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Bail Application_14_202010-01-2020712
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक-20.06.2018 को लगभग 8बजे आ.सं.-247 व 248 रकवा 1 वीघा 5 <नाम> में लगी झोपड़ी कोअभियुक्तगण उखाड़ने लगे। वादी लोरिक <नाम> जो अनुसूचित जाति कासदस्य है, ने झोपड़ी उखाड़ने से <नाम> किया तो अभियुक्तगण उसे जातिसूचक शब्दों द्वारा अपमानित करते हुए डंडे से मारपीट <नाम> चोटें पहुंचाकरजान से मारने की धमकी देते हुए चले गये। वादी ने उक्त घटना कीलिखित तहरीर थाना-रॉबर्ट्सगंज में दी जिसके आधार <नाम> थाना-राँबर्ट्सगंजद्वारा उक्त मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया तथा विवेचनोपरांतआरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया। _o_जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई <नाम> धारा-15ए अनुसूचित जातिअनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमाको नोटिस जारी किया गया। वादी मुकदमा की ओर से विद्वान अधिवक्ताआज उपस्थित हुए हैं तथा लिखित आपत्ति व राजस्व अभिलेखों की प्रमाणितप्रतियां दाखिल की गई हैं। " ], "judge-opinion": [ "जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, वादीमुकदमा के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना गया है तथा समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलनकिया गया है। ", "प्रार्थीगण/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि मामलासाधारण उपहति व साधारण मारपीट का बताया गया है। अभियुक्तगण केविरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। वादी/पीड़ित के चिकित्सीयपरीक्षण में उसके शरीर <नाम> कोई भी जाहिरा चोट नहीं <नाम> गई है, जबकिप्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार 4 व्यक्तियों द्वारा वादी मुकदमा के साथमारपीट किया <नाम> कहा गया है। मामला <नाम> <नाम> कब्जे से संबंधितबताया गया है। अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं। उन्हें जमानत <नाम> रिहाकिया जावे। ", "वादी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान <नाम> अभियोजनअधिकारी का तकं है कि अभियुक्तगण द्वारा दबंगई दिखाते हुए वादी मुकदमाको जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए समाज में नीचा दिखाने के लियेअपमानित किया गया है तथा उसकी जमीन <नाम> भी जबरजस्ती कब्जा कियागया है। अभियुक्तगण द्वारा वादी मुकदमा को सामाजिक, मानसिक वआर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। वादी मुकदमा की ओर से दाखिल चकबंदीअधिकारी की रिपोर्ट के आधार <नाम> स्पष्ट है कि गाटा संख्या-247 व 248 परवादी लोरिक <नाम> व उसके परिवार का कब्जा है। यदि अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> छोड़ा गया तो वह अपराध की पुनरावृत्ति करेंगे तथा जबरजस्तीवादी मुकदमा को उसकी <नाम> से बेदखल <नाम> देंगे। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। 3उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुनने एवं पत्रावली <नाम> उपलब्धअभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> स्पष्ट होता है कि वादी मुकदमा के शरीरपर कोई भी जाहिरा चोट होना नहीं पाया गया है तथा केवल शरीर के 2स्थानों <नाम> दर्द की शिकायत बताई गई है। मामला प्रथम दृष्टया <नाम> परकब्जे को लेकर सिविल <नाम> के विवाद से संबंधित प्रतीत होता है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_153_202024-02-2020246
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर से कथनकिया गया है कि यह प््रार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी / अभियुक्त को झूँठा फंसा <नाम> गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त शिक्षित बेरोजगार है। प्रार्थी / अभियुक्त दिनांक 28.01.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। थाना पुलिसद्वारा प्रार्थी को फर्जी एवं साजिशन अभियुक्त बना <नाम> चालान <नाम> <नाम> गया है। ्रार्थी/ अभियुक्त मामले में <नाम> अभियुक्तों को <नाम> ही जानता है और <नाम> ही उक्त प्रकृतिका व्यवसाय करता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थना का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त <नाम> चोरी करने तथा चोरी की सामान को बेचने काआरोप है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। अभियोजन <नाम> द्वारा यह भी कथनकिया गया है कि अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह अपराध कीपुनरावृत्ति <नाम> सकता है। अतः अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी। अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि प्रार्थी <नाम> <नाम> शुक्लास्यार्टा सिक्यो में फील्ड आफिसर के पद <नाम> कार्यरत हैं। उनक द्वारा एक लिखिततहरीर थाना शक्तिनगर में इस आशय का <नाम> गया कि दिनांक 08.12.2019 कोसमय 2.30 <नाम> एफ.एस.सी. <नाम> <नाम> व टेक्निशियन विरेन्द्र <नाम> द्वारा समय 3.30बजे अवगत कराया गया कि एन.टी.पी.सी. 2 इन्डस आई.डी. 124449 में बैटरीबैंक / सेल्टर चोरी हो गयी, जिसकी संख्या-32 नग है। उक्त तहरीर के आधार परप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है किआलोक <नाम> <नाम> स्पार्टा सिक्यो में फील्ड आफिसर के पद <नाम> कार्यरत हैं। उनकेद्वारा एक लिखित तहरीर थाना शक्तिनगर में इस आशय का <नाम> गया कि दिनांक08.12.2019 को समय 2.30 <नाम> एफ.एस.सी. <नाम> <नाम> व टेक्निशियन विरेन्द्रवर्मा द्वारा समय 3.30 बजे अवगत कराया गया कि एन.टी.पी.सी. 2 इन्डस आईडी.124449 में बैटरी बैंक/ सेल्टर चोरी हो गयी, जिसकी संख्या-32 नग है। प्रथमसूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा-379 में दर्ज की गयी है। ", "2 ooबैटरी की पहचान उसके नम्बर के आधार <नाम> नहीं की गयी है, बल्कि उसके रंग केआधार <नाम> की गयी है। इस घटना के पहले अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं था। अभियुक्त जिला कारागार में दिनांक 09.01.2020 से निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_231_202115-03-2021343
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया किप्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था तथा जमानत का कभी दुरूपयोग नहीं किया। प्रार्थीनियत <नाम> <नाम> <नाम> तो अपने अधिवक्ता से सम्पर्क <नाम> सका और नहीं उपस्थित होसका जिसके <नाम> अजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी दूसरे मुकदमे मेंजिला कारागार में निरूद्ध था तथा प्रार्थी के विरूद्ध अजमानतीय वारण्ट निर्गत होनेके <नाम> प्रार्थी को जिला कारागार से तलब किया गया है। प्रार्थी न्यायालय द्वारानिर्धारित शर्तो का अक्षरशः पालन करेगा। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/अभियुक्त को न्यायालय द्वारापारित आदेश दिनांकित 13.05.2019 द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किया गया था। तदोपरान्त दिनांक 01.01.2020 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित <नाम> होने के कारणउसके विरूद्ध अजमानतीय अधिपत्र जारी किया गया। दिनांक 24.02.2020 कोअदम तामील वारण्ट कागज संख्या 18ख इस आख्या के साथ दाखिल किया गयाकि अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है। आदेश पत्रक दिनांकित 22.01.2021 केअवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त मंजूर को जिला कारागार से तलब करअभियुक्तगण के विरूद्ध आरोप विरचित किया जा चुका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_728_202001-07-2020294
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी/ अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है । ", "यह जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के समक्षदिनांक 17.06.2020 को प्रस्तुत किया गया है तथा माननीय सत्र न्यायाधीश महोदय केआदेश दिनांकित 25.06.2020 के अनुसार स्थानान्तरित होकर इस न्यायालय में प्राप्तहुआ है । ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी वाहनसंख्या-यू०पी064दी0-4436 का पंजीकूत <नाम> है, उसके वाहन से फल व चावल,गेहूं इत्यादि सामानों की ढुलाई होती है, पुलिस द्वारा अवैध धन की मांग की गयी,प्रार्थी द्वारा पुलिस को रूपये <नाम> देने के <नाम> उसके वाहन को तथा प्रार्थी को फर्जीतरीक से निरूद्ध <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी पूर्णतया निर्दोष है तथा उसके द्वारा कोईअपराध नहीं किया गया है। अतः प्रार्थी को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की याचनाकी गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि दिनांक 30.01.2020 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> अन्य पुलिस कर्मियों के साथ देखभालक्षेत्र में व्यस्त थे तभी उन्हें सूचना <नाम> कि पिकप वाहन से पशु तस्कर कर्मा कीतरफ से गोवंश लादकर वध करने <नाम> बिहार ले जाने वाले हैं। मुखबिर की सूचनापर पुलिस दल मझुई नहर के पास पहुंचा तो उन्हें एक महिन्द्रा पिकप पंजीयनसंख्या-यू0पी064टी-4436 कर्मा की तरफ से आती हुई दिखाई दी। पुलिस द्वारा उक्तवाहन को रोका गया, वाहन के रूकते ही उक्त वाहन से दो व्यक्ति कूद <नाम> भागगये। उक्त वाहन को चेक किया गया तो उसके अन्दर 04 <नाम> बैल तथा 02 राशिगाय को दूंस-ठूंस <नाम> बड़ी निर्दयतापूर्वक लादा गया था। वाहन में लदे पशुओं तथावाहन को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया तथा फर्द मौके <नाम> तैयार किया गया। फर्दबरामदगी के आधार <नाम> दिनांक 30.01.2020 को थाना राबर्दसगंज <नाम> उपरोक्त वाहनके वाहन <नाम> के विरूद्ध धारा-3/ 5ए/8 उ0प्र० गोवध निवारण अधिनियम एवंधारा-11 पशु कूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गयातथा दौरान विवेचना प्रार्थी/ अभियुक्त का नाम <नाम> में लाया गया। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रार्थी पूर्णतयानिर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त की मौके से <नाम> तो गिरफ्तारीहुई है और <नाम> ही उसके कब्जे से कोई गौवंशीय जानवर बरामद हुआ है। प्रार्थी कोकेवल प्रश्‍नगत वाहन का <नाम> होने मात्र के आधार <नाम> पुलिस ने मनमानी तरीक सेअभियुक्त बनाया है। कथित घटना का कोई भी चक्षुदर्शी <नाम> नहीं है। पुलिस द्वारासम्पूर्ण कार्यवाही थाने <नाम> बैठकर की गयी है। मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों कोदृष्टिगत रखते हुए प्रार्थी/ अभियुक्त जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> है, अतः उसेजमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थी/अभियुक्त प्रश्‍नगत वाहन जिससे गौवध करने के लिए गौवंशीय 06जानवरों को ले जाया जा रहा था, का <नाम> है, जिस समय पुलिस द्वारा प्रश्‍नगतवाहन को रोका गया, पुलिस को देखकर प्रार्थी /अभियुक्त मौके से फरार हो गया। विवेचना के दौरान संकलित किये गये साक्ष्य के आधार <नाम> प्रार्थी/ अभियुक्त केविरूद्ध मामला साबित पाया गया है तथा आरोप पत्र तैयार किया गया है। अतःअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> वह इसी प्रकार के अपराध में पुनः संलिप्तहो जायेगा। अभियुक्त जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> नहीं है, अतः प्रार्थी/ अभियुक्तकी ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जावे। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> Bail Application/l478/2020 -Shubham Kumar Vs. State Government 2अभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा उपलब्धकेस डायरी व अन्य पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किप्रार्थी / अभियुक्त को प्रश्‍नगत वाहन संख्या-यू0पी064टी0-4436 पिकप का <नाम> होनेके आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी / अभियुक्त को <नाम> तो घटनास्थल परगिरफतार किया गया है और <नाम> ही उसके कब्जे से कोई पशु बरामद किया गया है। संबंधित थाने से अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास पेश नहीं किया गया है। ६1टनास्थल <नाम> गौवध किए जाने से संबंधित कोई उपकरण या प्रयोग में लाये जानेवाली कोई वस्तु बरामद नहीं हुई है। अभियुक्त जिला कारागार में निरूद्ध है तथामामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचारणीय है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_327_202103-03-2021458
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि वादिनीमुकदमा कस्तुरा पत्नी परसोत्तम, निवासिनी मुङड़िलाडीह, घोरावल, सोनभद्र द्वारा लिखिततहरीर थाना घोरावल में दिनांक 12.01.2021 को इस कथन के साथ <नाम> कि दिनांक24.12.2020 को उसकी लड़की घर से बाजार गयी, परन्तु <नाम> <नाम> घर वापस नहींआयी। उसने <नाम> <नाम> अपने स्तर से खोजबीन तलाश नाते रिस्तेदारी में किया, परन्तुकुछ पता नहीं चल सका। वादिनी की लिखित तहरीर के आधार <नाम> थाना हाजा <नाम> मु.अ.सं.-02/ 2021, अं.धारा-363 भारतीय दण्ड <नाम> विरूद्ध अज्ञात पंजीकृत हुआ। अभियुक्ता की ओर से जमानत के बावत्‌ यह <नाम> प्रस्तुत किया गया किउसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे गलत तरीके से झूँठा फंसाया गया है। पीड़ितादिनांक 24.12.2020 को अपने मॉ-भाईयों से रंज होकर राबर्दसगंज गयी तथा वहाँ परअपने प्रेमी <नाम> <नाम> से मुलाकात की तथा उसी से शादी <नाम> <नाम> यापन करनेलगी है। उसने पीड़िता को <नाम> तो भगाया है और <नाम> ही उसका कोई रोल ही है। मात्रउसे पुरानी रंजिश के <नाम> पीड़िता के घर लौटने के उपरांत गलत ढंग से फंसायागया है। कस्तुरा <नाम> पत्नी पुरूषोत्तम के मकान के सामने सरकारी हैण्डपम्प लगा हुआहै, जिससे प्रार्थिया के अलावा अन्य ग्रामीण <नाम> का प्रयोग करते हैं। लॉकडाउन में वहअपने बच्चों के साथ मिलकर हैण्डपम्प के <नाम> से घर बना रही थी, जिसका विरोधपीड़िता की मों द्वारा किया जाता रहा। कई बार विवाद भी हुआ था तथा कस्तुरा द्वाराबर्बाद करने की धमकी भी दी गयी थी। उसी के परिणाम <नाम> से उसे फंसाया गयाहै। उपरोक्त अपराध से उसका कोई वास्ता सरोकार नहीं है। पीड़िता ने अपने बयानअं.धारा-161 में खुद को घर से नाराज होकर राजस्थान जाने की बात तथा अपने पतिसुन्दर <नाम> के साथ रहने की बात बतायी है। उसने अपनी उम्र 18 वर्ष होना बतायाहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट झूँठे कथनों के आधार <नाम> वास्तविकता को छुपाते हुए कायमकराया गया है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> आवेदिका/ अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की याचनाकी गयी। अभियोजन की ओर से विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज) द्वारा जमानत उङ्कDigitally signeBail Application 327/2021 -Nirmala Devi Vs. State Government 2का विरोध करते हुए कथन किया गया कि मामले में अभियुक्ता द्वारा वादिनी मुकदमाकी नाबालिग पुत्री को शादी करने के प्रयोजन से बहला फुसला <नाम> उसे उसके विधिकसंरक्षक की संरक्षकता से पृथक करते हुए ले जाकर पीड़िता की शादी अन्य अभियुक्तसे रूपया प्राप्त <नाम> कराने में सम्मिलित रही है। अभियुक्ता द्वारा पीड़िता के साथलैंगिक हमला कारित किया गया है। अभियुक्ता के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीरप्रकृति का है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग कीगयी । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "केस डायरी के अवलोकन से यह तथ्य ज्ञात होता है कि मामले में वादिनीमुकदमा की पुत्री जो कि मामले की पीड़िता है, की उम्र के संदर्भ में विवेचक द्वाराउसके विद्यालयी अभिलेख के अनुसार उसकी जन्मतिथि 08.10.2008 होना पाया है। इसप्रकार पीड़िता के विद्यालयी अभिलेख में <नाम> जन्मतिथि के अनुसार घटना की तिथिको दृष्टिगत रखते हुए पीड़िता की उम्र की गणना की जाय,तो मामले में पीड़िता कथितघटना के दिनांक को 12 वर्ष 02 माह 16 <नाम> की पायी जाती है। विवेचक द्वारा दौरानविवेचना यह साक्ष्य संकलित किया है कि घटना के दिनांक 24.12.2020 को <नाम> जोकि पीड़िता की पड़ोस की भाभी है, ने पीड़िता को राबर्दसगंज ले आयी। डाला कीरहने वाली बसन्ती भी साथ में थी। पीड़िता एवं बसन्ती सीधे राजस्थान चले गये। राजस्थान में <नाम> एवं बसन्ती ने पीड़िता की शादी <नाम> से करवा <नाम> लेकिनमांग में सिन्दूर <नाम> ने डाला। <नाम> ने <नाम> से 1,50,000/-रू. भी लिया। बसन्ती ने कितना रूपया लिया, पीड़िता को नहीं मालूम। अभियुक्त <नाम> <नाम> सैन नेअपने बयान अं.धारा-161 दण्ड प्रकिया <नाम> में यह कथन किया है कि वह पीड़िताके साथ शादी <नाम> ली थी। उसकी शादी <नाम> व बसन्ती ने राजस्थान में आकरकराया था। मामले में विवेचक द्वारा एकत्रित किये गये साक्ष्य से इस स्तर <नाम> यह तथ्यप्रकट होता है कि आवेदिका/ अभियुक्ता द्वारा मामले के अन्य अभियुक्तों से षडयंत्रकर वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को बहला फुसला <नाम> उसे उसके विधिकसंरक्षक की संरक्षकता से पृथक करते हुए विवाह करने <नाम> विलुब्ध किया और अभियुक्तसुन्दर <नाम> से रूपया प्राप्त <नाम> नाबालिग पीड़िता की शादी अभियुक्त <नाम> <नाम> सैनसे करवाया गया है। अभियुक्ता के विरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_575_202006-06-2020420
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध हैं। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि उन्हें साजिशन इस मामले में फंसा <नाम> जेल भेज <नाम> गया है। पीड़ितासुनीता परमेश्वर की पत्नी है और ससुराल वालों की प्रताड़ना की वजह से घर छोड़करभाग गयी और ट्रेन के माध्यम से मीरजापुर गयी जहां प्रार्थी सनी टैम्पू चालक है। सुनीता स्टेशन से उतरी और टेम्पू में बैठ <नाम> बोली कि उसके रिश्तेदार के यहां उसेछोड़ दो। प्रार्थी उसके रिश्तेदार के यहां उसे ले गया जहां उसक रिश्तेदार नहीं मिलेतो वह रोने लगी वह रात में कहां जायेगी, प्रार्थी <नाम> करके उसे अपने घर ले आयातथा दूसरे <नाम> जब प्रार्थी उसे छोड़ने के लिए कहा तो पीड़िता ने कहा कि उसकेरिश्तेदार नहीं हैं, वह कहां जायेगी तथा दो-चार <नाम> रूकने की प्रार्थना की तथाउसके उपरान्त वह प्रार्थी के घर रूक गयी और उसके कुछ दिनों के उपरान्त वह चलीगयी। कुछ <नाम> <नाम> उसने प्रार्थी को फोन करके 50 हजार रूपये की मांग करने लगीऔर <नाम> देने <नाम> प्रार्थी सनी को तथा उसके <नाम> को बलात्कार के मुकदमें में फंसानेकी धमकी देने लगी । प्रार्थी/ अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, उनका कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। प्रार्थी/अभियुक्तगण जमानत <नाम> <नाम> किए जाने <नाम> हैं। अतः उन्हेंजमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुकदमाराम जियावन पुत्र दुक्खी निवासी ग्राम व पोस्ट सेमरा बरहो, थाना अहरौरा, जनपदमीरजापुर जोकि अनुसूचित (चमार) जाति का व्यक्ति है, ने दिनांक 27.08.2019 को Bail Application/l191/2020 -selesh urf suny mali Vs. State Government 2पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को एक शिकायती प्रार्थना पत्र इस आशय का <नाम> किउसकी पुत्री <नाम> परमेश्वर <नाम> के साथ वर्ष 2014 में भाग गयी थी जिसकी शादीथाना अहरौरा में पुलिस की मौजूदगी में दिनांक 30.09.2014 को हुई । कुछ दिनों बादउसके ससुराल वाले उसे दहेज में मोटर साइकिल देने के लिए ताना मारने लगे तथाविरोध करने <नाम> उसके ससुराली जन उसे प्रताड़ित करने लगे। पीड़िता के ससुर गुलाबकी पुत्री <नाम> की शादी वादी के गांव में <नाम> <नाम> के साथ हुई और इन्हीं दोनोंके बहकावे में वादी की पुत्री परमेश्‍वर के साथ भागी थी। शादी के <नाम> तरह-तरह काउलाइना उत्पीड़न आदि इन्हीं दोनों के इशारे <नाम> होता था। प्रार्थी को शक है कि इन्हींदोनों की साजिश मे प्रार्थी की पुत्री <नाम> की हत्या उसके ससुराल वालों द्वारा <नाम> दीगयी है। इस बावत वादी ने थाना घोरावल में इसकी शिकायत की परन्तु वहां से कोईकार्यवाही नहीं हुई । इस शिकायती प्रार्थना पत्र के आधार <नाम> दिनांक 28.08.2019 कोथाना घोरावल <नाम> मु0अ0सं0-101/2019 धारा-498ए, 304बी, 201 भा०दं0सं0 वधारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत पीड़िता के ससुराली जन कमश:परमेश्वर <नाम> <नाम> तेतरी, <नाम> विजेन्द्र, <नाम> तथा <नाम> <नाम> के विरूद्धअभियोग पंजीकृत किया गया। <नाम> में पुलिस द्वारा वादी की पुत्री पीड़िता को बरामदकिया गया तथा उसका बयान अंतर्गत धारा-161दं0प्रoसं0 <नाम> किया गया जिसमेंउसने बताया कि उसका <नाम> परमेश्वर <नाम> बच्चा <नाम> होने के <नाम> ताना मारता था,दूसरी शादी करने की धमकी देता था, उसकी सास तेतरी <नाम> द्वारा कपड़े व सामानआदि लेकर घर से दिनांक 24.03.2019 को भगा दिया। पीड़िता पैदल मुराही मोड़ तकआयी, वहां <नाम> बस में बैठकर शाहगंज रोड राजगढ़ थाना मड़िहान, जिला मीरजापुरपहुंची । वहां <नाम> उसे आटो वाला मिला उससे सेमरा जाने को कहा, आटो चालक उसेमूंगफली का दाना खिलाया और वह बेहोश हो गयी। जब रात में उसे होश आया तोवह एक कमरे में थी, <नाम> में उसे पता चला कि वह स्थान रानीबाग थाना कोतवालीकटरा मीरजापुर है, आटो वाले का नाम <नाम> है। <नाम> तथा बजरंगी दोनों ने पीड़िताको जबरदस्ती बन्धक बनाकर उसके साथ बलात्कार किया। पीड़िता के बयान केआधार <नाम> इस मामले मे प््रार्थी/अभियुक्तगण को नामजद करते हुए मामले कोधारा-376डी, 342 भा0दं0सं0 व धारा-3(2)(\\) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में तरमीम किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पीड़िता को जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई हेतुनोटिस भेजा गया है। पीड़िता स्वयं न्यायालय के समक्ष आज उपस्थित हुई है। ", "प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प्रस्तुत मामले मेंपूर्व में मुकदमा अन्तर्गत धारा-498ए, 304बी, 201 भा0दं0सं0 व धारा-3/4 दहेजप्रतिषेध अधिनियम में पंजीकृत कराया गया था तथा पीड़िता के <नाम> व सास आदि परपीड़िता की दहेज मृत्यु कारित करते हुए उसकी लाश को गायब करने के कथन कियेगये हैं। प्रार्थी/अभियुक्त सनी उर्फ <नाम> द्वारा पीड़िता की मदद करते हुए उसे अपनेटैम्पू में लिफूट दी गयी परन्तु पीड़िता <नाम> बूझ <नाम> उसके घर <नाम> रूक गयी। पीड़िता Bail Application/l191/2020 -selesh urf suny mali Vs. State Government 3द्वारा प्रार्थी /अभियुक्तगण से अवैध <नाम> से धन प्राप्त करने के लिए प्रथम सूचना रिपोर्टपूर्णतया काल्पनिक एवं असत्य कथनों के आधार <नाम> दर्ज करायी गयी है। ्रार्शी/अभियुक्तगण स्वयं में <नाम> एवं साला हैं। यह किसी भी प्रकार से सम्भव वस्वाभाविक नहीं है कि <नाम> व साले द्वारा एक साथ मिलकर इस तरह की घटनाकारित की जा सके। अभियुक्तगण की निर्दोषता को देखते हुए उन्हें जमानत <नाम> रिहाकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि पूर्व में पीड़िता का पता <नाम> चल पाने के <नाम> उसके <नाम> व ससुराल केअन्य लोगों के विरूद्ध यह मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। पीड़िता के बरामद होनेपर उसका धारा-161 व 164द0प्रएसं0 का बयान <नाम> किया गया जिसके आधार परपीड़िता ने बताया कि अभियुक्त के आटो में बैठने <नाम> उसे मूंगफली का दाना खिलाकरउसे बेहोश <नाम> <नाम> गया तथा उसे अपने घर ले जाकर अभियुक्त सनी उर्फ <नाम> वबजरंगी द्वारा जबरदस्ती बन्धक बनाकर बलात्संग कारित करते हुए गम्भीर अपराधकारित किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाया गया अभियोग सामूहिकबलात्संग से संबंधित है तथा अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तगण को जमानतपर छोड़े जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प््रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वानअधिवक्ता, विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा पीड़िता के तर्को को धैर्यपूर्वक सुनागया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलनकिया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा संबंधितपत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध पीड़िताको जबकि वह असहाय स्थिति में थी तथा अपनी ससुराल से निकाल दी गयी थी,उसकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उसे मूंगफली का दाना खिलाकर उसे बेहोश करघर ले जाकर उसके साथ अभियुक्तगण द्वारा सामूहिक बलात्संग करने का साक्ष्यविवेचना के दौरान पाया गया है। विवेचना के उपरान्त प्रकरण में अभियुक्तगण केविरूद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। प्रार्थी/अभियुक्तगण जोकि अनुसूचितजाति के सदस्य नहीं हैं, के विरूद्ध अनुसूचित (चमार) जाति की महिला (पीड़िता) केसाथ सामूहिक बलात्संग करने व उसे सदोष परिरोध में रखने के गम्भीर अभियोगलगाये गये हैं। " ] }
0DENIED
Bail Application_1336_201907-12-2019233
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक17.11.2019 को उप निरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> व हमराही पुलिसकर्मचारियों द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> मूर्तिया तिराहे <नाम> पहुंच <नाम> मुखबिर द्वाराबताये गये व्यक्तियों का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर में 3 व्यक्ति 5 <नाम> बैलोंको लेकर आते दिखाई दिये जिन्हें रोका गया तो भागने लगे। अतः उन्हें दौड़ाकरआवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया तथा एक व्यक्तिजंगल में भागने में सफल रहा। पकड़े गये व्यक्तियों से उनका नाम पता पूछागया तो एक ने अपना नाम <नाम> व दूसरे ने अपना नाम मुरली पता उपर्युक्तबताया तथा भागे हुए व्यक्ति का नाम छोटू पुत्र भोन्डी नट, निवासी-रामपुर, थाना-घोरावल, जनपद-सोनभद्र बताया। भागने का <नाम> पूछने <नाम> बताया कि वेबैलों की तस्करी करते हैं। पकड़े जाने के डर से भाग रहे थे। अभियुक्तगण काउपर्युक्त का कार्य धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशुकूरता अधिनियम का दण्डनीय अपराध है। अतः अभियुक्तगण को कारणगिरफतारी बताकर समय लगभग 13.30 बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। बरामदशुदा बैलों को मौके <नाम> उपस्थित चौकीदार लक्षन पुत्र पंचम, निवासी-मूर्तिया, थाना-घोरावल, जनपद-सोनभद्र की सुपुर्दगी में <नाम> गया। बैलों कीबरामदगी के आधार <नाम> फर्द नियमानुसार तैयार की गयी एवं अभियुक्तगण केविरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। oo्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि वे निर्दोष हैं। उन्हेंथाना-घोरावल की पुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसाया गया है। उन्होंने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। प्रार्थी-अभियुक्तगण अपने बैलों को जंगल में चराने जा रहे थे कि पुलिस द्वारा पकड़कर फर्जी चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर 5 बैलों कों तस्करी हेतुजंगल के रास्ते बिहार ले जाया जा रहा था। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावचली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "जंगल में जिस स्थान <नाम> गोवंश को बरामद किया <नाम> कहाजाता है वह बिहार राज्य की <नाम> से काफी दूर है, इसलिए यह नहीं कहा जासकता कि उत्तर प्रदेश राज्य की <नाम> से बाहर पशुओं का अभिवाहन किया जारहा था। धारा-11 पशु कूरता अधिनियम एवं धारा-427 भा.दं.सं. के अपराधजमानतीय हैं। धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम के अंतर्गत उ.प्र. कीसीमा के अंतर्गत गोवंश का अभिवहन अपराध की श्रेणी में नहीं आता है तथा उ.प्रकी <नाम> के अंतर्गत गोवंश के अभिवहन से यह उपधारणा नहीं की जासकती है कि यह अभिवहन हत्या के लिये किया जा रहा है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1194_201921-10-2019619
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी शरदकुमार <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 04.10.2019 को समयलगभग 8:30 बजे रात उसकी रेंजर साइकिल कीमत मु0 4,800/-अज्ञात चोरों द्वारा चुरा ली गयी थी। वह अपनी साइकिल अपने स्तर सेतलाश रहा था तो आज दिनांक 07.10.2019 को ग्राम पकरी में कल्लूपुत्र बुडुक के यहां बेचने के लिए दो लड़के लेकर गये थे। कल्लू चोरीकी साइकिल शक होने के आधार <नाम> उसे बताये कि दो आदमी एकरेंजर साइकिल उसे बेच रहे हैं। लगता है कि यह चोरी की है। इससूचना <नाम> वह जाकर <नाम> तो उसकी ही साइकिल थी । वह तथाकल्लू दोनों लडकां को पकड़ लिये तथा नाम-पता पूछा तो दोनों नेअपना नाम <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> बताया। साइकिल के बारे में वेलोग पूछे तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं <नाम> पाये। दोनों को मयसाइकिल के पकड़कर थाने लाये हैं। मुकदमा लिखकर वैधानिककार्यवाही की जाय। ", "प्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसे गलत तरीके से अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट..2 9विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। उसके पास से कोई बरामदगी नहीं हुईहै। प्रार्थी के कब्जे से फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्तदिनांक 07.10.2019 को जिला कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्त के साथ चोरी की साइकिलबेचते हुए वादी एवं अन्य द्वारा पकड़ा गया है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जेसे वादी की चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गयी है। वादी ने अपनीसाइकिल की पहचान किया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया । ", "अभियोजन पक्ष का यह <नाम> है कि प्रस्तुत मामले मेंसाइकिल की कीमत रु0 4800/- है अथवा और भी कम हो, जिसकीसाइकिल होती है उसके लिए वह किसी चार्टर्ड प्लेन से कम नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष के अनुसार अभियुक्तगण को उक्त साइकिलके साथ चोरी की जानते हुए बेचने का प्रयास करते हुए पकड़ा गयातथा दोनों को पुलिस अभिरक्षा में सौंप <नाम> गया जबकि बचाव पक्षद्वारा घटना से इंकार किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1249_201904-12-2019279
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "04.12.2019आदेशयह जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त <नाम> उफ बच्चा कोलकी ओर से प्रस्तुत किया गया है। सक्षेप में प्राथी/ अभियुक्त <नाम> उर्फ बच्चा कोल काकथन है कि वह मजदूरी के <नाम> घर से बाहर चला गया था। इसीकारण उसक विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया और जब उसेगैर जमानतीय वारण्ट की जानकारी हुई तो वह दिनांक 21.10.2019 कोवारण्ट निरस्त करने <नाम> प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जो न्यायालय द्वाराअस्वीकार <नाम> <नाम> गया एवं उसको जिला कारागार भेजा गया। ्रार्थी/ अभियुक्त ने जानबूझकर कोई लापरवाही नही किया है और वहअकेला कमाने वाला व्यक्ति है। जिला कारागार में निरूद्ध रहने सेउसका परिवार भूखमरी के कगार <नाम> पहुंच जाएगा। वह न्यायालय कीसंतुष्टि के अनुसार जमानत व मुचलिका देने को तैयार है। अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन की ओर से जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा जमानत का घोर दुरूपयोग कियागया है एवं वह दिनांक 21.08.2017 से गैर हाजिर चल रहा है औरउसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी किया गया था। अतः जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किया जाय । " ], "judge-opinion": [ "मैंने अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को सुना तथा पत्रावली कासम्यक अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि दिनांक 21.08.2017 को अभियुक्त <नाम> तो स्वंय न्यायालय में उपस्थित आया और नही उसके द्वारा कोई हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। आदेश पत्र के अवलोकन से यह विदित होता है कि दिनांक 27.08.2018को अभियुक्त के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी करने केसाथ-साथ जमानतदारों को नोटिस भी जारी किया गया। यहा यह भीउल्लेखनीय है कि माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा दिनांक 01.11.2012 को अभियुक्त की जामनत स्वीकार की गयी। अभियुक्त द्वाराजमानत का घोर दुरूपयोग किया गया है और अभियुक्त के <नाम> आने केकारण मामले का विचारण समय से नहीं हो पाया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_294_202018-03-202023
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी/ अभियुक्तगणप्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं, उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हेंन्यायिक अभिरक्षा में लिया जा चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनायागया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी/ अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा <नाम> <नाम> जोकि अनुसूचित जाति की महिला है, की ओर से दिनांक 10.08.2019 को थाना बीजपुर में एक लिखित तहरीर इस आशय की दाखिल की गयीकि घटना दिनांक 09.08.2019 समय 07 बजे <नाम> की है, उसके <नाम> ग्राम लीलाडेवाके सरसोइया खाड़ी टोला की तरफ से अपने घर के तरफ आ रहे थे, पीछे से ग्रामप्रधान श्यामकार्तिक <नाम> अपनी मोटरसाइकिल से आये और उसके <नाम> कोधक्का मार दिये, इसी बात को लेकर <नाम> से उसके <नाम> का वाद विवाद हुआ,इतने में ग्राम <नाम> ने फोन करके अपने 7-8 आदमी बुला लिये। <नाम> के साथआये व्यक्तियों ने वादिनी के <नाम> को लात घूसों से मारना पीटना शुरू किये, वादिनी Bail Application/740/2020 -Shyam Kartik Jaiswal Vs. State Government 2ने उनसे हाथ जोड़ा पैर पकड़ा लेकिन <नाम> नहीं माने। वादिनी के <नाम> <नाम> बचानेके लिये बिजली के ट्रांसफार्मर <नाम> चढ़ गये जिससे उसके <नाम> को करन्ट लगा औरवह बेहोश होकर गिर पड़ा। इस घटना में शामिल व्यक्तियों कमश: मुख्तार अहमद,सुनील, <नाम> शम्भू <नाम> <नाम> तथा ग्राम <नाम> <नाम> <नाम> को वादिनी नेपहचाना तथा अपने <नाम> को इलाज <नाम> रिहन्द चिकित्सालय बीजपुर में भर्ती कराया । वादिनी के तहरीर के आधार <नाम> थाना बीजपुर में अभियुक्तगण के विरूद्ध मु0अ0सं081/2019, धारा-147, 323 भा0दं0सं0 व धारा-3(2)(\\/-^) अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृतकिया गया। <नाम> विवेचना अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-147, 323, 504, 341भा०दं0सं0 व धारा-३(2)(\\/-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अन्तर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादिनी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादिनी मुकदमा की ओर से उसका <नाम> <नाम> <नाम> (पीड़ित) मय विद्वान अधिवक्ताउपस्थित हुआ है । " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> तथा वादिनी मुकदमा के <नाम> पीड़ित क विद्वान अधिवक्ता केतर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यकअवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विवेचना केउपरान्त प्रार्थी / अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-147, 323, 504, 341 भा0०दं0सं0 वधारा-3(2)(\\/-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। अभियुक्तगण क विरूद्ध लगाये गयेअभियोग में अधिकतम दो वर्ष के कारावास <नाम> की सजा का प्रावधान है। प्रार्थी /अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, केवल राजनीतिक द्वेष वश तथा अभियुक्त श्यामकार्तिक <नाम> के ग्राम <नाम> होने तथा अन्य अभियुक्तगण उससे संबंधित होनेके आधार <नाम> उन्हें अभियुक्त बनाया गया है। चिकित्सीय परीक्षण के दौरान मजरूबविनोद <नाम> स्वयं शराब पिये हुए पाया गया है। मजरूब वादिनी मुकदमा का पतिविनोद स्वयं ही शराब पीकर शराब के नशे में ट्रान्सफार्मर <नाम> <नाम> बूझ <नाम> चढ़गया, जब उसे चोट लग गयी तो <नाम> को फंसाने के लिए यह मुकदमा झूठापंजीकृत कराया गया है। अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, उन्हें जमानत <नाम> रिहाकिया जावे । ", "वादिनी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजनअधिकारी द्वारा उपरोक्त तर्को का विरोध करते हुए कहा गया है कि यदि यह मान भीलिया जाय कि मजरूब <नाम> शराब के नशे में था तब भी किसी भी व्यक्ति को उसेमार पीट <नाम> चोटें पहुंचाने का अधिकार प्राप्त नहीं हो सकता है। ग्राम <नाम> श्यामकार्तिक <नाम> एवं अन्य अभियुक्तगण द्वारा मजरूब <नाम> को मार पीट करसार्वजनिक स्थल <नाम> अपमानित किया गया है तथा वह अपनी <नाम> बचाने के लिएट्रान्सफार्मर <नाम> चढ़ गया था तथा इसी के <नाम> उसके शरीर <नाम> अनेकों जलने कीचोटें आई हैं। अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग गम्भीर <नाम> के हैं। अभियुक्तगण के जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जाये। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा पत्रावली के हReason: DocumeBail Application/740/2020 -Shyam Kartik Jaiswal Vs. State Government 3अवलोकन से स्पष्ट है कि चिकित्सीय परीक्षण के दौरान मजरूब <नाम> को शराबपिये हुए पाया गया है, उसके शरीर <नाम> मार पीट <नाम> पहुंचायी गयी कोई चोट नहींपायी गयी है। उसके शरीर <नाम> जो भी चोटें पायी गयी है, वह बिजली से जलने केकारण <नाम> बताया गया है। अभियुक्तगण के विरूद्ध विवेचना के उपरान्त धारा-147,323, 504, 341 भा0दं0सं0 व धारा-३(2)(\\/-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। अभियुक्तगणके विरूद्ध लगाये गये अभियोग अधिकतम दो वर्ष <नाम> के कारावास एवं जुर्माने सेदण्डनीय हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1279_201921-11-2019375
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 23.07.2019 को समय लगभग 10.30 बजे सुबहजब वह अपने <नाम> के साथ मोटरसाइकिल से घर आ रही थी तो नाका भूर्ईयांपुत्र स्व0 लालजी पता उपर्युक्त निवासी के घर के सामने तड़के पहुंचे ही थे किराहुल अपने हाथ में कुल्हाड़ी लेकर साथ में <नाम> व <नाम> पुत्र <नाम> लालनिवासी ग्राम-कचनरवा टोला हड़वरिया आ गये । <नाम> <नाम> उनकी पत्नीअनिता <नाम> और पुत्री चन्दा <नाम> के ललकारने <नाम> <नाम> व <नाम> ने उसकेपति को पकड़ लिया और <नाम> उसके <नाम> <नाम> कुल्हाड़ी से लगातार वार करनेलगा। वह बहुत जोर-जोर से चिल्लायी लेकिन तब <नाम> <नाम> काट <नाम> हत्याकर दी गयी। मौके <नाम> बहुत से लोग आ गये । उसके <नाम> भागने का बहुतप्रयास किये लेकिन कातिल अन्जाम <नाम> ही दिये। उसके <नाम> तड़पते हुए दमतोड़ दिये। उसके <नाम> की उम्र लगभग 45 वर्ष है। लाश मौके <नाम> पड़ी है। सूचना देने आयी है। कार्यवाही करने की <नाम> की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> तो घटना स्थल <नाम> था और <नाम> ही उसके द्वारा मृतक कीइत्या की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। वह दिनांक 27.08.2019 से जिलाकारागार में निरुद्ध है। प्रकरण में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहा..2 ooगया कि अन्य अभियुक्तगण के ललकारने <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त मृतक को पकड़लिया और अन्य अभियुक्त द्वारा मृतक की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या <नाम> दीगयी। घटना सुबह ही है। अपराध कारित करने <नाम> में प्रार्थी-अभियुक्त कीस्पष्ट <नाम> से संलिप्तता पायी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में कुल 6 अदद नामजद अभियुक्त <नाम> रोहित,विशाल, <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> व चन्दा <नाम> हैं जिनमें से दौरान विवेचनापुलिस ने अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> उफ <नाम> व <नाम> <नाम> पत्नीकिशोरी <नाम> को कचहरी परिसर में लगे सी0सी0टी०वी0 फुटेज के आधार परघटना से उनका नाम निकाल <नाम> है तथा अभियुक्तगण <नाम> एवं <नाम> कोघटना में संलिप्त पाया है। ", "प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र अभियुक्त <नाम> <नाम> पासवान का है। अभियोजन पक्ष द्वारा मृतक का एक फोटोग्राफ दाखिल किया गया है जिसमेंमृतक का <नाम> <नाम> हुआ है। जो फोटोग्राफ लिया गया है उस <नाम> दिनांक23.07.2019 को 9.30 बजे सुबह का समय पड़ा हुआ है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि मृतक के साथ उसकीमोटरसाइकिल <नाम> उसकी पत्नी वादिनी <नाम> <नाम> <नाम> साश थी जो पढ़ीलिखी नहीं है। उसके द्वारा अन्दाज से 10.30 बजे का समय लिखाया गया हैजबकि प्रस्तुत फोटोग्राफ में ही <नाम> गया समय 9:30 बजे है तथा यह फोटाग्राफअभियोजन पक्ष के अनुसार उस समय किसी व्यक्ति द्वारा लिया गया जब घटनास्थल <नाम> भीड़ इकट्ठा हो गयी थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार इसकातात्पर्यं यह हुआ कि यह घटना 9:30 बजे से पूर्व की है और 9:30 बजे के पूर्वकी घटना होने <नाम> किसी भी वाहन से अभियुक्तगण बहुत ही सुविधाजनक तरीकसे 10 बजकर 57 मिनट <नाम> कचहरी परिसर में आ सकते है। इसलिएविवेचनाधिकारी द्वारा अभियुक्तगण <नाम> <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> कानाम निकालना बिल्कुल ही गलत था, फिर भी इस अभियुक्त <नाम> कुमारपासवान का नाम पुलिस द्वारा अपनी विवेचना में नहीं निकाला गया है बल्किइसके विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। इस अभियुक्त द्वारा घटना कारितकिये जाने के कथानक की <नाम> सभी गवाहान ने की है। " ] }
