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उज्जैन। रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत समाजशास्त्र अध्ययनशाला में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें १३० प्रतिभागी मौजूद थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बालकृष्ण शर्मा थे। सहायक संचालक श्री साबिर अहमद सिद्धिकी द्वारा जानकारी दी गई कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत उज्जैन जिले में विगत पांच वर्षों में जन्म के समय का लिंगानुपात लगातार परिवर्तित हुआ है। योजना का मुख्य लक्ष्य शिशु लिंगानुपात में वृद्धि करना और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती अरूणा सारस्वत द्वारा पॉक्सो अधिनियम की जानकारी दी गई। थाना प्रभारी श्री नरेन्द्र गोमे ने साइबर क्राइम के बारे में बताया कि मोबाइल और सोशल नेटवर्किंग साइट्स के उपयोग के दौरान विशेष सावधानी बरती जाये। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीपसिंह मुझाल्दा द्वारा पीड़ित प्रतिकर योजना और घरेलु हिंसा प्रतिषेध अधिनियम के अन्तर्गत की जाने वाली आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में बालिकाओं को कराटे का प्रशिक्षण भी दिया गया तथा पेपर स्प्रे का वितरण आत्मक्षा हेतु किया गया। सुश्री श्वेता शर्मा, वर्षा राठौर और गुंजा जाटवा को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त करने हेतु सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीमती प्रियंका त्रिपाठी, संरक्षण अधिकारी श्रीमती अमृता सोनी, परामर्शदाता श्रीमती मृणाल भिलाला, सामाजिक कार्यकर्ता श्री गौरव मित्तल, श्री संतोष पंवार एवं अन्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक श्रीमती मनीषा चौरे द्वारा किया गया और आभार प्रदर्शन समाजशास्त्र अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ.ज्योति उपाध्याय द्वारा किया गया।
कभी सोचा कि सबसे अच्छा बायोडर्मा उत्पाद क्या हैं? मैं जनता हूँ, तुम करते हो। आप में से कुछ ने इस पोस्ट का अनुरोध किया है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोरियाई सुंदरता अभी कितनी अच्छी है, फ्रेंच स्किनकेयर का आकर्षण सिर्फ मर नहीं जाएगा। फ्रांसीसी जानता है कि बुनियादी, सौम्य त्वचा देखभाल करने के लिए कोई भी कैसे उपयोग कर सकता है। लेकिन सभी उत्पादों को बराबर नहीं बनाया जाता है। दूसरों की तुलना में कुछ बेहतर हैं। और जब आप अपनी कड़ी कमाई की नकदी के साथ भाग ले रहे हैं, तो आप सबसे अच्छे निवेश करना चाहते हैं। बायोडर्मा सेंसिबियो एच २० एक कारण के लिए प्रतिष्ठित है: यह काम करता है। ठीक है, यह निविड़ अंधकार मस्करा के साथ थोड़ा संघर्ष करता है लेकिन यह सब कुछ से छुटकारा पाता है - गंदगी, घी और मेकअप सोचें - जल्दी से। इसके अलावा, यह बहुत नरम है। शुष्क त्वचा और जलन के डर के बिना भी संवेदनशील त्वचा इसका उपयोग कर सकती है। सबसे अच्छी बात? कुल्ला करने की कोई ज़रूरत नहीं है। जब आप चल रहे हों तो यह एक लाइफसेवर है। चेतावनी: सेंसिबियो एआर में खनिज तेल होता है। मुझे नहीं लगता कि यह एक बुरी चीज है। शुरुआत के लिए, खनिज तेल बहुत मॉइस्चराइजिंग है। यह त्वचा पर बाधा उत्पन्न करता है जो पानी के नुकसान को धीमा कर देता है, इसे लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखता है। इसके अलावा, यह बहुत ही सभ्य और जहरीला नहीं है (मुझे परवाह नहीं है कि आपने प्राकृतिक सौंदर्य ब्लॉग पर क्या पढ़ा है, वैज्ञानिक साक्ष्य का कोई भी टुकड़ा नहीं है जो दिखाता है कि खनिज तेल आपको कैंसर या बदतर देता है)। लेकिन शीर्ष ५ में क्रीम क्या है, खनिज नहीं है। यह एंटीऑक्सिडेंट्स और एंटी-भड़काऊ फैटी एसिड का जोड़ है जो समय से पहले झुर्रियों से लड़ने में मदद करता है, जलन को शांत करता है और रोसेशिया को नियंत्रण में रखता है। अब, यह प्रभावशाली है, है ना? नाम से सब कुछ पता चलता है। बायोडर्मा हाइड्रैबियो सीरम एक बहुत ही हाइड्रेटिंग सीरम है जिसमें सूर्य के नीचे हर हमेक्टेंट शामिल है। एफवाईआई, हमेक्टेंट यह कहने का एक शानदार तरीका है कि एक घटक हवा से त्वचा में नमी आकर्षित कर सकते हैं। हाइलूरोनिक एसिड सबसे अच्छा है: यह पानी में १००० गुना वजन रख सकता है! यहां, इसमें ग्लिसरीन, सेलिटोल और सह है जो इसे आपकी त्वचा को नमी के साथ छिड़कने में मदद करने के लिए है। इसके अलावा, नियासिनमाइड भी पार्टी में शामिल हो गए। विटामिन बी ३ का यह रूप त्वचा को मॉइस्चराइज करता है, परेशानियों को शांत करता है, मुँहासे का इलाज करता है, झुर्रियों को कम करता है ... यह एक स्किनकेयर है-सब कुछ! मुझे पता है कि आप में से बहुत से सिलिकॉन पसंद नहीं करते हैं, लेकिन उनके पास उनका उपयोग है। बायोडर्मा सेंसिबियो पोयर रिफाइनर में, वे त्वचा को धुंधला करते हैं, जिससे आपके बड़े छिद्र छोटे दिखते हैं। इसके अलावा, वे आपकी त्वचा को एक मैट फिनिश देते हैं जो कुछ मूल्यवान घंटों के लिए बे में तेल रखता है। हां, ये लाभ केवल अस्थायी हैं। यह सिलिकॉन का नकारात्मक पक्ष है। यदि आप अधिक दीर्घकालिक समाधान की तलाश में हैं, तो सैलिसिलिक एसिड की ओर मुड़ें। यह एक्सफोलिंट छिद्रों के अंदर हो जाता है, उन सभी गंदे को हटा देता है जो उन्हें इतनी सूजन बना देता है। एफवाईआई, पोयर रिफाइनर में सैलिसिलिक एसिड है लेकिन उच्च पीएच का मतलब है कि यह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकता है। बायोडर्मा फोटोोडर्म एकेएन मैट मैटिफाइंग फ्लूइड एसपीएफ़ ३० मैटिफाइंग नहीं है। लेकिन यह अभी भी सूची बनाता है क्योंकि यह उत्कृष्ट व्यापक स्पेक्ट्रम संरक्षण प्रदान करता है। यह एवोबनजोन और टीनोसॉर्ब के मिश्रण का उपयोग करता है, दो हल्के यूवी फिल्टर जो एक चिकना अवशेष या एक सफेद कास्ट पीछे नहीं छोड़ते हैं। इसके अलावा, इसमें यूवी फिल्टर को बढ़ावा देने और आपकी सुरक्षा को अधिकतम करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट का एक छिड़काव है। एकमात्र शंकु सुगंध है। यदि आपके पास संवेदनशील त्वचा है, तो यह आपके लिए सबसे अच्छी सनस्क्रीन नहीं है। सम्बंधित: सर्वश्रेष्ठ यूवी फ़िल्टर क्या हैं? आपको सबसे अच्छा बायोडर्मा उत्पाद क्या लगता है? नीचे दी गई टिप्पणियों में अपनी नकली पसंद साझा करें।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की एक बार फिर मांग किए जाने पर उनका उपहास करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र और जी-८ से संपर्क करना चाहिए। इस बीच जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि नीतीश के मुख्यमंत्री रहते हुए राजद घोटाले का मौका नहीं मिला इसलिए वे इस तरह की बातें कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने २०१५ का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लडा था और भारी सफलता हासिल की थी। किंतु बाद में रेलवे में होटल के बदले भूखंड मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी पर आरोप लगने के बाद गत वर्ष नीतीश ने महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस से नाता तोडकर भाजपा नीत राजग के साथ बिहार में नई सरकार बना ली थी।
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बता दें कि भले ही बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को बहुचर्चित केस हिट एंड रन केस में सलमान को मुंबई हाईकोर्ट से सभी आरोपों से बरी कर दिया गया हो लेकिन आपको बता दें कि सलमान की मुश्किलें अभी पूरी तरह से नहीं टली है। बॉम्बे हाईकोर्ट से बरी होने के बाद एक बार फिर से सलमान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने सलमान को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गौरतलब हैं कि हाईकोर्ट ने ११ दिसंबर को हिट एंड रन केस में सलमान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था, जबकि लोअर कोर्ट ने इस केस में सलमान को पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी। अब महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि अब हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। इससे साफ़ पता चलता है कि एक बार फिर से सलमान खान ने मुसीबतें बढ़ने वाली है और एक बार फिर से उन्हें सुप्रीम कोर्ट के कटघरे में आना पड़ेगा।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों के लिए एक ज़रूरी खबर सामने आई है। अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के ग्राहक हैं और नेटबैंकिंग सुविधा का लाभ ले रहे हैं तो हमारी इस खबर पर ध्यान दे। दरअसल ३० नवंबर से यह सुविधा बंद हो जाएगी। हालांकि इस बात का असर केवल उन लोगों पर पड़ेगा जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर बैंक के साथ रजिस्टर्ड नहीं कराया है। खबरों के अनुसार बैंक ने अपने समस्त ग्राहकों को अपनी बैंकिंग वेबसाइट ऑनलाइन एसबीआई पर नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा ये है कि १ दिसंबर से पूरे देश में नेटबैंकिंग की सुविधा कई लोगों के लिए ब्लॉक हो जाएगी। ग्राहकों को सुविधा चालू रखने के लिए अपना मोबाइल नंबर बैंक की शाखा में जाकर के रजिस्टर कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर नेटबैंकिंग की सुविधा को ब्लॉक कर दिया जाएगा। वही दूसरी ओर बैंक ने ये चीज़ साफ करी है कि उन लोगों की नेटबैंकिंग सुविधा चलती रहेगी, जिनका मोबाइल नंबर बैंक के पास पहले से रजिस्टर्ड है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ६ जुलाई, २०१७ को जारी सर्कुलर के अनुसार सभी बैंकिंग ग्राहकों को अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी रजिस्टर कराना जरूरी है। वही ऐसा नहीं होने की दिशा में बैंक आपके खाते को भी ब्लॉक कर सकता है। जानकारी के लिए बता दे कि अपने बैंक खाते के साथ मोबाइल नंबर अपडेट करना इसलिए भी जरूरी है ताकि आपको हर लेन-देन की जानकारी मिलती रह सके। इससे किसी भी संभावित धोखेधड़ी से बचने में भी मदद मिलती है। बताना चाहेंगे कि मोबाइल नंबर अपडेट करना न सिर्फ जरूरी है, बल्कि यह आपके लिए फायदेमंद भी है। तो फिर जल्द से जल्द अपना मोबाइल नंबर अपने बैंक अकांउट से लिंक करवा दीजिए। इसके लिए आपको बैंक की वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा। इसके बाद फिर अपने माई अकाउंट और प्रोफाइल टैब पर क्लिक करना होगा। प्रोफाइल टैब पर पर्सनल डिटेल/मोबाइल पर क्लिक करेंगे। इसके बाद आपसे प्रोफाइल पासवर्ड मांगा जाएगा। प्रोफाइल पासवर्ड हमेशा लॉगिन पासवर्ड से अलग होता है। जैसे ही आप प्रोफाइल पासवर्ड सबमिट करेंगे वैसे ही आपको अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी दिखाई देगी। अगर मोबइल नंबर नहीं दिखे तो फिर इसको बैंक की शाखा में जाकर के रजिस्टर्ड कराना होगा।
तीसरे मिलटरी लिटरेटर फेस्टिवल के अग्रिम प्रोग्रामों की लड़ी के अंतर्गत रविवार की सुबह चण्डीगढ़ के कैपीटोल कंपलैक्स और लेक क्लब में करवाई ग्रीन किड्ज़ रन और पक्षी दर्शन वर्कशॉप में सैंकड़ो बच्चों की उत्साहजनक हाजऱी ने फेस्टिवल का रोमांच शिखरों पर पहुँचा दिया। बच्चों में वातावरण संभाल, पर्यावरण की सुरक्षा और कुदरती स्रोतों की संभाल और संरक्षण के लिए जागरूक करने के लक्ष्य के अंतर्गत करवाई दोनों गतिविधियों के लिए बहुत से बच्चे, माता पिता और अन्य प्रबंधक आज सूरज चढऩे से पहले ही तडक़े सुबह कैपीटोल कंपलैक्स और लेक क्लब पहुँचे और सूरज की पहली किरण के साथ बच्चों की गर्मजोशी शिखरों पर थी। ग्रीन किड्ज़ रन में ५५० स्कूली बच्चों ने ३ किलोमीटर, ५ किलोमीटर और १० किलोमीटर की अलग-अलग श्रेणियों में हिस्सा लिया जबकि पक्षी दर्शन वर्कशाप में 2५0 लोगों ने हिस्सा लेकर कुदरत को नज़दीक से देखा। इनमें बड़ी संख्या बच्चों की थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार और चण्डीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के नेतृत्व में यू टी प्रशासन की तरफ से सांझे तौर पर भारतीय सेना के सहयोग से 1३ से 1५ दिसंबर, २०१९ तक करवाए जाने वाले तीसरे मिलटरी फेस्टिवल के लिए आधार बाँधने और माहौल बनाने के लिए अग्रिम शुरूआती गतिविधियों के अंतर्गत आज के समागम करवाए गए। ग्रीन किड्ज़ रन की शुरुआत मिलटरी लिटरेचर फेस्टिवल की प्रशासनिक समिति की मैंबर कोमल चड्ढा ने हरी झंडी देकर की। समाप्ति पर मुख्य मेहमान यू टी चण्डीगढ़ के डी जी पी संजय बेनीपाल ने बच्चों को न्योता दिया कि फिटनैस्स और वातावरण संभाल की आदत वह अपनी नित्य की आदत बनाएं जिससे स्वसथ और साफ़ सुथरा समाज सृजन किया जाये। वाई.पी.एस. के डायरैक्टर प्रिंसीपल मेजर जनरल (सेवा -मुक्त) टी पी एस वड़ैच ने विजेता बच्चों को इनाम बाँटते हुए उनको बधाई दी और हिस्सा लेने वालों की हौसला अफज़ायी की। पैसको के चेयरमैन मेजर जनरल ए.पी. सिंह ने पक्षी दर्शन वर्कशाप में हिस्सा लेने वालों को सर्टिफिकेट बाँटे। इससे पहले लेक क्लब में पक्षी दर्शन वर्कशाप में 2५0 के करीब कुदरत को प्यार और निहारने वालों को १२ टोलियों के रूप में नेचर ट्रेल, सुखना झील के घेरे में बने जंगली जीव क्षेत्र, नगर वन और पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ की तरफ रवाना किया गया जहाँ चण्डीगढ़ बर्ड क्लब के माहिरों के नेतृत्व में इन ग्रुपों ने कुदरत के रंग में रंगें पंख वाली ४०० के करीब पक्षियों की प्रजातियों को देखा। इस वर्कशाप में बहुत संख्या में बच्चे शामिल थे जिन्हें पक्षियों की दुनिया को नज़दीक से देखने का मौका मिला और पक्षियों के रैन बसेरे देखे। दौड़ की सभी श्रेणीयों में से कुल मिलाकर पाँच सबसे तेज़ धावक चुने गए जिनको एक -एक साइकिल और किट थैले के साथ सम्मानित किया गया। इन पाँच तेज़ धावक बच्चों में राम निवास, नवनीत, दीक्षित यादव, सौरव और गगन शामिल थे। विजेता बच्चों में से १० किलोमीटर दौड़ में लडक़ों के १०-1५ वर्ष आयु वर्ग में दैविक सर्मा ने पहला, सुशील ने दूसरा और गुरसागर ने तीसरा, १६ से १८ वर्ष आयु वर्ग में गगन ने पहला, सौरव ने दूसरा और अभिषेक ने तीसरा और लड़कियों की १६ से १८ वर्ष वर्ग में आयुषी ने पहला स्थान हासिल किया। इसी तरह ५ किलोमीटर में लडक़ों के १२ वर्ष तक के आयु वर्ग में शिवम पहले, विनोद पांडे दूसरे और प्रिंस सरन तीसरे, 1३ से 1५ वर्ष आयु वर्ग में अक्षत सिद्धू पहले, सागर दूसरे और आशीश तीसरे और १६ से १८ वर्ष आयु वर्ग में दीक्षित यादव पहले, नवनीत दूसरे और राम निवास तीसरे स्थान पर रहा। ५ किलोमीटर में लड़कियों के १२ वर्ष तक आयु वर्ग में सौम्य भारद्वाज ने पहला, तनिश्का ने दूसरा और अनाया मित्तल ने तीसरा, 1३ से 1५ वर्ष आयु वर्ग में वन्दना ने पहला, उजासविथा ने दूसरा और डिम्पल ने तीसरा और १६ से १८ वर्ष आयु वर्ग में आस्था शर्मा ने पहला और मनस्वी ने दूसरा स्थान हासिल किया। सभी हिस्सा लेने वाले बच्चों को रिफै्रशमैंट के साथ मैडल, और सर्टीफिकेट भी दिए गए। मिलटरी लिटरेचर फेस्टिवल का आज का इवेंट दा रन क्लब के सहयोग से करवाया गया जिसकी संस्थापक पैवीला सिंह भी मौके पर उपस्थित था। आज के इवेंटों के बाद मिलटरी लिटरेचर फेस्टिवल के अंतर्गत शहर में ३0 नवंबर से दो दिवसीय मिलटरी कार्नीवल, ७ दिसंबर को ब्रेव हर्ट्स द्वारा मोटर साइकिल राईड और रोमांच, जोश और जांबाजी से भरपूर अन्य कई गतिविधियां करवाई जाएंगी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की परेशानी को देखते हुए फैसला लिया है कि ५०० और १००० के नोट २४ नंवबर तक स्वीकार किए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास पर हुई उस मीटिंग में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू, ऊर्जा और खनन मंत्री पीयूष गोयल के अलावा वित्त मंत्रालय के बाकी सीनियर लोग मौजूद थे। मीटिंग में कुछ अहम फैसले भी हुए। एएनआई से बातचीत करते हुए वित्त मामलों के सचिव (ईस) शक्तिकांत दास ने कहा कि मीटिंग में पीएम मोदी ने इस बारे में जानकारी ली कि स्टॉक में कितने नए नोट बचे हैं। सोमवार यानी आज से लागू होने वाले कदमों के बारे में बात करते हुए शक्तिकांत दास ने बताया कि ५०० और १००० के जो पुराने नोट पहले १४ नवंबर की रात तक मान्य थे वह अब २४ नवंबर की रात तक मान्य कर दिए गए हैं। पुराने नोट सरकारी हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप पर मान्य होंगे। शक्तिकांत दास ने इस बात की भी जानकारी दी कि बैंकों में एक अलग से लाइन बनाई जाएगी उसमें सिर्फ नोट बदलने वाले लोग लग सकेंगे। इसके अलावा सीनियर सिटिजन और दिव्यांग लोगों के लिए भी अलग से लाइन होगी।
वैष्णव पत्रिका :- नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुखों को हटानेवाली होता है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही शुरू होकर रामनवमी तक चलती है । ये नौ दिन आदि शक्ति की आराधना का समय होता है । इन दिनों में माँ भगवती दुर्गा की पूजा एवं कन्या पूजन का बड़ा महत्व है । माँ की श्रद्धापूर्वक पूजन-अराधना करने से बाधामुक्त होकर मन, पुत्रादि, सुलक्षणा पत्नी, सौभाग्य एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है । भक्तों का सब प्रकार से कल्याण होता हे । शक्ति की उपासना करने से हमारे तेज में वृद्धि होती है । इस दिन से माँ दुर्गा की स्थापना के उपरान्त हम नौ दिनों तक माता की पूजा करते है । अपने-अपने घर की परम्परा के अनुसार दिवार पर माँडना मांड कर माता की पूजन करते है और गेहूं के जँवारे भी बोतें है । प्रतिदिन माँ दुर्गा की उपासना विधि -विधान के साथ करते है । दुर्गा सप्तशती का पाठ पंडित अथवा स्वयं के द्वारा करना चाहिए । अपनी परम्परा के अनुसार अष्ठमी व नवमीं को माँ दुर्गा को पूजन व भोग लगाना चाहिए । नवमी में कुँवारी कन्या के पूजन का बहुत बड़ा महत्व है । नौ वर्ष की आयु तक की कन्या को ही दुर्गा माता की स्वरूप मान भोजन कराना चाहिए।
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के कारण २०२० का विंबलडन टूर्नामैंट रद्द करना पड़ा। अब डचेस ऑफ कैम्ब्रिज केट मिडिलटन ने एक वीडियो के माध्यम से टेनिस प्रेमियों को सुंदर मैसेज दिया है। उक्त वीडियो विबंलडन के ऑफिशियली पेज पर पोस्ट की है। इसमें ३८ वर्षीय केट संबोधित करते हुई कहती हैं- विबंलडन के कोर्ट पर गेंद हिट हुए को ३५० दिन, १४ घंटे और १२ मिनट हो चुके थे। वर्षों से आप इसका समर्थन करते आए हैं इसी कारण यह ऐतिहासिक बना। केन ने टेनिस प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई बात नहीं अगर दिन का समय आप यहां नहीं हो। स्कोरबोर्ड पर किसी को नाम नहीं हो। बारिश हो। आप हमेशा से यही हो। इस साल बड़ी दुख की बात है। चीजें बहुत भिन्न हो गई हैं, लेकिन हम अपना समय तब तक बांधेंगे जब तक हम दोबारा इन सीटों पर वापस आकर नहीं बैठते और जश्र नहीं मनाते। इसलिए, जब सही समय आएगा तो गेट खुलेगा। हम वापस आएंगे। यह इंतजार देखने लायक होगा।
विज्ञान अब तक इतनी प्रगति नहीं कर पाया की हम अपने माता पिता चुन सके. मेरा जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जिसे सवर्ण माना जाता है. छात्र जीवन में जब मेडिकल या मनचाहे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिलने में दिक्कते आई तब आरक्षण से कोफ़्त हुई, खुद को बहोत कोसा भी की मैं क्यों ऐसे परिवार में पैदा हुआ. लेकिन बढ़ती उम्र के साथ परिपक्वता आई, ये समझ आने लगा की हमारे समाज बहोत बड़ी विषमता है, आज भी समाज का एक बड़ा वर्ग उन संसाधनों से वंचित है जो हमें उपलब्ध हो पाए, आज भी उस वर्ग के साथ दुय्यम दर्जे का व्यवहार होता है. समाज में फैली इस विषमता को मिटाना जरुरी है लेकिन क्या आरक्षण इसमे कारगर है? क्या आरक्षण का लाभ वास्तव में उन्हें मिल पा रहा है जिन्हें मिलना चाहिए? और क्या समाज में विषमता को कम करने के लिए शुरू किया आरक्षण ही आज विषमता का मुख्य कारण बन गया है? क्या आरक्षण की समीक्षा की जानी चाहिए? क्यों विफल रही आरक्षण व्यवस्था? जिस व्यवस्था की १० वर्षो बाद समीक्षा होनी थी वो आजादी के ६८ सालो बाद भी लागू है. सामाजिक विषमता इन ६८ वर्षो में यदि बढ़ी न भी हो तो कम नहीं हुई, गरीब आज भी गरीब है. इस व्यवस्था से शुरुवाती लाभ अवश्य हुआ लेकिन इसके बाद यह लाभ केवल कुछ परिवारों तक ही सिमित रह गया. उपेक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति वही होते हो जो केवल जाती से पिछड़े होते है. उनके परिवार जनो को आरक्षण का लाभ जारी रहे इसलिए वो आरक्षण पर समीक्षा का भी कड़ाई से विरोध करते है. उपेक्षित वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधि अपनी जाती के वास्तव में उपेक्षित परिवारों को मुख्यधारा में लाने के बजाय अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव लडवा कर सत्ता में लाने में व्यस्त है? कौन है उस पेक्षित परिवार का प्रतिनिधि जो आज भी अमानवीय जीवन जीने को मजबूर है, जिसे पढाई लिखाई के संसाधन तो दूर दो वक्त की रोटी भी नहीं मिलती. निश्चित इस लेख के पाठको में से कोई नहीं. इस लेख के पाठको में अपने आप को उनका प्रतिनिधि बताने वाले लोग जरुर हो सकते है जो इस लेख पर तीखी प्रतिक्रियाये भी देंगे. लेकिन मेरा उनसे आग्रह है की वो एक बार जरुर सोचे की वास्तव में उस उपेक्षित परिवार के हको को कौन छीन रहा है? उसके लिए बनाई आरक्षण की व्यवस्था का लाभ कौन उठा रहा है?
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नई दिल्ली। कार निर्माता कंपनी सुजुकी ने अपनी लोकप्रिय कार स्विफ्ट को हाइब्रिड अवतार में लॉन्च कर दिया है मारुति सुजुकी स्विफ्ट साल २०१८ के शुरुआती महीनों में भारत में लॉन्च होने वाली है लेकिन, इससे पहले सुजुकी ने जापान में नई स्विफ्ट हाइब्रिड को पेश कर दिया है। सुजुकी स्विफ्ट हाइब्रिड में १०क मोटर जेनेरेटर से लैस है. इस कार में १.२-लीटर, ९० बीएचपी पेट्रोल इंजन लगाया गया है. इस इंजन-इलेक्ट्रिक मोटर को ५-स्पीड ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन से लैस किया गया है. कंपनी का दावा है कि ये कार 3२ किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है इस हाइब्रिड स्विफ्ट में ऐसा सिस्टम लगाया गया है कि हेवी ट्रैफिक की स्थिति में ये कार अपने आप एव मोड में चली जाती है। और इससे फ्यूल की काफी बचत होती है. बैटरी पैक लगे होने के बावजूद सुजुकी स्विफ्ट हाइब्रिड का वज़न १००० किलोग्राम से कम है. भारत में इस कार को कब लॉन्च किया जाएगा, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है हालांकि, नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट को २०१८ दिल्ली ऑटो एक्सपो में पेश किया जा सकता है. नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट को हार्टक्ट प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है। प्लेटफॉर्म पर विटारा ब्रेज़ा, डिज़ायर, इग्निस और बलेनो को भी तैयार किया गया है. इस कार के साथ १.२-लीटर पेट्रोल और १.३-लीटर दीस इंजन का ऑप्शन दिया जाएगा. इन दोनों इंजन को ५-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और एएमटी गियरबॉक्स से लैस किया जाएगा. कार की अनुमानित कीमत ४.५ लाख रुपये से लेकर ७.५ लाख रुपये के आसपास बताई जा रही है।
क्रिस जैरिको वर्तमान में मौजूद उन दिग्गज रेसलर्स में से एक जिन्होंने कई साल तक प्रो रेसलिंग इंडस्ट्री में काम किया है और अपने बेहतरीन काम से अपना नाम पूरी रेसलिंग की दुनिया में प्रसिद्ध किया है। इस समय वह पिछले साल शुरू हुई आयू रेसलिंग कंपनी के साथ काम कर रहे हैं और वह इस समय वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन है। क्रिस जैरिको ने हाल ही में थे एक्वेरियान को अपना इंटरव्यू दिया और जहाँ उन्होंने रेसलिंग के कई मुद्दों पर बात की। इस इंटरव्यू के दौरान उनसे यह सवाल पूछा गया कि वह इस नई रेसलिंग कंपनी से केवल इसलिए जुड़े है ताकि वह वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियन बन सके। इस बात से कोई भी रेसलिंग फैंस इंकार नहीं कर सकता है कि जैरिको इस समय प्रो रेसलिंग इंडस्ट्री के सबसे बड़े हील रेसलर्स में से एक हैं। आयू में उनका काम उनके पूरे रेसलिंग करियर का सबसे अच्छा काम है और यही वजह है कि वह इस कंपनी के सबसे बड़े टाइटल को जीतने वाले पहले रेसलर बने।
फेसबुक पर सबसे ज्यादा स्वैप कौन है? मैं जवान हूँ। क्या यह मेरा सीएलएल खराब बना देता है? आप जानते हैं कि युवाओं के फव्वारे जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन वास्तव में कुछ त्वचा देखभाल उत्पाद हैं जो आप उम्र के रूप में दिखने में अंतर डाल सकते हैं। एंटी-बुजुर्ग उत्पादों पर सबसे आम प्रश्नों के शीर्ष त्वचा विशेषज्ञों के उत्तरों को जानने के लिए पढ़ें। विरोधी उम्र बढ़ने वाले उत्पाद वास्तव में पैसे के लायक हैं? हां। माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर में त्वचाविज्ञान विभाग में कॉस्मेटिक और नैदानिक शोध के निदेशक जोशुआ ज़िचनेर, एमडी कहते हैं, "सामयिक रेटिनोइड्स, ब्लीचिंग क्रीम, पेप्टाइड्स और विकास कारक जैसे उत्पाद सभी युवाओं को त्वचा को बहाल करने में मदद कर सकते हैं।" न्यूयॉर्क शहर। मैं कैसे बता सकता हूं कि कोई उत्पाद घोटाला है या नहीं? क्योंकि बाजार नए तरीके से टकराता है और कोशिश की गई और सच्चाई पर घंटी और सीटी का समर्थन करता है, तो यह जरूरी है कि यह नकल के बारे में जागरूक हो। उन उत्पादों से बचें जो बोतल में लेक्सॉक्स या लेजर के परिणाम देने का दावा करते हैं। दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया मेडिकल स्कूल विश्वविद्यालय में त्वचाविज्ञान के सहायक क्लिनिकल प्रोफेसर जेसिका वू कहते हैं, "यदि यह इतना आसान था, तो लोग साल पहले बोटॉक्स और लेजर का उपयोग करना बंद कर देते थे।" मुझे एंटी- वृद्धावस्था रेजीमेन? त्वचा विशेषज्ञों ने अपने तीसवां दशक में एक विरोधी उम्र बढ़ने के नियम शुरू करने की सलाह दी। डॉ। ज़िचनेर कहते हैं, "यही वह समय है जब त्वचा सेल कारोबार धीमा हो जाता है और जब रेखाएं और अंधेरे धब्बे सेट होने लगते हैं।" लेकिन आप अपने किशोर या बीसवीं के आरंभ में शुरू कर सकते हैं - यदि आपको सूर्य की क्षति का सामना करना पड़ा है तो विशेष रूप से अच्छा विचार। विरोधी उम्र बढ़ने वाले नियमों में कौन सी सामग्री या उत्पाद सबसे महत्वपूर्ण हैं? एक व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन: "न्यू यॉर्क शहर में एक त्वचा विशेषज्ञ, एमडी हॉवर्ड सोबेल कहते हैं," कुछ भी झुर्री से लड़ने और अच्छी धूप वाली लाइनों की तरह ठीक नहीं होगा। " एंटीऑक्सिडेंट्स: एंटीऑक्सिडेंट सूर्य या प्रदूषण के संपर्क में आने के बाद त्वचा में होने वाली फ्री-रेडिकल प्रतिक्रियाओं को बेअसर करके काम करते हैं (सनस्क्रीन के साथ त्वचा की रक्षा के लिए हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद)। आप विटामिन सी और ई, हरी चाय, सोया, इडेबेनोन, और फेरिलिक एसिड सहित कई प्रभावी विकल्पों में से चुन सकते हैं। मॉइस्चराइजर: "त्वचा को मॉइस्चराइज करना अधिक युवा दिखने की कुंजी है।" क्या मेरे चेहरे के किसी भी हिस्से में मुझे दूसरों पर लक्षित करना चाहिए? आंखें हमारे वर्षों को स्पष्ट रूप से टेलीग्राफ करती हैं क्योंकि उनके चारों ओर की त्वचा पतली होती है, तेल ग्रंथियों की कमी होती है, और सूरज की क्षति से ग्रस्त होती है। इसके अलावा, चेहरे के कुछ भाग जो भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उपयोग करते हैं, उनमें अधिकतर स्पष्ट रेखाएं और झुर्री होती हैं - उदाहरण के लिए, और आपके मुंह के चारों ओर की रेखाएं। उदाहरण के लिए, और आपके मुंह के चारों ओर की रेखाएं। हालांकि, सिर्फ इसलिए कि आप और अधिक ठीक देखते हैं एक क्षेत्र में रेखाएं और झुर्री का मतलब यह नहीं है कि आपको केवल उस हिस्से का इलाज करना चाहिए और अपने बाकी चेहरे की उपेक्षा करना चाहिए। "निश्चित रूप से, पूरे चेहरे और गर्दन का इलाज करें!" एरियल एन बी। कौवर, एमडी, न्यूयॉर्क शहर में एक त्वचा विशेषज्ञ। "बड़े क्षेत्रों में उत्पादों को लागू करने के लिए ट्यूबों और बोतलों को खोलने और बंद करने में अधिक समय लगता है।" मुझे परिणाम देखने के लिए उत्पाद का कितना समय उपयोग करना पड़ता है? मेरी त्वचा ब्लॉची क्यों जाती है? अवसाद के लिए वैकल्पिक उपचार: क्या वे काम करते हैं?
