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ग्वालियर/ सोनिया गांधी के निजी सचिव से एक बड़े डॉक्टर को पंगा लेना महंगा पड़ा गया। हालांकि ये विवाद पुराना है। मगर ये कार्रवाई उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। खामियाजा यह भुगतना पड़ा कि डॉक्टर को सरकार ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। ग्वालियर शहर में उनके विशाल अस्पताल को तोड़ दिया गया है। सरकार से निर्देश मिलते ही शहर के बड़े अफसरों ने भी इस आड़ में डॉक्टर भल्ला से अपनी दुश्मनी साध ली है। हाईकोर्ट से स्टे हटते ही निगम के अमला ने सहारा अस्पताल को ध्वस्त कर दिया।
हालांकि प्रशासन ने इस कार्रवाई को अवैध निर्माण से जुड़ा बता रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई है। लेकिन इस विवाद के पीछे की इनसाइड स्टोरी कुछ और है। अगर अवैध था तो फिर इतने सालों में अस्पताल पर सरकार, निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की। डॉ एएस भल्ला मध्यप्रदेश के बड़े डॉक्टर हैं। ग्वालियर में वह डॉक्टरों की मुखर आवाज हैं।
डॉ भल्ला के साथ सोनिया गांधी की निजी सचिव अर्चना डालमिया का विवाद था। विवाद ग्वालियर डीपीएस के टाइटल को लेकर था। अर्चना डालमिया डीपीएस की वाइस प्रेसिडेंट हैं। अर्चना डालमिया कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की निजी सचिव हैं। अर्चना डालमिया के साथ डॉ भल्ला का इसी स्कूल के टाइटल को लेकर विवाद चल रहा था। इसे लेकर डॉ भल्ला से अर्चना डालमिया का विवाद था। डॉ भल्ला ने ९ अक्टूबर २०१८ को पुरानी छावनी थाने में अर्चना डालमिया समेत कई लोगों पर केस दर्ज करवाई थी।
जब डॉ भल्ला और डालमिया के बीच यह विवाद चल रहा था, तब मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी। दिसंबर २०१८ में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। सरकार बनते ही मार्च २०१९ में ग्वालियर पुलिस ने इस केस में खात्मा रिपोर्ट लगा दी। उसके बाद से डालमिया डॉ भल्ला पर हावी होती गईं। और नहीं तो उन्होंने कोर्ट से डॉ एएस भल्ला को मानहानि का नोटिस भिजवा दिया।
अर्चना डालमिया अब डॉ भल्ला से आरपार की मूड में थी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही उनकी चांदी आ गई। इस बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस मामले में इंटरफेयर करना पड़ा। उन्होंने अर्चना डालमिया के कहने पर प्रदेश की सरकार को फोन कर इस विवाद को सुलझाने को कहा। आलाकमान का ऑर्डर मिलते ही सरकार ने विवाद सुलझाने के बजाए, डॉक्टर को निपटाने में जुट गई।
ग्वालियर पुलिस ने अर्चना डालिमिया के खिलाफ केस तो बंद कर दिया। उल्टे भल्ला के खिलाफ कई विभागों ने जांच शुरू कर दी। इस दौरान यह पाया गया कि उनका सहारा अस्पताल अवैध बना है। निगम अमले ने अस्पताल तोड़ने की कार्रवाई छह दिसंबर को शुरू की। लेकिन हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया तो कार्रवाई रुक गई। सोमवार को हाईकोर्ट ने जैसे ही स्टे हटाया। प्रशासन अमले ने अस्पताल को तहस-नहस कर दिया।
दरअसल, पिछले दिनों डॉ भल्ला और ग्वालियर के प्रशासनिक अधिकारियों में भिड़ंत हुई थी। इसके अगुआ डॉ एएस भल्ला ही थे। शहर के डॉक्टरों ने कह दिया था कि जिले के कमिश्नर और कलेक्टर या फिर अन्य अधिकारियों को अब सर नहीं कहेंगे। इससे जिले के अफसर चिढ़ गए थे। आनन-फानन में अफसरों ने शहर के पचास से ज्यादा अस्पतालों में कमियां निकालकर नोटिस जारी कर दिया था। लेकिन डॉक्टर झुकने को तैयार नहीं थे।
कहा जा रहा है कि उस समय डॉक्टरों को लीड डॉ एएस भल्ला ही कर रहे थे। ऐसे में सरकार से निर्देश मिलते ही अफसरों ने भी अपने खुनश निकाले। यहीं नहीं डॉ भल्ला की पत्नी मनजीत भल्ला ग्वालियर में ही सोफिया होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज चलाती हैं। उसके कुछ हिस्से भी तोड़े गए हैं। अस्पताल पर जब कार्रवाई चल रही थी, तब वहां कई मरीज भर्ती थे।
वहीं, डॉ भल्ला के खिलाफ कार्रवाई की भाजपा नेताओं ने निंदा की है। ग्वालियर भाजपा के जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन जिस प्रकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रहा है यह घोर आपत्तिजनक है। एक ही अस्पताल और उनसे जुड़ी अन्य संपत्तियों को निशाने पर लेकर की गई कार्रवाई प्रशासन की पारदर्शित और इरादों पर प्रश्नचिह्न लगा रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय से कार्रवाई की मॉनिटरिंग यह साबित करती है कि इसके पीछे बड़े हाथ हैं, जिन कारणों को सामने रखकर यह सब किया जा रहा है उन कारणों की जद में तो आधा शहर आता है। |
हंसती खिलखिलाती बॉलीवुड हीरोइन प्रीति जिंटा को देखकर कोई नहीं कह सकता कि वो फिल्म इंडस्ट्री में कई तरह के विवादों से घिरी रहीं। फिल्मों में अच्छी एक्टिंग के साथ-साथ अपने अफेयर्स को लेकर भी प्रीति ज्यादातर सुर्खियों में बनी रही। आपको बता दें कि प्रीति जिंटा का कई शादीशुदा लोगों के साथ अफेर रहा जिसके चलते उन पर कई घर तोड़ने का भी आरोप लगाया गया। आज प्रीति जिंटा का जन्मदिन है। आइए इस अवसर पर आपको बताते हैं प्रीति की जिंदगी से जुड़े कुछ विवादों के बारे में।
सूत्रों के अनुसार प्रीति जिंटा के निर्देशक शेखर कपूर के साथ लंबे समय तक अफेयर के चर्चे थे। आपको बता दें कि शेखर कपूर की एक्स वाइफ सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने तो अपने और शेखर कपूर के ब्रेकअप होने का आरोप प्रीति जिंटा पर ही लगाया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में साफ कहा था कि प्रीति ने ही उनकी शादीशुदा जिंदगी खराब की है।
क्रिकेटर युवराज सिंह के साथ भी प्रीति के अफेयर की खबरों ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। प्रीति जिंटा जब टी-२० क्रिकेट के किंग्स क्सी पंजाब की को ओनर बनीं तो क्रिकेटर युवराज सिंह से उनकी नजदीकियों की खबर आने लगी। इस दौरान दोनों को कई जगहों पर एक साथ देखा गया। यहीं तक की प्रीति जिंटा हर पार्टी में युवराज के साथ जाती थीं।
बॉलीवुड एक्टर और हीरो जीतेन्द्र के बेटे तुषार कपूर के साथ भी प्रीति जिंटा विवादों में घिर गईं थीं। आपको बता दें कि एकबार कॉफी विद करण के शो में जब करण जौहर ने तुषोर कपूर से पूछा कि इंडस्ट्री में किस हीरोइन ने सबसे ज्यादा बॉटोक्स सर्जरी कराई है तो तुषार ने तुरंत प्रीति जिंटा का नाम लिया था। इसके बाद कई दिनों तक प्रीति और तुषार कपूर के बीच विवाद चलता रहा।
हॉलीवुड एक्टर लार्स जेलसन के साथ भी प्रीति के अफेयर के चर्चे रहें। आपको बता दें कि प्रीति और लार्स की एक बेहद निजी तस्वीर सोयसल मीडिया पर वायरल हो गई थी जिसके बाद लार्स की शादीशुदा जिंदगी में बवाल मच गया। इसके चलते भी प्रीति विवादों में घिरी रही।
बॉलीवुड के सुल्तान यानि सलमान खान ने एक शो में ये कह दिया था कि वो प्रीति जिंटा के साथ सो चुके हैं। सलमान के इस बयान के बाद प्रीति ने उस चैनल के खिलाफ केस दर्ज करवाया था कि शो में सलमान की बात को कुछ ज्यादा ही मसाला लगाकर दिखाया गया था।
प्रीति जिंटा ने अपने फैन्स को तब हैरान कर दिया जब उन्होंने अपने लॉन्ग टाइम ब्वॉयफ्रेंड नेस वाडिया के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। नेस वाडिया भी प्रीति के इस व्यवहार से काफी नाराज हुए थे। दोनों के बीच इसे लेकर काफी दिनों तक विवाद चला। |
गुप्तकाल के सबसे ख्यातिप्राप्त खगोलशास्त्री वराहमिहिर थे ।
पाकिस्तान का प्रस्ताव लीग के किस अधिवेशन में स्वीकार किया गया ?
मार्च १९४० में लीग का अधिवेशन लाहौर में हुआ था जिसमें पाकिस्तान की मांग की थी । इसलिए , इसे पाकिस्तान प्रस्ताव भी कहा जाता है । यह प्रस्ताव वास्तव में २४ मार्च , १९४० को पास किया गया था ।
बिंबसार के शासनकाल में किस क्षेत्र में साम्राज्य-विस्तार की प्रवृत्ति का विकास होता है ?
बिंबसार हर्यंकवंश का प्रतापी राजा था । पुराणों के अनुसार उसने २८ वर्ष तक शासन किया था । उसने अंग राजा ब्रह्मदत्त को हराकर अपने राज्य को बढ़ाया था ।
सेरीकल्चर द्वारा रेशम का भारत में उत्पादन कब शुरू हुआ ?
सेरीकल्चर द्वारा रेशमी का भारत में उत्पादन १५वीं सदी में प्रारम्भ हुआं था । सल्तनत काल में सत गांव रेशमी रजाईयों के लिए विख्यात था । वर्तमान में कर्नाटक , केरल , पश्चिम बंगाल में रेशम का उत्पादन किया जाता हैं।
प्रयाग नगर को अलाहाबाद-अल्लाह का नगर का नाम किसने दिया था ?
गंगा यमुना के मध्य में बसा इलाहाबाद शहर १८५८ से १९२१ तक अंग्रेजी काल में उ. प्र. की राजधानी रहा था । लेकिन, इसका प्राचीन महत्व भी सदैव शिखर पर रहा है । प्रयाग की पुर्नस्थापना अकबर द्वारा की गई थी । |
फगवाड़ा(जोटा): एक महिला को कथित तौर पर शीतल पेयजल में नशीली वस्तु पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में पुलिस थाना सतनामपुरा की पुलिस टीम ने पीड़िता के ड्राइवर के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार पीड़िता जोकि विवाहिता है, ने पुलिस को खुलासा किया है कि उसके साथ उसके ड्राइवर आरोपी मनदीप सिंह उसके ड्राइवर आरोपी मनदीप सिंह वासी उम्मई पिहोवा ने उसको कथित तौर पर शीतल पेयजल में नशीली वस्तु पिलाकर कई बार दुष्कर्म किया और उसके उपरांत उसकी अश्लील वीडियो बनाई। पीड़िता का आरोप है कि उसके आरोपी ड्राइवर ने यह सब करने के उपरांत उसको कथित तौर पर ब्लैकमेल किया और उससे ४ लाख रुपए जबरदस्ती वसूले।
उसने आरोप लगाया कि आरोपी मनदीप सिंह ने उसके साथ शारीकि संबंध बनाने के उपरांत उसे मानसिक तौर पर परेशान किया और रिवाल्वर दिखाकर उसको धमकाया कि वह उसे ५ लाख रुपए अदा करें। पुलिस मामले की जांच कर रही है। |
पत्रिका, लघु पत्रिका, शैलेन्द्र चौहान, साहित्य,
लघुपत्रिकाएं पिछलग्गू विमर्श का मंच नहीं हैं।
संपादक - शैलेन्द्र चौहान,
३४/२४२, प्रतापनगर, सेक्टर-३,
एक प्रति-२५ रु.,
आज के समय में मुख्यधारा की पत्रिकाएं व अखबार कारपोरेट जगत व सम्राज्यवादी ताकतों के प्रभाव में समाहित हो रही है। इस वजह से देश के चौथे स्तंभ के प्रति पाठकों में संशय उत्पन्न होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में लघु पत्रिकाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आप जितना बेहतर और वैज्ञानिक ढ़ंग से प्रिंट टैक्नोलॉजी के इतिहास से वाकिफ होंगे उतने ही बेहतर ढ़ंग से लघुपत्रिका प्रकाशन को समझ सकते हैं। लघुपत्रिका का सबसे बड़ा गुण है कि इसने संपादक और लेखक की अस्मिता को सुरक्षित रखा है। लघुपत्रिकाएं पिछलग्गू विमर्श का मंच नहीं हैं। लघु पत्रिका का चरित्र सत्ता के चरित्र से भिन्न होता है, ये पत्रिकाएं मौलिक सृजन का मंच हैं। साम्प्रदायिकता का सवाल हो या धर्मनिरपेक्षता का प्रश्न हो अथवा ग्लोबलाईजेशन का प्रश्न हो हमारी व्यावसायिक पत्रिकाएं सत्ता विमर्श को ही परोसती रही हैं। सत्ता विमर्श व उसके पिछलग्गूपन से इतर लघु पत्रिकाएं अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता, संघर्षशीलता व सकारात्मक सृजनशीलता की पक्षधर हैं। इन बातों के मद्देनज़र इतना स्पष्ट है कि लघु पत्रिकाओं की आवश्यकता हमारे यहां आज भी है, कल भी थी, भविष्य में भी होगी।
"धरती" पत्रिका एक प्रतिबद्ध एवं स्तरीय लघु पत्रिका है। आज चकाचौंध वाले इस विमर्शवादी युग में जब अन्य पत्रिकाएं व्यवसायिकता और बाज़ार के प्रभाव में आती जा रही हैं ऐसे वक़्त में भी 'धरती' अपनी विशिष्ट पहचान बचाएहुए है। सादगी, सहजता और जनोन्मुखी स्तरीय सामग्री से समाहित यह पत्रिका अलग से ही पहचान में आ जाती है। सन १९७९ में 'धरती' पत्रिका का पहला अंक विदिशा जैसी छोटी जगह से प्रकशित हुआ था । उसके बाद कई महत्वपूर्ण अंक धरती ने प्रकाशित किये हैं जिनमें सन १९८० में हिंदी ग़ज़ल विशेषांक, १९८१ में समकालीन जन-कविता अंक, १९८२ में आलोचना अंक, १९८३ में त्रिलोचन अंक, १९८९ में जनकवि 'शील' अंक, २००० में स्मरण अंक, २००२ में समकालीन जन-कविता विशेषांक, २००६ में शलभ श्रीराम सिंह अंक, २००८ में 'साम्राज्यवादी संस्कृति बनाम जनपदीय संस्कृति' अंक एवं २०१२ में 'कश्मीर केन्द्रित' अंक उल्लेखनीय हैं।
'धरती' पत्रिका का हिंदी साहित्य में न केवल विशिष्ट योगदान है बल्कि विद्यार्थियों के लिए सदैव इसकी शोधपरक आवश्यकता रही है। |
के मिशन के दौरान चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले विक्रम से मिशन कंट्रोल का संपर्क टूट गया था। लगभग एक हफ्ते का समय बीत जाने के बाद विक्रम से फिर सें संपर्क स्थापित करने की उम्मीदें धीरे-धीरे धुंधली पड़ती जा रही हैं। इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर () चांद की सतह पर विक्रम से संपर्क करने की आखिरी कोशिश में लगा हुआ है।
अबतक स्थापित नहीं हो पाया संपर्कइसरो ने कहा था कि वह १४ दिन तक लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करता रहेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों की तमाम कोशिशों के बावजूद लैंडर से अब तक संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। हालांकि, चंद्रयान-२ के ऑर्बिटर ने हार्ड लैंडिंग के कारण टेढ़े हुए लैंडर का पता लगा लिया था और इसकी थर्मल इमेज भेजी थी। भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिक लैंडर से संपर्क साधने की हर रोज कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रत्येक गुजरते दिन के साथ संभावनाएं क्षीण होती जा रही हैं। |
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की रिकॉर्ड जीत के बाद इस बात पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा? मीडिया से लेकर सोशल साइट्स तक लोग अलग-अलग नामों पर बात कर रहे थे। बता दें कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर पार्टी आलाकमान की तलाश पूरी हो चुकी है। इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अनौपचारिक तौर पर एक नाम को इस रेस से बाहर कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी आज शाम सूबे के नए सीएम का ऐलान कर दिया!
योगी आदित्यनाथ को यूपी का नया मुख्यमंत्री का ताज मिल गया हैं। केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया है। मीडिया से बातचीत के दौरान यूपी सीएम के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि, मैंने मुख्यमंत्री का चुनाव करने की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य को दे दी थी। इसके बाद से यह अटकलें लगाई जाने लगी कि मौर्य मुख्यमंत्री की रेस से अनौपचारिक रूप से बाहर हो गए हैं।
ताते चलें कि केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी के लिए गैर यादव ओबीसी का चेहरा थे। हालांकि, मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा के बीच मौर्य की तबीयत खराब हो गई और उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया में भर्ती होना पड़ा।
महंत अवैद्यनाथ ने १९९८ में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है। १९९८ में गोरखपुर से १२वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो २६ साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। १९९८ से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। योगी यूपी बीजेपी के बड़े चेहरे माने जाते है। २०१४ में पांचवी बार योगी सांसद बने।
२०१४ में तीन लाख से भी अधिक सीटों से चुनाव जीते थे। उन्होंने २००९ में दो लाख से भी अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। योगी आदित्यनाथ की पूर्वांचल की ६० से अधिक सीटों पर पकड़ मानी जाती है। साल २०१४ के लोक सभा चुनाव में जब नरेंद्र मोदी वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ने उतरे थे। उसी समय से संकेत मिल गया था कि बीजेपी पूर्वांचल पर पूरा फोकस रखकर यूपी की जंग जीतेगी। |
सहानुभूति के साथ पति पत्नी के रिश्ते में पारदर्शिता होना बहुत जरूरी है। अगर दोनों में से कोई एक विचलित हो जाता है तो यह रिश्ता कच्चे धागे की तरह टूटता नहीं है। दोस्तों आज हम इस लेख में ऐसी ही एक महत्वपूर्ण बात पर चर्चा करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने फोन किया है क्योंकि कल मुझे एक मीटिंग के लिए तीन दिन के लिए दिल्ली जाना है इसलिए अपने कपड़े पैक करके रखें। उन्होंने कहा कि सोरी हिरण आपके साथ अपने माता-पिता से मिलने आने के लिए नहीं है। शाम को उनके घर आए उनके पति ने पत्नी को रात के खाने के लिए तैयार रखा। अपने बच्चों के साथ कुछ समय बिताने के बाद, उनके पति सो गए। सुबह जल्दी जाने की तैयारी की।
तीन दिनों के बाद उसका पति उसके दरवाजे पर आया और उसने दरवाजा खोला, कि उसके पति ने थोड़े गुस्से में कहा कि तुम्हें पता नहीं था कि वह आया है या नहीं। पत्नी से यही पूछने के लिए नहीं पूछा कि मैं आपके लिए पानी लाकर थक गई होगी। जैसा कि पति बहुत थका हुआ है वह बिस्तर पर जाकर सो जाता है।पत्नी ने अपने बैग को ओढ़नी से खोला और कपड़े धोने के लिए उसे धोया और उसके हाथ में महाबलेश्वर का एक टिकट आया। पत्नी शिक्षित थी, उसने दूसरी तारीख को देखा और सभी विवरणों को देखा, उसका पूरा शरीर बहुत कांपने लगा।
पत्नी बहुत चिंतित थ, और नाश्ते के बाद अगले दिन उसने अपने पति से थोड़ी हिम्मत करके पूछा कि उसने मुलाकात के बारे में पूछा। पति इतना नाराज हो गया कि अगर तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है तो तुम अपनी प्रेयसी के पास दौड़ोगे।
पत्नी को बहुत गलत लगा। पत्नी को उसके बैग से एक कार्ड मिला और उसने होटल में फोन किया और फोन आने के बाद उसे जानकारी मिली कि उसका पति दो दिन और तीन रात होटल में महिला के साथ रहा। पत्नी बहुत दुखी थी, वह रोने लगी। वह अपने पति को उसके साथ विश्वासघात करते देख कर दुखी हुई।
पत्नी ने रात में अपने लिए खाना बनाया। जब उसका पति रात को घर आया, तो उसने देखा कि भोजन ढंका हुआ था और वह कागज गिर गया था जिसमें उसकी पत्नी ने लिखा था कि अब वह पसंदीदा नहीं कहलाना चाहती थी, लेकिन उसने लिखा कि समझदारी का एक कदम मुझे तुमसे दूर ले गया है। अब आपको महाबलेश्वर जाने की जरूरत नहीं है। अब आपके पास अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए कोई जगह नहीं है।मुझे यह सोचने की ज़रूरत नहीं है कि मेरी पत्नी ने क्या कहा।
आपको आज या शाम से किसी को फोन करने की ज़रूरत नहीं है, या यहां तक कि पूछें कि आप आज क्या खा रहे होंगे। मैं एक जिम्मेदार व्यक्ति हूं इसलिए अगर आप हमारे बच्चे के बारे में चिंता नहीं करते हैं, तो मैं करूंगा। बाहर जाने और पीयर के वापस जाने पर सुनने की तुलना में यह कम अपमानजनक है। यदि आपको स्थायी रूप से हमारे लिए विश्वास था, तो आप वास्तव में दिल्ली गए होंगे। पत्नी ने खुद अपने बच्चे के साथ रहना शुरू कर दिया और अपना जीवन जीना शुरू कर दिया और उसके पति को इस बात का बहुत अफ़सोस था कि उसकी कोई पत्नी नहीं थी जो उसके आँसू पोंछ सके। |
टोक्यो, २२ मई (रियूटर्स) - संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच नए सिरे से कूटनीतिक तनाव के बारे में चिंताओं के कारण डॉलर ने शुक्रवार को प्रमुख साथियों के खिलाफ लाभ हासिल किया और ग्रीनबैक के लिए सुरक्षित ठिकाने की मांग का समर्थन किया।
चीन-यू.एस. संबंधों में व्यापक स्तर पर एक बार फिर से खटास आ गई है, जिसमें चीन द्वारा हांगकांग के पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश का उपचार और कोरोनोवायरस महामारी के लिए इसकी प्रतिक्रिया शामिल है, जिससे जोखिम का फैलाव हो रहा है।
ताजा भू-राजनीतिक उपभेदों ने एशियाई मुद्राओं जैसे कि चीन के युआन और ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड डॉलर में जंग लगा दी है।
टोक्यो में दाइवा सिक्योरिटीज के एफएक्स रणनीतिकार यूको इशिज़ुकी ने कहा, "अमेरिका और चीन के बीच पिछले काफी समय से समस्याएं हैं।"
"कुछ बहुत ही अल्पकालिक खिलाड़ी एक दिन से दूसरे स्थान पर स्थितियां बदल रहे हैं, जिससे प्रवृत्ति को देखना मुश्किल हो जाता है, लेकिन कुल मिलाकर डॉलर का समर्थन किया जा रहा है।"
जबकि नए घर्षणों ने युआन पर कुछ दबाव डाला, लेकिन बीजिंग में नीति निर्माताओं द्वारा नए प्रोत्साहन उपायों का खुलासा करने के बाद चीनी मुद्रा को भी कुछ समर्थन मिला। पिछले सत्र में ०.३% की बढ़त के साथ, शुक्रवार को एशिया में डॉलर प्रति यूरो १.०948 पर कारोबार हुआ।
डॉलर ने गुरुवार को दो सप्ताह से अधिक समय में अपना सबसे बड़ा लाभ पोस्ट करने के बाद ०.971० स्विस फ्रैंक खरीदा।
स्टर्लिंग को $ १.२२२८ पर स्थिर रखा गया था, शुक्रवार को बाद में डेटा के लिए ब्रिटिश खुदरा बिक्री में गिरावट दिखाने की उम्मीद थी।
चीन के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि पिछले साल के लोकतंत्र समर्थक अशांति के बाद चीन हांगकांग पर नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि वाशिंगटन कानून पर "बहुत दृढ़ता से" प्रतिक्रिया देगा।
एक जोखिम यह है कि हांगकांग अपने कुछ अनुकूल अमेरिकी व्यापारिक शर्तों को खो सकता है जिसने वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने में मदद की है।
शुक्रवार को हांगकांग डॉलर को थोड़ा बदल दिया गया था, जो कि ग्रीनबैक के खिलाफ अपने संकीर्ण ७.७5-७.८५ बैंड के शीर्ष छोर के साथ टकरा रहा था। निवेशकों की चिंताओं को उजागर करते हुए, हांगकांग में शेयरों में गिरावट।
वाशिंगटन और बीजिंग भी चीनी कंपनियों की उन्नत प्रौद्योगिकी के लिए लॉगरहेड्स पर हैं और बीजिंग के हुबेई के मध्य चीनी प्रांत में पिछले साल के अंत में उपन्यास कोरोनोवायरस के उभरने के बाद उन्नत तकनीक की आलोचना की।
तनाव ने दो आर्थिक महाशक्तियों के बीच पिछले साल के खींचे गए व्यापार युद्ध की यादों को उभारा है, जिसने वैश्विक वित्तीय बाजारों को हिला दिया।
गुरुवार को ०.३% डुबकी के बाद, ऑनशोर, युआन ७.११८१ प्रति डॉलर पर स्थिर रहा।
चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग ने शुक्रवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए उच्च बुनियादी ढांचे के खर्च और अन्य उपायों का वादा किया। २०२० के लिए एक विकास लक्ष्य जारी नहीं किया, क्योंकि यह १९९० में ऐसे लक्ष्यों को प्रकाशित करना शुरू कर दिया था, क्योंकि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कोरोनोवायरस से निकलती है।
एंटीपोडियन मुद्राओं ने जोखिम को नुकसान पहुंचाया क्योंकि जोखिम ने एक झटका लिया।
ऑस्ट्रेलियाई डॉलर ०.२४% गिरकर $ ०.६५५३ पर आ गया। तस्मान सागर के पार, न्यूजीलैंड डॉलर में $ ०.६११४ तक की गिरावट आई।
देश के वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि न्यूज़ीलैंड वायरस महामारी से उबरने में मदद करने के लिए न्यूज़ीलैंड सीधे घरों में नकदी वितरित करने पर विचार कर रहा है। १९३० के दशक में ग्रेट डिप्रेशन के बाद से घरेलू नकदी के हस्तांतरण का विचार, जिसे कभी-कभी हेलीकॉप्टर मनी कहा जाता है, ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा झटका है।
बैंक ऑफ जापान ने शुक्रवार को एक आपात बैठक में महामारी से आहत छोटी कंपनियों के लिए ऋण योजना का विवरण देने के बाद कहीं और येन को १०७.५७ प्रति डॉलर पर बदल दिया। |
चंडीगढ़: हरियाणा में सेना ने सोमवार को जाट आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों को खदेड़कर मुनक नहर को अपने नियंत्रण में लिया। साथ ही व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-१ पर यातायात बहाल कराया। आंदोलन के उग्र तेवर को देखते हुए हरियाणा के कई स्थानों पर लगाए गए कर्फ्यू में भी सोमवार को ढील दी गई। यहां पुलिस सूत्रों ने कहा कि सैन्य अधिकारियों ने हरियाणा की मुनक नहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है और यहां से दिल्ली को होने वाली जलापूर्ति शुरू कराने की कोशिशें की जा रही हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, "मुनक नहर की हिफाजत करने के लिए सेना और केंद्र का धन्यवाद। दिल्ली के लिए बहुत बड़ी राहत की बात है।"
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि सोमवार सुबह सुरक्षाबलों ने कुछ जगहों से जाट आंदोलनकारियों को खदेड़ने के बाद दिल्ली और अंबाला के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-१ पर यातायात बहाल करा दिया। वहीं, कुछ प्रदर्शनकारी स्वयं ही पीछे हट गए।
हिंसाग्रस्त रोहतक, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, भिवानी, जिंद, कैथल और हिसार में भी अन्य राजमार्गो पर यातायात बहाल कराया जा रहा है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि जाट आंदोलनकारियों का सोमवार को भी कुछ सड़कों व रेलवे पटरियों पर अवरोध उत्पन्न करना जारी है। उन्हें वहां से हटाने और यातायात बहाल कराने की कोशिशें जारी हैं।
अधिकारियों ने कहा कि रोहतक कस्बे में जारी कर्फ्यू में सोमवार को एक घंटे के लिए ढील दी गई। हिसार व हांसी कस्बे से कर्फ्यू हटा दिया गया है।
वहीं, रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली-अंबाला और दिल्ली-बठिंडा सेक्शन पर ट्रेन यातायात बहाल कराने में अभी कुछ और समय लग सकता है, क्योंकि पहले पटरियों की मरम्मत और निरीक्षण करना पड़ेगा। आंदोलनकारियों ने अलग-अलग जगहों पर रेल पटरियां उखाड़ दी थीं।
क्षेत्र में जारी जाट आंदोलन की वजह से रेल अधिकारियों ने करीब ९०० ट्रेनें रद्द कर दी गई।
पुलिस अधिकारियों ने सुबह में कहा कि राज्य में बीते १२ घंटों में अवरोध उत्पन्न करने के अलावा किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने सोमवार तड़के अपने ठिकानों की ओर लौटना शुरू कर दिया।
जाट आरक्षण आंदोलन का रविवार को आठवां दिन था। इस दौरान अब तक ११ लोगों की जान जा चुकी है और १५० से ज्यादा घायल हुए हैं।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्ट ने सोमवार अपराह्न् चंडीगढ़ में एक कैबिनेट बैठक बुलाई है। बैठक में जाटों के लिए आरक्षण और राज्य के मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श किया जाएगा। |
