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https://www.indiatv.in/india/national/india-successfully-test-fires-the-new-generation-agni-prime-missile-827709
भारत की बढ़ी ताकत, ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का हुआ सफल परीक्षण, मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर
भारत ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर तट पर ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सरकारी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की नए जनरेशन वाली एडवांस मिसाइल है।
भुवनेश्वर : भारत ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर तट पर ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सरकारी अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की नए जनरेशन वाली एडवांस मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर के बीच है। मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। अग्नि प्राइम अल्‍ट्रा मॉर्डन टेक्निक से लैस होने की वजह से बहुत हल्के वजन की मिसाइल है।आपको बता दें कि इसी सप्ताह भारत ‘सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम’ का भी सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया था। इस मिसाइल का प्रक्षेपण ओडिशा तट से दूर अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-covid-19-vaccination-india-has-administered-above-40-crore-doses-so-far-802537
Covid-19 Vaccination: देश में कोविड टीके की 40 करोड़ से अधिक खुराक दी गई, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आज शाम 7 बजे तक भारत में COVID वैक्सीनेशन के अंतर्गत कुल 40,44,67,526 डोज़ लगाई गई हैं। आज यानि शनिवार को 46,38,106 वैक्सीन डोज़ लगाई गई।
नई दिल्ली। देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच कोरोना वैक्सीनेशन पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है और हर दिन लाखों की संख्या में लोगों का वैक्सीन लगाई जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आज शाम 7 बजे तक भारत में COVID वैक्सीनेशन के अंतर्गत कुल 40,44,67,526 डोज़ लगाई गई हैं। आज यानि शनिवार को 46,38,106 वैक्सीन डोज़ लगाई गई। सरकार की यह कोशिश है कि जल्द से जल्द पूरी आबादी का वैक्सीनेशन कर दिया जाए, ताकि कोरोना से होने वाले नुकसान को रोका जा सके।देश में शनिवार को कोविड-19 टीके की 46.38 लाख से अधिक खुराक दी गई और अब तक 40 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को 18-44 आयु वर्ग के कुल 21,18,682 लाभार्थियों को पहली जबकि 2,33,019 लोगों को दूसरी खुराक दी गई। सात बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार, ''भारत में अब तक 40 करोड़ से अधिक (40,44,67,526) टीके लगाए जा चुके हैं।'' रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को 46.38 लाख से अधिक (46,38,106) खुराक दी गई।राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर, 18-44 आयु वर्ग के 12,40,07,069 लोगों को पहली जबकि 48,50,858 लोगों को दूसरी खुराक दी गई है। आठ राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 18-44 आयु वर्ग के 50 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक दी गई है। आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, केरल, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 18-44 आयु वर्ग के 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक दी गई है। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 रोधी टीके की 41.69 करोड़ से अधिक खुराक दी गयी: केंद्रकेंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 41.69 करोड़ से अधिक खुराक प्रदान की जा चुकी हैं और राज्यों के पास तथा निजी अस्पतालों में 2.74 करोड़ से अधिक खुराक उपलब्ध हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा कि टीके की 18,16,140 और खुराकों की आपूर्ति की जा रही है। सभी स्रोतों के माध्यम से अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 41,69,24,550 खुराक प्रदान की जा चुकी हैं और आगे 18,16,140 खुराकों की आपूर्ति करने की प्रक्रिया चल रही है।सरकार कोविशील्ड, कोवैक्सीन की 66 करोड़ खुराक संशोधित दर पर खरीदेगीकेंद्र ने इस साल अगस्त और दिसंबर के बीच कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके की क्रमश: 205 रुपये और 215 रुपये प्रति खुराक की संशोधित दर (कर छोड़कर) से 66 करोड़ से अधिक खुराकें खरीदने का ऑर्डर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दिसंबर तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 37.5 करोड़ खुराकें और भारत बायोटेक से 28.5 करोड़ खुराकें खरीदी जाएंगी। सूत्रों ने बताया, ''अगस्त और दिसंबर के बीच कोविड-19 टीकों - कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 66 करोड़ और खुराकें क्रमश: 205 रुपये और 215 प्रति खुराक, के हिसाब से खरीदी जाएगी, जिसमें कर शामिल नहीं होगा।'' उन्होंने बताया कि कर सहित कोविशील्ड की 215.25 रुपये प्रति खुराक और कोवैक्सीन की 225.75 रुपये प्रति खुराक कीमत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 150 रुपये प्रति खुराक की दर से दोनों टीकों को खरीद रहा है।देश में कोरोना की स्थितिकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के 38,079 नए मामले सामने आए हैं। अब देश में कोरोना के कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,10,64,908 हो गई है। वहीं पिछले 24 घंटों में 560 नई मौतों के बाद देश में संक्रमण से होने वाली कुल मौतों की संख्या 4,13,091 हो गई है। देश में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम का नया चरण 21 जून को शुरू हुआ था और इसके तहत केंद्र सरकार की ओर से सभी वयस्कों का निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। इससे पहले 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ही टीके मुफ्त थे। मंत्रालय ने कहा कि देशव्यापी टीकाकरण अभियान के नये चरण में केंद्र सरकार देश में टीका निर्माताओं द्वारा तैयार किए जा रहे 75 प्रतिशत टीकों की खरीद कर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इनकी निशुल्क आपूर्ति कर रही है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/bjp-is-preparing-to-cater-to-brahmin-voters-in-up-union-minister-will-meet-people-from-door-to-door-830061
यूपी में ब्राह्मण वोटरों को साधने की तैयारी कर रही है बीजेपी, लोगों से घर-घर जाकर मुलाकात करेंगे केंद्रीय मंत्री
बीजेपी के केंद्र सरकार में ब्राह्मण मंत्रियों, सांसद और विधायक प्रबुद्ध ब्राह्मण समाज के लोगों से घर-घर जा कर मुलाकात करेंगे, छोटे बड़े सम्मेलन करेंगे।
बीजेपी यूपी में जनवरी के दूसरे हफ्ते से ब्राह्मण वोटरों को साधने और उनकी नाराज़गी को दूर करने के लिए अभियान की शुरुआत करेगी। इसके लिए बीजेपी ने यूपी की करीब 300 विधानसभा सीटों की पहचान की है जहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या 10,000 से उपर है। इन सीटों पर बीजेपी ब्राह्मण सम्मेलन, प्रबुद्ध सम्मेलन, छोटे-बड़े सम्मेलन, जनसंपर्क, डोर-टू-डोर कैंपेन करेगी।इन सीटों पर बीजेपी के केंद्र सरकार में ब्राह्मण मंत्रियों, सांसद और विधायक प्रबुद्ध ब्राह्मण समाज के लोगों से घर-घर जा कर मुलाकात करेंगे, छोटे बड़े सम्मेलन करेंगे। इन ब्राह्मण सम्मेलनों और ब्राह्मण समाज के प्रभावी लोगों के बीच और इनके घर जाकर ये समझाया जायेगा कि विपक्ष झूठ फैला रहा है कि यूपी सरकार से ब्राह्मण समाज नाराज़ है। साथ ही इन बैठकों में ब्राह्मणों को बताया जाएगा कि बीजेपी राष्ट्रवादी पार्टी है जबकि समाजवादी पार्टी जातिवादी है। और ये भी याद दिलाया जाएगा कि ब्राह्मणों ने हमेशा राष्ट्रवादी शक्तियों का साथ दिया है।साथ ही ये भी बताया जाएगा कि कोविड महामारी में केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का फायदा ब्राह्मण समाज को भी मिला है। बीजेपी का मानना है कि ब्राह्मण वोटर वोकल होता है यानी अगर वो साथ है तो खुद तो वोट करता ही है बल्कि जिसके लिए वोट करता है उसके पक्ष मे खुल कर बोलता है और माहौल भी बनाता है। गौरतलब है कि पिछलें सप्ताह यूपी बीजेपी बड़े ब्राह्मण नेताओं की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में यूपी में नाराज़ ब्राह्मण समाज को मनाने की रणनीति बनाई गई थी।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-si-suspended-for-having-beard-without-permission-in-baghpat-749133
बागपत में बिना इजाजत दाढ़ी रखने पर दरोगा सस्पेंड, पहले भी दी गई थी चेतावनी
उत्तर प्रदेश के बागपत में बिना अनुमति के बड़ी दाढ़ी रखने पर एक दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया। दरोगा को पहले भी चेतावनी दी गई थी लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज किए जाने के बाद दरोगा पर विभाग ने कार्रवाई की।
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत में बिना अनुमति के बड़ी दाढ़ी रखने पर एक दरोगा को सस्पेंड कर दिया गया। दरोगा को पहले भी चेतावनी दी गई थी लेकिन चेतावनी को नजरअंदाज किए जाने के बाद दरोगा पर विभाग ने कार्रवाई की। दरोगा का नाम इंतसार अली है, वह बागपत के रमाला थाने में तैनात उप निरीक्षक पद पर तैनात था। वह सहारनपुर के रहने वाले हैं और पिछले तीन साल से बागपत में कार्यरत हैं। उप निरीक्षक इंतसार अली को लॉकडाउन से पहले रमाला थाने में तैनाती दी गई थी। अब नियमों के विपरीत लंबी दाढ़ी रखने को लेकर पुलिस विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। SP अभिषेक सिंह ने बताया कि विभाग में बिना अनुमति के मूंछ रख सकते हैं लेकिन सिख समुदाय के पुलिसकर्मियों को छोड़कर अन्य किसी को भी दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेनी होती है।SP अभिषेक सिंह ने बताया कि SI इंतसार अली को पहले ही दो बार विभाग से इसके लिए अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, इंतसार अली ने नजरअंदाजी की और अनुमति नहीं ली। लगातार विभाग के नियमों की अनदेखी करने को लेकर SI को सस्पेंड किया गया है। उन्होंने बताया कि SI इंतसार अली को पैटर्न के अनुसार वर्दी नहीं पहनने और दाढ़ी नहीं बनाने को लेकर जांच कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था।SP अभिषेक सिंह ने कहा कि नोटिस के बावजूद भी SI द्वारा निर्देशों का पालन नहीं किया गया। ड्रेस कोड के विपरीत मनमाने ढंग से वर्दी पहनी। बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ड्रेस कोड का पालन करने में लापरवाही बरती। इसीलिए उन्हें निलंबित किया गया है। वहीं, SI इंतसार अली का कहना है कि वह नवंबर 2019 से ही विभागीय अनुमति की कोशिश कर रहा है। लेकिन, अभी तक अनुमति नहीं मिली है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-farm-laws-repeal-shows-bjp-workers-failure-to-explain-their-benefits-uma-bharti-824294
कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा पर मैं अवाक रह गई, यह हमारी नाकामी: उमा भारती
उमा भारती ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए।
भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती ने कृषि कानूनों को लेकर एक के बाद एक ट्वीट कर अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाए हैं। सोमवार को अपने ट्वीट में उमा कृषि कानूनों को वापस लिए जने को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को कटघरे में खड़ा किया, लेकिन इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करते समय जो कहा वह उनके जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। उमा भारती ने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए। उमा ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा, ‘‘मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूँ। 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई। इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूँ।’’उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने कानूनों के वापसी करते समय जो कहा वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया। अगर कृषि क़ानूनों की महत्ता मोदी जी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क एवं संवाद कर सके।’’ उमा ने कहा, ‘‘मोदी जी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं। जो समस्या की जड़ समझता है, वह समाधान भी पूर्णतः करता है। भारत की जनता एवं मोदी जी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है।’’उन्होंने कहा, ‘‘कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके, इसी कारण से उस दिन मोदी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी।’’ उमा ने कहा, ‘‘मेरे नेता मोदी जी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता युग-युग जिये, सफल रहे। यही मैं बाबा विश्वनाथ एवं माँ गंगा से प्रार्थना करती हूँ।’’उन्होंने लिखा, ‘‘आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए। मैं स्वयं एक किसान परिवार से हूँ। मेरे दो सगे बड़े भाई आज भी खेती पर आश्रित हैं। मेरा उनसे निरंतर संवाद होता है। मेरी जन्मभूमि के गाँव से मेरा जीवंत सम्पर्क है।’’ उमा ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई अमृतसिंह लोधी मुझसे हमेशा कहते हैं कि खेत एक अचल सम्पत्ति एवं खेती एक अखण्ड समृद्धि की धारा हैं किन्तु किसान कभी रईस नहीं हो पाता है। मेरे भाई अमृतसिंह लोधी की ज़िंदगी को मैं अपने जन्म से देख रही हूँ। मुझे जो समझ में आया वह यह है कि खाद, बीज और बिजली समय पर मिले तथा अनाज को अपनी मर्जी के मुताबिक बेचने का अधिकार यह खुशहाली का सूत्र हो सकता है।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-ranjit-singh-murder-case-gurmeet-ram-rahim-convicted-817818
रणजीत सिंह हत्याकांड: डेरा प्रमुख राम रहीम सहित 5 आरोपी दोषी करार
आरोपी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। वहीं आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए।
चंडीगढ़: सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम सहित 5 आरोपियों को दोषी करार दिया है। 13 अक्टूबर को कोर्ट इन सभी दोषियों की सजा का ऐलान करेगा। मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। वहीं आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए।बता दें कि 19 साल पुराने इस मामले में बीते 12 अगस्त को अंतिम सुनवाई हुई थी। सीबीआई जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग की अदालत में करीब ढाई घंटे बहस चली, इसके बाद आरोपियों को दोषी करार दिया गया।मिली जानकारी के अनुसार, मामले में राम रहीम, कृष्ण, सबदिल, अवतार, जसबीर को दोषी करार दिया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी इंदरसैन की मौत हो चुकी है। इससे पहले साध्वी यौन शोषण के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को दोषी करार दिया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-19-948-fresh-covid-19-cases-187-more-deaths-in-kerala-806527
केरल में सामने आए कोविड-19 के 19,948 नये मामले, 187 मरीजों की मौत
केरल में शुक्रवार को कोविड-19 से 187 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की तादाद 17,515 पर पहुंच गयी जबकि 19,948 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35,13,551 हो गयी।
तिरुवनंतपुरम: केरल में शुक्रवार को कोविड-19 से 187 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की तादाद 17,515 पर पहुंच गयी जबकि 19,948 नये मामले सामने आने के साथ कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 35,13,551 हो गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के विज्ञप्ति के मुताबिक केरल में बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 19,480 मरीज संक्रमण मुक्त भी हुए, जिससे राज्य में इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 33,17,314 हो गयी। राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,78,204 हो गयी है। विज्ञप्ति के मुताबिक कोरोना संक्रमण के नये मामलों में मलाप्पुरम में सर्वाधिक 3417 नये मरीज सामने आए। इसके बाद एर्नाकुलम में 2310, त्रिशूर में 2167, कोझिकोड में 2135, पलक्कड़ में 2031, कोल्लम में 1301, अलाप्पुझा में 1167, तिरुवनंतपुरम में 1070 और कन्नूर में कोरोना वायरस संक्रमण के 993 नये मामले सामने आए। केरल में बीते 24 घंटे के दौरान 1,51,892 नमूनों की कोविड-19 जांच होने के साथ संक्रमण की दर 13.13 प्रतिशत हो गयी है। विज्ञप्ति के मुताबिक राज्य के विभिन्न जिलों में फिलहाल 4,87,492 लोगों को निगरानी में रखा गया है। इनमें से 4,58,397 लोगों को घरों अथवा सरकारी केन्द्रों में पृथकवास में रखा गया है और 29,095 लोग अस्पतालों में हैं। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा को सूचित किया कि केरल में दो अगस्त, 2021 तक जीका वायरस के 65 मामले सामने आए हैं। मांडविया ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में जीका वायरस के 61 मामले आए हैं, एर्नाकुलम में दो और कोट्टायम तथा कोल्लम में एक-एक मामले आए हैं। मांडविया ने सरकार द्वारा इससे निपटने के लिए उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका संबंधी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है जिसमें इसका प्रकोप होने की स्थिति में नियंत्रण तथा निषेध गतिविधियों का ब्योरा है। जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से प्रमुख रूप से फैलता है। इसमें बुखार, त्वचा पर चकत्ते, कजक्टिवाइटिस, शरीर और जोड़ों में दर्द, सिर दर्द जैसे लक्षण होते हैं। जीका वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं दिखाई देते। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी केस में सुनवाई पूरी, थोड़ी देर में फैसला सुनाएगी अदालत
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई, अब इस मामले में कोर्ट गुरुवार यानी आज दोपहर 12 बजे अपना फैसला सुनाएगा।
Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई, अब इस मामले में कोर्ट गुरुवार यानी आज दोपहर 12 बजे अपना फैसला सुनाएगा। प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर 3 दिन तक बहस चली, जिसके बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया। अब आज गुरुवार को तय होना है कि एडवोकेट कमिश्नर इस मामले में रहेंगे कि नहीं। हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौर ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर स्थित 2 तहखाने खुलवाकर उनकी वीडियोग्राफी कराने और एडवोकेट कमिश्नर को बदलने को लेकर दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखा है।हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला गुरुवार दोपहर 12 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया। उम्मीद है कि कोर्ट गुरुवार वीडियोग्राफी के लिए अगली तारीख दे देगी और कमिश्नर बदला जाएगा या नहीं, इस पर भी फैसला सुनायेगी। इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद का रख-रखाव करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने बताया कि ज्ञानवापी मस्जिद के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगी हुई है और हिन्दू पक्ष जिन 2 तहखानों को खोलकर उनकी वीडियोग्राफी की बात कह रहा है वे मस्जिद के ठीक नीचे स्थित हैं।बता दें कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी।कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए 6 मई का दिन तय किया था। बीते 6 मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था। मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी।वहीं मथुरा में भी केशव देव बनाम शाही ईदगाह मस्जिद केस के मामले में केस के वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय से बनारस की तर्ज पर मथुरा में भी वरिष्ठ अधिवक्ता को कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की है। इसके अलावा संपत्ति पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करने एवं मस्जिद में मौजूद ॐ स्वास्तिक, कमल, हिंदू कलाकृतियों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी कराकर सभी तथ्य न्यायालय के सामने पेश करने का प्रार्थना पत्र दिया गया है।
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एनआईए ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में आईएसआई के अहम सहयोगी को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक अहम आरोपी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और उसके लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विशाखापत्तनम जासूसी मामले में एक अहम आरोपी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने और उसके लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एनआईए के एक अधिकारी के बताया कि गुजरात के गोधरा निवासी 37 वर्षीय गितेली इमरान को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि इमरान जासूसी गतिविधियों में लिप्त था और पाकिस्तान की आईएसआई के लिए काम कर रहा था। यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय जासूसी रैकेट से जुड़ा है जिसमें पाकिस्तान के जासूसों ने भारत में कई एजेंटो की भर्ती की थी। इसका मकसद भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के स्थानों अथवा उनके आवागमन के बारे में और साथ ही अन्य रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में संवेदनशील और गोपनीय जानकारी एकत्र करना था। जांच में यह सामने आया कि नौसेना के कुछ कर्मचारी सोशल मीडिया ऐप फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में आए। उन्होंने गोपनीय जानकारी साझा की जिसके लिए भारत में मौजूद आईएसआई के सहयोगियों ने उनके बैंक खातों में धन जमा कराया। इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ 15 जून को आरोप पत्र दाखिल किया गया। एनआईए के अधिकारी ने कहा कि इमरान सीमा पार कपड़ा व्यापार की आड़ में पाकिस्तानी जासूसों अथवा एजेंट से जुड़ा हुआ था। प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान के जासूसों के निर्देशों पर उसने भारतीय नौसेना के कर्मियों द्वारा प्रदान किए गए संवेदनशील और गोपनीय आंकडों के बदले समय समय पर उनके खातों में पैसे जमा किए। अधिकारी ने बताया कि सोमवार को उसके घर में छापा मारा गया जहां से कुछ डिजिटल साक्ष्य और कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच चल रही है।
