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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा वेबनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन तेजी से बढ़ा है। राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढ़की पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव -जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है। सीमान्त क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी २२०० से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड आगमन के लिए अब पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधा है। सर्दियों के समय उत्तराखण्ड का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करता है। अब उत्तराखण्ड में आवागमन के लिए अनेक साधन हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम पर्यटन और ग्रामीण विकास है। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
इस अवसर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, वेबनार के माध्यम से जुड़े प्रसिद्ध फिल्मकार प्रसून जोशी, श्रीमती मनीषा पाण्डे, डॉ. शिवम मणि, मनदीप सिंह, धनुष सिंह एवं पर्यटन गतिविधियों से जुड़े जानकारों ने अपने सुझाव दिये। |
डेमोक्रेटिक पार्टी के ३० वामपंथी अमेरिकी सांसदों ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक याचिका दी है जिसमें कहा गया है रूस के साथ बातचीत से समझौता किया जाए, जो अपने आप में एक असाधारण घटना है।
मुद्रास्फ़ीति, वह "समस्या" है जो इन दिनों पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं को प्रताड़ित कर रही है, जिससे हमें ऐसी नीतियों का पहला उदाहरण मिलता है।
रूसी राष्ट्रपति का यह दौरा उस समय हो रहा है, जब तुर्की और ईरान दोनों को लेकर अमेरिकी नज़रिये में ज़बरदस्त बदलाव देखने को मिल रहा है।
तुर्की के साथ अमेरिका के तिकड़म को समझने के लिए एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की आवश्यकता है।
लैटिन अमेरिका को बाहर रखने और उसके ख़िलाफ़ आक्रामकता की अमेरिकी नीति को जारी रखने के बाइडेन की ज़िद ने उनके शिखर सम्मेलन को शुरू होने से पहले ही नाकाम कर दिया है।
मौसम परिवर्तन एक जानलेवा ग़लत गणना का परिणाम है: वैश्विक कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफ़े के लिए ज़िन्दगियों को जोख़िम में डाला जा सकता है, यहां तक कि उन्हें गंवाया भी जा सकता है। |
वीवो ने व२३ सीरीज के नए स्मार्टफोन विवो व२३ए को लॉन्च कर दिया है। यह इस सीरीज का पहला स्मार्टफोन है। इस सीरीज में कंपनी व२३ए ५ग, व२३ और व२३ प्रो+ को भी लॉन्च करने वाली है। वीवो व२३ए को अभी विएतनाम में पेश किया गया है। इसे इसी साल लॉन्च हुए व२१ए का अपग्रेडेड वेरियंट माना जा रहा है। फोन की कीमत वंड ८,४९०,००० (करीब २७,८00 रुपये) है।
नई दिल्ली। वीवो ने व२३ सीरीज के नए स्मार्टफोन विवो व२३ए को लॉन्च कर दिया है। यह इस सीरीज का पहला स्मार्टफोन है। इस सीरीज में कंपनी व२३ए ५ग, व२३ और व२३ प्रो+ को भी लॉन्च करने वाली है। वीवो व२३ए को अभी विएतनाम में पेश किया गया है। इसे इसी साल लॉन्च हुए व२१ए का अपग्रेडेड वेरियंट माना जा रहा है। फोन की कीमत वंड ८,४९०,००० (करीब २७,८00 रुपये) है।
वीवो का यह फोन ६.४४ इंच के फुल एचडी+ अमोलेड डिस्प्ले के साथ आता है और इसका रिफ्रेश रेट ६0हज़ है। इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस इस फोन में ग्लास बॉडी दी गई है। फोन ८जीबी रैम और 12८जीबी के इंटरनल स्टोरेज से लैस है। प्रोसेसर के तौर पर इसमें कंपनी मीडियाटेक हीलियो ग9६ चिपसेट ऑफर कर रही है। फोटोग्राफी के लिए फोन के रियर में एलईडी फ्लैश के साथ तीन कैमरे लगे हैं।
इनमें ६४ मेगापिक्सल के प्राइमरी कैमरा के साथ एक ८ मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड ऐंगल लेंस और एक २ मेगापिक्सल का डेप्थ लेंस दिया गया है। सेल्फी के लिए फोन में ५० मेगापिक्सल का ऑटोफोकस कैमरा दिया जा रहा है। डडिकेटेड माइक्रो एसडी कार्ड स्लॉट वाले इस फोन में ४०००माह की बैटरी लगी है। यह बैटरी ४४ वॉट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। ओएस की बात करें तो फोन ऐंड्रॉयड ११ पर बेस्ड फंटूछ ओस 1२ पर काम करता है। इस ड्यूल सिम फोन में ५ग के अलावा कनेक्टिविटी के लिए वाई-फाई, ब्लूटूथ ५.२, जीपीएस और ३.५म्म हेडफोन जैक जैसे ऑप्शन दिए गए हैं।
ऑटो न्यूज इलेक्ट्रिक वेहिकल: इलेक्ट्रिक गाड़ियों को खरीदना या किराए पर लेना चाहिए...जानिए क्या है बेहतर?
मनीष असीजा जीवन परिचय : मनीष असीजा ने दूसरी बार साइकिल को किया पंचर, क्या लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक? |
सीबीएसई १०वीं, १२वीं बोर्ड परीक्षा के परिणामों को लेकर छात्रों का इंतजार खत्म होता नहीं हो रहा है। अब तक बोर्ड की ओर से रिजल्ट जारी करने की तिथि की जानकारी नहीं दी गई है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि नतीजे जल्द जारी होने वाले हैं, इसमें कोई देरी नहीं हुई है। लेकिन छात्र अभी तक रिजल्ट ना आने से चिंतित हैं। १२वीं कक्षा के छात्रों को रिजल्ट को लेकर ज्यादा चिंता है। क्योंकि कई कॉलेज में एडमिशन शुरू हो चुके हैं और अब तक उनके १२वीं का रिजल्ट भी नहीं आया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, सीयूईटी भी शुरू हो चुकी है।सीयूईटी के माध्यम से देशभर के ९० विश्वविद्यालयों में यूजी एवं पीजी पाठ्यक्रमों में एडमिशन दिए जाएंगे। सीयूईटी पहले चरण की परीक्षा १५ जुलाई से शुरू हो चुकी है और अगस्त माह में दूसरे फेज की परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बाद सीबीएसई १२वीं के नतीजे ना आने से छात्र असमंजस में हैं। सीबीएसई १०वीं, १२वीं के रिजल्ट जुलाई के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे।
कृपया इस आसान सवाल का जवाब दें। |
आयुष्मान मित्र कैसे बने : देश में नागरिकों को एक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य उद्देश्य के साथ साथ राज्य के बेरोजगार लोगो को रोज़गार देना भी मुख्य है। क्या आपको पता है आयुष्मान मित्र के क्या कार्य है और आयुष्मान मित्र कैसे बने ? अगर नही तो आप इस लेख को अंत तक पढ सकते ताकि आपको इसके बारे मे पूरी जानकारी मिल सके।
भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ किया गया था, जिसके तहत देश के गरीब नागरिकों को बेहतर ढ़ग से स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत ही देश के हर सरकारी अस्पताल की सहयोगतार्थ आयुष्मान मित्र की भर्ती की जाएगी। इस पोस्ट के लिए आवेदन करने वाले प्रार्थीयों को सरकारी व निजी अस्पतालों मे लगाया जायेगा, जहा वे अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। इस योजना के बारे मे अगर स्वास्थ्य मंत्रालय की जानकारी देखें तो आयुष्मान योजना मे उन सभी लोगो को शामिल किया जायेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर है, और आयुष्मान मित्र इस कार्य मे ही लोगो की मदद करने के लिए लगाए जायेंगे जो की अस्पताल के अधीन रहेंगे।
आयुष्मान मित्रों के कुछ मुख्य कार्य जिन्हे उनको करने होंगे।
आयुष्मान मित्र जो भी अस्ताल कार्य करेंगे एवं आयुष्मान योजना के अन्तर्गत जारी साॅफ्टवेयर पर डाटा मैनेज करेंगे।
आयुष्मान मित्रों को आयुष्मान योजना के साफ्टवेयर पर कार्य करना होगा और इस कार्य को करने के लिए आरोग्य मित्रों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
आयुष्मान मित्रों को आयुष्मान साफ्टवेयर मे बायोमेट्रिक के जरिये पहचान की पहचान करनी होगी और उसका डाटा बीमा ऐजेंसी भेजनी होगी जिसके बाद उसका पैसा उस बीमा ऐजेंसी द्वारा अस्पताल को भेजा जायेगा ओर मरीज का इलाज मुफ्त मे किया जायेगा।
आयुष्मान मित्रों को अस्पताल मे लगाने का उद्देश्य यह है की यह अस्पताल मे आने वाले मरीज़ों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने मे मदद कर सके।
आयुष्मान मित्रों को अस्पतालों मे लगाने का दूसरा उद्देश्य यह भी है की इससे बेरोजगारों को रोज़गार मिल सके। इस योजना के अंतर्गत सरकार का लक्ष्य १० लाख रोजगार उपलब्ध करना है।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीज अगर अस्पताल मे भर्ती होता है, और वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो उन्हे ५,००,००0 तक की बीमा सहायता राशि दी जाएगी, जो की राज्य की स्टेट हेल्थ ऐजेंसी द्वारा दी जाएगी। आयुष्मान मित्रों द्वारा मरीज के अस्पताल मे भर्ती होने पर उनकी डाटा एंट्री साफ्टवेयर मे करनी होगी, जिससे की स्टेट हेल्थ ऐजेंसी मरीज के क्लैम की राशि अस्पताल को दी जाये।
आयुष्मान मित्र की शिक्षा का मापदंड देखा जाये तो आवेदक कम से कम १२ कक्षा पास होना चाहिए।
आयुष्मान मित्र हेतु आवेदन के लिए प्रार्थी उस राज्य का मूल निवासी होना चाहिए जिस राज्य मे वह आवेदन कर रहा है, हालांकि कुछ राज्यों मे आवश्यक नही है।
आयुष्मान मित्रों का सम्पूर्ण कार्य कम्प्यूर पर साॅफ्टवेयर के माध्यम से ही किया जायेगा अतः प्रार्थी को कम्प्यूटर का प्रारम्भिक ज्ञान होना चाहिए।
आयुष्मान मित्र हेतु आवेदन करने वाले प्रार्थी की आयु १८ वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
जिन राज्यों में आयुष्मान मित्र भारती ऑफलाइन है उन राज्यों में आरोग्य मित्रों की भारती अस्पताल द्वारा द्वारा की जाएगी। जिसमे आशा बहुओ और स्वाथ्य कर्मियों को प्राथमिक दी जाएगी। राजस्थान मे आरोग्य मित्रों को स्वास्थ्य मित्र के नाम से जाना जाता है एवं इनकी भर्ती राजस्थान मे आर.एम.आर.एस ( राजस्थान मेजिकोज रिलिफ सोसाइटी ) द्वारा कि जाती है।
आयुष्मान मित्र की सैलेरी राज्य सरकार तय करेगी, सामान्यतः एक आरोग्य मित्र की सैलेरी १०,००० से १५,००० के मध्य हो सकती है। इस सैलेरी के अलावा कुछ राज्य सरकार स्वास्थ्य मित्रों को इन्सेंटिव भी मिलता है।
भारत मे आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को एक बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए भारत मे आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पतालों मे आयुष्मान मित्रों को लगाया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ किया गया है जिसके तहत देश के गरीब नागरिकों को बेहतर ढ़ग से स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत ही देश के हर सरकारी अस्पताल की सहायोगतार्थ आरोग्य मित्रों की भर्ती की जाएगी। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीज अगर अस्पताल मे भर्ती होता है और वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो उन्हे ५,००,००0 तक की बीमा सहायता राशि दी जाएगी जो की राज्य की स्टेट हेल्थ ऐजेंसी द्वारा दी जाएगी।
प्रश्न १ आयुष्मान मित्र कौन होते है ?
उत्तर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत ही देश के हर सरकारी अस्पताल की सहायोगतार्थ आरोग्य मित्रों की भर्ती की जाएगी। इस पोस्ट के लिए आवेदन करने वाले प्रार्थीयों को सरकारी व निजी अस्पतालों मे लगाया जायेगा जहा वे अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे।
प्रश्न २ आयुष्मान मित्रों का चयन कैसे होगा ?
उत्तर आयुष्मान मित्रों की सीधी भर्ती केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा नही की जाएगी, इस योजना मे आरोग्य मित्रों का चयन अस्पताल द्वारा किया जायेगा। आयुष्मान मित्र का चयन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से होगा।
प्रश्न ३ आयुष्मान मित्रों की सैलेरी क्या होगी ?
उत्तर आयुष्मान मित्र की सैलेरी राज्य सरकार तय करेगी, सामान्यतः एक आरोग्य मित्र की सैलेरी १०,००० से १५,००० के मध्य हो सकती है। इस सैलेरी के अलावा कुछ राज्य सरकार स्वास्थ्य मित्रों को इन्सेंटिव भी मिलता है।
प्रश्न ४ आयुष्मान भारत योजना मे मरीज़ों को कितनी आर्थिक सहायता दी जाएगी ?
उत्तर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीज अगर अस्पताल मे भर्ती होता है और वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो उन्हे ५,००,००0 तक की बीमा सहायता राशि दी जाएगी जो की राज्य की स्टेट हेल्थ ऐजेंसी द्वारा दी जाएगी।
प्रश्न ५ आयुष्मान मित्रों के मुख्य क्या है ?
उत्तर आयुष्मान मित्र जो भी अस्पताल कार्य करेंगे एवं आयुष्मान योजना के अन्तर्गत जारी साफ्टवेयर पर डाटा मैनेज करेंगे साथ ही अस्पताल मे आने वाले मरीज़ों को उनके बीमा क्लैम करने मे मदद करेंगे। |
इस एडीटोरिअल में थे हिन्दू, थे इंडियन एक्सप्रेस, बुसिनेस लाइन आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में वनों पर आश्रित आदिवासी समुदायों की चुनौतियों और वन अधिकार अधिनियम, २००६ के शिथिल कार्यान्वयन व इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।
भारत अपनी विशाल आबादी और विकास की चुनौतियों के बावजूद वन्यजीवों की एक वृहत विविधता का संरक्षण करने में सफल रहा है। प्रकृति के प्रति स्थानीय समुदायों की आस्था सरकार की निरंतर सफलता और अन्य एजेंसियों द्वारा किये गए संरक्षण के प्रयासों के कारण महत्त्वपूर्ण रही है। हालाँकि सरकार द्वारा चलाए जा रहे संरक्षण के प्रयासों ने आदिवासी लोगों के मन में उस भूमि को खोने का भय उत्पन्न कर दिया है जिस पर वे दशकों से रहते आए थे।
इस संदर्भ में वन अधिकार अधिनियम,२००६ का उचित कार्यान्वयन आवश्यक है, क्योंकि यह अधिनियम आदिवासी लोगों के हितों की रक्षा करने के साथ ही उनके जीवन और आजीविका के अधिकार तथा पर्यावरण संरक्षण के अधिकार के बीच संतुलन स्थापित करने की परिकल्पना करता है।
प्राकृतिक वनस्पतियों का संरक्षण: आदिवासी समुदायों द्वारा पेड़ों को देवी-देवताओं के निवास स्थान के रूप में देखे जाने से जुड़ा धार्मिक विश्वास वनस्पतियों के प्राकृतिक संरक्षण को बढ़ावा देता है।
इसके अलावा, कई फसलों, जंगली फलों, बीज, कंद-मूल आदि विभिन्न प्रकार के पौधों का जनजातीय और आदिवासी लोगों द्वारा संरक्षण किया जाता है क्योंकि वे अपनी खाद्य ज़रूरतों के लिये इन स्रोतों पर निर्भर हैं।
पारंपरिक ज्ञान का अनुप्रयोग: आदिवासी लोग और जैव विविधता एक-दूसरे के पूरक हैं।
समय के साथ ग्रामीण समुदायों ने औषधीय पौधों की खेती और उनके प्रचार के लिये आदिवासी लोगों के स्वदेशी ज्ञान का उपयोग किया है।
इन संरक्षित पौधों में कई साँप और बिच्छू के काटने या टूटी हड्डियों व आर्थोपेडिक उपचार के लिये प्रयोग में लाए जाने पौधे भी शामिल हैं।
प्रकृति और स्थानीय लोगों के बीच व्यवधान: जैव विविधता की रक्षा हेतु आदिवासी लोगों को उनके प्राकृतिक आवास से अलग करने से जुड़ा दृष्टिकोण ही उनके और संरक्षणवादियों के बीच संघर्ष का मूल कारण है।
किसी भी प्राकृतिक आवास को एक विश्व धरोहर स्थल (वर्ल्ड हेरिटेज सायट) के रूप में चिह्नित किये जाने के साथ ही यूनेस्को (यूनेस्को) उस क्षेत्र के संरक्षण का प्रभार ले लेता है।
यह संबंधित क्षेत्रों में बाहरी लोगों और तकनीकी उपकरणों के प्रवेश (संरक्षण के उद्देश्य से) को बढ़ावा देता है, जो स्थानीय लोगों के जीवन को बाधित करता है।
वन अधिकार अधिनियम का शिथिल कार्यान्वयन: वन अधिकार अधिनियम (फ्रा) को लागू करने में भारत के कई राज्यों का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा है।
इसके अलावा विभिन्न संरक्षण संगठनों द्वारा फ्रा की संवैधानिकता को कई बार उच्चतम न्यायालय में चुनौती भी दी गई है।
एक याचिकाकर्त्ता द्वारा उच्चतम न्यायालय में यह तर्क दिया गया कि क्योंकि संविधान के अनुच्छेद-२४६ के तहत भूमि को राज्य सूची का विषय माना गया है, ऐसे में फ्रा को लागू करना संसद के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
विकास बनाम संरक्षण: अधिकांशतः ऐसा देखा गया है कि सरकार द्वारा विकास के नाम पर बाँध, रेलवे लाइन, सड़क विद्युत संयंत्र आदि के निर्माण के लिये आदिवासी समुदाय के पारंपरिक प्रवास क्षेत्र की भूमि को ले लिये जाता है।
इसके अलावा इस प्रकार के विकास कार्यों के लिये आदिवासी लोगों को उनकी भूमि से ज़बरन हटाने से पर्यावरण को क्षति होने के साथ-साथ मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है।
भूमि का अवैध अतिक्रमण: सरकारी आँकड़ों के अनुसार, वर्ष १९८० में वन संरक्षण अधिनियम के लागू होने के पहले लगभग ४३ लाख हेक्टेयर भूमि पर कानूनी अथवा गैर-कानूनी तरीके से अतिक्रमण किया जा चुका था।
वर्ष २००६ में भारतीय वन संरक्षण परिदृश्य में व्यापक बदलाव देखने को मिला जब वन अधिकार अधिनियम के माध्यम से आदिवासियों को स्थानीय उपयोग से आगे बढ़ते हुए वन्य भूमि और वनोत्पाद पर अधिकार प्रदान किया गया।
इस अधिनियम के कार्यान्वयन का उत्तरदायित्त्व केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को सौंपा गया, जबकि संरक्षण का कार्य केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन ही रहा।
वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) कानून का उद्देश्य व्यक्तिगत अधिकारों के माध्यम से खेती और आवास के लिये भूमि की सुरक्षा करते हुए वनवासी समुदायों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय (जिसका सामना उन्हें लगभग १५० वर्षों तक करना पड़ा ) को दूर करना है।
यह १२ से अधिक प्रकार के सामुदायिक वन अधिकारों के माध्यम से वनवासी समुदायों को विभिन्न संसाधनों तक पहुँच प्रदान करता है।
फ्रा वनवासी समुदायों को ऐसे किसी भी सामुदायिक वन संसाधन की रक्षा, पुनर्जीवन, संरक्षण और प्रबंधन का अधिकार देता है, जिसे वे स्थायी उपयोग के लिये पारंपरिक रूप से सुरक्षित और संरक्षित करते रहे हैं।
इसमें संरक्षित क्षेत्रों के भीतर महत्त्वपूर्ण वन्यजीव आवास को चिह्नित करने का प्रावधान है जो वर्तमान में देश के मौजूदा कानूनों में संरक्षण का सबसे मज़बूत प्रावधान है।
फ्रा के तहत वनों के संदर्भ में किसी नए क्लियरेंस को मंज़ूरी नहीं दी जाती है, क्योंकि भूमि पर व्यक्तिगत अधिकार केवल तभी दिया जाएगा जब व्यक्ति (वनवासी) के पास १३ दिसंबर, २००५ को संबंधित भू-भाग का स्वामित्व रहा हो।
आदिवासी लोगों के अधिकारों को मान्यता: किसी भी क्षेत्र की बहुमूल्य जैव विविधता के संरक्षण के लिये वनों पर निर्भर रहने वाले वनवासियों के अधिकारों को मान्यता देना उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना कि विश्व धरोहर के रूप में किसी प्राकृतिक निवास स्थान को चिह्नित करना।
वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन: सरकार को वनवासियों के साथ देश के बाकी सभी लोगों के समान ही व्यवहार करते हुए अपनी एजेंसियों और लोगों के प्रति उनका विश्वास मज़बूत करने का प्रयास करना चाहिये।
वर्तमान में वन अधिकार अधिनियम में व्याप्त कई कमियों की पहचान की जा चुकी है, ऐसे में सरकार को शीघ्र ही इनको दूर करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिये।
जैव विविधता अधिनियम-२००२ में जैव संसाधनों के प्रयोग और इससे जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी से होने वाले लाभ को आदिवासी समुदायों के साथ समान रूप से साझा करने की बात कही गई है।
ऐसे में सभी हितधारकों को यह समझना होगा कि आदिवासी लोगों का पारंपरिक ज्ञान जैव विविधता संरक्षण को अधिक प्रभावी बनाने का एक उपयुक्त विकल्प है।
आमतौर पर आदिवासी लोगों को सबसे अच्छा संरक्षणवादी माना जाता है, क्योंकि वे आध्यात्मिक रूप से प्रकृति से अधिक जुड़ाव रखते हैं।
उच्च जैव विविधता के क्षेत्रों के संरक्षण का सबसे सस्ता और तेज़ तरीका आदिवासी लोगों के अधिकारों का सम्मान करना है।
आदिवासी लोग संरक्षण प्रक्रिया के अभिन्न अंग हैं क्योंकि वे प्रकृति से अधिक एकीकृत और आध्यात्मिक तरीके से जुड़ पाते हैं, आदिवासी लोगों के लिये सम्मान की भावना विकसित करने की आवश्यकता है क्योंकि वन्य क्षेत्रों में आदिवासियों की उपस्थिति जैव विविधता के संरक्षण में सहायक होती है।
अभ्यास प्रश्न: पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में आदिवासी लोगों की भूमिका और चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। |
हाथरस के बरवाना में ३०० वर्ष पुराने अति प्राचीन जैन मंदिर से ३ अष्टधातु की बहुमूल्य प्रतिमाओं की चोरी की घटना घटित हुई। समाज के अनुसार चोरी गई तीनों प्रतिमाएं लगभग ३०० वर्ष पूर्व इसी जगह खुदाई में निकली थी, जिसके बाद यहां मंदिर की स्थापना की गई। चोरी गई तीनों मूर्तियों से समाज के जबर्दस्त आक्रोश और गुस्सा है। काफी समय से मंदिर की देखभाल जगदीश शरण जैन, रविंद्र कुमार आदि करते आये हैं। गांव में चार-पांच जैन परिवार हैं, जो मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।
अति प्राचीन मंदिर होने की वजह से इसके साथ समाज की आस्था जुड़ी हुई है। समाज की बैठक में घटना को लेकर आक्रोश जाहिर किया गया तथा मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता ब्यक्त की गई। बैठक के बाद समाज के लोग पुलिस अधिकारियों से मिले और जल्द मूर्तियां बरामदगी की मांग की। जगदीश शरण जैन ने बताया कि तीनों मूर्तियां बेशकीमती हैं।
उन्होंने बताया कि भगवान की मूर्ति के अलावा यहां सोने और चांदी के छत्र सहित लोहे की गुल्लक और चांदी पीतल के बर्तन रखे थे किंतु चोरों ने इन्हें हाथ नहीं लगाया। उन्होंने केवल मूर्तियों की ही चोरी की। समाज के लोगों में डा. मोहन लाल जैन, सुमत चंद्र जैन, संजीवन जैन, जगदीश शरण जैन के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। जैन नवयुवक सभा ने कहा है कि मूर्ति बरामदगी न होने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
अपने क्षेत्र में हो रही जैन धर्म की विभिन्न गतिविधियों सहित जैन धर्म के किसी भी कार्यक्रम, महोत्सव आदि का विस्तृत समाचार/सूचना हमें भेज सकते हैं ताकि आप द्वारा भेजी सूचना दुनिया भर में फैले जैन समुदाय के लोगों तक पहुंच सके। इसके अलावा जैन धर्म से संबंधित कोई लेख/कहानी/ कोई अदभुत जानकारी या जैन मंदिरों का विवरण एवं फोटो, किसी भी धार्मिक कार्यक्रम की विडियो ( पूजा,सामूहिक आरती,पंचकल्याणक,मंदिर प्रतिष्ठा, गुरु वंदना,गुरु भक्ति,गुरु प्रवचन ) बना कर भी हमें भेज सकते हैं। आप द्वारा भेजी कोई भी अह्म जानकारी को हम आपके नाम सहित पर प्रकाशित करेंगे।
पावागिरि में वार्षिक मेला के चौथे दिन स्वर्ण भद्रादि मुनिराजों का निर्वाण महोत्सव मनाया। |
म्प ई-अपर्जन क्या है ?
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानो से गेहू समर्थन मूल्य पर ख़रीदा जाता है ! इसमें किसानो से अनाज की प्राप्ति के पश्चात, उन्हें अनाज बेचने की रसीद एवं उनके द्वारा बेचे गये अनाज कि राशि सात कार्यालयीन दिवसों में उनके बैंक खाता मे जमा कर दी जयेगी। ई-उपार्जन साफ्ट्वेय़र के माध्यम से संग्रहण केन्द्र को अनाज जारी एवं बारदाने जारी तथा बारदाने कि प्राप्ति की जाती है। उपार्जन केन्द्र मे होने वाली अनाज खरीदी की संपूर्ण प्रक्रिया ई -उपार्जन साफ्ट्वेय़र के माध्यम से ही की जायेगी।
म्प ए उपर्जन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
इसके बाद आपको खरीदी केंद्र की तिथि बताई जाएगी !
नमस्ते! मैं ऋषभ सिंह हूं। मैं आपको यहां रोजगार सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराता हु । यदि आप रेलवे, बैंक, एसएससी, व्यापम, आईबीपीएस या किसी नौकरी से संबंधित कोई खबर देना चाहते हैं, तो कृपया पर लिखें। कृपया अपने ईमेल में अपने पूर्ण नाम, शैक्षणिक योग्यता का उल्लेख करें। |
अगर आपको भी म्क्स प्लेयर पर विडियो हाइड कैसे करे इसके बारे में पता नहीं है थो इस आर्टिकल के जोरिये आपको हॉ तो हाइड विदियोस इन म्क्स प्लेयर इसके बारे में आपको जानने को मिलेगा जैसे म्क्स प्लेयर मे विडियो हाइड कैसे करे - एमएक्स प्लेयर में वीडियो हाइड कैसे करें इसके बारे में आपको पता चल जायगा और इसके साथ आपको इस आर्टिकल से म्क्स प्लेयर मे विडियो उन्हिड कैसे करे - एमएक्स प्लेयर में वीडियो उन्हिड कैसे करें इसके बारे में भी आपको पता चल जायगा थो इस आर्टिकल से आपको इनसब के बारे में जानकारी मिल जायगा अगर आप इनसब के बारे में जानना चाटे है थो इस आर्टिकल को पूरा पोरिये आपको म्क्स प्लेयर मे विडियो हाइड कैसे करे इसके बारे में जानकारी मिल जायगा।
अगर आप म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड करना चाटे है थो आप बोहत आसानी से म्क्स प्लेयर में वीडियो हाईड कर सकते है थो यहा पर आपको म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड करने के ऐसे २ तरीका के बारे में जानने को मिलेगा जिसके जोरिये आप बोहत आसानी से म्क्स प्लेयर पर विडियो हाइड कर सकते है और पहले तरीका में आपको फोल्डर के साथ विडियो हाइड करने के बारे में जानने को मिलेगा और दूसरे तरीका में आपको सिर्फ विडियो हाइड करने के बारे में जानने को मिलेगा और इन दोनों तरीका में से आप किसी भी तरीका के जोरिये म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड कर सकते है मगर इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स को भी फॉलो करना परेगा इसके बाद आप इन स्टेप्स के जोरिये म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड कर सकते है थो म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड करने के लिए कुछ स्टेप्स को फॉलो करें।
और आब आपको नीचे कुछ ऑप्शन देखाई देगा और उनसब के साथ आपको लोकल का एक ऑप्शन भी मिलेगा थो आपको उस लोकल ऑप्शन पर क्लिक करना है।
लोकल पर क्लिक करने के बाद आपके मोबाइल पर जितने भी फोल्डर है बो सारे फोल्डर यहा पर आपको देखने को मिलेगा और उनसब फोल्डर में से आपको उस फोल्डर पर लॉन्ग प्रेस करना परेगा जिस फोल्डर पर बो विडियो है जिस विडियो को आप हाइड करना चाटे है थो जिस फोल्डर पर बो विडियो है उस फोल्डर पर लॉन्ग प्रेस करें और करने के बाद ऊपर राइट सायट पर आपको ३ दोथ देखने को मिलेगा थो आप उस ३ दोथ पर क्लिक कोरिये।
और आब आपको कुछ ऑप्शन देखाई देगा और उनसब ऑप्शन के साथ आपको हाइड का एक ऑप्शन भी मिलेगा थो आपको उस हाइड ऑप्शन पर क्लिक करना है।
हाईड पर क्लिक करने के बाद आप ओक पर क्लिक कोरिये। और जैसे ही आप ओक पर क्लिक करेन्गे तब उस फोल्डर के साथ आपका विडियो भी हाइड हो जायगा। थो इसी तारा से आप बोहत आसानी से म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड कर सकते है।
और आब आपके मोबाइल पर जितने भी फोल्डर है बो सारे फोल्डर यहा पर आपको देखाई देगा थो उनसब फोल्डर में से आपको उस फोल्डर पर क्लिक करना परेगा जिस फोल्डर के किसी विडियो को आप हाइड करना चाटे है थो जिस फोल्डर पर बो विडियो है उस फोल्डर पर आपको क्लिक करना है।
फोल्डर पर क्लिक करने के बाद बो फोल्डर ओपन हो जायगा और उसके अंदर जितने भी विडियो है बो सारे वीडियो आपको देखाई देगा और उनसब वीडियो के पास आपको ३ दोथ भी देखने को मिलेगा और आपको उनसब विडियो में से उस विडियो के पास के ३ दोथ पर क्लिक करना परेगा जिस विडियो को आप हाइड करना चाटे है थो आप जिस विडियो को हाइड करना चाटे है उस विडियो के पास के ३दोथ पर क्लिक कोरिये।
और आब आपको कुछ ऑप्शन देखने को मिलेगा और उनसब के साथ आपको रेनामी का एक ऑप्शन भी मिलेगा थो आपको उस रेनामी ऑप्शन पर क्लिक करना है।
रेनामी पर क्लिक करने के बाद आपको उस विडियो के नामी से पहले आपको एक . दोथ देना है और देने के बाद ओक पर क्लिक कोरिये। और ओक पर क्लिक करने के बाद बो विडियो हाइड हो जायगा।
म्क्स प्लेयर में विडियो हाइड करने के बाद उसको उन्हिड करना बोहत आसान होता है थो यहा पर आपको ऐसे २ तरीका के बारे में जानने को मिलेगा जिसके जोरिये आप बोहत आसानी से म्क्स प्लेयर में वीडियो उन्हिड कर सकते है थो पहले तरीका में आपको फोल्डर के जोरिये हाइड किया गया वीडियो को उन्हिड करने के बारे में जानने को मिलेगा और दूसरे तरीका में आपको .दोथ के जोरिये हाइड किया गया विडियो को उन्हिड करने के बारे में जानने को मिलेगा जिसके जोरिये आप विडियो को बोहत आसानी से उन्हिड कर सकते है मगर इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स को भी फॉलो करना परेगा थो म्क्स प्लेयर में विडियो उन्हिड करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।
और आब आपको ऊपर लेफ्ट सायट पर ३ लैन देखाई देगा थो आपको उस ३ लैन पर क्लिक करना है।
और आब आपको कुछ ऑप्शन देखाई देगा और उनसब में से आपको लिस्ट का एक ऑप्शन भी मिलेगा थो आपको उस लिस्ट ऑप्शन पर क्लिक करना है।
और आब आपको उस फोल्डर का नामी देखाई देगा जिस फोल्डर को आपने हाइड किया था और उस फोल्डर का नाम काटा हुया मिलेगा और उस फोल्डर के नाम के पास आपको एक बॉक्स भी मिलेगा थो आपको उस बॉक्स पर क्लिक करके उसको टिक करना परेगा और करने के बाद शो ऑप्शन पर क्लिक कोरिये। और जैसे ही आप शो पर क्लिक करेन्गे तब उस फोल्डर के साथ बो विडियो भी उन्हिड हो जायगा।
थो इसी तारा से आप बोहत आसानी से म्क्स प्लेयर में विडियो उन्हिड कर सकते है।
म्क्स प्लेयर पर विडियो हाइड करना और उन्हिड करना बोहत आसान होता है कोई भी बोहत आसानी से म्क्स प्लेयर पर विडियो हाइड और उन्हिड कर सकता है थो इस आर्टिकल से आपको म्क्स प्लेयर मे विडियो हाइड कैसे करे इसके बारे में जानने को मिल गया होगा जैसे म्क्स प्लेयर मे विडियो हाइड कैसे करे - एमएक्स प्लेयर में वीडियो हाइड कैसे करें इसके बारे में आपको पता चल गया होगा और इसके साथ आपको इस आर्टिकल से म्क्स प्लेयर मे विडियो उन्हिड कैसे करे - एमएक्स प्लेयर में वीडियो उन्हिड कैसे करें इसके बारे में भी आपको पता चल गया होगा थो इस आर्टिकल से आपको इनसब के बारे में जानकारी मिल गया होगा थो आपको ये आर्टिकल कैसा लगा मुजे कमेंट करके बताइये और आपका कोई क्वेस्शन है थो आप मुजे कमेंट करके पूछ सकते है। |
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को डामकोठी के निकट गंगा घाट पर कांवड़ यात्रा पर देवभूमि उत्तराखण्ड आये शिव भक्तों के चरण धोकर एवं गंगाजली देकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डामकोठी में पौधारोपण भी किया। कांवड़ियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने कहा कि मां गंगा की कृपा सभी पर बनी रहे। देवभूमि उत्तराखण्ड आये शिव भक्तों में भगवान शिव का अंश दिखता है। उन्होंने कहा कि कांवड़ की सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें। इसके लिए सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए पहली बार अलग से बजट की व्यवस्था की है। कांवड़ लेने आने वाले श्रद्धालुओं को राज्य में कोई परेशानी न हो। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। कांवड़ मेले के सुचारू प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री ने सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, शासन एवं जिला प्रशासन के कार्यों की सराहना भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में इस वर्ष चारधाम एवं कांवड़ में रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। अभी तक २७ लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम दर्शन के लिए आ चुके हैं। आज २८ लाख से अधिक कांवड़ यात्री देवभूमि में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुविधा लिए उच्च स्तर पर एक वाट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है। इस ग्रुप के माध्यम से सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है मुख्यमंत्री स्वयं इस ग्रुप से जुड़े हैं। इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान,प्रदीप बत्रा,पूर्व विधायक संजय गुप्ता,गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी गढ़वाल के.एस.नगन्याल,जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय,एस.एस.पीडा.योगेन्द्र सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन एवं शिवभक्त मौजूद रहे। |
अवैद्य शराब के मामले में एडीजे रामपाल जाट ने विडियो कॉल के जरिये सुनवाई करते हुए आरोपी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी। अपर लोक अभियोजक एवं राजकीय अभिभाषक एड. करणीदान चारण ने बताया कि २८ अपे्रल २०२० की मध्य रात्री को न्यामा की रोही में एस्सार पैट्रोल पम्प के पीछे बाटड़ानाऊ की ओर से बोलेरो पिक-अप आ रही थी।
सालासर पुलिस को देख कर उसमें सवार व्यक्ति गाड़ी को भगाने लगा और पुलिस द्वारा घेराव करने पर गाड़ी छोड़ कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग गया। पुलिस ने पिक-अप की तलाशी ली तो उसमें रखे १८ कार्टूनों में देशी शराब ८६४ पव्वे के थे। प्रकरण में आरोपी अमरचंद पुत्र रामकुमार जाट निवासी सालासर के खिलाफ न्यायालय में लम्बित पूर्व के तीन प्रकरणों को ध्यान में रखते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामपाल जाट ने अग्रिम जमानत खारिज कर दी। प्रकरण में ई मेल के जरिये अग्रिम जमानत आवेदन आरोपी की ओर से प्रस्तुत किया गया, जिसमें मेल के जरिये ही केस डायरी प्रस्तुत की गई तथा विडियो कॉल के जरिये बहस सुनी गई। |
आर माधवन और कंगना रनौत ने रोमांस-कॉमेडी फ्रेंचाइजी तनु वेड्स मनु के साथ दर्शकों को लुभाया। ऑनस्क्रीन जोड़ी के साथ रिलीज़ हुई दो फ़िल्में दोनों बार दर्शकों की अपार सराहना बटोरने में सफल रहीं।
हालांकि, जिस तरह से लोगों ने इस जोड़ी के बीच की केमिस्ट्री को सराहा, उसके बावजूद हमने तीसरे भाग की वापसी नहीं देखी। जब नायक से पूछा गया, तो माधवन, जो रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट का प्रचार कर रहे हैं, ने खुलासा किया कि वह मनु के रूप में वापस नहीं आना चाहेंगे।
तनु वेड्स मनु में अब मनु नहीं बनना चाहते आर माधवन; कहते हैं, मरे हुए घोड़े को पीटने का कोई मतलब नहीं हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में, माधवन को लोकप्रिय युतुबर जबी कोए के साथ एक साक्षात्कार में उद्धृत किया गया था, जिसमें उन्होंने तनु वेड्स मनु के तीसरे भाग के बारे में बात की थी।
मुझे लगता है कि पुल के नीचे पानी है। मरे हुए घोड़े को पीटने का कोई मतलब नहीं है। तुम्हें पता है, मूल सामग्री के साथ आना बहुत मुश्किल है, और फिर एक फिल्म की उम्मीदें हैं।
देखिए, अगर यह एवेंजर्स या सुपरहीरो सीरीज़ का सीक्वल है, तो यह आसान है क्योंकि आपके पास एक टेम्प्लेट है। लेकिन तनु वेड्स मनु के साथ यह असंभव है। और मुझे लगता है कि मैं इसके साथ कर रहा हूँ। मैं अब मनु के रूप में वापस नहीं जाना चाहता, उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया था।
२०११ में रिलीज़ हुई तनु वेड्स मनु के लिए, दो टाइटैनिक पात्रों की कहानी दिखाती है कि वे कैसे मिलते हैं और उनकी प्रेम कहानी कितनी जटिल हो जाती है, जो अंततः शादी की ओर ले जाती है।
२०१५ में तनु वेड्स मनु रिटर्न्स ने उनके विवाह के बाद के जीवन के बारे में बात की जो उनके आंतरिक मुद्दों से संबंधित है और दत्तो नाम के एक और चरित्र की प्रविष्टि है जो कथानक में मोड़ जोड़ता है। जहां २०११ की रिलीज़ को दर्शकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी, वहीं २०१५ की फिल्म रिकॉर्ड तोड़ने में सफल रही।
माधवन की आगामी फिल्म रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट के बारे में बात करते हुए, यह आर माधवन के निर्देशन में पहली फिल्म है और यह इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन के जीवन पर आधारित है। यह १ जुलाई को रिलीज होने वाली है।
क्या करण जौहर के शो में एक साथ कॉफ़ी पीने आएंगे राम चरण और जूनियर एनटीआर! |
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आने वाले कुछ दिनों में कभी न कभी उस भुड़ की बात छिड़ ही जाती थी। हमारा जीता ज्यादा चलता-पुर्जा लड़का नहीं था तो जब भी उस भुड़ के खतरे बताये जाते थे, वो थोड़ा गंभीर होकर सुनने लगता था। बात काफ़ी पुरानी है, घरों में एसी तो क्या कूलर भी नहीं होते थे। इन्वर्टर का सवाल ही नहीं तो सरकारी वाली बिजली आये या जाये, परवाह नहीं। ले देकर पूरी गली में सिर्फ़ एक कार थी, वो भी बेचारी कितनी जगह घेरती? मतलब मौका भी होता था और दस्तूर भी, खासकर छुट्टियों में बच्चा-पार्टी देर रात तक गली में कभी कबड़ी, खो-खो, घोड़ी(छोटी घोड़ी और वड्डी घोड़ी, लगभग एक ही खेल के दो अलग अलग फ़ार्मेट) खेला करते, खूब हो-हल्ला मचता, झगड़े होते, चोटें भी लगतीं लेकिन शो मस्ट गो-ऒन होता रहता। थक हारकर घरों के बाहर बिछाई चारपाईयों पर गिरते और सो जाते थे क्योंकि अगली सुबह फ़िर जल्दी से उठकर किसी खेल के मैदान या पार्क में जाना होता था।
ऐसी ही एक रात थी, जीता सो गया था लेकिन शेष दोस्त सब जाग रहे थे। उसी भुड़ वाले दोस्त को जैसे कुछ याद आ गया हो, जाकर उसने सोते हुये जीते को झिंझोड़ कर उठाया और उसके कान में बोला, "जीते, तेरी बनियान में भुड़" हड़बड़ाया हुआ जीता कूदकर खाट से उठा और बनियान उतारकर बाजू उठाकर कभी इधर और कभी उधर उस भुड़ को ढूँढ़्ता रहा जो कहीं थी ही नहीं। हममें से दो-चार वालंटियर भी मौका देखकर हाथ साफ़ कर गये और चली गई, चली गई का नारा भी लग गया। फ़िर से दो ग्रुप बन गये, एक ग्रुप कह्ता था कि बेचारे जीते की नींद खराब कर दी जबकि कोई भुड़ थी ही नहीं और दूसरा ग्रुप बताता कि भुड़ बिल्कुल थी, वो तो समय पर लिये गये एक्शन के चलते भगा दी गई, इसलिये थोड़ी सी नींद खराबी कोई महंगा सौदा नहीं है। जो ग्रुप कह रहा होता कि जीते बेचारे को क्यों परेशान करते हो, वो बुरा बना और जो ग्रुप मजे ले रहा था, जीते की सहानुभूति और निष्ठा उसी ग्रुप के साथ ज्यादा रही। हम तब बच्चे थे, उसकी हालत देखकर हम हँस-हँसकर दोहरे होते जाते थे। फ़िर गाली-पुराण शुरू हुआ, हम सब उसका श्रवण करते रहे और इस तरह अपनी छुट्टियों का सदुपयोग करते रहे। मजे की बात ये थी कि हर चार-पांच दिन के बाद ये सब दोहराया जाता, भुड़ ने एकाध बार तो अपनी जगह भी बद्ली और जीते के पाजामें में घुसपैठ कर गई। मुझे तो लगता है कि उस दिन हमारे सीधे-सरल मित्र के पाजामे का नाड़ा खुलने में हुई देर के चलते ही दुनिया में पाजामे में इलास्टिक लगाने का चलन शुरू हुआ होगा।
अब हम हो गये हैं बड़े, बाबे दी फ़ुल्ल किरपा है हमारे ऊपर इसलिये वो सब लुच्ची हरकतें नहीं करते। हमारे बच्चे अब गली में नहीं खेलते। खेलने की जगह भी नहीं और खेलने वाले भी नहीं और अगर हों भी तो हम नहीं खेलने देंगे। मैं तो डर ले मारे उन्हें ये किस्से भी नहीं सुनाता कि कहीं मुझे एकदम से टुच्चा या लुच्चा न समझ बैठें। भुड़ नाम ही कितना अजीब सा लगता है, अल्पज्ञानी तो इसे गाली ही समझ सकते हैं इसलिए न तो इसका नाम आज तक बच्चों के सामने बोला है और न ही आगे कभी बोलना है। मान लेने को दिल करता है कि जमाना बदल गया है, तरीके बदल गये हैं, तकनीकें बदल गई हैं।
अब कहीं कोई शरारती बच्चा किसी सीधे-सादे दोस्त को सोते से यह कहकर नहीं जगाता होगा कि तेरी बनियान में भुड़। लेकिन अपने इस कुटिल दिल का कुछ नहीं कर सकता जो देखता है और भाँप लेता है कि अगला कदम क्या होगा जब बच्चे नहीं बल्कि बड़े नामी नेता/ठेकेदार किसी एक जीते को नहीं बल्कि जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को झिंझोड़कर किसी एक पार्टी या नेता का नाम लेकर डरा रहे होते हैं कि वो आ गया तो ऐसा हो जायेगा और वैसा हो जायेगा। वोट बैंक का वो हिस्सा जैसे नींद से जागकर अपेक्षित क्रियायें करता है और फ़िर दो गुट बन जाते हैं, एक कह रहा होता है कि बेकार में बेचारे को क्यों डराते हो और दूसरा गुट कह रहा होता है कि हमने समय पर चौकन्ना कर दिया, इसलिये बच गया नहीं तो...। ये देखकर मुझे अपने बचपन का ये किस्सा याद आ जाता है, जीते को हम चिल्लाकर उठा रहे हैं, "जीते, तेरी कमीज में भुड़" |
मुजफ्फरपुर। नौवीं कक्षा के छात्र मैट्रिक परीक्षा २०२३ के लिए हो रहे रजिस्ट्रेशन का फॉर्म अब ३० सितंबर तक बिना विलंब शुल्क के साथ भर सकते हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने रजिस्ट्रेशन को लेकर जारी अपने आदेश में बदलाव किया है। संशोधित आदेश के तहत ही सभी हाईस्कूल प्रभारी को बच्चों का फॉर्म भरने का निर्देश जारी किया गया है।
मैट्रिक परीक्षा २०२३ में शामिल होने के लिए नियमित और स्वतंत्र कोटि के छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया चल रही थी। बिहार बोर्ड की ओर से लेकर २२ सितंबर तक विलंब शुल्क के साथ फॉर्म भरने का आदेश जारी किया गया था, जबकि नवमी कक्षा में ३० सितंबर तक छात्र-छात्राओं का नामांकन लेने का आदेश जारी किया गया था।
इसे लेकर बुधवार को हिन्दुस्तान में खबर प्रकाशित हुई थी कि ३० सितंबर तक नवमी में नामांकन कराने वाले छात्र २२ सितंबर तक विलंब शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन फॉर्म कैसे भरेंगे। डीईओ ने इस संबंध में बोर्ड से मार्गदर्शन मांगा था। बोर्ड ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए नया आदेश जारी कर दिया है। |
क्यूबा कैरिबियाई सागर में स्थित एक देश है। ये देश क्यूबा द्वीप और उसके आसपास के कुछ द्वीपों को मिलाकर के बना हुआ है। २८ अक्तूबर १४९२ को क्रिस्टोफर कोलंबस इस द्वीप पर पहुँचा था।
१६वीं और १७वीं सदी में ये देश स्पेन का गुलाम रहा था जिसके कारण स्पेन की संस्कृति और भाषा का गहरा प्रभाव यहां पर देखा जा सकता है। १९४९ में इस देश में फिदेल कास्त्रो के नेतृत्व में क्रांति हुई और तानाशाही सरकार का अंत करके लोकतंत्र की नींव रखी गई।
१. क्यूबा शुरू से ही अमेरिका की पूंजावादी व्यवस्था का प्रतिरोध करता रहा है जिसके कारण १962 से अमेरिका ने अपने नागरिकों के क्यूबा जाने पर बैन लगाया हुआ है। दोनो देशों में दूरी महज १45 किलोमीटर है।
२. क्यूबा में ६ से १५ साल की उम्र के बच्चों को स्कूल में दाखिल करना जरूरी है। स्कूलों में हर क्लास के लिए अलग-अलग रंग की वर्दी होती है।
३. कैरेबियन देशों में क्यूबा की आबादी सबसे ज्यादा है १ करोड़ १5 लाख।
४. देश की ७५.५% आबादी शहरी है। लोगों की औस्त आयु ४1.५ साल है।
५. क्यूबा का क्षेत्रफल १,०६,४४० वर्गकिलोमीटर है यानि कि तेलांगाना (११2,०७७) से थोड़ा छोटा और बिहार (९४,१63) से थोड़ा बड़ा।
६. भारत के १२ राज्य क्षेत्रफल के लिहाज़ से क्यूबा से बड़े हैं।
७. क्यूबा में साक्षरता दर ९९.८% है जो इस देश के लगभग सभी लोगों के पढ़े-लिखे होने को दर्शाता है।
८. क्यूबा दूसरे देशों को मुख्य तौर पर मछली, चिकित्सा उत्पाद, कॉफी और खट्टे फल निर्यात करता है जबकि आयात की जाने वाली प्रमुख चीजें हैं तेल, भोजन, कैमीकल और मशीनरी।
९. दुनिया का सबसे छोटा पक्षी बी हमिंगबर्ड (बी हमिंग्बर्ड) क्यूबा में ही पाया जाता है जो लंबाई में महज २ इंच तक ही बढ़ पाता है।
१०. वामपंथी विचारधारा का समर्थक होने के कारण साल १९९७ तक क्यूबा में क्रिसमिस की छुट्टी नही होती थी, लेकिन जब १९९८ में पोप जॉन पॉल दूसरे ने १९९८ में क्यूबा की यात्रा की तब से उनके सम्मान में क्रिसमिस को राष्ट्रिय अवकास यानि कि नेशनल होलिडे घोषित कर दिया गया।
११. वर्तमान समय में इस देश में महज २० अख़बार छपते है जबकि १९५० में ५८ अख़बार छपते थे।
१२. इस देश में १९५९ से दूसरे देशों से कारें आयात करने पर बैन लगा हुआ था लेकिन २०११ में इसे हटा लिया गया।
१३. क्यूबा में मरीज़ों की गिणती के हिसाब से जरूरत से ज्यादा डॉक्टर हैं। इस देश से हर साल कई हज़ार डॉक्टर उन देशों में भेजे जाते हैं जहां पर डॉक्टरों की कमी है।
१४. क्यूबा में आप किसी सैनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी या फिर हवाई अड्डे के कर्मचारियों की तस्वीरें नही ले सकते, ये वहां पर गैरकानूनी है।
१६. क्यूबा में इंटरनेट की भी पूरी आज़ादी नही है। यहां बेहद कम लोगों तक इंटरनेट की पहुँच है।
१७. पश्चिमी गोलार्ध में क्यूबा पहला कम्युनिस्ट देश है।
१८. यहां १७ से २८ साल के महिला और पुरूष सभी को दो साल के लिए क्यूबा की सेना में नौकरी करना जरूरी है।
१९. क्यूबा में चुनाव के समय हर नागरिक का वोट करना जरूरी है।
२१. गन्ने की फसल को क्यूबा की रानी फसल कहा जाता है। १८वीं सदी से क्यूबा की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक गन्ने की फसल पर निर्भर है।
२२. नृत्य यहां के लोगों के जीवन का हिस्सा है। आप इन्हें उत्सवों और क्लबों के अलावा राह चलते भी थिरकते देख सकते हैं। बैले इनका पसंदीदा नृत्य है। यहां सामान्य बैले डांसर्स डॉक्टरों से ज्यादा कमाई कर लेते हैं।
नोट : अगर आपको क्यूबा इन हिन्दी से जुड़ी जानकारी अच्छी लगी तो कृपा हमें कम्मंट के माध्यम से जरूर अवगत करवाएं। अगर आपको इस विषय के बारे में और जानकारी चाहिए तो भी आप हमें कमेंट कर सकते हैं। धन्यवाद।
क्यूबा में किसी भी धर्म को ना मानने की मनाही नहीं है सत्यवान जी। यहां पर करीब ६५ फीसदी आबादी ईसाई धर्म को मानती है। २३% आबादी किसी भी धर्म से जुडी़ हुई नहीं है। १७% आबादी स्थानिक परंपराओं के अनुसार चलती है।
साहिल जी ये वामपंथी लोग कौन होते हैं?
