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KOLKATA दुर्गापूजा: सचिवालय की ईंट से ईंट बजा देंगे | AMIT SHAH HomeNationalKOLKATA दुर्गापूजा: सचिवालय की ईंट से ईंट बजा देंगे | AMIT SHAH अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कोलकाता में रैली को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा रैली की भीड़ इस बात का संकेत है कि पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी का शासन खत्म होने जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि पहले इस रैली को रोकने की कोशिश की और अब पश्चिम बंगाल के सारे स्थानीय चैनलों को डाउन कर दिया गया है ताकि लोग इस रैली का प्रसारण न देख सकें। उन्होंने कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल की विरोधी कैसे हो सकती है, जबकि हमारी पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाजद मुखर्जी बंगाल से ही थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल विरोधी नहीं, ममता विरोधी है। अमित शाह ने कहा कि एनआरसी को असम अकॉर्ड के तहत बनाया गया है, जो पूर्व पीएम राजीव गांधी ने किया था। तब कांग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया, आज वोटबैंक के लिए कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। घुसपैठिये ही पश्चिम बंगाल में विस्फोट करते हैं। हमारी पार्टी इस राज्य में हिंदू शरणार्थियों को भरोसा देना चाहती है कि हम ही सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल 2016 लेकर आए हैं, जिसमें उनको नागरिकता दी जाएगी। अमित शाह ने कहा कि हाल में हुए पंचायत चुनावों में विपक्षी उम्मीदवारों को उतरने ही नहीं दिया गया और उम्मीदवारों का निर्विरोध चुने जाने का भी रिकॉर्ड बना दिया। पार्टी के 65 कार्यकर्ताओं को मार दिया गया, इसके बावजूद पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टियां या तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल की जनता ने मौका दिया लेकिन ये राज्य का विकास नहीं कर सके। बीजेपी को मौका मिला तो ही राज्य का विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से दिए गए हजारों करोड़ रुपये के पैकेज को 'भतीजे और सिंडिकेट की सरकार' ने गांव के लोगों तक नहीं पहुंचने दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन बंद कर दिया गया, स्कूलों में सरस्वती पूजा रोक दी गई। अगर बीजेपी की सरकार आई तो हर हाल में इन्हें किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि अगर अगली बार दुर्गापूजा को रोका गया तो भाजपा के कार्यकर्ता ममता बनर्जी के सचिवालय की ईंट से ईंट बजा देंगे।
Is Natasa Stankovic Pregnant Again? Hardik Pandya's Wife Pregnancy Explained - Hindi Times Is Natasa Stankovic Pregnant Again? Hardik Pandya's Wife Pregnancy Explained क्या नतासा स्टेनकोविक फिर से गर्भवती हैं? हार्दिक पांड्या की पत्नी की गर्भावस्था के बारे में बताया: क्रिकेटर हार्दिक पांड्या की पत्नी प्रेग्नेंट हैं और ये बात सुर्खियां बटोर रही है. इसके अलावा आप लोग नताशा की प्रेग्नेंसी की खबरें भी इंटरनेट पर देखने वाले हैं। और नेटिज़न्स इंटरनेट पर उसी की खोज कर रहे हैं क्योंकि वे इसकी पुष्टि करना चाहते हैं। तो दोस्तों आप उसी प्लेटफॉर्म पर हैं जहां आपकी तलाश यहीं खत्म होने वाली है। नीचे दिए गए लेख में हम आपको नताशा के संपूर्ण जैव से अपडेट करने जा रहे हैं। बिना किसी और देरी के, आइए नीचे दिए गए लेख में आते हैं। GetIndiaNews.com पर अधिक अपडेट का पालन करें 1 क्या नतासा स्टेनकोविक फिर से गर्भवती हैं? 2 हार्दिक पांड्या पत्नी नतासा स्टेनकोविक फिर से गर्भवती? क्या नतासा स्टेनकोविक फिर से गर्भवती हैं? नताशा स्टेनकोविक एक सर्बियाई मॉडल और बॉलीवुड अभिनेत्री भी हैं। वह एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं और भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या की पत्नी के रूप में भी जानी जाती हैं। तो हम सभी जानते हैं कि वे कोरोना काल के दौरान एक दूसरे के साथ बंधे थे और उन्होंने बाद में इस खबर का खुलासा किया कि वह गर्भवती हैं। थाय को 2020 में अपना पहला बच्चा मिला, जिसका नाम उन्होंने जुलाई की माँ में अगस्त्य रखा। इसलिए उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अपनी तस्वीरें साझा की हैं। जिसके बाद अब उनके फैंस उनसे सवाल कर रहे हैं. हार्दिक पांड्या पत्नी नतासा स्टेनकोविक फिर से गर्भवती? आपकी उत्सुकता का स्तर अब इस लाइन को पढ़ने के बाद ह्यूग को चाहिए कि उनके प्रशंसक उनसे क्या सवाल कर रहे हैं और तस्वीरों में ऐसा क्या है जिसने उनके प्रशंसकों को जोड़े से कई सवाल पूछे। तो आपको बता दें कि उनके द्वारा शेयर की गई तस्वीरें नताशा के बेबी कोख को साफ तौर पर हाईलाइट कर रही हैं जिससे उनके फैंस सवाल कर रहे हैं कि वो प्रेग्नेंट कहां हैं. तो तस्वीर में हम देख सकते हैं कि वह गुलाबी रंग की ड्रेस में हैं और तस्वीरों में उनके बच्चे की कोख साफ दिखाई दे रही है. लेकिन उन्होंने अभी तक कैप्शन में कुछ नहीं कहा है. थाय ने अपने प्रशंसकों को "मेरी क्रिसमस" की शुभकामनाएं दीं। तो अब ये तस्वीरें उनके फैंस को कयास लगा रही हैं और वो ये जानना चाहते हैं कि क्या ये सच है कि वो दोबारा प्रेग्नेंट हैं. हम देख सकते हैं कि वह पिंक वेलवेट ड्रेस में हैं और इस ड्रेस में उनका बेबी बंप साफ नजर आ रहा है. जबकि हार्दिक अपने बेटे के साथ उनके साथ हैं और वे दोनों साथ में बहुत अच्छे लग रहे हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि वह गर्भवती है क्योंकि दंपति ने अभी तक कुछ भी साफ नहीं किया है। इसलिए तस्वीरों के आधार पर, हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं और हमें तब तक इंतजार करना होगा जब तक कि युगल ने स्वयं कुछ भी खुलासा नहीं किया। तो अपडेट को हथियाने के लिए हमारे साथ बने रहें।
अमेरिकी लेखक पॉल थेरो का भारत - जानकी पुल - A Bridge of World's Literature. Home / ब्लॉग / अमेरिकी लेखक पॉल थेरो का भारत Prabhat Ranjan July 22, 2010 ब्लॉग 1 Comment रामेश्वरम तक जाने वाली लोकल 1941 में अमेरिका में जन्मे पॉल थेरो की ख्याति यात्रावृत्तों के चर्चित लेखक के रूप में रही है. ग्रेट रेलवे बाजार(1975) पुस्तक उनके लेखन का शिखर माना जाता है. दुनिया के अनेक मुल्कों की यात्रा करने के बाद उसके अनुभवों को उन्होंने पुस्तक का रूप दिया. वी. एस. नायपाल पर लिखी अपनी पुस्तक के लिए वे विवादों में भी रहे. प्रस्तुत है उसी पुस्तक का एक अंश जो दक्षिण भारत की उनकी यात्रा के अनुभवों पर आधारित है– भारत में मेरी दो महत्वाकांक्षाएँ थीं: एक सीलोन की यात्रा ट्रेन से करने की, और दूसरी अपने लिए रेल में शयनयान का इंतजाम करने की। मद्रास के एगमोर स्टेशन पर मेरी दोनों इच्छाएँ पूरी हो गई। मेरे छोटे से टिकट के टुकड़े पर लिखा था- मद्रास-कोलंबो फोर्ट, और जब ट्रेन चालू हुई तब अटेंडेंट ने मुझे बताया कि रामेश्वरम तक इस चौबीस घंटे की यात्रा के दौरान शयनयान में मैं अकेला यात्री रहूँगा। अगर मैं चाहूँ, उसने कहा, तो दूसरे डिब्बे में जा सकता हूँ- वहाँ पंखे काम कर रहे थे। वह एक लोकल ट्रेन थी, और चूँकि कोई भी उसमें दूर तक नहीं जा रहा था, इसलिए सबने तीसरे दर्जे का ही चुनाव किया था। बहुत कम लोग रामेश्वरम जा रहे थे, उसने बताया, और इन दिनों सीलोन कोई भी जाना नहीं चाहता, वहाँ उपद्रव चल रहा था, बाजारों में खाने को कुछ भी नहीं मिल रहा था, और प्रधानमंत्री श्रीमती भंडारनायके भारतीयों को पसंद नहीं करतीं। उसे इस बात पर आश्चर्य हो रहा था कि मैं वहाँ क्यों जा रहा था। घूमने-फिरने, मैंने जवाब दिया। यह सबसे धीरे चलने वाली ट्रेन है, उसने मुझे रेलवे टाईम टेबल दिखाते हुए कहा। मैंने टाईम टेबल उससे माँग लिया और अपने डिब्बे में आकर उसका अध्ययन करने लगा। धीमी रफ्तार से चलने वाली रेलगाडि़यों में मैं पहले भी बैठ चुका था, लेकिन यह सबसे बुरी थी। प्रत्येक पाँच या दस मिनट पर वह किसी न किसी स्टेशन पर रुकती थी। मैंने गिनना शुरू किया, अपने सफर के दौरान वह कुल चौरानवे(94) बार रुकती थी। मेरी इच्छा तो पूरी हो गई, लेकिन मैं सोच रहा था कि कहीं यह कोई सज़ा तो नहीं। मैं खिड़की से बाहर देख रहा था कि मुझे एक अजीब दृश्य दिखाई दिया, बच्चे, जिनकी उम्र सात से बारह साल के बीच रही होगी, छोटी उम्र के बच्चे नंगे थे, जबकि कुछ बड़े बच्चों ने शरीर पर धोती लपेट रखी थी, वे पानी भरने वाले बर्तन लेकर ट्रेन की ओर दौड़ रहे थे। वे जंगल में रहने वाले बच्चे थे, उनके लंबे बाल धूप में भूरे हो चुके थे, चेहरे धूल-धूसरित और पिचकी नाक- ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों की तरह- उस सुबह प्रत्येक स्टेशन पर पर वे रेलयान में घुस आये और डिब्बे में बने टॉयलेट के सिंक से पानी लेने लगे। वे पानी के बर्तन भरकर रेल की पटरी के किनारे बने अपने शिविरों की ओर भागते जहाँ दुबले-पतले उम्रदराज़ लोग उनका इंतज़ार कर रहे होते थे, पीले पड़ते घुंघराले बालों वाले उम्रदराज लोग, वहीं औरते बैठकर खाना बनाने में लगी दिखाई दे रही थी। वे तमिल नहीं थे। मैंने अंदाज़ा लगाया कि वे आदिवासी थे, गोंड की तरह। उनके पास बहुत कम सामान थे और उन्हें सुखा सता रहा था, क्योंकि बरसात वहाँ तब तक नहीं आई थी। मैंने खाने का कोई इंतज़ाम नहीं किया था और मेरे पास खाने को कुछ था भी नहीं। दोपहर के वक्त मैं ट्रेन में काफी दूर तक घूम आया, लेकिन भोजनयान मुझे नहीं मिला। दो बजे के करीब जब मैं उँध रहा था तो खिड़की पर आवाज हुई। यह अटेंडेंट था। बिना किसी आवाज के उसने सींखचों के बीच से खाने की थाली बढ़ा दी। मैंने तमिल अंदाज में खाना खाया, दाएँ हाथ से पहले चावल का गोला बना लिया, फिर उस गोले को रसदार तरकारियों के साथ मिलाकर मुँह में डाल लिया। अगले स्टेशन पर अटेंडेंट फिर आया। खाली थाली उठाकर उसने मुझे उनींदा सलाम किया। हम लोग समुद्र तट के समांतर यात्रा कर रहे थे, तट से कुछ मील अंदर की ओर, और डिब्बे में चल रहे पंखे की हवा उमस से कोई खास राहत नहीं दिलवा पा रही थी। ट्रेन इतनी धीमी रफ्तार से चल रही थी कि खिड़की पर समुद्री हवा भी नहीं आ रही थी। अफनी सुस्ती को तोड़ने के लिए मैंने कंडक्टर से एक झाड़ू और कुछ चिथड़े मांगे, मैंने सारे डिब्बे की धुलाई की और खिड़कियों को साफ किया। फिर मैंने अपने कपड़े धोए और उनको गलियारे में हुक से टाँग दिया। सिंक में खुद को धोया, दाढ़ी बनाई, और चप्पल-पायजामे पहन लिए। आखिर वह मेरा अपना शयनयान था। विल्लूपुरम रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में बिजली की इंजन की जगह भाप की इंजन लगाई गई, उसी स्टेशन पर मैंने बियर की तीन गर्म बड़े बोतलें खरीदी। डिब्बे में मैं अपने तकिए से उठंग गया, मेरे कपड़े सूख रहे थे, मैं बियर पीता हुआ तमिलनाडु राज्य की साधारणता को देखता रहा- हर स्टेशन पहले से छोटा होता गया और लोगों के शरीर पर कपड़े भी पहले से कम होते गए। चिंगलेपुत के बाद किसी के शरीर पर कमीज दिखाई नहीं दी, विल्लूपुरम के बाद बनियान भी गायब हो गई, उसके बाद लुंगियों के आकार छोटे होते गए। उस दोपहर मुझे बहुत चिढ़ भाप के इंजन से निकलने वाले धुएँ के कारण हुई। खिड़की से धुएँ ने अंदर प्रवेश किया और सतह पर उसकी परत-सी जम गई और डिब्बे में जलते कोयले की गंध भी भर गई- वही गंध जो भारत के हर रेलवे स्टेशन पर होती है। अंधेरे के घिरते ही डिब्बे में पहले बत्ती गुल हुई, फिर पंखे ने चलना बंद कर दिया। मैं सोने चला गया, एक घंटे के बाद-साढ़े नौ बजे बिजली फिर आ गई। मैं किताब में वह जगह ढ़ूंढने लगा जिसे मैं पढ़ रहा था, इससे पहले कि मैं एक पैराग्राफ भी पढ़ पाता कि ट्रेन की बिजली फिर गुल हो गई। मैने चिढ़कर बत्ती का स्विच ऑफ कर दिया, शरीर पर मच्छर भगाने का लोशन लगाया और मुँह ढककर सो गया, मेरी नींद तिरुचिरापल्ली में जाकर खुली, जहाँ मैं सिगार का पैकेट लेने उतरा। सुबह के वक्त अटेंडेंट फिर आया। बस, कुछ देर की यात्रा और रह गई है, उसने कहा। मुझे लगता है कि आप इस ट्रेन में सफर करके पछता रहे होंगे। नहीं, मगर मुझे ऐसा लग रहा था कि यह ट्रेन धनुष्कोडि तक जाएगी। मेरा नक्शा भी यही बता रहा है। हाँ, इंडो-सीलोन एक्सप्रेस पहले धनुष्कोडि जाती थी। अब क्यों नहीं जाती? उसने बताया कि 1965 में एक चक्रवात आया था, जिसने धनुष्कोडि को बालू के ढेर में तब्दील कर दिया। वह शहर इस तरह गायब हो गया कि वहाँ अब मछुआरे भी नहीं रहते। रामेश्वरम ज्यादा अच्छी जगह है, अच्छे मंदिर हैं, यहाँ का वातावरण पवित्र है। रामेश्वरम से सीलोन की यात्रा स्टीमर से तय करनी पड़ती थी। तीन घंटे में स्टीमर रामेश्वरम से सीलोन के तलाईमन्नार पहुँचती थी। जिस तरह भारत में हर आदमी मुझसे यह पूछता था कि मैं सीलोन क्यों जा रहा हूँ, जहाज के एक कर्मचारी ने भी कहा कि मैं बेवकूफ हूँ जो सीलोन जा रहा हूँ। लेकिन उसने वहाँ न जाने के जो कारण बताए वे औरों से अलग थे। उसने बताया कि जाफना में हैजा फैला हुआ है और ऐसा लग रहा है कि उसका प्रकोप कोलंबो में भी फैल रहा है। उसने सीलोनवासियों के बारे में खूब खरी-खोटी बताई, वैसे वह भारतीयों से भी कोई खास खुश नहीं लग रहा था। मैंने उसे ध्यान दिलाया कि इससे उसे परेशानी होती होगी, क्योंकि वह स्वयं भारतीय है। हाँ, लेकिन मैं कैथोलिक हूँ। मैं मंगलोर का रहने वाला हूँ, उसने मेरी तिरुचिरापल्ली में खरीदी सिगार को पीते हुए बताया।
नाईट वियर के साथ ना करें समझौता - खरीदते समय इन बातों का रखे ख्याल Magazine » Hindi » नाईट वियर के साथ ना करें समझौता – खरीदते समय इन बातों का रखे ख्याल लड़कियां शॉपिंग करने की शौक़ीन होती है, वो अपनी हर ड्रेस को लेकर इतनी कंसर्न होती है कि शॉपिंग करते समय एक दुकान से दूसरी दुकान बदलती रहतीं है जब तक उन्हें कोई ड्रेस पसंद नहीं आ जाती। लेकिन ज्यादातर लड़कियाँ/महिलायें स्लीपवियर या नाइटवियर की शॉपिंग में ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं। अधिकतर महिलाओं का मानना है कि नाइटवियर तो केवल सोते समय ही पहना जाता है, तो किसी भी तरह का खरीदों क्या फ़र्क पड़ता है? लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। किसी ऐसी ड्रेस में बिस्तर पर जाना जो न सिर्फ दिखने में आकर्षक हो, बल्कि अत्यधिक आरामदायक हो, इससे बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि आप एक अच्छा नाइटवियर चुने। यदि आप अपने लिए नाइटवियर खरीदने की योजना बना रही हैं, तो हमारा सुझाव है कि आप इन टिप्स को देखें जो आपको बेस्ट नाइटवियर को सेलेक्ट करने में मदद करेंगे: मौसम के अनुसार करें चुनाव: यह सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु है कि नाइटवियर की ख़रीददारी करते वक़्त आप मौसम का भी विशेष ध्यान रखें। जैसे कि गर्मियों में शॉर्ट नाइटी सुविधाजनक रहेगी तो सर्दियों में आप लॉन्ग नाइटवियर का प्रयोग करें। नाइटवियर का फैब्रिक: महिलाओं को अपने लिए नाइटवियर सेलेक्ट करते समय, सबसे महत्वपूर्ण बात पर ध्यान देना चाहिए वो है उसका फैब्रिक। सुनिश्चित करें कि आप एक ऐसे नाइटवियर का चयन करें जिसका फैब्रिक देखने अच्छा और आराम महसूस कराने वाला हो। आजकल नाइटवियर के कई तरह के फैब्रिक मार्किट में उपलब्ध हैं, हालाँकि, अधिकतर महिलायें गर्मियों के लिए कॉटन को प्रेफर करतीं है। चूंकि कॉटन रात के समय में बॉडी टेम्प्रेचर को नियंत्रित करता है इसलिए सोते समय आप अधिक आराम महसूस करेंगी। कॉटन फैब्रिक के नाइटवियर अन्य नाइटवियर्स के मुक़ाबले नरम, हल्के और ब्रीथेबल होते है। यह सभी प्रकार की त्वचा के लिए भी उपयुक्त है। ज्यादा हैवी वर्क की नाइट ड्रेस ख़रीदने से बचें: नाइटवियर सबसे आरामदायक ड्रेसेस में से एक होता है। यदि इसमें बहुत ज्यादा वर्क हो तो इस तरह के नाइटवियर से आपको सुकून नहीं मिलेगा। ऐसी नाइटी चुनें, जिसमें लाइट वर्क हो ताकि सोते समय आपको कोई परेशानी न हो। टाइट नाइटवियर को अवॉयड करें: हमेशा नाइटवियर की शॉपिंग करते समय ये ध्यान रखें कि वो ज्यादा टाइट न हो। यदि आप उनमे आराम महसूस नहीं कर पा रहे हैं, तो आप अच्छी नींद नहीं ले पाएंगे। मेरी राय है, आपको एक ढीला नाइटवियर को सेलेक्ट करना चाहिए। इससे आप न सिर्फ अच्छी तरह से सांस ले पाएंगे बल्कि आपको सुकून की नींद भी आएगी। अपने बॉडी के साइज़ का रखें ध्यान: ऑनलाइन खरीदते समय, सुनिश्चित करें कि नाइटवियर आपकी बॉडी टाइप के अनुरूप है।जो ऑनलाइन देखने में बहुत अच्छा लग रहा है, केवल उसी को न खरीदे । आप चाहें तो क्लोविया के साइज़ चार्ट से मदद ले सकतीं हैं, जिससे आप आसानी से अपने लिए बेस्ट नाइटवियर चुन सकेंगी। आशा है कि हमने सभी इम्पोर्टेन्ट पॉइंट्स को कवर किया है जिन्हें आपको नाइटवियर का चुनाव समय विचार करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि इन टिप्स की मदद से आप एक आरामदायक और स्टायलिश नाइटवियर ले सकेंगे।
Hindi News » Automobile » Corona second wave in india is this the right time to buy new car ऐसी खबरें हैं कि डीलरों और कुछ वाहन निर्माताओं ने महामारी की स्थिति खराब होने से पहले Car Stock क्लियर करने के लिए छूट की पेशकश शुरू कर दी है. Updated On - 3:56 pm, Mon, 19 April 21 भारत कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के चंगुल में है और अब तक कोई राष्ट्रीय लॉकडाउन की घोषणा नहीं हुई है, हालांकि कई राज्यों और शहरों ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कर्फ्यू और लॉकडाउन की घोषणा की है. पिछले साल की तरह लगभग एक ही समय में, लोगों को जितना संभव हो सके घर पर रहने की सलाह दी जा रही है. कर्फ्यू के लिए कहा जा रहा है कि सड़कें और सार्वजनिक स्थान ज्यादा से ज्यादा खाली हों. कुलमिलाकर ऑटो इंडस्ट्री के लिए पिछले साल जैसा समय दोबारा लौटता नजर आ रहा है. ऐसे समय में बहुत से लोग कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं लेकिन इस वक्त कार खरीदना क्या सही फैसला होगा या नहीं? यह चुनने के लिए कि नई कार खरीदने या फैसला लेने से पहले हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं… रूटीन में शामिल है कार तो तुरंत खरीद लें यदि आप नई कार के लिए पैसा बचा रहे हैं और इसका इस्तेमाल आपकी डेली रूटीन में शामिल है, तो आखिरकार कार खरीदारी के लिए ये एक अच्छा समय है. कोरोना के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल खतरा बढ़ा सकता है ऐसे पर्सनल व्हीकल होना काफी फायदेमंद साबित होगा. अगर आपको रोज के काम के लिए बाहर आना जाना पड़ता तो व्यक्तिगत वाहन में निवेश करना एक सही फैसला है. हां अगर आप घर से काम कर रहे हैं तो कार खरीदने के फैसले को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है. डीलर्स दे सकतें हैं डिस्काउंट ऑफर ऐसी खबरें हैं कि डीलरों और कुछ वाहन निर्माताओं ने महामारी की स्थिति खराब होने से पहले स्टॉक को क्लियर करने के लिए छूट की पेशकश शुरू कर दी है. जबकि महीने के शुरू में कई कार मॉडलों पर इनपुट कॉस्ट बढ़ने की वजह से कीमतें बढ़ाई गई हैं ऐसे में ये छूट, कीमत बढ़ोतरी की भरपाई कर सकती है. साथ में आपके पैसे भी बचेंगे. डिजिटली करें खरीदारी सुनिश्चित करें कि वर्तमान समय में, आप केवल अपने पसंदीदा वाहन की जांच के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हैं. देश में लगभग हर कार निर्माता के पास आज एक वर्चुअल शो-रूम की सुविधा उपलब्ध है. जिसका मतलब है कि आपको किसी विशेष मॉडल के बारे में जानने की आवश्यकता हो सकती है जो स्मार्टफोन या लैपटॉप पर उपलब्ध है. यदि टेस्ट ड्राइव की आवश्यकता है, तो डीलर इसके लिए भी आपके मुताबिक लोकेशन पर व्यवस्था करेंगे. बेहतर विकल्प हो तभी खरीदें हाल के महीनों में विभिन्न निर्माताओं द्वारा सेगमेंट में लॉन्च किए गए कई बेहतर प्रोडक्ट मौजूद हैं. जब यात्री वाहनों की बात आती है, तो अधिकांश सेगमेंट में विकल्प बहुत अच्छे होते हैं लेकिन अगर आप उस कार के बारे में पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं, जिसे आप खरीदना चाहते हैं, तो बाद के महीनों के लिए इंतजार करना एक बेहतर साबित हो सकता है. ये भी पढ़ें- इस महीने खरीदें Renault Kiger कार और पाएं धांसू ऑफर, पांच साल तक उठाएं फायदा ये भी पढ़ें- अगले पांच सालों में 15 इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करेगी Toyota, इसकी नई कार को देख कर आप भी हो जाएंगे फैन
अतिरिक्त ज़िला मैजिस्ट्रेट ने साईबर केफे का प्रयोग सम्बन्धित आदेश किए जारी - KPD News अतिरिक्त ज़िला मैजिस्ट्रेट ने साईबर केफे का प्रयोग सम्बन्धित आदेश किए जारी जालंधर- अतिरिक्त ज़िला मैजिस्ट्रेट जालंधर श्री अमरजीत सिंह बैंस ने फ़ौजदारी संहिता 1973 की धारा 144 अधीन प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते हुए ज़िला जालंधर (देहाती) की सीमा में पड़ते सभी सायबर कैफे के मालिकों को आदेश करते हुए किसी अनजान व्यक्ति को जिसकी पहचान कैफे मालिक की तरफ से नहीं की गई, सायबर कैफे का प्रयोग करने पर रोक लगाई है। इसके इलावा प्रयोग करने वाले /आने वाले व्यक्ति की पहचान के रिकार्ड के लिए रजिस्टर लगाया जाये। जारी किये आदेशों में उन्होंने कहा कि सायबर कैफे का प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपने हाथ के साथ अपना नाम, घर का पता,टैलिफ़ोन नंबर और पहचान सम्बन्धित सबूत का इंदराज करेगा। इसके इलावा प्रयोग करने वाला /आने वाले व्यक्ति की शिनाख़्त उसके पहचान पत्र, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, ड्रायविंग लायसैंस,पासपोर्ट,फोटो क्रेडिट कार्ड के साथ की जायेगी। ऐक्टिविटी सरवर लाग मुख्य सरवर में सुरक्षित होगा और इसका रिकार्ड मुख्य सरवर में कम से -कम छह महीनों के लिए सुरक्षित रखा जाना ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि यदि साईबर कैफे में आने वाले किसी भी व्यक्ति की गतिविधि सायबर कैफे के मालिक को शक्की लगती है, तो वह सबंधित थाने को सूचित करेगा। इसके इलावा किसी व्यक्ति की तरफ से इस्तेमाल किए गए विशेष कंप्यूटर के बारे में रिकार्ड को संभाल कर रखने के आदेश जारी किए गए है। यह आदेश 04 दिसंबर 2021 तक लागू रहेगा ।
वाह रे पूर्वांचल का एम्स - स्वर्ग धर्षण का शानदार नमूना वाह रे पूर्वांचल का एम्स – स्वर्ग धर्षण का शानदार नमूना ये वाकई पूर्वान्चल का एम्स हो चला है, महामना के चिरजीवी सपने स्वास्थ्य और शिक्षा अपने दरवाजे पर ही हांफ रहे है,फिर भी मालवीय बरस मनाने में हमें फक्र है। Blog Ganesh Shankar Chaturvedi 1 June 2017 काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर स्थित सर सुन्दरलाल अस्पताल पूर्वांचल के एम्स के रूप में जाना जाता है। लेकिन लापरवाही और सेवा भाव हीनता का इससे शानदार नमूना शायद ही दुनिया में विद्यमान हो। चिकित्सक मरीजों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं मानों उनके ऊपर एहसान कर रहे हों। इतनी जलालत झेलने के बाद भी अगर रोगी ठीक होकर वापस जाए तो बात समझ में आती है ,मैं ये नहीं कहता की यहाँ रोगी ठीक नहीं होते लेकिन कितने और बीमार होकर भी वापस लौटते हैं । खैर ये ये भी कोई बड़ी बात नहीं है। सबसे बड़ा खतरा जो यहाँ पनपा है वो है सेवा भाव में आया लोप। अभी कुछ दिन पहले बाल रोग विभाग के आई सी यूं से बिल्ली एक बच्चे को उठा ले गयी ,बच्चे की मौत हो गयी ,अस्पताल प्रशासन रिपोर्ट तैयार कर रहा है । उससे भी पीछे जाएँ तो सर्जरी के एक नामचीन चिकितसक महोदय जो आज अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक पद पर आसीन हैं ने अपने कर कमलों से किडनी ट्रांसप्लांट करते समय डोनर और टेकर दोनों को सुर्धाम पहुचा दिए।पता नहीं वो जांच कहा पहुची। Sir Sunderlal Hospital BHU, Varanasi पहले हड्डी विभाग में बहुत कम आपरेशन हुआ करते थे ,प्लास्टर से काम चल जाता था आज प्लास्टर न के बराबर होते हैं आपरेशन धुआधार। हड्डी विभाग के यहाँ के चिकित्सक महोदय एक राड सर्जरी के लिए लिखते है जो नरिया स्थित एक दूकान पर मिलता है उसके अलावा कही भी अगर आप जाए तो कोई उनके लिखे को पढने वाला भी नहीं मिल सकता कारण कुछ लिखा ही नहीं होता सिर्फ उस सर्जिकल होउस में पहुचने मात्र से वो मिल सकता है। इस सबके पीछे भरी दलाली और कमाई का सवाल है। अच्छी कंपनियों की सस्ती दवाओं के बजाय नकली कंपनियों के महंगी दवाओं को कमाने के चक्कर में लिख कर ये धरती के भगवान् सीधे स्वर्ग का धर्षण कराने पर आतुर हैं।अस्पताल के सामने स्थित हर एक दूकान के पास अपनी एक नीजी कंपनी है जिन्हें अस्पताल के किसी न किसी बड़े चिकित्सक का बर्धस्त प्राप्त ही। एक न्यूरो के नाम चीन चिकित्सक मंगलवार और शुक्रवार को यहाँ दर्शन देते हैं लगभग दो हजार मरीज इनके दर्शन को आते हैं। इनके अगर कार्यकाल को खंगाला जाय तो पता चलेगा की अपने विभाग से जुड़े आपरेशन ये शायद दो चार किये और करते हो पर रोगियों पर इनका गजब का जादू है न्यूरो रोग का कद इन्होने बढ़ा दिया है बचपन में हम लोग जिसे गंभीर रोग मानते थे कोई पढ़ा लिखा आदमी ही इसका नाम लेता था आज अनपढ़ भी कहता है इसका नाम।
Sidharth Malhotra And Kiara Advani To Reunite For Love Story Adal Badal Movie Details Inside - कियारा आडवाणी-सिद्धार्थ मल्‍होत्रा के आत्‍माओं की होगी 'अदला बदली', पर्दे पर दिखेगी लव स्‍टोरी | Entertainment News - Navbharat Times Hindi मराठी ಕನ್ನಡ தமிழ் മലയാളം తెలుగు বাংলা Samayam ગુજરાતી English IND UAE अपना बाजार MCD Photogallery Login फीफा न्यूज राज्य Viral मनोरंजन लाइफस्टाइल दुनिया बिज़नस एजुकेशन धर्म टेक ऑटो फोटो वीडियो भारत जोक्स खान-पान विचार यात्रा भोजपुरी चुनाव गुड न्यूज वेब सीरीज टीवी अपना बाजार फोटो धमाल ईपेपर सिटिजन रिपोर्टर मौसम Times Evoke ब्लॉग NBT ऐप लाइव टीवी ब्रीफ सरकारी योजना बिजली-पानी-सड़क मेट्रो मनोरंजन फिल्मी खबरें टीवी वेब सीरीज विडियो बिग बॉस फोटो बॉक्स ऑफिस साउथ सिनेमा मूवी रिव्यू इंटरव्यू भोजपुरी हॉलीवुड ट्रेलर वेब स्टोरी Hindi News entertainment news from bollywood sidharth malhotra and kiara advani to reunite for love story adal badal movie details inside Sidharth-Kiara: कियारा आडवाणी-सिद्धार्थ मल्‍होत्रा के आत्‍माओं की होगी 'अदला बदली', पर्दे पर दिखेगी लव स्‍टोरी Edited by स्‍वपनल सोनल | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Aug 16, 2022, 1:06 PM Subscribe कियारा आडवाणी और सिद्धार्थ मल्‍होत्रा 'शेरशाह' के बाद एक बार फिर पर्दे पर साथ नजर आने वाले हैं। फिल्‍म रोमांटिक-कॉमेडी होगी। जानिए फिल्‍म की कहानी से लेकर शूटिंग तक के बारे में सबकुछ। सिद्धार्थ मल्‍होत्रा और कियारा आडवाणी अब रोमांटिक फिल्‍म में दिखेंगे साथ हाइलाइट्स पर्दे पर फिर साथ दिखेंगे स‍िद्धार्थ मल्‍होत्रा और कियारा आडवाणी रोमांटिक फिल्‍म 'अदल बदल' में फिर साथ दिखेगी 'शेरशाह' वाली जोड़ी अनूठी और रहस्‍यमयी प्रेम कहानी होगी 'अदल बदल' बॉलीवुड के लव बर्ड्स सिद्धार्थ मल्‍होत्रा और कियारा आडवाणी की लव लाइफ जहां असल जिंदगी में खूब चर्चाओं में है, वहीं अब यह जोड़ी एक बार फिर पर्दे पर नजर आएगी। 'शेरशाह' में विक्रम बत्रा और डिम्‍पल चीमा के किरदार में दोनों की जोड़ी को खूब पसंद किया गया था। ऐसे में खबर है कि जल्‍द ही दोनों एक बार फिर फिल्‍मी पर्दे पर साथ नजर आने वाले हैं। यही नहीं, यह एक रोमांटिक लव स्‍टोरी होगी। दोनों ने इंस्‍टाग्राम के लाइव सेशन में फैंस को इस बाबत हिंट दिया है। मजेदार बात यह है कि इसी बीच 'कॉपी विद करण' के नए एपिसोड का भी प्रोमो आया है, जिसमें करण ने सीधे-सीधे सिद्धार्थ से सवाल किया कि वह कियारा आडवाणी से कब शादी कर रहे हैं? सिद्धार्थ इस सवाल को हंसकर टाल गए, लेकिन फैंस के लिए उनकी मुस्‍कान ही सबकुछ कह गई। ताजा रिपोर्ट के मुताब‍िक, Sidharth Malhotra और Kiara Advani ने एक रोमांटिक फिल्‍म साइन की है। इस‍ फिल्‍म की कहानी में आत्‍माओं का मेल होने वाला है। जी हां, बताया जा रहा है कि इस फिल्‍म की कहानी लीक से हटकर होगी। यह एक रहस्‍यमयी रोमांटिक लव स्‍टोरी होगी, जिसमें दोनों की आत्‍माएं आपस में अदल-बदल जाती हैं। फिल्‍म का टाइटल भी अभी के लिए 'अदल-बदल' बताया जा रहा है। इसी साल शूटिंग शुरू करेंगे सिद्धार्थ और कियारा मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रोमांटिक-कॉमेडी फिल्‍म में ढेर सारा वीएफएक्‍स होगा। सिद्धार्थ और कियारा जहां इस नए प्रोजेक्‍ट को लेकर एक्‍साइटेड हैं। इस फिल्‍म को सुनीर खेतरपाल प्रोड्यूस करने वाले हैं। अभी फिल्‍म की रूपरेखा तय की जा रही है। सब ठीक रहा तो इसी साल फिल्‍म की शूटिंग भी शुरू हो जाएगी। फ‍िलहाल मेकर्स फिल्‍म की शूटिंग के लिए लोकेशंस तलाश रहे हैं। Koffee With Karan7 Promo: कियारा संग शादी के सवाल पर शरमाए सिद्धार्थ, बोले- विक्की कौशल का तो यहीं रोका हुआ था सिद्धार्थ और कियारा की झोली में फिल्‍मों का अंबार वर्कफ्रंट की बात करें तो सिद्धार्थ मल्‍होत्रा फिलहाल रोहित शेट्टी के साथ 'इंडियन पुलिस फोर्स' में बिजी हैं। वह इसके अलावा दिशा पाटनी के साथ 'योद्धा' में भी नजर आएंगे। जबकि कियारा आडवाणी 'भूल भुलैया 2' और 'जुग जुग जियो' की सक्‍सेस के बाद अभी 'गोविंदा नाम मेरा' में बिजी हैं। इस फिल्‍म में उनके साथ विक्‍की कौशल नजर आएंगे। इसके अलावा कियारा की झोली में राम चरण के साथ उनकी अपकमिंग फिल्‍म 'RC 15' और कार्तिक आर्यन के साथ 'सत्‍यनारायण की कथा' भी है। Kiara And Sidharth: सिद्धार्थ मल्होत्रा-कियारा आडवाणी ने पूरी की फैंस की ख्वाहिश, लाइव चैट में साथ आकर चौंकाया Sidharth Malhotra: पपाराजी को देख भड़के सिद्धार्थ मल्होत्रा, कियारा आडवाणी संग फोटो क्लिक करने पर हुए नाराज प्‍यार, ब्रेकअप, पैचअप और अब शादी का सवाल कियारा और सिद्धार्थ के लव लाइफ की बात करें तो बीते दिनों ऐसी खबरें आई थीं कि दोनों का ब्रेकअप हो गया है। लेकिन फिर अर्पिता खान की ईद पार्टी में सिद्धार्थ और कियारा को साथ देखा गया। यही नहीं, पार्टी के बाद दोनों एकसाथ वहां से एक ही गाड़ी में रवाना हुए। अब 'कॉफी विद करण 7' के ताजा एपिसोड में करण जौहर के सवाल ने यह स्‍पष्‍ट कर दिया है कि दोनों फिर से साथ हैं और एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। करण ने सिद्धार्थ मल्‍होत्रा से पूछा कि आप कियारा आडवाणी को डेट कर रहे हैं, ये बताइए कि आप दोनों कब शादी करने वाले हैं? इस पर सिद्धार्थ मल्‍होत्रा ने हंसते हुए सवाल टाल दिया। अगला लेखSaif Ali Khan: करीना कपूर से भी अच्छा पाउट बना लेते हैं सैफ अली खान, बर्थडे पर बेबो ने दिखाई फनी तस्वीर Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें कॉमेंट लिखें रेकमेंडेड खबरें न्यूज़ दिल्ली एमसीडी चुनाव: AAP और BJP दोनों डबल इंजन की बात कर रहीं, जनता किसे चुनेगी? हिमालय की 18000 फीट ऊंचाई से आए कपिवा के 100% शुद्ध हिमालयन शिलाजीत के साथ स्टैमिना, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधारें खबरें VIDEO: बादशाह के गाने पर हार्दिक-धोनी ने डांस फ्लोर पर लगाई आग, क्या खूब नाचे पूर्व कप्तान बिज़नस न्यूज़ यूं ही नहीं ऊंचाइयां छू रहा शेयर बाजार, जमकर पैसा डाल रहे हैं विदेशी, जानिए इसके पीछे वजह Adv: ब्लैक फ्राइडे में रेडमी स्मार्टफोन्स पर बड़ी छूट, उठाएं मौके का फायदा मेरठ I Love You टीचर... मेरठ के स्कूल में भरी क्लास में मैडम को छेड़ते स्टूडेंट्स का वीडियो वायरल चंडीगढ़ हरियाणा पंचायत चुनाव नतीजे LIVE: गुरुग्राम के वार्ड नंबर-7 से BJP जीती, अंबाला वार्ड 9 में चली झाड़ू जयपुर देख रहे हैं गहलोत जी! पुलिसवाला अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत करने पहुंचा, थाने वाले टरकाते रहे पाकिस्तान कॉमेडी नाइट्स विद इमरान... 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पटना मेट्रो : पटना जंक्शन और खेमनीचक होंगे दो महत्वपूर्ण पड़ाव, बनेंगे 26 स्टेशन, यहां गाड़ियां बदली जा सकेंगी - Headlines India News |News in Hindi|Bihar News|UP news|Jharkhand News बहुप्रतीक्षित पटना मेट्रो को लेकर शहर के कई इलाकों में निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है. मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के लिए करीब एक दर्जन प्वाइंट पर पिलर व रूट निर्माण को लेकर खुदाई की जा रही है. पहले चरण में चयनित पटना मेट्रो के 32.5 किमी लंबे रूट में से 14 किमी रूट एलिवेटेड यानी सड़क के ऊपर बनाया जाना है. फिलहाल, इन जगहों पर ही निर्माण कार्य चल रहा है. अंडरग्राउंड रूट वाले करीब 18.5 किमी रूट पर इसके बाद काम शुरू होगा. पटना मेट्रो के लिए पटना स्टेशन व खेमनीचक दो महत्वपूर्ण पड़ाव होंगे. इन इंटरचेंज स्टेशनों से गाड़ियां बदली जा सकेंगी. पटना मेट्रो के दोनों रूट पर कुल मिला कर 26 स्टेशन बनाये जाने हैं. इनमें 13 स्टेशन एलिवेटेड (ऊपर), जबकि 13 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे. एलिवेटेड रूट का अधिकांश हिस्सा कंकड़बाग व बाइपास इलाके में आता है. इसलिए निर्माण कार्य भी उधर ही अधिक दिख रहा है. मीठापुर, रामकृष्णा नगर, जगनपुरा, खेमनीचक, मलाही पकड़ी, भूतनाथ रोड, जीरो माइल व पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के पास सड़क की घेराबंदी कर मिट्टी की खुदाई चल रही है. खुदाई के बाद पिलर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. पटना मेट्रो को लेकर फिलहाल एरियल सर्वे, टोपोग्राफिकल सर्वे, ट्रैफिक वॉल्यूम सर्वे और दोनों कॉरिडोर के लिए जियोटेक्निकल काम पूरा हो चुका है. इसके साथ ही सड़क किनारे रूट को लेकर पथ निर्माण विभाग से मार्च 2021 में ही एनओसी मिल गया है. जीरो माइल, मीठापुर, दानापुर और सगुना मोड़ पर स्टेशन को लेकर भी संबंधित विभाग ने एनओसी दे दी है. इन्वायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट और सोशल इंपैक्ट असेसमेंट भी पूरा कर लिया गया है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. पटना मेट्रो के डिपो के लिए आइएसबीटी बैरिया के पास ही जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. इसको लेकर पटना जिला प्रशासन के स्तर पर अधिसूचना जारी की जानी है. एक-दो दिनों में अधिसूचना जारी होते ही अधिगृहीत की जाने वाली जमीन का रकबा व क्षेत्र तय हो जायेगा. फिर प्रशासन के स्तर पर मुआवजा देकर जमीन की अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. मेट्रो डिपो के लिए प्रस्तावित 76 एकड़ जमीन को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग ने पहले ही पटना जिला प्रशासन को 1000 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया है. मेट्रो को लेकर अलग-अलग एजेंसियों को काम पर लगाया जाना है. मसलन रूट बनाने का काम अलग एजेंसी कर रही है.26 जगहों पर स्टेशन निर्माण के लिए अलग एजेंसी को जिम्मेदारी दी जायेगी. इसके अलावा मेट्रो के संचालन को लेकर पटना मेट्रो अथॉरिटी का अपना ग्रिड व बिजली सिस्टम होगा. इसको लेकर भी निविदा जारी कर दी गयी है. इसके लिए नोडल एजेंसी दिल्ली मेट्रो द्वारा इसी महीने एजेंसी का चयन कर लिया जाना है. Tags: big patna news, bihar cm nitish kumar, headlines bihar, headlines india news, latest bihar news, patna metro
पाकिस्तानी सिंगर को हैदराबाद एयरपोर्ट से भेजा वापस | Tez News Home State Andhra Pradesh पाकिस्तानी सिंगर को हैदराबाद एयरपोर्ट से भेजा वापस पाकिस्तानी सिंगर को हैदराबाद एयरपोर्ट से भेजा वापस हैदबराबाद- पाकिस्तान मूल के गायक राहत फतेह अली खान को शुक्रवार हैदराबाद पहुंचते ही वापस लौटा दिया गया। उन्‍हें हैदराबाद से फिर आबुधाबी भेज दिया गया जहां से वो आए थे। दरअसल अधिकारियों का कहना है कि उनके भारत आने में एक 'तकनीकी खामी' थी जिसके चलते उन्‍हें लौटा दिया गया। अधिकारियों के अनुसार अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक हैदराबाद आता है तो उसे यहां आने के लिए देश के चार महानगरों, दिल्‍ली, मुंबई, कोलकाता या फिर चेन्‍नई से आना होता है। यह चार शहर भारत में किसी पाकिस्‍तानी नागरिक के प्रवेश के पॉइंट हैं। राहत फतेह अली खान अबुधाबी से हैदराबाद सीधे पहुंचे थे जिसके चलते उन्‍हें तुरंत लौटा दिया गया और देश के चार मेट्रो शहरों के माध्‍यम से हैदराबाद आने के लिए कहा गया। राहत हैदराबाद के फलकनुमा पैलेस में नए साल के जश्‍न में प्रस्‍तुती देने आए थे। इस गफलत के चलते हैदराबाद में 8 बजे शुरू होने वाला राहत का कार्यक्रम रात 11 बजे शुरू हो पाया। गायक को वापस भेजने की खबर मिलते ही आयोजक उन्‍हें भारत लाने के लिए कागजी कार्रवाई में लग गए।
Rashi Ratna, Grah Ratna, नवग्रह रत्न ज्योतिष - Astrology Hindi शुभ ग्रहों के प्रभाव में वृद्धि के लिए उपयोगी रत्न शुभ ग्रहों के प्रभाव में वृद्धि और अनुष्ट ग्रहों के कुप्रभाव के निवारण हेतु उपयुक्त ग्रह रत्न (नग) धारण करना अत्यंत लाभदायक सिद्ध होते हैं | अपनी जन्मकुण्डली में स्थित ग्रहों की स्थिति एवं अपनी लग्न व राशि के अनुसार ही उपयुक्त रत्न (नग) का चयन करना चाहिए, अन्यथा कई बार लाभ की अपेक्षा गलत नग धारण करने से हानि की संभावना हो जाती है| रत्न धारण से पूर्व सुयोग्य ज्योतिषी से परामर्श कर लिया जाये तो लाभप्रद होगा | धारण करने की विधि, उपयोगादी का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है | नीचे ​दिए हुए लिंक पर उस रत्न के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है | विस्तार से जानने के लिए उन लिंकों पर क्लिक कर के पढ़ सकते है | नोट: रत्न धारण करने से पूर्व सुयोग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करे | संस्कृत में इसे माणिक्य, पद्मराग, हिन्दी में माणक, मानिक, अंग्रेजी में रूबी कहते हैं| सूर्य रत्न होने से इस ग्रह रत्न का अधिष्ठाता सूर्यदेव हैं | पहचान विधि - ​(१) असली माणिक्य लाल सुर्ख वर्ण का पारदर्शी, स्निग्ध-कान्तियुक्त और कुछ भारीपन वजन लिए होते हैं | अर्थात् हथेली पर रखने से हल्की उष्णता और सामान्य से कुछ अधिक वजन का अनुभव होता है | (२) कांच के पात्र में रखने से इसकी हल्की लाल किरणें चारों ओर से निकलती दिखाई देंगी | (३) गाय के दूध में असली माणिक्य रखा जाय तो दूध का रंग गुलाबी दिखाई देगा | धारण विधि - माणिक्य रत्न रविवार को सूर्य की होरा में, कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों, रविपुष्य योग में सोने अथवा तांबे की अंगूठी में जड़वाकर तथा सूर्य के बीज मंत्रों द्वारा अंगूठी अभिमंत्रित करके अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए | इसका वजन ३,५,७ अथवा ९ रत्ती के क्रम से होना चाहिए | सूर्य बीज मंत्र - ॐ, ह्रां, ह्रीं, ह्रौं सः सूर्याय नमः धारण करने के पश्चात गायत्री मंत्र की ३ माला का पाठ, हवन एवं सूर्य भगवान को विधि पूर्वक अर्घ्य प्रदान करना तथा ताम्र बर्तन, कनक, नारियल, मानक, गुड़, लाल वस्त्रादि, सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करना चाहिए | विधि पूर्वक माणिक्य धारण करने से राजकीय क्षेत्रों में प्रतिष्ठा, भाग्योन्नति, पुत्र सन्तान लाभ, तेजबल में वृद्धिकारक तथा ह्रदय रोग, चक्षुरोग, रक्त विकार, शरीर दौर्बल्यादि में लाभकारी होता है | मेष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक एवं धनु राशि अथवा इसी लग्न वालों को मानक धारण करना शुभ लाभप्रद रहता है | अथवा जिनकी जिनकी कुण्डली में सूर्य योगकारक होता हुआ भी प्रभावी न हो रहा हो तो उन्हें भी, माणिक्य धारण शुभ रहता है | ​नोट: रत्न धारण करने से पूर्व सुयोग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करे | पंडित सुनील त्रिपाठी जी से संपर्क करने के लिए क्लिक करे | चन्द्र-रत्न मोती को संस्कृत में मौक्तिक, चंद्रमणि इत्यादि, हिन्दी-पंजाबी में मोटो एवं अंग्रजी में पर्ल कहा जाता है | मोती या युक्ता रत्न का स्वामी चन्द्रमा है | पहचान- शुद्ध एवं श्रेष्ठ मोती गोल, श्वेत, उज्ज्वल, चिकना, चन्द्रमा के समान कान्तियुक्त, निर्मल एवं हल्कापन लिए होता है | (१) गोमूत्र को किसी मिट्टी के बर्तन में डालकर उसमे मोती रातभर रखें, यदि वह अखण्डित रहे तो मोती शुद्ध (सुच्चा) समझें | (२) पानी से भरे शीशे के ग्लास में मोती डाल दें यदि पानी से किरणें निकलती दिखाई पड़े, तो मोती असली जानें | सुच्चा मोती के अभाव में चन्द्रकांत मणि अथवा सफ़ेद पुखराज धारण किया जा सकता है | असली शुद्ध मोती धारण करने से मानसिक शक्ति का विकास, शारीरिक सौन्दर्य की वृद्धि, स्त्री एवं खानादी सुखों की प्राप्ति होती है | इसका प्रयोग स्मरण शक्ति में भी वृद्धिकारक होता है | रोग शान्ति- चिकित्सा शास्त्र में भी मोती या मुक्ता भस्म का उपयोग मानसिक रोगों, मूर्छा-मिर्गी, उन्माद, रक्तचाप, उदर-विकार, पथरी, दन्तरोगादी में करते हैं | धारण विधि- मोती चाँदी की अंगूठी में शुक्ल पक्ष के सोमवार को पूर्णिमा के दिन, चन्द्रमा की होरा में गंगाजल, क्च्चा दूध व पांडुलादि में डुबोते हुए 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः' के बीजमन्त्र का पाठ ११००० की संख्या में करने के पश्चात् धारण करना चाहिए | तदुपरान्त चावल, चीनी, क्षीर, श्वेत फल एवं वस्त्रादि का दान करना शुभ होगा | मोती २,४,६ अथवा ११ रत्ति का कनिष्ठिका अँगुली में हस्त, रोहोणी अथवा श्रवण नक्षत्र में सुयोग्य ज्योतिषी द्वारा बताये गए मुहुर्त में धारण करना चाहिए | मेष, वृष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मीन राशि/लग्न वालों को मोती शुभ रहता है | चन्द्रमा का उपरत्न-चन्द्रकान्त मणि (Moon Light Stone)- यह उपरत्न चाँदी जैसे चमक लिए हुए चन्द्रमा का 'उपरत्न' (मोती का पूरक) माना जाता है| इसको हिलाने से, इसपर एक दुधिया जैसी प्रकाश रेखा चमकती है | यह रत्न भी मानसिक शान्ति, प्रेरणा स्मरण शक्ति में वृद्धि तथा प्रेम में सफलता प्रदान करता है | लाभ की दृष्टि से चन्द्रकान्त मणि मलाई के रंग का (सफ़ेद और पीले के बीच का) उत्तम माना जाता है | इसे चाँदी में ही धारण करना चाहिए | नोट: रत्न धारण करने से पूर्व सुयोग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करे | पंडित सुनील त्रिपाठी जी से संपर्क करने के लिए क्लिक करे | इसे संस्कृत में अन्गारकमणि तथा अंग्रेजी में कोरल (CORAL) कहते हैं | गोल, चिकना, चमकदार, एवं औसत से अधिक वजनी, सिंदूरी से मिलते-जुलते रंग का मूंगा श्रेष्ठ माना जाता है | इसका स्वामी ग्रह मंगल है | (१) असली मूंगे को खून में डाल दिया जाय तो उसके चारों ओर गाढ़ा रक्त जमा होने लगता है | (२) असली मूंगा यदि गौ के दूध में डाल दिया जाय तो उसमे लाल रंग की झाई सी दिखने लगती है | श्रेष्ठ जाति का मूंगा धारण करने से भूमि, पुत्र एवं भ्रातृ सुख, निरोगता आदि की प्राप्ति होती है | इसके अतिरिक्त रक्त विकार, भूत-प्रेत बाधा, दुर्बलता, मंदाग्नि, ह्रदय-रोग, वायु-कफादी विकार, पेट विकारादि में मूंगे की भस्म अथवा मिट्टी का प्रयोग किया जाता है | मेष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुम्भ व मीन राशि एवं लग्न वालों को सुयोग्य ज्योतिषी के परामर्शानुसार धारण करना लाभप्रद होगा | धारण विधि- शुक्ल पक्ष के मंगलवार को प्रातः मंगल को होरा में मृगशिर, चित्रा या घनिष्ठा नक्षत्र में सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वाकर, बीज मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित करके अनामिका अँगुली में ६,८,१० या १२ रत्ती के वजन में धारण करना कल्याणकारी होता है | मरणोपरांत मंगल स्तोत्र एवं मंगल ग्रह का दान करना शुभ होता है | भौम बीज मन्त्र- ॐ क्रां क्रीं, क्रौं, सः भौमाय नमः शारीरिक स्वास्थ्य एवं कुं. में मंगल नीच राशिस्थ हो तो सफ़ेद मूंगा भी धारण किया जा सकता है | "पन्ना" बुध ग्रह का मुख्य रत्न है | संस्कृत में मरकतमणि, फारसी में जमरूद व अंग्रेजी में इमराल्ड (EMERALD) | पन्ना रत्न हरे रंग, स्वच्छ, पारदर्शी कोमल, चिकना व चमकदार होता है | (१) शीशे के गिलास में साफ़ पानी और पन्ना डाल दिया जाय तो हरी किरणें निकलती दिखाई देती हैं | ​(२) शुद्ध पन्ने को हाथ में लेने पर वह हल्का, कोमल व आँखों को शीतलता प्रदान करता है | गुण- 'पन्ना' धारण करने से बुद्धि तीव्र एवं स्मरण शक्ति बढ़ती है | विद्या, बुद्धि, धन एवं व्यापार में वृद्धि के लिए लाभप्रद माना जाता है | पन्ना सुख एवं आरोग्यकारक भी है | यह रत्न जादू-टोने, रक्त विकार, पथरी, बहुमूत्र, नेत्र रोग, दमा, गुर्दे के विकार, पाण्डु, मानसिक विकलतादि रोगों में लाभकारी माना जाता है | धारण विधि- यह नग शुक्ल पक्ष के बुधवार को अश्लेषा, ज्येष्ठा, तेवती, पू.फा. अथवा पुष्य नक्षत्रों अथवा बुध को होरा में सोने की अंगूठी में दाएं हाथ की कनिष्ठिका (छोटी) अँगुली में बुध ग्रह के बीज मन्त्र से अभिमन्त्रित करते हुए धारण करना चाहिए | बुध बीज मन्त्र- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, मकर व मीन राशि वालों को विशेष लाभप्रद रहता है | पुखराज गुरु (बृहस्पति) ग्रह का मुख्य रत्न है | संस्कृत में इसे पुष्प राजा, हिन्दी में पुखराज, व अंग्रेजी में टोपाज (TOPAZ) कहते हैं | पहचान विधि - जो पुखराज स्पर्श में चिकना, हाथ में लेने पर कुछ भारी लगे, पारदर्शी, प्राकृतिक चमक से युक्त हो वह उत्तम कोटि का माना जाता है | (१) जहां किसी विषैले कीड़े ने काटा हो, वहां पर असली पुखराज घिस कर लगाने से विष उतर जाता है | (२) चौबीस घंटे कच्चे दूध में रखने के बाद यदि चमक में अन्तर न पड़े तो पुखराज असली होगा, इत्यादि | गुण- पुखराज धारण करने से बल, बुद्धि, स्वास्थ्य एवं आयु की वृद्धि होती है | वैवाहिक सुख, पुत्र सन्तान कारक एवं धर्म-कर्म में प्रेरक होता है | प्रेत-बाधा का निवारण एवं स्त्री के विवाह सुख की बाधा को दूर करने में सहायक होता है | धारण विधि- पुखराज रत्न ३,५,७,९ या १२ रत्ती के वजन का सोने की अन्गूय्ही में जड़वाकर तर्जनी अँगुली में धारण करें, सुवर्ण या ताम्र बर्तन में कच्चा दूध, गंगाजल, पीले पुष्पों से एवं "ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः" के बीज मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित करके धारण करना चाहिए | मंत्र संख्या १९००० | यह नग शुक्ल पक्ष के गुरुवार की होरा में, अथवा गुरुपुष्य योग में या पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में धारण करना चाहिए | पुखराज धनु, मीन राशि के अतिरिक्त मेष, कर्क, वृश्चिक राशि वालों को लाभप्रद रहता है | धारण करने के पश्चात गुरु से सम्बन्धित वस्तुओं का दान शुभ होता है | गुरु का ऊपरत्न: सुनैला- इसे पुखराज का उपरत्न माना जाता है | पुखराज मूल्यवान होने के कारण सुनैला को उसके पूरक के रूप में धारण किया जा सकता है | श्रेष्ठ सुनैला हल्के पीले रंग (सरसों के जैसा पीलापन) का होता है | कई बार पुखराज से अधिक पीलापन लिए होता है तथा आंशिक मात्रा में पुखराज के सामान ही उपयोगी होता है | धारण विधि पुखराज के समान होती है | शुक्र ग्रह का मुख्य प्रतिनिधित्व 'हीरा' है | संस्कृत में इसे वज्रमणि, हिन्दी में हीरा तथा अंग्रेजी में डायमण्ड (DIAMOND) कहते हैं | हीरा अत्यंत चमकदार प्रायः श्वेत वर्ण का होता है | पहचान- अत्यंत चमकदार, चिकना, कठोर, पारदर्शी एवं किरणों से युक्त असली हीरा होता है | (१) धूप में भी हीरा रख दिया जाय तो उसमे से इन्द्रधनुष जैसी किरणें दिखाई देती हैं | (२) तोतले बच्चे के मुँह में रखने से बच्चा ठीक से बोलने लगता है | (३) अँधेरे में जुगुनू की भांति चमकता है | गुण- हीरे में वशीकरण करने की विशेष शक्ति होती है | इसके पहनने से वंश-वृद्धि, धन लक्ष्मी व सम्पत्ति की वृद्धि, स्त्री एवं सन्तान सुख की प्राप्ति व स्वास्थ्य में लाभ होता है | वैवाहिक सुख में भी वृद्धिकारक माना जाता है | औषधीय गुण- हीरे की भस्म शहद-मलाई आदि के साथ ग्रहण करने से अनेक रोगों में लाभ होता है | जैसे- दौर्वल्यता, नपुंसकता, वायु प्रकोप, मन्दाग्नि, वीर्यविकार, प्रमेह दोष, ह्रदय रोग, श्वेत प्रदर, विषैला व्रण, बच्चों में सूखा रोग, मानसिक कमजोरी | धारण विधि- शुक्ल पक्ष के शुक्रवार वाले दिन, सुक्र की होरा में भरणी, पुष्य, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ानक्षत्र, एक रत्ती या इससे अधिक वजन का हीरा सोने की अंगूठी में जड़वाकर शुक्र के बीजमन्त्र (ॐ द्रां, द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः) का १६०००(हजार) कि संख्या मे जाप करके शुभ मुहुर्त मे धरान कारण चाहिए | हीरा मध्यमा अँगुली में धारण करना चाहिए | धारण करने के दिन शुक्र ग्रह से सम्बन्धित वस्तुएं जैसे- दूध, चाँदी, दही, मिश्री, चावल, श्वेत वस्त्र, चन्दनादि का दान यथाशक्ति करना चाहिए | हीरा (धारण करने की तिथि से) सात वर्ष पर्यन्त प्रभावकारी बना रहता है | हीरा वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ राशि वालों को लाभदायक रहता है | शुक्र के उपरत्न- १) फिरोजा - नीले आकाशीय रंग जैसा यह नग शुक्र का उपरत्न माना गया है | यह रत्न भूत, प्रेत, दैवीय, आपदा तथा आने वाले कष्टों से धारक की रक्षा करता है | यदि इस रत्न को कोई भेंट स्वरुप प्राप्त कराके पहनेगा तो अदिक प्रभावशाली रहेगा | हल्के-प्रखर चमकदार रंग वाला रत्न उत्तम होता है | कोई भी कष्ट या रोग आने से पहले यह रत्न अपना रंग बदल लेता है | नेत्र रोग, सौन्दर्य, सिर दर्द, विषादि रोगों में विशेष लाभकारी रहता है | (२) ओपल (OPEL) - यह भी शुक्र का एक अन्य उपरत्न है, इसको धारण करने से सदाचार, सद्चिंतन तथा धार्मिक कार्यों की ओर रूचि रहती है | अधिक लोकप्रिय नहीं है | इसके अतिरिक्त शुक्र के अन्य भी बहुत से उपरत्न प्रचलित हैं | नीलम शनि ग्रह का मुख्य रत्न है | हिन्दी में नीलम तथा अंग्रेजी में सैफायर (Blue Sapphire) कहते हैं | पहचान- असली नीलम चमकीला, चिकना, मोरपंख के समान वर्ण जैसा, नीलीं किरणों से युक्त एवं पारदर्शी होगा | (१) असली नीलम को गाय के दूध में डाल दिया जाए तो दूध का रंग नीला लगता है | (२) पानी से भरे कांच के गिलास में डाला जाए नीली किरणें दिखाई देंगी | (३) सूर्य की धूप में रखने से नीले रंग की किरणें दिखाई देंगी | गुण - नीलम धारण करने से धन-धान्य, यश-कीर्ति, बुद्धि चातुर्य, सर्विस एवं व्यवसाय तथा वंश में वृद्धि होती है | स्वास्थ्य सुख का लाभ होता है | ध्यान रहे, बहुधा नीलम चौबीस घंटे के भीतर ही प्रभाव करना शुरू कर देता है | यदि नीलम अनुकूलन न बैठे तो भारी नुकसान की आशंका हो जाती है | अतएव परीक्षा के तौर पर कम से कम ३ दिन तक पास रखने पर यदि बुरे स्वप्न आएं, रोग-उत्पन्न हो या चेहरे की बनावट में अन्तर आ जाए तो नीलम मत पहनें | रोग शान्ति- नीलम धारण करने या औषधि रूप में ग्रहण करने से दमा, क्षय, कुष्ट रोग, ह्रदय रोग, अजीर्ण, मूत्राशय सम्बन्धी रोगों में लाभकारी है | धारण विधि- नीलम ५, ७, ९, १२ अथवा अधिक रत्ति के वजन का, पंचधातु, लोहे अथवा सोने की अंगूठी में शनिवार को शनि की होरा में एवं पुष्य, उ.भा., चित्रा, स्वा, धनि या शतभिषा नक्षत्रों में शनि के बीज मंत्र "ॐ प्रां. प्रीं. प्रौं. सः शनये नमः" मंत्र से २३ हजार की संख्या में अभिमन्त्रित करके धारण करें | तत्पश्चात शनि की वस्तुओं का दान दक्षिणा सहित करना कल्याणकारी होगा | ​Hessonite (गोमेद) राहु रत्न गोमेद को संस्कृत में गोमेदक, अंग्रेजी झिरकन (Zircon) कहते हैं | गोमेद का रंग गोमूत्र के समान हल्के पीले रंग का, कुछ लालिमा तथा श्यामवर्ण होता है | स्वच्छ, भारी, चिकना गोमेद उत्तम होता है तथा उसमें शहद के रंग की झांई भी दिखाई देती है | पहचान विधि- सामान्यतः गोमेद उल्लू अथवा बाज की आँख के समान होता है तथा गोमूत्र के समान, दल रहित अर्थात जो परतदार न हों, ऐसे गोमेद उत्तम होंगे | (१)शुद्ध गोमेद को २४ घंटे तक गोमूत्र में रखने से गोमूत्र का रंग बदल जाएगा | धारण विधि- गोमेद रत्न शनिवार को शनि की होरा में, स्वाती, शतभिषा, आर्द्रा अथवा रविपुष्य योग में पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वाकर तथा राहु के बीज मंत्र द्वारा अंगूठी अभिमन्त्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अँगुली में धारण करना चाहिए | इसका वजन ५, ७, ९ रत्ती का होना चाहिए | राहु बीज मंत्र - "ॐ भ्रां भ्रीं, भ्रौं सः राहवे नमः" धारण करने के पश्चात् बीजमंत्र का पाठ हवन एवं सूर्य भगवान को अर्घ्य प्रदान कर नीले रंग का वस्त्र, तिल, बाजरा आदि दक्षिणा सहित दान करें | विधिपूर्वक गोमेद धारण करने से अनेक प्रकार की बीमारियाँ नष्ट होती हैं, धन-सम्पत्ति-सुख, सन्तान वृद्धि, वकालत व राजपक्ष आदि की उन्नति के लिए अत्यन्त लाभकारी है | शत्रु-नाश हेतु भी इसका प्रयोग प्रभावी रहता है | जिनकी जन्म कुण्डली में राहु १, ४, ७, ९, १०वें भाव में हों, उन्हें गोमेद रत्न पहनना चाहिए | मकर लग्न वालों ले लिए गोमेद शुभ होता है | केतु-रत्न लह्सनिया को संस्कृत में वैदूर्य, हिन्दी में लह्सनिया, अंग्रेजी में Cat' s eye Stone कहते हैं | यह नग अन्धेरे में बिल्ली की आँखों के समान चमकता है | लह्सनिया चार रंगों में पाया जाता है | काली तथा श्वेत आभा युक्त लह्सनिया जिस पर यज्ञोपवीत के समान तीन धारियां खिंची हों, वह वैदूर्य ही उत्तम होता है | ​(१)असली लह्सनिया को यदि हड्डी के ऊपर रख दिया जाए तो वह २४ घंटे के भीतर हड्डी के आर-पार छेद कर देता है | (२)असली वैदूर्य में ढाई या तीन सफेद सूत्र होते हैं, जो बीच में इधर-उधर घूमते हिलते रहते हैं | धारण विधि- लह्सनिया रत्न बुधवार के दिन अश्विनी, मघा, मूला नक्षत्रों में, रविपुष्य योग में पंचधातु की अंगूठी में कनिष्का अंगूठी में धारण करें | धारण करने से पूर्व केतु के बीज मंत्र द्वारा अंगूठी अभिमन्त्रित करें | ५ रत्ती से कम वजन का नहीं होना चाहिए | प्रत्येक ३ वर्ष पश्चात नई अंगूठी में लहसनिया जड़वाकर उसे अभिमन्त्रित कर धारण करना चाहिए | केतु बीज मंत्र- "ॐ स्त्रां स्त्रीं, स्त्रौं, सः केतवे नमः" रत्न धारण करने के पश्चात बुधवार को ही किसी श्रेष्ठ ब्राह्मण को तिल, तेल, कम्बल, धूर्मवर्ण का वस्त्र, सप्तधान्य (अलग-अलग रूप में) यथाशक्ति दक्षिणा सहित दान करें | विधिपूर्वक लहसनिया धारण करने से भूत प्रेतादि की बाधा नहीं रहती है | सन्तान सुख, धन की वृद्धि एवं शत्रु व रोग नाश में सहायता प्रदान करता है | ☝ ​ऊपर दी गयी सभी रत्नों की जानकारी के अनुसार रत्न धारण करे | रत्न संबंधित विशेष परामर्श एवं अपनी सम्पूर्ण कुंडली का विश्लेषण फोन पर जानने के लिए पंडित सुनील त्रिपाठी से संपर्क करे |
