text
stringlengths 60
48.8k
|
---|
जिलाधिकारी हरिद्वार श्री सी० रविशंकर ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर रोशनाबाद में पौधारोपण किया। जिलाधिकारी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनपदवासियों से पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने तथा अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रकृति संरक्षित होगी तभी जीवन सुरक्षित होगा।
वही विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर श्री परशुराम पार्क भीमगोड़ा में महानगर कांग्रेस कमेटी के महासचिव बादल गोस्वामी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजीव शर्मा के संयोजन में वृक्षारोपण किया गया।
परशुराम पार्क में पौधारोपण करने वालो में वीर गिरि,सोनू गुप्ता,गोविंद भंडारी,सोनू चौहान,शिवम गिरि,सुभम,गिरि,मनोज शर्मा, ने पीपल, आम के पेड़ लगाए आदि ने किया।
आज विभिन्न स्थानों पर पर्यावरण बचाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम हुए ऐसे ही एक कार्यक्रम में चिकित्सा स्वास्थय एवं परिवार कल्याण समिति हरिद्वार के सदस्यों के द्वारा वृक्षारोपण किया गया जिसमे उन्होंनेवृक्ष लगाओ देश बचाओ का नारा देते हुए वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर जिला टी.बी चिकित्सालय के बहार व मेला अस्पताल के कैम्पस परिसर में वृक्षारोपण किया गया, सभी का बस एक ही उद्देश्य था कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं जिससे हरिद्वार में या देश में कही भी पेड़ो की कमी न हो। कोरोना माहमारी के चलते देश मे हर जगह जहाँ स्वास्थ विभाग अपनी जान की बाज़ी लगा कर दिन रात कार्य कर रहा है वही बीच मे समय निकाल कर अपनी जिमेदारी समझते हुए आज वृक्षारोपढ का कार्य भी सम्पन्न किया गया। वृक्षारोपण करना हर नागरिक का धर्म होना चाहिए जिससे शहर व देश हरा भरा ओर स्वच्छ रहे व सभी को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहे। जिस प्रकार पेड़ों को काटा जा रहा है यही सबसे बड़ा कारण है कि पृथ्वी पर तापमान त्रीव गति से बढ़ता जा रहा है और उसकी वजह से ही अलग अलग तरह की आपदा आ रही है इसलिये सभी को आगे आकर पेड़ लगाने चाहिए। इस मौके पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से दिनेश लखेड़ा, राजेंद्र तेश्वर, राकेश भंवर, हिमांशु राणा,नवनीत पटवाल, सलीम, महेश कुमार, जगमोहन, रजनी, चीकू कालरा, दीपक आदि मौजूद रहे। |
बाराबंकी। नवागत पुलिस अधीक्षक श्री दिनेश कुमार सिंह द्वारा आज पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं प्रधान लिपिक, आंकिक, रिट सेल, स्थानीय अभिसूचना इकाई, सम्मन सेल, डीसीआरबी, शिकायत प्रकोष्ठ, मॉनीटरिंग सेल, आईजीआरएस आदि का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान रजिस्टरों, फाइलों आदि के रख रखाव एवं साफ-सफाई एवं विभागीय फाइलों के निस्तारण, जांच, सम्मन तामीला की स्थिति, ऑनलाइन पोर्टलों पर शिकायतों की आख्या अपलोड करने की स्थिति, पुलिस वेरीफिकेशन की स्थिति आदि का निरीक्षण किया गया। अभिलेखों के बेहतर व व्यवस्थित रख-रखाव एवं उनको अद्यावधिक रखने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया। इस दौरान पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं में नियुक्त अधिकारी/कर्मचारीगण मौजूद रहे। |
प्रेम पत्र क्या होता है:-दुनिया में जब पहली बार प्यार होता है और प्रेमी और प्रेमिका दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बात कहते हैं और दोनों एक हो जाते हैं अर्थात दोनों एक दूसरे के साथ सच्चे प्यार के बंधन में बंध जाते हैं रिलेशनशिप में आ जाते हैं तब दोनों एक दूसरे से हर दिन बात करते हैं परंतु कुछ प्रेमी अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखते हैं प्रेम पत्र वह होता है जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका को एक कागज पर अपने दिल में प्रेमिका।
के प्रति प्यार की भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करता है अर्थात लिखता है प्रेमी अपनी प्रेमिका को कागज पर अपने दिल की बात लिखना और अपनी प्रेमिका का हाल पूछना अपने प्यार को व्यक्त करना शेयर लिखना होता है और यही प्रेम पत्र होता है और प्रेमिका अपने प्रेमी को प्रेम पत्र का जवाब अवश्य देती है प्रेम पत्र के माध्यम से दोनों में एक दूसरे के प्रति सच्चा प्यार बढ़ता है।
प्रेमिका को सरल प्रेम पत्र कैसे लिखें(सिंपल लव लेटर तो गर्ल्फ्रेंड):-अगर आप भी अपनी प्रेमिका को एक सरल तरीके से प्रेम पत्र लिखना चाहते हैं तो आपको कुछ ज्यादा करने की आवश्यकता नहीं है केवल आपको एक कागज होना चाहिए जिस पर आप अपनी प्रेमिका के लिए प्रेम पत्र लिख सकें और एक आपके पास पेन होना चाहिए अगर यह दो चीजें आपके पास है तो आप अपनी प्रेमिका को सर प्रेम पत्र लिख सकते हैं।
सबसे पहले आप एक कागज में और बहुत ही सुंदर लिखाई से अपनी प्रेमिका का हाल पूछे फिर आप अपनी प्रेमिका को उसके प्रति अपने दिल में प्यार की भावना को शब्दों के रूप में व्यक्त करें जिससे आप की प्रेमिका को आपके सच्चे प्यार का एहसास हो और आप बहुत सुंदर लिखाई से पत्र लिखें और आप अपनी प्रेमिका की तारीफ के लिए बहुत सुंदर शायरी अवश्य लिखें इससे आपकी प्रेमिका बहुत प्रसन्न होगी।
प्रेमिका को पत्र लिखें वक्त क्या गलती ना करे:-प्रेमिका को पत्र लिखते वक्त आपको यह गलती कभी भी नहीं करनी चाहिए सबसे पहले जब भी आप अपनी प्रेमिका को पत्र लिखें तो अगर आपकी लिखने में लिखाई अच्छे नहीं है तो आप पहले प्रैक्टिस करें और अपनी लिखावट को सुधारें और फिर अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखें और दूसरी गलती प्रेम पत्र लिखते वक्त आपको कागज का टुकड़ा बहुत ही अच्छा लेना है।
और आपका पैन भी अच्छा होना चाहिए जिससे आपका प्रेम पत्र और भी सुंदर दिखने लगेगा और आपकी प्रेमिका को पढ़ने में भी मजा आएगा और एक गलती और कभी भी आप अपना पहले प्रेम पत्र में अपना नाम ना लिखें क्योंकि अगर वह प्रेम पत्र आपकी प्रेमिका के घरवालों के हाथ लग गया तो आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकती हैं कृपया प्रेम पत्र लिखते वक्त यह गलतियां ना करें।
प्रेमिका को ज्यादा लंबा पत्र ना लिखें:-अगर आप अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखते हैं और उस प्रेम पत्र को बहुत ज्यादा ही लंबा पांच और सात तेजू में लिखते हैं तो ऐसा कभी ना करें क्योंकि ऐसा होगा आपकी प्रेमिका को पत्र पढ़ने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और घर पर होने के पश्चात आपकी प्रेमिका आपका पूरा पत्थर नहीं पढ़ पाएगी।
और आपकी प्रेमिका को वह पत्र बोरिंग लगने लगेगा जब भी आप अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिखें तो वह सिर्फ एक पेज से ज्यादा ना लिखें और आप कम शब्दों में अपनी प्रेमिका को पत्र के माध्यम से अपने दिल की बात और आपका उसके प्रति प्यार को जाहिर करने की कोशिश करें और पत्र की लिखाई को सुंदर रखें आपकी प्रेमिका आपसे जरूर इंप्रेस होगी।
प्रेमिका तक अपना पत्र कैसे पहुंचाएं:-यह सबसे जरूरी बात है कि अपनी प्रेमिका तक पत्र कैसे पहुंचाएं हम आपको बता दें कि अगर आपने अपनी प्रेमिका को प्रेम पत्र लिख लिया है आप उसके जरिए ही प्रेम पत्र पहुंचाएं जिस पर आप को सबसे ज्यादा भरोसा है आप अपनी प्रेमिका को पत्थर पहुंचाने के लिए उस व्यक्ति या अपने दोस्त की मदद ने जिस पर आप को सबसे ज्यादा भरोसा है और जो भरोसे वाला है।
जिस पर आपको विश्वास है कि यह पत्र आपकी प्रेमिका को अवश्य पहुंच जाएगा और पत्र के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा या आप अपनी प्रेमिका की दोस्त से मदद ले सकते हैं आप प्रेमिका की उस दोस्त से मदद लें जो प्रेमिका की सबसे अच्छी दोस्त हो वह आपका प्रेम पत्र आपकी प्रेमिका तक अवश्य और सुरक्षित तरीके से पहुंचा देगी और आपको कोई भी चिंता नहीं सताएगी।
दोस्तों यह सिंपल लव लेटर तो गर्ल्फ्रेंड पोस्ट अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी है तो आप कॉमेंट करके हमें जरूर बताएं और इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें और आप हमें फ़ॉलो करना बिलकुल ना भूलें आप हमें फ़ॉलो जरूर करें।थंक्य्स! |
हनुमान जी को कलयुग में जागृत देव माना गया है, रामभक्त हनुमान जी चमत्कारी सफलता देने वाले देवता माने गए है। आज के समय में हनुमान जी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने गए है। अतः हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तो द्वारा अनेक प्रयास किये जाते है। इन उपायों से भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और सुख-समृद्धि, धन-दौलत प्राप्त होती है। ये उपाय इस प्रकार हैं- हनुमान जी का चौपाई पढ़ सबसे सरल उपाय है बजरंग बली को प्रसन्न करने का। हनुमान चालीसा की ये चौपाई पढ़ने से बहुत जल्द शुभ फल प्रदान करते हैं। जो व्यक्ति मंगलवार के दिन रात के समय हनुमान चालीसा की इस चौपाई का पाठ करता है जिसमें अष्टसिद्धी व नवनिधी के वाक्य निर्मित हैं वो व्यक्ति धन धान्य से संपन्न होता है।
भूत पिशाच निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावे इस चौपाई का जाप उनलोगों के लिए बहुत लाभकारी होता है जिनको भय सताता हो। इस चौपाई का प्रतिदिन शाम में १०८ बार जाप किया जाए तो हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है।
नाशे रोग हरे सब पीड़ा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ये चौपाई उन लोगों यह रामबाण उपाय है जो लंबी बीमारियों से पीडित है। इसके अलावा कार्यों में आ रही बेवजह की बाधाएं आनी भी रुक जाती हैं और आप आसानी से अपना हर कार्य पूरा करते हुए पढ़ाई, जॉब या बिजनेस में सफलता पाते हैं। धीरे-धीरे आपको आर्थिक संपंन्नता भी प्राप्त होती है।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता अस बीर दीन जानकी माता ये चौपाई चमत्कारी चौपाई है जो आपको परेशानियों से लड़ने की शक्ति देती है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद आधे घंटे तक जाप करें। कुछ ही दिनों में आप देखेंगे कि आपका हर काम बिना किसी परेशानी के होने लगा है और जो रुक रहे रहे वो कार्य भी आसानी से पूरे हो गए हैं। धन प्राप्ति से लेकर जिस भी विशेष कामना के साथ आप इस चौपाई का जाप १०८ बार करेंगे वह तुरंत पूरा होगा।
विद्या बाण गुणी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर बिना ज्ञान और बुद्धि के संसार में कुछ भी पाना संभव नहीं है। ऐसा व्यक्ति हमेशा ही गरीबी और उपेक्षा का शिकार होता है। विद्या बुद्धि प्राप्ति के लिए सुबह स्नान के बाद १०८ बार इन चौपाइयों का जाप करें।
भीम रूप धरि असुर संहारे रामचंद्र के काज संवारे इसका प्रतिदिन जाप करने से व्यक्ति के हर बिगड़े कार्य बन जाते हैं और किसी भी कार्य में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आती। व्यापार में बाधा हो या आर्थिक परेशानियां, प्रतिदिन प्रातः काल इसका १०८ बार जाप करें। |
निःशस्त्रीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा परस्पर अविश्वास की भावना हैं। रूस और अमेरिका दोनों एक-दूसरे से भयभीत हैं और परस्पर अविश्वास करते हैं। दोनों को लगता है कि दूसरा पक्ष उन्हें पूरी तरह नष्ट करने पर तुला हुआ हैं, अतः उसे अधिक तैयारी करनी चाहिए। डाॅ. ओम नागपाल के शब्दों में," निःशस्त्रीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा राजनीतिक ही हैं। तकनीकी बाधा इसके सम्मुख गौण हैं। संसार मे जब तक राजनीतिक तनाव कम नहीं होता, निःशस्त्रीकरण संभव नहीं हैं।"
संसार के अधिकांश बड़े देश भ्रम के शिकार हैं कि उनके पास अपने शत्रु से अधिक और घातक शस्त्र होना ही उनकी सुरक्षा की गारन्टी हैं। इसी धारणा के आधार पर ही ये देश अपनी शस्त्र क्षमता और हथियारों का भण्डार बढ़ाते चले जाते हैं। वे निःशस्त्रीकरण के प्रस्ताव भी ऐसे रखते हैं कि उनकी श्रेष्ठता दूसरे पक्ष पर बनी रहे। प्रो. शूमाँ ने ठीक ही लिखा था," वाशिंग्टन के नीति निर्धारक अपने फार्मूले के प्रति दृढ़ रहे हैं। निःशस्त्रीकरण के सभी अमेरिकी प्रस्तावों के विषय में यह पहले से ही ज्ञात रहता था कि उसे सोवियत रूस ठुकरा देगा। सभी प्रस्ताव रूस को दुविधा में डालने के लिए प्रस्तुत किये जाते थे। सबका पहले ही प्रचार किया जाता था, जो किसी भी समझौते को असंभव बना देते हैं।" यही बात निःशस्त्रीकरण संबंधी रूसी प्रस्तावों के बारे में भी कही जा सकती हैं।
निःशस्त्रीकरण के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा आर्थिक स्वार्थ हैं। अमेरिका और रूस संसार के दो सबसे बड़े शस्त्र उत्पादक व्यापारी है। दुनिया के बाजार में जो शस्त्र बेचे जाते हैं, उनकी लगभग ५० प्रतिशत बिक्री अमेरिका द्वारा की जाती हैं। इसी तरह कुल शस्त्रों की बिक्री की लगभग २८ प्रतिशत रूस द्वारा की जाती हैं। इसके अतिरिक्त शस्त्रों का व्यापार एकाधिकार का व्यापार हैं। इसमें प्रतिस्पर्द्धा बहुत कम और लाभ बहुत अधिक हैं।
निःशस्त्रीकरण के मार्ग में कुछ व्यावहारिक कठिनाइयाँ भी हैं। किसी समझौते पर तभी हस्तक्षार हो सकते हैं, जबकि दोनों पक्षों को इस बात का आश्वासन हो कि समझौते का पालन होगा। परन्तु आश्वासन के लिए निरीक्षण की वैज्ञानिक व्यवस्था चाहिए। निरीक्षण करने की अनुमति देने पर अन्य सैनिक रहस्य खुलने का भय बना रहता हैं । अतः कई व्यावहारिक कारण भी हैं, जो निःशस्त्रीकरण संबंधी किसी समझौते पर पहुँचने नहीं देते।
राष्ट्रीय स्वार्थ निशस्त्रीकरण के मार्ग में बहुत बड़ी चुनौती हैं। राष्ट्र सबसे पहले अपने हितों को देखते है और उसके बाद अपनी राष्ट्रीय सीमा से बाहर निकलकर आदर्शों में लिपटी हुई भाषा में अन्तर्राष्ट्रीय बात को धोखा देने का यत्न करते हैं। कोई भी राष्ट्र इसका अपवाद नही हैं। उदाहरणार्थ, भारत ने १९६८ की परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किये। भारत चीन से भयभीत हैं और परमाणु अप्रसार संधि को शंका की दृष्टि से देखता हैं।
निशस्त्रीकरण राजनीतिक समस्याओं के समाधान पर निर्भर करता हैं, अतः पहले राजनीतिक समस्याओं को हल किया जाये या निःशस्त्रीकरण किया जाये। ये दोनों एक-दूसरे के मार्ग में बाधा डालते हैं। यह सोचा जाता हैं कि शस्त्र झगड़ों का कारण हैं इनको घटाने से अन्तरराष्ट्रीय प्रेम और मैत्री बढ़ेगी, किन्तु यह प्रयत्न एकपक्षीय होगा। होना यह चाहिए कि मनमुटाव, अविश्वास तथा प्रतिद्वन्द्विता को दूर करने के लिए प्रत्येक दिशा में प्रयास किया जाये। वास्तव में, निशस्त्रीकरण की दिशा में ठोस कार्य तब-तक नहीं हो सकता जब तक महाशक्तियों में मौलिक मतभेद बने रहेंगे।
निशस्त्रीकरण पूरी अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में हिंसा के स्थान पर समस्याओं को शान्तिपूर्ण ढंग से आपसी सद् विश्वास और सहानुभूति से सुलझाने का ही दूसरा नाम हैं। आज जब अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति वैचारिक प्रतियोगिता, संकीर्ण राष्ट्रवाद, स्वार्थपूर्ण राष्ट्रीय हितों की सीमा में बंधी हैं तो निशस्त्रीकरण करना संभव नही हैं। निःशस्त्रीकरण के लिए एक नए दृष्टिकोण, नये वातावरण, नये विश्वास और नये मानव की आवश्यकता हैं।
कैलाश एडउकेशन सेवा भाव के उद्देश्य से बनाई गई हैं। इस वेबसाइट पर दी गई सभी जानकारियां केवल अच्छे विश्वास और सामान्य सूचना के उद्देश्य से प्रकाशित की जाती है ।
आपके के सुझाव, सवाल, और शिकायत पर अमल करने के लिए हम आपके लिए हमेशा तत्पर है। कृपया नीचे कमेंट कर हमें बिना किसी संकोच के अपने विचार बताए हम शीघ्र ही जबाव देंगे। |
देहरादून राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को गुनियालगांव में निर्माणाधीन सैन्य धाम पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।गौरतलब है कि देहरादून के गुनियालगांव में सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है जिसे उत्तराखण्ड के पांचवें धाम के नाम से भी जाना जायेगा। सैन्य धाम के लिए प्रदेश के १७३४ शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लायी गयी है जिसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है। सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जायेगा। वहीं प्रांगण में बाबा जसवन्त सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जायेगा।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि सैन्य धाम शहीदों के प्रति सम्मान का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम को पांचवे धाम के नाम से जाना जाएगा और इसका निर्माण भव्य एवं दिव्य रूप में हो इसके लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई जाए। उन्होंने कहा कि जिन सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है उन्हें सर्वाेच्च सम्मान मिले। राज्यपाल ने कहा कि देश के अन्य वॉर मैमोरियल की केस स्टडी कर सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है जो अपने-आप में अलग रूप में बनेगा।उन्होंने कहा कि यह देश की सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाला स्थान होगा। सैन्य धाम में शहीद सैनिकों को सर्वाेच्च सम्मान देने के लिए उनके आंगन से मिट्टी, शहीदों के नाम, लाईट एण्ड साउण्ड शो, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे जिससे हमारे युवा आने वाले युगों-युगों तक इन शहीदों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे। राज्यपाल ने कहा कि २०२३ में पूर्ण होने वाला यह सैन्य धाम पूरे राष्ट्र में एक अलग मिसाल बनेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को इसके निर्माण में पूरी निष्ठा और लगन से कार्य करने को कहा। सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने सैन्य धाम निर्माण की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिला अधिकारी देहरादून सोनिका सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-३ की एक तस्वीर साझा की है। यह पहली बार है कि चंद्रयान -३ की तस्वीर, जिसे अंतरिक्ष एजेंसी कहती है, विधानसभा चरण में है।
हाल ही में एक अपडेट में, इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि वे चंद्रयान -३ की प्रणोदन प्रणाली का परीक्षण कर रहे हैं, जिसके इस साल अगस्त में लॉन्च होने की उम्मीद है।
चंद्रमा मिशन की तस्वीरें स्पेस ऑन व्हील्स नामक एक वृत्तचित्र का हिस्सा थीं, जिसे इसरो ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है, जिसमें भारत द्वारा लॉन्च किए गए ७५ उपग्रहों को दिखाया गया है। आजादी का अमृत महोत्सव उत्सव।
इसरो के वीडियो में चंद्रयान-३ के लैंडर को दिखाया गया है जो चांद की सतह को छूएगा। यह भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान, वीनस ऑर्बिटर मिशन और निसार मिशन पर चल रहे काम को भी दर्शाता है।
मूल रूप से २०२० के अंत में लॉन्च होने वाला था, चंद्रयान -३ को कोरोनावायरस महामारी के कारण विलंबित किया गया था। इसरो ने पहले कहा था कि चंद्रयान-३ में ऑर्बिटर नहीं होगा।
भारत का पिछला चंद्र मिशन चंद्रयान -२, जिसका उद्देश्य अज्ञात चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर रोवर को उतारना था, को २२ जुलाई, २019 को देश के सबसे शक्तिशाली भू-समकालिक प्रक्षेपण यान में लॉन्च किया गया था।
हालांकि, लैंडर विक्रम ७ सितंबर, २०१९ को हार्ड-लैंड हुआ, जिसने अपने पहले प्रयास में चंद्र सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला राष्ट्र बनने के भारत के सपने को धराशायी कर दिया।
अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान -२ मिशन पर ९६० करोड़ रुपये खर्च किए, जिसका ऑर्बिटर २0 अगस्त २019 से अण्डाकार गति में चंद्र सतह से लगभग १०० किमी दूर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।
चंद्रयान -३ इसरो के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगे के अंतरग्रहीय मिशनों के लिए लैंडिंग करने की भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा। |
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा विज्ञापन संख्या ०१/व्सा/२०२२/आए/ए&म के सांपेक्ष विभिन्न विषयों में सहायक अभियंता (प्रशिक्षु) के पद के लिए साक्षात्कार प्रवेश पत्र जारी किए गये हैं। जिन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे यूपीपीसीएल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
यूपीपीसीएल भर्ती के माध्यम से कुल ११३ एई रिक्त सीटों पर नियुक्ति की जा रही है, जिनमें से ७५ पद एलेक्ट्रिवल/पावर विभाग में, १४ इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार विभाग में और २४ कंप्यूटर विज्ञान/सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में हैं।
आधिकारिक वेबसाइट के लिए उपेनर्जी.इन पर जाएं ।
होमपेज पर "रिक्ति/परिणाम" टैब चुनें।
आपको विज्ञापन संख्या ०१/व्सा/२०२२/आए/ए&म के सांपेक्ष विभिन्न विषयों में सहायक अभियंता (प्रशिक्षु) के पद के लिए साक्षात्कार प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए एक लिंक मिलेगा। लिंक पर क्लिक करें। |
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे २०२२: १५ अक्टूबर ग्लोबल हैंडवाशिंग डे है, जो एक वैश्विक वकालत दिवस है जो बीमारियों को रोकने और जीवन बचाने के लिए एक प्रभावी और किफायती तरीके के रूप में साबुन से हाथ धोने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और समझने के लिए समर्पित है। वैश्विक हाथ धोने का दिन लोगों को महत्वपूर्ण समय पर साबुन से हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए रचनात्मक तरीकों को डिजाइन, परीक्षण और दोहराने का अवसर है। कोविड -१९ महामारी के बाद हाथ की स्वच्छता काफी लोकप्रिय हो गई है। और हाथ धोने की आदत बनाने के लिए उसे समर्पित एक दिन है; वैश्विक हाथ धोने का दिन। यह दुनिया भर के लोगों की सार्वभौमिक हाथ स्वच्छता की आदतों को एकजुट करने की एक पहल है। यह वैश्विक वकालत दिवस प्रत्येक वर्ष १५ अक्टूबर को मनाया जाता है।
इस वर्ष की थीम, यूनाइट फॉर यूनिवर्सल हैंड हाइजीन, हाथ की स्वच्छता को बढ़ाने के लिए समाज के सभी लोगों से मिलकर काम करने का आह्वान करती है।
इस दिन का महत्व हाथ धोने और स्वच्छ रखने की स्वस्थ आदतों के लाभों में निहित है। इस तथ्य को स्वीकार करने के लिए कि हाथ प्राथमिक संपर्क हैं जिसके माध्यम से रोग हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इसलिए इसे साफ रखना हर उम्र के लोगों के लिए बेहद जरूरी है। यह दिन लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अवसर है, जिसमें हाथ धोना, सैनिटाइज़र का उपयोग करना और अन्य उपयुक्त प्रसाधन शामिल हैं। यह दिन अपने नागरिकों के बीच स्वच्छता संदेश को डिजाइन करने और दोहराने में सरकारी प्रयासों का भी निरीक्षण करता है।
इस दिन की स्थापना ग्लोबल हैंडवाशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गई थी, जो अंतरराष्ट्रीय हितधारकों का एक गठबंधन है जो साबुन से हाथ धोने को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट रूप से काम करता है। पहला ग्लोबल हैंडवाशिंग डे २००८ में आयोजित किया गया था जब दुनिया भर के १२० मिलियन से अधिक बच्चों ने ७० से अधिक देशों में साबुन से हाथ धोए थे। तब से लेकर अब तक ग्लोबल हैंडवाशिंग डे बढ़ता ही जा रहा है। |
बीपीएल (ब्प्ल) का (फुल फॉर्म) पूरा नाम बेलो पॉवर्टी लाइन होता है जिसको हिंदी में गरीबी रेखा से नीचे होता है. ब्प्ल एक कार्ड है जिसे गरीबी रेखा के स्तर को बताने के लिए उपयोग किया जाता है। इस कार्ड के आधार पर ही सरकार यह तय करती है की कौन कौन व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे स्तर में आते है। यह सरकार द्वारा बनाया गया एक तरह का गरीबी रेख पहचानने वाला बेंच मार्क है जो उस व्यक्ति की आय को दर्शाता है की व्यक्ति गरीबी रेखा की इस सुविधा के अधीन आता है या नहीं आता है।
गरीबी रेखा में कौन कौन आता है और कौन नहीं आता है। यह कहना आसान भी है और मुश्किल भी है। हम एसा कह सकते है कि वे परिवार जो पर्त्येक दिन का मात्र १५० रुपये ही कमा पाते है या जिनकी आमदनी प्रति दिन की १५० रूपये से कम होती है उन लोगो को ब्प्ल की सुविधा दी जाते है।
इसके अलावा यदि कोई परिवार या व्यक्ति प्रति दिन का १५० रूपये से अधिक या ३०० रूपये तक प्रति दिन कमा रहा है तो वह गरीबी रेखा के अंतर्गत नही माना जाता है। गरीबी रेखा के आधार के आंकड़ो के आधार पर ही सरकार यह निर्णय क्र पाती है की किन निम्न वर्ग के गृहस्त परिवारों को राशन और केरोसिन वगैरह की सुबिधा दी जानी चाहिए।
गरीबी रेखा के अंतर्गत कुछ चुने हुए निम्न वर्ग के लोगो को ब्प्ल कार्ड उपलब्ध कराया जाता है। ब्प्ल राशन कार्ड द्वरा गरीबी रेखा में आने वाले इन लोगो को सरकार द्वारा प्रति माह राशन उपलब्ध कराया जाता है। जिसमे उन्हें ३५ किलो चावल बहुत ही कम दामो में ( ३ रूपये की दर) उपलब्ध करा दिए जाते है। चावल के अलावा भी उन्हें राशन का सामान जैसे केरोसिन तेल , नमक, गेहूं एव नमक बगैराह उपलब्ध करा दिया जाता है। |
लाक फुल फॉर्म फुल फॉर्म लाइन ऑफ एक्च्युअल कंट्रोल होता है जिसे हिंदी में वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है। वास्तविक नियंत्रण रेखा, भारतीय नियंत्रण क्षेत्र को चीनी नियंत्रण क्षेत्र से अलग करती हैं। यह दोनों सेनाओं के बीच काफी लंबी दूरी होती है जिससे वह अपने क्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा करते हैं या लाक २ देशों की बीच की सीमाओं या निश्चित भूभाग को निर्धारित करती हैं। इससे देश आपसी विवाद से बचे और युद्ध जैसी गलत प्रक्रियाएं ना हो।
भारत और चीन के बीच की वास्तविक सीमा रेखा ४,०५७ किलोमीटर लंबी यह सीमा रेखा जम्मू कश्मीर में भारत के अधिकतर क्षेत्र और चीन क्षेत्र अक्साई चीन को अलग करती है। यह लद्दाख, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती हुई एक वास्तविक नियंत्रण रेखा का निर्माण करती है।
एलएसी को एक प्रकार की युद्ध विराम रेखा भी कहा जाता है। जब १९६२ के भारत चीन युद्ध के पश्चात दोनों देशों की सेनाएं जिस स्थान पर तैनात थी उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा मान लिया गया था। इससे पहले भारत और चीन के बीच कोई भी नियंत्रण रेखा नहीं थी, परंतु शांति और युद्ध के गलत परिणामों से बचने के लिए इस रेखा का निर्माण किया गया।
इस रेखा को दोनों देशों द्वारा माना गया तथा यह भी तय किया कि वह कभी भी एक दूसरे के भूभाग सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे तथा इससे दूरी बनाकर ही रखेंगे।
कुछ चीनी विद्वानों द्वारा यह दावा किया जाता है कि लाक शब्द का उपयोग सबसे पहले चीनी प्रधानमंत्री झोउ एनलाई द्वारा २४ अक्टूबर १९५९ को एक पत्र में माध्यम से भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम लिखा गया था। जिसमें इस शब्द का प्रयोग किया गया था १९९६ में भारतीय और चीन के सीमा समझौते के बाद इस शब्द को कानूनी मान्यता प्राप्त हुई।
इसके तुरंत बाद ही भारत और चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ ही शांति और रखरखाव पर दोनों ही देश सहमत हुए तथा दोनों ने यह भी तय किया कि वह एक दूसरे की सीमाओं में ना ही प्रवेश करेंगे और ना ही किसी भी प्रकार की युद्ध रणनीति को बढ़ावा देंगे। इसका परिणाम यह हुआ कि भारत और चीन के संबंध धीरे धीरे ठीक होना शुरू हो गए। |
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि देश के १४३ प्रमुख जलाशयों में औसत जल स्तर सालाना ८% और पिछले १० वर्षों के औसत से १७% अधिक है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रमुख जलाशयों में उच्च जल स्तर १ अक्टूबर से १3 अक्टूबर तक 'मानसून के बाद' के मौसम के दौरान ९०% अधिक वर्षा होने के कारण हुआ है। इस महीने उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य से ३६६% अधिक बारिश हुई है। रबी की फसलों की बुवाई मे उच्च जल स्तर कृषि भूमि को सिंचाई करने में मदद कर सकता है । वही वर्त्तमान में देश में लगभग ४८% कृषि भूमि सिंचित होती है।
सीडब्ल्यूसी द्वारा जिन १४३ जलाशयों के जल स्तर की निगरानी की जाती है, उनमें से ११२ पश्चिम, मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम (जून-सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। जलाशयों में १५९ बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी भरा हुआ है, जो उनकी संयुक्त क्षमता का ९०% है। नवीनतम सीडब्ल्यूसी के गाइडलाइन के अनुसार, एक साल पहले जलाशयों में उपलब्ध पानी १४६ बीसीएम था, और पिछले १० वर्षों का औसत १३६ बीसीएम था।
जलाशयों का वर्तमान जल स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का १०८ प्रतिशत और पिछले १० वर्षों के औसत संग्रहण का ११७ प्रतिशत था।जलाशयों में बढ़ा हुआ जल का स्तर नहर प्रणालियों के माध्यम से सिंचाई की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है। इन जलाशयों में से ४६ जल विद्युत सयंत्रो से ६० मेगावाट से अधिक बिजली पैदा की जाती है ।
जल स्तर में क्षेत्रीय भिन्नताओं के अनुसार, मध्य क्षेत्र के २६ जलाशयों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ और दक्षिणी क्षेत्र के ३९ जलाशयों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पिछले साल और औसतम पिछले १० वर्षों की तुलना मे इस बार अधिक बारिश हुई है । पूर्वी क्षेत्र - झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड और बिहार में २१ जलाशयों का जल स्तर एक साल पहले की तुलना में अधिक बढ़ा है, लेकिन वर्तमान जल स्तर पिछले १० वर्षों के औसत से कम है।
पश्चिमी क्षेत्र के ४६ जलाशयों - गुजरात और महाराष्ट्र - में जल स्तर अब पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अधिक बढ़ा है, साथ ही साथ पिछले दशक के औसत संग्रहण भी है। इसी तरह, उत्तरी क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के १० जलाशयों में पिछले साल और पिछले १० साल के औसत की तुलना में वर्तमान में अधिक पानी है।
जून-सितंबर के मौसम में भारत की मानसून वर्षा सामान्य से ६.५% अधिक थी, क्योंकि मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा पूर्वी और उत्तरी राज्यों में घाटे की भरपाई करती है। मौसम विभाग ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अभी भी वापसी के चरण में है।
इस महीने उत्तर और मध्य क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा ने खरीफ फसलों को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में प्रभावित किया है। |
मृदा विभिन्न प्रकार के पदार्थों का मिश्रण है। उदाहरण के लिए, कण, छोटे कंकड़, क्षय और जीवित जीव जिन्हें खाद सूक्ष्म जीव, आदि कहा जाता है। मृदा की ऊपरी सतह वह है जिसमें पौधे खाद, मिट्टी के कण और जीवित जीवन की शरण में रहते हैं। मृदा या मिट्टी चट्टानों द्वारा ही निर्मित होती हैं।
मृदा की परिभाषा इस प्रकार है- मृदा भूमि की वह ऊपरी परत हैं जिसका निर्माण मूलरूप से चट्टानों के विखण्डित होने उनमें वनस्पति व जीवेां के सड़ने, गलने तथा जलवायु की क्रिया से निर्मित अम्लीय पदार्थों से लाखों वर्षों की प्रक्रिया के बाद मृदा का रूप लेती हैं।
१. बलुई मृदा - बलुई दोमट मिट्टी जिसमें बालू, सिल्ट एवं चीका की अपेक्षित मात्रा का प्रतिशत क्रमशः ६५, २५ एवं १0 प्रतिशत है। इसमें नेत्रजन की मात्रा ४० से ४५ प्रतिशत तक मिलती है।
२. दोमट मिट्टी - दोमट मृदा प्रमुख रूप से बालू एवं सिल्ट का सम्श्रिण है जिसमे बालू की मात्रा ४५ प्रतिशत, सिल्ट ४० प्रतिशत एवं चीक २3 प्रतिशत पाया जाता है। मध्यम उर्वरता की यह मृदा कृषि उद्यम के लिए आदर्श होती है। छोटे बालू कणों की उपस्थिति के कारण यह भुरभुरी होती है, जिसमें हल चलाना सुगम एवं जल वायु का संचालन अत्यन्त सुगम होता है।
३. मटियार मृदा - यह सूक्ष्मदर्शी कणों का समूहन है, जिसकी ऊपरी सतह का रंग हल्का भूरा, पीला एवं हल्का काला होता है। इसमें दोमट मिट्टी की तुलना में चीका की मात्रा अधिक पायी जाने के कारण नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है। इसमें बालू की मात्रा २८ प्रतिशत, सिल्ट की मात्रा ३7 प्रतिशत एवं चीका की मात्रा ३5 प्रतिशत होती है। नाइट्रोजन की अधिकतर ५०-६० प्रतिशत होने के कारण प्रति हेक्टेयर उत्पादन अधिक होता है।
यह अति गहरी एवं आन्तरिक अवरोधयुक्त भारी मृदा है। जिसका अम्ल अनुपात उदासीन से साधारण क्षारीय होता है, तथा इसका जल निकास खराब होता है। इसमें धान की खेती के साथ मत्स्यपालन एवं सिंघाड़ा की खेती लाभप्रद होती है।
४. कछारी मृदा - इसमें जीवांश एवं मटियार कणों की विशेष कमी होती है। फलत: इसमें लचीलापन एवं तन्मयता बिल्कुल नहीं होती है। गंगा के बाढ़ द्वारा प्रतिवर्ष नवीन मृदा की परत जमा होती है, जिससे इसकी उर्वरता का ह्रास नहीं होता है।
५. ऊसर मृदा - भारत के उत्तरी मैदान में कहीं-कहीं ऊसर भूमि देखी जाती है यह ऐसी भूमि है जो कृषि के लिए उपयुक्त नहीं होती। भूमि के ऊपर सफेद रंग का क्षारीय पदार्थ बिछा हुआ मिलता है। इस क्षारीय पदार्थ की अधिकता के कारण भूमि बेकार हो जाती है। ऐसी भूमि को उत्तर प्रदेश में रेहू यो ऊसर पंजाब में राखर या थर और महाराष्ट्र में चोपान या कैल कहते हैं।
इस मिट्टी के उत्पत्ति के प्रमुख कारणों में जल एकत्रित होना, वर्षा की न्यूनता, उच्च जल-तल, मन्द ढाल एवं शुष्कता है। कुण्डा तहसील में यह मिट्टी उन भागों में पायी जाती है जहां वर्षाकालीन जल जमाव रहता है।
६. लाल मृदा - इसके अंतर्गत उष्ण कटिबंधीय लाल तथा पीली मृदा आती हैं। भारत में २० लाख वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में यह मृदा मिलती हैं। यह मृदा सामान्यत: चूना, पोटास, फास्फोरस जीवांश तथा नाइट्रोजन की कमी से यह मृदा कम उपजाऊ हैं। बघेलखंड, छत्तीसगढ़ तथा पूर्वी तमिलनाडु मेंं यह मृदा मुख्यत: बलुई हैं।
पूर्वांचल, झारखंड, पंबंगाल, अरावली क्षेत्र, उड़ीसा, उत्तरी आंध्रप्रदेश तथा पूर्वी कर्नाटक की लाल मृदा बलुई-दोमट हैं।
७. लैटेराइट मृदा - लैटेराइट मृदा विशेषतया भारी वर्षा, अधिक तापमान वाले ऊँचे सपाट अपरदित सतहों पर पाई जाती हैं। तीव्र निक्षालन क्रिया द्वारा पोशक तत्वों का नाश हो जाना इस मृदा का सामान्य लक्षण हैं। यह मृदा गीली होने पर गारे के समान ढ़ीली तथा सूखने पर ईट के समान कठोर हो जाती हैं। इसलिये एफ बुकनान ने १९१० में इस प्रसिद्ध मिट्टी को लैटेराइट कहा था। लेटिन भाषा में लेटर का अर्थ ईट से हैं।
छत्तीसगढ़ में इसे मूरम तथा इस मृदा के क्षेत्र को भाठा कहते हैं। इसमें मोटे अनाज का उत्पादन एवं पशु चारण होता हैं। भारत में यह मृदा पूर्वी पश्चिमी घाट, झारखंड, तथा मेघालय में अधिक हैं।
८. काली या रेगट मृदा - काली मृदा दक्कन के लावा प्रदेश में पायी जाती है। इसका रंग सामान्यतया काला होता हैं। यह ऊपजाऊ मृदा है। वर्षा ऋतु में फूलकर चिपचिपी हो जाती हैं। नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती हैं। ग्रीष्म ऋतु में इसमें से नमी निकलने से दरारे पड़ जाती हैं।
काली मृदा के क्षेत्र महाराष्ट्र, पश्चिम मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश तथा तमिलनाडु हैं। छत्तीसगढ़ मे इन्हें अनेक नाम से जानते हैं। कन्हार, मटासी, डोरसा, पटपा, के नाम उल्लेखनीय हैं।
९. जलोढ़ मृदा - उत्तर भारत के विशाल मैदान में पंजाब से असम तक ६.८ लाख वर्ग किमी. में यह मृदा मिलती हैं, विभिन्न शैल कणों से बनी ये मिट्टियां उपजाऊ हैं।
१०. मरूस्थलीय मृदा - पवन द्वारा लाकर राजस्थान में जमा की गई बालू से बनी मरूस्थलीय मिट्टी बलुई हैं। इस मृदा में चूने तथा अन्य क्षारों का जमाव हैं। इस मिट्टी का रंग धूसर हैं। यह कम उत्पादक हैं। सिंचाई से अच्छी उपज होती हैं। इसका विस्तार प. राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ, हरियाणा एवं दक्षिण पंजाब में २.२ लाख वर्ग किमी. में फैली हैं।
११.तटीय मृदा - बंगाल के तट पर तथा प्रायद्वीपीय भारत के तट पर तटीय मिट्टी की एक लंबी पट्टी हैं। ये जलोढ़ मृदा से अलग सीमा बनाती है।
१२. पर्वतीय मृदा - ये जटिल एवं अत्याधिक विविधता वाली मृदा हैं। कहीं पर घूसर श्वेत जैसा होतीहैं। यह मृदा कृषि के लिये अच्छी नहीं हैं। यह चीड़ आदि शंकुधारी वनो की मिट्टी हैं। चाय की खेती एवं फलों के बगानों तथा आलू की पैदावार के लिये विख्यात हैं। यह मिट्टी हिमालय की घाटियों , कांगड़ा देहरादून तथा दाजिर्ंलिंग में पायी जाती हैं। |
राँची: कांके क्षेत्र के समाजसेवी सह झामुमो युवा नेता जुल्फान खान और झामुमो युवा नेता सह ऊपर कोनकी अंजुमन कमिटी के नयाब सेक्रेटरी वसीम अकरम ने रविवार को पिठोरिया थाना के नए थाना प्रभारी अभय कुमार को बुके देकर स्वागत किया।
मौके पर दोनों समाजसेवियों ने क्षेत्र की समस्याओं से थाना प्रभारी को अवगत कराया। वहीं थाना क्षेत्र को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस का हर हाल में सहयोग करने की बात कही। इस दौरान थाना प्रभारी ने भी भरोसा दिलाया कि, पिठोरिया पुलिस के द्वारा क्षेत्र में अपराध मुक्त और आपसी सौहार्द बनी रहेगी।
वहीं झामुमो नेता वसीम अकरम ने थाना प्रभारी से क्षेत्र में नशा के कारोबारियों पर अंकुश लगाने की अपील की। इस पर थाना प्रभारी ने कहा की हम लोग इस पर गंभीर हैं। नशा व्यपारियों के खिलाफ अभियान चलाकर छापेमारी भी की जाएगी और कानून सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी। |
म्प पुलिस कॉन्स्टेबल रेसल्ट २०२२ : मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती २०२२ में शामिल हुए विद्यार्थियों जिस खबर का इंतजार था आखिरकार वह खबर आई गई है क्योंकि मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती २०२२ के लिए परिणाम जारी कर दिए हैं यदि आप भी इन परीक्षा में शामिल हुए थे तो अधिकारी वेबसाइट पेब.म्प.गोव.इन पर जाकर अपने परिणाम चेक कर सकते हैं परिणाम चेक करने का डायरेक्ट लिंक आपको इस पोस्ट में भी उपलब्ध कराया जाएगा इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
जानकारी के लिए बता दें मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती २०२२ परीक्षा आयोजन का कार्यक्रम पूरे एक महीना १७ जनवरी से १७ फरवरी २०२२ तक चला था जिसके लिए १२ नंबर २०२२ को परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं जबकि पहली राउंड की परीक्षा के परिणाम २३ मार्च २०२२ को जारी कर दिए गए थे जिसमें लगभग ३१,००० अभर्तियों को क्वालीफाई किया गया था।
एमपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती २०२२ रिजल्ट चेक करने के लिए सबसे पहले मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पेब.म्प.गोव.इन पर जाएं।
अब आपको वेबसाइट के होम पेज पर ही एमपी पुलिस कांस्टेबल रिजल्ट कार्ड लिंक देखने को मिल जाएगा।
लिंक पर क्लिक करें और लॉगइन पेज में मांगी जा रही जानकारी आवेदन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
अब आप अपना रिजल्ट चेक करें और डाउनलोड कर सकते हैं इसके अलावा भविष्य में उपयोग के लिए इसका प्रिंटआउट जरूर रखें।
एमपी पुलिस कॉन्स्टेबल के ७५०० नए पदों पर भर्ती को लेकर बड़ी खबर, इस बार फिजिकल टेस्ट होगा महत्वपूर्ण!