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Bail Application_866_202010-08-2020130
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथनानुसार दिनांक-11/ 12.07.2020 को <नाम> लगभग10.30 बजे वादी <नाम> <नाम> <नाम> वन दरोगा, गुर्मा रेंज, कैमूर वन्य <नाम> प्रभागमिर्जापुर, जनपद-सोनभद्र मुखबिर की सूचना <नाम> वन विषयक अपराध कीरोकथाम <नाम> हमराही वन कर्मी <नाम> <नाम> बहादुर कुशवाहा, वन्य <नाम> रक्षक केसाथ रेडिया, <नाम> नदी के किनारे पहुंचकर वन अपराध में प्रयुक्त वाहन आदि कीबरामदगी की कार्यवाही <नाम> रहा था, तभी अचानक अभियुक्तगण सूरज पाण्डेय,आलोक उर्फ चन्दन <नाम> गुड्डू उर्फ <नाम> <नाम> जयसवाल, <नाम> दुबे, बृजेशपाण्डेय, <नाम> चेरो, नन्दू चेरो, निवासीगण ग्राम पटवध, थाना-चोपन, जनपद-सोनभद्र कार और मोटर साइकिलों <नाम> सवार होकर आये जिन्हें टार्च की रोशनीमें पहचाना। उक्त अभियुक्तगण ने वादी की कनपटी <नाम> देशी कट्टा लगाकरगाली-गलौज और मारपीट की तथा बरामद वाहन को अगवा <नाम> ले जाने लगेकिन्तु सफल नहीं हुए। अभियुक्तगण का एक संगठित गिरोह है जो अवैध खननकार्य में सकिय है। अभियुक्तगण पेशेवर वन अपराधी हैं। वादी की उक्त आशयकी तहरीर <नाम> उपर्युक्त वर्णित प्रकरण पंजीकृत किया गया। ", "प्रार्थीगण-अभियुक्तगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा तकप्रस्तुत करते हुए कहा गया कि अभियोजन कथानक गलत व वास्तविकता से परेहै। प्रार्थीगण-अभियुक्तगण कथित घटना के समय घटना स्थल <नाम> उपस्थितनहीं थे, <नाम> ही उनके द्वारा अवैध खनन किया जा रहा था, <नाम> बरामद वाहन उनकाहै । मात्र ग्राम पटवध का निवासी होने के <नाम> उन्हें नामित किया गया है। वेकाफी समय से जिला कारागार में निरूद्ध हैं। उक्त समस्त आधारों <नाम> जमानतप्रदान किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि प््रार्थीगण-अभियुक्तगण द्वाराअन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ <नाम> विरूद्ध जमाव <नाम> वादी, जो लोक सेवकवन दरोगा के <नाम> में अपने शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में रेडिया, <नाम> नदी केकिनारे पहुंचकर वन अपराध में प्रयुक्त वाहन आदि की बरामदगी की कार्यवाहीकर रहा था, को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से भयोपरत करने के लिये उस <नाम> ूDate: 2020.08.10 1 पReason: Document:GupnerBail Application/866/2020 -Mangal chero Vs. State Government 2हमला करके आपराधिक <नाम> का प्रयोग करते हुए उसकी कनपटी <नाम> देशीकट्टा लगाकर गाली-गलौज करते हुए मारपीट <नाम> स्वेच्छया उपहति कारित कीगई है। अभियुक्तगण का विभिन्य अपराधिक मामलों का आपराधिक इतिहास है। अतः मामले की गम्भीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जानेकी <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना व पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "पत्रावली के परिशीलन से प्रकट होता है कि प््रार्थीगण-अभियुक्तगण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसारउनके द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण के साथ <नाम> विरूद्ध जमाव <नाम> वादी, जोलोक सेवक के <नाम> में वन दरोगा के अपने शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन मेंरेडिया, <नाम> नदी के किनारे पहुंचकर वन अपराध में प्रयुक्त वाहन आदि कीबरामदगी की कार्यवाही <नाम> रहा था, को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से भयोपरतकरने के लिये उस <नाम> हमला व आपराधिक <नाम> का प्रयोग करते हुए उसकीकनपटी <नाम> देशी कट्टा लगाकर गाली-गलौज करते हुए मारपीट <नाम> स्वेच्छयाउपहति कारित की गई जिससे वादी व उसके हमराही के शासकीय कर्तव्यों मेंबाधा उत्पन्न हुई । इसके अतिरिक्त प्रार्थीगण-अभियुक्तगण का वर्तमान मामले केअतिरिक्त निम्न आपराधिक इतिहास प्रस्तुत किया गया है। " ] }
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Bail Application_859_201903-08-2019153
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 14.07.2019 को सुबह लगभग 9.30 बजे <नाम> उसके पतिग्राम दीघुल में स्थित खेत की जोताई-बुआई करने <नाम> खेत देखने गये थे। मौकेपर मौजूद <नाम> <नाम> पुत्र बेचन, <नाम> व <नाम> पुत्र शिवप्रसाद, रजकलिया देवीपत्नी <नाम> <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> चन्द्रावती <नाम> पत्नी <नाम> उपेन्द्र पुत्रअजय, अवधेश पुत्र <नाम> <नाम> पुत्री <नाम> निवासी ग्राम दीघुल, थाना-दुद्धी,जिला-सोनभद्र एक <नाम> होकर वादिनी के <नाम> को घेरकर लाठी-डण्डा, कुल्हाड़ीव फावड़ा से मार <नाम> फेक दिये जिससे मौके <नाम> मृत्यु हो गयी । डायल 100द्वारा दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य <नाम> <नाम> लाया गया जहां डाक्टर द्वारा मृत घोषितकर दिया। उक्त घटना <नाम> पुत्र लल्लू निवासी दीघुल, थाना-दुद्धी जिलासोनभद्र ने साजिश करके उसके <नाम> की हत्या <नाम> दिये। इस सूचना के आधारपर अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थिनी-अभियुक्ता की ओर से कहा गया कि प्रार्थिनी-अभियुक्ता नेकोई अपराध नहीं किया है। उसे झूठा फंसाया गया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता केकब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता का घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता 65-70 वर्ष की वृद्ध महिला है जो चलने-फिरने में असमर्थ है तथाअक्सर बीमार रहती है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता दिनांक 15 <नाम> 2019 से कारागारमें निरूद्ध है। प्रार्थिनी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थिनी-अभियुक्ता द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक की लाठी-डण्डाकुल्हाड़ी व फावड़ा से मार-पीटकर हत्या कारित <नाम> दी गयी । प्रार्थिनी-अभियुक्ता को प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित किया गया है। प्रार्थिनी-अभियुक्ताके निशानदेही <नाम> घटना में प्रयुक्त लाठी प्रार्थिनी-अभियुक्ता के घर से बरामदकी गयी है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि आवेदिका रजकलिया 70वर्ष की वृद्ध महिला है, जो मार-पीट की घटना अभियुक्तगण द्वारा कही जाती हैवह इसके द्वारा कारित नहीं की जा सकती है। परन्तु आवेदिका का चिकित्सीयपरीक्षण करने वाले चिकित्सक द्वारा आवेदिका की उम्र 60 वर्ष लिखी गयी है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि आवेदिका <नाम> स्वस्थ है और इतनी उम्र की नहीं हुईहै कि वह अपनी शक्ति के अनुसार मार-पीट <नाम> <नाम> सके। ", "गिरफूतारी मेमो का अवलोकन करने से भी एस.एच.ओ. द्वारारजकलिया का हुलिया देते हुए लिखा गया है कि-सांवला रंग, इकहरा मजबूतजिस्म, आंख, नाक, कान, कद औसत, उम्र लगभग 60 वर्ष। इस प्रकार बचाव पक्षद्वारा जो उसे 70 वर्ष का वृद्ध एवं आशक्त महिला बताया गया था ऐसी स्थितिनहीं है । ", "मृतक के शरीर <नाम> सात अदद चोटें दर्शित की गयी हैं । डाक्टर द्वारा जो चित्र तैयार किया गया है उसके अनुसार मृतक के दोनों हाथों मेंतथा पीठ की तरफ सिर से लेकर एड़ी <नाम> चोटें ही चोटें हैं । पोस्टमार्टम रिपोर्टमें चोट की <नाम> को देखते हुए यह प्रतीत हो रहा है कि मृतक के शरीर परजो चोटें कारित की गयी हैं वह मृत्यु कारित करने के लिए पर्याप्त थी। " ] }
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Bail Application_713_201909-07-2019460
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 04.04.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> इमराहियो के साथ देखभाल क्षेत्रशांति व्यवस्था एवं रोकथाम जुर्म जरायम में कस्बा ओबरा में मौजूद थाकि सुबाष पेट्रोल पम्प से आगे चोपन वाली रोड <नाम> बैरियर तिराहापर एक व्यक्ति अपने हाथ में झोला प्लास्टिक का लिए हुए दिखायीदिया जेसे ही पुलिस वालों की गाड़ी <नाम> भलुआ टोला जाने वाली रोडपर भागने लगा। गाड़ी से पीछा <नाम> दबिश देकर रेलवे कासिंग भलुआटोला <नाम> समय करीब 06.10 बजे सुबह पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> स्वीपर पुत्रविनोद स्वीपर बताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसकेदाहिने हाथ में लिए एक प्लास्टिक के झोले से एक किलो पांच सौ ग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गयातो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफातारी बताकरहिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधितके हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। कथित बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नही है। अभियुक्त गरीबव्यक्ति हे तथा सफाई का छोटा मोटा <नाम> करके अपनी आजीविकाचलाता है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नही है। पुलिस द्वाराधारा 42 व 50 एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नही कियागया है। अभियुक्त दिनांक 04.04.2019 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्तके आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> कीगयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से2 —2—एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिकइतिहास है। अभियुक्त का मुकदमा उपरोक्त के पूर्व थाना ओबरा मेंपांच अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से एक किलो पांच सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद की गयी है,जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है तथा कहा गया किअभियुक्त के विरूद्ध इस मामले से पूर्व थाना ओबरा में पांच मुकदमापंजीकृत है। अभियुक्त द्वारा उक्त तथ्य को अपने जमानत प्रार्थना पत्रमें छिपाया गया है। " ] }
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Bail Application_246_202003-03-2020126
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि मुकदमा वादी <नाम> <नाम> पासी मुहल्ले का <नाम> व सरहंग किस्म काआदमी है तथा पूर्व में दो हत्या भी <नाम> चुका है जिसमें वह काफी दिनों <नाम> जेल मेंरहा है। वादी मुकदमा प्रार्थी / अभियुक्तगण से रंजिश रखता है। रंजिश वश अपने गलेपर फर्जी चोट बनवाकर प्रार्थीगण को फंसाने के लिए मुकदमा पंजीकृत <नाम> <नाम> है। अतः प्रार्थी / अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन कथानक का सारांश संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी राजेशकुमार पासी जोकि अनुसूचित जाति का व्यक्ति है, ने थाना राबर्टसगंज, जनपद सोनभद्रमें इस आशय की तहरीर पंजीकृत करायी कि वह वार्ड नम्बर-10 का सभासद है, अपनेवार्ड में सार्वजनिक हित का <नाम> कराया था जिससे नाराज होकर दिनांक 29.01.2020को समय करीब 11.15 बजे <नाम> अभियुक्त असरफ खां उर्फ बुल्लर वादी के दरवाजेपर अपने दो साथियों के साथ आया और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुएमां-बहन की गालियां देने लगा। कुछ लोगों के आ जाने के <नाम> वह चला गया। करीब 11.30 बजे वादी <नाम> पासी के मोबाइल फोन <नाम> अभियुक्त इरफान उर्फ अंशूफोन करके झगड़े को रफा-दफा व सुलह समझौता का झांसा देकर रामलीला मैदानपर वादी को बुलाया । वादी अपने मित्र <नाम> <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> <नाम> के साथ Bail Application/659/2020 -Ashraf Vs. State Government 2 वहां <नाम> पहुंचा जहां <नाम> इरफान व असरफ व दो अन्य अज्ञात व्यक्ति खड़े थे। वादी केपहुंचते ही इरफान ने कहा <नाम> से मार डालो साले को, इरफान के इतना कहते हीअसरफ ने किसी धारदार औजार से वादी के गले को काट <नाम> जिससे वादी वहीं परगिर पड़ा। वादी क मित्रगण उसे अस्पताल ले गये तथा अभियुक्तगण जातिसूचक शब्दोंका प्रयोग करते हुए वादी को गालियां देते हुए चले गये। वादी के लिखित तहरीर केआधार <नाम> अभियुक्तगण क विरूद्ध मु0अ0सं0-75/2020 धारा-307, 324, 323, 504,506 भा०दं०सं0 व धारा-3(2)(४) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम में अभियोग पंजीकृत किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वादी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया। वादीमुकदमा को प्रेषित नोटिस वादी मुकदमा <नाम> तामील होने के बावजूद वादी मुकदमान्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तक॑ है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण को रंजिशन फंसाया गया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में किये गये कथानकपूर्णतया मिथ्या एवं बनावटी हैं। कथित घटना दिनांक 29.01.2020 को समय 23.15 बजेघटित होना बतायी गयी है, जबकि प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 30.01.2020 को 13.48बजे अत्यन्त बिलम्ब से पंजीकृत करायी गयी है, थाने से घटनास्थल की दूरी मात्र 100मीटर है। अतः पुलिस ने वादी मुकदमा से मिलकर <नाम> कहानी बनायी है तथाप्रार्थी / अभियुक्तगण को झूठा फंसाया गया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण जमानत पाने केअधिकारी हैं, अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा तर्क किया गया है कि अभियुक्तइरफान द्वारा <नाम> से मार डालने के लिए कहने <नाम> अभियुक्त असरफ ने वादी मुकदमाराजेश <नाम> पासी जोकि अनुसूचित जाति का व्यक्ति है, के गले <नाम> धारदार हथियारसे चोट पहुंचाकर गले को काट <नाम> वादी वहीं <नाम> गिर पड़ा। वादी के <नाम> कोबचाने के लिए सर्वप्रथम उसे प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया गया तथा उसके कुछसही होने <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। अतः जो भी बिलम्ब हुआ है, वहस्वाभाविक है। प्रार्थी/अभियुक्तगण ने एक <नाम> होकर वादी मुकदमा के गले <नाम> 07सेंमी0 लम्बा <नाम> हुआ घाव कारित किया है। अभियुक्तगण का आशय वादी मुकदमाराजेश की हत्या कारित करने का रहा है। अतः अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गयेअभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> के हैं। अभियुक्तगण जमानत <नाम> <नाम> किए जाने योग्यनहीं हैं। अतः प्रार्थी/अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी /अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> क तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्तप्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने मेंजो बिलम्ब बताया गया है, वह सर्वप्रथम मजरूब <नाम> <नाम> पासी को चिकित्सीयसहायता <नाम> चिकित्सालय ले जाने तथा उसके <नाम> के सुरक्षित होने के उपरान्तमुकदमा दर्ज कराने के आधार <नाम> हुआ है तथा बिलम्ब स्वाभाविक है। ", "धारा-307 भा०दं0सं0 में प्रावधान किया गया है कि जो कोई किसी कार्यको ऐसे आशय या <नाम> से और ऐसी परिस्थितियों में करेगा कि यदि वह उस कार्य द्व हDigitally signeBail Application/659/2020 -Ashraf Vs. State Government 3ररा मृत्यु कारित <नाम> देता तो वह हत्या का <नाम> होता और यदि ऐसे कार्य द्वारा किसीव्यक्ति को उपहति कारित हो जाए तो ऐसे व्यक्ति को या तो आजीवन कारावास से या10 वर्ष <नाम> की अवधि के कारावास से और जुर्माने से भी दण्डित किया जा सकता है। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं जमानत प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न चिकित्सीयपरीक्षण आख्या के आधार <नाम> प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध एक <नाम> होकर वादीमुकदमा <नाम> <नाम> पासी जोकि अनुसूचित जाति का है, को <नाम> से मारने के आशयसे धारदार हथियार से उसके गले <नाम> 07 सेंमी0 लम्बा <नाम> हुआ घाव (IncisedW0००) की चोट पहुंचाने के गम्भीर अभियोग लगाये गये हैं। अभियुक्तगण का आशयवादी <नाम> <नाम> पासी की हत्या करने का प्रतीत होता है। प्रार्थी/अभियुक्तगण केविरूद्ध लगाये गये अभियोग धारा-307 भा०दं0सं0 सपठित धारा-3(2)(V) SC/ST^ आजीवन कारावास की सजा से दण्डनीय है। " ] }
0DENIED
Bail Application_552_202027-05-2020534
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "27.05.2020अभियुक्ता <नाम> उफ <नाम> की ओर से यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 17.05.2020 को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> हमरोहियों के साथ कस्बा शाहगज मेंमौजूद था कि जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि राजपुर रोड परस्थित चमरौटी में <नाम> उफ <नाम> अपने घर के सामने कुर्सी परबैठकर गांजा झोले में रखकर बेच रही है। इस सूचना <नाम> विश्‍वास करपुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुंचकर देखी तो वह महिला कुर्सी <नाम> बैठी है। पुलिस <नाम> को देखकर भागना चाही कि एक बारगी दबिश देकर महिलाका0 की मदद से 5-10 <नाम> जाते जाते समय करीब 09.00 बजे पकड़लिया गया। पकड़ी की अभियुक्ता का नाम पता पूछा गया तो उसनेअपना नाम <नाम> उफ <नाम> पत्नी स्व0 शिवप्रसाद बतायी। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसक दाहिने हाथ में लिए सफेदप्लास्टिक के झोले में दो किलो 500 ग्राम गाजा नाजयज बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सकी। अतःअभियुक्ता को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौकेपर लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकरव फर्द की नकल अभियुक्ता को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिलकर मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्ता निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्ता केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगीदिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्षीनही है। अभियुक्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस बलद्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट के प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। अभियुक्ता दिनांक 17.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधारपर जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्ता के कब्जे सेदो किलो 500 ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रा.2/ —2—से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानोंका सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्ता को जमानत पररिहा किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कारनहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्ता के कब्जे से दो किलो 500 ग्राम नाजायज गांजा बरामदहोना कहा गया है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष कीओर से अभियुक्ता के आपराधिक इतिहास के संबध कोई कथन नहींकिया गया है। अभियुक्ता दिनांक 17.05.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_278_202027-02-2020197
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि उसे झूठा एवं रंजिशनफंसाया गया है तथा वह प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आता रहा है। दिनांक 21.07.2016 कोउसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट निर्गत किये जाने उसने आत्मसमर्पण किया था जिस <नाम> उसेकारागार भेज <नाम> गया है। प्रार्थी/अभियुक्त प्रस्तुत मामले में पूर्व से जमानत <नाम> है तथासर्वाइकल बोन में दर्द होने के <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नहीं हो सका था। प्रार्थी ने जानबूझ <नाम> कोई लापरवाही नहीं किया है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध करते हुए कहा गया है कि अभियुक्त ने जमानत का दुरूपयोग किया है। अतःप्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये। " ], "judge-opinion": [ "मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना तथा पत्रावली काअवलोकन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रार्थी/ अभियुक्त इस मामले में पूर्व सेजमानत <नाम> है। जमानत <नाम> <नाम> होने के उपरान्त वह अनुपस्थित हो गया था। प्रार्थी/ अभियुक्तके विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया था। प्रार्थी/अभियक्त दिनांक 25.02.2020 को न्यायालय में उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किया तथा वारण्ट रिकाल प्रार्थना पत्रउसके द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिसे न्यायालय द्वारा आधार पर्याप्त <नाम> पाते हुए निरस्त करदिया गया तथा प्रार्थी/ अभियुक्त को जिला कारागार भेजा गया। प्रार्थी/अभियुक्त की अनुपस्थितिके <नाम> सर्वाइकल बोन में दर्द होना बताया गया है। अभियुक्त क पूर्व के जमानतनामे एवं प्रतिभूनिरस्त नहीं किये गये हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1053_201912-09-2019942
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि उसकी मोटरसाइकिल जिसका पंजीयन नं0-यू0पी0 64एस 2629है, उसके आवास सं0-एफ 87 के सामने खड़ी थी। दिनांक 19.06.2016 की रातमें किसी ने चोरी <नाम> लिया। अपनी मोटरसाइकिल को अब <नाम> तलाश करतारहा परन्तु नहीं <नाम> । निवेदन है कि मोटरसाइकिल की चोरी की रिपोर्ट दर्ज कीजाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। ्रार्थी-अभियुक्त के कनब्जे से फर्जी बरामदगी दिखायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त नेकोई अपराध नहीं किया है। लिखित तहरीर <नाम> कोई <नाम> <नाम> नहीं है। कथित बरामदगी स्थल के गांव का कोई <नाम> नहीं है। प्रकरण मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी-अभियुक्त बी0सी0ए० का छात्र है। प्रार्थी-अभियुक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रशम सूचना रिपोर्ट अज्ञात मेंदर्ज करायी गयी है। कथित घटना दिनांक 19.06.2016 की है जबकि प्रथमसूचना रिपोर्ट दिनांक 15.12.2016 को दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 05.09.2019 सेकारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त का अन्तर्प्रदेशीय मोटरसाइकिल चोरी करने का गिरोह है। प्रार्थी-अभियुक्त एक प्रदेश से मोटरसाइकिल की चोरी <नाम> दूसरे प्रदेश में ले जाकर बेचदेता है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गयीहै। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ " —_ 2 —_सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "वादी द्वारा चोरी की घटना के लगभग छः: माह <नाम> अज्ञात में चोरीकी प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखायी गयी है। इससे केस के गुण-दोष <नाम> कोईप्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कोई <नाम> <नाम> नहीं है। इससे भी गुण-दोष <नाम> कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज होने से लगभग दो माह पूर्व चोरी की मोटरसाइकिल अभियुक्त <नाम> कुमारसोनी उर्फ <नाम> <नाम> <नाम> से बरामद हो चुकी थी। ", "इस न्यायालय के समक्ष यह तर्क <नाम> गया कि सत्र न्यायाधीश,सिंगरौली द्वारा अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आदेश दिनांक20.10.2016 को पारित किया जा चुका है । उस समय <नाम> प्रस्तुत मामले में कोईप्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं थी। ", "अभियोजन द्वारा यह बहस की गयी कि इस प्रकार कीमोटरसाइकिल चोरी करने का यह अन्तर्प्रदेशीय गिरोह है जो सोनभद्र जनपद सेमोटरसाइकिल चुराकर प्रदेश के बाहर ले जाकर बेचते हैं। अपराध गम्भीर प्रकृतिका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_189_202014-02-2020328
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण के आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया गयाहै। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है किप्रार्थी /अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, उन्हें गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है,उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। प्रार्थी/अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादीरामचन्दर माझी द्वारा दिनांक 04.09.2014 को थाना पन्नूगंज <नाम> जुबानी सूचना दियाकि वह बटाई <नाम> खेत लेकर धान लगाया था। अभियुक्तगण की बकरी उसके खेत मेंआकर चर रही थी। वादी की पत्नी उसे हांकने लगी तो अभियुक्तगण नन्द कुमार,बिहारी, श्यामलाल तथा छविन्दर ने उसे लाठी डंडे से मारे पीटे तथा उसेगालियां एवं <नाम> से मारने की धमकी दिये। वादी के तहरीर के आधार परअभियुक्तगण के विरूद्ध एन0सी0आर० नम्बर-89,/2014 <नाम> धारा-323, 504, 506भा0दं0सं0 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया तथा <नाम> विवेचना विवेचक द्वाराअभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-323, 504, 506 भा०दं0सं0 व धारा-3(1)(%) एस0०सी0,एस0०टी0 एक्ट के अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र की <नाम> विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> कोप्राप्त करायी गयी। प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अभियोजन कथानक के अनुसार कथित ६टना दिनांक 04.09.2014 को घटित होना बतायी गयी है तथा धारा-15ए अनुसूचित रहDate: 2020.02.14Reason: DocumeBail Application/556/2020 -State Government Vs. Nand Kumar 2जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान दिनांक26.01.2016 से प्रभावी है। इस प्रकार इस प्रकरण में वादी मुकदमा को नोटिस दियाजाना बाध्यकारी नहीं है। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रकरण में पूर्वमें एन0सी0आर० दर्ज करायी गयी थी। एन0सी०आर० में वादी मुकदमा द्वाराजातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के संबंध में कोई कथन नहीं किया गया है। घटनागांव के साधारण कहा-सुनी व साधारण मार पीट से संबंधित हे। धारा-155 (2)द0प्र०सं0 में न्यायालय के आदेशानुसार विवेचना की गयी है। जिन व्यक्तियों केनाम एन0सी०आर० में दर्ज कराये गये थे, उनमें से विवेचना के दौरान दो लोगों कीनामजदगी गलत पायी गयी है जिससे वादी/ पीड़ित पक्ष के कथन अविश्वसनीय होतेहैं । प्रार्थी/ अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> हैं, अतः उन्हें जमानत परछोड़ा जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि अभियुक्तगण के विरूद्ध विवेचना के उपरान्त आरोप पत्र प्रेषित किया गयाहै। चिकित्सीय परीक्षण आख्या के अवलोकन से स्पष्ट है कि चोटहिल लाइची पत्नीरामचन्दर के माथे <नाम> फटा हुआ घाव पाया गया है। मामला अनुसूचित जन जाति कीमहिला के साथ मार पीट से संबंधित है। प्रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गयेअभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने योग्यनहीं हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्रकरण में पूर्व मेंएन0सी0आर0 04 व्यक्तियों के विरूद्ध दर्ज करायी गयी है। विवेचना के उपरान्तप्रार्थी /अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-323, 504, 506 भा०दं0सं0 व धारा-3(1)(G९)एस0सी0०, एस0०टी0 एक्ट के अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया। वादी की पत्नीलाइची <नाम> के शरीर <नाम> चिकित्सीय परीक्षण के दौरान एक चोट <नाम> पाया गया है। अभियुक्तगण द्वारा स्वयं आत्मसमर्पण किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_162_202011-02-2020368
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थिनी / अभियुक्ता के आत्मसमर्पण करने <नाम> उसे न्यायिक अभिरक्षा में लिया गयाहै। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थिनी को गलतढंग से अभियुक्त बनाया गया है, उसने कोई जुर्म नहीं किया है। प्रार्थिनी/ अभियुक्तावृद्ध महिला है जिसकी उम्र लगभग 65 साल है। उसका कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनीशान्ती <नाम> पत्नी स्व0 मटरू <नाम> जोकि अनुसूचित (चमार) जाति की महिला है, नेदिनांक 20.06.2015 को पुलिस चौकी डाला, थाना चोपन <नाम> एक लिखित तहरीर इसआशय का दाखिल किया कि दिनांक 19.06.2015 को समय करीब 07 बजे सुबहउसके दरवाजे <नाम> टाटी लगाने की बात व पुरानी रंजिश को लेकर पप्पू ममता,रामेश्वरी, <नाम> ने उसे तथा उसकी पतोह रामसखी, <नाम> तथा उसकी पोती कुमारीपुष्पा को लात मुक्का से बुरी तरह मारे पीटे तथा <नाम> से मारने की धमकी दियेजिससे सभी लोगों को चोटें आयी हैं। वादिनी के लिखित तहरीर के आधार परअभियुक्तगण के विरूद्ध एन0सी0आर० संख्या-11/2015 <नाम> धारा-323, 506भा0दं0सं0 के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया तथा <नाम> में न्यायालय के आदेशपर मामले की विवेचना की गयी। विवेचनोपरान्त अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-323,504, 506 भा०दं0सं0 व धारा-3(1)(0९) एस0सी0०, एस0टी0 एक्ट के अंतर्गत आरोपपत्र प्रेषित किया गया। ", "जमानत प्रार्थना पत्र की <नाम> विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> कोप्राप्त करायी गयी। प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अभियोजन कथानक के अनुसार कथित ६टना दिनांक 19.06.2015 को घटित होना बतायी गयी है तथा धारा-15ए अनुसूचित उङ्कDigitally signeBail Application/512/2020 -rajeswari Vs. State Government 2जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान दिनांक26.01.2016 से प्रभावी है। इस प्रकार इस प्रकरण में वादिनी मुकदमा को नोटिस दियाजाना बाध्यकारी नहीं है। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थिनी/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान ज्येष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "्रार्थिनी / अभियुक्ता क विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्तालगभग 65 वर्षीय वृद्ध, बीमार एवं कमजोर महिला है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1120_202022-09-2020773
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "इसके अलावा अन्य कोई जमानत याचिकाकिसी न्यायालय या मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल नहींकिया है <नाम> तो विचाराधीन है। ", "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 04.06.2020 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> पाल मय हमराह देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्थालाकडाउन कोरोना महामारी के मददेनजर लाकडाउन को पूर्ण <नाम> सेशांति पूर्वक सफल बनाते हुए कस्बा वैनी में मौजूद था किगोवध/गोवंशा की तस्करी के अपराध में लिप्त अपराधियों <नाम> अंकुशलगाने <नाम> भ्रमणशील रहकर सुरागरसी पतारसी <नाम> रहा था तो ज्ञातहुआ कि गैग लीडर <नाम> <नाम> उर्फ झंगटू जो शांतिर किस्म कागोवश का तस्कर है तथा गाय एवं गोवश को बेरहमी से बांधकर वाहनोंसे एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त को परिवहन करता है। वह अपनेसहयोगी दुर्जन <नाम> फिरोज खलीफा <नाम> <नाम> के साथमिलकर सुसगठित गिरोह बनाकर गोवंश की तस्करी जेसे अपराध मेंसकिय रहते है। जो भा०द0वि0 के अध्याय 17 में वर्णित अपराधों कोकरने के अभ्यस्त अपराधी है। इसके व इसके सहयोगी साथी द्वाराकिए जा रहे गोवध/गोवश तस्करी जैसे संगीन अपराध एवं समाजविरोधी <नाम> कलापो के <नाम> समाज का कोई व्यक्ति इनके विरूद्धमुकदमा लिखाने तथा गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पा रहा है। गैगलीडर <नाम> <नाम> उर्फ झगटू व गिरोह के सदस्यों दुर्जनयादव,फिरोज खलीफा एवं <नाम> <नाम> के विरूद्ध थाना स्थानीयपर मु0अ०सं0-68/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8 गोवध निवारणअधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरता अधिनियम एवं मु0अ0सं0- 21/19अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम पंजीकृत है। गैंग लीडर एवंगैग के सदस्यों के आपराधिक गतिविधियों <नाम> प्रभावी नियंत्रण <नाम> उप्र.गिरोहबन्द और समाज विरोधी कियाकलाप निवारण अधिनियम कीधारा- 3(1) क अन्तर्गत कार्यवाही किया <नाम> आवश्यक है। इनकास्वंतंत्र घुमना समाज हित में अच्छा नहीं है। अभियुक्तगण क विरूद्धगैग चार्ट जिलाधिकारी सोनभद्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुकाहै। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोगपंजीकृत कराया गया । ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है किअभियुक्त को रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहींकिया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट केअनुसार अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-68/19 अन्तर्गतधारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरताअधिनियम एवं मु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुधअधिनियम थाना रायपुर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकूत है। अभियुक्त के विरूद्ध उपरोक्त मुकदमा के अतिरिक्त अन्य कोई अपराधपंजीकृत नहीं है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्तासरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्दहोकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में भयदहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त दिनांक06.09.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत परमुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध पुशओं के गोवध <नाम> उनके तस्करी से सबधितगम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह कासकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-133/16 अन्तर्गतधारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरताअधिनियम थाना रायपुर जिला सोनभद्र, मु0अ0सं0-68,/19 अन्तर्गतधारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरताअधिनियम एवं मु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुधअधिनियम थाना रायपुर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकूत है। अभियुक्त अपने गैग लीडर एवं सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवंभौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त केजमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने कीपूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करनेकी <नाम> से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णितआधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ " —2—मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्षसे विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवंउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किअभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0-133/16 अन्तर्गत धारा-3/5ए/ 8गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरता अधिनियम थानारायपुर जिला सोनभद्र, मु0अ0सं0-68/19 अन्तर्गत धारा-3/5ए/8गोवध निवारण अधिनियम एवं <नाम> 11 पशु कूरता अधिनियम एवंमु0अ0सं0- 21/19 अन्तर्गत धारा-4/25 आयुध अधिनियम थानारायपुर जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसारअभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त गैग केसदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीरअपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_209_202004-03-2020112
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथनकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ्रार्थी/ अभियुक्त वाहन संख्या-यूपी. 64 टी 5127 का पंजीकृत <नाम> है। प्रथम सूचनारिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त अज्ञात को बनाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त का उपर्युक्तवाहन संख्या <नाम> लदे उपखनिज से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी / अभियुक्त द्वगरा प्रश्‍नगत वाहन का संचालन नहीं किया जा रहा था। प्रार्थी और <नाम> अभियुक्तरामकुमार के बीच में एक नोटरी अनुबंध के तहत प्रार्थी ने ट्रक <नाम> अभियुक्त रामकुमारको <नाम> <नाम> था। प्र्ार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त को मात्र वाहन <नाम> होने के नाते अभियुक्त बना <नाम> गया है। मामलामजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परिक्षणीय है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने की <नाम> की गयी है। अभियोजक कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 26.01.2020 कोसमय 8.20 बजे लोढ़ी टोल प्लाजा के सड़क <नाम> उपजिलाधिकारी सदर तथा खानअधिकारी की <नाम> टीम द्वारा अवैध/ निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज परिवहनकी जॉच गयी। जाच के दौरान पाया गया कि वाहन संख्या यूपी. 64 टी 5127 <नाम> 20.00 घनमीटर गिट्टी लोड था। वाहन <नाम> लदे उपखनिज गिट्टी के सम्बन्ध में वाहनचालक से परिवहन प्रपत्र प्रस्तुत करने को कहा गया किन्तु वाहन चालक उपखनिज केपरिवहन के सम्बन्ध में कोई भी वैध परिवहन प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया जा सका। इसप्रकार <नाम> परिवहन प्रपत्र के उपखनिजों का चोरी-छिपे अवैध परिवहन किया जा रहा Bail Application/209/2020 -Krishna Kumar Singh Vs. State Government 2 था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालक तथा वाहन <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज की गयी। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि अभियुक्त के वाहन द्वारा <नाम> परिवहन प्रपत्र के उपखनिज कापरिवहन किये जाने का अभियोग है। अभियुक्त को यदि अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> कियागया तो वह उपरोक्त अपराध को पुनः <नाम> सकता है तथा अभियुक्त ने उक्त अपराधके माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारित की है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानतप्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट हैकि दिनांक 26.01.2020 को जिलाधिकारी सदर तथा <नाम> <नाम> द्वारा <नाम> रूपसे अवैध निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज परिवहन की जाच गयी, जिसमें प्रार्थी केवाहन <नाम> लदे उपखनिज के परिवहन के सम्बन्ध में कोई वैध कागजात नहीं प्रस्तुतकिया गया तथा प्रस्तुत ७६६४९॥(@७॥७४॥ अनुबंध पंजीकृत नहीं है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1462_202020-11-2020300
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "उसकीपुत्री जो कक्षा-8 की छात्रा है, जिसकी उम्र 13 वर्ष है, जिसको बहला फुसला करप्रार्थी का भतीजा नागेन्द्र की पत्नी <नाम> <नाम> ने अपने घर बुला <नाम> साजिश षडयंत्रकरके विपक्षी <नाम> <नाम> से दुराचार करायी। उक्त विपक्षी के दुराचार करने सेउसकी पुत्री के पेट में लगभग तीन माह का बच्चा है। जब प्रार्थी घर वापस आया तोकुछ <नाम> <नाम> उसकी पुत्री ने सारी आप बीती बातें घटनाकम को अपने माताजी सेबतायी तथा प्रार्थी की औरत उक्त घटना कम को उससे बतायी। विपक्षी <नाम> कुमारपटेल को अपने दरवाजे <नाम> बुलाया, जहाँ <नाम> पहले से कुछ सम्भ्रान्त व्यक्ति थे। वहाँपर विपक्षी से घटना दिनांक 09.08.2020 को समय 10.00 बजे सुबह को पूछा तोविपक्षी आग बबूला हो गया और उसे मादरचोद भोषडी वाले, साले चमार दुसाध कोलकी औलाद आदि की जाति सूचक शब्दों की गाली गलौज देते हुए कहा कि तुम्हारीपुत्री को रखैल बनाकर रखेगा। वादी के प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना क बावत्‌न्यायालय द्वारा सम्बन्धित थाना को उचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत करविधिनुसार विवेचना किये जाने का आदेश पारित किया गया,जिसके अनुपालन मेंथाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी । ", "अभियुक्ता की ओर से जमानत के बावत्‌ यह तर्क प्रस्तुत किया गयामुकदमा वादी द्वारा फर्जी <नाम> से उसे अभियुक्ता बनाया गया है। वह निर्दोष है। अभियोजन कथानक पूर्णतया असत्य है। सत्यता यह है कि प्रार्थिया/ अभियुक्त केससुर एवं मुकदमा वादी दोनों आपस में सगे <नाम> हैं। एक ही कुनबे के होने के नातेखेत जमीन व घर के सम्बन्ध में काफी दिनों से विवाद व्याप्त है। विवादों का प्रतिकरलेने के लिए मुकदमा वादी द्वारा मौके का तलाश किया जा रहा है। अभियुक्ता मामले Bail Application/3038/2020 -Priyanka devi Vs. State Government 2में दिनांक 01.11.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। उसके बच्चे की परिवरिश करने वाला कोई नहीं है। अभियुक्ता का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। अभियुक्ता अशिक्षित व गरीब परिवार की महिला है। उक्त आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध किया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्ता द्वारा वादी मुकदमा कीनाबालिग पुत्री को आयुक्त सम्भोग करने <नाम> मामले के अन्य अभियुक्त के साथषडयंत्र <नाम> सहयोग किया है। अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध कारित किया गया है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्ता <नाम> मामले के अन्य अभियुक्त केसाथ आपराधिक षडयंत्र <नाम> वादी मुकदमा की पुत्री के साथ घटना कारित किये जानेमें सहयोग किये जाने का आक्षेप है। अभियुक्ता महिला है तथा वह दिनांक 01.11.2020 से लगातार जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्ता व पीड़िता एक ही परिवारके सदस्य है। अभियुक्त के छोटे-छोटे बच्चे होने का कथन किया गया है। अभियुक्ताका कोई आपराधिक इतिहास दर्शित नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_103_202012-02-2020346
