकदमा वपीडब्लू.2 चन्द्रपाल ने अपने बयानो में आवेदक / अभियुक्त का नाम लिया है। ", "उपरोक्त प्रकार से वादी मुकदमा पीडब्लू1 तथा पीडब्लू2 चन्द्रपाल जोचुटैल है तथा उक्त घटना में उसको भी चोटें आयी हैं, ने भीआवेदक / अभियुक्त का नाम साक्ष्य में लिया है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार मृतक श्रीनिवास को सरिया रॉड से एक <नाम> होकर मारा जानाआवेदक / अभियुक्त क द्वारा भी कहा गया है। ", "मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक की मृत्यु का <नाम> मृत्युपूर्व आयी चोटों के <नाम> शॉक एवं कोमा से होना बताया गया है। सहअभियुक्त भगवानदास की जमानत पूर्व में दिनांक 21.04.2016 को निरस्त कीजा चुकी है। ", "इस न्यायालय क द्वारा पूर्व में इस मामले के <नाम> अभियुक्त <नाम> काजमानत प्रार्थना पत्र दिनांक 04.10.2019 को निरस्त किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4445_201919-08-2019460
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके सक साथ रामनिवास पुत्र डब्बल <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा थानाध्यक्ष <नाम> <नाम> <नाम> निर्वाल थाना शमशाबाद जिला <नाम> ने दिनांक 01.03.2019 को 23.18 बजे थाना परजुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण उदयवीर, <नाम> व <नाम> के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसका गैंग लीडर उदयवीर है। जो गैंग के सदस्यों केसाथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> <नाम> में भय एवं आतंक व्याप्त करजघन्य अपराध करते है और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के कारणकोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहींहोता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध कारितनही किया गया है। उसे झूँठा नामित <नाम> <नाम> है। वह किसी गिरोह का सदस्य नही है <नाम> <नाम> मं उसका कोई भय व्याप्त है। पुलिस द्वारा मनगढत कहानी बनाकर उसे झँठा फंसा <नाम> है। ", "गैगचार्ट में दर्शित सभी मुकदमों में उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। वह सभी के साथमेलजोल से रहता है तथा शादीशुदा है। उसकी पत्नी भी घर <नाम> रहती है। भले परिवार का व्यक्ति है। असामाजिक तत्वों से उसका कोई मेल जोल नही है। <नाम> अभियुक्त उदयवीर के कहने <नाम> पुलिस ने उसे झूँठे केस में फंसा <नाम> है। उदयवीर से उसकी पहले से रंजिश चल रही हे। अभियुक्त दिनाक 06.08.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाये । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 265/18 धारा-392,411, भा.द.सं. थाना-शमशाबाद जिला आगरा। (2) अ.सं. 311/18 धारा-392,411, भा.द.सं. थाना-शमशाबाद जिला आगरा। के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामलेदर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर <नाम> में भय व आतंक व्याप्त <नाम> लूट जैसे जघन्य अपराध कारित करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने काप्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसकी जमानत हुई है। ", "प्रकतिअभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर <नाम> में भय व आतंक व्याप्त <नाम> लूट जैसे जघन्यअपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णितप्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1109_201926-06-20192817
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त की माता व घैरोकारश्रीमती रतनेश <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक क अनुसार प्रभारी निरीक्षक अजयकौशल द्वारा थाने <नाम> सूचना इस आशय की दी गयी कि दिमोक 17.02.2019को, जब पुलिस कर्मचारीगण पतारसी सुरागसी करते हुए जा रहे थे, तभीमुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस कर्मचारीगण 7 बदमाशों को पकड़ने का प्रयासकिया गया जिस <नाम> उनके द्वारा एकराय होकर पुलिस पार्टी <नाम> दो फायरकिए गए। किसी तरह अपने आप को बचाते हुए पुलिस कर्मचारीगण द्वारा 6बदमाशों को पकड़ा गया तथा एक बदमाश भागने में सफल रहा। नास पतापूछते हुए जामा तलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम शेरा पुत्र अनिलसिंह सैंगर बताया। इसकी जामा तलाशी से एक अदद तमंचया 315 बोर, एककारतूस जीवित, दो मोबाइल व 18,400/- रूपए नगद बरामद हुए। दूसरे नेअपना नाम सोनू बताय। इसकी जामा तलाशी से एक तमंचा 315 बोर, दोमोबाइल व 11,100/- रूपए बरामद हुए। तीसरे ने अपना नाम मुकेशबताया। इसकी जामा तलाशी से बांयी फेट में खुरसा हुआ तमंचा 315बोर, एक जीवित कारतूस, दो मोबाइल तथा 25,400/- रूपए नकद बरामदहइुए। चौथे ने अपना नाम रामवीर उफ <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1109 2019सनी <नाम> बनाम राज्य से एक तमंचा 315 बोर, एक जिन्दा कारतूस, दो मोबाइल व 26,900/-रूपए नकद बरामद हुए । पांचवे ने अपना नाम सनी <नाम> बताया। इसकीजामा तलाशी में एक अदद चाकू, दो मोबाइल व 2,400/- रूपए नकदबरामद हुए । छठे ने अपना नाम मोनू पण्डित बताया। इसकी जामा तलाशी से दो मोबाइल, एक पर्स जिमसें <नाम> का आधार कार्ड तथा रेलवे का टिकट व एक लैपटॉप मय चार्जर बरामद हुआ। भागे हुए व्यक्ति का नाम आशीषकुशवाह बताया गया। सभी ने बताया कि वे लोग गाड़ी में सवारियों को बैठालेते हैं और रास्ते में उनसे लूटपाट <नाम> उतार देते हैं। यह सभी <नाम> भीविभिन्न चोरियों का है। अभियुक्त सनी ने पूछने <नाम> बताया कि उसने वउसके साथी शेरा, सोनू, <नाम> रामवीर, मोनू पण्डित, आशीष कुशवाह नेजेस्ट गाड़ी के करीब 8-9 <नाम> पहले भगवान टॉकीज के पास से एक व्यक्तिको नशीला पदार्थ सुंघा <नाम> था और उसके बेहोश होने <नाम> 1,700/-रूपए, डेविट कार्ड व एणटी0एम० मशीन से 40,000/- रूपए निकाल लिएथे। सोने की चैन आशीष कुशवाह के पास है जो मौके से भाग गया था। ", "सनी ने यह भी बताया कि उसने व उसके साथियों ने 20 <नाम> पहले दूण्डला से एक व्यक्ति को बिठाया था और उसका पर्स, मोबाइल व ए0टी0एम0 कार्डचुरा लिए थे। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी व उसके <नाम> को पुलिस दिनाक15/ 16.02.2019 की रात को घर से उठाकर ले गयी थी। प्रार्थी <नाम> पुलिसने 6 झूठे मुकदमे एक साथ लगा दिए। प्रार्थी से कोई चाकू बरामद नहीं हुआहै, झूठी बरामदगी दर्शायी गयी है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त को अन्य (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पन्न संख्या : 1109, 2019सनी <नाम> बनाम राज्यसह-अभियुक्तगण के साथ पकड़ा गया है तथा प्रार्थी के कब्जे से एकनाजायज चाकू बरामद किया गया है। उपरोक्त आघारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एनएएल० राजपूत एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना यया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनोक 17.02.2019 की समय 23:50 बजे की बतायी गयी है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनाक 18.02.2019 को सकयम 06:06 बजे दर्ज करायी गयीहै। प्रार्थी को दिनाक 17.02.2019 को समय करीब 23:50 बजे गिरफातारकिया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक नाजायज चाकू बरामद किया जानाबताया गया है । प्रार्थी लगभग <नाम> माह से अधिक समय से जिला कारागार,आगरा में निरूद्ध है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_6102_201921-10-20192656
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/ अभियुक्त के <नाम> <नाम> <नाम> केशपथपत्र से शपथपत्र से समर्थित है । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> सिंह,अवर अभियन्ता, दक्षिणाचंल विद्युत वितरण <नाम> लिमिटेड, <नाम> द्वाराथाना खन्दौली, जिला <नाम> <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्जकरायी गयी कि दिनांक 08.06.2016 को चैकिंग के दौरान उपरोक्त स्थलअभियुक्त को एलटी लाइन <नाम> तार डालकर अवैध <नाम> से विद्युत चोरी करतेहुये पाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त को कस में झूंठा फंसा <नाम> गया है। उसने किसीप्रकार का कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्ध कोई मामला नहीं बनता है । प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा राजस्व निर्धारणएवं शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त कारागार मेंनिरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। " ], "judge-opinion": [ " (2)उभय पक्षों के विद्धान अधघिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाय के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस तथ्य को स्वीकारकिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा राजस्व निर्धारण व शमन शुल्क जमाकरा <नाम> गया है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथविद्युत विभाग को अदा किये गये विद्युत बिल की रसीदें दाखिल की गयी है,। विह्लुत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त केद्वारा विद्युत विभाय का पैसा जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्तदिनांक 20.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_77_202017-01-20202193
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की पत्नी <नाम> पार्वतीके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> ह्वारा थाना <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि दिनाक 07.08.2019 की <नाम> को वह अपनी पत्नीके साथ अपने घर <नाम> सो रहा था। <नाम> करीब 02:50 बजे वह शौच के लिएबाहर खेत में गया था। शौच करने के <नाम> वह वापस आकर चारपाई <नाम> लेटगया कि तभी अचानक कुत्तों के भौंकने की आवाज आयी जिसे सनुकर उसकी पत्नी ने टॉर्च जलाकर घर में चारों तरफ <नाम> तो कोई दिखायी नहीं पड़ा। लगभग 5-6 मिनट <नाम> तीन लोग अचानक से उनके अपर आ गएऔर सीने <नाम> तमंचा रखकर सरियों से मारपीट करने लगे और कहने लगे किसामान कहाँ रखा है, नहीं तो तुमको <नाम> से मार देंगे। इतना कहने के बादउन्होंने उसकी पत्नी <नाम> हथौड़े से वार करके कानों की बालियां, कान कीतरकी, नाक का फूल खींच लिया और उसका सैमसंग का मोबाइल भी छीनलिया। उन लोगों को गम्थीर <नाम> से घायल <नाम> दिया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। पुलिस द्वारा मिलकर झूंठा फंसाया गया है। जो बरामदगी दिखाई गई है वहबिल्कुल झूठी है। शिनाख्त कार्यवाही नहीं कराई गई है । प्रार्थी द्वारा कोई लूटकी घटना नहीं की गई है और <नाम> ही मारपीट <नाम> घायल किया गया है। गांवमें एक दूसरे के खेत से गाय भगाने की वजह से आपसी रंजिश पैदा हो गईथी, इसी रंजिश की वजह से प्रार्थी को झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक16.06.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते इुएकथन किया गया कि प्रार्थी द्वारा अन्य सह-अभियुक्तों के साथ मिलकर वादीमुकदमा व उसकी पत्नी से लूट कारित की गयी है तथा वादी व उसकीपत्नी को गम्भीर <नाम> से घायल किया गया है जिसके <नाम> वादी मुकदमाकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। अभियुक्त से बरामदगी भी हुई है। सह-अभियुक्तगण की जमानत इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 77/ 2020हाकिम <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> कुशवाहएवं विद्वान अभियोजन <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि मामलेमें घटना दिनाक 08.05.2019 की समय 02:50 बजे की है। प्रार्थी <नाम> वादीमुकदमा व उसकी पत्नी के साथ लूटपाट किए जाने, उन्हें घायल किए जाने, (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-63, आसरा । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 77/ 2020हाकिम <नाम> बनाम राज्य जिसके <नाम> वादी मुकदमा की दौरान इलाज मृत्यु हो जाने, का आरोप है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है कि प्रार्थी को दिनाक15.06.2019 को अन्य के साथ गिरफूतार किया गया है तथा प्रार्थी हाकिमसिंह के कब्जे से एक तमंचा, एक जोड़ी बाली पीली धातु, एक मोबाइल व40/ ~ रूपए बरामद किए गए हैं। अभियोजन द्वारा उक्त मोबाइल प्रश्‍नगत्तअपराध से संबंधित होना बताया गया है। वादी मुकदमा की पत्नी/पीड़िता द्वारा लूट के सामान को पहचाना गया है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध वादीमुकदमा व उसकी पत्नी <नाम> की चिकित्सीय परीक्षण आख्याओं केअनुसार उनका चिकित्सीय परीक्षण दिनाक 15.05.2019 को किया गया हैजिसमें उन्हें चोटें <नाम> दर्शित किया गया है। पीड़ित/ वादी मुकदमा की मृत्युदौरान इलाज हो <नाम> बताया गया है। सह-अभियुक्तगण मेघ <नाम> <नाम> व <नाम> उर्फ चपटा की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जाचुकीं हैं। प्रार्थी को झूठा फंसाए जाने का कोई <नाम> दर्शित नहीं होता है । " ] }
0DENIED
Bail Application_3229_201901-07-20192682
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी /अभियुक्त की पत्नी व पैरोकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 10.07.2018को समय 06:45 बजे वादी एस0एच०ओ0 <नाम> <नाम> कठेरिया द्वारा इसआशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि दिनांक 10.07.2018 कोरपट न॑ं0 9 से देखरेख थाना <नाम> व तलाश वांछित अपराधी <नाम> रवाना होकर गश्त करते हुए बेलनगंज तिराह <नाम> पहुँचे तो मुखविर द्वारा सूचना <नाम> किदो मोटर साईकिल <नाम> कुछ बदमाश घूम रहे है, किसी घटना को अन्जाम देनेकी फिराक में है। सूचना <नाम> विशवास <नाम> बताये स्थान की आर चले रास्ते में <नाम> लेने की कोशिश की भलाई-बुराई के <नाम> कोई तैयार नही हुआ। आपस में एक दूसरे की जमा तलाशी ले-दे <नाम> यकीन <नाम> कि किसी कपास जुर्म से सम्बच्धित कोई वस्तु नहीं है। मुखबिर द्वारा इशारा किया गया। पुलिस को देखकर वे व्यक्ति मोटर साईकिलें स्टार्ट करने लगे और एक स्वरमें चिल्लाये पुलिस आ गई, इनको गोली मार दो। पकड़ने का प्रयास कियातो मोटर साईकिल <नाम> पीछे बैठे व्यक्ति ने <नाम> से मारने की नीयत से फायरकर दिया। जिससे सभी <नाम> <नाम> बच गये। समय करीब 03:05 बजे चारों (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3229 2019प्रमोद कुशवाह बनाम राज्य व्यक्तियों को पकड लिया। नाम पता पूछते हुए जामा तलाशी ली तो इन्होंनेअपने नाम शहीद, <नाम> <नाम> हमीद व <नाम> कुशवाह बताया। जामा तलाशीमें दो अदद मोटर साईकिलें, एक अदद तमंचा 315 बोर दो अदद कारतूसजिन्दा 315 बोर व एक खोखा कारतूस 315 बोर बरामद हुए। इसी बरामदगी के आधार <नाम> मुकदमा पंजीकृत कराया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी मजदूरीकरके देर रात घर आता-जाता था, इसी दौरान प्रार्थी की चैकिंग के दौरानपुलिसकर्मी से बहस हो गयी थी और प्रार्थी को थाने ले जाकर इस केस मेंइकबालिया बयान के आधार <नाम> झूठा नामित <नाम> दिया। सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> हमीद व सहीद की जमानत न्यायालय से हो चुकी है। प्रार्थी दिनाक 11.07.2018 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त आघारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त घटना मेंसम्मिलित रहा है और उसके पास से बरामदगी है। उसके द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर पुलिस पार्टी <नाम> <नाम> लेवा हमला भी किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> बीछएस0 पुष्कर एवंविद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि पुलिस पार्टी द्वारादिनाक 10.07.2018 को मुखबिर की सूचना <नाम> प्रार्थी को सह-अभियुक्तगणके साथ गिरफ्तार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से 300/- रूपए नगदबरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। सह-अभियुक्तगण <नाम> <नाम> वहमीद की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थीकी मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। प्रार्थी लगभग एक वर्ष (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दणप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-0३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3229, 2019प्रमोद कुशवाह बनाम राज्यसे जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पन्न प्रेषित किया जा चुकाहै। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4534_202018-01-20213551
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंसोमवीर पुत्र रामकुमार का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2. जमानत प्रार्थनापत्र एंव उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में सोमवीर पुत्ररामकुमार का कथन है कि वह अभियुक्त का बहनोई एवं पैरोकार है तथा हालातमुकदमा से परिचित है। अभियुक्त निर्दोष है उसने कोई अपराध नहीं किया है उसेउपरोक्त मामले में पुलिस ने झूठा फसा <नाम> है। उक्त मुकदमें की घटना दिनांक 17.07. 2019 समय 22:00 बजे की दिखायी गई है जबकि एफ०आई०आर0 दिनांक 17.07.2019को समय 23:00 को पंजीकृत हुई है। अभियुक्त की मौके से गिरफ्तारी नहीं हुयी है औरन ही उक्त मुकदमें का कोई भी स्वतन्त्र <नाम> है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत स्वीकृत की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 21.11.2020 से जिला कारागार धौलपुर मेंनिरूद्ध है। अभियक्त का कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है एवं यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है तथा वहविश्‍वसनीय जमानत दाखिल करने के लिए तैयार है। तब उसे जमानत <नाम> अवमुक्तकिया जाए। ", "3. अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध किया गया एवं थाने से प्राप्त आख्या प्रस्तुत करके 2 <नाम> है कि अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तो के साथ मिलकर लूट कारित करने का प्रयासकिया गया है। यदि अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह जमानत की शर्तो का दुरूपयोग करेगा । तब उसका जमानत आवेदन निरस्त किया जाये । " ], "judge-opinion": [ "4. अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन की ओर से उपस्थित विद्वान ए0 डी0जी0सी0 (क्रिमिनल) को सुना तथा थाना से प्रस्तुत आख्या एवं केस डायरी का परिशीलनकिया । ", "5. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत केस डायरी के परिशीलन से विदित है कि वादी मुकदमा भूपेन्द्र <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गई कि दिनांक17.07.2019 को <नाम> के 22:00 बजे वह <नाम> से अपने गॉव प्रतापुरा रोडवेज से आ रहाथा कि प्रतापपुरा रोड <नाम> उतर <नाम> जब एस0जी0एम0 मिलेनियम स्कूल के पास पहुँचा तो तीन मोटर साइकिल <नाम> सवार 6 व्यक्तियों ने मुझे रोक लिया वो सभी नये उम्र के लड़केथे उन्होने उसे रोक लिया तथा उसका सामान लूटने का प्रयास किया तभी एक मोटरसाइकिल आती देख इन्होने वादी की पकड़ ढीली <नाम> दी व झटका देकर पास ही स्कूलकी दीवार फांदकर अन्दर मुड़ गया तथा अपने <नाम> को फोन <नाम> <नाम> थोड़ी देर में उसके <नाम> एवं गॉव के बहुत से लोग आ गये थे गॉव वालो को देखकर मौके से भाग गये। यदि वह स्कूल के अन्दर नहीं कूदता को उसे लूट लेते। अतः रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचित कार्यवाही की जाए। वादी मुकदमा की उक्त सूचना <नाम> थाने <नाम> अज्ञात में प्रथम सूचना रिपोर्टपंजीकृत होकर विवेचना की गई । ", "6. अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है, पुलिस ने उक्त मुकदमें में अभियुक्त का नाम झूँठा जोड़दिया है। <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी के पास से कोई बरामदगी नहीं है। सहअभियुक्त की जमानत स्वीकृत हो चुकी है। अतः अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियाजाए। उ0प्र0 राज्य की ओर से विद्वान ए0डी0जी0सी०(किमिनल) द्वारा कथन किया गया किअभियुक्त द्वारा अन्य अभियुक्तो के साथ मिलकर वादी मुकदमा से लूट कारित करने काप्रयास किया गया है। तब उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाए। " ] }
1GRANTED
Bail Application_34_202008-01-20202443
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार शंकरदयाल ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय मेंविचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 15.12.2019 को उपनिरीक्षक <नाम> सिंहद्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ शान्ति व्यवस्था ड्यूटी के दौरान, थाने से प्राप्त सूचना <नाम> कि ग्राम चाचीपुरा खण्डेर के बीहड़ में शान्ति <नाम> पचंमुखी माता देवीमंदिर की चोहददी में नाल निकलवाकर जुआ खेला जा रहा है, ततदुपरान्तवादी / पुलिस पार्टी द्वारा तथाकथित मंदिर के पास पहुँचकर मंदिर की ओट से <नाम> वसुना गया तो चौहददी के अन्दर एक पल्‍ला बिछा हुआ था जिस <नाम> करीब 20-25व्यक्ति बैठे थे एवं बाहर बहुत सारी मोटर साइकिल खड़ी थी। चारों तरफ बैठे व्यक्तियों में से एक व्यक्ति ताश की गडडी फेंट रहा था और कह रहा था किअपने-अपने दांव लगाओ, तभी सभी लोगों में आपसी लेन-देन होने लगा, उन्हीं में सेदो व्यक्ति बोले कि हमारे नाल के पैसे निकाल दो जिनको देखकर कांस्टेविल हरिओम द्वारा बताया गाय कि यह दोनों लड़के गॉव चाचीपुरा के कचंन <नाम> के लड़के (2) टुण्डा एवं रामजीलाल उर्फ दूधिया है, तदुपरान्त वादी पुलिस पार्टी द्वारा यह <नाम> करते हुए कि मंदिर की चौहददी के अन्दर हारजीत की बाजी लगाकर जुआ खेला जारहा है, पुलिस के लोग मंदिर के अन्दर घुसे तो जुआ खेलने वाले व्यक्तियों ने पुलिसकी तरफ देखकर चिल्लाते हुए कहा कि भागों, पुलिस आ गई है, तभी दुण्डा व रामजीलाल ने तमंचे निकालकर पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने के आशय से फायरकर <नाम> जिससे वह लोग बाल-बाल बच गये, इसी दौरान सभी जुआ खेलने वालेव्यक्ति मंदिर की चौहददी से कूदकर बीहड़ में भागे तथा कोई भी व्यक्ति पकड़ा नहींजा सका। मौके से ताश पत्ते, पॉच हजार रूपये, <नाम> की केन, गिलास, 15 अदद मोटर साइकिल बरामद की गई। तदुपरान्त मौके से बरामद की फर्द तैयार करते हुएबरामद <नाम> को थाने ले जाया गया। ", "वादी / उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> द्वारा अभियुक्तगण टुण्डा, रामजीलाल उर्फ दूधिया एवं 20-25 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्दर थाना फतेहाबाद <नाम> मु0अ0सं0507 / 2019 <नाम> 147, 148, 149, 307 भा0द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> कराई गई । विवेचना के दौरान अभियुक्त का नाम <नाम> में आने <नाम> अभियुक्त को इसमामले में नामित किया गया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त को इस मामले मेंझूठाँ फँसाया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त को मौके <नाम> गिरफ्तारनहीं किया गया है तथा प्राथमिकी में अभियुक्त की कोई स्पष्ट <नाम> भी नहीं बताईगईं है। उक्त घटना में किसी भी व्यक्ति के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भी नहीं बताया गया है। <नाम> अभियुक्त देवीसिंह उर्फ बन्टू की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 07.01.2020 को स्वीकार की जाचुकी है। अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्त के केस के समान है। अभियुक्त दिनांक 22.12.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्दर है, अतः अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की प्रार्थना की गई । विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि तथाकथित घटना में वादी अथवा किसी भी अन्य व्यक्ति के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है तथा <नाम> अभियुक्त देवीसिंह उर्फ बन्दू की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक07.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है, अभियुक्त का केस <नाम> अभियुक्त के केस केसमान है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त के विरूद्द अन्य <नाम> अभियुकतगण केसाथ मिलकर वादी / पुलिस पार्टी को <नाम> से मारने के आशय से उन <नाम> आग्नेयास्त्रसे फायर किये जाने का आरोप है। " ], "judge-opinion": [ " (3)जमानत प्रार्थना पत्र सं0: 34 / 2020मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्राथमिकी एवं केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार उक्त घटना में वादी अथवा <नाम> के किसी भी व्यक्ति के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है। विद्वान शासकीयअधिवक्ता दाण्डिक द्वारा भी इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि तथाकथित घटना मेंवादी अथवा <नाम> के किसी भी व्यक्ति के कोई चोट नहीं आई है। अभियुक्त को मौकेपर गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह तथ्य अविवादित है कि <नाम> अभियुक्त देवीसिंह उर्फ बन्टू की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 07.01.2020 को स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 22.12.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_830_202012-02-2020962
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसकेसाथ अभियुक्त के पिता कालीचरन का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> एस.एच.ओ. थाना सदर बाजार, जिला <नाम> ने दिनांक 28.06.2019 को 04-40 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर भगवान सिंहव तपेन्द्र <नाम> का एक सुसंगठित गिरोह है, इसने अपने साथी के साथ मिलकर योजनाबद्ध सुसंगठित गिरोह बनाकर मोटरसाइकिल से भीड भाड वाले इलाके / चौराहे/सडक <नाम> चलते व्यक्तियों से झपट्टा मारकर मोबाइल फोन चैन आदि लूटकर ले जाते हैं,आर्थिक <नाम> से धन उपार्जित <नाम> लाम प्राप्त करते हैं। आम <नाम> में <नाम> भय व आतंकव्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध गवाही देने एवंमुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्नमुकदमे पंजीकृत हैं, इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीक्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक /अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है कि आवेदक / अभियुक्तने कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है, उसे मौहल्ले की पार्टी बन्दी व रंजिश केकारण झूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई गिरोह नहीं है और ना ही वह किसी गिरोह का सदस्य है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उनमें उसकी जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 04.02.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत पररिहा किया जाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से 2अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध (1) अ.सं.11/18 धारा-392, 411भा.द.र. थाना-सदर बाजार, <नाम> (2) अ.सं.18/18 धारा-392, 411 भा.द.स. थाना-सदर बाजार, <नाम> के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजनक को सुना गया तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यकपरिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल दो उपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध लूट करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। आवेदक / अभियुक्त अपने गैंग का लीडर है, उस <नाम> अपने साथी के साथमिलकर लूट करने का आरोप है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से लूट से संबंधित बरामदगी के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_946_202108-02-20212736
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त क द्वारास्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा रजनीश कुमार,अवर अभियन्ता 33/11 के.वी.उपकन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना डौकी,आगरा <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक30.11.2015 को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने परअभियुक्त सोबरन <नाम> को बकाया <नाम> कनैक्शन विच्छेदित करने के <नाम> भीअवैध <नाम> से विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुए पाया गया। इस संबंधमें प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का बकाया जमाकर <नाम> गया है। प्रार्थी / अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। " ], "judge-opinion": [ " (2)उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। ", "विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्शी/ अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है, आपत्ति नहींहै। ्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-<फ़ोन-नंबर>7070003 दिनांकितत 01.02.2021 अंकन 8,000/-रूपये बाबत शमन शुल्क दाखिल की गयी है। इस संबंध में कार्यालयअधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, फतेहाबाद, जिला <नाम> के द्वाराथानाध्यक्ष डौकी, जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय का प्रेषित कियागया है कि उपभोक्ता द्वारा अपना शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है। अतः चोरीमें लिखाये गये अभियोग को शून्य करने का कष्ट करे। इस पत्र <नाम> विद्युतविभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सब्मिट का पृष्ठांकन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4064_201909-08-2019765
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा सुधीरपडारकर द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की पंजीकृत करायीगयी कि दिनाक 08.06.2019 को वह अपने निजी कार्य से निजी गाड़ी आई20 संख्या-आर0/0जे0 02/सी0बी0 5258 को लेकर सदर बाजार, आगरामार्केट आया था। समय करीब 07:30 बजे <नाम> को अचानक उसकी एकफेसबुक फेन्ड, जो कि एक औरत है जिसका नाम रचैल <नाम> है, सदर बाजार में आकर उससे मुलाकात की तथा उससे घर चलने को कहा। वे दोनों गाड़ी में बैठकर बातें करने लगे कि अचानक दो लोग अन्दर कमरे में आकर एक नेउसका <नाम> व दूसरे ने उस औरत का <नाम> बताया तथा उसकी वीडियोबनाने लगे। उसके विरोध करने <नाम> उसे मारापीटा तथा उसकी जेब सेचालक लाईसैंस, पैन कार्ड, ए0टी0एम0 कार्ड तथा आधार कार्ड व पर्स भी लेलिया तथा फोन से उसका सिम कार्ड निकाल लिया। इसके <नाम> उसेमारपीट <नाम> घायल <नाम> गाड़ी में डालकर <नाम> स्टेशन के पास डालकरउसकी गाड़ी को लेकर भाग गए। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र/क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी / अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 02.07.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट कशीब 15 <नाम> की देरी सेलिखायी गयी है। प्रार्थी कार चालक है तथा दिनाक 30.06.2019 को उपरोक्तमुकदमा की सह-अभियुक्ता <नाम> <नाम> उर्फ Wa wal we कारसंख्या-आरएजे0 02, सी0बी0 5258 को लेकर आती है और कहती है किइस कार को उसके घर पहुँचा दो। महिला की मदद करने के इरादे से प्रार्थी गाड़ी को लेकर उसके घर <नाम> छोड़ आया तथा उसके तुरन्त <नाम> ही पुलिसशालिनी <नाम> व प्रार्थी को पकड़ लेती है तथा <नाम> <नाम> का <नाम> बनाकरउपरोक्त केस में जेल भेज देती है। <नाम> <नाम> के <नाम> का नाम अरूनशाहू है। सह-अभियुक्त आशू का जमानत प्रानिा पत्र दिनांक 18.07.2019 कोन्यायालय द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसक अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी भीन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थ / अभियुक्त द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ मारपीट करलूटपाट की गयी है तथा उसे <नाम> स्टेशन <नाम> डालकर उसकी गाड़ी भीलूट ली गयी है। प्रार्थी के कब्जे से वादी की कार बरामद भी हुई है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4064 / 2019आशीष <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> माहौर एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> sh deem <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह दर्शित होता है किमामले में घटना दिनाक 08.06.2019 की है। प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> सह-अभियुकतगण के साथ मिलकर हनी ट्रैप करके वादी का वीडियों बनाने, उसेमारने-पीटने, उसके साथ लूटपाट करने तथा उसे <नाम> स्टेशन के पास (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्र0क्षेत्र),”अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4064 / 2019आशीष <नाम> बनाम राज्यडालकर, उसकी गाड़ी लेकर भाग जाने का आरोप है। अभियोजन प्रपत्रों केअनुसार प्रार्थी व सह-अभियुक्ता <नाम> सोलोमन उर्फ शालू को पुलिस द्वारादिनाक 02.07.2019 को गिरफतार किया गया है तथा उनके <नाम> कब्जे से वादी मुकदमा की कार बरामद की गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारप्रार्थ / अभियुक्त को सह-अभियुक्ता <नाम> सोलोमन का <नाम> होने काकथन किया गया है। इस संबंध में प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्करखा गया है कि सह-अभियुकत <नाम> सोलोमन के <नाम> का नाम अरूनशाहू है। इस संबंध में केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है किप्रा्थी आशीष <नाम> द्वारा सह-अभियुक्ता <नाम> सोनेमन उर्फ शालू कोअपनी पत्नी होने का कथन किया गया है तथा मामले में अपनी सहभागितास्वीकार को स्वीकार किया गया है। प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथनकिया गया है कि सह-अभियुक्त आशू की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व मेंस्वीकार की जा चुकी है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध सह-अभियुक्त आशू केजमानत प्रार्थना पत्र के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि सह-अभियुक्तआशू की जमानत भिन्‍न आधारों <नाम> न्यायालय द्वारा स्वीकार की गयी थी। ", "प्रार्थी आशीष <नाम> की मामले में <नाम> को दृष्टिगत रखते हुए प्रार्थी आशीष <नाम> सह-अभियुक्त आशू की जमानत का समानता का <नाम> प्राप्त करने काअधिकारी नहीं है। अभियोजन की ओर से प्रार्थी का लम्बा अपराधिक इतिहासप्रस्तुत किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_5108_201919-09-20193929
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के पिता व पैरोकार मोहनसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मनोजकुमार द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनोक 20.08.2019 को उसके मकान का ताला तोड़कर दो लैपटॉप, एकटी०वी0, कुछ सैट टॉप बॉक्स चोरी हो गए। वह 09:30 बजे सुबह जब आएतो ताला दूटा मिला। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी <नाम> सत्यप्रकाश धाकड़को विगत <नाम> <नाम> सुना जा चुका है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यहकहा गया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराधनहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 03.09.2019 से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5108/2019मौनू बनाम राज्यप्रार्थी से कोई बरासदगी नहीं है, प्रार्थी फिटर कारीगर है। मंदी होने के कारणहोर्डिगस लगाने का कार्य सैक्टर 13बी में <नाम> रहा था जहाँ वादी मुकदमा सेप्रार्थी का वाद विवाद हो गया जिस <नाम> उसने इस केस में प्रार्थी को झूठाफंसवा दिया। बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय चमाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी श्रीसत्यप्रकाश धाकड़ द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि आवेदक / अभियुक्त के द्वारा वादी मुकदमा के मकान का ताला तोड़कर चोरीकी गयी है। प्रार्थी से चोरी का <नाम> बरामद भी हुआ है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ " अभियोजन प्रपत्रों का सम्यकपरिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 20.08.2019 की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट 11 <नाम> बाददिनाक 31.08.2019 को दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी वादी मुकदमा के मकानका ताला तोड़कर लैपटॉप, टीएवी0 व सैट टॉप बाँक्स चोरी करने का आरोपलगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में प्रश्‍नगत लैपर्टोप आदि के Mak व अन्य विवरण के संबंध में कोईवर्णन नहीं किया गया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी को दिनोक03.09.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस पार्टी द्वारा सह-अभियुक्तरोहित के साथ गिरफूतार किया <नाम> तथा उसके कब्जे से एक अददलैपटॉप कलर सिल्वर ब्लैक बरामद किया <नाम> दर्शित किया गया है। प्रार्थीइस प्रकरण में लगभग 15 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3120_201910-07-20192333