जो लोग वामपंथ की विचारधारा में विश्वास रखते हैं, उन्हें वामपंथी कहते हैं। वामपंथी राजनीति (लेफ्ट-विंग पॉलिटिक्स या लेफ्टिस्ट पॉलिटिक्स) राजनीति में उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं जो समाज को बदलकर उसमें अधिक आर्थिक बराबरी लाना चाहते हैं।
लेकिन इसकी इस परिभाषा से सावधान रहिए। क्योंकि भारत में इस विचारधारा की परिभाषा अलग है, और इसे फके वामपंथी अपनी सहुलियत के अनुसार किसी के ऊपर लागू करते हैं, और किसी के ऊपर नहीं।
कु रीतियों की आड़ में संस्कृति को गाली दी जाती है। अगर किसी कु रीति को दूर करना ही है तो सबसे पहले गाली देने की कु रीति बंद होनी चाहिए।
अपनी अपनी सोच नही, पैसे की सोच, जनता को लूटने की सोच, जिसके कारण किसी विचारधाना जा संस्कृति को लगातार नीचा दिखाते रहना।
जो कुर्सी पर बैठे हैं वो भी, जो बैठे थे वो भी और जो बैठना चाहते हैं, वो भी।
नमस्ते साहिल जी, आपने अमेरिका और वियतनाम के युद्ध के बारे में सुना होगा जिसमें वियतनाम ने विजय प्राप्त किया था। इसमें वियतनाम देश ने कहा कि उसकी जीत का कारण एक महान योद्धा के विचार है जो और कोई नहीं छत्रपति शिवाजी महाराज हैं । मैं छत्रपति शिवाजी महाराज का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।मैं आपसे हार्दिक अनुरोध करता हुं कि आप शीघ्र ही छत्रपति शिवाजी महाराज के बारें में रोचक तथ्य पोस्ट करे। आशा है कि आप शीघ्र ही करेंगे।
नमस्ते शिवम जी। मैने भी ब्लॉग पर पूरा मराठा इतिहास लिखने की तैयारी कर ली है जिसमें लगभग १०० पोस्ट होंगे। कुछ लिख भी चुका हुुँ। जल्द ही सब पूरे हो जाएंगे।
नमस्ते साहिल जी, कम्युनिस्ट देश का मतलब क्या है।
वामपंथी वामपंथी राजनीति राजनीति में उस पक्ष या विचारधारा को कहते हैं जो समाज को बदलकर उसमें अधिक आर्थिक बराबारी लाना चाहते हैं। लेकिन हमारे देश में इसका अलग ही मतलब है। एक परिवार की चाकरी करो और भारतीय संस्कृति को गाली दो। |
एस्ट्रोसेज आपको लोम में अभी का समय बताता है जो आपको अपने कार्यों को सही समय के अनुसार करने में मदद करता है। जानें लोम में अभी का समय, भारत के वर्तमान समय, वर्तमान दिन और इसके साथ-साथ तिथि, चंद्रोदय और चंद्रमा के समय और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के बारे में सबकुछ। लोम में अभी का समय, दिन की लंबाई, जनसंख्या, देशांतर और अक्षांश और लोम और अन्य देशों या प्रमुख शहरों के बीच के अंतर को जानने के लिए पढ़ें यह विशेष अंक।
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आज से सिद्धि योग में प्रारंभ हो रहे गुप्त नवरात्रि में माँ भगवती की पूजा-अर्चना का विधान है और तंत्र साधना की प्रधानता होती है। माता भगवती सबको निरोग एवं कल्याण करें, उनकी कृपा सब पर बनी रहे और सबका जीवन मंगलमय हो, उनसे यही प्रार्थना है।
भारत सरकार के पूर्व रेल मंत्री, मिथिला के सबसे लोकप्रिय राजनेता स्व० ललित नारायण मिश्रा जी की जयंती पर सादर नमन।
बिहार वि.स.के मा.सदस्यों तथा पूर्व मा. सदस्यों के चिकित्सा संबंधी विपत्रों के सरल व त्वरित भुगतान के लिए आज संसदीय कार्य एवं स्वास्थ्य विभागों के अपर मुख्य सचिव के साथ बैठक कर समीक्षा कर दिशा निर्देश दिया।सरलीकृत व्यवस्था संभवतः ०१मार्च, २०२२ से सैद्धांतिक रूप से लागू हो जायेगी।
शोषितों, वंचितों, उपेक्षितों और उत्पीडितों के उत्थान के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले भारत लेनिन अमर शहीद बाबू जगदेव प्रसाद जी की जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनका संघर्ष, त्याग और समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।
सपनों से लेकर कामयाबी तक का रास्ता बिल्कुल मौजूद है। बस आपके पास उसको तलाशने का दृष्टिकोण मौजूद हो, उसपर पहुंचने का हौसला हो और उसपर चलने की दृढ़ता हो- कल्पना चावलाअंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि । देश सदैव आपको याद रखेगा ।
हाजीपुर के बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान में आयोजित बाल युवा संसद का उद्घाटन जनप्रतिनिधियों सहित वैशाली के जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक के साथ द्वीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया । इस दौरान स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा पौधा देकर स्वागत किया गया । |
दुबई। कप्तान विराट कोहली की ही तरह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के बल्लेबाज एबी डिविलियर्स का भी मानना है कि दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उनकी टीम अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर सकी जिसकी वजह से ५९ रन से हार झेलनी पड़ी। दिल्ली कैपिटल्स ने चार विकेट पर १९४ रन बनाये जिसमें आरसीबी के लचर क्षेत्ररक्षण का बड़ा योगदान रहा। बाद में लक्ष्य का पीछा करते हुए आरसीबी के बल्लेबाज नौ विकेट पर १३७ रन ही बना सके। डिविलियर्स ने कहा, दिल्ली कैपिल्टस को पूरा श्रेय जाता है। उन्होंने पहले छह ओवर में शानदार शुरूआत की लेकिन हमने वापसी की। हमें विकेट का फायदा उठाना चाहिये था लेकिन रक्षात्मक गेंदबाजी की। युजवेंद्र चहल ने मार्कस स्टोइनिस का कैच टपकाया जिन्होंने २६ गेंद में ५३ रन बना डाले।
डिविलियर्स ने कहा, उन्होंने वाकई अच्छी बल्लेबाजी की। हमारे पास दबाव बनाने का मौका था लेकिन हम अपने कौशल का प्रदर्शन ही नहीं कर सके। हमने कैच छोड़े और क्षेत्ररक्षण भी खराब रहा। बल्लेबाजी भी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रही। यह एक खराब दिन था। उन्होंने पहले बल्लेबाजी के कप्तान विराट कोहली के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें लगा दूसरे हाफ में ओस की भूमिका होगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिछले १२ साल संघर्ष करने के बाद दिल्ली खिताब की प्रबल दावेदार लग रही है और अनुभवी आफ स्पिनर आर अश्विन ने इसका श्रेय टीम प्रयासों को दिया। |
आज के जमाने में किसी भी देश में लड़कियां सुरक्षित नहीं है। खासकर रात के समय सुनसान सड़कों या पब जैसी जगहों पर लड़कियों को टारगेट किया जाता है। उनके साथ दुष्कर्म करने के इरादे से लोग उन्हें किडनेप करते हैं या धोखे से कुछ नशीली चीजें पीला देते हैं। लेकिन जरा सोचिए क्या होगा जब क्राइम करने वाला लड़की को टच किए बिना ही उसे बेहोश कर दे। लड़की को इस बात की कानोंकान खबर न हो।
इतना ही नहीं होश में आने के बाद उसे अपने साथ हुई घटना याद भी न हो। यकीनन ये बहुत ही खतरनाक स्थिति होगी। हालांकि बदकिस्मती से इन दिनों ऐसे क्राइम बहुत हो रहे हैं।
बीते कुछ दिनों में स्कॉटलैंड की लड़कियों के साथ एक अलग टाइप का क्राइम हो रहा है। इस क्राइम में आरोपी लड़की को टच किए बिना उन्हें बेहोश कर देता है। फिर मौका मिलते ही वह उसके साथ घिनौना काम करता है। सुबह जब लड़की को होश आता है तो उसे कुछ याद भी नहीं रहता है। ऐसी ही एक घटना २६ साल की रेबेका डर्बीशायर नाम की लड़की के साथ होने जा रही थी, हालांकि वे सही समय पर संभाल गई और दुष्कर्म का शिकार होने से बच गई।
रेबेका ने जब अपने साथ हुए क्राइम की जांच पड़ताल कि तो पाया कि और भी कई लड़कियों के साथ इस तरह के अपराध हुए हैं। अपना अनुभव साझा करते हुए रेबेका ने बताया कि मैं बार में अपने ऑर्डर का इंतजार कर रही थी, तभी मुझे अपने कंधे पर कुछ चुभने का एहसास हुआ। मुझे चुभन के बाद तेज नींद आने लगी। किस्मत से तब मेरे साथ मेरा एक दोस्त भी वहां मौजूद था। शायद किसी ने मुझे जानबूझकर टारगेट किया था।
रेबेका ने आगे बताया कि चुभन के बाद वह बेसुध होने लगी। फिर उनका दोस्त और होटल के लोग मदद को आए। वे उन्हें डॉक्टर के पास ले गए। यहां उनकी एचआईवी और हेपेटाइटिस समेत कई जांचें हुई। दरअसल पहले कुछ ऐसे भी केस देखे जाते थे जहां लोग सुई चुभाकर लोगों को एचआईवी पॉजिटिव कर देते थे। हालांकि रेबेका के केस में मामल कुछ और ही था। डॉक्टर ने उन्हे बताया कि आरोपी ने उन्हें एक ऐसा इंजेक्शन दिया जो इंसान को धीरे-धीरे बेहोश कर देता है। यह आपको अस्थायी रूप से अपंग भी बना सकता है।
पहले तो रेबेका को लगा कि यह सिर्फ उनके साथ ही हुआ है, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि और भी कई लड़कियों पर सुई से ऐसे हमले हुए हैं। इसके बाद उन्होंने तुरंत इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। वहां उन्हें पता चला कि पुलिस के पास बीते दो महीनों में ऐसे बीस से अधिक मामले आए हैं। नेशनल पुलिस चीफ्स काउंसिल के अनुसार अधिकतर मामले केस स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड से आए हैं।
नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली १९ साल की जारा ओवेन के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था। ११ अक्टूबर को प्रेजम नाइट क्लब में उनके पैर में कुछ चोट लगी। फिर जो हुआ उन्हें कुछ याद नहीं है। नुकीली चीजें धंसाने वाले ऐसे १४ केस नॉटिंघमशायर पुलिस को अकेले अक्टूबर माह में मिले हैं। महिलाओं के ऊपर होने वाले स्पाइकिंग हमले की यह बात जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पूरे ब्रिटेन में पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
वैसे इस तरह की घटना आपके साथ भी कहीं भी हो सकती है। ऐसे में रात को कहीं अकेले जाने की बजाय किसी दोस्त को जरूर ले जाए। वहीं किसी अनजान व्यक्ति के हाथ से कुछ न पिए। |
७त पाय कमिश्न : केंद्र सरकार (सेंट्रल गवर्नमेंट) अपने कर्मचारियों (एम्पलोईस) के डीए (डा) में वृद्धि करने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार अगस्त के महीने में कर्मचारियों के डीए में ४ फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है। यदि सरकार के द्वारा ऐसा किया जाता है तो लगभग सवा करोड़ लोगों को इसका बंपर लाभ मिलेगा। यानि कि अगले माह आने वाली सैलरी में काफी वृद्धि देखने को मिलेगी।
वैसे तो महंगाई भत्ते में वृद्धि करने का समय काफी नजदीक आ गया है लेकिन अभी कोई तारीख नहीं निर्धारित की गई है। वहीं इस बार कर्मचारियों के डीए में ४ फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो डीए 3४ फीसदी से बढ़कर ३८ फीसदी हो जाएगा। इसी प्रकार सरकार कर्मचारियों के अन्य भत्तों में भी इजाफा कर सकती है।
बताते चलें कि सरकार ३ अगस्त को कैबिनेट बैठक का आयोजन करने वाली है जिसमें कर्मचारियों के भत्तों को लेकर बड़ा फैसला किया जा सकता है। केंद्र सरकार के इस फैसले से ५० लाख से ज्यादा कर्मचारी तथा ६५ लाख से ज्यादा पेंशनधारकों को इसका लाभ मिलेगा। यदि सरकार ने डीए में बढ़ोतरी की तो इसे १ जुलाई २०२२ से लागू माना जाएगा।
मान लीजिए कि आपकी बेसिक सैलरी १८००० रूपए है तो ४ फीसदी डीए बढ़ाने पर अब ३८ फीसदी के हिसाब से आपको 86४0 रूपए डीए का लाभ मिलने लगेगा। फिलहाल में कर्मचारियों को 3४ फीसदी के हिसाब से डीए का लाभ दिया जा रहा है। दरअसल पिछले कुछ महीनों में ऐसा देखने को मिला है कि ऐक्पी इंडेक्स के आंकड़ों में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है।
आंकड़ों में तेजी से हुई वृद्धि को देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़ोतरी होने वाली है। जनवरी में ऐक्पी इंडेक्स के आंकड़े १२५.१ पर थे। वहीं फरवरी के महीने में इन आंकड़ों में कमी आई और ये १२५ पर पहुंच गए थे। वहीं मार्च में एक बार फिर इस आंकड़े में वृद्धि हुई और ये १26 पर पहुंच गया था।
इसके बाद अप्रैल के आंकड़े १२७.७ पर पहुंच गए थे। जबकि मई में ऐक्पी इंडेक्स का ये आंकड़ा १२९ पर पहुंच गया है। अभी जून के आंकड़े आने बाकी हैं। इनको देखने के बाद ही सरकार कोई उचित निर्णय लेगी। लेकिन जो भी आंकड़े सामने आए हैं उनको देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि इस बार केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होने वाली है।
प्फ वाज लीमित हाइके २०२२-२३ : पेंशन के नियमों पर केंद्र सरकार कर सकती है बड़ा बदलाव, पढ़िए खबर!
एप्फ़ो स्टेट्स चेक प्रोसेस २०२२ : रिटायर लोगों को सीधा लाभ, अब घर बैठे पेंशन की स्थिति ऐसे करें चेक !
रेतिर्ड पेंशनर्स लाटेस्ट उपड़ते: बड़ा अलर्ट! पेंशन और ग्रेच्युटी को लेकर सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को जारी की गई चेतावनी, तुरंत चेक करें डिटेल !
रेतिर्मेंट आगे उपड़ते २०२२-२३ : मिल गईं रिटायरमेंट आगे को हरी झंडी ! पश्चिम देश के मॉडल पर हो रहा विचार, पढ़िए खबर !
प्म किसन योजना: पीएम किसान योजना की पात्रता को लेकर बड़ी खबर, उत्तरप्रदेश के २१ लाख किसान अपात्र घोषित।
नप्स लाटेस्ट उपड़ते: ५००० लगाएं और १ करोड़ ११ लाख ९८ हजार 47१ रुपए पाएं, हर महीने ४४,७९३ की पेंशन भी उठाएं।
एप्फ एकाउन्ट क्लोस्ड उपड़ते : १५ हजार रुपए से बढ़ाकर २१००० रूपए हो सकती है सैलेरी लिमिट, ये रहा कैलकुलेशन !
७त पाय कमिश्न न्यूज: नए साल से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, इतना बढ़ेगा महंगाई भत्ता!
७त कप्क इंक्रीमेंट उपड़ते : कर्मचारियों की बल्ले बल्ले ! सैलरी में आया जबर्दस्त उछाल, खुश करेगी ये खबर !!
७त पाय कमिश्न: १ फरवरी २०२३ को केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा तोहफा, ५० प्रतिशत तक बढ़ेगा वेतन!
क्टेट २०२२-२०२३ : सीटीईटी आवेदन फॉर्म में बदलाव के लिए करेक्शन विंडो है अभी भी ओपन, इन आसान स्टेप्स से करिए सुधार !
७त कप्क न्यूज तोडे २०२२-२३ : घर बनवाने के लिए महज ७.१% ब्याज पर फंड, पात्रता जानने के लिए पड़े खबर !
एप्फ़ो: पीएफ खाता बंद होने के बाद भी मिलेगा ब्याज, आया नए नियम।
हबा इंटरेस्ट रेट : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! डीए बढ़ोतरी के बाद अब केंद्र सरकार ने यह बड़ा ऐलान किया है।
दिसंबर २०२२ से नए नियम: दिसंबर से रेलवे, बैंक और रसोई गैस समेत तमाम नियमों में होगा बड़ा बदलाव, गाइडलाइंस जारी!
डा अरेयर उपड़ते: केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में इस दिन आएगी भारी रकम, २ लाख तक होगा भुगतान ! |
इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स ने टीम को टी२० वर्ल्ड कप २०22 का खिताब जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मेगा इवेंट में उनके द्वारा किये गए शानदार प्रदर्शन की तारीफ हर किसी ने की थी।
वहीं वो टी२० वर्ल्ड कप में अपने अच्छे प्रदर्शन के अलावा किसी और चीज को लेकर चर्चा में बने हुए है। उनके चर्चा में बने रहने का कारण ये है कि उन्होंने आईपीएल २०22 की तरह ही आईपीएल २०23 से अपना नाम वापस ले लिया है।
हेल्स के आईपीएल २०२३ में नहीं खेलने की खबर की पुष्टि उनकी फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल रिटेंशन की समय सीमा वाले दिन की।
वहीं जानें मानें स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट सुभायन चक्रवर्ती का कहना है कि एलेक्स हेल्स ने आईपीएल २०२३ से नाम वापस ले लिया है तो कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें रिलीज कर दिया।
कोलकाता ने इंग्लैंड के दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज को आईपीएल २०२२ की मेगा नीलामी में उनके १.५० करोड़ के बेस प्राइस में खरीदा था।
उन्होंने आईपीएल २०२२ से बायो बबल से होने वाली थकान के कारण अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद फ्रेंचाइजी ने उनके रिप्लेसमेंट के रूप में एरोन फिंच को अपने साथ जोड़ा था।
वहीं आईपीएल २०२३ से उन्होंने अपना नाम निजी कारणों और और नेशनल टीम कमिंटमेंट के चलते लिया है। इससे पहले केकेआर के सैम बिलिंग्स और ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट और वनडे कप्तान पैट कमिंस ने भी अपना नाम वापस ले लिया है।
अनुनय सिंह, कॉर्बिन बॉश, डेरिल मिचेल, जेम्स नीशम, करुण नायर, नाथन कूल्टर-नाइल, रासी वैन डेर डूसन, शुभम गढ़वाल, तेजस बरोका।
संजू सैमसन, जोस बटलर, यशस्वी जायसवाल, देवदत्त, शिमरोन हेटमायर , ध्रुव, रियान पराग, रविचंद्रन अश्विन, ट्रेंट बोल्ट, युजी चहल, ओबेद मैकॉय, कुलदीप सेन, नवदीप सैनी, कुलदीप सेन, केसी करियप्पा, प्रसिद्ध कृष्णा।
वहीं पंजाब किंग्स ने भी अपने रिटेन किये गए खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी है। वहीं आईपीएल २०२३ में टीम की कप्तानी शिखर धवन करते हुए दिखाई देंगे।
वहीं रविंद्र जडेजा चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए दिखाई देंगे। इस बात की पुष्टि उन्होंने खुद ट्वीट करते हुए दी है। |
स्क म्ट्स टियर १ रेसल्ट २०२२ रिलीस: जो भी उम्मीदवार एसएससी बोर्ड के द्वारा आयोजित एसएससी एमटीएस परीक्षा के सभी फाज़ो के परीक्षा में शामिल हुए थें। उन सभी उम्मीदवारों को बोर्ड ने बहुत ही बड़ी खुशखबरी दी हैं। खुशखबरी यह हैं कि एसएससी बोर्ड एसएससी एमटीएस परीक्षा का रिजल्ट जल्द ही जारी कर सकती हैं। जिसकी सम्पूर्ण जानकारी आपको इस पोस्ट के अंत तक बताया गया है। इसलिए इस पोस्ट को पढ़ना जारी रखें।
स्वागत करते हैं आज कि इस पोस्ट में उन सभी उम्मिवारों का जो उम्मीदवार स्टाफ सेलेक्सशन कमीशन बोर्ड के द्वारा आयोजित एसएससी एमटीएस टियर १ के सभी फेसों के परीक्षा में शामिल हुए थें । क्योंकि आज का हमारा आप उन्हीं अभ्यर्थियों के लिए ही है क्योंकि आज कि इस पोस्ट में हम आपको बताने वाले हैं कि स्टाफ सेलेक्सशन कमीशन बोर्ड कब तक एसएससी एमटीएस टियर १ परीक्षा २०२२ का परिणाम जारी करेगी। वहीं बताएंगे कि रिजल्ट जारी होने के बाद कैसे आप रिजल्ट को चेक कर सकते हैं। इसकी सम्पूर्ण जानकारी आपको इस पोस्ट के अंत तक मिलने वाला है। इसलिए पोस्ट को कंटिन्यू पढ़ना जारी रखें।
एसएससी एमटीएस परीक्षा का रिजल्ट कैसे चेक करें?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि एसएससी एमटीएस परीक्षा का परिणाम ऑनलाइन माध्यम से जारी करेंगी। जिसे आप ऑनलाइन माध्यम से बहुत ही आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। जिसकी पूरी प्रोसेस नीचे के पैराग्राफ में बताया गया है।
जैसे ही बोर्ड के द्वारा एसएससी एमटीएस टियर १ परीक्षा २०२२ का रिजल्ट जारी किया जाएगा उसके बाद सभी विद्यार्थी नीचे दिए गए स्टेप्स के माध्यम से अपना रिजल्ट डाउनलोड कर सकते हैं।
स्टेप-१. स्क म्ट्स टियर १ परीक्षा २०२२ का रिजल्ट डाउनलोड करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट स्क.निक.इन के होम पेज पर जाएं।
स्टेप-२. होमपेज पर जाने के बाद डावनलोड स्क म्ट्स रेसल्ट २0२२ का लिंक मिलेगा।
स्टेप-३. जिस लिंक पर आपको क्लिक कर देना है।
स्टेप-४. उसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिस पेज पर मांगे जाने वाली डिटेल्स जैसे पंजीकरण संख्या व पासवर्ड दर्ज करें।
स्टेप-५. उसके बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
स्टेप-६. अब आपके स्क्रीन पर स्कोर कार्ड प्रदर्शित हो जाएगा।
स्टेप-७. जिसे आप प्रिंट भी करवा सकते हैं।
इस प्रकार आप ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करके आसानी से रिजल्ट जारी होने के बाद आप अपना रिजल्ट चेक व डाउनलोड कर सकते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एसएससी एमटीएस टियर १ परीक्षा २०२२ का रिजल्ट जारी कर दिया गया है।
इसकी पूरी प्रोसेस ऊपर की पोस्ट में बताई गई है। |
हार्दिक पांड्या को आईपीएल २०२२ में नंबर तीन और चार पर बल्लेबाज़ी करते हुए काफ़ी सफलता मिली थी। इसके बावजूद ऐसा लग रहा है कि हार्दिक को फिर से भारतीय टीम में फ़िनिशर का रोल ही दिया जाएगा। हालिया आईपीएल सीज़न में हार्दिक गुजरात टाइटंस के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे।
उन्होंन इस दौरान ४४.२७ के औसत और १३१.२६ के स्ट्राइक रेट से कुल ४८७ रन बनाए थे। हालांकि भारतीय कोच राहुल द्रविड़ का मानना है कि यह ज़रूरी नहीं है कि भारतीय टीम में भी वह उसी स्थान पर बल्लेबाज़ी करें।
इसका एक प्रमुख कारण यह है कि गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या की फ्रैंचाइजी ने नालामी में एक से एक फिनिशर खरीद लिए थे। राहुल तेवितया फिर डेविड मिलर और कुछ मैचों को तो राशिद खान तक ने समाप्त किया।
लेकिन टीम इंडिया में ऐसा नहीं है। निचले मध्यक्रम में दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या है वहीं इसके बाद ज्यादा से ज्यादा अक्षर पटेल की सुविधा टीम को मिल सकती है।
द्रविड़ ने कहा, "हार्दिक गेंद और बल्ले के साथ एक शानदार खिलाड़ी हैं। हमलोगों ने पहले भी देखा है कि वह सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में काफ़ी सफल खिलाड़ी हैं। इसके अलावा उन्होंने हालिया आईपीएल में भी काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन किया है। उनका टीम में होना हमारे लिए काफ़ी अच्छा है।"
कोच ने कहा, "यह ज़रूर कहा जा सकता है कि आईपीएल में अपनी टीम के लिए आप जिस क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हैं, उसी क्रम पर आप राष्ट्रीय टीम में बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते। यहां आपकी भूमिका बदल सकती है। यह बात सिर्फ़ हार्दिक के लिए नहीं है, यह सभी खिलाड़ियों पर लागू होता है। हम अपनी टीम के संतुलन के हिसाब से टीम के सभी खिलाड़ियों की भूमिका तय करेंगे।"
हार्दिक ने गुजरात टाइटंस की कप्तानी करते हुए, पहले ही सीज़न में अपनी टीम को ख़िताब दिलाने में कामयाब रहे थे। इसके बाद गुजरात के सभी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ़ ने उनकी काफ़ी तारीफ़ की थी। सबका मानना था कि हार्दिक अपने टीम के खिलाड़ियों को अपनी तरह से खुल कर खेलने का अवसर देते हैं।
द्रविड़ से पूछा गया कि क्या इस आईपीएल सीज़न में उन्होंने हार्दिक में कुछ अलग देखा, तो इसके जवाब में हंसते हुए द्रविड़ ने कहा, " आईपीएल में जो भी खिलाड़ी शामिल हुए थे, उन्हें थोड़े ज़्यादा दिनों की छुट्टी दी गई थी। मुझे नहीं पता कि हार्दिक के बारे में अभी मैं क्या कहूं।" लेकिन क्या हार्दिक आने वाले सालों में भारतीय टीम के नेतृत्वकर्ताओं दल में शामिल किए जाएंगे? द्रविड़ इस बारे में अधिक नहीं सोच रहे हैं। हालांकि इस बात को लेकर वह काफ़ी ख़ुश हैं कि हार्दिक फिर से गेंदबाज़ी कर रहे हैं।
द्रविड़ ने कहा, "जाहिर है कि उनका नेतृत्व आईपीएल में बहुत प्रभावशाली था, लेकिन आपको किसी नेतृत्व समूह का हिस्सा बनने के लिए एक नेता के रूप में नामित करने की आवश्यकता नहीं है। इस समय यह हमारे दृष्टिकोण से अच्छी बात है कि हार्दिक ने फिर से गेंदबाज़ी शुरू कर दी है। हम जानते हैं कि उनके गेंदबाज़ी करने से टीम में किस तरह की मज़बूती आएगी।" |
उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री भारत सरकार ने आधार से संबंधित सेवाओं और योजनाओं को आधार से लिंक करने की बाध्यता शुरू कर दी है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यूआईडीएआई आधार आईडेंटिफिकेशन हिस्ट्री चेक करने के लिए एक प्रोविजन शुरू किया है। जिसके तहत कार्ड धारक यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन अपनी उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री को चेक कर सकता है। आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री के अंतर्गत आप आधार के संबंध में की गई तमाम रिक्वेस्ट को आसानी से चेक कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे इस ऑनलाइन माध्यम से आपके अलावा आपके उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री को कोई अन्य व्यक्ति चेक नहीं कर सकता है। अगर आपको ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री में कोई ऐसी रिक्वेस्ट/अनुरोध मिलता है, जिसको आपने शुरू नहीं किया तो आप उसकी सूचना जल्दी से जल्दी यूआईडीएआई को दे सकते हैं।
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आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री एक प्रकार का आधार विवरण होता है जिसमें आधार के संबंध में आपके द्वारा की गई तमाम ट्रांजैक्शंस का विवरण होता है। अर्थात जब आप आधार से संबंधित किसी प्रकार का अनुरोध या सेवा प्राप्त करने के लिए कोई रिक्वेस्ट करते हैं तो यूआईडीएआई द्वारा उस ट्रांजैक्शन को अपने डेटाबेस में रजिस्टर कर लिया जाता है। ट्रांजैक्शन से संबंधित इसी डेटाबेस को उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री कहा जाता है। आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शंस के अंतर्गत आपके डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक डाटा से संबंधित अनुरोध को इस डेटाबेस में शामिल नहीं किया जाता है।
यूआईडीएआई द्वारा इस डेटाबेस में निम्नलिखित ट्रांजैक्शन को शामिल किया जाता है।
लेन-देन का प्रकार (जनसांख्यिकीय, बायोमेट्रिक या ओटीपी-आधारित),
लेन-देन की तिथि और समय,
प्रमाणीकरण संगठन (यूआईडीएआई, ईपीएफओ, आईटीडी, एनआईसी, सीडीएसी, आदि),
यूआईडीएआई प्रतिक्रिया कोड,
अद्वितीय आधार लेनदेन।
अगर आप ऑनलाइन माध्यम से उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक करते हैं तो आपको पिछले ६ महीने की अधिकतम ५० ट्रांजैक्शंस ही दिखाई जाएंगी। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा उपभोक्ता को निम्नलिखित ६ प्रकार की आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शंस चेक करने की सुविधा प्रदान की गई है।
आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक करने की इस ऑनलाइन सुविधा के अंतर्गत आप स्पेसिफिक दते रंज के आधार पर भी उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री देख सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे आपके द्वारा चुनी गई समय अवधि ६ महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए। एक समय में आप अधिकतम ५० ट्रांजैक्शन सही देख सकते हैं। अगर आप किसी विशेष प्रकार की ट्रांजैक्शन के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको स्पेसिफिक ट्रांसक्शन, के लिए स्पेसिफिक ऑथेंटिकेशन लिपी और रेलेवंत दते रंज का चुनाव करना होगा।
आधार कार्ड धारक का मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होने के उपरांत ही वह आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक कर सकता है।
प्रयोगकर्ता के द्वारा एक बार में अधिकतम ५० ट्रांजैक्शन रिजल्ट्स ही प्राप्त किए जा सकते हैं।
प्रयोग कर्ता के द्वारा आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री के अंतर्गत केवल पिछले ६ महीने की ट्रांजैक्शंस को ही देखा जा सकता है।
आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री को किसी विशेष समय अवधि के अनुसार कस्टम दते रंज को सेलेक्ट कर चेक किया जा सकता है।
आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शंस के अंतर्गत असफल ट्रांजैक्शन स्कोर कारण सहित देख सकते हैं।
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अगर आप अपनी उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री ऑनलाइन यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट से चेक करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए स्ट्रेस को फॉलो करें।
स्टेप १: सर्वप्रथम लिंक का उपयोग कर यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। आधिकारिक वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा।
स्टेप २: होम पेज पर नेविगेशन की मदद से मी आधार सेक्शन पर जाएं और सब सेक्शंस के अंतर्गत दिए गए विकल्पों में से आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री के लिंक पर क्लिक करें।
स्टेप ४: नई पेज में अपना १२ अंकों का आधार कार्ड नंबर दिए गए निर्धारित कॉलम में दर्ज करें और दिए गए सिक्योरिटी कोड कैप्चा को भी दर्ज करें।
स्टेप ५: इसके बाद जनरट ओटप के बटन पर क्लिक करें। जनरेटर ओटीपी के बटन पर क्लिक करते ही आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड प्राप्त होगा और एक नया पेज खुल जाएगा।
स्टेप ७: सुब्मित के बटन पर क्लिक करें। आपकी रिक्वेस्ट के मुताबिक आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री का रिजल्ट स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।
स्टेप ८: यहां से आप अपने उईदाई आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक /आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शंस को चेक कर सकते हैं। अगर आपको कोई रिक्वेस्ट ऐसी लगती है, जिसे आपके द्वारा शुरू नहीं किया गया है तो उसकी सूचना जल्दी से जल्दी यूआईडीएआई को दें।
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यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आधार कार्ड उपयोगकर्ताओं को आधार कार्ड से संबंधित पिछले ६ महीने में की गई ट्रांजैक्शन को यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन देखने की सुविधा प्रदान करता है। उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री को केवल आधार उपयोगकर्ता के द्वारा ही चेक किया जा सकता है। आपको समय-समय पर आधार ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को अवश्य चेक करना चाहिए ताकि आप पता लगा सके कि कोई ऐसी ट्रांजैक्शन तो नहीं है, जिसे आपने नहीं किया हो। अगर आपको कोई ऐसी ट्रांजैक्शन मिलती है, तो उसकी सूचना तुरंत यूआईडीएआई को दे। यूआईडीएआई की उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक करने की ऑनलाइन सुविधा बिल्कुल मुफ्त है।
क.१: एक बार में ऑनलाइन माध्यम से आधार ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शंस को देखा जा सकता है?
उत्तर: यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री चेक करने की सुविधा के अंतर्गत एक बार में अधिकतम ५० ट्रांजैक्शन तक ही देखा जा सकता है। ध्यान रहे यह ट्रांजैक्शन केवल अंतिम ६ महीने के ही दिखाई देंगे।
क.२: क्या मैं अपने आधार बायोमैट्रिक डाटा को लॉक कर सकता हूं और क्या उसकी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री दिखाई देगी?
उत्तर- हां, कोई भी आधार कार्डधारक यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर अपने आधार बायोमैट्रिक डाटा कोर्नो कर सकता है। यूआइडीएआइ द्वारा आधार बायोमैट्रिक डाटा को लॉक करने की सुविधा एम आधार मोबाइल ऐप के माध्यम से भी प्रदान की गई है। अगर आप ऑनलाइन माध्यम से बायोमैट्रिक डाटा को लॉक कर रहे हैं, तो इनकी सूचना उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री में भी दिखाई देगी।
क.३: कोई व्यक्ति कैसे वेरीफाई कर सकता है कि कोई वेबसाइट आधार कार्ड डिटेल्स दर्ज करने के लिए ऑथेंटिक है अथवा नहीं?
उत्तर- यूआइडीएआइ द्वारा पहले ही अधिसूचित किया जा चुका है कि आप अपने आधार कार्ड से संबंधित डिटेल केवल ऑथेंटिक वेबसाइट पर ही दर्ज करें। यूआईडीएआई ने इस प्रकार का अभी तक कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया है। अतः अपने आधार कार्ड से संबंधित डिटेल को किसी भी डुबियस टाइप की वेबसाइट पर उपलब्ध ना करवाएं।
क.४: यूआईडीएआई पोर्टल से ऑनलाइन अधिकतम कितने समय की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देखी जा सकती है?
