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2MAG
| एक दोसरा के चुंबन लेते जाथिन, हमन्हीं के कहल गेलइ । |
3BHO
| बाबा भीखमराम जी के तीन गो चेला रहले बाकिर टेकमन राम जी सभसे मसहूर चेला रहीं। |
2MAG
| जेकर जरूरत रहे, ऊ खरीद लेना, चाहे ऊ तेगना महँग होवे । |
1BRA
| ई पोथी सरकार की प्रेस सौं प्राप्त करी जा सकै । |
1BRA
| परि गंभीर सुभाब अरु एकान्तिक रुचि ने इनकी सहायता करी । |
4HIN
| उभरते ग़ज़लकार हैं, ग़ज़ल की बारीकियां सीख रहे हैं . |
3BHO
| ना त मंगले भीख ना मिलित। |
2MAG
| नवाब साहेब - ठीक हे, बाकी तुं तुरते कैसे पता लगा लेला । |
3BHO
| त का भइल ? |
0AWA
| पालनहारा सती माई मारे पीरा केरे छटपाटनी जाती हैं । |
1BRA
| हिसाब - किताब हैबे में जो धमरगन भयौ बूं तौ देखिबे लायक हौ । |
1BRA
| पूर्व के भाग एक में जा तरियां साहित्यकारन कै संग बैठकै बिनकी रचना प्रक्रिया अरु साहित्य सृजन के प्रति बिनके विचारन की साक्षात्कारन में बिस्तार ते विवेचन करबे की प्रयास कियौ गयी हैं बैसोई प्रयास आपकू या ग्रन्थ में मिलेगी । |
2MAG
| छोटी बेटी फिन ओइसहीं जबाब देलक । |
2MAG
| ओकर सिर पीछे गिर गेल, एक तुरी साँस लेलक आउ भगमान के अपन आत्मा सौंप देलक । |
3BHO
| तोहरा पास खाना पीना सब समय-समय पर केहु न केहु बहाने पहुचत रही। |
1BRA
| आई है कहांते यह ब्रजभासा सुनो सत्य, ब्रह्मा के चारों मुख वेद रूप गाई है शिव के डमरू ते अी नारद की वीणा मांझ, शारदा भवानी वर वागी रस छाई है इन्द्र के नगारे ते ताल सुर साधि साधि, मन्त्रन की सिद्वी रूप भापा रस लाई है रस में सरस रस साहित सरोवर सों, ब्रज के कन्हैया जु की ब्रज भाषा आई है । |
3BHO
| हँ इहो सही बात रहल ह एक बेर का भइल की खमेसर बाबा भंइस किने गइल रहने अउर राति भइला पर एगो गाँव में टिक्कि गइनें, सबेरे-सबेरे ओ घर से लोटा ले के डोल-डाल होखे निकलने अउर उ फुलहा लोटा लेहले गाँवे चलि अइने। |
0AWA
| औ हमहुंक कलंक औ अपशगुनी कहिकै हमसे बड़ी घृणा करति हैं । |
1BRA
| जो अर्थ की समानान्तरता का निर्वाह करती हुई चलती है । |
4HIN
| गलती किसी की भी हो,ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकता । |
3BHO
| मरउव्वत में. |
1BRA
| बैयर वानीन कौ दल पीछें हट गयौ । |
2MAG
| बेटा से सब हाल कहलन । |
1BRA
| पर बू झूठौ आचरण हौंतो । |
4HIN
| जो हवा छूकर गई है मुझकोरंग-रूप में खुशबू-सी लगती है । |
3BHO
| आफिसन में, कारखानन में ताला ना लागी अउर हड़ताले पर ताला लागि जाई। |
4HIN
| कल्पना का संसार सपनो से अधिक बड़ा होता है ,सपने जो हमे आते हैं वो असल में कही ना कही हमारी कल्पना से ही जुड़े होते हैं ! |
1BRA
| गहराई ते गोता लगाए जाँय; मनोजोग ते अध्यन कियौ जाय तो जिन पातीन की महत्त जानी जाय सर्क चौंक जिनमें प. नैहरू ने सहज भाव सौं, कथा-कहानी के रूप में साहित्य, धरम, इतिहास भूगोल विज्ञान अदि की बिसद सिच्छा अपनी पुत्री कू दई है । |
