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संतों ने कहा- ईसाई हैं प्रियंका गांधी, मंदिर में न जाने दिया जाए-प्रेस रिव्यू - BBC News हिंदी
संतों ने कहा- ईसाई हैं प्रियंका गांधी, मंदिर में न जाने दिया जाए-प्रेस रिव्यू
https://www.bbc.com/hindi/india-47620148
नवभारत टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में पूजा के कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कुछ लोगों का कहना है प्रियंका ईसाई हैं इसलिए उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं मिलना चाहिए.
वाराणसी के कुछ संत भी प्रियंका के मंदिर जाने के विरोध में हैं. इस मद्देनज़र उन्होंने प्रशासन को चिट्ठी लिखकर आपत्ति जताई है. इस मद्देनज़र अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने वाराणसी के जिलाधिकारी के ज़रिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस विषय में चिट्ठी भिजवाई है.
इस चिट्ठी में प्रियंका को काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने से रोकने की अपील की गई है. जिलाधिकारी ने इस चिट्ठी के मद्देनज़र मंदिर प्रशासन को ज़रूरी कार्रवाई का निर्देश दिया है.
गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री जीतेन्द्रानंद ने भी प्रियंका मंदिर जाने के कार्यक्रम का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी की वाक़ई हिंदू धर्म में आस्था है तो उन्हें ख़ुद के हिंदू होने की शपथ हलफ़नामे में लिखकर देनी चाहिए.
पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत गांधी परिवार के पैतृक शहर प्रयागराज यानी इलाहाबाद से करेंगी.
18 मार्च से 20 मार्च तक वो प्रयागराज से वाराणसी के बीच गंगा नदी में जलमार्ग से यात्रा करेंगी और इस दौरान उनके जनसंपर्क और कई अन्य कार्यक्रम रखे गए हैं. उनके तय कार्यक्रमों में काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा भी शामिल है.
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'झुग्गी-झोपड़ी वालों का भी शहर पर हक़'
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को भी शहर में रहने का अधिकार है. ये कहना है दिल्ली हाईकोर्ट का.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कहा कि ये आवास के अधिकार का हिस्सा है जो सिर्फ़ किसी के पर छत तक ही सीमित नहीं है. इसके दायरे में आजीविका, स्वास्थ्य, शिक्षा, पीने के साफ़ पानी, सीवरेज, परिवहन और खाने के अधिकार जैसे तमाम अधिकार आते हैं.
अदालत ने ये बातें साल 2015 में कांग्रेस नेता अजय माकन द्वारा दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहीं.
अजय माकन ने यह याचिका तब दायर की थी जब रेल मंत्रालय और दिल्ली पुलिस ने ठंड के मौसम में शकूर बस्ती में अवैध मकानों को गिराया था. इसमें लगभग 5,000 लोग बेघर हो गए थे और छह महीने एक बच्ची की मौत हो गई थी.
जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस विभु बाखरु की एक बेंच ने ये फ़ैसला सुनाया है. अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा कि अतिक्रमण रोधी अभियानों के तहत ग़रीबों की झुग्गियां गिराए जाने से पहले एक विस्तृत सर्वे होना चाहिए और इससे प्रभावित होने वाले लोगों से बातचीत करके उनके पुनर्वास की योजना बनानी चाहिए.
हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि अपना घर खोने वाले लोगों का पुनर्वास जल्दी से जल्दी से होना चाहिए.
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वेदांता के प्लांट में सुरक्षाकर्मी को ज़िंदा जलाया
इंडियन एक्सप्रेस में ख़बर है कि ओडिशा के कालाहांडी जिले में वेदांता एल्युमिनियम रिफ़ाइनरी के पास हुई हिंसा में भीड़ ने एक सुरक्षाकर्मी को ज़िंदा जला दिया. इस संघर्ष में एक प्रदर्शनकारी की भी जान चली गई.
पुलिस का दावा है कि सोमवार को हिंसा उस वक़्त भड़की जब नौकरी मांग रहे स्थानीय लोगों ने रिफ़ाइनरी परिसर में घुसने की कोशिश की.
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों और ओडिशा इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फ़ोर्स (OISF) सुरक्षाबलों के बीच हुए संघर्ष में 20 लोग घायल हो गए. पुलिस का कहना है कि स्थानीय प्रदर्शनकारी वेदांता कंपनी के स्कूल में अपने बच्चों के दाख़िले की और अपने लिए नौकरी की मांग कर रहे थे.
घटना के बाद वेदांता ने एक बयान जारी करके कहा कि हिंसा में ओआईएसएफ़ के एक सुरक्षाबल की मौत हो गई है.
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Image caption मनोहर पर्रिकर के अंतिम संस्कार में श्रद्धांजलि देते पीएम मोदी
पर्रिकर को आख़िरी विदाई, बेटे उत्पल ने दी मुखाग्नि
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षामंत्री के अंतिम संस्कार की ख़बर और तस्वीरें जनसत्ता समेत सभी अख़बारों में हैं. जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक़ सोमवार शाम 5:30 बजे के लगभग गोवा के मीरामार में हज़ारों आम और ख़ास लोगों की मौजूदगी में पर्रिकर को आख़िरी विदाई दी गई.
पर्रिकर के बड़े बेटे उत्पल ने उन्हें मुखाग्नि दी. 63 वर्षीय पर्रिकर एक साल से ज़्यादा वक़्त से अग्नाशय के कैंसर से जूझ रहे थे. रविवार शाम उनका देहांत हो गया था. |
Verse: 9,17 · श्रीमद् भगवद्गीता
Verse: 9,17
पिताऽहमस्य जगतो माता धाता पितामहः।वेद्यं पवित्रमोंकार ऋक् साम यजुरेव च।।9.17।।
।।9.17।। आत्मा कोई अस्पष्ट? अगोचर सत् तत्त्व नहीं कि जो भावरहित? संबंध रहित और गुण रहित हो। यह दर्शाने के लिए कि यही आत्मा ईश्वर के रूप में परम प्रेमस्वरूप है? परिच्छिन्न जगत् के साथ उसके सम्बन्धों को यहाँ दर्शाया गया है। मैं जगत् का पिता? माता? धाता और पितामह हूँ। माता? पिता और धाता इन तीनों से अभिप्राय यह है कि वह जगत् का एकमात्र कारण है और उसका कोई कारण नहीं है। यह तथ्य पितामह शब्द से दर्शाया गया है। परमात्मा स्वयं सिद्ध है।यहाँ विशेष बल देकर कहा गया है कि जानने योग्य एकमेव वस्तु (वेद्य) मैं हूँ। इस बात को सभी धर्मशास्त्रों में बारम्बार कहा गया है आत्मा वह तत्त्व है जिसे जान लेने पर? अन्य सब कुछ ज्ञात हो जाता है। आत्मबोध से अपूर्णता का? सांसारिक जीवन का और मर्मबेधी दुखों का अन्त हो जाता है। देहधारी जीव के रूप में जीने का अर्थ है? अपनी दैवी सार्मथ्य से निष्कासित जीवन को जीना। वास्तव में हम तो दैवी सार्मथ्य के उत्तराधिकारी हैं परन्तु अज्ञानवश जीव भाव को प्राप्त हो गये हैं। अपने इस परमानन्द स्वरूप का साक्षात्कार करना ही वह परम पुरुषार्थ है? जो मनुष्य को पूर्णतया सन्तुष्ट कर सकता है।सम्पूर्ण विश्व के अधिष्ठान आत्मा को वेदों में ओंकार के द्वारा सूचित किया गया है। हम अपने जीवन में अनुभवों की तीन अवस्थाओं से गुजरते हैं जाग्रत्? स्वप्न और सुषुप्ति। इन तीनों अवस्थाओं का अधिष्ठान और ज्ञाता (अनुभव करने वाला) इन तीनों से भिन्न होना चाहिए? क्योंकि ज्ञाता ज्ञेय वस्तुओं से और अधिष्ठान अध्यस्त से भिन्न होता है।इन तीनों अवस्थाओं से भिन्न उस तत्त्व को? जो इन को धारण किये हुये है? उपनिषद् के ऋषियों ने तुरीय अर्थात् चतुर्थ कहा है। इन चारों को जिस एक शब्द के द्वारा वेदों में सूचित किया गया है वह शब्द है । ओम् ही आत्मा है? जिसकी उपासना के लिए भगवान् श्रीकृष्ण की पूजा श्रीमद्भागवत में वर्णित है।प्रणव के द्वारा लक्षित आत्मा ही वेद्य वस्तु है? जो पारमार्थिक सत्य है? जिसको कभी प्रत्यक्ष तो कभी अप्रत्यक्ष अथवा मौनरूप से वेदों में निर्देशित किया गया है। इसलिए यहाँ कहा गया है कि मैं ऋग्वेद? सामवेद और यजुर्वेद हूँ।आगे कहते हैं --
9.17 I am the father of this world, the mother, the dispenser of the fruits of actions and the
grandfather; the (one) thing to be known, the purifier, the sacred monosyllable (Om), and also the Rik-, the Sama-and the Yajur-Vedas. |
Posted on October 26, 2018 at 10:18 am by Administrator
नई दिल्ली। ब्लड कैंसर बहुत खतरनाक बीमारी है। भागदौड़ वाली जिंदगी में किसी भी व्यक्ति को कोई भी समस्या कभी भी हो सकती है, इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आपको ब्लड कैंसर के बारे में पूरी जानकारी हो, ताकि समय रहते इसका इलाज करवाया जा सकें। आइए जानते है ब्लड कैंसर के शुरूआती लक्षण।
ब्लड कैंसर होने पर गले या अंडरआर्म्स में हल्का दर्द और सूजन आ जाती है। इसके अलावा अगर आपके पैरों में लगातार सूजन और सीने में जलन रहती है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। |
कन्हैया की जमानत पर रोक, पुलिस को चाहिए रिमांड – Aaj Ki Khabar
नई दिल्ली| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बुधवार को भी जमानत नहीं मिली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कन्हैया की याचिका पर सुनवाई 29 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। दिल्ली पुलिस कन्हैया को रिमांड पर लेना चाहती है, ताकि वह उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य के साथ कन्हैया को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ कर सके।
इन दोनों ने मंगलवार रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। छात्रों पर नौ फरवरी को जेएनयू में आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारेबाजी करने का आरोप है।पुलिस ने न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी के समक्ष बताया कि वे कन्हैया को रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दे रहे हैं।
इस पर कन्हैया के वकील कपिल सिब्बल और रेबेका जॉन ने न्यायालय से कहा कि वे पुलिस रिमांड आवेदन का विरोध करेंगे।इसके बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई 29 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।पुलिस ने कहा कि उमर और अनिर्बन ने मंगलवार रात आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित हिरासत में ले लिया गया। अब उन्हें कन्हैया को पुलिस हिरासत में लेने की जरूरत है।कन्हैया दो मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं।
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हेयर स्पा कराने के फायदे, Hair Spa benefits, Hair Spa At Home, Spa Benefits
By What in India Last updated Jan 31, 2018 0
हेयर सपा कराने के क्या-क्या फायदे होते है?
1. डीप कंडीशनिंग के लिए :
2. इंस्टेंट शाइन के लिए :
3. डैंड्रफ और खुजली के लिए :
4. मजबूत और लंबे बालों के लिए :
5. क्या आपके बाल भी हमेशा ऑयली दिखाई पड़ते है?
6. मेंटल स्ट्रेस में राहत दे :
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आज के समय में बालों को इंस्टेंट शाइन और चमक देने के लिए सभी महिलाओं के मन में हेयर रिबोंडिंग, हेयर स्मूदनिंग का नाम ही सबसे पहले आता है। परन्तु ये सभी बहुत महंगे और समय लेने वाले ट्रीटमेंट होते है, जिनका इस्तेमाल करना सभी के लिए संभव नहीं। लेकिन क्या आप जानती है की इनके अलावा भी एक तरीका है जिसकी मदद से बालों को इंस्टेंट शाइन तो मिलती ही है साथ-साथ उन्हें मुलायम भी बनाता है। जी हां, हम बात कर रहे है हेयर सपा की।
बालों को क्रीम से पोषण देने के साथ-साथ स्टीम देने की प्रक्रिया को हेयर सपा कहा जाता है। जिससे बालों में चमक आती है और वे मुलायम होते है। हेयर सपा, बालों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाने वाले सबसे सस्ता और आसान ट्रीटमेंट है। यह बालों से जुडी बहुत-सी समस्यायों को भी दूर करता है। वैसे तो इसके लिए पार्लर या सैलून जाना पड़ता है लेकिन अगर आप चाहे तो इसे खुद घर पर भी कर सकती है।
हेयर स्पा करने का सबसे बड़ा फायदा बालों की स्ट्रेंथ को मिलता है। इससे उनकी जड़ें मजबूत होती है और उनमे नयी शाइन आती है। इसलिए हर महीने में 1 बार हेयर सपा जरुर करवाना चाहिए। यहाँ हम आपको हेयर सपा कराने के कुछ फायदों के बारे में बता रहे है, जिन्हें जानने के बाद आप इसका इस्तेमाल किये बिना रह नहीं पाएंगी। तो आइये जानते है हेयर सपा के फायदे :-
किसी भी चीज के फायदों को जानने से पूर्व उसकी प्रक्रिया को समझ लेना चाहिए। ताकि आप इसके हर स्टेप को अच्छे से फॉलो कर पायें। हेयर सपा करते समय सबसे पहले बालों में ऑयलिंग की जाती है जिसके बाद बालों को स्टीम दी जाती है। अगर आप स्पा घर पर कर रही है तो स्टीमिंग के लिए एक तौलिया को गर्म पानी में डुबोकर निचोड़ दें और इसे अपने बालों में 10 मिनट के लिए लपेट लें। इसके बाद शैम्पू करके हेयर मास्क लगाएं और 20 मिनट तक रखें। उसके बाद बालों को साफ़ पानी से धो लें।
हेयर स्पा के दौरान सिर्फ ऑयलिंग ही नहीं बल्कि स्टीमिंग और हेयर मास्क आदि का भी प्रयोग किया जाता है। जो न केवल बालों को नरिश्मेंट प्रदान करते है अपितु उन्हें हाइड्रेट और मोइस्चराइज़्ड भी करता है। जिससे उनकी दीप कंडीशनिंग भी होती है। रूखे, बेजान और सूखे बालों के लिए हेयर स्पा बहुत अच्छा माना जाता है। क्योंकि इसकी मदद से आपके बाल सॉफ्ट और स्मूथ होते है।
हेयर स्पा में इस्तेमाल किये जाने वाले हेयर मास्क और हेयर ऑयल्स बालों के लिए एसेंशियल आयल की तरह काम करते है। डल, डैमेज और रूखे बालों पर यह किसी जादू की तरह काम करता है। जी हां, अगर आप अपने बालों में वो पुरानी शाइन और स्मूथ्नेस लाना चाहती है तो नियमित रूप से हेयर स्पा कराना होगा। और इसके साथ-साथ आपको अपने बालों में रेगुलर ऑयलिंग भी करनी होगी। इतना ही नहीं स्पा की मदद से बालों को बाउंसी और मुलायम भी बनाया जा सकता है।
बालों और स्कैल्प का रूखापन अक्सर डैंड्रफ का कारण बनता है जिससे सर में खुजली होती है और ड्रायनेस भी आती है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से बालों में स्पा कराएंगी तो आपके स्कैल्प का रूखापन हमेशा के लिय दूर हो जाएगा। साथ ही डैंड्रफ की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। लेकिन हेयर स्पा के साथ साथ आपको बालों का भी खास ध्यान रखना होगा। जिससे उनका पोषण खत्म न होने पाए ।
हेयर स्पा के पहले चरण में बालों में हॉट आयल मसाज दी जाती है जिससे स्कैल्प में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। जजों न केवल बालों की ग्रोथ बढ़ाने में मदद करता है अपितु उन्हें मजबूत और घना बनाने का भी काम करता है। यह झड़ते बालों की समस्या को ठीक करके बालों का टूटना कम करता है। जिससे बाल घने होते है।
बालों के लिए आयल को वरदान माना जाता है लेकिन जब यही आयल बालों में अतिरिक्त मात्रा में आ जाए तो समस्या का कारण बन जाता है। तो अगर आपके बाल भी बहुत अधिक ऑयली है तो आपको परेशान होने की आवश्कता नहीं है। क्योंकि हेयर स्पा के पास इसका भी इलाज है। जी हां, हेयर स्पा न केवल रफ और ड्राई बालों की समस्या दूर करता है अपितु बालों में मौजूद अतिरिक्त आयल को भी निकालने में मदद करता है, जो अक्सर बालों में जमीं गंदगी और तेल के कारण आता है। और हेयर स्पा में ये समस्या में दूर हो जाती है।
स्पा के दौरान की जाने वाली मसाज और ऑयलिंग बालों के साथ-साथ दिमाग को भी फायदा पहुंचाती है। जी हां,, इस मसाज से आपका मेंटल स्ट्रेस भी कम होता है जिससे आप टेंशन फ्री महसूस करती है। जो एक अच्छे जीवन के लिए बहुत जरुरी है। क्योंकि अक्सर झड़ते बालों का एक कारण मानसिक तनाव भी होता है।
ऐसे में अगर आप नियमित रूप से हेयर स्पा लेती रहेंगी तो आपके बालों के साथ साथ आपका मस्तिष्क भी पूरी तरह स्वस्थ और बेहतर महसूस करेगा। हेयर स्पा के बारे में इतना सब जानने के बाद आप भी इस ट्रीटमेंट को करवाने के बारे में सोच रही होंगी। अगर हां, तो इंतजार मत कीजिये और इस वीकेंड के लिए अपना सलून टाइम बुक कर लीजिए।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने केरल रेल परियोजना के प्रस्ताव को ठुकराया - हिंदी खबर |Latest news| breaking news
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने केरल रेल परियोजना के प्रस्ताव को ठुकराया
September 18, 2022 by Hindi Khabar
श्री बोमई ने कहा कि श्री विजयन राज्य में द्विपक्षीय वार्ता करने आए थे।
बैंगलोर:
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने आज अपने केरल समकक्ष को स्पष्ट किया कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों और वन्यजीव अभयारण्यों में कोई भी विकास कार्य संभव नहीं है।
रविवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात के बाद यहां पत्रकारों से बात करते हुए, श्री बोम्मई ने कहा कि श्री विजयन राज्य में द्विपक्षीय वार्ता करने आए थे जैसा कि दक्षिणी क्षेत्र परिषद की बैठक में तय किया गया था। केरल सरकार ने कन्हांगड-कनियूर रेल मार्ग और अन्य राजमार्ग परियोजनाओं सहित अपनी विभिन्न रेल परियोजनाओं के लिए सहयोग मांगा।
प्रस्तावित कान्हांगड-कनियूर रेल लाइन परियोजना का 40 किमी केरल में और 31 किमी कर्नाटक में स्थित है। हालांकि, कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि यह परियोजना कर्नाटक के लिए बहुत लाभदायक नहीं है। इसके अलावा, यह पश्चिमी घाट के समृद्ध जैव विविधता और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, उन्होंने कहा।
“इसलिए, केरल के मुख्यमंत्री को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि कर्नाटक राज्य के लिए परियोजना के लिए विस्तारित समर्थन प्रदान करना संभव नहीं है,” मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्री विजयन ने टेलिचेरी-मैसूर रेल लाइन मार्ग की पुरानी परियोजना पर भी चर्चा की और उन्हें सख्ती से कहा गया कि अनुमति संभव नहीं है क्योंकि प्रस्तावित रेल मार्ग बांदीपुर और नागरहोल राष्ट्रीय उद्यानों से होकर गुजरेगा और यह होगा। वनस्पतियों और जीवों को व्यापक नुकसान पहुंचाता है। केरल के मुख्यमंत्री ने एक भूमिगत रेल मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह भी अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि यह निर्माण प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा, श्री बोमई ने कहा।
श्री बोमई ने बताया कि केरल के मुख्यमंत्री को सूचित किया गया था कि वर्तमान में बांदीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से रात में दो बसें चलती हैं, लेकिन उन्होंने चार बसों को अनुमति देने की अनुमति मांगी और उस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया, श्री बोमई ने बताया।
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IND vs AUS- “हमारे लिए निश्चित विकल्प”: विराट कोहली के टी 20 विश्व कप में ओपनिंग पर रोहित शर्मा
राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी के लिए प्रस्ताव पारित किया है |
हरियाणा विधानसभा चुनाव: पिछले दस साल में सबसे कम महिला विधायक चुनी गईं
|25 Oct 2019 7:41 AM GMT
बेंगलुरु: 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में इस बार नौ महिलाएं होंगी। पिछली विधानसभा के मुक़ाबले चार कम। पिछली विधानसभा में 13 महिलाएं चुनकर आईं थीं। अगर पिछले 10 वर्षों पर नज़र डाली जाए तो यह संख्या सबसे कम है। राज्य के 56 निर्वाचन क्षेत्रों से कुल 104 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।
इससे पहले सबसे कम महिला विधायक 2000 में चुनी गई थी, जब चार महिलाओं को राज्य के विधानसभा के लिए मतदाताओं ने चुनकर भेजा था। हाल तक, देश में हरियाणा राज्य का नाम जन्म के समय के सबसे खराब लिंगानुपात में शामिल था और 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की चौथी सबसे ज़्यादा दर यहां दर्ज की गई थी।
मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर जीत हासिल की है। 2014 में जीती गई 47 सीटों से इस बार सात सीटें कम मिली हैं। कांग्रेस ने 31 सीटों पर जीत दर्ज की है। जो पिछली बार के मुक़ाबले 16 सीटें ज़्यादा हैं।
भारत के 29 राज्यों में से 15 में बीजेपी सत्ता मेंं है, जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है, जहां पार्टी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की है। उसके सहयोगी दल शिवसेना ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटों पर जीत हासिल की है।
हरियाणा चुनाव के नतीजों से राज्य में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, जिसका मतलब है कि निर्दलीय और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ( दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल का एक अगल हुआ दल ) अगली सरकार बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। हालांकि बीजेपी सरकार बनाने का दावा कर रही है।
2019 के आम चुनाव में, बीजेपी ने राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीती थीं। इन दस लोकसभा सदस्यों में से केवल एक महिला थीं- सुनीता दुग्गल।
बीजेपी से 12 महिला उम्मीदवार थीं, कांग्रेस से 10
कांग्रेस की 10 महिला उम्मीदवारों की तुलना में बीजेपी ने इस साल हरियाणा में 12 महिलाओं को टिकट दिया।
बीजेपी की तीन महिला उम्मीदवारों ने बाजी मारी। यह संख्या 2014 में पार्टी से चुनी गई 8 महिला विधायकों की तुलना में पांच कम है। कांग्रेस से पांच महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
इस बार, जेजेपी ने सात महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा। उनमें से, दुष्यंत चौटाला की मां, नैना सिंह चौटाला ने जीत हासिल की है।
2014 में, हरियाणा विधान सभा में 14% सदस्य (एमएलए) महिलाएं थी, जो कि 2009 की तुलना में 4% ज्यादा है। लेकिन यह 2009 में पेश महिला आरक्षण बिल में संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए प्रस्तावित 33% से कम है।
2014 में, हरियाणा में 13 महिला विधायक थीं। यह संख्या 2000 के बाद से दो दशकों में सबसे ज्यादा थी। 13 में से 4 ने 2014 में फिर से जीत हासिल की थी और 2019 में तीसरे कार्यकाल के लिए वे चुनाव मैदान में थीं। इस बार इनमें से तीन ने जीत हासिल की है।
कुल मिलाकर, मौजूदा महिला विधायकों में से आठ ने 2019 में फिर से चुनाव लड़ा है। उनमें से दो, शकुंतला खटकड़ ने कलानौर से और गीता भुक्कल ने झज्जर क्षेत्र से चुनाव लड़ा। दोनों निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं।
बीजेपी की कविता जैन, सोनीपत से लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रही थीं, वे लगभग 33,000 वोटों से हार गईं।
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के फेलो राहुल वर्मा ने इंडियास्पेंड को बताया, "कितनी महिलाएं जीतती हैं, इस आधार पर महिला राजनीति का आंकलन करना मुश्किल है। सामाजिक विकास में पिछड़ा होने के बावजूद, हरियाणा की राजनीति में महिलाओं का बड़ा प्रतिनिधित्व है। लेकिन ज़्यादातर महिला उम्मीदवार या तो राजनीतिक परिवारों से हैं या फिर मशहूर हस्तियां हैं।"
अशोक विश्वविद्यालय में त्रिवेदी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डेटा के को-डायरेक्टर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख गिलेस वर्नियर्स, वर्मा से सहमत थे। उन्होंने इंडियास्पेंड को बताया कि "इस परिणाम तक, हरियाणा में विधानसभाओं में महिलाओं का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व था। यह अक्सर महिलाओं के कल्याण को लेकर राज्य की मानसिकता को एक अलग ढंग से सामने लाता है, लेकिन हमने पाया कि भारत में, बेहतर संकेतक वाले राज्यों की तुलना में महिला कल्याण से संबंधित सबसे खराब आंकड़ों (जैसे कि लिंगानुपात, अशिक्षा, शिशु मृत्यु दर ) वाले राज्यों में अधिक महिला राजनीति में सामने आती हैं।"
वर्नियर्स कहते हैं, "इसका एक कारण उन राज्यों में वंशवादी राजनीति है, जो महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए अवसर पैदा करती है। भारत के कुछ हिस्सों की तुलना में पारंपरिक, रूढ़िवादी, उत्तर भारतीय राजनीतिक परंपरा राजनीतिक वंशवाद की एक प्रचलित संस्कृति है।"
हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध की चौथी सबसे बड़ी दर
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी 2017 के आंकड़ों के अनुसार, पांच वर्षों से 2017 तक, राज्य विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधित्व बिहार और राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा (14%) में सबसे अधिक था।
हरियाणा देश में सबसे कम लिंग अनुपात वाले राज्यों में से एक रहा है। 2011 में जन्म के समय प्रति 1,000 लड़कों पर 833 लड़कियां थीं। लेकिन अब एक दशक से, राज्य ने जन्म के समय अपने लिंगानुपात में लगातार सुधार दिखाया है, और अगस्त 2019 में प्रति1,000 लड़कों पर 920 लड़कियां है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 20 अक्टूबर, 2019 की रिपोर्ट में भी बताया है।
'द गार्जियन' ने मार्च 2018 में बताया कि विषम लिंगानुपात के कारण गांवों में कुछ ही बच्चियां रह गई हैं। पैसे के बदले दुल्हनें खरीदी जा रही हैं, क्योंकि पुरुषों के लिए विवाह के लिए बहुत कम स्थानीय महिलाएं हैं, और राज्य में जबरन विवाह का प्रचलन है।
2017 के अपराध आंकड़ों के अनुसार, राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की चौथी सबसे बड़ी दर थी - प्रति 100,000 महिलाओं पर 88.7 अपराध का आंकड़ा है। महिला साक्षरता दर 75.4% है, जो राष्ट्रीय औसत के 68.4% से ऊपर है, और राज्य की लगभग 46% लड़कियों ने 10 साल से अधिक की स्कूली शिक्षा पूरी की है। यह आंकड़ा भी 35.7% के राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। इस संबंध में इंडियास्पेंड ने 12 अगस्त, 2017 की अपनी रिपोर्ट में बताया है।
प्रति वर्ष, 2.3 लाख रुपये (वर्तमान कीमतों पर) की प्रति व्यक्ति आय के साथ राज्य देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। हरियाणा के 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि यह आंकड़ा 1.3 लाख रुपये के अखिल भारतीय प्रति व्यक्ति आय से लगभग 77% ज्यादा है।
मई, 2019 में सरकार द्वारा जारी 2017-18 के पिरीआडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार, हरियाणा में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग (श्रम सीमा में एलएफपीआर या प्रतिशत व्यक्तियों में आबादी) में श्रम बल की भागीदारी दर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए 45.5% है, जो राष्ट्रीय औसत से 4.3 प्रतिशत कम है। रिपोर्ट के आधार पर भारत की बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर 6.1% पर आंकी गई थी।
महिलाओं की एलएफपीआर और भी कम थी - ग्रामीण क्षेत्रों में 14.7% (महिलाओं के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण एलएफपीआर से लगभग 10 प्रतिशत कम) जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 13.7% (राष्ट्रीय शहरी महिला एलएफपीआर से 6.7 प्रतिशत कम) था।
वर्नियर्स कहते हैं, "बेरोजगारी मतदान का एक मुद्दा हो सकता है या नहीं हो सकता है। महिलाएं हरियाणा में पुरुषों को पछाड़ती हैं। ठीक वैसे ही जैसा कि वे हिंदी पट्टी के कई राज्यों में करती हैं। लेकिन रोजगार तक पहुंच में कमी का मतलब घर तक सीमित रहना है, जो सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के लिए बड़ी बाधा है।"
चुनाव विश्लेषक और स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष, योगेन्द्र यादव ने इंडियास्पेंड के साथ इंटरव्यू में बताया, "परेशानी यह है कि बाधा इतनी ऊंची है कि साधारण क्षमता और साधारण महत्वाकांक्षा से अधिक वाले ही राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं को राजनीति में प्रवेश करने में सक्षम होने के लिए कई सीमाएं पार करनी होंगी।" उनकी पार्टी ने 27 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें पांच महिला उम्मीदवार थीं, जिनमें से सभी को हार का सामना करना पड़ा।
यादव ने कहा, "यदि आप हरियाणा विधानसभा में महिलाओं को राजनीतिक परिवारों को फ़िल्टर करते हैं, तो आपको एहसास होगा कि उनकी संख्या [महिलाओं का प्रतिनिधित्व] शून्य के करीब है।"
वर्नियर्स के अनुसार महिलाओं के लिए कई बाधाएं हैं, क्योंकि पार्टियां अभी भी सोचती हैं कि वे कमजोर उम्मीदवार हैं, या वे एक निर्वाचित प्रतिनिधि से अपेक्षित कार्यों को नहीं कर सकते हैं। "कुछ राज्यों में, जैसे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में, मतदाता महिला उम्मीदवारों के खिलाफ चले जाते हैं, उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वोट देते हैं। स्व-चयन का एक मुद्दा है जहां चुनावों को अक्सर पुरूषत्व और क्रूरता के मैदान के रूप में देखा जाता है, जो महिलाओं के लिए हतोत्साहित करने वाला हो सकता है। और फिर चुनावों की जो लागत है, वह महिलाओं के लिए अनुकूल नहीं है। "
इस रिपोर्ट के प्रकाशन के समय, राज्य के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी इंदरजीत ने बताया कि "कुछ कमियों" के कारण, पांच बूथों पर- नटनाउल, कोसली, बेरी, उचाना कलां और पृथला-में फिर से मतदान का आदेश दिया गया, जैसा कि एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया है। |
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मध्य प्रदेश के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में महाभारत, इस वजह से भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अपनाए बगावती तेवर | द चौपाल
मध्य प्रदेश के बाद अब हरियाणा कांग्रेस में महाभारत, इस वजह से भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अपनाए बगावती तेवर
जैसे जैसे राज्यसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे कांग्रेस में अंदरूनी कलह भी गहराता जा रहा है. मध्य प्रदेश के बाद अब हरियाणा में पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बगावत पर उतर आये हैं. खबरों के मुताबिक़ उन्होंने पार्टी आलाकमान को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनको या उनके बेरे दीपेन्द्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा न भेजा गया विधायक किसी अन्य उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे.
हरियाणा कांग्रेस में दो गुट हैं. एक गुट भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का और दूसरा गुट है हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा का. कांग्रेस कुमारी शैलजा और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला में से किसी एक को राज्यसभा भेजना चाहती है. कुमारी शैलजा सोनिया गांधी की करीबी हैं जबकि रणदीप सिंह सुरजेवाला राहुल गाँधी के करीबी हैं. जबकि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का कहना है कि कुमारी शैलजा पहले से ही प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष हैं इसलिए उनको राजसभा भेजने की कोई जरूरत नहीं है. जबकि रणदीप सिंह सुरजेवाला दो विधानसभा चुनाव हार चुके हैं इसलिए भूपेन्द्र सिंह हुड्डा उनके नाम के भी खिलाफ हैं.
हरियाणा में कांग्रेस के 30 विधायक है जबकि भाजपा गठबंधन के पक्ष में 57 विधायक हैं. इसमें जेजेपी और निर्दलीय भी शामिल हैं. राज्य में राज्यसभा की एक सीट के लिए 31 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में कांग्रेस में मची अंदरूनी खींचतान में भाजपा को अपने लिए मौका दिख गया है. पार्टी को लगता है कि अगर कांग्रेस के दो-तीन वोट भी इधर उधर हुए तो भाजपा अपने दुसरे उम्मीदवार को भी जिता सकती है. कांग्रेस के उम्मीदवार को राज्यसभा में पहुँचने से रोकने के लिए भाजपा किसी निर्दलीय पर भी दांव खेलने को तैयार है. दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बगावती तेवर ने कांग्रेस को बुरी तरह डरा दिया है. |
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तमिलनाडु (Tamil Nadu) दौरे पर हैं. दौरे के अंतिम दिन यानी आज राहुल ने केंद्र सरकार (Centre Govt) पर जमकर हमला बोला.
राहुल गांधी ने आगे कहा, 'हमारी सबसे बड़ी ताकत, हमारी अर्थव्यवस्था को नष्ट किया जा रहा है. हमारे युवा अब नौकरी पाने में सक्षम नहीं हैं और यह उनकी गलती नहीं है. यह हमारे प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए कदमों का दोष है. इन कदमों में नोटबंदी और GST को गलत तरीके से लागू किया जाना शामिल है.'
उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री हमारे किसानों पर हमला कर रहे हैं. उनकी सरकार तीन नए कृषि कानून लाई है, जो देश के कृषि क्षेत्र को खत्म करने जा रहे हैं और वो इसे (कृषि क्षेत्र) 2-3 उद्योगपतियों को सौंपने जा रहे हैं. कल्पना कीजिए कि इन कानूनों में से एक स्पष्ट रूप से बताता है कि किसान खुद की रक्षा के लिए अदालत में नहीं जा सकते हैं.'
बताते चलें कि राहुल गांधी तमिलनाडु के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. आज उनके दौरे का अंतिम दिन है. अपने दौरे पर वह किसानों, मजदूरों व आम लोगों से बातचीत कर रहे हैं. आज करूर के अलावा वह डिंडीगुल भी जाएंगे. राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि चुनाव अप्रैल या मई में हो सकते हैं. चुनाव के चलते सभी राजनैतिक दल कमर कस चुके हैं. हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने राज्य का दौरा किया था.
Desh Pradesh | Rape of minor girl in Madhubani, Bihar - बिहार के मधुबनी में नाबालिग लड़की से रेप, किसी को पहचाने नहीं इसलिए आंखें भी फोड़ी वीडियो - हिन्दी न्यूज़ वीडियो एनडीटीवी ख़बर |
Rajesh Khanna On His Arrogance: If I was arrogant, They would not have made a public star - Rajesh Khanna started asking the opposite question to the journalist - मैं घमंडी होता तो पब्लिक स्टार नहीं बनाती- पत्रकार से उल्टा सवाल पूछने लगे थे राजेश खन्ना
मैं घमंडी होता तो पब्लिक स्टार नहीं बनाती- पत्रकार से उल्टा सवाल पूछने लगे थे राजेश खन्ना
राजेश खन्ना को लेकर कहा जाता रहा है कि सफलता की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते एक्टर केतेवर बदलने लगे थे। राजेश खन्ना को लेकर खबरें आती थीं कि सफलता उनके सिर चढ़ गई थी।
September 8, 2021 3:02:59 pm
80 के दशक के सुपरस्टार राजेश खन्ना ने अपने जीवन में बहुत उतार चढ़ाव देखे। उन्होंने अपने करियर में सफलता पाई और फिर अर्श से फर्श तक का सफर भी तय करके देखा। हालांकि करियर ढलने के बाद भी राजेश खन्ना लोगों के फेवरेट बने रहे। राजेश खन्ना को लेकर कहा जाता रहा है कि सफलता की सीढ़ी चढ़ते चढ़ते एक्टर केतेवर बदलने लगे थे। राजेश खन्ना को लेकर खबरें आती थीं कि सफलता उनके सिर चढ़ गई थी। एक्टर पर फिल्म के सेट पर लेट आने से लेकर एटीट्यूड दिखाने तक के आरोप लगते रहे।
ऐसे में राजेश खन्ना एक बार वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के शो पर आए थे। शो में राजेश खन्ना ने तब अपनी सफाई में कहा था कि उनमें कोई घमंड नहीं है। सुपरस्टार राजेश खन्ना ने शो आपकी अदालत में कहा था- 'किसे अपना कहें कोई इस काबिल नहीं होता। पत्थर तो बहुत मिलते हैं, लेकिन दिल नहीं। मैं दिल पर हाथ रखकर कसम खाता हूं, कि मैं सच ही कहूंगा। सच्चाई छिप नहीं सकती बनावट के उसूलों से, खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से।'
राजेश खन्ना ने इस बीच पत्रकार रजत शर्मा से भी एक सवाल कर लिया था। उन्होंने कहा था- 'हमारी जो ऑडियंस हैं, जो लोग हैं, उन्होंने मुझे एक्टर से स्टार बनाया, स्टार से सुपरस्टार बनाया। अगर मैं घमंडी होता तो मुझे कभी न बनाते। क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है अंदर क्या है बाहर क्या है सब पहचानती है। ये सब जानते हैं, लोगों से कुछ छिपा नहीं है। यहां जो जनता बैठी है मुझसे प्यार करती है। हमारे जज साहिबा हमें प्यार करते हैं। आप करते हैं कि नहीं रजत जी?' राजेश खन्ना की इस बात पर रजत शर्मा हंस पड़े थे और सिर हिला कर हां में जवाब दिया था।
राजेश खन्ना ने आगे शायराना अंदाज में कहा था-'आप न जाने मुझको समझते हैं क्या मैं तो कुछ भी नहीं हूं। इतनी बड़ी भीड़ का प्यार मैं रखूंगा कहां, मैं इसके काबिल नहीं, मेरे हमदम मेरे दोस्त। इज्जतें शोहरतें उल्फतें चाहतें, सबकुछ इस दुनिया में रहता नहीं, आज मैं हूं जहां कल कोई औऱ था, ये भी एक दौर है वो भी एक दौर था।'
एक्टर ने आगे कहा था- 'एक कर्ज चुकाने आया हूं कि इस जनता ने मुझे बहुत प्यार दिया। प्यार मुझे मिलता तो था पर उस प्यार को मैं लुटा न सका। तो आज उस कर्ज को चुकाने आया हूं यहां। देखिए इंसान वो है जो अपनी गलती को माने। जो गलती महसूस करता है, वो बहुत बड़ा होता है। लेकिन जो ये समझे कि वो गलती नहीं कर रहा है, और सही रास्ते पर है तो जिस रास्ते पर ऊपर वाले ने हमें डाल दिया है, मैं तो यही कहूंगा कि हम तो गुजरेंगे उसी रास्ते से और खुशी खुशी चलते जाएंगे।' |
नोडल अधिकारियों से चंपावत उपचुनाव की तैयारियों की जानकारी ली प्रेषकों ने | Satya Path News
नोडल अधिकारियों से चंपावत उपचुनाव की तैयारियों की जानकारी ली प्रेषकों ने
Posted by Kapil Malhotra | May 12, 2022 | Breaking News, चुनाव | 0 |
चम्पावत – उप निर्वाचन 55-विधानसभा चंपावत को निष्पक्ष, पारदर्शी एवं स्वतन्त्र रूप से सम्पन्न कराने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उप निर्वाचन हेतु तैनात प्रेक्षक सामान्य अल्का श्रीवास्तव एवं प्रेक्षक निर्वाचन व्यय वीरेन्द्र सिंह बोहरा द्वारा उप निर्वाचन चंपावत हेतु तैनात विभिन्न निर्वाचन व्यवस्थाओं के नोडल अधिकारियों के साथ जिला कार्यालय सभागार में बैठक कर निर्वाचन संबंधी तैयारियों की जानकारी ली गई।
बैठक में सामान्य प्रेक्षक ने कहा कि उप निर्वाचन को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रुप से संपन्न कराना सभी की जिम्मेदारी है।
सभी अधिकारी निर्वाचन में दिए गए दायित्वों का पूर्ण जिम्मेदारी से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशानुसार कार्य करें।
बैठक में व्यय प्रेक्षक वीरेन्द्र सिंह बोहरा द्वारा कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशानुसार प्रत्येक प्रत्याशी के द्वारा निर्वाचन के दौरान किए गए संपूर्ण व्यय का लेखा जोखा रखा जाता है, इस हेतु व्यय अनुवीक्षण तंत्र के अंतर्गत तैनात समस्त टीमें निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार कार्य करें।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी नरेद्र सिंह भंडारी ने 55- विधानसभा चम्पावत उप निर्वाचन हेतु जिले में की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि जिले में कुल 123 स्थलों में कुल 151 मतदान केद्र/बूथ स्थापित हैं जिले में 96213 मतदाता हैं जिनमें
50171 पुरुष व 46042 महिला वोटर हैं। जिले में कुल 1376 सर्विस वोटर है, साथ ही जनपद में शत-प्रतिशत मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र भी बनाए गए हैं। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि उप निर्वाचन को संपन्न कराए जाने हेतु पर्याप्त संख्या में कार्मिक उपलब्ध हैं कार्मिकों का प्रथम रेंडमाइजेशन कर लिया गया है जिन्हें आगामी 14 व 15 मई को प्रथम तथा 24 और 25 मई को द्वितीय निर्वाचन संबंधी
एवं ईवीएम प्रशिक्षण दिया जाएगा साथ ही तृतीय प्रशिक्षण मतदान पार्टी के रवाना होने से पहले रिटर्निंग अधिकारी स्तर पर दिया जाएगा। विधानसभा उप निर्वाचन-2022 हेतु विधानसभा अंतर्गत 5 जोनल एवं 21 सेक्टर बनाए गए हैं। इस हेतु रिजर्व सहित 8 जोनल मजिस्ट्रेट, 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट व 22 माईक्रोओब्जवर नियुक्त किए गए हैं। निर्वाचन को सफलतापूर्वक संपन्न कराए जाने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण भी जिले में दिए जा रहे हैं। सभी 151 मतदान केद्रों में न्यूनतम आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हैं। मतदान हेतु जिले में ईवीएम एवं वीवीपैट मशीनों की एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेक) कर मशीनें मतदान हेतु वेयरहाउस में रख दी गई हैं। जिसकी पूर्ण अभिरक्षा के लिए सुरक्षा बल तैनात होने के साथ ही सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है।
विधानसभा अंतर्गत मतदान प्रतिशत बढ़ाए जाने हेतु स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां भी की जा रही हैं इसके अतिरिक्त निर्वाचन संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान हेतु टोल फ्री नंबर 1950, पूरे 24 घंटे कार्यरत है।
जिलाधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि जिले में मतदान के दिन 76 मतदान केद्रों में मतदान प्रक्रिया की वेबकास्टिंग की जाएगी।
16 मतदान पार्टियां जो पैदल दूरी पर हैं मतदान से 2 दिन पूर्व 29 मई को रवाना हो जाएंगी।
जिले में 9 शैडो एरिया जहां पर संचार व्यवस्था नहीं है वहां पुलिस वायरलेस के माध्यम से संचार व्यवस्था सुचारू रहेगी। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक देवेद्र सिंह पिंचा ने मा0 प्रेक्षकों को अवगत कराया कि निर्वाचन के दौरान निर्वाचन सम्बन्धी सुरक्षा हेतु 3 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स व 1 कंपनी पीएसी जनपद में आ रही है।
साथ ही विधानसभा के सभी बैरियरों में चेकिंग अभियान चल रहा है सभी टीमें कार्यरत हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह रावत, अपरजिलाधिकारी हेमन्त कुमार वर्मा, एम0सी0सी नोडल रिंकू बिष्ट, व्यय अनुवीक्षण नोडल वरिष्ठ कोषाधिकारी रिचांशु शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
Previousसभी उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार अपने-अपने तहसील मुख्यालय पर हर समय उपलब्धता बनाए रखें एवं रात्रि प्रवास सुनिश्चित करेंः जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार।
Nextवरिष्ठ पत्रकार अनुराग गुप्ता को राष्ट्रीय पत्रकार यूनियन का जिला प्रभारी नियुक्त
धौलादेवी में महंगाई के विरोध में गरजे कांंग्रेसजन,जिलाध्यक्ष पाण्डेय ने की पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य कम करने की मांग |
फिमोसिस लिंग की तैयारी का कसना है।फिमोसिस के साथ सिर कठिन और दर्दनाक खुलता है या बिल्कुल नहीं खुलता है। फिमोसिस शारीरिक या अधिग्रहण किया जा सकता है। शारीरिक फिमोसिस के साथ, उस स्थान पर जहां पतला पत्ता त्वचा में गुजरता है वहां एक प्राकृतिक संकुचन (बिना स्कार्फिंग) होता है। त्वचा खुली, लोचदार, आसानी से फैलती है।
फिमोसिस के लक्षण:
पूर्ण खोज के लिए foreskin की अक्षमता;
पेशाब में कठिनाई, मूत्र की एक पतली धारा;
लगातार मूत्र संक्रमण संभव है।
शारीरिक फिमोसिस
लगभग हर पुरुष शिशु का चरम होता हैजन्म के समय मांस नहीं हटाया जाता है। यह एक शारीरिक फिमोसिस है। यह क्या हो सकता है? फिमोसिस एक समस्या नहीं है जब तक यह पेशाब में सूजन और कठिनाई का कारण बनता है। केवल एक वर्ष के लड़कों में से आधे का एक चरम मांस होता है जो लिंग की गर्दन से ऊपर जा सकता है। तीसरे वर्ष के अंत तक, 90% लड़कों से फोरस्किन हटाया जा सकता है। 6-7 साल की उम्र के बच्चों में, 8% मामलों में फिमोसिस होता है, 17 साल की उम्र तक, 1% बनी हुई है। कोई शारीरिक आयु सीमा नहीं है जो शारीरिक फिमोसिस निर्धारित करती है।
अगर किसी बच्चे को फिमोसिस का निदान किया जाता है, तो यह क्या हैतो माता-पिता को कैसे कार्य करना चाहिए? फिमोसिस के इस रूप का उपचार व्यक्तिगत रूप से किया जाता है, कुछ मामलों में, सर्जरी से बचा जा सकता है। ध्यान से और delickin foreskin खिंचाव के लिए आवश्यक है। प्रक्रिया बच्चे के स्नान के बाद की जानी चाहिए, ताकि ऊतक अधिक लोचदार और फैलाए जा सकें। परिणाम में सुधार क्रीम "Akriderm" के उपयोग में मदद मिलेगी। प्रत्येक समय के साथ ऊतकों का तनाव थोड़ा बढ़ाया जाना चाहिए, किसी भी मामले में सिर के तेज हटाने से परहेज नहीं किया जाना चाहिए। तीव्र आंदोलनों से संकीर्ण हिस्से, बच्चे की निशान और मनोवैज्ञानिक आघात की उपस्थिति हो सकती है।
अगर फोरस्किन खोलने के लिए खोलना बहुत संकीर्ण है, तो बच्चे को पेशाब में परेशानी होती है, लिंग की फिमोसिस शल्य चिकित्सा से हटा दी जाती है।
इस शारीरिक सुविधा वाले लड़कों को स्वच्छता पर बहुत ध्यान देना चाहिए। लिंग के सिर के उद्घाटन से पहले, हर दिन एंटीसेप्टिक तैयारी के साथ लिंग का इलाज करने की सलाह दी जाती है।
हाइपरट्रॉफिक फिमोसिस - यह क्या है?