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पेरोकार <नाम> धर्मवती नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि आवेदक/ अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक11.02.2019 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि वह विगत कई साल सेनारायन गार्डन में बिजली सजावट का कार्य <नाम> रहा है। दिनांक 03.02.2019 की रात 9 बजे के <नाम> उसके स्टोर का ताला तोड़कर एलईडी हाइड्रोजन 54 नग, एलईडीकलर लाईट 62 नग, एलईडी 400 वॉट 8 नग, फायर सिलेण्डर 4 नग, बिजली तारलाईन 50 मीटर, मैटिल लाईट 400 वाँट 4 नग, एलईडी हाइड्रोजन 400 वाट 8 नगअज्ञात चोर चोरी <नाम> ले गये। उसको सुबह चौकीदार से ज्ञात हुआ, तब वह सूचनादेने आया है। ", "वादी की तहरीर <नाम> अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध थाना ताजगंज <नाम> मु०अ0०सं0 144/ 2019 <नाम> 457, 380 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> की गई। (2) विवेचना के दौरान आवेदक / अभियुक्त का नाम <नाम> में आने <नाम> अभियुक्तको इस मामले में नामित किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किआवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है तथा निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठा संलिप्त किया गया है। जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त से इस अपराध से सम्बन्धित कोई भी सामान बरामद नहींहुआ है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। <नाम> अभियुक्त बन्टू की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 01.05.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। ", "अभियुक्त <नाम> 2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गई। ", "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक की ओर से जमानत का विरोधकिया गया, किन्तु इस तथ्य को स्वीकार किया गया कि <नाम> अभियुक्त बन्टू की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। आवेदक / अभियुक्त का केससह अभियुक्त के केस के समान है। अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक/ अभियुक्त के विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के स्टोर का ताला तोड़कर एलईडी हाइड्रोजन 54नग, एलईडी कलर लाईट 62 नग, एलईडी 400 वाँट 8 नग, फायर सिलेण्डर 4 नग,बिजली तार लाईन 50 मीटर, मैटिल लाईट 400 वॉट 4 नग, एलईडी हाइड्रोजन 400वाट 8 नग चोरी किए जाने का आरोप है। ", "बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बलपूर्वक तर्क <नाम> गया है कि अभियुक्त से इस अपराध से सम्बस्थित कोई भी <नाम> बरामद नहीं किया गया है। पुलिस द्वारा अभियुक्त का इकबालियाँ बयान लिखकर अभियुक्त को इस मामले में फर्जी <नाम> सेसंलिप्त किया गया है। उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार कथित घटना का कोई स्वतन्त्र साक्षीनहीं बताया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अपने आवेदक/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध पत्रावली का अवलोकन किया। ", " पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त के विरूद्वआरोप पत्र केवल <नाम> 457, 380 भा०द0सं0 में प्रेषित किया जा चुका है। यह अविवादित है कि <नाम> अभियुक्त बन्टू की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा दिनांक 01.05.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है तथा अभियुक्त <नाम> 2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6666_201927-11-20191217
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के बहनोई <नाम> विलासके शपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा भूपेन्द्र <नाम> द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशयकी दर्ज करायी गयी कि वह <नाम> से अपने गोव प्रतापपुरा रोडवेज से आरहा था। प्रतापपुरा रोड <नाम> उतर <नाम> जब एस0एजी0एम० मिलेनियम स्कूल केपास 10 बजे पहुँचा तो तीन मोटरसाईकिल <नाम> सबार 6 व्यक्तियों ने उसेरोक लिया तथा उसका सामान लूटने का प्रयास किया। तभी एक मोटरसाईकिल आती देख इन्होनें उसकी पकड़ ढीली <नाम> दी, वह झटा देकरपास ही स्कूल की दीवार फांदकर अन्दर मुड गया तथा अपने <नाम> को फोनकर दिया। थोड़ी देर में उसका <नाम> गाव के बहुत से लोग आ गए थे। गाँववालों को देखकर मौके से भाग गए। यदि वह स्कूल के अन्दर नहीं कूदता येलोग उसे लूट लेते। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वाराअन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूट कारित करने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> देवेन्द्र प्रसादवर्मा एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गयातथा अभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6666/2019बृजमोहन बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण के बयानके आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी को मौके भागा हुआदर्शित किया गया है। प्रार्थी की शिनाख्त नहीं करायी गयी है। प्रार्थी दिनाक29.07.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त <नाम> कीजमानत पूर्व में न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। यह प्रार्थी का प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पन्न किसी भीच्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 17.07.2019 की समय 02:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा के साथ लूट कारित करने का प्रयास करने काआरोप लगाया गया है। प्रार्थी को सह-अभियुक्तगण रामू व हेत <नाम> उफहेता के कथन के आघार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। केस डायरीके अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारासह-अभियुक्तगण के साथ दिनाक 29.07.2019 को गिरफतार किया गया है तथा उसके कब्जे से एक तमंचा, दो जिन्दा कारतूस, 1500/- रूपए नगद,चार छोटी कान की बाली पीली धालु व एक मोटरसाईकिल बरामद की गयीहै । प्रार्थी लगभग <नाम> माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। सह-अभियुक्त रामू उफ शैलेन्द्र व <नाम> की जमानत इस न्यायालय द्वारा पूर्व में स्वीकार कीजा चुकी है । प्रार्थी की मामले में <नाम> सह-अभियुक्तगण के समान है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रणकषेत्न) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4091_202009-12-2020724
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{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में <नाम> भूरी <नाम> पत्नी नवाब <नाम> का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादिनी द्वारा दिनांक 29.09.2020 को थानाध्यक्ष बसौनी के समक्ष इस आशय का तहरीरी प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया कि उसने <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र मौजीराम, नवाब <नाम> पुत्र रामचरन,धर्मवीर, <नाम> भीमसेन पुत्रगण नवाब <नाम> के विरूद्ध दिनांक 25.09.2020 कोउच्चाधिकारियों के समक्ष शिकायत प्रार्थना पत्र <नाम> था तथा उसकी चचेरी ननद Bail Application No.-4091/2020Arjun Vs. Stateरीना पुत्री रामसेवक ने दिनांक 25.09.2020 को जिलाधिकारी के समक्ष शिकायतप्रार्थना पत्र <नाम> था, जिसकी रंजिश के दृष्टिगत दिनांक 27.09.2020 को रात्रिलगभग 11:10 <नाम> जब वादिनी अपने घर के आगन में सो रही थी तो एक रायहोकर <नाम> <नाम> भीमसेन <नाम> व धर्मवीर घर में धारदार हथियार लाटी-डंडेलेकर घुस आए और <नाम> से मारने की नियत से वादिनी का मुंह दबाकर उपरोक्तसभी लोग वादिनी को लाटी-डंडे से मारने लगे और <नाम> ने <नाम> से मारने कीनियत से वादिनी को चाकू मारा जिससे उस्का कान कटकर गिर गया। वादिनीके चीखने-चिल्लाने पर्‌ उसकी ननद <नाम> <नाम> व सास <नाम> व आस-पासके काफी लोग आ गए उन्हे देखकर उपरोक्त लोग <नाम> से मारने की धमकीदेकर भाग गए। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र मय शपथपत्र में कथनकिया गया है कि मजरूबी चिट्ठी में दो जाहिरा चोट, दाहिने कान में चोट वदाहिनी तरफ गर्दन <नाम> खुर्सट, मजरूबा <नाम> <नाम> के शारीर <नाम> दर्शायीगयी है, जो डॉक्टरी मुआयने <नाम> प्रश्‍नचिन्ह लगाती है। यदि गर्दन <नाम> चाकू माराजाता तो गंभीर चोट लगती, जो मेडिकल में नही है। सी0डी0 के प्रथम पर्चे केकॉलम 6-एफ में वादिनी की ननद <नाम> व वादिनी के घर में घटना के समय बिजली <नाम> होना स्वीकृत है, अंधेरा होने की <नाम> करते हुए, अंधेरे में मारपीट करना बताया गया है। चाकू से कान <नाम> वार करके कान काटना संभव नहीं है। ", "<नाम> <नाम> <नाम> ग्राम बिचौला के आम रास्ते <नाम> खरंजा कराना चाहते थे, जिस परवादिनी ने अवैध कब्जा <नाम> रखा है। इस रास्ते को लेकर कुछ <नाम> पहलेराजकमार क परिजनो ने <नाम> व उसके परिजनों के साथ मारपीट की थी, जिसमेंवादिनी के <नाम> रवींद व अन्य के विरूद्ध मुकदमा थाना <नाम> दर्ज है, जिसमें आरोपपत्र, अपराध संख्या-50/2020, <नाम> 323य% 324, 504, 506 भा0०दं0सं0 वादिनी केविरूद्ध न्यायालय में प्रेषित हो चुका है। इस रास्ते को कब्जामुक्त <नाम> खरंजाकराने के उपजिलाधिकारी के आदेश को भी वादिनी ने नहीं माना औरखीझकर यह मुकदमा दर्ज <नाम> <नाम> जिसकी <नाम> विवेचक ने सी0डी0 क प्रथमपर्चे के कॉलम 8-एफ में किया है। वादिनी अवैध कब्जे से बचने के लिए ग्रामप्रधान, थाना पुलिस के खिलाफ झूठा आरोप लगाने की आदी है। <नाम> 156(3) Bail Application No.-4091/2020Arjun Vs. Stateदं0प्रoसं0 का प्रार्थना पत्र इसका प्रमाण है। कथित घटना को घटित होते वमारपीट करते पड़ोसियों या गांव वालो ने नही <नाम> है, केवल घर की महिलाएं हीसाक्षी हैं। कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त क विरूद्ध लगाए गए चोटोंके आरोप सामान्य <नाम> के हैं। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 25.11.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है । प्रार्थी/ अभियुक्त का पूर्व का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै । प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अलावा उक्तमुकदमे से संबंधित जमानत प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में <नाम> तो दाखिल किया गया है और <नाम> ही विचाराधीन है। इन्हीं आधारोंपर जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अपने कथन क समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता की ओर सेभूरी <नाम> के आधार कार्ड की प्रतिलिपि, संबंधित प्राथमिकी की प्रतिलिपि,उपजिलाधिकारी, बाह, <नाम> को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि, वादिनी <नाम> कीओर से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अंतर्गल <नाम> 156(3) दं0प्रoसं० की प्रतिलिपि, प्रार्थनाअंतर्गत <नाम> 156(3) दं0प्रoसं० <नाम> <नाम> <नाम> दिए जाने संबंधी प्रार्थना पत्र कीप्रतिलिपि, विशेष मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी का आदेश, दिनांकित 14.10.2020 कीप्रमाणित <नाम> थाना बासौनी की आख्या की प्रतिलिपि, उपनिरीक्षक, थाना बासौनीकी आख्या, जमानत निरस्तीकरण आदेश दिनांकित 30.11.2020 की प्रमाणित प्रतिप्रस्तुत की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक)द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि उपहत / वादिनी श्रीमतीराजकुमारी के दाहिने कान <नाम> धारदार हथियार से चोट की गयी थी व गर्दन परखुर्सट थी, जो एक गंभीर अपराध है तथा जिससे वादिनी की <नाम> भी जा सकतीथी । जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> में विवेचना <नाम> अभियुक्त द्वररा प्रभाव डालना संभाव्य है। अपराध एक महिला के विरूद्ध किया गया है, जो किगंभीर है। अतः जमानत प्ररार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदन किया गया है। वादिनी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि घटना घर के अंदर रात में हुई थी, अतःआस-पड़ोस के लोगो द्वारा घटना <नाम> <नाम> संभव नहीं था, घर में मात्र महिलाएं Bail Application No.-4091/2020Arjun Vs. Stateशी। प्रार्थी <नाम> ने वादिनी <नाम> <नाम> से मारने की नियत से चाकू से वार कियाथा, जिससे उसका आधा कान कटकर अलग हो गया। अभियुक्तगण अत्यंत दबंगप्रकृति के हैं, जिनसे पूरा गांव त्रस्त रहता है तथा थाना पुलिस से सांठ-गांठ केकारण उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती है। " ], "judge-opinion": [ "उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्तागण व विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता(आपराधिक) को जमानत प््रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रं का अवलोकनकिया। स्वीकृत <नाम> से उपहत/ वादिनी <नाम> <नाम> <नाम> व उसके परिजनोके विरूद्ध स्थानीय थाने <नाम> पूर्व में मुकदमा अपराध संख्यज्ञ-50,/ 2020, अंतर्गतधारा 323, 325, 504, 506भा0दं0सं0 पंजीकृत है, जिसमें आरोप पत्र प्रेषित किया जाचुका है। वादिनी द्वारा संबंधित थानाध्यक्ष <नाम> प्रभुदयाल व उपनिरीक्षक जितेंद्र कुमारके विरूद्ध छेड़खानी संबंधी प्रार्थना पत्र अंतर्गत <नाम> 156(3) दं0प्र०सं0 न्यायालय केसमक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। यह भी स्वीकृत है कि वादिनी का <नाम> <नाम> कब्जेसंबंधी विवाद चल रहा है। घटना के समय घर में अंधेरा होना भी स्वीकृत है। वादिनी द्वारा अपने तहरीरी प्रार्थना पत्र में शोर सुनकर पास-पड़ोस के काफी लोगोंके आ जाने का कथन किया गया है <नाम> ऐसे किसी व्यक्ति का नाम नहीं बतायागया है। प्रार्थी का स्वीकृत <नाम> से कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वादिनी द्वाराथानाध्यक्ष व उपनिरीक्षक के विरूद्ध भी प्रार्थना पत्र अंतर्गत <नाम> 156(3) द॑ं0प्रoसं0प्रस्तुत किया जा चुका है। प्रकरण मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त दिनांक27.11.2020 से कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_880_202124-02-20211948
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में राजाबाबू का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी <नाम> द्वरा दिनांक 21.11.2020 को थाना सिकन्दरा, <नाम> <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयीकि दिनांक 15.11.2020 को मैं मय परिवार सहित अपनी रिश्तेदारी में बुलंदशहर गयाथा। आज दिनांक 17.11.2020 को 09.15 बजे जब मैं अपने आवास <नाम> लौटा तो पायाकि मेरे मकान का आयरन गेट (लोहे का गेट) की कुण्डी टूटी पायी तथा जब में अन्दरमकान में प्रवेश किया तो पाया कि <नाम> सामान अस्त व्यस्त हालत में था। अलमारी केताले टूटे पड़े हुए थे तथा कैमरो की डी0बी0आर गायब थी। पूरा सामान चेक करने परज्ञात हुआ कि लगभग पचास हजार रूपये नकद और लगभग आठ नौ तोले सोने केआभूषण एक लैप्टाप अज्ञात चोरो द्वारा चुरा लिया गया है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया हैकि उपरोक्त एफ०आई०आर0० वादी द्वारा दिनांक 21.11.2020 को अज्ञात चोर के खिलाफदर्ज करायी गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त को थाना सिकन्दरा <नाम> की पुलिस पूछताछ केलिए घर से उठाकर लेकर आयी थी, तीन <नाम> अवैध हिरासत में रखने के <नाम> विवेचनाअधिकारी ने उपरोक्त अज्ञात मुकदमें को प्रार्थी/अभियुक्त के खिलाफ नामजद <नाम> दियाहै। पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के नाम <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त के खिलाफ उपरोक्त अज्ञातमुकदमे में नामजद <नाम> <नाम> है। उपरोक्त मुकदमे में प्रार्थी / अभियुक्त से कोई सामानबरामद नहीं है। पुलिस द्वारा दिनांक 29.01.2021 को फर्द लिखी गयी है, उसी दिनवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रेस नोट जारी किया गया व इसी <नाम> पुलिस द्वारा सामानबरामद दिखाया गया है। इसी <नाम> अभियुक्तगण की डाक्टरी की गयी और इसी दिनन्यायालय में रिमांड दाखिल किया गया। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 सेजिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जानेकी <नाम> की गयी। Bail Application/1972/2021 -Banti Vs. UP State 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्ररार्थनापत्र <नाम> कहागया कि अभियुक्त को घर से पकड़कर पुलिस द्वारा इस प्रकरण में झूंठा फंसाया गयाहै। अभियुक्त से कोई सामान बरामद नहीं हुआ है, जो भी बरामदगी दिखायी गयी है,वह झूठी है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है, प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात में दर्ज की गयी है, बरामदगी का <नाम> का कोई <नाम> नहीं है। मामलामजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह भी कहा गया कि एक ही बरामदगी के आधार परअभियुक्त के विरूद्ध कई मुकदमें लगा दिए गए हैं जिनमें से मु0अ0सं0-672/2020 मेंअभियुक्त की जमानत न्यायालय से हो चुकी है। जमानत दिये जाने की <नाम> कीगयी । ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारावादी के घर से जेवरात, रूपये व अन्य सामान चोरी किया गया तथा उससे बरामदगीहुई है। अपराध गंभीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्धदर्ज करायी गयी है। आवेदक / अभियुक्त को इस प्रकरण में बरामदगी के आधार परसंलिप्त किया गया है, अभियुक्त किसी भी बरामदगी से इंकार करता है। बरामदगी काकोई स्वतन्त्र <नाम> होना दर्शित नहीं है। फर्द में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के समय हीअन्य सामान की बरामदगी किया <नाम> कहा गया है। अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 सेजिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। मु0अ0सं0 672/2020 में अभियुक्त की जमानतअपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं017, <नाम> से दिनांक 16.02.2021 को स्वीकृत होचुकी है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1699_202110-03-20211232
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में धनीराम पुत्र <नाम> <नाम> द्वाराइस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त का पिता है तथापैरोकार मुकदमा है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही किसी अन्यन्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्र विचाराधीनहै और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> किशनकुमार <नाम> द्वारा थाना मलपुरा <नाम> तहरीर इस आशय की दी गयी है कि मेंकिशन <नाम> <नाम> जो कि आर्मी <नाम> में तैनात हूं तथा अपने परिवार के साथमथुरा में सरकारी आवास <नाम> <नाम> से रह रहा हूं। दिनांक 24.09.2020 कोउसका परिवार स्थान (इटौरा) से उसके कार्यरत स्थान <नाम> आये थे, तब सेलेकर दिनांक 11.12.2020 <नाम> उसका घर बंद था। दि० 08.12.2020 को पड़ोसी @)Ball Application No. 1699/2021 -Pramod Kumar Vs. UP Stateद्वारा सूचित किया गया कि आपके घर का एक ताला नहीं है, जिस <नाम> मन मेंशंका हुई । दिनांक 11.12.2020 को जब पड़ोसियों द्वारा ध्यान से देखे जाने परताला व कुण्डी टूटी पायी गयी। सूचना मिलने <नाम> वह तुरंत छुट्टी लेकर घरआया और पत्रकार के साथ घर में प्रवेश किया गया, बाकी का गहन निरीक्षणपुलिस टीम ने स्वयं किया, जिसमें घर क पांच ताले, जंजीर व घर की कुण्डी टूटीपायी गयी और उसक निम्न सामान चोरी हो गया। 02 महिला अंगूठी, 02 पुरूषआदि, 1 एक मंगलसूत्र, 250 ग्राम <नाम> ( बच्चों के खडुये), <नाम> करधन आदि,prestige inductin 6-36 इंच <नाम> Bra४a LED । ४, एक इण्डियन कुकिंग सिलैण्डर,8000 रूपये नकद, 2000 रूपये का केन्‍्टील का सामान, मन्दिर में चढ़े हुए250 रूपये, कीमती साडियां (7000% 4) कुल मु0 28,000 ,/ रू0 । ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> अज्ञात के विरूद्धमुकदमा अपराध सं0 473, 2020 अन्तर्गत <नाम> 457, 380 भा०दं0सं0० में प्राथमिकीअंकित की गयी। तत्पश्चात बरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 411, भा0दं0सं0 कीबढोतरी की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्थी/ अभियुक्त को उक्त कस में झूंठा फंसाया है व फर्जी मुठभेड़ दिनांक 12.01.2021को दिखाकर प्रार्थी/ अभियुक्त को उक्त केस में झूंठा फंसा <नाम> है। उक्त प्रकरण मेंथाना पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने की वजह से फर्जी मुठभेड़ दिखाकर प्रार्थी के ऊपरउक्त केस लगा <नाम> गया है जबकि उक्त केस की प्रथम सूचना रिपोर्ट देखने सेप्रतीत होता है कि अभियोजन पक्ष को भी वास्तविक तथ्य पता नहीं है कि चोरी किसतारीख को हुई है और कब हुई है उक्त प्रकरण में सम्बन्धित थाना पुलिस द्वारा कोईभी जांच नहीं की गयी है और फर्जी <नाम> से उक्त केस का खुलासा किया गया है। प्राथी / अभियुक्त <नाम> स्थित <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> मजदूरी करता है और वहीं परझुग्गी झोपड़ी बनाकर रहता है। प्रार्थी/अभियुक्त को दिनांक 08.01.2021 को पुलिसद्वारा <नाम> रेलवे स्टेशन <नाम> से गिरफ्तार किया गया था व <नाम> रेलवे स्टेशनरोहतक से ही प्रार्थी/अभियुक्त को लाया गया था और दिनांक 12.01.2021 को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर उक्त केस झूंठा खोल <नाम> गया जबकि उक्त केस के ्रार्थी/ अभियुक्त का कोई भी सम्बन्धा व सरोकार नहीं है। पुलिस द्वारा प्रार्थी के पाससे केवल 3500/- रूपये बरामद किये गये उसके अलावा और कुछ भी पुलिस कोप्रार्थी से बरामद नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा जो भी सामान बरामद दिखाया गया है ्रार्थी/ अभियुक्त का उससे कोई भी सम्बन्ध व सरोकार नहीं है। पुलिस द्वारा फर्जीमुठभेड़ दिखाकर व सभी अज्ञात कसों में प्रार्थी का नाम रख <नाम> गया है जो किपुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने के लिए किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त सजायाफ्ता 3)Bail Application No. 1699/2021 -Pramod Kumar Vs. UP Stateमुलजिम नहीं है। दिनांक 13.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्तशातिर किस्म का अपराधी है। अभियुक्त को <नाम> अभियुक्तगण के साथ चोरी / लूटकी <नाम> बनाते हुए एवं पुलिस पार्टी द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> चोरी/लूट केमाल सहित गिरफ्तार किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तशातिर किस्म का व्यक्ति हैं, पुनः इस प्रकार के अपराध में सम्मिलित होने कीसंभावना है। यह कहते हुए जमानत प््रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि दिनांक 13.12.2020 को वादीमुकदमा <नाम> किशन <नाम> <नाम> के घर से 2 महिला अंगूठी, 2 पुरूष अगूंठी, 1मंगलसूत्र, 250 ग्राम <नाम> आदि सामान चोरी करना कहा गया है। मुकदमा अज्ञातमें दर्ज कराया गया है। फर्द बरामदगी के अवलोकन से विदित होता है कि प्रथमसूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त मामले में नामित नहीं है। अभियुक्त को उसकेजुर्म इकबालिया बयान के आधार <नाम> प्रकरण में नामित किया गया है। घटना एवंबरामदगी का कोई स्वंत्रत <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त आपराधिक इतिहाससम्बन्धी कोई प्रलेखीय साक्ष्य अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। ्रार्थी/अभियुक्त को दिनांक 13.01.2021 से जिला कारावास, <नाम> में निरूद्ध है। अभियुक्त मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है तथा किसी भी प्रकार की बरामदगी सेइंकार करता है। मामले में विवेचना उपरान्त आरोप पत्र आ चुका है। विचारण में समयलगना सम्भाव्य है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2665_201930-05-20193465
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में देवीचरन का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक क अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा गब्बर <नाम> द्वारा दिनांक 08.05.2019 प्रथम सूचना रिपोर्ट यह कथन करतेहुए दर्ज कराई कि वादी और वादी का भतीजा <नाम> <नाम> कस्बा शमशाबाद से अपनेघर नया बॉस मोअर सर्किल से जा रहे थे। तभी जैसे ही अलीनगर के पास पहुँचेतभी दो बदमाशों ने रोक <नाम> वादी के भतीजे से सैमसंग <नाम> लूट लिया। हल्लाकिया तो जानता की भीड आई जिनकी मदद से वादी और उसके भतीजे ने दोनोंबदमाशों को 08.30 बजे लूटे गये मोबाइल सहित पकड लिया। पकडे गये बदमाशों सेपूछने <नाम> अपनी नाम सिद्धार तथा दूसरे ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया। वादी कीतहरीर के आधार <नाम> थाने <नाम> मुकदमा पंजीकृत हुआ। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण निर्दोष हैं, उनके पास से कोई बरामदगी नहीहै। <नाम> ही कोई अपराध कारित किया है, उन्हें झूठा फसाया गया है। यह भी तरकप्रस्तुत किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में कोई हथियार दिखाये जाने का कथननहीं है और यह भी तकं प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण किसी वाहन से नहीं थे। जबकि वादी तथा उसका भतीजा मोटर साईकि से थे। इस प्रकार उनके पास जानासम्भव नही था। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त <नाम> <नाम> अपने सगेभाई <नाम> की ससुराल ग्राम बास महुआ में लडकी की शादी में आया था। दिनांक07.05.2019 को <नाम> करीब 08.00 बजे जब बारात की चढाई हो रही थी। तभी वादीगब्बर <नाम> अपने भतीजे <नाम> के साथ मोटर साईकिल से अलीनगर होकर जा रहाथा तो उसने अपनी मोटर साईकिल से टक्कर मार दी। जिससे अभियुक्तगण जमीनपर गिर पड़े , वाद विवाद हो गया था। इन आधारों <नाम> जमानत प्रदान किये जाने कीप्रार्थना की गई । ", "विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते —_ 2 —_हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण द्वारा लूट की घटना कारित कीगई है। उन्हें जमानत <नाम> छोड़ने का आधार पर्याप्त नहीं है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "मैंने प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान लोकअभियोजक को सुना एवं केस डायरी का सम्यक परिशीलन किया गया । ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमातथा उसका भतीजा मोटर साईकिल से थे। जबकि अभियुक्तगण को किसी वाहन सेहोना नहीं दिखाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में सैमसंग मोबाइल लूटने की बातकही गई है। किस रंग का और किस नाम का था, स्पष्ट नहीं किया गया है। अभियुक्गण द्वारा शादी समारोह में शामिल होने और आते समय मोटर साईकिल सेटक्कर मारने <नाम> झगडा होने का कथन किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6157_201907-11-20191992
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती मलुआ <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मौहरसिंह द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किदिनाक 07.01.2019 को रात करीब 11:00 बजे निबोहरा रोड <नाम> बदमाशों नेदूध डालकर लौट रही गाड़ियों को रोककर लूटपाट की और मौहर सिंहअपनी गाड़ी मैक्स यू0पी0 83,/टी 9745 से दूध डालकर लौट रहे थे कि बदमाशों ने रास्ते में रोककर निबोहरा रोड <नाम> तमंचों व बडे हथियारों सेमारपीट की जिसमें रिंकू व मोहर <नाम> बुरी तरह घायल हुए हैं और लाठी सेउनकी बांह तोड़ दी, सिर में भी बहुत चोट है, गाड़ी के शीशे तोड़े, तमंचों सेफायरिंग की और गाड़ी छीनने की कोशिश की । ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी ,/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दाप्रकक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाणीश, न्यायालय संख्या-08, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 6157 / 2019बृजेश बनाम राज्यअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। मामले में अभियुक्त हेत सिह एवं रामूको गिरफ्तार किया जाता है तथा गिरफ्तारी के <नाम> अभियुक्तगण कीसंस्वीकृति के आधार <नाम> प्रार्थी को पुलिस द्वारा झूठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी को मौके से भागना बताया गया है। घटना का कोई चश्मदीद साक्षीनहीं है। प्रार्थी को जेल से तलब <नाम> इस प्रकरण में निरूद्ध किया गया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्रकिसी अन्य न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य केसाथ मिलकर वादी मुकदमा की गाड़ी लूटने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रमेश चन्द्रा एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 07.01.2019 की है। प्रार्थी <नाम> अन्य के साथ मिलकर वादीमुकदमा के साथ मारपीट <नाम> उसकी गाड़ी लूटने का प्रयास करने का आरोपलगाया गया है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी कोसह-अभियुक्तगण हेत <नाम> उर्फ <नाम> व रामू के कथन के आधार <नाम> मामले में अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी बी वारण्ट <नाम> तलब होकर इस प्रकरण मेंनिरूद्ध है। प्रार्थी लगभग 20 <नाम> से जिला कारागार में निरूद्ध है। ", "सह-अभियुक्त रामू उर्फ शैलेन्द्र की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक17.10.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4020_202009-12-2020704
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता मुन्नालाल <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मुकदमे में झूंठा फसाया गया है। पुलिस द्वारा अपराधमें दर्शाये गये अभियुक्त गुड्डा <नाम> के बयान के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त के कब्जे से किसी प्रकार का लूट का सामान बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त कीकिसी <नाम> से शिनाख्त नहीं कराई गयी है। अभियुक्त के विरूद्ध किसी सवारी द्वारा कोईरिपोर्ट अपने अपहरण आदि के संबंध में दर्ज नहीं कराई गयी है। अभियुक्त दिनांक 21.08.2020से कारागार में निरूद्ध है। इस प्रकरण में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> सूरज, <नाम> <नाम> उफ <नाम> <नाम> <नाम> हरवेन्दर की जमानत दिनांक 01.10.2020 को स्वीकार हो चुकी है। अतःआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय । विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक/ अभियुक्त के षडयंत्र से, सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी से 223,600 /- रुपयों की लूट की गयी है तथा वादी को बस से खींचकर जायलो गाड़ी मेंडालकर अपहरण किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रामविशाल <नाम> द्वारा थाना मलपुरापर एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह <नाम> ट्रेवल्स ग्वालियर के यहां करीब 10वर्ष से बस <नाम> कन्डक्ट्री करता है। दिनांक 18.08.2020 को बस नं0 यूपी.75-एम-3516 परड्राइवर रमेश पुत्र बोधराम, हेल्पर भूरा <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> के साथ समय करीब 4.00 बजेशाम <नाम> से बस से 34 यात्रियों को लेकर <नाम> अमानगंज, मध्यप्रदेश के लिये रवाना हुआथा। उन लोगों ने <नाम> पहुंचकर <नाम> के पहले <नाम> ढावा <नाम> खाना खाया तथा उसके <नाम> <नाम> बाईपास <नाम> स्थित टोल रायवा <नाम> टोल टैक्स की रसीद 10.30 बजे कटवायी। कुछदूर चलने के <नाम> दो गाड़ियों ने जिसमें से एक गाड़ी जायलो एक्सयूवी रंग सिल्वर नं0डी.एल.12-ए.सी.-2286 था तथा दूसरी गाड़ी सफेद रंग की थी, जिसका नम्बर व मॉडल पतानहीं है, ने ओवरटेक करके बस को रुकवा लिया। जायलो गाड़ी से 5 व्यक्ति उतरे, जिनमेंसे एक व्यक्ति ड्राइवर साइड से बस में घुस आया तथा <नाम> खिड़की से अन्दर आये। इनलोगों ने कहा कि हम श्रीराम फाइनेंस कम्पनी के रिकवरी वाले है। पिछले 8 महीने से तुम्हारीगाड़ी की किश्त नहीं भरी गयी है, तुम्हारा <नाम> फोन नहीं उठा रहा है। हम बस को अपनेसाथ फाइनेंसर के पास ले जा रहे हैं। बस स्टाफ वालों ने विरोध किया तो इन लोगों ने उसकेबैग में रखे 23,600, रुपये छीन लिये, उनके साथ मारपीट की तथा उन लोगों को बस सेखींचकर जायलो गाड़ी में अपहरण करके बंधक बनाकर डाल लिया। <नाम> लोग उनके साथ जायलो गाड़ी में आ गये तथा एक बस को लेकर चला गया। ये लोग उन्हें शमशाबाद की ओरले गये, उसके <नाम> रिंग रोड़ होते हुये कुबेरपुर <नाम> ले गये तथा <नाम> ढावा <नाम> बैठकरखाना खाया। ये लोग कह रहे थे कि वह इस गाड़ी की रिकवरी की रसीद बनाकर देंगे,लेकिन उन्हें कुबेरपुर <नाम> गाड़ी से उतारकर चले गये तथा पुलिस शिकायत करने <नाम> मारने की धमकी दी व गालीगलौज करते हुये उन्हें करीब दो बजे <नाम> कुबेरपुर <नाम> उतार दिया। दिनांक 17.08.2020 को ट्रेवल्स के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> की मृत्यु हो चुकी है, अब द्रेवल्स को उनका लड़का <नाम> <नाम> चलाता है, जिसको उसने सूचना <नाम> दी है। बस व उसमें बैठीसवारियों का कोई पता नहीं है। सवारियों को वे लोग बस सहित बंधक बनाकर ले गये हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> मु0अ0सं0 283/2020 अन्तर्गत धारा395, 342, 364, 365, 504, 506 भा०दं0सं0 पंजीकृत हुआ। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी की बस सं0 यू०पी075-एम-3516 कोजायलो एक्सयूवी सवार 5 लोगों के द्वारा रुकवाकर, एक व्यक्ति के द्वारा ड्राइवर सीट <नाम> बैठकर बस को बंधक बनाकर ले जाया <नाम> कहा गया है तथा अन्य के द्वारा <नाम> में रखे हुये23,600 / — रुपये छीनना बताया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", " अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है 3कि <नाम> अभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> का नाम <नाम> में <नाम> कहा गया है एवं अभियुक्त <नाम> <नाम> के पकड़े जाने <नाम> उसके द्वारा पुलिस को दिये गयेकथित बयान के आधार <नाम> प्रश्‍नगत बस को उसके कहने <नाम> सहअभियुक्त यतेन्द्र द्वारा बस को चलाकर ले जाया <नाम> कहा गया है, इस मामले में संलिप्त किया गया है। अभियुक्तप्रदीप <नाम> के कब्जे से कथित रूपयों अथवा घटना में प्रयुक्त वाहन की बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त की <नाम> कथित घटना कारित करने <नाम> मात्र षडयंत्र रचने की बताई गयी है। इस मामले में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> सूरज, <नाम> <नाम> उफ <नाम> <नाम> <नाम> हरवेन्दर की इस मामले में जमानत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 21.08.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतएव जमानत के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> विचार किये <नाम> जमानत <नाम> पर्याप्त आधार हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3542_202003-11-20201386