उत्तर: यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट से आप केवल ६ महीने पुरानी उईदाई आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री को भी चेक कर सकते हैं।
सर्वप्रथम यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
नेविगेशन की मदद से मी आधार सेक्शन पर जाएं।
अपना १२ अंकों का आधार कार्ड नंबर और कैप्चा कोड को दर्ज करें।
सुब्मित के बटन पर क्लिक करें। |
पिघलता हिमालय का जन्म १९७८ को हुआ। स्व.आनन्द बल्लभ उप्रेती व स्व.दुर्गा सिंह मर्तोलिया इसके संस्थापक हैं। स्व.आनन्द बल्लभ उप्रेती संस्थापक के साथ ही इसके प्रथम सम्पादक रहे जिन्होंने पत्रकारिता के मिशन के साथ इसे सामाजिक-सांस्कृतिक आन्दोलन का रूप दिया।
कठिन दौर हमें बहुत कुछ सिखा जाता है। वर्तमान की आरामतलब पीढ़ी को यदि कठिन दौर के किस्से सुनाये जाएं तो वह आश्चर्य करती हैं लेकिन उन्हें यह जरूर बताये जाने चाहिये ताकि वह अपनी जड़ों से जुड़े रहेें। और जान सकें कि जितना भी वह आज बन पाये हैं इसके पीछे संघर्षों की लम्बी गाथा है। कठिन दौर सबका होता है, हर युग में होता है लेकिन किसी की परीक्षा ज्यादा ही होती है। कई दुश्वारियों के साथ कुछ लोग रास्ता बना लेते हैं और कुछ हार मानकर टूट जाते हैं। हमारे सीमान्त क्षेत्रा में तो यह स्थिति और भी विकट रही है। सड़क, बिजली, अस्पताल, स्कूल, संचार से दूर रहकर भी हौंसले के साथ रहना पहाड़ की आदत रही है परन्तु यदि इसमें भी आपदा-विपदा हमें घेर ले तो परीक्षा कई गुना हो जाती है। इसी प्रकार की तमाम परेशानियों में घिरकर आगे बढ़ी हैं- भवानी देवी पंचपाल। मुनस्यारी के तल्लाघोरपट्टा से अपने परिवार के साथ यह ध्रमघर की होकर रह गई। ८२ वर्षीय भवानी देवी अतीत के उस दौर को याद कर फफकते हुए रो पड़ती हैं। पति के निधन के बाद जिन परेशानियों से वह घिरी उससे उबरने का साहस उन्हें हिमालय ने दिया। वह हिमालय जो दृढ़ रहता है, अटल रहता है, पिघल कर भी जीवन देता है।
भवानी देवी कहती हैं- बा बोक बोकबेर जांछि। कनोल ;नाचनी के पास निवासी पिता केशर सिंह धर्मशक्तू व माता कुशा धर्मशक्तू के घर में जन्मी भवानी देवी का सात वर्ष की आयु में तल्ला घोरपट्टा निवासी रामसिंह पंचपाल के साथ विवाह हो गया था। तब छुटपन में ही विवाह का रिवाज था। इनके ससुर रतन सिंह छुटपुट कारोबार करते थे। परिवार के सदस्य अपने जानवरों सहित जोहार यात्रा पर जाता था और परिवार की गुजर-बसर चल रही थी। घोड़ा, भेड़-बकरी, गाय-बैल सहित परिवार एक छोर से दूसरे छोर परम्परागत माइग्रेशन क्रम से अपने में जुटा था। रामसिंह पत्थर तक तोड़कर मजदूरी करने में पीछे नहीं थे। कठोर लेकिन प्रकृति के करीब की इस दिनचर्या में भी परिवार खुश था लेकिन एक दिन अचानक राम सिंह का निधन हो गया। इस समय परिवार में चार छोटे-छोटे बच्चे अपनी माँ भवानी के साथ थे। इसमें बसन्ती पांगती, प्रेमा बृजवाल, जगत सिंह पंचपाल ;बैक से सेवानिवृत्त, डी.एस. पंचपाल ;वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी भा.कृषि अनुसंधान केन्द्र अल्मोड़ा हैं। वर्षों के संघर्ष के बाद परिवार ने समाज में अपनी जगह अपने आप से बनाई।
भवानी देवी बताती हैं कि पति रामसिंह जी के निधन के समय सबसे छोटो पुत्र देबू; देवसिंह चार साल का था। परिवार को नानी गोविन्दी पांगती ने पाला। मुनस्यारी तल्ला घोरपट्टा छोड़कर परिवार धरमघर आ गया। सबलोग मिलकर उन के कारोबार, दन-चुटके बनाने से लेकर कृषि कर्म में जुट गये। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी इधर-उधर कई जगह हुई लेकिन साहस के साथ उन्होंने पढ़ाई भी की। बाद के दिनों मंे बहन बसन्ती अपने भाई जगह-देवेन्द्र की संरक्षक के रूप में सक्रिय हो गई और पठन-पाठन में यह आगे बढ़ गये।
भवानी देवी पंचपाल आज अपने भरेपूरे परिवार के साथ है लेकिन उन घटनाओं का स्मरण करती है जब कठिन दौर में उन्हें किसी ने संरक्षण दिया। साथ ही उन घटनाओं को भी नहीं भूली है जिन लोगों ने उन्हें चुनौती दी और दूरी बना ली। बचपन के श्रम और जीवन की सच्चाई से दो-चार हुए डी.एस. पंचपाल कहते हैं कि स्कूल जाने से पहले वह धान कूटते थे।
सचमुच संघर्ष की कहानी आनन्ददायी होती है, जो हमें अपनों से जोड़े रखती है। जीवन-जगह का सत्य पहचाने में मदद करती है। |
उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग (डीएचएसई) केरल ने बुधवार को कक्षा १२ वीं या दो से अधिक परिणाम २०२० घोषित किए। परिणाम केरल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ध्सेकराल.गोव.इन, केरलरेसुल्ट्स.निक.इन और एडउकेशंकेरल.गोव पर घोषित किए गए। में।
कक्षा १२ वीं के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे छात्र आधिकारिक मोबाइल ऐप पीआरडी लाइव और सफालम पर भी अपना परिणाम देख सकते हैं।
कुल ८५.१३ प्रतिशत छात्रों ने इस वर्ष केरल में कक्षा १२ वीं या प्लस दो परीक्षाओं में उत्तीर्ण किया। केरल +२ परिणाम २0२0 में कुल ३,७५,६५५ छात्र उपस्थित हुए थे। इनमें से ३,१९,78२ छात्रों ने सफलतापूर्वक परीक्षा दी है। ८४.5२% छात्र क्लियर कॉमर्स परीक्षा, ९८.७५% क्लियर आर्ट्स स्ट्रीम।
इस वर्ष केरल में कक्षा १२ वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए ४ लाख से अधिक छात्र उपस्थित हुए। अधिकांश बोर्ड के विपरीत, केरल सभी परीक्षाओं के आधार पर परिणाम जारी करेगा। यहां तक कि केरल कक्षा १२ की परीक्षा को कोरोनोवायरस महामारी के कारण रोक दिया गया था, वही जून में फिर से आयोजित किए गए। |
हमसे संपर्क कैसे करें?
के मामले में सोलाना पिछले कुछ दिनों में दिलचस्प होता जा रहा है। डेफीलामा के आंकड़ों के अनुसार, ३१ जुलाई से सोलाना के डेफी में बंद कुल मूल्य में लगभग ६०० मिलियन डॉलर की गिरावट आई है।
सोलाना के डेफी टीवीएल ने महीने की शुरुआत २.१५ अरब डॉलर से की थी, लेकिन प्रेस समय के मुताबिक यह घटकर १.५६ अरब डॉलर रह गई। यह श्रृंखला में टीवीएल के बीच सोलाना की स्थिति को दर्शाता है।
अब क्या हुआ?
हाल के दोषों के बावजूद, सोलाना ने नेटवर्क पर कारोबार किए जा रहे चुनिंदा टोकन में सामान्य वृद्धि देखी है। कोइंगको है की सूचना दी पिछले २४ घंटों में सोलाना पर सबसे अधिक कारोबार वाले टोकन पर।
स्टेपन गम्त टोकन $ ३५६.८ मिलियन से अधिक के कारोबार के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद सर्म टोकन $ ७२.५ मिलियन पर है।
एवरलेंड प्रोटोकॉल ने भी एक पोस्ट किया है अपडेट करें अगस्त के दूसरे सप्ताह में सोलाना ऋण पर। इस अवधि के दौरान कुल सोलाना उधार देने वाला टीवीएल ७६९.५ मिलियन डॉलर जमा हुआ है।
ऋण समझौते की सूची में सोलेंड का नेतृत्व $ ३२९.४९ मिलियन है क्योंकि यह कार्यवाही पर हावी है। मैंगो और ट्यूलिप प्रोटोकॉल क्रमशः २३१.७७ मिलियन डॉलर और ८१.५ मिलियन डॉलर के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर काबिज हैं।
टोकन प्रदर्शनों में, ट्यूलिप एकमात्र ऐसा है जिसने ३.७६% की वृद्धि के साथ सप्ताह में कोई सकारात्मक परिवर्तन दिखाया है।
यह आगे सोलाना डेफी पर हमले को दर्शाता है क्योंकि यह अगस्त में गोता लगाना जारी रखता है।
एसओएल ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
एसओएल टोकन देर से बाजार के दबाव को महसूस कर रहा है क्योंकि बिक्री वर्ग अधिक आम हो गया है। इससे पिछले दिनों में लगभग २% की गिरावट आई है जिससे एसओएल की कीमतें ४३ डॉलर तक गिर गई हैं।
गिरती कीमतों को नेटवर्क वॉल्यूम में गिरावट के कारण भी बढ़ा दिया गया है जो लगभग २.२0% नीचे है।
खैर, जहां तक सामाजिक गतिविधियों की बात है तो सोलाना भी मुश्किल दौर से गुजर रही है।
शीबा इनु और एथेरियम में हाल के प्रमुख उतार-चढ़ाव ने सोलाना के लिए सामाजिक मात्रा को कम कर दिया है जैसा कि नीचे दिए गए चार्ट में देखा गया है। कुछ दुर्लभ उछालों का प्रबंधन करते हुए, सामाजिक मात्रा मीट्रिक ने कम प्रदर्शन किया है और प्रेस समय में इसका मूल्यांकन ३६ पर किया गया था।
अगले महीने सोलाना के लिए सबसे खराब स्थिति आ सकती है जब एथेरियम का पीओएस संक्रमण होगा।
मर्ज एक बहुप्रतीक्षित घटना है जो एथेरियम की पोस श्रृंखला के लिए एक प्रमुख तेजी का संकेत होने की उम्मीद है। हालांकि अभी तक निश्चित नहीं है, सोलाना एक व्यवहार्य लक्ष्य के साथ अन्य श्रृंखलाओं को प्रभावित कर सकता है।
निकिता को प्रौद्योगिकी और व्यवसाय रिपोर्टिंग में ७ साल का व्यापक अनुभव है। उसने 201७ में पहली बार बिटकॉइन में निवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालाँकि वह अभी किसी भी क्रिप्टो मुद्रा को धारण नहीं करती है, लेकिन क्रिप्टो मुद्राओं और ब्लॉकचेन तकनीक में उसका ज्ञान त्रुटिहीन है और वह इसे सरल बोली जाने वाली हिंदी में भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना चाहती है जिसे आम आदमी समझ सकता है। |
डिजिटल भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करने की आवश्यकता को पहचानते हुए, भारतीय संस्कृति पोर्टल, संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक पहल है। यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो पूरे भारत की विभिन्न रिपॉज़िटरियों और संस्थानों से सांस्कृतिक प्रासंगिकता के डेटा को प्रस्तुत करता है।
भारतीय संस्कृति पोर्टल भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित, राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय परियोजना (एनवीएलआई) का एक हिस्सा है। यह पोर्टल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, द्वारा बनाया और विकसित किया गया है। इस पर उपलब्ध डेटा संस्कृति मंत्रालय की संस्थाओं द्वारा प्रदान किया गया है। |
इंडिया टुडे में १४ दिसंबर २०२१ को प्रकाशित खबर के अनुसार, ऑनलाइन रिटेलर ग्रोफर्स ने "क्विक कॉमर्स" पर अपने नए फोकस के अनुरूप खुद का नाम बदलकर "ब्लिंकिट" कर दिया है, जिसमें ग्राहक ऑर्डर को पहले से कहीं ज्यादा तेजी से पहुंचाना शामिल है।
पिछले कुछ वर्षों में बिगबास्केट पर एक महत्त्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी खोने के बाद, ग्रोफर्स ने अपने व्यापार मॉडल को पारंपरिक ग्रोसर मॉडल से क्विक-कॉमर्स मॉडल में स्थानांतरित करने का फैसला किया, जहाँ सामान कम अवधि में वितरित किया जाता है।
कई अन्य ऑनलाइन सेवा वितरण प्लेटफॉर्म ने भी इस उच्च मूल्य वाले व्यवसाय में प्रवेश किया है।
कोविड -१९ महामारी के कारण खरीदारी की कमी ने ऑनलाइन किराना खंड में एक नए उप-ऊर्ध्वाधर का उदय किया है, जिसका नाम है त्वरित वाणिज्य, या क्यू-कॉमर्स - एक अनूठा बिक्री प्रस्ताव जो ऑर्डर देने के १०-३० मिनट के बीच वितरण का वादा करता है।
इनमें से अधिकांश उपक्रमों का ध्यान डिलीवरी पॉइंट के पास माइक्रो-वेयरहाउस स्थापित करने और इन "डार्क स्टोर्स" में शेयरों को २,००० से कम बहुत आवश्यक वस्तुओं के एक निश्चित सेट में सीमित करने पर है, जो कि अच्छी तरह से स्टॉक किए गए मानक फॉर्मूले की तुलना में बड़े हैं। -फॉर्मेट स्टोरहाउस कस्बों और शहरों में स्थित हैं।
यह भारत के गुरुग्राम में स्थित दिसंबर २०१३ में स्थापित एक भारतीय ऑनलाइन किराना डिलीवरी सेवा है।
कंपनी के ग्राहक मोबाइल ऐप का उपयोग किराने का सामान, आवश्यक सामान और अन्य चीजें ऑनलाइन ऑर्डर करने के लिए करते हैं। |
अल्जीरिया के लंबे समय तक काम करने वाले राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटफ़्लिका ने अपने इस्तीफे की घोषणा की, बड़े पैमाने पर विरोध के बाद उनके शासन को समाप्त करने की मांग की, और सेना से एक कॉल के बाद उन्हें पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित किया गया। बाउटफ्लिका अपने सबसे काले दौर के बाद राष्ट्रपति पद के लिए आया, १९९० का इस्लामी विद्रोह। १९९९ में सत्ता संभालने के बाद, वह हत्याओं और अविश्वास से तबाह हुए देश में स्थिरता लाने में कामयाब रहे। २०१३ में एक झटके के बाद से श्री बोउटफ्लिका ने सार्वजनिक रूप से बात नहीं की है और व्हीलचेयर से बंधे हुए हैं। बॉउटफ्लिका पर आरोप लगाया गया है कि वह एक ऐसी अर्थव्यवस्था बनाने में नाकाम रही है जो राष्ट्र की विशाल तेल और गैस संपदा के बावजूद पर्याप्त रोजगार दे सके। चुनाव आयोजित होते ही अब्देलकादर बेंसला ने अधिकतम ९० दिनों के लिए अंतरिम नेता के रूप में कार्यभार संभाला। |
चाहिए कुछ ख़ास?
बच्चों के हाथों के लिए आसान और कम समय में लग जाने वाली मेहंदी डिजाइन तलाश रही हैं तो ये १० डिजाइन जरूर देखें।
त्योहारों और शादियों का मौसम आ चुका है। इस समय जहां एक तरफ त्योहारों की झड़ी लगी हुई हैं वहीं दूसरी तरफ कई लोगों के घरों में शादियां भी हो रही हैं। ऐसे में महिलाओं को सजने-संवरने के कई अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं के श्रृंगार में मेहंदी की भी एक बड़ी भूमिका है। मजे की बात तो यह है कि केवल बड़ी उम्र की महिलाएं ही नहीं बल्कि छोटी उम्र की लड़कियां भी हाथों में मेहंदी लगना बहुत पसंद करती हैं।
चलिए आज हम आपको बच्चों के हाथों में लगने वाली मेहंदी की कुछ आसान डिजाइन के बारे में बताते हैं, जिन्हें मात्र १० मिनट में ही आप अपनी बेटी के हाथों पर लगा सकती हैं।
बच्चों के छोटे-छोटे हाथों पर भारी मेहंदी डिजाइन की जगह आप फ्लोरल चेन डिजाइन लगा सकती हैं। इसे लगाना आसान भी है और यह बच्चों के हाथ पर काफी सुदंर भी नजर आती है।
यह मेहंदी डिजाइन बेहद ट्रेडिशनल है। बच्चों के छोटे से हाथों पर मेहंदी की यह डिजाइन बहुत ही खूबसूरत दिखती है। वैसे तो इस मेहंदी डिजाइन को बड़े हाथों पर भी लगाया जाता है। मगर बच्चों के हाथों में यह कम समय में आसानी से लग जाती है और इससे बच्चे के हाथ भरे-भरे भी लगते हैं।
हाथफूल वैसे तो एक गहना होता है, मगर मेहंदी में हाथफूल डिजाइन का फैशन हमेशा ही ट्रेंड में रहता है। मेहंदी की यह डिजाइन बच्चे के हाथों पर भी आसानी से लगाई जा सकती है। इस डिजाइन को हाथों के बैक में लगाया जाता है। कलाई से लेकर बीच की उंगली तक आप डिजाइन को फैला कर हाथफूल बना सकती हैं।
बच्चा बहुत छोटा है तो जाहिर है उसके हाथ भी आकार में काफी छोटे होंगे। ऐसे में आप केवल साधारण फूल बना कर भी उसके हाथ को मेहंदी से कवर कर सकती हैं। यह मेहंदी डिजाइन बहुत कम समय और आसानी से लग जाती है।
बच्चों को कार्टून बहुत पसंद होता है। आप बच्चे के पसंद का कार्टून भी मेहंदी डिजाइन के रूप में उसके हाथों पर बना सकती हैं। इस मेहंदी डिजाइन को देख कर बच्चों का दिल भी खुश हो जाता है और उनके हाथ भी खूबसूरत दिखने लगते हैं।
बच्चों के लिए मंडला मेहंदी डिजाइन का विकल्प भी बहुत अच्छा होता है। इस मेहंदी डिजाइन में आपको हथेली के सेंटर में गोल आकार की फ्लोरल डिजाइन बनानी है और फिर उसी को आगे बढ़ाते जाना है। बच्चों के हाथ छोटे होते हैं, इसलिए यह डिजाइन कम समय में ही लग जाती है। इस मेहंदी डिजाइन से बच्चे के हाथ भरे-भरे भी लगते हैं।
मेहंदी डिजाइन बेल के बिना अधूरी लगती है। बच्चों के हाथों में भी बेल डिजाइन लगाई जा सकती है। अगर बच्चे के हाथ बहुत छोटे हैं तो आप सिंगल बेल में ही डिजाइन को पूरा कर सकती हैं।
अगर बच्चे के हाथ आकार में थोड़े बड़े हैं और बच्चा हाथों में भरी-भरी मेहंदी डिजाइन लगाने की जिद कर रहा है तो आप डबल बेल मेहंदी डिजाइन भी लगा सकती हैं।
बच्चों के हाथों में मेहंदी को थोड़ा फनी अंदाज देने के लिए आप स्माइली के अलग-अलग फेस बना कर भीडिजाइन को कंप्लीट कर सकती हैं। यह मेहंदी डिजाइन बच्चों को भी काफी पसंद आएगी।
बच्चों के हाथों में हार्ट शेप मेहंदी डिजाइन भी लगाई जा सकती है। छोटे हाथों पर यह मेहंदी डिजाइन आसानी से और कम समय में लग जाती है। आप चाहें तो एक बड़े हार्ट को बना कर डिजाइन को पूरा कर लें या फिर छोटे-छोटे कई हार्ट भी बना सकती हैं। |
हर सुबह, ब्रश करने के ठीक बाद, सबसे पहले आपको नींबू का रस और शहद के साथ गर्म पानी पीना चाहिए। यह शक्तिशाली कॉम्बो भूख को कम कर देता है, शरीर को डी-टॉक्सिफ़ाई करता है, और आपके स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना वाइट लॉस में सहायता करता है।
जबकि नींबू और शहद वजन कम करने मैं मदद करते हैं, मिर्च पाउडर को जोड़कर यह अधिक शक्तिशाली बनाता है। आप दिन के दौरान एक बार इसे पी कर सकते हैं।
गोभी को कच्चा या पका के खाया जा सकता है। यह कच्चा ज्यादा शक्तिशाली है, और यह आपके वाइट लॉस लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, वजन में वृद्धि अक्सर अनुचित पाचन, या पाचन आग की कमी के कारण होती है। पाचन वृद्धि बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ वाइट लॉस में मदद करता है। पाचन को बढ़ावा देने और पाचन में वृद्धि करने वाले खाद्य पदार्थों में अदरक, पपीता, कड़वा, लहसुन, मिर्च आदि शामिल हैं।
आयुर्वेद में, एक सप्ताह में एक बार उपवास की सिफारिश की जाती है, पाचन तंत्र के डिटॉक्सिफ़िकेशन और कुशल कामकाज के लिए बहुत जरुरी है।
जैसे की बहुत से लोग कहते है की जल्दी सोने से ओर जल्दी उठने से मस्तिष्क के लिए बहुत ही अच्छा होता है, बिस्तर पर जाने का सबसे अच्छा समय १० बजे, अधिकतम ११ बजे है और सुबह ५ या अधिकतम ६ बजे तक जाग जाना चाहिए। यह इसलिए है क्योंकि हमारा शरीर प्रकृति के साथ एक संगठित तरीके से कार्य करते हैं, और प्राकृतिक चक्र का पालन, हमें स्वाभाविक रूप से मोटापे सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है।
आपको एक दिन में सिर्फ तीन बार ही भोजन करना चाहिए क्योंकि अगर आप कम से कम भोजन करोगे तो आपको कम कैलोरी प्राप्त होगी ओर जिससे आपका मोटापा कम होगा, जब तक आपके रक्त में शर्करा का स्तर कम न हो। एक स्वस्थ नाश्ते, शानदार मध्याहन-भोजन और एक हल्के रात्रिभोज की सिफारिश की जाती है।
आपका जिगर दोपहर के दौरान सबसे अच्छा काम करता है, इसलिए आपका भारी भोजन दोपहर में होना चाहिए। इसके अलावा, स्वस्थ और प्राकृतिक डिटॉक्सिफ़िकेशन के लिए, हमारे जिगर को रात में पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है, इसलिए आपका रात्रिभोज हल्का होना चाहिए।
अगर आप सारा दिन पानी पीते हो तो आपको भूख कम लगेगी और आप अपना वजन आसानी से कम कर सकते है और भोजन के तुरंत बाद या पहले पानी न पीएँ। दूसरी तरफ, पूरे दिन थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना, विशेष रूप से, गर्म पानी आदर्श है और पाचन और डिटॉक्सिफ़िकेशन के साथ सहायता करता है। इसलिए हमे रेगुलर एक दिन में ५ से ६ लिटर पानी आवश्यक पीना चाहिए।
मूली का चूर्ण ३ से ६ ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के १००-१५० ग्राम रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में २ से ३ बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण ६ ग्राम और ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
६ ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को २० ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग २० ग्राम शहद का शर्बत बनाकर ४० दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण १५ ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।
त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ १० ग्राम की मात्रा में दिन में २ बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
२ चम्मच त्रिफला को १ गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण १-१ ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है।
इसका सेवन रेगुलर पानी के साथ करने से यह वजन को कम कर देती है।
टमाटर खाने से आप अपने वाइट लॉस कर सकते है और इसमें पाये जाने वाले रस को निकालकर इसको दवा के तौर पर लेने से आपका वाइट लॉस हो जाता है और इसका सेवन आपको रेगुलर सुबह-सुबह भी करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर में जमा हुई फट को निकालकर यह आपके शरीर को पतला कर देने में सहायक होता है।
खीरा वैसे तो खाने केबहुत ही स्वादिष्ट होता है लेकिन आपको यह नहीं पता होगा की इसके गुण आपके वजन को भी कम करने में आपकी हेल्प करते है अगर आपको यह नहीं पता है तो आज में आपको बता देता हु की खीरा आपके वाइट लॉस कर देता है और यह आपकी सेहत के लिए बहुत ही बढ़िया होता है और इसका टेस्ट भी कुछ मीठा होता है आप को रेगुलर खीरों का उसे करना चाहिए।
प्याज खाने में तो मीठा होता है लेकिन यह आपके वजन को कम सकता है लेकिन आपको कम मात्र में इसका उसे करना होगा क्योंकि इसका उसे अधिक करने से यह आपके वजन को बढ़ा भी सकता है इसलिए आप जब कभी प्याज खाये तो इसका सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए और यह आपके शरीर में आई हुई कमी को भी पूरा करने में आपकी मदद करता है, इसलिए आपको इसका उसे रेगुलर करना चाहिए।
पपीता हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद फल होता है अगर आप इसका सेवन रेगुलर करते है तो आप मोटापे का शिकार नहीं हो पाओगे अगर आप पपीते का सेवन सलाद के तौर पर नहीं करते है तो आज ही सलाद के तौर पर भी पपीते का उसे करने लग जाइए क्योंकि यह आपके वजन कम करने में सहायक होता है।
अगर आपको हमारे इस आर्टिकल से जुड़े कोई और सवालों के जवाब चाहिए तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके भी पुछ सकते है। |
बहुत अधिक है कि एक रैंक ने ब्लूबर्ड को बाहर की ओर इशारा करते हुए कथित रूप से अधिक बताया जब ओह अहंकारपूर्वक अस्थिरता से उधम उड़ाया हुआ पेंगुइन कीट भी बढ़ाता था।
रैंकिंग एक दैनिक आधार पर जाँच की जाती है।
सभी पोजीशनिंग डेटा को अनिश्चित काल तक रखा जाएगा।
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बांगला सहायता केन्द्र : पश्चिम बंगाल राज्य के संबंधित अधिकारियों द्वारा क्षेत्र के निवासियों को बिना किसी शुल्क के सरकारी सेवाएं प्राप्त करने में मदद करने के लिए एक निःशुल्क सेवा शुरू की गई है। आप बिना किसी समस्या के बांगला सहायता केन्द्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन केंद्रों में उपलब्ध सेवाओं की सूची भी प्राप्त की गई है। आइए जानते हैं बांग्ला सहायता केंद्र (बांगला सहायता केन्द्र) के बारे में पूरी जानकारी को बड़े विस्तार से।
बांगला सहायता केन्द्र मूल रूप से एक केंद्र है जो सभी नागरिकों को विभिन्न तरीकों से मदद करने के लिए पश्चिम बंगाल राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। ब्स्क के लिए पूरी परियोजना राज्य सरकार द्वारा संभाली जाती है और निवासियों को केंद्रों के माध्यम से अपना काम करवाने के लिए लगभग कोई शुल्क नहीं देना होगा। यह योजना इसलिए शुरू की गई है ताकि वेस्ट बंगाल राज्य के निवासियों को उन सभी कल्याणकारी योजनाओं तक आसानी से पहुंच प्राप्त हो सके जो मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय लोगों की मानवता और विकास के लिए शुरू की गई हैं।
बांग्ला सहायता केंद्रों (बांगला सहायता केन्द्र) का मुख्य उद्देश्य लाभार्थियों को विभिन्न राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना है। इन बांग्ला सहायता केंद्रों (बांगला सहायता केन्द्र) की मदद से पश्चिम बंगाल के नागरिक विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन केंद्रों की मदद से अब वेस्ट बंगाल के नागरिकों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बस (बांगला सहायता केन्द्र) जाने की आवश्यकता है और इन केंद्रों से वे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इससे समय और धन की काफी बचत होगी और व्यवस्था में पारदर्शिता भी आएगी।
बांग्ला सहायता केंद्र (बांगला सहायता केन्द्र) के माध्यम से प्रदान किया जाने वाला मुख्य लाभ पश्चिम बंगाल राज्य के निवासियों के दरवाजे पर कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धता है। पश्चिम बंगाल राज्य के निवासियों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लिए किसी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि वेबसाइट पूरे क्षेत्र में उपलब्ध होगी या निवासी यहां उपलब्ध योजना का लाभ लेने के लिए पास के कैफे में भी जा सकते हैं। लोग घर बैठे ही जन्म प्रमाण पत्र या किसी अन्य प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सबसे पहले वेबसाइट के होमपेज पर जाएं।
अब आपको मेन्यू बार में मौजूद सेंटर्स नाम के ऑप्शन पर क्लिक करना है।
आपकी स्क्रीन पर एक नया पेज प्रदर्शित होगा।
केंद्रों की सूची आपकी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।
आप सूची को कॉपी करने के लिए कॉपी नामक विकल्प पर क्लिक कर सकते हैं।
आप अपनी सुविधा के विकल्प पर क्लिक कर सकते हैं।
आधिकारिक पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने के लिए आपको नीचे दी गई सरल प्रक्रिया का पालन करना होगा।
आपके सामने होम पेज खुलेगा।
होमपेज पर आपको रजिस्टर पर क्लिक करना होगा।
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इस नए पेज पर आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि जैसे सभी आवश्यक विवरण दर्ज करने होंगे।
कृषि विपणन विभाग : इस विभाग के अंतर्गत सेवाओं के माध्यम से किसानों के लिए दैनिक बाजार मूल्य, किशन मण्डी, सूफ़ल बांग्ला मूल्य, खेती, कृषक बंधु योजना और नई कृषि सब्सिडी की जानकारी प्रदान की जाती है।
पशु संसाधन एवं विकास विभाग : इस विभाग के अंतर्गत सेवाएं डेयरी एवं पशुधन योजनाओं की जानकारी देगी।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग: यह विभाग समाज के सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के नागरिकों की भलाई के लिए विशेष रूप से कार्य करता है। तपोसाली बंधु पेंशन योजना के बारे में जानकारी सभी इस विभाग के लिए सेवाओं का एक हिस्सा हैं।
सहकारिता विभाग : सहकारिता विभाग सहकारी समिति वित्त के बारे में विवरण प्रदान करता है। इस विभाग की सेवाओं में एक सहकारी समिति की नाम बदलने की प्रक्रिया और प्रस्तावित एक के पंजीकरण के बारे में विवरण भी शामिल हैं।
उपभोक्ता मामले विभाग: यह विभाग वर्टप्स जानकारी और उपभोक्ता अधिकार जानकारी के संबंध में सेवाओं के लिए है।
कृषि एवं विपणन विभाग : सुफल बांग्ला के लिए ए-परमिट ओद एग्रिकल्चर मार्केट एवं कृषि उपज परिवहन एवं पंजीकरण एवं खेती के ऑनलाइन विपणन हेतु आवेदनों पर इस विभाग की सेवाओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है।
कृषि विभाग: आवेदन क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सीएचसी, फ्सम के लिए आवेदन जो कि फार्म मैकेनिज्म के लिए वित्तीय सहायता योजना है और ओटा स्फी जो छोटे ३८ और सीमांत किसानों को छोटे फार्म इम्प्लीमेंट्स के उद्देश्य से एकमुश्त सहायता है इस विभाग के तहत सेवाएं होंगी। सेवाओं में क्रॉप कंडीशन रिपोर्ट, क्रॉप कटिंग डेटा अपलोड, किसान पेंशनभोगी एक्स-ग्रेटिया और फ्रैमर पेंशनर कानूनी वारिस भी शामिल होंगे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग : जाति प्रमाण पत्र जारी करना और शिक्षाश्री सेवाएं हैं।
कमो शिकायत प्रकोष्ठ: ब्स्क कमो को जन शिकायतों को संबोधित करने में मदद करते हैं।
नगर पालिका सहकारिता में उत्परिवर्तन के लिए आवेदन।
विशेष रूप से क्म्च क्षेत्रों में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन।
कोलकाता के निवासियों के लिए कार पार्किंग की सुविधा।
व्यापार लाइसेंस का नया प्रमाण पत्र जारी करना और उसका नवीनीकरण।
बांगला सहायता केन्द्र में जन शिक्षा विस्तार और पुस्तकालय सेवा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, शहरी विकास की सेवाएं भी उपलब्ध हैं। लेकिन उनके बारे में जानकारी अभी तक ब्स्क वेब पोर्टल पर अपडेट नहीं की गई है। |
मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश) के बहुत से स्थानों से मध्य पुरापाषाण कालीन (सेंट्रल पलियोलीथिक आगे) उपकरण मिले हैं। इस काल के उपकरण नर्मदा घाटी में नरसिंहपुर, होशंगाबाद और महेश्वर से मिले हैं। नर्मदा के दोनों ओर डोंगरगाँव और चोली पर कई कार्य-स्थल पाये गये हैं।
पिपरिया में आ. प. खत्री ने इस युग के बहुत से उपकरण अशूलियन उपकरणों के साथ मिले हुये पाये हैं।
सगुनघाट के चबूतरे से भी बहुत से मध्य पुरापाषाण कालीन उपकरण खोजे गये हैं।
सूपेकर ने अमरकंटक और मंडला के बीच इस काल के बारह कार्य-क्षेत्र ढूंढे।
चम्बल घाटी में मध्य पुरापाषाण कालीन उपकरण मंदसौर और नाहरगढ़ से पाए गए हैं।
बेतवा के गोंची नामक स्थान पर, रामेश्वर सिंह द्वारा २३० उपकरण एकत्रित किये गये हैं। इस काल के उपकरण भीमबेटका की खुदाई में भी मिले हैं।
दमोह में सोनार और ब्यारमा घाटी में र. व. जोशी ने इस काल के उपकरणों को १२ स्थालों से खोजा है।
उच्च सोन घाटी के उत्खनन से निसार अहमद ने ४५ स्थलों से ४८५ उपकरण एकत्रित किए।
उच्च सोन घाटी के उत्खनन के दौरान, निसार अहमद सीधी और शहडोल जिले के कई ऐसे कई स्थलों पर गए जहाँ उच्च पुरापाषाण कालीन संस्कृति के उपकरण पाए गए। मंडला के निकट नर्मदा की एक सहायक नंदी बंजर के तट पर स्थित बमनी में छुरी और छैनी भी मिले हैं। ये उपकरण भीमबेटका के स्तर-वैन्यासिक उत्खनन स्तर और ग्वालियर तथा रीवा जिले के उत्खननों में भी मिले हैं।
मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, इंदौर, खंडवा और निमाड़ जिले में चम्बल घाटी में किए गए उत्खनन के दौरान बहुत से लघु-पाषाणीय स्थल निकले हैं।
शहडोल, रीवा, मंदसौर, सिहोर, भोपाल, होशंगाबाद, उज्जैन, जबलपुर, मंडला, छतरपुर, विदिशा, सागर, गुना, पन्ना, छिंदवाड़ा, और धार की खुदाई में भी बहुत से लधु-पाषाणीय स्थल निकले हैं।
आदमगढ़ के उत्खनन से निकले लुघ-पाषाणीय उद्योग-स्थल को ५५०० ई. पू. का माना गया है।
पूर्व हड़प्पा अथवा हड़प्पा संस्कृति के कोई भी चिन्ह मध्य प्रदेश में नहीं पाए गए हैं। लेकिन हड़प्पा के पश्चात् ताम्र-पाषाण संस्कृति के अवशेष भारी मात्रा में मिले हैं, विशेषत: मालवा में महेश्वर नावदाटोली में किए गए पुरातात्विक उत्खननों में ११६०-१४४० ई. पू. की तिथियाँ मिली हैं।
एरण के उत्खनन के अनुसार यह संस्कृति २००० ७०० ई. पू. की है और बेसनगर के अनुसार इस संस्कृति की मध्यभारत में अस्तित्व ११०० ९०० ई. पू. की है।
गंगा-यमुना दोआब में पूर्व लौह युग के कांस्य उपकरणों के भंडार मिले हैं। मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश) में गुंगेरिया, जबलपुर, दबकिया और रामजीपुरा के कुछ एकाकी क्षेत्रों से भी कांस्य उपकरणों के इसी तरह के भंडार मिले हैं।
यद्यपि भारत में लोहा बहुत पहले से आ गया था, तथापि मध्य प्रदेश में यह १००० ई. पू. के लगभग आया।
मध्य प्रदेश में ऐसे स्थल, जहाँ से धूसर रंग के बर्तन जो लोहे के प्रारंभ से संबन्धित हैं, कम हैं और जो हैं वह राजस्थान और उत्तर प्रदेश को स्पर्श करते मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में सीमित हैं। इनमें भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले सम्मिलित हैं।
गिलौलीखेड़ा (मुरैना जिला) में इस लेखक द्वारा १९८२ में किये गये उत्खनन से १.२ मी. गहरा पीजीडब्ल्यू जमाव मिला है।
दक्षिण भारत में लौह युग से सम्बद्ध कुछ समाधियाँ प्राप्त होती हैं, जिन्हें महापाषाणीय स्मारक (मेगालिथ) के नाम से सम्बोधित किया गया है।
इनका काल १५०० १००० ई. पू. माना जाता है। यद्यपि महापाषाण स्मारकों को दक्षिण भारत से सम्बद्ध किया जाता है, तथापि इनमें से कुछ मध्य प्रदेश, असम, उड़ीसा, बिहार, राजस्थान, गुजरात और कश्मीर में भी मिले हैं। |
भोपाल। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश के १५ जिलों में आंधी, बारिश और वज्रपात एवं १५ जिलों में हल्की बारिश एवं बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है। इस प्रकार मौसम विज्ञानियों के अनुसार मध्य प्रदेश के ५२ में से ३० जिलों में मौसम खराब रहेगा। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, दमोह, सागर, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों में ४० किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी, बिजली गिरने और बारिश होने की संभावना है।
मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार भिंड, मुरैना, श्योपुर, नर्मदा पुरम, हरदा, बैतूल, भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, धार, उज्जैन, गुना, अशोक नगर एवं शिवपुरी जिला में वज्रपात यानी बिजली गिरने की संभावना है। |
१५ अगस्त २०२२ को आजादी के ७२ साल पूरे हो गये। इसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अलाहाबाद के साबरमती आश्रम में १२ मार्च को आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसी दिन महात्मा गांधी जी ने नमक सत्याग्रह की शुरूआत की थी।
इस महोत्सव को मनाने की तीन प्रमुख वजह हैः- पहला यह कि इसी दिन हमारा देश अंग्रेजो की गुलामी से आजाद हुआ था। दूसरा यह कि इस आजादी के दौरान कई वीर योद्धाओं ने अपने जान की बाजी लगा दी और अनन्य कष्ट सहे। उन्हे याद करने की जरूरत हैं। तीसरा यह की हमारे देश को आजाद हुए ७५ साल हो चुके है। इन कारणो से आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मायने बताने बहुत जरूरी है कि इन ७५ वर्षों मे भारत ने क्या उपलब्धिया हासिल की है।
वर्तमान समय में जो युवा पीढ़ी है जिनकी उम्र १८ से ३५ साल के बीच मे है वह आजादी के संघर्ष और लोकतंत्र के महत्व को बेहतर ढंग से नही जानती है। कई विचारधाराओं मे बटी यह पीढ़ी गुमराही के एक चौराहे पर खड़ी है। ऐसे में उसे अपने देश के इतिहास और वर्तमान से जोड़ना बहुत जरूरी है। कहते है कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है उसका भूगोल बदल जाता है और हुआ भी यही है। कई कुर्बानिया व्यर्थ चली गई तब जबकी देश का विभाजन हुआ। भारत को आजाद कराने के लिए किन-किन चुनौतियो का सामना करना पड़ा और क्या क्या कुर्बानिया भारत को देनी पड़ी यह आज की युवा पीढ़ी को जानना जरूरी है। साथ ही यह भी की आने वाले समय में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा । हांलांकि किताबों और स्कूलों में पढ़ाए गए पाठ से उन्हे आजादी मिल जाती है लेकिन वह करीब से इसकी संघर्ष की कहानी को नही जानते है। इतिहास को बहुत सी बातें पाठ्यक्रम में नही, जिन्हे जानना या बताना जरूरी है।
भारत को विश्वअर्थव्यवस्था में एक शक्ति माना गया है। भारत में युवाओं की संख्या बहुत अधिक है जो अपनी काबिलियत से लगातार उन्नति और सफलता के परचम लहरा रही है और देश के विकास में सहयोग कर रही , लेकिन भारत ने एक बुरी अर्थव्यवस्था का दौर भी देखा है जब आजादी के बाद भारत को बंटवारा झेलना पड़ा और भारत चीन के साथ युद्ध हुआ। उस समय के बाद भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन फिर भी लगातार प्रयास के बाद भारत आज एक बड़ी अर्थव्यवस्था और हर क्षेत्र मे विकास वाला देश बन गया है।
आज भारत एक परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है । यही नही चांद और मंगल पर मानव रहित मिशन भेजने वाले देशो की सूची मे भारत का भी नाम शामिल है जो कि हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। साथ ही भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने बहुत ही कम खर्च में मंगल मिशन के लिए पहली ही बार में सफलता प्राप्त की है। बात की जाए उत्पादन के क्षेत्र की तो इस मामले मे भी भारत ने कई देशो को पीछे छोड़ा है। सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ भारत सरकार लगातार अपनी योजनाओ के माध्यम से लोगो तक सेवाए पहुचाती रहती है। इससे वर्तमान में भारत की तस्वीर बदल गई है। आज भारत को दुनिया सम्मान और आशा भरी नज़रो से देख रही है। इन सभी बातो पर ध्यान देना आवश्यक है क्योकि जब आप इन सभी बातो पर ध्यान देंगें तो आपको गर्व महसूस होगा कि आप भारतवासी है। और आप भारत जैसे देश में पैदा हुए है, इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाना बहुत ज़रूरी है। |
बेनीपट्टी(मधुबनी) प्रखंड के तिसियाही खनुआटोल पर राधा अष्टमी पूजनोत्सव को लेकर मंगलवार को ३५१ कन्याओं द्वारा भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गयी। नवज्योति मिथिला समिति के तत्वावधान में आयोजित होनेवाली पूजनोत्सव समारोह को लेकर ग्रामीणों के नेतृत्व में यह कलश शोभा यात्रा पूजा पंडाल स्थल से चलकर तिसियाही त्योंथ और खनुआटोल सहित विभिन्न गांव व टोले का परिभ्रमण करते हुए बछराजा नदी के तट पर पहुंची जहां नदी का पवित्र जल भर कर पुनः परिक्रमा करते हुये गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा पूजा पूजन स्थल पहुंची।
जहां आचार्यों ने वैदिक मंत्रोचारण कर कलश को निष्ठापूर्वक स्थापित किया। इस दौरान राधे कृष्ण के जयजयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान बना रहा। पूजनोत्सव का आयोजन खनुआ चौक पर किया जा रहा है। बता दें कि दूसरे शहरों से बुलाये गये कलाकारों के द्वारा कई देवी देवताओं का प्रतिमा का निर्माण कराया गया है और आकर्षक पंडाल बनाकर सजाया गया है।
जानकारी देते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष व सचिव ने बताया कि पिछले ३१ वर्षों से यहां श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ समस्त ग्रामीणों के सहयोग से हर वर्ष राधा अष्ठमी पूजा मनाया जाता रहा है। चार दिवसीय पूजनोत्सव के दौरान भव्य मेला, संकीर्तन-भजन, महाआरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
इस पूजनोत्सव के आयोजन से पूरा गांव भक्तिमय माहौल में सराबोर है। मौके पर देवचंद्र महतो, गणेश महतो, कृष्णा कुमार महतो, रौशन कुमार महतो, जयप्रकाश, पिंकू महतो, संजीत कुमार आदि थे। |
बच्चों को पालना कोई आसान काम नहीं है। उनकी जरूरतें पूरी करने के साथ बच्चों की कई छोटी-छोटी चीजों का भी ख्याल रखना होता है, तभी बच्चे अच्छे इंसान बन सकते हैं। जैसे, कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट की लाइफ में कुछ अच्छा नहीं चल रहा होता, इसलिए उन्हें कई बातों पर गुस्सा आता है। इस बुरे टाइम में वे बच्चों पर ध्यान ही नहीं दे पाते और बिना सोचे-समझें बच्चों को ऐसी बातें कह देते हैं, जिससे बच्चे के दिमाग और मन पर असर पड़ता है, इसलिए आप चाहें कितने भी गुस्से में हों लेकिन आपक बच्चों को कुछ बातें कहने से बचना चाहिए।
कई पेरेंट की आदत होती है कि वे अपने बच्चों को गुस्से में अक्सर गाली देते हैं जबकि ऐसा करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप बच्चे को गाली न दें।
बच्चों को जिन शब्दों का मतलब भी नहीं पता होता, वे बातें अगर आप उनसे कहेंगे, तो बच्चा उसका मतलब जानने के लिए इधर-उधर जाएंगे। ऐसे में बच्चों के मन पर यह शब्द भी बहुत बुरा असर डालता है।
अपने बच्चों को आप कभी भी बोझ न कहें। बेशक से गुस्से में कहे हुए शब्दों का मतलब हमेशा वही नहीं होता लेकिन फिर भी बच्चोंं को ये बात कहने से बचें। बढ़ते हुए बच्चों को यह बात बहुत बुरी लगती है।
यह भी पेरेंट का डायलॉग होता है लेकिन इस डायलॉग भी बच्चों के दिमाग पर काफी गलत असर डालता है। पेरेंट को यह कहने से भी बचना चाहिए। ऐसा कहने से बच्चा अनसेफ फील करता है।
आप अगर अक्सर ऐसा कहते हैं, तो आपको अपनी यह आदत सुधारनी पड़ेगी। बच्चों को यह बात कहने से भी बचना चाहिए। वरना बच्चे अनसेफ फील करने के साथ हमेशा डरने लगते हैं। |
भारत को आत्मनिर्भर बनाने और अपने नागरिकों के लिए रोजगार पैदा करने के लिए, भारत सरकार पिछले कई वर्षों से लगातार लोकल और मेक इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हालांकि, भारत में कई कंपनियां हैं जो अपनी स्थापना के बाद से इस मंत्र का पालन कर रही हैं और बड़े पैमाने पर समाज में इसके प्रोत्साहन हेतु योगदान कर रही हैं। ऐसी ही एक स्वाभिमानी भारतीय कंपनी है स्टेलर, जो डेटा रिकवरी क्षेत्र में सबसे पहले स्थान पर है और लगभग तीन दशकों से आपके महत्वपूर्ण डेटा को रिकवर करने के लिए डेटा रिकवरी सॉफ्टवेयर को विकसित करके और डेटा रिकवरी सर्विस से व्यक्तियों और व्यवसायों की मदद कर रही है। कंपनी के सभी डेटा रिकवरी उत्पाद केवल भारत में विकसित किये जाते है और और इनका परीक्षण भी भारत में ही किया जाता है। हम अपने सभी स्वदेशी उत्पादों के साथ, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे है।
स्टेलर ने विश्व स्तर के उत्पादों की पेशकश करके खुद के लिए एक जगह बना ली है। पूरे विश्व में हमारे ३ मिलियन से अधिक संतुष्ट ग्राहक है। विभिन्न क्षेत्रों में आसानी से अपने ग्राहकों की सेवा के लिए, स्टेलर ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में अपने कार्यालय भी स्थापित किए है। इससे कंपनी को अपने कार्यक्षेत्र को बढ़ाने में भी मदद मिली है।
कंपनी के डेटा केयर सॉफ्टवेयर प्रॉडक्टस को उनके अविश्वसनीय गुणवत्ता और मूल्य के लिए जाना जाता है, जिसमें उपयोगकर्ताओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एडवांस्ड फीचर्स हैं। कंपनी लगातार अपने संसाधनों और प्रयासों का आयोजन करती है ताकि इनोवेटिव और भविष्य के लिए तैयार समाधान विकसित किए हो सकें। ये समाधान उपभोक्ता और उद्यम दोनों क्षेत्रों में उपयोगकर्ताओं के लिए व्यापक डेटा की देखभाल को सक्षम करने के मूल उद्देश्य से बनाए गए हैं।
इसके अलावा, स्टेलर द्वारा बनाये गए डेटा रिकवरी प्रोडक्टस चीनी और अन्य विदेशी कंपनियों की तुलना में अधिक प्रभावी हैं। इसके अलावा, भारत में स्टेलर डेटा रिकवरी सर्विस सबसे अच्छी और भरोसेमंद हैं। स्टेलर दुनिया के हर कोने में अपने मेड इन इंडिया उत्पादों को उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
स्टेलर उन भारतीय फर्मों में से एक है जो भारतीय समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझती है। कंपनी के पास भारतीय प्रतिभा का एक विशाल पूल है, जो कंपनी की सफलता के लिए पूरे दिल से योगदान दे रहा है और और साथ ही राष्ट्र-निर्माण में भी योगदान दे रहा है। स्टेलर पत्थर को हीरों में बदलने प्रवृत्ति रखती है, जिससे हम कच्ची प्रतिभा को चुनते है और उन्हें नौकरी पर प्रशिक्षण देकर कुशल प्रोफेशनल्स में बदल देते है। यह कुशल जनशक्ति हमारे राष्ट्र के भविष्य को बदलने की क्षमता रखती है।
इनके अलावा, स्टेलर क्स्र गतिविधियों का संचालन करती है, जैसे कि जरुरतमंदों के बीच कपड़े, कंबल आदि का वितरण करना। कंपनी प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी समझती है और नियमित रूप से वृक्षारोपण अभ्यास आयोजित करती है।
हर नागरिक देश के विकास में योगदान दे सकता है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, मेक इन इंडिया और बाई इन इंडिया को ज्यादा महत्व देना चाहिए। वोकल आबात लोकल जाने का समय आ गया है। एक व्यक्ति जितना अधिक भारतीय उत्पादों और सेवाओं को खरीदता है, उतना ही वह अर्थव्यवस्था में सक्रिय योगदान दे रहा है और देश को आत्मनिर्भर बना रहा है। मेक इन इंडिया उत्पादों को ही खरीदें, ये एक कदम भारत देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।
गिरीश एक लेखक हैं जिन्हें प्रौद्योगिकी के बारे में ब्लॉग पसंद है। डेटा रिकवरी में उनकी गहरी रुचि है। वह डेटा रिकवरी और खोए हुए डेटा को रिकवर करने के तरीकों पर जानकारीपूर्ण लेख शेयर करते हैं। |
अगस्त ५ में ज़ियाओमी मी पड़ २०२१ को चीन में पेश किए हुए लगभग एक साल बीत चुका है, कुछ समय के लिए बाजार से गायब रहने के बाद श्रृंखला को बड़ी सफलता मिली है।
ज़ियाओमी मी पड़ ६ चीन में प्रमाणित: स्नैपड्रैगन ८८८ के साथ आ रहा है?