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UPSC ने सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी के लिए निजी क्षेत्र के 31 विशेषज्ञों का चयन किया
सेक्रेटरी के लिए 295, डायरेक्टर स्तर के पदों के लिए 1247 और डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के पदों के लिए 489 आवेदन मिले। आयोग ने ऑनलाइन आवेदन पत्रों के आधार पर 231 उम्मीदवारों का साक्षात्कार के लिए चयन किया।
नयी दिल्ली: भारत सरकार में सेक्रेटरी लेवल से लेकर डायरेक्टर और अलग-अलग मंत्रालयों के डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट के लिए 31 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इन सबका अप्वाइंटमेंट लैट्रल रिक्रूटमेंट बेसिस पर हुआ है। लैट्रल रिक्रूटमेंट का मतलब हुआ किसी विशिष्ट जॉब के लिए उस फील्ड के एक्सपर्ट को तत्काल प्रभाव से नियुक्त करना। इसके लिए 231 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया और 31 को अलग-अलग पदों के लिए अनुशंसित किया गया। ये सारे 31 नाम अब मोदी की टीम में होंगे और सबको अहम ज़िम्मेदारियां दी जाएंगी।कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सही प्रतिभा को सही भूमिका प्रदान करने के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सही प्रतिभा को सही भूमिका में रखने के लिए एक बड़े कदम के रूप में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपीएससी द्वारा उचित चयन प्रक्रिया के बाद, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में 31 सीधी भर्तियों की घोषणा की।’’कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 14 दिसंबर, 2020 और 12 फरवरी, 2021 को यूपीएसएसी से संविदा या प्रतिनियुक्ति आधार पर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों में सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों के चयन करने का अनुरोध किया था। यूपीएससी ने छह फरवरी 2021 को ऑनलाइन आवेदन द्वारा भर्ती प्रक्रिया की शुरूआत की। सेक्रेटरी के लिए 295, डायरेक्टर स्तर के पदों के लिए 1247 और डिप्टी सेक्रेटरी स्तर के पदों के लिए 489 आवेदन मिले। आयोग ने ऑनलाइन आवेदन पत्रों के आधार पर 231 उम्मीदवारों का साक्षात्कार के लिए चयन किया। 27 सितंबर से आठ अक्टूबर 2021 के बीच साक्षात्कार का आयोजन किया गया और 31 उम्मीदवारों का अंतिम चयन किया गया है।
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अफगानिस्तान से लाये जा रहे लोगों को ITBP शिविर में 14 दिन के अनिवार्य पृथकवास में रहना होगा: केन्द्र
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र आपात स्थिति में अफगानिस्तान से लोगों को भारत ला रहा है और संकट की स्थिति को देखते हुए, उसने पहले ही उन लोगों को अनिवार्य आरटी-पीसीटीआर जांच (वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य) से छूट दी है, जिन्हें युद्धग्रस्त देश से निकाला जा रहा है।
नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर अफगानिस्तान से लाए जा रहे लोगों के लिए यहां भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छावला स्थित शिविर में न्यूनतम 14 दिनों के संस्थागत पृथकवास को अनिवार्य किया है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।मंत्रालय ने कहा कि केंद्र आपात स्थिति में अफगानिस्तान से लोगों को भारत ला रहा है और संकट की स्थिति को देखते हुए, उसने पहले ही उन लोगों को अनिवार्य आरटी-पीसीटीआर जांच (वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अनिवार्य) से छूट दी है, जिन्हें युद्धग्रस्त देश से निकाला जा रहा है।तेईस अगस्त की तिथि में जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘अफगानिस्तान में वर्तमान में कोरोना वायरस प्रसार स्पष्ट नहीं है और सावधानी के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि आने वाले व्यक्तियों को आईटीबीपी के छावला शिविर, नजफगढ़ रोड, नई दिल्ली में 14 दिन के अनिवार्य पृथकवास में रहना होगा।’’इसमें कहा गया है, ‘‘विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय इन आने वाली उड़ानों की सही तारीख और समय तथा यात्रियों के बारे में आईटीबीपी को पर्याप्त रूप से पहले से सूचित करेंगे। उक्त जानकारी दिल्ली की एनसीटी सरकार को भी प्रदान की जा सकती है।’’ज्ञापन में कहा गया है कि आईटीबीपी हवाई अड्डे से छावला शिविर, नजफगढ़ तक यात्रियों के परिवहन के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगा। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है या उसमें महामारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे दिल्ली सरकार के कोविड देखभाल केन्द्र या कोविड अस्पताल ले जाया जायेगा।
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वेंटिलेटर पर प्रणब मुखर्जी, बेटी शर्मिष्ठा ने याद किया 8 अगस्त का वो दिन
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि ईश्वर उनके लिए सबकुछ अच्छा करेगा।
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है और वह जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं। सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'प्रणब मुखर्जी की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है। इस समय उनकी हालत रक्त प्रवाह के लिहाज से स्थिर है और वह वेंटिलेटर पर हैं।' मुखर्जी (84) को सोमवार को यहां सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था और मस्तिष्क की सर्जरी से पहले उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। उन्हें देख रहे डॉक्टरों ने कहा कि मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति की हालत बिगड़ गई और उनकी स्थिति में सुधार का कोई लक्षण नहीं दिखा है।प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि 'उनकी तबीयत हेमोडाइनेमिकली स्थिर है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वह आपकी प्रार्थनाओं को जारी रखें और उनकी शीघ्र स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाएं। धन्यवाद'पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि ईश्वर उनके लिए सबकुछ अच्छा करेगा। कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ मिलने के मात्र एक साल बाद उनके पिता गंभीर रूप से बीमार हो गए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पिछले साल आठ अगस्त का दिन मेरे लिए सबसे खुशी के दिनों में से एक था, क्योंकि मेरे पिता को भारत रत्न मिला था। ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को वह गंभीर रूप से बीमार हो गए।’’शर्मिष्ठा ने कहा, ‘‘ईश्वर उनके लिए सबकुछ अच्छा करे और मुझे जीवन की खुशियों एवं दुखों को समान भाव से स्वीकार करने की ताकत प्रदान करे। मैं मेरे पिता के लिए चिंता करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद करती हूं।’’सेना के रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) अस्पताल ने मंगलवार को बताया था कि प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। इससे एक दिन पहले उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। मुखर्जी (84) को सोमवार दोपहर के वक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सर्जरी से पहले उनमें कोविड-19 की भी पुष्टि हुई थी।अस्पताल की ओर से मंगलवार को जारी नए मेडिकल बुलेटिन में कहा गया था, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। खून का थक्का बनने के कारण सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति के मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। उनकी हालत में कोई सुधार नजर नहीं आया है और स्थिति नाजुक बनी हुई है।’’ मुखर्जी जुलाई 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे।
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आगरा एक्सप्रेस वे पर ट्रक के पीछे घुसी कार, भयानक हादसे में 3 की मौत
उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सौरिख के पास शनिवार को एक तेज रफ्तार कार आगे चले रहे ट्रक में घुस गई, जिससे कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई।
कन्नौज: उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर सौरिख के पास शनिवार को एक तेज रफ्तार कार आगे चले रहे ट्रक में घुस गई, जिससे कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई। साथ ही एक गंभीर रूप से घायल हो गया है। कन्नौज के पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने बताया कि कन्नौज के सौरिख के पास आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर कोहरे में तेज रफ्तार कार आगे चल रहे ट्रक में कार घुस गई। हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौत हो गयी। एक गंभीर रूप से घायल है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं एक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराकर उपचार कराया जा रहा है। कार सवार लोग दिल्ली से लखनऊ लौट रहे थे।सूचना पर पहुंचे उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के सुरक्षा अधिकारी मनोहर सिंह यादव और उनके साथियों ने कार की खिड़की को काटकर घायलों को बाहर निकाला।इसके बाद एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर सैफई भिजवाया। रास्ते में अजीत सिंह, पंकज सिंह और मनीष वर्मा की मौत हो गई। वही कंचन सिंह गंभीर घायल हैं। उनका उपचार इटावा सैफई अस्पताल में चल रहा है।
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शादी समारोहों को लेकर CM योगी का निर्देश, गाइडलाइंस के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं, लोगों को जागरूक करें
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शादी समारोहों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में प्रशासन के अधिकारियों से कहा है कि गाइडलाइन के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शादी समारोहों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में प्रशासन के अधिकारियों से कहा है कि गाइडलाइन के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। लोगों को जागरूक करें, गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। सीएम योगी की तरफ से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि शादी के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने हिदायत दी है कि कहीं से भी पुलिस दुर्व्यवहार की शिकायत आई तो सख़्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा है कि ऐसे मामलों में अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होगी।सीएम योगी की तरफ जारी निर्देश में कहा गया है कि केवल सूचना देकर कोविड प्रोटोकाल और गाइडलाइन के सभी निर्देशों का पालन करते हुए विवाह समारोह का आयोजन किया जा सकता है। विवाह के लिए जिन 100 लोगों की संख्या रखी गई है उसमें बैंड बाजा वाले लोग शामिल नहीं हैं। सीएम योगी ने कहा कि गाइडलाइन के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने प्रशासन से कहा है कि वो लोगों को जागरूक करें औ गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। वहीं बैंड बजाने, डीजे बजाने से रोकने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई होगी।गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को जारी ताजा दिशानिर्देशों में हॉल या ऐसे ही बंद स्थानों पर शादी तथा अन्य सामाजिक समारोहों में 100 से ज्यादा लोगों की शिरकत पर पाबंदी लगा दी थी। इसके अलावा खुले में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की स्थिति में उस जगह के 40% हिस्से तक का ही इस्तेमाल किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इन कार्यक्रमों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की भी हिदायत दी गई है।