नई दिल्ली: दुनियाभर में फ़ैल रही कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए विश्व वैज्ञानिक इसको लेकर ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने में जुटे हैं ताकि इसका जल्द से जल्द प्रभावी वैक्सीन बनाया जा सके। इसी बीच एक नए रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है किशरीर में किन-किन जीन्स की वजह से कोरोना वायरस फैलता है। वैज्ञानिकों ने जीन-एडिटिंग टूल (क्रिसप्र-कस९) का उपयोग करते हुए कुछ ऐसे जींस या सेल के बारे में पता लगाया है जो सार्स-सीओवी -२ सार्स-कॉव-२ (वायरस) को शरीर में फैलने या जड़े जमाने में मदद करते हैं। जो कोरोनो वायरस रोग का कारण बनता है।
स्टडी येल स्कूल ऑफ मेडिसिन, बोर्ड इंस्टिट्यूट और मिट और हावर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर की है। रिसर्च करने वाले एक वैज्ञानिक ने कहा, कोविड-१९ को शरीर में फैलने में मदद करने वाली कोशिकाओं की पहचान करना महत्वपूर्ण है। जब हमें ये पता होगा कि कोरोना वायरस को शरीर में कौन से जीन या सेल बढ़ने में मदद करते हैं तो हम कारगर दवा बना पाएंगे।
रिसर्च में मानव शरीर में उन जीन और रास्तों देखा गया है जो वायरस को शरीर में खुद को बढ़ाने के लिए यूज होते है। स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि इसमें प्रोटीन का अहम योगदान है। प्रोटीन का एक रूप जहां शरीर में कोविड-१९ के वायरस को बढ़ाता है तो दूसरा उसके वायरस को बढ़ने से रोकता है। |
शिकारा के निर्माताओं ने फिल्म का एक नया, दूसरा ट्रेलर रिलीज़ कर दिया है, जो १९८९ की उन खतरनाक परिस्थितियों को दर्शाता है जब कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा था। शिकारा फ़िल्म का यह दूसरा ट्रेलर देखकर निश्चित रूप से आपके फिर से रोंगटे खड़े हो जाएंगे, जिसे फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा इस साल ७ फरवरी को दर्शकों के सामने पेश करने के लिए तैयार है।
ट्रेलर के पहले फ्रेम में ही वास्तविकता को सामने रखा गया है जहाँ एक फरमान के साथ कश्मीरी पंडितों को भूमि छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है। प्रमुख अभिनेता आदिल खान और सादिया की सुकून भरी जिंदगी में हिंसा के दृश्य के साथ, दूसरे ट्रेलर में कश्मीरी पंडितों की अनकही कहानी को सामने पेश किया गया है।
पहले ट्रेलर के रिलीज के बाद से ही, फ़िल्म के विषय और कहानी के साथ जिज्ञासा अपने चरम पर है। शिकारा में १९९० की घाटी से कश्मीरी पंडितों की अनकही कहानी को उजागर किया गया है जिसे जगती और अन्य शिविरों के ४०,००० असली प्रवासियों के साथ शूट किया गया है। यहीं नहीं, फिल्म में माइग्रेशन की वास्तविक फुटेज भी शामिल की गई है।
फ़िल्म शिकारा को समुदाय से लेकर उद्योग जगत की जानी मानी आवाज़, आलोचकों और दर्शकों तक सभी की अपार सराहना मिल रही हैं। ऐतिहासिक प्रासंगिकता को दर्शाने वाले दिन की ३०वीं वर्षगांठ पर, फिल्म के निर्माताओं ने १९ जनवरी को नई दिल्ली में वास्तविक कश्मीरी पंडित शरणार्थियों के लिए फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया था जिन्हें १९90 में बड़े पैमाने पर पलायन के दौरान अपने घरों को छोड़ना पड़ा था।
शिकारा के निर्माता, विधु विनोद चोपड़ा और राहुल पंडित प्रतिष्ठित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल २०२० में शामिल हुए और इस कार्यक्रम में एक विशेष पैनल चर्चा का हिस्सा बने थे। इस दौरान, पैनल के सदस्य वहाँ उपस्थित दर्शकों के साथ भी बातचीत करते नज़र आये।
यह फिल्म इसलिए भी खास है, जहां चार हजार असली कश्मीरी पंडितों ने १९९० की कश्मीरी घाटी के विघटन को रीक्रिएट करने के लिए फ़िल्म की शूटिंग की है। वास्तविक लोगों से वास्तविक कहानियों तक, शिकारा में सब कुछ वास्तविकता के बहुत करीब रखा गया है। |
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सोमवार की सुबह भी हर रोज की तरह हुई थी. बस फर्क इतना था आज किसी नेता के बयान के बजाय एक गायक और अभिनेता का बयान था. हर न्यूज चैनल ने अपने-अपने तरीके से इस बयान को ठोक-पीटकर इस लायक बना लिया था कि टीआरपी में कोई कमी न रह जाये. शाम को वही पत्रकार बन्धु इस बयान को विवादित बता रहे थे जो कुछ दिन पहले अभिव्यक्ति की मौखिक आजादी के पक्षधर थे. खैर सबकी तरह मैंने भी फेसबुक पर लाइक बटोरे और शाम होते-होते घर पहुंचा, मंदिर में आरती बज रही थी, गाँव से माँ का फोन आया गया. लाउडस्पीकर की आवाज इतनी तेज थी कि ढंग से कुछ सुनाई नहीं दिया. मुझे नहीं पता वो आरती किस खुशी में बज रही थी पर इतना पता है मामला यदि धार्मिक शोर से ही जोड़ा जाये तो सिर्फ बात अजान की ही क्यों? |
कॉरृप्टेड हार्ड डिस्क टिप्स इन हिन्दी. एक हार्ड डिस्क जो की सिस्टम के अंदर या बाहर से जोड़ी जाती है आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से विभिन्न कारणों से ख़राब हो सकती है। अक्सर ऐसी परिस्थति कभी नहीं होती, और अगर ऐसा होता है तो आप अपने स्टोर्ड किये हुए डेटा को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। जैसे की हम जानते है कि डेटा सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है चाहे वो व्यक्तिगत डेटा हो या व्यवसायिक डेटा। यदि आप अपने डेटा को एक्स्सेस नहीं कर पाते है तो ये आपके लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है ।
एक हार्ड डिस्क जो की सिस्टम के अंदर या बाहर से जोड़ी जाती है आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से विभिन्न कारणों से ख़राब हो सकती है। अक्सर ऐसी परिस्थति कभी नहीं होती, और अगर ऐसा होता है तो आप अपने स्टोर्ड किये हुए डेटा को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। जैसे की हम जानते है कि डेटा सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है चाहे वो व्यक्तिगत डेटा हो या व्यवसायिक डेटा। यदि आप अपने डेटा को एक्स्सेस नहीं कर पाते है तो ये आपके लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है ।
जब आपकी हार्ड डिस्क सही से काम करना बंद कर दे तब आप हार्ड डिस्क डेटा रिकवरी एक्सपर्ट्स की सहायता से अपनी डिस्क को सही करा सकते है। इस तरह आप अपने डेटा को आसानी से प्राप्त कर सकते है। यदि आपकी ड्राइव छतिग्रस्त हो गयी हो तो आप अपना डेटा किसी अन्य फ़्लैश ड्राइव या हार्ड डिस्क में भी पुनः प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से हार्ड डिस्क दो प्रकार से ही ख़राब हो सकती है: फिजिकल डैमेज और लॉजिकल डैमेज।
आपकी हार्डडिस्क बिना किसी चेतावनी के भी खराब हो सकती है, हार्ड डिस्क के ख़राब होने की अधिक जानकारी के लिए हम आपको निचे कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं ।
फिजिकल डैमेज - हार्डडिस्क के पार्ट्स में आयी कमी की वजह से फिजिकल डैमेज होता है। अक्सर हार्ड ड्राइव के रेड/राइट हेड के टूटने से, हार्ड डिस्क के गिरने से, हार्ड डिस्क को अपने आप खोलने से, या किसी अन्य पार्ट्स के टूटने से, इत्यादि की वजह से यह समस्या उत्पन होती है।
लॉजिकल डैमेज - हार्ड डिस्क में बिना किसी टूट फूट की वजह से जब आप अपने डेटा को एक्सेस नहीं कर पाते है तो इसका कारण लॉजिकल डैमेज होता है। फाइल सिस्टम में आये किसी वायरस की वजह से यह परिस्थिति बनती है । इस इस्थिति में आप बायोस के द्वारा डेटा को देख तो सकते है लेकिन उसे एक्सेस नहीं कर सकते। इसके अलावा आपको नो हार्ड ड्राइव का एक सन्देश भी दिखना शुरू हो जाता है। दोनों प्रकार से हार्ड डिस्क के ख़राब होने की इस्थति में डेटा का खो जाना एक आम समस्या है ।
अगर आपकी हार्ड ड्राइव से लगातार अजीब सी आवाज आ रही है तो इस स्तिथि में हार्ड ड्राइव का उपयोग न करें और तुरंत लैपटॉप या कंप्यूटर को बंद कर दें । यदि एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव है तो उसको सिस्टम से जोड़े नहीं।
ऊपर बताये गए किसी भी लक्षण का कोई भी संकेत आपको दिखाई दे तो,आपको डेटा लॉस से बचने के लिए हार्ड डिस्क का उपयोग तुरंत रोक देना चाहिए। यह दर्शाता है आपकी हार्डडिस्क में समस्या है और भविष्य में बड़ी मात्रा में डेटा हानि हो सकती है यदि आप इसका उपयोग बंद नहीं करते है।
ध्यान दे - विफलता के प्रारंभिक लक्षण समझना जरूरी है, आवश्यक है आप हार्डडिस्क क्रैश के लिए तैयार रहे। इसका मतलब यह नहीं है की इन स्वचालित लक्षणों से आपका सिस्टम क्रैश हो जायेगा और आपको डेटा रिकवरी की आवस्यकता होगी लेकिन निस्चित रूप से आपको डेटा हानि की स्तिथि का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।
यहाँ पर आप कॉरृप्टेड हार्ड डिस्क रिकवरी के लिये सबसे महत्वपूर्ण बात जानोगे। फिजिकल डैमेज और लॉजिकल डैमेज हार्ड ड्राइव से लॉस्ट डेटा को प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के डेटा रिकवरी का विकल्प करना चाहिए ।
यदि आपकी हार्ड ड्राइव में लॉजिकल प्रॉब्लम है तो आप उसका डेटा थर्ड पार्टी सॉफ्टवेर एप्लीकेशन की सहायता से रिकवर कर सकते है।
यदि आपकी हार्ड ड्राइव में फिजिकल डैमेज की प्रॉब्लम है तो आपको अनुभवी डेटा रिकवरी पेशेवरों द्वारा हार्ड डिस्क रिकवरी सेवाओ के लिए जाना चाहिए।
जब आप सुनिश्चित कर लें की आपकी हार्ड ड्राइव में फिजिकल डैमेज की प्रॉब्लम है तब आपको स्टेलर डाटा रिकवरी की मदद लेनी चाहिए। स्टेलर डाटा रिकवरी आपको १००% डेटा रिकवरी की गारंटी देता है। अधिकांश मामलों में इन्होंने डेड हार्ड डिस्क में से महत्वपूर्ण डेटा को रिकवर किया है। इनकी पुरे भारत में १६ जगहों पर डेटा रिकवरी लैब उपलब्ध हैं । |
अल्मोड़ा। समाज के विभिन्न पहुलों को अध्यात्म से जोड कर लिखी गयी परेश भंडारी की पुस्तक डान्ट अन्डरस्टैण्ड का विमोचन सिस्टर निवेदिता काॅटेज देवदार इन में किया गया। पुस्तक विमोचन समारोह में पुस्तक की महत्ता के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए इस पुस्तक को समाज के लिए उपयोगी बताया गया। पुस्तक का विमोचन आवासीय विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एच एस धामी ने किया।
पुस्तक का विमोचन कर रहे मुख्य अतिथि आवासीय विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड के कुलपति डा. एचएस धामी ने कहा कि परेश भण्डारी की लिखी डान्ट अण्डरस्टैण्ड पुस्तक समाज के लिए काफी उपयोगी होगी। इस पुस्तक में समाज के ताने बाने को आध्यात्म से जोड कर लिखा गया है जो समाज को नई दिशा प्रदान करेगी। इसमें जीवन के कई आयामों को सम्मलित किया गया है। आवासीय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बीसी जोशी ने कहा कि पुस्तक सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोवैज्ञानिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विषयों जैसे अध्ययन, विवाह, साम्प्रदायिकता, समय, प्रेम को संबोधित करने का एक नया दृश्टिकोण है।
पुस्तक के लेखक परेश भंडारी ने बताया कि यह पुस्तक आध्यात्मिक सूचकांक की रचना करने में अग्रणी कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी जिससे यह देखा जा सकेगा कि मानव जाति जीवन को बना रही है या नष्ट कर रही हैं। यह पुस्तक न केवल गुमराह लोगों, बल्कि पुस्तकालयों, विशेश रुप से व्यक्तिगत पुस्तकालयों को भी पूर्णता प्रदान करेगी। इस पुस्तक में समाज के विभिन्न पहलुओं को लिखा गया है जिसमें विवाह, प्रेम, मनोविज्ञान, विज्ञान रंगकर्म सहित इसको अध्यातम से जोडा गया है। उनका मानना है कि जीवन को सफल बनाने के लिए आध्यात्म को आत्मसात करना चाहिए। पुस्तक में सौहार्द से जीने के लिए प्रेरित किया गया है। कार्यक्रम का संचालन विभु कृष्णा ने किया। कार्यक्रम में डा़ बीसी जोशी, गिरीश साह, विजया भंडारी, पदमा सनवाल, अनिल सनवाल, एचएन सनवाल, नीमा सनवाल, राजेंद्र मुनगली, गीता मुनगली, विश्वनाथ पाठक, अखिलेश भंडारी, डा. रमेश चंद्र लोहुमी, वेंकटेश सनवाल, सुमन सनवाल, सौम्य सनवाल, योगेश तिवारी, संजय जोशी, रंगकर्मी ध्रुुव टम्टा, कुलदीप सिंह आदि मौजूद रहे। |
>देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फ्राइडे को सीएम आवास पर बद्री-केदार मंदिर समिति के आधिकारिक वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने बीकेटीसी की डायरी व कैलेंडर का भी विमोचन किया। वेब पोर्टल का निर्माण एनआईसी द्वारा किया गया है। सीएम ने एनआईसी के डायरेक्टर के नारायणन को पोर्टल में चारधाम यात्रा से संबंधित ज्यादा से ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कहा, बीकेटीसी की आधिकारिक वेबसाइट होने से अब देश और दुनिया के किसी भी कोने से उत्तराखंड चारधाम यात्रा के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। इस दौरान बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, उपाध्यक्ष अशोक खत्री, सीईओ बीडी सिंह सहित एनआईसी के अधिकारी भी मौजूद रहे।
बीकेटीसी के अनुसार अब यात्री ऑनलाइन पूजा बुकिंग, ऑनलाइन डोनेशन कर पाएंगे। इस दौरान एनआईसी ने टैंपल कमेटी को ट्रायल बेस पर वीसेट भी उपलब्ध कराया। वेबसाइट में उत्तराखंड के चारधाम व बद्री-केदार समिति के अधीन मंदिरों, पंच बद्री, पंच केदार व पंच प्रयाग की भी जानकारी दी गई है। अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि आईटी व प्रचार-प्रसार के इस दौर में वेबसाइट के माध्यम से चारधाम के तीर्थ यात्रियों को तत्काल जानकारी मिलने में आसानी होगी। इसके लिए सीएम ने टैंपल कमेटी व नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर को बधाई भी दी। सीएम ने चारधाम यात्रा के लिए इंट्रीगेटेड कंट्रोल रूम बनाने के भी निर्देश दिए।
टैंपल कमेटी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने बताया कि वेबसाइट में देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए बद्रीनाथ, केदारनाथ धाम के अलावा अधीनस्थ मंदिरों व गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की पूरी जानकारी अपलोड है। इस दौरान उत्तराखंड के चार धामों की ऋषिकेश से दूरी का रोड मेप भी उपलब्ध कराया गया है। जबकि बद्रीनाथ-केदारनाथ से संबंधित जानकारियां ऑनलाइन प्राप्त व डोनेशन की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। वहीं वेबसाइट में टैंपल कमेटी के गेस्ट हाउस, ऑफिस, संस्कृत स्कूल, फॉर्मेसी की भी जानकारियां उपलब्ध हैं। तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि मंदिर समिति की वेबसाइट से तीर्थ यात्रियों को बेहतर जानकारी एवं सुविधाएं मिलेंगी। मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा। हरीश गौड़ ने बताया कि एनआईसी ने मंदिर समिति को ट्रायल बेस पर वीसेट सुविधा भी प्रदान की है। डोनेशन देने वाले दानदाताओं को टैंपल कमेटी की ओर से टैक्स फ्री सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।
बताया गया कि पूजा काउंटर के लिए सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है। वर्ष २००४ में बीकेटीसी की वेबसाइट बनायी गयी थी। वर्तमान में समिति ने नये रूप में निक के सहयोग से वेबसाइट का निर्माण किया है। इस दौरान टैंपल कमेटी ने अध्यक्ष ने सीएम के सामने एक वर्ष के कार्यकाल का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया। |
देश के संविधान दिवस का उत्सव समाप्त कर एक नेता ने अपने घर के अंदर क़दम रखा ही था कि उसके सात-आठ वर्षीय बेटे ने खिलौने वाली बन्दूक उस पर तान दी और कहा, "डैडी, मुझे कुछ पूछना है।"
सुनते ही संविधान दिवस के उत्सव में कुछ अवांछित लोगों द्वारा लगाये गए नारों के दर्द ने नेता के होंठों की मुस्कराहट को भेद दिया और नेता ने गहरी साँस भरते हुए कहा, "हमें पब्लिक के पास बार-बार जाना चाहिये, यह हमें याद दिलाने का दिन होता है रि-पब्लिक डे...!"
"डैडी, मुझे भी झंडा खरीद कर दो... नहीं तो मैं आपको गोली से मार दूँगा," बेटे का स्वर पहले की अपेक्षा अधिक तीक्ष्ण था। |
धर्मशाला। प्रारंभिक शिक्षा विभाग न पूर्व सैनिकों के आश्रितों से जेबीटी शिक्षकों के पदों को भरने के लिए काउंसलिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है। जेबीटी अध्यापकों के २० पदों के लिए २३ जुलाई को काउंसलिंग होगी।
काउंसलिंग से पूर्व प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने रोजगार कार्यालय के माध्यम से नामों की सूची मांगी थी। वहीं, जिन अभ्यर्थियों के नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज नहीं थे, उन्हें रोजगार कार्यालय के माध्यम से नाम भिजवाने के निर्देश दिए गए थे। रोजगार कार्यालय से विभाग को मिली नामों की सूची विभाग ने वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। साथ ही सूची में शामिल अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र भेज दिए हैं। सूची में शामिल अभ्यर्थियों को यदि बुलावा पत्र नहीं मिलते, फिर भी वे काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थी जो शैक्षणिक योग्यता पूरी करते हैं और रोजगार कार्यालय में पंजीकृत हैं। ऐसे अभ्यर्थी भी निर्धारित तिथि को काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं। काउंसलिंग में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को मैट्रिक, जमा दो, टेट, जेबीटी, रोजगार कार्यालय पंजीकृत पत्र, हिमाचली मूल प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, पूर्व सैनिक के आश्रित होने का प्रमाण पत्र और दो सत्यापित फोटो साथ लाने होंगे। पूर्व सैनिकों के आश्रितों से भरे जाने वाले २० जेबीटी अध्यापकों के पदो में १४ पद सामान्य वर्ग के भरे जाएंगे, जबकि ओबीसी के दो, अनुसूचित जाति के तीन और अनुसूचित जनजाति का एक पद भरा जाएगा। उधर, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा जिला कांगड़ा राजकुमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों के आश्रितों के माध्यम से भरे जाने वाले जेबीटी के २० पदों के लिए २३ जुलाई को विभाग के धर्मशाला स्थित मीटिंग हाल में काउंसलिंग होगी। |
इसके साथ साथ एक अनोखे गार्डन स्टोर का भी अनावरण किया गया जिसमें अनेक प्रकार के आउटडोर फर्नीचर, फ्लोरिंग & फेंसिंग, गार्डनिंग टूल्स , प्लांटर्स , अक्वाटिक्स , फॉउन्टेंस & सकल्पचर्स और गार्डनिंग एक्सेसरीज उपलब्ध हैं। अन्नू ग्रोवर मैनेजिंग डायरेक्टर नर्चरिंग ग्रीन ने कहा , "हमारा उद्देश्य क्लीन और ग्रीन ड्राइव के साथ, लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के उपायों के बारे में शिक्षित करना है ताकि सब हरित प्रकृति - हर स्वस्थ और समृद्ध समाज की अंतिम आवश्यकता, के लाभों को साझा करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध हों । हम मानते हैं कि और एक सकारात्मक मानसिकता के साथ सही दिशा में सभी लोगों के कई छोटे प्रयास कुछ लोगों के गैर-एकीकृत विशाल कदमों की तुलना में एक वांछनीय परिवर्तन लाने में अधिक प्रभावी होगा।"
श्री अन्नू ग्रोवर ने लोगों से अपील करते हुए कहा की इस दीपावली व नव वर्ष में अपने परिवार, रिश्तेदार, मित्रों को पौंधे उपहार में दें। श्री विपुल गोयल ने अपने सम्बोधन में कहा की मैं इस आयोजन के लिए अन्नू ग्रोवर जी को बधाई देता हूँ और सभी गुरुग्राम वासियों से अनुरोध करता हूँ की साल में ३ पेड़ हर व्यक्ति लगाए ताकि हमारा पर्यावरण सुरक्षित हो सके. श्री मंगू सिंह ने कहा की आज हम आधुनिक टेक्नोलॉजी में इतना खो चुके हैं की अपने वातावरण को बचाने के लिए प्रयास नहीं उठाते. हम सबको यह बदलना होगा। |
द्रुपद का पुरोहित को दौत्यकर्म के लिये अनुमति देना तथा पुरोहित का हस्तिनापुर को प्रस्थान राजा द्रुपद ने (पुरोहित से) कहा- पुरोहित जी! समस्त भूतों में प्राणधारी श्रेष्ठ हैं। प्राणधारियों में भी बुद्धि-जीवी श्रेष्ठ हैं। बुद्धिजीवी प्राणियों में भी मनुष्य और मनुष्यों में भी ब्राह्मण श्रेष्ठ माने गये हैं। ब्राह्मणों में विद्वान, विद्वानों में सिद्धान्त के जानकार, सिद्धान्त के ज्ञाताओं में भी तदनुसार आचरण करने वाले पुरुष तथा उनमें भी ब्रह्मवेता श्रेष्ठ हैं। मेरा ऐसा विश्वास है कि आप सिद्धान्त वेत्ताओं में प्रमुख हैं आपका कुल तो श्रेष्ठ है ही, अवस्था तथा शास्त्र-ज्ञान में भी आप बढ़े-चढ़े हैं। आपकी बुद्धि शुक्राचार्य और बृहस्पति के समान है। दुर्योधन का आचार-विचार जैसा है, वह सब भी आपको ज्ञात ही है। कुन्ती पुत्र पाण्डुनन्दन युधिष्ठिर आचार-विचार भी आप लोगों से छिपा नहीं है। धृतराष्ट्र की जानकारी में शत्रुओं ने पाण्डवों को ठगा है।
विदुरजी के अनुनय-विनय करने पर भी धृतराष्ट्र अपने पुत्र का ही अनुसरण करते हैं। शकुनि ने स्वयं जूए के खेल में प्रवीण होकर यह जानते हुए भी कि युधिष्ठिर जूए के खिलाड़ी नहीं हैं, वे क्षत्रिय धर्म पर चलने वाले शुद्धात्मा पुरुष हैं, उन्हें समझ बूझकर जूए के लिए बुलाया। उन सबने मिलकर धर्मराज युधिष्ठिर को ठगा है। अब वे किसी भी अवस्था में स्वयं राज्य नहीं लौटायेंगे। परंतु आप राजा धृतराष्ट्र से धर्मयुक्त बातें कहकर उनके योद्धाओं का मन निश्चय ही अपनी ओर फेरे लेंगे। विदुर जी भी वहाँ आपके वचनों का समर्थन करेंगे तथा आप भीष्म, द्रोण एवं कृपाचार्य आदि में भेद उत्पन्नकर देंगे। जब मन्त्रीयों में फूट पड़ जायेगी और योद्धा भी विमुख होकर चल देंगे, तब उनका (प्रधान) कार्य होगा- पुनः नूतन सेना का संग्रह और संगठन। इसी बीच में एकाग्रचित्त वाले कुन्ती कुमार अनायास ही सेना का संगठन और द्रव्य का संग्रह कर लेंगे। जब वहाँ हमारे स्वजन उपस्थित रहेंगे और आप भी वहाँ रहकर लौटने में विलम्ब करेते रहेंगे तब निःसन्देह वे सेन्य संग्रह का कार्य उतने अच्छे ठंग से नहीं कर सकेंगे। वहाँ आपके जाने का यही प्रयोजन प्रधानरूप से दिखायी देता है। यह भी संभव है कि आपकी संगति से धृतराष्ट्र का मन बदल जाय और वे आपकी धर्मानुकुल बात स्वीकार कर लें। आप धर्मपरायण तो हैं, ही वहाँ धर्मानुकुल बर्ताव करते हुए कौरव कुल में जो कृपालु वृद्ध पुरुष है, उनके समक्ष पूर्व पुरुषों द्वारा आचरित कुल धर्म का प्रतिपादन एक़ पाण्डवों के क्लेशों का वर्णन कीजियेगा। इस प्रकार आप उनका मन दुर्योधन की ओर से फोड़ लेंगे, इसमें मुझे कोई संशय नहीं है। आप को उनसे कोई भय नहीं है;कयोंकि आप वेदवेत्ता ब्राह्मण हैं। विशेषतः दूतकर्म में नियुक्त और वृद्ध हैं। अतः आप पुष्प नक्षत्र से युक्त जय नामक मुहूर्त में कुन्तीनन्दन युधिष्ठिर के कार्य की सिद्धि के लिये कौरवों के पास शीघ्र जाइये।
वैशम्पायनजी कहते हैं- जनमेजय! महामना राजा द्रुपद के द्वारा इस प्रकार की अनुशासित होकर सदाचार-सम्पन्न पुरोहित ने हस्तिनापुर को प्रस्थान किया। वे विद्वान तथा नीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ थे। वे पाण्डवों के हित लिये शिष्यों के साथ कौरवों की (राजधानी) की ओर गये थे।
इस प्रकार श्रीमहाभारत के उद्योगपर्व के अन्तर्गत सेनोद्योगपर्व में पुरोहित प्रस्थान विषयक छठा अध्याय पूरा हुआ। |
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर की ओर से राजस्थान पटवार सीधी भर्ती परीक्षा, २०१९ के तहत भर्ती का विज्ञापन के माध्यम से ४४२१ (गैर अनुसूचित क्षेत्र के ३८१५ एवं अनुसूचित क्षेत्र के ६०६) पदों पर ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। जिसके ऑनलाइन आवेदन २० जनवरी से प्रारंभ हो चुके हैं।
उम्मीदवार १ जनवरी, 202१ को १8 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका हो तथा ४० वर्ष का नहीं हुआ हो।
सामान्य वर्ग की महिला को ५ वर्ष की छूट दी जाएगी।
सामान्य वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग व क्रीमीलेयर श्रेणी के अन्य पिछड़ा वर्ग/अति पिछड़ा वर्ग के आवेदक के लिए ४५० रुपए,
सभी विशेष योग्यजन तथा राजस्थान के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आवेदक के लिए २५०/- रूपए निर्धारित की गई है।
आवेदक को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री उत्तीर्ण या इसके समकक्ष अन्य परीक्षा उत्तीर्ण और एनआईईएलआईटी, नई दिल्ली या मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा आयोजित ओ लेवल या उच्च स्तर सर्टिफिकट कोर्स, या आरएससीआईटी कोर्स का प्रमाण पत्र।
देवनागरी लिपि का ज्ञान और राजस्थान की संस्कृति का ज्ञान होना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए विभाग की ऑफिशल वेबसाइट पर नोटिफिकेशन देखें।
ऑनलाइन आवेदन के लिए राज्य के निर्धारित ई-मित्र कियोस्क/जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से भरा जा सकता हैं उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन करने केलिए पूर्व अपना ईमेल आईडी बना लें। अपना ईमेल आईडी और पासवर्ड याद रखें।
आवेदन के लिए विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रिक्रूमेंट पर क्लिक करें।
संबंधित भर्ती परीक्षा के सामने एप्लाई ऑनलाइन पर क्लिक करने पर लॉगिन पेज खुलेगा। जिसमें अभ्यर्थी को अपना एसएसओ आईडी एवं पासवर्ड से लॉगिन करना होगा। इसके बाद अभ्यर्थी पूरी जानकारी सही से भरें।
फीस का भुगतान क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/नेट बैंकिंग द्वारा किया जा सकता है। परीक्षार्थी फॉर्म भरने से पहले विभाग की वेबसाइट जरूर देखें। |
जंगो के माध्यम से जावास्क्रिप्ट को पायथन डेटा पास करना विस्तारित वर्ग के भीतर से &एपोस;इस&एपोस; कीवर्ड को एक्सटेंशन विधि को कॉल करने की आवश्यकता क्यों है? स्थिर सूचकांक? एंड्रॉइड में वापस बटन अक्षम करें एक डबल से एक्स महत्वपूर्ण आंकड़े गोल करें सेलेनियम वेबड्रिवर में पॉपअप जावा एसोसिएटिव- सरणी मैं फ्प में कॉलबैक कैसे लागू करूं? स्कीमा स्थान या नोनम्स्पेएश्चमिलोकेशन का उपयोग करके ज़्स्ड से एक्सएमएल लिंक कैसे करें? डुप्लिकेट्स को सूची से <त> सी # में हटाएं __स्लोट्स__ का उपयोग? जेक्यूजीआरआईडी चेक बॉक्स चयन राज्य को बनाए रखें पेज रिफ्रेश / रीडायर / रीलोड क्या रेज़र के साथ एक सामान्य @ हाल्पर विधि बनाना संभव है? एंड्रॉइड: अदृश्य और चले गए बीच का अंतर? मैं सी # का उपयोग कर एक विंडोज़ सेवा से एक एक्से प्रोग्राम कैसे चला सकता हूँ?
अब, जब उपयोगकर्ता सी पर एक बटन पर क्लिक करता है, तो मैं चाहता हूं कि ए को अग्रभूमि में ए लाने के लिए आवेदन करना चाहिए, यानी ए को टास्क स्टैक के शीर्ष पर होना चाहिए, एसीबी।
मैं ऐसा करने के लिए कोड कैसे लिख सकता हूँ?
वेब के समाधान से एकत्रित समाधान "अग्रभूमि (स्टैक के ऊपर) को कैसे गतिविधि लाया जाए?"