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथनानुसार दिनांक 16/17.01.2020 की रात अज्ञातचोरों द्वारा वादी की दुकान का ताला तोड़कर एल.सी.डी., मोनिटर, एक सी.सी.टी.वी. कैमरा, एक फोटोग्राफी कैमरा, एक मोबाइल हेडफोन व चार्जर आदि चोरी करलिया गया। ", "प्रार्थी-अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुएकहा गया कि प्रस्तुत मामले में उसे झूठा फसाया गया है। वह प्राथमिकी मेंनामित नहीं है। उसके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं है। उसे घर से ले जाकरमामले में झूठा संलिप्त किया गया है। कथित बरामदशुदा <नाम> का कोई हुलियाप्राथमिकी में <नाम> नहीं है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह काफीसमय से जिला कारागार में निरूद्ध है। इन समस्त आधारों <नाम> जमानत प्रदानकिये जाने की <नाम> की गयी। ", "अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया कि यद्यपिअभियुक्त प्राथमिकी में नामित नहीं हैं, परन्तु दिनांक 27.01.2020 को पुलिस बलद्वारा एक बोलेरो वाहन को रोका गया तो प्र्रार्थी-अभियुक्त एवं दो अन्य सहअभियुक्तगण को गिरफूतार किया गया और उनके कब्जे से बोलेरो वाहन केअन्दर से प्रस्तुत मामले में चोरी गये इलेक्ट्रानिक सामान एवं रूपयों के अतिरिक्तअन्य दूसरे मुकदमें से सम्बन्धित चोरी गये सामान भी बरामद हुए जिसकीशिनाख्त भी वादी द्वारा की गयी है। अतः मामले की गम्भीरता एवं अभियुक्त कीभूमिका को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी । ", "सुना। " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से ज्ञात है कि प्राथमिकी में प्रार्थी-अभियुक्त नामित नहीं हैं, परन्तु दिनांक 27.01.2020 को पुलिस <नाम> द्वारा वाहनबोलेरो सं0०-जे एच 03 जे-6189 को रोके जाने <नाम> प्ररार्थी-अभियुक्त तथा दोअन्य <नाम> अभियुक्तगण को पुलिस <नाम> द्वारा गिरफूतार <नाम> लिया गया तथा...2 —_ 2 —_ तथा उनके कब्जे से वाहन बोलरो के अन्दर से भारी <नाम> में लैपटाप, प्रिण्टर,फोटो प्रिण्टर, की-बोर्ड, लेमिनेशान मशीन, सी.पी.यू., ईयर फोन आदि इलेक्ट्रिनिकउपकरण बरामद हुए हैं जिनको अपने कब्जे में रखने का कोई वैध अधिपत्रप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा नहीं दिखाया जा सका। मौके <नाम> वर्तमान मामले के वादीमुकदमा एवं अन्य अ0सं0०- 88/2020 के वादी मुकदमा शान्तेश्वर द्वारा मौके परपहुंचकर चोरी गये अपने-अपने सामानों की पहचान की गयी, जैसा कि फर्दबरामदगी में <नाम> है । " ] }
0DENIED
Bail Application_1288_201927-11-2019319
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 30.04.2019 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों केसाथ देखभाल <नाम> शान्ति व्यवस्था से बाला-बाला जिला मजिस्ट्रेटसोनभद्र क कार्यालय से पूर्व से अनुमोदित गैंग चार्ट गैंग लीडर जितेन्द्रसिंह उर्फ <नाम> <नाम> का प्राप्त <नाम> <नाम> अवलोकन <नाम> से जानकारीकी गयी तथा थाने के अभिलेख का अवलोकन किया गया तो ज्ञातहुआ कि गैंग लीडर <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> का एक संगठितगिरोह है तथा इस गैंग के सक्रिय सदस्य <नाम> उर्फ बल्लर, राजेशसिह व <नाम> दूबे है। वादी मुदकमा मन्यू <नाम> द्वारा दिनांक 22.11.2018 को अ0सं0 673/2018 <नाम> 353,504,506,427 भारतीय दण्डसंहिता व धारा-7 कि0ला अमेण्डमेन्ट एक्ट बनाम अज्ञात पंजीकृतकिया गया। दौरान विवेचना मुकदमें में गैंग लीडर <नाम> <नाम> वविवेक उर्फ बल्लर तथा <नाम> <नाम> का नाम <नाम> में आया जिनकेविरूद्ध विवेचनोपरान्त आराप पंत्र संख्या 31/2019 न्यायालय में प्रेषितकिया जा चुका है। वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 08.01.2019 कोअ0०सं0 16/2019 बनाम <नाम> <नाम> के विरूद्ध पंजीकृत किया गया। गैंग के सदस्य <नाम> उफ बल्लर,राजेश <नाम> <नाम> दूबे <नाम> तथालवकुश का नाम <नाम> में आया जिसमें विवेचनोपरान्त गैंग लीडरजितेन्द्र <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> व सदस्य <नाम> उर्फ बल्लर राजेशसिंह व <नाम> दूबे का कार्य अन्तर्गत धारा-3(1) उ0 प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986 कअन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। अतः इनक विरूद्ध धारा-३(1) उ० प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986का अभियोग पंजीकृत किया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ताद्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को फर्जी फंसायागया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभीलिप्त रहा हैं। अभियुक्त किसी भी वर्णित मामलों में नामजद नहीं हैतथा सभी उल्लिखित मामलो में अभियुक्त की जमानत स्वीकार की जाचुकी है। तथाकथित मुकदमें का गैंग लीडर <नाम> <नाम> उर्फ राजन2 <नाम> की जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-598/19 <नाम> <नाम> बनामसरकार में दिनांक 22.06.2019 को न्यायालय द्वितीय अपर सत्रन्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त का अन्यकॉई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनाक 06.11.2019 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध भारतीय दण्ड <नाम> का गम्भीर मामले दर्शायागया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का सक्िय सदस्य है और गैंगलीडर के साथ सदस्यगण आर्थिक एवं भौतिक <नाम> लेने के लिएगम्भीर अपराधिक कृत्य करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने सेउनके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से भीइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्धअभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किगैग लीडर <नाम> सिह उफ <नाम> <नाम> की जमानत न्यायालय द्वारादिनांक 22.06.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त कोकथित गैग का सदस्य बताया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त की उल्लिखितसभी मामलो में जमानत स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_626_202008-06-2020415
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थिनी / अभियुक्ता प्रस्तुत मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है। जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है कि थाना स्थानीय द्वारा उसेगलत तरीके से <नाम> बूझ <नाम> अभियुक्ता बना <नाम> गया है। प्रार्थिनी निर्दोष है, उसकाकोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थिनी के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। प्रार्थिनी एक महिला है। प्रार्थिनी/ अभियुक्ता को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने कीयाचना की गयी है। अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि दिनांक 29.05.2020 कोएस०एच0ओ0 चोपन <नाम> <नाम> <नाम> अन्य पुलिस कर्मियों के साथ चोपन बाजार मेंशान्ति व्यवस्था <नाम> ड्यूटी <नाम> तैनात थे तभी जरिए मुखबिर उन्हें सूचना <नाम> कि एकमहिला जिसका नाम <नाम> है जो रक्सहवा डाला में रहती है और अपने घर से हीहिरोइन की बिकी का कार्य करती है और अपने घर से ही हिरोइन बेच रही है। प्रभारीनिरीक्षक द्वारा इस संबंध में पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर को सूचित किया गया। पुलिस्षेत्राधिकारी तथा उनके साथ आयी महिला थाना प्रभारी टीम को लेकर पुलिस दलमुखबिर द्वारा बताये गये स्थान <नाम> पहुंचा। रेक्सहवा नाला के पास स्कूटी मोटरसाइकिल <नाम> एक महिला बैठी थी जो पुलिस वालों को देखकर खड़ी हो गयी तथाभागने का प्रयास करने लगी कि समय 08.50 बजे उसे पकड़ लिया गया। नाम पतापूछने <नाम> उसने अपना नाम <नाम> उर्फ <नाम> बताया तथा महिला पुलिस द्वारा उसकीजामा तलाशी ली गयी तो उसके पहने फुल लोवर के दाहिनी जेब से एक सफेदप्लास्टिग की पन्नी में हिरोइन जैसा पदार्थ बरामद किया गया तथा बायीं जेब से रूपयेबरामद किये गये। हिरोइन रखने का लाइसेंस मांगा गया तो वह नहीं दिखा सकी तथाबार-बार माफी मांगने लगी। उसके पास से कुल 174ग्राम हिरोइन बरामद हुआ। फर्दमौके <नाम> तैयार की गयी तथा बरामदशुदा हिरोइन को सील मुहर किया गया। दौरानगिरफूतारी व बरामदगी माननीय सर्वोच्च न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के आदेशोंव निर्देशों का पालन किया गया। <नाम> के काफी लोग मौके <नाम> आ गये, उनसे गवाही उङ्कDigitally signeBail Application/l280/2020 -State Government Vs. sunita 2करने के लिए कहा गया तो लोग हट-बढ़ गये। अभियुक्ता को पुलिस अभिरक्षा मेंलिया गया तथा फर्द बरामदगी के आधार <नाम> उसके विरूद्ध दिनांक 29.05.2020 कोसमय 09.40 बजे थाना चोपन <नाम> मु०अ०सं0-130/2020 धारा-8/21 स्वापकऔषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थिनी/ अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा समस्त पुलिस प्रपत्रों काअवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "प्रार्थिनी / अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता का तरक है कि प्रार्थिनी महिलाहै, उसे झूठा फंसाया गया है, उसके कब्जे से कोई नाजायज हिरोइन बरामद नहीं हुईहै। प्रार्थिनी को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान वरिष्ठ अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि प्रार्थिनी / अभियुक्ता <नाम> उफ <नाम> स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थअधिनियम का अपराध कारित करने की आदतन अपराधी है, उसका आपराधिकइतिहास संबंधित थाने से पेश किया गया है। अभियुक्ता के कब्जे से 174 ग्रामनाजायज हिरोइन बरामद हुआ है जो अल्प <नाम> से काफी अधिक है। यदि अभियुक्ताको जमानत <नाम> <नाम> किया गया तो वह आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहते हुएपुनः इसी प्रकार का अपराध कारित करेगी। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जानेकी <नाम> की गयी। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं अभियोजनप्रपत्रों एवं थाने से प्राप्त आख्या के आधार <नाम> विदित होता है कि प्रार्थिनी/ अभियुक्ताके कब्जे से 174 ग्राम नाजायज हिरोइन बरामद होना कहा गया है। प्रार्थिनी/अभियुक्ता के विरूद्ध पूर्व से ही थाना चोपन <नाम> मु०अ०सं0-88/2018 अंतर्गतधारा-8/21 स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियम पंजीकृत हुआ है। गिरफूतारी के समय धारा-50 व 51 स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ अधिनियमका अनुपालन किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1214_201926-10-2019541
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> कुमारसोनी ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 04.10.2019 को समय लगभग 8:30बजे रात उसकी रेंजर साइकिल कीमत मु0 4,800/- अज्ञात चोरों द्वारा चुराली गयी थी। वह अपनी साइकिल अपने स्तर से तलाश रहा था तो आज दिनांक07.10.2019 को ग्राम पकरी में कल्लू पुत्र बुडुक के यहां बेचने के लिएदो लड़के लेकर गये थे। कल्लू चोरी की साइकिल शक होने के आधारपर उसे बताये कि दो आदमी एक रेंजर साइकिल उसे बेच रहे हैं। लगता है कि यह चोरी की है। इस सूचना <नाम> वह जाकर <नाम> तोउसकी ही साइकिल थी । वह तथा कल्लू दोनों लड़कों को पकड़ लियेतथा नाम-पता पूछा तो दोनों ने अपना नाम <नाम> <नाम> एवं सुजीतकुमार बताया। साइकिल के बारे में वे लोग पूछे तो कोई संतोषजनकउत्तर नहीं <नाम> पाये। दोनों को मय साइकिल के पकड़कर थाने लाये हैं। मुकदमा लिखकर वैधानिक कार्यवाही की जाय। ", "प्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसे गलत तरीके से अभियुक्त बना <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्त कोरंजिशन फंसाया गया है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीयहै। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्त के साथ चोरी की साइकिलबेचते हुए वादी एवं अन्य द्वारा पकड़ा गया है। प्राथी-अभियुक्त के कब्जे...2 9से वादी की चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गयी है। वादी ने अपनीसाइकिल की पहचान किया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया । ", "बचाव पक्ष द्वारा अन्य अभियुक्त की समतुल्यता चाही गयीहै। प्रकरण मजिस्टेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी-अभियुक्त काकोई आपराधिक इतिहास नहीं बताया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_615_201914-06-2019611
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी को जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त आरोप पत्रदाखिल होने के <नाम> किसी प्रकार की सूचना <नाम> मिल पाने की वजह से उसेतारीख पेशी की जानकारी नहीं हो सकी थी और वह हाजिर अदालत नहीं आसका । प्रार्थी ने हाजिर अदालत आने में जान-बूझ <नाम> कोई लापरवाही नहींकिया है। वह भविष्य में हमेशा अदालत आता रहेगा। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता,फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह कहा गया किजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने <नाम> अभियुक्त को पुनः फरार होने कीसम्भावना है । " ], "judge-opinion": [ "विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा प््रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया । प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से यह बताया गया है कि प्रस्तुत मामलेमें दौरान विचारण वह जमानत <नाम> रहा है। अन्य मुकदमें में जिला कारागारवाराणसी में निरूद्ध होने के <नाम> वह उपस्थित नहीं आ सका था जिसकेकारण उसके विरूद्ध गैर जमानती अधिपत्र जारी किये जाने का आदेश पारितकिया गया है। चूँकि अभियुक्त प्रस्तुत मामले में जिला कारागार वाराणसी सेतलब होकर उपस्थित आया है उसके द्वारा जान-बूझ <नाम> कोई गलती नहीं की 9गयी है। अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> रहा है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1067_202008-09-2020909
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 04.04.2020 को प्रभारी निरीक्षकविजय <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> व तलाश वांछित में <नाम> में मामूर किदौरान भ्रमण <नाम> व्यक्तियों से ज्ञात हुआ कि शेरू उर्फ असलम पुत्र मुबारक हुसैनका एक सकिय गैंग हैं। जिसका सदस्य सूरज <नाम> पुत्र रामाधार है। इस गैंग द्वारामादक पदार्थ /गाजा की बिकी / हेरोइन की बिकी/ तस्करी की जाती है। जिससेसमाज के नवयुवको में नशे की लत पड़ रही है तथा समाज का युवा वर्ग नशा करबर्बाद हो रहा है और सामाजिक विकृति पैदा हो रही है। दिनांक 06.06.19 को इस गैंगके गैंग लीडर व सदस्य एक साथ 100-100 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़े गए । इससंबध में मु0अ0सं0 117/19 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस0एक्ट एवंमु0अ0सं0-118/19 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0०डी0पी0एस0एक्ट पंजीकृत किया गया। गैंग लीडर एवं सदस्य द्वारा अलग अलग भी मादक पदार्था की बिकी की जाती है। जिसके संबध में उनके विरूद्ध थाना अनपरा में अतिरिक्त अन्य थानों <नाम> भी अभियोगपंजीकृत है। इस गैंग द्वारा अपने भौतिक व आर्थिक <नाम> <नाम> मादक पदार्था की विकीकर समाज में विकृति उत्पन्न की जा रही है। इस गैंग का आम जनमानस में इतनाभय व आतंक व्याप्त है कि इनके विरूद्ध कोई मुदकमा लिखाने व गवाही देने कासाहस नहीं करते है। इनक विरूद्ध गैंग चार्ट जिला मजिस्देट सोनभद्र द्वारा अनुमोदितहोकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध उपर्युक्त वर्णितअभियोग पंजीकृत कराया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उन्होने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहे हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0117/19 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस0एक्ट मु०अ०सं०-55,/18 अन्तर्गतधारा-8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट व मु0अ0सं0-352/16 अन्तर्गत धारा-8/20एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना अनपरा जिला सोनभबद्र में अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्तअपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध मुकदमा Bail Application/2209/2020 -Shekhu @ Aslam Vs. State Government 2उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जित करने का कोई साक्ष्यनहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में भय दहशत एवंआतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत <नाम> मुक्त कियेजाने की प्रार्थना की गई है। अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध मादक पदार्थो बिकी करने एवं तस्करी का गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त के विरूद्ध मु0अ0सं0117/19 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस0एक्ट मु०अ०सं०-55,/18 अन्तर्गतधारा-8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट व मु0अ0सं0-352/16 अन्तर्गत धारा-8/20एन0०डी0पी0एस0०एक्ट थाना अनपरा जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्तअपने गैग सदस्यं के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराधकारित करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने से उसके पुन: अपराधिक कृत्यो मेंलिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथ ही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करनेकी <नाम> से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतका घोर विरोध किया गया है । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0 117/19 अन्तर्गत धारा-8/21 Pएन0डी0पी0एस0एक्टमु0अ0सं0-55,/18 अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0एक्ट व मु0अ0सं0-352/16अन्तर्गत धारा-8/20 एन0डी0पी0एस0०एक्ट थाना अनपरा जिला सोनभद्र में अभियोगपंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का गैग लीडर है। अभियुक्त गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए मादकपदार्था की बिकी एवं तस्करी करने के गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गयाहै। " ] }
0DENIED
Bail Application_693_201929-06-2019545
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 22.06.2019को उप निरीक्षक चिन्तामणि <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> एवंजांच पेण्डिग प्रार्थना पत्र व अपराध की रोकथाम में ग्राम डेवढ़ी से होतेहुए महुअरिया रेलवे स्टेशन <नाम> पहुंचा कि महुली गांव की तरफ से एकव्यक्ति एक झोला लेकर आता हुआ दिखायी <नाम> कि थोड़ी नजदीकआने <नाम> अचानक पुलिस वालों को देखकर पीछे मुड़कर सड़क से हीमहुली गांव की तरफ <नाम> कदमों से जाने लगा कि शक होने परमहुअरिया तिराहे से करीब 70 मीटर महुली गांव की तरफ जाते जातेसड़क <नाम> समय करीब 17.30 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्तिका नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> पुत्र गंगाबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो दाहिने हाथ में लिएप्लास्टिक के झोले में एक किलो 200 सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामदहुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौकेपर लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकरव फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिलकर मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया है। उसकेपास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास सेबरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। कोई प्रत्यक्षदर्शीसाक्षी नही है। पुलिस द्वारा <नाम> 50 एन0डी0पी0एस०एक्ट के प्राविधानका अनुपालन नही किया गया है। अभिक्त से थाने की पुलिस द्वाराअनुचित ढंग से पैसे की मांग <नाम> रहे थे <नाम> देने <नाम> फर्जी गांजादिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनांक 22.06.2019 सेजेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", ".2/ —2 —_राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेएक किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प मात्रासे अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0एपी0एस0एक्ट क प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त का आपराधिक इतिहासहोने का कथन किया गया है। अभियुक्त का इस मुकदमे के पूर्व थानाविन्ढमंगज में मु0अ0सं0 146/12 अन्तर्गत <नाम> 325,323,504,506भा0द0सं0 का अभियोग पंजीकृत है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केपास से एक किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद की गयी है, जोवाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। अभियुक्त दिनांक 22.06.2019 सेजेल में निरूद्ध है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है। उपरोक्त आपराधिकइतिहास के अवलोकन से स्पष्ट है कि पूर्व मे पंजीकृत अपराध कीप्रकृति, प्रस्तुत अपराध की <नाम> से भिन्न है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_626_201921-06-2019587
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क <नाम> गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण निर्दोष हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा प्रपत्र ई.एम.एम. 11 मेंकोई छेड़छाड़ या कूटरचना नहीं की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा प्रपत्र ई.एम.एम. 11 में कूटरचना करके धोखा-धड़ी करतेहुए खनिज सम्पदा गिट्टी का परिवहन अवैध रुप से किया जा रहा था जिससेराज्य <नाम> को प्राप्त होने वाली राजस्व की क्षति हो रही थी। प्ररार्थी-अभियुक्तगण द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है तथा अपराध कारित करने में्रार्थी-अभियुक्तगण की संलिप्तता पायी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "केस डायरी के अनुसार वाहन सं0- यू०पी0 63 ए टी-0206 केपक्ष में परमिट प्रपत्र सं०- ई.एम.एम. 11 दिनांक 27.01.2018 को <नाम> 5 बजकर33 मिनट 25 सेकेण्ड <नाम> जारी किया गया था तथा यह परमिट दिनांक28.01.2018 की <नाम> 2 बजकर 35 मिनट 42 सेकेण्ड <नाम> के लिए वैध थी। वाहन सं0 यू०पी0 63 ए टी-0206 के वाहन चालक झामर <नाम> द्वारा अथवाउसके वाहन <नाम> द्वारा कोई कूटरचना किया <नाम> खनिज विभाग को प्राप्तनही हुआ। इसके प्रतिकूल अन्य वाहनों द्वारा वाहन सं0- यू०पी0 63 ए टी-0206 के नाम जारी परमिट सं<फ़ोन-नंबर>08837 तथा इससे सम्बन्धितविस्तृत विवरण में फेरबदल करके कुछ अन्य ट्रकों द्वारा कूटरचित परमिट काप्रयोग किया गया है। इस प्रकार अभियुक्त झामर <नाम> के विरुद्ध परमिट प्रपत्र —_ 2 —_ई.एम.एम. 11 में कूटरचना करने का आरोप प्रथम दृष्ट्या प्रतीत नहीं होता है। अतः अभियुक्त झामर <नाम> को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का पर्याप्त आधार है। ", "अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> वाहन सं0-यू०पी0 63 के-9121 कावाहन <नाम> है । प्रपत्र ई.एम.एम.11 कमांक सं<फ़ोन-नंबर>09264 जो दिनांक03.02.2018 को वाहन सं0-यू०पी0 65 ए टी-6551 के लिए निर्गत था, मेंई.एम.एम. 11 की कूटरचना करके अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> एवं उनके वाहनचालक द्वारा वाहन सं0- यू0पी0 6३के-9121 द्वारा दिनांक 17.02.2018 को पुनःउपयोग <नाम> गिट्टी का परिवहन किया गया । विवेचनाधिकारी ने दिनांक17.02.2018 को उक्त वाहन सं0-यू०पी0 6३के-9121 के आवा-गमन के सन्दर्भ मेंटोल प्लाजा बैरियर <नाम> सर्च व्हैकिल रिपोर्ट प्राप्त किया तो भी उक्त वाहनसं0-यू०पी0 6३के-9121 का आवा-गमन टोल प्लाजा बैरियर रिकार्ड में पायागया, जिससे खनिज तथा राजस्व के रुप में <नाम> को प्राप्त होने वाले <नाम> कीक्षति हुई जो जान-बूझकर की गयी कूटरचना एवं उप खनिज का परिवहन है एवंखान एवं खनिज <नाम> का विनियमन) अधिनियम में वर्णित <नाम> का उल्लंघनहै तथा अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_755_201916-07-2019314
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी डी0के0 सिंह,क्षेत्रीय सिक्योरिटी आफिसर, एन.सी.एल. <नाम> <नाम> ने थाने <नाम> सूचना <नाम> किआज दिनांक 29.05.2019 को दोपहर लगभग 4.00 बजे गाड़ी नं0- यूएपी0 64 एटी 6308 (ट्रेलर) <नाम> परियोजना के वर्कशाप के चौराहा मोड़ के पास (खदानक्षेत्र से चोरी का कोयला लेकर भाग रहा था, यह कोयला <नाम> खदान का हैजो <नाम> परियोजना के वर्कशाप के मोड़ <नाम> पलट गया जिसकी सूचना <नाम> वहांपर अधोहस्ताक्षरी तथा अधिकारीगण पहुंचे तो गाड़ी चालक को मौजूद नहीं पायागया। गाड़ी मौके <नाम> पड़ी है। उचित कार्यवाही करने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्रार्थीगण के कब्जेसे किसी प्रकार के चोरी का कोयला बरामद नहीं किया गया है। घटना के एकमाह <नाम> प्ररार्थीगण को अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त धर्मेन्द्र कुमारझा वाहन <नाम> <नाम> <नाम> का कार्य नहीं देखता है और <नाम> ही वाहन कासंचालन करता है । प्रार्थी-अभियुक्त रामधारी खरवार वाहन चालक है किन्तु प्रार्थीको वाहन <नाम> द्वारा घटना से छः माह पूर्व ही वाहन चलाने से हटा <नाम> गयाथा। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण परियोजना के अन्दर से चोरी से कथित वाहन <नाम> कोयलालादकर भाग रहे थे। वाहन परियोजना के अन्दर जाने के लिए पंजीकृत नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्तगण अवैध <नाम> से कथित वाहन को परियोजना के अन्दर लेजाकर चोरी से कोयला लोड किये थे। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा गम्भीर अपराधकिया गया है। " ], "judge-opinion": [ " —_ 2 —_सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया गया। ", "पत्रावली <नाम> उपलब्ध विवेचना से आये हुए साक्ष्यों से यह स्पष्ट हैकि घटना की <नाम> <नाम> प्रश्‍नगत ट्रक टोल यार्ड नं0-2 में गया था जिस परकोयला लोड किया गया था जबकि प्रश्‍नगत ट्रक सं0- यू०पी0 64 ए टी6308 एन.सी.एल. की <नाम> खदान की <नाम> परियोजना में <नाम> तो पंजीकृत है औरन ही इसे उक्त खदान क अन्दर प्रवेश करने का कोई अधिकार है। यदि कुछकर्मचारियों की दुरभिसंधि से यह ट्रक एन.सी.एल. की उक्त कृष्णशीला परियोजनाके यार्ड में प्रवेश किया, वहां <नाम> कोयला लोड किया गया और वहां से कोयलालेकर बाहर चला गया तो यह निश्चित <नाम> से बहुत ही गम्भीर अपराध है तथाअभियुक्तगण का सम्पूर्ण कृत्य उक्त कोयले को चोरी करने का था जिससे चोरीकिये गये कोयला व लोक सम्पत्ति की भी क्षति पहुंचायी गयी है। अपराधदुःसाहसपूर्ण तथा गम्भीर <नाम> का है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1233_201907-11-2019476
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी <नाम> नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 03.08.2019 को समय लगभग 2 बजे सायंकालवह घर से रघुनाथपुर, थाना-रामपुर बरकोनिया आ रहा था। अचानक धंधरौलबन्धे के पास बारिस होने लगी। वह बाइक खड़ा करके <नाम> में छिप गयाजिसकी बाइक न्यू माडल अपाचे यू०पी0 64 एच 5337 कोई ले गया। वहआस-पास काफी खेज-बीन किया परन्तु बाइक का कहीं पता नहीं चला। सूचनादेने आया है। उचित कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। उसे फर्जी तरीके से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थीप्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। प्रार्थी के खिलाफ अ0सं0- 494 /2019,धारा- 411, 420, 467, 468, 471 भा०दं0सं0 थाना राबर्दसगंज में पंजीकृत करउक्त मुकदमा से जोड़ा गया था जिसमें प्रार्थी की जमानत माननीय उच्चन्यायालय से स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुईहै। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी दिनांक 08.08.2019 से जिलाकारागार में निरुद्ध है। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त द्वारा वादी की मोटरसाइकिल चोरी <नाम> ली गयी। प्रार्थी के कब्जेसे चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की गयी हैं। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "9प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र अ0सं0-29/2019 में प्रस्तुत किया गयाहै। अभियुक्त के कब्जे से बरामद मोटरसाइकिलों के आधार <नाम> उसेअ0सं0-494 / 2019, अन्तर्गत धारा-411, 420, 467, 468, 471 भा0दं0सं0, थाना-राबर्दसगंज तथा अ0सं0- 29/2019 अन्तर्गत <नाम> 379, 411, 420 भा0दं0सं0थाना-रामपुर बरकोनिया से सम्बद्ध किया गया । मामले की गम्भीरता को देखतेहुए इस न्यायालय के आदेश दिनांक 20.08.2019 क द्वारा अभियुक्त का जमानतप्रार्थना पत्र अ0सं0-494/2019, अन्तर्गत धारा-411,420, 467, 468, 471भा0दं0सं0, थाना-राबर्दसगंज में निरस्त किया गया था जिसमें माननीय उच्चन्यायालय द्वारा अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> गया है। अभियुक्त अबमात्र अ0सं0-29/2019, अन्तर्गत धारा-379, 411, 420 भा०दं0सं0 में वांछित है। ", "उक्त सम्पूर्ण परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए गुण-दोष परबिना कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> कियेजाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_281_202006-03-202084
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्ता की ओर कथनकिया गया है कि प्राथिर्नी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्राथिर्नी/ अभियुक्ता कशर की स्वामीनी है और उसके पास कशर चलाने का वैधप्रमाण पत्र है, जो कि इस अग्रिम जमानत याचिका के साथ सूची-5ख/4 क <नाम> मेंसंलग्न है। प्रार्थिनी <नाम> यह अभियोग है कि उसने वाहन संख्या-यूपी. 65 एआर 1751पर लदे उपखनिज गिट्टी जिसके पास कोई वैध प्रपत्र 11 सी नहीं है, <नाम> गिट्टीलदवा <नाम> जबकि प्रार्थिनी को इस बारे में पता नहीं है। प्रार्थिनी को इलाका पुलिसद्वारा झूठा फंसाया जा रहा है। प्रार्थिनी एक 65 वर्ष की महिला है और <नाम> कीमरीज है । विद्वान शासकीय अधिवक्ता द्वारा अग्रिम जमानत याचिका का विरोधकरते हुए कथन किया गया है कि प्रार्थिनी और उपरोक्त ट्रक के <नाम> एवं चालकके मिलीभगत से ही <नाम> किसी वैध प्रपत्र 11 सी के ही गिट्टी ले जायी जा रहीथी । अपराध गम्भीर <नाम> का है। प्रार्थिनी द्वारा उक्त अपराध के माध्यम से राजकीयधन की क्षति कारित की गयी है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र काखारिज की जाने की <नाम> की गयी है। अभियोजक कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 31.01.2020 कोवाहन चालक <नाम> पुत्र छोटू निवासी-महुआकला थाना-चोपन को जाँच करते समयवाहन संख्या-यूपी. 65 एआर 1751 को रोका गया तो उसके पास कोई वैध प्रपत्र 11सी प्रस्तुत नहीं किया गया। तदनुसार वाहन चालक <नाम> प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कीगयी । " ], "judge-opinion": [ " उभय पक्षों के तर्को और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्टहै कि वाहन संख्या-यूपी. 65 एआर 1751 को खनिज मोहर्रिर द्वारा रोका गया हैऔर जॉच में पाया गया कि वाहन चालक के पास कोई वैध प्रपत्र 11 सी नहीं है। अभियुक्ता / प्रार्थिनी का नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज नहीं है। केवल <नाम> अभियुक्तवाहन चालक के बयान के आधार <नाम> अभियुक्ता / प्रार्थिनी का नाम आया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1290_201927-11-2019320
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 30.04.2019 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों केसाथ देखभाल <नाम> शान्ति व्यवस्था से बाला-बाला जिला मजिस्ट्रेटसोनभद्र क कार्यालय से पूर्व से अनुमोदित गैंग चार्ट गैंग लीडर जितेन्द्रसिंह उर्फ <नाम> <नाम> का प्राप्त <नाम> <नाम> अवलोकन <नाम> से जानकारीकी गयी तथा थाने के अभिलेख का अवलोकन किया गया तो ज्ञातहुआ कि गैंग लीडर <नाम> <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> का एक संगठितगिरोह है तथा इस गैंग के सक्रिय सदस्य <नाम> उर्फ बल्लर, राजेशसिह व <नाम> दूबे है। वादी मुदकमा मन्यू <नाम> द्वारा दिनांक 22.11.2018 को अ0सं0 673/2018 <नाम> 353,504,506,427 भारतीय दण्डसंहिता व धारा-7 कि0ला अमेण्डमेन्ट एक्ट बनाम अज्ञात पंजीकृतकिया गया। दौरान विवेचना मुकदमें में गैंग लीडर <नाम> <नाम> वविवेक उर्फ बल्लर तथा <नाम> <नाम> का नाम <नाम> में आया जिनकेविरूद्ध विवेचनोपरान्त आराप पंत्र संख्या 31/2019 न्यायालय में प्रेषितकिया जा चुका है। वादी <नाम> <नाम> द्वारा दिनांक 08.01.2019 कोअ0०सं0 16/2019 बनाम <नाम> <नाम> के विरूद्ध पंजीकृत किया गया। गैंग के सदस्य <नाम> उफ बल्लर,राजेश <नाम> <नाम> दूबे <नाम> तथालवकुश का नाम <नाम> में आया जिसमें विवेचनोपरान्त गैंग लीडरजितेन्द्र <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> व सदस्य <नाम> उर्फ बल्लर राजेशसिंह व <नाम> दूबे का कार्य अन्तर्गत धारा-3(1) उ0 प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986 कअन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। अतः इनक विरूद्ध धारा-३(1) उ० प्र0गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986का अभियोग पंजीकृत किया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ताद्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को फर्जी फंसायागया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभीलिप्त रहा हैं। अभियुक्त किसी भी वर्णित मामलों में नामजद नहीं हैतथा सभी उल्लिखित मामलो में अभियुक्त की जमानत स्वीकार की जाचुकी है। तथाकथित मुकदमें का गैंग लीडर <नाम> <नाम> उर्फ राजन2 —2—सिंह की जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-598/19 <नाम> <नाम> बनामसरकार में दिनांक 22.06.2019 को न्यायालय द्वितीय अपर सत्रन्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। अभियुक्त का अन्यकॉई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त दिनाक 04.11.2019 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध भारतीय दण्ड <नाम> का गम्भीर मामले दर्शायागया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का सक्िय सदस्य है और गैंगलीडर के साथ सदस्यगण आर्थिक एवं भौतिक <नाम> लेने के लिएगम्भीर अपराधिक कृत्य करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने सेउनके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से भीइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्धअभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है किगैग लीडर <नाम> सिह उफ <नाम> <नाम> की जमानत न्यायालय द्वारादिनांक 22.06.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। प्रार्थी / अभियुक्त कोकथित गैग का सदस्य बताया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त की उल्लिखितसभी मामलो में जमानत स्वीकार की जा चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1189_201928-11-2019306
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 10.10.2019को उप निरीक्षक रामकूृत <नाम> हमराहियो के साथ तलाश वांछितअभियुक्त में इमलीपुर तिराहे <नाम> मौजूद था कि जरिए मुखबिर खाससूचना <नाम> कि एक व्यक्ति ग्राम सहदेइया बैडाड़ में अपने घर केपास एक झोले में नाजायज गाजा लेकर बेच रहा है। इस सूचना परविशवास <नाम> पुलिस <नाम> मौके <नाम> पहुची तो पुलिस <नाम> को देखते हुएगांजा बेचने वाला व्यक्ति भागना चाहा कि मौके <नाम> ही घेरकर समयकरीब 14.00 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पतापूछा गया तो उसने अपना नाम जयबली उर्फ पिन्टू पुत्र चौथी प्रसादबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसक दाहिने हाथ मेंलिए सफेद रंग के झोले में एक किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजाबरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखासका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकरफर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द परकराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थानेदाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गयाकि अभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोई नाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त केपास से बरामद गांजा वाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। पुलिसद्वारा <नाम> 50 एन0०डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधानों का अनुपालन नही'किया गया है। फर्जी बरामदगी दिखाकर अभियुक्त का चालान करदिया गया। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना काकोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान वरिष्ठ अभियोजन अधिकारीद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो दो सौग्राम गांजा नाजायज बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से2 पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने परउसके पुनः उक्त अपराध में संलिप्त होने की सम्भावना से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायकजिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजनप्रपत्रों का अवलोकन किया । अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किअभियुक्त के कब्जे से एक किलो दो सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामदहोना कहा गया है। जो वाणिज्यक <नाम> से कम है। डी0सी0आर०बी0 रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_265_202117-02-2021661
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "2, संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक-31.01.2021 को लगभग 09.25 बजे <नाम> में आवेदक ने वादी रमाकान्त <नाम> कीपरियोजना की 6600 केवी. एचटी. केबिल <नाम> मेडिकल स्टोर क सामने, सेक्टर03, ओबरा से अपने वाहन संख्या-यूपी.30टी/6433 <नाम> चोरी करके रखी। सिक्योरिटी द्वारा वादी को सूचना मिलने <नाम> वह अपने सहयोगियों के साथ मौकेपर गया और सहयोगियों की मदद से वाहन <नाम> लदी हुई केबिल व वाहन चालकको थाना-ओबरा में सुपुर्द <नाम> उक्त घटना की प्राथिमिकी दर्ज कराई । ", "3 आवेदक के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि आवेदक को गलततरीके से झूंठे तथ्यों के आधार <नाम> साजिशन नामित किया गया है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक असत्य व <नाम> है। उसने मे.पटेल ट्रांसपोर्ट एजेंसी एण्ड कमीशन एजेंट के माध्यम से ओबरा से पड़ाव, रामनगर का भाड़ा रू.8,000/-तय किया और लोडिंग स्थल <नाम> गया जहां मुगालिफ व 1 अज्ञात व्यक्ति से कहा-सुनी होने <नाम> वह वाहन वापस लेकर आनाचाहा तो कई लोग मिलकर उसके वाहन <नाम> केबिल जबरजस्ती लदवाकर उसेथाना- ओबरा ले गये और प्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> कराकर उसका दिनांक-02.02.2021 को चालान <नाम> दिया। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उसके विरूद्ध कथित आरोप नहीं बनते हैं। घटना का कोई जनसाक्षी नहीं है। अवर न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। उक्त आधारों <नाम> उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजावे । ", "4. विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक के द्वारा जमानतका विरोध करते हुए यह कहा गया कि आवेदक द्वारा वादी की परियोजना की6600 केवी. एचटी. केबिल की चोरी की गई जो वादी व उसके सहयोगियों द्वाराउसके कब्जे से बरामद की गई है। अपराध गंभीर <नाम> का है। जमानत <नाम> दीजावे । " ], "judge-opinion": [ "Bail Application/265/2021 -Anil Kumar Vs. State Government 2 5. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुना व केसडायरी, प्रथम सूचना रिपोर्ट तथा अन्य पुलिस प्रपत्रों का अवलोकन किया। प्रथमसूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनांक-31.01.2021 को समय 21.25 बजे कीहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनरांक-01.02.2021 को समय 21.34 बजे दर्ज करायागया है। थाना-ओबरा से अभियुक्त का अन्य कोई आपराधिक इतिहास अवगतनहीं कराया गया है। लोडिंग स्लिप मे. <नाम> ट्रांसपोर्ट एजेंसी एण्ड कमीशनएजेंट दिनांकित-31.01.2021 के अनुसार ट्रक संख्या-यूपी.30टी / 6433 से ओबरासे पड़ाव, <नाम> नगर <नाम> रू.8,000/- भाड़े <नाम> <नाम> ट्रांसपोर्ट एजेंसी द्वारा भेजागया था। मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। अभियुक्त दिनांक-02.02.2021 से न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार, सोनभद्र में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1358_201907-12-2019237