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यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालना सरकार का कर्तव्य है, कोई अहसान नहीं: राहुल गांधी
राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाना सरकार का कर्तव्य है तथा यह कोई अहसान नहीं है। उन्होंने यूक्रेन से वापस लौटी की छात्रा का वीडियो जारी कर ट्वीट किया, ‘निकासी (सरकार का) कर्तव्य है, कोई अहसान नहीं है।’ राहुल गांधी ने जो वीडियो जारी किया उसमें एक छात्रा यह कहते सुनी जा सकती है कि उसे यूक्रेन में रहते हुए कोई मदद नहीं मिली और रोमानिया पहुंचने के बाद स्वदेश लाया गया।इससे पहले, राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के सांसदों ने कहा कि रूस-यूक्रेन मामले में भारत को अपनी तटस्थ भूमिका बनाए रखनी चाहिए ताकि युद्धक्षेत्र से सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। हालांकि उनका यह भी दावा था कि केंद्र सरकार ने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसदों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि यूक्रेन की स्थिति को लेकर ‘भ्रमित करने वाले’ परामर्श जारी किए गए जिस वजह से ज्यादातर छात्र समय पर वहां से नहीं निकल सके।इस बैठक में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा पार्टी नेता आनंद शर्मा और शशि थरूर शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसदों ने बैठक में कहा, ‘भारत सरकार को अपनी साख का इस्तेमाल करके दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए थी ताकि हिंसा रुक पाती।’ बैठक में राहुल गांधी ने कहा, ‘फिलहाल तो हमारी प्राथमिकता यूक्रेन से अपने छात्रों को सुरक्षित निकालना होना चाहिए। युद्ध की स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है। ऐसे हालात में कोई बिल्कुल सटीक समाधान नहीं होता।’ उन्होंने अधिकारियों और भारतीय दूतावास के कार्यों की सराहना की।बैठक में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘यूक्रेन के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से संबंधित परामर्श समिति की बैठक हुई। समग्र जानकारी और हमारे सवालों एवं चिंताओं का सटीक जवाब देने के लिए एस. जयशंकर और उनके साथियों को आभार व्यक्त करता हूं। यही भावना है जिस पर विदेश नीति चलनी चाहिए। 6 राजनीतिक दलों के 9 सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया। कांग्रेस से राहुल गांधी, आनंद शर्मा और मैं इसमें शामिल हुए। सौहार्दपूर्ण माहौल में खुलकर चर्चा हुई। यह इस बात का स्मरण कराता है कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है तो हम सभी पहले भारतीय हैं।’
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UP चुनाव की रणनीति बनाने में जुटीं प्रियंका गांधी, नेताओं से की चर्चा, राज्य का दौरा भी करेंगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों से मुलाकात करने और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए इस सप्ताह राज्य का दौरा करेंगी।
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों से मुलाकात करने और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने के लिए इस सप्ताह राज्य का दौरा करेंगी। सूत्रों ने बताया कि उनका उत्तर प्रदेश दौरा 14 जुलाई से आरंभ हो सकता है। इस दौरे से पहले, प्रियंका ने सोमवार को उत्तर प्रदेश से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश कांग्रेस सलाहकार परिषद और रणनीतिक समूह की इस डिजिटल बैठक में प्रियंका ने महंगाई, पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा, महिलाओं के खिलाफ अपराध और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक में यह फैसला किया गया कि महंगाई, बेरोजगारी एवं ‘जंगलराज’ के खिलाफ उप्र कांग्रेस सड़कों पर और मजबूती से उतरेगी। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है। इस बैठक से एक दिन पहले रविवार को प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ भी बैठक की थी। बघेल के उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति और बूथ प्रबंधन के साथ कांग्रेस संगठन को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। कांग्रेस की सोमवार को इस डिजिटल बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला, सलमान खुर्शीद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस बैठक में कांग्रेस महासचिव ने महंगाई, कोरोना, पंचायत चुनावों, संगठन प्रशिक्षण शिविरों पर चर्चा की प्रियंका ने कहा, ‘‘बढ़ती महंगाई से जनता परेशान है। पेट्रोल-डीजल, सरसों तेल, फल-सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। छुट्टा जानवरों से किसान बेहाल हैं। किसानों की लागत दुगुनी हो गई, लेकिन आय घट गई है।’’ उन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भाजपा कार्यकर्ताओं ने हिंसा, बम, पत्थर, और गोलियां चलाईं।’’ आधिकारिक बयान के मुताबिक, उप्र कांग्रेस सलाहकार परिषद् एवं रणनीतिक ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि उप्र सरकार हर मुद्दे पर विफल है।
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अगले कुछ घंटों में दिल्ली और यूपी के इन इलाकों में होगी बारिश, मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो घंटे में राजधानी दिल्ली में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम विभाग ने बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
नई दिल्ली: दिल्ली के लोगों को जल्द गर्मी से राहत मिलनेवाली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो घंटे में राजधानी दिल्ली में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मौसम विभाग ने बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 घंटे में नई दिल्ली में कुछ जगहों जैसे ITO, राजीव चौक, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, बुद्धा जयंती पार्क के आसपास बारिश होने की संभावना है।वहीं अगर यूपी की बात करें तो पूर्वी यूपी में मानसून ने पहले ही दस्तक दे दी है। लेकिन पश्चिमी यूपी के लोग अभी भी गर्मी से परेशन हैं। लेकिन उन्हें गर्मी से राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बड़ौत, बिजनौर, खतौली, सकोटी टांडा, किठौर, नरौरा, देबाई, अनूपशहर, जहांगीराबाद, बुलंदशहर, अतरौली और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार न्यूनतम तापमान आज सामान्य से दो डिग्री कम 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। वहीं, सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 68 प्रतिशत रहा। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 रहा और दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘‘संतोषजनक’’ श्रेणी में दर्ज की गयी। एक्यूआई को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 26.2 और 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इनपुट-भाषा
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https://www.indiatv.in/india/national/violence-on-procession-of-ram-navami-stone-pelting-and-arson-in-gujarat-jharkhand-west-bengal-mp-2022-04-10-844189
Rama Navami: रामनवमी के मौके पर देश के कई इलाकों में शोभायात्रा पर हमले, जगह-जगह पथराव और आगजनी
आज देशभर में रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन इस पावन मौके पर देश में कई जगह जुलूस के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई हैं। गुजरात, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से हिंसा की अलग-अलग घटनाएं सामने आईं हैं।
नई दिल्ली: आज देशभर में रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन इस पावन मौके पर देश में कई जगह जुलूस के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई हैं। गुजरात, झारखंड से लेकर पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से हिंसा की अलग-अलग घटनाएं सामने आईं हैं। जहां एक ओर गुजरात के हिम्मतनगर और आणंद में हिंसक झड़प देखने को मिली है, तो वहीं मध्य प्रदेश के बड़वानी और झारखंड के लोहरदगा और पश्चिम बंगाल के दक्षिण हावड़ा में भी जुलूस पर हमला हुआ।गुजरात में जुलूस पर हमला-साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के छपरिया क्षेत्र में रामनवमी के मौके पर जुलूस निकाला जा रहा था और तभी जुलूस पर अचानक पथराव हो गया। घटना की खबर मिलने के बाद हिम्मतनगर पुलिस का काफिला मौके पर पहुंचा और स्थिति पर काबू पाने का प्रयास किया। गुजरात के हिम्मतनगर में हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचाया।वहीं गुजरात के ही आणंद जिले के खंभात के पास शकरपुर गांव में आज रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ उसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई। देखते ही देखते तनाव बढ़ गया और आगजनी शुरू हो गई। इश दौरान कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस मौके पर है और हालात पर काबू पाने की कोशिश कर रही है।पश्चिम बंगाल में शोभायात्रा पर अटैक-रामनवमी के शुभ अवसर पर देर शाम पश्चिम बंगाल के दक्षिण हावड़ा के बीई कॉलेज के नजदीक से विश्व हिंदू परिषद की ओर से एक शोभा यात्रा निकाली जा रही थी जो हावड़ा रामकृष्णपुर घाट की ओर जा रही थी। इसी दौरान हावड़ा के शिवपुर थाना अंतर्गत पीएम बस्ती इलाके के पास कुछ लोगों ने इस शोभायात्रा पर अचानक हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के साथ ही भारी पुलिस बल तैनात की गई है। झारखंड में भी आगजनी-रामनवमी के मौके पर झारखंड के लोहरदगा के हिरही-हेंदलासो-कुजरा गांव की सीमा पर लगने वाले मेले में हिंसा और आगजनी के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है। जानकारी के अनुसार रामनवमी शोभायात्रा में शामिल लोगों पर एक खास समुदाय के लोगों द्वारा पथराव कर दिया गया फिर मेले में पहुंचकर करीब 10 मोटरसाइकिल और एक पिकअप वैन में आग लगा दी। शोभायात्रा में शामिल लोगों ने भी जवाब में पत्थरबाजी की। तीन घटनाओं में चार लोगों के घायल होने की खबर है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मध्य प्रदेश में हुआ पथराव-मध्य प्रदेश बड़वानी जिले के सेंधवा में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो पक्षों में आमने सामने जमकर पत्थराव हुआ। ये घटना सेंधवा शहर स्थित झोगवाड़ा रोड की है। इस पथराव के दौरान सेंधवा शहर थाना प्रभारी बलदेव मुजाल्दे सहित दो लोग घायल हो गए। उपद्रवियों ने दो मोटरसाइकिलों को आग लगा दी। इतना ही नहीं 2 से 3 धार्मिक स्थलों में की तोड़फोड़ की गई। घटना के बाद बड़वानी एसपी, कलेक्टर सहित भारी पुलिस बल शहर में तैनात है।
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https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-why-supreme-court-s-steps-on-farm-laws-were-not-welcomed-765687
Rajat Sharma's Blog: कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के कदम से लोग क्यों खुश नहीं हैं?