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> प्रसादद्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार उपनिरीक्षक सोनू <नाम> मय हमराही रवानाहोकर देखभाल <नाम> चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति/वाहन रोकथाम जुर्म जरायम में 80 फुटाचौराहे <नाम> मामूर था कि मौके <नाम> मुखबिर खास ने आकर सूचना दी कि साहबएस0०आर पेट्रोल पम्प से थोडा पहले तीन संदिग्ध व्यक्ति किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में खडे हैं यदि जल्दी की जाये तो पकड़े जा सकते हैं मुखबिर खास कीइस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिसवालों ने मय मुखबिर के एक दूसरे की जामातलाशी ले देकर <नाम> किया कि जुर्म जरायम से सम्बन्धित किसी के पास कोईवझुत नहीं है तथा आने-जाने वाले व्यक्तियों से अपना मकसद बताते हुए गवाहीगवाहान <नाम> चलने के लिए कहा तो भलाई बुराई के <नाम> कोई तैयार नहीं हुआबमजबूरी पुलिस वाले मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान की ओर चल दिये तथा जिस @) Bail Application No. 3542/2020 Kanhiya Sharma Vs. UP Stateस्थान <नाम> तीनों संदिग्ध व्यक्ति खडे थे उस से थोडा पहले रूककर पेड की आड़ सेमुखबिर ने इशारा करके बताया कि वे जो तीनों व्यक्ति मोटर साईकिल के साथ खडेहै वही वह तीनों संदिग्ध व्यक्ति हैं यह बताकर मुखबिर चला गया जेसे ही पुलिस वालेतीनों संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ने के लिये उनकी तरफ बढ़े तो वह सकपका करभागने के लिय तैयार हुये परन्तु पुलिस वालों ने घेर घोट <नाम> आवश्यक <नाम> प्रयोगकरते हुये तीनों व्यक्तियों को पकड लिया पकडे गये तीनों व्यक्तियों की जामा तलाशीलेते हुए नाम पता पूछा तो पहले व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> उर्फ जल्लाद पुत्ररामगोपाल <नाम> बताया उसके पास से एक अदद तमंचा 315 बोर तथा एक अददजिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद हुआ तमंचे व कारतूस का लाईसेंस तलब किया तोदिखाने में कासिर रहा। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम प्रिन्स <नाम> पुत्र रामविलास यादवउफ पप्पू <नाम> बताया उसके पास से एक अदद चाकू बरामद हुआ जिसको रखने काउसके पास कोई लाईसेंस नही था एवं तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम कन्हैया <नाम> पुत्रमहावीर <नाम> बताया तथा जामा तलाशी ली तो कुछ बरामद नहीं हुआ तथा दाहिनेहाथ में लिये थैले के बारे में पूछा तो सकपकाते हुये कहा कि <नाम> गलती हो गयी हैशेले में गांजा है जिसे में बेचकर थोडे पैसे कमा लेता हूं। बरामद गांजे का वजन 600 ग्राम निकला गांजा लाने ले जाने का लाइसेंस तलब किया तो दिखाने में कासिर रहापकड़े गये व्यक्तियों से स्कूटी बरामद की गयी बरामद स्कूटी <नाम> नंबर चैसिस नं0ME4)JF<फ़ोन-नंबर>9 के कागज दिखाने के लिए कहा तो दिखाने में कासिर रहेतथा तीनों व्यक्तियों ने एक स्वर में कहा कि <नाम> हम तीनों ने मिलकर यह मोटरसाईकिल रामबाग <नाम> में सर्विस रोड से चुरायी थी हम जब भी किसी घटना कोअंजाम देते हैं तो चोरी की गयी मोटर साईकिल का ही प्रयोग करते हैं जिससे हमपकडे <नाम> जा सके । ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/शपथ पत्र में कहा गया हैकि प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है उसने प्रश्‍नगत कोई अपराध कारित नहीं किया है औरन ही उसके कब्जे से कुछ बरामद हुआ है उसे पुलिस द्वारा इस प्रकरण में झूठा फंसाया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध कथत घटना से सम्बन्धित कोईविश्वसनीय साक्ष्य उपलब्ध नहीं है तथा कथित घटना व बरामदगी के सम्बन्ध में कोईस्वतंत्र जनसाक्षी भी नहीं है सभी <नाम> पुलिस क है। पुलिस द्वारा फर्द बरामदगी वप्राथमिकी में प्रार्थी / अभियुक्त व अन्य दो सहअभियुक्त के <नाम> कब्जे से कथित एकस्कूटी की बरामदगी दर्शायी है किन्तु कथित स्कूटी चैसिस न॑ं<फ़ोन-नंबर>चोरी की है इस सम्बन्ध में उक्त स्कूटी को किसी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गयाहै । प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह दिनांक 07.10.2020से जिला करागार, <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त लाईट फिटिंग का कामकरता है पुलिस की बेगार <नाम> करने के <नाम> पुलिस ने उसे घर से ले जाकर प्रश्‍नगत 6) Bail Application No. 3542/2020 Kanhiya Sharma Vs. UP Stateमामले में झूठा फंसा <नाम> है। उक्त प्रकरण अधिकतम 3 वर्ष के कारावास से दण्डनीयव मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। पुलिस द्वारा इसी घटना में प्रार्थी / अभियुक्तके कब्जे से 600 ग्राम नशीले पदार्थ गांजा की बरामदगी भी दर्शायी है, जिसमेंअभियुक्त की दिनांक 14.10.2020 को अवर न्यायालय द्वारा जमानत स्वीकृत हो चुकीहै। अतः जमानत <नाम> <नाम> करने की प्रार्थना की गयी है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसको इस मामले में झूठाफंसाया गया है। अभियुक्त से पास से कोई स्कूटी बरामद नहीं हुई है। उक्त घटनाका कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इन्हीं आधघारों <नाम> जमानत दिये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के पास से600 ग्राम नशीला पदार्थ गांजा बरामद हुआ है तथा अभियुक्त के पास से चोरी कीएक्टिवा चैसिस नं0 । ॥६4)501/08561019 बरामद हुई है, जो मु०अ0सं0405,/ 2020 <नाम> 379 आईएपी0सी0 से सम्बन्धित है। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी के तर्को को सुना तथा केस डायरी व प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "केस डायरी व प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामजद है। अभियुक्त के पास से स्कूटी चैसिस नं<फ़ोन-नंबर>बरामद होना बताया गया है तथा अभियुक्त के पास से 600 ग्राम नशीला पदार्थ गांजाबरामद होना बताया गया है। बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्त की मु0अ0सं0- 847/ 2020धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0० एक्ट में दिनांक 16.10.2020 को अपर सिविल जज(जू०डि0), न्यायालय सं0-7/ जे0एम0, <नाम> द्वारा जमानत स्वीकृत की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 07.10.2020 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त के आपराधिक इतिहाससे सम्बन्धित कोई भी साक्ष्य केस डायरी <नाम> दर्शाया नहीं गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1488_202005-08-2020581
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुकता के पेरोकार <नाम> <नाम> <नाम> नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्ता का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 31.03.2019को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> देवरी रोड़, <नाम> में किराये <नाम> मकान लेकर रहते हैं। मकान <नाम> का किराया दो महीना का उनके ऊपर था, किराये के ऊपर मकान <नाम> से कहा सुनी हो गयी थी। ", "मकान <नाम> <नाम> <नाम> एवं उनकी दो बेटियों <नाम> एवं रेनू ने मिलकर मारपीट (2)की और फिर उनके ऊपर तेल डालकर जला दिया। समय लगभग 11 या 11.30 रातके दिनांक 29.03.19 को घटना हो गई। उसके दोनों भतीजों कुनाल और बरून केसामने घटना घटित हुई है। इसके <नाम> पुलिस ने उन बच्चों का बयान लिया औरपुलिस ने <नाम> <नाम> को एस0एन0हॉस्पीटल में भर्ती कराया। ", "वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तागण <नाम> <नाम> <नाम> व रेनू के विरूद्द थानासदर बाजार <नाम> मु0अ0सं0 264/ 2019 <नाम> 307 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> कीगई । ", "विवेचना के दौरान मृतक की मृत्यु के उपरान्त उक्त अपराध को <नाम> 302भा०द0सं0 में तरमीम किया गया। अभियुक्‍कता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्ता को झूठा फंसाया गया है, वह निर्दोष है, उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं कियाहै। यह कथन भी किया गया है कि घटना दिनांक 29.03.2019 की बताई गई हैजबकि प्राथमिकी दिनांक 31.03.19 को दर्ज कराई गई है, विलम्ब का कोई कारणदर्शित नहीं किया गया है। मुकदमे का वादी <नाम> <नाम> घटना के समय घटनास्थलपर मौजूद नहीं था, <नाम> ही उसके द्वारा कोई घटना देखी गई है, <नाम> ही उसके भतीजों नेकोई घटना बताई है, प्रथम सूचना रिपोर्ट में मारपीट करना बताया गया है परन्तु मृतकके शरीर <नाम> कोई चोट नहीं है, केवल जली हुई चोट है। अभियुकता का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्ता दिनांक 07.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। ", "अत: जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी पक्ष केविद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथा <नाम> शपथपत्र दाखिल करतेहुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्ता के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तागण के साथमिलकर वादी के <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> के साथ मारपीट <नाम> उसके ऊपर तेल डालकर जला <नाम> मृत्यु कारित की गई है। अभियुक्ता द्वारा कारित अपराधगम्भीर <नाम> का है, अत: जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की प्रार्थना की गई। अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्ता के विरूद्ध अन्य <नाम> अभियुक्तागण के साथ मिलकर वादी के <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> के साथ मारपीट <नाम> (3)जमानत प्रार्थना पत्र स0: 1488 “2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1488 / 2020उसके ऊपर तेल डालकर जला <नाम> मृत्यु कारित किए जाने का आरोप है। केस डायरी के पर्चा कमांक 08 दिनांकित 31.03.2019 <नाम> मृतक <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> का मृत्युकालिक कथन उल्लिखित किया गया है जिसमें उसने यहकथन किया है कि “जिस मकान में वह किरायेदार है, उसका किराया पिछले दो माह से देना बाकी था, इसको लेकर मकान मालकिन से उसका कई बार वाद विवाद हो गया था। उसने कहा कि पैसा होने <नाम> देगा। इसी बात को लेकर कल रात 11.00 बजे मकान मालकिन तथा उसकी दो लड़कियों ने उसके ऊपर मिट्टी का तेल डालदिया और उसे जला दिया। ”मृतक की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतक की मृत्यु का <नाम> जलने से ag ae बताया गया हैं। ", "इस प्रकार मृतक <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> द्वारा अपने मृत्यु कालिक कथन में मकान मालकिन और उसकी दोनों पुत्रियों द्वारा मिटटी का तेल डालकर आगलगाये जाने का कथन किया है जिससे प्राथमिकी में वर्णित इन तथ्यों की <नाम> होतीहै कि मकान <नाम> <नाम> <नाम> व उसकी दोनों बेटियों पूनन और रेनू ने मिलकर मृतक <नाम> <नाम> पुत्र खूबचन्द <नाम> के ऊपर तेल डालकर जलाया गया। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक एवं उनका सहयोग <नाम> रहे वादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा उपलब्ध केसडायरी का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्‍कता के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तागण के साथ मिलकर मृतक <नाम> <नाम> के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर उसकी जलाकर हत्या कारित किया <नाम> बताया गया हैं। इस प्रकरण में विवेचना पूर्णकर आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। उक्त अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4249_202022-12-202099
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया हैतथा इसके Ue RHR PAT का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि प्रभारी निरीक्षक प्रवेश कुमारने दिनांक 01.01.2020 को 17-30 बजे थाना फतेहाबाद द्वारा इस आशय की रिपोर्टदर्ज कराई गयी कि गैंग लीडर अलीशेर उर्फ शकी ने एक सुसंगठित गैंग बना रखाहै, जिसके सदस्य अलीशिक उर्फ डोकर उर्फ अरफान, <नाम> उर्फ बबलू, मुनीम हैं,जिनका मुख्य कार्य लूटरपाट व चोरी <नाम> अवैध <नाम> से धन अर्जित करना है। इनकेविरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोगपंजीकृत कराया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक /»/ अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त किसी गिरोहका सदस्य नहीं है, उसका समाज में कोई भय एवं आतंक व्याप्त नहीं है। गैंगचार्ट मेंआवेदक / अभियुक्त <नाम> जो मुकदमे ead गये हैं, उन सभी मुकदमों में उसकाजमानत प्रार्थना पत्र वास्ते निस्तारण न्यायालय में विचाराधीन है। आवेदक / अभियुक्तदिनांक 07.02.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजाय । ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्रका विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त कासंगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट,आगरा से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध1 .मु0अ0सं0 121 /2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भाठदं०सं० थाना फतेहाबाद, आगरा2. मु0अ0सं० 138 /2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भाएदं०सं०थाना फतेहाबाद, आगरा3. मु0अ0सं0 181 /2019 अर्न्तगत <नाम> 382,411 भा०दं0सं0थाना फतेहाबाद, आगरा4. मु0अ0सं0 212,/ 2019 अर्न्तगत <नाम> 392,411 भा0दं०सं०थाना फतेहाबाद, आगरा5. मु0अ0सं0 43, 2019 अर्न्तगत <नाम> 379 भा0दं0सं0 थाना डौकी आगरा6. मु0अ0सं0 64,/2019 अर्न्तनगत <नाम> 379 भाएदं0सं? थाना डौकी, आगरा7. मु0अ0सं0 473,// 2018 अंतर्गत <नाम> 392, 504, 506 भा0द0सं0 थाना डौकी, <नाम> 2के मुकदमे लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतनिरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वानलोक अभियोजक को सुना गया तथा पत्रावली व कंस डायरी, गैंगचार्ट आदि कासम्यक परिशीलन किया। ", "गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल सातउपरोक्त मामले दर्शाये गये हैं, जिनमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी व लूट करने काअभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी कियाकलाप(निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्तअभिरक्षा में है, तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क)लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता और (ख) जहा लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँन्यायालय का समाधान हो जाये कि यह <नाम> करने का युक्‍क्तियुक्त आधार हैकि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समयउसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र में इस बात का उल्लेखकिया गया है कि गैंगचार्ट में उस <नाम> जो मामले दर्शाये गये हैं, उन सभी मामलों मेंउसका जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में लंबित है, यानि जिन मामलों के आधार परआवेदक /» अभियुक्त के विरूद्ध गैंगस्टर की कार्यवाही की गयी है, उन मामलों में अभीतक उसकी जमानत भी स्वीकार नहीं हुई है। आवेदक »/ अभियुक्त <नाम> अपने साथियोंके साथ मिलकर लूट, चोरी करने के आरोप हैं। पूर्व में इस न्यायालय द्वारा इसमामले के <नाम> अभियुक्त अलीशिक उर्फ डोकर उर्फ अरफान का जमानतmei पत्र संख्या-3612 / 2020 दिनांक 06.11.2020 को निरस्त किया जाचुका है। ", "आवेदक /» अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या,उनकी <नाम> एवं अभियुक्त के कब्जे से लूट व चोरी से संबंधित बरामदगी के तथ्यव उक्त अधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुयेन्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है औरजमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2887_202014-10-20201897
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की माँ <नाम> <नाम> काशपथपत्र संलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान अपर जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, पुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यक सम्बन्धित न्यायालय से आहइूतगत पीड़िता के बयान अं0 <नाम> 164द0प्रoसं0 का परिशीलन <नाम> लिया है। इस मामले के संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 19.06.2020को मुकदमा वादी शैलेन्द्र ने थाना सदर बाजार में इस आशय कीप्राथमिकी दर्ज करायी कि आज दिनांक 13.06.20 को उसकी पुत्री नीरूको करीब 3 बजे रात को सनी लेके भागा है। हम अपनी मॉ के इलाजके चक्कर में सभी परिवारीजन अस्पताल में थे। घर <नाम> लड़की अकेलेथी । जबकि हम लड़की का सम्बन्ध 5 <नाम> पहले तय करके आये थे। मेरे मकान में <नाम> लड़का किराये <नाम> रहताहै। उससे सनी ने शादी केबारे में पूछा कि कब लड़की की शादी है और पहले भी एक बार हमारीबेटी को सनी लेकर जा चुका है। उसकी मां ने राजीनामा <नाम> लिया थालेकिन दुबारा फिर सनी मेरी लड़की को लेकर भाग गया है। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता नेकथन किया है कि आवेदक अभियुक्त ने किसी प्रकार का कोई अपराधकारित नहीं किया है। पुलिस ने गुडवर्क दिखाने <नाम> यह झूठा मुकदमाथाने <नाम> दर्ज <नाम> <नाम> है। आवेदक अभियुक्त एक दूसरे को पसन्दकरते है और माता पिता की सहमति से ही विवाद करना चाहते है। नीरू भी आवेदक अभियुक्त से विवाह करना चाहती है। नीरू केपिता यह विवाह करना नहीं चाहते है इसलिये पुलिस की मदद सेआवेदक अभियुक्त <नाम> झूठा मुकदमा लगाकर जेल में बन्द करवा दियाताकि अपनी इच्छा से अपनी बेटी का विवाह <नाम> सके। दोनो बालिग हैतथा समझदार है। घटना दिनांक 13.06.20 की होना बताया है और थानेपर प्राथमिकी दिनांक 19.06.20 को दर्ज करायी है। विलम्ब काकोईकारण नहीं <नाम> है। आवेदक अभियुक्त नीरू को लेकर नहीं भागाथा और वह घर <नाम> मौजूद थी। नीरू के पिता ने जानबूझ <नाम> यह झूठामुकदमा लगवा <नाम> है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 08.08.20 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदकअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की आर से विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेआवेदनपत्र का विरोध करते हुये कहा है कि अभियुक्त क विरूद्ध कथितअपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्त मुकदमा वादी की पुत्री नीरू काअपहरण विवाह करने के लिये करके लेकर भाग गया था। आवेदकअभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहीं है। अतएव जमानत आवेदनपत्रखारिज किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों एवं अन्य प्रलेखों से विदितहोता है कि आवेदक अभियुक्त सनी <नाम> पीड़िता नीरू का व्यपहरण वपीड़िता को विवाह के लिये विवश करने के लिये अपहृत करने काआरोप लगाया गया है। पुलिस द्वारा प्रस्तुत केस डायरी में <नाम> धारा161 द0प्रoसं0 के बयानो में पीड़िता नीरू ने कहा है कि वह अपनी मर्जीसे गयी थी और उसने आवेदक अभियुक्त सनी से विवाह <नाम> लिया हैऔर साथ रहना चाहते है। <नाम> 164 द0प्र0सं0 के बयानो में भी पीड़ितानीरू ने ऐसा ही कथन किया है। पीड़िता द्वारा अपनी उम्र 18 वर्ष बतायीगयी है जबकि प्राथमिकी में <नाम> जन्मतिथि के अनुसार पीड़िता कीउम्र 17 वर्ष है। पीड़िता को विवश किये जाने का कोई <नाम> पत्रावली <नाम> उपलब्ध सामग्री से प्रतीत नहीं होता है। पीड़िता की कोईचिकित्सकीय आख्या भी नहीं है। <नाम> 363 भा०द0सं0 का अपराध 7 वर्षके दण्ड से दण्डनीय है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 08.08.20 सेन्यायिक अभिरक्ष में निरूद्ध है। वर्तमान मामले का निकट भविष्य मेंविचारण पूर्ण होने की कोई सम्भावना नहीं है। आवेदक अभियुक्तविचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्तजमानते देने के लिये तत्पर है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1809_202115-03-20211114
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में प्रार्थी / अभियुक्त के पैरोकार श्रीलक्ष्मण <नाम> ने शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यहप्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है इसके अलावा कोई प्रार्थनापत्र माननीय न्यायालय वमाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारके द्वारा दिनांक 25.12.2020 को थाना मलपुरा <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई किप्रार्थी टेम्पमों का <नाम> व चालक है जो अपना टेम्पो नं0० यूपी-80 बी0टी06377बोदला बिचपुरी रोड <नाम> अधिकतर चलाता है। आज दिनांक 25.12.2020 को समयकरीब 3.30 बजे कलवारी वायु बिहार रोड से तीन लड़के फतेहपुर सीकरी जाने हेतुटेम्पो में बैठे और समय करीब 4.30 बजे लेदरपार्क व महुअर पुल के बीच टेम्पो मेंपीछे बैठे दो लड़कों में से पहले तो टेम्पो छीनने का प्रयास किया और फिर मेरीकमर में गोली मार दी जो टेम्पो की बीच की ग्रिल में लगकर मेरी कमर में लगी है,रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही की <नाम> की गयी है। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा, <नाम> <नाम> अज्ञातके विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 488 / 2020, <नाम> 394 भाएदं0सं० में रिपोर्ट दर्जकी गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया है किप्रार्थ / अभियुक्त को इस मामले में पुलिस ने गुडवर्क तंग व परेशान करने के लिएझूंठा फंसाया गया है, उसने किसी से लूट नहीं की, ना किसी को <नाम> से मारने कीनीयत से फायर किया और ना ही किसी नुकीले हथियार से किसी को are weary । मामले में <नाम> का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त से किसी प्रकार कीकोई नाजायज वस्तु बरामद नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में प्रार्थी ,/ अभियुक्त का कोईनाम नहीं है, प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। वास्तव में खन्‍दौलीपुलिस ने दिनाक 08,/09.01.2021 की <नाम> को पूँछताछ के बहाने उठाकर फर्जीमुठभेड़ दिनांक 12.01.2021 को दिखाकर जेल भेज दिया। इस संबंध में अभियुक्त कीपत्नी ने उच्चाधिकारियों को दिनांक 11.01.2021 को रजिस्ट्री डाक से सूचना दी थी। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 12.1.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। अग्रेतर बताया कि इसी अपराध संख्या में सहअभियुक्त कन्हैया की जमानत न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-3 सेदिनांक 05.03.2021 को तथा सर्जन <नाम> <नाम> की जमानत इस न्यायालय से दिनांक09.03.2021 को स्वीकृत हो चुकी है। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वाराकिया गया आपराधिक कृत्य गम्भीर <नाम> का है। अतः उसका जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ " Bail Application/3274 /2021 -Gopal @ Bardi Vs. UP State 2प्रार्थी ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलनकिया गया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि इस मामले कीप्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करवायी गयी थी। प्रार्थी / अभियुक्त से पास सेwd लूट की घटना से सम्बन्धित कोई <नाम> बरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 12.01.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। आरोप पत्रदाखिल हो चुका है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> भी नहीं दर्शाया गया है। सहअभियुक्त कन्हैया की जमानत समकक्ष न्यायालय से दिनांक 05.03.2021 को तथासर्जन <नाम> <नाम> की जमानत दिनांक 09.03.2021 को इस न्यायालय से स्वीकृत होचुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1345_202027-07-2020877
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में राजवीर <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि दिनांक 08.07.2020 कोउपनिरीक्षक सोनू <नाम> व अन्य पुलिस दल द्वारा मुखबिर की खास सूचना <नाम> कोटलीबगीची चौराहे <नाम> चैकिंग के दौरान दो मोटर साइकिल सवारों को जीप दौड़कर लगभग100 मीटर आगे एक मोटर साइकिल सवार को पकड़ लिया, दूसरा मोटर साइकिल सवारमोटर साइकिल छोड़कर भागने में सफल रहा। पकड़े गए व्यक्ति से भागने का कारणपूछने <नाम> उसने बताया कि यह मोटर साइकिल चोरी की है इनको बेचने के लिए जा रहेथे। नम्बर चेक करने <नाम> नं0 यूपी80सीपी-6818 चेसिस न॑0एमबीएलजेए12एसीडीजीएच16676 इंजन नं0 जेए12एएबीडीजीएच20101 पैशन प्रो रंग कालाव दूसरी मोटर साइकिल नं यूपी80सीआर-8316 चेसिस न॑0एमबीएलएचएआर18जेएचजी06531 इंजन नं0 एचए10एसीजेएचजी37274 बरामद हुई । पकड़ेगये व्यक्ति ने अपना नाम करन <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> नि0 ग्राम मदरा थाना डौकी जिलाआगरा बताया तथा जामा तलाशी में 04 अदद चाबी का एक गुच्छा तथा मोटर साइकिलकी डिक्की से प्लास, पेंचकस आदि बरामद हुए। पूछने <नाम> बताया कि वे गाड़ियों के लॉकतोड़ने <नाम> इन्हें अपनी मोटर साइकिल में रखते हैं। मोटर साइकिल नगला कली से अभीचुराई है। इनको बेचने <नाम> जा रहे थे कहां बेचना है उसे नही मालूम, <नाम> पुत्र बनी सिंहनि0 ग्राम मदरा थाना डौकी जिला <नाम> जो <नाम> मोटर साइकिल छोड़कर भागा है, उसेही पता है। अभियुक्त को समय 16.10 बजे गिरफ्तार किया गया। मुल्जिम व <नाम> कोहिरासत पुलिस लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से प्रार्थना पत्र/शपथपत्र में कहा गया है किप्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्त अपराध में पुलिस द्वारा झूठी मनगढ़न्त कहानी बनाकरफसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है, वह बिल्कुल निर्दोष व्यक्ति है। ६टना में बरामद सामान व मोटरसाइकिल को पुलिस द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> फर्जी तौरपर दर्शाया गया है। उक्त घटना को कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। थाना पुलिस द्वारा अपनीअपनी कारगुजारी दिखाने को गलत व फर्जी बरामदगी दर्शायी गयी है। प्रार्थी / अभियुक्तका पूर्व का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत Bail Application/4897/2020 —Karan Vs. UP State2प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 09.07.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीण है। इन्हीं आधारों परजमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखते हुएकहा गया कि अभियुक्त को इस प्रकरण में पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है तथाअभियुक्त से किसी भी तरह की कोई बरामदगी नहीं हुई है, पुलिस ने अभियुक्त को अपनीकारगुजरी दिखाने के लिए उक्त अपराध में झूठा बन्द <नाम> दिया। अभियुक्त के विरूद्धकोई अपराध नहीं बनता। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त व सहअभियुक्त से चोरी की गयीं मोटरसाइकिलें बरामद हुई हैं। मामाल गम्भीर <नाम> का है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> सुना तथा प्रपत्रों व केस डायरी काअवलोकन किया । ", "यह प्रकरण अभियुक्त करन के गिरफ्तार किये जाने के साथ शुरू हुआ। पुलिस द्वारा अभियुक्त से मोटरसाइकिल व प्लास, पेचकश, चाबी के गुच्छे की बरामदगीदिखायी गयी है, अभियुक्त किसी भी बरामदगी से इंकार करता है। अभियुक्त दिनांक 09.07.2020 से जेल में है। पुलिस द्वारा प्रेषित रिपोर्ट में अभियुक्त का कोई पूर्व अपराधिकइतिहास दर्शित नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2173_202014-09-20202713
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के <नाम> सतवीर की ओर से शपथपत्रप्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्टअज्ञात में दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त से लूट से सम्बन्धित कोई बरामदगी नहीं है। अभियुक्त दिनांक 21.07.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किया जाय। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि अभियुक्त के द्वारा सहअभियुक्त के साथ मिलकर वादिनी से सोने की चेन की लूटकी गयी है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रितेश <नाम> के द्वारा थानाजगदीशपुरा <नाम> इस आशय की तहरीर दी गयी कि वह अपने घर से मारुति स्टेट चौराहा <नाम> जा रहा था तो पीछे से दो लोग <नाम> पल्सर वाइक <नाम> सवार, जिसमें चालक ने <नाम> रंग के कपड़े और हैलमेट लगाया हुआ था और पीछे वाले ने <नाम> कषड़े और मुँह <नाम> रुमाल बांध रखा था, पीछे से आकर उसकी गर्दन <नाम> झपट्टा मारकरउसकी सोने की चेन तोड़कर ले गये। यह वारदार दिनांक 13.03.2020 को दोपहर 03.21 2बजे मारुति स्टेट चौराहे <नाम> हुयी थी। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थानाजगदीशपुरा <नाम> मु0अ0सं0 137, 2020 अन्तर्गत <नाम> 392 भाएद०सं0 पंजीकृत हुआ। ", "दिनांक 21.07.2020 को अभियुक्तगण <नाम> व <नाम> को पकड़े जाने <नाम> उनकीसंस्वीकृति के आधार <नाम> मुकदमे में <नाम> 411 भा०दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक / अभियुक्त से लूटीगयी सोने की चेन की बरामदगी नहीं हुयी है। आवेदक / अभियुक्त की संस्वीकृति के आधारपर उसे इस अपराध में नामित किया गया है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। इसके अलावा वादी की लूटी गयी चेन के बिकय से प्राप्त रुपयों का कुछ भागआवेदक / अभियुक्त से बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक21.07.2020 से कारागार में निरुद्ध है। ", "जमानत प््रार्थनानपत्र के निस्तारण के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> चर्चा किये बगैर न्यायालय का निष्कर्ष है कि आवेदक / अभियुक्त के जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2317_202103-04-2021306
agra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थनापत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार/मा <नाम> <नाम> का शपथपत्रप्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त का यह प्रशम जमानत्रार्थनापत्र है अन्य कोई प््रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 09.03.2021 को उ0नि0 <नाम> कुमार,मय उ0नि0 निशामक <नाम> व अन्य हमराहियान के थाना हाजा के रपट न॑ं0 05समय 01.30 बजे रवाना होकर देखरेख <नाम> व्यवस्था, रोकथान जुर्म जरायम व रात्रिगश्त मामूर होकर कारगिल पेट्रोल पंप <नाम> आये तभी मुखबिर ने सूचना दी कि कुछचोर/ लुटेरे लूट करने के इरादे से शास्त्रीपुरम गोलचक्कर की तरफ से सुनारी चौराहेकी ओर जा रहे हैं, यदि जल्दी की जाए तो पकड़े जा सकते हैं। उक्त सूचना परसरकारी जीप व अन्य हमराहियान को तलब <नाम> मुखबिर के बताये स्थान सुनारीचौराहे से 100 मीटर की दूरी <नाम> गाडियों को पेड़ की आड में खड़ा करके इन्तजारकरने लगे तभी कुछ समय <नाम> 03 अलग-2 मोटर साइकिलों <नाम> लोग आतेक हुएदिखायी दिये, मुखबिर ने इशारा करके बताया कि जो मोटर साइकिलों <नाम> लोग आरहे है। वो ही चोर/लुटेरे है जिनक बारे में उसने बताया था, मोटर साईकिल सवारलोगों के नजदीक आने <नाम> चौराहे <नाम> चैकिंग करते देखकर मोटर साइकिलसवार एकदम चिल्लाये कि भागों सामने पुलिस की चैकिंग हो रही है और वापस पीछेमुड़कर भागे और सामने पुलिस से घिरता देख चिल्लाये कि मारो पुलिस सामने हैं Bail Application/4071/2021 -Gaurav alias Arjun Vs. UP State 2और <नाम> से मारने की नीयत से पुलिस पार्टी <नाम> अलग-2 मोटर साइकिल सवारों ने02 राउण्ड फायर किये तथा चिल्लाते हुए बोले के मारो सालों को पुलिस वाले हैंऔर हड़बड़ाहट में एक मोटरसाइकिल जिसपर तीन व्यक्ति सवार थे फिसल <नाम> गिरपड़ी और तीनों व्यक्ति अलग-अलग दिशाओं में भागने लगे, उक्त तीना व्यक्तियों कोपुलिस पाटी ने पकड़ लिया, दो मोटर साइकिलों <नाम> सवार <नाम> व्यक्ति अंधेरे काफायदा उठाकर भाग गये, जिनका पीछा उ0नि0 मनवीर <नाम> व उनकी टीम क द्वाराकिया गया, परन्तु हाथ नहीं आये। पकड़े गये तीनों व्यक्तियों ने उनका नाम पतापूछा तो एक ने अपना नाम <नाम> उर्फ <नाम> पुत्र रामगोपाल बताया, जामा तलाशी मेंदाहिने हाथ में पकड़े 01 अदद तमंचा 313 बोर मिला, जिसकी बैरल में एक फॅसाहुआ कारतूस, पैंट की जेब में मु0 40/-रूपये व एक जिन्दा कारतूस बरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम <नाम> पुत्र शैलेन्द्र बताया, जामा तलाशी में दाहिने हाथ में एकदेशी तमंचा 315 बोर बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> पुत्र <नाम> सिंहबताया, जिसके दाहिने हाथ में पकड़े कपड़े में लिपटे हुए अदद सरिया, पहनी पेंट कीदाहिनी जेब से मु0 60/रुपये बरामद हुए। पूँछने <नाम> बताया कि हम लोग लूटपाटकरने जा रहे थे, परन्तु आपने पकड़ लिया है। भागे हुए व्यक्तियों क बार में पूँछने परगौरव ने बताया कि उसके साथी <नाम> उफ सज्जाद पुत्र सिराजुद्दीन, सोनू पुत्रस्व0 <नाम> सिह, शशिकान्त <नाम> पुत्र मुन्नालाल, <नाम> उफ हक्ला पुत्र रामविलास ,जो पकड़े गये <नाम> का <नाम> है। बरामद रूपयों के बारे में पूँछने <नाम> बताया किरूपये उनके हैं। मौके <नाम> एक पल्सर मोटरसाइकिल बरामद हुई । अभियुक्तगण कोउनके जुर्म से अवगत कराते हुए समय करीब 03.55 बजे हिरासत पुलिस लिया गयाबरामदशुदा <नाम> व असलाहों को अलग-2 सफेद <नाम> में सिलकर सील सर्व मोहरकर नमूना मोहर तैयार किया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "फर्द बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> व सुरेशके विरूद्ध मु0अ0सं0 1212021, धारा-41/102 द0प्र0सं0 व धारा-414 भा0द0सं0में थाना-सिकन्दरा <नाम> अभियोग पंजीकृत हुआ। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र/ शपथपत्र मेंकथन किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त निर्दोष है, उसने कोई भी अपराध नहींकिया है। आवेदक/ अभियुक्त से पुलिस द्वारा फर्जी एवं झूँठी बरामदगी दर्शाकरउपरोक्त अपराध में नामित <नाम> <नाम> गया है तथा घटना का कोई भी स्वतंत्र साक्षीनहीं दर्शाया गया है। वास्तव मं प्रार्थी/अभियुक्त की <नाम> में ही कुछ लोगों सेआपसी वाद विवाद हो गया था इसी वाद विवाद को लेकर इलाका पुलिस दिनांक07.03.2021 को अभियुक्त, उसकी पत्नी व दो बच्चों को पकड़कर थाने ले आयी, बादमें पत्नी व बच्चों को थाने से छोड़ <नाम> परन्तु अभियुक्त को छोड़ने के लिए दसहजार रूपये की मॉग की, मॉग <नाम> <नाम> होने <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को झूंटी व फर्जीमनगढंत कहानी बनाकर झूँठा फँसा <नाम> है। अभियुक्त से कोई चोरी से संबंधितअवैध वस्तु बरामद नहीं हुई हैं। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास दर्शित नहींहै । प्रार्थी /अभियुक्त दिनांक 09.03.2021 से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन्हींआधारों <नाम> जमानत स्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान सहायक जिला सहायक अधिवक्ता ( दाण्डिक) द्वारा जमानत काविरोध करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया है कि <नाम> अभियुक्तगण के साथ पकड़े जानेपर आवेदक / अभियुक्त से चोरी की मोटर साइकिल, तमंचा व कारतूस की बरामदगीहुई है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। Bail Application/4071/2021 -Gaurav alias Arjun Vs. UP State 3पत्रावली में संलग्न फर्द बरामदगी के अवलोकन से विदित है कि घटनाआम रास्ते की बताई गयी है किन्तु घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। आवेदक / अभियुक्त के कब्जे से मात्र 40/-रूपये की बरामदगी दर्शायी गयी है, जोपहचान <नाम> सम्पत्ति नहीं है। अभियुक्त के कब्जे से ऐसी कोई वस्तु बरामद नहींदर्शायी है, जिसे वह चोरी की समझ <नाम> अपने पास रखा हो। मोटर साईकिल कीबरामदगी अभियुक्त <नाम> व्यक्तिगत नहीं दर्शायी गयी है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। आवेदक / अभियुक्त की अन्य मामलों में इस न्यायालयसे जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक/अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिकइतिहास प्रस्तुत नहीं है। आवेदक / अभियुक्त विश्वसनीय जमानत देने के लिए तत्परहै। आवेदक / अभियुक्त इस मामले में दिनांक 09.03.2021 से निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_236_202121-01-20213359
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में तौफीक अली का शपथपत्र प्रस्तुतकिया गया है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में कथन कियागया है कि पुलिस उच्चाधिकारियों को बेहतर कारगुजारी दिखाने की नियत से उसेझूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। यह भी कथन किया गया है कि घटना अज्ञात में दर्ज है तथाप्रथम सूचना रिपोर्ट में वह नामित नहीं है। थाने की पुलिस पूछतांछ करने को कहकरदिनांक 03.01.2021 को उठाकर ले गयी एवं झूठे केस में प्लांट <नाम> दिया। प्राथमिकीमें बरामद गाड़ी के इंजन नम्बर एवं चेसिस नम्बर का कोई <नाम> जोखा फर्दबरामदगी में <नाम> नहीं किया गया है। घटना का एवं गिरफतारी तथा बरामदगी काकोई जन <नाम> नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहींहै एवं वह दिनांक 03.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यहप्रथम जमानत प्ररार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्रविचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस Bail Application/236/2021 -Shahil Vs. UP State 2प्रकार है कि वादी मुकदमा मोनू <नाम> द्वारा इस आशय की प्राथमिकी दर्ज करायीगयी कि दिनांक 01.01.2021 को वह बैटरी का कार्य करने अम्बेडकर पार्क के पासटेडी बगिया <नाम> अपनी एक्टिवा संख्या यू०पी0 80 ई एस 4255 से गया था औरवहीं खड़ी की थी जैसे ही समय करीब 08:50 बजे <नाम> वापस आया तो कोई अज्ञातचोर उसकी उक्त एक्टिवा को चोरी <नाम> ले गया है जिसकी सूचना उसके द्वारा 112नम्बर <नाम> की गई। एक्टिवा के आर0सी0 एवं बीमा आदि प्रपत्र उसी एक्टिवा में रखेथे। रिपोर्ट दर्ज <नाम> कानूनी कार्यवाही किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्शी/अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं गिरफतारी एवं बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। घटना अज्ञात में दर्ज है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट में वह नामित नहींहै। थाने की पुलिस पूछतांछ करने को कहकर दिनांक 03.01.2021 को उठाकर लेगयी एवं झूठे कस में प्लांट <नाम> दिया। आवेदक / अभियुक्त को कोई पूर्व आपराधिकइतिहास नहीं है एवं वह दिनांक 03.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक)) को सुना तथा केस डायरी का परिशीलनकिया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि अभियुक्तदिनांक 03.01.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। अभियुक्त की गिरफतारी व बरामदगीका कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। घटना अज्ञात में दर्ज है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टमें वह नामित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहींहै एवं वह दिनांक 03.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। ममालामजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_7254_201919-12-2019184
