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भारतीय रेलवे की नई पहल, शुरू की OTP आधारित रिफंड प्रणाली | अधिकृत रेलवे एजेंटों के जरिए टिकट बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के प्रयास में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IRTCT) OTP आधारित प्रणाली लेकर आया है, जो यात्रियों को टिकट कैंसल कराने और IRTCT द्वारा दिए गए पासवर्ड का इस्तेमाल कर रिफंड पाने की सुविधा देगा. IRTCT की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह प्रणाली केवल उसके अधिकृत एजेंटों के माध्यम से बुक कराई गई ई-टिकटों पर लागू होगी.
बयान में कहा गया, “OTP आधारित रिफंड प्रक्रिया उपभोक्ताओं के लाभ के लिए व्यवस्था में ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी. यह उपभोक्ता अनुकूल सुविधा होगी, जहां यात्री कैंसल कराई गई टिकट या पूर्ण वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए उसकी तरफ से एजेंट द्वारा प्राप्त की गई रिफंड राशि की सही सूचना पा सकेगा.”
नई प्रणाली के तहत जब भी कोई यात्री अधिकृत IRTCT एजेंट के जरिए बुक कराई गई टिकट या पूर्ण वेटलिस्ट टिकट कैंसल कराता है तो रिफंड राशि और वन टाइम पासवर्ड (OTP) का एक SMS यात्री के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा. यात्री को रिफंड पाने के लिए उस एजेंट के साथ यह OTP साझा करना होगा, जिसने टिकट बुक की थी. IRTCT के एक अधिकारी ने प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया कि अब जब रिफंड OTP आधारित होगा, यात्रियों को बस इतना करना होगा कि वे बुकिंग के वक्त अपना ही फोन नंबर दें. अधिकारी के मुताबिक करीब 27 प्रतिशत टिकट रोजाना अधिकृत एजेंटों के जरिए बुक कराए जाते हैं. इनमें से 20 प्रतिशत टिकट रोजाना कैंसल कराई जाती हैं. |
CGBSE Result 2019: जानिए कब आएगा छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट, ऐसे कर पाएंगे चेक | छत्तीसगढ़ बोर्ड (Chhattisgarh Board) जल्द ही 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट (CGBSE Result 2019) जारी कर देगा. 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का रिजल्ट (CGBSE 10th, 12th Result 2019) 8 मई को जारी होने की उम्मीद है. स्टूडेंट्स का रिजल्ट (CGBSE 10th Result 2019) बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cgbse.nic.in और results.cg.nic.in पर जारी किया जाएगा. स्टूडेंट्स इस वेबसाइट से ही अपना रिजल्ट (CGBSE 12th Result 2019) देख पाएंगे. स्टूडेंट्स को रिजल्ट चेक करने के लिए रोल नंबर की जरूरत होगी. 10वीं (CGBSE Class 10) की परीक्षा 1 मार्च से शुरू होकर 23 मार्च तक चली थी. जबकि 12वीं (CGBSE Class 12) की परीक्षा 2 मार्च से 29 मार्च तक आयोजित की गई थी. बता दें कि पिछले साल 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 9 मई को जारी किया गया था. पिछले साल कक्षा 10 में 68.6% स्टूडेंट्स पास हुए थे जबकि 12वीं 77% स्टूडेंट्स पास हुए थे. 10वीं में लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों से बेहतर रहा था.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CGBSE) को जुलाई, 2001 में स्थापित किया गया था. बोर्ड ने पहली बार साल 2002 में परीक्षाएं आयोजित की थी. 2002 के बाद से बराबर बोर्ड सफलतापूर्वक 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित करवा रहा है. |
जानें कुंवारों के मुकाबले शादीशुदा लोगों में क्यों अधिक है आत्महत्या की प्रवृत्ति | इसे भारतीय परिवारों में लगातार घटती व्यक्तिगत सहनशीलता की नजीर कह लीजिये या ‘सात जन्मों के बंधन’ में बढ़ते अवसाद का डरावना सबूत, देश में कुंवारों की तुलना में शादीशुदा लोगों में जिंदगी से हार मानकर खुदकुशी की प्रवृत्ति ज्यादा है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2014 में अपने जीवन का खुद अंत करने वालों में 65.9 फीसदी विवाहित थे, जबकि 21.1 प्रतिशत ऐसे थे, जो शादी के बंधन में नहीं बंधे थे। खुदकुशी करने वालों में 1.4 प्रतिशत लोग या तो तलाकशुदा थे या किसी वजह से अपने जीवनसाथी से अलग रह रहे थे।
मनोचिकित्सक और विवाह सलाहकार डॉ. अभय जैन ने कहा कि ये आंकड़े भारतीय परिवारों के ताने-बाने में गंभीर बदलावों की ओर इशारा करते हैं।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, देश में सामूहिक परिवार तेजी से एकल परिवारों में तब्दील हो रहे हैं। इससे परिवारों में टकराव बढ़ रहा है और व्यक्तिगत सहनशीलता लगातार कम होती जा रही है। जैन ने कहा, यह देखा जा रहा है कि एकल परिवारों में रहने वाले ज्यादातर पति-पत्नी अपनी पेशेवर और निजी समस्याएं एक- दूसरे से साझा नहीं करते और उनसे अकेले ही जूझते रहते हैं। इससे वे अवसाद का शिकार हो जाते हैं और आखिरकार आत्महत्या जैसा भयावह कदम भी उठा लेते हैं।
उन्होंने कहा, शादियां तब ही लंबे समय तक कामयाबी से चल सकती हैं, जब पति-पत्नी परिवार में एक-दूसरे के योगदान को बराबर महत्व दें और अपनी समस्याओं पर आपस में खुलकर बातचीत करें।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2014 में अपने जीवन का खुद अंत करने वालों में 65.9 फीसदी विवाहित थे, जबकि 21.1 प्रतिशत ऐसे थे, जो शादी के बंधन में नहीं बंधे थे। खुदकुशी करने वालों में 1.4 प्रतिशत लोग या तो तलाकशुदा थे या किसी वजह से अपने जीवनसाथी से अलग रह रहे थे।
मनोचिकित्सक और विवाह सलाहकार डॉ. अभय जैन ने कहा कि ये आंकड़े भारतीय परिवारों के ताने-बाने में गंभीर बदलावों की ओर इशारा करते हैं।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, देश में सामूहिक परिवार तेजी से एकल परिवारों में तब्दील हो रहे हैं। इससे परिवारों में टकराव बढ़ रहा है और व्यक्तिगत सहनशीलता लगातार कम होती जा रही है। जैन ने कहा, यह देखा जा रहा है कि एकल परिवारों में रहने वाले ज्यादातर पति-पत्नी अपनी पेशेवर और निजी समस्याएं एक- दूसरे से साझा नहीं करते और उनसे अकेले ही जूझते रहते हैं। इससे वे अवसाद का शिकार हो जाते हैं और आखिरकार आत्महत्या जैसा भयावह कदम भी उठा लेते हैं।
उन्होंने कहा, शादियां तब ही लंबे समय तक कामयाबी से चल सकती हैं, जब पति-पत्नी परिवार में एक-दूसरे के योगदान को बराबर महत्व दें और अपनी समस्याओं पर आपस में खुलकर बातचीत करें।
मनोचिकित्सक और विवाह सलाहकार डॉ. अभय जैन ने कहा कि ये आंकड़े भारतीय परिवारों के ताने-बाने में गंभीर बदलावों की ओर इशारा करते हैं।टिप्पणियां
उन्होंने कहा, देश में सामूहिक परिवार तेजी से एकल परिवारों में तब्दील हो रहे हैं। इससे परिवारों में टकराव बढ़ रहा है और व्यक्तिगत सहनशीलता लगातार कम होती जा रही है। जैन ने कहा, यह देखा जा रहा है कि एकल परिवारों में रहने वाले ज्यादातर पति-पत्नी अपनी पेशेवर और निजी समस्याएं एक- दूसरे से साझा नहीं करते और उनसे अकेले ही जूझते रहते हैं। इससे वे अवसाद का शिकार हो जाते हैं और आखिरकार आत्महत्या जैसा भयावह कदम भी उठा लेते हैं।
उन्होंने कहा, शादियां तब ही लंबे समय तक कामयाबी से चल सकती हैं, जब पति-पत्नी परिवार में एक-दूसरे के योगदान को बराबर महत्व दें और अपनी समस्याओं पर आपस में खुलकर बातचीत करें।
उन्होंने कहा, देश में सामूहिक परिवार तेजी से एकल परिवारों में तब्दील हो रहे हैं। इससे परिवारों में टकराव बढ़ रहा है और व्यक्तिगत सहनशीलता लगातार कम होती जा रही है। जैन ने कहा, यह देखा जा रहा है कि एकल परिवारों में रहने वाले ज्यादातर पति-पत्नी अपनी पेशेवर और निजी समस्याएं एक- दूसरे से साझा नहीं करते और उनसे अकेले ही जूझते रहते हैं। इससे वे अवसाद का शिकार हो जाते हैं और आखिरकार आत्महत्या जैसा भयावह कदम भी उठा लेते हैं।
उन्होंने कहा, शादियां तब ही लंबे समय तक कामयाबी से चल सकती हैं, जब पति-पत्नी परिवार में एक-दूसरे के योगदान को बराबर महत्व दें और अपनी समस्याओं पर आपस में खुलकर बातचीत करें।
उन्होंने कहा, शादियां तब ही लंबे समय तक कामयाबी से चल सकती हैं, जब पति-पत्नी परिवार में एक-दूसरे के योगदान को बराबर महत्व दें और अपनी समस्याओं पर आपस में खुलकर बातचीत करें। |
नेशनल हेराल्ड मामले में कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट में रखा सोनिया-राहुल का पक्ष | नेशनल हेराल्ड विवाद में निचली अदालत के समन को खारिज कराने की मांग पर दिल्ली हाइकोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को फिलहाल कोई राहत नहीं दी है। इस मामले में आज सोनिया के वकील कपिल सिब्बल ने दलील पेश की और निचली अदालत के समन को गलत बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस वीके वैश से कहा, 'इस मामले में प्रोसेस का जारी किया जाना स्तब्ध करने वाला है और अनुचित है और न तो तथ्य पर और न ही कानून के आधार पर कोई अवैधता पाई गई।'
निचली अदालत ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर विभिन्न कांग्रेसी नेताओं को सम्मन जारी किया था। स्वामी ने यंग इंडियन द्वारा अब बंद हो चुके दैनिक नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व हासिल करने में धोखाधड़ी और धन की घपलेबाजी का आरोप लगाया है।
सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा यंग इंडियन के निदेशकों में शामिल हैं, जिन्हें तलब किया गया है।
स्वामी की शिकायत को निरस्त करने की मांग करते हुए गांधी ने कहा कि अंग्रेजी में 'नेशनल हेराल्ड', हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' का प्रकाशन करने वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। |
'सिमरन' के लेखक अपूर्व असरानी ने कहा, 'झूठ बोल रही हैं कंगना रनौत' | कंगना रनौत की फिल्म 'सिमरन' का एक सीन.
बता दें कि अपूर्व असरानी मनोज वाजपेयी अभिनीत 'अलीगढ़', 'सिटीलाइट', 'शाहिद' जैसी फिल्में लिख चुके हैं. अपूर्व ने अपने इस पोस्ट में फिल्म के डायरेक्टर हंसल मेहता को चुनौती देते हुए कहा है कि मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे दोस्त हंसल मेहता हिम्मत दिखाएं और या तो मना करें या मेरी कहानी को सपोर्ट करें.
बता दें कि अपूर्व असरानी मनोज वाजपेयी अभिनीत 'अलीगढ़', 'सिटीलाइट', 'शाहिद' जैसी फिल्में लिख चुके हैं. अपूर्व ने अपने इस पोस्ट में फिल्म के डायरेक्टर हंसल मेहता को चुनौती देते हुए कहा है कि मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे दोस्त हंसल मेहता हिम्मत दिखाएं और या तो मना करें या मेरी कहानी को सपोर्ट करें. |
नोटबंदी : भारत सरकार के फैसले का असर अब तक जारी है- पेप्सिको की इंदिरा नूई | पेप्सिको की भारतीय मूल की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में भारत में कंपनी का कारोबार विशेष तौर पर प्रभावित हुआ है और इसका असर अभी भी बना हुआ है. वहीं नोटों की उपलब्धता को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा- भारतीय रिजर्व बैंक के नोट छपाई कारखानों में मुद्रा की कोई कमी नहीं, भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने नोटबंदी के बाद कुछ हफ्तों में ही सामान्य स्थिति सुनिश्चित की है.
दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इससे खुदरा व्यापारी भी प्रभावित हुए हैं. अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है. उनसे पूछा गया था कि नोटबंदी का पेप्सी के शीतल पेय और स्नेक्स के कारोबार पर क्या असर पड़ा है, इस पर नूई ने कहा कि भारत सरकार के इस फैसले का प्रभाव अब तक जारी है. उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अभी भी निश्चित नहीं हैं कि संकट का दौर खत्म हो चुका है या नहीं.
उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा. टिप्पणियां
पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है, हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिसंबर 2016 में खत्म हुई अंतिम तिमाही में प्राप्त मुनाफे के बारे में नूई ने कहा, नोटबंदी से लगभग पूरा उद्योग जगत, खासकर डिब्बाबंद उपभोक्ता सामान वाला क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इससे खुदरा व्यापारी भी प्रभावित हुए हैं. अंतिम तिमाही में नोटबंदी का भारत में पेप्सी के कारोबार पर भी असर पड़ा है. उनसे पूछा गया था कि नोटबंदी का पेप्सी के शीतल पेय और स्नेक्स के कारोबार पर क्या असर पड़ा है, इस पर नूई ने कहा कि भारत सरकार के इस फैसले का प्रभाव अब तक जारी है. उन्होंने कहा कि इस बारे में वह अभी भी निश्चित नहीं हैं कि संकट का दौर खत्म हो चुका है या नहीं.
उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा. टिप्पणियां
पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है, हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि नीति के क्रियान्वयन की अपनी चुनौतियां होती हैं, हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल जून में खत्म होने वाली दूसरी तिमाही तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा. टिप्पणियां
पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है, हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पेप्सिको को वर्ष 2016 की अंतिम तिमाही में 19.51 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था जो वर्ष 2015 में इसी दौरान प्राप्त 18.58 अरब डॉलर से पांच फीसदी अधिक है, हालांकि इस दौरान कुल आय में 18 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
इंटरनेट पर वायरल हो रही शादी के 62 साल बाद 'अलग' हुए इस दंपति की यह तस्वीर | कनाडा के एक बुजुर्ग जोड़े की एक तस्वीर इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रही है. इस तस्वीर में यह जोड़ा रोते हुए नजर आ रहा है. यह तस्वीर इस दंपति की पोती एश्ले बायरिक ने फेसबुक पर शेयर किया है, शेयर होने के बाद से अब तक इसे साढ़े सात हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
इस फोटो के साथ एश्ले ने अपने दादा वोल्फ्राम गॉटशाल्क और दादी अनीता की कहानी भी साझा की है. उन्होंने लिखा, 'यह अब तक की सबसे दुखी करने वाली तस्वीर है जो मैंने क्लिक की है. ये मेरे दादा-दादी हैं जिनके आंसू नहीं रुक रहे.'
एश्ले ने बताया कि उनके दादा-दादी 62 साल से साथ हैं लेकिन पिछले आठ महीने से उन्हें अलग रहना पड़ रहा है क्योंकि वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत जिस नर्सिंग सेंटर में उनकी दादी रह रही हैं वहां उनके दादा को रखने की जगह नहीं है और वह पिछले आठ महीनों से इसके लिए इंतजार कर रहे हैं.
एश्ले के पोस्ट के अनुसार हाल ही में गॉटशाल्क को लिमफोमा कैंसर होने का पता चला है और उम्र के साथ उनकी मानसिक बीमारी भी बढ़ती जा रही है. एश्ले ने लिखा, '...लेकिन मेरी दादी को लेकर उनकी कोई भी याददाश्त एक इंच भी कम नहीं हुई. लेकिन हमें डर है कि ज्यादा वक्त तक अलग रहने से ऐसा न हो जाए. यह हमारे परिवार के लिए चिंता का विषय है. इसलिए हर दूसरे दिन हम दादी को उनसे मिलाने लेकर जाते हैं.'टिप्पणियां
एश्ले ने लिखा, 'उन्हें कैंसर होने की खबर के बाद यह हमारे लिए और जरूरी हो गया है कि दोनों एक ही नर्सिंग केयर सेंटर में साथ रह सकें. अभी वह जहां हैं वहां उनका उचित ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है.'
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है.
इस फोटो के साथ एश्ले ने अपने दादा वोल्फ्राम गॉटशाल्क और दादी अनीता की कहानी भी साझा की है. उन्होंने लिखा, 'यह अब तक की सबसे दुखी करने वाली तस्वीर है जो मैंने क्लिक की है. ये मेरे दादा-दादी हैं जिनके आंसू नहीं रुक रहे.'
एश्ले ने बताया कि उनके दादा-दादी 62 साल से साथ हैं लेकिन पिछले आठ महीने से उन्हें अलग रहना पड़ रहा है क्योंकि वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत जिस नर्सिंग सेंटर में उनकी दादी रह रही हैं वहां उनके दादा को रखने की जगह नहीं है और वह पिछले आठ महीनों से इसके लिए इंतजार कर रहे हैं.
एश्ले के पोस्ट के अनुसार हाल ही में गॉटशाल्क को लिमफोमा कैंसर होने का पता चला है और उम्र के साथ उनकी मानसिक बीमारी भी बढ़ती जा रही है. एश्ले ने लिखा, '...लेकिन मेरी दादी को लेकर उनकी कोई भी याददाश्त एक इंच भी कम नहीं हुई. लेकिन हमें डर है कि ज्यादा वक्त तक अलग रहने से ऐसा न हो जाए. यह हमारे परिवार के लिए चिंता का विषय है. इसलिए हर दूसरे दिन हम दादी को उनसे मिलाने लेकर जाते हैं.'टिप्पणियां
एश्ले ने लिखा, 'उन्हें कैंसर होने की खबर के बाद यह हमारे लिए और जरूरी हो गया है कि दोनों एक ही नर्सिंग केयर सेंटर में साथ रह सकें. अभी वह जहां हैं वहां उनका उचित ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है.'
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है.
एश्ले ने बताया कि उनके दादा-दादी 62 साल से साथ हैं लेकिन पिछले आठ महीने से उन्हें अलग रहना पड़ रहा है क्योंकि वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत जिस नर्सिंग सेंटर में उनकी दादी रह रही हैं वहां उनके दादा को रखने की जगह नहीं है और वह पिछले आठ महीनों से इसके लिए इंतजार कर रहे हैं.
एश्ले के पोस्ट के अनुसार हाल ही में गॉटशाल्क को लिमफोमा कैंसर होने का पता चला है और उम्र के साथ उनकी मानसिक बीमारी भी बढ़ती जा रही है. एश्ले ने लिखा, '...लेकिन मेरी दादी को लेकर उनकी कोई भी याददाश्त एक इंच भी कम नहीं हुई. लेकिन हमें डर है कि ज्यादा वक्त तक अलग रहने से ऐसा न हो जाए. यह हमारे परिवार के लिए चिंता का विषय है. इसलिए हर दूसरे दिन हम दादी को उनसे मिलाने लेकर जाते हैं.'टिप्पणियां
एश्ले ने लिखा, 'उन्हें कैंसर होने की खबर के बाद यह हमारे लिए और जरूरी हो गया है कि दोनों एक ही नर्सिंग केयर सेंटर में साथ रह सकें. अभी वह जहां हैं वहां उनका उचित ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है.'
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है.
एश्ले के पोस्ट के अनुसार हाल ही में गॉटशाल्क को लिमफोमा कैंसर होने का पता चला है और उम्र के साथ उनकी मानसिक बीमारी भी बढ़ती जा रही है. एश्ले ने लिखा, '...लेकिन मेरी दादी को लेकर उनकी कोई भी याददाश्त एक इंच भी कम नहीं हुई. लेकिन हमें डर है कि ज्यादा वक्त तक अलग रहने से ऐसा न हो जाए. यह हमारे परिवार के लिए चिंता का विषय है. इसलिए हर दूसरे दिन हम दादी को उनसे मिलाने लेकर जाते हैं.'टिप्पणियां
एश्ले ने लिखा, 'उन्हें कैंसर होने की खबर के बाद यह हमारे लिए और जरूरी हो गया है कि दोनों एक ही नर्सिंग केयर सेंटर में साथ रह सकें. अभी वह जहां हैं वहां उनका उचित ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है.'
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है.
एश्ले के पोस्ट के अनुसार हाल ही में गॉटशाल्क को लिमफोमा कैंसर होने का पता चला है और उम्र के साथ उनकी मानसिक बीमारी भी बढ़ती जा रही है. एश्ले ने लिखा, '...लेकिन मेरी दादी को लेकर उनकी कोई भी याददाश्त एक इंच भी कम नहीं हुई. लेकिन हमें डर है कि ज्यादा वक्त तक अलग रहने से ऐसा न हो जाए. यह हमारे परिवार के लिए चिंता का विषय है. इसलिए हर दूसरे दिन हम दादी को उनसे मिलाने लेकर जाते हैं.'टिप्पणियां
एश्ले ने लिखा, 'उन्हें कैंसर होने की खबर के बाद यह हमारे लिए और जरूरी हो गया है कि दोनों एक ही नर्सिंग केयर सेंटर में साथ रह सकें. अभी वह जहां हैं वहां उनका उचित ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है.'
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है.
एश्ले ने लिखा, 'उन्हें कैंसर होने की खबर के बाद यह हमारे लिए और जरूरी हो गया है कि दोनों एक ही नर्सिंग केयर सेंटर में साथ रह सकें. अभी वह जहां हैं वहां उनका उचित ख्याल भी नहीं रखा जा रहा है.'
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है.
गॉटशाल्क व्हीलचेयर पर हैं. उनकी पोती का कहना है कि इसकी वजह है कि पिछले आठ महीनों से उन्हें पैदल चलाया ही नहीं गया है. एश्ले ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक, शारीरिक और मानसिक रूप से थक चुका है, उन्होंने स्थानीय एमएलए से लेकर हर ऐसे व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जो उनकी मदद कर सकता है लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए मदद की अपील की है. |
केन्या की महिला ने नाइजीरिया के नागरिक पर बलात्कार का आरोप लगाया | उन्होंने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है.
(इनपुट भाषा से) |
खराब बैटरी के कारण लग रही थी सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 में आग : सरकारी रिपोर्ट | सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की गैलेक्सी नोट 7 की बैटरियों में खराबी के कारण ही इस फोन के फटने की कई घटनाएं हुई थी, जिसके बाद कंपनी को इस फोन का उत्पादन रोककर दुनिया भर में अपने फोन को वापस मंगाना पड़ा था. दक्षिण कोरिया की उत्पाद सुरक्षा प्रहरी की जांच रिपोर्ट में यह बताया गया है.
समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया की प्रौद्योगिकी और मानकों की जांच और निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसी ने इस स्मार्टफोन के हार्डवेयर डिजायन या सॉफ्टवेयर में कोई खराबी नहीं पाई है. सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी पिछले महीने जारी अपनी जांच में यही नतीजा निकाला था.टिप्पणियां
सैमसंग ने कहा था, "हमारी जांच से पता चला है कि नोट 7 की घटनाओं के पीछे उसकी बैटरी में खराबी का हाथ था." दक्षिण कोरिया की व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रौद्योगिकी और मानकों की कोरियाई एजेंसी ने पाया कि गैलेक्सी नोट 7 में लगी बैटरियां खराब थी, जबकि कुछ बैटरियों में इंसुलेसन मैटेरियल भी नहीं था. रिपोर्ट में कहा गया, "बैटरियों की खराबी के कारण ही आग लगने की घटनाएं हुई है, क्योंकि हमने स्मार्टफोन में किसी किस्म की खराबी को नहीं पाया."
रिपोर्ट में कहा गया कि बैटरी निर्माता सुरक्षा की समस्या से निपटने में नाकामयाब रहे क्योंकि यह महंगे स्मार्टफोन के लिए नई इजाद की गई उच्च क्षमता की बैटरी थी. गैलेक्सी नोट 7 पिछले साल अगस्त में दुनिया भर में लॉन्च किया गया लेकिन इसमें आग लगने की कई घटनाओं के बाद सैमसंग ने इसे अक्टूबर में रिकॉल कर लिया.
समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया की प्रौद्योगिकी और मानकों की जांच और निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसी ने इस स्मार्टफोन के हार्डवेयर डिजायन या सॉफ्टवेयर में कोई खराबी नहीं पाई है. सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी पिछले महीने जारी अपनी जांच में यही नतीजा निकाला था.टिप्पणियां
सैमसंग ने कहा था, "हमारी जांच से पता चला है कि नोट 7 की घटनाओं के पीछे उसकी बैटरी में खराबी का हाथ था." दक्षिण कोरिया की व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रौद्योगिकी और मानकों की कोरियाई एजेंसी ने पाया कि गैलेक्सी नोट 7 में लगी बैटरियां खराब थी, जबकि कुछ बैटरियों में इंसुलेसन मैटेरियल भी नहीं था. रिपोर्ट में कहा गया, "बैटरियों की खराबी के कारण ही आग लगने की घटनाएं हुई है, क्योंकि हमने स्मार्टफोन में किसी किस्म की खराबी को नहीं पाया."