2MAG
| राजा महल में अयलन आउ रानी से पुछलन कि तोरा का हो गेल ? |
3BHO
| जब कबो डाकिया आवे, हम दउड़ के ओकरा पासे पहुँचीं. |
0AWA
| ईमा आप हमार आतिथ्य स्वीकार कै लियौ औ अपने शिष्यन कैंहा लैकै आय जाव तौ जानौ हम औ हमार आयोजन सब जने धन्य होइ जांय । |
0AWA
| आचार्य शेष सनातन जी चलिकै भजन सन्ध्या आरम्भ करैक घोषणा करौ चलै । |
2MAG
| करत तऽ ओकरा लेते आवऽ । |
3BHO
| बनारसी के सामान्य भइला पर पाड़ेजी फिर से सवाल कइले। |
1BRA
| सोई मुंसीजी भैराय कैं परे अरे भले मानस , मैं चोरे मैं रहूं का ? |
1BRA
| जैसैं- फारसी कौ 'जलेबी' और अरबी कौ 'हलुआ' या अंग्रेजी के रेल, बटन, लालटेन आदि उदाहरण है सकैं हैं । |
3BHO
| सिख गुरू अमरदास के देहावसान। |
0AWA
| अब यहौ देखि लिहेउ कि कौनी तना उइ अपने ई सेवक कैंहा सतावै वाले सहपाठी चन्द्रभूषण हुंनका कैस सबक सिखैहैं ? |
4HIN
| उन सबको पढ़ाने का भी समय निकालूँगा . |
1BRA
| गोकुल की लीला नन्द महोच्छव ते प्रारम्भ होय । |
1BRA
| फाह्यान और ह्वनसांग यात्रीन ने लिखयौ है कै जमुना के दौनों किनारे बस्ती हती । |
4HIN
| …हिंदी का सच्चा सेवक कौन ? |
1BRA
| तहाँ गौकुड है । |
4HIN
| आपको सुनवाना चाहती हूँ(उच्चारण भी सुधारना है) . |
0AWA
| झट से बाबा क्यार अंचरा, झोरी ओ कमंडल संभारिनि औ उनके लगे आय पूंछ लिहिनि, गुरूदेव अबहीं का राति भरि चलैक है जौ हाली चलैक कहति हौ ? |
1BRA
| मैं अपनी देखुगौ और मैं अपने तांगे में बैठकै डीग की और चल दियौ । |
3BHO
| काहे कि कुछ लैकवा टोनियाह जादा होले स । |
3BHO
| जबतक सिंह साहब लिस्ट में से पाड़ेजी के मतलब वाला नाम के पढ़ के कुछ समझ पवते पाड़ेजी चाय पी चुकल रहन। |
1BRA
| ई मान्सि भैमाता ने जानै कोन सी मांटी सो गढ़्यौ है कै जाय देखौ बूई याय जानैं । |
2MAG
| काहाँ तोरा जाय के हको ? |
0AWA
| एक दम वृद्ध जर्जर शरीर, सन कसि सफेद केश, धतल सीमित सधुवाई वस्त्र, चेहरे पर झुर्री लेकिन विशेष तेज अबहिउ झलकति देखि तुलसीदास केरे जेहन मैंहा अपने नरहरि गुरू जी की पहिले वाली आकृति घूमिगै । |
3BHO
| फजिरही बीया कबारे चले के बा। |
2MAG
| लइका रोपेआ लेके चल देलक । |
2MAG
| ई तो हमन्हीं के कुल के लज्जा आउ बदनामी के बात हइ ! |
4HIN
| तभी मेरी आँख खुल गई । |
1BRA
| तेज आोज बल सब ही छीना । |
4HIN
| खोल अटरिया काग बुलाऊँपूछूँ क्या संदेसा कोई ? |
0AWA
| चिरय्यन केरि झुन्ड आसमान मैंहा बिचरै जाय लागि औ गाईं,पड़िया, बकरी बम्बाय मिमियाय लागीं । |
4HIN
| यद्यपि कई क्षुद्र व्यक्तियों ने जिनका नाम लिखना अनावश्यक है, हिंदी भाषा की निंदा करते-करते गांधी महात्मा पर भी संकीर्णता तथा पक्षपात का दोष आरोपण किया है, तथापि इनका प्रयत्न इस आंदोलन को रोकने में असमर्थ है । |
2MAG
| मेहरारू से बतिआइत हलन कि ‘जेकरा माल होवे ऊ धरती में गाड़ देवे न तो पढ़ावे-लिखावे में लगा देवे ! |
1BRA
| चितऊ मेरी - पट्टऊ मेरी ! |