एंड्रॉइड होम स्क्रीन का उपयोग करने वाला सबसे अच्छा तरीका यह था कि ऐप लॉन्चर।
इस तरह, मेरे पैकेज में जो भी गतिविधि सबसे हाल ही में उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग की गई थी, उसे फिर सामने सामने लाया गया है। मुझे अपने ऐप के उपयोगकर्ता को वापस लाने के लिए मेरी सेवा के लंबित सूचना का उपयोग करने में यह उपयोगी पाया।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपके स्टैक पर एक गतिविधि का केवल एक उदाहरण है।
स्टार्ताक्ट्विटी से पहले इन झंडे को अपने इरादे में जोड़ें।
फ्लैग_एक्टिविटी_रेऑर्डर_तो_फ्रंट : यदि प्रसंग .स्टार्टेक्टिविटी () में उत्तीर्ण किया गया है, तो यह ध्वज लॉन्च गतिविधि को अपने कार्य के इतिहास स्टैक के सामने लाया जाएगा, अगर यह पहले से ही चल रहा है।
अधिसूचना पर क्लिक करने से कोई भी गतिविधि नहीं बनाई जाएगी, आखिरी सक्रिय गतिविधि को समस्याओं के बिना वर्तमान स्थिति को बनाए रखना बहाल किया जा सकता है।
जीटोसिस बनाम जीइटोलाइट? |
लुधियाना (नरिंदर): पंजाब में कोरोना वायरस का कहर जारी है और ऐसे में सरकार ने कुछ कामों की अनुमति दे दी है लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में राज मिस्त्री काम ना मिलने के कारण परेशान हैं और उनके घर का गुजारा काफी मुश्किल चल रहा है। राज मिस्त्रियों द्वारा अपने स्तर पर ही मिस्त्रियों की यूनियन बनाने के उपराले किए जा रहे हैं तांकि वह सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकें।
मिस्त्रियों ने बताया कि सरकार द्वारा उनको तीन-तीन हजार रुपए देने का वादा किया गया था लेकिन अभी तक उनको किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली। उन्होंने यह भी बताया कि वह काफी परेशान हैं और वह अपना गुजारा कैसे करें। राज मिस्त्रियों द्वारा अपने स्तर पर एक यूनियन बनाने की भी बात कही जा रही है लेकिन फिलहाल उनकी यूनियन रजिस्टर नहीं हुई है, जिस कारण वह इन्साफ के लिए दर-दर ठोकरे खा रहे हैं। राज मिस्त्रियों ने कहा कि सरकार को कंस्ट्रक्शन के काम खोलने चाहिए तांकि उनकी रोजी रोटी चल सके। |
विवादों में रहने वालीं मॉडल और अभिनेत्री पूनम पांडे एक बार फिर से चर्चा में हैं। पूनम पांडे ने शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर रुख किया है और क्रिमिनस केस दर्ज कराया है। पुलिस के एफआईआर लिखने से मना करने के बाद पूनम पांडे ने ये कदम उठाया है।
मामला साल २०१९ का है। जब पूनम पांडे ने आर्म्सप्राइम मीडिया नाम की एक फर्म कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। ये कंपनी एक एप बनाने वाली थी जो पूनम पांडे के नाम से होता और इसके मुनाफे में उन्हें भी हिस्सा मिलने वाला था।
नम पांडे के मुताबिक, उन्होंने ये कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था। उन्हें ऐसा लगा कि मुनाफे की शेयरिंग को लेकर भेदभाव हो रहा है। कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने के बाद उनके पास कई तरह के कॉल्स आने लगे जिसमें उनसे अलग-अलग तरह के अनुरोध किए जाते थे। इन सबसे परेशान होकर उन्होंने तीन महीने के लिए देश छोड़ दिया था लेकिन वापस आने के बाद फिर से यही सब झेलना पड़ रहा है। |
वडोदरा। नोटबंदी के बाद नकदी संकट से जूझ रहे गुजरात के व्यापारियों ने केंद्र, राज्य एवं भारतीय रिजर्व बैंक से नकदी की कमी पर हस्तक्षेप करने की मांग की है क्योंकि आभासी तौर पर उनका कारोबार एक ठहराव की स्थिति में आ गया है।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ कैट की गुजरात इकाई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और भारतीय रिजर्व बैंक इस नकदी संकट से उबरने के लिए हस्तक्षेप करे।
कैट के गुजरात के अध्यक्ष प्रमोद भगत ने कहा कि सरकार द्वारा अचानक से बड़े मूल्य के नोटों को बंद करने के इस फैसले से व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद रखने पर मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि बाजार में मान्य नोटों की कमी है।
उन्होंने कहा कि स्थिति दिन बा दिन खराब होती जा रही है क्योंकि व्यापारियों को नकदी की कमी का सामना करना पड़ रहा है और उनके बैंक खाते से निकासी पर भी कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। |
"प्रभु ने पवित्र पर्वत पर अपना नगर बसाया है। वह याकूब के नगरों की अपेक्षा सियोन के फाटकों को अधिक प्यार करता है। ईश्वर के नगर! लोग तेरा गुणगान करते हैं।"
श्रोताओ, ये थे स्तोत्र ग्रन्थ के ८७ वें भजन के प्रथम दो पद। पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल एक परिचय कार्यक्रम के अन्तर्गत विगत कुछ समय से हम स्तोत्र ग्रन्थ के भजनों की व्याख्या में संलग्न रहे हैं। इन भजनों पर मनन-चिन्तन हमारे समक्ष इस तथ्य की प्रकाशना करता है कि जीवन एक अनवरत जारी तीर्थयात्रा है और मनुष्य की इस तीर्थयात्रा में केवल ईश्वर ही उसकी ढाल, उसके रक्षक, उसके गढ़ एवं उसके शरणस्थल बनते हैं। ईश्वर हम मनुष्यों की रक्षा करते, हमें कृपा तथा गौरव प्रदान करते हैं। वे सन्मार्ग पर चलने वालों पर अपने वरदानों की वर्षा करते हैं। आवश्यकता है बस प्रभु में अपने विश्वास को सुदृढ़ करने की।
स्तोत्र ग्रन्थ के ८७ वें भजन पर यदि दृष्टिपात करें तो यह कोराह के पुत्रों का गीत है जो सियोन पर्वत का बखान करते हैं। श्रोताओ, बाईबिल में "सियोन" शब्द १५० बार दुहराया गया है। अनिवार्य रूप से "सियोन" शब्द का अर्थ है किलाबन्दी। वस्तुतः बाईबिल में एक "स्मारक" के रूप में सियोन का विचार किया गया है। सियोन को ईश्वर का निवास स्थान तथा दाऊद के गढ़ रूप में वर्णित किया गया है। बाईबिल धर्मग्रन्थ में "सियोन" शब्द का विस्तार इतने विशाल पैमाने पर विस्तृत है कि यह हम मनुष्यों को इसके आध्यात्मिक अर्थ तक ले जाता है।
८७ वें भजन के प्रथम दो पदों के अनुसार, "सियोन" ईश्वर के शहर यानि जैरूसालेम का पर्याय है। यह वह स्थल है जिससे प्रभु ईश्वर प्यार करते हैं। "सियोन" पर्वत वही पहाड़ी है जिसपर दाऊद ने अपना गढ़ बनवाया था, यह है प्रभु का नगर जो दाऊद के वंशजों के लिये स्वयं प्रभु द्वारा सुरक्षित रखा गया था। भजनकार कहता है, "प्रभु ने पवित्र पर्वत पर अपना नगर बसाया है। वह याकूब के नगरों की अपेक्षा सियोन के फाटकों को अधिक प्यार करता है। ईश्वर के नगर! लोग तेरा गुणगान करते हैं।"
श्रोताओ, जैसा कि हमने पहले कहा स्तोत्र ग्रन्थ का ८७ वाँ भजन कोराह के पुत्रों का गीत है जो इब्रानी बाईबिल के अनुसार मूसा एवं हारून के रिश्तेदार थे। "सियोन" पर्वत पर बसा जैरूसालेम ईश्वर का नगर है इसीलिये यह इस्राएल तथा ईश प्रजा की अनवरत जारी तीर्थयात्रा का लक्ष्य बन गया है। वस्तुतः, पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल में "सियोन" शब्द धर्मसैद्धान्तिक, ईशशास्त्रीय एवं आध्यात्मिक अर्थों में भी प्रयुक्त हुआ है। प्राचीन व्यवस्थान के इसायह के ग्रन्थ ६० अध्याय के १४ वें पद में लिखा है, "वे तुझे "प्रभु की नगरी" और "परमपावन ईश्वर का सियोन" कहकर पुकारेंगे।"
इसी प्रकार नवीन व्यवस्थान में "सियोन" को ईश्वर के आध्यात्मिक राज्य रूप में वर्णित किया गया है। इब्रनियों को प्रेषित पत्र के १२ वें अध्याय के २२ वें एवं २३ वें पदों में सन्त पौल लिखते हैं, "आप लोग सियोन पर्वत, जीवन्त ईश्वर के नगर, स्वर्गिक जैरूसालेम के पास पहुँचे जहाँ सबका न्यायकर्त्ता ईश्वर और नवीन विधान के मध्यस्थ येसु विराजमान हैं, जिनका छिड़काया हुआ रक्त हाबिल के रक्त से कहीं अधिक कल्याणकारी है।"
इस प्रकार हम देखते हैं कि स्तोत्र ग्रन्थ के ८७ वें भजन में सियोन पर्वत एवं उस पर बसे जैरूसालेम नगर को ईश्वर की पवित्र नगरी कहा गया है। कल्पना कीजिये कि जब श्रद्धालु सियोन की ऊँची पहाड़ी पर चढ़ते हुए जैरूसालेम की तीर्थयात्रा करते थे तब वे क्या देखते थे? वे केवल नगर की दीवारों, घरों, दूकानों एवं चौकों को ही नहीं देखते थे। वे हर्षोल्लास एवं जीवन से परिपूर्ण एक नगर का दीदार करते थे और ऐसा इसलिये था कि इस नगर की आधारशिला मनुष्यों ने नहीं अपितु स्वयं प्रभु ईश्वर ने रखी थी।
पवित्र पर्वत सियोन और उसपर बसी पवित्र नगरी जैरूसालेम ईश्वर की थी जिन्होंने इसे अपनी प्रजा के लिये चुना था। इसायाह के ग्रन्थ के १४ वें अध्याय के ३२ वें पद में हम पढ़ते हैं, "प्रभु ने सियोन की नींव डाली है और उसमें उसकी विनम्र प्रजा सुरक्षित रहेगी।" इसीलिये भजनकार कहता है कि ईश्वर "याकूब के नगरों की अपेक्षा सियोन के फाटकों को अधिक प्यार करता है। ईश्वर के नगर! लोग तेरा गुणगान करते हैं।"
८७ वें भजन में आगे लिखा है, "मिस्र और बाबुल के लोग उसके नागरिक कहलायेंगे। फिलिस्तिया, तीरूस और इथियोपिया सियोन को अपना जन्मस्थान मानेंगे। सब लोग सियोन को अपनी माता कहेंगे, क्योंकि सब वहीं उत्पन्न हुए हैं। सर्वोच्च प्रभु उसे सुदृढ़ बनाये रखता है।" प्रभु राष्टों की सूची में उनके विषय में लिखता है कि सियोन उनका जन्मस्थान है। सब के सब नृत्य करते हुए सियोन का गुणगान करते हैं।"
श्रोताओ, इन पदों में सियोन को ईश प्रजा का जन्मस्थल बताया गया है और खास बात तो यह कि इन लोगों में मिस्र एवं बाबुल के लोग भी शामिल हैं। मिस्र जिसने ईशप्रजा को दास बनाकर कई सदियों तक प्रताड़ित किया था। वही मिस्र जिसने गुलामी से मुक्ति पाने के लिये भागते इस्रालियों पर आक्रमण किया था तथा उन्हें उजाड़ प्रदेशों से गुज़रने के लिये मजबूर किया था। साथ ही "बाबुल" का भी नाम लिया गया था जिसने ५८७ ईसा पूर्व नबूखेदनज़र के शासनकाल में जैरूसालेम का विनाश कर इस्राएलियों को बन्दी लिया था।
प्रश्न उठता है कि भजनकार ने इस्राएल की अन्य जातियों के साथ-साथ मिस्र और बाबुल को क्यों शामिल किया? श्रोताओ, इसका एक ही उत्तर है कि प्रभु ईश्वर दयालु हैं, उनकी दया और उनका प्यार असीम है जो सबको क्षमा देता और सबको नवजीवन जीने के लिये आमंत्रित करता है। |
गर्भवस्था महिलाओं के लिए सबसे मुश्किल भरे दिन होते है। इस समय उन्हें कई चीजों का ख्याल रखना जरुरी है। साबुन और शैंपू जैसे व्यक्तिगत देखभाल के उत्पादों, डिब्बाबंद खाद्य और कई अन्य दैनिक उत्पादों के लंबे समय तक संपर्क में रहना गर्भपात का कारण हो सकता है।
कुछ फैथलेट्स के उच्च स्तरों से संपर्क में रहने का गर्भपात से संबंध हो सकता है। इनमें से कई उत्पाद रंग-रोगन, मेडिकल ट्यूब्स, विनायल फ्लोरिंग, साबुन, शैंपू और अन्य चीजों में शामिल होते हैं।
इनके कम स्तर के कुछ मिश्रणों से लंबे समय तक संपर्क में रहना प्रयोगशालाओं के जीवों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है और उनके गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि कारखानों में काम करने के कारण फैथलेट्स के उच्च स्तरों से संपर्क में आने वाली महिलाएं के गर्भपात का खतरा अधिक होता है। |
आप अच्छे से हर रोज़ मॉइस्चराइज़र लगाते हैं, लेकिन फिर भी आपकी स्किन ड्राई है। ऐसे में आपको पानी ज़्यादा पीने की ज़रूरत है।
अगर बिना किसी बीमारी या कारण आपके सिर में दर्द हो तो ये शरीर में पानी कम होने का संकेत हैं। पानी की कमी होने पर शरीर में ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह में कमी हो जाती है। जिस वजह से सिर में दर्द होने लगता हैं।
यह थोड़ा अजीब है, लेकिन दिन में कम से कम दो बार पेशाब करते वक्त उसका कलर नोटिस करें। अगर उसका रंग हल्का पीला है, तो ठीक है। लेकिन अगर गहरा पीला या भूरा है तो आपको तुरंत पानी पीने की ज़रूरत है।
भूख को प्यास के साथ कभी मिक्स ना करें। अगर आपको खाना खाकर भी भूख लगता है, तो पहले १ गिलास पानी पिएं और फिर खाना खाएं।
अचानक चक्कर आने के कई सारे कारण हो सकते हैं, मसलन दवाओं का असर, नींद की कमी, लेकिन पानी की कमी एक और अहम कारण है। |
बाढ़ पीड़ितों के खाने के लिए लाले पड़े हैं नहीं की जा रही है बाढ़ पीड़ितों की किसी भी प्रकार की कोई सहायता।
जलभराव से गुस्साए लोगों ने शुक्रवार शाम गुजैनी हाइवे जाम कर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इससे रामादेवी से भौंती तक करीब १२ किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाकर हाइवे से हटाने की कोशिश की तो मामला और भड़क गया। भीड़ ने पुलिस पर पथराव और वाहनों में आगजनी शुरू कर दी। पुलिसकर्मी भी जान बचाकर भाग निकले। एक इंस्पेक्टर ने मोर्चा लिया और फायरिंग की, तब भीड़ तितर-बितर हुई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ पर काबू पाया। पथराव में पुलिस कर्मियों समेत १० से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। ढाई घंटे बाद ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू हो सकी।
शहर में लगातार हो रही बारिश से चार दिन से साउथ सिटी के दर्जनों मोहल्ले जलमग्न हैं। बर्रा, मायापुरम, मेहरबान सिंह का पुरवा, रविदासपुरम, कंचनपुरवा, बिहारीपुरवा, गोपाल नगर में छह-सात फीट तक पानी भरा है। पांच हजार से ज्यादा लोग घरों को छोड़ चुके हैं। जलभराव से प्रभावित इलाकों के सैकड़ों लोग शाम करीब चार बजे गुजैनी हाइवे पर पहुंचे और हाइवे और फ्लाईओवर जाम कर दिया। थोड़ी देर में जाम की स्थिति विकराल हो गई। बर्रा थानाप्रभारी रवि श्रीवास्तव फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। भीड़ को समझाने की कोशिश की पर लोग नहीं माने। इसके बाद एसीएम, सीओ गोविंद नगर, कई थानों की फोर्स और पीएसी पहुंच गई।
अफसरों ने जल्द जलनिकासी की व्यवस्था कराने का भरोसा देकर लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने अनसुना कर दिया। साथ ही उग्र हो गए और पथराव व आगजनी चालू कर दी। कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। चार वाहनों में आग लगा दी। भीड़ को बेकाबू होता देख तमाम पुलिसकर्मी अपनी जान बचाने को इधर-उधर दुबक गए। इसी बीच एक इंस्पेक्टर ने फायरिंग कर दी। इससे भीड़ में भगदड़ मच गई। इससे बाद पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया। तब हालात पर काबू पाया जा सका। इसके बाद डीएम विजय विश्वास पंत ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाया। |
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कल शाम यहां उनके निवास कार्यालय में अटल श्रीवास्तव के नेतृत्व में आए बिलासपुर के औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की । प्रतिनिधिमण्डल में बिलासपुर के जिला उद्योग संघ तथा द फेडेरेशन ऑफ राइस मिलर्स के पदाधिकारी शामिल थे। इस मुलाकात में उद्यमियों ने राज्य में ९० प्रतिशत एमएसएमई सेक्टर में कार्य प्रारम्भ होने एवं औसतन ६० प्रतिशत उत्पादन प्रारम्भ होने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया और राज्य में कोरोना के नियंत्रण एवं बचाव हेतु सरकार द्वारा किये गए कार्यों की प्रशंसा की। प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के उद्योगों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। श्री बघेल ने समस्याओं के निराकरण हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन उद्यमियों को दिया। इस अवसर पर रामावतार अग्रवाल, हरीश केडिया, अरविंद गर्ग, अभिषेक सुल्तानिया सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। |
फीफा और कतर की आयोजक समिति ने २०२२ में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए आधिकारिक लोगो का अनावरण किया है। दोहा में जब मंगलवार शाम को घड़ी की सूई ने ८:२२ बजाए तब विशाल स्क्रीनों पर एक लोगो उभरा। यह लोगो कतर की बड़ी इमारतों और २४ अन्य देशों में देखा गया।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, लोगो की शेप विश्व कप की ट्रोफी जैसी है। लोगो को दोहा से लेकर कुवैत और मोरक्को की कई इमारतों पर दर्शाया गया। हालांकि, इस आयोजन में सऊदी अरब, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र शामिल नहीं थे क्योंकि इन सभी देशों ने २०१७ में कतर के साथ राजनयिक संबंधों को समाप्त कर दिए थे और गैस-समृद्ध राष्ट्र के साथ व्यापार एवं परिवहन का भी बहिष्कार किया।
इसके अलावा, वर्ल्ड कप का लोगो न्यू यॉर्क, ब्यूनस आयर्स, साओ पाउलो, सैंटियागो, मेक्सिको सिटी, जोहान्सबर्ग, लंदन, पैरिस, बर्लिन, मिलान, मेड्रिड, मॉस्को, मुंबई, सियोल और तुर्की के १० जिलों में दिखा। आगामी विश्व कप यहां सर्दियों में खेला जाएगा। इतिहास में पहली बार ऐसा होगा क्योंकि कतर की गर्मी खिलाड़ियों के मैच खेलने के अनुकूल नहीं है। |
कसया। बुद्ध पीजी कॉलेज कुशीनगर के छात्रसंघ चुनाव में विकास कुमार जायसवाल अध्यक्ष, सीता सिंह महामंत्री और कुन्दन सिंह उपाध्यक्ष चुन लिये गये। मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हुए मतदान का परिणाम देर शाम घोषित हुआ। कॉलेज प्रशासन ने लगे हाथ निर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण भी करा दिया।
निर्वाचित अध्यक्ष विकास कुमार जायसवाल को ११४३ मत मिले, ६२९ मत पाकर रत्नेश मिश्रा दूसरे स्थान पर रहे। अध्यक्ष पद के अन्य दावेदार पवन दुबे को ४६० मत, सोमेश चतुर्वेदी को १६५ मत और अरुण कुमार सिंह को ७५ मत पाकर संतोष करना पड़ा। निर्वाचित उपाध्यक्ष कुन्दन सिंह को १५८९ मत मिले, अरुण चतुर्वेदी ६८० मत दूसरे स्थान पर तथा पुष्पेन्द्र वर्मा २०३ मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। निर्वाचित महामंत्री सीता सिंह को १४९९ मत मिले, रामेश्वर कुशवाहा ९६५ मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। पुस्तकालय मंत्री पद पर विजयी विनीत सिंह को १३१५ मत तथा चंदन राज को १०४३ मत मिले। इसके अलावा संकाय प्रतिनिधियों का भी चुनाव हुआ। कॉलेज प्रशासन ने मतगणना के तत्काल बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों को बुलाकर शपथग्रहण करा दिया और प्रमाणपत्र भी प्रदान कर दिया। कॉलेज के कुल ५३७६ छात्र मतदाताओं के २६२१ मतदाताओं ने मतदान किया। इनमें से १२३ के मत अवैध घोषित किये गये। शपथ ग्रहण के दौरान ही प्राचार्य डा. एनपी राय ने कॉलेज में दो दिनों के अवकाश की घोषणा की। अब कॉलेज सात दिसंबर को खुलेगा। |
नई दिल्ली: लद्दाख बॉर्डर पर चीन और भारत के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है। चीन ने भारत के खिलाफ साजिश करते हुए लद्दाख सीमा पर अपने सैनिकों की भारी तैनाती की। चीन की सेना ने गलवान घाटी में कई टेंट गाड़ लिए हैं और पैगोंग झील के पास अपनी गश्त बढ़ा दी है। चीन ने इस पूरी साजिश में भारत को धोखा दिया।
सूत्रों के मुताबिक, चीन ने पूरी प्लानिंग के तहत ऐसा किया। एक ओर चीनी सेना ल्हासा सैन्य जिले की सीमा पर अभ्यास में जुटी रही तो दूसरी ओर तेजी से अपने सैनिकों को ट्रकों के जरिये भारतीय सीमा के पास भेजने की गुपचुप साजिश करती रही।
बताया जा रहा है कि आसपास के इलाकों के ट्रकों को इस काम के लिए बुलाया गया। पीएलए यहां एक हवाई क्षेत्र पर कब्जा करने में लगा था और इसके विस्तार के लिए कीचड़ की आपूर्ति की गयी। इसी कीचड़ की आपूर्ति के नाम पर भारी वाहनोँ से सैनिकों को भारतीय सीमा के पास एकत्र किया गया।
गौरतलब है कि इसी महीने के शुरुआती हफ्ते में चीनी सैनिकों ने एलएसी पर आक्रामक तरीके से निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। चीन ने यहां भारतीय इलाकों पर निर्माण करने का प्रयास किया, जिसपर देश ने आपत्ति जताई थी।
चीन दशकों से भारत के इन क्षेत्रों पर अपना अधिपत्य करना चाहता है। इसके लिए चीन क्षेत्र में सड़कों की कनेक्टिविटी पर भी तेजी से काम कर रहा है। |
एक्ट्रेस रानी मुखर्जी की अपकमिंग फिल्म "मर्दानी २" १३ दिसंबर को रिलीज होने वाली है। फिल्म में रानी एक पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाते हुए नजर आएंगी।
रानी मुखर्जी ने गुरुवार को मुंबई में पुलिस ऑफिसर्स के लिए अपनी अपकमिंग फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी थी।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए रानी ने कहा कि अगर देखा जाय तो हर एक लड़की में मर्दानी है।
रानी ने कहा, "आज हमने इस शो में सभी शिवानियों को बुलाया है। हमारे देश में हर जगह बहुत सारी शिवानियां है। ये जरूरी नही कि आप सिर्फ वर्दी पहनकर ही मर्दानी का रूप दिखा सकते हैं। हर लड़की में एक मर्दानी है, और हर लड़की में एक दुर्गा छुपी है। आजकल जिस तरह की स्थिति में हम जी रहे है, उसके लिए बस हमारे अंदर का जो पॉवर है, उसे जगाने की बहुत जरूरत है।"
फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है, और इसे दर्शकों से बहुत प्यार मिल रहा है।
ट्रेलर को मिलने वाले रिस्पांस के बारे में बात करते हुए रानी ने कहा, "इन पुलिस ऑफिसर्स ने फिल्म देखा और इनलोगों से मुझे बहुत ही अच्छा फीडबैक मिला। इनलोगों ने मेरा हौसला और भी बुलंद कर दिया। मैं यही प्रार्थना कर रही हूं कि १३ दिसंबर को जब फिल्म रिलीज हो, तो हर किसी का रिएक्शन इनकी तरह हो।"
फिल्म का डायरेक्शन गोपी पुत्रन ने किया है और प्रोडक्शन आदित्य चोपड़ा का है। मर्दानी २ को यश राज फिल्म्स के बैनर तले रिलीज किया जाएगा। फिल्म १३ दिसंबर को रिलीज होने वाली है। |
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज आसपास के इलाकों के किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे और हजारों लोगों में उसे मुफ्त बांटा। यह एक प्रतीकात्मक विरोध था कि उनको सब्जियों के इतने दाम भी नहीं मिल रहे कि वे उसे ढोकर शहर तक ला सकें। महीने भर से प्रदेश में जगह-जगह से ये खबरें आ रही थीं कि लोग ट्रक भर-भर के टमाटर सड़कों पर बिखरा रहे थे कि उनकी उपज का कोई बाजार नहीं रह गया। अब सरकार के स्तर पर यह खबर आ रही है कि राज्य में कई कोल्ड स्टोरेज बढ़ाए जाएंगे, ताकि सब्जियों को वहां रखकर बचाया जा सके, और बाजार में दाम ठीक मिलने पर उन्हें बेचा जा सके।
यह एक ऐसा मोड़ है कि सरकार को बाजार के साथ मिलकर यह भी सोचना चाहिए कि इसे खर्चीले कोल्ड स्टोरेज बनाने हैं, या कि फल-सब्जियों और वनोपज की प्रोसेसिंग करने वाले छोटे-बड़े कारखाने? कोल्ड स्टोरेज में किसी सामान को रखना दो हिसाब से खर्चीला होता है, एक तो किसान को तुरंत दाम नहीं मिल पाते और उसके बैंक-कर्ज का ब्याज बढ़ते रहता है, और दूसरी बात यह कि उसे कोल्ड स्टोरेज में उपज रखने का भाड़ा देते रहना पड़ता है। नतीजा यह होता है कि एक वक्त के बाद इस भाड़े को मिलाकर लागत इतनी बढ़ जाती है कि किसान कहीं के नहीं रहते। अभी पिछले हफ्ते ही उत्तरप्रदेश में कुछ जगहों से खबरें आई हैं कि किराए से थके हुए किसानों या व्यापारियों ने कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालकर सड़कों पर फेंक दिए और उनके सडऩे से भयानक बदबू फैली और बीमारी फैलने का खतरा खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ में भी हो सकता है कि सब्जी का यही हाल होने लगे, और किसान आज तो सड़कों पर सब्जी फेंक रहे हैं, या कि मुफ्त में बांट रहे हैं, कल वे कोल्ड स्टोरेज के भी कर्जदार हो जाएंगे। |
मुंबई। बिग गंगा के लोकप्रिय भोजपुरी कॉमेडी टीवी शो बगल वाली जान मारेली की अदाकारा गुंजन पंत इस जन्माष्टमी राधा रानी के गेट अप में नजर आने वाली हैं। जी हां, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इस बार शो बगल वाली जान मारेली राधे कृष्ण के थीम पर शूट किया गया है, जिसमें गुंजन पंत राधा रानी के बेहद आकर्षक गेट अप में नजर आ रही हैं। इनकी तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया में भी आ चुकी हैं।