किसान पहले सरकार की नहीं सुन रहे थे और अब कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे, तो सवाल उठता है कि वे लोकतंत्र में फिर किसकी सुनेंगे?
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दो बड़े कदम उठाए: पहला तो यह कि अदालत ने तीनों कानूनों पर फिलहाल रोक लगा दी, और दूसरा एक एक्सपर्ट कमेटी भी बना दी, जो किसानों से बात करके 2 महीने में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देगी।अब मुसीबत ये है कि सरकार इस बात से खुश नहीं है कि कानूनों पर रोक लगा दी गई, और किसान इस बात से नाराज़ हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने उनसे बिना पूछे कमेटी बना दी। एक तरफ सरकार के समर्थकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा पास किए गए कानून पर रोक लगाने का कोई हक नहीं है, लेकिन राष्ट्रहित में, सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेगी। वहीं, दूसरी तरफ किसान कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है वे उससे बात तक नहीं करेंगे। किसान नेताओं का आरोप है कि इस कमेटी में शामिल एक्सपर्ट्स नए कृषि कानूनों के समर्थक हैं। किसान नेता पूछ रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट को कमेटी के चारों मेंबर्स के नाम किसने सुझाए और यह कदम किसकी अपील पर उठाया गया।किसान नेताओं ने साफ कह दिया है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होंगे, तब तक वे सड़क पर जमे रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से अपील की है कि वे कम से कम सर्दी में सड़क पर बैठे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को वापस भेजें लेकिन किसानों ने एलान कर दिया कि कोई वापस नहीं जाएगा और आंदोलन जारी रहेगा। कल तक जो किसान नेता सुप्रीम कोर्ट की तारीफ कर रहे थे, आज वही आरोप लगा रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट तो सरकार की मदद कर रहा है। पहले जो किसान नेता सरकार पर शक कर रहे थे, अब वही सुप्रीम कोर्ट की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं।किसान पहले सरकार की नहीं सुन रहे थे और अब कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे, तो सवाल उठता है कि वे लोकतंत्र में फिर किसकी सुनेंगे?लोकतंत्र में सरकार कानून और संविधान के आधार पर काम करती है। ये तो नहीं हो सकता कि मेरे मन की नहीं हुई तो नहीं सुनेंगे। इस तरह के रुख से तो अराजकता पैदा हो सकती है। जिसका मन होगा वह सड़क पर बैठ जाएगा, और जब तक उसकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक रोड को बंद रखेगा।क्या जिस संसद को देश की जनता ने चुना, वह कानून नहीं बनाएगी? क्या जिस सरकार को देश की जनता ने चुना उसको कानून लागू करने का हक नहीं दिया जाएगा? क्या अब सारे फैसले सड़क पर होंगे? क्या लोग अब सुप्रीम कोर्ट की अपील भी नहीं सुनेंगे?यह बेहद दुखद है कि किसान कार्यपालिका, विधायिका या न्यायपालिका, किसी की भी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। मंगलवार को किसान नेताओं ने साफ आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट भी सरकार की मदद कर रहा है, और कमेटी का गठन भी सरकार को बचाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्य भी सरकार की मर्जी के हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने किसानों से बात करने के लिए जो कमेटी बनाई है, उसके चारों एक्सपर्ट्स के बारे में आपको बता देता हूं।इस कमेटी के अध्यक्ष अशोक गुलाटी हैं, जो कि एक एग्रीकल्चर इकॉनमिस्ट हैं। वह भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) में एक प्रोफेसर थे और 1991 से 2001 तक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार काउंसिल के मेंबर रहे हैं। कमेटी के दूसरे मेंबर डॉक्टर प्रमोद कुमार जोशी हैं। वह अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) से जुड़े रहे हैं और इसके डारैक्टर भी रह चुके हैं। इनके अलावा बाकी के 2 मेंबर किसान संगठनों के नेता हैं, भूपिंदर सिंह मान राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं जबकि अनिल घनवट शिवकेरी संगठन से ताल्लुक रखते हैं जिससे महाराष्ट्र के लाखों किसान जुड़े हुए हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भूपिंदर सिंह मान ने बीकेयू के अपने समर्थकों से कांग्रेस के समर्थन में मतदान करने के लिए कहा था क्योंकि उन्होंने किसानों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र को बीजेपी के घोषणापत्र से बेहतर पाया था। अनिल घनवट और अशोक गुलाटी भी कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े थे।केंद्र और किसान नेताओं के बीच शुरुआती दौर की बातचीत के दौरान, सरकार से कृषि विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसान नेता इसके लिए तैयार नहीं हुए। अब सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई है जिसमें कृषि के एक्सपर्ट हैं तो किसान नेता कह रहे हैं कि इस कमेटी के मेंबर्स से वे इसलिए बात नहीं करेंगे कि ये लोग नए कृषि कानूनों के समर्थक हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि किसान नेता पहले चरण में केंद्र के साथ बातचीत के लिए तैयार ही क्यों हुए यदि उनकी मुख्य मांग तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना है?भले ही सरकार कृषि कानूनों पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के कदम से खुश नहीं है, लेकिन फिर भी वह कमेटी के गठन के लिए सहमत हो गई है। सरकार का कहना है कि संसद में पास हुए कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह रोक लगाना ठीक नहीं है। कानून बनाने का काम संसद का है, विधानसभाओं का है और इन्हें लागू करने का काम सरकार का है। संविधान में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका, सबकी भूमिकाएं सुनिश्चित की गई हैं।सुप्रीम कोर्ट की भूमिका तभी आती है जब या तो संविधान की अवहेलना की गई हो या मौलिक अधिकारों का हनन होता हो। इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। ये संकट तो कुछ किसान संगठनों द्वारा आर्टीफिशियली क्रिएट किया गया है।मुझे इस बात पर भी हैरत हुई कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने इस मामले को ठीक तरह से हैंडल नहीं किया। किसानों को धरने पर बैठे हुए 45 दिन हो गए और उन्होंने हाइवे को ब्लॉक कर रखा है। लेकिन सरकार ने कभी बल प्रयोग नहीं किया और पुलिस ने काफी संयम दिखाया है।जब ऐसी अफवाह उड़ी कि पुलिस रातोंरात किसानों को लाठी और गोली के बल पर हटाएगी तो पुलिस अफसरों ने जाकर किसानों को समझाया और इस शक को दूर किया। सरकार के 3-3 मंत्रियों ने किसान नेताओं से कई-कई राउंड में बात की। इसलिए यह कहना ठीक नहीं है कि सरकार ने संवेदना नहीं दिखाई, या इस मामले को ठीक से हैंडल नहीं किया।सरकार तो अभी भी तीनों कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन जिद पर कौन अड़ा है ये इस बात से साफ हो जाता है कि किसान संगठनों के नेता कह रहे हैं कि जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक घर वापसी नहीं होगी। एक और बात जो किसान नेताओं की जिद दिखाती है वो ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी, तो भी किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने पर अड़े हुए हैं।भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर रैली निकालेंगे। वहीं, पंजाब के एक अन्य किसान नेता ने कहा है कि उनका आंदोलन गणतंत्र दिवस के बाद भी जारी रहेगा।अब एक बात बिल्कुल साफ हो गई है कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह शक और अविश्वास पर आधारित है।पहले किसान नेता कहते थे कि सरकार एमएसपी और मंडियों को लेकर जो कह रही है उस पर उन्हें शक है। मंगलवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की नीयत पर यह कहते हुए शक जाहिर किया कि शीर्ष अदालत सरकार की मदद कर रही है। किसान नेताओं को सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के मेंबर्स पर भी विश्वास नहीं है, और शक का इलाज तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं था।जो कानून संसद ने पास किए हैं उनके बारे में सड़क पर टकराव करके फैसला कैसे हो सकता है? यदि आंदोलन कर रहे लोग सरकार की नहीं सुनेंगे, सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुनेंगे तो रास्ता कैसे निकलेगा? अगर देश में फैसले इस आधार पर होंगे कि किसने कितनी ज्यादा सड़क घेरी हुई है तो ये गलत परंपरा पड़ जाएगी। फिर एक बडा सवाल ये है कि जो लोग आंदोलन नहीं करेंगे, सड़कों पर नहीं उतरेंगे, लेकिन मेजॉरिटी में होंगे तो क्या उनकी बात भी नहीं सुनी जाएगी?हमारे देश में बड़ी संख्या में वैसे किसान और उनके संगठन हैं जिन्हें लगता है कि इन कानूनों से उनका फायदा हुआ है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया बल्कि ये कह दिया कि सरकार ने सलाह-मशविरा नहीं किया। नए कृषि कानूनों पर पिछले 20 साल से चर्चा चल रही है। कई कमेटियां बनीं, कई एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी, और कई किसान संगठनों ने ऐसे ही कानून बनाने की मांग की।बीकेयू के राकेश टिकैत जैसे किसान नेता भी हैं, जिन्होंने पहले तो नए कृषि कानूनों का स्वागत किया था, लेकिन अब अपने समर्थकों के साथ उन्हीं कानूनों का विरोध कर रहे हैं और पिछले 48 दिनों से धरने पर बैठे हैं। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट कैसे कह सकती है कि बिना कंसल्टेशन के फैसला हुआ?अब तो ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि न तो नए कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले फैसले से खुश हैं और न ही कृषि कानूनों का विरोध करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं। टकराव अभी भी जारी है और इसके चलते आखिरकार भारत का आम आदमी ही कष्ट झेल रहा है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 12 जनवरी, 2021 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/national/kin-of-11-farmers-who-died-during-protests-given-jobs-by-punjab-government-826746
किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 11 किसानों के परिजनों को पंजाब सरकार ने दी नौकरी
किसानों को राज्य के आर्थिक ढांचे की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए हमेशा हर संभव कदम उठाएगी।’’
चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 11 किसानों के परिजनों को शनिवार को पंजाब में सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए। एक सरकारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गयी है। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने मृतक किसानों के परिजनों को क्लर्क की नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे।किसानों को राज्य के आर्थिक ढांचे की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए हमेशा हर संभव कदम उठाएगी।’’ चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही 157 मृतक किसानों के परिजनों को नौकरी दे चुकी है।दरअसल, पंजाब सरकार ने पहले पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और प्रत्येक मृतक किसान परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की थी। किसानों के मुताबिक कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई है।पंजाब, हरियाणा में घर वापसी पर किसानों का जोरदार स्वागतकृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में ‘‘जीत’’ के बाद वापस अपने घरों की ओर लौटते वक्त पंजाब और हरियाणा के किसानों का कई जगहों पर मिठाइयां खिलाकर और फूलों की माला पहनाकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दिल्ली-करनाल-अंबाला और दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही अन्य राज्य के राजमार्गों पर कई स्थानों पर गांववासियों के साथ ही किसानों के परिवारों ने ट्रैक्टरों में आ रहे किसानों को माला पहनाकर; लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयां खिलाकर उनका स्वागत किया। किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले गांववासी और अन्य लोग उनका स्वागत करने के लिए राजमार्गों के किनारे एकत्रित हो गए और उन्होंने किसानों पर फूल बरसाए।
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https://www.indiatv.in/india/national-wearing-two-fitted-masks-may-double-protection-against-covid-19-study-785613
इस ढंग के मास्क करते हैं कोविड-19 से दोगुना अधिक बचाव: अध्ययन
एक अध्ययन में पता चला है कि उचित ढंग से पहने हुए अच्छी फिटिंग वाले दो फेस मास्क सार्स-सीओवी2 के आकार के कणों से बचाने में दोगुने प्रभावी साबित होते हैं और उन्हें व्यक्ति की नाक, मुंह तक पहुंचने से रोकते हैं जिससे व्यक्ति संक्रमण की चपेट में नहीं आता।
नयी दिल्ली: एक अध्ययन में पता चला है कि उचित ढंग से पहने हुए अच्छी फिटिंग वाले दो फेस मास्क सार्स-सीओवी2 के आकार के कणों से बचाने में दोगुने प्रभावी साबित होते हैं और उन्हें व्यक्ति की नाक, मुंह तक पहुंचने से रोकते हैं जिससे व्यक्ति संक्रमण की चपेट में नहीं आता। जर्नल जेएएमए इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित अध्ययन में पता चला है कि दो मास्क पहनने से अधिक बचाव होने की वजह कपड़े की दो परतें आना नहीं है बल्कि यह है कि कोई हिस्सा खुला नहीं छूटता और खराब फिटिंग वाले हिस्सों पर भी बचाव हो जाता है।अमेरिका में कैरोलाइना विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर एमिली सिकबर्ट ने बताया, ‘‘चिकित्सा प्रक्रियाओं में इस्तेमाल होने वाले मास्क इस तरह से बनाए जाते हैं कि उनमें हवा की निकासी उचित तरीके से होती है लेकिन वे चेहरे पर ठीक से फिट नहीं बैठते।’’ विभिन्न तरह के मास्क में फिटेड फिल्टरेशन एफिशियंसी (एफएफई) का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं के एक दल ने स्टेनलेस स्टील के एक चैंबर में एक उपकरण की मदद से नमक के छोटे कण भेजे। फिर अनुसंधानकर्ताओं ने तरह-तरह के मास्क पहनकर यह पता लगाया कि सांस लेने की जगह से इन कणों को दूर रखने में मास्क कितने प्रभावी हो पा रहे हैं। सभी मास्क में एक पोर्ट लगा था जिससे पता लगाया जा सकता कि मास्क को पार करके कितने कण प्रवेश कर रहे हैं। चैंबर में मौजूद अनुसंधानकर्ताओं ने बात करना, ऊपर-नीचे झुकना जैसी अनेक गतिविधियां की जो एक व्यक्ति दैनिक रूप से करता है। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि चिकित्सा प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाला मास्क कोविड-19 के आकार के कणों को दूर रखने में 40-60 फीसदी कारगर होता है। कपड़े से बना मास्क 40 फीसदी कारगर होता है। वहीं दो मास्क, जिनमें सर्जिकल मास्क पहले पहना गया हो और उसके ऊपर कपड़े का मास्क पहना गया हो तो बचाव 20 फीसदी तक बढ़ जाता है।ये भी पढ़ें
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IndiGo bars specially-abled child: इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में चढ़ने से रोका, तो भड़क गए सिंधिया, बोले- खुद करूंगा जांच
इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को रांची एयरपोर्ट पर विमान में सवार होने से रोक दिया क्योंकि वह ‘‘घबराया’’ हुआ था। चूंकि लड़के को शनिवार को एअरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया।
IndiGo bars specially-abled child: विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा रांची एयरपोर्ट पर एक दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोके जाने के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से गुजरना नहीं पड़े। सिंधिया ने साथ ही कहा कि वह खुद घटना की जांच कर रहे हैं। इसके बाद एयरलाइन के CEO ने माफी मांगी है।बता दें कि इंडिगो ने दिव्यांग बच्चे को रांची एयरपोर्ट पर विमान में सवार होने से रोक दिया क्योंकि वह ‘‘घबराया’’ हुआ था। चूंकि लड़के को शनिवार को एअरलाइन की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया था, उसके माता-पिता ने भी उड़ान में सवार नहीं होने का फैसला किया। अन्य यात्रियों ने रविवार को सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर पोस्ट किया, जिसके बाद शनिवार की यह घटना सामने आई। इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए सिंधिया ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े। खुद मामले की जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।’’साथी यात्री ने लिंक्डइन पर शेयर की पूरी घटनानागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) प्रमुख अरुण कुमार ने सोमवार कहा कि नियामक ने इस मामले पर इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है और वह उचित कार्रवाई करेगा। मनीषा गुप्ता नाम की एक यात्री ने लिंक्डइन पर इस घटना की विस्तार से जानकारी दी है। उसने कहा कि शनिवार को रांची हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग किशोर को काफी असुविधा हुई। उसने कहा, ‘‘हवाईअड्डे तक की यात्रा से हुई थकावट और फिर सुरक्षा जांच के तनाव से वह भूखा, प्यासा, बेचैन और भ्रमित हो गया। उसके माता-पिता जाहिर तौर पर जानते थे कि उसे कैसे संभालना है - धैये के साथ, गले लगाकर।’’मनीषा गुप्ता ने बताया कि जब तक विमान में सवार होने की प्रक्रिया शुरू हुई तब तक बच्चे को खाना खिला दिया गया और उसकी दवाएं दे दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘फिर हमने क्रूर ताकत का पूरा प्रदर्शन देखा। इंडिगो कर्मियों ने घोषणा की कि बच्चे को विमान में सवार होने नहीं दिया जाएगा क्योंकि उससे अन्य यात्रियों को खतरा है। इंडिगो के प्रबंधक ने भी ‘इस तरह के बर्ताव और नशा किए यात्रियों पर कुछ कहा, जिससे वे यात्रा करने के योग्य नहीं होते।’’ उन्होंने कहा कि अन्य यात्रियों ने दृढ़ता से इसका विरोध किया और उन्होंने मांग की कि बच्चे और उसके माता-पिता को जल्द से जल्द विमान में सवार होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि कई यात्रियों ने इंडिगो के फैसले को नियम पुस्तिका में लिखे बयानों के आधार पर चुनौती दी।यात्री ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने मोबाइल फोन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर समाचार लेख और ट्विटर पोस्ट दिखाए कि कोई भी एअरलाइन दिव्यांग यात्रियों के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती। चिकित्सकों का एक दल भी इसी विमान में सवार था। उन्होंने बच्चे तथा उसके माता-पिता को बीच रास्ते में कोई दिक्कत होने पर पूरी सहायता देने की पेशकश की।’’ उन्होंने बताया कि इसपर भी, इंडिगो कर्मियों ने बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने का अपना निर्णय नहीं बदला।एयरलाइन का बयानघटना के बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो ने रविवार को कहा, ‘‘यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चा 7 मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में सवार नहीं हो सका क्योंकि वह घबराया हुआ था।’’ उसने कहा कि कर्मचारियों ने आखिरी समय तक बच्चे के संयमित होने का इंतजार किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा दी और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी। इंडिगो ने कहा, ‘‘हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। इंडिगो एक समावेशी संगठन होने पर गर्व करता है, चाहे वह कर्मचारियों के लिए हो या उसके ग्राहकों के लिए और 75,000 से अधिक दिव्यांग यात्री हर महीने इंडिगो के साथ उड़ान भरते हैं।’’भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो के विमानों से मार्च में देश के भीतर 58.61 लाख यात्रियों से यात्रा की, जो डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार घरेलू बाजार का 54.8 प्रतिशत हिस्सा है। इस बीच, शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर ने इस घटना पर सोमवार को संज्ञान लिया और कहा कि उचित कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने ट्वीट किया, ‘‘रांची हवाईअड्डे पर इंडिगो कर्मियों द्वारा एक दिव्यांग बच्चे के साथ दुर्व्यवहार की घटना सामने आई है। उचित कार्रवाई के लिए मामले पर संज्ञान लिया गया है।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-farmers-protest-continues-on-37th-day-meeting-at-singhu-border-763161
किसानों का धरना 37वें दिन भी जारी, संयुक्त किसान मोर्चे की दोपहर दो बजे सिंघु बॉर्डर पर बैठक
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