सबसे पहले मगध के नए सम्राट पुष्यमित्र ने राज्य प्रबंध को प्रभावी बनाया, तथा एक सुगठित सेना का संगठन किया। पुष्यमित्र ने अपनी सेना के साथ भारत के मध्य तक चढ़ आए मिनिंदर पर आक्रमण कर दिया। भारतीय वीर सेना के सामने ग्रीक सैनिको की एक न चली। मिनिंदर की सेना पीछे हटती चली गई । पुष्यमित्र शुंग ने पिछले सम्राटों की तरह कोई गलती नही की तथा ग्रीक सेना का पीछा करते हुए उसे सिन्धु पार धकेल दिया। इसके पश्चात् ग्रीक कभी भी भारत पर आक्रमण नही कर पाये। सम्राट पुष्य मित्र ने सिकंदर के समय से ही भारत वर्ष को परेशानी में डालने वाले ग्रीको का समूल नाश ही कर दिया। बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण वैदिक सभ्यता का जो ह्रास हुआ,पुन:ऋषिओं के आशीर्वाद से जाग्रत हुआ। डर से बौद्ध धर्म स्वीकार करने वाले पुन: वैदिक धर्म में लौट आए। कुछ बौद्ध ग्रंथों में लिखा है की पुष्यमित्र ने बौद्दों को सताया .किंतु यह पूरा सत्य नही है। सम्राट ने उन राष्ट्रद्रोही बौद्धों को सजा दी ,जो उस समय ग्रीक शासकों का साथ दे रहे थे। पुष्यमित्र ने जो वैदिक धर्म की पताका फहराई उसी के आधार को सम्राट विक्र्मद्वित्य व आगे चलकर गुप्त साम्रराज्य ने इस धर्म के ज्ञान को पूरे विश्व में फैलाया। .................................लेख जारी है। हिन्दी.हिन्दू.हिन्दुस्तान: चित्तौडग़ढ़ में हुआ था विश्व का सबसे पहला कत्ले-आम...: ( रामदास सोनी) at hindugatha.blogspot.com घमासान युद्ध आरंभ हो चुका था। दो रात और एक दिन तो युद्ध के कारण दोनों पक्षों के सैनिक खाना-सोना त... घमासान युद्ध आरंभ हो चुका था। दो रात और एक दिन तो युद्ध के कारण दोनों पक्षों केसैनिक खाना-सोना तक भूल गए थे। किले के नागरिकों से राजपूतों को भरपूर सहायता मिल रही थी। वे अपने घरों से ज्वलनशील सामग्री ला लाकर मोर्चों पर पहुँचा रहे थे। शस्त्रों का अनवरत निर्माण कर रहे थे। प्राचीरों पर पत्थरों का ढेर लगा था, यदा कदा स्वयं भी शाही सेना पर पथराव के द्वारा प्रत्यक्ष युद्ध में भाग ले रहे । राजपूताने के इतिहास में यह प्रथम अवसर था जब युद्ध विधा से अपरिचत नागरिकों, स्त्रियों और बालकों तक ने मातृभूमि की रक्षा के लिये युद्ध में भाग लिया था। चारों ओर रण मद छाया था। अपनी कमज़ोर स्थिति के बावज़ूद उनका उत्साह भंग नहीं हो रहा था। नागरिकों का मनोबल देख सैनिकों व सरदारों का हौसला भी दुगुना हुआ जाता था। यह देख रनिवासों की राजपूतानियाँ भी घूँघट उलट युद्ध में आ कूदीं। उनका मनोबल देख कर किसी भी सरदार कोउन्हें रोकने का साहस नहीं हुआ। जयमल्ल द्वारा उन्हें महलों में रह कर ही युद्ध का परिणाम देखने की बात सुनते ही पत्ता चूंडावत की माँ सज्जन बाई सोनगरी बिफर उठी। सिंहनी की गर्जना के साथ उन्होंने पूछाग् क्या यह हमारी मातृभूमि नहीं है? क्या इसकी रक्षा की जिम्मेदारी हमारी नहीं है? क्या इससे पूर्व इसी किले में जवाहर बाईके नेतृत्व में राजपूत स्त्रियों ने युद्ध नहीं लडा.? यदि यह सच है तो हमें युद्ध में भाग लेने से कैसे रोका जा सकता है? इसके बाद किसीने उन्हें रोकने का साहस नहीं किया। युद्ध में अकबर चकिया नामक हाथी पर सवार हो कर न केवल सभी मोर्चों को सँभालता था, अपितु सैनिकों के साथ खड़ा हो बंदूकें भी चलाने लगता था। लाखोटा दरवाजे के पास मोर्चे के निरीक्षण के समय किले से आई गोली उसके कान के पास से निकल गई। अकबर ने फुर्ती से दीवार की आड़ ले अपनी जान बचाई। फिर उसने बन्दूक लेकर तरकश की तरफ गोली चलाईग, जिससे किले के बन्दूकचियों का सरदार इस्माईल खाँ मारा गया. कालपी से लाए एक हजार बक्सरिया मुसलमानों की सेना इस्माईल खाँ के नेतृत्व में राजपूतों की ओर से लड़ रही थी। इस सेना के कुशल बन्दूकचियों ने शाही सेना के सैंकड़ों सैनिकों को मारा था। घमासान युद्ध के दौरान अकबर को एक तीरकश से हजारमेखी सिलह पहने एक सरदार दिखाई दिया। उसे महत्वपूर्ण सरदार जान अकबर ने अपनी संग्राम नामक बंदूक से गोली चला दी। गोली जयमल्ल के घुटने में लगी। पैर टूट जाने पर उसने सभी सरदारों को एकत्र कर मंत्रणा की। किले की दीवारें कई जगह से टूट-फूट जाने के अतिरिक्त भारी संख्या में सैनिक मारे जा चुके थे। उधर कड़ी घेराबंदी के कारण किले में खाद्य सामग्री का भी अभाव हो चला था। ऐसे में रनिवासों में शेष रही राजपूत स्त्रियों, कन्याओं और बालकों को जौहर की प्रचण्ड ज्वालाओं में भस्म करने के बाद,शेष राजपूतों को केसरिया बाना धारण कर शत्रुओं पर टूट पडऩे का अंतिम निर्णय ले लिया गया। 25 फरवरी 1568 को अर्धरात्रि में हज़ारों राजपूत वीरांगनाओं ने भीमलत कुण्ड में स्नान कर सौभाग्य चिन्ह धारण किये। हर हर महा देव के अनवरत जयघोषों और ढोल-नगाड़ों की ध्वनियों के बीच समिधेश्वर महादेव के दर्शन कर वे जौहर स्थल पर एकत्रित हो गईं। इनका नेतृत्व जयमल्ल राठौड़ और पत्ता चूण्डावत की पत्नियाँ कर रही थीं। समिधेश्वर महादेव और भीमलत के बीच विशाल मैदान में लकडिय़ों का विशाल ढेर एकत्रित था। ब्रह्म मुहूर्त में वेद मंत्र ध्वनियों के साथ अग्नि प्रज्वलित की गई । केसरिया वस्त्र पहने राजपूत रक्तिम नेत्रों से अपनी पत्नियों, बालक पुत्रों तथा पुत्रियों को अन्तिम विदा दे रहे थे। विकराल अग्नि शिखाएं आकाश स्पर्श की स्पर्धा में लपलपाने लगीं। मातृभूमि को अन्तिम प्रणाम कर पत्ता की बड़ी रानी जीवाबाई सोलंकी ने पति की ओर देखा, आँखों से ही पति को अन्तिम प्रणाम कर, हर हर महादेव के गगनभेदी जयघोषों के बीच वह अग्निकुण्ड में कूद गई। इसके साथ ही पत्ता की अन्य रानियाँ मदालसा बाई कछवाही, भगवती बाई चहुवान, पद्मावती झाली,रतन बाई राठौड, बालेसा बाई चहुवान, आसाबाई बागड़ेची अपने दो पुत्रों तथा पाँच पुत्रियों के साथ लपलपाती ज्वाला में समा गई। कुछ वर्ष पूर्व गुजरात के बादशाह बहादुर शाह के चित्तौड़ आक्रमण में अपने पति को न्यौछावर करने वाली पत्ता की माँ सज्जन बाई सोनगरी ने पुत्र को केसरिया तिलक लगा कर जौहर किया। विजयी मुगलों सेअपना सतीत्व और बच्चों को मुसलमान बनाने से बचाने के लिये हज़ारों राजपूत वीरांगनाओं ने पत्ता, साहिब खान, ईसरदास की हवेलियों के पास धधक रही चिताओं में अग्निस्नान कर दूसरे लोक में प्रस्थान किया। अंधकार में धधकती ज्वालाएं मीलों दूर तक दिखाई दे रहीथी। आशंकित अकबर को आम्बेर के राजा भगवान दास ने बताया कि अपने स्त्री-बच्चों को अग्नि की भेंट कर महाकाल बने राजपूतों का अन्तिम ओर प्रचण्ड आक्रमण होने वाला है। केसरिया बाना धारण करने के बाद राजपूत स्वयं महाकाल बन जाता है। सुन कर अकबर ने समय नष्ट नहीं किया और फौरन सेना की व्यूह रचना सुदृढ़ कर,राजपूती आक्रमण की प्रतीक्षा करने लगा। भोर की प्रथम किरण के साथ किले के द्वार खुल गए। हर हर महादेव के जयघोषों के साथ रण बांकुरे राजपूत मुगल सेना पर टूट पड़े। अकबर की गोली से घुटना टूट जाने के कारण जयमल्ल को घोड़े पर बैठने में असमर्थ देख उसके भाई कल्ला राठौड़ ने अपने कन्धें पर बिठा लिया। दोनों भाई तलवार चलाते हुए शाही सेना में घुस गए। महाकाल बने दोनों भाई दो घड़ी घण्टे तक युद्ध करने के बाद हनुमान पोल और भैरव पोल के बीच मारे गए। उधर डोडिया सांडा भी गम्भीरी नदी के पश्चिम में घमासान युद्ध करते हुए मारा गया। राजपूतों के प्रचण्ड आक्रमण का सामना करने के लिये अकबर ने पचास प्रशिक्षित हाथियों की सूंडों में दुधारे खांडे पकड़ा कर आगे बढ़ाया। इनके पीछे तीन सौ हाथियों की एक और रक्षा पंक्ति सूंडों में दुधारे खांडे पकड़ आगे बढ़ी। इनमें मधुकर, जांगिया, सबदलिया,कदीरा आदि कई विख्यात और कई युद्धों में आजमाये गजराज भी शामिल थे। अकबर स्वयं मधुकर पर सवार होकर युद्ध संचालन कर रहा था। इनके मुकाबले राजपूत सरदार घोड़ों पर शेष सब पैदल थे। लेकिन शौर्य साधनों का मोहताज नहीं होता। एक राजपूत ने उछल कर वार किया तो अजमत खां के हाथी की सूंड कट कर दूर जा गिरी। घबराया हाथी अपनी ही सेना को कुचलता हुआ भागा। भागते हाथी से गिर कर अजमत खां ने भी दम तोड़ दिया। इसी प्रकार सबदलिया हाथी ने भी सूंड कट जाने पर अपनी ही सेना के पचासों सैनिकों को कुचल डाला। राजपूतों के कड़े प्रतिरोध के बाद भी शाही सेना हाथियों और बंदूकों के बल पर धीरे-धीरे किले में प्रवेश करती जा रही थी। यह देख राजपूतों की ओर से लड़ रहे बक्सरिया मुसलमानों की बन्दूक सेना ने भाग निकलने में ही कुशल समझी। वे अपनी स्त्रियों और बच्चों को कैदियों की तरह घेर कर शाही सेना के बीच से निकले। उन्हें अपना सैनिक समझ शाही सेना ने रोक-टोक नहीं की। सूरजपोल पर रावत साईं दास बहादुरी के साथ लड़ते हुए मारा गया। उसकी मदद को पहुँचे राजराणा जैता सज्जावत और राजराणा सुल्तान आसावत भी वहीं काम आ गए। समिधेश्वर महादेव मन्दिर के पास और रामपोल पर पत्ता चूंडावत के नेतृत्व में युद्ध हो रहा था। रणबांकुरा पत्ता चपलता के पूर्वक घोड़ा दौड़ाता हुआ हाथियों की सूंडे काट रहा था। रक्त के धारे बहाते ये शुण्ड विहीन गजराज अपनी ही सेना को कुचलते हुए भाग रहे थे।
जिन बातों को आप मजबूती से पेश करना चाहते हैं उनके बारे में आपकी सोच भी मजबूत ही होनी चाहिए। आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए तथा बात को समझने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छा होगा कि आप दूसरों के नज़रिये की भी कद्र करना सीखें। आप बहुत उत्साहवान् हैं। सौभाग्यवश आपको बहुत से अच्छे मौके मिलते हैं लेकिन आप उनका पूरा प्रयोग नहीं कर पाते। ऐसा ना सोचें की आपका आकर्षण हमेशा आपको विपरीत परिस्थितियों से बचा लेगा। आप बहुत भावुक हैं तथा आपको सस्ती लोकप्रियता पाने से दूर ही रहना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) गठबंधन को लेकर जबरदस्त हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम सूबे में नगर निकाय के चुनाव जीते थे, जिसमें समाजवादी पार्टी और BSP का पूरी तरह से सफाया हुआ था. हमें बीजेपी ने प्रदेश में भेजा है. दोनों सीटों पर बीजेपी भारी मतों से जीतेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अंदर विकास में विश्वास जगाया है. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने गरीब कल्याण की 100 से अधिक घोषणाएं लागू की हैं. पीएम का नाम और केंद्र सरकार का काम, हमने जो किया है, इन सबको ध्यान में खकर हमें बोलने में कोई संकोच नहीं है कि हम गोरखपुर और फूलपुर सीट जीतेंगे. योगी ने कहा कि सपा और बसपा दोनों पार्टियां एक हो गई हैं? सिकंदरा उपचुनाव में भी दोनों एक थीं. SP और BSP पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये स्वार्थ का गठबंधन है. लूट-खसोट का गठबंधन है. अपवित्र गठबंधन होने के नाते, इसको प्रदेश की जनता पहले ही खारिज कर चुकी है. 21 साल हो चुके हैं. इन वर्ष में गोमती में बहुत पानी बह चुका है. ये गठबंधन अपने वजूद को बचाने की कवायद मात्र है. मरता क्या नहीं करता वाली स्थिति है. पर वहां भी राहत नहीं मिलने वाली है. योगी ने कहा कि जो कुछ दोनों दलों ने किया है, उससे आज उनकी विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है. दोनों पार्टियों को जनता ने खारिज कर दिया है. स्वाभाविक रूप से देश के खातिर सपा कुछ करे, यह कहना ही अपने आप में हास्यापद है. देश की जनता जानती है कि दोनों पार्टियां अपने स्वार्थ की लड़ाई लड़ रही हैं. सोशल इंजीनियरिंग पर योगी ने कहा, ‘हमने सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया. पीएम ने साल 2014 से नारा दिया था. ये नीतियां किसी व्यक्ति, जाति, मजबह को ध्यान में रखकर नहीं बनाई गई हैं. उसके अनरूप हमारे कार्यक्रम चल रहे हैं. केंद्र और राज्य दोनों ऐसे ही काम कर रहे हैं. मालूम हो कि यूपी के केशव मौर्य के डिप्टी सीएम बनने के बाद फुलपूर लोकसभा सीट और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर लोकसभा सीट खाली हो गई थी, जिन पर चुनाव हो रहे हैं. CM योगी CM योगी बोले- SP-BSP में स्वार्थबंधन SP-BSP में स्वार्थबंधन का BJP पर नही पड़ेगा कोई असर जीतेगी 2018-03-08
दिल्ली में शादी समारोह और अंतिम संस्कार पर लगी फिर से पाबंदी, सिर्फ100 लोग हो सकते हैं शामिल नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना के कहर को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर से शादी समारोह पर पाबंदी लगा दी है. इस संबंध में सरकार ने आदेश दिया है कि अगर किसी बंद जगह पर शादी हो रही है तो वहां पर 50 फीसदी लेकिन अधिकतम 100 लोग शामिल हो सकते है. इससे पहले सरकार ने इस संख्या को बढ़ाकर 200 कर दिया था. इसके अलावा अंतिम संस्कार में भी लोगों की संख्या सीमित कर दी है. बीच में सरकार ने अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या पर पाबंदी हटा दी थी. लेकिन कोरोना केस बढ़ने के कारण एक बार फिर से अधिकतम 50 लोगों के संख्या निर्धारित कर दी गई है. बता दें, यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक लागू रहेगी. दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शनिवार को लगातार तीसरे दिन 1500 से अधिक नए कोरोना के मरीज मिले हैं. करीब दो महीने बाद कोरोना की वजह से एक दिन में दस से अधिक लोगों की मौत हुई है. दिल्ली में कोरोना जांच सबसे अधिक हुई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा ज़ारी बुलेटिन के अनुसार बीते शनिवार को 24 में कोरोना से संक्रमित 1558 नए मरीज मिले है. ठीक होने वाली की संख्या 974 है. एक दिन में 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कोरोना की जांच के लिए सबसे अधिक 91,703 सैंपल की जांच हुई है. इसमें रैपिड एंटीजेन टेस्ट 32055 और आरटीपीसीआर से 59648 लोगों की जांच की गई है. वहीं संक्रमण की दर 1.70 रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च महीने में यह दूसरी बार 91 हजार सैंपल की जांच हुई है. इससे पहले 7 मार्च की 91,614 सैंपल जांच के लिए के गए थे. बता दें, कोरोना को लेकर अब तक 1,43,23,094 सैंपल की जांच हो चुकी है. कोरोना के 3,708 मरीज होम आइसोलेशन में है. उनका इलाज़ चल रहा है. वहीं, अस्पताल में 1338 कोरोना के मरीज भर्ती है. कोविड केयर सेंटर में 21 और कोविड हेल्थ सेंटर में एक भी मरीज नहीं है. बता दें, दिल्ली में सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 6,625 है. अलग-अलग हॉस्पिटल में 4410 बेड खाली हैं. दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 1506 हो गई है.
brand new i20 car four tires stolen in Chandigarh चंडीगढ़ में चोरों ने ब्रेंड न्यू आइ-20 कार के चारों टायर चोरी कर लिए। चोरों ने इतने शातिर तरीके से वारदात को अंजाम दिया कि घर के आगे पार्क गाड़ी के टायर चोरी होने की किसी को भनक तक नहीं लगी। Ankesh ThakurSun, 13 Jun 2021 10:19 PM (IST) चोरों ने गाड़ी के चारों टायर चोरी कर लिए हैं। चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में पाबंदियों के बीच चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। चोरों के हौसले बुलंद हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर-49 में शनिवार रात चोर घर के सामने पार्क ब्रेंड न्यू आइ-20 कार के चारों टायर चोरी कर फरार हो गए। आरोपितों ने इतने शातिर तरीके से वारदात को अंजाम दिया कि चोरी की किसी को भनक तक नहीं लगी। चोरों ने गाड़ी के टायर चुराकर गाड़ी को ईंटों के सहारे खड़ा कर दिया था। सेक्टर-49 थाना के अधीन के आती हाउसिंग बोर्ड सोसायटी में रहने वाले अंश जैन ने पुलिस को शिकायत दी है कि उन्होंने एक दिन पहले ही नई आइ-20 कार खरीदी थी। उन्होंने गाड़ी को घर के आगे पार्किंग में खड़ा रात को खड़ा किया था। जब सुबह उठे तो कार के चारों टायर चोरी हो चुके थे। इसके बाद उन्होंने घटना की शिकायत पुलिस को दी। अंश जैन ने जब वह रविवार सुबह उठे तो देखा कि उनकी कार के चारों टायर गायब थे और कार ईंटों के सहारे खड़ी थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया और अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस पार्किंग स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जिसमें टायर चुराने की घटना रिकॉर्ड हुई है। पीड़ित अंश जैन ने पुलिस को बताया कि वह सेक्टर-49 की हाउसिंग बोर्ड सोसायटी में रहते हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही न्यू आइ-20 कार खरीदी थी। रोजाना की तरह उन्होंने गाड़ी को घर के सामने पार्किंग एरिया में रात को खड़ा किया था। अगली सुबह रविवार को करीब सुबह 6 बजे देखा तो गाड़ी के चारों टायर चोरी हो गए थे। कार ईंटों के सहारे खड़ी थी। उन्होंने तुरंत पुलिस को घटना की सूचना दी।
साध्वी प्रज्ञा बोली – बाबरी मस्जिद तोड़ने में मदद की, बनाएंगे राम मंदिर | Tez News Home Election साध्वी प्रज्ञा बोली – बाबरी मस्जिद तोड़ने में मदद की, बनाएंगे राम... "हां, मैं अयोध्या गई थी। मैंने कल भी ये कहा था। मैं मना नहीं कर रही। मैंने ढांचे को तोड़ा था। मैं वहां जाकर राम मंदिर निर्माण में भी मदद करूंगी। कोई हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता। राम राष्ट्र हैं, राष्ट्र राम हैं। शनिवार को साध्वी ने उस समय राजनीतिक हलचल पैदा कर दी जब उन्होंने कहा कि वह बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ गईं और उसे ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा, 'राम मंदिर जरूर बनेगा। एक भव्य मंदिर बनेगा।' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह एक समयसीमा बता सकती हैं तो उन्होंने कहा, 'हम मंदिर वहीं बनाएंगे। आखिरकार, हम ढांचे को ध्वस्त करने के लिए गए थे।' साध्वी के इस बयान के कुछ घंटों बाद ही चुनाव आयोग ने उन्हें दूसरा नोटिस थमा दिया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राव ने कहा, 'साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर एक टेलीविजन चैनल को दिए बयान का संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी किया गया
यमुना एक्सप्रेस वे पर दो हादसे, चार की मौत, एक गंभीर - UP Khabar, UP Hindi News, UP News in Hindi, न्यूज़ इन हिन्दी, Kahabr UP, Uttar Pradesh News in Hindi यमुना एक्सप्रेस-वे पर दो सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गयी, एक व्यक्ति बेहद गंभीर है। यमुना एक्सप्रेस वे पर बीती देर रात नोएडा से आगरा की ओर जा रही अर्टिगा कार मांट क्षेत्र में माइल स्टोन 92 के समीप ड्राइवर को झपकी आने से अंडरपास की पुलिया से टकरा गई, जिससे कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उसमें सवार दो लोगों की मौत और एक व्यक्ति घायल हो गया। दूसरा हादसा नौहझील क्षेत्र में बाजना के समीप हुआ। जिसमें वाहन का इंतजार कर रहे दो लोगो को कार ने रौंद दिया। एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई दूसरे ने उपचार को उपचार को ले जाते समय दम तोड़ दिया।
गुजरात चुनाव के ठीक पहले जो खेल हुआ वही हुआ कर्नाटक चुनाव में भी? - assembly elections 2018 AajTak गुजरात चुनाव के ठीक पहले जो खेल हुआ वही हुआ कर्नाटक चुनाव में भी? कर्नाटक में वोटिंग खत्म होते ही तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा दिए. दिल्ली में पेट्रोल 17 पैसे वहीं डीजल 21 पैसे महंगा हुआ है. कोलकाता और मुंबई समेत बाकी शहरों में भी पेट्रोल के दाम बढ़े हैं. 24 अप्रैल के बाद तेल कंपनियों ने पहली बार रेट में बदलाव किया है. पहले से ही आशंका बनी हुई थी कि कर्नाटक चुनाव होते ही ऐसा होगा. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पेट्रोल डीजल के दाम चुनाव के बाद बढ़ाए गए हों. इसके पहले गुजरात चुनाव के वक्त भी ऐसा हुआ था. पिछले साल गुजरात चुनाव से पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन जैसी सरकारी कंपनियों ने वहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब 15 दिन तक लगातार 1 से 3 पैसे की कटौती की थी. यही नहीं, गुजरात में पिछले साल 14 दिसंबर को विधानसभा चुनाव हुए थे. इससे पहले अक्टूबर में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में भी 2 रुपए की कटौती की थी. इस बारे में जानकारों का कहना है कि तेल के दामों के इजाफे को रोके रखना पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक्स का संयुक्त फ़ॉर्मूला है. इस फ़ॉर्मूले के तहत क्रूड तेल के दाम गिरने पर सीधा फायदा तेल कंपनियां उठाती है और जब क्रुड तेल के दामों में बढ़ोतरी होती है तो इसी फायदे से वो नुकसान की भरपाई कर देती है. हालांकि, चुनाव के कारण तेल के दामों को ना बढ़ाए जाने की बात पर तेल कंपनियां साफ़ इनकार करती हैं. वे इसे महज संयोग बताती हैं. कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले 10 मई को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि ये सिर्फ संयोग है. दाम नहीं बढ़ाने के पीछे मकसद ये था कि कीमतों में स्थिरता लाई जाए.
बाढ़ राहत के लिए मिलेनियम स्टार ने युवाओं से किया सहयोग का आग्रह - गिद्धौर Home / विशेष / बाढ़ राहत के लिए मिलेनियम स्टार ने युवाओं से किया सहयोग का आग्रह बाढ़ राहत के लिए मिलेनियम स्टार ने युवाओं से किया सहयोग का आग्रह Sushant Sai Sundaram Thursday, August 24, 2017 विशेष Gidhaur.com (न्यूज़ डेस्क) - सामाजिक संस्था मिलेनियम स्टार फाउंडेशन के अध्यक्ष सुशान्त साईं सुन्दरम् बुधवार को गिद्धौर प्रखंड कार्यालय में चलाये जा रहे कुशल युवा कार्यक्रम के केंद्र पर पहुंचे। जहाँ उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षुओं से रूबरू होते हुए बिहार के विभिन्न जिलों आये भीषण बाढ़ की विभीषिका को झेल रहे लोगों के राहत हेतु मिलेनियम स्टार फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे बाढ़ राहत कार्य के लिए राहत सामग्री एवं आर्थिक सहयोग देने का आग्रह किया। इस मौके पर मौजूद कुशल युवा कार्यक्रम के गिद्धौर केंद्र समन्वयक एवं प्रशिक्षक सचिन कुमार ने प्रशिक्षुओं को बताया कि बाढ़ की त्रासदी बहुत ही भयंकर है एवं बाढ़ पीड़ितों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मिलेनियम स्टार फाउंडेशन द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य किया जाना काबिल-ए-तारीफ़ है। सुचारू ढंग से अधिक से अधिक पीड़ित लोगों तक लाभ पहुँच सके इसके लिए हम सभी को अपने सामर्थ्य के हिसाब से सहयोग देना आवश्यक है। मिलेनियम स्टार फाउंडेशन के अध्यक्ष सुशान्त साईं सुन्दरम् ने उपस्थित प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्था शिक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में विशेष रूप से सक्रीय है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना के तहत गिद्धौर जैसे छोटे से प्रखंड में कुशल युवा कार्यक्रम का प्रशिक्षण दिया जाना गौरव की बात है। लड़कियां भी अधिक संख्या में इसमें सम्मिलित हो रही हैं। यह दर्शाता है कि नारीशक्ति अब केवल चूल्हों-चौकों तक न सिमट कर शिक्षा और विभिन्न कौशल को सीखने आगे आ रही हैं। यह समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु अभिषेक कुमार झा ने सभी से आग्रह किया कि बाढ़ राहत के लिए जहाँ तक संभव हो सके सभी अपनी सहभागिता दिखाएँ ताकि जरूरतमंदों तक सुविधा पहुंचाई जा सके। इस दौरान वहां गौरव कुमार, राघवेंद्र पाण्डेय, प्रीति कुमारी, वशिष्ठ कुमार सहित दर्जनों प्रशिक्षु उपस्थित थे। गिद्धौर | 24/08/2017 बाढ़ राहत के लिए मिलेनियम स्टार ने युवाओं से किया सहयोग का आग्रह Reviewed by Sushant Sai Sundaram on Thursday, August 24, 2017 Rating: 5
'कमलनाथ-नकुलनाथ लापता' के लगे पोस्टर, रखा गया 21 हजार नगद इनाम - Jan Sandesh Online By Edited by JSO On May 19, 2020 'कमलनाथ-नकुलनाथ लापता' के लगे पोस्टर, रखा गया 21 हजार नगद इनाम छिंदवाड़ा/भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पूर्व मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक कमलनाथ और उनके बेटे व क्षेत्रीय सांसद नकुलनाथ के लापता होने के पोस्टर लगाए गए है। साथ ही उनका पता देने वाले को 21 हजार के इनाम का ऐलान किया गया है। कांग्रेस ने इसे भाजपा की ओछी हरकत करार दिया है। छिंदवाड़ा में मंगलवार की सुबह कुछ स्थानों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ की तस्वीरों वाले पोस्टर लगे है। इसमें लिखा है, 'गुमशुदा की तलाश। छिंदवाड़ा के लापता विधायक और सांसद को इस संकट काल में छिंदवाड़ा की जनता ढूंढ रही है। जो इन्हें छिंदवाड़ा लेकर आएगा उसे 21 हजार रुपये का नगद इनाम दिया जाएगा।' इसमें निवेदक के तौर पर छिंदवाड़ा विधानसभा और लोकसभा के मतदाताओं को बताया गया है। यह पोस्टर किसने चस्पा किए है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। सरकार जल्द ही नई साइबर सुरक्षा नीति की घोषणा करेगी: पीएम… इन पोस्टरों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जापर का कहना है, "यह भाजपा की शरारत है। देश में लॉकडाउन है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से अपील की है कि जो जहां है वहीं रहे। पूर्व मुख्यमंत्री भोपाल और सांसद दिल्ली में है। भाजपा के लोग यह बताएं कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी गए, प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी का दौरा किया या गृहमंत्री अमित शाह गुजरात गए।" जाफर ने आगे कहा, "भाजपा के जिलाध्यक्ष नए नए बने हैं, दो दिन पहले उन्होंने इसी तरह का प्रेसनोट जारी किया था। जहां तक कमलनाथ और नकुलनाथ की बात है उनके प्रतिनिधि क्षेत्र में जनता की सेवा कर रहे है। कांग्रेस विधायक जरुरतमंदों की मदद में लगे है। राशन व खाद्यान्न बांट रहे है। यह पोस्टर लगाकर कर भाजपा ने अपनी ओछी हरकत दिखाई है।" कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने कहा, "कमलनाथ और नकुलनाथ के लापता होने के कोई पोस्टर लगे हैं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। कोरोना के समय अगर वे छिंदवाड़ा नहीं पहुंचे होंगे तो वहां की जनता का दर्द होगा और वह तलाश रही होगी, भाजपा का इससे क्या लेना देना।" नकुलनाथभाजपाछिंदवाड़ाकमलनाथकांग्रेसबीजेपीलापता पोस्टरbjpchhindwaraCongressKamal-Nathmissing posternakul nathNational Hindi News
बिहारः पिछले 24 घंटे में कोरोना के 258 नए मामले आए सामने, पटना में मिले 54 मरीज | bihar corona update 258 new patient of covid 19 - Hindi Oneindia 6 min ago कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक केस : राजस्थान SOG ने 13 आरोपी पकड़े, जूते ने यूं पहुंचाया मास्टर माइंड तक 12 min ago अनिल हेगड़े: 4000 से ज्यादा बार गिरफ्तारी, 12 साल से पार्टी ऑफिस ही घर, अब पहुंचेंगे राज्यसभा 13 min ago DHAAKAD : रिलीज होते ही ऋतिक रोशन संग जुड़ा कंगना का नाम, विकिपीडिया ने की गड़बड़ Finance Mutual Fund : ये है शानदार स्कीम, डेली 333 रु बना दिए 7.32 लाख रु Automobiles क्या आपने बुक की है नई Jeep Meridian? क्योंकि जून से शुरू होगी डिलीवरी, जल्दी करें बुक Technology Jio Fiber कनेक्शन: Jio ब्रॉडबैंड के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें बिहारः पिछले 24 घंटे में कोरोना के 258 नए मामले आए सामने, पटना में मिले 54 मरीज | Published: Friday, March 26, 2021, 17:42 [IST] पटना। बिहार में इन दिनों कोरोना संक्रमित नरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में बिहार में 258 नए मामले आए हैं। प्रदेश के 33 जिलों में आए नए मामलों के चलते स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। पटना के बाद अरवल जिले में 24 घंटे में 50 नए पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। यह अब तक के लिए रिकॉर्ड है। वहीं बेगूसराय, भागलपुर, जहानाबाद, पटना, रोहतास, समस्तीपुर में भी 24 घंटे में मामले बढ़े हैं। बता दें कि बीते बुधवार को 24 घंटे में प्रदेश में 170 नए मामले आए थे लेकिन गुरुवार को 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 285 पहुंच गया। संक्रमण की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ रहा है। बाहर से आने वालों के चलते संक्रमण का ग्राफ बढ़ रहा है। मामलों को बढ़ता देख स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कराने का भी निर्देश दे दिया है। इसके साथ थी संक्रमण को लेकर प्रदेश में मास्क की चेकिंग के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को लेकर भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि पटना में गुरुवार को 24 घंटे में कुल 54 नए मामले आए हैं। जबकि अररिया जिले में 50 मामले सामने आए हैं। प्रदेश के 6 जिलों में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। बेगूसराय में 24 घंटे में 23 नए मामले, भागलपुर और जहानाबाद में 13-13 मामले आए हैं। रोहतास में 15 और समस्तीपुर में 14 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा अरवल में 4, औरंगाबाद में 5, बांका में एक, भोजपुर में 2, दरभंगा में 3, पूर्वी चंपारण में एक, गया में 7, गोपालगंज में 8, कटिहार में 2, खगड़िया में 3, किशनगंज में 2, लखीसराय में 3, मधेपुरा में 3, मधुबनी में 4, मुंगेर में 5, मुजफ्फरपुर में 4, नालंदा में 2, नवादा में 3, पूर्णिया में एक, सहरसा में 2, सीतामढ़ी में 2, सिवान और सुपौल में एक-एक तथा वैशाली में दो और पश्चिमी चंपारण में 24 घंटे में 3 नए मामले 24 घंटे में मिले हैं। पटना में गुरुवार को कुल 5497 लोगों की जांच कराई गई है। इसमें RTPCR से 1639 लोगों की जांच कराई गई। एंटीजन से 1050 लोगों की जांच कराई गई है। वहीं ट्रू नेट से 8 लोगों की जांच कराई गई है। इसमें कुल 54 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। महागठबंधन का बिहार बंद आज, लालू के बेटे तेजस्वी बोले- नीतीश सरकार की निरंकुशता के खिलाफ है ये आह्वान
बिजनेस स्टैंडर्ड - बैंक एफडी हो जाएंगी फिसड्डी? Thursday, May 24, 2018 12:00 PM English | हिंदी बैंक एफडी हो जाएंगी फिसड्डी? प्रिया नायर / September 25, 2016 अगर सरकारी प्रतिभूतियों पर कूपन रेट के नए बेंचमार्क को कोई संकेत माना जाए तो अब आगे चलकर बैंकों की सावधि जमाओं पर ब्याज दर और बॉन्डों पर प्रतिफल घटने के आसार बढ़ गए हैं। पिछले सप्ताह घोषित कूपन दर 7 फीसदी से कम थी। इस समय एक से तीन साल की बैंक सावधि जमाओं (एफडी) पर ब्याज दरें 7 से 7.5 फीसदी के बीच हैं और इस बात के प्रबल आसार हैं कि ये आने वाले महीनों में और कम होंगी। देना बैंक ने ऋण वृद्धि लक्ष्य कम कर 16 फीसदी किया सुधार की राह रोकेगी फंसे कर्ज की मार! कर्ज का मर्ज दूर करने का नुस्खा कर्ज पुनर्गठन में तेजी ला रहे हैं बैंक बैंकों की चुनौतियां रहेंगी बरकरार अगर बैंक डूबे तो जमाकर्ता क्या करें 5नैंस डॉट कॉम के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी दिनेश रोहिरा कहते हैं, 'आगे चलकर बैंक एफडी का आकर्षण घटेगा। अगर आप महंगाई (इस समय करीब 5.5 फीसदी) और कर का हिसाब लगाएं तो बैंक जमाओं पर प्रतिफल ऋणात्मक हो सकता है। अगर आपके पास कोई बैंक एफडी है और उसके नवीनीकरण का समय नजदीक आ रहा है तो आपको कंपनी एफडी या डेट फंड जैसे निश्चित आय के अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। अलग-अलग अवधि के इन निवेश साधनों और बैंक एफडी के बीच प्रतिफल में अंतर 1 से 1.5 फीसदी है।' अच्छी रेटिंग वाली कंपनियों की सावधि जमा 8 से 9 फीसदी प्रतिफल देती हैं, जबकि छोटी अवधि के डेट फंडों में प्रतिफल 10 से 10.5 फीसदी है। हालांकि कंपनियों की एफडी में निवेश करते समय निवेशकों को हमेशा कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड या रेटिंग देखनी चाहिए। यह सलाह दी जाती है कि 'ए' रेटिंग वाली कंपनियों की एफडी में निवेश करें। अगर आप थोड़ा जोखिम ले सकते हैं तो आप 'बी' रेटिंग वाली कंपनियों में भी निवेश के बारे में विचार कर सकते हैं क्योंकि इनमें भी अच्छा प्रतिफल मिलता है और इन्हें जारी करने वाली कंपनियों का अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होता है। हाल में कुछ कंपनियों विशेष रूप से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से जारी गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) भी अच्छे विकल्प हैं। लेकिन आपको निवेश से पहले कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड और उसकी वित्तीय स्थिति पर नजर जरूर डालनी चाहिए। रोहिरा ने कहा, 'आम तौर पर खुदरा निवेशक ऐसी योजनाओं से दूर रहते हैं क्योंकि उन्हें इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। हालांकि अब ऑनलाइन भी निवेश करना संभव हो गया है, इसलिए उनमें निवेश करना कोई मुश्किल काम नहीं है।' निश्चित आय चाहने वाले निवेशक बढ़ोतरी की रणनीति पर या अवधि की रणनीति पर विचार कर सकते हैं। बढ़ोतरी की रणनीति में आय पर और अवधि की रणनीति में ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव के कारण पूंजी में बढ़ोतरी पर ध्यान देता है। रकम बढ़ाने की रणनीति रखने वालों के लिए सावधि जमा, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी), एनसीडी और लघु या मध्यम अवधि के फंड ज्यादा उपयुक्त हैं। अवधि वाली रणनीति में ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के कारण पूंजी में बढ़ोतरी पर ध्यान दिया जाता है। इस रणनीति के लिए लंबी अवधि के फंड और डायनामिक बॉन्ड फंड सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं। ब्याज दरें घटने की प्रबल संभावना के बीच दरों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए फंडों की कुछ राशि अवधि फंडों में निवेश की जा सकती है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में निवेश सलाह सेवाओं के प्रमुख अभिषेक माथुर कहते हैं कि सेवानिवृत्त हो चुके जो खुदरा निवेशक ब्याज की आमदनी पर ही निर्भर हैं, उन्हें अपने मूल पोर्टफोलियो के लिए बढ़ोतरी अथवा संचय की रणनीति पर टिका रहना चाहिए। वह कहते हैं, 'सेवानिवृत्त लोगों के पोर्टफोलियो को निश्चित आय योजनाएं स्थिरता देंगी। इसलिए अगर आपको पैसे की जरूरत है या आय पर निर्भर हैं तो एफएमपी, अल्प से मध्यम अवधि के फंडों और सावधि जमाओं में निवेश करना बेहतर रहेगा।' निवेशक मध्यम अवधि के निवेश के लिए गिल्ट फंडों के बारे में विचार कर सकते हैं, भले ही ये इनकम फंड या शॉर्ट टर्म फंडों की तुलना में ज्यादा अस्थिर हों। इसमें ब्याज दर में बहुत ज्यादा गिरावट का असर नहीं होगा। इसलिए उतार-चढ़ाव भी ज्यादा नहीं होगा।
KKRDGS: भूख और गाँधी जी का ग्राम स्वराज्य : Hunger and Gandhi's Gram Swaraj भूख और गाँधी जी का ग्राम स्वराज्य : Hunger and Gandhi's Gram Swaraj ''भोजन व्यक्ति के लिए है न कि व्यक्ति का जीवन भोजन के लिए''- गाँधी जी ने जब यह विचार दिया था तब उन्होने सोचा होगा कि व्यक्ति को जिन्दा रहने के लिए भोजन चाहिए न कि जीवन भर भोजन इकट्ठा करने में व्यक्ति का जीवन ही लग जाय। इस संदेश से स्पष्ट होता है कि गाँधी जी ने जो कल्पना ग्राम स्वराज्य में की थी यह उसका एक आधार है। भूख को मिटाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है लेकिन भोजन तक पहुँच के रास्ते में गरीबी एक बड़ा अवरोध है जिसे हम भारत के हर हिस्से में महसूस कर सकते है। आर्थिक व सामाजिक अवरोधकों के द्वारा कुछ लोग हाशिये पर है। ऐसा नहीं है कि लोग हाशिये पर बना रहना चाहते है राजनैतिक और स्वार्थी तत्वों के चलते कुछ लोगों को बढावा दिया जाता है और समाज का बड़ा तबका उन सभी जरूरी चीज़ों से लगभग वंचित हो जाता है जिनके चलते वह जिन्दा भर रहने के लिए जीवन भर जद्दोजहद करता रहता है। समाज में गरीबी एक अभिशाप है जिसका शिकार समाज का एक बड़ा हिस्सा हो रहा है। व्यक्तिगत व परिवार के लिए खाने की व्यवस्था करने में ही उसकी कमाई का ज्यादातर हिस्सा चला जाता है। गाँधी जी अनुसार ऐसी विशमता तथा असमानता पर आधारित सामाजिक व्यवस्था में जिसमें कुछ थोड़े से व्यक्ति ही अमीर होते है तथा अधिकांश जनता को जीवन के लिए पर्याप्त भोजन भी नहीं मिल पाता हो, रामराज्य की स्थापना नहीं की जा सकती है। गाँधी जी का इन वर्षों में भुखमरी व अकाल को समझने और अपनी पद यात्राओं के दौरान नजदीक से देखने का मौका मिला जिनमें वर्ष 1891 से 1901 तक लाखों आदमी भुखमरी और महामारी के कारण काल के ग्रास बन गए। इसके पश्चात वर्ष 1911 से 21 तक के समय में पुनः संक्रामक रोगों का दौर-दौरा हो गया। लाखों मनुष्य काल के गाल में चले गये। विश्व में लाखों लोग ऐसे है जो बिलकुल ही निराश्रित है और जिनके रहने के लिए मकान तक नहीं है और जो सड़को की पटरियों और पुलों पर रहते है और जिन्हें अपना पेट कूड़ेंदानों और कूड़े के ढेरों से खाद्यान्न बीनकर भरना पड़ता है और अधिकांश इस प्रकार के निराश्रित व्यक्ति भारतीय उपमहाद्वीप में ही रहते है। हम भारत में भूख पर बात करना चाहते है क्योंकि भारत में भूख अभी भी पर्याप्त रूप से फैली हुई है दुनिया की आबादी का बीस प्रतिशत हिस्सा भारत की सीमाओं में समाया हुआ है भारत में लगभग 20 करोड़ लोग रोज़ भूखे सोते हैं और लगभग 5 करोड़ लोग भुखमरी के कगार पर हैं यानि आसानी से कहा जा सकता है कि भारत की आबादी में से लगभग 25 करोड़ लोग भुखमरी के कगार पर है। गाँधी जी अनुसार सामाजिक प्रगति का परीक्षण यह है कि जन-सामान्य में से भुखमरी की स्थिति समाप्त हो जाए। गाँधी जी चाहते थे कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन के लिए कार्य करना चाहिए। इस सिद्धान्त के सम्बन्ध में उनका विष्वास था कि ''यह सामाजिक ढांचे में मूल क्रान्ति उत्पन्न करेगा तथा समाज में श्रेणी के विभेद, श्रम तथा पूँजी के मध्य के संघर्ष तथा गरीब व अमीर के मध्य की खाई को समाप्त करेगा। भूख एक शब्द या विचार नहीं है, भूख! जिस्म के भोजन के लिए भूख! जो इन्सान के जन्म के साथ ही पैदा होती है वह खुद उसके साथ जीती है मरने तक। भूख से उनका सरोकार था कि वह भूख रहे भुखमरी न बनें क्योंकि जब भूख, भुखमरी बनती है तो उसका प्रकोप सामाजिक हो जाता है न कि व्यक्तिगत। जब कोई भी समस्या सामाजिक हो जाती है तो उसके परिणामों की गणना करना आसान नहीं होता। काश! हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन भूख को मिटानें में कर पाते। लेकिन सदियों से ही समाज का एक बड़ा हिस्सा भोजन की कमी से भूख के मारे जान क्यों गवाता रहा है। जबकि कुछ लोग अपने लिए हमेशा भोजन का प्रबंध करते रहे हैं। उन्होने सत्य तथा अंहिसा को आर्थिक प्रणाली के अनिवार्य अंग मानते हुए, अपरिग्रह, सम्पति के समान वितरण, रोटी, श्रम, तथा स्वदेशी पर जोर दिया। गाँधी जी का श्रम से तात्पर्य रोटी के लिए किये जाने वाले श्रम से था। उन्होने अंशदान करने वाले तथा दानी वर्ग के व्यक्तियों के द्वारा गरीबों की जाने वाली कृपा को, गरीबी का अपमान माना है । उनके शब्दों में ''मैं नंगे रहने वाले व्यक्तियों को कपड़े देकर उनका अपमान नहीं कर सकता हूँ, क्योंकि उन्हें कपड़ों की आवश्यकता नहीं है। इसके बजाय मुझे उन्हें काम देना चाहिए जिसकी उन्हें अत्यधिक आवश्यकता है।'' समाज का एक बड़ा हिस्सा रोटी, कपड़ा और मकान के लिए जीवन भर जद्दोजहद करता रहता है। किसी को भूखें और खुले आसमान में जिंदगी बिताने के लिए समाज किन अधिकारों से छोड़ देता है। गाँधी जी की जीवन के अन्त समय में दुनिया भर में यह माने जाने लगा कि समाज कल्याण में भूख को विशेष दर्जा देना ही होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा, 1948, द्वारा मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा समकालीन अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकारों की व्यवस्था की स्थापना हुई, जिसके अनुसार 'मानव परिवार के सभी सदस्यों के सहज सम्मान, समान और अहस्तांतरणीय मानव अधिकारों की मान्यता, भारत में स्वतंत्रता, न्याय और शांति का आधार है' यह घोषणा यह भी मानती है कि इन मानव अधिकारों को लागू करने की मुख्य ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय सरकारों की है। इसमें कहाँ गया है कि 'यदि लोगों के पास मानव अधिकार हैं तो उन्हें यह बुनियादी दावा करने का हक़ है कि दूसरे लोग कुछ चीजों को करें या करने से बचें, चूँकि राज्य अपनी सीमाओं में व्यवस्था और सामाजिक न्याय के लिए प्राथमिक तौर पर उत्तरदायी हैं, राज्य इन व्यक्तिगत और बुनियादी दावों का प्राथमिक लक्ष्य हैं...'। पर्याप्त भोजन के मानव अधिकार के उत्तरोत्तर साकारीकरण हेतु राज्यों से अपेक्षा है कि वे अंतरर्राश्ट्रीय कानून के अंतर्गत अपने सुसंगत मानवाधिकारों के दायित्वों को पूरा करें। भोजन का प्रबंध जोकि प्रत्येक व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है, उस अधिकार की हमेशा अवहेलना ही होती रही है। अगर कहीं पर भूख के लिए कुछ कार्य हो रहे है तो वह अधिकारों की तरह नहीं बल्कि दया भाव से हो रहे है। भुखमरी मिटाने के लिए होने वाले कार्यों को दया भाव से किया जाता है। सन् 2007 के अक्टूबर माह में मुझे साबरमती नदी के किनारे बसे शहर अहमदाबाद जाने का मौका मिला। जहाँ गुजरात विद्यापीठ में दो दिवसीय बैठक हो रही थी, विषय था ''अन्न अधिकार''। काफी उत्साहित था में गाँधी जी के विचारों पर बनीं विद्यापीठ में हो रही अन्न अधिकार की बैठक को लेकर। लेकिन दिल कुछ दुखी हुआ वहाँ के स्थानीय लोगों से बात करके की गाँधी के स्वराज्य की बात हमें कहीं भी अमल में नहीं दिखायी देता, देश से तो गाँधी जी का गाँव आत्मनिर्भरता का सपना शायद कभी भी पूरा नहीं हो सकेगा। अंग्रेजों ने हमें वर्ग और क्षेत्र में बांटा था लेकिन हमने उन्हें खाने के लिए भोजन तो दिया नहीं और बाटकर भी रखा है, निम्न आय वर्ग और उच्च आय वर्ग में, आदि । भारत में नीति-निर्धारकों ने कुछ हद तक कुपोषण की लगातार उपस्थिति को तो स्वीकार कर लिया जाता है और हल भी निकाला जाता है बेशाक वह मुकम्मल नहीं होता, किन्तु भयंकर भूख की स्थितियों या दीर्घकालिक भूख की क्षेत्रीय स्थितियों को कम ही स्वीकार किया जाता है, उसका अध्ययन या हल कम ही किया जाता है, जैसा पहले ही कहा गया है स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद शुरू के वर्षों में खाद्य-असुरक्षा का भारी खतरा जो हमारे देश की करोड़ों की आबादी पर मंडरा रहा था, वह अकाल और भारी भुखमरी का था जो कम कृषि उत्पादकता का नतीजा था, जिसका कारण कृषि उत्पादकता का अस्थिर मानसून पर निर्भर होना और भूमि और खाद्य का अत्यधिक असमान वितरण था। भारत का कल्याण कृषि से अधिक अच्छा और शीघ्रता से किया जा सकता है। यहीं वस्तुएं और सेवाएं कृषि और कृषीतर संसाधनों से प्राप्त होती है। कृषि से भोजन और कपड़ा मिल सकता है तथा घरेलू अथवा लघु उद्योग भी उपलब्ध हो जाते है जिन्हें उत्तरोत्तर बढाने की आवश्यकता है और मेहनत-मजदूरी को कम करने की आवश्यकता नहीं है। गाँधी जी ने लिखा है कि ''नगरवालों के लिए गाँव अछुत हैं। नगर में रहने वाला गाँव को जानता भी नहीं। वह वहाँ रहना भी नहीं चाहता। अगर कभी गाँव में रहना पड़ ही जाता है तो षहर की सारी सुविधाएं जमा करके उन्हें शहर का रूप देने की कोशिश करता है। अगर वह तीस करोड़ ग्रामवासियों के रहने लायक शहरों का निर्माण कर सके तो यह कोशिश बुरी नहीं कहीं जायेगी।'' गाँधी जी का मानना था कि जब हम नीतियों का निर्धारण करें, तो निर्धारण का काम ग्राम पंचायतों के माध्यम से जिला, राज्य से होते हुए वह केन्द्रिय सरकार तक पहुचे जिसकी अवहेलना भारत में आज तक होती रही है। क्योंकि भारत की आत्मा ग्राम में निवास करती हैं। ग्राम स्वराज्य में साफ़ कहा गया है कि हमें गाँवों का विकास करके जन-साधारण को आत्म निर्भर बनाना है। गाँधी जी गाँवों व आदिवासी क्षेत्रों में होने वाली स्थानीय फसलों व साग-सब्जियों के उपयोग को प्राथमिकता देते थे जिसका मुख्य कारण था कि खाद्य सामग्रियों का मौसम व वातावरण के साथ उनकी पौष्टिकता का होना। पोशण और पुष्टिकर आहार की समस्या पर गाँधी जी ने कहा कि ''भारतीयों को पूरा पोषण न मिल पाने की वजह गरीबी ही नहीं, भोजन के पोषण-तत्वों के संबंध में उनका घोर अज्ञान भी है।'' हमारे देश के निवासियों को किस प्रकार का भोजन प्राप्त होता है। यहाँ के निवासी जिस प्रकार का भोजन करते हैं वह आवश्यक पौष्टिक तत्वों से वंचित रहता है, उसमें जीवन-रक्षक प्रदार्थों का अभाव रहता है। पौष्टिक भोजन तो दूर रहा यहाँ पर कितने ही ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें भर पेट भोजन भी नहीं मिल पाता। ऐसी दशा में यह आशा करना कि भारतीयों की आयु अधिक होगी दुराषा मात्र है। सन् 1931 में भारतीयों की औसत आयु 27 वर्ष थी। उन्होने एक बार कहा भी था कि ''कपड़ा मिलें अपने पीछे बेकारी लाई और आटा तथा चावल की मिलें पोशक तत्वों की कमी से होने वाली बीमारियां। गाँधी जी बेरोजगार तथा भूखे लोगों के लिए कार्य करना चाहते थे। उनके मन में यह विचार था कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने शारीरिक श्रम से उपार्जित किया गया भोजन ग्रहण करना चाहिए। किसानों की घोर दरिद्रता गाँधी जी को एक क्षण भी चैन नहीं लेने देती थी। लेकिन देश में आज भी शायद ही राज्य या जिला हो जहाँ लोग भूख से सामना नहीं कर रहे यह कहीं पर आंशिक हो सकता तो कहीं पर इसका विस्तार काफी अधिक है। गाँवों और शहरों में व्यक्ति, परिवार और समुदाय भूख से आज भी लड़ रहे हैं, उनके लिए यह जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। इनमें से अधिकांश लोग असंगठित क्षेत्र से आते है, जैसे भूमिहीन मजदूर और कारीगर, दलितों और आदिवासियों जैसे- सामाजिक रूप से दमित समूह, ऐसे घर जिनका मुखिया एक महिला होती है, बेसहारा लोग, विशेष रूप से मुश्किल परिस्थितियों में कार्यरत गली के बच्चे और कामगार बच्चे, अपाहिज और बुर्जुग लोग जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं, अप्रवासी मज़दूर। ऐसी खामोश त्रासदी रोज़ कई घरों में और हमारे देश की गलियों में घटित होती है, कि बड़ी संख्या में लोग भूखे पेट सोते हैं। अगर आज भी लोग भूखें पेट सोते है तो इसके लिए कौन जिम्मेवार है? अगर हमने गाँधी जी के ग्राम स्वराज्य को अपनाया होता तो भारत की तस्वीर बदली हुई होती क्योंकि गाँधी जी कहते थे कि ''मुफ्त भोजन से राष्ट्र का पतन होता है।'' अर्थात सरकार द्वारा चलाये जाने वाले सरकारी कार्यक्रम केवल कुलीन वर्ग के लोगों के दिमाग की उपज है न कि जन-साधारण की जरूरतों के मुताबिक।
DHARMMARG: आकर्षण का केन्द्र श्री वेंकटेश्वर मन्दिर दर्शन तिरुपति बालाजी का तिरुपति वेंकटेश्ववर की गिनती विश्व के प्रसिद्ध मंदिर मे होती है। यह मन्दिर आन्ध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति में स्थित है। तिरुमला के सात पर्वतों में से एक वेंकटाद्रि पर बना श्री वेंकटेश्वर मन्दिर यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण का केन्द्र है। इसलिए इसे सात पर्वतों का मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है । मंदिर से जुड़े फैक्‍ट एक नजर में समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित है । इस मन्दिर में स्थापित भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति में ही भगवान बसते हैं और वे यहाँ समूचे कलियुग में विराजमान रहेंगे। श्री वेंकटेश्वर का यह पवित्र व प्राचीन मंदिर पर्वत की वेंकटाद्रि नामक सातवीं चोटी पर स्थित है, जो श्री स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे स्थित है। इन तीर्थयात्रियों की देखरेख पूर्णतः टीटीडी के संरक्षण में है। वेंकट पहाड़ी का स्वामी होने के कारण ही इन्हें वैंकटेश्व र कहा जाने लगा। इन्हेंग सात पहाड़ों का भगवान भी कहा जाता है। मंदिर परिसर में खूबसूरती से बनाए गए अनेक द्वार, मंडपम और छोटे मंदिर हैं। मंदिर परिसर में मुख्श् दर्शनीय स्थल हैं:पडी कवली महाद्वार संपंग प्रदक्षिणम, कृष्ण देवर्या मंडपम, रंग मंडपम तिरुमला राय मंडपम, आईना महल, ध्वजस्तंभ मंडपम, नदिमी पडी कविली, विमान प्रदक्षिणम, श्री वरदराजस्वामी श्राइन पोटु आदि। मन्दिर से सटे पुष्करणी पवित्र जलकुण्ड के पानी का प्रयोग केवल मन्दिर के कार्यों, जैसे भगवान की प्रतिमा को साफ़ करने, मन्दिर परिसर का साफ़ करने आदि के कार्यों में ही किया जाता है। इस कुण्ड का जल पूरी तरह से स्वच्छ और कीटाणुरहित है। यहाँ पर बिना किसी भेदभाव व रोकटोक के किसी भी जाति व धर्म के लोग आ-जा सकते हैं, क्योंकि इस मन्दिर का पट सभी धर्मानुयायियों के लिए खुला है। मन्दिर के दर्शन के लिए तिरुमला पर्वतमाला पर पैदल यात्रियों के चढ़ने के लिए तिरुमला तिरुपती देवस्थानम नामक विशेष मार्ग बनाया गया है। तिरुपति बालाजी मंदिर की वार्षिक आय 650 करोड़ रुपए है। तिरुपति बालाजी का मंदिर भारत में दूसरा सबसे अमीर मंदिर है। मंदिर का 3000 किलो सोना अलग-अलग बैंकों में जमा है। साथ ही, 1000 करोड़ रु का फिक्स्ड डिपॉजिट है। हर साल मंदिर का ट्रस्ट चढ़ावे के रूप में लगभग 300 करोड़ रु, 350 किलोग्राम सोना और 500 किलोग्राम चांदी अर्जित करता है। यहां के लिए चैन्नई से बहुत सारे पैकेज टूर उपलब्ध हैं। जिसमें वोल्वो एसीबस, एसीबस, साधारण बस और आईआरसीटीसी व टैक्सी के विकल्प मिले सबसे अच्छा पैकेज टूर आंध्र प्रदेश टूरिज्म का है, जिसमें वे शाम 6.30 बजे चैन्नई से चलते हैं और तकरीबन रात 11 बजे तिरुपति पहुँज जाते हैं, फ़िर एक शेयरिंग रुम दे देते हैं, जिसमें 2-3 लोग रुक सकते हैं! समूह के लिए अलग से व्युवस्था, हो जाती है। तिरुमाला जाने के लिए बसों का समय सुबह सुबह 4 बजे बस से तिरुमाला की ओर रवाना होना होता है, तकरीबन सुबह 5.30 तक आप तक आप तिरुमाला पहुँच जायेंगे और फ़िर अगर आपको बाल देना है तो बाल देकर आप नहाकर तैयार हो जायें, और फ़िर स्पेमशल दर्शन जिसके लिए 300 रुपए की पर्ची लेनी होती है। यह पैकेज में ही शामिल होता है। इस टिकट से आप 1-2 घंटे में दर्शन कर वापस आ जाते हैं। अन्य- दर्शनीय स्थान बालाजी के दर्शन के पश्चात इस टूर में तिरुपति में पद्मावती मंदिर और शिवजी के प्रसिद्ध मंदिर श्रीकालाहस्ती भी दर्शन करवाते हैं। और शाम 6 बजे तक तो वापस चैन्नमई भी छोड़ देते हैं। पैकेज की कीमत 1300 से 2000 के बीच रहती है। इसमें रात का खाना, सुबह का नाश्ता, शीघ्रदर्शनम टिकट और रात को ठहरने की व्यवस्था शामिल है। ध्या न रहे कि यहां के लिए करीब 3 पहले बुकिंग करवा लें वरना बाद में मुश्किल हो सकती है। कहां करें बुकिंग आंध्र प्रदेश्‍ का एक अन्य टूर पैकेज भी है। इसमें वे लोग आपको सुबह 5 बजे लेकर चलते हैं। इसमें 50 रुपए वाला दर्शन टिकट होता है। लौटते समय पद्मावती मंदिर के दर्शन करवाते हुए रात 11 बजे तक चैन्नई वापस आते हैं। इस टूर की कीमत 1050 रुपये है। इसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और 50 रुपये का विशेष दर्शन टिकट शामिल है। निजी ट्रेवल कंपनियाँ बालाजी दर्शन तिरुमाला पर होते हैं, जो कि तिरुपति से सात पहाड़ दूर है, तिरुपति रेलवे से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। और अगर कहीं और से आ रहे हैं, तो रेनुगुंटा स्टेशन आपको पड़ेगा जहाँ से तिरुपति मात्र 15 कि.मी. है। तिरुपती चैन्नई से लगभग 140 कि.मी. है और बैगलोर से लगभग 260 कि.मी.। बैंगलोर से भी पैकेज टूर उपलब्ध हैं जैसे कि चैन्नई से, वहाँ से आन्ध्राप्रदेश टूरिज्म, कर्नाटक टूरिज्म और निजी ट्रेवल्स की सुविधाएँ ले सकते हैं, और अगर बड़ा ग्रुप है तो अपनी टैक्सी ज्यादा अच्छा विकल्प है। ठहरने की व्‍यवस्‍था आमतौर पर लोग चैन्न ई से एक दिन का अपडाउन करते हैं, अगर तिरुपति में रुकना है तो आप ऑनलान कमरे का आरक्षण करवा सकते हैं, वैसे वहाँ नि:शुल्क कमरे भी उपलब्ध हैं और डोरमेट्री भी नि:शुल्क उपलब्ध है। तिरुपति से तिरुमाला तक का सफर तिरुपति से तिरुमाला तकरीबन 17 कि.मी. है। यहां के लिए वोल्वो बसे नहीं चलती। तिरुपति से बस स्टैंड से तिरुमाला की बस पकड़ सकते हैं, टिकट है 27 रुपये जो कि हर दो मिनट में उपलब्ध है। मंदिर देवस्थानम ट्रस्ट की ओर से भी एक बस चलती है जो कि फ़्री सर्विस है, वह हर आधे घंटे में उपलब्ध है। अगर आप अपनी टैक्सी या टैम्पो ट्रेवलर से जा रहे हैं तो तिरुमाला उसी से जा सकते हैं। सुंदरसन दर्शन के लिए टिकट अगर सुंदरसन दर्शन करना है तो उसके लिये आपको 50 रुपये का टिकट तिरुपति रेलवे स्टेशन के पास काऊँटर से मिलेगा, और अगर बैंगलोर या चैन्नई से आ रहे हैं, तो तिरुपति देवस्थानम के कार्यालयों से जाकर ले सकते हैं। 50 रुपये का टिकट तिरुमाला में नहीं मिलता है। वहाँ केवल 50 रुपये का शीघ्रदर्शन टिकट ही मिलता है, जो कि केवल तिरुमाला में ही मिलता है, यह टिकट और किसी भी शहर में उपलब्ध नहीं है और न ही इस टिकट की ऑनलाइन बुकिंग होती है। ठगों से ऐसे बचें तिरुमाला में किसी भी ठग का शिकार न बनें वहाँ पर तमिल, तेलेगु, हिन्दी और अंग्रेजी में सभी तरह के संदेश लिखे हुए हैं, किसी से कुछ भी पूछने की जरुरत नहीं पड़ती है। तिरुपति विश्व का दूसरा सबसे बड़ा धनी देवस्थान है, वहाँ पर भक्तों के लिये सभी सुविधाएँ मुफ़्त उपलब्ध हैं या फ़िर बहुत ही कम दामों पर। लूट तो हर जगह होती है, बस जरुरत है तो आपको ऐसे लोगों से बचने की। यहां ठग टाइप के कुछ तत्वा की भी कोई कमी नहीं है, जैसा की आमतौर पर ऐसे स्थाोनों पर डेरा जमाए रहते हैं। आपसे वे कितना भी कहें कि वे जल्दीा दर्शन करवा देगा, केश देने में मदद करेगा, स्नाान पूजा अर्चना में मदद करेगा ठहरने में आदि उनकी बातों को अनसुना कर दें उनके जाल में बिलकुल न फंसे क्यों्कि एक बार आप उनके चंगुल में फंस गए पैसे की बर्बादी होगी और मूड खराब वह अलग। लोकल ट्रांस्‍पोर्ट तिरुमाला में बसें लगातार चलती रहती हैं, जिससे आप एक स्थान से दूसरे स्थान जा सकते हैं, वह भी मुफ़्त हैं, और बसें भी विशेष प्रकार की हैं, जैसे भगवान का खुद का रथ हो। तिरुपति से तिरुमाला पैदल भी जा सकते हैं, यह तकरीबन 15 कि.मी. है, अगर आप के पास सामान है तो तिरुपति में जहाँ से पैदल यात्रा शुरु करते हैं, वहाँ देवस्थानम के लगेज काऊँटर पर आप अपना सामान जमा करवा सकते हैं, और जब आप तिरुमाला पहुँचेंगे तो वहाँ लगेज काऊँटर से अपना समान वापस ले सकते हैं। यह दूरी तय करने में 4-5 घंटे लगते हैं। अगर संभव हो तो किसी भी त्योचहार या वीकेंड पर यहां जाने से बचें। क्योंहकि इन दिनों यहां जबरदस्ते भीड़ होती हैं। लोग दूर दूर से आते हैं, सप्ताहांत पर तो बहुत ही ज्यादा भीड़ रहती है। भक्तों का का सैलाब रहता है। तिरुपति में सुविधा केंद्र तिरुपति से निकलते हुए तिरुपति देवस्थानम की बहुत ही बड़ी इमारत है जिसमें वहाँ से आप बायोमेट्रिक वाले टिकट ले सकते हैं, और वहाँ रुक भी सकते हैं, यह देवस्थानम की तरफ़ से भक्तों के लिये तिरुपति में सुविधा है। तिरुपति से मंदिर तक मनोरम दृश्य तिरुपति से बाहर निकलते ही आपको तिरुमाला की ओर बढ़ने पर मनोहारी दृश्य आते जांएगे। और इतना साफ़ शहर देख कर आपको आश्चर्य भी होगा। बहुत ही अच्छा रखरखाव है प्रशासन कार्य देखकर अच्छा लगता है। पैदल चलने वालों के लिये अलग से फ़ुटपाथ बना हुआ है, जिस पर पैदल यात्री जाते हुए दिखे थे। दायीं तरफ़ आपको मनमोहक पहाड़ियाँ दिखाई देंगी वहीं दूर से आपको मंदिर का भव्य द्वार नजर आ जाएगा। मंदिर से पहले टोला नाका अब आप पहुंच चुके हैं भगवान वेंकटेश के दर पर यहाँ पार्किंग फ़्री है उसका कोई पैसा नहीं देना पड़ता है। यहां पहुंच कर सबसे पहले शीघ्र दर्शनम का टिक्टर ले लें, अगर आपने पैकेज नहीं लिया हुआ है तो। इसके अलावा अग आप अपने केश यानी बाल देना चाहते हैं तो उसके लिए भी टोकन लेना होगा। स्ना।न आदि के बाद ही आप भगवान के दर्शन करें। केश कहां दें टोकन पर जिस नाई का नंबर लिखा होता है आपको उसी के पास जाना है। वह भी आपसे कुछ ठगने की पूरी कोशिश करेगा मगर आपको उसे कुछ नहीं देना है। आपका मन हो 10-15 रुपए दे सकते हैं। केश देते समय आप अपनी दाड़ी भी बनवा लें उसका भी आपको अलग से कुछ नहीं देना होगा। हॉल से निकल वहीं से नीचे जाने का रास्ता था, जहाँ नहाने की व्यवस्था है। महिलाओं और पुरुषों के लिये अलग-अलग बाथरूम बने हुए हैं और गरम पानी भी उपलब्ध हैं। मंदिर में इन्हें ले जाना मना है खानेपीने की व्यवस्था पार्किंग के पास ही शापिंग कॉम्पलेक्स में इडली, बड़ा और सांभर चटनी आदि मिल जाते हैं।, रास्ते में छोटी छोटी दुकानें लगी हुई थीं। वहीं पर तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट की मुफ़्त भोजनशाला भी है और वहीं एक और बोर्ड लगा हुआ था, कि लोकल, एसटीडी काल करने के लिये इधर जायें, व्यवस्था देवस्थानम की ओर से है, एवं इसका कोई शुल्क नहीं है। शॉपिंग तिलक लगाने वाले बहुत सारे लोग घूम रहे थे जो कि बालाजी की स्टाईल में तिलक लगा रहे थे। वहीं पास ही टोपियों की दुकान भी थी, जो नये नये टकले हुए थे, जिनके लिये टकलाना नया अनुभव था, उन्हें ठंड लग रही थी। हालांकि हम भी टकलाने के मामले में पुराने तो नहीं थे परंतु नये भी नहीं थे। इसलिये टकलाना बहुत ही अच्छा लग रहा था। आपको अंदर परिसर में ही 300 रुपए का बोर्ड दिखाई दे जाएगा। सुरक्षाकर्मी आपको पूरा सहयोग भी करते हैं। देखने में भले ही 300 रुपए वाली लाइन आपको लम्बी ही लगे मगर बाद में दूसरों से जल्दीर आपको दर्शन हो जाते हैं। लाइन में लगे लोग कोई "हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे" का जाप कर रहा होगा तो कोई "ऊँ वेंकटेश्वराय नम:" का जाप वहीं आपको कुछ समूह ऐसे भी मिलेंगे जो "गोविंदा गोविंदा" कहकर ध्यान आकर्षित कर रहे होंगे। 50 रुपये के सुन्दरसन टिकट की लाइन से दर्शन के लिये 5-6 घंटे लग जाते हैं। कब जाएँ अक्टूबर से मार्च सड़क मार्ग रेलवे स्टेशनतिरुपतिप्रमुख बस्‍ा स्‍टेशन श्री वेंकटेश्वर बस स्टेशन, बालाजी लिंक बस स्टेशन, सप्तगिरि लिंक बस स्टेशन, श्री पद्मावती बस स्टेशन