शो में राधा रानी के किरदार को लेकर किस मिस भौजी यानी गुंजन पंत बेहद उत्साहित हैं और कहती हैं, वैसे तो शो में हमने कई तरह के त्योहार मनाये हैं, लेकिन जन्माष्टमी मानने का मौका मुझे पहली बार मिल रहा है। यह मेरे लिए बेहद खास है और शूट के दौरान राधा रानी के किरदार को प्ले करने में मजा भी आया। गुंजन ने कहा कि श्री कृष्ण जी को मैं अपना भाई समझती हूं और उन्हें राखी भी बांधती हूं। कृष्ण से मेरा विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी कई सारी फिल्मों में मेरे किरदार का नाम राधा रहा है और आज जब इस शो में मुझे राधा का रोल करने का मौका मिला है, बहुत अच्छा लग रहा है।
वहीं, गुंजन के पीआरओ संजय भूषण पटियाला ने बताया कि मार्च में शुरू हुई गुंजन पंत की भोजपुरी कॉमेडी टीवी शो बगल वाली जान मारेली ने अभी हाल ही में अपने सफलतापूर्वक १०० एपिसोड पूरे कर लिये हैं, जिसको लेकर भी गुंजन बेहद खुश हैं। इस दौरान गुंजन को उनके चाहने वालों से खूब सारी बधाईयां भी मिली हैं। यह शो लोगों को खूब पसंद आ रही है और उसमें गुंजन के किस मिस भौजी का किरदार सुपर हिट हो चुका है। खास कर महिला दर्शकों के बीच गुंजन की फैन फॉलोइंग काफी बढ़ चुकी है और उन्हें प्यार भरे कई ग्रीटिंग्स भी मिले हैं। |
यदि आप अपनी सुंदरता के बारे में चिंतित हैं तो नाइट क्रीम को निश्चित रूप से सौंदर्य उत्पादों की सूची में जाना चाहिए। जब हम सो रहे होते हैं तो हमारी खाल सबसे ज्यादा काम करती है और रात की क्रीम त्वचा को अधिक प्रभावी ढंग से काम करने देती है ताकि जब मैं उठूं और दर्पण को देखूं तो हम एक निष्पक्ष और दाग रहित चेहरा देखें। नाइट क्रीम उत्कृष्ट सौंदर्य उत्पाद हैं। वे रात भर काम करते हैं ताकि आप एक निर्दोष, नरम त्वचा के साथ जाग सकें।
कई कंपनियां हैं जो नाइट क्रीम का निर्माण करती हैं। लेकिन क्या ये सभी एक ही हैं? नहीं! कुछ कंपनियां हमेशा दूसरों की तुलना में बेहतर उत्पाद उपलब्ध कराती हैं। तालाब सौंदर्य उत्पादों की दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक है। वे उन ब्रांडों में से एक हैं, जो ग्राहकों के लिए पूरी तरह से वफादार हैं और हमेशा उन्हें नाइट क्रीम सहित क्लास ब्यूटी प्रोडक्ट्स में सर्वश्रेष्ठ प्रदान करते हैं।
यह रात क्रीम एक प्रभावी सूत्र है जो उपयोगकर्ता को नरम और निर्दोष त्वचा प्राप्त करने की अनुमति देता है। उत्पाद अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड और एक प्रभावी त्वचा नवीकरण परिसर से भरा है जो त्वचा को अंदर से चमकदार और चिकनी बनाता है। उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने और त्वचा को चमकदार बनाने के लिए क्रीम भी प्रभावी साबित हुई है। कुछ हफ्तों के लिए इस उत्पाद को लागू करने के बाद, आपको दृश्यमान परिणाम मिलेंगे।
जब रात क्रीम खरीदने की बात आती है, तो आप सिर्फ तालाबों के नाम की अनदेखी नहीं कर सकते। वे शीर्ष श्रेणी के नाइट क्रीम की बड़ी विविधता त्वचा को अंदर से मुक्त करने और इसे निष्पक्ष और निर्दोष बनाने में प्रभावी रूप से काम करते हैं। गोल्ड रेडिएशन नाइट क्रीम सोने के सूक्ष्म कणों के साथ आता है जो उपयोगकर्ता को युवा और आकर्षक लुक प्रदान करने में मदद करेगा। बिस्तर पर जाने से पहले इस क्रीम को लगाएं ताकि यह शानदार उत्पाद त्वचा की चमक को फिर से पा सके। यह सुस्तता को कम करके त्वचा की मरम्मत करेगा और उम्र बढ़ने के विभिन्न संकेतों को समाप्त करके इसे फिर से जीवंत करेगा।
पॉन्ड्स का यह विशेष उत्पाद त्वचा को उज्ज्वल करेगा और इसे कोर से निष्पक्ष और निर्दोष बना देगा। क्रीम को रात में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि यह रात भर काम कर सके और त्वचा को वाओ-ब३ की मदद से चमका सके जो त्वचा के नुकसान से लड़ने में सफल साबित हुई है और त्वचा में पाए जाने वाले काले धब्बों से भी छुटकारा दिलाती है। इन सब के साथ, क्रीम आपकी त्वचा को विटामिन ई और नियासिनमाइड की अच्छाई प्रदान करने के लिए भी बनाई गई है जो त्वचा को बेदाग बनाएगी।
चूँकि हम सोते समय त्वचा सबसे ज्यादा काम करते हैं, पॉन्ड्स इस शानदार क्रीम के साथ आए हैं जो त्वचा को पुनर्जीवित करने और इसे स्पॉट-फ्री बनाने के लिए रात भर काम करता है। यह क्रीम एक समृद्ध, तेल मुक्त बनावट का खेल है जो त्वचा को सभी प्रकार की बाहरी क्षति से मुक्त करने के लिए रात भर काम करता है। तालाबों से एज मिरेकल डीप एक्शन नाइट क्रीम शायद सबसे अच्छी क्रीम में से एक है, जब यह झुर्रियां, काले धब्बे, दिखाई देने वाली महीन रेखाओं आदि को हटाने की बात आती है, तो इस क्रीम को लगाने से आप एक दमकती और जवां त्वचा पा सकती हैं। इस क्रीम का दैनिक उपयोग उपयोगकर्ता को दृश्यमान परिणाम प्रदान करेगा। |
कई हफ्तों से बिजनेस अख़बारों की कतरनों से आर्थिक संकटों के संकेतों को चुन-चुन कर अपने फेसबुक पेज @रविष्कापागे पर जमा कर रहा हूं। कई लोगों को लगा कि मैं निगेटिव हो गया हूं। निगेविट को निगेटिव कहना ही पोज़िटिव है। झूठ को सत्य कहना संसार का सबसे पोज़िटिव कर्तव्य है। अख़बारों की दबी छिपी हेडलाइन देखिए, सरकार भी कह रही है कि अर्थव्यवस्था को धक्का देने के लिए पैकेज बना रहे हैं।आर्थिक संकट की ख़बरों से कई लोग नाराज़ हो रहे थे और विनती करने लगे कि एक तो काम अच्छा होगा सरकार का। दोस्तों, मैं ऑन डिमांड तारीफ़ की होम डिलिवरी नहीं करता हूं। नब्बे फीसदी मीडिया ये काम दिन रात कर रहा है। आपका उससे मन भर जाना चाहिए। आप ख़ुद बता दीजिए कि कौन सा सेक्टर हैं जहां दनादन प्रगति हो रही है और रोज़गार मिल रहा है।
नेपाल चुनावों में यूरोपियन यूनियन ने किया पर्यवेक्षण मिशन (ए.ओ.म.) का गठन, नियुक्त किये पर्यवेक्षक।
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दोस्तों, मैं ऑन डिमांड तारीफ़ की होम डिलिवरी नहीं करता हूं। आप ख़ुद बता दीजिए कि कौन सा सेक्टर हैं जहां दनादन प्रगति हो रही है और रोज़गार मिल रहा है। यह हमारे समय का सबसे बड़ा सत्य है कि हमारा समाज डरा हुआ है। व्यापारी आयकर, एक्साइज़ विभाग के डर से नहीं बोल रहा है, विपक्ष सीबीआई के डर से पलायन कर रहा है, संपादक-पत्रकारों पर भी डर हावी है। आप इसका मज़ाक उड़ाते रहिए, लेकिन जो सत्य है वो सत्य है। सरकार से ज़्यादा ये जांच एजेंसियां देश चला रही हैं। समाज को नियंत्रित कर रही हैं। नोवटबंदी दुनिया का सबसे बड़ा मूर्खतापूर्ण आर्थिक फैसला था। किसी भी तरह के आंकड़े उठाकर देख लीजिए। यह एक बकवास तर्क है कि मंशा सही थी, लागू सही नहीं हुआ। यही तर्क जीएसटी में भी दिया जा रहा है। जब आप सही से लागू ही नहीं कर पा रहे हैं, तो मंशा किस बात की सही थी। तीन महीने हो गए जीएसटी में फार्म भरने की समस्या दूर नहीं हुई है। |
आफ्टर कंगना रनात स्टारेर मणिकर्णिका झांसी की रानी ऑन त्व : कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका' लोगों को काफी पसंद आ रही है। बड़े पर्दे के बाद अब छोटे पर्दे पर भी मणिकर्णिका की कहानी को देखने को मिलेगी।
आफ्टर कंगना रनात स्टारेर मणिकर्णिका झांसी की रानी ऑन त्व: हाल ही में रिलीज फिल्म 'मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी' लोगों को काफी पसंद आ रही है। १०० करोड़ की कमाई करने के बाद यह फिल्म अभी भी सिनेमा हॉल में बनी हुई है। फिल्म में कंगना रनौत मुख्य भूमिका में नजर आ रही हैं। वहीं बड़े पर्दे पर धमाल मचाने के बाद अब छोटे पर्दे पर भी मणिकर्णिका का जादू लोगों के बीच छाने वाला है।
बॉलीवुड की कई ऐसी फिल्म हैं जिसे टीवी शो के रूप में काफी पसंद किया गया है। अब इस लिस्ट में 'खूब लड़ी मर्दानी-झांसी की रानी' का भी नाम जुड़ने वाला है। इस सीरियल में रानी लक्ष्मी बाई के रोल में अनुष्का सेन दिखने वाली हैं। अनुष्का १६ साल की हैं और इससे पहले कई टीवी सीरियल में नजर आ चुकी है। बता दें कि 'खूब लड़ी मर्दानी-झांसी की रानी' के प्रोमो के साथ-साथ ही लोगों को अनुष्का सेन का लुक भी काफी पसंद आ रहा है।
अनुष्का 'खूब लड़ी मर्दानी-झांसी की रानी' में अपने किरदार के लिए काफी तैयारी कर रही हैं। घुड़सवारी से लेकर तलवारबाजी तक के लिए उन्होंने ट्रेनिंग ली है। प्रोमो के रिलीज के बाद उनके हर एक लुक पर काफी चर्चा हो रही है। बता दें कि कर्लस पर आने वाला यह टीवी शो 'झांसी की रानी' का प्रसारण ११ फरवरी से रात ९.३० बजे से होने वाला है। शो में अनुष्का के ऑपोजिट विकास मानकताला दिखाई देंगे। 'झांसी की रानी' के अलावा अनुष्का टीवी शो बाल वीर, देवो के देव....महादेव जैसे सीरियल में नजर आ चुकी हैं।
फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी रिलीज होने के बाद अनुष्का को कंगना रनौत से भी तुलना की जा रही है। वहीं बात करें कंगना रनौत की तो एक्ट्रेस अपनी फिल्म की सफलता को लेकर काफी खुश हैं। इस फिल्म में कंगना रनौत के अलावा एक्ट्रेस अंकिला लोखंडे भी अहम भूमिका में नजर आ रही हैं। |
"मिनि रत्न" कम्पनी रील ने दिनांक १४ से २८ सितम्बर, २०१३ तक "हिन्दी पखवाड़ा" मनाया, जो कि हिन्दी दिवस से आरम्भ होकर २८ सितम्बर को पूर्ण हुआ। हिन्दी पखवाड़े के आयोजन में हिन्दी निबन्ध प्रतियोगिता व हिन्दी अनुवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया एवं कम्पनी कर्मचारियों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।
२८ सितम्बर को हिन्दी पखवाड़े के सफलतापूर्वक आयोजन का समापन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर रील के प्रबन्ध निदेशक श्री ए.के. जैन एवं मुख्य अतिथि प्रो. सुरेन्द्र उपाध्याय पूर्व विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय एवं वर्तमान अध्यक्ष ब्रजभाषा अकादमी, राजस्थान उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रबन्ध निदेशक श्री ए.के. जैन एवं प्रो. सुरेन्द्र उपाध्याय द्वारा प्रतियोगिताओं में विजेता रहे कर्मचारियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किये गये।
प्रो. सुरेन्द्र उपाध्याय ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था एवं उसका वैश्वीकरण के प्ररिपेक्ष में हिन्दी भाषा की बढ़ती आवश्यकता, शक्ति व महत्ता पर प्रकाश डाला, कर्मचारियों के समक्ष अपने अनुभव को बांटा एवं उन्होंने हिन्दी को बढ़ावा देने की दिशा में जोर दिया।
इस अवसर पर कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक श्री ए.के. जैन ने बताया कि कम्पनी राजभाषा हिन्दी को निरन्तर बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है एवं डेयरी क्षेत्र के लिए पर्सनल कम्प्यूटर आधारित उत्पादों को जनोपयोगी बनाने हेतु हिन्दी एवं संविधान में सम्मलित अन्य भाषाओं से सवंर्धित सॉफ्टवेयर विकसित किये हैं। उपभोक्ता अपने क्षेत्र में कार्य मे ली जाने वाली भाषा में कार्य निष्पादन कर सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उन्होने रील राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा निष्पादित प्रयासों की सराहना की, साथ ही उत्पादन कार्यक्षेत्र से संबंधित कार्यकलापो में हिन्दी को भी शामिल करने पर जोर दिया।
श्री अजय भार्गव, अध्यक्ष, रील राजभाषा कार्यान्वयन समिति ने कम्पनी में हिन्दी में होने वाले कार्यो को विस्तार से बताया एवं श्री पी.एन. शर्मा, सचिव, रील राजभाषा कार्यान्वयन समिति ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। |
आज से नवरात्रि शुरु हो गई है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नौ रूप हैं शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंधमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री हैं। इन नौ रातों में तीन देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ रुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना होती है। मां शैलपुत्री का दर्शन कलश स्थापना के साथ ही प्रारम्भ हो जाता है।
'वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल और कन्याओं को उत्तम वर की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक को मूलाधार चक्र जाग्रत होने से प्राप्त होने वाली सिद्धियां हासिल होती हैं। बताया जाता है कि नवरात्रों में मां दुर्गा अपने असल रुप में पृथ्वी पर ही रहती है। इन नौ दिनों में पूजा कर हर व्यक्ति माता दुर्गा को प्रसन्न करना चाहता है। जिसके लिए वह मां के नौ स्वरुपों की पूजा-अर्चना और व्रत रखता है। जिससे मां की कृपा उन पर हमेशा बनी रहें।
नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या थीं, तब इनका नाम सती था। इनका विवाह भगवान शंकरजी से हुआ था। प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती और हैमवती भी उन्हीं के नाम हैं। उपनिषद् की एक कथा के अनुसार, इन्हीं ने हैमवती स्वरूप से देवताओं का गर्व-भंजन किया था। नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनन्त हैं। |
दुर्गा का निरूपण सिंह पर सवार एक देवी के रूप में की जाती है। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं जिन सभी में कोई न कोई शस्त्रास्त्र होते है। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया। महिषासुर (= महिष + असुर = भैंसा जैसा असुर) करतीं हैं। हिन्दू ग्रन्थों में वे शिव की पत्नी दुर्गा के रूप में वर्णित हैं। जिन ज्योतिर्लिंगों मैं देवी दुर्गा की स्थापना रहती है उनको सिद्धपीठ कहते है। वहाँ किये गए सभी संकल्प पूर्ण होते है। माता का दुर्गा देवी नाम दुर्गम नाम के महान दैत्य का वध करने के कारण पड़ा। माता ने शताक्षी स्वरूप धारण किया और उसके बाद शाकंभरी देवी के नाम से विख्यात हुई शाकंभरी देवी ने ही दुर्गमासुर का वध किया। जिसके कारण वे समस्त ब्रह्मांड में दुर्गा देवी के नाम से भी विख्यात हो गई। माता के देश में अनेकों मंदिर हैं कहीं पर महिषासुरमर्दिनि शक्तिपीठ तो कहीं पर कामाख्या देवी। यही देवी कोलकाता में महाकाली के नाम से विख्यात और सहारनपुर सिद्धपीठ शाकंभरी देवी के रूप में ये ही पूजी जाती हैं।
दुर्गा सप्तशती के अनुसार इनके १०८ नाम बतलायें गये हैं।
अन्तिम परिवर्तन ०५:०९, २२ जून २०२०। |
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे पर अड़े होने की पृष्ठभूमि में शनिवार को कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर नेताओं के इस्तीफा देने के सिलसिले की कड़ी में बिहार प्रदेश कांग्रेस के दो और नेताओं ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे पर अड़े होने की पृष्ठभूमि में शनिवार को कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर नेताओं के इस्तीफा देने के सिलसिले की कड़ी में बिहार प्रदेश कांग्रेस के दो और नेताओं ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में प्रदेश कॉर्डिनेशन समिति के सदस्य अनिल शर्मा और कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और राजस्थान के सह-प्रभारी तरुण कुमार ने भी शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पद से इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कई सचिवों, कई राज्य इकाइयों के पदाधिकारियों और युवा कांग्रेस एवं महिला कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए था अथवा इस्तीफे की पेशकश की थी। युवा कांग्रेस और महिला कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों ने गांधी के समर्थन में इस्तीफा देने को लेकर हस्ताक्षर मुहिम भी शुरू की है। सूत्रों के मुताबिक इस पर कई पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें ज्यादातर कनिष्ठ लोग शामिल हैं। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया भी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने गांधी के समर्थन में इस्तीफा दिया है।
लिलोठिया ने ''पीटीआई-भाषा'' से कहा, '' मैंने शुरू से ही राहुल गांधी के नेतृत्व में काम किया। मैं जानता हूं कि कांग्रेस पार्टी में उनकी क्या अहमियत है। मेरी और लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की यह भावना है कि राहुल जी कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।'' उन्होंने कहा, ''मैंने राहुल जी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए यह कदम उठाया है। इसके बाद से कई नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं। आने वाले दिनों में और नेता इस मुहिम से जुड़ेंगे।'' वैसे, इन इस्तीफों को लेकर फिलहाल पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इससे पहले बृहस्पतिवार रात पार्टी के विधि विभाग के प्रमुख विवेक तन्खा ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं को अपने पद छोड़ देने चाहिए ताकि राहुल गांधी अपनी नई टीम बना सकें। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद २५ मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया है कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें। |
गुजरात के मुख्य सचिव जे.एन. सिंह ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की जानकारी से पता चलता है कि चक्रवात गुरुवार सुबह ६ से ७ बजे के बीच वेरावल के पास दस्तक देने की संभावना है।
गुजरात के सौराष्ट्र तट से ६०० किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित चक्रवात वायु के राज्य में गुरुवार को दस्तक देने की संभावना है। इसको लेकर राज्य और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमों ने सभी तटवर्ती जिलों में इससे निपटने के लिए खाका तैयार कर लिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी मंगलवार को दी।
गुजरात के मुख्य सचिव जे.एन. सिंह ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की जानकारी से पता चलता है कि चक्रवात गुरुवार सुबह ६ से ७ बजे के बीच वेरावल के पास दस्तक देने की संभावना है। उन्होंने कहा, "यह वेरावल और महुवा (सौराष्ट्र क्षेत्र में) के बीच कहीं भी होगा, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा संभावना गिर-सोमनाथ जिले के वेरावल के पास है।"
अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात वायु मंगलवार की सुबह वेरावल के दक्षिण में ६९० किमी दूरी पर था। इसके दस्तक देने के दौरान रफ्तार ११० किलोमीटर से १३५ किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सौराष्ट्र क्षेत्र के कई तटवर्ती जिलों में भारी बारिश हो सकती है। यह पूर्व मानसून बारिश है।
मुख्य सचिव जे.एन. सिंह ने कहा कि अभी जल्दी में तटीय जिलों से तत्काल निकासी की जरूरत नहीं थी, लेकिन अगर चक्रवात किसी तरह दिशा बदलती है या अगले २४ घंटों में तेज हो जाता है तो उसी के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि एनडीआरएफ की टीमों को तटवर्ती सौराष्ट्र क्षेत्र और गिर सोमनाथ में तैनात किया गया है और वे सेना, नौसेना और भारतीय तट रक्षक बल के साथ समन्वय कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों को सार्वजनिक माध्यमों, एसएमएस और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से स्थिति के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जे.एन.सिंह ने कहा, "राज्य मशीनरी पूरी तरह से तैयार है और स्थिति से निपटने के लिए लैस है।" मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अधिकारियों के साथ मंगलवार को दो बार समीक्षा बैठक की।
सवालों का जवाब देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि ओडिशा सरकार ने केंद्र की मदद से वहां चक्रवात फानी के दौरान एक सराहनीय काम किया था और वह उनसे परामर्श करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं ओडिशा सीएस (मुख्य सचिव) से उनके अनुभव के बारे में व गुजरात में यहां जरूरत पड़ने पर क्या क्रियान्वित किया जा सकता है, इस पर बात करूंगा।" |
भूक्षरण के दो प्रकार साफ दिखाई देते हैं- बीहड़ और पहाड़ी दर्रों का क्षरण। इनके कारण देश की लगभग ४० लाख हेक्टेयर जमीन उजड़ चुकी है। इस समस्या का प्रभाव उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात पर ज्यादा पड़ा है जहां चंबल, यमुना, माही, साबरमती और उनकी सहायक नदियों के आसपास लगभग ३३ लाख हेक्टेयर जमीन हाथ से जा चुकी है। ये बीहड़ अपने पास की उपजाऊ ऊंची जमीन के कोई ६० लाख हेक्टेयर भाग को भी अपनी चपेट में लेने की तैयारी में हैं।
प्रसिद्ध चंबल घाटी के जिलों में लगभग १० प्रतिशत गांव पूरी तरह सूने हो चुके हैं। चंबल, उसकी उपनदियों के सिरों पर बीहड़, धीरे-धीरे पर बेरोक-टोक फैलता जा रहा है। वहां के लोग अक्सर कहते हैं कि बारिश से पहले ही धरती बहने लगती है। बारिश शुरू होते ही दरार चौड़ी होती जाती है और गांव की ओर फैलती आती है। लोग अप्रभावित इलाकों की ओर भागने लगते हैं और पहले से ही भीड़ भरे उन इलाकों पर भार बढ़ाते हैं। बीहड़ से प्रभावित गांवों को एकदम नहीं छोड़ा जाता है। वहां से लोग धीरे-धीरे ही खिसकते हैं। इस स्थानांतरण का नतीजा यह होता है कि जोत की जमीन के ज्यादा-से-ज्यादा टुकड़े होते जाते हैं, खेती करना मुश्किल होता जाता है और फिर खेती पुसाती नहीं।
बीहड़ कैसे बनते हैं? धरती पर वनस्पति की परत जब मजबूत नहीं रह पाती तब बारिश का पानी वहां की मिट्टी को अपने साथ बहा ले जाता है। धरती की ऊपरी सतह बह जाती है, जमीन समतल न होने के कारण, जहां भी जगह मिली वहां पानी तेजी से बहने लगता है। नाली-सी बन जाती है, उसी से दर्रे बनते हैं जो आगे चलकर बड़े-बड़े बीहड़ो में बदल जाते हैं।
बीहड़ उन गहरी घाटियों के कारण बनते हैं जहां के दर्रों में से होकर पानी समानांतर दिशा में गहरे कछार की ओर बहता है और आसपास की ऊंची जमीन से काफी नीचे गहराई में बह रही नदी में जा मिलता है। कछार की मिट्टी के कारण ऊंची जमीन की मिट्टी के भी खिसकने की समस्या खड़ी होती है। नदी अपने कछार में गहरी-गहरी नालियां बना देती हैं। पानी के इस बहाव के कारण नदी के किनारों में जगह-जगह दर्रे बनते हैं फिर वे बीहड़ का रूप धारण कर लेते हैं।
एक बार बीहड़ बन गया तो हर बारिश उसे और ज्यादा गहरा बनाती है, क्योंकि वह मिट्टी को तेजी से बहा ले जाती है। इससे किनारों में और सामने की ओर खोह बनते हैं। भारी बाढ़ के समय पानी उन बीहड़ों में भरता है जिससे किनारे टूटने लगते हैं।
बीहड़ों का निर्माण जमीन पर लोगों का दवाब ज्यादा पड़ने से हुआ होगा। कमजोर जमीन में भी उसके हरे आवरण को हटाकर खेती धीरे-धीरे बढ़ती गई। जुताई और पानी के बहाव पर ठीक ध्यान नहीं दिया, मिट्टी को बहा ले जाने वाले पानी को रोका नहीं गया और सिलसिला सालों तक जारी रहा। बीहड़ वाले इलाके में जो भी कुछ पेड़-पौधे या हरियाली बची थी, वह भी ईंधन और चारा जुटाने वालों की मजबूरी का शिकार बनी।
इन सब कारणों से दूर-दूर तक जमीन उजड़ी। भिंड और मुरैना जिलों में पिछले ३० सालों में बीहड़ के इलाके ३६ प्रतिशत बढ़े हैं। १९४३ और १९५० के बीच इन दो जिलों में सालाना ८०० हेक्टेयर बीहड़ों की वृद्धि हुई थी। १९५० और १९७५ के बीच वह मात्रा ५००० हेक्टेयर सालाना हो गई। इसका मुख्य कारण था बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई। इन जिलों में केवल २०.५८ प्रतिशत जमीन पर जंगल हैं।
आज के विकास कार्यक्रमों ने समस्या को और बढ़ा दिया है। चंबल विकास प्राधिकरण द्वारा शुरू की गई सिंचाई योजना में ज्यादा से ज्यादा जमीन पर खेती शुरू हुई। कुछ किसानों को जरूर फायदा हुआ है, पर साथ ही उसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़े हैं। इन कार्यक्रमों के कारण नहरों के लिए निर्धारित जमीन पर से जंगल काट दिए गए, इसलिए लकड़ी, ईंधन, चारा आदि की मांग बढ़ी और उनकी पूर्ति के लिए बचे जंगलों पर भार बढ़ा। इससे एक तरफ बीहड़ बढ़े तो दूसरी तरफ उपजाऊ क्षेत्र में पानी ठहरने लगा है। |
होम न्यूज हल्द्वानी न्यूज हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, मुखानी में कब बनेगा फ्लाईओवर !
हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, मुखानी में कब बनेगा फ्लाईओवर !