म्प फॉरेस्ट गार्ड भारती २०२२ : मध्यप्रदेश फॉरेस्ट गार्ड के १७७२ पदों पर निकलने जा रही भर्ती, जल्द होगा नोटिफिकेशन जारी!
म्प अपेक्स बैंक भारती : एमपी राज्य सहकारी अपैक्स बैंक में निकली भर्ती, १८ से ६५ साल तक के अभ्यार्थी कर सकतें है आवेदन! |
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है।
अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ (अंग्रेजी:इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन;इयाता) एक अन्तर्राष्ट्रीय वायुसेवाओं का उद्योग व्यापार समूह है, जिसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में स्थित है। यहीं पर अन्तर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन का मुख्यालय भि स्थित है। इस संगठन का उद्देश्य है वायुसेवा उद्योग की सेवा और बढ़ावा देना। यह संघ २८० वायुसेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो अनुसूचित अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात का ९३% भाग है। इस संगठन के महानिदेशक हैं जियोवानी बिसिग्नानी। वर्तमान में यह संगठन १५० से अधिक देशों में व्याप्त है और इसके विश्वव्यापी १०१ कार्यालय हैं।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ( आईएटीए / एएमटीए /) दुनिया की एयरलाइंस का व्यापार संघ है। २ ९ ० एयरलाइंस, मुख्य रूप से प्रमुख वाहक, ११७ देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए, आईएटीए की सदस्य एयरलाइनों का कुल उपलब्ध सीट माइल्स हवाई यातायात का लगभग 8२% हिस्सा लेना है। आईएटीए एयरलाइनगतिविधि का समर्थन करता है और उद्योग नीति और मानकों को तैयार करने में मदद करता है। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, क्यूबेक, कनाडा में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में कार्यकारी कार्यालयों के साथ है।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के लिए संक्षिप्त। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन के क्रमबद्ध विकास के लक्ष्य के साथ १९४५ में एक निजी संगठन की स्थापना की गई। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय वायु यातायात संघ (१९१९ में स्थापित) पर आधारित, जो मुख्य रूप से एक यूरोपीय एयरलाइन थी। इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है और इसके कार्यालय जिनेवा, न्यूयॉर्क, लंदन आदि में हैं। २२५ सदस्य कंपनियां हैं (१९९६ के अंत तक)। जापान एयरलाइंस सितंबर १९५४ में एक आधिकारिक है, और दैनिक कार्य स्थायी बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। स्टैंडिंग बोर्ड के तहत, प्रौद्योगिकी, कानूनी, वित्त और परिवहन के लिए एक स्थायी समिति है।
संचालन को मोटे तौर पर एसोसिएशन की गतिविधियों जैसे कि प्रौद्योगिकी और कानूनी मामलों और किरायासमायोजन गतिविधियों जैसे किराया स्तरों के निर्धारण में विभाजित किया गया है। विशेष रूप से, दुनिया तीन जिलों में विभाजित है। विमान किराया , शुल्क से संबंधित परिवहन सम्मेलनगतिविधियाँ महत्वपूर्ण हैं। किराये आदि, को अंततः प्रत्येक देश की सरकारों द्वारा अनुमोदित किया जाता है, लेकिन उन्हें अर्ध-सार्वजनिक संस्थानों की भूमिका इयाता को सौंपा गया है। यात्रियों और कार्गो के लिए नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जाती हैं, लेकिन मुद्रा और ईंधन मुद्दों के लिए विशेष बैठकें भी बुलाई जाती हैं। गैर-आईएटीए कंपनियों द्वारा कम किराया आक्रामक से निपटने के उपाय हाल के वर्षों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ के लिए संक्षिप्त। मैंने एआटा भपढ़ा। १ ९ ४५ में हवाना समझौते द्वारा स्थापित एक नागरिक एयरलाइन संगठन। हवाई परिवहन के विकास के लिए, हम किराए, सेवा सामग्री, विमानन प्रौद्योगिकी और अन्य को एकजुट करने की योजना बना रहे हैं। अक्टूबर १ ९ ७ ९ में संगठन में सुधार किया गया था, और किराया सेटिंग विधि लचीला बना दिया गया था। जुलाई १ ९९९ तक, सदस्यों की संख्या २६५ (24७ नियमित सदस्य, १8 सहयोगी सदस्य) हैं। जापान से, जापान एयरलाइंस, एएनए, निप्पॉनएयर सिस्टम और निप्पॉन कार्गो एयरलाइंस नियमित सदस्यों के रूप में भाग लेते हैं। मुख्यालय मॉन्ट्रियल और जिनेवा हैं।
इयाता की स्थापना अप्रैल, १९४५, में हवाना, क्यूबा में हुई थी। यह अन्तर्राष्ट्रीय वायु ट्रैफिक संगठन का उत्तराधिकारी है, जिसकी स्थापना १९१९ में द हेग में हुई थी। इसी वर्ष विश्व की प्रथम अनुसूचित विमान सेवा का आरंभ हुआ था। स्थापना के समय इयाता में ३१ राष्ट्रों से ५७ सदस्य थे। इनमें से अधिकांश यूरोप और उत्तरी अमरीका से थे। आज इसके २४० से धिक सदस्य हैं, जो कि विश्व के १४० से अधिक राष्ट्रों से हैं।
अन्तिम परिवर्तन १०:११, २४ अक्टूबर २०२२। |
एनसीईआरटी कक्षा ९ गणित अध्याय ३ निर्देशांक ज्यामिति डाउनलोड या पढ़ने के लिए यहां उपलब्ध है। जो छात्र ९ कक्षा में हैं या किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जो कक्षा ९ गणित पर आधारित है, वे छात्र तैयारी बेहतर करने के लिए एनसीईआरटी गणित ए बुक का उपयोग कर सकते हैं। डिजिटल एनसीईआरटी पुस्तक कक्षा ९ गणित पीडीएफ का उपयोग करना हमेशा आसान होता है।
यहां आप कक्षा ९ गणित एनसीईआरटी पुस्तकें के अध्याय ३ निर्देशांक ज्यामिति को पढ़ सकते हैं। अध्याय के बाद आप कक्षा ९ के गणित के नोट्स, एनसीईआरटी समाधान, महत्वपूर्ण प्रश्न, प्रैक्टिस पेपर्स आदि के लिंक प्राप्त कर सकते हैं। हिंदी में कक्षा ९ एनसीईआरटी गणित अध्याय ३ निर्देशांक ज्यामिति नीचे प्राप्त करें।
यहां आप कक्षा ९ एनसीईआरटी गणित अध्याय ३ निर्देशांक ज्यामिति प्राप्त कर सकते हैं।
न्सर्ट कक्षा ९ की पुस्तकें डाउनलोड करना आसान है। बस लिंक पर क्लिक करें, एक नई विंडो खुलेगी जिसमें सभी न्सर्ट पुस्तकें कक्षा ९ गणित पीडीएफ फाइलें अध्याय अनुसार होंगी। वह अध्याय चुनें जिसे आप डाउनलोड करना चाहते हैं और उसपर क्लिक करें। आपके पास ऑफ़लाइन अध्ययन करने के लिए आपके डिवाइस पर पीडीएफ होगा जहां से आप हिंदी में कक्षा ९ एनसीईआरटी गणित अध्याय ३ निर्देशांक ज्यामिति को पढ़ सकते हैं।
न्सर्ट कक्षा ९ गणित पुस्तक पीडीएफ में डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।
आप विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से कक्षा ९ गणित एनसीईआरटी पुस्तकें खरीद सकते हैं और कुछ ही समय में डोरस्टेप डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने एनसीईआरटी पुस्तक कक्षा ९ गणित के लिए सीधा लिंक दिया हुआ है ताकि आपको इसके लिए ज्यादा दिक्क्तों का सामना करना ना पड़े। आप अमेजन की वेबसाइट पर जा सकते हैं और ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
एनसीईआरटी पुस्तक कक्षा ९ गणित की पुस्तक अमेजन वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।
अध्याय को पढ़ने के बाद, आप हमारे कक्षा ९ के गणित एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख कर सकते हैं। सभी अध्यायों के सवालों के जवाब स्टेप बाय स्टेप विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किए गए हैं ताकि आप अपनी परीक्षा में बेहतर तैयारी कर सकें।
कक्षा ९ गणित विषय के लिए आगे की तैयारी के लिए आप रिविजन नोट्स, महत्वपूर्ण प्रश्न हिन्दी.अग्लेसम.कॉम पर निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, आप ऑनलाइन परीक्षा दे सकते हैं और अपनी तैयारी के स्तर का विश्लेषण कर सकते हैं।
यहां छात्र अध्याय अनुसार कक्षा ९ एनसीईआरटी नोट्स प्राप्त कर सकते हैं, जो विषय और उसके अध्याय को अच्छे तरीके से समझने में बहुत सहायक है। नीचे दिए गए लिंक की मदद से आप कक्षा ९ एनसीईआरटी गणित नोट्स प्राप्त कर सकते हैं।
एनसीईआरटी कक्षा ९ के नोट्स प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें ।
कक्षा ९ प्रश्न बैंक के लिए यहां क्लिक करें।
कक्षा ९ अभ्यास टेस्ट के लिए यहां क्लिक करें।
विषय को आसान और बेहतर तरीके से समझने में आपकी मदद करने के लिए सभी अध्ययन सामग्री तैयार की गई थी। अगर आपको हमारे संसाधन पसंद आए, तो कृपया पोस्ट को साझा करें! |
अपशकुन लेना एक पुरानी प्रथा है जिसके विभिन्न समाजों में विभिन्न रंग व रूप पाए जाते हैं। इस्लाम धर्म की दृष्टि से यह एक घृणित प्रथा है जिसका इस्लाम ने खण्डन किया है और उसे निषिद्ध ठहराया है, तथा इस बात को स्पष्ट किया है कि उसका किसी चीज़ के लाभ व हानि में कोई प्रभाव नहीं है। बल्कि मनुष्य को जीवन के सभी मामलों में आशावादी रहने की शिक्षा दी है और उसकी रूचि दिलाई है। प्रस्तुत लेख में अच्छा फाल शकुन-, आशावाद के रूप, निराशावाद व अपशकुन की वास्तविकता, इस्लाम धर्म में उसके निषेद्ध, अरब एवं गैर अरब समाज में उसके रंग व रूप, और निराशावाद की हानियों और आशावाद के लाभ का उल्लेख किया गया है। |
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काजा, मनाली और कुल्लू में आयोजित रैलियों को संबोधित किया और इस दौरान उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में एक बार पुन: भारी बहुमत से डबल इंजन वाली भाजपा सरकार का बनना तय है।
नड्डा ने कहा कि पहले राजनीति और चुनाव में एंटी इनकम्बैंसी होती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदुस्तान की राजनीति में प्रो-इनकम्बैंसी का एक नया शब्द जोड़ दिया। जब सही नेतृत्व हो, विकास की नीति हो, काम करने की नीयत हो तो एंटी-इनकम्बैंसी नहीं बल्कि प्रो-इनकम्बैंसी होती है।
जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है और यहां के लोगों को धोखा दिया है। अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल प्रदेश को इंडस्ट्रियल पैकेज भी दिया था, जिसे कांग्रेस की यूपीए सरकार ने वापस ले लिया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने हिमाचल प्रदेश का स्पैशल कैटेगरी स्टेटस छीन लिया। जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बिना मांगे ही हिमाचल प्रदेश का स्पेशल स्टेटस का दर्जा बहाल कर दिया। |
बिग बॉस १३ फेम शहनाज गिल (शहनाज़ गिल) इन दिनों अपनी नई एल्बम और तस्वीरों को लेकर सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं। शहनाज़ गिल अपनी तस्वीरों के जरिए फैंस को दीवाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती हैं। वहीँ हाल ही में शहनाज ने अपनी कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं जो इंटरनेट पर वायरल हो रही है। जिसमें उनका लुक फैंस को बेहद पसंद आ रहा है।
बिग बॉस १३ फेम शहनाज गिल इन दिनों अपनी नई एल्बम और तस्वीरों को लेकर सुर्ख़ियों में बनी हुई हैं। शहनाज़ गिल अपनी तस्वीरों के जरिए फैंस को दीवाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होती हैं। वहीँ हाल ही में शहनाज ने अपनी कुछ लेटेस्ट तस्वीरें शेयर की हैं जो इंटरनेट पर वायरल हो रही है। जिसमें उनका लुक फैंस को बेहद पसंद आ रहा है।
आउटफिट की बात करें तो उन्होंने व्हाइट टॉप, लाइट ब्लू जींस और ब्लैक लेदर जैकेट कैरी की हुई है।
शहनाज़ गिल की काफी अच्छी फैन फॉलोइंग है। वहीं इन दिनों उनके पास कई सारे प्रोजेक्ट्स हैं।
हाल ही में एक्ट्रेस बादशाह के साथ फ्लाई' म्यूजिक वीडियो में नजर आए थीं, जिसमें उनके अंदाज ने फैंस का दिल जीता था।
बता दें शहनाज गिल जल्द ही दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म में दिखाई देने वाली हैं। इससे पहले एक्ट्रेस ने दिलजीत के साथ भी तस्वीरें शेयर की थी, जिसमें कुछ तस्वीरों में वे दोनों पोज देते नजर आए। |
कुछ दिन पहले हमने आपको के आगमन के बारे में बताया था पोको आने वाले दिनों में फ४ ५ग। खैर, आज ब्रांड ने ट्विटर पर डिवाइस के सबसे महत्वपूर्ण विनिर्देशों में से एक की पुष्टि की - प्रोसेसर।
प्रदर्शन जो आपको और अधिक करते रहने के लिए प्रेरित करेगा! स्नैपड्रैगन ८०० सीरीज़ के सबसे बेहतरीन प्रोसेसर का अनुभव करने के लिए तैयार हो जाइए।
जैसा कि हम ऊपर ट्वीट में देख सकते हैं, पोको दावा है कि अगला फ४ ५ग "८०० श्रृंखला के सबसे अनुकूलित प्रोसेसर" द्वारा संचालित होगा, जबकि छवि स्पष्ट रूप से चिपसेट के ऊपर मौजूद "स्नैपड्रैगन ८७० ५ग" शब्दों को दिखाती है।
किसी भी मामले में, यह पुष्टि हमें बताती है कि, जैसा कि पहले लीक हुआ था, पोको फ४ ५ग कुछ महीने पहले चीन में पेश किए गए रेडमी क४0स का रीब्रांड हो सकता है।
यदि ऐसा है, तो हम पहले से ही मान सकते हैं कि पोको फ४ ५ग ६,६7-इंच अमोलेड फद + डिस्प्ले के साथ १२०हज़ के रिफ्रेश रेट और डॉल्बी विजन सपोर्ट के साथ आएगा। जबकि स्नैपड्रैगन ८७० चिप को तेज लैडर५ रैम और उस ३.१ इंटरनल मेमोरी के साथ जोड़ा जाएगा।
फोटोग्राफिक क्षेत्र के लिए, के रूप में पोको फ४ ५ग को रेडमी क४0स पर अपग्रेड देखना चाहिए, जो कि रेडमी क6४स पर मिले ४८म्प मुख्य कैमरे (ओईस के साथ भी) के बजाय ओईस द्वारा सहायता प्राप्त ४0म्प मुख्य कैमरा है। किसी भी तरह से, अन्य कैमरे समान होने चाहिए, इसलिए ८म्प का अल्ट्रा वाइड लेंस कैमरा, २म्प का मैक्रो कैमरा और २0म्प का फ्रंट कैमरा।
अंत में, स्मार्टफोन ४५००व फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ ६७माह की बैटरी द्वारा संचालित होगा।यह दो स्टीरियो स्पीकर, एक साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर और एक इंफ्रारेड एमिटर के साथ आएगा। डिवाइस अंड्रॉयड १३ पर आधारित मिउई १२ पर चलेगा।
नर्ड, प्रौद्योगिकी, फोटोग्राफी, वीडियो निर्माता और गेमर के बारे में भावुक। और निश्चित रूप से मुझे ज़ियाओमी उत्पादों से प्यार है! ट्विटर पर उपलब्ध है।
जब आप पहली बार एक सामाजिक लॉगिन बटन का उपयोग करते हुए लॉग इन करते हैं, तो हम आपकी गोपनीयता सेटिंग्स के आधार पर, सामाजिक लॉगिन प्रदाता द्वारा साझा की गई आपकी खाता सार्वजनिक प्रोफ़ाइल जानकारी एकत्र करते हैं। हमारी साइट पर एक खाता बनाने के लिए हम आपके ईमेल पते का उपयोग करेंगे।
मैं स्वीकार करता हूं कि मेरी ईमेल का उपयोग नई टिप्पणियों की सूचनाएं प्राप्त करने के लिए किया जाता है (आप किसी भी समय सदस्यता रद्द कर सकते हैं)।
११ के लिए ज़ियाओमी शुन्ज़ाओ ज़१५२ मैक्स वैक्यूम क्लीनर यूरोप से भेज दिया गया!
इलाइफ आ८० प्लस केवल ७९ के लिए फर्श की सफाई करने वाला रोबोट यूरोप से मुफ़्त भेजा गया!
रोबोरॉक एस७ प्रो अल्ट्रा फ्लोर क्लीनिंग रोबोट ९९९ में यूरोप से नि:शुल्क भेजे जाने की पेशकश पर है! |
माघ का महीना साल के दूसरे माह में शुरू होता है। माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
गुप्त नवरात्र: नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करता है। साधना के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते है।
आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्र में प्रलय और संहार के देवता, देवों के देव महादेव एव मां काली की पूजा का विधान है।
जिस तरह वर्ष में ४ बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्री में देवी के ९ रूपों की पूजा की जाती है ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात में दस महाविधाओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैं।
माँ काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मांतगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।
जिस प्रकार वास्तविक नवरात्र में भगवान विष्णु की पूजा और शारदीय नवरात्र में देवी शक्ति की नौ देवीयों की पूजा की प्रधानता रहती है, उसी प्रकार गुप्त नवरात्र दस महाविद्याओं के होते हैं यदि कोई साधक गुप्त नवरात्र में इन महाविद्याओं के रूप में शक्तियों की उपासना करे तो उसका जीवन धन-धान्य, राज्य-सत्ता एवं एश्वर्य से भर जाता है। इस नवरात्र के दौरान मां भगवती के गुप्त स्वरूप मां काली की पूजा की जाती है लेकिन गुप्त तरीके से पूजा, मंत्र, पाठ और प्रसाद सभी को गुप्त रखा जाता है।
इस नवरात्र को करने में साधक को पूर्ण संयम और शुद्धता के साथ मां भगवती की आराधना करनी चाहिए, गुप्त नवरात्र की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा को स्वरूपों के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी पूजा का विशेष महत्व है। |
अपने संपर्क विवरण साझा करके, मैं जक्वार और इसके प्रतिनिधियों को मुझे कॉल करने या मुझे एसएमएस करने के लिए अधिकृत करता हूं। यह सहमति डीएनसी / एनडीएनसी के लिए किसी भी पंजीकरण को ओवरराइड करेगी। |
दीपा कर्मकार (बंगाली: , अंग्रेजी: दीपा कर्मकर) (जन्म: ९ अगस्त १९९3) एक कलात्मक जिम्नास्ट हैं जो २०१६ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली वे पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं[१][२], और पिछले 5२ वर्षों में ऐसा करने वाली वे प्रथम भारतीय, पुरुष अथवा महिला, जिम्नास्ट हैं।
दीपा ने २०१६ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। किसी भी ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाली वे पहली भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं[१][२], और पिछले 5२ वर्षों में ऐसा करने वाली वे प्रथम भारतीय, पुरुष अथवा महिला, जिम्नास्ट हैं।
अन्तिम परिवर्तन ०८:०३, ३१ मई २०२१। |
यदि आप फ़्लॉपी ड्राइव के साथ किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, जहाँ ड्राइव के सामने की लाइट बंद नहीं होती है, तो समस्या को ठीक करने में मदद के लिए नीचे दिए गए समस्या निवारण विकल्पों की समीक्षा करें।
ड्राइव लाइट बंद न होने का सबसे आम कारण फ्लॉपी ड्राइव डेटा केबल का ठीक से कनेक्ट नहीं होना है। सत्यापित करें कि फ्लॉपी ड्राइव केबल फ्लॉपी ड्राइव के पीछे और मदरबोर्ड से ठीक से जुड़ा हुआ है। केबल पर पिन एक आमतौर पर फ्लॉपी पावर कनेक्टर के सबसे करीब स्थित होता है, इसलिए केबल पर लाल पट्टी को फ्लॉपी ड्राइव के पीछे पावर कनेक्टर का सामना करना चाहिए।
यदि फ्लॉपी ड्राइव डेटा केबल ठीक से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, तो संभावना है कि फ्लॉपी ड्राइव शारीरिक रूप से खराब है और यह सिफारिश की जाती है कि इसे प्रतिस्थापित किया जाए। |
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश में आतंकी हमले की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता।
राजनाथ ने बताया, 'किसी आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। हम आतंकी गतिविधियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इसलिए अलर्ट जारी किए गए हैं।
सिंह दरअसल इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या त्योहारी मौसम के दौरान आतंकी हमले की आशंका है? जब उनसे गृहमंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को जारी सुरक्षा संबंधी परामर्श के बारे में पूछा गया तो गृहमंत्री ने कहा कि इस तरह के परामर्श सरकार को मिली सूचना के आधार पर नियमित रूप से जारी किए जाते हैं।
इस परामर्श में गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे त्योहारी मौसम में पूजास्थलों एवं सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
सीरिया में आतंकवादी उड़ाना सीख रहे हैं जेट विमान! |
यहां बिहार सरकार / जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई सभी सार्वजनिक योजनाएं दिखाई देती हैं। इन योजनाओं को खोजने के लिए सुविधा प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का शुभारम्भ २ अक्टूबर २०१६ को किया गया है| इस योजना के तहत २० से २५ वर्ष के बेरोजगार युवाओं को रोज़गार तलाशने के दौरान सहायता के तौर पर रू० १००० प्रति माह की दर से स्वयं सहायता भत्ता दो वर्षो के लिए दी जायेगी।
सामाजिक सुरक्षा और विकलांगता निदेशालय सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग के अधीन है। निदेशालय का मुख्य उद्देश्य गरीबों के लिए सामाजिक सहायता विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन के रूप मे उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। |
किस खिलाड़ी को क्र७ के नाम से जाना जाता है?
ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी एनाबेल सदरलैंड ने कहा कि क्वींसलैंड के कैरारा ओवल में ३० सितंबर से शुरू होने वाले भारत के खिलाफ आगामी डे-नाइट टेस्ट के लिए सदर्न स्टार्स बहुत उत्साहित हैं।
पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए, १९ वर्षीय क्रिकेटर ने कहा कि मेजबान भारत को हल्के में नहीं ले रहे हैं, खासकर श्रृंखला के हाल ही में समाप्त हुए एकदिवसीय चरण के आलोक में। ऑस्ट्रेलिया के पहले दो गेम जीतने के साथ वनडे समाप्त हुआ और भारत तीसरा. दोनों टीमें विभिन्न प्रारूपों में मैचों की एक श्रृंखला खेल रही हैं और अंत में सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाला विजेता ट्रॉफी लेगा।
टेस्ट मैच दोनों पक्षों के लिए एक रोमांचक अवसर है। भारत ने दिखाया कि पिछले दो एकदिवसीय मैचों में उनके पास एक ऐसी टीम है जो लड़ सकती है और ऐसा कोई मंच नहीं था जब हमने उन्हें कम करके आंका। यह एक रोमांचक मैच की तरह लग रहा है, उसने कहा।
भारत ने अपने पहले दिन-रात्रि टेस्ट के लिए बेंगलुरू में एक शिविर के साथ तैयारी की, जो टीम के डाउन अंडर दौरे के लिए रवाना होने से पहले आयोजित किया गया था। यह मिताली राज एंड कंपनी का इस साल दूसरा टेस्ट है। पहला इंग्लैंड के खिलाफ, जो सात साल में भारत के लिए पहला टेस्ट भी था।
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ वर्षों में भारत से अधिक टेस्ट खेले हैं, लेकिन दिन-रात्रि टेस्ट इसे समान रूप से मैच करने वाला मुकाबला बनाता है। सदर्न स्टार्स ने २०१७ से पहले केवल एक गुलाबी गेंद का टेस्ट खेला है।
तीसरे एकदिवसीय मैच के बाद अपने मैच के बाद के साक्षात्कार में, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मेग लैनिंग ने उल्लेख किया था कि कैसे वे नियमित टी २० आई या ओडीआई से अलग ऐतिहासिक टेस्ट में नहीं आ रहे हैं।
सदरलैंड, जो टेस्ट टीम में भी शामिल हैं, ने लैनिंग के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने प्रदर्शन को प्रतिबिंबित करने के लिए मैच से पहले और बाद में कड़ी मेहनत करती है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे एक प्रक्रिया-उन्मुख टीम हैं।
सदरलैंड ने झूलन गोस्वामी को गेंद को दोनों तरफ से हिलाने की उनकी क्षमता के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए खतरा बताया।
भारत महिला ऑस्ट्रेलिया का दौरा: देखें भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला गुलाबी गेंद डी/एन टेस्ट खेलती है, सोनी सिक्स (अंग्रेजी), सोनी टेन ३ (हिंदी) और सोनी टेन ४ (तमिल और तेलुगु) चैनलों पर ३० सितंबर, २०२१ से ३ तक लाइव अक्टूबर २०२१, सुबह १०:०० बजे इस्ट। |
नई दिल्ली : दिल्ली वाले कृपया दें ध्यान, सोमवार और मंगलवार को दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी। दिल्ली जल बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि ८ मार्च की शाम से ९ मार्च की सुबह तक इन इलाको मे होगी पानी की किल्लत बरवाला, सुल्तानपुर डबास, चांदपुर, बवाना, माजरा डबास और पूठ खुर्द। वार्ड ३५ कंझावला के तहत क्षेत्र, वार्ड ३६ रानी खेरा और आसपास के इलाकों में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी।
८ मार्च से ९ मार्च तक दिल्ली जल बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि होगी पानी की किल्लत। पानी की आपूर्ति इन इलाको में होगी प्रभावित क्र्प्क कॉम्प्लेक्स, ओल्ड राजिंदर नगर, पुलिस वायरलेस, रविंदर रंग शाला, सर गंगा राम अस्पताल और वीया के क्षेत्रों में। दिल्ली में हर साल गर्मियों में कई इलाको में होने लगती है पानी की किल्लत । पानी के टैंकरों से दिल्ली के कई इलाकों में होती है पानी की सप्लाई।
राघव चढ्ढा दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन ने बताया कि हरियाणा से दिल्ली आने वाले कच्चे पानी की सप्लाई में हरियाणा ने कटौती कर दी है जिस कारण दिल्ली में पानी की किल्लत बढ़ने लगी हैं। राजधानी में इसकी वजह से पानी का उत्पादन अब कम हो गया है। पानी की किल्लत के वजह से सप्लाई और डिमांड का अंतर बढ़ रहा है।
डीजेबी के अनुसार गर्मियों में तापमान बढ़ने के कारण पानी की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। दिल्ली में मौजूदा समय में हरियाणा सीएलसी कनाल से ५४९.१६ क्यूसेक पानी छोड़ रहा है, जबकि हरियाणा को दिल्ली में ६८३ क्यूसेक पानी प्रतिदिन छोड़ना चाहिए। इसी तरह डीएसबी कनाल से भी महज ३०६.६३ क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जबकि उसे ३३० क्यूसेक पानी छोड़ा जाना चाहिए। |
नमस्कार, अप्नसंदेश.कॉम पर आप सभी का स्वागत है। दोस्तों आज के लेख में हम वाहनों के महत्वपूर्ण उपकरण तथा कार में ड्राइवर के सीट के आगे डैशबोर्ड में स्थित उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
दोस्तों आप सभी कार या फिर किसी भी प्रवासी वाहन में प्रवास करते है। जब भी हम किसी वाहन में प्रवेश करते हैं और ड्राइवर की सीट पर बैठते हैं या फिर आगे के सीट पर बैठते है, तो हमें डैशबोर्ड पर कई उपकरण या संकेतक मिलते हैं। लेकिन उन उपकरणों का, क्या काम है? और यह कैसे काम करते है? इससे हम अनजान रहते है। इसलिए दोस्तों आपके लिए अपना संदेश वेब पोर्टल के सभी कर्मचारी हमेशा आपको ऑटोमोबाइलऔर टेक्नोलॉजीके सम्बंधित सभी जानकरियों से अवगत कराते रहेंगे इसलिए आप हमारे साथ जुड़े रहे।
डैशबोर्ड को चालक के सामने रखा गया एक नियंत्रण कक्ष माना जा सकता है, जिस पर वह वाहन के समुचित कार्य के लिए नज़र रखता है। डैशबोर्ड में उपकरणों और गेजों का समूह होता है जो चालक को वाहन के स्वास्थ्य से अवगत कराते हैं।
एयरबैग (श्र्स) प्रणाली में कम ईंधन, कम तेल के दबाव, कम टायर के दबाव और दोष के लिए संकेतक भी होते हैं। हीटिंग और वेंटिलेशन कंट्रोल और वेंट, लाइटिंग कंट्रोल, ऑडियो उपकरण और ऑटोमोटिव नेविगेशन सिस्टम भी डैशबोर्ड पर लगे होते हैं। डैशबोर्ड के शीर्ष में हीटिंग और एयर कंडीशनिंग सिस्टम के लिए वेंट और ऑडियो सिस्टम के लिए स्पीकर भी होते हैं।
डैशबोर्ड में फिट किया गया प्रत्येक घटक विशेष खंड के काम को इंगित करता है।
स्पीडोमीटर चालक को एक वाहन की गति बताता है कि वह तेज गति से चल रहा है या निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर। स्पीडोमीटर से गति को प्रति घंटे किलोमीटर में मापा जाता है। वाहन का नियंत्रण चालक के साथ रहता है इसलिए स्पीडोमीटर चालक को अपनी और यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्थितियों के आधार पर गति को सुरक्षित सीमा में रखने में मदद करता है।
टैकोमीटर बताता है कि प्रति मिनट (आरपीएम) क्रांतियों में कितना तेज इंजन चालू होता है। वाहन चालक जब वाहन चलाते समय अगर तेज गति से इंजन रनिंग करता है तो इसकी जानकारी हम टैकोमीटर से ले। यदि चालक ने ध्यान दिया कि टैकोमीटर तेजी से बढ़ने पर असामान्य रूप से समस्या बढ़ रहा है, तो यह समस्याओं को बढ़ाता करता है और फिर सूचना देता की आप वाहन सेवा स्टेशन में जाकर जांच कराये।
ओडोमीटर एक उपकरण है जो किसी वाहन द्वारा यात्रा की गई दूरी को इन्क्रीस करता है, जैसे कि साइकिल या ऑटोमोबाइल, डिवाइस इलेक्ट्रॉनिक, मैकेनिकल या दोनों का संयोजन हो सकता है। यह डिवाइस दो गंतव्य के बीच की दूरी को जानने में मददगार है।
ईंधन गेज वाहन के टैंक में ईंधन की मात्रा की संक्षिप्त स्थिति को सूचित करता है। यदि आप अपने ईंधन गेज पर नज़र नहीं रखते हैं, तो आपकी वाहन किसी भी समय बंद हो सकती हैं। इसलिए हमें नियमित रूप से ईंधन गेज की जांच करनी चाहिए ताकि ईंधन के अभाव में हम सड़क पर न फंसे।
तापमान गेज वास्तव में आपके इंजन के तापमान को नहीं मापता है, बल्कि, यह इंजन के शीतलक के तापमान को मापता है। अधिकांश गेज में ठंड, सामान्य और गर्म के लिए सीमा होती है। यदि वाहन का तापमान गेज गर्म सीमा में हो जाता है, तो उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए और तुरंत ड्राइविंग बंद कर देनी चाहिए। इसे नजरअंदाज करने से काफी कम समय में काफी महंगी नुकसान हो सकता है।
यह अंदाजा लगाना महत्वपूर्ण है कि आमतौर पर कितने समय कार चलती है और इंजन गर्म होने लगता है। जबकि बाहर का तापमान कुछ हद तक रीडिंग को प्रभावित करेगा, वाहन के सामान्य रेंज से लगातार ऊपर रहने वाले तापमान कूलिंग सिस्टम की समस्याओं का संकेत दे सकते हैं।
तो इंजन नियंत्रण इकाई माल्फंक्शन से संबंधित एक गलती कोड संग्रहीत करती है, जिसे स्कैन टूल के साथ पुनर्प्राप्त किया जा सकता है और आगे निदान के लिए उपयोग किया जा सकता है। माल्फंक्शन सूचक दीपक आमतौर पर लीजेंड चेक इंजन, सर्विस इंजन सूँ, या एक इंजन का एक चित्र शामिल है।
ज्यादातर मामलों में, प्रकाश कुछ भी गंभीर होने का संकेत नहीं है। उस कारण से, बहुत से लोग इसे अनदेखा करते हैं। लेकिन इसे अनदेखा किया तो यह समस्या बहुत गंभीर समस्या के साथ ड्राइविंग को समाप्त कर सकता है और वाहन को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
ऑटोमोटिव नेविगेशन सिस्टम एक सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है जिसे ऑटोमोबाइल में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आमतौर पर यूनिट के मैप डेटाबेस में सड़क पर उपयोगकर्ता का पता लगाने के लिए स्थिति डेटा प्राप्त करने के लिए एक जीपीएस नेविगेशन डिवाइस का उपयोग करता है। सड़क डेटाबेस का उपयोग करके, इकाई अपने डेटाबेस में सड़कों के साथ अन्य स्थानों को भी निर्देश दे सकती है। विभिन्न कंपनियां इस इकाई का निर्माण करती हैं और इन्हें वाहन के डैशबोर्ड में फिट किया होता है।
अब दिनों में अधिकांश वाहन डिस सिस्टम से सुसज्जित हैं। यह प्रणाली चालक को विभिन्न सूचनाओं जैसे कि सहज ईंधन की खपत, यात्रा की सीमा, किलोमीटर के संदर्भ में ईंधन की उपलब्ध मात्रा, वायुमंडलीय तापमान के साथ डिजिटल घड़ी के बारे में सक्षम बनाती है।
दोस्तों, उम्मीद है की आपको ऑटोमोबाइल वाहन के डैशबोर्ड उपकरण आटोमोबाइल वेहिकल दश्बोर्ड देविस यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख उपयोगी लगता है, तो इस लेख को अपने दोस्तों और परिचितों के साथ ज़रूर साझा करें। और ऐसे ही रोचक लेखों से अवगत रहने के लिए हमसे जुड़े रहें और अपना ज्ञान बढ़ाएँ।
हसते रहे मुस्कुराते रहे। |
रांची। जेसीआई रांची के तत्वावधान में रांची के मोरहाबादी मैदान में २४ नवंबर से एक्सपो उत्सव होने वाला है। इसका ऑफिस २८ अक्टूबर को खुला। यह कार्यालय लाइन टैंक रोड में कॉमर्स टावर में खुला है। कार्यालय का उद्घाटन जेसीआई संस्था के पूर्व अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से किया।
इस बार एक्सपो में ३०० से अधिक स्टॉलधारक आ रहे है। ये देश विदेश के विभिन्न जगह से आएंगे। अब तक २०० से अधिक स्टॉल की बुकिंग भी हो गई है। एक्सपो इस वर्ष रांची के मोरहाबादी मैदान में २४ नवंबर से २८ नवंबर को आयोजित किया जाना है।
अध्यक्ष सौरव साह के नेतृत्व में टीम एक्सपो का गठन किया गया है। एक्सपो के चीफ को-ऑर्डिनेटर अभिषेक केडिया हैं। उन्होंने बताया कि अब एक्सपो को लेकर रोज मीटिंग होगी। लेआउट पर चर्चा होगी। आगे की रणनीति तय होगी। टीम को उनके काम से अवगत कराया जाएगा। हैं।
कार्यक्रम का संचालन उदित तुलस्यान ने किया। मौके पर अनूप अग्रवाल, नारायण मुरारका, विजय पटेल, दीपक अग्रवाल, अरविंद राजगढ़िया, प्रतीक जैन, विनय मंत्री, अभिषेक जैन, तरुण अग्रवाल, सनी केडिया, राहुल टिबड़ेवाल आदि सदस्य मौजूद थे।
इसकी बागडोर ठेठ पत्रकारों का समूह संभाल रहा है। इनके पास वर्षों का अनुभव है। खबरों को परखने का मादा। सच और झूठ में फर्क करने की समझ भी है। दैनिक भारत २४ आप तक सिर्फ समाचार ही नहीं पहुंचाएगा, बल्कि आपके हितों का ख्याल भी रखेगा। आपको फर्जी खबरों से सचेत करेगा। आपकी प्रतिभा को भी परखने का काम भी करेगा। हमारा उद्देश्य पत्रकारिता की मर्यादा का ख्याल रखते हुए खबरें आप तक पहुंचाना है। |
मोकामा। आरपीएफ मोकामा ने अवैध शराब की एक बड़ी खेफ जब्त की है। १ दिसंबर को ट्रेन संख्या ०२०२३ में एस्कॉर्ट कर रही आरपीएफ टीम ने चेकिंग के दौरान हजारों रुपए मूल्य की शराब पकड़ी। मोकामा आरपीएफ इंसपेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि एसआई प्रदीप कुमार झा के नेतृत्व में छह सदस्यीय आरपीएफ टीम ट्रेन में एस्कॉर्ट कर रही थी। ट्रेन के मोकामा से रात करीब सवा नौ बजे खुलने के बाद कोच संख्या डी ६ में शौचालय के पास आरपीएफ टीम को एक ट्रॉली मिली। हालांकि किसी भी यात्री ने उस ट्रॉली बैग पर दावा नहीं किया। बाद में आरपीएफ टीम ने ट्रॉली बैग खोलकर उसकी जांच की तो विभिन्न ब्रांडों की 2६ बोतल शराब बरामद हुई। अरविंद सिंह ने बताया कि जब्त शराब की कीमत ३० हजार रूपए से ज्यादा आंकी गई है। बुधवार को जब्त शराब को आगे की कानूनी कार्रवाई करने के लिए जीआरपी मोकामा के हवाले किया गया।
इस मामले में किसी की गिफ्तारी नहीं हुई है। ना ही किसी शराब तस्कर गिरोह का कोई अता पता चला है। आरपीएफ और पुलिस अब उस गिरोह का पर्दाफाश करने में लगी है जो ट्रेन में शराब लादकर तस्करी करते हैं। माना जा रहा है कि जब्त शराब को पटना जैसे शहर में पहुंचना था और कुछ नामी गिरामी लोगों को आपूर्ति होती। पुलिस पूरे मामले की जांच में लगी है। |
उप बोर्ड एडमित कार्ड डावनलोड: उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर दिया गया है, ऐसे में दोनों कक्षाओं के ५१ लाख छात्र-छात्राएं परीक्षा के टाइम टेबल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में उपलब्ध बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं, और लाखों छात्र अपनी पढ़ाई पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ऐसे में एडमिट कार्ड जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिनकी चर्चा नीचे की जाएगी. . विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा दी गई है।
यूपी बोर्ड १०वीं, १२वीं की परीक्षा के लिए स्कूल के माध्यम से एडमिट कार्ड जारी करने का प्रावधान है, इसलिए आपको अपने स्कूल में जाकर एडमिट कार्ड लेना होगा, इसमें कुछ समय लग सकता है, इसलिए सभी स्कूलों में १ सप्ताह के भीतर एडमिट कार्ड पहुंच जाएगा। कॉलेज और कुछ अन्य महत्वपूर्ण निर्देश भी इस बार जारी हो सकते हैं, जिन्हें आपको नीचे उपलब्ध बिंदुओं को समझना होगा।
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड स्कूल और कॉलेज में ही दिए जाएंगे, लेकिन अगर किसी कारण से आयोग कोई नया नियम जारी करता है तो आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से एडमिट कार्ड कैसे डाउनलोड किया जाएगा, इस पर ध्यान दें।
मुखपृष्ठ पर, महत्वपूर्ण जानकारी और डाउनलोड अनुभाग खोजें।
यूपी १०वीं १२वीं एडमिट कार्ड २०२२ लिंक खोजें और उस पर क्लिक करें।
अपना क्रेडेंशियल दर्ज करें यूजर आईडी, स्कूल कोड, रोल नंबर और पंजीकृत पासवर्ड।
आपका एडमिट कार्ड खुल जाएगा।
इसे डाउनलोड कर प्रिंट कर लें। |
आप जब भी नेशनल हाईवे से गुजरते है या ट्रैवल करते है तो आपको टोल टैक्स देना होता है। भारत में टोल टैक्स देना सभी के लिए अनिवार्य है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी है जिनको टैक्स नहीं देना होता है। इन दिनों व्हेत्सप्प पर ऐसे कई मैसेज चल रहे हैं जिनमें टोल टैक्स से बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। इसमें पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों व कई अन्य लोगों को भी टोल टैक्स नहीं देने की सलाह दी गई है। यहां तक कि कई ग्रुप्स में तो बाकायदा जारी किए गए आदेश की कॉपी भी शेयर की गई है।
लेकिन आपको बता दे कि व्हेत्सप्प पर चल रहे इस तरह की वायरल मैसेज फेक है। केंद्र सरकार ने इन सभी अफवाहों का खंडन हुए एक नोटिस जारी किया है जिसमे सरकार ने कहा है कि सरकार द्वारा इस तरह का ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।सोशल मीडिया पर चल रहे सभी मैसेज फर्जी है और पूरी तरह से गलत है।
उपरोक्त सभी के अलावा अन्य कई जरूरी सेवाओं को भी टोल टैक्स से छूट दी गई है। इनमें एम्बुलेंस सेवा, शव वाहन सेवा, पुलिस की गाड़ियां, अर्द्धसैनिक सुरक्षा बलों की गाड़ियां, फायर फाइटिंग गाड़ियों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता है। इसी तरह भारत सरकार के सर्वोच्च अवार्ड यथा परमवीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र आदि पुरस्कार प्राप्त करने वाले सम्मानीय लोगों को भी टोल टैक्स नहीं देना होता। |
मध्यप्रदेश पटवारी परीक्षा २०२२ दिनांक १५ मार्च २०२३ से प्रारंभ।
कुल १३९ पेज की नियम पुस्तिका में पेज क्रमांक ४-९२ में रिक्त पदों की जानकारी एवं आरक्षण तालिका, ९३-११७ में भू अभिलेख राजस्व विभाग के लिए पटवारी पदों हेतु गाइडलाइन, रिक्त पदों की जानकारी एवं आरक्षण तालिका। पेज क्रमांक १३५ में परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रदर्शित किया गया है।
यहां क्लिक करके समूह-२ उप समूह-३ स्वच्छता निरीक्षक, केमिस्ट एवं समकक्ष पदो की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा-२0२२ के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यहां क्लिक करके नियम पुस्तिका पढ़ सकते हैं एवं पफ फाइले डावनलोड कर सकते हैं। |
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच गुजरात के निरमा विश्वविद्यालय पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अपने छात्रों को "नागरिकता (संशोधन)" अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर "धमकाने" की कोशिश की और उनके माता-पिता को भी नसीहत दी कि वे उन्हें 'सलाह' दें। साथ ही आरोप है कि छात्रों को शपथपत्र देने को कहा गया कि वे भविष्य में ऐसी गतिविधियों में भागीदारी से दूर रहेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को आरोप लगाया कि निरमा विश्वविद्यालय ने नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले अपने छात्रों को आगाह किया और अभिभावकों को उन्हें समझाने की सलाह दी। राज्य के कानून के तहत स्थापित निजी विश्वविद्यालय के अधिकारी मामले पर बयान के लिए उपलब्ध नहीं थे।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ पिछले सप्ताह यहां साबरमती आश्रम के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। यंग इंडिया नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी और कैंपेन अगेंस्ट सीएए-एनआरसी-एनपीए के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को उन मैसेजों के स्क्रीन शॉट मीडिया से साझा किये, जिन्हें कथित तौर पर छात्रों और अभिभावकों को विश्वविद्यालय की ओर से भेजा गया था।
संदेश में कहा गया है, "हमने अपने छात्रों को इस तरह की गतिविधियों से बचने के लिए परामर्श दिया है और हम भी आपकी तरफ से समर्थन की उम्मीद करते हैं। यह भी आपको सूचित करना है कि यदि आपका पुत्र/पुत्री विरोध प्रदर्शन में भाग लेता है, तो पुलिस उसके खिलाफ रिकॉर्ड बना सकती है। धन्यवाद।"
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले छात्रों को धमकाया गया है। कार्यकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि छात्रों को शपथपत्र देने को कहा गया कि वे भविष्य में ऐसी गतिविधियों में भागीदारी से दूर रहेंगे।
उन्होंने कहा, "हम संबंधित अधिकारियों से छात्रों और उनके अभिभावकों को भेजे गए संदेशों को वापस लेने की मांग करते हैं और छात्रों को वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का उपयोग करने के लिए डराते और परेशान नहीं करते हैं।" |
नई दिल्ली। गांधी नगर विधानसभा के शास्त्री पार्क वार्ड ई-२५ की बुलंद मस्जिद कॉलोनी में इतनी समस्या हैं कि ऐसा लगता है कि जैसे यहां लोग नहीं जानवर रहते हैं। यहां एक समस्या हो तो कोई बात नहीं पर यहां तो समस्याओं का अंबार हैं। यहां की मुख्य समस्याएं कालोनी की सभी नाली, गली व सड़क खराब हैं। कालोनी में लगे खम्भे की स्ट्रीट लाइट खराब हैं या हैं नहीं। कब्रिस्तान के सामने पार्क में पानी भर जाता है जिस कारण सारा पानी कब्रिस्तान में जमा होने लगता है, डिस्पेंसरी बन चुकी है पर कब चालू होगी पता नहीं, इसके आस-पास कूड़े का ढेर है। चार साल से ए-ब्लॉक में पीने के पानी की परेशानी है। काफी शिकायत के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ जिस कारण लोग पानी खरीदकर या मोटर का पानी पी रहे हैं। बाकी कालोनी में भी पानी की समस्या है। शाम ५ बजे पानी बिल्कुल पीला आता है। सीसीटीवी नहीं लगवाए गए हैं जिसकी वजह से चोरी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कम से कम यहां दो कूड़े घर नए बनाए जाने चाहिए ताकि लोगों के कूड़े का निस्तारण हो सके। कालोनी में स्कूल है पर लाइब्रेरी नहीं। बैठने या टहलने के लिए पार्क तो है पर ठीक नहीं है। ऐसी कई और समस्या है। इन परेशानियों को हर स्तर पर रखा गया है पर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
आज इन्हीं समस्याओं को लेकर नई पीढ़ी-नई सोच संस्था ने बुलंद मस्जिद कॉलोनी में ईडीएमसी में प्रतिपक्ष के नेता मनोज त्यागी व शास्त्री पार्क वार्ड ई-२५ के आप से मनोनीत निगम पार्षद हसीबुल हसन का दौरा करवाया। इस मौके पर संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो. रियाज, संस्था के शास्त्री पार्क वार्ड ई-२५ के अध्यक्ष मारूफ अली, संस्था के कई पदाधिकारी, सदस्य व आम जनता मौजूद थी।
मनोनीत निगम पार्षद हसीबुल हसन ने कहा अगर यह समस्या जल्द ठीक नहीं हुई तो वो दिन दूर नहीं बुलन्द मस्जिद की कालोनी के लोगों के साथ मिलकर यही कूड़ा विधायक और निगम पार्षद के घर और कार्यालय में डाल आएंगे।
संस्था राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मो. रियाज ने कहा हम इस कूड़े को लेकर कोई लोगों से मिल चुके हैं पर हर जगह से आश्वाशन ही मिला है पर समस्या खत्म नहीं हुई। आज अपने व्यस्त समय में से मनोज जी ने हमारी कालोनी के लिए समय निकाला उसके लिए हम शुक्रगुजार है और उम्मीद करते हैं कि इस समस्या से हमे जल्द छुटकारा मिलेगा। |
जी हां दोस्तों सही पहचाना आपने। ये डायलॉग है कफ मुव्ही का। जो डिसेंबर २०१८ में आयी एक कन्नड इंडियन एक्शन मुव्ही थी। जिस के डाइरेक्टर और राइटर थे प्रशांत निल। होम्बले फिल्म्स के बॅनर में ये मूवी बनी थी।
इस मुव्ही को देखने के बाद तो लोग यश के लुक के दिवाने हो गये। यश इसमें रॉकी नाम के किरदार में नजर आये थे और श्रीनीधी शेट्टी बतौर अभिनेत्री दिखाई गई थी।
जिसे कफ में एक बडे राजनेता की बेटी के किरदार में दिखाया गया था। सबसे अलग और खतरनाक किरदार था रामचंद्र राजू का मतलब गरुडा का। कफ मतलब कोलार गोल्ड फील्ड्स पर आधारित यह मुव्ही हैं। इसमें १९५१ से १९८१ तक का रॉकी का सफर बताया गया है। कोलार गोल्ड फील्ड्स के गुलाम मजदूरों को रॉकी कैसे आजाद करवाता हैं इसी पर मुव्ही की कहानी बतायी गयी हैं। वैसे तो रॉकी की मां चाहती थी कि राॅकी दुनिया पर राज करे और दुनिया का सबसे अमीर आदमी बने।
रॉकी बचपन में ही मुंबई आकर क्राइम वर्ल्ड से जुड जाता हैं और वहां से उसके सपनों की शुरुआत हो जाती हैं। और वहां से वह आ जाता हैं कफ। वहां पर रॉकी गरुडा को मारकर कफ का बॉस बन जाता है। लेकिन इसके आगे क्या?
तो दोस्तों इसके आगे जानने के लिए आप जितने बेताब हैं उसी प्रकार कफ चाप्टर २ को बडे पर्दे पर देखने के लिए सभी लोग इंतजार कर रहे हैं।
वैसे तो यह मुव्ही कफ की सैक्वेल ही हैं। कफ २ में शायद और भी बडे बडे एक्शन के धमाके होंगे। क्योंकि इसके खलनायक हैं अपने संजु बाबा। तो आप सोच सकते हो कफ २ में कीतना एक्शन होगा। संजय दत्त के साथ साथ इसमें रवीना टंडन भी नजर आयेगी। संजय दत्त कफ २ में अधिरा नाम के किरदार में नजर आयेंगे। इस मूवी में रॉकी और अधीरा के बीच कफ पर राज करने की कहानी बतायी जाने वाली हैं। रवीना टंडन १९८१ के एक बड़े राजनैतिक किरदार में नजर आयेंगी।
इस कहानी का कनेक्शन दुबई के बड़े डॉन तक बताया जाने वाला है। बल्कृष्ण इस डॉन के किरदार में नजर आयेंगे जीस का नाम इनयात खलील बताया गया है।
जयकांत शिक्रे मतलब प्रकाश राज भी इस मुव्ही में नजर आयेंग। कफ २ के भी डाइरेक्टर प्रशांत निल ही हैं। मुव्ही मल्टीपल लैंग्वेएज में रिलीज होने वाली हैं। यश के फंस और साथ ही संजु बाबा के फंस भी कफ २ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
वैसे तो ये मुव्ही मतलब कफ २ हमें २0२0 में ही सिनेमा घरों में देखने को मिल सकती थी लेकिन संजय दत्त के बिमारी के कारण इसकी शुटिंग रोक दी गई थी। और साथ ही कोविड-१९ भी आ गया। तो अभी तक इसके रिलीज की कोई तारीख कॉनफर्मेड नहीं हुई हैं लेकिन सुत्रो से पता चला है कि जनवरी २0२1 में यश के जन्मदिन के वक्त आप कफ २ को सिनेमा घरों में देख सकते हो।
मन में कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पुछ सकते हो। |
दशकों से खगोलविद ब्रह्मांडीय गुत्थियों को सुलझाने में प्रयासरत हैं और इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिलती रही है। एक नये अध्ययन में खगोल-विज्ञानियों ने इलेक्ट्रॉन के समकक्ष प्रतिद्रव्य (अंटिमऐटर) की अधिकता का अवलोकन किया है, जिन्हें पॉजिट्रॉन कहा जाता है। जिस प्रकार कोई पदार्थ कणों का बना होता है, उसी प्रकार प्रतिद्रव्य या एंटीमैटर प्रतिकणों से मिलकर बना होता है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से संबंद्ध रामन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई), बेंगलूरू के शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन किया गया है। शोध में कहा गया है कि हमारी आकाशगंगा मिल्की-वे गुजरती हुई कॉस्मिक किरणों व उन पदार्थों से अंतःक्रिया करती है, जो इलेक्ट्रॉन और पॉजिट्रॉन जैसी अन्य कॉस्मिक किरणों का उत्पादन करते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये कॉस्मिक किरणें पॉजिट्रॉन अतिरेक प्रक्रिया का मूल हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि मिल्की-वे में आण्विक हाइड्रोजन के विशालकाय बादल होते हैं, जो नये तारों के गठन का स्रोत हैं। ये नये तारे सूर्य के द्रव्यमान से १० लाख गुना से बड़े आकार के हो सकते हैं, और उनका दायरा ६०० प्रकाश-वर्ष की दूरी तक विस्तृत हो सकता है। सुपरनोवा विस्फोटों में उत्पन्न कॉस्मिक किरणें पृथ्वी तक पहुँचने से पहले इन बादलों से होकर गुजरती हैं। यही कॉस्मिक किरणें आण्विक हाइड्रोजन के साथ अंतःक्रिया करती हैं। अंतःक्रिया से ये अन्य कॉस्मिक किरणों को जन्म दे सकती हैं। बादलों से गुजरने की प्रक्रिया के दौरान इनके मूल आकार का क्षरण होता है और इस दौरान परस्पर मिश्रण भी होता है। इसके साथ ही, बादलों की ऊर्जा के संपर्क में आकर वे अपनी ऊर्जा खोने लगती हैं। हालांकि, इसके बाद भी वे पुनः सक्रिय हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं ने आण्विक बादलों की सरल ज्यामितीय संरचनाओं पर भी विचार किया है, जबकि वास्तविक आण्विक बादलों में जटिल ज्यामिति होती है। हालांकि, शोधार्थियों के समक्ष अभी भी कई चुनौतियां हैं और उनकी योजना जल्द से जल्द इन चुनौतियों से पार पाने की है।
इस अध्ययन में अग्निभा डे सरकार के अलावा सायन विश्वास और नयनतारा गुप्ता शामिल हैं। यह अध्ययन जर्नल ऑफ हाई एनर्जी एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित किया गया है।
इस सामग्री को शेयर करें, अपनी पसंद का मंच चूनें ! |
आज का राशिफल ७ अक्टूबर २०२१ आज का रशिफल ७ अक्टोबर २०२१ : आज हम आपको ७ अक्टूबर २०२१ दिन गुरुवार का राशिफल बताने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहो की चाल के साथ ही मनुष्य के जीवन में परिवर्तन होते रहते हैं। हर दिन मनुष्य का अलग-अलग व्यतीत होता है, क्योंकि रोजाना ही ग्रहों में छोटे-बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं। यदि किसी दिन व्यक्ति की राशि में ग्रहों की स्थिति ठीक है तो इसकी वजह से व्यक्ति का दिन शुभ व्यतीत होता है, लेकिन ग्रहों की स्थिति खराब होने के कारण व्यक्ति का दिन कठिनाई पूर्वक व्यतीत होने लगता है। उस दिन व्यक्ति को हर क्षेत्र में निराशा का सामना करना पड़ता है।
आज गुरुवार के दिन आपकी किस्मत के सितारे कैसे रहेंगे? आज किन राशियों को फायदा मिलेगा और किन राशियों को नुकसान से गुजरना पड़ सकता है? इसकी जानकारी आप अपनी राशि अनुसार जानिए आज का रशिफल में। |
मानव जीनोम परियोजना का औपचारिक शुरुआत १९९० में हुई थी। जीनोम किसी भी जीव के एना में विद्यमान समस्त जीना का अनुक्रम है जीनोम के अध्ययन को जीनोमिक्स कहा जाता है।
अधिकांश गैर-संचारी रोग, जैसे-मानसिक मंदता (मेंटल रेतरडेशन), कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हीमोग्लोबिनोपैथी (हिमोग्लोबिनोपथी) कार्यात्मक जीन में असामान्य एना म्यूटेशन के कारण होते हैं।
इन रोगों को आनुवंशिकी के दृष्टिकोण से समझने में जीनोम मैपिंग से सहायता मिलती है।
जीनोम अनुक्रमण (जेनोम सेक्वेंसिंग) के तहत डीएनए अणु के भीतर न्यूक्लियोटाइड के सटीक क्रम का पता लगाया जाता है।
इस परियोजना के माध्यम से कैंसर जैसे रोगों के उपचार के लिये नैदानिक परीक्षणों और प्रभावी उपचारों हेतु, अगले पाँच वर्षों में, दो चरणों में २०,००० भारतीय जीनोम की स्कैनिंग (स्कैनिंग) करने का विचार है।
इस परियोजना को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (दट) द्वारा लागू किया जाना है। |
देश के ट्रांसफॉर्मर बाजार में क्रॉम्पटन ग्रीव्स बाजार का मुखिया है और सहयोगी इकाइयों पॉवेल्ज और गंज के जरिये यूरोपीय और अमेरिकी ट्रांसमिशन और वितरण (टीऐंडडी) के क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण भागीदारी है।
क्रॉम्पटन ग्रीव्स की वैश्विक ट्रांसमिशन और वितरण के खर्च में महत्वपूर्ण भूमिका है। अगले ३ सालों में भारतीय ट्रांसफॉर्मर के बाजार में करीब १५ फीसदी की वृद्धि होगी। हाई वोल्टेज सिस्टम सेगमेंट में वृद्धि तेजी से हो सकती है।
व्यावसायिक वाहनों और ट्रैक्टरों से ज्यादा मांग आ रही है, इसी वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बॉश का प्रदर्शन बेहतर था क्योंकि राजस्व में ५९ फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह १,६०० करोड़ रुपये हो गया। कंपनी के शुद्ध लाभ में 3१0 फीसदी की वृद्धि हुई और यह २०० करोड़ रुपये हो गया।
केनरा बैंक ने वित्त वर्ष २०१० की चौथी तिमाही में ५०० करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है जिसमें ३० फीसदी की कमी आई है और यह पिछले साल की तुलना में उम्मीद से कहीं नीचे है।
खराब कर्जों के लिए ज्यादा प्रावधान किए जाने की वजह से मुनाफे में कमी आई। बॉन्ड की कमाई ज्यादा होने से कारोबारी आय कम हो गई जिससे मुनाफे में भी कमी आई। ब्रोकर को उम्मीद है कि बैंक का मार्जिन दबाव में है क्योंकि परिसंपत्ति की कमाई पर निचले स्तर का दबाव है और फंड की लागत में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
देश के विमानन उद्योग में स्पाइसजेट सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ोतरी करने वाला एयरलाइन है और इसकी बाजार हिस्सेदारी करीब १२ फीसदी है। इसके विस्तार की मजबूत योजनाओं, अर्थव्यवस्था में सुधार और यात्रियों की तादाद में बढ़ोतरी को देखते हुए ब्रोकर को उम्मीद है कि कंपनी का प्रदर्शन बेहतर होगा।
बड़े घाटे की वजह से ज्यादातर एयरलाइनों ने जहाजों के बेड़े में कमी की है और वित्त वर्ष २००९ से कोई नई क्षमता नहीं जोड़ी गई। लेकिन मांग में तेजी से उछाल आई है और कम लागत वाले कैरियर से लोडिंग ८० फीसदी तक है। |
बुधवार को आरबीआई की तरफ से घोषित कदमों को भारतीय कंपनियां पूंजी नियंत्रण के तौर पर ले रही है, लेकिन केंद्र सरकार इससे इनकार कर रही है। क्या आपको लगता है कि हम १९९१ से पहले के पूंजी नियंत्रण वाले दौर में चले गए हैं?
हां, स्पष्ट तौर पर। कांग्रेस की अगुआई वाले संप्रग की तरफ से अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन १९९१ की तरह है। सरकार की तरफ से उठाए गए कदम भी १९९१ की तरह हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है।
आरबीआई का हालिया कदम ही सरकार के पास एकमात्र विकल्प था या इससे बेहतर उपकरण मौजूद थे? डॉलर के मुकाबले रुपये के ६२ पर पहुंचने को आप कितना गंभीर मानते हैं? बाजार में तेज गिरावट आई है, आपकी राय में यह स्थिति कितनी गंभीर है?
स्थिति खराब है। बाजार सिर्फ भारत में नुकसान की मानसिक दशा को प्रतिबिंबित कर रहा है। केंद्र सरकार और आरबीआई ने हाल में कुछ निश्चित कदम उठाए हैं, लेकिन समस्या यह है कि वे सिर्फ लक्षणों का इलाज कर रहे हैं, बीमारी का नहीं। सरकार ने बीमारी को खतरनाक बनने दिया है। राजकषीय घाटा, चालू खाते का घाटा, अर्थव्यवस्था की हालत, रुपये में गिरावट... हर चीज नियंत्रण से बाहर है। बाजार ने इसे महसूस किया है। बाजार फिलहाल अपना स्तर तलाश रहा है, चाहे वह रुपये की बात हो या फिर शेयर की। सरकार को नीतियों में बुनियादी बदलाव लाना होगा। प्रधानमंत्री को निश्चित तौर पर इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव कराना चाहिए। जल्द से जल्द चुनाव देश हित में है।
२०१३-१४ में चालू खाते का घाटा जीडीपी के ३.७ फीसदी पर रहने के वित्त मंत्री के अनुमान को आप कितना वास्तविक मानते हैं?