नई दिल्ली : अगले महीने दिल्ली में अफगानिस्‍तान की स्थिति पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की बैठक होनी है, भारत इसकी मेजबानी करेगा। इस बैठक में कई अन्‍य देशों के साथ रूस, चीन और पाकिस्‍तान को भी न्‍योता दिया गया है बताया जा रहा है कि ये नवंबर में 10 और 11 तारीख को हो सकती है, यह बैठक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में होगी। पाकिस्तान के एनएसए मोईद यूसुफ को भी सम्मेलन के लिए आमंत्रित किए गए है, अगर वह बैठक में आते हैं तो तो साल 2016 के बाद से किसी पाकिस्तानी अधिकारी की पहली उच्च स्तरीय भारत यात्रा होगी। पाकिस्तान के अलावा रूस, चीन जैसे प्रमुख हितधारकों को भी आमंत्रण भेजा गया है, इससे पहले जून में ताजिकिस्तान में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की मीटिंग हुई थी। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ आमने सामने आए थे, हालांकि दोनों के बीच वार्ता नहीं हुई थी। एससीओ की मीटिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। इस बैठक में तालिबान को न्‍योता नहीं दिया गया है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान का संकट बढ़ता जा रहा है, अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार बनने के बाद भी विश्व के किसी देश के साथ उसका राजनीतिक और राजनयिक संबंध स्थापित नहीं हो सका है।
Hindi News » Entertainment » Bollywood news » Gehana Vasisth made serious allegations against Mumbai Police said had asked for 15 lakhs for not being arrested अश्लील फिल्म रैकेट में गिरफ्तार हो चुकीं गहना वशिष्ट ने राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद से लगातार अपना पक्ष रखती नजर आ रही हैं. अब हाल ही में एक साक्षात्कार में गहना ने मुंबई पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. Publish Date - 9:11 am, Sun, 1 August 21 Edited By: ऐश्वर्य अवस्थी Follow us - गहना का नया आरोप अश्लीली फिल्म रैकेट में राज कुंद्रा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. राज इन दिनों 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. राज कुंद्रा से पहले जिसका नाम इस मामले में आया था वो हैं एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ. गहना को इस मामले में जेल में तक रहना पड़ा था. अब बार फिर से गहना के सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती दिख रही है. ऐसे में गहना ने पुलिस पर ही निशाना साधा है. गहना ने गिरफ्तारी के डर से सारा दोष मुंबई पुलिस के मत्थे मढ़ दिया है. गहना ने दावा किया है है कि पुलिस ने ही उनको इस पूरे केस में राज कुंद्रा और एकता कपूर का नाम लेने के लिए मजबूर किया था. गहना का नया खुलासा इंडिया टूडे टीवी को दिए एक इंटरव्यू में गहना ने मुंबई पुलिस पर आरोप लगाए हैं. एक्ट्रेस ने दावा किया है कि मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार नहीं करने के लिए मुझसे 15 लाख रुपए मांगे. गहना के अनुसार पुलिस की तरफ से कहा गया है कि अगर वह पैसे देंगी तो उनको गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इतना ही नहीं उनका कहना है कि मैंने पुलिस को पैसे नहीं दिए क्योंकि मैंने कुछ गलत नहीं किया है. जिन भी वीडियोज में मैंने काम किया है वो सभी बोल्ड थे ना कि अश्लील. ऐसे में राज कुंद्रा और मैंने कुछ गलत नहीं किया गया है. गहना ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें अपनी बात नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी थी. गहना हुईं थीं गिरफ्तार बता दें कि इस मामले में गहना की चार महीने पहले गिरफ्तारी हुई थी. फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं. लेकिन इसी हफ्ते उनके खिलाफ तीसरा केस दर्ज किया गया है. वहीं , हाल ही में गहना ने एक वीडियो में कहा था कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ गलत व्यवहार किया था. गहना लगातार पुलिस पर इल्जाम लगाती रही हैं. आपको बता दें कि अश्लील फिल्म बनाने के केस में एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा पुलिस को पुलिस ने 19 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था. राज कुंद्रा पर अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें प्रसारित करने के आरोप लगे हैं. देखना होगा कि अब राज कुद्रा को जमानत कब मिलती है. यह भी पढ़ें- Shocking: 'सुपर डांसर' में नहीं जानें से शिल्पा शेट्टी को हो रहा है तगड़ा नुकसान, जानिए पूरा आंकड़ा
अपनों से खफ़ा तेजप्रताप ने राजनीति को कहा बाय-बाय - गिद्धौर Home / Unlabelled / अपनों से खफ़ा तेजप्रताप ने राजनीति को कहा बाय-बाय अपनों से खफ़ा तेजप्रताप ने राजनीति को कहा बाय-बाय Gidhaur.com:(पटना):- राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र व बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने आज राजनीति छोड़ने की घोषणा कर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। एक माह से तेज प्रताप अपने पार्टी में खुद को नहीं मिल रही अहमियत के कारण नाराज चल रहे थे कि नाराजगी का कारण दल मे नहीं मिल रही अहमियत दी। बाद में कहा गया कि सब कुछ सामान्य हो गया है।कल वे अपने क्षेत्र के दौरे पर थे महुआ से विधायक हैं क्षेत्र से लौटने के बाद आज उन्होंने घोषणा की कि उनके बारे में उनके क्षेत्र में उनके सचिव ओमप्रकाश यादव व विधान पार्षद सुबोध राय द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रहा है कि वह पागल तथा सनकी है । जोरू के गुलाम है, तेजप्रताप ने इस से आहत होकर राजनीति छोड़ने की घोषणा की है। 2 दिन पहले ही तेज प्रताप ने ट्विटर पर एक पोस्ट डाल कर अपने आने वाले हिंदी फिल्म के बारे में जानकारी दी थी जिसमें में अभिनय करते हैं फिल्म का नाम है रुद्रा। तेज प्रताप यादव ने राजनीति छोड़ने की घोषणा करने के साथ ही यह भी कहा कि वह विरोधियों की साजिश को कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे उनकी लड़ाई जारी रहेगी। तेजप्रताप के राजनीति छोड़ने की घोषणा के बाद अभी राजद की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मुंबई में इलाज करा रहे हैं| तेज प्रताप यादव ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि कल मैं अपने विधान सभा क्षेत्र महुआ में टी-पार्टी के जरिये कार्यकर्ताओं की समस्या सुनकर उसे हल करने हेतु महुआ गया था । आपको सुनकर हैरानी होगी कि यहाँ सभी कार्यकर्ता सिर्फ-और-सिर्फ एक-ही समस्या लेकर आयें । जानना चाहेंगे कि वो समस्या क्या था ? वो समस्या था "ओम प्रकाश यादव उर्फ़ भुट्टू" एवं MLC "सुबोध राय" का "शिकायत" । सभी कार्यकर्ताओं का कहना था कि हमें आप से कोई शिकायत नहीं । हम सभी जानते हैं कि आप बहुत अच्छे हैं किन्तु "ओम प्रकाश यादव" एवं "सुबोध राय" आपके खिलाफ गलत-गलत अफवाह उड़ाकर आपके छवि को धूमिल कर रहे हैं । ये दोनों आपको "पागल" और "सनकी" बताते हैं । यहाँ तक कि अब तो ये लोग "जोड़ू का गुलाम" बताते हैं और कहते हैं कि तेज प्रताप तो नाम के विधायक है । तेज प्रताप को कुछ भी नहीं आता है । इसके साथ और भी ऐसे-ऐसे शब्द हैं जो मैं आपको नहीं बता सकता हूं । इन झूठे अफवाहों के कारण आपका क्षेत्र ख़राब हो रहा है । इसलिए इन "दोनों आस्तीन के सांपो" को अपने क्षेत्र से बाहर कीजिये । मैंने भी अपने कार्यकर्ताओं से यही कहा कि मैं भी अपने मुम्मी-पापा को बहुत बार बता चूका हूं कि "ओम प्रकाश यादव उर्फ भुट्टू" एवं "सुबोध राय" मेरे बारे में गलत-गलत अफवाह फैलाकर मुझे बदनाम कर मेरी छवि धूमिल कर रहा है किंतु मेरी मुम्मी मेरी एक नहीं सुनती है और उल्टा मुझे ही डांट सुन्ना पड़ता है जिसके कारण मैं बहुत-ही प्रेसर में रहता हूं । अब आपही बताएं कि क्या इतना "प्रेसर में राजनीति हो सकती है क्या" ? मुझमे "अदम्य साहस एवं क्षमता" है जिससे मैं इन "कीड़े-मकौड़े" को चुटकी में मसल सकता हूं किन्तु मेरा पैर अपनों के कारण रुक जाता है । इसलिए मेरे शुभचिंतकगण, यदि यही स्थिति बनी रही तो मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अब "मैं राजनीति नहीं करूँगा" । राजनीति वही लोग करेंगे जो मेरे छवि को धूमिल कर रहे हैं । अब "ओम प्रकाश यादव उर्फ़ भुट्टू ही महुआ से चुनाव लड़ेगा" और विधायक और फिर मंत्री बनेगा । अपनों से खफ़ा तेजप्रताप ने राजनीति को कहा बाय-बाय Reviewed by Akshay Kr. Singh on Tuesday, July 03, 2018 Rating: 5
स्थितियाँ पूरी तरह से बदल गई हैं । अब केवल अपने गौरव गान से भी कुछ हासिल नही होना है , अतीत की सच्चाइयों का सामना करना होगा और वर्तमान और भविष्य के लिये व्याव्हारिकता के साथ निर्णय लेने होंगे...शरद कोकस.
Cannot tolerate delay in solving the problems of the common man | आमजन की समस्याओं के समाधान में देरी नहीं बर्दाश्त | Patrika News आमजन की समस्याओं के समाधान में देरी नहीं बर्दाश्त Cannot tolerate delay in solving the problems of the common man -एसडीएम ने ली जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक Published: July 29, 2021 11:53:00 pm हिण्डौनसिटी. उपखंड कार्यालय में गुरुवार को जन अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक हुई। जिसमें एसडीएम अनूप सिंह ने विभाग वार समस्या एवं उनके त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। एसडीएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आमजन की समस्याओं के समाधान में के मामले में देरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में अधिकांश मामले बिजली पानी से संबंधित आए। जिनके निस्तारण के लिए एसडीएम ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक में आवेदन के एक वर्ष बाद भी विद्युत कनेक्शन नहीं होने, शीतला कॉलोनी में विद्युत वोल्टेज की समस्या, वार्ड 25 में पेयजल संकट, शीतला कॉलोनी एरिया में पर्याप्त जलापूर्ति का अभाव, वार्ड 31 में पेयजल की व्यवस्था सुधारने, चेतराम कोलोनी से स्टेशन रोड तक जलदाय विभाग की लाइन से दूषित जलापूर्ति, वार्ड-52 में शहरी पुनर्गठित जल योजना के कार्य में देरी, क्यारदा खुर्द में चरागाह भूमि पर अतिक्रमण एवं लहचोड़ा में ग्राम विकास अधिकारी की मनमानी की शिकायतों पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में ग्राम विकास अधिकारी लहचोड़ा की शिकायत मामले का मौके पर ही निस्तारण किया गया। जबकि अन्य मामलों में पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए। इस दौरान पंचायत समिति के विकास अधिकारी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता डीके शर्मा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कैलाश चंद्र मीणा, जलदाय विभाग के सहायक अभियंता भगवान सहाय मीणा, विद्युत निगम के सहायक अभियंता आरके गर्ग, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता वाईके मीणा, तहसील के ऑफिस कानूनगो मनीष आर्य, गैर सरकारी सदस्य भरत लाल जाटव व पप्पू लाल मीणा आदि मौजूद थे।
मौसम के प्रभाव के चलते शहर में वायरल, डेंगू, मलेरिया और टायफायड के मरीज बढ़े - Zeeharyana फरीदाबाद : (zeeharyana.com/Sunita Sharma) मौसम के प्रभाव के चलते शहर में वायरल के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। अस्पताल की ओपीडी में मरीज सर्दी लगकर बुखार चढ़ना, गले में खरांश, सर्दी-जुकाम, बदन दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं, जो आमतौर पर वायरल बुखार के कारण होता है। लगातार बढ़ रहे मच्छरों के प्रकोप के कारण डेंगू, मलेरिया के मरीज बढ़ गए हैं। इसके अलावा शहर में हो रही दूषित पेयजल सप्लाई के कारण लोग टायफायड के शिकार हो रहे हैं। एशियन अस्पताल के फिजिशियन डा. प्रांजित भौमिक ने बताया कि हमारी ओपीडी में आने वाले मरीजों में डेगूं के मरीज 40 प्रतिशत, मलेरिया के 10 प्रतिशत और टायफायड के 5 प्रतिशत मरीज लगातार आ रहे हैं, जो सर्दी और बदन दर्द, सूजन, आंखों में जलन, जोड़ों में दर्द, उल्टी और बुखार होने की समस्या लेकर आ रहे हैं। अचानक हुई बरसात से ये समस्या और बढ़ सकती हैं। जलभराव के कारण मच्छर बढे हैं इसके कारण डेंगू मलेरिया और टायफायड संभावित मरीज लगातार अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं। डा भौमिक का कहना है कि ऐसे मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को खास देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे मौसम में सांस संबंधी समस्याएं और निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे मौसम में होने वाली बरसात लोगों को बीमार कर सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में रोग पगतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वे जल्दी ही बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में बरसात में भीगना उनके लिए नुकसानदेय हेा सकता है, इसलिए उन्हें इस मौसम में बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। यदि किसी कारणवश बाहर निकलना पड़ रहा है तो बरसात में खुद को भीगने से बचाना चाहिए।
दास्तान-ए-दंगल सिंह (39) | | सबलोग sablogmonthlyMar 13, 20190099 पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ उभरे आक्रामक राष्ट्रवाद के माहौल में बार-बार 1971 के युद्ध की स्मृतियाँ ताजा हो जा रही हैं। भारत ने एकजुट होकर पाकिस्तान से एक निर्णायक युद्ध लड़ा था। बांग्लादेश के उदय से हमारी पूर्वी सीमा सदा के लिए सुरक्षित हो गई। साथ ही 93000 पाकिस्तानी सैनिकों का आत्मसमर्पण करवाकर और पश्चिमी सीमा पर बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा करके हमारी सेना ने पाकिस्तान का मानमर्दन कर दिया था। बाद में शिमला समझौता होने पर युद्धबंदी और जमीन हमने लौटा दी। उस युद्ध के बाद से लगातार भारत दोस्ती और अमन का प्रयास करता रहा, पर पाकिस्तान हमारी पीठ में छुरा घोंपता रहा। आत्मसमर्पण के अपमान को सेना भूल नहीं पाई है और भारत को लगातार जख्म देने के मिशन में लगी है। दशकों से हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से त्रस्त हैं। पुलवामा हमले के बाद हमने आतंकवाद के खिलाफ सीधी लड़ाई शुरू कर दी है। अब पाकिस्तान की जनता और सरकार को तय करना है कि वह किसके साथ है। सेना तो युद्ध लड़ ही रही है। अब यदि युद्ध हो ही जाए तो इतिहास दुहराते हुए पाकिस्तान के तीन टुकड़े करके उसका स्थाई इलाज कर दिया जाए। 1971 का युद्ध इंदिरा जी की इच्छाशक्ति और कूटनीति के अद्भुत समन्वय का उदाहरण है। पाकिस्तान सरकार के अत्याचार से त्रस्त पूर्वी पाकिस्तान की बांग्लाभाषी जनता संघर्ष शुरू कर चुकी थी। एक साल पहले से ही पूर्वी पाकिस्तान से अशांति और हिंसा की खबरें आ रही थीं। मुक्ति वाहिनी के नाम से युवाओं की सेना पाकिस्तान से गुरिल्ला युद्ध लड़ रही थी। पाकिस्तानी सेना पुरुषों की हत्या और औरतों से बलात्कार करके मानवता को कलंकित कर रही थी। सम्पूर्ण भारत की जनता की हमदर्दी पीड़ित बंगाली समुदाय के साथ थी। बांग्लादेश के मुक्तिसंग्राम को भारत का समर्थन था। पाकिस्तान की दोनों सीमाओं पर तनाव बढ़ रहा था। दोनों ओर फौजी जमावड़ा बढ़ रहा था। किसी भी पल युद्ध छिड़ जाने की आशंका से वातावरण में अजीब सी बेचैनी थी। तब दंगल सिंह नौवीं के छात्र थे। गाँव के एक दर्जन इसकुलिया यारों के साथ स्कूल जाते। दो किलोमीटर दूर स्कूल सभी पैदल ही जाते थे। सारी राह गपशप के केंद्र में पाकिस्तान से तनाव का मुद्दा ही होता था। स्कूल से वापसी के समय अखबार कुर्सेला पहुँचता था। अखबार बाँचते हुए गाँव लौटते। बाबूजी के डर से अखबार को सावधानी से खोलते-समेटते थे। तह टूटी किताब या अखबार देखते ही बाबूजी गुर्रा उठते थे। हर दिन अखबार में पूर्वी पाकिस्तान से जुड़ी खबरें प्रमुखता से छपती थीं। वायुसेना के चूनापुर हवाई अड्डे से लड़ाकू विमान बेहद नीची उड़ान भरते हुए हमारे गाँवों के ऊपर से गुजरते थे। युद्ध शुरू होने के एक पखवाड़े पहले से ही फाइटर प्लेन अभ्यास उड़ानों पर रोज दो-चार बार हमारे ऊपर से तेज कानफाड़ू आवाज के साथ गुजरते थे। विमानों की गड़गड़ाहट के साथ युद्ध की आशंका प्रबल होती जाती थी। सुबह, दोपहर और शाम में आकाशवाणी से प्रसारित राष्ट्रीय समाचार सुनने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो जाती थी। हर खासोआम में युद्ध की चर्चा प्रमुख हो गई थी। एक विश्वास सबको बराबर था कि पाकिस्तान एक हफ्ता भी नहीं टिकेगा। भुरकुस हो जाएगा। और हुआ भी वैसा ही। पाकिस्तान द्वारा हवाई हमला करने के बाद 3 दिसम्बर 71 को दोनों सीमाओं पर जोरदार लड़ाई शुरू हो गई। तीनों सेनाओं के बेहतर तालमेल से न्यूनतम नुकसान सहते हुए भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी। बांग्लादेश को आजाद कराया, पाकिस्तान में लाहौर के पास तक घुसकर हजारों वर्गमील क्षेत्र पर कब्जा किया और विश्व के इतिहास में कीर्तिमान स्थापित करते हुए 93000 पाकिस्तानी सैनिकों का सरेंडर करवाकर हमने राष्ट्र का गौरव बढ़ाया था। स्मृतिपटल पर जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने सरेंडर करते जनरल नियाजी की वह तसवीर स्थाई रूप से अंकित है जो 17 दिसंबर के अखबारों में छपी थी। उस समय यह बात बहुत चर्चित हुई थी कि दोनों जनरल आजादी के पहले सैनिक अकादमी में बैचमेट और अच्छे दोस्त भी रहे थे। सरेंडर के बाद जनरल अरोड़ा के इस कथन की भी खूब चर्चा हुई थी कि "नियाजी, इतनी फौज और असलहों के साथ मैं दुश्मन से हजार वर्षों तक लड़ लेता।" 3 दिसंबर को शुरू हुआ युद्ध 16 दिसंबर को बांग्लादेश के उदय और पाकिस्तान की पराजय के साथ खत्म हुआ। युद्ध की भूमिका बनने से लेकर युद्ध के बाद तक देश में अद्भुत एकता देखी गई थी। पक्ष और विपक्ष ने एक स्वर से इंदिरा जी के नेतृत्व को सलाम कहा था। 1972 के जनवरी माह से पाकिस्तानी युद्धबंदियों को बांग्लादेश से ढोकर दिल्ली के आसपास बनाई गई अस्थायी जेलों में पहुँचाने का सिलसिला शुरू हुआ था। प्रतिदिन दोपहर एक लंबी रेलगाड़ी कटिहार- बरौनी रूट से कैदी सैनिकों को लेकर जाती थी। कुर्सेला स्टेशन पर वह गाड़ी लगभग तीन घंटे ठहरती थी। कैदियों को यहाँ खाना खिलाया जाता था। खाना खुद कैदी ही पकाते थे और बाँटते भी थे। आमजन के लिए यह रेलगाड़ी एक कौतुक का कारण था, किन्तु हम किशोरों के लिए तो मानो उत्सव ही हो। यह गौरवपूर्ण तमाशा देखने के लिए हमारी मंडली ने एक हफ्ता से ज्यादा दिनों तक स्कूल से बंक मारा था। पूरी गाड़ी में लगभग डेढ़ हजार खुले कैदियों को ढोरों की तरह घेरकर हमारे मात्र दो दर्जन हथियारबंद सैनिक रोज दिल्ली तक पहुँचा रहे थे। गाड़ी रोज लगभग 11 बजे कुर्सेला स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रुकती। भारतीय सैनिक अगली, पिछली और बीच की अपनी बोगियों से उतरते और गाड़ी को चारों ओर से लगभग एक दर्जन की संख्या में घेर लेते। गाड़ी से 10-12 फीट अलग फोल्डिंग स्टूल पर बैठने के पहले सामने एलएमजी फिट कर देते। यह दृश्य देखकर मन राष्ट्रगौरव से आप्लावित हो जाता था। कल्पना में भारत की जो छवि उभरती उसके सामने पाकिस्तान पिद्दी जैसा महसूस होता था। यह विचार लगातार दृढ़तर होता जा रहा था कि 93000 की सेना के साथ आत्मसमर्पण करने वाला देश निश्चय ही कायर होगा। बंदी पाकिस्तानी सैनिक गाड़ी के अंदर और बाहर स्वतंत्र विचरण करते हुए पूरा अनुशासन बरतते थे। उनके बीच हाथों में हंटर लिये ऊँचे रैंक के दो-चार अफसर घूमते-फिरते निगरानी करते दिखाई देते थे। प्लेटफार्म पर ईंट और गारे से बने बड़े-बड़े चूल्हे जलाए जाते। बड़ी-बड़ी देगों में चने की दाल पकाई जाती थी। दाल सिद्ध होने के दरम्यान लोहे के विशालकाय कठौतनुमा ट्रे में ढेर सारा आटा गूँधा जाता। आटे को गूँधने के लिए दो कैदी ट्रे में ऐसे चलते जैसे दलदल में आदमी चलता है। बड़ी-बड़ी लोइयों की थाली के आकार की रोटियाँ हथेलियों के सहारे थापी जातीं और चूल्हे पर लोहे की चादरों से बने तवों पर सेंकी जाती थीं। रोटी-दाल पक जाने के बाद सारे कैदी अपनी थाली लिये आते और सभी को दो-दो रोटियाँ और एक-एक डब्बू दाल परोसी जाती थी। न किसी को कम न ज्यादा। तमाशा देखने वाले हम जैसे लोगों को हमारे सैनिक गाड़ी से दूर रहने की चेतावनी देते रहते थे। पाकिस्तानी युद्धबंदी चुपचाप अपने क्रियाकलापों में लगे रहते। कोई अफरातफरी या हल्ला-हंगामा नहीं। प्रतिदिन होने वाले इस तमाशे में एक दिन विचित्रता देखने को मिली। उस दिन हमने देखा कि कुछ बोगियों में दर्जनों भीमकाय बंदियों को जंजीरों से बांधकर रखा गया था। वे बँधे बंदी हमें देखते देखकर बाघ की तरह गुर्राते थे। उनकी कद-काठी देखकर हमारे मन में सिहरन-सी होती थी। लगता जैसे वे जंजीर तोड़कर हमपर हमला कर देंगे। अपने सैनिकों ने हमें बताया कि ये युद्धबंदी पाकिस्तान के बलूच रेजिमेंट के हैं। इनमें आत्मसमर्पण करने के फैसले के खिलाफ गहरा गुस्सा है। इनके आत्मसम्मान को बहुत चोट लगी है। अपमान की कड़वी घूँट पीते राक्षस की आकृति वाले उन बलूच सैनिकों का गुस्सा देखना हमारे लिए एक अनोखा अनुभव था। युद्धबंदियों को ढोने का यह सिलसिला कई हफ्तों तक चलता रहा था। कुछ दिनों के बाद फौजियों को समर्पित ऑल इंडिया रेडियो के संध्याकालीन फिल्मी गीतों के प्रसारण में एक अभियान शुरू किया गया था। गीतों के बीच एक-एक युद्धबंदी अपनी पहचान बताते हुए अपने परिजनों को अपनी खैरियत बताता था। निश्चय ही यह प्रसारण पाकिस्तान में भी होता होगा, तभी तो रोज कई दर्जन बंदी अपनी खबर अपनों को सुनाते थे। वे इस बात को जोर देकर कहते थे कि उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। छः महीने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता हुआ। यह समझौता मेरी समझ से केवल पाकिस्तान के पक्ष में ही हुआ था। हमने उनके 93000 युद्धबंदी और 5600 वर्गमील जीती हुई जमीन लौटा दी। सबसे बड़ी विडम्बना यह कि हमारे 54 बंदी सैनिक हम नहीं लौटा सके। इस युद्ध से एक और बड़ा नुकसान यह हुआ कि संघर्ष के दौरान शरणार्थी बनकर आए एक करोड़ बांग्लादेशी नागरिक स्थाई रूप से भारत में ही बस गए। शिमला समझौते में भारतीय हित के विपरीत परिणामों को देखकर पक्के तौर पर कहा जा सकता है कि इसके लिए इंदिरा जी पर भारी अंतर्राष्ट्रीय दबाव रहा होगा। उल्लेखनीय है कि शिमला समझौते के लिए आए जुल्फिकार अली भुट्टो अपने साथ बेटी बेनजीर भुट्टो को भी लाए थे। समझौते के बाद यह बात खूब चली थी कि इंदिरा जी अपने बेटे संजय गांधी की शादी बेनजीर से कराने वाली हैं। कुल मिलाकर भारत के बंटवारे से लेकर पुलवामा हमले तक के घटनाक्रम के सम्बंध में मेरी कुछ ऐसी धारणाएँ बन गई हैं,जो लाख तर्कों के बावजूद नहीं बदलती। पाकिस्तान के रूप में एक स्थाई दुश्मन के उदय और कश्मीर की अन्तहीन समस्या की जिम्मेदारी मैं कुछ नामचीन हस्तियों पर डालता हूँ। एक तो आम जनता की भावनाओं के विपरीत दो-एक लोगों ने अपनी बपौती समझकर देश के टुकड़े कर दिये। बाँटा भी तो राफसाफ नहीं। हिंदुस्तान में पाकिस्तान के समर्थक और पाकिस्तान में हिंदुस्तान के समर्थक बचे रह गए। जिस प्रकार अन्य रियासतों को भारत में बेलाग और बेलौस मिलाया गया, वैसे कश्मीर को नहीं। धारा 370 और 35a लागू करके और इस मुद्दे को यूएनओ में उठाकर कश्मीर को एक स्थाई नासूर बना दिया गया। पार्टीशन में हजारों लोग मरे, लाखों विस्थापित हुए और बाद में अबतक किस्तों में लोग मर ही रहे हैं। विकास की बात छोड़कर लगातार 72 वर्षों से दोनों देश विनाश के उद्यम में संलिप्त हैं। बार-बार जख्म खाने के बाद भी हम यह नहीं मान पाए हैं कि पाकिस्तान हमारा दोस्त नहीं हो सकता। क्योंकि पाकिस्तान की बुनियाद ही भारत से दुश्मनी पर टिकी है। इतिहास से सीख न लेकर पाकिस्तान लगातार हिंसा के सहारे भारत के विकास के मार्ग में बाधा उत्पन्न कर रहा है। आतंकियों को पाल-पोसकर भारत के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रहा है। सम्पूर्ण दुनिया की अमनपसंद जनता और भारत के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। भारतवासी आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। अवसर एकबार फिर अनुकूल है। बलूचिस्तान और सिंध के लोग तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की तरह असंतुष्ट हैं और मुक्ति चाहते हैं। इस अवसर को भुनाते हुए इस आतंकिस्तान के तीन टुकड़े करके समस्या को सदा के लिए निपटा देना चाहिए। Tag1971 का युद्ध इंदिरा गाँधी दंगल सिंह दास्तान-ए-दंगल सिंह पवन कुमार सिंह पाकिस्तान का हवाई हमला पुलवामा हमला बांग्लादेश संजय गाँधी
पृथ्वीपुर जनदर्शन यात्रा में मुख्यमंत्री के तीखे तेवर : गड़बड़ी पर नप सीएमओ, तहसीलदार सहित 3 को किया निलंबित - Swadesh Bhopal Home भोपाल पृथ्वीपुर जनदर्शन यात्रा में मुख्यमंत्री के तीखे तेवर : ... पृथ्वीपुर जनदर्शन यात्रा में मुख्यमंत्री के तीखे तेवर : गड़बड़ी पर नप सीएमओ, तहसीलदार सहित 3 को किया निलंबित ईओडब्ल्यू करेगा जांच देर शाम सागर कमिशनर ने जारी किया निलंबन आदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंगलवार को जनदर्शन यात्रा के दौरान तेवर सख्त नजर आए। प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायत पर उन्होंने जेरोन के तत्कालीन सीएमओ उमाशंकर मिश्रा व इंजीनियर अभिषेक राजपूत को निलंबित करने के निर्देश दिए। वहीं पृथ्वीपुर में एक तहसीलदार अनिल तलैया का निलंबित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मामलों की जांच ईओडब्ल्यू से कराई जाएगी। दरअसल, उपचुनाव की घोषणा से पूर्व ही मुख्यमंत्री ने संबंधित सीटों की ओर रुख किया है। दो दिन पहले उन्होंने रैगांव तो आज पृथ्वीपुर में जनदर्शन यात्रा कर लोगों की समस्याएं सुनी। जेरोन में लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जेरोन नगर परिषद के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमाशंकर मिश्रा एवं उनके सहयोगी अभियंता को मंच से ही निलंबित करने के निर्देश दिए। उमाशंकर वर्तमान में जतारा नगर परिषद में पदस्थ हैं। इसके बाद वह पृथ्वीपुर पहुंचे तो उन्हें तहसीलदार तलैया के सताए हुए लोग मिले। इन्होंने तहसीलदार पर नामांकन,बंटवारे के प्रकरणों में अड़ंगा लगाए जाने व रिश्वत की शिकायत की। इस पर श्री चौहान ने तलैया को भी निलंबित करने के निर्देश दिए। देर शाम कमिश्नर सागर मुकेश शुक्ला ने अधिकारीद्वय के निलंबन आदेश जारी किए। पृथ्वीपुर में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं डंडा लेकर निकला हूं, गड़बड़ी करने वालों को नहीं छोड़ूंगा। ओरछा में खुलेगा कॉलेज मुख्यमंत्री ने टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ से जनदर्शन यात्रा शुरू की। इससे पहले वह ओरछा पहुंचे व रामराजा सरकार के मंदिर पहुंच पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने ओरछा में अगले शैक्षणिक सत्र से महाविद्यालय शुरू करने की बात कही। जनदर्शन यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जेरोन,हथेरी, वृषभानपुरा सहित अन्य कई ग्रामों से होते हुए पृथ्वीपुर पहुंचे, जहां पर विशाल जन समूह को संबोधित किया है। उन्होंने पृथ्वीपुर में 10 लाख रूपये की लागत से पूर्व विधायक स्व. सुनील नायक की प्रतिमा स्थापित करने। 20 करोड़ रूपये से नल-जल योजना ,सामुदायिक स्वास्थ केंद्र को एक बड़े अस्पताल के रूप में बनाने, सौंदर्यीकरण सहित अन्य सौगातें दीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि टीकमगढ़ के विधायक साथी हमारे साथ हैं। अब पृथ्वीपुर की सीट बची है, वह भी हम जीत जाएंगे। उन्होंने लोगों से कहा कि आपने आशीर्वाद दिया, इसीलिए हम भी विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कांग्रेस पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कमलनाथ सरकार 15 माह सत्ता में रही। उसने विकास कार्य करना तो दूर पहले से चल रही गरीबों की योजनाएं भी बंद कर दी। यात्रा के दौरान वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव,अरविंद भदौरिया, राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ सहित जिले के विधायक उपस्थित रहे।
खुदाई मॉडल | कुबोटा मिनी खुदाई – Brandon H Ford Construction Equipment Chassiswidth रेफर्एंटिसिड वाहेमहुविद / वैशेडुरिड टोडेटेले रस्केटहेनिकल 3820mm There are many tractor manufacturers in India. 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This information is shared with third parties. | बंद रंग: अनुकूलित किया जा सकता 0.11cbm कृषि ट्रैक मिथुन Gamotronix No Image हाइड्रोलिक खुदाई, कारणों और उन्मूलन… बाल्टी क्षमता: 0.025cbm Maharashtra News Sitarganj, RudrapurFront Of Patiala Bank Kichha Road Sitarganj Rudrapur, मिनी खुदाई उपकरण तेजी से श्रम क्लिप A4 2.0 093-5979 093-0288 8T-4121 1R-7569 099-8111 5W-2338 7y-0466 099-0144 248-7284 6I-6426 आपूर्ति की क्षमता: 5pcs/माह HNBR हे छल्ले 2015 में, लिटेंग ने मौजूदा उत्पादों के आधार पर, रणनीतिक नीति के वैयक्तिकृत अनुकूलित मोड का एक व्यापक कार्यान्वयन आगे बढ़ाया, ग्राहक परिचालन स्थितियों के साथ संयुक्त, स्वतंत्र मिलान डिजाइन और उत्पादन सेवाओं के कार्यान्वयन। ग्राहकों के मुताबिक बाल्टी क्षमता, उठाने की ऊंचाई, मशीन आकार और विन्यास (जैसे इंजन, ट्रांसमिशन चयन) को अनुकूलित करने की मांग के अनुसार 3 टन से 6 टन लोडिंग क्षमता के व्हील लोडर; लोडिंग वजन, उतार चढ़ाव ऊंचाई, मशीन आकार और समकक्ष विन्यास को अनुकूलित करने के लिए फोर्कलिफ्ट लोडर 18 टन से 45 टन लोडिंग क्षमता; भारोत्तोलन ऊंचाई, मशीन आकार और कॉन्फ़िगरेशन को अनुकूलित करने के लिए अनलोडिंग कंटेनर आकार पर लगाए गए कंटेनर को 32 टन से 42 टन लोडिंग क्षमता से हैंडलर अपलोड करना। संक्षेप में, ग्राहक सेवा के आधार पर लिटेंग मशीनरी, केवल उद्देश्य के लिए ग्राहक की मांग को पूरा करने के लिए। जब तक आपके पास मांग है, तब तक आपके लिए हमेशा एक उपयुक्त उत्पाद होता है। कृपया हमें अपनी आवश्यकताओं बताएं, हम आपकी तरफ से उत्पादों से संतुष्ट होने के लिए बाहर जायेंगे। 8401 15 HP Cummins इंजन भागों ☻ Tractor | the tale of tractors | Bajki dla dzieci o Traktorach ☻Bazylland निर्दिष्टीकरण विटन ओ रिंग्स पहुंच स्टेकर क्रेन क्रशिंग फोर्स: 95 टन 85 जॉन डीरे Khairtabad, HyderabadH.No.6-2-967 , Flat No.402 , Kaarnik Towers / Khairatabad, 1.6 टन क्रॉलर खुदाई Gearbox drive डोगरी DOGRI उत्पाद विवरण उत्पत्ति के प्लेस जापान मूल्य Negotiable एयर कंप्रेसर शीतलक प्रणाली 1.8 Komatsu PC600-6 Valve Seal Kit Heating Resisting With PU Rubber Materials मैं सहमत हूं कि नीचे 'डेमो अनुरोध' बटन पर क्लिक करके मैं अपना ट्रैक्टर खरीदने में मेरी सहायता करने के क्रम में मैं स्पष्ट रूप से महिंद्रा या इसके भागीदारों से अपने 'मोबाइल' पर एक कॉल याचना कर रहा हूँ। एक बोली का अनुरोध | 01252-70516 01435-00612 01435-01085 01580-10806 09,370-00,070 हुंडई खुदाई रेडिएटर Export From India हाइड्रोलिक क्रेन ट्रक और अधिक जानकारी के लिए हमारे नंबर पर अभी फोन लगाएं गैस ट्रैक्टर ट्रक Fantasy 1.8 Share ROPS: सुरक्षात्मक संरचना पर रोल पीटीओ गति 540r / मी 540r / मी 540r / मी 540r / मी प्रयुक्त कैटरपिलर मिनी खुदाई ई 70 बी Use the forms below to find what you are looking for: Colors for Children to Learn with Toy Trains – Colors Videos CollectionSuper Kids TV Orderedseparately Businesses sojat city (Pali) , Rajasthan – 306104 GM03 / GM05 / GM06 / GM07 / GM08 / GM09 / GM10 / GM17 / GM18 / GM20 / जीएम23 / GM24 / GM28 / GM35 / GM38 / ट्रैवल मोटर्स Vidmate OUY-बी 95 3 टी चालक मिनी रोलर कॉम्पैक्टर पर्किन्स इंजन पॉक्लेन मोटर और सॉयर पंप 1.5 टन – अपने बच्चे के साथ खेलते हैं या उसे अकेले खेलते हैं Granger उपयोग की गई खुदाई की कीमतें बता अपन… वितरक जानकारी 1, रपट के उत्कृष्ट प्रदर्शन, कोई रेंगने प्रभाव Kajal Kiran Kashyap | Publish: Apr, 16 2016 10:14:00 AM (IST) Mungeli, Chhattisgarh, India 099-0149 8T-0348 096-4212 1R-7568 099-8110 8U-0953 093-0288 099-0149 7y-1904 8T-0348 6. आमतौर पर, आपके चित्र के अनुसार नमूने बनाने के लिए यह आसान और सटीक है, आप संदर्भ के लिए और अंतिम अनुमोदन के लिए प्रतिकृतियों के लिए हमें नमूने भी भेज सकते हैं भुगतान शर्तें: टी/टी, वेस्ट यूनियन, पेपैल Tata Nexon AMT Review: जानें, कैसी है यह कार प्रयुक्त सुमितोमो खुदाई सलमान को बिग बॉस के हर एपिसोड के लिए मिल रही 14 करोड़ रुपए की फीस Time: 2018-09-10T01:48:56Z बाल्टी ट्रक केवीसी श्रृंखला: केवीसी 9 25, केवीसी 9 30, केवी 9 9 32 Kiloo Kayaba: मॉडल संख्या: SJ08 कोमात्सु खुदाई | खुदाई मॉडल कोमात्सु खुदाई | बिक्री के लिए बिल्ली 320 खुदाई कोमात्सु खुदाई | ट्रैक्टर खुदाई
आजाद बोले, हरियाणा में किसी पार्टी से गठबंधन नहीं - Ghulam nabi azad said no alliance in haryana with any party atrc - AajTak गुलाम नबी आजाद का कहना है कि कोऑर्डिनेशन कमेटी से न पहले कोई नाराज था और न अब कोई नाराज है. उन्होंने कहा कि लिस्ट वापस लेने की कोई बड़ी वजह नहीं थी. कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद (इंडिया टुडे आर्काइव) aajtak.in/ अशोक सिंघल नई दिल्ली, 18 मार्च 2019, अपडेटेड 14:58 IST कांग्रेस महासचिव और हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने साफ कर दिया है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के किसी भी अन्य पार्टी के साथ समझौता नहीं होगा. इसके साथ ही आजाद ने हरियाणा के लिए चुनाव कोऑर्डिनेशन कमेटी की वही लिस्ट जारी की है जो पहले जारी करके वापस ले गई थी. इस कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं. गुलाम नबी आजाद का कहना है कि कमेटी से न पहले कोई नाराज था और न अब कोई नाराज है. उन्होंने कहा कि लिस्ट वापस लेने की कोई बड़ी वजह नहीं थी. कांग्रेस महासचिव आजाद ने कहा कि कोऑर्डिनेशन कमेटी की कल (मंगलवार) बैठक होगी और हरियाणा के सभी नेता एक साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा में किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और पार्टी कोई गठबंधन भी नहीं करेगी. पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़े तो फायदा होगा. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, "देश के लोग अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हराना चाहते हैं. अगर हरियाणा में जेजेपी, आप और कांग्रेस साथ लड़ते हैं तो हरियाणा की दसों सीट पर बीजेपी हारेगी. राहुल गांधी इसपर विचार करें." गौरतलब है कि आप का हरियाणा में मजबूत आधार नहीं है और पार्टी राज्य में प्रवेश की कोशिश कर रही है. इंडियन नेशनल लोकदल में फूट के बाद जेजेपी का दिसंबर में गठन हुआ था. जेजेपी ने जींद विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था. उप चुनाव में आप ने जेजेपी उम्मीदवार का समर्थन किया था. गोवा में सरकार बनाने के मुद्दे पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है. तीन विधायक बीजेपी से हमारे ज्यादा हैं. गवर्नर का दुरुपयोग पहले भी किया जा चुका है. केंद्र सरकार की ओर से और अभी भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहाल होना चाहिए और गवर्नर को सही निर्णय लेना चाहिए. जिसके पास बहुमत है उसको मौका दिया जाना चाहिए. कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन न होने के मायावती के बयान पर आजाद ने कहा कि उनको जो करना है वो करें, हमें जो करना है हम कर रहे हैं. प्रियंका गांधी पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की टिप्पणी पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पीएम से लेकर बाकी बीजेपी के नेता कौन से अच्छे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कुशीनगर की आकांक्षा ने किया कमाल, नीट-2020 में हासिल किए 100% नंबर - Hamara Blackboard Home > हमारा ब्लैकबोर्ड अपडेट > कुशीनगर की आकांक्षा ने किया कमाल, नीट-2020 में हासिल किए 100% नंबर admin, 11 months ago 1 2 min read 479 भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत सार्जेंट की बेटी ने नीट 2020 में शत प्रतिशत नंबर हासिल कर इस प्रतिष्ठित परीक्षा के टॉपरों में दूसरे नंबर पर अपना नाम दर्ज करा लिया है। इस उपलब्धि पर कुशीनगर से गोरखपुर तक जश्‍न मन रहा है। आकांक्षा मूल रूप से कुशीनगर की रहने वाली हैं। शुक्रवार को उनकी कामयाबी का जश्‍न गोरखपुर के कोचिंग संस्‍थान में भी मना। आकांक्षा ने नीट-2020 की परीक्षा में आल इंडिया रैंक में दूसरा स्थान हासिल किया है। उसे 720 में 720 अंक मिले। वह यूपी टॉपर भी है। कुशीनगर की वह पहली लड़की बन गई है जिसने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में इतना अच्छा रिजल्‍ट हासिल किया। परीक्षा का परिणाम आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा घोषित किए गया है| कुशीनगर अभिनायकपुर की आकांक्षा सिंह ने इस परिणाम को सभी बाधाओं से लड़ते हुए प्राप्‍त किया है। बिना किसी खास सहयोग या कोचिंग के डॉक्टर बनने के अपने सपने को पूरा किया। इस सपने को पूरा करने के लिए आकांक्षा ने दिन-रात एक कर दिया था। वह कुशीनगर से निकलकर गोरखपुर और यहां से दिल्‍ली तक गईं। कड़ी मेहनत से तैयारी की। गोरखपुर में कोचिंग के दौरान उनकी मां उन्हें रोज कुशीनगर के बस स्टॉप तक लेकर जाती थीं। गोरखपुर से वापस आते समय कोचिंग का स्‍टॉफ उसे बस स्‍टॉप पर छोड़ता था।
Not on the Internet, appeared in court sparrow 731494 Published: Sat, 30 Apr 2016 07:06 AM (IST) | Updated: Thu, 16 Mar 2017 10:05 PM (IST) गौरैया का संरक्षण मानवता का कर्तव्य अब नजर नहीं आतीं...हमारी नन्हीं गौरैया अब नजर नहीं आतीं नन्हीं गौरैया, संरक्षण के लिए नहीं उठे कदम प्रदूषण, विकिरण और हरियाली की कमी ने गौरैया को किया शहरों से दूर बिलासपुर(निप्र)। पर्यावरण की परवाह किए बिना हो रहे विकास और बदलते मौसम की वजह से गौरैया आंगन में दिखना बंद हो गई हैं। आज बच्चे गौरैया को इंटरनेट में सर्च करते हैं। उन्हें बचाने के लिए थोड़ी जिम्मेदारी सभी को निभानी चाहिए। ताकि वह इंटरनेट की जगह एक बार फिर घर-आंगन में दिखने लगे। नईदुनिया-जागरण समूह के अभियान लौट आओ गौरैया अभियान के तहत 20 अप्रैल को उसलापुर स्थित ड्रीम इंडिया स्कूल में बच्चों को गौरैया संरक्षण का संदेश देते हुए विशेषज्ञों यह बात कही। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे विकास की रफ्तार बढ़ रही है, वैसे ही लोगों की व्यस्तता भी बढ़ रही है। इससे वे पक्षियों को दाना-पानी नहीं डाल पाते हैं। पक्षियों को संरक्षण नहीं मिलने से वे धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। विशेषज्ञों ने बच्चों को गौरैया के संरक्षण के लिए प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे थोड़े-से प्रयास से ही गौरैया दोबारा आंगन में लौटेगी और फिर से चहकने लगेगी। इससे हमारी आने वाली नई पीढ़ी को वाट्सएप और सोशल मीडिया में ही गौरैया को नहीं तलाशेंगे। नईदुनिया-जागरण समूह के इस कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों को गौरैया का महत्व बताते हुए जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें पक्षियों के संरक्षण व भारतीय संस्कृति से जोड़ने प्रयास किया जा रहा है। इससे बच्चों को बालपन से ही गौरैया के प्रति कुछ करने की प्रेरणा मिलेगी और वे प्रकृति से भी जुड़ेगे। नईदुनिया के इस अभियान से जुड़कर पक्षी विशेषज्ञ स्कूली बच्चों को गौरैया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। उन्हें दाना-पानी डालने से लेकर घरों में अप्राकृतिक घोसले बनने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। गीत से दिया संदेश कार्यक्रम में ओ री गौरया छोटी-सी गौरैया.. गीत की सुमधुर प्रस्तुति हुई। गीत के साथ ही बच्चों ने आकर्षक नृत्य भी पेश किया। थिरकते हुए स्कूली बच्चों ने लौट आओ गौरैया का संदेश दिया। इसके साथ ही नृत्य की मोहक मुद्रा के साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखने पशु-पक्षियों को बचाने का संदेश भी दिया। इसका निर्देशन स्कूल की डांस टीचर अंकित सक्सेना ने किया। नुक्कड़ नाटिका ने मोहा लघु नुक्कड़ नाटिका का मंचन भी कार्यक्रम के दौरान किया गया। इस नाटिका की भाव पूर्ण प्रस्तुति ने सभी का मन मोहा। चिड़िया उड़.., अरे गौरैया नहीं पता.., किसी ने देखा है.., आज गौरैया खो गई है.. जैसे डायलॉग के साथ नुक्कड़ नाटिका देखते ही बन रही थी। कलाकार नाटिका के माध्यम से गौरैया को बचाने का संदेश देते रहे। बच्चों की प्रस्तुति किसी प्रोफेशनल कलाकारों जैसी लग रही थी। सभी अपने-अपने किरदार को बखूबी निभा रहे थे। नाटिका का निर्देशन कामना डोंगरे ने किया। इसे अभिषेक प्रजापति, आयुष यादव, रितेश खांडे, लक्ष्मी कारडा और दुर्गा मिश्रा ने अपने अभिनय ने सजाया। नईदुनिया की पहल से समाज और स्कूली बच्चों को अच्छा संदेश जाएगा। इस कार्यक्रम से सभी को अपनी जिम्मेदारी का एहसाह हुआ है। यदि हम आज नहीं जागेंगे तो आने वाली पीढ़ी को गौरैया इंटरनेट में ही तलाशना होगा। नईदुनिया के ऐसे प्रयासों से स्कूली बच्चों को अपने पर्यावरण से जुड़ने का अवसर मिला है।
IHerb के चिटोसन सप्लीमेंट्स में क्रस्टेशियंस के फाइबर या काइटिन का उपयोग किया जाता है। आवेदन के बाद, इसमें से कुछ एंजाइमों द्वारा तोड़ा नहीं जाता है, लेकिन वसा के साथ जुड़ जाता है, नमी को जेल जैसे द्रव्यमान में परिवर्तित कर देता है, जो आसानी से जठरांत्र संबंधी मार्ग से प्राकृतिक तरीके से हटा दिया जाता है। तो अधिशोषक जठरांत्र संबंधी मार्ग को साफ करता है और विषाक्त तत्वों को निकालता है। चिकित्सा में, चिटोसन की वसा को संयोजित करने और निकालने की क्षमता की सराहना की जाती है। यह वसा कोशिकाओं को चुम्बकित और एकजुट करने में सबसे अच्छा सक्षम है। iHerb चिटोसन सप्लीमेंट्स में क्या है? अद्वितीय योजक चिटोसन आईहर्बो विशेष रूप से शंख चिटिन होता है। वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पहले इसे हर बार लेना चाहिए। दवा अन्य पदार्थों के साथ अच्छी तरह से मिश्रित होती है। यह पॉलीसेकेराइड या क्रस्टेशियन आहार फाइबर पर आधारित सबसे मजबूत प्राकृतिक सोखना है। चिटोसन शरीर से अतिरिक्त स्टाइरीन को अवशोषित करने और निकालने में सक्षम है और भोजन की बर्बादी से जमा होने वाले हानिकारक विषाक्त पदार्थों को घोलता है। Chitosan कैप्सूल के रूप में बेचा जाता है। एक टैबलेट में केवल कार्बोहाइड्रेट होते हैं और सक्रिय घटक 36 ग्राम से अधिक नहीं होते हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं और नशे की लत नहीं हैं। चिटोसन का उपयोग कब किया जाता है? आज सभी को चिटोसन लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसकी दाढ़ की मात्रा एक सामान्य दवा के अणुओं की तुलना में बहुत कम होती है। शरीर में इसकी जटिल बनावट अच्छी तरह से विघटित नहीं होती है, जिसके परिणामस्वरूप इसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है। उल्लिखित लाभों के अलावा, चिटोसन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो स्वस्थ जीवन शैली जीने वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वजन घटाने को बढ़ावा देता है, शरीर को साफ करता है। यदि आप एक सक्रिय जीवन शैली का नेतृत्व करते हैं, तो सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों को फिर से भरने के लिए iHerb Chitosan को लेना न भूलें। एक टैबलेट में औसतन 500 मिलीग्राम पदार्थ होता है। निर्माता प्रति दिन कम से कम 3 कैप्सूल लेने की सलाह देता है। यदि यह पर्याप्त नहीं है, तो खुराक, कुछ मामलों में, 5 कैप्सूल तक बढ़ाया जा सकता है। हम आपको पढ़ने के लिए सलाह देते हैं: iHerb फ़ूड के लिए नारियल का तेल - शीर्ष 5 iHerb पर सर्वश्रेष्ठ चिटोसन - शीर्ष 5 पूरक Now Foods, Chitosan, 500 mg, 240 Veggie Caps. प्राकृतिक संतुलन, मूल चिटोसन, 250 मिलीग्राम, 120 कैप्सूल। न्यूट्रिकोलॉजी, माइक्रोचिटोसन, 60 वेजीकैप्स। प्राकृतिक संतुलन, सुपर चिटोसन, 3000 मिलीग्राम, 120 वेजी कैप्स। Now Foods, Chitosan Plus Chromium, 500 mg, 120 Veggie Caps. Iherb आहार पूरक इसी तरह के पोस्ट iHerb पर खांसी के उपचार - शीर्ष 5 पूरक विभिन्न प्रकार के सिरप, टैबलेट और अन्य तैयारियां iHerb . पर सर्वश्रेष्ठ ग्लूटाथियोन ग्लूटाथियोन कोशिकाओं द्वारा निर्मित एक पदार्थ है iHerb . पर सिंहपर्णी के लाभ सिंहपर्णी जड़ सक्रिय रूप से रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है Wobenzym iHerb - शीर्ष 5 सर्वश्रेष्ठ एंजाइम की खुराक Wobenzym कार्रवाई की एक विस्तृत स्पेक्ट्रम के साथ एक दवा है। iHerb के साथ Astaxanthin - शीर्ष 7 पूरक Astaxanthin एक अनूठा पदार्थ है जिसमें मजबूत मुँहासे के लिए iHerb पर क्या ऑर्डर करें? ज्यादातर मामलों में मुँहासे उपचार जटिल है। iHerb . पर शीर्ष 5 कार्नोसिन की खुराक कार्नोसिन एक डाइपेप्टाइड है जिसमें दो संबंधित होते हैं iHerb . के साथ शीर्ष 5 लोकप्रिय Choline सप्लिमेंट्स कोलीन (बी 4) विटामिन बी समूह से संबंधित एक आवश्यक पदार्थ है। गोपनीयता नीति कुकी नीति संपर्क साइट का नक्शा आईहर्ब पर सुपर छूट © 2019-2022 कॉन्फेटिसिमो - महिलाओं का ब्लॉग। साइट सामग्री की प्रतिलिपि बनाना प्रतिबंधित है। जानकारी मनोरंजक और सूचनात्मक है। चिकित्सा उद्देश्यों के लिए, कृपया संबंधित विशेषज्ञों से संपर्क करें। कंफेटिशिमो - महिला ब्लॉग आप 18 साल के हैं? Да नहीं हम आपकी वरीयताओं और बार-बार आने वाली यात्राओं को याद करके आपको सबसे प्रासंगिक अनुभव देने के लिए हमारी वेबसाइट पर कुकीज़ का उपयोग करते हैं। "स्वीकार करें" पर क्लिक करके, आप सभी कुकीज़ के उपयोग के लिए सहमति देते हैं। मेरी निजी जानकारी न बेचें. कुकी सेटिंग्सस्वीकार करें सहमति का प्रबंध करें समापन गोपनीयता अवलोकन वेबसाइट के माध्यम से नेविगेट करते समय यह वेबसाइट आपके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कुकीज़ का उपयोग करती है। इनमें से, आवश्यक के रूप में वर्गीकृत किए गए कुकीज़ आपके ब्राउज़र पर संग्रहीत किए जाते हैं क्योंकि वे वेबसाइट की बुनियादी कार्यक्षमता के काम के लिए आवश्यक हैं। हम तीसरे पक्ष के कुकीज़ का भी उपयोग करते हैं जो हमें विश्लेषण करने और समझने में मदद करते हैं कि आप इस वेबसाइट का उपयोग कैसे करते हैं। ये कुकीज़ केवल आपकी सहमति से आपके ब्राउज़र में संग्रहीत की जाएंगी। आपके पास इन कुकीज़ को ऑप्ट-आउट करने का विकल्प भी है। लेकिन इनमें से कुछ कुकीज़ से बाहर निकलने से आपका ब्राउज़िंग अनुभव प्रभावित हो सकता है। ज़रूरी ज़रूरी हमेशा सक्रिय वेबसाइट को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक कुकीज़ बिल्कुल आवश्यक हैं। ये कुकीज़ बेसिक फंक्शंस और बेवसाइट की सुरक्षा सुविधाओं को सुनिश्चित करती हैं। कुकीज अवधि विवरण कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-एनालिटिक्स 11 महीने इस कुकी को GDPR कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है। कुकी का उपयोग "Analytics" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-कार्यात्मक 11 महीने कुकी को GDPR कुकी सहमति द्वारा "कार्यात्मक" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति दर्ज करने के लिए निर्धारित किया गया है। cookielawinfo-चेकबॉक्स-आवश्यक 11 महीने यह कुकी GDPR कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट की गई है। कुकीज़ का उपयोग कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति के लिए "आवश्यक" श्रेणी में किया जाता है। कुकीलॉइन्फो-चेकबॉक्स-अन्य 11 महीने इस कुकी को GDPR कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है। कुकी का उपयोग कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति के लिए श्रेणी "अन्य" में किया जाता है। कुकइलाविनो-चेकबॉक्स-प्रदर्शन 11 महीने इस कुकी को GDPR कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है। कुकी का उपयोग "प्रदर्शन" श्रेणी में कुकीज़ के लिए उपयोगकर्ता की सहमति को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। देखा गया_कोकी_पुलिस 11 महीने कुकी को GDPR कुकी सहमति प्लगइन द्वारा सेट किया गया है और इसका उपयोग स्टोर करने के लिए किया जाता है कि उपयोगकर्ता ने कुकीज़ के उपयोग के लिए सहमति दी है या नहीं। यह किसी भी व्यक्तिगत डेटा को संग्रहीत नहीं करता है। कार्यात्मक कार्यात्मक फ़ंक्शनल कुकीज कुछ फ़ंक्शनलिटीज़ को परफॉर्म करने में मदद करती हैं, जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वेबसाइट का कंटेंट शेयर करना, फीडबैक इकट्ठा करना और थर्ड-पार्टी फीचर्स। प्रदर्शन प्रदर्शन प्रदर्शन कुकीज़ का उपयोग वेबसाइट के प्रमुख प्रदर्शन सूचकांक को समझने और उनका विश्लेषण करने के लिए किया जाता है जो आगंतुकों के लिए बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करने में मदद करता है। विश्लेषण (Analytics) विश्लेषण (Analytics) विश्लेषणात्मक कुकीज़ का उपयोग यह समझने के लिए किया जाता है कि आगंतुक वेबसाइट के साथ कैसे बातचीत करते हैं। ये कुकीज़ मेट्रिक्स पर आगंतुकों की संख्या, बाउंस दर, ट्रैफ़िक स्रोत आदि के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करती हैं। विज्ञापन विज्ञापन विज्ञापन कुकीज़ का उपयोग प्रासंगिक विज्ञापनों और विपणन अभियानों के साथ आगंतुकों को प्रदान करने के लिए किया जाता है। ये कुकीज़ वेबसाइटों पर आगंतुकों को ट्रैक करती हैं और अनुकूलित विज्ञापन प्रदान करने के लिए जानकारी एकत्र करती हैं। अन्य लोग अन्य लोग अन्य अनियंत्रित कुकीज़ वे हैं जिनका विश्लेषण किया जा रहा है और उन्हें अभी तक किसी श्रेणी में वर्गीकृत नहीं किया गया है। बचाओ और स्वीकार करो द्वारा संचालित Русский Shqip العربية Հայերեն Azərbaycan dili Euskara Беларуская мова বাংলা Bosanski Български Català 繁體中文 Hrvatski Čeština‎ Dansk Nederlands English Eesti Filipino Suomi Français ქართული Deutsch Ελληνικά עִבְרִית हिन्दी Magyar Íslenska Bahasa Indonesia Gaeilge Italiano 日本語 Қазақ тілі 한국어 Latviešu valoda Lietuvių kalba Lëtzebuergesch Македонски јазик Монгол Norsk bokmål پښتو فارسی Polski Português Română Русский Српски језик Slovenčina Slovenščina Afsoomaali Español Kiswahili Svenska Тоҷикӣ ไทย Türkçe Українська O‘zbekcha Tiếng Việt