प्रोबोस्किस (हाइपरट्रॉफिक) फिमोसिस हैपैथोलॉजी, जिसमें फोरस्किन इतना फैलता है कि यह पूरी तरह से लिंग के सिर को भी खड़े राज्य में ढकता है। अतिरिक्त फोर्सकिन रोगजनक बैक्टीरिया के विकास के लिए लिंग पर एक अनुकूल वातावरण बनाता है। एक अप्रिय गंध है, सूजन संबंधी बीमारियों के विकास की संभावना बहुत अच्छी है। इसके अलावा, लड़कों को सहकर्मी उपहास के अधीन किया जा सकता है, वयस्क पुरुषों को उनके यौन जीवन में समस्या हो सकती है।
हाइपरट्रॉफिक फिमोसिस का इलाज करने के दो तरीके हैं- परिश्रम और रूढ़िवादी उपचार। जब सुंता की जाती है, स्थानीय संज्ञाहरण के तहत फोरस्किन का उत्पादन होता है। एक सप्ताह के बाद स्यूचर घुल जाता है, यौन गतिविधि एक महीने में फिर से शुरू की जा सकती है।
Cicatricial फिमोसिस
खतरनाक सिकाट्रिकियल फिमोसिस क्या है, यह क्या हैबीमारी, किस तरह से व्यक्त किया जाता है? अधिग्रहित फिमोसिस के विकास के लिए प्रोत्साहन एक अनुवांशिक पूर्वाग्रह, लिंग के आघात, और बालनोपोस्टाइटिस (लिंग और फोर्सकिन की एक साथ सूजन) के रूप में कार्य कर सकता है। अक्सर cicatricial फिमोसिस मधुमेह में विकसित होता है और पुरुषों जो स्वच्छता के नियमों को अनदेखा करते हैं। यह रोग तेजी से प्रगति करता है और मूत्रमार्ग, खराब पेशाब और गैंग्रीन सिर के विकास के कारण हो सकता है। कंज़र्वेटिव उपचार अप्रभावी है। तेजी से अंतिम वसूली के लिए, खतना की सिफारिश की जाती है - प्रकोप की खतना। |
मोबाइल में Pendrive कैसे चलाये ? OTG Cable Connect करने का तरीका
Home INTERNET मोबाइल में Pendrive कैसे चलाये ? OTG Cable Connect करने का तरीका
Mobile me Pendrive Kaise chalaye इसी के बारे में सर्च कर रहे है तो सही जगह पर है, कई सारे स्मार्टफोन में यूज़र्स को 32GB से 64GB स्टोरेज ही मिलती है और जायदातर स्टोरेज में तो pre-installed app ही होती है यानी वो अप्प जो मोबाइल में पहले से इनस्टॉल रहती है यानि कि सिस्टम में इनस्टॉल होती है जिन्हें uninstall या रिमूव नही किया जा सकता है, लेकिन फिर ऐसा कोई तरीका है जिससे कि Mobile Storage को बढ़ाया जा सकता है
इसके लिए कई सारे तरीके है, अपने मोबाइल में SD कार्ड का इस्तेमाल करके स्टोरेज को बढ़ा सकते है लगभग सभी स्मार्टफोन में SD Card Slot दिया रहता है जिसमे यूज़र्स Sd Card या memory card लगाकर अपने डिवाइस की स्टोरेज को दुगना कर सकते है लेकिन कई सारे स्मार्टफ़ोन में सिम स्लॉट के साथ ही SD Card Slot होता है जिससे कि आप 1 सिम और मेमोरी कार्ड का यूज़ कर सकते है लेकिन अगर आप Mobile में double sim का इस्तेमाल करते है तो Sd Card को नही लगा सकते है, लेकिन मोबाइल में Pendrive लगा सकते है कंप्यूटर की तरह मोबाइल में बड़े साइज के USB Port नही होते है लेकिन फिर भी इसे यूज़ किया जा सकता है।
मोबाइल में पेनड्राइव कैसे चलाये ? जाने हिंदी में
0.1 मोबाइल में पेनड्राइव कैसे चलाये ? जाने हिंदी में
1 मोबाइल में Pendrive कैसे चलाये ? Using OTG Cable
1.1 Mobile में Pendrive लगाने के लिए क्या चाहिए ?
1.2 Mobile में Pendrive कैसे Connect करे ?
1.3 Mobile Phone से Pendrive में डाटा ( फ़ोटो, वीडियो, गाने ) कैसे भेजे ? ट्रांसफर करे।
1.4 महत्वपूर्ण –
कंप्यूटर यूज़र्स को पेनड्राइव की हमेसा जरूरत पड़ती है क्योंकि अगर डाटा को स्टोर करके रखना है तो ये एक अच्छा तरीका है pendrive का आकार बहुत ही छोटा होता है जिसे की एक जगह से दूसरी जगह पर आसानी से ले जाया जा सकता है और इसकी साइज 1gb से लेकर 1TB तक होती है लेकिन 2TB की पेनड्राइव भी आती है लेकिन जायदातर लोग 64GB से 128GB साइज की ड्राइव का ही इस्तेमाल करते है और इसकी डाटा ट्रांसफर स्पीड भी अच्छी होती है, कभी कभी कंप्यूटर को फॉरमेट भी करना होता है और अगर अपने PC को Full Format करते है तो इससे आपका सारा डाटा भी डिलीट हो जाता है इसलिए अपने डेस्कटॉप या कंप्यूटर के डाटा का backup लेना महत्वपूर्ण होता है
इसके लिए Pendrive का इस्तेमाल कर सकते है और 1GB से लेकर 1TB तक के डाटा को इसमे स्टोर कर सकते है, कंप्यूटर की तरह जब मोबाइल को Full Reset किया जाता है तो उसका डाटा भी डिलीट हो जाता है लेकिन अगर आपके Mobile में मत्वपूर्ण Photo, Video, Document है जिनका बैकअप बनाना चाहते है तो पेनड्राइव में अपनी सभी Files photos, videos, document आदि का बैकअप ले सकते है और Mobile Rest करने के बाद उस बैकअप को अपने डिवाइस स्टोरेज या sd card में ट्रांसफर कर सकते है।
मोबाइल में Pendrive कैसे चलाये ? Using OTG Cable
कंप्यूटर की तरह मोबाइल फ़ोन में बड़े साइज का Usb port नही होता है केवल चार्जिंग के लिए Usb port दिया रहता है जो कि स्मॉल साइज का होता है इसलिए अगर आप अपने Mobile में Pendrive लगाना चाहते है तो डायरेक्ट नही लगा सकते है इसके लिए आपको USB OTG Cable का उपयोग करना होता है, ये सभी Device के लिए उपलब्ध होती है लेकिन इसका यूज़ करने के लिए आपका मोबाइल OTG supported होना चाहिए तभी उससे पेनड्राइव को कनेक्ट कर सकते है,
आज कल सभी Phone में OTG connect करने के लिए ऑप्शन दिया रहता है, लेकिन कई सारे लोगो को पता नही होता है कि Mobile Se Pendrive Kaise Connect Kare ये जाएदा मुश्किल नही और न ही इसके लिए आपको अपने मोबाइल में किसी अप्प को डाउनलोड और इनस्टॉल करना होता है बल्कि बिना किसी थर्ड पार्टी अप्प का यूज़ किये ही OTG connect कर सकते है, ये एक बहुत ही सरल तरीका है जिससे कि आप photos, Videos, Document आदि डाटा को ट्रांसफर और रिसीव कर सकते है।
Mobile में Pendrive लगाने के लिए क्या चाहिए ?
1. OTG supported Mobile
वैसे तो फ़ोन में ओटीजी कनेक्शन वाला ऑप्शन पहले से दिया रहता है इसलिए आपको सिर्फ ओटीग़ केवल ही खरीदनी होती है जो कि आप किसी भी शॉप स खरीद कर सकते है या ऑनलाइन भी शॉपिंग साइट Amazon, Flipkart, Snapdeal आदि से खरीद सकते है इसका प्राइस भी जाएदा नही होता है और बहुत ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट का यूज़ करने से प्रोडक्ट पर डिस्काउंट भी मिल जाता है, जैसे ही इसके बारे में सर्च करते है तो बहुत सारे प्रोडक्ट दिखने लगते है जो भी प्रोडक्ट अच्छा लगे उसे खरीद सकते है।
Mobile में Pendrive कैसे Connect करे ?
सबसे पहले आपको पता होना चाहिए कि आपका डिवाइस OTG connection को support करता है या नही क्योकि जो बिना otg Supported फ़ोन में Pendrive को कनेक्ट करेगे तो वो काम नही करेगा, अलग अलग डिवाइस में यूज़र्स इंटरफ़ेस भी अलग होता है, जिससे कि उनमें कई सारे ऑप्शन भी अलग जगह पर होते है, लेकिन यहाँ में आपको जो तरीका बताने वाला हु उससे आप अपने किसी भी डिवाइस के बारे में जान सकते हों कि आपका मोबाइल ओटीजी सपोर्ट करता है या नही करता है और इसके लिए किसी भी सॉफ्टवेयर और अप्प का यूज़ नही करना होगा, सिर्फ़ नीचे बताए स्टेप्स को फॉलो करना है।
अपने मोबाइल की सेटिंग में जाए, उसके बाद आपको additional Setting में जाना है
यहां पर आपको OTG connection वाला ऑप्शन दिख जाएगा
अगर यहां पर ओटीजी वाला ऑप्शन नही Show करता है तो आपको setting मे सर्च बार मे otg लिखकर सर्च करना है फिर आपको ये ऑप्शन दिख जाएगा, अगर ये ऑप्शन नही शो कर रहा है तो आपका डिवाइस otg supported नही है।
Mobile में Pendrive कैसे चलाये ? और लगाए
सबसे पहले आपको अपने मोबाइल की सेटिंग में जाने के बाद Additional Setting में जाना है और यहाँ पर OTG Connection वाले ऑप्शन पर क्लिक करके इसे इनेबल कर देना है।
फिर आपको Pendrive को OTG Cable में लगाकर अपने मोबाइल से कनेक्ट कर देना है इसके बाद OTG Connected वाला एक नोटिफिकेशन आएगा और File manager में phone storage के साथ मे ओटीजी वाला ऑप्शन ही दिखेगा जिसका इस्तेमाल करके आप मोबाइल से किसी भी डाटा गाने, वीडियो, डाक्यूमेंट्स आदि को पेनड्राइव में ट्रांसफर कर सकते है और इसके डाटा photo, video, song को Mobile में भी ट्रांसफर कर सकते है, इसके अलावा अगर आप इंटरनेट से कोई large File को इसमें डाउनलोड करना चाहते है तो इसके लिए आपको सेटिंग में जाकर डाउनलोड स्टोरेज को चेंज करके वहां पर USB drive को सेलेस्ट करना होगा,
Mobile Phone से Pendrive में डाटा ( फ़ोटो, वीडियो, गाने ) कैसे भेजे ? ट्रांसफर करे।
अपने मोबाइल से पेनड्राइव को कनेक्ट करने के डाटा को भेजने और प्राप्त करने के लिए आपको अपने Mobile में file manager अप्प को ओपन करना होगा, यहां पर phone storage और Otg वाले ऑप्शन दिखेगे ।
फ़ोन storage वाले ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपको अपने फ़ोन की सभी फाइल्स दिखेगी जिनमेसे जिस भी फोटोज, वीडियो, गाने को Pendrive में भेजना चाहते है उसपर क्लिक करके उसे सेलेक्ट करले, एक से जाएदा फाइल्स को भी सेलेक्ट कर सकते है, file select करने के बाद कुछ ऑप्शन दिखेगे जिनमेसे कॉपी वाले ऑप्शन पर क्लिक करे, कॉपी वाले ऑप्शन पर क्लिक करके फ़ाइल फ़ोटो, वीडियो, गाने को कॉपी कर सकते है।
अभी आपको दुबारा file manager में जाना है और OTG वाले ऑप्शन पर क्लिक कर देना है, उसके बाद आपको यहां पर paste और new folder ऑप्शन दिखेगे, अभी आप चाहे तो pendrive में new folder बना सकते है और paste वाले ऑप्शन पर क्लिक करके फ़ाइल कॉपी की है उन्हें पेस्ट करदे।
फ़ोन की डाटा फ़ाइल ( वीडियो, फ़ोटो, गाने ) को सफलतापूर्वक ट्रांसफर कर दिया है, इसी तरीके से पेनड्राइव से भी मोबाइल में data transfer कर सकते है इसके लिए अलग से किसी भी file manager अप्प को नही डाउनलोड करना होता है।
किसी भी मोबाइल से Pendrive Connect करने के लिए उसमे Otg Support होना चाहिए क्योंकि आपका डिवाइस अगर Otg Supported नही है और उसमें USB Drive कनेक्ट करते है तो वो काम नही करेगी, इसलिए अपनी फ़ोन सेटिंग में जाकर ओटीजी कनेक्शन वाला ऑप्शन चेक करे क्योकि Screen Cast जैसे फीचर के साथ और भी कई सारे ऑप्शन है जो कि जायदातर फ़ोन में नही मिलते है।
Mobile Phone Me Pendrive Kaise Chalaye In Hindi, कंप्यूटर की तरह स्मार्टफोन में भी ओटीजी केबल का उपयोग करके पेनड्राइव को फ़ोन से जोड़ा जा सकता है, ओटीजी केबल का उपयोग करके पेनड्राइव ही नही बल्कि माउस, कीबोर्ड, कार्ड रीडर आदि को भी कनेक्ट कर सकते है ये एक अच्छा तरीका है जिससे की आप अपने डिवाइस के स्टोरेज को बढ़ा सकते है, और अगर आप अपने मोबाइल का बैकअप बनाना बनाना चाहते हों तो इस मेथड से अपना सारे डाटा फ़ोटो, वीडियो, गाने, डॉक्यूमेंट आदि का बैकअप बना सकते है।
दोस्तो Mobile me Pendrive Kaise Chalaye in Hindi इसके बारे में सीख ही गए हो होंगे ये जानकारी आपको अच्छी लगी और फायदेमंद रही तो इसे अपने दूसरे दोस्तो के साथ मे सोशल मीडिया पर भी शेयर करे और ऐसी और भी एंड्राइड ट्रिक से संबंधित पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी साइट पर विजिट करते रहे, नयी पोस्ट की जानकरी फेसबुक पर प्राप्त करने के लिए हमारे Facebook Page को लाइक करे |
कैंसर माता-पिता की तरह क्या हैं? - ज्योतिष - 2022
कैंसर माता-पिता की तरह क्या हैं?
क्या आप जानना चाहते हैं कि कैंसर के माता-पिता क्या हैं?राशि चक्र के संकेत वे माता-पिता के लिए एक-दूसरे को थोड़ा और जानने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में सेवा कर सकते हैं और यह भी जान सकते हैं कि उनके बच्चे का चरित्र क्या है।
ज्योतिष न केवल माताओं की चिंता करता है, बल्कि यह पिता की भी बहुत चिंता करता है। पुरुष और महिला दोनों अपनी राशि की शक्तियों और कमजोरियों को जानना पसंद करते हैं और यह जानना चाहते हैं कि क्या वे वास्तव में कौन हैं के साथ वर्णन फिट बैठता है।
(21 जून से 22 जुलाई तक)
कर्क राशि के माता-पिता वे अपने बच्चों के संरक्षक दूत बनते हैं। वे हर कीमत पर उनका बचाव करते हैं और समस्या होने पर सबसे पहले उनकी मदद करते हैं। वे अपने बच्चों के प्रति वफादार हैं, वे उनकी देखभाल और शिक्षा में शामिल हैं और वे स्नेह और शांति के साथ उनकी रक्षा करते हैं। कैंसर माता-पिता भी हमेशा तैयार रहते हैं गर्भावस्था के दौरान सहयोग करें और यहां तक कि भाग लें और अपने बच्चे के जन्म पर उपस्थित हों। वे कुछ भी याद नहीं करना चाहते हैं, हालांकि कभी-कभी यह आग्रह मां को भारी पड़ सकता है।
दूसरी ओर, कर्क राशि के पुरुष हस्ताक्षर करते हैं वे बहुत घरवाले हैं। उन्हें अपने परिवार के साथ घर पर रहने और अपने बच्चों के साथ गतिविधियाँ करने में मज़ा आता है। उस अर्थ में, हम कह सकते हैं कि वे बहुत ही पारंपरिक लोग हैं जो परिवार को शुरू करने के लिए किए गए काम को महत्व देते हैं।
इस मायने में, इस संकेत के माता-पिता वे ओवरप्रोटेक्टिव बन सकते हैं, कुछ ऐसा है जो बच्चों के सामाजिक विकास में बहुत बाधा डालता है। यह भय और अविश्वास का कारण बन सकता है, इसलिए यदि आप इस संकेत के हैं, तो ध्यान रखें कि एक बात बच्चों की रक्षा करना और जागरूक होना है, और दूसरा यह है कि छोटे लोगों को कुछ स्वतंत्रता के साथ काम न करने दें।
यदि आप कर्क राशि के माता-पिता हैं, तो आप जानना चाहेंगे कि इस ज्योतिषीय संकेत के कुछ प्रसिद्ध माता-पिता क्या हैं। यह आपको उनके साथ किसी चीज़ में पहचान सकता है।
- टौम हैंक्स। 9 जुलाई 1956 को अमेरिकी अभिनेता और निर्माता का जन्म
- रॉबिन विलियम्स। 21 जुलाई, 1951 को अमेरिकी अभिनेता का जन्म
- लॉयनल मैसी। फुटबॉल खिलाड़ी का जन्म 24 जून 1987 को हुआ था
- हैरिसन फोर्ड। अभिनेता का जन्म 13 जुलाई, 1942 को हुआ था
- टौम क्रूज़। अभिनेता का जन्म 3 जुलाई 1962 को हुआ था
- जुआन लुइस गुएरा। 7 जुलाई 1956 को डोमिनिकन रिपब्लिक में इंटरप्रेटर और लेखक का जन्म
- केविन बेकन। अभिनेता का जन्म 8 जुलाई 1958 को हुआ था
- Chayanne। प्यूर्टो रिकान गायक और नर्तकी का जन्म 28 जून, 1968 को हुआ था
- विक्टर मैनुअल सैन जोस। स्पेनिश गायक-गीतकार और निर्माता 7 जुलाई, 1947 को पैदा हुए
- विन डीजल। अभिनेता, निर्माता और फिल्म निर्देशक का जन्म 18 जुलाई, 1967 को हुआ था
- ब्रायन ऑस्टिन ग्रीन। अभिनेता का जन्म 15 जुलाई 1973 को हुआ था
.Ries के संकेत के पिता। मेष राशि के माता-पिता का प्रोफाइल। बच्चों की शिक्षा में राशि चक्र के संकेत। माता-पिता के लिए ज्योतिष और कुंडली। मेष राशी। यदि आप राशि चक्र मेष राशि के हैं और जानना चाहते हैं कि आप एक पिता के रूप में कैसे होंगे, तो इन सभी विशेषताओं को देखें जिन्हें हमने अपनी साइट पर एकत्र किया है
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तुला राशि के पिता। तुला माता-पिता की प्रोफ़ाइल। राशि चक्र बच्चों की शिक्षा को कैसे प्रभावित करता है। राशि चक्र के संकेत। Dads के लिए कुंडली। राशि चक्र का चिह्न तुला। हमारी साइट आपको उन विशेषताओं की एक श्रृंखला प्रदान करती है जो राशि चक्र के माता-पिता को लिबड़ा में परिभाषित करती हैं।
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मकर माता-पिता मकर माता-पिता की प्रोफ़ाइल। डैड्स के लिए राशि चक्र संकेत। माता-पिता की कुंडली। ज्योतिष और प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के बीच संबंध।
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मीन राशि का पिता। मीन राशि के माता-पिता के लक्षण। मीन राशि वाले। माता-पिता और बच्चों के लिए राशिफल। माता-पिता और बच्चों के रिश्ते पर ज्योतिष का प्रभाव। हमारी साइट हमें मीन राशि के माता-पिता की विशेषताओं को बताती है। मीन राशि के माता-पिता कैसे होते हैं, बच्चों के साथ। |
Home स्वास्थ्य चिकित्सा में समय की बहुत बड़ी भूमिका है !
Category: स्वास्थ्य Published: Friday, 23 November 2018 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee
किसी का समय ठीक हो तो कम चिकित्सा या बिना चिकित्सा के भी बड़े बड़े रोग भाग जाते हैं !समय साथ देता है तो ग्रामीण किसान मजदूर एवं जंगल में रहने वाले आदिवासी भी स्वस्थ रह लेते हैं बिना कोई टिका लगे हुए भी उनके बच्चे स्वस्थ सुदृढ़ एवं निरोग रह लेते हैं !समय साथ न दे तो बड़े बड़े राजा महाराजा सेठ साहूकार मंत्री आदी सारे साधन होने के बाद भी रोगी होते और मरते देखे जाते हैं !इससे ये सिद्ध हो जाता है कि चिकित्सा बहुत कुछ है लेकिन सबकुछ नहीं है !स्वस्थ रहने के लिए समय और चिकित्सादोनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है !किसी का समय जब ख़राब होता है तब उसे कोई रोग होता है या किसी के साथ कोई शारीरिक दुर्घटना तभी घटित होती है जब उसका समय ख़राब होता है !जब तक किसी का समय ख़राब रहता है तब तक उस रोगी को अच्छे डॉक्टरों के विषय में पता नहीं होता है जब उनके विषय में पता होता है तब उनसे मुलाकात करना बड़ा कठिन हो जाता है जब वो मिल पाते हैं तो उन्हें रोग समझ में नहीं आता है जब वे रोग समझ पाते हैं तब वो जो दवा लिखते हैं वो या तो मिलती नहीं है और यदि मिल भी गई तो उस रोगी पर असर नहीं करती है !दवा के लाभ न करने पर डॉक्टर लोग दवाएँ बदलते रहते हैं !जबकि रोगी लोग चिकित्सक बदलते रहते हैं !स्वदेश से लेकर विदेश तक चिकित्सा करवाते करवाते जब उतना समय बिता लेते हैं जितना बुरा होता है !उसके बाद उस रोगी के स्वस्थ होने का जब समय आ चुका होता है उस समय ऐसे स्वस्थ होने लायक रोगियों की औषधी स्वयं उनका अपना समय ही बन जाता है !और वह स्वयं ही स्वस्थ होने लगते हैं ! |
जार्ज माइकल (संगीत और ऑडियो) - Mimir विश्वकोश
english George Michael
from the BBC programme Desert Island Discs, 5 October 2007.
जॉर्ज माइकल (जन्म जॉर्जियो किरियाकोस पानायियोटौ ; जन्म २५ जून १ ९ ६३ - २५ दिसंबर २०१६) एक अंग्रेजी गायक, गीतकार, रिकॉर्ड निर्माता, और परोपकारी कलाकार थे, जो संगीत की जोड़ी के सदस्य के रूप में प्रसिद्धि पाने के लिए उठे थे! और बाद में एक एकल कैरियर शुरू किया। वह व्यापक रूप से 1980 और 1990 के दशक में अपने काम के लिए जाने जाते थे, जिसमें वम भी शामिल थे! सिंगल्स जैसे "वेक मी अप बिफोर यू गो-गो" और "लास्ट क्रिसमस" और सोलो एल्बम जैसे फेथ (1987) और लिसन विदाउट प्रीजुडिस वॉल्यूम। 1 (1990)।
माइकल ने यूके में सात नंबर एक एकल और अमेरिका में बिलबोर्ड हॉट 100 पर आठ नंबर एक गाने को प्राप्त किया, जिसमें "लापरवाह कानाफूसी", "प्रार्थना के लिए समय" और "डोंट लेट द सन गो डाउन ऑन मी" शामिल हैं। 2004 में, रेडियो अकादमी ने 1984-2004 की अवधि में माइकल को ब्रिटिश रेडियो पर सबसे अधिक खेला जाने वाला कलाकार नामित किया। माइकल बिलबोर्ड पत्रिका के अनुसार दुनिया भर में सबसे अधिक बिकने वाले ब्रिटिश संगीत कृत्यों में 115 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड के साथ रैंक करता है। 2008 में, वह बिलबोर्ड के अब तक के सबसे महान हॉट 100 कलाकारों की सूची में 40 वें स्थान पर थे। माइकल ने अपने 30 साल के करियर में विभिन्न संगीत पुरस्कार जीते, जिनमें तीन ब्रिट अवार्ड-सर्वश्रेष्ठ दो बार ब्रिटिश पुरुष पुरस्कार, चार एमटीवी वीडियो म्यूजिक अवार्ड, छह इवोर नोवेलो अवार्ड, तीन अमेरिकी संगीत पुरस्कार और आठ नामांकन से दो ग्रैमी अवार्ड शामिल हैं। 15 वर्षों में माइकल का पहला दौरा, 25 लाइव दौरा, तीन वर्षों (2006, 2007 और 2008) के दौरान तीन दौरों में फैला। उन्होंने 17 अक्टूबर 2012 को लंदन के अर्ल्स कोर्ट में अपना अंतिम संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
माइकल, जो 1998 में समलैंगिक के रूप में बाहर आया था, एक सक्रिय एलजीबीटी राइट्स प्रचारक और एचआईवी / एड्स चैरिटी फंडराइज़र था। माइकल के व्यक्तिगत जीवन और कानूनी परेशानियों ने 1990 के दशक और 2000 के दशक के दौरान सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि उन्हें 1998 में सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उस समय के बाद कई ड्रग-संबंधी अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया था। 2005 की वृत्तचित्र ए डिफरेंट स्टोरी ने उनके करियर और व्यक्तिगत जीवन को कवर किया। 25 दिसंबर 2016 के शुरुआती घंटों में, 53 वर्ष की उम्र में माइकल, ऑक्सफोर्डशायर के गोरिंग-ऑन-थेम्स में अपने घर पर मृत पाए गए थे। एक कोरोनर की रिपोर्ट ने उनकी मृत्यु को प्राकृतिक कारणों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
25 जून, 1963
लंदन फिंचली
पानायियोटौ जॉर्जियोस क्यारिकोस
पुराने समूह का नाम = Wham! <वैम!>
अपने बचपन के दोस्त एंड्रयू रिजले के साथ मिलकर उन्होंने 1981 की जोड़ी "वम!" बनाई। '82 एल्बम 'वम रैप!' में डेब्यू किया। नाचने योग्य गानों और लुक के साथ, तीन सिंगल्स ने अपने डेब्यू के बाद से एक बड़ी हिट बनाई है, और यूके में '83 का पहला एल्बम 'फैंटास्टिक' भी नंबर 1 है, और यह एक ही बार में स्टार बन गया है। '84 सिंगल 'उकीकी वेक मी अप' जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में एक बड़ी हिट है। तब से, उन्होंने "फ्रीडम", "आई एम योर मैन", "लास्ट क्रिसमस" और अन्य हिट फ़िल्में की हैं और '85 में उन्होंने हांगकांग, बीजिंग और ग्वांगझू में चीन के दौरे हासिल किए हैं। '86 में बाधित, एक लोकप्रिय चोटी। इस समय के दौरान, उन्होंने '84 में अपना पहला एकल एकल "लापरवाह कानाफूसी" जारी किया। अच्छी बिक्री की रिकॉर्डिंग के साथ, 16 कवर संस्करण पूरे विश्व में बनाए गए, जिससे यह एक गर्म विषय बन गया। जोड़ी टूटने के बाद '87 एल्बम 'फेस' का विमोचन किया। दुनिया भर में 10 मिलियन से अधिक बिक्री और चार एकल हिट के साथ, इसने खुद को एक शीर्ष गायक के रूप में स्थापित किया है। '88 में उन्होंने सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट की यूके कंपनी के साथ 15 साल का अनुबंध किया, लेकिन '93 ट्रांसफर की आजादी के लिए मुकदमा किया। जून 1995 में, एकाधिकार अनुबंध को समाप्त करने के लिए सिद्धांत रूप में समझौता हुआ और एक समझौता हुआ। जुलाई दो कंपनियों, वर्जिन रिकॉर्ड्स (उत्तरी अमेरिका को छोड़कर) और ड्रीमवर्क्स (उत्तरी अमेरिका) के साथ अनुबंधित। छह साल की '96 में पहली बार एल्बम "एल्डर" का विमोचन किया। '98 का सर्वश्रेष्ठ एल्बम सभी अंग्रेजी में प्रथम स्थान पर है। 2004 में, उन्होंने सोनी कॉरपोरेशन में वापसी की और आठ साल बाद अपना मूल एल्बम "पेयरशेंस" जारी किया। अन्य एल्बमों में "ट्वेंटी फाइव" (2006) और "सिम्फोनिका" (2014) शामिल हैं। 1988 में लॉस एंजिल्स में व्यभिचार के लिए गिरफ्तार होने पर समलैंगिक घोषित किया। 2005 में, एक ही-सेक्स पार्टनर कानून ने संयुक्त राज्य में डी-फैक्टो-समान विवाह की अनुमति दी, और एक अमेरिकी व्यक्ति के साथ एक साथी के विवाह की घोषणा की। मैंने 17 साल में पहली बार डॉक्यूमेंट्री फिल्म "जॉर्ज माइकल-द कन्फेशंस ऑफ ए रियल फेस" के साथ जापान का दौरा किया था, जिसने उसी साल मेरे जीवन को देखा। 2010 में, उन्हें मारिजुआना सेवन के साथ एक यातायात दुर्घटना का सामना करना पड़ा, 8 सप्ताह जेल की सजा सुनाई गई और जेल में कैद किया गया। |
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प्रश्न चिन्ह ...आखिर क्यों?.... कटघरे में खड़े मिथकीय पात्र - अटूट बंधन
Home reviews प्रश्न चिन्ह …आखिर क्यों?…. कटघरे में खड़े मिथकीय पात्र
प्रश्नों से परे कोई भी नहीं है …ना मैं, ना आप और ना ही हमारे मिथकीय पात्र | हिन्दू दर्शन की खास बात ये हैं की प्रश्नों को रोका नहीं गया है अपितु अधिक से अधिक प्रयास किया गया है की व्यक्ति प्रश्न पूछे और उसकी जिज्ञासाएँ शांत की जाएँ | अनेक ग्रंथों की शुरुआत ही प्रश्नों से हुई है …नचिकेता के प्रश्नों से आत्मा के गूढ़ रहस्य का ज्ञान होता है तो अर्जुन के प्रश्नों से कर्म योग का | इसलिए प्रश्न पूछे जाने का स्वागत सदा से होता रहा है |
रामायण या महाभारत हों या अन्य ग्रंथ ऐतिहासिक/मिथकीय की स्पष्ट परिभाषों में नहीं आ पाते | प्रश्न ये भी उठता है की इनमें तारीख का जिक्र क्यों नहीं किया| जो भी उस काल के बारे में कहा गया संकेतों में कहा गया | इसका एक कारण संभवत: ये भी रहा होगा की ये कथाएँ किसी काल के क्रम में कैद ना हो जाएँ वो चरित्र केवल उस काल के चरित्र कह कर उसी दृष्टि से ना रोक दिए जाएँ वो हर युग में पहुंचे ….और उस युग के प्रश्नों का समाधान उसी की भाषा वाणी और भेष में करें |
यही कारण है की ये कथाएँ आज भी हैं | नए प्रश्नों के साथ, नए उत्तरों के साथ | पौराणिक काल के लेखकों से अभी तक उन कथाओं को समझने और उस समय लोगों को समझाने के लिए तमाम कथाएँ, उपकथाएँ जोड़ी गईं | अब ये पढ़ने वाले के ऊपर है की उन कथाओं को अक्षरश: वही मान ले, उनकी आज के काल-क्रम के आधार पर पुनरव्याख्या करें या तर्क से खारिज करें,पर कथाएँ शाश्वत हैं और रहेंगी क्योंकि वो हर व्यक्ति को ये प्रश्न पूछने, विचारने, खोजने की छूट देती हैं |
"सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है फिर भी हर एक सत्य ही होगा … स्वामी विवेकानंद
अब प्रश्न ये भी उठ सकता है की हम सत्य को हजार तरीके से क्यों कहते हैं? उत्तर यही है की हर व्यक्ति अपनी क्षमता व योग्यता के आधार पर उसे समझ सकता है और समझाने वाला इसी आधार पर प्रयास करता है | मूल उद्देश्य अटके रहना नहीं समझ कर आत्मसात करना है |
कुछ ऐसे ही प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए वंदना गुप्ता जी लेकर आई है काव्य संग्रह "प्रश्न चिन्ह…. आखिर क्यों?" यहाँ उन्होंने कुछ पौराणिक पात्रों से प्रश्न पूछ कर उन्हें उत्तर देने को विवश किया | ये प्रश्न समस्त स्त्रियों की तरफ से पूछे गए हैं और कुछ में पात्रों ने स्वयं ही अपने काल के नायकों से प्रश्न पूछे हैं तो कुछ ने स्वयमेव ही प्रश्नों के उत्तर दिए हैं | जैसे-जैसे आप संग्रह में आगे बढ़ते जाएंगे इनमें से कुछ प्रश्न आपके प्रश्न बन जाएंगे तो कई बार कुछ नए प्रश्न भी खड़े हो जाएंगे .. क्योंकि जिज्ञासाओं का उठना और उनका समाधान कर शांत किये जाना ही मूल उद्देश्य रहा है |
पहला प्रश्न गांधारी से है जिन्होंने आँखों पर पट्टी बांधी है .. ये प्रश्न समस्त स्त्री जाति की तरफ से है की आखिर क्या कारण है की आप ये शिक्षा आज की नारियों को देती हैं की वो अपने पति के कार्यों के लिए कभी प्रश्न ना उठाए | आँखों पर पट्टी बांध कर बस रबर स्टैम्प बन कर हर गलत पर मोहर लगाती चले |
गांधारी से प्रश्न
एक युग चरित्र
पति पारायण का खिताब पा
बस बन सकी सिर्फ पति परायणा
नहीं बन सकीं आत्मनिर्भर कर्तव्यशील भी
नहीं बन सकीं नारी के दर्प का सूचक
पहले तो गांधारी अपने पक्ष में उत्तर देती हैं फिर धीरे -धीरे उनका स्वर कमजोर पड़ने लगता है | लेखिका ललकार कर कहती है ॥
कितनी नारियां होम हो गईं
क्या उठा पाओगी उन सबके कत्ल का बोझ
लेखिका ताकीद करती है ….
आगे देखिए ….
मगर नारी बनना ही सबसे मुश्किल
बुद्ध से प्रश्न …
बुद्ध से प्रश्न करते हुए वो पूछती है की सन्यास के लिए जाते समय यशोधरा को क्यों नहीं बता कर गए | संसार को त्याग कर सन्यास लेने वाले पत्नी के आगे क्यों कमजोर पड़ गए | बुद्ध उत्तर देते हैं ….
शायद मैं ही तुम्हारे
द्रण निश्चय के आगे
टिक नहीं पाता
तुम्हारी आँखों में देख नहीं पाता
की देखो
स्त्री हूँ सहधर्मिणी हूँ
पर तुम्हारी पगबाधा नहीं
इसी बात को राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त "यशोधरा में कुछ इस प्रकार लिखते हैं …
"मुक्तिबोध" शीर्षक कविता में राम और कैकेयी की वार्ता के माध्यम से वो युग -युग से कैकेयी पर लगे आरोपों को ना सिर्फ बेआधार बताती हैं बल्कि कैकेयी को एक ऐसे वचन की रक्षा करते हुए दिखती हैं जिसके कारण कैकेयी का चरित्र नई ऊँचाइयों को छूता है | पुनः मैथलीशरण गुप्त जी की "साकेत" में कैकेयी की मानवीय भूल दिखाई गई है | जहाँ वो इसके लिए पश्चाताप करती है |
करके पहाड़ सा पाप मौन रह जाऊं?
राई भर भी अनुताप न करने पाऊं?"
सबमे भय, विस्मय और खेद भरती थी।
"क्या कर सकती थी मरी मंथरा दासी,
मेरा मन ही रह सका ना निज विश्वासी।
यहाँ कैकेयी को नए दृष्टिकोण से देखिए ..
जीवन उसके चरणों में हार दिया
अपने प्रेम कए प्रमाण दिया
मैंने प्रेम में स्व को मिटाकर
राम को पाया है
सशक्त स्त्री उर्मिला
उर्मिला रामायण में एक उपेक्षित पात्र रहीं हैं |हालांकि वो एक सशक्त स्त्री हैं | कई लोगों ने इस बात को समझ कर उर्मिला के ऊपर लिखा हैं | प्रस्तुत संग्रह में उर्मिला स्वयं अपनी कहानी बताती हैं |
तुम्हारी पथ बाधा बन जाऊँगी
भंवर में तुम्हें फँसाऊँगी
अहिल्या के प्रश्नों के माध्यम से लेखिका अहिल्या की परिस्थितियों उसकी इच्छाओं पर भी बात करती हैं | यहाँ पाषाण हो जाने कए अर्थ वो गहन अवसाद में चले जाने से लेती हैं | फिर भी उनसे प्रश्न है की जब श्री राम ने उन्हें मुक्ति दी तो उन्होंने पति के पास जाने का मार्ग ही क्यों चुना |जबकि उसे पति ने उन्हें श्राप दिया था .. इसके माध्यम से वो विवाह और उसके धर्म के तमाम सूत्रों की चर्चा करती हैं |
शयड अहिल्या
तुम्हें समझ आ गई थी
राम की बात
मर्यादा सबके लिए जरूरी है
तुम्हारा उदाहरण देकर समझाते
गर मनचाहा करना चाहते हो
तो व्यक्त रहते प्रतिकार करो
मगर जब मर्यादा में बंध जाओ
फिर ना मर्यादा का हनन करो
"तुलसी शालिग्राम संयोग .. एक प्रश्न चिन्ह?" में तुलसी, स्वयं प्रश्न कर रही है …
तुम दोष मुक्त नहीं हो सकते कृष्ण
किसी घर के अंदर हुआ
इस प्रकार मिथकीय/ऐतिहासिक चरित्रों से प्रश्न पूछ कर और उनके यथा संभव उत्तर जानने का प्रयास कर लेखिका उन चरित्रों को ना सिर्फ आज के परिदृश्य में ला कर खड़ा करती हैं अपितु ये समझने -समझाने कए प्रयास करती हैं की आज की नारी उनको किस आधार पर अपना आदर्श माने या किस आधार पर उन्हें इतिहास के उस काल क्रम में छोड़ कर आगे बढ़ जाए |
यश पब्लिकेशन से प्रकाशित इस पुस्तक में ८० पेज हैं | प्रूफ रीडिंग में कोई खामी नहीं है |कवर पेज से अपने मानस में उन चरित्रों से साक्षात्कार करने का बोध होता है जहाँ परछाई व्यक्ति से बड़ी हो जाती है | आम पाठकों के लिए ये कवर थोड़ा गूढ़ है |
अगर आप भी प्रश्नों और उनके उत्तरों को जानने समझने में रुचि रखते हैं तो यह संग्रह आपके लिए मुफीद है |
प्रश्न चिन्ह….आखिर क्यों?- काव्य संग्रह
लेखिका -वंदना गुप्ता
प्रकाशक -यश पब्लिकेशन
पृष्ठ -८०
मूल्य -२५० रुपये
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कपूरथला। माडर्न जेल कपूरथला में फिर तीन कैदियों से तीन मोबाइल, बैटरी, सिम और मेमोरी कार्ड बरामद हुआ है। सहायक सुपरिंटेंडेंट जसविंदर सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह करीब सात बजे जेल गारद ने बैरक नंबर7/8 में सर्च आपरेशन चलाया। कैदी गुरजीत सिंह उर्फ जीता निवासी गांव आईयां खुसरोपुर ख़ान कपूरथला, बंदी दविंदर सिंह उर्फ देव निवासी जिला गंगानगर राजस्थान और बंदी कार्तिक निवासी जालंधर कैंट तीन मोबाइल, सिम, बैटरी और मेमोरी कार्ड बरामद हुआ। इस पर उन्होंने थाना कोतवाली की पुलिस को सूचना दी। थाना कोतवाली की पुलिस ने तीनों कैदियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दो दिन पहले दो कैदियों से जेल स्टाफ ने तीन मोबाइल बरामद किए थे। एआईजी व एसपी जेल सुरिंदरपाल खन्ना ने कहा कि माडर्न जेल में मोबाइल नेटवर्क क्लीनिंग अभियान चल रहा है। यह बरामदगी उसी का हिस्सा है। |
मेरा फेसबुक बेबी: 37 वर्षीय महिला, आईवीएफबबल के ऑनलाइन मुफ्त आईवीएफ ग्रैवेवे में आईवीएफ उपचार के एक कोर्स को जीतने के बाद बेटी को जन्म देती है - ivfbabble
अपने छह हफ्ते के बच्चे को गोद में लेकर मुस्कुराते हुए, केटी फोस्टर रोमांचित है उसकी बेटी समय के लिए आ गई है क्रिसमस - एक प्रतियोगिता के लिए उसने फेसबुक पर जीत हासिल की।
एचआर मैनेजर, 37, और उनके पति जॉन, एक डॉक्टर, ने आईवीएफ के एक नि: शुल्क दौर को प्राप्त किया, जब उन्हें उस प्रतियोगिता के विजेताओं का नाम दिया गया, जो उसने एक सनक में प्रवेश किया था।
स्टैफ़र्डशायर के दंपति, हमेशा से जानते थे कि उन्हें 35 साल के डॉ। फोस्टर के रूप में एक परिवार के लिए मदद की ज़रूरत होगी, उनका जन्म एक प्रजनन क्षमता के साथ हुआ था, जिससे गर्भाधान मुश्किल हो गया था।
वे केवल एक दौर के लिए पात्र थे एनएचएस-अपने क्षेत्र में आईवीएफ - आधिकारिक दिशानिर्देशों के बावजूद जोड़ों को तीन राउंड प्राप्त करने चाहिए - और दुख की बात है कि 2015 में उनका पहला प्रयास असफल रहा।
दंपति ने निजी IVF के आगे के दो राउंड के लिए £ 16,000 का भुगतान किया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः उनके पहले बच्चे एलिजा का जन्म हुआ, जो अब दो हैं।
लेकिन यद्यपि वे अपने बच्चे को पूरा करने के लिए एक और बच्चा चाहते थे, वे आईवीएफ पर एक और £ 8,000 खर्च करने के बारे में चिंतित थे जब उनके गर्भ धारण करने की संभावना समय के साथ कम हो गई थी।
श्रीमती फोस्टर ने कहा: 'जब पैसा खर्च करने की बात आई तो इस पर बहुत विचार करना पड़ा। जैसा कि अब हमारे पास एक बच्चा था, मैं काम पर अंशकालिक चला गया था और हमारे पास चाइल्डकैअर की अतिरिक्त लागतें थीं। गर्भ धारण करने की हमारी संभावनाएं बहुत अच्छी नहीं थीं, इसलिए हमें नहीं पता था कि क्या हम कोशिश करने के दिल के दर्द से गुजर सकते हैं और यह काम नहीं कर रहा है। '
एक सीधी गर्भावस्था के बाद, बेबी एबिगेल का जन्म अक्टूबर में स्टैफ़ोर्ड अस्पताल में हुआ था, जिसका वजन स्वस्थ 8lb 5oz था। वह अब अपने बड़े भाई के साथ घर पर जीवन बसर कर रही है, जो उसे गले लगाना और उससे बातें करना बिल्कुल पसंद करता है
लेकिन फिर एक दोस्त ने अप्रैल 2018 में प्रतियोगिता को बढ़ावा देने वाले पोस्ट में उसे टैग किया जो आईवीएफ के एक मुक्त दौर को दूर कर रहा था और श्रीमती पोस्टर ने प्रवेश किया।
फर्टिलिटी एडवांटेज वेबसाइट आईवीएफ बब्बल द्वारा चलाई जा रही यह प्रतियोगिता यूके में फर्टिलिटी पार्टनरशिप क्लीनिक द्वारा वित्त पोषित आईवीएफ के आठ मुक्त दौर की पेशकश कर रही थी ताकि इलाज की 40 वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया जा सके।
यह मानते हुए कि वह नहीं जीतेगी, श्रीमती फोस्टर ने तीन महीने बाद एक ईमेल प्राप्त होने तक यह सब भूल गई, यह कहते हुए कि उसे हजारों प्रविष्टियों में से चुना गया था।
उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि किसी को मुझसे संपर्क करना चाहिए और यह वास्तविक नहीं हो सकता। 'मैंने अभी इस पर विश्वास नहीं किया। इसमें कुछ दिन लग गए और क्लिनिक ने मुझे डूबने से पहले पुष्टि करने के लिए फोन कर दिया। '
फर्टिलिटी एडवांटेज वेबसाइट आईवीएफ बब्बल द्वारा चलाई जा रही यह प्रतियोगिता ब्रिटेन में फर्टिलिटी पार्टनरशिप क्लीनिक द्वारा वित्त पोषित आईवीएफ के आठ मुक्त दौर की पेशकश कर रही थी ताकि इलाज की 40 वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया जा सके।
एक सीधी गर्भावस्था के बाद, बेबी एबिगेल का जन्म अक्टूबर में स्टैफ़ोर्ड अस्पताल में हुआ था, जिसका वजन स्वस्थ 8lb 5oz था।
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आईवीएफबबल फ्री आईवीएफ ग्रैवेवे में आईवीएफ ट्रीटमेंट जीतने के बाद स्कॉट कपल 'परफेक्ट' बच्चे को जन्म देते हैं |
जायदाद की रंजिश में बालक की हत्या कर शव को इंजन के साइलेंसर से झुलसाया गया था : हत्यारोपी तमंचा सहित गिरफ्तार – FBD News
जायदाद की रंजिश में बालक की हत्या कर शव को इंजन के साइलेंसर से झुलसाया गया था : हत्यारोपी तमंचा सहित गिरफ्तार
September 27, 2020 September 27, 2020 fbdnews
मेरापुर फर्रूखाबाद।(एफबीडी न्यूज) जायदाद की रंजिश में बालक रितिक की बीते दिन हत्या करने के बाद उसके शव को इंजन के साइलेंसर से झुलसाया गया था। रितिक थाना मेरापुर के ग्राम दहेलिया निवासी धर्मेश कुमार यादव का 4 वर्षीय पुत्र था। घर से गायब हो जाने पर रितिक को तलाशा तो उसका शव गांव के रिटायर्ड शिक्षक महेशचन्द्र यादव के घर के सामने बबलू के मकान की पश्चिमी दीवार के पास पडा देखा गया था। पोस्टमार्टम में रितिक की नाक व मुंह दबाकर हत्या किये जाने की पुष्टि हुई है। धर्मेश ने बेटे की हत्या के मामले में अपने ताऊ ग्रीशचन्द्र के बेटे हरेन्द्र यादव के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है। हरेन्द्र ने धर्मेश को सर्वनाश करने की धमकी दी थी।
धर्मेश ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि जब मै बेटे को शाम 5 बजे तलाश कर रहा था तब हरेन्द्र ने ही मुझे बेटे का शव पडे होने की जानकारी दी थी तभी मुझे हरेन्द्र पर शक हो गया था। हरेन्द्र उस समय जानवर चरा कर लौटा था। धर्मेश ने बताया कि मेरे अविवाहित ताऊ हरीश सिंह यादव हरेन्द्र के पास रहते थे। जो बीते पौन माह से अपने जानवरों सहित मेरे घर रहने लगे थे। ताऊ हरीश ने एक दिन पहले ही मुझसे कहा था कि मै अपने हिस्से की 10 बीघा जमीन रितिक के नाम कर देगे, इसी बात से धर्मेश जलन मनाने लगा।
धर्मेश के पिता कमल सिंह ने बताया कि रितिक बीते दिन करीब 4 बजे हरेन्द्र यादव की पुत्री के साथ खेलते हुये उसके घर में चला गया था। उस समय हरेन्द्र इंजन से चारा काट रहा था, हरेन्द्र ने अपनी बेटी को वहां से भगा दिया और रितिक की नाक व मुंह दबाकर हत्या कर दी। इंजन के गरम साइलेंसर से रितिक को इस लिये झुलसाया गया कि लोग यह समझे कि रितिक बिजली के करंट से मरा है। रितिक की हत्या करने के बाद हरेन्द्र ने शव को अपने घर की 6 फुट ऊंची दीवार फांदकर पडोसी बबलू की दीवार के पास डाल दिया था, उसके बाद हरेन्द्र जानवर चराने चला गया। थानाध्यक्ष धर्वेन्द्र कुमार ने बताया कि बालक की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की गहराई से जांच पडताल की जा रही है।
हत्यारोपी तमंचा सहित गिरफ्तार
थाना मऊदरवाजा पुलिस ने मोहल्ला बीबीगंज नौसारा निवासी हत्यारोपी मयंक शाक्य को 315 बोर तमंचा व 2 कारतूसों सहित गिरफ्तार किया है।
9 जुंआरी गिरफ्तार
थाना मऊदरवाजा पुलिस ने मोहल्ला नौसारा बीबीगंज निवासी संतोष, सुमित, मोहल्ला दीवान मुबारक निवासी राहुल एवं मोहल्ला गढी मुकीम खां निवासी अख्तियार को 630 रूपये व ताश की गड्डी सहित गिरफ्तार किया है। जब कि थाना कमालगंज के दरोगा सूर्य प्रकाश ने ग्राम राजेपुर सराय मेंधा में जुंआ खेलते गांव के ही नाजिर हुसैन, अफलाक, रामवीर, ग्राम महरूपुर रावी निवासी अमरजीत एवं शास्त्री नगर निवासी देवेश उर्फ बजरंगी को गिरफ्तार किया है।
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क्या हरियाणा मंत्रिमंडल में नहीं है कोई फूट का स्वर ? : Tez News
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चंडीगढ़ : क्या बिन बादलों के बारिस हो सकती है ? क्या बिना किसी चिंगारी के धूंआ उठ सकता है ? क्या घर में बिना किसी फूट के होते भी परिवार का मुखिया प्रेस कांफ्रेंस में सरे आम कहता है कि उसके घर में कोई फूट नहीं है ? आखिर क्यों हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को कहना पड़ा कि उनके मंत्रिमंडल में कोई फूट नहीं है ? चाहे मुख्यमंत्री कितना ही स्पष्टीकरण दें ,परन्तु हरियाणा भाजपा के सत्तासीनों में कहीं न कहीं पानी की लीकेज तो हो ही रही है . बिना लीकेज के सीलन नहीं आती , हाँ यह अवश्य हो जाता है कि सीलन काफी पुरानी हो और दिखाई बहुत देर से दे . पर इतना भी तय है कि सीलन ज्यादा पुरानी हो तो भवन को गिरने का खतरा उतना ही बढ़ जाता है . आखिर क्यों खुद मुख्यमंत्री को इस फूट को नकारना पड़ा ? क्यों मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के लोकसंपर्क विभाग के माध्यम से अपनी प्रेस विज्ञप्ति में इस पीड़ा को प्रसारित करना पड़ा ?
क्या कहती है प्रेस विज्ञप्ति ?
"चण्डीगढ़, 23 मार्च- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सामुहिक रूप से बैठक कर चर्चा करना व निर्णय लेना भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति व परंपरा रही है और पूरा मंत्रीमंडल एक जुट है और प्रदेश के हित के लिए सामुहिक निर्णय लेता है.
मुख्यमंत्री आज पंचकूला सेक्टर 11-15 में शहीद भगत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने उपरांत पत्रकारों से बात कर रहे थे और मंत्रियों द्वारा गुप्त बैठक किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे."
क्यों उठी चिंगारी ?