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक17.11.2019 को उप निरीक्षक अवधेश <नाम> <नाम> व हमराही पुलिसकर्मचारियों द्वारा मुखबिर की सूचना <नाम> मूर्तिया तिराहे <नाम> पहुंच <नाम> मुखबिर द्वाराबताये गये व्यक्तियों का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर में 3 व्यक्ति 5 <नाम> बैलोंको लेकर आते दिखाई दिये जिन्हें रोका गया तो भागने लगे। अतः उन्हें दौड़ाकरआवश्यक <नाम> प्रयोग <नाम> दो व्यक्तियों को पकड़ लिया गया तथा एक व्यक्तिजंगल में भागने में सफल रहा। पकड़े गये व्यक्तियों से उनका नाम पता पूछागया तो एक ने अपना नाम <नाम> व दूसरे ने अपना नाम मुरली पता उपर्युक्तबताया तथा भागे हुए व्यक्ति का नाम छोटू पुत्र भोन्डी नट, निवासी-रामपुर, थाना-घोरावल, जनपद-सोनभद्र बताया। भागने का <नाम> पूछने <नाम> बताया कि वेबैलों की तस्करी करते हैं। पकड़े जाने के डर से भाग रहे थे। अभियुक्तगण काउपर्युक्त का कार्य धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम व धारा-11 पशुकूरता अधिनियम का दण्डनीय अपराध है। अतः अभियुक्तगण को कारणगिरफतारी बताकर समय लगभग 13.30 बजे पुलिस हिरासत में लिया गया। बरामदशुदा बैलों को मौके <नाम> उपस्थित चौकीदार लक्षन पुत्र पंचम, निवासी-मूर्तिया, थाना-घोरावल, जनपद-सोनभद्र की सुपुर्दगी में <नाम> गया। बैलों कीबरामदगी के आधार <नाम> फर्द नियमानुसार तैयार की गयी एवं अभियुक्तगण केविरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेथाना-घोरावल की पुलिस द्वारा फर्जी ढंग से फंसाया गया है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। अभियोजन कथानक गलत व बेबुनियाद है। प्रार्थी- ooअभियुक्त अपने बैलों को जंगल में चराने जा रहा था कि पुलिस द्वारा पकड़ करफर्जी चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त द्वारा <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर 5 बैलों कों तस्करी हेतुजंगल के रास्ते बिहार ले जाया जा रहा था। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावचली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "जंगल में जिस स्थान <नाम> गोवंश को बरामद किया <नाम> कहाजाता है वह बिहार राज्य की <नाम> से काफी दूर है, इसलिए यह नहीं कहा जासकता कि उत्तर प्रदेश राज्य की <नाम> से बाहर पशुओं का अभिवाहन किया जारहा था। धारा-11 पशु कूरता अधिनियम एवं धारा-427 भा.दं.सं. के अपराधजमानतीय हैं। धारा-3/5ए/8 गोवध निवारण अधिनियम के अंतर्गत उ.प्र. कीसीमा के अंतर्गत गोवंश का अभिवहन अपराध की श्रेणी में नहीं आता है तथा उ.प्रकी <नाम> के अंतर्गत गोवंश के अभिवहन से यह उपधारणा नहीं की जासकती है कि यह अभिवहन हत्या के लिये किया जा रहा है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_111_202128-01-2021894
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि दिनांक16.03.2020 समय 1.00 बजे केन्द्रीय विद्यालय चोपन गेट के पास मुकदमा वादिनी कीपुत्री/पीड़िता, जो इण्टर की <नाम> देने जा रही थी, को अभियुक्त द्वारा अपाचीमोटरसाइकिल <नाम> बैठने के लिये कहा गया, जिससे वादिनी की लड़की चिल्लाने लगी। जिस <नाम> वादिनी वहाँ पहुँची और अभियुक्त को पकड़ लिया। विद्यालय क प्रधानाचार्य भीवहाँ मौके <नाम> पहुँचें, जिन्हांने बताया कि अभियुक्त प्रतिदिन आता-रहता है और पीड़िता कोपरेशान व हैरान करता है। पीड़िता ने कई बार प्रधानाचार्य से शिकायत की, तो अभियुक्तके पिता को समझाने के लिये कहा गया, किन्तु उसके पिता द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कीगयी, बल्कि अभियुक्त को और <नाम> <नाम> जाता था। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त के विरूद्धउचित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत की गयी । ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र तर्क के साथ प्रस्तुतकिया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त /प्रार्थी कोमुकदमा उपरोक्त में फर्जी अभियुक्त बना <नाम> गया है। अभियुक्त निर्दोष है। अभियोजनकथानक पूर्णतया असत्य व बनावटी है। अभियुक्त का पीड़िता के <नाम> से खेल के दौरानविवाद हो गया था, इसी बात को लेकर पीड़िता की माता द्वारा अभियुक्त को फर्जी फंसायेजाने की धमकी दी गयी थी। मामले में प्रधानाचार्य का बयान <नाम> नहीं किया गया है। प्रार्थी दिनांक 19.03.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध रहा है। प्रार्थी/ अभियुक्त पढ़नेवाला छात्र है। प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोधकिया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता, जो अपने स्कूलपढ़ने के लिये गयी थी, को अपने मोटरसाइकिल <नाम> बैठने के लिये कहा गया तथा पीड़िता हReason: Docume 2)Bail Application/l11/2021 -Prakash Kumar Vs. State Government 2को प्रतिदिन परेशान व हैरान करता है। प्रकरण नाबालिग के साथ छेड़छाड़ <नाम> लैंगिकअपराध कारित किये जाने से सम्बस्धित है। अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध कारित कियागया है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार अभियुक्त <नाम> पीड़िता का हाथ पकड़ <नाम> मोटरसाइकिल <नाम> बैठने के लिए कहने व पीड़िता को अभियुक्त द्वारा काफी दिनों से हैरान वपरेशान किये जाने का आक्षेप है। मामले में विवेचनोपरांत आरोप पत्र अभियुक्त के विरूद्धन्यायालय प्राप्त हो चुका है। पीड़िता द्वारा अपने बयान अंधारा-161 दण्ड प्रकिया <नाम> मेंअभियुक्त द्वारा छेडखानी <नाम> किये जाने, केवल पास आकर बातचीत करने का कथन कियागया है तथा बयान अंधारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> में भी अभियुक्त द्वारा छेडखानी नकिये जाने का कथन किया है। मामले में विवेचक द्वारा सम्बस्धित स्कूल के प्रधानाचार्य जोकि चिक एफ.आई.आर. के अनुसार मौके <नाम> उपस्थित थे, का बयान <नाम> नहीं किया गयाहै और <नाम> ही किसी अन्य स्वतंत्र <नाम> जो कि मौके <नाम> उपस्थित थे, का ही बयानविवेचक द्वारा लिया गया है। अभियुक्त मामले में जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्तका कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन की ओर से दर्शित नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1159_201921-10-2019616
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी नेथाने <नाम> सूचना <नाम> कि उसका दिनांक 04/05/10.2019 कोमोनोब्लाक अज्ञात चोरों द्वारा चुरा लिया गया। सूचना <नाम> रहा है। मुकदमा लिखकर आवश्यक कार्यवाही की जाय। ", "प्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसने कोई चोरी नहीं किया है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहींहै। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। उसका कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उसके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुईहै। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त अन्य <नाम> अभियुक्त के साथ मिलकर वादी कामोनोब्लाक चुरा लिया गया । प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से चोरी कामोनोब्लाक बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया । ", "बचाव पक्ष द्वारा यह <नाम> <नाम> गया कि <नाम> तो उसके पाससे कोई बरामदगी है और <नाम> ही उसके द्वारा कोई चोरी की गयी थी। सह अभियुक्त के बताने के आधार <नाम> उसका नाम <नाम> में आया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_680_201901-07-2019524
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{ "facts-and-arguments": [ "्रार्शी/ अभियुक्त न्यायालय के आदेश दिनांक-21.06.2019 सेअन्तरिम जमानत <नाम> है तथा नियमित जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> सुनवाई के लिएन्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर आत्मसमर्पण किये है। अभियोजन कथानक के अनुसार घटना दिनांक-06.08.2017 सुबह 9बजे लगभग की है। प्रार्थी को मोबाइल <नाम> मो0नं<फ़ोन-नंबर> कुछ दिनों से फोनआ रहा था जो अश्लील बाते करता था। वह नम्बर <नाम> का था। इसक बारे मेंविमलेश से पूछा और समझा बूझाकर केशव गोड़ के खेत में रोपाई करने चले गयेकुछ देर <नाम> विमलेश,लक्षिमन व बलिराम तीनों मोटर साइकिल <नाम> बैठकर केशव केखेत <नाम> आये माधर चोद व भोषड़ी की गाली <नाम> देते हुए लाठी डन्‍्डे व लातमुक्का से मारे पीटे तथा <नाम> से मारने की धमकी दिये। जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी को झूठारंजिश वश फंसा <नाम> गया है। उसने कोई जुर्म नहीं किया है, वह निर्दोष है। घटनादिनांक-06.08.2017 को 9 बजे <नाम> की बतायी गयी है जिसकी रिपोर्ट काफी विलम्बसे दिनाक-17.04.2018 को समय 20.15 <नाम> <नाम> की गयी है थाने की दूरी 2किमी. है प्रथम सूचना रिपोर्ट में विलम्ब है विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण नहीं हैइसप्रकार प्रथम सूचना रिपोर्ट विश्‍वसनीय नहीं है। उपरोक्त घटना से प्रार्थी का किसीप्रकार का कोई संबंध नहीं है <नाम> तो प्रार्थी ने गाली गलौज <नाम> <नाम> तो मार पीट किया, लगाया गया आरोप गलत है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नही है। अतः प्रार्थीको जमानत/ मुचलिका <नाम> <नाम> किया जाय। अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुये कथनकिया गया कि अभियुक्त <नाम> अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मुकदमा वादी को मारपीटकर गंभीर उपहति कारित करने व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग <नाम> <नाम> सेमारने की धमकी देने का गंभीर आरोप है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं राज्य की ओर से <नाम> अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना तथा केस डायरी व प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि संबंधितप्रपत्रों व पत्रावली का सम्यक अवलोकन किया। वादी मुकदमा <नाम> अनुपस्थित है। जबकि वादी मुकदमा को जारी नोटिस बजात खास तामीला है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्तगण विमलेश, <नाम> वबलिराम उर्फ बलराज मौर्या क विरूद्व भा.दं.सं. की धारा-323,504,506 के अपराध काअभियोग पंजीकृत है। प्रार्थी/ अभियुक्त क विरूद्व उक्त धाराओं के अतिरिक्तधारा-3(2) 5क एस.सी.एस.सी.एक्ट का अभियोग है। उपहति आख्या के अनुसार यद्यपिवादी के शरीर <नाम> तीन अदद चोट दृष्टिगोचर हो रहे है परन्तु धारा-506 भा.दंसं.-..2 —2—व धारा-3(2) 5क एस.सी.एस.टी. के अतिरिक्त सभी अपराध जमानतीय <नाम> की है। विधि व्यवस्था के अनुसार भारतीय दण्ड <नाम> के अपराध की गंभीरता के आधार परही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अपराधकी गंभीरता <नाम> जायेगी। प्रथम सूचना रिपोर्ट में कहीं भी जाति सूचक शब्दों काप्रयोग करते हुए गाली देने का उल्लेख नहीं है। पूर्व में <नाम> अभियुक्तों की जमानतहो चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1103_201924-09-2019789
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी बसन्ती देवीने दिनांक 20.06.2019 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को लिखित सूचना <नाम> किअभियुक्तगण उसके दूर क रिश्तेदार हैं। दिनांक 02.06.2019 को उसके <नाम> 3.00बजे दोपहर उससे यह कहकर घर से गये थे कि वह ग्राम <नाम> रिश्तेदारी में जारहा है। दिनांक 04.06.2019 को 9 बजे <नाम> वादिनी के जेठ के मोबाइल परसूचना <नाम> की उसके <नाम> की मृत्यु हो गयी है। उपर्युक्त सूचना <नाम> वादिनी,उसके जेठ गया <नाम> <नाम> सीताराम व उसके गांव के <नाम> सहाय <नाम> कल्लूगुप्ता, <नाम> <नाम> व धीरज <नाम> दिनांक 05.06.2019 को सुबह 8 बजे ग्रामदीवा पहुंचे तो मालूम हुआ कि लाश सामुदायिक स्वास्थ्य <नाम> घोरावल में पड़ीहुई है। वादिनी जब सामुदायिक स्वास्थ्य कन्द्र, घोरावल पहुंची तो <नाम> किउसके <नाम> के शरीर <नाम> काफी चोटें थी और नाक, मुंह से खून निकला हुआथा। थाना-घोरावल की पुलिस ने उसके <नाम> का पोस्टमार्टम कराया जिसमें भीकाफी चोटें <नाम> एवं <नाम> घोंटना <नाम> है। वादिनी ने इस घटना की सूचनाथाना घोरावल में दिया। थाना घोरावल की पुलिस द्वारा <नाम> तो वादिनी की रिपोर्टलिखी गयी और <नाम> ही थाना घोरावल की पुलिस विपक्षीगण के विरुद्ध कोईआवश्यक कार्यवाही किया । उसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> उचित एवंआवश्यक कार्यवाही करने का आदेश पारित किया जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। प्रार्थी-अभियुक्त को फर्जी ढंग से नामित किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त नेकोई अपराध नहीं किया है। प्रार्शी-अभियुक्त वादिनी का दूर का रिश्तेदार है। प्रथम सूचना रिपोर्ट 17 <नाम> <नाम> विलम्व से दर्ज करायी गयी है। विलम्ब काकोई स्पष्टीकरण नहीं <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्त की मृतक से कोई रंजिशनहीं थी। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त मजदूरीकरके अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करता है। ", "...2 9अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त की पत्नी से मृतक का अवैध सम्बन्ध था जिसकी जानकारी्रार्थी-अभियुक्त को हो गयी थी। उसी रंजिश को लेकर प्रार्थी-अभियुक्त अन्यअभियुक्त के साथ मिलकर मृतक को मार-पीटकर उसकी <नाम> दबाकर इत्याकर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के शरीर <नाम> 8 चोटें पायी गयीहैं। अपराध कारित करने में प्रार्थी-अभियुक्त की संलिप्तता पायी गयी है। अपराधगम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि वह जान-पहचान का होने केकारण मृतक को इलाज <नाम> अस्पताल ले जा रहा था। उसके द्वारा इस प्रकारकी कोई घटना कारित नहीं की गयी थी। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया है कि जब मृतक इस अभियुक्त केसम्पर्क में आया, उस समय जीवित था। उसके <नाम> मृतक की मृत्यु किनपरिस्थितियों में हुई यह भी स्पष्ट करने का दायित्व अभियुक्त का है क्योंकिपोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक की <नाम> दबाकर हत्या की गयी है तथामृतक के शरीर <नाम> 8 अदद चोटें दृष्टिगोचर हो रही हैं। ", "जहां <नाम> विलम्ब से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने का प्रश्‍नहै, पुलिस द्वारा यदि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने में हीला-हवाली एवं विलम्बकिया गया तो इसके लिए अभियोजन पक्ष अथवा वादिनी को <नाम> नहीं कहा जासकता। " ] }
0DENIED
Bail Application_664_202126-04-202110
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रामधनी पुत्र स्व0सुकुल, निवासी ग्राम बैरपुर, टोला सागरदह, थाना ओबरा जिला सोनभद्र ने दिनांक11.09.2020 को थाना ओबरा जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराया कि उसकी लड़की पीड़िता उम्र करीब 14 वर्ष दिनाक 22.08.2020 को सुबहघर से शौच करने के लिये गयी थी। जब लड़की घर नहीं लौटी तो प्रार्थी व परिवार केलोग उसकी खोज-बीन करने लगे। गॉव के लोगों से जानकारी <नाम> कि उसकीलड़की को <नाम> उर्फ बल्ला पुत्र फागू <नाम> बहला फुसला <नाम> कहीं भगा ले गया है। जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई <नाम> धारा-15ए अनुसूचित जाति एवंअनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमा कोनोटिस जारी किया गया है। वादी मुकदमा को प्रेषित नोटिस बजात खास तामील होतेहुए भी वादी मुकदमा की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा उपरोक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमा की नाबालिग पुत्री को उसे अनुसूचित जातिकी लड़की जानते हुये बहला फुसला <नाम> उसका व्यपहरण किया गया है। अभियुक्तद्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। उक्त आधार <नाम> जमानत का प्रबल विरोधकिया गया। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजकके तर्को को सुना तथा पत्रावली का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थीको वादी मुकदमा द्वारा फर्जी व झूठे मुकदमा में फसा <नाम> गया है। प्रार्थी बेकसूर हैउसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। अभियोजन कथानक मनगढ़न्त एवं सत्यता सेपरे है। सत्यता यह है कि प्रार्थी से पीड़िता प्यार करती थी जिससे पीड़िता के घर वालेनाराज थे। इसी <नाम> से पीड़िता दिनांक 22.08.2020 को <नाम> बताये घर से कहींचली गयी। प्रार्थी ने पीड़िता को बहला फुसला <नाम> भगाया नहीं है। धारा-164 दण्डप्रकिया <नाम> के बयान में पीड़िता ने प्रार्थी द्वारा बहला फुसला <नाम> उसे भगा ले जानेका कोई बयान नहीं <नाम> है। प्रार्थी के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं का कोई अपराध नहींबनता है। पीड़िता पूर्ण <नाम> से बालिग है। पीड़िता की बरामदगी वादी के घर से दिनांक31.10.2020 को हुई है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट 21 <नाम> विलम्ब से सोच समझकर कानूनी <नाम> लेकर दर्ज करायी गयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास...2 ooनहीं है। अभियुक्त दिनांक 02.11.2020 से जेल में निरूद्ध है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा प्रशम सूचनारिपोर्ट एवं पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त द्वारा अनुसूचित जाति कीनाबालिग पीड़िता को बहला फुसला <नाम> उसका व्यपहरण करने का अभियोग है। दौरानविवेचना पीड़िता ने धारा-161 दण्ड प्रकिया <नाम> के तहत विवेचक को दिये गये बयानमें कहा है कि हम दोनों में बात-चीत होता था। कहा कि चलो हमारे साथ रहो अब हमदोनों <नाम> भर साथ रहेंगे। वहाँ ले जकर अच्छे से रखा। हम दोनों <नाम> पत्नी कीतरह रहते थे। इसी प्रकार पीड़िता ने धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> के अन्तर्गत दियेगये बयान में यह कहा है कि कुछ <नाम> पहले <नाम> गुर्जर पुत्र फगुल्ली के साथसिंगरौली गयी थी। <नाम> मेरे गॉव का रहने वाला है। मेरी <नाम> से बात होती थी। मैंउसको भगा के ले गयी थी। <नाम> सिंगरौली में <नाम> करता था। मैं <नाम> भी <नाम> केसाथ रहना चाहती हूँ। <नाम> भर उसके साथ रहना चाहती हूँ। प्रस्तुत मामले की घटनादिनांक 22.08.2020 की बतायी गयी है जबकि घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट काफीविलम्ब से दिनांक 11.09.2020 को पंजीकृत करायी गयी है। घटना का कोई स्वतंत्रसाक्षी नहीं है। अभियुक्त दिनांक 02.11.2020 से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_964_201927-08-201924
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियाजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि आज दिनांक 16.08.2019 को बायोमेट्रिक इंचार्ज निरीक्षक / कार्यराजेश <नाम> एवं सहायक कमाण्डेंट <नाम> पाल द्वारा 4 अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिकमिलान के दौरान अंगूठा का निशान एवं फोटो का मिलान नहीं हो पाया जिससेपता चलता है कि वे अभ्यर्थी धोखाधड़ी करके भर्ती प्रकिया में शामिल होना चाहतेथे जिन्हें समय रहते चिन्हित <नाम> लिया गया जिसके उपरान्त प्राथमिकी बनाकरकानूनी कार्यवाही <नाम> सुपुर्द किया जाता है तथा सबूत के तौर <नाम> सम्बच्धितकागजात भी प्रस्तुत किया जाता है। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी निर्दोष हैं। उसकेद्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। प्रार्थी गलत नाम व पता से <नाम> नहींदे रहा था बल्कि अपने नाम व पता से ही <नाम> में शामिल हुआ था। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त का बायोमेट्रिक मिलान के दौरान अंगूठा का निशान व फोटोनहीं मिल रहा था जिससे स्पष्ट है कि प्रार्थी-अभियुक्त धोखा-धड़ी करक परीक्षामें शामिल होना चाहता था। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किये गये अन्य अभियुक्तगण कीसमतुल्यता चाही गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त की <नाम> अन्य अभियुक्तगण से भिन्ननहीं दर्शायी गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1101_201927-09-2019764
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि दिनांक 10.09.2019 की रात 12 बजे वह घर में <नाम> रहा था। उसका लड़का <नाम> पेशाब करने उठा तो <नाम> कि घर के ओसार में लगा बल्बनहीं जल रहा है। उसे जगाया। तब वह तथा उसका लड़का <नाम> बल्ब कोजलाने के लिए घर क अन्दर लगे बोर्ड की तरफ गये । घर के अन्दर का बल्बजल रहा था। घर के अन्दर एक व्यक्ति अपना मुंह <नाम> दुपट्टे से बांधे हुए घरमें रखे हुए होम थिएटर का बाजा लेकर बाहर <नाम> से भागने लगा। तब वे दोनोंजोर से चिल्लाये । घर के सभी लाग जग गये तथा आस-पास के लोग भी आगये। बाहर अन्धेरा होने के <नाम> चोर बाजा सहित बाहर <नाम> चारपाई सेलड़कर गिर गया जिससे उसके हाथ- मुंह आदि जगहों <नाम> चोट आयी। तब उनलोगों ने 100 नम्बर <नाम> फोन करके पुलिस को बुलाया। पुलिस आयी। पुलिस नेपकड़े गये व्यक्ति का नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम नन्दलाल बताया। चोरी का होम थिएटर को पुलिस व काफी लोगों ने मौके <नाम> देखा। 100 नम्बरकी पुलिस ने चोर को पकड़ <नाम> थाने ले गयी। आज दिनांक 11.09.2019 कोवह तथा उसका लड़का चोरी का सामान होम थिएटर तथा प्रार्थना पत्र लेकरथाने आये हैं। रिपोर्ट लिखकर उचित कार्यवाही की जाय । ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेगलत तरीके से फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसेरंजिशवश फंसाया गया है। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्राथी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त को चोरी का सामान होम थिएटर चुराकर भागते समय वादी वअन्य लोगों द्वारा घटना स्थल <नाम> ही पकड़ा गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "यह सही है कि अभियुक्त को घटना स्थल <नाम> ही पकड़ा गया तथाउसके कब्जे से होम थिएटर का स्पीकर भी बरामद किया गया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1569_202004-12-2020200
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा तर्क किया गया कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी के अधिवक्ता द्वारा बताया गया था कि आरोप विरचन की <नाम> के संबंध में बतायाजायेगा परन्तु दिनांक 25.11.2020 को प्रार्थी को ज्ञात हुआ कि उसके विरूद्ध अजमानतीयवारण्ट हो गया है। प्रार्थी का अजामनतीय वारण्ट निरस्तीकरण प्रार्थना पत्र निरस्त हो जानेकारण प्रार्थी विगत सात दिनों से जिला कारागार में निरूद्ध है। अतः प्रार्थी को जमानत पररिहा किया जाय। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा जमानत का प्रबल विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान विशेष लोक अभियोजक कोसुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया। ", "मामले से सन्दर्भित मूल पत्रावली न्यायालय के समक्ष पेश की गयी, जिसकेअवलोकन से ज्ञात होता है कि प्रार्थी/अभियुक्त पूर्व से ही विद्वान मजिस्ट्रेट / सी०जे0एम0,सोनभद्र के आदेश दिनांकित 09.09.2015 द्वारा जमानत <नाम> <नाम> किया गया है। प्रस्तुतमामले के आरोप पत्र के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि मामले में 13 अभियुक्तगणनामजद हैं। मूल पत्रावली में पारित आदेश दिनांकित 27.01.2020 से यह प्रकट होता है किआरोप पत्रित अभियुक्तगण में से कुल तीन अभियुक्तगण की मृत्यु हो चुकी है एवं मृतअभियुक्तगण की फौती आख्या के सत्यापन की प्रत्याशा में प्रस्तुत मामले में आरोप विरचितनहीं किया जा सका है। मूल पत्रावली में कागज संख्या 46क के अवलोकन से यह स्पष्ट हैकि प्रार्थी दिनांक 25.11.2020 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अजमानतीय अधिपत्रके निरस्तीकरण <नाम> प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था जो प्रार्थी द्वारा जमानत का दुरूपयोग कीअवधि के दृष्टिगत निरस्त किया गया। प्रार्थी/अभियुक्त दिनांक 26.11.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_997_201931-08-20191041
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 14.08.2019को उपनिरीक्षक पुरूषोत्तम मय हमराही पुलिसकर्मियों के साथ देखभाल <नाम> जांचप्रार्थना पत्र पेन्डिंग विवेचना चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति में <नाम> बस स्टैण्ड परमौजूद थे तो जरिए मुखबिर खास सूचना <नाम> कि मैजिक टाटा गाड़ी नं. यू०पी063 ए०टी0/0729 में दो व्यक्ति डीजल टंकी से डीजल चोरी करके टाटा मैजिकगाड़ी में रखकर 03 ड्रम 200-200 लीटर के है। तीनों ड्रमों में 600 लीटर चोरीका भरकर <नाम> से आने वाले है। इस सूचना <नाम> विशवास करके हमराहीकर्मचारीगण को अवगत कराते हुए मुखबिर द्वारा बताये हुए स्थान क लिए प्रस्थानकिया तो ओवर ब्रिज के पास छिपकर वाहन का इंतजार करने लगे। अहरौरा रोड़की तरफ से एक सफेद रंग की टाटा मैजिक आती हुई दिखाई दी, जिसेनजदीक मण्डी के पास पूरब रोड़ के पास आने <नाम> उसे रूकने का टार्च कीरोशनी में इशारा करते हुए रोक लिया गया तो गाड़ी में बैठे व्यक्ति भागने काप्रयास <नाम> ही रहे थे कि एक बारगी घेरकर दोनो व्यक्तियों को पकड़ लियागया। पकडे गये व्यक्तियों का नाम पता पूछने <नाम> चालक सीट <नाम> बैठे व्यक्ति नेअपना नाम <नाम> भरोस मौर्य व चालक के बगल में बैठे हुए व्यक्ति ने अपना नामशुभम <नाम> बताये। भागने का <नाम> पूछने <नाम> बताये कि गाड़ी में लोहे कीड्रमों में 600 लीटर डीजल, हम लोग <नाम> पुत्र अज्ञात, जो अहरौरा में रहता हैऔर उसके द्वारा टैंकरों व ट्रक के ड्राइवरों से <नाम> <नाम> करके टंकी में से चोरीसे तेल निकलवाकर इक्ठ्ठा करता है और उसी डीजल को बेचता है, उसीके यहां से डीजल खरीद <नाम> ले आ रहे थे और बेचने के लिए <नाम> ले जा रहेथे, पकड़े जाने की डर से भागने का प्रयास <नाम> रहे थे। पकड़े गये व्यक्तियों से..2 ooगाड़ी व डीजल के सम्बन्ध में कागजात मांगा गया तो नहीं दिखा सके। अतःउनको गिरफतारी का <नाम> बताते हुए समय समय 22.30 बजे अभियुक्तगणतथा बरामदशुदा टाटा मैजिक नं0 यूएपी0 63 ए0टी0/ 0729 मय 03 डूम डीजल600 लीटर भरे <नाम> में कब्जा ले लिया गया तथा कागजात के अभाव में टाटामैजिक उपर्युक्त को धारा-207 एम0वी0 एक्ट में सीज <नाम> <नाम> गया। फर्दबरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। सहअभियुक्त शुभम <नाम> की जमानत दिनांक 27.08.2019 को स्वीकार की जा चुकीहै। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर तीन डूम में छ: सौ लीटरडीजल चोरी करक बेचने <नाम> ले जा रहा था। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि उसके पास अपना ट्रैक्टर भी हैतथा खेती-बारी भी है इसलिए वह अपनी खेती-बारी के कार्य के लिए ड्रम मेंडीजल भरकर ला रहा था जिसे पकड़ लिया गया है जबकि उसके द्वारा कोईचोरी नहीं की गयी । यह सही है कि अभियुक्त द्वारा उक्त डीजल कय कियेजाने सम्बन्धी रसीद दाखिल नहीं की गयी है परन्तु अभियोजन पक्ष भी उक्तबरामदशुदा डीजल को किसी चोरी की घटना से सम्बद्ध नहीं <नाम> सका है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_786_202004-07-2020251
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "04.07.2020अभियुक्त मोहम्मद नौशाद की ओर से यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था प्रार्थी नियततिथि <नाम> न्यायालय हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्टनिर्गत हो गया। प्रार्थी गरीब आदमी है। <नाम> के सिलसिले में मजदूरी करने हेतुबाहर चला गया था। इसलिए नियत <नाम> <नाम> वह न्यायालय उपस्थित नहीं आया। अभियुक्त दिनांक 16.08.2019 से जेल में निरूद्ध है। प्रार्थी ने जानबुझकर कोईलापरवाही नहीं किया है। प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> हाजिर आता रहेगा। अतः जमानतप्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। नियत <नाम> <नाम> <नाम> आने के <नाम> अभियुक्त केविरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी <नाम> <नाम> गया। अभियुक्त दिनाक 13.12.2019से जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त ने जानबूझकर कोई लापरवाही नहीं किया है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के <नाम> प्रकरणकी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जामनतीय वारण्ट जारी कियागया। कोर्ट मुहर्रिर के अनुसार अभियुक्त इस मुकदमें में दिनांक 13.12.2019 से जेलमें निरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_328_202108-03-2021410
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{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-1345,//2020 में पारित आदेश दिनांकित 07.11.2020 द्वारा निरस्त कियागया। ", "नियमित जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई के समय वादिनी न्यायालय केसमक्ष उपस्थित हुई तथा आभूषण की कय रसीद न्यायालय के समक्ष अवलोकनार्थप्रस्तुत की । ", "प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र <नाम> प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेषलोक अभियोजक व वादिनी के विद्वान अधिवक्ता को पूर्व में सुना जा चुका है एवंआज प्रार्थना पत्र आदेश <नाम> पेश है। ", "प्रार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क किया गया कि वादिनी की तहरीरके आधार <नाम> मुकदमा अपराध संख्या 113//2020 <नाम> 147,148,323,504,506 ,394भा०दं0सं० सपठित <नाम> ३(2)(४)अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति(अत्याचारनिवारण) अधिनियम,1989 के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया जबकि विवेचना केउपरान्त विवेचक द्वारा <नाम> 394 भा०दं0सं0 का लोप <नाम> <नाम> गया है, जिसकीवजह से प्रार्थी का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज <नाम> <नाम> गया। विद्वानअधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क किया गया कि सह-अभियुक्तगण की जमानत होचुकी है तथा प्रार्थी विगत पांच माह से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधारपर जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष लोक अभियोजक एवं वादिनी के विद्वान अधिवक्ता द्वाराजमानत प्रार्थना पत्र का प्रबल विरोध करते हुए यह तर्क किया गया कि वादिनीद्वारा अपने बयान अन्तर्गत <नाम> 161 दण्ड प्रकिया <नाम> में नाक की सोने की 2फोफी व गले का लॉकेट प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा नोच लिये जाने के कथन कासमान <नाम> से वादिनी ने अपने बयान अंतर्गत <नाम> 164 में समर्थन किया गया है,जो प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को निरस्त किये जाने <नाम> पर्याप्त है। ", "न्यायालय द्वारा अभियुक्त की ओर से दाखिल प्रशम जमानत प्रार्थना पत्रसंख्या-1345,//2020 विवेचना के स्तर <नाम> ही पारित आदेश दिनांकित 07.11.2020 द्वारा निरस्त किया गया था। " ], "judge-opinion": [ "पत्रावली का अवलोकन किया । ", " पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता हैकि प्रस्तुत मामले में <नाम> 394 भारतीय दण्ड <नाम> का लोप करते हुए धारा147,148,323,504,506 भारतीय दण्ड <नाम> सपठित <नाम> 3(2)(४)अनुसूचित जातिऔर अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 के अन्तर्गत आरोपपत्र प्रेषित किया गया है। वादिनी द्वारा न्यायालय के समक्ष यह अधिकथित कियागया कि उसके नाक एवं कान की बाली नोची गयी थी। परन्तु पत्रावली में संलग्नचिकित्सीय आख्या में वादिनी के नाक व कान <नाम> कोई चोट दर्शित नहीं कियागया है। साथ ही जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-81/2021 में पारित आदेश दिनांकित30.01.2021 द्वारा सह-अभियुक्तगण <नाम> <नाम> व <नाम> <नाम> की जमानत उन्हींधाराओं में स्वीकार की जा चुकी है। कोर्ट मोहर्रिर की आख्यानुसार प्रार्थी / अभियुक्तदिनांक 14.10.2020 से जिला कारागार,सोनभद्र में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1144_201911-10-2019697
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 08.09.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ देखभालक्षेत्र व <नाम> गश्त करते हुए शिवाजी तिराहा <नाम> पहुंचकर आपस में बातचीत कररहे थे उसी समय मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि दो लोग 10 नम्बर कीपुलिया रेलवे लाइन के बगल की झाड़ियों में छिपकर चोरी की <नाम> बना रहेहै। इस सूचना <नाम> पुलिस कर्मचारीगण 10 नम्बर रेलवे पुलिया बलियानाला केपास पहुंचकर वाहन को खड़ा करके झाड़ियों की आड़ लेकर झाड़ियों में बैठेव्यक्तियों की बात सुनने लगे। उन्हें विशवास हो गया कि यह चोरी की टोली हैऔर चोरी करने की <नाम> बना रहे हैं। एकबारगी दबिश देकर दोनों व्यक्तियोंको पकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों में से एक ने अपना नाम शिवा गुप्ताबताया जिसकी तलाशी ली गयी तो उसके पास से एक आदद चाभी का गुच्छा वएक अदद प्लास्टिक का टार्च बरामद हुआ। दूसरे ने अपना नाम रामेश्‍वर उर्फबाबू बताया जिसकी तलाशी ली गयी तो उसके कब्जे से एक अदद <नाम> लोहेकी बरामद की गयी। इस आधार <नाम> अभियुक्तगण क विरुद्ध मुकदमा पंजीकृतकिया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसेझूठा फंसाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्त के साथ चोरी की <नाम> बनाते हुएगिरफ्तार किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "..2 9सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। प्रार्थी-अभियुक्तद्वारा बरामदगी से इंकार किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_486_201908-05-2019817
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी बासदेवपाण्डेय ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि दिनांक 29/ 30.05.2018 की <नाम> लगभग10.00 बजे जमीनी विवाद को लेकर गांव के <नाम> दूबे, श्रवण <नाम> <नाम> रामदूबे, मुन्ना <नाम> दूबे , बसन्ती <नाम> सन्तरा <नाम> एवं सुरसती <नाम> हाथ मेंलाठी-डण्डा व लोहे की राड लेकर एक <नाम> होकर उनके पिता लल्लन पाण्डेयको दरवाजे के सामने गाली-गुप्ता देते हुए मारने लगे। चिल्लाने <नाम> वादी तथाउनके <नाम> सियाराम जब मौके <नाम> गये तो उनके पिता <नाम> गिर पड़े थे। उनकोछोड़कर उपर्युक्त विपक्षीगण हम दोनों भाइयों को भी मारने लगे तथाभद्दी-भद्दी गालियां व <नाम> <नाम> की धमकी देते हुए चले गये। विपक्षीगण केजाने के <नाम> वे लोग जब पिता <नाम> के पास गये तो वह बेहोश थे। इस सूचनाके आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "प्रार्थिनी-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> किया गयाकि प्रार्थिनीगण निर्दोष हैं। प्रार्थिनीगण ने किसी को मारा-पीटा नहीं है। मात्रअभियुक्तगण के परिवार का होने के <नाम> उन्हें अभियुक्त बनाया गया है। वादीको आयी चोटें साधारण <नाम> की हैं। प्रार्थिनीगण के विरूद्ध <नाम> 308भा0दं0सं0 का अपराध नहीं बनता है। प्रार्थिनी सुरसती <नाम> की उम्र 71 वर्ष है। प्रार्थिनीगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए तर्क किया गयाकि प्रार्थिनी-अभियुक्तागण <नाम> अभियुक्तगण के साथ मिलकर वादी के पितालल्लन <नाम> को उसके घर के दरवाजे <नाम> लाठी-डण्डा से मारे-पीटे जिससेलल्लन <नाम> को गम्भीर चोटे आयी। प्रार्थिनी-अभियुक्तागण द्वारा गम्भीरअपराध किया गया है। प्रार्थिनी-अभियुक्तागण प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित हैं। घटना कारित करने में प्रार्थिनी-अभियुक्तगण की संलिप्तता पायी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "उभय पक्षों को यह स्वीकृत है कि प्रस्तुत मामले की एक कास केसप्रस्तुत केस के वादी के विरुद्ध दर्ज है। इस प्रकार अभियोजन पक्ष द्वारामार-पीट का तथ्य स्वीकार है। उभय पक्ष को यह भी स्वीकार है कि पक्षकारआपस में रिश्तेदार हैं । " ] }
1GRANTED
Bail Application_143_202017-02-2020296
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये अभियुक्त की ओर कथनकिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। ्रार्थी/ अभियुक्त के वाहन की सभी कागजात व खनन एवं परिवहन <नाम> निर्गत सभीप्रमाण पत्र वैध हैं किन्तु वाहन चालक द्वारा जानबूझकर या किसी अन्य कारणवशवाहन के सम्बन्ध में कागजात नहीं दिखा सका। थाना पुलिस द्वारा जबरिया चालानकर वाहन को सीज <नाम> <नाम> गया है। प्ररार्थी/ अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं हैं। प्रार्थी/ अभियुक्त निर्दोष हैं, उसे गलत तरीके से नामजद <नाम> लियागया है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। उक्त आधार <नाम> प्रार्थी / अभियुक्त नेअग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 31.01.2020को समय करीब 2.00 बजे बहद स्थान राबर्टसगंज मण्डी समिति के पास टी0आई0सोनभद्र, <नाम> निरीक्षक जी.क. <नाम> तथा सर्वेक्षक एस.के. पाल द्वारा उपखनिजो केअवैध परिवहन / निर्धारित <नाम> से अधिक उपखनिज परिवहन के मामले में वाहनसंख्या-यूपी. 64 एटी 5297 की आकस्म्कि जाँच की गयी, जिसमें जाच में पाया गयाकि उक्त वाहन <नाम> 30.00 घ0मी0 गिट्टी लोड था तथा वाहन चालक <नाम> द्वाराबताया गया कि उसके पास उक्त वाहन के सम्बन्ध में कोई परिवहन प्रपत्र मौजूदनहीं है। इस प्रकार <नाम> परिवहन प्रपत्र/अभिवहन पास के चोरी-छिपे उपखनिजलोड <नाम> अवैध <नाम> से परिवहन किया जा रहा था। उक्त आधार <नाम> वाहन चालकतथा वाहन <नाम> के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा अग्रिम जमानत का विरोध करते हुएकथन किया गया है कि यदि अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किया गया तोअभियुक्त द्वारा गवाहों को प्रभावित किये जाने तथा विवेचना में सहयोग <नाम> करने कीप्रबल सम्भावना है। ", "21 ooअभियुक्त ने उक्त अपराध के माध्यम से राजकीय धन की क्षति कारितकी है। उक्त आधार <नाम> अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया गया। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्षों के तर्का और अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है किप्रार्थी / अभियुक्त के वाहन का <नाम> है और प्रश्‍नगत वाहन के सम्बन्ध में उसके सभीकागजात व खनन एवं परिवहन <नाम> निर्गत सभी प्रमाण पत्र वैध हैं, किन्तु वाहनचालक द्वारा जानबूझकर या किसी अन्य कारणवश वाहन के सम्बन्ध में कागजात नहींदिखा सका। " ] }
1GRANTED
Bail Application_19_202011-02-2020355
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा /पीड़िता पुत्री स्व अखिलेशवर <नाम> निवासी <नाम> नगर चोपन, जनपदसोनभद्र ने थाना चोपन जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचनारिपोर्ट दर्ज करायी कि उसके पड़ोस का रहने वाला <नाम> कुशवाहा पुत्रबंशीधर कुशवाहा दिनॉक 20.05.2017 से उसे ट्यूशन पढ़ाता था। उसीदौरान उसको शादी का झॉसा देकर उसके साथ गलत <नाम> करने लगाऔर <नाम> भी उसके साथ गलत <नाम> <नाम> रहा है। दिनॉक 01.12.2019 कोउसे जानकारी हुई कि वह अपनी शादी किसी अन्य जगह करने जा रहा है। वादिनी द्वारा इस बात को पूछने <नाम> उसे गाली गलौज तथा <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुये भगा <नाम> । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी / अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै । अभियोजन कथानक गलत है। प्रार्थी रेलवे इण्टर कालेज चोपन में-...2 9संविदा <नाम> शिक्षक है। पीड़िता करीब 06 माह पूर्व से उसके यहाँ अन्य छात्रोंके साथ ट्यूशन पढ़ने आती थी और प्रार्थी <नाम> शादी करने के लिये दबावबनाने लगी। प्रार्थी द्वारा पीड़िता को शादी का झॉसा देकर उसके साथधोखाधड़ी नहीं की गयी है। पीड़िता बालिग है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा कोईअपराध कारित नहीं किया गया है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने कीयाचना की गयी हूै। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता को बहलाफुसला <नाम> उसे शादी का झॉसा देकर उसके साथ बलात्संग किया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतः जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में वादिनी मुकदमा / पीड़िता द्वारा अभियुक्त कोनामित करते हुये प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। दौरान विवेचनापीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> जो संलग्नकेस डायरी के पर्चा नं0-3 में <नाम> है उसमें यह कथन किया है कि वहबारहवीं <नाम> में पढ़ रही है। उसकी जन्मतिथि 07.03.2001 है। विशालकुशवाहा उसका पड़ोसी है तथा 25 <नाम> 2017 से उसे ट्यूशन पढ़ा रहा है। विशाल कुशवाहा ने उससे कहा कि वह उससे शादी करना चाहता है औरशादी का झॉसा देकर <नाम> 2017 से लगातार बुरा <नाम> करने लगा। केसडायरी में विवेचक द्वारा पीड़िता के हाई स्कूल प्रमाण पत्र का उल्लेख कियागया है जिसमें पीड़िता की जन्मतिथि 07.03.2001 <नाम> है। जिसके अनुसारपीड़िता घटना के समय नाबालिग दर्शित होती है। नाबालिग पीड़िता के साथअभियुक्त द्वारा शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किया गया है जो बलात्संग कीश्रेणी में आता है। चूँकि पीड़िता नाबालिग है अतः उसकी सहमति का कोईमहत्व नहीं है। मामले में विवेचना <नाम> प्रचलित है। मामला लैंगिक अपराधोंसे बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 से सम्बन्धित है। " ] }