COVID क्लीयरेंस के बाद चेल्सी में मैनचेस्टर सिटी ने नए साल का आगाज किया फुटबॉल समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया - Reviews in Hindi होम खेल जगत COVID क्लीयरेंस के बाद चेल्सी में मैनचेस्टर सिटी ने नए साल का... COVID क्लीयरेंस के बाद चेल्सी में मैनचेस्टर सिटी ने नए साल का आगाज किया फुटबॉल समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया लंडन: मैनचेस्टर सिटी नए साल पर लात मारो चेल्सी रविवार को, हाल ही में आगे बढ़ने के लिए उत्सुक कोविड -19 प्रकोप और दबाव डालने के लिए वापस आ जाओ प्रीमियर लीग नेताओं लिवरपूल। मैच, जब सवाल में डाली COVID-19 बुधवार को प्रशिक्षण के लिए आगंतुकों के लौटने के बाद सिटी को बंद करने के लिए मजबूर किया गया और एवर्टन में सोमवार का खेल स्थगित कर दिया गया। लंदन में संक्रमण बढ़ रहा है और फुलहम, चेल्सी के पश्चिम लंदन पड़ोसियों में टोटेनहम हॉटस्पर के मैच के बुधवार को स्थगित होने से संदेह पैदा हुआ लेकिन प्रीमियर लीग को विश्वास है कि जुड़नार आगे बढ़ सकते हैं। सिटी ने एक बयान में कहा, "सुरक्षा हमारी नंबर एक प्राथमिकता बनी हुई है और क्लब बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़ना जारी रखेगा।" "बुलबुले आने वाले दिनों में और परीक्षण से गुजरेंगे, जिसके परिणाम अगले चरणों को सूचित करेंगे और तय करेंगे।" पिच पर, आठवें स्थान पर रहने वाली सिटी लगातार तीसरी लीग जीत हासिल करेगी, जबकि चेल्सी को खराब फॉर्म से गुजरना होगा जिसमें तीन हार और एक ड्रॉ शामिल है। पूर्व लंदन के स्ट्राइकर क्रिस सुटन ने वेस्ट लंदन के एस्टन विला के साथ 1-1 से पिछड़ने और छठे स्थान पर खिसकने के बाद कहा, "इस समय, वे एक संकट क्लब हैं, क्योंकि वे अंडरपरफॉर्म कर रहे हैं।" "वे फ्लैट हैं और यही कारण है कि (प्रबंधक) फ्रैंक (लैम्पर्ड) को अपने बेल्ट के तहत कुछ जीत हासिल करने की आवश्यकता है और बहुत जल्दी क्योंकि यह पता है, जैसा कि हम जानते हैं, चेल्सी में बदसूरत हो सकते हैं।" चैंपियंस लिवरपूल, 16 मैचों में 33 अंकों के साथ, बुधवार को न्यूकैसल यूनाइटेड के साथ 0-0 से आगे हो गया और सोमवार को साउथेम्प्टन की यात्रा की। सिटी और लिवरपूल के बीच अंकों का अंतर सात अंकों का है लेकिन सिटी के दो गेम हैं। मैनचेस्टर यूनाइटेड, स्टैंडिंग में दूसरे और नौ-मैच नाबाद लकीर पर, शुक्रवार शाम को एस्टन विला की मेजबानी में पांचवें स्थान पर रहा। लीवरपूल से ओले गुन्नार सोलस्कर के तीन अंक पीछे हैं। लीड्स यूनाइटेड, मंगलवार को वेस्ट ब्रोमविच एल्बियन के 5-0 से जोर से, शनिवार के लंचटाइम किकऑफ़ के लिए टोटेनहम हॉटस्पर की यात्रा पर, जबकि उच्च-उड़ान वाले लीसेस्टर सिटी रविवार को न्यूकैसल यूनाइटेड में हैं। शुक्रवार को एवर्टन मेजबान वेस्ट हैम यूनाइटेड और शनिवार को वेस्ट ब्रोम में आर्सेनल खेलते हैं। शेफ़ील्ड यूनाइटेड, 16 प्रीमियर लीग खेलों के दो अंकों के साथ, क्रिस्टल पैलेस की यात्रा करते हैं, जो शनिवार को पांच-गेम जीतने वाले रन पर हैं।
Delhi HC reprimands Kejriwal government, says - you are behaving like ostrich | दिल्ली HC ने केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार, कहा- आप शुतुरमुर्ग जैसा व्यव्हार कर रहे | Hindi News, देश May 6, 2021, 06:15 PM IST नई दिल्ली: कोरोना काल में बिगड़ी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा, 'अब आप शुतुरमुर्ग की तरह व्यवहार कर रहे हैं. आज हमें आपको जवाब देना होगा. आप इस स्थिति का बचाव करेंगे, क्योंकि हम राजनीति से ऊपर नहीं उठ पा रहे. हम हमेशा दोषी को दोषी ही कहेंगे.' समय पर इलाज मिलना लोगों का अधिकार कोर्ट ने पूछा कि आखिर दिल्ली सरकार (Delhi Government) स्वास्थ्य बजट पर कुल कितना खर्च कर रही है. हाई कोर्ट ने कहा कि हमने शपथ ली है, लोगों के उनको अधिकारों को सुरक्षित रखने की. वहीं समय रहते अच्छे से अच्छा इलाज मिलना भी एक मौलिक अधिकार है, और हाई कोर्ट (Delhi High Court) की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को मिल सके. नागरिकों को अच्छा इलाज मुहैया कराए सरकार अदालत ने कहा कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है, और हकीकत सामने आ गई है. लेकिन कोर्ट मरीज से यह बात नहीं कह सकता. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ एक व्यक्ति के मामले में आदेश नहीं दे सकते, क्योंकि इससे बाकी मरीजों के अधिकारों का हनन होगा. इसलिए हाई कोर्ट दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो दिल्ली के सभी नागरिकों को अच्छे से अच्छा इलाज मुहैया कराए.
Mohammad Shami summoned by Alipore Court Kolkata in cheque bounce case Hasin Jahan चेक बाउंस मामले में कोलकाता के अलीपुर कोर्ट ने मोहम्मद शमी को पेश होने का आदेश दिया | Cricket News in Hindi चेक बाउंस मामले में कोलकाता के अलीपुर कोर्ट ने मोहम्मद शमी को पेश होने का आदेश दिया Updated Jul 18, 2018 | 17:06 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के लिए मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब कोलकाता के अलीपुर कोर्ट ने उन्हें चेक बाउंस मामले में कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। मोहम्मद शमी | &nbspतस्वीर साभार:&nbspAP, File Image नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज और हाल में अपनी पत्नी हसीन जहां के साथ विवादों को लेकर चर्चा में रहने वाले मोहम्मद शमी के लिए मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। अब चेक बाउंस मामले में कोलकाता के अलीपुर कोर्ट ने उन्हें पेश होने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि शमी की पत्नी हसीन जहां ने ही शमी के खिलाफ ये केस दर्ज कराया था। खबरों के मुताबिक मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने दावा किया था कि उनके पति ने जो 1 लाख रुपये का चेक दिया था वो बाउंस हो गया और अब उनके पास महीने के खर्चे उठाने के पैसे नहीं हैं। शमी और हसीन जहां के बीच विवाद की शुरुआत तब हुई थी जब हसीन जहां ने अचानक मीडिया के सामने आकर शमी व उनके परिवार पर घरेलू हिंसा व तमाम अन्य गंभीर आरोप लगाए थे। हसीन जहां ने कोलकाता के कोर्ट में शमी के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने अपनी बेटी व खुद के लिए महीने के खर्च के रूप में 10 लाख रुपये मांगे थे। हसीन का दावा था कि शमी ने उन्हें खर्चों के लिए पैसे देना बंद कर दिया था। इसी कड़ी में शमी के एक चेक के बाउंस होने पर इस भारतीय क्रिकेटर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
खाद के लिए लगी लम्बी लाइन - Khabar Lahariya (खबर लहरिया) खबर लहरिया खेती महोबा : खाद लेने के लिए किसानों की लगी लम्बी लाइन द्वारा लिखित खबर लहरिया October 25, 2021 59 बार देखा गया महोबा जिले के विभिन्न गाँवों के किसान खाद न मिलने की वजह से तकरीबन आठ दिनों से परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उनके खेतों की बुवाई का समय है। वह कहते हैं कि उन्हें खाद के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है। सुबह खाना-पीना छोड़कर किसान खाद गोदाम में जाकर बैठ जाते हैं लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें खाद नहीं मिलती। वह कहतें हैं कि अगर खाद नहीं डलती तो पैदावार भी अच्छी नहीं होती। महोबा जिले में बहुत-सा क्षेत्र पथरीला है। कहीं पर भी कुआं या बोर का साधन नहीं है जिससे की किसान खेतों की बुवाई कर सकें। अब उन्हें खाद भी नहीं मिल रही है। किसान कहते हैं कि कई किसानों ने बैंक से कर्ज़ा लिया है तो किसी ने साहूकार से। जब वह समय रहते क़र्ज़ नहीं चुका पाते तो प्रशासन नोटिस चिपका जाती है। क़र्ज़ के बोझ तले किसान आत्महत्या करने को मज़बूर हो जाता है। ये भी देखें – पन्ना : किसानों में छाई खुशहाली मूंगफली की तोड़ाई जोरों पर किसान सेवा सहकारी समिति के रविंद्र कुमार पाठक अकाउंटेंट कहते हैं कि जब तक उनके यहां सचिव नहीं आएगा वह खाद नहीं बांटेंगे। बिपिन रावत ने बताया कि उन्होंने 15 हज़ार रूपये के मटर के बीज खरीदे थे। गांव की सोसाइटी जहां खाद मिलती है वह भी नहीं खुलती। इसी वजह से वह खाद के लिए आठ दिनों से कुलपहाड़ की तरफ भाग रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल रही। सुगिरा गांव की अनीता कहती हैं कि इस समय खाद के लिए मारामारी मची हुई है। हज़ारों की संख्या में किसान इकठ्ठा हो रखे हैं। बुवाई का सीज़न है पर खाद ही नहीं मिल पा रही है। किसान रोज़ आते हैं, दिन-भर बैठते हैं और इंतज़ार करके लौट जाते हैं। ओमप्रकाश कहते हैं कि वह बेलाताल कैथौरा और कुलपहाड़ की सोसाइटी देख आये हैं लेकिन उन्हें फिर भी खाद नहीं मिली।
जानिए क्या है यामी गौतम की खूबसूरत त्वचा का राज | News Track Live, NewsTrack Hindi 1 Sep 19 2018 05:33 PM यामी गौतम बॉलीवुड की क्यूट और खूबसूरत एक्ट्रेस है. यह मेकअप और नो मेकअप लुक में हमेशा ग्लोइंग और खूबसूरत नजर आती हैं. यामी गौतम अपनी ग्लोइंग और नेचुरल ब्यूटी का राज घरेलू नुस्खों को बताते हैं. यामी के अनुसार उन्हें आर्टिफिशियल चीजों का इस्तेमाल करना पसंद नहीं है.यामी अपने चेहरे पर फेशियल भी नहीं करवाती हैं. वह हमेशा अपने चेहरे पर एक ही ब्रांड के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं. आज हम आपको यामी गौतम की खूबसूरती के कुछ राज़ बताने जा रहे हैं. 1- यामी गौतम नहाने के बाद अपनी त्वचा पर नेचुरल मॉइस्चराइजर लगाती हैं. जिससे उनकी त्वचा की नमी बरकरार रहती है. रात में सोने से पहले अपना मेकअप हटाने के लिए यामी नेचुरल टोनर का इस्तेमाल करती हैं. इसके अलावा कभी भी नाईट क्रीम लगाना नहीं भूलती हैं. 2- अपनी त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए यामी भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करते हैं. दिन शुरुआत में यामी गौतम एक गिलास गुनगुने पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर पीते हैं. 3- अपनी पलकों को लंबा और खूबसूरत बनाए रखने के लिए यामी कैस्टर ऑयल, विटामिन ई ऑयल, एलोवेरा जेल का पेस्ट बनाकर पलकों पर लगाती हैं. 4- बालों की देखभाल के लिए यामी शैंपू करने के बाद एक कप सिरके से अपने बालों को धोती हैं. इसके अलावा वे अपने बालों में जेल स्प्रे आदि का इस्तेमाल कम करती हैं. यामी अपने बालों में नियमित रूप में हॉट ऑयल मसाज करती हैं. जिससे उनके बाल सिल्की और सॉफ्ट रहते हैं. 5- त्वचा की टोनिंग करने के लिए यामी नारियल पानी का इस्तेमाल करती हैं. रोज रात में मेकअप उतारने के बाद यामी गौतम नारियल पानी से अपनी त्वचा की मसाज करती हैं.
Sachin Pilot Again Gave Anti-Government Statement - बयाना में सचिन पायलट ने सरकार को पकड़ाया नया 'बयाना' | Patrika News Sachin Pilot again gave Anti-Government Statement कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बयाना में फिर सत्ता विरोधी बयान देकर राज्य सरकार को एक और नया 'बयाना' (यानी अग्रिम-पेशगी) पकड़ा दिया है। October, 23 • 08:01 AM बयाना में पायलट का सरकार को पकडाया नया 'बयाना' बयाना (भरतपुर) / जयपुर। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने बयाना में फिर सत्ता विरोधी बयान देकर राज्य सरकार को एक और नया 'बयाना' (यानी अग्रिम-पेशगी) पकड़ा दिया है। निकाय चुनाव में बिना सदस्य बने मेयर व सभापति चुनने पर एक बार फिर से पायलट ने अपनी ही सरकार के निर्णय पर सवाल खड़े किए हैं। पायलट ने कहा कि बिना पार्षद के मेयर बनना गलत है, किसी भी व्यक्ति को सदस्य जरूर होना चाहिए। यह बात उन्होंने मंगलवार को बयाना में पत्रकारों से बातचीत में कही। वे पूर्व विधायक बृजेंद्रसिंह सूपा के निधन पर उनके आवास पर परिजनों को संवेदना व्यक्त करने यहां पहुंचे थे। -संदेश सही नहीं जा रहा... पायलट ने कहा कि पहले 2009 में सीधा चुनाव था। जनता के वोटों से चुना गया मेयर था। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद हमने भी सीधा चुनाव कराने के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीड बैक लिया। मंत्री शांति धारीवाल के नेतृत्व में कमेटी ने निर्णय किया, लेकिन बिना पार्षद बने ही मेयर चुना जाए, यह गलत है। जनता में कांग्रेस पार्टी बैकडोर एंट्री कर रही है। यह संदेश सही नहीं जा रहा है। सरकार को अपने निर्णय पर पुन: विचार करना चाहिए। -सीएम ने कहा था...पार्टी के फीडबैक को मानेंगे जनता के वोट लेकर जो सदन में आते हैं, उनकी जिम्मेदारियां जनता के प्रति होती है। जो बिना जनता के मेयर बनेंगे, वह जिम्मेदारियां नहीं समझ सकेंगे। उन्होंने बताया कि गत एक अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने जयपुर में आयोजित अधिवेशन में कहा था कि सरकार वही निर्णय लेगी जो पार्टी का फीडबैक होगा। अब सरकार को ऐसे निर्णय पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। -सत्ता और संगठन में समन्वय की कमी : बंसल इस बीच कांग्रेस के प्रदेश सह प्रभारी विवेक बंसल के बयान ने नई बहस छेड़ दी है। बंसल ने कहा है कि विधिवत रूप से सत्ता और संगठन के बीच उतना समन्वय नहीं है, उसमें कहीं न कहीं कुछ कमी है। बंसल ने साफ कहा कि हम जल्द ही इस कमी को दूर कर लेंगे। दरअसल बिना चुनाव लड़े महापौर और निकाय प्रमुख बनाने के फैसले को लेकर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार नाराजगी जता रहे हैं। उन्होंने कहा था कि मैं इस निर्णय से सहमत नहीं हूं। ये निर्णय यूडीएच ने अपने स्तर पर लिया है। कैबिनेट और संगठन से इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की गई। इस निर्णय से बैकडोर एंट्री को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कांग्रेस हमेशा लोकतंत्र को मजबूत करने की बात करती है, मगर इस निर्णय से लोकतंत्र को मजबूती नहीं मिलेगी। -उपचुनाव के नतीजों से हो जाएगा साफ : जोशी उधर, विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि बंसल ने किस परिप्रेक्ष्य में यह बयान दिया है, मुझे पता नहीं है, लेकिन सत्ता और संगठन में पूरा समन्वय है। उपचुनाव के नतीजों से यह साफ हो जाएगा। फि र भी बंसल ने कोई बयान दिया हैं तो मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पर इस पर चर्चा कर लेंगे।
चाचा नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे और तीन मूर्ति भवन प्रधानमंत्री का सरकारी निवास था। एक दिन तीन मूर्ति भवन के बगीचे में लगे पेड़-पौधों के बीच से गुज़रते हुए घुमावदार रास्ते पर नेहरू जी टहल रहे थे। उनका ध्यान पौधों पर था। वे पौधों पर छाई बहार देखकर खुशी से निहाल हो ही रहे थे तभी उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई दी। नेहरू जी ने आसपास देखा तो उन्हें पेड़ों के बीच एक-दो माह का बच्चा दिखाई दिया जो दहाड़ मारकर रो रहा था। नेहरूजी ने मन ही मन सोचा- इसकी माँ कहाँ होगी? उन्होंने इधर-उधर देखा। वह कहीं भी नज़र नहीं आ रही थी। चाचा ने सोचा शायद वह बगीचे में ही कहीं माली के साथ काम कर रही होगी। नेहरूजी यह सोच ही रहे थे कि बच्चे ने रोना तेज़ कर दिया। इस पर उन्होंने उस बच्चे की माँ की भूमिका निभाने का मन बना लिया। नेहरूजी ने बच्चे को उठाकर अपनी बाँहों में लेकर उसे थपकियाँ दीं, झुलाया तो बच्चा चुप हो गया और मुस्कुराने लगा। बच्चे को मुस्कुराते देख चाचा खुश हो गए और बच्चे के साथ खेलने लगे। जब बच्चे की माँ दौड़ते वहाँ पहुँची तो उसे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसका बच्चा नेहरूजी की गोद में मंद-मंद मुस्कुरा रहा था। ऐसे ही एक बार जब पंडित नेहरू तमिलनाडु के दौरे पर गए तब जिस सड़क से वे गुज़र रहे थे वहाँ वे लोग साइकिलों पर खड़े होकर तो कहीं दीवारों पर चढ़कर नेताजी को निहार रहे थे। प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए हर आदमी इतना उत्सुक था कि जिसे जहाँ समझ आया वहाँ खड़े होकर नेहरू को निहारने लगा। इस भीड़भरे इलाके में नेहरूजी ने देखा कि दूर खड़ा एक गुब्बारे वाला पंजों के बल खड़ा डगमगा रहा था। ऐसा लग रहा था कि उसके हाथों के तरह-तरह के रंग-बिरंगी गुब्बारे मानो पंडितजी को देखने के लिए डोल रहे हो। जैसे वे कह रहे हों हम तुम्हारा तमिलनाडु में स्वागत करते हैं। नेहरूजी की गाड़ी जब गुब्बारे वाले तक पहुँची तो गाड़ी से उतरकर वे गुब्बारे ख़रीदने के लिए आगे बढ़े तो गुब्बारे वाला हक्का-बक्का-सा रह गया। नेहरूजी ने अपने तमिल जानने वाले सचिव से कहकर सारे गुब्बारे ख़रीदवाए और वहाँ उपस्थित सारे बच्चों को वे गुब्बारे बँटवा दिए। ऐसे प्यारे चाचा नेहरू को बच्चों के प्रति बहुत लगाव था। नेहरूजी के मन में बच्चों के प्रति विशेष प्रेम और सहानुभूति देखकर लोग उन्हें चाचा नेहरू के नाम से संबोधित करने लगे और जैसे-जैसे गुब्बारे बच्चों के हाथों तक पहुँचे बच्चों ने चाचा नेहरू-चाचा नेहरू की तेज़ आवाज़ से वहाँ का वातावरण उल्लासित कर दिया। तभी से वे चाचा नेहरू के नाम से प्रसिद्ध हो गए।[3] आज भी चाचा नेहरू के इस देश में लगभग 5 करोड़ बच्चे बाल श्रमिक हैं। जो चाय की दुकानों पर नौकरों के रूप में, फैक्ट्रियों में मज़दूरों के रूप में या फिर सड़कों पर भटकते भिखारी के रूप में नज़र आ ही जाते हैं। इनमें से कुछेक ही बच्चे ऐसे हैं, जिनका उदाहरण देकर हमारी सरकार सीना ठोककर देश की प्रगति के दावे को सच होता बताती है। यही नहीं आज देश के लगभग 53.22 प्रतिशत बच्चे शोषण का शिकार है। इनमें से अधिकांश बच्चे अपने रिश्तेदारों या मित्रों के यौन शोषण का शिकार है। अपने अधिकारों के प्रति अनभिज्ञता व अज्ञानता के कारण ये बच्चे शोषण का शिकार होकर जाने-अनजाने कई अपराधों में लिप्त होकर अपने भविष्य को अंधकारमय कर रहे हैं।[4] बचपन आज भी भोला और भावुक ही होता है लेकिन हम उन पर ऐसे-ऐसे तनाव और दबाव का बोझ डाल रहे हैं कि वे कुम्हला रहे हैं। उनकी खनकती-खिलखिलाती किलकारियाँ बरकरार रहें इसके ईमानदार प्रयास हमें ही तो करने हैं। देश के ये गुलाबी नवांकुर कोमल बचपन की यादें सहेजें, इसके लिए ज़रूरी है कि हम उन्हें कठोर और क्रूर नहीं बल्कि मयूरपंख सा लहलहाता बचपन दें।[5] चाचा नेहरू को दो बातें बहुत पसंद थी पहली वे अपनी शेरवानी की जेब में रोज़ गुलाब का फूल रखते थे और दूसरी वे बच्चों के प्रति बहुत ही मानवीय और प्रेमपूर्ण थे। यह दोनों ही बातें उनमें कोमल हृदय है इस बात की सूचना देते हैं। बच्चों को वैसे ही लोग प्रिय है, जो गुलाब या कमल के समान हो।[6] हर वर्ष बचपन की यादों को ताजा करने के लिए बाल दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिन हमें सिखाता है कि एक निर्दोष और जिज्ञासु बच्चे की तरह हमें सदैव खुश रहना चाहिए और हमेशा सीखने की कोशिश करते हुए मुस्कुराते रहना चाहिए। यह बच्चों के लिए उल्लास में डूब जाने का दिन है। स्कूलों में भी यह दिन बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। संपूर्ण भारत में इस दिन स्कूलों में प्रश्नोतरी, फैंसी परिधान प्रतियोगिता और बच्चों की कला प्रदर्शनियों जैसे कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हाल के वर्षों में विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक और कॉरपोरेट संस्थाओं ने सभी पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए विशेष समारोह और प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू किया है। इस तरह के आयोजन देश के हर कोने में लोकप्रिय हुए हैं। अब टेलीविश्ज़न और अन्य मीडिया नेटवर्क समाज के प्रत्येक स्तर पर 14 नवंबर को बच्चों के लिए ख़ास कार्यक्रम बना रहे हैं।[7] हर वर्ष राष्ट्रपति भवन में देश भर से आए चुनिंदा बच्चों से भारत के राष्ट्रपति मुलाकात करते हैं। बाल दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति बच्चों का मनोबल बढ़ाते हैं और उन्हें उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। बच्चे भी इस मौके पर देश के प्रति अपने विश्वास और भविष्य में चुनौतियों का सामना करने की भावना को व्यक्त करते हैं। राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का मानना है कि देश के विकास में बच्चों की शिक्षा तथा अनुशासन का अमूल्य योगदान होता है। उन्होंने देश के शिक्षकों एवं छात्रों की प्रशंसा करते हुए कहा था कि इनकी कड़ी मेहनत तथा संस्कृति ने दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया है। देश के 11वें राष्ट्रपति - (भूतपूर्व) डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भी देश के विकास के लिए बच्चों का विकास आवश्यक मानते हैं। उन्होंने पद पर रहते हुए तथा बाद में भी कई मौकों पर यह संदेश दिया है कि देश का विकास बच्चों के हाथों में ही है। उन्होंने कहा था कि आज के साथ समझौता करने पर ही हम देश के बच्चों के लिए बेहतर कल दे सकेंगे। बच्चों के साथ उनके सवाल-जवाब पूरे देश में काफ़ी लोकप्रिय हैं। [7] राष्ट्रीय बाल भवन, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय द्वारा पूर्ण रूप से वित्त पोषित एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत कार्य करती हैं। इन संस्थानों का गठन बच्चों को विभिन्न गतिविधियों, अवसरों एवं आम बातचीत, प्रयोग करने और प्रदर्शन करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराकर उनकी रचनात्मक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। पंडित जवाहर लाल नेहरू के द्वारा बाल भवन केन्द्र के विचार की कल्पना की गई। उनका मानना था कि औपचारिक शिक्षा व्यवस्था से बच्चों के व्यक्तित्व के समग्र विकास की गुंजाइश काफ़ी कम है और बाल भवन एक ऐसी जगह है जो बच्चे के संपूर्ण विकास का वातावरण पेश करके इस अंतर को कम कर सकता है। वर्तमान में राष्ट्रीय बाल भवन से सम्बद्ध 68 राज्य बाल भवन तथा 10 बाल केन्द्र हैं। भारत का संविधान, संयुक्त राष्ट्र की योजनाओं के ही अनुरूप बच्चों के संरक्षण एवं अधिकारों की रक्षा के लिए कई सुविधाएं देता है। संविधान हर तरह से देश में बच्चों के कल्याण तथा उनकी शिक्षा एवं बालश्रम से मुक्ति के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से उन्मूलन के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। अनुच्छेद 21ए: राज्य को 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य तथा मुफ़्त शिक्षा देना क़ानूनी रूप से बाध्यकारी है। अनुच्छेद 39(ई): बच्चों के स्वास्थ्य और रक्षा के लिए व्यवस्था करने के लिए राज्य क़ानूनी रूप से बाध्य है। अनुच्छेद 39(एफ): बच्चों को गरियामय रूप से विकास करने के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य की नैतिक ज़िम्मेदारी है। अमूमन हर अभिभावक अपने बच्चे के लिए अच्छा सोचता है, अच्छे से अच्छा करना चाहता है। और उसे सबसे आगे देखना चाहता है। इतना तक तो ठीक है और बहुत स्वाभाविक भी। लेकिन यहाँ देखना होगा कि हम बच्चे की प्रतिभा के संपूर्ण विकास की नींव रख रहे हैं या उसे अपनी महत्त्वाकांक्षा का हिस्सा बनाकर उसकी ज़िंदगी में अंधेरी दलदल और तनाव परोस रहे हैं। अगर अँधेरा घिरने को आए और आपका बच्चा चोट खाकर घर लौटे तो आप क्या करेंगे हममें से ज़्यादा तर माँ-बाप उसे डाँटते-फटकारते हैं। या फिर उसका खेलने जाना बंद कर देते हैं। आज टीवी, कम्प्यूटर से चिपके बच्चों में ज़्यादातर ऐसे ही होते हैं जिनके अभिभावक उन्हें बाहर खेलने जाने से रोकते हैं। लेकिन बच्चा इतवार को देर शाम को घर लौटा। वह ब्लैक एंड व्हाइट टीवी का ज़माना था। एक ही चैनल होता था।- दूरदर्शन। हफ्ते में सिर्फ़ रविवार की शाम को फ़िल्म आती थी। पूरा परिवार साथ बैठकर फ़िल्म देखता था। उस दिन भी पूरा परिवार फ़िल्म का आनंद ले रहा था, तभी यह दस-ग्यारह साल का बच्चा घर में घुसा। दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहा था। थोड़ी चोट भी लग गई थी। कुहनियों से ख़ून बह रहा था। पिता को गुस्सा तो आया लेकिन बोले कुछ नहीं। न तो उसे किसी ने डांटा, न पीटा। अगली सुबह उसका बड़ा भाई उसे क्रिकेट के कोच रमाकांत आचरेकर के पास ले गया। क्रिकेट के लिए दीवानगी उसमें इतनी कूट-कूटकर भरी थी कि न तो खाने की चिंता थी, न फ़िल्म देखने का शौक़ था। वह बच्चा आगे चलकर हमारा प्यारा सचिन तेंदुलकर बना। यहाँ सचिन की बात इसलिए की कि हममें से हर कोई चाहता है उसका बच्चा अमिताभ, शाहरुख या सचिन बने। लेकिन बात प्रतिभा को समझने और उसे निखार देने की है। हम ग़लत यहां तब हो जाते हैं जब हम बच्चे में प्रतिस्पर्द्धा की भावना भर देते हैं। हम उसके लिए संसाधन और अवसर तो जुटाते हैं, पर यह भी जता देते हैं कि वह दूसरों से अव्वल आए तभी ठीक है। पड़ोसी के बच्चे के 90 प्रतिशत अंक आ जाएँ तो हमारे छिटकू के 85 प्रतिशत अंक तुरंत पानी में चले जाते हैं। देखा मिश्रा जी का लड़का कितना पढ़ता है और तुम रोज़ शाम को दो घंटे खेलने चले जाते हो वह फस्ट आया और तुम थर्ड। उसकी पूरी मेहनत और मार्कशीट में दर्ज 85 फ़ीसदी अंक दो कौड़ी के हो जाते हैं। उसे आदर दुलार मिलना था, पर हिस्से आती है हीन भावना और तनाव। इसके आगे की कहानियों से अखबार और समाचार चैनल भरे पड़े हैं। बच्चे कितने हिंसक और आक्रामक हो रहे हैं। हीन भावना इतनी भर गई है कि इम्तहान देने के साथ ही आत्मह्त्या कर रहे हैं। हममें से बहुत बच्चे को म्युजिक सिखाते हैं, डांस सिखाते हैं, इसलिए कि वह टीवी के रियलिटी शो का हिस्सा बने। वह जीतता है तो परिवार हँसता है और हारे तो जार-जार आँसू बहाता है। उसे इतनी जल्दी बड़ा मत बनाइए। उसे अभी बच्चा ही रहने दीजिए।
म. प्र. के स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को मान्‍यता प्रदान किये जाने के लिए आयुक्‍त, सामाजिक न्‍याय को सक्षम प्राधिकारी बनाया गया हैं। अधिनियम के प्रावधानों के तहत विभागीय जिला अधिकारी सामाजिक न्‍याय को रजिस्‍ट्रीकरण प्रमाण पत्र स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को जारी किये जाने हेतु सक्षम प्राधिकारी बनाया गया हैं। सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाण्‍ा पत्र देने से इंकार करने या प्रमाण पत्र खारिज करने के आदेश के तारतम्‍य में 30 दिवस की कालावधि में राज्‍य शासन को अपील प्रस्‍तुत किये जाने का प्रावधान किया गया हैं। गंभीर रूप से मानसिक नि:शक्‍त व्‍यक्तियों के शिक्षण प्रशिक्षण के लिए इन्‍दौर एवं जबलपुर में शासकीय संस्‍‍थाओं का संचालन किया जाता हैं। स्‍वैच्छिक संस्‍थाओं के माध्‍यम से गंभीर रूप से मानसिक नि:शक्‍त बच्‍चों के लिए जिला भोपाल,विदिशा,इन्‍दौर,राजगठ,शाजापुर,ग्‍वालियर,देवास,बुरहानपुर एवं मण्‍डला में गतिविधियां संचालित की जाती हैं। नि:शक्त कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं/ व्यक्तियों के लिए दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित, अस्थित बाधित एवं मानसिक मंदता के क्षेत्र में पृथक पृथकं 'महर्षि दघीचि' पुरस्कार राज्य स्तर पर प्रारंभ किया गया है । इसमें प्रत्येक क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार रू. 1.00 लाख द्वितीय 50 हजार एवं तृतीय पुरस्कार 25 हजार एवं प्रशस्ति पत्र दिये जाने का प्रावधान है।
बंदी समुद्री कछुए पर्यटकों को बीमार कर अपना बदला लेते हैं | स्मार्ट समाचार | स्मिथसोनियन - स्मार्ट समाचार, स्मार्ट समाचार विज्ञान - 2020 कैप्टिव सी कछुए पर्यटकों को बीमार बनाकर अपना बदला लेते हैं केमैन द्वीप में कैप्टिव समुद्री कछुए बैक्टीरिया, वायरस, कवक या परजीवी की एक गंदा खुराक के साथ एक पर्यटक की यात्रा को बर्बाद कर सकते हैं। जर्नल जेआरएसएम रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया कि लक्षणों को उभरने और आमतौर पर जठरांत्र संबंधी कीड़े या फ्लू से संबंधित होने में कुछ समय लग सकता है। अधिक गंभीर रूप से प्रभावित लोगों के लिए, हालांकि, कछुए सेप्टीसीमिया, निमोनिया, मेनिन्जाइटिस और गुर्दे की विफलता का कारण बन सकते हैं। इनमें से कोई भी समस्या मुक्त रहने वाले कछुओं पर लागू नहीं होती है, जो शोधकर्ताओं का कहना है कि वे काफी सुरक्षित हैं। केवल जंगली-पकड़े और बंदी-युक्त समुद्री कछुओं के साथ बातचीत करना एक जोखिम है। शोधकर्ताओं ने ग्रांड केमैन में केमैन टर्टल फार्म का एक केस अध्ययन किया, जहां हर साल लगभग 300, 000 पर्यटक आते हैं। खेत आगंतुकों और स्थानीय रेस्तरां में कछुए का मांस बेचता है। तनावग्रस्त, सीमित परिस्थितियों में रखे गए कछुए विशेष रूप से अपनी कमजोर अवस्था में संक्रमण का शिकार होते हैं। हालांकि, जनता का कोई भी सदस्य कछुओं से जुड़े रोग के जोखिमों पर विचार करता है, और शोधकर्ता लिखते हैं कि कछुए से संबंधित बीमारियों का ज्ञान अधिकांश चिकित्सकों में सबसे अच्छा है। "लोगों को समुद्री कछुओं से प्राप्त भोजन से बचना चाहिए और संभवत: अन्य अपेक्षाकृत लंबे समय तक जीवित रहने वाली प्रजातियों की खाद्य श्रृंखला में उनकी भूमिका की परवाह किए बिना, क्योंकि इन सभी जानवरों में संभावित रूप से अधिक समय होता है, जिसमें खतरनाक जीवों और विषाक्त पदार्थों को जमा किया जा सकता है और पशु का एक बढ़ा जोखिम पेश कर सकता है- मानव पैथोलॉजी से जुड़े, "शोधकर्ताओं ने एक बयान में लिखा है। जो पर्यटक कछुए से कुछ उठाते हैं, वे इसे विमानों या क्रूज जहाजों पर सवार यात्रियों को दे सकते हैं, शोधकर्ताओं ने देखा। एक कछुए को छूने या कछुए के मांस को खाने के लिए एक त्वरित अनुभव के लिए भुगतान करने के लिए मेनिनजाइटिस एक बहुत अधिक कीमत है, और किसी और के क्षणिक रोमांच के लिए भुगतान करने के लिए एक उच्च कीमत भी है।
World Cup 2019: India Will Play 9 Matches In These Grounds - World Cup 2019: इन छह मैदानों पर आज से दहाड़ेंगे भारतीय शेर, पाकिस्तान को यहां पीटेंगे! - Amar Ujala Hindi News Live Hindi News › Photo Gallery › Cricket › Cricket News › World Cup 2019: India will Play 9 matches in these grounds World Cup 2019: इन छह मैदानों पर आज से दहाड़ेंगे भारतीय शेर, पाकिस्तान को यहां पीटेंगे! स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला Published by: Trainee Trainee Updated Wed, 05 Jun 2019 09:23 AM IST कप दे इंडिया - फोटो : Amar Ujala विश्व कप की रणभेरी बज चुकी है। लोढ़ा समिती की सिफारिशों के कारण दो टूर्नामेंट के बीच कम से कम 15 दिन के अंतर के चलते टीम इंडिया जब बुधवार को अपने विश्व कप का पहला मैच खेल रही होगी तब दक्षिण अफ्रीका का यह तीसरा मुकाबला होगा। लगातार दो मुकाबले हारने से दक्षिण अफ्रीकी टीम सोमवार को ही साउथैंप्टन पहुंची, जहां यह मैच होना है जबकि भारतीय टीम कई दिनों से यहीं अभ्यास कर रही है। अभ्यास मैच में न्यूजीलैंड से हार के बाद बांग्लादेश के खिलाफ जीतते हुए टीम इंडिया ने अपने पुराने तेवर भी दिखा दिए हैं। 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के साथ ही इंग्लैंड की सरजमीं पर भारत अपना मिशन विश्व कप शुरू कर देगा। आइए जानते हैं कौन-कौन से मैदान पर भारतीय टीम किसके खिलाफ उतरेगी... साउथेम्पटन के रोज बाउल मैदान पर 5 जून को भारत अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत करेगा। भारत यहां अपने पहले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका से भिड़ेगा। मैच दोपहर 3 बजे से खेला जाएगा।द रोज बाउल का मैदान नया बना है। इस बार यहां कुल पांच मैच खेले जाएंगे। भारतीय टीम को इस मैदान पर दो मैच खेलने हैं। दक्षिण अफ्रीका के बाद टीम इंडिया अफगानिस्तान से 22 जून को मुकाबला करेगी। ओवल,लंदन - फोटो : Amar Ujala लंदन के ओवल मैदान पर भारत विश्व की प्रबल दावेदार मानी जा रही और गत विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलिया से 9 जून को भिड़ेगा। मुकाबला दोपहर 3 बजे से शुरु होगा। द ओवल के मैदान में इस विश्व कप के पांच मुकाबले खेले जाएंगे। इस विश्व कप का उद्घाटन मैच 30 मई को इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका के बीच इसी मैदान पर खेला जाएगा। इंग्लैंड ने यहां अपना पहला घरेलू टेस्ट मैच साल 1880 में खेला था। ओवल में भी अब तक विश्व कप के दस मैच खेले गए हैं। ट्रेंटब्रिज - फोटो : Amar Ujala नॉटिंघम के ट्रेंटब्रिज के मैदान पर 13 जून को भारत और न्यूजीलैंड का मुकबला दोपहर 3 बजे से शुरु होगा। ट्रेंटब्रिज मैदान पर विश्व कप के 11 मुकाबले खेले गए हैं। इस बार यहां पांच मैच खेले जाएंगे। भारत इस मैदान पर 13 जून को न्यूजीलैंड के खिलाफ उतरेगा। इस मैदान पर पहला वन-डे मैच साल 1974 में खेला गया था। इंग्लैंड में जब भी विश्व कप हुआ है, तो इस मैदान पर मैच जरूर हुआ है। Old Trafford - फोटो : Amar Ujala ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर के मैदान पर भारतीय टीम को दो मैच खेलने हैं। पहला मैच भारत 16 जून को पाकिस्तान से भिड़ेगा, जबकि दूसरे मुकाबले में भारत 27 जून को वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच खेलने उतरेगा। ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर विश्व कप के छह मैच खेले जाएंगे। इसमें पहला सेमीफाइनल भी होगा। ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर अब तक विश्व कप के 11 मुकाबले खेले गए हैं। इस बार टीम इंडिया यहां दो मैच खेलेगी। इसमें से पहला मैच 16 जून को भारत पाकिस्तान के बीच खेला जाएगा और दूसरा मैच 27 जून को वेस्ट इंडीज से होगा। ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान पर ही 16 जून 1999 को भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व कप का कम स्कोर वाला मैच खेला गया था, जिसमें भारत ने जीत दर्ज की थी।
Meerut News in Hindi: Meerut Latest News,Meerut News Paper - Dainik Jagran Page2 थाने में आरोपित की पिस्टल चेक करते समय दारोगा को गोली लग गई। गोली की आवाज सुनकर थाने में अफरा-तफरी मच गई। दारोगा को अस्पताल ले जाया गया। स्वाइन फ्लू से बचना है तो करें ये उपाय, समय पर कराएं इलाज मेरठ में स्वाइन फ्लू के मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि समय पर उपचार मिलने से यह घातक नहीं हो पाया है। इसका इलाज संभव है बस जरासी सावधानी की जरूरत है। मेरठ के युवक को सऊदी में बेचने के मामले में दूतावास जाएगी पुलिस मेरठ के युवक को सऊदी अरब में शेख को बेचने के मामले में अब मेरठ पुलिस ने युवक को वहां से लाने की कोशिशें तेज कर दी है। पुलिस दिल्‍ली स्थित दूतावास जाएगी। रोशनी के साथ सुरक्षा भी देगा यह पेड़, जानिए खासियत मेरठ में आइआइएमटी यूनिवर्सिटी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल (आरएंडडी) से जुड़े रिसर्च एसोसिएट और इंजीनियरिंग के छात्रों ने विशेष प्रकार का सोलर ट्री बनाया है। मेरठ के परीक्षा केंद्रों पर मुन्नाभाई का संदेह, होगी छापेमारी यूपी बोर्ड की परीक्षा में जिले में नकल पर नकेल कसने के बाद अब मुन्ना भाईयों ने पूरा जोर लगा दिया है। जिले में दो परीक्षा केंद्रों पर तीन मुन्नाभाई पकड़े जा चुके हैं। अब एक और परीक्षा केंद्र पर 10 से 15 परीक्षार्थियों के स्थान ... रोष और आक्रोश में शहर..पाकिस्तान का पुतला और झंडा जलाया पुलवामा आतंकी हमले से शहर भर में रोष और आक्रोश है। शुक्रवार को भी शहर में जगह-जगह लोगों ने पाकिस्तान का पुतला फूंका और झंडा जलाया। घंटाघर पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की मेरठ हापुड़ लोकसभा प्रत्याशी अनामिका जैन अंबर के नेतृत्व... मिठाई की पांच दुकानों पर आयकर विभाग का सर्वे मेरठ : आयकर विभाग की टीम ने शुक्रवार को प्रेम हलवाई और रामचंद्र सहाय स्वीट्स की दुकाना मोदीपुरम (मेरठ): राष्ट्रीय आलू दिवस पर केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान पर तीन दिवसीय कृषिधाम एक्सप मेरठ : नाला चोक होने से सोतीगंज बर्फखाना मोहल्ले के घरों में गंदा पानी भर गया तो गुस्साए मेरठ : उप्र पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने शुक्रवार को वीि दाबू और बगरु का है आने वाला फैशन लकड़ी के ब्लॉक को गीली मिट्टी पर उकेरकर सुखाकर उसे कपड़े पर चिपकाया जाता है मोब लिंचिंग संभावित क्षेत्रों पर नजर, सुरक्षा खाका तैयार मेरठ : मोब लिंचिंग की घटनाओं के लिए पुलिस ने सुरक्षा खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत घटनाओ PULWAMA TERROR ATTACK : जवानों की शहादत पर आक्रोश, पाक को सबक सिखाने की मांग पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले के विरोध में मेरठ कमिश्नरी पर शुक्रवार को शहरवासियों ने जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग की। CCSU में बीएएमएस,एमडी की मुख्य परीक्षा के लिए आज से भरें ऑनलाइन फॉर्म चौधरी चरण सिंह विवि में बीएएमएस और एमडी की मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म आज से भरे जाएंगे। इसके लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं। सऊदी में नौकरी दिलाने का लालच देकर शेख को बेच दिया युवक, ऐसे बची जान विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। गुरुवार को मेरठ परीक्षितगढ़ थाने में पहला मुकदमा दर्ज किया गया। मेरठ में बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का भय, स्कूलों में प्रार्थना सभाओं पर रोक मेरठ में स्वाइन फ्लू का डर इस कदर बढ़ता जा रहा है कि प्रशासन ने स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं पर रोक लगा दी है। लोगों में प्रतिरोधक क्षमता भी घटती जा रही है।
पहली आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मू बनेगी देश की राष्ट्रपति By Dr. Surendra Sharma - June 23, 2022 पहली आदिवासी महिला द्रोपदी मुर्मू बनेगी देश की राष्ट्रपति इस बार बदलेगा इतिहास आज़ाद भारत में 72 साल से चली आ रही परम्परा टूटेगी दिल्ली ।(छाया शर्मा)। देश के नए राष्ट्रपति (presidential election) के चयन को लेकर तारीखों का ऐलान हो गया है और तमाम राजनीतिक दल राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने में लगे हैं। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी अगर अपने एनडीए गठबंधन और अन्य पार्टियों से बातचीत कर रही है तो विपक्ष की और से बवाल शुरू हो गया है। पिछले हफ्ते ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की ओर से साक्षी को उम्मीदवार बनाने के लिए दिल्ली में एक बड़ी बैठक की है। लेकिन क्या इस बार नया राष्ट्रपति स्वतंत्र भारत के इतिहास को बदल पाएगा….जो अब तक पिछले 14 राष्ट्रपति नहीं... 1947 में आजादी से लेकर 2014 तक देश के हर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का जन्म आजादी से पहले हुआ था। लेकिन मई 2014 में प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी 1947 के बाद पैदा हुए और शीर्ष पद पर रहने वाले पहले नेता बने। मोदी स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। परन्तु अब तक जितने भी न मानसरोवर मेट्रो पर महापड़ाव By Dr. Surendra Sharma - June 20, 2022 घुमंतू जातियों की भूमि पर भू माफियाओं की नजर रावण मंडी प्रभावितों को अभी तक सरकारी सहायता नहीं मानसरोवर मेट्रो पर महापड़ाव जयपुर। प्रदेश भर में 30 वर्ष से भी अधिक समय से एक ही स्थान पर रह रहे घुमंतु अर्ध घुमंतु तथा विमुक्त जाति की भूमि को इन्हें आवंटन न कर भू माफियाओं के साथ मिलीभगत कर जयपुर विकास प्राधिकरण तथा अन्य स्थानीय निकाय द्वारा भू माफियाओं को बेचने के लिए नियमों में फेरबदल का आरोप लगाते हुए जयपुर स्थित रावण मंडी में भू माफियाओं द्वारा लगाई गई आग की शिकायत मुख्यमंत्री को ज्ञापन द्वारा किए जाने के 20 दिन बाद भी सरकारी मदद नहीं पहुंचने से नाराज प्रदेश भर के हजारों घुमंतु अर्ध घुमंतु तथा विमुक्त जाति से संबंध रखने वाले संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं नागरिकों ने जयपुर में महापड़ाव डाल शीघ्र ही सरकार द्वारा इस दिशा में ध्यान नहीं देने पर जयपुर में ऐक लाख से अधिक घुमंतु अर्ध घुमंतु तथा विमुक्त जाति से संबंध रखने वाले नागरिकों के महापड़ाव की चेतावनी दी गई है। घुमंतू, जंतु तथा विमुक्त जाति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रतन नाथ कालबेलिया ने बताया कि विगत 1 जून को जयपुर में मानसरोवर मे वास्तुशास्त्र में रंगों का महत्व -डॉ. महेन्द्रकुमार जैन 'मनुज ', रंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। यहाँ आजकल कृत्रिम रंगों का उपयोग जोरों पर है वहीं प्रारंभ में लोग प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग में लाते थे। उल्लेखनीय है कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई में सिंधु घाटी सभ्यता की जो चीजें मिलीं उनमें ऐसे बर्तन और मूर्तियाँ भी थीं, जिन पर रंगाई की गई थी। उनमें एक लाल रंग के कपड़े का टुकड़ा भी मिला। विशेषज्ञों के अनुसार इस पर मजीठ या मजिष्ठा की जड़ से तैयार किया गया रंग चढ़ाया गया था। इसी तरह हजारों वर्षों तक मजीठ की जड़ और बक्कम वृक्ष की छाल लाल रंग का मुख्य स्रोत थी। पीला रंग और सिंदूर हल्दी से प्राप्त होता था। होली के रंग पलास आदि के फूलों से तैयार किये जाते थे। इस तरह रंगों प्राप्ति प्राकृतिक वस्तुओं से प्राप्त की जाती रही है। वास्तु विज्ञान में ध्वनियों तथा रंगों का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। रंग और ध्वनि इस प्रकार की ऊर्जाएं हैं, जिन्होंने प्रकृति और वातावरण के माध्यम से हमें घेर रखा है। शुभ रंग भाग्योदय कारक होते हैं। वास्तु विज्ञान में विभिन्न रंगों को व रिया रॉय एक उभरता हुआ सितारा By Dr. Surendra Sharma - June 18, 2022 रिया रॉय एक उभरता हुआ सितारा टाली गंज से मुंबई तक का खूबसूरत सफर मुंबई। (सुनील भोंसले) सपनों की मायानगरी मुम्बई की चमक से कोई अछूता नहीं रहा। लेकिन अपनी मंजिल तक पहुंच पाना आसान नहीं। दिल में जज्बा, जुनून और खुद को इस काबिल बनाना कि हर चुनौती को पार कर सके। यदि आपकी योग्यता और कौशल में आप निपुण हैं तो कोई भी मंजिल में पहुंचने से आपको रोक नहीं सकता। कोलकाता के टालीगंज से आयी होनहार, मेहनती और आकर्षक व्यक्तित्व की धनी रिया रॉय ने मुम्बई आते ही अपनी कुशलता का जौहर दिखा दिया है। कोलकाता से मुम्बई आने से पहले रिया ने स्वयं को अभिनय और सौंदर्य के हर कौशल में परिपूर्ण बना लिया है। मशहूर पार्श्वगायक कुमार शानू के पुत्र जान कुमार शानू के नए म्यूजिक एलबम 'सुट्टा' में रिया रॉय की अदाकारी और खूबसूरती का जलवा देखने को मिलेगा। यह एक पेप्पी पार्टी सांग है जो कश्मीर की अदभुत सुंदर वादियों में फिल्माया गया है। इस एल्बम से रिया रॉय मायापुरी की दुनियां का हिस्सा बनेंगी। रिया रॉय का बचपन अभिनय की दुनिया में ही बीता है। इनके पिता भी अभिनय जगत में अपने कदम रख चुके हैं। उन्हे प्राइवेट स्कूल्स राष्ट्रीय अधिवेशन का जयपुर में आगाज प्राइवेट स्कूल्स राष्ट्रीय अधिवेशन का जयपुर में आगाज पत्रकार आरिफ आजाद को किया सम्मानित जयपुर। प्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आगाज़ 17 जून को जयपुर के मैरियट होटल में हुआ। तीन दिवसीय अधिवेशन का उद्घाटन झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव,प्राईवेट स्कुल्स ऐण्ड चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद,इराकी दूतावास अब्दुल जब्बार एच.नवाफ, एसोसियेट दूतावास इराक डा.अमर अब्दुल्ला, कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डा.संजय पाण्डेय,पासवा के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं देशभर से आये हुए प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रुप से किया। कार्यकर्म के मुख्य अतिथि डा.रामेश्वर उरांव ने कहा कि प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन देश भर के 2 लाख से अधिक निजी विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करता है, निजी विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अच्छा काम कर रही है, आज प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के 11 वर्ष पूरे होने पर एसोसिएशन का नवां अधिवेशन पुरूषों की सुनवाई के लिए पुरुष आयोग क्यों नही - डॉ.निरुपमा उपाध्याय By Dr. Surendra Sharma - June 16, 2022 बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान पुरूषों की सुनवाई के लिए पुरुष आयोग क्यों नही - डॉ.निरुपमा उपाध्याय क्या हमेशा पुरूष ही दोषी होता है? क्या आज बेटियों की स्वेच्छा चारिता, माता-पिता का अन्धा प्रेम, बेटियों को उच्छंखल बनाने में सहायक नहीं है? लक्ष्मणगढ़ - (सीकर) । बेटा पढ़ाओ-संस्कार सिखाओ अभियान की ओर से कवयित्री डॉ. निरुपमा उपाध्याय ने कहा कि आज एक ऐसे विषय पर चर्चा करने का मन है, जिस पर कभी भी समाज का या प्रशासन का ध्यान ही नहीं गया। जहाँ भी देखो नारी उत्पीड़न की चर्चा होती है ।महिला आयोग का गठन हुआ है। आज कोई भी महिला अपने ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा सकती है और उसकी शिकायत पर तुरत कार्यवाही भी होती है। हम सब इस व्यवस्था का सम्मान भी करते हैं और करना भी चाहिये, लेकिन जो व्यवस्था स्त्री को सुरक्षा प्रदान करती है, उसको न्याय देती है, गुनहगारों को सलाखों के पीछे ले जाती है, उस व्यवस्था का कुछ लोग दुरुपयोग भी करते हैं। आप यदि अपने चारों तरफ़ नजर घुमायेंगे तो 10 में से 3 लोग तो अवश्य ऐसे निकलेंगे जो निरपराध होते हुए भी सजा पा रहे हैं, कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं, उनके लिये साहित्यकार सीमा रंगा सावित्री बाई फुले अवार्ड से सम्मानित नई दिल्ली। अपनी कविताओं के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में एक अलग ही पहचान बनाने वाली कवयित्री व लेखिका सीमा रंगा इन्द्रा जी को गोपाल किरण समाज सेवी संस्था भोपाल द्वारा *सावित्रीबाई फुले अवार्ड* व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। देश के तकरीबन तकरीबन 150 शिक्षकों को सम्मानित किया इसमें ।टीम मंथन गुजरात , पंजाब ,हरियाणा ,दिल्ली, जम्मू, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व बिहार विभिन्न प्रांतों से आए हुए शिक्षकों को वे देश के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न लोगों को सम्मानित किया गया। इससे पहले भी कवयित्री सीमा रंगा इन्द्रा जी को *हरियाणा गौरव सम्मान* *गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड* *द प्रेसिडेंट स्कूल चेंजमेकर अवार्ड* वह देश की अलग-अलग संस्थाओं ने सम्मानित किया है। इनकी कविताएं देश प्रेम से ओतप्रोत होती है जो लोगों के दिलों को छू जाती है ।यह प्रोग्राम इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट नई दिल्ली में किया गया था ।कार्यक्रम सुबह 9:00 बजे से प्रारंभ होकर शाम को 6:00 बजे तक चला । जिसमें एक दिवसीय शिक्षा संवाद रखा गया कि शिक्षा को बे
कोलकाता हाईकोर्ट ने भवानीपुर उपचुनाव में हस्तक्षेप करने से किया इनकार अदालत ने हालांकि राज्य के मुख्य सचिव एच. के. द्विवेदी को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को पत्र लिखकर उपचुनावों में तेजी लाने की मांग की, अन्यथा इससे संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। 28 Sep, 2021, 4:04 pm पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को बड़ी राहत देते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने भवानीपुर उपचुनाव की तारीख में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि भवानीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रत्याशी हैं, उसको रद्द नहीं किया जाएगा। इस प्रकार मतदान गुरुवार यानी 30 सितंबर को ही होगा। अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने फैसला सुनाते हुए कहा, "हमने याचिका खारिज कर दी है। चुनाव होगा। लेकिन हमने मुख्य सचिव के आचरण पर टिप्पणी की है, उनके लिए ऐसा पत्र लिखना उचित नहीं है।" अदालत ने सयान बनर्जी नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता ने भवानीपुर में उपचुनाव को प्राथमिकता देने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी, जहां बनर्जी उम्मीदवारों में शामिल हैं। हालांकि, अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने मुख्य सचिव के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष दर्ज किए। अधिकारी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में शून्यता से बचने के लिए भवानीपुर में उपचुनाव में तेजी लाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए एक वकील ने कहा, "अदालत ने चुनाव की अनुमति दी है, लेकिन मुख्य सचिव की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है, क्योंकि एक लोक सेवक होने के नाते वह एक व्यक्ति के निजी हितों की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे।" भवानीपुर में चुनाव की घोषणा को लेकर विवाद तब पैदा हुआ, जब आयोग ने अपनी अधिसूचना में उल्लेख किया कि राज्य सरकार के अनुरोध के कारण उपचुनाव को एक विशेष मामला माना जा रहा है। अदालत ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उपचुनाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा को चुनौती दी गई थी। मुख्य सचिव ने पत्र में कहा था कि अगर भवानीपुर उपचुनाव नहीं हुआ तो एक संवैधानिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। इस साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में एकतरफा प्रदर्शन के बावजूद टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी अपनी सीट नंदीग्राम से नहीं जीत पाई थीं। यहां उन्हें टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी ने हराया था। अब सीएम बने रहने के लिए ममता बनर्जी का विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी है। बनर्जी अधिकारी से 1,956 मतों के अंतर से हार गई थीं, हालांकि उन्होंने मतगणना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पहले कहा था, "कुछ लोग चुनाव लड़ते हैं और जीतते हैं और फिर वे विभिन्न कारणों से इस्तीफा दे देते हैं। अब कोई फिर से सीट से जीतने का मौका देने के लिए इस्तीफा दे रहा है। अब इस चुनाव का खर्च कौन उठाएगा? इस चुनाव के लिए करदाताओं का पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है?"