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार <नाम> <नाम> ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय या माननीय उच्च न्यायालयमें लम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 29.05.2019को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि उसने अपनी बहन <नाम> की शादीदिनांक 11.02.2013 को <नाम> वीर <नाम> के साथ हिन्दू <नाम> रिवाज के साथ की थी। शादी के कुछ समय <नाम> से ही उसकी बहन के ससुरालीजन अतिरिक्त दहेज की माँग करते हुए उसकी बहन के साथ गाली गलौज <नाम> मारपीट करने लगे। <नाम> के सपनानाम की लड़की से अवैध सम्बन्ध था जिसका विरोध उसकी बहन करती थी, इस बातको लेकर भी उसकी बहन के साथ मारपीट की जाती थी। दिनांक 28/ 29.05.2019की <नाम> समय करीब 2 बजे उसकी बहन <नाम> के साथ उसके <नाम> मनीषवीर <नाम> (2)देवर विभववीर <नाम> ससुर उदयवीर <नाम> व सास मधुदेवी ने उसकी बहन को <नाम> सेमारने की नीयत से उसके सिर में गोली मार दी। उसकी बहन को मरणासन्न हालत में100 नम्बर पुलिस एवं पड़ोसियों द्वारा पुष्पांज्जलि हास्पीटल में भर्ती कराया गयाजिसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है तथा उसकी बहन की कभी भी मृत्यु हो सकती है। वादी की तहरीर <नाम> अभियुक्तगण मनीषवीर <नाम> विभववीर <नाम> उदयवीर <नाम> एवं <नाम> <नाम> <नाम> के विरूद्व थाना एत्माद्दौला <नाम> मु0अ०सं0 358/2019 धारा498ए, 323, 504, 307, भा0द0सं0 एवं <नाम> 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में प्राथमिकीआंकित की गई। ", "विवेचना के दौरान उक्त अपराध में <नाम> ३04बी, 302, 120बी. भा0द0सं0 की बढोत्तरी की गई तथा <नाम> 307 भा०द0सं0 का लोप किया गया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त मृतकाका <नाम> है तथा निर्दोष है। उसको इस मामले में झूंठा फसाया गया है, जबकि अभियुक्त द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया किअभियुक्त के द्वारा अपनी पत्नी <नाम> से अतिरिक्त दहेज की मॉग नहीं की गई तथा <नाम> ही उसको अतिरिक्त के लिए प्रताड़ित <नाम> उसकी हत्या की गई है। वास्तविकता यह है कि अभियुक्त <नाम> दिनांक 14.04.2019 को हमला हुआ था जिसका मुकदमा अपराधसं0 251//2019 <नाम> 307, 452, 504, 506 भा०द0सं0 में पंजीकृत कराया गया था जिसमें अभियुक्तगण जेल गये थे, तदुपरान्त जमानत <नाम> छूटने के <नाम> उनके द्वाराअभियुक्त एवं उसके परिवारीजन को <नाम> से मारने की धमकी दी गई। तथाकथित घटना के दिनांक को भी मु0अ०सं0 251/2019 के अभियुक्तगण द्वारा अन्य लोगों के साथ मिलकर हमला किया गया था जिसमें वह बाल-बाल बच गया, उसकीपत्नी <नाम> उर्फ <नाम> बाहर आई तो उसके सिर में गोली लग गई। अभियुक्त के द्वारा ही 100 नम्बर <नाम> घटना की सूचना दी गईं थी तथा अपनी पत्नी <नाम> को अस्पतालमें भर्ती कराया गया था। अभियुक्त के द्वारा अपनी पत्नी की हत्या नहीं की गई है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया है। अभियुक्त दिनांक 01.06.2019 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्द है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गई। ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत का विरोध करते हुए तकप्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त मृतका का <नाम> है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजदहै। अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर अतिरिक्त दहेज के (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: 7254 / 2019 प्रार्थना पत्र सं0: 7254 / 2019लिए अपनी पत्नी <नाम> को प्रताड़ित किया गया तथा <नाम> नाम की महिला से अवैध सम्बन्ध होने के <नाम> षडयन्त्र के तहत <नाम> की हत्या <नाम> दी गई। अभियुक्त द्वाराकारित अपराध गम्भीर <नाम> का है, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गई। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त क विरूद्व अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ मिलकर अपनी पत्नी <नाम> को अतिरिक्त दहेज के लिए उत्पीड़ित किए जाने,किसी अन्य महिला से अवैध सम्बन्ध होने <नाम> षडयन्त्र के तहत अपनी पत्नी/वादी कीबहन <नाम> की गोली मारकर हत्या किए जाने का आरोप है। मृतका की मृत्यु अपनी ससुराल में विवाह के लगभग सात वर्ष के अन्दर ही सामान्य परिस्थितियों से भिन्नपरिस्थितियों में होना बताया गया है। ", "प्राथमिकी के अनुसार वादी की बहन <नाम> का विवाह दिनांक 11.02.2013 कोअभियुक्त <नाम> वीर <नाम> के साथ होने के उपरान्त, शादी के कुछ समय <नाम> से हीअभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्तगण द्वारा अतिरिक्त दहेज की मॉग करते हुए <नाम> के साथगाली गलौज <नाम> मारपीट किया <नाम> तथा अभियुक्त का <नाम> नाम की लड़की सेअवैध सम्बन्ध होना, जिसका विरोध <नाम> द्वारा किए जाने <नाम> <नाम> के साथ मारपीटकिया <नाम> तथा इसी बात को लेकर दिनांक 28 29.05.2019 की <नाम> समय करीब2 बजे <नाम> को <नाम> से मारने की नीयत से उसके सिर में गोली मारना बताया गया है। जिसकी <नाम> वादी <नाम> <नाम> द्वारा विवेचक को दिए गये बयान 161 द0प्रoसं0से होती है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को सुना तथा उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "मृतका की शव विच्छेदन आख्या के अनुसार मृतका की मृत्यु का <नाम> ९ 10 cranio-cerebral damage as a result of ante-mortem injury. sustainedto the head due to projectile of a firearm injure.केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्त के द्वारा अन्य सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर अपनी पत्नी <नाम> को अतिरिक्त दहेज के लिएउत्पीडित करते हुए तथा किसी अन्य महिला से अवैध सम्बन्ध होने <नाम> मृतका द्वारा (4)विरोध किए जाने <नाम> उस <नाम> आग्नेयास्त्र से फायर <नाम> उसकी हत्या किया जानाबताया गया है। मृतका की मृत्यु अपनी ससुराल में विवाह के लगभग सात वर्ष केअन्दर ही सामान्य परिस्थितियों से भिन्न परिस्थितियों में हुई है। अभियुक्त मृतका कापति है तथा प्राथमिकी में नामित है। उक्त प्रकरण में विवेचना पूर्ण <नाम> अभियुक्त के विरूद्व आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_6229_201905-11-20192090
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इसप्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ गुडडी <नाम> पत्नी करनसिंह का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.ओ. <नाम> <नाम> <नाम> थाना एत्मादपुर जिला <नाम> ने दिनांक 08.11.2017 को 14.10 बजे थाना <नाम> जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> उर्फ बच्चा <नाम> बंशी <नाम> Fe Sh WL FT BE उर्फ <नाम> <नाम> के द्वारा एक संगठित गैग बना लिया है जिसका गैगलीडर <नाम> उर्फ बच्चा <नाम> है। जो अपने सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवं भौतिक <नाम> प्राप्त करने <नाम> चोरी जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी किया कलाप मेंलिप्त है। ", "अभियुक्त द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 17, में वर्णित दण्डनीय अपराध कारित किया गयाहै। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है इनके विरूद्ध कोई व्यक्ति रिपोर्ट दर्ज कराने व गवाही देने को तैयार नही होता । इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्‍न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्रगगिरोह बन्द एवं समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम199 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र मेंतथा प्रस्तुत तर्क में कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त केस में पूर्व में जमानत आरोपपत्र प्रस्तुत होने से पहले करायी थी <नाम> में न्यायालय के समक्ष आरोपपत्र प्रस्तुत किया गया। उसके <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को किसी प्रकार का कोई सम्मन/वांरट की तामील नही हुई और वह अपनेनिवास स्थान <नाम> ही रहा। वह किसी दूसरे मुकदमें में जेल में निरूद्ध था उसे उसके अधिवक्ता द्व एरा जेल से तलब कराकर न्यायलाय के समक्ष जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। उसने जानबूझकरगलती नही की है। वह उक्त <नाम> के आधार <नाम> ही गैरहाजिर हो गया था। अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। अभियुक्त दिनॉक 17.10.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध 2करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिलहै, जिसमें उसके विरूद्ध(1) 314. 200/17 धारा-382 भाद.सं. थाना-एत्मादपुर जिला आगरा(2(3() अ.सं. 152,/ 15 धारा-380, 411 भा-द.सं. थाना-एत्मादपुर जिला <नाम> अ.सं. 293 ,/17 धारा-380 भा.द.सं. थाना-एत्मादपुर जिला <नाम> अ.सं. 310,/17 धारा-379,411,414 भा.दसं. थाना-एत्मादपुर जिला आगरा)कें मुकदमे लंबित हैं। अभियुकत का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि प्रार्थी / अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत होने के उपरान्त उसे किसी सम्मन/वारंट की तामील नही हुई वह अन्य केस में जेल में निरूद्ध था। अधिवक्ता द्वारा तलब कराकर उसे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कराया गया। उसने जानबूझकर कोई गलती नही की है। जेल में रहने के <नाम> वह न्यायालयके समक्ष उपस्थित नही हो सका। वह दिनॉक 17.10.2019 से कारागार मे निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1365_202024-07-2020918
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्ता के पैरोकार जीतू अग्रवालपुत्र <नाम> भजनलाल, जो कि प्रार्थिया/ अभियुक्ता का मौसा है, ने शपथपत्र प्रस्तुत कियाहै, जिसमें वर्णित है कि प्रार्थिया/अभियुक्ता उपरोक्त मामले में जमानत प्राप्तअभियुक्ता है। प्रार्थिया/अभियुक्ता के उपरोक्त मुकदमे में उसके अधिवक्ता केजूनियर ने हाजिरी माफी प्र्ार्थनापत्र माननीय न्यायालय में <नाम> था, लेकिन किसीभूलवश वह फाइल में संलग्न नहीं हो पाया, जिससे 26.02.2019 से माननीय उच्चन्यायालय में अभियुक्ता के गैर जमानती वारंट जारी <नाम> दिये गये। प्रार्थिया/अभियुक्ता को जब इस बात की जानकारी हुई, तो माननीय न्यायालय मेंआते समय दुर्घटना हो गयी, जिसमें अभियुक्ता को गम्भीर चोट हाथ व पैर में आयी,जिससे वह चलने में असमर्थ हो गयी, कुछ माह <नाम> <नाम> माह 2020 में कोविड-19माहमारी के चलते अभियुक्ता आत्म <नाम> या गैर जमानती वारंट निरस्त नहीं <नाम> Bail Application/4879/2020 -UP State Vs. chotu singh urf priya 2पायी। दिनांक 09.07.2020 को माननीय न्यायालय के समक्ष अभियुक्ता ने आत्मसमर्पण किया, तो माननीय न्यायालय ने अभियुक्ता को दिनांक 09.07.2020 को हीजेल भेज <नाम> जबकि प्रार्थिया/अभियुक्ता ने जानबूझकर माननीय न्यायालय केआदेश का उल्लंघन नहीं किया है। प्रार्थिया/ अभियुक्ता माननीय न्यायालय के समक्षद्वितीय जमानत प््रार्थनापत्र प्रस्तुत <नाम> रही है, जिससे दौराने मुकदमा विचारणजमानत <नाम> <नाम> किया जा सके। प्रार्थिया/ अभियुक्ता अपनी उचित तथा विश्‍वसनीयजमानत देने को तैयार है। प्रार्थिया/अभियुक्ता जमानत <नाम> <नाम> होने के <नाम> नियततारीखों <नाम> हाजिर होती रहेगी तथा सबूत तथा गवाहों को डरायेगी, धमकायेगी नहीं । माननीय न्यायालय का साक्ष्य के समय पूर्ण सहयोग करेगी। प्रार्थिया/अभियुक्ता कामाननीय उच्च न्यायालय में कोई जमानत प्रार्थनापत्र विचाराधीन नहीं है और <नाम> हीआपराधिक इतिहास है। प्रार्थिया/ अभियुक्ता दिनांक 09.07.2020 से जिला कारागारआगरा में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाये। ", "्रार्थिया/ अभियुक्ता छोटू उर्फ <नाम> किन्नर <नाम> के विद्वानअधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किया है कि प्रार्थिया/अभियुक्ता छोटू उर्फ <नाम> किन्नरअग्रवाल इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय के आदेशानुसार जमानत <नाम> थी। उक्त मामले में प्ररार्थिया/अभियुक्ता के अधिवक्ता के जूनियर ने हाजिरी माफी्रार्थनापत्र माननीय न्यायालय में <नाम> था, लेकिन भूलवश वह फाइल में संलग्न नहींहो पाया, जिससे 26.02.2019 से माननीय उच्च न्यायालय ने अभियुक्ता के गैरजमानती वारंट जारी <नाम> दिये। प्रार्थिया/अभियुक्ता को जब इस बात की जानकारीहुई, तो माननीय न्यायालय में आते समय दुर्घटना हो गयी, जिसमें अभियुक्ता कोगम्भीर चोट हाथ व पैर में आयी, जिससे वह चलने में असमर्थ हो गयी, कुछ माहबाद <नाम> माह 2020 में कोविड-19 माहमारी के चलते अभियुक्ता आत्म <नाम> यागैर जमानती वारंट निरस्त नहीं <नाम> पायी। दिनांक 09.07.2020 को माननीयन्यायालय के समक्ष अभियुक्ता ने आत्म <नाम> किया, तो माननीय न्यायालय नेअभियुक्ता को दिनांक 09.07.2020 को ही जेल भेज <नाम> जबकि प्रार्थिया/ अभियुक्ताने जानबूझकर माननीय न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं किया है। ्रार्थिया/ अभियुक्ता दिनांक 09.07.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। अत: उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह तरक प्रस्तुत किया गया है कि्रार्थिया/ अभियुक्ता इस मामले में जानबूझकर गैर हाजिर हुई है, जिस <नाम> उसकेविरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0 की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थिया/ अभियुक्ता की वजह से Bail Application/4879/2020 -UP State Vs. chotu singh urf priya 3इस मामले में विचारण की कार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थिया/ अभियुक्ता द्वारा पूर्वमें प्रदत्त की गयी जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थिया/ अभियुक्ताद्वारा मिनी ट्रक संख्या आर0जे0 05 जी0बी0 0549 के चालक से अपने अन्य साथियोंके साथ मिलकर मारपीटकर लूटपाट की गयी है। उसे पुनः जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियाजाये। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त छोटू उफप्रिया किन्नर <नाम> इस मामले में पूर्व से माननीय न्यायालय क निर्देशानुसारजमानत <नाम> थी, लेकिन बीच में उसके गैर हाजिर हो जाने के <नाम> उसके विरूद्धन्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट के आदेश पारित <नाम> दिये गये। <नाम> गैरजमानती वारण्ट के आधार <नाम> प्रार्थिया/ अभियुक्ता जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_2966_201922-07-20191596
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की पैरोकार गुलशन पत्नीशब्बीर ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें कथन किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्तको उपरोक्त मामले में थाना पुलिस द्वारा झूंठा संलिप्त किया गया है, जबकि उसका उपरोक्त मामले की घटना से किसी तरह का कोई सम्बन्धा व सरोकार नहीं है, ना तोवह प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद है, ना ही उसकी गिरफूतारी मौके से की गयी, नाही उसके कब्जा से या उसकी निशानदेही से कोई <नाम> मुकदमाती बरामद हुआ है। ्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त मामले में थाना पुलिस द्वारा दरमियान विवेचना <नाम> मेंआना बताया है। मामले की घटना दिनांक 06.01.2018 की दर्शायी गयी है, जबकिअभियुक्त को अन्य कस में दिनांक 10.03.2018 को कारागार भेज <नाम> गया, <नाम> में उपरोक्त मुकदमा में झूंठा व गलत संलिप्त <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त को थाना पुलिसद्वारा अपराध संख्या 207/2018, <नाम> 15 दस्यु प्रभावी <नाम> अधि0 गिरफ्तार कियागया था। अपराध संख्या 207/2018 में अभियुक्त की जमानत न्यायालय द्वारा गुणदोषके आधार <नाम> स्वीकार की जा चुकी है। वास्तविकता में अभियुक्त को दिनांक 06.03.2018 को उसके घर से पकड़कर पुलिस ले गयी थी और <नाम> में दिनांक 10.03.2018को कारागार भेज <नाम> गया। अभियुक्त की मां द्वारा उच्चाधिकारियों को अवैध निरूद्धीकी बावत शिकायत प््रार्थनापत्र <नाम> गया। प्ररार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी भी अन्य न्यायालय या माननीयउच्च न्यायालय, इलाहाबाद में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्त अपनी उचित एवं 2विश्‍वसनीय जमानत देने को तैयार है। जमानत प््रार्थनापत्र स्वीकार किये जानेकी <नाम> की है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारविरला द्वारा दिनांक 06.01.2018 को थाना हरीपर्वत <नाम> तहरीर इस आशय की दीगई कि वह <नाम> में <नाम> का व्यापार केशव <नाम> वीरेन्द्र <नाम> सर्राफ कासगंजसे करता है। व्यापार के सिलसिले <नाम> <नाम> बाजार आता रहता है औरदिनांक 05.01.2018 को उसने दीनदयाल <नाम> <नाम> सर्राफ, <नाम> से 2 किलो830 ग्राम <नाम> के सिक्के खरीदी थी और जब वह दिनांक 06.01.2018 को घर जारहा था। उसकी पत्नी <नाम> चन्द <नाम> चन्द <नाम> शोपिंग <नाम> रही थी, जब वहअपनी पत्नी को गाड़ी खड़ी करके बुलाने जा रहा था, तभी दो लोग (बदमाश)मोटरसाइकिल <नाम> सवार थे, उन लोगों ने जोर से झपट्टा मार <नाम> उसका बैगछीन ले गये और उसक <नाम> में 2 किलो 830 ग्राम <नाम> के सिक्के थे, 18 से 20हजार रुपये नकद की धनराशि थी और एक पिस्टल का लाइसेंस, जिसका न॑.10504 था और एक बैंक की चैक बुक थी, 5 से 6 पिस्टल के कारतूस भी थे औरखरीददारी के बिल भी थे और अन्य कागज व अन्य आवश्यक सामान आदि भी थे,जो उक्त लोग ले गये है और तभी तुरन्त ही उसने 100 नं0 <नाम> फोन भी किया था। फोन करने के तुरन्त <नाम> ही <नाम> पुलिस भी पहुंची। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> अज्ञात एक के विरूद्ध मुकदमाअपराध संख्या 14/2018, <नाम> 392 भा0दं0सं0 में, थाना हरीपर्वत में रिपोर्ट दर्ज कीगयी । ", "दौरान विवेचना विवेचक द्वारा घटना स्थल का नक्शा नजरी निर्मितकिया गया, गवाहों के बयान <नाम> किये गये तथा विवेचना के उपरान्त अभियुक्तवकील के विरूद्ध मु0अ0सं0 14/2018, अन्तर्गत <नाम> ३92, 411 भा0०दं0सं0 केआरोप पत्र प्रेषित किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया है कि्रार्थी/ अभियुक्त इस मामले में लम्बे समय से जिला कारागार में निरूद्ध है। उसेइस मामले में झूंठा फंसाया गया है। उसके द्वारा <नाम> तो कोई लूट की गयी थी, नही लूट की कोई सामग्री बरामद हुई। लूट करने या लूट सम्बन्धी बरामदगी करनेका कोई <नाम> का स्वतंत्र <नाम> नहीं है। मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों मेंप्रार्थी / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारामुकदमा वादी से उसके लगभग 3 किलो के <नाम> के सिक्के, 20 हजार रुपये, 3पिस्टल के कारतूस और अन्य आवश्यक कागजात लूटने का तथा लूट की सामग्रीबरामद होने का आरोप है। प्रार्थी/ अभियुक्त का गम्भीर आपराधिक इतिहास है। वहएक आदतन अपराधी है। यदि उसे जमानत <नाम> छोड़ा गया, तो पुनः इसी तरह के अपराध में लिप्त रहेगा। मामले के तथ्य परिस्थितियों में उसे जमानत <नाम> छोड़े जानेका कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त फरमाया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैने प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक को सुना तथा उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकनकिया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि प्रार्थी / अभियुक्तपर इस मामले क मुकदमा वादी से उसका <नाम> छीनने, जिसमें उसके 2 किलो 830ग्राम <नाम> के सिक्के, 18 से 20 हजार रुपये नकद, पिस्टल के कारतूस, लाइसेंस वअन्य कागजात थे व इस प्रार्थी/अभियुक्त से लूट के <नाम> के सिक्के बरामद होनेका अभियोग है। सम्बन्धित थाने से प्राप्त आख्या के अनुसार प्रार्थी/ अभियुक्त कागम्भीर आपराधिक इतिहास है और उस <नाम> लगभग 11 अन्य लगभग समान प्रकृतिके मुकदमे दर्ज होने के आख्या प्राप्त है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा किया गया अपराधअत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3050_202028-10-20201508
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र क समर्थन में प्रार्थी/अभियुक्त सनी की मांश्रीमती <नाम> ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्तका यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय या माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं किउपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> क द्वारा थाने <नाम> फर्द बरामदगी एवं गिरफतारीइस आशय की दी गयी कि दिनाक 28.09.2020 को समय 22:28 बजे वह मयइमराहियान देखरेख <नाम> व्यवस्था, चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति वाहन व रोकथाम जुर्मजरायम व तलाश वांछित अपराधी मुल्ला की प्याऊ धानौली थाना <नाम> मलपुरामामूर थे तो जगनेर की तरफ से एक मोटरसाइकिल <नाम> सवार एक व्यक्ति हमारीतरफ बडी <नाम> से आया, जब हमने उसे चैकिंग <नाम> रोकने का इशारा किया तो Bail Application/8651/2020 —Sunny Vs. UP State हडबडाहट में मोटरसाइकिल पीछे मोडकर भागने लगा। जल्दबाजी में मोडने <नाम> मोटरसाइकिल फिसलकर गिर गयी और मोटरसाइकिल <नाम> सवार व्यक्ति उतरकरभागने का प्रयास करने लगा तभी हम पुलिसवालों ने आवश्यक <नाम> प्रयोग करकेपकड लिया जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम सनी पुत्र सुभाषचन्द्रबताया जिसकी जामा तलाशी में पहने लोअर के बांयी जेब से एक मोबाइल सैमसंगटच स्कीन मॉडल नं0 <नाम> 570 एफ जिसके पीछे की साइड <नाम> आई एम ई आईन॑ं0 358213/ 08 / 262687/7 व आई ₹श्‍एम इई आई नं0358214 / 08/ 2626/ 87/5 <नाम> है एवं पहने लोअर की दाहिनी जेब से200 / -रूपये बरामद हुए व एक मोटरसाइकिल पैशन प्रो0 रंग ग्रे नं0 यूएपी0 80सी0आर० 8086 बरामद हु्ई। बरामद मोटरसाइकिल के कागजात तलब किये तोदिखाने में कासिर रहा और माफी मांगते हुए बताया कि <नाम> गलती हो गयी हैमैंने यह मोटरसाइकिल मलपुरा नहर शराब के ठेके के सामने से आज ही चोरी कीहै। बरामद मोटरसाइकिल <नाम> चेसिस नम्बर एमबीएलएचए 10एडब्लूडीजीएल 07222 <नाम> है तथा बरामद मोबाइल क बारे में पूछा तो बताया कि <नाम> यह मोबाइल उसने शाहगंज से कुछ <नाम> पहले चोरी किया था। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा में मुकदमा अपराधसं0 367/2020 अन्तर्गत <नाम> 411,414 भा0 द0 सं0 व 41/102 द0प्र0सं0 मेंप्राथमिकी <नाम> की गयी। प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष हैं । प्रार्थी/ अभियुक्त को झूठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी केकब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है तथा प्रार्थी की गिरफतारी का काई भी जनताका <नाम> नहीं दर्शाया गया है। अभियुक्त दिनांक 28.09.2020 से जिला कारागारआगरा में निरूद्व हैं। अतः प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाए। विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, (फौजदारी) द्वारा जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त के कब्जे से एकमोबाइल सैमसंग टच स्कीन माडल नं० जी570एफ जिसके पीछे की साइड <नाम> आईएम इई आई नं0 358213/08/ 262687/7 व आई एम ई आई न॑0358214 / 08 / 2626/87 / 5 <नाम> है एवं 200/-रूपये बरामद हुए हैं व एकचोरी की मोटरसाइकिल पैशन प्रो0 रंग ग्रे नं0 यू०पी0 80 सी0आर08086 बरामदहुई । प्रकरण गंभीर <नाम> का है। अतः प्रार्थी /अभियुक्त का जमानत प्रार्थना पत्रखारिज किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकनकिया। Bail Application/8651/2020 —Sunny Vs. UP Stateअभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 28.09.2020को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा चैकिंग के दौरान जरिए मुखबिर सूचनामिलने <नाम> एक मोटरसाइकिल वाले को चैकिंग <नाम> रोकने का इशारा किया गया तोवह मोटरसाइकिल पीछे मुडकर भागने लगा जल्दबाजी में मुडने <नाम> मोटरसाइकिल गिर गयी । सवार व्यक्ति भागने का प्रयास करने लगा तो उसे घेरकर पकड लियाउसने अपना नाम सनी बताया। उसके पास से एक मोबाइल व 200/-रूपयेव एक मोटरसाइकिल यू०पी0 80 सी0आर08086 बरामद हुई जिसके सम्बन्ध मेंआवेदक द्वारा कोई कागज नहीं दिखाया जा सका। हिकमत अमली से पूछताछकरने <नाम> आवेदक द्वारा जुर्म इकबालिया बयान में स्वीकार किया गया कि उक्तमोटरसाइकिल मलपुरा नहर शराब के ठेके के सामने आज ही चोरी की है। ", "केस डायरी के अवलोकन से यह भी विदित होता है कि <नाम> 161दं0प्र०सं०में विवेचक द्वारा <नाम> <नाम> का बयान <नाम> किया गया है जिसमें उसनेमोटरसाइकिल संख्या यू०पी0 80 सी0आर08086 शराब के ठेके के पास से गायबहोना बताया है और कहा है कि में मुकदमा लिखाने खुद थाने आ रहा था कि आपही मिल गये। कथित मोटरसाइकिल के <नाम> की पहचान होने के बावजूदभी आज <नाम> प्रश्‍शनगत मोटरसाइकिल को किसी अपराध से कनेक्ट नहींकिया गया है जबकि उक्त बयान दिनांक 28.9.2020 को <नाम> किया गयाहै और तब से करीब एक माह का समय भी व्यतीत हो चुका है। आवेदक / अभियुक्त के विरूद्व थाने से कोई आपराधिक इतिहास प्राप्त नहीं हुआ है। अभियुक्त के कब्जे से कथित मोटरसाइकिल व एक मोबाइल चोरी का प्राप्त होनाकहा जाता है <नाम> <नाम> प्रश्‍नगत मोटरसाइकिल व मोबाइल को किसी अपराध सेकनेक्ट नहीं किया जा सका है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा कथित मोटरसाइकिल व मोबाइल उसके कब्जे से बरामद होने से इंकार किया गया है। कथित बरामदगी मेंकोई जनसाक्षी नामित नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त विचारण के दौरान अपनीउपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए पर्याप्त जमानत देने के लिए तत्पर है। अभियुक्त दिनांक 28.09.2020 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। अपराधमजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5758_201903-10-20193362
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथअभियुक्त के पिता लाखन <नाम> का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमेंकहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावाअन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाहरीओम, अवर अभियन्ता ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक02.02.2019 की रात को रामरतन निवासी नगला ताल के निजी नलकूप सेलेकर सेवरा खेरे <नाम> की 33 के.वी.लाइन लगभग 3560 मीटर तार अज्ञातचोरों द्वारा चुरा लिया गया है, जिससे दो बिजली घर तथा लगभग 28 गाँवकी विद्युत आपूर्ति बाधित हो गयी है। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 03.02.2019 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-22/2019 <नाम> धारा-136 भा0द0सं0 का अभियोगथाना बरहन, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया हैकि आवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस मामले में (2)झूंठा फॅसाया गया है। इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्जकरायी गयी है तथा मनगढन्त कहानी रचकर उससे फर्जी बरामदगी केआधार <नाम> झूंठा फँसाया गया है, उसके कब्जे से विद्युत तार आदि सामानबरामद नहीं हुआ है। घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है, वह पूर्वसजायाफूता नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.09.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। विद्युत विभाग की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता ने जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक/ अभियुक्त के द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर नगला ताल से लेकर सेवराखेरे <नाम> की 33क.वी. लाइन की लगभग 3560 मीटर विद्युत तार चोरी करलिया, जिससे दो बिजली घर तथा लगभग 28 गॉव की विद्युत आपूर्ति बाधितहो गयी आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथा पत्रावलीका अवलोकन किया। ", "इस मामले में आवेदक / अभियुक्त क द्वारा अपने <नाम> अभियुक्तगण केसाथ मिलकर विद्युत तार व उपकरण चोरी किया <नाम> बताया जाता है। ", "इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है । घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> का <नाम> नहीं दशार्या गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त लगभग एक माह से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1334_202102-03-20211636
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{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में सुन्दरम शिवहरे पुत्र <नाम> देवेन्द्र शिवहरे का शपथपत्र प्रस्तुत कियागया है। ", "जमानत प्रार्थनापत्र एवं उसके साथ प्रस्तुत शपथपत्र में अभियुक्त का कथन है किउसे झूठा नामित <नाम> <नाम> गया है जबकि वह निर्दोष एवं निरपराध है, उसने कोई अपराधकारित नहीं किया है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 09.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध हैं। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया और <नाम> ही माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोई प्रार्थनापत्रविचाराधीन है और <नाम> ही प्रस्तुत किया गया है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार <नाम> संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है किदिनांक 25.07.2018 को वादी प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> मय हमराही पुलिसकर्मियों के वास्तेदेख-रेख, <नाम> व्यवस्था, चैकिंग संदिग्ध व्यक्ति/वाहन, तलाश वांछित अभियुक्तगण अन्दरइलाका थाना हाजा से रवाना होकर थाना <नाम> रामबाग चौराहे से <नाम> चैकिंग ट्रांस यमुनाचौकी <नाम> कट <नाम> आया तो जरिये मुखबिर खास सूचना <नाम> कि नगला विहारी रेलवेलाईन के पास <नाम> <नाम> के गोदाम <नाम> अवैध शराब का जखीरा है। इस सूचना <नाम> विशवासकरके मुखबिर के बताये रास्ते <नाम> चलकर पीलीखार होते हुए नगला विहारी की पुलिया परउतरे। मुखबिर इशारा करके चला गया। तब पुलिसवालों ने गेट गोदाम का गेट खोला तो आवाज सुनकर तथा पुलिसवालों को देखकर करीब 5 लोग पीछे के रास्ते से भाग जाने में Bail Application/2576/2021 -Devendra Shivhare @ Gorakhi Shivhare Vs. UP State 2सफल रहे। पुलिसवालों द्वारा पीछा किया गया, किन्तु भागने में सफल रहे। अन्दर आये तो वहां <नाम> किरायेदार महिला व अन्य खड़े लोगों से जानकारी <नाम> चाही तो भलाई बुराई केडरवश व न्यायालय में गवाही ने देने <नाम> महिला शान्ति व <नाम> ने बताया कि ये गोदामविजय <नाम> पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> का है, जिसमें देवेन्द्र उर्फ गोरखी पुत्रसत्यनारायण, निवासी 33/135, थाना नाई की मण्डी, <नाम> व गोविन्द पुत्र तुरपसिंह, निवासी मण्डी, थाना डौकी, <नाम> व अरूण <नाम> पुत्र रामप्रकाश व <नाम> शिवहरे पिता कानाम नामालूम, ये चारो लोग <नाम> <नाम> के गोदाम में अवैध शराब का <नाम> करते हैं, जो पीछेके रास्ते से भाग गये हैं। बरामद <नाम> को सील मोहर करके कब्जे में लिया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष एवं निरअपराध हैं। प्रार्थी/अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमें में झूंठाफंसा <नाम> है, जबकि प्रार्थी ने किसी भी घटना को अंजाम नहीं <नाम> है। प्रार्थी का उपरोक्त ६1टनास्थल व बरामद अवैध शराब व अन्य सामान से किसी भी प्रकार का कोई भी संबंध वसरोकार नहीं है और <नाम> ही मौके से बरामद वाहनों से किसी प्रकार का कोई संबंध स सरोकारहै और <नाम> ही प्रार्थी ने किसी भी जायदाद को मकान अथवा गोदाम के लिए किराये <नाम> लियाहै। थाना पुलिस प्रार्थी को मात्र दो अज्ञात लोगों के कहने <नाम> ही उपरोक्त वाद में अभियुक्त मानकर वांछित दर्शाकर गिरफ्तार करना चाहती थी, जिस <नाम> प्रार्थी ने अवर न्यायालय मेंआत्म <नाम> प्रार्थनापत्र दिनांक 08.02.2021 को दाखिल किया, जिसमें दिनांक 15.02.2021नियत थी, लेकिन थाना सिकन्दरा पुलिस द्वारा प्रार्थी को एक झूठे मुकदमें में निरूद्ध <नाम> <नाम> गया और उपरोक्त वाद के विवेचक द्वारा जेल से तलब कराकर उपरोक्त वाद में प्रार्थी कोअवर न्यायालय से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध <नाम> दिया। प्रार्थी को किसी भी न्यायालय द्वाराअभी <नाम> किसी भी मुकदमें में <नाम> नहीं ठहराया गया है तथा किसी भी मामले में प्रार्थी केकब्जे से कोई भी बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थी/अभियुक्त का जमानत प््रार्थनापत्र अवरन्यायालय द्वारा दिनांक 12.02.2021 को निरस्त हो चुका है। प्रार्थी/अभियुक्त जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। अतः जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) के द्वगरा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा कथित घटना स्थलवाले गोदाम में अवैध शराब का <नाम> किया जाता है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थी / अभियुक्त एक शातिर किस्म का अपराधी है तथा जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरांत प्रार्थी/अभियुक्त के द्वारा जमानत का दुरूपयोग <नाम> फरार होने की <नाम> है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र का घोर विरोध करते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने का निवेदनकिया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (दाण्डिक) को सुना तथा केसड़ायरी का परिशीलन किया । ", "प्रपत्रों के अवलावेकन से स्पष्ट होता है कि प्ररार्थी/अभियुक्त <नाम> आरोप है किछापेमारी के दौरान भारी <नाम> में अवैध शराब एवं नकली स्टीकर की बंडल व खाली पाउचइत्यादी बरामद किये गये। छापेमारी के दौरान अभियुक्त मौके से फरार हो गया था। काफीप्रयास के <नाम> सिकन्दरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त का लम्बा Bail Application/2576/2021 -Devendra Shivhare @ Gorakhi Shivhare Vs. UP State 3 आपराधिक इतिहास है। उसके विरूद्ध मु0अ0सं0 50/2020 <नाम> 60(क), 63, 72 आवकारीअधिनियम व <नाम> 420, 467, 468, 471 भा०द0स0 थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0 63/2021 धारा414 भा०दछस0० थाना सिकन्दरा, मु0अ0सं0 64/2021 <नाम> 6० आवकारी अधिनियम थानासिकन्दरा, मुअ0सं0 833/2017 <नाम> 63 आवकारी अधिनियम व <नाम> 420 भा0द0स0 थानाजगदीशपुरा, मुअ0सं0 52/2017 <नाम> 60, 72 आवकारी अधिनियम व <नाम> 420 भा०द0स0 थाना खन्दौली, मु0अ0सं0 86,2020 <नाम> 174ए भा०द0स6 थाना एत्माद्दौला, जिला आगराके मुकदमें पंजीकृत हैं। सहअभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र पूर्व में मेरे समकक्ष न्यायालय द्वारानिरस्त की जा चुकी है। अतः ऐसी परिस्थिति में जबकि अभियुक्त के कब्जे से अवैध शराब एवंनकली स्टीकर की बंडल व खाली पाउच इत्यादी बरामद बरामद किये गये हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_7231_201912-12-2019641