अब, लगभग एक साल बाद, पहले से ही कई उपयोगकर्ता हैं जो ज़ियाओमी के मी पड़ की छठी पीढ़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आखिरकार, ज़ियामी एमआई पैड ५ में पहले से ही सुधार के लिए पर्याप्त जगह थी, जैसे कि चिपसेट जो स्नैपड्रैगन ८७० पर अधिक महंगे संस्करण में भी रुक गया था।
खैर, चीनी ब्लॉगर अंगंगह के नवीनतम खुलासे के अनुसार, ज़ियाओमी ने एशियाई देश में मॉडल संख्या २२०८१२८१एक के साथ एक टैबलेट को प्रमाणित किया है। याद रखें कि ज़ियाओमी पड़ ५ श्रृंखला का मॉडल नंबर म210५क८१च था, इसलिए हम अंतिम भाग "८१एक" और "८१च" में समानता देखते हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि पहले कई चीनी ब्लॉगर्स ने डिज़ाइन चरण में एक डिवाइस के मापदंडों को उजागर किया है जिसे ज़ियाओमी मी पड़ ६ श्रृंखला का एक मॉडल माना जाता है।
जबकि हाई-एंड मॉडल को महत्वपूर्ण अपग्रेड लाना चाहिए। विशेष रूप से, अफवाह यह है कि इसे स्नैपड्रैगन ८८८ श्रृंखला चिप में अपग्रेड किया गया है, इसलिए हमारे पास प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसके अलावा, जबकि स्नैपड्रैगन ८८८ स्मार्टफोन पर ऊर्जा की खपत और गर्मी के उत्पादन में बहुत अच्छा नहीं है, टैबलेट पर इस कमी को काफी हद तक सुधारा जा सकता है। गोलियों के बड़े आयाम वास्तव में एक बढ़ी हुई गर्मी लंपटता प्रणाली, साथ ही साथ एक बहुत बड़ी बैटरी लाने की अनुमति देते हैं।
नर्ड, प्रौद्योगिकी, फोटोग्राफी, वीडियो निर्माता और गेमर के बारे में भावुक। और निश्चित रूप से मुझे ज़ियाओमी उत्पादों से प्यार है! ट्विटर पर उपलब्ध है।
मिजिया डेस्कटॉप वाटर प्यूरीफायर स्मार्ट संस्करण प्रस्तुत: यहां तक कि वाटर प्यूरीफायर भी स्मार्ट हो जाता है!
जब आप पहली बार एक सामाजिक लॉगिन बटन का उपयोग करते हुए लॉग इन करते हैं, तो हम आपकी गोपनीयता सेटिंग्स के आधार पर, सामाजिक लॉगिन प्रदाता द्वारा साझा की गई आपकी खाता सार्वजनिक प्रोफ़ाइल जानकारी एकत्र करते हैं। हमारी साइट पर एक खाता बनाने के लिए हम आपके ईमेल पते का उपयोग करेंगे।
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२ के लिए हिमो ल२96 मैक्स इलेक्ट्रिक स्कूटर यूरोप से मुफ़्त भेजा गया! |
हरियाणा राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड ने कंप्यूटर प्रोफेशनल्स के ११७ पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक उम्मीदवार २५ फरवरी २०२० से ०६ मार्च २०२० तक ऑनलाइन मोड के माध्यम से हार्ट्रॉन भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवार इस वेबसाइट में अधिक विवरण देख सकते हैं।
नेटवर्किंग इंजीनियर बीई / बी.टेक (किसी भी स्ट्रीम में) / एम.एससी। (कंप.स्क./इट)/ एमसीए / .स्क. बी / लेवल सी ६०% अंकों के साथ स्तरीय पाठ्यक्रम। या ६०% अंकों के साथ म. स्क (फी / गणित / सांख्यिकी) और ६०% अंकों के साथ पगड़्का। मैसे / कैना / द्क्ने / लीनूक्स / सोलरिस / न्यूनतम ३ महीने का डिप्लोमा नेटवर्किंग / सिस्टम सुरक्षा में प्रमाणन। नेटवर्क प्रशासन का ०१ वर्ष का कार्य अनुभव / हार्डवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर सहित लान / वन / इंटरनेट / इंट्रानेट के परिचालन समस्याओं के निवारण और समाधान का अनुभव।
नेटवर्किंग सहायक कॉम्प में ०३ वर्ष का डिप्लोमा। स्क./ इट / इलेक्ट्रॉनिक्स / इलेक्ट्रॉनिक्स & कम./ब्का/ ब.स्क. (कंप.स्क./इट),/आ/ब स्तर का कोर्स डीओई / एनआईईएलआईटी से ५५% अंकों के साथ। इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण के समस्या निवारण, संचालन और रखरखाव में १ वर्ष का कार्य अनुभव; हार्डवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर सहित लैन / वान / इंटरनेट / इंट्रानेट की हैंडलिंग।
डीटीपी ऑपरेटर स्नातक (५५% अंक) पीजीडीसीए / पीडीसीए / पीजीडीआईटी / एपीजीडीसीए के साथ। या बीसीए / बी.एससी। (कंप। स्क./इट) म्का / म.स्क। कंप.स्क./इट)/ ब.टेक (किसी भी स्ट्रीम में) (५५% अंकों के साथ)।
जूनियर प्रोग्रामर डेस्कटॉप पब्लिशिंग / ग्रेजुएशन में १ साल के कोर्स के साथ १0 + २ (५०% अंक) के साथ डेस्कटॉप पब्लिशिंग में ६ महीने का फुल टाइम सर्टिफिकेट कोर्स। कोरल ड्रॉ / पेज मेकर और एडोब प्रीमियर / फोटोशॉप का उपयोग करके प्रिंट मीडिया जैसे विज्ञापन, ब्रोचर्स, समाचार पत्र आदि को डिजाइन करने में १ वर्ष का अनुभव।
पात्र उम्मीदवार २५ फरवरी से ०६ मार्च २०२० तक आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पद पर आवेदन कर सकते हैं।
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हारत्रों साक्षात्कार और टेस्ट के माध्यम से उम्मीदवारों का चयन होगा। |
बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित सोन भंडार गुफा में खजाना छिपे होने की बात लम्बे समय से प्रचलित है। भारत में ऐसे कई टूरिस्ट स्पॉट्स है, जहां राजा-महाराजाओं का खजाना छिपे होने की बातें होती रहती हैं।इसी क्रम में कहा जाता है कि मौर्य शासक बिंबिसार ने अपने शासन काल में राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खजाने को छुपाने और सोने को सहेजने के लिए यह गुफा बनाई थी। इसके बाद इस गुफा का नाम सोन भंडार गुफा पड़ा था। पूरी चट्टान को काटकर यहां पर दो बड़े कमरे बनवाए गए थे। गुफा के पहले कमरे में जहां सिपाहियों के रुकने की व्यवस्था थी। वहीं दूसरे कमरे में खजाना छुपा था। दूसरे कमरे को पत्थर की एक बड़ी चट्टान से ढंका गया है। जिसे आज तक कोई नहीं खोल पाया। कहा जाता है कि अंग्रेजों ने इस गुफा को तोप के गोले से उड़ाने की कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें नाकामयाब रहे। अंग्रेजों ने इस गुफा में छुपे खजाने को पाने के लिए यह कोशिश की थी,लेकिन नाकाम होने पर वे वापस लौट गए। आज भी इस गुफा पर उस गोले के निशान दिखते हैं। सोन भंडार गुफा में अंदर घुसते ही १०.४ मीटर लंबा और ५.२ मीटर चौड़ा एक कमरा है। इस कमरे की ऊंचाई लगभग १.५ मीटर है। कहा जाता है कि यह कमरा खजाने की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए बनाया गया था। इसी कमरे के दूसरी ओर खजाने वाला कमरा है, जो कि एक बड़ी चट्टान से ढंका हुआ है। मौर्य शासक के समय बनी इस गुफा की एक चट्टान पर सम्भवतः शंख लिपि में कुछ लिखा है। इसके संबंध में मान्यता प्रचलित है कि इसी शंख लिपि में इस खजाने के कमरे को खोलने का राज लिखा है, परन्तु उस लिपि को आजतक कोई पढ़ नहीं पायाल इस जगह पर जैन धर्म के अवशेष भी देखने को मिलते हैं। यहीं पर दूसरी ओर बनी गुफा में ६ जैन धर्म तीर्थंकरों की मूर्तियां भी चट्टान में उकेरी गई हैं। जिससे यह मान्यता है कि यहां पर जैन धर्म के अनुयायी भी रहे थे। दोनों ही गुफा तीसरी और चौथी शताब्दी में चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। इन गुफाओं के कमरों को पॉलिश भी किया गया है। |
बरेली: जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी ने कल जनपद में ईपीसी मोड पर लोक निर्माण विभाग के निर्माण खण्ड भवन में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। सर्वप्रथम जिलाधिकारी ने नवाबगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने धीमी गति से चल रहे कार्य पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्बंधित विभाग के उपस्थित अधिकारी एवं ठेकेदार को तीव्र गति से कार्य को पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया। निरीक्षण के समय सम्बन्धित कार्यदायी संस्था के अधिशासी अभियन्ता, शासन के निर्देशों के क्रम में गठित समिति के सदस्य प्रान्तीय खण्ड के अधिशासी अभियन्ता एवं सम्बन्धित श्रम विभाग के उप निदेशक उपस्थित रहे।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने वृहद गौशाला, अधकटा नजराना का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि सर्दी के मौसम में गायों के लिए सर्दी से बचाव हेतु टाट आदि की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि भूंसे के साथ-साथ हरा चारा, टीकाकरण एवं गौवंशों का समय-समय पर उनका डॉक्टरों द्वारा चेकअप भी किया जाए। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने राजकीय यूनानी मेडिकल कालेज, हजियापुर में चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने यूनानी मेडिकल कॉलेज के कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया एवं समय से कार्य पूर्ण कराने हेतु निर्देशित भी किया।
बरेली से ए सी सक्सेना । |
५ जुलाई, २०२२ को जारी एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक के पहले संस्करण में राजस्थान पूरे देश में पंद्रहवें स्थान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले स्थान पर है।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक का पहला संस्करण जारी किया।
सामान्य श्रेणी के राज्यों में एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक में ओडिशा ८३६ स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश ०.७९७ स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश ०.७९४ स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
सामान्य श्रेणी के राज्यों में एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक में राजस्थान ६९४ स्कोर के साथ पंद्रहवें स्थान पर है।
विशेषश्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा ७८८ स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश ०.७५८ स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम ०.71० स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
इसके अलावा, तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली और दमन दीव ८०२ स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति तथा प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है तथा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- ई) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ई) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और ई) पोषण संबंधी पहल। |
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद को लेकर राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्र के भाइयों के साथ मजबूती से खड़ी है। वे इस संबंध में कानूनी लड़ाई के लिए एकजुट प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त किया गया है। मंत्री सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को न्यायिक प्रक्रिया के समन्वय के लिए नियुक्त किया गया है। यह कहते हुए कि सीमा मुद्दों से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को प्रभावी ढंग से दिया जा सके। मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ सीमावर्ती क्षेत्रों को पूर्व की भांति दिया जाए और महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना का भी लाभ दिया जाए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को लाभ प्रदान करने के लिए सकारात्मक है।
सह्याद्री गेस्ट हाउस में महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति की बैठक हुई। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, समिति के सदस्य मंत्री सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल, डॉ. तानाजी सावंत, दीपक केसरकर, शंभूराज देसाई, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे, विधायक पृथ्वीराज चव्हाण, राजेश क्षीरसागर, मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ संपादक किरण ठाकुर सहित महाराष्ट्र एकता समिति के सदस्य उपस्थित थे।
सुजाता सौनिक, अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताविक किया। वकील शिवाजी जाधव ने सीमा मुद्दे को लेकर चल रही अदालती लड़ाई की जानकारी दी।
स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे भी सीमा क्षेत्र के लोगों के साथ हमेशा रहे, यह कहते हुए मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार सीमा मुद्दे के समाधान पर गंभीरता से ध्यान दे रही है। इसके लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त किया गया है। जरूरत पड़ी तो और वकीलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। राज्य सरकार ने इस मसले पर अपना पूरा ध्यान लगा रखा है। साथ ही मैं, उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस, हम जल्द ही इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भी कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार की ओर से मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को समन्वयक नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीमावर्ती क्षेत्रों के भाइयों को महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्रभावी ढंग से मिले। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सीमा मुद्दे से निपटने वाले विशेष प्रकोष्ठ को भी मजबूत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हालांकि अदालती कार्यवाही चल रही है, लेकिन कर्नाटक सरकार के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषा के उपयोग और उन क्षेत्रों में भाइयों द्वारा आवश्यक सुविधाओं के संबंध में संचार जारी रखा जाना चाहिए।
सीमावर्ती क्षेत्रों में मुख्यमंत्री सहायता कोष का लाभ पूर्व की भांति देने का निर्णय इस बार लिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने यह भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महाराष्ट्र सरकार की महात्मा जोतिबा फुले जन आरोग्य योजना का लाभ दिलाने के लिए सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सीमा आंदोलन के शहीदों के परिवारों को स्वतंत्रता सेनानियों की तरह पेंशन देने का फैसला किया। साथ ही एकता समिति द्वारा अदालती लड़ाई के लिए भुगतान किये गये शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया गया।
उपमुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि सीमा का मुद्दा बहुत संवेदनशील मुद्दा है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं। हम इस मुद्दे को वैध, लोकतांत्रिक तरीके से हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सब सीमा वासियों के साथ हैं।
इस मौके पर मध्य महाराष्ट्र एकता समिति के प्रकाश मारगले, दिनेश ओउलकर, विनोद आंबेवाडकर ने सीमा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी। समिति के सदस्यों ने सीमा मुद्दे पर अदालती लड़ाई के लिए वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को नियुक्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया। इस समय श्री दानवे, श्री चव्हाण, श्री ठाकुर ने मनोगत व्यक्त किया। |
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जब कोई पिण्ड किसी वृत्ताकार पथ (सर्कुलर पथ) पर नियत चाल (कॉन्सटेंट स्पीड) से चलता है, तो उसकी गति को एक समान वृत्तीय गति कहते हैं। इस गति में पिण्ड की चाल का परिमाण (मेग्नीट्यूड) सदैव नियत रहता है परन्तु उसकी चाद की दिशा लगातार बदलती रहती है।
किसी भी समय पिण्ड की चाल की दिशा, वृत्त की परिधि पर खींची गई स्पर्श रेखा की दिशा में होती है।
चित्र ३.१ में बिन्दु ओ के चारों ओर वृत्ताकार पथ पर घूम रहे कण प की गति कोणीय गति है।
(ब) कोणीय विस्थापन (अंगुलार दिसप्लेसिमेंट) जिस प्रकार रेखीय गति (लाइन्यर मोशन) में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी या विस्थापन को स से नापते हैं उसी प्रकार कोणीय गति में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी या विस्थापन को वस्तु द्वारा तय किये हुए कोण (थीटा-थेटा) से नापते हैं और इसे कोणीय विस्थापन कहते हैं (क्योंकि कोणीय गति में, कण के द्वारा एक पूरा चक्कर लगाने पर, रेखीय विस्थापन शून्य हो जाता है और यह स्थिति बार-बार आती है)। भौतिकी में कोण को प्रायः रेडियन (चाप/त्रिज्या) में नापते हैं।
रेडियन में कोण का मान,
यदि कोण बहुत छोटा है तो,
(च) कोणीय वेग (अंगुलार वेलोसिटी) जिस प्रकार रेखीय गति में, रेखीय विस्थापन की दर को रेखीय वेग (लाइन्यर वेलोसिटी) कहते हैं, उसी प्रकार कोणीय गति में, कोणीय विस्थापन की दर को कोणीय वेग कहते हैं। इसे ग्रीक अक्षर (ओमेगा ओमेगा) से प्रकट करते हैं।
इसका मात्रक डिग्री/सेकेण्ड, चक्कर/सेकेण्ड या रेडियन/सेकेण्ड है। इसका स.ई. मात्रक रेडियन/सेकेण्ड (रेड्स) तथा विमा [मल्ट-१] है। यह एक सदिश (वेक्टर) राशि है, जिसकी दिशा घूर्णन अक्ष (एक्सिस ऑफ रोटेशन) के समान्तर होती है तथा दाहिने हाथ के अंगूठे के नियम (र.ह. ठुमब रूल) द्वारा ज्ञात की जाती है।
(ई) आवर्तकाल (टाइम पीरियड) यदि वृत्तीय गति करते हुए पिंड को एक पूरा चक्कर लगाने में लगा समय त हो, तो कण का औसत कोणीय वेग,
त को आवर्तकाल कहते हैं और इसे निम्न प्रकार परिभाषित करते हैं।
वृत्तीय गति करते हुए पिण्ड को एक पूरा चक्कर लगाने में लगे समय (टाइम) को पिंड का आवर्तकाल (टाइम पीरियड) कहते हैं।
(ई) आवृति (फ्रीक्वेंसी) वृत्तीय गति करते हुए पिण्ड द्वारा एक सेकेण्ड में लगाये गये चक्करों की संख्या (नंबर ऑफ रिवॉल्यूशन पर सेकंड) को आवृति (फ्रीक्वेंसी) कहते हैं तथा इसे न (स्मॉल एन) से प्रदर्शित करते हैं व्यवहार में इसका मात्रक चक्कर प्रति सेकेण्ड है।
(ई) आवृति तथा आवर्त काल में सम्बन्ध (रिलेशन बिट्वीन न एंड त) आवृति तथा आवर्तकाल में निम्न सम्बन्ध होता है।
(ड) कोणीय तथा रेखीय वेग में सम्बन्ध (रिलेशन बिट्वीन अंगुलार एंड लाइन्यर वेलोसिटी) माना कोई पिण्ड, त समयान्तराल में वृत्त की परिधि पर गति करता हुआ बिन्दु आ से ब तक (चित्र ३.१), स दूरी तय करता है।
स्पष्ट है कि पिण्ड का रेखीय वेग (व) पिण्ड की केन्द्र से दूरी (र) के अनुक्रमानुपाती (डाइरेकली प्रोपोर्शनल) होता है। अतः पिण्ड केन्द्र से जितनी अधिक दूरी पर होगा, उसका रेखीय वेग उतना ही अधिक होगा। इसीलिये केन्द्र पर स्थिति पिण्ड का रेखीय वेग शून्य होता है।
(ए) कोणीय त्वरण (अंगुलार एक्सेलरेशन) कोणीय गति में, कोणीय वेग परिवर्तन की दर को कोणीय त्वरण कहते हैं। इसे ग्रीक अक्षर (अल्फा-अल्फा) से प्रदर्शित करते हैं। यह एक सदिश राशि है, इसकी दिशा कोणीय वेग के अनुदिश होती हैं। यदि एक पिण्ड का (जो घूर्णन अक्ष से र दूरी पर हैं) त१ समय पर कोणीय वेग तथा त समय पर कोणीय वेग हो,
तात्कालिक कोणीय त्वरण, |
उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में यूनानी चिकित्सा उपचार का शुभारंभ कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर सुनील कुमार जोशी द्वारा किया गया। कुलपति डॉ सुनील कुमार जोशी ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आयुष पद्धति से रोगों का उचित इलाज दिलाने हेतु यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा की सुविधा दी गई है साथ ही अवगत कराया कि मुख्य परिसर में रोगी, आयुर्वेद के साथ-साथ होम्योपैथी पद्धति से भी अपना इलाज करा सकते हैं एवं ऋषिकुल परिसर में आयुर्वेद के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं। इस अवसर पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अधाना ने कहा कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की इस पहल से सभी रोगियों का इधर उधर जाना बच जाएगा और उन्हें सुविधानुसार संपूर्ण इलाज एवं परामर्श प्राचीन आयुष पद्धति द्वारा किया जायेगा।
उद्घाटन समारोह में ऋषिकुल परिसर के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर डी०सी० सिंह उपकुलसचिव डॉ शैलेन्द्र प्रधान, डॉ संजय गुप्ता, शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ नरेश चौधरी उत्तरांचल यूनानी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक डॉ हारून एवं यूनानी चिकित्सीय टीम, डॉ शशिकांत तिवारी, डा रमेश चंद तिवारी, डॉ वेदभूषण शर्मा, डाक्टर खेमचंद शर्मा, अनिल सिंह नेगी, खेमानंद भट्ट, मोहित मनोचा, अनिल, अजय, मृदुला आदि सक्रिय सहभागिता की। |
नवरात्रि के अवसर पर अभिलिप्सा ने नया गाना रिलीज किया है। हर हर शंभू गाकर ख़बरों में छाई अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इसका कारण अभिलिप्सा पांडा का नया गाना है। पहले अभिलिप्सा महादेव का भक्ति गीत गाते हुए दिखाई दी थीं। वहीं अब वो मां दुर्गा की आराधना करती नजर आ रही हैं। भक्ति गीत में अभिलिप्सा एक बार अपनी आवाज का जादू बिखेर रही हैं।
हर हर शंभू गाकर ख़बरों में छाई अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। इसका कारण अभिलिप्सा पांडा का नया गाना है। पहले अभिलिप्सा महादेव का भक्ति गीत गाते हुए दिखाई दी थीं। वहीं अब वो मां दुर्गा की आराधना करती नजर आ रही हैं। नवरात्रि के अवसर पर अभिलिप्सा ने नया गाना रिलीज किया है। भक्ति गीत में अभिलिप्सा एक बार अपनी आवाज का जादू बिखेर रही हैं।
शनिवार को अभिलिप्सा ने एक पोस्टर साझा करते हुए नव दुर्गे नमो नमः (नव दुर्गा नमो नामाह) गाने की रिलीज की घोषणा की थी। अभिलिप्सा द्वारा साझा किये गये पोस्टर में मां दुर्गा की तस्वीर दिखाई दे रही थी। मां दुर्गा की आराधना करते हुए पोस्टर में अभिलिप्ला उनके हाथ जोड़े खड़ी नजर आ रही थीं। हांलाकि, पोस्टर के साथ ये नहीं बताया गया था कि गाना कब रिलीज होगा। लेकिन पोस्टर देख कर ही दिखाई दे रहा था कि गाना बेहतरीन होने वाला है। और हुआ भी वही।
अभिलिप्सा का नव दुर्गे नमो नमः रिलीज हो गया है। वीडियो (विडियो) में अभिलिप्सा लाल रंग की साड़ी पहनकर नव दुर्गे नमो नमः गाती नजर आ रही हैं। अभिलिप्सा के हावभाव देखने लायक हैं। वो गाने को इतने शानदार तरीके से गा रही हैं कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाये। गाने में एक अलग ही फील है। नव दुर्गे नमो नमः सुनकर ऐसा महससू होता है जैसे आप मां की भक्ति में डूबे हों। इस गाने के लिरिक्स संदीप कपूर ने लिखे हैं। अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) ने नव दुर्गे नमो नमः गीत को इतने जबरदस्त तरीके से गाया है कि इसे सुनने के बाद उनके प्रशंसक बहुत खुश हो जाएंगे। अभिलिप्सा ने अपनी सिंगिंग (सिंगिंग) से देवी गीत के साथ पूरा न्याय किया है।
अभिलिप्सा का नव दुर्गे नमो नमः रिलीज हो गया है। वीडियो में अभिलिप्सा लाल रंग की साड़ी पहनकर नव दुर्गे नमो नमः गाती नजर आ रही हैं। अभिलिप्सा के हावभाव देखने लायक हैं। वो गाने को इतने शानदार तरीके से गा रही हैं कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाये। गाने में एक अलग ही फील है। नव दुर्गे नमो नमः सुनकर ऐसा महससू होता है जैसे आप मां की भक्ति में डूबे हों।
इस गाने के लिरिक्स संदीप कपूर ने लिखे हैं। अभिलिप्सा पांडा (अभिलीप्सा पांडा) ने नव दुर्गे नमो नमः गीत को इतने जबरदस्त तरीके से गाया है कि इसे सुनने के बाद उनके प्रशंसक बहुत खुश हो जाएंगे। अभिलिप्सा ने अपनी सिंगिंग (सिंगिंग) से देवी गीत के साथ पूरा न्याय किया है। शनिवार को अभिलिप्सा ने एक पोस्टर (पोस्टर) साझा करते हुए नव दुर्गे नमो नमः गाने की रिलीज की घोषणा की थी।
अभिलिप्सा द्वारा साझा किये गये पोस्टर (पोस्टर) में मां दुर्गा की तस्वीर दिखाई दे रही थी। मां दुर्गा की आराधना करते हुए पोस्टर में अभिलिप्ला उनके हाथ जोड़े खड़ी नजर आ रही थीं। हांलाकि, पोस्टर के साथ ये नहीं बताया गया था कि गाना कब रिलीज होगा। लेकिन पोस्टर देख कर ही दिखाई दे रहा था कि गाना बेहतरीन होने वाला है। और हुआ भी वही।
पलक वादा : सर्दियों में पालक से बनाएं यह लज़ीज व्यंजन, बच्चे भी खाएंगे प्यार से ! |
जेनिफ़र वेस्टफेल्ट वह एक प्रशंसित अमेरिकी अभिनेत्री १९७० में पैदा हुआ था है और पटकथा लेखक के लिए सबसे अच्छा २००१ स्वतंत्र फिल्म, 'चुम्बन जेसिका स्टीन' और उसके २०११ की फिल्म, 'बच्चों के साथ मित्र' में अपने काम के लिए जाना जाता है। गिल्डफोर्ड, कनेक्टिकट में माता-पिता, कॉन्स्टेंस, एक चिकित्सक, और पैट्रिक मैक्लोस्की वेस्टफेल्ड, जूनियर, एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में जन्मे, वेस्टफील्ड ने गिलफोर्ड हाई स्कूल से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बाद में येल विश्वविद्यालय में भाग लिया। वेस्टफेल्ड ने न्यूयॉर्क में एक थिएटर अभिनेता के रूप में शुरुआत की और उस समय के दौरान, वह कई ब्रॉडवे प्रस्तुतियों में दिखाई दी। उसके हॉलीवुड कैरियर १९९७ में शुरू किया और चार साल बाद वह जुर्गेनसेन के साथ रडार पिक्चर्स द्वारा फिल्म 'चुम्बन जेसिका स्टीन' में अभिनय किया। उनके अभिनय को कॉमेडी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए गोल्डन सैटेलाइट अवार्ड मिला और बेस्ट फर्स्ट स्क्रीनप्ले के लिए इंडी स्पिरिट नामांकन भी। वेस्टफील्ड ने २००३ में ब्लॉकबस्टर हिट, 'वंडरफुल टाउन' में अपना ब्रॉडवे डेब्यू किया। दो बार के टोनी विजेता डोना मर्फी के साथ दिखाई देते हैं। 'वंडरफुल टाउन' तीन बार के टोनी विजेता कैथलीन मार्शल द्वारा निर्देशित थी। बाद में उन्हें ब्रॉडवे के २००४ टोनी पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में नामित किया गया (विशेष भूमिका - संगीत) एक पुनरुद्धार 'वंडरफुल टाउन' के लिए। एक स्क्रीनराइटर के रूप में वेस्टफेल्ड की प्रतिभा को बाद में फिल्म 'इरा एंड एबी' में देखा गया था। उन्होंने जून २००६ में लॉस एंजिल्स फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया, 'इरा एंड एबी' में क्रिस मेसिना के साथ लिखा, निर्मित और अभिनय किया। फिल्म ने कई पुरस्कार जीते। उन्होंने अपने निर्देशन की शुरुआत 'फ्रेंड्स विद किड्स' में की, जिसमें उन्होंने लिखा, निर्माण और अभिनय भी किया। वेस्टफेल्ट बाद में 'दो लड़के, एक लड़की और एक पिज्जा जगह' के लिए एक नियमित भूमिका के रूप में दिखाई दिया। १९९७ में 'टू गाइज, ए गर्ल एंड ए पिज़्ज़ा प्लेस' का पहला सीज़न प्रसारित किया गया था। २००७ में, वेस्टफील्ड ने एबीसी के 'नोट्स इन द अंडरबेली' में अभिनय किया, जिसे बैरी सोननफेल्ड द्वारा निर्देशित और निष्पादन रूप से निर्मित किया गया था। 'अंडरबेली से नोट्स' दो सीज़न के लिए सफलतापूर्वक चला। १९९७ में, वेस्टफेल्ड अभिनेता जॉन हैम के साथ एक रिश्ते में आ गया। अप्रैल २००९ में, हम्म और वेस्टफील्ड ने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी, पॉइंट्स वेस्ट पिक्चर्स की सह-स्थापना की। लेकिन, सितंबर २०१५ में, हम्म और वेस्टफील्ड ने घोषणा की कि वे अपने रिश्ते को समाप्त कर रहे हैं। जेनिफर वेस्टफेल्ट को आगामी नाटक / जीवनी, 'कैन यू एवर फॉरगिव मी?' में देखा जाएगा। यह अक्टूबर, २०१८ में रिलीज़ होने के लिए कहा गया है। 'कैन यू एवर फॉरगिव मी?' एक आगामी जीवनी पर आधारित ड्रामा-थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन निकोल होलोफेनर और जेफ व्हाईट द्वारा लिखा गया है, जो ली इज़राइल के उसी संस्मरण पर आधारित है।
नीचे इंस्टाग्राम से ली गई अभिनेत्री और लेखक की कुछ बहुत ही हॉट तस्वीरों का संकलन है।
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रिलायंस जियो (रिलायंस जियो) अपने यूजर्स को कई शानदार प्लान ऑफर कर रहा है। जियो के ये प्लान हर रेंज में आते हैं। इनमें आपको डेली डेटा और फ्री कॉलिंग के साथ अडिशनल बेनिफिट्स भी मिलते हैं। प्लान्स की लंबी लिस्ट में कुछ ऐसे प्लान भी हैं, जो बेनिफिट्स के मामले में सबसे अलग हैं। ये प्लान फोन को बार-बार रिचार्ज कराने की टेंशन भी दूर कर देते हैं। इनमें आपको रोज ३जीबी डेटा और फ्री कॉलिंग भी मिलेगी।इसके अलावा इनमें से कुछ प्लान्स में कंपनी डिज्नी+ हॉटस्टार का फ्री सब्सक्रपिप्शन भी दे रही है। आइए जानते हैं डीटेल। |
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय और सीमा पार आतंकवाद को सबसे गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि इन खतरों का सामना पूरी दुनिया कर रही है। राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप का आह्वान किया। बता दें कि #राजनाथ सिंह ने ९वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में ये बातें कही।
आसियान मंत्रियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सबसे बड़ा खतरा अंतराष्ट्रीय और सीमा पार वाला आतंकवाद है और इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब उदासीनता प्रतिक्रिया नहीं हो सकती है, क्योंकि आतंकवाद ने विश्व स्तर पर कई देशों को नुकसान पहुंचाया है।
राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि कैसे आतंकवादी समूहों ने मनी ट्रांसफर और आतंकियों की भर्ती के लिए नई टेक्नोलॉजी का यूज किया है, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध इस ओर इशारा भी करता है। राजनाथ सिंह ने जब आतंकवाद एक बड़ा खतरा बना हुआ है, ऐसे में कोरोना महामारी से होने वाली परेशानियों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उन्होने कहा कि आसियान के १० देशों और ८ प्रमुख प्लस देशों की भागीदारी के साथ, एडीएमएम प्लस न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि विश्व शांति के लिए एक चालक के रूप में खुद को स्थापित कर सकता है। |
ई) ऊपर उल्लिखित आरक्षित रिक्तियों सहित रिक्तियों की संख्या अनंतिम है और बैंक की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार भिन्न हो सकती है।
ई) विभिन्न पदों के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम है। उम्मीदवार के पास निर्दिष्ट तिथियों के अनुसार योग्यता और प्रासंगिक पूर्णकालिक अनुभव होना चाहिए।
ई) विकलांग व्यक्ति सहित आरक्षित श्रेणी से संबंधित उम्मीदवार जिनके लिए कोई आरक्षण का उल्लेख नहीं किया गया है, वे सामान्य श्रेणी के लिए घोषित रिक्तियों के लिए आवेदन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
बशर्ते वे सामान्य श्रेणी के लिए लागू सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
इव) विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण प्रचलित सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार होगा।
विशेष रूप से कि उम्मीदवार को उस संबंधित क्षेत्र में आवश्यकतानुसार अनुभव था।
वि) पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण क्षैतिज है और संबंधित मूल श्रेणी की रिक्ति में शामिल है।
ओबीसी श्रेणी के लिए उपलब्ध किसी भी छूट / आरक्षण के लिए। उन्हें अपनी श्रेणी को सामान्य या सामान्य (ल्ड/वि/ही/ड&ए), जैसा भी मामला हो, के रूप में इंगित करना चाहिए।
वी) ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप पर ओबीसी प्रमाण पत्र जमा करना चाहिए। भारत के, गैर-मलाईदार परत खंड ०१.०४.२०२२ की अवधि के दौरान जारी किए जाने की तारीख तक नियुक्ति तक, यदि चयनित हो।
इक्स) भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) उम्मीदवारों द्वारा जमा करना होगा।
क्स) भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण कार्यालय ज्ञापन संख्या ३६०३९/१/20१9-स्था (रेस) दड द्वारा शासित है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के 3१.0१.20१9,
किसी मुकदमे का नियुक्ति अनंतिम है और उचित माध्यम से आय और संपत्ति प्रमाण पत्र के अधीन है।
मौजूदा डीओपीटी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रासंगिक वित्तीय वर्ष के लिए भारत।
ज़ी) ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि यदि उनके पास संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए मौजूदा डीओपीटी दिशानिर्देशों के अनुसार या उससे पहले आय और संपत्ति प्रमाण पत्र नहीं है। |
प्रदेशभर में नववर्ष के स्वागत के साथ मनाया स्थापना दिवस, जारी किया कैलेण्डर लखनऊ। अखिल भारत हिन्दू महासभा, उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी के आह्वान पर आज पूरे राज्य में शंखनॉद और घंटा-घड़ियाल बजाकर हिन्दी नववर्ष विक्रम संवत्सर २०७८ का स्वागत किया और पार्टी के स्थापना दिवस समारोह का आयोजन कर हिन्दी तिथि का कैलेण्डर जारी किया। तय कार्यक्रम के अनुसार पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में प्रातः साढ़े बजे शंखनॉद एवं घंटा घड़ियाल बजाकर भारतीय नववर्ष विक्रम संवत्सर २०७८ का जोरदार ढंग से स्वागत किया। इस क्रम में प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने अपने अलीगंज स्थित आवास पर परिवार के साथ पूजा अर्चन के साथ शंखनॉद कर सूर्यादय के समय नववर्ष का स्वागत किया। इसी तरह प्रदेश के विभिन्न जनपदों और नगरों में भी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी नववर्ष का जोरदार ढंग से स्वागत किया। प्रातः नववर्ष के स्वागत के बाद अपराह्न २ बजे कुर्सी रोड स्थित पार्टी के प्रदेश कैम्प कार्यालय में हिन्दू महासभा का स्थापना दिवस मनाया। इस मौक पर हिन्दी तिथि का कैलेण्डर भी जारी किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी, प्रदेश प्रभारी शिव पूजन दीक्षित, प्रदेश महामंत्री सिद्धार्थ दुबे, विधिक प्रकोठ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे। इस मौके पर हिन्दू महासभा के संस्थापकों के जीवन पर प्रकाश डालते हुये प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि संस्थापकों ने जिन विचारों और सिद्धान्तों के साथ हिन्दू महासभा की स्थापना की थी, वही विचार और सिद्धान्त देश की जरूरत है। हिन्दू महासभा के विचारों और सिद्धान्तों की राह पर चल कर ही देश में हिन्दुत्व की रक्षा की जा सकती है। इस मौके पर हिन्दू महासभा के प्रदेश प्रभारी शिवपूजन दीक्षित, विधिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने भी हिन्दू महासभा के संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा की और देश को हिन्दू महासभा के विचारों, सिद्धान्तों और नीतियों को अपनाने की जरूरत बताया।
सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?
आपकी लिखी पुस्तक बेस्टसेलर बने तो आपको भी सही निर्णय लेना होगा !