नई दिल्ली: दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है। आज दोपहर दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी। इस बैठक के बाद शाम 5.30 बजे किसान प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई छठे दौर की वार्ता में बिजली संशोधन विधेयक 2020 और एनसीआर एवं इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के संबंध में जारी अध्यादेश संबंधी आशंकाओं को दूर करने को लेकर सहमति बन गई। पढ़ें: Happy New Year: 'दिल्ली NCR में ऐसा कोहरा कभी नहीं देखा'प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। हाड़ कंपाने वाली ठंड में पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले एक महीने से केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली से लगी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है जहां सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। पढ़ें: New Year Gift: नए साल के पहले दिन झटका, कमर्शियल LPG सिलेंडर हुआ महंगाआपको बता दें पिछले साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है। उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी। सरकार लगातार कह रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली बनी रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-serum-institute-reduces-price-of-its-covid-19-vaccine-covishield-to-rs-300-per-dose-to-states-ceo-adar-poonawalla-787452
सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन का रेट घटाने का किया ऐलान, पूनावाला ने ट्वीट कर दी जानकारी
कोरोना के खिलाफ जंग की आज सबसे बड़ी मुहिम शुरू हो चुकी है। शाम 4 बजे से 18 साल से ऊपर के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग की आज सबसे बड़ी मुहिम शुरू हो चुकी है। शाम 4 बजे से 18 साल से ऊपर के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस के बीच कोविशील्ड की कीमत भी कम हो गई है। राज्यों को अब कोविशील्ड 400 रुपये की जगह 300 रुपये में मिलेगी। सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने ट्वीट कर कोविशील्ड की कीमत को कम करने की जानकारी दी। बता दें कि वैक्सीन की कीमत को लेकर राज्य सवाल उठा रहे थे। केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटेक को चिट्ठी लिखकर कीमतों पर फिर से विचार करने की अपील की थी। अदार पूनावाला ने कहा, ''सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से राज्य को दी जाने वाली वैक्सीन की कीमत 400 रुपये से घटाकर 300 रुपये प्रति डोज करता हूं और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इससे राज्य के हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे और ज्यादा वैक्सीनेशन हो पाएगा और अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।''हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने अपने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ की कीमत राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये प्रति खुराक और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये प्रति खुराक निर्धारित की है। कोरोना वैक्सीन की अधिक कीमतों को लेकर विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है। इसी को देखते हुए पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से कहा था कि वे अपने कोविड-19 टीकों की कीमत कम करें।ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-increased-security-to-prevent-kanwariyas-from-entering-haridwar-804012
हरिद्वार में कांवड़ियों को एंट्री से रोकने के लिए बढ़ाई गई सुरक्षा
उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने बाद हरिद्वार जिले में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए शनिवार को जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई।
देहरादून: उत्तराखंड सरकार द्वारा कोविड-19 के चलते इस साल कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने बाद हरिद्वार जिले में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए शनिवार को जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि यात्रा रद्द कर दी गई है लेकिन इसके बावजूद कांवड़िये, भगवान शंकर को चढ़ाने के लिए गंगाजल लेने के वास्ते हरिद्वार में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि कांवड़िये हरिद्वार में प्रवेश न कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यदि वे सीमा पर आते हैं तो उनसे वापस जाने का अनुरोध किया जाएगा। डीजीपी ने कहा, “यदि वे इसका विरोध करेंगे तब कार्रवाई की जाएगी।” सावन का महीना कल से शुरू होने वाला है और इसके साथ ही तीर्थयात्रा की शुरुआत होगी जिसके चलते कांवड़िये शहर में घुसने का प्रयास कर सकते हैं। उत्तराखंड पुलिस ने पहले ही आदेश जारी किये हैं कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कांवड़ियों को 14 दिन के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा।
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https://www.indiatv.in/india/politics/rahul-gandhi-said-minister-is-criminal-remove-from-cabinet-ajay-mishra-teni-union-minister-lakhimpur-kheri-case-lok-sabha-ruckus-827412
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर लोकसभा में हंगामा, राहुल बोले-ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत हटाएं
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत पद से हटाया जाए। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आज फिर लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- ये मंत्री क्रिमिनल है, तुरंत पद से हटाया जाए। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब प्रश्नकाल के दौरान राहुल गांधी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय से संबंधित उनका सूचीबद्ध पूरक प्रश्न पूछने के लिए कहा तो कांग्रेस सांसद ने लखीमपुर खीरी की हिंसा का मामला उठाया और आरोप लगाया कि मिश्रा इस घटना में शामिल हैं। केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में जो हत्या हुई है, उसमें मंत्री शामिल हैं। उस बारे में चर्चा होनी चाहिए। सजा होनी चाहिएमंत्री को सरकार से निकाल देना चाहिए।’’इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने राहुल से अपील की कि वह विषय से संबंधित प्रश्न ही पूछें। उन्होंने कहा, ‘‘आप वरिष्ठ सदस्य है। आप कहते हैं कि आपको बोलने का मौका नहीं मिलता। आपको पूरा मौका दे रहा हूं, आप विषय पर सवाल पूछिए।’’ दूसरी तरफ, कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मामले को लेकर आज भी नारेबाजी जारी रखी जिस कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई और प्रश्नकाल नहीं चल सका। राहुल गांधी ने लखीमपुर खीरी मामले पर बुधवार को लोकसभा में कार्य स्थगन का नोटिस दिया था।नोटिस में उन्होंने सदन में नियत कामकाज स्थगित करने की मांग की थी और कहा था कि एसआईटी रिपोर्ट को लेकर सदन में चर्चा होनी चाहिए। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया।एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्‍त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू और कुछ अन्य लोगों पर लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। इस घटना में और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। (इनपुट-भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/national-kisan-mahapanchayat-supreme-court-demanding-demonstration-at-jantar-mantar-farmers-latest-news-816658
जब कोर्ट में सुनवाई तो फिर सड़क पर प्रदर्शन क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को लगाई फटकार
जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि जब किसान कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ही दी है तो फिर विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की क्या वजह है।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की मांग को लेकर किसान महापंचायत ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दाखिल की हुई थी, उसपर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज ने कई टिप्पणियां की हैं। जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि जब किसान कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ही दी है तो फिर विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की क्या वजह है। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जज ने कहा कि, किसान कानूनों के मुद्दे पर खुशामद बंद होनी चाहिए, उन्होंने याचिकाकर्ता को कहा, कि आपने पहले ही राजमार्ग और सड़कों को बंद कर दिया है, शहर (दिल्ली) को चारों तरफ से चकड़ा हुआ है और अब आप विरोध प्रदर्शन के लिए शहर के अंदर दाखिल होना चाहते हैं। इसपर याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने राजमार्ग और सड़कों को बंद नहीं किया हुआ है बल्कि पुलिस ने बंद किया हुआ है। याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के लिए जिस तरह की अनुमति संयुक्त किसान मोर्चा को दी थी, वे भी उसी तरह की अनुमति की मांग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की इस मांग पर जज ने कहा कि जब कृषि कानूनों के विरोध में आपने कोर्ट का रास्ता चुना है तो फिर विरोध प्रदर्शन किस बात के लिए किया जा रहा है। जज ने कहा कि अगर आपको कोर्ट पर भरोसा है तो विरोध करने के बजाय जल्द सुनवाई के लिए जोर लगाएं। याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट जज ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वे अपनी मांगों को लेकर कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल करें और उसकी एक कॉपी सरकारी वकील को भी दें। याचिका पर सुनवाई को फिलहाल अगले हफ्ते सोमवार के लिए टाल दिया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national/government-of-india-reduce-disturbed-areas-under-afspa-in-nagaland-assam-and-manipur-2022-03-31-842271
पूर्वोत्तर के इन 3 राज्यों को लेकर मोदी सरकार ने लिया अहम फैसला, दशकों बाद घटाया AFSPA का इलाका
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी। साथ ही उन्होंने इस फैसले का श्रेय पीए मोदी को दिया।