0DENIED
Bail Application_841_201931-07-2019183
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी मुख्यचिकित्साधिकारी, सोनभद्र द्वारा थाने <नाम> सूचना दी गयी कि कथित झोला छापचिकित्सक अज्ञात, <नाम> हास्पिटल, ककराही, सोनभद्र जिसकी जांच उप मुख्यचिकित्साधिकारी / नोडल झोला छाप, सोनभद्र द्वारा डाक्टर द्वारा संचालितचिकित्सालय की गयी तो उक्त चिकित्सक <नाम> अज्ञात द्वारा <नाम> तो कोई डिग्री /पंजीकरण / मुख्य चिकित्साधिकारी, सोनभद्र द्वारा किया गया पंजीकरण हीदिखाया गया। अतः <नाम> हास्पिटल, ककराही के पास कोई वैध डिग्री नहींहै। यह झोला छाप चिकित्सक है। यह जन सामान्य नागरिका केजान-माल / स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ <नाम> रहे हैं। इनके खिलाफ मेडिकलकाउंसिल एक्ट 1956 की <नाम> 15 इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1970 कीधारा 17 व यूनाइटेड प्रोविजनल मेडिकल एक्ट की <नाम> 30 तथा भा0दं0सं0की <नाम> 420 क अन्तर्गत प्रथम सूचना दर्ज <नाम> कठोर कार्यवही करने का कष्टकरें। आज दिनांक 14.09.2017 को 12.20 बजे <नाम> हास्पिटल, ककराही,सोनभद्र का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय <नाम> <नाम> <नाम> को..2 ooआपरेशन के उपरान्त भर्ती किया गया था। <नाम> सुजीता को प्रसव <नाम> लायागया था। दोनों मरीजों को जिला चिकित्सालय जाने की सलाह दी गयी तथाश्रीमती <नाम> <नाम> को 108 से जिला चिकित्सालय राबर्दसगंज भेजा गया। निरीक्षण के समय कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। पंजीकरण मांगने <नाम> बतायागया कि कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी, सोनभद्र के यहां पंजीकृत नहीं है। श्रीसुमीत <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सरोज <नाम> गिरी उपस्थित थे जो कमश: मैनेजमेंट जीएनएम, एफ / डब्लू <नाम> कार्यरत बताये गये। <नाम> हास्पिटल कासंचालन नियमानुसार <नाम> होने के <नाम> <नाम> <नाम> रामजन्म के समक्ष सील कियागया। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणन तो <नाम> हास्पिटल में कार्यरत स्टाफ हैं और <नाम> ही उनका हास्पिटल से कोईवास्ता-सरोकार है। प्रार्थीगण को गलत तरीके से अस्पताल प्रबन्धन स्टाफ केतौर <नाम> नामित <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण <नाम> <नाम> सरोजकुमार व <नाम> दवा इलाज क सिलसिले में <नाम> हास्पिटल में गये थे। विवेचनामें किसी भी <नाम> द्वारा यह नहीं कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तगण हास्पिटलके कर्मचारी हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारा किसी प्रकार का कोई छल अथवाधोखा-धड़ी नहीं की गयी है। <नाम> 15/17/30 जमानतीय अपराध है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्तगण कथित <नाम> हास्पिटल जो मुख्य चिकित्साधिकारीकार्यालय में पंजीकृत नहीं था, में कार्य करते हुए जन सामान्य नागरिकों केजान-माल व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ <नाम> रहे थे। प्रार्थी-अभियुक्तगण द्वारागम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास अभियोजन पक्ष द्वाराप्रस्तुत नहीं किया गया है। विवेचना के दौरान कोई इस प्रकार का साक्ष्यउल्लिखित नहीं किया गया जिसके आधार <नाम> यह कहा जा सके किअभियुक्तगण <नाम> 420 भा०दं0सं0 के <नाम> हैं। आवेदकगण द्वारा यह कहा गयाहै कि वह लोग डाक्टर <नाम> क कर्मचारी नहीं हैं बल्कि डाक्टर <नाम> केअस्पताल में इलाज कराने गये थे, जहां <नाम> सरकारी डाक्टर <नाम> जो जांचकरने आये थे उन्होनें नाम पता पूछा तो आवेदकगण ने अपना नाम-पता बतादिया जबकि डाक्टर <नाम> जो जांच करने गये थे उन्होनें आवेदकगण को फर्जीकार्य करने वाले डाक्टर <नाम> का स्टाफ बनाकर आवेदकगण को प्रस्तुत मामलेमें अभियुक्त बना दिया। ", "बचाव पक्ष के उक्त तर्को को दृष्टिगत रखते हुए गुण-दोष परबिना कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्तगण को जमानत <नाम> रिहाकिये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_76_202028-01-2020587
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि दिनांक 13.01.2020 को उपनिरीक्षक मनाज <नाम> <नाम> हमराहियो के साथ देखभाल <नाम> <नाम> व्यवस्था क्षेत्ररोकथाम जुर्म जरायम में कसबा ओबरा से <नाम> मंदिर की ओर जा रहा था किगजराज नगर डाला तिराहे से डाला जाने वाले रोड के बायी पटरी <नाम> एक व्यक्तिप्लास्टिक का झोला लिए खड़ा दिखायी <नाम> पुलिस की जीप देकर एकाकए तेजकदमों से डाला की ओर जाने लगा कि शक होने <नाम> एक बारगी दबिश देकर10-15 <नाम> जाते जाते समय करीब 09.30बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गएव्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> पुत्र नन्दलालबताया। नियमानुसार जामा तलाशी ली गयी तो उसके दाहिने हाथ में लिए प्लास्टिकके झोले में एक किलो छ: सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ। गांजा रखने काअधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफ्तारीबताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित केहस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम कोथाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से बरामद गांजा वाणिज्यकमात्रा से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटनाका कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं किया गया है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मBail Application/150/2020 -State Government Vs. Mnoj Jaiswal 2(फौजदारी) द्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो छः: सौ ग्रामनाजायज गांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0०डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान सहायक जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया । ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो छ: सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो अल्पमात्रा से अधिक है। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास क संबध में कोई कथन नहींकिया गया है। अभियुक्त दिनांक 13.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_426_202116-03-2021328
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "16.03.2021अभियुक्त पीरू अंसारी पुत्र <नाम> निवासी झोपड़ी शिवापार्क रेनुकूट थानापिपरी जिला सोनभद्र की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। अभियुक्त का कथन है कि अभियुक्त मुकदमा उपरोक्त में जारी गैरजमानती वारण्ट <नाम> थाना पिपरी द्वारा गिरफूतार <नाम> जेल में निरूद्ध है। अभियुक्त केजेल में निरूद्ध रहने से उसके वृद्ध माता व पिता का जीविकोपार्जन नहीं हो पा रहाहै। अभियुक्त इस प्रकरण में नियत तिथियों <नाम> व्यक्तिगत <नाम> से उपस्थित होकरविचारण में पूर्ण सहयोग करेगा। अभियुक्त न्यायालय उपस्थित आने में जानबूझकरकोई लापरवाही नहीं किया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने कीयाचना की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त प्रकरण उपरोक्त में पूर्व में जमानत <नाम> था। मुकदमा उपरोक्त में <नाम> कीजानकारी नहीं हो सकी जिस <नाम> अभियुक्त के विरूद्ध न्यायालय द्वारा गैरजमानतीय वारण्ट का आदेश निर्गत <नाम> <नाम> गयां। अभियुक्त के विरूद्ध जारीवारण्ट के आधार <नाम> थाना पिपरी की पुलिस द्वारा अभियुक्त को पकड़कर जेल भेजदिया। अभियुक्त के वृद्ध माता पिता है। उनको देखने वाला कोई नहीं है। अभियुक्तन्यायालय हाजिर होने में कोई जानबूझकर लापरवाही नहीं किया है। भविष्य मेंअभियुक्त न्यायालय प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> उपस्थित आएगा किसी प्रकार का कोईहीला हवाली नहीं करेगा। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। यदिअभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़ा जाता है तो इस बात की <नाम> सम्भावना है कि उसकेद्वारा साक्षियों को प्रभावित किया जाएगा तथा प्रकरण के निराकरण में विलम्ब कारितहोगा। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> कीगयी है। ", "Bail Application/426/2021 -Piru Ansari Vs. State Government 2पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त के नियत तिथिपर उपस्थित <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त बृद्ध माता पिता है। उनको कोई देखने वाला नहीं है। अभियुक्त द्वाराकथन किया गया है कि उसे मुकदमा उपरोक्त में नियत <नाम> की जानकारी नही होपायी जिस <नाम> वह नियत <नाम> को न्यायालय उपस्थित नही आ सकां। अभियुक्तद्वारा यह भी कहा गया कि वह जानबूझकर न्यायालय उपस्थित आने में कोईलापरवाही नहीं किया है। वह भविष्य में प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थितआता रहेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1062_201916-09-2019865
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा पूनमपत्नी <नाम> निवासिनी ग्राम छपका, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र नेदिनॉक 18.08.2019 को कोतवाली राबर्टसगंज जिला सोनभद्र में इस कथन केसाथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि <नाम> पुत्र <नाम> किशुन ने दिनॉक15.08.2019 को समय लगभग 02:00 बजे <नाम> में उसकी लड़की पीड़िता ४%उम्र 14 वर्ष को बहला फुसला <नाम> शादी का झॉसा देकर भगा ले गया औरप्रार्थिनी को मारने-पीटने की धमकी दिया। उसकी लड़की को भगाने में बुद्धनीपत्नी <नाम> किशुन का भी हाथ है। उक्त लोग सरहंग व बदमाश किस्म केव्यक्ति हैं । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। अभियोजन कहानी गलत एवं बेबुनियाद है। प्रार्थी एक शादी-शुदा दोबच्चों का पिता है। प्रार्थी के पड़ोसी से उसका जमीनी विवाद कई माह पूर्व सेचल रही थी जिसमें वादिनी मुकदमा ने उस <नाम> फर्जी मुकदमा करके जेल 9भेजवाने की धमकी दी थी। वादिनी की पुत्री किसी अन्य के साथ गयी थीकिन्तु पुरानी रंजिश के वजह से प्रार्थी के विरूद्ध फर्जी तहरीर देकर उसे झूठामुकदमा में जेल भेजवाया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त ने कोई अपराध कारितनहीं किया है। प्रार्थी द्वारा वादिनी की लड़की पीड़िता को उसके विधिपूर्णसंरक्षक की संरक्षकता से व्यपहरण नहीं किया गया है और <नाम> ही उसनेपीड़िता को बहला फुसला <नाम> शादी का झॉसा देकर भगया है। विवेचना केदौरान धारा-376(3) भारतीय दण्ड <नाम> व धारा-5(0)/6 लैंगिक अपराधोंसे बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की बढ़ोत्तरी की गयी है। पीड़िताद्वारा अपने बयान में यह अभिकथन नहीं किया गया है कि प्रार्थी ने उसेबहला फुसला <नाम> शादी का झॉसा देकर बलात्कार किया है। प्रार्थी निर्दोष हैउसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त कोजमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यह तकप्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा वादिनी मुकदमा की नाबालिग पुत्रीपीड़िता उम्र 14 वर्ष को बहला फुसला <नाम> शादी का झॉसा देकर उसकाव्यपहरण किया गया। तत्पश्चात्‌ अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ बलात्कारकिया गया है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। उक्तआधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रं का अवलोकनकिया गया। " ] }
0DENIED
Bail Application_478_202124-03-2021223
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "24.03.2021अभियुक्त <नाम> गिरी पुत्र स्व0 जिलाजीत गिरि निवासी तिरनाहीपोस्ट बिच्छी थाना राबर्दसगंज जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रशम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 10.03.2021 कोउप निरीक्षक योगेन्द्र <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ चौकी हाजा से प्रस्थान करदेखभाल <नाम> रोकथाम जुर्म जरायम, तलाश वारण्टी में दरोगा <नाम> की गलीशीतला चौक होते हुए चण्डी होटल तिराहे <नाम> संदिग्ध वाहन एवं व्यक्तियों कीचेकिंग <नाम> रहा था कि थोड़ी देर <नाम> स्वाट टीम के प्रभारी <नाम> कुमारत्रिपाठी मय हमराह आ गए। आपस में अपराध एवं अपराधियों के बारे में बातचीतकरने लगे कि जरिए मुखविर खास बताया गया कि एक व्यक्ति सफेद रंग कीस्कार्पिया गाड़ी से मादक पदार्थ लेकर <नाम> से आ रहा है। यदि जल्दी कियाजाय तो पकड़ा जा सकता है। इस सूचना <नाम> विश्‍वास <नाम> पुलिस <नाम> चण्डीहोटल तिराहे से फूलाई ओवर से आगे कट से घुमकर पूरब पटरी पकड़करफूलाई ओवर के नीचे किनारे वाले रास्ते से पकरी रोड बाईपास <नाम> वाहनों कोकिनारे खड़ा करके <नाम> से राबर्टसगज की ओर आने वाले उक्त स्कार्पियों काइन्तजार करने लगे कि थोड़ी देर <नाम> उक्त स्कार्पियों गाड़ी फलाई ओवर केकिनारे वाली पटरी पकड़कर आती दिखायी दी कि जैसे ही उक्त गाड़ी पुलिसवालों के नजदीक आकर पकरी बाईपास रोड <नाम> घूमी कि उसको रूकने काइशारा किया गया तो उक्त स्कार्पियों का चालक <नाम> करके भागना चाहा किहिकमत अमली का प्रयोग करते हुए तिराहे से करीब 25-30 मीटर जाते जातेगाड़ी को रूकवा लिया गया तो चालक से नाम पता पूछते हुए गाड़ी को तेजकरके भागने का <नाम> पूछा गया तो वह अपना नाम <नाम> गिरी पुत्र स्व0जिलाजीत गिरि निवासी तिरनाही पोस्ट- बिच्छी थाना राबर्दसगंज जिला सोनभद्रबताया तथा भागने के बारे में अपने पहने हुए जीन्स क पैण्ट की बायी जेब मेंनाजायज हेरोइन बताया। नियमानुसार अभियुक्त की जामा तलाशी ली गयी तोपहने जीन्स की पैण्ट के बायी जेब में सफेद पारदर्शी पन्नी में 65 ग्राम नाजायजहेरोइन बरामद हुआ। पकड़े गए उक्त स्कार्पियों के कागजात तलब किया गयातो वह नहीं दिखा सका। उक्त वाहन को एम0०वी0एक्ट की धारा-207 केअन्तर्गत कार्यवाही की गयी। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर समयकरीब 11.25 बजे हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्वसंबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकर <नाम> Bail Application/478/2021 -Sanjay Giri Vs. State Government 2मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त निर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उनके पाससे कोई नाजायज हेरोइन बरामद नहीं हुआ है। फर्जी बरामदगी दिखाकरचालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। पुलिस द्वाराएन0डी0पी0एस0एक्ट की धारा-50 व अन्य महत्वपूर्ण प्राविधानों का पालन नहीकिया गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अभियुक्त निहायतगरीब आदमी है। वह गाड़ी चलाकर अपना तथा अपने परिवार का पालन पोषणकरता है। अभियुक्त अपनी बूढ़ी मां का मात्र एक सहारा है। अभियुक्त दिनांक10.03.2021 से जिला कारागार सोनभद्र में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोाजक द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के कब्जे से 65 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद हुआ है, जोअल्प <नाम> से काफी अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट कप्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। क्षेत्राधिकारी नगर कीउपस्थिति में अभियुक्त की तलाशी ली गयी। अभियोजन द्वारा अभियुक्त काआपराधिक इतिहास होने का कथन किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध इसअपराध से पूर्व मु०अ0सं०-850/2013 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी०एस0०एक्ट थाना राबर्टसगज जिला सोनभद्र एवं मु0अ0सं0-1386/ 2009अन्तर्गत धारा-109,41 दण्ड प्रकिया <नाम> थाना राबर्ट्सगज जिला सोनभद्र मेंअभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराधमें लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारोंपर जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रं के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त ककब्जे से 65 ग्राम नाजायज हेरोइन बरामद होना कहा गया है, जो अल्प <नाम> सेकाफी अधिक है। अभियोजन द्वारा अभियुक्त का आपराधिक इतिहास होने काकथन किया गया है। अभियुक्त के विरूद्ध इस अपराध से पूर्वमु0अ0सं0-850/2013 अन्तर्गत धारा-8/21 एन0डी0पी0एस०एक्ट थानाराबर्दसगज जिला सोनभद्र एवं मु0अ0सं0-1386/2009 अन्तर्गत धारा-109,41दण्ड प्रकिया <नाम> थाना राबर्द्सगज जिला सोनभद्र में अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त के पास से बरामद हेरोइन की <नाम> एवं अभियुक्त का पूर्व में पंजीकृतअपराधिक इतिहास से स्पष्ट है कि अभियुक्त एक आपराधिक मन:स्थिति काव्यक्ति प्रतीत होता है। " ] }
0DENIED
Bail Application_972_201911-09-2019955
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 02.05.2019 कोप्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथदेखभाल <नाम> में मामूर थे तो ग्राम औड़ी में <नाम> के लोगों द्वाराबताया गया कि प्रवीन <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> सूरज <नाम> अजयभारती <नाम> <नाम> का एक संगठित गिरोह है। इस गैंग का लीडरप्रवीण <नाम> है तथा <नाम> <नाम> <नाम> सूरज <नाम> <नाम> <नाम> वसतीश <नाम> इस गैंग के सकिय सदस्य है। जो अपने तथा अपनेसाथियों के लिए आर्थिक भौतिक एवं दुनियाबी <नाम> को अर्जित करनेके लिए लूट <नाम> धन अर्जित करना तथा भौतिक <नाम> प्राप्त करनाइनका मुख्य पेशा है। जिससे समाज में <नाम> भय व आंतक व्याप्त है। इनके डर एवं भय के <नाम> इनक विरूद्ध कोई शिकायत करने कीकोई हिम्मत नहीं जुटा पाता है। इनके विरूद्ध अपराध संख्या141/2018 अन्तर्गत <नाम> ३95,412 भा0द0सं0 का अपराध पंजीकृतहोकर विवेचना के उपरान्त पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने <नाम> आरोप पत्रसंख्या-32/2019 व ३2ए/2019 दिनांक 18.04.2019 को न्यायालय मेंप्रेषित किया जा चुका है। गैंग लीडर प्रवीन <नाम> अपने गैंग केसंकिय सदस्यों के साथ मिलकर भा०द0सं0 के अध्याय 17 व 22मेंवर्णित अपराधों को करने के अभ्यस्तः अपराधी है। <नाम> स्वच्छन्दसमाज में रहना ठीक नहीं है। इनके विरूद्ध गैंग चार्ट जिलाधिकारीद्वारा दिनांक 02.05.2019 को अनुमोदित किया जा चुका है। गैंग लीडरप्रवीन <नाम> तथा सदस्य <नाम> <नाम> <नाम> सूरज गुप्ता,अजय भारतीव <नाम> <नाम> के विरूद्ध धारा-3(1) उ0 प्र0 गिरोहबन्द एवं समाजविरोधी किया कलाप निवारण अधिनियम 1986 का अभियोग पंजीकृतकिया गया। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान वरिष्ठअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्धअभियोजन प्रपत्रों का परिशीलन किया । ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ताद्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त को फर्जी फंसायागया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसे अपराधों में कभीलिप्त रहा हैं। गैंग चार्ट में अभियुक्त के विरूद्ध एक मुकदमे काउल्लेख किया गया है। उक्त मुकदमें में अभियुक्त की जमानत स्वीकारकी जा चुकी है। उक्त मुकदमे में अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। ", ".2/ —2—अभियुक्त का अन्य काई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त अपराधमें सह-अभियुक्त <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> की जमानतदिनांक 25.06.2019 को स्वीकार की जा चुकी है। उपरोक्त आधारों परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट मेंअभियुक्त के विरूद्ध भारतीय दण्ड <नाम> का गम्भीर मामले दर्शायागया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का सक्िय सदस्य है और गैंगलीडर के साथ सदस्यगण आर्थिक एवं भौतिक <नाम> लेने के लिएगम्भीर अपराधिक कृत्य करते है। अभियुक्त के जमानत <नाम> छूटने सेउनके पुनः अपराधिक कृत्यों में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है, साथही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से भीइन्कार नहीं किया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1022_202019-09-2020800
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "19.09.2020अभियुक्त <नाम> <नाम> रवानी पुत्र <नाम> रवानी निवासी कोहरौलशक्तिनगर थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 25.08.2020 को उपनिरीक्षक ज्ञानेन्द्र <नाम> इमराहियों के साथ देखभाल <नाम> तलाश वांछित अभियुक्तजांच प्रार्थना पत्र में <नाम> बाजार में खड़े होकर आपस में अपराध एवं अपराधियों केबारे में बात <नाम> रहा था कि मुखबिर खास ने आकर सूचना <नाम> कि एक व्यक्तिकोहरौल बाजार में बस स्टाप के पास एक झोले में गांजा लेकर खड़ा है तथा कहींजाने क फिराक में है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौके <नाम> बस स्टापपहुचकर एक बारगी दबिश देकर धेरकर समय करीब 07.10 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम <नाम> <नाम> रवानीपुत्र <नाम> रवानी निवासी कोहरौल शक्तिनगर थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्रबताया। नियमानुसार उसकी जामा तलाशी ली गयी तो हाथ में लिए प्लास्टिक केझोले में अखबारी कागज में लिपटा हुआ पांच किलो नाजायज गाजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त कोकारण गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकरसर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द की नकल अभियुक्त को देकरमाल मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम कराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त एक गरीब आदमी है। पैसे के अभाव में उसकी पढ़ाई छूट गयी। ", "Bail Application/2119/2020 -Prabhat kumar Vs. State Government 2छोटा मोटा <नाम> करके अपनी आजीविका चलाता है। अभियुक्त दिनांक 25.08.2020से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्त के कब्जे से पांच किलाग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआ है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट के प्राविधानों कासही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने सेपुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्तआधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से पांच किलोग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जो वाणिज्यिकमात्रा से काफी कम है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्ध कोईआपराधिक इतिहास होने का कथन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 25.08.2020से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_552_201929-05-2019695
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्र में यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी पूर्व से जमानत <नाम> है। प्रार्थी नियत <नाम> <नाम> न्यायालयहाजिर नहीं हो सका जिसके <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानतीय अधिपत्र जारीकर <नाम> । प्रार्थी मजदूरी करने के लिए घर से बाहर चला गया था जहां परवह अस्वस्थ हो गया और अपने अधिवक्ता को नहीं बता पाया। प्रार्थी जमानतपर <नाम> होने के <नाम> प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर रहेगा। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यहकहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त जान-बूझकर नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थितनहीं आता है । " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया। ", "्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि वह मजदरी करने <नाम> बाहरचला गया था जिससे नियत <नाम> <नाम> न्यायालय उपस्थित नहीं हो सका। ्रार्थी-अभियुक्त गैर जमानतीय अधिपत्र के आधार <नाम> दिनांक 20.05.2019 सेकारागार में निरूद्ध है। ", "गुण-दोष <नाम> <नाम> कोई अभिमत व्यक्त किये हुए प्रार्थी-अभियुक्तको जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1700_202004-01-20211089
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "मामले में अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार से है कि मुकदमावादिनी <नाम> उर्फ <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रार्थनापत्र अंधारा-156(3) दंप्र.सं. इस कथन के साथ प्रस्तुत किया कि उसकी नाबालिगपुत्री / पीड़िता कक्षा-10 की छात्रा है तथा महाराष्ट्र में रहकर पढ़ाई करती है, जोलॉकडाउन के चलते अपने घर घुवास <नाम> आयी थी। अभियुक्त <नाम> अपनेसहअभियुक्तों के साथ मिलकर एक नाजायज गोल बनाकर अक्सर उसे और उसकीपुत्री /पीड़िता के साथ भद्दे-भद्दे इशारे करते तथा उसके घर के सामने गुंडईकरते थे। दिनांक 14.09.2020 को सुबह 8.45 बजे अभियुक्त अन्य सहअभियुक्तों केसाथ मिलकर एक गोल बनाकर इकठ्ठा हो गया तथा अश्लीलता करने लगा, जिसपर मुकदमा वादिनी ने विरोध किया तो सहअभियुक्त <नाम> <नाम> मुकदमा वादिनीका हाथ पकड़ लिया। इसी दौरान विमलेश <नाम> मौके <नाम> आ गया और दोनोंमिलकर वादिनी को लाठी-डण्डा से मारे-पीटे तथा उसके साड़ी को खींच दिये। वादिनी मुकदमा के शोरगुल करने <नाम> काफी लोग आ गये और बीच-बचाव किये। अभियुक्तगण जाते-जाते मुकदमा वादिनी व उसकी पुत्री /पीड़िता को <नाम> से मारनेकी धमकी दिये। वादिनी क प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना के बावत्‌ न्यायालय द्वारासम्बन्धित थाना को उचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत <नाम> विधिनुसार विवेचना कियेजाने का आदेश पारित किया गया,जिसके अनुपालन में थाना में प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज करायी गयी। ", "Bail Application/1700/2020 -STATE GOVERNEMENT Vs. RAHUL SINGH 2अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र तर्क के साथप्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। अभियुक्त /प्रार्थी को मुकदमा उपरोक्त में फर्जी अभियुक्त बना <नाम> गया है। अभियुक्त निर्दोष है। अभियोजन कथानक पूर्णतया असत्य व बनावटी है। अभियुक्त / प्रार्थी द्वारा मुकदमा वादिनी व उसकी पुत्री/पीड़िता को <नाम> ही गालीधमकी <नाम> गया है और <नाम> ही अश्लील व्यवहार किया गया है। प्रार्थी को पुरानीरंजिश के <नाम> मामले में झूठा फंसा <नाम> गया है। अभियुक्त और मुकदमा वादिनीके परिवार के मध्य जमीन सम्बन्धी विवाद न्यायालय सिविल जज जूनियर डिवीजन मेंचल रहा है, जिसमें प्रार्थी / अभियुक्त के बड़े पिता क पक्ष में निर्णय हुआ। घटना केतीन वर्ष पूर्व प्रार्थी/अभियुक्त का भतीजा मामले के सहअभियुक्त <नाम> <नाम> नेमुकदमा वादिनी के ससुर, देवर के विरूद्ध एन.सी.आर. भी दर्ज कराया था, जिसकारण अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है। दिनांक 08.12.2020 को मुकदमा वादिनीके चचेरे ससुर डंगर के लड़कों द्वारा प्रार्थी /अभियुक्त के परिवार क सदस्यों कोमारे-पीटे, जिसके बावत्‌ थाना <नाम> विपक्षीगण के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट भीपंजीकृत कराया गया है। अभियुक्त का कोई भी आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्तआधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी। ", "विद्वान विशेष शासकीय अधिवक्ता(फौज.) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र काविरोध किया गया तथा कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा अन्य सहअभियुक्त केसाथ मिलकर एक नाजायज गोल बनाकर मुकदमा वादिनी व उसकी नाबालिग पुत्रीके साथ आते-जाते अश्लील हरकत एवं छेड़छाड़ किया गया है। प्रकरण नाबालिग केसाथ लैंगिक अपराध कारित किये जाने से सम्बन्धित है। अभियुक्त द्वारा गम्भीरअपराध कारित किया गया है। उक्त आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की मांग की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "चिक एफ.आई.आर. के अनुसार प््रार्थी/ अभियुक्त द्वारा अन्य सहअभियुक्तों के साथ मिलकर दिनांक 14.09.2020 को सुबह 8.45 बजे वादिनी मुकदमाकी नाबालिग पुत्री के साथ अश्लील इशारा किये जाने व वादिनी द्वारा अभियुक्तगणका विरोध किये जाने <नाम> अभियुक्तगण द्वारा एक <नाम> होकर वादिनी मुकदमा को मारपीट <नाम> उसके साड़ी को खींच दिये जाने का मुख्यतया आक्षेप है। अभियुक्त / प्रार्थीकी ओर से जमानत प्रार्थना पत्र के साथ समन्वित शिकायत निवारण <नाम> उ.प्र. केसमक्ष जनवाई के दौरान प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किये जाने की पावती रसीद दाखिल कीगयी है, जिसके अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि उक्त प्रार्थना पत्र दिनांक14.09.2020 को प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत मामले की कथित घटना भी दिनांक14.09.2020 की होना बताया गया है। जनसुनवाई के समक्ष प्रार्थना पत्र मामले केअन्य अभियुक्त विमलेश की पत्नी लालती द्वारा दी गयी है। जिसमें मामले की वादिनीके <नाम> के विरूद्ध अश्लील हरकत किये जाने का आक्षेप लगाया गया है। उक्तशिकायत के आधार <नाम> ही उभय पक्षों का चालान पुलिस द्वारा धारा-151 दंप्रसं. मेंकिये जाने का कथन अभियुक्त की ओर से किया गया है। प्रस्तुत प्रकरण वादिनी केद्वारा न्यायालय के समक्ष दिये गये प्रार्थना पत्र अंधारा-156(3)द.प्र.सं. <नाम> न्यायालयद्वारा पारित आदेश के अनुपालन में पंजीकृत हुआ है। मामले में अभियुक्त, प्रार्थीद्वारा अपने बचाव में यह आधार लिया गया है कि उसके परिवार व वादिनी केपरिवार के सदस्यों के मध्य जमीन के विवाद को लेकर मुकदमा सिविल न्यायालय मेंचला था, जो निर्णीत हो चुका है, जिसके <नाम> में अभियुक्त की ओर से मूलवाद हBail Application/1700/2020 -STATE GOVERNEMENT Vs. RAHUL SINGH 3संख्या- 64/ 83, डंगर बनाम <नाम> से सम्बच्धित प्रतिवाद पत्र,कमीश्नर रिपोर्ट आदिकी छायाप्रतियों के साथ परिवार रजिस्टर की छायाप्रति भी दाखिल किया गया है,जिसके अवलोकन से यह ज्ञात होता है कि मामले की वादिनी <नाम> के चचियाससुर डंगर व अभियुक्त <नाम> <नाम> के चचेरे <नाम> के बीच सिविल वाद न्यायालयमें चला है। इसके अलावा वादिनी एवं अभियुक्तगण के मध्य कथित घटना के उपरांतभी मार-पीट की घटना कारित हुई है, जिस संदर्भ में अभियुक्त की ओर से मुअसं-801/ 2020, अंधारा-147,148,308,323,427,504,506 भा.दं.सं.. थाना-राबर्द्सगंज,सोनभद्र की चिक एफ.आई.आर. की छायाप्रति दाखिल की गयी है, जिसके अवलोकनसे ज्ञात होता है कि कथित घटना के उपरांत अभियुक्त पक्ष द्वारा वादिनी मुकदमा केपरिवारीजन के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया है। मामले के समस्तपरिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह तथ्य जाहिर होता है कि कथित घटना केपूर्व से वादिनी व अभियुक्तगण के मध्य जमीन सम्बन्धी विवाद विद्यमान रहा है तथापक्षों के मध्य कथित घटना से पूर्व रंजिश विद्यमान थी। मामले में अभियुक्त दिनांक20.12.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासअभियोजन द्वारा दर्शित नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1111_201927-09-2019766
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार पीड़िता ने थाने <नाम> सूचना दियाकि दिनांक 01.09.2019 <नाम> रविवार को समय लगभग 3.00 बजे सायंकालअपने दरवाजे <नाम> खड़ी थी। उसके गांव व पड़ोस के निवासी आगन प्रसादउसके शरीर <नाम> हाथ लगाने का प्रयास किया तो वह वहां से भाग गयी। कुछदेर लगभग आधे घण्टे <नाम> वादिनी अपने आंगन में चारपाई <नाम> लेटकर अपनेबच्चे को दूध पिला रही थी तो आगन <नाम> अचानक आया व वादिनी के शरीरपर चढ़ गया और कपड़ा खींचने लगा। जब वादिनी चिल्लाने लगी तो वादिनी कोहाथ,लात-मुक्का से मारने लगा। उसे बुरी तरह से मारा जिससे उसे बहुत चोटआयी है। जब वादिनी हल्ला करने लगी तो मौके <नाम> ननद चन्दा, सासरूव्मिनिया <नाम> तथा <नाम> <नाम> मौके <नाम> आकर बीच-बचाव किये। वादिनीको <नाम> से मारने की धमकी देने लगा, इसलिए थाने आयी है। उचित कानूनीकार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि वह वह निर्दोष है। ्रार्थी-अभियुक्त एन0टी0पी0सी0 प्लाण्ट में <नाम> करता है। दिनांक 01.09.2019को उसकी ड्यूटी सुबह 8.00 बजे से सायंकाल 6.00 बजे <नाम> थी। घटना केसमय वह अपनी ड्यूटी <नाम> था। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयीहै । प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। घटना का कोई स्वतंत्रजनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी- अभियुक्त दिनांक 19.09.2019 से जिला कारागार मेंनिरुद्ध है। प्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। प्रार्थी-अभियुक्त को रंजिशवश फंसाया गया है। ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता का पड़ोसी है । घटना की <नाम> को प्ररार्थी-अभियुक्तपीड़िता के घर में घुसकर पीड़िता की <नाम> भंग करने के आशय से उसकेशरीर <नाम> चढ़ गया और उसका कपड़ा खींचने लगा। अपराध गम्भीर <नाम> काहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्त द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि प्रस्तुत मामले की वादिनीअभियुक्त की मौसेरी साली है। पक्षकारों के मध्य कुछ दूसरे बिन्दुओं <नाम> विवादहो गया था जिसके <नाम> उसे गलत फंसाया गया है। ", "बचाव पक्ष द्वारा वादिनी के <नाम> 161 दं0प्र०सं0 के बयान काउल्लेख करते हुए कहा गया कि घटना के कुछ <नाम> पहले पीड़िता तथा उसकीमौसेरी बहन रासपति से कुछ कहा-सुनी हो गयी थी जिसके बारे में पूछने केलिए रासपति का <नाम> आगन वादिनी के घर आया जिससे गुस्से में आकर वहमुकदमा लिखा दिया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_172_202011-02-2020357
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज <नाम> अंतरिम जमानत <नाम> हैं,उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लिया जा चुका है। जमानत प्रार्थना पत्र के साथ माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वाराअप्लीकेशन अन्तर्गत धारा-482 संख्या-2789 सन्‌ 2020 मजहर हुसैन व दो अन्यबनाम स्टेट ऑफ यूपी0 व अन्य में पारित आदेश दिनांकित 20.01.2020 की सत्यप्रतिलिपि दाखिल किया गया है। जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। मुकदमा वादिनीदिनांक 25.02.2019 को प्रार्थीगण के गांव के रहने वाले छात्र ताबिस रजा को बुरीतरह से मार रही थी। प्रार्थीगण ने बीच बचाव किया था। इसी रंजिश के कारणप्रार्थी / अभियुक्तगण को रंजिशन झूठा फंसाया गया है, उन्होंने कोई अपराध नहींकिया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा पानपती <नाम> ने थाना दुद्धी <नाम> एक लिखित तहरीर इस आशय का दाखिलकिया कि वह पूर्व माध्यमिक विद्यालय टापूगढ़, खजुरी, थाना दुद्धी, जनपद सोनभद्र मेंरसोइया का <नाम> करती है, दिनांक 25.02.2019 को समय करीब 12.30 बजे खानाबांटने को लेकर स्कूल के बगल के रहने वाले मजहर अली, गोल्डेन तथा जावेद औरताबीस रजा उसे गाली <नाम> देते हुए चाकू से वार <नाम> दिये जिससे वादिनी क बायेंहाथ में चोट आयी है। वादिनी हरिजन जाति की महिला है। वादिनी के तहरीर केआधार <नाम> थाना दुद्धी, सोनभद्र <नाम> मु0अ०सं०-29,/2019, धारा-324, 504 भा0दं0सं0व धारा-३(2) (\\/-A) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया। ", "Bail Application/334/2020 -Mazhar Ali Vs. State Government 2धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादिनी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादिनी मुकदमा की ओर से विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए हैं । " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी /अभियुक्तगण क विद्वान अधिवक्ता, विद्वान अभियोजनअधिकारी तथा वादिनी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गयातथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन कियागया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं। वादिनी मुकदमा द्वारा <नाम> लोगों को नामजद करतेहुए मार पीट किया <नाम> कहा गया है जबकि उसके शरीर <नाम> मात्र एक चोट पायीगयी है। वादिनी के शरीर <नाम> चोट उसके स्कूल में रसोइया का <नाम> करने के दौरानसब्जी आदि काटने के समय आई है। अभियुक्तगण ने कोई अपराध कारित नहींकिया है। प्रार्थी/अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> हैं, अतः प््रार्थी/अभियुक्तगण को जमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> तथा वादिनी मुकदमा के विद्वानअधिवक्ता द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहा गया है कि अभियुक्तगण द्वाराअनुसूचित जाति की महिला को एक <नाम> होकर चाकू जैसे <नाम> आयुध से उसकेशरीर <नाम> <नाम> हुआ घाव 10 % 1 सेंमी0 कारित किया गया है। अभियुक्तगण केविरूद्ध लगाया गया अभियोग गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़ेजाने <नाम> नहीं हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयीहै। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन करने से स्पष्ट है कि विवेचना के उपरान्तप्रार्थी /अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-324, 504 भा०दं0सं0 व धारा-3(2)(\\-A)एस0सी0/एस0०टी0 एक्ट क अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। प्रथम सूचनारिपोर्ट में 04 व्यक्तियों द्वारा मार पीट किया <नाम> कहा गया है जबकि चिकित्सीयपरीक्षण आख्या कागज संख्या-3अ/13 में पीड़िता पानमती <नाम> के शरीर परमात्र एक साधारण चोट <नाम> पाया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_20_202010-01-2020713
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा रामचन्दर पुत्र विशुन, निवासी ग्राम केकराही, थाना करमा जिला सोनभद्र नेदिनॉक 18.10.2019 को थाना करमा जिला सोनभद्र में इस कथन के साथलिखित तहरीर <नाम> कि दिनाक 18.10.2019 को समय करीब 05:00 बजेसुबह उसकी नाबालिग पुत्री पीड़िता <नाम> स्नान करने <नाम> जग गयी थी। उसी समय <नाम> पुत्र <नाम> निवासी ग्राम बढ़ौली गॉव थाना राबर्टसगंज नेबहला फुसला <नाम> कहीं भगा ले गया। उसने अपनी पुत्री की तलाश नातरिस्तेदारों के यहाँ किया किन्तु कहीं पता नहीं चला। <नाम> के घर वालों सेपूछने <नाम> बता रहे हैं कि वाराणसी की ओर गये हैं। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी को उपरोक्त अपराध में झूठा रंजिश वश फसाया गया है, उसनेकोई अपराध नहीं किया है। कथित घटना से प्रार्थी का कोई सम्बन्ध नहीं है। ", "9प्रार्थी ने पीड़िता को बहला फुसला <नाम> <नाम> तो कहीं ले गया था और <नाम> हीउसके साथ बलात्कार किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लिखित सभी तथ्यरालत एवं बनावटी हैं। घटना की रिपोर्ट काफी विलम्ब से दर्ज करायी गयीहै। प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं पीड़िता के बयान से प्रार्थी के विरूद्ध उपरोक्तधाराओं का अपराध नहीं बनता है। पीड़िता ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-161 व 164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में ऐसा कोई बयान नहीं <नाम> है कि प्रार्थीने उसे बहला फुसला <नाम> ले गया तथा उसके साथ बलात्कार किया है। प्रार्थी के ससुर <नाम> चन्दर उससे नाराज थे व रंजिश रखते थे जिसके कारणप्रार्थी को झूठा फसा <नाम> है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी दिनॉक 21.10.2019 से जेल में निरूद्ध है। साथ ही पीड़िता केबयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> की ओर न्यायालय का ध्यानआकर्षित कराया गया और <नाम> पूर्वक यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि पीड़िताकी सहमति के आधार <नाम> ही पीड़िता और अभियुक्त के बीच शारीरिकसम्बन्ध स्थापित किया गया प्रतीत होता है। उक्त तथ्यों के आधार <नाम> एवंअभियुक्त की न्यायिक हिरासत की अवधि को देखते हुये जमानत प्रार्थना पत्रस्वीकार किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा नाबालिग पीड़िता को बहलाफुसला <नाम> उसका व्यपहरण किया गया तथा पीड़िता के साथ बलात्संगकिया गया है। पीड़िता के नाबालिग होने के <नाम> उसकी सहमति का कोईमहत्व नहीं है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता हैकि पीड़िता नाबालिग लड़की है। यद्यपि कि पीड़िता ने अपने बयानअन्तर्गत धारा-164 दण्ड प्रकिया <नाम> में यह कथन किया है कि <नाम> नेउसके साथ उसकी इच्छा व सहमति से बुरा <नाम> किया था। चूँकि पीड़ितानाबालिग की श्रेणी में आती है। इस सम्बन्ध में <नाम> का यह सुस्थापितसिद्धान्त है कि अवयस्क पीड़िता की सहमति का कोई महत्व नहीं है। अत:अभियुक्त का यह <नाम> कि पीड़िता ने अपनी स्वेच्छा से उसके साथ जानाऔर शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करना बताया है, इस <नाम> जमानत के स्तर <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-20 / 2020,3निष्कर्ष <नाम> <नाम> न्यायोचित नहीं होगा। मामला नाबालिग पीड़िता कोबहला फुसला <नाम> व्यपहरण करने तथा उसके साथ प्रवेशन लैगिक हमलाकिये जाने के अपराध से सम्बन्धित है। अभियुक्त को यदि जमानत <नाम> रिहाकिया जाता है तो उसके द्वारा साक्ष्य को प्रभावित करने की भी सम्भावना है। " ] }