घर बैठे, शेयर बाजार से कमायें २५००० से ७५००० रूपये–क्या है यह !! (Earn 25000 to 75000 per month from Share Market, How ?) - कल्पतरु बाजार में कई वर्षों से देख रहे हैं, लोग / कंपनियाँ आती हैं और दावा करती हैं कि एस.एम.एस. और ईमेल के द्वारा हम दिन में इतने कॉल देंगे, और इससे आप शेयर बाजार से बहुत सारा धन कमा सकते हैं । शेयर बाजार में लोग इनके चंगुल में फ़ँस भी जाते हैं, क्योंकि सभी लोग जल्दी से जल्दी धन कमा लेना चाहते हैं। पर अगर किसी से पूछो कि धन कमाकर क्या करेंगे तो उनके पास केवल जबाब होता है कि ऐश करेंगे, ऐश में क्या करेंगे वे नहीं बता पाते हैं। हम अपने मुख्य बिंदु पर बात करते हैं, क्या वाकई एस.एम.एस. / ईमेल पर आई टिप्स से पैसा कमाया जा सकता है ? शायद हाँ भी और नहीं भी !! इसका जबाब वाकई बहुत मुश्किल है, बाजार में सबसे मुख्य होता है समय के साथ चलना, जिसने जरा सी भी चूक की, फ़िर भले ही वह एक मिनिट की ही हो, उसे भरपूर घाटा उठाना पड़ सकता है और हो सकता है कि इस गलती से उसे भरपूर फ़ायदा भी मिल जाये। एस.एम.एस. में मुख्यत: इक्विटि (Equity) के नाम के साथ खरीदने या बेचने का रेट भेजा जाता है, टार्गेट भेजा जाता है और स्टॉप लॉस भेजा जाता है। लोग केवल टार्गेट पर ध्यान देते हैं स्टॉप लॉस कभी भी नहीं लगाते हैं, कम से कम मैंने तो बहुत ही कम लोगों को स्टॉप लॉस का उपयोग करते देखा है। जो समझदार होते हैं वे इन एस.एम.एस. टिप्स को लेते जरूर हैं, परंतु अपने अनुभव से अपने पैसे को बाजार में लगाते हैं। क्योंकि ये एस.एम.एस. भेजने वाली कंपनियाँ बहुत छोटे छोटॆ अक्षरों में अपने दस्तावेजों में लिखती हैं, कि होने वाली लाभ या हानि की जिम्मेदारी कंपनी की नहीं होगी, यह निवेशक (Investor) का व्यक्तिगत निर्णय है। कंपनी लीगल तरीके से साफ़ बच निकलती हैं। आजकल कई कंपनियाँ ट्विटर और फ़ेसबुक पर भी अपडेट कर रही हैं, परंतु जरूरत है अपने अनुभव से ही निवेश करने की, ये कंपनियाँ तो निवेशक (Investor) से मोटी रकम (Charges) वसूलती हैं और अलग हो जाती हैं, परंतु निवेशक (Investor) इनके बिछाये जाल में फ़ँस जाता है। कई समाचार पत्रों में हमने विज्ञापन देखा है कि “घर बैठे, शेयर बाजार से कमायें २५००० से ७५००० रूपये” (Earn 25000 to 50000 per month from Share Market, How ?), परंतु यह इतना आसान भी नहीं है, जितना कि विज्ञापन पढ़ने के बाद लगता है। सेबी को अब इन कंपनियों के मोबाईल कॉल और एस.एम.एस. खंगालने की आजादी मिली है, अब देखते हैं कि सेबी कैसे बहुत सारी छद्मवेशी कंपनियों पर क्या कार्यवाही करती है, जो कि बिना किसी विश्लेषण (Analysis) के निवेशकों (Investors) को चूना लगा रही हैं, वैसे भी अगर इन कंपनियों को बाजार की इतनी जानकारी होती है तो खुद ही फ़्यूचर ऑप्शन (Future Options) में पैसा (Fund) लगाकर धन कमा लें, क्यों बाजार में जानकारी बेचें ? कुछ लोग फ़ँस जाते हैं और कुछ लोग इनके चंगुल से बचे रहते हैं । आगे इस बारे में कोई भी कदम उठायें तो सोच समझ कर उठायें, किसी की कॉल १०० प्रतिशत सही नहीं हो सकती, क्योंकि वह बाजार में इतना सारा धन लगाकर किसी भी एक शेयर को ऊपर नीचे नहीं कर सकता है यह केवल और केवल व्यक्तिगत निवेशक (Investor) के लिये जोखिम (Risk) है। अच्छी जानकारी दी भैया, वोल्लेगे के समय कई दोस्तों को इसमें फंसते देखा और पैसा गंवाते भी… अपन तो समझदार थे बच निकले… लेकिन कहीं भी निवेश से पहले अच्छी तरह पड़ताल जरूर करनी चाहिए… में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहता हु।लेकिन केए करू मुझे पता नहीं है। तो प्लीज़ मुझे सुझाव दीजिये। आप हमारे यूट्यूब चैनल फाईनेंशियल बकवास और वित्तगुरू वेबसाईट को देखिये, आपको बहुत सी जानकारी मिल जायेगी।
पाकिस्तान की दूत ने कहा भारत केवल आतंकवाद के बारे में बात करता है - 24 Hindi News पाकिस्तान की दूत ने कहा भारत केवल आतंकवाद के बारे में बात करता है संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ रिश्तों को सामान्य करना चाहता है लेकिन भारत ने यह संकेत दिया है कि उसकी रूचि केवल आतंकवाद के बारे में बात करने की है, जो दोनों देशों के बीच कूटनीतिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में शुभ संकेत नहीं है. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि और दूत मलीहा लोधी की यह टिप्पणी भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और पाकिस्तान में उनके समकक्ष एजाज अहमद चौधरी की 26 अप्रैल को दिल्ली में 'हार्ट ऑफ एशिया' क्षेत्रीय सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के बाद आई है. मलीहा ने कहा, ''पाकिस्तान ने बार-बार भारत से समग्र और व्यापक शांति प्रक्रिया बहाल करने का अनुरोध किया है, लेकिन वह अब तक इस पर सहमत नहीं हुआ है और उसने केवल आतंकवाद के मुद्दे पर बात करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है, जो कूटनीतिक प्रगति के परिप्रेक्ष्य में उचित नहीं है.'' कैम्ब्रिज में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में 25 अप्रैल को 'साउथ एशिया वीक' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए मलीहा क्षेत्रीय स्थिरता पर पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बोल रही थीं. न्यूयार्क में पाकिस्तान के स्थायी मिशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मलीहा ने कहा कि पाकिस्तान प्रमुख मुद्दों के राजनीतिक हल के जरिए भारत के साथ रिश्ते सामान्य करना चाहता है. मलीहा ने कहा कि पाकिस्तान की प्राथमिकता में आर्थिक पुनरूत्थान, आतंकवाद को विफल करना और समूचे पाकिस्तान में और उसके आस पास से हिंसक चरमपंथ को उखाड़ फेंकना शामिल है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की दूसरी प्राथमिकता क्षेत्रीय शांति और स्थिरता कायम करना है जिसके लिए अफगानिस्तान में संघर्ष का खात्मा करना जरूरी है और भारत-पाक रिश्तों को न्यायोचित और स्थायी आधार पर सामान्य करना है. चीन के संबंध में मलीहा ने कहा कि यह देश पाकिस्तान की विदेश नीति का ''मुख्य बिंदु'' है और चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्ते ''सामरिक, ऐतिहासिक और निर्णायक'' रहे हैं.
Sunil Gavaskar says There will be bounce along with the turn on the Wankhede pitch भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने मुंबई में भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले दूसरे टेस्ट मैच की पिच को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि पिच पर टर्न और उछाल मिलेगा। Vikash GaurFri, 03 Dec 2021 07:56 AM (IST) वानखेड़े में दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा सुनील गावस्कर का कालम। मुंबई में बेमौसम बरसात और अपेक्षाकृत खराब रोशनी वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत में देरी की वजह बन सकती है। इससे भी अहम ये कि इस वजह से दोनों टीमों को अपनी अंतिम एकादश चुनने में काफी सोच-विचार की जरूरत पड़ेगी। वानखेड़े की पिच पर लाल मिट्टी है, जिसका मतलब ये हुआ कि गेंद टर्न तो लेगी, लेकिन गेंदबाजों को इससे कुछ उछाल भी मिलेगा। बारिश की वजह से क्यूरेटर को पिच पर से घास हटाने और उसे रोल करने का अधिक वक्त नहीं मिला। ऐसे में टास होने तक दोनों टीमें अंतिम एकादश की घोषणा में देरी कर सकती हैं। विराट कोहली की वापसी के साथ भारतीय टीम में एक बदलाव तो पूरी तरह तय है और अगर इशांत शर्मा अपनी अंगुली की चोट से नहीं उबर पाते हैं तो एक और बदलाव की गुंजाइश बन सकती है। न्यूजीलैंड की टीम विलियम समरविले की जगह नील वैगनर को अंतिम एकादश में वापस लाना चाहेगी। बेशक समरविले ने नाइटवाचमैन के तौर पर प्रशंसनीय काम किया, लेकिन वह अपनी गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को अधिक परेशान नहीं कर सके। भारत दौरे पर टीमें अपने विकेट लेने वाले तेज गेंदबाजों की बजाय स्पिनर खिलाने की गलती अक्सर कर बैठती हैं। इनमें से अधिकतर स्पिनर ज्यादा गेंदबाजी के अभ्यस्त नहीं होते और भारतीय बल्लेबाजों को उन्हें खेलने में अधिक परेशानी पेश नहीं आती। इंग्लैंड के 2012-13 के दौरे पर ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर ने अपनी टीम को जीत दिलाई थी। इस एक मौके को छोड़ दें तो जो भी टीमें भारत में जीती हैं उन्होंने अपनी तेज गेंदबाजी की ताकत की बदौलत ये मुकाम हासिल किया। स्पिनर रहेंगे प्लेइंग इलेवन का हिस्सा हालांकि भारतीय टीम अपने तीन स्पिनरों पर ही भरोसा कायम रखेगी। ये तीनों बल्लेबाजों के सामने अलग-अलग चुनौतियां पेश करते हैं। पिच से जिस तरह की उछाल मिलने की उम्मीद है, उसे देखते हुए कानपुर की तुलना में यहां इन गेंदबाजों को खेलना अधिक मुश्किल होगा। भारतीय टीम बेहद मामूली अंतर से पहला टेस्ट जीतने से चूक गई थी और अगर वानखेड़े में भी ऐसा होता है तो ये काफी हैरानी की बात होगी। (टीसीएम)
क्या तेजस्वी से बात मिलाएंगे चिराग? देखे यह रिपोर्ट | Bihar Updates क्या तेजस्वी से बात मिलाएंगे चिराग? देखे यह रिपोर्ट लोजपा प्रकरण के बाद बिहार की राजनीती तेजी से बदल रही है। शनिवार को लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा हसि कि मेरे पिता (स्वर्गीय रामविलास पासवान) और लालू यादव काफी घनिस्ट मित्र रहे है। मैं और तेजस्वी यादव एक दूसरे को बचपन से ही जानते हैं और हम लोग काफी अच्छे दोस्त हैं। तेजस्वी मेरे छोटे भाई के समान हैं। बिहार में जब चुनाव का समय आएगा तब पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला लेगी। PRIME MINISTER NARENDRA MODI WITH CHIRAG PASWAN चिराग पासवान ने कहा है कि सीएए, एनआरसी समेत हर कदम पर मैं भाजपा के साथ खड़ा रहा हूं। वहीं नीतीश कुमार इससे असहमत थे। अब बीजेपी को तय करना है कि आने वाले दिनों में वे मेरा समर्थन करेंगे या नीतीश कुमार का। इसके अलावा चिराग ने कहा है कि मैंने हनुमान की तरह प्रधानमंत्री जी का हर मुश्किल दौर में साथ दिया और आज जब हनुमान का राजनीतिक वध करने का प्रयास किया जा रहा है, मैं ये विश्वास करता हूं कि ऐसे में राम खामोशी से नहीं देखेंगे। गौरतलब है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान की तरफ एक बार फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। तेजस्वी ने पहले चिराग को साथ आने का ऑफर दिया और अब उनकी पार्टी 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती मनाएगी। इस मौके पर पार्टी दफ्तर में उनकी फोटो पर पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता माल्यार्पण करेंगे। दिलचस्प बात ये है कि उसी दिन राजद का स्थापना दिवस भी है तो उससे संबंधित कार्यक्रम उसके बाद होंगे। Previous article27 जून को 'करो – मरो, जेल भरो' आंदोलन में शामिल होंगे प्रदेशभर के युवा साथी : दानवीर
कांग्रेस ने कहा- "आलोक वर्मा फिर से सीबीआई प्रमुख बहाल हों" Home » OLD देश » कांग्रेस ने कहा- "आलोक वर्मा फिर से सीबीआई प्रमुख बहाल हों" Written by: Newsroom Staff January 13, 2019 8:01 am नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आलोक वर्मा को दोबारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक के रूप में बहाल करने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाया जाना सही मायने में इंसाफ (नेचुरल जस्टिस) से इनकार करना है। पार्टी ने कहा कि यह फैसला राफेल जांच को बाधित करने के लिए लिया गया है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक को एक अखबार को दिए गए बयान का जिक्र करते हुए सत्ताधारी पार्टी पर आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाने में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया।
टेस्ट: आपको कौन सी एनीमे सीरीज देखनी चाहिए? अगली बार आपको क्या देखना चाहिए? हाल के वर्षों में जापानियों ने विभिन्न शैलियों के सैकड़ों शतक बनाए हैं - रोमांस, कॉमेडी, फंतासी, शॉनन, हॉरर, और कई अन्य। इसलिए कभी-कभी देखने के लिए एक नया एनीमे चुनना मुश्किल हो सकता है। परीक्षण लें, जो आपको स्क्रीन के सामने ऊब नहीं होने में मदद करेगा। क्या आपको लंबी एनीमे पसंद है? ओह, कृपया, नहीं! कभी-कभी मैं देख सकता हूं कि प्लॉट कब सोख रहा है यह बहुत अच्छा है, प्यार करने के लिए मोबाइल फोनों के अधिक औसत-लंबा कुछ चुनना बेहतर है आपकी पसंदीदा शैली क्या है? अपनी पसंद का ड्राइंग चुनें मूल्यांकन करें कि आपको एनीमे में हास्य कितना पसंद है क्या आपको पसंद है जब एनीमे में रिश्ते का विषय है? एक दयालु चरित्र चुनें तोराडोरा से रियूजी केन गॉल से केन वॉलीबॉल से हिनाटा जिन्तमा से जिन्तोकी आपके लिए एनीमे में सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है? आकर्षक चरित्र एक महिला चरित्र चुनें जिसे आप सबसे अधिक पसंद करते हैं सबसे लंबे और सबसे अधिक आत्मसात करने वाले अपराधों में से एक है, जो 2019 में 20 साल का जश्न मनाता है। यहां बहुत सारे रोमांच, हास्य और ज्वलंत चरित्र हैं, और दोस्ती, सपने को पूरा करने, खुद पर काम करने और यहां तक ​​कि जातिवाद से लड़ने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे भी हैं। अन्याय सामने लाया जाता है। समुद्री डाकू विषय से प्यार करने वालों के लिए देखना चाहिए। दोस्तों के साथ प्रश्नोत्तरी साझा करना सुनिश्चित करें, शायद वे भी नहीं देखना चाहते कि क्या देखना है? द मॉन्स्टर नेक्स्ट डोर पहला स्कूल प्यार के बारे में एक हल्का और प्यारा मोबाइल फोनों। कई अन्य रोमांटिक अपराधों से अलग, इसकी महिला चरित्र में संदेह का एक अच्छा हिस्सा है और करिश्माई चरित्र हैं जो अपने ध्यान पर प्रतिस्पर्धा करते हैं। उन लोगों के लिए देखना चाहिए जो छोटी लेकिन आकर्षक साजिशों को पसंद करते हैं। दोस्तों के साथ प्रश्नोत्तरी साझा करना सुनिश्चित करें, शायद वे भी नहीं देखना चाहते कि क्या देखना है? एक महाकाव्य एनीमे जहां एक्शन, हॉरर और फंतासी interweaved हैं। जो लोग स्टाइलिश ड्राइंग, प्लॉटलाइन को अवशोषित करना और संगीत को पकड़ना पसंद करते हैं, वे इसकी सराहना करेंगे। दोस्तों के साथ प्रश्नोत्तरी साझा करना सुनिश्चित करें, शायद वे भी नहीं देखना चाहते कि क्या देखना है? कुरको का बास्केटबॉल खेल शैली के सबसे प्रसिद्ध मोबाइल फोनों में से एक। इस बार यह कथानक एक कमजोर बास्केटबॉल टीम के इर्द-गिर्द आधारित है, जो कुछ सीज़न में मजबूत हो जाती है और कभी विरोधियों को डरा देती है। एनीमे हास्य और करिश्माई पात्रों की एक चुटकी के साथ समृद्ध है, जिसकी जीत के लिए प्रयास आपको उड़ा देने वाले हैं। दोस्तों के साथ प्रश्नोत्तरी साझा करना सुनिश्चित करें, शायद वे भी नहीं देखना चाहते कि क्या देखना है? एक सुपरहीरो के बारे में एक अनात्मवादी एनीमो जो अपनी शक्ति से खुश नहीं है क्योंकि वह एक योग्य प्रतिद्वंद्वी नहीं पा सकता है। उसके सभी दुश्मन एक पंच के बाद सही हार जाते हैं, और कौन इसे पसंद करेगा? एनीमे खुद, इसके विपरीत, दिलचस्प और मामूली विडंबना है। उन लोगों के लिए देखना चाहिए जो छोटी लेकिन असामान्य साजिशों को पसंद करते हैं। दोस्तों के साथ प्रश्नोत्तरी साझा करना सुनिश्चित करें, शायद वे भी नहीं देखना चाहते कि क्या देखना है?
इराक में संघर्ष के दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत: अधिकारी - UJJAIN DOOT बगदाद, मध्य बगदाद में तीसरे दिन भी जारी संघर्षों में ईराकी सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उन पर रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे जिसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। यह जानकारी सुरक्षा अधिकारियों और अस्पताल के सूत्रों से मिली। रशीद स्ट्रीट पर दो प्रदर्शनकारियों की रबर की गोलियां लगने से मौके पर ही मौत हो गई और 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हो गए। अधिकारियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर जानकारी दी कि तीन दिन से चल रहे इन संघर्ष में 16 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। ईराक में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ एक अक्टूबर से चल रहे इस बड़े विरोध प्रदर्शन में अब तक 342 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि ईराक में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ एक अक्टूबर को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। ईराक संसद का सत्र कोरम पूरा नहीं होने पाने के कारण शनिवार को आयोजित नहीं हो पाया। सांसद इन प्रदर्शनों को रोकने और स्थिति में सुधार से संबंधित विधेयक पेश करने वाले थे। यह सत्र सोमवार के लिए स्थगित कर दिया गया है।
# वस्तुनिष्ठता की समस्या | वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में कठिनाइयां | Difficulties in Achieving Objectivity - DIGICGVision Facebook Pinterest Skip to content DIGICGVision Menu Home About About Contact Disclaimer Privacy Policy Terms of Service Categories QnA History Sociology Constitution PoliticalScience Terms of Service Close Menu Home About Show sub menu About Contact Disclaimer Privacy Policy Terms of Service Categories Show sub menu QnA History Sociology Constitution PoliticalScience Terms of Service Home Sociology # वस्तुनिष्ठता की समस्या | वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में कठिनाइयां | Difficulties in Achieving Objectivity # वस्तुनिष्ठता की समस्या | वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में कठिनाइयां | Difficulties in Achieving Objectivity Sociology DIGICGVision — 07/23/2021 · 0 Comment Table of Contents वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में समस्या/कठिनाइयां (1) अभिनति के विभिन्न स्रोत (Various sources of bias) (2) भावनात्मक प्रवृत्तियाँ (Emotional tendencies) (3) नैतिक पक्षपात (Moral prejudices) (4) सामान्य समझ (General understanding) (5) सांस्कृतिक पर्यावरण (Cultural environment) (6) शोधकर्ता के निजी स्वार्थ (Personal interest of researcher) (7) विरोधी पक्षपातों की सम्भावना (Possibility of counter-prejudices) (8) शीघ्र निर्णय (Immediate decision) (9) बाह्य हितों द्वारा बाधा (Difficulties due to external interests) (10) सामाजिक घटना की प्रकृति (Nature of social phenomena) (11) विशिष्ट मूलक भ्रान्ति (12) असत्य प्रतिमाएँ (False idols) वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में समस्या/कठिनाइयां सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता आवश्यक है। वस्तुनिष्ठता के अभाव में सामाजिक शोध को वैज्ञानिकता की ओर ले जाना असम्भव है। वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति कैसे की जाय ? अनेक ऐसी व्यावहारिक कठिनाइयाँ आती हैं, जो वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति के मार्ग में बाधा उपस्थित करती हैं। यहाँ सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में जो व्यावहारिक समस्याएं या कठिनाइयाँ आती हैं, वे अग्र प्रकार हैं- (1) अभिनति के विभिन्न स्रोत (Various sources of bias) अभिनति की एक कृत्रिम स्थिति बनावटी स्थिति है। इसके कारण सामाजिक शोधकर्ता अध्ययन विषय की घटना को उसके वास्तविक रूप (Real form) में न देखकर पहले से ही निर्धारित उसके काल्पनिक रूप में देखता है। अभिनति वे स्थितियाँ और कारक हैं, जिनके द्वारा घटनाओं को उनके वास्तविक रूप में देखने में बाधा उपस्थित होती है। “जब किसी घटना को उसके वास्तविक स्वरूप में प्रस्तुत न करके बाह्य प्रभावों से उसे रेंगकर प्रस्तुत किया जाता है, तो ऐसा करने की क्रिया को ही अभिनति के नाम से जाना जाता है। इसलिए सामाजिक शोध में अभिनति के समावेश के कारण वस्तुनिष्ठता नहीं आ पाती है। परिणामस्वरूप अध्ययन में वैज्ञानिकता का अभाव पाया जाता है और जो निष्कर्ष निकाले जाते हैं, उनमें सत्यापन की कमी पाई जाती है। इस प्रकार अभिनति सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में सबसे बड़ी बाधा है। अभिनति अनेक स्रोतों से आकर शोध में बाधा उपस्थित करती है। अभिनति के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं– (i) शोधकर्ता की अभिनति (Bias of researcher)- सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में जो महत्वपूर्ण अभिनति बाधा उपस्थित करती है, उसमें शोधकर्ता की स्वयं की अपनी अभिनति महत्वपूर्ण है। इसका मौलिक कारण यह है कि अध्ययनकर्ता अपने को अध्ययन से अलग रखने में असमर्थ होता है। पी. वी. यंग का विचार है कि सामाजिक घटनाओं का शुद्ध अवलोकन सम्भव नहीं है, इसका कारण यह है कि शोधकर्ता की ज्ञानेन्द्रियाँ धोखा खा जाती हैं। शोधकर्ता के अपने संस्कार, विचार, पर्यावरण, संस्कृति, उसकी सामाजिक विरासत, दृष्टिकोण, मनोवृत्तियाँ और राग-द्वेष होते हैं, जो वस्तुनिष्ठता के प्राप्ति के मार्ग में बाधा उपस्थित करते हैं। (ii) सूचनाओं की अभिनति (Bias of informations)- वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में जो दूसरी अभिनति महत्वपूर्ण होती है, उसका सम्बन्ध सूचनादाताओं से है। सामाजिक शोधों की सत्यता सूचनादाताओं के उत्तर पर ही आधारित होती है। यदि उत्तर वास्तविक न हुए, या किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए, तो सही सूचनाएँ प्राप्त करना अत्यन्त ही कठिन कार्य होता है। सूचनादाता कुछ तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं, तो कुछ तथ्यों को झूठा बतलाते हैं। ऐसी स्थिति में यथार्थ तथ्यों की प्राप्ति कठिन हो जाती है। (iii) निदर्शन की अभिनति (Bias of the sampling)- सामाजिक शोध में निदर्शन का चुनाव करते समय अभिनति से बचना चाहिए। यदि निदर्शन के चुनाव में अभिनति का प्रवेश हो जाता है, तो वस्तुपरक तथ्यों की प्राप्ति अत्यन्त कठिन कार्य हो जाती है। ऐसी स्थिति में जो निदर्शन चुने जाते हैं, वे सामाजिक घटनाओं का वास्तविक प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। इन निदर्शनों की सहायता से जो तथ्य प्राप्त होंगे, वे यथार्थ का वास्तविक प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। (iv) दोषपूर्ण प्रश्नावली (Faulty questionnaire)- सामाजिक शोध में तथ्यों के संकलन के लिए अनुसूची और प्रश्नावली महत्वपूर्ण होते हैं। शोध में वास्तविकता का पता लगाया जा सके, इसके लिए आवश्यक है कि प्रश्नावली और अनुसूची दोषमुक्त हो। किन्तु किन्तु प्रश्नावली और अनुसूची को दोषमुक्त रखना अत्यन्त ही कठिन कार्य है। प्रश्नों के दोषपूर्ण होने से जो सूचनाएँ प्राप्त होती हैं, उनमें अभिनति का समावेश हो जाता है। जब उत्तर दोषपूर्ण होते हैं तो इन उत्तरों के आधार पर जो तथ्य संकलित किया जाता है, उसका दोषपूर्ण होना नितान्त ही स्वाभाविक है। (v) तथ्यों का दोषपूर्ण संकलन (Faulty collection of data)- सामाजिक शोध के दौरान ऐसी अनेक ऐसी स्थितियाँ आती हैं, जो शोधकर्ता को गलत सामगी संकलित करने को बाध्य करती हैं। यह दोषपूर्ण संकलन शोध पद्धति के कारण और सूचनादाता की मानसिक स्थिति की उपेक्षा के कारण होता है। कभी-कभी शोधकर्ता आलस्य और अज्ञानता के कारण भी गलत सामग्री का संकलन कर लेता है। ऐसी स्थिति में जो सामग्री संकलित हो जायेगी, निश्चित रूप से दोषपूर्ण होगी। (vi) तथ्यों की दोषपूर्ण विवेचना (Faulty analysis of data)- जिस सामग्री का संकलन किया गया है, उसकी विवेचना भी दोषपूर्ण हो सकती है। सामाजिक शोध के बाद संकलित तथ्यों का जो वर्गीकरण और सारणीयन (Classification and Tabulation) किया जाता है, वह भी दोषपूर्ण हो सकता है। दोषपूर्ण वर्गीकरण और सारणीयन के कारण अभिनति उत्पन्न हो जाती है। (vii) दोषपूर्ण सामान्यीकरण (Faulty generalization)- सामाजिक शोध में सामान्यीकरण में तर्कशास्त्रीय (Logical) और सांख्यिकीय (Statistical) पद्धतियों का अत्यधिक महत्व है। इन पद्धतियों का पर्याप्त ज्ञान न होने से जो सामान्यीकरण होगा, वह गलत होगा। अध्ययनकर्ता की पक्षपातपूर्ण भावना भी सामान्यीकरण में अभिनति उत्पन्न करती है। (2) भावनात्मक प्रवृत्तियाँ (Emotional tendencies) सामाजिक शोध सामाजिक जीवन और घटनाओं से सम्बन्धित होता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इसलिए इन सामाजिक घटनाओं से व्यक्ति का लगाव और पूर्वाग्रह स्वाभाविक होते हैं। समाज की घटनाएँ सामाजिक मूल्यों (Social values) और आदर्शो (Norms) से सम्बन्धित होती हैं। इन मूल्यों के प्रति व्यक्ति का लगाव उसकी भावनाएँ होती हैं। घटनाएँ गुणात्मक प्रकृति (Qualitative Nature) की होती हैं इनका संख्यात्मक अध्ययन (Quantitative Study) करना कठिन होता है। भावनात्मक प्रवृत्तियाँ व्यक्ति को बाध्य करती हैं और इस प्रकार वस्तुपरकता की प्राप्ति में बाधा उपस्थित होती है। (3) नैतिक पक्षपात (Moral prejudices) प्रत्येक व्यक्ति के कुछ अपने नैतिक मूल्य होते हैं। ये नैतिक मूल्य व्यक्ति के जीवन और कार्यों के साथ घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित होते हैं। व्यक्ति इन मूल्यों की रक्षा करता है तथा इनके अनुकूल आचरण करता है। इतना ही नहीं, जो व्यक्ति इन नैतिक मूल्यों की उपेक्षा करता है, उसके बारे में विरोधी दृष्टिकोण को जन्म देते हैं। यदि कोई ऐसा तथ्य है, जो नैतिक मूल्यों से मेल नहीं खाता है, तो व्यक्ति उस ओर उदासीन दृष्टिकोण अपना लेता है। ऐसी स्थिति में जो सूचनाएँ एकत्रित की जाती हैं, वे एकांगी होती हैं और वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में बाधा उपस्थित करती हैं। (4) सामान्य समझ (General understanding) प्रत्येक व्यक्ति का ज्ञान और उसकी समझ सीमित होती है। एक व्यक्ति की समझ और ज्ञान को सामान्य समाज की समझ और ज्ञान नहीं माना जा सकता है। जो तथ्य हमारे सामान्य समझ के अनुकूल होते हैं, उन्हें अपना लिया जाता है और जो तथ्य मेल नहीं खाते हैं, उन्हें गलत मान लिया जाता है। ऐसी स्थिति में वास्तविक तथ्यों की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है और जो सामग्री संकलित की जाती है, उसमें वस्तुनिष्ठता का अभाव पाया जाता है। (5) सांस्कृतिक पर्यावरण (Cultural environment) प्रत्येक व्यक्ति का अपना सांस्कृतिक वातावरण होता है। व्यक्ति जिस सांस्कृतिक वातावरण में पलता है उसी के अनुरूप अपने विचार और दृष्टिकोण निर्मित कर लेता है। सामाजिक शोध के दौरान व्यक्ति जिन तथ्यों को एकत्रित करता है, उन्हें अपनी संस्कृति के अनुरूप समझने का प्रयास करता है। ऐसी स्थिति में वह समाज की घटनाओं का अध्ययन अपने सांस्कृतिक पर्यावरण में करने का प्रयास करता है। वह अनेक प्रयासों के अपने सांस्कृतिक प्रतिमानों में और आदर्शों को सामाजिक घटनाओं से अलग करने में असमर्थ रहता है। ऐसी स्थिति में, वह जो अध्ययन करता उसमें वस्तुनिष्ठता नहीं आ पाती है। (6) शोधकर्ता के निजी स्वार्थ (Personal interest of researcher) शोधकर्ता के निजी स्वार्थ भी सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न करते हैं। सामाजिक शोध के द्वारा व्यक्ति जो निष्कर्ष निकालता है, उसमें ऐसा प्रयास करता है कि कहीं उसके स्वार्थों को आघात न पहुँचे। जो निष्कर्ष उसके स्वार्थों के विपरीत होते हैं, व्यक्ति उन्हें स्वीकार नहीं करता है। साथ ही ऐसे तथ्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है, जोकि उस व्यक्ति के हितों और स्वार्थों के अनुकूल होते हैं। ऐसी स्थिति में वस्तुनिष्ठता को रख सकना, उस व्यक्ति के लिए असम्भव होता है। (7) विरोधी पक्षपातों की सम्भावना (Possibility of counter-prejudices) यदि शोधकर्ता सामाजिक शोध में पक्षपात से बचने का प्रयास करता है, तो उसे बाध्य होकर उनका विरोध या उनकी आलोचना करनी पड़ती है। इन दो सीमाओं में व्यक्ति यदि किसी का भी चुनाव करता है, तो उसका अध्ययन वैज्ञानिक नहीं हो पाता है। यदि वह पक्षपात न करना चाहे, तो इतना सतर्क रहता है और इतनी तीव्र दृष्टि रखता है कि आलोचना करना उस व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो जाता है। ऐसी स्थिति में वस्तुनिष्ठता का प्रश्न ही नहीं उठता है। (8) शीघ्र निर्णय (Immediate decision) सामाजिक शोध का सम्पादन वैज्ञानिक पद्धति के द्वारा होता है इसलिए इसमें समय और साहस की आवश्यकता होती है। शोधकर्ता को अत्यन्त ही धैर्य के साथ निष्कर्षों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। सामाजिक जीवन से सम्बन्धित सभी शोध ज्ञान की प्राप्ति के लिए नहीं किये जाते हैं। कुछ का उद्देश्य तो किसी विशिष्ट समस्या का समाधान करना होता है, ऐसे शोधों का निपटारा शीघ्र करना पड़ता है। निष्कर्षों की शीघ्रता के कारण भी सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता नहीं आ पाती है। (9) बाह्य हितों द्वारा बाधा (Difficulties due to external interests) शोधकर्ता के निजी स्वार्थ ही वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में बाधा उपस्थित नहीं करते हैं, अपितु बाह्य कारण और परिस्थितियाँ भी बाधा उपस्थित करती हैं। जब शोधकर्ता अपने ही समूह का अध्ययन कर रहा होता है, तो अनेक बातों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देकर वस्तुस्थिति को टालने का प्रयास करता है; जैसे-विवाह के पूर्व लिंग सम्बन्धों की स्थापना, विवाह से पूर्व मातृत्व आदि। इस प्रकार बाह्य हित भी सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता के मार्ग में बाधा उपस्थित करते हैं। (10) सामाजिक घटना की प्रकृति (Nature of social phenomena) अन्त में, सामाजिक घटना की प्रकृति वस्तुपरक अध्ययन के मार्ग में बाधा उपस्थित करती है। सामाजिक घटनाओं की प्रकृति गुणात्मक होती है। उसमें सामाजिक मूल्य, आदर्श, धर्म, नैतिकता आदि तत्व जुड़े रहते हैं। शोधकर्ता इन तत्वों के बारे में वस्तुपरक मत प्राप्त नहीं करता है। इस प्रकार वस्तुनिष्ठता के मार्ग में बाधा उपस्थित होती है। (11) विशिष्ट मूलक भ्रान्ति डब्लू. आई. थामस के अनुसार, सामाजिक शोध में वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में एक कठिनाई विशिष्टमूलक भ्रान्ति भी है। विशिष्टमूलक धान्ति के कारण शोधकर्ता सामाजिक घटना के किसी एक कारण को आवश्यकता से अधिक महत्व देता है तथा घटना के किसी एक पक्ष को सबसे महत्वपूर्ण मानकर अपर्याप्त तथा असम्बद्ध तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकाल लेता है, जिससे वस्तुनिष्ठता प्राप्ति में कठिनाई आती है। (12) असत्य प्रतिमाएँ (False idols) फ्रांसिस बेकन ने विशिष्ट वाक्यांश के द्वारा शोधकर्ता द्वारा किसी शोध में की जाने वाली गलतियों को बतलाया है। फ्रांसिस बेकन के अनुसार, “ये प्रतिमाएँ अनेक प्रकार की होती हैं ; जैसे- गुफा की प्रतिमाएँ (Idols of Cave) अर्थात् वे गलतियाँ, जिन्हें शोधकर्ता अपने संकीर्ण तथा असम्बद्ध विचारों के फलस्वरूप एक घटना या व्यक्ति के सम्बन्ध में कर बैठता है, ये विचार उसके अपने विचार होते हैं अथवा ऐसे होते हैं, जिनके विषय में कोई दूसरा नहीं जानता है। न्यायालय या वादपीठ की प्रतिमाएँ (Idols of Forum) अर्थात् शोधकर्ता केवल शब्दों पर अनावश्यक भरोसा करने की गलती कर बैठता है। बाजार की प्रतिमाएँ (Idols of the Market place) अर्थात् प्रथा, परम्परा, रूढ़ि इत्यादि पर अनावश्यक बल देने और उसी के आधार पर निष्कर्षों को निकालने की गलती। जनजाति की प्रतिमाएँ (Idols of the Tribe) अर्थात् शोधकर्ता किसी वस्तु या घटना को अपने ही ढंग से देखने या विचारने की गलती करता है। अपने व्यक्तिगत दृष्टिकोण या जीवन के सम्बन्ध में अपने सीमित ज्ञान के बाहर निकलकर कुछ निष्कर्ष निकालना अक्सर शोधकर्ता के लिए कठिन होता है। इस असत्य प्रतिमाओं के कारण वस्तुनिष्ठता की प्राप्ति में मुश्किल होती है।” DIGICGVision The premier library of general studies, current affairs, educational news with also competitive examination related syllabus. 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Sensex rebounds 300 pts as July derivative series opens strong | सेंसेक्स में 300 अंक का उछाल, निफ्टी 10700 के करीब; फ्यूचर एंड ऑप्शन सीरीज की अच्छी शुरुआत - Dainik Bhaskar Sensex rebounds 300 pts as July derivative series opens strong सेंसेक्स में 300 अंक का उछाल, निफ्टी 10700 के करीब; फ्यूचर एंड ऑप्शन सीरीज की अच्छी शुरुआत डॉलर के मुकाबले रुपए में सुधार से भी बाजार को सहारा मिला है। मुंबई. शेयर बाजार में दो दिन की गिरावट के बाद तेजी आई है। शुक्रवार को सेंसेक्स 90 अंक ऊपर खुला और इसमें 375 अंक का उछाल आया। निफ्टी भी 115 प्वाइंट की तेजी के साथ 10700 के ऊपर आ गया। शेयर बाजार में जुलाई के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शन सीरीज की मजबूत शुरुआत हुई है। रुपए में रिकवरी से भी बाजार को सहारा मिला है। शुक्रवार को रुपया 18 पैसे मजबूत हुआ है। गुरुवार को ये 69.10 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। गुरुवार को सेंसेक्स 179.47 अंक गिरकर 35,037.64 पर और निफ्टी 82.30 प्वाइंट नीचे 10,589.10 पर बंद हुआ। सभी सेक्टर इंडेक्स में तेजी: सभी सेक्टर इंडेक्स शुक्रवार को हरे निशान में हैं। मेटल, ऑयल एंड गैस और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में 2% तक बढ़त दर्ज की गई। टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज ऑटो, ओएनजीसी, लार्सन एंड टुब्रो के शेयरों में 2% से ज्यादा उछाल आया है। हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसबीआई, आईटीसी, कोल इंडिया और यस बैंक के शेयर 1.50% से ज्यादा बढ़त में आ गए। दूसरे एशियाई बाजारों में भी शुक्रवार को तेजी रही।
अंतरराष्ट्रीय - Gujju Kathiyawadi आतंकी हमले में 20 सैनिकों की हत्या, पाकिस्तानी ��ेना को इतना बड़ा जख्म देने वाले कौन हैं? अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने म्यांमार के सैन्य शासन के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि म्यांमार में सेना को सत्ता छोड़ देनी चाहिए। Meena Harris: मीना हैरिस इंटरनेट ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। उन्हें अब एक शख्स ने हिंदुओं से डरने वाला बता दिया, इस पर उन्होंने कहा है कि वह भी हिंदू हैं। US diplomat says that CAATSA not to designed for action on countries like India शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि रूस से प्रमुख रक्षा 'हार्डवेयर' खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने का प्रशासन को अधिकार देने वाला कठोर कानून भारत जैसे सहयोगी देशों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए नहीं है। चीनी सरकार के भोंपू 'ग्लोबल टाइम्स' ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि एक्सोस्केलेटन सूट सैनिकों के कई मिशन में लाभकारी होते हैं। किसी भी सामान की डिलिवरी, पेट्रोलिंग करने और सेंट्री ड्यूटी में ऐसे सूट प्रभावी साबित होंगे। 'ग्लोबल टाइम्स' ने बताया कि नागरी में तैनात पीएलए के कई जवान एक्सोस्केलेटन सूट पहन रहे हैं अंतर��ाष्ट्रीय Xi Jinping Rule in China: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को डर सता रहा है कि कहीं देश में उनके खिलाफ तख्तापलट की कोशिश न की जाए। इसके चलते देश में ऐसे नेताओं और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के अधिकारियों की वफादारी का टेस्ट किया जाने लगा है जिन पर शक है। Sukhoi 27 Jets Intercepted US B 52 Bomber: रूस और नाटो के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। नाटो सदस्‍य अमेरिका के बमवर्षक व‍िमानों ने काला सागर के ऊपर उड़ान भरी तो रूसी सुखोई-27 व‍िमानों ने उन्‍हें घेर ल‍िया। अमेरिका ने रूसी कार्रवाई की न‍िंदा की है। चीन ने रविवार को पाकिस्तान के लिए एक लड़ाकू जहाज लॉन्च किया है। चीन द्वारा बेचे जाने वाला अब तक का ये सबसे बड़ा लड़ाकू जहाज है। पाकिस्तान को भेजे जाने वाला ये पहला युद्धपोत है... India China Standoff: लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए भारत के साथ डिप्लोमेटिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के दौरान भी चीन अपनी नापाक चाल से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने लेह से 382 किलोमीटर दूर होटान एयरबेस पर अपने लड़ाकू विमान और मिसाइलों के नए जखीरों को तैनात किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरिया युद्ध शुरू होने की 70वीं वर्षगांठ पर दक्षिण कोरिया के लोगों के लिए एक वीडियो संदेश भेजा है। इसे आज सोल में आयोजित कार्यक्रम में दिखाया गया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस युद्ध के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में 60 पैरा फील्ड हॉस्पिटल बनाकर अपना योगदान दिया था। अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन के बहिष्कार की कवायद तेज हो गई है. चीन पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ता जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया खुलकर भारत के पक्ष में आ गया है. Nitish Janta Darbar: सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार पर पोल-खोल, पब्लिक ने नीतीश के सामने खड़े होकर दिखा दिया आई���ा
generaltips.net - learn general tips free hindi tutorials. Health tips , morals story , share market knowledge , religious related and other general informations. Monday, August 16, 2021 लाभदायक व्यपार प्राणली के सिद्धांत जब आपको एक लाभदायक व्यापार प्रणाली मिल गई है जिसका आपने पहले ही जाँच कर लिया है, तो आप कैसे सुनिश्चित हो सकते हैं, कि यह प्रणाली भविष्य में समान लाभ उत्पन्न करेगी? कोई भी भविष्य की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है, आपका सिस्टम अगले वर्षों में सहजता से नुकसान कर सकता है या कोई व्यापार योग्य नहीं हो सकता है। ट्रेडिंग सिस्टम को स्वीकार करने से पहले आपको कुछ जाँच करने होंगे, ये जाँच आपके सिस्टम की मजबूती को दिखाएंगे और इन जाँच को पास करते समय, भविष्य में लाभ मिलने की अधिक संभावना होगी। आपको बिभिन्न पहलुओ को परखना होगा :- जाँच १ : सुनिश्चित करें कि आपने तरलता नियम रखा है, कि आपके प्रवेश और निकाश की कीमतें वसूली योग्य हैं। जाँच २ : अपने ट्रेडिंग सिस्टम और अपने नियमों की फिर से जांच करें (यह बहुत महत्वपूर्ण है)। मैंने दर्जनों व्यापारिक प्रणालियाँ बनाईं, जिन्होंने बहुत अच्छे परिणाम दिखाए लेकिन अधिक परीक्षण के बाद, यह दिखाया कि मैं वास्तविक जीवन में उनका पालन नहीं कर सकता। परीक्षण करे कि क्या कोई एक स्टॉक है जिसने बहुत बड़ा लाभ कमाया है, इस स्टॉक के बिना सिस्टम शायद लाभदायक नहीं होगा। जाँच ३: सिमुलेशन के लिए शुरू होने की तारीख से दो या तीन बार बदलें, अगर यह अभी भी अच्छे परिणाम दिखाता है तो यह जाच ३ पास कर चुका है। जाँच ४: अपने ट्रेडिंग सिस्टम नियमों में मौजूद कुछ मापदंडों या चर के मूल्यों को बदलें, आपको एक मान बदलना होगा और फिर बैक-टेस्ट करना होगा, दूसरे को बदलना होगा और फिर बैक-टेस्ट करना होगा। यदि परिणाम बहुत बुरी तरह प्रभावित नहीं होते हैं तो यह परीक्षा 4 पास कर लेता है। जाँच ५: सिस्टम को बैक-टेस्ट करते समय आपके द्वारा पहले खरीदे गए 20% या अधिक स्टॉक खरीदने से प्रतिबंधित करने का प्रयास करें। फिर बैक-टेस्ट फिर से चलाएँ। इस परीक्षा को पास करने के लिए, सिस्टम को पहले जैसा ही परिणाम दिखाना होगा। जाँच ६: इक्विटी चार्ट को अच्छी तरह से देखना चाहिए, कुछ सांख्यिकीय मूल्यों की जांच करें जैसे शार्प अनुपात, सॉर्टिनो अनुपात, मानक विचलन, अधिकतम गिरावट, लाभ वसूली के लिए औसत दिन यह उस जोखिम पर निर्भर करता है, जिसे आप लेने के इच्छुक हैं, लेकिन केवल उन्हीं प्रणालियों को चुनें जिनमें: उच्च शार्प अनुपात, उच्च सॉर्टिनो अनुपात, निम्न मानक विचलन, कम अधिकतम गिरावाट उन प्रणालियों को बाहर करें जिनमें बहुत अधिक अधिकतम गिरावट, मानक विचलन और लाभ वसूली के लिए औसतन दिन है। मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण कारक लाभ वसूली के लिए औसत दिन है। यह उस दिन की औसत संख्या है जिसका आपको तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि आपकी इक्विटी वैल्यू डाउन होने से पहले उसी स्तर पर वापस न आ जाए। बड़े मूल्य आपको लाभ प्राप्त करने से पहले लंबे समय तक प्रतीक्षा करने होंगे और निश्चित रूप से कई व्यापारी अपने व्यापार प्रणाली को छोड़ देंगे, और यह एक व्यापारी के लिए सबसे बुरी चीज हो सकती है, क्योंकि उसके बाद, सिस्टम उत्कृष्ट परिणाम दिखाएगा। (ऐसा हमेशा होता है) ये जाँच बहुत ही प्रतिबंधात्मक हैं,और आप शायद अपने सभी व्यापारिक प्रणालियों को नकार देंगे, लेकिन व्यापार करते समय आप अपना पैसा, असली पैसा लगाएंगे, इसलिए मुझे लगता है कि आपको अपने पक्ष में सभी मौके बनाने के लिए बहुत ही चयनात्मक आपको होना चाहिए। at August 16, 2021 No comments: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Sunday, February 21, 2021 कैसे आप शेयर बाजार में किसी भी शेयर में अपने मुनाफे को अधिक करते है। शेयर बाजार में अपने लॉस को कैसे कम करे शेयर बाजार का व्यापार करने में, किसी के पास जादू की छड़ी नहीं है। शेयरों की कीमत नीचे जा सकती है और साथ ही ऊपर भी। क्या जरूरत है आपको एक बाहर निकलने की रणनीति जो आपको बुरे शेयरों से बचने और अच्छे शेयरों में अच्छा लाभ कमाने में सक्षम बनाएगी। १ स्टॉपलॉस लगाने का तरीके सबसे अच्छा काम करने के लिए मैंने जो तरीका खोजा है, वह है स्टॉपिंग लॉस लगाना। उन लोगों के लिए जो स्टॉप लॉस नहीं जानते हैं, मैं संक्षेप में बताऊंगा। एक स्टॉप लॉस आपके शेयर ब्रोकर के लिए एक ऑर्डर है कि आप अपने शेयर बेच सकते हैं, यदि मूल्य आपके द्वारा निर्धारित स्तर से घटता है। इसे करने के दो तरीके हैं। सबसे सरल तरीका यह तय करना है कि आप अपने निवेश के प्रतिशत के रूप में कितना खोने को तैयार हैं। एक अच्छा नियम 10% से कम नहीं होना चाहिये। इस स्तर पर स्टॉक की कीमत पर काम करें और इसे अपने स्टॉप लॉस के रूप में सेट करें। जैसे ही स्टॉक की कीमत बढ़ती है, स्टॉपलॉस के स्तर को आगे बढ़ाते रहें जिससे प्रतिशत अंतर समान रहे। कुछ ब्रोकर एक ट्रेलिंग स्टॉप लॉस सर्विस प्रदान करते हैं, जहां आप उन्हें बताते हैं कि नुकसान को सेट करने के लिए क्या प्रतिशत है और वे आपके लिए करते हैं। २ Nikolash Darvash नियम दूसरी विधि थोड़ी अधिक जटिल है, और "Nikolash Darvas" से उनकी पुस्तक "स्टॉक मार्केट में मैंने $ 2,000,000 कैसे कमाए" से आता है। बाजार चरणों में प्रवाहित होते हैं। वृद्धि पर एक स्टॉक एक चरम पर पहुंच जाएगा, और फिर वापस नीचे डुबकी लगायेगा। यह प्रत्येक चरण में कई बार हो सकता है। स्टॉक के चार्ट का पालन करना है और देखना है कि डिप्स सबसे कम कहां हैं, और स्टॉप लॉस को उनके ठीक नीचे सेट करें। एक दूसरा हिस्सा जो निकोलस ने प्रचारित किया है कि जब स्टॉक को अधिक स्टॉक खरीदने के लिए बग़ल में चलन से बाहर कर दिया जाता है, और जब स्टॉक फिर से बग़ल में जाने लगता है, तो स्टॉप लॉस को फिर से डिप के सबसे निचले हिस्से से नीचे ले जाने के लिए। ३ शेयर से बाहर निकलने की रणनीति बाहर निकलने की रणनीति के रूप में स्टॉप लॉस का उपयोग करना, केवल उसी समय काम करता है जब आप उससे चिपके रहते हैं, और इसे कम नहीं करते हैं, यह सोचकर कि कीमत कुछ दिनों में फिर से बढ़ जाएगी। कुछ मामलों में आप सही होंगे, लेकिन आमतौर पर ऐसा होता है कि आपका अनुमान से खिलाफ चलती रहती है, और आप और भी अधिक पैसे खो देते हैं। इसके लिए एक माध्यमिक के रूप में, अभी भी गिर रहे पहले स्टॉक में लगे धन को दूसरे शेयर में उपयोग नहीं किया जा सकता है। ४ अपने जोखिम को कम करे अंत में, अपनी पूंजी की सुरक्षा के लिए स्टॉप लॉस सिस्टम का उपयोग करना ही बुद्धिमानी है। ऐसे समय होते हैं, जब बाजार में तेजी से गिरावट आती है, ऐसे नियम होते हैं कि एक दिन में कितनी कीमत गिर सकती है। यदि यह इस अधिकतम दूरी पर गिरता है, तो यह आपके स्टॉप लॉस को बायपास कर सकता है, और आप बेचने में असमर्थ हो सकते हैं। हालांकि ये स्थितियां दुर्लभ हैं, लेकिन बेहतर है कि आप उनके बारे में जानें। ताकि जब वे ( स्टॉपलॉस ) आपके साथ होते हैं, तो आपको झटका न लगे। at February 21, 2021 No comments: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Labels: Share markets Saturday, January 16, 2021 लाभदायक स्टॉक चुनने के लिए 3 विधियाँ स्टॉक चुनना एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है और निवेशकों के पास अलग-अलग अपना अनुभव हैं। हालांकि, निवेश के जोखिम को कम करने के लिए सामान्य विधि का पालन करना बुद्धिमानी है। यह लेख उच्च प्रदर्शन वाले शेयरों को चुनने के लिए इन बुनियादी विधि की रूपरेखा तैयार करेगा। विधि 1. समय सीमा और निवेश की सामान्य नियम पर निर्णय लें। यह कदम बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके द्वारा खरीदे जाने वाले शेयरों के प्रकार को निर्धारित करेगा। मान लीजिए कि आप दीर्घकालिक निवेशक बनना चाहते हैं, तो आप ऐसे शेयरों को ढूंढना चाहेंगे, जिनमें स्थिर विकास के साथ-साथ स्थायी प्रतिस्पर्धी लाभ हों। इन शेयरों को खोजने की कुंजी पिछले दशकों में प्रत्येक स्टॉक के ऐतिहासिक प्रदर्शन को देखकर है और एक साधारण व्यवसाय S.W.O.T करते हैं। (शक्ति-कमजोरी-अवसर-खतरा) कंपनी पर खोज। यदि आप अल्पकालिक निवेशक बनना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित में से एक नियम का पालन करना होगा। १ : मोमेंटम ट्रेडिंग यह रणनीति उन शेयरों की तलाश करना है, जो हाल के दिनों में मूल्य और मात्रा दोनों में वृद्धि करते हैं। अधिकांश तकनीकी नियम इस ट्रेडिंग रणनीति का समर्थन करते हैं। इस रणनीति पर मेरी सलाह उन शेयरों की तलाश करना है जिन्होंने अपनी कीमतों में स्थिर और वृद्धि का प्रदर्शन किया है। यह विचार यह है कि जब स्टॉक अस्थिर नहीं होते हैं, तो आप केवल ट्रेंड के टूटने तक अप-ट्रेंड की सवारी कर सकते हैं। २. विपरीत नियम यह नियम शेयर बाजार में अति-प्रतिक्रियाओं की तलाश है। शोध बताते हैं कि शेयर बाजार हमेशा कुशल नहीं होता है, जिसका मतलब है कि कीमतें हमेशा शेयरों के मूल्यों का सही प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। जब कोई कंपनी एक बुरी खबर की घोषणा करती है, तो लोग घबराते हैं और कीमत अक्सर स्टॉक के उचित मूल्य से नीचे चली जाती है। यह तय करने के लिए कि किसी समाचार पर स्टॉक ओवर रिएक्ट किया गया है, आपको बुरी खबर के प्रभाव से उबरने की संभावना को देखना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि स्टॉक 20% गिर जाता है, तो कंपनी एक कानूनी मामला खो देती है, जिसमें व्यवसाय के ब्रांड और उत्पाद को कोई स्थायी नुकसान नहीं होता है, तो आपको विश्वाश हो सकते हैं कि बाजार में उथल-पुथल। इस रणनीति पर मेरी सलाह उन शेयरों की एक सूची ढूंढना है जिनकी कीमतों में हालिया गिरावट है, एक प्रत्यावर्तन (कैंडलस्टिक विश्लेषण के माध्यम से) की क्षमता का विश्लेषण करें। यदि स्टॉक कैंडलस्टिक रिवर्सल पैटर्न को प्रदर्शित करते हैं, तो मैं हाल की खबरों के माध्यम से हाल ही में बिकने वाले अवसरों के अस्तित्व का निर्धारण करने के लिए हाल की कीमत की गिरावट के कारणों का विश्लेषण करने के लिए जाऊंगा। विधि 2. आचरण शोध जो आपको उन शेयरों का चयन करते हैं, जो आपके निवेश समय सीमा और रणनीति के अनुरूप हैं। web पर कई स्टॉक स्क्रीनर हैं जो आपकी आवश्यकताओं के अनुसार स्टॉक खोजने में आपकी सहायता कर सकते हैं। विधि 3. एक बार जब आपके पास खरीदने के लिए शेयरों की एक सूची होगी, तो आपको उन्हें इस तरह से विविधता लाने की जरूरत होगी जो सबसे बड़ा इनाम , जोखिम अनुपात देता है। ऐसा करने का एक तरीका आपके पोर्टफोलियो के लिए एक diversified विश्लेषण है। विश्लेषण आपको धन का अनुपात देगा जो आपको प्रत्येक स्टॉक को आवंटित करना चाहिए। यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि विविधीकरण निवेश की दुनिया में मुफ्त-लंच में से एक है। शेयर बाजार में लगातार पैसा बनाने के लिए आपको अपनी खोज में इन तीन चरणों को ध्यान रख कर शुरू करना चाहिए। वे वित्तीय बाजारों के बारे में आपके ज्ञान को बढ़ाएंगे, और विश्वास की भावना उत्पन्न करेंगे, जो आपको बेहतर व्यापारिक निर्णय लेने में सहायता करता है। at January 16, 2021 No comments: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Labels: Share markets Friday, January 15, 2021 रिटायरमेंट प्लानिंग म्यूचुअल फंड निवेश के माध्यम से आय के लिए आपकी सेवानिवृत्ति योजना लाभ। जिन लोगों को मैं जनता हूं, उनमें से अधिकांश ने अपनी सेवानिवृत्ति के लिए योजना नहीं बनाई है क्योंकि वे कहते हैं कि 'भविष्य अप्रत्याशित है और हमें वर्तमान में रहने की आवश्यकता है,' लेकिन मेरे प्रिय मित्र का भविष्य वर्तमान का परिणाम है, हमारा वर्तमान हमारा भविष्य तय करेगा। जब हम रिटायरमेंट के बारे में सोचते हैं तो हम आम तौर पर बुढ़ापे के बारे में सोचते हैं, एक ऐसा दौर जब आपको नौकरी छोड़नी पड़ती है, और घर पर बैठकर कुछ नहीं करना पड़ता है। इस तथ्य के उल्टा, अधिकांश रिटायर बहुत सक्रिय जीवन जीते हैं। हमें रिटायरमेंट की दिशा में योजना बनाने पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि एक बार जब हम रिटायर हो जाते हैं तो हमारी इनकम आना बंद हो जाती है, लेकिन हमारा एक्सपेंसस वैसा ही रहता है और कुछ मामलों में यह बढ़ती महंगाई के साथ बढ़ जाता है। इस संबंध में म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट प्लानिंग को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए सही चुनाव है। पेशेवरों द्वारा प्रबंधित किया जा रहा म्युचुअल फंड प्रभावी सेवानिवृत्ति योजना की एक कुंजी है। कुछ लोग इसे पसंद करते हैं। कुछ लोग नहीं करते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि सेवानिवृत्ति हर कामकाजी व्यक्ति के लिए एक हकीकत है। आज अधिकांश युवा रिटायरमेंट को हकीकत के रूप में नहीं सोच सकते हैं, क्योंकि वे 'वर्तमान में रहने वाले' पर भरोशा करते हैं। हालांकि, अपने सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन की योजना बनाना महत्वपूर्ण है, यदि आप अपनी वित्तीय स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं और जब आप अब नहीं कमा रहे हैं तब भी जीवन का एक आरामदायक मापदण्ड बनाए रखना चाहते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि विकसित राष्ट्रों के विपरीत, भारत में सामाजिक सुरक्षा का जाल नहीं है। भारत में लोग अभी भी सेवानिवृत्ति के उद्देश्य से बैंक बचत और सावधि जमा पर निर्भर हैं, जो दुर्भाग्य से है। सेवानिवृत्ति योजना ने इस तथ्य के कारण अतिरिक्त महत्व प्राप्त कर लिया है कि हालांकि दीर्घायु ने कार्यशील वर्षों की संख्या में वृद्धि नहीं की है, इसलिए आप अपने जीवन के अंतिम चरण को बिना कमाई के खर्च करते हैं। सरल शब्दों में, सेवानिवृत्ति की योजना का मतलब यह है कि आपके पास काम से सेवानिवृत्त होने के बाद रहने के लिए पर्याप्त धन होगा। रिटायरमेंट आपके जीवन का सबसे अच्छा दौर होना चाहिए, जब आप सचमुच इतने सालों की मेहनत में जो कमाते हैं, उसका भरपूर लाभ उठाकर आराम से बैठ सकते हैं या आराम कर सकते हैं। लेकिन यह कहा से आसान है। एक परेशानी मुक्त सेवानिवृत्त जीवन को प्राप्त करने के लिए, आपको अपने कामकाजी जीवन के दौरान विवेकपूर्ण निवेश निर्णय लेने की आवश्यकता है, इस प्रकार भविष्य में आपके लिए काम करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई डालनी होगी। विभिन्न फंडों की अन्य अनूठी विशेषताओं के अलावा सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान, सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान जैसे म्यूचुअल फंड्स की विशेष विशेषताओं के साथ, निवेशक आसानी से अपनी पोस्ट रिटायरमेंट आवश्यकताओं और इसे प्राप्त करने के तरीकों के लिए योजना बना सकते हैं। पश्चिम के कई अन्य देशों के विपरीत, भारत में हमारे पास सेवानिवृत्त लोगों के लिए राज्य-प्रायोजित सामाजिक सुरक्षा नहीं है। जबकि आप सेवानिवृत्ति के दौरान पेंशन या आय के हकदार हो सकते हैं, लेकिन क्या यह पर्याप्त सेवानिवृत्ति के बाद होगा। फिरभी कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान के माध्यम से भविष्य निधि में अनिवार्य बचत की कुछ पेशकश करनी चाहिए, यह आपकी सेवानिवृत्ति के दौरान आपको समर्थन करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। इसीलिए रिटायरमेंट प्लानिंग हर एक के लिए बेहद जरूरी है। म्यूचुअल फंड के साथ अधिक निवेशक वास्तव में खुद के लिए योजना बना सकते हैं और अपने नियोजित उद्देश्यों को भी प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्यक्ष इक्विटी की तुलना में म्यूचुअल फंड का यह विकल्प आपके रिटायरमेंट कॉर्पस की योजना बनाने के लिए ज्यादा सुरक्षित है। अलग-अलग परिवारों के अपने भविष्य को उद्भव और उसके परिचारक असुरक्षा, व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में बढ़ती अनिश्चितताओं को सुरक्षित रखने के कई कारण हैं, जो लोगों की बढ़ती सेवानिवृत्ति और बढ़ती स्वास्थ्य जोखिमों की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण कुछ महत्वपूर्ण जोखिमों में से हैं। गिरती ब्याज दरों के अलावा, रहने की लागत में निरंतर वृद्धि भी व्यक्तियों के लिए उनके सेवानिवृत्त जीवन को निधि देने के लिए अपने वित्त की योजना बनाने के लिए एक सम्मोहक मामला बनाती है। सेवानिवृत्ति के लिए योजना बनाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आपके करियर और विवाह की योजना। हमें अपनी सेवानिवृत्ति की तैयारी के लिए सचेत और सावधान निर्णय लेने की आवयश्कता है। जीवन का अपना पाठ्यक्रम होता है और सबसे गरीब से अमीर व्यक्ति तक, हर एक समय के साथ बूढ़ा हो जाता है। हम हर दिन बूढ़े हो जाते हैं, बिना एहसास के। हमारे आने वाले बुढ़ापे के साथ हम जीवन के तथ्यों के बारे में अधिक समझदार बन जाते हैं और सेवानिवृत्ति के महत्व और प्रभाव को एहसास करते हैं। आपके द्वारा चुने गए विकल्पों पर भविष्य काफी हद तक निर्भर करता है। उचित नियोजन की सहायता से सही निर्णय, सही समय पर लिया गया, सेवानिवृत्ति के समय मुस्कुराहट और सफलता का भरोशा बनेगा। मेरे शब्दों में, सेवानिवृत्ति की योजना का मतलब यह है कि आपके काम छोड़ने के बाद आपके पास रहने के लिए पर्याप्त धन होगा। रिटायरमेंट आपके जीवन का वह दौर होना चाहिए, जब आप वापस बैठकर आराम कर सकते हैं। इतने वर्षों के परिश्रम में आप जो कमाते हैं, उसका लाभ उठाकर सेवानिवृत्ति को अपने जीवन में अधिक आनंद लेना चाहिए। लेकिन यह कहा से आसान है। अधिकांश लोग सेवानिवृत्ति के दौरान अपना सबसे खराब जीवन जीते हैं। एक परेशानी मुक्त सेवानिवृत्त जीवन को प्राप्त करने के लिए, आपको अपने कामकाजी जीवन के दौरान सही निवेश निर्णय लेने की आवश्यकता है, इस प्रकार भविष्य में आपके लिए काम करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई डालनी होगी। यदि आप उस निवेश के बारे में बहुत जागरूक नहीं हैं, जिसे आपको शुरू करने की आवश्यकता है, तो आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से अपनी सेवानिवृत्ति की योजना के साथ आसानी से ऑनलाइन सलाहकारों की मदद ले सकते हैं। इससे पहले कि आप शुरू करते हैं यह आपके लिए बेहतर है। अब रिटायरमेंट प्लानिंग एक क्लिक से की जा सकती है और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सलाह से की जा सकती है। अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति और अपने निवेशक प्रोफाइल को जानने के लिए इस सेवानिवृत्ति प्रश्नावली को भरें जो आपको चिंता मुक्त सेवानिवृत्ति की योजना बनाने में सहायता करेगा। at January 15, 2021 No comments: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Friday, June 5, 2020 लेमन ग्रास चाय के साथ साथ स्वास्थ्य लाभ आइये जानते है ।