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ बलविन्दर <नाम> पुत्र करनैल <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा एस.एच.ओ. प्रवेश <नाम> <नाम> थाना फतेहाबाद जिला <नाम> द्वारा दिनांक 15.11.19 को समय 04.12 बजे जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण भाव <नाम> <नाम> अंकुरसंदीपकालूराम, शिवराम <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> के द्वारा एक सुसंगठित गिरोह बनासिंहलिया गया है, जिसका गैगलीडर भाव <नाम> है जो अपने साथियों के साथ मिलकर अवैध धन अर्जित करते हैं और समाज विरोधी <नाम> कलाप में संलिप्त रहते है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है जिसके <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध मुदकदमा पंजीकृत कराने एवं गवाही देने को तैयार नही होता। इनके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमे पंजीकृत हैं। इनके विरूद्ध <नाम> 2/3 उप्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधीकियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकूत कराया गया हैै। अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथ पत्र में तथा प्रस्तुत <नाम> में कहा गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त ने इस तरह का कोई अपराध कारित नहीकिया है उसे झूँठा फसाया गया है। वह किसी गैग का सदस्य नही है <नाम> ही उसका समाज में भय एवं आतंक व्याप्त है। वह समाज का सम्मानीय व्यक्ति है तथा मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है। गैगचार्ट में दर्शित मुकदमें में उसकी जमानत हो चुकी है। उसका कोई पूर्वआपराधिक इतिहास नही है और <नाम> ही वह पूर्व सजायाफता हैं उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है । अन्य कोई जमानत प््रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। वह दिनॉक- 15.11.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकरते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट: <नाम> से अनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है,जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 370/19 धारा-60,63,72, आवकारी अधिनियम व <नाम> 420, 467, 468, 471, भा.द.सं.थाना-फतेहाबाद जिला आगरा। क मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत निरस्त किये जानेकी प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैंगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलन किया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामलादर्शाया गया हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध गैंग बनाकर अवैध धन अर्जित करने <नाम> अवैध, मिलावटी शराब के कारोबार करने जैसे अपराध करने का अभिकथन है। ", "उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986 कीधारा 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है, तो उसे तबतक जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि- (क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहीं दियाजाता और (ख) जहॉ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान हो जाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं है और यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। ", "जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त सभी मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, उसकी केवल जमानतस्वीकार हुई है। ", "अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमों की संख्या, उनकी <नाम> एवंअभियुक्त द्वारा गैग बनाकर अवैध धन अर्जित करने <नाम> अवैध, मिलावटी शराब केकारोबार करने जैसे जघन्य अपराध करने से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्त अधिनियमकी <नाम> 194) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके अपराध करने कीसम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_263_202018-01-20202148
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त के <नाम> भानू <नाम> काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमाराजेश <नाम> ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि मैं आज अपनी गाड़ी मारूति आल्टो नंबर यूपी.70-ए.पी.-8607 को <नाम> नगर सेन्ट्रल रोड परअपने आफिस बी/2-4 <नाम> नगर, <नाम> में खड़ी की थी, कार्य दिवस कीसमाप्ति के पश्चात जब मैं आफिस से बाहर आया तो मेरी गाड़ी वहाँ नहींमिली, बहुत ढूढ़ने के पश्चात मेरी गाड़ी का कोई पता नहीं चल सका है। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 30.12.2018 को अज्ञात अभियुक्त केविरूद्ध अपराध संख्या-1392/18 <नाम> धारा-379 भा०द0सं0 का अभियोग थानान्यू <नाम> <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। ", "आवेदक / अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है, उसे इसमामले में झूंठा फॅसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद नहीं किया गया है, ना ही मौके से गिरफ्तार किया गया है। इसमामले के <नाम> अभियुक्त की जमानत स्वीकार हो चुकी है। आवेदक / अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 19.04.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अत: जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। 2राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदक / अभियुक्त के द्वगरा अपने साथियों के साथ मिलकर वादी मुकदमा की कार चोरी की गयी है,जो आवेदक/अभियुक्त की निशानदेही से बरामद हुई है। आवेदक / अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अत: जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। ", "कहा जाता है कि आवेदक/ अभियुक्त के द्वारा अपने साथियों के साथमिलकर वादी मुकदमा की आल्टो कार को दिनांक 29.12.2018 को चोरी किया,जो उसकी निशानदेही से बरामद हुई । ", "आवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है, ना ही उसेमौके से गिरफूतार किया गया है। इस मामले की घटना का कोई जन साक्षीनहीं है। थाना से आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। इस मामले के <नाम> अभियुक्त ओमवीर का जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-3499//2019 दिनांक 09.07.2019 को अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालयसंख्या-6, <नाम> द्वारा स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक14.09.2019 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_6078_201919-10-20192716
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में मुरारी <नाम> का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा सोनू के द्वारा दिनांक 15.11.2015 को समय 12.30 बजे थाने <नाम> इसआशय की तहरीर दी गई कि प्रार्थी अनुसूचित जाति उपजाति जाटव है। दिनाक08.11.2015 को समय करीब 12 बजे <नाम> अपने गांव नगला <नाम> के नजदीक ईटबनाने की फैक्टरी के पास बैठा था तो नगला जाजिम के <नाम> कुशवाह, अशोककुशवाह, शैलेन्द्र कुशवाह, हरवीर, ब्रिजू, हरेन्द, <नाम> <नाम> जिनके हाथ में लाठी,डण्डा, सरिया थे। वादी को देखते ही वादी को जातिसूचक <नाम> कहते हुए बोलेवह कैसे बैठा है। वादी ने गाली देने का विरोध किया तो उन लोगों ने लाठी डण्डा,सरिया से मारपीट शुरू <नाम> दिया। शोर <नाम> <नाम> व अन्य <नाम> आ गये औरभविष्य में <नाम> से मारने की धमकी देते हुए भाग गये। वादी के शरीर <नाम> गम्भीरचोटें आयीं । वह थाना खंदौली रिपोर्ट करने गया लेकिन यह कहकर कि वह पहलेचोटों का इलाज व परीक्षण जिला अस्पातल, <नाम> में कराये तथा एक चिट्ठीप्रभारी चिकित्साधिकारी <नाम> के नाम दी। दिनांक 08.11.2015 को चिकित्सीयपरीक्षण कराया गया। वादी की अंगुली में फेक्चर होने की <नाम> के <नाम> एक्सरेकराया गया तथा फेक्चर निकला । प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त को झूठा फसाया गया है उसने कोई अपराध कारितनहीं किया। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट काफी विलम्बसे <नाम> कराई गई है। देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। आरोपपत्रन्यायालय में प्राप्त हो चुका है। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत स्वीकार हो चुकी है। जमानत के आधार पर्याप्त हैं, जमानत <नाम> दी जाये। वादी को नोटिस जारी की गई। विद्वान लोक अभियोजक की ओर सेजमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त ने अपनेअन्य साथियों के साथ मिलकर घटना कारित की है, वादी को मारपीट की —2—गाली-गलौज करते हुए जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया व <नाम> से मारनेकी धमकी दी। मारपीट में वादी के फैक्चर भी हुआ है। उसे जमानत <नाम> छोड़ने काकोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने विद्वान लोक अभियोजक एवं प्रार्थ /अभियुक्त के विद्वानअधिवक्ता को सुना तथा केस डायरी का परिशीलन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक15.11.2015 को दर्ज कराई गई जबकि घटना दिनांक 08.11.2015 की दर्शित कीगई है। प्रथम सूचना रिपोर्ट सात <नाम> <नाम> विलम्ब से दर्ज हुई इसका कोईस्पष्टीकरण अभियोजन की ओर से नही <नाम> गया है। सोनू की चिकित्सीय परीक्षणआख्या से प्रकट होता है कि उसके शरीर <नाम> सात चोटें <नाम> दर्शायी गयी हैजिसमें दो चोटें लेसरेटैड वृण्ड, एक चोट ट्रॉमेटिक स्वैलिंग, दो चोटें <नाम> रगड़तथा दो चोटें <नाम> खुरसठ दर्शायी गयी हैं। एक्सरे रिपोर्ट में पांचवीं अंगुली मेंDEA SMA TA है। प्रकरण में आरोपपत्र प्राप्त हो चुकी है एवं <नाम> अभियुक्तगणकी जमानत पूर्व में स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त का मामला भिन्‍न नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_908_202118-02-20212207
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में भूरा पुत्र <नाम> हाजी अजीज निवासी 14/107 सोरों कटरा, थाना शाहगंजजिला <नाम> उम्र करीब 68 वर्ष का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जो कि अभियुक्त कापिता है जिसमें कथन किया है कि अभियोजन पक्ष के अनुसार कल दिनांक 15.12.2020समय करीब 07:30 बजे मेरी पुत्री सोनम उम्र 21 वर्ष घरेलू सामान लेने के लिएभोगीपुरा लेने गयी थी किन्तु वह सामान लेकर वापस घर नहीं आयी हमने अपनी सभीरिश्तेदारियों में जानकारी की तो मेरी पुत्री के बारे में कोई जानकारी नहीं <नाम> मुझे ज्ञातहुआ है कि मेरी पुत्री को <नाम> उफ अरमान उर्फ फरमान निवासी घास की मण्डी थानाशाहगंज बहला फुसलाकर ले गया है। आज सुबह करीब 11 बजे सुबह मेरी बडी पुत्री केपास उसके मो0 नं<फ़ोन-नंबर>, <फ़ोन-नंबर> से कॉल आयी जो कि धमकी <नाम> रहा थाकि अगर फरमान के खिलाफ कोई कार्यवाही की तो उसे उसके परिवार को <नाम> से मारदेंगे। तुम्हारी लडकी कभी वापिस नहीं आयेगी कहना गलत है । प्रार्थी / अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद अभियुक्त नहीं है। मुकदमा वादिया व उसकी पुत्री ने षडयंत्र के तहत उपरोक्त मुकदमा में झूठा फंसा <नाम> है। प्रार्थी/अभियुक्त की ससुराल वादीमुकदमा के पडौस में है। ससुराल वालों से पड़ौसी की रंजिश चल रही है उस रंजिश कोमानते हुये प्रार्थी/ अभियुक्त को उपरोक्त मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है। पीड़िता सोनम 2ने दिंनाक 18.12.2020 को <नाम> 164 सी आर0 पी0 सी० के ब्यान थाना हाजा पुलिस द्वाराअति0 सिविल जज (जू०डि0) कक्ष सं07 <नाम> क न्यायालय में दर्ज हुए जिसमें पीड़िता नेअपराध की घटना का दिनाक 16.1.2020 समय करीब <नाम> 7 बजे का बताया है औरपीड़िता ने अपनी उम्र करीब 22 वर्ष बतायी है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट में मुकदमावादिया ने अपराध की घटना / पुत्री सोनम का दिंनाक 15.12.2020 को समय <नाम> 07:30बजे <नाम> बताया है। इस प्रकार पीड़िता सोनम के बयान <नाम> 164 सी0आर०पी0सी0 वप्रथम सूचना रिपोर्ट के दिंनाक में गम्भीर विरोधाभाष है। जिससे यह साबित होता है किमुकदमा वादिया ने अपनी पुत्री सोनम के साथ मिलकर प्रार्थी / अभियुक्त को उपरोक्तमुकदमा में झूंठा फंसाया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में आबिद के द्वारा अपहृता सोनम को लेजाने वाली बात नहीं दर्शायी है और ना ही आबिद का फोन नम्बर प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंदर्शाया गया है। जो नम्बर प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्शाया गया है वह आबिद का नहीं हैऔर ना ही अपहृता सोनम ने अपने ब्यान <नाम> 164 सीआर0 पी0सी0 में आबिद का फोननम्बर बताया है। प्रार्थी/अभियुक्त <नाम> तो पीडिता को जानता है और ना ही <नाम> अभियुक्तकपिल उर्फ अरमान उफ फरमान को जानता है। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है जबकिभोगीपुरा <नाम> काफी भीड-भाड वाला <नाम> है वहाँ <नाम> हर समय पुलिस व आम जन काआवा -गमन रहता है। जिससे घटना संदिग्ध प्रतीत होती है। केवल प्रार्थी/ अभियुक्त कोससुरालीजनों की रंजिश के <नाम> झूंठा फंसाया गया है। अपहृता सोनम ने अपने बयानधारा 161 सीआर0 पी0सी० में पुलिस को अपनी उम्र 28 वर्ष बतायी है सोनम की हाईस्कूल की माकंशीट में <नाम> <नाम> 07 फरवरी 1992 है तथा अपने ब्यान <नाम> 164सीआर0पी0सी0 अपनी उम्र 22 वर्ष बतायी है। अपहृता सोनम ने अपने बयान <नाम> 164 सीआर0पी0सी0 में आबिद द्वारा कार में बैठाकर ले <नाम> बताया है और <नाम> उर्फ अरमान उर्फ फरमान से शादी करने का दबाव देना बताया है। शादी से इन्कार करने <नाम> रामनगर की पुलिया <नाम> छोडकर चला <नाम> बताया है। जबकि अपहृता सोनम ने अपनेधारा 161 सीआर0०पीएस6ी के बयान में रामनगर की पुलिया <नाम> पुलिस को देखकर दोनोंकपिल उर्फ अरमान उफ फरमान व आबिद ऑटो में बैठकर चले गये। जब्रार्थी/ अभियुक्त अपहृता सोनम को कार में लेकर गया था तो ऑटो से क्यों भागेगा। यदिऑटो से भागा भी तो मौके से कार बरामद होनी चाहिए थी इसलिये कार की बात पूर्णतःअसत्य एवं <नाम> है। प््रार्थी/अभियुक्त बहुत ही गरीब व्यक्ति है तथा बमुश्किल मेहनतमजदूरी करके अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करता है। प्रार्थी/ अभियुक्त काजमानत प्रार्थना पत्र अवर न्यायालय से दिंनाक 04.02.2021 को खारिज किया जा चुका है। प्रार्थी / अभियुक्त दिंनाक 02.02.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त का कोई भी जमानत प्रार्थना पत्र किसी अवर न्यायालय व माननीय उच्च 3न्यायालय इलाहाबाद व माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ्रार्थी/ अभियुक्त पूर्व में सजायाफ्ता नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त अपनी विश्‍वसनीय जमानतदाखिल करने को तैयार है। वह जमानत <नाम> छूटने के <नाम> जमानत का दुरूपयोग नहींकरेगा । अतः प्रार्थी / अभियुक्त को दौरान विचारण मुकदमा जमानत <नाम> <नाम> करने कीयाचना की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। केस डायरी तथा उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त केविरूद्व अभियोजन द्वारा पीड़िता को बहला फुसलाकर <नाम> अभियुक्त के साथ शादी किये जाने के उददेश्य से व्यवहरण का आरोप लगाया गया है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गतधारा 161 द0प्रoस0 में एवं <नाम> 164 द0प्र०स0० में स्पष्टतयः अभियुक्त आबिद के द्वारा उसेफोन करके मेंहदी लगाये जाने के बहाने बुलाने का कथन किया गया है। अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के अनुसार पीड़िता ने कोई शोर नहीं मचाया और <नाम> ही अभियुक्त प्रथमसूचना रिपोर्ट में नामजद है। मात्र इस आधार <नाम> अभियोजन कथानक को सन्देहास्पद नहींमाना जा सकता है, जबकि <नाम> 164 द0प्रoस0 क बयानों में पीड़िता ने स्पष्टतः अभियुक्तका अपराध में संलिप्त होना बताया है । अभियोजन द्वारा अभियुक्त पर॒ पीड़िता केसाथ एक गम्भीर एवं जघन्य अपराध किये जाने का आरोप लगाया गया है। मामले मेंविवेचना प्रचलित है। अत: मामले की गम्भीरता को देखते हुये न्यायालय का यह मत है किअभियुक्त इस स्तर <नाम> जमानत प्राप्त करने का <नाम> नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_2592_202108-04-2021110
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में <नाम> <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> जितेन्द्रसिंह द्वारा इस आशय का शपथपत्र दाखिल किया गया है कि वह अभियुक्त कीधर्मपत्नी है तथा पैरोकार मुकदमा है। प््ार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त कोई भी प्रार्थनापत्र पूर्व में प्रस्तुत नहीं किया गया औरन ही किसी अन्य न्यायालय में अथवा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कोईप्रार्थनापत्र विचाराधीन है और <नाम> ही खारिज किया गया है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा डा0 आशीषअरोड़ा निवासी मंगलम आधार अपार्टमेंट ने थाने में इस आशय की प्राथमिकी दर्जकरायी कि वह दिनांक 12.12.2020 को अपनी साली की शादी से वापस आये उससमय उनकी गाड़ी में एक काला <नाम> जिसमें सारे जेवर और दो लाख रूपये कैश था,समय रात करीब 01:30 बजे (13.12.2020) <नाम> उन्होंने अपना सामान अपने फूलैट <नाम> @) Bail Application No. 2392/2021 -Jitendra Singh Vs. UP Stateशिफ्ट किया है जिसमें वो <नाम> गाड़ी में छूट गया था जिसे किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारानिकाल लिया गया है। रिपोर्ट लिखकर कानूनी कार्यवाही किये जाने की <नाम> कीगई है । ", "आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि्रार्शी/अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्त निर्दोष एवंनिरअपराध हैं। उसे गलत व झूठे तथ्यों के आधार <नाम> फंसाया गया है। ्रार्शी/अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है तथा घटना दिनांक13.12.2020 की बताई गयी है जबकि थाने <नाम> रिपोर्ट दिनांक 20.12.2020 को करीब 7दिन की देरी से दर्ज करायी गयी है तथा देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है,जिससे घटना पूर्णतः झूंठी प्रतीत होती है। प्रार्थी/अभियुक्त सुनारी का कार्य करता हैतथा उसकी <नाम> में काफी साख है। प्रार्थी/ अभियुक्त को अपनी दुकान से दिनांक25.01.2021 को गिरफ्तार करके अज्ञात 7 चोरी की घटना से जोड़कर दिनांक29.01.2021 को जेल भेज <नाम> है तथा उपरोक्त बरामद <नाम> प्रार्थी/अभियुक्त कीदुकान का है। पुलिस द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त की अलमारी को खुलवाकर <नाम> <नाम> भरलिया तथा अलमारी से सोने <नाम> के आभूषण व नकदी अपने कब्जे में करके्रार्थी/अभियुक्त <नाम> उसी के <नाम> की बरामदगी <नाम> दी जबकि <नाम> बरामदगी केसमय का कोई भी जनसाक्षी नहीं बताया गया है और <नाम> ही वादी मुकदमा से <नाम> कीशिनाख्त कराई गयी है तथा गिरफ्तारी का भी कोई स्वतन्त्र जनसाक्षी नहीं दर्शाया गयाहै, जिससे घटना पूर्णतः झूंठी प्रतीत होती है। प्रार्थी/ अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्रअवर न्यायालय द्वारा दिनांक 16.02.2021 को खारिज <नाम> <नाम> गया है। ्रार्शी/अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्ध है। ्रार्थी/ अभियुक्त का इससे पूर्व कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तजमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। इन्हीं आधारों <नाम> जमानत दिये जाने की याचनाकी जाती है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वारा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, दाण्डिकद्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त द्वारा चोरीका <नाम> खरीदा गया है तथा उसके कब्जे से चोरी किया गया <नाम> बरामद हुआ है। अभियुक्त शातिर किस्म का व्यक्ति हैं, पुन: इस प्रकार के अपराध में सम्मिलित होने कीसंभावना है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता,दाण्डिक के तर्को को सुना। " ], "judge-opinion": [ " केस डायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", "केस डायरी एवं प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/ अभियुक्त के पास से चोरी का <नाम> बरामद होना बताया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज 3)Bail Application No. 2392/2021 -Jitendra Singh Vs. UP Stateकरायी गयी है। घटना दिनांक 13.12.2020 की दर्शायी गयी है जबकि प्रथम सूचनारिपोर्ट दिनांक 20.12.2020 को 7 <नाम> की देरी से दर्ज करायी गयी है। प्रथम सूचनारिपोर्ट देरी से दर्ज कराने का कोई समुचित स्पष्टीकरण अभियोजन द्वारा प्रस्तुत नहींकिया गया है। अभियुक्त को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभियुक्त द्वाराबरामद <नाम> को खुद का होना कहा गया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वाराकथन किया गया है कि अभियुक्त को पुलिस द्वारा पकड़ <नाम> अन्य कई झूंठे मुकदमोंमें संलिप्त <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्त का इससे पूर्व कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। अभियुक्त मामले में झूंठा फंसाना <नाम> है। अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्रमु0अ0सं0-672 / 2020, मु०अ0सं0-712/ 2020, मु०अ0सं0-646 / 2020 में दिनांक19.03.2021 को माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं0-28 द्वारास्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त दिनांक 29.01.2021 से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3984_202015-12-2020299
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के बड़े <नाम> इस्लाम की ओर सेशपफ्थपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानतप्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय मेंलम्बित नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध नहीं किया है, उसको झूंठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त को सहअभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> संलिप्त किया गया है। इस मामले में <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> की जमानत दिनांक 27.10.2020 को स्वीकार हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 27.08.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः: आवेदक / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुये तर्कप्रस्तुत किया गया कि आवेदक /अभियुक्त की इस लूट की घटना में संलिप्तता हैतथा सह-अभियुक्तगण से लूटी हुयी गाड़ी बरामद हुयी है। अतः जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किया जाये। ", " Bail Application/10468/2020 —-Monu Vs. UP State 2अभियोजन कथानक के अनुसार वादी सुमेर <नाम> द्वारा थाना खंदौलीपर तहरीर इस आशय की दी गयी कि आज दिनांक 21.08.2020 को 8.30 बजे रातवह अपने पड़ोसी रनवीर की गाड़ी टाटा सफारी Ao यू0पी014-बी.डब्लू -5324 से उनकी बेटी को छोड़ने <नाम> आये थे। उसको ससुराल में छोड़कर कन्नौज जाने केलिये <नाम> एक्सप्रेस <नाम> चढ़े। रास्ता पूछने के लिये गाड़ी रोकी तो सामने से एकलड़का आया और रास्ता बताने के <नाम> तमंचा दिखाकर, सफारी गाड़ी को छीनकरअपने दो साथियों के साथ भाग गया। उनके कपड़े, उनका ओपो मोबाइल तथा जतिनका फोन भी गाड़ी में चले गये, जिनका सिम नं<फ़ोन-नंबर> व जतिन का सिम नं<फ़ोन-नंबर> है। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना खंदौली <नाम> मु0अ0सं0232 / 2020 अन्तर्गत <नाम> 392 भा०0दं0सं0 पंजीकृत हुआ। दिनांक 23.08.2020 को एस. ओ. बहादुर <नाम> मय हमराह द्वारा अभियुक्तगण तुफैल व फैजल को पकड़े जाने परउनके कब्जे से टाटा सफारी गाड़ी बरामद हुयी । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक / अभियुक्तके कब्जे से टाटा सफारी गाड़ी की बरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्त प्रथम सूचनारिपोर्ट में नामित नहीं हैं। सहअभियुक्तगण देवेन्द्र <नाम> फैजल खाँ व तुफैल कीजमानत स्वीकार हो चुकी हैं। अभियुक्त दिनांक 27.08.2020 से कारागार में निरुद्ध हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5755_201914-10-20193037
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में स्वयं का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 03.02.2019 को समय 23.50 बजे थाने <नाम> प्रथमसूचना रिपोर्ट यह कहते हुए दर्ज कराई कि-दिनांक 03.02.2019 को समय करीबशाम 08.30 बजे <नाम> अनवर, सतेन्द्र तीनो व्यक्ति उसके गॉव <नाम> <नाम> कीबगिया में शराब पीकर आये और गली में गन्दी गन्दी जातिसूचक गालियाँ ढेडचमार आदि अपशब्द का प्रयोग करने लगे। जब वादी ने इन लोगों से कहा कि डेढचमार आदि <नाम> क्यों कह रहे हो तो उक्त तीनों लोगों ने पथराव करते हुए भागगये। जब गॉव के तीन <नाम> अन्य लोग वादी, सनी, बलवीर <नाम> इनके घर वालोंसे शिकायत करने पहुँचे तो उक्त तीनों लोगों ने सभी को बन्धक बनाकरलाठी-डन्डों से मारने पीटने लगे। तभी गाव के किसी व्यक्ति ने जानकारी होने पर100 नम्बर <नाम> पुलिस को सूचना दी। कुछ समय <नाम> पुलिस की गाडी का शायरनकी आवाज सुनकर सभी लोग <नाम> से मारने की धमकी देकर छोडकर भाग गये। काफी गम्भीर चोटें आई है। ्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त खटीक जाति का है। प्रार्थी अभियुक्त को झूठाफसाया गया है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। यह भी <नाम> प्रस्तुतकिया गया कि उसके विरूद्ध पहले कभी कोई रिपोर्ट दर्ज नही हुई है। यह भी तर्कप्रस्तुत किया गया कि आरोपपत्र न्यायालय में प्राप्त हो चुका है। उसे जमानत परछोडने के आधार पर्याप्त हैं। जमानत <नाम> छोड़ा जाये। वादी मुकदमा को नोटिस जारी की गई। विद्वान लोक अभियोजक कीओर से जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया और <नाम> प्रस्तुत किया गया किवादी मुकदमा व अन्य के साथ अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर घटनाकारित की और बन्धक बनाकर मारपीट की। पुलिस की गाड़ी आने <नाम> <नाम> सेमारने की धमकी देते हुए भाग गये। इसलिए अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ने काकोई आधार नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट केअनुसार प्रार्थी / अभियुक्त अनुसूचित जाति खटीक जाति का है। अभियुक्त क विरूद्धआरोपपत्र न्यायालय में प्राप्त हो चुका है। पत्रावली <नाम> केस डायरी के साथचिकित्सीय परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध है। जिनमें कोई जाहिरा चोटें दर्शित नही कीगई है । " ] }
1GRANTED
Bail Application_1750_202126-03-2021505
agra
{ "facts-and-arguments": [ "आवेदन पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> का शपथ पत्र संलग्न किया गया है। ", "आवेदक / अभियुक्त कै विद्वान अधिवक्ता व अभियोजन की तरफ सेउपस्थित विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> के तर्को को सुन लिया है और केसडायरी तथा प्रपत्रों का अवलोकन <नाम> लिया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादिनी मुकदमा <नाम> राजनदेवी द्वरा थाने में इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी कि दिनांक 13.12.2020 को समय दोपहर 12:00 बजे वह राजनदेवी बिजलीघर से गुतिला जाने के लिएऑटो में बैठी उसमें ऑटो चालक के साथ दो लडके और बैठे हुए थे उन्होंने रास्ते मेंउसे कुछ सुंघा <नाम> जिससे वह अ्टबेहोशी की हालत में हो गयी और उच्होंनेउसकी ज्वैलरी व जंजीर कानों की झुमकी व सोने की दो अंगूठी निकाल ली ओरउसे वहीं छोडकर चले गये। जब उसे होश आया तो वह <नाम> हॉस्पीटल के पासथी। ", "@)आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गयाकि उसे झूठा फंसा <नाम> गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। वह निर्दोष है। प्रथमसूचना रिपोर्ट विलम्ब से व अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। आवेदक /अभियुक्त के पास से मुकदमे से सम्बन्धित कोई भी नाजायज वस्तु बरामद नहीं हुई है। आवेदक / अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि वह पर्याप्त जमानतेंदेने के लिए तैयार है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं आधारों <नाम> आवेदक / अभियुक्त को जमानतपर <नाम> किए जाने का अनुरोध किया गया है। इसके विपरीत अभियोजन की ओर से वरिष्ठ अभियोजन <नाम> नेजमानत का विरोध करते हुए कथन किया है कि आवेदक / अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमाकी ज्वैलरी जंजीर, कानों की झुमकी व सोने की दो अंगूठी की चोरी की गयी है। आवेदक / अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गभीर <नाम> का है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हींआधारों <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किए जाने का अनुरोध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट होता है किआवेदक / अभियुक्त <नाम> <नाम> 328,379,411 भा०दं0सं0 का आरोप है। अभिकथित सामानकी बरामदगी किया <नाम> एक अंगूठी, 6,000/-रूपये जो उसके द्वारा जेवरात विकयकर प्राप्त किया <नाम> कहा गया है। बरामदगी हो चुकी है। आवेदक/ अभियुक्तप्राथमिकी में नामित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। आवेदक / अभियुक्त दिनांक 01.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। मामले की निकटभविष्य में विचारण समाप्त होने की कोई <नाम> नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त विचारणके दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त जमानत देने <नाम> तत्पर हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1950_202026-08-202025
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ आवेदिका/ अभियुक्ता की बहिन <नाम> भाटियाका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसीन्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादीमुकदमा एस.एच.ओ.नरेन्द्र <नाम> ने थाना हाजा <नाम> इस आशय की जुबानी प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनांक 30.07.2020 को मैं प्रभारी निरीक्षक हमराहपुलिस कर्मचारीगण के साथ चेकिंग व शान्ति व्यवस्था में मामूर था दिनांक08.07.2020 मु.अ.सं. 5602020 <नाम> 3,4,5,6,7,8 अनैतिक देह व्यापार निवारणअधिनियम की अभियुक्ता <नाम> नागवानी की जामा तलाशी से प्राप्त मोबाइलनोकिया 7.2 रंग हरा आई.एम.आई. <फ़ोन-नंबर>51833, <फ़ोन-नंबर>19433जिसमें सिम नंबर <फ़ोन-नंबर> की कैफ निकलवाने सर्विलांस कार्यालय पहुंचातो उक्त मोबाइल की सिम आई.डी.सुनील <नाम> पुत्र रामचन्द निवासीगढी <नाम> -2-जमाखान, फर्रूखाबाद के नाम <नाम> पायी गयी। मु.अ.सं.560/2020 धारा3,4,5,6,7,8 अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की अभियुक्ता रोशनीनागवानी उपरोक्त के द्वारा कूटरचित पहचान पत्रों के आधार <नाम> फर्जी नाम, पतेके आधार <नाम> <नाम> नागवानी उपरोक्त क द्वारा सिम को प्राप्त करना औरप्रयोग करना जुर्म धारा-420, 467, 468, 471 भा०द0सं0 की हद को पहुंचता है। उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 31.07.2020 को अभियुक्ता रोशनीनागवानी के विरूद्ध अपराध संख्या-604,/2020 <नाम> धारा-420, 467, 468, 471भा0द0सं0 का अभियोग थाना ताजगंज, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। आवेदिका/ अभियुक्ता की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथसंलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गया है किआवेदिका/ अभियुक्ता ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे परेशान करने के लियेइस मामले में झूंठा फॅसाया गया है। उसको पुलिस के द्वारा दिनांक 08.07.2020को जब पुलिस द्वारा गिरफूतार किया गया तो उसके पास से कुछ चीजेबरामदकी गयी, एफ.आई.आर.संख्या 604/2020 में दिखाया गया नोकियामोबाइल जिसका आई.एम.आई. <फ़ोन-नंबर>51833, <फ़ोन-नंबर>19433जिसमें सिम नंबर <फ़ोन-नंबर> भी बरामद किया गया है। उक्त मोबाइल केसंबंध में एक माह <नाम> एफ.आई.आर.करायी गयी है, उपरोक्त सिम उनके यहाँपॉच वर्षो से <नाम> करने वाले घरेलू कर्मचारी जिसका नाम <नाम> <नाम> पुत्र रामचन्द निवासी गढी <नाम> जमाखान, फरूर्खाबाद ने खरीदकर अपनी मालकिनरोशनी को दी थी। आवेदिका/ अभियुक्ता दिनांक 08.07.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता नेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है कि आवेदिका/ अभियुक्ता को जब पुलिस क द्वारा गिरफूतार किया गया तो उसके कब्जे से मोबाइल लेकरउसकी कैफ सर्वलान्स <नाम> निकलवायी गयी तो उसमें ज्ञात हुआ कि अभियुक्ताके मोबाइल की सिम आई0डी0 <नाम> <नाम> उपरोक्त के नाम <नाम> पायी गयी,जिसका प्रयोग अभियुक्ता द्वारा फर्जी आई0डी0 तैयार <नाम> फर्जी पते <नाम> सिमलेकर प्रयोग किया जा रहा था। आवेदिका/अभियुक्ता का अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वानअपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्त प्रपत्रोंका अवलोकन किया। _3-प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के द्वारा जबआवेदिका/ अभियुक्ता <नाम> को गिरफूतार किया गया तो उसकी जामा तलाशीसे मोबाइल नोकिया जिसमें सिम नंबर उपरोक्त की कैफ सर्विलांस सेनिकलवाने <नाम> सिम आई.डी.सुनील <नाम> पुत्र रामचन्द निवासीगढी खानजमाखान, फरूखाबाद के नाम <नाम> पायी गयी। अभियुक्ता के द्वारा कूटरचितपहचान पत्रों के आधार <नाम> फर्जी नाम, पते के आधार <नाम> उपरोक्त सिम प्राप्तकिया <नाम> बताया गया है। ", "<नाम> <नाम> उपरोक्त क द्वारा उक्त सिम के संबंध में कोई शिकायतीप्रार्थना पत्र अथवा मुकदमा थाने <नाम> पंजीकूत नहीं कराया गया है और ना हीऐसा कोई अभियोजन का कथन है कि उपरोक्त सिम की बाबत कोई मुकदमाथाने <नाम> पंजीकृत कराया गया हो जबकि आवेदिका/ अभियुक्त के द्वारा अपने जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि उक्त मोबाइल सिम उसके यहाँ कामकरने वाले घरेलू कर्मचारी <नाम> <नाम> क द्वारा उसे लाकर दी गयी है। ", "इस संबंध में जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> <नाम> उपरोक्त का शपथ पत्रदाखिल किया गया है, जिसमें उसने कथन किया है कि वह <नाम> नागवानी केयहाँ घरेलू कार्य करता है तथा उक्त सिम उसके द्वारा अपनी आई.डी.पर खरीदकी गयी है। आवेदिका/ अभियुक्ता दिनांक 08.07.2020 से जेल में है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_357_202017-01-20202223
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पेरोकार निशान्त चाहर नेशपथपत्र प्रस्तुत किया है। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है उसको इस मुकदमें में झूठा फॅँसाया गया है। जबकि उसके द्वारा उक्तअपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि अभियुक्त उक्त मामले में न्यायालय से जमानत <नाम> था। पूर्व विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहने <नाम> कि उसका मुकदमा खत्म <नाम> <नाम> गया है, अब उसको न्यायालय में आने कीआवश्यकता नहीं है, इसलिए वह ऱ्यायालय में उपस्थित नहीं आया था। उसके द्वाराजानबूझकर ऱ्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं कौ गई है। अब वह प्रत्येक तिथिपर न्यायालय में उपस्थित रहेगा। अभियुक्त दिनांक 12.01.2020 से जिला कारागार,आगरा में निरूद्व है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। ", "अभियुक्त द्वारा यह आधार लिया गया है कि <नाम> की जानकारी <नाम> होने केकारण वह न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सका था। अब वह प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में हाजिर रहेगा। " ], "judge-opinion": [ " पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त इस मामले में न्यायालय से जमानत <नाम> था तथा जमानत के <नाम> दिनांक 11.10.2017 को (2)अभियुक्त की अनुपस्थिति के <नाम> इस मामले में अभियुक्त क विरूद्व गैर जमानतीवारण्ट जारी किए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रकरण परिवाद <नाम> आधारित है तथा अभियुक्त दिनांक 12.01.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4051_202023-12-202033