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कुछ कांतिवर्धक बदलाव किए हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हम कहते रहे हैं कि बुनियादी बदलाव की दरकार है। चालू खाते के घाटे की प्रमुख वजहों में से एक है कोयले का आयात और हम कोयले के बड़े भंडार पर बैठे हुए हैं। |
वाच्य की परिभाषा क्रिया के जिस रुप से यह जाना जाए की वाक्य में क्रिया द्वारा कही गई बात का विषय कर्त्ता है, अथवा कर्म है, या भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
इसमें कर्त्ता प्रधान होता है और क्रिया का सीधा और प्रधान संबंध कर्त्ता से होता है।
जैसे मनीष खत लिखता है। इस वाक्य में लिखता है क्रिया का प्रधान उद्देश्य मनीष कर्त्ता है। मनीष लिखता है यह मुख्य वाक्य है, इसीलिए यह वाक्य कर्तृवाच्य है।
कर्तृवाच्य में क्रिया के लिंग और वचन कर्त्ता के अनुसार होते हैं। कर्तृवाच्य में सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया के भी वाक्य होते हैं।
(क.) श्याम पत्र लिखता है। श्याम रोता है।
(ख.) लड़कियाँ लेख लिखती हैं। लड़के सोते हैं।
(ग.) सोनिया किताब पढ़ती हैं। रामा हंसती है।
इसमें कर्म प्रधान होता है अर्थात कर्म कर्त्ता की स्थिति में होता है और क्रिया का संबंध सीधा कर्म से होता है। क्रिया के लिंग और वचन भी कर्म के अनुसार ही होते हैं।
जैसे सुशील से पत्र लिखा जाता है। इस वाक्य में लिखा जाता है क्रिया का मुख्य सम्बन्ध पत्र कर्म से है। इसीलिए यह वाक्य कर्मवाच्य है। कर्मवाच्य में वाक्य केवल सकर्मक क्रिया से ही होते हैं, अकर्मक क्रिया के नहीं।
देवेंद्र द्वारा पुस्तक लिखी जाती है।
हरीश से पत्र पढ़ा गया।
ओमप्रकाश के द्वारा भोजन किया गया।
कर्त्ता के ज्ञात न होने पर, सरकारी सूचनाओं में, वैज्ञानिक या शास्त्रीय विवेचनों में तथा सभा आदि की रिपोर्ट में कर्मवाच्य का प्रयोग होता है।
इसमें भाव (धातु के अर्थ) की ही प्रधानता होती है, कर्त्ता या कर्म कि नहीं। इसमें क्रिया सदा एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में रहती है। इसका अधिक प्रयोग निषेधार्थक वाक्यों में होता है।
जैसे चला नहीं जाता, बैठा नहीं जाता। इसमें केवल अकर्मक क्रिया के वाक्य ही हो सकते हैं, सकर्मक क्रिया के नहीं।
कर्मवाच्य में केवल सकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है। क्योंकि भाववाच्य में क्रिया अकर्मक होती है, इसीलिए कर्म नहीं होता। कर्म न होने के कारण किया के भाव को कर्त्ता बना लिया जाता है। प्रधान कर्त्ता सामने से लगा दिया जाता है।
लड़का पढता है।
लड़के से पढ़ा जाता है।
१ . कर्तृवाच्य में कर्त्ता के साथ कोई विभक्ति लगी हो तो उसे हटाकर से, द्वारा या के द्वारा विभक्ति लगा दी जाती है। कर्मवाच्य में कर्त्ता की अपेक्षा कर्म की प्रधानता दी जाती है।
२ . कर्तृवाच्य की क्रिया को सामान्य भूतकाल में परिवर्तित कर दिया जाता है और इस परवर्तित क्रिया के साथ जाना क्रिया का काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुसार रूप जोड़ दिया जाता है।
३ . यदि कर्म के साथ विभक्ति लगी हो तो उसे हटा दिया जाता है।
४ . आवश्यकतानुसार निषेधात्मक नहीं का प्रयोग किया जाता है।
क. पिता ने पुत्री को सुला दिया। पिता द्वारा पुत्र को सुला दिया गया।
ख. आप फूल तोड़ोगे। आपसे फूल तोड़ा जाएगा।
ग. सोहन किताब पढ़ता है। सोहन से किताब पढ़ी जाती है।
घ. श्याम खत लिखता है। श्याम से खत लिखा जाता है।
च. आप क्रिकेट खेलेंगे। आपसे क्रिकेट खेली जाएगी।
१ . कर्त्ता के आगे से अथवा के द्वारा लगा दें।
२ . मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल की क्रिया के एकवचन में बदलकर उसके साथ जाना धातु के एकवचन, पुल्लिंग, अन्य पुरुष का वही काल लगा दें जो कर्तृवाच्य की क्रिया का है।
क. लड़का बाग में सो रहा था। लड़के द्वारा बाग में सोया जा रहा था।
ख. पक्षी आकाश में उड़ते हैं। पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा जाता है।
ग. लड़के पढ़ेंगे। लड़कों द्वारा पढ़ा जाएगा।
घ. मैं यह किताब नहीं पढ़ सकूँगा। मुझसे यह किताब नहीं पढ़ी जा सकेगी।
च. अब चलें। अब चला जाए।
छ. मोहन पानी नहीं पी रहा है। मोहन से पानी नहीं पिया जा रहा है।
ज. सर्दियों में खूब खाते हैं। सर्दियों में खूब खाया जाता है।
(क.) कर्तृ प्रयोग श्याम किताब पढ़ेगा।
(ख.) कर्मणि प्रयोग श्याम को किताब पढ़नी पड़ेगी (होगी)।
(ग.) भावे प्रयोग श्याम से अब पढ़ा नहीं जाएगा।
(क.) कर्तृ प्रयोग जिसमें क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्त्ता के अनुसार होते हैं, क्रिया के उस प्रयोग को कर्तृ प्रयोग कहते हैं। इसमें वर्तमान काल और भविष्यत काल में कर्त्ता विभक्ति-चिन्ह रहित होता है।
चतुर्वेदी खत लिखता है।
सुशीला फूल तोड़ेगी।
रागिनी गीत गा रही है।
(ख.) कर्मिणी प्रयोग इसमें क्रिया के पुरुष और वचन कर्म के अनुसार होते हैं। कर्मिणी प्रयोग में कर्तृवाच्य में भूतकाल में कर्त्ता के साथ (ने) और कर्मवाच्य में सभी कालों में (से, के द्वारा) लगते हैं। इसमें कर्म के साथ को विभक्ति-चिन्ह नहीं लगता।
सुरेश ने पुस्तक पढ़ी।
सुशीला ने फूल तोड़ा।
(ग.) भावे प्रयोग इसमें क्रिया के पुरुष, लिंग और वचन कर्त्ता या कर्म के आश्रित नहीं होते, अपितु क्रिया सदा अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में होती है।
भाववाच्य की सभी क्रियाएँ भावे प्रयोग में आती हैं। जैसे मनोज से गाया नहीं गया।
हिंदी व्याकरण | वर्ण | स्वर वर्ण | व्यंजन वर्ण | शब्द | संधि | समास | उपसर्ग | प्रत्यय | संज्ञा | सर्वनाम | विशेषण | क्रिया विशेषण | वाक्य | लिंग | क्रिया | अव्यय | पुरुष | कारक | वचन | काल | विराम चिन्ह।
अनेकार्थी शब्द | विलोम शब्द | पर्यायवाची शब्द | वाच्य | काव्य | तत्सम एवं तद्भव शब्द | अपठित पद्यांश | अपठित गद्यांश | पल्लवन | पद परिचय | शब्द शक्ति | पदबंध | रस | छंद | अलंकार। |
प्रदेश में मधुमक्खी पालन न केवल मधु उत्पादन में वृद्धि के संदर्भ में महत्वपूर्ण है बल्कि मधुमक्खियां द्वारा निभाई जाने वाली जैविक एवं आर्थिक भूमि को की दृष्टि से आवश्यक है।
आप किस प्रकार इस हिमाचल प्रदेश मधुमक्खी पलन योजनव का लाभ ले सकते है। साथ ही साथ यह भी बताएंगे कि किस प्रकार आप आवेदन कर सकते हैं।
इस योजना की शुरुआत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है जिससे राज्य में शहद के साथ साथ मधुमक्खी से होने वाले एनी फायदे भीलिए जा सके, इसके अलावा इस योजना से राज्य के बहुत से लोगो को रोजगार की प्राप्ति होगी।
इसके अंतर्गत मधुमक्खी पालन को ५० लाभार्थी को २००० प्रति वर्ष की लागत पर ८०% लागत राशि अर्थात १६०० प्रति वर्ष प्रदान की जाएगी। |
दिल्ली न्यूज डेस्क !!! आईएएस अधिकारी श्रीराम तरणीकांति को केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। श्रीराम तरणीकांति १९९२ बैच के आईएएस अधिकारी हैं। गृह मंत्रालय ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आदेश में बताया गया है कि १९९२ बैच के त्रिपुरा कैडर के आईएएस अधिकारी श्रीराम तरणीकांति को गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। इनकी नियुक्ति २१/११/२०२२ से प्रभावी होगी। मंगलवार को उन्होंने अपना पद संभाल लिया है। श्रीराम तरणीकांति वर्तमान में अंतर्राज्यीय परिषद सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनात थे।
देश और दुनिया की हर खबर समचरनामा डॉट कॉम पर राजनीती , खेल , मनोरंजन , बिज़नेस , देश , राज्य , विश्व , हेल्थ , टेक्नोलॉजी , विज्ञान ,अधात्यम , ज्योतिष , ट्रेवल आपकी दुनिया के हर पहलू की खबर सबसे पहले आप तक। |
उनलॉकडाउन की प्रक्रिया हमारे देश में जारी है। हम सभी फिर से अपनी-अपनी जिंदगी में मसरूफ हो चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान अपनी कॉलोनी में रोज़ाना शाम को वॉक करते हुए, स्ट्रीट डॉग्स को कुछ खाने को देना आदत में शुमार हो चुका था। रोज़ शाम को वो स्ट्रीट डॉग्स भी इंतज़ार करते, देखते ही पीछे-पीछे आने लगते और खाने में व्यस्त हो जाते। भले ही वो खाना दिन भर के लिए पर्याप्त नहीं हो, लेकिन उनकी आँखें जैसे लाखों धन्यवाद देती हों। उन आँखों का वार्तालाप एक सुकून-सा देता रहा हैं।
जब से लॉकडाउन हटा, अपने ऑफिस के कामों में इतने व्यस्त हुए की कई दिनों तक वॉक नहीं हुई। जब वॉक पर नहीं जा रहे थे, तो कुछ दिन तक स्ट्रीट डॉग्स के लिए स्टाफ्स के हाथों खाना भिजवाया, फिर व्यस्तता में कुछ दिन भूल भी गए।
बहुत दिनों बाद कल शाम जब वॉक पर निकले, तो देखा एक आदमी उन स्ट्रीट डॉग्स को कुछ खिला रहा था। मन खुश हुआ की वे भूखे नहीं रह रहे हैं। अगले दिन फिर जब वहां से गुज़रे और थोड़ा नज़दीक से देखा तो, वो आदमी बहुत ही साधारण दिख रहा था। वो बहुत प्यार से उन्हें सहला रहा था, मानो बातें कर रहा हो। उनसे जेब टटोली और २० रूपए का नोट निकाला। बाकि जेबों को भी टटोला तो पाया की उसके पास सिर्फ २० रूपए थे। उसने नोट को देखा, कुछ सोचा, फिर हलकी सी मुस्कान से पास की दूकान से वो बिस्कुट के पैकेट ख़रीदे। और बहुत प्यार से स्ट्रीट डॉग्स को वो बिस्कुट खिलाया, फिर अपनी साइकिल पर सवार हो कर बहुत ही संतोष और खुश मन से वहां से चला गया।
ख़ुशी और संतुष्टि की नई परिभाषा आज उस व्यक्ति ने सिखाई। यही नहीं, जो कुछ भी आपके पास है, अगर वो आप दुसरो के ख़ुशी के लिए न्योछावर करने का हौसला रखते हैं, तभी सच्ची संतुष्टि का अनुभव कर सकते हैं। इस घटना ने जीवन के कई पहलुओं को कई नए दृष्टिकोण से अनुभव करने का सबक सिखाया।
वह समृद्ध है जो संतुष्ट है । |
न्यूज़ एक्सप्रेस१८- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव मैं सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रही है चाहे कांग्रेस हो बीजेपी बहुजन समाज पार्टी आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और अभी अभी राजनीति में कदम रखने वाली सपाक्स पार्टी सभी ने अपनी अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं को चुनाव प्रचार में झोंक दिया है कांग्रेश की ओर से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोनिया गांधी मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया दिग्विजय सिंह सहित तमाम नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं और वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे है।
मध्य प्रदेश की सत्ता पर १५ साल से काबिज भारतीय जनता पार्टी के कई राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता चुनाव प्रचार में अपना दमखम दिखा रहे हैं भाजपा की ओर से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह कई सांसद जिनमें दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटेल सहित तमाम दिग्गज नेता अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव में विजय दिलाने के लिए जी जान से लगे हुए हैं।
मतदाताओं की दृष्टि से देखें तो मतदाताओं का खासतौर से कांग्रेस और बीजेपी से मोह भंग सा हो गया है हालांकि मध्य प्रदेश में कोई भी मजबूत प्रादेशिक पार्टी नहीं है इसी वजह से मतदाताओं को कांग्रेस और बीजेपी में से ही किसी एक को चुनने की मजबूरी होती है, यही वजह है कि चुनाव प्रचार में बड़े-बड़े नेताओं की सभाओं में कुर्सियां खाली देखी जा रही हैं बीजेपी की ओर से होशंगाबाद में आयोजित होने वाली अमित शाह की सभा हो या इंदौर में दिग्विजय सिंह की सभा पार्टी के कार्यकर्ता सभाओं में भीड़ जुटाने में नाकाम हो रहे हैं नेताओं के प्रति जनता की बेरुखी साफ नजर आ रही है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की इंदौर के रानीपुरा व माणिकबाग चौराहे पर सभा होना थी। रानीपुरा में कुर्सियां तो लगा दी गईं पर जब भीड़ नहीं जुटी तो आयोजकों की सांसें फूल गईं। उन्हें लगा अब दिग्विजय सभा में कुछ बोल न दें। इसकी जानकारी किसी ने दिग्विजय सिंह को दे दी इसलिए दिग्विजय सिंह आए ही नहीं वो सीधे माणिकबाग चौराहे चले गए।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी और सीएम शिवराज सिंह १५ साल बाद भी दिग्विजय सिंह के शासनकाल की याद दिलाकर वोट मांग रहे हैं। मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह एक ऐसा नाम बन गया है जो कांग्रेस को लगातार नुक्सान पहुंचा रहा है।
मध्य प्रदेश के समस्त जिला, तहसील, ब्लॉक में न्यूज़ रिपोर्टर/ संवाददाता/पत्रकार की नियुक्ति करना है।
पत्रिकारिता में रुचि रखने वाले युवक युवती संपर्क करें।
साथ ही समाचार एवं विज्ञापन हेतु संपर्क करें।
मो.- ९४२५४६७९५७, ९३०१५२४२४२, |
दुकूलवती का पर्यायवाची शब्द नदी, सरिता, तरंगिणी, निर्झरिणी, शैलजा, जलमाला, नद, शैवालिनी, प्रवाहिणी, सलिला, दरिया, निर्झरी, वाहिनी, नदिया, सरि, सरित, धारावती, स्त्रवंती, निम्नगा, कलकलनादिनी, पयस्विनी, समुद्रगा, तरंगवती, तटिनी, आपगा, कल्लोलिनी, कगोलिनी, स्त्रोतस्विनी, कूलंकषा, तटी, दुकूलनी।
यहाँ पर दुकूलवती के सभी पर्यायवाची शब्दों की जानकारी दी गई है। दुकुलवती का पर्ययवाची शब्द क्या होता हैं इन हिन्दी. दुकूलवती का पर्यायवाची यानी समानार्थी शब्द अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है, इसलिए साइनोनिम ऑफ दुकुलवती इन हिन्दी और उनके अर्थ के साथ वाक्य प्रयोग जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़ें।
हिंदी साहित्य में पर्यायवाची शब्दों का विशेष महत्व है क्योंकि हिंदी भाषा में लेखन की कई विधियाँ हैं, जैसे कोई कविता, लेख या भाषण लिखना। इन सभी में एक ही शब्द को ज़रूरत के अनुसार अलग-अलग लिखा जाता है ताकि लेखन हास्यास्पद ना लगे। इसके अलावा भी हिंदी की स्थानीय बोलियों में प्रयुक्त होने वाले शब्द भी अलग-अलग होते हैं, ऐसे में सही अर्थ समझने के लिए पर्ययवाची शब्द की जानकारी अति आवश्यक है। शब्दों के चुनाव करते समय हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि वह अवसर या प्रकरण के विरुद्ध या प्रतिकूल ना हो। समान अर्थ प्रकट करने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते है। इन शब्दों के प्रयोग से भाषा में सुंदरता और आकर्षण पैदा होता है।
जैसे दुकूलवती के पर्यायवाची शब्द और उनके अर्थ में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है, इसलिए किसी भी वाक्य में सभी शब्दों का प्रयोग हो पाना बहुत ही मुश्किल है और ज़रूरी भी नही है। वाक्यों में स्थिति के आधार पर अलग-अलग शब्दों का प्रयोग अलग-अलग तरीक़े से किया जाता है। इसीलिए पर्यायवाची शब्द के प्रयोग से पहले उसका सही मतलब समझना अत्यंत ही आवश्यक हो जाता है।
पर्यायवाची शब्दों को ही समानार्थी शब्द कहा जाता है। इसलिए दुकूलवती के समानार्थी शब्द निम्न हैं : नदी, सरिता, तरंगिणी, निर्झरिणी, शैलजा, जलमाला, नद, शैवालिनी, प्रवाहिणी, सलिला, दरिया, निर्झरी, वाहिनी, नदिया, सरि, सरित, धारावती, स्त्रवंती, निम्नगा, कलकलनादिनी, पयस्विनी, समुद्रगा, तरंगवती, तटिनी, आपगा, कल्लोलिनी, कगोलिनी, स्त्रोतस्विनी, कूलंकषा, तटी, दुकूलनी।
आजकल लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पर्यायवाची यानी समानार्थी शब्द से जुड़े सवाल आते हैं। इसलिए सभी विद्यार्थियों को इन शब्दों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आपको पर्ययवाची शब्दों की पूरी जानकारी हो तो आप प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हो सकते हैं।
स्टूडेंट अगर परीक्षाओं में अच्छे अंक अर्जित करना चाहते हैं, तो उन्हें हिंदी व्याकरण के हर टॉपिक को अच्छी तरह से पढ़ना और समझना ज़रूरी है, क्योंकि आज के समय में अच्छे अंक ही काफ़ी नही है बल्कि अच्छी रैंक मायने रखती है और अच्छी रैंक के लिए ज़रूरी है कि स्टूडेंट हर अंक के महत्व को समझें।
दुकूलवती का पर्यायवाची शब्द भी लगभग हर प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछा जा चुका है। इसलिए स्टूडेंट को दुकुलवती का पर्ययवाची शब्द क्या होता हैं इसकी जानकारी होनी बहुत ही ज़रूरी है।
क्या आप दुकूलवती का समानार्थी यानी पर्यायवाची शब्द का सर्च कर रहे हैं? आपको इस लेख में दुकुलवती का हिंदी पर्यायवाची शब्द के अलावा आपको अंग्रेजी में साइनोनिम भी मिलेगा।
परीक्षाओं में दुकूलवती के पर्यायवाची शब्द कई तरह से पूछा जा सकता है, जैसे दुकुलवती का पर्यायवाची क्या होगा, दुकूलवती के तीन पर्यायवाची शब्द बताइए, सामनर्थी शब्द ऑफ दुकुलवती हिन्दी मैं, दुकूलवती का पर्ययवाची क्या होता हैं इत्यादि। अगर ऐसा कोई भी सवाल आता है, तो आप इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से उसे हल कर सकते हैं।
इस लेख में हमने आपको दुकूलवती का पर्यायवाची शब्द क्या होता है के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है। यहाँ पर आपको दुकुलवती का पर्ययवाची शब्द जितने हैं सभी कि जानकारी मिल जाएगी फिर भी अगर कोई शब्द छूट गया हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। अगर आपके मन में पर्यायवाची शब्द से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट करके पूछ सकते हैं। हमें उम्मीद है कि दुकूलवती के समानार्थी शब्द बताने वाली नियोदेमी की यह पोस्ट आपको पसंद आएगी। इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया में ज़रूर शेयर करें। |
आज हमारीवाणी ब्लाग संकलक की पहली वर्षगाँठ है। पिछले वर्ष आज ही के दिन इस का जन्म हुआ था। इस बीच हिन्दी ब्लागजगत के दो प्रधान संकलक एक साथ लुप्त हो गए। इस के पीछे मुख्यतः तकनीकी कारण अधिक थे। हमारीवाणी टीम की कोशिश थी कि इस का संचालन इस प्रकार हो कि उस पर न तो अधिक आर्थिक भार पड़े और न ही तकनीकी परेशानियाँ सामने आएँ। संकलक संचालन का कोई अनुभव न होने पर भी टीम-हमारीवाणी इस संकलक को एक वर्ष तक निर्बाध रूप से चला सकी। यह उस की सफलता ही कही जाएगी। टीम ने इस बीच प्रयत्न किया कि संकलक अपने सभी सदस्यों को समान सुविधा प्रदान करे। इस प्रयास में टींम-हमारीवाणी को कुछ सदस्यों की नाराजगी भी सहन करनी पड़ी।
हमारीवाणी इस अर्थ में अपने पूर्ववर्ती संकलकों से भिन्न है कि टीम हमारीवाणी इसे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। जिस से न केवल इस की निरंतरता बनी रहे अपितु इस के उपयोगकर्ताओं के लिए इसे और अधिक उपयोगी बनाया जा सके। इस लक्ष्य को हासिल कर सकना तब संभव है जब कि इस की सदस्य संख्या वर्तमान सदस्य संख्या की कम से कम दस गुनी हो जाए। इस के लिए यह आवश्यक है कि नए सदस्यों का प्रवेश लगातार होता रहे। प्रतिदिन इस पर सूचित होने वाले ब्लागों की संख्या में भी वृद्धि हो। यदि प्रति घंटे सूचित होने वाले ब्लागों की संख्या बीस तक हो जाए तो बहुत सी ऐसी समस्याएँ जो इस एक वर्ष में टीम-हमारीवाणी को देखनी पड़ीं वे स्वतः ही हल हो जाएंगी।
टीम-हमारीवाणी एक बात बहुत शिद्दत के साथ महसूस करती है कि बहुत से वरिष्ठ ब्लागर अभी इस से नहीं जुड़ सके हैं। उस का एक प्रमुख कारण था कि टीम को इस कार्य का अनुभव नहीं था। टीम यह भी चाहती थी कि यदि सूचित होने वाले ब्लागों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ेगी तो तकनीकी समस्याएँ कम से कम होंगी। इस कारण से टीम ने अपनी ओर से इस के लिए प्रयास भी नहीं किया। टीम को अनेक तकनीकी समस्याओं का सामना करना पडा़। प्रसन्नता की बात यह है कि इन सभी समस्याओं पर टीम काबू पा सकी। अब जब पुरानी समस्याएँ लगभग हल की जा चुकी हैं तो टीम कुछ सुविधाएँ हमारीवाणी पर बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इन सुविधाओं पर तकनीकी काम किया गया है। टीम-हमारीवाणी पहली वर्षगांठ पर इन सुविधाओं को आरंभ करना चाहती थी, लेकिन साथ ही वह यह भी चाहती है कि सुविधाएँ अपने उत्कृष्ठतम रूप में सामने आएँ। टीम प्रयासरत है कि हमारीवाणी के उपयोगकर्ताओं को शीघ्र ही ये सुविधाएँ हमारीवाणी से प्राप्त होने लगें।
पहली वर्षगाँठ पर टीम-हमारीवाणी का सभी ब्लागरों से यही आग्रह है कि वे इसका सदुपयोग करें। जो ब्लागर अभी तक सदस्यता ग्रहण नहीं कर सके हैं, वे सदस्य बनें। ब्लागरों की शुभकामनाएँ साथ रहीं तो हमारीवाणी के ब्लागर सदस्यों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी और यह ब्लागरों का सर्वप्रिय संकलक बन सकेगा।
हमारीवाणी अपनी पहली वर्षगाँठ पर सभी भारतीय ब्लागरों का हार्दिक अभिनन्दन करता है !!!
बधाई और शुभकामनाएं !
ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें !
बहुत-बहुत बधाई !
हमारी ओर से ढेरों हार्दिक बधाई ।
चाहे कितना भी बड़ा ब्रांड हो, तकनीकी दिक्कतें तो आती रहती हैं। इसमें कोई विशेष चिंता वाली बात नहीं होनी चाहिए उपयोगकर्ता को।
ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें मार्गदर्शक मंडल को।
पावला जी की बातों से सहमत कि -"चाहे कितना भी बड़ा ब्रांड हो, तकनीकी दिक्कतें तो आती रहती हैं। इसमें कोई विशेष चिंता वाली बात नहीं होनी चाहिए उपयोगकर्ता को।"
बहुत बहुत बधाई, शुभकामनाएँ एवं साधुवाद!!!
भारतीय ब्लॉगर????? इसे हिन्दी ब्लॉगर कहें तो बेहतर!!!!!
हमारीवाणी के जनम दिन पर सुरत से पियुष महेता की और से बधाई । ऐसी तक़नीकी व्यवस्था होनी चाहीये, कि सदस्य ब्लोग पर रख़ी गई किसी भी नयी पोस्ट अपने आप हमारीवाणी पर आ जाये । हा, एक बात जरूर आप कह सकते है कि सदस्यों के विचारों से आपकी सहमती ही समझी जाय वह जरूरी नहीं है और अगर कोई पोस्ट आप को सह प्रकासन योग्य नहीं लगे तो आप को उसे इस मंच पर से हटानेका अधिकार जरूर हो ।
पियुष महेता ।
हमारीवाणी ब्लाग संकलक की पहली वर्षगांठ के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई !
मंगलकामनाएं और शुभकामनाएं !
ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें!
एक वर्ष का सफर सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाइयाँ और भविष्य के लिए अनेक शुभकामनाएँ।
मेरी तरफ से बधाई।
ईश्वर करे कि यह संकलक कभी न बन्द हो।
हमारीवाणी परिवार को अशेष शुभकामनाएं.. आपने कठिन घड़ी में ब्लोगरों का साथ दिया है, आप दीर्घायु बनें यही हार्दिक कामना है। |
उपकार १९६७ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसका निर्देशन मनोज कुमार ने किया है। इसी फ़िल्म से मनोज कुमार की भारत कुमार की छवि बनी थी। इस फ़िल्म को छ: फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
फिल्म की कहानी राधा (कामिनी कौशल) और उसके दो पुत्रों भारत (मनोज कुमार) व पूरन (प्रेम चोपड़ा) की कहानी है। कहानी शुरू होती है हरियाणा के गांव अटाली से , राधा ग्रामीण महिला है जो अपने परिवार को खुशहाल देखना चाहती है। उसकी इच्छा अपने पुत्रों को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाने की है। परन्तु वह दोनों की पढ़ाई का भार वहन नहीं कर पाती है। भारत ख़ुद की पढ़ाई रोक कर पूरन को पढ़ने के लिए शहर भेजता है। पूरन जब शिक्षा पूरी करके वापस आता है तो उसे आसान पैसा कमाकर खाने की आदत पड़ जाती है और इसमें उसका भागीदार होता है चरणदास (मदन पुरी), जो उसके परिवार में फूट डालने का कार्य भी करता है। वह चरणदास ही था जिसने उनके पिता को मारा था। चरणदास आग में घी का काम करता है और पूरन को जायदाद के बँटवारे के लिए उकसाता है। पापों की गर्त तले धँसा पूरन जायदाद के बँटवारे की माँग करता है। भारत स्वेच्छा से सारी सम्पत्ति छोड़ कर भारत-पाक युद्ध में लड़ने चला जाता है, जबकि पूरन एक ओर तो अनाज की कालाबाजारी तथा तस्करी का धंधा करता है और दूसरी ओर सीधे सादे गाँव वालों को मूर्ख बनाता है।
लड़ाई में भारत दुश्मन के हाथों ज़ख़्मी हो जाता है और पकड़ा जाता है लेकिन किसी तरह दुश्मन को चकमा देकर अपने गाँव की तरफ़ ज़ख़्मी हालत में है निकल पड़ता है। रास्ते में चरणदास ज़ख़्मी भारत को मारने का षड्यंत्र रचता है, परन्तु मलंग चाचा (प्राण), जो कि विकलांग है, उसको बचा लेता है और ख़ुद घायल हो जाता है। घायल भारत और मलंग चाचा को बचाने में डॉक्टर कविता (आशा पारेख) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उधर पूरन को भी गिरफ़्तार कर लिया जाता है। उसको अपनी ग़लती का अहसास हो जाता है और वह गोरख धंधा करने वालों को पकड़वाने में सरकार की सहायता करता है।
इस फ़िल्म के संगीतकार कल्याणजी-आनन्दजी हैं और गीतकार गुलशन बावरा, इन्दीवर, प्रेम धवन एवं क़मर जलालाबादी हैं। |
तो दोस्तों अब भारत में जो ऑलरेडी एक्जिस्टिंग एक्सप्रेस वे है, उन्हें सेफ बनाने के लिए अब यह पर कुछ इनोवेटिव स्टेप्स उठाए जा रहे हैं। दरअसल, अब यहां पर यमुना एक्सप्रेस वे जो २०१२ कंप्लीट हुआ था और यह काफी अच्छा इंजीनियरिंग मार्वल भी था। यहां पर कार्स कि मैक्सिमम स्पीड अलाउड थी १०० किलोमीटर की लेकिन समय के साथ-साथ ही काफी ज्यादा वन ऑफ द मोस्ट डेडलिएस्ट एक्सप्रेस वे भी बन चुका था।
२०१९ तक यहां पर डाटा भी है। जहां पर बताया जा रहा है कि २०१२ से लेकर २०१९ तक तो ४००० से भी ज्यादा एक्सीडेंट हो चुके हैं और किसी भी एक्सप्रेस वे के लिए ये काफी ज्यादा नंबर है। इन्फैक्ट ऑथरिटिस की तरफ से भी अब यह बताया जा रहा है कि जितने भी एक्सीडेंट हुए हैं, इनमे से मोस्ट ऑफ द केस ओवरस्पीडिंग के वजह से ही हुए हैं।
इसको कंट्रोल करने के लिए अब यहां पर ऑथरिटिस ने कुछ रूल अनाउंस किया है। यहां पर अब इनका ऐसा कहना है कि अगर कोई कार इस एक्सप्रेस-वे को ९९ मिनट में कंप्लीट कर देती है तो उन्हें फिर चालान भरना पड़ेगा। उन पर फाइन इम्पोस किया जाएगा और वही हैवी व्हीकल के लिए यह टाइम ड्यूरेशन रखा गया है १२४ मिनट का तो इस टाइम ड्यूरेशन के बाद से अगर कार या बस लेट जाती है वह चलेगा लेकिन इस टाइम ड्यूरेशन के पहले अगर वहीकल इस पूरी जर्नी को कंप्लीट कर लेती है तो इन पर सीधा ऑनलाइन चालान इंपोस कर दिया जाएगा।
यहां पर ऑथरिटिस ने डिसाइड किया है कि अब वो दो टाइम बूथ सेटअप करेंगे ,जेवर और आगरा के पोषण में ताकि जितना भी टाइम ड्यूरेशन है, कोई व्हीकल के लिए कितना टाइम लग रहा है,उसे यह आसानी से मॉनिटर कर सके। इसके पहले भी ऑथरिटिस इस टाइम को ट्रैक कर दी थी, लेकिन वह था इन दो टोल बूथ के बीच का।
तो वह तो इतना भीषण ज्यादा रहा नहीं। इस कारण की वजह से अब यहां पर इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा अब यहां पर एक और एक काफी अच्छा स्टेप लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे में उन्होंने कहा है कि वह कुछ बूम बैरियर्स को भी इंस्टॉल करेंगे। अगर कोई ब्लैक स्पॉट है तो यहां पर यह लोग ऐसे कार के स्टैचूष को लगाएंगे जो कि ऑलरेडी काफी गंदे एक्सीडेंट का शिकार बन चुके हैं तो इससे होगा यह कि जो भी ड्राइवर है वो ऐसे स्टैचूष को देखकर वह काफी सजक हो जाएंगे और और स्पीड करने की गलती को वो दोहराएंगे नहीं।
होपफ़ुल्ली ऑथरिटिस के द्वारा यह जो स्टेप लिया जा रहा है तो जागरूकता को बढ़ाने के लिए यह काम आएगा। वैसे इस साल के जून के महीने में यहां पर अनाउंसमेंट कर दी गई थी कि वह १०८ करोड़ रूपये खर्च करेंगे , यमुना एक्सप्रेस वे के सेफ्टी फीचर्स को और ज्यादा बढ़ाने के लिए। सो होपफ़ुल्ली लेट्स सी की ऑथरिटिस द्वारा लिए गए यह स्टेप्स आने वाले समय में कितने ज्यादा कारगर साबित होते हैं, वैसे आपकी क्या राय है इसके बारे में कमेंट में जरूर बताये। |
नमस्कार, प्रश्न पूछने के लिए धन्यवाद। वजन न बढ़ने को लेकर परेशान न हों। कई बार शरीर में हार्मोन्स का स्राव असंतुलित होता है तो वजन और लंबाई कुछ समय के लिए रुक जाते हैं। हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए पौष्टिक आहार खाएं और रोजाना व्यायाम करें। वजन बढ़ा... मोरनमस्कार, प्रश्न पूछने के लिए धन्यवाद। वजन न बढ़ने को लेकर परेशान न हों। कई बार शरीर में हार्मोन्स का स्राव असंतुलित होता है तो वजन और लंबाई कुछ समय के लिए रुक जाते हैं। हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए पौष्टिक आहार खाएं और रोजाना व्यायाम करें। वजन बढ़ाने के लिए चिकन, चावल, फिश, बीफ, पोर्क, अंडा इत्यादि का सेवन करना चाहिए। इन सभी खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। अगर आपका वजन सामान्य से बहुत ज्यादा कम है तो आप चिकित्सक से संपर्क करें। ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएं।
इस जानकारी की सटिकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। ओन्लीमायहेल्थस पर उपलब्ध सभी सामाग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है। आपका चिकित्सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्प नहीं है।
क. मोटा होने के लिए कोई तरीका बताइए। मैं बहुत खाता हूं लेकिन मोटा नहीं हो पाता?
क. मेरी बेटी की उम्र १२ साल है उसका वजन नहीं बढ़ रहा है। प्लीज कोई समाधान बताइए?
क. वजन नहीं बढ़ रहा है। इसके लिए मैं क्या करूं?
क. मेरे बेटे की उम्र अभी ८ महीने की है और उसका वजन नहीं बढ़ रहा है। अभी उसका वजन सिर्फ ५.३ किलो है?
क. मेरा वजन नहीं बढ़ रहा है। उम्र २१ साल है। कोई तरीका बताइए? |
व्हाट्सएप पे ने २०१८ की शुरुआत में १ मिलियन उपयोगकर्ताओं के साथ भारत में अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण शुरू किया था और आखिरकार दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इंटरनेट बाजार में और अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए इस सुविधा का विस्तार करना शुरू कर दिया है।
फेसबुक ने शुक्रवार को कहा कि वह अंड्रॉयड और इयोस पर व्हाट्सएप के नवीनतम संस्करण में दस भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में भुगतान की सेवा को शुरू कर रही है। नेशनल पाय्मेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (नप्सी), जो कि लोकप्रिय यूपीआई भुगतान (उपी पाय्मेंट) के बुनियादी ढाँचे का संचालन करने वाली संस्था है, के घोषणा के कुछ घंटे बाद कहा गया है कि इसने व्हाट्सएप पे को देश में यूपीआई संचालित भुगतान (उपी बसे पाय्मेंट सिस्टम) को रोल आउट करने की मंजूरी दे दी है।
गूगल और वॉलमार्ट वर्तमान में भारत में मोबाइल भुगतान बाजार (पाय्मेंट मार्केट) पर हावी हैं| साथ ही साथ यह दोनों प्लेटफॉर्म्स लगभग ८०% उपी बाजार हिस्सेदारी की कमान भी संभाल रहे हैं। उपी भारत में सबसे लोकप्रिय डिजिटल भुगतान पद्धति के रूप में उभरा है| २०१६ के अंत में नई दिल्ली में देश में ८५% से अधिक कागजी नकदी परिसंचरण (कैश फ्लो) को अमान्य करने के लिए नए कदम के लिए धन्यवाद तो बनता है।
उपी की लोकप्रियता से भारत में कई कंपनियों की प्रासंगिकता कम हो गई है| सॉफ्टबैंक और अलीबाबा समर्थित पेटीएम सहित अन्य कई प्लेटफार्म भी हैं जो मोबाइल वॉलेट के निर्माण में वर्षों से लगे हुए हैं। उपी ऐप्स के विपरीत, मोबाइल वॉलेट अन्य मोबाइल वॉलेट के साथ इंटरऑपरेबल नहीं होते हैं और उपभोक्ताओं से कम शुल्क लेते हैं।
उपी के साथ, भारत ने वास्तव में कुछ खास बनाया है और सूक्ष्म और छोटे व्यवसायों के लिए अवसरों की दुनिया खोल रहा है जो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। भारत ऐसा कुछ भी करने वाला पहला देश है। मुझे खुशी है कि हम इस प्रयास का समर्थन करने और अधिक डिजिटल भारत को प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक साथ काम करने में सक्षम थे।
मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक के मुख्य कार्यकारी कार्यालय में शुक्रवार को पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा।
उद्योग के दिग्गजों का मानना है कि ऐप पर भुगतान सेवा देश के किसी भी अन्य स्मार्टफोन ऐप की तुलना में अधिक लोकप्रिय है| यह अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बहुत तेजी से उपयोग में आएगा क्योंकि इसके सभी संभावित उपयोगकर्ता पहले से ही चैटिंग के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, गूगल ने भारत में एक स्टैंडअलोन पेमेंट ऐप लॉन्च किया।
क्रेडिट सुइस (क्रेडिर सुइस) के अनुसार, भारत के मोबाइल भुगतान बाजार में हिस्सेदारी २०२३ तक १ ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। आज की घोषणा से व्हाट्सएप को और अधिक व्यवसायों में विविधता देखने में मदद मिलेगी, जिससे मोबाइल भुगतान बाजार में एक और धक्का होगा।
इस साल जून में ब्राजील में इस तरह के भुगतान को शुरू किया गया है लेकिन देश के केंद्रीय बैंक द्वारा इस सेवा को निलंबित करने का आदेश भी दिया गया है। ब्राजील के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसने मोबाइल भुगतान स्थान में एक पर्याप्त प्रतिस्पर्धी माहौल को संरक्षित करने और भुगतान प्रणाली के कामकाज को सुनिश्चित करने जो कि विनिमेय, तेज, सुरक्षित, पारदर्शी, खुला और सस्ता है को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया। सौभाग्य से भारत में उपी तेज, खुला, विनिमेय, सस्ता और काफी हद तक पारदर्शी है।
फेसबुक ने खुद बीते एक साल में ई कॉमर्स के क्षेत्र में बड़ा पुश दिया है| अगर व्हाट्सएप पे भुगतान के साथ अच्छा संयोजन प्राप्त करता है तो यह अपनी मूल कंपनी के लिए और अधिक रास्ते खोल सकता है। फेसबुक जानता है कि इस साल की शुरुआत में फेसबुक ने भारतीय दूरसंचार दिग्गज जियो प्लेटफार्म में ५.७ बिलियन डॉलर का निवेश किया था, जो भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश था।
फेसबुक के अधिकारियों ने कहा है कि वे भारत के ६० मिलियन छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों को डिजिटल बनाने के तरीकों का पता लगाने के लिए जियो प्लेटफार्मों के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं। जियो प्लेटफार्म भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी द्वारा चलाया जाता है। अंबानी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी भी हैं।
व्हाट्सएप पे ने हाल के वर्षों में अपने प्लेटफॉर्म में कई वाणिज्य सुविधाओं (ए-कमर्स)को भी जोड़ा है। |
ब्प्सक बिहार पुलिस सी फाइनल रिजल्ट २०२० घोषित कर दिया गया है। उम्मीदवार नीचे दिए गए सीधे लिंक के माध्यम से परिणाम की जांच कर सकते हैं।
बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग ने बीपीएसएससी बिहार पुलिस एसआई फाइनल रिजल्ट २०२० घोषित कर दिया है। उम्मीदवार जो पीईटी के बाद लिखित परीक्षा के लिए उपस्थित हुए हैं, वे बीपीएसएससी की आधिकारिक साइट ब्प्सक.बीह.निक.इन के माध्यम से परिणाम की जांच कर सकते हैं।
प्रीलिम्स परीक्षा २६ दिसंबर, २०२१ को आयोजित की गई थी, उसके बाद २४ अप्रैल, २०२२ को मुख्य परीक्षा आयोजित की गई थी। मुख्य परीक्षा परिणाम ६ मई, २०२२ को घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार पीईटी परीक्षा में बैठने के लिए पात्र थे, जो जून से आयोजित की गई थी। १० से २६ जून २०२२ तक। |
ब्राबु उग & प्ग क्लासेस २०२२: बिहार यूनिवर्सिटी में १६ सिंतबर से स्नातक और पीजी की कक्षाएं शुरू होंगी। पहली मेधा सूची में जिन छात्रों का दाखिला हो गया है, उनकी पढ़ाई शुरू कर दी जाएंगी।
इसकी जानकारी बिहार यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू प्रो. अभय कुमार सिंह ने रविवार को दी। उन्होंने बताया कि इसी हफ्ते में स्नातक में नामांकन के लिए दूसरी मेधा सूची भी जारी की जाएगी।
१० से १५ सितंबर तक दूसरी सूची में आने वाले छात्रों का दाखिला लिया जाएगा। पीजी की भी दूसरी सूची इसके साथ ही जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्नातक के लिए कई कॉलेजों को मान्यता मिली है।
उसके लिए आवेदन करने को फिर से पोर्टल खोला जाएगा। १६ सितंबर के बाद दो दिन के लिए पोर्टल खोला जाएगा। बताया कि पीजी और स्नातक में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए ७५ प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। इसके लिए सभी प्राचार्यों और विभागाध्यक्षों को निर्देश भी दिया गया है। |
भारत की तलवारबाज भवानी देवी ने शुक्रवार ३० सितंबर को गांधीनगर में राष्ट्रीय खेलों में महिलाओं की प्रतियोगिता जीतकर लगातार तीसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया। तमिलनाडु की भवानी देवी ने फाइनल में पंजाब की जगमीत कौर को १५-३ से हराया। केरल की क्रिस्टी जोस जोसना और मणिपुरी लैशराम अबी देवी ने कांस्य पदक जीता।
ओलंपियन इलावेनिल वलारिवन ने कर्नाटक की तिलोत्तमा सेन को १६-१० से हराकर महिलाओं की राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता। पश्चिम बंगाल की मेहुली घोष ने कांस्य पदक जीता। गुजरात की स्टार इलावेनिल वलारिवन की फाइनल में शुरुआत धीमी रही। धीरे-धीरे उन्होंने लय हासिल की और मेहुली को पीछे छोड़ा। फिर स्वर्ण पदक के लिए उनका मुकाबला तिलोत्तमा सेन से हुआ। फाइनल मे इलावेनिल ने शुरुआत में ४-० की बढ़त ले ली। तिलोत्तमा ने नियमित अंतराल पर कुछ अंक जीतकर गति बनाए रखने की कोशिश की लेकिन फिर भी हार गईं। |
आम तौर पर, कार्ड के लिए एक म्यूट पैलेट रंग लिया जाता है ताकि टेक्स्ट पृष्ठभूमि के खिलाफ खो न जाए। लेकिन आप कोई भी विकल्प चुन सकते हैं।
सेवा छवि में सबसे अधिक दिखाई देने वाले और चमकीले रंग निर्धारित करती है। और हम आपको यह देखने में मदद करते हैं कि ये रंग एक विशिष्ट वेब पेज पर एक साथ कैसे फिट होते हैं।
हमने कई रंगों में बटन बनाए और मानक सामग्री प्रारूपों के लिए रंग योजना कैसे काम करती है, यह बेहतर ढंग से दिखाने के लिए अलग-अलग ब्लॉक रखे।
आप पूर्व-निर्मित पट्टियों में से कोई एक चुन सकते हैं या कोई छवि अपलोड करके अपना स्वयं का बना सकते हैं।
हमारे पास कूल ग्रेडिएंट्स भी हैं जिन्हें आप डाउनलोड या जेनरेट कर सकते हैं।
इस लिंक को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। आपको धन्यवाद!
आपको देखकर खुशी हुई!
पासवर्ड भूल गए हैं?