4HIN
| सुरम्य घाटियों से देख जा रही प्रभा किधर जघन्य पाप के विरुद्ध क्या करे दुआ असर विकल पड़ा है व्यक्ति यों, कि त्राण है, न राह है विचारशील के लिये न वृत्ति का प्रवाह है झिंझोर दें हुँकार कर तमस प्रभाव ढो रहे हुँकार जोरदार हो . |
4HIN
| उसका यह प्रतिदिन का नियम है । |
1BRA
| किन्नर गोण ओर सिद्ध उर्वसी, मैया सम्मुख नाचत है । |
4HIN
| हरि के दरवाजे पर दस्तकअजीब लग रहा है तकनीकी ब्लॉग में यात्रा विवरण ! |
4HIN
| शिल्पगुरु डॉ जयदेव बघेल :- नाम ही काफ़ी है ------- ललित शर्माजयदेव बघेल जी के घर (चित्र राहुल सिह जी के सौजन्य से)बस्तर, भानपुरी से चल कर हम कोण्डा गाँव पहुंचते हैं, नाके के पास गाड़ी रोक कर एक पान वाले से जय देव बघेल जी का घर पूछते हैं । |
1BRA
| कथ गीत को ज्ञान आप योगीश कहायो । |
0AWA
| गानौ गाव़त है-मोरी सैकिल फर फर उड़ी जाय रे । |
1BRA
| जगरौटी, काठैरी, डॉगी और मेवाती के क्रियापद मानक नाँय बन सकै । |
1BRA
| तहाँ पूर्वी ब्रज भक्त बसे हैं । |
0AWA
| औ गउती कइस हैं ? |
1BRA
| का गुरूजी आपकूं अपने प्रारम्भिक काल में ऐसी अवसर मिलौ है जब आपने काऊ गुरू के पास रहकैं विद्याध्ययन कीनौ होय ? |
0AWA
| स्वामी जी, हमारि याक जिज्ञासा ई तीर्थाटन कैंहा लैके हैं । |
4HIN
| और वैसा ही कुछ जादू है भुजपाश में भरी हुई मोगरे की महक का । |
3BHO
| साठ बरीस ले सरकार चला के आपन फितरत देखावे वाला लोग के मंजूर नइखे कि हिन्दुस्तान के हालात में बदलाव होखो। |
2MAG
| राजा दू-तीन दिन एही तरह से सुन के कहलन कि कहीं माटी के घोड़ा आउ गुड़िया पीये हे पानी ? |
0AWA
| औ बहुत हर्षित, उमंग मैंहा कुलाचैं भरति तुलसी गिलहरी, खरगोश औ बंदरन के बच्चन के पाछे-पाछे आश्रम भरेम दौरै ख्यालै लागि । |
3BHO
| सिनेमा चित्र के नदी में बहत भाषा आ भाव के लहर पर पात्र रूपी पतवार से खेवत एक नाव ह । |
1BRA
| बजभाषा कै सरूप कूं निखारबे में मुद्गल जी कौ भौत बडौ योगदान है । |
3BHO
| 'फिर?' |
3BHO
| ई लोक-व्यवस्था के समरसता देखीं कि छठ पूजा में लागे वाला अधिकतर सामान प्रकृतिए के गोद से मिलेला। |
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| -तौ का कही ? |
3BHO
| एही घरी तीन चार गो नवही सिगरेट के धुआँ उड़ावत , डिस्को डरेस पहिनले फिल्मी गीत गावत उनका भीरी से गुजरलन स , त ओकनी के फुहर - पातर गीत उनका जियरा के जरा के राखि कर देलस। |
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| जीवन परिचे : मोहन लाल की जनम 13 अगस्त सन् 1936 मॉहि धौरमुई गाम के एक सीदे सादे सतोगुनी द्विज परिवार में भयौ । |
4HIN
| खेल खेल में ज्योतिष की जानकारी देने का प्रयास - 2 पहली बार मैग्गी…पहली बार सूट्टा…सब सोच रहे होंगे ये सांड अकेला क्यूँ छुट्टा हिन्दुस्तानी होने के फायदे बता रहे हैं योगेश शर्मा अचानकमार (अमरकंटक) के घने जंगलों में गुप्त ब्लॉगर मीट कसाब के बैडलक के बारे में जानिए क्रितिश भट्ट के इस कार्टून से हरिभूमि में प्रकाशित शाह नवाज़ का व्यंग्य पढ़िए चूहा तो महज़ प्राणी है । |