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थनापत्र के समर्थन में कालीचरन का शपथपत्रप्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार अभियुक्त का यह प्रथम जमानत्रार्थनापत्र है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रिंकू उर्फ दिनेशकाठपाल द्वारा एक तहरीर थाना <नाम> नगर <नाम> इस आशय की दी गयी किदिनांक 26.08.2020 को वह व उसके छोटे <नाम> <नाम> काठपाल अपनीसाइकिल की दुकान घटिया आजम खाँ से चलकर अपनी मोटरसाइकिलयू0पी08०-ए.ए.-9600 से अपने घर रशमि नगर आ रहे थे कि समय करीब6.30 बजे सांय अलुल बमानी के मकान सं0 ए-37 के सासने तीन व्यक्ति एक मोटरसाइकिल <नाम> सवार होकर खड़े थे। जब उनकी मोटरसाइकिल उनकेसामने पहुंची तो पहले उसे डण्डा मारा, उसके <नाम> उनमें से किसी ने जानसे मारने की नीयत से गोली मार दी जिससे उसके <नाम> <नाम> काठपाल कीअस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गयी। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना <नाम> नगर <नाम> मु0अ0सं0 09/2020 अन्तर्गत <नाम> 302 भा०दंएसं० पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना दिनांक 04.09.2020 को मुखविर द्वाराजानकारी प्राप्त हुयी कि दिनांक 26.08.2020 को रशमि नगर, <नाम> <नाम> मेंहुये हत्याकाण्ड का अभियुक्त <नाम> मण्डी की तरफ से सफेद अपाचे मोटर 2 साइकिल से वाटरवर्क्स की तरफ आ रहा है, अगर जल्दी की जाय तो पकड़ाजा सकता है। मुखविर की सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस वाले वाटरवर्क्सपर उसके आने का इंतजार करने लगे तो सामने से आती हुयीमोटरसाइकिल को इशारा करते हुये मुखविर द्वारा बताया गया और चलागया। टार्च की <नाम> डालकर रुकने का इशारा किया तो वह पुलिस वालोंपर <नाम> से मारने की नीयत से फायर करने लगा। इस <नाम> प्रभारीनिरीक्षक द्वारा चेतावनी दी गयी कि हम पुलिस वाले हैं, अपने आपको पुलिसके हवाले <नाम> दो, लेकिन बदमाश फायर करता रहा। उसके द्वारा एक फायरअपनी पिस्टल से तथा सामने की टीम के उ0नि0 अश्वनी <नाम> द्वारा एकफायर अपनी पिस्टल से करने का आदेश <नाम> गया। तत्पश्चात्‌ बदमाश केचिल्लाने की आवाज आने लगी। पास पहुंचकर <नाम> तो वह कराह रहा था। नाम पता पूछते हुये जामा तलाशी ली गयी तो उसने अपना नाम दीपककुमार पुत्र पुत्र परशुराम बलाया जिसकी जामा तलाशी से दाहिने हाथ में लियेएक पिस्टल 32 बोर बरामद हुयी। जिसकी मैग्जीन को खोलकर <नाम> तोतीन जिन्दा कारतूस 32 बोर मिले तथा बदमाश के पास पड़े जमीन <नाम> एकखोखा कारतूस 32 बोर बरामद इुआ। अभियुक्त की पीठ <नाम> एक <नाम> खोलकर <नाम> गया तो उसमें 8 लाख रुपये बरामद हुये। घायल ने बताया कि उसने अपने तीन साथियों <नाम> जैसावत, राजकरन व फौरन के साथमिलकर दिनांक 26.08.2020 को रश्मिनगर में दो व्यापारियों कीमोटरसाइकिल को ओवरटेक <नाम> डण्डा मारकर कैश लूट लिया था। मोटर साइकिल चला रहे व्यक्ति ने उसे पकड़ना चाहा तो उसने पीछे हटकरउसको गोली मार दी। उस लूट में हम लोगों को 40 लाख रुपये मिले थे। इम चारों के हिस्से में 10-10 लाख रुपये आये थे। उसने अपने खर्चे में दोलाख रुपये ले लिये। बाकी 8 लाख रुपये लेकर भाग जाने का प्लान था इसलिये आपकी गाड़ी देखकर पकड़े जाने के डर से भागा था इसलियेआपके ऊपर फायरिंग <नाम> दी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज कराई गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_50_202014-01-20202263
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार सत्यवान पुत्र श्रीनागर <नाम> जो कि प्रार्थी / अभियुक्त का <नाम> है, ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णितहै कि प्रार्थी / अभियुक्त उपरोक्त मुकदमे में पूर्व में जमानत <नाम> था तथा जमानत <नाम> छूटनेके <नाम> वह मा0 न्यायालय में उपस्थित भी होता रहा है। उक्त पत्रावली अपर जिला एवं सत्रन्यायाधीश, कक्ष संख्या-20 के यहां चल रही थी, जहां उसकी पत्रावली मिल नहीं सकी थी। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा पत्रावली को काफी ळूढवाया गया, लेकिन नहीं मिल सकी। प्रार्थी / अभियुक्त मा0 न्यायालय में नियत दिनांक को उपस्थित नहीं हो सका, जिसके कारणउसके माननीय न्यायालय द्वारा वारंट जारी <नाम> दिये । प्रार्थी / अभियुक्त इस <नाम> उपस्थितनहीं हो सका, क्योंकि वह रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर चला गया था। जैसे ही उसेअपने विरूद्ध जारी वारंट की जानकारी हुई, वह <नाम> देरी किये माननीय न्यायालय मेंदिनांक 02.11.2019 को उपस्थित हुआ, जहां से उसे माननीय न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जिला कारागार <नाम> भेज <नाम> । प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 02.11.2019 से जिला जेल <नाम> में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त एक गरीब मजदूर पेशा व्यक्ति है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त पुनः अपनी विश्‍वसनीय जमानत दाखिल करने को तैयार है। जमानत <नाम> छूटने के <नाम> जमानत का कोई दुरूपयोग नहीं करेगा तथा प्रत्येक नियत दिनांक <नाम> न्यायालय में उपस्थित होता रहेगा। न्यायहित में जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किये जाने कीप्रार्थना की है। ", "प्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> के विद्वान अधिवक्ता ने <नाम> प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त इस मामले में पूर्व से जमानत <नाम> था। प्रार्थी/अभियुक्त के रोजी-रोटीकमाने के लिए शहर से बाहर जाने के <नाम> वह न्यायालय में नीयत दिनांक को उपस्थित 2 नहीं हो सका और <नाम> ही अपने अधिवक्ता को सूचित <नाम> सका, जिसके <नाम> उसकेविरूद्ध माननीय न्यायालय द्वारा वारंट जारी <नाम> दिये गये। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 02. 11.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। प्रार्थी/अभियुक्त ने जानबूझकर कोई गलतीनहीं की है। अतः उसे न्यायहित में जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी की ओर से जमानतप्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त इसमामले में जानबूझकर से गैर हाजिर हुआ था, जिस <नाम> उसके विरूद्ध एन0बी0डब्ल्यू0की कार्यवाही प्रचालित थी। प्रार्थी/अभियुक्त की वजह से इस मामले में विचारण कीकार्यवाही में देरी हुई है तथा प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा पूर्व में प्रदत्त की गयी जमानत कीशर्तो का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> किया गया, तो वह पुनः प्रदत्त जमानत का दुरूपयोग करेगा। उसे पुन: जमानत <नाम> <नाम> किये जानेका कोई न्यायोचित आधार नहीं है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। उपनिरीक्षक सन्तोष <नाम> थाना चित्राहाट, <नाम> ने भी जमानत प्रार्थनापत्रका विरोध करते हुए अपनी आख्या में कथन किया है कि अभियुक्त द्वारा माननीयन्यायालय के आदेश/ जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। प्रार्थी /अभियुक्त कीपुनः जमानत <नाम> छूटकर माननीय न्यायालय में समय से हाजिर नहीं होगा तथा उसके फरार होने की सम्भावना है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी /अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना एवं उपनिरीक्षक थाना चित्राहाट, आगराकी रिपोर्ट तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "सुनने व पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि इस मामले मेंप्रार्थी / अभियुक्त <नाम> <नाम> काफी लम्बे समय से गैर हाजिर चल रहा है। उसकीलगातार गैर हाजिरी के <नाम> अन्य <नाम> अभियुक्तगण से उसकी पत्रावली पृथक भी कीगयी है । प्रार्थी /अभियुक्त की लगातार गैर हाजिरी के <नाम> इस मामले के विचारण कीकार्यवाही काफी लम्बे समय से विलम्बित हुई है। प्रार्थी /अभियुक्त द्वारा उसे पूर्व में प्रदत्तकी गयी जमानत का दुरूपयोग किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_454_202104-02-20212868
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में <नाम> कामार पुत्र <नाम> <नाम> निवासी 410,लकावली, थाना ताजगंज, <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है जो कि अभियुक्त काबहनोई है जिसमें कथन किया है कि प्रार्थी, अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया हैतथा वह निर्दोष है। अभियोजन के अनुसार वादिया का विवाह दिंनाक 29.01.2020कोअभियुक्त के पुत्र <नाम> के साथ सम्पन्न हुआ था। एक माह <नाम> से ही <नाम> व अन्यससुरालीजन मानसिक उत्पीडन व घरेलू हिंसा, मारपीट करने लगे। दिंनाक 05.08.2020को वादिया का <नाम> बीमार पड गया जिसे एच. आई.वी. मर्ज हो गया । इस बारे मेंवादिया ने ससुर से बात की तो ससुर की नीयत बुरी होने लगी, पूछताछ में स्वीकार कियाकि पुरानी बीमारी है। वादिया के ससुर द्वारा वादिया को भगाने की <नाम> शुरू <नाम> दीगयी। वादिया के ससुर हमेशा नशे में रहते हैं अश्लील बातों के साथ वादिया <नाम> बुरीनजर डालने लगे। दिनाक 27.08.2020 को समय 10 बजे वादिया के ससुर वादिया केकमरे में आये और उसके साथ छेडछाड करने लगे और उसके गुप्तांग को पकडने लगेविरोध करने <नाम> जमीन <नाम> <नाम> लिया, चीखने चिल्लाने <नाम> परिवार के अन्य सदस्य आगये। इस मामले में वादिया मुकदमा ने सास व <नाम> से बात की तो दोनों ने कहा किपरिवार का वंश चलाने के लिये तुझे हमारी बात माननी पडेगी, जैसा हम चाहेंगे वैसाकरना पडेगा । वादिया के विरोध करने <नाम> सास ससुर व <नाम> रात भर मारपीट करते 2रहे। वादिया के सुबह 112 नम्बर <नाम> कॉल की तो पुलिस आ गयी। पुलिस के आने सेपहले ससुर घर से भाग चुके थे। वादिया थाने पुलिस के साथ गयी, <नाम> <नाम> कुमार,ससुर अवध बिहारी, सास <नाम> <नाम> ननद स्वीटी (रितु) ननद का <नाम> <नाम> कामार मेरे साथ बलात्कार करने की <नाम> कोशिश करके घर से भगाने के जुर्म में कार्यवाही कीजाये। प्रार्थी / अभियुक्त मिलिटी इंजीनियर सर्विस (एम.ई.एस.) में पम्प आपरेटर एच. एस.1 केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी है तथा पैर में परेशानी होने के <नाम> चलने फिरने में भीपरेशान है। प्रार्थी,, अभियुक्त का पुत्र <नाम> शादी के 7 माह <नाम> अचानक बेहोश होगया था, उसे चिकित्सक के दिखाया तो चिकित्सक ने अन्य टैन्टों के साथ एच. आई. वी.cee भी कराया। एच. आई.वी. टैस्ट में प्रार्थी,, अभियुक्त के पुत्र <नाम> को दिनाक 05.08.2020 को एच. आई.वी.उ संकमित पाया गया। इसके <नाम> उक्त मुकदमे कीवादिया <नाम> की पत्नी) ने प्रार्थी,, अभियुक्त के पुत्र के एच.आई.वी. आने के कारणदबाव बनाना शुरू किया कि 25 लाख रूपये देकर तलाक <नाम> दो। जब वादिया मुकदमा को समझाया गया कि कुछ समय <नाम> <नाम> ठीक हो जायेगा, यदि ठीक नहीं ही तोभी हमारी आर्थिक स्थिति 25 लाख रूपये देने की नहीं है। इसी बात <नाम> वादिया मुकदमाने दबाब बनाने के उददेश्य से यह झूठा मुकदमा पंजीकृत <नाम> <नाम> है। प्रार्थी ,/ अभियुक्तके पुत्र की एच.आई.वी. रिपोर्ट दिंना 05.08.2020 को आयी है, जबकि वादिया द्वारा दिनाक27.08.2020 को एफ.आई. आर दर्ज <नाम> दी गयी है। एच. आई. वी रिपोर्ट आने से पूर्ववादिया को अपने <नाम> <नाम> तथा प्रार्थी,, अभियुक्त <नाम> अन्य किसी से कोईशिकायत नहीं थी। वादिया ने इस सम्बन्ध में एक तहरीर क्षेत्राधिकारी <नाम> को दी थीजिसमें घटना का समय <नाम> 6:30 बजे दर्शाया है तथा <नाम> तो गुप्तांग पकडने वाली बातकही गयी है और <नाम> ही जमीन <नाम> गिराने वाली बात कही गयी है, <नाम> ही <नाम> व सास द्वरा परिवार का वंश चलाने के लिये बात <नाम> की बात कही गयी है, <नाम> ही रातभरमारपीट करने वाली बात कही गयी है। इस प्रार्थना पत्र तथा एस.आई.आर में काफीReva है। वादिया ने जानबूझकर झूठी तहरीर लिखकर मुकदमा पंजीकृत कराया है। वास्तविकता यह है कि प्रार्थी,/ अभियुक्त 56 वर्षीय वृद्ध सरकारी कर्मचारी है। प्रार्थी &अभियुक्त ने कभी वादिया को <नाम> तो अश्लील निगाहों से <नाम> <नाम> अश्लील बातें की, नकभी छेडछाड की, <नाम> ही कोई गुप्तांग पकडा और <नाम> ही मारपीट की। विपक्षिया का कोईमेडीकल भी नहीं है। वास्तविकता यह है कि प्रार्थी,, अभियुक्त का पुत्र <नाम> जोवादिया का <नाम> है दिंनाक 05.08.2020 को एच. आई.वी. पॉजीटिव आ गया था, इसी <नाम> वादिया, प्रार्थी,, अभियुक्त से 25 लाख रूपये की मोटी रकम वसूलकर तलाक लेनाचाहती है। इसी मोटी रकम देने मे असमर्थता व्यक्त करने <नाम> झूठी एफ आई आर दर्जकरा दी है। प्रार्थी,, अभियुक्त दिंनाक 16.01.2021 से जिला कारागार <नाम> में निरूद्द है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी, अभियुक्त का जमानतप्रार्थना पत्र अवर न्यायालय द्वारा16.01.2021 को खारिज <नाम> <नाम> गया है, उपरोक्त केस 3में प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है तथा कोई अन्य जमानत प्रार्थनापत्र माननीय उच्च न्यायालय व अन्य किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त अपनी उचित व विश्वसनीय जमानत देने को तैयार है। प्रार्थी ,, अभियुक्त द्वाराजमानत का दुरूपयोग करने की कोई सम्भावना नहीं है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त कोदौरान मुकदमा उचित जमानत <नाम> <नाम> करने की <नाम> की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी को सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। प्रस्तुत मामले में अभियोजन द्वारा अभियुक्त के विरूद्द पीड़िता के साथ दहेजकी मांग किये जाने के साथ साथ बलात्कार किये जाने का आरोप लगाया गया है। बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता का यह कहना है कि मात्र दबाव बनाने क॑ उददेश्य से यहमुकदमा दर्ज कराया गया है [पत्रावली <नाम> उपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किपीड़िता ने स्वयं को <नाम> 161 एवं 164 द0प्रए0स0 के बयानों में पेश करते हुये अभियुक्त केविरूद्द उसके साथ छेडछाड़ तथा बलात्कार किये जाने का आरोप लगाया है। मात्र इसआधार <नाम> कि <नाम> 161 द0प्र0स6 के बयान मे पीड़िता ने बलात्कार <नाम> का प्रयोग नहींकिया गया है। सम्पूर्ण अभियोजन कथानक को सन्देहास्पद नहीं माना जा सकता। पीड़िता ने घटना कारित होने का मुख्य <नाम> उसके <नाम> <नाम> का एच.आई. वी.संकमित होना बताया है। पीड़िता ने अभियुक्त के द्वारा उसके साथ छेड़छाड,बलात्कारतथा दहेज की मांग किये जाने का आरोप लगाया है। प्रस्तुत मामले में विवेचनाप्रचलित है। अभियुक्त <नाम> लगाये गये आरोप अत्यन्त गम्भीर एवं जघन्य <नाम> के हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_3247_201908-07-20192397
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त के पिता छीतो उर्फ कदेरन काशपथपत्र संलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा आहूतगतपत्रावली एवं अन्य सामग्री का सम्यक परिशीलन <नाम> लिया है। ", "संक्षेप में इस मामले के तथ्य इस प्रकार है कि वादी मुकदमादिनांक 25.05.18 को उप निरीक्षक <नाम> वालियान अपने अन्य साथीपुलिस कर्मियो के साथ थाना हाजा से <नाम> व्यवस्था वांछितअभियुकतगण मामूर थे और जब गांधी चौराहे <नाम> पहुँचे तो मुखबिर सेसूचना <नाम> कि चोरी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य जारौली टीलाके पीछे चोरी किये गये सामान का बंटवारा <नाम> रहे है और चोरी कीयोजना बना रहे है, इस सूचना <नाम> वादी मुकदमा मय पुलिसकर्मचारीगण के फतेहाबाद शमशाबाद तिराहे <नाम> पहुँचे तो <नाम> कि5लोग बैठे हुये है, जिनमें से एक ने कहा कि बबलू जो पैसा चोरी का सामान बेचकर लाया है उसे आपस में बांट लो तो बबलू ने कहा किकुछ नकद पैसे नानिक, लोहरे, विजेन्द्र व पप्पू के पास भी है, सबनिकालकर दो और बराबर बराबर हिस्सा <नाम> लो, तभी मौके परaga a पकड़ लिया तो अभियुक्त लोहरे के पास से अन्य सामानके साथ 12 बोर व दो जिन्दा कारतूस बरामद हुआ। ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि उसेपुलिस ने झूठा एवं गलत फसाया है। उसने कोई अपराध नहीं किया हैऔर वह निर्दोष है। आवेदक अभियुक्त को पुलिस झूठा फंसया है औरकई फर्जी <नाम> मामले लगा दिये। आवेदक अभियुक्त का नाम प्राथमिकीमें नहीं है। मुकदमा वादी द्वारा प्राथमिकी में मंगलसूत्र का चोरी होनानहीं बताया है। जबकि आवेदक अभियुक्त को दिनांक 25.05.18 कोपुलिस द्वारा अपराध सं० 180/18 <नाम> 401 भा0द0सं0 में गिरफतारकरना दर्शाया है। इससे सम्बन्धित मामले में उसकी जमानत स्वीकार कीजा चुकी है। आवेदक अभियुक्त मौके से गिरफतार नहीं हुआ है और नाही उससे तमंचा व कारतूस बरामद हुआ है। आवेदक अभियुक्त दिनांक26.05.18 से कारागार में निरूद्ध है। विद्वान अधिवक्ता ने इन्हीं तर्को परआवेदक अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का अनुरोध कियाहै। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता ने आवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है किअभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है, उसके कब्जे सेएक तमंचा देशी 42 बोर व दो कारतूस जिन्दा बरामद हुये है, अभियुक्तसे चोरी किया सामान भी बरामद हुआ है तथा आवेदक अभियुक्त कोअन्य अभियुक्तें के साथ पकड़ा गया है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्धकई मामले दर्ज है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहींहै। अतएव जमानत आवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन कियागया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों व अन्य सामग्री के अवलोकनसे यह प्रकट होता है कि वर्तमान मामले में अभियुक्त से बरामदगीदिनांक 25.05.18 को दर्शित की गयी है। अभियुक्त के कब्जे से अन्यसामान के अतिरिक्त एक कटटा व दो जिन्दा कारतूस बरामद होनादर्शित किया गया है। वर्तमान मामले में आवेदक अभियुक्त दिनांक26.05.18 से न्यायिक अभिरक्षा जिला कारागार <नाम> में निरूद्ध है। अभियुक्त आवेदक के विरूद्ध एक ही बरामदगी से प्रथक प्रथक मामलेदर्ज किये गये है। वर्तमान मामले में अभियुक्त का विचारण निकटभविष्य में पूर्ण होने की सम्भावना नहीं है। आवेदक अभियुक्त विचारण केदौरान न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिये पर्याप्त जमानतेदेने को तत्पर है। आवेदक अभियुक्त <नाम> लगाया गया अभियोग प्रथमवर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अभियुक्त का उपरोक्त मामलों केअतिरिक्त अन्य कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3471_202006-11-20201252
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में रिंकू का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। 2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वाराइस आशय की तहरीर थाना बाह <नाम> दी गयी कि उसकी पुत्री आयु 17 वर्ष दिनांक02.03.2020 से घर से लापता हो गयी है। काफी पता लगाने के <नाम> पता नहीं लगपाया है। उसकी पुत्री को एक व्यक्ति पिन्टू बहलाफुसलाकर अपने साथ ले गया है। उक्त विषय में जानकारी रिश्तेदारों से प्राप्त हुयी है। 3 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट रिपोर्ट <नाम> विलम्ब से दर्ज है। आवेदक से उपरोक्त केस की पीड़िता की बरामदगी नहीं हुई है। पुलिस द्वारा पीड़िताको फतेहाबाद <नाम> <नाम> चौराहे से दिनांक 19.03.2020 को बरामद होना बताया गयाहै। आवेदक द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है तथा आवेदक को उक्तमुकदमे में झूँठा फंसाया गया है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसीन्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रदान करने की <नाम> की गयी है। 5— अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता ने अपने तरक में उन्हीं तथ्यों कोदोहराया हैं जो जमानत प्ररार्थनापत्र में कहे गये हैं । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर सेजमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता को बहलाफुसलाकर भगा ले जाया गया है तथा Bail Application/9439/2020 —Pintu @ Sandeep Vs. UP State 2 उसके साथ छेड़खानी की गयी है तथा शिकायत करने <नाम> जातिसूचक <नाम> कहे गयेहैं अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की। 6— वर्तमान प्रथम सूचना रिपोर्ट में आवेदक / अभियुक्त के ऊपर नाबालिगपीड़िता को बहलाफुसलाकर भगा ले जाने तथा उसके साथ छेड़छाड़ करने वशिकायत करने <नाम> जातिसूचक <नाम> कहने का आरोप है। सी.एम.ओ. द्वारा जारी आयुप्रमाणपत्र में पीड़िता की आयु 17 वर्ष है। इस प्रकार वह नाबालिग है। " ], "judge-opinion": [ "4— प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फो०) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केसडायरी, पीड़िता के <नाम> 161 व 164 द॑0प्रएसं0 के बयान व <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी व पीड़िता के <नाम> 161 व 164दं0प्रoसं0 के बयान के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि पीड़िता की आयु 17 वर्ष हैतथा वह अबोध बच्ची नहीं है। पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि वह घर से स्वयंनिकलकर बस स्टैण्ड गयी थी तथा आवेदक / अभियुक्त उसको बस स्टैण्ड <नाम> मिलाथा। पीड़िता ने अपने बयान में यह भी कहा है कि वह स्वयं आवेदक / अभियुक्त केसाथ <नाम> गयी। पीड़िता ने अपने बयान में यह भी कहा है कि अभियुक्त नेउसके साथ कोई भी बुरा <नाम> नहीं किया। इस मामले में कोई विवेचना भी <नाम> नहींहै तथा आरोपपत्र भी आ चुका है। इस मामले में अभियुक्त दिनांक 20.03.2020लगभग आठ माह से जिला कारागार में बंद है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5352_201921-09-20193832
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त के <नाम> प्रशान्त <नाम> केशपथ पत्र से समर्थित है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> के द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इसकथन के साथ प्रस्तुत की गयी कि दिनांक 16.09.2018 को <नाम> रविवार शाम08:40 बजे के आस पास समाधि स्वामीबाग के सामने वादी अपनी एक्टिवायूपी0 80/ सी0के0 2381 के साथ दो बच्चों के साथ खडा था। वादी कीपत्नी <नाम> <नाम> <नाम> भानामल स्वीटस हाउस से मिठाई लेकर रोड पारकरने का इन्तजार में खडी थी। तभी एक भगवान टाकीज की <नाम> से दोलड़के <नाम> रेग की मोटर साईकिल <नाम> आये और पीछे बैठे वाले लडककाली टी शर्ट ने अचानक झपटटा से चैन तोड <नाम> भागने लगे। उसने अपनेबच्चों को तुरन्त उतारकर पीछा किया। राधाबाग <नाम> उनहोंने उसे फायर सामारा और पोईया घाट की तरफ भाग गये। उसने तुरन्त 100 नम्बर हेल्पलाइन <नाम> सूचना दी 5-10 मिनट में तुरन्त कोवरा <नाम> पुलिस आई परन्तुलड़के नहीं पकडे गये। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सन्न न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5352/2019पुष्पन्द्र यौधरी बनाम राज्यप्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> डीछएस0 <नाम> चौधरी)एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथापत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी की इसी प्रकरण में <नाम> ३92,352 भारतीय दण्ड <नाम> में इस न्यायालय द्वारा जमानत पूर्व में स्वीकार कीजा चुकी है। आरोप पत्र में <नाम> 411 भारतीय दण्ड <नाम> की <नाम> की गयीहै। उपरोक्त आधघारों <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_886_202010-09-20202779
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन मेंसत्यप्रकाश का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2— संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> नेथाना जगनेर जिला <नाम> में इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक 30-01-2020 कोउसकी पुत्री ने मारपीट एवं गालीगलौज के संबंध में रिपोर्ट लिखायी थी। उसमें मुझेबाद में मालूम हुआ कि उसकी पुत्री ने <नाम> की वजह से मुझे नहीं बताया था। पुत्री सेपूछा तो बताया कि दिनांक 30.01.2020 को <नाम> करीब 4.30 बजे में और मेरी मॉइनुमान <नाम> के मंदिर से अपने घर की ओर जा रहे थे। रास्ते में <नाम> अपने घर केसामने खड़ा हुआ था और पीछे से उसके घर वाले आ रहे थे, तभी <नाम> ने अपने ६एरवालों से कहा कि इन दोनों के हाथ-पैर तोड़ दो और <नाम> ने मुझ <नाम> थप्पड़ देदिया और उसके घरवालों ने हमारे साथ मारपीट करना शुरू <नाम> दिया। छतरपाल नेअपने दातों से मेरे होंठ को काट लिया और <नाम> <नाम> हरीबाबू व डालचंद इनसभी ने मेरे साथ छेड़छाड़ की व <नाम> दबाया, तभी गांव के लोगों ने मुझे बचा लिया। 3 जमानत प््रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है किआवेदक / अभियुक्त निर्दोष है। एक ही घटना से संबंधित थाना जगनेर में पहले एन.सी.आर. पीड़िता द्वारा पंजीकृत करायी गयी और उसके उपरांत झूँठी कहानी बनाकरसोच-विचार <नाम> रंजिशन वादी मुकदमा ने प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी। वादीमुकदमा पंचायत चुनाव में उम्मीदवार था। चुनाव में आवेदक व उसके परिवार ने वादीमुकदमा को वोट नहीं <नाम> था, इसलिए वह आवेदक व उसके परिवार से रंजिशमानता चला आ रहा है। आवेदक / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। यहअभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय तथामाननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करनेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "4— ्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केसडायरी, पीड़िता के <नाम> 161 व 164 द॑0प्र०सं0 के बयान एवं <नाम> पत्रावली काअवलोकन किया । " ] }
0DENIED
Bail Application_2849_201922-06-20192910
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थ / अभियुक्त के <नाम> व पैरोकारहरप्रसाद के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा मनवीरसिंह द्वारा संबंधित थाने <नाम> दिनाक 14.02.2019 को प्रथम सूचना रिपोर्ट इसआशय की दर्ज कराई गई कि दिनांक 12.02.2019 को उसके बेटे सुनीलठैनुआ की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दिनांक 44.02.2019 को उसेजानकारी <नाम> कि उसका बेटा 11.02.2019 को समय 05:00 बजे से गायबहुआ है। अन्तिम समय उसके साथ राजा <नाम> और राजा के दोस्त प्रदीपयादव व साधु के साथ <नाम> गया था। तेजवीर व अन्य लोगों ने <नाम> था। सेमरी चौराहे के पास सी0सी0टी0वी0 फूटेज में दिनांक 11.02.2019 को समय05:26 बजे उसके बेटे के साथ राजा दिखाई पड़ रहा है। उसे <नाम> है किराजा मुप्ता, <नाम> <नाम> और साधु ने ही उसके बेटे का अपहरण किया है। इस संबंध में प्राथमिकी <नाम> की गयी । ", "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> रामप्रकाश <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथा (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2849 / 2019अर्जुन <नाम> बनाम राज्यपत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है अन्यकोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्चन्यायालय में लम्बित नहीं है। प्रार्थी के कब्जे से अपहृत की बरामदगी नहींहुई है। प्रार्थी द्वारा दिवाक 25.05.2019 को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पणकिया गया है। घटना दिनाक 11.02.2019 की दर्शायी गयी है तथा प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक 14.02.2019 को <नाम> करायी गयी है। अभियुक्त काआपराधिक इतिहास नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि प्रार्थी / अभियुक्त द्वारासह-अभियुकत के साथ मिलकर वादी मुकदमा के पुत्र का अपहरण कियागया है तथा फिरौती की मांग की गयी है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 11.02.2019 की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक14.02.2019 को <नाम> करायी गयी है। पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट हैकि दिनाक 15.02.2019 को सह-अभियुकतगण राजा <नाम> <नाम> <नाम> वरामनरायण को मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफ्तार किया गया तथा सह-अभियुक्तगण द्वारा यह बताया गया था कि अपहृत <नाम> को अभियुक्त <नाम> <नाम> के मकान नगला तेजपाल, टूण्डला, <नाम> में रखा गयाथा। पीड़ित / अपहृत <नाम> द्वारा अपने <नाम> 164 दण्ड प्रकिया <नाम> में भीयह कथन किया गया है कि “मुझे <नाम> के <नाम> के घर नगला तेजपाल,विकास खण्ड, टूण्डला ले गए थे, जो इज्जत घर सफेद रंग का था, बॉध करडाल <नाम> था। ” इस प्रकार पीड़ित /अपहूत के अनुसार उसे प्रार्थी के घरछिपाकर रखा गया था। सह-अभियुकतगण राजा मुप्ता, रामनरायण वप्रदीप <नाम> की जमानत पूर्व में इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (द0प्रहक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 2849 / 2019अर्जुन <नाम> बनाम राज्यप्रार्थी द्वारा पीड़ित / अपहूत को छिपाने में सकिय <नाम> अदा की गयी है। " ] }
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Bail Application_2427_202107-04-2021145
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{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र के साथ प््रार्थी/अभियुक्त के पैरोकार महीपाल काशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह उसका प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालय अथवामाननीय उच्च ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी देवेन्द्र <नाम> द्वारा दिनांक 03.02.2021 को थाने <नाम> तहरीर इस आशय की दी गई कि- उसका <नाम> भूरी सिह लगभग3 वर्ष से अपनी बहन व बहनोई <नाम> <नाम> के साथ रहकर अपनी मेहनत मजदूरीसडक आदि करके अपनी गुजर बसर <नाम> रहा था। उसके <नाम> भूरी सिह कोविपक्षीगण <नाम> <नाम> नेहने, हिन्ना, नेमीचन्द ने उक्त भूरी <नाम> को उसके यानी रामबाबू के सामने लादूखेडा में पकड लिया था। उस समय उसके सामने हाथपायी एवंलाठी-डन्डों से मारापीटा। उसके <नाम> उसकी तलाश की गई तो वह <नाम> के समयकहीं नहीं मिला। दिनांक 02.02.2021 को समय करीब सुबह 07.00 बजे पेड़ परफासी के पंद <नाम> लटका हुआ मिला था। उसके <नाम> उसने पुलिस थाना सौंया कोसूचना दी। सूचना के आधार <नाम> पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ", "वादी की तहरीर <नाम> मुकदमा अपराध सं0 19/2021 अंतर्गत धारा323,306 भाएदएसं० थाना सैंया जिला <नाम> में अभियुक्तगण <नाम> <नाम> नेहने,हिन्ना, नेमीचन्द के विरूद्ध पंजीकृत हुआ। ", "प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया किअभियुक्त निर्दोष है, उसको इस मामले में झूठा फॅ॑साया गया है जबकि अभियुक्त द्वाराउक्त अपराध कारित नहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि वादी द्वारा Bail Application/4249/2021 -Mohan Singh Vs. UP State 2 गॉव की प्रधानी की रजिंश के चलते झूठा फसाया गया है। अभियुक्त घटना के समयघटनास्थल <नाम> नहीं था। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटनामें प्रयुक्त कोई लाठी-डन्डा बरामद नहीं हुआ है घटना का कोई भी <नाम> का साक्षीनहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दि. 23.03.2021से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व है, अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गई । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काविरोध करते हुए कथन किया गया कि प््रार्थी/अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामजद है। अभियुक्त के द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के भाईके साथ मारपीट की, जिससे अपमानित होकर मृतक द्वारा आत्महत्या <नाम> ली। अत:जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गई। वादी द्वारा प्रतिशपथपत्रप्रस्तुत <नाम> जमानत का विरोध किया गया। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्त ने अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ वादी के <नाम> को मारापीटा और अपमानित किया। जिस <नाम> वादी के <नाम> नेपेड़ <नाम> फासी का फंदा लगाकर आत्महत्या <नाम> ली। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/ अभियुक्त काजमानत प्रार्थनापत्र विद्वान अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय सं0 1,आगरा द्वारा दिनांक 23.03.2021 को निरस्त किया गया है। ", "अभियुक्त के विद्धान अधिवक्ता, विद्धान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी व वादी के विद्धान अधिवक्ता को सुना, केस डायरी काअवलोकन किया । ", "केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट है कि वादी मुकदमा देवेन्द्र सिंहविवेचक को दिये अपने बयान अन्र्तगत धारा-161 द0प्र०सं० में प्रथम सूचना रिपोर्ट कासमर्थन करते हुए कहा है कि- उसका <नाम> भूरी सिह लगभग 3 वर्ष से अपनी बहनव बहनोई <नाम> <नाम> के साथ रहकर अपनी मेहनत मजदूरी आदि करके अपनी गुजरबसर <नाम> रहा था। उसके <नाम> को दिनांक 01.02.2021 को ग्राम नगला मोहरे केविपक्षीगण <नाम> <नाम> नेहने, हिन्ना, नेमीचन्द ने <नाम> <नाम> के सामने लादूखेडा मेंपकड लिया था और उसके सामने हाथपायी एवं लाठी-डन्डों से मारापीटा था। मोहनसिंह तथा नेहने के द्वारा धमकी दी थी कि साले तू इस गाव से चला जा तथा अगरइस गॉव में दोबारा मिला तो तुझे <नाम> से मार देगें। इस बात से क्षुब्ध होकर उसनेदिनांक 12.02.2021 की <नाम> में गाँव के बाहर पेड से लटककर फासी लगा ली। सुबह उसका शव नीम के पेड से फदे से लटका हुआ मिला। उसके <नाम> को इनलोगों ने आत्महत्या करने <नाम> मजबूर <नाम> <नाम> था। जिसके <नाम> उसकी मृत्यु होगयी । ", "केस डायरी के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का <नाम> dead dueto asphytia as a result of ANTI MORTEM hanging <नाम> है एवं चोट भीदर्शित की गईं है। थाना आख्या में <नाम> है कि अभियुक्त का, मृतक से विवाद हुआथा। जिसके <नाम> मृतक के साथ मारपीट की गयी और धमकी दी कि अगर तू गॉव मेंदिखा तो उसे <नाम> से मार देगें। कहा था कि कहीं मर जा जाकर। जिससे सदमे मेंआकर उसने आत्महत्या <नाम> ली। अभियुक्त के विरूद्ध अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1351_202023-07-2020971
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि वादीमुकदमा अमरेश द्वारा दिनांक 29.06.2019 को समय 12.27 बजे थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट यह कथन करते हुए दर्ज कराई गई कि - दिनांक 28,/29.06.2019 की <नाम> मेंअज्ञात चोर द्वारा छत के रास्ते घर में उतर <नाम> उसके कमरे में <नाम> हुई अटैची से उसकीपत्नी <नाम> का एक जोडी झाला, एक चैन, <नाम> चूडिया सोने की तथा दूसरी अटैची में रखाहुआ उसके मकान वाली जमीन का रजिस्ट्री दस्तावेज और तीस हजार रुपये एवं उसेसिरहाने से उसका मोबाईल सैमसंग सफेद रंग जिसमें एयर टेल व बोडाफोन कमशः नं<फ़ोन-नंबर> व <फ़ोन-नंबर> लगे हैं, चुरा <नाम> ले गया। उसी <नाम> करीब 03.30 बजेपेशाब करने को उठा तो ब्रीफकेस को बिखरा हुआ सामान देखकर उसे घटना कीजानकारी हुई। तब उसके चाचा के लडके वीरेन्द्र ने 100 नम्बर <नाम> घटना की सूचना दियातो पुलिस ने मौके <नाम> आकर छानबीन की। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने यह तर्क प्रस्तुत किया हैकि प्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है उसे झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहींकिया है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। दिनांक 29.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। यह भी तर्क प्रस्तुत किया गयाकि दिनांक 21.01.2020 को <नाम> 04.00 बजे एस0ओ0जी0 पुलिस अभियुक्त को घर सेपूछताछ के बहाने लग गई। जिसके सबंध में ई-मेल द्वारा सूचना दिनांक 22.01.2020 कोउसकी पत्नी ने उच्चाधिकारियों को दी और 8 <नाम> इधर-उधर कई थानों में छुपाकर रखा,मारपीट की और टॉर्चर किया और अन्ततः अभियुक्त के जेब में रखे रुपये में से 4800 /-रुपये उपरोक्त सम्बन्धित चोरी के दिखा <नाम> जेल भेज दिया। मात्र गुडवर्क दिखाने के लिएकिया गया है। जमानत <नाम> <नाम> किये जाने के आधार पर्याप्त हैं। जमानत की <नाम> कीगई है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने जमानत Bail Application/4903/2020 -Nasso @ Nasaruddin @ Bablu @ Matela Vs. UP State 2प्रार्थना पत्र का विरोध किया और तर्क प्रस्तुत किया कि अभियुक्त चोरी करने का अभ्यासीहै। उन्होंने तर्क प्रस्तुत किया कि थाना सैंया में उसके विरूद्ध मुकदमा अपराध सं0162 / 19 और 224 / 19 <नाम> 457,380,411 भा0द0सं0 इसी प्रकार के दर्ज हैं। यह भी तर्कप्रस्तुत किया गया कि दिनांक 29.01.2020 को अभियुक्त को पुलिस टीम द्वारा गिरफतारकिया गया था। उसके पास से एक तमंचा तथा दो जिन्दा कारतूस 12 बोर बरामद हुए थेऔर 12,570 /- रुपये बरामद हुए थे। जिसमें से उसने बयान में बताया कि <नाम> केआखिर दिनों में कस्बा सैंया के एक घर की छत से घुसकर चोरी की थी, जिसमें30,000 /- रुपये नकद, एक सोने की चैन, <नाम> चूडी सोने की, एक जोडी झाले सोनेके, एक मोबाइल चुराया था। चोरी किये गये सामान को करीब 25,000 /- रुपये में राहचलते व्यक्ति को बेच दिया। इस प्रकार 55,000/- रुपये उसके पास हो गये। जिसमें4800 /- रुपये <नाम> है। बाकी खर्च हो गये। उसके द्वारा इसी प्रकार यह भी बताया गयाकि <नाम> के महीने में सिकन्दरपुर में घर में घुसकर घर में रखे 12,000,/- रुपये, एकअगूँठी, एक लॉकेट सोने के व दो जोडी चाँदी की <नाम> चोरी की थी। बताया कि15,000 / - रुपये में बेच दिये थे। जिसमें से 3770,/- रुपये बचे हैं। इसी प्रकार जुलाईके आखिरी दिनो में गौसाई की शाला <नाम> नदी के निकट एक घर में नकब लगाकर चोरीकी। जिसमें घर के कमरे में रखे 17,000 /- रुपये एक जंजीर, एक Usa, WH ae)सोने की, एक करधनी, दो <नाम> की चोरी की। सामाना को बेचकर 18,000 /- रुपयेप्राप्त किये। इसमें से 4000,/- रुपये <नाम> हैं। इस प्रकार तीनों चोरियों से सम्बन्धित12,570 / - रुपये उसके पास से बरामद हुए है। जमानत का कोई आधार नहीं है। जमानतप्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता फौजदारी के तर्कों को सुना एवं उपलब्ध पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि दिनांक 29.01.2020 कोअभियुक्त को गिरफतार किया <नाम> कहा गया है और उसके पास से मात्र 12,570 /-रुपये की बरामदगी कही गई है। जिसमें से उपरोक्त वर्णित तीनों मुकदमों का उसके द्वाराहोना बताया गया। अभियुक्त के विद्धान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि जूनके महीने में चोरी किया <नाम> कहा गया है और <नाम> में बरामदगी होना कहा गया है। वही पैसा कैसे रह सकता है। 12,570,/- रुपये कोई बडी धनराशि <नाम> ही है। इसप्रकार यह स्पष्ट होता है कि 12,570,//- रुपये कुल तीन मामलों में दिखाये गये हैं। जैसाकि अभियुक्त के विद्धान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया है कि 24.01.2020 को शाम04.00 बजे उसे घर से ले जाया गया और 7-8 <नाम> रखने के <नाम> कई मामलो में संलिप्तकर <नाम> गया। प्रार्थनापत्र के इस कथन के समर्थन में भेजे गये ई-मेल की <नाम> भीप्रस्तुत की गई है। इस प्रकार इस मामले में चोरी किये गये सामान की बरामदगी नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1469_202029-07-2020784