काली मिर्च एक थर्मोफिलिक नाइटशेड है। हमारे देश में यह हर जगह, दक्षिणी क्षेत्रों में - खुले क्षेत्र में, उत्तर में - बंद पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में उगाया जाता है। काली मिर्च न केवल उत्कृष्ट स्वाद के कारण, बल्कि विटामिन, ट्रेस तत्वों और अन्य पोषक तत्वों की उच्च सामग्री के कारण भी उच्च मांग में है। यह कहने के लिए पर्याप्त है कि विटामिन सी में नींबू की तुलना में अधिक होता है, और विटामिन ए में गाजर से कम नहीं है। इसके अलावा, काली मिर्च को आहार उत्पाद कहा जा सकता है - १०० ग्राम सब्जी में केवल २५ किलो कैलोरी होता है। हालांकि यह फसल बढ़ती परिस्थितियों के लिए काफी मांग है, अगर आप चाहें तो शांत जलवायु वाले क्षेत्रों में भी अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं। सच है, इसके लिए आपको कीटों से निपटने के लिए कृषि इंजीनियरिंग, ग्राफिक्स फीडिंग का पालन करना होगा। ग्रीनहाउस में काली मिर्च खिलाना खुले खेतों में इसकी उर्वरकों से बहुत अलग नहीं है, लेकिन इसकी अपनी विशेषताएं हैं। काली मिर्च उपयुक्त परिस्थितियां बनाने के लिए - उच्च उपज प्राप्त करने के लिए आधी सफलता। सफल बढ़ते मौसम के लिए उसे क्या चाहिए? तटस्थ प्रतिक्रिया के करीब, थोड़ा अम्लीय के साथ मिट्टी हल्की, उपजाऊ होनी चाहिए। काली मिर्च के लिए प्रकाश दिन ८ घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। इसे 1८-२४ डिग्री और अच्छी तरह से गर्म हवा के तापमान के साथ गर्म मिट्टी की आवश्यकता होती है - २२-2८ डिग्री। यदि यह १५ तक गिरता है, तो काली मिर्च विकसित करना बंद कर देगी, और अधिक अनुकूल मौसम की प्रतीक्षा करेगी। अक्सर काली मिर्च को पानी देने की सलाह दी जाती है, लेकिन धीरे-धीरे। यदि संभव हो, तो ड्रिप सिंचाई स्थापित करें। सिंचाई के लिए पानी को गर्म की जरूरत है, लगभग २४ डिग्री, लेकिन २० से कम नहीं। पोटेशियम की एक उच्च सामग्री के साथ दूध पिलाना नियमित होना चाहिए। इस संस्कृति में घने मिट्टी को कॉन्ट्रैंडीकेटेड है - इसकी जड़ें क्षति पसंद नहीं करती हैं, लंबे समय तक बहाल होती हैं, यह पृथ्वी को पिघलाने और इसे ढीला न करने की सलाह दी जाती है। जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए काली मिर्च की जड़ प्रणाली के लिए, मिट्टी में पानी होना चाहिए- और सांस लेना चाहिए। जब रोपे लगाए जाते हैं तो उन्हें दफन नहीं किया जा सकता है या जगह-जगह से लगाया जा सकता है। तापमान ३५ डिग्री से ऊपर, १५ डिग्री से अधिक के दिन और रात के तापमान के बीच अंतर भी काली मिर्च के सामान्य विकास में योगदान नहीं करता है। अम्लीय मिट्टी, ताजा खाद, खनिज की उच्च खुराक, विशेष रूप से नाइट्रोजन उर्वरकों को आपको अच्छी फसल नहीं देने की गारंटी दी जाती है। दिन के उजाले के घंटे काली मिर्च को रोकते हैं, और सीधी धूप फलों के जलने का कारण बन सकती है। मोटा उतरना - एक कठिन प्रश्न। खुले मैदान में, वे समझ में आते हैं, क्योंकि झाड़ियां परस्पर एक-दूसरे को छाया देती हैं और काली मिर्च को धूप से बचाती हैं, लेकिन बीमारियों के विकास में योगदान देती हैं - सही दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। बेशक, सबसे स्वादिष्ट काली मिर्च खुली हवा में बढ़ती है, असली सूरज के नीचे, और कृत्रिम प्रकाश के तहत नहीं। लेकिन हमारी शांत जलवायु उन किस्मों की पसंद को सीमित करती है जो खुले मैदान में फल ले सकती हैं। हम बल्गेरियाई चयन और डच संकर की मीठी मिर्च उगाते हैं। बल्गेरियाई काली मिर्च पूरी तरह से तकनीकी परिपक्वता के चरण में खाद्य है, भंडारण के दौरान अपने निहित रंग में पकने और दागने में सक्षम है। डच संकर बुरी तरह से वितरित किए जाते हैं, तकनीकी परिपक्वता के चरण में उनका स्वाद खराब होता है और वैरियटल रंग के पहले स्मीयर दिखाई देने से पहले उन्हें निकालना असंभव है। काली मिर्च तकनीकी परिपक्वता तक पहुंच गई, इसे रोपाई के उद्भव से ७५-१६५ दिनों की आवश्यकता होती है, और ९५-१९ दिनों में जैविक परिपक्वता होती है। स्वाभाविक रूप से, बल्गेरियाई चयन की केवल शुरुआती-पकने वाली पतली दीवारों वाली किस्में और केवल कुछ डच संकर विशेष रूप से इन स्थितियों के लिए नस्ल उत्तर-पश्चिम में ग्रीनहाउस के बाहर पक सकते हैं। कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था, सिंचाई, हीटिंग के साथ पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस, खेती की किस्मों की सूची का काफी विस्तार कर सकते हैं और विशेष रूप से बड़े आकार और मोटी दीवारों की विशेषता वाली देर से संकर भी फसल प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य बात यह है कि ये किस्में और संकर संरक्षित भूमि में खेती के लिए उपयुक्त हैं। उत्तर-पश्चिम में, ग्रीनहाउस में रोपण रोपण अब तापमान में उतार-चढ़ाव या दिन की रोशनी के बारे में चिंता नहीं कर सकता है - काली मिर्च के लिए सभी आवश्यक शर्तें, यदि आवश्यक हो, तो कृत्रिम रूप से बनाई जा सकती हैं। कीटों से निपटना या आवश्यक नमी बनाना आसान है। एक पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में मिर्च खिलाना इस फसल को खुले मैदान में निषेचित करने से बहुत अलग नहीं है यदि आप कृषि प्रौद्योगिकी की आवश्यकताओं का पालन करने के आदी हैं। विकास के स्थान पर पौधे को विकास के कुछ चरणों में समान पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। एक शेड्यूलिंग फीडिंग करना और इसका सख्ती से पालन करना आवश्यक है। पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में, काली मिर्च पहले उपजना शुरू कर देती है और बाद में समाप्त हो जाती है; इससे लंबे समय तक फलने फूलने के साथ लंबी किस्में विकसित होती हैं। खुले मैदान में एक वर्ग मीटर से जो फसल ली जा सकती है, वह ग्रीनहाउस खेती से प्राप्त होने वाली तुलना में बहुत कम होती है, जहां अक्सर एक झाड़ी से १०-१८ किलोग्राम फल की किस्म पर निर्भर होता है। सभी पौधों के जीवों की तरह, काली मिर्च को नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और ट्रेस तत्वों की आवश्यकता होती है। उसे हरे द्रव्यमान के सक्रिय विकास के दौरान नाइट्रोजन की उच्चतम खुराक की आवश्यकता होती है, फिर, फूल और फलने के दौरान, इसकी शुरूआत कुछ हद तक कम हो जाती है। फास्फोरस और पोटेशियम फूल और फलने के लिए काली मिर्च के लिए आवश्यक हैं, वे पूरे बढ़ते मौसम के दौरान पौधे द्वारा सेवन किए जाते हैं। बस फ़ॉस्फ़ोरस इस सब्जी को थोड़ी ज़रूरत है, और यह बड़ी मात्रा में पोटेशियम का उपभोग करता है, और क्लोरीन-मुक्त यौगिकों को प्राथमिकता देता है। ट्रेस तत्वों की काली मिर्च में विशेष रूप से मैग्नीशियम और कैल्शियम की आवश्यकता होती है, उन्हें पूरे बढ़ते मौसम में दिया जाता है। ट्रेस तत्वों को खराब रूप से अवशोषित किया जाता है जब रूट के तहत पेश किया जाता है। सभी के सर्वश्रेष्ठ काली मिर्च उन्हें अतिरिक्त रूट टॉप ड्रेसिंग पर मानते हैं। कार्बनिक पूरे मौसम में पौधे के लिए उपयोगी है, लेकिन इसे छोटी खुराक में देना बेहतर है। केवल यह याद रखना आवश्यक है कि काली मिर्च ताजा खाद को बुरी तरह से महसूस नहीं करती है और इसे जलसेक के रूप में दिया जाना चाहिए। शीर्ष ड्रेसिंग को मिट्टी को तैयार करके, जड़ के नीचे बढ़ते मौसम के दौरान और पत्ती पर छिड़काव करके लाया जाता है। अच्छी तरह से सड़ा हुआ ह्यूमस - ०.५ बाल्टी। विशेष रूप से बढ़ते मिर्च के लिए डिज़ाइन किए गए खनिज परिसर के साथ उपरोक्त सूची से उर्वरकों को प्रतिस्थापित करना और भी बेहतर है, इसे निर्देशों के अनुसार बनायें। इसके बाद, बिस्तर को उथले रूप से खोदा जाना चाहिए, गर्म पानी से बहाया जाना चाहिए और एक फिल्म के साथ कवर किया जाना चाहिए, जिसे रोपाई लगाने से पहले ही हटा दिया जाना चाहिए। जैविक उर्वरक के साथ काली मिर्च खिलाना सबसे अच्छा है - इससे पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। यदि आपके पास अवसर है, तो ३-४ बाल्टी गर्म पानी के साथ मुलीन बाल्टी को पतला करें और इसे एक सप्ताह तक खड़े रहने दें। उसी तरह आप पक्षी की बूंदों या हरे उर्वरक के जलसेक को तैयार कर सकते हैं। ध्यान दें! हरे उर्वरक को किण्वित करते समय, १: ३-४ का अनुपात निरीक्षण करने के लिए आवश्यक नहीं है। आप केवल मौजूदा कंटेनर को खरपतवार से भर सकते हैं और इसे पानी से भर सकते हैं। समाधान की एक बाल्टी में एक गिलास राख डालें, अच्छी तरह से हिलाएं और जड़ के नीचे डालें। ग्रीनहाउस रोपाई में रोपण के लगभग दो सप्ताह बाद पहली ड्रेसिंग दी जाती है, जब नई पत्तियां दिखाई देती हैं, तो ०.५ लीटर प्रति बुश खर्च होती है। फिर काली मिर्च ने हर २ सप्ताह में निषेचन किया, जिससे उर्वरक की मात्रा १-२ लीटर तक बढ़ गई। अमोनियम नाइट्रेट के २० ग्राम। वनस्पति मौसम के दौरान, काली मिर्च को खनिज उर्वरकों के साथ ३-४ बार खिलाया जाता है। पहला चारा। रोपण के दो सप्ताह बाद, प्रत्येक झाड़ी के नीचे ०.५ लीटर उर्वरक लगाया जाता है। दूसरा चारा। बड़े पैमाने पर फल सेट के समय - झाड़ी के आकार के आधार पर, जड़ पर १-२ लीटर। तीसरी ड्रेसिंग। इसके साथ ही फलों के संग्रह की शुरुआत के साथ - जड़ में २ लीटर उर्वरक। यदि कोई आवश्यकता है या फलने की अवधि में देरी हो रही है, तो चौथा ड्रेसिंग देना उचित है। ध्यान दें! उर्वरकों को वैकल्पिक करने के लिए सबसे अच्छा है, खनिज निषेचन के समय को अपरिवर्तित छोड़ दें, और उनके बीच कार्बनिक का उपयोग करें। ट्रेस तत्व एक वार्षिक पौधे के रूप में उगाए गए मिर्च के लिए पोषण के महत्वपूर्ण घटक नहीं हैं, उनकी कमी के लिए बस एक सीजन में महत्वपूर्ण होने का समय नहीं है। लेकिन वे पौधे के स्वास्थ्य, फलने की अवधि और फल के स्वाद पर निर्भर करते हैं। मिट्टी में निषेचन करते समय ट्रेस तत्व खराब अवशोषित होते हैं, उन्हें पर्ण खिलाने के दौरान दिया जाता है। निर्देशों के अनुसार एक केलेट परिसर खरीदना और इसे लागू करना सबसे अच्छा है। पत्तेदार शीर्ष ड्रेसिंग को तेजी से उर्वरक भी कहा जाता है, यदि आपको किसी प्रकार की बैटरी की कमी दिखाई देती है और आपको तत्काल स्थिति को ठीक करने की आवश्यकता है, तो छिड़काव मदद करेगा। ग्रीनहाउस में, कीटों और रोगों के लिए निवारक उपचार के साथ, यदि आवश्यक हो, तो हर २ सप्ताह में पर्ण ड्रेसिंग की जा सकती है। कामकाजी समाधान के लिए एपिन, जिरकोन या एक अन्य प्राकृतिक उत्तेजक की शीशी जोड़ना उपयोगी है। चेतावनी! धातु के आक्साइड को किसी भी चीज के साथ नहीं जोड़ा जाता है, वे अलग-अलग उपयोग किए जाते हैं। यदि आप कार्बनिक उत्पादों को उगाते हैं, तो एक अतिरिक्त रूट टॉप ड्रेसिंग के रूप में, आप राख निकालने का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें फास्फोरस और पोटेशियम के अलावा, सभी ट्रेस तत्व मौजूद हैं। एक गिलास पाउडर, २ लीटर उबलते पानी डालें, रात भर खड़े रहने दें, फिर १० लीटर डालें, तनाव और छिड़काव किया जा सकता है। पॉली कार्बोनेट ग्रीनहाउस में उर्वरक काली मिर्च खुले मैदान में निषेचन से बहुत अलग नहीं है, बस वर्कफ़्लो के उचित संगठन के साथ, यहां सब कुछ तेजी से किया जा सकता है और प्रभाव बेहतर हो जाता है। अच्छी फसल लें!
लखनऊ: यूपी केे सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को लोक भवन मेंं एपोस योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उद्योगपति रतन टाटा, सांसद डिम्पल यादव, मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी मौजूद रहे। सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि रतन टाटा का बहुत-बहुत आभार है। रतन टाटा तरक्की के रास्ते पर चल रहे हैं। रतन टाटा का नाम सदियों पुराना है। फिलहाल टाटा ट्रस्ट के सहयोग से ६७५ दुकानों का संचालन किया जा रहा है। सीएम अखिलेश ने कहा कि राशन दुकानों में गड़बड़ी खत्म करने को लेकर यह बड़ा कदम है। सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए इलेक्ट्राॅनिक प्वाइंट आॅफ सप्लाई मशीन योजना शुरू किया है। समाजवादी सरकार का प्रयास गरीबों तक लाभ पहुंचाने का है। राशन वितरण प्रणाली अच्छी कर रहे है। टेक्नोलॉजी से जुड़कर गरीबों को लाभ दे रहे। समाजवादी पेंशन में भी टेक्नोलॉजी का प्रयोग होगा। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य बेहतर होगा, तभी देश आगे बढ़ेगा। सीएम ने कहा कि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ हो, यह हमारी कोशिश है। सीएम अखिलेश ने कहा कि माताओं, बहनों के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरुरी, २४ घंटे बिजली शहरों, १८ घंटे गांवों में दे रहे हैं। गाँव-गाँव एंबुलेंस सुविधा पहुंच रही है, डायल १०० से पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त किया, जनता को लाभ देना बड़ी चुनौती है।
खबर के मुताबिक, असम में इस सीजन में तीसरी बार बाढ़ का झटका लगा है। रविवार को हुई जबरदस्त बारिश के बाद असम के कई जिलों में बाढ़ का पानी घुस गया है, इससे ७५ लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि तीन महीनों में ये तीसरा मौका है जब असम के लोग बाढ़ का कहर झेल रहे है। इस बार पांच जिलों धेमजी, लखीमपुर, सोनितपुर, मोरीगांव और नौगांव में ७५ हजार लोग बारिश से प्रभावित हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन त्वरित बल की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंचकर राहत का काम कर रही हैं। इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि एनडीआरएफ का कहना है कि जबरदस्त बारिश और जाराशर नदी का जल स्तर बढ़ने से सोनितपुर में भारी बाढ़ के हालात है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि एनडीआरएफ की पहली बटालियन ने सोनितपुर के कई गांवों में लोगों से मकान खाली कराकर उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है, दूसरे जिलों की स्थिति भी कोई ज्यादा अलग नहीं है। आपको बता दें कि बाढ़ की वजह से हजारों लोग एक बार फिर से अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गये है। जी हाँ, प्रशासन ने लोगों को घर खाली करके सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी है। लेकिन इस तरह से बार-बार बाढ़ का आना एक बड़े नुकसान की तरफ संकेत करता है। हालांकि बाढ़ की वजह से लोगों को अपना घरबार छोड़ कर जाना ही पड़ेगा। प्रेवियस आर्टियल९८ विधायक और ७ सांसद, कैसे बने धन कुबेर जांच जारी है?