3BHO
| घरे पहुँचि के उ अपनी भाई की साथे अपनी बटुई के खाना परोसलसि अउर उहवें ओ लोगन की लगवें बइठि गइल। |
2MAG
| अगर हमर संस्मरण (नोट) तोर हाथ में आ जाय, त आद रखिहऽ, कि सबसे निम्मन आउ पक्का परिवर्तन ऊ होवऽ हइ, जे बिन कोय हिंसात्मक कायापलट के नैतिकता में सुधार से होवऽ हइ । |
2MAG
| कहलक कि ई एगो मोसाफिर हथ । |
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| ई दिया मैंहा ई कटोरिया सेनी धिव डारि लियौ औ ई कुछ कपड़ा केरी बाती हैं तुमरी काकी अबहेन बनाय दिहिनि हैं । |
4HIN
| जन जन में बसते भगवान् . |
2MAG
| ऊ सैनिक हथिन कि असैनिक ? |
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| जाव सबका बताओ कि आज से पढ़ाई शुरू । |
0AWA
| सूकरखेत आश्रम मैंहा आय लागि । |
3BHO
| चौपाल नीकजबून एक तरफा विचार निजी कइसन रही अगर अँजोरिया भोजपुरी किताब प्रकाशन का मैदान में उतरे । |
4HIN
| उन्हें यह बर्खास्त करना चाहतें हैं बिना यह बतलाये उनका जुर्म क्या है ? |
1BRA
| कृष्ण कवि राधा कृष्ण जी ने या तरियां के भौतेरे अमृत ध्वनि छन्द लिखे हैं । |
3BHO
| नउवा के नव अकिल आ गउंवा कहे कि रहहीं ना देबि। |
4HIN
| सादर आपका शिवम् मिश्रा आपके लिए कैसा रहेगा 25 और 26 अक्तूबर 2010 का दिन ? |
4HIN
| यही कारण है की मुसलमान किसी गैर मुस्लिम को अपने दीन में लाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है, भारत में हिन्दू लडकियों को फ़साने के लिए कई संगठन कार्यरत है, ईसाई संगठनों की तरह अब मुस्लिम संगठन भी बौद्धिक बहस आदि सार्बजनिक कार्यक्रमों का आयोजन करते है, जिसमे धर्मपरिवर्तन कराया जाता है, बम्बई स्थित इस्लामिक रिसर्च सेंटर नामक संस्था के प्रमुख डॉ जाकिर नाईक व उनकी संस्था इस धर्मान्तरण की मुहीम में अग्रगणी है, यह संस्था पीस टी.वी. नामक चैनल चलाती है जो भारत समेत लगभग सारी दुनिया में दिखाया जाता है भारत में अभी यह चैनल तीन भाषाओ उर्दू, अंग्रेजी और बंगाली में दिखाया जाता है, यह संस्था दुनिया भर के मुसलमानों में कट्टरपन की प्रचार करती है, बौद्धिक प्रपंच का सहारा लेकर धर्मान्तरण कराना इसका मुख्य लक्ष्य है, इस संगठन के मुखिया जाकिर नाईक के कार्यक्रमों में लाखो लोग आते है जिसमे अधिकांस गैर मुस्लिम होते है जाकिर नायक अपने कार्यक्रमों में स्वामी अग्निवेश [हिन्दू बिरोधी] जैसे लोगो को बुलाता है और खुले आम हिन्दू धर्म का मजाक उडाता है, सबसे आश्चर्य की बात है कि ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, पाकिस्तान जैसे तमाम देशो में जाकिर नायक के घुसने पर प्रतिबन्ध है पर भारत में उसके भाषण हर जगह होते है तथा उसका टी.वी. चैनल हर राज्य में दिखाया जाता है . |
4HIN
| पहले मेरे पिता स्वाभाविक मौत मर गये । |