Let us know the health benefits along with lemon grass tea. हमारे सेहतमंद के ज्यादातर उपाय हमारे रशोई घर में ही उपलब्ध होते हैं, जिनकी सही जानकारी हो, तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। एक ऐसी ही औषधि है लेमन ग्रास, जो आमतौर पर हमारे गार्डन या किचन में जरूर होती है। लेमन ग्रास को आम बोलचाल की भाषा में गवती चाय के नाम से भी जाना जाता है। लेमन ग्रास में विटामिन ए, विटामिन सी, फोलेट एसिड, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, आयरन और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर एक औषधि है। आइए जानते हैं इसके सेहत के लाभकारिगुणो को : - Most of our health remedies are available in our Rashoi house, if we have the right information, then we can avoid many diseases. One such medicine is lemon grass, which is usually in our garden or kitchen. Lemon grass is also colloquially known as gavati tea. Lemon grass is a medicine rich in important nutrients such as vitamin A, vitamin C, folate acid, magnesium, zinc, copper, iron, and phosphorus. Let us know the benefits of its health: - १ नीम्बू के समान महक :- लेमन ग्रास विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशिया में ही पाया जाता है।इसकी महक नींबू के समान आती है। इसका ज्यादातर उपयोग चाय में अदरक की तरह ही किया जाता है। लेमन ग्रास के एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी व एंटी फंगल गुण होते हैं, जो कई रोगों व संक्रमण से बचाने में सहायक करता है। गवती चाय की पत्तियों में काफी मात्रा में सिट्रल पाया जाता है, जिससे इसकी पत्तियों की महक नींबू के जैसा होता है। 1 Smell like lemon: - Lemon grass is found especially in South-East Asia. Its aroma is similar to lemon. It is mostly used in tea just like ginger. Lemon grass has anti bacterial, anti inflammatory and anti fungal properties, which helps in protecting against many diseases and infections. A lot of citral is found in the leaves of Gavati tea, which makes its leaves smell like lemon. २ बेड कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है :- लेमन ग्रास का सेवन करना दिल के लिए काफी लाभदायक होता है, क्योंकि इससे सेवन से शरीर में मौजूद बेड कोलेस्ट्रोल कम होता है। बेड कोलेस्ट्रोल, जिसे एलडीएल भी कहते है, यदि शरीर में इसका स्तर बढ़ता है तो हार्ट अटैक का संभावना बढ़ जाता है। गवती चाय की पत्तियों में यह गुण होता है कि यह खून में मौजूद वसा को कम करने में सहायक होती है। 2 Controls bad cholesterol: - Taking lemon grass is very beneficial for the heart because it reduces bad cholesterol in the body. Bad cholesterol, also known as LDL, increases its chances of heart attack if its levels in the body increase. Gavati tea leaves have the property that it helps in reducing the fat present in the blood. ३ पाचन में लाभदायक :- गवती चाय पाचन शक्ति बढ़ाने में भी लाभदायक होती है। इसके सेवन से पेट के अल्सर और इससे जुड़ी अन्य बीमारिया भी नहीं होती है। कब्ज, अपच, गैस या एसिडिटी जैसी रोग भी लेमन ग्रास के सेवन से समाप्त हो जाती हैं। 3 Beneficial in digestion: - Gavati tea is also beneficial in increasing digestive power. Its use also does not cause stomach ulcers and other related diseases. Diseases like constipation, indigestion, gas or acidity are also eliminated by the intake of lemon grass. ४ किडनी के रोगों में सहायक :- लेमन ग्रास को मसाले के रूप में या चाय के रूप में उपयोग करने से किडनी को भी लाभ होता है, क्योंकि इसमें मूत्रवर्धक गुण पाया जाता है। एक सामान्य व्यक्ति को दिनभर में 10 से 12 बार टॉयलेट जरूर जाना चाहिए। लेमन ग्रास किडनी को स्वच्छ रखने में सहायता करती है। इससे किडनी में स्टोन (पथरी) जैसी रोग नहीं होती है। 4 Helpful in kidney diseases: - The kidneys also benefit from using lemon grass as a spice or as a tea, as it has diuretic properties. A normal person must go to the toilet 10 to 12 times a day. Lemon grass helps to keep the kidney clean. This does not cause kidney (stone) disease like kidney. ५ कैंसर से लड़ने में सहायक :- लैमन ग्रास में कैंसररोधी गुण होते हैं। यह कैंसर सेल्स की कॉलोनी को समाप्त करने में अहम रोल निभाती है। रोज चाय में यदि लेमन ग्रास डालकर ली जाए तो कैंसर का संभावना बेहद कम हो जाता है। 5 Helpful in fighting cancer: - Lemon grass has anticancer properties. It plays an important role in ending the colony of cancer cells. If you add lemon grass to tea everyday, the chances of cancer are greatly reduced. ६ आपके वजन को नियंत्रण रखें :- आजकल लोग वजन घटाने के लिए कई तरह के उपयोग करते हैं, यदि वे लेमन ग्रास की चाय का प्रतिदिन सेवन करना शुरू कर दें तो बहुत जल्द ही इसका सकारात्मक लाभ देखने को मिल जाता है। क्योकि लेमन ग्रास शरीर से अनावश्यक चर्बी को घटा देती है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। यह शरीर को बहुत तेजी से डिटॉक्सिफाई करता है। इसके अलावा लेमन ग्रास गठिया, नींद नहीं आने की दिक्कत, अवसाद आदि तकलीफ को भी दूर करती है। साथ ही इसके उपयोग से शरीर का नर्वस सिस्टम भी ठीक रहता है। 6 Control your weight: - Nowadays people use many types for weight loss, if they start consuming lemon grass tea every day, then soon its positive benefits will be seen. Because lemon grass reduces unnecessary fat from the body and strengthens the body's immune system. It detoxifies the body very fast. Apart from this, lemon grass also relieves arthritis, difficulty in falling asleep, depression etc. Along with this, the nervous system of the body is also fine. at June 05, 2020 2 comments: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Labels: Health tips Friday, May 22, 2020 मुह के बदबू से बचने के उपाय जाने (Know the ways to avoid oral odor) मुँह से बदबू आये तो कैसे ठीक करे(How to cure if you smell the mouth) मनुष्य एक समाजिक प्राणी होता है, इसनाते वह समूह और सामाजिक कार्य मे एक साथ कार्य करता है चाहे वह कार्य सामाजिक या व्यहारिक हो परंतु अगर किसी के मुँह से दुर्गन्ध आये तो लोग उस आदमी के साथ कोई बात नही करना चाहते है और कोई बोले कि आपके मुँह से दुर्गंध आती है तो बहुत ही समाज मे शर्म महसूश होती है। इससे कैसे छुटकारा पाया जाय हम आपको बतायेगे। Man is a social animal, so he works together in group and social work, whether the work is social or practical but if someone comes out of the mouth, people do not want to talk to that man and someone says that If you smell bad mouth, you feel very ashamed in society. We will tell you how to get rid of it. घर में कई ऐसी चीज़ें हैं, जिन्हे खाने के बड़े लाभ होते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, लौंग के बारे में वैसे तो लौंग आकार में छोटा है, लेकिन इसके कई लाभकारी चमत्कारी फायदे हैं। There are many things in the house that have great benefits of eating. In such a situation, we are going to tell you today, clove is small in size, but it has many beneficial miraculous benefits. जी हाँ, आप सभी को बता दें कि लौंग एक बहुत छोटा सा फूल के आकार का होता है, जो लौंग के पेड़ से ही आता है। आप तो जानते होंगे लौंग की हमारे भारतीय मसालों में मुख्य जगह है, इससे खाने से नया स्वाद, खुशबू मिलती है, तो आइए आज आपको बताते हैं इससे सेहत को होने वाले फायदे के बारे में :- Yes, tell all of you that the clove is in the shape of a very small flower, which comes from the clove tree itself. You must have known that clove is the main place in our Indian spices, eating it gives new taste, fragrance, so let us tell you today about the benefits of health. 1 श्वास संबंधी रोगों में लाभदायक :- जी दरअसल लौंग के तेल का अरक इतना सशक्त होता है, कि इसे सूंघने से जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत लाभ मिल जाता है।इसी के साथ यह शरीर के लिए लाभदायक होत। 1 beneficial in respiratory diseases: - In fact, the extract of clove oil is so strong, that by smelling it, it provides immediate benefits in colds, phlegm, asthma, bronchitis, sinusitis etc. With this it becomes beneficial for the body. 2 दांतों के दर्द में आराम :- अगर किसी व्यक्ति के दांतों में दर्द हो तो वह लौंग के तेल के इस्तेमाल से निजात पा लेता है। इसी के साथ 99% टूथपेस्ट में होने वाले पदार्थो की लिस्ट में लौंग भी शामिल होता है। 2 toothache relief: - If a person has a toothache, he gets relief by using clove oil. Along with this, cloves are also included in the list of substances that are in 99% toothpaste. 3 खांसी और बदबूदार सांसों के निजात के लिए :- इसके लिए भी लौंग बहुत कारगर है। सर्दियों में गले मे खरास भी रहती है सब लौंग के उपयोग से ठीक हो जाता है, अगर आप लौंग का नियमित उपयोग करते हैं, तो इन समस्याओं से निजात मिल जाता है। 3 for the relief of cough and bad breath: - Clove is also very effective for this. There is also a sore throat in winter, all is cured with the use of cloves, if you use cloves regularly, then these problems get rid of. 4 पाचन में लाभदायक :- आप भोजन में लौंग का उपयोग करते हैं, तो पाचन संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है। इसमें मौजूद तत्व अपच, उल्टी गैस्ट्रिक, डायरिया आदि समस्याओं से लाभ दिलाने में मददगार हैं। 4 beneficial in digestion: - If you use cloves in food, digestive problems get relief. The ingredients present in it are helpful in getting relief from indigestion, vomiting gastric, diarrhea etc. problems. 5 कैंसर से बचाव :- लौंग के उपयोग से फेफड़े के कैंसर और त्वचा के कैंसर को रोकने में कफी सहायक होती है। इसमें मौजूद युजेनॉल नामक तत्व कैंसर होने से बचाता है। 5 Cancer prevention: - The use of cloves is very helpful in preventing lung cancer and skin cancer. An element called eugenol in it prevents cancer. at May 22, 2020 1 comment: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Labels: Health tips Monday, April 13, 2020 फल और सब्जी के छिलके के भी है, गजब के फायदे आइये जानते है। (Fruit and vegetable peels are also there, let's know the benefits of amazing.) फल और सब्जी के छिलके के भी है , गजब के फायदे (Fruit and vegetable peels also have amazing benefits) फल व सब्जी जो की सेहत के लिए फायदेमंद होता है,उसे हम सीधेतौर पर या जूस के रूप में भी उपयोग करते है और इसके साथ ही उसके छिलके जो की अब तक आप आपने कचरे के डब्बे में उसे फेकते है, वो भी फायदेमंद होता है। हम आपको कुछ जानकारी बता रहे है, जिसे जानने के बाद आप उन छिलके को नहीं फेकेंगे। आईये जानते है फल और सब्जियों के क्या क्या फायदे होते हैं। We use fruits and vegetables which are beneficial for health, either directly or as juice and along with that the peels that you have thrown in the trash can till now are also beneficial. . We are telling you some information, after knowing that you will not discard those peels. Let's know what are the benefits of fruits and vegetables. १ आम के छिलके के फायदे:- 1 Benefits of mango peel: - आम के छिलके चर्बी को कम करने में लाभदायक होते हैं, परन्तु आम का गूदा नहीं हैं।इसे कच्चा भी खा सकते हैं या पका कर भी। जिन लोगो को कैंसर, डायबटीज और दिल की बीमारियां होती है, उनके लिए यह जड़ी बुटी के अनुसार फायदेमंद रहते है। Mango peels are beneficial in reducing fat, but mango pulp is not. It can be eaten raw or cooked. For people who have cancer, diabetes and heart diseases, this herb is beneficial according to Buti. २ केले के छिलके के लाभ :- 2 Benefits of Banana Peel: - केले के छिलके को या तो सीधे ही या फिर पेस्ट बनाकर लगाने से मुँहासे दूर हो जाते हैं और चेहरा चमकने लगती है। किसी कीड़े के काट लेने पर केले के छिलके को लगाने से लाभ मिलता है। आंखों में थकान महसूस होने पर कुछ देर केले के छिलके लगाने से आराम मिलता है। मस्सों पर भी नियमित रूप से केले का छिलका लगाने से वे जल्दी ही समाप्त हो जाते हैं। Applying banana peel either directly or by making a paste, removes acne and makes the face glow. Applying banana peel on the bite of an insect is beneficial. If you feel tired in the eyes, applying banana peels for some time provides relief. Regularly applying banana peel on moles also kills them soon. ३ निम्बू के छिलके के लाभ :- 3 Benefits of lemon peel: - नींबू का रस सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है और साथ ही इसका छिलका भी। नींबू का छिलका नियमित रूप से दांतों पर रगड़ने से दांत चमकदार बनते हैं। हाथों और पैरों की अंगुलियों के कालेपन को दूर करने के लिए आप नींबू का प्रयोग कर सकते हैं। स्किन पर दाग धब्बों को दूर करने के लिए नींबू के छिलके का उपयोग कर सकते हैं। Lemon juice is considered to be very good for health as well as its skin. Rubbing lemon peel on the teeth regularly makes the teeth shiny. You can use lemon to remove the blackness of fingers of hands and feet. You can use lemon peel to remove blemishes on the skin. ४ खीरे के छिलके के लाभ :- 4 Benefits of Cucumber Peel: - खीरे के छिलके में सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट, पोटाशियम और फाइबर पाया जाता है। इसलिए आप खीरे के छिलके का भी उपयोग कर सकते हैं। The most important antioxidant, potassium and fiber is found in cucumber peels. So you can also use cucumber peel. ५ आलू के छिलके के फायदे :- 5 Benefits of potato peel: - आलू में काफी मात्रा में स्टार्च पाया जाता है, जिससे ये झुर्रियां हटाने में आपकी सहायता करता है, तो जितना हो सके आलू के छिलके को अपनी स्किन परे रगड़ें और झुर्रियों से छुटकारा पाये। आलू के छिलके में भी फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, इसलिए जितना हो सके आलू को इसके छिलके के साथ सब्जी खाने की ही आदत डालें। Potato contains a lot of starch, so it helps you remove wrinkles, so rub the peel of the potato beyond your skin as much as possible and get rid of wrinkles. Fiber is also found in sufficient quantity in potato peel, so make the habit of eating potato with its peel as much as possible. नोट :- सब्जी और फल के छिलके की जानकारी हम अपने ब्लॉग से जानकारी के उधेश्य से दी है। उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य ले। Note: - We have given information about vegetable and fruit peels with the purpose of information from our blog. Be sure to consult a doctor before use. at April 13, 2020 1 comment: Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest Labels: Health tips Older Posts Home Subscribe to: Posts (Atom) General tips सहजन पेड़ नही मानव के लिए कुदरत का वरदान है। एक पेड़ अनेक गुण सहजन के पेड़ को ड्रमस्टिक(drumstick) या मोरिंगा(Moringa) के नाम से जाना जाता है त्रिकोणीय मुड़ी हुआ फल... गर्म पानी पीने के क्या फायदे? (What are the benefits of drinking hot water?) एक गिलाश गर्म पानी पीने से दूर करे कई परेशानी एक कहावत है कि जल ही जीवन है यह बात सही है जल के बिना मनुष्य हो या जानवर कोई भी ज... लहसुन और शहद के चमत्कारी फायदे ( The miraculous benefits of garlic and honey ) लहसुन और शहद के उपयोग से घोड़े जैसा फुर्ती पाये। Get horselike agility by using garlic and honey. लहसुन का उपयोग आमतौर पर हम सब्जी को स्व... 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Wheat Grass Benefits (गेंहू जवारे के फायदे) रोज पिये गेहू के जवारे का रस, शरीर मे होंगे गजब के फायदे (Drink wheat grass juice daily, the body will have amazing benefits) ... पपीता के एक पत्ता से अनेक रोगों को कोसों दूर करे आप सभी लोग पपीता के पका फल खाएं होंगे और बहुत जगहों पर कच्चे पपीते के सब्जी के रूप में उपयोग होता है। आज हम आपको पपीता के पत्ते के अवषधि... शेयर मार्केट की जानकारी What is share market (शेयर मार्केट क्या है) पैसा कमाने के लिए बहुत से लोगों की इच्छा रहती है, और तरह तरह के बिज़नेस आईडिया की जानकारी... पुराना से पुराना गठिया का इलाज आज हम आपलोगो को पुराना से पुराना गठिया के इलाज के लिए देसी आयुर्वेदिक दवा के बारे में बताएंगे। ग्वारपाठा का नाम आपलोग सुने होंगे जिसे इंग... कच्चे पपीता के घरेलू नुख्से कच्चे पपीते के फायदे के बारे में आप अनजान होंगे। पपीता खाना सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता।मगर क्या आप जानते है कच्चे पपीता के फ... मुह के बदबू से बचने के उपाय जाने (Know the ways to avoid oral odor) मुँह से बदबू आये तो कैसे ठीक करे(How to cure if you smell the mouth) मनुष्य एक समाजिक प्राणी होता है, इसनाते वह समूह और सामा... लेमन ग्रास चाय के साथ साथ स्वास्थ्य लाभ आइये जानते है ।Let us know the health benefits along with lemon grass tea. हमारे सेहतमंद के ज्यादातर उपाय हमारे रशोई घर में ही उपलब्ध होते हैं, जिनकी सही जानकारी हो, तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। एक ऐसी ही ...
लालू पर बरसे सुशील मोदी, कहा- लोकतंत्र की बात करने से पहले अपने गिरेबान में झांकें – Biharupdate लालू पर बरसे सुशील मोदी, कहा- लोकतंत्र की बात करने से पहले अपने गिरेबान में झांकें 6 November, 2016 Admin पटना, बड़ी ख़बर, बिहार 0 बिहार पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव पर हमलावर तेवर दिखाते हुए कहा है कि लालू को संविधान, लोकतंत्र और लोक लाज की बात करने से पहले खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.लालू ने केजरीवाल को रोके जाने पर उठाए थे सवाल दिल्ली में वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर आत्महत्या करने वाले पूर्व जवान रामकिशन ग्रेवाल की मौत के बाद जिस तरीके से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस द्वारा राम किशन के परिवार वालों से मिलने से रोका गया और फिर हिरासत में भी लिया गया, इसे लालू ने गैर संविधानिक और गैर लोकतांत्रिक करार दिया था. सुशील मोदी ने कहा कि जब चारा घोटाला में जेल जाने के वक्त लालू यादव ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए अपनी निरक्षर पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था और सरकार चलाई थी, तब उन्हें संविधान और लोकलाज की चिंता क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा, 'केजरीवाल के खिलाफ पुलिस कारवाई पर संविधान और लोकतंत्र की बात करने वाले लालू प्रसाद को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. तब उन्हें संविधान और लोकतंत्र क्यों याद नहीं आया जब उन्होंने अपनी निरक्षर पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया था और सरकार चलाई थी. तब उन्हें न संविधान की चिंता थी और न ही लोकलाज की.' सुशील मोदी ने कहा एक निजी समाचार चैनल को गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर एक दिन के सांकेतिक कार्रवाई को लालू ने आपातकाल से जोड़ा. लालू आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों को मंत्री बनवा चुके हैं और अब उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ महागठबंधन सरकार में शामिल है, इसलिए उन्हें लोक लाज की बात नहीं करनी चाहिए. मोदी ने लालू पर तंज कसते हुए कहा जब उनकी ही पार्टी के बलात्कार के आरोपी विधायक राजबल्लभ यादव ने जेल में होली के बाद पार्टी दी, जिसके बाद सहायक जेलर और तीन अन्य को बर्खास्त किया गया था, इससे साफ हो गया है कि सत्ता से जुड़े अभियुक्त और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है.
LIVE: संकट में MP सरकार, 6 मंत्री समेत 16 MLA पहुंचे बंगलुरु, CM कमलनाथ ने बुलाई आपात बैठक – आज तक – India News Nine एमपी में एक बार फिर सियासी संकट 6 मंत्री समेत 16 विधायक बेंगलुरु पहुंचे भोपाल में कमलनाथ ने बुलाई आपात बैठक होली की रंग-अबीर के बीच मध्य प्रदेश में एक बार फिर सियासी संकट पैदा हो गया है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 16 कांग्रेस विधायक बेंगलुरु पहुंच गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक जो 16 विधायक बेंगलुरु पहुंचे हैं उनमें 6 मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी हैं. 6 मंत्री समेत 16 विधायक पहुंचे बेंगलुरु इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने रिपोर्ट थी कि सिंधिया 16 विधायकों के साथ लापता हैं. बाद में रिपोर्ट आई कि ये विधायक एक चार्टर प्लेन से बेंगलुरु पहुंचे थे. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अब ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली स्थित अपने निवास पहुंच गए हैं. इस बीच खबर है कि एमपी बीजेपी के भी 6 विधायक बेंगलुरु पहुंच गए हैं. एमपी का ये राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे वक्त में सामने आया है, जबकुछ ही दिन बाद राज्यसभा चुनाव होने को हैं. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार मामूली बहुमत के आधार पर सरकार चला रही है. सीएम कमलनाथ समेत कई नेता आरोप लगा चुके हैं कि बीजेपी उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर उनकी सरकार गिराना चाहती है. पढ़ें- एक सीट जीतने वाले राज ठाकरे ने बनाई अपनी कैबिनेट, बेटे को बनाया पर्यटन मंत्री आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इस घटनाक्रम के मद्देनजर भोपाल में सीएम कमलनाथ ने आपात बैठक बुलाई है. बैठक में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और दूसरे मंत्री मौजूद हैं. कमलनाथ को समर्थन करने वाले कई विधायक भी इस बैठक में पहुंच रहे हैं. कमलनाथ के नजदीकी सूत्रों ने बताया है कि मध्य प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीं है.
Bharat Jodo Yatra : महाकाल के दरबार में राहुल ने किया साष्टांग दण्डवत प्रणाम, दिन में नेताओं संग किया डांस, Video Bigg Boss 16 के रोमांच में तड़का लगाएगा ‘गोल्डन बॉय’, गले पर लटकाते हैं कई किलो सोना, कारें और घर भी सुनहरा ‘वीसीके’ अध्यक्ष टी. तिरुमावलवन के खिलाफ जवाब देने को लेकर जवान को मिली धमकी, जानें बीजेपी ने क्या कहा? Live9 Latest News ताज़ातरीन देश दुनियां राजनीति अपराध खेल शिक्षा व्यापार मनोरंजन आम मुद्दे स्वास्थ्य गेजेट्स ज्योतिष बॉलीवुड वीडियो खेल बिहार का लाल मुकेश अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ODI में दिखाएगा कमाल, पिता चलाते हैं ऑटो 10/02/2022 10/02/2022 Admin@Master 0 Comments हाइलाइट्स 7 मैच में 1 हैट्रिक सहित 34 विकेट लेकर चर्चा में आए थे तेज गेंदबाज मुकेश कोलकाता में पिता चलाते थे ऑटो, मुकेश कुमार गांव के बच्चों संग खेलते थे क्रिकेट गोपालगंज. बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहने वाले मुकेश कुमार का इंडिया टीम में सेलेक्शन हो गया. गोपालगंज के 50वां स्थापना दिवस के दिन ही बीसीसीआई ने इसकी अधिकारिक रूप से घोषणा की है. मुकेश कुमार इंडिया के लिए पहला मैच साउथ अफ्रीका से छह अक्टूबर को खेलेंगे. वनडे मैच भारत में ही खेला जायेगा, जिसके लिए छह, आठ और 11 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है. हाल में हुए इंडिया ए और न्यूजीलैंड ए टीम के टेस्ट मैच में मुकेश कुमार ने बेहतर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद से बीसीसीआई की नजर मुकेश कुमार पर टिकी हुई थी. मुकेश कुमार क्रिकेट टीम में बतौर तेज गेंदबाज के रूप में खेलेंगे. मुकेश के चयन होने से क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी, एसपी आनंद कुमार ने क्रिकेटर मुकेश कुमार को बधाई दी है. बिहार के गोपालगंज के एक छोटे से गांव काकड़कुंड के रहने वाले मुकेश कुमार का इंडिया टीम में सेलेक्शन हो गया. कोलकाता में पिता चलाते थे ऑटो, गांव के बच्चों संग खेलते थे गली क्रिकेट काकड़कुंड गांव के रहने वाले मुकेश कुमार एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. पिता स्व. काशीनाथ सिंह कोलकाता में ऑटो चलाते थे. माता गृहणी हैं. मुकेश कुमार गांव में मोहल्लों के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते हुए इस मुकाम पर पहुंच गए हैं. मुकेश कुमार के इंडिया टीम में चयन होने की खबर मिलते ही परिजनों में खुशी है. इसके अलावा जिला वासियों और क्रिकेट प्रेमी बिहार के लिए गौरव मानकर बधाई दे रहे हैं. गांव से निकलकर इंडिया टीम में शामिल होकर पहला साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने के लिए जा रहे मुकेश कुमार मोहल्ले के बच्चों के साथ गांव में क्रिकेट खेलते थे. अब इंडिया टीम के लिए खेलेंगे. 7 मैच में 1 हैट्रिक सहित 34 विकेट लेकर चर्चा में आए थे तेज गेंदबाज मुकेश मुकेश कुमार पहली बार गोपालगंज में प्रतिभा की तलाश में अपनी गेंदबाजी का दम दिखाकर चर्चा में आए. उस प्रतियोगिता में सात मैच में एक हैट्रिक सहित 34 विकेट लिया और तब गोपालगंज क्रिकेट टीम के सीनियर खिलाड़ी सत्य प्रकाश नरोत्तम और उस समय के हेमन ट्रॉफी के जिला क्रिकेट टीम के कप्तान अमित सिंह की नजर पड़ी और वे जिला टीम में आ गए. उसके बाद स्टीयरिंग कमिटी का अंडर 19 क्रिकेट टूर्नामेंट में मुकेश ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन दुर्भाग्य से बिहार में क्रिकेट की मान्यता नहीं होने के कारण उन्होंने बंगाल का रुख किया और वहां से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मुकेश रणजी ट्रॉफी के लगातार दो सीजन में 30 से ज्यादा विकेट लेकर चयनकर्ताओं के नजर में आ गए और इंडिया टीम में चयन हो गए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Bihar News, Cricket news, India cricket team, New Delhi news FIRST PUBLISHED : October 02, 2022, 21:03 IST Post Views: 33 ← IndiGo की फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी, मुंबई एयरपोर्ट को मिला ई-मेल, मामला दर्ज Bomb threat to IndiGo flight e-mail received by Mumbai airport case file ‘हमें सिखाया गया था पुलिस और मीडिया से डील करना’, PFI सदस्यों ने जांच में किए कई खुलासे → You May Also Like लाइव मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटर की मौत, हादसे का हिला देने वाला VIDEO वायरल 09/25/2022 09/25/2022 Admin@Master 0 नताली शिवर के न होने के बावजूद इंग्लैंड एक अच्छी टीम | England a good team despite Natalie Shiver’s absence: Harmanpreet Kaur
ट्रैवल एजेंटों को यूके जाने के लिए भारतीयों से पूछताछ करने के लिए कोविद -19 वैक्सीन प्राप्त करना है इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया – NEWS 420 ट्रैवल एजेंटों को यूके जाने के लिए भारतीयों से पूछताछ करने के लिए कोविद -19 वैक्सीन प्राप्त करना है इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया NEW DELHI: ट्रैवल एजेंटों ने पूछताछ शुरू कर दी है भारतीयों जो कोविद -19 पाने के लिए जल्द से जल्द ब्रिटेन की यात्रा करना चाहते हैं टीका जिसे ब्रिटिश सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी थी। यूके बुधवार को अपने स्वतंत्र नियामक मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) द्वारा "कठोर" विश्लेषण के बाद कोविद -19 के खिलाफ फाइजर / बायोएनटेक वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया। मुंबई के एक ट्रैवल एजेंट ने पीटीआई को बताया कि बुधवार को कुछ लोगों ने कोविद -19 वैक्सीन प्राप्त करने के लिए ब्रिटेन में "कैसे और कब और क्या" पर सवाल उठाए। "मैंने उन्हें बताया है कि यह कहना जल्दबाजी होगी (क्या भारतीय यूके में वैक्सीन प्राप्त कर सकते हैं)। वैसे भी, वैक्सीन पाने के लिए सबसे पहले यूके में बुजुर्ग और स्वास्थ्य कार्यकर्ता होंगे जो सबसे अधिक असुरक्षित हैं। कोरोनावाइरस, "एजेंट गयी। EaseMyTrip.com के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निशांत पिट्टी ने बुधवार को लंदन की यात्रा के लिए ऑफबीट सीजन की घोषणा के बारे में कहा। फाइजर टीका उन्हें पहले से ही कुछ भारतीयों से मिला है जिन्होंने यूके वीजा प्राप्त किया है और लंदन जाने का खर्च उठा सकते हैं। हाल ही में ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि 15 दिसंबर से, यूके में प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय आगमन को पांच दिनों तक आत्म अलगाव में रहना होगा और फिर प्राप्त करना होगा आरटी-पीसीआर छठे दिन परीक्षण किया गया। परीक्षण में कोविद-नकारात्मक पाए जाने पर यात्री छठे दिन अलगाव छोड़ सकता है। "हालांकि सरकार ने कहा है कि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा, लोग शॉट लेने से पहले यह सब देखना चाहते हैं," मेले ने कहा। Tags:आज समाचार, आरटी-पीसीआर, इंडिया न्यूज़ आज, कोरोनावाइरस, कोविड -19 टीका, गूगल समाचार, टीका, ताज़ा खबर, फाइजर, भारत, भारत समाचार, भारतीयों ओडिशा सबसे ऊपर है, शहरी प्रशासन सूचकांक में दिल्ली 13 वें स्थान पर है इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया कोविद -19 वैक्सीन विकसित करने वाली बायोटेक कंपनियों का दौरा करने के लिए 64 विदेशी दूत हैदराबाद के लिए रवाना | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
Wednesday, October 30, 2013-4:00 PM लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने आजमगढ़ में रैली के जरिए लोकसभा चुनाव का अभियान शुरू कर दिया। इसी क्रम में अब यह बरेली, झांसी और इलाहाबाद में रैली करेगी। इन रैलियों को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव संबोधित करेंगे। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि आजमगढ़ में मंगलवार को हुई सफल रैली के बाद पार्टी नेतृत्व ने नवंबर माह में इलाहाबाद, झांसी और बरेली में रैली करने का निर्णय लिया है। चौधरी ने बताया कि नौ नवंबर को बरेली में रैली आयोजित की जाएगी। आजमगढ़ के बाद यह दूसरी रैली होगी। सांसद धर्मेन्द्र यादव तथा जिलाध्यक्ष (बरेली) वीरपाल सिंह यादव को जनसभा का संयोजक नियुक्त किया गया है। उसके बाद झांसी में 23 नवंबर और 30 नवंबर को इलाहाबाद में रैली होगी। पार्टी के संबंधित पदाधिकारियों को रैली की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए गए हैं।
हल्दी का सेवन करने से तनाव कम होता है और तंत्रिकाएँ सुरक्षित रहती हैं। जबकि काली मिर्च मिलाकर सेवन करने से शरीर में मौजूद सारे विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। इससे त्वचा की रंगत में भी निखार आता है। गोंद के लड्डू में हल्‍दी और काली मिर्च को मिलाकर खाने से शरीर को ताकत मिलती है। वहीं इसका इस तरह से सवन करने से चेहरे की झुर्रिरयां एवं रैशेज से भी छुटकारा मिलता है। ये आपकि त्वचा को टाइट बनाने में भी मदद करता है। दूध व छाछ के साथ हल्दी और काली मिर्च का सेवन करने से खून साफ होता है। साथ ही आपके चेहरे पर मौजूद दाग धब्बों को मिटाने के साथ ही यह त्वचा में निखार लाता है। Roleभूमिका - भारतीय टीम के पूर्व कप्तान, दाएं हाथ के बल्लेबाज, दाएं हाथ के ऑफ स्पिन गेंदबाज, विकेटकीपर, कोच, एनसीए के निदेशक राहुल शरद द्रविड़ भारत के अब तक के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं। द वॉल, जेमी और मिस्टर भरोसेमंद जैसे उपनामों के साथ उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को इंदौर में हुआ था लेकिन वह बेंगलुरु चले गए थे। वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे। उनके पिता क्रिकेट प्रेमी थे। वह द्रविड़ और उनके छोटे भाई को क्रिकेट मैच दिखाने ले जाया करते थे। यहीं से राहुल की क्रिकेट को लेकर पसंद विकसित हुई। उन्होंने 12 साल की उम्र से पेशेवर क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। द्रविड़ ने अंर-15, अंडर-17 और अंडर-19 में कर्नाटक टीम का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1991-92 के सत्र में कर्नाटक के लिए रणजी की शुरुआत की थी। उनका पहला सत्र बहुत अच्छा था। उन्होंने 63.3 के औसत से कुल 380 रन बनाए थे। इनमें कुछ शतक भी शामिल थे। इसके बाद उन्हें दिलीप ट्रॉफी में साउथ जोन के लिए खेलने को चुना गया। जैमी ने श्रीलंका में मेजबान टीम के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला था। कुछ महीने बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और अपनी पहली पारी में 95 रन बनाए। उन्हें वनडे मैचों में धीमी बल्लेबाजी करने के लिए पहचाना जाने लगा, जिसकी वजह से उन्हें टीम में जगह बनाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ा था। हालांकि, उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया और वनडे टीम में अपनी जगह पक्की की। वनडे टीम में आने के बाद वह 1999 विश्वकप में शीर्ष पर थे। वह 461 रनों के साथ टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने।
नूपुर शर्मा को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद में हंगामा – Jagriti TV नूपुर शर्मा को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद में हंगामा Jagriti TV June 10, 2022 1 min read पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी करने पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली में जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने नूपुर शर्मा और बाकी लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। इस दौरान जामा मस्जिद के बाहर भारी भीड़ जुट गई है। इस दौरान जुमा की नमाज के बाद लोगों ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि, पुलिस का कहना है कि अब स्थिति काबू में है। उधर, जामा मस्जिद के शाही इमाम इस मामले में अपना पल्ला झाड़ लिया है।जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा, 'हम नहीं जानते कि विरोध करने वाले कौन हैं, मुझे लगता है कि वे एआईएमआईएम के हैं या ओवैसी के लोग हैं। हमने स्पष्ट कर दिया कि अगर वे विरोध करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं, लेकिन हम उनका समर्थन नहीं करेंगे।' वहीं,, दिल्ली पुलिस का का कहना है कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा और भाजपा से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल के बयानों के खिलाफ लोगों ने जामा मस्जिद पर विरोध प्रदर्शन किया। हमने वहां से लोगों को हटा दिया है। स्थिति अब नियंत्रण में है। नूपुर शर्मा भी सवालों के घेरे में Previous बैन के बाद भी दुनिया के लिए भारत खोलेगा गेहूं का खजाना, 70 लाख टन करेगा एक्सपोर्ट: संयुक्त राष्ट्र
इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र-2 2013-11-07 16:32:11.0 गुरू को फांसी उसके परिवार के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा थी, जिसमें और लोग भी शामिल हो गये थे जो गुरू के उत्तराधिकार के विरूद्घ थे। किंतु यह भी कहा जाता है कि औरंगजेब गुरू तेगबहादुर से इसलिए नाराज था, क्योंकि उसने कुछ मुसलमानों को सिख बना लि या था। पाठ्य पुस्तकों में महान बलिदानी तथा करोड़ों हिंदू सिखों की प्रेरणा के अजस्र स्रोत गुरू तेगबहादुर जी महाराज जैसी दिव्य विभूति को लुटेरा जैसे शब्द से संबोधित किया जाना, औरंगजेब द्वारा उनकी हत्या कराये जाने की शर्मनाक घटना पर पर्दा डालने का प्रयास करना अक्षम्य अपराध ही कहा जाएगा। भारतीय जाटों की वीरता और शौर्य के अनेक अध्याय प्राचीन भारतीय इतिहास की अमूल्य धरोहर रहे हैं। वामपंथी सेकुलर लेखक अर्जुनदेव तथा श्रीमती इंदिरा अर्जुनदेव द्वारा लिखित आठवीं कक्षा की पुस्तक आधुनिक भारत में जाटों को षडयंत्रकारी और लुटेरा बताते हुए कहा गया है। इस काल में दिल्ली, आगरा और मथुरा के आसपास जाट एक अन्य शक्ति के रूप में उभरे। उन्होंने भरतपुर में अपने राज्य की स्थापना की, जहां से वे अपने आसपास के क्षेत्रों में लूटपाट करते थे और दिल्ली में राजदरबारों के षडयंत्र में शामिल होते थे। वामपंथी लेखक डा. रामशरण शर्मा ने जैन समाज की भावनाओं पर आघात पहुंचाते हुए लिख मारा-महावीर से पहले तीर्थकारी का अस्तित्व था ही नही। कृष्ण के अस्तित्व का भी कोई साक्ष्य नही है। दूसरी ओर इन सेकुलरवादी लेखकों ने इतिहास व पाठ्यपुस्तकों से वे अंश हटवा दिये जिनसे मुसलमानों के रूष्टï हो जाने की उन्हें संभावना थी। भारत कथा के पृष्ठ 141 पर दिया गया था- तर्कपूर्ण-दार्शनिक, तात्तिवक और पदार्थवादी मुताजिल अदृश्य हो गये और कुरान तथा वादियों पर आधारित रूढ़िवादी चिंतन का जन्म हुआ। पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार ने आदेश दिया कि इस पैरे में से कुरान तथा बादियों पर आधारित रूढ़िवादी चिंतन शब्द हटा दिये जाएं। इसी पुस्तक के पृष्ठ 89 से सुलतान महमूद द्वारा धर्मपरिवर्तन के लिए विध्वंस व लूटपाट की गई-वाक्या हटा दिया गया। इसी प्रकार पृष्ठ 112 के इस वाक्य को हटा दिया गया कि काफिरों को या तो इस्लाम अंगीकार करना पड़ता था, या मृत्यु। नलिनीभूषणदास गुप्ता द्वारा लिखित पुस्तक इतिहाशेर कहानी के पृष्ठ 154 पर प्रकाशित निम्न वाक्य :- इस्लाम के अनुसार गैर मुस्लिमों के सामने तीन विकल्प थे, इस्लाम कबूल लें, जजिया (कर) अदा करें या मौत को गले लगाएं। इस्लामिक राज्य में गैर मुसलमान को इन तीनों में से एक विकल्प चुनना ही पड़ता था। को हिंदू मुस्लिम एकता में बाधा डालने वाला बताकर हटा दिया गया। एक ओर महान राष्टï्रभक्त शिवाजी को पाठ्य पुस्तकों में उपेक्षित व अपमानित किया गया वहीं विश्वासघात पर शिवाजी की हत्या करने के प्रयास में उनकी तत्परता के कारण मार डाले गये अफजलखां को महाराष्टï्र में महिमामंडित की कब्र को करोड़ों रूपये खर्च करके भव्य दरगाह का रूप देकर उसे कांग्रेस ने महिमामंडित किया है। स्वातंत्रवीर सावरकर जी की कांग्रेस सरकार ने हमेशा उपेक्षा की। इतिहास तथा पाठ्यपुस्तकों में इस महावीर का नाम अंकित नही होने दिया गया। सन 1992 में कम्युनिस्ट लेखकों ने उन पर क्षमा मांगने का निराधार आरोप लगाया। भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने जब अण्डमान के पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखा तब भी विरोध किया गया। राजग सरकार ने जब 24 फरवरी 2003 को संसद के सेंट्रल हाल में वीर सावरकर जी के चित्र का उद्घाटन राष्टï्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों कराया तब कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने राष्टï्रपति को पत्र लिखकर उद्घाटन न करने का अनुरोध किया। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी को पत्र में लिखा-संसद में सावरकर का चित्र लगाने से विभाजनकारी नीतियों को विश्वसनीयता मिलेगी। 9 अगस्त 2004 को केन्द्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने अण्डमान की ऐतिहासिक सेलुलर जेल, जिसमें सावरकर जी तथ उनके बड़े भ्राता गणेश सावरकर जी आदि ने अनेक क्रांतिकारियों के साथ रहकर अमानवीय यातनाएं सहन की थीं, में लगी सावरकर जी की पट्टिका को हटवाकर अपनी क्षुद्र मनोवृत्ति का ही परिचय नही दिया अपितु उन पर निराधार आरोप जड़ दिये। यह सब दुश्चक्र क्रांतिकारी राष्टï्रभक्तों के विरूद्घ सुनियोजित षडयंत्र का ही एक अंगे है।
सपनों को साकार करती उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार, पर्यटन को लेकर किए कई नए आयाम स्थापित | Khabar Uttarakhand News Home आपका शहर देहरादून सपनों को साकार करती उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार, पर्यटन को लेकर किए... सपनों को साकार करती उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार, पर्यटन को लेकर किए कई नए आयाम स्थापित देहरादून : उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों की संख्या में निरंतर इजाफा भी हो रहा है। ऐसे में सरकार पर्यटकों की सुरक्षा औऱ व्यवस्था के लिए कई आयाम स्थापित कर रही है। साथ ही पर्यटक विशेषकर युवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सुरक्षित साहसिक पर्यटन की कई योजनाएं बनाई हैं। इसके साथ ही कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं। प्रकृति से भरपूर देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटकों को लुभाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य की आदी आबादी पर्टयन उद्दयोग पर निर्भर करती है. पर्यटन को राज्य की आर्थिक मदद में सबसे अच्छा साधन माना गया है और इसी के चलते त्रिवेंद्र सरकार नए पर्यटन स्थलों को विकसित कर रही है। सरकार ने 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना शुरू की है। जिससे ना सिर्फ पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार में बढ़ेगा। उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए त्रिवेंद्र सरकार नए पर्यटन स्थलों को विकसित कर रही है, जिसके लिए सरकार ने 13 डिस्ट्रिक्ट 13 टूरिज्म डेस्टिनेशन योजना शुरू की है, जिसमें राज्य के सभी जिलों में एक एक पर्टयक स्थल बनाने का फैसला लिया गया है। इस फैसले से ना सिर्फ पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगो के लिए रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। पर्यटन क्षेत्र को राज्य की आर्थिकी का अहम जरिया माना जाता है। राज्य की आधी आबादी पर्टयन उद्दयोग पर निर्भर करती है और यही वजह है कि त्रिवेंद्र सरकार राज्य में नए पर्टयन स्थलों को विकसित कर रही है। नए पर्यटन स्थलों के लिए सभी जिलों में जगहों का चयन कर शासन ने नए स्थलों की थीम भी तय कर दी है। इन पर्यटन स्थलों का चयन करते समय जगहों की विशेषता का खास ध्यान रखा गया है ताकि पर्यटक उस जगह पर जाकर वहां की विशेषता को महसूस कर सकें..
Sunrisers Hyderabad_Royal Challengers Bangalore_David Warner_IPL | हमारे लिए दुर्भाग्य बनकर आई बारिश: वार्नर By: admin | Last Updated: Saturday, 16 May 2015 8:22 AM हैदराबाद: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ मिली हार के बाद सनराइजर्स हैदराबाद टीम के कप्तान डेविड वार्नर ने बारिश को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. रॉयल चैलेंजर्स ने राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए आईपीएल-8 के इस मुकाबले में छह विकेट से जीत हासिल कर दो अहम अंक बटोरे. इस जीत के साथ आरसीबी आठ टीमों की तालिका में दूसरे स्थान पर पहुंच गई. मैच के बाद वार्नर ने कहा, "हमने अच्छा योग खड़ा किया था, लेकिन हम उसे बचा नहीं सके. हमारा दुर्भाग्य है कि बारिश ने हमारा काम खराब किया. हमने बल्ले के साथ शानदार खेल दिखाया, लेकिन गेंद के साथ हम न्याय नहीं कर सके. वैसे गेल, कोहली और डिविलियर्स के रहते हमारे पास गेंद के साथ बहुत कुछ करने का स्कोप बचा नहीं था." वार्नर ने कहा कि उनकी टीम को इस हार को भूलकर खुद को मुंबई इंडिंयस के खिलाफ जीत के लिए तैयार करना होगा. बकौल वार्नर, "हमें इस मैच को अतिशीघ्र भूलना होगा. हमें मुम्बई के खिलाफ हर हाल में जीत चाहिए. हम पहली ही गेंद से जीत के लिए प्रयास करेंगे."