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारजयसिंह के शपथ पत्र से समर्थित है। अभियोजन कथानक के अनुसार संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैंकि वादी मुकदमा <नाम> <नाम> आरफील्ड एण्ड कपनी में नौकर है जो कि एककुरियर कम्पनी है दिनांक 2.3.2020 को वह अपने फलेट खालसा गली सेदिल्ली के लिए पैदल पैदल जा रहा था कि जब वह साएनो स्टार होटलहाथी घाट के पास समय करीब 6:15 बजे सुबह पहुंचा तो उसके आरे पीछेसे दो मोटर साइकिलों <नाम> दो दो व्यक्ति आये उसे घेरकर छीना झपटी करकेउसका पार्सल वाला <नाम> छीन लिया पार्सल में क्या था इसकी जानकारी वहअपने <नाम> से पूछकर बताएगा उसके <नाम> सूरत में रहते हैं जो किकल <नाम> आ जाएंगे। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रथम सूचना रिपोर्ट भी वादी द्वारा थाने <नाम> देरी सेदर्ज करायी गयी है जिसका कोई <नाम> वादी मुकदमा द्वारा नहीं दर्शायागया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में अभियुक्त नामजद नहीं हैं। प्रार्थी/ अभियुक्तदिनांक 18.3.2020 से ही जिला कारागार <नाम> में निरूद्व है। प्रार्थी का कोईअपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसकेअतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थना किसी भी न्यायालय या माननीय उच्चन्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि प्रार्थी द्वारा अन्य के साथ मिलकर वादी मुकदमा केसाथ डकैती कारित की गयी है तथा गिरफतारी के समय उसके कब्जे सेडकैती के 33,000/-रूपये की बरामदगी भी हुई है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि वादी मुकदमा श्रीप्रकाशके लिखित तहरीर <नाम> दिनांक 02.03.2020 को समय 21:05 बजे थाना मंटोलापर <नाम> अज्ञात अभियुक्तगण के विरूद्व मु0अ०सं0 10/20 अंतर्गत धारा392भा0दं0सं0 पंजीकृत किया गया। दौरान विवेचना अभियुक्त का नाम प्रकाशमें आया तब प्रकरण <नाम> 395 भा०दं0सं0 में तरमीम किया गया औरबरामदगी के आधार <नाम> <नाम> 412 भा०दं0सं0 की बढोतरी की गयी। विवेचनाप्रचलित है । (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1469, 2020मनीष उर्फ <नाम> बनाम राज्य्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> को सुना गया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलनकिया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.03.2020 की समय 06:15 बजे की है तथा प्रथम सूचना रिपोर्टथाने <नाम> दिनाक 02.03.2020 को ही समय 21:05 बजे दर्ज करायी गयी है। पत्रावली <नाम> उपलब्ध केस डायरी के अवलोकन से यह दर्शित होता है कि्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्व अपने <नाम> अभियुक्तगण के साथ योजनाबद्द तरीकेसे वादी मुकदमा से उसके पार्सल का <नाम> बलपूर्वक लूट लेने का अभियोगहै । सी0सी0टी0वी0 फुटेज के आधार <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त की पहचान लूटकारित करने वाले के <नाम> में हुई है। प्रार्थी/अभियुक्त की गिरफतारी केपश्चात उसकी जामा तलाशी लिए जाने <नाम> उसके पास से डकैती के (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, <नाम> । जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 1469, 2020मनीष उर्फ <नाम> बनाम राज्य33,000 / -रूपये बरामद हुए हैं तथा वादी मुकदमा ने <नाम> व <नाम> कोदेखकर बताया कि इन दोनों बदमाशों ने व इनके साथियों ने ही उसके साथलूट की घटना कारित की है। पकडे गये व्यक्ति घनश्याम, <नाम> छोटू ऋषिव <नाम> सेंगर को पहचानते हुए बताया कि यह वही लोग हैं जो घटनास्थलपर मौजूद थे। " ] }
0DENIED
Bail Application_5887_201921-10-20192643
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{ "facts-and-arguments": [ "_ जिला आगरा। ", "आदेशदिनाक : 21.10.2019प्रस्तुत जमानत प्रार्थनापत्र प्रार्थी /अभियुक्त सोनू की ओर सेमुकदमा अपराध संख्या-890,/2019 अन्तर्गत <नाम> ३92, 411 भारतीय दण्डसंहिता, थाना ताजगंज, जिला <नाम> के मामले में प्रस्तुत किया गया है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अभियुक्त के पिता व पैरोकारगयादीन के शषथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा नरेशकुमार द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी किवह अपने मोटरसाईकिल अपाचे संख्या-यूछपी0 80, डी0जेड0 8111 से मंगलबाजार मधुनगर से घर आ रहा था। आते समय नहर <नाम> गंगरौला मोड परअपाचे गाडी से तीन लोगों ने उसकी साइड दाबते हुए उसे रोक लिया। जबरन उसकी मोटरसाईकिल व मोबाइल और 11,000/- रूपए छीनकरभाग गए। ", "प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी/ अभियुक्त को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोईअपराध नहीं किया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनाक 21.09.2019 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त द्वारा किए गए फायर से कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ दिखाते हुए इस केस में (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 5887 / 2019सोनू बनाम राज्यझूठा निरूद्ध <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी से फर्जी बरामदगी दर्शित की गयी है। प्रार्थी को इकबालिया बयान के आधार <नाम> नामित किया गया है। कोई जनताका <नाम> नहीं है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोईजमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्तआधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा वादीमुकदमा के साश लूटपाट की गयी है। अभियुक्त को पुलिस पार्टी द्वारागिरफूतार किया गया है तथा उसे बरामदगी की गयी है। उपरोक्त आघारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> कटियारएवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुना गया तथाअभियोजन प्रपत्रों का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी परवादी मुकदमा के साथ लूटपाट करने का आरोप लगाया गया है। केस डायरीके अवलोकन से यह दर्शित होता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में घटना कादिनाक व समय <नाम> नहीं किया गय है। प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट मेंनामित नहीं है। केस डायरी के अवलोकन से यह भी दर्शित होता है किदिनाक 12.09.019 को एक अन्य मामले में गिरफूतार किए गए सह-अभियुक्त पदम <नाम> उर्फ पदमा द्वारा प्रश्‍नगत मामले की घटना दिनाक 25.06.2019 कोप्रार्थी / अभियुक्त व एक अन्य देवेन्द्र उर्फ देवा के साथ मिलकर किया जानाकहा गया है। केस डायरी के अनुसार प्रार्थी को दिनाक 20.09.2019 मुखबिरकी सूचना <नाम> पुलिस पार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा उससे एकतमंचा, तीन कारतूस जिन्दा व 6,000/- रूपए नगद बरामद किए गए हैं। अभियोजन द्वारा उक्ल 6,000/- रूपए प्रश्‍नगत घटना से संबंधित होने काकथन किया गया है। प्रार्थी लगभग एक माह से जिला कारागार में निरूद्धहै । मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_5883_201915-10-20192975
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 17.03.2014 को समय करीब5.00 बजे सायं ग्राम गढ़ी फौजी थाना बरहन जिला <नाम> के अन्तर्गत अभियुक्तगण चन्द्र <नाम> उर्फ पप्पू, <नाम> रामचरन, अंकुज, विजेन्द्र, <नाम> जयकुमार ने वादी रामदास के <नाम> <नाम> <नाम> को जमीन <नाम> डालकर ईट पत्थर सेमारा व सिर पकड़कर दीवार में बार-बार मारा जिससे उसके सिर में काफी चोटेंआई । <नाम> करने <नाम> वादी, उसकी बहू व उसके बेटे को मारा पीटा। प्रार्थ ,/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है किप्रार्थी / अभियुक्त निर्दोष है तथा उसने कोई घटना कारित नही की है। उसे इसमामले में झूठा फंसाया गया है। घटना वाले <नाम> व समय <नाम> प्रार्थी / अभियुक्तअपने खेत <नाम> था। विवेचना में प्रार्थी ,/ अभियुक्त की नामजदगी झूठी पायी गयी है। उसे <नाम> 319 द0प्र0सं0० के अन्तर्गत न्यायालय द्वारा तलब किया गया है। तीव्रज्वर से बीमार होने के <नाम> न्यायालय में उपस्थित नही हो सका। 2प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 06.10.2019 से जेल में है। अतः प्रार्थी / अभियुक्त कोजमानत <नाम> छोड़ने का निवेदन किया गया। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताफौजदारी तथा वादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध किया गया तथाकहा गया है कि अपराध गम्भीर <नाम> का है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कियाजाये। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवंविद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तथा वादी के विद्वानअधिवक्ता के तर्क सुने तथा पत्रावली का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्त कोधारा 319 द0प्र/0सं? के अन्तर्गत न्यायालय द्वारा तलब किया गया है। अभियुक्तविजेन्द्र प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है। अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथविधि विरूद्ध जमाव <नाम> वादी के <नाम> हरिप्रसाद की ईट पत्थर व उसका सिर दीवारमें मारने का आरोप है जिससे हरिप्रसाद के सिर में गम्भीर चोटें आयीं तथा सिर मेंआई चोटों के <नाम> ही हरिप्रसाद की मृत्यु हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक केशरीर <नाम> तीन चोटें दर्शायी गयी हैं तथा मृत्यु का <नाम> मृत्यु पूर्व शरीर <नाम> आई चोटों के <नाम> कोमा में जाकर मृत्यु होना बताया गया है। <नाम> अभियुक्तगण चन्द्र <नाम> उर्फ पप्पू, <नाम> एवं <नाम> <नाम> की जमानत दिनांक 11.07.2014 व रामचरनकी जमानत दिनांक 02.09.2014 को माननीय सत्र न्यायालय द्वारा खारिज की जाचुकी हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3799_202023-12-202029
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की बहिन <नाम> भूरी <नाम> ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी न्यायालयमें विचाराधीन नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी <नाम> <नाम> <नाम> द्वारा थानाबरहन <नाम> एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि दिनांक 13.06.2020 को वादी का बेटा व उसका मित्र <नाम> <नाम> <नाम> अपने खेत <नाम> ट्यूबवैल के पास पालेज व उदकी खेती कौ रखवाली के लिये सो रहे थे तो करीब 1.30 बजे रात अज्ञात व्यक्ति नेजान से मारने की नीयत से उसके बेटे अकुल व उसके दोस्त <नाम> <नाम> <नाम> तमंचेसे फायर किया जिससे गोली उसक बेटे की जांघ के ऊपर के हिस्से अंडकोश के पासजा लगी। गोली मारकर अज्ञात व्यक्ति मौके से भाग गया। उसके बेटे ने घटना की सूचना घर <नाम> दी। प्रार्थी ने 112 नम्बर <नाम> पुलिस को सूचना दी तो पुलिस चौकी ऑवलखेड़ा एवं 112 नम्बर पुलिस मौके <नाम> पहुंची । प्रार्थी ने एस.एन हाँस्पीटल में अपने (2) बेटे का एक्स-रे व डाक्टरी मुआयना कराया। हालत गम्भीर होने की वजह से प्रार्थी ने अपने बेटे को <नाम> हॉस्पीटल, 100 फुटा रोड, कालिन्दी विहार में एडमिट कराया तथा दिनांक 16.06.2020 से ऑपरेशन से गोली निकाली गयी। उपचार के <नाम> स्वस्थहोने <नाम> वह अपने बेटे को घर लाया। ", "वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना बरहन <नाम> अज्ञात में मुछअ०सं०146,/ 2020 अन्तर्गत <नाम> 307 भा०द०सं० पंजीकृत हुआ । ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है, उसको इस मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है। जनला का कोई स्वतंत्रजनसाक्षी नहीं है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त दिनांक01.11.2020 से कारागार में निरुद्ध है। अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिया जाये। ", "विद्वान्‌ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थनापन्रका विरोध करते हुये <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि आवेदक / अभियुक्त द्वारा वादी के बेटे को <नाम> से मारने की नीयत से तमंचे से फायर करके चोटे पहुंचायी गयी हैं। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाय। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार आवेदक / अभियुक्त के विरूद्ध <नाम> से मारनेकी नीयत से वादी के पुन्न में गोली चलाए जाने तथा उक्त गोली लगने से वादी केपुत्र के गम्भीर <नाम> से घायल होने का आरोप है। ", "पत्रावली के अवोकन से यह दर्शित होता है कि प्रस्तुत प्रकरण में घटना दिनाक13.06.2020 की बतायी गयी है तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 24.07.2020 कोपंजीकृत करायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायी गयी है एवंआवेदक / अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक शासकीय अधिवक्ता (फौज?) के तर्को को सुना तथा उपलब्ध केस डायरी का अवलोकन किया। ", " पत्रावली के अवलोकनसे यह भी दर्शित होता है कि आवेदक / अभियुक्त को दिनाक 31.10.2020 को पुलिसपार्टी द्वारा गिरफूतार किया गया है तथा आवेदक / अभियुक्त की स्वयं की संस्वीकृतिके आधार <नाम> आवेदक / अभियुक्त को इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन की ओर से ऐसा कोई चश्मदीद <नाम> दर्शित नहीं किया गया है जिसकेद्वारा आवेदक / अभियुक्त को वादी के पुत्र को गोली मारते <नाम> गया हो। आवेदक /अभियुक्त दिनाक 01.11.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अभियोजन की ओर से आवेदक / अभियुक्त का कोई अपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3403_201908-07-20192403
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस प्रार्थना पत्र को प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र बताया गया है तथा इसके साथ <नाम> चन्द पुत्र स्व0 <नाम> ग्याप्रसाद निवासी खासपुर बहादुरपुर, दयालबाग, थाना न्यू <नाम> जिला आगराका शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> थाना न्यू <नाम> जिला <नाम> ने दिनांक 08.06.2019 को 8.40 बजे थानापर जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि अभियुक्तगण <नाम> उफरोहतान, कन्हैया, खिन्नी, व <नाम> उफ गुण्डैया, के द्वारा संगठित गैंग बना लिया है, जिसकागैंग लीडर <नाम> उर्फ रोहतान है। जो गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर निजी आर्थिक एवंभौतिक लाम प्राप्त करने <नाम> चोरी, लूट, डकैती,,बलात्कार एवं हत्या जैसे अपराध कारित करते है जिसके <नाम> <नाम> में उक्त अभियुक्तगण का भय व आतंक व्याप्त है। अभियुक्तगण द्वारा भा.द.वि. के अध्याय 16, 17, व 22 में वर्णित दण्डनीयअपराध कारित किया गया है। ", "आम <नाम> में <नाम> भय व आतंक व्याप्त है। इनके भय व आतंक के <नाम> <नाम> का कोई व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने से डरता है। इसके विरूद्ध थाना <नाम> विभिन्न मुकदमेपंजीकृत हैं। इसके विरूद्ध <नाम> 2/3 उ0प्र०गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलापनिवारण अधिनियम 1986 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। ", "अभियुक्त की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न शपथपत्र एवं प्रस्तुत तक॑ में कहा गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त को थाना पुलिस द्वारा षड्यंत्र केतहत पूर्णत: झूँठा एवं निर्दोष नामजद <नाम> <नाम> गया है। जबकि उसने ऐसा कोई अपराधकारित नहीं किया है वास्तविकता यह है कि प्रार्थी / अभियुक्त अभियोजन पक्ष के गुडवर्ककी <नाम> में किये गये अवैधानिक कार्य <नाम> का शिकार हुआ है। उसका कोई संगठितगिरोह नही है। और <नाम> ही वह किसी गैंग का सदस्य है और <नाम> उसका समाज में कोई भयव आतंक व्याप्त है, <नाम> ही वह समाज विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। वह अवैधानिक <नाम> 2से धनोपार्जन नही करता है। उसका यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है अन्य कोई जमानतप्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नही है। प््रार्थी/ अभियुक्त दिनॉक 24.12.2018 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान लोक अभियोजक ने जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध करते हुए कहा है कि अभियुक्त आदतन अपराधी है। अभियुक्त का संगठित गैंग है, जिसका वह सक्रिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध जिला मजिस्ट्रेट, <नाम> से अनुमोदितगैंग चार्ट दाखिल है, जिसमें उसके विरूद्ध(1) अ.सं. 1366/18 धारा-376ड़ी, 394,365,506,411,व 34 भा.द.स. थाना- ताजगंजआगरा । का मुकदमा लंबित हैं। अभियुक्त का अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किये जाने की प्रार्थना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मैने जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोकअभियोजक को सुना तथा पत्रावली व केस डायरी, गैगचार्ट आदि का सम्यक परिशीलनकिया। गैंग चार्ट के अनुसार, अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में कुल एक उपरोक्त मामला दर्शाया गया हैं, जिसमें अभियुक्त के विरूद्ध चोरी, लूट, डकैती, बलात्कार, एवं हत्याकरके अवैध धन अर्जित करने का अभिकथन है। उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप(निवारण) अधिनियम 1986की <नाम> 19(4) में प्रावधान है कि उक्त अपराध के अंतर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षा में है,तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा, जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसरनहीं <नाम> जाता और(ख) जहाँ लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है, वहाँ न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विश्‍वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर यह कि जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की <नाम> नहीं है। जहाँ <नाम> गैंगचार्ट में दर्शाये गये मामलों में अभियुक्त की जमानत स्वीकार होने का प्रश्‍न है, <नाम> वह उक्त मामलों में दोषमुक्त नहीं हुआ है, केवल उसका जमानतप्रार्थनापत्र स्वीकार हुआ है। --अभियुक्त के विरूद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे की <नाम> एवं अभियुक्तके चोरी, लूट, डकैती, बलात्कार व हत्या से संबंधित अपराध के तथ्य व उक्तअधिनियम की <नाम> 19(4) में वर्णित प्रावधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यहसमाधान नहीं है कि अभियुक्त उक्त अपराध का <नाम> नही है और जमानत <नाम> रहते हुयेउसके अपराध करने की सम्भावना नही है। " ] }
0DENIED
Bail Application_3017_202004-11-20201316
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में राजेन्द्रसिंह का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "2- संक्षेप में अभियोजन कथानक यह है कि वादी मुकदमा केशव <नाम> द्वारा इसआशय की तहरीर थाना डौकी जिला <नाम> <नाम> दी गयी कि उसकी पुत्री आयु 16 वर्षदिनांक 02.05.2019 को अपनी ससुराल अली बिहार दिल्‍ली गयी थी। उसकी पुत्री कोससुराल से बी0पी0 उर्फ विश्वनाथ दिनांक 09.05.2019 को पीछा करके बहला फुसलाकरशादी करने के बहाने से जेवरातों सहित <नाम> की सहायता से <नाम> <नाम> मंदिर नई दिल्‍लीसे भगाकर अपने साथ नोएडा में ले गये जहाँ <नाम> उसकी पुत्री को नशीला पदार्थ खिलाकरबी0पी0 ने दुष्कर्म किया। तीन <नाम> <नाम> बी0पी0 अपनी माता-पिता एवं <नाम> की सहायता सेअपनी वैगनार कार से बेहोश की अवस्था में अपने घर गॉव हौंद ले आया, जहॉ <नाम> उसकीपुत्री के साथ दो-तीन <नाम> बी0पी0 ने दुष्कर्म किया। इसी बीच दिल्‍ली पुलिस ने गुमशुदगीकी रिपोर्ट <नाम> खोजबीन <नाम> विपक्षी <नाम> दबाव बनाया तो विपक्षी लोगों ने अन्य लोगों कीसहायता से <नाम> होटल में <नाम> को रखा जहाँ <नाम> <नाम> व बी0पी0 ने उसकी पुत्रीके साथ दुष्कर्म किया। ", "3- जमानत प्रार्थनापत्र व संलग्न शपथपत्र में कहा गया है कि आवेदिका»&अभियुक्‍्ता निर्दोष है। आवेदिका को वादी मुकदमा द्वारा झूँठा फंसाया गया है उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है। आवेदिका का <नाम> अपहूता के गांव के पास का हीहै और उसने <नाम> के पिता से मिलकर आवेदिका को नाजायज तंग व परेशान करने कीगलत <नाम> से फंसवाया गया है। आवेदिका / अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। यह अभियुक्ता का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, अन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी न्यायालयतथा माननीय उच्च न्यायालय में लंबित नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रदान करनेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "4— प्रार्थिया / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता एंव सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौ0) को जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुना तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी,पीड़िता के <नाम> 161 व 164 दं0प्रएसं० के बयान व <नाम> पत्रावली का अवलोकन किया। ", "5- अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता ने अपने तर्क में उन्हीं तथ्यों को दोहराया हैंजो जमानत प्रार्थनापत्र में कहे गये हैं। ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) की ओर से जमानतप्रार्था पत्र का विरोध करते हुए यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुकता द्वारा Bail Application/8449/2020 -Naina Vs. UP State 2सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर पीड़िता को बेहोश <नाम> उसका अपहरण <नाम> उसके साथबलात्कार करने में सहयोग किया गया है तथा शिकायत करने <नाम> <नाम> से मारने की धमकीदी गयी है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किये जाने की <नाम> की । ", "6- आवेदिका / अभियुक्ता के ऊपर सहअभियुकतगण के साथ मिलकर पीड़िता कोबहला-फुसलाकर षड़यंत्र <नाम> भगा ले जाने व उसके साथ बलात्कार करने में सहयोग तथाशिकायत करने <नाम> <नाम> से मारने की धमकी देने का आरोप है। सी.एम.ओ. द्वारा जारीप्रमाणपत्र के अनुसार पीड़िता की आयु लगभग 17 वर्ष है। इस प्रकार पीड़िता पूर्णतयानाबालिग है। ", "पीड़िता ने <नाम> 164 दं0प्र0सं) के बयान में कहा है कि मेरी शादी 05.07.2018को नई दिल्‍ली जीतू मार्केट अली बिहार में हुई है। दिनांक 09.05.2019 को <नाम> मंदिर मेंदर्शन के लिए अपनी ननंद व <नाम> के साथ गई थी। वहां <नाम> विश्वनाथ ने इशारा किया किनैना के साथ <नाम> है। इसलिए मैं <नाम> के साथ चली गयी। वहाँ मुझे <नाम> ने 23 <नाम> रखाऔर विश्वनाथ ने मेरे साथ बलात्कार किया। विश्वनाथ के मम्मी-पापा भी <नाम> के घर आगये थे। ये लोग मुझे अपने गांव हौंद ले आये। मुझे पता नहीं ये लोग मुझे क्या खिला देतेथे। मैं बेहोशी की हालत में रहती थी। पुलिस मुझे ढूँढ रही थी तो विश्वनाथ व उसके ६7रवालों को पता चला तो मुझे दो-तीन अपने घर में रखा और विश्वनाथ ने दो-तीन मेरेसाथ बलात्कार किया। ये लोग मुझे <नाम> ले आये जहाँ <नाम> विश्वनाथ का <नाम> चंन्द्रशेखररहता है वहां <नाम> विश्वनाथ व <नाम> ने मेरे साथ बलात्कार किया। इन्होंने कहा कि तेरेमाता-पिता व <नाम> को खत्म <नाम> देंगे। पीड़िता ने <नाम> 161 दं0प्रए/सं० के बयान में भीलगभग यही कथन किया है। ", "स्पष्ट है कि पीड़िता 17 वर्षीय नाबालिग है। पीड़िता ने अपने <नाम> 1461 व164 दं0प्रए0सं० के बयान में कथन किया है कि जब वह <नाम> मंदिर के दर्शन के लिए गयीथी तो आवेदिका के सहयोग से <नाम> अभियुक्तगण षड़यंत्र <नाम> उसे बहलाफुसलाकर नशीलापदार्थ खिलाकर वैगनार कार में बैठाकर नोएडा ले जाया गया और वहां <नाम> उसे 23 दिनरखा व उसके साथ <नाम> अभियुक्तगण बी0पी0 उर्फ विश्वनाथ व चन्द्रशेखर द्वारा कई बारबलात्कार किया गया व शिकायत करने <नाम> पीड़िता के परिवारीजनों को <नाम> से मारने कीधमकी दी गयी। आवेदिका एक महिला होते हुए भी नाबालिग पीड़िता का अपहरण करवानेतथा उसके साथ बलात्कार होने देने में सकिय सहयोग किया गया है। प्रथम दृष्टया पीड़ितापूर्णतया नाबालिग है और पीड़िता विधिक रुप से भागकर जाने या शारीरिक संबंध बनाने केलिये समर्थ नहीं है। माता पिता की अभिरक्षा से किसी नाबालिग लड़की को भगाकर ले जानाव उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना गंभीर मामला है। इससे माता पिता की समाज मेंबदनामी होती है। मैडिकल रिपोर्ट में पीड़िता का हाइमन (#ज्ञा1») wer (torn) Wear गयाहै। <नाम> अभियुक्त बी0पी0 उर्फ विश्वनाथ का जमानत प्रार्थनापत्र इसी न्यायालय से दिनांक30.09.2020 को निरस्त हो चुका है। आवेदिका /अभियुकता द्वारा किया गया कृत्य अत्यन्तगंभीर हैं । " ] }
0DENIED
Bail Application_2872_202008-10-20202053
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता <नाम> <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि यह अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में लम्बित नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध नहीं किया है, उसको झूंठा फंसाया गया है। अभियुक्त से कोई बरामदगी नहींहै । सहअभियुक्तगण फैजल खा व तुफैल का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक 21.09.2020को स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्त दिनांक 03.09.2020 से कारागार में निरुद्धहै । अतः आवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत का विरोध करते हुये तर्कप्रस्तुत किया गया कि आवेदक / अभियुक्त की इस लूट की घटना में संलिप्तता है तथासहअभियुक्तगण से लूटी हुयी गाड़ी बरामद हुयी है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिया जाय। अभियोजन कथानक के अनुसार वादी सुमेर <नाम> द्वारा थाना खंदौली परतहरीर इस आशय की दी गयी कि आज दिनांक 21.08.2020 को 8.30 बजे रात वहअपने पड़ोसी रनवीर की गाड़ी टाटा सफारी नं0 यू०पी014-बी.डब्लू-5324 से उनकी —_ 2 —_ बेटी को छोड़ने <नाम> आये थे। उसको ससुराल में छोड़कर कन्नौज जाने क लियेयमुना एक्सप्रेस <नाम> चढ़े। रास्ता पूछने के लिये गाड़ी रोकी तो सामने से एक लड़का आया और रास्ता बताने के <नाम> तमंचा दिखाकर, सफारी गाड़ी को छीनकर अपने दोसाथियों के साथ भाग गया। उनके कपड़े, उनका ओपो तथा जतिन का फोन भी गाड़ीमें चले गये, जिनका सिम नं<फ़ोन-नंबर> व जतिन का सिम नं<फ़ोन-नंबर> है । वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना खंदौली <नाम> मु0अ0सं0 2322020अन्तर्गत <नाम> 392 भा०दं0सं0 पंजीकृत हुआ। दिनांक 23.08.2020 को एस.ओ. बहादुर <नाम> मय इमराह द्वारा अभियुक्तगण लुफैल व फैजल को पकड़े जाने <नाम> उनके कब्जे सेटाटा सफारी गाड़ी बरामद हुयी । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> कीबहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक/ अभियुक्त केकब्जे से टाटा सफारी गाड़ी की बरामदगी नहीं हुयी है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्टमें नामित नहीं हैं। सहअभियुक्तगण फैजल खो व तुफैल का जमानत प्रार्थनापत्र दिनांक21.09.2020 को स्वीकार किया जा चुका है। अभियुक्त दिनांक 03.09.2020 से कारागारमें निरुद्ध हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1160_202021-07-20201061
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{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त की मॉ <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प््रार्थनापत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है । आवेदक / अभियुक्त ने जमानत प्रार्थनापत्र में कथन किया है कि उसके द्वाराकोई अपराध कारित नहीं किया गया है, उसे मामले में झूठा फसाया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट भ्रामक एवं मनगढ़न्त तथ्यों <नाम> आधारित है। पुलिस द्वारा गुडवर्क दिखाने की नीयतसे उसे केस में झूंठा नामजद किया गया है। गैंग चार्ट में दर्शित मुकदमों में वह जमानतपर है। इसलिये आवेदक को जमानत <नाम> <नाम> किया जाये। संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा शाहनजर अहमद, प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली जिला <नाम> ने दिनांक 01.01.2020 को थानाकोतवाली <नाम> जुबानी प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की <नाम> करायी कि गैंग लीडर आदिल उफ हाथी व उसके साथी मौ0 शाहिद उफ <नाम> गुलफाम, जुबैर व सलमान उर्फपॉच किलो का एक सुसंगठित गिरोह है। उपरोक्त अभियुक्तों द्वारा सामूहिक <नाम> से अपनेनिजी स्वार्थ एवं अपने परिवारीजनों के आर्थिक एवं भौतिक अनुचित <नाम> के लिये चोरी,नकबजनी, मादक पदार्थो की बिकी जैसे जघन्य अपराध कारित <नाम> समाज विरोधी किया कलापों में संलिप्त रहते हैं। <नाम> <नाम> में भय व आतंक व्याप्त है, कोई व्यक्ति इनकेविरुद्ध गवाही देने एवं मुकदमा पंजीकृत कराने के लिये तैयार नहीं होता है। अभियुक्तगुलफाम के विरुद्ध थाने <नाम> मु0अ0सं0 45/2018 <नाम> 457, 380, 411 भा0दं0सं0 थानाकोतवाली, मु0अ0सं0 32/2018 <नाम> 457, 380 भा0०दं0सं0 थाना एम.एम. गेट, मु0अ0सं0 2324 / 2018 <नाम> 457, 380, 411 भा0द0सं0 थाना शाहगंज, तथा मु0अ0सं0 101/2018 <नाम> 457, 380, 427, 411 भा0दं0सं0 थाना रकावगंज जिला <नाम> पंजीकृत हैं । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत काविरोध करते हुये कहा गया है कि अभियुक्त आदतन अपराधी हैं। अभियुक्त का एक संगठितगिरोह है, जिसका वह गैंग का सदस्य है। अभियुक्त के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट सेअनुमोदित गैंग चार्ट दाखिल है। सहअभियुक्त मौ0 शाहिद उर्फ <नाम> की जमानत खारिज हो चुकी है। अतः अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक की बहस सुनी व पत्रावली का सम्यक्‌ अवलोकन किया। ", "उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम1986 की <नाम> 19(4) में प्राविधान है कि उक्त अपराध के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिरक्षामें है तो उसे तब <नाम> जमानत <नाम> नहीं छोड़ा जायेगा जब <नाम> कि-(क) लोक अभियोजक को ऐसे छोड़े जाने के आवेदन का विरोध करने का अवसर नहींदिया जाता है और(ख) जहां लोक अभियोजक आवेदन का विरोध करता है वहां न्यायालय का समाधान होजाये कि यह विशवास करने का युक्तियुक्त आधार है कि यह ऐसे अपराध का <नाम> नहीं हैऔर जमानत <नाम> रहते समय उसके द्वारा कोई अपराध करने की सम्भावना नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त गैंग का सदस्य है तथा उसके विरुद्ध अपने सदस्यों केसाथ मिलकर चोरी, नकबजनी का आरोप है। सहअभियुक्त मौ0 शाहिद उर्फ <नाम> कीजमानत पूर्व पीठासीन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र सं0 02/2020 <नाम> 2/3 गैंगस्टरएक्ट, थाना कोतवाली में पारित आदेश दिनांक 31.01.2020 द्वारा खारिज की जा चुकी है। ", "आवेदक / अभियुक्त के विरुद्ध गैंग चार्ट में दर्शाये गये मुकदमे उसकी प्रकृतितथा उ0प्र0 गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की <नाम> 19(4) मेंवर्णित प्राविधान को दृष्टिगत रखते हुये न्यायालय का यह समाधान नहीं है कि अभियुक्त उपरोक्त अपराध का <नाम> नहीं है और जमानत <नाम> रहते हुये उसके द्वारा ऐसा अपराधकरने की सम्भावना नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_4550_201924-08-2019245
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस आवेदनपत्र के साथ अभियुक्त की पत्नी <नाम> खुशीदेवी काशपथपत्र संलग्न किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "मैंने आवेदक अभियुक्त की तरफ से उपस्थित विद्वानअधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से उपस्थित विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्को को सुन लिया है तथा पत्रावलीपर उपलब्ध थाने की आख्या, पुलिस प्रपत्र एवं अन्य सामग्री का सम्यकपरिशीलन <नाम> लिया है। ", "इस मामले के संक्षेप में तथ्य इस प्रकार है कि दिनांक27.07.2019 को मुकदमा वादी थानाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र <नाम> <नाम> अन्यपुलिस दल के साथ गश्त में थे तो सूचना <नाम> पुलिस दल भदरौलीतिराहे <नाम> चैकिंग करने रहे थे जिसपर 5-6 व्यक्ति जो मोटरसाइकिलसे भदरौली की तरफ आ रहे थे, को रूकने का इशारा किया तो वहगाड़ी मोड़कर भागने का प्रयास करने लगे तब आवश्यक <नाम> प्रयोग करअभियुक्त को अन्य उसके <नाम> अभियुक्त साथियों के साथ पकड़ लिया गया और नाम पता पूछते हुये उनकी जामातलाशी ली गयी तो उनकेपास से एक-एक मोटरसाइकिल बरामद हुयी। अभियुक्त व उसके अन्यपकड़े गये <नाम> अभियुक्तों ने बताया कि वे मोटरसाइकिल चोरी करते हैतथा <नाम> के कुंआ के पास 8 मोटरसाइकिले खड़ी है जहां परदो उनके साथी बैठे है जो बेवचने की फिराक में है। अभियुक्तगण कीसंयुक्त निशानदेही <नाम> आठ मोटरसाइकल चोरी की बरामद की गयी। वहां <नाम> बैठे दो व्यक्ति रघुनी उफ रघुराज तथा नैने पुलिस को देखकरभाग गये । ", "आवेदक अभियुक्त की ओर से कथन किया गया है कि उसे उक्तअपराध में झूठा फसाया गया है, उसने कोई अपराध नहीं किया है। रंजिश के <नाम> मुखबिर के कहने <नाम> डाक्टर की दुकान से उसे पकड़कर झूठा फसाया गया है। उससे कोई मोटरसाइकिल बरामदग नहीं हुयीहै। आवेदक दिनांक 06.08.19 जिलाकारगार में है। आवेदक अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इस मामले के <नाम> अभियुक्तखुशीराम की जमानत उपरोक्त मामले में पूर्व में हो चुकी है। विद्वानअधिवक्ता ने इन्हीं तर्को <नाम> आवेदक अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने का अनुरोध किया है। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता ने आवेदनपत्र का मौखिक विरोध करते हुये कहा है किअभियुक्त के विरूद्ध कथित अपराध गम्भीर <नाम> का है, उसके व सहअभियुक्तों के कब्जे से चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुयी है। आवेदक अभियुक्त का मामला जमानत <नाम> नहीं है। अतएव जमानतआवेदनपत्र खारिज किये जाने का निवेदन किया गया है। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों व अन्य सामग्री के अवलोकनसे यह प्रकट होता है कि आवेदक अभियुक्त से कथित बरामदमोटरसाइकिल को किसी चोरी की घटना से सम्बद्ध नहीं किया गया है। इस मामले में अभियुक्त से कथित बरामद मोटरसाइकिल के सम्बन्ध मेंकोई शिनाख्त नहीं करायी गयी है। आवेदक अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास अभियोजन की ओर से दर्शित नहीं किया गया है। इस मामले के <नाम> अभियुक्त खुशीराम की जमानत दिनांक 22.08.19 कोहो चुकी है जबकि दूसरे अभियुक्त भूरी <नाम> उर्फ भूरा की जमानतदिनांक 17.08019 को स्वीकार हो चुकी है। अभियोजन की ओर सेआवेदक अभियुक्त की <नाम> <नाम> अभियुक्तो से भिन्न प्रदर्शित नहींकिया गया है। आवेदक अभियुक्त की <नाम> जमानतगत उपरोक्त सहअभियुक्तो से भिन्न नहीं बताया गया है। आवेदक अभियुक्त दिनांक 06.08.19 से न्यायिक अभिरक्षा में है। आवेदक अभियुक्त के विरूद्ध उक्तआरोपित अपराध प्रथम वर्गीय मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। आवेदकअभियुक्त विचारण के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लियेपर्याप्त जमानते देने के लिये तत्पर है। वर्तमान मामले का निकट भविष्यमें विचारण होने की कोई सम्भावना नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_823_202103-02-20212901
agra