0DENIED
Bail Application_265_202006-03-202082
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "06.03.2020अभियुक्त सोनू साकेत की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी अपनेपरिवार का जीविकोपार्जन <नाम> महाराष्ट्र कमाने चला गया था। जिस <नाम> नियततिथि <नाम> वह न्यायालय हाजिर नहीं हो सका। जिस <नाम> उसक विरूद्ध न्यायालय द्वारागैर जमानतीय वारण्ट जारी हो गया। प्रार्थी अपने अधिवक्ता क माध्यम से प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया है। मामले में दिनांक 05.02.2020 को आरोप विरचित किया जा चुकाहै। प्रार्थी लगभग 15 माह से जेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त कमाने महाराष्ट्र चला गया था औरनियत <नाम> को न्यायालय हाजिर नहीं आ सका जिससे अभियुक्त क विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त 15 माह से जिला कारागार मेंनिरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की याचनाकी गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मुकदमें मेंपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्त इस प्रकरण में लगभग 15 माह सेजेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_769_201923-07-2019252
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी वन्षेत्राधिकारी, मांची को जरिये मोबाइल सूचना प्राप्त हुई कि पड़री वन <नाम> सेविजयकान्त <नाम> व लक्ष्मीकान्त <नाम> निवासी पड़री कुछ अज्ञात लोगों के साथजंगल से ट्रैक्टर द्वारा पत्थर लेकर जा रहे है। वादी अपने रेंज स्टाफ राजेन्द्रप्रसाद <नाम> व0द0, <नाम> <नाम> व0र0 व <नाम> <नाम> <नाम> व0र0 तथा मोहनरामव0र0 के साथ पड़री जंगल अपने सरकारी वाहन बोलेरो सं0- यू0पी0 64 जी0306 से पड़री जंगल आया तो <नाम> कि एक द्रैक्टर <नाम> पत्थर लाद रहे है। हमलोगों की गाड़ी को आता देखकर ट्रैक्टर चालक नाम पता आज्ञात ट्रैक्टर लेकरभागा कि हम लोगों ने पीछा करते हुए पड़री जंगल में ही पकड़ लिये और ट्रक्टरपर <नाम> <नाम> व0र0 को बैठाकर उसी ट्रैक्टर चालक से ट्रैक्टर को रेंजकार्यालय, मांची चलने के लिए कहा। ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर लेकर रतुआ गांव के..2 9पास पहुंचा कि तीन मोटरसाइकिल से जिसका नम्बर कमशः यू0पी0 64 ए एफ3182, हीरो, यू०पी0 65बी आर 7896 पैसन व यू०पी0 64 ए एफ 3327 हीरोडीलक्स से लक्ष्मीकान्त <नाम> व विजयकान्त <नाम> अपने पांच-छः अज्ञातसाथियों के साथ ट्रैक्टर को आगे से रोक लिया और कहा कि मारो सालों कोबचकर जिन्दा <नाम> जाने पाये और वन रक्षक <नाम> <नाम> <नाम> जानलेवा हमला करतेहुए लाठी-डण्डा से मारने लगे जिससे उनकी मौके <नाम> ही मृत्यु हो गयी। तत्पश्चात वे लोग हम लोगों की सरकारी गाड़ी की तरफ दौड़े व <नाम> से मारनेकी नियत से प्रहार करने लगे जिससे <नाम> पुकार वन रक्ष को चोट आयी औरगाड़ी सरकारी वाहन को क्षतिग्रस्त <नाम> दिये। उपरोक्त घटना दिनांक 15.03.2019की <नाम> समय लगभग 9 बजे की है। हम लोगों के शोर मचाने <नाम> सभी लोगअपनी-अपनी मोटरसाइकिल व ट्रैक्टर को छोड़कर <नाम> से मारने की धमकी देतेहुए भाग गये। मौके <नाम> <नाम> <नाम> के शव को लेकर <नाम> <नाम> <नाम> व0द0के साथ राजकीय अस्पताल, लोढ़ी इस उम्मीद के साथ की कहीं शारीर में जानतो नही हँ; भेज <नाम> गया और ट्रैक्टर व तीनों मोटरसाइकिल को लेकर मयअपने साथ <नाम> <नाम> व <नाम> पुकार के साथ लेकर आपके पास आया है। सूचना <नाम> रहा है। आवश्यक कार्यवाही की जाय। उन लोगों द्वारा सरकारी कार्यमें बाधा पहुंचाते हुए एक वन रक्षक की हत्या <नाम> दी गयी व एक वन रक्षक कोगम्भीर चोट पहुंचायी गयी । ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्तगणनिर्दोष हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण नामजद नहीं हैं। प्रार्थी-अभियुक्तगण का नामविवेचना के दौरान <नाम> में आया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का घटना से कोईसम्बन्ध नहीं हैं। घटना का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं हैं। वन रक्षक <नाम> रामके शरीर <नाम> दो चोटें आयी हैं। दोनों चोटें सिर <नाम> हैं। पहली चोट से मृत्यु होनाकहा गया है जबकि वह चोट किस चीज से आयी है इसका कोई उल्लेख नहींहै। मृतक ट्रैक्टर <नाम> बैठा था । ट्रैक्टर खेत में गिर गया जिससे मृतक को चोटआयी। अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्तगण अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक जो सरकारी कर्मचारीथा, द्वारा किये जा रहे सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए मारा-पीटा गयाजिससे मृतक की मृत्यु हो गयी । अभियुक्तगण द्वारा गम्भीर अपराध कारितकिया गया है। अपराध कारित मे प्रार्थी-अभियुक्तगण की संलिप्तता पायी गयीहै। <नाम> अभियुक्तगण की जमानत इस न्यायालय द्वारा निरस्त की जा चुकी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "अभियुक्तगण का एक तर्क यह है कि यह प्रस्तुत मामले में नामितनहीं हैं लेकिन प्रथम सूचना रिपोर्ट में वाहन सं0-यू0पी0 65 बी आर 7896 नामितहै। यह स्वाभाविक है कि वादी पक्ष के लोग वन विभाग में सेवक हैं तथा दूसरेजिलों से स्थानान्तरित होकर जनपद सोनभद्र में आये हुए हैं। वे जनपद सोनभद्रमें अपराध करने वाले सभी लोगों को पहचान नहीं सकते हैं परन्तु अभियोजन पक्ष...3 3के अनुसार वाहन सं0-यू०पी0 65 बी आर 7896 अभियुक्त <नाम> का ही है। इसके विरूद्ध अभियुक्त <नाम> द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि उसने दिनांक05.03.2019 को अपनी मोटरसाइकिल लक्ष्मीकान्त के नाम बिकय <नाम> <नाम> हैइसलिए यदि वह वाहन मौके <नाम> प्राप्त भी हुआ तो भी वह <नाम> नहीं हो सकताहै। इस सन्दर्भ में अभियुक्त <नाम> द्वारा अभियुक्त लक्ष्मीकान्त के बयानअन्तर्गत <नाम> 161 दं0प्रएसं0 का भी उल्लेख किया गया और कहा गया किअभियुक्त लक्ष्मीकान्त के बयान में <नाम> की मोटरसाइकिल ले जाने काअभिकथन है, <नाम> कि अभियुक्त <नाम> को साथ ले जाने का। परन्तु उल्लेखनीयहै कि जब अभियुक्त <नाम> ने अभियुक्त लक्ष्मीकान्त के नाम अपनीमोटरसाइकिल बेच दी थी तो अभियुक्त लक्ष्मीकान्त उस मोटरसाइकिल को अपनीमोटरसाइकिल कहेगा, अभियुक्त <नाम> की मोटरसाइकिल नहीं कहेगा। इससे यह प्रतीत होता है कि अभियुक्त लक्ष्मीकान्त अभियुक्त <नाम> को बचानेका प्रयास <नाम> रहा है। ", "अभियुक्तगण द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि मृतक को आयी हुईचोटें इस प्रकार की हैं कि वह दुर्घटना से आ सकती हैं। इसी कम में बचाव पक्षद्वारा यह तकं <नाम> गया कि ट्रक्टर के मटरगार्ड <नाम> मृतक को बैठा <नाम> गयाथा और वह ट्रैक्टर रास्ते में पलट गया जिससे मृतक को चोटें आयी और उसकीमृत्यु हो गयी । परन्तु इसका खण्डन करते हुए अभियोजन पक्ष द्वारा कहा गया हैकि यदि ट्रैक्टर पलट जाता और मटरगार्ड <नाम> बैठे वन रक्षक को इतनी घातकचोटें आती हैं कि उसकी मृत्यु हो जाती है तो ट्रैक्टर चालक को कोई खरोंचक्यों नहीं आयी। निश्चित <नाम> से अभियोजन पक्ष के इस तकं में <नाम> प्रतीत होताहै। ", "बचाव पक्ष द्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि मृतक को मारने वालोंकी संख्या 5-6 बतायी गयी है जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर परकेवल दो चोटें ही दृष्टिगोचर हो रही है। यदि 5-6 अभियुक्त मिलकर मृतक कोमार रहे होते और केवल एक-एक लाठी भी मारते तो भी चोटों की संख्या कमसे कम 5-6 हो सकती थी । इसके प्रतिकूल अभियोजन पक्ष द्वारा यह कहा गयाकि अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में <नाम> आशय को अग्रसर करने के उद्देश्य सेयह मार-पीट <नाम> रहे थे और एक दूसरे का सहयोग <नाम> रहे थे इसलिए यहजरूरी नहीं है कि जितने अभियुक्तगण हों, कम से कम उतनी चोट आये ही। अभियुक्त अंगद द्वारा यह तर्क <नाम> गया कि उसकी <नाम> अभियुक्तलक्ष्मीकान्त से दुश्मनी है इसलिए अभियुक्त लक्ष्मीकान्त ने उसे गलत तरीके सेइस मामले में फंसाया है। इसे न्यायालय के समक्ष प्रदर्शित करने के उद्देश्य सेजमानत प्रार्थना पत्र के समर्थन में कागज सं0- 5ख/6, 5ख/7 व 5ख/8दाखिल किया गया है जो अंगद द्वारा ग्राम <नाम> पड़री के विरूद्ध शिकायतें हैंऔर अभियुक्त द्वारा कहा गया है कि लक्ष्मीकान्त ग्राम <नाम> है। अभियुक्तद्वारा यह भी तर्क <नाम> गया कि जब उसके और लक्ष्मीकान्त की आपस मेंदुश्मनी है तो वह लक्ष्मीकान्त के साथ अपराध कारित क्यों करेगा, परन्तु उक्त4 4कागजात से परिलक्षित नहीं होता है कि यह शिकायत अभियुक्त अंगद द्वारा हीप्रेषित की गयी हैं और अभियुक्त लक्ष्मीकान्त के विरूद्ध ही प्रेषित की गयी हैं तथायह भी अभियोजन पक्ष का तर्क उचित प्रतीत होता है कि अभियोजन तथान्यायालय का ध्यान मुख्य विषय वस्तु से हटाने के लिए अभियुक्तगण द्वारा इसप्रकार का <नाम> कलाप किया जा रहा है। ", "अभियुक्तगण द्वारा अभियुक्त <नाम> हरिजन के पक्ष में माननीयउच्च न्यायालय द्वारा पारित जमानत आदेश दिनांक 17.07.2019 की <नाम> प्रतिदाखिल की गयी है तथा प्रस्तुत मामले में समतुल्यता चाही गयी है। " ] }
0DENIED
Bail Application_680_202020-06-2020346
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "20.06.2020अभियुक्त बमबम <नाम> उर्फ शुभम <नाम> द्वारा यह प्रथम जमानतप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथन संक्षेप में यह है कि वादिनी <नाम> <नाम> पटेलने थाना राबर्टसगंज में दिनांक 24.05.2020 को तहरीर <नाम> कि पडोस के रहनेवाले रामभुवन <नाम> व बमबम दो लोग कुछ दिनों के लिए लाइन का तार काटदिए। वे लोग <नाम> किए तो भद्दी भद्दी गालिया देने लगे। इस बात उसने फोनसे अपने मित्र बीरू <नाम> को दिए। बीरू <नाम> बाहर थे। करीब दो बजे घर आएतो रामभुंवन के घर जाकर लाइन काटने के बारे में पूछताछ करने लगे। उसी परउग्र होकर छत <नाम> से <नाम> <नाम> व उनके दोस्त <नाम> मारने की नियत से फायरझोक दिए जिसमें <नाम> <नाम> को गोली लग गयी तथा उनके दोस्त <नाम> कोगोली लगी। उसकी शादी बीरू <नाम> से एक साल <नाम> होगी। वहीं उन लोगों कोबनारस प्राइवेट अस्पताल में दवा <नाम> रहे है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि वादिनीआरती <नाम> अभियुक्त के मित्र रामभुवन की पड़ोसी है। अभियुक्त एवं सहअभियुक्त ने <नाम> <नाम> के घर का लाइन का तार काट <नाम> था। इसीबात को लेकर दोनों तरफ से विवाद हुआ और फायरिग हुई। दोनों तरफ सेप्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गयी है। चोटहिल <नाम> को फायर से छरलगे है परन्तु चोट प्राण <नाम> नहीं है जैसा कि डाक्टर ने अपने बयान मेंकहा है। चोटहिल <नाम> <नाम> को साधारण चोटे आयी है। <नाम> <नाम> एवंअनिल <नाम> को चोट लगने के <नाम> उन्हें जिला अस्पताल सोनभद्र में चोटोंका इलाज नहीं कराया गया बल्कि सीधे वाराणसी प्राइवेट अस्पताल मेंइलाज कराया गया। इससे स्पष्ट है कि चोटहिलों का कोई चोट प्राण घातकनहीं थे। चोटहिल <नाम> <नाम> <नाम> एक शांतिर एवं खतरनाक व्यक्ति है। उसका आपराधिक इतिहास है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीहै। अतः उपरोक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> छोड़े जाने कीयाचना की गयी है। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा कहा गया है किअभियुक्त एवं <नाम> अभियुक्त द्वारा बिजली कनेक्शन काटने एवं बिजलीजोड़ने के विवाद को लेकर वादी पक्ष एवं अभियुक्त पक्ष की ओर से गालीगुप्ता देना एवं अन्ततः फायरिंग करने के फलस्वरूप वादी पक्ष के प्रमोदकुमार <नाम> एवं <नाम> <नाम> को चोट आयी। जिनका इलाज वाराणसीप्राइवेट अस्पताल में हुआ। अपराध गम्भीर <नाम> की है। अभियुक्त को.2/ —2—जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से विवेचना में कोई सहयोग <नाम> किए जाने कीसम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। अतः उपरोक्त आधार परजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को सुना तथा अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रो के अवलोकन से विदित होता है कि घटनाके <नाम> वादी पक्ष एवं अभियुक्त पक्ष की ओर से बिजली काटने एवं बिजलीजोड़ने के विवाद को लेकर हुए झगड़े में गाली <नाम> देते हुए दोनो तरफ सेफायररिंग की गयी। फायरिंग में चोटहिल <नाम> <नाम> एवं <नाम> <नाम> कोचोटे आयी। चोट लगने के <नाम> तुरन्त चोटहिलों को जिला अस्पताल सोनभद्रन ले जाकर उन्हें वाराणसी प्राइवेट अस्पताल इलाज <नाम> ले जाया गया तथामेडिकल रिपोट से यह विदित हो रहा है कि जो चोट चोटहिलों कोआयी थी वह प्राण <नाम> प्रतीत नहीं हो रही थी। इस संबंध में डाक्टरपुष्पेन्द्र <नाम> ने अपने बयान अन्तर्गत धारा-161 दण्ड प्रकिया <नाम> में कथनकिया है कि चोटहिल <नाम> सिह को शरीर में छर्रे लगे थे। जो प्राण घातकनहीं है। प्रमाद <नाम> अब ठीक हो चुके है। चोटहिल <नाम> <नाम> ने अपनेबयान में डाक्टर ने कहा है कि अब ठीक हो गए हो। डिस्चार्ज <नाम> दियाजाएगा । चोटहिल <नाम> <नाम> को साधारण चोटे आयी है। दोनों तरफ सेप्रथम सूचना रिपोर्ट <नाम> करायी गयी है। किस अभियुक्त द्वारा मौके परफायरिग की गयी, प्रथम सूचना रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1064_201913-09-2019932
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा सियारामसिंह, अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड राबर्टसगंज, सोनभद्र ने थानाराबर्टसगंज, जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकराया कि दिनाक 29.12.2018 को समय लगभग 03:30 बजे से 04:30 बजेतक पिपरी रोड़ के पास <नाम> एजेंसी उरमौरा, राबर्टसगज जिला सोनभद्र मेंविशेष विद्युत चेकिंग अभियान चलाया गया था। चेकिंग के दौरान धर्मेन्द्रविश्वकर्मा पुत्र <नाम> राधेश्याम <नाम> द्वारा पास से गुजरती एल0टी0 लाइनसे दो कोर की एक केबिल जोड़ <नाम> लगभग दो कि०वाट की विद्युत चोरीकरते हुये पाया गया था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प््ार्थी/अभियुक्त की प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रदिनॉक 05.09.2019 को इस न्यायालय द्वारा खारिज किया गया है। प्रार्थी कोमनगढ़ंत कहानी के आधार <नाम> अभियुक्त बनाया गया है। कथित घटना सेप्रार्थी का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। घटना की <नाम> 29.12.2018 को प्रार्थीकी दुकान बन्द थी। प्रार्थी आज भी जनरेटर द्वारा अपना <नाम> करता है औरविजली का प्रयोग नहीं करता । प्रार्थी द्वारा अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण-...2 9खण्ड राबर्टसगंज सोनभद्र के समक्ष समाधान के उद्देश्य से शमन शुल्क रू020,000/~ दिनाक 07.09.2019 को जमा <नाम> <नाम> गया है। प्रार्थीअभियुक्त को राजस्व निर्धारण <नाम> रू0 3,25,092/- का बिल भेजा गया हैजो गलत है। प्रार्थी निर्दोष है उसे गलत ढंग से फसाया गया है। प्रार्थीदिनॉक 02.09.2019 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उक्त आधार परअभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य / विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र <नाम> यह आख्या <नाम> की गयी है कि अभियुक्त धर्मेन्द्र विश्‍वकर्मा केविरूद्ध विद्युत अधिनियम की धारा-135 के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत है जोऔद्योगिक विधा में है। उसके द्वारा शमन शुल्क रू0 20,000/-जमा कियागया है किन्तु राजस्व निर्धारण रू0 3,25,092/- बकाया है। इस सम्बन्ध मेंकागज संख्या 8-ख अधिशासी अभियन्ता द्वारा पत्र भी प्रेषित किया गया है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा मौखिक <नाम> से यह भी कथन किया गया है किशमन धनराशि धारा-152 विद्युत अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत जमाकिया गया है। " ], "judge-opinion": [ "राज्य/ विद्युत विभाग के विद्वान अधिवक्ता तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रार्थी /अभियुक्त धर्मेन्द्र <नाम> की प्रथमजमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1025/2019 दिनॉक 05.09.2019 को इस आधारपर निरस्त किया गया था कि अभियुक्त की ओर से कोई भी बकाया धनराशिजमा नहीं किया गया था। चूँकि यह द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र इस याचनाके साथ प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्त द्वारा शमन शुल्क दिनॉक07.09.2019 को जमा <नाम> <नाम> गया है। धारा-152 विद्युत अधिनियम में जोसारिणी दी गयी है उसके अनुसार औद्योगिक <नाम> के सम्बन्ध में शमनधनराशि रू0 20,000/-का उल्लेख है। अधिशासी अभियन्ता <नाम> एस0के0सिंह द्वारा प्रेषित पत्रांक-4484 / वि0वि0ख0रा0 / कोर्ट केस दिनॉक 12.09.2019के द्वारा वाद संख्या-51,/2019 <नाम> धर्मेन्द्र <नाम> पुत्र <नाम> राधेश्यामविश्वकर्मा के सम्बन्ध में उपभोक्ता द्वारा शमन शुल्क की धनराशि रू020,000/- का भुगतान रसीद संख्या-<फ़ोन-नंबर>04040002 दिनॉक07.09.2019 को किया <नाम> बताया गया है। यद्यपि कि उल्लिखित राजस्वनिर्धारण की धनराशि बकाया होना दर्शाया गया है जिसके सम्बन्ध में अभियुक्तकी ओर से सूची 9-ख से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें विभाग कीओर से राजस्व निर्धारण के सम्बन्ध में एस0डी0ओ0०-1,/जे0ई0 को जाँचआख्या प्रस्तुत करने <नाम> संस्तुति किया गया है। इस प्रकार अभियुक्त की ओर-...3 _द्वितीय जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1064 /2019,3से शमन धनराशि विद्युत विभाग में नियमानुसार जमा किया गया है। धारा-152 (2) विद्युत अधिनियम में यह उल्लिखित है कि उप धारा-1 के अनुसारशमन धनराशि का संदाय <नाम> दिये जाने <नाम> उस अपराध के सम्बन्ध मेंअभिरक्षा में रह रहे व्यक्ति को निर्मुक्त <नाम> <नाम> जायेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1124_201901-10-2019755
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी डी0के0सिंह,क्षेत्रीय सुरक्षा <नाम> <नाम> परियोजना द्वारा दिनांक 20.09.2019 को थाने परसूचना दी गयी कि दिनांक 19.09.2019 की <नाम> लगभग 10 बजे इन-मोशनरेलवे ब्रिज कमांक -2 रिलवे लाइन-1)के नियंत्रण कक्ष का मुख्य द्वार तोड़कर03 नग 12 वोल्ट बैट्री अज्ञात चोरों द्वारा चोरी <नाम> ली गयी थी। उक्त सामानकी कीमत रु0 29,249/- है। उपुर्यक्त तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए प्रथमसूचना रिपोर्ट दर्ज <नाम> आवश्यक कार्यवाही करें। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। प्रार्थीके कब्जे से कोई बरामदगी नहीं हुई है। उसके कब्जे से फर्जी बरामदगी दिखायीगयी है। प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> परियोजना में संविदा श्रमिक का कार्य करता है। उसकी परियोजना कर्मी से नॉोंक-झोंक हो गयी जिससे <नाम> चौकी <नाम> उसे बैठालिया गया । <नाम> में थाना शक्तिनगर द्वारा बैट्री की फर्जी बरामदगी दिखाते हुएझूठा मुकदमा कायम <नाम> <नाम> गया। प््रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष की तरफ से जमानत का विरोध करते हुए कहागया कि प्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्त के साथ मिलकर परियोजना के अन्दरसे तीन अदद बेैट्री चुरा लिया । प्रार्थी-अभियुक्त के निशानदेही <नाम> बैट्रियों कोबरामद किया गया है। बरामद बैट्रियों की वादी द्वारा पहचान की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "मामला मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। जो बैट्री बरामद कीगयी है, उस बैट्री <नाम> <नाम> तो निर्माता का नाम <नाम> है और <नाम> ही नम्बर अंकितहैं । केवल पहचान के आधार <नाम> यह नहीं कहा जा सकता कि बरामद बेैट्रीवादी की ही है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_778_202002-07-2020290
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथनानुसार वादिनी <नाम> सरोज <नाम> के <नाम> स्व.सत्यवीर <नाम> कीमृत्यु वर्ष 2000 में हो गई, जिसके पश्चात वादिनी अनपरा से ओबरा आ गई तथा अपनाअनपरा वाला मकान अपने देवर राधेश्याम <नाम> व उनकी पत्नी सरोज <नाम> कोदेखभाल <नाम> <नाम> दिया। उक्त मकान में वादिनी के <नाम> ने कुछ किरायेदार रखे हुए थे, परंतुवादिनी के <नाम> की मृत्यु के पश्चात देवर राधेश्याम <नाम> व उसकी पत्नी सरोज <नाम> द्वगरा किराया वसूलने में व्यवधान किया जाने लगा, जिसे वादिनी व उसके बच्चे वसूल रहे थे। इसी दौरान राधेश्याम व उनकी पत्नी सरोज <नाम> द्वारा विवादित <नाम> हड़पने के उद्देश्यसे फर्जी कागजात तैयार कराये गयेजिस <नाम> वादिनी ने सिविल वाद संख्या- 263/2012न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन, सोनभद्र में दाखिल किया तथा तहसील दिवस में भीउसने प्रार्थना पत्र किराया वसूली में अभियुक्तगण द्वारा व्यवधान करने के संबंध में प्रस्तुतकिया, जिस <नाम> थाने से यह आख्या प्राप्त हुई कि राधेश्याम <नाम> व उनकी पत्नी सरोजअग्रवाल ने वादिनी की <नाम> को तीस लाख रूपये में <नाम> <नाम> को स्टांप पेपर <नाम> विकयकर <नाम> है, जबकि इसका कोई अधिकार अभियुक्तगण को नहीं था किन्तु उन्होंने षड्यंत्र करकूटरचित दस्तावेजों के आधार <नाम> वादिनी के अनपरा वाले मकान <नाम> कब्जा <नाम> लिया। ", "प्रार्थीकी ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि प्रस्तुतमामले में उसे झूठा व रंजिशन फंसाया गया है तथा प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहींहै । प्रार्थी का प्रश्‍नगत सम्पत्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है और <नाम> ही प्रकरण में वह किसी भीप्रकार से लाभार्थी है। विद्वान अधिवक्ता द्वारा अग्रेतर यह भी तरक किया गया है कि प्रार्थीमामले में एक बेहतर <नाम> है जिसे साजिशन अभियुक्त बना <नाम> गया है। विद्वानअधिवक्ता द्वारा यह भी तर्क किया गया है कि प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामितअभियुक्ता सरोज <नाम> की अग्रिम जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। उक्त आधारों <नाम> अग्रिम जमानत <नाम> छोड़े जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन की ओर से अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्त का नाम विवेचना से <नाम> में आया है। नोटरी स्टाम्प <नाम> अभियुक्त का हस्ताक्षरहोना पाया गया है। जिसे तैयार कराने में अभियुक्त की <नाम> प्रमाणित है। इस प्रकारअभियुक्त एक षड़यंत्रकारी अभियुक्त है। यह भी <नाम> प्रस्तुत किया है कि अभियुक्त के अग्रिमजमानत <नाम> <नाम> होने <नाम> विवेचना <नाम> प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उक्त आधारों <नाम> अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता एवं अभियोजन पक्ष को सविस्तार सुना एवं पत्रावली परउपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "हDigitally signed2अभियोजन की ओर से एक स्टांप पेपर, जिसमें बैनामा <नाम> है, की <नाम> <नाम> प्रस्तुतकी गई है, जिसके द्वारा वर्ष 1992 में वादिनी के <नाम> सत्यवीर <नाम> द्वारा विवादित संपत्तिको <नाम> नरायन <नाम> से कय किया <नाम> <नाम> है, जबकि उक्त दस्तावेज पंजीकृत नहींहै। इसी प्रकार विवादित <नाम> के संबंध में एक अन्य <नाम> <नाम> इकरारनामा /विकय पत्रअपंजीकृत प्रस्तुत किया गया है, जिसके अनुसार विवादित <नाम> को राधेश्याम <नाम> द्वाराविनोद <नाम> के पक्ष में तीस लाख एक हजार रूपये में विकृय किया <नाम> उल्लिखित है। विवेचक द्वारा दौरान विवेचना संकलित साक्ष्य के अनुसार प््रार्थी/अभियुक्त ने नामजदअभियुक्तगण के साथ मिलकर उनके प्रभाव में आकर विवादित स्टाम्प <नाम> इस्ताक्षर बनाया थाजो वैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार <नाम> प्रमाणित है। प्रार्थी / अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासप्रस्तुत नहीं किया गया है। अभिकथित <नाम> से प्रार्थी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित नहीं है। अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-636/2020 में पारित आदेश दिनांकित 09.06.2020 केमाध्यम से मामले में मुख्य आरोपी / अभियुक्ता सरोज <नाम> की अग्रिम जमानत स्वीकार कीजा चुकी है। प्रार्थी द्वारा यह भी कहा गया है कि अग्रिम जमानत <नाम> छूटने <नाम> गिरफ्तारी केभय से मुक्त होकर विवेचना में पूर्ण सहयोग करेगा तथा किसी भी <नाम> को प्रभावित नहींकरेगा। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1298_201915-11-2019436
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा आरतीकेशरी पत्नी <नाम> <नाम> <नाम> निवासी दरोगाजी की गली, थाना राबर्टसगंजजिला सोनभद्र ने दिनाक 05.11.2019 को थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र मेंइस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनॉक 04.11.2019को उसकी लड़की पीड़िता <नाम> इण्टर कालेज में पढ़ने गयी थी। समयलगभग 09:00 बजे अध्यापक अमिलेश पुत्र अज्ञात उसकी लड़की के साथअभद्र व्यवहार <नाम> रहा था जो उसकी लड़की को नागवार गुजरा। वह रो-रोकर उससे कहने लगी और यह भी बतायी कि अध्यापक अमलेश सभीलड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार <नाम> चुके हैं। उसकी लड़की की उम्र लगभग09 वर्ष है। इसकी शिकायत उसने <नाम> अध्यापक से किया तो वे बताये किअध्यापक के साथ कार्यवाही करेंगे । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्त को गलत तरीके से साजिशनमुल्जिम बनाया गया है। अभियोजन कथानक असत्य, मनगढ़न्त एवं निराधारहै। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट करीब 29 घंटे विलम्ब से दर्ज करायी गयीहै। अभियोजन कथानक चिकित्सीय साक्ष्योँ से अभिपुष्ट नहीं है। पीड़िता ने 9अपने बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में अभियोजन कथानकका समर्थन नहीं किया है। प्रार्थी <नाम> इण्टर कालेज का कर्मचारी / अध्यापकहै। दिनाक 04.11.2019 को लंच के <नाम> कक्षा-4 के बच्चे शोर मचा रहे थेतथा आपस में लड़ाई-झगड़ा <नाम> रहे थे जिस प्रधानाचार्य के कहने <नाम> पार्थीने उक्त बच्चों को डॉट-फटकार लगा <नाम> उन्हें शान्त कराया। दूसरे दिनप्रार्थी एवं कालेज की <नाम> से रंजिश रखने वाले लोगों के उकसावे में आकरपीड़िता की माता द्वारा गलत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। प्रार्थीने पीड़िता के साथ कोई अभद्रता नहीं की है। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ छेड़छाड़किया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से यह तथ्य स्वीकार किया गया हैकि बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> जो केस डायरी में अंकितकिया गया है उसमें तथाकथित पीड़िता द्वारा खेलते समय शोर मचाने परअभियुक्त द्वारा उसका गाल व कान खींच <नाम> शोर करने से <नाम> करने काकथन किया गया है। वादिनी द्वारा भी मजीद बयान में पीड़िता द्वारा शोरमचाने <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त द्वारा डाटने व <नाम> करने का कथन किया गयाहै। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथा प्रार्थीअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों काअवलोकन किया गया । ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्त के विरूद्ध दिनॉक 05.11.2019 कोवादिनी मुकदमा <नाम> <नाम> द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट पीड़िता के साथअभद्र व्यवहार करने के सम्बन्ध में पंजीकृत कराया गया है। जिसमें पीड़िताद्वारा यह बताया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा उसके साथ छेड़छाड़ कीगयी है। दौरान विवेचना पीड़िता का बयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकियासंहिता जो केस डायरी के पर्चा नं0-3 में <नाम> किया गया है उसमें पीड़िताद्वारा स्कूल में खेलते समय शोर मचाने <नाम> प्रार्थी /अभियुक्त द्वारा उसका गालव कान खींच <नाम> शोर करने से <नाम> करने का कथन किया गया है एवंमजीद बयान में <नाम> <नाम> (वादिनी मुकदमा) द्वारा भी यह कथन कियागया है कि पीड़िता के रोने की वजह से गलतफहमी हो गयी थी। " ] }
1GRANTED
Bail Application_766_201917-07-2019303
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी सीनेल देवीपत्नी <नाम> औतार ने थाने <नाम> सूचना <नाम> कि वह प्रतिदिन सेवका मोड़ <नाम> दूधबेचती है। दिनांक 22.06.2019 को सेवका मोड़ से दूध बेचकर वापस जा रही थीतो बीच जंगल व रास्ते में मोटरसाइकिल रोककर <नाम> पुत्र रामकृत खड़ा था। ्रार्थिनी को रास्ते में अपनी तरफ बुलाते हुए हाथ पकड़ <नाम> जंगल में खींचनेलगा । प्रार्थिनी के शोर-गुल करने <नाम> जाते समय कहा कि कहीं बताओगी तोजान से मार देगा जिससे प्रार्थिनी को काफी डर बना हुआ है। निवेदन किया हैकि <नाम> क विरूद्ध उचित कार्यवाही की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि वह निर्दोष है। उसेगलत ढंग से फंसाया गया है। वादिनी मनबढ़ व सरहंग किस्म की महिला है। वह <नाम> के लोगों <नाम> गलत आरोप लगाकर रुपया-पैसा वसूलती है। प्रथमसूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्ररार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। प्रकरण मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 03.07.2019 से जेल में निरूद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थिनी जब दूध बेचकर वापस घर जा रही थी तो रास्ते में प्रार्थी-अभियुक्तप्रार्थिनी की <नाम> भंग करने के उद्देश्य से उसे अपनी ओर खींचने लगा। घटना के सम्बन्ध में बताने <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा प्रार्थिनी को <नाम> से मारनेकी धमकी दी गयी। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा घटना से इंकार किया गया है तथा कहा गया हैकि इस घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नहीं है तथा मामला मजिस्ट्रेट द्वारापरीक्षणीय है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "पत्रावली में पीड़िता की कोई आघात आख्या दाखिल नहीं है। अभियुक्त दिनांक 03.07.2019 से जेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1025_201905-09-2019999
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा सियारामसिंह, अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड राबर्टसगंज, सोनभद्र ने थानाराबर्टसगंज, जिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकराया कि दिनाक 29.12.2018 को समय लगभग 03:30 बजे से 04:30 बजेतक पिपरी रोड़ के पास <नाम> एजेंसी उरमौरा, राबर्टसगज जिला सोनभद्र मेंविशेष विद्युत चेकिंग अभियान चलाया गया था। चेकिंग के दौरान धर्मेन्द्रविश्वकर्मा पुत्र <नाम> राधेश्याम <नाम> द्वारा पास से गुजरती एल0टी0 लाइनसे दो कोर की एक केबिल जोड़ <नाम> लगभग दो कि०वाट की विद्युत चोरीकरते हुये पाया गया था। ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। अभियोजन कथानक मनगढ़न्त कहानी के आधार <नाम> बनाया गया है। कथित घटना का प्रार्थी/अभियुक्त से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। प्रार्थी नेइन्द्र <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> बहादुर <नाम> की जमीन किराये <नाम> लिया है जिसकीकिरायेदारी एक सौ रूपये के स्टाम्प <नाम> लिखवा <नाम> दोनों पक्ष गवाहानअनिल <नाम> तथा <नाम> से हस्ताक्षर बनवा <नाम> उसका नोटरी भी कराया है। ", "-...2 9दिनॉक 29.12.2018 को प्ररार्थी/ अभियुक्त की दुकान बन्द थी अतः विजलीउपभोग करने का कोई प्रश्‍न ही नहीं है। प्रार्थी जनरेटर द्वारा अपना कामकरता है। यदि प्रार्थी द्वारा गलत तरीके से विद्युत का उपयोग करते पायागया होता तो उक्त जॉच के बावत चालान चिट <नाम> प्रार्थी का हस्ताक्षरबनवाया गया होता। कथित घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी /अभियुक्त को कोई नोटिस नहीं <नाम> गया और सीधे तौर <नाम> राजस्व निर्धारणरू0 3,25,092 / (तीन लाख पचीस हजार बानबे रूपये) का बिल भेज दियागया है जो गलत है। प्रार्थी /अभियुक्त निर्दोष है उसे गलत फसाया गया है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवादकरते हुये यह कथन किया गया है कि स्वयं अभियुक्त द्वारा उक्त परिसर मेंकाबिज होना स्वीकार किया गया है। अभियुक्त द्वारा अवैध तरीके से विद्युतकी चोरी की गयी है तथा अभियुक्त <नाम> लगभग सवा तीन लाख रूपये विद्युतसम्बन्धी राजस्व निर्धारण बकाया है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कियेजाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अधिवक्ता तथा अभियुक्त केविद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में चेकिंग के दौरान प््रार्थी/अभियुक्त को अवैधतरीके से एल0टी0 लाइन से केबल जोड़ <नाम> विद्युत चोरी करते हुये पायेजाने <नाम> चेकिंग दल द्वारा मुकदमा अपराध संख्या-742/2018 अन्तर्गत धारा-135 विद्युत अधिनियम प्रार्थी / अभियुक्त को नामित करते हुये पंजीकृतकराया गया है। कागज संख्या 8-ख अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरणखण्ड, पूर्वांचल विद्युत वितरण <नाम> लिमिटेड, राबर्टसगंज सोनभद्र केपत्रांक-4400 / वि0वि0 ख0रा0 / कोर्ट कंस दिनॉक 05.09.2019 क द्वारा यहआख्या प्रस्तुत की गयी है कि अभियुक्त <नाम> राजस्व निर्धारण रू03,25,092/ (तीन लाख पचीस हजार बानबे रूपये) तथा शमन शुल्क रू020,000 / (बीस हजार रूपये) बकाया है जिसकी सूचना पत्रांक-34 दिनॉक07.01.2019 तथा पत्रांक-1590 दिनॉकम 06.06.2019 भुगतान <नाम> अभियुक्तको प्रेषित किया गया था परन्तु उसके द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा विद्युत विभाग की ओर से उल्लिखित अवसर दियेजाने <नाम> भी बकाया धनराशि जमा नहीं किये जाने का अभियोग है। अभियुक्तके विरूद्ध कुल बकाया धनराशि लगभग साढ़े तीन लाख रूपये दर्शाया गयाहै। प्रार्थी / अभियुक्त के पलायित होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जासकता । " ] }
0DENIED
Bail Application_133_202014-02-2020325
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी/अभियुक्तगणप्रस्तुत प्रकरण में जिला कारागार में निरूद्ध हैं। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनायागया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं, उन्हें वादी मुकदमा के साजिश में फंसाया गया है। प्रार्थी /अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तगण कोजमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादिनीमुकदमा कु <नाम> पुत्री रामबाबू गौड़ जोकि अनुसूचित जन जाति की महिला है, नेदिनांक 10.07.2019 को थाना दुद्धी <नाम> इस आशय की तहरीर दाखिल दी कि वह घरपर अकेले अपने बड़े <नाम> के साथ थी। दिनांक 10.07.2019 को समय 03 बजेअचानक गुल्लू छोटू, <नाम> खां तथा सुहैल खां उसके घर में घुस आये और उसे मांबहन की गालियां व नीच जाति का <नाम> कह <नाम> लाठी डंडे से मारने लगे। बीचबचाव करने उसका <नाम> आया तो उसे भी नीच कहकर मारने लगे। वादिनी तथाउसके <नाम> को चोटें आयीं। वादिनी की तहरीर के आधार <नाम> अभियोग पंजीकृतकिया गया तथा <नाम> विवेचना विवेचक द्वारा उपरोक्त वर्णित अपराध में आरोप पत्रप्रेषित किया गया। ", "धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादिनी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस बजातखास तामील होने के उपरान्त भी वादिनी की ओर से कोई उपस्थितनहीं हुआ। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी / अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> Bail Application/471/2020 -Imran Khan Vs. State Government 2अभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्धसमस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अभियुक्तणपूर्णतया निर्दोष हैं। वादिनी मुकदमा के <नाम> द्वारा अभियुक्तगण की बहन के साथलज्जा भंग करने के आशय से तथा उसे निर्वस्त्र करने के आशय से हमला कियागया था जिसके संबंध में संबंधित थाना <नाम> मु0अ0सं0-106/2019 अंतर्गतधारा-354ख, 504 भा०दंएसं0 पंजीकृत कराया गया है। पीड़िता द्वारा अपने <नाम> केविरूद्ध दर्ज कराये गये मुकदमें में दबाव बनाने के उद्देश्य से पूर्णतया मिथ्या एवंकाल्पनिक तथ्यों के आधार <नाम> यह मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। अभियुक्तगणपूर्णतया निर्दोष हैं, अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहागया है कि अभियुक्तगण के विरूद्ध पीड़िता जोकि अनुसूचित जन जाति की लड़कीहै, के ऊपर उसे निर्वस्त्र करने के आशय से हमला कया गया, मार-पीट की गयी हैतथा यह सभी अपराध पीड़िता के घर में घुस <नाम> किया गया है। प््रार्थी/अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> नहीं हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> यह स्पष्ट है कि पूर्व में अभियुक्तगण केविरूद्ध मुकदमा धारा-323, 504, 452 भा0दं0सं0 व धारा-3(2)(\\/-^) अनुसूचितजाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में दर्ज कराया गयाहै। विवेचना के दौरान धारा-354बी भा0दं0सं0 की बढ़ोत्तरी की गयी है। चिकित्सीयपरीक्षण आख्या कागज संख्या-5क/4 से स्पष्ट है कि पीड़िता के शरीर <नाम> किसीप्रकार की कोई जाहिरा चोट नहीं पायी गयी है। अभियुक्तगण की ओर से भी पीड़िताके <नाम> के विरूद्ध उसकी बहन को निर्वस्त्र करने आदि के संबंध में मुकदमा पंजीकृतकराया गया है। अभियुक्तगण जिला कारागार में निरूद्ध हैं। " ] }
1GRANTED
Bail Application_582_201903-06-2019660
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि ग्राम बरहमोरी में मेसर्स <नाम> फर्म को पांच वर्षीय खनन पट्टाबालू के खनन एवं परिवहन <नाम> आवंटित होने के <नाम> स्वीकृत <नाम> में अप्रैल2018 से फर्म खनन कार्य <नाम> रही है जिसमें प्रार्थी स्थानीय प्रबन्धक है। फर्म काकार्य शुरू होने के <नाम> से ही हर्रा गांव के कुछ लोग हफूता वसूली का दबावबना रहे थे। दो <नाम> पूर्व से ही रात में करीब 11:00 बजे <नाम> <नाम> पासवान,छप्पन चेरो, <नाम> धर्मेन्द्र मल्लाह फर्म के कैम्प आफिस <नाम> चले आते थे औरफर्म के कर्मचारियों को सुनाकर कहते थे कि हमें <नाम> दो नहीं तो वे लोगकाम नहीं करने देगें। दिनांक 08.01.2019 को <नाम> लगभग 11:00 बजे उपरोक्तपांचो व्यक्ति हाथ में लाठी-डण्डा लेकर कैम्प आफिस आये और प्रार्थी से डेढ़लाख रूपये देने के लिए कहे। प्रार्थी ने देने से <नाम> किया तो उन्होने लाठीतानते हुए कहे कि रूपया नहीं दोगे तो <नाम> नहीं <नाम> पाओगे। उस सयम वहांपर जनरेटर से बिजली की व्यवस्था थी। इसकी सूचना रात में ही 100 नम्बर परपुलिस को <नाम> दी गयी थशी। आज सुबह करीब 9:00 बजे उपरोक्त पांचो व्यक्तिकरीब 40-50 लोगों की भीड़ लेकर कैम्प आफिस को घेर लिये जिसमें उपरोक्तपांचो व्यक्तियों के अलावा मिथिलेश, <नाम> <नाम> <नाम> चन्द्रशेखर जायसवाल,सुनील, <नाम> <नाम> गौड़, मुन्नी <नाम> चेरो, रितेश <नाम> <नाम> कन्नौजिया,मन्नू <नाम> मौजूद थे। सबके हाथ में लाठी, बल्लम जैसे हथियार थे तथा विनय,संजय व छप्पन चेरो क हाथ में कट्टा था। ये लोग कैम्प आफिस को घेरते हुएआगे बढ़ने लगे तथा प्रार्थी व अन्य कर्मचारियों ने उनको रोका तो वे लोग अपनेहाथ में लिये हथियार भांजने लगे और वहां खड़ी गाड़ियों को फूंक दिये जिससेकाफी लोग घायल हो गये। <नाम> व छप्पन ने <नाम> से मारने की नियत सेफायर भी किये और दोबारा लोड किया। इस फायर में अमन <नाम> <नाम> क पैरमें गोली लग गयी। कुछ लोग कैम्प आफिस में घुस गये और छत <नाम> चढ़ गयेव तोड़-फोड़ करने लगे। कैम्प आफिस में मौजूद कर्मचारियों को भयभीत <नाम> नौलाख रूपये लूट लिये और जाते समय गमछे में आग लगाकर कैम्प आफिस मेंफेक दिये जिससे कैम्प आफिस का कुछ सामान जल गया। इस घटना से प्रार्थी —2—काफी भयभीत है तथा मौके <नाम> दहशत का माहौल व्याप्त है। इस सूचना केआधार <नाम> प्रार्थी-अभियुक्त सहित अन्य अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृतकिया गया। ", "प्रार्थी-अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कहा गया है कि्रार्थी-अभियुक्तगण निर्दोष है। प्रार्थीगण नामजद अभियुक्त नहीं हैं । प्रार्थीगणद्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है, <नाम> ही प्रार्थीगण घटना स्थल <नाम> मौजूद थे। प्रथम सूचना रिपोर्ट में रूपये लूटे जाने का कोई विवरण नहीं <नाम> गया है। ्रार्थीगण द्वारा <नाम> तो गोली चलायी गयी और <नाम> ही कोई लूटपाट किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण के विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। <नाम> अभियुक्तगणमुन्नी <नाम> व मिथिलेश की जमानत इस न्यायालय द्वारा दिनांक 27.05.2019 कोस्वीकार की जा चुकी है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त <नाम> <नाम> नामजद अभियुक्त हैं। नामजद प्रार्थी-अभियुक्तअन्य 40-50 अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी फर्म द्वारा किये जा रहेखनन कार्य के सम्बन्ध में हफता वसूली की मांग की जा रही थी। प््रार्थी-अभियुक्तगण अन्य <नाम> अभियुक्तों के साथ वादी फर्म के कैम्प आफिस <नाम> जाकरकैम्प आफिस <नाम> कार्यरत लोगों को मारा-पीटा जिसमें सात लोगों को चोटेंआयी। दबाव बनाते हुए पैसे की मांग की गयी व <नाम> से मारने की नियत सेसह अभियुक्तगण <नाम> व छप्पन ने आग्यनेयास्त्र से फायर किया जिससे दोव्यक्तियों के पैर में चोट भी आयी। कैम्प आफिस में रखा हुआ नौ लाख रूपयालूट लिया तथा वाहनो में आग लगा दिया। अतः जमानत प्रार्थना पत्र खारिजकिये जाने की <नाम> की गयी। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया गया। ", "<नाम> अभियुक्तगण मुन्नीलाल एवं मिथिलेश <नाम> की जमानत इसन्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। थाने से प्राप्त आख्या के अनुसारप्रार्थी-अभियुक्तगण का कोई पूर्व का आपराधिक इतिहास नहीं है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1276_202023-10-2020477