आपकी पुस्तक बेस्टसेलर बनने जा रही है यह सुनिश्चित करने के लिए संपादन शायद सबसे महत्वपूर्ण कदम है। एक अच्छी तरह से संपादित पुस्तक आपके शिल्प और कहानी कहने के कौशल को उसकी पूरी क्षमता तक पहुँचने के लिए बढ़ाती है। हालांकि पेशेवर संपादन के कुछ दौर से गुजरने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है, आपको अपनी पुस्तक को पेशेवर रूप से संपादित करने से पहले उसे ठीक करना भी सीखना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि आपकी आवाज़ पुस्तक में विशिष्ट और प्रामाणिक बनी रहे। २ प्रकाशक के चयन से पहले विचार करें- क्या आपका प्रकाशक विश्वसनीय छवियों के साथ पुस्तक की लेआडट और डिजायन बनाने में सक्षम है! -क्या आपका प्रकाशक देश भर में समीक्षा छपा सकता है। -क्या आपका प्रकाशक संपादन कार्य में सक्षम है। ३ यदि आप हमारे साथ अपनी पुस्तक प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो कृपया इस ईमेल पर संपर्क करें * आपसे हमारा प्रकाशन तुरंत आपसे संपर्क करेगा। |
लंदनः ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक ने टेलीविजन पर हुई आमने-सामने की बहस में कंजव्रेटिव पार्टी की अपनी प्रतिद्वंद्वी लिज ट्रस को पछाड़ते हुए दर्शकों का समर्थन हासिल कर लिया। रात को बैटल ऑफ नंबर १० बहस में कंजव्रेटिव पार्टी के दोनों उम्मीदवारों ने उन सदस्यों को रिझाने की कोशिश की, जो चुनाव में वोट डालने के योग्य हैं, लेकिन उन्होंने अभी यह निर्णय नहीं लिया कि वे किसे वोट देंगे।
पूर्व वित्त मंत्री सुनक और विदेश मंत्री ट्रस ने इस पर अपनी-अपनी दलीलें रखी कि १० डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आवास व कार्यालय) में बोरिस जॉनसन के स्थान पर उन्हें क्यों होना चाहिए। बहस में दर्शकों के तौर पर शामिल हुए सदस्यों को यह बताने के लिए कहा गया कि कौन बहस जीता तथा उन्होंने हाथ उठाकर सुनक के पक्ष में फैसला दिया। |
वास्तव में मानसिक विकार क्या हैं? इस प्रश्न का उत्तर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बताता है कि शोधकर्ताओं को मानसिक विकारों की व्याख्या करने की कोशिश के बारे में कैसे जाना चाहिए, जनता उन लोगों के लिए कैसे प्रतिक्रिया देती है जो उन्हें अनुभव करते हैं, और हमें उनके लिए उपचार के बारे में कैसे जाना चाहिए।
इस प्रश्न के महत्व के बावजूद, उत्तर पर थोड़ी सहमति है। कुछ मानते हैं कि मानसिक विकार मस्तिष्क रोग हैं। अन्य लोगों का तर्क है कि वे सामाजिक निर्माण हैं जिनका उपयोग व्यवहार को रोकना है। कुछ लोग सोचते हैं कि वे विकासवादी रूप से अनुकूल व्यवहार प्रतिक्रियाएं हैं जो अब हमारे लिए आधुनिक संदर्भ में काम नहीं करती हैं। और कुछ लोग सोचते हैं कि वे हमारे संज्ञानात्मक 'कोडिंग' में त्रुटि या पूर्वाग्रह हैं। फिर भी दूसरों का मानना है कि वे भयानक स्थितियों के लिए सामान्य प्रतिक्रियाएं हैं।
जब मैंने एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक के रूप में अपना प्रशिक्षण शुरू किया, तो मुझे लगा कि इन मानसिक विकारों के बारे में इन बेतहाशा अलग-अलग समझों के सामने आने में असहजता महसूस हो रही है, और वे एक के रूप में क्यों या नहीं गिन सकते हैं जिलेआदेश या ए रोगसमारोह। इसलिए, जब मैंने अपने पीएचडी शोध को अपनाया, तो मैंने इस अवधारणा के आसपास कुछ स्पष्टता की तलाश करने का निर्णय लिया, जो कि मनोचिकित्सा, नैदानिक मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हमारे बहुत सारे प्रवचन के लिए एक मूलभूत स्तंभ के रूप में कार्य करता है।
मेरा आरंभिक अवलोकन यह था कि हम जो मानसिक विकार लेते हैं वह इस बात से संबंधित है कि हम सामान्य रूप से मानव शरीर और मन के काम को कैसे समझते हैं। उदाहरण के लिए, एक सेलुलर जीवविज्ञानी इस दृष्टिकोण को लेने की अधिक संभावना है कि मानसिक विकार मस्तिष्क रोग हैं, एक समाजशास्त्री की तुलना में, जो सामाजिक विकारों के रूप में मानसिक विकारों की संपूर्ण अवधारणा को देख सकते हैं। मनुष्य कैसे काम करता है, इस बारे में किसी की समझ प्रभावित करती है कि मनुष्य के लिए 'शिथिल' होने का क्या मतलब है। एक मूर्खतापूर्ण उदाहरण में, अगर हम एक टाइम मशीन में मिले, रेने डेसकार्टेस का दौरा किया, और उनसे पूछा कि मानसिक विकार क्या हैं, तो हम मान सकते हैं कि उनका जवाब उनके आधार पर होगा द्वैतवादी मन-शरीर की समझ। शायद वह सुझाव देगा कि मानसिक विकार आत्मा के भ्रष्टाचार का प्रतिनिधित्व करते हैं, या हो सकता है कि पीनियल ग्रंथि के माध्यम से संचार करने वाली आत्मा में किसी प्रकार का यंत्रवत विच्छेद हो।
यह अवलोकन कुछ दिलचस्प सवालों की ओर इशारा करता है: क्या मानसिक विकार के बारे में सोचने में हमारी मदद करने के लिए मानव कार्यप्रणाली के कुछ ढांचे दूसरों की तुलना में बेहतर हो सकते हैं? मानव कार्यप्रणाली का अधिक सहायक दृष्टिकोण मानसिक विकार की एक समृद्ध समझ पैदा कर सकता है? मेरे शोध के दायरे को कम करते हुए, ये प्रश्न मुझे 'मूर्त रूपवाद' के रूप में जाना जाता है।
मन और संज्ञानात्मक विज्ञान के दर्शन में सन्निहित सक्रियता एक बढ़ती हुई स्थिति है। यह एक 'जैविक' स्थिति है कि यह मानव व्यवहार को समझने की खोज में महत्वपूर्ण शारीरिक प्रक्रियाओं को पहचानता है, फिर भी यह व्यक्तिगत अर्थ और स्पष्टीकरण के पारस्परिक पैमाने पर समान मूल्य रखता है। इस तरह, यह जैविक जीव के रूप में हमारे अवतार के महत्व को अनदेखा किए बिना गैर-न्यूनतावादी होने का प्रबंधन करता है। यह इस दृष्टिकोण की चौड़ाई है जिसने शुरू में मेरा ध्यान मानव कार्यप्रणाली के एक ढांचे के रूप में मूर्त रूप देने में लगाया, जिससे मानसिक विकार पर विचार किया जा सके। मूर्त रूपवाद, मानव व्यवहार को समझने के लिए प्रासंगिक व्याख्या के विभिन्न पैमानों को एक ही गतिशील संपूर्ण के विभिन्न पहलुओं के रूप में देखता है - एक जीव जो अपनी दुनिया के संबंध में खड़ा है।
एछद्म सक्रियता हमें मस्तिष्क, शरीर और पर्यावरण के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है जो एक जटिल प्रणाली के रूप में एक साथ काम करते हैं। यह व्यापक परिप्रेक्ष्य स्पष्ट प्रमाण के साथ संरेखित करता है कि, जब मानसिक विकार की बात आती है, तो जीन से संस्कृति तक सब कुछ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक से अधिक, ऐसा लगता है कि मानसिक विकार को एक एकल जैविक विचलन या सार (जैसे कि मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन) द्वारा परिभाषित नहीं किया जा सकता है; बल्कि, मानसिक विकार तंत्र-तंत्र के नेटवर्क से बने होते हैं, जो मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली को फैलाते हैं, जो एक साथ दुर्भावनापूर्ण व्यवहार के साथ जुड़ाव बनाए रखते हैं।
इस गूढ़ दृष्टिकोण के साथ, संयुग्मित संधिवाद में मूल्यों और मानदंडों की एक विशेष समझ है, जो उन्हें दुनिया में वास्तविक चीजों के रूप में देखते हैं जो पर्यावरण के साथ उनके आवश्यक संबंधों के माध्यम से जीवों के लिए मौजूद हैं। यह एक विभाजन को संबोधित करने की क्षमता है जो वर्तमान में उन लोगों के बीच मौजूद है जो मानदंड और मूल्यों द्वारा परिभाषित मानसिक विकारों को देखते हैं (जिन्हें 'मूल्यांकनकर्ता' कहा जाता है) और जो मानसिक विकारों को स्वाभाविक रूप से परिभाषित घटना ('ऑब्जेक्टविस्ट' के रूप में जाना जाता है) के रूप में देखते हैं। वहाँ से राय एक संयुक्ताक्षरवादी, मानसिक विकार दोनों प्राकृतिक और प्रामाणिक हैं: वे व्यवहार, विचार और भावना के पैटर्न हैं जो दुनिया में किसी व्यक्ति के कामकाज के तरीके के साथ संघर्ष में हैं।
एक विचित्र, विशेष रूप से, मूर्त संधिवाद के लेंस के माध्यम से मानसिक विकार को देखने की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया है, एक दृष्टिकोण जिसके लिए बढ़ती सहायता है। स्पष्ट रूप से परिभाषित निबंधों के साथ रोगों के बजाय मानसिक विकारों को तंत्र के नेटवर्क के रूप में सबसे अच्छा माना जा सकता है। फिर भी मस्तिष्क, शरीर और पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारकों से प्रभावित होने के बावजूद, हम अभी भी संकट और शिथिलता के स्पष्ट रूप से पहचाने जाने वाले पैटर्न को देखते हैं - जैसे कि अवसाद और चिंता - जीने में मुहावरेदार समस्याओं के एक मेलेंज के बजाय। ऐसा क्यों है? सन्निहित सक्रियता से यह पता चलता है कि विचारों, व्यवहारों और भावनाओं के ये पैटर्न मानव मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली में 'चिपचिपी प्रवृत्ति' का प्रतिनिधित्व करते हैं।
व्ट स्टिकी एक आकर्षित करने वाले बेसिन की अवधारणा का वर्णन करने का मेरा तरीका है - गणित में, एक राज्य जिसमें एक प्रणाली गिरती है और विभिन्न प्रारंभिक स्थितियों के बावजूद बनी रहती है। इसे स्पष्ट भाषा में कहें तो मानसिक विकार विचार, व्यवहार और भावना के पैटर्न हो सकते हैं, जिसमें मानव मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली में गिरावट की प्रवृत्ति होती है, और ये पैटर्न बदलने के लिए कठिन होते हैं क्योंकि वे आत्म-रखरखाव होते हैं।
अवसाद, भाग में अवसाद है, क्योंकि यह विचार, व्यवहार और भावना का एक पैटर्न है जो मानव मस्तिष्क-शरीर-पर्यावरण प्रणाली में गिरने और फंसने की प्रवृत्ति है। इस दृष्टिकोण से, मानसिक विकार फजी लेकिन वास्तविक पैटर्न हैं। दुनिया जो तय होने के बजाय खोजी जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, इसका मतलब है कि वे अभी भी इस तरह की चीजें हैं जिन्हें हम समझाने की कोशिश कर सकते हैं।
इस अवधारणा को थोड़ा और समझने के लिए, दोनों हाथों से किटी-कूड़े के आकार के कंटेनर को पकड़ने की कल्पना करें। इस कंटेनर का फर्श पहाड़ियों और घाटियों के साथ थोड़ा परिदृश्य की तरह है। अब कंटेनर में एक संगमरमर रखने और अपने हाथों को हिलाने की कल्पना करें ताकि संगमरमर परिदृश्य पर लुढ़के। ध्यान दें कि कैसे संगमरमर घाटियों में फंस जाता है और पहाड़ियों से उछलता है; कभी-कभी यह पूरे परिदृश्य में पैटर्न या विशेष पटरियों में गिर जाता है। इस सादृश्य में, कंटेनर में अलग-अलग स्थानों पर होने वाला संगमरमर अलग-अलग राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है जो एक व्यक्ति में हो सकता है और परिदृश्य का आकार संयुक्त प्रभावों का प्रतिनिधित्व करता है - रसायनों से संस्कृति तक - जो किसी व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करते हैं। ऊपरी-बाएँ कोने में एक विशेष रूप से गहरी घाटी है जो अवसाद या किसी अन्य मानसिक विकार का प्रतिनिधित्व करती है। यदि संगमरमर इस घाटी में फंस जाता है, तो आपको संगमरमर को वहां से बाहर ले जाने के लिए कंटेनर को झुकाना और हिलाना होगा। जबकि संगमरमर घाटी में फंस गया है, यह केवल पीछे और आगे बढ़ सकता है, व्यवहार के समान पैटर्न में फंस सकता है; इसलिए, अवसाद 'चिपचिपा' है।
इस दृष्टिकोण में, यदि हम अवसाद (या एक अन्य मानसिक विकार) की व्याख्या करने जा रहे हैं, तो हमें समझने की जरूरत है कि इस घाटी को आकार देने और बनाए रखने वाले कारकों का नेटवर्क है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि इस नेटवर्क का इस तरह से गठन कैसे किया जाता है कि यह प्रभावित लोगों के लिए दुर्भावनापूर्ण होने के बावजूद व्यवहार, विचारों और भावनाओं के इस पैटर्न को बनाए रखता है।
मैं निश्चित रूप से यह दावा नहीं कर रहा हूं कि मानसिक विकार की प्रकृति पर एक अन्तर्निहित सक्रिय दृष्टिकोण है। बल्कि, मुझे लगता है कि यह प्रश्न के एक व्यवहार्य उत्तर का प्रतिनिधित्व करता है मानसिक विकार क्या हैं? और एक जिसने मुझे क्लिनिटी खोजने में मदद की है क्योंकि मैं अपने नैदानिक मनोविज्ञान प्रशिक्षण जारी रखता हूं। अगर मनोचिकित्सा विज्ञान की प्रगति हो रही है, तो हमें इस प्रश्न को रखने और अपने उत्तरों को परिष्कृत करने की आवश्यकता है।
क्रिस्टोफर नीलसन न्यूजीलैंड में विक्टोरिया विश्वविद्यालय वेलिंगटन में मनोविज्ञान में पीएचडी छात्र हैं।
यह आलेख मूल रूप में प्रकाशित किया गया था कल्प और क्रिएटिव कॉमन्स के तहत पुन: प्रकाशित किया गया है।
क्रायो-इलेक्ट्रॉन टोमोग्राफी का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने आणविक तंत्र की खोज की है जो आंख के भीतर उत्परिवर्तन के कारण होता है जो अंधापन का कारण बनता है।
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शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार, ११ साल की उम्र से पहले बच्चों को ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन देने से समय पर टीकाकरण को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
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शोधकर्ताओं का कहना है कि बूस्टर टीके एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को पर्याप्त रूप से मजबूत करते हैं ताकि ओमाइक्रोन संस्करण के खिलाफ सुरक्षा में पर्याप्त वृद्धि हो सके।
क्या कोल्ड शॉवर्स आपके लिए अच्छे या बुरे हैं? |
१. शत्रु बाधा,
४. भय ये चारों स्थितियां विष हैं,
और विष को अपने आप से दूर करने का, इस विष को नष्ट करने का एक मात्र उपाय है "सद्गुरु श्री तारामणि जी की गुरु कृपा से बगलामुखी सिद्धि"। भगवती #बगलामुखी के ध्यान से स्पष्ट हो जाता है कि बगलामुखी अमृतत्व प्राप्ति के मार्ग में आने वाले शत्रु, कलह, तिरस्कार और भय को पूर्ण रूप से समाप्त कर देती हैं, देवी विरोधियों, शत्रुओं की वाणी एवं बुद्धि को ही स्तंभित कर देती है, जिससे शत्रु आपके प्रति गुप्त षड्यंत्र नहीं कर सकते ।
#साधना की प्रचण्डता और तीव्रता इतनी अधिक है, कि साधक जिस किसी को भी शत्रु मानता हो, उस पर उसे विजय प्राप्त होती ही है, यह आवश्यक नहीं कि शत्रु कोई व्यक्ति ही हो, जो भी व्यक्ति अथवा परिस्थिति आपके तनाव का कारण है, वही आपके शत्रु हैं ।
#महाविद्या #पीताम्बरा श्री बगलामुखी शत्रुओं की प्रगति, उन्नति ही समाप्त कर देती है, शत्रु पक्ष उसके भक्तों का तिरस्कार नहीं कर सकता और भय पैदा करने वाले शत्रुओं को अपने प्रहार से चूर-चूर कर समाप्त ही कर देती है ।
भगवती महाविद्या बगलामुखि दीक्षा व साधना शिविर में उपस्थित हो, आपके जीवन में व्याप्त किसी भी तरह कानूनी विवाद, ज्ञात अज्ञात शत्रु बाधा, नीच #तंत्र बंधन जिसकी वजह से व्यापार बाधा, कर्ज, पारिवारिक कलह अशांति को स्वयं के साधना बल से नष्ट करें, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति हेतु और भयमुक्त जीवन जीना शुरू करें ।
"सदगुरूदेव श्री तारामणि जी" |
फिर जंगल का राजा हाथी ही बना है।पर, अब उसके साथ बिल्लियाँ, भेड़ें आदि हैं। भेड़ियों की बहुतायत है।समरसता, न्याय, सबको काम देने का ऐलान हो चुका है।उधर शेर -मंडल दहाड़ मारकर जंगल को सिर पर उठाए है कि इस ढुलमुल हाथी को उनलोगों ने ही पाल -पोसकर बड़ा किया।काम लायक बनाया,पर यह तो पाला- बदलू निकला।इसपर कोई क्या भरोसा करेगा? राज -पक्ष की ओर से इन सब बातों को विधवा -विलाप करार दिया गया है। शेर -दल की अब बिल्लों के दल से उम्मीद बँधी है।
इसी बीच एक मादा मेमना गुम पाई गई। उसकी माँ दौड़ी हुई हाथी के दरबारी के घर चली गई।सोचा, भले दरबारी पुराने भेड़िया के खानदान से है,पर अब तो वह मेमना जैसा व्यवहार करता है।सबको पुचकारकर बतियाता है।मदद करेगा ही। वहाँ उसने देखा, दरबारी के घर पुराना भेड़िया बैठा था।उसने उसको निहारा।वह सहम गई।उसे लगा,भेड़िए की नजर उसे भेद रही है।उसे पुराने दिन याद आ गए,जब वह लुटी थी,लांछित की गई थी। मन मारकर उसने बिटिया के गायब होने की अपनी व्यथा -कथा सुनाई।आरजू -मिन्नत की। रोई -गिड़गिड़ाई। फिर उसे आश्वासन मिला,"जा,बिटिया शाम तक मिल जायेगी।" वह सिर झुका सलामी दे चलती बनी।
चारदीवारी के बाहर आई ही थी कि अंदर ठहाकों की आवाज सुन ठमक गई।चारदीवारी से सटकर सुनने लगी। "बहुत बढ़िया।भेड़ें अब चलकर यहीं आ जायेंगी। लाने की जहमत कौन उठाए।चैन से बैठकर खायेंगे।" बूढ़ा भेड़िया कह रहा था।
"मौलिक एवं अप्रकाशित"
लघुकथा पर समय देकर उसे इज्जत बख्शने हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय महेंद्र जी।बदली परिस्थितियों में प्रतीक को थोड़ा बदलने की चाह ने राजा बदला है।
आदरणीय मनन जी, लोकतन्त्र के माध्यम से मूल स्वभाव पर अच्छी प्रतीकात्मक लघुकथा लिखी है आपने। इस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है। मेरे ख़याल से लोकतन्त्र में यदि राजा शेर को ही रहने दिया जाता तो बेहतर रहता। पर यदि सत्ता परिवर्तन हेतु हाथी को ही राजा दर्शाना है तो उसकी भूमिका थोड़ी और स्पष्ट की जा सकती है। आपकी रचना में मूल पात्र चार हैं : शेर, हाथी, भेड़िया और मेमना। इनके बीच के अन्तर्सम्बन्ध पर एक बार पुनः दृष्टि निवेदित है। सादर।
तिनका तिनका टूटा मन(गजल) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
गजल -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
दीप कोई तो जलाये शाम के (गजल) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
गजल-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"मिली मुझे शुभकामना, मिले प्यार के बोलभरा हुआ हूँ स्नेह से,दिन बीता अनमोलतिथि को अति विशिष्ट बनाने"
"आ. भाई सौरभ जी को जन्मदिन की ढेरों हार्दिक शुभकामनाएँ ।।"
"जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँ आदरणीय सौरभ जी"
"दीर्घायुरारोग्यमस्तु,सुयशः भवतु,विजयः भवतु, जन्मदिनशुभेच्छाः"
"जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं आदरणीय सौरभ जी "
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय. सादर"
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय. जय-जय"
"जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब को यौम-ए-विलादत की दिली मुबारकबाद ।" |
दोस्तों! यदि आप जानना चाहते हैं कि रस फुल फॉर्म इन हिन्दी क्या है और इसके बारे में जानने के लिए काफी उत्साहित हैं तो हम आपके लिए एक बेहतरीन आर्टिकल लेकर आए हैं जिसमें रस फुल फॉर्म इन हिन्दी के साथ-साथ इसकी सभी जानकारी लेकर हम उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी मदद से आप रस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
१.५ आर ए एस की फुल फॉर्म क्या होगी?
१.६ आर ए एस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है?
दोस्तों! रस का फुल फॉर्म जानने के लिए बेहद उत्सुक होंगे तो हम बता देंगे इसका पूरा नाम राजस्थान आद्मिनिस्ट्रेशन सर्विसेस होता है। इसे हिंदी में राजस्थान प्रशासनिक सेवा कहा जाता है।
रस क्या है? के बारे में बात करें तो जिस प्रकार हर राज्य की एक राज्य सिविल सेवा सर्विस होती है, उसी प्रकार राजस्थान की राज्य सिविल सेवा राजस्थान प्रशासनिक सेवा है जिसे रस कहा जाता है। रस की शुरुआत सन १९५० ईस्वी में हुई थी। प्रत्येक रस अधिकारी को क्या-क्या करना चाहिए इसके लिए उन्हें राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान से २ साल के लिए ट्रेनिंग करनी पड़ती है। ट्रेनिंग के दौरान एक अधिकारी को उसके काम करने के तरीके को सिखाया जाता है।
प्रेलिम- रस के लिए प्रथम चरण प्रि एग्जाम होता है। इस परीक्षा में सिर्फ और सिर्फ एक ही प्रकार का पेपर होता है जिसमें १५० बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं। इस परीक्षा का समय ३ घंटा होता है। इस परीक्षा में इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र तथा करंट अफेयर्स से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। दुसरे चरण के परीक्षा में प्रवेश पाने के लिए परीक्षार्थी को प्री एग्जाम कट ऑफ क्लियर करना ही पड़ता है।
इसमें भी सभी पेपर ३ घंटे का होता है हर एक पेपर २०० मार्क्स का होता है। तीसरे चरण के परीक्षा में प्रवेश करने के लिए यह परीक्षा जोकि मैंस कहलाता है को उत्तीर्ण करना अत्यंत आवश्यक है।
इन्टरहीव- यह परीक्षा एक प्रकार का इंटरव्यू होता है। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के परीक्षा का यह अंतिम चरण होता है। इंटरव्यू एक बड़े अधिकारी या सेवानिवृत्त आर ए एस अधिकारी के द्वारा लिया जाता है। इंटरव्यू लेने के लिए दो या ३ व्यक्तियों के जरूरत होती है। इंटरव्यू में कैंडिडेट का जानकारी की क्षमता, आत्मविश्वास, मुश्किल परिस्थितियों में काम करने की काबिलियत तथा भविष्य के बारे में सोच और विचार पर प्रश्न की जाते हैं। प्रत्येक कैंडिडेट को उसके प्रश्न के जवाब देने के तरीके के अनुसार मार्क्स दिए जाते हैं। अंत में मेरिट के आधार पर अंतिम चुनाव किया जाता है।
रस अधिकारी बनने के लिए कैंडिडेट के पास कुछ शैक्षणिक गुण होने ही चाहिए जैसे कि कैंडिडेट के पास किसी भी विषय का ग्रेजुएशन पूर्ण होना चाहिए। कैंडिडेट एक भारतीय नागरिक ही होना चाहिए। यदि कैंडिडेट आरक्षण का फायदा लेना चाहता है तो उसे राजस्थान की नागरिकता हासिल होनी चाहिए। कैंडिडेट की उम्र कम से कम २१ वर्ष होनी चाहिए तथा अधिकतम ४० वर्ष तक दी जाती है। वह इस दौरान कई बार परीक्षा दे सकता है।
१. राज्य नीति निर्माण करना आर ए एस अधिकारी का महत्वपूर्ण कार्य होता है।
२. इसके अलावा राज्य नीति लागू करना भी आर ए एस अधिकारी का कार्य है।
३. राज्य लोक प्रशासन से संबंधित सभी कार्य रस अधिकारी करते हैं।
४. राज्य नौकरशाही शासन की जिम्मेदारी मुख्य रूप से रस अधिकारी पर होती है।
५. रस अधिकारी राज्य सचिव सहायता करना भी है।
हर एक अधिकारी को २ साल के प्रोबेशन पीरियड से गुजरना पड़ता है। इस दौरान उन अधिकारियों की वेतन बहुत कम होती है। इस दौरान उन्हें किसी प्रकार का अलाउंस नहीं मिलता है। किसी अधिकारी के बेसिक वेतन ३९,३०० होती है जिसमें से हर एक अधिकारी के १०% पीएफ फंड के लिए काटे जाते हैं। हर १ वर्ष में अधिकारियों की वेतन बढ़ती रहती है। अधिकारियों की काबिलियत के अनुसार उन्हें प्रमोशन भी दिया जाता है जिससे उनकी वेतन और बढ़ती जाती है। इस प्रकार आपको आर ए एस अधिकारी के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी और आप समझ चुके होंगे कि इस अधिकारी के पद एवं पावर के बारे में जान चुके होंगे।
आर ए एस की फुल फॉर्म क्या होगी?
आर ए एस ऑफिसर की सैलरी कितनी होती है?
तो दोस्तों, आपको के बारे में जानकारी हिंदी में। अच्छी लगी होगी हमे उम्मीद है इस पोस्ट को पढ़ कर आप रस फुल फॉर्म इन हिन्दी ( रस मीनिंग इन हिंदी) समझ गए होंगें और अब अगर आपसे कोई पूछेगा कि रस का मतलब क्या होता है? तो अब आप उसे रस मीनिंग इन हिंदी बता सकेंगे।
अगर आपको हमारा ये रस इंफोरमेशन इन हिन्दी पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शारें कीजिए और अगर आपके पास हमारे लिए कोई सवाल हो, तो उसे कमेंट में लिख कर हमें बताए। |
ज्योतिषशास्त्र (एस्ट्रोलॉजी) में राशिफल के माध्यम से विभिन्न काल-खण्डों के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। जहां दैनिक राशिफल रोजाना की घटनाओं को लेकर भविष्यकथन करता है,वहीं साप्ताहिक, मासिक एवं वार्षिक राशिफल में क्रमशः सप्ताह, महीने और साल की भविष्यकथन होते हैं। दैनिक राशिफल (दैनिक रशिफल) ग्रह-नक्षत्र की चाल पर आधारित फलादेश है, जिसमें सभी राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का दैनिक भविष्यफल विस्तार से बताया जाता है। इस राशिफल को निकालते समय ग्रह-नक्षत्र के साथ साथ पंचांग की गणना का विश्लेषण किया जाता है। आज के राशिफल में आपके लिए नौकरी, व्यापार, लेन-देन, परिवार और मित्रों के साथ संबंध, सेहत और दिन भर में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं का भविष्यफल होता है। इस राशिफल को पढ़कर आप अपनी दैनिक योजनाओं को सफल बनाने में कामयाब रहेंगे। जैसे दैनिक राशिफल ग्रह-नक्षत्र की चाल के आधार पर आपको यह बताएगा कि आज के दिन आपके सितारे आपके अनुकूल हैं या नहीं। आज आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है या फिर किस तरह के अवसर आपको प्राप्त हो सकते हैं। दैनिक राशिफल को पढ़कर आप दोनों ही परिस्थिति (अवसर और चुनौतियों) के लिए तैयार हो सकते हैं।
आज आपको काफी संघर्ष के बाद कुछ परेशानियों से निजात मिलेगी। आपके ऊपर यदि कुछ कर्ज था तो वह भी उतर सकता है,जिसके बाद आप चैन की सांस लेंगे। जो लोग नौकरी में कार्यरत हैं और पार्ट टाइम कारोबार को करना चाहते हैं,तो वह आसानी से समय निकाल पाएंगे। आपकी काफी सारी महत्वकांक्षाएं पूरी होंगी,जिससे आपका मनोबल और ऊंचा होगा। यदि छोटी दूरी की यात्रा पर जाने का मौका मिले,तो अवश्य जाएं,जिससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। यदि आप किसी व्यक्ति के कहने में आकर किसी डील को फाइनल करेंगे,तो वह बाद में आपके लिए नुकसानदायक रहेगी।
आज आपके घर परिवार में किसी शुभ व मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है,जिसकी तैयारियों में आप तो व्यस्त रहेंगे। अपनी सुख-सुविधाओं की वस्तु की भी कुछ खरीदारी कर सकते हैं। सायंकाल के समय आपके घर किसी अतिथि का आगमन भी हो सकता है,जिससे मिलकर आपको प्रसन्नता होगी। यदि जीवनसाथी आपसे अपनी किसी समस्या को साझा करें,तो आपको उसमें उनकी मदद करनी होगी,जिससे आप दोनों के बीच प्रेम और गहरा होगा। छोटे बच्चों आपसे कुछ नयी फरमाइशें कर सकते हैं। छोटे व्यापारियों को किसी अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता होगी।
कार्यक्षेत्र में कुछ नई उपलब्धियां मिलती नजर आ रही है और संतान के करियर में यदि आपको कुछ चिंताएं सता रही थी,तो वह भी समाप्त होगी,क्योंकि उन्हें कोई अच्छी नौकरी प्राप्त हो सकती है। जो लोग प्रेम जीवन जी रहे हैं उन्हें अपने साथी से बातचीत करके चल रहे वाद विवाद को सुलझाना होगा नहीं तो वह उनके लिए परेशानी भरा हो सकता है। आपकी अप्रत्याशित उन्नति देखकर लोग हैरान रहेंगे लेकिन गुप्त शत्रु आज आपके कार्य में टांग अड़ाने की पूरी कोशिश करेंगे,जिनसे आपको सावधान रहना होगा। आप अपने कार्यों की ओर ध्यान लगाएं।
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहेगा। सरकारी नौकरी से जुड़े जातकों को मनचाहा ट्रांसफर मिलता दिख रहा है। आपके बहन व भाई के लिए किसी बात को लेकर यदि कोई चिंता थी,तो वह भी समाप्त होगी। आपको अपने मन में किसी के प्रति भी कोई गलत भावना नहीं रखनी है,तभी आप अपने कार्य में सफलता हासिल कर सकेंगे। यदि आपने किसी डील को फाइनल करने से पहले किसी से सलाह मशवरा किया,तो वह आपको गलत सलाह दे सकता है। माता पिता से आशीर्वाद लेकर यदि घर से बाहर जाएंगे,तो आपको कार्य में सफलता मिलेगी।
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मेकर्स ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट शेयर कर जानकारी दी है कि पुष्पा पार्ट २ के लिए ऑडिशन राउंड ३ जुलाई से शुरू होंगे। निर्माताओं ने लिखा, ३ जुलाई से ५ जुलाई तक तिरुपति के एक स्कूल में पुष्पा: द रूल के लिए ऑडिशन्स होने वाले हैं। महिलाएं, बच्चें और पुरुष, जो भी इच्छुक हो वह सुबह १० बजे से शाम ५ बजे तक ऑडिशन के लिए आ सकता है। हालांकि मेकर्स ने एक शर्त भी रखी है।
मेकर्स द्वारा शेयर किए गए पोस्टर में लिखा है कि जिन्हें चित्तौड़ की भाषा बोलने आती है केवल वही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि इस फिल्म में अल्लू अर्जुन के अलावा रश्मिका मंदाना और विजय सेतुपति भी मुख्य भूमिका में नजर आ सकते हैं।
कब आएगा पुष्पा का दूसरा पार्ट?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अल्लू अर्जुन की फिल्म अब अगस्त तक फ्लोर पर जाएगी। इस ६ महीने से अधिक के शेड्यूल में कई एक्शन दृश्यों की शूटिंग की जाएगी। कहा जा रहा है कि ये एक्शन सीक्वेंस भारतीय सिनेमा के अब तक के सबसे महंगे दृश्यों में से एक होंगे। इसके बाद पोस्ट प्रोडक्शन पर काम किया जाएगा। यानी फिल्म के अब २०२३ के मिड में रिलीज होने की उम्मीद है।"
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सबसे विश्वसनीय हिन्दी न्यूज वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें मनोरंजन समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। मनोरंजन जगत की अन्य खबरें जैसे बॉलीवुड न्यूज़, लाइव टीवी न्यूज़, लेटेस्ट हॉलीवुड न्यूज़ और मूवी रिव्यु आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़। |
बिलासपुर तखतपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने गहन कार्रवाई कर भारी मात्रा में शराब का जखीरा बरामद किया है। कोटा पुलिस की संयुक्त टीम ने तखतपुर पुलिस के साथ सोनबंधा में छापामार कार्रवाई की है।कार्रवाई के दौरान ६ आरोपियों को धर दबोचा गया है। मोटरसायकल समेत महुआ और ६40 लीटर से अधिक हाथभठ्ठी शराब को बरामद किया है।
मुखबिर की सूचना पर तखतपुर थाना क्षेत्र के सोनबांधा में कोटा और तखतपुर पुलिस ने जंगी कार्रवाई कर भारी मात्रा में शराब का जखीरा बरामद किया है। पुलिस की संयुक्त और जंगी कार्रवाई सुबह करीब ४ बजे हुई। कार्रवाई के दौरान गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था। चिन्हांकित स्थानों में कार्रवाई के बाद शराब बनाने वालों के अलावा ग्रामीणों में खलबली मच गयी।
सूत्रों की मानें तो भारी संख्या में पुलिस बल के सामने कोचियों की एक नहीं चली। यद्यपि आरोपियों ने बचकर निकलने का प्रयास किया। पुलिस ने ६ आरोपियों को धर दबोचा। कार्रवाई के दौरान कोटा एसडीओपी स्टाफ, तखतपुर थाना प्रभारी समेत पुलिस जवान विशेष रूप से मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए आरोपियो में गांव का सरपंच भी शामिल है। बताया जा रहा है कि उसके संरक्षण में हाथभठ्ठी शराब बनाने और बिक्री का काम किया जा रहा था।
कार्रवाई में पुलिस को ६४० लीटर महुआ शराब, लहान और तीन मोटर सायकल भी जब्त हुए हैं। सुबह तक आरोपियों के थाने में कार्रवाई चल रही थी। सभी के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। |
दिल्ली। भारत में बढ़ते विकास के नए प्रारूपों और पर्यावरण की समस्याओं को लेकर सरकार ऊर्जा के दूसरे विकल्पों को खोज रही है। उन्हीं के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों को भी तवज्जो दी जा रही है। बड़ी-बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां बिजली से चलने वाली कारों को लॉन्च करके लोगों को लुभाने में लगी है। मगर उन्हीं लोगों में शामिल एक किसान ऐसे भी है जिसने अपनी खुद की चार पहियों के इलेक्ट्रिक वाहन का ईजाद किया है।
जी हाँ सुशील कुमार नाम के एक किसान जो ओडिशा के मयूर भंज जिले के हैं उन्होंने खुद की इलेक्ट्रिक कार बनाई है। यह कार पूरी चार्ज होने में ८ घंटे का समय लेती है और सिंगल चार्ज पर ३०० क्म की दूरी तय कर सकती है। इस इलेक्ट्रिक कार में सुशील कुमार ने ८50 वाॅट्स मोटर, १०० आह/ ५४ वोल्ट्स की बैटरी का प्रयोग किया है।
१००/१५० साल पहले कैसा दिखाई देता था दिल्ली शहर. इन २१ अनदेखी तस्वीरों में देख लीजिये,
सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने लाॅकडाउन के वक्त अपनी गाड़ी पर काम करना शुरु किया था। इस कार को तैयार करने में उनके दो अन्य मैकनिकों और एक दोस्त ने उनकी मदद की थी।उनके अनुसार कार की बैटरी ८ घंटे में फुल चार्ज होने के बाद ३०० किमी चलने में सक्षम है। हालांकि उन्होंने बैटरी को फुल चार्ज होने की प्रक्रिया को धीमा बताया है। उन्हें यह कार बनाने से संबधित जानकारी किताबों और यूट्यूब से सीखी। |
बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव का आज ३७वां जन्मदिन है। बॉलीवुड के सबसे उम्दा कलाकारों में राजकुमार राव की गिनती होती है। गुरुग्राम में उनका जन्म हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई भी गुरुग्राम से ही हुई है। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया था। पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से वर्ष २००८ में उन्होंने ग्रेजुएशन भी किया था। इसके बाद फिल्मी दुनिया में अपना करियर बनाने के लिए वे मुंबई पहुंच गए थे।
दिल्ली में नाटक में काम करने के लिए राजकुमार राव अपने कॉलेज के दिनों में गुरुग्राम से साइकिल चलाकर दिल्ली पहुंचते थे। क्षितिज रेपर्टरी और श्रीराम सेंटर के साथ वे तब प्ले किया करते थे। राजकुमार राव ने जब अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया तो वर्ष २००९ में स्टूडियो के चक्कर उन्हें खूब लगाने पड़े। कई कास्टिंग डायरेक्टर से वे मिले उनसे काम मांगा। फिर दिबाकर बनर्जी की फिल्म लव सेक्स और धोखा के लिए जब उन्होंने ऑडिशन दिया तो उन्हें इसमें एक भूमिका मिल गई।
राजकुमार राव को इस फिल्म में अभिनेत्री नुसरत भरूचा के साथ देखा गया था। हालांकि, यह फिल्म दर्शकों को रास नहीं आई। बॉक्स ऑफिस पर यह बुरी तरीके से फ्लॉप हो गई। इसके बाद राजकुमार राव को फिल्म रागिनी एमएमएस में वर्ष २०११ में देखा गया। शैतान और गैंग्स ऑफ वासेपुर २ जैसी फिल्मों में भी उन्होंने काम किया। वर्ष २013 में राजकुमार राव को फिल्म काई पो चे में काम करने का मौका मिला, जिसमें वे सुशांत सिंह राजपूत के साथ नजर आए थे।
फिल्म शाहिद में राजकुमार राव की भूमिका को बहुत पसंद किया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार तक उन्हें इस फिल्म के लिए मिला था। यहां से राजकुमार राव को अच्छी पहचान मिल गई थी। वर्ष २०१४ में उन्हें कंगना रनौत के साथ फिल्म क्वीन में काम करने का अवसर मिल गया। इसके बाद तो राजकुमार राव ने न्यूटन, शादी में जरूर आना, एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा, स्त्री और जजमेंटल है क्या जैसी कई फिल्मों में काम किया, जिनमें उनकी भूमिकाएं बहुत पसंद की गईं।
वैसे, २०१६ में राजकुमार राव की ट्रैप्ड नाम से एक फिल्म आई थी, जिसका निर्देशन मशहूर निर्माता-निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी ने किया था। इस कम बजट की फिल्म में राजकुमार राव ने बेहद दमदार अभिनय किया था, जिसकी वजह से उनकी आज भी सराहना की जाती है। फिल्म में उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाया था जो कि गलती से अपने घर में कैद होकर रह जाता है और भूखे-प्यासे कई हफ्ते उसे इस घर में बिताने पड़ते हैं।
किसी इंसान को यदि कई दिनों तक भोजन न मिले तो उसकी क्या हालत हो जाती है, यह दिखाने के लिए और महसूस करने के लिए अपनी निजी जिंदगी में भी राजकुमार राव ने कुछ ऐसा ही किया था। उन्होंने २० दिनों तक केवल गाजर खाई थी और काफी पिया था। इस तरीके से उन्होंने ट्रैप्ड का किरदार निभाने के लिए खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया था।
फिल्म इंडस्ट्री में राजकुमार राव की आज एक अलग ही पहचान बन चुकी है। अपने दम पर उन्होंने इस मुकाम को प्राप्त किया है। एक मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार से राजकुमार राव नाता रखते हैं। उन्होंने एक बार बताया भी था कि उनका जीवन कितने संघर्षों से भरा रहा है। कोई जरूरत की चीज भी उन्हें लेनी पड़ती थी तो उससे पहले वे कई बार सोचते थे। उन्होंने यह भी बताया कि २ साल तक उनके स्कूल की फीस उनके एक टीचर ने भरी थी।
यही राजकुमार राव आज अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर फिल्मी जगत में उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां वे एक फिल्म के लिए ७-८ करोड़ रुपये की फीस ले रहे हैं। राजकुमार राव की लव लाइफ की बात की जाए तो कई फिल्मों में काम करने के बाद भी आज तक अपनी किसी को-स्टार के साथ उनकी अफेयर की खबरें सुनने को नहीं मिली हैं। वैसे, वर्ष २०१० से बॉलीवुड अभिनेत्री पत्रलेखा पॉल को वे डेट कर रहे हैं। फिल्म सिटी लाइट्स में पत्रलेखा के साथ राजकुमार राव को काम करते हुए देखा गया था। लव गेम्स और नानू की जानू जैसी फिल्मों में भी पत्रलेखा नजर आ चुकी हैं। |
ग्वालियर, जीवाजी विश्वविद्यालय के छात्रों ने शोध करके ऐसी दवा तैयार की है, जिससे हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी का इलाज हो सकेगा। यह दवा मधुमक्खी के छत्ते से मिलने वाले एंटी बैक्टीरियल तत्वों (प्रोपॉलिस) से तैयार की गई है। विश्वविद्यालय ने इस दवा को पेटेंट कराने का भी फैसला लिया है।
मधुमक्खी के छत्ते के प्रोपॉलिस में मिलने वाले इन तत्वों की पहचान विश्वविद्यालय की शोधार्थी डॉ. मोनिका भदौरिया ने नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी की हाई परफॉर्मेंस लिम्डि क्रोमेटोग्राफी के जरिए की थी। इसके बाद जम्मू स्थित नेशनल रिसर्च लेबोरेटरी में लिवर पर असर करने वाले हानिकारक पदार्थों पर प्रोपॉलिस के असर का अध्ययन किया गया।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने बताया कि इस फॉर्मूले को पेटेंट कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और जल्द ही हमें इसके लिए पेटेंट मिल जाएगा।
दवा का प्रयोग चूहों के लिवर पर भी किया गया। लिवर सायरोसिस, हेपेटाइटिस और पीलिया जैसी बीमारियों में उपयोग की जाने वाली दवाओं के साथ भी इसकी तुलना की गई तो प्रोपॉलिस के परिणाम सकारात्मक मिले हैं।
इस दवा से हेपेटाइटिस के अलावा लिवर सायरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी संभव है। प्रोपॉलिस पर विश्वविद्यालय की कुलपति के मार्गदर्शन में शोध करने वाली डॉ. भदौरिया का कहना है कि प्रोपॉलिस में ३०० एंटी बैक्टीरियल तत्व रहते हैं। कैंसर के इलाज में होने वाली कीमोथैरेपी में कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं, जैसे- बालों का झड़ना आदि को भी प्रोपॉलिस से रोका जा सकता है।
मधुमक्खी जब छत्ता बनाती है तो उसमें वैक्स के बीच में कुछ गैप रह जाता है। इस जगह को मधुमक्खी फूलों के परागकणों से लिए गए प्रोपॉलिस से भरती है। प्रोपॉलिस में एंटी बैक्टीरियल तत्व म्ेरिसिटिन, रुटिन, सिनेमिक एसिड, इलैजिक एसिड, रेसवरसोट्रोल के साथ-साथ एस्टर, एल्डिहाइड और कीटोन्स होते हैं। रानी मक्खी जब अंडा देती है तो यही एंटी-बैक्टीरियल तत्व उसकी वायरस से रक्षा करते हैं। इसी सिक्यूरिटी फीचर ने शोध का आइडिया दिया। शोध के बाद इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधन में २०२२ तक नए भारत के निर्माण की बात कही है। जिसमें धार्मिक और जातीय संकीर्णता से ऊपर उठकर सशक्त और समृद्धशाली भारत बनाने की बात है। अपने उदबोधन में कश्मीर मसले का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने गोली और गाली को गलत बता कर समस्या का समाधान प्रेम के रास्ते से खोजने की बात कही है।
इस सप्ताह अनुकूल स्थितियों से फायदा महसूस होने लगेगा। कार्य व्यवहार से लोगों पर प्रभाव पड़ेगा। मन प्रसन्न रहेगा इससे परिवर्तन दिखाई देगा।
क्या-क्या करे नया मंत्रिमंडल?
स्वतंत्र भारत में इंदिराजी के कामराज प्लान के बाद यह सबसे बड़ी साहसिक पहल प्र.मं. नरेंद्र मोदी ने की है। इन नए और युवा मंत्रियों को अपने अनुशासन में रखना और उनसे अपने मन मुताबिक काम करवाना आसान रहेगा लेकिन उनसे कौन से काम करवाना है, यह तो प्रधानमंत्री को ही तय करना होगा।
भारत के किसान और एफपीओ के लिए ३०० किसानों की अनिवार्यता?