मार्च 20 , 2018 को हरियाणा मंत्रिमंडल के चार वरिष्ठ मंत्रियों ने सरकारी सचिवालय में ही एक मंत्री के कार्यालय में चाय के बहाने एक निजी मीटिंग की , जिससे हवा उड़ी कि मुख्यमंत्री खट्टर के खिलाफ कोई चक्र – व्यूह की रचना की जा रही है . मीटिंग में भाग लेने वाले चार वरिष्ठ मंत्री बताये गए हैं –अनिल विज , राम बिलास शर्मा , ओमप्रकाश धनखड़ तथा विपुल गोयल . यहाँ उल्लेखनिय है कि प्रथम तीन मंत्री हरियाणा के मुखमंत्री की कुर्सी पर बैठने को काफी समय से लालायित बताये जा रहे हैं , यह अलग बात है कि उनकी यह मंशा भाजपा के इस कार्यकाल में फलीभूत हो पायेगी या नहीं .
फूट की चिंगारी किसी ज्वाला का रूप लेती इससे पहले ही अगले ही दिन मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने आवास पर 'डिनर डिप्लोमेसी' के तहत एक भोज का आयोजन कर सभी विमुखित मंत्रियों को ठन्डे शावर के छींटे लगाकर उठ रहे फूट के धुएं को चिंगारी सहित दबा देने का काम कर दिया . बाद में भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी फूट की किसी भी चिंगारी से इनकार किया और इस डिनर को एक रूटीन की प्रक्रिया बताया
बताया जाता है कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजय वर्गीय द्वारा इसी 15 मार्च को चंडीगढ़ में ली गयी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की मीटिंग में भी प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी द्वारा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को लेकर आवाज उठी थी .अमित शाह की जींद रैली में भी कार्यकर्ताओं द्वारा अपेक्षा से काफी कम भीड़ जुटाने को लेकर उठे सवाल को कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का ही परिणाम माना जा रहा है . अगर हालत यही रहे और कार्यकर्ताओं तथा मंत्री मंडल के सहयोगियों की यों ही उपेक्षा होती रही तो आगामी लोकसभा व विधान सभा चुनावों में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है . धुएं को बुझा देने से चिंगारी नहीं बुझती , उसकी तह तक पानी सींचना पड़ता है . |
नीतू कपूर ने बेटे Ranbir को बताया दाल चावल जैसा सिंपल लड़का, कहा- उसके लिए सबसे अच्छी लड़की वो होगी...
रणबीर कपूर की इमेज को लेकर जहां सोशल मीडिया में अलग तरह की बातें कहीं जाती हैं। वहीं, उनकी मां नीतू कपूर का कहना है कि उनका बेटा दाल चावल जितना सिंपल लड़का है।
दरअसल, रणबीर कपूर मां नीतू के काफी क्लोज हैं और नीतू के भी वह लाडले हैं। ऐसे में एक बार नीतू ने एक इंटरव्यू में कहा था कि रणबीर बहुत ही सेंसिटिव है। वह किसी को भी कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। नीतू ने कहा था, 'वह जब पहली बार किसी लड़की को डेट कर रहा था तब मुझे पता था कि वो लड़की उसके लिए ठीक नहीं है लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं मानी थी।' इसके साथ ही नीतू ने अपनी बहू को लेकर कहा, 'मुझे एक ऐसी बहू चाहिए जो यह समझ सके कि रणबीर कितना सीधा है। वह बिल्कुल दाल चावल टाइप का लड़का है। वह खुद नाज-नखरे नहीं करता है और न ही वो ऐसी पत्नी को पसंद करेगा जो नखरे करती हो। वह मेरी तरह ही है। उसकी जैसी इमेज बना रखी है, वह उससे बिलकुल अलग है। नीतू ने बताया कि रणबीर के सबसे अच्छी लड़की वो होगी जो उसे जैसा वह है, वैसा होने के लिए प्यार करे।'
कई बार ऐसी खबरें भी सामने आईं कि आलिया और रणबीर जल्द शादी भी कर सकते हैं। हालांकि दोनों ने कभी इसे लेकर कोई बात नहीं की। कहा जाता है कि दोनों के रिश्ते को परिवार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है। वहीं, नीतू कपूर भी आलिया भट्ट को काफी पसंद करती हैं। दोनों की साथ में कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। इसके साथ ही जब ऋषि कपूर का निधन हुआ था तो आलिया भट्ट रणबीर और नीतू कपूर के साथ हर वक्त खड़ी रही थीं। वहीं अगर वर्क फ्रंट की बात करें तो रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जल्द ही फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में नजर आने वाले हैं। इसमें महानायक अमिताभ बच्चन भी अहम भूमिका में हैं।
Direct Flight From Agra To Lucknow From 28th March - खुशखबरी: लखनऊ से आगरा के लिए डायरेक्ट फ्लाइट, हफ्ते के सातों दिन रहेगी उपलब्ध | Patrika News |
कोरोना बजट में पूंजिपति माला-माल, OLX बना बजट ? - UK LIVE
कोरोना बजट में पूंजिपति माला-माल, OLX बना बजट ?
नेशनल , बजट , सोमवार को देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का दमदार बजट पेश किया. दमदार मतलब, कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाला बजट. एक ऐसा बजट जिसमें देश की वित्त मंत्री ने जमकर सेल लगाई. दर्सल केंद्र सरकार ने नये वित्त वर्ष के लिए 2 लाख करोड़ रुपए विनिवेश के तौर पर जुटाने का लक्ष्य रखा है. ये लक्ष्य पिछले साल की बात करें तो उससे तकरीबन 35 हज़ार करोड़ रुपे कम है. सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष यानि 2020-21 के लिए 2.1 लाख करोड़ रुपे विनिवेश के ज़रिए जुटाने की घोषणा की थी. मतलब ये कि कोरोना बजट में पूंजिपति माला-माल, OLX बना बजट !
वित्त मंत्री की माने तो सरकार के पास 1.75 लाख करोड़ रुपे जुटाने का पुख्ता प्लान है. बजट की घोषणा के वक्त ये साफ किया गया, कि कुछ सरकारी कंपनियों में विनिवेश को लेकर फैसले किये जा चुके हैं. जो अगले वित्त वर्ष में पूरे हो जाएंगे. तो अब सवाल ये उठता है कि वो सरकारी कंपनियां हैं कौन-कौन सी जिन्हें लेकर सरकार फैसले ले चुकी है.
विनिवेश के ज़रिए सरकार जुटाएगी 1.75 लाख करोड़ रुपे !
वित्त मंत्री के मुताबिक अगले वित्तीय साल में एअर इंडिया, वीपीसीएल, एसीआई और कॉनकोर के विनिवेश पर मुहर लग सकती है. एलआईसी की आईपीओ भी अगले वित्तीय साल में लाने का प्लान है. IDBI भी विनिवेश होगा. इसके अलावा शेयर बाज़ार में भी तेजी को देखते हुए सरकार CPSE से कुछ हिस्सेदारी भी OFS यानि ऑफर फॉर सेल के जरिए बेंच सकती है.
BPCL से सरकार बेंचेगी अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी
BPCL में हिस्सेदारी की बिक्री से केंद्र सरकार करीब 60 हज़ार करोड़ रुपे जुटा सकती है. इसमें सरकार अपनी 52.98 फीसदी कगी हिस्सेदारी बेंच रही है. बीपीसीएल देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी है. जिसकी बैलेंस शीट सबसे ज्यादा मजबूत है. ये कंपनी हमेशा से सरकार को मालामाल करती रही है.
देशभर में बीपीसीएल के करीब 17,138 पेट्रोल पंप हैं. सरकार के पास कंपनी के करीब 114.91 करोड़ शेयर हैं. बजट के दौरान सरकार ने ये एलान किया है कि BPCL के रणनीतिक खरीददार को कंपनी का प्रबंध नियंत्रण भी ट्रांसफर किया जाएगा. यानि आसान भाषा में कहें, तो जो कंपनी ये सरकारी शेयर खरीदेगी वो कंपनी इसकी मालिक बन जायेगी.
LIC सरकार बेंचेगी 25 फीसदी हिस्सेदारी
एलआईसी – जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी यानि LIC हमेशा से सरकार को फायदा कमा कर देती रही है. लेकिन बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में सरकार एलआईसी का आपीओ लांच करेगी. इसकी हिस्सेदारी बेंचने के लिए अभी सरकार को इसमें कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है. बदलाव के बाद सरकार इसमें अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी कम करेगी.
AIR INDIA सरकार बेंचेगी पूरी हिस्सेदारी
एयर इंडिया – बुरी तरह कर्जदार सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया से सरकार भी अब उकता चुकी है और अगले वित्तीय वर्ष में वो इसे बेंचने में सफल रहेगी. सरकार इसकी पूरी हिस्सेदारी बेंचना चाहती है. कर्जे की बात करें तो वर्तमान में एयर इंडिया पर करीब 60,074 करोड़ रुपे का कर्ज है. लेकिन इसको खरीदने वाली कंपनी को इसके लिए मात्र 23,286.5 करोड़ रुपे ही चुकाने होंगे.
मुनाफे वाले बैंक को भी निजी हाथों में सौंपने की तैयारी
IDBI बैंक – एलआईसी, एयर इंडिया, बीपीसीएल के बाद सरकार की नज़र मुनाफे वाले बैंक आईडीबीआई पर भी है. आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सरकार की 47 फीसदी हिस्सेदारी है. एलआईसी IDBI बैंक में अपना हिस्सा बेंचना चाहती है. सरकार का आईडीबीआई बैंक के साथ साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो दूसरे बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण को भी साल 2021-22 में ही पूरा करने का प्रस्ताव है.
DIPAM ने बनाई मुनाफे वाली कंपनियों की बिक्री सूची
भारत में पहली बार सरकारी संपत्तियों की बिक्री शुरू होगी. DIPAM ने बिकने वाली सरकारी संपत्तियों की सूचि पहले से ही बना ली है. और तो और इस पर मंत्रालयों से भी पूर्व में ही सहमति ली जा चुकी है. सड़कें, एयरपोर्ट, बिजली ट्रांशमिशन लाइन, रेलवे के डेडीकेटेड कॉरिडोर को भी प्राइवेट कंपनियों को बेंचकर पैसा जुटाने का प्लान है. रेलवे समर्पित कॉरिडोर का इस्तेमाल करने के बाद परिचालन और रख रखाव के लिए इसकी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करेगी. परिचालन और प्रबंध संबधी छूट के लिए हवाई अड्डों के अगले समूह का मुद्रीकरण भी किया जाएगा.
सरकार द्रारा परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के जरिए अमल में लाई जाने वाली दूसरी अवसंरचना संपत्तियां हैं –
1- NHAI द्वारा चालू की जा चुकी टोल रोड.
2- PGCIAL की पारेषण परिसंपत्तियां.
3- GAIL, IOCL और HPCL की तेल और गैस पाइप लाइनें.
4- टियर-2-3 शहरों में स्थित AAI के एयरपोर्ट
5- रेलवे की अन्यल अवसंरचना परिसंपत्तियां
6- सीपीएसई – केंद्रीय भंडारण निगम, नैफेड जैसी भंडारण परिसंपत्तियां समेत
7- खेल स्टेडियम भी बेंचकर सरकार पूंजि जुटाने की पूरी प्लानिंग कर चुकी है. मतलब ये कि बजट में देश की आम जनता के हाथ कुछ आया हो या न आया हो लेकिन पूजंपतियों के लिए सरकार के खजाने की वो डायमंड चाबी हाथ लगी है जिसका उन्होंने ख्बाव में भी नहीं सोंचा होगा.
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जरूरतमंदों की सेवा करने के साथ ही वैश्विक मुनाफाखोरों के विरुद्ध आवाज उठाएं – स्वदेशी जागरण मंच - VSK Bharat
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. अश्वनी महाजन ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है. इसका जवाब देने के लिए दवाओं और टीकों सहित विभिन्न चिकित्सा उत्पादों को देश में सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है. एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यद्यपि रेमडेसिविर और फ़ेविपवीर का स्थानीय उत्पादन हो रहा है, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उपलब्ध मात्रा अपर्याप्त है. एक घातक "साइटोकिन स्टॉर्म" के साथ कोरोना रोगियों के इलाज के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण दवा टोसिलिज़ुमाब है, जिसका भारत में उत्पादन नहीं होता है. आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस दवा का आयात अपर्याप्त है. रेमडेसिविर के लिए कंपनियों ने मूल्य में स्वैच्छिक कमी की है, लेकिन यह अभी भी बहुत अधिक है. इसकी कीमत 899 रुपये और 3490 रुपये प्रति शीशी के बीच है. इस संबंध में रिपोर्ट बताती है कि उचित लाभ सहित रेमडेसिविर की पूर्ण लागत 9 अमरीकी डॉलर के आसपास है, यानि लगभग 666 रुपये. दूसरी ओर, टोसिलिज़ुमाब की क़ीमत 40,000 रुपये प्रति शीशी है. वर्तमान परिदृश्य के मद्देनज़र आम जनता कॉर्पोरेट लालच के दबाव में पिस रही है, जिस पर किसी भी हालत में अंकुश लगाने की आवश्यकता है.
इस संदर्भ में, स्वदेशी जागरण मंच वैश्विक कॉरपोरेट बिल गेट्स के उस कथन का पुरजोर विरोध करता है कि वे वैक्सीन फार्मूला, भारत और अन्य देशों के साथ साझा करने के ख़िलाफ़ हैं. यह इस सदी की वीभत्स महामारी के समय में भी कॉर्पोरेट लालच की एक और अभिव्यक्ति है. इन दवाओं की कीमतों की सीलिंग जैसे उपायों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता है. राज्य सरकार की खरीद और निजी अस्पतालों के लिए दोनों कंपनियों द्वारा घोषित वैक्सीन की कीमतें बहुत ज़्यादा हैं और इससे देश में टीकाकरण की गति धीमी हो सकती है. विशेषकर एक महामारी के दौरान दवाओं और टीकों में अनैतिक मुनाफ़ा सभी परिस्थितियों में अनुचित है.
प्रतिस्पर्धा कीमतों को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है. पेटेंट सुरक्षा इन दवाओं के सामान्य उत्पादन के लिए प्रमुख बाधा है. हालांकि, 7 भारतीय कंपनियां स्वैच्छिक लाइसेंस के तहत रेमडेसिविर बना रही हैं, लेकिन मांग को पूरा करने के लिए उनके उत्पादन की मात्रा पर्याप्त नहीं है, और कीमत सामर्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत अधिक है. सरकार को पेटेंट अधिनियम में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का उपयोग करना चाहिए और आने वाले दिनों में और अधिक कंपनियों को अनिवार्य लाइसेन्स के माध्यम से इन दवाओं के उत्पादन की अनुमति देनी चाहिए.
टीके के मामले में, देश को कम से कम 70% जनसंख्या का टीकाकरण करने के लिए लगभग 195 करोड़ खुराकों की आवश्यकता है. इसे दोनों कंपनियों द्वारा अकेले पूरा नहीं किया जा सकता. उत्पादन शुरू करने के लिए अधिक विनिर्माण लाने की तत्काल आवश्यकता है. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा के लिए, सरकार को पेटेंट और व्यापार रहस्य सहित बौद्धिक संपदा बाधाओं को दूर करने के उपाय करने होंगे.
स्वदेशी जागरण मंच नागरिकों का आह्वान करता है कि वे इस कठिन समय में जरूरतमंदों की सेवा करने के साथ-साथ वैश्विक मुनाफाखोरों के विरुद्ध आवाज भी उठाएं.
Ashwini Mahajan bill gates SJM Swadeshi Jagran Manch vaccination vaccine रेमडेसिविर
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देहरादून भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यक्रम संयोजक नियुक्त किए – दैनिक आमोघ
Home/राज्य/उत्तराखंड/देहरादून भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यक्रम संयोजक नियुक्त किए
देहरादून भाजपा जिलाध्यक्ष ने कार्यक्रम संयोजक नियुक्त किए
डोईवाला। भाजपा संगठन के कार्यक्रमों को सुव्यवस्थित, सुचारू रूप से क्रियान्वित करने व समय-समय पर शीर्ष नेतृत्व को फीड बैक प्रदान करने के उद्देश्य से जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर ने कार्यक्रम संयोजक नियुक्त किए हैं।
पार्टी स्थापना दिवस के लिए अरुण मित्तल व शरद रावत, श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस के लिए हिमांशु चमोली, संजीव चौहान,
हरेला पर्व को रचिता ठाकुर, ममता नयाल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म दिवस को संपूर्ण सिंह रावत, सुमन काशव, राज्य स्थापना दिवस को वीर सिंह चौहान, विक्रम नेगी, भीमराव अंबेडकर का निर्वाण दिवस को अरुण मित्तल व प्रकान्त कुमार संयोजक नियुक्त किए गए हैं।
मन की बात प्रमुख के लिए पंकज शर्मा, राजाराम शर्मा, पन्ना प्रमुख को सुदेश कंडवाल, विनोद कश्यप, सोशल मीडिया प्रमुख को राजेश जुगलान, वीरेंद्र चौहान, लाभार्थी प्रमुख को दीवान सिंह रावत,
अमित डबराल, बीएलए प्रमुख को यशपाल नेगी, पंकज शर्मा, बूथ अध्यक्ष प्रमुख के लिए संपूर्ण सिंह रावत व नीरज चौहान नियुक्त किए गए हैं। जिलाध्यक्ष ने सभी कार्यक्रम संयोजकों से कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने की अपेक्षा की है। |
खीरे से बने 5 DIY फेस मास्क, जो दे सकते हैं खूबसूरत और जवां स्किन | How to make DIY Cucumber Face Mask At Home
खीरे से बने 5 DIY फेस मास्क, जो दे सकते हैं खूबसूरत और जवां स्किन
Updated: Jun 10, 2020, 15:19 IST
स्किन की देखभाल के लिए हम ढेरों कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। सलॉन जाने से लेकर घर पर भी स्किन केयर रूटीन फॉलो करने तक, हम सभी चीजें ट्राय करते हैं। हालांकि कई बार आपको वो रिजल्टस नहीं मिल पाते जो आप चाहती हैं। स्किन के लिए प्राकृतिक चीजें बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं जो कि किफायती भी हैं और आसानी से उपलब्ध भी। इनके लिए आपको ना तो अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत है और ना ही किसी सलॉन में जाने की।
खीरा प्रकृति का एक ऐसा फल है जो त्वचा को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। इसमें बहुत से पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन के, विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम, पोटेशियम, मैंगनीज और फाइबर, साथ ही ढेर सारा पानी जो कि स्किन को हाइड्रेट रखता है। स्किन को हील करने और इसे हेल्दी रखने के लिए आप घर पर ही DIY कुकुम्बर फेस मास्क बना सकते हैं। इन्हें कैसे बनाना है आइए जानते हैं:-
1. खीरा और गुलाब जल
शीट मास्क बनाने के लिए मुलायम फाइबर के कपड़े को गोलाकार में अपने चेहरे के आकार में काट लें। इसमें अपनी आंखों, नाक और मुंह के लिए छेद बनाएं। अब आधा खीरा लेकर इसे मैश करें और इससे एक कटोरी में रस निकाल लें। खीरे के रस में दो बड़े चम्मच गुलाब जल डालकर अच्छी तरह से मिलाएं। इस मिश्रण में कपड़े को डुबोएं और अपने चेहरे पर लगाएं। 20 मिनट के लिए इसे रहने दें और फिर मास्क को उतार दें।
2. खीरा, ओटमील और शहद
मिक्सर में एक कटा हुआ खीरा, एक बड़ा चम्मच ओटमील और दो बड़े चम्मच शहद मिलाएं। सभी इंग्रीडिएंट्स को ब्लेंड करके एक पेस्ट बना लें। इसे अपनी त्वचा पर लगाएं और इसे दस मिनट तक छोड़ दें। फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। यह मास्क मुंहासों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
3. खीरा और आलू का रस
एक कटोरी में ताजा खीरे का रस और आलू का रस मिलाएं। इस मिश्रण को एक कॉटन बॉल की मदद से अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 20 मिनट के बाद एक माइल्ड फेस वॉश से चेहरा धो लें। यह मास्क त्वचा की रंगत को समान करने में मदद कर सकता है।
4. खीरा और नींबू का रस
एक बर्तन में खीरे के रस और नींबू का रस बराबर भाग में मिलाएं और इसे कॉटन बॉल की मदद से अपनी त्वचा पर लगाएं। इसे त्वचा में ठीक से अवशोषित होने दें और फिर इसे ठंडे पानी से धो लें। यह त्वचा के पीएच लेवल को सामान्य रखने में मदद करता है।
5. घिसा हुआ खीरा
अगर आप डार्क सर्कल से परेशान हैं तो एक खीरे के छोटे टुकड़े को घिस लें और इसे डार्क सर्कल्स पर लगाएं। इसे 30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। रेगुलर तौर पर इस मास्क को लगाने से डार्क सर्कल्स को कम करने में मदद मिलेगी। |
Now, No more discounts on credit card payment at petrol pumps, Know Why - पेट्रोल पंपों पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अब नहीं मिलेगी कोई छूट, जानें वजह
होमदेशपेट्रोल पंपों पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अब नहीं मिलेगी कोई छूट, जानें वजह
पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अब कोई छूट नहीं मिलेगी. अभी तक सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां क्रेडिट कार्ड से ईंधन के लिए भुगतान पर 0.75 प्रतिशत की छूट दे रही थीं.
भाषा, Updated: 26 सितम्बर, 2019 12:17 AM
पेट्रोल पंपों पर ईंधन खरीदने पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर अब कोई छूट नहीं मिलेगी. अभी तक सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां क्रेडिट कार्ड से ईंधन के लिए भुगतान पर 0.75 प्रतिशत की छूट दे रही थीं. करीब ढाई साल पहले डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई थी. देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को भेजे एसएमएस में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की सलाह पर एक अक्टूबर से पेट्रोल पंपों से ईंधन की खरीद पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर मिलने वाली 0.75 प्रतिशत की छूट को बंद किया जा रहा है.
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वर्ष 2016 के आखिर में नोटबंदी के बाद सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन आयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL) को ईंधन की खरीद के लिए कार्ड से भुगतान पर 0.75 प्रतिशत की छूट देने का निर्देश दिया था. क्रेडिट-डेबिट कार्ड और ई-वॉलेट के जरिये 0.75 प्रतिशत की छूट को दिसंबर, 2016 में शुरू किया गया था.
यह व्यवस्था ढाई साल से अधिक समय तक चली. अब इसे बंद करने का फैसला किया गया है. नकद छूट के अलावा सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों को कार्ड भुगतान शुल्क 'मर्चेंट डिस्काउंट रेट' (एमडीआर) का बोझ भी वहन करने को कहा था. आमतौर पर एमडीआर की लागत रिटेलर द्वारा वहन की जाती है.
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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नैनीताल के बीडी पाण्डे चिकित्सालय में नव स्थापित आईसीयू यूनिट का ऑन लाईन शुभारंभ किया - दैनिक तेजस | Dainik Tejas – Latest Uttarakhand News in Hindi
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मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नैनीताल के बीडी पाण्डे चिकित्सालय में नव स्थापित आईसीयू यूनिट का ऑन लाईन शुभारंभ किया
May 5, 2020
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नैनीताल – 05 मई- सूबे के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार की संाय राजधानी देहरादून से सरोवर नगरी नैनीताल के बीडी पाण्डे पुरूष चिकित्सालय में नव स्थापित आईसीयू यूनिट का आॅन लाईन शुभारंभ किया। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार आम गरीब आदमी को उत्तम एवं आधुनिकतम स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि बीडी पाण्डे चिकित्सालय में आम गरीब लोगों जिलाधिकारी सविन बंसल ने जो सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं की है वह प्रशंसनीय है। जिलाधिकारी के प्रयासों से अस्पताल में स्थापित की गई डिजीटल एक्सरे मशीन का लाभ निश्चित ही दूरदराज के लोगो को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री बंसल ने बेतालघाट में जो टेली मेडीसन सेवा कुछ समय पहले प्रारम्भ की थी उसका लाभ पर्वतीय क्षेत्र से सैकडा़े दुर्गम इलाको के लोगों को मिल रहा है। उन्हांेने कहा कि श्री बंसल की कार्य करने की शैली एंव विजन स्पष्ट एंव जनोपयोगी है इसके लिए एवं वह उनके सहकर्मी बधाई के पात्र है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बीडी पाण्डे चिकित्ससालय में आईसीयू सेवा प्रराम्भ होने से मरीजो की सुविधा होगी और अब उन्हे बेहतर ईलाज के लिए दूसरों शहरों में नही जाना होगा। उन्होने कहा कि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र में रहे लोगो को टेली मेडीसन सेवा देने के लिए सरकार तेजी से काम कर ही है। उन्होने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ व पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा सभी अस्पतालो में चिकित्सकों की तैनाती कर दी है सरकार ने सृजित 2735 पदों के सापेक्ष 2045 चिकित्सकों की तैनाती कर दी है। इसके अलावा 159 दंत चिकित्सकों भी तैनात किये गये है। जो कि दंत चिकित्सा के अलावा प्राथमिक उपचार भी दे रहे है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि निशुल्क चिकित्सा उपचार हेतु अटल आयुषमान योजना जनस्वास्थ्य देखरेख में सरकार द्वारा ऐतिहासिक कदम उठाया है जिसके अन्तर्गत 5लाख तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। इसके लिए प्रदेश के 180 सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों की सूचीबद्ध किया है। इस योजना का अब तक लगभग एक लाख सतावन हजार लोग लाभ उठा चुके है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. भारती राणा ने बताया कि बीडी पाण्डे चिकित्सालय प्रारम्भ हो गया है। आईसीयू कक्ष में चार बैड के अलावा चार मल्टी पैरा माॅनीटर तथा एक-एक डिप्रीलेटर, पोरेेट बल एक्सरे मशीन, फाइवेज मशीन, इन्फ्यूजन पम्प तथा वेंटीलेटर भी स्थापित कर दिए गए है।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. भारती राणा, उप जिलाधिकारी विनोद कुमार, प्रमुख चिकित्साधीक्षक डाॅ. केएस धामी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. तरूण कुमार टम्टा, डाॅ. रश्मि पंत, डाॅ. अनुरूद्ध गंगोला, हरेन्द्र कठायत उपस्थित थे
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||Freedom Struggle and Regional Movements Of Himachal Pradesh||movements of hp||movements of himachal pradesh|| 8. अन्य जन आंदोलन - मण्डी में 1909 में शोभा राम ने राजा के वजीर जीवानंद के भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया | शोभा राम को गिरफ्तार कर अंडमान भेज दिया गया | रामपुर बुशहर में 1859 में विद्रोह हुआ | सुकेत में 1862 और 1876 ई. में राजा ईश्वर सिंह और बजीर गुलाम कादिर के विरुद्ध आंदोलन हुआ | बिलासपुर में 1883 और 1930 में किसान आंदोलन हुआ | सिरमौर के में राजा शमशेर प्रकाश की भूमि बंदोबस्त व्यवस्था के खिलाफ 1878 ई. में भूमि आंदोलन हुआ | चम्बा के भटियात में बेगार के खिलाफ 1896 में जन आंदोलन हुआ | तब चम्बा का राजा श्याम सिंह था |
1. प्रशासनिक सुधार - मण्डी के राजा ने मण्डी में 1933 ई. में मण्डी विधानसभा परिषद का गठन किया जिसने पंचायती राज अधिनियम पास किया | शिमला पहाड़ी रियासतों में मण्डी पहला राज्य था जिसमें पंचायती राज अधिनियम लागू किए | बिलासपुर, बुशहर और सिरमौर राज्यों ने भी प्राशासनिक सुधार शुरू किए | |
मोदी सरकार ने निकाला अर्थव्यवस्था का दिवाला : शम्स – Purvanchal Post
November 22, 2019 purvanchalpost 0 Comments Bihar Government, Congress, Crime, Economy, Modi Government, Narendra Modi
परसौनी। बेलसंड विधानसभा युवा कांग्रेस के कार्यकारिणी की अहम बैठक स्थानीय परसौनी राज दरबार प्रांगण में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष अफ़रोज़ आलम ने किया। बैठक में सीतामढ़ी जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष मो.शम्स शाहनवाज बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।
बैठक को संबोधित करते हुए युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष मो.शम्स शाहनवाज ने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था, कृषि संकट, महंगाई, व्यापार में तालाबंदी, बैंक घोटालों ने मोदी सरकार के जनविरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है। केंद्र व राज्य के एनडीए सरकारों की नीतियों से जनता परेशान हो चुकी है।
मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का दिवाला निकाल दिया है। नोटबंदी और असंतुलित जीएसटी के कारण छह वर्षों में जीडीपी निचले पायदान पर है।
बिहार में सुशासन की आड़ में जंगलराज चल रहा है। अपराधी खुलेआम रंगदारी मांग रहे हैं और पुलिस कार्यवाही करने को तैयार नहीं। शम्स ने युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से 22 नवंबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी के निर्देशानुसार सीतामढ़ी जिला कांग्रेस द्वारा केंद्र व राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अम्बेडकर स्थल डुमरा पर होने वाले धरना-प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। बेलसंड विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष अफ़रोज़ आलम ने युवा कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने एवं नए युवाओं को पार्टी से जोड़ने पर जोर दिया।
मौके पर परसौनी प्रखंड युवा कांग्रेस अध्यक्ष मो.सैफ रज़ा, जिला युवा कांग्रेस सचिव संजीव कुमार यादव, रंजीत कुमार, पिंटू कुमार, मो.असगर, मो.अमज़द, उपेन्द्र साह, मो. बख्तियार, प्रेम कुमार रौशन, राज कुमार, राजेश कुमार, पप्पू कुमार, मुकेश कुमार, वली मोहम्मद, मो.सेराज, सादिक आलम, जितेंद्र कुमार, कमरुल आदि मुख्य रूप से मौजूद थे। |
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जल्द ही Amazon Prime Music App India होगी लॉन्च; Sony Music के साथ की कंटेंट डील
ई-कॉमर्स दिग्गज, अमेज़ॅन भारतीय बाजार में एक नई सेवा, अमेज़ॅन प्राइम म्यूजिक लाने की योजना बना रहा है। अमेज़ॅन की यह ऐप आधारित संगीत सेवा अपने प्राइम मेंबरो को फोन पर मुफ्त में पसंदीदा संगीत को स्ट्रीम करने, डाउनलोड करने और सुनने की अनुमति देगा।(Read in English)
यह देश की शीर्ष संगीत कंपनियों के साथ अमेज़ॅन के बैक-टू-बैक सौदों से स्पष्ट है की ये सर्विस जल्दी ही लांच की जा सकती है। इस महीने की शुरुआत में सरेगामा और ज़ी म्यूजिक जैसी घरेलू संगीत कंपनियों के साथ सौदा करने के बाद, अमेज़न ने हाल ही में सोनी म्यूजिक के साथ हाथ मिला लिया। नई साझेदारी के साथ, अमेज़ॅन प्राइम म्यूज़िक एप्प को अंग्रेजी भाषा के गाने भी मिलेंगे।
यह भी पढ़े: कम्पनी Asus Zenfone 5-सीरीज को अगले महीने MWC 2018 में करेगी लॉन्च
सोनी संगीत दोनों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ काम करता है एल्विस प्रेस्ली, माइकल जैक्सन, बैयोनस, चेन्समोकॉकर, फार्रेल विलियम्स, और कैमीबाबेलो जैसे कई अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के गाने अपने बैनर के तहत जारी किए जाते हैं। और भारत में, यह एआर रहमान, जगजीत सिंह, गुलजार, लकी अली, कोलोनियल कजिनस, दर्शन रावल और बादशाह जैसे कलाकारों के साथ काम करता है।
ईटी(ET) के मुताबिक, इस डील के द्वारा हिंदी फिल्म जैसे कुछ कुछ होता है, कभी अलविदा ना कहने, कही ख़ुशी कभी ग़म, कल हो ना हो, ऐ दिल है मुश्किल , जब हैरी मेट सेजल, दिलवाले, प्रिय जिंदगी और तमिल साउंडट्रैक शामिल हैं।
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इसके अलावा, अमेज़ॅन को 2018 में सोनी से आगामी म्यूजिक रिलीज के एक्सक्लूसिव अधिकार प्राप्त होंगे।
अमेज़ॅन म्यूज़िक, भारत के निदेशक साहस मल्होत्रा ने कहा, "हम सोनी म्यूज़िक के साथ सहयोग करने के लिए उत्साहित हैं, जिसमें नए रिलीज़ और अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और पंजाबी भाषाओं के हिट गाने प्राइम सदस्यों के लिए उपलब्ध होंगे।"
अमेज़ॅन प्राइम म्यूजिक ऐप संयुक्त राज्य अमेरिका में पहले से ही कार्यात्मक है। वहां, विज्ञापन-मुक्त संगीत स्ट्रीमिंग ऐप अमेज़ॅन के प्राइम उपभोक्ता बिना किसी अतिरिक्त कीमत पर संगीत का आनंद ले सकता है। उपयोगकर्ता अमेज़ॅन क्लाउड फीचर का उपयोग करके संगीत को ऑफ़लाइन सेव कर सकते हैं और संगीत सर्च करने के लिए एलेक्सा वॉइस असिस्टेंट का उपयोग कर सकते हैं।
Amazon Prime Music के विकल्प
अमेज़ॅन प्राइम म्यूजिक ऐप का वर्तमान में भारत में इको ग्राहकों द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। हालांकि, अमेज़ॅन इसे सभी के लिए उपलब्ध कराने से पहले थोड़ा समय ले सकता है
तब तक, आप निम्न संगीत स्ट्रीमिंग ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं जो अमेज़ॅन प्राइम म्यूज़िक के योग्य विकल्प के रूप में काम करेंगे: |
'जुड़वा 2' कर रही है धमाकेदार कमार्इ, 100 करोड़ के क्लब में जल्द होगी शामिल
| अक्टूबर 3 , 2017 , 18:42 IST
फिल्म 'जुड़वा 2' बॉक्स ऑफिस पर जमकर धमाल मचा रही है। 4 दिन में फिल्म ने 77.25 करोड़ की कमाई कर ली है और जल्द ही 100 करोड़ का आकड़ा भी छू सकती है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्वीट कर फिल्म की कमाई का आकड़ा बताया है।
वरुण धवन स्टारर डबल रोल वाली फिल्म 'जुड़वा 2' ने रिलीज के चौथे दिन घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 18 करोड़ का कलेक्शन किया है। गांधी जयंती की छुट्टी का फायदा फिल्म को मिला, और फिल्म ने जमकर कमाई की। फिल्म ने पहले दिन 16 करोड़ 10 लाख की कमाई की थी, सोमवार को फिल्म ने पहले दिन से भी ज्यादा कमाई की। चार दिन में फिल्म ने 75 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया। फिल्म की कुल कमाई 77.25 करोड़ हो गई है। अब इस फिल्म के लिए एक हफ्ते में 100 करोड़ का आंकड़ा पार करना मुश्किल नहीं होगा।
'जुड़वा 2' में वरुण धवन का डबल रोल है। इसमें वो प्रेम और राज दो लोगों का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में वरुण, तापसी और जैकलीन के साथ रोमांस करते हुए नजर आएंगे। दर्शकों से मिल रहे इस रिस्पॉन्स से वरुण धवन बहुत खुश है। वरुण ने ट्वीट कर बताया कि 'जुड़वा 2' डेविड धवन के निर्देशन में बनी 44 वीं फिल्म है। पब्लिक से मिल रहे इस रिस्पॉन्स को देखते हुए मैं काफी खुश हूं और एक बेटा होने के नाते में काफी गर्व महसूस कर रहा हूं। 'जुड़वा 2' 1997 में आई सलमान खान की फिल्म 'जुड़वा' की रीमेक है। 'जुड़वा' में सलमान खान डबल रोल में थे।
यहां देखें फिल्म 'जुड़वा 2' का ट्रेलर
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दुनिया की बेहतरीन फिल्मों को देखने के लिये IFFI में बड़ी तादाद में उमड़ रहे हैं दर्शक - iffi is seeing large number of viewers to watch the world s best films
दुनिया की बेहतरीन फिल्मों को देखने के लिये IFFI में बड़ी तादाद में उमड़ रहे हैं दर्शक
नवंबर 27, 2019 16:14
मैक्सिको में जन्में पटकथाकार और निर्देशक आरदुरो रिप्सटीन की स्पेनिश भाषा में बनी फिल्म 'डेविल बिटवीन दी लेग्स' एक बूढ़े इंसान और खूबसूरत बीट्रिज के बीच की कहानी है। उनकी नौकरानी के दोनों के बीच में आने से कहानी किस खूबसूरती से बदलती है, यही इस फिल्म में दिखाया गया है।
पणजी। भारत के 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) को इस बार 'बाई दी ग्रेस आफ गॉड', 'कमिटमेंट' 'डेनियल', 'डेविल बिटवीन द लेग्स','गेस्ट ऑफ ऑनर' , 'पेन एंड ग्लोरी' तथा 'दी गोल्डन ग्लव' जैसी बेहतरीन फिल्मों के लिए याद किया जाएगा। इस बार इफ्फी में ऐसी ही कुछ बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है जिन्हें देखने के लिए दर्शक अच्छी खासी संख्या में उमड़ रहे हैं 'बाई दी ग्रेस आफ गॉड' निदेशक फ्रेंकोइस ओजन की फ्रैंच फिल्म है। अपने कथानक के चलते इस फिल्म की इफ्फी में काफी चर्चा हो रही है। वास्को से फिल्म देखने आयीं गृहिणी टीना इस फिल्म के कथानक से काफी प्रभावित हैं और कहती हैं कि इस प्रकार के विषयों पर खुलकर चर्चा किए जाने की जरूरत है। साल 2004 में इफ्फी का आयोजन शुरू होने के बाद से वह लगातार इस फिल्म समारोह में आ रही हैं। हालांकि मुख्य रूप से उनकी पसंद कोंकणी फिल्में हैं लेकिन उन्हें विश्व प्रतिस्पर्धा सिनेमा के तहत दिखाई जाने वाली अंतरराष्ट्रीय फिल्में और मलयाली फिल्में देखना विशेष तौर पर पसंद है।
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कहानी का कथानक कुछ इस प्रकार है कि अपने परिवार के साथ लियन में रहने वाले अलेक्जेंडर के साथ बचपन में एक पादरी ने दुराचार किया था। एक दिन उसे पता चलता है कि वह पादरी आज भी वही कर रहा है। अलेकजेंडर इस इंसान के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत जुटाता है। यह फिल्मफादर बर्नार्ड प्रेनैट के सच्चे केस पर आधारित है जिस पर साल 2016 में लियन में 70 बच्चों के शारीरिक शोषण का आरोप लगा था। इस फिल्म को बर्लिन फिल्मोत्सव 2019 में 'सिल्वरबीयर ग्रैंड ज्यूरी अवार्ड '' से नवाजा गया था। इफ्फी की बढ़ती लोकप्रियता का हाल यह है कि सभी श्रेणियों में फिल्मों के टिकट बिक चुके हैं और हर स्क्रीनिंग हाल में दर्शकों की भारी भीड़ देखी जा सकती है।
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इसी श्रेणी की चर्चित फिल्म है 'रवांडा'। फिल्म रिकार्डो सैलवेती द्वारा निर्देशित अंग्रेजी फिल्म है जिसमें इतिहास के एक भयानक नरसंहार को दिखाया गया है। यह एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है जिसमें एक महिला, उसका पति और उसके परिवार को दिखाया गया है। इस कहानी में किसी को मरना है तो किसी को मारना है। नरसंहार की भयावहता बयान करती यह सशक्त कथानक वाली सैलवेती की पहली फीचर फिल्म है। 75 साल की सुमिता दासगुप्ता इंदौर की रहने वाली हैं लेकिन वह हर साल इफ्फी समारोह के लिए अपनी गोवा में रहने वाली बेटी नैना के पास आ जाती हैं। पिछले साल इफ्फी के दौरान उन्होंने 22 फिल्में देखी थीं । उनका कहना है कि इफ्फी में विश्व का श्रेष्ठ सिनेमा दिखाया जाता है और इसलिए हर साल वह इसके लिए गोवा आती हैं।
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इस बार बीमार होने और व्हीलचेयर की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण वह फिल्म नहीं देख पायी हैं लेकिन समारोह के अहसास को जीने के लिए अपनी बेटी के साथ इफ्फी समारोह स्थल घूमने के लिए आयी हैं। इसी प्रकार तुर्की के पटकथाकार, फिल्म निर्देशक और निर्माता सेमीड कापलैनोग्लू की फिल्म ''कमिटमेंट''भी अपने कथानक के चलते खूब सराही जा रही है। इसमें असली नामक महिला अपने बच्चे के लिए आया की तलाश में है और उसकी मुलाकात गुलनीहाल से होती है जो खुद एक मां है। इस फिल्मको 92वें अकैडमी अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म श्रेणी में तुर्की कीओर से एंट्री मिली थी।
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मैक्सिको में जन्में पटकथाकार और निर्देशक आरदुरो रिप्सटीन की स्पेनिश भाषा में बनी फिल्म 'डेविल बिटवीन दी लेग्स' एक बूढ़े इंसान और खूबसूरत बीट्रिज के बीच की कहानी है। उनकी नौकरानी के दोनों के बीच में आने से कहानी किस खूबसूरती से बदलती है, यही इस फिल्म में दिखाया गया है। 21साल की उम्र में अपनी पहली फिल्म ''टाइम टू डाई'' बनाने वाले आरदुरो '' वुमन आफ द पोर्ट',' ला रीना दा ना नोशे ' और 'डीप क्रिमसन' के श्रेष्ठ निर्देशन के लिए जाने जाते हैं। 'गेस्ट ऑफ ऑनर' पिता और बेटी के बीच के जटिल रिश्तों को सुलझाते हुए पुराने राज और पाशविक प्रवृतियों को बेनकाब करती है।
कनाडाई रंगकर्मी और फिल्म निर्देशक एटम इगोयान द्वारा निर्देशित इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर इस साल वेनिस फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। इन सभी फिल्मों की स्क्रीनिंग 'मास्टर फ्रेम' श्रेणी में की जा रही है जो कि विश्व की बेहतरीन फिल्मों का संग्रह है। ये फिल्में सीरियल किलर से लेकर मानवता के अस्तित्व के लिए ही खतरा बनने वाले विषयों को समेटे हुए हैं। 20 नवंबर से शुरू होकर 28 नवंबर तक चलने वाले भारत के 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इफ्फी में विश्व की ऐसी ही कुछ और फिल्में दर्शकों को देखने को मिलेंगी।
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ऊना: नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समुदाय ने मांगी पुलिस सुरक्षा - समाचार फर्स्टSamachar First
ऊना: नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम समुदाय ने मांगी पुलिस सुरक्षा
ऊना ज़िले के औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल नंगल कलां में मुस्लिम समुदाय ने जुम्मा रोज पर नमाज़ अदा करने के लिए पुलिस सुरक्षा मांगी है। गांव के जिस स्थान पर मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज़ अदा करते आ रहे थे, वह भूमि गांव की सार्वजानिक इस्तेमाल की है। हालांकि गांव की एक कमेटी ने करीब 40 साल पहले इस भूमि पर आपसी सहमति से मंदिर, मस्जिद व अन्य कुछ सार्वजानिक भवन बनाने के लिए बंटवारा किया था।
अब राजस्व रिकॉर्ड में ये दर्ज नहीं है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोग इस भूमि पर नमाज़ अदा करते आ रहे थे। पिछले शुक्रवार को इस विवादित भूमि पर हिन्दू संगठनों ने भी हनुमान चालीसा का पाठ किया था। हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों का आरोप था कि जब तक गांव के मुस्लिम समुदाय के लोग यहां नमाज़ अदा कर रहे थे उन्होंने कभी उनका विरोध नहीं किया, लेकिन कुछ समय से यहां अनजान लोग दूसरे शहरों से पहुंचने शुरु हो गए। ये लोग कौन थे और यहां क्यों पहुंचते हैं इस पर कुछ स्पष्ट नहीं था।
गांव और क्षेत्र की आंतरिक सुरक्षा के चलते लोगों ने इस भूमि पर मुस्लिम समुदाय से संदिग्ध लोगों के साथ नमाज़ अदा करने का विरोध किया था। गांव के लोगों में भय बना हुआ था। उधर मुस्लिम समुदाय की ओर से पुलिस को दिए गए पत्र में कहा गया है कि तनाव को देखते हुए वे अपनी निजी भूमि पर नमाज़ अदा करेंगे। यहां किसी तरह का विवाद न हो और वे शांतिपूर्ण तरीके से नमाज़ अदा कर सकें इसके लिए पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। |
अल्मोड़ा: माँ नंदा सुनंदा के दर्शन मात्र से होती है , सुख शान्ति की अनुभूति – Khabribox
अल्मोड़ा: माँ नंदा सुनंदा के दर्शन मात्र से होती है , सुख शान्ति की अनुभूति
नंदा देवी का मेला हर साल भाद्र मास (महीने) की अष्टमी (नंदा अष्टमी) के दिन आयोजित किया जाता है | पंचमी तिथि से प्रारम्भ मेले के अवसर पर दो भव्य देवी प्रतिमायें बनायी जाती हैं। पंचमी की रात्रि से ही जागर भी प्रारंभ होती है। यह प्रतिमायें कदली स्तम्भ से बनाई जाती हैं। मूर्ति का स्वरुप उत्तराखंड की सबसे ऊँची चोटी नन्दादेवी के सद्वश बनाया जाता है। षष्ठी के दिन पुजारी गोधूली के समय चन्दन, अक्षत एवम् पूजन का सामान तथा लाल एवं श्वेत वस्त्र लेकर केले के झुरमुटों के पास जाते है। धूप-दीप जलाकर पूजन के बाद अक्षत मुट्ठी में लेकर कदली स्तम्भकी और फेंके जाते हैं। जो स्तम्भ पहले हिलता है उसे देवी नन्दा बनाया जाता है । जो दूसरा हिलता है उससे सुनन्दा तथा तीसरे से देवी शक्तियों के हाथ पैर बनाये जाते हैं।
मुख्य मेला अष्टमी को प्रारंभ होता है
सप्तमी के दिन झुंड से स्तम्भों को काटकर लाया जाता है। इसी दिन कदली स्तम्भों की पहले चंदवंशीय कुँवर या उनके प्रतिनिधि पूजन करते है।मुख्य मेला अष्टमी को प्रारंभ होता है। इस दिन ब्रह्ममुहूर्त से ही मांगलिक परिधानों में सजी संवरी महिलायें भगवती पूजन के लिए मंदिर में आना प्रारंभ कर देती हैं। दिन भर भगवती पूजन चलता है । नवमी के दिन माँ नंदा और सुनंदा को डोलो में बिठाकर अल्मोड़ा और आसपास के क्षेत्रो में शोभायात्रा के रूप में निकाली जाती है | 3-4 दिन तक चलने वाले इस मेले का अपना एक धार्मिक महत्व है |
"नंदा देवी मंदिर" का विशेष धार्मिक महत्व है
कुमाऊं क्षेत्र के उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के पवित्र स्थलों में से एक "नंदा देवी मंदिर" का विशेष धार्मिक महत्व है । इस मंदिर में "देवी दुर्गा" का अवतार विराजमान है | समुन्द्रतल से 7816 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह मंदिर चंद वंश की "ईष्ट देवी" माँ नंदा देवी को समर्पित है | नंदा देवी माँ दुर्गा का अवतार और भगवान शंकर की पत्नी है और पर्वतीय आँचल की मुख्य देवी के रूप में पूजी जाती है | नंदा देवी गढ़वाल के राजा दक्षप्रजापति की पुत्री है , इसलिए सभी कुमाउनी और गढ़वाली लोग उन्हें पर्वतांचल की पुत्री मानते है | कई हिन्दू तीर्थयात्रा के धार्मिक रूप में इस मंदिर की यात्रा करते है क्यूंकि नंदा देवी को "बुराई के विनाशक"और कुमुण के घुमन्तु के रूप में माना जाता है | इसका इतिहास 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है । नंदा देवी का मंदिर , शिव मंदिर की बाहरी ढलान पर स्थित है |
पत्थर का मुकुट और दीवारों पर पत्थर से बनायीं गयी कलाकृति इस मंदिर की शोभा को अत्यधिक बढाते है | नन्दा की उपासना प्राचीन काल से ही किये जाने के प्रमाण धार्मिक ग्रंथों, उपनिषद और पुराणों में मिलते हैं |
माँ नंदा के दर्शन से होती है ऐश्वर्य की प्राप्ति
नंदा देवी को नव दुर्गा के रूप में से एक बताया गया है |भविष्यपुराण में जिन दुर्गा के बारे में बताया गया है,उनमे महालक्ष्मी , नंदा , नन्दा, क्षेमकरी, शिवदूती, महाटूँडा, भ्रामरी, चंद्रमंडला, रेवती और हरसिद्धी हैं । अल्मोड़ा स्थित नंदा देवी का मंदिर उत्तराखंड के प्रमुख मंदिरों में से एक है | कुमाऊँ में अल्मोड़ा, रणचूला, डंगोली, बदियाकोट, सोराग, कर्मी, पोंथिग, कपकोट तहसील, चिल्ठा, सरमूल आदि में नन्दा देवी के मंदिर स्थित हैं। अल्मोड़ा में मां नंदा की पूजा-अर्चना तारा शक्ति के रूप में तांत्रिक विधि से करने की परंपरा है। कहते हैं कि मां नंदा के दर्शन मात्र से ही मनुष्य ऐश्वर्य को प्राप्त करता है तथा सुख-शांति का अनुभव करता है | |
ये अमेरिका के इंटर्न पत्रकार हैं जो दौड़कर खबर पहुंचाते हैं ! - Inkhabar
वाशिंगटन. सबसे पहले, सबसे तेज़, सबसे सटीक- ब्रेकिंग न्यूज़. हम ये मानते होंगे कि सिर्फ भारतीय टीवी मीडिया में ही सेकेंड-सेकेंड की लड़ाई चल रही है लेकिन इस तस्वीर को देखने के बाद आपकी राय एकदम से बदल जाएगी.