आपको कितनी बार जींस धोने की ज़रूरत है? विशेषज्ञ सभी को साझा करते हैं जब मैं अपने (अब) पूर्व-प्रेमी के साथ रहता था, तो मुझे एहसास नहीं हुआ कि मैं एक अपार्टमेंट-वॉशर और ड्रायर के लिए कितना धन्य था। बाहर जाने के बाद, मैंने जल्दी से महसूस किया कि आपके घर में एक कामकाजी कपड़े धोने की तरह बिक्री पर एक गुच्ची मारमोंट हैंडबैग ढूंढना पसंद है। (पढ़ें: अविश्वसनीय रूप से भाग्यशाली / ऐसा नहीं होता है।) अब, कपड़े साफ करना रणनीतिक रूप से नियोजित घटना है और मुझे इस बात की अधिक जानकारी है कि मुझे अपनी अलमारी में अलग-अलग वस्तुओं को धोने के लिए होना चाहिए ताकि मुझे अनावश्यक रूप से लॉन्ड्रोमैट के लिए कुछ भी करने से रोका जा सके । जबकि कपड़ों के कुछ लेखों में स्पष्ट रूप से एक उपयोग के बाद धोने की आवश्यकता होती है, जैसे, कहते हैं कि कसरत के कपड़े-अन्य आइटम थोड़ा कम स्पष्ट हैं, जैसे डेनिम। अगर मुझे हर बार पहनने के बाद अपनी जींस को धोना पड़ा (या, ईमानदारी से, हर दो बार मैंने उन्हें पहना), तो मैं कॉफी पर कपड़े धोने पर ज्यादा पैसा खर्च करूंगा ... और मैं कॉफी पर बहुत पैसा खर्च करता हूं। इसके अलावा, मैं जितना संभव हो सके कपड़े धोने की कोशिश करता हूं क्योंकि जब घर के काम की बात होती है तो मैं पानी और आलसी के संरक्षण में दिलचस्पी रखता हूं। तो आपको कितनी बार अपनी जीन्स धोने की आवश्यकता है? क्या वाश में फेंकने से पहले उन्हें लगभग 10 बार पहनने के लिए वास्तव में यह सकल है? मैंने अपने कपड़े धोने से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए विशेषज्ञों की ओर रुख किया। वार्डरोब स्टाइलिस्ट और फैशन विशेषज्ञ हीदर लोदुका का कहना है कि आपको अपनी जींस को धोने की कितनी बार जरूरत पड़ती है। उदाहरण के लिए, विंटेज लेवी आमतौर पर 100 प्रतिशत कपास है। 'ये आपके शरीर को बनाने के लिए हैं और वास्तव में समय के साथ बहुत सहज हो जाते हैं, लोदुआ कहते हैं। 'वे ठीक शराब की तरह हैं जो उम्र के साथ बेहतर हो जाती हैं। जब तक आप उन पर कुछ प्रमुख खर्च नहीं करते हैं, या उन में एक गर्म योग कक्षा में जाते हैं, आप (थोड़ी देर) के लिए स्पॉट ट्रीटमेंट से दूर हो सकते हैं। वह आमतौर पर उन्हें धोने से पहले कम से कम तीन से चार पहनने की प्रतीक्षा करने की सलाह देती है। यह नियम आधुनिक 'पुरानी शैली की जींस, या किसी भी जींस पर भी लागू होता है जिसमें वास्तव में बहुत अधिक खिंचाव नहीं होता है। जीन्स के लिए, जो स्ट्रेच होते हैं और उनमें बहुत अधिक इलास्टेन होते हैं, आपको उन्हें बार-बार धोने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि उनमें खिंचाव की प्रवृत्ति होती है। 'अगर वे वास्तव में फिट जींस पहनने वाली हैं, तो आप प्रत्येक पहनने के बाद धोने से दूर हो सकती हैं क्योंकि आप उन्हें उनके मूल आकार में वापस सिकोड़ना चाहती हैं, वह कहती हैं। अपवाद: यदि वे गहरे नीले या काले रंग के हैं, क्योंकि यदि आप उन्हें बहुत अधिक धोते हैं तो वे जल्दी से फीका हो जाएंगे। जब आप अपनी जीन्स को धोने जाते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप ज़िप को ज़िप करें और बटनों को जकड़ें, सुजान होम्स कहते हैं, जो कॉटन इनकॉर्पोरेटेड में उत्पाद मूल्यांकन प्रयोगशाला का प्रबंधन करता है। इसका मतलब है कि वह ताकत, उपस्थिति और स्थायित्व के लिए कपास के रेशों के परीक्षण की देखरेख करती है। (दूसरे शब्दों में, वह डेनिम के बारे में एक बात या दो जानता है।) 'इसके अलावा, उन्हें अंदर बाहर करें। यह मशीन की रक्षा करने में मदद करता है, जींस (और धातु के अलंकरण जैसे रिवेट्स, बटन और ज़िपर्स), रंग और सामग्री पर खत्म, वह बताती है। उन्हें कम या हवा में सुखाएं, खासकर अगर उनके पास खिंचाव हो। वह कहती है कि स्पैन्डेक्स गर्मी का अच्छा जवाब नहीं देता है। एक और विकल्प: उन्हें अपने ट्रेडर जो के जमे हुए चिकन स्तनों और फूलगोभी gnocchi के बगल में फ्रीजर में रखें। 'जीन्स वास्तव में बहुत धोए जाने के लिए नहीं हैं। डायने पोलाक, डिजाइनर और अलमारी सलाहकार कहते हैं, आपको उन्हें धोने में फेंकने की ज़रूरत नहीं है। 'आप उन्हें एक एयरटाइट बैग में फ्रीजर में रख सकते हैं और ठंड बैक्टीरिया को मार देगा। बस यह मत भूलो कि आपने उन्हें कहां रखा है, अन्यथा, आप एक सप्ताह यह सोचकर खर्च कर सकते हैं कि टीएफ आपके पसंदीदा जोड़ी के सामने बट-डेफिंग डेनिम के साथ क्या हुआ। यदि आपको एक रिफ्रेशर की आवश्यकता है, तो यह है कि आपको कितनी बार अपने एक्टिववियर को धोने की आवश्यकता है। (Spoiler: यह बहुत कुछ है।) और इसे बिना कहे जाना चाहिए, लेकिन आपको हर दिन अपने मोजे बदलना चाहिए-यहाँ क्यों है।
लंदन की इस लड़की की मदद से गांव वालो को मिली बिजली 'News Trust of India' से बात करते हुए क्लेमेंटाइन ने अपना प्रॉजेक्ट सफल होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'हम अपने खुश ग्राहकों के चेहरे पर खुशी देखकर काफी अच्छा फील कर रहे हैं। उनके बच्चों को पढ़ने के लिए अब बिजली मिल जा रही है। अब उम्मीद है कि स्कूल में एक कंप्यूटर सेंटर भी खुल जाएगा तब इस गांव के बच्चे कंप्यूटर सीख सकेंगे।' क्लेमेंटाइन कहती हैं, कि आने वाले समय में डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी ही होगी इसलिए सोलर पैनल के जरिए बिजली उत्पादित करना काफी सस्ता और वैकल्पिक होगा। क्लेमेंटाइन आने वाले समय में ऐसे ही कुछ और गांवों में सोलर पावर प्लांट स्थापित करेंगी। इस प्रॉजेक्ट के तहत सोलर प्लांट लगाने के बाद हर घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाते हैं और रियल टाइम बिजली की खपत मापी जाती है। इस डेटा को 'ऊर्जा' कंपनी अपनी सर्विस को और बेहतर करने के काम में लाएगी। #electricity #news trust of india #solar power #uttar pradesh breaking news clementine chemban esteemed imperial college hindi news latest news londen lady londen student nti news remote villages rural people social enterprenuer uttar pradesh villages young student 2017-07-17
बीजेपी के हार पर संजय का प्रहार, कह दी ये लगने वाली बात | News Track in Hindi Published on 16 Feb 2020 12:03 PM GMT नई दिल्ली। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों से संकेत मिलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपराजेय नहीं हैं। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित साप्ताहिक स्तंभ में उसके कार्यकारी संपादक राउत ने भाजपा की 'धर्म केन्द्रीत' राजनीतिक रणनीति की आलोचना करते हुए अरविन्द केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार के विकास कार्यों की तारीफ की है। धर्म का अर्थ देशभक्ति नहीं है-राउत उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान अपराजेय लग रही भाजपा दिल्ली में 'ताश के पत्तों' की तरह ढह गई। बेहद व्यंग्यात्मक टिप्पणी में राउत ने कहा, 'कोई देश बिना धर्म के नहीं है, लेकिन धर्म का अर्थ देशभक्ति नहीं है। भगवान हनुमान का भक्त केजरीवाल दिल्ली में 'राम राज्य'ले आया जबकि भाजपा ने तो भगवान राम को लगभग चुनाव मैदान में उतार ही दिया था।' 'मतदाता बेईमान नहीं' इस चुनाव से सीख लेने की बात करते हुए उन्होंने कहा, 'दिल्ली की तस्वीर कुछ यूं थी, हनुमान भक्त केजरीवाल और दिल्ली की जनता बन गई थी राम... राम मजबूती से हनुमान के साथ खड़े रहे।' राउत ने सवाल किया, भाजपा नेताओं ने पहले कहा था कि जो भगवा पार्टी को वोट नहीं देगा वह देशद्रोही होगा, तो क्या पूरी दिल्ली पर यह मुहर लगने वाली है? ये भी पढ़ें- मोदी सरकार ने महिलाओं को दिया बड़ा तोहफा, …अब देगी 7,500 रुपये उन्होंने कहा, 'दिल्ली के परिणाम ऐसे संकेत हैं कि अब मोदी-शाह अपराजेय नहीं रहे। यह इंगित करता है कि मतदाता बेईमान नहीं हैं। राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक तूफान उठाया गया लेकिन मतदाता उसमें नहीं उड़े।'राज्यसभा सदस्य ने कहा कि लोगों को अब इस 'मिथक' से बाहर निकल आना चाहिए कि सिर्फ मोदी और शाह ही चुनाव जीत सकते हैं। भगवान राम भी भाजपा को चुनाव जीतने में मदद नहीं कर रहे-संजय हालिया अंतरराष्ट्रीय यात्रा के अनुभव साझा करते हुए राउत ने कहा कि ताशकंद हवाई अड्डे पर वर्षों से वहां रह रहे दो भारतीयों ने कहा कि 'भाजपा का बुलबुला अब फूट रहा है।' शिवसेना नेता ने कहा, 'भगवान राम भी पार्टी को चुनाव जीतने में मदद नहीं कर रहे हैं।'
झुग्गी में रहने वाले सभी परिवारों को दिया जा रहा राशन » Encounter Newspaper झुग्गी में रहने वाले सभी परिवारों को दिया जा रहा राशन ऊना (रोहित शर्मा)। कोरोना संकट के दौरान प्रवासी गरीब व जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए पुलिस विभाग भी आगे आ रहा हैं। आज सुबह से पुलिस प्रमुख ऊना डॉ कार्थिकेयन गोकुलचंद्रन (IPS), फर्स्ट आईआरबीएन कमांडेंट साक्षी वर्मा (आईपीएस), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार धीमान , डीएसपी हेडक्वार्टर अशोक वर्मा , डीएसपी हरोली अनिल कुमार मेहता ने आज लाल सिंगी पुराना होशियारपुर रोड, हरोली आदि क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पास पहुंचकर उनकी मदद कर रहे है। हालांकि क‌र्फ्यू के दौरान 2000 से ज्यादा गरीब परिवारों को यह घर का राशन मुहैया करवाया गया है । इन सभी परिवारों को एक महीने का राशन दिया गया। इन खाने के पैकेट में गेहूं, चावल, दालें ,आलू ,बिस्किट आदि जरूरी चीजें वितरित की गई। पुलिस टीम के साथ समाजसेवी संस्था केेे कार्यकर्ता भी साथ थे । पुलिस केेे जवानों ने 1 मीटर की दूरी पर खड़ा करके राहत सामग्री वितरित की। क्या कहते पुलिस अधीक्षक ऊना डॉ कार्तिकेयन (आईपीएस) ने कहा कि कोई भी व्यक्ति मदद करना चाहता है तो वह सुबह 7 से लेकर 10 बजे तक पुलिस लाइन झलेडा ऊना में आकर मदद दे सकता है।
President Donald Trump transcripts leak is a matter of national security: White House | ट्रंप की बातचीत का लीक होना राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला : व्हाइट हाउस | Hindi News, दुनिया अमेरिका के एक अखबार ने मैक्सिको के राष्ट्रपति और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के साथ हुई ट्रंप की बातचीत को प्रकाशित किया है. (FILE) व्हाइट हाउस ने बातचीत लीक होने पर चिंता जताई व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव लिंडसे वाल्टर्स ने कल ट्रंप के साथ वेस्ट वर्जिनिया की यात्रा करते हुए एयर फोर्स वन में संवाददाताओं से कहा, ''फोन पर हुई बातचीत लीक होना राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. यह राष्ट्रपति को अच्छा काम करने और विदेशी नेताओं से बातचीत करने से रोकता है.'' बहरहाल, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने द वॉशिंगटन पोस्ट की वेबसाइट पर पोस्ट की गई बातचीत की खास जानकारियों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. यहां तक कि ट्रंप के आलोचकों ने भी राष्ट्रपति की बातचीत लीक होने की निंदा की है. लीक हुई बातचीत से हडकंप अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के भाषणों को लिखने वाले डेविड फ्रुम ने द अटलांटिक मैगजीन में लिखा, ''विदेशी नेता से राष्ट्रपति की बातचीत लीक करना अभूतपूर्व, स्तब्ध करने वाला और खतरनाक है. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि एक राष्ट्रपति गोपनीय बातचीत कर सकें और शायद इससे ज्यादा अहम यह है कि विदेशी नेताओं को यह विश्वास हो कि उनकी बातचीत गोपनीय है.'' इस बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने बातचीत लीक होने के बावजूद कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनके संबंध ''स्नेहपूर्ण'' हैं. लीक हुई बातचीत में यह सामने आया है कि दोनों नेताओं के बीच शरणार्थी समझौते को लेकर तकरार हुई थी. हालांकि ट्रंप और टर्नबुल के बीच जनवरी में फोन पर हुई बातचीत उस समय भी सुर्खियों में रही थी लेकिन द वाशिंगटन पोस्ट में आज प्रकाशित हुई बातचीत नई जानकारी देती है. बातचीत के अनुसार ट्रंप ने टर्नबुल से कहा कि यह समझौता ''बेकार, बकवास और खराब'' था. टर्नबुल ने कहा कि बातचीत विनम्र और स्पष्ट थी. उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ उनके संबंध ''स्नेहपूर्ण'' है. ओबामा प्रशासन के दौरान किए गए शरणार्थी समझौते के अुनसार, अमेरिका उन 1,250 शरणार्थियों को आश्रय देगा जिसे ऑस्ट्रेलिया ने नाउरू और पापुआ न्यू गिनी में शरणार्थी शिविरों में रखा हुआ है.
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का भड़काऊ पोस्ट, अगर मुस्लिम अरब देशों से शिकायत करेंगे तो तूफान आ जाएगा, delhi-minorities-commission-president-zafarul-islam-khan-shared-controversial-post-of-religious-hatred – News18 हिंदी दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minorities Commission) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान (Zafarul Islam Khan) अपनी फेसबुक पोस्ट की वजह से चर्चा में हैं. उनकी पोस्ट को भड़काऊ माना जा रहा है. नई दिल्ली. भारत समेत पूरी दुनिया जब कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ रही है, तब दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minorities Commission) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान दूसरी वजह से चर्चा में हैं. जफरुल इस्लाम (Zafarul Islam Khan) ने एक फेसबुक पोस्ट की है, जिस पर विवाद हो गया है. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा कि जिस दिन भारत के मुसलमानों ने अरब और मुस्लिम देशों से अपने खिलाफ होने वाले जुल्म की शिकायत कर दी, उस दिन तूफान आ जाएगा. उनके इस पोस्ट का विरोध हो रहा है. विरोध करने वालों का कहना है कि जफरुल इस्लाम का पोस्ट धार्मिक विद्वेष बढ़ाता है और देश की छवि खराब करता है. जफरुल इस्लाम ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कुवैत को उसके समर्थन के लिए धन्यवाद कहा है. उन्होंने लिखा, 'धन्यवाद कुवैत (Kuwait), भारतीय मुसलमानों के साथ खड़े होने के लिए! कट्टर हिंदुओं ने सोचा था कि अरब और मुस्लिम देश (Muslim and Arab world), अपने आर्थिक संबंधों के कारण भारत के मुसलमानों के उत्पीड़न की परवाह नहीं करेंगे.' जफरुल इस्लाम आगे लिखते हैं, 'ये कट्टरपंथी भूल गए कि भारत के मुसलमानों की अरब और मुस्लिम दुनिया में जबरदस्त लोकप्रियता है. भारतीय मुसलमानों ने सदियों से पूरी सद्भावना से इस्लाम की सेवा की है. उनकी गिनती इस्लाम के उत्कृष्ट विद्वानों में होती है, जिन्होंने विश्व विरासत में अपना सांस्कृतिक योगदान दिया है. शाह वलीउल्लाह देहलवी, इकबाल, अबुल हसन नदवी, वाहिदुद्दीन खान, जाकिर नाइक का नाम अरब और मुस्लिम देशों के हर घर में बड़े सम्मान से लिया जाता है.' जफरुल इस्लाम आगे लिखते हैं, 'अरे कट्टरपंथियो, यह जान लो कि भारतीय मुसलमानों ने अब तक अरब और मुस्लिम जगत से आपके हेट कैम्पेन, लिंचिंग और दंगों की शिकायत नहीं की है. जिस दिन उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाएगा, उस दिन कट्टरपंथियों को तूफान का सामना करना पड़ेगा.' यह भी पढ़ें: Covid-19: पीएम मोदी ने 'रेड जोन' के लिए दी हिमाचल की मिसाल, जानें क्या है मॉडल Covid-19: सरकारी अधिकारियों से लेकर पत्रकार पर अफवाह फैलाने का केस दर्ज undefined Tags: Coronavirus, Delhi Minorities Commission, Kuwait, Muslim and Arab world, Zafarul Islam Khan, Zakir Naik
यूएन की जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार सम्बंधित विवादित रिपोर्ट के पीछे था पाकिस्तानी हाथ - IBTimes Hindi यूएन की जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार सम्बंधित विवादित रिपोर्ट के पीछे था पाकिस्तानी हाथ संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कुछ दिन पूर्व अपनी 49 पेज की रिपोर्ट में कश्‍मीर में मानवाधिकार उल्‍लंघन का आरोप भारत और पाकिस्‍तान दोनों देशों पर लगाते हुए अंतरराष्‍ट्रीय जांच की बात कही थी. भारत ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था Jul 11, 2018 08:37 IST इस्लामिक आंदोलन पत्रकार और यॉर्क इलाके की मस्जिद में इस्लामिक सोसायटी के इमाम जफर अली बंगश.ANI कुछ दिनों पहले कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन पर जारी हुई यूएन की रिपोर्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. कनाडा में स्थित एक पाकिस्तानी इस्लामवादी ने दावा किया है कि वो लगातार रिपोर्ट बनाने वाले यूएन हाई कमिश्‍नर (मानवाधिकार) जिद राद अल हुसैन के संपर्क में था. जफर बंगश इस्लामिक आंदोलन पत्रकार और यॉर्क इलाके की मस्जिद में इस्लामिक सोसायटी के इमाम है. मिसिसॉगा में कश्मीर मुद्दे पर एक कॉन्फ्रेंस में बंगश ने ये खुलासा करते हुए कहा "मैं आपको बता सकता हूं, और मैं ये विनम्रता और गर्व के साथ आपसे कह सकता हूं कि हम कश्मीर के दोस्तों की इस रिपोर्ट के तैयार होने में भूमिका था. यहां तक कि जिद राद अल के साथ मेरी व्यक्तिगत तौर पर बातचीत थी. साथ ही ईमेल के जरिए वो मेरे व्यक्तिगत खतों के जवाब देते थे. उन्होंने कहा था कि वह लाइन ऑफ कंट्रोल के दोनों ओर यानी कश्मीर और पीओके तक पहुंच बनाना चाहेंगे." इस्लामाबाद में मौजूद अधिकारियों के साथ लॉबिंग और परामर्श को स्वीकार करते हुए बंगश ने आगे कहा "मैंने पाकिस्तान मे फॉरेन ऑफिस के प्रवक्ता से बातचीत के बाद जैद राद अल हुसैन से बातचीत की थी. टोरंटो में कॉन्स्युलर जनरल रहे नफीस जकारिया ने आश्वस्त किया था कि पाकिस्तान यूएन के हाई कमिश्नर और पाकिस्तान में मौजूद उनके प्रतिनिधियों का स्वागत करेगा. साथ ही वे पाक अधिकृत कश्मीर की उनकी यात्रा में मदद करेंगे." We also have role in producing the report (UN Report on J&K). I have personal correspondence with Human Rights High Commissioner where he responded, he would like to have access to both LoCs: Zafar Bangash, Imam at Islamic Society of York Region's Mosque & a Pakistani Canadian pic.twitter.com/MKObeFOeo9 गौरतलब है कि जिस समारोह में बंगेश ने यह सब कहा उसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रेजिडेंट सरदार मसूद खान भी मौजूद थे.
एक दोस्त के लिए उपहार चुनना सबसे कठिन है।काम जो महिलाओं का सामना कर सकते हैं। आश्चर्यचकित होना, और कृपया, और कृपया, और अपमानित करना जरूरी है, ताकि झगड़ा न करें। किसी मित्र को क्या देना है, इस पर विचार करते हुए, आपको वर्तमान के उद्देश्य पर निर्णय लेने की आवश्यकता है। यह हो सकता है: जीवन में एक उपयोगी चीज खरीदें, जिसके बारे में एक दोस्त ने लंबे समय से सपना देखा है। दिखाएं कि आप अपने करीबी व्यक्ति की महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में नहीं भूलते हैं। आपके उपहार की पसंद सूचीबद्ध लक्ष्यों पर निर्भर करेगी। उपहार चुनते समय ध्यान देने योग्य क्या है? टिप्स कुछ नियम और दिशानिर्देश हैंजिसके बाद, आप एक उपस्थिति का एक बहुत अच्छा विकल्प बना सकते हैं। आपको किसी मित्र के चरित्र को ध्यान में रखना चाहिए, अपने स्वाद को जानना और अपने लिए निम्नलिखित नियमों को परिभाषित करना भी परिभाषित करना चाहिए: निकटता की डिग्री निर्धारित करना आवश्यक है, क्योंकि आप केवल एक अच्छे दोस्त को कुछ प्रतीकात्मक दे सकते हैं, और यह आपके सबसे अच्छे दोस्त के लिए काम नहीं करेगा। उपहार उम्र से मेल खाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि 18 वर्षीय लड़की गहने के सेट को खुश कर सकती है, तो वयस्क महिला के लिए यह अनुचित होगा। अगर किसी मित्र के पास शौक है, तो आप उसके शौक के लिए कुछ प्रस्तुत कर सकते हैं। अक्सर, दोस्तों अपनी इच्छाओं के बारे में बात करते हैं। यह उपहार चयन के साथ मदद कर सकते हैं। अगर उसकी प्रेमिका के लिए एक उपहार एक आदमी द्वारा चुना जाता है, तो उसे अधिक पैरामीटर ध्यान में रखना चाहिए। उनमें से एक उसकी वैवाहिक स्थिति है। इस मामले में, उपहार को समस्याएं पैदा नहीं करनी चाहिए। महिलाओं के उपहार की विशेषताएं ऐसी हैं कि मानवता का सुंदर आधा ऐसी चीजों को पसंद करता है जो उपयोगी होंगे, यानी, वे उपयोगी या मनोरंजक हो सकते हैं। प्रेमिका का जन्मदिन किसी मित्र को क्या देना है, यह चुनना चाहिए कि आपको सावधानीपूर्वक सबकुछ पर विचार करना चाहिए। सभी उपहार श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: वे पारंपरिक हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी उपहार जो कि असामान्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हस्तनिर्मित उपहार या सस्ती और मूल। अमूर्त उपहार तीस साल तक लड़कियों के लिए उपहार पता नहीं कि जन्मदिन के लिए एक दोस्त को क्या देना है? उपहार चुनना, इस तथ्य पर विचार करें कि खिलौने के रूप में चालू वर्ष का प्रतीक मूल नहीं है। एक दोस्त की उम्र भी महत्वपूर्ण है। आप अपने जन्मदिन के लिए एक जवान लड़की क्या दे सकते हैं? आइए कुछ विचारों को हाइलाइट करें: विभिन्न प्रकार के गहने, शिलालेख के साथ एक मग, एक सामान्य एल्बम या फोटो फ्रेम। यदि कोई मित्र खेल में सक्रिय रूप से शामिल होता है, तो जिम की सदस्यता एक उत्कृष्ट विकल्प होगी। एक उपहार के रूप में, आप एक सहायक चुन सकते हैं, चाहे वह एक पर्स हो, पासपोर्ट कवर, छतरी या फोन केस हो। अक्सर, लड़कियों को विभिन्न खरीद, विशेष रूप से सौंदर्य प्रसाधनों के लिए उपहार प्रमाण पत्र के रूप में प्राप्त करना पसंद है। एक अच्छा उपहार नए फंसे गैजेट और सहायक उपकरण होगा। आप सिनेमा, रंगमंच या अवकाश के लिए संयुक्त यात्रा भी व्यवस्थित कर सकते हैं। उपहार ठोस महिला 30 साल से अधिक उम्र के परिवार की महिला के लिएउपहार जो रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी हो सकते हैं, अर्थात घरेलू कपड़ा, व्यंजन और घरेलू सामान उपयुक्त होंगे। बाथरूम या स्नान, बाथरोब, तौलिए और अन्य के लिए एक अच्छा उपहार सेट किया जाएगा। अक्सर, महिलाओं को घरेलू उपकरण दिए जाते हैं। विशेष रूप से यह उपहार उन लोगों की पसंद के लिए होगा जो अक्सर रसोई में समय बिताते हैं। गहने और सौंदर्य प्रसाधनों की खरीद के लिए प्रमाण पत्र भी उपयुक्त होंगे। ऐसे उपहार प्रेमिका को खुश नहीं करेंगे जन्मदिन का उपहार चुनते समय यह याद रखना सुनिश्चित करें कि यह आक्रामक संकेत के साथ नहीं होना चाहिए। यही है, ऐसी चीजों को बाहर करने के लिए: सुधारात्मक अंडरवियर और slimming। वह जो स्वयं से उपयोगी नहीं था। यह एक दोस्त की भावनाओं को चोट पहुंचा सकता है। खाते में क्या लिया जाना चाहिए यह विचार करना महत्वपूर्ण है कि उत्सव कहाँ होगा। यदि आप एक रेस्तरां या पैन या फ्राइंग पैन के साथ एक आधुनिक क्लब में आते हैं, तो आपको गलत समझा जा सकता है। किसी प्रियजन की उम्र के बावजूद, होगाउचित उपहार जो किसी मित्र के शौक को ध्यान में रखता है। सुई के लिए यह कढ़ाई के लिए एक अच्छा सेट हो सकता है। फूलों के प्रेमियों के लिए - एक विदेशी पॉट प्लांट। खेल उत्साही के लिए - कोई सहायक या स्टाइलिश टी-शर्ट। कुछ महिलाओं से सिरदर्द नहीं होता हैकिसी मित्र को क्या देना है, इस विचार के कारण, क्योंकि बिना किसी हिचकिचाहट के बारे में उससे पूछें। बेशक, यह काफी उचित निर्णय है, क्योंकि एक व्यक्ति (जन्मदिन का व्यक्ति, दिन का नायक) वह वही मिलता है जो वह चाहता है। एक उपस्थिति चुनने के लिए इस दृष्टिकोण का नुकसान यह है कि एक आश्चर्य की प्रतीक्षा में अंतर्निहित साज़िश खो जाती है। उनकी जगह ग्रे रूटीन द्वारा ली जाती है। नए साल और एक दोस्त को उपहार नए साल की शुरुआत हमले से चिह्नित हैउपहारों की तलाश में दुकानें। और नए साल के लिए एक दोस्त को क्या देना है? ऐसा उपहार हमेशा दूसरों से अलग होता है। यह एक मूड बनाता है, छुट्टियों के माहौल पर जोर देता है और एक व्यक्ति कितना प्यारा है। अपना सबसे अच्छा दोस्त क्या देना है? एक नए साल के वर्तमान के रूप में, वे आम तौर पर जन्मदिन के लिए सबकुछ की सलाह देते हैं। लेकिन यहां आप जोड़ सकते हैं। नए साल के लिए आप एक दोस्त को क्या दे सकते हैं? वह चुन सकती है: विशेष क्रिसमस खिलौनों का एक सेट। कई वयस्क उपहार के रूप में मिठाई या अन्य मिठाई का एक विशेष सेट प्राप्त करने में प्रसन्न हैं। सुंदर सुगंध मोमबत्तियां जिन्हें नए साल के रोमांटिकवाद के पूरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। आने वाले वर्ष के किसी भी गुण तौलिए और फ्रिज मैग्नेट सहित उपहार के लिए उपयुक्त हैं। आप अपने दोस्त को गायक के संगीत कार्यक्रम में या नए साल के लिए फिल्म के प्रीमियर के लिए टिकट पेश कर सकते हैं। आखिरकार, अक्सर निदेशक इस विशेष छुट्टी के लिए चित्रों के प्रीमियर पेश करते हैं। छुट्टियों के लिए नए साल के लिए एक दोस्त को क्या देना हैक्या आपको याद है? अगर उसे हास्य की भावना है, तो एक मजेदार शिलालेख के साथ एक कप के रूप में एक चंचल उपहार निश्चित रूप से उसे खुश करेगा। नए साल के उपहारों में, सबसे महत्वपूर्ण बात मनोदशा और अवकाश की भावना है, जिसे बनाया जाना चाहिए। साधनों से बाधित होने पर हर महिला या लड़की का सामना करना पड़ता हैएक स्थिति जब एक दोस्त का जन्मदिन बहुत जल्द होता है, और उपहार के लिए पर्याप्त पैसा नहीं होता है। इस स्थिति में कैसे रहें? यहां आप अपनी कल्पना और सरलता को बदलने की सलाह दे सकते हैं। एक दोस्त को सस्ती क्या देना है? विचारों में से कई सबसे दिलचस्प हैं: जन्मदिन केक को सेंकना, जिस पर नाम के साथ अजीब आंकड़े रखना है। वे विशिष्ट दुकानों में पाया जा सकता है। संयुक्त फोटो, वीडियो या फोटो एलबम का एक महाविद्यालय प्रस्तुत करें, एक मजेदार समय की याद दिलाएं। शिलालेख के साथ एक एप्रन और एक काटने बोर्ड भी एक स्मारिका के रूप में काफी उपयुक्त हैं। सीवन, कढ़ाई या बुनाई की क्षमता के साथ, आप अपने हाथों से एक उपहार बना सकते हैं। फैशनेबल टोपी, स्कार्फ या गर्म स्वेटर किसी भी उम्र की प्रेमिका को खुश कर देगा। और एक दोस्त को क्या देना है? आप मूल और कॉमिक स्मृति चिन्हों के साथ स्टोर पर जा सकते हैं। एक नियम के रूप में, वे सस्ती हैं, और हमेशा से चुनने के लिए कुछ है। यदि आपके पास पर्याप्त प्रेरणा है, अधिग्रहणनिर्णय के वजन के बावजूद उपहार विशेष रूप से मुश्किल नहीं होगा। किसी भी मामले में, एक असली दोस्त हमेशा परिस्थितियों को समझ लेगा। एक उपहार स्नेह और गर्म भावनाओं की एक अतिरिक्त अभिव्यक्ति है। किसी मित्र को अन्य उपहार प्रस्तुत किए जा सकते हैं? कई विकल्प हैं। कुछ मामलों में, सबसे बढ़िया उपहार एक पालतू जानवर (बिल्ली का बच्चा, पिल्ला) है। अगर उसके पास पहले से पालतू जानवर है, तो आप उसके लिए कुछ पेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक कुत्ते के लिए एक खिलौना, एक बिल्ली या एक बिल्ली के बच्चे के लिए एक बिस्तर, एक पिंजरे या एक कृंतक के लिए एक फीडर। आप किसी मित्र को किसी भी सदस्यता दे सकते हैंपाठ्यक्रम। उदाहरण के लिए, यदि वह कला का आनंद लेती है, तो चित्रकला पाठ्यक्रमों के लिए एक प्रमाणपत्र एक अच्छा विकल्प होगा। एक नृत्य स्कूल में जाने के लिए एक सदस्यता एक सक्रिय लड़की के लिए एक महान उपहार है। एक दोस्त के लिए उपहार की पसंद हमेशा एक महत्वपूर्ण सवाल है। यह इशारा हमेशा जीवन में किसी व्यक्ति की गर्म भावनाओं और महत्व पर जोर देना चाहता है। एक उपहार अविस्मरणीय बनाने के लिए काफी आसान हैइसे अपने पसंदीदा फूलों का एक खूबसूरत गुलदस्ता संलग्न करना, इसे गुब्बारे से सजाने के लिए। एक जन्मदिन की पार्टी के लिए व्यवस्थित एक गुप्त छुट्टी भी एक अच्छा विचार है। ये आश्चर्य है कि अक्सर एक व्यक्ति की आत्मा में डुबकी होती है और कई सालों तक याद की जाती है। याद रखें कि कोई उपहार जो प्रदान करता हैसकारात्मक भावनात्मक प्रभाव अच्छा होगा। प्रस्तुत करता है कि ऋणात्मक संकेत या छाया को सूची से हटा दिया जाना चाहिए, और सुखद चीजें छोड़ी जा सकती हैं भले ही पैसे की शर्तों में उनका मूल्य छोटा हो। हमारी याददाश्त अप्रत्याशित है। एक व्यक्ति उपहार के रूप में प्राप्त महंगे इत्र के बारे में पूरी तरह से भूल सकता है, लेकिन अपने पूरे जीवन को किसी भी प्यारे ट्रिंकेट को याद रखने के लिए जिसे वह अपने जन्मदिन पर प्रस्तुत किया गया था। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने दोस्त को किस उपहार का चयन करते हैं, जिस तरह से आप इसे हाथ देते हैं, वह महत्वपूर्ण हो जाएगा। आपको अपनी आंखों में अपने चेहरे और खुशी पर एक ईमानदार मुस्कुराहट के साथ ऐसा करने की ज़रूरत है।
JNU के 71% छात्रों को मिलती है स्कॉलरशिप, 5 हजार से ज्यादा लाभार्थी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि सरकार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के 71% छात्रों को स्कॉ ... बीएचयू में प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति पर AMU के संस्कृत डिपार्टमेंट के चेयरमैन ने कहा कि उनकी नियुक्ति के समय चूक हुई है. अब ... 2021 में शुरू होगा JIO यूनिवर्सिटी का एकेडमिक सेशन, ये होंगे कोर्स Jio यूनिवर्सिटी साल 2021 में अपना एकेडमिक सेशन शुरू कर रही है. यूनिवर्सिटी अपने पहले शैक्षणिक वर्ष में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ... राजस्थान के मयंक प्रताप ने रचा इतिहास, 21 की उम्र में बने जज राजस्थान के मयंक प्रताप सिंह ने इतिहास रचा है. वह 21 साल की उम्र में जज बनने जा रहे हैं. आजतक ने मयंक से जयपुर में खास बातचीत ... छात्रों के विरोध पर झुकी सरकार, गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बढ़ी फीस ली वापस भारी विरोध के बाद बुधवार को उत्‍तराखंड सरकार ने स्टूडेंट्स की बात मानते हुए गढ़वाल विश्वविद्यालय की बढ़ी हुई फीस वापस करने का ... BHU में संस्कृत नहीं इस विषय के गैर हिंदू टीचर पर हो रहा विरोध हकीकत ये है कि छात्रों का विरोध इस बात पर है कि कोई भी प्रोफेसर जो कि हिंदू ना हो, वह हिंदू धर्म संस्कृति के बारे में कैसे पढ ...
Jharkhand News : हेमंत सोरेन की सरकार की सद्बुद्धि के लिए पहाड़ी मंदिर में यज्ञ , महिला सुरक्षा पर उठ रहे सवाल... - News Today Jharkhand Jharkhand News : हेमंत सोरेन की सरकार की सद्बुद्धि के लिए पहाड़ी मंदिर में यज्ञ , महिला सुरक्षा पर उठ रहे सवाल… NEWSTODAYJ रांची : झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार की सद्बुद्धि के लिए रांची के पहाड़ी मंदिर में यज्ञ किया गया। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा कि, राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। बलात्कार जैसी घटनाएं धड़ल्ले से हो रही हैँ। बच्चियों और औरतों को निशाना बनाया जा रहा है। इन सबके बावजूद राज्य के मुखिया चैन की नींद सो रहे हैँ। सरकार की ओर से अबतक कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया है। इससे साफ है कि, सरकार की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है। इसी को लेकर यज्ञ किया गया है। यह भी पढ़े…Coronavirus : विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो कोरोना पॉजिटिव, रिम्स अस्पताल में हुए भर्ती… भगवान से प्रार्थना है कि, हमारे मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि दें ताकि, राज्य को सुरक्षित बनाया जा सके।राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र में पिछले रविवार को युवती का सिर कटा नग्न शव बरामद किया गया। वारदात के एक सप्ताह बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। अबतक युवती की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने पहले 25 हज़ार फिर 50 हज़ार और अब 5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। युवती के साथ दुष्कर्म की वारदात हुई है या नहीं इसकी भी पुष्टि नहीं हो पाई है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री का काफिला भी रोका जा चुका है। इस बीच राजधानी रांची के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में महिला के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया है। हालांकि, इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है। चतरा वृद्ध महिला के साथ गैंगरेप किया गया है। महिला के प्राइवेट पार्ट में गिलास घूसा दिया गया। इस मामले में भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।रांची के ओरमांझी में युवती का सिर कटा शव बरामद होने के बाद भाजपा लगातार धरना-प्रदर्शन कर रही है। इस बीच बीते सोमवार को राजधानी के किशोरगंज चौक से गुजर रहे मुख्यमंत्री के काफिला को कुछ उपद्रवियों ने रोका और कारकेड में शामिल गाड़ियों पर हमला किया। सत्ताधारी दलों का आरोप है कि, भाजपा के इशारे पर सीएम का काफिला रोका गया है। हालांकि, बीजेपी इससे इनकार करती है।महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा को लेकर यूपीए और एनडीए के घटक दल आमने-सामने हैं। मुख्यमंत्री के काफिला पर किया गया हमला के लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। झामुमो, कांग्रेस और राजद का आरोप है कि, बलात्कार की घटनाओं की आड़ में भाजपा अपनी राजनीति चमकाना चाहती है। मुख्यमंत्री के काफिला को जानबूझ कर निशाना बनाया गया है। इस मामले में मुख्य आरोपी भैरव सिंह बीजेपी के लिए काम करता है। हालांकि, भाजपा इन आरोपों को बेबुनियाद बताती है। पार्टी के विधायक सीपी सिंह का आरोप है कि, राज्य में शासन-प्रशासन फेल हो चुका है। राज्य सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। अपनी विफलता छिपाने के लिए विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। Tags: Hemant-Soren-Ki-Sarkar-Ki JHARKHAND NEWS Previous Coronavirus : विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो कोरोना पॉजिटिव, रिम्स अस्पताल में हुए भर्ती…
Ivanka Trump Shares Her Daughter Photos: Donald Trump Surrounded By Criticism - अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव 2020: इवांका ट्रंप ने इंस्टाग्राम पर डाली बेटी की तस्वीरें, घिरे डोनाल्‍ड ट्रंप ivanka trump shares photos of her daughter on instagram donald trump surrounded by criticism Shailesh Shukla | सांध्य टाइम्स | Updated: 01 Oct 2020, 09:21:00 AM अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने नैशनल डॉटर्स डे पर अपनी बेटी की तस्‍वीर शेयर की। इस तस्‍वीर के पर डोनाल्‍ड ट्रंप ट्रोल होने लगे। लोग उनसे टैक्‍स का ड‍िटेल मांगने लगे। इवांका ट्रंप के फोटो पर घ‍िरे डोनाल्‍ड ट्रंप इवांका ट्रंप ने नैशनल डॉटर्स डे के बाद अपने सबसे बड़ी संतान अरबेला को ट्रिब्यूट दिया है। उन्होंने अपनी नौ साल की बेटी की कुछ खूबसूरत तस्वीरें साझा की हैं। हालांकि, इस दौरान कमेंट सेक्शन में कई लोगों ने उनके पिता डोनाल्‍ड ट्रंप के कम टैक्स देने की आलोचना भी की। ट्रंप पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अपने कारोबार में करोड़ों डॉलर का घाटा दिखाकर कम टैक्स दिया है। इवांका ने नैशनल डॉटर्स डे (25 सितंबर) के दो दिन बाद रविवार को अपनी इकलौती बेटी की इंस्टाग्राम पर तस्वीरें डाली थीं। उन्होंने एकसाथ कई फोटो डालते हुए कैप्शन दिया, 'हम हर रोज नेशनल डॉटर्स डे मनाते हैं। प्यारी अरबेला, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं।' पहली फोटो में छोटी अरबेला हाथ में फावड़ा लेकर बीच पर पोज दे रही हैं। वहीं, एक अन्य में वह पिकनिक पर बंजी हार्नेस में बैठी है। इवांका ने तस्वीरों को किसी खास क्रम में नहीं डाला है। उन्होंने बस अपनी बेटी के प्रति चाहत को जाहिर करने के लिए किसी भी उम्र की अरबेला की तस्वीरें डाल दी हैं। अगली तस्वीर में अरबेला को एक बड़े कद्दू पर बैठे हुए दिखाया गया है जब वह लगभग चार साल की थीं। अरबेला की एक उथले पूल में बैंगनी धूप का चश्मा पहने हुए, अपनी मां के साथ घुड़सवारी करते हुए, इलेक्ट्रिक स्कूटर के बगल में खड़े होकर और अपने कुत्ते, विंटर को पकड़ते हुए भी तस्वीरें हैं। सबसे हालिया फोटो में इवांका ने पिछले हफ्ते पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में राष्ट्रपति ट्रम्प की रैली के लिए रवाना होने से पहले अरबेला का हाथ पकड़ा और व्हाइट हाउस लॉन पर उनके गाल को छूती हुई दिखाई दीं। कई इंस्टाग्राम यूजर ने इवांका शानदार ट्रिब्यूट की तारीफ की है। लेकिन कुछ ने कमेंट बॉक्स का इस्तेमाल इवांका के पिता और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर टिप्पणी करने के लिए भी किया जिन पर कम टैक्स भुगतान करने का आरोप लगा है। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने टैक्स-रिटर्न डेटा का हवाला देते हुए बताया कि ट्रम्प ने अपने व्यापार उद्यमों से करोड़ों डॉलर का नुकसान दिखाते हुए 2016 और 2017 में आयकर में सिर्फ 750 डॉलर का भुगतान किया। HIV से सबसे पहले ठीक हुए शख्स का कैंसर से निधन अगला लेख डोनाल्‍ड ट्रंप इवांका ट्रंप आलोचना डोनाल्‍ड ट्रंप इनकम टैक्‍स इवांका ट्रंप फोटो डोनाल्‍ड ट्रंप ट्रोल इवांका ट्रंप डोनाल्‍ड ट्रंप आलोचना ivanka trump donald trump ivanka trump daughter picture criticism ivanka trump daughter instagram photos donald trump tax donald trump ivanka trump criticism america News america News in Hindi Latest america News america Headlines अमेरिका Samachar Web Title : ivanka trump shares photos of her daughter on instagram donald trump surrounded by criticism
RBI ने जारी किए दिशानिर्देश, कहा- बिना सिक्योरिटी थ्रेड वाले नोट न दें बैंक - Rbi asks banks to stop rs 1 000 notes without security thread - AajTak RBI ने जारी किए दिशानिर्देश, कहा- बिना सिक्योरिटी थ्रेड वाले नोट न दें बैंक RBI ने बैंकों को दिशानिर्देश जारी कर बताया है कि अगर उन्हें बैंक में बगैर सिक्योरिटी थ्रेड वाले नोट मिलते हैं तो वे उसे बाजार में जारी न करे यानी बैंक के ग्राहकों को जारी न करें. आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय बैंक ने 30 करोड़ नोट बगैर सिक्योरिटी थ्रेड के ही छाप दिए थे. 1000 के नोट के लिए बैंकों को जारी किए गए नए दिशानिर्देश 21 जनवरी 2016, अपडेटेड 15:05 IST भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि उसे 1,000 रुपये के नोट बिना सिक्योरिटी थ्रेड के जारी किये जाने के बारे में शिकायतें मिली हैं. इसी वजह से उसने बैंकों को आदेश दिया है कि अगर उन्हें बैंक में ऐसे नोट मिलते हैं तो वे उसे बाजार में जारी न करे यानी बैंक के ग्राहकों को जारी न करें. नोट बदलने का आदेश रिजर्व बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, हमें नासिक स्थित करेंसी नोट प्रेस में छपे 1,000 रुपये के नोट के संदर्भ में शिकायतें मिली हैं. होशंगाबाद स्थित सिक्योरिटी पेपर मिल द्वारा सप्लाई किए गए कागज में सिक्योरिटी थ्रेड नहीं है. केंद्रीय बैंक ने मुंबई क्षेत्र के सभी बैंकों से ऐसे नोट पाए जाने पर उसे ग्राहकों को जारी नहीं करने को कहा है. साथ ही अगर ऐसे नोट लेकर ग्राहक आते हैं और अगर वे सही हैं तो उस नोट को बदला जाए. ये है सिक्योरिटी थ्रेड जो 5 से लेकर 1000 रुपये के नोट पर होता है. इसपर 'भारत' लिखा होता है. इससे असली-नकली नोटों में फर्क करना आसान होता है. 30 करोड़ नोट गलत छपे गौरतलब है कि देश के केंद्रीय बैंक 'भारतीय रिजर्व बैंक' से हाल ही में एक बहुत बड़ी गलती हो गई है. जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने 30 हजार करोड़ रुपये की कीमत के गलत नोट छाप दिए हैं. आपको बता दें कि गलत छपाई वाले ये सारे नोट 1 हजार के हैं. 10 हजार करोड़ के नोट अब भी बाजार में हैरानी वाली बात ये है कि 30 हजार करोड़ रुपये में से 20 हजार करोड़ रुपये ही फिलहाल आरबीई के पास है, बाकी 10 हजार करोड़ की राशि बाजार में जारी कर दी गई है. होशंगाबाद और नासिक में कुछ कर्मचारियों के निलंबन के बाद इस गलती का पता चला. सिक्योरिटी थ्रेड के बगैर ही छपे नोट भारतीय रिजर्व बैंक ने जानकारी देते हुए बताया है कि 5AG और 3AP सीरीज के 1 हजार रुपये के नोट सिल्वर सिक्योरिटी थ्रेड के बगैर ही छप गए हैं. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि करेंसी पेपर होशंगाबाद में सिक्योरिटी प्रिंटिंग और मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से निकाला गया. यहीं से ये नासिक में आरबीआई प्रेस पहुंचा. नोट को जलाने का फैसला आरबीआई ने बताया कि अब हम इस नोट को फिर से जमा करने का काम कर रहे हैं और अब तक 6 करोड़ नोट जमा भी कर लिए गए हैं. हालांकि बैंक और वित्त मंत्रालय ने अब इन गलत छपाई वाले नोटों को जलाने का फैसला किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे जज से यह जवाब भी मांगा है कि वह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई अप्रैल 2019 तक कैसे पूरी करेंगे. मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 12 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए गए हैं. नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखनऊ की एक अदालत के न्यायाधीश से जवाब मांगा है कि वह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई अप्रैल 2019 तक कैसे पूरी करेंगे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आरएफ नरिमन और न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की पीठ ने निचली अदालत के जज एसके यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से सीलबंद लिफाफे में जवाब मांगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यादव की पदोन्नति पर इस आधार पर रोक लगा दी थी कि शीर्ष अदालत ने उन्हें मुकदमे की सुनवाई पूरा करने का निर्देश दिया है. पिछले साल 30 मई को विशेष सीबीआई भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 12 लोगों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए थे. आरोपमुक्त किए जाने की उनकी याचिका को ख़ारिज कर दिया गया था और 50-50 हज़ार के निजी मुचलके पर उन्हें ज़मानत दी गई थी. कोर्ट ने ज़मानत याचिका पर पर सीबीआई के विरोध को भी ख़ारिज कर दिया था. सीबीआई अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि अभियुक्त आडवाणी, जोशी, कटियार, डालमिया, उमा भारती, ऋतंभरा के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) तथा पूर्व सांसद रामविलास वेदांती, बैकुंठलाल शर्मा उर्फ प्रेम, चम्पत राय, नृत्य गोपालदास, धर्मदास तथा सतीश प्रधान के खिलाफ 120बी, 153 ए और बी, 295, 295ए, 505, 147 तथा 149 का आरोप तय किए जाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. उसी साल 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के गंभीर आरोप में मुकदमा चलेगा और रोजाना सुनवाई करके इसकी कार्यवाही 19 अप्रैल, 2019 तक पूरी की जाएगी. इसके अलावा मामले कोर्ट ने रायबरेली से लखनऊ शिफ्ट कर दिया था. ये मामला विशेष सीबीआई जज एसके यादव की अदालत में चल रहा है. इसी का हवाला देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यादव की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी. शीर्ष अदालत ने मध्यकालीन स्मारक को विध्वंस करने की कार्रवाई को 'अपराध' बताते हुए कहा था कि इस घटना ने संविधान के 'धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने' को हिला कर रख दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने भाजपा के इन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के आरोप बहाल करने का जांच ब्यूरो का अनुरोध स्वीकार कर लिया था. न्यायालय ने कहा था, 'इस मामले में कोई नये सिरे से सुनवाई नहीं होगी और न ही मुक़दमे की सुनवाई पूरी होने तक संबंधित न्यायाधीश का तबादला ही होगा. मुक़दमे की सुनवाई किसी तारीख़ विशेष पर करना संभव नहीं होने के बारे में न्यायाधीश के निष्कर्ष के अलावा किसी भी अन्य आधार पर स्थगित नहीं की जाएगी.' अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचे के विध्वंस की घटना से संबंधित दो मुकदमे हैं. पहले मुक़दमे में अज्ञात 'कारसेवकों' के नाम हैं जबकि दूसरे मुक़दमे में भाजपा नेताओं पर रायबरेली की अदालत में मुकदमा चल रहा था. शीर्ष अदालत ने रायबरेली और लखनऊ की अदालत में लंबित इन दोनों मुक़दमों को मिलाने और लखनऊ में ही इस पर सुनवाई का आदेश दिया था. आडवाणी, जोशी और उमा भारती सहित 12 आरोपियों के खिलाफ इस मामले में आपराधिक साज़िश के आरोप हटा दिए गए थे. लेकिन हाज़ी महबूब अहमद और केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भाजपा नेताओं सहित 21 आरोपियों के ख़िलाफ़ साज़िश के आरोप हटाने के आदेश को चुनौती दी थी. इन 21 आरोपियों में से आठ की मृत्यु हो चुकी है. इस मामले में आठ व्यक्तियों के ख़िलाफ़ पूरक आरोपपत्र दाख़िल किया गया था, परंतु विध्वंस की योजना बनाने के आरोप से मुक्त किए गए 12 व्यक्तियों के ख़िलाफ़ ऐसा नहीं किया गया था. आडवाणी, जोशी और भारती के साथ ही कल्याण सिंह (अब राजस्थान के राज्यपाल), शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे और विहिप नेता आचार्य गिरिराज किशोर (दोनों दिवंगत) के ख़िलाफ़ साजिश के आरोप हटाए गए थे. अन्य नेताओं में विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया, सतीश प्रधान, सीआर बंसल, अशोक सिंघल (अब दिवंगत), साध्वी ऋतंभरा, महंत अवैद्यनाथ (अब दिवंगत), आरवी वेदांती, परमहंस रामचंद्र दास (अब दिवंगत), जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा 'प्रेम', नृत्य गोपाल दास (अब दिवंगत), धरम दास, सतीश नागर और मोरेश्वर सावे (अब दिवंगत) शामिल थे जिनके ख़िलाफ़ साज़िश के आरोप ख़त्म कर दिए गए थे. इन अपीलों में भाजपा और दूसरे नेताओं के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी हटाने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 20 मई, 2010 का आदेश निरस्त करने का अनुरोध किया गया था. उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत का आदेश बरक़रार रखते हुए कहा था कि जांच ब्यूरो ने रायबरेली में सुनवाई के दौरान अथवा पुनरीक्षण याचिका के समय कभी भी यह नहीं कहा था कि इन नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश का आरोप था.
हार्दिक के इस कदम से भाजपा का गुजरात से साफ होना लग भग तय | Hind Khabar Home newsticker हार्दिक के इस कदम से भाजपा का गुजरात से साफ होना लग... हार्दिक के इस कदम से भाजपा का गुजरात से साफ होना लग भग तय गुजरात में भाजपा से नाराज़ चल रहे पाटीदार इस चुनाव में भाजपा के लिए एक बड़ी चिंता है और यही नाराज़गी भाजपा की जीत और हार का फैसला करेगी। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने हाल ही में भाजपा विरोधी बयान दिए है और माना जा रहा है कांग्रेस हार्दिक को मानाने में अथक प्रयास कर रही है। अब खबर सामने आ रही है कि हार्दिक के 10 साथी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। दरअसल गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं और आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं। जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। आरक्षण ना मिलने से अब पटेल भाजपा से नाराज हैं और कांग्रेस को समर्थन देने के संकेत दे रहे है। अब एबीपी न्यूज़ के अनुसार हार्दिक पटेल के करीबी और पाटीदार आरक्षण समिति की पहली पंक्ति के 10 नेता चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। हलाकि हार्दिक पटेल के चुनाव लड़ने पर अभी भी संशय बना हुआ है और हार्दिक पहले ही उम्र का हवाला देकर चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15% है और राज्य की करीब 80 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है। अब हार्दिक अगर गुजरात में कांग्रेस को समर्थन दे देते है तो भाजपा के लिए इस चुनाव को जीतने काफी बड़ी चुनौती हो जाएगा।
रणजी ट्रॉफी फाइनल, मध्य प्रदेश बनाम मुंबई: यश दुबे ने बनाया शतक, केएल राहुल जैसा जश्न मनाया। घड़ी - Career Motions होम क्रिकेट रणजी ट्रॉफी फाइनल, मध्य प्रदेश बनाम मुंबई: यश दुबे ने बनाया शतक,... रणजी ट्रॉफी फाइनल, मध्य प्रदेश बनाम मुंबई: यश दुबे ने बनाया शतक, केएल राहुल जैसा जश्न मनाया। घड़ी यश दुबे ने चल रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल के तीसरे दिन शतक लगाया© ट्विटर मध्य प्रदेश को 41 बार की चैंपियन मुंबई के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जाने वाले अंडरडॉग के रूप में देखा गया था, लेकिन आदित्य श्रीवास्तव की अगुवाई वाली टीम ने वास्तव में दिखाया है कि वे इस स्तर पर हैं और वे पृथ्वी शॉ-कप्तान पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं। पहली पारी में, मुंबई खेल से भाग रही थी, लेकिन मध्य प्रदेश के गेंदबाज नियमित अंतराल पर विकेट लेने में सफल रहे और अंत में, सरफराज खान के 134 रनों के साथ मुंबई को 374 रन पर आउट कर दिया गया। मध्य प्रदेश ने अब तक अपनी प्रतिक्रिया में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया है और यश दुबे और शुभम शर्मा दोनों ने एक इंच भी पीछे नहीं छोड़ा है। दुबे ने चल रहे फाइनल के तीसरे दिन तीन अंकों का आंकड़ा लाया और जैसे ही वह मील के पत्थर पर पहुंचे, उन्होंने केएल राहुल की तरह जश्न मनाया। दुबे ने अपने दोनों हाथ अपने कानों में रखे और "बाहर के शोर को बंद करो" उत्सव मनाया। BCCI डोमेस्टिक के आधिकारिक हैंडल ने उसी का एक वीडियो ट्वीट किया। वह 1⃣0⃣0⃣ लग रहा है! यश दुबे ने ये क्या कमाल किया है @Paytm #रणजी ट्रॉफी #अंतिम! #एमपीवीएमयूएम मैच का पालन करें ️ t.co/xwAZ13U3pP pic.twitter.com/3eqSSmbDfm – बीसीसीआई डोमेस्टिक (@BCCIdomestic) 24 जून 2022 दुबे ने पारी के 75 वें ओवर में अपना शतक बनाया क्योंकि बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में चल रहे रणजी ट्रॉफी फाइनल में मध्य प्रदेश का मुंबई के खिलाफ कड़ा नियंत्रण है। शुभमन शर्मा भी अपने शतक के करीब हैं और लंच के समय मध्य प्रदेश का स्कोर 228/1 था, जो मुंबई को 146 रन से पीछे कर रहा था। दुबे और शर्मा क्रमश: 101 और 88 रन बनाकर नाबाद हैं। मुंबई के लिए तुषार देशपांडे ने अकेले विकेट के साथ वापसी की और उन्होंने हिमांशु मंत्री को आउट किया। इससे पहले, मुंबई को 374 रन पर समेट दिया गया था, जिसमें गौरव यादव ने मध्य प्रदेश के लिए चार विकेट लिए थे पिछला लेखएकनाथ शिंदे विद्रोह का विरोध करने पर गुवाहाटी में हिरासत में लिए गए शिवसेना के 'नेता' | भारत की ताजा खबर
एक नहीं ये तमाम कारण हैं सिद्धू के इस्तीफे के पीछे ? - इंडिया Review आप भी सोच रहे होंगे क्या होगी नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कॉंग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफे की वजह ….पंजाब, पंजाबियत, सिद्धांत ….बिलकुल नहीं | पर्दे के पीछे होने वाली राजनीति का विश्लेषण करें तो असल वजह है कैप्टन अमरिंदर सिंह की वन मैन शो वाली राजनीति का विरोध करने वाले सिद्धू का अब स्वयं पार्टी व सरकार में सब कुछ अपने कंट्रोल में लेने की कोशिश | सरल शब्दों में कहें तो सिद्धू राज्य में कॉंग्रेस को कैप्टन की तर्ज़ पर चलाना चाहते थे | लेकिन स्थानीय नेताओं का विरोध और आलाकमान की कैप्टन के साथ वाली गलती न दोहराने की रणनीति आड़े आने से दो महीने में ही कुर्सी छोडनी पड़ी | आइए समझने की कोशिश करते हैं कि कल तक 2022 चुनावों में पंजाब में कॉंग्रेस को दोबारा सत्ता में लाने का दावा ठोकने वाले सिद्धू के अचानक इस्तीफे के पीछे क्या रही कौन कौन सी वजह सिद्धू खुद सीएम बनना चाहते थे जगजाहिर है कि कैप्टन की विकेट गिरने के बाद सिद्धू खुद CM बनकर सियासी बैटिंग करना चाहते थे | लेकिन हाईकमान को दूसरा कैप्टन मंजूर नहीं था इसलिए सुनील जाखड़ को आगे किया गया । सिद्धू ने सिख गैर सिख की गुगली डाली तो दिल्ली दरबार ने सुखजिंदर रंधावा को नाम बढ़ा दिया । मजबूरन सिद्धू को अंतत चरणजीत चन्नी के नाम पर सहमत होना पड़ा । सुपर सीएम दिखने की कोशिशें पर हाईकमान की तेड़ी नज़रें सिद्धू के सीएम चन्नी के साथ लगातार घूमने, कभी हाथ पकड़ते, कभी कंधे पर हाथ रखते ऐसी तमाम सीएम पर हावी होने की तस्वीरें चर्चा का विषय बन रही थी | सिद्धू के सुपर CM की तरह काम करने खबरों से परेशान होकर आलाकमान ने उन्हे सीएम से दूर रहने की हिदायत दी, जिससे वह आहत थे गृह विभाग की लड़ाई तीसरी अहम वजह थी कि सिद्धू चाहते थे कि राज्य का गृह विभाग CM चरणजीत चन्नी के ही पास रहे। ताकि वह अकाली दल से अपनी व्यक्तिगत रंजिश का बदला ले सके | बावजूद इसके मंत्रालय बंटवारे में होम मिनिस्ट्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को दे दी गई। मंत्रियों की सूची फाइनल करने में सिद्धू को दरकिनार करना एक और महत्वपूर्ण कारण रहा कांग्रेस हाईकमान का मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर लगाने सिद्धू को तरजीह न देना | सिद्धू अपने करीबियों को मंत्री बनवाना चाहते थे लेकिन कैप्टन के करीबी रहे ब्रह्म मोहिंदरा, विजय इंद्र सिंगला से लेकर कई पुराने मंत्री को भी मंत्रिमंडल से बाहर नहीं करवा पाये । महत्वपूर्ण नियुक्तियों में सिद्धू की पसंद नज़रअंदाज़ करना सिद्धू की पंजाब का नया DGP बनाने से लेकर एडवोकेट डीएस पटवालिया को पंजाब के नए एडवोकेट जनरल बनवाने की कोशिशें भी बेकार हुई । बेशकसिद्धू ने हाईकमान पर दबाव डालकर सुखजिंदर रंधावा को मुख्यमंत्री बनने से रोक दिया ताकि वह अगले साल कांग्रेस का चेहरा बन सकें । प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के बयानों से ऐसा होता भी नज़र आया लेकिन उसके बाद उठे बंवंडर ने कॉंग्रेस को कहने पर मजबूर कर दिया कि चुनाव में चन्नी और सिद्धू दोनों ही पार्टी का चेहरा होंगे | फिलहाल तेजी से बदलते घटनाकर्म से सिद्धू को एहसास हो गया कि दोबारा सत्ता में आने के बाद भी सीएम की कुर्सी मिलना आसान नहीं होगा | शायद उनकी इस्तीफा देकर दबाब बनाने की कॉंग्रेस में यह अंतिम कोशिश हो सकती है | Previous: क्यूँ वादे से मुकरना केजरीवाल को पड़ा मंहगा, हाईकोर्ट ने पूछा आपका भुगतान करने का इरादा है कि नहीं ?