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक भोपाल में आज स्पिक मेके द्वारा पश्चिम बंगाल और पुरवलिया क्षेत्र के प्रसिद्ध लोकनृत्य छाऊ के अंतर्गत महिषासुर मर्दन का मनमोहक मंचन किया गया।
बिहार के दरभंगा में चिता पर बना है मां काली का धाम श्यामा काली मंदिर कुछ मामलों में यह मंदिर सबसे अलग है। यहां सभी मांगलिक कार्य भी किए जाते हैं। |
कई छात्रों के कहने के बाद उन्हें अन्य संस्थानों में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (कएट) उग २०२२नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कल पूरे हालात की समीक्षा की। इसने दावा किया कि कुछ परीक्षा केंद्र एजेंसी द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करने में विफल रहे। अब ५० संस्थानों में परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है।
एनटीए ने यह भी सूचित किया है कि संबंधित छात्रों की शिकायतों को ईमेल के माध्यम से संबोधित किया जा सकता है। उम्मीदवारों को उस पाठ्यक्रम के लिए अपने आवेदन संख्या का उल्लेख करना चाहिए। एनटीए छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
४ अगस्त बहुत, मैं सभी १७ राज्यों के कुछ केंद्रों पर परीक्षा रद्द कर दी गई है सभी ४89 केंद्रों पर पहली पाली, जबकि दूसरी पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई है। कई छात्रों ने शिकायत की कि उन्हें यह बताने के लिए दो घंटे इंतजार करना पड़ा कि दिन के लिए निर्धारित परीक्षा रद्द कर दी गई है।
जमीन पर पर्यवेक्षकों / शहर के आयोजकों से रिपोर्ट का अनुरोध किया गया था। उनकी सिफारिशों के आधार पर, ०४ अगस्त २०२२ (शिफ्ट २) (दोपहर ३ बजे से सुबह ६ बजे तक) के लिए निर्धारित दूसरी पाली रद्द कर दी गई है और अब 1२ से १४ अगस्त २०२२ के बीच आयोजित की जाएगी। कार्ड वही सहमति प्रभावित व्यक्ति पर लागू होगी। जिन उम्मीदवारों की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। मामले में, 1२-१४ अगस्त २०२२ उपयुक्त नहीं है, उम्मीदवार निम्नलिखित पते पर एक ईमेल भेज सकते हैं: अपनी वांछित तिथि और पंजीकरण संख्या बताते हुए, परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ने कहा। |
बरेली। कलक्ट्रेट के पास उसकी चहारदीवारी से सटाकर बनाए गए महिला वकील के टिन के चैंबर को हटाने के लिए नगर निगम के अफसरों को छह घंटे तक वकीलों से जूझना पड़ा। वकील बुलडोजर और निगम टीम के सामने खड़े हो गए और उसे आगे नहीं बढ़ने दिया। शाम को जैसे-तैसे बुलडोजर ने अपना काम किया। इससे गुस्साए वकीलों ने दोबारा कलक्ट्रेट के पास खाली जमीन पर चैंबर बनाने का एलान कर दिया।
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें कलक्ट्रेट के बाहर उसकी चहारदीवारी से सटी निगम की जमीन पर अवैध रूप से एक महिला वकील के अपना टिन का चैंबर बना लेने की शिकायत मिली थी। रविवार सुबह करीब दस बजे अतिक्रमण विरोधी दस्ते के प्रभारी जयपाल सिंह टीम के साथ बुलडोजर लेकर इस चैंबर को हटाने पहुंचे। इसी दौरान महिला वकील प्रेरणा सिंह भी कुछ और वकीलों के साथ पहुंच गई और उन्होंने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
प्रेरणा सिंह ने कहा कि यह चैंबर उनके नाम आवंटित है, इसे नहीं हटाया जा सकता। नगर निगम की टीम ने उनसे कागज दिखाने को कहा तो उन्होंने इसके लिए २४ घंटे का समय देने की मांग की। टीम ने अफसरों के निर्देश का हवाला देते हुए मोहलत देने से इन्कार किया तो हंगामा शुरू हो गया। कई और वकीलों के आने के बाद वे इकट्ठे होकर निगम टीम और बुलडोजर के सामने अड़ गए। इस पर उसे पीछे हटना पड़ा।
हंगामे के बीच पहुंचे अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बात की। पदाधिकारियों ने भी २४ घंटे का समय देने की मांग की। कहा, सोमवार को अलाटमेंट के कागज दिखा दिए जाएंगे। अपर नगर आयुक्त ने समय देने से साफ इन्कार करते हुए कहा कि बिना अनुमति लिए रातोंरात चैंबर रखा गया है। हंगामे और शोरगुल के बीच बहस चलती रही। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नगर निगम के उच्चाधिकारियों से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। वकीलों के विरोध की वजह से शाम चार बजे तक चैंबर नहीं हट पाया तो सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार गुप्ता पहुंचे। उन्होंने नगर निगम और पुलिस के अधिकारियों को हड़काया। कहा, जब अनधिकृत रूप से खोखा रखा गया है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। क्या हर जगह उन्हें आना पड़ेगा। इसके बाद शाम चार बजे नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाकर चैंबरनुमा खोखा तोड़ दिया। बहाने से वकीलों को हटाया फिर बुलडोजर चलाया महिला वकील ने लगाया रिश्वत मांगने का आरोप सिटी मजिस्ट्रेट से डांट खाने के बाद नगर निगम के लोग प्रेरणा सिंह और उनके साथी वकीलों को चैंबर के लिए दूसरी जगह दिखाने के बहाने अलग ले गए, इसी बीच बुलडोजर ने चैंबर तोड़ दिया। इससे गुस्साई प्रेरणा ने धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निगम अधिकारियों ने उनसे दस लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। अब वह यहीं अपना चैंबर लगाएंगी। कहा, वह लड़की हैं इसलिए ऐसा किया गया। चैंबर रातोंरात नहीं रखा गया है, पहले से यहां है। वकीलों और नगर निगम की टीम में चैंबर हटने के बाद बी नोकझोंक चलती रही। कुछ देर बाद टीम वहां से चली गई लेकिन वकीलों ने खोखे के पास खाली जमीन पर अपने चैंबर लगाने का एलान करते हुए दीवार पर अपने नाम भी लिख दिए। |
जाने इस पोस्ट में क्या क्या है ?
नम्रता मल्ला:भोजपुरी एक्ट्रेस नम्रता मल्ला अपनी बोल्ड अदाओं से फैंस और लोगों के बीच रहती हैं. ऐसे में नम्रता मल्ला ने ब्लैक बिकिनी में एक वीडियो डाला जिससे इंटरनेट का तापमान बढ़ गया। फिल्म इंडस्ट्री में रातोंरात स्टार बन चुकी भोजपुरी एक्ट्रेस नम्रता मल्ला किसी परिचय के लिए अजनबी नहीं हैं। एक्ट्रेस हमेशा अपनी बोल्ड इमेज की वजह से न्यूज मार्केट में रहती हैं। उनका यह वीडियो देखकर फैंस के पसीने छूट जाएंगे।
नम्रता ने फिर से अपनी जानलेवा हरकतों से महफिल लूट ली है और उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर किया है वो काफी धमाकेदार है. वीडियो शेयर करते हुए नम्रता मल्ला ने कैप्शन में लिखा- मेरे पास गंदा दिमाग नहीं है, मेरे पास सेक्सी कल्पना है नम्रता ब्लैक बिकिनी में कहर बरपाती नजर आ रही हैं। नम्रता मल्ला का अंदाज देखकर हर किसी का दिल धड़कने लगा होगा ना? चलो कोई समस्या नहीं है। यदि हां, तो थोड़ी देर के लिए दिल को धड़कने दें।
खेसारी लाल यादव के साथ गाने के दो घूंट से लोकप्रियता हासिल करने वाली नम्रता मल्ला ने पिछले कुछ महीनों में काफी तरक्की की है। नम्रता मल्ला एक अभिनेत्री के साथसाथ एक अद्भुत नृत्य भी हैं। एक्ट्रेस का डांस देखने के बाद आप चाहकर भी अपनी आंखें नहीं हटा पाएंगे। एक्ट्रेस रोजाना अपनी हॉट बिकिनी तस्वीरें शेयर कर इंटरनेट का तापमान बढ़ाती नजर आ रही हैं। |
मही । द्यावापृथिवी इति । इह । ज्येष्ठे इति । रुचा । भवताम् । शुचयत्भिः । अर्कैः । यत् । सीम् । वरिष्ठे इति । बृहती इति । विमिन्वन् । रुवत् । ह । उक्षा । पप्रथानेभिः । एवैः ॥
देवी इति । देवेभिः । यजते इति । यजत्रैः । अमिनती इति । तस्थतुः । उक्षमाणे इति । ऋतवरी इत्यृतवरी । अद्रुहा । देवपुत्रे इति देवपुत्रे । यज्ञस्य । नेत्री इति । शुचयत्भिः । अर्कैः ॥
ते । हि । द्यावापृथिवी इति । मातरा । मही । देवी । देवान् । जन्मना । यज्ञिये इति । इतः । उभे इति । बिभृतः । उभयम् । भरीमभिः । पुरु । रेतांसि । पितृभिः । च । सिञ्चतः ॥
पुनः । नः । असुम् । पृथिवी । ददातु । पुनः । द्यौः । देवी । पुनः । अन्तरिक्षम् । पुनः । नः । सोमः । तन्वम् । ददातु । पुनरिति । पूषा । पथ्याम् । या । स्वस्तिः ॥
जनिता । दिवः । जनिता । पृथिव्याः । पिब । सोमम् । मदाय । कम् । शतक्रतो इति शतक्रतो । यम् । ते । भागम् । अधारयन् । विश्वाः । सेहानः । पृतनाः । उरु । ज्रयः । सम् । अप्सुजित् । मरुत्वान् । इन्द्र । सत्पते ॥
के । ऊँ इति । नु । ते । महिमनः । समस्य । अस्मत् । पूर्वे । ऋषयः । अन्तम् । आपुः । यत् । मातरम् । च । पितरम् । च । साकम् । अजनयथाः । तन्वः । स्वायाः ॥
मिमातु । द्यौः । अदितिः । वीतये । नः । सम् । दानुचित्राः । उषसः । यतन्ताम् । आ । अचुच्यवुः । दिव्यम् । कोशम् । एते । ऋषे । रुद्रस्य । मरुतः । गृणानाः ॥
विश्वा । हि । वः । नमस्यानि । वन्द्या । नामानि । देवाः । उत । यज्ञियानि । वः । ये । स्थ । जाताः । अदितेः । अत्भ्यः । परि । ये । पृथिव्याः । ते । मे । इह । श्रुत । हवम् ॥
येभ्यः । माता । मधुमत् । पिन्वते । पयः । पीयूषम् । द्यौः । अदितिः । अद्रिबर्हाः । उक्थशुष्मान् । वृषभरान् । स्वप्नसः । तान् । आदित्यान् । अनु । मद । स्वस्तये ॥
नवरात्र में माता के ९ संकेत। अगले अंक में देवमाता अदिति।
चित्र विविध सभ्यताओं में अंतरिक्ष आधारित माता के विविध रूप दर्शाते हैं।
गाँव गिराम से ले कर नगर तक 'उत्त भदेस' में 'भाजी' हेतु 'सब्ज़ी' शब्द का 'मूसलाधार' प्रयोग हमारी पीढ़ी में आरम्भ हुआ तथा बपुरा 'भाजी' शब्द पहले 'शाक' 'साग' हेतु रूढ़ हुआ एवं आगे प्राय: प्रयोगबाह्य हो गया।
पारसी भाषा में 'सब्ज़' हरे (ताजे एवं भले भी) अर्थ में प्रयुक्त है। सब्ज़ी वही होगी जो 'हरी' हो अर्थात आलू की 'सब्ज़ी' नहीं हो सकती। इसके विपरीत यदि औषधि, वनस्पति आदि शब्दों के आयुर्वेदिक पारिभाषिक अर्थ न ले कर प्रचलित अर्थ लें तो वनस्पति शब्द पादप या पादपस्रोत अर्थ में चलता है। पौधा पादप से ही है। जो पाद अर्थात पाँव एक ही स्थान से बद्ध किये हो, स्थित स्थावर जिसमें गति न हो।
भाजी शब्द वनस्पति से है, लोकसंक्षिप्ति। इसका प्रयोग पुन: आरम्भ करें क्यों कि यह आलू से ले कर पालक तक, सबके लिये उपयुक्त होगा। आप का अपना शब्द है, पर्सिया फारस से आयातित नहीं जिसने अपनी सभ्यता आक्रांता अरबी के बान्हे रख दी!
भाजी शब्द प्रयोग न तो पिछड़े होने का चिह्न है, न ही सब्जी प्रयोग से आप सभ्य नागर हो जाते हैं।
शाकाहार अपनायें, स्वस्थ रहें किंतु साग का उसके 'मांस' सहित प्रयोग अल्प करें क्यों कि आयुर्वेद इसे पशुमांस समान ही गरिष्ठ बताता है। सूप लें।
यहाँ शाकाहार मांसाहार का युद्ध आरम्भ न करें। आहार का सम्बंध परिवेश, सभ्यता, संस्कृति, उपलब्धता, मूल्यदक्षता, मान्यताओं आदि से है।
बृहद हिंदी क्षेत्र हेतु शाकाहार पर्याप्त उपलब्ध है, पोषक है, मूल्यदक्ष है, धरा के स्वास्थ्य हेतु भी उत्तम है, अत: पथ्य है।
वैविध्य बनाये रखें। जिन भाजियों को पिछड़ा मान कर आप छूते तक नहीं, उनमें अनमोल तत्व हैं। प्रयोगधर्मी बनें, भारत के अन्य प्रांतों का शाकाहार अपनायें, टन के टन टमाटर उदर में हूरना व भखना तो आप ने विदेशियों से सीखा न, वे तो अपने हैं!
सदैव ध्यान रखें कि खाद्यविशेष का चयन उसकी गुणवत्ता से करना होता है। कोई खाद्य न पिछड़ेपन का चिह्न होता है, न आभिजात्य का। जिन कोदो, मड़ुवा, साँवा, टाङ्गुन, जौ आदि को आप मोटा अन्न एवं पिछड़ा मान कर त्याग दिये, थरिया भर भर भात एवं तीन समय गेहूँ की रोट्टी सोट्टी खा स्थायी रूप से अपानवायूत्सर्जन के रोगी हो गये; उन्हीं मोटो झोटों को अब नागर अभिजन ऑर्गेनिक स्टोर्स से चौगुने मूल्य में ले कर धन्य धन्य हो रहे हैं। आप खेती करते हैं तो उनकी बुवाई करें, मोटा अन्न, मोटा दाम।
हाँ, टमाटर सांस्कृतिक संकट भी है। अपने व्यञ्जनों से इसके प्रदूषण को शनै: शनै: हटा ही दें। मुआ बचा रह गया अंग्रेज है!
चंद्रयान २ : आकाश देखें, आसमान नहीं ... क्षितिज निहारिकाओं से भी आगे है!
परश्व(१) निरभ्र(२) स्थिति में देखा था, चंद्र को गुरु के निकट जाते हुये। कल नभ(३) स्थिति थी, नहीं दिखे किंतु पिछले प्रेक्षण से जान गया था कि बहुत निकट पहुँच चुके होंगे, ज्येष्ठा नक्षत्र(४) पर एक साथ, जिसके देवता ज्येष्ठराजा इंद्र हैं। वस्तुत: दोनों एक दूसरे से बहुत दूर हैं, भिन्न संसार के वासी, किंतु हमें आकाश में जैसा धरती से दिखता है, कहते हैं। नभ स्थिति पर मन में एक आशङ्का ने सिर उठाया जिसे मैंने झटक दिया।
घरनी सङ्गिनी ने पूछा कि आज तो चंद्रयान वहाँ उतरने वाला है, मैंने हूँ हाँ कर के बात टाली दी। प्रात: चंद्रतल से २.१ किलोमीटर ऊपर मृदु-अवतरण के चरण में 'विक्रम' घटक से सम्पर्क टूट जाने का दु:खद समाचार मिला।
मैंने लिखा है आकाश देखें, आसमान नहीं। इन शब्दों का अंतर बहुत महत्त्वपूर्ण है। आकाश हमारी जातीय परम्परा का शब्द है जिसमें प्र'काश' निविष्ट है। आसमान विदेशी स्रोत का शब्द है जिसकी सङ्गति अश्म से बैठती है - पत्थर, जड़, औंधे कटोरे सा ऊपर धरा। दृष्टि का अंतर है।
सीमाओं के होते हुये भी यह आत्मविश्वास से भरा भारत है जिसका ढेर सारा श्रेय उस 'पंतप्रधान' को जाता है जो अप्रतिहत ऊर्जा, कर्मठता, समर्पण एवं निश्चय का स्वामी है, जो गहराती रात में भी वैज्ञानिकों के साथ उनका उत्साह बढ़ाता वहाँ उपस्थित था। यह वह भारत है जो दुर्घटनाओं पर वक्षताड़न करता रुकता नहीं है, उपाय कर आगे बढ़ लेता है। आश्चर्य नहीं कि जनसामान्य भी कल रात जगा हुआ था। ऐसे अवसर एक कर देते हैं।
पुरी के शंकराचार्य की प्रक्षेपण पूर्व 'आशीर्वाद यात्रा' हो या प्रक्षेपित होते चंद्रयान को उत्सुकता के साथ निहारते सद्गुरु जग्गी वासुदेव; पुरी के प्रवक्ताओं की हास्यास्पद कथित वैदिक गणितीय बातों के होते हुये भी, धर्म व आध्यात्म से जुड़े गुरुओं का इस अभियान से जुड़ाव ध्यातव्य है। सामान्य घरनी से ले कर धर्मपीठ तक चंद्रयान अभियान ने समस्त भारत को जोड़ दिया। तब जब कि विघटनकारी शक्तियों का वैचारिक विषतंत्र अपने उच्च पर है, राष्ट्र को एक सूत्र में जोड़ता ऐसा कोई भी अभियान अभिनंदन योग्य है। लखनऊ से ले कर बंगलोर तक, पूरब से ले कर पश्चिम तक, समस्त भारतभू से आते वैज्ञानिक इस अभियान में लगे। त्वरित उद्गार एवं सामाजिक सञ्चार तंत्र के इस युग में यह वह समय भी है जब गोद में पल रही भारतद्वेषी एवं भारतद्रोही शक्तियाँ नग्न भी होंगी, कोई सूक्ष्मता से कलुष परोसेगा तो कोई स्थूल भौंड़े ढंग से, नंगे वे सब होंगे। ऐसे अवसरों का भरपूर उपयोग तो होना ही चाहिये, इन्हें भविष्य हेतु चिह्नित भी कर लिया जाना चाहिये।
एक प्रश्न उठता है कि इसरो को चंद्रयान प्रेषित करने हेतु इतने लम्बे समय एवं जटिल प्रक्रिया की आवश्यकता क्यों पड़ी? बहुत सरल ढंग से कहें तो इस कारण कि हमारे पास अभी भी उतनी शक्तिशाली प्रणोदयुक्ति नहीं है जो सीधे चंद्रमा पर उतार दे। वर्षों पहले क्रायोजेनिक इञ्जन का परीक्षण हुआ था किंतु आगामी वर्षों में जो उपलब्धि मिल जानी चाहिये थी, नहीं मिली। वास्तविकता यह है कि हार्डवेयर के क्षेत्र में हम अभी पीछे हैं। उस पर काम किया जाना चाहिये। आशा है कि इस घटना के पश्चात शक्तिशाली प्रणोद युक्ति के विकास पर ठोस काम किया जायेगा।
सीमित हार्डवेयर के होते हुये इस अभियान में जो प्रक्रिया अपनाई गई, उसके द्वारा चंद्र के इतना निकट पहुँचा देना अपने आप में महती उपलब्धि है तथा प्रतिद्वन्द्वी महाशक्तियाँ मन ही मन ईर्ष्या कर रही होंगी।
इस प्रक्रिया में गुरुत्वाकर्षण एवं प्रणोद का सम्मिलित उपयोग किया जाता है। यान को पहले धरती की परिक्रमा करते हुये संवेग प्राप्त कराया जाता है। मोटा मोटी प्रक्रिया को कुछ कुछ वनवासी गोफन से समझा जा सकता है, जिसमें वे अपने यंत्र में पत्थर रख कर घुमाते घुमाते उसे संवेग देते हैं तथा उपयुक्त समय पर, पर्याप्त गति प्राप्त कर लेने पर छोड़ देते हैं।
निश्चित संवेग की वह मात्रा हो जाने पर जब कि यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त हो कर चंद्र की कक्षा तक पहुँचने योग्य हो जाता है, उसे धक्का दे पृथ्वी के आकर्षण से मुक्त कर दिया जाता है तथा वह आगे चंद्र के गुरुत्व के आकर्षण में उसके 'उपग्रह' समान हो जाता है। परिक्रमा करते यान से प्रेक्षकयन्त्र युक्त घटक चन्द्र धरातल पर उतारा जाता है। यह प्रक्रिया भी चरणबद्ध होती है। पूरी प्रक्रिया बहुत ही जटिल, सूक्ष्म एवं परिशुद्ध गणना एवं कार्रवाई की माँग करती है। कोण में या समय में सेकेण्ड की विचलन या विलम्ब भी यान को सदा सदा के लिये अंतरिक्ष में व्यर्थ यायावर बना सकते हैं।
असफलता में भी ऐसा बहुत कुछ है जो भासमान है। हम सक्षम हैं, सीमित हार्डवेयर के होते हुये भी हमने पूर्णत: देसी तकनीक से वह कर दिखाया है जो हार्डवेयर सक्षम देश कर पाते हैं, असफलतायें तो लगी ही रहती हैं।
अमेरिका का अपोलो १३ न भूलें जब कि उससे पूर्व के सफल अभियान अनुभव होते हुये भी एक चूक ने असफलता के साथ साथ यात्रियों के प्राण भी संकट में डाल दिये थे तथा उन्हें जीवित लौटा लाने की प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखने को मिला।
न भूलें वह घटना जब कि विण्डोज के नये संस्करण के लोकार्पण को मञ्च पर चढ़े बिल गेट्स को कुछ ही मिनटों में असफलता के कारण उतरना पड़ा था। माइक्रोसॉफ्ट रुका नहीं, आगे बढ़ गया।
इस अभियान को धन का नाश बताते हुये रोटी एवं निर्धनता को रोते जन को जानना चाहिये कि ऐसे अभियानों की ऐसी सैकड़ो पार्श्व उपलब्धियाँ होती हैं जो जन सामान्य के कल्याण में काम आती हैं। ये भविष्य में एक निवेश की भाँति भी होते हैं।
असफलता नहीं उपलब्धियाँ देखें। अंधकार नहीं, उस प्रकाश पर केंद्रित रहें जो भेद दर्शा रहा है। जड़ नहीं चैतन्यबुद्धि बनें। आसमान नहीं, आकाश देखें! उड़ाने आगे भी होंगी।
हमारा क्षितिज निहारिकाओं के पार तक पसरा है और हमारी गुलेलें, हमारे गोफन भी समर्थ हैं!
(२),(३),(४) - अभ्र कहते हैं बादल को, निरभ्र अर्थात जब बादल न हों, आकाश में नक्षत्र दिख रहे हों। भ को भासमान, प्रकाशित से समझें, चमकते नक्षत्र पिण्ड आदि। नभ अर्थात भ नहीं, जब बादल हों तथा नक्षत्र आदि न दिख रहे हों। जिस पथ पर सूर्य वर्ष भर चलता दिखाई देता है उसे क्रान्तिवृत, भचक्र नाम दिये गये हैं तथा उसका कोणीय विभाजन २७ भागों में किया गया है जिससे कि धरती से देखने पर ज्ञात होता है कि कौन से भाग 'नक्षत्र' में सौर मण्डल के सदस्य ग्रह, उपग्रहादि हैं। नक्षत्र का एक अर्थ न क्षरति जिसका क्षरण न होता हो, है अर्थात जो बने रहते हों। चंद्रमा धरती की परिक्रमा २७+ भू-दिनों में करता है। आकाशीय कैलेण्डर के सबसे चलबिद्धर पिण्ड चंद्र की दैनिक गति के प्रेक्षण हेतु ही २७ विभाग किये गये थे जिन्हें आलंकारिक रूप में कहा गया कि उसकी २७ पत्नियाँ हैं जिनके साथ वह एक एक रात बिताता है।
कोणार्क सूर्यमन्दिर - ६ : अभिशप्त ब्रह्मा, अभिशप्त केतकी?
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लखनऊ, ०३ अगस्त : विकास की दौड़ में पिछड़े १०० आकांक्षात्मक विकास खंडों के चयन के बाद अब उनकी बेहतरी के लिए सेक्टरवार रोडमैप भी तैयार कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता के अनुरूप चिकित्सा एवं पोषण और शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और आधारभूत संरचना विकास से जुड़े कुल १४ विभागों के ७५ इंडिकेटर तय किए गए हैं, जिनमें बेहतरी के लिए कोशिश होगी। खास बात यह कि सभी १०० विकासखंडों पर शासन की सीधी नजर होगी। यहां की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा भी मुख्यमंत्री भी करेंगे।
तय कार्ययोजना के मुताबिक इन विकास खंडों की प्रगति का सबसे बड़ा मानक यहां के चिकित्सा व पोषण तथा शिक्षा सेक्टर की बेहतरी होगी। सीएम योगी का इस सेक्टर पर खास फोकस है।विकास खंड के रिपोर्ट कार्ड में ६० प्रतिशत अंक इसी आधार पर मिलेंगे। इसी तरह, कृषि एवं जल संसाधन सेक्टर में कृषि, पशुधन, उद्यान, और ग्राम्य विकास विभागों को रखा गया है।
इनके प्रयासों के लिए २० फीसदी अंक होंगे जबकि, वित्तीय समावेशन सेक्टर में संस्थागत वित्त, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा के १६ इंडिकेटरों के आधार पर और १० प्रतिशत अंक और ऊर्जा, नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स व पंचायती राज विभाग की कोशिशों से यहां आधारभूत संरचना विकास की कोशिश होगी, जिसके लिए १० प्रतिशत अंक रखे गए हैं।
कार्ययोजना के अनुसार, प्रदेश के ३४ जनपदों में चयनित सभी १०० आकांक्षात्मक विकासखंडों में ३१ मार्च २०२२ की स्थिति को बेसलाइन मानकर बेहतरी के लिए प्रयास किए जाएंगे। ताजा स्थिति के आकांक्षात्मक विकास खंडों में सबसे बेहतर स्थिति वाले टॉप-५ आकांक्षात्मक विकास खंडों में जालौन और रामपुरा (जालौन), राजगढ़ और मड़िहान (मिर्जापुर) और हरैया (बस्ती) विकास खंड शामिल हैं।
आकांक्षात्मक जिलों के तर्ज पर विकास खंडों की तरक्की की योजना शुरू करने से पहले ही मुख्यमंत्री योगी ने यहां पर तैनात होने वाले अधिकारियों की दक्षता पर खास ध्यान देने का निर्देश दिया था। अब जबकि कार्यक्रम शुरू हो चुका है, ऐसे में सीएम ने इन ब्लॉक में बीडीओ, सीडीपीओ, एडीओ (पंचायत), खंड शिक्षा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, एएनएम, चिकित्सा अधिकारी, लेखपाल, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, प्राविधिक सहायक (कृषि) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती का विवरण मांगा।वर्तमान में यहां बीडीओ और खंड शिक्षा अधिकारी के सभी पदों पर तैनाती है, जबकि एडीओ पंचायत के ०३, पशु चिकित्सा अधिकारी के १६ और सीडीपीओ के २१ पद रिक्त हैं। सीएम ने इन पदों सहित अन्य सभी महत्वपूर्ण पदों पर तत्काल योग्य और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। |
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बुधवार (१५ जून) को घोषणा की कि उनके मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की भर्ती में अग्निपथ योजना के तहत चार साल पूरे करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में प्राथमिकता देने का फैसला किया है।
शाह ने कहा कि निर्णय के बाद गृह मंत्रालय में एक विस्तृत योजना का काम शुरू किया गया है।
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अग्निपथ योजना का स्वागत करते हुए घोषणा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को बदलना है।
शाह ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, अग्निपथ योजना युवाओं को अपना व देश का सुनहरा कल बनाने का एक अद्भुत अवसर है। भारत की युवाशक्ति को अनुशासित,स्किल्ड, फिट व आर्थिक रूप से सशक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने वाला @नरेन्द्रमोदी जी का यह दूरदर्शी निर्णय सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर भारत की नींव रखेगा। #भारतकग्नीवीर।
मोदी जी ने युवाओं को गौरवपूर्ण भविष्य व सशस्त्र बलों से जुड़ राष्ट्रसेवा का अवसर देने के लिए 'अग्निपथ योजना' की घोषणा की है।
इससे उनमें क्षमताओं व कौशल का निर्माण होगा, साथ ही देश का रक्षातंत्र और सशक्त होगा।
अग्निपथ योजना का अनावरण करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि यह एक परिवर्तनकारी पहल है जो सशस्त्र बलों को एक युवा प्रोफ़ाइल प्रदान करेगी।
भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अग्निपथ योजना लाई गई है। अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद एक अच्छा वेतन पैकेज और एक निकास सेवानिवृत्ति पैकेज दिया जाएगा।
यह कदम बढ़ते वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के लिए उठाया गया है, प्रमुख चिंताओं के बीच यह कदम १४ लाख से अधिक मजबूत सशस्त्र बलों की व्यावसायिकता, सैन्य लोकाचार और लड़ाई की भावना पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
अग्निपथ सैनिकों, वायुसैनिकों और नाविकों के नामांकन के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है। यह योजना युवाओं को सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का अवसर प्रदान करती है। अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए सभी लोग अग्निवर कहलाएंगे।
अग्निवर को प्रशिक्षण अवधि सहित ४ वर्ष की सेवा अवधि के लिए नामांकित किया जाएगा। चार वर्षों के बाद, योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर केवल २५ प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित संवर्ग में बनाए रखा जाएगा या फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा।
इसके बाद वे अगले १५ साल के पूरे कार्यकाल के लिए काम करेंगे।
अंतिम पेंशन लाभ के निर्धारण के लिए अनुबंध के तहत सेवा किए गए पहले चार वर्षों पर विचार किए जाने की संभावना नहीं है।
अन्य ७५ प्रतिशत अग्निवर को उनके दूसरे करियर में मदद के लिए उनके मासिक योगदान के साथ-साथ कौशल प्रमाण पत्र और बैंक ऋण द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित ११-१२ लाख रुपये के एक्जिट या सेवा निधि पैकेज के साथ विमुद्रीकृत किया जाएगा। |
जोधपुर के राजा गजसिंह ने अपने बड़े पुत्र अमरसिंह को उसकी स्वतंत्र एवं विद्रोही प्रवृत्ति से नाराज होकर राज्य से निकाल दिया था। इस पर शाहजहाँ ने अमरसिंह को नागौर परगने का स्वतंत्र राजा बना दिया।
१६४४ ई. में नागौर राज्य की अंतिम सीमा पर स्थित एक किसान के खेत में मतीरे की बेल लगी। बेल खेत की मेढ़ पार करके बीकानेर राज्य की सीमा में स्थित एक किसान के खेत में चली गयी और वहाँ पर एक मतीरा लग गया। जिस पर स्वामित्व को लेकर दोनों किसानों में झगड़ा हो गया।
इस समय बीकानेर के नरेश कर्णसिंह थे। यह झगड़ा सैनिकों तक जा पहुंचा और दोनों तरफ के कई सैनिक मारे गये, जो मतीरे की राड़ नाम से प्रसिद्ध हुई। उस समय अमरसिंह शाहजहाँ की सेवा में आगरा में था। जब उसे इस झगड़े की जानकारी हुई तो उसने नागौर जाने के लिये बादशाह से अवकाश लेना चाहा। बीकानेर नरेश ने शाहजहाँ के बख्शी सलावत खां को सिखा दिया कि किसी भी तरह अमरसिंह को बादशाह से मत मिलने देना।
जब अमरसिंह कई दिन तक बादशाह से मिलकर अवकाश नहीं मांग सका तो एक दिन उसने बख्शी से पूछे बिना बादशाह को सलाम कर लिया। इस पर बख्शी सलावतखां ने उसे गंवार कह दिया। अमर सिंह ने नाराज होकर उसी समय अपनी कटार निकाली और बख्शी को मार में डाला। बाद में खलीमुल्ला व बिट्ठदास के पुत्र अर्जुन से युद्ध करते हुए शहीद हुए।
अमरसिंह राठौड़ राजकुमारों में अपने साहस और वीरता के लिए प्रसिद्ध है। आज भी इसी के नाम से अमरसिंह राठौड़ के ख्याल प्रसिद्ध हैं।
क १. जोधपुर के राजा गजसिंह ने अपने बड़े पुत्र अमरसिंह को उसकी किस प्रवृत्ति से नाराज होकर राज्य से निकाल दिया था?
क २. शाहजहाँ ने अमरसिंह को किस परगने का स्वतंत्र राजा बना दिया था?
क ३. मतीरे की राड़ नामक घटना कब हुई थी?
क ४. राव अमर सिंह किससे युद्ध करते हुए शहीद हुए थी? |
शहद के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। शहद में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो कि मस्तिष्क में सेलुलर क्षति को रोकने में मदद करते हैं। हमने आपको बताया है कि आपके शहद में मिलावट तो नहीं है। कैसे आप जांच सकते हैं कि शहद में मिलावट है इसके लिए पढ़ें हमारी पूरी रिपोर्ट।
बिस्कुट भारतीय घरों में ही नहीं बल्कि विश्वभर में चाय की मेज पर अपनी अहम भूमिका अदा करता है। इस लेख में हमने मीठे और नमकीन बिस्कुट के ५ पसंदीदा ब्रांडों का अध्ययन कर बताया है कि किस ब्रांड से पोषण की आवश्यकता पूरी हो सकती है।
बैक्टीरिया और वायरस को हम अपनी आंखों से भले ही नहीं देख सकते, लेकिन यह पानी से उत्पन्न बीमारियों का मुख्य कारण होते हैं। हमने अपने सर्वेक्षण में बताया है कि पानी की गुणवत्ता को परख कर ही आप अपने वॉटर प्यूरीफायर को खरीदें।
हमने बताया है कि क्या भुगतान बैंक नियमित बैंक से अलग हैं। इन बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की एक स्पष्ट तस्वीर भी मिलती है।
रीयल एस्टेट को लेकर आए कुछ फैसलों से राहत और निराशा जैसी संभावनाएं जाहिर हो रही हैं। हमने उपभोक्ताओं को बताने का प्रयास किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से घर खरीदारों को मिली-जुली राहत। पढ़ें पूरी स्टोरी। |
दीन दयाल स्पर्श योजना आप्लिकेशन फॉर्म २०२२ | दीनदयाल स्पर्श योजना आवेदन फॉर्म, लाभ एवं पात्रता | दीन दयाल स्पर्श योजना स्कोलारशिप टेस्ट & अमाउंट | भारतीय डाकघर विभाग ने दीनदयाल स्पर्श छात्रवृत्ति योजना को फिलैटली (डाक टिकट के संग्रह) को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया है। इस योजना के तहत डाक टिकट संग्रह में रुचि रखने वाले ६ठीं कक्षा से लेकर ९वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष ६000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। ताकि उनकी डाक टिकटों के प्रति अभिरुचि एवं इस क्षेत्र में शोध के प्रचार प्रसार को बढ़ावा दिया जाए। इस योजना के तहत परिमंडलों द्वारा एक लिखित/मौखिक क्विज प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है और एक फिलैटली संबंधित प्रोजेक्ट कार्य दिया जाता है। जिसके माध्यम से विजेताओं को चुना जाता है और उन्हें छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाई जाती है। अगर आप भी फिलैटली में रुचि रखते हैं और दीन दयाल स्पर्श योजना २०२२ के तहत आयोजित परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं तो आपसे निवेदन है कि हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
दीनदयाल स्पर्श योजना क्या है?