ये भागते-दौड़ते युवक-युवतियां अमेरिका के इंटर्न पत्रकार हैं जो अमेरिका में अपने-अपने समाचार चैनल के पत्रकार तक खबर पहुंचाने के लिए दौड़ रहे हैं. जाहिर है कि जो सबसे तेज भागेगा, वो सबसे पहले पहुंचेगा और उस चैनल पर वो ख़बर सबसे पहले दिखेगी. ये कुछ सेकेंड पहले पहुंचने की होड़ दिल्ली से वाशिंगटन तक है.
ये तस्वीर उस दिन की है जब अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक वैवाहिक रिश्तों पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए उसे कानूनी करार दिया था और पूरे देश में लागू कर दिया था. इस फैसले से अमेरिका ऐसा करने वाला दुनिया का 21वां देश बना था.
सुप्रीम कोर्ट के कैंपस में फोन और कैमरा ले जाने की इजाजत नहीं थी तो सारे चैनलों के पत्रकार कोर्ट के बाहर ही कैमरा ऑन करके लाइव हो गए. कोर्ट से बाहर गेट तक की दूरी करीब 100 मीटर है.
इंटर्न पर ही टिका था पहले ख़बर देने का दारोमदार
कोर्ट के अंदर इंटर्न पत्रकार भेज दिए गए जिन्हें ऑर्डर सुनकर बाहर आकर अपने चैनल को यह खबर देनी थी. बस फिर क्या था. जैसे ही फैसला आया, सब दौड़े-भागे अपने-अपने चैनल के पत्रकार के पास ये बताने की कोर्ट ने क्या फैसला दिया है. कहने की जरूरत नहीं है कि कोर्ट का फैसला उसी चैनल पर बाकी चैनलों से कुछ सेकेंड पहले पहले चला होगा जिसका इंटर्न शानदार धावक रहा हो.
इंटर्न मतलब जो कॉलेज से पत्रकारिता की पढ़ाई करके समाचार चैनलों के कामकाज को नजदीक से समझने के लिए मीडिया संस्थानों में पहुंचते हैं. इन्हें मीडिया संस्थान अपने यहां होने वाले हर तरह के काम को समझाते हैं और उसे करने का मौका देते हैं. |
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वेब सीरीज 'हैलो जी' में एक फोन सेक्स ऑपरेटर की भूमिका निभाती नजर आ रहीं टेलीविजन अभिनेत्री नायरा बनर्जी ने कहा कि उन्हें ऐसा कंटेंट पसंद नहीं है, जहां केवल ध्यान आकर्षित करने के लिए फिजिकल इंटीमेसी को जोड़ा जाए और इससे कहानी का कोई लेना-देना न हो।
अपनी वेब सीरीज और अनावश्यक सेक्स सीन के बारे में आईएएनएस से बात करते हुए, नायरा ने कहा, "मैंने बहुत सारी वेब सीरीज देखी हैं, जिनमें अनावश्यक अंतरंग दृश्य हैं। मैं बहुत स्पष्ट थी कि यह सीरीज (हैलो जी) ऐसी नहीं होनी चाहिए, जो सिर्फ सेक्स के बारे में और ऐसे दृश्य केवल तभी होने चाहिए, जब इसकी स्क्रिप्ट में मांग हो। 'हैलो जी' में, मैं एक फोन सेक्स ऑपरेटर हूं, लेकिन मैं कोई भी अनावश्यक अंतरंग दृश्य नहीं कर रहा हूं। मेरा मानना है कि अगर कोई दृश्य ऐसा है जिसे कथाकार न्यायोचित नहीं ठहरा सकता, तो एक कलाकार भी इससे अच्छे से प्रदर्शित नहीं कर सकता। इस तरह के दृश्यों को बेमतलब नहीं दिखाना चाहिए।" |
इस जड़ को मुंह में रखने से ही ये 75 रोग जड़ से खत्म हो जाते है, जरूर पढ़ें और शेयर करे - All Ayurvedic
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इस जड़ को मुंह में रखने से ही ये 75 रोग जड़ से खत्म हो जाते है, जरूर पढ़ें और शेयर करे
नमस्कार दोस्तों All Ayurvedic के माध्यम से आज की इस पोस्ट में हम आपको मुलेठी के फायदे के बारे में बताएंगे। दोस्तों आप सभी लोगों ने मुलेठी को कभी-कभी तो खाया ही होगा अगर नहीं खाया है तो इसे खाना शुरू कर दीजिए क्योंकि इसके आपको बहुत सारे आयुर्वेदिक लाभ मिलने वाले हैं।
मुलहठी खांसी , जुकाम , उल्टी व पित्त को बंद करती है। मुलहठी अम्लता में कमी व क्षतिग्रस्त व्रणों (जख्मों) में लाभकारी है। अम्लोत्तेजक पदार्थ को खाने पर होने वाली पेट की जलन और दर्द, पेप्टिक अल्सर तथा इससे होने वाली खून की उल्टी में मुलहठी अच्छा प्रभाव छोड़ती है। मुलहठी का उपयोग कड़वी औषधियों का स्वाद बदलने के लिए किया जाता है। मुलहठी आंखों के लिए लाभदायक, बालों को मुलायम, आवाज को सुरीला बनाने वाली और सूजन में लाभकारी है। मुलहठी विष, खून की बीमारियों , प्यास और क्षय (टी.बी.) को समाप्त करती है। चलिए जानते हैं मुलेठी खाने के फायदों के बारे में।
मुलेठी या मुलहठी के 75 फायदे
सर्दी, खांसी और जुखाम : अगर आपको सर्दी खांसी जुखाम की समस्या की वजह से आपकी छाती में कफ जमा हो गया है तो यह आपके कफ को निकालने में बहुत मदद करती है।
गले की खराश, गले का बैठ जाना : मुलेठी चबाने से मुंह में लार का स्राव बढ़ता है। और यह आपकी आवाज को भी मधुर बनाती है। और यह शवशन संबंधी रोगों जैसे गले की खराश, गले का बैठ जाना, खांसी आदि में बहुत फायदेमंद होती है।
पेट में एसिड : अगर आपके गले में जलन या सूजन है तो मुलेठी को मुंह में रखकर चुसिए ऐसा करने से गले की जलन और सूजन में आराम मिलेगा और आपके पेट में एसिड के स्तर को भी नियंत्रित करती है।
सीने की जलन और खाना ना पचना : अगर आपके सीने में जलन हैं और खाना भी सही तरीके से नहीं पच रहा है तो मुलेठी को मुंह में रखकर चूसना होगा इससे आपको सीने की जलन और खाना ना पचने की समस्या में राहत मिलेगी।
घाव (जख्म) : मुलहठी पेट में बन रहे एसिड (तेजाब) को नष्ट करके अल्सर के रोग से बचाती है। पेट के घाव की यह सफल औषधि है। मुलहठी खाने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। इसका सेवन लंबे समय तक नहीं करना चाहिए। बीच-बीच में बंद कर दें।
कफ व खांसी : खांसी होने पर यदि बलगम मीठा व सूखा होता है तो बार-बार खांसने पर बड़ी मुश्किल से निकल पाता है। जब तक गले से बलगम नहीं निकल जाता है, तब तक रोगी खांसता ही रहता है। इसके लिए 2 कप पानी में 5 ग्राम मुलहठी का चूर्ण डालकर इतना उबाल लें कि पानी आधा कप बचे। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को सोने से पहले पी लें। 3 से 4 दिन तक प्रयोग करने से कफ पतला होकर बड़ी आसानी से निकल जाता है और खांसी, दमा के रोगी को बड़ी राहत मिलती है। यक्ष्मा (टी.बी.) की खांसी में मुलहठी चूसने से लाभ होता है।
पौरुष कमजोरी : रोजाना मुलहठी चूसने से शारीरिक कमजोरी नष्ट हो जाती है। 10 ग्राम मुलहठी का पिसा हुआ चूर्ण, घी और शहद में मिलाकर चाटने से और ऊपर से मिश्री मिले गर्म-गर्म दूध को पीने से पौरुष कमजोरी के रोग कुछ ही समय में कम हो जाता है।
दाह (जलन) : मुलहठी और लालचंदन पानी के साथ घिसकर शरीर पर लेप करने से जलन शांत होती है।
अम्लपित्त (एसिडिटिज) : खाना खाने के बाद यदि खट्टी डकारें आती हैं, जलन होती है तो मुलहठी चूसने से लाभ होता है। भोजन से पहले मुलहठी के 3 छोटे-छोटे टुकड़े 15 मिनट तक चूसें, फिर भोजन करें।
कब्ज़, आंव : 125 ग्राम पिसी मुलहठी, 3 चम्मच पिसी सोंठ, 2 चम्मच पिसे गुलाब के सूखे फूल को 1 गिलास पानी में उबालें। जब यह ठंडा हो जाए तो इसे छानकर सोते समय रोजाना पीने से पेट में जमा आंव (एक तरह का चिकना सफेद मल) बाहर निकल जाता है। या 5 ग्राम मुलहठी को गुनगुने दूध के साथ सोने से पहले पीने से सुबह शौच साफ आता है और कब्ज दूर हो जाती है।
हिचकी : मुलहठी के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
उल्टी लाने के लिए: पेट में अम्लता (एसिडिटीज) और पित्त बढ़ने पर जी मिचलाता है, तबीयत में बेचैनी और घबराहट होती है, उल्टी नहीं होती जिसके कारण सिरदर्द शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में उल्टी लाने के लिए 2 कप पानी में 10 ग्राम मुलहठी का चूर्ण डालकर उबाल लें। जब पानी आधा कप बचे, तब इसे उतारकर ठंडा कर लें। फिर राई का 3 ग्राम पिसा चूर्ण इसमें डालकर पीयें। इससे उल्टी हो जाती है। उल्टी होने से पेट में जमा, पित्त या कफ निकल जाता है और तबीयत हल्की हो जाती है। रोगी को बहुत आराम मिलता है। यह तरीका विषाक्त (जहर में), अजीर्ण (भूख का कम होना), अम्लपित्त (एसिडिटीज), खांसी और छाती में कफ जमा होने पर करने से बहुत लाभ मिलता है।
अनियमित मासिक-धर्म : 1 चम्मच मुलहठी का चूर्ण थोड़े शहद में मिलाकर चटनी जैसा बनाकर चाटने और ऊपर से मिश्री मिलाकर ठंडा किया हुआ दूध घूंट-घूंटकर पीने से मासिकस्राव नियमित हो जाता है। इसे कम से कम 40 दिन तक सुबह-शाम पीना चाहिए। यदि गर्मी के कारण मासिकस्राव में खून का अधिक मात्रा में और अधिक दिनों तक जाता (रक्त प्रदर) हो तो 20 ग्राम मुलहठी चूर्ण और 80 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर 10 खुराक बना लें। फिर इसकी एक खुराक शाम को एक कप चावल के पानी के साथ सेवन करें। इससे बहुत लाभ मिलता है। नोट : मुलहठी को खाते समय तले पदार्थ, गर्म मसाला, लालमिर्च, बेसन के पदार्थ, अण्डा व मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
पेशाब के रोग : पेशाब में जलन, पेशाब रुक-रुककर आना, अधिक आना, घाव और खुजली और पेशाब सम्बंधी समस्त बीमारियों में मुलहठी का प्रयोग लाभदायक है। इसे खाना खाने के बाद रोजाना 4 बार हर 2 घंटे के उंतराल पर चूसते रहना लाभकारी होता है। इसे बच्चे भी आसानी से बिना हिचक ले सकते हैं। या 1 चम्मच मुलहठी का चूर्ण 1 कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।
हृदय शक्तिवर्धक (शक्ति को बढ़ाने वाला) : ज्यादातर शिराओं और धमनियों पर गलत खान-पान, गलत आदतें और काम का अधिक भार पड़ने से कमजोरी आ जाती है, इससे हृदय को हानि पहुंचती है। इस कारण से अनिंद्रा (नींद का न आना), हाई और लोब्लड प्रेशर जैसे रोग हो जाते हैं। ऐसे में मुलहठी का सेवन काफी लाभदायक होता है।
फेफड़ों के रोग : मुलहठी फेफड़ों की सूजन, गले में खराश, सूजन, सूखी कफ वाली खांसी में लाभ करती है। मुलहठी फेफड़ों को बल देती है। अत: फेफडे़ सम्बंधी रोगों में यह लाभकारी है। इसको पान में डालकर खाने से लाभ होता है। टी.बी. (क्षय) रोग में भी इसका काढ़ा बनाकर उपयोग किया जाता है।
विष (ज़हर) : जहर पी लेने पर शीघ्र ही उल्टी करानी चाहिए। तालु को उंगुली से छूने से तुरन्त उल्टी हो जाती है। यदि उल्टी नहीं आये तो एक गिलास पानी में 2 चम्मच मुलहठी और 2 चम्मच मिश्री को पानी में डालकर उबाल लें। आधा पानी शेष बचने पर छानकर पिलायें। इससे उल्टी होकर जहर बाहर निकल आता है।
निकट दृष्टि दोष (पास की नज़र में कमी) : निकट दृष्टि को बढ़ाने में मुलहठी का प्रयोग गुणकारी होता है। 1 चम्मच मुलहठी का पाउडर, इतना ही शहद और आधा भाग घी तीनों को मिलाकर 1 गिलास गर्म दूध से सुबह-शाम लेने से निकट दृष्टि दोष (पास से दिखाई न देना) दूर हो जाता है।
मांसपेशियों का दर्द : मुलहठी स्नायु (नर्वस स्टिम) संस्थान की कमजोरी को दूर करने के साथ मांसपेशियों का दर्द और ऐंठन को भी दूर करती है। मांसपेशियों के दर्द में मुलहठी के साथ शतावरी और अश्वगंधा को समान रूप से मिलाकर लें। स्नायु दुर्बलता में रोजाना एक बार जटामांसी और मुलहठी का काढ़ा बनाकर लेना चाहिए।
गंजापन, रूसी (ऐलोपीका) : मुलहठी का पाउडर, दूध और थोड़ी-सी केसर, इन तीनों का पेस्ट बनाकर नियमित रूप से बाल आने तक सिर पर लगायें। इससे बालों का झड़ना और बालों की रूसी आदि में लाभ मिलता है।
सूखी खांसी : सूखी खांसी में बलगम पैदा करने के लिए 1 चम्मच मुलहठी को शहद के साथ दिन में 3 बार चटाना चाहिए। इसका 20-25 ग्राम काढ़ा सुबह-शाम पीने से श्वासनलिका (सांस की नली) साफ हो जाती है।
खून के बहने पर : मुलहठी की जड़ का चूर्ण और शर्करा को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस 3 से 6 ग्राम चूर्ण को चावल के पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से खून का अधिक बहना कम हो जाता है।
आंखों की जलन दूर करना और रोशनी बढ़ाना : मुलहठी के काढे़ से आंखों को धोने से आंखों के रोग दूर होते हैं। इसकी जड़ के चूर्ण में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर 1 चम्मच सुबह-शाम खाने से आंखों की जलन मिटती है तथा आंखों की रोशनी बढ़ती है।
आंखों की लालिमा: मुलहठी को पानी में पीसकर उसमें रूई का फोहा भिगोकर आंखों पर बांधने से आंखों की लालिमा मिटती है।
सिर में दर्द : किसी भी प्रकार के सिर के दर्द में 10 ग्राम मुलेठी का चूर्ण, 40 ग्राम कलिहारी का चूर्ण तथा थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाकर नासिका में नसवार की तरह सूंघने से लाभ होता है। या मुलहठी, मिश्री और घी को घोटकर सूंघने से पित्तज के कारण होने वाला सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
रंग को साफ करने के लिए : मुलेठी को पानी में पीसकर शरीर पर लेप करने से शरीर की रौनक बढ़ती है।
बालों के लिए : मुलेठी के बने काढ़े (क्वाथ) से बाल धोने से बाल बढ़ते हैं। मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।
मिर्गी के लिए : मुलेठी के 1 चम्मच बारीक चूर्ण को घी में मिलाकर दिन में 3 बार चटाने से लाभ होता है।
प्यास अधिक लगना : मुलहठी को चूसने से प्यास मिट जाती है। मुलहठी में शहद मिलाकर सूंघने से तेज प्यास खत्म हो जाती है तथा थोड़े-थोड़े देर पर लगने वाली प्यास मिट जाती है।
हृदय रोग : मुलहठी तथा कुटकी के चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से दिल के रोग में लाभ होता हैं।
रक्तपित्त के कारण उल्टी : 3 से 5 ग्राम मुलहठी नियमित सुबह-शाम सेवन करने से रक्तपित्त शांत होता है। इससे खून की कमी तथा खून के विकार दूर हो जाते हैं।
खून की उल्टी : 4 ग्राम मुलहठी का चूर्ण लेकर दूध या घी के साथ रोज सुबह-शाम खायें इससे खून की उल्टी बंद हो जाती है।
पेट में गैस का होना : 2 से 5 ग्राम मुलहठी का चूर्ण पानी और मिश्री के साथ सेवन करने से पेट मे गैस कम हो जाती है।
पीलिया : पीलिया रोग में 1 चम्मच मुलहठी का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर या इसका काढ़ा पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
शारीरिक कमजोरी में : 1 चम्मच मुलहठी का चूर्ण आधा चम्मच शहद और एक चम्मच घी मिलाकर 1 कप दूध के साथ सुबह-शाम रोजाना 5-6 हफ्ते तक सेवन करने से शरीर में बल बढ़ता है।
फोड़े : फोड़े होने पर मुलहठी का लेप लगाने से वे जल्दी पककर फूट जाते हैं।
आंत्रवृद्धि : मुलहठी, रास्ना, बरना, एरण्ड की जड़ और गोक्षुर को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनायें। इस काढ़े में एरण्ड का तेल डालकर पीने से आंत्रवृद्धि में लाभ होता है।
आंख आना : मुलहठी को पानी में डालकर रख दें। 2 घंटे के बाद उस पानी में रूई डुबोकर पलकों पर रखने से आंखों की जलन और दर्द दूर हो जाता है। आंख आने पर या आंखों के लाल होने के साथ पलकों में सूजन आने पर मुलहठी, रसौत और फिटकरी को एक साथ भूनकर आंखों पर लेप करने से बहुत आराम आता है।
श्वास का दमा का रोग : 50 ग्राम मुलहठी, 20 ग्राम सनाय और 10 ग्राम सोंठ को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। इस आधा चम्मच चूर्ण को शहद के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से श्वास रोग (दमा) से आसानी से छुटकारा मिल जाता है। या 10 ग्राम मुलहठी का चूर्ण, 5 ग्राम कालीमिर्च और 1 गांठ अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इसे काढे़ को छानकर पीने से दमे के रोग में आराम आता है। या 5 ग्राम मुलहठी को 1 गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इस पानी को आधा सुबह तथा आधा शाम को पियें। 3-4 दिन ऐसा करने से कफ पतला होकर निकल जाएगा और खांसी शांत हो जायेगी।
मलेरिया का बुखार : 10 ग्राम मुलहठी छिली हुई, 5 ग्राम खुरासानी अजवाइन तथा थोड़ा-सा सेंधानमक को मिलाकर दिन में 3-4 बार पीने से मलेरिया के बुखार में लाभ होता है।
आंखों के रोग : मुलहठी, पीला गेरू, सेंधानमक, दारूहल्दी और रसौत इन सबको बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ सिल पर पीस लें। आंखों के बाहर इसका लेप करने से आंखों के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं। इससे आंखों का दर्द और आंखों की खुजली में विशेष लाभ होता है।
दांत निकलना : मुलहठी का बारीक चूर्ण बनाकर बच्चों को खिलायें। इससे दांत आसानी से निकल आते हैं और बार-बार दस्त का आना बंद हो जाता है।
खांसी : मुलहठी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से खांसी का प्रकोप शांत हो जाता है। मुलहठी के चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटने से भी खांसी दूर हो जाती है। या 3 ग्राम मुलहठी का चूर्ण दिन में 3 बार शहद के साथ सेवन करने से खांसी में लाभ होता है। खांसी में मुलहठी का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से राहत मिलती है। सावधानी : खांसी का वेग रोकने से विभिन्न रोग हो सकते हैं जो निम्नलिखित हैं। दमा का रोग, हृदय रोग, हिचकी, अरुचि, नेत्र रोग।
आमाशय (पेट) का जख्म : मुलहठी की जड़ को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इस चूर्ण को 4-4 ग्राम के रूप में दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें या पकाकर बने काढ़े को 40 मिलीलीटर की मात्रा में रोजाना शहद के साथ मिलाकर पीयें। इससे आमाशय का जख्म (पेट का जख्म) ठीक हो जाता है।
रतौंधी (रात में न दिखाई देना) : 3 ग्राम मुलहठी, 8 ग्राम आंवले का रस और 3 ग्राम अश्वगंधा के चूर्ण को एक साथ मिलाकर रोजाना सेवन करने से रतौंधी (रात में न दिखाई देना) का रोग दूर हो जाता है और आंखों की रोशनी बढ़ जाती है।
उल्टी : उल्टी होने पर मुलहठी का टुकड़ा मुंह में रखने से उल्टी होना बंद हो जाती है।
मुंह के छाले : मुलहठी के चूर्ण को फूले हुए कत्था के साथ मिलाकर छाले पर लगाएं और लार बाहर टपकने दें। इससे मुंह की गन्दगी खत्म होकर मुंह के छाले दूर होते हैं। या मुलहठी का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से मुंह के छाले सूख जाते हैं।
गले की खरास : मुलहठी, पिपरमिंट, छोटी इलायची, लौंग, जावित्री तथा कपूर को बारीक पीस लें, फिर इसे पानी साथ मिलाकर छोटी-छोटी लगभग 1 ग्राम के चौथाई भाग की गोली बनाकर रखें। रोजाना सुबह-शाम 1-1 गोली मुंह में रखकर चूसने से गले की खरास दूर होती है, आवाज साफ होती है व जीभ रोग ठीक होते हैं।
मुंह की दुर्गन्ध : मुलैठी को चबाने से मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है।
मासिकस्राव संबन्धी परेशानियां : आधा चम्मच मुलेठी का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ चाटना चाहिए। लगभग 1 महीने तक मुलहठी का चूर्ण लेने से मासिकस्राव सम्बन्धी सभी रोग दूर हो जाते हैं।
श्वेत प्रदर रोग : 1 चम्मच मुलहठी का चूर्ण और 1 चम्मच पिसी हुई मिश्री को चावल के पानी के साथ सेवन करने से प्रदर रोग मिट जाता है। या मुलहठी को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसी चूर्ण को 1 ग्राम लेकर पानी के साथ नियमित सुबह-शाम लें। इससे श्वेतप्रदर में आराम पहुंचता है।
जुकाम : गुलबनफ्शा, मुलहठी और देशी अजवायन को बराबर लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को लगभग डेढ़-डेढ़ ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से नजला, जुकाम और खांसी ठीक हो जाती है।
पेट में दर्द : आधा चम्मच मुलहठी का पिसा हुआ चूर्ण और 1 चम्मच सौंफ के चूर्ण को पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है। या मुलहठी की जड़ का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। इससे पेट और आंतों की ऐंठन व क्षोभ से उत्पन्न दर्द में लाभ मिलता है।
बांझपन : मुलहठी, कंघी, खिरैटी, खांड, बड़ के उंकुर और नागकेशर को लेकर एक साथ बारीक पीस लें, फिर इसे शहद, दूध और देशी घी में मिलाकर सेवन करने से बांझ स्त्री को भी लड़के की प्राप्ति हो जाती हैं।
दिल की धड़कन : लगभग 4 ग्राम मुलेठी के चूर्ण को सुबह-शाम घी या शहद के साथ सेवन करने से दिल के सारे रोगों में लाभ होता है।
उपदंश (सिफलिस) : मुलहठी, खस, मंजीठ, गेरू, रसौत, पद्माख, चंदन और कमल इन दोनों को ठंडे पानी में पीसकर लेप करने से पित्तज उपदंश में मिलता है।
दिल की कमजोरी : 5 ग्राम मुलहठी के चूर्ण को दूध या घी के साथ सुबह-शाम रोगी को देने से दिल की कमजोरी दूर हो जाती है।
खसरा : मुलहठी, गिलोय, अनार के दाने और किशमिश को बराबर लेकर और उन्हें पीस लें, फिर उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर दिन में 2-3 बार बच्चे को खिलाएं। इससे खसरे का असर कम होता है।
बच्चों का बुखार : 5-5 ग्राम दारूहल्दी, मुलेठी, कटेरी, हल्दी और इन्द्रजौ को एक साथ मिलाकर काढ़ा बना लें, फिर इसे छानकर बच्चे को पिलाने से बुखार में आराम आता है।
होठों का फटना : वातज रोग में लोहबान, राल, गूगल, देवदारू तथा मुलेठी को बराबर मात्रा मे लेकर पीसकर रख लें, फिर इस चूर्ण को धीरे-धीरे होठों पर लगाने से फटे होठ ठीक हो जाते हैं।
खून की कमी : लगभग आधा ग्राम मुलहठी का चूर्ण रोजाना सेवन करने से खून में वृद्धि होती है।
छोटे बच्चों के मुंह से लार टपकना : सारिवा, तिल, लोध और मुलहठी का काढ़ा बना लें। इस काढ़े से मुंह साफ करने से बच्चों के मुंह से लार टपकना बंद हो जाता है।
आग से जलने पर : मुलेठी और चंदन को पानी के साथ घिसकर शरीर के जले हुए भाग पर लेप करने से ठंडक मिलती है।
त्वचा का सूखकर मोटा और सख्त हो जाना : भिलावे की वजह से यदि त्वचा की सूजन हो गई हो तो मुलेठी और तिल को दूध के साथ पीसकर लगाने से आराम आता है।
सूखा रोग (रिकेट्स) : लगभग 6 ग्राम मुलहठी, 3 ग्राम इलायची, 3 ग्राम दालचीनी, 3 ग्राम तुलसी के पत्ते, 3 ग्राम बंशलोचन, लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग केसर और 6 ग्राम मिश्री को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर लगभग 1 ग्राम के चौथे भाग की गोली बना लें। 1-1 गोली मां के दूध के साथ नियमित 3-4 बार बच्चे को देने से सूखा रोग (रिकेट्स) दूर हो जाता है।
छोटे बच्चों के फोडे़, घाव, नासूर : मुलेठी, कड़वे नीम के पत्ते, दारूहल्दी को कूट-पीसकर घी में मिलाकर मरहम बना लें। इस मरहम के लगाने से घाव (जख्म) अन्दर से भर जाता है। अगर घाव में खराबी हो, किसी भी दवाई से आराम न हुआ हो तो नीम के पत्ते डालकर पानी उबाल लें और उससे घाव को धोकर ऊपर से यह मरहम लगा दीजिये। घाव चाहे जैसा भी हो, फोड़ा, नासूर या किसी भी प्रकार का घाव हो। यह मलहम कुछ दिनों तक लगातार लगाने से और घाव को धोने से आराम हो जाएगा। अगर फोड़ा फूटकर बहता हो तो कड़वे नीम के पत्तों को पीसकर और शहद में मिलाकर लगाना चाहिए।
नाड़ी का दर्द : 100 ग्राम मुलहठी को पीस लें और रात को सोते समय इसको गर्म दूध के साथ लें। इससे स्नायु के रोग में लाभ होता है।
स्वर यंत्र में जलन होने पर : मुलहठी (जेठीमधु) का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसते रहने से स्वरयंत्र शोथ (गले में सूजन) ठीक हो जाती है।
शरीर को शक्तिशाली बनाना : मुलहठी के चूर्ण को एक शीशी में भरकर रख दें और रोजाना 6 ग्राम मुलहठी के चूर्ण को 30 मिलीलीटर दूध में घोलकर पीने से शरीर में ताकत आती है।
बच्चों की नाभि का पकना: हल्दी, घोघ, फूल प्रियंगु और मुलेठी को पानी में पीसकर लुगदी सी बना लें और पीछे कलईदार बर्तन में काले तिल का तेल और लुग्दी मिलाकर तेल पका लें। इस तेल को नाभि पर धीरे-धीरे लगाने और इन्ही चारों दवाओं को बारीक पीसकर लगाने से नाभि-पाक (टुंडी का पकना) में आराम हो जाता है।
गले की सूजन : 10 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम मुलहठी, 5 ग्राम लौंग, 5 ग्राम हरड़ और 20 ग्राम मिश्री को पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 1 चम्मच चूर्ण सुबह शहद के साथ धीरे-धीरे चाटने से पुरानी खांसी और पुराने जुकाम के कारण गले की खराबी, सिर दर्द, गले की खराश आदि रोग दूर हो जाते हैं।
स्वर भंग (गले का बैठ जाना) : मुलहठी को चूसने से बैठी हुई आवाज खुल जाती है और गला भी साफ हो जाता है। मुलेठी के आधे चम्मच चूर्ण में आधा चम्मच शहद मिलाकर चाटने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है।
पेट और आंतों के घाव: पेट और आंतों के घाव में मुलहठी की जड़ का चूर्ण 1 चम्मच की मात्रा में 1 कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। इसे लगातार करते रहने से अल्सर कुछ ही हफ्तों में भर जायेंगें। इस प्रयोग के समय मिर्च मसालों नहीं खाना चाहिए।
कृपया ध्यान रहे : मुलहठी के सेवन के दौरान गर्म प्रकृति के पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मुलेठी की चूर्ण को निर्धारित मात्रा में निर्धारित समय तक ही लेना चाहिए। अधिक मात्रा में या लम्बे समय तक इसका सेवन हानिप्रद है। कई रोगों में इसका प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। |
Rabri devi ne nitihsh kumar ko dia mahagathbandhan me aane ka nyota janiye kya kaha : अब राबड़ी ने भी दे दिया नीतीश को न्योता कहा आरजेडी संभावनाओं पर कर रही विचार - Navbharat Times
rabri devi says rjd will think over possibility nitish back in mahagathbandhan
Ruchir Shukla | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 02 Jan 2021, 08:39:00 AM
Rabri Devi on Nitish Kumar: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Bihar Ex CM Rabri Devi) ने दावा किया कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) जिस सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, उसमें उनकी नहीं चलती है। संख्यात्मक रूप से मजबूत सहयोगी बीजेपी का उस पर नियंत्रण है। आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाल ही में हुए अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर अपनी बात रख रही थीं।
नीतीश कुमार को महागठबंधन में लाने को लेकर राबड़ी देवी का बड़ा बयान
कहा- उनकी वापसी को लेकर आरजेडी के नेता और विधायक एक साथ बैठकर करेंगे विचार करेंगे
राबड़ी देवी ने कहा- नीतीश कुमार का आदेश अब उनकी अपनी सरकार में नहीं चलता
'दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले सावधानीपूर्वक सोचना चाहिए था'
क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक बार फिर आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन में लौट सकते हैं? ये सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि बिहार की पूर्व सीएम और आरजेडी की दिग्गज नेता राबड़ी देवी ने भी नीतीश कुमार को एक तरह से न्योता दे दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की वापसी को लेकर आरजेडी के नेता और विधायक एक साथ बैठकर विचार करेंगे। यही नहीं राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने जेडीयू नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार का आदेश अब उनकी अपनी सरकार में नहीं चलता है। उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले सावधानीपूर्वक सोचना चाहिए था।
'नीतीश जिस सरकार की अगुवाई कर रहे, उसमें उनकी नहीं चलती'
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दावा किया कि नीतीश कुमार जिस सरकार की अगुवाई कर रहे हैं, उसमें उनकी नहीं चलती है। संख्यात्मक रूप से मजबूत सहयोगी बीजेपी का उस पर नियंत्रण है। आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाल ही में हुए अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर अपनी बात रख रही थीं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के फेरबदल में कुछ ऐसे अधिकारियों को अहम पदों से हटा दिया गया, जिन्हें मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता है। वर्तमान में सरकार बीजेपी चला रही है, न कि नीतीश कुमार।
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नीतीश कुमार को लेकर राबड़ी देवी का बड़ा दावा
राबड़ी देवी ने दावा किया कि उन सभी लोगों को आने वाले दिनों में दरकिनार किए जाने का अनुमान है जो नीतीश कुमार के प्रति निष्ठावान रहे हैं। दिग्गज आरजेडी नेता ने नए साल के मौके पर नीतीश कुमार सरकार को लेकर अपनी बात रखी। हालांकि, जिस तरह से राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में लौटने का ऑफर दिया है उससे सूबे में नई सियासी चर्चा जरूर शुरू हो गई। बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं जबकि जेडीयू को केवल 43 सीटें ही मिल सकीं। आरजेडी को सबसे ज्यादा 75 सीटें मिलीं।
आरजेडी लगातार जेडीयू को महागठबंधन में लाने की कर रही कवायद
ये कोई पहली बार नहीं है जब आरजेडी की ओर से सत्ताधारी जेडीयू के संबंध में ऐसा कोई ऑफर या फिर दावा किया गया है। इससे पहले आरजेडी नेता श्याम रजक ने जेडीयू के 17 विधायकों के आरजेडी के संपर्क में होने का दावा किया था। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बेबुनियाद बताया था। फिलहाल आरजेडी की ओर से लगातार नीतीश को महागठबंधन में लाने की कवायद हो रही है।
बिहार: साल के आखिरी दिन पोस्टर से सियासी माहौल गरम, जानिए किसने क्या कहा
जब आरजेडी नेता ने नीतीश को दिया पीएम कैंडिडेट बनाने का ऑफर
पिछले दिनों ही आरजेडी के एक और दिग्गज नेता और विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने नीतीश कुमार को खास ऑफर दिया था। उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार एनडीए से अलग होते हैं और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो आरजेडी 2024 लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट के तौर पर उनका समर्थन करेगी। साथ ही विपक्ष की ओर से भी उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने में सहयोग करेगी। हालांकि, उनकी बात को जेडीयू ने खास तवज्जो नहीं दी थी।
साल के पहले दिन पुराने सचिवालय पहुंचकर CM नीतीश ने किया काम, कहा- 'बिहार में कोई सियासी संकट नहीं' अगला लेख
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अब नहीं कर पायेगा आपको कोई whatsapp group में Add - Whatsapp New Update 2019 | MyBigGuide | Switch Your Mood | Blogging, Shopping & Money it's all in the Air
अब नहीं कर पायेगा आपको कोई whatsapp group में Add - Whatsapp New Update 2019 | MyBigGuide
व्हाट्सएप ग्रुप (Whatsapp Group ) से तो आप परिचित ही होंगे कभी भी कोई भी आपको किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करा लेता है और इस चीज से हम सभी परेशान रहते हैं लेकिन अब व्हाट्सएप में ऐसा अपडेट आ गया है जिससे कोई भी आप को जबरदस्ती किसी भी ग्रुप में ऐड नहीं करा पाएगा आइए जानते हैं क्या है वह अपडेट Whatsapp Group privacy setting in Hindi
व्हाट्सएप ग्रुप प्राइवेसी सेंटिग्स – Whatsapp Group privacy Setting in Hindi – Whatsapp New Update 2019
Whatsapp group की प्राइवेसी सेटिंग को बदलने के लिए WhatsApp group को ओपन कीजिए Menu पर जाइए और यहां पर Setting को सिलेक्ट कीजिए
यहां पर आपको अकाउंट का ऑप्शन दिखाई देगा उस पर टाइप कीजिए
अकाउंट में प्राइवेसी सेटिंग पर जाइए
यहां पर नीचे आपको ग्रुप्स का ऑप्शन दिखाई देगा इस पर टाइप कीजिए
यहां पर आपको तीन ऑप्शन दिखाई देंगे
अगर आप Everyone पर टिक लगा देते हैं तो कोई भी आपको अपने व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड कर पाएगा अगर आप my contacts पर टिक करते हैं तो केवल वह लोग आपको ऐड कर पाएंगे जिनका मोबाइल नंबर आपके फोन में सेव है और अगर आप Nobody पर टिक करते हैं तो कोई भी व्यक्ति आपको अपने व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड नहीं करा पाएगा तो है ना ये बहुत काम की whatsapp Tips |
10,000 करोड़ की लागत से अंतरिक्ष में जाएगें तीन यात्री, जानिए है कौन – Only News 24
10,000 करोड़ की लागत से अंतरिक्ष में जाएगें तीन यात्री, जानिए है कौन
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by Editor December 28, 2018 December 28, 2018 0604
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने स्वदेशी तकनीक पर आधारित अंतरिक्ष प्रोग्राम गगनयान को मंजूरी दे दी है। इस प्रोग्राम के तहत साल 2022 में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर विमान रवाना होगा। इस पूरे मिशन पर करीब 10,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की ओर से शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि अभी तक भारत की ओर से किसी भी मानव अंतरिक्ष मिशन को अंजाम नहीं दिया गया है। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे जो अंतरिक्ष में गए थे।
गगनयान भारत का एक महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष प्रोग्राम है और कई मायनों में भारत के लिए अहम है। सरकार की ओर से इस कार्यक्रम के लिए 10,000 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है।
अगर यह मिशन सफल हुआ तो फिर भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन जाएगा जिसने इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 72वीं सालगिरह पर इस बारे में ऐलान किया था। माना जा रहा है कि इस मिशन के तहत इसरो अपने सबसे बड़े रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III यानी जीएसएलवी III की मदद से तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जएगा। कहा जा रहा है कि इसरो 40 माह के अंदर पहले मिशन को लॉन्च कर सकती है। प्लान अभी नमूने के तौर पर है जिसमें दो अनमैन्ड फ्लाइट्स और एक मैन्ड फ्लाइट को तीन क्रू के साथ 5-7 दिनों तक धरती की कक्षा में रखा जा रहा है। भारत ने अपने अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनॉट्स बुला सकता है।
संस्कृत में अंतरिक्ष को व्योम कहा जाता है। इसरो अब तक मानवीय अंतरिक्ष उड़ान के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी को डेवलप करने पर करीब 173 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। साल 2008 में पहली बार इस योजना का जिक्र किया गया था। लेकिन उस समय अर्थव्यवस्था की खराब हालत और लगातार फेल होते रॉकेट्स की वजह से इस प्लान को रोक दिया गया। विंग कमांडर राकेश शर्मा पहले भारतीय हैं जिनके नाम पर अंतरिक्ष में जाने का रिकॉर्ड दर्ज है। इंडियन एयरफोर्स के पायलट रहे विंग कमांडर शर्मा सोयूज टी-11 के साथ अंतरिक्ष में गए थे। इस यान को दो अप्रैल 1984 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। 20 सितंबर 1982 को शर्मा को इसरो और सोवियत संघ की स्पेस एजेंसी इंटरकॉस्मॉस के स्पेस प्रोग्राम के तहत सेलेक्ट किया गया था। शर्मा ने सात दिन, 21 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे।
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Priyanka Chopra Cheers For Nick Jonas During Concert | सिंगापुर में कॉन्सर्ट के दौरान निक जोनस को चीयर करते हुए दिखीं प्रियंका चोपड़ा - Dainik Bhaskar
Priyanka Chopra Cheers For Nick Jonas During Concert
Aug 06, 2018, 01:19 PM IST
रिपोर्ट्स के मुताबिक,प्रियंका ने 18 जुलाई को लंदन में निक से सगाई की थी
बॉलीवुड डेस्क. प्रियंका चोपड़ा इन दिनों अमेरिकन सिंगर निक जोनस के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। हाल ही में उन्हें सिंगापुर में हुए एक कॉन्सर्ट में निक को चीयर करते स्पॉट किया गया। कॉन्सर्ट के दौरान ली गई फोटोज और वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। प्रियंका के सोशल मीडिया पर मौजूद कई फैन पेजेस ने निक के कॉन्सर्ट की फोटोज और वीडियोज शेयर किए हैं। इसके अलावा इंडोनेशियन सिंगर अफगानस्याह रेजा ने भी दोनों के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा-'सबसे विनम्र लोगों में से एक,शुक्रिया प्रियंका चोपड़ा,आपसे मिलना हमेशा सुखद अनुभव होता है।'
आ चुकीं सगाई की खबरें: People.com की मानें तो प्रियंका ने 18 जुलाई,2018 को अपने 36वें जन्मदिन पर लंदन में निक से सगाई की थी, लेकिन इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। प्रियंका की बुआ कामिनी चोपड़ा हांडा ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए सगाई की पुष्टि की थी।कहा जा रहा है कि दोनों इसी साल सितंबर में शादी कर सकते हैं। |
पुलिस की गुंडागर्दी के विरोध में उग्र हुए लोग, पुलिस फायरिंग में मुहम्मद रईस की मौत | MEDIA TODAY TV
Home #Black world of crime (जुर्म की काली दुनिया) पुलिस की गुंडागर्दी के विरोध में उग्र हुए लोग, पुलिस फायरिंग में...
हालात को काबू में करने के लिए शहर के चार पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवाएं, स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इस मामले में पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल ने बताया है कि पुलिस कांस्टेबल और मोटरसाइकिल सवार एक दंपति के बीच कल देर रात एक छोटी सी बात पर विवाद हो गया।
जिसके बाद इलाके के लोगों और पुलिस के बीच संघर्ष शुरू हो गया। लोग इक्क्ठे हो गए और रामगंज पुलिस थाने के पास आकर उन्होंने एक एम्बुलेंस और पुलिस की जीप को आग लगा दी और अन्य वाहनों को तोड़-फोड़ कर दी। लोगों की भीड़ को वहां से भगाने के लिए पुलिस ने रबड़ की गोलियों और आसूं गैस का इस्तेमाल किया। लेकिन हालात ज्यादा खराब होते देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दी। जिसमें एक शख्स की मौत हो गई है। इस शख्स की पहचान मोहम्मद रईस के रूप में की गई है। हिंसा भड़क जाने के बाद रामगंज इलाके में देर रात करीब एक बजे कर्फ्यू लगा दिया गया। हिंसाग्रस्त इलाकों में राजस्थान सशस्त्र कांस्टेबुलरी और होम गार्ड के जवानों समेत सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। यहां तक कि जयपुर से होकर गुजरने वाले दिल्ली-आगरा का रुट बदल दिया गया है। |
क्या आपने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षु तकनीशियन के पद के लिए भी आवेदन किया है? यदि आपने हां कहा तो आपको लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र के बारे में सोचना चाहिए। प्रवेश पत्र को जल्द ही एक आधिकारिक वेब पोर्टल पर अनुमति दी जा रही है।
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Foods That Help Relieve Constipation in Hindi | कब्ज से राहत पाने में मदद करते हैं ये 10 आहार
शौच जाने पर मल सख्त हो या उसे निकलने में बहुत जोर लगाना पड़े या फिर मल की प्रकृति सामान्य न हो, तो इसे कब्ज कहा जाता है। हालांकि कब्ज की समस्या में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन इस समस्या से राहत दिला सकता है।
घरेलू नुस्ख By : Rahul Sharma , Onlymyhealth Editorial Team / Date : Feb 27, 2015
कब्ज की समस्या में आहार
शौच जाने पर मल सख्त हो या उसे निकलने में बहुत जोर लगाना पड़े या फिर मल की प्रकृति सामान्य न हो, तो इसे कब्ज कहा जाता है। रसौली (आंत में गांठ) किसी वजह से आंत में रुकावट आने, खान-पान संबंधी या फिर कई अन्य कारणों से भी कब्ज हो जाती है। कब्ज शुरू होने पर पेट में तेज दर्द होता है या पेट फूल जाता है। हालांकि कब्ज की समस्या में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन इस समस्या से राहत दिला सकता है। तो चलिये जानें कब्ज से राहत पाने में मददगार 10 आहार कौंन से हैं?
रास्पबेरी स्वादिष्ट उच्च फाइबर भरपूर फल के रूप में मशहूर है। एक कप रास्पबेरी में होल ग्रेन अनाज ब्रेड की 3 स्लाइस जितना ही फाइबर होता है। जोकि पाचन को बेहतर बनाता है और मेटाबॉलिज्म को सुचारु करता है। साथ ही इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी तथा दूसरे महत्वपूर्ण खनिज जैसे फासफोरस, पोटैशियम, कैल्शियम तथा आयरन आदि भी पाये जाते हैं।
ओट्स में बीटा ग्लूकन काफी होता है जो विशेष प्रकार का फाइबर है। ओट्स में वसा कम होती है, यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा ओटमील में आयरन, प्रोटीन और विटामिन बी 1 भी प्रचुर मात्रा में होता है। कब्ज की समस्या को दूर करने के अवाला इससे कार्डियोवस्कुलर रोगों को कम करने में भी मदद मिलती है।
ब्रोकोली एक उच्च फाइबर युक्त सुपरफूड है। एक कप ब्रोकोली में लगभग 5 ग्राम फाइबर और 50 कैलोरी होती हैं। ब्रेसिक्का फेमिली की गहरे रंग की इस सब्जी में आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन ए और सी होता है, जो इसे और भी पौष्टिक बनाता है। इसके अलावा इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो बीमारियों व इंफेक्शन से लड़ने में सहायक होते हैं। इसके सेवन से कब्ज़ की शिकायद भी दूर होती है।
सब्जियां जैसे आलू, बंदगोभी, फूलगोभी, मटर, सभी प्रकार की फलियां, शिमला मिर्च, तोरी, टिंडा, लौकी, परमल, गाजर, थोड़ी बहुत मेथी, मूली, खीरा , ककड़ी, कद्दू- पेठा, पालक, नींबू व सरसों आदि के सेवन से कब्ज दूर करने के लिये अच्छी होती हैं।
फलों का सेवन जैसे, मौसमी, संतरा, नाशपाती, तरबूज, खरबूजा, आडू, अन्ननास, कीनू, सरदा, आम, शरीफा, अमरूद, पपीता व रसभरी व अनार। यानी मुख्य रूप से रेशेदार फल कब्ज़ की समस्या में बेहद लाभदायक होते हैं।
अपने आहार में उच्च फाइबर युक्त अनाज जैसे, राजमा, विभिन्न प्रकार की दालें आदि शामिल करें। पोषण से भरपूर बींस में प्रोटीन तथा घुलनशील फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होते हैं और इसमें फैट भी काफी कम होता है। यह संतृप्त वसा से मुक्त होते हैं और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनका नियमित सेवन से कब्ज़ की समस्या से मुक्ति मिलती है।
खट्टे-मीठे स्वाद वाली अंजीर स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंजीर में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई 1 प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग आयरन, विटामिन, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है। स्थाई रुप से होने वाली कब्ज़ अंजीर खाने से दूर हो जाती है। साथ ही गैस और एसीडिटी में भी इसके सेवन से राहत मिलती है।
उदर विकारों के लिये बेल का फल रामबाण दवा की तरह होता है। बेल के नियमित सेवन से कब्ज़ की समस्या जड़ से समाप्त हो जाती है। कब्ज़ के रोगी इस समस्या से राहत पाने के लिये इसके शर्बत का नियमित सेवन कर सकते हैं। बेल का पका हुआ फल उदर की स्वच्छता के अलावा आंतों को भी साफ करता है और उन्हें मजबूत बनाता है।
शहद या ड्राई फ्रूट
कब्ज में शहद का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास गुनगुने पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्ज दूर हो जाता है। शहद के सेवन से मोटापा भी कम होता है और त्वचा पर भी निखार आता है। बादाम, पिस्ता और अखरोट में केवल प्रोटीन ही नहीं होता, उसमें फाइबर भी प्रचुर पाया जाता है। यदि सुबह उठकर बिना कुछ खाए 5 से 10 काजू 4 से 5 मुनक्कों के साथ खाएं तो इससे कब्ज की शिकायत दूर हो जायेगी। |
गुजरात के वडोदरा में SSG अस्पताल में लगी भीषण आग, दमकल की कई गाड़ियां मौजूद Gujarat, Fire, Shree Sri Sayaji General Hospital, Vadodara, Fire In SSG Hospital
गुजरात के वडोदरा में एक अस्पताल में आग लग गई. यह आग वडोदरा के श्री सर सायाजी जनरल अस्पताल में लग गई है. आग शिशु विभाग के वार्ड में लगी है. आग लगने से अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. सभी बच्चे को वार्ड से शिफ्ट कर दिया गया है. सभी बच्चे सुरक्षित हैं. अभी तक कोई हताहत की खबर नहीं है. आग बुझाने की मशक्कत की जा रही है. दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं. आग बुझाने की कोशिश जारी है.
आपको बता दें कि इससे पहले गुजरात के सूरत के सरथाना इलाके में भीषण आग लग गई थी. तक्षशिला नामक इमारत की दूसरी मंजिल में भीषण आग लग गई थी. यह एक कमर्शियल बिल्डिंग थी और इसमें मौजूद कोचिंग सेंटर के बच्चे इस बिल्डिंग में फंस गए थे. बच्चे जान बचाने के लिए इमारत से कूद पड़े थे. घटनास्थल पर फायर ब्रिगेड की 18 गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुई थी. इस दर्दनाक हादसे में 19 छात्रों की मौत हो गई थी. साथ ही कई घायल भी हुए थे. इस घटना पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया था. |
आतंकवाद पर नरम रुख रखने वाले आर्टिकल 370 का कर रहे विरोध: PM मोदी-those who sympathise with terror are opposing article 370 in jammu and kashmir | nation - News in Hindi - हिंदी न्यूज़, समाचार, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ इन हिंदी
आतंकवाद पर नरम रुख रखने वाले आर्टिकल 370 हटाने का कर रहे विरोध: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी कहा कि अब हर कोई ये जान गया है कि आर्टिकल 370 और 35(A) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) और लद्दाख (Ladhak) को देश से अलग कर दिया था.
Updated: August 14, 2019, 2:34 PM IST
मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल में 75 दिन पूरे हो गए हैं. इस दौरान सरकार ने कई बड़े काम किए हैं. लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने को लेकर हो रही है. कुछ लोग सरकार के इस फैसले का विरोध भी कर रहे हैं. पीएम मोदी का कहना है कि जो लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं, वो आतंवाद को लेकर सहानुभूति रखते हैं. उन्होंने ये बातें समाचार एजेंसी IANS से खास बातचीत में कही.