रिपोर्ट में कहा गया कि बैटरी निर्माता सुरक्षा की समस्या से निपटने में नाकामयाब रहे क्योंकि यह महंगे स्मार्टफोन के लिए नई इजाद की गई उच्च क्षमता की बैटरी थी. गैलेक्सी नोट 7 पिछले साल अगस्त में दुनिया भर में लॉन्च किया गया लेकिन इसमें आग लगने की कई घटनाओं के बाद सैमसंग ने इसे अक्टूबर में रिकॉल कर लिया.
सैमसंग ने कहा था, "हमारी जांच से पता चला है कि नोट 7 की घटनाओं के पीछे उसकी बैटरी में खराबी का हाथ था." दक्षिण कोरिया की व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रौद्योगिकी और मानकों की कोरियाई एजेंसी ने पाया कि गैलेक्सी नोट 7 में लगी बैटरियां खराब थी, जबकि कुछ बैटरियों में इंसुलेसन मैटेरियल भी नहीं था. रिपोर्ट में कहा गया, "बैटरियों की खराबी के कारण ही आग लगने की घटनाएं हुई है, क्योंकि हमने स्मार्टफोन में किसी किस्म की खराबी को नहीं पाया."
रिपोर्ट में कहा गया कि बैटरी निर्माता सुरक्षा की समस्या से निपटने में नाकामयाब रहे क्योंकि यह महंगे स्मार्टफोन के लिए नई इजाद की गई उच्च क्षमता की बैटरी थी. गैलेक्सी नोट 7 पिछले साल अगस्त में दुनिया भर में लॉन्च किया गया लेकिन इसमें आग लगने की कई घटनाओं के बाद सैमसंग ने इसे अक्टूबर में रिकॉल कर लिया.
रिपोर्ट में कहा गया कि बैटरी निर्माता सुरक्षा की समस्या से निपटने में नाकामयाब रहे क्योंकि यह महंगे स्मार्टफोन के लिए नई इजाद की गई उच्च क्षमता की बैटरी थी. गैलेक्सी नोट 7 पिछले साल अगस्त में दुनिया भर में लॉन्च किया गया लेकिन इसमें आग लगने की कई घटनाओं के बाद सैमसंग ने इसे अक्टूबर में रिकॉल कर लिया. |
पीएम नरेंद्र मोदी से इसलिए नाराज है पटना विश्वविद्यालय परिवार | पीएम मोदी की बातों से एक बात तो स्पष्ट है कि लक्ष्मी की आवश्यकता तो पड़ती है मगर विश्वविद्यालय परिवार को अब कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने बलबूते केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा हासिल करना होगा. इस बात को लेकर विश्वविद्यालय परिवार खासा नाराज दिख रहा है. वहीं पटना विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह में शामिल होने के बाद भी पीएम का केंद्रीय विश्वविद्यालय देने की घोषणा नहीं करने से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी, यह भी तय है. आरजेडी खेमा, जो समारोह से दूर दिखा, नीतीश कुमार पर हमलावर होगा. क्योंकि नीतीश कुमार ने मंच से जिस प्रकार पीएम से आग्रह किया उसके बाद भी पीएम के घोषणा नहीं करने से जेडीयू के लिए भी बचाव करना मुश्किल होगा. |
महाराष्ट्र : भाजपा के विधायक लैम्बोर्गिनी में पहुंचे विधान भवन तो चौंक गए लोग... | महाराष्ट्र विधानमंडल के मुम्बई में जारी बजट सत्र में गुरुवार को सब लोग तब चौंक पड़े जब वहां जोरदार आवाज के साथ लैम्बोर्गिनी कार का आगमन हुआ. यह कार दुनिया की महंगी कारों में शुमार होती है. बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता इस महंगी कार में सवार थे. मेहता मुंबई से सटे उपनगर मीरा भायंदर से विधायक हैं. पेशे से कारोबारी मेहता बिल्डर बताए जाते हैं.टिप्पणियां
ज्ञात हो कि इससे पहले मेहता की यह महंगी लग्जरी कार विवादों में रही है. अपने इलाके में मेहता की पत्नी इसी कार में सवार थीं. तब वे कार से ऑटो को ठोकर मार चुकी हैं. मेहता ने इस मामले को नकार दिया था.
गुरुवार को अपनी चमचमाती कार से विधान भवन पहुंचे मेहता को जब न्यूज़ चैनलों और अख़बारों के कैमरों ने घेर लिया तो उन्होंने अचानक अपना रास्ता बदल लिया और सदन में जाने के बजाए वे यू टर्न लेकर चलते बने. ऐसे में लैम्बोर्गिनी को लेकर विधान भवन आने की वजह का खुलासा न हो सका.
ज्ञात हो कि इससे पहले मेहता की यह महंगी लग्जरी कार विवादों में रही है. अपने इलाके में मेहता की पत्नी इसी कार में सवार थीं. तब वे कार से ऑटो को ठोकर मार चुकी हैं. मेहता ने इस मामले को नकार दिया था.
गुरुवार को अपनी चमचमाती कार से विधान भवन पहुंचे मेहता को जब न्यूज़ चैनलों और अख़बारों के कैमरों ने घेर लिया तो उन्होंने अचानक अपना रास्ता बदल लिया और सदन में जाने के बजाए वे यू टर्न लेकर चलते बने. ऐसे में लैम्बोर्गिनी को लेकर विधान भवन आने की वजह का खुलासा न हो सका.
गुरुवार को अपनी चमचमाती कार से विधान भवन पहुंचे मेहता को जब न्यूज़ चैनलों और अख़बारों के कैमरों ने घेर लिया तो उन्होंने अचानक अपना रास्ता बदल लिया और सदन में जाने के बजाए वे यू टर्न लेकर चलते बने. ऐसे में लैम्बोर्गिनी को लेकर विधान भवन आने की वजह का खुलासा न हो सका. |
यौन उत्पीड़न की शिकार अभिनेत्री का नाम लेने पर महिला आयोग ने कमल हासन से माफी मांगने को कहा | राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने उस मलयाली अभिनेत्री की पहचान सार्वजनिक करने पर अभिनेता कमल हासन से माफी मांगने को कहा जिसका केरल में अपहरण के बाद चलती कार में यौन उत्पीड़न किया गया था. कुमारमंगलम ने कहा कि अभिनेता को पत्र भेजकर कहा गया है कि वह माफी मांगें या अपना बयान वापस लें. अभिनेता हासन ने ट्वीट किया कि वह माफी मांगने को तैयार हैं, लेकिन ‘आप वकील को दंडित कर रहे हैं और अपराधियों को छोड़ रहे हैं.’ अभिनेता कमल हासन ने गत बुधवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में फिल्म उद्योग में महिलाओं की सुरक्षा के सवाल पर अभिनेत्री का नाम ले लिया था.टिप्पणियां
यह कहे जाने पर कि यौन उत्पीड़न पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यदि नाम ले लिया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आपने उसका नाम सभी जगह लगा दिया है. नाम नहीं छुपाइये क्योंकि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यदि आप उसे द्रौपदी कहना चाहते हैं, उसे द्रौपदी कहिये. उसे ‘एक महिला’ नहीं कहिये.’ कुमारमंगलम ने कहा कि अभिनेता का बयान ‘वीआईपी, बड़े लोगों....चाहे वे राजनीति में हों या नहीं... के बीच ‘‘पितृसत्तात्मक मानसिकता’’ का खुलासा करता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह कहे जाने पर कि यौन उत्पीड़न पीड़ितों की पहचान सार्वजनिक नहीं की जानी चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यदि नाम ले लिया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. आपने उसका नाम सभी जगह लगा दिया है. नाम नहीं छुपाइये क्योंकि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यदि आप उसे द्रौपदी कहना चाहते हैं, उसे द्रौपदी कहिये. उसे ‘एक महिला’ नहीं कहिये.’ कुमारमंगलम ने कहा कि अभिनेता का बयान ‘वीआईपी, बड़े लोगों....चाहे वे राजनीति में हों या नहीं... के बीच ‘‘पितृसत्तात्मक मानसिकता’’ का खुलासा करता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
आपत्तिजनक सामग्री पर मुकदमा निजी हित से प्रेरित : याहू इंडिया | वेबसाइट पर आपत्तिजनक सामग्री से सम्बंधित मुकदमे का सामना कर रही याहू इंडिया ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उसके खिलाफ मुकदमा निजी हित से प्रेरित है और इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।
याहू इंडिया ने अदालत के निर्देश का जवाब देते हुए कहा, "यह मुकदमा पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।" अदालत ने 21 सोशल नेटवर्किं ग तथा अन्य वेबसाइटों को निर्देश दिया था कि वह आपत्तिजनक सामग्री हटाए। न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने छह फरवरी की सुनवाई में वेबसाइटों को निर्देश दिया था कि वे 15 दिनों के भीतर लिखित बयान दाखिल करें। साथ ही अदालत ने वेबसाइटों को आपत्तिजनक सामग्री दिखाने पर चेतावनी दी थी। मंगलवार को बयान दाखिल करने का आखिरी दिन था। याहू इंडिया ने अपना बयान 17 फरवरी को दाखिल किया था।
याहू इंडिया ने अदालत के निर्देश का जवाब देते हुए कहा, "यह मुकदमा पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।" अदालत ने 21 सोशल नेटवर्किं ग तथा अन्य वेबसाइटों को निर्देश दिया था कि वह आपत्तिजनक सामग्री हटाए। न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने छह फरवरी की सुनवाई में वेबसाइटों को निर्देश दिया था कि वे 15 दिनों के भीतर लिखित बयान दाखिल करें। साथ ही अदालत ने वेबसाइटों को आपत्तिजनक सामग्री दिखाने पर चेतावनी दी थी। मंगलवार को बयान दाखिल करने का आखिरी दिन था। याहू इंडिया ने अपना बयान 17 फरवरी को दाखिल किया था। |
Baahubali 2 का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज़, क्या मिलेगा कटप्पा वाले सवाल का जवाब... | इतना इंतज़ार तो शायद लोगों को विधानसभा चुनाव के नतीजों का भी नहीं रहा होगा, जितना की बाहुबली 2 के ट्रेलर का था. तो आखिरकार वह दिन आ ही गया जब बाहुबली 2 का ट्रेलर रिलीज़ हो ही गया. हाल ही में फिल्म का पोस्टर रिलीज़ हुआ था और अब फिल्म का ट्रेलर भी सोशल मीडिया पर ही नहीं, चाय की गुमटी पर भी चर्चा का विषय बन गया है.
फिल्म के दूसरे हिस्से का नाम बाहुबली - द कन्क्लूज़न (निष्कर्ष) है. यह दरअसल फिल्म के पहले हिस्से का प्रीक्वेल है. ट्रेलर में प्रभास को डबल रोल में देखा जा सकता है - वह महेंद्र बाहुबली और उसके पिता अमरेंद्र बाहुबली दोनों के रूप में दिखाई दे रहे हैं. वहीं राणा को युवा भलाला देवा के रूप में देखा जा रहा है. तमन्ना को अवंतिका के रूप में देखा जाएगा, वहीं अनुष्का और सत्यराज को देवसेना और कटप्पा के रोल में हैं.
'बाहुबली मूवी' के आधिकारिक यू्ट्यूब पेज के मुताबिक यह फिल्म हिंदी के साथ साथ तेलुगू, मल्यालम, तमिल समेत कई अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी रिलीज़ की जाएगी. जहां तक साल के उस सबसे बड़े सवाल की बात है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, तो उसका जवाब हम नहीं देंगे. ट्रेलर देखिए और इस अबूझ पहेली को खुद सुलझाने की कोशिश कीजिए. टिप्पणियां
गुरुवार को ट्विटर और फेसबुक पर 'बाहुबली 2' सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले विषयों में से एक है. किसी को फिल्म के विज़ुअल अच्छे लग रहे हैं तो कोई प्रभास की आवाज़ से प्रभावित है तो किसी को कटप्पा के बाहुबली को मारने का जवाब भी मिल गया है. तो अगर ट्रेलर देखकर आपको ज़रा भी अंदाज़ा मिला है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखिए.
फिल्म के दूसरे हिस्से का नाम बाहुबली - द कन्क्लूज़न (निष्कर्ष) है. यह दरअसल फिल्म के पहले हिस्से का प्रीक्वेल है. ट्रेलर में प्रभास को डबल रोल में देखा जा सकता है - वह महेंद्र बाहुबली और उसके पिता अमरेंद्र बाहुबली दोनों के रूप में दिखाई दे रहे हैं. वहीं राणा को युवा भलाला देवा के रूप में देखा जा रहा है. तमन्ना को अवंतिका के रूप में देखा जाएगा, वहीं अनुष्का और सत्यराज को देवसेना और कटप्पा के रोल में हैं.
'बाहुबली मूवी' के आधिकारिक यू्ट्यूब पेज के मुताबिक यह फिल्म हिंदी के साथ साथ तेलुगू, मल्यालम, तमिल समेत कई अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी रिलीज़ की जाएगी. जहां तक साल के उस सबसे बड़े सवाल की बात है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, तो उसका जवाब हम नहीं देंगे. ट्रेलर देखिए और इस अबूझ पहेली को खुद सुलझाने की कोशिश कीजिए. टिप्पणियां
गुरुवार को ट्विटर और फेसबुक पर 'बाहुबली 2' सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले विषयों में से एक है. किसी को फिल्म के विज़ुअल अच्छे लग रहे हैं तो कोई प्रभास की आवाज़ से प्रभावित है तो किसी को कटप्पा के बाहुबली को मारने का जवाब भी मिल गया है. तो अगर ट्रेलर देखकर आपको ज़रा भी अंदाज़ा मिला है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखिए.
'बाहुबली मूवी' के आधिकारिक यू्ट्यूब पेज के मुताबिक यह फिल्म हिंदी के साथ साथ तेलुगू, मल्यालम, तमिल समेत कई अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी रिलीज़ की जाएगी. जहां तक साल के उस सबसे बड़े सवाल की बात है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा, तो उसका जवाब हम नहीं देंगे. ट्रेलर देखिए और इस अबूझ पहेली को खुद सुलझाने की कोशिश कीजिए. टिप्पणियां
गुरुवार को ट्विटर और फेसबुक पर 'बाहुबली 2' सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले विषयों में से एक है. किसी को फिल्म के विज़ुअल अच्छे लग रहे हैं तो कोई प्रभास की आवाज़ से प्रभावित है तो किसी को कटप्पा के बाहुबली को मारने का जवाब भी मिल गया है. तो अगर ट्रेलर देखकर आपको ज़रा भी अंदाज़ा मिला है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखिए.
गुरुवार को ट्विटर और फेसबुक पर 'बाहुबली 2' सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले विषयों में से एक है. किसी को फिल्म के विज़ुअल अच्छे लग रहे हैं तो कोई प्रभास की आवाज़ से प्रभावित है तो किसी को कटप्पा के बाहुबली को मारने का जवाब भी मिल गया है. तो अगर ट्रेलर देखकर आपको ज़रा भी अंदाज़ा मिला है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखिए.
गुरुवार को ट्विटर और फेसबुक पर 'बाहुबली 2' सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले विषयों में से एक है. किसी को फिल्म के विज़ुअल अच्छे लग रहे हैं तो कोई प्रभास की आवाज़ से प्रभावित है तो किसी को कटप्पा के बाहुबली को मारने का जवाब भी मिल गया है. तो अगर ट्रेलर देखकर आपको ज़रा भी अंदाज़ा मिला है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा तो नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखिए. |
बजट 2019 : सीबीडीटी ने कहा- आर्थिक संपन्न लोगों से राष्ट्र निर्माण में ज्यादा योगदान की उम्मीद | सीबीडीटी के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा कि जो सुपर रिच हैं, उम्मीद है कि वे राष्ट्र निर्माण में ज्यादा योगदान देंगे. जो छोटे करदाता हैं उन्हें अंतरिम बजट में ही राहत दी गई थी. हम एक फेसलेस ई-स्टेटमेंट स्कीम ला रहे हैं ताकि करदाता को जवाब देने के लिए आयकर आफिस न जाना पड़े.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन पीके दास ने कहा कि सोने पर आयात शुल्क 2.5 प्रतिशत बढ़ाया गया है. इससे रिसोर्स मोबिलाइजेशन में मदद मिलेगी और गैर जरूरी आयात को निरुत्साहित किया जा सकेगा.
साफ है बजट का फोकस विकास के लिए साधन जुटाने पर है. अब देखना होगा कि वित्त मंत्री अपनी रणनीति में कितना कामयाब हो पाती हैं. |
बैडमिंटन : ताई जू यिंग ने ऑल इंग्लैंड ओपन चैम्पियनशिप का महिला सिंगल्स खिताब जीता | शीर्ष वरीय चीनी ताइपे की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ताई जू यिंग ने ऑल इंग्लैंड ओपन चैम्पियनशिप में महिला एकल वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया. सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त जू यिंग ने रविवार को हुए खिताबी मुकाबले में पूर्व विश्व चैम्पियन थाईलैंड की स्टार रातचानोक इंतानोन को हराया. जू यिंग ने पांचवीं वरीय इंतानोन को 51 मिनट तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में 21-16, 22-20 से मात दी. जू यिंग इसके साथ ही ऑल इंग्लैंड ओपन का महिला एकल खिताब जीतने वाली चीनी ताइपे की पहली खिलाड़ी भी बन गईं.
खिताब जीतने के बाद उन्होंने कहा, "यह बहुत कांटे का मैच था, इसलिए मैं जीत हासिल कर खुश हूं. मुझे नहीं लगता कि मैंने ज्यादा गलतियां कीं. स्कोर हमेशा नजदीक रहे. दूसरे गेम के दौरान मैं कई बार पिछड़ी, लेकिन मैं लगातार खुद से बोलती रही कि हिम्मत नहीं हारना है."
जू यिंग ने आगे कहा, "रातचानोक जब आक्रामक शॉट लगाती हैं, तो वह शानदार होती हैं. बहुत ही कुशल खिलाड़ी हैं, इसलिए मैंने अपने रक्षा पक्ष पर काफी काम किया. मैं उन अवसरों की तलाश कर रही थी, जब मैं उन्हें हरा सकूं." टूर्नामेंट के पुरुष युगल वर्ग का खिताब मार्कस फर्नाल्डी गिडेओन और केविन संयज सुकामुल्जो की इंडोनेशियाई जोड़ी ने जीता.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गिडेओन-सुकामुल्जो की जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में ली जुन्हुई और लियू यूचेन की चीनी जोड़ी को 21-19, 21-14 से हराया. दक्षिण कोरिया की चांग ये ना और ली सो ही की जोड़ी ने महिला युगल वर्ग के खिताब पर कब्जा जमाया.
दक्षिण कोरियाई जोड़ी ने डेनमार्क की कैमिला रायटर जुह्ल और क्रिस्टिना पेडर्सन की जोड़ी को 21-18, 21-13 से मात देते हुए खिताब अपने नाम किया.
मिश्रित युगल वर्ग का खिताब चीन के लू काई और हुआंग याकियोंग के नाम रहा. चीनी जोड़ी ने पहले गेम में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की मलेशियाई जोड़ी को 18-21, 21-19, 21-14 से हराया.टिप्पणियां
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खिताब जीतने के बाद उन्होंने कहा, "यह बहुत कांटे का मैच था, इसलिए मैं जीत हासिल कर खुश हूं. मुझे नहीं लगता कि मैंने ज्यादा गलतियां कीं. स्कोर हमेशा नजदीक रहे. दूसरे गेम के दौरान मैं कई बार पिछड़ी, लेकिन मैं लगातार खुद से बोलती रही कि हिम्मत नहीं हारना है."
जू यिंग ने आगे कहा, "रातचानोक जब आक्रामक शॉट लगाती हैं, तो वह शानदार होती हैं. बहुत ही कुशल खिलाड़ी हैं, इसलिए मैंने अपने रक्षा पक्ष पर काफी काम किया. मैं उन अवसरों की तलाश कर रही थी, जब मैं उन्हें हरा सकूं." टूर्नामेंट के पुरुष युगल वर्ग का खिताब मार्कस फर्नाल्डी गिडेओन और केविन संयज सुकामुल्जो की इंडोनेशियाई जोड़ी ने जीता.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गिडेओन-सुकामुल्जो की जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में ली जुन्हुई और लियू यूचेन की चीनी जोड़ी को 21-19, 21-14 से हराया. दक्षिण कोरिया की चांग ये ना और ली सो ही की जोड़ी ने महिला युगल वर्ग के खिताब पर कब्जा जमाया.
दक्षिण कोरियाई जोड़ी ने डेनमार्क की कैमिला रायटर जुह्ल और क्रिस्टिना पेडर्सन की जोड़ी को 21-18, 21-13 से मात देते हुए खिताब अपने नाम किया.
मिश्रित युगल वर्ग का खिताब चीन के लू काई और हुआंग याकियोंग के नाम रहा. चीनी जोड़ी ने पहले गेम में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की मलेशियाई जोड़ी को 18-21, 21-19, 21-14 से हराया.टिप्पणियां
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जू यिंग ने आगे कहा, "रातचानोक जब आक्रामक शॉट लगाती हैं, तो वह शानदार होती हैं. बहुत ही कुशल खिलाड़ी हैं, इसलिए मैंने अपने रक्षा पक्ष पर काफी काम किया. मैं उन अवसरों की तलाश कर रही थी, जब मैं उन्हें हरा सकूं." टूर्नामेंट के पुरुष युगल वर्ग का खिताब मार्कस फर्नाल्डी गिडेओन और केविन संयज सुकामुल्जो की इंडोनेशियाई जोड़ी ने जीता.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गिडेओन-सुकामुल्जो की जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में ली जुन्हुई और लियू यूचेन की चीनी जोड़ी को 21-19, 21-14 से हराया. दक्षिण कोरिया की चांग ये ना और ली सो ही की जोड़ी ने महिला युगल वर्ग के खिताब पर कब्जा जमाया.
दक्षिण कोरियाई जोड़ी ने डेनमार्क की कैमिला रायटर जुह्ल और क्रिस्टिना पेडर्सन की जोड़ी को 21-18, 21-13 से मात देते हुए खिताब अपने नाम किया.
मिश्रित युगल वर्ग का खिताब चीन के लू काई और हुआंग याकियोंग के नाम रहा. चीनी जोड़ी ने पहले गेम में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की मलेशियाई जोड़ी को 18-21, 21-19, 21-14 से हराया.टिप्पणियां
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, गिडेओन-सुकामुल्जो की जोड़ी ने खिताबी मुकाबले में ली जुन्हुई और लियू यूचेन की चीनी जोड़ी को 21-19, 21-14 से हराया. दक्षिण कोरिया की चांग ये ना और ली सो ही की जोड़ी ने महिला युगल वर्ग के खिताब पर कब्जा जमाया.
दक्षिण कोरियाई जोड़ी ने डेनमार्क की कैमिला रायटर जुह्ल और क्रिस्टिना पेडर्सन की जोड़ी को 21-18, 21-13 से मात देते हुए खिताब अपने नाम किया.
मिश्रित युगल वर्ग का खिताब चीन के लू काई और हुआंग याकियोंग के नाम रहा. चीनी जोड़ी ने पहले गेम में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की मलेशियाई जोड़ी को 18-21, 21-19, 21-14 से हराया.टिप्पणियां
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दक्षिण कोरियाई जोड़ी ने डेनमार्क की कैमिला रायटर जुह्ल और क्रिस्टिना पेडर्सन की जोड़ी को 21-18, 21-13 से मात देते हुए खिताब अपने नाम किया.