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने दशकों बाद पूर्वोत्तर के असम, नागालैंड, और मणिपुर राज्यों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों को घटा दिया है। इस बात की जानकारी स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने इस संबंध में सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय देते हुए लिखा, ये कदम पूर्वोत्तर में सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर होती स्थिति और तेजी से विकास का नतीजा है। शाह ने नॉर्थ ईस्ट के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि दशकों तक भारत का यह हिस्सा नजरअंदाज किया जाता रहा है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार का फोकस इसी पर है। केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर के राज्यों से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट के आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) के तहत आने वाले अशांत इलाकों में कम करने के फैसला का केंद्रीय मंत्री सर्बानन्द सोनवाल ने स्वागत किया है। उन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति, प्रगति और सुरक्षा के एक नए युग की शुरूआत हुई है। पूर्वोत्तर के राज्यों में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट (AFSPA) की सीमा कम करने से यहां विकास और समृद्धि का एक नया वातारण तैयार करने में मदद होगी।पूर्वोत्तर के राज्यों को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार काफी सतर्क दिखाई दे रही है। एक दिन पहले ही गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम और मेघायल के बीच चल रहे 50 साल पुराने सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक अहम पहल की गई थी। बीते मंगलवार को ही असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनराड संगमा ने अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने कि दिशा में हुए समझौते पर दस्तख्त किए थे। दरअसल, दोनों राज्य 885 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों के बीच 12 जगहों को लेकर सीमा विवाद चल रहा था।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-cm-yogi-congratulates-people-on-chhath-festival-754763
छठ पर्व पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान, लोगों की दी बधाई
उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राज्य की जनता को छठ पर्व की बधाई दी है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक लोक आस्था के महापर्व "छठ पूजा" के प्रथम व्रत "नहाए-खाए" की आप सभी को शुभकामनाएं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने राज्य की जनता को छठ पर्व की बधाई दी है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा कि प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक लोक आस्था के महापर्व "छठ पूजा" के प्रथम व्रत "नहाए-खाए" की आप सभी को शुभकामनाएं। इसके साथ ही मुख्‍यमंत्री ने पूर्व के त्‍योहारों की भांति छठ पर्व भी घर पर ही मनाने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है बल्कि कमजोर हुआ है। बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपाय है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ''प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक, लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के प्रथम व्रत "नहाए-खाए" की आप सभी को शुभकामनाएं। कोरोना अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, कमजोर हुआ है। बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। पूर्व के त्योहारों की भांति छठ भी घर पर ही मनाने का प्रयास करें। जय छठी मईया।’’एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक छठ पूजा के अवसर पर घाटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के साथ ही महिलाओं को यह पर्व घर पर मनाने के संबंध में प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा घाटों के किनारे पारंपरिक स्थानों पर अर्घ्य दिए जाने के समुचित प्रबंध किए जाने के साथ ही पानी के बहाव के समुचित प्रबंध किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।घाटों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। गौरतलब हो कि बुधवार से ‘नहाय-खाय’ के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई ।
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https://www.indiatv.in/india/national-delhi-police-two-brave-lady-officers-reply-to-rakesh-tikait-watch-viral-video-768890
Viral: 'किसान की बेटियां हैं-एक इंच पीछे नहीं हटेंगी', ट्रैक्टर के सामने खड़ी होकर महिला पुलिसकर्मियों का प्रदर्शनकारी किसानों को जवाब
गाजीपुर बार्डर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो जाती, जिसपर प्रदर्शनकारी किसान उन्हें हटने के लिए कहते हैं लेकिन दोनों महिलापुलिस कर्मी हटने के बजाय अपनी ड्यूटी पूरी बहादूरी के साथ करती रहती हैं।
नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। हालांकि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सभी प्रदर्शन स्थलों पर हालात तनावपूर्ण हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हैं। गुरुवार शाम को यहां धरना स्थल खाली होने की बातें हो रहीं थीं लेकिन रात को अचानक किसान बढ़ गए। इस सबके बीच गाजीपुर बार्डर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो जाती, जिसपर प्रदर्शनकारी किसान उन्हें हटने के लिए कहते हैं लेकिन दोनों महिलापुलिस कर्मी हटने के बजाय अपनी ड्यूटी पूरी बहादूरी के साथ करती रहती हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में राकेश टिकैत भी नजर आ रहे हैं।पढ़ें- Kisan Andolan: टिकैत से मिलने पहुंचे जयंत, अखिलेश ने भी लगाया फोन, कही बड़ी बातराकेश टिकैत ट्रैक्टर के सामने खड़ी महिला पुलिसकर्मी पर नाराज होते दिख रहे हैं लेकिन महिला पुलिस कर्मी उन्हें ऐसा तनातनी वाले माहौल में बेहद कूल जवाब देती है। वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान महिला पुलिसकर्मियों से कहते हैं कि हट जाओ चोट लग जाएगी लेकिन महिला पुलिस कर्मी किसानों को जो जवाब देती है वो सोशल मीडिया पर सबका मन मोह रहा है। आप भी देखिए वायरल हो रहा ये वीडियो।पढ़ें- रात में गाजीपुर बॉर्डर पर क्या हुआ, जानिए पूरा अपडेटपढ़ें- Kisan Andolan: धीरे-धीरे खत्म हो रहा है किसान आंदोलन! एक और संगठन ने खत्म किया धरनायूपी गेट पर भीड़ बढ़ी, अतिरिक्त बल को हटाया गयागाजियाबाद प्रशासन द्वारा यूपी गेट पर प्रदर्शन स्थल को खाली करने की अंतिम चेतावनी दिए जाने के बावजूद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सैकड़ों सदस्य शुक्रवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर डटे रहे। यहां एकत्रित लोगों की संख्या रातभर में बढ़ गई। यहां राकेश टिकैत की अगुवाई में बीकेयू के सदस्य 28 नवंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। बीकेयू के आह्वान पर आंदोलन में शामिल होने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और बुलंदशहर जिलों से बड़ी संख्या में किसान शुक्रवार तड़के यूपी गेट पहुंचे, जबकि रात में यहां सुरक्षाबलों की संख्या को कम किया गया।नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन लगातार जारी है। हालांकि दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सभी प्रदर्शन स्थलों पर हालात तनावपूर्ण हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हैं। गुरुवार शाम को यहां धरना स्थल खाली होने की बातें हो रहीं थीं लेकिन रात को अचानक किसान बढ़ गए। इस सबके बीच गाजीपुर बार्डर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दो महिला पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टर के आगे खड़ी हो जाती, जिसपर प्रदर्शनकारी किसान उन्हें हटने के लिए कहते हैं लेकिन दोनों महिलापुलिस कर्मी हटने के बजाय अपनी ड्यूटी पूरी बहादूरी के साथ करती रहती हैं। वायरल हो रहे इस वीडियो में राकेश टिकैत भी नजर आ रहे हैं।पढ़ें- Kisan Andolan: टिकैत से मिलने पहुंचे जयंत, अखिलेश ने भी लगाया फोन, कही बड़ी बातराकेश टिकैत ट्रैक्टर के सामने खड़ी महिला पुलिसकर्मी पर नाराज होते दिख रहे हैं लेकिन महिला पुलिस कर्मी उन्हें ऐसा तनातनी वाले माहौल में बेहद कूल जवाब देती है। वीडियो में प्रदर्शनकारी किसान महिला पुलिसकर्मियों से कहते हैं कि हट जाओ चोट लग जाएगी लेकिन महिला पुलिस कर्मी किसानों को जो जवाब देती है वो सोशल मीडिया पर सबका मन मोह रहा है। आप भी देखिए वायरल हो रहा ये वीडियो।पढ़ें- रात में गाजीपुर बॉर्डर पर क्या हुआ, जानिए पूरा अपडेटपढ़ें- Kisan Andolan: धीरे-धीरे खत्म हो रहा है किसान आंदोलन! एक और संगठन ने खत्म किया धरनायूपी गेट पर भीड़ बढ़ी, अतिरिक्त बल को हटाया गयागाजीपुर में यूपी गेट पर आमना-सामने होने की स्थिति बन रही थी। बृहस्पतिवार शाम को प्रदर्शन स्थल पर बार-बार बत्ती गुल हुई थी। वहीं, दिल्ली की टिकरी और सिंघू सीमाओं पर भी शुक्रवार को भारी पुलिस बल की तैनाती रही। इन सीमाओं पर दिल्ली पुलिस के कर्मियों के साथ अर्द्धसैन्य बलों को भी तैनात किया गया है। यहां कई मार्ग बंद हैं तथा यातायात पुलिस द्वारा लोगों को अन्य मार्गों से आनेजाने को कहा गया है। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर बताया, ‘‘गाजीपुर सीमा बंद है। सिंघू, औचंडी, मंगेश, साबोली, पीयू, मनियारी सीमाएं भी बंद हैं।’’गाजियाबाद जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी आधी रात को प्रदर्शनस्थल पहुंचे और वहां हालात का जायजा लिया। यहां पर बृहस्पतिवार से सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। आधिकारिक निर्देशों के बाद पीएसी और आएएफ के जवानों समेत कई सुरक्षाकर्मी आधी रात को प्रदर्शन स्थल से चले गए थे। रात को एक बजे टिकैत के समर्थक प्रदर्शन स्थल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर उमड़े। इस स्थान को दोनों ओर से बंद किया गया है तथा यहां सामान्य यातायात बाधित हो गया है। यूपी गेट पर करीब 500 प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से रात में यहां और किसान आए।
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