'ये आतंक के साथ सहानुभूति रखने वाले लोग'
पीएम मोदी ने कहा, ''जो लोग भी आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं आप उनकी लिस्ट देखिए. ये अपना फायदा देखने वाले लोग हैं, ये राजनीतिक परिवार के लोग हैं जो आतंक के साथ सहानुभूति रखते हैं और कुछ विपक्ष के लोग हैं. ये फैसला देश के लिए है न कि राजनीति के लिए. जो फैसला लेना पहले असंभव था उसे हमने हकीकत में बदल दिया है.''
पीएम मोदी के मुताबिक आर्टिकल 370 के चलते देश को खासा नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा, ''अब हर कोई ये जान गया है कि आर्टिकल 370 और 35(A) ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को देश से अलग कर दिया गया था. यहां के लोग 70 सालों तक विकास से दूर रहे.''
अब होगा विकास
पीएम मोदी ने ये भी कहा कि अब घाटी में चीज़ें तेज़ी से बदल रही है. उन्होंने कहा, ''कश्मीर के लोग लोकतंत्र को लेकर ज्यादा प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं. आपने देखा होगा कि पंचायत के चुनाव में कितनी बड़ी संख्या में लोगों ने वोट दिए. पिछले साल नवंबर और दिसंबर में यहां 35 हज़ार सरपंच चुने गए. चुनाव में 74 फीसदी लोगों ने भाग लिया. चुनाव के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई. |
Rahul Sharma April 16, 2021 2:54 PM IST
Rahul Sharma April 10, 2021 11:56 AM IST
Entertainment News of the Day: Pawandeep Rajan को हुआ Corona? Yeh Rishta Kya Kehlata Hai में जल्द एंट्री मारेंगे Karan Kundrra
Entertainment News of the Day 7th April 2021: बॉलीवुड लाइफ की इस स्पेशल रिपोर्ट में जानिए कि आज किन-किन खबरों ने सिनेमाप्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया ?
Rahul Sharma April 7, 2021 9:44 PM IST
Entertainment News Of The Day: Thalaivi का ट्रेलर हुआ रिलीज और आगे खिसकी Haathi Mere Saathi की रिलीज डेट, ये रहीं आज की सुर्खियां
Entertainment News Of The Day: मंगलवार के दिन एंटरटेनमेंट की दुनिया में बहुत कुछ खास हुआ। 'थलाइवी' (Thalaivi) फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ तो 'हाथी मेरे साथी' (Haathi Mere Saathi) की रिलीज डेट खिसक गई। सभी खबरें आप यहां एक क्लिक में जान सकते हैं....
Ravi Pareek March 23, 2021 9:22 PM IST
Ravi Pareek March 23, 2021 2:12 PM IST
Shivani Duksh March 13, 2021 8:00 AM IST
Salman Khan और Katrina Kaif की 'Tiger 3' के लिए मेकर्स ने की बड़ी प्लानिंग, मुंबई में बनाएंगे 'Turkish' टाउन
Makers Build Turkish town in Mumbai for Salman Khan and Katrina Kaif starrer Tiger 3: सलमान खान (Salman Khan) और कटरीना कैफ (Katrina Kaif) की 'टाइगर 3' (Tiger 3) के मेकर्स मुंबई के एसआरपीएफ ग्राउंड में तुर्की के शहर का सेट तैयार करेंगे।
Lalit Chaudhary March 12, 2021 11:44 AM IST
Katrina Kaif के बाद YRF स्टूडियो पहुंचे Salman Khan, Tiger 3 में होगा बड़ा धमाका
Salman Khan At YRF studios For Tiger 3: कटरीना कैफ (Katrina Kaif) के बाद बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) भी अपकमिंग फिल्म 'टाइगर 3' (Tiger 3) के सिलसिले में वाईआरएफ स्टूडियो पहुंचे हैं।
Lalit Chaudhary March 10, 2021 8:26 PM IST
Tiger 3: Emraan Hashmi जिम में बहा रहे हैं जमकर पसीना, फैंस बोले 'Salman Bhai से लड़ने के लिए...'
Emraan Hashmi starts going to the gym for Tiger 3: इमरान हाशमी ने टाइगर 3 के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। वो इन दिनों जिम में जमकर पसीना बहा रहे हैं।
Rahul Sharma March 10, 2021 1:48 PM IST
कहीं Pathan में फिर Shah Rukh Khan की लुटिया न डुबो दे Salman Khan, Zero समेत इन फिल्मों में भी काम नहीं आया 'Tiger' का कैमियो
Before Shah Rukh Khan's Pathan and Zero, Tiger aka Salman Khan cameo appearances did not work: इन दिनों खबरों का बाजार गर्म है कि शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म पठान में सुपरस्टार सलमान खान अपनी फिल्म टाइगर 3 को लेकर एक कैमियो करने वाले हैं। मगर इससे पहले सलमान खान के कुछ कैमियोज ने फिल्म को औंधे मुंह बॉक्स ऑफिस पर पटक दिया था। देखिए लिस्ट।
Shivani Bansal March 7, 2021 5:35 PM IST
Exclusive: Salman Khan की 'Tiger 3' के ओपनिंग सीन का Shah Rukh Khan की 'Pathan' से होगा जबरदस्त कनेक्शन!!
Exclusive: Shah Rukh Khan's Pathan end will lead Salman Khan's Tiger 3 story: फिल्म पठान से जुड़े सूत्र ने बॉलीवुड लाइफ को बताया है कि शाहरुख खान की फिल्म का अंत जहां होगा, वहीं से सलमान खान की टाइगर 3 की कहानी शुरू होगी। आदित्य चोपड़ा ने इन दोनों फिल्मों की कहानियों को इस तरह से पिरोया है कि दर्शक पठान के बाद टाइगर 3 देखने के लिए बेचैन नजर आएंगे।
Lalit Chaudhary March 4, 2021 10:39 AM IST
Emraan Hashmi Break His Silence on to be part of Salman Khan's Tiger 3: सलमान खान (Salman Khan) की अपकमिंग फिल्म 'टाइगर 3' (Tiger 3) का हिस्सा होने पर इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) ने अपना रिएक्शन देते हुए कहा कि टाइगर से पूछ लीजिए।
Lalit Chaudhary March 1, 2021 10:14 AM IST
Tiger 3: Salman Khan, Katrina Kaif and Emraan Hashmi attend puja at YRF before shooting: ताजा मिल रही जानकारी की मानें तो हाल ही में फिल्म टाइगर 3 (Tiger 3) के सेट पर एक पूजा का आयोजन किया गया था। फिल्म के मुहूर्त पर सलमान खान (Salman Khan), कटरीना कैफ (Katrina Kaif) और इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) पहुंचे थे।
Shivani Duksh February 27, 2021 9:06 AM IST
Salman Khan और Katrina Kaif की फिल्म Tiger 3 में विलेन बनेंगे Emraan Hashmi? 'सीरियल किसर' ने कर दी पुष्टि
सलमान खान (Salman Khan) और कैटरीना कैफ (Katrina Kaif) की फिल्म 'टाइगर 3' (Tiger 3) में विलेन के रोल में दिखने की खबरों पर इमरान हाशमी ने प्रतिक्रिया दी है। इमरान (Emraan Hashmi) ने फिल्म को लेकर कई सारी बातें की हैं।
Ravi Pareek February 20, 2021 10:35 AM IST
Lalit Chaudhary February 12, 2021 11:58 AM IST
Salman Khan will start Tiger 3 from March 2021: कलाकार सलमान खान मार्च के महीने से टाइगर 3 की शूटिंग शुरू करेंगे और सितम्बर तक इसे खत्म कर देंगे। फिल्म में उनके साथ कटरीना कैफ जोया के किरदार में दिखेंगी। |
सिर्फ एक चम्मच से आंखो की रौशनी बढ़ जाएगी – चश्मा हट जायेगा – INDIA KA TADKA
सिर्फ एक चम्मच से आंखो की रौशनी बढ़ जाएगी – चश्मा हट जायेगा
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आज की रेसिपी सीरीज में हम आपसे ऐसी रेसिपी बताने वाले है, जो आप सब के बहुत काम की है, दोस्तो तकनीकी विकास के इस दौर ने लोगों की आंखों पर बड़ा दुष्प्रभाव छोड़ा है, टेलीविजन, लैपटॉप, कंप्यूटर, स्मार्टफोन्स आदि के अंधाधुंध इस्तेमाल की वजह से लोगों की नजर समय से पहले ही कमजोर होती जा रही है, बहुत ही कम उम्र के लोगों की आंखों पर चश्मा चढ़ जाता है, अगर आपके साथ भी यह दिक्कत है कि आपकी आंखों की नजर में किसी भी तरह का दोष है तो इस रेसिपी से आपके आंखों की कमजोरी दूर होगी, अगर चश्मा लगा है, तो चश्मा भी उतर जाएगा, ये रेसिपी बच्चों बड़ो सबके लिए कारगर है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
* Fennel Seeds(सौंफ) – 1/2 Bowl
* Almonds(बादाम) – 1 Bowl
* Candy Sugar/Dhaga Mishri(धागा मिश्री)
* सफेद मिर्च/ Black Pepper(काली मिर्च) – 1 Spoon (Optional)
* इसे बनाने के लिए हमे सौंफ, धागे वाली मिश्री, सफेद मिर्च, बादाम को ग्राइंडर जार में डाल कर बिल्कुल बारीक पीस कर इसका पाउडर बना लेना है, इसके बाद इसे छान लीजिए और जो पाउडर बने उसे आप रोज एक चम्मच खा सकते है या दूध के साथ ले सकते हैं, ये आपको और आपके बच्चो के आंखो की रोशनी तो बढ़ाएगी ही बल्कि दिमाग भी तेज करेगी इसका टेस्ट सबको बहुत पसंद भी आएगा. |
अमिताभ से रेखा पर क्या पूछ लिया करन ने…? – Campus-live
अमिताभ से रेखा पर क्या पूछ लिया करन ने…?
भारत वापस आने के बाद अमिताभ बच्चन के साथ किए गए इंटरव्यू से करन थापर का बहुत नाम हुआ.
करन बताते हैं, "हमने तय किया कि अमिताभ की 50वीं सालगिरह पर हम उनके साथ एक लंबा इंटरव्यू करेंगे. इंटरव्यू के दौरान जब एक छोटा सा ब्रेक हुआ तो अमिताभ ने मुझसे कहा कि एक बार वॉरेन बेट्टी के साथ एक इंटरव्यू किया गया था जिसमें उनकी लव लाइफ़ के बारे में कई बेबाक सवाल पूछे गए थे."
उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि शायद अमिताभ चाहते हैं कि मैं भी उनसे इस तरह के सवाल पूछूँ. मैं भी चूका नहीं. मैंने उनसे पूछा कि शादी के बाद आपका किसी महिला से इश्क़ हुआ है. अमिताभ ने बिना पलक झपकाए जवाब दिया, 'नहीं, कभी नहीं.' मैंने फिर पूछा, रेखा से भी नहीं? अमिताभ ने जवाब दिया, नहीं उनसे भी नहीं."
इस पर करन ने अमिताभ के बगल में बैठी उनकी पत्नी जया भादुड़ी से भी पूछ लिया कि क्या अमिताभ जो कह रहे हैं, उसपर आपको विश्वास है?
जया ने जवाब दिया, "मैं अपने पति पर हमेशा विश्वास करती हूँ."
करन बताते हैं, "बात यहीं पर ख़त्म नहीं हुई. अमिताभ बच्चन ने इसरार किया कि इंटरव्यू के बाद हम खाने के लिए रुकें. जब हम डाइनिंग रूम में खाने के लिए पहुँचे तो अमिताभ बच्चन का अब तक रुका हुआ गुस्सा ज्वालामुखी की तरह फटा. और इसकी शुरुआत तब हुई जब जया ने उनसे पूछा कि क्या आप चावल लेना पसंद करेंगे."
करन ने बताया, "जया का ये पूछना था कि अमिताभ ने तमक कर जवाब दिया, तुम्हें पता है कि मैं चावल नहीं खाता. जया ने कहा, 'मैं चावल खाने के लिए इसलिए कह रही हूँ क्योंकि रोटी आने में अभी थोड़ी देर है.' तब तक अमिताभ का गुस्सा सातवें आसमान पर था. वो चिल्लाए, तुम्हें पता है, मैं कभी भी चावल नहीं खाता."
करन कहते हैं, "अब हमारी समझ में आने लगा था कि मेरे सवालों से उपजे गुस्से को अमिताभ ने जिस तरह रोक कर रखा था, वो अब बाहर आ रहा था. हमारे लिए ये थोड़ी और परेशानी की बात थी क्योंकि हम उनकी ही खाने की मेज़ पर बैठकर उनका दिया खाना खा रहे थे. हम पंद्रह मिनट तक वहाँ रहे. इस बीच खाने की मेज़ पर किसी ने एक शब्द भी नहीं कहा."
इस वाकये के अगले दिन जब करन दिल्ली पहुँचें तो उनसे उनकी मालकिन शोभना भारतिया ने कहा कि वो अपने इंटरव्यू से अमिताभ के इश्क़ वाला सवाल हटा दें.
करन कहते हैं, "मैंने वो हिस्सा हटा भी दिया. लेकिन अंदर ही अंदर मुझे ये चीज़ पसंद नही आई. मैंने अपने एक पत्रकार मित्र आनंद सहाय से संपर्क किया जो उस समय पायनियर अख़बार में काम करते थे. उन्होंने ये ख़बर पूरे आठ कॉलम में अपने अख़बार में छापी. उन्होंने इस ख़बर में मेरा नाम नहीं लिया, लेकिन इसका स्रोत मैं ही था. शोभना को इसका आभास हो गया. वो मुझसे थोड़ी नाराज़ भी हुईं, लेकिन ये नाराज़गी बहुत दिनों तक जारी नहीं रही." |
शनि देव करने वाले है इन 5 राशियों को मालामाल! - RozBuzz
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शनि देव करने वाले है इन 5 राशियों को मालामाल!
DEVISAHAY MEENA February 26, 2020Leave a comment
शनि देव करने वाले है इन 5 राशियों को मालामाल! February 26, 2020Leave a comment
नमस्कार दोस्तों, ज्योतिष के अनुसार शनि देव ५ राशियों पर धन की बारिश करने वाले है. शनि देव की कृपा से आपके पास इतना पैसा आ जाएगा की आपको पैसे गिनने की मशीन खरीद ने की जरूरत पड़ जाएगी. आपको पैसे गिनने के लिए लोग रखने पड़ेंगे. आप देखते ही देखते गरीब में से अमीर बन जाएंगे. आपका जीवन राजा जैसा होगा.
शनि देव की कृपा से आपके पास पैसे ही पैसा होगा. इस पैसों का निवेश आपको सही जगह करना चाहिए. आपको नया व्यापार शुरू करने का मौका भी मिलेगा. आपका विदेश जाने का सपना साकार होगा. आपके रुके हुए सभी काम पूरे हो जाएंगे. आपके रास्ते में आ रही बाधा खत्म हो जाएगी. आपको हर कार्य में सफलता का मिलेगी.
शनि देव की कृपा से आपका व्यापार दुगनी तेजी से चलेगा. नई नौकरी मिलने के योग बन रहे है. परिवार में सबसे ज्यादा अमीर इंसान आप होंगे. सब लोग आपको मान की नजर से देखेंगे. आपके दुश्मन भी आपके दोस्त बन जाएंगे. आपको शेयर बाजार में बड़ा मुनाफा मिलने की संभावना है.
वृषभ, कर्क, मीन, मेष और कुंभ राशि पर धन की बारिश होने वाली है. आपकी राशि इसमें से एक है तो कमेंट में "जय शनि देव" जरूर लिखें, धन्यवाद दोस्तो। |
Surya Grahan Effect सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को दिन में लगने जा रहा है। इस ग्रहण के प्रभाव से भारत, पकिस्तान और ईरान में कई बड़ी घटनाएं हो सकती हैं। रुस यूक्रेन के युद्ध पर भी सूर्य ग्रहण का असर दिखेगा। आइए जानें सूर्य ग्रहण का कैसा रहेगा आप पर प्रभाव।
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सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को लगने जा रहा है। यह साल का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में मंगलवार के दिन आश्विन मास की अमावस्या को दिखाई देगा। भविष्यफल भास्कर के अनुसार तुला राशि का सूर्य सोने के दामों में तेजी लाता है। बृहत्संहिता के राहु-चार अध्याय के अनुसार तुला राशि में ग्रहण हो तो उज्जैन और उसके समीपवर्ती प्रदेश (वर्तमान में मध्य प्रदेश), व्यापारी वर्ग, मरू तथा कच्छ प्रदेश जिसे वर्तमान गुजरात, राजस्थान तथा पाकिस्तान में सिंध प्रान्त कहा जाता यहां के लोगों को कष्ट होने की अशंका है।
सूर्य ग्रहण कहां दिखेगा, कैसा रहेगा प्रभाव
सूर्य ग्रहण से कुछ दिनों बाद ही सरकारी एजेंसियों की कार्यवाही व्यापारी वर्ग तथा धनाढ्य लोगों को कुछ कष्ट दे सकती हैl तुला राशि के अधीन आने वाले पदार्थ जैसे उड़द, राजमा, जौं, गेहूं, सरसों आदि के दामों में तेज़ी देखी जाएगी। भारत में यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण दिन में दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर आरंभ होगा और शाम 6 बजकर 15 मिनट भारतीय समय अनुसार सूर्य अस्त के समय समाप्त हो जाएगा। भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण अधिकतर यूरोप, मध्य पूर्व एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया तथा उत्तरी हिन्द महासागर में दिखाई देगा।
यूरोपीय देशों के लिए यह सूर्यग्रहण अच्छा नहीं है
सूर्य ग्रहण के कुछ दिनों के भीतर ही रूस और यूक्रेन में चल रहा युद्ध भयानक रूप ले सकता है। ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में केतु और शुक्र के साथ तुला राशि में युत होने से पश्चिम दिशा में इस ग्रहण का प्रकोप अधिक होगा। मकर राशि में गोचर कर रहे शनि की दसवीं दृष्टि के चलते सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण के समय विशेष पीड़ा होने से यूरोप में दुर्भिक्ष यानि अनाज की कमी और युद्ध के हालत बनने के योग बन रहे हैं।
ईरान पाकिस्तान में होगा हिंसक आंदोलन
भारत के पश्चिमी प्रांत गुजरात तथा राजस्थान के कुछ हिस्सों में कुछ हिंसक घटनाएं हो सकती हैं। ईरान की कर्क लग्न की कुंडली के चौथे घर को पीड़ित कर यह सूर्य ग्रहण वहां महिलाओं के हिज़ाब के विरोध में चल रहे आंदोलन को हिंसक बना सकता है। ग्रहण के समय शुक्र का सूर्य से पूर्ण रूप से अस्त होकर शनि की दसवीं दृष्टि से पीड़ित होना महिलाओं के विरुद्ध क्रूरतम अपराध होने का ज्योतिषीय योग बना रहा है जिसका विशेष प्रभाव ईरान, पाकिस्तान तथा भारत के पश्चिमी भागों में देखा जाएगा। ईरान में इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार महिला आंदोलनकारियों के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही कर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से बेहद कड़े प्रतिबंध और आलोचना झेलने पर विवश होगी। तुला राशि का ग्रहण पाकिस्तान की मेष लग्न की कुंडली के सप्तम भाव में होकर वहां राजनीतिक हिंसा का योग बना रहा है।
सरकार कर सकती है बड़ी कार्यवाही, बड़ी हस्तियां होंगी बेचैन
ग्रहण के समय बनने वाली कुंडली में मीन लग्न उदित हो रहा है जिसमें वक्री गुरु पर बुध और शनि की दृष्टि रहेगी। ऐसे में सरकार की नयी आर्थिक नीतिओं तथा सरकारी एजेंसियों की 'मनी लॉन्ड्रिंग' मामलों में कार्यवाही से कुछ बड़ी हस्तियों पर संकट के बादल छाएंगे। इसके अतिरिक्त ग्रहण की कुंडली में अष्टम भाव में सूर्य और चंद्रमा, चतुर्थ में मंगल तथा धन साथ में राहु बड़े नेताओं के लिए कुछ अशुभ संकेत दे रहे हैं। दीपावली के अगले दिन मंगलवार को लग रहा यह सूर्य ग्रहण भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार की कोई बड़ी कार्यवाही का ज्योतिषीय संकेत दे रहा है।
सचिन मल्होत्रा ऐस्ट्रॉलजर
सूर्य ग्रहण पर 4 ग्रह रहेंगे एक साथ, तुला सहित इन 4 राशियों पर दिखेगा अशुभ प्रभाव
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दिल्ली के धाकड़ खिलाड़ी की UAE से हुई भावुक विदाई, कहा- मेरे लिए IPL ट्रॉफी जीतना - न्यूज़ हिमाचली News Himachali | हिमाचल की No. 1 हिंदी वेबसाइट
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दिल्ली के धाकड़ खिलाड़ी की UAE से हुई भावुक विदाई, कहा- मेरे लिए IPL ट्रॉफी जीतना
October 09, 2020 Cricket, INDIA
यूएई में खेले जा रहे IPL 2020 में दिल्ली कैपिटल्स के लिए धाकड़ स्पिनर अमित मिश्रा ने 3 मैच खेले थे। इन तीन मैचों में उन्होंने 3 विकेट चटकाए, लेकिन उंगली की चोट की वजह से वे इंडियन प्रीमियर लीग के बाकी बचे सीजन से बाहर हो गए हैं। अमित मिश्रा के उस हाथ की उंगली में चोट लगी है, जिससे वे गेंदबाजी करते हैं। ऐसे में उनको आइपीएल से बाहर होना पड़ा है, लेकिन यूएई से भारत आने से पहले उनको दिल्ली कैपिटल्स ने टीम ने स्पेशल फेरयवेल दिया है। इस विदाई समारोह में अमित मिश्रा समेत दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ी भावुक नजर आए।
मंगलवार को दिल्ली कैपिटल्स के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किए गए अमित मिश्रा की विदाई के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मिश्रा काफी भावुक हैं और अपने साथियों से कह रहे हैं कि उनके लिए आइपीएल ट्रॉफी जीतकर लाना। डीसी ने अपने ट्विटर पर शेयर किए वीडियो कैप्शन में लिखा है, "अलविदा चेहरे में कोई अच्छाई नहीं है, टीम की ओर से, श्रेयस अय्यर ने अमित मिश्रा को उनके विदाई पर एक भावुक संदेश दिया। अमित मिश्रा ने हमारी 2020 की क्लास के लिए एक विशेष अनुरोध साझा किया।"
इस वीडियो में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान श्रेयस अय्यर टीम की ओर से कह रहे हैं, "पिछले पांच मैच के लिए अपनी सर्विस के लिए धन्यवाद। आपकी गेंदबाजी अद्भुत थी और आपके प्रयास हम वास्तव में टीम के साथ आपके समय की सराहना करते हैं। हमें आपकी कमी जरूर खलेगी।" अमित मिश्रा आइपीएल के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उनसे ऊपर सिर्फ लसिथ मलिंगा हैं, लेकिन वे आइपीएल में सबसे ज्यादा 160 विकेट चटकाने वाले एकमात्र स्पिनर हैं।
दिल्ली कैपिटल्स को छोड़ते समय विदाई संदेश में अमित मिश्रा ने कहा, "आपको सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं आप सभी को मिस करने वाला हूं। मेरी अब तक की यात्रा काफी यादगार रही है। मैं देख रहा हूं कि आप मेरे लिए ये टूर्नामेंट जीतोगे। इसके लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।" इस भावुक पल को शिखर धवन मस्ती में बदलने का प्रयास करते हैं और जोक भी मारते हैं।
दिल्ली के धाकड़ खिलाड़ी की UAE से हुई भावुक विदाई, कहा- मेरे लिए IPL ट्रॉफी जीतना Reviewed by news himachali on October 09, 2020 Rating: 5 |
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को पुलिस लाईन, देहरादून में पुलिस स्मृति परेड में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के शहीद पुलिस व अर्द्धसैन्य बलों के परिजनों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आज के दिन अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अर्द्ध सैनिक बल व पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था बनाए रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों का है।
अपने इस उत्तरदायित्व को निभाते हुए पुलिस कर्मियों अपने जीवन की आहुति को भी तत्पर रहते हैं। विगत एक वर्ष में भारतवर्ष में 265 अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं, जिसमें उत्तराखंड पुलिस के 6 वीर शहीद हुए हैं। ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिस कर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत है। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों व अर्द्ध सैनिक बलों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए नतमस्तक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन हम इन पुलिस कर्मियों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करते हैं। आज पूरा विश्व आतंकवाद और कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है। हमें इन चुनौतियों का डटकर सामना करना है। इनसे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने शहीद कोष हेतु रुपए 75 लाख की राशि स्वीकृत करने और सहायक उपनिरीक्षक व निरीक्षक के वर्दी भत्ता में रु0 1000 की वृद्धि की घोषणा की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री हरवंश कपूर , श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्री उमेश शर्मा काऊ, श्री विनोद चमोली, श्री गणेश जोशी, पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूड़ी, श्रीमती राधा रतूड़ी ने भी शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
Umesh Kumar
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Journalist from Uttar Pradesh. At @News Desk he report, write, view and review Crcicket News. Can be reached at [email protected] with Subject line starting Umesh More by Umesh Kumar
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Kidney Health: किडनी की समस्या से हैं परेशान
Kidney Health: किडनी की समस्या से हैं परेशान, तो ट्राई करें ये 5 होम मेड लेमन ड्रिंक्स
नई दिल्ली, Lemon Drinks for Kidney Health: ये बात तो हर कोई जानता है कि, किडनी हमारे शरीर का कितना अहम हिस्सा होता है। ये हमारी बॉडी का खून साफ करने के साथ-साथ शरीर से टॉक्सिन्स (विषाक्त पदार्थों) निकालने का भी काम करती है। हालांकि कई बार ये टॉक्सिन्स गुर्दे को हानि भी पहुंचाते हैं जिससे किडनी भी फेल हो जाता है। लेकिन आज हम आपसे कुछ ऐसे ड्रिंक्स के बारें में बताने जा रहे है, जिसको पीकर आप अपनी बॉडी के इस खास अंग को साफ कर गुर्दे को डैमेज होने से बचा सकते हैं। आइए जानते है यह होम मेड ड्रिंक कब और कैसे पीना है।
बॉडी में किडनी की क्या है अहमियत?
आपको बता दें कि, किडनी का काम खून को साफ करना और शरीर की गंदगी को यूरिन यानी पेशाब के जरिए बॉडी से बाहर निकालना होता है। इसके अलावा किडनी मानव शरीर में साल्ट, पोटेशियम एवं एसिड की मात्र को भी कंट्रोल करती है। साथ ही साथ गुर्दे से वो हार्मोन भी निकलते हैं जो हमारे शरीर के अन्य अंगो को कार्य करने के लिए जरूरी हैं। तो चलिए बताते है यह कौन से ड्रिंक है और इससे बनाते कैसे है।
किडनी को साफ करने वाले लेमन ड्रिंक्स (Kidney Health)
पुदीने वाला नींबू पानी
किडनी को (Kidney Health) प्राकृतिक तरीके से साफ करने के लिए आप पुदीने वाला नींबू पानी पी सकते है। इसको बनाने के लिए आपको चाहिए चीनी, पानी, पुदीने का पत्ता और नींबू। इसको बनाने के लिए पहले आप एक गिलास में पानी लें और फिर उसमें नींबू, चीनी और पुदीने का पत्ता डालकर मिलाएं और फिर इस हेल्दी ड्रिंक का सेवन करें।
कोकोनट शिकंजी (Kidney Health)
किडनी को साफ करने वाले हेल्दी ड्रिंक्स में सबसे आसान और सबसे ज्यादा इफेक्टिव ड्रिंक कोकोनट शिकंजी है। इसके लिए आपको सिर्फ दो चीजों की जरूरत है नींबू और नारियल पानी। इसके लिए आपको बस ये करना है कि, एक गिलास में नारियल का पानी डालें। इस पानी में नींबू का रस डालकर मिलाएं और पी लें।
मसाला नींबू सोडा
मसाला नींबू सोडा ये जितना पीने में स्वादिष्ट होता है उतना ही ये किडनी के लिए फायदेमंद भी होता है। इसको बनाने के लिए आपको चाहिए एक गिलास में नींबू का रस, जीरा-धनिया पाउडर, चाट मसाला और सोडा इन सब को अच्छी तरह मिलाएं। इस तरह आपकी किडनी के लिए हेल्दी ड्रिंक तैयार हो जाएगी।
आपको बता दें कि, नींबू और गर्म पानी का ड्रिंक भी किडनी के लिए काफी फायदेमंद होता है ये झट से गुर्दे की सफाई करता है। मालूम हो कि, नींबू का सेवन करने से बॉडी में विटामिन सी की कमी पूरी होती है, साथ ही इम्युनिटी भी स्ट्रॉन्ग रहती है। किडनी को डिटॉक्स करने के लिए नींबू का सेवन बेहद असरदार माना जाता है। एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीने से किडनी की तुरंत सफाई (Kidney Health) होती है।
अदरक और नींबू (Kidney Health)
अदरक और नींबू के अंदर ऐसे विशेष पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जो किडनी फंक्शन को बूस्ट करने का गुण रहते हैं। इतना ही नहीं, इनमें किडनी को डिटॉक्सिफाई करने का गुण पाया भी पाया जाता है। इस ड्रिंक को बनाने के लिए आप अदरक को कूट कर उसका रस निकाल लें और फिर एक गिलास में पानी लें और उसमें नींबू और अदरक का रस मिलाकर अच्छे से मिलाएं और फिर इसका सेवन करें।
Tagged: Coconut Shikanji, Healthy Kidney, Kidney, Kidney Care, Kidney Disease, Lemon Drink, Lemonade, Masala Soda, Mint, Toxins, किडनी |
समान काम के समान वेतन का कानून खत्म करने में लगी मोदी सरकार
आज पूंजी की तानाशाही का दौर चल रहा है। मोदी की सरकार कारपोरेट पूंजी चहेती बनी हुई और उसकी सेवा के लिए श्रम के बूते जिदंगी जीने वालों पर हमला कर रही है।...
June 25,2017 11:25
जनपद के श्रमिक संगठनों ने बैठक कर बनायी मजदूर संघर्ष समिति
अवधराज सिंह समन्वयक और सुरेन्द्र पाल प्रवक्ता व लल्लन राय संरक्षक बनाए गए
18000 रू0 न्यूनतम मजदूरी पर चलेगा अभियान
अनपरा, सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) 25 जून 2017। मोदी सरकार द्वारा ठेका श्रमिक कानून की धारा 25 को समाप्त कर समान काम के समान वेतन और न्यूनतम वेतन पाने के कानूनी अधिकार को संविदा श्रमिकों से छीनने की कोशिश पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का निर्णय आज अनपरा में यू0 पी0 बिजली बोर्ड इम्पलाइज यूनियन (सीटू) कार्यालय पर जनपद के विभिन्न श्रमिक संगठनों की बैठक में लिया गया।
बैठक में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में बने सातवें वेतन आयोग की 18000 रू0 न्यूनतम वेतन करने की अनुशंसा को लागू कराने, हर श्रमिक को ग्रेच्युटी लाभ देने और अनपरा व ओबरा में ईएसआई अस्पताल निर्मित कराने के सवालों पर बड़ा जनअभियान चलाने का निर्णय हुआ। इसके तहत मजदूरों में व्यापक अभियान चलाते हुए जुलाई माह में उपश्रमायुक्त कार्यालय पर घरना देने और अगस्त माह में बड़ा सम्मेलन करने का फैसला लिया गया।
बैठक में हिण्डालकों के कृपाशंकर पनिका, शंकर दयाल बैसवार, रेनूसागर के नेता कुलदीप पाल, अनपरा के तेजधारी गुप्ता, ओबरा के मोहन प्रसाद, आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की निर्मला सिंह, मिड़ डे मील कर्मचारी यूनियन की कुसुम, आशा कर्मचारी यूनियन के शिव कुमार उपाध्याय, मजदूर एकता संघ के अजीत कुमार सिंह, डाला के राजू चौधरी, ग्रामीण मजदूर मंच के रमेश सिंह खरवार को मजदूर संघर्ष समिति का संयोजक चुना गया।
संयोजक मण्डल का संरक्षक एटक के जिलाध्यक्ष लल्लन राय, समन्वयक सीटू के जिलाध्यक्ष का0 अवधराज सिंह व प्रवक्ता ठेका मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र पाल को बनाया गया है।
बैठक में मौजूद यू0 पी0 वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि आज पूंजी की तानाशाही का दौर चल रहा है। मोदी की सरकार कारपोरेट पूंजी चहेती बनी हुई और उसकी सेवा के लिए श्रम के बूते जिदंगी जीने वालों पर हमला कर रही है। कानून द्वारा प्रदत्त अधिकारों को खत्म किया जा रहा है। आज इसके खिलाफ एकताबद्ध संघर्ष वक्त की जरूरत है। मजदूरों की जिदंगी की हिफाजत और अधिकारों के लिए संघर्ष समिति काम करेगी।
बैठक की अध्यक्षता आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की नेता निर्मला सिंह ने की। बैठक में सीटू के प्रदेश मंत्री का0 विशम्भर सिंह, आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की प्रदेश कोषाध्यक्ष का0 बबिता, अवधराज सिंह, सुरेन्द्र पाल, कुलदीप पाल, राम नरेश यादव, तेजधारी गुप्ता, शंकर दयाल, कुसुम देवी, प्रतिभा पाण्डेय, रमेश सिंह खरवार, मीना देवी, केदार सिंह, राजीव कुमार पाण्डेय, मोहन प्रसाद, नागेन्द्र चौहान, शिव कुमार उपाध्याय, केदार सिंह आदि मौजूद रहे।
योगी सरकार के 100 दिन : अब तक की सबसे बड़ी जनविरोधी सरकार - भाकपा (माले)
गुजरात में होगा 'आज़ादी कूच' : उना से आई फिर आवाज़, नहीं सहेंगे हिंदू राष्ट्र, भगवा आतंकवाद और पूंजीवाद ! |
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित, पर्चे उड़ाने वाले विपक्षी सांसद हो सकते हैं निलंबित – Samar Saleel
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का 8वां दिन भी काफी हंगामेदार रहा। पेगासस जासूसी प्रकरण और कोरोना महामारी के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे तेवर देखने को मिले। वहीं कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार को घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा की। राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने बुधवार को पेगासस के मुद्दे पर लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस भी दिया। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकसभा में स्पीकर की कुर्सी के प्रति अभद्र व्यवहार प्रदर्शित करने और कागज के टुकड़े फेंकने के लिए कुछ सांसदों को निलंबित किया जा सकता है। इन सांसदों में गुरजीत सिंह औजला, टीएन प्रथपन, मनिकम टैगोर, रवनीत सिंह बिट्टू, हिबी ईडन, ज्योतिमणि सेन्निमलई, सप्तगिरि शंकर उलाका, वी वैथिलिंगम और एएम आरिफ के नाम शामिल हैं।
बता दें कि बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति की बैठक का आयोजन होना था, लेकिन कोरम के अभाव में बैठक नहीं हो सकी। बैठक में पेगासस मुद्दे पर चर्चा की जानी थी। समिति ने इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाया था। वहीं भाजपा सांसदों ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। बाद में विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
शशि थरूर को आईटी कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग
लोकसभा में भारी हंगामे के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को आईटी कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग की। उन्होंने शशि थरूर पर मनमानी का आरोप लगाया है।
तृणमूल सांसद की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
तृणमूल कांग्रेस की सांसद शांता छेत्री की बुधवार को राज्यसभा में अचानक तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें निकट के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।
तृणमूल सांसद की तबीयत बिगड़ने के कारण सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राहुल ने सदन में हंगामे को सही ठहराया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेगासस तथा किसानों के मुद्दे पर संसद में चल रहे हंगामे को सही ठहराते हुए कहा है कि उनकी पार्टी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है और सरकार को पेगासस जैसे संवेदनशील मामले में संसद में जवाब देना चाहिए। राहुल ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पेगासस को हथियार के रूप में अपने लोगों तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।
Lok Sabha proceedings adjourned opposition MPs blowing pamphlets may be suspended अस्पताल में भर्ती तृणमूल सांसद की तबीयत बिगड़ी पर्चे उड़ाने वाले विपक्षी सांसद हो सकते हैं निलंबित राहुल ने सदन में हंगामे को सही ठहराया लोकसभा की कार्यवाही स्थगित शशि थरूर को आईटी कमेटी के चेयरमैन पद से हटाने की मांग 2021-07-28
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तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या..?', बस इस ताने को सुनकर यह डॉक्टर बन गई IAS | priyanka shukla faced hate are you a collector become ias officer from doctor ias success story kpt
तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या..?', बस इस ताने को सुनकर यह डॉक्टर बन गई IAS
First Published May 16, 2020, 10:21 AM IST
नई दिल्ली. पूरे देश में कोरोना आपदा ने लोगों की जिंदगी मुहाल कर दी है। ऐसे में सिविल सर्वेंट्स लोगों की मदद करके हर रोज इंसानियत की नई मिसाल पेश कर रहे हैं। महिला अधिकारी भी कोरोना वायरस के लगाए गए लॉकडाउन में चार कदम आगे बढ़कर लोगों की सेवा में जुटी हैं। ऐसी ही एक अफसर आजकल बहुचत चर्चा में हैं। ये हैं छत्तीसगढ़ की आईएएस ऑफिसर डॉ प्रियंका शुक्ला (IAS Priyanka Shukla) जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वह इन दिनों फील्ड के साथ ही ट्विटर के जरिए कोरोना के खिलाफ जिस तरह से जगरुकता फैला रही हैं लोग उसकी खूब तारीफ कर रहे हैं। प्रियंका शुक्ला IAS बनने से पहले एमबीबीएस डॉक्टर रह चुकी हैं। हालांकि डॉक्टरी के दिनों में उनके साथ एक ऐसी घटना घटी कि उन्होंने IAS बनने की ठान ली।
आईएएस सक्सेज स्टोरी (IAS Success Story Of Priyanka Shukla) में हम आपको प्रियंका शुक्ला के एक डॉक्टर से अफसर बनने की इंस्पारिंग स्टोरी सुना रहे हैं।
प्रियंका महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल हैं। 2009 बैच की इस प्रशासनिक ऑफिसर की कहानी युवा पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। हरिद्वार में जन्मीं और पली-बढ़ी प्रियंका के पिता की चाहत थी कि डीएम के नेमप्लेट पर उनकी बेटी का नाम हो।
पिता के सपने को पूरा करने के लिए उनकी दिलचस्पी भी इस ओर हुई लेकिन प्रोफेशनल डिग्री की वजह से उन्हें मेडिकल फील्ड चुनना पड़ा। लेकिन फिर उनकी जिन्दगी में एक ऐसी घटना घटी जिसने उन्हें देश का एक युवा आईएएस बना दिया।
लखनऊ के किंग्स जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इंटर्नशिप करना शुरू किया। इंटर्नशिप के दौरान उन्हें पास के एक स्लम में इलाज़ के लिए जाना होता था। यहां दौरान उनकी मुलाकात एक महिला से हुई, जो इलाज़ के लिए यहां आया करती थी।
महिला खुद भी गंदा पानी पी रही थी और अपने बच्चों को भी पिला रही थी। यह देखकर प्रियंका ने उसे ऐसा करने से मना किया तो उस महिला ने जवाब में कहा, तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या? प्रियंका को यह शब्द अंदर तक चुभ गए और उन्होंने उसी दिन तय किया कि वे सच में कलेक्टर बनकर दम लेंगी।
दरअसल उस महिला की इस लाइन के अलावा झुग्गी-झोपड़ियों की यह दशा देखकर भी वे काफी इमोशनल हो गयी थीं उन्हें लगा की समाज को सुधारने और ऐसे लोगों की मदद करने के लिये उन्हें प्रशासनिक सेवा में ही जाना चाहिए। बचपन से भी यह सपना उनके मन में पल ही रहा था। बस फिर क्या था प्रियंका ने कमर कस ली और लग गयीं यूपीएससी की तैयारी में।
इसके अलावा उन्होंने पिछले साल एक और उल्लेखनीय शुरुआत की। पिछले अगस्त, स्थानीय प्रशासन ने एक स्व-सहायता समूह की स्थापना की जिसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को शामिल किया गया था, जिन्हें जशपुर जिले के कंसबेल शहर में अपनी बेकरी खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया। बेकरी को 'बेटी जिंदाबाद' नाम दिया गया और इसे 20 लड़कियों ने शुरू किया है। बच्चे अफसर शुक्ला से काफी प्रभावित रहते हैं। जब वो निकलती हैं तो लोग डरते नहीं बल्कि स्माइल के साथ सैल्यूट करते हैं।
ब्यूरोक्रेसी में एक बात कही जाती है- "अगर कोई आईएएस इनोवेशन नहीं करता...कुछ नया नहीं करता....लीक पर चल रहे सिस्टम को बदलने की कोशिश नहीं करता तो उसमें और किसी बाबू (क्लर्क) में कोई फर्क नहीं है।" मगर प्रियंका शुक्ला देश की उन चुनिंदा आईएएस अफसरों में शुमार हैं, जो अपने इनोवेशन के लिए जानीं जातीं हैं।
इस वजह से अब तक दो-दो बार राष्ट्रपति से लेकर कई पुरस्कार हासिल कर चुकीं हैं। जशपुर-एक प्रण अभियान के साथ इस अफसर ने लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया। उन्होंने मोटरसाइकिल पर रैली निकाली और लोगों से वोट डालने की अपील की।
डॉ. प्रियंका शुक्ला ने जब जमपुरनगर में कार्य शुरू किया तो नई पहल शुरु की है। अपने साथ मॉर्निंग वॉक में वे जिले के 400 अफसरों-कर्मचारियों को ले जाती थीं। वे ऐसा पूरे स्टाफ को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए कर रही हैं।
हालांकि, शनिवार को करीब 6 किलोमीटर तक पैदल चलने के दौरान स्टाफ के कई लोगों का दम फूल गया। दरअसल आईएएस बनने के पहले डॉक्टर रह चुकीं प्रियंका शुक्ला ने कैंप लगवाकर स्टाफ के लोगों का मेडिकल चेकअप कराया था।
वो अपनी फिटनेस को लेकर भी काफी जागरूक रहती हैं रोजाना जिम में घंटों पसीना बहाती हैं और सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करके फनी कैप्शन भी लिखती हैं। |
घर बैठे ही हर महीने आपके खाते में आएंगे पैसे, जानें SBI की इस खास स्कीम का लाभ.. – TheDesiAwaaz
हर व्यक्ति अपने भविष्य को सुधारने और संवारने के लिए प्रतिदिन कार्य करता है। यदि आप भी प्रतिदिन अपने आने वाले कल को अच्छा बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काफी लाभदायक होने वाली है। यदि आप भी हर महीने एक फिक्सड इनकम पाना चाहते हैं तो एसबीआई की यह खास स्कीम आपके लिए एक अच्छा विकल्प होगी। आपको बता दें कि एसबीआई की जिसे स्कीम के बारे में हम आपको बताने वाले हैं। वह है। एन्यूटी डिपॉजिट स्कीम इस स्कीम से आपको हर महीने एक पर्याप्त इनकम प्राप्त हो सकती है। इसके लिए डिपॉजिटर्स को एक बार में एक सुनिश्चित रकम डिपाजिट करनी होती है, जिसके बाद वह हर महीने घर बैठे ही पैसा प्राप्त कर सकता है।
आपको बता दें कि इस रकम को डिपॉजिट करने के बाद डिपॉजिट करने वाला व्यक्ति को इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट प्राप्त होते हैं, जिसमें मूल रकम और इस पर मिलने वाली ब्याज दोनों ही शामिल होते हैं। जिसका मतलब यह है कि आप हर महीने एक मूल रकम के साथ अपनी ब्याज घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के रूप में मान लीजिए यदि आपने 25 मार्च को इस स्कीम में निवेश किया है तो अगले 25 तारीख से इस पर आपको ब्याज मिलना आरंभ कर दी जाएगी।
यदि स्कीम में जमा होने वाली राशि पर लिमिट की बात की जाए तो इस स्कीम में डिपॉजिट की अधिकतम कोई सीमा नहीं है। वहीं इसमें न्यूनतम 25 हजार रुपए तक निवेश किया जा सकता है।
इस स्कीम पर मिलने वाली ब्याज की बात करें तो एसबीआई एन्यूटी स्कीम पर आपको ब्याज उतनी ही मिलेगी, जितनी आपकी फिक्स डिपाजिट होगी। इस पर मिलने वाला ब्याज आपके डिपॉजिट और उसकी अवधि पर निर्भर करता है। यदि आप इस स्कीम में 6 महीने से लेकर 1 साल तक के लिए निवेश करते हैं तो आपको इस पर 5.5% की ब्याज प्राप्त होगी। 1 से 10 वर्ष तक के लिए इस स्कीम पर एसबीआई द्वारा 5.9% की ब्याज दी जाती है। वहीं 36,60,84 और 120 महीनों की डिपाजिट पर आपको 5.9% ब्याज दी जाती है। वही वृद्ध लोगों के लिए इस स्कीम में 1 से 10 साल तक के लिए डिपॉजिट करने पर 6.4% की ब्याज उपलब्ध कराई जाती है।
इसकी अवधि की बात की जाए तो एसबीआई एन यू डी स्कीम में आप 3,5,7,10 साल के लिए निवेश कर सकते हैं।
इतना ही नहीं, इस स्कीम के अंतर्गत आपको लोन की सुविधा भी प्राप्त होती है। एसबीआई एन्यूटी स्कीम में डिपॉजिट करने वाले व्यक्ति इसमें डिपाजिट कुल रकम की 7.5% रकम को लोन के रूप में ले भी सकते हैं।
Note: यदि इस स्कीम की अवधि पूरी होने से पहले डिपाजिट कर्ता की मृत्यु हो जाती है तो बचे हुए रकम की प्रीपेमेंट कर दी जाती है |
जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट जारी, हवाई सेवा पर लगी रोक, सुरक्षाबलों पर मंडराया खतरा – aaj ki taza khabar
जम्मू कश्मीर में हाई अलर्ट जारी, हवाई सेवा पर लगी रोक, सुरक्षाबलों पर मंडराया खतरा
जम्मू-श्रीनगर: तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद पाकिस्तान का अपना दूसरा घर बताए जाने से ही भारत के लिए खतरे के संकेत मिल गए थे। पाकिस्तान को तालिबानी समर्थन मिलने से उसके आतंक को भी बढ़ावा मिला है। ऐसे में अब पाकिस्तान नए साजिशें रचते हुए जम्मू-कश्मीर में अशांति और आतंक फैलाने के लिए भरसक प्रयास करेगा। इस बीच कई दफा ड्रोन से हथियार गिराने के भी कई किस्से सामने आए हैं।
पाकिस्तान के इन नापाक इरादों को ध्यान में रखते हुए घाटी में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों, जिनमें सीआरपीएफ(CRPF) और बीएसएफ(BSF) जैसे बड़े अर्धसैनिक बल मिलकर तैयारियों में जुटे हैं। लेकिन अब उनकी ही सुरक्षा का खतरा उत्पन्न हो गया है।
श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर' रूट पर रोक
सूत्रों से सामने आई जानकारी में बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 अगस्त के बाद 'दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली' और 'श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर' रूट पर एयर कूरियर सर्विस (सस्पेंशन) रोक दी है।
बता दें, जब दो साल पहले 'पुलवामा' में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। फिर उसके बाद जम्मू-कश्मीर में जवानों के सड़क मार्ग से गुजरने वाले 'काफिले' पर रोक लगा दी गई थी। और सुरक्षा बलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी।
ऐसे में केंद्रीय सुरक्षा बलों के सूत्रों का ये कहना है, हवाई सेवा को 31 अगस्त 2021 के बाद जारी रखने की मंजूरी नहीं मिल सकी है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय को पहले ही अवगत करा दिया गया था। मंत्रालय के अधिकारियों को यह सूचना दे दी गई थी कि हवाई सेवा की पांच माह की मंजूरी अवधि 01 अप्रैल 2021 से 31 अगस्त 2021 को खत्म हो रही है। 31 अगस्त के बाद एयर कूरियर सर्विस बंद हो जाएगी।
आगे उन्होंने बताया कि आगे की अवधि की एक्सटेंशन के लिए गृह मंत्रालय को लिखा गया था। यह एक्सटेंशन सात महीने की अवधि के लिए यानी एक सितंबर से लेकर 31 मार्च 2022 तक दी जानी थी। अगर टेंडर प्रक्रिया की अवधि पहले खत्म हो जाती है तो एयर कूरियर सर्विस भी उसी समय से बंद मानी जाएगी। देश के बड़े अर्धसैनिक बल की तरफ से मंत्रालय को इस बाबत को लेकर दो बार सूचित किया गया। पहली बार तीन अगस्त 2021 को इजाजत के लिए आवेदन पत्र गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था।
जिसमें से भेजे गए पहले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। क्योंकि ये मामला केंद्रीय बलों के जवानों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था, इसलिए सुरक्षाबल इसे लेकर कोई लापरवाही या ढिलाई नहीं बरतना चाहते थे।
जिससे फिर 24 अगस्त को दोबारा से गृह मंत्रालय को सूचित किया गया है कि एयर कूरियर सर्विस को आगे की अवधि के लिए स्वीकृति प्रदान की जाए। इसके बाद 31 अगस्त बीत गया, लेकिन फाइल को मंजूरी नहीं मिल सकी। मजबूरन, सुरक्षा बलों को यह आदेश निकालना पड़ा कि अब 'दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली' और 'श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर' रूट पर एयर कूरियर सर्विस रोक दी गई है। जिसके चलते 1 सितंबर 2021 से आगामी आदेशों तक यह सेवा बंद रहेगी।
वहीं सुरक्षा बलों के एक अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारी बड़ा जोखिम मोल ले रहे हैं। उन्हें ये मालूम होना चाहिए कि पुलवामा हमला कैसे हुआ था। सुरक्षाबलों के 'काफिले' पर वैसे हमले न हों, इसलिए उन्हें हवाई मार्ग से आने-जाने की सुविधा प्रदान की गई थी। तभी से इस सेवा को आगे बढ़ाया जाता रहा है। बीएसएफ को इस सेवा की नोडल एजेंसी बनाया गया था।
इस बारे में मंत्रालय के सूत्रों का कहना है, इस बाबत आला अफसरों की तरफ से ही सर्कुलर जारी करने का आदेश नहीं मिला है। वे इससे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं। दूसरी तरफ, अब जवानों को आने जाने में सुरक्षा जोखिम के अलावा अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ट्रेन सेवाएं अभी पूरी तरह चालू नहीं हुई हैं। कश्मीर तक कोई सीधी गाड़ी नहीं है। सबसे ज्यादा खतरा भी इसी रूट पर है। यहां आईईडी, हैंड ग्रेनेड, ड्रोन और आत्मघाती हमले का अलर्ट बना रहता है। फिलहाल आतंकियों की नापाक गतिविधियों को देखते हुए अलर्ट जारी है। |
पंचकूला में साहित्य संगम - Naya India
साथ ही नया इंडिया का एप अपने मोबाइल पर डाउनलोड करे पंचकूला में साहित्य संगम
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BY: नया इंडिया न्यूज/एजेंसी [Edited By : mohan ] Publish Date: March 15th, 2017 3:58 pm चंडीगढ़। हरियाणा के 50 वर्ष के इतिहास की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 17 से 19 मार्च तक पंचकूला में तीन दिन के हरियाणा साहित्य संगम का आयोजन किया जायेगा। हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष के विभिन्न कार्यक्रमोंं के तहत आयोजित किये जा रहे इस संगम का आयोजन स्वर्ण जयंती प्राधिकरण, हरियाणा साहित्य संगम सूचना एवं जन संपर्क एवं भाषा विभाग तथा प्रदेश की सातों अकादमियों के सहयोग से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 17 मार्च को इसका उद्घाटन करेंगे तथा 19 मार्च को राज्यपाल प्रो कप्तान सिंह सोलंकी इसका समापन करेंगे। खट्टर ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उद्घाटन समारोह में हरियाणा की गौरवशाली संस्कृति , परंपराओं, इतिहास, जनजीवन, पुरातत्व और आधुनिक हरियाणा के बारे में लिखने वाले हिन्दी, उर्दू, पंजाबी और संस्कृत के साहित्यकारों को सम्मानित किया जायेगा। इसके साथ ही 80 वर्ष से अधिक उम्र के वयोवृद्ध साहित्यकारों को विशेष रूप से सम्मानित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि साहित्य संगम हिन्दी, संस्कृत, उर्दू और पंजाबी चारों भाषाओं का संगम है और इसमें इन भाषाओं के हरियाणा तथा देश के अन्य हिस्सों के लगभग 2000 साहित्यकार, रचनाकार और लेखक हिस्सा लेंगे। इनमें हिन्दी और हरियाणवी के एक हजार तथा संस्कृत, उर्दू और पंजाबी के 250-250 साहित्यकार होंगे। खट्टर ने कहा कि इस संगम का उद्देश्य साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में हरियाणा के योगदान को उजागर करना तथा उभरते लेखकों को व्यापक एवं सही मार्गदर्शन देने का मंच उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि साहित्य संगम में विभिन्न भाषाओं के अनेक साहित्यिक सत्रों का आयोजन किया जायेगा। इनके अलावा नाटकों का मंचन तथा पुस्तक मेले का भी आयोजन किया जायेगा जिसमें 80 प्रकाशक भाग लेंगे।
हरियाणा की पावन धरा पर वेदों उपनिषदों की रचना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गीता के अमर संदेश भी यहीं गूंजे,महर्षि वेदव्यास ने यहां पर ही महाभारत की रचना की। साहित्य सृजन की यह कड़ी आदि कवि पुष्पदंत, बाण भट्ट, हर्षवर्धन और सूरदास जैसे भगवती शारदा के वरद पुत्रों से शुरू होती है तथा बाबू बालमुकुन्द गुप्त, माधव प्रसाद मिश्र, संत गरीब दास , संत नित्यानंद , सूफी बूअलीशाह कलंदर, अजीम शायर हाली पानीपती, संतोख सिंह , बाबा फरीद तथा लोक कवि पंडित लखमी चंद से होती हुई समकालीन रचनाशीलता तक पहुंचती है।
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पासवा के शिक्षक सम्मान समारोह की तैयारी की हुई समीक्षा बैठक – अनावरण न्यूज़
पासवा के शिक्षक सम्मान समारोह की तैयारी की हुई समीक्षा बैठक
जमशेदपुर:- प्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर पासवा पूर्वी सिंहभूम की ओर से आगामी 16 नवम्बर को जमशेदपुर माइकल जॉन ऑडोटोरियम में आयोजित होने वाले शिक्षक सम्मान समारोह की तैयारी के लिए समीक्षा बैठक प्रदेश पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे की अध्यक्षता में हुई। शिक्षक सम्मान समारोह की सफलता को लेकर पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक दूबे आज सुबह जमशेदपुर पहुंचे एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक रणनीति तय की गई।
बैठक में तय किया गया कि सभी विद्यालय एफिलिएटेड हो या अनएफिलिएटेड सभी निजी विद्यालयों को दो दिनों के भीतर आमंत्रण पत्र भेज दिया जाएगा। माइकल जॉन ऑडिटोरियम का भी निरीक्षण कर वहां की रूप रेखा तैयार की गई। शिक्षकों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट और मोमेंटो का डिजाइन भी फाइनल कर दिया गया।
उन्होंने बताया जमशेदपुर में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह का उद्घाटन झारखण्ड सरकार में वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उराँव करेंगे जबकि मुख्य अतिथि राज्य के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबन्धन मंत्री बन्ना गुप्ता एवं पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद होंगे।शिक्षक सम्मान समारोह में कई प्रदेशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। आलोक दूबे ने कहा कि 500 से अधिक शिक्षकों को पासवा सम्मानित करेगी जो कोल्हान प्रमंडल का अबतक का सबसे बड़ा शिक्षक सम्मान समारोह होगा। श्री दुबे ने कहा की अब नर्सरी से ऊपर के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की मांग का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जाएगा एवं साथ ही मांग की गई है कि कक्षा 3 से उपर के बच्चों का स्कूल अब खोला जाना चाहिए।
यह भी तय किया गया कि माइकल जॉन ऑडोटोरियम में ही 16 नवम्बर को पूर्वाहन 10.30 बजे तक रजिस्ट्रेशन हो जाएगा तत्पश्चात 11.00 बजे से मुख्य कार्यक्रम होंगे,शहर में तोरण द्वार एवं फ्लैक्स लगाए जाऐंगे। जिला की टीम ने प्रदेश अध्यक्ष को शिक्षक सम्मान समारोह ऐतिहासिक रुप से सफल बनाने का आश्वासन दिया। बैठक में होनी सिंह मुंडा, राजा सिंह राजपूत, विश्वेशर प्रसाद,रंजीत झा,संदीप झा, रोहन झा समेत अन्य उपस्थित थे। |
बस एक चम्मच तेल में बनाएं भटूरे | How to Make Bhature with less oil | total views <% if ( today_view > 0 ) { %> , views today
बस एक चम्मच तेल में बनाएं भटूरे
1 year ago Desk
छोले-भटूरे (Chole bhature) एक बेहद स्वादिष्ट और दिल्ली में ज्यादातर खाने वाला व्यंजन है । इसका नाम सुनकर पंजाब की याद आ जाती है। पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इसका स्वाद लोगों को भाता है।
छोले-भटूरे (Chole bhature) एक बेहद स्वादिष्ट और दिल्ली में ज्यादातर खाने वाला व्यंजन है । इसका नाम सुनकर पंजाब की याद आ जाती है। पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इसका स्वाद लोगों को भाता है। घरों में भी अक्सर महिलाएं इसे बनाती हैं। छोले तो आसानी से बन जाते है पर बाजार के जैसे भटूरे बनाने लोगों को मुश्किल लगता है। लोगों के सवाल रहते हैं कि अक्सर भटूरे बनाते समय उसमें तेल भर जाता है, इसलिए ना चाहते हुए भी हम भटूरे नहीं खा पाते हैं? वहीं, इनमें वैसा कुरकुरापन और स्वाद नहीं आता जैसा बाजार में मिलता है, साथ ही ये फूलते भी नहीं हैं। तो चलिए आज आपकी इन समस्याओं को दूर करते है और आपको बताते है ऐसे टिप्स जिससे ना ही आपके भटूरे में तेल भरेगा और ये बनेंगे बिलकुल कुरकुरे और गुब्बारे की तरह फूले-फूले।
अक्सर लोगों को समस्या होती है कि घर पर बाजार जैसे भटूरे नहीं बन पाते है। कभी ये फूलते नहीं है, तो कभी इनमें तेल भर जाता है। तो अब जब भी अगली बार भटूरे बनाएं ये टिप्स जरूर अपनाएं।
अगर भटूरे फूलते नहीं है तो इसे फुलाने के लिए आप इनो का भी इस्तेमाल मैदे में कर सकते हैं। इससे आपके भटूरे गुब्बारे की तरह फूल-फूले बनेंगे।
वैसे मैदे में दही, बेकिंग सोडा, सूजी और नमक ही डाला जाता है और इसे 2-3 घंटे के लिए ढक्कर फरमेंट होने के लिए रखा जाता है। जबकि आप मैदे में यीस्ट और सोडा वॉटर डालकर सिर्फ एक घंटे में भटूरे का आटा तैयार कर सकते हैं।
वैसे तो भटूरे गरम-गरम ही अच्छे लगते हैं, लेकिन आप भटूरों को रेफ्रीजिरेटर में 2-3 दिन तक रख सकते हैं। बाद में माइक्रोवेव में गरम करके खा सकते हैं। अगर दोबारा तलेंगे तो इनमें तेल भर जाएगा। इसलिए बेहतर होगा माइक्रोवेव में गरम कर लें।
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बाहर बहुत जोर की बारिश हो रही थी। थोड़ी देर बाद हम उठ कर झुग्गी मे से बाहर देखने लगे. तो पशु पास में ही घास चर रहे थे और भैंसा भैंस के ऊपर चढ़ कर धक्के लगा रहा था। यह देख कर कर मैने नंगी खड़ी दीदी को पीछे से उसके मम्मों को पकड़ कर अपने साथ चिपका लिया, और मेरा लंड खड़ा हो कर उसकी गांड को चुभने लगा। दीदी ने एक हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी और कहने लगी कि तेरा लंड तो एक बार ठंडा हो गया है, पर मै अपनी फुदी का क्या करूं जो भट्ठी की तरह गरम हो गई है। “दीदी टांगे चौड़ी करके” |
Monsoon Makeup Tips: मानसून में रखें इन बातों का ख्याल, देर तक टिकेगा मेकअप | Monsoon Makeup Tips: Keep these things in mind during monsoon, makeup will last long – News18 हिंदी
Monsoon Makeup Tips: मानसून में रखें इन बातों का ख्याल, देर तक टिकेगा मेकअप
मानसून सीजन के मद्देनजर मेकअप प्रोडक्ट्स का चुनाव करना चाहिए.