मिश्रित युगल वर्ग का खिताब चीन के लू काई और हुआंग याकियोंग के नाम रहा. चीनी जोड़ी ने पहले गेम में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की मलेशियाई जोड़ी को 18-21, 21-19, 21-14 से हराया.टिप्पणियां
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मिश्रित युगल वर्ग का खिताब चीन के लू काई और हुआंग याकियोंग के नाम रहा. चीनी जोड़ी ने पहले गेम में पिछड़ने के बाद जबरदस्त वापसी की और पेंग सून चान और लियू यिंग गोह की मलेशियाई जोड़ी को 18-21, 21-19, 21-14 से हराया.टिप्पणियां
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पूर्व सर्वोच्च विश्व वरीयता प्राप्त मलेशियाई दिग्गज ली चोंग वेई ने पुरुष एकल वर्ग का खिताब चौथी बार जीता. चोंग वेई ने फाइनल मैच में पदार्पण करने वाले चीन के शी यूकी को एकतरफा मुकाबले में 21-12, 21-10 से हराया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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जब अनुपम खेर ने सलमान और शाहरुख की तुलना करने से सोनम कपूर को रोका | बॉलीवुड में किसी भी सुपरस्टार की अपनी एक लॉबी होती है और ज़्यादातर लोग किसी न किसी लॉबी में प्रवेश करने की कोशिश करते हैं। लगता है सोनम कपूर की भी यही कोशिश और इच्छा है की वो सलमान ख़ान के ग्रुप में शामिल हो जाएं।
फ़िल्म 'सांवरिया' में सोनम ने सलमान के साथ डेब्यू किया था। उस फ़िल्म में सलमान की मेहमान भूमिका थी। सोनम कपूर को अब पहली बार सलमान की हीरोइन बनने का मौक़ा मिला है फ़िल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में। ऐसे में जब फ़िल्म का ट्रेलर जारी करने आई टीम के साथ सोनम आई तो उन्होंने शाहरुख़ पर चुटकी लेने की कोशिश की। हालांकि अनुपम खेर ने सोनम को संभाला और इशारा करके ऐसा करने से मना किया।
दरअसल ट्रेलर रिलीज़ के मौके पर 'प्रेम रतन धन पायो' के पोस्टर पर मीडिया ने सलमान से सवाल पूछा कि पोस्टर में आपको पीछे से क्यों दिखाया गया है? क्योंकि पोस्टर में सलमान की पीठ दिखाई गई है तब सलमान ने मीडिया से कहा 'तो क्या हुआ'। सलमान ने पीछे मुड़कर दोनों बांहें खोलकर कहा कि 'मैने प्यार किया' का लुक भी ऐसा ही था। सलमान ने रोमांटिक सीन के लिए वैसे ही बांहें खोली थी जैसे शाहरुख़ ख़ान अपनी दोनों बांहें खोलते हैं या यूं कहें कि शाहरुख़ का जो ट्रेड मार्क बन चुका है रोमांटिक सीन के लिए।टिप्पणियां
सलमान को जैसे ही सोनम ने ये कहते सुना कि 'मैंने प्यार किया' के समय ऐसा ही अंदाज़ था सलमान का, तुरंत सोनम ने कहा, 'शाहरुख़ से पहले सलमान ने ये किया है।' इससे पहले कि सोनम कुछ और कहती, उनके पिता के ख़ास दोस्त अनुपम खेर ने सोनम को कुछ और न कहने के लिए इशारा किया। इधर सलमान ने भी बड़ी ही चतुराई से टॉपिक को तुरंत बदल दिया।
अब ये सोनम का उत्साह था या कुछ और या फिर सलमान की लॉबी में बने रहने की कोशिश ये आप सोचिये।
फ़िल्म 'सांवरिया' में सोनम ने सलमान के साथ डेब्यू किया था। उस फ़िल्म में सलमान की मेहमान भूमिका थी। सोनम कपूर को अब पहली बार सलमान की हीरोइन बनने का मौक़ा मिला है फ़िल्म 'प्रेम रतन धन पायो' में। ऐसे में जब फ़िल्म का ट्रेलर जारी करने आई टीम के साथ सोनम आई तो उन्होंने शाहरुख़ पर चुटकी लेने की कोशिश की। हालांकि अनुपम खेर ने सोनम को संभाला और इशारा करके ऐसा करने से मना किया।
दरअसल ट्रेलर रिलीज़ के मौके पर 'प्रेम रतन धन पायो' के पोस्टर पर मीडिया ने सलमान से सवाल पूछा कि पोस्टर में आपको पीछे से क्यों दिखाया गया है? क्योंकि पोस्टर में सलमान की पीठ दिखाई गई है तब सलमान ने मीडिया से कहा 'तो क्या हुआ'। सलमान ने पीछे मुड़कर दोनों बांहें खोलकर कहा कि 'मैने प्यार किया' का लुक भी ऐसा ही था। सलमान ने रोमांटिक सीन के लिए वैसे ही बांहें खोली थी जैसे शाहरुख़ ख़ान अपनी दोनों बांहें खोलते हैं या यूं कहें कि शाहरुख़ का जो ट्रेड मार्क बन चुका है रोमांटिक सीन के लिए।टिप्पणियां
सलमान को जैसे ही सोनम ने ये कहते सुना कि 'मैंने प्यार किया' के समय ऐसा ही अंदाज़ था सलमान का, तुरंत सोनम ने कहा, 'शाहरुख़ से पहले सलमान ने ये किया है।' इससे पहले कि सोनम कुछ और कहती, उनके पिता के ख़ास दोस्त अनुपम खेर ने सोनम को कुछ और न कहने के लिए इशारा किया। इधर सलमान ने भी बड़ी ही चतुराई से टॉपिक को तुरंत बदल दिया।
अब ये सोनम का उत्साह था या कुछ और या फिर सलमान की लॉबी में बने रहने की कोशिश ये आप सोचिये।
दरअसल ट्रेलर रिलीज़ के मौके पर 'प्रेम रतन धन पायो' के पोस्टर पर मीडिया ने सलमान से सवाल पूछा कि पोस्टर में आपको पीछे से क्यों दिखाया गया है? क्योंकि पोस्टर में सलमान की पीठ दिखाई गई है तब सलमान ने मीडिया से कहा 'तो क्या हुआ'। सलमान ने पीछे मुड़कर दोनों बांहें खोलकर कहा कि 'मैने प्यार किया' का लुक भी ऐसा ही था। सलमान ने रोमांटिक सीन के लिए वैसे ही बांहें खोली थी जैसे शाहरुख़ ख़ान अपनी दोनों बांहें खोलते हैं या यूं कहें कि शाहरुख़ का जो ट्रेड मार्क बन चुका है रोमांटिक सीन के लिए।टिप्पणियां
सलमान को जैसे ही सोनम ने ये कहते सुना कि 'मैंने प्यार किया' के समय ऐसा ही अंदाज़ था सलमान का, तुरंत सोनम ने कहा, 'शाहरुख़ से पहले सलमान ने ये किया है।' इससे पहले कि सोनम कुछ और कहती, उनके पिता के ख़ास दोस्त अनुपम खेर ने सोनम को कुछ और न कहने के लिए इशारा किया। इधर सलमान ने भी बड़ी ही चतुराई से टॉपिक को तुरंत बदल दिया।
अब ये सोनम का उत्साह था या कुछ और या फिर सलमान की लॉबी में बने रहने की कोशिश ये आप सोचिये।
सलमान को जैसे ही सोनम ने ये कहते सुना कि 'मैंने प्यार किया' के समय ऐसा ही अंदाज़ था सलमान का, तुरंत सोनम ने कहा, 'शाहरुख़ से पहले सलमान ने ये किया है।' इससे पहले कि सोनम कुछ और कहती, उनके पिता के ख़ास दोस्त अनुपम खेर ने सोनम को कुछ और न कहने के लिए इशारा किया। इधर सलमान ने भी बड़ी ही चतुराई से टॉपिक को तुरंत बदल दिया।
अब ये सोनम का उत्साह था या कुछ और या फिर सलमान की लॉबी में बने रहने की कोशिश ये आप सोचिये।
अब ये सोनम का उत्साह था या कुछ और या फिर सलमान की लॉबी में बने रहने की कोशिश ये आप सोचिये। |
मोंटेक को घंटे भर में मिल गया डुप्लीकेट आधार कार्ड | विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार कार्ड उपलब्ध कराने में लगे अधिकारियों ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को उनका डुप्लीकेट (प्रतिलिपि) आधार कार्ड शनिवार को घंटे भर में उपलब्ध करा दिया।
दरअसल, अहलूवालिया ने आधार कार्ड प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक कार्यक्रम में बातों-बातों में कहा कि उनका आधार कार्ड गुम हो गया है। हालांकि उन्होंने यह उम्मीद नहीं जताई थी कि कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही घंटे भर में उन्हें डुप्लीकेट कार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा, क्योंकि यूआईडीएआई के पास तो कार्ड गुम होने या वितरण में देरी की हजारों शिकायतें हैं।टिप्पणियां
अहलूवालिया की बात सुनते ही प्राधिकरण के अधिकारी हरकत में आ गए और उन्होंने उनका डुप्लीकेट कार्ड कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही उन्हें उपलब्ध करा दिया। डुप्लीकेट आधार कार्ड इतनी जल्दी पाकर अहलूवालिया भी खुश दिखे और अपने कार्ड के साथ फोटो खिंचवाई।
अधिकारियों का कहना है कि यूआईडीएआई किसी नागरिक के फोन नंबर के जरिये आधार नंबर का पता लगा सकता है और आधार कार्ड बना सकता है।
दरअसल, अहलूवालिया ने आधार कार्ड प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक कार्यक्रम में बातों-बातों में कहा कि उनका आधार कार्ड गुम हो गया है। हालांकि उन्होंने यह उम्मीद नहीं जताई थी कि कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही घंटे भर में उन्हें डुप्लीकेट कार्ड उपलब्ध करा दिया जाएगा, क्योंकि यूआईडीएआई के पास तो कार्ड गुम होने या वितरण में देरी की हजारों शिकायतें हैं।टिप्पणियां
अहलूवालिया की बात सुनते ही प्राधिकरण के अधिकारी हरकत में आ गए और उन्होंने उनका डुप्लीकेट कार्ड कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही उन्हें उपलब्ध करा दिया। डुप्लीकेट आधार कार्ड इतनी जल्दी पाकर अहलूवालिया भी खुश दिखे और अपने कार्ड के साथ फोटो खिंचवाई।
अधिकारियों का कहना है कि यूआईडीएआई किसी नागरिक के फोन नंबर के जरिये आधार नंबर का पता लगा सकता है और आधार कार्ड बना सकता है।
अहलूवालिया की बात सुनते ही प्राधिकरण के अधिकारी हरकत में आ गए और उन्होंने उनका डुप्लीकेट कार्ड कार्यक्रम समाप्त होने से पहले ही उन्हें उपलब्ध करा दिया। डुप्लीकेट आधार कार्ड इतनी जल्दी पाकर अहलूवालिया भी खुश दिखे और अपने कार्ड के साथ फोटो खिंचवाई।
अधिकारियों का कहना है कि यूआईडीएआई किसी नागरिक के फोन नंबर के जरिये आधार नंबर का पता लगा सकता है और आधार कार्ड बना सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि यूआईडीएआई किसी नागरिक के फोन नंबर के जरिये आधार नंबर का पता लगा सकता है और आधार कार्ड बना सकता है। |
गोरेगांव फ्लैट मामला : कपिल शर्मा को मिली दो हफ्ते की राहत | कॉमेडियन कपिल शर्मा को गोरेगांव फ्लैट मामले में दो हफ्ते की राहत मिली है. बीएमसी ने जवाब देने के लिए हफ्ते भर का समय मांगा था. इस बीच अभिनेता इरफान खान और बिल्डिंग के एक और निवासी ने अर्जी दाखिल की है जिस पर अगली तारीख तक बीएमसी को जवाब देना है.
कपिल शर्मा ने बीएमसी अधिनियम की धारा 351 के तहत जारी 28 अप्रैल के नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने दावा किया था कि नोटिस दुर्भावनापूर्ण इरादे से जारी किया गया. बीएमसी ने अपने नोटिस में दावा किया था कि गोरेगांव में 18 मंजिला आवासीय इमारत डीएलएच इंक्लेव में कुछ निर्माण कार्य अवैध थे और उन्हें गिराना होगा. इसी इमारत में कपिल शर्मा, इरफान खान का फ्लैट है. बीएमसी अब अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकती.
कपिल शर्मा ने बीएमसी अधिनियम की धारा 351 के तहत जारी 28 अप्रैल के नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने दावा किया था कि नोटिस दुर्भावनापूर्ण इरादे से जारी किया गया. बीएमसी ने अपने नोटिस में दावा किया था कि गोरेगांव में 18 मंजिला आवासीय इमारत डीएलएच इंक्लेव में कुछ निर्माण कार्य अवैध थे और उन्हें गिराना होगा. इसी इमारत में कपिल शर्मा, इरफान खान का फ्लैट है. बीएमसी अब अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकती. |
'बलात्कारी को बचाने का महिला कांस्टेबल ने लिया था ठेका' | अदालत कक्ष के अंदर 75 वर्षीय बलात्कार पीड़िता पर दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार एक महिला ने आरोपी के परिजनों से समझौता किया था कि वह पीड़िता को आरोपी के खिलाफ गवाही नहीं देने के लिये मनाएगी। यह जानकारी पुलिस ने अदालत को दी है। केशवपुरम थाना के प्रभारी ने महिला की जमानत याचिका पर अदालत के नोटिस के जवाब में कहा कि आरोपी रेणु ने कथित बलात्कारी प्रह्लाद के पिता से ठेका लिया था कि वह पीड़िता को इस बात के लिए राजी करेगी कि वह आरोपी को अदालत में नहीं पहचाने। पुलिस ने कहा, यह मामला प्रकाश में आया है कि पिछले हफ्ते गिरफ्तार रेणु ने प्रह्लाद के पिता मोतीलाल से संपर्क किया था और उन्हें आश्वस्त किया था कि वह पीड़िता को मनाएगी कि वह सुनवाई के दौरान आरोपी की पहचान नहीं करे और उसके खिलाफ गवाही नहीं दे। पुलिस ने अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विद्या प्रकाश से कहा, मामले में अंतिम गवाही के बाद पहलाद के परिवार को पैसे का भुगतान करना होगा। पुलिस ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में पहलाद के पिता का बयान भी जोड़ा है। जमानत पर जिरह सुनने के बाद अदालत ने याचिका पर सुनवाई दो नवंबर तक स्थगित कर दी क्योंकि रेणु पर अभियोजन चलाने का आदेश देने वाले सत्र न्यायाधीश ने बलात्कार पीड़िता बुजुर्ग महिला का बयान दर्ज नहीं किया है। एसीएममए प्रकाश ने कहा, इस बात पर विवाद नहीं है कि सत्र अदालत के समक्ष पीड़िता का बयान दर्ज नहीं हुआ है। इस तरह अभियोजन के बयान के मुताबिक आरोपी रेणु की ओर से पीड़िता पर अदालत के समक्ष बयान नहीं देने की धमकी अब भी बरकरार है। रेणु को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ की अदालत में 19 अक्तूबर को बलात्कार के आरोपी को नहीं पहचानने का दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत के एक कर्मचारी ने न्यायाधीश को सूचित किया था कि रेणु बुजुर्ग महिला पर दबाव बना रही है कि वह आरोपी को अदालत कक्ष में नहीं पहचाने जिसके बाद एएसजे लाउ ने रेणु पर पीड़िता को धमकी देने के आरोप में अभियोजन चलाने का आदेश दिया था। |
भारतीय तीरंदाज़ों को मनोवैज्ञानिक की ज़रूरत! | भारत की स्टार तीरंदाज़ दीपिका कुमारी लगातार तीन साल से वर्ल्ड कप में सिल्वर जीत रही हैं। भारत के लिए यह एक बड़ी कामयाबी है।
लेकिन, ये भी सोचना पड़ेगा कि ये सिल्वर, गोल्ड में कैसे तब्दील होंगे जानकार मानते हैं कि भारतीय तीरंदाज़ों को स्पोर्ट्स, साइकोलोजिस्ट या मनोवैज्ञानिक की ज़रूरत है और दीपिका भी इससे इनकार नहीं करतीं।
वर्ल्ड कप के फ़ाइनल जैसे एलीट टूर्नामेंट में क्वालिफ़ाई करना ही किसी तीरंदाज़ के लिए फ़ख्र की बात है। ऐसे में पेरिस वर्ल्ड कप फाइनल में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक के लिए निशाना लगा रही दीपिका से फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें लगा रहे थे। लेकिन, दीपिका चूक गईं और एक टीस के साथ रजत पदक पर ही कब्ज़ा जमा पाईं।
अच्छी बात यह है कि वर्ल्ड नंबर तीन तीरंदाज़ दीपिका यह समझ रही हैं कि गोल्ड और सिल्वर के बीच एक फ़ासला है और इसे बिना एक्स्ट्रा कोशिश के नहीं पाटा जा सकता।
दीपिका कहती हैं, दक्षिण कोरिया की ओक−ही युन भी एक अच्छी तीरंदाज़ हैं। मैं हर बार उनसे कुछ सीखती हूं। मैं कोशिश कर रही हूं और एक बार उन्हें ज़रूर हराना चाहूंगी।
कोच धर्मेन्द्र तिवारी कहते हैं कि ओक−ही युन की उम्र 28 साल है जबकि दीपिका की सिर्फ़ 19 साल की है। यही नहीं ओक−ही युन ने लंदन ओलिंपिक्स में टीम का स्वर्ण और निजी कांस्य पदक जीता था। वह काफ़ी अनुभवी खिलाड़ी हैं। कोच धर्मेन्द्र कहते हैं कि दीपिका दरअसल अनुभव में मात खा गईं।
दीपिका एक अहम शॉट निर्धारित 20 सेकेंड्स के अंदर नहीं लगा पाईं और वर्ल्ड कप फ़ाइनल में स्वर्ण जीतने का एक शानदार मौका चूक गईं।
जानकार मानते हैं कि एथेंस ओलिंपिक्स से लेकर अब तक भारतीय तीरंदाज़ कई बार इतिहास कायम करने से चूक गए।
ये सब इससे उबरने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। दीपिका भी मानती हैं कि टीम के साथ एक स्पोर्ट्स साइकलोजिस्ट के होने से काफ़ी फ़र्क आ सकता है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
वर्ल्ड कप के फ़ाइनल जैसे एलीट टूर्नामेंट में क्वालिफ़ाई करना ही किसी तीरंदाज़ के लिए फ़ख्र की बात है। ऐसे में पेरिस वर्ल्ड कप फाइनल में लगातार तीसरी बार स्वर्ण पदक के लिए निशाना लगा रही दीपिका से फ़ैन्स बड़ी उम्मीदें लगा रहे थे। लेकिन, दीपिका चूक गईं और एक टीस के साथ रजत पदक पर ही कब्ज़ा जमा पाईं।
अच्छी बात यह है कि वर्ल्ड नंबर तीन तीरंदाज़ दीपिका यह समझ रही हैं कि गोल्ड और सिल्वर के बीच एक फ़ासला है और इसे बिना एक्स्ट्रा कोशिश के नहीं पाटा जा सकता।
दीपिका कहती हैं, दक्षिण कोरिया की ओक−ही युन भी एक अच्छी तीरंदाज़ हैं। मैं हर बार उनसे कुछ सीखती हूं। मैं कोशिश कर रही हूं और एक बार उन्हें ज़रूर हराना चाहूंगी।
कोच धर्मेन्द्र तिवारी कहते हैं कि ओक−ही युन की उम्र 28 साल है जबकि दीपिका की सिर्फ़ 19 साल की है। यही नहीं ओक−ही युन ने लंदन ओलिंपिक्स में टीम का स्वर्ण और निजी कांस्य पदक जीता था। वह काफ़ी अनुभवी खिलाड़ी हैं। कोच धर्मेन्द्र कहते हैं कि दीपिका दरअसल अनुभव में मात खा गईं।
दीपिका एक अहम शॉट निर्धारित 20 सेकेंड्स के अंदर नहीं लगा पाईं और वर्ल्ड कप फ़ाइनल में स्वर्ण जीतने का एक शानदार मौका चूक गईं।
जानकार मानते हैं कि एथेंस ओलिंपिक्स से लेकर अब तक भारतीय तीरंदाज़ कई बार इतिहास कायम करने से चूक गए।
ये सब इससे उबरने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। दीपिका भी मानती हैं कि टीम के साथ एक स्पोर्ट्स साइकलोजिस्ट के होने से काफ़ी फ़र्क आ सकता है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
अच्छी बात यह है कि वर्ल्ड नंबर तीन तीरंदाज़ दीपिका यह समझ रही हैं कि गोल्ड और सिल्वर के बीच एक फ़ासला है और इसे बिना एक्स्ट्रा कोशिश के नहीं पाटा जा सकता।
दीपिका कहती हैं, दक्षिण कोरिया की ओक−ही युन भी एक अच्छी तीरंदाज़ हैं। मैं हर बार उनसे कुछ सीखती हूं। मैं कोशिश कर रही हूं और एक बार उन्हें ज़रूर हराना चाहूंगी।
कोच धर्मेन्द्र तिवारी कहते हैं कि ओक−ही युन की उम्र 28 साल है जबकि दीपिका की सिर्फ़ 19 साल की है। यही नहीं ओक−ही युन ने लंदन ओलिंपिक्स में टीम का स्वर्ण और निजी कांस्य पदक जीता था। वह काफ़ी अनुभवी खिलाड़ी हैं। कोच धर्मेन्द्र कहते हैं कि दीपिका दरअसल अनुभव में मात खा गईं।
दीपिका एक अहम शॉट निर्धारित 20 सेकेंड्स के अंदर नहीं लगा पाईं और वर्ल्ड कप फ़ाइनल में स्वर्ण जीतने का एक शानदार मौका चूक गईं।
जानकार मानते हैं कि एथेंस ओलिंपिक्स से लेकर अब तक भारतीय तीरंदाज़ कई बार इतिहास कायम करने से चूक गए।
ये सब इससे उबरने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। दीपिका भी मानती हैं कि टीम के साथ एक स्पोर्ट्स साइकलोजिस्ट के होने से काफ़ी फ़र्क आ सकता है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
दीपिका कहती हैं, दक्षिण कोरिया की ओक−ही युन भी एक अच्छी तीरंदाज़ हैं। मैं हर बार उनसे कुछ सीखती हूं। मैं कोशिश कर रही हूं और एक बार उन्हें ज़रूर हराना चाहूंगी।
कोच धर्मेन्द्र तिवारी कहते हैं कि ओक−ही युन की उम्र 28 साल है जबकि दीपिका की सिर्फ़ 19 साल की है। यही नहीं ओक−ही युन ने लंदन ओलिंपिक्स में टीम का स्वर्ण और निजी कांस्य पदक जीता था। वह काफ़ी अनुभवी खिलाड़ी हैं। कोच धर्मेन्द्र कहते हैं कि दीपिका दरअसल अनुभव में मात खा गईं।
दीपिका एक अहम शॉट निर्धारित 20 सेकेंड्स के अंदर नहीं लगा पाईं और वर्ल्ड कप फ़ाइनल में स्वर्ण जीतने का एक शानदार मौका चूक गईं।
जानकार मानते हैं कि एथेंस ओलिंपिक्स से लेकर अब तक भारतीय तीरंदाज़ कई बार इतिहास कायम करने से चूक गए।
ये सब इससे उबरने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। दीपिका भी मानती हैं कि टीम के साथ एक स्पोर्ट्स साइकलोजिस्ट के होने से काफ़ी फ़र्क आ सकता है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
कोच धर्मेन्द्र तिवारी कहते हैं कि ओक−ही युन की उम्र 28 साल है जबकि दीपिका की सिर्फ़ 19 साल की है। यही नहीं ओक−ही युन ने लंदन ओलिंपिक्स में टीम का स्वर्ण और निजी कांस्य पदक जीता था। वह काफ़ी अनुभवी खिलाड़ी हैं। कोच धर्मेन्द्र कहते हैं कि दीपिका दरअसल अनुभव में मात खा गईं।
दीपिका एक अहम शॉट निर्धारित 20 सेकेंड्स के अंदर नहीं लगा पाईं और वर्ल्ड कप फ़ाइनल में स्वर्ण जीतने का एक शानदार मौका चूक गईं।
जानकार मानते हैं कि एथेंस ओलिंपिक्स से लेकर अब तक भारतीय तीरंदाज़ कई बार इतिहास कायम करने से चूक गए।
ये सब इससे उबरने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। दीपिका भी मानती हैं कि टीम के साथ एक स्पोर्ट्स साइकलोजिस्ट के होने से काफ़ी फ़र्क आ सकता है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
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इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
जानकार मानते हैं कि एथेंस ओलिंपिक्स से लेकर अब तक भारतीय तीरंदाज़ कई बार इतिहास कायम करने से चूक गए।
ये सब इससे उबरने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं। दीपिका भी मानती हैं कि टीम के साथ एक स्पोर्ट्स साइकलोजिस्ट के होने से काफ़ी फ़र्क आ सकता है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
तीरंदाज़ी संघ के कर्ता−धर्ता इस ज़रूरत को जल्दी ही पूरा करने का आश्वासन दे रहे हैं। भारतीय तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा कहते हैं कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण साई से इसके लिए गुज़ारिश की है कि टीम के साथ एक फ़ुल टाइम मनोवैज्ञानिक रहे।टिप्पणियां
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
भारतीय तीरंदाज़ों को इस महीने के आखिर में टर्की में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेना है, जहां एक बार फिर इन्हें दबाव के इम्तिहान में अपनी ज़रूरतों को परखने का मौका मिल सकता है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
इसमें कोई शक नहीं कि दीपिका ने ऐतिहासिक कामयाबी की है और उसे सराहा भी जाएगा, लेकिन ये भी सही है कि कई बड़े टूर्नामेंटों में भारतीय तीरंदाज़ों से छोटी चूक हुई है और उसका बड़ा खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। ज़ाहिर है टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों को इसकी वजहों को जानने और उस पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है। |