हल्द्वानी: मुखानी चौराहे पर फ्लाई ओवर का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने २०१३ में लोक निर्माण विभाग की ओर से तैयार फ्लाई ओवर के प्रस्ताव की स्थिति पर सरकार, सचिव लोक निर्माण विभाग, कुमाऊं कमिश्नर व जिलाधिकारी नैनीताल को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हल्द्वानी निवासी रिटायर्ड इंजीनियर पीसी जोशी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि पहाड़ से हल्द्वानी होते हुए रुद्रपुर जाने वाले अधिकांश लोग मुखानी चौराहा होकर गुजरते हैं। इसी इलाके में तमाम अस्पताल, प्राइवेट इंस्टीट्यूट हैं। साथ ही सुशीला तिवारी अस्पताल को रास्ता भी जाता है मगर इस चौराहे में अक्सर जाम लगा रहता है। जिस कारण खासकर राहगीरों खासकर मरीजों को दिक्कतें होती हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि २०१३ में लोनिवि मुख्य अभियंता द्वारा फ्लाईओवर को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया गया मगर अब तक मामला ठंडे बस्ते में है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को फ्लाईओवर मामले में जवाब दाखिल करने व फ्लाईओवर बनने तक वैकल्पिक व्यवस्था क्या की जा सकती है, इस पर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है साथ ही एसएसपी नैनीताल को पक्षकार बनाने की अनुमति दी है। |
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गर्ल्स, महिलाओ को मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द होना आम बात है, लेकिन पेट का दर्द किसी भी वजह हो, वह बहुत ही दर्द-भरा होता है। कुछ देर ही दर्द बने रहने से रोगी का मुंह उतर जाता है, मायूस हो जाता है, बहुत कमजोरी महसूस होने लगती है। हाल में कई बार पूछा गया की पीरियड में पेट दर्द के घरेलु उपाय और इलाज बताइए तो हम आपके साथ यह जानकारी शेयर करने जा रहे है इनके प्रयोग से आपको बहुत ही लाभ होगा आगे पढ़िए पूरा लेख।
पीरियड्स में पेट दर्द का इलाज बताइए और घरेलु उपाय के इस पोस्ट को पढ़कर आपने जाना घर पर ही मासिक धर्म का उपचार कैसे करे, कैसे इस माहवारी के दर्द से छुटकारा पाया जाए।
आप इन सभी यहां पे बताये गए घरेलु नुस्खों का प्रयोग करे और फिर हमे बताये की उपाय से आपको आराम मिला। आप इस पोस्ट पीरियड मे पेट दर्द का इलाज इन हिन्दी और उपाय नुस्खे को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे और सभी महिलाओ तक यह पोस्ट पहुंचाए धन्यवाद।
इसके अलावा अपने जीवन को प्राकृतिक बनाये और पीरियड की गोली न लें आदि पीरियड टालना या गर्भ रोकने की दवाओं का सेवन भी महिलाओं में आगे चलकर कई तरह की विकृतिया पैदा करता है इसलिए इस बात से विशेष सचेत रहे। |
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने चार करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए आधार नंबर देने की समयसीमा बढ़ाकर ३१ मार्च कर दी है। इससे पहले ईपीएफओ ने आधार नंबर जमा कराने की समयसीमा २८ फरवरी तय की थी। संगठन ने जनवरी में उसकी योजनाओं के तहत लाभ जारी रखने को अंशधारकों द्वारा आधार नंबर को देना अनिवार्य कर दिया था। ईपीएफओ ने अपने १२० से अधिक फील्ड कार्यालयों को दिए आधिकारिक आदेश में कहा, 'यह सूचित किया जाता है कि कर्मचारी पेंशन योजना १९९५ के सभी सदस्यों को अपना आधार नंबर सत्यापन ३१ मार्च, २०१७ तक या उससे पहले देना होगा।' इसके अलावा आधार से जुड़े डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को देने की तारीख भी बढ़ाकर ३१ मार्च, २०१७ कर दी गई है। जनवरी में ईपीएफओ ने जीवन प्रमाण पत्र कार्यक्रम के तहत इसे जमा कराने की तारीख बढ़ाकर २८ फरवरी की थी।
पेंशनभोगियों की सुगमता के लिए यह कदम उठाया गया था। इससे पहले पिछले साल नवंबर में ईपीएफओ ने अंतिम तारीख को बढ़ाकर १५ जनवरी, २०१७ किया था जिससे नोटबंदी से प्रभावित पेंशनभोगियों को राहत मिल सके। एक और विस्तार इस साल जनवरी में दिया गया क्योंकि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए भी आधार जरूरी है। ईपीएफओ ने जीवन प्रमाणपत्र दस्तावेजी रूप में बैंकों के जरिए स्वीकार करने की व्यवस्था समाप्त कर दी है। पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल तरीके से या तो अपने मोबाइल फोन या साझा सेवा केंद्रों या ऐसी सुविधा प्रदान करने वाली बैंक शाखाओं के जरिये देना होगा।
केय्वॉर्ड: ईपीएफओ, अंशधारक, आधार संख्या, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कर्मचारी पेंशन योजना, |
यूपी उपचुनाव में जीत के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने वीरवार को चंडीगढ़ में एक विशाल रैली को संबोधित किया। इस रैली में हजारों की संख्या में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से पार्टी समर्थक जुटे। सेक्टर-२५ के रैली ग्राउंड में रैली का आयोजन किया गया। रैली को संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ नाम दिया गया है।
मायावती ने रैली को संबोधित करते हुए सबसे पहले पार्टी के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन की बधाई दी। फिर कहा कि पंजाब की सरकारों ने दलितों को हमेशा नजरअंदाज किया है। इसलिए कार्यकताओं को अब खुद मेहनत करनी पड़ेगी। पार्टी को खड़ा करने के लिए खुद संघर्ष करना होगा।
मायावती ने पंजाब के कार्यकर्ताओं को कड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि पंजाब में जिन लोगों को पार्टी संगठन की जिम्मेवारी सौंपी गई है, वे भूल जाएं कि यूपी से उन्हें कुछ मिलेगा। यहां के नेता यूपी में किसी पद के लालच में न रहें, उनके लिए बेहतर रहेगा।
मायावती ने बीजेपी को दलित विरोधी पार्टी कहा। उन्होंने कहा कि देश में गरीबों और दलितों का उत्पीड़न हो रहा है। बीजेपी की सरकार आरएसएस के एजेंडे को लागू करने की कोशिश कर रही है। जब से बीजेपी आई है, दलितों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए हैं। यह कहते हुए मायावती ने हैदराबाद और ऊना की घटना का जिक्र किया।
मुझे राज्यसभा में दलितों की बात ठीक से रखने का मौका नहीं दिया गया। अगर मैं देश की संसद में ही दलितों की बात नहीं रख सकती हूं तो पद पर रहने का क्या फायदा, इसलिए मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया। अब हमें पंजीवादी पार्टियों को सत्ता में आने से रोकना है।
मायावती ने सहारनपुर में पिछले दिनों हुए दंगों का आरोप भी भाजपा पर मढ़ते हुए कहा कि छोटी सी बात को बड़ा बनाते हुए वहां दलितों का शोषण किया गया। केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह से दलित विरोधी सरकार है, ऐसे में इस सरकार के विरोध में उठ खड़ा होना होगा।
मायावती ने बीजेपी को ललकारते हुए कहा कि पार्टी अगले चुनाव ईवीएम से कराने की बजाय बैलेट पेपर से कराए, पता चला जाएगा कि कौन किसके हक में है। यूपी विधानसभा चुनाव में धांधली हुई थी, इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
मायावती ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच ही निराली है, लेकिन जनता के हित में नहीं है। कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं की, ये उनकी सोच का जीता-जागता उदाहरण है। हमने विरोध प्रदर्शन किए, तब जाकर वीपी सिंह की सरकार ने इसे लागू किया।
मायावती ने बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न न देने पर भी कांग्रेस की निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने काफी समय तक बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया। वीपी सिंह ने सरकार ने ही यह काम किया, लेकिन उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। क्योंकि बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
मायावती ने कहा कि आगामी विधानसभा और लोकसभा में अगर बीजेपी को शिकस्त दे दी तो समझो मेरा राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा देना का बदला सूत समेत वापिस किया जाए। वैसे भी यूपी में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को बसपा और सपा ने मिलकर जो शिकस्त दी है, उससे सभी की नींद उड़ गई है।
आज बसपा के संस्थापक कांशीराम का जन्मदिवस भी है और कल ही पार्टी नेउत्तरप्रदेश की फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट जीती। ऐसे में मायावती की इस रैली का महत्व और भी बढ़ गया है। इस रैली को २०१९ चुनावों के लिए बसपा की ओर से शंखनाद बताया जा रहा है।
यूपी में सपा-बसपा के गठबंधन की जीत के बाद अब मायावती की कोशिश है कि २०१९ में बीजेपी को हराने के लिए सभी विपक्षी दल एक साथ आएं। मायावती इस रैली के साथ अपने कैडर और दलित वोटबैंक को वापस पाना चाहती हैं।
रैली के जरिए पंजाब और देश में दलितों के मुद्दों को उठाया जाएगा। कहा जा रहा है कि २०१९ के चुनाव में मायावती खुद को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर लॉन्च करने की तैयारी में हैं। बता दें कि पंजाब में ३१ फीसदी और हरियाणा में २१ फीसदी से ज्यादा दलित रहते हैं।
हालांकि बसपा पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान अपना वोट बैंक संभालने में नाकाम रही थी, लेकिन इस बार वे ऐसा नहीं होने देना चाहती। |
इंडोनेशिया में रहने वाला २६ वर्षीय गमाल अलबिनसईद पेशे से डॉक्टर है। उसने स्वच्छता के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। वह अपने गरीब मरीजों से इलाज के लिए पैसे की जगह, जो चीज लेता है, वो सभी को हैरान कर रहा है। दरअसल, वो इलाज करने के बदले में लोगों से कचरा लेता है।
डॉक्टर अलबिनसईद की ऐसी सोच ने पर्यावरण व स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है। डॉक्टर गमाल अलबिनसईद का यह आइडिया इंडोनेशिया की दो बड़ी समस्याओं से निपटने में मददगार साबित हो रहा है। इंडोनेशिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो गरीबी के कारण स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए इस डॉक्टर का कार्यक्रम गार्बेज क्लीनिकल इंश्योरेंस जीसीआई मुहैया कराता है।
अलबिनसईद द्वारा कचरे के बदले लोगों का इंश्योरेंस किया जाता है। इसके लिए लोगों को रिसाइकिल करने योग्य कचरा क्लीनिक में जमा करवाना होता है। इस कचरे में आने वाली प्लास्टिक की बोतलों और कार्डबोर्ड को उन कंपनियों को बेच दिया जाता है जो इन्हें रिसाइकिल करके उत्पाद बनाती हैं।
इसके अलावा उपयुक्त कचरे को उर्वरक और खाद बनाने के काम में लिया जाता है। किसी व्यक्ति द्वारा कचरा दिए जाने के बाद वो इसके बदले दो महीने तक क्लीनिक की मूल स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकता है।
गमाल की इस सोच और कोशिश के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं बल्कि उनके इस काम के लिए उन्हें २०१४ में ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी सम्मानित कर चुके हैं।
इंडोनेशियाई डॉक्टर की सोच गरीबों को बेहतर इलाज के साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रख रही है। अलबिनसईद की इस पहल के बाद लोग अपने कूड़े करकट के साथ ज्यादा जिम्मेदाराना रवैया दिखा रहे हैं। भारत की ही तरह इंडोनेशिया में भी कचरे से निपटने की समस्या है। वहां हर साल समुद्र के आसपास के इलाकों में पैदा होने वाला करीब ३२ लाख टन कचरा समुद्र में पहुंचता है। |
- चोरी छिपे बिक रहे तंबाकू उत्पाद, हमीरपुर (हिमाचल) न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें।
हमीरपुर। बस अड्डा क्षेत्र हमीरपुर में चोरी छिपे तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं। दुकानदार अंकित मूल्य से अधिक मूल्य वसूलकर ग्राहकों को चूना लगा रहे हैं। साथ ही प्रतिबंधित उत्पादों को बेचकर नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। दिनदिहाड़े दुकानदार प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। लेकिन संबंधित विभाग द्वारा एक बार भी दुकानों में छापामारी नहीं की गई है। इससे हौंसले और बुलंद हो गए हैं। २ अक्तूबर से सभी तंबाकू उत्पादों पर प्रदेश सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि इसके लिए संबंधित विभागों को अधिसूचनाएं भी जारी की हैं। लेकिन, तंबाकू उत्पादों की बिक्री जारी है। दुकानदार ग्राहकों से अंकित मूल्यों से अधिक दाम वसूल रहे हैं। दुकानदार गुटखा, खैनी, बीड़ी- सिगरेट, तंबाकू आदि धड़ल्ले से चोरी छिपे बेच रहे हैं। लेकिन विभाग दुकानों में छापामारी नहीं कर रहा है। शाम होते ही दुकानों में तंबाकू उत्पाद धड़ल्ले से बिक रहे हैं। ऐसे में प्रदेश को नशामुक्त बनाने की योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है।उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर डा. एसके सोनी का कहना है कि विभाग छापेमारी कर रहा है। संबंधित कर्मचारियों को छापामारी अभियान तेज करने की हिदायत दी जाएगी। जहां तक बस अड्डा क्षेत्र में तंबाकू उत्पादों को ब्लैक में बेचने की बात है तो यहां भी छापामारी की जाएगी। उन्होंने जिलावासियों से अपील की है कि क्षेत्र में कोई दुकानदार चोरी छिपे तंबाकू उत्पाद बेचता है तो इसकी सूचना विभाग को दें, जिससे जिला को नशामुक्त बनाया जा सके। |
ब्लॉकबस्टर राजा हिंदुस्तानी ऐश्वर्य राय की पहली फिल्म बन सकती थी। लेकिन किसी कारण वंश इस फिल्म में करिश्मा कपूर को ले लिया गया।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन से करिश्मा सगाई उनकी मां के हस्तक्षेप के कारण टूट गई।
वह अजय देवगन के साथ प्रेम संबंध में थीं, लेकिन अजय ने काजोल के साथ शादी करके सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
करिश्मा कपूर की शादी व्यवसायी संजय कपूर से हुई थी, संजय के करिश्मा कपूर से दो बच्चे है, जिनके नाम समीरा और कियान हैं। फिलहाल दोनों बच्चे अपनी मां के साथ मुंबई में हैं। लेकिन उनके पिता अक्सर उनसे मिलते रहते हैं।
करिश्मा कपूर बिजनसमैन संजय कपूर से २०१६ में तलाक ले चुकी हैं। उनका तलाक भी काफी चर्चा में रहा था। इन दिनों करिश्मा कपूर और संदीप तोषनीवाल की डेटिंग की खबरों की भी काफी चर्चा हो रही है। करिश्मा और संदीप दोनों का ही तलाक हो चुका है इसलिए अब ये खबरें भी आ रही थीं कि दोनों शादी करने का प्लान कर रहे हैं। |
भोपाल-आगामी १६ जुलाई २०२० से मध्यप्रदेश में विद्यर्थियों के लिए उनका घर ही विद्यालय होगा। दूरदर्शन एवं डिजीलेप के साथ साथ घर पर विद्यार्थी कैसे पढें की कार्ययोजना के संबंध में आज फेसबुक लाइव से २ लाख सहयोगी जुड़े। कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शैक्षिक निरंतरता बनाए रखने के लिए, लोक शिक्षण संचालनालय ने हमारा घर हमारा विद्यालय योजना के क्रियान्वयन की रूपरेखा से अवगत कराया। अब १६ जुलाई से कक्षा ९ से 1२ के बच्चे घर पर ही स्कूली वातावरण में अध्ययन करेंगें।
श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने ऑनलाइन कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सहभागी शिक्षकों, अभिभावकों विद्यार्थियों और अन्य सहयोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि, लॉक डाउन के कारण स्कूल बंद रहे तथा अब जुलाई में भी स्कूल बंद रहेंगें किन्तु पढाई जारी रहनी चाहिए। इस कठिन समय में बेहतर तरीके से अपने घर पर रहकर अध्ययन के लिए हमारा घर-हमारा विद्यालय योजना प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने पालकों से आग्रह किया है कि बच्चों को घर पर भी अध्ययन का वातावरण उपलब्ध कराएं, उन्हें घर में ही एक उचित स्थान दें जहाँ वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर सकें। हमारा घर हमारा विद्यालय योजना ऐसी ही एक भावनात्मक पारिवारिक पहल है जो बच्चों को परिवार के सहयोग से घर पर ही पढ़ाई को सुचारु रखने में सहयोगी होगी।
आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने बताया कि, हमारा घर हमारा विद्यालय योजना प्रदेश के सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि अभी तक लॉक डाउन के दौरान हमने डिजी लेप (डिजीटल इन्हेंसमेंट कार्यक्रम) के माध्यम से विद्यार्थियों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रतिदिन विषयवार वीडियो के माध्यम से तथा दूरदर्शन पर क्लासरूम कार्यक्रम के माध्यम से ४ घंटे का प्रसारण कक्षा ९ से १२वीं के विद्यार्थियों के लिए किया जा रहा है। साथ ही आओ अंग्रेजी सीखें कार्यक्रम के माध्यम से भी विद्यार्थियों को अंग्रेजी सीखने हेतु सुबह १० बजे से दूरदर्शन पर प्रतिदिन कक्षा का प्रसारण किया जा रहा है। |
मीरा भायंदर महानगरपालिका के चुनाव में बीजेपी को मिली बड़ी जीत के बाद शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधना शुरु कर दिया है। शिवसेना ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा की बीजेपी को मीरा भायंदर में मुनी और मनी की वजह से जीत मिली है।
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने बीजेपी की जीत पर निशाना साधते हुए कहा की जैन धर्मगुरू नयन पद्मसागर महाराज ने जीस तरह से बीजेपी की जीत के लिए प्रचार किया था उससे बीजेपी को जीत मिली है। बुधवार को सांसद संजय राउत ने एक प्रेस वार्ता में ये बात कही।
संजय राउत ने नयन पद्मसागर महाराज पर निशाना साधते हुए कहा की खुद को मुनी बतानेवाले महाराज ने बीजेपी के लिए प्रचार किया। ये आचार संहिता का उल्लंघन है। ये मुनी शिवसेना के साथ साथ मराठियों के लिए भी लोगों के मन में द्वेश पैदा कर रहा है।
वोट के लिए राज्य के मुख्यमंत्री मुनी से मिलते है। उनके पैरो पर सर रखते है। |
सेल्फी मैनें ले ली आज गाने से सोशल मीडिया सेंसेशन बनी ढिचैंक पूजा ने अपने गानों के जरिए बिग बाॅस में भी खूब नाम कमाया । अपनी अनोखी गायकी से फेमस हुई ढिंचैक पूजा का अब एक नया गाना नाच के पागल रिलीज हुआ हैं । ये गाना यूटयूब पर काफी ट्रेंड की रहा हैं । २५ जुलाई को रिलीज हुए इस गाने को अब तक १४ लाख से ज्यादा व्यूज मिल चूके हैं ।
पूजा का ये गाना जिस किसी ने भी सुना है वह इसे इंजाॅय किए बिना नहीं रह रहा क्योंकि गाना एंटरटेन करे ना करे लेकिन इसके मीम्स काफी मजेदार हैं । नाच के पागल गाने की कामयाबी की खुशी ढिचैंक पूजा ने अपने फैन्स के साथ इंस्टाग्राम एकांउट पर शेयर भी की । ढिचैंक पूजा के इस गाने पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं ।
बता दें यूटयूब पर ढिचैंक पूजा का गाना सेल्फी मैनें ले ली आज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था । जिसके बाद वो इंटरनेट सेंसेशन बन गई थी । टीवी का सबसे पाॅपुलर शो बिग-बाॅस में भी उनको बुलाया गया था । ढिचैंक पूजा ने बिग बाॅस में भी गाना बनाया था जिसको टिटर पर काफी शेयर किया गया था । |
इंटरनेट माहिर गूगल ने जापान में अंततः एक बहुत ही पुराने समय से चला आ रहा मुकदमा जीता, जो कि बिलकुल यूरोप के भुलाये जा सकने के हक़ के समान था।
आज, जापान के उच्चतम न्यायालय ने, गूगल पर लगे चार आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें इस उस की कंपनी से गूगल मैप्स पर स्थानीय जगहों को लेकर किये गये तथाकथित अपवादक कमेंटों को हटाने की मांग करी गयी थी, जिसमें एक अनाम क्लिनिक के बारे में दो गुप्त रखे गये कमेंट भी शामिल थे। इससे पहले अप्रैल २०१५ में, चिबा डिस्ट्रिक्ट न्यायालय ने कहा था कि गूगल को वो कमेंट हटाने ही होंगे, जिसके विरुद्ध अपील लेकर वे उच्च न्यायालय में गये और जीत गये।
केसों को खारिज कर दिया गया, क्योंकि गूगल मैप्स पर डाले गये कमेंट न्यायालय को असली लग रहे थे। गूगल मैप्स पर क्लिनिक के विरुद्ध दिये दो अनाम असाकारात्मक कमेंट लोगों के उस क्लिनिक में बुरे अनुभव को दर्शाते हैं। बहरहाल, क्लिनिक ने कंपनी के विरुद्ध मानहानी का मुकदमा कर के ये कमेंट हटाने में पहले सफलता प्राप्त की थी।
भले ही ये मुकदमा, यूरोप के भूले जा सकने के हक़ केस के निर्णय जैसी ही लग रहा है, ये दोनों बहुत ही अलग हैं। यूरोप में, ये पूरा मुद्दा, लोगों की स्वतंत्रता को लेकर था, वही, यहां जापान में, व्यापार व लोग, दोनों ही शामिल हैं।
हम इस निर्णय से प्रसन्न हैं कि इसके साथ, उच्चतम न्यायालय ने पहले से उपलब्ध निजिता और मानहानी के नियमों के आधार पर ये माना है कि खोज॒ परिणामों में उपलब्ध कोई भी जानकारी उपभोक्ताओं के जानने के हक को ध्यान में रख कर ही डिलीट करी जायेगी।
गूगल पहले भी इसको हटाने के साथ संघर्षकारी कर रही थी और उन्होंने कहा कि वे हमेशा से ही अपने नियमों का पालन करते हैं और उपभोक्ताओं की सहायता भी। लगता हैै कि जापानी न्यायालय भी इस बात को मानते हैं।
जहां हम व्यापारों व लोगों को कमेंटों का जवाब देने के टूल उपलब्ध कराते हैं, और हम वो कमेंट हटा देते हैं, जो हमारे नियमों के ख़िलाफ़ हों, परंतु हमारा मानना है कि ऑनलाइन रिव्यू, साकारात्मक व नाकारत्मक, दोनों ही लोगों को उस व्यापार के बारे में अवगत कराते हैं। |
आज की समीक्षा में, हम अलीक्सप्रेस के साथ ५-पोर्ट स्विच के बारे में बात करेंगे।
सबसे उपयुक्त, कीमत और के लिए दोनोंविनिर्देशों लॉट अलीक्सप्रेस पर पाया गया था। आदेश दिया और भुगतान किया गया था, और कुछ दिनों के बाद विक्रेता ने मुझे ट्रैकिंग के लिए एक ट्रैक दिया। चीन से बेलारूस जाने वाले पार्सल यात्रा के बारे में सभी जानकारी देखी जा सकती है यहां।
स्विच को किसी भी मूल पैकेजिंग के बिना वितरित किया जाता है। मेरी कॉपी एक साधारण प्लास्टिक बैग में आई। स्विच में स्वयं एक स्विच और इसके लिए एक बिजली की आपूर्ति शामिल थी।
पहली चीज जो प्रसन्न हुई - समग्र आयाम। यह बहुत कॉम्पैक्ट है: १०क्स६क्स२.५ सेमी।, इसलिए बिना किसी समस्या के स्विच को आंखों से आगे हटाया जा सकता है।
लाइव स्विच बहुत सुंदर लग रहा है औरविक्रेता के पृष्ठ पर आप जो देख सकते हैं, उससे बिल्कुल अलग नहीं है। मुझे कारीगरी के बारे में कोई शिकायत नहीं है: प्लास्टिक में कोई विदेशी गंध नहीं है, विधानसभा को सामान्य रूप से पूरा किया जाता है, अंदर कुछ भी लटका नहीं है, कोई दरार या अनावश्यक अंतराल नहीं हैं। स्विच का ऊपरी हिस्सा एक सजावटी पैटर्न के साथ कवर किया गया है, जो इसे नेत्रहीन अधिक आकर्षक बनाता है।
यहां आप ६ सूचना डायोड देख सकते हैं। उनमें से ५ बंदरगाहों के संचालन को प्रदर्शित करते हैं, और एक - शक्ति की उपलब्धता।
पीछे के छोर पर नेटवर्क केबल को जोड़ने के लिए कनेक्टर हैं, साथ ही एक पावर केबल को जोड़ने के लिए।
कनेक्शन के साथ कोई समस्या नहीं है, आरजे ४५ नेटवर्क केबल की "चिप" मॉडरेशन में कसकर प्रवेश करती है, जगह में झपकी लेती है, यह अपने आप से बाहर नहीं निकलेगी।
स्विच के नीचे एक स्टिकर है,डिवाइस की मुख्य विशेषता को इंगित करना बैंडविड्थ है। यहां आप मामले के हिस्सों को पकड़े हुए दो शिकंजा देख सकते हैं, इसे दीवार पर और साथ ही पैरों पर माउंट करने के लिए स्थान। इस तथ्य के कारण कि पैर प्लास्टिक हैं, उनसे कोई विशेष लाभ नहीं है - स्विच पूरी तरह से एक सपाट क्षैतिज सतह के साथ ग्लाइड होता है।
सब कुछ बहुत सभ्य है, इसके बारे में शिकायत करने के लिए कुछ भी नहीं है।
आउटपुट पर मानक बिजली की आपूर्ति ५ वी ०.५ ए है। केबल की लंबाई लगभग एक मीटर है, इसलिए स्विच को आउटलेट से दूर रखना काम नहीं करेगा।
मेरे पास इसके माध्यम से ३ डिवाइस जुड़े हैं: एक एंड्रॉइड कंसोल, एक एक्सबॉक्स वन गेम कंसोल और एक टीवी। पहले समावेश के क्षण से और अब तक स्विच ऑपरेशन के साथ कोई समस्या नहीं देखी गई है।
टीवी को जोड़ने के लिए, यह बिना किसी समस्या के यूट्यूब पर चालू हो जाता है, साथ ही पूर्व-स्थापित अनुप्रयोगों से फिल्में भी।
इसलिए कोई कनेक्शन समस्याएं नहीं हैं। कम कीमत पर, मैं एंड्रॉइड सेट-टॉप बॉक्स पर वाईफाई से गिरने से छुटकारा पाने में कामयाब रहा, साथ ही लाइव से ज़्बॉक्स पर गेम का बहुत धीमा डाउनलोड किया। यदि पहले इस प्रक्रिया में लगभग एक दिन लगता था (एक बार यह आवश्यक नहीं था), अब इसमें कई घंटे हैं।
इस पर, शायद, सब कुछ। आपके समय और ध्यान के लिए धन्यवाद। |
कोरोना काल के कारण उपजी सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए देश भर की ईत ने यूज (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) सीटों के कोटा को भरने के लिए एक वर्ष की मोहलत मांगी है।
कोरोना काल के कारण उपजी सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए देश भर की आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने यूज (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) सीटों के कोटा को भरने के लिए एक वर्ष की मोहलत मांगी है।
देश की सभी २३ आईआईटी ने साक्षा रूप से केन्द्र सरकार से अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने सभी ईत को वर्ष २०२१ में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का १० फीसदी कोटा भरने की अंतिम तिथि तय कर रखी है।
सोशल डिस्टेंसिंग के चलते हॉस्टलों में पर्याप्त जगह नहीं है। हॉस्टल पूरी क्षमता से भरे हुए हैं। लॉकडाउन के कारण नए हॉस्टल नहीं बन सके।
सभी ईत को अंडरग्रेजुएट, मास्टर्स और रिसर्च प्रोग्राम्स में ईवीएस की लगभग ६७०० सीटें बढ़ानी हैं।
मानव संसाधन मंत्रालय ईत की ओर से प्राप्त अनुरोध को सामाजिक न्याय मंत्रालय को प्रेषित करेगा। |
किटोसिस एक मेटाबोलिक बीमारी है जो पशु के ब्याने के बाद कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह में होती है। इसमें हापोग्लाइसीमिया (हायपोग्लायसिमिया), किटोनिमिया (केटोनीमिया), किटोनुरिया (केटोनुंरिया) के साथ शरीर का वजन कम हो जाता है, दूध उत्पादन भी कम हो जाता है। वास्तव में यह स्थिति शरीर में कार्बोहाइड्रेट व वोलोटाइल फेट्टी एसिड्स (वोलटाइले फैटी एसिड) के मेटाबोल्जिम (मेटाबॉलिज्म) में गड़बड़ी से पैदा होती है। वसा व कार्बोहाइड्रेट के पाचन व विरण में गड़बड़ी से ही यह रोग होता है। इस लेख में किटोसिस के कारण, निदान और उपचार के बारे में बहुत ही महत्वपुर्ण जानकारी दी है।
प्रायः यह रोग ब्याने के बाद गाय, भैंस व भेड़ मे होता है जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिक होती है, आहार भी अधिक मिलता है और सारा दिन पशु घर में बंधे रहते हैं यानी एक्सरसाइज नहीं मिलती है या चरने बाहर नहीं जाते है।
किटोसिस की संभावना तीसरे व उसके बाद के ब्यात में अधिक होती है कभी-कभी प्रेगनेंसी के दौरान आखरी महीनों में भी हो सकता है।
देसी नस्लों की गायों में किटोसिस नही ंके बराबर होता है, जबकि संकर नस्ल के पशुओं में अधिक होता है।
यह रोग शरीर में कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिज्म में गड़बड़ी से कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण होती है।
प्रायः गर्मी में पशु को कम मात्रा व कम गुणवत्ता वाला चारा मिलता है। ऐसे में शरीर की आवष्यक क्रियाओं के संचालन हेतु वसा का प्रयोग अधिक होता है जिससे किटोसिस हो जाता है।
बरसात, सर्दी में पशु को अधिक मात्रा व अधिक गुणवत्ता वाला चारा-दाना खाने को मिलता है।
इससे मिल्क प्रोडक्षन बढ़ने से पशु पर स्ट्रेस बढ़ता है और किटोसिस हो जाता है।
क्वालिटी का अधिक चारा-दाना भी रखा जाए और खातता नहीं है तो किटोसिस हो जाता है। कभी-कभी किटोसिस और मिल्क फीवर साथ-साथ हो जाते हैं।
लक्षणों के आधार पर किटोसिस दो प्रकार के होते हैं,
पशु घास व भूसा तो खाता है लेकिन दाना-बांट नहीं खाता है लेकिन कुछ बाद तो किसी भी प्रकार का आहार व पानी नहीं लेता है। इसी के साथ पाइका के कारण पशु अखाद्य चीजें खाने की चाह रखता है।
पशु का वनज एकाएक कम हो जाता है। चमड़ी के नीचे की चर्बी काफी कम हो जाने से पशु काफी कमजोर दिखाई देता है।
दूध में भी एकाएक भारी कमी हो जाती है। सुस्त, चल-फिर भी नहीं पाता है।
सूखा व कठोर मिंगने के रुप में म्युकस से ढका हुआ गोबर आता है।
नाॅर्मल टेम्प्रेचर, पल्स, रेस्पिरेषन।
मीठा सिरका जैसी किटोन की विषेष गंध, श्वास, दूध, मूत्र से आती है।
आंखे सिकुड़ जाती है। सिर थोड़ा नीचे रखकर एक ही तरफ रहता है।
पीछे योनि मार्ग (वुलर) से डिस्चार्ज होता है।
एक महीने में स्वतः ही पशु ठीक तो हो जाता है लेकिन पहले की तरह दूध की अधिक मात्रा वापस नहीं लौट पाती है। इस रोग में पशु मरता नहीं है।
पैरों को क्राॅस करते हुए गोलाकार घूमता है जो इसका विषेष लक्षण है।
एनिमल सिर दीवार दबाता है या नीचे लटका रहता है।
एनिमल बिना उद्देष्य इधर-उधर चलता है। मानों अंधा हो गया हो।
एनिमल बार-बार त्वचा व अन्य अखाद्य चीजों को चाटता है।
अधिक लार के साथ एनिमल मंुह से चबाने जैसे गति करता है।
एनिमल में टेटेनस के दौरे के लक्षण नजर आते हैं जिससे एनिमल को शारीरिक चोट भी लग सकती है।
ये नर्वस लक्षण एक घंटे तक रहते हैं तथा ८-१० घंटे बाद फिर प्रकट होते हैं।
ट्रीटमेन्ट का मुख्य उद्देष्य ब्ल डमें ग्लूकोज लेवल बराबर करना ताकि किटोन बाॅडी का सामान्य उपयोग हो सके और दूध, मूत्र में नहीं निकले।
इंज. डेक्स्ट्रोज २५% और ५०% & ५०0&१००० म्ल. ई/व इसके बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य बना रहे, इकसे लिए पशु को कुछ दिनों तक गुड खिलाते रहें।
किटोसिस में बेटामेथेसोन या डेक्सामेथेसों काफी असरदार होते हैं। ८० म्ग. ई/व, ई/म यदि एक दिन से पूरा फर्क नहीं पड़े तो दूसरे दिन भी लगाएं।
कोएंजम आ सिस्टीमिन ७५० म्ग ई/व तीन दिन के अंतराल के बाद कुल तीन इंजेक्षन लगाएं।
वित. ब काॅम्पलेक्स।
प्रेगनेंसी के दौरान अधिक वसा वाला आहार खिलाकर पशु को मोटा फैटी नहीं बनने देना चाहिए।
प्रेगनेन्ट गाय-भैंस को भूखा नहीं रखना चाहिए।
प्रेगनेन्ट गाय, भैंस के लिए आहार में मिनरल मिक्सचर देवें।
प्रेगनेंसी के दौरान मक्का व गुड़ जैसे आहार भी देवें क्योंकि ये आसानी से पचते हैं और ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य बना रहता है।
स्नातकोत्तर पशु चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, |
जौनपुर। कोतवाली थाना क्षेत्र के सिपाह मोहल्ला निवासी अरुण कुमार यादव की पालतू कुतिया का वध करने के आरोपी लाल बहादुर यादव, उनके पिता पन्नालाल यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश सीजेएम ने कोतवाल को दिया है।
अरुण कुमार यादव ने निवासी सिपाह ने कोर्ट में धारा १५६ (३) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया कि आरोपी पन्नालाल एवं उनके पुत्र लाल बहादुर कुछ दिन पूर्व वादी के घर में चोरी का प्रयास किया। लेकिन वादी की फालतू पामेरियन कुतिया के भूंकने के कारण लोग जाग गए और आरोपी चोरी करने में असफल रहे।
कुछ दिन बाद आरोपियों ने उनकी कुतिया को रोटी का लालच देकर बाहर बुलाया और उसे बोरी में भरकर कई बार जमींन पर पटका। अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण कुतिया मर गई। थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराने गया तो पुलिस ने कहा कि जानवरों का वध होने पर एफआईआर दर्ज नहीं होती। सुनवाई नहीं हुई तब वादी ने कोर्ट की शरण लिया। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया गंभीर मामला पाते हुए आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है। |
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी समेत तमाम दलों के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अटल जी का जाना पूरे राष्ट्र की क्षति है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अटल जी के पास किसी को भी अपना बना लेने की कला थी। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर वो विपक्ष के किसी एक नेता को याद रखते हैं तो वो सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी जी हैं।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि वो सर्वमान्य नेता थे। पार्टी के छोटे कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं तक, सभीको अटल जी बेहद सुलभ थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कानपुर से सांसद बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वो एकमात्र ऐसे नेता तो जिन्हें हर दल का सम्मान प्राप्त था। वो सचमुच भारत रत्न थे। खुद सुनिए और क्या बोले मुरली मनोहर।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताते हुए कहा कि वाजपेयी जी का निधन राजनीति के युग का अंत है।
भारत देश को तरक्की की नई राह दिखाने में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अटल सरकार के दौरान कई ऐसे निर्णय लिए गए, जिन्होंने देश की तस्वीर ही बदल दी। रिपोर्ट में जानिए किन योजनाओं के लिए हमेशा याद किए जाएंगे अटल।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने ट्विटर पर अपनी श्रद्धांजलि दी।
छत्तीसगढ़ से सीएम रमन सिंह ने पूर्व प्रधानममंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सेहत अच्छी होने की कामना की। रायपुर में उन्होंने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केवल मैं ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लोग उनके शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं। रमन सिंह ने कहा कि वाजपेयी जी ने हमारा मार्गदर्शन किया है। उनकी यादें हमारे राज्य के लिए काफी अहमियत रखती हैं। |
नई दिल्ली। पूरे जीवन में गुर्दे में पथरी होने की आशंका पुरुषों में १३ प्रतिशत और महिलाओं में मात्र ७ प्रतिशत होती है। एक बात यह भी है कि ३५ से ५० प्रतिशत लोग, जिन्हें पहले गुर्दे में पथरी हो चुकी है, उन्हें आने वाले पांच साल में दोबारा हो सकती है।
* अगर ज्यादा पानी पीने से गुर्दे में पथरी होना बंद न हो तो थाइजाइड ड्युरेक्टिक, स्रिटेट या एलोप्युरिनोल दवाओं के जरिए मोनोथेरेपी ली जा सकती है। यह दवाएं उन लोगों में कैल्शियम जमा होने से बनने वाली पथरी के दोबारा पैदा होना कम कर देते हैं, जिन्हें पहले दो या ज्यादा बार पत्थरी हो चुकी है। |
ब्रेकअप से सीखें रिश्तों में नाकाम होना या असफल होना कोई बड़ी बात नहीं है। आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में यह काफी सामान्य है। किसी भी रिश्ते के नाकाम होने के बाद अगर आप यह सोचते हैं कि यह केवल आपके साथ ही क्यूं हुआ तो ऐसा ना सोंचे। हमें यह बात भी सोचनी पड़ेगी की ब्रेकअप ना केवल हमारा दिल ही तोड़ता है बल्कि हमें ऐसी कई बातें भी सिखा जाता है। आइये जानते हैं कि असफल रिश्तों से आप क्या सीख सकते हैं।
खुद को समझें ब्रेकअप के बाद अक्सर लोग एकदम टूट जाते हैं या फिर खुद को कोसते रहते हैं। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो ऐसा न करें। अपने अतीत को भूलने की कोशिश करें। इससे आप इमोशनल तौर पर कमजोर नहीं होंगे। खुद को महत्व देना सीखें। ब्रेकअप के बाद कई लोग जिम या पार्लर जाना बंद कर देते हैं। आप ऐसा कतई न करें।
रिश्तों की सच्चाई को स्वीकारें एक बार जब आप यह मान लेतें हैं कि कुछ रिश्ते अस्थायी होते हैं तो रिश्ते के नाकाम होने का दोष खुद को देना बंद कर देते हैं। ब्रेकअप यूं ही नहीं होता है इसके पीछे कोई ना कोई वजह जरूर होती है। हो सकता है कि आपका व्यक्तित्व और आपके सपने आपस में टकरा रहे हो जिसकी वजह से आपका ब्रेकअप हुआ हो।
सीख को लागू करें अब जबकि आप सिंगल हैं तो अपने अपने पिछले रिश्तों को देखते हुए अपनी प्राथमिकताओं को जानें और पहचानें। हो सकता है कि रिश्ते में रहने के दौरान आपकी प्राथमिकताएं जैसे आदतें, दोस्त, और काम बदल गया हो। ऐसे में अपनी उन आदतों को फिर से शुरु करें जिनसे आपको खुशी मिलती है।
अभी भी लाइफ में बहुत कुछ है इस ब्रेकअप से आपको चाहे जितना दर्द हुआ हो लेकिन यह बात जरुर मान लें कि इससे दुनिया का अंत नहीं हो जाता। प्यार में धोखा खाने के बाद भी आपकी जिंदगी खत्म नहीं होती, आपकी जिंदगी वैसे ही चलेगी जैसे पहले चल रही थी।
कोई बंदिश नहीं अब जब आप किसी लंबे रिलेशनशिप में थीं, तब आपके चारो तरफ आपका पार्टनर होता था और आज जब वह नहीं है तो आप अकेली रह गईं। इस बात को सोंच कर बहुत दुख होता होगा, पर दूसरी ओर यह भी सोंचे की अब आप आजाद हैं और जो मन करे वह कर सकती हैं। आजाद होने से आप खुद के अदंर की क्षमताओं को पहचानेगीं।
वो आपका था ही नहीं ब्रेकअप करने से एक बात सीखने को मिलती है और वह यह है कि आपको पता चल जाता है कि वह लड़का आपके लिये नहीं बना था। या फिर उस लड़के में वे गुण नहीं थे, जो आपके होने वाले हमसफर में होनी चाहिये। इस बात को मान लें कि अच्छा ही हुआ कि आपका ब्रेकअप हो गया।
ब्रेकअप के बाद ऐसा लगता है कि अब आपकी जिंदगी और आप किस तरह से संभलेगीं, पर जैसे जैसे दिन बीतता जाता है आप मजबूती के साथ उठ खड़ी होती हैं। पर ब्रेकअप के दर्द को झेलने के बाद दिल कितना मजबूत बन जाता है, इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकती।
जरूरी नहीं है कि एक बार ब्रेकअप होने के बाद हमेशा ऐसा ही हो। खुद के अंदर विश्वास पैदा करें और एक नयी शुरुआत करें। लेकिन, कोई भी नया रिश्ता जल्दी शुरू करने के लिए ये समय उचित नहीं है। आपको ठीक होने के लिए समय चाहिए और अपनी दुनिया में किसी अन्य व्यक्ति को लाने से पहले आराम महसूस करना जरूरी हैं।
अपने फ्यूचर पर ध्यान दें। अक्सर लोग ब्रेकअप के बाद अपराधबोध महसूस करने लगते हैं या फिर नकारात्मक विचारों में घिर जाते हैं। अगर आप इनमें से एक हैं, तो इस बात को ध्यान में रखकर चलें कि जो होता है, अच्छे के लिए होता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि अपने कलीग्स व दोस्तों के साथ मिलकर अपने एक्स बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के बारे में गॉसिप न करें।
एक रिश्ते के खत्म होने के बाद इसका दर्द बहुत सताता है। ऐसे में आपको खुद को समय देना बहुत जरूरी है। यही वो समय है जब आप अपनी मनपसंद चीजों को कर सकती हैं। खुद को एक बार फिर से उन हॉबीज के करीब लाइए जिसके लिए आपके पास समय नहीं था।
थायराइड कार्सिनोमा के लक्षणों को ऐसे पहचानें जानें क्या होते हैं फ्रेकल्स फोर्स २ में जॉन की जबर्दस्त फिटनेस से बहुत कुछ सीख सकते हैं आप!