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "2. संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है दिनांक-27.07.2020 कोकरीब 1.30 बजे <नाम> वादी महेन्दर <नाम> के चाचा मूनीब, चचेरा <नाम> छोटे लालव <नाम> योगेन्द्र खेत <नाम> <नाम> <नाम> रहे थे। तभी राधेश्याम उर्फ <नाम> पप्पू, बहादूर,बिन्दू आकर गाली-गलौज देते हुए लाठी-डंडा से मारपीट <नाम> चोटें पहुंचाये वजान से मारने की धमकी देते हुए चले गये। मारपीट में वादी के परिवार वालोंको काफी चोटें आई तथा दौरान उपचार मुनीब की मृत्यु हो गई। ", "3. आवेदक के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि उसे गलत तरीक सेसाजिशन नामित किया गया है। अभियोजन कथानक असत्य, मनगढ़ंत व निराधारहै । प्रथम सूचना रिपोर्ट में उसका कोई विशिष्ट रोल दर्शित नहीं है तथा मारपीटका कोई हेतुक दर्शित नहीं है। उसके मारने से मृतक मुनीब की मृत्यु नहीं हुईहै। उसके कब्जे से आला कत्ल आदि की बरामदगी नहीं की गई है। उसने कोईअपराध नहीं किया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। सहअभियुक्तगण की जमानत स्वीकृत हो चुकी है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> कियाजावे। ", "4. विद्वान प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता, दांडिक के द्वारा जमानतका विरोध करते हुए यह कहा गया कि आवेदक द्वारा अन्य <नाम> अभियुक्तगण केसाथ वादी पक्ष <नाम> हमला <नाम> उन्हें भद्दी-भद्‌दी गाली-गलौज व <नाम> से मारनेकी धमकी देते हुए लाठी, डंडे से गंभीर चोटें पहुंचाई ग्ई हैं जिससे मुनीब कीउपचार के दौरान मृत्यु हो गई। मामला गंभीर <नाम> का है। जमानत <नाम> दी जावे,जबकि यह स्वीकार किया गया कि आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। " ], "judge-opinion": [ "5 उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने तथा केसडायरी व अन्य प्रपत्रों के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि वर्तमान मामले मेंअभियुक्त पक्ष क राधेश्याम के द्वारा थाना-रामपुर बरकोनिया में अ.सं.-23 दिनांक-27.07.2020 को समय 14.55 बजे यह प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कराई गई Bail Application/l2 76/2020 -Pappu Vs. State Government 2है कि <नाम> के लगभग 02 बजे उसके अरहर के खेत में गांव के छोटे <नाम> पुत्रमुनिब <नाम> महेन्द्र, जोगेन्द्र व रमेश पुत्रगण सोमारू <नाम> बैल चरा रहे थे। जबमना किया तो ये लोग भद्दी-भद्दी गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडा सेमारने-पीटने लगे जिससे बाबी <नाम> व राधेश्याम दोनों को चोटें आई औरतदोपरांत वर्तमान वादी पक्ष की ओर से 15.05 बजे अ.सं-24 <नाम> यह रिपोर्टपंजीकृत कराई गई है कि मुनीब, छोटे <नाम> व योगेन्द्र खेत में कार्य <नाम> रहे थे। नक्शा-नजरी के अवलोकन से यह प्रकट होता है कि घटना स्थल <नाम> सेवकयादव के खेत के दक्षिण की ओर का है और उसके नीचे बटाई <नाम> <नाम> विन्दूअरहर व उर्द बोये हुए दर्शाये गये हैं तथा उसके दक्षिण में वादी पक्ष का धान काखेत दर्शाया गया है। वादी पक्ष के आरोप के अनुसार घटना का कोई कारणअंकित नहीं किया गया है, जबकि अभियुक्त पक्ष ने कहा है कि वादी पक्ष के बैलउनके खेत में चर रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनरुसार मृतक के सिर <नाम> एकचोट <नाम> गई है और दोनों पैराइटल बोन व दाहिनी टैम्पोरल बोन का फैक्चरपाया गया है, जो कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार एक सीधी <नाम> में तीनोंहड्डियों <नाम> है। मृतक को जो लाठी मारना बताया गया है, वह विवेचक केअनुसार राधेश्याम द्वारा मारी गर्ई है और उसी की निशानदेही <नाम> बरामद कराईगई है। अभियोजन पक्ष की ओर से पंचायतनामा के आधार <नाम> यह <नाम> प्रस्तुतकिया गया है कि मृतक के पूरे सिर में अस्पताली पट्टी व गले में अस्पतालीपट्टी बंधी हुई थी व बांये हाथ में कोहनी व कलाई के बीच अस्पताली पट्टीबंधी हुई थी। उसके आधार <नाम> मृतक को अनेकों चोटें <नाम> दर्शित किया गयाहै, किन्तु पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अन्य कोई चोट मृतक के सिर <नाम> नहीं <नाम> गई हैऔर इस <नाम> इस स्तर <नाम> यह उपधारणा नहीं की जा सकती है कि मृतक कोअन्य चोटें भी प्रथम दृष्टया राधेश्याम के द्वारा काफी <नाम> से कारित की गई थीं,जिससे मृतक को चोटें <नाम> और एक सीधी <नाम> में सिर की 3 हड्डियों काटूटना प्रकट होता है। दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे <नाम> आरोप लगाये गये हैं। सहअभियुक्तगण <नाम> बहादुर व विरेन्द्र <नाम> उफ बिन्दू की जमानत इस न्यायालयद्वारा दिनांक-07.10.2020 को स्वीकृत हो चुकी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_338_202019-03-202016
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{ "facts-and-arguments": [ "19.03.2020अभियुक्त अभिमन्यु की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। दौरान विचारणप्रार्थी गम्भीर <नाम> से बीमार हो गया जिस <नाम> नियत <नाम> <नाम> वह न्यायालयहाजिर नहीं आ सका। जिस <नाम> प्रार्थी के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट जारी होगया। प्रार्थी निहायत गरीब आदमी है। प्रार्थी के परिवार को देखने वाला कोई नहीहै। प्रार्थी ने जानबूझकर कोई लापरवाही नही किया है। प्रार्थी दिनांक 28.02.2020 सेजेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयीहै। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया किअभियुक्त पूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त के बीमार हो जाने के <नाम> वहनियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिर नहीं आ सका। जिससे अभियुक्त के विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी हो गया। अभियुक्त दिनांक 28.02.2020 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किएजाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त इस मुकदमें मेंपूर्व में जमानत <नाम> था। अभियुक्त के हाजिर <नाम> आने के <नाम> उसके विरूद्ध गैरजमानतीय वारण्ट जारी किया गया। अभियुक्त इस प्रकरण में दिनांक 28.02.2020 सेजेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_631_201926-06-2019554
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{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 09.06.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ देखभालक्षेत्र में व्यस्त थे तो <नाम> मंदिर के पास मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि बिल्लीमारकुण्डी <नाम> नगर में सहदेव के घर से सटा हुआ सीमेंट सीट जो तीनओर से बन्द है और सामने से आधा खुला है, के अन्दर भारी <नाम> में अधिक नशेहेतु यूरिया खाद मिलाकर कच्ची शराब बनायी जा रही है। इस सूचना <नाम> पुलिसकर्मचारीगण बिल्ली मारकुण्डी प्रा0 विद्यालय रोड पहुंचे। वाहनों को रोड <नाम> खड़ाकरके मुखबिर के साथ सहदेव के मकान के पास पहुंचे तथा सीमेंट शेड केसड़क की तरफ दीवाल से सटकर छिपकर देखे तो सीमेंट शेड के सड़क कविपरीत दिवाल के दोनों कोनों <नाम> भदिठियां जल रही थी और उनके उपरएल्युमिनयम की बटुली और उसके उपर मिट्टी की नली लगा हुआ पात्र वएक एल्युमिनयम की वटुली दोनों भद्ठियों की नली जमीन में कुछ गड़े हुएप्लास्टिक के केन में लगी हुई दिखायी दी। दोनों भद्ठियों <नाम> एक-एक महिलाव एक-एक पुरूष मौजूद थे और आपस में बात <नाम> रहे थे कि यूरिया खादमिला <नाम> जाय जिससे जो भी पिये उसे नशा <नाम> हो जाये और बिकी जल्दीहो जायेगी। पुलिस कर्मचारियों द्वारा एक बारगी दबिश देकर सीमेंट शेड केपिछली दिवाल के कोने में भट्ठी के पास से एक व्यक्ति को पकड़ लिया गया वमहिला को महिला पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया और दूसरी भट्ठी <नाम> एक पुरूषव एक महिला को पकड़ लिया गया। मौके <नाम> दोनों भदि्ठियों के पास से काफीमात्रा में लहन व यूरिया खाद <नाम> हुई थी। पकड़े गये व्यक्तियों ने अपना नाममन्नू खरवार व महिला ने अपना <नाम> <नाम> बताया। दूसरी भट्ठी के पास सेपकड़े गये व्यक्ति ने अपना नाम <नाम> <नाम> व महिला ने अपना <नाम> बताया। दोनों भदि्ठियों के सामने गड़े प्लास्टिक के केन को निकालकर <नाम> गया तोदोनों 50-50 लीटर के है जिसमें तरल पदार्थ भरा हुआ है। मौके से बरामद..2 oo50-50 लीटर की केन मय 50-50 लीटर कच्ची शराब, पांच-पांच सौ ग्रामयूरिया खाद पुलिस कब्जा में लिया गया। बरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तगणके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसके कब्जे से कच्ची शराब व कच्ची शराब बनाने का उपकरणबरामद नहीं हुआ है। प्रार्थी कच्ची शराब नहीं बनाता है। प्रार्थी-अभियुक्त कोफर्जी ढंग से फंसाया गया है । प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोष है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को पुलिस कर्मचारियों द्वारा कच्ची शराब बनाते हुए गिरफतारकिया गया है तथा कच्ची शराब बनाने का उपकरण व कच्ची शराब्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से बरामद की गयी है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कच्चीशराब को <नाम> करने के लिए यूरिया खाद का अपमिश्रण किया जा रहा था। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "जो कथित शाराब पुलिस द्वारा बरामद की गयी है उससे सम्बन्धितसैम्पल की जांच <नाम> विज्ञान प्रयोगशाला से प्राप्त होकर नहीं आयी हैजिससे यह कहा जा सके कि जो <नाम> मुकदमाती पुलिस द्वारा बरामद किया गयावह शराब ही थी। ", "बचाव पक्ष का यह तर्क भी तर्क संगत प्रतीत होता है कि प्रस्तुतमामले में कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है तथा प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। ", "बचाव पक्ष का यह भी तर्क उचित प्रतीत होता है कि जब तकविधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट प्राप्त <नाम> हो जाय, यह नहीं कहा जा सकताकि कथित शराब में कोई अपमिश्रण किया गया था। इसके अतिरिक्त अभियुक्तद्वारा शराब की बरामदगी से भी इंकार किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1051_202019-09-2020802
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "19.09.2020अभियुक्त गिरिश <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी कमोजी थानाराबर्दसगज जिला सोनभद्र की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कियागया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 30.08.2020 को उपनिरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराहियों के साथ देखभाल <नाम> एवं रोकथाम जुर्मजरायम व चेकिंग संदिग्ध वाहन में बढोली चौराहे <नाम> पहुंचा कि जरिए मुखबिर खाससूचना <नाम> कि एक व्यक्ति उरमौरा मोड़ के पास अपने बाए हाथ में एक झोला लिएखड़ा है। जिसमें नाजायज गांजा है। इस सूचना <नाम> विशवास करके पुलिस <नाम> मौकेपर पहुंची तो वह पुलिस <नाम> को देखकर सकपकाते हुए उरमौरा मोड़ की तरफभागना चाहा कि हिकमत अमली से उरमौरा मोड़ के पास ही समय करीब 08.30 बजेपकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नामपता पूछा गया तो उसने अपना नामगिरिश <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> बताया। नियमानुसार उसकी जामा तलाशी लीगयी तो उसके हाथ में लिए प्लास्टिक के झोले के अन्दर एक किलो 500 ग्रामनाजायज गाजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहींदिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्दमौके <नाम> लिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द पर॒ कराकर व फर्दकी नकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायमकराया गया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त दिनांक 30.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्तके आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। Bail Application/2199/2020 -Girish kumar rao Vs. State Government 2राज्य की ओर से विद्वान विशेष लोक अभियोजकद्वारा यह कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो 500 ग्राम नाजायजगांजा बरामद हुआ है, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वाराएन0०डी0पी0एस०एक्ट क प्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावनासे इन्कार नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान विशेष लोक अभियोजक केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो 500 ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोवाणिज्यिक <नाम> से काफी कम है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्धकोई आपराधिक इतिहास होने का कथन नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 30.08.2020 से जिला कारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1292_201919-11-2019403
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी ने थाने परलिखित सूचना <नाम> कि दिनांक 01.11.2019 को समय लगभग 10:00 बजे रात्रिवह अपने परिवार व बच्चों के साथ खाना खा <नाम> अपने आगे-आगे रूम में सोयीथी। सुबह उठी और अपनी लड़की अन्जना उम्र लगभग 17 वर्ष के रूम में उसेजगाने गयी तो मौके <नाम> अन्जना नहीं थी । वह उसकी खोज-बीन करने लगी । उसके विस्तर <नाम> मो0नं<फ़ोन-नंबर> की पर्ची <नाम> और आज से कुछ दिनपहले उक्त नम्बर धारक मूलचन्द्र पुत्र अज्ञात, निवासी- पटवध रूम नं0-16वादिनी की बेटी को मोबाइल <नाम> था जिसके बाबत थाने <नाम> उसके खिलाफसूचना दी गयी थी । वादिनी मूलचन्द्र के रूम में देखने गयी तो वह भी मौके परनहीं था। प्रार्थना पत्र <नाम> उचित कार्यवाही करने की कूपा की जाय। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उसनेकोई अपराध नहीं किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। प्रार्थी केन्द्रीय कर्मचारी है तथा रेलवे विभाग में ट्रैक मैन के पद <नाम> कार्यरत है। तथाकथित मोबाइल नम्बर की पर्ची से उसका कोई वास्ता-सरोकार नहीं है औरन ही उसका मोबाइल नम्बर है। प्रार्थी पीड़िता को जानता-पहचानता भी नहीं है। प्रार्थी द्वारा पीड़िता का अपहरण नहीं किया गया है। मामला मजिस्ट्रेटन्यायालय द्वारा परीक्षणीय है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त पीड़िता को उसके माता-पिता के विधिपूर्ण संरक्षकता से भगा लेगया। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "9सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट, पीड़िता के बयान अन्तर्गत धारा-161 द॑0प्र०सं0व <नाम> 164 द॑0प्र०सं0 एवं गवाहान के बयान के अनुसार किसी <नाम> द्वाराअभियुक्त द्वारा पीड़िता को उसके विधिपूर्ण संरक्षकता से लेकर जाते हुए नहींदेखा गया है। ", "स्वयं पीड़िता के अनुसार वह स्वतः ही इलाहाबाद चली गयी थीऔर वहीं <नाम> उसने अभियुक्त को बुलाया था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_790_201925-07-2019230
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी ने अपनी पत्नी के नाम आराजीनं0०-320 मी0 रकबा 0.0280 हे0 यानि 281 वर्ग मीटर मौजा बढ़ौली अभियुक्तगणसे आवासीय प्रयोग <नाम> दिनांक 23.01.2016 को रु0 12,00,000/- अदा करनेके पश्चात कय किया था। कय करने के पश्चात दाखिल खारिज की कार्यवाहीके पश्चात कब्जा मांगने लगा तो अभियुक्तगण हीला-हवाली करने लगे तथा कहेकि उन लोगों का मौके <नाम> कब्जा नहीं है इसलिए विकय किया है। जिस जमीनव चाहरदीवारी का विकय किया गया है वहां जाने <नाम> पता चला कि वह दूसरेकी जमीन व चाहरदीवारी है। परिवादी जब जमीन व चाहरदीवारी <नाम> कब्जा लेनेगया तो पता चला कि वह जमीन व चाहरदीवारी <नाम> <नाम> व श्रीमतीदमयन्ती <नाम> के नाम से है । अभियुक्तगण परिवादी व उसकी पत्नी के साथधोखाधड़ी करके नाजायज तरीके से बारह लाख रुपया कपटपूर्ण तरीक से लेलिये। परिवादी अभियुक्तगण से भूखण्ड का कब्जा मांगने का प्रयास किया किन्तुकब्जा नहीं <नाम> रहे हैं तथा रुपया भी नहीं <नाम> रहे हैं। दिनांक 10.09.2017 कोसमय लगभग 4.00 बजे परिवादी व उसकी पत्नी रमेश <नाम> <नाम> व राजेशकुमार मौर्य के साथ मुल्जिमान से मिले तो मॉ-बहन की भद्दी-भद्दी गाली देतेहुए इत्या <नाम> देने की धमकी देने लगे तथा कहे कि उन लोगों को नहीं पता हैकि जमीन कहां है। वे <नाम> तो कोई रुपया वापस करेगें और <नाम> ही कब्जा देपायेगे। घटना की सूचना थाने <नाम> <नाम> किन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। दिनांक 26.09.2017 को पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र को पंजीकृत डाक से सूचनादिया फिर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। तत्पश्चात न्यायालय में परिवाददाखिल किया। 2्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे झूठा फंसाया गयाहै। वह निर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त ने परिवादी को पंजीकृत बैनामा किया है तथाकब्जा भी <नाम> <नाम> है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई धोखा-धड़ी नहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है । ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त परिवादी व उसकी पत्नी को दूसरे की जमीन का बैनामा बारहलाख रूपया लेकर <नाम> <नाम> । प््रार्थी-अभियुक्त द्वारा परिवादी के साथधोखा-धड़ी की गयी है तथा छल करके धनराशि प्राप्त <नाम> लिया गया है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "उभय पक्ष को विस्तार से सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलनकिया। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1110_201927-09-2019765
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 17.09.2019को उपनिरीक्षक सर्वानन्द <नाम> मय हमराहियान पुलिसकर्मी देखभाल <नाम> तलाशवान्छित भ्रमण मद्देनजर त्यौहार <नाम> <नाम> में मामूर होकर डिबुलगंज बाजारमें मौजूद थे कि मूखबीर खास सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति जो चोरी केकोयले का आभ्यासिक व्यापार करता है, चोरी का कोयला काफी <नाम> में एकत्रकर बिछड़ी के जंगल में रखा हुआ है तथा बेचने के फिराक में है, अगर जल्दीकिया जाय तो उस व्यक्ति को कोयले के पास ही पकड़ा जा सकता है। मुखबीरकी सूचना <नाम> विश्‍वास करके मकसद मुखबीरी हमराहीगण को बताकर मुखबीरको साथ लेकर जैसे ही बिछड़ी जंगल में पहुंचा तो अन्धेरे में खड़े व्यक्ति से कुछदूरी <नाम> ही गाड़ी रूकवाकर खड़े व्यक्ति की ओर इशारा करके मुखबीर खास हटबढ़ गया। खड़े व्यक्ति की तरफ पुलिस के लोग छुपते-छ॒पाते पहुंचे की अपनेतरफ पुलिस को आता देख भागने का प्रयास किया, जिसे <नाम> करते हुए मौकेपर ही हमराहीगण के मदद से पकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्ति से नाम पतापूछते हुए भागने का <नाम> पूछा गया तो उसने अपना नाम जीत बहादुर यादवउफ मामा पुत्र रामनाथ <नाम> निवासी रोहियांवा थाना दोस्तपुर, जनपदसुल्तानपुर, हाल पता आदर्शनगर, औड़ी मोड़, थाना अनपरा, जनपद सोनभद्रबताया तथा कोयला के ढेर को बेचने के फिराक में होना बताया। पकड़े गयेव्यक्ति जीत बहादुर <नाम> से कोयला के सम्बन्ध में कागजात तलब किया गयातो दिखाने में कासिर रहा और बताया कि उसके पास उक्त कोयला का कोईकागजात नहीं है। पास में कुछ दूरी <नाम> रेलवे लाईन है। ट्रेन जब कोयलालादकर जाती है और अचानक जंगल में रूकती है तब रेलवे ट्रैक <नाम> खड़ी ट्रेन..2 9से कोयला उतारकर यह कोयला एकत्रित <नाम> बेचने के लिए रखा था। मौके परकुल कोयला 32.500 टन पाया गया। इस आधार <नाम> अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमादर्ज किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि प््रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। उसे झूठा फंसाया गया है। बरामदशुदा कोयले से उसका कोईवास्ता-सरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है। बरामदगी का कोई स्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे से कोईचोरी का कोयला बरामद नहीं किया गया है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गयाकि प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा कोयला चोरी किया गया है और उसके पास से 32.500टन चोरी का कोयला बरामद हुआ है। प््रार्शी-अभियुक्त कोयला चुराकर बेचनेका अभ्यस्त है। अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "बचाव पक्ष द्वारा अपने को गलत तौर <नाम> फंसाया <नाम> कहा गयाहवै परन्तु अभियुक्त यह स्पष्ट नहीं <नाम> सका है कि पुलिस से उसकी क्या रंजिशहो सकती थी कि उसे गलत तौर <नाम> फंसाया गया है। ", "इसके प्रतिकूल अभियोजन पक्ष द्वारा इस बिन्दु <नाम> जोर देकर कहागया कि अनपरा <नाम> में कोयले के उत्पादन के साथ कोयले की चोरी एवं तस्करीका बहुत बड़ा अड्डा है जिसमें प्रस्तुत मामले की तरह अभियुक्तगण द्वारा कोयलेकी चोरिया की जाती है। अभियोजन पक्ष द्वारा इसी अभियुक्त से सम्बन्धित चारअन्य मामलों का आपराधिक इतिहास बताया गया है तथा यह कहा कि यहअभियुक्त कोयला चोरी करने का अभ्यस्त चोर है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा यह भी कहा गया कि अभियुक्त के कब्जे सेबरामद कोयला 32.500 टन है जिसका कि अभियुक्त को गलत तरीके से फसानेके लिए पुलिस द्वारा व्यवस्था नहीं जा सकती । " ] }
0DENIED
Bail Application_978_201902-09-20191025
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अतः उक्त दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों को समेकित करतेहुए एक साथ निस्तारित किया जा रहा है। ", "्रार्थी-अभियुक्त यादवेन्द्र <नाम> की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्रसं0-978,// 2019 एवं प्रार्थी-अभियुक्त <नाम> <नाम> की तरफ से जमानत प्रार्थनापत्र सं0-990/2019 पृथक- पृथक <नाम> से अ0सं0- 121/2019, अन्तर्गतधारा-419, 420 भा0दं0सं०, थाना-शक्तिनगर, जिला-सोनभद्र के प्रकरण मेंजमानत <नाम> मुक्त किये जाने <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादी ने थाने परसूचना <नाम> कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा <नाम> इकाई एसएसटीपीएस,शक्तिनगरसीएपीएफ 2018 की आरक्षक /जीडी की भर्ती चल रही है जिसमें अभ्यर्थियों कापीईटी एवं पीएसटी हो रही है। आज दिनांक 21.08.2019 को बायोमेट्रिक इंचार्जनिरीक्षक / कार्य <नाम> <नाम> केन्द्रीय औद्यागिक सुरक्षा <नाम> इकाई एटीपीपी,अनपरा एवं बोर्ड के सदस्यों द्वारा भर्ती प्रकिया के दौरान तीन अभ्यर्थियों का..2 बायोमेट्रिक मिलान के दौरान अंगूठा का निशान एवं फोटो का मिलान नहीं होपाया । पूछताछ के दौरान तीनों अभ्यर्थियों ने यह स्वीकार किया कि वे लिखितपरीक्षा में शामिल नहीं हुए थे तथा <नाम> जगह <नाम> अन्य व्यक्तियों ने लिखितपरीक्षा <नाम> था जिससे स्पष्ट होत है कि अभ्यर्थियों द्वारा धोखा-धड़ी <नाम> भर्तीप्रकिया में शामिल होने का प्रयास किया गया जिन्हें समय रहते चिन्हित करलिया गया। प्राथमिकी बनाकर इन्हें सुपुर्द किया जाता है। ", "्रार्थी-अभियुक्तगण की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष है। उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनाया गया है। उनके द्वारा कोई धोखा-धड़ी नहींकी गयी है। उनके विरुद्ध कोई अपराध नहीं बनता है। सन्देह के आधार परउनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रार्थी-अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्तगण का बायोमेट्रिक मिलान के दौरान उनके अंगूठा एवं फोटो कामिलान नहीं हो सका । प्रार्थी-अभियुक्तगण लिखित <नाम> में भी शामिल नहीं हुएथे । अपराध गम्भीर <नाम> का है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में अभियुक्तगण द्वारा लिखित <नाम> उत्तीर्ण <नाम> लेनेके पश्चात शारीरिक <नाम> के दौरान जब बायोमेट्रिक मिलान में असफल रहेतथा अभियुक्तगण के फोटो मिलान की कोशिश की गयी तो <नाम> तो बायोमेट्रिकमिलान में अंगूठे का निशान मेल खाया और <नाम> ही फोटो अभियुक्तगण के चेहरे सेमेल खाये। इस प्रकार अभियोजन पक्ष का यह केस उचित प्रतीत होता है किअभियुक्तगण ने लिखित <नाम> में धोखा-धड़ी की है तथा उनके स्थान <नाम> किसीअन्य व्यक्ति ने लिखित <नाम> दी थी। ", "अभियुक्तगण की तरफ से न्यायालय के समक्ष बहस की गयी किइसी तरह के मामलों में कुछ अभियुक्तगण का जमानत प्रार्थना पत्र इसीन्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया है परन्तु उन मामलों में अभियोजन पक्ष कीतरफ से इस प्रकार का कस प्रस्तुत नहीं किया गया था कि अभियुक्तगण काबायोमेट्रिक मिलान <नाम> होने <नाम> उनके फोटो भी मेल नहीं खाते थे लेकिन प्रस्तुतमामले में अभियोजन पक्ष द्वारा यह स्पष्ट कहा गया है कि अभियुक्तगण काबायोमेट्रिक मिलान <नाम> होने के साथ-साथ उनके फोटोग्राफ भी उनके चेहरे सेमेल नहीं खाते हैं। ", "उक्त तक॑ के खण्डन में बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि कभी-कभीबायोमेट्रिक मिलान में परेशानी होती है तथा यह भी कहा गया कि फोटोग्राफमिलान होने से सम्भव है कि उनक चेहरे से मेल <नाम> खा रहा हो परन्तु बायोमेट्रिकमिलान एवं फोटोग्राफ का मिलान, दोनों ही <नाम> मेल खा पाये, यह मामले कोसन्देहास्पद अवश्य बनाता है तथा बचाव पक्ष का <नाम> स्वीकार किये जाने योग्यनहीं है । " ] }
0DENIED
Bail Application_1232_201925-10-2019563
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा कमलापासवान पुत्र घुरहू पासवान, निवासी ग्राम बकवार, पोस्ट रामगढ़, थानापन्नूगंज जिला सोनभद्र ने दिनॉक 18.06.2019 को थाना पन्नूगंज जिलासोनभद्र में इस कथन के साथ लिखित तहरीर <नाम> कि दिनाक 09.06.2019समय लगभग 12:00 बजे <नाम> में उसकी लड़की पीड़िता उम्र लगभग 17 वर्षअपनी बहन <नाम> उम्र 07 वर्ष व <नाम> 09 वर्ष को लेकर ग्राम नरंगा मेंकोटेदार चन्दर पुत्र <नाम> विलास के यहाँ गल्ला लेने गयी थी। चन्दन नेपीड़िता को घर में ले जाकर हाथापाई करते हुये स्तन दबाने लगा। जब वहशोर-गुल करने लगी तो उसके भाई-बहन जो <नाम> पीने गये थे आ गये तबचन्दन छोड़ <नाम> भाग गया। अभियुक्तगण की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य रूपसे यह आधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्तगण की यह द्वितीय जमानतप्रार्थना पत्र है। प्रार्थीगण निर्दोष हैं, उन्हाने कोई अपराध कारित नहीं किया है,-...2 9उन्हें फर्जी ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन कथानक गलत है। पीड़िता द्वारा गाँव घर के बहकावे में आकर लगभग डेढ़ माह <नाम> <नाम> 164दंण्ड प्रकिया <नाम> का बयान करके प्रार्थीगण को फसाया गया है। प्रार्थीगणकी प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र धारा-376डङी, 323 भा०दं0सं0 में सत्र न्यायालय,सोनभद्र द्वारा दिनक 26.08.2019 को निरस्त किया जा चुका है। वादीमुकदमा ने स्वयं प्रथम सूचना रिपोर्ट में पीड़िता की उम्र 18 वर्ष बताया है। अतः प्रार्थीगण के विरूद्ध धारा-5जी/6 लैंगिक अपराधों से बालकों कासंरक्षण अधिनियम का अपराध नहीं बनता है। अभियुक्तगण का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्तगण को उपरोक्त धारामं जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तगण द्वारा नाबालिग पीड़िता के साथसामूहिक बलात्संग किया गया है। अभियुक्तगण का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रधारा-376डी, 323 भा0दं0सं0 में सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वारा पूर्व में निरस्तकिया जा चुका है। अतः उपरोक्त <नाम> में भी अभियुक्तगण का जमानतप्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्का को सुना एवं पत्रावली काअवलोकन किया गया। ", "प्रस्तुत मामले में पूर्व में धारा-376डी, 323 भारतीय दंण्ड संहितामं अभियुक्तगण की जमानत प्रार्थना पत्र श्रीमान्‌ सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र द्वारादिनॉक 26.08.2019 को निरस्त किया जा चुका है। चूँकि विवेचना से प्रस्तुतमामले में घटना के समय पीड़िता को नाबालिग होना दर्शाया गया है औरधारा-5जी/6 लैंगिक अपराधों से बालका का संरक्षण अधिनियम, 2012 कीबृद्धि की गयी है। मामले में विवेचना के उपरान्त आरोप पत्र भी प्रेषित कियाजा चुका है। " ] }
0DENIED
Bail Application_873_202019-08-202071
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि :-वादी मुकदमा भीषम <नाम> पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> निवासी वार्ड नं0-13अम्बेडकर नगर राबर्टसगंज, सोनभद्र ने दिनाक 18.07.2020 को कोतवाली राबर्टसगंजजिला सोनभद्र में इस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनॉक15.07.2020 को दोपहर में प्रार्थी अपनी मोटर साइकिल जिसका नम्बर यू०पी063एक्स0-2662 है, दरवाजे <नाम> खड़ी किया था। भूल वस उसमें चाभी लगी रह गयीशी जो चोरी हो गयी है। प्रार्थी अपने स्तर से तलाश किया किन्लु नहीं मिली। दिनाक19.07.2020 को मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस द्वारा धर्मेन्द्र मौया पुत्र शिवजी मौर्यानिवासी मोकरम, थाना राबर्टसगंज जिला सोनभद्र को गिरफ्तार किया गया औरउसके कब्जे से चोरी गयी उक्त मोटर साइकिल संख्या यू०पी0 63एक्स0-2662बरामद हुई थी । ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी को उपरोक्त अपराध में झूठा रंजिशन फसाया गया है। प्रार्थी निर्दोष है, उसनेकोई अपराध नहीं किया है। घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायीगयी है। प्रार्थी कथित बरामदगी के समय <नाम> तो मौके से पकड़ा गया और <नाम> हीउसके कब्जे से किसी मोटर साइकिल की बरामदगी हुई है। कथित बरामदगी काकोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्तआधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) द्वारा यह <नाम> प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी/अभियुक्त द्वारा वादी मुकदमाकी मोटर साइकिल चोरी की गयी शी। मुखबिर की सूचना <नाम> पुलिस द्वारा्रार्थी/ अभियुक्त को पकड़े जाने <नाम> उसके कब्जे से कथित चोरी की गयी मोटरसाइकिल बरामद हुई है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर <नाम> का है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "हBail Application/873/2020 -Dharmendra Maurya Vs. State Government 2्रार्थी/अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) के तर्को को सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकनकिया गया। ", "प्रस्तुत मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार घटना दिनॉक15.07.2020 समय लगभग डेढ़ बजे दोपहर की है जबकि प्रशम सूचना रिपोर्ट दिनॉक18.07.2020 को समय 12:09 बजे दर्ज करायी गयी है। जहाँतक प्रथम सूचना रिपोर्टदर्ज कराने में हुये विलम्ब का प्रश्‍न है तो केस डायरी के पर्चा संख्या-1 दिनॉकित18.07.2020 में विवेचक द्वारा वादी मुकदमा का बयान <नाम> किया गया जिसकेबयान में यह लिखा है कि \"हम लोग अपने स्तर से काफी छानबीन किये जिसकापता नहीं चला तो थाने <नाम> जाकर मुकदमा लिखवाया। ” घटना की प्रथम सूचनारिपोर्ट आज्ञात में दर्ज हुआ है। केस डायरी के पर्चा संख्या-1 दिनॉकित 18.07.2020में ही वादी मुकदमा के पुत्र हर्ष <नाम> <नाम> का बयान विवेचक द्वारा <नाम> कियागया है जिसके बयान में अन्य बातों के अलावा यह लिखा है कि \"आज मेरे बगल काएक लड़का जो फेसबुक चलाता है उससे जुड़ा एक लड़का जो मेरी ही बाइक परबैठ <नाम> अपना फोटो खिंचाया है जिसकी फोटो मुझे व्हाट्स <नाम> भेजा है। फोटो केऊपर धर्मेन्द्र मौर्या नाम <नाम> है। ” लेकिन फेसबुक चलाने वाले लड़के का कोई नामनहीं बताया गया है। प्रार्थी/अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहीं कियागया है। केस डायरी के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि किसी के बयान में फेसबुकचलाने वाले लड़के का नाम नहीं आया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_441_202117-03-2021313
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "यह जमानत प्रार्थना पत्र माननीय सत्र न्यायाधीश, सोनभद्र के आदेशदिनांकित 17.03.2021 के द्वारा स्थानान्तरित होकर इस न्यायालय में प्राप्त हुआ है। ", "्रार्थी/ अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन कियागया है कि वह प्रस्तुत मामले में पूर्व में जमानत <नाम> था। प्रार्थी गरीब आदमी है,बाहर रहकर मजदूरी करता है और इसी <नाम> वह घर से बाहर रहने के कारणन्यायालय हाजिर नहीं आ सका और उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी होगया। प्रार्थी ने गैर जमानती वारण्ट निरस्त कराने <नाम> दिनांक 01.03.2021 कोप्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था जिसे न्यायालय द्वारा निरस्त करते हुए उसे जेल भेजदिया गया है। प्रार्थी के घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं तथा पत्नी के अतिरिक्त घरपरिवार की देख भाल करने वाला कोई अन्य व्यक्ति नहीं है। प्रार्थी/ अभियुक्तअदालत हाजिर आने में <नाम> बूझ <नाम> कोई लापरवाही नहीं किया है तथा प्रत्येकनियत <नाम> <नाम> वह हाजिर आता रहेगा। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "्रार्थी/ अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता का <नाम> है कि अभियुक्त प्रस्तुतमामले में पूर्व से जमानत <नाम> था तथा वह गरीब मजदूर व्यक्ति है और रोजीरोजगार के सिलसिले में बाहर चला गया था जिस <नाम> नियत <नाम> <नाम> न्यायालयमें उपस्थित नहीं हो सका और उसक विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किया गयाहै। अभियुक्त काफी समय से जेल में निरूद्ध है। अतः उसे जमानत <नाम> <नाम> करदिया जावे। ", "विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा कहा गया है कि अभियुक्त कीअनुपस्थिति के <नाम> उसक विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किया गया है जिस Bail Application/839/2021 -Surajdeo Yadav Vs. State Government 2पर उसे जेल भेजा गया है। अभियुक्त द्वारा जमानत का दुरूपयोग किया गया हैजिस <नाम> मामले की कार्यवाही बाधित हुई है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिया जावे। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजनअधिकारी के तर्को को धैर्यपूर्वक सुना गया तथा सत्र परीक्षण संख्या-214 सन्‌ 2016की पत्रावली का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलन किया गया। ", "उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्को को सुनने एवं पत्रावली केअवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त सूरज <नाम> <नाम> प्रस्तुत मामले में पूर्व सेजमानत <नाम> रहा है तथा <नाम> में वह अनुपस्थित हो गया। प्रार्थी / अभियुक्त कीअनुपस्थिति के <नाम> उसके विरूद्ध गैर जमानती वारण्ट जारी किए जाने का आदेशापारित किया गया है। प्रार्थी/ अभियुक्त द्वारा गैर जमानती वारण्ट रिकाल कराने हेतुउसने स्वयं न्यायालय के समक्ष दिनांक 01.03.2021 को आत्मसमर्पण किया है तथाउसकी ओर से प्रस्तुत गैर जमानती वारण्ट रिकाल प्रार्थना पत्र को न्यायालय द्वाराउसी <नाम> निरस्त करते हुए उसे जिला कारागार भेजा गया है। अभियुक्त द्वारा कहागया है कि वह रोजी रोजगार के सिलसिले में बाहर चला गया था तथा पूर्व मेंजमानत <नाम> रहा है। प्रार्थी/ अभियुक्त इस मामले में दिनांक 01.03.2021 से जिलाकारागार में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_806_202029-07-2020181
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "29.07.2020अभियुक्त रामब्रत स्वीपर की ओर से यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रप्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानंक संक्षेप में यह है कि दिनांक 02.07.2020 को उपनिरीक्षक कृष्णावतार <नाम> इमराहियों के साथ देखभाल कसबा ओबरा व चेकिगएच0एस0 में सेक्टर-9 चौराहे से होते हुए खैरटिया जाने वाले रास्ते <नाम> मुड़ा तोजैसे ही आगे तिराहे परप पहुंचा कि खैरटिया की तरफ से व्यक्ति आता दिखायीदिया जिसके हाथ में झोला था। पुलिस जीप को देखकर पीछे मुड़कर भागने लगाकि बदमाश होने के शक होने <नाम> आवाज देकर रूकने के लिए कहा तो नहीं रूका। इस <नाम> पुलिस <नाम> दौड़ाकर आर0ओ0 टकी से 10 <नाम> पहले सड़क <नाम> ही समयकरीब 10.45 बजे पकड़ लिया गया। पकड़े गए व्यक्ति का नाम पता पूछा गया तोउसने अपना नाम रामब्रत स्वीपर पुत्र रामचन्दर स्वीपर बताया। नियमानुसार जामातलाशी ली गयी तो उसक दाहिने हाथ में लिए झोले में 1.700 किलोग्राम नाजायजगांजा बरामद हुआ। गांजा रखने का अधिकार पत्र मांगा गया तो नहीं दिखा सका। अतः अभियुक्त को <नाम> गिरफूतारी बताकर हिरासत में लेकर फर्द मौके परलिखकर पढ़कर सुनाकर सर्व संबधित के हस्ताक्षर फर्द <नाम> कराकर व फर्द कीनकल अभियुक्त को देकर <नाम> मुल्जिम को थाने दाखिल <नाम> मुकदमा कायम करायागया। ", "अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तनिर्दोष है। उसके द्वारा कोई अपराध नही किया गया है। उसके पास से कोईनाजायज गांजा बरामद नहीं हुआ है। अभियुक्त के पास से दिखायी गयी गांजावाणिज्यक <नाम> से काफी कम है। फर्जी बरामदगी दिखाकर चालान <नाम> <नाम> गया। घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी <नाम> नही है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहासनहीं है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0एक्ट क प्राविधान का पालन नहीं कियागया है। अभियुक्त दिनांक 02.07.2020 से जेल में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार परजमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहा गया मBail Application/1687/2020 -rambriat Vs. State Government 2कि अभियुक्त के कब्जे से एक किलो सात सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद हुआहै, जो अल्प <नाम> से अधिक है। पुलिस <नाम> द्वारा एन0डी0पी0एस0०एक्ट केप्राविधानों का सही प्रकार से पालन किया गया है। अभियुक्त को जमानत <नाम> रिहाकिए जाने से पुनः अपराध में लिप्त होने के सम्भावना से इन्कार नहीं किया जासकता है। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की याचनाकी गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त केकब्जे से एक किलो सात सौ ग्राम नाजायज गांजा बरामद होना कहा गया है, जोअल्प <नाम> से अधिक है। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियुक्त के विरूद्ध कोईआपराधिक इतिहास दर्शित नहीं किया गया है। अभियुक्त दिनांक 02.07.2020 सेजेल में निरूद्ध है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1013_201904-09-20191016