'कांग्रेस की बदहाली के लिए इंदिरा जिम्मेदार' | कांग्रेस पर लिखी गई एक किताब में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को हिन्दी भाषी प्रदेशों खासतौर पर उत्तर प्रदेश में पार्टी के चुनावी आधार को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। पुस्तक ए सेंटिनरी हिस्टरी ऑफ दि इंडियन नेशनल कांग्रेस शृंखला के पांचवें अंक में लिखा गया है कि इंदिरा गांधी ने जमीनी स्तर तक जाने की कोशिश तो की, लेकिन अपने करीबी सहयोगियों की मदद से पार्टी के ढांचे में परिवर्तन शीर्ष स्तर से किया, जिसका नियंत्रण कम लोगों के पास रहा। इससे कांग्रेस का मूल सांगठनिक स्वरूप चरमरा गया, जो कुछ राज्यों में पार्टी की मजबूती का आधार था। पुस्तक के मुताबिक, 1980 के दशक के मध्य तक संगठन को और पार्टी के चुनावी आधार को काफी नुकसान हो चुका था, जिससे अब तक यह उबर नहीं सकी है। पार्टी के नियंत्रण के उनके प्रयासों ने आतंरिक लोकतंत्र को समाप्त किया जिसके चलते उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में पार्टी की शाखाओं का पतन हुआ। गौरतलब है कि पार्टी के 125 साल पूरे होने के मौके पर वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में संपादकों के एक समूह ने इस पुस्तक को तैयार किया है, जिसमें कांग्रेस को प्रभावित करने वाले अनेक मुद्दों का बखान और विश्लेषण किया गया है। किताब की प्रस्तावना में मुखर्जी ने कहा है कि कांग्रेस चाहती थी कि इस अंक का संपादन विशेषज्ञ करें और इसमें अपना योगदान दें, ताकि जिस अवधि की समीक्षा की जा रही है उस पर एक उद्देश्यपरक और विद्वानों का नजरिया सामने आए और जरूरी नहीं है कि वह पार्टी का दृष्टिकोण हो।प्रणब मुखर्जी ने लिखा है कि पुस्तक में लेखकों द्वारा व्यक्त विचार कांग्रेस पार्टी के नजरिये को नहीं झलकाते। यह 1964 से 1984 के बीच की अवधि का कांग्रेस का आधिकारिक इतिहास नहीं है। कांग्रेस के इतिहास में आपातकाल समेत अन्य अप्रिय अध्यायों की गहराई से पड़ताल करने वाली पुस्तक के इस अंक में 1964 से 1984 की अवधि को शामिल किया गया है, जिसमें एक बड़ा हिस्सा दिवंगत इंदिरा गांधी पर केंद्रित है। पुस्तक में उक्त अवधि के दौरान हुए छह चुनावों में राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य की पड़ताल करते हुए एक लेख में सुधा पई लिखती हैं, जिस वक्त देश में और पार्टी में हालात (इंदिरा) गांधी के परिवर्तन के दृष्टिकोण को हासिल करने के लिहाज से परिपक्व थे, वह व्यक्तिगत केंद्रित राजनीति में चली गईं, जिसके नतीजतन उनके हाथों में सत्ता का केंद्रीकरण हुआ। लेख के अनुसार इंदिरा ने आम सहमति वाले नेतृत्व के बजाय व्यक्तिगत सोच वाली राजनीति को अपनाया। इसके मुताबिक, उन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाया, मध्यवर्ती नेतृत्व तथा सलाह मशविरा से फैसला लेने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया और अपने लिए व्यक्तिगत तौर पर जवाबदेह पदाधिकारियों के साथ बिना लोकतांत्रिक ढांचे के इसका पुनर्निर्माण किया। पुस्तक में लिखा है, (इंदिरा) गांधी को देशभर के राज्यों में तमाम सक्षम नेताओं के साथ एक भलीभांति संगठित पार्टी विरासत में मिली थी। लेकिन पार्टी मशीनरी की उपेक्षा करने के चलते उन्होंने एक दलीय प्रभुत्व की अवनति की और विशेष तौर पर उत्तर भारत में पार्टी संगठन के दीर्घकालिक क्षय की प्रक्रिया की शुरुआत की। लेखकों का विचार है कि इन घटनाक्रमों का तत्काल प्रभाव महसूस नहीं किया गया और 1990 के दशक में पार्टी को नुकसान होता देखा गया। इन घटनाक्रमों ने संयुक्त तौर पर पार्टी के सामाजिक और क्षेत्रीय आधार पर और इसके चुनावी भविष्य को नुकसान पहुंचाया। पुस्तक के अनुसार, केंद्रीकरण का अहम परिणाम प्रदेशों में कांग्रेस पार्टी मशीनरी के क्षय और विघटन के तौर पर हुआ। इसके मुताबिक इंदिरा गांधी के पास सत्ता के अधिकार के चलते पार्टी और सरकार में पिरामिड की तरह का निर्णय लेने वाला ढांचा बन गया। पुस्तक में लिखा गया है, उत्तर प्रदेश, जो कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण प्रदेश था, में 1977 के बाद पार्टी की 800 सहकारी समितियों में कोई चुनाव नहीं हुआ, जो कि स्थानीय विधानसभाओं से महत्वपूर्ण तरीके से संबंधित थीं। इसके अनुसार, 1950 और 1960 के दशक की तुलना में 1970 के दशक के मध्य तक पार्टी में मुश्किल से ही राजनीतिक शक्ति के स्वतंत्र आधार वाले राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता थे। |
तालिबान ने पाकिस्तान सरकार को दी चेतावनी, 'हम पंजाब में पहुंच गए हैं' | ईस्टर के दिन लाहौर के एक भीड़भाड़ वाले पार्क में हुए नृशंस हमले के पीछे मौजूद पाकिस्तानी तालिबान धड़े ने चेतावनी दी है कि यह आतंकवादी हमला पंजाब में उनके पहुंचने के बारे में सरकार को संदेश देता है। इस हमले में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर मंगलवार को 74 हो गई, क्योंकि दो और लोगों ने चोट के चलते दम तोड़ दिया।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से अलग हुए गुट जमातउल अहरार ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उन्होंने ईसाइयों को निशाना बनाने के लिए यह हमला किया।टिप्पणियां
हमले के बाद संगठन के प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, 'नवाज शरीफ को जानना चाहिए कि लड़ाई उनके दरवाजे तक पहुंच चुकी है और अल्लाह की इच्छा है कि इस युद्ध में मुजाहिदीन की जीत हो।' वहीं, आपात सेवा बचाव विभाग प्रवक्ता दीबा शाहनाज ने कहा, 'लाहौर के दो गंभीर रूप से घायल किशोरों की जिन्ना अस्पताल में मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 74 हो गई।' शाहनाज ने बताया कि 100 से अधिक घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 203 को वहां से छुट्टी दे दी गई है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से अलग हुए गुट जमातउल अहरार ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उन्होंने ईसाइयों को निशाना बनाने के लिए यह हमला किया।टिप्पणियां
हमले के बाद संगठन के प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, 'नवाज शरीफ को जानना चाहिए कि लड़ाई उनके दरवाजे तक पहुंच चुकी है और अल्लाह की इच्छा है कि इस युद्ध में मुजाहिदीन की जीत हो।' वहीं, आपात सेवा बचाव विभाग प्रवक्ता दीबा शाहनाज ने कहा, 'लाहौर के दो गंभीर रूप से घायल किशोरों की जिन्ना अस्पताल में मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 74 हो गई।' शाहनाज ने बताया कि 100 से अधिक घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 203 को वहां से छुट्टी दे दी गई है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हमले के बाद संगठन के प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, 'नवाज शरीफ को जानना चाहिए कि लड़ाई उनके दरवाजे तक पहुंच चुकी है और अल्लाह की इच्छा है कि इस युद्ध में मुजाहिदीन की जीत हो।' वहीं, आपात सेवा बचाव विभाग प्रवक्ता दीबा शाहनाज ने कहा, 'लाहौर के दो गंभीर रूप से घायल किशोरों की जिन्ना अस्पताल में मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 74 हो गई।' शाहनाज ने बताया कि 100 से अधिक घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जबकि 203 को वहां से छुट्टी दे दी गई है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
Exclusive: PM की 'स्किल इंडिया' योजना का हाल, 4 साल में 69 लाख लोगों को ट्रेनिंग, लेकिन नौकरी 25 परसेंट को भी नहीं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'स्किल इंडिया' की हालत खस्ता है. साल 2016 में शुरू की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंतर्गत 11 नवंबर तक 69.03 लाख लोगों को ट्रेनिंग दी गई, लेकिन इसमें से मात्र 15.4 लाख लोगों को ही नौकरी मिल पाई, यानी 25 प्रतिशत से भी कम. चौंकाने वाली बात यह है कि इन 69 लाख लोगों में मात्र 26 को ही विदेश में नौकरी मिली. दूसरी तरफ, जिन लोगों को नौकरी मिली है उनका औसत वेतन मात्र 7800 रुपये प्रति माह है. दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य मो. नदीमुल हक ने सरकार से 'स्किल इंडिया' के तहत ट्रेनिंग, प्लेसमेंट और ओवरसीज इंप्लॉयमेंट आदि का लेखा-जोखा मांगा था, उनके सवालों के जवाब में सरकार ने जो डाटा उपलब्ध कराया है, वो चौंकाने वाला है.
कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री आरके सिंह ने जो डाटा उपलब्ध कराया है, उसके मुताबिक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंतर्गत 11 नवंबर 2019 तक 38.01 लाख लोगों को अल्पावधि प्रशिक्षण (Short Term Training) और 31.02 लाख लोगों को पूर्व शिक्षण मान्यता (Recognition of Prior Learning) के अंतर्गत ट्रेनिंग दी गई, लेकिन ट्रेनिंग के बाद भी नौकरी की हालत खस्ता है. 69.03 लाख लोगों में से करीब 22 फीसद को ही नौकरी मिली.
न्यूनतम वेतन से भी कम औसत सैलरी
सरकार के मुताबिक पीएमकेवीवाई (2016-20) के अंतर्गत ट्रेनिंग लेने वाले अभ्यर्थी को रोजगार अथवा मजदूरी रोजगार प्रदान किया जा रहा है, जिसमें मजदूरी के समान या न्यूनतम मजदूरी से अधिक वेतन मिलता है. लेकिन सरकार ने जो डाटा दिया है, वो चौंकाने वाला है. सरकार के मुताबिक पीएमकेवीवाई के अंतर्गत ट्रेनिंग लेने वाले अभ्यर्थियों का औसत वेतन लगभग 7800 रुपये प्रति माह ही है. जो कई राज्यों के न्यूनतम वेतन या न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. |
आलसी लोगों को भी छरहरा रखता है दूध | दूध में विटामिन बी3 जैसी संरचना वाले एक यौगिक के चमत्कारिक गुण सामने आए हैं। एक अध्ययन के मुताबिक आलसी जीवन शैली और वसा युक्त भोजन के बावजूद यह यौगिक आपको छरहरा बनाए रखता है।
एक प्रयोग में चूहे को नियासीन (विटामिन बी3) की संरचना वाले इस यौगिक निकोटिनामाइड राइबोसाइड (एनआर) की अधिक खुराक दी गई, साथ ही उसे उच्च वसायुक्त भोजन भी दिया गया। लेकिन एनआर के असर से चूहा मोटा नहीं हुआ। साथ ही उसके मांसपेशी की क्षमता बढ़ गई तथा तथा एनआर ने उसे मधुमेह से भी बचाए रखा। इसके अलावा इसका कोई नुकसान भी नहीं देखा गया।टिप्पणियां
विज्ञान पत्रिका सेल मेटोबोलिज्म के मुताबिक पोलिटेक्निक स्कूल ऑफ लाउसेन के वैज्ञानिक जोहान ने अपने स्विट्जरलैंड के विज्ञानी साथियों के साथ प्रयोग को अंजाम दिया और चूहे को एनआर की खुराक देने में वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के विज्ञानियों की मदद ली, जिन्होंने इस यौगिक की खोज में महत्चपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर एंथोनी सॉव ने कहा, "यह प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि जानवरों में एनआर के उपयोग से वे ही फायदे मिलते हैं, जो उन्हें कम कैलोरी युक्त भोजन और व्यायाम से मिलते हैं, भले ही वे अधिक कैलोरी युक्त भोजन करे और व्यायाम नहीं करे।"
एक प्रयोग में चूहे को नियासीन (विटामिन बी3) की संरचना वाले इस यौगिक निकोटिनामाइड राइबोसाइड (एनआर) की अधिक खुराक दी गई, साथ ही उसे उच्च वसायुक्त भोजन भी दिया गया। लेकिन एनआर के असर से चूहा मोटा नहीं हुआ। साथ ही उसके मांसपेशी की क्षमता बढ़ गई तथा तथा एनआर ने उसे मधुमेह से भी बचाए रखा। इसके अलावा इसका कोई नुकसान भी नहीं देखा गया।टिप्पणियां
विज्ञान पत्रिका सेल मेटोबोलिज्म के मुताबिक पोलिटेक्निक स्कूल ऑफ लाउसेन के वैज्ञानिक जोहान ने अपने स्विट्जरलैंड के विज्ञानी साथियों के साथ प्रयोग को अंजाम दिया और चूहे को एनआर की खुराक देने में वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के विज्ञानियों की मदद ली, जिन्होंने इस यौगिक की खोज में महत्चपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर एंथोनी सॉव ने कहा, "यह प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि जानवरों में एनआर के उपयोग से वे ही फायदे मिलते हैं, जो उन्हें कम कैलोरी युक्त भोजन और व्यायाम से मिलते हैं, भले ही वे अधिक कैलोरी युक्त भोजन करे और व्यायाम नहीं करे।"
विज्ञान पत्रिका सेल मेटोबोलिज्म के मुताबिक पोलिटेक्निक स्कूल ऑफ लाउसेन के वैज्ञानिक जोहान ने अपने स्विट्जरलैंड के विज्ञानी साथियों के साथ प्रयोग को अंजाम दिया और चूहे को एनआर की खुराक देने में वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के विज्ञानियों की मदद ली, जिन्होंने इस यौगिक की खोज में महत्चपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर एंथोनी सॉव ने कहा, "यह प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि जानवरों में एनआर के उपयोग से वे ही फायदे मिलते हैं, जो उन्हें कम कैलोरी युक्त भोजन और व्यायाम से मिलते हैं, भले ही वे अधिक कैलोरी युक्त भोजन करे और व्यायाम नहीं करे।"
वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर एंथोनी सॉव ने कहा, "यह प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि जानवरों में एनआर के उपयोग से वे ही फायदे मिलते हैं, जो उन्हें कम कैलोरी युक्त भोजन और व्यायाम से मिलते हैं, भले ही वे अधिक कैलोरी युक्त भोजन करे और व्यायाम नहीं करे।" |
पूर्वा एक्सप्रेस में परोसी गई वेज बिरयानी में निकली छिपकली, यात्री ने किया सुरेश प्रभु को ट्वीट | दरअसल हाल ही में सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया है कि ट्रेनों में सफर करते हुए पैंट्री कार से मंगाकर जो खाना आप खाते हैं, वो कहीं-कहीं तो इंसान के खाने लायक नहीं है. कई जगहों पर वो गंदे पानी से पकाया जाता है और दूषित होता है. चलती ट्रेनों में पैंट्री साफ-सुथरी होनी चाहिए, मगर आम तौर पर होती नहीं. देश के 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों की जांच के बाद ये नतीजा सीएजी ने निकाला है. संसद में पेश उसकी बिल्कुल ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि खाना कई जगहों पर ख़राब मिला; सामान आदमी के खाने लायक नहीं थे; खाने का सामान भी दूषित मिला; कहीं-कहीं एक्सपायरी के बाद का सामान मिला; यही नहीं, नलके के गंदे पानी का खाना पकाने में इस्तेमाल हुआ. मक्खी और धूल से बचाने के लिए खाना ढंका हुआ भी नहीं मिला और ट्रेनों में तिलचट्टे और चूहे मिले.
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कांवड़ियों के जद में आया Delhi-NCR का ट्रैफिक, कई जगहों पर 6 घंटे भयंकर जाम | दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में सावन के महीने के दौरान कांवड़ लेकर तीर्थ पर निकले यात्रियों के अनगिनत जत्थों के कारण सड़क पर भीषण जाम लगा हुआ है। ये जाम सुबह 5.30 बजे से लगा हुआ है जिस कारण पूरे दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक लगभग रुक सी गई है।
सोशल मीडिया में लोगों का गुस्सा पूरे उबाल पर है जहां लोग कांवड़ियों को रास्ता देने की प्रशासन की कोशिशों के बीच आम लोगों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना कि पूरे राजधानी क्षेत्र में जीवन ट्रैफिक बुरी तरह से चरमरा गयी है।
जिसके कारण दफ़्तर पहुंचने वाले लोग न तो समय पर दफ़्तर पहुंच सके हैं ना स्कूली बच्चे स्कूल। दिल्ली-गाज़ियाबाद इलाके से गुज़रने वाले एनएच-24 पर भयंकर जाम लगी है और लोग पिछले छह घंटे से सड़क पर फंसे हैं।
कई मार्गों को सिर्फ़ कांवड़ियों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है, इन रास्तों पर सिर्फ़ कांवड़ आ-जा पा रहे हैं। टिप्पणियां
कई जगहों पर केसरिया रंग के कपड़े पहने इन पर कांवड़ियों पर जाम लगाने और आम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की भी शिकायतें आ रहीं हैं। हर साल सावन के महीने ये कांवड़िये गंगी नदी से पवित्र जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं।
ज्या़दातर जगहों पर ये अपनी यात्रा पैदल ही करते हैं।
सोशल मीडिया में लोगों का गुस्सा पूरे उबाल पर है जहां लोग कांवड़ियों को रास्ता देने की प्रशासन की कोशिशों के बीच आम लोगों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना कि पूरे राजधानी क्षेत्र में जीवन ट्रैफिक बुरी तरह से चरमरा गयी है।
जिसके कारण दफ़्तर पहुंचने वाले लोग न तो समय पर दफ़्तर पहुंच सके हैं ना स्कूली बच्चे स्कूल। दिल्ली-गाज़ियाबाद इलाके से गुज़रने वाले एनएच-24 पर भयंकर जाम लगी है और लोग पिछले छह घंटे से सड़क पर फंसे हैं।
कई मार्गों को सिर्फ़ कांवड़ियों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है, इन रास्तों पर सिर्फ़ कांवड़ आ-जा पा रहे हैं। टिप्पणियां
कई जगहों पर केसरिया रंग के कपड़े पहने इन पर कांवड़ियों पर जाम लगाने और आम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की भी शिकायतें आ रहीं हैं। हर साल सावन के महीने ये कांवड़िये गंगी नदी से पवित्र जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं।
ज्या़दातर जगहों पर ये अपनी यात्रा पैदल ही करते हैं।
जिसके कारण दफ़्तर पहुंचने वाले लोग न तो समय पर दफ़्तर पहुंच सके हैं ना स्कूली बच्चे स्कूल। दिल्ली-गाज़ियाबाद इलाके से गुज़रने वाले एनएच-24 पर भयंकर जाम लगी है और लोग पिछले छह घंटे से सड़क पर फंसे हैं।
कई मार्गों को सिर्फ़ कांवड़ियों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है, इन रास्तों पर सिर्फ़ कांवड़ आ-जा पा रहे हैं। टिप्पणियां
कई जगहों पर केसरिया रंग के कपड़े पहने इन पर कांवड़ियों पर जाम लगाने और आम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की भी शिकायतें आ रहीं हैं। हर साल सावन के महीने ये कांवड़िये गंगी नदी से पवित्र जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं।
ज्या़दातर जगहों पर ये अपनी यात्रा पैदल ही करते हैं।
कई मार्गों को सिर्फ़ कांवड़ियों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है, इन रास्तों पर सिर्फ़ कांवड़ आ-जा पा रहे हैं। टिप्पणियां
कई जगहों पर केसरिया रंग के कपड़े पहने इन पर कांवड़ियों पर जाम लगाने और आम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की भी शिकायतें आ रहीं हैं। हर साल सावन के महीने ये कांवड़िये गंगी नदी से पवित्र जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं।
ज्या़दातर जगहों पर ये अपनी यात्रा पैदल ही करते हैं।
कई जगहों पर केसरिया रंग के कपड़े पहने इन पर कांवड़ियों पर जाम लगाने और आम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने की भी शिकायतें आ रहीं हैं। हर साल सावन के महीने ये कांवड़िये गंगी नदी से पवित्र जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाने जाते हैं।
ज्या़दातर जगहों पर ये अपनी यात्रा पैदल ही करते हैं।
ज्या़दातर जगहों पर ये अपनी यात्रा पैदल ही करते हैं। |
इराक : हिंसा के पीछे तेल का खेल? | अमेरिका ने दस साल पहले इराक पर जो हमला किया उसके पीछे कई वजहें बताई जाती हैं। हो भी सकती हैं, लेकिन ये भी सच है कि वहां तेल न होता तो अमेरिका वहां नहीं जाता। और दस साल पहले जिस लिए अमेरिका ने इराक पर हमला किया था, क्या वह तेल अब अल कायदा के हाथों में जाने वाला है।
आतंकी संगठन आईएसआईएस ने बगदाद के पहले बैजी में मुल्क की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी पर कब्जा किया। क्या इराक में अभी भी ये तमाशा इसी तेल का है? या यह शिया-सुन्नी टकराव है या फिर इस टकराव के पीछे भी दरअसल सऊदी अरब और इरान के अपने क्षेत्रिय मंसूबे हैं?
अमेरिका फिर एक और लड़ाई अपने सर थोपना नहीं चाहता, लेकिन वह इराक को नजरअंदाज भी नहीं कर सकता। इन सब सवालों के बीच अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी इराक में एक संकट का एक सियासी हल निकालने की कोशिश में हैं। इराक अमेरिका के थोपे हुए युद्ध के बाद से अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
प्रधानमंत्री अल मलिकी शिया हैं, जो कट्टरपंथी उनके खिलाफ खड़े हैं वह सुन्नी समुदाय के वहाबी गुट के लोग हैं। अल मलिकी से अपील की जा रही है कि वह शिया-सुन्नी के जज्बे से ऊपर उठकर एक ऐसी सरकार बने जो सबको साथ लेकर चले। आईएसआईएस का मिशन है कि इराक और सीरिया के सुन्नी इलाकों में इस्लामिक स्टेट कायम करना। मोसुल जो कि इराक का दूसरा बड़ा शहर है उस पर आईएसआईएस काबिज हो चुके हैं। हालांकि इराकी सेना का कहना है कि वह जानबूझ कर कुछ जगहों से पीछे हट गए हैं।
इस बीच, केरी के दौरे के बाद यह साफ हो रहा है कि इराक में अमेरिका की मौजूदगी बढ़ेगी। लगभग 300 अमेरिकी मिलिट्री सलाहकार इराक में पहुंचेंगे।
लेकिन इससे ज्यादा खतरा उठाने को ओबामा तैयार नहीं। ओबामा का बयान आया है कि इराकी नेताओं को ही अपने क्षेत्रिय मंसूबों से ऊपर उठकर इसका हल ढूंढ़ना होगा, वरना कोई सैनिक हल मुश्किल है।
इराक की इस समस्या के बारे में कई थियोरी है। इराक युद्ध पर किताब लिखने वाले ब्रिटिश अखबार 'दि इंडिपेंडेंट' के पूवर् पत्रकार जस्टिन हगलर कहते हैं कि इराक युद्द हमेशा से तेल को लेकर है। आईएसआईएस के लड़कों ने भी सबसे पहले मुल्क की सबसे बड़ी रिफाइनकी पर कब्जा किया, जैसा कि अमेरिकियों ने किया था। साल 2003 में जब बगदाद में कोहराम मचा था, तो भी अमरीकियों ने तेल मंत्रालय को सबसे पहले महफूज किया था, क्योंकी तेल ही पावर है।
कई जानकार कहते हैं कि अमेरिका ने इराक पर भले ही कई वजहों से चढ़ाई की हो, लेकिन अगर वहां तेल न होता तो अमेरिका वहां नहीं जाता। ईरान, इराक और सऊदी अरब मिल कर दुनिया का सबसे बड़ा तेल रिजर्व कंट्रोल करते हैं। इराक में जो हो रहा है वह सऊदी अरब और इरान के बीच का प्रॉक्सी वॉर है। सऊदी पैसों पर फल फूल रहा है सुन्नी आतंकवाद आईएसआईएस और इरान का समर्थन है इराक की शिया सरकार और शिया लड़ाकों को। |
मैं अब समाजवादी पार्टी में नहीं हूं : सपा के संकट पर बोले रामगोपाल यादव | बीजेपी के साथ कथित तौर पर 'साठगांठ' करने को लेकर समाजवादी पार्टी से निष्कासित किये जाने के एक दिन बाद रामगोपाल यादव ने सोमवार को कहा कि वह अब पार्टी में नहीं हैं. रामगोपाल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं और वह पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई हैं.
शहर से बाहर जाने के क्रम में उड़ान भरने से पहले मुंबई हवाई अड्डे पर उन्होंने संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कहा, ''मैं अब समाजवादी पार्टी में नहीं हूं.'' वह कल मुंबई में थे.