- नगर निगम में सोमवार को हुई परिषद की बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष की खासी जुगलबंदी दिखी। नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने परिषद की कार्रवाई का कवरेज करने मीडिया कर्मियों को बाहर कर दिया और यह कहा कि परिषद के बाहर ऊपर बैठाया जाए। गुपचुप तरीके से बजट पास हो गया। - इस मामले में विपक्ष भी मौन रहा। मीडिया को जहां पर स्थान नियत किया गया था वह पीछे का हिस्सा था और वहां पर लगे साउंड बॉक्स में कुछ सुनाई भी नहीं दे रहा था। ऐसे में मीडिया कर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। - सोमवार की दोपहर दो बजे से नगर निगम संतोष शुक्ला की अध्यक्षता में राष्ट्रगीत से परिषद बैठक की कार्रवाई शुरू हुई।
१. कच्चे आम का रस- आम पना गर्मियों के दिनों में खूब बिकता है। इसे आप अपने घर पर ही बना कर पी सकते हैं और हीट स्ट्रोक से छुटकारा पा सकते हैं। दिन में १ गिलास काफी है। २. इमली- पानी में इमली डाल कर उबाल लीजिये, १५ मिनट के बाद इसे मैश कीजिये और छान कर उसमें नमक और पानी मिलाइये। इससे गर्मी का बुखार सही हो जाता है। ३. प्याज- शरीर की गर्मी को उतारने के लिये प्याज उपयोगी होता है। कटे हुए प्याज को जीरे के साथ भून लीजिये। इसका सेवन करने से पाचन क्रिया सही होगी जो कि गर्मी की वजह से बढ जाती है। ४. गरी का दूध- गरी का दूध निकाल कर उसमें काली र्मिच के दाने पीस कर डालें और शरीर पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर से गर्मी तुरंत निकल जाएगी। ५. फलों का रस पियें- चाय-कॉफ़ी की बजाये आप फलों के रस पिया करें अथवा गन्ने का जूस पिया करें। नारियल का पानी पीना भी गर्मी के दिनों में बहुत लाभ पहुंचता है और हीट स्ट्रोक से बचाता है। ६. इलेक्ट्रोलाईट नमक - पानी एवं कई खनिजो का मिश्रण होता है जो निर्जलीकरण की अवस्था में आपके शरीर में बहुत हीं कम हो जाता है। खनिजो एवं नमक पानी के कम होने से आप बहुत हीं कमजोर महसूस करने लगते हैं एवं आपके बदन, मांशपेशियों में दर्द एवं कमजोरी रहने लगती है।
हरियाणा सरकार द्वारा एतिहासिक और धार्मिक महत्व के अम्बाला शहर स्थित नौरंगराय सरोवर का पूर्न निर्माण और सौन्दर्यकरण किया जा रहा है। विधायक असीम गोयल की मांग पर मुख्यमंत्री द्वारा इस स्थल के जीर्णोद्धार के लिए १२ करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है और पूर्न निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। विधायक असीम गोयल के मुताबिक नगर निगम अम्बाला के अधिकारियों और निर्माण एंजैसी को यह कार्य ३१ मार्च २०१९ तक पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं और कार्य समय पर पूरा होने की उम्मीद है। विधायक ने बताया कि यह सरोवर भगवान वामन के इतिहास से जुड़ा होने के साथ-साथ इस स्थल का एतिहासिक पहलू महाभारत से युद्ध से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि गत कर्ईं वर्षों से उपेक्षित इस सरोवर के पूर्न निर्माण और सौन्दर्यकरण की परियोजना पर गत वर्ष कार्य आरम्भ करवाया गया था। उन्होंने बताया कि पूरे सरोवर के चारों ओर परिक्रमा के लिए कैरिडोर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा ठाकुरद्वारे के सामने की दिशा में एक स्क्रीन दीवार का भी निर्माण करवाया जा रहा है जिस पर विशेष कार्यक्रमों में प्रोजैक्टर के माध्यम से नौरंगराय सरोवर के इतिहास के साथ-साथ धार्मिक व एतिहासिक ज्ञान पर आधारित अन्य फिल्में भी प्रदर्शित की जा सकेंगी। उन्होने बताया कि सरोवर के बीचोंबीच एक पुल तैयार किया जा रहा है। लगभग ३०० फुट लंबे और २० फुट चौड़े इस पुल के दोनों ओर ८ रंगीन फव्वारे लगाये जायेंगे और आकर्षक लाईटों का भी प्रबंध किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह पुल बनाने के लिए सिमेंटड नीव डालने का कार्य पूरा किया जा चुका है और सरोवर का पानी निकालकर पुल का निर्माण भी जल्द आरम्भ किया जायेगा। श्री गोयल ने बताया कि सरोवर में स्नान के लिए ६ घाट तैयार किये जा रहे हैं तथा सरोवर के पूर्व और पश्चिम की तरफ दो प्रवेश द्वार भी बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य पूरे होने पर यह स्थल एक आकर्षक स्थल का रूप लेगा और कार्य पूर्ण होने पर धार्मिक पर्यटकों के साथ-साथ शहरवासियों और बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी रमणीक स्थान उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि नौरंगराय सरोवर के साथ-साथ म्यूनिसिपल पार्क के सौन्दर्यकरण और जीर्णोद्वार का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है। लगभग ८ करोड़ रूपये की लागत से इस पार्क में कैरिडोर, चिल्ड्रन पार्क, गजीबो, कैफिटेरिया इत्यादि सुविधाओं के साथ-साथ इस पार्क को बाल भवन परिसर से जोडने के लिए एक सम्पर्क पुल भी तैयार किया जा रहा है।
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शिमला। ग्रामीण हिमाचल प्रदेश की महिलाओं की आमदनी में स्वान वूमन फेडरेशन ;(एसडब्ल्यूएफ ) की पहलों के सहयोग से सुधार आ रहा है जिसका श्रेय उना जिले में स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट को जाता है। स्वान वूमन फेडरेशन लगभग ६५० स्वयं.सहायता समूहों, एसएचजी का शीर्ष संगठन है। इन एसएचजी में लगभग १०००० महिला सदस्य हैं और इस प्रकार फेडरेशन हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन है। फेडरेशन के एसएचजी कई गतिविधियों का संचालन करते हैं यह गतिविधियां विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर लक्षित हैं जैसे कृषि आगत और उत्पाद की खरीदी और वितरण बेहतर प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन सामाजिक मुद्दे जैसे पारिवारिक स्वास्थ्य स्वच्छता और बच्चों की शिक्षा। इस यात्रा की शुरूआत वर्ष २०१३ में हुई थी जब हिमाचल प्रदेश के वन विभाग ने जेआईसीए से प्राप्त ३४९३ मिलियन जापानी येन ;लगभग २०० करोड़ के ओडीए लोन की सहायता से स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन शुरू किया। इस परियोजना का लक्ष्य इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट के माध्यम से जंगलों और कृषि भूमि को बचाना और कृषि तथा वन्य उत्पादों का निर्गत बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत पहलों में वनरोपणए बाढ़ नियंत्रण सुविधाओं का निर्माणए मृदा संरक्षण और भूमि सुधार कृषि विकास और उना में आय अर्जन की गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है। यह परियोजना वर्ष २०१५ में पूरी हुई और तब के ४२३ एसएचजी को मिलाकर एक सोसायटी बनाने का निर्णय लिया गयाए ताकि परियोजना के उद्देश्य पूरे हो सकें। लगभग चार वर्षों में ही इस सोसायटी के पास ७७९ करोड़ रू की संपत्ति है और ६५२ एसएचजी की बचत और क्रेडिट उसमें है। अब तक २ करोड़ रू के ग्रुप लोन दिये जा चुके हैंए जिनका पुनर्भुगतान महिलाओं ने किया है। स्वान वूमन, मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी की सचिव सुनीता शर्मा ने कहा सदस्यों को एक या दो दिन में सरलता से लोन मिल जाता है। इस सोसायटी की सहायता से महिलाएं अब उच्च दर से ब्याज कमाने के लिये धन जमा कर सकती हैं और बैंक की तुलना में कम ब्याज दर पर लोन ले सकती हैं। फाइनेंस तक महिलाओं की पहुँच बढ़ी है और वे अपने या अपने परिवार के सम्बंध में निर्णय ले सकती हैं। फेडरेशन के सहयोग से महिलाओं ने हल्दी उगाई यह ऐसी फसल है जिसे जंगली जानवर बर्बाद नहीं कर पाते हैं। अच्छी फसल से उत्साहित होकर फेडरेशन ने स्वान स्पाइसेस नामक एक यूनिट बनाई जो आवश्यक प्रमाणन के बाद अस्तित्व में आई। फिर स्वान स्पाइसेस ने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में धनिया पाउडर लाल मिर्च पाउडर और भारतीय मिश्रित मसाले जोड़े। स्वान स्पाइसेस की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि उसने दो वर्ष में ६ मिलियन रू की बिक्री की। इन गतिविधियों से अर्जित आय से एसएचजी सदस्यों की बेटियों को छात्रवृत्ति दी गई और उनके लिये निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए गये। वर्ष में दो बार फोडर सीड किट्स भी दी जाती हैं ताकि परिवार का पोषण अच्छा रहे। जेआईसीए से वित्तपोषित यह परियोजना सफल हुई। स्वान वूमन फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर के डोगरा ने कहा स्वान वूमन फेडरेशन की सफलता अब जेआईसीए और राज्य सरकार के लिये एक केस स्टडी है।
व्यापार में जो भी लाभ या हानि होगी उसकी जानकारी आपको पहले से ही होती है , व्यापार में जो आपने निवेश किया है आपका उस विनियमित ब्रोकर से ज़्यादा नुकसान नहीं हो सकता ।। आगमन के कार्यक्रम पर वियतनाम वीजा आकस्मिक पर्यटकों और व्यापार यात्रियों दोनों के लिए लागू है। प्रबंधक वीजा आवेदन की अधिकतम २ व्यावसायिक दिनों के लिए १ के भीतर अनुमोदन पत्र प्राप्त करने के लिए आश्वासन दिया। सेवा की ऑनलाइन प्रकृति को देखते विनियमित ब्रोकर हुए, ग्राहकों को लागू करने के लिए और केवल अपने घर से वियतनाम वीजा के लिए मंजूरी दे दी पाने में सक्षम हो जाएगा। वीसा-वियतनाम.ऑर्ग ग्राहकों के लिए मंजूरी दे दी वीजा आवेदन प्राप्त करने के लिए दूतावास दुकानों के लिए अपने स्वयं के कर्मचारी भेजता है। कई लोगों के लिए मुद्रा व्यापार, लंबे समय से इंटरनेट पर अतिरिक्त आय का एक स्थिर और विश्वसनीय रूप दिया गया है। इंटरनेट शेयर ट्रेडिंग के विकास की शुरुआत में, तो प्रक्रिया जटिल और समझ से बाहर है, लेकिन आज था, व्यापार द्विआधारी विकल्प एक्सचेंज और कीमती धातुओं के तंत्र के आगमन के साथ, काटना मुनाफा बहुत आसान है और साफ हो गया है। मैं जोड़ना होगा कि लक्ष्यों को स्थापित करने के लिए एक वास्तव में उपयोगी न केवल बाइनरी विकल्पों में, लेकिन यह भी दैनिक जीवन या व्यवसाय में है। एक विशिष्ट प्रयोजन और निष्पादन की तारीख के साथ वास्तव में क्या हम अपने जीवन में क्या अराजकता, और विशिष्ट दिशा नियंत्रण नहीं रहता पता है। "सोशल ट्रेडिंग" सिस्टम ट्रेडिंग टर्मिनल में एकीकृत है, जो उपयोगकर्ताओं को सफल व्यापारियों के सौदों की प्रतिलिपि बनाने की अनुमति देता है। मुफ्त और वाणिज्य व्यापार संकेतों की एक श्रृंखला से सर्वोत्तम व्यापार संकेत प्रदाता चुनने की संभावना है। इसलिए, यदि घर की चौड़ाई ६ मीटर है, और इसमें दो ढलान हैं, और दोनों तरफ झुकाव का कोण ४० डिग्री है, तो इस मामले में टेंगेंट विनियमित ब्रोकर २.८४ के बराबर होगा। नहीं, यह आसान नहीं है! यही कारण है कि, इसे सफल बनाने के लिए और इसलिए लाभदायक है, यह सब कुछ विस्तार से, उसकी मजबूत और विश्लेषण करने के लिए आवश्यक है कमजोरियों, समझें कि आप और से किस प्रकार समझते हैं। मोमबत्ती पैटर्न एक पूर्ण व्यापार विनियमित ब्रोकर विधि नहीं हैं और न ही उनका उपयोग बाजार में बढ़त देता है। परंपरागत मोमबत्ती में खरीदने और बेचने की कोशिश में आप कितने टाइम्स विफल रहे हैं? क्या आपने कभी कैंडलस्टिक पैटर्न का परीक्षण किया है? संभावना अनुपात क्या है? यदि आपको मूल्य कार्रवाई को रिकॉर्ड करने के उदाहरणों की आवश्यकता है, तो आप हमेशा पिपक्रॉलर के पिक ऑफ़ द डे, साथ ही साइक्लोपिप के वीकली विजेता और हैप्पी पिप के कॉमडॉल वीकली रीप्ले को भी देख सकते हैं। उनके ब्लॉग आमतौर पर उम्मीदों में एक विशेष जोड़ी पर सबसे अच्छे सेटअप दिखाते हैं कि वे चार्ट में फिर से दिखाई देने पर उन विशाल इनाम-से-जोखिम अनुपात को पकड़ लेंगे। सिद्धांत या रणनीति को समायोजित करने के लिए डेटा या इनपुट को हेरफेर करने की कोशिश करने के जाल में गिरना बहुत आसान हो सकता है सौभाग्य से, व्यापारियों ने इस समस्या को दूर कर सकते हैं कि कैसे और कब हम बाज़ारों में व्यापार करेंगे, बाहर की राय को छानकर, कारणों और ट्रेडों के परिणामों के व्यापारिक रिकॉर्ड रखने और तथ्यों को बताने के लिए सिद्धांत या रणनीति का प्रयोग करना चाहिए। आप उस दिन की उपलब्ध पाठ्य-सामग्री को तुरंत ही पूरा कर सकते हैं।
कन्नौज। २०१९ के लोकसभा चुनाव (लोक सभा इलेक्शन्स २०१९) के परिणाम घोषित होने से पहले जारी हुए अलग-अलग न्यूज चैनलों के एग्जिट पोल (लोक सभा एक्सित पोल्स २०१९) को लेकर देश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वहीं, एग्जिट पोल के नतीजों को विपक्ष ने पूरी तरह नकार दिया है। इस बीच यूपी के कन्नौज, चंदौली और गाजीपुर से ईवीएम (एल्लेगएशन्स ऑफ एवम स्वप्) बदले जाने व छेड़छाड़ करने का आरोप की खबरें आईं है। हालांकि चुनाव आयोग (इलेक्शन कमिश्न) ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि यह महज अफवाहें हैं। वहीं, चुनाव आयोग १२.३० बजे ईवीएम के मुद्दे को लेकर प्रेसवार्ता करेगा।
कॉन्टिनू रिडिंग "ये खौलते तेल में डालते हैं हाथ, तब मिलता है फिश फ्राई का स्वाद" कॉन्टिनू रिडिंग "अब बांग्लादेश के लोग भी सुनेंगे प्म मोदी के मन की बात, पूछ सकेंगे सवाल" २ साल की उम्र में २5 साल के लड़के के जैसे दिखता है अर्श, जानिए कैसे? कॉन्टिनू रिडिंग "२ साल की उम्र में २5 साल के लड़के के जैसे दिखता है अर्श, जानिए कैसे?" कॉन्टिनू रिडिंग "दिल्ली में दिखेगा ५० फुट का प्लास्टिक रावण, देगा पॉजिटिव संदेश" कॉन्टिनू रिडिंग "जी भर के लीजिए अब सेल्फी पर सेल्फी, ये ऐप करेगी आपके फोन की सेफ्टी" कॉन्टिनू रिडिंग "प्म मोदी से मिले माइक्रोसॉफ्ट के सियो सत्या नडेला, कई मुद्दों पर हुई बात" कॉन्टिनू रिडिंग "इन ट्रेनों में १५ जून से चलेगी यात्रियों की मर्जी, मिलेगा मनपसंद खाना" कॉन्टिनू रिडिंग "कांग्रेस पर प्म मोदी का निशाना, कहा- देश लूटने वाले हमें पसंद नहीं करते" कॉन्टिनू रिडिंग "क्बी के सामने पेश हुए हरीश रावत, ज्यादातर सवालों पर नहीं खोली जुबान"
एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी बॉलीवुड की फिट एक्ट्रेसेज में से एक हैं। वो रील और रियल लाइफ, दोनों में ही परफेक्ट हैं। अपनी लाइफ के हर किरदार को वे बखूबी निभाती हैं। वे एक बेहतर बेटी, बहन, पत्नी और मां बनकर हमेशा से दूसरों को मोटिवेट करती रही हैं। उनके फिटनेस मंत्रा को फैन्स भी रुटीन लाइफ में फॉलो करते हैं। दरअसल, शिल्पा हमेशा से अपने फैन्स के साथ उन्हीं चीजों और बातों को शेयर करती हैं, जिनसे उनके फैन्स या फॉलोवर्स को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचे। हाल ही में शिल्पा शेट्टी ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसकी वजह से उनकी जमकर तारीफ हो रही है और हर तरफ उनके चर्चे भी। उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से शरीर को पतला करने की गोलियों यानि कि स्लिमिंग पिल का इंडोर्समेंट करने के १० करोड़ रुपये के ऑफर को ठुकरा दिया है। शिल्पा शेट्टी ने करोड़ों के इस इंडोर्समेंट को ठुकरा दिया क्योंकि वो लोगों को कोई ऐसा सामान खरीदने के लिए उकसा नहीं सकती हैं, जिसका परिणाम वो खुद ही न जानती हों। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिल्पा ने इस ऑफर को इसी एक वजह से ठुकरा दिया है। शिल्पा ने कहा, 'मैं कुछ ऐसा नहीं बेच सकती जिस पर मुझे विश्वास न हो। स्लिम पिल और फैट डाइट आपको आकर्षित करते हैं क्योंकि ये जल्द असर करने का दावा करते हैं। लेकिन एक रुटीन पर टिके रहना और हेल्दी खाने से खुद पर जो गर्व महसूस होता है, उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता'। शिल्पा शेट्टी के इस फैसले के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ मिल रही है। यही नहीं, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने शिल्पा शेट्टी की तारीफ करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट भी शेयर किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'समाज के प्रति सेलिब्रिटी की भी जिम्मेदारी होती है, जिसे अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने बखूबी निभाया है। उन्होंने स्लिम पिल्स के विज्ञापन के १० करोड़ के ऑफर को केवल इसलिए मना कर दिया क्योंकि उन्हें इस प्रोडक्ट के परिणाम पर भरोसा नहीं था। उनका यह कदम वाकई प्रशंसनीय है। मैं अभिनंदन करता हूं।' इसके अलावा उन्होंने अन्य सेलिब्रिटीज़ से भी यही अपील की है कि वो भ्रामक विज्ञापनों को बढ़ावा न दें। वर्क फ्रंट की बात करें तो शिल्पा शेट्टी इन दिनों बच्चों का खास रियलिटी शो जज कर रही हैं। वे इस शो की काफी चर्चित जज हैं। बॉलीवुड में उनकी आखिरी फिल्म साल २०१४ में 'ढिश्कियाऊं' आई थी। उसके बाद से वो किसी दूसरी फिल्म में नजर नहीं आई हैं।
जयपुर, १२ जुलाई। वर्ष १९९४ में हुए यमुना जल समझौते के तहत राजस्थान के हिस्से का पानी लाने में हो रही देरी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्रीय जल आयोग को आदेश दिये हैं कि वो राजस्थान सरकार द्वारा भेजी गई डीपीआर पर ६ सप्ताह में निर्णय ले। दरअसल राजस्थान सरकार ने हरियाणा से पाइपलाईन के जरिए राजस्थान में पानी लाने को लेकर एक नई डीपीआर बनाकर फरवरी २०१९ को केंद्रीय जल आयोग को भेजी थी। ५ माह बाद भी इस डीपीआर पर आयोग द्वारा निर्णय नहीं लेने पर यशवर्धनसिंह ने जनहित याचिका दायर कर इसे चुनौती दी। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से पेश हुए एएसजी आर डी रस्तोगी ने आयोग का पक्ष रखा। एएसजी ने कहा कि वे शीघ्र हाईकोर्ट के आदेश की पालना करेंगे। गौरतलब है १९९४ में हुए जल समझौते के तहत राजस्थान को १११९ बिलीयन क्यूबीक मीटर पानी मिलना था लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा लगातार पानी देने को लेकर टालमटोल कि जाती रही। पहले हरियाणा ने अपनी नहर से पानी भेजने से इंकार कर दिया. जिस पर राजस्थान सरकार द्वारा हरियाणा नहर के समानान्तर खुद की नहर बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया. लंबे समय तक उस पर भी हरी झण्डी नहीं मिलने पर हाल ही पाइपालाइन के जरिए पानी लाने के प्रोजेक्टर पर कार्य शुरू किया गया। इस प्रोजेक्टर की डीपीआर बनाकर केन्द्रीय जल आयोग को फरवरी २०१९ में ही भेज दी गयी लेकिन ५ माह बाद भी निर्णय नहीं लिया गया।
कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी से एमफिल करने वाली एक २५ वर्षीय युवती उस समय हैरान रह गई जब एक महिला ने ही उसे धमकी देते हुए कहा, तुम्हारा तो रेप होना चाहिए। इतनी ही नहीं विरोध करने पर उस महिला ने छात्रा को दो थप्पड़ भी जड़ दिए। उस युवती की गलती बस इतनी थी कि वह टी शर्ट और शॉर्ट पहनकर खरीदारी करने निकली थी। इस घटना के बाद जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र के डेप्युटी कमिश्नर से मुलाकात की। इसके बाद छात्रा ने साल्ट लेक पुलिस के पास अपनी एफआईआर भी दर्ज कराई। पुलिस को एक बैंक और एक रेस्तरां से सीसीटीवी फुटेज भी मिल गई है। पीड़िता के मुताबिक, महिला ने उससे कहा, 'तुम्हारी जैसी लड़कियों का रेप होना चाहिए।' पहले तो छात्रा चौंक गई। इसके बाद उसने विरोध करते हुए कहा कि महिला को ऐसा कहने का अधिकार नहीं है। ऐसा करना अपराध भी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी महिला के खिलाफ चोट पहुंचाने, जबरन रोकने और एक महिला के शील भंग के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। यह पहला मामला है जब एक महिला के खिलाफ दूसरी महिला के शील भंग का आरोप लगा है। पुलिस का अनुमान है कि आरोपी महिला धाकुरिया इलाके में रहती है।
नई दिल्ली। कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए कर संरचना में बदलाव की उम्मीदों से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बुधवार को एक बार फिर ४०००० अंक के पार चला गया। भारतीय स्टेट बैंक, टीसीएस, आईटीसी, भारती एयरटेल, सन फार्मा, इंफोसिस और बजाज ऑटो में ३.३7 प्रतिशत तक की तेजी रही। बंबई शेयर बाजार का ३० शेयरों वाला सेंसेक्स २२०.०३ अंक यानी ०.५५ प्रतिशत उछलकर 4००51.८७ अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 4०178.१२ अंक के ऊंचे स्तर को भी छुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी ५७.२५ अंक यानी ०.४९ प्रतिशत बढ़कर ११,८४४.1० अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, टीसीएस, आईटीसी, भारती एयरटेल, सन फार्मा, इंफोसिस और बजाज ऑटो में ३.३7 प्रतिशत तक की तेजी रही। इसके विपरीत येस बैंक, मारुति, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और बजाज फाइनेंस के शेयर २.४१ प्रतिशत तक गिर गए। विशेषज्ञों के मुताबिक, बजट से पहले शेयर निवेशकों के लिहाज से प्रभाव डालने वाले प्रमुख कर जैसे कि दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर, प्रतिभूति लेनदेन कर और लाभांश वितरण कर की प्रस्तावित समीक्षा की खबरों से घरेलू निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों और कॉर्पोरेट कर में कटौती का मुनाफे में अहम योगदान से भी बाजार को बल मिला। इसके अलावा बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज पर फैसले का इंतजार कर रहा है। अमेरिका-चीन व्यापार समझौते में देरी की खबरों से शंघाई, हांगकांग, सोल और टोक्यो के शेयर बाजारों में गिरावट रही। यूरोप के शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिलाजुला रुख देखने को मिला।
नयी दिल्ली : दुनियाभर में महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस संक्रमण के बीच दुश्मनों के दांत खट्टे करने भारत की जमीन पर लड़ाकू विमान राफेल उतर गये है। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमान भारतीय जमीन पर पहुंच गए हैं। हरियाणा के अंबाला एयरबेस में राफेल विमान की सुरक्षित लैंडिंग हुई, जहां उनका स्वागत वाटर सैल्यूट के साथ हुआ। इस मौके पर वायुसेनाध्यक्ष आर के एस भदौरिया भी मौजूद रहे। फ्रांस से मिलने वाली राफेल विमानों की ये पहले खेप है। इन विमानों ने मंगलवार को फ्रांस से उड़ान भरी थी, जिसके बाद ये यूएई में रुके थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सेना के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। मुझे बेहद खुशी है कि भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता को सही वक्त पर मजबूती मिली है। अगर किसी को हमारी नयी क्षमता से चिंतित होना चाहिए तो उन्हें होना चाहिए जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं । फ्रांस से खरीदे जा रहे ३६ राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के पांच विमान अंबाला के वायुसेना एयरबेस पहुंच गये है जहां वायुसेनाध्यक्ष आर के एस भदौरिया उनकी अगुआनी किये। राफेल विमानों की यह पहली खेप है। भारत ने फ्रांस से ५९ हजार करोड़ रुपये में ३६ राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है और इस सौदे की पहली खेप में ये विमान प्राप्त हुए हैं। पांचों विमानों ने सोमवार को फ्रांस से उड़ान भरी थी और उसी दिन दस घंटे का सफर तय कर संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे और वहां से उड़ान भर अंबाला पहुंचें है। अंबाला में राफेल की पहली स्क्वाड्रन तैनात होगी। १७वीं नंबर की इस स्क्वाड्रन को गोल्डन-ऐरोज़नाम दिया गया है जिसमें १८ राफेल लड़ाकू विमान, तीन प्रशिक्षक और बाकी १५ लड़ाकू विमान होंगे। पांच राफेल लड़ाकू विमानों के आने के पहले मंगलवार को अंबाला वायु सेना केंद्र के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और निषेधाज्ञा लागू की गई है। अंबाला जिला प्रशासन ने वायुसेना केंद्र के तीन किलोमीटर के दायरे में लोगों के ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत ने वायुसेना के लिए ३६ राफेल विमान खरीदने के लिए २३ सितंबर, २०१६ को फ्रांस की विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दसॉ एविएशन के साथ ५९ हजार करोड़ रुपये का करार किया था। वायुसेना को पहला राफेल विमान पिछले साल अक्टूबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की फ्रांस यात्रा के दौरान सौंपा गया था।
हिंदी इंग्लिश एस्पाओल डेटच फ्रान्य्स इटालियानो नेदरलैंड्स पोलस्की स्वेंस्का कैटल एटीना डंस्क सूमी मैग्यार बहसा मलेशिया नॉर्स्क पुर्तुगस रोमन स्लोवेनिना स्लोवेंस्की ट्रके टिंग वित > भाषा स्कूल स्पेन > एक अकेले दुनिया भर के अधिकांश भाषा स्कूल एक निर्धारित शुल्क लेते हैं, जो पाठ्यक्रम की अवधि और उसके प्रकार पर निर्भर नहीं होती। यह हमारी ओर से बुकिंग सेवा का उपयोग करने के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं है, बल्कि सीधे विद्यालय की ओर से लिया जा रहा शुल्क है। इस विद्यालय में दाखिला ले रहे हर छात्र को इस शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। |हमसे संपर्क करें |वीज़ा जानकारी |शहरी मार्गदर्शिकाएं |भाषा परीक्षाएं |शर्तें | १९९९ - २०१५ लैंगेजकोर्स स.ल. | कम्पनी टैक्स नो. एस्ब६२७६२०९१ क्या आपको मदद/सहायता की ज़रूरत है? कृपया हमें संपर्क करें।
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रांची: करप्शन हर क्षेत्र में अपना पांव फैलाए हुए है। किसी भी तरह का काम कराने के लिए दो रास्ते बने हुए हैं। एक जो लीगल तरीके से होकर गुजरता है और दूसरा जो करप्शन से होकर गुजरता है। राजधानी रांची में दूसरा रास्ता काफी पॉपुलर है। यहां लाइसेंस बनाने से लेकर बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट, राशन कार्ड समेत अन्य किसी भी तरह का काम करने के लिए आपके पास करप्शन वाला रास्ता सहज ही उपलब्ध हो जाएगा। नगर निगम का ऑफिस तो करप्शन का अड्डा बना हुआ है। यहां नक्शा से लेकर हर काम में करप्शन का बोलबाला है। नगर निगम का ही एक काम है सेप्टिक टैंक की सफाई कराना। नगर निगम इसके एवज में कुछ शुल्क लेता है और टैंक की सफाई करा देता है। लेकिन यहां भी करप्शन हावी है। कस्टमर बनकर हम बकरी बाजार स्थित नगर निगम के स्टोर पर गए, जहां सेप्टिक टैंक की सफाई का जिक्र करते ही इससे जुडे़ बिचौलियों ने आकर घेर लिया। स्टोर में मौजूद बिचौलियों ने एक दिन में टैंक सफाई कराने की बात कही। उनलोगों ने कहा कि नगर निगम में जाने से समय ज्यादा लगेगा। प्राइवेट में कराने से एक दिन में टैंक साफ कर दिया जाएगा। कुछ पैसा ज्यादा लगेगा लेकिन काम बेहतर होगा। उन्हीं में से एक बिचौलिया ने जगह दिखाने की बात कही। बिचौलिया ने कहा कि जगह देख लेंगे बड़ी गाडी ले जाना होगा या छोटी गाड़ी से काम चल जाएगा। इसके अलावा टैंक भी देखना होगा, कैसे सफाई करनी है। टैंक देखने के बाद ही पता चलेगा। इतना कहकर तीन-चार बिचौलिया मेरे(रिपोर्टर) के साथ टंकी देखने चल पडे़। बिचौलियों ने नगर निगम का लोगो लगा विजिटिंग कार्ड भी बनवा रखा है। इन बिचौलियों ने बताया कि नगर निगम से सफाई कराने पर बहुत परेशानी है। वो बार-बार दौड़ाएगा। एक काउंटर से दूसरे काउंटर में दौड़ते रहिए। हमलोग से कराने में परेशान नहीं उठानी पड़ेगी। कोई रसीद कटाने की जरूरत नहीं है, न ही ज्यादा समय लगेगा। सिर्फ जगह दिखा दीजिए। एक से दो दिन में टैंक साफ कर दिया जाएगा। हमलोगों के पास सभी साधन है। कुछ पैसा अधिक लगता है लेकिन हमलोग काम एक नंबर करके देंगे। नगर निगम के चक्कर में रहिएगा तो कब साफ होगा, इसका कोई गारंटी नहीं है। नगर निगम से जो जाता है वो लोग जैसे-तैसे साफ करेगा और खर्चा-पानी भी मांगेगा। रिपोटर्र : यहां पर टैंक सफाई करने वाले कहां मिलेंगे? बिचौलिया : बोलिए न, क्या काम है, हम ही लोग हैं। रिपोटर्र : मुझे सेप्टिक टैंक साफ करवाना है, किससे मिलना होगा? बिचौलिया : हम ही लोग साफ करते हैं। बताईए, कहां पर साफ करवाना है। साइड दिखा दीजिए। रिपोटर्र : कुछ रसीद भी कटवाना होगा क्या? बिचौलिया : वो सब छोडि़ए, हम लोग देख लेंगे। आपको टेंशन नहीं लेना है। आप सिर्फ एड्रेस बताइए। रिपोटर्र : पैसा कितना लगेगा? बिचौलिया : बड़ी गाड़ी जाएगी तो एक बार का ४५०० रुपए लगेगा। बाकी बात साइड देखने के बाद समझा देंगे। ये रखिए फोन नंबर फोन कीजिएगा। अभी चलिए, साइड देख लेते हैं। रिपोटर्र : कोई दिक्कत तो नहीं होगी न? बिचौलिया : कुछ नहीं होगा, यह हमलोग का एक दिन का काम नहीं है, डेली हमलोग यही काम करते हैं। सैप्टिक टैंक की सफाई कराने के लिए नगर निगम ऑफिस के स्वास्थ्य शाखा में संपर्क करना होता है। यहां एक फॉरमेट उपलब्ध कराया जाता है, जिसे भरकर नगर निगम के कैश कांउटर में जाकर पैसे डिपॉजिट करने पड़ते हैं। नगर निगम द्वारा निर्धारित शुल्क घर के लिए १२५० रुपए और अपार्टमेंट के लिए २५०० रुपए है। कैश कांउटर में डिपॉजिट करने के बाद एक स्लीप मिलता है, जिसमें टैंक सफाई की अनुमानित तिथि, गाड़ी नंबर और ड्राइवर का फोन नंबर लिखा होता है। दो से चार दिन के दिन अंदर टैंक की सफाई करा दी जाती है। ऐसी कम्पलेन पहले भी आई है। हमने थाना को इसकी शिकायत की है। बल्कि एसपी को भी एक पत्र भेजा गया है। नगर निगम ने किसी बाहरी लोग को कोई परमिशन नहीं दिया है। यदि ऐसी कुछ आपको जानकारी मिलती है, तो एक वीडियो बनाकर उपलब्ध कराएं।