BJP mp rajeev chandrasekhar says Manmohan Singhs unemployment hike blame is factually incorrect | मनमोहन सिंह का बढ़ती बेरोजगारी का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत : बीजेपी सांसद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा था कि देश में रोजगार पैदा होने के बजाय रोजगार के नुकसान वाली वृद्धि की स्थिति बन गई है. Feb 18, 2019, 07:03 PM IST बेंगलुरू: बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का रोजगारविहीन वृद्धि का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि, एनडीए सरकार ने अभी तक आधारभूत ढांचा क्षेत्र पर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं जो कि विपणन क्षेत्रों में नौकरियां सृजित कर रहा है जिसकी पुष्टि ईपीएफओ आंकड़े से हुई है. चंद्रशेखर ने कहा कि सिंह रोजगारविहीन वृद्धि के अपने दावे को मजबूती देने के लिए संभवत: राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के लीक मसौदा सर्वेक्षण की ओर इशारा कर रहे थे. चंद्रशेखर ने एक बयान में कहा, ''मनमोहन सिंह का रोजगारविहीन वृद्धि का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत है क्योंकि, वह संभवत: एनएसएसओ आंकड़े की ओर इशारा कर रहे थे जो कि सामान्य तौर पर एक सर्वेक्षण है, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की तरह कोई वास्तविक आंकड़ा नहीं.'' उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार की ओर से पिछले पांच वर्षों में आधारभूत ढांचे में खर्च 10 लाख करोड़ रुपये सड़क, बंदरगाह और रेलवे में हुआ है. इन सभी निर्माणों से विपणन क्षेत्रों में नौकरियां सृजित हो रही हैं.'' उन्होंने कहा कि यह चुनावी मौसम है और इसलिए प्रत्याशित है कि कुछ लोग सर्वेक्षण आंकड़े का इस्तेमाल अपनी सुविधा के अनुसार करेंगे और सिंह भी ऐसा ही कर रहे हैं. चंद्रशेखर ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2014 में सिंह द्वारा प्रधानमंत्री पद छोड़ने के समय की तुलना में आज कहीं अधिक मजबूत और बेहतर स्थिति में है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा था कि देश में रोजगार पैदा होने के बजाय रोजगार के नुकसान वाली वृद्धि की स्थिति बन गई है. साथ ही ग्रामीण ऋणग्रस्तता और शहरी अव्यवस्था के चलते आकांक्षी युवाओं में असंतोष पैदा हो रहा है.
Benefits Of Walking: पैदल चलने के फायदे, नुकसान और चलने का सही तरीका January 9, 2022 April 21, 2022 Satish Pandey Benefits Of Walking in Hindi : स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर हमेशा पैदल चलने पर जोर देते हैं। लेकिन क्या सच में पैदल चलने के फायदे हैं? इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको पैदल चलने के फायदे और नुकसान के बारे में बता रहे हैं साथ ही पैदल चलने का सही तरीका भी दिया गया है ताकि चलने के दौरान आपको कोई नुकसान ना हों। 1 एक दिन में क‍ितने कदम चलना चाहिए? | How many steps should I walk in a day in Hindi 2 पैदल चलने के फायदे | Benefits of Walking in Hindi 3 पैदल चलने के नुकसान – Drawbacks of walking in Hindi 4 पैदल चलने का सही तरीका | Tips to walk properly in Hindi 6 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQ in Hindi 7 सन्दर्भ (References) एक दिन में क‍ितने कदम चलना चाहिए? | How many steps should I walk in a day in Hindi अक्‍सर पूछा जाता है क‍ि एक दिन में क‍ितने कदम चलना चाहिए (How Much Should You Walk Per Day)। अमेरिका जैसी कुछ संस्था (Center for disease control and prevention-CDC) स्वस्थ रहने और लम्बी आयु के लिए प्रति दिन 10,000 कदम चलने का लक्ष्य देती हैं जो की लगभग 8 किलोमीटर के बराबर है। (1) हालांकि हाल में की गई स्टडी के अनुसार, स्वस्थ रहने और लंबी उम्र के लिए एक दिन में 10,000 कदम चलना जरूरी नहीं है। (2) एक्सपर्ट की माने तो हफते में 5 दिन कम से कम 30-45 मिनट टहलना स्वास्थ के लिए अच्छा माना जाता है। (3) अगर आपके पास ज्यादा समय है, तो आप इसे बढ़ा भी सकते हैं। पैदल चलने का मतलब यह नहीं है, कि आपको रोजाना 6 या 8 किलोमीटर पैदल चलना है, बल्कि आप 30-45 मिनट तक चलें चाहे वह दूरी कम ही क्यों ना हो। चलिए अब समझते हैं पैदल चलने के फायदे और नुकसान के बारे में। पैदल चलने के फायदे | Benefits of Walking in Hindi रोजाना पैंतालीस (45) मिनट वॉक (पैदल चलना) ना सिर्फ आपका वजन हेल्दी रहता है, बल्कि यह आपकी इम्युनिटी और दिल को भी मजबूत रखता है। वैज्ञानिक स्टडी के आधार पर पैदल चलने के फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं। ब्‍लड प्रेशर कम करने में, वजन घटाने में, अच्छी नींद लाने में, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में, मस्तिष्क कार्य में सुधार लाने में, स्वस्थ प्रेगनेंसी में, स्वस्थ स्किन में, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में, ह्रदय स्वास्थ को बनाए रखने में, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में, एनर्जी स्तर को बढ़ाने में। पैदल चलने के फायदे हाई ब्‍लड प्रेशर कम करने में – Benefits of Walking for High Blood Pressure in Hindi उच्च रक्तचाप अक्सर संकुचित रक्त वाहिकाओं का परिणाम होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक अच्छी वॉक इन संकुचित रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में मदद करती हैं। एक कोरियाई अध्ययन से पता चलता है कि दिन में सिर्फ 30-40 मिनट चलने से उच्च रक्तचाप वाले लोगों में रक्तचाप कम हो जाता है। (4) इसलिए पैदल चलने का फायदा हाई ब्‍लड प्रेशर कम करने में हो सकता है। मॉर्निंग वॉक के फायदे वजन घटाने में – Benefits of Morning Walk for Weight Loss in Hindi क्या पैदल चलने से वजन कम होता है? अक्सर ये सवाल हमारे मन में आता है। इसका जवाब है हां, आप अपना वजन पैदल चल कर कम कर सकते हैं। वजन नियंत्रण के लिए शारीरिक गतिविधि जैसे चलना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से टहलने से अतिरिक्त कैलोरी बर्न करने में मदद मिल सकती है। अब सवाल ये है कि Weight कम करने के लिए कितना चलना चाहिए? अगर आप अपनी दिनचर्या में 30 मिनट ब्रिस्क वॉकिंग को शामिल करते हैं, तो आप एक दिन में लगभग 150 कैलोरी तक बर्न कर सकते हैं। (5) ब्रिस्क वॉक दौड़ने और पैदल चलने के बीच की मुद्रा है। विशेषज्ञों के अनुसार, आप जितना अधिक पैदल चलेंगे और आपकी गति जितनी तेज होगी, उतनी ही अधिक कैलोरी आप बर्न कर पाएंगें। (6) एनसीबीआई में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि भोजन के 1 घंटे बाद चलने की तुलना में भोजन के तुरंत बाद चलना वजन घटाने के लिए अधिक प्रभावी है। (7) हालांकि इसे अधिक करने से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है, जिससे हृदय में अतिरिक्त दबाव के साथ-साथ शरीर में चोट लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति जिन्हें हृदय संबंधी या कोई अन्य जटिल रोग हैं, उन्हें डॉक्टर के अनुसार चलने की गति और दूरी का पालन करना चाहिए। सवेरे पैदल चलने के फायदे मधुमेह को नियंत्रित करने में – Walking Benefits for diabetes in Hindi बुजुर्गों में मधुमेह होने का खतरा अधिक होता है, लेकिन थोड़ा व्यायाम बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। मॉर्निंग वॉक (सुबह के समय पैदल चलना) या इवनिंग वॉक (शाम के समय पैदल चलना) उन लोगों के लिए फायदेमंद (Health benefits of walking in hindi) है जिन्हें पहले से डायबिटीज है। कुछ अध्ययन भी इस बात कि पुष्टि करते हैं कि नियमित रूप से चलना रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। (8) डायबिटीज केयर में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया है कि दिन में तीन बार (नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के बाद) 15 मिनट का वॉक रक्त शर्करा के स्तर में सुधार ला सकता है। (9) इसलिए, चाहे आपको टाइप 1, टाइप 2 या किसी अन्य प्रकार का मधुमेह हो, पैदल चलना शारीरिक रूप से सक्रिय होने और अपनी दिनचर्या में गति लाने का एक अच्छा तरीका है। वॉक करने के फायदे अच्छी नींद के लिए – Benefits of walk for Sleep in Hindi पैदल चलने का फायदा अच्छी नींद लाने में हो सकता है। अध्ययन में पाया गया कि पैदल चलने का सकारात्मक संबंध बेहतर नींद से है। 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाएं जो हल्की से मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करती हैं, वे उन महिलाओं की तुलना में बेहतर ढंग से सो पाती थीं जो महिलाऐं कम गतिविधि करती थीं। (10) एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि स्वस्थ वयस्क जो रोजाना चलते हैं, उनकी नींद की गुणवत्ता और नींद की लंबाई पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रोजाना पैदल चलना से यह शरीर में होने वाले दर्द और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधर आता है। (11) इसलिए पैदल चलने का फायदा अच्छी नींद लाने में हो सकता है। ब्रिस्क वॉक के फायदे फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में – Walking benefits for lung capacity and strength in Hindi पैदल चलने के दौरान हमारा हृदय और फेफड़े एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फेफड़े शरीर में ऑक्सीजन लाते हैं, ऊर्जा प्रदान करते हैं, और कार्बन डाइऑक्साइड को हटाते हैं जबकि हृदय व्यायाम करने वाली मांसपेशियों को ऑक्सीजन देता है। 2016 की एक स्टडी में बताया गया है कि रोजाना चलने से आपका चेस्ट कैविटी का विस्तार होता है और फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। यह फेफड़ों और डायाफ्राम के मुक्त संचलन की अनुमति देता है, जो गहरी सांस लेने को प्रोत्साहित करता है और सांस की तकलीफ में मदद करता है। (12) 30 मिनट पैदल चलने के फायदे मस्तिष्क कार्य में सुधार लाने में – Walking benefits for Brain Function in Hindi पैदल चलने से हमारा मस्तिष्क एंडोर्फिन रिलीज़ करता है, यह एंडोर्फिन एक न्यूरोट्रांसमीटर होर्मोनेस है जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है। रोजाना चलने की प्रक्रिया मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों का विस्तार कर सकती है, जो दिमागी कार्यक्षमता को बढ़ा कर इससे जुड़ी स्थितियों में सुधार ला सकता है। इसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि रोजाना 30 मिनट चलने के फायदे न सिर्फ याददाश्त को बढ़ाने में होता है, बल्कि भूलने की आदत में भी सुधार आ सकता है। (13) तेज गति से चलने के फायदे स्वस्थ प्रेगनेंसी के लिए – Brisk walking benefits during pregnancy in Hindi गर्भावस्था में नियमित रूप से तेज पैदल चलना गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जटिलताओं के जोखिम को कम करता है, आपकी पीठ को मजबूत बनता है, बढ़ते पेट को सहारा देता है और पीठ दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान चलने से पैल्विक मांसपेशियां मजबूत होती हैं और साथ ही आपके मूड और ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ावा मिलता है। (14) प्रातःकाल की सैर के लाभ स्किन के लिए – Benefits of walking for skin in Hindi पैदल चलने से रक्त पूरे शरीर में अच्छे से पहुंच पाता है, जो न केवल अंगों के लिए अच्छा है, बल्कि यह आपकी त्वचा के लिए भी अच्छा है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि शारीरिक गतिविधि करने (व्यायाम) से शरीर में ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया बढ़ती है, जिससे त्वचा की कोशिकाएं को सुरक्षा मिलती है और त्वचा में निखार आता है। (15) इसके अलावा नियमित चलने से यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है साथ ही पिंपल्स, मुंहासों और त्वचा की अन्य समस्याओं से बचने में मदद करता है। रोजाना चलने के फायदे मानसिक स्वास्थ्य के लिए – Benefits of walking for mental health in Hindi नियमित रूप से पैदल चलने से यह आपको डिप्रेशन और चिंता जैसी गंभीर बीमारी से मुक्त कर सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि डिप्रेशन से पीड़ित मरीज अगर रोज 20 से 40 मिनट की सैर करें, तो उनकी स्थिति में काफी सुधार देखने को मिल सकता है। इसके अलावा शोध से पता चलता है कि शारीरिक व्यायाम, जैसे चलना, वृद्ध महिलाओं में मस्तिष्क के कार्य में सुधार कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ये लाभ मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में वृद्धि के कारण हो सकते हैं। (16) कुछ अन्य अध्ययन भी साबित करते हैं कि पैदल चलने से दिमाग तेज होता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है। यह आपकी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। शाम की सैर के फायदे (इवनिंग वॉक के फायदे) ह्रदय स्वस्थ को बनाए रखने में – Benefits of walking for heart in Hindi यदि आपको उच्च रक्तचाप है या आपका ट्राइग्लिसराइड का स्तर औसत से ऊपर है, तो अब आपको पैदल चलना शुरू कर देना चाहिए। एक नियमित सैर रक्तचाप और ट्राइग्लिसराइड के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकती है। कुछ अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते है कि सुबह की नियमित सैर से हृदय संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। (17) शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग एक दिन में 4,000 से 8,000 कदम चलते हैं, वे कैंसर या हृदय रोग से मृत्यु के जोखिम को दो-तिहाई तक कम कर सकते हैं। (18) इवनिंग वॉक के फायदे मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में – Evening walk benefits for Muscle and Joint Pain in Hindi बढ़ती उम्र जोड़ों के दर्द (कोहनी, घुटने और कूल्हे) का एक प्रमुख कारण हो सकता है। इसके अलावा बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों का घनत्व भी कम होने लगता है, जिससे वे कमजोर और भंगुर हो सकती हैं। यह बीमारियां गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस के प्रमुख लक्षण हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस से निपटने में तेज चलना बेहद फायदेमंद (paidal chalne ke fayde) हो सकता है। इसके अलावा नियमित रूप से पैदल चलना से भी जोड़ों के दर्द को रोकने में मदद मिल सकती है। (19) सुबह पैदल चलने के फायदे एनर्जी स्तर को बढ़ाने में – Walking Boost your energy in Hindi पैदल चलने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है। इसके अलावा कोर्टिसोल, एपिनेफ्रीन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे हार्मोन के स्तर में भी बढ़ोतरी हो सकती है। ये ऐसे हार्मोन हैं जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं। कुछ अध्ययन भी इस बात हैं कि नियमित चलने से रात में बेहतर नींद लेने में मदद मिलती है, जिससे अधिक ऊर्जा और ध्यान केंद्रित होता है। (20) पैदल चलने के नुकसान – Drawbacks of walking in Hindi चलना स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद है और इसके कोई नुकसान भी नहीं हैं परन्तु गलत तरीके से चलने से आपको निम्नलिखित नुकसान हो सकते हैं। (21) गलत चलने से यह कमर में दर्द पैदा कर सकता है, गलत मुद्रा (wrong posture) रीढ़ की हड्डी पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, गलत चलने से यह पैरों में सूजन ला सकता है, पैदल चलने का गलत तरीका गर्दन में अकड़न कर सकता है, पैदल चलने का गलत तरीका ह्रदय रोगियों को नुकसान पंहुचा सकता है, गलत चलने से यह शरीर की मांसपेशियों में दर्द पैदा कर सकता है, गलत चलने से कन्धों में दर्द हो सकता है, गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न के कारण सिर दर्द हो सकता है, पैदल चलने का गलत तरीका रक्त परिसंचरण को ख़राब कर सकता है। इसलिए चलने का सही पॉश्चर (आसन) जरूरी है। अब जानते हैं पैदल चलने का सही तरीका क्या है। और पढ़ें – साइनोसाइटिस (साइनस) के लक्षण, कारण और इलाज (आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक) पैदल चलने का सही तरीका | Tips to walk properly in Hindi पैदल चलना एक ऐसी गतिविधि है जिसमें आपका पूरा शरीर शामिल होता है। हममें से अधिकांश लोग स्वस्थ रहने के लिए सुबह-शाम पैदल चलते है, पर हमें यह पता नहीं होता की ठीक से चलने का तरीका (या वॉक करने का सही तरीका) क्या है। निम्नलिखित बातों को ध्यान में रख कर यदि आप ठीक से चलेंगे तो आपका पैदल चलना और भी आसान और प्रभावी हो जाएगा। ठीक से चलने के तरीकों में शामिल हैं – (22 & 23) चलने का सही तरीका है चलते समय आगे की ओर ना झुकें – Stand upright as you walk पैदल चलते वक्त झुकने, आगे की ओर झुकने या टेढ़े होने से बचे। ऐसा इसलिए क्योंकि गलत पोस्चर आपकी पीठ की मांसपेशियों में दर्द और गर्दन में अकड़न पैदा कर सकता है। इसके अलावा गलत पोस्चर अन्य शारीरिक परेशानियां भी ला सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि जब आप चल रहे हों तो आपका ध्यान आगे की ओर ध्यान क्रेन्द्रित हो। पैदल चलते का सही तरीका है अपना मस्तक ऊंचा रखें – Keep your head up सिर को नीचे करके चलने (जैसे, अपना फोन चेक करते समय) से आपके ऊपरी शरीर में तनाव पैदा हो सकता है और आपकी गर्दन पर दबाव आ सकता है। इसलिए ठीक से चलने के लिए अपने सर को ऊंचा और ठुड्डी को जमीन के समानांतर रखें। ब्रिस्क वॉक करने का सही तरीका है चलते समय शोल्डर्स पीछे की तरफ खिंचा हुए, लेकिन ढ़ीले हों – Keep your shoulders pulled back, but relaxed आपके कंधे भी आपके चलने की मुद्रा और तकनीक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि आपके कंधे तनावग्रस्त हैं या आगे की ओर झुके हुए हैं, तो यह आपके कंधों, गर्दन और पीठ के ऊपरी हिस्से की मांसपेशियों और जोड़ों पर दबाव डाल सकता है। इसलिए पैदल चलते समय शोल्डर्स को हल्का सा पीछे की ओर खींच कर रखें। वॉक करने का सही तरीका है अपनी आर्म्स को स्विंग करें – Swing your arms while walking वॉक करते समय (पैदल चलते समय) अपनी आर्म्स को स्विंग कराना अच्छा माना जाता है। इस बात का हमेशा ध्यान रहे कि आप अपनी बाहों को अपने कंधों से स्विंग करें, न कि अपनी कोहनी से। इसके आलावा अपनी बाहों को बहुत ऊपर यानि छाती तक न उठाएं। वॉक धीमी गति के साथ शुरू करें – Walk start with slow pace जब भी आप टहलने जाएं तो सबसे पहले खुद को वार्मअप करें। इसके लिए आप पहले हल्की गति से 5 से 10 मिनट तक चलें ताकि आप वार्मअप हो सके। वार्मअप के दौरान आप अपने कदम छोटे रखें और साथ ही अपने पैरों में अतरिक्त दबाव ना डालें। वार्म अप करने के बाद अपनी गति बढ़ाएं – Increase your speed after warming up वार्मअप होने के बाद आप अपनी स्पीड को बढ़ा सकते हैं। स्टडी के अनुसार 30 mins तक तेज गति से चलना स्वस्थ के लिए काफी लाभदायक होता है। तेज गति से चलने से हृदय तेजी से रक्त पंप करने लगता है और पूरे शरीर में आपका रक्त संचार अच्छी तरह से होने लगता है। स्टडी के अनुसार तेज स्पीड से वॉक करना रक्तचाप को कम करने और पैरों की मांसपेशियों के संकुचन को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है। धीमी गति से चलना समाप्त करें – Cool down at the end of your walk जब आपको लगे की आपको अपनी वॉक समाप्त करनी है तो इसे तुरंत ना रोकें। इसके लिए आप पहले अपनी गति को कम करें और फिर वॉक को समाप्त करें। इस धीमी स्पीड में 5 से 10 मिनट तक वॉक करें। तेज चलने के बाद, एक कूलडाउन सत्र आपकी तेज़ हृदय गति को वापस लाने में मदद कर सकता है। सही तरीके के साथ चलने के कई फायदे होते हैं। यह आपकी मांसपेशियों पर अनावश्यक तनाव को कम कर सकता है, पीठ और कमर के दर्द को रोक सकता है और साथ ही गर्दन की चोट के जोखिम को कम कर सकता है। हालांकि, सही तरीके से चलने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना है जिसमें चलते समय आपको आगे की ओर नहीं झुकना है, सिर ऊंचा रखना है, आर्म्स को स्विंग करते रहना है, शोल्डर्स पीछे की तरफ खिंचा हुआ रखना है आदि। रोजाना 30-45 मिनट पैदल चलने के फायदे ब्‍लड प्रेशर कम करने से लेकर मधुमेह नियंत्रित करने में हो सकता है। इसके अलावा भी मॉर्निंग वॉक के फायदे विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार में होता है। वॉकिंग के लिए ना आपको ज्यादा कुछ इन्वेस्ट करना पड़ता है ना ही आपको कोई विशेष तकनीक अपनानी होती है। बस आपको एक वॉकिंग शूज पहन कर वॉक पर निकल जाना है। हालांकि, ऐसे रोगी जो जटिल ह्रदय रोग या अन्य जटिलताओं से गुजर रहें है उन्हें वॉक अपने डॉक्टर के अनुसार ही करना चाहिए। अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQ in Hindi Q. खाना खाने के बाद कितने कदम चलना चाहिए? Ans. विशेषज्ञों का मानना है कि लंच या डिनर करने के बाद कम से कम 100 कदम (या 10 मिनट की पैदल दूरी) चलने से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसमें उचित पाचन, कैलोरी बर्न करना, रक्त शर्करा के स्तर का बेहतर नियंत्रण और शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स शामिल हैं। Q. 10000 कदम कितने किलोमीटर होते हैं? 10,000 कदम लगभग 8 किलोमीटर के बराबर होते हैं। Q. तेज गति से चलने के फायदे क्या हैं? तेज गति से चलने से स्वस्थ वजन बना रहता है। इसके अलावा यह हृदय रोग, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, कैंसर और टाइप 2 मधुमेह सहित विभिन्न स्थितियों को नियंत्रित कर सकता है। Q. शाम को घूमने के फायदे क्या हैं? रात के खाने के बाद टहलने जाना "रक्त शर्करा के स्तर को थोड़ा और स्थिर रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा शाम को घूमने के फयदा अच्छी नींद लाने और पाचन क्रिया को ढंग से कार्य करने में मदद कर सकता है। Q. 1 घंटा पैदल चलने से कितनी कैलोरी बर्न होती है? ज्यादातर लोगों के लिए एक घंटे की सैर 210 और 360 कैलोरी के बीचबर्न होती है। Q. एक दिन में कितने किलोमीटर चलना चाहिए? नई स्टडी के अनुसार स्वस्थ रहने और लंबी उम्र के लिए एक दिन में 10,000 कदम चलना जरूरी नहीं है। बल्कि रोजाना 30-45 मिनट पैदल चलना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, चाहे आप कितने भी कदम चले हों। ये हैं पैदल चलने के फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी। कमेंट में बताएं आपको यह पोस्ट कैसी लगी। यदि आपको Benefits Of Walking in Hindi पोस्ट पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें। Centers for Disease Control and Prevention : https://www.cdc.gov/diabetes/prevention/pdf/postcurriculum_session8.pdf Saint-Maurice PF, Troiano RP, Bassett DR, et al. 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मेष : इस राशि के जातक आज के दिन अपनी वाणी पर संयम रखें। आज आपको कोई ऐसा समाचार मिलेगा, जिससे मन प्रसन्न हो जायेगा। लेकिन अपनी ख़ुशी पर कंट्रोल रखें किसी के कहने पर पैसा बर्बाद न करें। वृष : इस राशि के जातक आज वाहन चलाते वक़्त सावधानी रखें। आज आपका किसी पुरानी घटना से मन दुखी हो सकता है। कुछ पारिवारिक चिंताएं मन को दुखी करेंगी। अपने स्वास्थ्य से संबंधित कुछ कठिनाइयां मन को परेशान कर सकती हैं। मिथुन : इस राशि के जातकों का आज का पूरा दिन अध्यात्मिक व पारंपरिक कार्यों में व्यतीत होगा। नये कार्यों में व्यस्तता बढ़ेगी। किसी इच्छित कार्य की पूर्ति से प्रसन्नता मिलेगी। सगे-संबंधियों को नजर-अंदाज न करें। कर्क : इस राशि के जातक आज अपने जीवन के किसी एक मामले में अपनी पूरी योजना में ही अचानक और महत्वपूर्ण बदलाव करना पड़ सकता है। प्रेमी या जीवनसाथी पर मुग्ध बने रहेंगे। आज कुछ परिस्थितियां आपके देखते ही देखते कोई अलग मोड़ ले सकती हैं। सिंह : इस राशि के जातक आज किसी से बिना सोचे-समझे मन की बात शेयर करने से बचें। कोई आपका फायदा उठा सकता है। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है। छोटे बच्चों को पेन गिफ्ट करें। आपके काम सही तरीके से पूरे होंगे। कन्या : इस राशि के जातकों को आज किस्मत का पूरा-पूरा साथ मिलेगा। अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर ढंग से काम करेंगे। मेहनत करने पर ही काम सफल होंगे। पैसों का लेन-देन करते समय अच्छे से सोच-विचार कर लेना बेहतर रहेगा। आप रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश कर सकते हैं। तुला : इस राशि के जातकों को आज नौकरी में सफलता पाकर खुशी मिलेगी। असमाजिक तत्वों से दूरी बनायें। निकट संबंधों में कुछ अप्रिय बातें दूरी पैदा करेंगी। राजनीतिज्ञों के लिए दिन अच्छा रहने के आसार हैं। वृश्चिक : इस राशि के जातकों का आज अत्याधिक कार्यों के बोझ से मन बोझिल होगा। मन को सकारात्मक दिशा की ओर सक्रिय करते हुए स्वयं को ऊर्जावान बनाए रखें। महत्वपूर्ण दायित्व अपनी पूर्ति हेतु मन पर दबाव बनाएंगी। धनु : इस राशि के जातकों में आज नयी आकांक्षाएं जागृत होंगी। भावुकता व्यावहारिक जगत के अनुकूल चलने में बाधक होगी। नये कार्यों में संलग्नता से लाभ संभव। अच्छे आचार-विचार से सगे-संबंधों में लोकप्रिय होंगे। मकर : इस राशि के जातकों के स्वास्थ्य में आज उतार-चढ़ाव रहेगा। आज आप दिन भर ज्यादा ही भावुक रहेंगे। प्रेमी या जीवनसाथी के साथ जहां तक हो सके, न कोई लंबी बात छेड़ें और न किसी बहस-विवाद में पड़ें। जोखिम वाला काम न करें। कुंभ : इस राशि के जातकों के आज सरकारी कामों का निपटारा हो सकता है। किसी समारोह में शामिल होने का मौका मिल सकता है। मेहनत से किये गये कामों में सफलता मिल सकती है। कॉलेज के स्टूडेंट्स को नयी गतिविधियों में शामिल होने का मौका मिल सकता है। मीन : इस राशि के जातकों को आज कुछ बड़े मामलों में फैसले लेने में परेशानी हो सकती है। आपको किसी मनपसंद कंपनी में इंटरव्यू के लिए बुलाया जा सकता है। लेखकों के लिए आज का दिन बहुत बढ़िया है। आपका पैसा कहीं अटक सकता है। साथ ही बढ़ता खर्च आपको परेशान कर सकता है। यह भी पढ़ें – अब RIMC कैडेट के रूप में लड़कियों की भी एंट्री शुरू ABSTARNEWS के ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं. हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो कर सकते है TAGS 17 October Horoscope 17 October Horoscope in Hindi Aaj ka Rashifal Astro ASTROLOGY Daily Horoscope 2022 dainik rashifal Dainik Rashifal 2022 Horoscope Horoscope 2022 Horoscope Today October Horoscope Rashifal Rashifal Today Today Rashifal In Hindi Share Facebook Twitter Pinterest WhatsApp Linkedin Previous article‘Indian of the Year’ से सम्मानित हुए Allu Arjun Next articleजो लोग नहीं खा पाते हैं ऑमलेट तो ट्राई करें ‘Potato Omelette’ AB Star News MOST POPULAR 6 December – जानें, किन राशि के जातकों का आज होगा... दिसंबर में नहीं सुधरा Delhi का AQI लेवल, 323 रहा Air... Lucky Ali की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा, शिकायत के बाद भी... Lalu Yadav का Kidney Transplant Operation हुआ सफल, बेटी रोहिणी आचार्य... Delhi MCD Election शराब के शौकीनों के लिए बन रहा मुसीबत, शराब की बिक्री... सबसे ज़्यादा बिकने वाली दवाओं पर QR Code या Barcode अनिवार्य Gujarat Assembly Election 2022 : गुजरात चुनाव के पहले चरण के लिए वोटिंग जारी We are a professional team of AB Star News who consistently works on getting important news and publishing on our website. We are always there to update you with the latest news or information on several categories like Politics, India, Astrology, Entertainment, Sports, Technology, Career, health & lifestyle, Business, Fact check, etc.
NRI पीएम बन गए हैं नरेंद्र मोदी : दिग्विजय सिंह - लोकतेज NRI पीएम बन गए हैं नरेंद्र मोदी : दिग्विजय सिंह April 17, 2015 by लोकतेज.कॉम नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनआरआई प्रधानमंत्री करार दिया है। दिग्विजय सिंह से जब अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पीएम मोदी की तारीफ किए जाने वाले लेख पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'िंवसटन र्चिचल ने भी हिटलर की तारीफ की थी लेकिन पांच साल बाद दोनों के बीच युद्ध हुआ था।' मोदी पर हमला जारी रखते हुए दिग्विजय सिंह बोले, 'मोदी एनआरआई प्रधानमंत्री बन गए हैं। विदेशों में जाकर वो राजनीतिक भाषण दे रहे हैं, यह बहुत गलत परंपरा है।' हालांकि गुरुवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि वो लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने मसरत आलम की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मसरत के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा क्यों दर्ज नहीं किया जा रहा है। हम पर इल्जाम लगाते थे कि हम कसाब को बिरयानी खिलाते हैं, अब ये मसरत को क्या खिलाएंगे?' भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री बीमार मानसिकता से ग्रस्त है : आनंद शर्मा नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन की विदेश यात्रा पूरी कर भारत रवाना हो चुके हैं लेकिन उनके इस दौरे को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है। यहां तक कि पार्टी नेता आनंद शर्मा ने मोदी को बीमार मानसिकता का करार दिया है और आगामी दौरे को लेकर उन्हें सीधी चेतावनी तक दे दी है। आनंद शर्मा ने प्रेस कॉन्प्रेंâस में कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने विदेश दौरे में ऐसी-ऐसी बातें कही हैं जिसने प्रधानमंत्री पद की गरिमा कम हुई है। उन्होंने कहा कि भारत अब भीख नहीं मांगेगा। तो क्या भारत पहले भीख मांगता था। मोदी जी याद रखें कि वो विदेश में बीजेपी या आरएसएस के नेता के तौर पर नहीं जाते बल्कि प्रधानमंत्री के रूप में जाते हैं। उन्होंने वहां जाकर पहले की सरकारों खासकर यूपीए को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने देश में तो राजनैतिक संवाद गिराया ही है, देश के बाहर भी जाकर उसे गिराया है। आनंद शर्मा ने कहा कि यूपीए की सरकार में देश की जीडीपी दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंची है। जिस भारत को उन्होंने स्कैम इंडिया कहा, वो महान देश है। उसकी महान संस्कृति है। भारत ने १० सैटेलाइट भेजे, चांद पर। मंगल पर। जवाहर लाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक किसी ने गरिमा को तोड़ा नहीं। लेकिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री बीमार मानसिकता से ग्रस्त हैं। आनंद शर्मा ने कहा कि हमने कल तक संयम बनाए रखा। अब जब प्रधानमंत्री किसी देश में जाएंगे तो हमारा कांग्रेस का प्रवक्ता साथ जाएगा। जब भी वे कुछ कहेंगे तो हमारा प्रवक्ता उसका जवाब उसी धरती पर देगा। आनंद शर्मा ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि मोदी अच्छे इवेंट मैनेजर हैं, लेकिन कनाडा में उन्होंने कहा कि ४२ साल बाद कोई प्रधानमंत्री आया है। ऐसी बात प्रधानमंत्री को नहीं कहनी चाहिए कि उनकी ही जगहंसाई हो क्योंकि स्टीफन हार्पर के रहते ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वहां गए थे। ये बहुत चिंता की बात है कि उनका खुमार इतना बढ़ गया है कि वो नकारते जा रहे हैं कि उनसे पहले भी प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री वहां गए थे।
कार की टक्कर से महिला की मौत, चालक फरार | SANKHNAAD sankhnaad क्राईम • युवा जगत् • देहरादुन् • हरिद्वार् रायवाला थाना पुलिस के मुताबिक शुक्रवार सुबह पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि मोतीचूर फ्लाईओवर के पास एक महिला बेसुध हालत में पड़ी है। उसके बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे लिया और मृतका की शिनाख के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिलहाल शव को पुलिस ने हरिद्वार स्थित राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में पहचान 72 घंटे के लिए रखवा दिया है। रायवाला थानाध्यक्ष भुवन चंद्र पुजारी ने बताया जांच पड़ताल में पता चला कि कार नंबर यूके07 डीटी 6853 के सामने आने से महिला की मौत हुई है। चालक फरार चल रहा है। जिसकी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि महिला मानसिक रूप से विक्षिप्त थी, उसकी पहचान के लिए आसपास के थाना क्षेत्रों में सूचना प्रेषित कर दी गई है। Crime News • Motichur Flyover • News Rishikesh • police control room • Raiwala Police • state hospital Haridwar • Uttarakhand News तहसीलदार के ड्राइवर पर धारदार हथियार से हमला कांग्रेस बूथ कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर की तैयारियां पूरी
डाइजेशन बढ़ाने के लिए ट्राई करें एप्पल-किन्नू पंच की ये हॉट रेसिपी, चाय-काॅफी से भी है ज्यादा फायदेमंद स्‍वस्‍थ खानपान डाइजेशन बढ़ाने के लिए ट्राई करें एप्पल-किन्नू पंच की ये हॉट रेसिपी, चाय-काॅफी से भी है ज्यादा फायदेमंद बदलते मौसम में आपके लिए परफेक्ट है किन्नू और एप्पल पंच की रेसिपी। यह आपको ताजगी से भर देगी और शरीर को भी गर्म रखेगी। साथ ही, यह पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है। हॉट एप्पल किन्नू पंच रेसिपी हिंदी में। चित्र : शटरस्टॉक ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ Published on: 3 November 2022, 09:30 am IST 125 गर्मियों में हम शरीर को ठंडा रखने के लिए ड्रिंक्स, जूस या मॉकटेल पीना पसंद करते हैं। इससे शरीर हाइड्रेट्रेड भी रहता है और समग्र शरीर में ताजगी व ऊर्जा का संचार होता है। मगर, जब सर्दियों की बात आती है तो, शरीर को गरम रखने के लिए चाय, कॉफी, दूध, के अलावा पीने के लिए कोई मॉकटेल नहीं समझ आता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि हमें अभी तक यही पता है कि ड्रिंक्स गर्म नहीं होते हैं और इनका स्वाद बहुत मीठा होता है। साथ ही, इनमें कैलोरीज भी बहुत ज़्यादा होती हैं। मगर आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि हम आपके लिए लाएं एक रिफ्रेशिंग गर्म ड्रिंक जो बेहद हेल्दी है और इसे पीने के बाद आपको बहुत अच्छा महसूस होगा। तो चलिये जानते हैं – किन्नू और एप्पल पंच की रेसिपी (Apple Kinnow Punch Recipe), जो आपको ताजगी से भर देगी और शरीर को भी गर्म रखेगी। किन्नू और एप्पल पंच बनाने के लिए आपको चाहिए सेब का रस 6 कप दालचीनी एक बड़ा टुकड़ा जायफल 1/4 छोटा चम्मच शहद 1/4 कप नींबू का रस 3 बड़े चम्मच अनानास का रस 1 1/4 कप किन्नू का रस 1 कप किन्नू और एप्पल पंच बनाने की विधि 1. सेब, अनानास और किन्नू का रस निकालने के लिए आप ताज़े फलों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। या चाहें तो पैक्ड जूस का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। 2. एक बड़े सॉस पैन में सेब का रस और दालचीनी का टुकड़ा मिलाएं। एक उबाल आने के बाद, आंच को कम करें और 5 मिनट अच्छे से उबाल लें। वजन घटाने के लिए भी यह फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक 3. मिश्रण को आंच से उतारें, फिर इसमें जायफल, शहद, नींबू , अनानास और किन्नू का रस मिलाएं। 4. इसे एक गिलास में निकालें और किन्नू के स्लाइस से सजाएं। जानिए आपके स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है किन्नू और एप्पल पंच 1. यह ड्रिंक आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें सेब, अनानास और किन्नू का रस है, जो विटामिन का बहुत अच्छा स्त्रोत है। 2. इस ड्रिंक का सेवन करने से आपको भारी खाना पचाने में मदद मिल सकती है। साथ, ही यह आपको घबराहट और उल्टी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है। 3. किन्नू विटामिन C का बहुत अच्छा स्त्रोत है, जो आपकी स्कीम और इम्युनिटी के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यह भी पढ़ें : वेट लॉस से लेकर इम्युनिटी बढ़ाने तक में कारगर है मिक्स वेजिटेबल सूप, नोट कीजिए रेसिपी 125 apple benefitscinnamon benefitsपोषणरेसिपीज लेखक के बारे में ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। हेल्थशॉट्स कम्युनिटी हेल्थशॉट्स कम्युनिटी का हिस्सा बनें ज्वॉइन करें बस एक क्लिक पर साइन अप कर आप वो सारी सामग्री सुरक्षित रख सकते हैं, जिन्‍हें आप बाद में पढ़ना चाहें। और एक जरूरी बात, ‘निशुल्‍क’ आहार योजना, व्‍यायाम योजना और मेडिटेशन के खास सेशन यहां आपके इंतजार में हैं।
man hoaxed uttar pradesh policemen wife through facebook | यूपी: व्यक्ति ने फेसबुक पर महिला बनकर पुलिस अफसरों की पत्नियों को दिया झांसा | Hindi News, यूपी एवं उत्‍तराखंडयूपी: व्यक्ति ने फेसबुक पर महिला बनकर पुलिस अफसरों की पत्नियों को दिया झांसा पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जिसने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल साक्षी पटेल के नाम से बनाई है. Last Updated: Aug 27, 2019, 04:08 PM IST लखनऊ : लखनऊ में एक आदमी ने औरत बनकर पहले फेसबुक पर सरकारी अफसरों की पत्नियों से दोस्ती की और बाद में आपत्तिजनक कॉल कर उन्हें परेशान किया. पुलिस ने मंगलवार को इसकी सूचना दी. पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है जिसने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल साक्षी पटेल के नाम से बनाई है. विभूति कांड में एक हफ्ते के अंदर दर्ज इन दो मामलों को साइबर सेल में भेज दिया गया है. एक अधिकारी की पत्नी द्वारा दायर शिकायत के मुताबिक, फेसबुक पर 19 अगस्त को साक्षी पटेल के नाम से उन्हें रिक्वेस्ट आई जिसे उन्होंने एक्सेप्ट कर लिया. शिकायतकर्ता ने कहा, "वह सही हालत में नहीं था और मैंने तुरंत कॉल काट दिया." इसके बाद आरोपी उनके फेसबुक पेज पर आपत्तिजनक संदेश पोस्ट करने लगा. इसके बाद आरोपी ने कहा कि उसके पास उनके वीडियो कॉल का स्क्रीनशॉट है और अगर उन्होंने उससे बात नहीं की तो वह उनकी तस्वीरों को मॉर्फ (बदलकर या बिगाड़कर) कर उन्हें वायरल कर देगा. उसने वीडियो कॉल भी किए जिसमें वह बिल्कुल नग्न था. एक अन्य अधिकारी की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में इसी तरह की एक घटना उभरकर सामने आई है. विभूति खंड स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) राजीव द्विवेदी ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों ही मामलों में आरोपी एक ही व्यक्ति है जिसका फेसबुक प्रोफाइल पर नाम साक्षी पटेल है. उन्होंने कहा, "उस व्यक्ति के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील कंटेंट पब्लिश करने और धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है. अब इस मामले की आगे की जांच लखनऊ पुलिस की साइबर सेल करेगी."
सुषमा नहीं लड़ेंगी 2019 लोकसभा का चुनाव! अब गेंद मोदी शाह के पाले में – White Mirchi विज्ञान के इस युग में जब मनुष्य की औसत आयु बढ़ रही हो तो 66 वर्ष कुछ ज्यादा नहीं होते और ऐसे में जब बात राजनीति की हो तब बिल्कुल भी नहीं पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ऐसा नहीं मानती उन्होंने इसी उम्र में चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है| बता दें कि विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज की दिसम्बर 2016 में किडनी ट्रान्स्प्लान्ट सर्ज़री हुई थी जिसके बाद से वह दिल्ली के बाहर बेहद कम कार्यकर्मों में नज़र आने लगी| भाजपा में लाल कृष्ण आडवाणी युग दौरान बेहद ताकतवर मानी जाने वाली सुषमा स्वराज के चुनावी सन्यास के पीछे सिर्फ खराब सेहत ही कारण है या बात कुछ और है? दरअसल भाजपा में नरेंद्र मोदी अमित शाह के युग में विदेश मंत्रयालय जैसा अहम् मंत्रयालय संभालने वाली सुषमा स्वराज लम्बे समय से पार्टी में दरकिनार है| चुनावी राजनीति से दूर जाने वाले बयान में खुद सुषमा स्वराज ऐसे संकेत दे रही है| जिनसे स्पष्ट होता है कि भाजपा में नया जमाना उन्हें रास नहीं आ रहा है| सुषमा के चुनाव न लड़ने के फैसले से स्पष्ट है कि 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूरी तरह गेंद नरेंद्र मोदी और अमित शाह के पाले में डाल दी है| Related Topics:2019 लोकसभा चुनावsushma swarj videsh mantriआगामी 2019 चुनावभाजपा में नरेंद्र मोदी अमित शाहविज्ञान के इस युग
October 25, 2020 by techbhaveshyt@gmail.com नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है एक बार फिर से हमारी वेबसाइट पर. आज मैं आपको बताऊंगा Successful Youtuber Kaise Bane. अगर आपके भी ख्वाहिश है कि आप एक यूट्यूब चैनल बनाएं और उस चैनल को लोगों में बहुत ज्यादा वायरल करें और अपने आप को एक ब्रांड की तरह प्रमोट करें. तो इस आर्टिकल को जरूर आप ध्यान से पढ़ना मैं आपको बताऊंगा कि आप यूट्यूब पर सक्सेस के तरीके से पा सकते हो. या फिर कह लो कि Successful Youtuber Kaise Bane? अगर आप यूट्यूब पर अपना करियर बनाना चाहते हो तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ना मैं आपको कुछ ऐसे एडवांटेज और डिसएडवांटेज यूट्यूब के बारे में बताऊंगा इसको के हर एक YouTuber Ko Janna बहुत ज्यादा जरूरी होता है. आज के समय में बहुत सारे लोग यूट्यूब पर आते हैं और यही सोचते हैं कि हम यूट्यूब पर आकर पैसा कमाएंगे अपने आप को ब्रांड बनाएंगे. और बहुत सारे लोग इसमें सक्सेस पा लेते हैं लेकिन बहुत कोई कि यहां पर जिंदगी भी बर्बाद हो जाती है. मैं आपको कुछ ऐसा सच बताने वाला हूं यूट्यूब से रिलेटेड कि आपको यूट्यूब पर कब आना चाहिए क्यों आना चाहिए. क्योंकि जिंदगी में पैसे कमाने के बहुत सारे तरीके होते हैं सिर्फ यूट्यूब ही नहीं है इसलिए इस आर्टिकल को जरूर आप ध्यान से पढ़ना. और अगर आपको कोई समझ में नहीं आए तो आप जरूर नीचे कमेंट करके हमें बता सकते हो हम आपकी मदद जरूर करेंगे. साथी साथ में आपको यह भी बता YouTuber Banne Ke Fayde क्या क्या होते हैं. Successful Youtuber Banne Ke Liye Kya Kare? YouTuber Banne Ke Nuksan सबसे पहले हम यह जानते हैं कि Successful Youtuber Kaise Bane. अगर आप भी एक सक्सेसफुल यूट्यूब पर बनना चाहते हो तो सबसे पहले आप एक बात ध्यान से समझ लो. अगर आपके पास नॉलेज है और उस नॉलेज को आप यूट्यूब पर आकर शेयर करोगे तो आप हंड्रेड परसेंट गारंटी के सक्सेसफुल हो जाओगे. लेकिन आप यूट्यूब पर सिर्फ पैसा कमाने की उम्मीद से आओगे और दूसरों के वीडियोस को देख देखकर सेम वीडियोस बनाओगे तो इस पोजीशन पर आप कभी भी सक्सेज नहीं कर पाओगे. तो सबसे पहला पॉइंट तो यही है कि आपको अगर यूट्यूब पर अपना करियर बनाना है तो सबसे पहले आपको एक कैटेगरी डिसाइड करनी है कि आपके अंदर क्या नॉलेज है. और उस नॉलेज को आप लोगों तक किस तरीके से पहुंचा सकते हो अपने वीडियोस के जरिए जी आपको सबसे पहले डिसाइड करना होगा. बहुत सारे आज के टाइम में ऐसे लोग हैं जो कि अपनी कोई कैटेगरी नहीं बनाते हैं परफेक्ट और हर केटेगरी के वीडियो अपने चैनल पर डाल देते हैं. इससे एक समय तक तो लोग उनके वीडियो को देखेंगे लेकिन एक समय बाद लोग उनके वीडियो को देखना कब बंद कर देंगे. तो सबसे पहले आपको एक कैटेगरी डिसाइड करनी है अपनी यूट्यूब वीडियो के लिए. अब मैं आपको कुछ ऐसी बातें बताता हूं कि अगर आप यूट्यूब पर सक्सेस पाना चाहते हो तो इसके लिए आपको ऐसा क्या करना होगा जब आप सक्सेस हो पाओगे. वह कुछ बातें मैं आपको बताना चाहता हूं क्योंकि मैं खुद भी यूट्यूब पर काम करता हूं. मेरे वहां पर बहुत ज्यादा फॉलो वर भी है इसीलिए उसी नॉलेज के आधार पर आज मैं आपको सारा कुछ बताने वाला हूं. अगर आप ऑनलाइन फील्ड में किसी भी प्लेटफार्म पर क्रोध करना चाहते हो तो इसके लिए सबसे पहला और सबसे इंपॉर्टेंट जो बात आती है वह आती है. कि आपके अंदर बहुत ज्यादा पेशेंस होना चाहिए. क्योंकि जब आप किसी फील्ड में काम करते हो. तो बहुत ज्यादा वहां पर आपको सहन करना पड़ता है बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. तो उस टाइम पर अगर आपने हार मान ली तो फिर आप सक्सेस नहीं कर पाओगे. आप सभी को स्ट्रगल के साथ-साथ रेगुलर यूट्यूब पर काम करना होगा इस तरीके से आप पैदा होते ही बचपन से लेकर बड़े होने तक इतने सालों तक पढ़ाई करते हो उसी हिसाब से आपको यूट्यूब पर भी कुछ साल बिताने होंगे और एक्सपीरियंस लेना होगा तभी आप सक्सेस कर पाओगे. बाकी अगर आपका कांटेक्ट बहुत बढ़िया होगा तो लोग आप को सपोर्ट करेंगे और आप यूट्यूब पर सख्त जरूर होंगे. दोस्तों अपने आपको बताता हूं YouTuber Banne Ke Fayde क्या क्या होते हैं क्योंकि आपने तो बहुत सारे लोग गूगल से यह सवाल पूछते हो. आज मैं आपको इस सवाल का आंसर देने वाला हूं क्योंकि मैं खुद एक ड्यूटी पर हूं तो मुझे क्या-क्या फायदे हो रहे हैं वह सारी चीजें मैं आपको बताने वाला हूं. दोस्तों यूट्यूब पर बनना बहुत ज्यादा सरल काम नहीं है क्योंकि आपको यहां पर रोजाना वीडियोस डालने होते हैं. तो इसके लिए यहां पर आपको अपना सारा टाइम स्पेंड करना होता है. अगर बात करें इसके फायदे की तो सबसे पहला फायदा है कि आप यहां पर पैसा बहुत ज्यादा कमा पाओगे. दूसरा फायदा कि यहां पर आपको पब्लिसिटी मिलेगी. अगर आप बढ़िया कांटेक्ट डालते हो तो आने वाले टाइम पर आप एक ब्रांड बन जाओगे लोग आपको जानेंगे आपके फैन हो जाएंगे. तीसरा जो फायदा है तो यह फायदा है कि आप अपने मर्जी के मुताबिक सारा कुछ काम कर सकते हो जब चाहे आप छुट्टी ले सकते हो जब चाहे कहीं घूमने जा सकते हो. इसी तरीके के बहुत सारे फायदे हैं यूट्यूब पर बनने के. रुको रुको मेरे भाइयों आपने यूट्यूब पर बनने के फायदे जान लिए. यूट्यूब पर सक्सेसफुल कैसे बनाएं यदि आपने जान लिया. लेकिन क्या आपको पता है कि यूट्यूब पर करने के बहुत सारे नुकसान भी होते हैं तो चलिए उसके बारे में मैं आपको थोड़ी जानकारी देता हूं. दोस्तों यूट्यूब पर बनने का सबसे पहला जो नुकसान है वह यह है यहां पर कोई गारंटी नहीं है कि आपको लाइफटाइम यहां से पैसा मिलेगा. मान लो किसी कारण की वजह से यूट्यूब बंद हो गया इंडिया में तो उसके बाद आपका क्या होगा अगर आप एक बड़े यूट्यूब पर नहीं बन पाए तो. दूसरा सबसे बड़ा नुकसान यह है कि किसी कारणवश अगर आपका यूट्यूब चैनलकिसी और के पास चला जाता है वह चुरा लेता है ( H*ack) तो ऐसे में आपका बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा. तीसरा सबसे बड़ा नुकसान यह है कि किसी भी कारण की वजह से अगर आपका गूगल अकाउंट डिलीट हो गया या फिर गूगल ने आपका अकाउंट बंद कर दिया तो ऐसे में भी आपका कैरियर वहां पर खत्म है. ऐसा होता तो नहीं है लेकिन आपके किस्मत अगर बहुत ज्यादा खराब है तो हो सकता है. तो दोस्तों यह का आर्टिकल मैंने आपको सारा बता दिया कि यूट्यूब पर किस तरीके से बने यूट्यूब पर बनने के फायदे यूट्यूब पर बनने के नुकसान यूट्यूब पर सक्सेसफुल कैसे हो ए सब कुछ मैंने आपको जानकारी दे दी. इस आर्टिकल के माध्यम से मैंने आपको संपूर्ण जानकारी दी Successful Youtuber Kaise Bane? YouTuber Banne Ke Fayde. And YouTuber Banne ke Nuksan सब कुछ पहले आपको पूरी जानकारी के साथ बता दिया है. अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो जरूर आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. अगर आपको कोई टॉपिक समझ में नहीं आया हो और अगर आप चाहते हो कि हम किसी और टॉपिक पर कोई आर्टिकल लिखें. तो वह आप कमेंट के जरिए हमें बता सकते हो हम जरूर आपकी मदद करेंगे तो इसी के साथ हम मिलते हैं एक और नए आर्टिकल में तब तक के जय हिंद. Categories YouTube Tags Successful Youtuber Kaise Bane, YouTuber Banne Ke Fayde, youtuber kaise bane Post navigation
लड़की ने जिसके लिए घरवालों को धोखा दिया था, 2 दिन बाद वो लड़की को धोखा देकर भाग गया HomeJabalpurलड़की ने जिसके लिए घरवालों को धोखा दिया था, 2 दिन बाद वो लड़की को धोखा देकर भाग गया जबलपुर। घर वालों को धोखा देकर प्रेमी के साथ भागी युवती का शारीरिक शोषण करने बाद प्रेमी उसे ही धोखा देकर भाग गया। पीड़ित युवती आत्महत्या करने जा रही थी जिस पर एक सामाजिक संगठन से जुड़ी डॉ. गीता पाण्डेय की नजर पड़ गई और वे उसे लेकर सोमवार दोपहर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचीं। एसपी के समक्ष युवती रो पड़ी और आपबीती बताई। पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने युवती को शेल्टर होम में रखने के निर्देश दिए। कटंगी थाना क्षेत्र निवासी युवती (23) ने बताया कि शहपुरा भिटौनी निवासी युवक (25) से करीब 2 साल पहले उसकी जान पहचान हुई थी। युवक ने शादी का आश्वासन दिया और दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगे। करीब 2 साल पहले भेड़ाघाट क्षेत्र स्थित एक मंदिर में जाकर युवक ने उसकी मांग भर दी और बोला कि अब हम पति-पत्नी बन चुके हैं। उसने परिजन से शादी की बात छिपाकर रखी थी। दो साल तक दोनों एक-दूसरे को पति-पत्नी की तरह चाहते रहे। दो दिन भेड़ाघाट की होटल में रखकर किया संबंध बनाए युवती ने बताया कि परिजन को जानकारी दिए बगैर 4 दिन पूर्व वह प्रेमी के साथ भाग गई थी। प्रेमी ने बताया था कि वह किराए का मकान लेकर साथ रहेगा। वह उसे भेड़ाघाट स्थित एक होटल ले गया और दो दिन तक शारीरिक संबंध बनाए। 10 नवंबर को युवक ने बताया कि होटल से अब अपने घर चलना है। वह उसे लेकर रवाना हुआ लेकिन जबलपुर स्थित मेरी चाची के घर पहुंच गया। चाची के घर के बाहर उसे छोड़कर बताया कि वह मकान की तलाश में जा रहा है कुछ देर में आ जाएगा उसके बाद किराए के मकान में पति-पत्नी की तरह गुजर बसर करेंगे। चाची ने साथ रखने से किया इनकारः युवती ने बताया कि वह चाची के घर घंटों प्रेमी का इंतजार करती रही। वह नहीं लौटा तो चाची ने भी अपने घर रखने से इनकार कर दिया। परिजन से संपर्क किया तो उन्होंने भी घर पर रखने से मना कर दिया। 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक वह शहर में जहां-तहां भटकती रही। बार-बार फोन करने के बाद भी प्रेमी ने कोई जवाब नहीं दिया। लिहाजा वह आत्महत्या करने जा रही थी।
बिहार पंचायत चुनाव 2021 मतदान के अगले दिन ही होगी मतगणना , सरगर्मियां तेज - Bihari Reporter न्यूज डेस्क : बिहार ( BIHAR ) में जैसे जैसे पंचायत चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं। जनता व संभावित प्रत्याशियों का रोमांच बढ़ता जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ( STATE ELECTION COMMISION ) ने सभी जिलाधिकारी को विभिन्न निर्देश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि इसको लेकर प्रत्येक जिले में एक दिन में ही सभी छह पदों के लिए चुनाव होगा और मतदान के दूसरे दिन या अगले दिन प्रत्येक जिले में मतगणना भी हो जाएगी। आयोग ने सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत को निर्देश दिया , जिसमें कहा गया है कि मतगणना कार्य इस प्रकार कराया जाए कि एक दिन में भी संपन्न हो जाये। मतगणना कार्य के बाद मल्टी पोस्ट ईवीएम से एसडीएमएम (SDMM ) (चिप) निकाल लिया जाएगा और जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत की सुरक्षा में रखा जाएगा। इसके बाद, अगले जिले में उसी ईवीएम( EVM ) को स्थानांतरित करना है। राज्य आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने सभी जिलों को दिए निर्देश ईवीएम को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश में कहा कि प्रत्येक चरण में एक प्रमंडल में एक जिला में चुनाव कराया जाएगा। चुनाव की सरगर्मियां हुई तेज बिहार पंचायत चुनाव इस बार करोना काल में आयोजित हो रहा है । इसको लेकर निर्वाचन आयोग के साथ-साथ तमाम अधिकारी भी तैयारियों में लगे हुए हैं, बताते चलें कि बिहार पंचायत चुनाव इस बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से मतदान करवाए जाएंगे। जिसको लेकर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के द्वारा एक प्रमंडल में एक ही दिन वोटिंग करवाने की चर्चा की जा रही है। जिसके बाद उसी से निकालकर संबंधित अधिकारी के सुरक्षा में रखा जाएगा और उसी भी हमको दूसरे प्रमंडल में वोटिंग के लिए भेजा जाएगा दरअसल भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच फंसे हुए भी हम खरीद के मामले के शॉट आउट के बाद राज्य निर्वाचन आयोग कोई भी हम खरीदने की अनुमति मिल गई है। जिसके बाद से बिहार भर में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां और तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू है।
Chief Minister Raghuvar Das said - Make People Movement Mass Marriages | मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- सामूहिक विवाह को जन आन्दोलन बनाएं - Dainik Bhaskar Chief Minister Raghuvar Das said Make People Movement Mass Marriages मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- सामूहिक विवाह को जन आन्दोलन बनाएं Jan 28, 2018, 12:41 PM IST मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 21 नवव� रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सामूहिक विवाह को जन आन्दोलन बनाएं। इस प्रकार की सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन से लाखों रुपए की बचत होती है। गरीब परिवारों को ऐसे विवाह के आयोजन से समाज और सरकार की मदद भी प्राप्त होती है। उन्होंने रविवार को 21 नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद और बधाई दी। साथ ही ईश्वर से इनके सुखमय जिन्दगी की कामना भी की। मुख्यमंत्री ने हरमू मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में लोगों को संबोधित भी किया। 'जीवन में राजनीति से बड़ी ताकत है समाज' मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि इन 21 नवविवाहित जोड़ों को राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि के रूप में 30-30 हजार रुपए और आयोजन के लिए व्यवस्थापक संगठन को भी 21 हजार रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मनुष्य एक समाजिक प्राणी है। हम सभी लोग इसी समाज का एक अंग है। सभी को एक जुट होकर एक हृदय के साथ लोक कल्याण का कार्य करना चाहिए। जीवन में राजनीति से बड़ी ताकत है समाज। समाज कोई राजनेता या नेता की उपज नही है। समाज हमारे पूर्वज, अभिभावक और आपसी भाईचारा की देन है। समाज में व्याप्त गरीबी को दूर करने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठायें। योजनाओं के सफल संचालन में सभी लोग अपनी भूमिका जिम्मेवारीपूर्वक निभाएं। युवा शक्ति ही राज्य में बदलाव ला सकते हैं उन्होंने कहा कि समाज को शक्तिशाली एवं समृद्ध बनाना ही सभी लोगों का लक्ष्य एवं उद्देश्य होना चाहिए। लोक कल्याणकारी कार्य करने के लिए संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता है। गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए सहयोग की भावना रखें। संगठन, सहयोग और मित्रताभाव से ही समाज आगे बढ़ेगा। युवा शक्ति राष्ट्र की ताकत होती है। युवा शक्ति ही राज्य में बदलाव ला सकते हैं। आज के समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं सीएम ने कहा- बेटे और बेटियों में फर्क नहीं करें। आज के समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। झारखंड की कई बेटियों ने देश और दुनिया में राज्य का नाम रौशन किया है। समाज में अभी भी लिंग अनुपात में असंतुलन एवं नशापान जैसी कुछ विकृतियां हैं। इन विकृतियों को जागरूकता के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। बेटी को पूरी शिक्षा दें। उसके बाद ही उनकी शादी करें। कम उम्र में बेटियों का विवाह न करें। बेटियों को भी आगे बढ़ने का पूरा मौका दें। नारी शक्ति को समाज की शक्ति के साथ-साथ राष्ट्र की शक्ति बनाएं। विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी। राज्य सरकार इन विद्यार्थियों के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना चला रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने झारखंड राज्य की पिछड़े वर्गों की सूची (अनुसूची-2) के बनिया के कोष्टक में अंकित वैश बनिया एवं एकादश बनिया जाति को पिछड़े वर्गों की सूची (अनुसूची-2) से विलोपित करते हुए झारखंड राज्य की अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची (अनुसूची-1) सम्मिलित करने का कार्य किया है। इससे इस समाज को अत्यंत पिछड़े वर्गों को मिलने वाले आरक्षण आदि का लाभ मिलेगा। कार्यक्रम में नगर विकास एवं आवास मंत्री सीपी सिंह, कांके विधायक जीतुचरण राम, रांची मेयर आशा लकड़ा, जेएससीए उपाध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, तेली समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार साहू, उपाध्यक्ष श्री मूलचंद साहू सहित तेली समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।