मुलायम ने शनिवार को भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए रामगोपाल को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी थे.टिप्पणियां
रामगोपाल ने कल मुंबई से एक बयान जारी कर कहा था कि वह ''धर्मयुद्ध'' में हमेशा अपने भतीजे अखिलेश के साथ रहेंगे. उन्होंने हालांकि मुलायम को अपना राजनीतिक गुरू बताया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शहर से बाहर जाने के क्रम में उड़ान भरने से पहले मुंबई हवाई अड्डे पर उन्होंने संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में कहा, ''मैं अब समाजवादी पार्टी में नहीं हूं.'' वह कल मुंबई में थे.
मुलायम ने शनिवार को भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए रामगोपाल को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी थे.टिप्पणियां
रामगोपाल ने कल मुंबई से एक बयान जारी कर कहा था कि वह ''धर्मयुद्ध'' में हमेशा अपने भतीजे अखिलेश के साथ रहेंगे. उन्होंने हालांकि मुलायम को अपना राजनीतिक गुरू बताया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुलायम ने शनिवार को भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए रामगोपाल को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी थे.टिप्पणियां
रामगोपाल ने कल मुंबई से एक बयान जारी कर कहा था कि वह ''धर्मयुद्ध'' में हमेशा अपने भतीजे अखिलेश के साथ रहेंगे. उन्होंने हालांकि मुलायम को अपना राजनीतिक गुरू बताया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रामगोपाल ने कल मुंबई से एक बयान जारी कर कहा था कि वह ''धर्मयुद्ध'' में हमेशा अपने भतीजे अखिलेश के साथ रहेंगे. उन्होंने हालांकि मुलायम को अपना राजनीतिक गुरू बताया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
पेड़ों को बचाने के लिए शख्स ने लिया देवी-देवताओं का सहारा, अब लोग काटने की जगह करते हैं पूजा | पेड़ों को बचाने के लिए कई पर्यावरण प्रेमियों ने अपनी-अपनी तरह से आंदोलन चलाए. किसी ने पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन चलाया तो किसी ने पौधरोपण किया. मगर उत्तर प्रदेश के गोंडा में परागदत्त मिश्र ऐसे पर्यावरण प्रेमी हैं जो पेड़ों को बचाने के लिए देवी-देवताओं का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने अपने इस नायाब तरकीब से लगभग एक हजार से ज्यादा पेड़ बचाए हैं. वजीरगंज विकास खंड की नगवा ग्राम पंचायत के प्रधान परागदत्त मिश्र ने आईएएनएस को बताया कि विकास और सड़क विस्तार के नाम पर हर जगह पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. गांव वालों को जलवायु परिवर्तन या पारिस्थिति के संतुलन के मुद्दों के बारे में जानकारी नहीं है. हिंदू देवी-देवताओं का चित्रण किए जाने पर ईश्वर से डरने वाले लोग पेड़ों को नहीं काट रहे हैं.
परागदत्त मिश्र ने कहा कि उन्होंने देवी-देवताओं को पेड़ों का संरक्षक बना दिया है. वह पेड़ों के तनों पर देवी-देवताओं की आकृति उकेरकर उस पर सिंदूर पोत देते हैं. इसके बाद ग्रामीण उस पेड़ को पूजने लगते हैं. प्रधान ने बताया कि वह अपनी गाड़ी की डिग्गी में पेंट और कूची रखकर चलते हैं. गांव की सड़कों के किनारे व मेड़ों पर लगे पेड़ों पर वह चित्र उकेरने लगते हैं. पेंट और कूची से ही वह तनों को रंगकर गदा, त्रिशूल और हनुमानजी की आकृतियां उकेरकर उनपर सिंदूर पोत देते हैं. उनका कहना है कि एक पेड़ पर चित्रकारी करने का खर्च लगभग 200 रुपये आता है, जिसे वह स्वयं वहन करते हैं.
मिश्र ने कहा, "हमारी ग्राम पंचायत नगवा में पेड़ों की कटाई से वनक्षेत्र खत्म होने की कगार पर थे, लेकिन उन्होंने जो तरकीब अपनाई, उस कारण आज बड़े इलाके में हरा-भरा जंगल पनप रहा है." उन्होंने कहा, "पिछली बार प्रधान बनने पर हमने जो पेड़ लगावाए थे, उन्हें लोगों ने काटकर नष्ट कर दिया. बहुत नुकसान हुआ. देवी-देवताओं का सहारा लेने के कारण अब इसमें कुछ कमी आई है." प्रधान ने कहा, "आठ हजार की आबादी वाले गांव में अब बहुत हरियाली है. घर के आस-पास पेड़-पौधे होने से वतावरण शुद्ध रहता है. हमारे गांव में करीब 10 हजार पेड़ हैं. लोग चोरी-छिपे इन्हें कटवाने पर अमादा हैं, इसी कारण वह पेड़ बचाने की मुहिम चला रहे हैं.
उन्होंने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर यहां हर साल मेला लगता है. इसमें बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी पेड़ों की रक्षा का संकल्प लेते हैं. गांव के उमेश वर्मा कहते हैं कि प्रधान परागदत्त मिश्रा की वजह से इस गांव में ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी सड़कों के किनारे लगे पेड़ों को बचाने का जज्बा बिजली की तरह दौड़ रहा है. परागदत्त जहां भी जाते हैं, छात्रों, शिक्षकों और ग्रामीणों के बीच बैठकर कुछ समय पर्यावरण की चर्चा जरूर करते हैं. इसके साथ ही वे स्वयं के खर्च पर पिछले एक दशक से पर्यावरण से जुड़ी सार्वजनिक प्रदर्शनी लगाकर जनचेतना भी जागृति कर रहे हैं. |
कलयुगी पिता ने बेटी को दी प्यार की सजा, रेप किया, फिर मार डाला | बलात्कार की घटना ने एक बार फिर देश को शर्मसार किया है। मुंबई से सटे भायंदर में झूठी शान के लिए एक कलयुगी पिता पर अपनी ही बेटी से बलात्कार और बाद में उसकी हत्या करने का आरोप लगा है।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी अपनी बेटी से इसलिए खफा था, क्योंकि वह यूपी के अपने गांव से पिता की मर्जी के खिलाफ भागकर दोस्त के साथ रहने लगी थी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी यूपी से मुंबई आकर अपने दोस्त के साथ रहने लगा। पहले उसने अपनी बेटी का पता ढूंढा और साथ चलने को कहा, लेकिन जब उसने मना कर दिया तो आरोपी ने नेशनल पार्क के सुनसान जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस ने रेप और हत्या के मामले में आरोपी के दोस्त को भी गिरफ्तार किया है। आरोपियों को आईपीसी की धारा 376, 302, 34 के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने पुलिस हिरासत में अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। |
बिकवाली दबाव के चलते सोने में गिरावट जारी, चांदी मजबूत | स्टॉकिस्टों की बिकवाली के बीच मांग कमजोर पड़ने से दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोने के भाव 30 रुपये और टूट कर दो सप्ताह के निचले स्त्तर 29,820 रुपये प्रति दस ग्राम बोले गए।
वहीं, औद्योगिक इकाइयों की लिवाली समर्थन में चांदी के भाव 90 रुपये सुधर कर 55,050 रुपये किलो हो गए।
बाजार सूत्रों के अनुसार स्टाकिस्टों की बिकवाली के बीच मांग कमजोर पड़ने से सोने में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। जबकि औद्योगिक इकाइयों की लिवाली बढ़ने से चांदी में तेजी का रुख रहा।टिप्पणियां
सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 30 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 29,820 रुपये और 29,620 रुपये प्रति दस ग्राम बंद हुए। गिन्नी के भाव पूर्वस्तर 25,250 रुपये प्रति आठ ग्राम अपरिवर्तित बंद हुए।
चांदी तैयार के भाव 90 रुपये चढ़कर 55,050 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 270 रुपये की तेजी के साथ 54,835 रुपये किलो बंद हुए। सीमित कारोबार के दौरान चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 80,000 : 81,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
वहीं, औद्योगिक इकाइयों की लिवाली समर्थन में चांदी के भाव 90 रुपये सुधर कर 55,050 रुपये किलो हो गए।
बाजार सूत्रों के अनुसार स्टाकिस्टों की बिकवाली के बीच मांग कमजोर पड़ने से सोने में लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई। जबकि औद्योगिक इकाइयों की लिवाली बढ़ने से चांदी में तेजी का रुख रहा।टिप्पणियां
सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 30 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 29,820 रुपये और 29,620 रुपये प्रति दस ग्राम बंद हुए। गिन्नी के भाव पूर्वस्तर 25,250 रुपये प्रति आठ ग्राम अपरिवर्तित बंद हुए।
चांदी तैयार के भाव 90 रुपये चढ़कर 55,050 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 270 रुपये की तेजी के साथ 54,835 रुपये किलो बंद हुए। सीमित कारोबार के दौरान चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 80,000 : 81,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
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सोना 99.9 और 99.5 शुद्ध के भाव 30 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 29,820 रुपये और 29,620 रुपये प्रति दस ग्राम बंद हुए। गिन्नी के भाव पूर्वस्तर 25,250 रुपये प्रति आठ ग्राम अपरिवर्तित बंद हुए।
चांदी तैयार के भाव 90 रुपये चढ़कर 55,050 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 270 रुपये की तेजी के साथ 54,835 रुपये किलो बंद हुए। सीमित कारोबार के दौरान चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 80,000 : 81,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
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चांदी तैयार के भाव 90 रुपये चढ़कर 55,050 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 270 रुपये की तेजी के साथ 54,835 रुपये किलो बंद हुए। सीमित कारोबार के दौरान चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 80,000 : 81,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए।
चांदी तैयार के भाव 90 रुपये चढ़कर 55,050 रुपये और चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 270 रुपये की तेजी के साथ 54,835 रुपये किलो बंद हुए। सीमित कारोबार के दौरान चांदी सिक्का के भाव पूर्वस्तर 80,000 : 81,000 रुपये प्रति सैकड़ा अपरिवर्तित बंद हुए। |
दादरी में भीड़ के हाथों मारे गए अखलाक के परिवार के खिलाफ पुलिस ने शुरू की जांच | पुलिस ने दादरी में भीड़ के हाथों मारे गए अखलाक के परिवार के खिलाफ शिकायत की मंगलवार को जांच शुरू कर दी। कथित गोहत्या और गोमांस खाने को लेकर एक दिन पहले ही उनके खिलाफ एक मामला दर्ज करने के लिए प्रशासन को 20 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया था। अधिकारियों ने दादरी के बिसहड़ा गांव में 50 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की हत्या के बाद सोमवार को फिर से तनाव पैदा हो जाने के बाद स्थिति को काबू में बताया है।
दादरी के सर्किल ऑफिसर (सीओ) ने अखलाक के परिवार द्वारा कथित गोहत्या किए जाने के बारे में एक आरोपी के परिवार और ग्रामीणों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्थानीय बाशिंदों से बात की और पिछली जांच के दस्तावेजों की छानबीन की।
इस संबंध में दादरी के एसडीएम आरके सिंह ने बताया, ‘‘बिसहड़ा गांव में स्थिति सामान्य है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोगों की गतिविधियों पर अतिरिक्त बल नजर रख रहे हैं। मंगलवार को गांव में कोई राजनीतिक हलचल नहीं हुई।’’सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और वादा किया कि वे लोग हिंसा का सहारा नहीं लेंगे।
सोमवार रात बिसहड़ा स्थित शिव मंदिर में ग्रामीणों की एक बैठक में प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके छह दिन पहले मथुरा में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में कहा गया कि अखलाक के घर के बाहर मांस के नमूने लिए गए थे जो ‘‘गाय या इसके बछड़े’’ का था। इस बैठक में भाजपा और शिवसेना के कुछ सदस्य भी शरीक हुए थे।टिप्पणियां
रिपोर्ट आने के बाद बिसहड़ा वासियों के एक धड़े ने भी पुलिस से संपर्क कर उनसे अखलाक के परिवार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
दादरी के सर्किल ऑफिसर (सीओ) ने अखलाक के परिवार द्वारा कथित गोहत्या किए जाने के बारे में एक आरोपी के परिवार और ग्रामीणों की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने स्थानीय बाशिंदों से बात की और पिछली जांच के दस्तावेजों की छानबीन की।
इस संबंध में दादरी के एसडीएम आरके सिंह ने बताया, ‘‘बिसहड़ा गांव में स्थिति सामान्य है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोगों की गतिविधियों पर अतिरिक्त बल नजर रख रहे हैं। मंगलवार को गांव में कोई राजनीतिक हलचल नहीं हुई।’’सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और वादा किया कि वे लोग हिंसा का सहारा नहीं लेंगे।
सोमवार रात बिसहड़ा स्थित शिव मंदिर में ग्रामीणों की एक बैठक में प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके छह दिन पहले मथुरा में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में कहा गया कि अखलाक के घर के बाहर मांस के नमूने लिए गए थे जो ‘‘गाय या इसके बछड़े’’ का था। इस बैठक में भाजपा और शिवसेना के कुछ सदस्य भी शरीक हुए थे।टिप्पणियां
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इस संबंध में दादरी के एसडीएम आरके सिंह ने बताया, ‘‘बिसहड़ा गांव में स्थिति सामान्य है। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोगों की गतिविधियों पर अतिरिक्त बल नजर रख रहे हैं। मंगलवार को गांव में कोई राजनीतिक हलचल नहीं हुई।’’सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और वादा किया कि वे लोग हिंसा का सहारा नहीं लेंगे।
सोमवार रात बिसहड़ा स्थित शिव मंदिर में ग्रामीणों की एक बैठक में प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके छह दिन पहले मथुरा में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में कहा गया कि अखलाक के घर के बाहर मांस के नमूने लिए गए थे जो ‘‘गाय या इसके बछड़े’’ का था। इस बैठक में भाजपा और शिवसेना के कुछ सदस्य भी शरीक हुए थे।टिप्पणियां
रिपोर्ट आने के बाद बिसहड़ा वासियों के एक धड़े ने भी पुलिस से संपर्क कर उनसे अखलाक के परिवार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सोमवार रात बिसहड़ा स्थित शिव मंदिर में ग्रामीणों की एक बैठक में प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया गया था, जिसके छह दिन पहले मथुरा में एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में कहा गया कि अखलाक के घर के बाहर मांस के नमूने लिए गए थे जो ‘‘गाय या इसके बछड़े’’ का था। इस बैठक में भाजपा और शिवसेना के कुछ सदस्य भी शरीक हुए थे।टिप्पणियां
रिपोर्ट आने के बाद बिसहड़ा वासियों के एक धड़े ने भी पुलिस से संपर्क कर उनसे अखलाक के परिवार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
रिपोर्ट आने के बाद बिसहड़ा वासियों के एक धड़े ने भी पुलिस से संपर्क कर उनसे अखलाक के परिवार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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पीवी सिंधु और गोल्ड के बीच दीवार बनीं कैरोलिना मारिन के बारे में पढ़ें कुछ खास बातें | रियो ओलिंपिक में आज भारत की नजर सोने पर थी, हालांकि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और गोल्ड मैडल के बीच स्पैनिश खिलाड़ी कैरोलिना मारिन दीवार बन गईं. कैरोलिना दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी हैं और इस समय जबरदस्त फॉर्म में चल रही हैं. फाइनल में पहुंचने के लिए मारिन ने लंदन ओलिंपिक की विजेता ली जुईरेई को सेमीफाइनल में शिकस्त दी. ली चीन की खिलाड़ी हैं.
स्पेन की मारिन एक बेहतरीन फ्लेमेंको डांसर हैं. यह स्पेन का पारंपरिक नृत्य है. इस नृत्य में पैरों का मूवमेंट बहुत तेज होता है, जिसका फायदा मारिन अपने खेल में भी उठाती हैं. इसके चलते उन्हें पोजिशन और जगह बदलने में अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अधिक आसानी होती है. (कैरोलिना मारिन के खिलाफ 4-4 का स्कोर करते ही पीवी सिंधु की झोली में होगा गोल्ड! )
मारिन और पीवी सिंधु इससे पहले सात बार एक दूसरे से भिड़ चुकी हैं. इनमें से चार मैचों में मारिन ने जीत दर्ज की है. इस लिहाज से फाइनल मुकाबले में उनका ही पलड़ा भारी माना जा रहा था.
मारिन साल 2014 और 2015 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप अपने नाम कर चुकी हैं. साल 2014 के विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में मारिन ने चीन की ली जुईरेई को और 2015 के फाइनल में भारत की साइना नेहवाल को शिकस्त दी थी.
साल 2014 में जब मारिन पहली बार विश्व चैम्पियन बनी तब वह महज 21 साल की थीं और ऐसा करने वाली वह सबसे युवा यूरोपियन खिलाड़ी बनी.
स्पेन की मारिन एक बेहतरीन फ्लेमेंको डांसर हैं. यह स्पेन का पारंपरिक नृत्य है. इस नृत्य में पैरों का मूवमेंट बहुत तेज होता है, जिसका फायदा मारिन अपने खेल में भी उठाती हैं. इसके चलते उन्हें पोजिशन और जगह बदलने में अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अधिक आसानी होती है. (कैरोलिना मारिन के खिलाफ 4-4 का स्कोर करते ही पीवी सिंधु की झोली में होगा गोल्ड! )
मारिन और पीवी सिंधु इससे पहले सात बार एक दूसरे से भिड़ चुकी हैं. इनमें से चार मैचों में मारिन ने जीत दर्ज की है. इस लिहाज से फाइनल मुकाबले में उनका ही पलड़ा भारी माना जा रहा था.
मारिन साल 2014 और 2015 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप अपने नाम कर चुकी हैं. साल 2014 के विश्व चैम्पियनशिप फाइनल में मारिन ने चीन की ली जुईरेई को और 2015 के फाइनल में भारत की साइना नेहवाल को शिकस्त दी थी.
साल 2014 में जब मारिन पहली बार विश्व चैम्पियन बनी तब वह महज 21 साल की थीं और ऐसा करने वाली वह सबसे युवा यूरोपियन खिलाड़ी बनी. |
मॉडल ने कहा, बर्लुस्कोनी ने मेरे साथ सेक्स किया | इटली के प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी को लेकर चल रहा सेक्स स्कैंडल का मामला ठंडा पड़ने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में एक लड़की ने कहा है कि उसने बर्लुस्कोनी के साथ सेक्स किया था। 'टेलीग्राफ' ने इटली की मीडिया की रिपोर्टों के हवाले से लिखा है कि डोमिनिकन रिपब्लिक निवासी मारिया इस्टर गार्सिया पोलांको नामक इस 25 वर्षीय मॉडल ने प्रधानमंत्री के साथ सेक्स करने की बात स्वीकारी है। हालांकि उसने इस बात से इनकार कर दिया है कि उसने बर्लुस्कोनी के साथ सेक्स पैसे के लिए किया था। मारिया ने कहा कि बर्लुस्कोनी ने उसकी पांच वर्षीय बेटी के तत्काल इलाज के लिए सहायता मुहैया कराई थी, इसलिए उसने यह कृतज्ञता के रूप में किया। मारिया के अनुसार बर्लुस्कोनी ने उसे टेलीविजन शो गर्ल के रूप में काम दिलवाने में भी काफी मदद की थी। ऐसा पहली बार है जब, बंगा बंगा समूह (ऐसी 14 औरतों का समूह जिन्होंने कथित तौर पर प्रधानमंत्री के साथ सेक्स किया है) की किसी लड़की ने यह स्वीकार किया है कि उसने बर्लुस्कोनी के साथ सेक्स किया है। |
RRB Group D Answer Key: कल जारी होगी आंसर-की, फरवरी में आएगा रिजल्ट | रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) 11 जनवरी यानी कल ग्रुप डी की आंसर-की (RRB Group D Answer Key) जारी कर देगा. आरआरबी (RRB) के अधिकारी अंगराज मोहन ने NDTV को बताया, ''ग्रुप डी की आंसर-की 11 जनवरी को जारी कर दी जाएगी.'' उम्मीदवार आंसर-की अपने रीजन की आरआरबी वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर पाएंगे. आंसर-की पर आपत्ति दर्ज करने के लिए उम्मीदवारों को 1 सप्ताह का समय दिया जाएगा. बता दें कि ग्रुप डी की परीक्षा (RRB Group D Exam) 17 नवंबर से शुरू होकर 17 दिसंबर तक चली थी. ग्रुप डी की परीक्षा देशभर के 400 केंद्रों में हुई थी. ग्रुप डी (RRB Group D) के 62 हजार 907 पदों पर 1.89 करोड़ उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
आपको बता दें कि ग्रुप डी की पहले स्टेज की परीक्षा में पास होने वाले उम्मीदवारों को दूसरे स्टेज की परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलेगा. दूसरे स्टेज में शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित की जाएगी.