वो एक ही हस्ती, एक ही वजूद है, जिसने ये सारा जहान बनाया है...फर्क इतना कि कुछ उसे खुदा तो कुछ उसे भगवान कहते हैं। देश में राजनीति के नाम पर चाहे कितना भी हिंदू और मुसलमानों के बीच जहर घोला जाए, लेकिन देश में हमेशा से कई ऐसे उदाहरण सामने आते हो जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन जाते हैं। वो एक ही हस्ती, एक ही वजूद है, जिसने ये सारा जहान बनाया हैफर्क इतना कि कुछ उसे खुदा तो कुछ उसे भगवान कहते हैं। देश में राजनीति के नाम पर चाहे कितना भी हिंदू और मुसलमानों के बीच जहर घोला जाए, लेकिन देश में हमेशा से कई ऐसे उदाहरण सामने आते हो जो हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन जाते हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में देखने को मिला। जहां आज कल लोग कुंभ मेले की तैयारियों में लगे हुए हैं। वही अब इस पवित्र काम में मुस्लिम भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहें हैं। इलाहाबाद में इस समय कुंभ मेले की तैयारियां जोरो पर हैं। इसी कड़ी में क्षेत्र मे इस समय सड़कों के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इस काम में एक मस्जिद का कुछ हिस्सा रास्ते में आ रहा था। जिस वजह से कुछ मुस्लिम लोगों ने मस्जिद का वो हिस्सा गिरा दिया। आप को बता दें कि इलाहबाद में अगले साल कुंभ मेले का आयोजन होना है। जिस वजह से शहर में निर्माणकार्य तेज़ी से चल रहा है। उम्मीद की जा रही है इस आयोजन में लाखों लोग पहुंचेंगे। हमने ये काम अपनी मर्जी से किया है। जिस हिस्से में मस्जिद बनी हुई है उसका कुछ हिस्सा सरकारी जमीन का है। इस वजह से हमने उस हिस्से को गिरा दिया है । कुंभ मेले के आयोजन की वजह से सरकार इलाके में लगातार निर्माण कार्य करा रही है। हम बस इस काम में सहयोग करने की कोशिश कर रहें हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ निर्माणकार्य में सहयोग देना है। गौरतलब है कि इस बार कुंभ में शाही स्नान की शुरुआत १५ जनवरी से रही है। आप को बता दें कि प्रयाग के संगम तट पर लगने वाले कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं।
पटना : देश और दुनिया में भागलपुर की पहचान यहां के सिल्क को लेकर है। इसकी नींव मुगलकाल में ही पड़ गई थी। कोलकाता बंदरगाह से भेजे जाने वाले भागलपुरी सिल्क की दुनियाभर के रईसों के बीच धाक थी। ब्रिटिश काल में यह कारोबार और मजबूत होता गया और यहां का सिल्क रईसों की पहली पसंद बन गई। लेकिन उदारीकरण और बाजार की प्रतिस्पर्धा में पिछड़े भागलपुरी सिल्क की चमक भी समय के साथ फीकी होती गई। हालांकि, आज भी भागलपुरी सिल्क का सालाना कारोबार करीब ३५० करोड़ का है। यहां के सिल्क व्यवसायी कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई बेंगलुरु, सूरत, अहमदाबाद आदि शहरों के अलावा जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और खाड़ी के देशों से सीधे कारोबार करते हैं। सिल्क के कपड़ों के उत्पादन में चीन पहले स्थान पर बना हुआ है। चीन में इसका सालाना उत्पादन १ लाख ७० हजार मीट्रिक टन है, जबकि दूसरे स्थान पर रहनेवाले भारत में इसका उत्पादन २८,५२३ मीट्रिक टन है। एक अनुमान के मुताबिक विश्व के टेक्सटाइल मार्केट में सिल्क की हिस्सेदारी ०.२ प्रतिशत से भी कम है। हालांकि, कुल सिल्क के उत्पादन का 9० प्रतिशत से अधिक एशियाई देशों में होता है। कुल चार तरह के सिल्क तसर, मलबरी, एरी और मूंगा होते हैं। मलबरी के क्षेत्र में बंगाल, मूंगा में असम, एरी में बेंगलुरु तो तसर सिल्क में भागलपुर की बादशाहत बरकरार है। हालांकि, तसर सिल्क का कारोबार छत्तीसगढ़ के चापा, उड़ीसा के नवाब, पटना और झारखंड के सिंहभूम में भी होता है। इससे जुड़े कारोबारी बताते हैं कि जापान में भागलपुरी सिल्क के कालीन विशेष रूप से पसंद किए जाते हैं। ईसा पूर्व से रेशम उत्पादन में बादशाहत रखने वाले चीन ने समय के साथ इसके कारोबार को बाजार की प्रतिस्पर्धा से जोड़ा। सिलिकन वैली की तरह सिल्क स्ट्रीट बनाई। एक छत के नीचे सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराईं। उसकी ब्रांडिंग के लिए काम किया। यही कारण है कि चीन दूसरे स्थान पर रहने वाले भारत से करीब छह गुना आगे है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में भागलपुरी सिल्क भी पिछड़ गया। न तो सरकार का सहयोग मिला और न ही इसके उत्पादन के लिए उन्न्त तकनीक अपनाई गई। हैरानी यह कि बिहार में सिल्क उत्पादन में एकमात्र क्षेत्र होने के बावजूद इससे जुड़े कामगारों को कभी ट्रेनिंग देने तक की व्यवस्था नहीं कराई गई। परिणाम भयावह निकला। भागलपुर का सिल्क उद्योग अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे बुनकर पलायन करने लगे हैं। इसके बावजूद बुनकरों का हौसला कायम है। उनका कहना है कि सरकार नयी तकनीक और बाजार उपलब्ध कराए तो हम चीन को टक्कर देने में सक्षम हैं। नवीनगर पॉवर ग्रिड के स्टेज-१ से इसी महीने बिजली उत्पादन शुरू किया जा सकता है । समलैंगिकता और किन्नरों के अधिकार की बात के साथ निकला प्राइड परेड।
आनंदपुर साहिब | गांव खानपुर में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बरगाड़ी और अन्य जगह पर हुई बेअदबी को रोकने के संबंध में शिरोमणि अकाली दल की मीटिंग हुई। इसमें जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह भागोवाल, सचिव प्रो. महिंदर सिंह, हरभजन सिंह कश्मीरी और हरभजन सिंह लोधीपुर ने विशेष तौर पर शिरकत की। उन्होंने बताया कि गत दिनों से जिला फिरोजपुर के गांव बरगाड़ी में सिंह साहिब ज्ञानी ध्यान सिंह मंड ने एक पक्का मोर्चा लाया हुआ है, उसमें शामिल होने के लिए १२ जून को एक काफिला जाएगा जबकि २१ जून को दाना मंडी के पास गुरुद्वारा भट्ठा साहिब में शाम ४ बजे एक गतका खेला जाएगा और पार्टी अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान उसमें शामिल होंगे। इसके बाद जसविंदर सिंह खानपुर को सर्किल अध्यक्ष भी लगाया गया। इस मौके पर प्रगट सिंह घनौली, सुखदेव सिंह सरपंच, हरभजन सिंह, कृष्ण सिंह, कुलदीप सिंह, जसविंदर सिंह, प्यारा सिंह, जसविंदर सिंह, धर्मिंदर सिंह, मोहन सिंह, बलदेव सिंह, मनजीत सिंह, प्रदीप सिंह, दविंदर सिंह और बड़ी संख्या में गांववासी उपस्थित थे।
नया साल शुरू हो चुका है। अब इस साल के लिए अपनी निवेश की नई योजनाएं बनाने और निवेश के नए लक्ष्य तय करने का बिल्कुल सही वक्त है। हम यहां आपको बता रहे हैं कि नए साल में हर महीने किस तरह निवेश की योजना बनानी चाहिए। शेयर बाजार को यदि अनिश्चितता ने घेर लिया है तो निवेशकों को धैर्य बनाने रखना चाहिए। यहां हम आपको वे आठ बातें बता रहे हैं जिनपर अमल करके आप अपने निवेश से संबंधित निर्णय ले सकते हैं। भारत का निवेश बाजार युवाओं पर केंन्द्रित माना जाता है लेकिन इस मामले में यहां के युवाओं की दिलचस्पी काफी कम है। करीब एक तिहाई युवा तो सिर्फ सुरक्षित विकल्पों में ही पैसे लगाते हैं जबकि महज आठ फीसदी युवा शेयर बाजार में सीधे निवेश का जोखिम उठाते हैं।
वाराणसी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से अब अरहर की दाल भी सस्ते दर पर वितरित की जाएगी। इसकी कीमत २० रुपये प्रति किग्रा तय की गई है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एफसीआई, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सदस्य रामशरण निषाद ने मंगलवार को बताया कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में भारी मात्रा में दाल मौजूद है। दो महीने के भीतर राशन की दुकानों पर दाल मुहैया करा दी जाएगी। कहा कि चावल की आपूर्ति भी सुनिश्चित कराई जाएगी। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में श्री निषाद ने कहा कि बाजार में दाल की कीमत तेजी से बढ़ रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए कोटे पर दाल सुलभ कराने का निर्णय लिया गया है। बताया कि कोटेदार के स्तर से अंत्योदय अन्न योजना के अनाज में बड़े पैमाने पर गोलमाल हो रहा है। इलाहाबाद में उन्होंने दो ट्रक ऐसा ही खाद्यान्न पकड़ा था, जिसे हैदराबाद भेजा जा रहा था। इस तरह के मामले प्रदेश भर में हैं, जिनकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रो. केवी थामस ने उत्तर प्रदेश के लिए ५० हजार नए बीपीएल कार्ड का कोटा जारी किया है। नदियों के ५०0 मीटर के दायरे में आने वाले डूब क्षेत्र के गांवों के गरीबों को गरीबी रेखा के नीचे का राशन कार्ड जारी करने का मंत्री जी से अनुरोध किया गया है। वे जल्द ही बांदा, इलाहाबाद, वाराणसी और आजमगढ़ का दौरा करेंगे। श्री निषाद ने मंडी परिषद स्थित राज्य भंडार निगम के गोदामों में खाद्यान्न की स्थिति का जायजा लिया और संभागीय खाद्य वितरण अधिकारी दुर्गा प्रसाद से जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि इस महीने से बनारस में चावल की आपूर्ति भी शुरू कर दी जाएगी।
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नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (एप्फ़ो) ने अप्रैल २०१८ से अब तक फाइल किए गए क्लेम में से २० फीसदी क्लेम रिजेक्ट कर दिए हैं। इस अवधि में ईपीएफओ में कुल १.२६ करोड़ क्लेम फाइल किए गए। ईपीएफओ ने अलग अलग कारणों से २५ लाख से अधिक क्लेम रिजेक्ट कर दिए। ईपीएफओ ने अप्रैल से अब तक आए कुल क्लेम में से ७४ फीसदी क्लेम सेटल किए हैं। वही लगभग ६ फीसदी क्लेम लंबित हैं। मौजूदा समय में ईपीएफओ के अकाउंट होल्डर्स की संख्या १५ करोड़ से अधिक है। इसमें से लगभग ५ करोड़ सक्रिय मेंबर हैं। ईपीएफओ अपने १५ करोड़ से अधिक मेंबर्स के ८ लाख करोड़ से अधिक पीएफ फंड का प्रबंधन कर रहा है।
आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित २३ बैंकों ने यदि पहली नवंबर से हर ब्रांच में रोज ८ आधार एनरोलमेंट या अपडेशन नहीं किए तो उन्हें पिछली तारीख से जुर्माना भरना पड़ सकता है। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (उईदाई) ने पिछले हफ्ते बैंकों से कहा था कि वे पहली नवंबर से अपनी हर तय ब्रांच में रोज कम से कम ८ एनरोलमेंट या अपडेशन करें, उन्हें जुलाई 201८ से फाइनैंशल डिसइंसेंटिव्स का सामना करना पड़ेगा। इस पर सीनियर बैंकर बौखला गए हैं। उनकी आम प्रतिक्रिया यह थी कि 'उईदाई रेगुलेटर नहीं है। वह आरबीआई को किनारे करते हुए बैंकों पर जुर्माना लगाने की धमकी कैसे दे सकता है?' १ जुलाई को उईदाई ने कहा था कि आधार फैसिलिटी वाली शाखाओं को यह पक्का करना होगा कि वहां पहली से लेकर १2 जुलाई तक, फिर १ अक्टूबर से १6 अक्टूबर तक और १ जनवरी 20१9 से रोज कम से कम ८ एनरोलमेंट या अपडेशन हों। इस नियम के पहले चरण के पालन की डेडलाइन अब बढ़ाकर १ नवंबर कर दी गई है। डेडलाइन बढ़ाए जाने से पहले आईसीआईसीआई बैंक जुलाई और अगस्त के लिए टॉप डिफॉल्टर रहा और उस पर ८२ लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। उसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक (६८ लाख), केनरा बैंक (६४.२ लाख) और यूको बैंक (५७ लाख रुपये) का नंबर रहा। आधार जारी करने वाली संस्था ने हाल में कहा था, 'आधार ऐक्ट २०१६ के प्रावधानों के अनुसार उईदाई एक्शन ले सकता है।' बैंकों के आधार एनरोलमेंट डेटा की जानकारी देने वाली एक इंटरनल लिस्ट से पता चलता है कि एसबीआई और पीएनबी ने टारगेट पूरा किया। सरकारी बैंकों के बीच केनरा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब ऐंड सिंध बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और विजया बैंक ने अगर नवंबर से निर्देश का पालन नहीं किया तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है। एक बैंक के सीईओ ने कहा, 'डेली टारगेट तय करना बेतुकी बात है। हमारी शाखाओं में आधार एनरोलमेंट सुविधा है, लेकिन हम इसके लिए कस्टमर्स को मजबूर तो नहीं कर सकते।' प्राइवेट बैंकों में बंधन बैंक, डीसीबी बैंक, धनलक्ष्मी बैंक, फेडरल बैंक, इंडसइंड बैंक और आरबीएल बैंक का नाम डिफॉल्टरों की लिस्ट में है। उईदाई ने बैंकों को आधार एनरोलमेंट और अपडेशन की फैसिलिटी अपनी हर १० में से एक ब्रांच के परिसर में शुरू करने को कहा था ताकि बैंक खातों के लिए आधार वेरिफिकेशन प्रोसेस सुविधाजनक हो सके। उईदाई ने कहा कि टारगेट पूरा करने वाले बैंकों पर जुलाई से अक्टूबर के बीच 'फाइनैंशल डिसइंसेंटिव्स' का सामना नहीं करना पड़ेगा। उईदाई के नए निर्देश के अनुसार, पहली जनवरी २०१९ से एनरोलमेंट या अपडेशन की न्यूनतम संख्या को बढ़ाकर १२ और पहली अप्रैल २०१९ से इसे बढ़ाकर १६ कर दिया जाएगा।
भूकंप-रिपोर्ट.कॉम अब से शुरू होगा फेल्ट रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करें अपने पाठकों से। ज्यादातर लोग विज्ञान संगठनों को अपने फील अनुभवों की रिपोर्टिंग में उनके सहयोग के महत्व के बारे में नहीं जानते हैं। सबसे अच्छा विकसित निश्चित रूप से यूएसजीएस है जो कई भूकंपों के लिए बड़ी संख्या में महसूस की गई रिपोर्ट प्राप्त करता है। एम्स्क-क्सेम यूएसजीएस का यूरोपीय समकक्ष है और एक बहुत महत्वपूर्ण एजेंसी भी है जो दुनिया भर में भूकंप का पालन करती है और अपने वैज्ञानिक डेटा के साथ उत्कृष्ट रिपोर्ट बनाती है। अब से, अर्थआके-रिपोर्ट.कॉम हर भूकंप के पीछे एक फील लिंक लगाएगा, ताकि अगर आपने खुद भूकंप का अनुभव किया है तो फॉर्म हमेशा हाथ में रहे। यदि आप यह वर्णन करने का विकल्प चुनते हैं कि आपने क्या महसूस किया (अपनी स्थानीय भाषा में!) आपकी व्यक्तिगत कहानी ईएमएससी-सीएसईएम वेबसाइट में इंटरनेट पर पाई जा सकती है। क्यों एक फेल्ट रिपोर्ट? क्या विज्ञान यह सब नहीं जानता है? भूकंप विज्ञान बहुत कुछ जानता है लेकिन हर चीज से बहुत दूर। भविष्यवाणियां सटीक होने से दूर हैं क्योंकि कोई भी वैज्ञानिक यह नहीं जानता होगा कि भूकंप कब और कितना जोरदार होगा। फॉल्ट लाइनों के ऊपर के स्थान बेहतर और बेहतर ज्ञात हैं, लेकिन किसी को नहीं पता कि रस्सी कब टूट जाएगी। जिस तरह से लोग भूकंप का अनुभव कर रहे हैं वह भी प्रत्येक भूकंप के साथ पूरी तरह से अलग है। जिस जगह पर वे रहते हैं, उस पर निर्भर करता है कि भूकंप के वैज्ञानिक घटक, जिस घर में वे रहते हैं, आदि हर भूकंप का अनुभव अलग तरह से होता है। अर्थआके-रिपोर्ट.कॉम पर हमने लगातार देखा है कि उपयोगकर्ता हमारे क्वेक्सोस इफोन अनुप्रयोग पूरी तरह से अलग तरह से प्रतिक्रिया करें जैसा कि हम कभी-कभी उम्मीद करते हैं। छोटे परिमाण कभी-कभी अधिक शक्तिशाली भूकंप के रूप में अनुभव किए जाते हैं और बड़े मैग्निट्यूड पर शायद ही ध्यान दिया जाता है। अपने फील फॉर्म को भरने से विज्ञान को मानव प्रभाव बनाम कच्चे भूकंप डेटा की एक बड़ी समझ मिलेगी। रूप व्यापक हैं, लेकिन हम उन्हें प्रोत्साहित करना जितना संभव हो उतना अच्छा है क्योंकि हर विस्तार वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण है।
एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन के मौके पर राठौड़ ने कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, "हमारे लिए तीन लोग काफी अहम हैं-खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक. जब डोपिंग होती है, तो प्रशंसकों के साथ धोखा होता है क्योंकि प्रशंसक खिलाड़ियों को अपने आदर्श की तरह मानते हैं." उन्होंने कहा, "डोपिंग से प्रशंसकों के विश्वास के साथ धोखा होता है, इसलिए घर खेल संघ के लिए यह जरूरी है कि वो इस बात को सुनिश्चित करे की खेल में धोखाधड़ी न हो." राठौड़ ने कहा, "क्रिकेट इससे अछूता नहीं है. मैं इस बात से खुश हूं कि क्रिकेट बाहर की एजेंसी से डोप पर नियंत्रण रख रहा है, लेकिन जब पूरा देश नाडा पर भरोसा कर रहा है तो क्रिकेट खिलाड़ियों को भी इस पर भरोसा करना चाहिए." ओलिम्पक रजत पदक विजेता राठौड़ ने कहा, "हालांकि, हमने वाडा पर सब कुछ छोड़ दिया है क्योंकि आईसीसी उसके अधीन है." उन्होंने कहा, "जब आईसीसी वाडा के अधीन है तो उसे उसके डोपिंग नियमों का पालन करना चाहिए और यह वाडा पर निर्भर करता है कि वह इस बात को आश्वस्त करें कि क्रिकेट खिलाड़ियों का डोप टेस्ट हो. हमें इस बार से कोई शिकायत नहीं है."
प्रेमिका की दूसरी जगह शादी होना प्रेमी को इतना नागवार गुजरा कि उसने घर में घुस कर प्रेमिका के पति को मारने के लिए कुल्हाड़ी से वार कर दिया। गनीमत रही कि वार करते समय कुल्हाड़ी नीचे गिर गई और डंडे से वार कर आरोपी भाग गया। बाद में पुलिस ने आरोपी को पकड़ा। पुलिस ने बताया कि यह घटना कस्बे के वार्ड पांच निवासी याहया व्यापारी के घर हुई। मंगलवार रात याहया (२७) चौबारे में प|ी के साथ सो रहा था। इसी दौरान किसी ने दरवाजा खटखटाया। प|ी आयशा ने दरवाजा खोला तो नकाबपोश युवक उसे धकेलते हुए कमरे में जा घुसा। उसने याहया पर हमला कर दिया। हमला करते समय कुल्हाड़ी निकल कर नीचे गिर गई। उसने कुल्हाड़ी के डंडे से याहया पर हमला कर दिया। इस दौरान युवक के चेहरे से नकाब उतर कर नीचे गिर गई। याहया और उसकी प|ी ने शोर मचाया तो उसका भाई सदीक भी आ गया। आरोपी अब्दुल्ला खत्री उनकी आंखों में मिर्च पाउडर डाल कर भाग गया। हमले में याहया के सिर व पैर में चोट लगी। उससे अस्पताल लेकर गए। सिर में चार टांके आए। आरोपी को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। बिसाऊ थानाधिकारी सोहनलाल ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि अब्दुल्ला के आयशा से प्रेम संबंध थे। वह उससे शादी करना चाहता था। परिजनों ने उसकी शादी चार माह पहले याहया से कर दी थी। इससे वह नाराज था और उसने यह हमला कर दिया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि अब्दुल्ला आयशा के ममेरे भाई का दोस्त था। इस कारण उसका आयशा के घर आना जाना था। इस कारण उसकी आयशा से भी जान पहचान हो गई थी। दोनों में ढाई तीन साल से जान पहचान थी। अब्दुल्ला आयशा को फोन करके जान से मारने की धमकी देता था। उसने शादी से पहले कहा था कि शादी नहीं की तो वह जान से मार देगा।
झालावाड़. रेलवे लाइन का काम अभी जिले में तेजी से चल रहा है। इसमें ट्रैक निर्माण के दूसरी ओर पहाड़ी को काटकर मिट्टी ली जा रही है। पचौला गांव के निकट वन विभाग की काफी भूमि है। यहां सालभर हर-भरे रहने वाले पहाड़ों को काटा जा रहा है। इसके लिए सावल मशीन लगाकर पहाड़ी को बीच से काट दिया गया और अब कई स्थानों पर यह पहाड़ी मैदान में तब्दील हो चुकी है। वन विभाग का कहना है कि यह पहाड़ लोगों के खाते की भूमि है। इस कारण खातेदार ने मिट्टी लेने के लिए रेलवे को यह पहाड़ दे दिया है। उधर, अकलेरा रेंंजर फूलचंद मीणा ने बताया कि लोगों की पहाड़ काटने की शिकायत पर जांच कर ली है। यह पहाड़ निजी खाते बंधा हुआ है। वन विभाग का यह पहाड़ नहीं है। उधर, एसीएफ जयराम पांडे ने बताया कि रेलवे ट्रैक के लिए मिट्टी खुदाई के दौरान डूंगरगांव की घाटी को भी काटकर मिट्टी ली गई। इस पर कार्रवाई करते हुए रेलवे के ठेकेदार से पांच लाख रुपए पैनल्टी वसूल ली गई है और अब वन विभाग की भूमि से मिट्टी नहीं लेने की हिदायत दी गई है।
इसपर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि 'यह मामला जस्टिस एके सिकरी की अगुवाई वाली बेंच सुन रही है। वह बेंच शुक्रवार को बैठेगी। लिहाजा आप इस मामले को वहां उठा सकते हैं।' इसके बाद जेठमलानी ने राज्यपाल का बीजेपी को न्योता देना संवैधानिक पद का दुरुपयोग बताया। जेठमलानी अब इस मामले को शुक्रवार को उठाएंगे। बता दें कि गोवा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी, लेकिन बीजेपी ने अन्य दलों के साथ मिलकर बहुमत के लिए जरूरी २१ सीटें जुटाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। गोवा में ४० विधानसभा सीटें हैं जिनमें से कांग्रेस को १७ और बीजेपी को १३ सीटें हासिल हुई थीं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की अर्जी को खारिज कर दिया था।
पूरी तरह से स्वत: स्वचालित रूप से खाद्य पदार्थ, वजन, भरने, बैग बनाने, सीलिंग, काटना, पैकिंग, तैयार उत्पाद आउटपुट के लिए तिथि-प्रिंटिंग से पूरी प्रक्रिया पूरी करते हैं। पैकिंग मशीनों का एक सेट उपभोक्ता उत्पादों के उद्योग में पैकिंग अनुप्रयोगों की एक विस्तृत विविधता के लिए उपयोग किया जाता है। यह ४००० एमएल के भीतर चीनी, कैंडी, जैरी, बीज, सूखे फल, नट्स, बिस्कुट, चिप्स, सलाद, जड़ी-बूटियों, चॉकलेट, जमे हुए वनस्पतिहीन आदि ग्रेन्युल, स्लाइस और स्ट्रिप उत्पाद के लिए बैग का उत्पादन करता है। १. अंग्रेजी और चीनी स्क्रीन डिस्प्ले। २. पीएलसी नियंत्रण, फ़ंक्शन अधिक स्थिर है, समायोजन किसी भी पैरामीटर को रोक मशीन की आवश्यकता नहीं है। ३. कदम ड्राइंग फिल्म, सही स्थिति। ७. एक ऑपरेशन में भोजन, भार, भरना, बैग बनाने, सील, काटना, पैकिंग, तिथि-प्रिंटिंग। ८. कार्य परिस्थिति शांत, कम शोर। * तकनीकी सहायता, हम डिबगिंग के लिए वीडियो की पेशकश कर सकते हैं। स्वचालित बैग पैकिंग मशीन, आवेदन: अपैरल, बेवरेज, केमिकल, कमोडिटी, फूड, मशीनरी एंड हार्डवेयर, मेडिकल, टेक्सटाइल्स, ग्रैन्युलर, स्लाइस,
मोदी के गढ़ गुजरात में कांग्रेस का चुनावी अभियान। गुजरात में ५८ साल बाद हुई कक की बैठक । बैठक के बाद राहुल और प्रियंका ने रैलियों में लिया हिस्सा। डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात में अपने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया है। गुजरात में ५८ साल बाद मंगलवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हुई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के कई दिग्गज इस बैठक में शामिल हुए। बता दें कि १९३० में आज के दिन ही महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की थी। राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी दांडी मार्च की वर्षगांठ पर साबरमती आश्रम में आयोजित प्रार्थना सभा में शरीक हुए। अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम में भारी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जुटे हुए हैं। प्रार्थना सभा के बाद सरदार पटेल स्मारक में कक की बैठक शुरू हुई। साबरमती आश्रम में राहुल गांधी ने विजिटर बुक में लिखा- यह बहुत ही प्रेरणादायक जगह है। हमारे नेता की लौ को जीवित रखने के लिए धन्यवाद। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शहीद स्मारक, गांधी आश्रम में श्रद्धांजलि अर्पित की। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी आज कांग्रेस में शामिल होंगे। हार्दिक पटेल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होंगे। हार्दिक जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में हुए पाटीदार आंदोलन के बाद से ही हार्दिक राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बने हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का गृह राज्य है, यही कारण है कि कांग्रेस बीजेपी को उन्हीं के गढ़ में घेरने में जुटी हुई है। राष्ट्रीय लेवल की पहली ऐसी बैठक है, जिसमें प्रियंका गांधी बतौर महासचिव शामिल हुई हैं। आपको बता दें कि गुजरात में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की यह बैठक ५८ साल बाद हुई है, इससे पहले बैठक १९६१ में हुई थी। वहीं राजनीति में सक्रिय होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पहली बार यहां सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। कांग्रेस की ये बैठक २७ फरवरी को होनी थी, लेकिन बालाकोट में हुए एयरस्ट्राइक के बाद हुए तनाव के कारण ये टल गई थी।
गोंद एप्लीकेटर क्या है? एक मशीन जो समान रूप से एक लिबास सहित लकड़ी-आधारित पैनल की सतह पर मात्रात्मक रूप से चिपकने वाले को कोट करती है। प्रकारों में रोलर कोटिंग मशीन, स्प्रे कोटिंग मशीन, स्प्रे कोटिंग मशीन, एक्सट्रूज़न कोटिंग मशीन आदि शामिल हैं, साथ ही साथ फिल्म और रबर पाउडर के लिए उपयुक्त उपकरण भी हैं। सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला रोलर कोटिंग मशीन है, जिसका उपयोग सिंथेटिक राल गोंद, पशु प्रोटीन गोंद और वनस्पति प्रोटीन गोंद के कोटिंग के लिए किया जा सकता है। रोलर की व्यवस्था विधि के अनुसार, इसे दो-रोल कोटर, चार-रोल कोटर, सिंगल-फेस कोटर और लाइक में विभाजित किया जा सकता है। १. दो रोलर ग्लुइंग मशीन निचले गोंद के लिए गोंद आप्लिकेटर है। निचला रोलर गोंद को वहन करता है और इसे ऊपरी रोलर में स्थानांतरित करता है। लिबास दो रोलर्स के बीच से गुजरता है और दोनों तरफ से चिपका होता है। लागू गोंद की मात्रा को दो रोल के बीच के अंतर से समायोजित किया जाता है; लगाए गए गोंद की मात्रा को प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक रोल की सतह पर खांचे का रूप और संख्या है, जो आमतौर पर नाली की पिच, नाली की चौड़ाई और नाली की गहराई के आकार द्वारा व्यक्त किया जाता है। २. चार-रोलर ग्लुइंग मशीन ऊपरी गोंद के लिए एक ग्लुइंग मशीन है। ऊपरी और निचले रबर रोलर्स से पहले और बाद में ... एक रबराइजिंग रोलर होता है, और रबराइजिंग रोलर गोंद की मात्रा को नियंत्रित करता है, और दो रोलर्स पर काबू पाता है। गोंद ऐप्लिकेटर को लागू गोंद की एक बड़ी मात्रा का नुकसान होता है और ऊपरी और निचले पक्षों पर गोंद की एक असंगत मात्रा होती है। चार-रोलर कोटिंग मशीन पर गोंद संदेश उपकरण और गोंद टैंक जल शीतलन परिसंचरण प्रणाली है। ३. सिंगल-साइड कोटिंग मशीन का सिद्धांत चार-रोलर कोटिंग मशीन के समान है। मशीन में केवल एक रबराइजिंग रोलर होता है, जो ऊपरी रोलर और रबरिंग रोलर के बीच की दूरी और ऊपरी और निचले रोलर्स के बीच की दूरी को ठीक से समायोजित करता है। यह सतह प्रसंस्करण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कृत्रिम बोर्ड की एक सतह पर एक समान चिपकने वाली परत को लागू कर सकता है। कोटिंग मशीन का सिद्धांत फिल्म के माध्यम से एक फिल्म, लिबास या एक लकड़ी-आधारित बोर्ड बनाने के लिए स्लिट्स के माध्यम से गोंद का प्रवाह करना है। यह मशीन सिंथेटिक राल गोंद के कोटिंग के लिए उपयुक्त है। लागू गोंद की मात्रा गोंद की चिपचिपाहट और कमरे के तापमान से प्रभावित होती है। लागू की गई गोंद की मात्रा को समायोजित करने के लिए अंतराल के आकार को समायोजित किया जा सकता है। इस मशीन में बड़ी मात्रा में गोंद होता है, जो आमतौर पर मोटी प्लाईवुड या लकड़ी आधारित पैनलों की सतह के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। अगले:पूरी तरह से स्वचालित मशीन क्या है?