पंजीकरण करते समय आपके द्वारा उपयोग किया गया ईमेल पता दर्ज करें और हम आपको अपना पासवर्ड रीसेट करने के निर्देश भेजेंगे। |
पिछले दो युगों के कार्य का एक चरण इस्राएल में पूरा किया गया, और एक यहूदिया में। सामान्य तौर पर कहा जाए तो, इस कार्य का कोई भी चरण इस्राएल छोड़कर नहीं गया, और प्रत्येक चरण पहले चुने गए लोगों पर किया गया। परिणामस्वरूप, इस्राएली मानते हैं कि यहोवा परमेश्वर केवल इस्राएलियों का परमेश्वर है। चूँकि यीशु ने यहूदिया में कार्य किया, जहाँ उसने सूली पर चढ़ने का काम किया, इसलिए यहूदी उसे यहूदी लोगों के उद्धारक के रूप में देखते हैं। वे सोचते हैं कि वह केवल यहूदियों का राजा है, अन्य किसी का नहीं; कि वह अंग्रेजों को छुटकारा दिलाने वाला प्रभु नहीं है, न ही अमेरिकियों को छुटकारा दिलाने वाला प्रभु, बल्कि वह इस्राएलियों को छुटकारा दिलाने वाला प्रभु है, और इस्राएल में भी उसने यहूदियों को छुटकारा दिलाया। वास्तव में, परमेश्वर सभी चीज़ों का स्वामी है। वह संपूर्ण सृष्टि का परमेश्वर है। वह केवल इस्राएलियों का परमेश्वर नहीं है, न यहूदियों का; बल्कि वह संपूर्ण सृष्टि का परमेश्वर है। उसके कार्य के पिछले दो चरण इस्राएल में हुए, जिसने लोगों में कुछ निश्चित धारणाएँ पैदा कर दी हैं। वे मानते हैं कि यहोवा ने अपना कार्य इस्राएल में किया, और स्वयं यीशु ने अपना कार्य यहूदिया में किया, और इतना ही नहीं, कार्य करने के लिए उसने देहधारण कियाऔर जो भी हो, यह कार्य इस्राएल से आगे नहीं बढ़ा। परमेश्वर ने मिस्रियों या भारतीयों में कार्य नहीं किया; उसने केवल इस्राएलियों में कार्य किया। लोग इस प्रकार विभिन्न धारणाएँ बना लेते हैं, वे परमेश्वर के कार्य को एक निश्चित दायरे में बाँध देते हैं। वे कहते हैं कि जब परमेश्वर कार्य करता है, तो अवश्य ही उसे ऐसा चुने हुए लोगों के बीच और इस्राएल में करना चाहिए; इस्राएलियों के अलावा परमेश्वर किसी अन्य पर कार्य नहीं करता, न ही उसके कार्य का कोई बड़ा दायरा है। वे देहधारी परमेश्वर को नियंत्रित करने में विशेष रूप से सख़्त हैं और उसे इस्राएल की सीमा से बाहर नहीं जाने देते। क्या ये सब मानवीय धारणाएँ मात्र नहीं हैं? परमेश्वर ने संपूर्ण स्वर्ग और पृथ्वी और सभी चीजें बनाईं, उसने संपूर्ण सृष्टि बनाई, तो वह अपने कार्य को केवल इस्राएल तक सीमित कैसे रख सकता है? अगर ऐसा होता, तो उसके संपूर्ण सृष्टि की रचना करने का क्या तुक था? उसने पूरी दुनिया को बनाया, और उसने अपनी छह हजार वर्षीय प्रबंधन योजना केवल इस्राएल में नहीं, बल्कि ब्रह्मांड में प्रत्येक व्यक्ति पर कार्यान्वित की। चाहे वे चीन में रहते हों या संयुक्त राज्य अमेरिका में, यूनाइटेड किंगडम में या रूस में, प्रत्येक व्यक्ति आदम का वंशज है; वे सब परमेश्वर के बनाए हुए हैं। उनमें से एक भी सृष्टि की सीमा से बाहर नहीं जा सकता, और उनमें से एक भी खुद को "आदम का वंशज" होने के ठप्पे से अलग नहीं कर सकता। वे सभी परमेश्वर के प्राणी हैं, वे सभी आदम की संतानें हैं, और वे सभी आदम और हव्वा के भ्रष्ट वंशज भी हैं। केवल इस्राएली ही परमेश्वर की रचना नहीं हैं, बल्कि सभी लोग परमेश्वर की रचना हैं; बस इतना ही है कि कुछ को शाप दिया गया है, और कुछ को आशीष। इस्राएलियों के बारे में कई स्वीकार्य बातें हैं; परमेश्वर ने आरंभ में उन पर कार्य किया क्योंकि वे सबसे कम भ्रष्ट थे। चीनियों की उनसे तुलना नहीं की जा सकती; वे उनसे बहुत हीन हैं। इसलिए, आरंभ में परमेश्वर ने इस्राएलियों के बीच कार्य किया, और उसके कार्य का दूसरा चरण केवल यहूदिया में संपन्न हुआजिससे मनुष्यों में बहुत सारी धारणाएँ और नियम बन गए हैं। वास्तव में, यदि परमेश्वर मनुष्य की धारणाओं के अनुसार कार्य करता, तो वह केवल इस्राएलियों का ही परमेश्वर होता, और इस प्रकार वह अन्यजाति-राष्ट्रों के बीच अपने कार्य का विस्तार करने में असमर्थ होता, क्योंकि वह केवल इस्राएलियों का ही परमेश्वर होता, संपूर्ण सृष्टि का परमेश्वर नहीं। भविष्यवाणियों में कहा गया है कि यहोवा का नाम अन्यजाति-राष्ट्रों में खूब बढ़ेगा, कि वह अन्यजाति-राष्ट्रों में फैल जाएगा। यह भविष्यवाणी क्यों की गई थी? यदि परमेश्वर केवल इस्राएलियों का परमेश्वर होता, तो वह केवल इस्राएल में ही कार्य करता। इतना ही नहीं, वह इस कार्य का विस्तार न करता, और वह ऐसी भविष्यवाणी न करता। चूँकि उसने यह भविष्यवाणी की थी, इसलिए वह निश्चित रूप से अन्यजाति-राष्ट्रों में, प्रत्येक राष्ट्र में और समस्त भूमि पर, अपने कार्य का विस्तार करेगा। चूँकि उसने ऐसा कहा है, इसलिए वह ऐसा ही करेगा; यह उसकी योजना है, क्योंकि वह स्वर्ग और पृथ्वी तथा सभी चीज़ों का सृष्टिकर्ता प्रभु और संपूर्ण सृष्टि का परमेश्वर है। चाहे वह इस्राएलियों के बीच कार्य करता हो या संपूर्ण यहूदिया में, वह जो कार्य करता है, वह संपूर्ण ब्रह्मांड और संपूर्ण मानवता का कार्य होता है। आज जो कार्य वह बड़े लाल अजगर के राष्ट्रएक अन्यजाति-राष्ट्र मेंकरता है, वह भी संपूर्ण मानवता का कार्य है। इस्राएल पृथ्वी पर उसके कार्य का आधार हो सकता है; इसी प्रकार, अन्यजाति-राष्ट्रों के बीच चीन भी उसके कार्य का आधार हो सकता है। क्या उसने अब इस भविष्यवाणी को पूरा नहीं किया है कि "यहोवा का नाम अन्यजाति-राष्ट्रों में खूब बढ़ेगा"? अन्यजाति-राष्ट्रों के बीच उसके कार्य का पहला चरण यह कार्य है, जिसे वह बड़े लाल अजगर के राष्ट्र में कर रहा है। देहधारी परमेश्वर का इस राष्ट्र में कार्य करना और इन शापित लोगों के बीच कार्य करना विशेष रूप से मनुष्य की धारणाओं के विपरीत है; ये लोग सबसे निम्न स्तर के हैं, इनका कोई मूल्य नहीं है, और इन्हें यहोवा ने आरंभ में त्याग दिया था। लोगों को दूसरे लोगों द्वारा त्यागा जा सकता है, परंतु यदि वे परमेश्वर द्वारा त्यागे जाते हैं, तो किसी की भी हैसियत उनसे कम नहीं होगी, और किसी का भी मूल्य उनसे कम नहीं होगा। परमेश्वर के प्राणी के लिए शैतान द्वारा कब्ज़े में ले लिया जाना या लोगों द्वारा त्याग दिया जाना कष्टदायक चीज़ हैपरंतु किसी सृजित प्राणी को उसके सृष्टिकर्ता द्वारा त्याग दिए जाने का अर्थ है कि उसकी हैसियत उससे कम नहीं हो सकती। मोआब के वंशज शापित थे और वे इस पिछड़े देश में पैदा हुए थे; नि:संदेह अंधकार के प्रभाव से ग्रस्त सभी लोगों में मोआब के वंशजों की हैसियत सबसे कम है। चूँकि अब तक ये लोग सबसे कम हैसियत वाले रहे हैं, इसलिए उन पर किया गया कार्य मनुष्य की धारणाओं को खंडित करने में सबसे सक्षम है, और परमेश्वर की संपूर्ण छह हजार वर्षीय प्रबंधन योजना के लिए सबसे लाभदायक भी है। इन लोगों के बीच ऐसा कार्य करना मनुष्य की धारणाओं को खंडित करने का सर्वोत्तम तरीका है; और इसके साथ परमेश्वर एक युग का सूत्रपात करता है; इसके साथ वह मनुष्य की सभी धारणाओं को खंडित कर देता है; इसके साथ वह संपूर्ण अनुग्रह के युग के कार्य का समापन करता है। उसका पहला कार्य इस्राएल की सीमा के भीतर यहूदिया में किया गया था; अन्यजाति-राष्ट्रों में उसने नए युग का सूत्रपात करने के लिए कोई कार्य नहीं किया। कार्य का अंतिम चरण न केवल अन्यजातियों के बीच किया जा रहा है; बल्कि इससे भी अधिक, उन लोगों में किया जा रहा है, जिन्हें शापित किया गया है। यह एक बिंदु शैतान को अपमानित करने के लिए सबसे सक्षम प्रमाण है, और इस प्रकार, परमेश्वर ब्रह्मांड में संपूर्ण सृष्टि का परमेश्वर, सभी चीज़ों का प्रभु, और सभी जीवधारियों की आराधना की वस्तु "बन" जाता है।
आज ऐसे लोग हैं, जो अभी भी नहीं समझते कि परमेश्वर ने कौन-सा नया कार्य आरंभ किया है। अन्यजाति-राष्ट्रों में परमेश्वर ने एक नई शुरुआत की है। उसने एक नया युग प्रारंभ किया है, और एक नया कार्य शुरू किया हैऔर वह इस कार्य को मोआब के वंशजों पर कर रहा है। क्या यह उसका नवीनतम कार्य नहीं है? पूरे इतिहास में पहले कभी किसी ने इस कार्य का अनुभव नहीं किया है। किसी ने कभी इसके बारे में नहीं सुना है, समझना तो दूर की बात है। परमेश्वर की बुद्धि, परमेश्वर का चमत्कार, परमेश्वर की अज्ञेयता, परमेश्वर की महानता, परमेश्वर की पवित्रता सब कार्य के इस चरण के माध्यम से प्रकट किए जाते हैं, जो कि अंत के दिनों का कार्य है। क्या यह नया कार्य नहीं है, ऐसा कार्य, जो मानव की धारणाओं को खंडित करता है? ऐसे लोग भी हैं, जो इस प्रकार सोचते हैं : "चूँकि परमेश्वर ने मोआब को शाप दिया था और कहा था कि वह मोआब के वंशजों का परित्याग कर देगा, तो वह उन्हें अब कैसे बचा सकता है?" ये अन्यजाति के वे लोग हैं, जिन्हें परमेश्वर द्वारा शाप दिया गया था और इस्राएल से बाहर निकाल दिया गया था; इस्राएली उन्हें "अन्यजाति के कुत्ते" कहते थे। हरेक की दृष्टि में, वे न केवल अन्यजाति के कुत्ते हैं, बल्कि उससे भी बदतर, विनाश के पुत्र हैं; कहने का तात्पर्य यह कि वे परमेश्वर द्वारा चुने हुए लोग नहीं हैं। वे इस्राएल की सीमा में पैदा हुए होंगे, लेकिन वे इस्राएल के लोगों से संबंधित नहीं थे; और अन्यजाति-राष्ट्रों में निष्कासित कर दिए गए थे। ये सबसे हीन लोग हैं। चूंकि वे मानवता के बीच हीनतम हैं, यही कारण है कि परमेश्वर एक नए युग को आरंभ करने का अपना कार्य उनके बीच करता है, क्योंकि वे भ्रष्ट मानवता के प्रतिनिधि हैं। परमेश्वर का कार्य चयनात्मक और लक्षित है; जो कार्य वह आज इन लोगों में करता है, वह सृष्टि में किया जाने वाला कार्य भी है। नूह परमेश्वर का एक सृजन था, जैसे कि उसके वंशज हैं। दुनिया में हाड़-मांस से बने सभी प्राणी परमेश्वर के सृजन हैं। परमेश्वर का कार्य संपूर्ण सृष्टि पर निर्देशित है; यह इस बात पर आधारित नहीं है कि सृजित किए जाने के बाद किसी को शापित किया गया है या नहीं। उसका प्रबंधन-कार्य समस्त सृष्टि पर निर्देशित है, केवल उन चुने हुए लोगों पर नहीं, जिन्हें शापित नहीं किया गया है। चूँकि परमेश्वर अपनी सृष्टि के बीच अपना कार्य करना चाहता है, इसलिए वह इसे निश्चित रूप से सफलतापूर्वक पूरा करेगा, और वह उन लोगों के बीच कार्य करेगा जो उसके कार्य के लिए लाभदायक हैं। इसलिए, जब वह मनुष्यों के बीच कार्य करता है, तो सभी परंपराओं को तहस-नहस कर देता है; उसके लिए, "शापित," "ताड़ित" और "धन्य" शब्द निरर्थक हैं! यहूदी लोग अच्छे हैं, इस्राएल के चुने हुए लोग भी अच्छे हैं; वे अच्छी क्षमता और मानवता वाले लोग हैं। प्रारंभ में यहोवा ने उन्हीं के बीच अपना कार्य आरंभ किया, और अपना सबसे पहला कार्य कियापरंतु आज उन पर विजय प्राप्त करने का कार्य अर्थहीन होगा। वे भी सृष्टि का एक हिस्सा हो सकते हैं और उनमें बहुत-कुछ सकारात्मक हो सकता है, किंतु उनके बीच कार्य के इस चरण को कार्यान्वित करना बेमतलब होगा; परमेश्वर लोगों को जीत पाने में सक्षम नहीं होगा, न ही वह सृष्टि के सारे लोगों को समझाने में सक्षम होगा, जो कि उसके द्वारा अपने कार्य को बड़े लाल अजगर के राष्ट्र के इन लोगों तक ले जाने का आशय है। यहाँ सबसे अधिक महत्वपूर्ण उसका युग आरंभ करना, उसका सभी नियमों और मानवीय धारणाओं को खंडित करना और संपूर्ण अनुग्रह के युग के कार्य का समापन करना है। यदि उसका वर्तमान कार्य इस्राएलियों के मध्य किया गया होता, तो जब तक उसकी छह हजार वर्षीय प्रबंधन योजना समाप्त होने को आती, हर कोई यह विश्वास करने लगता कि परमेश्वर केवल इस्राएलियों का परमेश्वर है, कि केवल इस्राएली ही परमेश्वर के चुने हुए लोग हैं, कि केवल इस्राएली ही परमेश्वर का आशीष और प्रतिज्ञा विरासत में पाने योग्य हैं। अंत के दिनों के दौरान बड़े लाल अजगर के राष्ट्र के अन्यजाति-देश में परमेश्वर का देहधारण उस परमेश्वर का का कार्य पूरा करता है जो संपूर्ण सृष्टि का परमेश्वर है; वह अपना संपूर्ण प्रबंधन-कार्य पूरा करता है, और वह बड़े लाल अजगर के देश में अपने कार्य के केंद्रीय भाग को समाप्त करता है। कार्य के इन तीनों चरणों के मूल में मनुष्य का उद्धार हैअर्थात, संपूर्ण सृष्टि से सृष्टिकर्ता की आराधना करवाना। इस प्रकार, कार्य के प्रत्येक चरण का बहुत बड़ा अर्थ है; परमेश्वर ऐसा कुछ नहीं करता जिसका कोई अर्थ या मूल्य न हो। एक ओर, कार्य का यह चरण एक नए युग का सूत्रपात और पिछले दो युगों का अंत करता है; दूसरी ओर, यह मनुष्य की समस्त धारणाओं और उसके विश्वास और ज्ञान के सभी पुराने तरीकों को खंडित करता है। पिछले दो युगों का कार्य मनुष्य की विभिन्न धारणाओं के अनुसार किया गया था; किंतु यह चरण मनुष्य की धारणाओं को पूरी तरह मिटा देता है, और ऐसा करके वह मानवजाति को पूरी तरह से जीत लेता है। मोआब के वंशजों के बीच किए गए कार्य के माध्यम से उसके वंशजों को जीतकर परमेश्वर संपूर्ण ब्रह्मांड में सभी लोगों को जीत लेगा। यह उसके कार्य के इस चरण का गहनतम अर्थ है, और यही उसके कार्य के इस चरण का सबसे मूल्यवान पहलू है। भले ही तुम अब जानते हो कि तुम्हारी अपनी हैसियत निम्न है और तुम कम मूल्य के हो, फिर भी तुम यह महसूस करोगे कि तुम्हारी सबसे आनंददायक वस्तु से भेंट हो गई है : तुमने एक बहुत बड़ा आशीष विरासत में प्राप्त किया है, एक बड़ी प्रतिज्ञा प्राप्त की है, और तुम परमेश्वर के इस महान कार्य को पूरा करने में सहायता कर सकते हो। तुमने परमेश्वर का सच्चा चेहरा देखा है, तुम परमेश्वर के अंतर्निहित स्वभाव को जानते हो, और तुम परमेश्वर की इच्छा पर चलते हो। परमेश्वर के कार्य के पिछले दो चरण इस्राएल में संपन्न किए गए थे। यदि अंत के दिनों के दौरान उसके कार्य का यह चरण भी इस्राएलियों के बीच किया जाता, तो न केवल संपूर्ण सृष्टि मान लेती कि केवल इस्राएली ही परमेश्वर के चुने हुए लोग हैं, बल्कि परमेश्वर की संपूर्ण प्रबंधन योजना भी अपना वांछित परिणाम प्राप्त न कर पाती। जिस समय इस्राएल में उसके कार्य के दो चरण पूरे किए गए थे, उस दौरान अन्यजाति-राष्ट्रों के बीच न तो कोई नया कार्यन ही नया युग प्रारंभ करने का कोई कार्यकिया गया था। कार्य का आज का चरणएक नए युग के सूत्रपात का कार्यपहले अन्यजाति-राष्ट्रों में किया जा रहा है, और इतना ही नहीं, प्रारंभ में मोआब के वंशजों के बीच किया जा रहा है; और इस प्रकार संपूर्ण युग का आरंभ किया गया है। परमेश्वर ने मनुष्य की धारणाओं में निहित किसी भी ज्ञान को बाकी नहीं रहने दिया और सब खंडित कर दिया। विजय प्राप्त करने के अपने कार्य में उसने मानवीय धारणाओं को, ज्ञान के उन पुराने, आरंभिक मानवीय तरीकों को ध्वस्त कर दिया है। वह लोगों को देखने देता है कि परमेश्वर पर कोई नियम लागू नहीं होते, कि परमेश्वर के मामले में कुछ भी पुराना नहीं है, कि वह जो कार्य करता है वह पूरी तरह से स्वतंत्र है, पूरी तरह से मुक्त है, और कि वह अपने समस्त कार्य में सही है। वह सृष्टि के बीच जो भी कार्य करता है, उसके प्रति तुम्हें पूरी तरह से समर्पित होना चाहिए। उसके समस्त कार्य में अर्थ होता है, और वह उसकी अपनी इच्छा और बुद्धि के अनुसार किया जाता है, मनुष्य की पसंद और धारणाओं के अनुसार नहीं। अगर कोई चीज़ उसके कार्य के लिए लाभदायक होती है, तो वह उसे करता है; और अगर कोई चीज़ उसके कार्य के लिए लाभदायक नहीं होती, तो वह उसे नहीं करता, चाहे वह कितनी ही अच्छी क्यों न हो! वह कार्य करता है और अपने कार्य के अर्थ और प्रयोजन के अनुसार अपने कार्य के प्राप्तकर्ताओं और स्थान का चयन करता है। कार्य करते हुए वह पुराने नियमों से चिपका नहीं रहता, न ही वह पुराने सूत्रों का पालन करता है। इसके बजाय, वह अपने कार्य की योजना उसके मायने के अनुसार बनाता है। अंतत: वह वास्तविक प्रभाव और प्रत्याशित लक्ष्य प्राप्त करेगा। यदि तुम आज इन बातों को नहीं समझते, तो इस कार्य का तुम पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
परमेश्वर की ओर से एक आशीर्वादपाप से बचने और बिना आंसू और दर्द के एक सुंदर जीवन जीने का मौका पाने के लिए प्रभु की वापसी का स्वागत करना। क्या आप अपने परिवार के साथ यह आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं?
कॉपीराइट २०२२ सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया। सर्वाधिकार सुरक्षित। |
हिमाचल की दो हस्तियों को इस साल पद्मश्री पुरस्कार से नवाज़ा जायेगा। इनमें फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के आलावा लेखक और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर अभिराज राजेंद्र मिश्रा शामिल हैं।
भारत सरकार द्वारा इस साल के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गयी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कारों के लिए १४१ नामों को स्वीकृति दी जिनमें ७ पद्म विभूषण, १६ पद्म भूषण और ११८ पद्मश्री पुरस्कार सम्मिलित हैं। ये पुरस्कार मार्च या अप्रैल महीने में राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति द्वारा दिए जायेंगे।
मंडी जिले के भांबला से सम्बन्ध रखने वाली कंगना फ़िल्मी दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। फैशन, क्वीन, तनु वेड्स मनु जैसी फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाली कंगना की बॉलीवुड में अलग पहचान है। फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के लिए कंगना को कला क्षेत्र में पद्मश्री के लिए चुना गया है। इससे पहले कंगना ३ राष्ट्रीय पुरस्कार और ४ फिल्मफेयर फिल्म पुरस्कार भी जीत चुकी हैं। अभी हल ही में कंगना की फिल्म पन्गा रिलीज़ हुई है। इस फिल्म में भी कंगना के काम को बहुत सराहना मिल रही है।
कंगना के साथ पद्मश्री जीतने वाले दूसरे हिमाचली प्रो अभिराज जीतेन्द्र मिश्रा हैं। शिमला के रहने वाले अभिराज मिश्रा संस्कृत के विद्वान् हैं। वो पूर्व में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रह चुके हैं और संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष का कार्यभार भी देख चुके हैं। इसके आलावा वह सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के उप-कुलपति भी रह चुके हैं। अभिराज मिश्रा लेखक, कवि और गीतकार भी हैं। उन्होंने संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में कई किताबें लिखी हैं। अभिराज मिश्रा का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था लेकिन सेवानिवृति के बाद वह शिमला में बस गए। अभिराज जितेंद्र मिश्रा को शिक्षा और शैत्य में उनके काम के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जायेगा।
इन दोनों हस्तियों को पद्मश्री मिलना पुरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। |
बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खानके चाहने वाले दुनियाभर में करोड़ों फैंस हैं, जो उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते हैं। भाईजान के एक-एक अपडेट का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। सलमान खान से जुड़े कोई भी पोस्ट को सोशल मीडिया पर वायरल होते देर नहीं लगती है। इसी बीच दबंग खान की एक तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें वह एक बच्ची के साथ नजर आ रहे हैं।
इस फोटो को फैंस द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। वहीं सलमान खान की ये तस्वीर देखने के बाद फैंस उनसे जानना चाहते है कि, आखिर उनके साथ इस फोटो में खड़ी ये बच्ची कौन है। आपको बता दें यह बच्ची आज एक बड़ी अभिनेत्री है। और बॉलीवुड में कई बड़ी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। क्या आप पहचान पाए कि यह खूबशूरत लड़की कौन है।
दरहसल फोटो में दिख रही ये हसीना कोई और नहीं बल्कि दिव्या दत्ता हैं। और आपको ये भी बता दें कि ये तस्वीर खुद दिव्या दत्ता ने ही अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है जिसके बाद से ही यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, इस तस्वीर में दिव्या को पहचान पाना फैंस के लिए बेहद मुश्किल रहा। वो इस तस्वीर में बेहद क्यूट और मासूम सी लग रहीं हैं। दिव्या ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा-जब हम अपनी गर्मी की छुट्टियों में मुंबई गए थे और मैं @द्र्राहुल्सदत्तातब हमने मेरे पसंदीदा स्टार के साथ तस्वीरें क्लिक करवाईं थीं,@बेंग्सलमांखन। मेरी एक्साइटमेंट और मेरे एक्सप्रेशन को देखो! कुछ साल बाद मैंने उनके साथ स्क्रीन स्पेस शेयर किया.. जिंदगी।
आपको बता दें दिव्या दत्ता बॉलीवुड की एक जानीमानी एक्ट्रेस हैं। उन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। दिव्या दत्ता ने सलमान खान के साथ वीरगती और बाग़बान जैसी फिल्मों में काम किया है। इतना ही नहीं दिव्या दत्ता की फैन फॉलॉइंग भी काफी अच्छी है और लोग उनकी ब्यूटी को भी काफी पसंद करते है। और साथ ही दिव्या को शायरी का भी शौक है। |
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों, उपकरणों, मशीनों तथा संयंत्रों के खरीद हेतु ई-प्रोक्योरमेंट/ई-टेण्डरिंग व्यवस्था लागू कर दी है। इसके अलावा विभाग द्वारा कराये जाने वाले निर्माण कार्य भी ई-टेण्डरिंग के माध्यम से होंगे।
यह जानकारी सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी हेकाली झिमोमी ने दी। उन्होंने बताया कि ई-प्रोक्योरमेंट/ई-टेण्डरिंग व्यवस्था लागू होने से दवाइयों एवं उपकरणों आदि की खरीद में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित होंगी। साथ ही दवाइयां एवं आवश्यक उपकरण भी समय से खरीदे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि अब विभाग में नये निर्माण कार्य भी इसी व्यवस्था के तहत कराये जाएंगे। |
ज्यार्जिया अंड्रियनी हॉट पिक: इस समय सोशल मीडिया पर अरबाज खान की गर्लफ्रेंड यानी कि जॉर्जिया एंड्रियानी बी टाउन की सबसे ज्यादा हॉट एंड सेक्सी अभिनेत्रियों में शामिल हो चुकी है। इसी के साथ साथ में है इन दिनों काफी ज्यादा लाइमलाइट भी बटोर ती हुई नजर आती है। बता दें कि कभी तो एक्ट्रेस जिम लुक में नजर आ जाती है तो कभी वह अपनी वेकेशन की तस्वीरें शेयर करके चर्चा में बनी रहती है। लेकिन अभी के वक्त में जोड़ दिया काफी ज्यादा खबरों में आ चुकी है। लेकिन उनका निबंध इतना ज्यादा खूबसूरत रहता है कि हर कोई उनसे नजरें हटा ही नहीं पाता है। इसी के साथ-साथ उनका हार्ट एंड ग्लैमरस अंदाज लोगों को उनका दीवाना बना देता है।
बता दें कि इसी बीच जॉर्जिया एंड्रियानी (ज्यार्जिया अंड्रियनी) का एक काफी ज्यादा बोल्ड और स्टाइलिश लुक सामने आ चुका है। सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही है जिन्हें देखकर हर कोई उनकी तारीफ करते थे कि नहीं रहा है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जॉर्जिया (ज्यार्जिया अंड्रियनी) को मुंबई के बांद्रा में देखा गया है। इन तस्वीरों में नजर आ रहा है कि उन्होंने ब्लैक कलर की काफी हॉट सी टॉप पहन रखी है साथ ही साथ उन्होंने अपने बालों को खुला रखा हुआ है। इस वीडियो के अंदर भी साफ देखा जा सकता है कि उनकी टॉप बड़ी ही ज्यादा हॉट है। साथ ही उन्होंने छोटा सा शॉर्ट्स भी पहना हुआ है। साथ ही उन्होंने ब्लैक कलर के जूते पहने हुए हैं जिसमें वह काफी ज्यादा जबर्दस्त अंदाज में देखी जा सकती हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि जॉर्जिया एंड्रियानी (ज्यार्जिया अंड्रियनी) सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो चुकी है। सबसे ज्यादा तो वह अपने लुक्स की वजह से चर्चा में आ गई है। लेकिन जब से अरबाज खान के साथ उनका नाम जुड़ा है तब से तो वह लाइमलाइट में छा चुकी है।
जॉर्जिया एंड्रियानी (ज्यार्जिया अंड्रियनी) का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में तो अरबाज खान से नाम जोड़ने के बाद आई चुका है लेकिन दोनों एक साथ अपडेट करते हुए भी नजर आते हैं। अरबाज खान ने हाल ही में अपने रिश्ते को लेकर कुछ बातें बताई है। उन्होंने बताया है कि भले ही उनके बीच में उम्र का काफी ज्यादा फासला है लेकिन उनके रिश्ते में काफी अच्छी बॉन्डिंग बन चुकी है। |
शरद पवार ने कहा कि कुछ अतिरिक्त मत शिवसेना की झोली में नहीं गए। ये मत हमारे विरोधियों के कोटे के थे और हमारी जानकारी में हमारे उम्मीदवार (प्रफुल पटेल) के पक्ष में गए। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने कभी न कभी मेरे साथ काम किया है।
मुंबई: राज्यसभा चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार की करारी हार के कुछ ही घंटों बाद अपने पुणे निवास से बाहर निकले शरद पवार ने यह कहकर शिवसेना को और धक्का ही पहुंचाया होगा, कि मैं इन परिणामों को देखकर कतई आश्चर्यचकित नहीं हूं।
शरद पवार महाविकास आघाड़ी के शिल्पकार माने जाते हैं। २०१९ में उनकी अगुवाई में शिवसेना ने अप्रत्याशित रूप से अपनी पुरानी साथी भाजपा से नाता तोड़कर कांग्रेस और राकांपा के साथ सरकार बना ली थी। १० जून को हुए राज्यसभा चुनाव से पहले भी शरद पवार पूरी तरह सक्रिय थे। नरीमन प्वाइंट में विधानभवन से चंद कदमों की दूरी पर होटल ट्राइडेंट में महाविकास आघाड़ी और उसके समर्थक छोटे दलों व निर्दलीय विधायकों को समझाने-बुझाने में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ वह भी वहां उपस्थित थे। इसके बावजूद उनका यह कहना कि इस जीत से हमें अचरज नहीं हुआ, बहुत से लोगों को अचरज में डाल रहा है।
शरद पवार की एक और बात शिवसेना को परेशान करनेवाली है। उन्होंने कहा कि कुछ अतिरिक्त मत शिवसेना की झोली में नहीं गए। ये मत हमारे विरोधियों के कोटे के थे, और हमारी जानकारी में हमारे उम्मीदवार (प्रफुल पटेल) के पक्ष में गए। ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने कभी न कभी मेरे साथ काम किया है। मैं उन्हें कभी कुछ कहूं तो वे न नहीं करेंगे। लेकिन मैं इसमें पड़ा नहीं। भाजपा के कोई मत नहीं फूटे। लेकिन भाजपा समर्थक कुछ निर्दलियों के मत राकांपा के पक्ष में जरूर पड़े। पवार का यह वक्तव्य शिवसेना को सोचने पर विवश जरूर करेगा कि पवार ने अपने कुछ करीबी निर्दलीय विधायकों का मत उसे दिलवाने की कोशिश क्यों नहीं की ?