Exclusive: RRB Group D Result 18 फरवरी को होगा जारी, जानिए पूरी डिटेल
RRB Guwahati (www.rrbguwahati.gov.in)
RRB Jammu (www.rrbjammu.nic.in)
RRB Kolkata (www.rrbkolkata.gov.in)
RRB Malda (www.rrbmalda.gov.in)
RRB Mumbai (www.rrbmumbai.gov.in)
RRB Muzaffarpur (www.rrbmuzaffarpur.gov.in)
RRB Patna (www.rrbpatna.gov.in)
RRB Ranchi (rrbranchi.gov.in)
RRB Secunderabad (rrbsecunderabad.nic.in)
RRB Ahmedabad (www.rrbahmedabad.gov.in)
RRB Ajmer (rrbajmer.gov.in)
RRB Allahabad (rrbald.gov.in)
RRB Bangalore (rrbbnc.gov.in)
RRB Bhopal (www.rrbbpl.nic.in)
RRB Bhubaneshwar (www.rrbbbs.gov.in)
RRB Bilaspur (www.rrbbilaspur.gov.in)
RRB Chandigarh (www.rrbcdg.gov.in)
RRB Chennai (www.rrbchennai.gov.in)
RRB Gorakhpur (www.rrbguwahati.gov.in)
RRB Siliguri (www.rrbsiliguri.org)
RRB Thiruvananthapuram (rrbthiruvananthapuram.gov.in) |
वेस्टइंडीज पर 4-0 की जीत से ऑस्ट्रेलिया को नंबर एक स्थान से हटा सकता है भारत | ऑस्ट्रेलिया ने भले ही आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप गदा हासिल किया हो लेकिन भारत अगर मौजूदा सीरीज में वेस्टइंडीज को 4-0 से हरा देता है और बाकी दो सीरीज के नतीजें भी उसकी उम्मीदों के अनुसार होते हैं तो टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को नंबर एक स्थान से हटा सकती है।
अगर भारत 4-0 से जीत दर्ज करता है, इंग्लैंड और पाकिस्तान की सीरीज ड्रॉ रहती है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रीलंका 1-0 या इससे बेहतर अंतर से जीत दर्ज करता है तो भारत नंबर एक टीम बन जाएगा। आईसीसी ने एक बयान में यह जानकारी दी।
भारत ने एंटीगा में पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज को पारी और 92 रन के अंतर से हराया। भारत को हालांकि शीर्ष स्थान की दौड़ से बाहर करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका को 1-0 या इससे बेहतर अंतर से हराना होगा और इंग्लैंड के पाकिस्तान के खिलाफ कम से कम एक मैच जीतने की उम्मीद करनी होगी।
इस बीच ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने 1 अप्रैल की वार्षिक कट ऑफ तारीख तक एमआरएफ टायर्स आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष पर रहने के लिए आज आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप गदा और 10 लाख डॉलर की इनामी राशि हासिल की। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने पाल्लेकल में कार्यक्रम के दौरान ये चीजें सौंपी।
स्मिथ ने अपनी टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘‘दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम होना बड़े सम्मान की बात है और इसका पूरा श्रेय पिछले 12 महीने में खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के काम को मिलना चाहिए।’’टिप्पणियां
स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे अपनी युवा टीम और हमने अब तक जो हासिल किया है उस पर बेहद गर्व है लेकिन हम और अधिक हासिल करना चाहते हैं। अब हमें स्वदेश में और बाहर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिससे कि हमारी सफलता जारी रहे और नंबर एक रैंकिंग बरकरार रहे।’’ नंबर एक रैंकिंग के लिए इस साल कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि शीर्ष चार टीमों के बीच सिर्फ 10 अंक का अंतर है। दूसरे नंबर के भारत, तीसरे नंबर के पाकिस्तान और चौथे नंबर के इंग्लैंड के पास शीर्ष पर पहुंचने का मौका है।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी।
अगर भारत 4-0 से जीत दर्ज करता है, इंग्लैंड और पाकिस्तान की सीरीज ड्रॉ रहती है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रीलंका 1-0 या इससे बेहतर अंतर से जीत दर्ज करता है तो भारत नंबर एक टीम बन जाएगा। आईसीसी ने एक बयान में यह जानकारी दी।
भारत ने एंटीगा में पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज को पारी और 92 रन के अंतर से हराया। भारत को हालांकि शीर्ष स्थान की दौड़ से बाहर करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका को 1-0 या इससे बेहतर अंतर से हराना होगा और इंग्लैंड के पाकिस्तान के खिलाफ कम से कम एक मैच जीतने की उम्मीद करनी होगी।
इस बीच ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने 1 अप्रैल की वार्षिक कट ऑफ तारीख तक एमआरएफ टायर्स आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष पर रहने के लिए आज आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप गदा और 10 लाख डॉलर की इनामी राशि हासिल की। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने पाल्लेकल में कार्यक्रम के दौरान ये चीजें सौंपी।
स्मिथ ने अपनी टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘‘दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम होना बड़े सम्मान की बात है और इसका पूरा श्रेय पिछले 12 महीने में खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के काम को मिलना चाहिए।’’टिप्पणियां
स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे अपनी युवा टीम और हमने अब तक जो हासिल किया है उस पर बेहद गर्व है लेकिन हम और अधिक हासिल करना चाहते हैं। अब हमें स्वदेश में और बाहर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिससे कि हमारी सफलता जारी रहे और नंबर एक रैंकिंग बरकरार रहे।’’ नंबर एक रैंकिंग के लिए इस साल कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि शीर्ष चार टीमों के बीच सिर्फ 10 अंक का अंतर है। दूसरे नंबर के भारत, तीसरे नंबर के पाकिस्तान और चौथे नंबर के इंग्लैंड के पास शीर्ष पर पहुंचने का मौका है।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी।
भारत ने एंटीगा में पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज को पारी और 92 रन के अंतर से हराया। भारत को हालांकि शीर्ष स्थान की दौड़ से बाहर करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को श्रीलंका को 1-0 या इससे बेहतर अंतर से हराना होगा और इंग्लैंड के पाकिस्तान के खिलाफ कम से कम एक मैच जीतने की उम्मीद करनी होगी।
इस बीच ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने 1 अप्रैल की वार्षिक कट ऑफ तारीख तक एमआरएफ टायर्स आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष पर रहने के लिए आज आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप गदा और 10 लाख डॉलर की इनामी राशि हासिल की। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने पाल्लेकल में कार्यक्रम के दौरान ये चीजें सौंपी।
स्मिथ ने अपनी टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘‘दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम होना बड़े सम्मान की बात है और इसका पूरा श्रेय पिछले 12 महीने में खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के काम को मिलना चाहिए।’’टिप्पणियां
स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे अपनी युवा टीम और हमने अब तक जो हासिल किया है उस पर बेहद गर्व है लेकिन हम और अधिक हासिल करना चाहते हैं। अब हमें स्वदेश में और बाहर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिससे कि हमारी सफलता जारी रहे और नंबर एक रैंकिंग बरकरार रहे।’’ नंबर एक रैंकिंग के लिए इस साल कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि शीर्ष चार टीमों के बीच सिर्फ 10 अंक का अंतर है। दूसरे नंबर के भारत, तीसरे नंबर के पाकिस्तान और चौथे नंबर के इंग्लैंड के पास शीर्ष पर पहुंचने का मौका है।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी।
इस बीच ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने 1 अप्रैल की वार्षिक कट ऑफ तारीख तक एमआरएफ टायर्स आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष पर रहने के लिए आज आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप गदा और 10 लाख डॉलर की इनामी राशि हासिल की। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेविड रिचर्डसन ने पाल्लेकल में कार्यक्रम के दौरान ये चीजें सौंपी।
स्मिथ ने अपनी टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘‘दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम होना बड़े सम्मान की बात है और इसका पूरा श्रेय पिछले 12 महीने में खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के काम को मिलना चाहिए।’’टिप्पणियां
स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे अपनी युवा टीम और हमने अब तक जो हासिल किया है उस पर बेहद गर्व है लेकिन हम और अधिक हासिल करना चाहते हैं। अब हमें स्वदेश में और बाहर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिससे कि हमारी सफलता जारी रहे और नंबर एक रैंकिंग बरकरार रहे।’’ नंबर एक रैंकिंग के लिए इस साल कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि शीर्ष चार टीमों के बीच सिर्फ 10 अंक का अंतर है। दूसरे नंबर के भारत, तीसरे नंबर के पाकिस्तान और चौथे नंबर के इंग्लैंड के पास शीर्ष पर पहुंचने का मौका है।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी।
स्मिथ ने अपनी टीम की सराहना करते हुए कहा, ‘‘दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम होना बड़े सम्मान की बात है और इसका पूरा श्रेय पिछले 12 महीने में खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के काम को मिलना चाहिए।’’टिप्पणियां
स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे अपनी युवा टीम और हमने अब तक जो हासिल किया है उस पर बेहद गर्व है लेकिन हम और अधिक हासिल करना चाहते हैं। अब हमें स्वदेश में और बाहर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिससे कि हमारी सफलता जारी रहे और नंबर एक रैंकिंग बरकरार रहे।’’ नंबर एक रैंकिंग के लिए इस साल कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि शीर्ष चार टीमों के बीच सिर्फ 10 अंक का अंतर है। दूसरे नंबर के भारत, तीसरे नंबर के पाकिस्तान और चौथे नंबर के इंग्लैंड के पास शीर्ष पर पहुंचने का मौका है।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी।
स्मिथ ने कहा, ‘‘मुझे अपनी युवा टीम और हमने अब तक जो हासिल किया है उस पर बेहद गर्व है लेकिन हम और अधिक हासिल करना चाहते हैं। अब हमें स्वदेश में और बाहर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिससे कि हमारी सफलता जारी रहे और नंबर एक रैंकिंग बरकरार रहे।’’ नंबर एक रैंकिंग के लिए इस साल कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी क्योंकि शीर्ष चार टीमों के बीच सिर्फ 10 अंक का अंतर है। दूसरे नंबर के भारत, तीसरे नंबर के पाकिस्तान और चौथे नंबर के इंग्लैंड के पास शीर्ष पर पहुंचने का मौका है।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी।
पाकिस्तान अगर इंग्लैंड को हरा देता है और श्रीलंका की टीम ऑस्ट्रेलिया को मात देती तो पाकिस्तान की टीम आईसीसी रैंकिंग के इतिहास में पहली बार शीर्ष पर पहुंच जाएगी। |
भारत का राजकोषीय घाटा बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो सकता है : आईएमएफ | अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आज कहा कि भारत का राजकोषीय घाटा इस वित्त वर्ष में बढ़कर जीडीपी का 8.5 प्रतिशत हो सकता है।
आईएमएफ ने जीडीपी वृद्धि में नरमी, रुपये में गिरावट तथा ऊंची तेल कीमतों को ध्यान में रखते हुए यह अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने बुधवार को भारत के लिए वृद्धि दर अनुमान (2013) को घटाकर 3.75 प्रतिशत किया था।
अक्तूबर 2013 राजकोषीय निगरानी रपट में आईएमएफ ने कहा है, वित्त वर्ष 2013-14 में घाटा बढ़कर जीडीपी का 8.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। |
राकेश कुमार मालवीय : नवरात्रि और हमारे समाज में लड़कियों की पीड़ा... | डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है। |
सीओ हत्याकांड : मुख्यमंत्री ने दिए सीबीआई जांच के आदेश | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ के कुंडा में सीओ के पद पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड मामले की जांच सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने के आदेश दिए हैं। हक का परिवार लगातार हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग कर रहा था।
सीओ के देवरिया जिला स्थित पैतृक गांव नूनखार जुवाफार जाकर परिजनों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ने देर शाम सीबीआई जांच का ऐलान किया।
इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार घटना को लेकर बहुत आहत है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हत्याकांड में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कठोर कारवाई होगी।टिप्पणियां
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हक का परिवार अब उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया है। पीड़ित परिवार लगातार मांग कर रहा था कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं गांव आकर सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं देंगे वो लोग शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जियाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
सीओ के देवरिया जिला स्थित पैतृक गांव नूनखार जुवाफार जाकर परिजनों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ने देर शाम सीबीआई जांच का ऐलान किया।
इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार घटना को लेकर बहुत आहत है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हत्याकांड में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कठोर कारवाई होगी।टिप्पणियां
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हक का परिवार अब उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया है। पीड़ित परिवार लगातार मांग कर रहा था कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं गांव आकर सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं देंगे वो लोग शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जियाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।
अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार घटना को लेकर बहुत आहत है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हत्याकांड में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कठोर कारवाई होगी।टिप्पणियां
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हक का परिवार अब उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया है। पीड़ित परिवार लगातार मांग कर रहा था कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं गांव आकर सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं देंगे वो लोग शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जियाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार घटना को लेकर बहुत आहत है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया हत्याकांड में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कठोर कारवाई होगी।टिप्पणियां
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हक का परिवार अब उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया है। पीड़ित परिवार लगातार मांग कर रहा था कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं गांव आकर सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं देंगे वो लोग शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जियाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद हक का परिवार अब उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया है। पीड़ित परिवार लगातार मांग कर रहा था कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं गांव आकर सीबीआई जांच का आश्वासन नहीं देंगे वो लोग शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जियाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि कुंडा क्षेत्र के वलीपुर गांव में शनिवार देर रात दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी की घटना में गांव के प्रधान नन्हें सहित दो लोगों की हत्या कर दी गई। घटना को नियंत्रित करने पहुंचे कुंडा के सीओ जियाउल हक की भी हिंसा के दौरान भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी। |
Dhanteras 2017: 'स्पेशल शॉपिंग लिस्ट' में इन चीजों को भी करें शामिल | इन सबके अलावा अपनी और सबकी फेवरेट मिठाई ज़रूर लाइये और बिना किसी चिंता या परेशानी के त्योहार मनाइये.
हैप्पी धनतेरस.
हैप्पी धनतेरस. |
Poll of Exit Polls 2019 : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने शुरू किया गुणा-भाग, सभी पूर्वानुमानों को किया खारिज | एग्जिट पोल के पूर्वानुमान से नाराज तृणमूल कांग्रेस अब जिलों से मिली रिपोर्ट के आधार पर चुनाव के बाद के गुणा-भाग में जुट गई है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों को नकारते हुए कहा, 'हमें एग्जिट पोल रिपोर्ट की चिंता करने की जरूरत नहीं है, जो अधिकतर मामलों में ठीक नहीं होते.' उन्होंने कहा, 'हमें आंतरिक रिपोर्ट मिली है. हमें जिलों और हर निर्वाचन क्षेत्र से रिपोर्ट मिली है.' पार्टी सूत्रों ने बताया कि तृणमूल नेतृत्व देश में विभिन्न विपक्षी दलों के साथ भी सम्पर्क में है. तृणमूल के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, 'ये अधिकतर एग्जिट पोल निराधार हैं और भाजपा का समर्थन करते हैं. हमें एग्जिट पोल की कोई चिंता नहीं है. चुनाव के बाद के परिदृश्य को लेकर भी सभी विपक्षी दलों के साथ बातचीत जारी है.' उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर भाजपा की हार होगी. तृणमूल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.' तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू भी सोमवार को तृणमूल सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे. नायडू पिछले कई दिनों से क्षेत्रीय और विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं. दूसरी ओर, कुछ एग्जिट पोल ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल को 24, भाजपा को 16, कांग्रेस को दो सीटें दी हैं. वहीं वाम मोर्चे के वहां खाता भी नहीं खोल पाने का पूर्वानुमान है.
NDTV के पोल ऑफ एग्जिट पोल्स (Poll of Exit Poll 2019) के अनुसार बीजेपी को पश्चिम बंगाल में दस से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. जबकि टीएमसी को 24 सीटों पर जीत मिल सकती है. वहीं राज्य में कांग्रेस को भी दो सीटों पर जीत मिल सकती है. उधर, वाम दलों को भी दो सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है. Times Now-VMR के सर्वे के अनुसार टीएमसी को 28, कांग्रेस को दो, बीजेपी को 11 और वाम दलों को एक सीट दी है. इसी तरह Republic - Jan Ki Baat के अनुसार टीएमसी को 13-21 सीट, कांग्रेस को तीन सीट, बीजेपी को 18-26 सीट.ध्यान हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और बीजेपी के बीच खासी खींचतान देखने को मिली थी. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और पीएम मोदी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा था. बीजेपी जहां टीएमसी पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाती रही वहीं टीएमसी ने पीएम मोदी को तानाशाह बताया था. |
'बेजुबान' जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता : राय | भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने कहा कि चीजें बदली हैं और बेजुबान जनता को कुछ लोगों द्वारा ज्यादा दिनों तक गुमराह नहीं किया जा सकता। जनता हमेशा ही चुप रहती है क्योंकि ऊपर बैठे कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें जनादेश मिला है और वे इस जनादेश का उपयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राय की घोटालों से जुड़ी रिपोर्ट ने सरकार की चूलें हिला दी थीं।
अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीद सौदे में कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच राय ने कहा कि इस विवादास्पद सौदे की आडिटिंग की जा रही है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी।
बैंकरों की एक संगोष्ठी के दौरान सवाल जवाब सत्र में उन्होंने कहा, ‘कैग रक्षा मंत्रालय का आडिट करता है और हमने इस मामले में भी यह किया है। यह जल्द ही आपके संज्ञान में आ जाएगा।’ टिप्पणियां
आडिट रिपोर्ट की स्थिति के बारे में राय ने कहा, ‘आडिट चल रहा है, लेकिन नहीं मालूम कि यह कब पूरा होगा। आडिट के चरण के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।’
ऐसा आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने हेलीकाप्टर आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए करीब 362 करोड़ रुपये रिश्वत दी है।
उल्लेखनीय है कि राय की घोटालों से जुड़ी रिपोर्ट ने सरकार की चूलें हिला दी थीं।
अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीद सौदे में कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच राय ने कहा कि इस विवादास्पद सौदे की आडिटिंग की जा रही है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी।
बैंकरों की एक संगोष्ठी के दौरान सवाल जवाब सत्र में उन्होंने कहा, ‘कैग रक्षा मंत्रालय का आडिट करता है और हमने इस मामले में भी यह किया है। यह जल्द ही आपके संज्ञान में आ जाएगा।’ टिप्पणियां
आडिट रिपोर्ट की स्थिति के बारे में राय ने कहा, ‘आडिट चल रहा है, लेकिन नहीं मालूम कि यह कब पूरा होगा। आडिट के चरण के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।’
ऐसा आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने हेलीकाप्टर आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए करीब 362 करोड़ रुपये रिश्वत दी है।
अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीद सौदे में कथित तौर पर रिश्वत दिए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच राय ने कहा कि इस विवादास्पद सौदे की आडिटिंग की जा रही है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही जारी की जाएगी।
बैंकरों की एक संगोष्ठी के दौरान सवाल जवाब सत्र में उन्होंने कहा, ‘कैग रक्षा मंत्रालय का आडिट करता है और हमने इस मामले में भी यह किया है। यह जल्द ही आपके संज्ञान में आ जाएगा।’ टिप्पणियां
आडिट रिपोर्ट की स्थिति के बारे में राय ने कहा, ‘आडिट चल रहा है, लेकिन नहीं मालूम कि यह कब पूरा होगा। आडिट के चरण के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।’
ऐसा आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने हेलीकाप्टर आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए करीब 362 करोड़ रुपये रिश्वत दी है।
बैंकरों की एक संगोष्ठी के दौरान सवाल जवाब सत्र में उन्होंने कहा, ‘कैग रक्षा मंत्रालय का आडिट करता है और हमने इस मामले में भी यह किया है। यह जल्द ही आपके संज्ञान में आ जाएगा।’ टिप्पणियां
आडिट रिपोर्ट की स्थिति के बारे में राय ने कहा, ‘आडिट चल रहा है, लेकिन नहीं मालूम कि यह कब पूरा होगा। आडिट के चरण के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।’
ऐसा आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने हेलीकाप्टर आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए करीब 362 करोड़ रुपये रिश्वत दी है।
आडिट रिपोर्ट की स्थिति के बारे में राय ने कहा, ‘आडिट चल रहा है, लेकिन नहीं मालूम कि यह कब पूरा होगा। आडिट के चरण के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।’
ऐसा आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने हेलीकाप्टर आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए करीब 362 करोड़ रुपये रिश्वत दी है।
ऐसा आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने हेलीकाप्टर आपूर्ति का ठेका हासिल करने के लिए करीब 362 करोड़ रुपये रिश्वत दी है। |
गुजरात दौरे पर अरविंद केजरीवाल, आज सूरत में पाटीदारों को रिझाएंगे | दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल गुजरात के चार दिनों के दौरे पर हैं. केजरीवाल आज सूरत में आयोजित एक रैली को संबोधित करेंगे. सूरत में पाटीदारों की अच्छी आबादी है.
केजरीवाल की कोशिश पाटीदार वोटरों को आप की तरफ रिझाने की है. इस दौरान आम आदमी पार्टी 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की भी घोषणा कर सकती है.टिप्पणियां
इससे पहले केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी सुप्रीमो अमित शाह उनकी रैली में खलल डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह रैली उनकी नहीं बल्कि गुजरात के लोगों की है. इससे पहले केजरीवाल के गुजरात दौरे के बीच उनके खिलाफ लोगों ने बैनर-पोस्टर के जरिए विरोध दर्ज कराया है.
इससे पूर्व अरविंद केजरीवाल की यात्रा को दूसरा दिन हंगामेदार रहा. उनका दौरा उन घरों में हुआ जो पटेल आंदोलन से जुड़े युवाओं के घर थे. वहीं बीजेपी समर्थक केजरीवाल का विरोध करते दिखाई दिए.
केजरीवाल की कोशिश पाटीदार वोटरों को आप की तरफ रिझाने की है. इस दौरान आम आदमी पार्टी 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने की भी घोषणा कर सकती है.टिप्पणियां
इससे पहले केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी सुप्रीमो अमित शाह उनकी रैली में खलल डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह रैली उनकी नहीं बल्कि गुजरात के लोगों की है. इससे पहले केजरीवाल के गुजरात दौरे के बीच उनके खिलाफ लोगों ने बैनर-पोस्टर के जरिए विरोध दर्ज कराया है.
इससे पूर्व अरविंद केजरीवाल की यात्रा को दूसरा दिन हंगामेदार रहा. उनका दौरा उन घरों में हुआ जो पटेल आंदोलन से जुड़े युवाओं के घर थे. वहीं बीजेपी समर्थक केजरीवाल का विरोध करते दिखाई दिए.
इससे पहले केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी सुप्रीमो अमित शाह उनकी रैली में खलल डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह रैली उनकी नहीं बल्कि गुजरात के लोगों की है. इससे पहले केजरीवाल के गुजरात दौरे के बीच उनके खिलाफ लोगों ने बैनर-पोस्टर के जरिए विरोध दर्ज कराया है.
इससे पूर्व अरविंद केजरीवाल की यात्रा को दूसरा दिन हंगामेदार रहा. उनका दौरा उन घरों में हुआ जो पटेल आंदोलन से जुड़े युवाओं के घर थे. वहीं बीजेपी समर्थक केजरीवाल का विरोध करते दिखाई दिए.
इससे पूर्व अरविंद केजरीवाल की यात्रा को दूसरा दिन हंगामेदार रहा. उनका दौरा उन घरों में हुआ जो पटेल आंदोलन से जुड़े युवाओं के घर थे. वहीं बीजेपी समर्थक केजरीवाल का विरोध करते दिखाई दिए. |
मीडिया पर भड़के प्रिंस हैरी, अमेरिकी गर्लफ्रेंड पर नस्ली टिप्पणियों के लिए लताड़ा | ब्रिटेन के राजकुमार हैरी के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि अमेरिकी अभिनेत्री मेगन मार्कल (Meghan Markle) उनकी गर्लफ्रेंड हैं, और कड़े शब्दों में लिखा गया एक बयान जारी कर मीडिया पर मेगन को परेशान करने का आरोप लगाया है.
असाधारण तरीके से जारी किए गए बयान में प्रिंस हैरी ने कहा है कि वह मेगन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, और "इस बात से बेहद निराश हैं कि वह उन्हें सुरक्षित नहीं रख पाए..."
A photo posted by Meghan Markle (@meghanmarkle) on Oct 1, 2016 at 11:52am PDT
पिछले कुछ हफ्तों से राजकुमार हैरी तथा मेगन मार्कल के बीच रिश्ते को लेकर मीडिया में अफवाहों और गपशप का बाज़ार गर्म है.टिप्पणियां
राजप्रासाद की ओर से मंगलवार को कहा गया कि पिछले हफ्ते इस रिश्ते की कवरेज करते हुए 'सीमा पार कर दी गई' है... googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
राजप्रासाद के अनुसार, "इसमें से कुछ काफी सार्वजनिक रहा है - राष्ट्रीय स्तर के समाचारपत्र के मुखपृष्ठ पर उछाला गया कीचड़, टिप्पणियां करने के लिए लिखे गए आलेखों में किए गए नस्ली इशारे, तथा सोशल मीडिया ट्रोलों द्वारा व वेब आलेखों पर की गई टिप्पणियों का पूरी तरह लिंगभेदी तथा नस्लभेदी रवैया..."
A photo posted by Meghan Markle (@meghanmarkle) on Sep 11, 2016 at 7:48pm PDT
असाधारण तरीके से जारी किए गए बयान में प्रिंस हैरी ने कहा है कि वह मेगन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, और "इस बात से बेहद निराश हैं कि वह उन्हें सुरक्षित नहीं रख पाए..."
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पिछले कुछ हफ्तों से राजकुमार हैरी तथा मेगन मार्कल के बीच रिश्ते को लेकर मीडिया में अफवाहों और गपशप का बाज़ार गर्म है.टिप्पणियां
राजप्रासाद की ओर से मंगलवार को कहा गया कि पिछले हफ्ते इस रिश्ते की कवरेज करते हुए 'सीमा पार कर दी गई' है...
राजप्रासाद के अनुसार, "इसमें से कुछ काफी सार्वजनिक रहा है - राष्ट्रीय स्तर के समाचारपत्र के मुखपृष्ठ पर उछाला गया कीचड़, टिप्पणियां करने के लिए लिखे गए आलेखों में किए गए नस्ली इशारे, तथा सोशल मीडिया ट्रोलों द्वारा व वेब आलेखों पर की गई टिप्पणियों का पूरी तरह लिंगभेदी तथा नस्लभेदी रवैया..."
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राजप्रासाद की ओर से मंगलवार को कहा गया कि पिछले हफ्ते इस रिश्ते की कवरेज करते हुए 'सीमा पार कर दी गई' है...
राजप्रासाद के अनुसार, "इसमें से कुछ काफी सार्वजनिक रहा है - राष्ट्रीय स्तर के समाचारपत्र के मुखपृष्ठ पर उछाला गया कीचड़, टिप्पणियां करने के लिए लिखे गए आलेखों में किए गए नस्ली इशारे, तथा सोशल मीडिया ट्रोलों द्वारा व वेब आलेखों पर की गई टिप्पणियों का पूरी तरह लिंगभेदी तथा नस्लभेदी रवैया..."
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राजप्रासाद के अनुसार, "इसमें से कुछ काफी सार्वजनिक रहा है - राष्ट्रीय स्तर के समाचारपत्र के मुखपृष्ठ पर उछाला गया कीचड़, टिप्पणियां करने के लिए लिखे गए आलेखों में किए गए नस्ली इशारे, तथा सोशल मीडिया ट्रोलों द्वारा व वेब आलेखों पर की गई टिप्पणियों का पूरी तरह लिंगभेदी तथा नस्लभेदी रवैया..."