वित्तीय वर्ष २०१८-१९ के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (सहकारिता प्रभाग) अंतर्गत प्रस्तावित राज्य के विभिन्न जिलों में ५००० एम.टी. शीत गृहों के निर्माण हेतु कुल प्राक्कलित राशि ३०९१.१२ लाख (तीस करोड़ इक्यानवे लाख बारह हजार) मात्र एवं झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड रांची का एजेंसी चार्ज ६ प्रतिशत की दर से १८५.4६ लाख अर्थात कुल रुपए ३२7६.५८ लाख (३२ करोड़ 7६ लाख ५८ हजार) मात्र की स्वीकृति दी गई। माननीय उच्चतम न्यायालय/उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के आलोक में नवांगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षक/शिक्षकेत्तर कर्मियों के सेवा का अन्तर्लीनीकरण एवं उनके वेतन निर्धारण के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई। मगही, भोजपुरी, मैथिली तथा अंगिका को झारखण्ड राज्य की द्वितीय राजभाषा घोषित करने के लिए बिहार राजभाषा (झारखण्ड संशोधन) विधेयक, २०१८ के प्रारूप पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति दी गई। भारतीय मुद्रांक अधिनियम, १८९९ की अनुसूची १। में संशोधन की स्वीकृति दी गई। वित्तीय वर्ष २०१८-१९ एवं २०१९-२० में ज्ञानोदय योजनान्तर्गत ई-विद्यावाहिनी योजना एवं नीति आयोग के साथ हुए त्रिपक्षीय एकरारनामा के क्रम में गुणवत्त शिक्षा हेतु नियमित मॉनेटरिंग हेतु रूपये ७१.६२ करोड़ (एकहत्तर करोड़ बारसठ लाख) की स्वीकृति दी गई। झारखण्ड अधिवक्ता लिपिक कल्याण निधि विधेयक, २०१८ को अधिनियमित करने की स्वीकृति दी गई। राधा गोविन्द विश्वविद्यालय, रामगढ़, रामचंद्र चन्द्रवंशी विश्वविद्यालय, पलामू एवं नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, जमशेदपुर विधेयक २०१८ के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई।
नयी दिल्ली,२७ जुलाई (वार्ता) अखिल भारतीय खेल परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि परिषद ने खिलाड़ियों के लिये चिकित्सा बीमा की सिफारिश की है। उन्हाेंने बताया कि कई मुख्यमंत्रियों ने आश्वस्त किया है कि वे इस संदर्भ में उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने बताया कि परिषद ने सेना चिकित्सा सेवा से भी आग्रह किया है कि वह अरूणाचल प्रदेश, लेह लद्दाख और अंडमान निकोबार द्वीप समूह जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले खिलाड़ियों को अपनी सुविधाएं उपलब्ध करायें। सेना ने इस संदर्भ में सकारात्मक रूख दिखाया है और विभिन्न साई केंद्रों में खिलाड़ियों की संख्या के बारे में पूछा है। मल्होत्रा ने साथ ही बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान भी खिलाड़ियों को आयुर्वेद चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिये सामने आया है और वह अपना अलग खेल विज्ञान विभाग स्थापित करेगा। इसके अलावा मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान भी भारतीय खिलाड़ियों की मदद करने के लिये तैयार हो गया है। अहमदाबाद, १८ नवम्बर (वार्ता) पवन सहरावत के १९ अंकों के जबरदस्त प्रदर्शन की बदौलत बेंगलुरु बुल्स ने जयपुर पिंक पैंथर्स को प्रो कबड्डी मुकाबले में रविवार को ४५-३२ से हरा दिया।
आइआइटी अंतराग्नि-१९ में संगीत की तान के बीच देशभर के कॉलेजों से जमकर थिरके छात्र-छात्राएं। कानपुर, जेएनएन। शंकर, एहसास व लॉय की जोड़ी ने आइआइटी के सांस्कृतिक महोत्सव अंतराग्नि-२०१९ के समापन समारोह को यादगार बना दिया। उनकी धमाकेदार प्रस्तुति के बीच देशभर के विभिन्न कॉलेजों से आए छात्र छात्राएं झूम उठे। उन्होंने 'झूम बराबर झूम', 'चाहत के दो पल भी मिल जाएं सेनोरिटा', 'हवन करेंगे', देसी गर्ल व 'सुनो गौर से दुनिया वालों सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी' जैसे गीत पेश करके माहौल को संगीत से सराबोर कर दिया। एक के बाद एक शानदार प्रस्तुति के बीच छात्र छात्राएं थिरक उठे। कार्यक्रम का एसोसिएट टाइटल स्पांसर दैनिक जागरण रहा। रात करीब आठ बजे हुई उनकी इस प्रस्तुति को देखने के लिए सैकड़ों छात्र छात्राओं की लंबी कतार दो घंटे पहले से लगने लगीं। मंच पर संगीत के इन दिग्गज कलाकारों कीं प्रस्तुति शुरू होने के साथ ही छात्र छात्राएं उनके साथ गुनगुनाने लगे। देश भर से आए छात्र छात्राओं के बीच उन्होंने कई धीमी व तेज धुनों के गीत प्रस्तुत करके समां बांध दिया। इन गीतों के बीच गिटार, ड्रम व सिंथेसाइजर की जुगलबंदी ने इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। दिल को छू लेने वाले एक से बढ़कर एक गीत पेश करके उन्होंने दर्शकों को मदहोश कर दिया। करीब दो घंटे तक चली उनकी इस प्रस्तुति का आइआइटियंस व दूसरे शहरों के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों से आए छात्र छात्राओं ने जमकर लुत्फ उठाया। पूरा परिसर तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा।
गौरतलब है कि सितंबर में तिवारी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसकी वजह से उनकी हालत नाजुक हो गई। केंद्रीय मंत्री और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके तिवारी का इलाज वरिष्ठ न्यूरोसर्जन जेडी मुखर्जी एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ सुमित सेठी की निगरानी में चल रहा है। बता दें कि एनडी तिवारी यूपी के तीन बार और एक बार उत्तराखंड के सीएम रह चुके हैं। वह ऐसे भारतीय नेता हैं, जिन्होंने दो राज्यों की कमान संभाली। वहीं आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं, हालांकि विवादों में घिरने के कारण उन्हें इस पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नाराणय दत्त तिवारी की हालत नाजुक बताई जा रही है। वह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है। अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार, बुखार और निमोनिया से जूझ रहे एनडी तिवारी को दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल के आईसीयू में २६ अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। डॉक्टर ने बताया कि रविवार को उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया और हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। डॉक्टरों की एक टीम चौबीस घंटे उनकी हालत पर नजर रख रही है। बता दें कि ९१ वर्षीय तिवारी पिछले माह चाय पीते समय बेहोश भी हो गए थे।
!!!जनेऊ पहनने से क्या लाभ ? १. मलमूत्र-त्याग कहां न करें ? उसका आधारभूत शास्त्र क्या है ? १.१ सडकपर मलमूत्र-त्याग क्यों न करें ? २. मलमूत्र-त्याग कैसे करें ? उसका आधारभूत शास्त्र क्या है ? २.१ शरीरपर वस्त्र धारण किए हुए व मस्तकपर वस्त्र लपेटे हुए मलमूत्रका त्याग करें । २.४ उकडूं बैठकर मलमूत्र-त्याग करें । ३. मल-मूत्रत्यागके उपरांत इंद्रिय जलसे धोएं । शास्त्र : जोती हुई भूमिपर मलमूत्र-त्याग करनेसे भूमिके शक्तिरूपी चेतनातत्त्वका हरण होते हुए भूमि अनुपजाऊ बनती है : जोती हुई भूमिमें सुप्त शक्तिरूपी भूगर्भ तरंगें कार्यरत होती हैं । इन तरंगोंके उत्सर्जनसे वह विशिष्ट वायुमंडल भूगर्भतरंगोंसे आवेशित होता है । ये भूगर्भतरंगें बीजमेंसे निकलनेवाले अंकुररूपी पोषणके लिए पूरक होती हैं (अर्थात् अंकुरके लिए पोषक होती हैं ) । भूगर्भतरंगोंसे आवेशित क्षेत्रको ही उपजाऊ भूमि की संज्ञा दी जाती है । ऐसी भूमिमें मलमूत्र-त्याग जैसी अपवित्र कृति न करें । इस कृतिके कारण भूमिसे संलग्न रज-तमात्मक तरंगोंका वायुमंडल निर्माण हो जाता है, जिससे भूमिकी सात्त्विकता घटते हुए वह बंजर बनती है व अनिष्ट शक्तियोंके आक्रमणसे प्रभावित हो सकती है । जोती हुई भूमिपर मलमूत्र-त्याग करनेसे भूमिके शक्तिरूपी चेतनातत्त्वका ही क्षय हो जाता है । शास्त्र : बमीठेपर मलमूत्र-त्याग करनेसे बमीठेकी भूमितरंगें उत्सर्जन की क्षमता कम होना : बमीठेमें विद्यमान नागदेव, शिवरूपी कनिष्ठ गणदेवताओंसे संबंधित होते हैं । बमीठेके छिद्ररूपी वायुविजन (वायुसंचार) से भूमितत्त्वसे संबंधित तरंगें फुवारेके समान वायुमंडलमें प्रक्षेपित होती रहती हैं । इन तरंगोंसे उस विशिष्ट वायुमंडलसे जानेवाले जीवके प्राणदेहकी शुद्धि होती है । बमीठेके स्थानपर मलमूत्र-त्यागने जैसी अपवित्र कृति करनेसे, बमीठेकी भूमितरंगें उत्सर्जन की क्षमता कम होती है; क्योंकि किसी भी स्थानपर रज-तमका संक्रमण जडत्वनिर्मितिका मूल कारण होता है । इसलिए विशिष्ट घटकमें विशिष्ट स्तरपर शक्तिस्वरूप तरंगें प्रक्षेपित करनेकी क्षमता अपने-आप कम हो जाती है । अतएव, यथासंभव ऐसी पापजन्य कृतिसे बचना ही उचित है । शास्त्र : गौशालामें मलमूत्र-त्याग करनेसे सत्त्वगुणवर्धक तरंगोंके प्रक्षेपणसे, वायुमंडल शुद्ध रखनेवाला पवित्र क्षेत्र अपवित्र बनना : गौशालामें विद्यमान गोमूत्र, गोबर व गायकी वायुरूपी हुंकार तथा उसका प्रत्यक्ष देवताजन्य अस्तित्व, इन घटकोंके कारण, वह स्थान सत्त्वगुणवर्धक तरंगोंके प्रक्षेपणसे वायुमंडल निरंतर शुद्ध रखनेमें कारणभूत होता है । गोमूत्र व गोबरसे प्रक्षेपित सूक्ष्म-वायु, देहकी प्राणवायुके गतिमान संचार हेतु पूरक होती है । अतएव, जिस स्थानपर गौशाला होती है, वहांके जीवोंका स्वास्थ्य तथा मन सदैव ही उत्तम स्थितिमें रहता है और जीवन भी आनंदमय बनता है । इसलिए ऐसे पवित्र क्षेत्रमें रज-तमको आमंत्रण देनेवाली मलमूत्र-त्याग जैसी कृति निषिद्ध मानी गई है । शास्त्र : जलमें मलमूत्रके त्यागसे जलका संग्रह अशुद्ध बनना और जलकी ओर ब्रह्मांडकी रज-तमात्मक तरंगें आकृष्ट होनेसे संपूर्ण वायुमंडल अशुद्ध होना : जल सर्वसमावेशक है । जलके स्रोतको शुद्ध व पवित्र रखनेसे उसकी ओर ब्रह्मांडमंडलसे आकृष्ट देवताओंकी सात्त्विक पंचतत्त्वात्मक तरंगोंका लाभ उस परिसरमें रहनेवाले अनेक जीवोंको प्राप्त होता है । इससे उनके देह तथा वायुमंडलकी भी शुद्धि होती है । जलमें मलमूत्र-त्याग करनेसे, जलका संग्रह अशुद्ध बनता है । इससे उसकी ओर ब्रह्मांडकी रज-तमात्मक तरंगोंका आकर्षण आरंभ होते हुए, संपूर्ण वायुमंडल अशुद्ध बनता है । ऐसी कृति समष्टि जीवनमें अनेक विघातक रोगोंको आमंत्रित करती है । वह जल पीनेसे जलके साथ देहमें अनिष्ट शक्तियोंके प्रवेशकी भी आशंका रहती है । शास्त्र : जलाशयसे दस हाथ दूरतक मलमूत्र-त्याग करनेसे वायुमंडल दूषित होकर संपूर्ण परिसर अशुद्ध बनना व इससे अनेक अनिष्ट शक्तियोंका इस परिसरमें आकर जलस्रोतको काली शक्तिसे युक्त बनाना : जलाशयसे दस हाथ दूरतकका परिसर अधिक आर्द्रतायुक्त होता है । इसलिए वह सूक्ष्मदृष्टिसे वायुमंडलमें होनेवाले सभी प्रकारके पंचतत्त्वात्मक तरंगोंके उत्सर्जनके लिए पोषक होता है । इस आर्द्रतायुक्त वायुमंडलके आधारपर अनेक दिव्यात्मा उस विशिष्ट नदीके तटपर साधना करते हैं, इसके साथ ही कुछ पितर भी इस परिसरमें रहकर साधना करते हैं । इसलिए यथासंभव नदीके तटपर अथवा किसी भी सरोवरके तटपर मलमूत्रादिका त्याग न करें; क्योंकि इससे वायुमंडल दूषित बनता है और रज-तमात्मक तरंगोंका प्रक्षेपण सर्वत्र तीव्र गतिसे होता है । इससे संपूर्ण परिसर अशुद्ध बनता है । अतएव अनेक अनिष्ट शक्तियां इस परिसरमें आकर जलके इस स्रोतको ही काली शक्तिसे युक्त बनाती हैं । ऐसे दूषित जलसे सभीको अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट होनेकी आशंका रहती है । शास्त्र : जीर्ण देवालयमें मलमूत्र-त्याग करनेसे रज-तमात्मक तरंगों व वायुका उत्सर्जन होना तथा इससे पवित्र वायुमंडल अपवित्र बनना : जीर्ण अर्थात् अतिशय पुरातन । ऐसे देवालयमें कालांतरसे उस विशिष्ट देवताका शक्तिरूपी वायुमंडल, भूमंडलसे ही घनीभूत हो जाता है । जीर्ण देवालयके भग्न अवशेषोंसे, ऊर्ध्व वायुमंडलसे बाहर उत्सर्जित देवताजन्य चेतना यद्यपि कम हो जाती है, तब भी उस विशिष्ट देवताके कनिष्ठरूपी पृथ्वी व आप तत्त्वोंसे संबंधित अस्तित्वरूपी शक्तिस्वरूप वायुमंडल, भूमंडलसे घनीभूतताके स्तरपर सुप्तरूपमें विद्यमान रहते हैं । इसलिए वह एक पवित्र वायुमंडल ही होता है । ऐसे पवित्र स्थानपर रज-तमात्मक तरंगें व वायुके उत्सर्जन हेतु कारणभूत मलमूत्र-त्याग जैसी कृति करनेसे वहां विद्यमान पवित्र वायुमंडल अपवित्र बनता है तथा यह एक पापजन्य कर्म होता है । पहली विचारधारा : मलमूत्र-त्याग करते समय दिन व संध्या समयमें उत्तरकी ओर तथा रात्रिमें दक्षिणकी ओर मुख करें । अर्थ : पूर्वकी ओर मुख कर अन्न ग्रहण करें । दक्षिणकी ओर मुख कर मलका व उत्तरकी ओर मुख कर मूत्रका त्याग करें तथा पश्चिमकी ओर मुख कर पैर धोएं । मल-त्याग : दक्षिण दिशा अशुभ कर्मको समाविष्ट करती है । मल जडत्वदर्शक अशुभ धारणासे संबंधित है, इसलिए वह यमतरंगोंसे युक्त व जडत्वधारणासे संलग्न वायुमंडलमें विशिष्ट स्थानपर ही त्यागनेसे वायुमंडलकी विशिष्ट स्तरकी शक्तितरंगोंका भ्रमणात्मक संतुलन नहीं बिगडता ।
ऑयस्टर परपेचुअल याट-मास्टर ई मैकैनिकल मेमोरी वाली दुनिया की एकमात्र क्रोनोग्राफ़ महत्वपूर्ण क्षणों के रहस्य को समाहित करें। एक अति-उत्कृष्ट रेगाटा घड़ी, याट-मास्टर ई, कप्तानों के लिए, अपनी कार्रवाई को परखने हेतु एक आवश्यक उपकरण है। याट-मास्टर ई का सुस्पष्ट और अलग पहचान में आने वाला समुद्री चरित्र ऑयस्टर पेशेवर घड़ियों की भावना के साथ अच्छी तरह मेल खाता है। रेगाटा क्रोनोग्राफ़ का स्पष्ट डिसप्ले ब्यौरों के प्रति रोलेक्स के निरंतर ध्यान देने का प्रतीक है। गति की किसी भी प्रतियोगिता के समान, सटीकता का सार है। यॉट-मास्टर ई में अभूतपूर्व यांत्रिक प्रकार्य है:एक काउंटडाउन जिसे १ से १0 मिनट तक प्रोग्राम किया जा सकता है और स्किपर्स को सटीक समय और प्रत्येक दौड़ की आधिकारिक प्रारंभिक प्रक्रिया का पालन करने देती है। रोलेक्स ने तब पूर्णता हासिल की जब बेज़ेल के उद्देश्य और कार्यक्षमता को फिर से परिभाषित करने पर अपना ध्यान दिया। आम तौर पर, बेज़ेल आंतरिक तंत्र से स्वतंत्र रूप से संचालित होता है; हालांकि, यॉट-मास्टर ई रेगाटा क्रोनोग्राफ़ में रिंग कमांड बेज़ेल इसके संयोजन में काम करता है। संचलन से जुड़े मैकेनिकल घटक के रूप में, बेज़ल शब्दशः प्रोग्राम करने योग्य काउंटडाउन की कुंजी के रूप में कार्य करता है, जिससे इसे दौड़ के शुरुआती समय के अनुक्रम में सेट और सिंक्रनाइज़ किया जा सकता है। डिजाइन में जटिल, लेकिन उपयोग में आसान, यह कार्यात्मक रूप से सुंदर है। नॉटिकल ऑयस्टर परपेचुअल याट-मास्टर का १८ कैरट एवरोज़ गोल्ड संस्करण, एकमात्र ऐसा ऑयस्टर प्रोफ़ेशनल मॉडल है जो दो साइजों में आता है: ४० और ३७ मिमी। रोलेक्स द्वारा विकसित और पेटेंट किए गए यॉट-मास्टर का नया ऑयस्टरफ्लेक्स ब्रेसलेट, मज़बूती, वॉटरप्रूफ़ क्षमता या विश्वसनीयता से कोई समझौता किए बिना धातु के ब्रेसलेट के लिए एक स्पोर्टी विकल्प प्रदान करता है। रोलेक्स की अनेक घड़ियाँ अब येलो, व्हाइट या एवेरोज़ गोल्ड के प्रख्यात हो चुके संयोजन के साथ उपलब्ध हैं, जिसे रोलेसॉर कहा जाता है, लेकिन रोलेज़ियम को विशिष्ट रूप से याट-मास्टर के लिए बनाया गया है। केस और ब्रेसलेट तो मज़बूत ऑयस्टरस्टील से बने हैं, पर रोलेज़ियम संस्करणो का बेज़ेल ९५० प्लैटिनम से बना है, जो उसे एक चांदी जैसी सफ़ेदी और जीवंत प्रकाशमानता देकर लग्ज़री का ऐसा एहसास प्रदान करता है जिस पर ध्यान गए बिना नहीं रह सकता। याट-मास्टर और याट-मास्टर ई के बारे में जानें, जो जो घड़ियाँ याटिंग की भावना को साकार करती हैं और नौकायन की दुनिया से प्रेरित हैं।
बच्चों द्वारा विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एकता सिंह ने कहा कि लोग रक्तदान के लिए आगे आयें । इससे किसी का जीवन बचाया जा सकता है। सीएमएस डॉ एसएम गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार से पिछले दिनों अनेक लोगों ने रक्तदान किया था, वो बधाई के पात्र हैं । विशिष्ट अतिथि ने कहा कि रक्तदान व अन्य सामाजिक कार्यों से लोगों को काफी राहत महसूस हो रही है । कार्यक्रम में संरक्षक रमेश चन्द्र अग्रवाल, संजीव कुमार अग्रवाल लाला, संरक्षक अतीश राठौर, अध्यक्ष विपुल अग्रवाल, सचिव रोहित बंसल, कोषाध्यक्ष विनोद देवकते, अवनीश गोयल, प्रदीप चंदेल, विवेक गोयल, संजीव अग्रवाल, पुनीत कुमार, गुंजन अग्रवाल, नेहा अग्रवाल, नितिन अग्रवाल आदि थे।
सोमवार दोपहर को दातारपुर के रूकड़ी रोड पर स्थित डाक्टर भूपेन्द्र जसरोटिया के क्लिनिक पर दो युवकों ने गल्ले से नकदी चुरा ली। चोरी की घटना संबंधी डाक्टर जसरोटिया ने बताया कि उनका क्लिनिक घर के मेन गेट के अंदर ही है। सोमवार दोपहर को उनकी प|ी किसी काम के लिए बाहर गई हुई थी और करीब दोपहर दो बजे वह उसे झीर दा खुई अड्डे पर लेने के लिए कार में गए थे। घर के दरवाजे को उन्होंने ताला लगा दिया और क्लिनिक का शटर खुला छोड़ कर मेन गेट को भी बिना ताला लगाए चले गए। उनके झीर दा खुई जाने के बाद बिल्कुल सामने वाला पड़ोसी राजिंदर कुमार बाहर निकला तो उसने देखा कि एक युवक उनके गेट की दीवार के साथ मोटरसाइकिल पर बैठा-बैठा क्लिनिक की खिड़की से अंदर झांक रहा था और गेट भी खुला था। राजिंदर कुमार को शक हुआ तो वह चुपके से मेन गेट से क्लिनिक के अंदर आ गया। उसने देखा कि एक युवक काउंटर का गल्ला खोलकर पैसे निकाल रहा था और उसको देखते ही वह युवक बाहर भागा व झट से मोटर साइकिल पर बैठ गया। बाहर खड़े दूसरे साथी ने मोटरसाइकिल स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन स्टार्ट नहीं हुआ। इतने में पड़ोसी राजिंदर कुमार ने मोटरसाइकिल की चाबी निकाल ली। चोर मोटरसाइकिल छोड़कर भागने में सफल हो गए। डाक्टर जसरोटिया ने बताया कि वह घर लौटे तो उन्होंने सारी जानकारी तलवाड़ा पुलिस को दी। उसके बाद एएसआई गुरबिंदर सिंह मौके पर आए और चोर जो मोटरसाइकिल छोड़कर भागे थे उसे कब्जे में ले लिया। चोरों की ओर से छोड़े गए मोटरसाइकिल का नंबर पीबी ०८ डीडब्ल्यू ५४२७ है।
बिग बॉस १३ में होने जा रहा है वाइल्ड कार्ड एंट्रीज बीते कई दिनों से खबरों में बनी हुई हैं। शो के दौरान तीन कंटेस्टेंट का नाम बता दिया गया है, जिनमे से है- हिन्दुस्तानी भाऊ, तहसीन पूनेवाला और भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव वाइल्ड कार्ड एंट्री कर चुके हैं। बिग बॉस १३ में होने जा रहा है वाइल्ड कार्ड एंट्रीज बीते कई दिनों से खबरों में बनी हुई हैं। शो के दौरान तीन कंटेस्टेंट का नाम बता दिया गया है, जिनमे से है- हिन्दुस्तानी भाऊ, तहसीन पूनेवाला और भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव वाइल्ड कार्ड एंट्री कर चुके हैं। हालांकि तीनों ने अभी तक 'बिग बॉस' के घर में प्रवेश नहीं किया है, उम्मीद है कि तीनों इस हफ्ते घर के अंदर पहुंच जाएंगे। इसी बीच अब चौथी वाइल्ड कार्ड एंट्री को लेकर एक मज़ेदार खबर आ रही है। आपको याद होगा कुछ दिन पहले पंजाबी सिंगर और मॉडल हिमांशी खुराना की 'बिग बॉस' में वाइल्ड कार्ड एंट्री को लेकर खबरें वायरल हुई थीं, हालांकि हिमांशी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए ये साफ कर दिया था कि वो 'बिग बॉस १३' में नहीं जा रही हैं। लेकिन अब एक बार फिर ये खबर है कि हिमांशी 'बिग बॉस' के घर में वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट बनेंगी। और इस बात की हिंट खुद हिमांशी ने अपने एक पोस्ट के जरिए दी। हिमांशी ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर किया जो इशारा करता है कि वो बिग बॉस के घर में जा रही हैं। हालांकि हिमांशी ने ये पोस्ट डिलीट भी कर दिया। देखें हिमांशी खुराना की इंस्टा स्टोरी। आपको बता दें कि पहले हिमांशी ने अपने पोस्ट में लिखा था 'कुछ दिनों से ये अफवाह फैल रही है कि मैं बिग बॉस के घर में जा रही हूं। तो आधिकारिक तौर पर मैं ऑडियंस और मीडिया को ये बताना चाहती हूं कि मैं बिग बॉस के घर में नहीं जा रही हूं। साथ ही उन्होंने शहनाज़ के साथ विवाद को लेकर भी अपना पक्ष रखा था। दरअसल, हिमांशी और शहनाज गिल में बिल्कुल नहीं बनती है। ऐसे में हिमांशी का शो में जाना शहनाज के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। शहनाज़ के साथ विवाद पर हिमांशी ने लिखा था, 'सभी नेशनल पब्लिकेशन्स ने पब्लिश किया की उन्होंने(शहनाज़) मेरे गाने का मज़ाक बनाया, लेकिन असल में मैंने उस चीज़ को इग्नोर किया था। क्योंकि वो उनका नजरिया था या उनकी सोच समझ थी। मैंने जवाब उन्हें तब दिया जब उन्होंने किसी रैंडम मीम पेज एडमिन के साथ इंस्टा पर लाइव कर के मुझे घटिया गालियां दी, अश्लील और असहनिय शब्द कहे। जो उनका गाने के लेकर रिव्यू था या मेरी शक्ल और बॉडी को लेकर बाते थें वो तब तक २-३ दिन पुरानी हो चुकी थीं। सारे सबूतक यूटयूब पर मौजूत हैं आप जाकर चैक कर सकते हैं'।
लेड टी वी रिपेयरिंग, मोबाइल एवं लैपटॉप रिपेयरिंग सीख कर एक छोटे गांव या शहर का कोई युवा कैसे एक बड़ा बिजनेसमैन बन सकता है ? होम / ब्लॉग / लेड टी वी रिपेयरिंग, मोबाइल एवं लैपटॉप रिपेयरिंग सीख कर एक छोटे गांव या शहर का कोई युवा कैसे एक बड़ा बिजनेसमैन बन सकता है ? अब प्रश्न यह है की ऐसा होगा कैसे और आपको इसके लिए कैसे काम करना होगा ? सबसे पहले हम यह देखेंगे की किसी भी छोटे शहर या एक गांव में लेड टी वी , मोबाइल, लैपटॉप रिपेयरिंग के बिज़नेस का क्या फ्यूचर है ? एक उदहारण से ये बात साफ़ हो जाएगी की किसी भी छोटे शहर या गांव में लेड टी वी रिपेयरिंग, मोबाइल लैपटॉप रिपेयरिंग कोर्स करने के बाद अपना लेड टी वी रिपेयरिंग ,मोबाइल या लैपटॉप रिपेयरिंग की दुकान या सर्विस सेंटर शुरू करने वाले युवा को काम कैसे मिलेगा ?