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं कि इस योजना के तहत फिलैटली (डाक टिकट संग्रह) मे रुचि रखने वाले छठी कक्षा से लेकर नवी कक्षा तक के छात्र छात्रों को एक लिखित/मौखिक क्विज प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करके हर साल ६००० की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इसी विषय में डाक अधीक्षक मिर्जापुर क्षेत्र के आशीष श्रीवास्तव ने बताया है कि दीनदयाल स्पर्श योजना २०२२ के तहत छात्र २९ अगस्त सन २०२२ तक डाक अधीक्षक कार्यालय में अपना ऑफलाइन मोड से आवेदन करने सकते हैं। छात्रों को आवेदन करने के लिए २०० का फिलैटली अकाउंट प्रधान डाकघर में खुलवाना होगा। आयोजित होने वाली इस क्विज परीक्षा में करंट अफेयर, भूगोल, इतिहास, ज्ञान, खेल और संस्कृति से संबंधित पांच पांच नंबर के प्रश्न पूछे जाएंगे। यह परीक्षा सितंबर तक आयोजित की जाएगी।
भारतीय डाकघर विभाग का इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति एवं उपलब्धियों से संबंधित डाक टिकटों को संग्रह करने की रुचि रखने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करके प्रोत्साहित करना है। दीनदयाल स्पर्श योजना के माध्यम से उन मेधावी छात्रों को ५०० रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जो डाक टिकट को संग्रह अपने शौक के तौर पर करते हैं। इस छात्रवृत्ति को देने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में छोटी आयु से फिलैटली के शौक को बढ़ावा देना है ताकि यह रुचिकार कार्य उन्हें सुकून भरा अनुभव और तनाव मुक्त जीवन प्रदान करने के साथ-साथ उनके शिक्षा के क्षेत्र में भी लाभकारी साबित हो।
६ठीं, ७वीं, ८वीं, और ९वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ही इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।
छात्र को भारत के मान्यता प्राप्त स्कूल में अध्ययनरत होना अनिवार्य है।
आवेदक छात्र को अपने विद्यालय के फिलैटली क्लब का मेंबर होना अनिवार्य है।
अगर किसी विद्यालय में फिलैटली क्लब नहीं है तो उस विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जिसका अपना फिलैटली जमा खाता है उसके नाम पर विचार किया जा सकता है।
छात्र के पिछली कक्षा में ६०% अंक प्राप्त होने चाहिए और अनुसूचित जाति/ जनजाति के छात्रों को ५५% अंक प्राप्त होनी चाहिए।
स्पर्श योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए छात्रों का चयन फिलैटली संबंधी प्रोजेक्ट कार्य की मूल्यांकन अथवा परिमंडलों द्वारा आयोजित हुई क्वीज प्रतियोगिता परीक्षा मे प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
नोट-छात्र के फिलैटली संबंधी प्रोजेक्ट का मूल्यांकन परिमंडल स्तर पर गठित समिति, जिसमें डाकघर के अधिकारी एवं प्रतिष्ठित फिलैटलीविद् शामिल होते हैं उनके द्वारा किया जाता है।जिस विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करना है उसकी सूचना अधिसूचना जारी करते समय सर्कलो द्वारा प्रदान की जाती है।
जिन विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा उन्हें इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक या डाकघर बचत बैंक की कोर बैंकिंग सुविधा वाली शाखा में अपने माता पिता के साथ एक संयुक्त खाता खुलवाना होगा।
प्रत्येक डाकघर सर्कल छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थियों का चयन करेगा और छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए आईपीपीबी/पीओएसबी को लाभार्थियों की सूची सौंप देगा।
इसके बाद आईपीपीबी/पीओएसबी यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक चयनित विद्यार्थियों को तिमाही आधार पर (प्रति तिमाही में १५०० रुपए) छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा रहा है। |
अपनी यात्रा यहां शुरू से करें। पांच ध्यान का यह सेट आपको जीवन के लिए एक संपूर्ण साधन प्रदान करता है।
ब्रीदिंग रूम के मास्टर मेडिटेशन की श्रृंखला के साथ अपनी ५ दिन की यात्रा शुरू करें। ५ ध्यान साधनाओं का यह सेट अधिक शांतिपूर्ण जीवन की नींव निर्मित करेगा। इस श्रृंखला के प्रत्येक ध्यान में, एक परिचय शामिल है जो ध्यान के लाभों को और ध्यान करने के समय के बारे में बताता है।
प्रशांतता और विस्तार की स्थिति में प्रवेश करें जहां आप सामंजस्य सृजन करते हुए अपनी मनोकामनाओं को प्रकट कर सकते हैं। श्वास क्रिया, ध्वनि कंपन, कल्पना और अवलोकन का यह क्रम आपको जीवन के साथ सिंक में लाने में सहायता करता है।
अप्रिय भावनाओं के तनाव को विलीन करके, वर्तमान की शांत, केंद्रित स्थिति में लौटें।
हृदय में एक यात्रा पर निकलें और स्वयं व दूसरों के प्रति अपने संबंध को दृढ़ करें।
अपनी आत्म जागरूकता का विस्तार करने और अंतर्ज्ञान को प्राप्त करने के लिए विश्व प्रज्ञ तक पहुंचें।
अपने शरीर के भीतर ५ श्वास ऊर्जाओं को संतुलित करें और तुरंत ऊर्जा और प्राण शक्ति का अनुभव करें। |
३ अक्टूबर से सलमान खान बिग बॉस के १४वें सीजन को लेकर आ रहे हैं। इसी बीच बिग बॉस १४ पर भी नेपोटिज्म के आरोप लग गए हैं जिसकी वजह से आने वाले दिनों में मेकर्स की मुश्किल बढ़ सकती है। बिग बॉस की एक्स कंटेस्टेंट सोफिया हयात ने दावा किया है कि बिग बॉस १४ के मेकर्स नेपोटिज्म को बढ़ाने के काम कर रहे हैं।
कुछ समय पहले ही बिग बॉस १४ मेकर्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान खान ने दर्शकों की मुलाकात कुमार सानू के बेटे जान कुमार से करवाई थी जो कि बिग बॉस १४ के घर के घर में जाने वाले पहले सदस्य हैं। जान कुमार भी अपने पिता की तरह एक बेहतरीन सिंगर हैं। जिस तरह से बिग बॉस १४ के मेकर्स ने जान कुमार को शो का पहला सदस्य बनाया है ये बात सोफिया हयात को कुछ खास पसंद नहीं आई है। |
विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में एनसीईआरटी समाधान विस्तृत विवरण के साथ सभी महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं जिसका उद्देश्य छात्रों को अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना है। जो छात्र अपनी यूपी बोर्ड कक्षा १० की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में न्सर्ट सॉल्यूशंस से गुजरना होगा। इस पृष्ठ पर दिए गए समाधानों के माध्यम से जाने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि समस्याओं का दृष्टिकोण और समाधान कैसे किया जाए।
यदि आप १० वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और अपने स्कूली जीवन की अंतिम परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आप सभी को शुभकामनाएँ। आपको इसकी बुरी तरह आवश्यकता होगी। आखिरकार, यह परीक्षा आपके जीवन में निर्धारण कारक की भूमिका निभाने वाली है। एक तरफ, यह परीक्षा आपके लिए पढ़ाई की सही स्ट्रीम चुनने में आसान बनाएगी जो आपके लिए एकदम सही होगी।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ३ से ४ महीनों बाद बोर्ड की परीक्षाएं आरंभ हो जाएंगी। जो विद्यार्थी १०वीं की परीक्षाओं में सम्मलित होने जा रहे हैं उनके लिए विज्ञान के पेपर का हल आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इसमें एनसीईआरटी की किताब में जो प्रश्न दिये गए हैं उनका विस्तृत उत्तर दिया गया है। इसलिए इस आलेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इस आर्टिकल में प्रश्नों के साथ-साथ उनके विधिवत उत्तर भी दिये गये हैं। तो आईए जानते हैं विज्ञान के प्रश्नों का हल। छात्र ध्यान दें कि यह हल केवल एनसीईआरटी सिलेबस से परीक्षा देने वाले छात्रों के लिये उपयोगी है।
अब, जब आप अपने बोर्डों में एक असाधारण परिणाम करने की सोच रहे हैं, तो यह आवश्यक है कि आप इसे करने का सही तरीका खोजने के बारे में सोचें। तो, यह क्या हो सकता है? ठीक है, यदि आप वास्तव में अच्छा स्कोर करने के इच्छुक हैं, तो यह आवश्यक है कि आप कक्षा १० के लिए एनसीईआरटी के समाधान पर अपना हाथ डालें।
ये समाधान इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं ताकि आप न केवल पाठ्यक्रम और विषयों में एक उचित जानकारी प्राप्त कर सकें, बल्कि अपनी तैयारी को सावधानीपूर्वक शुरू कर सकें।
छात्र एनसीईआरटी पूर्णांक, अभ्यास और अध्याय प्रश्नों के पीछे भी पा सकते हैं। साथ ही विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में एनसीईआरटी सॉल्यूशंस पर काम करना छात्रों को उनके होमवर्क और असाइनमेंट को समय पर हल करने के लिए सबसे अधिक उपयोगी होगा। विद्फोम.कॉम फॉर यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) हिंदी में पीडीएफ के लिए छात्र एनसीईआरटी सॉल्यूशंस को ऑफलाइन मोड में भी एक्सेस करने के लिए डाउनलोड कर सकते हैं।
यहां हम "कक्षा १० विज्ञान" विषय के लिए अध्याय-वार न्सर्ट पुस्तक प्रदान कर रहे हैं। छात्र कक्षा १० के विज्ञान के अध्यायों को आसानी से डाउनलोड और उपयोग कर सकते हैं। एनसीईआरटी बुक्स क्लास १० विज्ञान पीडीएफ का डिजिटल संस्करण हमेशा उपयोग करना आसान होता है। यहां आप "कक्षा १० विज्ञान" यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान पुस्तकें प्राप्त कर सकते हैं। न्सर्ट फॉर क्लास १० इस पृष्ठ पर अध्याय के अनुसार प्रासंगिक विषय।
"कक्षा १० विज्ञान" के लिए न्सर्ट पुस्तक १० वीं कक्षा की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। इस न्सर्ट बुक्स कक्षा १० विज्ञान में दोनों किताबें विज्ञान सब्जेक्ट के सभी चैप्टर के साथ दी गई हैं। यहां न्सर्ट बुक क्लास १० पूर्ण अध्याय वार अध्ययन सामग्री प्राप्त करेंं।
हमें उम्मीद है कि यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान"के अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) नोट्स हिंदी में आपकी मदद करेंगे। यदि आपके पास यूपी बोर्ड एनसीईआरटी समाधान "कक्षा १० विज्ञान" के अध्याय ६ लाइफ प्रोसेस (जैव-प्रक्रम) नोट्स हिंदी में के लिए के बारे में कोई प्रश्न है, तो नीचे एक टिप्पणी छोड़ दें और हम जल्द से जल्द आपके पास वापस आ जाएंगे।
हम आशा करते हैं हमारा एनसीईआरटी समाधान कक्षा १० विज्ञान आपके लिए उपयोगी साबित होगा। छात्र हमारे आर्टिकल्स से सभी एनसीईआरटी की किताबें और उनके हल प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको आर्टिकल पसंद आया तो कृपया अधिक से अधिक शेयर करें। |
वाराणसी। लामा फाइट क्लब एंड फिटनेस सेंटर की ११वीं एनिवर्सरी धूमधाम से तेलियाबाग स्थित सेंटर पर मनाई गई। मुख्य अतिथि वीडीए के सदस्य अमरीश सिंह भोला एवं विशिष्ट अतिथि जिला ओलंपिक संघ के सचिव शम्स तबरेज शैंपू, गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी सोनी चौरसिया एवं बरेली के रतन गुप्ता रहे। इस अवसर पर शिवांगी गुप्ता ने कथक डांस एवं जागृति दवे ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी।
मार्शल आर्ट का प्रदर्शन मुस्कान बिजलानी, वेदिका सिंह, अंजली कुमारी, अजय एवं अनंत ने किया। वही दिव्यांशी यादव, आस्था गुरुंग. आर्य दवे ने वेस्टर्न डांस का प्रदर्शन किया। अभिनव ने गिटार पर फिल्मी सॉन्ग सुना कर सबका मन मोहा। नैंसी चौरसिया व दुर्गा थापा ने मिमिक्री एक्ट किया और डॉडायटीशियन निवेदिता मिश्रा ने बैलेंस डाइट के बारे में जानकारियां दी। कार्यक्रम में गूमा कुमारी थापा, विजय गौड़, उदय शर्मा, सौरभ तिवारी, मार्गरेट देवी, विष्णु चौरसिया आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गोपालजी सेठ ने किया। |
यूओएफएल कॉलेज ऑफ बिजनेस हमारे शैक्षणिक कार्यक्रमों, अनुसंधान और सामुदायिक आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से हमारे शहर, क्षेत्र और व्यापक व्यापार जगत की बौद्धिक और आर्थिक जीवन शक्ति को बढ़ाता है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि उद्यमशीलता, नवाचार, महत्वपूर्ण और कठोर सोच, विविध विचारों और लोगों के माध्यम से जीवन में सुधार होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ लुइसविले कॉलेज ऑफ बिजनेस आपको अपनी सफलता में तेजी लाने और अपने पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए विभिन्न प्रकार के डिग्री प्रोग्राम प्रदान करता है। चाहे आप अपने व्यावसायिक करियर के लिए एक मजबूत नींव रख रहे हों, अपनी पेशेवर यात्रा पर अगला बड़ा कदम उठा रहे हों, या विशेष उद्योग विशेषज्ञता का निर्माण कर रहे हों, हमने आपको कवर कर लिया है।
यूओएफएल कॉलेज ऑफ बिजनेस संकाय वास्तविक दुनिया के अनुभव और अनुसंधान की गहराई पर खुद को गर्व करता है। वे नवाचार, महत्वपूर्ण सोच और नए विचारों के आदान-प्रदान को महत्व देते हैं। हमारे प्रतिष्ठित संकाय आपको स्नातक होने से पहले और बाद में - अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।
उलेमर कैरियर प्रबंधन केंद्र स्थानीय, क्षेत्रीय, और अंतर्राष्ट्रीय नियोक्ताओं को उच्च-क्षमता वाले व्यावसायिक छात्रों और पूर्व छात्रों के साथ जोड़ने वाला एक अत्याधुनिक संसाधन है।
यूओएफएल कॉलेज ऑफ बिजनेस पूर्व छात्रों और दोस्तों की प्रतिबद्धता और संसाधनों के लिए धन्यवाद जारी रखता है। हमारी नवीनतम पहलों के बारे में जानें, हमारे मिशन पर हमारे पूर्व छात्रों के प्रभाव और आप कैसे शामिल रह सकते हैं।
कॉलेज ऑफ बिजनेस कम्युनिटी की ताजा खबरों से अपडेट रहें।
एक संपन्न लुइसविले समुदाय कॉलेज ऑफ बिजनेस मिशन के केंद्र में बैठता है। और यह एकतरफा सड़क नहीं है। हमारे पास कार्यक्रम, व्यावसायिक प्रतियोगिता और समुदाय के सदस्यों के लिए संसाधन हैं - उच्च विद्यालय के छात्रों को छोड़कर - लाभ उठाने के लिए, लेकिन हम छात्रों को समुदाय से सीखने और लाभ उठाने के लिए भी भेजते हैं।
पारिवारिक व्यवसाय चलाना जीवन / कार्य संतुलन के लिए अपनी चुनौतियां प्रदान कर सकता है। हमारे साथ अपने समुदाय का पता लगाएं।
हमारा लक्ष्य हाई स्कूल आउटरीच, हमारे थ्राइवल्स स्पीकर प्रोग्राम, एलिवेट पोर्टलैंड, और बहुत कुछ के माध्यम से अपने शहर, समुदायों और लोगों को बदलना है।
एक सक्रिय छात्र निकाय का अर्थ है कल लगे हुए नागरिक।
लुइसविल शहर के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता के बारे में अधिक जानें।
लुइसविले कॉलेज ऑफ बिजनेस प्रोग्राम और छात्रवृत्ति सभी योग्य संकाय, कर्मचारियों और छात्रों के लिए दौड़, रंग, राष्ट्रीय मूल, लिंग, विकलांगता या उम्र की परवाह किए बिना खुले हैं। |
दुनिया के ५ सबसे महंगे स्मार्टफोन: कई कंपनियों ने इस साल फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च किए हैं। वहीं, आपोल और सैमसंग के ऐसे स्मार्टफोन आ रहे हैं, जिनकी कीमत बढ़कर रु। वर्तमान में, आपोल के पास इफोन १३ प्रो मैक्स है जो एक मिलियन से अधिक में बिकता है। सैमसंग के पास एक मिलियन से अधिक गैलेक्सी स२२ अल्ट्रा हैं। आपको लगता होगा कि ये फोन सबसे महंगे स्मार्टफोन होंगे। लेकिन यह सच्चाई नहीं है। आज हम आपको दुनिया के ५ सबसे महंगे स्मार्टफोन के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी कीमत इतनी है कि आप भी यही कहेंगे, ये लीजिए आप एक बंगले में आ जाएं।
कैवियार आईफोन १२ प्रो प्योर गोल्ड दुनिया के सबसे महंगे स्मार्टफोन्स में से एक है। इसके केवल सात फोन ही बने थे। फोन की कीमत १२2,००० डॉलर यानी ९.१ लाख रुपये है। यदि आप इस फोन को भारत में ऑर्डर करते हैं, तो यह टैक्स और अन्य शुल्कों के कारण और अधिक महंगा हो जाएगा। इस फोन की खास बात यह है कि इसमें १8 कैरेट सोना और हीरे लगे हैं। इसलिए यह फोन काफी महंगा है। यह इफोन १२ प्रो की तरह ही काम करता है। यदि आप नवीनतम तकनीक को विलासिता के स्पर्श के साथ जोड़ना चाहते हैं, तो यह फोन आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।
गोल्डविश ले मिलियन की कीमत भी लाखों में है। इसे स्वीडिश कंपनी गोल्डविश ने बनाया है। इस फोन को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने २००६ में दुनिया के सबसे महंगे मोबाइल फोन के रूप में मान्यता दी थी। फोन के शरीर पर १२०,००० हीरे लगे हैं, और १८ कैरेट सोने का भी उपयोग किया जाता है। इसकी कीमत करीब ७७ करोड़ है। कंपनी ने केवल ३ मॉडल तैयार किए।
फोन भी दुनिया में सबसे महंगे में से एक है। इसकी कीमत भी लाखों में है। जो चीज इस फोन को खास बनाती है, वह है इसके पीछे लगाई गई २०० साल पुरानी अफ्रीकी काली लकड़ी। इसके अलावा ४५.५ कैरेट काले हीरे और १८० ग्राम सोना स्थापित है। कंपनी ने फोन के केवल तीन वेरिएंट तैयार किए। इस स्मार्टफोन की कीमत करीब ७.१ करोड़ रुपये है।
डायमंड क्रिप्टो स्मार्टफोन की कीमत करोड़ों में है। इसे ऑस्ट्रियाई ज्वैलर पीटर एलिसन और रूसी कंपनी ज्स्क एनकोर्ट ने बनाया था। फोन के साइड में ५० डायमंड लगे हैं। इसमें ५ नीले हीरे भी लगे हैं। इसका लोगो भी १८ कैरेट सोने से बना है। इसकी कीमत करीब ९.३ करोड़ रुपये है। फोन रूसी टाइकून के लिए बनाया गया था। फोन में उन्नत एन्क्रिप्शन भी है।
उपस्क एक्सम: आवेदन पत्र भरते समय भूल भी जाएं तो न करें ये गलती, वरना पछताएंगे आप! |
एरिका फर्नांडिस, जो कुछ रंग प्यार के ऐसे भी में अपने कथानक के लिए जानी जाती हैं और कसौटी जिंदगी की सबसे ज्यादा ट्वीट्स के साथ ऑनलाइन ट्रेंड कर रही हैं।
हाल ही में एक साक्षात्कार में, अपने रिश्ते की स्थिति और प्रशंसकों के बारे में हस्तग के तहत खुलती है # एरिक्फर्नेनदेस आगे उसके आगे जिंदगी के लिए कामना करते है। अभिनेत्री ने खुलासा किया कि वह किसी ऐसे व्यक्ति को पसंद करती हैं जो इस इंडस्ट्री से नहीं है। वह ३ साल से रिलेशनशिप में है। इसके साथ ही एरिका ने अपनी सह-कलाकार पार्थ समर्थन के साथ रिश्ते में होने की अफवाहों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया।
उनके साक्षात्कार के तुरंत बाद एरिका फर्नांडीस के वफादार प्रशंसकों ने उनकी ईमानदारी की सराहना की। अपने पसंदीदा स्टार के बारे में अधिक प्रशंसकों ने क्या कहा, इसकी जाँच करें!
इस बीच, एरिका फर्नांडिस और पार्थ समथान स्टारर कसौटी जिंदगी की ने कल शूटिंग शुरू कर दी। अनुराग बसु का किरदार निभाने वाले अभिनेता पार्थ समथान सेट पर स्पॉट किए गए। और शो की वापसी की खबर पहले से ही कसौटी ज़िन्दगी के प्रशंसकों को रोमांचक लगी। शो में करण पटेल के रूप में एक नई प्रविष्टि भी देखी जाएगी। करण ने मि। बजाज के रूप में करण सिंह ग्रोवर की जगह ली।
कसौटी को फिर से देखने के लिए आप सभी कितने उत्साहित हैं, नीचे कमेंट सेक्शन में हमारे साथ साझा करें!
अधिक समाचार, स्पॉइलर और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे पास आते रहें। |
कवि करुणामय ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे जीवन में विपदा दें साथ ही उन विपदाओं से लड़ने की शक्ति भी दें ताकि वह इन मुश्किलों पर विजय पा सके। उसका विश्वास अटल रहे।
२. 'विपदाओं से मुझे बचाओं, यह मेरी प्रार्थना नहीं' कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है?
कवि का कहना है कि हे ईश्वर मैं यह नहीं कहता कि मुझ पर कोई विपदा न आए, मेरे जीवन में कोई दुख न आए बल्कि मैं यह चाहता हूँ कि मुझ इन विपदाओं को सहने की शक्ति दें।
३. कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
कवि सहायक के न मिलने पर प्रार्थना करता है कि उसका बल पौरुष न हिले, वह सदा बना रहे और कोई भी कष्ट वह धैर्य से सह ले।
४. अंत में कवि क्या अनुनय करता है?
अंत में कवि अनुनय करता है कि चाहे सब लोग उसे धोखा दे, सब दुख उसे घेर ले पर ईश्वर के प्रति उसकी आस्था कम न हो, उसका विश्वास बना रहे। उसका ईश्वर के प्रति विश्वास कभी न डगमगाए।
५. 'आत्मत्राण' शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
आत्मत्राण का अर्थ है आत्मा का त्राण अर्थात आत्मा या मन के भय का निवारण, उससे मुक्ति। कवि चाहता है कि जीवन में आने वाले दुखों को वह निर्भय होकर सहन करे। दुख न मिले ऐसी प्रार्थना वह नहीं करता बल्कि मिले हुए दुखों को सहने, उसे झेलने की शाक्ति के लिए प्रार्थना करता है। इसलिए यह शीर्षक पूर्णतया सार्थक है।
६. अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए।
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना के अतिरिक्त परिश्रम और संघर्ष, सहनशीलता, कठिनाईयों का सामना करना और सतत प्रयत्न जैसे प्रयास आवश्यक हैं। धैर्यपूर्वक यह प्रयास करके इच्छापूर्ण करने की कोशिश करते हैं।
७. क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे?
यह प्रार्थना अन्य प्रार्थना गीतों से भिन्न है क्योंकि अन्य प्रार्थना गीतों में दास्य भाव, आत्म समर्पण, समस्त दुखों को दूर करके सुखशांति की प्रार्थना, कल्याण, मानवता का विकास, ईश्वर सभी कार्य पूरे करें ऐसी प्रार्थनाएँ होती हैं परन्तु इस कविता में कष्टों से छुटकारा नहीं कष्टों को सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना की गई है। यहाँ ईश्वर में आस्था बनी रहे, कर्मशील बने रहने की प्रार्थना की गई है।
तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में।
इन पंक्तियों में कवि कहना चाहता है कि वह सुख के दिनों में भी सिर झुकाकर ईश्वर को याद रखना चाहता है, वह एक पल भी ईश्वर को भुलाना नहीं चाहता।
तो भी मन में ना मानूँ क्षय।
कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि जीवन में उसे लाभ मिले या हानि ही उठानी पड़े तब भी वह अपना मनोबल न खोए। वह उस स्थिति का सामना भी साहसपूर्वक करे।
मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।
कवि कामना करता है कि यदि प्रभु दुख दे तो उसे सहने की शक्ति भी दे। वह यह नहीं चाहता कि ईश्वर उसे इस दुख के भार को कम कर दे या सांत्वना दे। वह अपने जीवन की ज़िम्मेदारियों को कम करने के लिए नहीं कहता बल्कि उससे संघर्ष करने, उसे सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना करता है। |
नई दिल्ली: महत्वपूर्ण समय के बीच जब कार्य-जीवन संतुलन एक गर्म विषय है और प्रबंधकों और कर्मचारियों के बीच एक निरंतर तनाव है, तन नाम की एक चीनी महिला ने एक संपूर्ण कार्य-जीवन संतुलन के लिए कुछ विचित्र किया है। वह कब्र की रखवाली करने वाली बन जाती है ताकि उसके पास अपने निजी जीवन के लिए पर्याप्त समय हो सके, जो कि उसके पहले के पेशे के लिए असंभव था।
वह अनपढ़ नहीं है। वह चीनी विश्वविद्यालय से स्नातक हैं और अब पश्चिमी चीन के चोंगक्विंग में एक पहाड़ी कब्रिस्तान में काम करती हैं। वह वर्तमान में लगभग ४५,७५० रुपये कमा रही है और अपनी नौकरी की तुलना समय से पहले सेवानिवृत्ति से करती है।
वह एक गंभीर रक्षक के रूप में अपने पेशे में काम के समय से खुश हैं। वह सप्ताह में छह दिन सुबह ८:३० बजे से शाम ५ बजे तक काम करती हैं और हर दिन २ घंटे का लंच ब्रेक लेती हैं। यह काम उसे एक नौकरी से संतुष्टि प्रदान करता है जिसमें अन्य भत्ते जैसे कि एक सुंदर दृश्य और कार्यालय की राजनीति के बिना एक संतुलित कार्य-जीवन शामिल है।
मैं आपको एक जेन जेड कब्र रक्षक के काम के माहौल को दिखाता हूं। यह एक सरल और आरामदायक काम है। यहां बिल्लियां और कुत्ते और इंटरनेट हैं। उन्होंने कहा, क्योंकि मैं यहां रहती हूं, मैं मजाक में खुद को कब्र रक्षक कहती हूं, उन्होंने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बात करते हुए कहा। उसने आगे कहा कि उसकी नौकरी में कई जिम्मेदारियां हैं जैसे कब्र बेचना, रिश्तेदारों के लिए कब्रों की सफाई करना और मेहमानों को प्राप्त करना।
न केवल वह अपने काम से प्यार करती है बल्कि वीडियो के रूप में सोने की सामग्री भी साझा करती है। नेटिज़ेंस एक जहरीली नौकरी छोड़ने के लिए उसकी कहानी सुनने के लिए उत्साहित हैं और इसके बजाय कार्य-जीवन संतुलन पसंद करते हैं। एक यूजर ने कहानी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, इस तरह की नौकरी को पुराने दिनों में अशुभ माना जाता था लेकिन आधुनिक लोगों के लिए यह एक शांतिपूर्ण है। एक अन्य यूजर ने लिखा, मुझे भी यह जॉब पसंद है, आपको लोगों से डील करने की जरूरत नहीं है, और कोई ऑफिस पॉलिटिक्स नहीं है। |
कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले गुरुद्वारा पहुंचे। गुरु नानक जयंती पर वह नांदेड़ जिले के गुरुद्वारा यादगार बाबा जोरावर सिंह फतेज सिंह जी पहुंचे और प्रार्थना की। इस दौरान राहुल गांधी ने केसरिया पगड़ी भी पहनी। कांग्रेस पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि गुरुद्वारे में राहुल गांधी ने सद्भाव व समानता के लिए प्रार्थना की।
बता दें, राहुल गांधी सोमवार को तेलंगाना से महाराष्ट्र पहुंचे थे। यहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही वह गुरुद्वारा पहुंच गए। पार्टी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत गुरुद्वारे से हुई। इसके बाद यह यात्रा बिलोली जिले के अटकली में रुकेगी। शाम चार बजे यात्रा फिर से शुरू होगी, जो सात बजे भोपाला में रुकेगी। वहीं यात्रा का रात्रि प्रवास बिलोली के गोदावरी मनार शुगर फैक्ट्री मैदान में होगा।
बता दें, इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने मशाल के साथ महाराष्ट्र की सीमा में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा था कि अगले १५ दिनों के महाराष्ट्र प्रवास के दौरान वह राज्य के लोगों से मिलेंगे और उनके दर्द को सुनेंगे। उन्होंने कहा, कोई भी ताकत उनकी ६१ दिन पुरानी यात्रा को रोक नहीं सकती है। |
भिलाई इस्पात संयंत्र में विभिन्न पदों पर बड़ी भर्ती होने जा रही है। इसमें सहायक प्रबंधक के पद से लेकर ओसीटी ट्रेनी तक के पद पर भर्ती की जाएगी। सेल स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड भिलाई इस्पात सेंटर, चंद्रपुर फेरो एलॉयज प्लांट और सेलम स्टील प्लांट में संयुक्त रूप से भर्ती हेतु इसका आवेदन आमंत्रित किया है। इस दौरान एसओटी ब्वॉयलर ऑपरेशन और ऐसीटी के पदों पर सबसे अधिक भर्ती होगी।इस हेतु ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख १७ दिसंबर है।
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड देश की नवरत्न कंपनियों में से एक है और खास बात यह है कि यह लगातार मुनाफे में रही है। इसके इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र ने उत्पादन के क्षेत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और हमेशा फायदे में बनी रही है। इस संयंत्र के आने के बाद से ही छत्तीसगढ़ में भिलाई जैसा बड़ा शहर विकसित हो सका है जो कि आज भी आगे बढ़ रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों कर्मचारियों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ कमी आई है और यह संख्या लगातार गिरावट की ओर बनी हुई है। शिक्षित युवा बेरोजगार यहां रोजगार की उम्मीद लगाए बैठे हैं लेकिन उनके लिए नौकरियां नहीं आ रही हैं।अब जो नई नौकरियां आई हैं उससे शिक्षित बेरोजगार को खुशी हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां कुल २९० पदों पर भर्ती होने जा रही हैं और इसके लिए सेल के द्वारा विज्ञापन जारी कर दिया गया है। इसमें आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना है जिसकी आवेदन करने की तारीख आगामी २६ नवंबर से खुलने जा रही है। इच्छुक, आवेदक इसके बाद इन पदों पर भर्ती के लिए १७ दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे।
उक्त इकाइयों में काफी वर्षों के बाद एसओटी, एसीटी ट्रेनी के जैसे पदों पर भर्ती होने जा रही है। ओ सी टी मैं ही अलग-अलग विभागों के लिए कुल ७५ पदों पर की भर्ती की जाएगी। तो वही एसीटी में ७७ पदों पर भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित किया गया है। सबसे अधिक एसीटी ट्रेनि के ४९ पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है।
इनके अलावा सहायक प्रबंधक ब्वॉयलर ऑपरेशन इंजीनियर, सहायक प्रबंधक सुरक्षा, प्रबंधक हाइड्रॉलिक्स प्रबंधन, प्रबंधक मैकेनिकल, वायर इंजीनियरिंग मेंटनेंस, प्रबंधक बार एंड रॉड मिल, उप प्रबंधक भूगर्भ शास्त्र राजघाट माइंस के लिए, वरिष्ठ चिकित्सा सलाहकार कार्डियोलॉजी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा, माइन्स फोरमैन, माइनिंग मेट, सर्वेयर, ब्लास्टर, फायरमैन इत्यादि पदों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। |
पेत्म इपो, पेटीएम बोर्ड ने योजनाओं को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देने की पेशकश को अंतिम रूप दे रहा है जिसे जुलाई के पहले सप्ताह में पेश किया जा सकता है।
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पेटीएम ने अपने कर्मचारियों से पूछा है कि क्या वे डिजिटल भुगतान की योजनाबद्ध पेशकश से शेयर बेचना चाहते हैं, जिससे देश के सबसे बड़े शेयर बाजार में इसकी शुरुआत हो सकती है। ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, यह स्टार्टअप, जिसे औपचारिक रूप से वन९७ कम्युनिकेशंस के नाम से भी जाना जाता हैं। कंपनी ने सोमवार तक अपने सभी कर्मचारियों को बिक्री के लिए प्रस्ताव भेजा जायेग। क्योंकि यह पेत्म इपो के लिए फाइल करने की तैयारी कर रहे है।
वन९७ कम्युनिकेशंस अपने इक्विटी शेयरों (इक्विटी शेयर) की एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश करने का प्रस्ताव कर रहा है, जो बाजार की स्थितियों के अनुसार होंगे, कॉर्पोरेट और अन्य अनुमोदनों और अन्य प्रासंगिक विचारों के अधीन, लागू कानून के अनुसार ही है, और इस संबंध में कंपनी के निदेशक मंडल से सैद्धांतिक मंजूरी, वन९७ के सचिव अमित खेरा ने कर्मचारियों और शेयरधारकों को नोटिस में बताया हैं।
ब्लूमबर्ग न्यूज ने मई २०२१ में बताया था कि कंपनी, जिसके निवेशकों में बर्कशायर हैथवे इंक, सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और एंट ग्रुप कंपनी आदि शामिल हैं, लगभग २५ बिलियन डॉलर से ३० बिलियन डॉलर के मूल्यांकन पर लगभग २१८ बिलियन ($ ३ बिलियन) जुटाने की कोशिश कर रही है। कोल इंडिया ने २०१० में देश के अब तक के सबसे बड़े आईपीओ में १५० बिलियन से अधिक जुटाए।
पेत्म इपो के सार्वजनिक बाजार की शुरुआत में भारत में नियामक दायित्वों को पूरा करने के लिए नए और मौजूदा शेयरों का मिश्रण शामिल होगा। देश के नियमों के अनुसार १० फीसदी शेयर दो साल के भीतर और २५ फीसदी पांच साल के भीतर इसऊ किये जायेंगे हैं।
बिक्री के लिए प्रस्ताव, या ओएफएस के तहत कर्मचारियों को आईपीओ के हिस्से के रूप में अपने शेयर बेचने की अनुमति देगा। दस्तावेजों में कहा गया है कि पेटीएम के बोर्ड ने डेब्यू को अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है, लेकिन प्रॉस्पेक्टस को अंतिम रूप दिए जाने तक औपचारिक मंजूरी नहीं मिल सकती है।
यदि मौजूदा शेयरधारक पेत्म इपो के दौरान अनुमति से अधिक बिक्री करना चाहते हैं, तो दस्तावेजों के अनुसार, स्टॉक बेचने की क्षमता का निर्धारण आनुपातिक आधार पर किया जाएगा।
मॉर्गन स्टेनली, इस पेशकश पर पेटीएम के साथ काम कर रही है। पेटीएम ने लिस्टिंग पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पेत्म कर्मचारी पेत्म इपो में अपने इक्विटी शेयरों के सभी या कुछ हिस्से की पेशकश करने के लिए सहमति देकर भाग ले सकते हैं, एक निर्णय जिसे देश के नियामक को पहला प्रस्ताव दस्तावेज दाखिल करने से पहले अंतिम रूप देने की आवश्यकता होगी। नोटिस में कहा गया है कि पेशकश के दौरान नहीं बेचे जाने वाले इक्विटी शेयरों को एक साल की अवधि के लिए लॉक-इन कर दिया जाएगा। |
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल (माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल) एक मॉर्डन वर्कशीट/स्प्रेडशीट कार्यक्रम है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन अमेरिका (माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन अमेरिका) ने विकसित किया है। माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेड शीत, डेटाबसे और ग्राफिक्स का प्रयोग बहुत ही सरलता से तथा प्रभावपूर्ण माध्यम से किया जा सकता है। एक्सेल में सारणीबद्ध सूचनाओं को (तबुलर इंफोरमेशन), तकनीकी भाषा (टेक्निकल लैंग्वेज) में वर्कशीट (वर्कशित) कहते हैं। वर्कशीट में सभी सूचनाएँ रोज तथा कॉलमस में व्यवस्थित होती हैं। अतः इसके प्रत्येक खाने को सेलं (सेल) कहते हैं, जहाँ डाटा इनपुट कर सकते हैं। इसमें हम वे सभी कार्य कर सकते हैं जो सॉफ्टवेयर लोटस द्वारा किये जा सकते हैं। अतः इसे लोटस (लोटस) का समृद्ध संस्करण भी कह सकते हैं। एक्सेल स्प्रेशीट में माउस के प्रयोग से फॉरमेंटिंग का कार्य भी सरल हो गया है।
यह एक्सेल की विण्डो का मुख्य भाग है। स्प्रेडशीट (स्प्रेड शीत) को साधारण/आम बोलचाल की भाषा में वर्कशीट (वर्क शीत) भी कहते हैं। एक्सेल में अधिकतर कार्य यहीं पर किया जाता है। अतः यही एक्सेल का कार्यकारी क्षेत्र (वर्किंग स्पेस) है। स्प्रेडशीट अत्यन्त विशाल ग्राफ पेपर के समान होती। जिसे पंक्तियों (रोज) तथा स्तम्भों (कॉलमस) में विभाजित (दीविड) किया गया है। स्त्रेडशीट आकार में बहुत बड़ी होती है। इस कारण पूरी स्प्रेडशीट को एक साथ स्क्रीन पर नहीं देख सकते हैं। साथ ही प्रिन्टर द्वारा भी इतनी बड़ी स्प्रेडशीट का प्रिन्ट भी नहीं निकाल सकते हैं। केवल स्क्रोल बार की सहायता से इसे आगे-पीछे नीचे खिसकाकर थोड़ा- थोड़ा भाग देख सकते हैं। इसी प्रकार प्रिन्ट भी प्राप्त कर सकते हैं।
एक्सेल की प्रत्येक फाइल में १६ वर्कशीट होती हैं। प्रत्येक वर्कशीट/स्प्रेडशीट रोज तथा स्तम्भों (कॉलमस) के विभाजन के कारण आयताकार खानों (रेक्तंगुलार बॉक्स्स) में बंटा होता है। अतः स्प्रेडशीट के प्रत्येक छोटे-छोटे खानों को सैल (सेल) कहा जाता है। प्रत्येक सेल में करीब २५५ करेक्टर स्टोर (स्टोर) हो सकते हैं। प्रत्येक सेल के चारों ओर एक लाइन होती है, जिन्हें ग्रिड लाइन्स कहते हैं। वर्कशीट के प्रत्येक सैल में हम टेबल के रूप में डाटा संचित करके रखते हैं और आवश्यकतानुसार उसे कॉपी, मूव करा सकते हैं। हम अपने डाटा को कार्य के अनुसार फार्मूला देकर केलकुलेट कर सकते हैं। प्रत्येक मत्त का अपना पता (एड्डरेस) होता है जो कि कॉलम लेबल तथा (रो नंबर से मिलकर बनता है।
जैसे यदि पहले कॉलम और पहली पंक्ति के सैल को आई तथा दूसरे कॉलम और पाँचवीं पंक्ति के सैल को ब५ कहा जाता है। सेल के आकार का ही एक्सेल में एक पॉइन्टर होता है, इसे सेल पॉइंटर कहा जाता है। सेल पर एंट्री करने हेतु इस सेल पॉइंटर को उस सेल पर ले जाते हैं जहाँ एंट्री करनी है तथा कीबोर्ड द्वारा एंट्री करते हैं। सेल पॉइंटर को कीबोर्ड की ऐरो कीज् की सहायता से ऊपर-नीचे, दायें-बायें घुमाते हैं।
एक्सेल २००० में कर्सर को सैल पॉइन्टर कहा जाता है। एक्सेल २००० की विण्डो में तीन वर्कशीट होती हैं। इसके लोड होने पर मॉनीटर पर पहली वर्कशीट दिखायी देती है। इस विण्डो में वर्कशीट्स पर इसकी क्षैतिज स्क्रॉलबार पर दिये गये बटन्स हेक्ट-१, शीत-२ एव शीत-३ क्लिक करके जाया जा सकता है।
एक स्प्रेडशीट/वर्कशीट के आ से ई तक ९ कॉलम हैं तथा १ से २७ तक २७ रोज हैं। एक्सेल २००० की स्प्रेडशीट/वर्कशीट में २५६ कॉलम होते हैं, जिन्हें आ, ब, च.ज़, आ, ब्ब, ब्क..इय आदि। ये कॉलम के लेबल होते हैं। इसी तरह वर्कशीट में ऊपर से नीचे ६५५३६ रोज होती हैं। जिहें १, २, ३, आदि से लेबल करते हैं। अतः सम्पूर्ण स्प्रेडशीट में खानों की संख्या २५६ क्स ६५५३६ = १6777२१6 होती है। वर्कशीट के इस खाने को सैल कहते हैं। अर्थात् कॉलम एवं रो के मिलने से बनने वाला खाना सैल (सेल) है। वर्कशीट में नीचे स्क्रॉलबार पर शीत १, शीत २, शीत ३ दिखायी गयी है।
सैल पॉइन्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना- इसके अन्तर्गत हम उन कुंजियों तथा उनके कार्य का अध्ययन करेंगे, जिसकी सहायता से सेल पॉइंटर को वर्कशीट में घुमाया जाता है।
अपनी वर्कशीट पर एंट्री करने के लिए हमें सेल पॉइंटर को उस सेल पर ले जाना लेना होता है, जहाँ पर हमें कीबोर्ड द्वारा एन्ट्री करनी है।
प्रविष्टि करते समय (वेळ मकिंग एंट्री)- जब किसी सेल में एन्ट्री की जाती है। तो एंट्री सर्वप्रथम फार्मूला बार में आती है। अतः यदि एंट्री करते समय हमारे द्वारा कुछ गलत टाइप कर दिया जाता है। तो हम बऐक स्पेस की की सहायता से उसे मिटाकर पुनः सही एंट्री टाइप कर सकते हैं। अतः एंट्री करने के बाद एक बार हमें एंट्री को पढ़ना चाहिए कि उसमें कोई गलती न हो तथा अन्त में उसे सेल पर ले जाने के लिए एन्टर की का प्रयोग करेंगे।
ये तीनों ही एन्ट्रीज अपने पहले अक्षर के आधार पर विभाजित की जा सकती हैं।
वेल्यू प्रविष्टि (वेल्यू एंट्री)- वेल्यू एंट्री अंकों से मिलकर बनी होती है। ये वेल्यू ०-९ अंक, (दशमलव) हो सकती है। जब वेल्यू की एंट्री की जाती है तो वह ९ चरैक्टर जितने चौड़े सेल में दायीं ओर दिखाती देती है।
लेबल प्रविष्टि (लेबल एंट्री) जब कोई एंट्री किसी अल्फाब्त से शुरू होती है तो यह लेबल एन्ट्री होती है। लेबल का अल्फाब्त से ही शुरू होना आवश्यक है। उसके बाद उसमें अंक, चिह्न आदि भी आ सकता है। लेबल एन्ट्री णत्त में बायीं ओर आती है।
फार्मूला प्रविष्टि (फार्मुला एंट्री)- फार्मूला एन्ट्रीज संख्याओं, सेल एड्डरेस तथा मैथेमेटिकल ओपरेटर्स की सहायता से बनी होती है अतः इन्हीं के द्वारा एन्ट्रीज की जाती है फार्मूला एन्ट्री = (इक्वाल) सिन से शुरू होनी चाहिए।
जब किसी सेल में फार्मुला एंट्री की जाती है तो वहाँ फार्मुला के स्थान पर उसका परिणाम आता है।
नीचे टेबल प्रस्तुत की गयी है, जिसके चिह्नों के संयोजन से हम फार्मूला निर्माण करते हैं।
साधारणतः दिये जाने वाले फार्मुला, रिलेटिव एड्डरेसिंग के उपयोग द्वारा ही निर्मित होते हैं इस तरह के फार्मुला में जब उन्हें मूल स्थान से कॉपी करते हैं तो अपने आप ही उनमें प्रयुक्त कैल एड्डरेस बदल जाते हैं।
इस तरह के फार्मूला को उनके मूल स्थान से दज्य करने पर वे अपरिवर्तित रहते हैं।
प्रविष्टि करते समय (वेळ मकिंग एंट्री) जब किसी सेल में एंट्री की जाती है तो यह फार्मूला वार पर दिखायी देती है। अतः यदि एंट्री करते समय गलत टाइप कर दिया गया हो तो बऐक स्पेस की की सहायता से इसे अर्थात् गलत एंट्री को मिटाकर पुनः सही एंट्री टाइप की जा सकती है।
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हर कोई जो फॉरेक्स और स्टॉक ट्रेडिंग की कोशिश करने का फैसला करता है वह पैसा कमाना चाहता है। जब कोई व्यक्ति ट्रेडिंग खाता खोलता है और डिपॉज़िट करता है, तो तस्वीर हमेशा अच्छी होती है: खाता कुछ ही समय में प्रभावशाली लाभ दिखाता है, इसलिए एक नया कंप्यूटर, कार या घर खरीदना संभव है। इन लाभों के बारे में सोचकर भी हमें खुशी और उम्मीद मिलती है। हम आने वाली चीजों की कामना करते हैं। क्या यह अद्भुत नहीं होगा यदि ट्रेडिंग का अर्थ लाभ है और कुछ नहीं? निश्चित रूप से, जीवन आसान होगा यदि ट्रेडर्स हमेशा पैसा कमाए। हालाँकि, आपने शायद सुना है कि लोग ट्रेडिंग में पैसा खो सकते हैं। आप शायद स्वयं ट्रेडिंग में पैसे खो रहे थे।
क्या ट्रेडिंग घाटे से बाहर निकलने का कोई रास्ता है? यह लेख समस्या की तह तक जाने की कोशिश करता है और यह पता लगाने की कोशिश करता है कि ट्रेडर्स पैसे क्यों खोते हैं। वित्तीय बाजारों में असफल न होने का तरीका जानने के लिए कुछ मिनट बिताएं।
आमतौर पर "बाय" या "सेल" पर क्लिक करने और ट्रेड पोजीशन खोलने में कुछ मिनट लगते हैं। हालाँकि, भले ही ट्रेडिंग सरल लग सकता है, यह निश्चित रूप से नहीं है। यदि बाजार आपके पक्ष में नहीं जाता है तो आपके पास घाटे वाला ट्रेड है। पैसा कमाने के लिए, आप अपना पैसा दांव पर लगाते हैं।
इससे हम क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? यह दो बातें हैं। सबसे पहले, ट्रेडिंग जोखिम भरा है और इससे नुकसान हो सकता है। दूसरा, घाटे को कम करने और संभावित लाभ को अधिकतम करने का एक तरीका है।
ट्रेडर्स के कितने प्रतिशत पैसे खो देते है?
यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कितने ट्रेडर्स ने पैसा खो दिया है। विभिन्न संस्थानों के आंकड़े अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के अनुसार, फॉरेक्स ट्रेडर्स का ७०% औसतन हर तिमाही में पैसा खो देता है। एटोरो का कहना है कि दिन के ८०% ट्रेडर्स एक साल में पैसे गंवाते है।
सबसे ज्यादा पीड़ित कौन है? एक ओर, शुरुआती जो पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और जितनी जल्दी हो सके अपना पहला ट्रेड खोलना चाहते हैं, वे जोखिम में हैं। दूसरी ओर, जिन लोगों ने ट्रेडिंग शुरू किया और कुछ प्रगति की, वे अति आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं और जोखिम प्रबंधन की उपेक्षा कर सकते हैं। वे किसी ट्रेड में बहुत अधिक जोखिम लेने का निर्णय ले सकते हैं। नतीजतन, उनकी पिछली प्रगति बर्बाद हो जाएगी।
ज्यादातर ट्रेडर्स असफल क्यों होते हैं?
आइए मुख्य कारणों की जांच करें कि ट्रेडर्स पैसे क्यों खो देते है।
ट्रेडिंग एक जटिल प्रक्रिया है। अच्छी तरह से ट्रेड करने के लिए, एक व्यक्ति को समय और प्रयास का निवेश करना पड़ता है। हर कोई ध्यान देने और परिणाम के लिए काम करने के लिए तैयार नहीं होता है।
ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए अनुशासन और सटीकता की आवश्यकता होती है। बहुत से लोगों में उन गुणों की कमी होती है। भले ही उनके इरादे सबसे अच्छे हों, वे या तो व्यवस्थित रूप से कार्य करना भूल जाते हैं या ऐसा करने के लिए बहुत आलसी होते हैं।
ट्रेडर्स लापरवाह हो सकते हैं। वे बाजार विश्लेषण, स्टॉप लॉस ऑर्डर और जोखिम प्रबंधन नियमों को चकमा दे सकते हैं। यह सब गलतियों और बुरे ट्रेड की ओर ले जाता है।
ट्रेडिंग में पैसे खोने से कैसे बचें?