A photo posted by Meghan Markle (@meghanmarkle) on Sep 11, 2016 at 7:48pm PDT
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RCB vs KXIP: आरसीबी ने किंग्स इलेवन पंजाब को 4 विकेट से हराया, डिविलियर्स ने बनाए 57 रन | यह भी पढ़ें: कठुआ में बच्ची के साथ गैंगरेप से आहत गंभीर ने समाज से पूछा यह तीखा सवाल.... |
आईपीएल-6 : मुम्बई इंडियंस ने रॉयल चैलेंजर्स को 58 रन से हराया | मुम्बई इंडियंस टीम ने शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण के 37वें मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स को 58 रन से हरा दिया। नौ मैचों में रॉयल चैलेंजर्स की यह तीसरी हार है जबकि मुम्बई ने आठ मैचों में पांचवीं जीत हासिल की है। इस जीत ने मुम्बई को तालिका में चौथे क्रम पर पहुंचा दिया है।
मुम्बई इंडियंस ने रॉयल चैलेंजर्स के सामने 195 रनों की चुनौती रखी थी लेकिन एक से एक धुरंधर बल्लेबाजों से सजी यह टीम 20 ओवरों में सात विकेट पर 136 रन ही बना सकी। क्रिस गेल (18), तिलकरत्ने दिलशान (13), विराट कोहली (1) और अब्राहम डिविलियर्स (2) की नाकामी फिलहाल अंक तालिका के शीर्ष पर विराजमान इस टीम के लिए भारी पड़ी।
रवि रामपाल (नाबाद 23) और विनय कुमार (नाबाद 26) ने आठवें विकेट के लिए 37 गेंदों पर 51 रनों की साझेदारी निभाई लेकिन उनका यह प्रयास नुकसान की भरपाई नहीं कर सका। विनय ने अपनी 20 गेंदों की पारी में चार चौके लगाए जबकि रामपाल ने 18 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके जड़े।
दिलशान और गेल ने पहले विकेट के लिए 34 गेंदों पर 35 रनों की साझेदारी की लेकिन दोनों बल्लेबाज उस लय में नहीं दिखे, जो लय उन्होंने पुणे वॉरियर्स के खिलाफ दिखाई थी। दिलशान का विकेट 35 रन के कुल योग पर गिरा। दिलशान ने 18 गेंदों पर दो चौके लगाए। गेल 37 और कोहली 39 रनों के कुल योग पर आउट हुए। डिविलियर्स का विकेट 43 रनों के कुल योग पर गिरा।
गेल का विकेट हरभजन सिंह के खाते में गया। गेल ने 20 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। दिलशान, डिविलियर्स और कोहली को धवल कुलकर्णी ने आउट किया। इसके बाद सौरव तिवारी (21) और अरुण कार्तिक (12) ने पांचवें विकेट के लिए 24 रन जोड़े।
कार्तिक का विकेट 67 रन के कुल योग पर गिरा। उन्हें हरभजन ने आउट किया जबकि तिवारी 83 रनों के कुल योग पर पवेलियन लौटे। 19 गेंदों पर एक छक्का लगाने वाले तिवारी को ड्वेन स्मिथ ने आउट किया। 85 रन के कुल योग पर रॉयल चैलेंजर्स ने सैयद मोहम्मद (9) का विकेट गंवाया।
मुम्बई की ओर से धवल ने तीन सफलता हासिल की जबकि हरभजन और स्मिथ को दो-दो सफलता मिली। धवल ने चार ओवरों के कोटे में 19 रन खर्च किए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
रवि रामपाल (नाबाद 23) और विनय कुमार (नाबाद 26) ने आठवें विकेट के लिए 37 गेंदों पर 51 रनों की साझेदारी निभाई लेकिन उनका यह प्रयास नुकसान की भरपाई नहीं कर सका। विनय ने अपनी 20 गेंदों की पारी में चार चौके लगाए जबकि रामपाल ने 18 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके जड़े।
दिलशान और गेल ने पहले विकेट के लिए 34 गेंदों पर 35 रनों की साझेदारी की लेकिन दोनों बल्लेबाज उस लय में नहीं दिखे, जो लय उन्होंने पुणे वॉरियर्स के खिलाफ दिखाई थी। दिलशान का विकेट 35 रन के कुल योग पर गिरा। दिलशान ने 18 गेंदों पर दो चौके लगाए। गेल 37 और कोहली 39 रनों के कुल योग पर आउट हुए। डिविलियर्स का विकेट 43 रनों के कुल योग पर गिरा।
गेल का विकेट हरभजन सिंह के खाते में गया। गेल ने 20 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। दिलशान, डिविलियर्स और कोहली को धवल कुलकर्णी ने आउट किया। इसके बाद सौरव तिवारी (21) और अरुण कार्तिक (12) ने पांचवें विकेट के लिए 24 रन जोड़े।
कार्तिक का विकेट 67 रन के कुल योग पर गिरा। उन्हें हरभजन ने आउट किया जबकि तिवारी 83 रनों के कुल योग पर पवेलियन लौटे। 19 गेंदों पर एक छक्का लगाने वाले तिवारी को ड्वेन स्मिथ ने आउट किया। 85 रन के कुल योग पर रॉयल चैलेंजर्स ने सैयद मोहम्मद (9) का विकेट गंवाया।
मुम्बई की ओर से धवल ने तीन सफलता हासिल की जबकि हरभजन और स्मिथ को दो-दो सफलता मिली। धवल ने चार ओवरों के कोटे में 19 रन खर्च किए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
दिलशान और गेल ने पहले विकेट के लिए 34 गेंदों पर 35 रनों की साझेदारी की लेकिन दोनों बल्लेबाज उस लय में नहीं दिखे, जो लय उन्होंने पुणे वॉरियर्स के खिलाफ दिखाई थी। दिलशान का विकेट 35 रन के कुल योग पर गिरा। दिलशान ने 18 गेंदों पर दो चौके लगाए। गेल 37 और कोहली 39 रनों के कुल योग पर आउट हुए। डिविलियर्स का विकेट 43 रनों के कुल योग पर गिरा।
गेल का विकेट हरभजन सिंह के खाते में गया। गेल ने 20 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। दिलशान, डिविलियर्स और कोहली को धवल कुलकर्णी ने आउट किया। इसके बाद सौरव तिवारी (21) और अरुण कार्तिक (12) ने पांचवें विकेट के लिए 24 रन जोड़े।
कार्तिक का विकेट 67 रन के कुल योग पर गिरा। उन्हें हरभजन ने आउट किया जबकि तिवारी 83 रनों के कुल योग पर पवेलियन लौटे। 19 गेंदों पर एक छक्का लगाने वाले तिवारी को ड्वेन स्मिथ ने आउट किया। 85 रन के कुल योग पर रॉयल चैलेंजर्स ने सैयद मोहम्मद (9) का विकेट गंवाया।
मुम्बई की ओर से धवल ने तीन सफलता हासिल की जबकि हरभजन और स्मिथ को दो-दो सफलता मिली। धवल ने चार ओवरों के कोटे में 19 रन खर्च किए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
गेल का विकेट हरभजन सिंह के खाते में गया। गेल ने 20 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। दिलशान, डिविलियर्स और कोहली को धवल कुलकर्णी ने आउट किया। इसके बाद सौरव तिवारी (21) और अरुण कार्तिक (12) ने पांचवें विकेट के लिए 24 रन जोड़े।
कार्तिक का विकेट 67 रन के कुल योग पर गिरा। उन्हें हरभजन ने आउट किया जबकि तिवारी 83 रनों के कुल योग पर पवेलियन लौटे। 19 गेंदों पर एक छक्का लगाने वाले तिवारी को ड्वेन स्मिथ ने आउट किया। 85 रन के कुल योग पर रॉयल चैलेंजर्स ने सैयद मोहम्मद (9) का विकेट गंवाया।
मुम्बई की ओर से धवल ने तीन सफलता हासिल की जबकि हरभजन और स्मिथ को दो-दो सफलता मिली। धवल ने चार ओवरों के कोटे में 19 रन खर्च किए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
कार्तिक का विकेट 67 रन के कुल योग पर गिरा। उन्हें हरभजन ने आउट किया जबकि तिवारी 83 रनों के कुल योग पर पवेलियन लौटे। 19 गेंदों पर एक छक्का लगाने वाले तिवारी को ड्वेन स्मिथ ने आउट किया। 85 रन के कुल योग पर रॉयल चैलेंजर्स ने सैयद मोहम्मद (9) का विकेट गंवाया।
मुम्बई की ओर से धवल ने तीन सफलता हासिल की जबकि हरभजन और स्मिथ को दो-दो सफलता मिली। धवल ने चार ओवरों के कोटे में 19 रन खर्च किए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
मुम्बई की ओर से धवल ने तीन सफलता हासिल की जबकि हरभजन और स्मिथ को दो-दो सफलता मिली। धवल ने चार ओवरों के कोटे में 19 रन खर्च किए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
इससे पहले, मुम्बई इंडियंस ने ड्वेन स्मिथ (50) व दिनेश कार्तिक (42) की उम्दा पारियों बदौलत निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 194 रन बनाए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
मुम्बई के लिए पहले विकेट की साझेदारी में स्मिथ के साथ सचिन तेंदुलकर (23) अभी लय में लौटते दिख ही रहे थे कि रुद्रप्रताप सिंह ने उन्हें चौथे ओवर की चौथी गेंद पर एलबीडब्ल्यू कर दिया। 29 रनों के कुल योग पर जब सचिन आउट हुए तब तक उन्होंने 13 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए थे।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
इसके बाद दूसरे विकेट की साझेदारी में स्मिथ और कार्तिक ने 39 गेंदों में तेज 68 रन जोड़े। अर्धशतक बनाने के तुरंत बाद स्मिथ सईद मोहम्मद की गेंद पर बोल्ड हो गए। स्मिथ ने 36 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के लगाए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने आए कप्तान रोहित शर्मा (10) भले कुछ खास नहीं कर पाए लेकिन तेरहवें ओवर की पांचवीं गेंद पर उनके आउट होने के बाद कार्तिक ने चौथे विकेट के लिए किरन पोलार्ड (34) के साथ मात्र 27 गेंद पर 51 रन जोड़ डाले।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
अर्द्धशतक से आठ रन से चूक गए कार्तिक 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर जब आउट हुए तो मुम्बई का स्कोर सम्मानजनक स्थिति में पहुंच चुका था। कार्तिक ने 33 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का जड़ा और पोलार्ड ने भी तेज हाथ दिखाते हुए 16 गेंदों में दो चौके और तीन छक्का लगाया।टिप्पणियां
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
इसी ओवर में अम्बाती रायडू और पोलार्ड का लगातार दो गेंदों में विकेट गिरने के बावजूद मुम्बई अंतिम 16 गेंदों में 24 रन बनाने में कामयाब रही।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए।
बैंगलुरु की तरफ से रवि रामपॉल, आरपी सिंह, विनय कुमार और सईद मोहम्मद को एक-एक विकेट ही मिल सका, जबकि मुम्बई के कुल तीन बल्लेबाज रन आउट हुए। |
पहाड़ों पर भी तापमान बढ़ा, मानसून से मिलेगी राहत | उत्तर भारत में कुछ दिन की राहत के बाद फिर से गर्मी का दौर शुरू हो गया है। यहां तक की हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भी तापमान रविवार को 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ओडिशा में लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जबकि बारिश होने के कारण मध्य प्रदेश में लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
राजधानी दिल्ली में रविवार को तपिश बनी रही। मौसम विभाग के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 41.8 डिग्री सेल्सियस था। आसमान में दिनभर छिटपुट बादल छाए रहे। दिल्ली में आद्र्रता 23 से 35 प्रतिशत के बीच थी। न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया, "सोमवार को अंशत: बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में बारिश की सम्भावना है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 43 एवं 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।"
उत्तर प्रदेश में लोगों को भीषण गर्मी से अभी निजात मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों के भीतर मौसम में किसी तरह के बदलाव की सम्भावना नहीं है। उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि आने वाले 36 से 48 घंटों के बीच मौसम में बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। पूरे राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। रविवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस था।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों मे जारी छिटपुट बारिश और बूंदाबांदी के चलते लू से तो लोगों को राहत मिल गई है मगर उमस सताए जा रही है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में इंदौर में 14.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश के चलते इंदौर में गर्मी का असर कुछ कम हुआ है। मौसम में आए बदलाव के चलते राज्य के अनेक हिस्सों में हुई बारिश व बूंदाबांदी ने लू से राहत तो दिला दी है, मगर उमस अपना असर दिखा रही है।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञानियों ने अनुमान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में अगले सप्ताह दस्तक दे सकता है।टिप्पणियां
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
राजधानी दिल्ली में रविवार को तपिश बनी रही। मौसम विभाग के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 41.8 डिग्री सेल्सियस था। आसमान में दिनभर छिटपुट बादल छाए रहे। दिल्ली में आद्र्रता 23 से 35 प्रतिशत के बीच थी। न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अधिकारी ने बताया, "सोमवार को अंशत: बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में बारिश की सम्भावना है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 43 एवं 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।"
उत्तर प्रदेश में लोगों को भीषण गर्मी से अभी निजात मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों के भीतर मौसम में किसी तरह के बदलाव की सम्भावना नहीं है। उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि आने वाले 36 से 48 घंटों के बीच मौसम में बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। पूरे राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। रविवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस था।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों मे जारी छिटपुट बारिश और बूंदाबांदी के चलते लू से तो लोगों को राहत मिल गई है मगर उमस सताए जा रही है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में इंदौर में 14.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश के चलते इंदौर में गर्मी का असर कुछ कम हुआ है। मौसम में आए बदलाव के चलते राज्य के अनेक हिस्सों में हुई बारिश व बूंदाबांदी ने लू से राहत तो दिला दी है, मगर उमस अपना असर दिखा रही है।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञानियों ने अनुमान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में अगले सप्ताह दस्तक दे सकता है।टिप्पणियां
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
अधिकारी ने बताया, "सोमवार को अंशत: बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में बारिश की सम्भावना है। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 43 एवं 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।"
उत्तर प्रदेश में लोगों को भीषण गर्मी से अभी निजात मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों के भीतर मौसम में किसी तरह के बदलाव की सम्भावना नहीं है। उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि आने वाले 36 से 48 घंटों के बीच मौसम में बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। पूरे राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। रविवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस था।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों मे जारी छिटपुट बारिश और बूंदाबांदी के चलते लू से तो लोगों को राहत मिल गई है मगर उमस सताए जा रही है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में इंदौर में 14.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश के चलते इंदौर में गर्मी का असर कुछ कम हुआ है। मौसम में आए बदलाव के चलते राज्य के अनेक हिस्सों में हुई बारिश व बूंदाबांदी ने लू से राहत तो दिला दी है, मगर उमस अपना असर दिखा रही है।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश में लोगों को भीषण गर्मी से अभी निजात मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों के भीतर मौसम में किसी तरह के बदलाव की सम्भावना नहीं है। उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि आने वाले 36 से 48 घंटों के बीच मौसम में बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। पूरे राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा। रविवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस था।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों मे जारी छिटपुट बारिश और बूंदाबांदी के चलते लू से तो लोगों को राहत मिल गई है मगर उमस सताए जा रही है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में इंदौर में 14.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश के चलते इंदौर में गर्मी का असर कुछ कम हुआ है। मौसम में आए बदलाव के चलते राज्य के अनेक हिस्सों में हुई बारिश व बूंदाबांदी ने लू से राहत तो दिला दी है, मगर उमस अपना असर दिखा रही है।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
मध्य प्रदेश के कई हिस्सों मे जारी छिटपुट बारिश और बूंदाबांदी के चलते लू से तो लोगों को राहत मिल गई है मगर उमस सताए जा रही है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में इंदौर में 14.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश के चलते इंदौर में गर्मी का असर कुछ कम हुआ है। मौसम में आए बदलाव के चलते राज्य के अनेक हिस्सों में हुई बारिश व बूंदाबांदी ने लू से राहत तो दिला दी है, मगर उमस अपना असर दिखा रही है।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों में इंदौर में 14.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश के चलते इंदौर में गर्मी का असर कुछ कम हुआ है। मौसम में आए बदलाव के चलते राज्य के अनेक हिस्सों में हुई बारिश व बूंदाबांदी ने लू से राहत तो दिला दी है, मगर उमस अपना असर दिखा रही है।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी 24 घंटों में राज्य के अनेक हिस्सों मे बारिश अथवा बूंदाबांदी की सम्भावना बनी हुई है। राजधानी भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर व शहडोल सम्भाग के अनेक हिस्सों मे बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
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ओडिशा के कई हिस्सों में रविवार को भी भीषण लू का चलना जारी रहा और इसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। भुवनेश्वर में आज का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस था।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञानियों ने अनुमान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में अगले सप्ताह दस्तक दे सकता है।टिप्पणियां
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधीनस्थ सचिव, पीआर महापात्रा ने कहा, "राज्य में लू के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।" कुछ तटीय इलाकों में पिछले दो दिनों के दौरान हालांकि तापमान थोड़ा कम हुआ है, लेकिन राज्य के पश्चिमी हिस्से भयानक तपिश से जूझ रहे हैं, जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञानियों ने अनुमान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में अगले सप्ताह दस्तक दे सकता है।टिप्पणियां
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सम्भलपुर जिला मुख्यालय और जिले के हीराकुंड कस्बे में शनिवार को क्रमश: अधिकतम 45.5 डिग्री सेल्सियस और 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञानियों ने अनुमान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में अगले सप्ताह दस्तक दे सकता है।टिप्पणियां
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
मौसम विभाग ने कहा है कि सुबर्णपुर जिला मुख्यालय सोनपुर और बालंगीर जिले के तितलागढ़ कस्बे में अधिकतम तापमान 45-45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञानियों ने अनुमान किया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में अगले सप्ताह दस्तक दे सकता है।टिप्पणियां
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
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राजधानी भुवनेश्वर में इस वर्ष पांच जून को, इसके पहले के सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड (22 मई, 1972 को 46.5 डिग्री सेल्सियस) तोड़ने वाला 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
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हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में रविवार को तापमान में दो से तीन डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई। ऊना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
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राजधानी शिमला का तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 27 डिग्री था, जबकि धर्मशाला एवं कांगड़ा का तापमान सामान्य से 3.5 डिग्री अधिक 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार शुष्क मौसम बना रहेगा। |
51 साल की इस मॉडल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की ऐसी तस्वीर, बटोर रही हैं सुर्खियां | हॉलीवुड की 51 वर्षीय मॉडल सिंडी क्रॉफोर्ड सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं. सिंडी ने नौ अप्रैल को अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज पर अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जिसको लेकर वह अचानक से खबरों में आ गईं हैं. फिल्मों से संन्यास ले चुकीं सिंडी की यह तस्वीर उनके कपड़ों को लेकर सुर्खियों में हैं. इसमें सिंडी टॉपलेस हैं.
पिछले दिनों सिंडी अपने पति रैंडे गेबर के साथ छुट्टियां मनाने बीच पर गईं थीं. उसी दौरान ये तस्वीर क्लिक की गई हैं. इस तस्वीर में सिंडी बॉडी जिंस पहने हुई हैं. हालांकि शरीर के ऊपरी हिस्से में कुछ भी नहीं पहन रखीं हैं. वह समुद्र के तट पर रेत में लेटी हुई हैं.टिप्पणियां
इंस्टाग्राम पर उनके फैंस इस तस्वीर की जमकर तारीफ कर रहे हैं. इंस्टाग्राम यूजर detamara78 ने कमेंट में लिखा है, 'टाइमलेस सिंडी.' इसी तरह एक अन्य इंस्टाग्राम यूजर ने bumascloset कमेंट किया है, 'अविश्वसनीय'. कुछ फैंस ने इस उम्र में इस तरह की तस्वीर पर नाराजगी भी जाहिर की है.
मालूम हो कि फिल्मों से संन्यास लेने के बाद से सिंडी अपने परिवार को समय दे रही हैं. काफी समय से मीडिया से दूर थीं, लेकिन अपनी इस तस्वीर को लेकर वह एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं.
इंस्टाग्राम पर उनके फैंस इस तस्वीर की जमकर तारीफ कर रहे हैं. इंस्टाग्राम यूजर detamara78 ने कमेंट में लिखा है, 'टाइमलेस सिंडी.' इसी तरह एक अन्य इंस्टाग्राम यूजर ने bumascloset कमेंट किया है, 'अविश्वसनीय'. कुछ फैंस ने इस उम्र में इस तरह की तस्वीर पर नाराजगी भी जाहिर की है.
मालूम हो कि फिल्मों से संन्यास लेने के बाद से सिंडी अपने परिवार को समय दे रही हैं. काफी समय से मीडिया से दूर थीं, लेकिन अपनी इस तस्वीर को लेकर वह एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं.
मालूम हो कि फिल्मों से संन्यास लेने के बाद से सिंडी अपने परिवार को समय दे रही हैं. काफी समय से मीडिया से दूर थीं, लेकिन अपनी इस तस्वीर को लेकर वह एक बार फिर से चर्चा में आ गई हैं. |
भारतीय आईटी कंपनियों को एच-1बी वीजा मंजूरियों में 43 प्रतिशत की गिरावट | भारत की शीर्ष सात सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों को 2015 की तुलना में 2017 में कम एच-1 बी वीजा मिले हैं. इस दौरान वीजा मंजूरियों में 43 प्रतिशत की गिरावट आई. अमेरिकी के एक शोध संस्थान ने वीजा की संख्या में कमी की वजह क्लाउड कंप्यूटिंग और कृत्रिम मेधा (एआई) को बताया. वाशिंगटन के शोध संस्थान नेशनल फाउंडेशन ऑफ अमेरिकन पालिसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017 में भारतीय कंपनियों को 8,468 नए एच-1 बी वीजा दिए गए हैं, जो अमेरिका के 16 करोड़ के श्रमबल का मात्र 0.006 प्रतिशत है.
भारत की शीर्ष सात कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2017 में 8,468 नए एच-1 बी वीजा आवेदनों को मंजूरी दी गई, जो कि 2015 में मिली मंजूरियों की तुलना में 43 प्रतिशत कम है. 2015 में भारतीय कंपनियों के 14,792 वीजा आवेदनों को मंजूरी मिली थी.
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फाउंडेशन ने कहा कि टाटा कंसेल्टेसी सर्विसेज (टीसीए) को 2017 में 2,312 एच-1 बी वीजा प्राप्त हुए जबकि 2015 में उसे 4,674 वीजा मिले थे. उसकी वीजा मंजूरियों में 51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. टिप्पणियां
इसी अवधि में इंफोसिस को 1,218 वीजा मिले जबकि 2015 में उसे 2,830 वीजा मिले थे. विप्रो को 2017 में 1,210 एच-1 बी वीजा मिले जबकि इसके मुकाबले में 2015 में उसे 3,079 वीजा मिले थे.
फाउंडेशन ने अपने विश्लेषण में कहा कि एच -1 बी वीजा में गिरावट की वजह कंपनियों का क्लाउड कंप्यूटिंग और कृत्रिम मेधा जैसी डिजिटल सेवाओं की तरफ झुकाव है , जिसमें कम लोगों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कंपनियों की वीजा पर निर्भरता घटने तथा अमेरिका में घरेलू श्रमबल को मजबूत करने पर ध्यान दिए जाने से भी भारतीय कंपनियों को वीजा मंजूरियों में गिरावट आई.
भारत की शीर्ष सात कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2017 में 8,468 नए एच-1 बी वीजा आवेदनों को मंजूरी दी गई, जो कि 2015 में मिली मंजूरियों की तुलना में 43 प्रतिशत कम है. 2015 में भारतीय कंपनियों के 14,792 वीजा आवेदनों को मंजूरी मिली थी.
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फाउंडेशन ने कहा कि टाटा कंसेल्टेसी सर्विसेज (टीसीए) को 2017 में 2,312 एच-1 बी वीजा प्राप्त हुए जबकि 2015 में उसे 4,674 वीजा मिले थे. उसकी वीजा मंजूरियों में 51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. टिप्पणियां
इसी अवधि में इंफोसिस को 1,218 वीजा मिले जबकि 2015 में उसे 2,830 वीजा मिले थे. विप्रो को 2017 में 1,210 एच-1 बी वीजा मिले जबकि इसके मुकाबले में 2015 में उसे 3,079 वीजा मिले थे.
फाउंडेशन ने अपने विश्लेषण में कहा कि एच -1 बी वीजा में गिरावट की वजह कंपनियों का क्लाउड कंप्यूटिंग और कृत्रिम मेधा जैसी डिजिटल सेवाओं की तरफ झुकाव है , जिसमें कम लोगों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कंपनियों की वीजा पर निर्भरता घटने तथा अमेरिका में घरेलू श्रमबल को मजबूत करने पर ध्यान दिए जाने से भी भारतीय कंपनियों को वीजा मंजूरियों में गिरावट आई.
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर फाउंडेशन ने कहा कि टाटा कंसेल्टेसी सर्विसेज (टीसीए) को 2017 में 2,312 एच-1 बी वीजा प्राप्त हुए जबकि 2015 में उसे 4,674 वीजा मिले थे. उसकी वीजा मंजूरियों में 51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. टिप्पणियां
इसी अवधि में इंफोसिस को 1,218 वीजा मिले जबकि 2015 में उसे 2,830 वीजा मिले थे. विप्रो को 2017 में 1,210 एच-1 बी वीजा मिले जबकि इसके मुकाबले में 2015 में उसे 3,079 वीजा मिले थे.
फाउंडेशन ने अपने विश्लेषण में कहा कि एच -1 बी वीजा में गिरावट की वजह कंपनियों का क्लाउड कंप्यूटिंग और कृत्रिम मेधा जैसी डिजिटल सेवाओं की तरफ झुकाव है , जिसमें कम लोगों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कंपनियों की वीजा पर निर्भरता घटने तथा अमेरिका में घरेलू श्रमबल को मजबूत करने पर ध्यान दिए जाने से भी भारतीय कंपनियों को वीजा मंजूरियों में गिरावट आई.
इसी अवधि में इंफोसिस को 1,218 वीजा मिले जबकि 2015 में उसे 2,830 वीजा मिले थे. विप्रो को 2017 में 1,210 एच-1 बी वीजा मिले जबकि इसके मुकाबले में 2015 में उसे 3,079 वीजा मिले थे.
फाउंडेशन ने अपने विश्लेषण में कहा कि एच -1 बी वीजा में गिरावट की वजह कंपनियों का क्लाउड कंप्यूटिंग और कृत्रिम मेधा जैसी डिजिटल सेवाओं की तरफ झुकाव है , जिसमें कम लोगों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कंपनियों की वीजा पर निर्भरता घटने तथा अमेरिका में घरेलू श्रमबल को मजबूत करने पर ध्यान दिए जाने से भी भारतीय कंपनियों को वीजा मंजूरियों में गिरावट आई.