क्या आप कभी ओपन रिलेशनशिप में जाएंगे? दुनिया के सबसे हैवी व्यक्तियों के बारे में क्या आप जानते हैं...? |
लगभग एक सप्ताह से गन्ना मूल्य निर्धारण की मांग को लेकर धरना और बाद में अनशन पर बैठने वाले भाकियू से संबंधित किसान बुधवार को प्रशासन की आंख की किरकिरी बन गये। प्रशासन ने पहले तो किसानों को जबरन जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया और बाद में वार्ता कराने के नाम पर पुलिस की गाड़ी में बिठाकर कलक्ट्रेट से पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पहुंचा दिया।
गेस्ट हाउस में भी किसान धरने पर बैठ गये हैं। किसानों ने प्रशासन पर शासन के आदेश और चीनी मिल प्रबंधन के दबाव में गुमराह कर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। भाकियू के जिलाध्यक्ष रवीन्द्र दौरालिया ने कहा कि प्रशासन की कार्रवाई का कड़ा विरोध होगा। माना जा रहा है कि नोएडा में मुख्यमंत्री मायावती के दौरे को लेकर ही प्रशासन ने बुधवार को कार्रवाई की।
सात दिनों से भाकियू के तत्वावधान में किसान गन्ना मूल्य को लेकर कलक्ट्रेट में आंदोलन कर रहे थे। शनिवार को प्रशासन, चीनी मिल प्रबंधन, गन्ना सहकारी समिति के पदाधिकारियों के बीच बैठक का भी आंदोलन कर रहे किसानों ने बहिष्कार किया। किसान लगातार चीनी मिल प्रबंधन से वार्ता कर गन्ना मूल्य की घोषणा की मांग कर रहे थे। इस बीच मंगलवार को एक किसान ने आमरण-अनशन प्रारम्भ कर दिया।
तबीयत बिगड़ने पर बुधवार को डीएम ने वार्ता और कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि किसान सीधी वार्ता और गन्ना मूल्य की घोषणा की मांग करते रहे। इस बीच सिटी मजिस्ट्रेट ने जूस पिलाकर अनशन समाप्त करा दिया। साथ ही सर्किट हाउस में वार्ता कराने की बात कह सभी किसानों को पीडब्लूडी गेस्ट हाउस पहुंचा दिया। गेस्ट हाउस में भी किसान धरने पर बैठ गये हैं। |
आपके पीिी [प्क] पर मल्टी बट ू ऑपरे टटंग सिस्टम को इंस्टाल करने के सलए आपके पाि ववसशष्ट हार्डवेयर कॉन्फ़िगरे शन होना चाटहए, इििे पहले कक आप इंस्टॉलेशन प्रकिया िे शरू ु करें , कृपया एक नज़र र्ालें। मैंने फयन ू तम कंप्यट ू र हार्डवेयर आवश्यकता िे नीचे उल्लेख ककया है जो इंस्ट्लेशन प्रकिया के सलए बबल्कुल आवश्यक है ।
स्टेप १२ :: !!! बिाई हो आपने अपनी हार्ड डर्स्क पर विन७ और विन८ को ििलतापव ड इंस्टॉल ककया है जब आप अपने कंप्यट ू क ू र को पन ु रारं भ [रेस्टार्ट] करते हैं .कंप्यट ू र आपको िंदेश के िाथ िंकेत दे गा कंप्यट ू र को शरू ु करना है विंडोज ७ या ववंर्ोज ८ के िाथ !!! |
महाशिवरात्रि के दिन अगर भोलेनाथ को राशिअनुसार चीजें अर्पित की जाएं तो इससे वे बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। शिवरात्रि पर राशि अनुसार कौन सी चीजें अर्पित करनी चाहिए।
मेष राशि के जातक शिवलिंग पर लाल कनेर के फूल चढ़ाएं।
वृष राशि के जातक शिवलिंग के समक्ष नारियल तेल का दीपक जलाएं।
मिथुन राशि के जातक महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ का मिश्री के जल से अभिषेक करें।
कर्क राशि के जातक भगवान शिव को आंकड़े के फूल अर्पित करें।
सिंह राशि के जातक महाशिवरात्रि पर नारियल पर मौली बांधकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
कन्या राशि के जातक शिवलिंग पर पीपल के पत्ते चढ़ाएं।
तुला राशि के जातक शिवरात्रि पर गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करें।
वृश्चिक राशि के जातक महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को बिल्व पत्र अर्पित करें।
धनु राशि के जातक भगवान शिव को पीले कनेर के फूल चढ़ाएं।
मकर राशि के जातक शमीपत्र मिले जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
कुंभ राशि के जातक शिवरात्रि पर तिल के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
मीन राशि के जातक केसर मिले जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। |
कुमकुम प्यारा सा बंधन, स्टार प्लस का बहुत प्रसिद्ध दोपहर का शो ने हजारों दर्शकों के दिल जीत लिए थे अपने दिलचस्प रियलिस्टिक ड्रामे से।
यह सदाबहार प्रेम कहानी जो भाभी और देवर के बीच शुरू हुई, एक घरेलू नाम बन गई। शो के मुख्य कलाकार, हुसैन कुवाजेरवाला और जूही परमार ने सुमित और कुमकुम की भूमिकाओं में एक महान जोड़ी के लिए शो को लोकप्रियता की एक नए ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
यह शो इतना दिलचस्प था कि इसके प्रशंसक इस शो को कभी नहीं भूले। रोमांटिक कहानी सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से एक थी कि प्रशंसकों ने कुमकुम को इतना प्यार क्यों किया उसकी।
अधिक अपडेट के लिए आई डब्लू एम बज्ज़. कॉम से जुड़े रहे। |
इसे भी पढ़े 'मुस्लिमों के लिए भारत स्वर्ग, यहां उनके अधिकार सुरक्षित'- केंद्रीय मंत्री मुख्ताार अब्बाुस नकवी!!
रायपुर मौसम विभाग की माने तो मौसम विज्ञानी एच पी चंद्रा ने बताया कि मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर अमृतसर, चंडीगढ़, बरेली, आजमगढ़, जमुई, दुमका, कनिंग और उसके बाद दक्षिण पूर्व की ओर होते हुए उत्तर बंगाल की खाड़ी तक स्थित है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी बिहार और उसके आसपास ३.१ किलोमीटर ऊंचाई पर है साथ ही इसका अक्ष ७.६ किलोमीटर ऊंचाई पर है। कल दिनांक १4 जुलाई को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने और भारी वर्षा होने की संभावना है।प्रदेश के मध्य भाग में मध्यम से भारी वर्षा होने की ज्यादा संभावना है। |
थोक चीन से फ , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते फ खोजने की आवश्यकता है। बस फ पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे फ का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं। |
जैसे कि श्री महाराज जी अब अपने को धन्य समझने लगे और उनका पूरा-पूरा ध्यान अपनी मां के श्री चरणों मे लगा रहता था। तो उन्होंने कुल्लू से कटड़ा तक की यात्रा के लिए एक निजी बस का प्रबन्ध किया, जिसमें अधिकतर महिलायें थीं और पुरूष दो चार ही थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था- श्री स्वामी जी का वात्सल्य भाव। इन दिनों श्री स्वामी जी मुख्यतर 'मां-मां-मां' के रंग में ही रंगे रहते। उन्हैं अपने भीतर बाहर सब ओर मां के ही पावन दर्शन होते। जिस-जिस महिला को पता चलता कि 'बाबा जी' बस लेकर "वैष्णु देवी" जा रहे हैं,वह झट से न आव देखती न ताव और जिस हाल में बैठी हो उठकर वेष्णो देवी पहुंच जाती और बाबा जी से कहती "बाबा जी मैं भी चलूंगी आप के साथ वैष्णो देवी।" उस समय बाबा जी कितने प्यार से उत्तर देते, उनके मुख-मण्डल पर कितना वात्सल्य आ जाता जब वे कहते "मां आप जरूर चलोगी, आप तो मेरी मां हैं।" और दोनों हाथों से चरण-स्पर्श करते मानो कोई पांच वर्ष का बालक यह सब कह रहा हो और कर रहा हो। |
३. अंडों के टूट जाने के बाद माँ के यह पूछने पर कि - 'तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा।' के जवाब में श्यामा ने क्या कहा और उसने ऐसा क्यों किया?
४. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम 'नादान दोस्त' रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?
अच्छा - दीपक एक अच्छा लड़का है।
कीमती - यह गाडी बहुत कीमती है।
बड़ा - यह बक्सा बड़ा है।
लम्बा - यह रास्ता लम्बा है।
(क) झुँझलाकर - श्याम ने झुँझलाकर बैट फेंक दी।
(ख) बनाकर - उसने कागज़ का हवाई जहाज़ बनाकर उड़ाया।
(ग) घबराकर - मोहित घबराकर भाग गया।
(घ) टीकाकर - सुमित बैट को घुटनों से टिकाकर बातें करने लगा।
(ड़) गिड़गिड़ाकर - भिखारी गिड़गिड़ाकर भीख माँगने लगा। |
पत्राली चट्टोपाध्याय कुंती देवी की रोमांटिक और प्यारी बहू प्रेमा का रोल प्ले करेंगी. वह प्रेम का प्रतीक हैं और उनका किरदार अक्सर फ्रेंच में बोलता है. अपनी नई भूमिका के बारे में बताते हुए पत्राली कहती हैं, "मैं 'क्या हाल मिस्टर पांचाल' में प्रेमा की भूमिका में दिखूंगी. मैं पहली बार कोई हल्की-फुल्की कॉमेडी कर रही हूँ. इस भूमिका को लेकर मैं खुश हूँ. इस किरदार के लिए मुझे फ्रेंच में बात करनी होगी और मैं ये भाषा सीख रही हूँ. ये मेरे लिए सीखने और मेरे प्यारे दर्शकों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक शानदार अवसर है. मैं इतने गर्मजोशी वाले और एंटरटेनिंग स्टारकास्ट के साथ काम करने को लेकर बहुत खुश हूँ." |
बदायूं। पुणे में हुए बम धमाके के बाद बुधवार की शाम प्रदेश में हाइअलर्ट घोषित कर दिया गया। इसके तहत दूसरे दिन बृहस्पतिवार को भी जिले में पुलिस सक्रिय रही। शहर के रोडवेज बस स्टैंड समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चौकसी बरती गई। हालांकि रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने चेकिंग अभियान नहीं चलाया। वहां के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें मुख्यालय से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है।
बुधवार की रात से जिले की पुलिस ने रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, होटलों और ढाबों की चेकिंग शुरू कर दी। बृहस्पतिवार को रक्षाबंधन होने की वजह से सतर्कता बढ़ा दी गई। इसके चलते पूरे दिन रोडवेज बस स्टैंड समेत शहर के विभिन्न चौराहों पर पुलिस तैनात रही। पुलिसकर्मियों ने संदिग्ध लोगों और उनके सामान की चेकिंग भी की। रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था नदारद दिखी। एसओ जीआरपी मानसिंह ने बताया कि उन्हें मुख्यालय से चेकिंग करने का कोई निर्देश नहीं मिला है। |
चण्डीगढ़ - हरियाणा सरकार द्वारा वाहनों की ओवरलोडिंग रोकने के लिए ई-चालानिंग के माध्यम से परिवहन विभाग के साथ प्रशासन के अन्य विभागों को जोडऩे का निर्णय लिया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अब उपायुक्त द्वारा जिला स्तर पर अन्य विभागों के अधिकारियों को भी ओवरलोड भारी वाहनों के चालान के लिए अधिकृत किया जायेगा। इसके लिए प्रमुख स्थानों पर ई-चालान पोस्ट स्थापित होंगी जिनपर भारी वाहनों में लगे सामान की जांच के लिए भार तोलने हेतू कांटे भी लगाए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि ई-चालानिंग के लिए मनोनीत अधिकारियों के मोबाईल पर ई-चालान एप डाउनलोड किया जायेगा और सम्बन्धित अधिकारी को उसका यूजर नेम और पासवर्ड दिया जायेगा। अधिकारी चालानिंग पोस्ट पर वाहनों के भार का निरीक्षण करेंगे और अधिकृत मात्रा से ज्यादा भार लोड होने पर न केवल ई-चालानिंग से मौके पर ही चालान की राशि और जुर्माना राशि वसूल की जायेगी बल्कि वाहन में लोड किए गये क्षमता से अधिक भार को भी उतरवाया जायेगा। ई-चालान एप के संचालन के बारे में सभी अधिकारियों को जानकारी दी गई और आरम्भ में इन पोस्टों पर ऐसे अधिकारियों के सहयोग के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी तैनात किए जायेंगे। चालान की गई राशि का भुगतान वाहन चालक मौके पर ही कर सकता है। इसके अलावा क्षमता से अधिक भार मिलने पर चालान और जुर्मान के साथ-साथ वाहन को जब्त भी किया जायेगा।
ई-चालानिंग के लिए आज अंबाला में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिला के सभी कार्यालयों के अधिकारियों, अधीक्षक और उप अधीक्षक स्तर के कर्मियों को ई-चालानिंग का प्रशिक्षण दिया गया। |
नव दिल्ली. हाई स्कूल पास करने के बाद ही सरकारी नौकरी मिल जाए तो करियर संवरते देर नहीं लगी। आज के समय में हर अभ्यर्थी यही चाहता है कि कहीं सरकारी नौकरी पढ़ाई करते करते ही लग जाए तो आगे बढ़ने का सुनहरा मौका उनके पास रहेगा। ऐसे में उन अभ्यर्थियों के लिए खुशी भरी खबर है, जो १०वीं की परीक्षा पास कर चुके हैं। हाईस्कूल पास अभ्यर्थियों के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (द्रेडो) ने तकनीशियन ए के कुल ३५१ पदों पर आवेदन आमंत्रित किए हैं।
उक्त पदों पर जो भी अभ्यर्थी आवेदन करना चाहते हों, वह द्रेडो की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अधिसूचना को ध्यान पूर्व पढ़ें। अभ्यर्थी अंतिम तिथि २६ जून आवेदन भर दें।
बता दें कि तकनीशियन ए ३५१ पदों पर भर्तियां होनी है। ऐसे में हाईस्कूल पास कर चुके अभ्यर्थियों के पास यहां नौकरी करने का अच्छा मौका है।
बताते चलें कि अभ्यर्थियों की शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल की परीक्षा डिग्री/डिप्लोमा किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड, संस्थान से होनी चाहिए। पदों के अनुसार डिग्री अलग अलग निर्धारित की गई है।
आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु १८ और अधिकतम २८ वर्ष निर्धारित है। बता दें कि पदों का वेतन मान २८ हजार रुपए है। अभ्यर्थियों का चयन कट और ट्रेड टेस्ट पर आधारित होगा। |
फिल्म निर्देशक ज़ोया अख्तर का मानना है कि बॉलीवुड में सितारों की परम्परा ने उसे विश्व सिनेमा में पहचान दिलाई है।
ज़ोया ने कहा कि सितारों की परम्परा काफी महत्वपूर्ण है। अगर आप विश्व भर के सिनेमा को देखें, बॉलीवुड, हॉलीवुड और चीन इन तीनों में सितारों की परम्परा है। अन्य सिनेमा उद्योग जैसे यूरोप और अन्य देशों में सितारे नहीं है और उनका उद्योग जगत मरणासन्न स्थिति में है।
रितिक रोशन, अभय देओल और फरहान अख्तर की फिल्म का निर्देशन कर चुकीं ज़ोया ने कहा कि भारत हॉलीवुड के सामने टिका हुआ है क्योंकि हमारे पास अपनी भाषा है, अपनी शैली है, और हमारे दर्शक शाहरुख खान को देखना पसंद करेंगे न कि टॉम क्रूज को।
४० वर्षीय ज़ोया ने कहा कि हमारी सितारों की परम्परा ने सिनेमा उद्योग को बढ़ाया है। इसलिए मेरे दिल में इसके लिए काफी इज्जत है और मैं इसे समझती हूं।
यह पूछने पर कि उनके मुताबिक फिल्म स्टार कौन है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वे सितारे कहलाते हैं क्योंकि फिल्म कौन सी है यह फर्क नहीं पड़ता, इसे अच्छी शुरुआत मिलती है। ...इसलिए आप उनके साथ बहुत सारी फिल्में नहीं बना सकते क्योंकि वे प्रयोग नहीं करना चाहते। वे सुरक्षा चाहते हैं और यही समस्या है।
ज़ोया का कहना है कि इस मामले में अभिनेता आमिर खान बिल्कुल अलग हैं जिसके साथ उन्होंने फिल्म तलाश के लिए काम किया है। जोया ने रीमा कागती निदेर्शित इस फिल्म का सह-लेखन किया है।
कवि और गीतकार जावेद अख्तर और पटकथा लेखक हनी ईरानी की बेटी जोया ने लक बाय चांस, और जिंदगी न मिलेगी दोबारा का निर्देशन करने के साथ-साथ इसकी कहानी भी लिखी है। लाइव हिन्दुस्तान पर खबरें देखने के लिए कृपया ब्राउज़र की विज्ञापन अवरोधक स्क्रिप्ट(अध ब्लॉकर) को बंद करें और अपना वेब पेज रिफ्रेश करें, या साइट को किसी दूसरे ब्राउज़र में देखें । |
सूत्रों के अनुसार जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को आव्रजन अधिकारियों ने शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश यात्रा करने से रोक दिया।
मुंबई। सूत्रों के अनुसार जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को आव्रजन अधिकारियों ने शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश यात्रा करने से रोक दिया। सूत्रों की मानें तो गोयल और उनकी पत्नी दुबई जाने वाली एमिरेट्स की उड़ान संख्या ईके ५०७ में यात्रा करने वाले थे। आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें उड़ान की इजाजत देने से इनकार कर दिया।
यही नहीं , अनीता गोयल का सामान भी विमान से उतार दिया गया। उड़ान दोपहर तीन बजकर ३५ मिनट पर रवाना होनी थी। नरेश गोयल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं , एमिरेट्स की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। पिछले महीने जेट एयरवेज के अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष किरण पावसकर ने मुंबई पुलिस आयुक्त को चिट्ठी लिखी थी।
कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन नहीं देने के लिए गोयल , अन्य निदेशकों और जेट एयरवेज प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त करने को कहा था। नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने मार्च में जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। नरेश गोयल ने २६ साल पहले जेट एयरवेज की स्थापना की थी। |
खंडवा लोकसभा क्षेत्रांतर्गत इस विधानसभा में रविवार को होने वाले मतदान को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। भीकनगांव तहसील में १ से ११7 व झिरन्या तहसील में ११8 से २७६ तक मतदान केंद्र बनाए गए है। २७६ केंद्रों पर २२३२६७ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। निर्वाचन से जुड़े फिरोज मोहम्मद शेख ने बताया क्षेत्र के 5१ संवेदनशील व २ अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर व्यापक तैयारी की गई है। विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम १50 मतदाता सोनूद व सबसे अधिक १२6१ मतदाता ढसलगांव केंद्र पर है। मतदान दलों को बूथ तक पहुंचाने व लाने की तैयारियां पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी पहुंच चुका है। एसडीएम व एसपी मंडराह व तहसीलदार सीएस हुड्डा लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। एसडीएम ने बताया मतदान की तैयारी के साथ बूथों पर आवश्यक सुविधाएं जुटाई है। मतदाता भयमुक्त होकर शांतिपूर्ण तरीके से मताधिकार का उपयोग करें।
रविवार को होने वाले मतदान को लेकर विभिन्न संगठन जागरूकता अभियान चला रहे है। कहीं पोस्टर-बैनर तो कहीं पीले रखकर मतदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। शुक्रवार को भी संगठन पदाधिकारी गांवों व फाल्यों तक पहुंचे। बिना प्रलोभन के मतदान करने व प्रलोभन देने वालों की शिकायत पुलिस से करने की बात कही। |
नई दिल्ली: भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए पांचवें वनडे में भारत ने कैरेबियाई टीम को ९ विकेट से हराकर सीरीज ३-१ से अपने नाम कर ली। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने स्वदेश में एक और सीरीज अपने नाम कर ली। विराट का इस सीरीज में प्रदर्शन शानदार रहा है। कोहली के बल्ले से शानदार शतक निकले हैं। कोहली ने जीत के साथ ही एक रिकॉर्ड और अपने नाम किया। इस जीत के साथ ही भारतीय कप्तान ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। कोहली इस वनडे सीरीज के मैन ऑफ सीरीज रहे और वनडे क्रिकेट में अपने सातवें मैन ऑफ द सीरीज खिताब जीतकर वह सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने बराबर आ गए हैं। इस लिस्ट में सचिन तेंदुलकर शीर्ष पर हैं।
इस सीरीज में कप्तान कोहली का बल्ला जमकर बोला उन्होंने सर्वाधिक ४५३ रन बनाए। कोहली ने अपने करियर में वनडे में अभी तक सात मैन ऑफ द सीरीज खिताब अपने नाम कर लिया है और वह इसके साथ युवराज और गांगुली के साथ साथ विवियन रिचर्ड्स , रिकी पोटिंग, हाशिम अमला के भी बराबर आ गए हैं। कोहली से आगे सिर्फ सचिन तेंदुलकर, सनथ जयसूर्या और शॉन पोलॉक हैं। इन्होंने क्रमश १५, ११ और ९ मैन ऑफ द सीरीज अपने नाम की है। बता दें कि भारतीय टीम ने पांचवें वनडे में वेस्टइंडीज को ३१.५ ओवर में कुल १०४ रन पर ही समेट दिया। इस दौरान वेस्टइंडीज के आठ बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए।
जडेजा के अलावा बुमराह और खलील अहमद ने २-२ विकेट लिए जबकि भुवनेश्वर कुमार और कुलदीप यादव ने १-१ विकेट लिया। जवाब में उतरे भारतीय बल्लेबाजों ने धवन (६) के रूप में पहला विकट गंवाकर रोहित शर्मा (नाबाद ६३) और कप्तान विराट कोहली (नाबाद ३३) ने १4.५ ओवर में आसान लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत ने इस सीरीज पर ३-१से कब्जा जमा लिया। फिलहाल टीम की नजरें होने वाले तीन टी२0 मैच वाली सीरीज पर है। |
ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा का कारक माना जाता है। बेल की जड़ को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सूर्य के नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ते हैं और उनको इससे सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह हृदय रोग, रीढ़ की हड्डी से संबंधित बीमारी, अपच, थकावट से भी मुक्ति दिलाने में सहायक है।
बेल मूल को पहले गंगा जल से पवित्र कर लें।
इसके बाद ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
अब इसे पीले रंग के कपड़े में लपेटकर अपनी बाजु में कसकर बाँध लें।
इस जड़ी को रविवार के दिन धारण करें।
खिरनी की जड़ चंद्र ग्रह से संबंधित दोषों को दूर करने में सहायक है। चंद्रमा को मन एवं माता का कारक माना जाता है। यदि आपकी जन्म कुडली चंद्र ग्रह राहु, केतु या शनि से प्रभावित है तो आपको खिरनी की जड़ को धारण करना चाहिए। यह जड़ हमारे मन को एकाग्र करती है।
जड़ को पहले गंगाजल से धो लें।
फिर ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः॥ का जाप करें।
जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर अपनी दाहिनी बाजू में बांध लें।
इस उपाय को सोमवार के दिन करें।
अनंतमूल की जड़ी मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव से बचाती है। ज्योतिष में मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, ज़मीन और भाई का कारक होता है। मंगल दोष को दूर करने में अनंतमूल की जड़ी बेहद कारगर है। इसके अलावा यह जड़ी शारीरिक रोगों को दूर करती है, जैसे- चर्म रोग, यकृत संबंधी बीमारी, कब्ज़ रोग आदि।
मंगलवार के दिन गंगा जल से इस जड़ी को पवित्र करें।
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सह भोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
फिर जड़ी को लाल कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा में बाँध लें।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह भाषा, संवाद शक्ति, बुद्धि-विवेक, भाव-भंगिमा का कारक होता है, जबकि घबराहट एवं क्रोध इसके नकारात्मक पक्ष को दर्शाते हैं। अतः विधारा मूल को धारण करने से बुध के सभी नकारात्मक पक्ष शून्य हो जाते हैं। आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार विधारामूल की जड़ अल्सर, एसिडिटी एवं ब्लड प्रेशर जैसे रोगों को दूर करने में भी सहायक होता है।
बुधवार के दिन इस यंत्र को धारण करें।
जड़ी को पहले गंगाजल से पवित्र कर लें।
उसके बाद ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
फिर इसे हरे कपड़े में अच्छी तरह लपेटकर अपनी दाहिने हाथ की बाजू में बाँध लें।
इस दौरान माँ दुर्गा की पूजा करें।
धारण करने से पहले जड़ को गंगा जल से पवित्र करें।
फिर ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः॥ मंत्र का जाप करें।
उसके बाद जड़ को पीले वस्त्र में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा कसकर बाँध लें।
अरंड मूल शुक्र ग्रह ग्रह से संबंधित है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र को विवाह, धन वैभव, काम आदि का कारक माना जाता है। अरंड मूल धारण करने से जातक के जीवन में प्रेम एवं विवाह संबंध अच्छा बना रहता है। इससे शुक्र के बुरे प्रभाव नष्ट हो जाते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह जड़ी अस्थमा, ज्वर, खाँसी आदि रोगों को दूर करने भी सहायक है।
अरंड मूल को शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए।
पहले जड़ी को गंगा जल से पवित्र करें।
फिर ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
उसके बाद जड़ी को सफेद कपड़े में लपेटकर अपनी गर्दन में धारण करें।
सामान्य रूप से शनि ग्रह अच्छा नहीं माना जाता है, परंतु यदि जीवन में इसकी कृपा दृष्टि बरसती है तो व्यक्ति के भाग्य खुल जाते हैं। यह हमारे कर्म का कारक होता है। शनि दोष के कारण व्यक्ति का जीवन कष्टमय गुजरता है। इसलिए इसके बुरे प्रभाव से बचने एवं कृपा दृष्टि पाने के लिए धतूर की जड़ को धारण करना शुभ माना जाता है। आयुर्वेद की दृष्टि से तंत्रिका और गठिया रोग से मुक्ति पाने के लिए भी यह बेहद कारगर है।
धतूरे की जड़ को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए।
जड़ को गंगा जल से पहले स्वच्छ कर लें।
फिर ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः॥ मंत्र का जाप करें।
अब नीले कपड़े में इसे लपेटकर अपनी दाहिने हाथ की बाजु में बाँध लें।