इस मौसम में ऐसा मेकअप (Makeup) किए जाने की जरूरत है, जो देर तक चेहरे (Face) पर टिका रहे और आप निखरी-निखरी नजर आती रहें. ऐसे में मानसून सीजन (Monsoon Season) के मद्देनजर मेकअप प्रोडक्ट्स (Makeup Products) का चुनाव बेहद सावधानी से करना चाहिए.
Last Updated : June 27, 2020, 13:54 IST
मेकअप (Makeup) हर मौसम के मुताबिक किया जाता है, मगर जब बात मानसून सीजन (Monsoon Season) की आती है तो यह समझ नहीं आता कि किस तरह का मेकअप किया जाए, क्योंकि यह चिपचिपा मौसम चेहरे पर निखार बनाए रखने और मेकअप के लिहाज से बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता. इसलिए इस मौसम में ऐसा मेकअप किए जाने की जरूरत है, जो देर तक चेहरे पर टिका रहे और आप निखरी-निखरी नजर आती रहें. ऐसे में मानसून सीजन के मद्देनजर मेकअप प्रोडक्ट्स (Makeup Products) का चुनाव बेहद सावधानी से करना चाहिए. तो आइए जानते हैं कि मानसून में किस तरह का मेकअप इस्तेमाल करना चाहिए.
इस सीजन में वाटर प्रूफ मेकअप आपके पास होना बेहद जरूरी है. मेकअप को अगर ज्यादा देर तक टिकाए रखना है, तो प्राइमर का इस्तेमाल करना चाहिए. सबसे अहम बात कि इस मौसम में ऑयली स्किन प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से बचें. यानी इस मौसम में क्रीम बेस्ड मॉयस्चराइज़र, फाउंडेशन या कंसीलर का इस्तेमाल न करें.
वाटर प्रूफ फाउंडेशन मानसून सीजन में जरूर लगाना चाहिए. इसकी वजह यह है कि यह चेहरे को ग्लोइंग लुक देने के साथ ही लंबे समय तक टिका रहता है. इसके अलावा बरसात के मौसम में पाउडर ब्लश के बजाय क्रीम ब्लश का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर रहेगा.
ये भी पढ़ें - Beauty Tips: ब्यूटी पार्लर जाने की जरूरत नहीं, घर में इन तरीकों से करें पेडीक्योर
वॉटरप्रूफ काजल और मस्कारा इनमें से कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी खासियत यह है कि यह पानी की वजह से फैलेगा नहीं और आपका मेकअप बिगड़ेगा नहीं. वॉटरप्रूफ आईलाइनर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.
इस मौसम में लिपस्टिक की क्वालिटी से बिल्कुल समझौता न करें. खराब क्वालिटी की लिपस्टिक आपका मेकअप बिगाड़ सकती है. वॉटरप्रूफ लिप कलर लगाएं ताकि बारिश पडऩे पर भी लिप शेड का रंग छूटे नहीं. इसके अलावा मानसून सीजन में हमेशा लिक्वेड बेस्ड मेकअप सेटर का ही चुनाव करें. |
Jeff Bezos के सुपर बोट Superyatch के लिए टूटेगा 150 साल पुराना ये पुल, कभी नाजियों ने बरसाया था बम » .
भारत Business बड़ी खबरें
ऐसा कहतें है कि पैसे में बड़ी ताकत होती है. दुनिया के अमीर लोग अक्सर इस कहावत को सच करते रहते हैं. दुनिया के दूसरे सबसे रईस इंसान जेफ बेजोस भी उन लोगों में शामिल हैं, जो बार-बार पैसे की ताकत साबित करते रहते हैं. अंतरिक्ष की सैर कर चुके इस अरबपति की सुपरबोट को रास्ता देने के लिए अब एक ऐसा पुल तोड़ा जा रहा है, जो सदियों पुराना है.
जेफ बेजोस की बोट के रास्ते में आ रहा है पुल
नीदरलैंड के Rotterdam शहर में यह ऐतिहासिक पुल है. पड़ोसी शहर Alblasserdam के शिपयार्ड में जेफ बेजोस के लिए खास सुपरबोट तैयार की गई है. यह सुपरबोट थ्री-मास्टेड है और इसकी ऊंचाई 40 मीटर है. इस बोट की लागत 485 मिलियन डॉलर है. इस सुपरबोट को ले जाने के लिए पुल का बीच का हिस्सा तोड़ा जा रहा है. शिपयार्ड ने इसके लिए स्थानीय प्रशासन से रिक्वेस्ट किया था.
हिटलर की सेना ने बरसाए थे बम
इस पुराने पुल का इतिहास से गहरा नाता है. इस पुल को 1878 में बनाया गया था. रॉटरडैम शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल Koningshaven Bridge का हिटलर से भी संबंध है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की सेना ने इस पुल पर खूब बमबारी की थी. इस बमबारी में पुल को काफी नुकसान हुआ था. बाद में इसे फिर से बनाया गया था.
जेफ बेजोस देंगे फिर बनाने का खर्च
खबरों के अनुसार, सुपरबोट को समुद्र तक ले जाने का यही एक रास्ता है और बिना पुल को हटाए यह संभव नहीं हो सकता है. बताया जा रहा है कि अभी इस पुल को तोड़ा जाएगा और सुपरबोट के गुजर जाने के बाद इसे फिर बना दिया जाएगा. तोड़ने और बनाने में जो भी खर्च आएगा, वह जेफ बेजोस अपने पास से देंगे.
दूसरी ओर स्थानीय लोगों का एक धड़ा प्रशासन के इस फैसले का विरोध कर रहा है. लोगों का कहना है कि शहर की काउंसिल ने 2017 में रेनोवेशन के बाद वादा किया था इस ऐतिहासिक पुल को फिर कभी हाथ नहीं लगाया जाएगा. वहीं मेयर का कार्यालय इसके आर्थिक फायदे गिना रहा है. प्रशासन का कहना है कि सुपरबोट के बनाए जाने से शहर को आर्थिक फायदे हुए हैं और स्थानीय लोगों को काम मिला है. |
💄💋👄 बाल: होंठ: घर पर लिप बाल्म कैसे बनाएं
होंठ: घर पर लिप बाल्म कैसे बनाएं
कैसे Beeswax होंठ बाम बनाने के लिए
होंठ में नमी का नुकसान इसे निर्जलित और ठंडा कर सकता है। स्थिति इतनी बदतर है, खासकर सर्दियों के दौरान जो कुछ भी काम नहीं करता है। सर्दिया आ रही है। होंठ सबसे नाजुक और कमजोर हिस्से हैं और ठंडे पहले होंठ और फिर त्वचा को हिट करती है।
होंठ बाम के लाभ और उपयोग: - 1) त्वचा पर कॉस्मेटिक के सीधे संपर्क से बचने के लिए लिपस्टिक के तहत इस्तेमाल किया जा सकता है। 2) होंठ के गुलाबी, प्राकृतिक रंग बहाल करने में मदद करता है। 3) नमी के साथ प्रदान करता है, और स्पर्श या पुन: आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। 4) होंठ को बाहरी एक्सपोजर से बचाने में मदद करता है। 5) कुछ लोग होंठ बाम के स्थान पर पेट्रोलियम जेली का उपयोग करते हैं लेकिन इसकी कोई शक्ति नहीं है। 6) शून्य रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है ... इसका कार्बनिक और खाने पर आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता..तुम इसे नहीं खाओगे। (याद याद)
मोम बादाम का तेल / जैतून का तेल (या बराबर मात्रा में दोनों) आप अपनी जरूरतों और कल्पनाओं के साथ यहां खेल सकते हैं ...। उपलब्धता या पसंद के लिए; नारियल का तेल, तिल का तेल, कसाई का तेल, कास्टर तेल, बेबी तेल। विट ई तेल कैप्सूल। (मैंने इवियन का इस्तेमाल किया)
डबल मोम की छोटी मात्रा उबालें और इसे पिघल दें ... तेल को कम से कम 3 टीबीएस जोड़ें। याद रखें बाम की रहने की शक्ति बाम की मोटाई पर निर्भर करती है। यदि आप अधिक तेल डालते हैं..यह तेलदार होगा और खून बह जाएगा। डबल बॉयलर से निकालें। तेल / तेल और विट ई कैप्सूल जोड़ें। इसे थोड़ा ठंडा होने दें और अपने बाम टब में डालें या इसे पुरानी ट्यूब में भरें।
याद रखें: - बहुत गर्म होने पर डालना न करें .. क्योंकि प्लास्टिक गर्मी के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और रसायनों के उत्सर्जन की संभावना है। इसे थोड़ा ठंडा होने दें और फिर डालें। इसे सेट करें और वोला! आप घर का बना बाल्म का उपयोग करने के लिए तैयार है।
इसे नाटकीय बनाओ
टिंट चाहते हैं? पुरानी आंखों की छाया या लिपस्टिक स्क्रैप करें। Eyeshadow में shimmer चमक प्रभाव पैदा करेगा ... उस चमकदार extrashine के लिए बाम के लिए कास्टर तेल की कुछ बूंदें जोड़ें।
देखिये: दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें जोड़ें ... कुछ बूंदें = 1-2.. इससे अधिक मत हो। यह वास्तव में होंठों को पंप करता है..और अपने होंठों में खून लाओ.यह थोड़ा सा झुका सकता है। लेकिन पंपिंग प्रभाव लंबे समय तक रहता है।
अपने स्वादयुक्त बाम मिस? पेपरमिंट तेल जोड़ें, जो आसानी से उपलब्ध है (खिलना कोचर, उर्जिता जैन) आपको 70 रुपये से अधिक खर्च नहीं करेगा। गुलाब, ऑरेंज, ग्रेपसीड, आदि जैसे स्वादों का उपयोग करना
चॉकलेट प्रेमी... होंठों पर अपने चॉकलेट को धुंधला करें ... चॉकलेट पिघलने के अपने फेव बार से अपना काटने बचाएं और उपरोक्त प्रक्रिया के साथ डालें .. और अपने होंठ चाटना मत करो। मधुमक्खी जाओ - शहद की कुछ बूंदें जोड़ें .. शहद अच्छा humectant है .. यह नमी को सील के साथ, नमी सील कर देगा!
जैविक जाओ: कुछ शुद्ध कार्बनिक मुसब्बर जेल के साथ ... संसाधित नहीं। पत्ती काट लें और पानी की जेल का उपयोग करें। अतिरिक्त चाप वाले होंठों के लिए।
एसपीएफ़ चाहते हैं? एवोकैडो तेल की 2 बूंदें जोड़ें, मुझे नहीं पता कि यह मेरी छोटी जेब में कितना बड़ा छेद बनायेगा .. लेकिन मुझे यह मिल जाएगा, मेरी सूची में अगला यह एसपीएफ़ प्रदान करता है ... हानिकारक सूर्य किरणों से होंठ की रक्षा करता है।
प्राकृतिक रंग: बीटरूट, रस मदद नहीं करेगा। चुकंदर के फ्लेक्स को फ्राइये और उन्हें पाउडर करें। यह सुंदर गुलाबी रंग देता है। या आप इसे कुछ आयुर्वेदिक दुकानों में प्राप्त कर सकते हैं। मैंने इसे घर पर किया और इसका इस्तेमाल किया।
Beewax कहां प्राप्त करें: मैं इसे अपने दादी से मिला, अपने शुद्ध रूप में। अपना पाने के लिए, अपने निकटतम आयुर्वेदिक दुकान में भागो। वे इसे "moam" कहते हैं। आप इसे शुद्ध रूप में प्राप्त करेंगे अर्थात् unbleached और unreacted।
ड्रग स्टोर से इसे खरीदने से बचें, इसका आमतौर पर मधुमक्खी मोमबत्तियों के लिए उपयोग किया जाता है।
तेलों का उपयोग करने के लाभ
जैतून का तेल - यह होंठ, मॉइस्चराइज पर त्वचा को हल्का करने में मदद करता है। बादाम का तेल - यह गुलाबी चमक प्रदान करने, होंठ, मॉइस्चराइज और हल्के पिगमेंटेशन को उगता है। तिल का तेल - इसमें बहुत मॉइस्चराइजिंग, सुखदायक और कमजोर गुण होते हैं। नारियल तेल - भारतीय घरों में सबसे आम तेल .. यह फैटी एसिड समृद्ध है। बेबी ऑइल - खनिज तेल आधारित .. स्यूथेंस और चमक प्रदान करता है।
लगातार अपने होंठ बाम का उपयोग करने से ऊब, एन डालना पिघलाओ!
बढ़िया है? आगे बढ़ो और एक प्रयास करो।
मैंने इसे अधिक कास्टर तेल जोड़कर होंठ चमक के रूप में बनाया, और मटर चेरी में मेबेललाइन चिकनी छड़ी का आकार दिया। प्लस प्वाइंट "आईटी द ब्लेड"
अनुलेख इसे आलू या हनी संस्करण आज़माएं, रात में उदारता से आवेदन करें और धोने के कपड़े से इसे साफ़ करें अपने दांतों को ब्रश करने के बाद अगली सुबह (ताकि टूथ पेस्ट में फ्लोराइड और मेन्थॉल आपके नाजुक बच्चे के होंठ को नुकसान नहीं पहुंचाए)। एक जिफ में चिकना, मृत कोशिका मुक्त होंठ। |
हिना खान (Hina Khan) पिछले साल इन्हीं दिनों 'बिग बॉस 11 (Bigg Boss 11)' में अपनी तुनकमिजाजी और वैंप जैसे अंदाज की वजह से देश भर में सुर्खियों में थीं. हिना खान (Hina Khan) ने 'बिग बॉस 11' में शिल्पा शिंदे (Shilpa Shinde) के साथ इस तरह दुश्मनी निभाई की इस रियलिटी शो की टीआरपी सातवें आसमान पर पहुंच गई और 'बिग बॉस 11 (Bigg Boss 11)' से बाहर आते ही हिना खान (Hina Khan) को तरह-तरह के रोल ऑफर होने लगे. हिना खान अब कोमोलिका के किरदार में नजर आएंगी और उन्होंने उसकी तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया पर एकाउंट पर डाली हैं. यही नहीं, हिना खान का 'कसौटी जिंदगी की 2 (Kasauti Zindagi ki 2)' का बहुत ही दिलचस्प प्रोमो रिलीज हुआ है.
सारा अली खान के लव गुरु बने रणवीर सिंह, 'सोनू' से कराई उनकी मुलाकात, अब क्या करेंगे पापा सैफ...देखें Video |
Vaccination at Workplace, Know what UT Advisor says
By Arvind Kumar - April 15, 2021 5:04 pm
चंडीगढ़। चंडीगढ़ में अब 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति वर्कप्लेस पर टीका लगा सकते हैं। यूटी एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि कोई भी समूह, संघ, सोसायटी टीके लेने के लिए 100 पात्र व्यक्तियों की सूची के साथ हमसे संपर्क कर सकता है। हम उनके स्थान के पास एक विशेष शिविर की व्यवस्था करेंगे। साथ ही, बुजुर्ग विकलांग पात्र व्यक्तियों के लिए हमारे एम्बुलेंस टीकाकरण के लिए उठाएंगे, यदि वे हमारे साथ पंजीकृत हैं।
दरअसल, 45-59 साल की उम्र के लोग बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिन्हें सरकारी या निजी क्षेत्र में सेवा या रोजगार प्राप्त है। इन लोगों को वैक्सीन के लिए कहीं और न जाना पड़े और लाइनों में न लगना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन सेन्टर को ही उनके वर्कप्लेस में शिफ्ट कर दिया गया है।
सरकारी कार्यस्थलों में जो वैक्सीन डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी द्वारा लगाई जाएगी वो फ्री ऑफ कॉस्ट होगी यानि आपको उसके लिए कोई पैसे नहीं देने होंगे। वहीं जो वैक्सीनेशन प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर द्वारा लगाई जाएगी उसके लिए 250 रुपये की रकम एक डोज के लिए चुकानी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, वैक्सीन सेशन के लिए वर्कप्लेस पर कम से कम 100 ऐसे लोग होने चाहिए, जो वैक्सीन के लिए पात्र और इसे लगवाने के इच्छुक हों। ये पैमाना इसलिए तय किया गया है ताकि वैक्सीन बर्बाद न हो। |
फारुख अब्दुल्ला के आवास में घुसा घुसपैठिया, सुरक्षाबलों ने मार गिरायाउत्तरांचल टुडे
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के आवास में शनिवार को घुसपैठ की कोशिश करने वाले घुसपैठिए को सुरक्षाबलों ने मार गिराया.
पुलिस ने कहा, "घुसपैठिया एक काले रंग की एसयूवी कार चला रहा था. वह बाहरी गेट से होकर गुजरा, उसने सुरक्षा घेरा तोड़ा लेकिन सुरक्षाबलों ने उसे रोक दिया. उसकी एक गार्ड के साथ हाथापाई भी हुई, जो हाथापाई के दौरान चोटिल हो गया."
पुलिस ने आगे कहा, "फिर उसने लॉबी में प्रवेश किया और संपत्ति को बर्बाद करना शुरू कर दिया जिसके बाद उसे गोली मार दी गई. घुसपैठिए के पास से मिले पहचान पत्र में उसकी शिनाख्त पूंछ जिले के मोरिफत खान के रूप में हुई है."
जब घटना हुई तो फारुख अब्दुल्ला अपने आवास में मौजूद नहीं थे.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, "मुझे घटना के बारे में पता है, जो जम्मू के भटिंडी में उस आवास में हुई, जहां मेरे पिता और मैं रहता हूं. फिलहाल ज्यादा जानकारियां नहीं मिली हैं. प्रारंभिक रिपोटरें से पता चलता है कि एक घुसपैठिया ने सामने के दरवाजे से प्रवेश किया और घर की ऊपरी लॉबी में भी पहुंचने में सक्षम रहा." |
एक टेस्ट से सीजन खत्म नहीं होता, तय करना है लंबा रास्ता: जेसन होल्डर | CricketCountry.com हिन्दी
कप्तान जेसन होल्डर के दोहरे शतक की मदद से विंडीज ने बारबाडोस टेस्ट में इंग्लैंड को हराया।
| Updated : January 27, 2019 10:51 AM IST
बारबाडोस में खेले गए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 381 रनों के बड़े अंतर से हराने के बाद वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने कहा है कि उनकी टीम को लंबा रास्ता तय करना है।
विंडीज कप्तान होल्डर ने कहा, "अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है। मुझे लगता है कि पहले टेस्ट में हमने काफी सहीं चीजें की थी। अब वक्त आ गया है कि एंटीगुआ जाएं और वहां भी ऐसा ही करें। एक टेस्ट मैच पूरा सीजन नहीं होता। हमारे सामने दो और मैच हैं और हमें निश्चित करना है कि हम सीरीज जीतें।"
वेस्टइंडीज टीम की दूसरी पारी में होल्डर ने शानदार दोहरा शतक जड़ा था। कप्तान ने 229 गेंदो पर 202 रनों की पारी खेली, जिसकी मदद से मध्यक्रम फ्लॉप होने के बाद भी मेजबान टीम इंग्लैंड के सामने 628 रनों का असंभव लक्ष्य रखा था।
दोहरा शतक पूरा करने के बाद की खुशी के बारे में होल्डर ने कहा, "ये बयान कर पाना मुश्किल है। काफी सारी भावनाएं उमड़ आईं थी। मैं काफी लंबे समय से उन्हें दबाकर रख रहा था और मुझे अपनी भावनाओं को जाहिर करना था। ये जानकर खुशी हुई कि मैं एक पूरे सेशन बल्लेबाजी कर सकता हूं।"
वेस्टइंडीज टीम ने ब्रिजटाउन टेस्ट के चौथे दिन इंग्लैंड टीम के 246 पर ऑलआउट कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई। इस दौरान विंडीज टीम के गेंदबाज रोस्टन चेज ने अपना करियर बेस्ट प्रदर्शन करते हुए 60 रन पर 8 विकेट लिए।
महान खिलाड़ी हैं जेसन होल्डर: रोस्टन चेज
चेज ने जीत का श्रेय अपना कप्तान को दिया और उन्हें दिग्गज बताया। विंडीज गेंदबाज, "मेरी नजरों में होल्डर महान है। मेरा काफी पुराना दोस्त, मुझे उस पर पूरा विश्वास है और वो भी खुद पर विश्वास रखता है। मैदान पर वो योद्धा है। उसके शतक पूरा करने से बेहतर कोई एहसास नहीं हो सकता।"
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होल्डर की तरह ही चेज का भी मानना है कि पहले टेस्ट में जीत हासिल करने बाद टीम को सीरीज जीत को लक्ष्य बनाना होगा। उन्होंने कहा, "इस जीत से हमें काफी आत्मविश्वास मिला है क्योंकि हम 1-0 की बढ़त के साथ आगे जा रहे हैं और एक ज्यादा रैंकिंग वाली टीम के खिलाफ जीत हासिल कर रहे हैं। लेकिन हम इसे अपने सिर पर नहीं चढ़ने दे सकते। हमें इस मूमेंटम को आगे बढ़ाना है और अपना सर्वश्रेष्ठ करना है।" सीरीज का दूसरा मैच 31 जनवरी से एंटीगुआ में खेला जाएगा। |
ममता बनर्जी की फोटो बिगाड़ने पर जिस प्रियंका को जेल हुई थी, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट के फैसले के बाद से ही प्रियंका शर्मा का नाम ट्विटर के टॉप ट्रेंड्स में बना हुआ है.
प्रियंका शर्मा. अब तक तो ये नाम आपने सुन ही लिया होगा. ये वही लड़की है जिसने प्रियंका चोपड़ा के मेट गाला लुक में ममता बनर्जी का चेहरा फोटोशॉप कर दिया था. और वो फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी. उसे हावड़ा साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया था और 14 दिन के लिए जेल भी भेज दिया गया था.
इस मामले में अपडेट ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को तुरंत रिहा करने के आदेश दे दिए हैं. कोर्ट ने पहले सशर्त जमानत दी कि प्रियंका शर्मा को माफी मांगनी होगी. हालांकि, प्रियंका के वकील ने अभिव्यक्ति की आजादी का तर्क दिया, जिसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव किया. और प्रियंका को तुरंत बिना किसी शर्त के जेल से रिहा करने का आदेश दिया.
बीजेपी के यूथ विंग की नेता प्रियंका शर्मा का नाम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही ट्विटर पर टॉप ट्रेंड्स में बना हुआ है.
तृणमूल कांग्रेस यानी TMC नेता विभास हजारा ने इस मामले में हावड़ा पुलिस स्टेशन में प्रियंका शर्मा के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने एक लेटर लिखा कि प्रियंका शर्मा ने ममता बनर्जी की फोटो का चेहरा फोटोशॉप कर किसी मॉडल की फोटो में लगा दिया है. इतना ही नहीं फोटो को फेसबुक पर पोस्ट कर दिया है. ऐसा करना साइबर क्राइम है. इस तरह राज्य की मुख्यमंत्री का अपमान करने पर कोई लीगल एक्शन लिया जाए.
प्रियंका शर्मा की पोस्ट और TMC नेता की ओर से की गई शिकायत की फोटो.
हालांकि, प्रियंका की गिरफ्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर उनके सपोर्ट में उतर गए हैं, और बाकायदा #IsupportPriyanakaSharma यानी आई सपोर्ट प्रियंका शर्मा के नाम से कैंपेन चला रहे हैं. एक यूजर ने प्लेकार्ड पर चार लाइन लिखकर प्रियंका का सपोर्ट किया है, जिसमें लिखा है –
वेस्ट बंगाल पुलिस ने ममता बनर्जी (हिटलर) की फोटो को गलत तरीक से एडिट करने के लिए एक लड़की को अरेस्ट किया है. उनकी ये तानाशाही ज्यादा है, प्रियंका शर्मा को फ्री करो.
प्रियंका शर्मा के सपोर्ट में एक यूजर, जिसने प्लैककार्ड लेकर सपोर्ट किया.
एक यूजर ने लिखा था कि ममता बनर्जी आप कितनी प्यारी लग रही हैं, आपको इस फोटो को अपनी प्रोफाइल फोटो सेट कर लेना चाहिए.
Aww Didi you are looking super cute here. Nice picture @MamataOfficial !! You should set it as your display picture 🤗 #ISupportPriyankaSharma pic.twitter.com/gMEzs71eQZ
— Ekta (@EktaKaushal_) May 10, 2019
हालांकि पश्चिम बंगाल में ये पहला वाकया नहीं था जब इस रह के मामले में किसी को गिरफ्तार किया गया हो. 2012 में जाधवपुर यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने ममता बनर्जी पर एक कार्टून बनाया था. अमीबकेश महापात्रा नाम के एस प्रोफेसर ने जब ये कार्टून सोशल मीडिया पर साझा किया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
अमीबकेश के द्वारा बनाया गया वो कार्टून, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में 19 मई को वोटिंग होगी. नतीजे 23 मई को आएंगे. |
LPG Gas Connection की ताज़ा ख़बर, ब्रेकिंग न्यूज़ In Hindi - NDTV India
'LPG gas connection'
LPG Price Hike : फिर पड़ी जेब पर मार! सब्सिडी और गैर-सब्सिडी वाले कुकिंग गैस सिलिंडर के दाम बढ़े
Utility News | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: तूलिका कुशवाहा |बुधवार अगस्त 18, 2021 05:24 PM IST
LPG Cylinder Price : घरेलू एलपीजी सिलिंडर के दामों में 25 रुपये प्रति सिलिंडर की बढ़ोतरी की गई है. ये बढ़ोतरी सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले दोनों ही कैटेगरी के सिलिंडरों के लिए हुई है. नई कीमतें तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएंगी.
India | Written by: अमरीश कुमार त्रिवेदी |मंगलवार अगस्त 10, 2021 03:41 PM IST
Ujjawala 2.0 Launched In UP : उज्जवला 2.0 योजना का शुभारंभ किया. इसके तहत लाभार्थी महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन, एक महीने का मुफ्त सिलेंडर और हॉट प्लेट भी दिया जाएगा.
अच्छी खबर! अब एक मिस्ड कॉल पर मिलेगा LPG कनेक्शन, पढ़िए क्या है IOC की नई पहल
Utility News | Reported by: भाषा |मंगलवार अगस्त 10, 2021 12:50 PM IST
LPG Connection : अगर आपको IOC से LPG कनेक्शन चाहिए तो आपको बस- 8454955555 नंबर पर मिस्ड कॉल देना होगा. वहीं, मौजूदा ग्राहक रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिये 'मिस्ड कॉल' देकर LPG सिलेंडर भराने की बुकिंग कर सकते हैं.
Utility News | Written by: अमरीश कुमार त्रिवेदी |बुधवार जुलाई 28, 2021 09:33 AM IST
Business | भाषा |रविवार नवम्बर 27, 2016 06:45 PM IST
Jharkhand | भाषा |बुधवार दिसम्बर 28, 2016 02:46 PM IST
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास आज भैया दूज के अवसर पर राज्य की बहनों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, चूल्हा और गैस सिलेंडर सौपेंगे.
India | Reported by: Himanshu Shekhar Mishra, Edited by: Suryakant Pathak |गुरुवार मार्च 10, 2016 10:15 PM IST |
कृष्ण कुमार यादव का आलेख : समग्र विश्वधारा में व्याप्त हैं महात्मा गाँधी | रचनाकार
कृष्ण कुमार यादव का आलेख : समग्र विश्वधारा में व्याप्त हैं महात्मा गाँधी
समग्र विश्वधारा में व्याप्त हैं महात्मा गाँधी कृष्ण कुमार यादव विश्व पटल पर महात्मा गाँधी सिर्फ एक नाम नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा का...