मुंबई: भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या विश्व कप के बाद से ही भारतीय टीम से बाहर चल रहे है। उन्होंने अपने पीठ का ऑपरेशन कराया है और ये ऑपरेशन सफल भी रहा। पांड्या को पिछले कुछ समय से पीठ में दर्द की समस्या थी। ऑपरेशन के बाद हार्दिक अब चल पा रहे हैं। हार्दिक ने यह खबर अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए दी है। हार्दिक ने मंगलवार रात वीडियो शेयर किया, जिसमें वह हॉस्पिटल के बेड से उठने के बाद सहारा लेकर धीरे-धीरे कदम रखने में कामयाब होते नजर आ रहे हैं। इसके बाद वह व्हील चेयर पर बैठ जाते हैं। हार्दिक कॉरिडोर में व्हील चेयर खुद चलाते भी दिख रहे हैं। आखिर में वह एक बार फिर चलते दिखाई देते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट योगेश परमार उनके साथ लंदन गए हैं। हार्दिक ने वीडियो शेयर करने के साथ लिखा है- छोटे कदम लेकिन मेरी पूरी फिटनेस की राह यहीं से शुरू होती है और अब हर किसी को उनके समर्थन और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद इसके बहुत मायने हैं। पांड्या को इस चोट के कारण कम से कम ५ महिने के लिए क्रिकेट से दूर रहना पड़ सकता है। उन्हें पूरी तरह से फिट होकर मौदान में लौटने में समय लगेगा। यह उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल होने वाले इप्ल में हार्दिक पांड्या मैदान में वापसी कर सकते हैं।
वाराणसी। अंकपत्रों के सत्यापन में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी की जांच करने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंची सीबीसीआईडी की टीम ने दूसरे दिन भी अभिलेख खंगाले। इस दिन भी टीम को लेकर हड़कंप मचा रहा। टीम ने इस दिन विश्वविद्यालय के वाइसचांसलर से भी मुलाकात की। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में अंकपत्रों के फर्जी सत्यापन की जांच में तेजी आ गई है। शुक्रवार को दूसरे दिन सीबीसीआईडी की टीम ने फर्जी सत्यापन मामले में कुछ संदिग्ध कर्मचारियों के नाम और पत्ते का ब्योरा एकत्र किया और जरूरी दस्तावेज खंगाले। ज्ञात हो कि पिछले दिनों बागपत, हापुड़ और मुजफ्फरनगर डायट से बीटीसी के तहत नियुक्त शिक्षकों के अंकपत्र सत्यापन के लिए विश्वविद्यालय भेजे गए थे। अंकपत्रों के सत्यापन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। इसी मामले की जांच करने सीबीसीआईडी की तीन सदस्यीय टीम विश्वविद्यालय पहुंची है। इनमें सीपी सिंह, जयवीर सिंह और सीपी सिंह शामिल हैं।
भोपाल (इजहार हसन खान): महात्मा गांधी की आज १५०वीं जयंती है। इस मौके पर उन्होंने लिखा है कि वे लोग महान हैं जिन्होंने इस धरती पर महात्मा गांधी को देखा और सुना था। महात्मा गांधी जैसा व्यक्तित्व सदियों में जन्म लेता है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सच कहा था कि, आने वाली पीढ़ियां शायद ही वह विश्वास करें, कि इस धरती पर गांधीजी जैसा हाड़-मास का पुतला कभी चलता था। महात्मा गांधी जैसा व्यक्तित्व सदियों में जन्म लेते हैं। आज हमें महात्मा गांधी को याद करने और उनके दर्शन को समझने की सबसे ज्यादा जरूरत। वह इसलिए कि भारत सहित विश्व के कई देशों की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में जो तनाव चल रहा है उसका समाधान गांधी जी के दर्शन में है। नैतिक मूल्यों और मानवीय गरिमा पर जो संकट है उसे दूर करने में गांधीजी मदद कर सकते हैं। धर्म और जाति को लेकर उन्माद की जो स्थिति बन रही है उससे बचने का उपाय गांधी जी के विचारों में है। गांधी जी अपने समय से बहुत आगे थे। उनका जीवन शिक्षा देता है कि अच्छे विचारों को अपना लो, बुरे विचार अपने आप दूर हो जायेंगे। विचार कोई शोभा की वस्तु नहीं है, विचार आत्मा की शुद्धि के काम आते हैं। उनसे मानव कल्याण का काम किया जाता है। कमलनाथ लिखते हैं कि मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि गांधी जी की १५०वीं जयंती पर उनके जीवन और उनके लेखन को पढ़ें। महात्मा गांधी का जीवन पढ़ने पर खुद इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनके नहीं रहने पर क्यों कहा था कि "हमारे जीवन से प्रकाश चला गया।" गांधीजी को जितना पढ़ेंगे उतना हमारा रास्ता आसान होगा। वे कहते थे कि शिक्षा का अर्थ है चारित्रिक दुर्गुणों के प्रति सचेत रहना और उन्हें दूर करना। गांधी जी को अपनाना आसान है। गांधी के रास्ते पर चलना आसान है, हर नागरिक अपने आप में गांधी हैं। यदि आप सच बोलना और सुनना चाहते हैं, यदि आप आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रयत्नशील हैं, यदि हर धर्म का सम्मान करते हैं और शांति चाहते हैं, यदि अपने साथी नागरिकों की गरिमा का सम्मान करते हैं, पर्यावरण की रक्षा और आदर करते हैं, यदि अपने कारीगरों की कला पर गर्व करते है और कमजोर का साथ देते हैं, तो समझिए कि आप गांधीजी के दर्शन पर अमल कर रहे हैं। आइए हम सब मिलकर सर्वोदय आधारित भारत बनाने में अपनी भूमिका तय करें और पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करें।
नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि वह पंजाब में अवैध निर्माण के खिलाफ अपना अभियान नहीं रोकेंगे। नवजोत सिंह सिद्धू की इस मुहिम के बारे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से इस बारे में शिकायत करने की खबरें सामने आईं थीं। अमृतसर : पंजाब के स्थानीय निकाय, पर्यटन मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि उन्हे अवैध निर्माण के अपने अभियान में अपनी ही पार्टी के कई नेताओं का विरोध का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी मुहिम जारी रखने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के नेताओं सहित कई लोगों के विरोध के बावजूद वह अबैध कॉलोनियों और बिल्डिंगों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेंगे। उन्होंने कपूरथला में संवाददाताओं से इस बारे में बात की। इस दौरान सिद्धू ने कहा कि सरकार अवैध कॉलोनियां बनाने वालों और बिल्डरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी जो राज्य में इस अभियान में बाधा डाल रहे हैं। जब उनसे कुछ कांग्रेस विधायकों की ओर से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनकी शिकायत किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी शिकायतों की परवाह नहीं है और उनका विभाग अभियान जारी रखेगा।
पप्पू यादव पर ये हमला उस समय हुआ, जब वो किसी रैली में भाग लेने मुजफ्पुरपुर के रास्ते से जा रहे थे। मुजफ्फरपुर। एससी-एसटी एक्ट के विरोध में आज संवर्ण समाज के द्वारा भारत बंद का ऐलान किया गया है। बंद के दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में हिंसा की खबरें हैं। बिहार के कई जिलों से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसा की खबरें सामने आई हैं। इस बीच बिहार से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, बिहार की राजनीतिक के बड़े चेहरों में से एक पप्पू यादव पर बंद के दौरान जानलेवा हमला किया गया है और इस हमले का आरोप बंद के समर्थकों पर लगा है। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस हमले में मुजफ्फरपुर रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के गुंडों का हाथ भी बताया जा रहा है। सीआरपीएफ के जवानों की बहादुरी से बचे पप्पू यादव! बिहार के मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी (लोकतंत्र) के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर ये हमला मुजफ्फरपुर में हुआ है। बताया जा रहा है कि पप्पू यादव इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, पप्पू यादव की गाड़ी को हमलावरों ने निशाना बनाया है। हालांकि उनकी गाड़ी को इस हमले में ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। मीडिया से उन्होंने कहा कि हमलावर उन्हें जान से मारने के इरादे से आए थे, लेकिन सीआरपीएफ के जवानों की बहादुरी की वजह से वो सुरक्षित हैं। पप्पू यादव इस हमले में बुरी तरह से घायल हो गए हैं। पप्पू यादव पर ये हमला उस समय हुआ, जब वो किसी रैली में भाग लेने मुजफ्पुरपुर के रास्ते से जा रहे थे। इस दौरान मुजफ्फरपुर के खबड़ा में हमलावरों ने उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। हमले के तुरंत बाद पप्पू यादव के ऑफिशियल ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में कहा गया कि, बिहार में महाजंगलराज का 'नंगा' नाच हो रहा है। नारी बचाओ पदयात्रा में मधुबनी जाने के दौरान हमारे काफिले पर भारत बंद के नाम पर गुंडों ने हमला किया। कार्यकर्ताओं को बुरी तरह जाति पूछ-पूछकर पीटा है। आखिर बिहार में कोई शासन-प्रशासन है, या, नहीं! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आप किस कुम्भकर्णी नींद में सोये हैं। अपने हमले की बात को बताते हुए पप्पू यादव की आंखो में आंसू भी आ गए।
आठ समितियों में दो नई समितियां हैं जो निवेश और रोजगार पर नजर रखेंगी। कैबिनेट समितियों की नई सूची के अनुसार, छह समितियों के अध्यक्ष प्रधानमंत्री और सभी समितियों के सदस्य बनाए गए गृहमंत्री अमित शाह शेष दो समितियों के अध्यक्ष होंगे। शाह दो समितियों केबिनेट आवास समिति (सीसीए) और संदसीय मामलों की केबिनेट समिति के अध्यक्ष हैं। राजनाथ सिंह आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) और सुरक्षा मामलों की केबिनेट समिति (सीसीएस) में शामिल हैं। गौर करने वाली बात है कि वे राजनीतिक मुद्दों पर फैसला लेने वाली राजनीतिक मामलों की केबिनेट समिति में नहीं हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तीन समितियों के सदस्य हैं। गडकरी दो समितियों निवेश और वृद्धि पर कैबिनेट समिति और सीसीईए के सदस्य हैं। वे रोजगार तथा कौशल विकास मामलों की कैबिनेट समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। नेक्स्ट भाजपा के दबाव में गठबंधन तोड़ा मायावती ने!
नई दिल्ली | सेना प्रमुख के भविष्य को लेकर बुधवार को राजनीतिक दल एकमत नहीं हो पाए। समाजवादी पार्टी (सपा) और जनता दल (युनाइटेड) ने जहां सेना प्रमुख को बर्खास्त किए जाने की मांग की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि वह इस मांग का समर्थन नहीं करेगी। सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे पत्र को लेकर राज्यसभा में हुए हंगामे के बीच जद (यू) के नेता शिवानंद तिवारी ने सेना प्रमुख की बर्खास्तगी की मांग सबसे पहले की। तिवारी ने कहा, "यह अनुशासनहीनता का एक गम्भीर मामला है, सेना प्रमुख को बर्खास्त किया जाना चाहिए.. यदि हम कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह एक बुरी परम्परा बन सकती है।" तिवारी के सुर में सुर मिलाते हुए सपा नेता रामगोपाल यादव ने संसद से बाहर संवाददाताओं से कहा कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि जनरल सिंह जिम्मेदार हैं तो उन्हें बर्खास्त कर जेल भेजा जाना चाहिए। उधर विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे पर अलग राय जाहिर की। जद (यू) के रुख के बारे में पूछे जाने पर भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हम इस विचार से इत्तेफाक नहीं रखते।" वामपंथी नेताओं ने गहन जांच की मांग की और कहा कि दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। बीजू जनता दल (बीजद) ने वामपंथी नेताओं के विचार से सहमति जताई। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, "लीक की जांच की जाए, जवाबदेही तय की जाए और जिम्मेदार व्यक्ति को दंडित किया जाए।" ज्ञात हो कि जनरल वी.के. सिंह ने मनमोहन सिंह को लिखे एक पत्र में सेना के पास हथियारों व गोला-बारूद की कमी का जिक्र किया था और यह प्रश्न खड़ा किया था कि क्या ऐसी स्थिति में देश कोई युद्ध लड़ सकता है।
सिख धर्म के १०वें गुरु गोविंद सिंह के ३५२वें प्रकाश पर्व पर गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा गोदरीपारा और माता उजरी कीर्तन संघ डोमनहिल समिति की ओर से पूरे चिरमिरी में नगर कीर्तन निकाला गया। वीर खालसा गतका दल की ओर से शहर के गोदरीपारा, डोमनहिल, हल्दीबाड़ी और बड़ा बाजार में कई हैरत अंगेज करतबों का प्रदर्शन किया गया। केबी पटेल कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग और आरबी हॉस्पिटल बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में सरस्वती शिशु मंदिर बड़ा बाजार में निःशुल्क स्वास्थ शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने ६५० लोगों की हृदय रोग, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, ईसीजी, और अन्य रोगों की जांच की। जांच के बाद जरूरतमंदों को निःशुल्क दवाएं दी गई। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार दुग्गा की अध्यक्षता में १० जनवरी को सुबह ११ बजे से जिला कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक होगी। बैठक में राजस्व अधिकारियों के कार्यो की विस्तार पूर्वक समीक्षा की जाएगी। बैठक में जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सभी तहसीलदार, सभी नायब तहसीलदार और अधीक्षक भू-अभिलेख के अधिकारियों को सम्पूर्ण जानकारी के साथ निर्धारित समय और स्थान पर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार दुग्गा की अध्यक्षता में मंगलवार जिला कलेक्ट्रोरेट के सभाकक्ष में वन अधिकार पट्टा वितरण की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में दुग्गा ने वन अधिकार पट्टा के निरस्त प्रकरणों पर पुनर्विचार और वितरण की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वन अधिकार पट्टा सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को सामुदायिक दावा का यथाषीघ्र चिंहांकन कर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर नरेंद्र दुग्गा के निर्देश पर जिले में लगातार कोचियों और अवैध धान खपाने वालों पर निगाह रखी जा रही है, जिससे इनमें हड़कंप मची हुई है। इसी कड़ी में कृषि ऊपज मंडी के निरीक्षकों और पुलिस सहायक उप निरीक्षक की ओर से विगत दिनों जिले के विकासखंड मनेन्द्रगढ़ के तहसील केल्हारी अंतर्गत संचालित गुप्ता ट्रेडर्स से अवैध रूप से भण्डारित कुल १३६ क्विंटल धान की जब्ती की गई। जिसमें दुकान से १६ क्विंटल और गोदाम से १२० क्विंटल धान शामिल है। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता जरा तबीयत से पत्थर तो उछालो यारो। यह कहावत को चरितार्थ जिले के यातायात विभाग में पदस्थ नगर सैनिक महेश मिश्रा ने किया और निरंतर कर रहे हैं। वह भी बिना किसी सहयोग लिए। जिले सहित संभाग में हर वर्गों के लिए लगातार यातायात जागरूकता अभियान के कारण २२ लोगों की जान बच सकी है तो वहीं दूसरी ओर जिले में दुर्घटनाओं के मामलों में भी कमी आई है जिसका श्रेय प्रमुख रूप से सैनिक महेश मिश्रा को मिल रहा है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नरेंद्र दुग्गा की अध्यक्षता में ८ जनवरी को जिला कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में साप्ताहिक समय सीमा की बैठक के बाद वन अधिकार पट्टा वितरण की समीक्षा बैठक होगी। बैठक में वन अधिकार पट्टा के निरस्त प्रकरणों पर पुनर्विचार एवं वितरण की अद्यतन जानकारी के साथ वन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्धारित समय एवं स्थान पर संपूर्ण जानकारी के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं। बैठक में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आबादी भूमि का पट्टा वितरण, भू-अर्जन, नामांकन, सीमांकन और बंटवारा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों का उत्साहवर्धन किया है। यह बात जिले के विकासखंड बैकुण्ठपुर के ग्राम बुड़ार के किसान राजेन्द्र प्रसाद राजवाड़े ने कहा है। उन्होंने कहा कि धान की फसल का कम दाम और कर्ज पटाने की चिंता के कारण वे कुछ नया करने की सोच भी नहीं सकते थे। लेकिन भूपेश बघेल की सरकार ने उन्हें इसके ऊपर उठकर सोचने का मौका दिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सहकारी बैंक से खेती करने के लिए ०२ लाख रूपये का कर्ज लिया हुआ है। इस वर्ष उनकी फसल भी अच्छी नहीं होने के कारण वे इसी चिंता में थे, कि वे कैसे कर्ज पटायेंगे। लेकिन अब उन्हें इस कर्ज को पटाने की चिंता नहीं रही।
क्षेत्रीय और टाइम जोन की कवरेज के संदर्भ में सबसे व्यापक पहुंच, और व्याख्या की भाषाओं की संख्या की दृष्टि से गोयर अपनी तरह का सबसे बड़ा ऑनलाइन निवेशक कार्यक्रम है। केवल आमंत्रण के आधार पर, प्रत्येक सत्र में उद्योग विशेषज्ञों द्वारा बाजार स्थिति के बारे में सारगर्भित सम्बोधन, और उच्चकोटि की परियोजनाओं से प्रस्तुतिकरण शामिल होंगे जिनको अनुभवी निवेश बैंकरों और पेशेवर निवेशकों से बने निर्णायकों के एक पैनल द्वारा सावधानीपूर्वक चुना गया है। सभी भाषणों और प्रस्तुतिकरणों की अंग्रेजी से एक साथ पन्द्रह भाषाओं में व्याख्या की जाएगी। और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अमेरिकन पैसिफिक बैन्कार्प, इंक। अमेरिकन पैसिफ़िक बैन्कार्प (अपब) एक बैंक होल्डिंग कंपनी है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में वाणिज्यिक बैंक (बैंकों) में नियंत्रक इक्विटी प्राप्त करने पर केंद्रित है। अपब, वैश्विक ग्राहकों को विश्वस्तरीय बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने, लाभप्रदता बढ़ाने के लिए बैंकों में डिजिटल बैंकिंग क्षमताओं का समावेशन करेगा। अपब एक बोनस परपेचुअल प्रेफर्ड स्टॉक्ड के साथ क्लास आ कॉमन शेयर खरीदने के लिए एक यूनिट डील पेश कर रहा है। सार्वजनिक निर्गम के जोखिम अंकन के लिए निवेश बैंकों से दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, वर्ष के अंत तक अपब सार्वजनिक होने का लक्ष्य बना रहा है। सूचीबद्ध होने पर १३.३७% कूपन रेट के साथ ६६.६७% पूंजी वृद्धि का रोई अपेक्षित है। भारत अपने ऊर्जा मिश्रण को आक्रामक ढंग से कोयले से गैस की दिशा में बदल रहा है। लंग रिगैसिफिकेशन क्षमता की दीर्घावधि की मांग बड़े पैमाने पर बढ़ रही है। एशिया फर्स्ट, क्राउन लंग ग्रुप ऑफ कंपनीज का भाग है जिसे एक विशेष ३० साल के उपयोग या भुगतान अनुबंध पर काकीनाडा बंदरगाह को द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (लंग) टर्मिनल प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। परियोजना को लाइसेंस और सरकार की मंजूरी पहले से ही मिल चुकी है। अफ से प्रेरित यह परियोजना, एक द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (लंग) टर्मिनल के स्वामित्व और संचालन के लिए परियोजना वित्त की व्यवस्था करने हेतु है जो निकट भविष्य में भारत में ऊर्जा बाज़ार के कोयले से गैस की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ने के साथ एक पूर्वप्रत्याशित तीव्र वृद्धि अवधि वाले बड़े बाज़ारी अवसरों का लाभ उठाने के लिए है, जबकि भारत के लंग रिगैसिफिकेशन क्षमता की दीर्घकालीन मांग तेजी से बढ़ेगी। इंजीनियरिंग के मामले में, अफ बाज़ार में कुछ सर्वोत्तम एप्सिक और समाधान पार्टनरों के साथ परियोजना डिलीवर करेगा, जिनमें क्वेर्नर, एप्सिक मुख्य कांट्रैक्टर के रूप में; र्टसिल, रिगैसिफिकेशन समाधान प्रदाता के रूप में; और साइमेन्स इलेक्ट्रिकल सिस्टम और बिजली उत्पादन के लिए शामिल हैं। बिजनेस के मामले में अफ ने काकीनाडा में आयात टर्मिनल के लाइसेंसधारक ईस्ट लंगप्टे लैड से एक विशेष अनुबंध किया है जिनके पास काकीनाडा पोर्ट (भारत) से ३०-वर्ष दिन-दर पर लंग स्टोरेज और रिगैसिफिकेशन सेवा ७.२ मिलियन टन प्रति वर्ष (म्त्पा) उत्पादन क्षमता के साथ प्रदान करने के लिए उपयोग या भुगतान अनुबंध के साथ भारत में लंग आयात करने के लिए लाइसेंस और सरकारी मंजूरी है। प्रचालन शुरू होने के बाद इस परियोजना से कम से कम ३० साल तक उत्पादन किया जाएगा। इसमें प्रचालन के पहले साल से ही लाभ मिलने की उम्मीद है। अर्क के पास सिटी बसों की अपनी फ्लीट है और यह कंसोलिडेशन गतिविधि के माध्यम से थाईलैंड के सबसे बड़े सिटी बस ऑपरेटरों में से एक बन जाएगा। अर्क, अमोर्न नामक शक्तिशाली नेटवर्क प्रभाव के साथ मोबिलिटी ऐज़ अ सर्विस (मास) प्लेटफार्म बनाकर सार्वजनिक परिवहन के आधुनिकीकरण के लिए तत्पर है। बिग डेटा एनालिटिक्स और लोकेशन आधारित ई-कॉमर्स का लाभ उठाते हुए यह स्मार्ट परिवहन समाधान यात्रियों के लिए रूपांतरणकारी अनुभव उत्पन्न करेगा। अर्क निवेश प्रस्ताव में भाग लें जो आकर्षक राजस्व साझेदारी भुगतान तथा अपने इपो पर इक्विटी में कन्वर्जन प्रदान करता है। अर्क एक सबसे बड़ा सिटी बस ऑपरेटर है और बैंकॉक में सरकारी ऑपरेटर ब्मता (बैंकॉक मास ट्रांजिट अथॉरिटी) के सहयोग से बैंकॉक में शेष बस रूटों के लिए ४५% से अधिक बस रूट प्रबंधित करता है और अर्क में सभी मौजूदा बसें अपग्रेड की जा रही हैं और उनको डाटा कलेक्शन के लिए विविध सेंसरों और विफी सेवा से सुसज्जित किया जा रहा है। सभी उपयोक्ताओं को ऐप अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने, और सारा उपयोगी डाटा जैसे कि ट्रैफिक डाटा, उपयोक्ता डाटा, वायु गुणवत्ता डाटा, सुरक्षा डाटा और लोकेशन डाटा कैप्चर करने के लिए तथा सदैव समुचित डाटा निजता बनाए रखना सुनिश्चित करते हुए, साथ मिलकर एकीकृत भुगतान, मल्टी-मॉडल परिवहन और लोकेशन आधारित ई-कॉमर्स सेवा के साथ एकीकृत मोबिलिटी-ऐज़-अ -सर्विस (मास) प्लेटफार्म विकसित किया जा रहा है। वर्ष २००५ में स्थापित वैश्विक वैकल्पिक निवेश फर्म, ब्रॉडलाइन कैपिटल, मुख्य रूप से मौजूदा वैश्विक वित्तीय मंदी के कारण संभव होने वाली मूल्य आधारित डील्स प्राप्त करने पर केंद्रित है, जहां हमारी फर्म को नवप्रवर्तक उत्तर अमेरिकी कंपनियों, जिनकी क्रांतिकारी तकनीकें दुनिया में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं, की हमारी कल्टीवेटेड पाइपलाइन में अनुकूल कीमत निर्धारण और न्यूनीकृत डील संरचनाओं के साथ अद्वितीय वित्तीय खरीद अवसरों तक विशेष पहुंच प्राप्त है। साइटोनस ने बायोलॉजिक उपकरणों की एक नई क्रांतिकारी श्रेणी बनाई है जो कोविड-१९ के दौर में तत्काल उपयोगी है। साइटोनस को इन नवीनतायुक्त समाधानों के लिए सरकारी प्रायोजकों (नीह) और औद्योगिक विशेषज्ञों (कॉल्स) से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। वर्तमान वित्तपोषण से दो प्रमुख उत्पादों के विकास और नियोजन हेतु वित्तीय व्यवस्था की जाएगी। (ई) विश्व भर में इक्यू रोगियों में कोविड-१९ संक्रमण के कारण श्वसन तंत्र को पहुँचने वाली क्षति ठीक करने के लिए साइटोनस का अधिकृत कोविड-१९ थेराप्यूटिक (अपने वर्ग में पहला) और (ई) इसकी कोविड-१९ रैपिड वैक्सीन, (अपने वर्ग में पहली) उन लोगों में संक्रमण की रोकथाम के लिए है, जो पहले से वायरस से संक्रमित नहीं हैं। साइटोनस ने बायोलॉजिक उपकरणों की एक नई क्रांतिकारी श्रेणी बनाई है जो कोविड-१९ के दौर में तत्काल उपयोगी है। साइटोनस को इन नवीनतायुक्त समाधानों के लिए सरकारी प्रायोजकों (नीह) और औद्योगिक विशेषज्ञों (कॉल्स) से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। वर्तमान वित्तपोषण से दो प्रमुख उत्पादों के विकास और नियोजन हेतु वित्तीय व्यवस्था की जाएगी। (ई) विश्व भर में इक्यू रोगियों में कोविड-१९ संक्रमण के कारण श्वसन तंत्र को पहुँचने वाली क्षति ठीक करने के लिए साइटोनस का अधिकृत कोविड-१९ थेराप्यूटिक (अपने वर्ग में पहला) और (ई) इसकी कोविड-१९ रैपिड वैक्सीन, (अपने वर्ग में पहली) उन लोगों में संक्रमण की रोकथाम के लिए है, जो पहले से वायरस से संक्रमित नहीं हैं। साइटोनस से दोनों उत्पादों इक्यू रोगियों में श्वसन क्षति ठीक करने के लिए नया थेराप्यूटिक और रैपिड वैक्सीन तकनीक के लिए उस फ़्ड़ा आपातकालीन उपयोग हेतु मंजूरी (युआ) के नियामकीय दर्जे हेतु आवेदन करने और प्राप्त करने की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकारी बैंकों के साथ फर्जीवाड़े के कुल २,४८० मामले सामने आए हैं। इन फर्जीवाड़ों में बैंकों को 3२ हजार करोड़ रुपये की चपत लगी है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत आरबीआई से मिले जवाब में यह खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता की अपील पर रिजर्व बैंक ने बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के १८ बैंकों के साथ कुल ३१,८९८.६३ करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ। इस दौरान सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को हुआ और कुल राशि का ३८ फीसदी जोखिम उठाना पड़ा। एसबीआई के साथ धोखाधड़ी के कुल १,१97 मामले सामने आए, जिसमें बैंक को १२,0१२.७७ करोड़ रुपये की चपत लगी है। इसके बाद इलाहाबाद बैंक ने ३८१ फर्जीवाड़े के मामलों में २,८५५.६६ करोड़ की राशि गंवाई है। पीएनबी को भी २,5२6.५५ करोड़ रुपये का झटका लगा है। हालांकि, आरबीआई ने इन फर्जीवाड़ों से बैंकों को होने वाले घाटे का आंकड़ा देने से इनकार कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, बैंक ऑफ बड़ौदा को भी ७५ मामलों में २,२97.०५ करोड़ रुपये की चपत लगी है, जबकि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के धोखाधड़ी के ४५ मामलों में २,१33 करोड़ रुपये गए हैं। इसके अलावा केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया सहित लगभग सभी सरकारी बैंकों को पहली तिमाही में धोखाधड़ी का सामना करना पड़ा है।
तेहरान, १२ मई (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का एक प्रतिनिधिमंडल ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता जारी रखने के लिए सोमवार को तेहरान पहुंच रहा है। संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था आईएईए में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि अली असगर सोल्तानेह ने शनिवार को तेहरान में संवाददाताओं को बताया, "आईएईए का प्रतिनिधिमंडल विशेषज्ञ स्तर की वार्ता के लिए सोमवार को आ रहा है। बैठक उसी दिन से शुरू हो जाएगी।" फरवरी में जारी आईएईए की रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में काफी अधिक पारदर्शी रवैया अपनाया है। लेकिन परमाणु हथियारों के विकास के आरोपों का पूरी तरह जबाव देने में वह असफल रहा है। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय यह मांग कर रहा है कि ईरान यूरेनियम संवर्धन का काम रोक दे, जिसका उपयोग बिजली और परमाणु हथियार दोनों को बनाने में किया जा सकता है। ईरान परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के अपने अधिकार पर अड़ा हुआ है और परमाणु कार्यक्रम के कारण संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए तीन प्रतिबंधों को भी अनदेखा कर रहा है।