नागरमोथा की जड़ को धारण करने से राहु से संबंधित दोष दूर होते हैं। इससे मानसिक तनाव एवं पुरानो रोगों से मुक्ति मिलती है। यदि जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है तो इस जड़ को धारण करने से यह दोष समाप्त हो जाता है। नागरमोथा की जड़ व्यक्ति में साहस बढती है और राह में आने वाली कठिनाई को दूर करती है।
सर्वप्रथम जड़ को गंगाजल से पवित्र कर लें।
अब ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः॥ मंत्र का जाप करें।
जड़ को सफेद कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिने हाथ की बाजू में बाँध लें।
शनिवार के दिन नागरमोथा की जड़ को धारण करें।
केतु ग्रह समृद्धि, स्वास्थ्य, धन का प्रतीक माना जाता है। अश्वगंधा की जड़ धारण करने से व्यक्ति को सर्पदंश आदि का ख़तरा नहीं होता है। इसके साथ ही अश्वगंधा जड़ी केतु ग्रह के अन्य बुरे प्रभावों भी बचाती है। यह जातकों के रोग-दोष मुक्त करने में भी सहायक है। जैसे- चर्म रोग, मूत्र मार्ग में संक्रमण आदि।
सर्वप्रथम जड़ को गंगा जल से पवित्र करें।
धूप, दीप जलाकर केतु मंत्र ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः॥ का जाप करें।
पूजा करने के बाद जड़ी को काले रंग के कपड़े में लपेटकर अपनी दाहिनी भुजा में बाँध लें।
यह उपाय बुधवार के दिन करें।
आशा करते हैं कि जड़ोंं से संबंधित लिखा गया यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप इस संबंध में कुछ अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमारी ज्योतिषीय परामर्श सेवा के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं। |
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जिसे एएमयू के नाम से जाना जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र यूजी, पीजी, पीएचडी, एमफिल आदि कोर्सेस में एडमिशन ले सकते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुछ कोर्सेस का चयन मेरिट के आधार पर होता है तो वहीं कुछ कोर्सेस के लिए प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर होता है। अमू एडमिशन २०२० प्रकिया फरवरी में शुरु कर दी जायेगी जिसके बाद छात्र आवेदन पत्र कर सकेंगे। एएमयू नोटिफिकेशन २०२० जारी होने के बाद छात्र एडमिशन प्रकिया में भाग ले सकेंगे। जो भी छात्र एएमयू एडमिशन २०२० से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं वह हमारे पेज पर दी गई जानकारी को पूरा पढ़ सकते हैं।
एएमयू एंट्रेंस एग्जाम २०२० में उपस्थित होने वाले छात्रों को सबसे पहले आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से प्राप्त कर सकेंगे। जिन छात्रों का आवेदन पत्र स्वीकार किया जायेगा। केवल उन्हीं छात्रों को अमू एंट्रांस एक्सम के लिए एडमिट कार्ड प्राप्त होगा। एडमिट कार्ड प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी छात्रों के पास होना बेहद जरुरी है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एंट्रांस एक्सम २०२० समाप्त होने के कुछ समय बाद ही छात्रों का रिजल्ट घोषित कर दिया जायेगा। जो भी छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम २०२० से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं वह हमारे पेज पर दी गई टेबल को देख सकते हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्स (एएमयू) देश के सभी कोनों तथा विदेशों, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करती है। कुछ पाठ्यक्रमों में, सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीट आरक्षित होती है।
छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा करने के लिए, नीचे दी गई सारणी में दिए गए अध्ययनों के विभिन्न कोर्स में प्रवेश के उद्देश्य के लिए विश्वविद्यालय आवेदकों की अधिकतम आयु सीमा को परिभाषित करने के लिए बाध्य है।
उम्मीदवार केवल उन पूर्णकालिक नियमित अध्ययन कोर्स में दाखिला के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे जहां वे उस अवधि के लिए अधिकतम आयु सीमा को पार कर चुके हैं।
नियामक निकायों द्वारा निर्धारित जहां तक लागू हो, निर्धारित अधिकतम / न्यूनतम आयु सीमा अध्ययन के उस कोर्स के लिए खड़ी होगी।
मदरसा उत्तीर्ण उम्मीदवारों को सभी स्तरों पर अध्ययन के सभी कोर्स के लिए अधिकतम आयु सीमा में तीन (०३) वर्ष तक छूट दी जाएगी।
अमू आप्लिकेशन फॉर्म २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी किये जायेंगे। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिशन फॉर्म २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी फॉर्म २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अमू एडमिशन फॉर्म २०२० भरने से पहले छात्रों को आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारी को सही से जांचना होगा उसके बाद ही आवेदन करना होगा। अगर छात्र अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आप्लिकेशन फॉर्म २०२० भरने के योग्य नहीं होंगे तो एएमयू आवेदन पत्र किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा। आवेदन पत्र भरते समय छात्रों को जरुरी दस्तावेज की फोटो स्कैन करके अपलोड करनी होगी। आवेदन पत्र में मांगी गई मानदंड पात्रता को भरते समय छात्रों को आवेदन शुल्क का भुगतान भी करना होगा। आवेदन शुल्क का भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम के जरिये ही किया जायेगा। जो छात्र किसी कारण वश आवेदन प्रकिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे तो ऐसी स्थिति में छात्रों को लेट फाइन के साथ आवेदन करना होगा। लेट आवेदन करने वाले छात्रों को २०० रुपये लेट फाइन भी जमा करना पड़ेगा इसलिए प्रत्येक छात्रों को इस बात के लिए सूचित किया जाता है कि वह आवेदन पत्र समाप्त होने से पहले आवेदन करें।
विभिन्न कोर्सों को आवेदन पत्र भरने के बाद आवेदन भुगतान करना होगा जो निम्न प्रकार है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिशन फॉर्म २०२० जिन छात्रों का स्वीकार किया जायेगा। केवल उन्हीं छात्रों को एएमयू एडमिट कार्ड २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अमू एडमित कार्ड २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन जारी किया जायेगा। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिट कार्ड २०२० प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से एएमयू हॉल टिकट २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमित कार्ड २०२० जारी होने के बाद छात्रों को स्वंय डाउनलोड करना होगा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की ओर से हार्ड कॉपी नहीं भेजी जायेगी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हाल टिकट २०२० डाउनलोड करने के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर, डीओबी और नाम दर्ज करना होगा उसके बाद ही वह डाउनलोड कर सकेंगे। एएमयू एडमिट कार्ड २०२० प्रवेश परीक्षा में सभी छात्रों के पास होना बेहद जरुरी है बिना एडमिट कार्ड के छात्रों को परीक्षा हॉल में बैठने नहीं दिया जायेगा। एएमयू प्रवेश परीक्षा २०२० के लिए एडमिट कार्ड जरुरी दस्तावेज है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अंस्वर की २०२० आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की जायेगी। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर एएमयू आंसर की २०२० प्राप्त कर सकेंगे। अमू कंट्रोलर अंस्वर की २०२० ऑनलाइन मोड के माध्यम से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा जारी की जायेगी। प्रवेश परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवा आंसर की देख सकते हैं और अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रवेश परीक्षा में कितने उत्तर सही या गलत हैं । उम्मीदवार नीचे दिये गये लिंक से अपनी आंसर की प्राप्त कर सकते हैं ।
प्रवेश परीक्षा देने के लिए उम्मीदवारों को अपने सेलेबस का पता होना बेहद जरुरी है जिसके चलते वह प्रवेश परीक्षा की तैयारी अच्छे ठंगे से कर सकेंगे जो भी उम्मीदवार अमू सिलेबस २०२० प्राप्त करना चाहते हैं वह नीचे दिये गये लिंक से सेलेबस प्राप्त कर सकते हैं ।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एडमिशन २०२० प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिये जायेंगे। छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी रेसल्ट २०२० प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा हमारे पेज पर दी गई लिंक से अमू रेसल्ट २०२० प्राप्त कर सकेंगे। एएमयू रिजल्ट २०२० प्राप्त करने के लिए छात्रों को रजिस्ट्रेशन नंबर, डीओबी और नाम दर्ज करना होगा उसके बाद ही छात्र रिजल्ट डाउनलोड कर सकेंगे। एएमयू रिजल्ट जारी होने के बाद मेरिट लिस्ट में शामिल होगा जिन छात्रों का नाम मेरिट लिस्ट में शामिल होगा उन छात्रों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जायेगा।
अमू मेरिट लिस्ट २०२० जारी होने के बाद छात्रों को काउंसलिंग प्रकिया के लिए बुलाया जायेगा। जिन छात्रों का नाम एएमयू मेरिट लिस्ट २०२० में शामिल होगा। केवल उन्हीं छात्रों को काउंसलिंग प्रकिया के लिए बुलाया जायेगा। अमू काउंसलिंग २०२० में उपस्थित होने वाले छात्रों को स्वंय रजिस्ट्रेशन करना होगा। जो छात्र काउंसलिंग प्रकिया में उपस्थित होने होंगे उन छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। एएमयू काउंसलिंग २०२० प्रकिया दो या तीन चरणों में पूरी होगी। जो छात्र काउंसलिंग प्रकिया में शामिल होंगे उन छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा कॉलेज में प्रवेश दिया जायेगा।
साकिब जी आप यहाँ से एडमिशन की पूरी प्रक्रिया प्राप्त कर सकते हैं।
हां, आप एएमयू एडमिशन २०१९ के लिए अप्लाई कर सकती हैं।
इस साल आवेदन करने की तिथि समाप्त हो गई है, आप अगले साल एएमयू एडमिशन के लिए ट्राईं करें।
आवेदन पत्र जारी होने के बाद आप अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। |
लखन. उत्तर प्रदेश में ०७ चरणों में संपन्न होने वाले लोक सभा सामान्य निर्वाचन २०१९ के लिए प्रदेश के १३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में चतुर्थ चरण की अधिसूचना ०२ अप्रैल को जारी होगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही २७-शाहजहांपुर (अ०जा०), २८-खीरी, ३१-हरदोई (अ०जा०), ३२-मिश्रिख (अ०जा०), ३३-उन्नाव, 4०-फर्रूखाबाद, ४१-इटावा (अ०जा०), ४२-कन्नौज, ४३-कानपुर, ४४-अकबरपुर, ४५-जालौन (अ०जा०), ४६-झांसी तथा ४७-हमीरपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकन प्रक्रिया ०२ अप्रैल से शुरू हो जायेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल० वेंकटेश्वर लू ने यह जानकारी देते हुए बताया कि १३८-निघासन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के उप निर्वाचन, 2०19 के लिए भी अधिसूचना ०2 अप्रैल को जारी होगी। उप निर्वाचन हेतु लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2०19 के चतुर्थ चरण का कार्यक्रम प्रभावी होगा।
एल० वेंकटेश्वर लू ने बताया कि १३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में ०9 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किये जा सकते हैं। इन क्षेत्रों में नामांकन पत्रों की जॉच 1० अप्रैल को की जायेगी और १२ अप्रैल तक नाम वापस लिये जा सकते हैं। १२ अप्रैल को सायं ०3ः०० बजे के पश्चात चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची अंतिम हो जायेगी। सभी निर्वाचन क्षेत्रां में २९ अप्रैल (सोमवार) को पूर्वाह्न ०7 बजे से अपराह्न ०6 बजे तक मतदान होगा।
एल० वेंकटेश्वर लू ने बताया कि यह १३ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र शाहजहांपुर, खीरी, हरदोई, सीतापुर, कानपुर नगर, उन्नाव, फर्रूखाबाद, एटा, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कन्नौज, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, तथा बांदा जिले में पड़ते हैं। इन क्षेत्रों में २.३८ करोड़ मतदाता हैं, जिनमें १.२9 करोड़ पुरूष, १.०9 करोड़ महिला तथा १२३० तृतीय लिंग के मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि चतुर्थ चरण के जनपदों में १8 से १9 वर्ष के ३,५६,००5 युवा मतदाता तथा 8० वर्ष से अधिक के ४,5४,5०8 मतदाता हैं। इन १३ लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल १7,०११ मतदान केन्द्र तथा २7,5१३ मतदेय स्थल हैं। |
भारत में पांच वर्ष से कम आयु के २१ प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। देश में बाल कुपोषण १९९८-२००२ के बीच १७.१ प्रतिशत था, जो 20१2-१6 के बीच बढ़कर २१ प्रतिशत हो गया। दुनिया के पैमाने पर यह काफी ऊपर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले २५ सालों से भारत ने इस आंकड़े पर ध्यान नहीं दिया और न ही इस स्थिति को ठीक करने की दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "कुपोषण का एक मतलब यह भी है कि ऐसे बच्चे अपनी लंबाई के अनुपात में हल्के होते हैं। एक स्वस्थ बच्चे का वजन हर साल आम तौर पर दो-तीन किलोग्राम बढ़ना चाहिए। समस्या तब गंभीर मानी जा सकती है, जब एक बच्चे का वजन व ऊंचाई का माप विश्वस्तर पर स्वीकृत आदर्श माप से कम होता है।
वजन कम होना और स्टंटिंग दो अलग समस्याएं हैं, जो ऐसे बच्चों में पाई जाती हैं।" कुपोषण के कुछ लक्षणों में शरीर में वसा की कमी, सांस लेने में कठिनाई, शरीर का कम तापमान, कमजोर प्रतिरक्षा, ठंड लगना, सेंसिटिव त्वचा, घाव भरने में अधिक समय लगना, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन शामिल हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा, "गंभीर कुपोषण वाले बच्चों को कुछ भी नया सीखने में बहुत अधिक समय लगता है। इनका बौद्धिक विकास कम होता है। इन्हें मानसिक कार्य करने में कठिनाई होती है और पाचन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति जीवन में लंबे समय तक बनी रहती है। कुपोषण की रोकथाम में जिस एक बात पर सर्वाधिक जोर होना चाहिए, वह है - स्वस्थ व संतुलित आहार। चार प्रमुख खाद्य समूह हैं, जो बच्चों के आहार में शामिल होने चाहिए।
दूध और डेयरी खाद्य पदार्थ - वसा और वास्तविक शर्करा के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
फलों और सब्जियां का अधिक सेवन किया जाना चाहिए. बेहतर पाचन स्वास्थ्य के लिए विटामिन और खनिजों के महत्वपूर्ण स्रोत के साथ-साथ फाइबर का सेवन भी होना चाहिए।
भारत की तकरीबन १४ फीसदी आबादी जोड़ों के इस रोग के इलाज के लिए हर साल डॉक्टर की मदद लेती है। |
आज सुबह जब वेदिका के पिता मार्निंग वॉक से घर लौटे, तो कुछ उदास-से दिखाई दिए। हॉल में आकर सोफे पर बे-मन से बैठ गए।
क्यों? तुम्हारे पिता तो फीकी चाय पीते हैं न! मां ने थोड़ा हैरान होकर पूछा।
पापा का मूड आज कुछ ख़राब लग रहा है। चीनी की मिठास से शायद ठीक हो जाए। वेदिका ने जवाब दिया।
मूड ख़राब है! क्यों, क्या हुआ उन्हें अचानक? मां ने पूछा।
होना क्या है, आज फिर किसी की बेटी या पोती की शादी की ख़बर मिल गई होगी या फिर हो सकता है मेरी ही शादी का ज़िक्र किसी ने छेड़ दिया होगा इसलिए परेशान होंगे। वेदिका ने कहा।
परेशान होने वाली बात ही है, पिता हैं वो तुम्हारे। उन्हें तुम्हारी फ़िक्र नहीं होगी तो किसे होगी? वे भी चाहते हैं कि हमारे जीते जी तुम्हारी शादी हो जाए। मां ने कुछ चिंतित स्वर में कहा।
मां प्लीज़, अब आप शुरू मत हो जाइएगा। जल्दी से चाय लेकर हॉल में आ जाइए। इतना कह वेदिका किचन से बाहर चली गई। पीछे-पीछे मां भी चाय की ट्रे लेकर पहुंची।
पिता अब भी कहीं अपने ख़्यालों में गुम थे।
पापा, चाय लीजिए। वेदिका ने कहा।
उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वेदिका ने बात फिर से दोहराई तो पिता ने चाय का प्याला हाथों में ले लिया और एक चुस्की भरी।
चाय कैसी बनी है, पापा? वेदिका ने पूछा।
हम्म, ठीक है। संक्षिप्त-सा जवाब मिला।
लगता है चाय अब भी फीकी है। लाइए मैं और चीनी मिला लाती हूं। वेदिका ने कहा।
तुम्हें हो क्या गया है? पहले ही चाय में एक्स्ट्रा चीनी डलवा चुकी हो, अब और मिलाने की बात कर रही हो? मां ने वेदिका से कहा।
रोज़ सुबह की चाय पीकर पापा के चेहरे पर एक अलग-सी ख़ुशी नज़र आती है। जब मैं हैरान होकर पापा से पूछती कि ये फीकी चाय पीकर भी आपका मन इतना ख़ुश कैसे हो जाता है, तब पापा कहते हैं कि अगर मन में मिठास भरी हो, तो ये फीकी चाय भी दिल ख़ुश कर देती है। मगर लगता है आज पापा के मन की मिठास कुछ कम हो गई है। इसलिए मैंने सोचा कि पापा की चाय में एक्स्ट्रा चीनी मिलाकर मैं उनके मन को वापस मिठास से भर दूं। वेदिका ने कहा।
आप क्यों उदास हैं, किसी ने आपसे कुछ कहा है क्या? मां ने सवाल किया।
हां, वो वेदिका की शादी का ज़िक्र.... पिता अपनी बात पूरी किए बिना ही चुप हो गए।
दिस इज़ नॉट फेयर पापा, अपनी सिखाई हुई बात आज आप ख़ुद ही भूल गए! वेदिका ने कुछ रूठे हुए अंदाज़ में कहा।
कौन-सी बात? मां ने पूछा।
जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था तब मैं अपनी हालत देखकर और लोगों की बातें सुनकर बिल्कुल टूट चुकी थी। उस समय पापा ने मुझसे ये बात कही थी कि कभी-कभी हमारे हालात, मौजूदा वक़्त और आसपास मौजूद लोग हमारे सामने ऐसी परिस्थितियां खड़ी कर देते हैं, जिससे हम मायूस और ख़ुद को कमज़ोर समझने लगते हैं। तब ये तय करना हमारे हाथ में होता है कि हमें उन बुरी परिस्थितियों से हार मानकर, उदास होकर बैठ जाना है या ख़ुद अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाने की कोशिश करनी है और उसमें ख़ुशियों की मिठास घोलनी है। वेदिका ने पिता की ही सीख दुहराई।
माय प्लेज़र पापा। वेदिका ने मुस्करा कर कहा।
वेदिका की बात सुन वे दोनों हंस पड़े और वह उन्हें देखकर मुस्करा दी।
लगभग रोज़ ही सुबह ८-९ बजे के आसपास वह स्थानीय डाकघर पहुंच जाता। सुबह जल्दी जाने से भीड़ नही होती है तो डाक, पार्सल भेजने के काम आसानी से हो जाते हैं। वहां के सारे कर्मचारी उसे पहचानते हैं, ख़ूब अच्छी बातचीत के बीच काम हो जाता है। कई बार वे सब वहां चाय भी साथ-साथ पीते हैं। वह भी ख़ुश था वहां के काम से, वहां के लोग भी ख़ुश थे, सिवाय एक के।
सुबह वहां जब वह पहुंचता है, तो दरवाज़े के पास स्टूल पर बैठा लम्बा-चौड़ा, पहलवान-सा, नाइट ड्यूटी चौकीदार हीरू उसे मिलता है। उसे देखकर न जाने क्यों हीरू नाक-भौं सिकोड़ता, बदतमीज़ी से बात करता, अरे ओ बाऊजी, हटाओ यहां से तुम्हारा ये, लिफ़ाफ़ों, काग़ज़ों का ताम-झाम, अभी बाहर बैठो, झाड़ू-,पोंछा लगाने वाले आएंगे, उनको काम करने दो। पीछे हटो, यहां मत खड़े रहो, वहां बैठो जाकर कुर्सी पर, इधर नहीं, उधर। सुबह-सुबह चले आते हैं। ठीक से ऑफिस खुलता भी नहीं, पहले ही आ जाते हैं, कोई काम भी नहीं करने देते...! इस तरह उसे देख नफ़रत से न जाने क्या-क्या बड़बड़ाता था, टोका-टोकी करता, आंखें दिखाता था हीरू।
उसका ग़ुस्सा देखकर उसे भी ताव तो बहुत आता था, लेकिन लड़ने से लाभ भी क्या था। मैं तो अपनी डाक भेजने जाता हूं वहां। पता नहीं, उसे मुझसे क्या एलर्जी है, क्या लेना-देना है मुझसे? क्यों चिड़चिड़ाता है वो पगला मुझे देखकर? उसका तनाव बढ़ता जा रहा था। इस वजह से एक-दो बार वह डाकख़ाने विलम्ब से गया, हीरू की ड्यूटी ख़त्म होने के बाद, तो वहां भीड़ लगी पाई। कार्यरत बाबुओं ने विलम्ब से आने का कारण पूछा, तो उसने टाल दिया। थककर उसने वही पुराना सिलसिला चालू कर दिया, वह फिर सुबह जल्दी डाकख़ाने जाने लगा और हीरू की तीखी, नफ़रत-भरी निगाहों का शिकार होने लगा।
एक सुबह जब डाकख़ाने का इक्का-दुक्का स्टाफ़ आया था, तो उसने चाय मंगवाई और न जाने क्या सोचकर, उस पहलवान हीरू को भी ऑफ़र कर दी। बस फिर क्या था, एकाएक पासा पलट गया। कमाल हो गया, सारा मंज़र ही बदल गया। अरे अरे, साब, ये क्या साब? क्यों तकलीफ़ की आपने? अविश्वसनीय भाव से उसे देखते और बहुत ज़्यादा ख़ुश होते हुए हीरू ने हाथ जोड़े और चाय पीने लगा। चाय पीते हुए उसके चेहरे पर एहसानमंदी और पछतावे के मिले-जुले भाव थे। |
आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों के नतीजों के आने से पहले ही राहुल गांधी इटली चले गए थे। राहुल ने खुद ट्वीट कर कहा था कि वह होली मनाने के लिए अपनी नानी से मिलने के लिए इटली जा रहे हैं। राहुल का इटली जाने का मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया था।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने भी राहुल गांधी के इटली दौरे पर तंज कसा था। नतीजों के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आए शाह ने तंज कसते हुए कहा था कि मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज आया है कि राहुल गांधी इसलिए इटली गए हैं क्योंकि वहां पर चुनाव हैं। हालांकि, अमित शाह का ये तंज सही ही निकला था, क्योंकि इटली में इन दिनों आम चुनाव हो रहे हैं।
गौरतलब है कि ३ मार्च को आए नतीजों में कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने जहां त्रिपुरा में लेफ्ट के २५ साल के शासन को पटखनी देते हुए प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई। वहीं दूसरी तरफ नगालैंड में भी बीजेपी गठबंधन ने जीत हासिल की। मेघालय में कांग्रेस को सबसे ज्यादा २१ सीटें मिलीं थीं, इसके बावजूद भी बीजेपी और अन्य पार्टियों ने साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। मंगलवार को मेघालय में नई सरकार शपथ भी लेगी।
तीन मार्च को आए पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावी नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई। त्रिपुरा में लेफ्ट के किले को ढहाने के बाद नगालैंड और मेघालय में भी बीजेपी सरकार का हिस्सा बनने जा रही है। नतीजों के दो दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। सोमवार की दोपहर राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि कांग्रेस पार्टी त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के नतीजों का सम्मान करती है। |
क्रूस पर यीशु के द्वारा बहाए गए लहू और उन सभी के साथ उसकी वाचा के अनुसार, जो उस पर विश्वास करते हैं, नए नियम का नाम रखा गया है। यीशु की वाचा यह थीः लोगों को उसके लहू बहाने के द्वारा अपने पापों की क्षमा के लिए सिर्फ उस पर विश्वास करना था, और इस प्रकार वे उद्धार पाएँगे, और उसके जरिए नया जन्म प्राप्त करेंगे, और आगे से पापी न होंगे; उसके अनुग्रह को प्राप्त करने के लिए लोगों को सिर्फ उस पर विश्वास करना था, और मरने के बाद उन्हें नरक में कष्ट नहीं भोगना होगा। अनुग्रह के युग के दौरान लिखी गई सभी पुस्तकें इस वाचा के बाद आईं, और वे सभी उस कार्य और उन कथनों को दर्ज करती हैं जो उसमें थीं। वे प्रभु यीशु के क्रूसारोहण या उस वाचा से प्राप्त उद्धार से आगे नहीं गए; वे सभी ऐसी पुस्तकें हैं जिन्हें प्रभु में हमारे भाईयों द्वारा लिखा गया था,जिनके पास अनुभव थे। इस प्रकार, इन पुस्तकों का नाम भी एक वाचा के अनुसार रखा गया हैः उन्हें नया नियम कहा जाता है। इन दोनों नियमों में सिर्फ अनुग्रह का युग एवं व्यवस्था का युग शामिल है, और इनका अंतिम युग के साथ कोई सम्बन्ध नहीं है। इस प्रकार, वर्तमान में लोगों के लिए जो अंतिम दिनों में रहते हैं बाइबल की बहुत ज़्यादा उपयोगिता नहीं है। सब से बढ़कर, यह सामयिक संकेत के रूप में कार्य करता है, किन्तु मुख्य रूप से इसकी उपयोगिता बहुत कम मूल्य रखती है। फिर भी धार्मिक लोग इसे अभी भी बहुत अधिक संजोकर रखते हैं। वे बाइबल को नहीं जानते हैं, वे सिर्फ बाइबल की व्याख्या करना जानते हैं, और वे बुनियादी तौर पर उसके मूलस्रोत से अनजान हैं। बाइबल के प्रति उनकी मनोवृत्तियाँ यह हैः बाइबल की हर चीज़ सही है, उस में कोई भ्रम या त्रुटि नहीं है। उसके बाद वे उसका अध्ययन करना प्रारम्भ करते हैं। क्योंकि उन्होंने पहले ही निर्धारित कर लिया है कि बाइबल सही है, और उस में कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए वे बड़ी रूचि के साथ उसका अध्ययन और परीक्षण करते हैं। आज के कार्य की अवस्था को बाइबल में पहले से बताया नहीं गया था। सब से घने अंधकार में विजय के कार्य का कभी भी जिक्र नहीं किया गया था, क्योंकि यह नवीनतम कार्य है। क्योंकि कार्य का युग अलग अलग है, यहाँ तक कि स्वयं यीशु भी अनजान था कि कार्य की इस अवस्था को इन अंतिम दिनों के दौरान किया जाएगा - और इस प्रकार अंतिम दिनों के लोग कार्य की इस अवस्था का पता लगाने के लिए जाँच कैसे कर सकते थे?