{ "facts-and-arguments": [ "इस जमानत प्रार्थना पत्र के साथ आवेदक / अभियुक्त क द्वारास्वयं का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमा <नाम> <नाम> अवरअभियन्ता 33/11 के.वी.उपकेन्द्र, जिला <नाम> द्वारा थाना अछनेरा, आगरापर इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि - दिनांक20.06.2018 को टीम के अन्य सदस्यों के साथ चैकिंग किये जाने परअभियुक्त बन्टी <नाम> को वाणिज्यिक मीटर को बाईपास <नाम> पीछे स्थित एल.टी. <नाम> डायरेक्ट कटिया डालकर विद्युत का उपयोग <नाम> चोरी करते हुएपाया गया। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी। ", "्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> रख गया हैकि प्रार्थी/अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है, उसे इस केस में झूंठाफॅसाया गया है। प््रार्थी/अभियुक्त के द्वारा विद्युत विभाग का शमनशुल्क / बकाया जमा <नाम> <नाम> गया है । प्रार्थी/ अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा मेंहै । अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाय। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथापत्रावली का अवलोकन किया। (2)विद्युत विभाग क विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त के द्वारा शमन शुल्क जमा कराया जा चुका है। ", "्रार्थी/अभियुक्त की ओर से विद्युत विभाग की रसीदसंख्या-<फ़ोन-नंबर>05050002 दिनांकित 18.01.2021 अंकन20,000/- रूपये दाखिल की गयी है। इस संबंध में कार्यालय अधिशासीअभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड, किरावली, जिला <नाम> क द्वारा थानाध्यक्षअछनेरा, जनपद <नाम> को एक पत्र इस आशय का प्रेषित किया गया है किउपभोक्ता द्वारा अपना शमन शुल्क जमा <नाम> <नाम> है। अतः प्रथम सूचनारिपोर्ट के आधार <नाम> पंजीकृत अपराध को समाप्त करने का कष्ट करे। इसपत्र <नाम> विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा सम्मिट का पृष्ठांकन कियागया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3715_202011-11-20201144
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पैरोकार श्रीमतीगुड़िया ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, जिसमें वर्णित है कि अभियुक्त का यह प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है, अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय अथवामाननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त निर्दोष है, उसके द्वारा उक्त अपराध कारित नहीं किया गया है, अभियुक्त को इस मामले में झूठां फँसाया गया है। वादी मुकदमा व उसके लडके <नाम> द्वाराफर्जी घटना बनाते हुये अपने हाथ की नशें स्वयं काट ली तथा उसे झूठा नामजदकरा दिया। घटना का कोई चश्मदीद <नाम> नहीं है। अभियुक्त दिनांक 02.11.2020से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई । ", "विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत काघोर विरोध करते हुए कथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा के पुत्र को मारपीट <नाम> उसके उपर चाकू से हमला किया गया तथा वादी के पुत्र के हाथ की नशें काटी गयीं। उपरोक्त कथनों के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट फर्द बरामदगी के अनुसार अभियोजन कथानकसंक्षेप में है कि वादी मुकदमा <नाम> द्वारा इस आशय की तहरीर दी गयी किदिनांक 01.11.2020 को समय <नाम> 3 बजे वादी का पुत्र <नाम> बापू नगर किसीकार्य से जा रहा था रास्ते में छोटे एवं <नाम> बापूनगर में मन्दिर के सामने उसकेपुत्र को रोक लिया और पैसों की मांग करने लगे, <नाम> करने <नाम> मारा पीटा तथाचाकू से वार <नाम> <नाम> जिससे उसके हाथ की नश कट गयी काफी खून बह रहाहै, हालत काफी गंभीर है। ", "उपरोक्त तहरीर <नाम> थाना हरीपर्वत जिला <नाम> <नाम> मुकदमा पंजीकृतकिया गया। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिलाशासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्कों को सुना तथा केस डायरी का अवलोकनकिया । ", " पत्रावली <नाम> उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों, थाने की आख्या एवं केसडायरी के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त छोटे द्वारा अपने साथी विशालके साथ मिलकर घटना कारित की गयी है तथा वादी मुकदमा के पुत्र <नाम> जाने सेमारने की नियत से चाकू से वार <नाम> उसके हाथ की नशें काटी गयी हैं जिसकाइन्द्राज पत्रावली <नाम> उपलब्ध चिकित्सीय आख्या में भी दर्शित है । " ] }
0DENIED
Bail Application_1482_202005-08-2020579
agra
{ "facts-and-arguments": [ "चूंकि दोनों जमानत प्रार्थना पत्र एक ही अपराध संख्या एवं एक ही घटना सेसम्बन्धित हैं, अतः दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक ही आदेश द्वारा कियाजा रहा हैं। ", "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्तगण के पेरोकार कमशः <नाम> एवंहुकुमसिंह ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है जिसमें वर्णित है कि यह अभियुक्तगण का प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र है। कोई अन्य जमानत प्रार्थना पत्र किसी अन्य न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित नहीं है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 14.07.2020 को उपनिरीक्षक रामनिवासद्वारा अपने अन्य साथी कर्मचारीगण के साथ गश्त के दौरान थाने से प्राप्त सूचना परकि अमरपुरा चौराहे के पास फौजी ढावा से धर्मवीर उफ <नाम> <नाम> को कुछ आदमीजो खाना खाने आये थे, मारपीट <नाम> सफेद वैन्यू गाड़ी में उठा ले गये हैं, पुलिस पार्टी के सदस्य मौके <नाम> पहुँचे तो ढावा <नाम> मौजूद वर्कर <नाम> <नाम> <नाम> वघेल, ने बताया कि दो व्यक्ति मोटर साइकिल <नाम> समय करीब रात नौ बजे आये, दो किलो मुर्गा बनवाया तथा बैठकर खाना खाया, बाकी का खाना पैक करवाया, होटलमालिक धर्मवीर ने जब पैसे मागे तो उन लोगों ने पूरा पैसा नहीं <नाम> इसी कहा सुनीमें झगड़ा हो गया तथा वैन्यू कार से आये लोग मारपीट करने लगे, फिर अपनी गाड़ीमें धर्मवीर को लेकर चले गये, तदुपरान्त जब वादी/ पुलिस पार्टी के सदस्य जाँचपड़ताल <नाम> रहे थे तभी सूचना <नाम> कि अवधपुरी चौकी के पास कुछ लोग लड़ाई झगड़ा <नाम> रहे है, मौके <नाम> पहुंचकर देखने <नाम> 6-7 व्यक्ति आपस में लड़ाई झगड़ा करते हुए <नाम> से मारने की धमकी देकर एक दूसरे के साथ लाठी डण्डे से मारपीटकरते हुए दिखाई दिए, एक व्यक्ति वहीं <नाम> <नाम> हुआ था जिसके सिर में काफी चोटशी। वादी पुलिस पार्टी द्वारा दंगा <नाम> रहे <नाम> <नाम> तथा धर्मवीर उफ <नाम> <नाम> को मौके <नाम> ही पकड़ लिया गया। <नाम> का <नाम> <नाम> तथा तीन अन्य अज्ञातव्यक्ति वैन्यू कार में बैठकर भागने में सफल हो गये। <नाम> जिसके सिर में गम्भीरचोट लगी थी, उसने बताया कि <नाम> <नाम> होटल <नाम> अधिक पैसे माँग रहा था, विरोध करने <नाम> उस <नाम> प्रहार <नाम> <नाम> तथा वहाँ कार्यरत वर्कर <नाम> <नाम> व दीपकवघेल ने भी उन लोगों के साथ मारपीट की। धर्मवीर <नाम> ने बताया कि उपरोक्तलोग खाना खाकर पैसे नहीं <नाम> रहे थे। पैसे मॉगने <नाम> उसके साथ मारपीट की गईतथा <नाम> दबाकर <नाम> से मारने की कोशिश की। वादी/ पुलिस पार्टी द्वारा गिरफ्तार किए गये अभियुक्तगण को थाने ले जाया गया। (3)जमानत प्राथना पत्र स॒0: 1481 एव 1482 / 2020 प्रार्थना पत्र सं0: 1481 एवं 1482 / 2020वादी / उपनिरीक्षक रामनिवास द्वारा अभियुक्तगण धर्मवीर उफ <नाम> <नाम> <नाम> जीतेन्द्र, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> वघेल व तीन अन्य अज्ञात व्यक्तियों केविरूद्व थाना जगदीशपुरा <नाम> मु0अ०सं0 ३362/2020 <नाम> 160, 147, 323, 504, 506,307 भा०द0सं0 में प्राथमिकी <नाम> कराई गई । ", "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष है। उनको इस मामले में झूठाँ फॅसाया गया है, उनके द्वारा उक्त अपराध कारितनहीं किया गया है। यह भी कथन किया गया कि प्राथमिकी के अनुसार अभियुक्तगणके मध्य आपस में विवाद व मारपीट होना तथा अभियुक्तगण के ही चोटें <नाम> बताया गया है जबकि उक्त घटना की प्राथमिकी किसी भी आहत द्वारा नहीं कराई गई हैं,बल्कि पुलिस द्वारा कराई गई हैं। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं बताया गया हैं। अभियुक्तगण दिनांक 15.07.2020 से जिला कारागार, <नाम> में निरूद्व हैं,अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की प्रार्थना की गई। ", "विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार अभियुक्तगण के विरूद्व अपने अन्य साथियों केसाथ मिलकर बलवा करते हुए एक-दूसरे के साथ मारपीट किए जाने का आरोप हैं। " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक के तर्को को वर्चुअल न्यायालय क माध्यम से सुना तथा उपलब्ध केस डायरी काअवलोकन किया । प्राथमिकी एवं केस डायरी में उपलब्ध साक्ष्य के अनुसार अभियुक्तगण के द्वाराअपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बलवा करते हुए एक-दूसरे के साथ मारपीटकिया <नाम> बताया गया हैं तथा उक्त घटना में अभियुक्तगण के ही चोट <नाम> बतायागया हैं जबकि किसी भी आहत द्वारा उक्त घटना कौ रिपोर्ट नहीं कराई गई हैं, बल्किघटना की प्राथमिकी पुलिस द्वारा कराई गई हैं। उक्त घटना में पुलिस पार्टी के किसी भी व्यक्ति के कोई चोट <नाम> दर्शित नहीं है। कथित घटना का कोई स्वतन्त्र <नाम> भीनहीं बताया गया है। अभियुक्तगण दिनांक 15.07.2020 से जिला कारागार, <नाम> मेंनिरूद्व है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_774_202122-02-20212073
agra
{ "facts-and-arguments": [ "समर्थन में अनीशा <नाम> का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार हैं कि वादी मुकदमा पौहप <नाम> द्वगरा थाना मलपुरा <नाम> दिनांक 21.11.2020 को इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी गयी कि आज रात करीब 1.30 ए.एम. से 1.45 के बीच मेरी भैंस को खोल <नाम> लेगये बदमाश आपसे में अपने बाड़ा में भैंस के पास सो रहा था। तो मैं सुनकर जाग गया। चोर मेरी भैंसों को चोरी करके जा रहे थे। मैंने उनका पीछा किया था, तो वे तमंचालहराते हुए भाग गये। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र/ शपथपत्र में कहा गया कि्रार्शी/ अभियुक्त को दिनांक 11.01.2021 को उसके घर से पुलिस द्वारा उठाकर ले जायागया है, उसको अवैधानिक <नाम> से थाने <नाम> बन्द रखा गया है। थाना पुलिस द्वारा आठदिन <नाम> प््रार्थी/अभियुक्त का इस झूठे मुकदमे में चालान <नाम> <नाम> गया। ्रार्थी/अभियुक्त की माँ अनीशा <नाम> द्वारा ताजगंज थाना पुलिस के विरूद्ध शिकायत कीगयी थी, इस शिकायत से क्षुब्ध होकर उसको इस झूठे मुकदमे में फंसा <नाम> गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त का गलत तथ्यों के आधार <नाम> न्यायालय से रिमाण्ड लिया गया, जिसकेविरूद्ध रिमाण्ड के समय आपत्ति की गयी थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज करायीगयी है। प्रार्थी/अभियुक्त की कोई पहचान नहीं करायी गयी है तथा प्रार्थी/अभियुक्त सेकोई बरामदगी नहीं की गयी है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने बाजार से भैंसों को खरीदा है, वहदूध का व्यापार करता है। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया। उसकोंगलत <नाम> से पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त दिनांक 18.01.2021 सेजेल में निरूद्ध है। प्रार्थी/ अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है, इसके अतिरिक्तअन्य कोई प्रार्थनापत्र किसी भी न्यायालय में लंबित नहीं है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानतस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी। Bail Application/1806/2021 -Sonu @ Zakir Vs. UP State2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> तर्क रखते हुएकहा गया कि अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। उसको इस मामलेपुलिस द्वारा में झूठा फंसाया गया है। अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है। अभियुक्त की मॉ द्वारा थाना ताजगंज पुलिस की शिकायत की गयी थी, उससे बचने केलिए पुलिस ने अभियुक्त को घर से ले जाकर झूठा थाने <नाम> बन्द <नाम> दिया। अभियुक्त सेकिसी चीज की बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त दूध का व्यापार करता है और कथित रूपसे भैंसें उसने बाजार से खरीदी थी और इस संबंध में उसके द्वारा कय की गयी भैंसों कीरसीद भी प्रस्तुत की है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। इन्हीं आधारो <नाम> जमानतदिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारीद्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि अभियुक्त द्वारा वादी की भैंसेंचोरी की गयी हैं। अपराध गम्भीर <नाम> का है। यह कहते हुए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्तकिये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता व विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी को जमानत प्रार्थनापत्रों <नाम> सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। इस अभियुक्त को बरामदगी के आधार <नाम> इस प्रकरण में शामिल किया गया है। अभियुक्तकिसी बरामदगी से इंकार करता है और इस प्रकरण में झूठा फंसाना <नाम> है। बरामदगीका कोई स्वतन्त्र <नाम> होना नहीं दर्शाया गया है। जमानत प्रार्थनापत्र के साथ अभियुक्त द्वररा भैंसों को कय करने की रसीद भी दाखिल की गयी है। अभियुक्त दिनांक 18.01.2021से जेल में है। मामला मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3159_202014-10-20201911
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के चचेरे <नाम> <नाम> <नाम> की ओरसे शपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी ऱ्यायालय में विचाराधीन नहीं है। ", "आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि आवेदक / अभियुक्तकी जमानत मुख्य <नाम> में दिनांक 01.10.2020 को स्वीकार हो चुकी है। भूलवश जमानतप्रार्थनापत्र में <नाम> 420 भा०दं0सं0 लिखने से रह गयी। अतः आवेदक / अभियुक्त को उक्तअपराध में <नाम> 420 भा0दं0सं0 के अन्तर्गत जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक ,/ अभियुक्त द्वारा पूर्व में जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> <नाम> 420 भा0दं0सं0 काउल्लेख जानबूझकर नहीं किया गया था। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाये। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रामविशाल <नाम> द्वारा थाना मलपुरापर एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह <नाम> ट्रेवल्स ग्वालियर के यहां करीब 10वर्ष से बस <नाम> कन्डक्ट्री करता है। दिनांक 18.08.2020 को बस नं0 यूपी.75-एम-3516 परड्राइवर रमेश पुत्र बोधराम, हेल्पर भूरा <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> के साथ समय करीब 4.00 बजेशाम <नाम> से बस से 34 यात्रियों को लेकर <नाम> अमानगंज, मध्यप्रदेश के लिये रवाना हुआथा। उन लोगों ने <नाम> पहुंचकर <नाम> के पहले <नाम> ढावा <नाम> खाना खाया तथा उसके <नाम> <नाम> बाईपास <नाम> स्थित टोल रायवा <नाम> टोल टैक्स की रसीद 10.30 बजे कटवायी। कुछ 2दूर चलने के <नाम> दो गाड़ियों ने जिसमें से एक गाड़ी जायलो एक्सयूवी रंग सिल्वर नं0डी.एल.12-ए.सी.-2286 था तथा दूसरी गाड़ी सफेद रंग की थी, जिसका नम्बर व मॉडल पतानहीं है, ने ओवरटेक करके बस को रुकवा लिया। जायलो गाड़ी से 5 व्यक्ति उतरे, जिनमेंसे एक व्यक्ति ड्राइवर साइड से बस में घुस आया तथा <नाम> खिड़की से अन्दर आये। इनलोगों ने कहा कि हम श्रीराम फाइनेंस कम्पनी के रिकवरी वाले है। पिछले 8 महीने से तुम्हारीगाड़ी की किश्त नहीं भरी गयी है, तुम्हारा <नाम> फोन नहीं उठा रहा है। हम बस को अपनेसाथ फाइनेंसर के पास ले जा रहे हैं। बस स्टाफ वालों ने विरोध किया तो इन लोगों ने उसकेबैग में रखे 23,600, रुपये छीन लिये, उनके साथ मारपीट की तथा उन लोगों को बस सेखींचकर जायलो गाड़ी में अपहरण करके बंधक बनाकर डाल लिया। <नाम> लोग उनके साथ जायलो गाड़ी में आ गये तथा एक बस को लेकर चला गया। ये लोग उन्हें शमशाबाद की ओरले गये, उसके <नाम> रिंग रोड़ होते हुये कुबेरपुर <नाम> ले गये तथा <नाम> ढावा <नाम> बैठकरखाना खाया। ये लोग कह रहे थे कि वह इस गाड़ी की रिकवरी की रसीद बनाकर देंगे,लेकिन उन्हें कुबेरपुर <नाम> गाड़ी से उतारकर चले गये तथा पुलिस शिकायत करने <नाम> मारने की धमकी दी व गालीगलौज करते हुये उन्हें करीब दो बजे <नाम> कुबेरपुर <नाम> उतार दिया। दिनांक 17.08.2020 को ट्रेवल्स के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> की मृत्यु हो चुकी है, अब द्रेवल्स को उनका लड़का <नाम> <नाम> चलाता है, जिसको उसने सूचना <नाम> दी है। बस व उसमें बैठीसवारियों का कोई पता नहीं है। सवारियों को वे लोग बस सहित बंधक बनाकर ले गये हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> मु0अ0सं0 283/2020 अन्तर्गत धारा395, 342, 364, 365, 504, 506 भा0०दं0सं0 पंजीकृत हुआ। दौरान विवेचना विवेचक द्वारामुकदमे में <नाम> 420 भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी । " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के <नाम> सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि जमानत प््रार्थनापत्र सं02729 / 2020 मु0अ०सं0 283 / 20020 अन्तर्गत <नाम> 395, 342, 364, 365, 504, 506 भा0दं0सं0 थाना मलपुरा, जिला <नाम> में न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 01.10.2020 द्वारा आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जा चुका है। आवेदक / अभियुक्त हरवेन्दर <नाम> के द्वारा <नाम> 420 भा0दं0सं0 के अन्तर्गत यह जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कियागया है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र सं0 2729/2020 मु0अ०सं0 283/ 20020 अन्तर्गत <नाम> 395, 342, 364, 365, 504, 506 भा0दं0सं0 थाना मलपुरा, जिला <नाम> में न्यायालय द्वारा पारितआदेश दिनांक 01.10.2020 के परिप्रेक्ष्य में आवेदक / अभियुक्त के जमानत प््रार्थनापत्र कोस्वीकार किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3431_201906-07-20192465
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रार्थी / अभियुक्त की माता व पैरोकारश्रीमती <नाम> के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी दिनांक09.09.2018 को रात करीब 10.45 बजे अपने <नाम> <नाम> <नाम> के घर 13एचाणक्यपुरी शाहगंज से अपने घर 19/56 हसनपुरा, लोहामंडी <नाम> केलिए निकला था। तभी सम्पूर्ण डाइनोसिस क॑ मोड <नाम> पहले से घात लगाकरखडे दो अज्ञात लडकों द्वारा वादी के ऊपर पीछे से हमला किया। प्रार्थी काबैलेन्स गाडी से खराब हुआ तथा उन लोगों में से एक ने अपनी कमर मेंलगा हुआ तमंचा निकाल <नाम> प्रार्थी के सर <नाम> <नाम> मारा। जिससे प्रार्थी केसिर <नाम> चोट आई तथा उन लोगों द्वारा प्रार्थी का मोबाइल लूटने की कोशिशकी। जैसे ही प्रार्थी ने शोर मचाया तो यह दोनों तमंचा तथा मोटर साईकिलपैशन प्रो जिसकी नम्बर प्लेट <नाम> यू0पी० 80 /डी0आर0 4685 <नाम> है,दोनों को छोड <नाम> भाग गये। पुलिस को सूचना देने <नाम> पुलिस आ गई तथातमंचा व मोटर साईकिल पुलिस के सुपुर्द <नाम> लिया है। इस संबंध मेंप्राथमिकी <नाम> की गयी। (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्रक्षेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-03, आगरा। ", "बरामदगी का कोई जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी दिनाक 2611.2018 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त को जमानत पररिहा किए जाने की <नाम> की गयी है। विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वाराजमानत का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा प्रश्नगत तमंचा उसका होने का इकबाल किया गया है। उपरोक्त आधार <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी । " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 3431 / 2019शरीफ उर्फ पहलवान बनाम राज्यप्रार्थ / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता <नाम> <नाम> <नाम> चाहन एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा अभियोजन प्रपत्रों का का सम्यक परिशीलन किया गया। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत न्यायालय द्वारास्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामलेमें घटना दिनाक 09.09.2018 की समय 22:45 बजे की है तथा प्रथम सूचनारिपोर्ट संबंधित थाने <नाम> दिनाक 10.09.2018 को समय 01:30 बजे दर्ज करायीगयी है। मुख्य अपराध में प्रार्थी की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनाक21.06.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी सात माह से अधिक समय सेजिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3116_201925-06-20192860
agra
{ "facts-and-arguments": [ "अपराध संख्या-22/ 2019एवम्‌CNR No :UPAG01-011375-2019जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-3301 / 20191- अनवर पुत्र टिन्चू2- पप्पू उफ गुलफाम पुत्र टिन्चूनिवासीगण 13/154, नुनिहाई, थाना एत्माद्दौला, जिला आगरा। ee आवेदकगण/ अभियुक्तगणबनामराज्य ॥[॥\"॥\"[\"[_[_[_[_[_[©°° विपक्षीधारा-411, 120बी भा0द0सं0थाना-नाई की मण्डी, जिला आगरा। अपराध संख्या-22/ 2019दिनांक : 25.06.2019आवेदकगण/ अभियुक्तगण अनवर व पप्पू की ओर से अपराधसंख्या-22,/2019, धारा-414 भा०द0सं0 थाना नाई की मण्डी, जिला <नाम> वधारा 411, 120बी भा०द0सं0 थाना नाई की मण्डी, <नाम> में अलग अलगजमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये गये है। इन प्रार्थना पत्र के साथ अभियुक्तगणके पिता टिन्चू का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहउनका प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है, इसके अलावा अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। चूंकि इन दोनों जमानत प्रार्थना पत्र की अपराध संख्या एक ही है,प्रथम सूचना रिपोर्ट एक ही है और अभियुक्तगण समान है। अतः इन दोनोंजमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। अभियोजन कथानक एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वादी मुकदमासुभाष चन्द मिड्डा ने थाना <नाम> इस आशय की तहरीर दी कि दिनांक10/11-02-2019 को दुकान बी.के.शूज कंपनी की रात में अज्ञात चोरों द्वारा 2गैस कटर से विन्डो रेलींग काटकर अन्दर घुसकर मेरी सीट <नाम> अलमारी कोतोडकर उसमें रखे कार्टून के अन्दर 500 व 100 रूपयेके नोट पॉच लाख एवंदूसरी दराज में रखे 100 रूपये की गङ्डिया व 500 रूपये की गङ्डिया करीबचार लाख रूपये तीसरी दराज में रखे कुछ फुटकर नोट की चोरी करके मेनआफिस का लॉक काटकर अन्दर <नाम> तिजोरी जिसकी चाबी नहीं मिल रही है,चोरी <नाम> ली गयी है, चाबी मिलने <नाम> खोलकर देखकर बता सकूंगा कि कितनेरूपयों की चोरी हुई है, जिसकी सूची अलग से दूंगा। ", "उपरोक्त के आधार <नाम> दिनांक 11.02.2019 को अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध अपराध संख्या-22/2019 <नाम> धारा-457, 380 भा०द0सं0 का अभियोगथाना नाई की मण्डी, <नाम> <नाम> पंजीकृत किया गया। इस मुकदमे में दौरानविवेचना उपरोक्त अभियुक्तगण का नाम <नाम> में आने <नाम> तथा इनसे चोरीगये रूपयों की बरादगी होने <नाम> <नाम> चालान <नाम> 414 भा0द0सं0 व 411,120बी भा०द0सं0 में किया गया। ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण की ओर से दिये गये जमानत प्रार्थना पत्र केसाथ संलग्न शपथ पत्र में अभियोजन कथानक का जिक करते हुये कहा गयाहै कि आवेदकगण/अभियुक्तगण को इस मामले में झूंठा फॅँसाया गया है, वेनिर्दोष है, उन्होने कोई अपराध कारित नहीं किया है। पुलिस क द्वारा उनसे जोबरामदगी दर्शायी गयी है, उसका कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। आवेदकगण/अभियुक्तगण को <नाम> अभियुक्त अऊवा उर्फ फरमान केइकबालिया बयान के आधार <नाम> इस मुकदमे में नामित किया गया है। आवेदकगण/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "आवेदकगण/ अभियुक्तगण दिनांक 06.06.2019 से कारागार में निरूद्ध है। अतः जमानत <नाम> छोडे जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ताने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कहा है किआवेदकगण/ अभियुक्तगण के द्वारा अपने अन्य साशी के साश मिलकर वादीमुकदमा की दुकान की विन्डो को गैस कटर से काटकर अलमारियों में रखेलाखों रूपयों की चोरी की है। आवेदकगण/अभियुक्तगण का अपराध गम्भीरप्रकृति का है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता व राज्य की ओर से उपस्थित विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को सुना व उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का अवलोकन किया। _3-वादी मुकदमा वी0के0शूज के यहाँ हुई चोरी की उपरोक्त घटना कीरिपोर्ट अज्ञात में लिखाई गई है। दौरान विवेचना दिनांक 16.02.2019 कोपुलिस के द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> अभियुक्त अऊवा उर्फ फरमान पकडागया और उससे इस चोरी के 28,212/-रूपये बरामद हुये। यह भी कहा हैकि इसी अभियुक्त ने वर्तमान अभियुक्तों का नाम बताया। दौरान विवेचनापुलिस कस्टडी रिमाण्ड उपरोक्त दोनों अभियुक्तों की ली गयी और पुलिसकस्टडी रिमाण्ड <नाम> दोनों अभियुक्तों को ले जाया गयातो अभियुक्त पप्पू सेचार हजार रूपये व अनवर से 3500/-रूपये दिनांक 11.06.2019 को बरामद हुये, जबकि हस्तगत मुकदमे की चोरी दिनांक 11.02.2019 को हुई है औरपुलिस कस्टडी रिमाण्ड लिये जाने <नाम> अभियुक्त पप्पू से <नाम> हजार रूपये औरअनवर से 3500/-रूपये बरामद हुये हैं। अभियुक्तगण का कोई आपराधिकइतिहास नहीं बताया गया है। अभियुक्त अऊवा उर्फ फरमान जिससे28,212/ -रूपये उपरोक्त बरामद हुये हैं, के बताने <नाम> इन अभियुक्तगण कानाम <नाम> में आया है। आवेदकगण/अभियुक्तगण दिनांक 06.06.2019 सेजेल में हैं। अभियुक्तगण से हुई बरामदगी का कोई स्वतन्त्र <नाम> नहीं है। सहअभियुक्त फरमान के इकबालिया बयान <नाम> दोनों अभियुक्तों को नामित कियागया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_3477_202009-12-2020682
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में अभियुक्त के पिता मुन्नालाल <नाम> की ओर सेशपथपत्र प्रस्तुत <नाम> कथन किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र है,इसके अतिरिक्त अन्य कोई जमानत प्रार्थनापत्र किसी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। आवेदक / अभियुक्त का जमानत प्रार्थनापत्र में कथन है कि अभियुक्त ने कोईअपराध कारित नहीं किया है, उसे इस मुकदमे में झूंठा फंसाया गया है। पुलिस द्वारा अपराधमें दर्शाये गये अभियुक्त गुड्डा <नाम> के बयान के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्त के कब्जे से किसी प्रकार का लूट का सामान बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त कीकिसी <नाम> से शिनाख्त नहीं कराई गयी है। अभियुक्त के विरूद्ध किसी सवारी द्वारा कोईरिपोर्ट अपने अपहरण आदि के संबंध में दर्ज नहीं कराई गयी है। अभियुक्त दिनांक 21.08.2020से कारागार में निरूद्ध है। इस प्रकरण में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> सूरज, <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> हरवेन्दर की जमानत दिनांक 01.10.2020 को स्वीकार हो चुकी है। अतःआवेदक / अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किया जाय। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुये कहागया है कि आवेदक /अभियुकत के षडयंत्र से, सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी से 223,600 /- रुपयों की लूट की गयी है तथा वादी को बस से खींचकर जायलो गाड़ी मेंडालकर अपहरण किया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः: जमानत प्रार्थनापत्रनिरस्त किया जाये । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी रामविशाल <नाम> द्वारा थाना मलपुरापर एक तहरीर इस आशय की दी गयी कि वह <नाम> ट्रेवल्स ग्वालियर के यहां करीब 10वर्ष से बस <नाम> कन्‍्डक्ट्री करता है। दिनांक 18.08.2020 को बस नं०0 यूपी.75--एम-3516 परड्राइवर रमेश पुत्र बोधराम, हेल्पर भूरा <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> के साथ समय करीब 4.00 बजेशाम <नाम> से बस से 34 यात्रियों को लेकर पन्‍ना अमानगंज, मध्यप्रदेश के लिये रवाना हुआथा। उन लोगों ने <नाम> पहुंचकर <नाम> के पहले <नाम> ढावा <नाम> खाना खाया तथा उसके <नाम> <नाम> बाईपास <नाम> स्थित टोल रायवा <नाम> टोल टैक्स की रसीद 10.30 बजे कटवायी। कुछदूर चलने के <नाम> दो गाड़ियों ने जिसमें से एक गाड़ी जायलो एक्सयूवी रंग सिल्वर Aoडी.एल.12-ए.सी.-2286 था तथा दूसरी गाड़ी सफेद रंग की थी, जिसका नम्बर व मॉडल पतानहीं है, ने ओवरटेक करके बस को रुकवा लिया। जायलो गाड़ी से 5 व्यक्ति उतरे, जिनमेंसे एक व्यक्ति ड्राइवर साइड से बस में घुस आया तथा <नाम> खिड़की से अन्दर आये। इनलोगों ने कहा कि हम श्रीराम फाइनेंस कम्पनी के रिकवरी वाले है। पिछले 8 महीने से तुम्हारीगाड़ी की किश्त नहीं भरी गयी है, तुम्हारा <नाम> फोन नहीं उठा रहा है। हम बस को अपनेसाथ फाइनेंसर के पास ले जा रहे हैं। बस स्टाफ वालों ने विरोध किया तो इन लोगों ने उसकेबैग में रखे 23,600 /- रुपये छीन लिये, उनके साथ मारपीट की तथा उन लोगों को बस सेखींचकर जायलो गाड़ी में अपहरण करके बंधक बनाकर डाल लिया। <नाम> लोग उनके साथ जायलो गाड़ी में आ गये तथा एक बस को लेकर चला गया। ये लोग उन्हें शमशाबाद की ओरले गये, उसके <नाम> रिंग रोड होते हुये कुबेरपुर <नाम> ले गये तथा <नाम> ढावा <नाम> बैठकरखाना खाया। ये लोग कह रहे थे कि वह इस गाड़ी की रिकवरी की रसीद बनाकर देंगे,लेकिन उन्हें कुबेरपुर <नाम> गाड़ी से उतारकर चले गये तथा पुलिस शिकायत करने <नाम> मारने की धमकी दी व गालीगलौज करते हुये उन्हें करीब दो बजे <नाम> कुबेरपुर <नाम> उतार दिया। दिनांक 17.08.2020 को ट्रेवल्स के <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> की मृत्यु हो चुकी है, अब ट्रेवल्स को उनका लड़का <नाम> <नाम> चलाता है, जिसको उसने सूचना <नाम> दी है। बस व उसमें बैठीसवारियों का कोई पता नहीं है। सवारियों को वे लोग बस सहित बंधक बनाकर ले गये हैं। वादी की उक्त तहरीर के आधार <नाम> थाना मलपुरा <नाम> मु0अ0सं0० 283 / 2020 अन्तर्गत धारा395, 342, 364, 365, 504, 506 भाठदं0सं0 पंजीकृत हुआ । ", "अभियोजन कथानक के अनुसार वादी HT TA Bo यू0पी075-एम-3516 कोजायलो एक्सयूवी सवार 5 लोगों के द्वारा रुकवाकर, एक व्यक्ति के द्वारा ड्राइवर सीट <नाम> बैठकर बस को बंधक बनाकर ले जाया <नाम> कहा गया है तथा अन्य के द्वारा <नाम> में रखे हुये23,600 /- रुपये छीनना बताया गया है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान्‌ अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्क सुनेतथा केसडायरी का अवलोकन किया। ", " अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह भी स्पष्ट है 3कि <नाम> अभियुक्तगण के बयान के आधार <नाम> अभियुक्त <नाम> <नाम> का नाम <नाम> में <नाम> कहा गया है एवं अभियुक्त <नाम> <नाम> के पकड़े जाने <नाम> उसके द्वारा पुलिस को दिये गयेकथित बयान के आधार <नाम> प्रश्नगत बस को उसके कहने <नाम> सहअभियुकत यतेन्द्र द्वारा बस को चलाकर ले जाया <नाम> कहा गया है, इस मामले में संलिप्त किया गया है। अभियुक्तप्रदीप <नाम> के कब्जे से कथित रूपयों अथवा घटना में प्रयुक्त वाहन की बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्त की <नाम> कथित घटना कारित करने <नाम> मात्र षडयंत्र रचने की बताई गयी है। इस मामले में <नाम> अभियुक्तगण <नाम> सूरज, <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> हरवेन्दर की इस मामले में जमानत हो चुकी है। अभियुक्त दिनांक 21.08.2020 से कारागार में निरूद्ध है। अतएव जमानत के स्तर <नाम> मामले के गुणदोष <नाम> विचार किये <नाम> जमानत <नाम> पर्याप्त आधार हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_4483_201903-09-20194845
agra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पन्न प्रार्थी / अभियुक्त की माता व पेरौकारश्रीमती तस्लीम के शपथ पत्र से समर्थित है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी मुकदमाअरविन्द <नाम> निर्वाल, थानाध्यक्ष, था शमसाबाद द्वारा थाने <नाम> प्रथम सूचनारिपोर्ट इस आशय की दर्ज करायी गयी कि दिनाक 02.08.2019 को वह मयइमराहियान वास्ते तलाश वांछित अभियुक्त व संदिग्ध अपराधी में मामूर थे किउसी दौरान मुखबिर की सूचना <नाम> 6 अभियुक्तगण को लूट के प्रयोजनसे एकत्रित होकर लूट की तैयारी करते हुए गिरफूतार किया गया तथा तीनअभियुक्त अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। नाम पता पूछते हुए जामा सलाशी ली गयी तो पहले ने अपना नाम <नाम> बताया। इसकी जामातलाशी से एक अदद तमंचा, दो जिन्दा कारतूस व 2000/- रूपए बरामदहुए। दूसरे ने अपना नाम रमन बढ़ई बताया। इसकी जामा तलाशी से एकअदद छुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद हुआ। तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम बन्टी उर्फ <नाम> बताया। इसकी जामा तलाशी से एकछुरा, 2,000/- रूपए व एक मोबाइल वीवो बरामद इहुआ। चौथे व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> कुशवाह बताया जिसकी जामा तलाशी से एक छुरा बरामद (2)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0क्षेन्न)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-०३, आगरा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4483 2019राजा उफ सद्दार्म बनाम राज्य हुआ। पाचवे व्यक्ति ने अपना नाम राजा उर्फ सद्दाम बताया। इसकी जामातलाशी से एक छुरा बरामद हुआ। छठे व्यक्ति ने अपना नाम छोटे उर्फ चोबसिंह बताया। सभी अभियुक्तगण के बीच में रखे थेले में 2 प्लॉस्टिक कीछोटी टॉर्च, एक इथौड़ा लोहे का, एक छोटा पेचकस, 16 चाबियों कागुच्छा, एक लोहे की छोटी छैनी, पाँच लोहे की अदद दो खाना रिंच, एकअदद लोहे का सब्बल बरामद हुआ। इन्हीं के कब्जे से 5 अददमोटरसाईकिल बरामद हुई। अभियुक्तगण को जुर्म से अवगत कराते हुएहिरासत पुलिस में लिया गया। फर्द मौके <नाम> तैयार की गयी। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहागया है कि प्रार्थी को मामले में झूंठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध नहींकिया है, वह निर्दोष है। प्रार्थी दिनांक 03.08.2019 से जिला कारागार मेनिरूद्ध है। प्रार्थी को मौके से गिरफूतार नही किया गया है बल्कि पुलिस द्वाराघर से उठाकर उपरोक्त मामले में झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अन्य कोई जमानत प्रार्थना पत्र अन्य किसी न्यायालयअथवा माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। उपरोक्त आधारों पर्रार्थी/ अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> द्वारा जमानतका विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त व सह-अभियुक्तगण कोपुलिस पार्टी द्वारा गिरफतार किया गया है तथा उनके कब्जे से लूट का <नाम> बरामद किया गया है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किएजाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता सैययद जाहिर नूरी <नाम> एवं विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> <नाम> वंशराज <नाम> को सुनागया तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि मामले में घटनादिनाक 02.08.2019 की समय 23:00 बजे की है। प्रार्थी <नाम> गिरफूतारी के दौरान उसके कन्‍्जे से लूट की मोटरसाईकिल बरामद होने का आरोप लगायागया है। पत्रावली के अमुसार प्रार्थी को पुलिस पार्टी द्वारा सह-अभियुक्तण केसाथ दिनाक 02.08.2019 को मुखबिर की सूचना <नाम> गिरफतार किया <नाम> (3)न्यायालय विशेष न्यायाधीश (दएप्र0कषेत्र) /अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-३, आररा। जमानत प्रार्थना पत्र संख्या : 4483, 2019राजा उर्फ सददार्म बनाम राज्य तथा उसके व्यक्तिगत कब्जे से एक छुरा बरासद किया <नाम> दर्शित कियागया है। प्रार्थी व सह-अभियुक्तगण के <नाम> कब्जे से लूट की मोटरसाईकिल बरामद किया <नाम> भी दर्शित किया गया है। उक्त मोटरसाईकिलको किसी भी अपराध से सम्बद्ध नहीं किया गया है। प्रार्थी लगभग एक माहसे जिला कारागार में निरूद्ध है। मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषितकिया जा चुका है। " ] }
1GRANTED