डिडवीं टिक्कर (हमीरपुर)। हिमाचल प्रदेश पेंशनर कल्याण संघ सरकार से मांगें मनवाने के लिए अप्रैल माह से संघर्ष की राह पर है। संघ द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में संघ द्वारा ११ जून को ऊना जिले में रैली की जा रही है। संघ के प्रदेश सचिव अनिरुद्ध डोगरा ने कहा कि रैली सुबह दस बजे से शाम ६ बजे तक होगी। रैली में संघ सदस्यों द्वारा सरकार द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार को लेकर रोष जताया जाएगा। उन्होंने कहा कि संघ लंबे समय से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठाता आ रहा है। सरकार ने संघ को केवल आश्वासनों का तोहफा ही दिया है। संघ पंजाब की तर्ज पर आर्थिक लाभ पाने के लिए आंदोलन कर रहा है। ६५, ७०, ७५ वर्ष की आयु पूरी कर चुके पेंशनरों को अतिरिक्त पेंशन देना, २ वर्ष के अंतराल पर एकमुश्त पेंशन टीए देना तथा निश्चित ५०० रुपए अतिरिक्त भत्ता देने को लेकर संघ संघर्ष कर रहा है। डोगरा ने बताया कि ऊना रैली के दौरान अगले आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर जिले में भूख हड़ताल, धरना प्रदर्शन का क्रम जारी रहेंगा। उन्होंने बताया कि ऊना रैली में संघ के महासचिव टीडी ठाकुर, अतिरिक्त महासचिव के एस जसवाल, संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओपी भारद्वाज सहित कार्यकारिणी के सदस्या भाग लेंगे।
विश्व कप २०१९ की तैयारियों को सभी टीमों ने अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट ३० मई से इंग्लैंड और वेल्स के मैदानों पर खेला जायेगा। इसके लिए भारतीय टीम भी लगभग तैयार है लेकिन अभी भी टीम में कुछ जगहें खाली हैं। इसके लिए खिलाड़ी आपस में लड़ाई कर रहे हैं, लेकिन विश्व कप से पहले आईपीएल भी होना है। भारतीय की ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मिली जीतों में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का प्रदर्शन शानदार रहा है। उन्होंने लगातार विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई है। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ ने इन दोनों गेंदबाजों के प्रदर्शन की भी सराहना की है।
इंस्पेक्टर एक बड़ी बड़ी मूँछों वाला मराठा था जो कि अपनी लाल-लाल आँखों से जीतसिंह को यूँ घूर रहा था जैसे निगाहों से ही उसे भस्म कर डालना चाहता हो। प्यार ऐसी चीज़ है जिसकी चाहत दुनिया के हर इंसान को होती है। रोटी, कपड़ा और मकान के साथ साथ प्यार का नाम भी इंसान कि बुनियादी ज़रूरतों में शामिल होता है। एक अदद साथी की तलाश हर किसी को होती है और अगर वो साथी सौभाग्यवश मिल जाए तो फिर इंसान उस साथी के साथ रहने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देता है। जीत सिंह का किस्सा भी इससे जुदा नहीं था। जीत सिंह को अपने पड़ोस में रहने वाली सुष्मिता से इश्क़ हो गया था। एक तरफ जहाँ जीत सिंह मामूली शक्ल सूरत वाला एक साधारण ताला चाबी का कारीगर था वहीं दूसरी तरफ सुष्मिता एक पढ़ी लिखी और बेहद खूबसूरत युवती थी। वो अपने और सुष्मिता के बीच के बुनियादी फासलों से आगाह था इसलिए सुष्मिता की छोटी छोटी मदद कर कर ही खुश हो जाता था। लेकिन किस्मत के खेल निराले होते हैं। जब सुष्मिता की बहन की तबियत ख़राब हो गयी और उसे पता चला कि ईलाज के लिए दस लाख रुपयों की ज़रुरत पड़ेगी तो उसके पैरों तले ज़मीन ही खिसक गयी। वो दुःख के ऐसे पहाड़ के समक्ष अपने को पा रही थी जिससे पार पाना उसे मुमकिन नहीं जान पड़ता था। जीत सिंह ने जब मदद का हाथ बढ़ाया तो शुष्मिता उस पर निहाल हो गयी और शुष्मिता ने जीत से वादा किया कि अगर वो उसकी मदद कर देता है तो सुष्मिता जीत के पाँव धो धो कर पियेगी। जीतसिंह ने अपने को अँधा क्या मांगे दो आँखे वाली अवस्था में पाया और वो निकल पड़ा दस लाख की तलाश में। दस की तलाश उसे गुनाह के ऐसे रास्ते में ले गयी जहाँ वापस न जाने का उसने फैसला किया था। उसके पास दिए गए तीन महीने में से दो हफ़्तों का ही समय रह गया था और अब तक उसके हाथ फूटी कौड़ी नही लगी थी। उसने जो भी काम करना चाहा वो ही काम में या तो फच्चर पड़ गया या वो धोखे का शिकार हुआ। क्या वक़्त के रहते जीत सिंह अपने किये वादे को पूरा कर पायेगा ? क्या वो इतनी रकम जमा कर पायेगा ? और अगर करेगा भी तो कैसे ?? ये सब जानने के लिए आपको सुरेन्द्र मोहन पाठक जी कि कलम से निकला हुआ ये बेहतरीन उपन्यास पढ़ना होगा। 'दस लाख' जीत सिंह सीरीज का पहला उपन्यास है जो कि पहली बार १९९३ में प्रकाशित हुआ था। उपन्यास रोमांच से भरपूर तो है ही लेकिन जीत सिंह की व्यथा इसे मार्मकि भी बना देता है। जीत सिंह एक पारम्परिक नायक नहीं है। वो एक चोर है जो की अपनी खुदगर्जी के लिए चोरी करता है। लेकिन फिर भी पाठक साब ने इस किरदार को ऐसे गढ़ा है की आप न चाहकर भी जीतसिंह को कामयाब देखना चाहते हैं। उपन्यास में रोमांच है और कथानक एकदम कसा हुआ है। अक्सर उपन्यासों में कहानी को खींचा जाता है लेकिन पाठक सर की यह खासियत रहती है कि वो अक्सर उतना ही लिखते हैं जितना की ज़रूरी होता है। इससे उपन्यास की लय भी बनी रहती हैं और पाठक का उपन्यास के प्रति रुझान भी। यह बात उपन्यास में भी लागू होती है। अगर आप एक रोमांचकारी उपन्यास को पढ़ना चाहते हैं तो इस उपन्यास को आपको ज़रूर पढ़ना चाहिये। उपन्यास में एक पाठक की हैसियत से मुझे तो कोई कमी नहीं लगी। हाँ, कुछ जगह सम्पादकीय गलती है जैसे नाम गलत होना या शब्द गलत होना। अक्सर 'ँ' को 'ं' लिखा जा रहा है जैसे कि 'यहाँ' को 'यहां' , 'वहाँ' को 'वहां' , 'यूँ' को 'यूं' । दोनों में उच्चारण का काफी अंतर होता है। प्रकाशक को ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे गलतियाँ न हों क्योंकि हम जैसे लाखों पाठक उपन्यास पढ़कर ही किसी भाषा को सीखते हैं और अगर उपन्यास में ही गलती हो तो नए पाठक भी इस गलती को अपना लेंगे जिससे अंत में नुक्सान भाषा का ही है। अंत में केवल इतना ही कहूँगा कि अगर आप एक उपन्यास पढना चाहते हैं जो कि आपको रोमांचित करे और जिसमे आप खो जाये तो 'दस लाख' को चुनकर आप कोई गलती नहीं करेंगे। अगर आपने उपन्यास को पढ़ा है तो अपनी राय से अवगत कराना न भूलियेगा। और अगर उपन्यास नहीं पढ़ा है तो उपन्यास को आप न्यूज़ हंट एप्प पर खरीद कर पढ़ सकते हैं। न्यूज़ हंट आप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि आज हिंदी का वर्चस्व बढ़ रहा है और इसका भविष्य उज्ज्वल है। आने वाले कल में लोग हिंदी के अच्छे स्कूलों के लिए भागेंगे। मेरा सौभाग्य है कि इसी हिंदी के सहारे मैंने पूरी दुनिया की सैर की। जहां तक लिखने के लिए समय निकालने की बात है तो मैंने जो कुछ भी लिखा, अपने व्यस्ततम क्षणों में ही लिखा। जितना ज्यादा व्यस्त रहा, उतना ही ज्यादा लिखा। अपने आसपास की जिंदगी को जितना अच्छा समझ सकेंगे, उतना ही अच्छा लिख सकेंगे। कई बार समय को जानने के लिए टीनएजर्स को समझना जरूरी है, उनकी ऊर्जा और सोच में समय का सच होता है। गोष्ठी में प्रमुख रूप से ममता कालिया, अजीत पुश्कल, ए.ए. फातमी, असरफ अली बेग, अनीता गोपेश, दिनेश ग्रोवर, रमेश ग्रोवर, एहतराम इस्लाम, रविनंदन सिंह, अनिल रंजन भौमिक, अजय प्रकाश, विवेक सत्यांशु, नीलम शंकर, बद्रीनारायण, हरीशचन्द पाण्डेय, जयकृष्ण राय तुषार, नन्दल हितैषी, फखरूल करीम, जेपी मिश्रा, सुबोध शुक्ला, धनंजय चोपड़ा, अविनाश मिश्र, श्रीप्रकाश मिश्र, आमोद माहेश्वरी, फज़ले हसनैन, सुरेन्द्र राही, अमरेन्द्र सिंह सहित तमाम साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।
खण्डवा (साई)। जिला मुख्यालय से १५ कि.मी. दूर बसी है छैगांवमाखन जनपद की ग्राम पंचायत सुरगांवजोशी। इस ग्राम पंचायत की विडंबना थी कि यहाँ लोगों के पास पर्याप्त पैसा होने पर भी पंचायत में विकास की धुरी ठहरी हुयी थी। कारण था लोगो में आपसी मनमुटाव होना। ग्राम पंचायत में विकास कम, विवाद ज्यादा थे। गांव में पक्की बिल्डिंगें तो बनी थी परंतु गाँव की गलियाँ कच्ची व कीचड़ से सराबोर थी। पंचों के आपस में विवाद होने के कारण पंचायत की बैठकें भी बहुत ही कम हो पाती थी। इस पंचायत में ग्रामीणों द्वारा आपसी रंजिश के चलते १३ स्थानों पर शिकायतें दर्ज करवा रखी थी। जिस समय पंचायत में विकास गर्त में जाने लगा था, उसी समय प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजना पंच-परमेश्वर प्रारंभ हुयी एवं अन्य पंचायतों की भंाति ही सुरगांवजोशी पंचायत में भी पंच-परमेश्वर अंतर्गत सीमेंट कांक्रीट मार्ग के निर्माण की स्वीकृतियाँ जारी की गई। सुरगांवजोशी के लोगों के लिये यह पहला अवसर था, जब उनके गाँव में पक्की सड़क बन रही थी। लोगों में आपसी समन्वय न होने के कारण गाँव की लगभग २५ गलियाँ गंदगी का घर बनकर बीमारियों को पनाह दे रही थी। पंच-परमेश्वर योजना अंतर्गत आस-पास की ग्राम पंचायतों में बने पक्के मार्गों को देखकर सुरगांवजोशी के लोगांे ने भी इस योजना से अपने गाँव की गंदगी को दूर कर विकास के मार्ग का निर्माण करने की मन में ठान ली थी। पंच-परमेश्वर योजना और मनरेगा योजना के समन्वय द्वारा सुरगांवजोशी में ४ लाख २ हजार रूपये की लागत से मार्ग का निर्माण किया जाना तय हुआ और पहले मार्ग निर्माण के लिए जगदीश चम्पालाल से नथ्थू की दुकान की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। यह गाँव की वह गली थी जो ढलान में बनी थी ओर गाँव के घरों से निकलने वाला अधिकांश निस्तारी पानी इसी गली में से बहता था। यह गली एक गटर का रूप ले चुकी थी। नथ्थू पिता श्यामलाला बताते है कि इस गली की गंदगी के चलते उनकी किराना दुकान पर व्यवसाय बहुत कम हो पाता था। अब पक्की सड़क बन जाने से ग्राहकी में दोगुनी वृद्धि हो गयी है। मनरेगा के समन्वय से बने पंच-परमेश्वर योजना के एक मार्ग से सुरगांवजोशी के लगभग १०० परिवारों को नरकीय जीवन से मुक्ति मिल गयी है। सुरगांवजोशी में बने पंच-परमेश्वर के पक्के मार्ग ने वहाँ के निवासियों के विचारो में भी परिवर्तन कर दिया है। गाँव के सरपंच चंद्रशेखर पटेल बताते है कि गाँव के लोग इस विकास कार्य से इतना प्रभावित हुए है कि सभी लोगांे द्वारा अपनी शिकायतें वापिस ले ली गई हैं और अब सभी लोग गाँव में विवाद की जगह विकास चाहते हैं। लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि यदी पंच-परमेश्वर से बने मार्ग जैसा मार्ग गाँव में कभी पहले बन जाता तो शायद गाँव के लोग आपसी रंजिश को भुलाकर विकास के नवीन सोपानों की ओर बढ़ गये होते।
विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर भूटान पहुंच गए है । विदेश मंत्री बनने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि यात्रा के दौरान विदेश मंत्री भूटान के प्रधानमंत्री लोटेय शेरिंग से मुलाकात करेंगे। भूटान के नरेश जिग्मे खेशर नामग्याल वांगचुक से भी उनकी बातचीत होगी। वह भूटान के अपने समकक्ष टांडी दोरजी से भी मिलेंगे। उनकी यात्रा इस परंपरा के अनुरूप है कि भारत अपने करीबी मित्र एवं पड़ोसी भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंध को महत्व देता है। भूटान, भारत का करीबी सहयोगी है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नयी ऊंचाइयों पर पहुंचा है । विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और भूटान के अनूठे और सदाबहार संबंध हैं। यह आपसी भरोसे, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित है । यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और पनबिजली सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी।
होम जिले की खबर बाड़मेर बाड़मेर : १००० ही मिलते हैं, क्या बदलवाएं और क्या खाएं? बाड़मेर : १००० और ५०० के नोट बंद होते ही जहां एक ओर बैंकों में कतार लग गई है और लोग अपने हजार पांच सौ के नोट को बदलवाने की चिंता में लगे हुए है। वहीं जरूरतमंद महिलाओं का एक तबका एेसा भी है जो अपने एक हजार रुपए के लिए महीनों से इंतजार कर रही है। इनकी सरकार से एक ही मिन्नत है कि पंद्रह साल हो गए हंै उनको काम करते हुए। अब तो सरकार उनको इतना मेहनताना दें कि गुजारा करना संभव हों। ये महिलाएं स्कूल से पचास से अधिक बच्चों के लिए रोज खाना पकाती है, इसलिए मेहनत भी कम नहीं है। मिड-डे-मील योजना के तहत राज्यभर में प्रत्येक विद्यालय में वर्ष २००० में न्यायालय के आदेश के बाद दोपहर का भोजन शुरू किया गया और इसके लिए जरूरतमंद, बीपीएल और पिछड़े तबके की महिलाओं को मानदेय पर रखा गया। पहले इनको कुकिंग कन्वर्जन (खाना पकाने ) की राशि मंे से बचत होने वाले रुपए दिए जा रहे थे। फिर पांच साल बाद तय किया गया कि अब इनको एक हजार रुपए निश्चित मानदेय दिया जाएगा। एक महिला को पचास से अधिक बच्चों का खाना प्रतिदिन बनाना होता है। बर्तन साफ करने से लेकर सारा कार्य यही महिलाएं करती है। एेसे में इनको कम से कम तीन से पांच घंटे विद्यालय को देने होते हंै। इतनी मेहनत के बावजूद मेहनताना महज हजार रुपए मिल रहा है जिससे गुजारा करना भी मुश्किल है। चयन का पहला आधार एकल महिला को रखा गया था। एेसे में इस कार्य में लगी ८० फीसदी महिलाएं एकल है। इन महिलाओं व आश्रितों का गुजारा इसी एक हजार रुपए पर हो रहा है, जो महंगाई के इस दौर में मुश्किल ही नहीं नामुमकिन जैस है। इन महिलाओं का मानदेय बढऩा चाहिए। यह बहुत ही गंभीर मामला है। गरीब परिवारों की महिलाओं को महज १००० रुपए में महीना भर काम करवाना ठीक नहीं है। राज्य सरकार कम से कम इन महिलाओं को न्यूनतम मजदूरी दें और इनको नियमित भी किया जाए। ऐसी महिलाओं की हालत बहुत ही खराब है।
नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि अक्टूबर में उसकी बिक्री मामूली तौर पर बढ़कर १,४६,७६६ वाहन रही है। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा १,४६,4४६ वाहन था। कंपनी ने एक बयान में बताया कि उसकी घरेलू बिक्री १.५ प्रतिशत बढ़कर १,३८,१00 इकाई रही जो अक्टूबर 20१7 में १,३६,००० वाहन थी। इसमें कंपनी की आल्टो और वैगन आर जैसी छोटी कारों की बिक्री ३२,८३५ इकाई रही जो पिछले साल अक्टूबर में ३२,४९० कारें थी। इसी तरह स्विफ्ट, सेलेरियो, इग्निस, बलेनो और डिजायर जैसी कॉम्पैक्ट श्रेणी में कंपनी ने ६४,७८९ कारों की बिक्री की जो अक्टूबर २०१७ में ६२,४८० वाहन थी। मिड-सेडान श्रेणी में कंपनी ने ३,८९२ सियाज की बिक्री की। वहीं विटारा ब्रेजा, एस-क्रॉस और अर्टिगा जैसी यूटिलिटी वाहन श्रेणी में कंपनी की बिक्री घटी है और यह ११.२ प्रतिशत घटकर २0,७६४ वाहन रही जो अक्टूबर २017 में २३,३8२ वाहन रही। अक्टूबर में कंपनी का निर्यात १७ प्रतिशत घटकर ८,६६६ वाहन रहा जो पिछले साल इसी माह में १०,४४६ वाहन था।
नई दिल्ली:व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे- लोकप्रिय मैसेजिंग एप व्हाट्सएप हमेशा अपने यूजर्स के लिए नए-नए अपडेट लाता रहता है और इसी कड़ी में अब खबर मिली है कि व्हाट्सएप (व्हेत्सप्प) जल्द ही डार्क मोड (डार्क मोड़) फीचर को लॉन्च करने वाला है। व्हाट्सएप पिछले काफी लंबे वक्त से इस फीचर पर काम कर रहा था। लेकिन इस बार यह खबर वेबबीटा इंफो की उस रिपोर्ट से मिली है जिसमें दावा किया गया है कि व्हाट्सएप डार्क मोड (व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे)की टेस्टिंग अब आखिरी चरण में है। इसलिए उम्मीद है कि इस फीचर का अपडेट एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स को जल्द ही मिल जाएगा। लीक रिपोर्ट्स के अनुसार, यूजर्स के लिए व्हाट्सएप डार्क मोड फीचर (व्हेत्सप्प डार्क मोड़) जून या जुलाई तक लॉन्च कर दिया जाएगा। व्हाट्सएप ने अपने ग्राहकों के एक्सपीरियंस को बेस्ट बनाने के लिए डार्क मोड फीचर (व्हेत्सप्प डार्क मोड़ फ्धचरे) पर काम शुरू कर दिया है। फेसबुक (फेसबुक) अधिकृत व्हाट्सएप इससे अतिरिक्त लो डाटा मोड और डिलीट मैसेज फीचर पर भी काम कर रहा है। वहीं, इससे पूर्व फेसबुक ने मैसेंजर और इंस्टाग्राम (इंस्टाग्रम) के यूजर्स के लिए भी डार्क मोड सपोर्ट उपलब्ध कराया था। वैसे इस मोड की लॉन्चिंग को लेकर व्हाट्सएप ने फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। व्हेत्सप्प एक और नया अपडेट डिलीट मैसेज फीचर जल्द ही लाने वाला है। यह एंड्रॉयड (अंड्रॉयड) यूजर्स के लिए पेश किया जाएगा। इसकी मदद से यूजर्स मैसेजेस का टाइम सेट करके उन्हें डिलीट कर सकेंगे। यह फीचर भी बीटा मोड में है। जल्द ही कंपनी इसे भी लॉन्च कर सकती है। व्हाट्सएप लो डाटा मोड (व्हेत्सप्प लो डाटा मोड़) को इयोस यूजर्स के लिए कंपनी पेश करेगी। जैसाकि नाम से ही ज़ाहिर है यूजर्स इस नए मोड के द्वारा डाटा की कम खपत कर सकेंगे। इससे पूर्व यही फीचर व्हेत्सप्प कैलिंग के लिए उपलब्ध किया गया था। इस फीचर को जैसे ही यूजर्स ऑन करेंगे तो यह मोड ऑटो डाउनलोडिंग सेटिंग के ऑन होने के बावजूद भी अपने आप फोटोज और वीडियोज को डाउनलोड होने से रोक देगा। इतना ही नहीं आप ऑटो डाउनलोड वॉयस मैसेजेस को भी ऑटो डाउनलोड होने से रोक सकेंगे। इससे डाटा की खपत बहुत हद तक कम हो जाएगी।
नई दिल्ली। जून महीने में कंपनियों की हायरिंग एक्टिविटीज में ६ फीसद की बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें सबसे ज्यादा २६ फीसद की बढ़ोतरी आईटी-सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में दर्ज की गई है। नौकरी का जॉब सूचकांक जून में २,17२ पर रहा है, जो कि जून २018 में २,०४७ पर था। हालांकि, कुछ ऐसे उद्योग भी हैं जिनकी हायरिंग एक्टिविटी में गिरावट दर्ज की गई। ऑटो में १८ फीसदी और एंसिलरी में ११ फीसदी की गिरावट देखी गई है। वहीं मानव संसाधन, प्रशासन, सेल्स और व्यवसाय विकास जैसे क्षेत्रों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उधर बैंकिंग और बीपीओ क्षेत्र में १४ फीसदी और २ फीसदी की गिरावट देखी गई है।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने जनपद पंचायत बसना के शिक्षाकर्मी को पद से हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की जनपद पंचायत बसना में शिक्षाकर्मी वर्ग-तीन के ८९ पदों पर भर्ती के लिए २० फरवरी २०07 को विज्ञापन जारी किया गया था। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनपद पंचायत ने सामान्य सभा की बैठक में अनुमोदन कर ८१ आवेदकों की चयन सूची जारी की और नियुक्ति आदेश दिया। इसमें ३८ शिक्षाकर्मियों ने ज्वाइन किया, जबकि ४३ पद रिक्त रह गए। इसी चयन प्रक्रिया के आधार पर १२ अक्टूबर २०07 को ४३ आवेदकों की नए सिरे से चयन सूची जारी की गई, जिसमें १० शिक्षाकर्मियों ने कार्यभार ग्रहण किया। जनपद पंचायत ने ६ नवंबर २००७ को तीसरी बार ११५ पदों पर नियुक्ति के लिए आदेश जारी कर दिया। इन नियुक्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कलेक्टर से शिकायत की गई। भर्ती को अवैधानिक बताते हुए जांच की मांग भी की गई। इसके बाद कलेक्टर ने पहली चयन सूची के १९ शिक्षाकर्मियों सहित शेष सभी का नियुक्ति आदेश निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ भीष्मदेव होता ने पंचायत संचालक के समक्ष अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद भीष्मदेव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें कलेक्टर के आदेश को अवैधानिक बताते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए बगैर ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी नियुक्ति को वैध बताते हुए कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन व जनपद पंचायत बसना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि उन्हें दूसरी व तीसरी सूची से कोई लेना देना नहीं है। याचिकाकर्ता की नियुक्ति पहली सूची में वैधानिक तरीके से की गई थी। जस्टिस सतीश कुमार अग्निहोत्री ने सभी पक्षों की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के तर्कों पर सहमति जताते हुए कलेक्टर व पंचायत विभाग के संचालक के आदेश को निरस्त कर दिया है।
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। भगवान शंकर को कर्क राशि का आराध्य देव माना जाता है। इन हृदाया नाम के लड़कों को पेट सम्बन्धी परेशानियां बनी रहती हैं। हृदाया नाम के लड़के ब्रेस्ट (महिला), चेस्ट (पुरुष) और दिल की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। इन हृदाया नाम के लड़कों में कैंसर, चेचक और मानसिक रोगों से ग्रस्त होने की सम्भावना अधिक होती है। इस राशि के हृदाया नाम के लड़के को जरुरत से ज्यादा चिंता करने की आदत होती है। इस राशि के हृदाया नाम के लड़के बहुत अच्छे श्रोता होते हैं। अगर आप अपने बच्चे का नाम हृदाया रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि हृदाया का मतलब दिल होता है। हृदाया नाम रखने से आपका बच्चा भी इस नाम के मतलब की तरह व्यव्हार करने लगता है। हृदाया नाम रखने से पहले इसका अर्थ जानना जरूरी होता है। जैसे कि हृदाया नाम का मतलब दिल होता है और इस अर्थ का प्रभाव हृदाया नाम के व्यक्ति के स्वभाव में भी दिखने लगता है। हृदाया नाम का अर्थ जानने के बाद आप भी अपने बच्चे को हृदाया नाम आराम से दे सकते हैं। कुछ सामाजिक अवधारणाओं के अनुसार हृदाया नाम का अर्थ व्यक्ति के स्वभाव से जुड़ा होता है, यानी कि हृदाया नाम का अर्थ दिल है तो आपके स्वभाव में भी इसकी झलक दिखेगी। हृदाया नाम की राशि, हृदाया नाम का लकी नंबर व हृदाया नाम के लोगों के व्यक्तित्व अथवा इस नाम के मतलब जो कि दिल है, आदि के बारे में आगे बताया गया है। हृदाया नाम का स्वामी चंद्रमा और शुभ अंक २ है। लकी नंबर २ वाले व्यक्ति दिखने में जितने आकर्षक होते हैं, भावनात्मक रूप से वे उतने ही संवेदनशील होते हैं। हृदाया नाम के लोगों का ग्रह स्वामी चंद्रमा होने के कारण ये हमेशा दूसरों की मदद करते हैं। हृदाया नाम वाले जातक अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाते और साथ ही इनमें आत्मविश्वास की भी कमी होती है। हृदाया नाम के लोग बहुत दयालु और दूसरों का मार्गदर्शन करने वाले होते हैं। ये दूसरों की बातों को बहुत जल्दी अपने दिल पर लगा लेते हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर इनमें क्षमा कर देने का भी गुण होता है। हृदाया नाम के व्यक्ति की राशि कर्क होती है। हृदाया नाम के लोग लड़ाई-झगड़ों से दूर रहते हैं। हृदाया नाम के लोग जो ठान लेते हैं, उसे करके ही दम लेते हैं। कर्क राशि के लोग अंदर से अपनी इच्छाएं व उदेश्य मजबूत रखते हैं, जबकि बाहर से ये ऐसे नहीं दिखते। हृदाया नाम के व्यक्ति अच्छे मैनजेर बनते हैं। ये लोग अपने सहकर्मी को बहुत प्यार करते हैं। उनके साथ सहयोगपूर्ण रिश्ते रखते हैं।
धामपुर। होली हवन समिति की ओर से मंगलवार की शाम निकाले गए सूखे रंग के जुलूस सभी लोग एक रंग में हो गए। जुलूस में हुरियारे युवक ढोल की थाप पर जमकर थिरकते चल रहे थे। जुलूस होरी महाराज के मंदिर से शुरू हुआ। जुलूस का शुभारंभ ब्लाक प्रमुख मालती चौहान व जिला सहकारी बैंक के सभापति एवं पर्यटन राज्यमंत्री पुत्र अमित प्रताप सिंह ने फीता काटकर किया। जुलूस का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष संजय कात्यायन व सचिव नीरज रस्तौगी कर रहे थे। जुलूस में युवक ढोल की थाप कर जमकर थिरकते हुए चल रहे थे। होली के दिन उक्त समिति द्वारा सूखे रंग का जुलूस निकलता है और दुल्हैंडी के दिन होली हवन का विशाल जुलूस निकाला जाता है। जुलूस में मुसलिम भाई भी बढ़कर हिस्सा लेते है। कई स्थानों पर जुलूस का स्वागत करते है। मंगलवार को निकले जुलूस का भी नगर में कई स्थानाें पर स्वागत किया गया।
पटना: बिहार में इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व में महागठबंधन तो बना लिया, परंतु महागठबंधन के घटक दलों को ही नहीं, बल्कि मतदाताओं ने राजद को भी नकार दिया। माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति के कारण राजद को इस बड़ी नाकामी से रूबरू होना पड़ा। चारा घोटाला के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद ने जेल से ही मतदाताओं को राजद की ओर आकर्षित करने की हर कोशिश की, परंतु चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि राजद की रणनीति को मतदाताओं ने नकार दिया। लालू की अनुपस्थिति में पार्टी की कमान संभाल रहे लालू के पुत्र और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने राजद के वोट बैंक मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को साधने के लिए जातीय गोलबंदी करने की कोशिश की और आरक्षण समाप्त करने का भय दिखाकर 'संविधान बचाओ' के नारे जरूर लगाए, परंतु मतदाताओं ने उसे भी नकार दिया। राजद की ऐसी करारी हार इसके पहले कभी नहीं हुई थी। पिछले लोकसभा चुनाव में भी राजद ने चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, परंतु इस चुनाव में अबतक मिले रुझानों से स्पष्ट है कि राजद के हिस्से एक सीट या खाता भी नहीं खुले। हालांकि इसकी अभी अधिकारिक घोषणा शेष है। इस चुनाव में लालू प्रसाद की पुत्री और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को एक बार फिर पाटलिपुत्र से हार की संभावना है। पाटलिपुत्र से राजग प्रत्याशी रामकृपाल यादव ने निर्णायक बढ़त बना ली है। पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को चार सीटें मिली थीं, जबकि वर्ष २००४ में राजद ने २२ सीटें हासिल की थी। कहा जाता है कि महागठबंधन के घटक दल इस भरोसे पर रहे कि राजद के वोट बैंक के सहारे वे चुनावी मंझधार से पार निकल जाएंगे। बिहार की राजनीति के जानकार संतोष सिंह कहते हैं, "राजद ही नहीं महागठबंधन के घटक दल अपने वोटबैंक के भरोसे रहे और नकारात्मक राजनीति करते रहे, जबकि दूसरी तरह राजग विकास की बात की।" उन्होंने कहा कि लालू एक दक्ष नेता हैं, जबकि तेजस्वी अभी राजनीति की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद अगर अपने वोट बैंक को मजबूत रखते थे तो उस वोटबैंक का इजाफा भी करते थे। इधर, राजद के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि "तेजस्वी ने कभी भी अपनी पार्टी के अनुभवी नेताओं से चुनाव के दौरान मुलाकात नहीं की और न ही उनसे सलाह मांगी। इसी दौरान दोनों भाइयों के बीच विवाद की भी खबरें आती रहीं। इसका भी प्रभाव इस चुनाव पर पड़ा है।" इस बीच, राजद के नेता भी मानते हैं कि लालू प्रसाद के नाम पर ही महागठबंधन को कुछ वोट हासिल हो सका। लालू प्रसाद सोशल मीडिया के जरिए मतदाताओं से अपील करते रहे थे। पटना के वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार कहते हैं, "बिहार की राजनीति की समझ लालू को थी। यहां तक कि क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के नाम तक लालू प्रसाद को याद रहते हैं। जेल में रहने के कारण तेजस्वी के लिए लालू इस बार उतने सुलभ भी नहीं हो सके कि उनसे सलाह भी ली जा सके।" उल्लेखनीय है कि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, रालोसपा के अलावा कई अन्य छोटे दल शामिल थे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को वरिष्ठ मंत्री व सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया। यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने मंत्रिमंडल के ४ कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। सीएम ने अपने चाचा और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, ओम प्रकाश सिंह, शादाब फातिमा और नारद राय को अपने मंत्रिमंडल से निकाल दिया है। साथ ही सीएम ने अमर सिंह की करीबी जया प्रदा फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। मंत्रियों की बर्खास्तगी का पत्र सीएम ने राजभवन को भेज दिया गया है। जिसके बाद राज्यपाल राम नार्इक ने चारों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। सीएम अखिलेश ने इस दौरान कहा कि अमर सिंह पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। जो उनका साथ रहेगा वो हमारे साथ नहीं रहेगा। अखिलेश ने बैठक में कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ है उनको हटाया जाएगा, जिस व्यक्ति ने पार्टी में झगड़े पैदा किए उनको माफी नहीं दी जाएगी। विधायकों की बैठक में अखिलेश ने अमर सिंह को दलाल बोला है। वहीं, मीटिंग से बाहर निकले नेताओं ने बताया कि एमएलए और एमएलसी के साथ बैठक के दौरान अखिलेश ने भावुक बयान दिया। सीएम ने कहा कि नेताजी पिता है मैं हमेशा उनकी सेवा करूंगा। बैठक में सीएम के बयान पर कई नेता भी भावुक हुए और रो पड़े। सीएम ने कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे नेता हैं और हमेशा रहेंगे। २१ नवंबर को आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे का उदघाटन है, विधायक दल की मीटिंग में प्रस्ताव पास हो गया है। नेता जी के जन्मदिन के पहले उन्हे एक्सप्रेस वे का गिफ्ट देंगे। सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी नहीं तोड़ेंगे, साथ रहेंगे। रथ भी चलाऊंगा और जयंती समाराेह में भी जाऊंगा। पार्टी और नेताजी के खिलाफ साजिश करने वालों पर एक्शन लिया जाएगा। अमर सिंह ने घर में आग लगाई है उन पर भी एक्शन होगा। बैठक के बाद विधायक दल ने कहा कि हमे गर्व है कि अखिलेश यादव हमारे नेता हैं।