लेकिन शिवसेना इस संबंध में पवार से कुछ पूछने की हिम्मत नहीं जुटा सकती। क्योंकि उसका मुख्यमंत्री पद पवार की ही बदौलत चल रहा है। पवार ने यह दावा भी किया है कि आज की शिकस्त का महाविकास आघाड़ी सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह बात भी सही है। क्योंकि राज्यसभा चुनाव के मतदान में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के मत मजबूती से अपने एक-एक उम्मीदवार के पक्ष में खड़े रहे हैं। यहां तक कि राकांपा के अतिरिक्त मत पहली प्राथमिकता में शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार को ही मिले हैं। दूसरी बात यह कि त्रिदलीय महाविकास आघाड़ी सरकार तीनों दलों की मजबूरी है। इसलिए कोई इसे गिराने की पहल नहीं कर सकता। |
यह बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) गोवा के कानाकोना (कैनैकोना) क्षेत्र में पालोलेम बीच के दक्षिण गोवा ( साउथ गोआ ) में स्थित एक खूबसूरत और आकर्षक समुद्र तट हैं। और इस समुद्र तट को सेक्रेट बीच के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप किसी शांत वातावरण और एकांत जगह पर जाकर कुछ समय व्यतीत करना चाहते हैं। तो यह समुद्र तट आपके लिए एकदम सटीक और मन को मोह लेने वाला है। और इससे अच्छा और शानदार जगह आपको शायद ही कही मिले। क्यों की इस समुद्र तट की प्रकृतिक संपदा और तीनो और फैले हुए पहाड़ इस समुद्र तट की सुंदरता को और भी खूबसूरत बनाता है।
और इस समुद्र तट को बर्फ्ली बीच इस लिए भी कहा जाता है। क्यों की इस समुद्र तट का भौगोलिक और प्राकृतिक पहाड़ बर्फ्ली के आकर का दिखाई पड़ता हैं। और यहीं कारण हैं। की इस समुद्र तट को बर्फ्ली बीच कहा जाता हैं। और साथ ही इसे सेक्रेट बीच भी कहा जाता हैं। क्यों की यह समुद्र तट घने जंगलों और पहाड़ों में से जाता हैं। और यहां पर जाने का रास्ता भी बडा दुर्गम भरा है। और इसी लिए इस समुद्र तट को सेक्रेट बीच भी कहा जाता हैं।
बर्फ्ली बीच का अर्थ हिंदी में निकाले तो आप इसे "तितली बीच" भी कह सकते हैं। इस बीच को बर्फ्ली बीच कहने के पिछे का कारण यह भी हैं। की इस समुद्र तट के आस पास के पहाडो की प्राकृतिक बनावट एक तितली की आकार के समान दिखाई देती हैं। और साथ ही इस पहाड़ के आस पास विभिन्न प्रकार की तितलियों की प्रजातियां भी देखने को मिलती हैं। और इस समुद्र तट के सूर्योदय और सूर्यास्त की बात करे तो अद्भुत आकर्षक और अकल्पनीय दृश्य देखने को मिलता हैं। और जब भी आप इस बटरफ्लाई समुद्र तट पर आए तो हनीमून बीच ( हनीमून बीच ) पर जाना ना भूले जोकि बटट्र्फ्ली बीच से कुछ ही दूरी पर स्थित है। हनीमूम बीच,
आपकी अधिक जानकारी के लिए बताए तो बटरफ्लाई समुद्र तट ( बर्फ्ली बीच ) तक कोई भी गाड़ी वाहन नहीं पहुंच सकती, आपको पैदल यात्रा से ही समुद्र तट तक पहुंचना होता है। यहां पर एक दिशा में समुद्र तट हैं। तो वहीं दुसरी दिशा में घने जंगल भरे पहाड़ के कारण ऊपरी दिशा से यहां का दृश्य अद्भुत और अकल्पनीय लगता है। बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) तक आप निजी वहन से नहीं पहुंच सकते आपको यहां तक पहुंचने के लिए बगल वाली बीच पलोलेम समुद्र तट ( पलोलम बीच ) और आगोंडा समुद्र तट ( अगोंडा बीच ) से नाव के माध्यम से भी बडी असानिसे पहुंच सकते हैं।
जाब आप पालोलेम बीच ( पलोलम बीच ) और अगोंडा बीच ( अगोंडा बीच ) पर से किसी नाव के माध्यम से बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर जाते हैं। तो उस समय अचानक ही आपको डॉल्फिन ( डॉल्फिन ) के भी दर्शन हो जाते हैं। और यह डॉल्फिन ( डॉल्फिन ) ज्यादातर सूर्योदय के समय देखे जाते हैं। और साथ ही छोटी बडी मछलियां भी देखी जाति हैं। और यहां तक कि आप नाव में बैठे हुए इसी समुद्र तट के चारों दिशाओं के पैड पौधो को और बड़े बड़े पहाड़ों के बिच कुछ बड़े पत्तरो को भी देख कर आप अपने मन को प्रसन्नचित्त कर सकते हैं। बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर आने वाले पर्यटकों की संख्या गोवा के अन्य समुद्र तटों के प्रतिपक्ष में कम है।
बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर आप क्या गतिविधियां कर सकते हैं।
बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर आपको करने ज्यैसी ऐसी बोहोत सारी जगह हे। जहां पर आप जा कर बोहोत कुछ कर सकतें हैं। ज्येसे की यदि आप फोटो खिंचानेके शौकीन हैं। तो यह समुद्र तट आपके लिए वरदान के स्वरुप होगा। और आज के समय देखा जाय तो हर एक व्यक्ती के पास अंड्रॉयड मोबाइल फोन अवश्य होता है। और हर एक व्यक्ती फोटो और विडियो बनाने के लिए शौकीन होता है। तो यह समुद्र तट उन व्यक्तियों के लिए वरदान के स्वरुप ही है। इस द्वीप के किनारे चलने वाली छोटी बड़ी नाव की सवारी कर आप अपने मन को मनोरंजित कर सकते हैं। इस समुद्र तट के किनारे जंगल के बीच में भी आप घूम फिर सकते हैं जहां पर आप बड़े-बड़े पत्थर और विभिन्न प्रकार की पंछियों की आवाजों के साथ परियावरण का आनन्द उठा सकते हैं।
यदि आप बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) के आस पास कोई भी होटल या रेस्टोरेंट ढूंढ रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि यह बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) के आस पास आपको कोई भी रिस्टोरेंट या होटल आपको नहीं मिलेगी। आपके लिए यही शुभ होगा की पलोलम या फिर अगोंडा समुद्र तट पर आप होटल या फिर रेस्टोटेंट पकड़ ले यहीं आपके लिए शुभ होगा।
यदि आप बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर घूमने की एंट्री फि ( एंटर् फी ) जानना चाहते हैं। तो यहां पर आपको बतादे की बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर घूमने की कोई भी एंटर् फी नही लगाती हैं। यह बिल्कुल फ़्री हैं। यहां पर आप घूमो फिरो जो कुछ भी करना है करो बिल्कुल फ़्री हैं। परंतु पर्यावरण को शुद्ध रखना अत्यंत आवश्यक है। जिसका हम सबको पालन करना है।
बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर घूमने जाने का सबसे उत्तम समय अक्टूबर और मार्च महिने के बिच का मना जाता हैं। और ऐसे समय में हल्की हल्की गर्मी और हल्की हल्की सर्दी का मोसम भी होता है।
यदि आप बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर जाने की योजना बना रहे हैं। तो आपको बता दें कि आप बस, ट्रेन, या फिर निजी वाहन के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं।
यदि आप बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर हवाई मार्ग से पहुंचना चाहते हैं। तो आपको बता दें कि गोवा का एक शहर डाबोलिम, जिसे डाबोलिम एयरपोर्ट भी कहा जाता हैं। और यह एयरपोर्ट बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) से सबसे नजदीक है। और इसी एअरपोर्ट से बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) की दूरी लघभग ६१ किलोमिटर की है। और सबसे बड़ी बात है कि एयरपोर्ट से बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) तक जाने के लिए आपको यहां पर हर प्रकार के वाहन की सुविधाएं भी मिल सकती हैं। जैसे कि आपको घूमने के लिए भी रेंट की बाइक बर्फ्ली बीच पर आसानी से हर जगह पर अवेलेबल रहती है। परंतु आपके पास कोई आईडी रहनी परम आवश्यकता है।
बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर जाने के लिए ट्रेन भी एक बहुत ही अच्छा माध्यम हो सकता है। आपको बता दें कि (वास्को डा गामा रेल्वे स्टेशन) है। और यहां से ( कैनैकोना रेल्वे स्टेशन ) की दूरी लगभग (६४ किलोमीटर) की है। और यहीं से आप एक टैक्सी या यहां कोई निजी वाहन बुक कराके बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) तक बडी आसानी से पहुंच सकते हैं।
यदि आप सड़क मार्ग से बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) पर जाते हैं। तो आप यह मान कर चलो कि आपने पूरा साउथ गोवा ही घूम लिया, और सड़क मार्ग से जाने का आपको यह भी फायदा है कि साउथ गोवा के पूरे प्राकृतिक पर्यावरण को भी देख सकते हैं। परंतु बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) के नजदीक कोई भी बस स्टैंड नहीं है। परंतु बटरफ्लाई बीच से लगभग ६७ किलोमीटर की दूरी पर पणजी का बस स्टैंड हैं। जिसके माध्यम से आप बड़ी आसानी से बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) तक पहुंच सकते हैं।
बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) की एक महत्त्वपूर्ण जानकारी आपको बता दे की यहां पर आप बस, ट्रेन, या फिर बाईक के माध्यम से यहां नही पहुंच सकते। क्यों की यह समुद्र तट घने जंगलों से घिरा हुआ है। और यहीं कारण है की आप पलोलम या अगोंडा समुद्र तट के माध्यम से ही बटरफ्लाई बीच ( बर्फ्ली बीच ) तक पहुंच सकते हैं। और यहां तक पहुंचें ने के लिए एक नाव की सवारी करनी होगी और इसके लिए आपको केवल मात्र आपको १००० रूपये से लेकर १२०० रूपये तक की लागत देनी होगी। आप बटरफ्लाई बीच की यात्रा मानसून के मौसम में न करे क्योंकि इस दौरान यहां नौका बिहार संभव नही हो पाता हैं। |
यह मानसून की उन शामों में से एक थी जब बारिश ने लुका-छिपी का खेल खेला था। हम कोयंबटूर से पोल्लाची जा रहे थे। चिकनी सड़कों और लयबद्ध यातायात से लथपथ, हमने ध्यान नहीं दिया कि बारिश शुरू हो गई है। हालांकि, हमारे गंतव्य पर बारिश के कोई संकेत नहीं थे। कुछ भी असामान्य नहीं है, कोई सोच सकता है: बादल शायद बह गए थे। लेकिन जब हम वापस चले गए, तो जब हम पहले की तरह ठीक उसी स्थान को पार कर गए तो बारिश शुरू हो गई। यह ऐसा था जैसे किसी ने पोलाची-कोयंबटूर फ्लाईओवर पर उस विशेष खंड पर एक विशाल हाथ से स्नान किया हो। वहां जो शहर खड़ा है, वह किनाथुकदावु है।
स्थानीय लोगों से पूछें और वे आपको बताएंगे कि यह हमेशा से ऐसा ही रहा है। किनाथुदावु चुना गया है: वहां बारिश होती है, भले ही उसके पड़ोसी धूल के समान सूखे हों। पोलाची के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले कोयंबटूर की रहने वाली पैट्रिक जॉनसन याद करती हैं, मुझे याद है कि बस यात्रा के दौरान इस घटना से मैं काफी प्रभावित हुआ था।
उन्हें बिना बाहर देखे भी पता चल जाएगा कि वे कहां हैं। ३० वर्षीय पैट्रिक कहते हैं, जब बस ओथक्कलमंडपम को पार करती थी और किनाथुकाडवु के करीब पहुंचती थी, तो हम अक्सर अपने कॉलेज की बस की छत पर बारिश के परिचित पिटर से मिलते थे। यह गैर-मानसून दिनों में अधिक स्पष्ट था जब कहीं और बारिश नहीं हुई। मजे की बात यह है कि एक बार जब वे शहर को पार करते हैं, तो सड़कें सूखी हो जाती हैं। शाम, विशेष रूप से, सर्द होगी जब बस ने खिंचाव पार किया, वे कहते हैं, उन्होंने अपने कॉलेज के वरिष्ठों से इस बारे में पूछा। यह कुछ ऐसा था जिसे हर कोई जानता था और वर्षों से इसे शहर जहां हमेशा बारिश होती है के रूप में माना जाता था।
उत्तर, मौसम ब्लॉगर जी संतोष कृष्णन के अनुसार, शहर के स्थान में निहित है। कोयंबटूर वेदरमैन फेसबुक पेज चलाने वाले संतोष कहते हैं, किनाथुकादावु पश्चिमी घाट के पालघाट दर्रे के ठीक सामने स्थित है। संतोष बताते हैं कि यह दर्रा गुजरात से कन्याकुमारी तक पश्चिमी घाट के साथ सबसे लंबा है।
यह लगभग २८ किलोमीटर लंबा है, वे कहते हैं, यह दर्रा दक्षिण पश्चिम मानसून की नमी से भरी हवाओं को फंसाता है, जो अरब सागर में उत्पन्न होती है, जब वे पश्चिमी घाट से टकराते हैं। हम इसे फ़नलिंग प्रभाव कहते हैं। जबकि बादल पहाड़ों से टकराने पर बिखर जाते हैं, दर्रा उन्हें कीप में जाने देता है। यह बारिश का उपहार पास के किनाथुकदावु को भेजता है।
यह घटना इस क्षेत्र के लिए अद्वितीय है और मुझे वर्षों से मोहित किया है, वे कहते हैं। यह ऐसा कुछ है जिसे भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा अध्ययन किया जाना है। १५ वर्षों से मौसम ब्लॉगिंग कर रहे संतोष कहते हैं, इस शौक में अपने शुरुआती वर्षों में, मैंने सोचा है कि कभी-कभी, बारिश के बादल कोयंबटूर की यात्रा क्यों नहीं करते हैं। जवाब की तलाश में, उन्होंने अनामलाई और पास के पधिमलाई की यात्रा की। कोयंबटूर वेदरमैन अक्सर बैठने और बादलों को देखने के लिए पालघाट दर्रे की यात्रा करते हैं। |
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सोमू वीरराजू ने पूर्व और पश्चिम गोदावरी जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए दो समितियों का गठन किया।
पार्टी के राज्य उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक अय्याजी वेमा, पूर्व मंत्री सी. आदिनारायण रेड्डी और कर्री चिट्टी बाबू वाली समितियों में से एक कोनसीमा और पूर्वी गोदावरी जिले में बाढ़ प्रभावित हिस्सों का दौरा करेगी।
अन्य समिति जिसमें एमएलसी पीवीएन माधव और वाकाती नारायण रेड्डी शामिल हैं, बस्तियों का दौरा करेंगे। पोलावरम परियोजना एलुरु जिले में जलमग्न क्षेत्र।
श्री वीरराजू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पार्टी के नेता पहले से ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। |
साथ ही, कक्षा १ से १0 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
मुगलों के शासन के पश्चात् भारत अंग्रेजीशासन के चंगुल में फंस गया था। सन् १८५७ की क्रान्ति के विफल होने के पश्चात् पराधीनता की जकड़ और ज्यादा प्रबल हो गई थी। इस काल में भारत गम्भीर निर्धनता के साथ अन्धविश्वासों की बेड़ियों में जकड़ा था। अशिक्षा और पिछड़ेपन ने भी उसको घेर लिया था।
नब्बे साल तक स्वतंत्रता के लिए भारतीयों को संघर्ष करना पड़ा। स्वाधीनता के लिए होने वाले संघर्ष की दिशा मोड़ने के लिए ए. ओ. हयूम ने काँग्रेस की स्थापना की। जब महात्मा गांधी भारत आए और काँग्रेस में उनका प्रभाव बढ़ा तो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा और दशा दोनों बदल गईं। पूरा देश उनके पीछे एकजुट हो गया और सन् १९४७ के पन्द्रह अगस्त को भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
स्वाधीन भारत के सामने अनेक समस्याएँ थीं। देश बिखरा हुआ था। अनेक रियासतों के होने के कारण भारत की एकता संकट में थी। तब सरदार पटेल के प्रयासों से इनका भारतीय राष्ट्र में विलय हआ। यह एक बहत बड़ी उपलब्धि थी।
अंग्रेज गवर्नर जनरल लार्ड माउण्ट बेटन की कूटनीति के कारण कश्मीर भारत के लिए आज भी समस्या बना हुआ है। राज्यों का पुनर्गठन भारत की महान उपलब्धि रही। भारतीय संविधान का निर्माण हुआ और २६ जनवरी, सन् १९५० को भारत जनतंत्र बना।
आज भारत को स्वाधीन हुए कई दशक वर्ष बीत चुके हैं। इस बीच देश ने अनेक आन्तरिक तथा बाह्य संकटों का सफलतापूर्वक सामना किया है। इस काल में देश ने बहुत कुछ पाया है तो कुछ खोया भी है। हम यहाँ विभिन्न क्षेत्रों में देश के खोनेपाने का लेखाजोखा संक्षेप में प्रस्तुत करेंगे।
(क) आर्थिक सन् १९४७ में देश में भयंकर निर्धनता थी। आर्थिक दशा अच्छी नहीं थी। खाद्यान्न का भीषण अभाव था। उद्योगव्यापार चौपट था। उसको सुधारने के लिए योजनाबद्ध प्रयासों की आवश्यकता थी। योजना आयोग (अब नीति आयोग) के प्रयास से देश की आर्थिक दशा में बहुत सुधार हुआ है। देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है तथा उल्लेखनीय औद्योगिक प्रगति हुई है।
(ख) सामाजिक विगत वर्षों में देश की विभिन्न जातियों में ऊँचनीच, छुआछूत आदि को दूर करने में सफलता मिली है। सभी धर्मों के अनुयायियों को अपनेअपने धर्म के अनुसार उपासना की स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। भारतीय समाज में अनेक जातियों और धर्मों के मानने वालों में समानता और राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ाने में सफलता मिली है।
(ग) राजनैतिक देश में जनतंत्र स्थापित हुआ है। अनेक राजनैतिक दल बने हैं। इन दलों ने संविधान के अन्तर्गत राष्ट्रनिर्माण का कार्य किया है। जनता में लोकतंत्र के प्रति आस्था पैदा हुई है तथा लोकतन्त्र भारत में मजबूत हुआ है। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
(घ) शैक्षिकभारत में शिक्षा की दयनीय स्थिति में सुधार के प्रयास हुए हैं। नएनए विद्यालय स्थापित हुए हैं। विद्यालयों में पढ़ने जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। लड़कियों को भी विद्यालयों में भेजा जा रहा है। शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार हुआ है। व्यावसायिक तथा प्राविधिक शिक्षा का भी विस्तार हुआ है।
(ङ) वैज्ञानिकआज विज्ञान का युग है। भारत में वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षा को पर्याप्त महत्त्व प्रदान किया गया है। किया गया है। विज्ञान के शिक्षणप्रशिक्षण एवं शोध कार्य की व्यवस्था हुई है। हमारे वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा से भिन्नभिन्न क्षेत्रों में महान कार्य कर रहे हैं। अन्तर्महाद्वीपीय अस्त्रों तथा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने अद्वितीय प्रगति की है।
(च) सुरक्षातंत्रसुरक्षा के क्षेत्र में भी भारत मजबूत हुआ है। अनेक नए वैज्ञानिक उपकरण देश में बनाए जा रहे हैं जिनका उपयोग देश की सुरक्षा के लिए हो रहा है। यद्यपि भारत ने अपने पड़ोसी देशों के अनेक आक्रमण सहन किये हैं किन्तु उनका सफलतापूर्वक सामना करते हुए देश की सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया है।
विगत वर्षों में भारत ने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं किन्तु उसने कुछ खोया भी है। स्वाधीनता से पूर्व देश में हिन्दूमुस्लिम साम्प्रदायिकता नहीं थी। नियंत्रण के प्रयास के बाद भी इसमें वृद्धि हुई है। हमारे स्वतंत्रता सेनानी एक जातिमुक्त समाज बनाना चाहते थे किन्तु पिछले अनेक वर्षों में वोट के लालची नेताओं ने जातिवाद को बढ़ावा दिया है।
जातिमुक्त समाज की रचना में आरक्षण भी बाधक है। इससे सामाजिक एकता भी छिन्नभिन्न हुई है। राजनीति में सिद्धान्तहीनता घर कर चुकी है। इसमें बाहबली नेताओं को बढ़ावा मिला है। सम्प्रदाय और जाति राजनीति के दूषण हैं।
आर्थिक क्षेत्र में प्रगति तो हुई है किन्तु अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब हुए हैं। पूँजी का केन्द्रीयकरण हुआ है, फलत: देश का धन कुछ लोगों की मुट्ठी में बन्द है। जो बाह्य चमकदमक है, उसके पीछे ऋण पर आधारित व्यवस्था है। जीवन में सादगी और सरलता घटी और आपाधापी बढ़ी है।
बीती ताहि बिसारिए, आगे की सुधि लेहु! विगत कुछ वर्षों से घटित हो रही राजनीतिक एवं सामाजिक परिवर्तन की घटनाएँ हमें यही सीख दे रही हैं। शासकों का आत्मविश्वास दृढ़ हो रहा है। वे पारदर्शी तथा जनहितैषी शासन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।। |
हर माता दिता का सपना होता है की उनके बच्चे पढ़ लिख कर एक अच्छी नौकरी पा जाएँ और सेटल हो जाएँ। अधिकतर स्टूडेंट्स भी यही चाहते हैं की पढाई के बाद उन्हें अपनी ड्रीम जॉब मिले और वे अपने पेरेंट्स और क्षेत्र का नाम रोशन करें। बहुत से लोग गूगल (गूगल) जैसी टेक कंपनी (टेक कम्पनी) में जॉब करना चाहते हैं।
गूगल ऐसी कंपनी में हर कोई जॉब करना चाहता है, लेकिन बहुत ही कम लोगों को यहां काम करने का मौका मिल हासिल हो पाता है। कड़ी मेहनत करने वाले स्टूडेंट्स के लिए कोई भी सफलता प्राप्त करना कोई बहुत कठिन काम नहीं है। आज एक ऐसा की किस्सा बिहार (बिहार) से आया है, जहाँ एक बेटी ने कामयाबी पाई है।
पटना नित की पायल खत्री (पायल खत्री) आज कई स्टूडेंट्स के सामने उदाहरण बन गई हैं। यहाँ हम उनकी सक्सेस स्टोरी (सक्सेस स्टोरी) जानेंगे। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (नित) की छात्रा पायल खत्री को गूगल से ३२ लाख का पैकेज मिला है। कंप्यूटर साइंस (कंप्यूटर साइंस) ब्रांच की अंतिम साल की छात्रा कानपुर (कानपुर) की रहने वाली हैं।
सक्सेस प्रिसेंटन इमेजइससे पहले भी पायल को कई और टेक कंपनियों ने ऑफर दिए थे, लेकिन उनका सपना गूगल में काम करने का था। फिर जब गूगल से ऑफर आया, तो उन्होंने हाँ कर दी। वह जल्द ही बेंगलुरु के कार्यालय में ज्वाइन करेंगी।
पायल की इस सफलता से घरवाले भी बहुत खुश है और बधाई देने के लिए पड़ोसियों, परिचितों और रिश्तेदारों की लाइन लग गई है। पायल ने बताया कि उन्हें अमेरिकन एक्सप्रेस और अन्य बड़ी कंपनियों से भी ऑफर आए हैं, लेकिन वह गूगल को ज्वाइन करेंगी। पायल जून-जुलाई में फाइनल ईयर परीक्षा देने के बाद कंपनी ज्वाइन करेंगी।
कानपुर शहर के शारदानगर की मूल निवासी पायल खत्री अब दुनिया की टॉप कंपनी गूगल में नौकरी बनने जा रही हैं। कंपनी ने उन्हें ३२ लाख रुपये सालाना के पैकेज पर जॉब ऑफर किया है। बेटी के चयन पर परिवार में खुशी का माहौल है।
पायल के पिता दीपक खत्री प्रिंटिंग और डिजाइनिंग का काम करते हैं और उनकी मां हिमांशी खत्री गृहिणी हैं। उनकी बहन अनीशा खत्री सीए अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। हाल ही में आफ कैंपस प्लेसमेंट में उन्होंने यह सफलता पाई। मई में उनकी फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा होनी है। जुलाई में कंपनी के बेंगलुरु स्थित कार्यालय में उन्हें ज्वाइन करना होगा।
मोने प्रिसेंटन फोटोएनआइटी पटना (नित पटना) के अधिकारी ने मीडिया में बताया कि अभी तक टोटल ११८ कंपनियां आ चुकी हैं और प्लेसमेंट (कम्पस प्लेसेमनेट २०२२) ११६ प्रतिशत रहा है। ये पहला मौका नहीं है, जब किसी कंपनी ने नित पटना के स्टूडेंट्स को भारी-भरकम पैकेज दिया है।
आपको बता दें की इससे पहले नित की छात्रा आदिती को फेसबुक ने १.६ करोड़ का पैकेज आफर किया था। आदिति इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशन की लास्ट इयर की स्टूडेंट हैं। अभी तक का अधिकतम पैकेज केवल ५० से ६0 लाख का था। अदिति के पिता टाटा स्टील में काम करते हैं, जबकि उनकी मां सरकारी स्कूल में टीचर हैं। |
इस मैच में ओपनिंग करने उतरे सूर्यकुमार यादव (७६) और श्रेयस अय्यर (२४) के बीच दूसरे विकेट लिए हुई ८६ रनों की साझेदारी की बदौलत भारत ने मंगलवार को सेंट किट्स में खेले गए तीसरे टी२० इंटरनेशनल मुकाबले में वेस्टइंडीज को ७ विकेट से हरा दिया।
भारत ने अब पांच मैचों की टी२० सीरीज में २-१ की बढ़त बना ली है। वेस्टइंडीज ने टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए ५ विकेट पर १64 रन का स्कोर बनाया। भारत ने इस स्कोर को एक ओवर बाकी रहते तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया।
वेस्टइंडीज ने पहले बैटिंग करते हुए ५ विकेट पर १६४ रन का स्कोर बनाया। मेजबान टीम के लिए काइल मेयर्स ने ५0 गेंदों में ७३ रन बनाए। भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार को दो और हार्दिक पांडया तथा अर्शदीप सिंह को एक-एक विकेट मिले।
वेस्टइंडीज से मिले १६५ रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए कप्तान राेहित टीम के १९ के स्कोर पर रिटायर्ट हो गए। बल्लेबाजी करते समय रोहित की कमर की मांसपेशी में खिंचाव आ गया और उन्हें बाहर जाना पड़ा। सूर्यकुमार यादव को उनकी बेहतरीन पारी के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच का खिताब मिला। |
शेफ शिप्रा (#चेफ्शीप्रा) एक बहुत ही अग्रणी और श्रेष्ठ ब्लॉग है जो की आप को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की रेसिपीज हिंदी में उपलब्ध करता है। इस ब्लॉग को शेफ शिप्रा द्वारा चलाया जा रहा है, जो की एक बहुत ही उम्दा और कुशल शेफ हैं। इनका नाम किसी परिचय का मोहताज़ नहीं है। जैसा की हम सभी ये जानते हैं की खाना सबसे पहले आँखों से खाया जाता है इसलिए हम यहाँ आपको बताते हैं की किस तरह आप अपने साधारण से बनने वाले खाने को भी स्वादिष्ट और लज़ीज़ बना सकते हैं।
इस ब्लॉग पर हम आपको न सिर्फ भारतीय व्यंजनों के बारे में बताते हैं अपितु देश विदेश के मशहूर व्यंजनों की जानकारी भी उपलब्ध करते है। इससे हमे दूसरे देश की संस्कृति और विविधता की झलक भी मिलती है।
इस ब्लॉग पर हम आपको नाश्ता, स्नैक्स, बेवरेजेज, आचार, चटनी, सलाद, रायता, तंदूरी रेसिपी, परांठे, करी, पुलाव, मिठाई तथा व्रत उपवास की ढेरों रेसिपी साझा करते हैं। साथ ही हम आपको किचन की कुछ टिप्स भी देते हैं जिसके द्वारा आप अपनी रेसिपी को और जायकेदार बना सकते हैं। |
दोस्तों आज हम इस लेख में रिलायंस जिओ इंडस्ट्री के चेयरमेन और कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर मुकेश अंबानी की। जो आज के समय में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। कहा जाता है कि मुकेश अंबानी की हर मिनट की कमाई २३५००० रुपए हैं। दोस्तों मुकेश अंबानी जैसे धनकुबेर के पास पैसे की कोई कमी नहींं है। वह दुनियाा की सबसे महंगी से महंगी वस्तु को भी खरीद सकते हैं।
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने हाल ही में अपने लिए एक रोबोट खरीदा है। इस रोबोट का नाम 'सेक्स मेल डॉल' है। इस रोबोट की कीमत अरबों रुपए में है। क्योंकि यह वह सब काम करता है जो एक पुरुष कर सकता है। आपको इसके नाम से ही अनुमान हो गया होगा कि यह रोबोट सेक्स भी कर सकता है। यह रोबोट एक औरत की सभी जरूरतों को पूरा कर सकता है।
हम आपको बता दें कि नीता अंबानी ने इस रोबोट को सेक्स के लिए नहीं बल्कि अपने घर के काम-काज के लिए खरीदा है। नीता अंबानी एक महारानी जैसा जीवन जीती है। नीता अंबानी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देती है उसका कहना है कि अगर वह स्वस्थ रही तो उसके बच्चे भी स्वस्थ रहेंगे । इस पर वह लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर देती हैं।
मुकेश अंबानी के परिवार की बात करें तो उसके तीन बच्चे हैं। उनकी पुत्री का नाम ईशा अंबानी और पुत्र आकाश अंबानी,अनंत अंबानी है। उनके परिवार में सबसे ज्यादा खर्चीली मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी है।
दोस्तों इस पर आपकी क्या राय है कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं साथ ही पोस्ट को लाइक और अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और ऐसी ही इंटरेस्टिंग न्यूज़ पाने के लिए हिंदी सागर को फॉलो करें। |
नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया राजधानी ट्रेन के ऐसे यात्रियों को यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराएगी जिनका टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया है। सीमित अवधि की विशेष योजना के तहत एयर इंडिया ऐसे लोगों को एसी फर्स्ट के बराबर किराये में यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
एयर इंडिया ने आज कहा कि राजधानी एक्सप्रेस के यात्री उड़ान रवाना होने से चार घंटे पहले टिकट बुक करा सकेंगे। ऐसे वेटलिस्ट यात्रियों से फर्स्ट एसी के बराबर किराया लिया जाएगा।
अपनी सुपर सेवर योजना के तहत एयर इंडिया घरेलू मार्गों पर इकनॉमी क्लास में यह सुविधा उपलब्ध कराएगी। यह योजना २६ जून से ३० सितंबर तक के लिए है।
वर्तमान में भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर प्रतिदिन २१ राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं। प्रतिदिन इन ट्रेनों से २०,००० लोग यात्रा करते हैं। एयरलाइन ने कहा कि हजारों यात्री ऐसे रहते हैं जिनका टिकट कन्फर्म नहीं हो पाता। हम इसी अंतर को पाटने का प्रयास कर रहे हैं। |
: मसूरी विधायक गणेश जोशी की सराहनीय पहल मोदी किचन में अपनी भागीदारी निभाने के लिए कई सामाजिक संस्थाओं एवं लोगों बढ-चढ़कर सहयोग किया जा रहा है। इस अभियान के लिए जहां कई कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर रहे हैं वहीं मंगलवार को गोरखा कल्याण परिषद के अध्यक्ष राज्यमंत्री ले० टीडी भूटिया ने विधायक गणेश जोशी को रुपये 31००० की धनराशि का चैक सौंपा ताकि मोदी किचन के लिए भोजन की सुलभ व्यवस्था हो सके।
विधायक गणेश जोशी ने कहा कि वैश्विक महामारी के इस घड़ी में समाज के सभी समृद्ध व्यक्तियों को आगे आकर मदद के लिए हाथ बढ़ाने चाहिए। उन्होनें कहा कि मोदी-केयर्स अथवा मुख्यमंत्री राहत कोष में भी आप धनराशि को विभिन्न डिजीटल माध्यमों से जमा करवा सकते हैं। विधायक जोशी ने कहा कि हम सब पूरी तरह से इस सकंट के दौरान प्रत्येक देशवासी के साथ खड़े हैं और किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाऐगा। उन्होनें गोरखा कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं राज्यमंत्री टीडी भूटिया के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गोरखा समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यमंत्री भूटिया ने समाज कल्याण के हित में सराहनीय कार्य किया है।
विधायक जोशी ने बताया कि मोदी किचन के माध्यम से सोमवार को ४५०० से अधिक भोजन के पैकेट वितरित किये गये थे और मंगलवार को भी इस अभियान के माध्यम से कई जरुरतमंदों की सहायता की गयी है। उन्होनें कहा कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुण्डीर एवं ग्राम प्रधानों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सैनिटाइजर एवं मास्क वितरण का कार्य करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की ख्याल रखते हुए उन्हें जागरुक किया जा रहा है। |
जैसी करनी वैसी भरनी १९८९ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इस फिल्म में गोविन्दा, कादर ख़ान, शक्ति कपूर और किमी काटकर मुख्य भूमिकाओं में है।
गंगाराम वर्मा ने स्थानीय नगर पालिका के लिए कई सालों तक काम किया है और वह ईमानदार होने के लिए समुदाय में जाना जाता है। ठेकेदारों ने उसे रिश्वत देने के कई प्रयास किये लेकिन सब व्यर्थ रहे हैं। ठेकेदार प्रेम कुमार गंगाराम को एक सबक सिखाने का फैसला करता है। वह गंगाराम के एकमात्र बेटे विजय को अपने कार्यालय में रखता है और बाद में उसकी अपनी एकमात्र बेटी सपना से शादी करा देता है। तीनों ने गंगाराम का भरोसा जीतने की योजना बनाई है और ऐसा करने पर उन्होंने गंगाराम और उसकी पत्नी लक्ष्मी को बेघर छोड़कर उनकी संपत्ति हथिया ली। विजय और सपना अपने बेटे रवि को लाते हैं और उसे बताते हैं कि उसके दादा दादी मर चुके हैं। साल बीतते हैं, फिर एक दिन रवि एक आदमी के पास आता है जो उसके दादा जैसा दिखता है। वह घर तक उनका पीछा करता है और उनके होंठों से सच्चाई सुनता है। रवि अपने माता-पिता को सबक सिखाने का फैसला करता है और उनसे वैसा ही व्यवहार करने का फैसला करता है जैसा उन्होंने उसके दादा दादी के साथ किया था। उसकी प्रेमिका राधा भी उसमें साथ देती है। |
पूर्व उपप्रधानमंत्री जन नायक चौधरी देवीलाल की जयंती पर फतेहाबाद में रविवार को सम्मान दिवस रैली के जरिये इंडियन नेशनल लोकदल शक्ति प्रदर्शन करेगा। रैली में दूसरों प्रदेशों के दिग्गज नेता शिरकत करेंगे।
हरियाणा के फतेहाबाद में सिरसा रोड स्थित नई अनाज मंडी में रविवार को होने वाली इनेलो की सम्मान दिवस रैली में विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा होगा। अगर, शनिवार की तरह की रविवार को बारिश हुई तो दूसरे राज्यों से आने वाले वीआईपी नेताओं की मूवमेंट प्रभावित होगी। हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिक्योरिटी टीम ने आईजी के नेतृत्व में रैली स्थल का दौरा किया। आठ गाड़ियों में आई बिहार सीएम सिक्योरिटी ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिए। इसके बाद सीएम सिक्योरिटी टीम सिरसा रवाना हो गई।
वहीं, फतेहाबाद पुलिस द्वारा भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। नौ डीएसपी सुरक्षा की कमान संभालेंगे। फतेहाबाद के अलावा सिरसा, हिसार, जींद व हांसी से भी पुलिस फोर्स बुलाई गई है।
विपक्षी दलों को एकजुट करने के साथ ही रैली से लोकसभा चुनाव-२०२४ के लिए शंखनाद किए जाने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि विभिन्न राज्यों से इस रैली में नेता आएंगे। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश यादव, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ-साथ, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, संजय झा, शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, ममता बनर्जी के कोई प्रतिनिधि, वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह के आने की भी उम्मीद है।
पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आने की भी संभावना थी। मगर, वह नहीं आएंगे। खुद अभय चौटाला इसकी पुष्टि कर चुके हैं। ममता बनर्जी और गुलाम नबी आजाद को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन वह खुद नहीं आएंगे, बल्कि उनके प्रतिनिधि पहुंचेंगे।
वहीं दिल्ली में आज का दिन विपक्षी एकता की जमीन तैयार करने के लिए अहम होने जा रहा है। क्योंकि सबकी निगाहें अब नीतीश कुमार और लालू यादव पर भी टिकी है, क्योंकि ये दोनों ही नेता रविवार को सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आ रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल की बैठक में लालू यादव ये भी कह चुके हैं कि वो राहुल गांधी से भी मिलेंगे और भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष के बड़े गठबंधन के लिए उन्हें तैयार करेंगे।
ट्रैफिक पुलिस ने रैली के चलते रूट डायवर्ट कर दिए हैं। फतेहाबाद व हिसार के १७० ट्रैफिक पुलिस व होमगार्ड के कर्मचारियों को ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए लगाया है। हिसार से आने वालों को मिनी बाईपास से नई अनाज मंडी भेजेंगे। सिरसा व रतिया की तरफ से आने वालों को दौलतपुर रोड से भेजा जाएगा। शहर का रोड वीआईपी लोगों के लिए खुला रखा जाएगा।
वहीं, रैली से एक दिन पहले ही इनेलो की युवा इकाई और छात्र विंग के वालंटियर्स फतेहाबाद पहुंच गए। इन ६०० से अधिक वालंटियर्स को जाट धर्मशाला में ठहराया गया। इन वालंटियर्स की कर्ण चौटाला ने बैठक लेकर ड्यूटियां लगाई। कार्यकर्ताओं के वाहनों की पार्किंग से लेकर उन्हें रैली स्थल पर बैठाने तक की व्यवस्था वालंटियर्स संभालेंगे। वालंटियर्स को हिदायत दी गई है कि किसी भी कार्यकर्ता को रैली स्थल तक पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या न हो।
हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से आने वाले सियासी दिग्गजों को सीधा एमएम कॉलेज में ले जाया जाएगा। यहां पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला उनकी मेजबानी करेंगे। वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव प्लेन से सिरसा पहुंचेंगे, वहां उनको अभय चौटाला रिसीव करेंगे। इसके बाद एमएम कॉलेज में सभी नेताओं को लंच करवाने के बाद मंच पर ले जाएंगे।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?
खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?
खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?
खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है? |
अमीर बनना है तो अपनाएं अरबपति वारेन बफे की इन १० मन्त्रों को !
एंटरप्रण्यूर बनने के लिए क्या ज़रूरी है क्या नहीं ?
दिल की सुनने में आने वाले ७ छलेंगेस !
जेल से निकलना है तो सुरंग बनाइये !
इंटरव्यू में सफल होने के लिए क्या करें क्या ना करें?
बुसिनेस शुरू करने में देरी की ३ वजहें ! |
प्रधानमंत्री श्री मोदी के स्वच्छता के मंत्र को आत्मसात कर हमारा प्रदेश जन-सहभागिता से स्वच्छता के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान रच रहा है।
भोपाल:- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण २०२२ में वेस्ट जोन में मध्यप्रदेश को टॉप स्टेट बनने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। ओवर ऑल टॉप डिस्ट्रिक्ट में भोपाल को प्रथम और इंदौर को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश को सुजलाम १.० कैम्पेन में पहला और सुजलाम २.० कैम्पेन में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर स्वच्छ और सुंदर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के महायज्ञ में ग्रामीण भारत के निवासी अपना योगदान बढ़-चढ़ कर दे रहे हैं। स्वच्छता ही सुंदरता है। हम सभी के सम्मिलित प्रयासों से स्वच्छ, सुंदर और प्रदूषण रहित राष्ट्र बनेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारे प्रदेश को प्राप्त यह गौरव प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता को लेकर जागरूकता ही नहीं समर्पण भाव भी दृढ़ हुआ है। गाँवों की नई तस्वीर उभरी है। ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में पहला स्थान प्राप्त करने पर प्रदेश के नागरिकों के साथ ही जन-प्रतिनिधि एवं शासकीय अमला भी बधाई का पात्र है। |
अवलोकन आधुनिक तकनीक के आगमन ने आईटी को दुनिया भर में एक तेजी से बढ़ता क्षेत्र बना दिया है। तकनीक के बिना कुछ भी कल्पना करना मुश्किल है। और, कंप्यूटर और टेक्नोलॉजी की बात करें तो सबसे पहला करियर विकल्प जो हर किसी के दिमाग में आता है वो है म्का मास्टर ऑफ कंप्यूटर आप्लिकेशन। सूचना प्रौद्योगिकी की निरंतर प्रगति के साथ, एमसीए स्नातकों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह स्पष्ट है कि विश्लेषणात्मक और भाषा कौशल के मामले में पर्याप्त कौशल के साथ कोई भी एमसीए स्नातक आसानी से आईटी क्षेत्र में नौकरी पा सकता है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय देशों में एमसीए स्नातकों की मांग भी आजकल बढ़ रही है।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पूरी दुनिया अब मोबाइल ऐप के क्षेत्र में एकजुट है। हर छोटे उत्पाद या सेवा के लिए आपको एक मोबाइल ऐप मिलेगा। इसने ऐप डेवलपर्स की भारी मांग पैदा कर दी है। यह भूमिका मुख्य रूप से आईओएस, एंड्रॉइड, ब्लैकबेरी और विंडोज प्लेटफॉर्म के लिए मोबाइल एप्लिकेशन डिजाइन, डिजाइन और निर्माण पर आधारित है। आजकल, हर कंपनी मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने उत्पादों और सेवाओं का विज्ञापन और विपणन करना चाहती है। इसलिए, आप आसानी से किसी भी संगठन में एक ऐप डेवलपर के रूप में नौकरी पा सकते हैं, बशर्ते आपके पास सीखने के लिए सही कौशल और जुनून हो और बाजार के नए रुझानों से अपडेट रहें।
यदि आप महत्वपूर्ण मुद्दों का विश्लेषण करने में अच्छे हैं और आपके पास निर्णय लेने के साथ-साथ समस्या सुलझाने के कौशल भी हैं, तो यह व्यवसाय विश्लेषक प्रोफ़ाइल आपके अनुरूप होगी। एक व्यापार विश्लेषक की भूमिका संबंधित व्यवसाय के तकनीकी और गैर-तकनीकी पहलुओं को ट्रैक करना और तदनुसार महत्वपूर्ण परिवर्तनों का सुझाव देना है। एक एमसीए स्नातक के रूप में यह ज्ञात है कि आपके पास महान डेटा क्रंचिंग कौशल है, हालांकि, यदि आप इसे अपने व्यवसाय और उत्पाद प्रबंधन कौशल के साथ जोड़ते हैं, तो आप इस क्षेत्र में कामयाब होने के लिए बाध्य हैं।
अधिकतर, हर तीसरा एमसीए स्नातक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करना पसंद करता है। सॉफ्टवेयर डेवलपर्स मुख्य रूप से जटिल सॉफ्टवेयर सिस्टम के विकास, डिजाइन और रखरखाव में शामिल होते हैं। उनका काम ग्राहकों की आवश्यकता का अवलोकन और विश्लेषण करके और उनकी आवश्यकता के अनुसार सॉफ्टवेयर सिस्टम को डिजाइन करके आईटी सेवाएं प्रदान करना है। यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण लेकिन रचनात्मक क्षेत्र है, जहां आपसे अपने कौशल दिखाने की अपेक्षा की जाती है जो सामान्य कोडिंग कौशल से परे होते हैं।
व्यवहार में, कोई भी कंपनी समस्या निवारक के बिना जीवित नहीं रह सकती है। एक समस्या निवारक कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर समस्याओं का निदान करता है और प्रौद्योगिकी को उन सभी के लिए सुलभ बनाता है जिन्हें इसकी आवश्यकता है। किसी कंपनी में, यदि कोई आईटी समस्या आती है, तो उसे समय पर ठीक करना एक समस्या निवारक का काम है ताकि परियोजनाओं को समय पर वितरित किया जा सके। वे सॉफ्टवेयर इंजीनियरों और अन्य लोगों के लिए आवश्यक संसाधनों को बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार हैं। यदि आप चुनौतियों का सामना करना पसंद करते हैं और जब भी आपको कोई कार्य सौंपा जाता है तो परिणाम-उन्मुख समाधान खोजने का कौशल होता है, तो यह नौकरी की भूमिका आपके लिए एकदम सही है।
एक सिस्टम एनालिस्ट का काम संबंधित व्यवसाय को आगे बढ़ाने और दक्षता बढ़ाने के लिए नवीन आईटी समाधान मॉड्यूल की अवधारणा और डिजाइन करना है। एक सिस्टम विश्लेषक के रूप में, आपको सॉफ्टवेयर विकास के संदर्भ में ग्राहकों के लिए बेहतर आईटी समाधान प्रणाली डिजाइन करने के लिए मौजूदा व्यवसायों, व्यावसायिक प्रक्रियाओं और मॉडलों का व्यापक अध्ययन करने की आवश्यकता है। वे ग्राहकों और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के बीच एक बिंदु व्यक्ति के रूप में कार्य करते हैं।
यदि आप विज़ुअलाइज़ेशन और कल्पना कौशल में अच्छे हैं, तो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट की भूमिका आपके अनुकूल होगी। सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट आईटी उत्पादों और सेवाओं के डिजाइन और वास्तुकला में उच्च स्तरीय निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल हैं। एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन आर्किटेक्ट की मुख्य नौकरी की जिम्मेदारी तकनीकी मैनुअल और प्रोटोकॉल जैसे टूल, प्लेटफॉर्म और सॉफ्टवेयर कोडिंग मानकों को विकसित करना है। वे कई सॉफ्टवेयर आर्किटेक्चरल मॉडल को सुव्यवस्थित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
कंसल्टेंसी आज एक लोकप्रिय करियर विकल्प के रूप में उभरा है। एक सॉफ्टवेयर सलाहकार का काम व्यावसायिक प्रक्रियाओं की समीक्षा और विश्लेषण करना और व्यावसायिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम सॉफ्टवेयर समाधान और अन्य प्रासंगिक प्रतिक्रिया प्रदान करना है। मूल रूप से, एक सॉफ्टवेयर सलाहकार का उद्देश्य संबंधित कंपनी की बिक्री प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए लागत प्रभावी व्यावसायिक समाधान प्रदान करना है। महत्वपूर्ण रूप से, यह नौकरी पूर्ण वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करती है क्योंकि आप इस प्रोफाइल में अपना काम शुरू कर सकते हैं।
एक हार्डवेयर इंजीनियर का काम कंप्यूटर हार्डवेयर सिस्टम जैसे सर्किट बोर्ड, केबल, हार्ड डिस्क, प्रिंटर, कंप्यूटर चिप्स, राउटर और कीबोर्ड के साथ काम करना होता है। एक हार्डवेयर इंजीनियर के पास कंप्यूटर सिस्टम को स्थापित करने और परीक्षण करने के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने का जुनून होना चाहिए, यह सुनिश्चित करना कि सिस्टम परेशानी मुक्त तरीके से कार्य करता है। हार्डवेयर इंजीनियर हार्डवेयर उपकरणों के विकास और परीक्षण में भी शामिल होते हैं।
यदि आपके पास सटीक तकनीकी कौशल के साथ असाधारण लेखन कौशल है, तो आप तकनीकी लेखन को अपने करियर विकल्प के रूप में चुन सकते हैं। इसके लिए आपको नवीनतम तकनीकों के साथ-साथ गैजेट्स और लेखन में रुचि होनी चाहिए। आमतौर पर, एक तकनीकी लेखक तकनीकी दस्तावेज जैसे उपयोगकर्ता गाइड / मैनुअल, उत्पाद विनिर्देश, श्वेत पत्र, परियोजना योजना और डिजाइन विनिर्देशों को लिखने के लिए जिम्मेदार होता है।
इंटरनेट और ऑनलाइन मार्केटिंग के उदय के साथ, वेब डिजाइनिंग की मांग कई गुना बढ़ गई है। एक वेब डिज़ाइनर क्लाइंट द्वारा साझा किए गए संक्षिप्त विवरण के आधार पर वेबसाइटों के संपादन, डिज़ाइन और विकास के लिए ज़िम्मेदार होता है। एक वेब डिज़ाइनर के रूप में, आपको बहुत कल्पनाशील होना चाहिए और आपके पास उत्कृष्ट विज़ुअलाइज़ेशन कौशल होना चाहिए। एक आकर्षक वेबसाइट डिजाइन करने के लिए आपके पास रंग, फ़ॉन्ट शैली और लेआउट के संबंध में सही रचनात्मक समझ होनी चाहिए। इसके अलावा, आपको ड्रीमविवर, सीसीएस, फोटोशॉप और इलस्ट्रेटर जैसे सॉफ्टवेयर की मजबूत समझ होनी चाहिए, साथ ही साथ एचटीएमएल और फ्लैश का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।
ये कंपनियां अपने वास्तविक समय के कार्य अनुभव और कौशल सेट के आधार पर एमसीए स्नातकों को नियुक्त करती हैं। इसलिए, यदि आपके पास आईटी क्षेत्र में सही कौशल है और कठिन बाजार परियोजनाओं को लेने और निर्धारित समय सीमा के भीतर उन्हें वितरित करने का जुनून है, तो आप इस क्षेत्र में कई गुना बढ़ने के लिए बाध्य हैं।
एक अच्छा प्रोग्रामर बनने के लिए आपके पास जावा, च++, च, .नेट और अस्प.नेट जैसी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाओं में अच्छी कमांड होनी चाहिए।
वेब डिजाइनिंग के क्षेत्र में रुचि रखने वालों को सीएसएस, पीएचपी, जावास्क्रिप्ट और एचटीएमएल जैसी भाषाओं की मजबूत समझ होनी चाहिए।
यदि आप नेटवर्किंग के क्षेत्र में काम करने में रुचि रखते हैं, तो आपको लीनूक्स, स्क्ल आदि में एक मजबूत हाथ होना चाहिए। इसके अलावा, संभावित भर्तीकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए आपको सीसीएनपी, सीसीएनए और सीसीआईई में शीघ्रता से प्रमाणन प्राप्त करना चाहिए।
एमसीए करने के बाद आप एमई (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) कर सकते हैं। |
रेनॉल्ट क्विड को लगभग सभी ग्राहकों ने खूब सराहा है। इसके विदेशी रुप ,प्रभावशाली जगह और सुविधाओं की एक सेट की हर कोई बात करता है। कार में एक ७९६ सीसी पेट्रोल इंजन है जो ५४ पीएस पावर और ७२ न्युटन मीटर टॉर्क उत्पन्न करता है और इसका भार भी काफी कम, मात्र ६६० किलोग्राम है।
भारत में सबसे अधिक ईंधन कुशल पेट्रोल कारों की हमारी सूची में रेनॉल्ट के साथ पहले स्थान पर डॅटसन रेडी-गो है। क्विड और रेडी-गो सीएमएफ-ए मंच का उपयोग करते हैं और इनके इंजन भी समान है। यह ७९९ सीसी की तीन सिलेंडर इंजन के साथ है, जो अधिकतम ५४ पीएस पावर प्रदान करता है।
क्विड की तरह इसका ७९९ सीसी का इंजन ५४ पीएस पावर और ७२ न्युटन मीटर टॉर्क उत्पन्न करता हैं और २५.१७ किमी प्रति लीटर तक की माइलेज देता है। डॅटसन ने जून २०१६ में सिर्फ २.३९ लाख में रेडी-गो का लॉन्च किया था।
भारत में सबसे बेहतर बिकने वाली कार, ऑल्टो ८०० भारत में सबसे अधिक ईंधन कुशल पेट्रोल कारों में से एक है। हाल ही में इसमें किये गए अपडेट के वजह से यह सूची में ऊपर चाली गई है और अब यह क्विड और रेडी-गो के बाद दूसरे स्थान पर हैं और ऑल्टो के१० और सेलेरियओ के ऊपर है।
अपडेट के रूप में, क्विड और रेडी-गो से मुकाबला करने के लिए, ऑल्टो ८०० ने अपनी कीमत कम कर दी हैं। ऑल्टो ८००, ७९६ सीसी पेट्रोल मोटर के साथ है जो ४७.३ बीएचपी पावर और ६९ न्युटन मीटर टॉर्क प्रदान करता है। मारुति ने इसके बाहरी लुक को बेहतर दिखने के लिए कुछ नया जोड़ने की पूरी कोशिश की हैं, क्योंकि इसकी कीमत कम होने के बावजुद लोगो ने इसके लुक की वजह से इसे नहीं खरीदा हैं।
डॅटसन रेडी-गो के लॉन्च और अपडेटेड ऑल्टो ८०० ने भारत में सबसे अधिक ईंधन कुशल पेट्रोल कारों की हमारी सूची में ऑल्टो के१० को नीचे कर दिया है। ऑल्टो ८०० के आधार पर, के१० के पास १.० लीटर के-सीरीज मोटर हैं जो ६७ बीएचपी और 9० न्युटन मीटर टॉर्क उत्पन्न करता है।
मारुति ऑल्टो के१० के पास या तो ५-गति हस्तचालित या ५-गति स्वचालित ट्रांसमिशन हो सकता हैं, दोनों की माईलेज रेटिंग समान है। बाहरी लुक के तौर पर यह पिछले संस्करण की तरह आकर्षक नहीं है, लेकिन अंदरूनी रुप से ये पहले से बेहतर है।
टाटा की नई हैचबैक, टीयागो, भारत में पहले ५ सबसे अधिक ईंधन कुशल पेट्रोल कारों की सूची में पांचवें स्थान पर है। एआरएआई प्रमाणित २३.८४ किमी प्रति लीटर तक का माइलेज प्रदान करने वाली टीयागो में एक बड़े, अधिक शक्तिशाली इंजन होने के बावजूद, वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मारुति सेलेरियो की तुलना में अधिक माईलेज प्रदान करती हैं। टीयागो के पेट्रोल संस्करण की कीमत ३.२ लाख और ३.९४ लाख रुपए के बीच रखी गई है और यह काफी सुविधाओं के साथ पेश की गई है। यह अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में सस्ती हैं।
एक बहुत छोटा सा अंतर के वजह से, नैनो जेनएक्स के रूप में टाटा नैनो छठे स्थान पर हैं। भारत की यात्री कार में कार्यरत, सबसे कम दहन द्वारा संचालित, नैनो एआरएआई परीक्षण परिस्थितियों के अंतर्गत प्रभावशाली २३.६ किलोमीटर प्रति लीटर तक का माइलेज देती है।
टाटा ने नैनो को अपनी नई जेनएक्स में तब्दील कर दिया है और अब यह ए-खंड की हैच में एक वैकल्पिक स्वचालित एएमटी, खुलने वाला हैच और नया बाहरी लुक के साथ उपल्ब्ध है। छोटे क्षमता वाली ६२४ सीसी पेट्रोल मोटर के साथ विकल्प के तौर पर ४- गति की हस्तचालित या ५- गति की एएमटी भी हैं और यह ३७.५ बीएचपी तक पावर और ५1 न्युटन मीटर टॉर्क उत्पन्न करता है।
मारुति सेलेरियो कार भारत में सबसे अधिक ईंधन कुशल कारों में से एक है और २३.१ किलोमीटर प्रति लीटर की माइलेज प्रदान करती है। मारुति सुजुकी द्वारा विकसित, ए-स्टार और एस्टिलो को हटाने के लिए, सेलेरियो एएमटी सुसज्जित मॉडल ने भारत में अपनी लॉन्च के बाद से ही बाजार में अच्छा प्रर्दशन किया है। इसके पास भी वही ईंधन हैं जो ऑल्टो के१0 मे हैं अर्थात ६७ बीएचपी और ९० न्युटन मीटर उत्पादन वाला ९९८ सीसी पेट्रोल और माईलेज मे भी कोई कमी नहीं हैं।
भारत में बिकने वाली अन्य ८०० सीसी की कार, ह्युंडई इऑन, २१.१ किलोमीटर प्रति लीटर की ईंधन क्षमता के हिसाब से भारत में सबसे अधिक ईंधन कुशल कारों की हमारी सूची में नंबर ८ पर आती है।
इऑन का डिजाइन बहुत अच्छा हैं। इऑन के ८१४सीसी और ९९८सीसी पेट्रोल मोटर क्रमश: ५५ बीएचपी और ६८ बीएचपी तक का पावर प्रदान कर सकते हैं। ९९८सीसी पेट्रोल मोटर २०.३ किमी प्रति लीटर तक का माइलेज देता है। |
२०० करोड़ के ठगी मामले में जैकलीन फर्नाडीज का नाम बुरी तरह फंसा हुआ है। इस मामले में जैकलीन से लगातार पूछताछ हो रही है। इतना ही नहीं, इस मामले की तह तक जाने के लिए जांच की आंच अभिनेत्री की स्टाइलिस्ट लीपाक्षी तक पहुंच गई थी। इन सभी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी दावा कर दिया कि जैकलीन का सुकेश चंद्रशेकर के साथ कनेक्शन है, जिसके बाद अभिनेत्री को पटियाला हाउस कोर्ट ने तलब किया। जैकलीन सुबह करीबन १० बजे पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचीं और अब वह कोर्ट से निकल चुकी हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट में जैकलीन के वकील ने उनके लिए जमानत याचिका दायर की है। वहीं, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने भी जैकलीन की जमानत याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है। तब तक उसकी नियमित जमानत कोर्ट में लंबित है। जैकलीन के वकील के अनुरोध पर कोर्ट ने जैकलीन को ५० हजार रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी।
बता दें कि बीते दिनों दिल्ली में आर्थिक अपराध शाखा ने जैकलीन से एक लंबी पूछताछ की थी। यह पूछताछ लगभग १५ घंटे तक चली थी, जिसमें जैकलीन को कई गंभीर सवालों का सामना करना पड़ा था। इन सबके बीच ईडी ने अपनी चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें जैकलीन को भी २०० करोड़ के वसूली केस में आरोपी पाया है। कई गवाहों और सबूत को आधार बनाया गया है।
जैकलीन फर्नांडीज ने इस बात को स्वीकार किया था कि उन्होंने ठग सुकेश से कई महंगे तोहफे लिए थे। जैकलीन के अलावा, इस मामले में और भी अभिनेत्रियों के नाम शामिल हैं, जिसमें नोहा फतेही औ निक्की तंबोली शामिल हैं। दोनों ही अभिनेत्रियों से भी पूछताछ हुई है। बता दें कि २०० करोड़ रुपए की रंगदारी का आरोपी सुकेश चंद्रशेखर वर्तमान में दिल्ली की जेल में बंद हैं और उसके खिलाफ १० से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?
खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?
खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?
खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?
सबसे विश्वसनीय हिन्दी न्यूज वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें मनोरंजन समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। मनोरंजन जगत की अन्य खबरें जैसे बॉलीवुड न्यूज़, लाइव टीवी न्यूज़, लेटेस्ट हॉलीवुड न्यूज़ और मूवी रिव्यु आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़। |
यूपीएससी का सफर हर किसी के लिए अलग अनुभव होता है। आज हम जानेंगे राजस्थान के विजय सिंह गुर्जर की यूपीएससी टॉपर बनने की प्रेरणादायक कहानी जो काफी युवाओं को प्रेरित कर सकता है। दरअसल विजय गुर्जर ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के दौरान काफी चुनौतियों का सामना किया।
लेकिन सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने कभी भी परेशानियों से हार नहीं मानी और चुनौतियों का डटकर सामना दिया। विजय हमेशा से कड़ी मेहनत में यकीन करते थे। उन्होंने कड़ी मेहनत के विकल्प को चुना और आगे लगातार बढ़ते रहें।
पहले वह कांस्टेबल के रूप में नौकरी ज्वाइन करते हैं और फिर आईपीएस बनते हैं और अपने घरवालों का नाम रोशन करते हैं विजय गुर्जर के संबंध में सबसे खास बात यह है कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने के लिए कभी भी कोई भी कोचिंग ज्वाइन नहीं की थी। उन्होंने इस परीक्षा को अपने सेल्फ स्टडी के दम पर निकाला है और आईपीएस के पद तक पहुंचे हैं।
एक किसान परिवार में विजय सिंह गुर्जर का जन्म राजस्थान के एक बेहद छोटे से गांव में हुआ था। विजय के पिता ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। लेकिन इसके बावजूद वह अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देते थे।
क्योंकि वह चाहते थे कि उनके बच्चे बड़े होकर अपने जीवन में कुछ अच्छा करें। विजय गुर्जर की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के ही एक स्कूल में शुरू हुई थी। साथ ही वह अपने पिता का हाथभी खेती में बताया करते थे।
विजय सिंह गुर्जर का कहना है कि उनके गांव में सरकारी नौकरी पाने वाले लोगों को बहुत ही सम्मान दिया जाता है और सम्मान की नजर से देखा जाता था। शायद यही वजह थी कि उनका झुकाव सरकारी नौकरी की तरफ शुरू से रहा।
सबसे पहले वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती होने के लिए तैयारी करते हैं और उन्हें सफलता भी मिलती है। लेकिन वह यहीं पर ठहर नहीं जाते हैं बल्कि वहां कांस्टेबल से आगे बढ़कर सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित होते हैं। लेकिन इसके बाद भी वह यहां पर नहीं रुकते हैं।
सब इंस्पेक्टर बनने के बाद वह एसएससी की तैयारी करना शुरू कर देते हैं और उनका चयन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में एक अच्छे पद पर हो जाता है। लेकिन वहां कुछ और ही बनना चाहते थे इसलिए वह अपनी मेहनत को जारी रखते हैं और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देते हैं।
सरकारी नौकरी पाने के बाद भी विजय सिंह गुर्जर अपने लक्ष्य से नहीं हटे। बल्कि यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहते हैं और साथ में नौकरी भी करते रहते हैं। नौकरी के दौरान जब भी उन्हें समय मिलता है वह पढ़ाई करते थे। यूपीएससी की परीक्षा में साल २०१६ में वह इंटरव्यू के स्टेज तक पहुंचे थे।
लेकिन उनका फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया। तब उन्हें थोड़ा दुख हुआ था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं आ रही और फिर से प्रयास करने के बारे में सोचकर तैयारी में जुट गए। साल २०१७ के यूपीएससी परीक्षा में उनकी मेहनत रंग लाती है और उनका सिलेक्शन हो जाता है। वह आईपीएस के रूप में चयनित होते हैं।
विजय सिंह गुर्जर लगातार मेहनत करते रहे और यही वजह थी कि उन्हें लगातार सफलता मिलती रही। सबसे पहले वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त होते हैं।
उसके बाद वह एसआई का पद प्राप्त करते हैं और फिर एसएससी की परीक्षा पास करके इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पर में उन्हें एक अच्छे पद पर नियुक्त मिलती है।
लेकिन विजय यहां पर भी ठहरते नहीं है और अपनी तैयारी जारी रखते हैं और यूपीएससी की परीक्षा देते हैं। साल २०१७ की यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सफलता प्राप्त होती है।
उनका चयन २०१८ बैच आईपीएस में हो जाता है। विजय सिंह गुर्जर का अभ्यर्थियों को यही सलाह है कि आप किस बैकग्राउंड से हैं इससे कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता है। आपको पूरी मेहनत और लगन के साथ तैयारी करनी चाहिए। यदि पूरे मन से तैयारी की जाती है तो सफलता जरूर मिलती है।
अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें। |
इक ऑप्शन प्राइस चार्ट के नीचे एक अलग विंडो में खुलता है।
तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करने वालों के बीच ट्रेडिंग हेड और शोल्डर बहुत लोकप्रिय है। आज हम इसे अलग करते हैं और आपको दिखाते हैं कि इसे ठीक से कैसे किया जाए।
रिपीटेबल पैटर्न के साथ ट्रेड करना लाभ कमाने का अच्छा तरीका हो सकता है। हालांकि, कुछ पैटर्न दूसरों की तुलना में अधिक विश्वसनीय होते हैं। आज, मैं आपके सामने रिवर्सल पैटर्न पेश करूँगा जो पहले समूह का है। इसे हेड और शोल्डर पैटर्न कहा जाता है।
१ सिर और कंधों का पैटर्न क्या है?
२ क्या हेड और शोल्डर पैटर्न हमेशा शीर्ष या टॉप पर होता है?
३ चार्ट पर सिर और कंधों के पैटर्न की पहचान कैसे करें?
सिर और कंधों का पैटर्न क्या है?
सिर और कंधों का पैटर्न एक बहुत मजबूत गठन है और इसे अन्य पैटर्न की तुलना में पूरा होने में अधिक समय लगता है। बनाने का लंबा समय इस तथ्य के कारण होता है कि यह ऊपर की ओर आंदोलन के चरम पर दिखाई देता है। इसलिए जब सांडों का बाजार पर नियंत्रण होता है तो आप सिर और कंधे के पैटर्न की तलाश शुरू कर सकते हैं। इतने लंबे निर्माण समय का लाभ यह है कि गठन बहुत विश्वसनीय है। इसकी सटीकता अन्य प्रतिवर्ती पैटर्न की तुलना में अधिक है डबल शीर्ष गठन. यह इस प्रकार है कि ट्रेडिंग हेड और शोल्डर पैटर्न आकर्षक साबित हो सकते हैं।
कभी-कभी आप एक पैटर्न के पूरा होने की प्रतीक्षा करते-करते थक सकते हैं। याद रखें, समाप्त होने तक व्यापार न करें। अन्यथा, आप पैसे खो सकते हैं क्योंकि बाजार की स्थिति किसी भी क्षण बदल सकती है और पैटर्न अंततः प्रकट नहीं हो सकता है। लेकिन एक बार यह हो जाने के बाद, एक बार यह समाप्त हो जाने के बाद, आपको अगले मूल्य आंदोलनों की लगभग १००% निश्चितता मिलती है।
क्या हेड और शोल्डर पैटर्न हमेशा शीर्ष या टॉप पर होता है?
होता भी है और नहीं भी। हेड और शोल्डर पैटर्न हमेशा ट्रेंड के शीर्ष पर बनता है। यदि ऐसी कोई समान संरचना ट्रेंड के बीच में या रेंज में दिखती है, तो वह हेड और शोल्डर पैटर्न नहीं है । यह शुरुआत में सिर और कंधों की तरह लग सकता है, लेकिन बाद में आप देखेंगे कि यह वैसा नहीं है। इसलिए आप इसे केवल शीर्ष पर खोजें।
लेकिन यह अपट्रेंड और डाउनट्रेंड का शिखर भी हो सकता है। इस तरह यह ऊपर या नीचे हो सकता है। यदि यह डाउनट्रेंड के दौरान दिखाई देता है, तो इसे रिवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न कहा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह प्रवृत्ति के उच्चतम/निम्नतम बिंदु पर विकसित होता है।
चार्ट पर सिर और कंधों के पैटर्न की पहचान कैसे करें?
आकार सिर और कंधों की याद दिलाता है, इस प्रकार एक नाम। आइए अपट्रेंड पर विचार करें। शीर्ष बिंदु पर कीमत में वृद्धि होती है और फिर गिरावट होती है। उसके बाद, कीमत फिर से बढ़ जाती है, पिछली चोटी की तुलना में फिर से गिरने के लिए। यह सिर है। फिर, कीमत तीसरी बार बढ़ती है, लेकिन दूसरी बार जितनी ऊंची नहीं होती है, और बाद में गिर जाती है। पहला और आखिरी उदय कंधे हैं, मध्य सिर है। एक चोटी और दो निचली ऊँची, यह सिर और कंधों के गठन का एक आकार है।
डाउनट्रेंड में स्थिति समान ही होती है, लेकिन उल्टी दिशा में। सबसे पहले, कीमत नए लो पर गिरेगी और फिर थोड़ा बढ़ेगी जिससे एक शोल्डर या कंधा बनेगा। इसके बाद, यह और अधिक गिर जाएगी और फिर से बढ़ेगी, जिससे हेड या सिर का निर्माण होगा। उसके बाद, कीमत में पुनः गिरावट आएगी, लेकिन दूसरी बार जितनी कम नहीं, यह बढ़ना शुरू हो जाएगी। और दूसरा शोल्डर बन जाएगा।
कीमत को अधिक (या कम) ले जाने और नई चोटियों को बनाने के लिए बैल (या प्रवृत्ति की दिशा के आधार पर) द्वारा किए गए तीन प्रयास हैं। यही कारण है कि इस पैटर्न को विकसित होने में इतना लंबा समय लगता है, लेकिन यही कारण है कि यह इतना विश्वसनीय है। यदि आपके पास केवल तब तक प्रतीक्षा करने का धैर्य है जब तक कि भालू (या बैल) बाजार पर कब्जा नहीं कर लेते, आप महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आइए नीचे दिए गए उदाहरण पर एक नज़र डालें। अपट्रेंड ढूंढें और नोटिस करें कि कीमत कैसे बढ़ रही है। यह एक नए पीक तक बढ़ती है और फिर गिर जाती है। फिर, यह उससे ऊँचे पीक तक बढ़ती है और बाद में गिर जाती है। अंत में, यह कम ऊंचाई तक बढ़ती है और फिर से गिरती है। लगातार तीन चढ़ाव और उतार। शोल्डर, हेड और दूसरा शोल्डर। हमारा पैटर्न बन गया है।
अब मुख्य प्रश्न यह है कि सिर और कंधों के पैटर्न के साथ व्यापार कैसे करें। आपको बस इतना करना है कि प्रतीक्षा करें। हां, न केवल निजी जीवन में बल्कि व्यापार में भी धैर्य महत्वपूर्ण है। आप एक समय के लिए पैटर्न के बनने की प्रतीक्षा कर रहे थे और अभी आप जिस चीज का इंतजार कर रहे हैं, वह वह क्षण है जब कीमत नेकलाइन को तोड़ देती है। और नेकलाइन क्या है? यह है ट्रेंडलाइन जो गठन के सभी तीन चढ़ावों को जोड़ता है।
सावधान रहें, क्योंकि कीमत नेकलाइन की परीक्षा ले सकती है। यह करीब आ सकती है, इसे छू सकती है, लेकिन इसके परे नहीं जाती है। धैर्य रखें। आपको उस बिंदु की प्रतीक्षा करनी है जहाँ कीमत नेकलाइन को काट कर निकाल जाए या टूट जाए।
जहाँ पहली कैंडल नेकलाइन के नीचे क्लोज़ होती है, वही आपका प्रवेश बिन्दु है। ऐसा होने के बाद, बिक्री की पोजीशन खोलें।
अगला उदाहरण उल्टे सिर और कंधों के पैटर्न को दिखाता है जो डाउनट्रेंड के निचले भाग में विकसित होता है। देखें कि कैसे कीमत गिरती है और बढ़ती है, फिर अधिक गिरती है और फिर से बढ़ जाती है और अंत में, नेकलाइन से ऊपर उठने के लिए थोड़ा ही गिरती है।
इस मामले में, नेकलाइन संरचना के सभी उच्च बिन्दुओं में मिलती है। जब पहली कैंडल नेकलाइन के ऊपर क्लोज़ हो, तो आपको खरीद का ट्रांजेक्शन करना चाहिए।
उल्लेखनीय बात यह है कि पैटर्न में हेड की जितनी अधिक ऊँचाई होती है कीमत उतनी ही गिरती (या बढ़ती) है।
दूसरी बात यह है कि पैटर्न का आकार जितना अधिक सममित होता है, पैटर्न उतना ही अधिक मूल्यवान होता है।
आखिरी बात, हेड और शोल्डर एक रिवर्सल पैटर्न है इसलिए आप आश्वस्त हो सकते हैं कि ट्रेंड उलट जाएगा। यह आपको पैसे बनाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
हम आपके सुखद ट्रेडिंग की कामना करते हैं!
यह पोस्ट कितनी उपयोगी थी?
इसे रेट करने के लिए किसी उपयुक्त स्टार पर क्लिक करें!
अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।
सामाजिक मीडिया पर हमारा अनुसरण करें!
हमें खेद है कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी नहीं थी!
हमें इस पोस्ट में सुधार करने दें!
हमें बताएं कि हम इस पोस्ट को कैसे सुधार सकते हैं?
फुलटाइम डे ट्रेडिंग, और मदद इक ऑप्शन विकी अपने खाली समय में शुरुआती लोगों की मदद करने के लिए एक भयानक मंच बनाने के लिए। #डिजिटल-घुमंतू, पूरी दुनिया में घूम रहे हैं।
आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।
२०२२। सर्वाधिकार सुरक्षित।
यह वेबसाइट ईईए देशों के दर्शकों के लिए अभिप्रेत नहीं है।
बिनरी ऑप्शन खुदरा ईईए व्यापारियों को प्रचारित या बेचा नहीं जाता है।
सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करने के लिए, हम डिवाइस की जानकारी को स्टोर और/या एक्सेस करने के लिए कुकीज़ जैसी तकनीकों का उपयोग करते हैं।
ग्राहक या उपयोगकर्ता द्वारा स्पष्ट रूप से अनुरोध की गई विशिष्ट सेवा के उपयोग को सक्षम करने के वैध उद्देश्य के लिए या इलेक्ट्रॉनिक संचार नेटवर्क पर संचार के प्रसारण के एकमात्र उद्देश्य के लिए तकनीकी भंडारण या पहुंच कड़ाई से आवश्यक है।
ग्राहक या उपयोगकर्ता द्वारा अनुरोध नहीं की गई वरीयताओं को संग्रहीत करने के वैध उद्देश्य के लिए तकनीकी भंडारण या पहुंच आवश्यक है।
तकनीकी भंडारण या पहुंच जो विशेष रूप से सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती है। तकनीकी भंडारण या पहुंच जो विशेष रूप से अज्ञात सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती है। एक सम्मन के बिना, आपके इंटरनेट सेवा प्रदाता की ओर से स्वैच्छिक अनुपालन, या किसी तीसरे पक्ष से अतिरिक्त रिकॉर्ड, केवल इस उद्देश्य के लिए संग्रहीत या पुनर्प्राप्त की गई जानकारी का उपयोग आमतौर पर आपकी पहचान के लिए नहीं किया जा सकता है।
विज्ञापन भेजने के लिए, या समान मार्केटिंग उद्देश्यों के लिए किसी वेबसाइट या कई वेबसाइटों पर उपयोगकर्ता को ट्रैक करने के लिए उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल बनाने के लिए तकनीकी भंडारण या पहुंच की आवश्यकता होती है। |
जब आप दान.कॉम पर एक डोमेन नाम खरीदते हैं, तो आप स्वचालित रूप से हमारे खास क्रेता सुरक्षा कार्यक्रम से जुड़ जाते हैं। हम आपको कैसे सुरक्षित रखते हैं, इसके बारे में हमारी विश्वास व सुरक्षा पेज पर और पढ़ें।
हमारी सुरक्षित डोमेन स्वामित्व हस्तांतरण प्रक्रिया के आगे, हम सभी लेनदेन की कड़ाई से निगरानी करते हैं। अगर कुछ अजीब लगता है तो हम तुरंत कार्रवाई करते हैं। और अगर विक्रेता सौदे के अपने हिस्से को वितरित नहीं करता है, तो हम आपको २४ घंटे के भीतर धनवापसी कर देते हैं।
सभी डोमेन स्वामित्व हस्तांतरणों में से ९८% २४ घंटों के भीतर पूरे हो जाते हैं। विक्रेता पहले हमें डोमेन डिलीवर करता है, फिर हम आपको आपके अनुरूप ट्रांसफर निर्देश भेजते हैं। मदद की ज़रूरत है? हमारे डोमेन स्वामित्व हस्तांतरण विशेषज्ञ बिना किसी अतिरिक्त लागत के आपकी सहायता करेंगे।
बैंक वायर से भुगतान करें और १% की छूट पाएं या हमारे भुगतान प्रोसेसर, अद्येन के माध्यम से उपलब्ध सबसे लोकप्रिय भुगतान विकल्पों में से एक का उपयोग करें। अद्येन उबर और ईबे जैसी कई प्रमुख तकनीकी कंपनियों के लिए पसंद का भुगतान मंच है।
मूल्य वर्धित कर (वैट) एक उपभोग कर है जो यूरोपीय संघ (ईयू) में सभी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होता है।
वैट किसे देना है?
यूरोपीय संघ के सभी उपभोक्ताओं से सामान और सेवाओं की खरीद पर वैट लगाया जाता है।
यूरोपीय संघ में एक ही देश में किसी व्यवसाय से खरीदारी करने वाले व्यवसायों पर भी वैट लगाया जाता है।
यूरोपीय संघ के किसी भिन्न यूरोपीय संघ के देश में किसी व्यवसाय से खरीदारी करने वाले व्यवसायों पर वैट नहीं लगाया जाता है।
यूरोपीय संघ के बाहर के उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर वैट नहीं लगाया जाता है।
क्या आपकी वैट गणना गलत है?
इस पृष्ठ पर प्रदान की गई वैट दर केवल एक अनुमान है। आपके बिलिंग विवरण दर्ज करने के बाद चेकआउट प्रक्रिया के दौरान इसे ठीक किया जाएगा। |
देखो देखो आया है नूतन मंगल नव वर्ष नया सब के मन में छाया है देखो इक नव हर्ष नया नई उमंगे नई तरंगे जागृत हुई है जन जन में दिल में छाई नई बहारे हर मन में उत्कर्ष है मधुपों ने गुंजार किया है पुहुपों कि इस बगिया में मन उपवन ने स्वीकार किया रिश्ता कई सहर्ष नया मधुरिम बेला, शीत बहारें, कूजें कोकिल बागों में रजनी बीती एक वर्ष की मन करता चित्रित कर्ष नया मन में कोई रोष द्वेष हो त्यज दो किंचित पल भर में आओ कुल्हड़ वाली चाय पिये बैठे करे विमर्श नया प्लवित हो कुसुमित हो जाएं हैं बुझते रिश्ते जो जग में आगे बढ़ने खातिर उनको मिल जाये इक दर्श नया स्पर्श करें उत्तुंग शिखर _ रहे सफलता हर पल चरणों में सपने अपूर्ण गत वर्ष के जितने मिल जाये उनको अर्श नया।। |
नई दिल्ली, एजेन्सी। पासपोर्ट अब आपके घर के पास ही बनेगा। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हर नागरिक को उसके आवास के ५० किलोमीटर के दायरे में पासपोर्ट सुविधा केंद्र (पासपोर्ट सेवा केंद्र पीएसके) स्थापित करने की घोषणा की है। उन्होंने देश में १४९ नए पासपोर्ट सेवा केंद्र स्थापित करने की घोषणा करने के समय अपनी मंशा बताई। ये केंद्र देश के विभिन्न डाक घरों में खोले जाएंगे। सरकार पहले ही ८६ डाक घरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) स्थापित करने का ऐलान कर चुकी है। स्वराज ने बताया कि मई, २०१४ में एनडीए सरकार के आने बाद अभी तक २५१ पीएसके और पीओपीएसके खोले जा चुके हैं। जबकि ७७ पीएसके पहले से हैं।
स्वराज ने बताया कि देश के डाक घरों का और अध्ययन किया जा रहा है। तीसरे चरण में और डाक घरों में पासपोर्ट बनाने की सुविधा दी जाएगी। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पासपोर्ट बनाने की राह में सबसे बड़ी दिक्कत सुविधा केंद्रों का बहुत दूर होना है।
इसलिए सरकार की कोशिश है कि हर व्यक्ति को उसके घर के ५० किलोमीटर के दायरे में पासपोर्ट सेवा केंद्र मिल सके।
किया गया था जो विदेशों में बसे भारतीय मूल के युवाओं को भारत आने और उन्हें यहां की संस्कृति, माहौल व लोगों से रूबरू करवाता है। पिछले वर्ष से हर वर्ष इस प्रोग्राम के तहत छह टीमों को भारत लाया जा रहा है। |
शिक्षा मानव जगत की धरोहर है जिससे समाज के विकास की सही दिशा व दशा निर्धारित की जाती है। शिक्षा मनुष्य में आत्मविश्वास उत्पन्न करने वाला एक प्रमुख कारक है। आत्मविश्वास व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण पहलू है। आत्मविश्वास व्यक्ति के उस व्यवहार से सम्बन्धित है जिससे वह किसी अन्य व्यक्ति की उपस्थिति या बाहरी वातावरण के बिना स्वयं को सकारात्मक रूप से निर्देशित कर सके। वर्तमान समय में विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की कमी देखने का मिल रही है। आज का विद्यार्थी सफलता तो प्राप्त करना चाहता है पर इस सफलता की प्राप्ति के लिए वह आशंकित रहता है, जिसका कारण उसमें आत्मविश्वास की कमी है। अभिप्रेरणा तथा उचित शैक्षिक, सामाजिक वातावरण द्वारा विद्यार्थियों के आत्म विश्वास में वृद्धि की जा सकती है। विद्यार्थियों का आत्म विश्वास उनके विद्यालय में उच्च शैक्षिक उपलब्धि प्राप्त करने में सहायक होता है, साथ ही आत्मविश्वास द्वारा विद्यार्थियों की असफलता और निम्न शैक्षिक उपलब्धि की समस्या को सुलझाया जा सकता है। |
देश के गरीब नागरिको के लिए सरकारी और निजी हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत योजना को शुरू किया है।
आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत १५ सितंबर २०२३ को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा की गयी थी।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड जारी किया जाता है।
आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड की मदद से लाभार्थी आवश्यकता पड़ने पर ५००००० तक का इलाज मुफ्त में किसी भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में करवा सकते है।
आयुष्मान भारत गोल्ड कार्ड लाभार्थी किडनी लिवर कैंसर जैसी बीमारी टाइप की जैसी १३०० बीमारियों का इलाज चयनित हॉस्पिटलों से करा सकते हैं।
आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड सिर्फ गरीबी रेखा से नीचे के वर्ग में निवास करने वाले नागरिको को जारी किया जाता है।
आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड कैसे बनवाएं?
आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड को आप सीएससी यानी जन सेवा केंद्र अथवा नजदीकी सरकारी हॉस्पिटल से मुक्त में बनवा सकते हैं। |
गार्मिन अपनी साइकिलिंग उत्पाद श्रृंखला में दो नए उत्पादों के लॉन्च के साथ भारत में अपनी उत्पाद श्रृंखला का विस्तार किया है। कंपनी ने एक जीपीएस साइकिलिंग कंप्यूटर, एज १०४० सोलर और वरिया आरसीटी७१५ रियरव्यू रडार एक्टिवेटेड टेल लाइट बिल्ट-इन कैमरा के साथ लॉन्च किया है। गप्स साइकलिंग कंप्यूटर कंपनी के अपने साथ आता है पावरग्लास तकनीक और बैटरी सेवर मोड में १०० घंटे की बैटरी लाइफ देने का दावा करती है। दूसरी ओर, गर्मिनस वेरिया र्क्ट७१५ राइड के दौरान लगातार शार्प, क्लियर वीडियो कैप्चर करता है।
गर्मिन एज १०४० सोलर ७२,९९० रुपये की कीमत के साथ आता है, जबकि वेरिया र्क्ट७१५ रडार कैमरा ४०,४९० रुपये में। दोनों उत्पाद ऑनलाइन उपलब्ध हैं अमेज़न इंडिया वेबसाइट आज (१४ जुलाई) से शुरू हो रही है।
गर्मिन एज १०४० सोलर में एक मल्टी-बैंड ग्नस तकनीक है जो कठिन राइडिंग परिस्थितियों में सटीक गप्स प्लेसमेंट की पेशकश करने का वादा करती है। यह वास्तविक समय की निगरानी और ट्रैकिंग भी प्रदान करता है। कंपनी का दावा है कि डिवाइस को सेटअप करना आसान है और यह गार्मिन कनेक्ट ऐप का उपयोग करता है।
गार्मिन एज १०४० सोलर फर्स्टबीट एनालिटिक्स से भी अंतर्दृष्टि प्रदान करता है जैसे कि वो२ मैक्स, रिकवरी टाइम, ट्रेनिंग लोड, ट्रेनिंग फोकस और बहुत कुछ यह देखने के लिए कि उनका शरीर उनके प्रशिक्षण प्रयासों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है। २ डिवाइस पर आधारित दैनिक कसरत सुझाव भी प्रदान करना जारी रखेगा। सवार का वर्तमान प्रशिक्षण भार और वो२ अधिकतम।
यह डिवाइस क्लाइंबप्रो नाम की एक सुविधा भी प्रदान करता है जो सवारों को देखने में सक्षम बनाता है स्मार्ट नोटिफिकेशन प्राप्त करने और स्वचालित रूप से गार्मिन कनेक्ट पर सवारी अपलोड करने के अलावा, एज १०४० सोलर भी आसानी से टैक्सिंदूर ट्रेनर के साथ जुड़ जाता है, इसलिए साइकिल चालक जब चाहें सवारी कर सकते हैं। सेंसर से कनेक्ट होने पर, साइकिल चालक अपने सेंसर की बैटरी स्थिति का ट्रैक पोस्ट-राइड रिपोर्टिंग के साथ सीधे एज १०४० सौर पर और सवारी के बीच बैटरी अलर्ट संदेशों के माध्यम से गार्मिन कनेक्ट स्मार्ट डिवाइस ऐप के माध्यम से ट्रैक कर सकते हैं।
सवारों की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया वेरिया र्क्ट७१५ अधिकतम जागरूकता प्रदान करता है और १४० गज दूर तक आने वाले वाहनों की सवारियों को चेतावनी देने के लिए दृश्य और श्रव्य दोनों सूचनाएं जारी करता है। डिवाइस पर टेल लाइट को एक मील दूर तक देखा जा सकता है, जिससे सड़क पर चालक राडार द्वारा वाहन को देखने से पहले साइकिल चालक को देख सकते हैं।
डिवाइस गार्मिन एज बाइक कंप्यूटर, गार्मिन स्मार्टवॉच या वेरिया स्मार्ट डिवाइस ऐप के साथ संगत है। जब एक संगत स्मार्टफोन के साथ जोड़ा जाता है, तो डिवाइस चुनिंदा थर्ड-पार्टी ऐप्स के साथ एकीकृत होता है, जैसे कि राइड विद जीपीएस, साइकिल चालकों को रियर व्यू रडार सूचनाएं प्राप्त करने देता है। वेरिया र्क्ट७१५ में रडार और टेल लाइट के साथ ४ घंटे तक की बैटरी लाइफ और सॉलिड हाई या नाइट फ्लैश पर और ६ घंटे तक रडार और टेल लाइट ऑन डे फ्लैश की सुविधा है सभी कैमरा १०८०प पर लगातार रिकॉर्डिंग के साथ। |
लखनऊः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज उ०म०रेलवे के प्रयागराज-कानपुर रेल सेक्शन के किमी ८७९/१-३ पर सिराथू रेलवे स्टेशन के पहले समसा चौराहे के पास(जनपद-कौशाम्बी) नवनिर्मित रेल उपरिगामी सेतु के नामकरण शिलापट्टिका का अनावरण किया। इस सेतु का नामकरण महाराजा बिजली पासी रेल उपरिगामी सेतु रखा गया है। इसकी लम्बाई 8०१.४२५ मीटर एवं लागत रूपये 4०24.३३ लाख है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास की दृष्टि से चाहे सड़क हो या बिजली या आवास सहित अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से आमजन को लाभान्वित करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस रेल उपरिगामी सेतु के बनने से पूर्व फाटक बन्द होने पर आमजन को घण्टों इंतजार करना पड़ता था एवं जाम की विकट स्थिति हो जाती थी, अब सेतु बन जाने से आमजन को आवागमन में सुगमता हो रही है। उन्होंने कहा कि आमजन से विचार-विमर्श करके इस सेतु का नाम महाराजा बिजली पासी रेल उपरिगामी सेतु रखा गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी महापुरूषों से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि महाराजा बिजली पासी की जयंती आगामी २५ दिसम्बर को है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार रोही, भरवारी में रेल उपरिगामी सेतु बनने से आमजन को आवागमन में सुगमता हो रही है तथा अथसराय, सैयद सरावा एवं शुजातपुर में रेल उपरिगामी सेतु का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। बिदनपुर में रेल उपरिगामी सेतु बनाये जाने की घोषणा कर दी गयी है, शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जायेगा। उन्होंने कहा कि सिराथू में सन्त मलूकदास के नाम से रेल उपरिगामी सेतु का लोकार्पण गत दिनों किया गया है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के गठन के पश्चात जनपद कौशाम्बी में कुल ०५ सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है (०१ नदी सेतु व ०४ आर०ओ०बी०), जिसकी लागत १६५.९७ करोड़ रूपये तथा कुल ०५ सेतुओं का निर्माण कार्य चल रहा है (०2 नदी सेतु एवं ०3 आर०ओ०बी०), जिसकी लागत रूपये २७७.६५ करोड़ है। उन्होंने कहा कि तहसील मंझनपुर के ग्राम बढ़हरी में भरत नदी पर सेतु का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। इसी प्रकार उ०म०रे० के प्रयागराज-कानपुर रेल सेक्शन के सम्पार संख्या-१९बी सिराथू रेलवे यार्ड पर अण्डर पास का निर्माण कार्य, उ०म०रे० के अन्तर्गत जनपद प्रयागराज-कानपुर रेल खण्ड के कल्यानपुर बाजार वाया निधियावा से मदवा तक मार्ग पर रेलवे लाइन पार करने हेतु अण्डर पास का निर्माण कार्य, उ०म०रे० के अन्तर्गत प्रयागराज-कानपुर रेल खण्ड के कल्याणपुर से बिदनपुर तक मार्ग पर रेलवे लाइन पार करने हेतु अण्डर पास का निर्माण कार्य एवं उ०म०रे० के अनतर्गत प्रयागराज-कानपुर रेल खण्ड के मूरतगंज करावा-मरधरा मार्ग पर रेलवे लाइन पार करने हेतु अण्डर पास का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। इन प्रस्तावित निर्माण कार्याे का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने से मॉ शीतला देवी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुगमता होगी तथा श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढे़गी। |
थोडी देर में सबेरा हो गया। वह बूढ़ा और धीरसेन दोनों नीचे उतर कर एक जगह बैठ गए और आराम करने लगे। धीरसेन ने कुछ खाया पिया न था। उसे बड़े जोर की भूख लग रही थी। उसने चारों ओर नजर दौड़ाई। लेकिन कहीं कुछ खाने लायक चीज़ न दिखाई दी। तब उसने बूढ़े से पूछा कि भूख मिटाने का कोई उपाय बताओ। यह सुनते ही बूढा टठा कर हंसने लगा। तब धीरसेन को बहुत गुम्सा आया।
'भूख से मेरा दम निकला जा रहा है और तुम्हें हँसी सूझती है ! शायद तुम्हें भूख नहीं लगती होगी! पंख वाले जूतों की ही तरह तुमने भूख मिटाने का भी कोई उपाय ढूंढ लिया होगा!' उसने कहा।
'अरे भई! मैं इसलिए नहीं हँसता हूँ। हमने इतनी मेहनत करके जो तीन चीजें कमाई हैं क्या उनका कोई उपयोग नहीं है! तुम्हें बिना समझे बूझे भूख से चिल्लाते देख कर मुझे हँसी आ गई। देखो, यह थैली जब तक हमारे पास रहेगी तब तक हमें दुनियाँ में किसी चीज़ की कमी न होगी! लो!' यह कह कर बूढ़े ने वह थैली नीचे उलटी।
तुरंत उसमें से तरह तरह की खाने की चीजें निकल पड़ीं। धीरसेन ने खूब खाया। तब बूढ़े ने देव-कन्या की दी हुई तलवार उसके हाथ में दे दी और पुरानी तलवार फेंकवा दी।
'लो, इसे पहन लो! देखो, क्या तमाशा होता है ?' यह कह कर उसने मुकुट उसे पहना दिया। तुरन्त धीरसेन आँखों से ओझल हो गया। बूढ़े को सिर्फ़ हवा में लटका हुआ मुकुट दिखाई देने लगा।
'यहीं तुम्हारी बगल में तो हूँ। धीरसेन ने जवाब दिया।
'क्या मैं तुम्हें दिखाई देता हूँ!' बूढ़े ने धीरसेन से पूछा।
'क्यों न दिखाई दोगे? क्या मैं तुम्हें दिखाई नहीं देता?' धीरसेन ने अचरज के साथ पूछा।
इस तरह मन बहलाने की बातें करते हुए दोनों फिर वहाँ से आगे बढ़ चले। |
लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में अब शत प्रतिशत पेपरलेस वर्किंग शुरू हो गई है। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में एक अहम कदम है। पूर्वोत्तर रेलवे की लखनऊ मंडल की डीआरएम डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने मंगलवार को बताया कि लखनऊ मंडल में पूरी तरह से पेपरलेस वर्किंग शुरू हो गई है। यह डिजिटल इंडिया की दिशा में पूर्वोत्तर रेलवे का एक अहम कदम है। इससे अब मंडल के सभी रेलकर्मियों के साथ उपयोगकर्ता भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि सभी फाइलों का डिजिटलीकरण कराकर पेपरयुक्त फाइलों का काम बन्द कर दिया गया है। छोटे स्टेशनों पर कार्यरत कर्मचारियों की सुविधा के लिए वहां पर ई-कियोस्क लगा दिए गए हैं। स्टेशन मास्टर और सुपरवाइजर वहां से फीडिंग करके पेपर अपलोड करने लगे हैं। इससे रेलकर्मचारियों का काम कम समय में हो रहा है। इससे पहले इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों को बड़ी-बड़ी ड्राइंग बनवाने और सुरक्षित रखने में दिक्कतें होती थीं। लेकिन, अब ई ड्राइविंग अप्रूवल सिस्टम शुरू होने से उन्हें राहत मिली है। डीआरएम ने बताया कि लखनऊ मंडल में ई ऑफिस प्रणाली से पारदर्शिता, समयबद्धता, जवाबदेही, डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता बरकरार रहने के साथ ही कर्मचारियों के काम में लगने वाले समय की भी बचत होने लगी है। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों के बिल, मास्टरशीट, निरीक्षण नोट, छुट्टी के आवेदन, पदोन्नति और सेवानिवृत सम्बन्धी कार्य भी पेपरलैस हो चुके हैं। इसके अलावा अस्पताल सिस्टम और रेलवे वर्क मैनेजमेंट सिस्टम में पहले से ही पेपरलेस कार्य किया जा रहा है। |
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना केंद्र सरकार द्वारा किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में लायी जाने वाली विभिन्न योजनाओं में से एक है। इस योजना की घोषणा माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा नवम्बर २०१४ को की गयी थी। योजना के माध्यम से देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। जिस से सभी गाँव में बिजली पहुंचेगी। दीन दयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजन के माध्यम से सभी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गयी है। आज इस लेख के माध्यम से हम आप को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के बारे में विस्तार से बताएंगे। योजना से होने वाले अनेक लाभ व इसकी विशेषताओं के बारे में भी पूरी जानकारी आप इस लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। कृपया सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।
डीडीयूजीजेवाई योजना के तहत सरकार द्वारा सभी ग्रामीण क्षेत्रों को विद्युतीकरण के माध्यम से विकास की तरफ बढ़ाया जाएगा। गाँव गाँव में बिजली कनेक्शन पहुचायें जाएंगे। सरकार ने दीन दयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजना की घोषणा के समय १००० दिनों के भीतर , यानी की १ मई 20१8 तक १8452 गाँव में विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा था। इस योजना को केंद्र सरकार के विद्युत् मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है। विद्युत मंत्रालय के मार्गदर्शन में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसी) नोडल एजेंसी है। जो योजना के कार्यान्वयन और संचालन की जिम्मेदारी सभालने का कार्य करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा इस दीन दयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजन के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों को ९० % प्रतिशत तक का फण्ड उपलब्ध कराया जाएगा। आप को बताते चलें की ८५ -९० % फण्ड उन राज्यों / केंद्र शाषित प्रदेशों को दिया जाएगा जिन्हे स्पेशल केटेगरी का दर्जा प्राप्त है। और बाकी राज्यों को ६० ७५ प्रतिशत तक का फण्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के लिए कुल ४३०३३ करोड़ रूपए का बजट रखा गया है। इस में सभी ग्रामीण इलाकों में बिजली के पोल , बिजली मीटर , ट्रांसफार्मर , फीडर इत्यादि आवश्यक उपकरणों को लगाया जाएगा।
सभी डिस्कॉम दीन दयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत पात्र माने जाएंगे। इसमें दोनों ही प्राइवेट और राज्य के इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट डिस्कॉम वित्तीय सहायता के पात्र होंगे।
इस योजना के अंतरगत ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (आरईसी / रिक ) क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेंसी है।
ग्राम विद्युत अभियंता (ग्वा) द्वारा इस योजना में तेजी लाने के लिए निगरानी रखने हेतु इस समिति को बनाया गया है।
योजना में प्रमुख पहल के रूप में फीडर लाइन को अलग किया गया है और विवेकपूर्ण ढंग से दोनों में वियुत आपूर्ति सुनिश्चित की है।
विद्युत् की कुल आपूर्ति पहले सम्मिलित रूप से कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्रों में दी जाती थी जिसके चलते दोनों ही क्षेत्रों में आपूर्ति कम पड़ जाती थी। लेकिन अब फीडर अलग होने से ये समस्या भी नहीं आएगी।
दीन दयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजना का उद्देश्य देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर विद्युत् आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचने से सभी क्षेत्रों का विकास होगा। योजना के माध्यम से ग्रामीण इलाकों के विभिन्न क्षेत्र जैसे की स्कूल, अस्पताल, डिस्पेंसरी, कम्युनिटी सेंटर्स, पंचायत भवन, खेत इत्यादि आवश्यक और महत्वपूर्ण जगहों में बहुत सहूलियत हो जाएगी। इस से गाँव / ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा। गाँव में खेती करने वाले किसानों को बिजली से चलने वाले उपकरणों की सहायता से अपनी फसल की उपज बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के माध्यम से सरकार ने समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति तक को विकास की धारा से जोड़ने का संकल्प किया है। और इसलिए विकास के लिए आवश्यक है कि गांव गाँव में बिजली पहुंचे।
द्दुग्जी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में बिजली आएगी जिस से सभी का विकास होगा।
स्वास्थय , शिक्षा और बैंकिंग (एटीएम )के सेवाओं में सुधार होगा। जिस से सभी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।
बिजली आने से ग्रामीण क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों को भी लाभ होगा। किसान बिजली से चलने वाले उपकरणों का उपयोग कर सकेंगे। जिस से कम समय में वो ज्यादा कार्य कर सकेंगे।
कृषि के क्षेत्र में उपज ज्यादा होगी और इस से किसानों की आय भी बढ़ेगी। जिस से उन्हें अपनी आय के लिए किसी और रोजगार को नहीं ढूंढ़ना होगा। और अपनी कृषि जारी रख सकेंगे।
अब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आने से विभिन्न रोजगार के अवसर भी खुलेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए बाहर जाने की आवश्यकता कम पडेगी।
द्दुग्जी योजना से होने वाले विद्युतीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में भी टेलीविज़न , रेडियो , टेलीफोन , इंटरनेट और मोबाइल फ़ोन की सुविधा भी प्राप्त हो जाएगी। जिनसे वो देश विदेश में हो रही सब घटनाओं की जानकारी भी रख सकेंगे।
यही नहीं बल्कि स्कूलों , पंचायतों , पुलिस स्टेशन और अस्पतालों में बिजली आने से सेवाओं का स्तर सुधरेगा और पहले से बेहतर होगा।
इस योजना के तहत सरकार द्वारा एक पोर्टल की शुरुआत की गयी है। इस पोर्टल के माध्यम से सभी नागरिक इस योजना से सम्बन्धित प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
दीन दयाल उपध्याय ग्राम ज्योति योजना (द्दुग्जी) के अंतरगत गर्व पोर्टल को लांच किया गया है। इस पोर्टल की मदद से सभी नागरिक योजना के तहत हो रहे कार्यों व विकास से संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पोर्टल पर योजना के तहत चल रहे कार्यों की नियमित अपडेट उपलब्ध कराये जाने से नीति निर्माण , सार्वजनिक जवाबदेहिता और पारदर्शिता का एक महत्त्वपूर्ण आयाम सुनिश्चित किया गया है। सभी नागरिक आसानी से इस योजना में हो रहे कार्यों को पोर्टल की मदद से देख सकते हैं।
इसके लिए उन्हें स्मार्ट मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट की ही जरूरत पड़ेगी। वो आसानी से उन गाँव की भी विस्तृत जानकारी देख सकते हैं जहां योजना के तहत बिजली पहुंच चुकी है। इसमें विद्युतीकरण की तारिख , लगाए गए पोलों की फोटो , स्थानीय लाइन मैन इत्यादि अन्य आवश्यक जानकारी आप को इस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त हो जाएगी।
आप को बता दें की आप भी इस योजना के तहत लाभ लेना चाहते हैं तो आप को कहीं भी योजना के तहत आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। जैसा की आप जानते हैं की केंद्र सरकार द्वारा सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने की कवायद जारी है। जिसके लिए सरकार ने ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। इसी नोडल एजेंसी द्वारा सभी ग्रामों की सूची तैयार की जाएगी और जल्द से जल्द उन ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा। इस प्रकार से आप इस योजना के तहत घर बैठे ही लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
द्दुग्जी / दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना क्या है ?
ये योजना केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने हेतु चलाई गयी है। योजना के तहत उन सभी गाँव और कस्बों में विद्युत् आपूर्ति की जाएगी जहाँ बिजली नहीं पहुंची है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना कब शुरू हुई?
इस योजना की शुरुआत वर्ष २०१४ , नवंबर में हुई थी।
इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा की गयी है।
द्दुग्जी से संबंधित आधिकारिक वेबसाइट कौन सी है ?
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से जुडी आधिकारिक वेबसाइट है।
इस योजना में आप को आवेदन करने के लिए कही जाने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए द्वारा बनायी गयी नोडल एजेंसी द्वारा सभी पात्र गाँव की सूची बनाया जाएगी। उसके बाद उन सभी ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण किया जाएगा।
इस लेख के माध्यम से हमने आप को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के बारे में सभी आवश्यक जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा करते हैं की आप को इस लेख में दी गयी जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप को इस संबंध में कुछ और जानकारी चाहिए हो या फिर आप कुछ पूछना चाहें तो हमसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं। |
कुछ तत्सम शब्दों की वर्तनी के बारे में बहुधा भ्रम होता है कि इन के अन्त में ट है या ठ? इसकी सबसे सरल पहचान यह है कि यदि विशेषण उत्तमावस्था (सुपरलेटिव डिग्री) में है तो -ष्ठ होगा जैसे कि स्वादिष्ठ, श्रेष्ठ, बलिष्ठ, गरिष्ठ, कनिष्ठ इत्यादि अन्यथा -ष्ट होगा जैसे कि इष्ट, शिष्ट, अनिष्ट, अदिष्ट, अदृष्ट, क्लिष्ट, परिशिष्ट, निकृष्ट, स्वादिष्ट इत्यादि।
स्वादिष्ठ सही वर्तनी है, किन्तु अधिक प्रचलन को देखते हुए स्वादिष्ट को तद्भव स्वीकारा जा सकता है। संस्कृत में तुलना और उत्तमावस्था के लिए -तर, -तम, -ईयान् तथा -इष्ठ हैं जो कुछ तत्सम शब्दों के साथ ही बचे हैं।
हिन्दी में कहना ही हो तो तुलना के लिए स्वादुतर, श्रेयस्कर, बलवत्तर इनका प्रयोग करना होगा क्योंकि -ईयस् -ईष्ठ प्रत्यय हिन्दी में प्रयुक्त नहीं होते हैं। बस -तर और -तम ही बचे हैं। विशेषणों की तुलनावस्था (कंपरतीव डिग्री) या उत्तमावस्था के लिए हिन्दी की अपनी व्यवस्था है: विशेषण के पहले की अपेक्षा, से, तुलना में या सबसे जोड़कर। इसका एक उदाहरण सुन्दर शब्द के लिए नीचे दिया गया है। |
पेशे से शिक्षक और पर्यावरण प्रेमी बाबूराज ने २००७ में प्रकृति के करीब रहने के लिए एक इको-फ्रेंडली घर बनाने की योजना बनाई। उन्होंने तालाब के ऊपर एक तीन मंजिला बैम्बू विला बनाया, यह एक होमस्टे भी है, जिसे बनाने के लिए उन्होंने ९० प्रतिशत बैम्बू खुद ही उगाए हैं।
आज से तक़रीबन १३ साल पहले केरल के वायनाड जिले के बाबूराज ने अपने लिए बैम्बू का घर (बैंबू हाउस) बनाने का सपना देखा था। दरअसल पर्यावरण अनुकूल जीवन जीने के लिए वह एक इको-फ्रेंडली घर में रहना चाहते थे। लेकिन उस दौरान उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक समय ऐसा आएगा जब उनके घर की हर जगह चर्चा होगी क्योंकि बैम्बू से बना उनका घर तालाब के ऊपर होगा।
पेशे से शिक्षक और पर्यावरण प्रेमी बाबूराज को प्रकृति के प्रति अपने लगाव के कारण ही एहसास हुआ कि कंक्रीट के घर बिल्कुल सस्टेनेबल नहीं होते। उन्होंने एक सस्टेनेबल लाइफस्टाइल को अपनाने के फैसला किया। वह बेंगलुरु उरावुं नामक संस्था से भी जुड़े हुए थे। यह संस्था पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली बढ़ावा देने के साथ-साथ, बांस से बने घरों और प्रोडक्ट्स पर भी काम करती है।
साल २००७ में, अपने एक डिजाइनर दोस्त अनीश की मदद से, बाबूराज ने बैम्बू से घर (बैंबू हाउस) बनाना शुरू किया।
तक़रीबन तीन साल बाद उन्होंने वायनाड के थ्रिकाइपट्टा (थ्रिकैपत्ता) गांव में ३००० वर्ग फुट का एक घर बना कर तैयार किया। केरल के इस गांव को राज्य सरकार ने बैम्बू हेरिटेज विलेज का नाम भी दिया है।
बाबूराज ने बैम्बू रिइंफोर्स्मेंट तकनीक का उपयोग करके इस घर को बनाया है। खास बात यह है कि घर बनाने के लिए तक़रीबन ९० प्रतिशत बैम्बू उन्होंने खुद ही उगाएं हैं।
बाबूराज ने जब घर बनाने के लिए जमीन खरीदा था, तब उन्हें पता चला कि यह खेती के लिए उपजाऊ जमीन है। इसलिए उन्होंने वहां पहले तालाब बनाने का सोचा, जिसके बाद घर का निर्माण तालाब के ऊपर किया गया।
हालांकि, शुरुआत में कई लोगों को लगा कि तालाब के ऊपर पिरामिड शेप का यह घर ज्यादा टिकेगा नहीं लेकिन आज इस घर की खूबसूरती को देखने के लिए लोग आते हैं। बाबूराज को मछली पालन का भी शौक है, इसलिए उन्होंने तालाब में किस्म-किस्म की मछलियां भी रखी हैं।
सिर्फ २९ लाख में बना बाबूराज का यह बैम्बू विला (बैंबू हाउस) गांव का सबसे सुन्दर होम स्टे है। बैम्बू विला के बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक करें। |
एस्साय ऑन मके इन इंडिया इन हिन्दी: दोस्तो आज हमने मेक इन इंडिया पर निबंध कक्षा १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९ ,१0, ११, १२ के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।
१.२ अलग अभियान क्यों?
२५ सितंबर २०१४ को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेक इन इंडिया अभियान शुरू किया गया था। यह भारत में निवेश के लिए दुनिया भर के शीर्ष व्यापार निवेशकों को कॉल करने की एक पहल है। यह सभी निवेशकों के लिए देश में कहीं भी किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक बड़ा अवसर है।
इस आकर्षक योजना में विदेशी कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए संसाधन प्रस्ताव हैं। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मेक इन इंडिया अभियान प्रभावी भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है। यह देश में डिजिटल नेटवर्क के बाजार में सुधार के लिए भी था, ताकि व्यापार के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाया जा सके।
इस पहल का प्रतीक एक विशालकाय शेर है जिसमें कई पहिए हैं। यह शांतिपूर्ण प्रगति और देश के जीवंत भविष्य के लिए संकेत देता है। कई पहियों के साथ एक विशाल चलने वाला शेर साहस, शक्ति, तप और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है।
अलग अभियान क्यों?
यह राष्ट्रीय कार्यक्रम देश को वैश्विक व्यापार केंद्र में बदलने के लिए बनाया गया था। क्योंकि इसमें स्थानीय और विदेशी कंपनियों के आकर्षक प्रस्ताव हैं। यह अभियान कई मूल्यवान और सम्मानित नौकरियां बनाने पर केंद्रित है। यह देश के युवाओं की स्थिति में सुधार के लिए लगभग हर क्षेत्र में कौशल वृद्धि प्रदान कर रहा है।
श में ठोस विकास और मूल्यवान रोजगार सृजन सुनिश्चित करना।
शीर्ष निवेशकों की मदद से देश विनिर्माण क्षेत्र में पूरी तरह से आत्म निर्भर बन जाएगा।
यह दोनों पक्षों अर्थात निवेशकों और हमारे देश को लाभ प्रदान करेगा।
ग्लोबल मार्केट में अपने ब्रांड वैल्यू बनाने के लिए मेक इन इंडिया भी कंपनियों की मदद करेगा।
हमारे अपने निवेशक देश में ही बने रहेंगे, जो संसाधनों की कमी और नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता के कारण भारत से बाहर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे थे।
निवेशकों पर किसी भी प्रकार के बोझ को कम करने के लिए भारत सरकार एक बड़ा प्रयास कर रही है। इसके कारण, व्यावसायिक संस्थाओं से सभी प्रश्नों को हल करने के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल की व्यवस्था है। यह पोर्टल अब एक उत्कृष्ट प्रतिक्रिया प्राप्त कर रहा है। सरकार ने एक समर्पित बैक-एंड सपोर्ट टीम बनाई है, ताकि ७२ घंटे की अवधि के भीतर प्रतिक्रिया दी जा सके।
लगभग २५ प्रमुख क्षेत्रों जैसे विमानन, रसायन, आईटी, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल्स, आतिथ्य, पर्यटन, कल्याण और रेलवे को निवेशकों द्वारा काम करने और विश्व नेता बनने के लिए सरकार द्वारा चिह्नित किया गया है।
अब आइए नज़र डालते हैं मेक इन इंडिया के कुछ संभावित नुकसान। इन पहलुओं पर, सरकार को कुछ सुधारात्मक उपाय लागू करने चाहिए।
विकास और विकास लाकर भारत को बेरोजगारी से मुक्त बनाना इस नीति की तत्काल आवश्यकता है। हम युवाओं के लिए बेरोजगारी के मुद्दे को हल करके भारत में गरीबी को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था इस अभियान की सफलता के बाद एक नई ऊंचाई हासिल करेगी। यह बदले में, देश में विभिन्न सामाजिक मुद्दों को हल कर सकता है। |
पूनम डूबे हॉट लुक: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के अंदर पूनम दुबे का नाम काफी ज्यादा चल चुका है। इसी के साथ-साथ उनकी अदाएं और उनके जबरदस्त मुफ्त को देखकर हर कोई उनकी तारीफ करते थकता नहीं है। एक्ट्रेस के एक्सप्रेशन को देखकर हर कोई उनका दीवाना बन जाता है। वही आपको बता दें कि पूनम दुबे (पूनम डूबे) के वीडियोस भी सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल होते रहते हैं। इतना ही नहीं एक्ट्रेस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस समय इतनी तेजी से वायरल होता हुआ नजर आ रहा है जिसे देखकर लोग भी उसे बार-बार देखने के लिए मजबूर होते हुए नजर आ रहे हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पूनम दुबे (पूनम डूबे) ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर कर दिया है। इस वीडियो के अंदर भोजपुरी एक्ट्रेस पूनम दुबे काफी ग्लैमरस अंदाज में देखी जा सकती है। इसी के साथ-साथ उन्होंने अपने बालों को भी खुला रखा हुआ है। जिसे देखकर हर फैंस के दिलों में खलबली सी मच चुकी है। पूनम दुबे (पूनम डूबे) के इस लुक को देखकर हर कोई उनका दीवाना होता जा रहा है। पूनम दुबे का यह रुख काफी ज्यादा जबरदस्त है और गजब धाता हुआ नजर आ रहा है। पूनम दूबे अपने बालों को जीता कर ही नजर आ रही हैं और उन्हें देखकर फैन्स का भी दिल बेहाल होता नजर आ रहा है।
अपने इस लेटेस्ट वीडियो को शेयर करते हुए पूनम दुबे (पूनम डूबे) ने कैप्शन में लिखा है कि ई डोंट नीद तो वर्क ऑन मी बाइकीनी बॉडी, यू नीद तो वर्क ऑन यूर बाइकीनी माइंड। इसी के साथ-साथ आपको बता दें कि पूनम दूबे इस वीडियो के अंदर रेडी फॉर इट (रेडी फॉर इट?) गाने पर जबरदस्त ठुमके लगाती हुई देखी जा सकती है। इसी के साथ साथ वीडियो इंटरनेट पर अपलोड हुआ वैसे ही इस वीडियो पर हजारों में लाइक भी आ चुके हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस वीडियो पर अभी तक ११००० से भी ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं। इसी के साथ-साथ इस का सिलसिला तेजी से आगे बढ़ता हुआ देखा जा सकता है। एक्ट्रेस के इस वीडियो पर काफी दमदार रिएक्शन फैंस देते हुए नजर आ रहे हैं। एक यूजर तो कमेंट करके लिखता है बेहतरीन वही तो दूसरा यूजर उन्हें ब्यूटीफुल बता देता है। |
नारायण सेवा संस्थान ने भी मिलाए राष्ट्र के साथ कदम,
उदयपुर उदयपुर , १० अप्रैल : दिव्यांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके समावेशी कल्याण की दिशा में काम में जुटा धर्मार्थ संगठन नारायण सेवा संस्थान नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस) कोविड- १९ महामारी से उपजे हालात के बीच भी जरूरतमंद लोगों की सहायता का लगातार प्रयास कर रहा है।
संस्थान ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वंचितों को भोजन प्रदान करके उनके जीवन को बचाने का काम किया है। एनजीओ की कोरोना रिलीफ सेवा विंग पूरे शहर में प्रति दिन भोजन के २००० पैकेट वितरित कर रही है। शहर में ऑटो रिक्शा चालक, प्रवासी, स्थानीय निवासी, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों और श्रमिकों को एनएसएस की कोरोना रिलीफ सेवा से जुड़े करीब ५० स्वयंसेवक नियमित रूप से भोजन के पैकेट बांट रहे हैं।
२१ दिन के लाॅकडाउन की घोषणा के बाद अब तक ३१५०० से अधिक भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही दिव्यांग लोगांे ने ९५०० मास्क भी तैयार किए, जिन्हें लोगों को बांटा गया है। कोरोनावायरस के किसी भी संभावित संक्रमण से बचने के लिए संस्थान की टीम सेनिटाइजेशन के साथ-साथ स्वच्छता संबंधी प्रक्रियाओं का पालन कर रही है और भोजन पकाने की प्रक्रियाओं में भी इस बात का ध्यान रखा जा रहा है।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा, निस्संदेह लॉकडाउन को लागू करना कोविड -१९ के प्रसार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण और बहुत आवश्यक कदम है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सरकार द्वारा सुझाए गए अन्य उपायों की पालना भी करें, ताकि हम इस संकट से जल्द से जल्द बाहर निकल सकें।
नारायण सेवा संस्थान जरूरतमंदों का मुफ्त इलाज करने के साथ-साथ इस लॉकडाउन के दौरान उनकी आर्थिक मदद भी कर रहा है। कुछ दिनों पहले, कल्पना और उनकी बालिका को चिकित्सा खर्च के लिए १.८० लाख रुपए की तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता पड़ी और संस्थान ने तत्काल इस राशि का भुगतान अस्पताल को किया।
मौजूदा मुश्किल हालात में नारायण सेवा संस्थान लगातार उन लोगों की मदद कर रहा है, जो लॉकडाउन के कारण अपना जीवन यापन नहीं कर पा रहे और जो सरकारी आश्रय घरों में रह रहे हैं। एनजीओ ने २४ मार्च को कोरोना रिलीफ सेवा अभियान की शुरुआत की, ताकि उन लोगों की मदद की जा सके जिन्हें इन कठिन समय में हमारी सहायता की जरूरत है।
संस्थान द्वारा की जाने वाली प्रमुख पहलों में शामिल हैं- भोजन और खाने-पीने के सामान की निशुल्क सप्लाई, दिव्यांग लोगों द्वारा निर्मित मास्क का वितरण और घनी आबादी वाले इलाकों को सेनिटाइज करना। इसके अलावा, ४५० परिवारों को प्रतिदिन राशन सामग्री का वितरण किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संकट के इस दौर में कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति भूखा न सोने पाए। |
गुजरात में भाजपानीत सरकार को लेकर उठापटक के बीच सीएम विजय रुपाणी ने अपना इस्तीफा दे दिया है और विधायक दल की बैठक में काफी विचार के बाद भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल के नाम पर सहमति बनी। यानि अब भूपेन्द्र पटेल गुजरात के नए मुख्यमंत्री हैं। १२वीं तक पढ़ाई करने वाले भूपेन्द्र भाई पटेल गुजरात के घाटलोदिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वे २०१७ के चुनाव में गुजरात के घाटलोदिया विधानसभा क्षेत्र से वे विधायक चुने गए। आइए उनकी सूर्य कुंडली के मुताबिक जानते हैं कि गुजरात के नए मुख्यमंत्री के तौर पर उनका भविष्य कैसा रहेगा।
१५ जुलाई १९६२ को जन्मे भूपेन्द्र की कुंडली में मिथुन लग्न आता है। और लग्न में ही बुध विराजमान है। इस अनुसार उनका रवैया विश्लेषणात्मक रहेगा। अभी तीन महीने उनके लिए थोड़े चुनौतीपूर्ण रहेंगे, क्योंकि गुरू वक्री होकर अष्टम स्थान में जाने वाला है। अगर हम आज उनको पद मिलने की तिथि की कुंडली का अध्ययन करें तो लगता है कि भाजपा भूपेन्द्र पटेल से उम्मीद रख रही है , उतनी पूरी होनी मुश्किल होगी। आज उनको पद मिलने के समय शनि प्रथम स्थान में वक्री थे। इसलिए सरकार का बहुत ध्यान ओबीसी, ट्राइबल पर ज्यादा रहेगा और आगे उनको वोटर के रुप में लुभाने की कोशिश रहेगी। पद मिलने के दिन की कुंडली के मुताबिक भूपेन्द्र केन्द्र के भरोसा ज्यादा रहेंगे, उन्हें काम समझने में थोड़ा समय लगेगा।
शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद से यहां की राजनीति में उथल-पुथल मच गई और कयासों का दौर शुरू हो गया। हालांकि अगले सीएम को लेकर कई नामों पर चर्चा चली, लेकिन हर बार की तरह बीजेपी ने इस बार भी चौंकाया। सारे नामों को दरकिनार करते हुए भूपेन्द्र भाई पटेल के नाम पर सहमति बनी। पिछली चुनाव में उन्होंने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी, जो गुजरात के सभी विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा था, जो एक रिकार्ड है।
दिन की खास योजना बनाने की संपूर्ण गाइड !
आपके जीवन को बेहतर बनाने के लिए सूक्ष्म अध्ययन !
२०२२ में आने वाली किसी भी मुसीबत का आसान समाधान !
आपकी राशि - तथ्य, विशेषता, लकी चार्म्स आदि !
विशेषज्ञ और प्रमाणित ज्योतिषियों के एक पैनल के साथ एक टेक्नोक्रेट द्वारा स्थापित, प्रिडिक्टिव टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड (मिपंडित) की लॉन्चिंग वर्ष २०१९ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर की गई थी। मिपंडित इयोस और अंड्रॉयड ऐप के माध्यम से किफायती मूल्यों पर प्रामाणिक व्यक्तिगत ज्योतिषीय सेवाएं प्रदान करता है। |
टेनसरलो विशेष रुचि समूह (त्फ सिग्स) टेनसरलो पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख भागों में सामुदायिक योगदान का आयोजन करते हैं। सिग लीड और सदस्य महत्वपूर्ण टेनसरलो उपयोग मामलों के निर्माण और समर्थन के लिए मिलकर काम करते हैं।
सिग का नेतृत्व ओपन सोर्स समुदाय के सदस्य करते हैं, जिसमें उद्योग सहयोगी और मशीन लर्निंग गूगल डेवलपर विशेषज्ञ (म्ल गड़े) शामिल हैं। टेनसरलो की सफलता काफी हद तक उनकी कड़ी मेहनत और योगदान के कारण है।
हम आपको टेनसरलो के उस पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्र में काम करने वाले सिग में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिसकी आप सबसे अधिक परवाह करते हैं। सभी सिग में समान स्तर की ऊर्जा, कार्यक्षेत्र की चौड़ाई या शासन मॉडल नहीं होंगे - अधिक जानने के लिए हमारे सिग चार्टर ब्राउज़ करें। टेनसरलो फोरम पर सिग लीड और सदस्यों के साथ जुड़े रहें, जहाँ आप पसंदीदा टैग की सदस्यता ले सकते हैं और नियमित सिग मीटिंग के बारे में अधिक जान सकते हैं।
सिग एड्डंस सामुदायिक योगदान का एक भंडार बनाता है और रखता है जो अच्छी तरह से स्थापित एपीआई पैटर्न के अनुरूप है, लेकिन कोर टेनसरलो में उपलब्ध नई कार्यक्षमता को लागू नहीं करता है।
टेनसरलो मूल रूप से बड़ी संख्या में ऑपरेटरों, परतों, मीट्रिक, हानियों, अनुकूलक, और बहुत कुछ का समर्थन करता है। हालांकि, एमएल जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र में, कई नए विकास हैं जिन्हें कोर टेंसरफ्लो में एकीकृत नहीं किया जा सकता है (क्योंकि उनकी व्यापक प्रयोज्यता अभी तक स्पष्ट नहीं है, या यह ज्यादातर समुदाय के एक छोटे उपसमुच्चय द्वारा उपयोग किया जाता है)। सिग एड्डंस उपयोगकर्ताओं को स्थायी तरीके से टेनसरलो पारिस्थितिकी तंत्र में नए एक्सटेंशन पेश करने में सक्षम बनाता है।
सिग बिल्ड टेनसरलो बिल्ड प्रक्रिया में सुधार और विस्तार करता है। सिग बिल्ड समुदाय के लिए समुदाय द्वारा योगदान किए गए संसाधनों, गाइडों, उपकरणों और निर्माणों को प्रदर्शित करने वाला एक भंडार रखता है।
सिग इयो, टेनसरलो ई/ओ का रखरखाव करता है, फ़ाइल सिस्टम और फ़ाइल स्वरूपों का एक संग्रह जो टेनसरलो के अंतर्निर्मित समर्थन में उपलब्ध नहीं है।
सिग ज्व्म त्फ जावा बाइंडिंग को बनाए रखता है ताकि उपयोगकर्ता मशीन लर्निंग मॉडल के निर्माण, प्रशिक्षण और चलाने के लिए ज्व्म का उपयोग कर सकें।
जावा और अन्य जेवीएम भाषाएं, जैसे कि स्काला या कोटलिन, दुनिया भर के छोटे-से-बड़े उद्यमों में अक्सर उपयोग की जाती हैं, जो बड़े पैमाने पर मशीन लर्निंग को अपनाने के लिए टेनसरलो को एक रणनीतिक विकल्प बनाती है।
सिग मॉडल टेनसरलो २ में अत्याधुनिक मॉडल कार्यान्वयन में योगदान को सक्षम करने और अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए टेनसरलो २ का उपयोग करने की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर केंद्रित है। उपसमूह विभिन्न मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों (विजन, एनएलपी, आदि) के आसपास उन्मुख होते हैं।
सिग मॉडल टेनसरलो मॉडल गार्डन और टेनसरलो हब के आसपास चर्चा और सहयोग की मेजबानी करते हैं। नीचे गितुब पर योगदान करने का तरीका जानें, या फ़ोरम पर अनुसंधान और मॉडल पर चर्चा करें।
सिग माइक्रो, माइक्रोकंट्रोलर्स के लिए टेनसरलो लीट पर चर्चा करता है और अपडेट साझा करता है, टेनसरलो लीट का एक पोर्ट जिसे डस्प, माइक्रोकंट्रोलर और सीमित मेमोरी वाले अन्य उपकरणों पर मशीन लर्निंग मॉडल चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
सिग म्लीर टेनसरलो, क्स्ला और त्फ लीट के लिए म्लीर बोलियों और उपयोगिताओं को बनाए रखता है, उच्च प्रदर्शन संकलक और अनुकूलन तकनीक प्रदान करता है जिसे टेनसरलो ग्राफ़ और कोड पीढ़ी पर लागू किया जा सकता है। उनका व्यापक लक्ष्य सामान्य मध्यवर्ती प्रतिनिधित्व (ईर) बनाना है जो नए हार्डवेयर को लाने की लागत को कम करता है, और मौजूदा टेनसरलो उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगिता में सुधार करता है।
सिग नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म-विशिष्ट नेटवर्किंग एक्सटेंशन के लिए कोर टेनसरलो और संबंधित उपयोगिताओं के लिए टेनसरलो नेटवर्किंग रिपॉजिटरी का रखरखाव करती है।
सिग अनुशंसाकर्ता समुदाय द्वारा योगदान और रखरखाव किए गए टेनसरलो पर निर्मित बड़े पैमाने पर अनुशंसा प्रणाली से संबंधित परियोजनाओं का एक संग्रह रखता है। वे योगदान टेनसरलो कोर और टेनसरलो अनुशंसाकर्ताओं के पूरक हैं।
सिग रस्त टेनसरलो के लिए मुहावरेदार रस्ट भाषा बाइंडिंग बनाए रखता है।
सिग टेनसर्बर्ड टेनसर्बर्ड के आसपास चर्चा की सुविधा प्रदान करता है - टेनसरलो कार्यक्रमों के निरीक्षण, डिबगिंग और अनुकूलन के लिए उपकरणों का एक सूट।
सिग त्फ.ज्स टेनसरलो.ज्स को समुदाय द्वारा योगदान किए गए घटकों की सुविधा प्रदान करता है और सिग के माध्यम से परियोजना सहायता प्रदान करता है।
सिग टैक्स-एड्डंस उत्पादन म्ल की जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुकूलन और परिवर्धन के साझाकरण को तेज करता है, दृष्टि का विस्तार करता है, और टेनसरलो एक्स्टेंडेड (टैक्स) और म्ल समुदाय के लिए नई दिशाओं को चलाने में मदद करता है।
आप जो खोज रहे थे वह नहीं मिला? यदि आपको लगता है कि एक नए टेनसरलो सिग की सख्त आवश्यकता है, तो कृपया सिग प्लेबुक पढ़ें और हमारे योगदानकर्ता समुदाय को इसे कैसे प्रस्तावित करें, इस पर निर्देशों का पालन करें। |