समग्र विश्वधारा में व्याप्त हैं महात्मा गाँधी
2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबन्दर में जन्मे मोहनदास करमचंद गाँधी ने 1891 में इंग्लैंण्ड से बैरिस्टरी पास की और पहले राजकोट व फिर बम्बई में वकालत करने लगे। 1893 में अब्दुल्ला सेठ नामक एक व्यापारी के मुकदमे में वे दक्षिण अफ्रीका गये और वहाँ पहली बार उन्हें अंग्रेजों की भारतीयों व अफ्रीकियों के प्रति रंगभेद नीति का कटु अनुभव हुआ। एक तरफ उन्हें प्रथम श्रेणी का टिकट होने के बावजूद रेलवे के डिब्बे से बाहर निकाल दिया गया तो दूसरी तरफ भारतीय होने के कारण तीन पौण्ड की लाइसेंस फीस देने को कहा गया। यही नहीं उनकी वेश-भूषा का भी मजाक उड़ाया गया। ऐसे में गाँधी जी ने इस रंगभेद नीति का विरोध किया और 1903 में 'इण्डियन ओपिनियन' अखबार की शुरुआत की। 11 सितम्बर 1906 को युवा बैरिस्टर गाँधी जी ने भारतीय मूल के लगभग 3000 लोगों को दक्षिण अफ्रीका में जोहान्सबर्ग के एंपायर थियेटर में इकट्ठा किया और एशियाटिक अध्यादेश के खिलाफ, जिसके तहत एशियाई लोगों को अपनी अंगुलियों के निशान रजिस्टर कराने व अपने साथ सदैव पहचान पत्र रखना अनिवार्य बना दिया गया था, के विरूद्ध यह प्रस्ताव पास किया कि- ''वे अपना दमन करने वाले श्वेत औपनिवेशिक अत्याचारों का प्रतिरोध उन पर हाथ उठाए बिना करेंगे और उनके किसी भी जुल्म के सामने सिर नहीं झुकाएंगे।'' यहीं पर गाँधी जी ने लोगों को सम्बोधित करते हुये प्रथम बार 'सत्याग्रह' विचारधारा का सूत्रपात किया। विरोध के इस नए हथियार को दक्षिण अफ्रीका की अंग्रेज सरकार सहन न कर सकी और गाँधी जी सहित 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया और उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया। परन्तु गाँधी जी ने उस आदेश का भी उल्लंघन किया और उन्हें जेल भेज दिया गया। इस प्रतिरोध के चलते दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने अन्ततः झुकते हुये 1914 में भारतीयों के विरुद्ध अधिकतर विभेदकारी कानून खत्म कर दिया। यह गाँधी जी की एक बड़ी जीत थी और इसी के साथ 18 जुलाई 1914 को इंग्लैण्ड होते हुये वे भारत रवाना हो गये तथा 1915 में भारत पहुँचे। इस बीच 4 अगस्त 1914 को प्रथम विश्व युद्ध आरम्भ हो चुका था और गाँधी जी ब्रिटिश सरकार के बिना शर्त के सहयोगी रूप में सामने आये। वस्तुतः उन्हें लगा कि अंग्रेज इस विश्व युद्ध में उच्च सिद्धान्तों की रक्षार्थ लड़ रहे हैं और युद्ध पश्चात भारत की स्वाधीनता की दिशा में काम करेंगे। अंग्रेजी हुकूमत ने इसके बदले में गाँधी जी को 'केसर-ए-हिन्द' उपाधि से नवाजा। परन्तु गाँधी जी की सोच अन्ततः स्वप्नभंग ही साबित हुई और असहयोग आन्दोलन के दौरान अंग्रेजी नीतियों के विरोध में उन्होंने यह उपाधि लौटा दी।
जब गाँधी जी भारत लौटे तो वे इंग्लैड से बैरिस्टरी पास कर लौटे ऐसे ऐसे धनी व्यक्ति थे, जिसकी सालाना आय करीब 5,000 पाउण्ड थी। भारत की धरती पर प्रवेश करते ही उन्हें लगा कि अंग्रेजों के दमन का शिकार भारतीयों को काला कोट पहने फर्राटे से कोर्ट में अंग्रेजी बोलने वाले मोहनदास करमचंद गाँधी की नहीं वरन् एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो उन्हीं के पहनावे में, उन्हीं की बोली में, उन्हीं के बीच रहकर, उनके लिए संघर्ष कर सके। ऐसे में गाँधी जी ने अपनी पहली उपस्थिति अप्रैल 1917 में चम्पारन, बिहार में नील के खेतों में काम करने वाले किसानों हेतु सत्याग्रह करके दर्ज करायी पर अखिल भारतीय स्तर पर उनका उद्भव 1919 के खिलाफत आन्दोलन व फिर असहयोग आन्दोलन से हुआ। 1919 से आरम्भ इस दौर को भारतीय राष्ट्रीय स्वाधीनता आन्दोलन में 'गाँधी युग' के नाम से जाना जाता है। गाँधी जी ने न केवल उस समय चल रही उदार व उग्र विचारधाराओं के उत्तम भागों का समन्वय किया बल्कि दोनों को एक अधिक गतिशील और व्यावहारिक मोड़ दिया। 5 फरवरी 1922 को चौरीचौरा काण्ड के बाद बीच में ही असहयोग आन्दोलन वापस लेकर गाँधी जी ने यह जता दिया कि वे हिंसा की बजाय अहिंसक तरीकों से भारत की आजादी चाहते हैं। असहयोग आन्दोलन से जहाँ जनमानस में अंग्रेजी हुकूमत का खौफ खत्म हो गया वहीं जनसमूह गाँधी जी के पीछे उमड़ पड़ा। इसके बाद तो सिलसिला चल निकल पड़ा, आगे-आगे गाँधी जी और उनके पीछे पूरा कारवां। जाति-धर्म-भाषा-क्षेत्र से परे इस कारवां में पुरुष व महिलायें एक स्वर से जुड़ते गये। 1920-22 के असहयोग आन्दोलन, 1930-34 के सविनय अवज्ञा आन्दोलन, 1940-41 के व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आन्दोलन और 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन द्वारा गाँधी जी ने अंग्रेजी हुकूमत को जता दिया कि भारत की स्वतंत्रता न्यायपूर्ण है और भारत में अंग्रेजी राज्य की समाप्ति आवश्यक है। 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन ने तो अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला दीं। उस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल से वार्ता पश्चात सम्राट जार्ज षष्ठम् ने अपनी डायरी में दर्ज किया था कि-'' विन्स्टन चर्चिल ने मुझे यह कहकर आश्चर्यचकित कर दिया है कि उनके सभी सहयोगी और संसद के तीनों दल युद्ध के पश्चात् भारत को भारतीयों के हाथों में छोड़ने को उद्यत हैं। क्रिप्स, समाचार पत्र और अमरीकी लोकमत- सभी ने उनके मन में यह भावना भर दी है कि हमारा भारत पर राज्य करना गलत है और सदैव से भारत के लिए भी गलत रहा है।'' इस प्रकार 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त कर गाँधी जी ने समूचे विश्व को दिखा दिया कि हिंसा जो सभ्य समाज के अस्तित्व को न'ट करने का खतरा उत्पन्न करती है, का विकल्प ढूँढ़ने के लिए स्वयं की पड़ताल करने का भी एक प्रयास होना चाहिए।
गाँधी जी सत्य, अहिंसा, स्वदेशी, स्वराज्य व रचनात्मक कार्यक्रमों के कायल थे। इन सभी सिद्धान्तों को उन्होंने न सिर्फ वैचारिक धरातल पर उतारा बल्कि उनमें अन्तर्सम्बन्ध भी स्थापित किया। गाँधी जी को 'महात्मा' की उपाधि से सर्वप्रथम विभूषित करने वाले रवीन्द्र नाथ टैगोर ने कहा था कि- ''गाँधी जी एक राजनीतिज्ञ, संगठनकर्ता, जनमानस के नेता और नैतिक सुधारक के रूप में महान हैं, परन्तु वह मनु'य के रूप में उससे भी अधिक महान हैं। यद्यपि वह असाध्य रूप से आदर्शवादी थे और अपने निश्चित मापदण्डों द्वारा प्रत्येक कार्य को मापते थे, फिर भी वह मानव प्रेमी हैं न कि खोखले विचारों के प्रेमी।'' गाँधी जी सत्य के बहुत बड़े प्रणेता थे और इसके लिये अहिंसा के तरीकों के पक्षपाती थे। सत्याग्रह उनके लिए मात्र नीति नहीं, सिद्धान्त था। वस्तुतः सत्याग्रह के माध्यम से गाँधीजी ने महात्मा बुद्ध, महावीर व तमाम महापुरूषों द्वारा प्रतिपादित अहिंसा के सिद्धान्त को सामाजिक व राष्ट्रीय शक्ति में तब्दील कर दिया। पाश्चात्य विचारक थोरो की व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा की अवधारणा को सामाजिक शक्ति में बदलकर ऐसा बेमिसाल जनजागरण पैदा किया जो दीर्घकाल तक अवश्य चलता है, पर असफल नहीं होता। स्वयं गाँधी जी का मानना था कि- ''सत्याग्रह एक ऐसा आध्यात्मिक सिद्धान्त है जो मानव मात्र के प्रेम पर आधारित है। इसमें विरोधियों के प्रति घृणा की भावना नहीं है।'' अहिंसा गाँधी जी का प्रमुख सत्याग्रही हथियार था। गाँधी जी के लिये अहिंसा, हिंसा का निषेध मात्र नहीं थी बल्कि एक जीवन पद्धति थी। वे अक्सर कहा करते थे कि आज की दुनिया में जितने लोग जीवित हैं, वे बताते हैं कि दुनिया का आधार हथियार बल नहीं है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो यही है कि दुनिया इतने हंगामों के बाद भी टिकी हुई है। गाँधी जी की अहिंसा कायरता का प्रतीक नहीं बल्कि अन्तश्चेतना व आत्मा में विश्वास करने वाली वीरता का परिचायक है। उन्होंने इसे व्याख्यायित करते हुये लिखा कि -''यद्यपि अहिंसा का अर्थ क्रियात्मक रूप से जानबूझकर क'ट उठाना है, तथापि यह सिद्धान्त दुराचारियों के सामने हथियार डालने का समर्थन नहीं करता। इसके विपरीत यह दुराचारी का पूर्ण आत्मबल से सामना करने की प्रेरणा देता है। इस सिद्धान्त को मानने वाला व्यक्ति अपनी इज्जत, धर्म और आत्मा की रक्षा के लिए एक अन्यायपूर्ण साम्राज्य सहित समस्त शक्तियों को भी चुनौती दे सकता है और अपने पराक्रम द्वारा उसके पतन के बीज भी बो सकता है।'' बताते हैं कि जब इटली के तानाशाह मुसोलिनी के आग्रह पर गाँधी जी उससे मिलने गये, तो कईयों ने उन्हें समझाया कि एक अहिंसक व्यक्ति का हिंसक व्यक्ति से मिलना उचित नहीं। पर गाँधी जी ने जवाब दिया कि हिंसक व्यक्ति से हिंसा ज्यादा खतरनाक है और हमारा उद्देश्य सत्य व अहिंसा के माध्यम से अहिंसा को खत्म करना है। गाँधी जी तीन लोगों के साथ मुसोलिनी से मिलने गये, जब कि वहाँ कुर्सियाँ सिर्फ दो थीं। जब मुसोलिनी ने गाँधी जी से बैठने का आग्रह किया तो गाँधी जी ने अपने साथ आये तीनों लोगों को कुर्सी की तरफ इशारा करते हुये बैठने को कहा। मुसोलिनी का सोचना था कि कुर्सी पर सिर्फ गाँधी जी और वो बैठेगा, पर गाँधी जी अपने साथ के तीन अन्य मेहमानों की खातिर कुर्सी पर बैठने को राजी नहीं हुये और अन्ततः मुसोलिनी को तीन अन्य कुर्सियाँ मँगवानी पड़ी। वाकई यह रोचक घटनाक्रम दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह और एक अहिंसक सत्याग्रही के बीच घटा था, जिसने तानाशाह को एक सत्याग्रही की बात मानने पर मजबूर कर दिया।
गाँधी जी स्वदेशी के प्रबल समर्थक थे। वे जानते थे कि असली भारत गाँवों में बसता है, जिसके आर्थिक स्वावलम्बन की रीढ़ कुटीर व लघु उद्योगों पर टिकी हुयी है। गाँधी जी का चरखा कातना प्रतीकात्मक रूप में स्वदेशी व स्वावलम्बन का ही प्रतीक था। स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए ही वे विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान करते थे। गाँधी जी सिर्फ राजनैतिक व्यक्ति नहीं बल्कि एक रचनात्मक समाज सुधारक भी थे। अस्पृश्यता, नारी सुधार, हिन्दू-मुस्लिम एकता इत्यादि के लिए उन्होंने बहुत कार्य किये। अस्पृश्यता को मानवता पर कलंक बताते हुये उन्होंने इसके उन्मूलन पर जोर दिया व तद्नुसार अछूतों को सम्मानजनक 'हरिजन' नाम देने, हरिजन सेवक संघ की स्थापना, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अस्पृश्यता के विरुद्ध लिखना एवं देशव्यापी भ्रमणों के दौरान अछूतों की बस्तियों में जाकर उनको गले लगाकर अस्पृश्यता को अवैज्ञानिक व अमानवीय सिद्ध करने जैसे अप्रतिम कदम उठाये। गाँधी जी के मन में नारी के प्रति बड़ी श्रद्धा थी। वे नारी को पर्दा-प्रथा, बाल-विवाह व बहु-विवाह जैसी मान्यताओं से बाहर निकालना चाहते थे और उनके आह्वान पर न सिर्फ तमाम नारियों ने पर्दा-प्रथा से बाहर निकल कर राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लिया बल्कि औरों को भी जागृत किया। नारी उत्थान हेतु गाँधी जी ने शिक्षा, अन्तर्जातीय विवाह व विधवा विवाह पर जोर दिया। उनका मानना था कि जब तक नारी अपने अधिकारों हेतु स्वयं आगे नहीं आयेगी, तब तक उसकी स्थित में परिवर्तन नहीं होगा।
गाँधी जी धर्म व सम्प्रदाय में भेद करते थे। धर्म उनके लिये कर्मकाण्डों से नहीं अपितु मानवीय व नैतिक गुणों से निर्मित था। वे राजनीति व धर्म के सहअस्तित्व को स्वीकार करते हुये दोनों के लिए सत्य, अहिंसा, त्याग, विश्वबन्धुत्व, आत्मविश्वास व नैतिकता को जरूरी मानते थे। साधन और साध्य दोनों की पवित्रता पर जोर देते हुये वे किसी भी प्रकार के छल कपट या अनुचित तरीकों को पसन्द नहीं करते थे। अंग्रेजों की 'फूट डालो और राज करो' नीति के विपरीत गाँधी जी हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक थे। 1919 में खिलाफत आन्दोलन के दौरान उन्होंने इसे हिन्दुओं व मुसलमानों के मध्य एकता स्थापित करने का ऐसा सुअवसर बताया जो कि आगे सौ वर्षों तक नहीं मिलेगा। हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रति गाँधी जी का आग्रह इसी से समझा जा सकता है कि जब 15 अगस्त 1947 को सारा देश आजादी के जश्न में डूबा था तो गाँधी जी साम्प्रदायिक दंगों को खत्म करने के लिए नोआखली में पद यात्रा कर रहे थे। वस्तुतः गाँधी जी के लिए स्वतंत्रता का स्वरूप सिर्फ राजनैतिक नहीं था, अपितु यह लोगों की सामाजिक, आर्थिक व आत्मिक उन्नति भी थी, जिसे वे 'राम-राज्य' कहा करते थे।
आज गाँधी जी सिर्फ भारत की भूमि तक ही सीमित नहीं बल्कि समग्र विश्व-धारा में व्याप्त हैं। उनके दिखाये गये रास्ते पर चलकर न जाने कितने रा'ट्रों ने अपनी स्वाधीनता पायी है। यह अनायास ही नहीं है कि गाँधी जी को पाँच बार 1937, 1938, 1939, 1947 व 1948 में नोबेल शान्ति पुरस्कार के लिये नामित किया गया। यह एक अलग बहस का विषय है कि किन कारणों से उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया पर कालान्तर में गाँधी जी के सिद्धान्तों पर चलकर उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानने वाले कई लोगों को नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1989 में नोबेल शान्ति सम्मान के लिए दलाई लामा के नाम की घोषणा करते हुये नोबेल कमेटी के सदस्यों ने गाँधी जी को नोबेल सम्मान नहीं देने पर अफसोस जताया और कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि दलाई लामा को यह सम्मान दिया जाना गाँधी जी की स्मृति को श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। इसी प्रकार 1984 व 1993 में क्रमशः डेसमण्ड टूटू व नेल्सन मण्डेला को नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिन्होंने गाँधी जी को प्रेरणास्रोत मानते हुये दक्षिण अफ्रीका में वर्णभेद व रंगभेद की खिलाफत की थी।
आज गाँधी जी के विचार पूरे विश्व में सर्वग्राह्य हैं। कभी आर्नल्ड टायनबी ने कहा था - ''मैं जिस पीढ़ी में पैदा हुआ, वह पीढ़ी पश्चिम में केवल हिटलर अथवा स्तालिन की ही पीढ़ी नहीं थी अपितु भारत में गाँधी जी की भी पीढ़ी थी। हम निश्चयपूर्वक यह भविष्यवाणी कर सकते हैं कि मानव इतिहास पर गाँधी जी का प्रभाव हिटलर और स्तालिन के प्रभाव से अधिक होगा।'' आज की नयी पीढ़ी गाँधी जी को एक नए रूप में देखना चाहती है। वह उन्हें एक सन्त के रूप में नहीं वरन् व्यवहारिक आदर्शवादी के रूप में प्रस्तुत कर रही है। 'लगे रहो मुन्ना भाई' जैसी फिल्मों की सफलता कहीं-न-कहीं युवाओं का उनसे लगाव प्रतिबिम्बित करती है। आज भी दुनिया भर के सर्वेक्षणों में गाँधी जी को शीर्ष पुरूष घोषित किया जाता है। हाल ही में हिन्दू-सी0 एन0 एन0- आई0 वी0 एन0 द्वारा 30 वर्ष से कम आयु के भारतीय युवाओं के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण में 76 प्रतिशत लोगों ने गाँधी जी को अपना सर्वोच्च रोल मॉडल बताया। बी0बी0सी0 द्वारा भारत की स्वतंत्रता के 60 वर्ष पूरे होने पर किये गये एक सर्वेक्षण के मुताबिक आज भी पाश्चात्य देशों में भारत की एक प्रमुख पहचान गाँधी जी हैं। यही नहीं तमाम पाश्चात्य देशों में गाँधीवाद पर विस्तृत अध्ययन हो रहे हैं, तो भारत में सुन्दरलाल बहुगुणा, मेघा पाटेकर, अरूणा राय से लेकर संदीप पाण्डे तक तमाम ऐसे समाजसेवियों की प्रतिष्ठा कायम है, जिन्होंने गाँधीवादी मूल्यों द्वारा सामाजिक आन्दोलन खड़ा करने की कोशिशेंं कीं। आँकड़े गवाह हैं कि विश्व भर में हर साल गाँधी जी व उनके विचारों पर आधारित लगभग दो हजार पुस्तकों का प्रकाशन हो रहा है एवम् हाल के वर्षों में गाँधी जी की कृतियों का अधिकार हासिल करने के लिये प्रकाशकों व लेखकों के आवेदनों की संख्या दो गुनी हो गई है। वस्तुतः आज जरूरत गाँधीवाद को समझने की है न कि उसे आदर्श मानकर पिटारे में बन्द कर देने की। स्वयं गाँधी जी का मानना था कि आदर्श एक ऐसी स्थिति है जिसे कभी भी प्राप्त नहीं किया जा सकता बल्कि उसके लिए मात्र प्रयासरत रहा जा सकता है।
संयुक्त रा'ट्र संघ ने गाँधी जयन्ती को 'विश्व अहिंसा दिवस' के रूप में मनाये जाने की घोषणा करके शान्ति व अहिंसा के पुजारी महात्मा गाँधी के विचारों की प्रासंगिकता को एक बार पुनः सिद्ध कर दिया है। सत्य, प्रेम व सहिष्णुता पर आधारित गाँधी जी के सत्याग्रह, अहिंसा व रचनात्मक कार्यक्रम के अचूक मार्गों पर चलकर ही विश्व में व्याप्त असमानता, शोषण, अन्याय, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, दुराचार, नक्सलवाद, पर्यावरण असन्तुलन व दिनों-ब-दिन बढ़ते सामाजिक अपराध को नियंत्रित किया जा सकता है। गाँधी जी द्वारा रचनात्मक कार्यक्रम के जरिए विकल्प का निर्माण आज पूर्वोत्तर भारत व जम्मू-कश्मीर जैसे क्षेत्रों की समस्याओं, नक्सलवाद व घरेलू आतंकवाद से निपटने में जितने कारगर हो सकते हैं उतना बल-प्रयोग नहीं हो सकता। गाँधी जी दुनिया के एकमात्र लोकप्रिय व्यक्ति थे जिन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वयं को लेकर अभिनव प्रयोग किए और आज भी सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, आर्थिक मुद्दों पर उनकी नैतिक सोच व धर्म-सम्प्रदाय पर उनके विचार प्रासंगिक हैं। तभी तो भारत के अन्तिम वायसराय लार्ड माउण्टबेन ने कहा था - ''गाँधी जी का जीवन खतरों से भरी इस दुनिया को हमेशा शान्ति और अहिंसा के माध्यम से अपना बचाव करने की राह दिखाता रहेगा।''
नाम ः कृष्ण कुमार यादव
जन्म ः 10 अगस्त 1977, तहबरपुर, आजमगढ़ (उ0 प्र0)
शिक्षा ः एम0 ए0 (राजनीति शास्त्र), इलाहाबाद वि"वविद्यालय
विधा ः कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, व्यंग्य एवं बाल कविताएं।
प्रकाशन ः देश की प्राय अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन। एक दर्जन से अधिक स्तरीय काव्य संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन। इण्टरनेट पर विभिन्न वेब पत्रिकाओं में रचनाओं की प्रस्तुति।
प्रसारण ः आकाशवाणी लखनऊ से कविताओं का प्रसारण।
कृतियाँ ः अभिलाषाा (काव्य संग्रह-2005), अभिव्यक्तियों के बहाने (निबन्ध संग्रह-2006), इण्डिया पोस्ट- 150 ग्लोरियस इयर्स (अंगे्रजी-2006), अनुभूतियाँ और विमर्ष (निबन्ध संग्रह-2007), क्रान्ति यज्ञ ः 1857-1947 की गााथा (2007)। बाल कविताओं व कहानियों का संकलन प्रकाशन हेतु प्रेस में।
सम्मान ः विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थानों द्वारा सोहनलाल द्विवेदी सम्मान, कविवर मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, काव्य गौरव, राष्ट्रभाषा आचार्य, साहित्य मनीषी सम्मान, साहित्यगौरव, काव्य मर्मज्ञ, अभिव्यक्ति सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, साहित्य श्री, साहित्य विद्यावाचस्पति, देवभूमि साहित्य रत्न, ब्रज गौरव, सरस्वती पुत्र और भारती-रत्न से अलंकृत। बाल साहित्य में योगदान हेतु भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा सम्मानित।
विशेष ः व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ''बढ़ते चरण शिखर की ओर कृष्ण कुमार यादव'' शीघ्र प्रकाश्य। सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डॉ0 राष्ट्रबन्धु द्वारा सम्पादित 'बाल साहित्य समीक्षा'(सितम्बर 2007) एवं इलाहाबाद से प्रकाशित 'गुफ्तगू' (मार्च 2008) द्वारा व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित।
अभिरूचियाँ ः रचनात्मक लेखन व अध्ययन, चिंतन, नेट-सर्फिंग, फिलेटली, भ्रमण।
सम्प्रति@सम्पर्क ः कृ'ण कुमार यादव, भारतीय डाक सेवा, वरिष्ठ डाक अधीक्षक, कानपुर मण्डल, कानपुर-208001 ई-मेलः kkyadav.y@rediffmail.com www.kkyadav.blogspot.com
रचनाकार: कृष्ण कुमार यादव का आलेख : समग्र विश्वधारा में व्याप्त हैं महात्मा गाँधी
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ASHOKA EDUCATION PORTAL: मध्यप्रदेश सरकार ने बलात्कार के आरोपियों को मृत्यु-दंड देने का निर्णय लिया
मध्यप्रदेश सरकार ने बलात्कार के आरोपियों को मृत्यु-दंड देने का निर्णय लिया
भोपाल में हुई गैंगरेप की घटना से किरकिरी कराने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. शिवराज कैबिनेट ने बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सख्त कानून बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।.शिवराज कैबिनेट के ताजा फैसले में 12 वर्ष तक की लड़कियों से दुष्कर्म करने वाले आरोपी के साथ-साथ सामूहिक दुष्कर्म के आऱोपियों को भी मृत्युदंड दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई. कैबिनेट के इस फैसले के बाद दंड विधि में संशोधन के लिए मध्यप्रदेश सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करेगी. विधानसभा से मंजूरी मिलने के बाद विधेयक राष्ट्रपति को भेजा जाएगा.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते मार्च में पुलिस कर्मियों के दीक्षांत समारोह में घोषणा करते हुए कहा था कि बलात्कार के आरोपियों को मृत्युदंड देने के लिए सरकार कानून में संशोधन करेगी. मध्यप्रदेश में बलात्कार की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से मध्यप्रदेश सरकार चिंतित थी, लिहाजा सख्त कानून लाए जाने पर अरसे से विचार किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि हाल की घटनाओं के मद्देनजर शिवराज सरकार ने सख्त कानून को मंजूरी दिए जाने का फैसला लिया है. |
लगातार बढ़ रहे हैं डायरिया के मरीज | | देवभूमि समाचार - Devbhoomi Samachar
लगातार बढ़ रहे हैं डायरिया के मरीज
हल्द्वानी। महानगर में डायरिया के बढ़ते प्रकोप से बेस चिकित्सालय में डायरिया के मरीजों में एकाएक इजाफा हुआ है। जिलाधिकारी दीपक रावत के आदेशों के क्रम में स्वास्थ्य महकमा सक्रिय हो चला है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एल.एम उप्रेती तथा नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बनभूलपुरा, आजादनगर एवं इन्द्रा नगर क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया, वहीं उल्टी, दस्त, पैचीस डायरिया के रोगियों से बेस चिकित्सालय पहुंचकर उनके हो रहे इलाज की जानकारी चिकित्सा अधीक्षक से प्राप्त की।
मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में बनभूलपुरा, आजादनगर व इन्द्रा नगर में सफाई व्यवस्था के साथ ही बिक रहे खाद्य पदार्थों का निरीक्षण किया। जानकारी देते हुए सीएमओ डा0 उप्रेती ने बताया कि बहुत से भोजनालय बिना लाइसेन्स के चलते हुए पाये गये। उन्होनें सभी भोजनालय संचालकों से कहा कि वह दो दिन के भीतर खाद्य सुरक्षा अधिकारी से लाइसेन्स बनवाले अन्यथा कार्यवाही की जायेगी। बनभूलपुरा में दो मीट विक्रेताओं का लाइसेन्स जब्त कर उनको नोटिस जारी किया गया। गन्ने व फलों के रस में खुली बर्फ मिलाये जाने पर भी सीएमओ ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होनें रस विक्रेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि खुली बर्फ केवल रसो को ठण्डा करने के लिए होती है न की बर्फ का प्रयोग पीने वाले रस मे डालकर किया जाये। उन्होनें बडी मात्रा में खुली बर्फ को मौके पर ही नष्ट कराया।
निरीक्षण के दौरान बनभूलपुरा क्षेत्र में अधिकांश नालियां प्लास्टिक, पाॅलिथीन व थर्माकोल से पटी पडी थी। जिससे वहाँ से मक्खियों व बदबू का साम्राज्य था। ऐसे में मक्खी, मच्छर पनपने से मलेरिया व डायरिया जैसे संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी रहती है। उन्होनें नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी से कहा कि वह तत्काल चैक पडी नालियों व नालों की सफाई कराना सुनिश्चित करें। सीएमओ ने बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 बसन्त कुमार द्वारा आईडीएसपी टीम के साथ बेस चिकित्सालय का भ्रमण किया गया। पेचिस के रोगियों के नमूने, बैक्टीरियों लाजिक्ल जांच हेतु सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलिज को भेजे जा रहे हैं। डा0 उप्रेती ने जन साधारण से अपील की है कि वह गर्मी के मौसम में बासी भोजन न करें। गन्दगी में बेचे जा रहे पेय पदार्थों का सेवन कदापि न करें। मक्खी, मच्छर से बचाव करें। पानी हर हाल में उबालकर पीयंे तथा हल्का भोजन लें। |
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बिहार : नव नियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलने के बाद भी नहीं मिला नौकरी - Apana Bihar
By Admin / Bihar / March 1, 2022 March 1, 2022
बिहार में सभी शिक्षक अभ्यर्थियो को बहुत दिनों बाद सपना साकार हुआ है मालूम हो की बीते 23 फरवरी से सभी शिक्षक अभ्यार्थी को न्युक्ति पत्र दिया जा रहा है जिसमें अब तक 3300 शिक्षकों को नियोजन पत्र प्राप्त हुआ है, तो वही 8000 शिक्षकों को अभी होल्ड पर रख दिया है। अधिकारी बताते हैं प्रखंड में अभी वेरिफिकेशन जांच नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से कुछ शिक्षकों का नियोजन पत्र होल्ड पर रखना पड़ा। ये जांच की प्रक्रिया होते ही उन्हें भी नियोजन पत्र दे दिया जाएगा |
नियोजन पत्र मिलने के बाद भी फंसा हुआ है पेंच : बताया जा रहा है की जिन शिक्षकों को नियोजन पत्र प्राप्त हो चुका है उन्हें भी ब्लॉक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। नियोजन पत्र प्राप्त होने के बाद शिक्षकों को मेडिकल जांच करवाना होता है। जिसे लेकर शिक्षक काफी परेशान दिख रहे है। नियोजित शिक्षकों को मेडिकल जांच करवाने के लिए डीईओ, बीईओ और डीपीओ के दफ्तर जाना पड़ता है ऐसे में ऑफिस के बाहर काफी भीड़ व अफरा तफरी का माहौल होता है जिसके कारण शिक्षकों को दफ्तर से काम करवाने में परेशानी हो रही है।
खास बात यह है की नव नियुक्ति शिक्षकों के इस परेशानी को देखते हुए टीईट एसटीईटी के संघों ने नाराजगी जाता है। संघ ने नाराजगी जताते हुए बताया कि 23 फरवरी को जिन अभ्यर्थियों को जॉइनिंग लेटर दिए गए नवनियुक्त शिक्षकों को योगदान करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और यह प्रक्रिया सही नहीं है।
आपको बता दे की नवनियुक्त शिक्षकों के प्रधानाध्यापकों को विद्यालय में योगदान कराने व पूर्व नियोजन इकाई के सचिव से नियुक्ति पत्र को वेरीफाइड करवाना पड़ता है, जबकि नियोजन इकाई के सचिव प्रधानाध्यापक नवनियुक्त शिक्षकों को समय नहीं दे रहे हैं | शिक्षक संघ के सचिव ने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि जितने भी नवनियुक्त शिक्षक हैं। जिसे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उसे तत्काल प्रभाव में लाया जाए जिससे शिक्षकों को परेशानी का सामना ना करना पड़े जितने भी नवनियुक्त शिक्षक को जॉइनिंग लेटर नहीं मिला है। उसे जल्द से जल्द जॉइनिंग लेटर देकर मेडिकल वेरीफिकेशन की जाए। |
डेंगू फीवर को जल्दी चाहते हैं भगाना, तो आज से खाने में शामिल करें ये सुपरफूड | What Is The Diet Recommended For Dengue Patients? - Hindi Oneindia
नई दिल्ली। सितंबर और अक्टूबर दोनों ऐसे महीने है जब मच्छरों का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए इस दौरान लोगों को काफी सचेत रहने की आवश्यकता होती है क्योंकि जरा सी असावधानी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। वैसे तो दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि इस बार डेंगू और मलेरिया के मरीजों में गिरावट आई है लेकिन फिर भी लोगों को इस वक्त काफी सचेत रहने की आवश्यकता है।
डेंगू का फीवर तेजी से ब्लड प्लेटलेट्स गिराता है इसलिए मच्छरों को घर से दूर रखने के साथ-साथ इंसान को इस वक्त अपने खान-पान का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए क्योंकि जितना आपका इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होगा, उतना ही आप रोगों से लड़ने में सक्षम होंगे।
यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया के इस शहर को मच्छर ही बचा रहे डेंगू से, जानिए कैसे?
चाय का प्रयोग करें
अगर घर में किसी को डेंगू हो गया है तो उसके खान-पान का विशेष ख्याल रखें और खाने में निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है....
उबली और हरी सब्जियों का सेवन करें
उबली और हरी सब्जियों का सेवन करें।
हर्बल टी, लेमन टी या अदरक वाली चाय का प्रयोग करें।
नारियल पानी का सेवन कीजिए, जितना हो सके पानी का सेवन करें।
घर में नीबू पानी का घोल बनाकर रखें और उसे पीजिए, ये आपको तरोताजा और मजबूत बनाएगा।
प्रोटीन युक्त भोजन करें, खाने में दाल, सोयाबीन और अंडो का प्रयोग बहुतायत में कीजिए।
यह भी पढ़ें:जानिए डेंगू के बारे में: लक्षण और बचाव के तरीके
To fight the dengue virus, you need to boost your immunity power. This can be done by eating foods rich in vitamins and nutrients. Read up on the best foods to eat for a fast and speedy recovery from dengue. |
HOME/ CITY/ DEHRADUN/COUNTRYS NEW BADMINTON STAR LAKSHYA SEN RECEIVED A WARM WELCOME AT BANGALORE AIRPORT
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नए बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का बैंगलुरू एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत, विमल कुमार ने पहनाई माला
Published on: Dec 22, 2021, 5:21 PM IST |
Updated on: Dec 22, 2021, 6:46 PM IST
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नए बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन का बैंगलुरू एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत, विमल कुमार ने पहनाई माला
Published on: Dec 22, 2021, 5:21 PM IST |
Updated on: Dec 22, 2021, 6:46 PM IST
20 साल के लक्ष्य सेन जब स्पेन में आयोजित बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर स्वदेश लौटे तो उनका भव्य स्वागत हुआ. बैंगलुरू एयरपोर्ट पर विमल कुमार ने खुद देश के नए बैडमिंटन स्टार का स्वागत किया.
देहरादून/बैंगलुरू: लक्ष्य सेन जब बैंगलुरू एयरपोर्ट पर उतरे तो खेल प्रेमी उनका स्वागत करने के लिए उमड़ पड़े. देश के लिए सबसे कम उम्र में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट का कांस्य पदक लाने वाले लक्ष्य सेन को देखने और बधाई देने के लिए लोग उत्सुक दिखाई दिए. लोगों ने लक्ष्य सेन के साथ सेल्फी लेने की होड़ भी लगा दी. स्पेन से खेल में इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल कर लौटे लक्ष्य सेन बस मुस्कुराते हुए खेल प्रेमियों के साथ सेल्फी खिंचवाते रहे.
लक्ष्य सेन के कोच प्रकाश पादुकोण अपने शिष्य की अंतरराष्ट्रीय सफलता से बहुत खुश हैं. आखिर प्रकाश पादुकोण को लक्ष्य सेन की इस उपलब्धि पर गर्व भी क्यों नहीं होता, वो खुद भी 1983 में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट से पदक लेकर लौटे थे.
भारत पहुंचने पर लक्ष्य सेन का जोरदार स्वागत
लक्ष्य सेन बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले भारत के सबसे युवा पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने हैं. लक्ष्य ने क्वार्टरफाइनल में एक रोमांचक मैच में चीन के जुन पेंग झाओ को 21-15, 15-21, 22-20 से हरा दिया था. हालांकि लक्ष्य सेन सेमीफाइनल में हमवतन किदांबी श्रीकांत से हार गए थे. लेकिन वो देश के सबसे कम उम्र में बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप टूर्नामेंट का मेडल जीतने वाले बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए.
भारत पहुंचे लक्ष्य सेन
पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचे थे लक्ष्य
किदांबी श्रीकांत के बाद लक्ष्य भी पहली बार इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचे थे. लक्ष्य यह कारनामा करने वाले चौथे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं. इससे पहले प्रकाश पादुकोण ने 1983, बी साई प्रणीत ने 2019 और श्रीकांत ने इसी साल यह कारनामा किया.
उत्तराखंड के हैं लक्ष्य सेन, अल्मोड़ा है जन्मस्थली
भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन उत्तराखंड के हैं. लक्ष्य का जन्म अल्मोड़ा में हुआ. बंगलौर में इन्पायर्ड इंडियन फेडरेशन के समारोह में लक्ष्य को शानदार प्रदर्शन के लिए यूथ आईकॉन ऑफ द ईयर का सम्मान भी दिया गया है. लक्ष्य के पिता डीके सेन भी बैडमिंटन कोच हैं. मां निर्मला धीरेन सेन ने भी बेटों के खेल और उनकी सफलता की लिए बहुत कुर्बानी दी है. लक्ष्य के बड़े भाई चिराग सेन भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.
ये भी पढ़ें: विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में लक्ष्य ने हासिल किया ब्रॉन्ज मेडल, ETV भारत के साथ शेयर की खुशी
क्या उत्तराखंड सरकार करेगी प्रोत्साहित
लक्ष्य सेन कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में प्रकाश पादुकोण की अकादमी में ट्रेनिंग लेते हैं. उत्तराखंड के अनेक खिलाड़ी वहां प्रशिक्षण लेते हैं. उम्मीद है इस शानदार प्रदर्शन के बाद उत्तराखंड सरकार भी बैडमिंटन को लेकर जागरूक होगी. सरकार अगर हैदराबाद की गोपींचद अकादमी और बैंगलुरू की प्रकाश पादुकोण अकादमी जैसी सुविधाएं यहां खड़ी कर दे तो देश और लक्ष्य सेन की तरह और भी बड़े बैडमिंटन सितारे मिल सकते हैं.बैडमिंटन के जानकारों का कहना है कि मुख्य समस्या अकादमी के लिए जमीन मिलने और इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में आती है. उत्तराखंड की वर्तमान धामी सरकार लक्ष्य सेन और उनके जैसे उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और डीके सेन जैसे कोच से अनुभव लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की अकादमी खोल सकती है, जिससे उत्तराखंड के नौनिहालों को ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद या बैंगलुरू न जाना पड़े. |
दिल की बात: गर्भावस्था
गर्भधारण कि प्रक्रिया मे पुरुष और स्त्री के सम्भोग के उपरान्त पुरुष द्वारा स्त्री कि योनि के माध्यम से गर्भाशय मे शुक्राणुओ को डालना है। गर्भाशय मे शुक्राणु स्त्री के अण्डो को निषेचित करते है। निषेचन कि प्रक्रिया के बाद भ्रूणस्त्री के गर्भ मे रहता है और अपने निश्चित समय पर बच्चे का जन्म होता है।
गर्भधारण के लिये बेहतर सेक्स पोजीशन HOW TO GET PREGNANT
गर्भधारण की बेहतर परिस्थितियों के चिकित्सकों के मत के अनुसार संभोग के पश्चात महिला को कम से कम 15 मिनट लेटे रहना चाहिये. हालांकि इस बात के कोई बैज्ञानिक सबूत नहीं हैं. चिकित्सकों के अनुसार संभोग के पश्चात 15 मिनट या उससे ज्यादा समय तक लेटे रहने से योनि के अंदर ज्यादा मात्रा में वीर्य रुकता है और इस बजह से ज्यादा संख्या मे शुक्राणु निषेचन के लिये तैयार हो पाते हैं. अन्यथा यदि संभाग के बाद महिला सीधे उठ या खड़ी हो जाती है तो वीर्य उसकी योनि से बाहर आ जाता है साथ ही कम संख्या में शुक्राणु योनि में बच पाते है. इसके अलावा खड़े होने पर शुक्राणु को गुरुत्व के विपरीत तैर कर ऊपर गर्भाशय में प्रवेश करने के लिये संघर्ष करना पड़ता है
एक स्वस्थ महिला को प्रत्येक माह मासिक-स्राव (माहवारी) होती है। गर्भ ठहरने के बाद मासिक-स्राव होना बंद हो जाता है। इसके साथ-साथ दिल का खराब होना, उल्टी होना, बार-बार पेशाब का होना तथा स्तनों में हल्का दर्द बना रहना आदि साधारण शिकायतें होती है। इन शिकायतों को लेकर महिलाएं, स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाती है। डाक्टर महिला के पेट और योनि की जाचं करती है और बच्चेदानी की ऊंचाई को देखती है। गर्भधारण करने के बाद बच्चेदानी का बाहरी भाग मुलायम हो जाता है। इन सभी बातों को देखकर डाक्टर महिला को मां बनने का संकेत देता है। इसी बात को अच्छे ढंग से मालूम करने के लिए डाक्टर रक्त या मूत्र की जांच के लिए राय देता है।
महिलाओं के रक्त और पेशाब की जांच
गर्भवती महिलाओं के रक्त और मूत्र में एच.सी.जी. होता है जो कौरिऔन से बनता है। ये कौरिऔन औवल बनाती है। औवल का एक भाग बच्चेदानी की दीवार से तथा की नाभि से जुड़ा होता है। इसके शरीर में पैदा होते ही रक्त और मूत्र में एच.सी.जी. आ जाता है। इस कारण महिला को अगले महीने के बाद से माहवारी होना रूक जाता है। एच.सी.जी. की जांच रक्त या मूत्र से की जाती है। साधारणतया डाक्टर मूत्र की जांच ही करा लेते है। जांच माहवारी आने के तारीख के दो सप्ताहे बाद करानी चाहिए ताकि जांच का सही परिणाम मालूम हो सके । यदि जांच दो सप्ताह से पहले ही करवा लिया जाए तो परिणाम हां या नहीं में मिल जाता है। यह वीकली पजिटिव कहलाता है।
कुछ स्त्रियां माहवारी के न आने पर दवाइयों का सेवन करना शुरू कर देती है। इस प्रकार की दवा का सेवन महिलाओं के लिए हानिकारक होता है। इसलिए जैसे ही यह मालूम चले कि आपने गर्भाधारण कर लिया है तो अपने रहन-सहन और खानपान पर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए। गर्भधारण करने के बाद महिलाओं को किसी भी प्रकार की दवा के सेवन से पूर्ण डाक्टरों की राय लेना अनिवार्य होता है। ताकि आप कोई ऐसी दवा का सेवन न करें जो आपके और होने वाले बच्चे के लिए हानिकारक होता है। यदि महिलाओं को शूगर का रोग हो तो इसकी चिकित्सा गर्भधारण से पहले ही करनी चाहिए। यदि मिर्गी, सांस की शिकायत या फिर टीबी का रोग हो तो भी इसके लिए भी डाक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
गर्भावस्था मे कोई भी दवा-गोली बिना चिकित्सीय परामर्श के न लें और न ही पेट मे मालिश कराएं। बीमारी कितना भी साधारण क्यों न हो, चिकित्सक की सलाह के बगैर कोई औषधि न लें।
गंभीरता से चेहरे या हाथ-पैर मे असामान्य सूजन, तीव्र सिर दर्द, आखों मे धुंधला दिखना और मूत्र त्याग मे कठिनाई की अनदेखी न करें, ये खतरे के लक्षण हो सकते हैं ।
आप एक स्वस्थ शिशु को जन्म दें, इस के लिए आवश्यक है कि गर्भधारण और प्रसव के बीच आप के वजन मे कम से कम १० कि.ग्रा. की वृद्धि अवश्य हो ।
गर्भावस्था में अत्यंत तंग न कपडे पहनें और न ही अत्याधिक ढीले।
इस नाजुक दौर मे भारी श्रम वाला कार्य नही करने चाहिए, न ही अधिक वजन उठाना चाहिए। सामान्य घरेलू कार्य करने मे कोई हर्ज़ नही है।
इस अवधि मे बस के बजाए ट्रेन या कार के सफ़र को प्राथमिकता दें ।
गर्भावस्था मे सुबह-शाम थोड़ा पैदल टहलें ।
चौबीस घंटे मे आठ घंटे की नींद अवश्य लें।
गर्भावस्था मे सदैव प्रसन्न रहें। अपने शयनकक्ष मे अच्छी तस्वीर लगाए।
गर्भावस्था सुझाव
लगभग सभी सामान्य गर्भों के दौरान एड्स, हैपेटिटिस – बी, साईफिलिस, आर एच अनुपयुक्तता और रूबेला का नियमित परीक्षण किया जाता है। गर्भकाल में अलग-अलग समय पर रक्त के सैम्पल लेकर डॉक्टर इन स्थितियों का परीक्षण करते हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि प्रसव पूर्व होने वाली रक्त की जांचों से 90 प्रतिशत जन्मजात विकारों का पता नहीं चल पता है। जाने जा सकने योग्य 10 प्रतिशत जन्मजात रोगों के लिए अलग से चार प्रकार के टैस्ट हैं – एमनियोसेन्टीसिस, करौलिक विलि सैम्पलिंग, अल्फा फैटो प्रोटीन (ए एफ पी) जैसे टैस्ट और अल्ड्रासाउण्ड स्कैनस। ———————————— सामान्य देखभाल
अपने अजन्में बच्चें के पोषण की आप एकमात्र स्रोत हैं, आपके खाने की प्रवृत्ति का बच्चे के स्वास्थ्य और कुशल क्षेम पर प्रभाव पड़ता है। बड़ी हुई जरूरत को पूरा करने के लिए आप के शरीर को पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है। गर्भवती माँ को कितनी कैलोरी की जरूरत होती है?
गर्भवस्था के प्रारम्भिक महीनों में आप को अपने आहार में बदलाव लाने की जरूरत नहीं है। गर्भ के बढ़ने के साथ साथ आप को कैलोरी की मात्रा में लगभग 300 अतिरिक्त कैलोरिस जोड़ लेने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसा सामान्यतः दूसरे और तीसरे ट्रिमस्टर में होता है। यहि आप अधिक खाते हैं तो आप का ही वज़न बढ़ेगा न कि आपके बच्चे का। इसलिए ध्यान रखें कि आप बरगर, तले पदार्थ, बिस्कुट जैसे केवल कैलोरी बढ़ाने वाले पदार्थ न लें। वस्तुतः आप को जरूरत होती है – प्रोटीन कार्बोहाइड्रेटस एवं मिनरल तथा विटामिन युक्त भोजन की जैसे कि चपाती, दालें, सोया, दूध अण्डे और सामिष भोजन, मेवे, हरे पत्तों वाली सब्जियां और ताजे फल।
लोग कहते हैं कि गर्भवती महिला दो जनों के लिए खाती है? गर्भ के कारण आप को दो के बराबर खाने की जरूरत नहीं है। सच यह है कि अगर आप दो के बराबर खायेंगे तो आप का वज़न इतना बढ़ जायेगा कि आप अपने लिए अनावश्यक रूप से परेशानियां बढ़ा लेंगी और बाद में उसे घटाने में बहुत परेशानी होगी।
गर्भकाल के दौरान आप के आहार में निम्नलिखित होने चाहिए - १ बार श्रेष्ठतम प्रोटीन – अण्डा, सोयाबीन, सामिष। 2 बार विटामिल सी युक्त पदार्थ – रसीले फल, टमाटर4 बार कैलशियम प्रधान पदार्थ (गर्भकाल में 4 बार स्तनपान में 5 बार) जैसे दूध, दही। 3 बार हरी पत्तों वाली और पीली सब्जियां या फल पालक, बथुआ, छोले, सीताफल, पपीता, गाजर।1/2 बार अन्य फल एवं सब्जियां – बैंगन, बन्द गोभी4-5 बार साबुत अनाज और मिश्रित कार्बोहाइड्रेटस – चपाती चावल8-10 गिलास पानीडॉक्टर के परामर्श के अनुसार आहार परक दवाएं।
एक गर्भवती महिला को अपने आहार में विटामिन, आयरन और कैलशियम की जरूरत रहती है। आयरन फोलिक और कैलशियम की गोलियां सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त उपलब्ध रहती हैं। ये दवाएं आमतौर पर सुविधा से उपलब्ध होती हैं कौन सी दवा लेनी है इसका सुझाव डॉक्टर से लेना चाहिए। स्वस्थ गर्भ में कितने वज़न का बढ़ना आदर्श माना जाता है?महिला का वज़न औसतन 11 से 14 किलो के बीच बढ़ना चाहिए।
ट्रिमस्टर के अनुसार वज़न बढ़ने का आदर्श स्वरूप इस प्रकार है। 1. पहला ट्रिमस्टर – 1 से 2 किलो 2. दूसरा ट्रिमस्टर 5 से 7 किलो 3. चार से पांच किलो।
गर्भ के दौरान चाय, कॉफी अथवा फिजिपेय पदार्थों का पान बहुत सीमित होना चाहिए। कम पोषक तत्व वाले खाद्य पदार्थों की तीव्र इच्छा को कैसे वश में करें।या किसी अस्वास्थ्यकारी वस्तु के लिए तीव्र इच्छा जागृत हो तो पहले अपने मन को उधर से हटायें या उसका विकल्प ढूंढ लें। अगर फिर भी मन न माने तो जो भी लें थोड़ सा लें, अपने मन को समझा लें कि अपने बच्चे की पोषक परक जरूरतों से आपने कोई समझौता नहीं करना है।
डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि उस में कोई पोषण परक विकार पैदा हो रहा है। गर्भ के दौरान कब्ज से कैसे छुटकारा मिल सकता है?
कुछ गर्भवती महिलाओं का अर्धाश इस कब्ज से पीड़ित रहता है। कुछ सामान्य उपचार के साधन हैं।
(1) 1-2 गिलास जूस सहित कम से कम 8 गिलास पानी पियें।
(2) अपने भोज में अनाज, कच्चे फल और सब्जियों की मात्रा अधिक करें उन में फाइवर अधिक हो
(3) हर रोज़ व्यायाम करें – सैर करना व्यायाम की अच्छी शैली है। व्यायाम एवं अच्छी शारीरिक स्थिति व्यक्ति को उसका पेट साफ रखने में मदद देती है।
(4) अगर कब्ज बार बार होने लगे तो डॉक्टर की सलाह से कोई कब्ज निवारक दवा
जिस गर्भवती महिला को कोई समस्या न हो वह नौवें महीने तक काम करती रह सकती है। हाँ, उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी पडेंगी जैसे कि भारी थकान वाली गतिविधि से बचें, सीढ़ियां चढ़ने, तापमान की अति और धुये भरे क्षेत्र से दूर रहें। बार-बार आराम करें और यदि थकान लगे तो जल्दी ही काम से लौट जायें यदि बहुत देर तक खड़ी रही हैं तो बैठ जायें और पैर ऊपर कर लें। अन्तिम तीन महीनों में लम्बे समय तक खड़े रहना, भारी चीज़ों को उठाना, मुड़ना या झुकना नहीं चाहिए। गर्भवती महिला को नियमित भोजन करना चाहिए एक जगह बैठकर किया जाने वाला काम जिस से ज्यादा परेशानी न हो वह घर बैठने की अपेक्षा कम दबाव वाला होता है। गर्भकाल में निम्नलिखित तकनीकें सहायक होती हैं- 1. पीठ के बल लेटो सिर तकिये पर हो और टांगों का निचना भाग कुर्सी पर हो। आंखें बन्द कर के 10-15 मिनट तक आराम करें। पैरों और टखनों की सूजन से भी इस में राहत मिलती है। 2. बगल से लेटो और सिर के नीचे तकिया रख लो, भुजा के ऊपरी भाग को ओर टांगों को ऊपर की ओर खीचों, घुटने के नीचे तकिया रख लो। टांग के निचले भाग को सीधा रखो। आंखे बन्द करो और मस्तिष्क को साफ करो। श्वास अन्दर भरो और दस तक गिनो। धीरे धीरे श्वास बाहर निकालो। पूरी तरह विश्राम करो।
गर्भ परीक्षण क्या होता है और वह कैसे होता है? गर्भ परीक्षण में रक्त अथवा मूत्र में उस विशिष्ट हॉरमोन को परखा जाता है जो गर्भवती होने पर ही महिला में रहता है। ह्यूमक कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन (एच सी जी) नामक हॉरमोन को गर्भ हॉरमोन भी कतहे हैं जब उर्वरित अण्डा गर्भाषय से जुड़ जाता है तो आपके शरीर में एच सी जी नामक गर्भ हॉरमोन बनता है। सामान्यतः गर्भधारण के छह दिन बाद ऐसा होता है।
गृह गर्भ परीक्षण (एच पी टी) क्या होता है? यह गृह गर्भ परीक्षण अपना परीक्षण स्वयं करो की शैली का परीक्षण है जो कि अपने घर पर सुगमता पूर्वक किया जा सकता है। यह सर्वसुलभ है, परीक्षण है जो कि अपने घर पर सुगमता पूर्वक किया जा सकता है। यह सर्वसुलभ है, इसकी कीमत 40-50 रुपये होती है। महिला को एक साफ शीषी में अपना 5 मिली मूत्र लेना होता है और परीक्षण के लिए किट में दिए गए विशिष्ट पात्र में दो बूंद मूत्र डालना होता है। उसके बाद कुछ मिनट तक इन्तजार करना होता है। अलग अलग ब्रान्ड के किट इन्तजार का समय अलग अलग बताते हैं समय बीतने पर रिजल्ट विंडों पर ररिणाम को देखें। यदि एक लाईन या जमा का चिन्ह देखे तो समझ लें कि आपने गर्भ धारण कर लिया है। लाईन हल्की हो तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता। हल्की हो या स्पष्ट अर्थ सकारात्मक माना जाता है।
एक बार पीरियड न होने पर कितनी जल्दी एच पी टी से सही सही परिणाम प्राप्त कर सकते हैं? बहुत से एच पी टी पीरियड के निश्चित तिथि तक न होने पर 99 प्रतिशत उसी दिन सही परिणाम बताने का दावा करते हैं। एच पी टी से नकारात्मक परिणाम पाकर भी क्या गर्भ धारण की सम्भावना हो सकती है? हां, इसलिए अधिकतर एच टी पी महिलाओं को कुछ दिन या सप्ताह बाद पुनः परीक्षण का सुझाव देते हैं।
रगर्भधारण के प्रारम्भिक लक्षण क्या हैं? सामान्यतः औरतें माहवारी के न होने को गर्भधारण की सम्भावना से जोड़ती हैं, परन्तु गर्भधारण की प्रारम्भिक स्थिति में जो अन्य लक्षण एवं चिन्हों का अनुभव भी अधिकतर महिलाएं करती हैं इन में शामिल हैं (1) स्तनों में सूजन महसूस करना, ढीलापन या दर्द (2) घबराहट एवं उल्टी जिसे कि पारम्परिक रूप से प्रातःकालीन बीमारी से जोड़ा जाता है। (3) बार-बार मूत्र त्याग (4) थकावट (5) खाने की चीज़ से जी मितलाना या तीव्र चाहत (6) मूड में उतार चढ़ाव (7) निप्पल के आसपास का रंग गररा हो जाना (8) चेहरे के रंग का काला पड़ना।
एक बार माहवारी का न होना क्या हमेशा गर्भ धारण का पहला चिन्ह माना जा सकता है? एक बार माहवारी का न होना सामान्यतः गर्भ धारण का चिन्ह होता है, हालांकि किसी किसी महिला को उस समय के आसपास कुछ रक्त स्राव हो सकता है या धब्बे लग सकते हैं। हाँ, जिस औरत की माहवारी नियमित नहीं रहती उस को यह पता लगने से पहले कि वास्तव में माहवारी नहीं हुई अन्य प्रारम्भिक लक्षणों से पता चल सकता है।
प्रसव की सम्भावित तिथि की गणना कैसे की जाती है? आप की अन्तिम माहवारी के पहले दिन से लेकर सामान्यतः गर्भ 40 सप्ताह तक रहता है, यदि आप को अन्तिम माहवारी की तिथि याद हो और आपका चक्र नियमित हो तो आप घर बैठे प्रसव की सम्भावित तिथि की गणना कर सकते हैं। यदि आप का चक्र नियमित और 28 दिन लम्बा हो तो अन्तिम माहवारी के आधार पर (एल एम पी) आप पहले दिन में नौ महीने और 7 दिन जोड़कर प्रसव की सम्भावित तिथि का निर्धारण कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप की अन्तिम माहवारी 5 सितम्बर को शुरू हुई थी तो प्रसव की सम्भावित तिथि अगले वर्ष 12 जून होगी।
गर्भ के प्रारम्भिक दिनों में क्या घबराहट और उल्टी केवब प्रातःकाल में ही होता है? गर्भ की प्रारम्भिक स्थिति से सम्बधित घबराहट और उल्टी दिन और रात में किसी भी समय हो सकती है।
गर्भ सम्बन्धिक घबराहट और उल्टी से कैसे निपटना चाहिए? मितली को रोकने एवं सहज करने के लिए कुछ निम्नलिखित टिप्स की आजमायें (1) थोड़ी थोड़ी देर के बाद थोड़ा थोड़ा खायें, दिन में तीन मुख्य भोज लेने की अपेक्षा 6-8 बार ले लें। (2) मोटापा बढ़ाने वाले तले हुए और मिर्ची वाले पदार्थ न लें। (3) जब जी मितलाये तब स्टार्च वाली चीजें खायें जैसे रस्क या टोस्ट। अपने बिस्तर के पास ही कुछ ऐसी चीजें रख लें ताकि सुबह बिस्तर से उठने से पहले खा सकें। अगर आधि रात को जी मितलाये तो उन चीजों को लें (4) बिस्तर से धीरे धीरे उठें। (5) घबराहट होने पर नीबू चूसने का प्रयास करें।
मित्तली के लिए क्या डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए? यदि आप को लगे कि उल्टी बहुत ज्यादा हो रही है तो डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अत्यधिक उल्टी से अन्दर का पानी खत्म हो सकता है, ऐसी स्थिति में अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है।
गर्भावस्था में बार-बार मूत्र त्याग की जरूरत क्यों पड़ती है? गर्भ की प्रारंभिक स्थिति में बढ़ते हुए गर्भाशय से ब्लैडर दबता है – इसी से बार-बार मूत्रत्याग करना पड़ता है।
गर्भ की दूसरी स्थिति (ट्रिमस्टर) के क्या लक्षण एवं चिन्ह होते हैं? दूसरी स्थिति में (1) मित्तली और थकावट कम हो जाती है। (2) पेट बढ़ जाता है (3) वज़न बढ़ता है (4) पीठ दर्द (5) पेट पर फैलाव के निशान (6) चेहरे का रंग बदलना।
गर्भ धारण की तीसरी स्थिती (ट्रिमस्टर) के क्या लक्षण एवं चिन्ह होते हैं? तीसरी स्थिति में निम्नलिखित लक्षण एवं चिन्ह उभरते हैं (1) बच्चे के बढ़ने से दबाव के कारण श्वास लेने में कठिनाई बढ़ जाती है। (2) जल्दी जल्दी मूत्र त्याग (3) छाती में जलन वाली दर्द (4) कब्ज (5) सूजे हुए ढीले स्तन (6) अनिद्रा (5) पेट में मरोड़।
अपरिपक्व प्रसव किसे कहते हैं? 37 वें सप्ताह से पहले ही प्रसव की सम्भावना को अपरिपक्व प्रसव कहते हैं।
अपरिपक्व प्रसव के लक्षण क्या होते हैं? अपरिपक्व प्रसव के लक्षणों में शामिल हैं - 1. पीठ के निचले भाग में दर्द और दबाव। 2. नितम्बों पर दबाव 3. योनि से पानी जैसा गुलाबी अथवा भूरा स्राव होता है। 4. माहवारी जैसे क्रैम्पस, घबराहट, डॉयरिहा या बदहज़मी। 5. योनि के मैम्ब्रेन का फटना।
पेट में खिचाव क्यों पड़ते हैं? पेट में खिचाव पीड़ा विहीन होते हैं और दसवें हफ्ते में ही शुरू हो जाते हैं परन्तु पूरी तरह वे अन्तिम ट्रिमस्टर में ही उभरते हैं जब ये खिचाव जल्दी और ज्यादा होने लगते हैं तो कभी कभी उसे प्रसव की प्रारम्भावस्था मान लेने की भूल भी हो जाती है।
गर्भ को खतरे की सूचना देने वाले कौन कौन से लक्षण होते हैं? निम्नलिखित संकेतों को गम्भीर स्थिति का सूचक माना जा सकता है। (1) योनि से रक्तस्राव या धब्बे लगना (2) अचानक वज़न बढ़ना (3) लगातार सिर में दर्द (4) दृष्टि का धूमिल होना (5) हाथ पैरों का अचानक सूजना (6) बहुत समय तक उल्टियां (7) तेज बुखार और सर्दी लगना (गर्भ की प्रारम्भिक स्थिति में अचानक पेट में तेज दर्द (9) भ्रूण की गतिविधि को महसूस न करना।
योनि से रक्त स्राव अथवा धब्बे किस के सूचक हैं? प्रारम्भिक महीनों में योनि से रक्त स्राव या धब्बे लगने के साथ-साथ पेट में दर्द भी हो तो उसे सम्भावित गर्भपात की चेतावनी माना जा सकता है। बाद के महीनों में यदि रक्त स्राव होता है तो उसे इस का संकेत माना जा सकता है कि बीजाण्डासन (प्लैसैन्टा) बहुत नीचे है अथवा वह गर्भाशय की दीवारों से अलग हो गया है।
अचानक वजन बढ़ना, लगातार सिर दर्द, धूमिल दृष्टि, हाथ पैरों में अचानक सूजन आना किस चीज़ के संकेत है? ये लक्षण गर्भकाल में उच्च रक्त चाप के जिसे कि टौक्सीमिया भी कहा जाता है, उसके सूचक हो सकते हैं। ऐसे लक्षण होने पर महिला को रक्त चाप सामान्य करने के लिए अथवा भ्रूण परीक्षण के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है। टौक्सीमिया से कई कठिनाइयां हो सकती है जैसे कि भ्रूण की अपर्याप्त वृद्धि, अपरिपक्व प्रसव या प्रसव के दौरान भ्रूण पर संकट।
गर्भकाल में तेज़ बुखार खतरनाक क्यों होता है? ठंडी कंपकंपी के साथ तेज बुखार अथवा बिना सर्दी के तेज़ बुखार इन बात का संकेत हो सकता है कि भ्रूण के आसपास के मैमब्रेन्स में सूजन है जिसे कि एम्निओनिटिस भी कहते हैं। यह भ्रूण के लिए विशेषकर खतरनाक होता है और इस के परिणामस्वरूप अपरिपक्व प्रसव भी हो सकता है। |
अंत में, यह पता चलता है कि आइरिस 30 वीं शताब्दी में जीवित था, और बैरी अपनी पत्नी के साथ रहने के लिए वहां जाता है।
वह अपनी विशेषताओं को बदलने के लिए प्लास्टिक सर्जरी प्राप्त करता है, और बैरी और आइरिस भविष्य में डॉन और डॉन एलन के जुड़वां बच्चे पैदा करते हैं।
बैरी एलन भविष्य में, 30 वीं शताब्दी में '' ट्रायल ऑफ द फ्लैश '' की घटनाओं के बाद रह रहे थे, जब उन्होंने प्रोफेसर जूम की गर्दन को काट दिया और बाद में सेवानिवृत्ति में चले गए।
भविष्य में, उन्हें रोकने के लिए बनाई गई तकनीक के बावजूद प्राकृतिक आपदाएँ हो रही थीं, और वास्तविकता स्वयं भयावह थी।
केवल उन लोगों में से एक है जो आयामों के बीच यात्रा कर सकते हैं, बैरी को एंटी-मॉनिटर द्वारा कब्जा कर लिया गया था और साइको-समुद्री डाकू द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था।
वह साइको-पाइरेट का उपयोग करने में सक्षम था, उसके खिलाफ सभी एंटी-मॉनिटर के नौकरों, थंडरर्स को चालू करने के लिए। इससे उसे मॉनीटर के एंटी-केस तोप को चारों ओर से चलाने और बाहरी आवरण को नष्ट करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया।
वह इतनी अविश्वसनीय रूप से तेजी से भाग गया कि उसने शेष वास्तविकताओं को बचाते हुए, हमेशा के लिए स्पीड फोर्स में प्रवेश किया। |
मधुबनी: जलजमाव से तंग आ चुके हैं जरैल के लोग, ग्रामीणों ने कहा किसे सुनाएं दुखड़ा
इन दिनों बारिश की वजह से खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग बहुत ज्यादा परेशान है, क्योंकि ग्रामीण इलाओं में जगह-जगह जलजमाव देखने को मिल रहा है। ऐसा ही हाल बेनीपट्टी स्थित परसौना पंचायत के जरैल गांव का है, जहां पर पिछले कई महीनों से लगातार जलजमाव देखने को मिल रहा है।
इस जलजमाव की वजह से जरैल गांव के लोग बहुत ज्यादा परेशान और दुखी है। क्योंकि उनके गांव में लगे पानी को बाहर निकालने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जरैल गांव रास्ते में बारिश का पानी इस तरह जम गया है कि उसके आसपास रुकना भी बहुत मुश्किल है।
ग्रामीणों ने कहा जलजमाव का दुखड़ा किसे सुनाएं?