उनमें से बहुत से लोग जो बाइबल की व्याख्या करते हैं वे तार्किक अनुमान लगाते हैं, और उनके पास कोई वास्तविक पृष्ठभूमि नहीं होती है। वे अनेक चीज़ों का अनुमान लगाने के लिए मात्र तर्क का उपयोग करते हैं। क्योंकि साल दर साल, किसी ने भी बाइबल को खण्ड विखण्ड करने, या बाइबल को न कहने की हिम्मत नहीं की है, क्योंकि यह पुस्तक एक पवित्र पुस्तक है, और लोग ईश्वर के रूप में इसकी आराधना करते हैं। कई हज़ारों सालों तक ऐसा ही होता रहा है। परमेश्वर ने कोई ध्यान नहीं दिया, और किसी ने भी बाइबल के भीतर की कहानियों की खोज नहीं की। हम कहते हैं कि बाइबल को संजोकर रखना मूर्ति पूजा है, फिर भी उन में से कोई भक्त विश्वासी इस रीति से देखने की हिम्मत नहीं करता है, और वे तुम से कहते हैं: "भाई! ऐसा मत कहिए, यह बहुत भयानक है! तुम परमेश्वर की निन्दा कैसे कर सकते हो?" उसके आगे वे बड़े दर्द भरे अन्दाज में कहते हैं: "हे दयावान यीशु, उद्धार के प्रभु, मैं तुझ से विनती करता हूँ कि तू इसके पापों को क्षमा कर, क्योंकि तू वह प्रभु है जो मनुष्य से प्रेम करता है, और हम सभी ने पाप किया है, कृपया हम पर बड़ी करूणा दिखा, आमीन।" तुमने देखा कि वे कितने धर्मपरायण हैं; उनके लिए सच्चाई को स्वीकार करना आसान कैसे हो सकता है? तुमतुम्हारे कथन उन को अत्यधिक डरा देंगे। कोई भी यह सोचने की हिम्मत नहीं करेगा कि बाइबल को मानवीय विचारों और मानवीय धारणाओं से दागदार किया जा सकता है, और कोई भी इस त्रुटि को नहीं देख सकता है। बाइबल में कुछ मानवीय अनुभव और ज्ञान हैं, और इस में से कुछ पवित्र आत्मा का प्रकाशन है, और उसमें मानवीय बुद्धिमत्ता और विचार का सम्मिश्रण भी है। परमेश्वर ने इन चीज़ों में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया है, किन्तु इस में एक सीमा हैः वे सामान्य लोगों की सोच से आगे नहीं बढ़ सकते हैं, और यदि वे आगे बढ़ते भी हैं, तो वे परमेश्वर के काम में हस्तक्षेप करते हैं और बाधा डालते हैं। वह जो सामान्य लोगों की सोच से आगे बढ़ जाता है वह शैतान का काम है, क्योंकि वह लोगों को उनक कर्तव्यों से विहीन कर देता है, यह शैतान का कार्य है, और इसे शैतान के द्वारा निर्देशित किया जाता है, और इस घड़ी पवित्र आत्मा तुम्हें इस रीति से काम करने की अनुमति नहीं देगा। कई बार कुछ भाई और बहन पूछते हैं: "क्या इस प्रकार से काम करना ठीक है?" मैं उनकी स्थिति को देखता हूँ और कहता हूँ: "ठीक है!" कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कहते हैं: "यदि मैं इस प्रकार से काम करता हूँ, तो क्या मेरी स्थिति सामान्य है?" और मैं कहता हूँ: "हाँ! यह सामान्य है, यह विशेष रूप से सामान्य है!" अन्य कहते हैं: "क्या इस रीति से काम करना ठीक है?" और मैं कहता हूँ: "नहीं!" वे कहते हैं: "यह उसके लिए तो ठीक है परन्तु मेरे लिए ठीक क्यों नहीं है?" और मैं कहता हूँ: "क्योंकि जो तुम कर रहे हो वह शैतान से आता है, तथा यह परेशान करता है, और तुम्हारे प्रोत्साहन का स्रोत दिगभ्रमित करने वाला है।" ऐसे भी समय होते हैं जब कार्य काफी आगे बढ़ नहीं पाता है, और भाईयो और बहनो को पता ही नहीं चल पाता है। कुछ लोग मुझ से कहते हैं कि उस प्रकार से काम करना ठीक है कि नहीं, और जब मैं देखता हूँ कि उनके काम भविष्य के कार्य में बाधा नहीं डालेंगे, तो मैं कहता हूँ: "यह अच्छा है।" पवित्र आत्मा का कार्य लोगों को एक दायरा देता है; लोगों को अक्षरत: पवित्र आत्मा की इच्छाओं का अनुसरण नहीं करना है, क्योंकि लोगों के पास सामान्य विचार और कमज़ोरियाँ होती हैं, और उनकी कुछ शारीरिक जरूरतें हैं, उनके पास वास्तविक समस्याएँ होती हैं, और उनके मस्तिष्क में ऐसे विचार होते हैं जिन्हें नियन्त्रित करने के लिए उनके पास मूल रूप से वे माध्यम नहीं होते हैं। जो कुछ मैं लोगों से मांगता हूँ उसकी एक सीमा है। कुछ लोग विश्वास करते हैं कि मेरे शब्दों में अस्पष्टता (अनेक अर्थ) है, यह कि मैं लोगों को किसी भी तरीके से कार्य करने को कह रहा हूँ - यह इसलिए है क्योंकि तुम नहीं समझते हो कि मेरी अपेक्षाओं में एक उपयुक्त दायरा है। यदि यह वैसा होता जैसा तुम कल्पना करते हो - यदि मैं बिना किसी अपवाद के सभी लोगों से वही मांग करता, और सभी से यही अपेक्षा करता कि उसी स्थिति को प्राप्त करें - तो यह काम नहीं करेगा। यह असंभव की मांग करना है, और यह मानवीय कार्य का सिद्धांत है, तथा परमेश्वर के कार्य का सिद्धांत नहीं है। लोगों की वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार परमेश्वर अपने कार्य को अंजाम देता है, और यह उनकी स्वाभाविक योग्यता पर आधारित होता है। साथ ही यह सुसमाचार को फैलाने का भी सिद्धांत हैः तुम्हें धीरे धीरे आगे बढ़ना होगा, और जब तक तुम किसी से स्पष्ट रूप से सच नहीं कहते हो, तुम्हें प्रकृति को अपना पथक्रम लेने की अनुमति देना होगा। केवल तभी वे समझेंगे, और केवल उसी समय वे बाइबल को अलग रखने में सक्षम होंगे। यदि परमेश्वर ने कार्य की इस अवस्था को नहीं किया होता, तो कौन परम्पराओं से अलग होने के योग्य हो पाता? कौन नया कार्य करने के योग्य हो पाता? कौन बाइबल के बाहर एक नया पथ ढूँढ़ने के योग्य हो पाता? क्योंकि लोगों की पारम्परिक धारणाएँ और जागीरदारी सम्बन्धी नैतिक मूल्य इतने विचित्र हैं, कि उनके पास स्वयं इन चीज़ों को दूर हटाने के लिए कोई योग्यता नहीं है, और न ही उनके पास ऐसा करने का साहस है। यह इसके बारे में कुछ नहीं कहता है कि किस प्रकार आज बाइबल के कुछ वचनों के द्वारा लोगों को जकड़ लिया गया है, ऐसे वचन जिन्होंने उनके हृदयों में कब्जा कर लिया है। वे बाइबल को छोड़ने के लिए कैसे तैयार हो सकते हैं? वे इतनी आसानी से किसी ऐसे मार्ग को स्वीकार कैसे कर सकते हैं जो बाइबल से बाहर है? यह तब तक नहीं होता है जब तक तुम बाइबल के भीतर की कहानियों को और पवित्र आत्मा के कार्य के सिद्धांतों को स्पष्ट रूप से नहीं बोल सकते हो, ताकि सभी लोग पूरी तरह आश्वस्त हो जाएँ - जिसकी सब से ज़्यादा जरूरत है। यह इसलिए है क्योंकि वे सभी जो धर्म के अन्तर्गत हैं वे बाइबल का बहुत आदर करते हैं, और परमेश्वर के रूप में उसकी आराधना करते हैं, साथ ही वे बाइबल के अन्तर्गत परमेश्वर को कैद करने की कोशिश भी करते हैं, और मामला यह भी है कि वे अपने लक्ष्य को तभी हासिल करते हैं जब वे एक बार फिर से परमेश्वर को क्रूस पर कीलों से ठोंक देते हैं। |
प्रधानमंत्री मोदी ने सहायक सचिवों के पहले सत्र में २०१५ के आईएएस अधकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे नकारात्मकता को छोड़ परिवर्तन को आगे बढ़ाने की राह पर चलें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उस मानसिकताओं से दूर रहना चाहिए जो विकास की राह में बाधा बनती है। उन्होंने कहा कि बदलाव को आगे बढ़ाने के लिए साहस और सकारात्मकता की आवश्यकता पड़ती है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को बताया कि हमारा देश उन देशों से पिछड़ रहा है जिन्होंने भारत के समय या बाद में आजादी प्राप्त की और उनके पास संसाधनों और नेतृत्व की भी कमी थी। पीएम का कहना था कि ऐसे देश विकास के मामले में नई कीर्तिमान बना रहे हैं।
यह आईएएस अधिकारियों का तीसरा बैच है जिनसे पीएम मोदी मुलाकात कर रहे हैं। पीएम मोदी ने सहायक सचिव पद पर तैनात होने वाले नए २०१५ के आईएएस अधिकारियों को अनुभव ग्रहण करने का एक तरीका बताया। उन्होंने कहा कि वे अनुभवी सहायक सचिवों और अधिकारियों के साथ वार्तालाप करें,उनसे उनका अनुभव जानें ताकि व्यवस्था को इसका लाभ मिल सके।
इस वर्ष तीन जुलाई से २९ सितंबर तक ४२ मंत्रालयों के ३८ विभागों में कुल १७५ आईएएस अधिकारियों को सहायक सचिव पद के लिए तैनात किए गए हैं। ये अधिकारी मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में दूसरे चरण का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यहां तैनात किए गए हैं। |
एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया झकाश खेलने के लिए काफी एक्साइटेड हैं। वह कल यानि होली के दिन शाम ६ फेसबुक पर आपको हराने के लिए तैयार बैठी हैं।
आपका इंतजार खत्म हो गया है। फेसबुक पर झकाश का दूसरे एपिसोड में खेलने का समय आ गया है। इसके पहले एपिसोड में काफी ऑडियंस और बॉलीवुड हस्तियों ने हिस्सा लिया। आपको लगता है कि आपने खेलने का पहला अवसर गवा दिया है तो आपके पास दोबारा मौका है ५०,०००* रुपए तक नकद जीतने का। झकाश का दूसरा एपिसोड कल (होली) शाम ६ बजे लाइव होने वाला है।
लेकिन आप अकेले नहीं जो इस गेम को खेलेंगे। बॉलीवुड के हमारे पसंदीदा स्टार्स भी आप की तरह झकाश खेलने के लिए एक्साइटेड हैं। बाहुबली और केजीएफ स्टार तमन्ना भाटिया ने हमारे साथ कुछ ट्रिविया (बॉलीवुड से जुड़ी जानकारी) शेयर किया है। क्या आप जानते हैं की फिल्म ३ इडियट्स में प्रेग्नेंसी सीन फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस के लिए फिल्माया गया था? यह जानकारी हमारे लिए सच में अचंभित करने वाली है और इससे भी ज्यादा ये कि तमन्ना भाटिया को इसकी जानकारी थी। अगर आपके पास तमन्ना भाटिया की तरह बॉलीवुड की जानकारी का भंडार है? तो कल दूसरे एपिसोड में हिस्सा लेने के लिए झकाश फेसबुक पाग को लाइक और फॉलो करें। हां, हम जानते हैं कि कल होली है, जिसकी वजह से आपके लिए कुछ स्पेशल और छोटा सरप्राइज भी है।
आने वाले हफ्तों में बॉलीवुड के और स्टार आपसे अपनी बॉलीवुड की रूचिकर जानकारी शेयर करेंगे, जिससे गेम के प्रति आपका उत्साह बना रहेगा। आप लोगों को जानने की जरूरत है, आपको सभी १० सवालों को सही जवाब देने होंगे। यह समय है अपनी बॉलीवुड की जानकारी बढ़ाने का और हमारे पूछे गए १० सवालों को जवाब देने का। झकाश को कुबरा सैत होस्ट करेंगी और आपसे १० सवाल पूछेंगी। तो उत्तर देने की तैयारी शुरू करिए। |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल की हाफ सेंचुरी २१ जुलाई को पूरी हो गई। मोदी सरकार २.० ने अपने पहले 5० दिनों में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के तहत देश के हर वर्ग, हर क्षेत्र के विकास के लिए तीव्र गति से काम किया है। 3० मई को शपथ लेने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिमंडल के सहयोगी दिन-रात एक कर के पूरी क्षमता के साथ काम में जुटे हैं।
* स्वास्थ्य और कार्यदशा से संबंधित बिल से ४० करोड़ कर्मचारी लाभान्वित होंगे। छोटे कारखानों में काम करने वाले कामगारों को भी नियुक्ति पत्र मिलेगा। हर साल श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच भी जरूरी की गई है।
* मोदी सरकार संसद सत्र में ही जम्मू-कश्मीर रिजर्वेशन बिल दोनों सदनों में पास कराने में सफल रही। इस विधेयक के तहत जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के १० किलोमीटर के दायरे में रहने वालों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ३ फीसदी आरक्षण को विस्तार दिया गया।
* जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम सीधी भर्ती, प्रमोशन और विभिन्न श्रेणियों में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देता है, लेकिन इसका विस्तार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे व्यक्तियों के लिए नहीं था। लेकिन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह लोग भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे।
* जम्मू-कश्मीर पर भी सरकार का खास फोकस रहा। टेरर फंडिंग की शिकायतों को केंद्र ने गंभीरता से लिया। जम्मू-कश्मीर बैंक के चेयरमैन को हटाने के साथ स्थानीय नेताओं की सिफारिशों पर हुई सौ से ज्यादा भर्तियों की जांच शुरू की।
* छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री कर्म योगी मानधन योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत १.५ करोड़ से कम वार्षिक टर्नओवर वाले करीब तीन करोड़ दुकानदारों को पेंशन मिलेगी।
* बड़े कारोबारियों को भी सहूलियत देने का फैसला किया गया। ४०० करोड़ सालाना टर्नओवर पर २५ प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स लगेगा। पहले २५0 करोड़ पर यह दर लगती थी।
* १७वीं लोकसभा के मौजूदा सत्र के दौरान पिछले २० साल में सबसे अधिक कामकाज हुआ। कामकाज का स्तर १२८ प्रतिशत रहा है।
* मानसून सत्र के दौरान १७ बिल पास हुए। वहीं १०४ नए बिल पेश किए गए हैं। |
एक फ्रांस के टीवी कैनाल प्लस द्वारा विशेष खुफिया जांच से सामने आया हैं की संरक्षण के नाम पर मध्य प्रदेश में कान्हा टाइगर रिजर्व से हजारो की संख्या में आदिवासी लोगों को वाहर निकाला जा रहा हैं। जबकि टाइगर रिज़र्व में एक लाख से भी अधिक पर्यटक हर साल आते हैं।
मूलनिवासी लोगों को विस्थापित कर बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ को आकर्शित करने वाली संरक्षण नीति की जितनी आलोचना की जाये उतनी काम हैं। आदिवासियों को घरो से निकला जा रहा हैं लेकिन पर्यटकों क लिए रिसॉर्ट्स, होटल्स अवं सुख सुविधा की साड़ी चीज़ें रिज़र्व के अनदर ही मुहैय्या करायी जा रही हैं।
टीवी चैनल के एक रिपोर्टर ने २०१४ में घर से बेदखल किये गए बैगा जनजाति के परिवारों का दौरा किया और वह ये देख कर हैरान रह गया था की उन आदिवासीयो का जीवन पूरी तरह से तबाह हो गया था। सर्वाइवल इंटरनेशनल नाम की संस्था जो की विश्व में जनजातियों के हितो के लिए काम करती हैं के अनुसार अपने घरो से बेदखल किये हुए आदिवासी आसपास के गांवों में बिखरे हुए हैं तथा जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे है।
प्रसासन आदिवासियों को अपने घरो से हटते समय विस्ताफिथ हुए जनजातियों के पुनर्निवास अवं आजीविका का पूरा खयाल रखने का वादा करती हैं लेकिन ये वादे सिर्फ कागजो पर ही सीमित होते हैं। |
चरम कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए दाएं पेडल - गैस। शुरुआत में, गैस और क्लच "सहयोग"। जब चलती है, जब गति परिवर्तन पारित हो जाता है, तो क्लच पेडल भी जारी किया जाता है, और फिर गैस बुझ जाती है।
ऑनलाइन गेम से पैसा बनाने के लिए इस तरह के लोग कुछ ही तरह दिखते हैं कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए अवास्तविक। वे डिस्क पर एनालॉग के रूप में खेलों का प्रतिनिधित्व करते हैं और मनोरंजन के लिए सिर्फ एक साधन हैं, कुछ और नहीं यह आप एक बैंक जमा पर की तुलना में काफी बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए अनुमति देता है। हालांकि, हम खाते में अपेक्षाकृत काफी जोखिम लेने चाहिए।
आईफोन सॉफ्टवेयर मूल रूप से १६ ऐप्स के साथ पूर्वस्थापित किया गया था: टेक्स्ट, कैलेंडर, फोटो, कैमरा, यूट्यूब, स्टॉक, मैप्स, मौसम, घड़ी, कैलक्यूलेटर, नोट्स, सेटिंग्स, फोन, मेल, सफारी, आईपॉड। आईफोन को संस्करण २ तक ऐप स्टोर नहीं दिखाई देगा, जिसके साथ इसकी पहली सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट भी थी। इन्हें डेस्कटॉप क्लास एप्लिकेशन और नेटवर्किंग के रूप में भी वर्णित किया गया था, न कि कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए मोबाइल ऐप जिन्हें आज विशेष रूप से वर्णित किया गया है। उसने एक लाभदायक तकनीक बनाई, जिसे "निगल" कहा जाता है, या एक नए आने वाले के रूप में एक दिन में ७,००० रुब्ल्स से कमाई शुरू करने के लिए? "
आप देख सकते हैं कि कुछ उदाहरण हैं जब एमएसीडी और स्टेचैस्टिक्स एक साथ पार करने के करीब हैं - जनवरी २००८, मध्य मार्च और मध्य अप्रैल, उदाहरण के लिए। ऐसा लगता है जैसे वे इस आकार के चार्ट पर एक ही समय में क्रॉस करते थे, लेकिन जब आप करीब से नज़र रखते हैं, तो आप पाएंगे कि वे वास्तव में एक-दूसरे के दो दिनों के भीतर पार नहीं कर पाए थे, जो स्थापित करने का मानदंड था यह स्कैन आप कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए मानदंड को बदलना चाह सकते हैं ताकि आप उस सीमा को शामिल कर सकें जो एक व्यापक समय सीमा के भीतर हो, ताकि आप नीचे दिखाए गए लोगों की तरह चालें प्राप्त कर सकें। इसके पहले की भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (सिड) ने २०२५ तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। सिड के अनुमान के अनुसार भारत २०२५ तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। सिड के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।
फिकिंग वैल्यू का व्यवसाय निश्चित रूप से बहुत ही आकर्षक हो सकता है, और चूंकि बैंकरों के पास नकली कितनी वास्तविक बाधा नहीं है, इसलिए वे हमेशा खुद को अधिक महत्व देते हैं। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य हबीबगंज रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय पारगमन हब के रूप में विकसित करना है, जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हो।
"तश्तरी" यह केवल खरीदने के लिए संकेत है जब बार चार्ट शून्य रेखा से अधिक है। एक को ध्यान में रखना चाहिए: डेमो खाते में व्यावहारिक कौशल हासिल करने के बाद, एक व्यापारी असली धन के साथ टॉरस में स्थानांतरित कर सकता है। वास्तविक खाते की मुद्रा यूर या उसड है। दलाल का असली कैसे एक अच्छा विदेशी मुद्रा ब्रोकर चुनने के लिए खाता कुछ ही मिनटों में नि: शुल्क खुलता है।
एंटीना डी-लिंक एएनटी २४-०७०० इनडोर उपयोग के लिए एक चाबुक एंटीना का एक रूप है। किसी भी कोड़ा एंटीना की तरह, अंत२४-०७०० एक ओमनी-दिशात्मक क्षैतिज विमान में (समदैशिक) है, लेकिन नियमित रूप से कोड़ा एंटेना है, जो सबसे एक्सेस पॉइंट के साथ पूरा हो गया है, यह ७ दबी के उच्च लाभ अलग करता है। यह सरल ऑर्डर संकेतक अपने खुद के ट्रेडों पर नज़र रखने एवं दूसरों की गतिविधियों का विश्लेषण करने की अनुमति देता है। यह चार्ट पर आपके ट्रेडों को प्रदर्शित करता है, यह दर्शाता है कि आपके ट्रेड कब खोले व बंद किए गए, तथा लाभ एवं नुकसान को भी दिखाता है (मुद्रा व पिप्स में दर्शाया हुआ)। |
जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहेन के फूल खिला है। मोगली और उसके जंगली दोस्तों के कारनामों से भरा यह गाना आज भी मन को उसी तरह भाता है जैसा यह आज से तकरीबन २० साल भाता था। वाकई मे जंगल का दृश्य अध्बुध है। प्रकृति का यह अनमोल तोफा ना जाने मनुष्य को कितने सदियों से जीवित रख रहा है। लेकिन दुःख की बात है की लालच और क्रूरता मे लुप्त मानव ने वन-वातावरण को काफी ठेस पहुँचाया है। यदि हम अपने देश भारत की ही बात करें, तो वन आवरण की मात्रा गिरती जा रही है। पश्चिम बंगाल के मशहूर सुंदरबन जंगलों ने१९८६ से २०12 के बीच १२५ वर्ग किलोमीटर मैन्ग्रोव वन खो दिए। आंध्र प्रदेश के कृष्णा-गुंटूर क्षेत्रों मे कम से कम २५००० तक वन क्षेत्र को परिवर्तित कर दिया गया है जिसका सीधा प्रभाव लोगों और मौसम पर पढ़ रहा है। घटते वन की वजह से तेंदुए और हाथी भी इंसान के क्षेत्रों मे घुसकर तांडव मचा रहे हैं। महाराष्ट्र और तमिल नाडू के कई जिलों मे लोग इन जानवरों के प्रकोप का शिकार हुए हैं। ऐसे मे क्या उपाय किया जाए?
दुनियाभर मे कई नीतियाँ और समझौते आपनाए गए। लेकिन यदि हम सबसे बड़ा और प्रभावशाली नीति की बात करें जिससे वन आवरण की मात्रा वाकई मे बढ़ जाए तो वह बौंन चैलेंज होगा। इसके अन्तरगत विश्वभर मे विभिन्न देशों के नेताओं ने इस बात पर अपनी सहमति दी की दुनिया भर मे बंजर क्षेत्र और कम पेड़ वाले क्षेत्रों को फिर से २०२० तक १५० मिलियन हेक्टर और २०३० तक ३५० मिलियन हेक्टर तक वनिकारित किया जाए। भारत ने इस समझौते के अंतर्गत २१ मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को वनिकरित करने का वादा किया है। इससे देश मे तकरीबन १०० करोड़ गाड़ियों से निकलने वाले कार्बोन डाई-ऑक्साइड की मात्रा मे गिरावट होगी।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों का कहना है की २१वी सदी के पहले १६ वर्ष पृथ्वी के जीवन काल मे सबसे गरम रहे हैं। ऐसे मे ज़्यादा पेड़ लगाना, जंगलों मे घटते वनिकरन को रोकना और पशु-पक्षियों के घर को स्वस्थ अवस्था मे रखना बहुत ज़रुरी है। आप और मैं इस कार्यक्रम मे भी अपना एहम योगदान दे सकते हैं। अपने घर पर यदि हम नियमित रूप से १०-१५ पेड़ लगाये तो गर्मी मे भी शीतलता बरकरार रहेगी और ए.सी को चलाने की ज़रुरत भी नहीं होगी। नेहरु प्लेस मे स्थित पहारपुर उद्योग केंद्र इस हरित क्रान्ति की जीतीजागती मिसाल है। यहाँ ए.सी से ज़्यादा पेड़ हैं। तकरीबन २५०० पेड़ पूरे ऑफिस मे हवा को साफ और स्वच्छ रखते हैं। एक बार यदि समय मिले तो यहाँ पर ज़रूर जाईएगा। सूत्रों के अनुसार ऑफिस के अन्दर की हवा हिमालय की हवा का मुकाबला कर सकती है।
साथ ही सिग्नल पर इंजन बंद करना, सार्वजनिक परिवाहन का प्रयोग करना और कम्पोस्टिंग करने से भी हम पर्यावरण को काफी हद तक विनाश से बचा सकते हैं।
अंततः, जब तक मनुष्य प्रकृति से दूर भागता जाएगा, उसका विनाश निश्चित है। हमारी कोशिश इसके विपरीत रहनी चाहिए। |
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शहरी सरकार के कामकाज के आकलन में जैसे-जैसे हम वार्ड की समस्याओं को जान रहे हैं वैसे-वैसे लोगों की परेशानियां और नेताओं के प्रति उनका सख्त रुख भी सामने आ रहा है। वार्ड संख्या १७ व १८ में लोगों ने अपनी समस्याएं बताई और साथ में गुस्सा भी दिखा। सालों पुरानी वही समस्याएं अब भी परेशान करती हैं।
सडक़ों पर पसरी गंदगी के साथ टूटी सडक़ों का दर्द भी यहां के लोगों को सालता है। क्षेत्र पार्षद के पास गिनाने को काम हैं तो लोगों को पास समस्याएं। कुछ बड़ी सडक़ें तो ठीक हैं। लेकिन कॉलोनी के मध्य हालात वाकई बदहाल हैं। खुले नाले से कई लोग परेशान हैं।
- वार्ड १७ व १८ की सीमा पर बना खुला नाला खतरे को बुलावा दे रहा है।
- नाले आधे स्थानों पर खुले हैं और क्षतिग्रस्त भी है।
- गंदगी के अंबार की वजह से मच्छर पनप रहे हैं और बीमारी का खतरा है।
- पाइप लाइन डालने के बाद सडक़ों की मरम्मत नहीं हुई।
नाला कई वर्षों से खुला है। इससे गंदगी और मच्छर की समस्या होती है। कई लोग घरों का कचरा डालते हैं जिससे भी समस्या होती है।
क्षेत्र में सडक़ों की हालत सबसे खराब है। खुले नाले से गंदगी तो है ही साथ में इसमें गिरने का खतरा भी बना रहता है।
सडक़ों का काम अच्छा हुआ है। एक भी बजट लैप्स नहीं होने दिया है। इस साल का बजट काम आ गया है। पानी की पाइप लाइन डाली इसलिए रोड कुछ जगह टूटी है। हमने एमएलए फंड से भी काम करवाए हैं।
इस वार्ड में सडक़ों और सीवरेज की समस्या के साथ बंद हुई हाथी नहर की गंदगी से भी परेशानी होती है। वार्ड पार्षद अपनी उपलब्धि में भी सीवरेज व सडक़ के कार्य ही गिनवाते हैं। वार्ड में कुछ काम स्वीकृत हुए। लेकिन पूरे नहीं हो पाए हैं।
- आंगनबाड़ी केन्द्र आदिवासी गौड समाज की बदहाली।
- सेटेलाइट प्रतापनगर अस्पताल के जर्जर हालात।
- सरगरा कॉलोनी से प्रतापनगर व प्रतापनगर लिंक रोड क्षतिग्रस्त।
- हाथी नहर बंद होने से गंदा पानी सडक़ों पर बहता रहता है।
- गलियों में गंदगी का अंबार लगा होने से परेशानी।
हकीम कॉलोनी में हाथी नहर जो बंद हो चुकी है उसके कारण गंदा पानी सडक़ों पर बहता रहता है। कई बार समस्या बताई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
समस्याओं की पूरी सूची हमने बना रखी है। कई काम तो मैंने खुद लोगों के साथ मिलकर करवाए हैं। लेकिन जनप्रतिनिधि सुनवाई नहीं करते।
सरगरा कॉलोनी पहाड़ी क्षेत्र, महेश हॉस्टल से गीता भवन, संजय सी कॉलोनी, ईदगाह के पास सडक़ निर्माण करवाया। २२५ शौचालय बनवाए और आवास योजना में २५० जनों का सर्वे करवाया। काली टंकी से जगदम्बा कॉलोनी सीवरेज व सडक़ का काम रह गया। उप कार्यालय निर्माण, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत है, लेकिन काम नहीं हो पाया।
क्षेत्र-राजीव गांधी कॉलोनी गली १ से ८, ज्वाला विहार, गजानन्द कॉलोनी सूथला, झींझाबेरी, राजीव गांधी कॉलोनी हत्था, अशोक नगर।
क्षेत्र - कमला नेहरू नगर विस्तार तृतीय, आदर्श स्कूल, पीएनटी कॉलोनी, महेन्द्रनाथ अरोड़ा पार्क, माहेश्वरी न्याति भवन, दरगाह गली, ज्योति नगर, चांदणा भाकर, गौतमऋषि कॉलोनी, देवी नगर, देवी रोड पुलिया, वैष्णव कॉलोनी। |
युवराज सिंह ने अपने प्यारे दोस्त 'आशू' के लिए फेसबुक पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी। युवी की पोस्ट पर फैंस ने भी इमोशनल होते हुए प्रतिक्रियाएं दी।
भारत की विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे आशीष नेहरा ने बुधवार (१ नवंबर) को अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर को अलविदा कह दिया। १999 में अजहरूद्दीन की कप्तानी में श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण करने वाले नेहरा का करियर १8 साल लंबा रहा है। अपने आखिरी मैच में नेहरा ने पारी का पहला और आखिरी ओवर फेंका। नेहरा जब मैच की आखिरी गेंद फेंकने जा रहे थे तभी एक प्रशंसक मैदान में घुस आया और उसने नेहरा के पांव भी छुए। इस दौरान पूरा स्टेडियम नेहरा-नेहरा की आवाज से गूंज रहा था। दर्शकों ने इस दौरान अपने मोबाइल की लाइट्स भी जलाए रखीं। मैच के बाद उन्होंने मैदान का चक्कर लगाया। कुछ देर पैदल चलने के बाद दिल्ली के ही उनके दो जूनियर खिलाड़ी कप्तान कोहली और शिखर धवन ने उन्हें अपने कंधे पर बैठ लिया। फैंस के लिए यह बेहद भावुक क्षण था और नेहरा के साथी खिलाड़ियों के लिए भी। मैच के दौरान जब नेहरा ने बाउंड्री पर पैर के सहारे गेंद उछालकर रोकी तो कमेंट्री कर रहे सुनील गावस्कर ने कहा कि अगर युवराज इसे देख रहे होंगे तो वह जरूर सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया देंगे। ऐसा हुआ भी। युवराज सिंह ने अपने प्यारे दोस्त आशू के लिए फेसबुक पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखी। युवी की पोस्ट पर फैंस ने भी इमोशनल होते हुए प्रतिक्रियाएं दी। |
सिडनी। कॉफी विद करण टीवी शो में महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वाले हार्दिक पांड्या और केएल राहुल की मुश्किलें और बढ़ने वाली है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली ने साफ कहा है कि इन दोनों खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का फैसला सीओए के निर्णय के बाद ही लिया जाएगा। गौरतलब है कि बीसीसीआई में नियुक्त प्रशासनिक समिति (कोआ) के प्रमुख विनोद राय ने दोनों खिलाड़ियों पर दो-दो वनडे मैचों के बैन की सिफारिश की है।
प्रशासनिक समिति की दूसरी सदस्य डायना इडुल्जी ने इस मामले को बीसीसीआई की लीगल सेल के पास भेज दिया है। कोहली ने ये भी कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों टीम में शामिल करने का फैसला सीओए के निर्णय के बाद ही लिया जाएगा। इन दोनों खिलाड़ियों का करियर खतरे में हैं मीडिया रिपोर्ट की माने तो इन पर बैन भी लगाया जा सकता है।
कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा, टीम इंडिया का हिस्सा होने और जिम्मेदार क्रिकेटर होने के नाते हम उनके बयान और विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते। वह उनके निजी विचार हैं। टीम की बात करें तो चेंजिंग रूम में हमारे व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आएगा। बीसीसीआई ने दोनों खिलाड़ियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। दोनों खिलाड़ियों को जवाब देने के लिए २४ घंटे का समय दिया गया था। कॉफी विद करण टीवी शो पर पंड्या की टिप्पणियों की काफी आलोचनाएं हुई जिन्हें सेक्सिस्ट करार दिया गया।
हालांकि पांड्या ने बुधवार को टि्वटर पर माफी भी मांगी थी। हार्दिक पांड्या और केएल राहुल इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल है। लेकिन उनका खेलना मुश्किल लग रहा है। बता दें कि हार्दिक पांड्या एशिया कप में चोट लगने के बाद पहली बार टीम में वापसी कर रहे हैं। वहीं केएल राहुल खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। |
रायसेन. रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन का त्यौहार होता है और भाई-बहन का रिश्ता प्रेम, स्नेह और समर्पण का होता है। जब भी बहन को जरुरत पड़े तो भाई उसकी मदद के लिए आए और जब भाई पर कोई विपदा आए तो बहन उसकी मदद करे बस यही उम्मीद इस रिश्ते की नींव होती है। लेकिन अगर कोई भाई अपनी बहन की मदद और सेवा के लिए अपनी पूरी जिंदगी की लगा दे तो इसे इस पवित्र रिश्ते की अनूठी मिसाल ही कहेंगे। रक्षाबंधन पर ऐसी ही एक कहानी हम आपको बता रहे हैं जो मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में रहने वाली एक नेत्रहीन बहन और उसके मजदूर भाई की है।
भाई-बहन के अटूट रिश्ते की ये कहानी है रायसेन जिले के बाड़ी ब्लॉक के किनगी गांव में रहने वाले धीरू प्रजापति और मुन्नीबाई की। ७० बरस की हो चुकीं बहन मुन्नी बाई बचपन से ही नेत्रहीन हैं। छोटी उम्र में ही माता-पिता का साया मुन्नी बाई और धीरू प्रजापति के सिर से उठ गया था। माता-पिता के गुजरने के बाद नेत्रहीन बहन मुन्नी की पूरी जिम्मेदारी भाई धीरू पर आ गई थी जिसे उन्होंने ताउम्र बखूबी निभाया और उम्र के इस पड़ाव पर भी नेत्रहीन बहन की सेवा कर रहे हैं। भाई धीरू ने बहन की देखभाल में कोई कमी न आए इसलिए उन्होंने शादी तक नहीं की। धीरू उम्र के इस पड़ाव पर भी मजदूरी कर अपना और अपनी बहन का भरणपोषण कर रहे हैं। दोनों एख टूटी फूटी झोपड़ी में रहते हैं और एक दूसरे के सुख दुख के साथी बनते हैं।
नेत्रहीन बहन मुन्नी बाई भी भाई से बहुत प्यार करती हैं और कहती हैं कि भगवान ऐसा भाई सभी बहनों को दें। वो ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहती हैं कि उनकी ईश्वर से एक ही प्रार्थना है कि हर जन्म में उसे धीरू को ही भाई के रूप में मिले। वहीं भाई धीरू का कहना है कि भगवान ने उनकी बहन की आंखों में रोशनी नहीं दी, बचपन में ही माता-पिता का साया भी छीन लिया। ऐसे में नेत्रहीन बहन की देखभाल की जिम्मेदारी उनकी थी जिसे वो आज भी निभा रहे हैं और आगे भी निभाते रहेंगे। नेत्रहीन बहन के लिए धीरू का त्याग वाकई प्रेरणादायक है और उनका रिश्ता भाई-बहन के अटूट रिश्ते की मिसाल है। |
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