सेलेना गोमेज ने बेहद कम उम्र में सक्सेस और हेल्थ समस्याएं एक साथ देखी हैं। वैसे अब वह दोबारा फिटनेस पर फोकस कर रही हैं और इसके लिए हर एक घंटे में इतनी फीस देती हैं। सूत्र ने कहा उन्होंने परिवार और दोस्तों के साथ वक्त बिताया और अपने सामान्य जीवन में लौट आईं। वह स्वस्थ हैं और अच्छा महसूस कर रही हैं। गायिका-अभिनेत्री सेलेना गोमेज फिटनेस के लिए लगभग ३०० डॉलर प्रति घंटे खर्च करती हैं। ल्यूपस और किडनी प्रत्यारोपण के लिए, चिंता और अवसाद से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए अस्पताल में भर्ती रहने के बाद २६ वर्षीया गायिका दिसंबर में घर वापस आ गईं थीं। लॉस एंजिल्स में निजी सत्रों पर उन्होंने ३०० डॉलर प्रति घंटे के हिसाब से खर्च किया है। हालांकि नए ग्राहकों के लिए निजी सत्र अन्य प्रशिक्षकों के साथ १२५ डॉलर प्रति घंटे पर उपलब्ध हैं। वेबसाइट ईऑनलाइन डॉट कॉम के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा कि उन्हें पिछले साल अपने स्वास्थ्य के साथ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। सूत्र ने कहा सेलेना घर वापस आ गई हैं और अच्छा महसूस कर रही हैं।
हरियाणा सरकार ने रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा सुविधा देने का निर्णय लिया है। महिलाओं को ३६ घंटे तक मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलेगी। जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हर साल की तरह इस साल भी रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा सुविधा देने का निर्णय लिया है। महिलाओं को ३६ घंटे तक मुफ्त बस यात्रा की सुविधा मिलेगी। इस अवधि में महिलाओं के साथ सफर करने वाले उनके १५ वर्ष तक की आयु के बच्चों को भी मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी जाएगी। सरकार ने जेल नियमावली में संशोधन के बाद जेलों में रक्षाबंधन का पर्व मनाए जाने की स्वीकृति प्रदान की है। हरियाणा के परिवहन एवं जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार के अनुसार रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा का विस्तार किया गया है। २६ अगस्त को रक्षाबंधन के चलते प्रदेश में महिलाओं को २५ आगस्त दोपहर १२ बजे से मुफ्त सफर की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा २६ अगस्त की रात १२ बजे तक कुल ३६ घंटे के लिए रहेगी। परिवहन मंत्री के अनुसार रक्षाबंधन पर सरकार द्वारा बसों के रूट में कोई कटौती नहीं की जाएगी। प्रत्येक निर्धारित रूट पर बसें सामान्य की भांति चलेंगी। उन्होंने बताया कि जेल मैनुअल के अनुसार प्रदेश की जेलों में रविवार को कैदियों एवं हवालातियों के साथ मुलाकात का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन इस बार रक्षाबंधन का पर्व रविवार को होने के कारण इस मामले में मंत्री समूह की बैठक में मंथन किया गया। मंत्रिमंडल ने बैठक में नियमों को छूट प्रदान करते हुए इस बार रविवार को भी जेलों में बहनों द्वारा अपने भाइयों के साथ मुलाकात करने का प्रावधान किया है। प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। महिलाएं जेलों में बंद अपने भाइयों को सुबह १० बजे से शाम चार बजे तक राखी बांध सकेंगी। इसके लिए बकायदा सभी जेलों में व्यवस्था की जाएगी।
दोस्तों आपको पता है कि जब हम गूगल सर्च इंजन में कुछ सर्च करते हैं तो हमें वेबसाइट का नाम या उसका टाइटल दिखता है और उसके नीचे उस टाइटल का कुछ डिस्क्रिप्शन दिखाई देता है। यह डिस्कशन हमें यह बताता है कि जो दिया गया पैसे उसके अंदर क्या है। जब कोई विजिटर उस टाइटल को देखता है और उसके नीचे लिखे भी डिस्कशन को देखता है तो उसे पता चल जाता है कि दिए गए पेज में हम मेरे अनुसार या मेरी खोजी गई चीज है या नहीं तो वह आपके पेज पर जाता है अन्यथा दूसरे पेज पर नेविगेट हो जाता है। यदि हमारा डिस्क्रिप्शन सही और सटीक होगा तो यूज़र हमारी वेबसाइट पर आएगा और हमारी गूगल में रैंकिंग बढ़ेगी। तो दोस्तों देखो डिस्क्रिप्शन कितना जरूरी है तो आइए आज हम डिस्क्रिप्शन के बारे में यह कैसे लगाते हैं इसकी जानकारी देखेंगे । सर्च डिस्क्रिप्शन क्या है। दोस्तों मैं आपको बता दूं कि सर्च डिस्क्रिप्शन हमारे ब्लॉक या हमारे ब्लॉक की एक पोस्ट के बारे में मुख्य जानकारी है। इसके अंतर्गत हम केवल डेढ़ सौ शब्द में ही हमारे पेज की पूरी जानकारी को बताते हैं। यह जानकारी जब कोई विजिटर गूगल सर्च इंजन में किसी पोस्ट को सर्च करता है तो उस पोस्ट के नीचे या उस टाइटल के नीचे एक डेढ़ सौ शब्द की जानकारी दिखाई देती है। अतः मैं आपको बता दूं कि जो भी आप सर्च डिस्क्रिप्शन डालना चाहते हैं वह डेट को सबसे ज्यादा नहीं होना चाहिए। जब भी हम ब्लॉक पर नहीं पोस्ट करते हैं तो दिए गए चित्र अनुसार ब्लॉक का डिस्क्रिप्शन बॉक्स प्रदर्शित नहीं होता है। के लिए निम्नलिखित चरणों का उपयोग करता है। १. सर्वप्रथम ब्लॉग को लॉगिन करें । २. डैशबोर्ड के सेटिंग ऑप्शन पर क्लिक करें। ३. सर्च प्रिसेंस बटन पर क्लिक करें। ४. दिए गए चित्र अनुसार डिस्क्रिप्शन बॉक्स पर डिसेबल लिखा आएगा एडिट ऑप्शन का उपयोग कर आपके ब्लॉक का कुछ डिस्क्रिप्शन डालना होगा। आप अब नहीं पोस्ट का टाइटल पोस्ट में डालें और सर्च डिस्क्रिप्शन में कुछ भी आप जो भी पोस्ट का १५० शब्द में डिस्क्रिप्शन डालें।
शिक्षा विभाग की ओर से जिले के प्राइमरी स्कूलों में सरप्लस किए गए १५० अध्यापकों को एडजस्ट करने का एक और मौका दिया जाएगा। इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में खाली पदों की प्रिंसिपल से लिस्ट मंगवाई गई है। अभी ३५ सरप्लस अध्यापकों का तबादला उनके पसंदीदा स्टेशन पर किया गया है। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि जिले में सरप्लस टीचर थे और पिछले तीन सालों से किसी ने भी उस तरफ ध्यान नहीं दिया। अब जब एजूकेशन सेक्रेटरी ने पिछले दिनों बुलाई बैठक में जिले में अध्यापकों की पोस्ट और उपलब्धता के बारे में जानकारी हासिल की तो सारा मामला सामने आया। इसके बाद रेशनेलाइजेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा विभाग प्राइमरी स्कूलों के १५० शिक्षकों को सरप्लस घोषित कर दिया गया, इनमें ज्यादातर शिक्षा प्रोवाइडर शामिल हैं। जिला शिक्षा अधिकारी संजीव गौतम का कहना है कि अभी सेकेंडरी स्कूलों के प्रिंसिपल से खाली पदों की डिटेल मंगवाई गई है ताकि सरप्लस अध्यापकों को सेकेंडरी में एडजस्ट किया जा सके। यदि सेकेंडरी में कोई पोस्ट नहीं होगी, तो सरप्लस अध्यापकों का तबादला जिले से बाहर होगा। पूछने पर उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रोवाइडरों को पहले सैलरी कम मिलती थी, लेकिन साल २००७ के बाद तो हर साल उन्हें इंक्रीमेंट मिल रहा है। अध्यापक संघर्ष कमेटी के नेताओं रविदत्त, रमन कुमार, उमेश कुमार, रजनीश कुमार, राजेश कुमार, मुनीष कुमार, सोहन लाल, करतार चंद, नरिंद्र सिंह, जगदीश राज, परमवीर सिंह, जेपी सिंह, बावा सिंह, कुलदीप कुमार, विजय कुमार, मीना कुमारी, रजनी देवी ने बताया कि प्राइमरी शिक्षकों का कैडर जिला स्तर का होता है, जिन्हें जिले में ट्रांसफर किया जा सकता है। जबकि हाई और सेकेंडरी शिक्षकों का कैडर प्रदेश स्तर का होने के चलते उन्हें अन्य जिलों में ट्रांसफर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेशनेलाइजेशन पॉलिसी के तहत शिक्षकों को सरप्लस घोषित कर प्राइमरी शिक्षा को तहस नहस किया जा रहा है। यूनियन नेताओं ने कहा कि रेशनेलाइजेशन पॉलिसी का बायकॉट किया जाएगा और हर स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।
पत्रकारों का मूल धर्म क्या है? पत्रकारों का मूल धर्म है कि खबरों को निष्पक्ष तरीके से पेश किया जाए और हमेशा सच्चाई का साथ दिया जाए। दुख की बात यह है कि देश के पत्रकार ऐसा नहीं कर रहे हैं, बड़ी संख्या में पत्रकार अपनी व्यक्तिगत निष्ठा और खास एजेंडे के तहत खबरों को तोड़मरोड़ कर पेश करने में लगे हैं। हैरानी की बात यह है कि देश में कई पत्रकारों को अपनी पत्रकारिता का एक ही मकसद नजर आता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उनकी सरकार का हर हाल में विरोध किया जाए। निधि राजदान भी इसी जमात की एक पत्रकार हैं। निधि नत्व में कार्यकारी संपादक हैं और एंकरिंग भी करती हैं। कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-१ निधि राजदान ने २८ दिसंबर 20१7 को दो ट्वीट्स किए, एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ पर अफसोस जाहिर किया तो दूसरे ही ट्वीट में गोवा में साइकिल चलाती हुई सोनिया गांधी की तस्वीर से गदगद हो गईं। इन दोनों ट्वीट्स को पढ़कर आप भी अच्छी तरह समझ जाएंगे कि वाकई में निधि राजदान नत्व में कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं। कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-९ प्रधानमंत्री मोदी के विरोध की मानसिकता से निधि राजदान कितनी बुरी तरह प्रभावित हैं, यह उनके १३ दिसंबर २०१७ के ट्वीट से पता चलता है। अगर पत्रकार सुपारी लेकर पत्रकारिता करते हैं, तो देश के विकास और सामान्य जन के लिए कुछ ठोस अंशदान करने के बजाए राजनीति और प्रजातंत्र को दूषित करते हैं। यह बौद्धिक प्रदूषण भारत के प्रजातंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
ऐसा माना जाता है कि हम सभी को उपस्थित होना पसंद हैऔर उपहार स्वीकार करते हैं। किसी भी मामले में, हम इस विषय पर अधिकांश पुस्तकों और लेखों के लेखकों द्वारा लगातार आश्वस्त हैं। हालांकि, व्यक्तिगत अनुभव से, हम में से अधिकांश पूरी तरह से जानते हैं कि प्रस्तुति की खरीद एक बहुत ही परेशानीपूर्ण व्यवसाय है। एक उपहार चुनने की समस्या जिसे "अदालत में रखना होगा" हर किसी के लिए काफी प्रासंगिक है। आखिरकार, हमारे जीवन के लिए दोस्तों, रिश्तेदारों और सहयोगियों को बधाई देने के लिए कई बार हमारे पास है। कुछ दाताओं का सपना है कि उनका उपहार कोठरी या पेंट्री में धूल में भेजा गया। इसके विपरीत, हम ईमानदारी से एक और व्यक्ति को खुश करने का सपना देखते हैं। एक संकेत, जो उपहार चुनने के लिए, शिष्टाचार के नियम हैं, इस नाज़ुक प्रक्रिया की सभी बारीकियों को विनियमित करते हैं। आइए सामान्य रोजमर्रा की स्थिति से शुरू करें - आपको एक कप चाय में आमंत्रित किया गया था। कोई गंभीर अवसर नहीं है, सिर्फ एक दोस्ताना सभा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप खाली हाथ प्रकट कर सकते हैं। इस मामले में, यह बोतल के लिए उपयुक्त हैअच्छी शराब और मिठाई का एक बॉक्स, एक केक या चाय के लिए केक का एक सेट। घर की मालकिन के लिए फूलों का एक गुलदस्ता निश्चित रूप से एक मामला है। अगर घर में बच्चे हैं, तो उनके लिए छोटे उपहारों की देखभाल करने में कोई दिक्कत नहीं होती है। एक उदाहरण बिल्कुल विपरीत है - एक शादीरिश्तेदार या दोस्तों। अक्सर इस मामले में, उपहार का चयन करने का सवाल इसके लायक नहीं है। न्यूवाइड्स तुरंत यह निर्धारित करते हैं कि वे नकद समकक्ष में उपहार स्वीकार करते हैं। हालांकि, इस मामले में आश्चर्य प्रस्तुत करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। यह स्पष्ट करना उचित है कि दुल्हन और दुल्हन अपने सबसे महत्वपूर्ण दिन पर किस तरह का उपहार प्राप्त करना चाहते हैं। आज शादी करने के लिए यह फैशनेबल बन गया हैसभी प्रकार के घरेलू उपकरणों। लेकिन मेहमानों के रूप में, एक नियम के रूप में, बहुत कुछ और सहमत हैं कि उनके पास हमेशा अवसर नहीं होता है, खुश जोड़े ने पांच लोहा, कई इलेक्ट्रिक केटल्स और कुछ माइक्रोवेव ओवन के टुकड़े सौंपे। मेरी राय में, इस मामले में, एक और तर्कसंगत समाधान उपहार प्रमाण पत्र होगा। युवाओं को यह तय करने दें कि उन्हें और क्या चाहिए। काम पर सहयोगी लगभग हर किसी के हैं। और कम से कम एक बार एक बार छुट्टी पर उन्हें बधाई देने की जरूरत है। हालांकि, हर कोई नहीं जानता कि इस मामले में कौन सा उपहार अधिक उपयुक्त है। प्रिय सहयोगियों को महंगा उपहार स्वीकार नहीं किया जाता है, विशेष रूप से यह उच्च अधिकारियों से संबंधित है। मुख्य टीम के लिए एक उपहार आमतौर पर पूरी टीम से खरीदने के लिए बेहतर होता है। अन्य सहयोगियों के मामले में, इस अवसर के अनुरूप एक ही उपहार (हैंडल, नोटबुक, कैलेंडर) प्रस्तुत करना उचित है। यदि कर्मचारी छोटा है और कर्मचारियों के बीच संबंध अनुकूल हैं, तो उपहार व्यक्तिगत ध्वनि दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, विभिन्न पैटर्न के साथ चाय या कॉफी के लिए मग खरीदें। हम में से कई जानते हैं कि करीबी लोगों के लिए उपहार खरीदने की सबसे मुश्किल बात है। बेशक, मां, पत्नी, बहन या भाई के लिए उपहार चुनने के बारे में विशिष्ट सलाह देना मुश्किल है। हालांकि, कुछ सिफारिशें काफी उपयुक्त होंगी। पुराने रिश्तेदार घर या बगीचे के लिए आरामदायक और आरामदायक चीजों की सराहना करेंगे। आप माता-पिता को अपने शौक से संबंधित उपहार भी दे सकते हैं। युवा पीढ़ी सभी प्रकार से प्रसन्न हो सकती हैआधुनिक गैजेट्स, लेकिन एक भाई या बहन के लिए कपड़े और जूते बेहतर नहीं है। ये चीजें दी गई हैं, और आपको बिना किसी कारण के उन्हें खरीदने की जरूरत है। अंत में, हम कुछ सिफारिशें देते हैंकिसी प्रियजन के लिए उपहार चुनें। इस बात पर विचार करें कि प्रस्तुत किए गए व्यक्ति के प्रति आपके दृष्टिकोण के स्पष्ट प्रदर्शन के रूप में इस मामले में आपका उपहार माना जाता है। इस संबंध में विशेष रूप से संवेदनशील, निष्पक्ष सेक्स। इसलिए, अपनी पत्नी या प्रेमिका चीजें कभी नहीं पेश करें, जिसका मूल्य दो तरीकों से व्याख्या किया जा सकता है। ध्यान रखें कि पुरुषों और महिलाओं को स्वच्छता वस्तुओं को खराब रूप माना जाता है। तो जेल, शैम्पू, हस्तनिर्मित साबुन और शेविंग फोम के बारे में भूल जाओ। आप अपने पसंदीदा कोलोन को पूरी तरह से दे सकते हैं - पुरुषमुझे महिलाओं के स्वाद पर स्वाद के चयन में भरोसा है। लेकिन परफ्यूम पेश करने वाली महिला अवांछनीय है, उसे बहुत पसंद है कि वह इसे पसंद करेगी। कई लोग इसे एक बहुत ही उचित उपहार मानते हैं।महंगे कपड़े का सेट हालांकि, यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। सही ब्रा का चयन करना एक कठिन प्रक्रिया है, ऐसे कई पैरामीटर हैं जो एक अच्छा फिट निर्धारित करते हैं। आकार को जानने के बावजूद, भविष्यवाणी करना मुश्किल है कि यह या वह मॉडल इस आंकड़े को कैसे देखेगा। और एक ब्रा पहने हुए, हड्डियों से पसलियों में खोदना - सबसे सुखद बात नहीं है। उपहार चुनना, इच्छाओं से निर्देशित होनाजिसकी उद्देश्य यह है, और व्यावहारिकता के विचार नहीं। फूल किसी भी उपहार के लिए एक अनिवार्य लगाव होना चाहिए। खासकर जब महिला की बात आती है। हालांकि, मजबूत लिंग के प्रतिनिधियों के लिए, आप एक उपयुक्त फूल व्यवस्था भी पा सकते हैं। उदाहरण के लिए, ग्लेडियोलि पारंपरिक रूप से मर्दाना रंग माना जाता है।
हमारा खत्री समाज: हिन्दू धर्म और सिख धर्म को जोडनेवाली कडी भी खत्री ही है !! "क्यूंकि संविधान में सिख , जैन और बौद्ध मतों को हिन्दुओं के ही धर्म का अंग माना गया है। " कृपया अनुच्छेद व पृष्ठ सहित इसकी जानकारी प्रदान करें । यह आलेख खत्री सीता राम टंडन जी का लिखा है .. मैं सिर्फ इसे पेषित कर रही हूं .. इसलिए आपके प्रश्न को उनलोगों के पास भेज रही हूं .. जैसे ही जबाब आएगा मैं अवश्य सूचित करूंगी .. हिन्दु मैरिज एक्ट और डाइवोर्स एक्ट में सिख , जैन और बौद्ध एक जैसे हैं .. जबकि मुस्लिमों के लिए अलग .. इसी बात की चर्चा आलेख में आपके प्रश्न वाले पंक्ति से ठीक पहले की गयी है .. मेरे ख्याल से इसी से उन्हें लगा हो कि इन मतों को हिन्दु का ही अंग माना गया है !!
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से पुराने वाहन सरेंडर करने वालों खरीदारों को नए वाहन की खरीद पर उत्पाद शुल्क में कम से कम ५० प्रतिशत की छूट देने की अपील की है। वाहनों के लिए बजट में एक अंतिम मियाद की अवधि के बारे में नीति की घोषणा हो सकती है। इसमें उन खरीदारों को जो अपने प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सरेंडर करते हैं, को नए वाहन की खरीद में उत्पाद शुल्क में कम से कम ५० प्रतिशत की छूट दी जा सकती है। एक सूत्र ने कहा कि इसके अलावा बजट में वाहन विनिर्माताओं के लिए कुछ प्रमुख घोषणाएं हो सकती हैं जिससे हरित वाहनों में निवेश आएगा। सूत्र ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से पुराने वाहन सरेंडर करने वालों खरीदारों को नए वाहन की खरीद पर उत्पाद शुल्क में कम से कम ५० प्रतिशत की छूट देने की अपील की है। समझा जाता है कि गडकरी ने जेटली से कहा है कि इससे न केवल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि रोजगार के भारी अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही इससे प्रदूषण में भी भारी कमी लाने में मदद मिलेगी। गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि सरकार दस साल से अधिक पुराने वाहन को सरेंडर करने पर डेढ़ लाख रुपए का प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है। जेटली की १५ जनवरी को गडकरी और सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ बजट पूर्व चर्चा हुई थी।
औरैया। नगर निकाय सामान्य निर्वाचन २०१२ के स्थानीय निकायों में मतदान कराने के लिए शनिवार को पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय मतदान अधिकारी को अव्यवस्था के बीच प्रशिक्षण दिया गया। बारिश से प्रशिक्षण निर्धारित समय से एक घंटे देरी से शुरू हो सका। ड्यूटी स्लिप न मिलने से कई कार्मिकों ने देरी से प्रशिक्षण स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जिला मुख्यालय सभागार में पीठासीन एवं प्रथम, द्वितीय व तृतीय पोलिंग अधिकारियों के प्रशिक्षण में किसी तरह की बाधा न हो इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे। पर खराब मौसम की वजह से प्रशिक्षण समय से शुरू नहीं हो सका। रातभर बारिश होने के बाद सुबह से ही आसमान में बदली छाई रही। पोलिंग कार्मिकों को ड्यूटी स्लिप भी नहीं मिली। पीठासीन अधिकारी और पोलिंग कार्मिकों को मतपेटिकाओं को खोलने एवं बंद करने के तरीकों के साथ ही उनकी सील बंद करने की जानकारी दी गई।
एन्टर्टेन्मन्ट डेस्क : सलमान खान की आनेवाली फिल्म भारत जो ५ जून को ईद के मौके पर रिलीज की जाएगी, इस फिल्म का गाना इश्के दी चाशनी आज रिलीज किया गया है। इस गाने में सलमान और कटरीना साथ में रोमांस करते नज़र आए है। इस गाने में सलमान,कटरीना की तारीफ करते और कटरीना को चासनी सा मीठा कहते नज़र आए है। इस गाने का म्यूजिक विशाल&शेखर ने दिया है, और इस गाने को अपनी आवाज से अभिजीत श्रीवास्तव ने निखारा है। यह गाना एक रोमांटिक गाना है जिसमे कटरीना पर सलमान इश्क दी चासनी वाला मीठा मीठा प्यार बरसाते नज़र आए है। यह गाना एक ड्रीम सीक्वेंस है जिसमे सलमान और कटरीना एक दूसरे से शादी करने के सपने देखते नज़र आएँगे। यह गाना सलमान और कटरीना पर फिल्माया गया है। इस फिल्म के सभी गाने और सभी पोस्टर और इस फिल्म के ट्रेलर ने लोगो की उत्सुकता बढ़ा दी है इस फिल्म को देखने के लिए लोग बेताव हो रहे है। इस फिल्म में सलमान का नाम भारत है, और इस फिल्म की कहानी इस फिल्म के मुख्य किरदार भारत की जिंदगी पर निर्धारित है। इस फिल्म के लिड रोल में सलमान खान, कैटरिना कैफ, दिशा पटानी, जैकी श्रॉफ, तब्बू और सुनील ग्रोवर है। सलमान की यह फिल्म भारत अली अब्बास के निर्देशन में बनी है। यह फिल्म ५ जून २०१९ को रिलीज की जाएगी।
योगासन क्यों फायदेमंद है? योगासन शरीर और मन के लिए फायदेमंद है ये बात सभी जानते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने हर साल २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी इंटरनेशनल योगा दए के रूप में मनाने का फैसला लिया है। योगासन आज सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में पॉपुलर हो रहे हैं। योगासनों के द्वारा लोग स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं और कई तरह के रोगों को ठीक कर रहे हैं। अगर आप भी यही सोचते हैं कि योगासनों का मतलब शरीर के आड़े-टेढ़े पोज़ हैं, जिन्हें करना बहुत कठिन है, तो आपको योगासनों के बारे में और ज्यादा जानने की जरूरत है। दुनिया के तमाम रिसर्च और अध्ययनों में ये स्पष्ट हो चुका है कि लगातार योगासन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट अटैक आदि के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा योगासन से शरीर लंबे समय तक बूढ़ा नहीं होता है। आइए आपको बताते हैं योगासन करने के १० जबरदस्त फायदे।
शिमला। हाईकोर्ट ने पीटीए (पता) शिक्षकों को नियमित करने के विरुद्ध दायर याचिका में राज्य सरकार सहित निजी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के फैसले के पश्चात हिमाचल कैबिनेट ने बीते दिनों पीटीए शिक्षकों को नियमित करने को मंजूरी दी थी। इसके बाद नियमितीकरण का यह मामला हिमाचल हाईकोर्ट (हाई कोर्ट) पहुंच गया। नियमितीकरण के खिलाफ याचिका दायर हुई है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चंदर भुसन बारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए प्रतिवादियों से ६ सप्ताह के भीतर जवाब-तलब किया है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार सरकार द्वारा पीटीए अध्यापकों (पता टीचर्स) को नियमित करने का फैसला सरासर गलत है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में पीटीए अध्यापकों के बारे फैसले में कोई जिक्र नहीं है। पीटीए अध्यापकों को नियमित करना भर्ती के नियमों का उल्लंघन करना है। मामले में पीटीए शिक्षक संघ और कुछ पीटीए शिक्षकों को भी प्रतिवादी बनाया गया है। गौरतलब कि लंबे संघर्ष के बाद कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था, जिसके आधार पर राज्य मंत्रिमंडल ने इन शिक्षकों को नियमित करने का फैसला लिया है। मामले पर ६ सप्ताह के बाद सुनवाई होगी।
मोहाली. भारतीय क्रिकेट टीम ने पंजाब क्रिकेट संघ मैदान पर जारी तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को इंग्लैंड की पहली पारी २८३ रनों पर समेटने के बाद दिन का खेल खत्म होने तक २७१ रन बनाने में अपने छह विकेट गंवा दिए हैं। रविचंद्रन अश्विन (नाबाद ५१) और रवींद्र जडेजा (नाबाद ३१) ने सातवें विकेट के लिए ६७ रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को संभाल लिया है। दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने छह विकेट पर २७१ रन बना लिए हैं और पहली पारी के आधार पर अभी भी १२ रन पीछे है। चायकाल तक मात्र दो विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम ने दिन का आखिरी सत्र में जल्दी-जल्दी चार विकेट गंवा दिए। चेतेश्वर पुजारा (५१) अपने निजी योग में एक भी रन नहीं जोड़ पाए और चायकाल के बाद दूसरी ही गेंद पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद हालांकि अश्विन और जडेजा ने पारी को अच्छी तरह संभाल लिया। अश्विन ने सीरीज के लगातार तीसरे मैच में अर्धशतक लगाया है। इंग्लैंड के लिए आदिल राशिद ने अब तक तीन विकेट लिए हैं, जबकि बेन स्टोक्स को दो विकेट मिले हैं। नायर रन आउट होकर पवेलियन लौटे। आठ साल के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट टीम में वापसी करते हुए पार्थिव पटेल (४२) ने भी उपयोगी पारी खेली। राशिद चार रनों पर नाबाद लौटे थे जबकि गारेथ बैटी ने खाता नहीं खोला था। दूसरे दिन समी ने पहले तो राशिद को चार रन के ही निजी योग पर चलता किया जबकि बैटी को उन्होंने एक के निजी योग पर पगबाधा आउट किया। जेम्स एंडरसन १३ रन बनाकर नाबाद रहे। एंडरसन ने नौ गेंदों पर एक चौका लगाया। इंग्लिश टीम ने कुल ९३.५ ओवरों का सामना किया। भारत की ओर से समी ने तीन सफलता हासिल की जबकि उमेश यादव, जयंत यादव और रवींद्र जडेजा को दो-दो विकेट मिले। रविचंद्रन अश्विन को एक विकेट मिला। पांच मैचों की सीरीज में भारत १-० से आगे है। उसने विशाखापट्नम में इंग्लैंड को २४६ रनों से हराया था। राजकोट में खेला गया पहला टेस्ट बराबरी पर छूटा था।