जरैल गांव के रहने वाले लोग बारिश की इस पानी से बहुत ज्यादा तंग आ चुके हैं। क्योंकि उस जमे हुए पानी की वजह से शाम के समय मच्छर की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इस समस्या को लेकर वहां के लोगों का कहना है कि हम कई जगह इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। अब हम किसे यह दुखड़ा सुनाएं।
इस परेशानी को लेकर पूर्व पैक्स अध्यक्ष रंजीत रंजन जिसे लोग बबलू झा के नाम से भी जानते हैं उन्होंने कहा कि पंचायत के लगभग सभी गांवों की स्थिति एक जैसी ही है। पिछले कई महीनों से लगातार जलजमाव है, लेकिन किसी को इससे कोई मतलब नहीं है। |
★ 2018 में सर्वश्रेष्ठ यात्रा बीमा कैसे खरीदें ★
अपडेटेडः 6/25/2018 | 25 जून, 2018
यात्रा बीमा आपकी यात्रा के लिए आवश्यक सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। आपके पास कार बीमा के बिना कार नहीं होगी, घर बीमा के बिना घर होगा, और आप यात्रा बीमा के बिना यात्रा नहीं कर सकते हैं।
क्यूं कर? क्योंकि यात्रा बीमा आपको बीमार या घायल होने पर चिकित्सा कवरेज प्रदान करेगा, जब आपका कैमरा टूट जाएगा, आपकी उड़ान रद्द हो जाएगी, एक परिवार का सदस्य मर जाएगा और आपको घर वापस आना होगा, अगर बैग खो जाए, या कुछ चोरी हो जाए । यह सभी उद्देश्य आपातकालीन कवरेज है और यह आपकी यात्रा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है (लेकिन आशा है कि इसका उपयोग कभी नहीं करना चाहिए)। यह दृढ़ता से एक बात है, दृढ़ता से यात्रियों को बिना घर छोड़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि मैंने देखा है कि यह बहुत से लोगों की मदद करता है - और बहुत से लोग सस्ते होने पर पछतावा करते हैं और इसे प्राप्त नहीं करते हैं! एक दिन में केवल कुछ डॉलर के लिए, यात्रा बीमा खरीदना एक ब्रेनर।
मैंने अर्जेंटीना में एक डॉक्टर के लिए इसका इस्तेमाल किया, जब मेरा कैमरा इटली में टूट गया, मेरा आश्रम थाईलैंड में आया, और मेरा सामान दक्षिण अफ्रीका में चोरी हो गया। हर बार जब मैं अपने खर्चों की प्रतिपूर्ति करता था और उन्हें फिर से पूरा किया जाता था जैसा कि वे कहना चाहते थे।
यात्रा बीमा वहां था जब मेरे दोस्त को नाव से गिरने के बाद अमेज़ॅन से हेलीकॉप्टर किया जाना था, जब दोस्त के पिता की मृत्यु हो गई और उसे घर उड़ना पड़ा, और दूसरे ने उसे बैग चोरी कर लिया। यात्रा बीमा सुनिश्चित करता है कि आप पैसे कम नहीं करते हैं और हमेशा सुरक्षित रहते हैं। (मेरा पसंदीदा यात्रा बीमा प्रदाता विश्व नाममात्र है। उपरोक्त की तरह कुछ होने पर वे हमेशा मेरी पीठ रखते हैं। मैं 2003 से उनका उपयोग कर रहा हूं।)
चूंकि अधिकांश स्वास्थ्य कार्यक्रम आपको विदेशों में कवर नहीं करते हैं और क्रेडिट कार्ड वास्तव में सीमित सुरक्षा प्रदान करते हैं, यात्रा बीमा खरीदना कुछ ऐसा है जो आपको निश्चित रूप से अज्ञात के खिलाफ सुरक्षा के लिए आवश्यक है। आखिरकार, आप मेरे दोस्त की तरह खत्म नहीं करना चाहते हैं, जब उसके कंप्यूटर चोरी हो गया था और उसे एक नए के लिए जेब से भुगतान करना पड़ा था।
चूंकि यात्रा बीमा यात्रा योजना के सबसे जटिल, महत्वपूर्ण और भ्रमित पहलुओं में से एक है, इसलिए मैं इसे आपके लिए तोड़ना चाहता हूं, यह समझने में आपकी सहायता करता हूं कि यह क्या है, और यह दिखाएं कि कुछ ही चरणों में सर्वश्रेष्ठ यात्रा बीमा योजनाएं कैसे चुनें :
एक महान यात्रा बीमा योजना में क्या देखना है
बीमा एक बिलियन डॉलर का व्यवसाय है, और हर कोई कुकी जार में अपना हाथ चाहता है, इस प्रकार आप दिमागी-संख्यात्मक विकल्पों का सामना कर सकते हैं जो भ्रमित और जबरदस्त हो सकते हैं। और, अक्सर, ठीक प्रिंट में, आप पाएंगे कि योजनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं जितनी आपने सोचा था।
सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि आपका यात्रा बीमा आपके चिकित्सा खर्चों पर उच्च कवरेज सीमा प्रदान करता है। एक अच्छी कंपनी कवरेज देखभाल में $ 100,000 तक प्रदान करेगी, हालांकि अधिक महंगी नीतियां आपको उच्च मात्रा के लिए कवर करती हैं। अधिकतम कवरेज सीमा जो आप पा सकते हैं वह लगभग $ 1,000,000 अमरीकी डालर है, हालांकि मुझे यकीन नहीं है कि आपको कभी भी उस सीमा की आवश्यकता क्यों होगी। उच्च कवरेज सीमाएं महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यदि आप बीमार, घायल हो जाते हैं, या गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है और पेशेवर देखभाल की तलाश करनी है, तो आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपके उच्च अस्पताल के बिल शामिल हैं। सबसे बुरी चीज जो आप कर सकते हैं वह सस्ता हो जाती है और $ 20,000 कवरेज सीमा के साथ पॉलिसी प्राप्त करती है, एक पैर तोड़ती है, और आपकी देखभाल करने से पहले उस सीमा तक पहुंच जाती है। अपने स्वास्थ्य के साथ सस्ता मत बनो। $ 100,000 का न्यूनतम कवरेज प्राप्त करें।
दूसरा, आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपकी यात्रा बीमा पॉलिसी में आपातकालीन निकासी और देखभाल भी शामिल है जो आपके मेडिकल कवरेज से अलग है। यदि आप जंगल में लंबी पैदल यात्रा कर रहे हैं और आप अपना पैर तोड़ते हैं, तो आपकी पॉलिसी को अस्पताल ले जाना चाहिए। यदि कोई प्राकृतिक आपदा होती है और आपको कहीं और खाली करने की आवश्यकता होती है, तो आपकी योजना को भी इसमें शामिल करना चाहिए। इस सुरक्षा में $ 300,000 अमरीकी डालर तक की व्यय शामिल होनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, अस्पताल से अस्पताल से आपके घर देश में भी इसका मतलब होना चाहिए। मानक आपातकालीन निकासी में आम तौर पर इस प्रावधान को शामिल किया जाता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप दोबारा जांच लें कि यदि आपकी आवश्यकता हो तो कंपनी आपकी उड़ान वापस घर की लागत को कवर करेगी।
चौबीस घंटे आपातकालीन सेवाएं और सहायता (आप बाद में कॉल करने के लिए कहने के लिए कॉल नहीं करना चाहते हैं)
कवर, क्षतिग्रस्त या चोरी की गई संपत्ति जैसे गहने, सामान, दस्तावेज, कैमरे इत्यादि।
अगर आप अचानक बीमारी, परिवार में मौत, या किसी अन्य आपात स्थिति में होटल बुकिंग, उड़ान, और अन्य परिवहन बुकिंग जैसे कवर रद्दीकरण
कवर आपात स्थिति, देश में संघर्ष, इत्यादि, जिससे आप जल्दी घर जा सकते हैं
वित्तीय सुरक्षा लें यदि आप जिस कंपनी का उपयोग कर रहे हैं वह दिवालिया हो जाती है और आप दूसरे देश में फंस जाते हैं
इलेक्ट्रॉनिक्स पर एक त्वरित नोट: ज्यादातर मूल कंपनियों के पास केवल मूलभूत कवरेज के हिस्से के रूप में, $ 500 अमरीकी डालर तक की एक छोटी सी सीमा होती है। अधिकतर कवरेज प्राप्त करने के लिए आप अक्सर पूरक बीमा खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, क्लेमेंट्स इंश्योरेंस आपके इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए विशेष कवरेज प्रदान करता है। आपके द्वारा देखी जाने वाली देश ($ 145-195 प्रति योजना) के आधार पर कीमतें अलग-अलग होती हैं।इसके अलावा, राज्य फार्म जैसे कई नियमित और घरेलू बीमा कंपनियां बीमा योजनाएं प्रदान करती हैं जो आपको अपने इलेक्ट्रॉनिक्स को कवर करने में मदद कर सकती हैं। यह सुनिश्चित करना सुनिश्चित करें कि आपको बहुत सारे गियर के साथ यात्रा मिलती है या नहीं!
आपके यात्रा बीमा द्वारा कवर नहीं किया गया है
पता है कि क्या है नहीं आपकी योजना से ढंका अधिकांश नीतियां शामिल नहीं होती हैं:
चरम साहसिक गतिविधियों में भाग लेने के दौरान दुर्घटनाएं बरकरार रहती हैं जैसे हैंग ग्लाइडिंग, पैराग्लाइडिंग, या बंजी जंपिंग जब तक आप अतिरिक्त भुगतान नहीं करते हैं।
शराब- या दवा से संबंधित घटनाएं,
यदि समस्या हुई तो आपको प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगी क्योंकि आप बेकार थे (कैसे "बेकार" परिभाषित किया गया है प्रत्येक कंपनी के लिए एक मामला है)।
पूर्व-मौजूदा स्थितियां या सामान्य चेक-अप। उदाहरण के लिए, यदि आपको मधुमेह है और अधिक इंसुलिन खरीदने की आवश्यकता है, तो आप को कवर नहीं किया जाएगा। यदि आप सामान्य चेक-अप के लिए डॉक्टर को देखना चाहते हैं, तो आप या तो कवर नहीं हैं।
यदि आप सादे दृष्टि या अनुपस्थित में कुछ छोड़ देते हैं तो आपका चोरी कवरेज आपको कवर नहीं करेगा।
यदि नागरिक अशांति आपके गंतव्य को असुरक्षित बनाती है लेकिन आपकी सरकार ने निकासी के लिए बुलाया नहीं है, तो आप शायद भाग्य से बाहर भी हैं।
यात्रा बीमा Loopholes: क्या देखना है
यहां तक कि सबसे अच्छा यात्रा बीमा भी उनकी सीमा है। अक्सर, ठीक प्रिंट में, आप पाएंगे कि योजनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं जितनी आपने सोचा था।
यात्रा बीमा का चिकित्सा हिस्सा आपकी सामान्य स्वास्थ्य देखभाल के प्रतिस्थापन की तुलना में आपातकालीन देखभाल के बारे में अधिक है। बहुत से लोग यात्रा बीमा खरीदते हैं जब उन्हें पता चलता है कि वे इसके साथ वार्षिक भौतिक नहीं पा सकते हैं।
याद रखें कि आप जो भुगतान करेंगे वह आपको मिलेगा। शायद आप देखते हैं कि दो कंपनियां समान योजनाएं प्रदान करती हैं लेकिन वास्तव में एक सस्ता है? क्यूं कर? आम तौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शैतान विवरण में है और उनके पास छोटे पेआउट हो सकते हैं, दावों को संसाधित करने में अधिक समय लग सकता है, अधिक लोगों से इनकार कर सकते हैं, या अच्छे प्रिंट में इतने सारे नियम हैं कि यह पता चला है कि आपको लगता है कि आपको भुगतान नहीं होगा तुम हो!
यात्रा बीमा दुर्घटना बीमा है। आपात स्थिति के मामले में आपकी रक्षा करने के लिए वहां है और यदि आवश्यकता हो, तो जल्दी में घर ले जाएं। यदि आप वैश्विक स्वास्थ्य योजना चाहते हैं (क्योंकि अब आप बीजिंग में रहते हैं), तो आपको एक पूरी तरह से अलग योजना की आवश्यकता है।
अगर तुम चाहते हो: अपनी यात्रा बीमा पॉलिसी में इसे शामिल करें:
यदि आप यात्रा पर बीमार या घायल हो जाते हैं तो खर्चों के लिए भुगतान यात्रा चिकित्सा और दुर्घटना कवरेज
यदि आवश्यक हो तो निकटतम अस्पताल ले जाया जा सकता है या घर ले जाया जा सकता है आपातकालीन निकासी और प्रत्यावर्तन
अगर आप बीमार हो जाते हैं और जल्दी ही अपनी यात्रा रद्द या समाप्त कर देते हैं तो प्रतिपूर्ति ट्रिप रद्दीकरण और यात्रा बाधा
खोए, चोरी या क्षतिग्रस्त सामान या सामान के लिए भुगतान चोरी और खोया कवरेज
विदेश में एक डॉक्टर को खोजने में मदद करें 24 घंटे की सहायता
किराये की कार क्षति के लिए भुगतान कार टकराव बीमा (सीडीडब्ल्यू)
सर्वश्रेष्ठ यात्रा बीमा कंपनियां
दुनिया बीमा कंपनियों के साथ भरा हुआ है। आप एक अच्छे प्रदाता के लिए अपनी खोज में हजारों लोगों के पास आने जा रहे हैं, इसलिए मैं अपने पसंदीदा सूची सूचीबद्ध करने जा रहा हूं। नीचे दी गई कंपनियां मैं अपनी मां के साथ ठीक रहूंगा। अगर आपको कोई कंपनी मिली है और यह यहां सूचीबद्ध नहीं है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं उनका उपयोग नहीं करता। मैंने पिछले दस वर्षों में सैकड़ों नीतियों का शोध किया है और निम्नलिखित कंपनियों को अच्छा माना है:
क्लेमेंट्स - उच्च अंत इलेक्ट्रॉनिक्स कवरेज के लिए महान यात्रा बीमा।
आईएम ग्लोबल - आपके जैसे सामान्य स्वास्थ्य बीमा की सबसे नज़दीकी चीज घर वापस आती है जो आपको डॉक्टरों को देखने और नियमित नियुक्तियों को करने की अनुमति देती है। विदेशों में रहने वाले दीर्घकालिक व्यय के लिए यह सबसे अच्छा है।
मेडजेट असिस्ट - यात्रा बीमा के लिए चारों ओर एक अच्छी कंपनी जो मानक, कुकी कटर योजनाएं प्रदान करती है।
एसटीए यात्रा - सस्ते लोगों के लिए जो बहुत सीमित कवरेज के साथ एक सस्ती योजना चाहते हैं, एसटीए ट्रेवल्स नंगे हड्डियों के विमान प्रदान करता है।
यदि आप वरिष्ठ हैं और 65 वर्ष से अधिक हैं, तो बीमा मेरी यात्रा का उपयोग करें। कई बीमा कंपनियां वरिष्ठ नागरिकों को कवर नहीं करती हैं, या यदि वे करते हैं, तो वे खूनी महंगी हैं! बीमा मेरी यात्रा पुराने यात्रियों के लिए सबसे अच्छा कवरेज और कीमत प्रदान करती है और मेरा सुझाव है कि आप उनका उपयोग करें।
मेरी पसंदीदा कंपनी वर्ल्ड नोमाड्स है। 2003 में यात्रा शुरू करने के बाद से मैं उनका उपयोग कर रहा हूं। वे बहुत सम्मानित हैं, और दावे जल्दी और काफी संसाधित होते हैं। यह एक पूर्व-मनोदशा द्वारा निर्मित कंपनी है, इसलिए उसे यात्री मानसिकता मिलती है। मैं विश्व नोमाड्स का आनंद लेता हूं क्योंकि मैं मिनटों के मामले में अपनी बीमा पॉलिसी ऑनलाइन खरीद और नवीनीकृत कर सकता हूं, उनके पास बहुत दोस्ताना और उत्तरदायी कर्मचारी हैं जो सवालों का जवाब देते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं, उनके पास बहुत अच्छी ग्राहक प्रतिक्रिया है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे उचित मूल्य पर बहुत से कवरेज प्रदान करें। अगर एक कंपनी है तो मैं अनुशंसा करता हूं, मैं कहूंगा कि उनके साथ जाओ। उन्हें लोनली प्लैनेट और नेशनल ज्योग्राफिक द्वारा भी समर्थन दिया जाता है, जो आपको बताता है कि वे कितने अच्छे हैं! |
नई दिल्ली। सीमा पर तैनात भारतीय जवानों ने पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देते हुए जवाबी कार्रवाई में सात पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है। भारतीय सैनिकों की ओर से यह कार्रवाई भीमबेर सेक्टर में की गई है। पाकिस्तान की सरकारी एजेंसी इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने खुद इस बात की पुष्टि की है।
लगातार सीजफायर का उल्लघंन कर रहा पाकिस्तान अपने सात सैनिकों के मारे जाने से बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान इस बात का दावा कर रहा है कि भारतीय सेना ने कार्रवाई करते हुए जिन सात सैनिकों को मार गिराया है, वह बिना किसी तरह के उकसावे के की गई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले को इस मामले में समन भेजा है।
पाकिस्तान की सरकारी एजेंसी इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस ने अपने बयान में कहा, ‘बीती रात लाइन ऑफ कंट्रोल पर भारत ने पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देते हुए उनके सात सैनिकों को मार गिराया।’ रविवार रात को भीमबेर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी का जवाब देते हुए भारत जवानों ने यह कार्रवाई की जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अखनूर के प्लनवाला में भी पाकिस्तान की तरफ से संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया।
बता दें कि पाक अधिकृत कश्मीर में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तानी सेना बौखलाहट में लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है। हर बार भारतीय सेना से माकूल जवाब मिलने के बावजूद पाक सेना अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। दरअसल, पाकिस्तान आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के मकसद से ऐसा करता है।
बीते रविवार रात को भी पाकिस्तानी सेना ने बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया, इसमें पाकिस्तान के सात सैनिकों की मौत हो गई। |
विधायक लारिया ने रोड पर पड़े घायल को अपने निजी वाहन से पहुंचाया अस्पताल – Sagar Samachar
By Sagar Samachar Last updated Oct 18, 2020
सागर:- रविवार को नरयावली विधायक प्रदीप लारिया सोशल मीडिया पर रहे चर्चाओं में चर्चाओं में रहने की वजह भी कुछ ऐसी थी हुआ यू भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नरयावली विधायक प्रदीप लारिया रविवार को सागर से दमोह पूर्व मंत्री जयंत मलैया के पिताजी के स्वर्गवास के बाद बैठने जा रहे थे
इसी दौरान सानौधा थाना अंतर्गत ग्राम सांगली के पास सड़क पर पढ़े एक घायल पर उनकी नजर पड़ी तो उन्होंने अपने चालक से तुरंत बाहन रुकवाया और नीचे उतर कर देखा तो मामला दुर्घटना का लगा विधायक ने घटना के बारे में वहां आसपास खड़े लोगों से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि इस बाइक चालक का एक वाहन से एक्सीडेंट हो गया था और लगभग 1 घंटे से घायल व्यक्ति यहां पड़ा है कोई भी गुजरने वाला वाहन चालक ना तो रुक रहा है और ना ही डायल हंड्रेड या थाना पुलिस अभी तक यहां आई है
यह सुनने के बाद विधायक प्रदीप लारिया ने घायल को अपने निजी वाहन से जिला चिकित्सालय भेजा और खुद दूसरे वाहन से दमोह के लिए रवाना हुए विधायक लारिया की इस मानव सेवा और दरियादिली की उपस्थित लोग सराहना करते रहे मामला रहली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सांगली का है जो थाना सानौधा अंतर्गत आता है |
अब फुटबॉल, बॉक्सिंग पर फिल्म बनाएंगे जॉन अब्राहम - www.aajkiawaaz.com
Home मंजोरंजन बॉलीवुड अब फुटबॉल, बॉक्सिंग पर फिल्म बनाएंगे जॉन अब्राहम
बॉलीवुड के अभिनेता जॉन अब्रहाम हालिया फिल्म 'मद्रास कैफे' की सफलता के बाद अब फुटबॉल, मोटरसाइकिलिंग और बॉक्सिंग जैसे खेलों पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फिलहाल वह इतना ही बता सकते हैं कि यह फिल्म फुटबॉल पर आधारित होगी। इस पर काम चल रहा है। हम जल्द ही इस बारे में घोषणा करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह किसी खिलाड़ी की जिंदगी पर आधारित नहीं होगी, लेकिन सत्य घटना से प्रेरित होगी।
भिनेता की खेलों में खासी रूचि है। जॉन ने कहा, इस फिल्म के अलावा खेल आधारित दो-तीन फिल्में बनेगी। इनमें एक मोटरसाइकिल पर होगी। इसकी पटकथा पर काम हो रहा है।
हालांकि, बॉक्सिंग और कुश्ती जैसे खेलों पर फिल्मों में मुख्य किरदार उनके द्वारा निभाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जॉन ने कहा, अभी मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन इन फिल्मों के लिए अपने प्रोडक्शन हाउस की पहली पसंद मैं ही होउंगा। उसके बाद हम किसी और के बारे में विचार करेंगे। इससे पहले भी अपने होम प्रोडक्शन तले 'विकी डोनर' और 'मद्रास कैफे' जैसी सफल फिल्में दे चुके हैं। |
बस की प्रतीक्षा कर रही महिला के साथ कंडक्टर और क्लीनर ने किया सामूहिक बलात्कार, दोनों गिरफ्तार | NewsTrack Hindi 1
Jan 15 2022 04:54 PM
इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बस कंडक्टर और क्लीनर ने महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया है। महिला सूरत जाने के लिए बस स्टैंड पर बैठी थी। उससे बात कर झांसे में लिया और वीरान जगह पर ले जाकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी कंडक्टर, क्लीनर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, ड्रायवर से भी पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार, महिला गंधवानी की रहने वाली है। शुक्रवार रात को वह गंधवानी से इंदौर पहुंची थी। यहाँ से उसे काम की तलाश में सूरत जाना था। वह बस स्टैंड पर बैठकर बस की प्रतीक्षा कर रही थी।
इसी दौरान इंदौर से रतलाम पर चलने वाली पंजाबी ट्रैवल्स की बस का क्लीनर मेहरबान और कंडक्टर धर्मेन्द्र महिला को अकेले पाकर उसके पास पहुंचे। दोनों ने महिला से बात करते हुए कहा कि रात ज्यादा हो गई है। इसके बाद ठहरने का बहाना बनाकर MOG लाइन स्थित सरकारी क्वार्टर में ले गए। यहां दोनों ने महिला के साथ बलात्कार किया। देर रात को महिला थाने पहुंची और पूरी जानकारी दीई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने बताया कि 32 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ कंडक्टर धर्मेन्द्र और क्लीनर मेहरबान ने बलात्कार किया। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बस के ड्राइवर करण से भी पूछताछ कर रहे हैं।
प्रारंभिक पूछताछ में ड्राइवर करण ने बताया कि रात को बस स्टैंड पर बस खड़ी करने के बाद क्लीनर और कंडक्टर को बस पर छोड़कर वह घर चला गया था। शनिवार सुबह जब वह गंगवाल बस स्टैंड पहुंचा, तब तक उसे कुछ जानकारी नहीं थी। जानकारी के अनुसार, महिला का पति इंदौर के खजराना क्षेत्र में रहता है। महिला पति से अलग रह रही थी। सूरत में मजदूरी का काम चालु किया था इसी सिलसिले में गंधवानी से इंदौर आई थी और सूरत जाने के लिए बस की प्रतीक्षा कर रही थी। |
गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर से महिलाओं को होता हैं ये खतरा, जानकर हो आप भी हो जाएंगे हैरान
Wednesday , November 14 2018 - 2:38 AM
11/07/2018 2:44 PM
हाल के एक अध्ययन से संकेत मिला है कि गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर होने पर महिलाओं को दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है. जिन मरीजों को पहले भी हाई ब्लड प्रेशर हो चुका है, उनमें यह खतरा दोगुना रहता है. इसलिए यह आवश्यक है कि प्रसव के तुरंत बाद और अस्पताल से छुट्टी देने से पहले महिलाओं के हाई ब्लड प्रेशर की निगरानी की जाए. पटपड़गंज स्थित मैक्स बालाजी अस्पताल में कार्डियक कैथ लैब के प्रमुख चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार ने कहा, "गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर मां और बच्चे दोनों के लिए एक बड़ा जोखिम होता है.
हाई ब्लड प्रेशर पूरे शरीर में रक्त प्रवाह में बाधा डाल सकता है
हाई ब्लड प्रेशर पूरे शरीर में रक्त प्रवाह में बाधा डाल सकता है, जिसमें प्लेसेंटा और गर्भाशय शामिल हैं. यह भ्रूण की वृद्धि को प्रभावित करता है और गर्भाशय से प्लेसेंटा के समय से पहले विच्छेदन को रोकता है. अगर प्रसव के पहले, उसके दौरान और बाद में बारीकी से निगरानी न की जाए तो हाई ब्लड प्रेशर ऐसी महिलाओं में हार्ट अटैक सहित दिल की अन्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण बन सकता है.
हाई ब्लड प्रेशर के कुछ अन्य घातक प्रभावों में समय से पहले बच्चे का जन्म, दौरे, या मां-बच्चे की मौत तक शामिल हैं. " कुमार के अनुसार, हार्ट अटैक (हार्ट फेल्योर) या पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी, प्रसव के बाद पांच महीने तक हो सकती है. स स्थिति के कुछ लक्षणों में थकावट, सांस की तकलीफ, एड़ी में सूजन, गर्दन की नसों में सूजन और दिल की धड़कनें अनियमित होना शामिल हैं.
पेरिपार्टम कार्डियोमायोपैथी की गंभीरता को निकास अंश या इजेक्शन फ्रेक्शन कहा जाता है, जिसे मापा जा सकता है. यह रक्त की वह मात्रा है, जिसे हृदय प्रत्येक धड़कन के साथ बाहर पम्प करता है. एक सामान्य निकास अंश संख्या लगभग 60 प्रतिशत होती है.
डॉ. कुमार ने कहा, "प्रसवोत्तर उच्च रक्तचाप से प्रभावित महिलाओं को कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए. हालांकि हृदयाघात (हार्ट फेल्योर) के कारण होने वाली क्षति को रोका नहीं जा सकता, फिर भी कुछ दवाओं और उपचार की मदद से स्थिति में आराम मिल सकता है. गंभीर मामलों में हृदय प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है. ऐसी महिलाएं दोबारा जब गर्भ धारण करना चाहें तो जीवनशैली में कुछ बदलाव करके रक्तचाप को नियंत्रण में रख सकती हैं. "
रक्तचाप नियंत्रित करने के कुछ सुझाव :
– गर्भवती होने से पहले रक्तचाप के स्तर को जानें.
– नमक या सोडियम का अधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है. इसलिए, नमक कम खाएं.
– गर्भ धारण करने से पहले खूब चलें-फिरें और सक्रिय रहें. एक ही जगह पर बैठे रहने वाली महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने की संभावना रहती है, साथ ही बाद में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है.
– ऐसी कोई दवा न लें, जो रक्तचाप को बढ़ाती हो.
– यदि आपको पहले से ही उच्च रक्तचाप की शिकायत है, तो अपने डॉक्टर से उन सावधानियों के बारे में बात करें, जिनका पालन करने की आवश्यकता है. |
State Bar Council Election: 57 thousand lawyers to cast votes
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश करेंगे निगरानी
January, 16 • 09:24 PM
जबलपुर. प्रदेश के वकीलों की नियामक संस्था मप्र स्टेट बार काउंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार को सुबह 10 से शाम 5 बजे तक महाधिवक्ता शशांक शेखर के मार्गदर्शन में मतदान प्रक्रिया होगी। पूरे प्रदेश में वकील एक साथ मतदान कर अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। इसके लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के हॉल व जिला अदालत में मतदान होगा। हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशद्वय केके त्रिवेदी व एचपी सिंह मतदान की निगरानी करेंगे। पूरे प्रदेश में करीब 90 हजार से ज्यादा वकील हैं, लेकिन करीब 57 हजार वकीलों को ही मतदान की पात्रता मिली है। इस बार 145 उम्मीदवार मैदान में हैं। काउंसिल के सचिव प्रशांत दुबे ने बताया कि जिला अदालत में 2001 से 5710 मतदाता क्रमांक वाले और हाईकोर्ट के सिल्वर जुबली हॉल में1 से 2000 मतदाता क्रमांक वाले अधिवक्ता वोट डालेंगे।
सबसे ज्यादा उम्मीदवार जबलपुर से
इस बार चुनाव मैदान में सबसे ज्यादा उम्मीदवार जबलपुर से हैं। जबलपुर से निवर्तमान सदस्य मनीष दत्त, राधेलाल गुप्ता, जगन्नाथ त्रिपाठी व आरके सिंह सैनी, रामेशवर नीखरा व एक अन्य रश्मि ऋतु जैन एक बार फिर मैदान में है। वहीं मनीष तिवारी, आशीष त्रिवेदी, वीरेंद्र दुबे, द्वारिकासिंह चौहान, ज्योति रॉय आदि नए चेहरे सहित कुल 38 उम्मीदवार चुनावी समर में है। दावेदारों में काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, शिवेंद्र उपाध्याय, सहित वर्तमान में कार्यकारिणी के 25 में से 20 सदस्य एक बार फिर मैदान में हैं।
एेसे करें वोट
चुनाव में एक मतदाता वकील 25 उम्मीदवारों को वोट दे सकेगा। इसके लिए मतपत्र पर वह उम्मीदवार के नाम और उसके सीरियल नंबर के समक्ष वह पहला, दूसरा या तीसरा क्रम से 25 नंबर लिख सकेगा। एक मतदाता सभी उम्मीदवारों को एक समान प्रथम-वरीयता प्रदान नहीं कर सकता है। इस तरह एक मतदाता 25 उम्मीदवारों को अलग -अलग वरीयता प्रदान कर अपना मत दे सकता है।
न दिया जाए विपरीत आदेश
महाधिवक्ता शशांक शेखर ने मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अधिवक्ताओं को मतदान के लिए छूट देने का आग्रह किया। उन्होंने अनुरोध किया कि अनुपस्थिति के चलते शुक्रवार को किसी वकील के मुकदमे में विपरीत आदेश न पारित किया जाए। |
हिंदी न्यूज़ - गाड़ी खरीदने वालों को बड़ी राहत, अब नहीं खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे- Good News for Car buyers, No need to take premium insurance of every car- हिन्दी समाचार, टुडे लेटेस्ट न्यूज़ इन हिन्दी
ऑटो05:32 PM IST Dec 14, 2018
कोई भी नई गाडी खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब आपके पास अगर एक से ज्यादा गाड़ी है तो आपको इसके लिए अलग-अलग कवर लेने के जरूरत नहीं है. बता दें कि सितंबर 2018 में गाड़ी मालिकों के लिए 15 लाख का पर्सनल एक्सीडेंट कवर खरीदना अनिवार्य कर दिया गया था. लोगों के पास एक से ज्यादा गाड़ी होने पर कई सारे कवर खरीदने पड़ रहे थे. इससे लोगों को मोटर इंश्योरेंस महंगा पड़ रहा था. इस समस्या से निपटने के लिए अब इंश्योरेंस रेगुलेटर ने नियम बदल दिए हैं. ऐसे में अब आपको गाड़ी खरीदते समय कवर खरीदना अनिवार्य नहीं होगा. सीधे शब्दों में कहें तो अगर आपके पास पहले से ही पर्सनल एक्सीडेंट कवर है तो दोबारा इसे लेने की जरूरत नहीं होगा. |
लॉक डाउन में अगर प्यार से ज्यादा तकरार चल रही है तो आप नीचे दिए गए कुछ उपायों को एकबार आजमाकर जरूर देखिए - Rgyan News
होम विविध लॉक डाउन में अगर प्यार से ज्यादा तकरार चल रही है तो...
लॉक डाउन में अगर प्यार से ज्यादा तकरार चल रही है तो आप नीचे दिए गए कुछ उपायों को एकबार आजमाकर जरूर देखिए
लॉकडाउन में करें समय का सद्उपयोग
कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन है और अब इसे 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। कुछ लोग लॉकडाउन के इस वक्त को परिवार के साथ समय बिताने की सकारात्मक सोच के साथ देख रहे हैं तो कुछ परिवारों में हर वक्त साथ रहने की वजह से आपसी मतभेद बढ़ गए हैं। खास तौर पर पति और पत्नी के बीच ऐसी चीजें सुनने में आ रही हैं कि लॉकडाउन के दिनों में इनके बीच तकरार बढ़ गई है। इससे राहत पाने के लिए हम आपको बता रहे हैं वास्तु के कुछ ऐसे उपाय जिनको आजमाने से आपके समय का भी सद्उपयोग होगा और आपसी संबंधों में भी सुख-शांति रहेगी।
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कबाड़ा निकाल बाहर फेंके
इस वक्त सभी लोग फुर्सत में हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने समय का सद्उपयोग करें और घर से सभी प्रकार का कबाड़ा निकालकर फेंक दें। वास्तु के अनुसार घर में पड़ा फालतू सामान एक प्रकार नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे में मन में चिड़चिड़ाहट और गुस्सा पैदा होता है और इसी वजह से विवाद होते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि खाली वक्त में घर का सामान देखें और प्रयोग में न आने वाली चीजों को या तो किसी को दे दें या फिर फेंक दें।
बेडरूम से जुड़ी बातें
बेडरूम में आपके घर का वह स्थान होता है जहां आप अपने जीवनसाथी के साथ सुकून के वे पल बिताते हैं जो आपके रिश्ते में नई ऊर्जा का संचार करते हैं। अगर बेडरूम में खामियां होंगी तो आपके संबंधों में भी समस्या आएगी। ध्यान रखें कि आपका बेड पंखे के ठीक बीच में न हो और न ही कमरे की बीम आपके बेड के ऊपर से जा रही हो। इससे आपके बीच दूरी पैदा होती है। वैसे तो सुनने में किंग साइज का बेड अच्छा लगता है लेकिन यह आपके रिश्ते में दूरी को बढ़ाता है। यदि आपकी शादी को अभी कुछ ही वक्त हुआ है तो सामान्य साइज के बेड का ही प्रयोग करें।
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कमरे में न हो ऐसी वस्तुएं
यदि आपके कमरे में पानी से जुड़ी कोई भी चीज है या फिर कोई ऐसी पेंटिंग है जिसमें झरने, या फिर अन्य जल स्रोत हैं तो इसे तुरंत हटा दें। वास्त में ऐसा माना जाता है कि पानी रिश्ते की गरमाहट को कम करता है और वंश वृद्धि में भी बाधक होता है। इसलिए पानी से जुड़ी कोई भी चीज अपने कमरे में न रखें।
बेड पर इस तरह से न सोएं
कमरे में बेड पर सोते वक्त एक बात का ध्यान रखें कि आपके लेटने की दिशा इस प्रकार से न हो कि आपके पैर दरवाजे की तरफ हों। ऐसा होने से आपके बीच में विवाद होने की आशंका बढ़ जाती है और घर में पैसे की भी कमी बनी रहती है।
कमरा होना चाहिए सजा हुआ और व्यवस्थित
अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोगों का बेडरूम बिखरा और अव्यवस्थित होता है। सामान भी इधर-इधर पड़ा रहता है। वास्तु के अनुसार यह भी आपके शादीशुदा जीवन में तनाव का कारण हो सकता है इसलिए अपने बेडरूम में किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचें।
जोड़े में होना चाहिए यह सामान अपने शयनकक्ष में लोग आमतौर पर साज-सज्जा के लिए पेंटिंग आदि रखते हैं। वास्तु के अनुसार, यदि किसी भी कलाकृतियों और यहां तक तकियों को शयन रूम में रखने पर ध्यान रखें कि यह हमेशा जोड़ी में ही रखें।
कमरे में न लगाएं टीवी अगर आपने भी अपने कमरे में टीवी लगा रहा है तो यही सही वक्त है उसे हटाने का। कमरे में टीवी लगाने से या फिर अन्य कोई गैजेट लगाने से पति-पत्नी एक-दूसरे की ओर ध्यान नहीं दे पाते हैं। फेंग शुई और वास्तु में यह माना जाता है कि कमरे में टीवी लगाने का अर्थ है कि आप किसी तीसरे को अपने बेडरूम में आने की इजाजत दे रहे हैं। |
यख मोराद गुफा - ईरान संस्कृति
यख मरद गुफा, करज (अलबोरज़ क्षेत्र) जिले के आज़ादबार गाँव में स्थित है और प्राचीन ईरान के प्रागैतिहासिक काल की है। प्राचीन स्तरीकृत गुफा का प्रवेश द्वार, जिसे प्राकृतिक आकर्षणों में से एक माना जाता है और ऊंचाई में 3 मीटर और ऊंचाई में 8, क्षेत्र के पहाड़ों की ऊंचाइयों में स्थित है और गुफा का मार्ग आमतौर पर ढलान और नीचे की ओर है इतना है कि अंत में, पहाड़ के रसातल तक पहुँचते हुए, आप अपने आप को जमीन पर बर्फीले झरनों और झरझरा स्टालैटिटी का सामना करते हुए पाते हैं।
समुद्र तल से ऊपर इस गुफा की ऊंचाई लगभग 2640 मीटर है। सबसे अच्छी स्थितियों में एसफैंड और फ़ारवर्डिन के महीनों में बहुत सुंदर बर्फ शंकु बनते हैं। गुफा के एक हिस्से में आप 30 मीटर से अधिक ऊँचाई में अंतर के साथ चार मंजिल देख सकते हैं।
अतीत में इस गुफा को स्थानीय लोगों ने इस बात का विशेष सम्मान दिया कि क्षेत्र के निवासी इस बात से आश्वस्त थे कि जिसने भी अगले वर्ष के भीतर इसमें बर्फ खाई वह अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेगा और फलस्वरूप इसका नामकरण करेगा। यख मोरद, या इच्छाओं की बर्फ।
बीमार लोगों की देखभाल के लिए गुफाओं की बर्फ की प्रभावशीलता में पूर्वजों का विश्वास था, विशेष रूप से महिलाओं की बांझपन के लिए और इसके कोनों में पुराने तालों की मौजूदगी इस बात की गवाही देती है कि इसे कितना पवित्र माना जाता था। |
Salman Khan and Shahrukh Khan entry Koffee with Karan 6 - Hindi Filmibeat
सलमान खान,शाहरूख और कैटरीना कैफ,साल 2018 का सबसे बड़ा dhamaka !
| Updated: Monday, August 20, 2018, 10:35 [IST]
यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि जहां पर सलमान और शाहरूख एक साथ हो वहां पर ब्लॅाकबस्टर होने की पूरी उम्मीद बन जाती है। फिर चाहे वह फिल्म हो या टीवी।
सलमान खान बहुत ही जल्द शाहरूख खान की फिल्म जीरो में कैमियो करते हुए नजर आयेंगे। ईद के दौरान फैंस ने इसकी पहली झलक दे दी है। लेकिन ये दोनों बहुत ही जल्द कैटरीना कैफ के साथ अपनी धमाकेदार एंट्री करने जा रहे हैं।
जी हां, ऐसी खबर है कि करण जौहर के सेलिब्रिटी चैट शो कॅाफी विद करण 6 में पहली बार सलमान खान और शाहरुख खान कैटरीना कैफ के साथ दिखने वाले हैं। मिली जानकारी के अनुसार सलमान और शाहरूख से करण के अच्छे संबंध हैं।
करण शो की टीआरपी के लिए इन दोनों की जोड़ी को एक साथ लाना चाहते हैं। इसके साथ ही कैटरीना कैफ के भी सलमान और शाहरूख स काफी करीबी रिश्ते हैं।
ऐसे में इन तीनों को एक साथ लाने की मेकर्स की तैयारी जोरो से शुरू है।ऐसी खबर है कि सलमान और शाहरूख एक साथ मिलकर कैटरीना और करण की टांग खींचते नजर आयेंगे। आपको बता दें कि कॅाफी विद करण 6 की शुरुआत 21 अक्टूबर से होगी।
पार्टनर फिल्म
ऋतिक रोशन के साथ सलमान
Read more about: salman khan shahrukh khan karan johar television सलमान खान शाहरूख खान करण जौहर टेलीविजन |
PHOTOS: मथुरा में 55 घंटे लंबी ऑनलाइन जूम मीटिंग, देश-विदेश के 400 भक्त जुड़े
Mathura News: मथुरा में भक्ति वेदांत नारायण गोस्वामी महाराज के जन्म के 100 वर्ष पूर्ण होने पर भक्तों ने विशेष आयोजन किया. इस दौरान 55 घंटे तक ऑनलाइन जूम मीटिंग हुई. (नितिन गौतम की रिपोर्ट)...
नितिन गौतमFebruary 12, 2021,7:42 am IST uttar-pradesh/mathura, देश, उत्तर प्रदेश
मथुरा (Mathura) में 17 अक्टूबर से बांके बिहारी मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुल जाएंगे. मंदिर प्रबंधक के अनुसार कोविड-19 के नियमानुसार मंदिर में भक्तों को दर्शन की अनुमति मिलेगी.... |
जौनपुर : आयुक्त ने मेडिकल कालेज, गौशाला, ओवरब्रिज का किया निरीक्षण #NayaSabera - Naya Sabera | नया सबेरा - Hindi News, India News Hindi, National News in Hindi, Hindi News Portal
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जौनपुर : आयुक्त ने मेडिकल कालेज, गौशाला, ओवरब्रिज का किया निरीक्षण #NayaSabera
आयुक्त वाराणसी मंडल दीपक अग्रवाल द्वारा राजकीय मेडिकल कालेज सिद्दीकपुर, कृषि भवन स्थित अस्थाई गौशाला तथा जौनपुर सिटी स्टेशन के निकट निर्माणाधीन ओवरब्रिज का स्थलीय निरीक्षण किया गया।
इस दौरान मेडिकल कालेज तथा ओवरब्रिज की धीमी कार्य प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश आयुक्त द्वारा दिये गये। उन्होंने ओवरब्रिाज के दोनों तरफ खराब पड़े रास्ते को ठीक करने के निर्देश दिए। राजकीय मेडिकल कालेज का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड आजमगढ़ इकाई द्वारा किया जा रहा है जिसका अभी तक सिर्फ 41 प्रतिशत कार्य ही पूर्ण हो पाया है जबकि इसे पूर्ण करने की तिथि दिसंबर 2019 है।
उन्होंने गौशाला की साफ-सफाई, पानी निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि गायों का नियमित टीकाकरण कराएं तथा बीमार गायों अलग बाडे़ में रखकर उनका इलाज कराएं। इस मौके पर डीएम के अलावा संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। |
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उद्देश्यों/>
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अंतर्वस्तु/>
स्वचालन के लिए परिचय
औद्योगिक प्रक्रियाओं के स्वचालन का परिचय औद्योगिक स्वचालन का उद्देश्य स्वचालन के कार्य स्वचालन के स्तर औद्योगिक प्रक्रियाओं के प्रकार स्वचालित सिस्टम की संरचना एक स्वचालन के संचालन का विवरण। विभिन्न तकनीकों के रोजगार के क्षेत्र
2. एक स्वचालित प्रणाली के तत्व
सेंसर और सेंसर प्री-एक्ट्यूएटर्स और एक्ट्यूएटर्स मानव-मशीन संवाद के तत्व
3. कार्यक्रम स्वचालित ऑटोमेटिक की संरचना
बुनियादी अवधारणाओं वायर्ड तर्क के क्रमादेशित तर्क को संक्रमण। एक प्रोग्रामयोग्य आटोमेशन के भागों और संचालन
4. प्रोग्रामिंग अवधारणाओं
एक प्रोग्राम लिख रहा है एक कार्यक्रम के प्रतिनिधित्व के रूप। कार्यक्रम की संरचना प्रोग्रामिंग ऑब्जेक्ट्स बुनियादी संचालन
5. ऑटोटाटा हार्डवेयर S7-300
सामान्य विशेषताएँ विधानसभा। Direccionamento। सॉफ्टवेयर कॉन्फ़िगरेशन
6. चरण 7 प्रोग्रामिंग पैकेज
सॉफ्टवेयर स्थापना और प्राधिकरण SIMATIC प्रबंधक चरण -7 के कार्यक्रम संपादक
7. पीएलसीएसआईएम सिमुलेटर
सॉफ्टवेयर की स्थापना आवेदन के साथ पहले चरण मेनू का विवरण
8. स्वचालन प्रोग्रामिंग I
प्रारंभिक विचार संयोजक संचालन ऑपरेशन सेट और रीसेट करें टाइमर। काउंटर।
9. ऑटोमेशन प्रोग्रामिंग II
लोड हो रहा है और ऑपरेशन स्थानांतरण एनालॉग इनपुट और आउटपुट तुलना आपरेशन अंकगणित संचालन
10. ऑटोमेशन प्रोग्रामिंग III
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