यदि आप सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि कुछ नुकसान अवश्यंभावी हैं। स्वीकृति पहला और महत्वपूर्ण कदम है। अगर आप अपने दुश्मन को जानते हैं तो ही आप उससे लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं। यदि आप जोखिमों से अवगत हैं, तो आप अधिक विवेकपूर्ण होंगे और बेहतर निर्णय लेंगे।
नीचे आपको अनुसरण करने के लिए अनुशंसाएं मिलेंगी। ये टिप्स ट्रेडिंग की सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
सफल होने के लिए, आपको यह सीखने की जरूरत है कि ट्रेड को खोलने के लिए स्तर कैसे चुनें, कीमत की भविष्य की दिशा कैसे निर्धारित करें, टेक प्रॉफिट लक्ष्य कहां रखें, और स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे करें।
इन चीजों के बारे में पढ़ने, वीडियो देखने या वेबिनार में भाग लेने के बाद, आपको डेमो अकाउंट पर ट्रेडिंग का अभ्यास करना होगा। बेशक, डेमो ट्रेडिंग से आपको कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन केवल यह आपको ट्रेडिंग की भावना दे सकता है।
समाचार वित्तीय बाजारों को चलाता है। स्टॉक कंपनी की खबरों के प्रभाव को महसूस करते हैं जैसे कि नए उत्पादों की रिलीज और विलय के साथ-साथ कमाई की रिपोर्ट का प्रकाशन। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक रिलीज के बारे में उम्मीदों पर फॉरेक्स जोड़ी बढ़ती और गिरती हैं। आपको इन रिलीज़ का शेड्यूल और विभिन्न संकेतकों के लिए पूर्वानुमान आर्थिक कैलेंडर में मिलेगा।
यदि आप नहीं जानते कि आपके द्वारा ट्रेड किए जा रहे उपकरण के साथ क्या हो रहा है, तो कीमत में अचानक से उतार-चढ़ाव आपको चौका सकता है। समाचारों का पालन करें, तैयार रहें, और आप घाटे से बचने और ट्रेड के नए अवसरों को समझने में सक्षम होंगे। कुछ ट्रेडर्स केवल तकनीकी रणनीतियों के लिए ट्रेडिंग समाचार पसंद करते हैं।
आपका अपना ट्रेडिंग अनुभव ट्रेडिंग में आपका सबसे महत्वपूर्ण लाभ है। यह अनुभव प्राप्त करना सबसे अच्छा है जब आपका खाता अभी भी छोटा है। यह आपके लिए मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक आरामदायक होगा क्योंकि आप हर ट्रेड के बारे में ज्यादा परेशान नहीं होंगे। ऐसा दृष्टिकोण आपको उचित बाजार विश्लेषण करने और उच्च जीत अनुपात के साथ ट्रेडिंग रणनीति विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा।
फिर, जैसे-जैसे आप अधिक अनुभव प्राप्त करते हैं और आपकी जमा राशि बढ़ती है, आप अपने ट्रेडिंग वॉल्यूम को बढ़ाने में सक्षम होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे धीरे-धीरे करें। लंबे समय तक बाजार में रहने वाले पेशेवर ट्रेडर्स सलाह देते हैं कि किसी ट्रेड में खाते का ५% से अधिक जोखिम न लें। जैसे-जैसे आपका खाता बढ़ता है, यदि आप इस सिद्धांत का पालन करते हैं तो आप बड़े नुकसान से सुरक्षित रहेंगे।
ट्रेंड ट्रेडिंग काउंटर-ट्रेंड ट्रेडिंग की तुलना में बेहतर है। ट्रेंड एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है जो खराब ट्रेड विचारों को खत्म करने में मदद करता है। यदि आप बाजार की दिशा में जाते हैं, तो आप अपने ट्रेड की सफलता की संभावना बढ़ाते हैं। अपट्रेंड में खरीदना और डाउनट्रेंड में बेचना में अधिक समझदारी है। इसे इस तरह से देखें: आप लाभ कमाने के अपने अवसर को बढ़ाते हैं, और दुनिया द्वारा प्रदान किए जाने वाले हर अवसर का उपयोग करना बुद्धिमानी है।
"स्टॉप लॉस" सकारात्मक भी लगता है। घाटे को रोकने से बेहतर क्या हो सकता है? जब आप स्टॉप लॉस सेट करते हैं, उदाहरण के लिए, २० प्वाइंट पर, आप ट्रेड में अपने नुकसान की मात्रा को सीमित करते हैं। यदि आपका ट्रेड वॉल्यूम ०.१ लॉट है, तो २० प्वाइंट $२ के लिए जिम्मेदार होंगे। दूसरे शब्दों में, आप इस ट्रेड में $२ से अधिक नहीं खोएंगे। उसी समय, कीमत स्टॉप लॉस को ट्रिगर कर सकती है और सही दिशा में उलट सकती है। ऐसे परिदृश्य से कोई बीमा नहीं है, इसलिए आपको लाभ के विरुद्ध लागतों को तौलना चाहिए। हां, कभी-कभी आपका स्टॉप लॉस ऑर्डर समय से पहले सक्रिय हो जाएगा। हालांकि, यदि आपके पास एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति है और आपके जीतने वाले ट्रेड हारने वालों से अधिक हैं, तो आपकी ट्रेडिंग लाभदायक होगी। समसामयिक स्टॉप लॉस ट्रेडिंग के लिए भुगतान होगा क्योंकि वे आपके दिमाग को आपकी जमा राशि की सुरक्षा के बारे में चिंताओं से मुक्त कर देंगे और अन्य ट्रेड की योजना बनाने का मौका मिलेगा।
आपके जोखिम कुछ ऐसे हैं जिन पर आपका पूरा नियंत्रण हो सकता है। इसलिए इस लाभ का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। हर ट्रेड में, आप रिस्क/रिवॉर्ड अनुपात, यानी स्टॉप लॉस और टेक प्रॉफिट के बीच के अनुपात को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। सबसे अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आपका टेक प्रॉफिट हमेशा आपके स्टॉप लॉस से बड़ा हो। यदि स्टॉप लॉस २० प्वाइंट है, जैसा कि पिछले उदाहरण में १:३ रिस्क/रिवॉर्ड अनुपात के साथ है, तो आपका टेक प्रॉफिट ६० प्वाइंट के बराबर होगा। यदि आपने ०.१ लॉट ट्रेड खोला है, तो ६० प्वाइंट $६ के लिए होंगे। फिर से, आप $६ कमाने के लिए $२ खोने का जोखिम उठाते हैं। यदि आप इस अनुपात पर टिके रहते हैं, तो अच्छा ट्रेड आपके लिए तीन गुना अधिक धन लाएगा, जितना कि आप एक खराब ट्रांजेक्शन में खो देंगे। ट्रेडिंग प्रणाली जो 5०% से अधिक अच्छे ट्रेड विचार देती है, आप मुनाफ़े में होंगे।
एक अच्छी ट्रेडिंग रणनीति कैसे ढूंढे? लाभदायक रणनीति का नुस्खा यह है कि इसमें कई घटक होने चाहिए। दूसरे शब्दों में, आपको केवल एक तकनीकी संकेतक के आधार पर अपना बाय/सेल निर्णय नहीं लेना चाहिए। तकनीकी विश्लेषण के संकेतक और अन्य उपकरणों को एक दूसरे की पुष्टि करनी चाहिए। विभिन्न प्रकार के दो या तीन संकेतकों को मिलाएं, उदाहरण के लिए, मूविंग एवरेज और स्टोकेस्टिक। आपकी ट्रेडिंग रणनीति कैंडलस्टिक और चार्ट पैटर्न और फिबोनाची उपकरणों के उपयोग पर भी निर्भर हो सकती है। इस मामले में, सिस्टम आपको सफलता की उच्च संभावना के साथ संकेत देगा। यदि आप स्टॉप लॉस और सही रिस्क/रिवॉर्ड अनुपात के साथ ऐसी रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप ट्रेडिंग में नुकसान से बचने में सक्षम होंगे।
जैसा कि हमने पाया है, कई ट्रेडर्स विफल हो जाते हैं और पैसे खो देते हैं। यदि आप उनमें से एक नहीं बनना चाहते हैं, यदि आप अलग और सफल होने जा रहे हैं, तो आपको दूसरों की गलतियों से सीखना होगा और शुरू से ही सही कदम उठाने होंगे।
२८.१०.२०२२ १८:०५ ट्रेडिंग में वॉल्यूम संकेतकों का उपयोग कैसे करें?
वर्तमान आर्थिक परिवर्तनों, हमारी दीर्घकालिक दृष्टि और स्टॉक के प्रदर्शन के आधार पर, हमने आपके लिए इस महीने में ट्रेड करने के लिए शीर्ष स्टॉक्स की एक सूची बनाई है।
ट्रेडिंग में, "वॉल्यूम" शब्द उस राशि का प्रतिनिधित्व करता है जो एक विशेष समय के दौरान किसी विशेष असेट को खरीदने या बेचने के लिए खर्च किया गया है।
फ्ब्स के साथ कमाए हुए धन को कैसे निकालें?
ये प्रक्रिया बहुत ही सरल है। वेबसाइट या फ्ब्स पर्सनल एरिया के वित्त अनुभाग में विथ्द्रावाल पेज पर जाएं और रकम निकासी की प्रक्रिया को एक्सेस करें। आप कमाया हुआ धन उसी भुगतान प्रणाली के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं जिसे आपने जमा करने के लिए उपयोग किया था। यदि आपने विभिन्न तरीकों से अकाउंट को वित्त पोषित किया है, तो जमा रकम के अनुसार अनुपात में समान विधियों के माध्यम से अपना लाभ वापस लें।
फ्ब्स अकाउंट कैसे खोलें?
हमारी वेबसाइट पर 'अकाउंट खोलें बटन पर क्लिक करें और पर्सनल एरिया पर जाएं। इससे पहले कि आप ट्रेडिंग शुरू कर सकें, एक प्रोफाइल सत्यापन पास करें। अपने ईमेल और फोन नंबर की पुष्टि करें और अपनी आईडी सत्यापित करें। यह प्रक्रिया आपके धन और पहचान की सुरक्षा की गारंटी देती है। एक बार जब आप सभी जांच कर लेते हैं, तो पसंदीदा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाएं, और ट्रेडिंग शुरू करें।
ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
यदि आप १८ वर्ष से ऊपर के हैं, तो आप फ्ब्स में शामिल हो कर अपनी फ्क्स यात्रा शुरू कर सकते हैं। ट्रेड करने के लिए, आपके पास एक ब्रोकरेज अकाउंट और वित्तीय बाज़ारों में एसेट्स कैसे व्यवहार करते है, इसकी पर्याप्त जानकारी होने की आवश्यकता है। हमारी नि: शुल्क शैक्षिक सामग्री और फ्ब्स खाता बनाने के साथ मूल बातें का अध्ययन करना शुरू करें। आप डेमो अकाउंट से आभासी पैसे के साथ परिस्थिति का परीक्षण करना चाह सकते हैं। एक बार जब आप तैयार हो जाएं, तो सफल होने के लिए वास्तविक बाज़ार में प्रवेश करें और ट्रेड करें।
लेवल अप बोनस को कैसे सक्रिय करें?
फ्ब्स पर्सनल एरिया के वेब या मोबाइल संस्कारण में जाकर लेवल अप बोनस खाता खोलें और अपने खाते में मुफ्त १४०$ पाएँ।
वेबसाइट फ्ब्स मार्केट्स इंक द्वारा संचालित है; पंजीकरण संख्या ११९७१७; फ्ब्स मार्केट्स इंक को इफ्स्क द्वारा विनियमित किया जाता है, लाइसेंस इफ्स्क/०००१०२/३१०; पता: २११८, गुआवा स्ट्रीट, बेलीज बेलमा फेज १, बेलीज।
फ्ब्स मार्केट्स इंक. कुछ क्षेत्राधिकारों के निवासियों को वित्तीय सेवाएं प्रदान नहीं करता है, जिनमें शामिल हैं, लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं: यूएसए, ईयू, यूके, इज़राइल, इस्लामी गणतंत्र ईरान, म्यांमार।
भुगतान ट्रांजेक्शन को ड टेक्नोलॉजीस लैड द्वारा प्रबंधित किया जाता है; पंजीकरण संख्या है ३७०७७८; कानूनी पता: आर्च. माकारियो ई और वायरोनोस, प. लॉर्डोस सेंटर, ब्लॉक ब, ऑफिस २०३।
जोखिम की चेतावनी : व्यापार शुरू करने से पहले, आपको मुद्रा बाजार और मार्जिन पर ट्रेड से जुड़े जोखिमों को पूरी तरह से समझना चाहिए, और आपको अपने अनुभव के स्तर के बारे में पता होना चाहिए।
इस वेबसाइट से किसी भी सामग्री के इंटरनेट संसाधनों पर कोई भी प्रतिलिपि, प्रजनन, साथ ही पुनरुत्पादन लिखित अनुमति के बाद ही संभव है।
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बलिया।मनियर नगर कांग्रेस कमेटी की बैठक नवनियुक्त नगर अध्यक्ष अश्वशक्ति कुमार गांधी के द्वारा स्वर्गीय नरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ बलदाऊ जी सभागार मनियर इंटर कॉलेज में रविवार को हुई जिसमें मुख्य अतिथि रामअवध यादव सचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं प्रभारी जनपद बलिया तथा विशिष्ट अतिथि श्री ओम प्रकाश पांडेय जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी बलिया उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का संचालन अभिषेक कुमार पाठक ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस कमेटी मनियर के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में आमिर परवेज को वार्ड नंबर १२ तथा मोहम्मद नसरुल्लाह को वार्ड नंबर ४ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया एवं साथ ही सतीश कुमार सिंह, विकास पर्वत, बृजेश कुमार वर्मा, सम्स तबरेज ,सद्दाम खान ,मोहम्मद साहब ,मोहम्मद कामरान ,मोहम्मद कैफ ,मोहम्मद साकिब ,अज्जू ,फहीम , सुहेल ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की ।कार्यक्रम में कमलेश कुमार उपाध्याय ,अमित कुमार उपाध्याय उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मनियर, प्रशांत पांडेय उपाध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मनियर ,अनिल चौहान जिला सचिव किसान कांग्रेस बलिया, मनीष पाठक, सर्वशक्ति कुमार, ईशशक्ति कुमार एवं अन्य कांग्रेसी जन उपस्थित रहे। |
कोटा. सरकार और उसके अधिकारी दफ्तरों में बैैठकर कुछ भी दावे करें, हकीकत तो ये नजारा बता रहा है कि यूरिया की किल्लत और उसकी उपलब्धता की स्थिति क्या है? ये भीड़ किसी जनसभा या प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि यूरिया खाद लेने के लिए एकत्रित हुई है। आपा-धापी के ये हालात गुरुवार को बूंदी जिले के देई कस्बे की नैनवां क्रय विक्रय सहकारी समिति के सामने उस समय बने जब सूूचना मिली कि दस ट्रक यूरिया खाद आया है। बड़ी तादाद में महिलाएं व किसान खाद लेने के लिए उमड़ पड़े। धक्का-मुक्की में कई महिलाएं नीचे गिर गई। खाद के वितरण के लिए दो थानों की पुलिस से भी काम नहीं चला तो आरएसी बुलानी पड़ी।
जानकारी के अनुसार देई कस्बे में गुरुवार को १० ट्रक में ५२८० बोरी यूरिया आया, जैसे ही किसानों को खाद मिलने की जानकारी लगी दर्जनों गांवों के सैंकड़ों की संख्या में किसान अल सुबह ही देई पहुंच गए।
कुछ देर बाद हंगामे की स्थिति पैदा हो गई और पुलिस जाब्ता कम पड़ गया। हंगामे को देखते हुए देई थाना अधिकारी बुद्धराम ने नैनवां से आरएसी के जवानों और जाब्ते को बुलवाया और थाना परिसर में लाइन लगवाकर खाद कूपन का वितरण किया गया। |
अमेरिकी तकनीक के विशालकाय गूगल ने तेज़ का अनावरण किया है डिजिटल भुगतान और वाणिज्य के लिए एक सरल और सुरक्षित मोबाइल ऐप, भारत में हर किसी के लिए काम करने के लक्ष्य के साथ बनाया गया है, और अब गूगल प्ले (एंड्राइड) और एप स्टोर पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध है।
भारतीय सरकार समर्थित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर निर्मित, नव शुरू की गई तेज़ उपयोगकर्ताओं को अपने बैंक खाते से सीधे छोटे या बड़े भुगतान करने के लिए नि: शुल्क अनुमति देता है।
ऐप अंग्रेजी और सात भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है (हिंदी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, तमिल और तेलगु)। तेज ने चार बैंकों एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के साथ साझेदारी में काम किया ५० से अधिक यूपीआई सक्षम बैंकों के भुगतान की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए।
तेज़ का कैश मोड सुरक्षित रूप से केवल कुछ नल के साथ व्यक्ति से व्यक्ति को पैसे भेजता है एक ही समय में कैश मोड बटनों को दबाकर रखकर, तेज़ का उपयोग करने वाले दो लोग निजी नंबरों जैसे फ़ोन नंबर या खाता संख्या साझा करने के बिना सेकंड में सुरक्षित लेनदेन करने में सक्षम होते हैं।
देश में अंडर-पोषण को संबोधित करने के लिए मिशन मोड पर महिला और बाल विकास मंत्रालय, नई दिल्ली में पहली बार राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा।
इस सम्मेलन को कुपोषण मुक्त भारत -२०२२ के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, त्रिपुरा अपने पति, ससुराल और पति के रिश्तेदारों के खिलाफ महिलाओं द्वारा फर्जी और पक्षपातपूर्ण शिकायतों के मुद्दे से निपटने के लिए परिवार कल्याण जिला समितियों की स्थापना के लिए देश का पहला राज्य बन गया है।
भारत और जापान ने डाक सेवा शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जो जापान में जापान के भोजन के लिए भारत में रहने वाले जापानी लोगों की मदद करेंगे।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खाद्य वितरण सेवा, जिसे शांत बॉक्स सेवा कहा जाता है, दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के संयुक्त सत्र में संयुक्त राज्य अमरीका में दुनिया के नेताओं के बीच सुपर कूटनीति का एक पैक अनुसूची के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया।
युएनसीटीएडी के हाल ही में जारी किए गए व्यापार और विकास रिपोर्ट २०१७ के अनुसार, भारत और चीन के अपने मौजूदा स्तर पर निकट भविष्य में विकास पोल्स के रूप में कार्य नहीं करेंगे। विश्व अर्थव्यवस्था २.६% तक पहुंचने की उम्मीद है।
चीन ने गुइज़ौ प्रांत में स्थित दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप के सम्मान में एक स्मारक टिकट जारी किया है।
अन्य चार डाक टिकट चीन के क्वांटम साइंस प्रायोगिक उपग्रह मोजी, अनुसंधान पोत तानसुओ-१, बोहाई सागर के चारों ओर एक राष्ट्रीय अनाज उत्पादन परियोजना और सनवे ताहुएलइट सुपर कंप्यूटर का सम्मान करते हैं।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ प्रकृति (आईयूसीएन) ने लुप्तप्राय सूची से हिम तेंदुए को ले लिया है, जहां इसे १ ९ ७२ में शामिल किया गया था।
लुप्तप्राय माना जाने के लिए, प्रजातियों को कम से कम २५०० वयस्कों की वैश्विक आबादी की आवश्यकता होती है, जो १६ वर्षों में २०% की गिरावट की दर के साथ है।
जापान की वित्तीय सेवाओं के प्रमुख नोमुरा के मुताबिक, भारत का चालू खाता घाटा २०१६ में जीडीपी के १.५ प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, जो २०१६ में ०.६ प्रतिशत से अधिक है, लेकिन इस घाटे को निधि के मुकाबले शुद्ध पूंजी प्रवाह की अपेक्षा अधिक है।
तीन बार विश्व चैंपियन लुईस हैमिल्टन ने सिंगापुर ग्रां प्री में जीत दर्ज की है।
स्पेन की एना कार्सास्को व्यक्तिगत विश्व चैम्पियनशिप मोटरबाइक रेस जीतने वाली पहली महिला बनीं। पुर्तगाल में सुपरसपोर्ट ३०० विश्व चैंपियनशिप के १० राउंड में इटली से दूसरे स्थान पर बने अल्फोंसो कोपोला से ०.०53 सेकेंड का समापन करने के बाद उन्होंने इस उपलब्धि हासिल की।
वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी वाई.सी. मोदी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के नए महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
पेरू के राष्ट्रपति पेड्रो पाब्लो कूज़िन्स्की ने अपने नए प्रधान मंत्री के रूप में एक पूर्व अर्थ मंत्री मंत्री मर्सिडीज अरोज फर्नांडीज को नियुक्त किया है।
डॉ केएस चुघ, भारत में नेफ्रोलॉजी के पिता का निधन हो गया है। वह २००० में पद्म श्री, चौथे उच्चतम नागरिक पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता थे। |
विश्व रक्तदाता दिवस १४ जून पर विकास खंड से लेकर ग्राम स्तर तक कार्यक्रम होंगे। इन कार्यक्रमों के संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने समस्त कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी , सिविल सर्जन को निर्देश दिए है ।
स्वास्थ्य आयुक्त ने बताया कि वर्ष २०२२ की थीम अनुसार जिले में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक रक्तदाताओं का सम्मान, रक्तदान शिविर, रक्तदाताओं का ब्लड ग्रुपिंग अनुसार रजिस्ट्री और ब्लड ग्रुपिंग शिविर किए जाने है। केंद्र सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सभी शासकीय एवं अशासकीय संस्थानों, महाविद्यालयों, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर स्वैच्छिक रक्तदान के लिए शपथ समारोह किये जाए। सभी रक्त केंद्रों को ई-रक्तकोष पोर्टल में पंजीकरण कराकर ब्लड स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। कोई भी स्वैच्छिक रक्तदान ई रक्तकोष एप, कोविन ऐप अथवा आरोग्य सेतु ऐप से स्वयं अपना रजिस्ट्रेशन रक्त दाता के रूप में करा सकता है। इसका प्रचार- प्रसार कर अधिक से अधिक रक्तदाताओं का रजिस्ट्रेशन किया जाए।
जिलों को प्रदान की गई ब्लड कलेक्शन ट्रांसपोर्टेशन वैन का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा है कि रक्तदान एक रूटीन एक्टिविटी है एवं ब्लड बैंकिंग आपातकालीन सेवाओं में सम्मिलित है। आगामी दस्तक अभियान को देखते हुए सभी ब्लड सेंटर पर्याप्त मात्रा में ब्लड स्टॉक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। |
केनरा बैंक से पर्सनल लोन आवेदन करना चाहते हो आंध्रा बैंक के कुछ प्रोसीजर्स होते हैं जिसको आवेदक को विधिवत पूरा करना होता है जिसके बाद अगर आवेदक इन सभी प्रक्रियाओं को सरलता पूर्वक और सही कर लेता है तो केनरा बैंक अपने कस्टमर्स को अच्छी स्कीम के साथ कम से कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करा देता है आजकल लोगों के पास फाइनैंशल समस्याएं काफी बढ़ती जा रही हैं क्योंकि पहला कारण तो यह है कि महंगाई की दर बढ़ती जा रही है लोगों की सेविंग जितनी होनी पाती हैं क्योंकि उनकी सैलरी लिमिटेड होती है इस प्रकार लोग अपने खर्चे को भलीभांति पूरा नहीं कर पाते हैं।
पर्सनल लोन एक प्रकार का ऐसा लोड होता है जिसमें आवेदक अपने पर्सनल खर्चों को मैनेज करने के लिए पर्सनल लोन देता है। अगर बात करें पर्सनल लोन के उद्देश्यों की तो यह विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों को पूरा करती है जैसे कि हायर एजुकेशन के लिए लिया गया लो या फिर इंस्टिट्यूट मैं पढ़ाई का खर्चा भरने के लिए लिया गया लोन इसके अतिरिक्त हॉस्टल का खर्चा मेडिकल बिल्स का खर्चा घर के कंस्ट्रक्शन का खर्चा फ्लैट खरीदने का खर्चा शादी विवाह का खर्चा इत्यादि प्रकार के खर्चे सम्मिलित होते हैं। यह सभी खर्चों को पूरा करने के लिए केनरा बैंक एक अच्छा ऑप्शन है जिसका प्रयोग करके आवेदक केनरा बैंक से पर्सनल लोन के लिए आसानी पूर्वक आवेदन कर सकता है।
अगर बात करें कैमरा बैंक से पर्सनल लोन लेने की तो इसमें आवेदक को कुछ प्रक्रिया पूरी करनी होती है जिसके बाद ही आवेदक का लोन अप्रूव किया जाता है। अगर बात करें केनरा बैंक से पर्सनल लोन लेने की तो इसमें कस्टमर्स को सबसे पहले अपना एक फॉर्म फिल करना पड़ता है जो कि आवेदक की सभी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारियों से संबंधित फॉर्म होता है जिससे कि हम एप्लीकेशन फॉर्म बोलते हैं। इस फोन में आवेदक के दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ अटैच करने होते हैं और ७ साल ही आवेदक हो अपना सिग्नेचर भी देना होता है। अगर बात करें आवेदक की अगली प्रक्रिया की तो इसमें आवेदक को रिक्वायर्ड डॉक्युमेंट्स एवं क्राइटेरिया बैंक को देना होता है। अगर आवेदक यह सभी प्रक्रिया सफलतापूर्वक कर लेता है तो उसका लोन अप्रूव कर दिया जाता है।
बैंक से पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदक ३००००० तक का आवेदन आसानी पूर्वक कर सकता है और बात करें अधिकतम लोन अमाउंट की तो वे १०००००० तक की लोन अमाउंट केनरा बैंक द्वारा आसानी पूर्वक प्रदान करा दी जाती है। इसकी रीपेमेंट का समय ३ महीने से लेकर १८ महीने के बीच होता है। आवेदक का सिबिल स्कोर कम से कम ६०० होना आवश्यक है , तभी वह लोन के लिए एलिजिबल किया जाएगा और इसके साथ-साथ आवेदक अगर अपने पेमेंट ईएमआई के माध्यम से करना चाहता है तो उसे प्रत्येक ईएमआई में 267३ रुपए देने पड़ते हैं।
केनरा बैंक से पर्सनल लोन लेने के लिए कस्टमर का इंटरेस्ट रेट १०.६०% की फिर से शुरू हो जाता है और अधिकतम १४.३०% तक लगता है। कस्टमर का इंटरेस्ट रेट १०.६०% से लेकर १४% के बीच से ही लगाया जाता है यह इंटरेस्ट रेट इस बात पर निर्भर करता है कि आवेदक में कितना लोन अमाउंट का आवेदन किया है उसी के अनुसार आवेदक का वार्षिक ब्याज दर निर्धारित किया जाता है। इसके साथ-साथ कुछ अतिरिक्त फीस जैसे की प्रोसेसिंग शुल्क १% और जीएसटी भी जोड़ी जाती है , यह भी इंटरेस्ट रेट आवेदक को आवेदन करते समय बता दिए जाएंगे।
केनरा बैंक से पर्सनल लोन के आवेदन पर आवेदक को आईडेंटिफिकेशन प्रूफ होना चाहिए जिसमें से आवेदक का आधार कार्ड , पैन कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस , वोटर आईडी कार्ड इत्यादि का होना जरूरी होता है ।
कस्टमर को पास रेजिडेंशियल प्रूफ या फिर एड्रेस प्रूफ का होना आवश्यक है होता है।
अभी तक केनरा बैंक में पर्सनल लोन के लिए आवेदन करता है तो उसे अपने ३ महीने की लेटेस्ट सैलरी स्लिप , बैंक स्टेटमेंट की डिटेल्स ,इनकम टैक्स रिटर्न सभी प्रकार के दस्तावेज देने होते हैं।
केनरा बैंक से पर्सनल लोन के एलिजिबल होने के लिए आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए इसका मतलब यह हुआ आवेदक के बाल भारत की नागरिकता होने चाहिए तभी वह पर्सनल लोन के लिए एलिगिबल किया जाएगा।
केनरा बैंक से पर्सनल लोन लेने के लिए आवेदक की आयु २१ वर्ष से लेकर ५५ वर्ष के बीच होनी चाहिए।
अभी तक कुछ सेल्फ एंप्लॉयड या फिर सैलरीड पर्सन होना आवश्यक होता है और इसके साथ-साथ आवेदक की मासिक सैलरी कम से कम १५००० होनी चाहिए।
केनरा बैंक से पर्सनल लोन का आवेदन करने के केनरा बैंक दो प्रकार के माध्यम देती है जिसमें से आवेदक कोई एक माध्यम का चयन करके वह प्रक्रिया पूरी कर सकता है। अगर बात करें ऑनलाइन माध्यम की तो इसमें आवेदक को सबसे पहले केनरा बैंक के ऑफिशियल पोर्टल पर जाकर सभी प्रकार की इंफॉर्मेशन भरनी होती है और सभी प्रकार के प्रोसेस करने होते हैं इसमें आवेदक को बैंक में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
इसके अतिरिक्त अगर आवेदक ऑफलाइन माध्यम से चयन करता है तो उसे अपने पास की केनरा बैंक की शाखा में विजिट करना होता है और सभी प्रक्रियाएं जेल कर्मियों की सहायता से पूरी करनी होती है इस प्रकार किसी एक माध्यम का चयन कर सकता है और केनरा बैंक से पर्सनल लोन लेने की प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।
यह सभी इंफॉर्मेशन सही लगी हो तो आप यह पोस्ट अपने आसपास जरूरतमंद व्यक्तियों तक शेयर कर दें जिससे भविष्य में उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो और वह आसानी पूर्वक केंद्र बैंक से लोन का आवेदन कर सकें और अपने अकाउंट में लोन प्राप्त कर सके। मित्रों आपसे एक बात का अनुरोध है कि कभी भी केनरा बैंक में आवेदन करने से पूर्व सभी प्रकार की नियम एवं शर्तों को चेक कर लें और इंटरेस्ट रेट को भलीभांति जांच पर रखी उसके बाद ही आवेदन करें। आवेदक को अपना बुद्धि का प्रयोग स्वयं करना होगा। अगर किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न हुई तो हम इसके जिम्मेदार नहीं होंगे। धन्यवाद। |
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जाने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज को लेकर बीसीसीआई ने एक बड़ा फैसला किया। पूरा जगत इन दिनों तो कोरोना वायरस से परेशान है और इस कोरोना वायरस के कहर से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है इसी बीच बीसीसीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए भारत और दक्षिण अफ्रीका की सीरीज को रद्द कर दिया है।
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली एंड कंपनी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सोच-विचार के बाद ठोस कदम उठाकर फिलहाल के लिए इस वनडे सीरीज को रद्द करने का फैसला किया है।
इस वनडे सीरीज के साथ ही बीसीसीआई ने आईपीएल को भी १५ अप्रेल तक टाल दिया है। कोरोना वायरस की चपेट में इन दिनों पूरा संसार आ चुका है जो हर दिन के साथ लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कारण से बीसीसीआई को ये फैसला लेना पड़ा।
भारत और दक्षिण अफ्रीका सीरीज के रद्द किए जाने के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीसीसीआई अध्यक्ष और बंगाल क्रिकेट संघ के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली से नाराज हो गई है। ममता बनर्जी ने इसके बाद अपनी नाराजगी को भी पूरी तरह से आगे आकर जाहिर किया।
दरअसल भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जाने वाली इस वनडे सीरीज का तीसरा और अंतिम वनडे मैच १८ मार्च को कोलकाता के ईडन गार्डन में प्रस्तावित था। लेकिन ममता बनर्जी का ये मानना है कि सौरव गांगुली को इस रद्द के बारे में कुछ तो बताना चाहिए था। |
प्र० १. अपनी रुचि का कोई भी विषय चुनें और यह चर्चा करें कि भूमंडलीकरण ने उसे किस प्रकार से प्रभावित किया है। आप सिनेमा, कार्य, विवाह अथवा कोई भी अन्य विषय चुन सकते हैं।
सिनेमा पर भूमंडलीकरण का व्यापक प्रभाव पड़ा है। यह हमारी संस्कृति, हमारे आचार-विचार, सोचने के ढंग इत्यादि पर प्रभाव डालता है। किंतु इसका प्रभाव अलग-अलग लोगों अलग अलग प्रकार से पड़ा है। कुछ लोगों के लिए यह संगीत, नृत्य, संस्कृति के नए द्वार खोलने का एक अवसर है तो कुछ लोगों के लिए यह उनकी अपनी जीवन-शैली, संस्कृति, नृत्य-संगीत की परंपरा के लिए चुनौती की तरह है।
सूचना प्रौद्योगिकी का विकास, फोटोग्राफी, वाद्य-यंत्र, कैमरा इत्यादि में प्रकारों के विकास को देखकर हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि भूमंडलीकरण का सिनेमा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसने फिल्म निर्माताओं के लिए बड़े बाजार में संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं तथा लोगों को अपनी पसंद के अनुरूप फिल्में देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
समाजशास्त्र भूमंडलीकरण के सामाजिक अथवा सांस्कृतिक प्रभावों का अध्ययन करता है। बाजारों को खुल जाने तथा आयात पर से प्रतिबंध हटा लेने के कारण विश्व के कोने-कोने की वस्तुएँ हम अपने बगल की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं। भूमंडलीकरण के प्रत्यक्ष प्रभाव के कारण ही मीडिया (जिनमें सिनेमा भी शामिल हैं) में नाटकीय परिवर्तन हुए हैं। भारत के कुछ निर्माताओं, निर्देशकों, कलाकारों इत्यादि को दूसरे देशों तथा क्षेत्रों के फिल्म उद्योगों में स्वागत किया जा रहा है। विभिन्न देशों में अभिनेता, निर्देशक, अभिनेत्रियों तथा अन्य कलाकार दूसरे देशों में जाकर वहाँ के फिल्म उद्योग में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
बच्चों की फिल्में, कॉर्टून फिल्म, हास्य फिल्म, सामाजिक तथा प्रेम पर आधारित फिल्में विभिन्न भाषाओं में बन रही हैं तथा विभिन्न देशों में उनका प्रदर्शन किया जा रहा है।
संगीत, नृत्य, प्रस्तुति की शैली, प्राकृतिक तथा अन्य | दृश्य इत्यादि का पर्यवेक्षण विभिन्न देशों के विशेषज्ञों के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है।
प्र० २. एक भूमंडलीकरण अर्थव्यवस्था के विशिष्ट लक्षण क्या हैं? चर्चा कीजिए।
भूमंडलीकरण का तात्पर्य विश्व के लोगों, क्षेत्रों तथा देशों के बीच वैश्विक स्तर पर सामाजिक-आर्थिक अंतरर्निर्भरता में वृद्धि से है।
आर्थिक नीतियों के द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्रक्रिया को भारत में उदारीकरण कहा जाता है। उदारीकरण शब्द का तात्पर्य ऐसे नीतिगत निर्णय से है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व बाज़ार के लिए खोल देने के उद्देश्य से किए गए थे। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था पर अधिक नियंत्रण रखने के लिए सरकार द्वारा इससे पहले अपनाई जा रही नीति पर विराम लग गया।
भूमंडलीकरण के दौरान अनेक आर्थिक कारकों में से पार राष्ट्रीय निगमों (टॉक्स) की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती है।
जुलाई, १९९१ से भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने सभी प्रमुख क्षेत्रों (कृषि, उद्योग, व्यापार, विदेशी निवेश) और प्रौद्योगिकी, सार्वजनिक क्षेत्र, वित्तीय संस्थाएँ आदि में सुधारों की एक लंबी श्रृंखला देखी है। इसके पीछे मूलभूत अवधारणा यह थी कि भूमंडलीय बाजार में पहले से अधिक समावेश करनी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
उदारीकरण की प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (इम्फ) जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण लेना भी शामिल है। ये ऋण कुछ निश्चित दरों पर दिए जाते हैं। सरकार को कुछ विशेष प्रकार से आर्थिक उपाय करने के लिए वचनबद्ध होना पड़ता है और इन आर्थिक उपायों के अंतर्गत संरचनात्मक समायोजन की नीति अपनानी पड़ती है। इन समायोजनों की अर्थ सामान्यतः सामाजिक क्षेत्रों; जैसेस्वास्थ्य, शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा में राज्य के व्यय की कटौती है। विश्व व्यापार संगठन (व.त.ओ) जैसी अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय संस्थाओं के लिए भी यह बात कही जा सकती है।
प्र० ३. संस्कृति पर भूमंडलीकरण के प्रभाव की संक्षेप में चर्चा कीजिए।
भूमंडलीकरण के युग (१९९९-२०००) में कई बड़े-बड़े सांस्कृतिक परिवर्तन हुए, जिससे यह डर उत्पन्न हो गया है कि हमारी भारतीय संस्कृति पीछे न रह जाए।
समय-समय पर हम गरमा-गरम बहस (चर्चाएँ) समाज के विषय में सुनते आ रहे हैं। इस तरह की बहसें केवल राजनीतिक अथवा आर्थिक ही नहीं होतीं; बल्कि पहनावे, जीवन-शैली, संगीत, नृत्य, फिल्म, भाषा तथा शारीरिक भाषा के संदर्भ में भी की जाती हैं।
१९ वीं सदी के सुधारक तथा प्रारंभिक राष्ट्रवादी नेता भी संस्कृति तथा परंपरा पर विचार-विमर्श किया करते थे। वे मुद्दे आज भी कुछ दृष्टियों में वैसे ही हैं और कुछ अन्य दृष्टियों में भिन्न भी हैं। शायद अंतर यही है कि परिवर्तन की गहनता तथा व्यापकता भिन्न है।
कुछ विचारकों का मानना था कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा कूपमंडूक यानी जीवनभर कुएँ के भीतर रहने वाले उस मेंढक के समान है, जो कुएँ से बाहर की दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं जानता एवं हर बाहरी वस्तु के प्रति शंकालु बना रहता है। वह किसी से बात नहीं करता तथा किसी से किसी विषय पर तर्क-वितर्क भी नहीं करता। वह तो बस बाहरी दुनिया पर केवल संदेह करना ही जानता है। सौभाग्य से हम आज भी अपनी परंपरागत खुली अभिवृत्ति अपनाए हुए हैं।
सभी संस्कृतियाँ सजातीय हैं। संस्कृति के भूमंडलीकरण की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। भूमंडलीकरण का अर्थ है-भूमंडलीय के साथ स्थानीयता का मिश्रण। यह भूमंडलीकरण के वाणि ज्यिक हितों से पूरी तरह से अलग नहीं होता।
यह एक ऐसी राजनीति है जो अक्सर विदेशी फर्मों के द्वारा अपने बाजार को बढ़ाने के लिए स्थानीय परंपराओं के साथ व्यवहार में लाई जाती है। भारत में हम देखते हैं कि सभी विदेशी टी०वी० चैनल जैसे-स्टार, एम टी०वी०, चैनल व तथा कॉर्टून नेटवर्क भारतीय भाषाओं का प्रयोग करते हैं। यहाँ तक कि मैक्डॉनाल्डस भी भारत में अपने निरामिष तथा चिकन उत्पाद ही बेचता है, विदेशों में लोकप्रिय गोमांस नहीं। नवरात्रि के समय मैक्डोनाल्डस निरामिष हो जाता है।
भारतीय संस्कृति की शक्ति उसकी उदारवादी अवधारणा है। संस्कृति को किसी ऐसे अपरिवर्तनशील एवं स्थिर सत्व के रूप में नहीं देखा जा सकता, जो किसी सामाजिक परिवर्तन के कारण या तो ढह जाएगी अथवा ज्यों-का-त्यों यानी अपरिवर्तित बनी रहेगी।
प्र० ४. भूस्थानीकरण क्या है? क्या यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपनाई गई बाज़ार संबंधी रणनीति है अथवा वास्तव में कोई सांस्कृतिक संश्लेषण हो रहा है, चर्चा करें।
आयामों जैसे-पूँजी का प्रवाह आदि का अधिक विवेचन करता है। राजनीति-शास्त्र सरकार की बदली हुई भूमिका पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
भूमंडलीकरण की प्रक्रिया इतनी व्यापक है कि भिन्न-भिन्न विषयों से भूमंडलीकरण के कारणों और परिणामों को समझने के लिए, एक-दूसरे से अधि काधिक जानकारी लेनी पड़ती है।
समाजशास्त्रीय अध्ययन का क्षेत्र अत्यंत व्यापक होता है। यह अपने विश्लेषण को अलग-अलग व्यक्तियों, जैसे-दुकानदार और ग्राहक, अध्यापक और छात्र, दो मित्रों अथवा पारिवारिक सदस्यों के बीच की अंत:क्रियाओं पर केंद्रित कर सकती है।
यह अपने विश्लेषण को राष्ट्रीय मुद्दों; जैसे बेरोजगारी अथवा जातीय संघर्ष अथवा वन संबंधी अधिकारों पर सरकार की नीति का प्रभाव अथवा ग्रामीण ऋणग्रस्तता पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है।
भूमंडलीय सामाजिक प्रक्रियाओं; जैसे-कामगार वर्ग पर नए लचीले श्रम विनियमों अथवा नवयुवकों पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा देश की शिक्षा प्रणाली पर विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश के प्रभाव की जाँच कर सकता है।
समाजशास्त्र उन विषयों; (यानी परिवार या श्रम संगठन अथवा गाँव आदि) से परिभाषित नहीं होता जिनका यह अध्ययन करता है, बल्कि वह एक चुने हुए क्षेत्र का अध्ययन कैसे करता है, इसका अध्ययन करता है।
समाजशास्त्र क्या अध्ययन करता है ये नहीं, बल्कि कैसे अध्ययन करता है, से परिभाषित किया गया है। इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि समाजशास्त्र भूमंडलीकरण के केवल सामाजिक अथवा सांस्कृतिक परिणामों का ही अध्ययन करता है। यह व्यक्ति और समाज, व्यष्टि और समष्टि तथा स्थानीय एवं भूमंडलीय के बीच के संबंधों के भाव को समझने के लिए समाजशास्त्रीय कल्पना-शक्ति का प्रयोग करता है।
अप्रैल २००१ से सभी प्रकार के परिमाणात्मक प्रतिबंध जो आयात पर लगाए गए थे, समाप्त कर दिए गए। अब पड़ोस के फलों की दुकानों में चीन की नाशपाती और आस्ट्रेलिया के सेब को देखकर आश्चर्य नहीं होता। अब पड़ोस की दुकानों में आस्ट्रेलियाई संतरे का रस और बर्फ में जमे हुए पैकेटों में तलने के लिए तैयार चिप्स मिल जाएंगे।
हम अपने परिवार के साथ जो खाते-पीते हैं, उनमें धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा है। इसी प्रकार के नीतिगत परिवर्तन ने उपभोक्ताओं तथा उत्पादकों को प्रभावित किया है।
परिवर्तन निश्चित रूप से सार्वजनिक नीतियों से भी जुड़े होते हैं, जिसे कि सरकार अपनाती है और विश्व-व्यापार संगठन (व्टो) से समझौता करके तय करती है। इसी प्रकार, स्थूल नीतिगत परिवर्तनों का मतलब यह है कि एक टेलीविजन चैनल के बजाय आज हमारे पास वास्तव में कई चैनल हैं।
समाजशास्त्रीय कल्पना-शक्ति व्यष्टि एवं समष्टि तथा व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक के बीच संबंध स्थापित कर सकती है।
भूमंडलीकरण को प्रेरित करने वाले अनेक आर्थिक कारकों में पारराष्ट्रीय निगमों (टॉक्स) की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। |
पुबग गेम डेवलपर क्राफ्टन ने आना की पहली इमेजिस रिलीज की हैं, जो कंपनी का वर्चुअल ह्यूमन यानी आर्टिफिशियल मानव है। आना नाम का ये वर्चुअल ह्यूम एक दम वास्तविक दिखता है और हाइपररियलिज्म और डीप लर्निग पर चलता है। एएनए पहला वर्चुअल इंसान है जिसे क्राफ्टन ने पेश किया गया था। इसकी प्रारंभिक योजना पिछले फरवरी में एक तकनीकी प्रदर्शन के माध्यम से सामने आई थी।
क्या है वर्चुअल ह्यूमन में खास?
पुबग ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा कि मानव जैसी विशेषताओं के साथ, जैसे कि बच्चे के बाल और उसकी त्वचा, आना वास्तव में किसी भी अन्य आर्टिफिशियल मानव से अलग दिखता है जो वर्तमान में मौजूद हैं। एएनए को अनरियल इंजन की हाइपररियलिज्म प्रोडक्शन तकनीक के माध्यम से विकसित किया गया है। एएनए (आना) एक हायपर-रियलिस्टिक रूप प्रदर्शित करता है, जो एक डिजिटल केरेक्टर और एक वास्तविक मानव के बीच के अंतर को काफी हद तक धुंधला करता है।
इसमें बेहद एडवांस फेस रिगिंग तकनीक है तो आंखों की पुतली की गति, चेहरे की छोटी से छोटी मांसपेशियों और झुर्रियों को नाजुक रूप से व्यक्त करती है। साथ ही पूरे शरीर में ज्वाइंट मूवमेंट्स को भी एक दम असली की तरह बनाती है।
शिन ने कहा, एएनए अपना एक म्यूजिक ट्रैक जारी करेगा और मनोरंजन और विभिन्न क्षेत्रों में एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में अपनी गतिविधि के दायरे का विस्तार करेगा। क्राफ्टन ने कहा कि एना के बारे में साल में अंत में और अधिक जानकारी जारी करेगी, जिसमें एक अनूठी कहानी आर्क भी शामिल है। |
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री निमर्ला सीतारमण की अरुणाचल यात्रा को चीन पचा नहीं पा रहा। चीन ने इसे लेकर बेहद सख्त प्रतिक्रिया दी और कहा है कि क्षेत्र में शांति के लिहाज से यह अनुकूल नहीं।।
बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा ३,४८८ किलोमीटर लंबी है। दरअसल चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। वह भारतीय शीर्ष अधिकारियों के इस इलाके के दावे पर नियमित रूप से आपत्ति जताता है।
हालांकि उसकी आपत्तियों को दरकिनार कर रक्षा मंत्री सीतारमण दो दिनों के दौरे पर रविवार को अरुणाचल पहुंचीं। यहां उन्होंने चीनी सीमा से सटे सुदूर अंजॉ जिले में भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों का दौरा किया और रक्षा तैयारियों का जायजा लिया। सीतारमण अरुणाचल के पहले दौरे पर हैं, जहां उनके साथ पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण और सेना के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। |