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा बृजेशकुमार <नाम> पुत्र <नाम> <नाम> निवासी ग्राम सिरसोती, थाना बीजपुर जिलासोनभद्र ने दिनाक 19.08.2019 को थाना बीजपुर जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी बहन पीड़िता %% पुत्रीराम <नाम> उम्र 16 वर्ष जो कक्षा-10 में पढ़ रही थी, उसे <नाम> <नाम> पुत्रसीताराम <नाम> निवासी ग्राम अमिलिया, थाना माड़ा जिला सिंगरौली (मध्यप्रदेश) ने दिनॉक 10.04.2019 को बहला फुसला <नाम> शादी का झॉसा देकरसिरसोती बैरियर के पास बुला <नाम> भगा ले गया और उसके साथ जबरदस्तीगलत <नाम> किया। उसके <नाम> उसकी बहन को मारपीट <नाम> धमकी देकरभगा दिया। वह अपनी बहन को सिंगरौली से वापस लाया, उसकी बहन बहुतपरेशान है। उक्त आधार <नाम> कानूनी कार्यवाही करने की <नाम> की गयी है। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त की यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी निर्दोष है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। प्रार्थी को थाना 9बीजपुर की पुलिस द्वारा फी फसाया गया है। अभियोजन कथानक गलत एवंबेबुनियाद है। प्रार्थी की वादी मुकदमा की बहन पीड़िता से सगाई हो गयीथी। बीस रूपये के स्टाम्प <नाम> प्रार्थी और पीड़िता के पिता द्वारा थाना बीजपुरमें दिनॉक 15.04.2019 को एक लेख लिखा गया जिसमें यह तय किया गयाहै कि दोनों की शादी माह <नाम> 2020 में होगी । किन्तु पीड़िता के पिता नेशादी तोड़ दी जबकि प्रार्थी पीड़िता के साथ शादी करना चाहता है। सगाईटूटने के <नाम> वादी मुकदमा ने दबाव बनाने के लिये प्रार्थी के विरूद्ध झूठामुकदमा किया है। अभियुक्त ने पीड़िता को बहलाया फुसलाया नहीं है औरन ही अपने साथ <नाम> ले गया था। पीड़िता का कई लोगों से नाजायजसम्बन्ध है इसलिये प्रार्थी के पिता ने सगाई तोड़ <नाम> इसी बात का बदलालेने के लिये प्रार्थी के विरूद्ध मनगढ़ंत मुकदमा दर्ज करायी गयी है। अपनेबयान अन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> में पीड़िता ने कहा है किउसके <नाम> <नाम> की शादी में <नाम> से मुलाकात हुई थी उसी समय प्यारहो गया और शादी की बात तय हो गयी थी। अभियुक्त का कोई आपराधिकइतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जानेकी <नाम> की गयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता, फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहकथन किया गया है कि किसी प्रकार का कोई सुलहनामा अभियुक्त पक्ष तथावादी मुकदमा के बीच नहीं किया गया है। पीड़िता घटना के समय नाबालिगथी। अभियुक्त द्वारा पीड़िता को बहला फुसला <नाम> ले जाया गया और शादीका झॉँसा देकर उसके साथ लैंगिक अपराध कारित किया गया है। अतःजमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता, फौजदारी तथा अभियुक्तके विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रं का अवलोकनकिया गया। ", "प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रार्थी/अभियुक्त के विरूद्ध इस कथन केसाथ पंजीकृत कराया गया है कि वादी मुकदमा की नाबालिग बहन कु0 %%जिसकी उम्र 16 वर्ष है तथा कक्षा-10 में पढ़ रही थी उसको अभियुक्त संदीपशाह ने दिनॉक 10.04.2019 को बहला फुसला <नाम> शादी का झॉसा देकरअपने पास बुलाया तथा उसके साथ गलत <नाम> किया और धमकी देकर उसेभगा दिया। दौरान विवेचना पीड़िता द्वारा भी इसी आशय का कथन कियागया है। पीड़िता के हाई स्कूल <नाम> के अंक पत्र में उसकी जन्मतिथि जमानत प्रार्थना पत्र संख्या-1013/ 2019,318.11.2003 <नाम> है। प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से यह तरक रखा गया है किपीड़िता एवं अभियुक्त के पिता के बीच बीस रूपये के स्टाम्प <नाम> शादी माहजनवरी, 2020 में होने का सुलहनामा किया गया है, जबकि वादी पक्ष की ओरसे इससे इन्कार किया गया है। इस प्रकार अभियुक्त <नाम> नाबालिग पीड़िताको शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ प्रवेशन लैगिक हमला का अपराधकारित किये जाने का अभियोग है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1038_201911-09-2019959
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अतः उक्त दोनों जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण एक साथकिया जा रहा है। ", "प्रार्थिनी-अभियुक्ता <नाम> <नाम> की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्रसं0-1038//2019 एवं प्रार्थिनी-अभियुक्ता <नाम> की तरफ से जमानत प्रार्थना पत्रसं०-1039//2019 पृथक-पृथक रुप से अ0सं0- 574/2019, धारा-272, 273भा०0दं0सं0 व धारा-60/63 आबकारी अधिनियम, थाना-राबर्टसगंज, जिला-सोनभद्र क प्रकरण में जमानत <नाम> मुक्त किये जाने <नाम> प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 01.09.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ <नाम> नगरमोहल्ला स्थित कंजड़ <नाम> में दबिश दी गयी तो <नाम> के पक्के मकान केसामने स्थित झोपड़ी में भटठी जलाकर तीन लोग शराब बना रहे थे। पुलिसवालों को देखकर भागना चाहे तो घेर <नाम> भट्ठी के पास ही 8.00 बजे पकड़लिया गया। नात पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम <नाम> दूसरे ने अपनानाम <नाम> एवं तीसरे ने अपना <नाम> बताया। मौके <नाम> पाइप क सहारे बोतल में..2 9शराब उतारी जा रही थी। चूल्हे के पास 20 लीटर की दो एवं 10 लीटर की एकजरीकैन में शराब <नाम> हुई थी। पास में यूरिया खाद व नौसादर तथा भारी मात्रामें लहन रख हुआ था। बरामद वस्तुओं की फर्द तैयार की गयी एवं फर्दबरामदगी के आधार <नाम> अभियुक्तागण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ", "प्रार्थिनी-अभियुक्ता <नाम> की तरफ से कहा गया किअभियुक्तागण निर्दोष है। अभियुक्तागण के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई है। अभियुक्तागण द्वारा शराब की तस्करी नहीं की जाती है। प्रार्थिनी-अभियुक्ता प्रीतिके सम्बध में कहा गया कि प्रार्थिनी विकलांग है। उसके पास से कोई बरामदगीनहीं हुई है। उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। वह निर्दोष है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किअभियुक्तगण के कब्जे से बीस-बीस लीटर की दो व 10 लीटर की जरीकैन मेंकच्ची शराब बरामद किया गया तथा नौसादर एवं यूरिया भी बरामद की गयी। अभियुक्तगण द्वारा शराब को तीब्र बनाने के लिए यूरिया व नौसादर मिलाया जाताहै। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "<नाम> विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट <नाम> <नाम> प्राप्त नहीं हुई हैजिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि शराब में कोई मिलावट की गयी है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_124_202013-02-2020338
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थी / अभियुक्तगण प्रस्तुत मामले में आज तकअंतरिम जमानत <नाम> हैं, उनके आत्मसमर्पण करने <नाम> उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लियाजा चुका है । ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प््रार्थी/अभियुक्तगण ने कोई अपराध नहीं किया है, उन्हें गलत तरीके से अभियुक्त बनायागया है, प्रार्थीगण निर्दोष हैं। प्रार्थी / अभियुक्तगण का कोई आपराधिक इतिहास नहींहै। प्रार्थी/ अभियुक्तगण को जमानत <नाम> <नाम> किए जाने की <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादीमुकदमा <नाम> <नाम> पुत्र स्व0 <नाम> <नाम> जोकि अनुसूचित (दुसाध) जाति का व्यक्ति हैतथा ग्राम बभनगवां, थाना पन्नूगंज, जनपद सोनभद्र का रहने वाला है, ने दिनांक 27.03.2019 एक तहरीर इस आशय की पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के समक्ष प्रस्तुत कियाकि दिनांक 19.03.2019 को समय करीब 06.30 बजे <नाम> को विपक्षी <नाम> तथासुदामी जो उसी क गांव के हैं, आपसी विवाद को लेकर उसे जातिसूचक शब्दों काप्रयोग करते हुए गालियां देने लगे। वादी ने गालियां देने से <नाम> किया तो उसकेशरीर <नाम> दांत से काट लिये तथा लाठी डंडे से मारे पीटे तथा <नाम> से मारने कीधमकी दी। पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र के आदेशानुसार मामले में दिनांक 14.04.2019को अभियोग पंजीकृत किया गया तथा <नाम> विवेचना विवेचक द्वारा उपरोक्त वर्णितअपराध में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। ", "रहDate: 2020.02.13Reason: DocumeBail Application/457/2020 -Rahul Vs. State Government 2धारा-15ए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचारनिवारण) अधिनियम के अनुसार वादी मुकदमा को नोटिस जारी किया गया है। वादीमुकदमा की ओर से उसक विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए हैं। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता, वादी मुकदमा केविद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> के तर्को को धैर्यपूर्वक सुनागया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रं का सम्यक अवलोकन एवं परिशीलनकिया गया। ", "्रार्थी/अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि कथित घटनादिनांक 19.03.2019 को घटित होना बतायी गयी है जबकि प्रथम सूचना रिपोर्टअत्यन्त बिलम्ब से दिनांक 14.04.2019 को पंजीकृत करायी गयी है। चिकित्सीयपरीक्षण आख्या में चोटहिल <नाम> <नाम> के शरीर <नाम> सभी चोटें साधारण <नाम> कीपायी गयी हैं तथा सख्त एवं कुन्द हथियार से पहुंचाया <नाम> कहा गया है। प्रथमसूचना रिपोर्ट में अभियुक्तगण द्वारा दांत से काटे जाने का कथन किया गया है जोचिकित्सीय परीक्षण आख्या में चिकित्सक की <नाम> के विपरीत है। अभियुक्तगणमां-बेटे हैं। अभियुक्तगण पूर्णतया निर्दोष हैं, अतः उन्हें जमानत <नाम> <नाम> किया जावे। ", "विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> तथा वादी मुकदमा के विद्वानअधिवक्ता द्वारा उक्त तर्को के खण्डन में कहा गया है कि अभियुक्तगण ने अनुसूचितजाति के व्यक्ति <नाम> <नाम> को दांत से काटकर उसे लहू-लुहान <नाम> दिया। प्रार्थी /अभियुक्तगण के विरूद्ध लगाये गये अभियोग अत्यन्त गम्भीर <नाम> का है। अभियुक्तगण जमानत <नाम> छोड़े जाने <नाम> नहीं हैं, अतः जमानत प्रार्थना पत्र निरस्तकिए जाने की <नाम> की गयी है। ", "उभय पक्ष क विद्वान अधिवक्तागण क तर्को को सुनने तथा पत्रावली परउपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों के आधार <नाम> यह स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट बिलम्बसे दर्ज करायी गयी है। चिकित्सीय परीक्षण आख्या में चोटहिल के शरीर <नाम> सभीचोटें साधारण <नाम> की पायी गयी है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में दांत से काटना कहागया है जबकि चिकित्सीय परीक्षण आख्या में मजरूब के शरीर <नाम> आयी चोटेंसख्त एवं कुन्द हथियार से <नाम> बताया गया है। अभियुक्तगण को पूर्व में अन्तरिमजमानत <नाम> <नाम> किया गया था। अंतरिम जमानत <नाम> छूटने के उपरान्त उनके द्वाराअंतरिम जमानत का दुरूपयोग नहीं किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_651_201929-06-2019542
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 03.06.2019को प्रभारी निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मचारियों व स्वाट टीमके निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> व हमराही पुलिस कर्मचारियों के साथ हिन्दुआरीतिराहे <नाम> अपराध के रोकथाम क सम्बन्ध में चर्चा की जा रही थी तो उसी समयमुखबिर द्वारा बताया गया कि हरियाणा से एक ट्रक शराब लेकर <नाम> क रास्तेबिहार जाने वाला है। इस सूचना <नाम> वादी व अन्य पुलिस कर्मचारी <नाम> सेनौगढ़ होते हुए बिहार जाने वाले मार्ग <नाम> <नाम> <नाम> मौर्य के मकान के पासओवरब्रीज के नीचे आने वाले वाहन का इंतजार करने लगे। थोड़ी देर में उत्तरदिशा से एक ट्रक आता हुआ दिखायी <नाम> जिसे मुखबिर ने आकर बतायाकि यह वही गाड़ी है जो सामने से आ रही है। एकाएक उक्त ट्रक को रोड पररोक लिया गया। ट्रक रूकते ही एक व्यक्ति चालक की सीट से तथा दूसराव्यक्ति बगल वाली सीट से कूदकर भागना चाहे कि चालक सीट से उतर रहेव्यक्ति को पकड़ लिया गया तथा भागे हुए व्यक्ति का पीछा किया गया किन्तुवह भाग गया। पकड़े गये व्यक्ति ने अपना नाम कृष्णचन्द्र बताया तथा यह भीबताया कि ट्रक में हरियाणा से शराब लोड करके बिहार प्रान्त ले जाया जा रहाहै। मौके <नाम> ट्रक की तलाशी ली गयी तो ट्रक नं0- एच आर. 69सी 9069 से800 पेटी 180 एमएल की 54400 शीशी अवैध देशी शराब बरामद हुआ। बरामदशराब के सम्बन्ध में कागजात मांगने <नाम> नहीं दिखा सका। बरामदगी के आधारपर अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तवाहन का चालक है। उसका कार्य मात्र गाड़ी चलाना होता है। गाड़ी <नाम> लदेकिसी भी सामान का फायदा या नुकसान से प्रार्थी-अभियुक्त का कोई वास्तासरोकार नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ", "ooअभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त प्रश्‍नगत वाहन <नाम> अवैध रुप से शराब हरियाणा से लेकर बिहारजा रहा था। प्रश्‍नगत वाहन का प्रार्थी-अभियुक्त चालक है। वाहन से 54400शीशी देशी शराब बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत मामले में ट्रक चालक पकड़ा गया तथा ट्रक का मालिकअनिल <नाम> ट्रक से कूदकर भाग गया। बचाव पक्ष का यह तर्क उचित प्रतीतहोता है कि जब ट्रक का <नाम> स्वयं ट्रक में बैठा हुआ हो तो ट्रक में लदे हुएसामान की जानकारी या चिन्ता करने का <नाम> चालक का नहीं होता है। उसेसिफ ट्रक को अपने गन्तव्य <नाम> पहुंचाना होता है। ऐसी <नाम> में अभियुक्त ट्रकचालक कृष्णचन्द्र को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने का आधार पर्याप्त है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_914_202012-08-2020121
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 31.07.2020 को प्रभारी निरीक्षकनवीन <नाम> <नाम> मय हमराह देखभाल <नाम> तलाश वांछित अपराधी व विवेचना मेंथाना स्थानीय से रवाना होकर चोपन बैरियर व पटवध सलखन में मामूर था तो ज्ञातहुआ कि चन्दन <नाम> पुत्र जवाहिर का एक सकिय गिरोह है तथा इस गिरोह केसंदीप दूबे पुत्र रमाशंकर, सूरज <नाम> पुत्र जवाहिर, <नाम> <नाम> पुत्र <नाम> लालपाण्डेय, गुड्डू उफ शिवशंकर <नाम> पुत्र सीता <नाम> <नाम> चेरो पुत्र कल्लू चेरो,नन्दू चेरो पुत्र कल्लू चेरो सकिय सदस्य है तथा चन्दन <नाम> इस गिरोह के गैगलीडर है। यह गिरोह/ गैंग अपने तथा अपने गैंग के सदस्यों के आर्थिक भौतिक एवंदुनियाबी <नाम> के लिए अलग अलग एवं एक साथ मिलकर अवैध खनन वन <नाम> मेंकरते है तथा समाज के लोगों को व वन विभाग के कर्मचारीगण को <नाम> धमकाकर एवंमार पीट <नाम> दहशत फेलाते है। यह गैंग भा0द0सं0 के अध्याय 16,17 एवं 22 में वर्णितअपराधों को करने के अभ्यस्तः अपराधी है। इस गैग का समाज मं भय एवं आतंकव्याप्त है। इस गैग द्वारा दिनांक 12.07.2020 को अवैध खनन व परिवहन करने <नाम> वनविभाग के कर्मचारीगण द्वारा रोके जाने <नाम> मार पीट किया गया। इस घटना सेपटवध एवं आसपास के क्षेत्रों में काफी दहशत का माहौल बना रहता है। इस गैंग केभय एवं आंतक के <नाम> <नाम> का कोई भी व्यक्ति इनके विरूद्ध थाने में मुकदमालिखवाने या न्यायालय में गवाही देने का साहस नहीं <नाम> पाता है। इस गैग का स्वछन्दरहना समाज के हित में ठीक नहीं है। अभियुक्तगण के विरूद्ध गैग चार्ट जिलाधिकारीसोनभद्र द्वारा अनुमोदित होकर प्राप्त हो चुका है। अतः वादी द्वारा अभियुक्तगणके विरूद्ध उपर्युक्त वर्णित अभियोग पंजीकृत कराया गया। ", "जमानत <नाम> मुख्य <नाम> से यह <नाम> प्रस्तुत किया गया है कि अभियुक्तको रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसने कोई अपराध नहीं किया है, <नाम> ही ऐसेअपराधों में कभी लिप्त रहा हैं। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-175/ 20 अन्तर्गत धारा-147,323,504,332,353 भा०द0वि0,मु0अ0सं०-34//20 अन्तर्गत धारा-379,411,504,506 भा०द0सं0,धारा-3/ 57 / 70 Bail Application/l877/2020 -Guddu Vs. State Government 2उ0प्र०्खनिज <नाम> नियमावली एवं धारा-5/26 वन अधिनियम एवं मु0अ०सं०159/18 अन्तर्गत धारा-379 भा०द0वि0 एवं धारा-3/57,/70 उ0प्र०खनिज परिहारनियमावली एवं धारा-4/21 खनिज अधिनियम थाना चोपन जिला सोनभद्र में अभियोगपंजीकृत है। उपरोक्त अपराध से अभियुक्त का कोई वास्ता सरोकार नहीं है। अभियुक्तके विरूद्ध मुकदमा उपरोक्त में गिरोह बन्द होकर आर्थिक व दुनियाबी <नाम> अर्जितकरने का कोई साक्ष्य नहीं है। अभियुक्त के विरूद्ध अभ्यस्तः अपराधी एवं थाना <नाम> में'भय दहशत एवं आतंक के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है। उपरोक्त आधारों परजमानत <नाम> मुक्त किये जाने की प्रार्थना की गई है। ", "अभियोजन पक्ष द्वारा तर्क किया गया है कि गैंग चार्ट में अभियुक्त केविरूद्ध चोरी से अवैध खनन परिवहन से सबधित गम्भीर मामला दर्शाया गया हैं। अभियुक्त एक संगठित गिरोह का गैग सकिय सदस्य है। अभियुक्त के विरूद्धमु0अ0सं0-175/ 20 अन्तर्गत धारा-147,323,504,332,353 भा०द0वि0,मु०अ०सं0-34/20 अन्तर्गत धारा-379,411,504,506 भा0०द0सं0,धारा-3/ 57 / 70उ0प्र०्खनिज <नाम> नियमावली एवं धारा-5/26 वन अधिनियम एवं मु0अ०सं०159/18 अन्तर्गत धारा-379 भा०द0वि0 एवं धारा-3/57,/70 उ0प्र०खनिज परिहारनियमावली एवं धारा-4/21 खनिज अधिनियम थाना चोपन जिला सोनभद्र में अभियोगपंजीकृत है। अभियुक्त अपने गैग लीडर एवं अन्य साथियों के साथ मिलकरआर्थिक एवं भौतिक <नाम> के लिए गम्भीर अपराध कारित करते है। अभियुक्त कजमानत <नाम> छूटने से उसके पुनः अपराधिक कृत्यो में लिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है,साथ इही साक्षीगण को प्रतिकूल <नाम> से प्रभावित करने की <नाम> से इन्कार नहींकिया जा सकता है। उपर्युक्त वर्णित आधारों <नाम> जमानत का घोर विरोध किया गयाहै । " ], "judge-opinion": [ "मैंने बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ता तथा राज्य के पक्ष से विद्वानअभियोजन <नाम> के तर्को को सविस्तार सुना एवं उपलब्ध अभियोजन प्रपत्रों कापरिशीलन किया। ", "अभियोजन प्रपत्रों के अवलोकन से विदित होता है कि अभियुक्त केविरूद्ध मु0अ0सं0०-175/20 अन्तर्गत धारा-147,323,504,332,353 भा0द0वि0,मु०अ०सं0-34/20 अन्तर्गत धारा-379,411,504,506 भा0०द0सं0,धारा-3/ 57 / 70उ0प्र०्खनिज <नाम> नियमावली एवं धारा-5/26 वन अधिनियम एवं मु0अ०सं०159/18 अन्तर्गत धारा-379 भा०द0वि0 एवं धारा-3/57,/70 उ0प्र०खनिज परिहारनियमावली एवं धारा-4/21 खनिज अधिनियम थाना चोपन जिला सोनभद्र में अभियोगपंजीकृत है। गैग चार्ट के अनुसार अभियुक्त संगठित गिरोह का सकिय सदस्य है। अभियुक्त गैग के लीडर एवं गैग के सदस्यों के साथ मिलकर आर्थिक एवं भौतिकलाभ के लिए गम्भीर अपराध कारित करना कथित किया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_691_201902-07-2019515
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 09.05.2019को उप निरीक्षक <नाम> <नाम> <नाम> हमराही पुलिस कर्मियों के साथ दुद्धीचुआतिराहे <नाम> रात्रिगश्त में उपस्थित थे तो मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि चारलोग अम्बेडकर नगर पम्प हाउस के बाउण्डरी की आड़ में चोरी की <नाम> बनारहे हैं। इस सूचना <नाम> पुलिस कर्मचारीगण अम्बेडकर नगर पम्प बाउण्ड्री के पासगाड़ी को खड़ी करके बाउण्ड्री के पास आकर दीवाल की आड़ लेकर झाड़ियों मेंबैठे हुए व्यक्तियों की बातचीत सुनने लगे तो एक ने बताया कि एन0टी0पी0सी0०कालोनी में एक मकान तीन-चार <नाम> से बन्द है जिसमें चोरी करने <नाम> बहुतमाल मिलेगा जिस <नाम> तीन अन्य व्यक्तियों द्वारा समर्थन करते हुए तुरन्त चलनेकी बात कहे तो उन्हें विशवास हो गया कि यह चोरों का गिरोह है तथा चोरी कीयोजना बना रहे हैं। एक बारगी दबिश देकर चारों व्यक्तियों को पकड़ लियागया। नाम पता पूछा गया तो एक ने अपना नाम <नाम> <नाम> <नाम> उफ विक्कीउफ पोपड़ बताया जिसकी तलाशी ली गयी तो उसके कब्जे से एक अदद देशीतमंचा 315 बोर व एक अदद जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद किया गया । दूसरे ने अपना नाम वाजिद अली बताया जिसकी तलाशी ली गयी तो उसकेपहने हुए पैण्ट क दाहिने फटे से एक अदद देशी तमंचा 2315 बोर व एक अददजिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद किया गया। तीसरे ने अपना नाम शिवा गुप्ताबताया जिसकी तलाशी ली गयी तो उसके कब्जे से एक अदद लोहे की सबरीबरामद हुई । चौथे ने अपना नाम <नाम> <नाम> बताया जिसकी तलाशी ली गयीतो उसके कब्जे से एक अदद चाभी का गुच्छा बरामद किया गया। <नाम> बताकरअभियुक्तों को दिनांक 10.05.2019 को समय 2.20 बजे ए.एम. <नाम> हिरासत मेंलिया गया । बरामद वस्तुओं की फर्द तैयार की गयी एवं फर्द बरामदगी केआधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की तरफ से कहा गया है कि वह निर्दोष है। ्रार्थी-अभियुक्त के पास से मात्र एक अदद लोहे की <नाम> नुकीली बरामद कीगयी है। घटना का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोईआपराधिक इतिहास नहीं है। <नाम> अभियुक्तगण वाजिद अली एवं <नाम> तिवारीकी जमानत इस न्यायालय द्वारा स्वीकार की जा चुकी है। ooअभियोजन पक्ष द्वारा जमानत का विरोध करते हुए कहा गया किप्रार्थी-अभियुक्त को अन्य अभियुक्तगण के साथ चोरी की <नाम> बनाते समयगिरफूतार किया गया है तथा प्ररार्थी-अभियुक्त के कब्जे से एक अदद लोहे कीसबरी बरामद की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "्रार्थी-अभियुक्त का कथन है कि उसके कब्जे से एक अदद सबरीकी बरामदगी दिखायी गयी है किन्तु बरामदगी का कोई स्वतंत्र <नाम> नहीं है। अभियोजन पक्ष से प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास प्रस्तुत नहींकिया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_818_202005-08-2020143
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "प्रार्थना पत्र में किये गये कथन के समर्थन में शपथपत्र 4-ख प्रस्तुत किया गया है। ", "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादी मुकदमा <नाम> निरंकार <नाम> खण्डविकास <नाम> <नाम> सोनभद्र ने दिनाक 29.04.2020 को थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र मेंइस कथन के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया कि <नाम> <नाम> <नाम> की शिकायती पत्रसंख्या-<फ़ोन-नंबर>36 के कम में उपायुक्त श्रम रोजगार (मनरेगा) द्वारा जाचोपरान्त यहतथ्य <नाम> में आया कि ग्राम <नाम> <नाम> <नाम> <नाम> मौर्या, ग्राम पंचायत सचिव <नाम> अमरेशचन्द्र, तकनीकी सहायक <नाम> शिवदत्त मिश्र एवं ग्राम रोजगार सेवक <नाम> सत्येन्द्र <नाम> पाण्डेयद्वारा <नाम> <नाम> <नाम> के खेत में तालाब खोदवाने के प्रकरण में रू0 1,79,956/-(एक लाखउन्यासी हजार नौ सौ छप्पन रूपये) का अनियमित भुगतान कराकर शासकीय धनराशि कादुरूपयोग किया गया है। ", "्रार्शी/अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यह आधारलिया गया है कि प्रार्थी का यह प्रथम अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र है। प्रार्थी रोजगार सेवक केपद <नाम> संविदा कर्मी के <नाम> में सन्‌ 2006 से कार्यरत है। <नाम> <नाम> पुत्र द्वारिका, निवासीपचोखर, थाना पन्नूगंज जिला सोनभद्र के खेत में तालाब की खुदाई के सम्बन्ध में ग्रामपंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित हुआ था। तालाब की खुदाई मनरेगा मजदूरों द्वारा कराया गयातथा सरकारी मानक के अनुरूप कार्य हुआ था। प्रार्थी द्वारा तालाब की खुदाई में कार्यरतमजदूरों एवं कार्य स्थल की देख-रेख किया गया था। लाभार्थी <नाम> <नाम> ग्राम प्रधानराजकुमार मौर्या के पट्टीदार हैं और उनके बीच पारिवारिक व चुनावी रंजिश रहती है, इसीको लेकर <नाम> <नाम> ने तालाब खुदाई को आधार बना <नाम> गलत तथ्यों के आधार परशिकायती प्रार्थना पत्र <नाम> था जिसमें प्रार्थी को भी गलत व फर्जी तरीके से अभियुक्त नामितकिया गया है। प्रार्थी निर्दोष है तथा कोई अपराध कारित नहीं किया है। बहस के दौरान प्रार्थीके विद्वान अधिवक्ता द्वारा <नाम> पूर्वक यह तर्क किया गया कि पूर्व में <नाम> अभियुक्त राजकुमारमौर्या जो ग्राम पंचायत पन्नूगंज के <नाम> हैं, उनकी अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त की जाचुकी है । परन्तु प्रस्तुत अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र रोजगार सेवक की है जिसकी <नाम> मामलेमें ग्राम <नाम> से भिन्न है। क्योंकि किसी भी कार्य के निष्पादन में हुये व्यय की धनराशि काभुगतान रोजगार सेवक नहीं बल्कि ग्राम <नाम> व सचिव के माध्यम से की जाती है। अतःराजस्व के गबन का आरोप रोजगार सेवक <नाम> अधिरोपित नहीं किया जा सकता। उक्त आधारपर प्रार्थी / अभियुक्त को अग्रिम जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> की गयी है। ", "इस सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अभियोजन अधिकारीद्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रार्थी /अभियुक्त द्वारा ग्राम रोजगार सेवक होते हुये ग्राम ह2प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव के साथ मिल <नाम> शिकायतकर्ता <नाम> <नाम> क खेत मेंतालाब खोदवाने के प्रकरण में शासकीय धनराशि का दुरूपयोग किया गया है। यदि अभियुक्तकी अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह वादी मुकदमा एवं अभियोजनसाक्ष्य को प्रभावित करेगा। अतः अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की <नाम> कीगयी है। ", "प्रस्तुत प्रकरण में प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार प्रार्थी / अभियुक्त द्वारा ग्रामरोजगार सेवक होते हुये ग्राम <नाम> एवं ग्राम पंचायत सचिव के साथ मिल <नाम> शिकायतकर्तालक्ष्मी <नाम> के खेत में तालाब खोदवाने के प्रकरण में शासकीय धनराशि का दुरूपयोगकिये जाने का अभियोग है। जिलाधिकारी, सोनभद्र के आदेश के अनुपालन में उपायुक्त श्रमरोजगार, सोनभद्र द्वारा मामले की जॉच की गयी है। जाँच आख्या केस डायरी के साथ संलग्नहै जिसमें स्पष्ट <नाम> से यह उल्लेख किया गया है कि ग्राम <नाम> <नाम> <नाम> मौर्या, ग्रामसचिव <नाम> अमरेश, तकनीकी सहायक <नाम> <नाम> <नाम> मिश्र एवं ग्राम रोजगार सेवक <नाम> सत्येन्द्रदेव <नाम> तथा मस्टर रोल में सम्मिलित मजदूरों की मिलीभगत एवं साठ-गाठ करकेप्रश्‍नगत कार्य <नाम> रू0 1,79,956/-(एक लाख उन्यासी हजार नौ सौ छप्पन रूपये) फर्जीतरीके से भुगतान <नाम> राजकीय धनराशि का व्यपहरण किया गया है। जाँच के कम में्रार्थी/ अभियुक्त को ग्राम रोजगार सेवक होना बताया गया है जिसके द्वारा प्रस्तुत अग्रिमजमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "प्रार्थी / अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> के तर्कोको सुना एवं प्रस्तुत अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। ", " केस डायरी के अवलोकन से विदित होता है कि्रार्थी/ अभियुक्त के विरूद्ध अग्रिम विवेचना जारी है। प्रस्तुत प्रकरण वित्तीय अनियमितता काहै जो एक गम्भीरतम अपराध है। इस सन्दर्भ में यह उल्लिखित करना भी समीचीन प्रतीत होताहै कि प्रस्तुत मामले में धारा-438(1)(1४) दंण्ड प्रकिया <नाम> के दृष्टिगत ऐसा कोई तथ्यन्यायालय के समक्ष प्रार्थी / अभियुक्त की ओर से उपस्थापित नहीं किया गया है जिससे यहनिष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रार्थी को गिरफूतार <नाम> <नाम> क्षति पहुँचाने या उसे अपमानितकरने के उद्देश्य से अभियोग लिखाया गया है। " ] }
0DENIED
Bail Application_1000_201904-09-20191012
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 25.08.2019को उप निरीक्षक मोहम्मद अरशद एवं हमराही कर्मचारीगण मुखबिर की सूचना परग्राम भैसवार के जंगल में गये तो मुखबिर ने गाय,बैल व बछड़े के झुण्ड कोदेखकर बताया कि यही वह गाय व बैल के झुंड हैं जिन्हें काटने के उद्देश्य सेजंगल के रास्ते लेकर जा रहे हैं। पुलिस कर्मचारियों द्वारा गाय हांककर ले जानेवालों को रोका गया तो वे भागना चाहे किन्तु हमराही कर्मचारियों की मदद सेपकड़ लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों से नाम पता पूछा गया तो एक ने अपनानाम हरिमंगल <नाम> व दूसरे ने अपना नाम गोविन्द <नाम> बताया। यह भीबताये कि <नाम> <नाम> <नाम> बचन <नाम> व बड़क आप लाप लोगों को देखते हीजंगल में भाग गये। मौके <नाम> कुल 66 नग गाय,बैल व बछड़े थे जिन्हें कब्जापुलिस में लिया गया। पकड़े गये व्यक्तियों को समय 2.00 बजे <नाम> हिरासत मेंलिया गया। बरामद गोवशों की फर्द तैयार की गयी एवं फर्द बरामदगी के आधारपर अभियुक्तगण के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया कि प्रार्थी-अभियुक्त निर्दोषहै। उसे गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराधनहीं किया है। प्रार्थी-अभियुक्त का घटना से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्रजनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 25.08.2019 से कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त अन्य अभियुक्तगण के साथ मिलकर 66 अदद गोवंशों को बध..2 9करने <नाम> जंगल के रास्ते लेकर बिहार जा रहा था। प्रार्थी-अभियुक्त के कब्जे सेगोवंशों को बरामद किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "जंगल में जिस स्थान <नाम> गोवंश को बरामद किया <नाम> कहाजाता है वह बिहार राज्य की <नाम> से काफी दूर है. इसलिए यह नहीं कहा जासकता कि उत्तर प्रदेश राज्य की <नाम> से बाहर पशुओं का अभिवाहन किया जारहा था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_79_202006-02-2020477
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "06.02.2020अभियुक्त <नाम> स्वीपर की ओर से यह जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुतकिया गया है। अभियुक्त का कथन है कि प्रार्थी जिला कारागार सोनभद्र में पिरूद्ध है। प्रार्थी पूर्व में जमानत <नाम> था। पूर्व प्रार्थी प्रत्येक नियत <नाम> <नाम> न्यायालय हाजिरआता रहा है किन्तु एक अन्य मुदकमें में जेल में चले जाने के <नाम> नियत <नाम> परहाजिर नहीं हो सका। प्रार्थी को जेल से तलब किया गया है। प्रार्थी के तीन छोटेछोटे बच्चे है। प्रार्थी के अलावा अन्य कोई कमाने वाला नहीं है। जेल में रहने सेबच्चे भूखों मर रहे है। प्रार्थी जमानत का दुरूपयोग नहीं करेगा। इस प्रकरण मेंप्रार्थी दिनांक 21.01.2020 से जेल में निरूद्ध है। अतः जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। " ], "judge-opinion": [ "अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अभियोजन <नाम> केतर्को को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन किया। अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क रखा गया कि अभियुक्तपूर्व मे जमानत <नाम> था। अभियुक्त एक दूसरे मुकदमें में जेल में निरूद्ध था। इसमुकदमें में न्यायालय द्वारा तलब किया गया है। अभियुक्त दिनांक 21.01.2020 सेजिला कारागार में निरूद्ध है। उपरोक्त के आधार <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकारकिए जाने की <नाम> की गयी है। राज्य की ओर से विद्वान अभियोजन <नाम> द्वारा यह कहागया कि अभियुक्त के नियत <नाम> <नाम> न्यायालय में उपस्थित <नाम> होने के कारणप्रकरण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पा रही है। अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किएजाने से पुनः अनुपस्थित होने की सम्भावना से इन्कार नही किया जा सकता। उपरोक्त आधारों <नाम> जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जाने की <नाम> की गयी है। पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अभियुक्त एक अन्यमुकदमें में जेल में निरूद्ध था। इस मुकदमें में अभियुक्त को जेल से तलब करविचारण किया जा रहा है। अभियुक्त दिनांक 21.01.2020 से इस प्रकरण में जेल मेंनिरूद्ध है। इस प्रकरण में अभियुक्त पूर्व में जमानत <नाम> था। " ] }
1GRANTED
Bail Application_1450_201903-01-2020765
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में यह है कि वादिनी मुकदमा मुटरीदेवी पत्नी रामनाथ धरिकार, निवासी ग्राम सूपाचुऑ, थाना म्योरपुर जिलासोनभद्र ने दिनॉक 10.10.2019 को थाना म्योरपुर जिला सोनभद्र में इस कथनके साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी लड़की पीड़िता उम्रलगभग 15 वर्ष प्रतिदिन की भॉति जंगल में लकड़ी लेने के लिये दिनॉक09.10.2019 को 11:30 बजे दोपहर घर से निकली थी। उसके गाँव के हीसुरेन्द्र पुत्र बुद्धि नरायन, वविता <नाम> पत्नी <नाम> <नाम> पत्नी <नाम> आदिलोगों ने भी साथ में जंगल जाने की इच्छा जताते हुये उसकी लड़की कोअपने घर लिवा गये और लड़की को एक कमरे में बैठा <नाम> बाहर से तालाबन्द <नाम> दिये। उसी कमरे में <नाम> पुत्र लक्षमन <नाम> व <नाम> उफ रंजनपुत्र <नाम> मौजूद थे, उनके द्वारा उसकी लड़की के साथ जबरिया मुँह बन्दकरके बारी-बारी से संभोग किया गया। उसकी लड़की द्वारा विरोध करने परउसकी <नाम> दबा <नाम> हत्या करने की धमकी देते रहे। उक्त दोनों लोग उसके-...2 9चमार विरादरी व अन्य ग्राम के होने के वजह से लड़की चेहरे से पहचान कररही थी। प्रार्थिनी <नाम> रात लड़की की खोज करती रही और 100 नम्बर कीपुलिस बुलायी गयी लेकिन लड़की का पता नहीं चला। सुबह 06:00 बजेउसके गॉव के गोविन्द ने उसकी लड़की को घर पहुँचाया तब <नाम> जानकारीहुई । ", "अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में मुख्य <नाम> से यहआधार लिया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्रहै। प्रार्थी को उपरोक्त मुकदमा में रंजिश वश अभियुक्त बनाया गया है। अभियोजन कथानक मनगढ़न्त एवं बनावटी है। प्रार्थी ने उपरोक्त अपराध नहींकिया है उसे मात्र रंजिश वश फसाया गया है। पीडिता ने अपने बयानअन्तर्गत धारा-164 दंण्ड प्रकिया <नाम> मं प्रार्थी द्वारा कोई गलत <नाम> नहींकरने की बात कहा है। मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट में पीडिता के शरीर <नाम> कोईचोट नहीं पायी गयी है। अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। उक्त आधार <नाम> अभियुक्त को जमानत <नाम> <नाम> किये जाने की <नाम> कीगयी है। ", "अभियोजन पक्ष की ओर से विद्वान अपर जिला शासकीयअधिवक्ता (फौजदारी) द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रतिवाद करते हुये यहतक प्रस्तुत किया गया है कि प्रार्थी/अभियुक्त एवं अन्य अभियुक्तों केसहयोग से ही पीड़िता के साथ बलात्संग की घटना कारित की गयी है। अभियुक्त के द्वारा पीड़िता को घर पहुँचाने <नाम> भी उसके घर वालों से घटनाके तथ्य को छिपाया गया। विवेचना के उपरान्त आरोप पत्र भी विवेचक द्वाराअभियुक्त के विरूद्ध प्रेषित किया जा चुका है। अतः जमानत प्रार्थना पत्रनिरस्त किये जाने की <नाम> की गयी हूै। " ], "judge-opinion": [ "विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) तथाअभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता के तर्को को सुना एवं पत्रावली का अवलोकनकिया गया। " ] }
0DENIED
Bail Application_323_202003-03-2020129
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियुक्त के आत्मसमर्पण करने <नाम> उसे नऱ्यायिक अभिरक्षा मेंलिया जा चुका है। ", "जमानत प्रार्थना पत्र में यह कथन किया गया है कि प्रार्थी को झूठे एवं मनगढ़न्त तथ्यों केआधार <नाम> फर्जी तरीके से अभियुक्त बनाया गया है। उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। उसेरंजिशन फंसाया गया है। प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अतः जमानत <नाम> <नाम> किए जानेकी <नाम> की गयी है। ", "संक्षेप में अभियोजन कथानक का सारांश इस प्रकार है कि वादी मुकदमा <नाम> सोनकरजोकि अनुसूचित जाति का व्यक्ति है, ने थाना राबर्दसगंज <नाम> इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्जकरायी कि दिनांक 29.08.2019 को समय करीब 07 बजे <नाम> उसकी मां घर के सामने बैठी थी कि भूतप्रेत की बात को लेकर वकील मौर्या, <नाम> मोर्या, बल्लू उर्फ बलवन्त मौर्या तथा टुन्नू उफ <नाम> विलासनशे की हालत में उसकी मां <नाम> <नाम> को गाली <नाम> लाठी डंडा व धारदार हथियार से जातिसूचकशब्दों का प्रयोग करते हुए मारे पीटे जिसे इलाज के लिए ले जाया गया तो डाक्टर द्वारा उसे वाराणसीके लिए रेफर <नाम> <नाम> गया। वादी की तहरीर के आधार <नाम> अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-323, 324,504 भा0०दं0सं0 व धारा-3(2)(\\-^) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम में अभियोग पंजीकृत किया गया तथा <नाम> विवेचना अभियुक्त टुन्नू उफ <नाम> विलास केविरूद्ध धारा-323, 504 भा०दं0सं0 के अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया। " ], "judge-opinion": [ "मेरे द्वारा प्रार्थी / अभियुक्त क विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान <नाम> अभियोजन <नाम> केतर्को को धर्यपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली <नाम> उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का सम्यक अवलोकन एवंपरिशीलन किया गया। ", "पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त स्वयं अनुसूचित जाति का व्यक्ति है तथाउसके विरूद्ध मात्र धारा-323, 504 भा०दं0सं0 के अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया गया है। " ] }
1GRANTED
Bail Application_745_201910-07-2019445
sonbhadra
{ "facts-and-arguments": [ "अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि वादिनी श्रीमतीचम्पा द्वारा सूचना दी गयी कि उसने अपनी पुत्री <नाम> का विवाह <नाम> सेकिया था लेकिन <नाम> पुत्र दुलारे, ग्राम-धुरकरी, थाना-घोरावल बीते दो-तीनसाल से उनकी पुत्री के साथ मार-पीट करता चला आ रहा था। दिनांक23.03.2018 की रात 11 बजे दारू पीकर मिट्टी का तेल छिड़क <नाम> आगलगाकर घर से फरार हो गया तथा अगल-बगल के लोग आग एवं हल्ला-गुल्लासुनकर मौके <नाम> पहुंचे और मिलकर आग बुझाये। प्रार्थिनी की पुत्री को जिलाअस्पताल, लोढ़ी सुबह ले गये जहां <नाम> के <नाम> में मौके से <नाम> पत्नीछोटेलाल थी जिसने घटना को देखा। दवा शुरू हुई । एक महीने तीन <नाम> बादप्रार्थिनी की पुत्री <नाम> की मृत्यु हो गयी। इस सूचना के आधार पर्रार्थी-अभियुक्त के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया। ", "्रार्थी-अभियुक्त की ओर से कहा गया है कि प्रार्थी-अभियुक्तनिर्दोष है। प्रार्थी-अभियुक्त ने कोई अपराध नहीं किया है। यह भी कहा गया किवादिनी मृतका की मॉ है जो घटना के समय घटना स्थल <नाम> मौजूद नहीं थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट विलम्ब से दर्ज करायी गयी है। घटना स्थल ग्राम का कोईस्वतंत्र जनसाक्षी नहीं है। प्रार्थी-अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ्रार्थी-अभियुक्त दिनांक 03.05.2018 से कारागार में निरुद्ध है। ", "अभियोजन पक्ष से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि्रार्थी-अभियुक्त मृतका का <नाम> है। प्ररार्थी-अभियुक्त घटना घटित होने केदो-तीन साल पूर्व से मृतका को मारता-पीटता था। घटना के <नाम> प््रार्थी-अभियुक्त शराब पीकर मृतका के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क <नाम> आग लगाकरघर से भाग गया। प्रार्थी-अभियुक्त द्वारा गम्भीर अपराध किया गया है। " ], "judge-opinion": [ "सुना तथा पत्रावली का सम्यक्‌ परिशीलन किया। ", "प्रस्तुत केस में मृतका की मृत्यु घटना से एक महीने के पश्चातअस्पताल में हुई है। निश्चित <नाम> से इस मध्य मृतका होश में थी लेकिनअभियोजन पक्ष द्वारा <नाम> कोई मामला दर्ज कराया गया और <नाम> ही पुलिस द्वारा 2मृतका का कोई बयान लिया गया, <नाम> ही मृतका का मृत्युकालिक कथन दर्जकराया गया। अभियोजन पक्ष के पास मृतका की मृत्यु क सन्दर्भ में इतनी हीजानकारी है जितना मृतका द्वारा अपनी माँ को बताया गया है। ", "मृतका द्वारा अपनी मॉ को जो भी बातें बतायी गयी वह प्रत्यक्षसाक्ष्य की श्रेणी में नहीं आयेगा लेकिन मृतका की मृत्यु अभियुक्त के घर में हीहुई है इसलिए घटना के सन्दर्भ में अभियुक्त को ही अनन्यतः जानकारी होसकती है। अभियुक्त द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में कोई ऐसा अभिकथन नहीं कियागया है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि मृतका को आग कैसे लगी। इसका तात्पर्ययह हुआ कि अभियुक्त घटना से सम्बन्धित तथ्यों को छिपा रहा है। ", "मृतका के शरीर में आग कैसे लगी यह बताने की जिम्मेदारीअभियुक्त की है लेकिन पूरे जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त द्वारा इसे स्पष्ट नहींकिया गया है। इसी प्रकार घटना के समय घर के अन्य लोग कहां थे, इस परभी कोई अभिकथन नहीं किया गया है। मृतका के अतिरिक्त घर का अन्य कोईसदस्य क्यों नहीं जला इससे भी सम्बन्धित कोई अभिकथन नहीं किया गया है। ", "प्रस्तुत मामले में निश्चित <नाम> से <नाम> 106 भारतीय साक्ष्यअधिनियम की महत्वपूर्ण <नाम> है। मृतका की मा अपने घर <नाम> थी। उसे मात्रइतनी ही जानकारी हो सकती है जितना उसे मृतका ने बताया होगा। पुलिसद्वारा संकलित साक्ष्य से भी स्पष्ट है कि अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथकूरतापूर्ण आचरण किया जा रहा था। " ] }
0DENIED