फाउंडेशन ने अपने विश्लेषण में कहा कि एच -1 बी वीजा में गिरावट की वजह कंपनियों का क्लाउड कंप्यूटिंग और कृत्रिम मेधा जैसी डिजिटल सेवाओं की तरफ झुकाव है , जिसमें कम लोगों की आवश्यकता होती है. इसके अलावा कंपनियों की वीजा पर निर्भरता घटने तथा अमेरिका में घरेलू श्रमबल को मजबूत करने पर ध्यान दिए जाने से भी भारतीय कंपनियों को वीजा मंजूरियों में गिरावट आई. |
भारत में हर व्यक्ति कर सके इंटरनेट का इस्तेमाल, इसके लिए GOOGLE ने बनाया प्लान | प्रसाद को भारत में हर जगह के लोगों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल आसान करने, भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर के परिचालन , सामाजिक लाभ के लिए यांत्रिक बुद्धि आधारित समाधान तथा नव प्रवर्तन आधारित सोच के आधार पर शुरू की गयी इकाइयों (स्टर्टअप्स) और मझोली इकाइयों की क्षमता बढ़ाने की गूगल की योजनाओं की जानकारी दी गयी. |
गोवा में देर रात पार्टियों पर चला पुलिस का डंडा, सीएम ने दिए अवैध हरकतों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश | गोवा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुक्तेश चंदर ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस रात 10 बजे के निर्धारित समय के बाद भी देर रात तक होने वाली पार्टियों और संगीत कार्यक्रमों को सख्ती से बंद करवा रही है. राज्य के पुलिस प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस तरह की अवैध हरकतों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
डीजीपी ने कहा, "उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) इस तरह के सभी गैरकानूनी कार्यों पर लगाम लगाने के लिए बेहद सख्ती से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. सर्वोच्च न्यायालय के पहले से आदेश मौजूद हैं कि रात में 10 बजे के बाद खुली जगहों पर तेज आवाज में संगीत नहीं बजाया जा सकता."टिप्पणियां
गोवा, देश में प्रमुख सुमद्री तटों, नाइटलाइफ टूरिज्म, मादक पदार्थों वाली पार्टियों और देर रात के संगीत समारोहों के लिए जाना जाता है. राज्य प्रत्येक वर्ष 40 लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डीजीपी ने कहा, "उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) इस तरह के सभी गैरकानूनी कार्यों पर लगाम लगाने के लिए बेहद सख्ती से कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. सर्वोच्च न्यायालय के पहले से आदेश मौजूद हैं कि रात में 10 बजे के बाद खुली जगहों पर तेज आवाज में संगीत नहीं बजाया जा सकता."टिप्पणियां
गोवा, देश में प्रमुख सुमद्री तटों, नाइटलाइफ टूरिज्म, मादक पदार्थों वाली पार्टियों और देर रात के संगीत समारोहों के लिए जाना जाता है. राज्य प्रत्येक वर्ष 40 लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गोवा, देश में प्रमुख सुमद्री तटों, नाइटलाइफ टूरिज्म, मादक पदार्थों वाली पार्टियों और देर रात के संगीत समारोहों के लिए जाना जाता है. राज्य प्रत्येक वर्ष 40 लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मणिपुर और गुजरात में महसूस किए गए मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके | मणिपुर और गुजरात में गुरुवार को मध्यम तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए। मणिपुर में दो बार आए भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 और 3.3 मापी गई, जबकि गुजरात में आए भूकंप की तीव्रता 3.0 मापी गई।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार मणिपुर में 4.9 तीव्रता वाले भूकंप का पहला झटका अपराह्न एक बजकर 24 मिनट पर आया, जिसका केंद्र मणिपुर के चांदेल में 60 किलोमीटर गहराई में था। इसके बाद 3.3 तीव्रता वाले भूकंप का झटका शाम पांच बजकर 26 मिनट पर महसूस किया गया, जिसका केंद्र सेनापति में 10 किलोमीटर गहराई में था।टिप्पणियां
इसने बताया कि गुजरात में भी रात 11:30 बजे मध्यम तीव्रता वाले भूकंप का झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र बनासकांठा में पांच किलोमीटर गहराई में था।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान दोनों राज्यों में जानमाल को किसी प्रकार का नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार मणिपुर में 4.9 तीव्रता वाले भूकंप का पहला झटका अपराह्न एक बजकर 24 मिनट पर आया, जिसका केंद्र मणिपुर के चांदेल में 60 किलोमीटर गहराई में था। इसके बाद 3.3 तीव्रता वाले भूकंप का झटका शाम पांच बजकर 26 मिनट पर महसूस किया गया, जिसका केंद्र सेनापति में 10 किलोमीटर गहराई में था।टिप्पणियां
इसने बताया कि गुजरात में भी रात 11:30 बजे मध्यम तीव्रता वाले भूकंप का झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र बनासकांठा में पांच किलोमीटर गहराई में था।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान दोनों राज्यों में जानमाल को किसी प्रकार का नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
इसने बताया कि गुजरात में भी रात 11:30 बजे मध्यम तीव्रता वाले भूकंप का झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.0 मापी गई। इस भूकंप का केंद्र बनासकांठा में पांच किलोमीटर गहराई में था।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान दोनों राज्यों में जानमाल को किसी प्रकार का नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान दोनों राज्यों में जानमाल को किसी प्रकार का नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। |
मोहन बागान ने एएफसी कप में साउथ चाइना को 4-0 से हराया | मोहन बागान ने बुधवार को दस खिलाड़ियों के साथ खेल रही साउथ चाइना की टीम को 4-0 से करारी शिकस्त देकर एएफसी कप फुटबाल टूर्नामेंट में लगातार दूसरी जीत दर्ज की।
आईलीग चैंपियन ने पिछले महीने गुवाहाटी में अपने घरेलू मैच में मालदीव के माजिया स्पोर्ट्स को 5-2 से हराया था। मोंगकोक स्टेडियम में खेले गये ग्रुप जी के इस मैच में उसकी तरफ से आज लेनी रोड्रिग्स (15वें मिनट), सोनी नोर्डे (39वें मिनट), कोर्नेल ग्लेन (45वें मिनट) और जेजे लालपेखुलुआ (82वें मिनट) ने गोल किये।टिप्पणियां
महाद्वीप के दूसरी श्रेणी की क्लब प्रतियोगिता में अपनी लगातार दूसरी जीत के बाद मोहन बागान दो मैचों में छह अंक लेकर शीर्ष पर है। वह म्यांमार के यांगून यूनाईटेड से दो अंक आगे हैं। बागान को अब 16 मार्च को गुवाहाटी में म्यांमार की टीम से भिड़ना है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
आईलीग चैंपियन ने पिछले महीने गुवाहाटी में अपने घरेलू मैच में मालदीव के माजिया स्पोर्ट्स को 5-2 से हराया था। मोंगकोक स्टेडियम में खेले गये ग्रुप जी के इस मैच में उसकी तरफ से आज लेनी रोड्रिग्स (15वें मिनट), सोनी नोर्डे (39वें मिनट), कोर्नेल ग्लेन (45वें मिनट) और जेजे लालपेखुलुआ (82वें मिनट) ने गोल किये।टिप्पणियां
महाद्वीप के दूसरी श्रेणी की क्लब प्रतियोगिता में अपनी लगातार दूसरी जीत के बाद मोहन बागान दो मैचों में छह अंक लेकर शीर्ष पर है। वह म्यांमार के यांगून यूनाईटेड से दो अंक आगे हैं। बागान को अब 16 मार्च को गुवाहाटी में म्यांमार की टीम से भिड़ना है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
महाद्वीप के दूसरी श्रेणी की क्लब प्रतियोगिता में अपनी लगातार दूसरी जीत के बाद मोहन बागान दो मैचों में छह अंक लेकर शीर्ष पर है। वह म्यांमार के यांगून यूनाईटेड से दो अंक आगे हैं। बागान को अब 16 मार्च को गुवाहाटी में म्यांमार की टीम से भिड़ना है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
शिनजियांग डायरी 2: उइघर मुस्लिम कितने मुक्त | क्या हैं ये वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर? पश्चिम का मीडिया इन्हें कॉन्सन्ट्रेशन कैंप कहता है. लेकिन चीन को इस पर सख्त आपत्ति है. यहां के जानकार और अधिकारियों का एक मत है कि उइघर मुस्लिमों, जिनके खिलाफ आतंक के गंभीर मामले नहीं हैं, उन्हें इन वोकशनल सेंटर भेजना सही है. इससे उन्हें डीरैडिकलाज़ करने में आसानी होती है और वो कोई ना कोई काम सीख कर सरकार की दी आर्थिक मदद के ज़रिए एक सामान्य चीनी नागरिक के तौर पर जीवनयापन कर सकते हैं. सुनने में बुरा नहीं लगता, जब तक कि आप जाकर खुद इन सेंटरों में रह रहे लोगों से बात नहीं करते. बात करने के बाद अधिकारियों की बात सिर्फ दलील लगने लगती है. कम से कम मुझे यही लगा.
शिनजियांग के अधिकारियों ने हम पत्रकारों को दो वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर दिखाए. वहां ले गए. वहां मौजूद ट्रेनियों से, शिक्षकों से बात करने दी. हालांकि दो अहम चीज़ें जो आपको जाननी चाहिए वो है भाषा की समस्या और अधिकारियों की मौजूदगी. असल में शिनजियांग के अधिकतर उइघर, उइघर भाषा बोलते हैं. एक इंटरप्रेटर या दुभाषिया इसका मैंडेरिन भाषा में अनुवाद करता है और मैंडरिन और अंग्रेज़ी जानने वाला दुभाषिया हमारे लिए इसे अंग्रेजी में अनुवादित करता है. इसलिए इन सेंटरों में हमेशा हमने इस बात की कोशिश की कि अनुवाद ईमानदारी से हो और कहीं कुछ Lost in Translation ना हो. दूसरी बात ये कि खासकर इन सेंटरों में हमारे साथ कई चीनी अधिकारी रहे, कम से कम 12 से 15. तो क्या इनकी मौजूदगी किसी तरह से इन सेंटरों में रखे गए उइघर लोगों के बयानों को प्रभावित कर रही थी.
जिस पहले वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर में हमें ले जाया गया उसका नाम था- वेन्सू काउंटी वोकेशनल स्किल्स ट्रेनिंग सेंटर. शहर से बाहर, बस से करीब 40 मिनट की दूरी पर एक बड़ा इलाका और चारदीवारी के अंदर कुछ बेहद सामान्य लगने वाली इमारतें. घुसते के साथ दाहिने हाथ पर बास्केटबॉल कोर्ट पर कुछ युवा बास्केटबॉल खेलते नज़र आए. मैं उनका वीडियो बनाना चाहती थी, उनसे बात करना चाहती थी लेकिन साथ में मौजूद चीनी अधिकारियों ने कहा कि ये गेम करिकुलम का हिस्सा है, बीच में नहीं रोक सकते, बाद में इनसे बात करने का मौका मिलेगा. अंदर सबसे पहले एक डांस क्लास में ले जाया गया जहां कुछ उइघर मुस्लिम युवाओं ने पारंपरिक और मॉडर्न डांस कर दिखाया. फिर हम एक क्लास में गए जहां मैंडेरिन पढ़ाया जा रहा था. हमने छात्रों से कुछ सवाल पूछने की इजाज़त मांगी. कई छात्रों से बात हुई- कैमरे पर भी और बिना कैमरे के भी, दुभाषिए के ज़रिए. इनसे हमने पूछा कि किन अपराधों के लिए इन्हें यहां लाया गया है. ये अपराध हैं कुरान पढ़ना, हिजाब पहनना, बिना लाइसेंस के निकाह करना, फोन पर जिहादी वीडियो देखना या डाउनलोड करना, अवैध जगहों पर धर्म पर जानकारी सुनना, सरकारी मदद लेने से मना करना, घरवालों को टीवी देखना गैर इस्लामिक बताना, घर की महिलाओं को गैर इस्लामिक बता कर मेकअप लगाने से मना करना वगैरह.
इनसे और अधिकारियों से बात कर लगता है कि सभी मामलों में किसी ने किसी इनकी रिपोर्ट पुलिस को दी. लेकिन ये भी लगता है कि जब कोई अकेले, अपने फोन पर कोई वीडियो देख रहा हो, तो किसी और को कैसे पता चला? इसमें शंका ये होती है कि क्या यहां लोगों की ऑनलाइन गतिविधियां पर Electronically भी नज़र रखी जा रही है?
लेकिन सबसे बड़ी बात क्या है इस सेंटर पर? वो ये कि यहां पर 'ट्रेनिंग कर रहे कम से 99 फीसद उइघर मुस्लिम ये कहते हैं कि अब वो इस्लाम में विश्वास नहीं करते. किसी प्रकार की कोई प्रार्थना नहीं करते. किसी धर्म में विश्वास नहीं करते. तो सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो लोग अतिवादी इस्लाम की तरफ झुक रहे थे उन्होंने पूरी तरह धर्म ही त्याग दिया. पूछने पर ये कहते हैं कि इन्हें अपनी गलती समझ में आ गई है. लेकिन ये मेरी और वहां मौजूद कई पत्रकारों की समझ में नहीं आया. क्या डिरैडिकलाइज़ेशन पूरी तरह से धर्म का त्याग कर देना है या अतिवाद से दूर हटना है? दुनिया में कहीं और भी ऐसा होता है? आखिर यहां ऐसा क्या समझाया-बुझाया गया कि इन लोगों ने धर्म ही छोड़ दिया? हमने इनसे ये भी पूछा कि क्योंकि चीन में किसी भी स्कूल कॉलेज में किसी भी धार्मिक गतिविधि की मनाही है, तो क्या छुट्टियों में जब घर जाते हैं तो नमाज़ पढते हैं या मस्जिद जाते हैं? दो-तीन के अलावा सबका जवाब था- नहीं. एक पत्रकार ने यहां तक पूछा कि क्या आपको यातनाएं दी जाती हैं जिसपर ये हंसने लगे और कहा नहीं.
लेकिन तब भी सवाल ये बना हुआ है कि यहां पर डिरैडिकलाइज़ेशन का मतलब क्या धर्म खत्म करना होता है? ये इन उइगर मुस्लिमों का अपना फैसला है या थोपा हुआ? और ये फैसला सच में विश्वास खत्म होने के कारण है या ज़िंदगी आसान करने का तरीका? |
सीरिया में बंधकों के सिर कलम करने वाला 'जिहादी जॉन' मारा गया, आईएस ने की पुष्टि | खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि कई बंधकों का सिर कलम करने वाला उसके गुट का सदस्य 'जिहादी जॉन' मारा गया है। आतंकी संगठन ने कहा कि जिहादी जॉन नवंबर में उसके सीरियाई गढ़ रक्का शहर में एक ड्रोन हमले में मारा गया था।
मीडिया द्वारा बीते वर्ष फरवरी में जिहादी जॉन की पहचान अरब मूल के 27 वर्षीय ब्रिटेन निवासी मोहम्मद एमवाज़ी के रूप में की गई थी। आईएसआईएस ने अपनी ऑनलाइन पत्रिका Dabiq में कहा कि एजवाजी पिछले साल 12 नवंबर को रक्का में एक ड्रॉन हमले में मारा गया, जब वह अपनी कार में जा रहा था। आतंकी संगठन ने अपनी इस ऑनलाइन पत्रिका में 'अबु मुहारिब अल-मुजाहिर' उपनाम से उसके बारे में जिक्र किया था।
इससे पहले बीते वर्ष नवंबर में अमेरिका सेना ने कहा था कि वह इस बात को लेकर काफी हद तक आश्वस्त है कि आईएसआईएस आतंकवादी जिहादी जॉन सीरिया में हुए उसके हवाई हमलों में मारा गया। उसने जिहादी जॉन की मौत को आतंकी समूह इस्लामी स्टेट के लिए एक बड़ा झटका करार दिया।
आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य अभियान के प्रवक्ता कर्नल स्टीवन वारेन ने कहा था 'हम काफी हद तक आश्वस्त हैं कि जिस लक्ष्य यानी जिहादी जॉन को हम मारना चाहते थे वह मारा गया है।' उन्होंने वेबकास्ट लाइव के जरिये पेटागन कवर करने वाले संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहरहाल इसकी पुष्टि करने में कुछ समय लग जाएगा कि जिहादी जॉन मारा जा चुका है। उन्होंने कहा, 'यह ड्रोन हमला था। हथियार प्रणाली ने वांछित लक्ष्य को भेद दिया।'टिप्पणियां
आपको बता दें कि 'जिहादी जॉन' सीरिया में कम से कम सात बंधकों (जिनमें ब्रिटेन के दो लोग भी शामिल रहे) के विभत्स तरीके से सिर कलम किए जाने की घटनाओं में शामिल रहा।
अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट द्वारा जारी सात वीडियो में एमवाज़ी को दिखाया गया था, जब वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कमल करते हुए दिखाई दिया था। सितंबर 2014 में एक वीडियो में वह एक और अमेरिकी पत्रकार स्टीव सोटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कार्यकर्ता डेविड हैंस का सिर कलम करते वीडियो में भी दिखाई दिया था। वहीं एक हालिया वीडियो में वह ब्रिटिश लहजे (British accent) में सिर कलम करने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया था।
मीडिया द्वारा बीते वर्ष फरवरी में जिहादी जॉन की पहचान अरब मूल के 27 वर्षीय ब्रिटेन निवासी मोहम्मद एमवाज़ी के रूप में की गई थी। आईएसआईएस ने अपनी ऑनलाइन पत्रिका Dabiq में कहा कि एजवाजी पिछले साल 12 नवंबर को रक्का में एक ड्रॉन हमले में मारा गया, जब वह अपनी कार में जा रहा था। आतंकी संगठन ने अपनी इस ऑनलाइन पत्रिका में 'अबु मुहारिब अल-मुजाहिर' उपनाम से उसके बारे में जिक्र किया था।
इससे पहले बीते वर्ष नवंबर में अमेरिका सेना ने कहा था कि वह इस बात को लेकर काफी हद तक आश्वस्त है कि आईएसआईएस आतंकवादी जिहादी जॉन सीरिया में हुए उसके हवाई हमलों में मारा गया। उसने जिहादी जॉन की मौत को आतंकी समूह इस्लामी स्टेट के लिए एक बड़ा झटका करार दिया।
आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य अभियान के प्रवक्ता कर्नल स्टीवन वारेन ने कहा था 'हम काफी हद तक आश्वस्त हैं कि जिस लक्ष्य यानी जिहादी जॉन को हम मारना चाहते थे वह मारा गया है।' उन्होंने वेबकास्ट लाइव के जरिये पेटागन कवर करने वाले संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहरहाल इसकी पुष्टि करने में कुछ समय लग जाएगा कि जिहादी जॉन मारा जा चुका है। उन्होंने कहा, 'यह ड्रोन हमला था। हथियार प्रणाली ने वांछित लक्ष्य को भेद दिया।'टिप्पणियां
आपको बता दें कि 'जिहादी जॉन' सीरिया में कम से कम सात बंधकों (जिनमें ब्रिटेन के दो लोग भी शामिल रहे) के विभत्स तरीके से सिर कलम किए जाने की घटनाओं में शामिल रहा।
अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट द्वारा जारी सात वीडियो में एमवाज़ी को दिखाया गया था, जब वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कमल करते हुए दिखाई दिया था। सितंबर 2014 में एक वीडियो में वह एक और अमेरिकी पत्रकार स्टीव सोटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कार्यकर्ता डेविड हैंस का सिर कलम करते वीडियो में भी दिखाई दिया था। वहीं एक हालिया वीडियो में वह ब्रिटिश लहजे (British accent) में सिर कलम करने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया था।
इससे पहले बीते वर्ष नवंबर में अमेरिका सेना ने कहा था कि वह इस बात को लेकर काफी हद तक आश्वस्त है कि आईएसआईएस आतंकवादी जिहादी जॉन सीरिया में हुए उसके हवाई हमलों में मारा गया। उसने जिहादी जॉन की मौत को आतंकी समूह इस्लामी स्टेट के लिए एक बड़ा झटका करार दिया।
आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य अभियान के प्रवक्ता कर्नल स्टीवन वारेन ने कहा था 'हम काफी हद तक आश्वस्त हैं कि जिस लक्ष्य यानी जिहादी जॉन को हम मारना चाहते थे वह मारा गया है।' उन्होंने वेबकास्ट लाइव के जरिये पेटागन कवर करने वाले संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहरहाल इसकी पुष्टि करने में कुछ समय लग जाएगा कि जिहादी जॉन मारा जा चुका है। उन्होंने कहा, 'यह ड्रोन हमला था। हथियार प्रणाली ने वांछित लक्ष्य को भेद दिया।'टिप्पणियां
आपको बता दें कि 'जिहादी जॉन' सीरिया में कम से कम सात बंधकों (जिनमें ब्रिटेन के दो लोग भी शामिल रहे) के विभत्स तरीके से सिर कलम किए जाने की घटनाओं में शामिल रहा।
अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट द्वारा जारी सात वीडियो में एमवाज़ी को दिखाया गया था, जब वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कमल करते हुए दिखाई दिया था। सितंबर 2014 में एक वीडियो में वह एक और अमेरिकी पत्रकार स्टीव सोटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कार्यकर्ता डेविड हैंस का सिर कलम करते वीडियो में भी दिखाई दिया था। वहीं एक हालिया वीडियो में वह ब्रिटिश लहजे (British accent) में सिर कलम करने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया था।
आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य अभियान के प्रवक्ता कर्नल स्टीवन वारेन ने कहा था 'हम काफी हद तक आश्वस्त हैं कि जिस लक्ष्य यानी जिहादी जॉन को हम मारना चाहते थे वह मारा गया है।' उन्होंने वेबकास्ट लाइव के जरिये पेटागन कवर करने वाले संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहरहाल इसकी पुष्टि करने में कुछ समय लग जाएगा कि जिहादी जॉन मारा जा चुका है। उन्होंने कहा, 'यह ड्रोन हमला था। हथियार प्रणाली ने वांछित लक्ष्य को भेद दिया।'टिप्पणियां
आपको बता दें कि 'जिहादी जॉन' सीरिया में कम से कम सात बंधकों (जिनमें ब्रिटेन के दो लोग भी शामिल रहे) के विभत्स तरीके से सिर कलम किए जाने की घटनाओं में शामिल रहा।
अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट द्वारा जारी सात वीडियो में एमवाज़ी को दिखाया गया था, जब वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कमल करते हुए दिखाई दिया था। सितंबर 2014 में एक वीडियो में वह एक और अमेरिकी पत्रकार स्टीव सोटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कार्यकर्ता डेविड हैंस का सिर कलम करते वीडियो में भी दिखाई दिया था। वहीं एक हालिया वीडियो में वह ब्रिटिश लहजे (British accent) में सिर कलम करने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया था।
आपको बता दें कि 'जिहादी जॉन' सीरिया में कम से कम सात बंधकों (जिनमें ब्रिटेन के दो लोग भी शामिल रहे) के विभत्स तरीके से सिर कलम किए जाने की घटनाओं में शामिल रहा।
अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट द्वारा जारी सात वीडियो में एमवाज़ी को दिखाया गया था, जब वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कमल करते हुए दिखाई दिया था। सितंबर 2014 में एक वीडियो में वह एक और अमेरिकी पत्रकार स्टीव सोटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कार्यकर्ता डेविड हैंस का सिर कलम करते वीडियो में भी दिखाई दिया था। वहीं एक हालिया वीडियो में वह ब्रिटिश लहजे (British accent) में सिर कलम करने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया था।
अगस्त 2014 से इस्लामिक स्टेट द्वारा जारी सात वीडियो में एमवाज़ी को दिखाया गया था, जब वह अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोली का सिर कमल करते हुए दिखाई दिया था। सितंबर 2014 में एक वीडियो में वह एक और अमेरिकी पत्रकार स्टीव सोटलॉफ और ब्रिटिश सहायता कार्यकर्ता डेविड हैंस का सिर कलम करते वीडियो में भी दिखाई दिया था। वहीं एक हालिया वीडियो में वह ब्रिटिश लहजे (British accent) में सिर कलम करने की धमकी देता हुआ दिखाई दिया था। |
बारिश के मौसम में ये गलतियां...लगा सकती हैं आपके स्टाइल पर ग्रहण | बारिशें शुरू होने में अब थोड़ा ही समय बचा है। ऐसे में कब और कहां आपको बारिश का सामना करना पड़ जाएगा, आप कह नहीं सकते। अब बारिश में अपना स्टाइल बनाए रखना है तो जरूरी है कि आप कुछ बातों का ध्यान रखें।
बारिश में कहीं आपका मेकअप भी धुल न जाएं इसके लिए वॉटर प्रुफ मेकअप ट्राई करें। अपना मेकअप लाइट रखें और हो सके तो अपने पर्स में लिपस्टिक और लाइनर जरूर रखें। जो जरूरत में आपके काम आ सके।
यह भी पढ़ें: मेकअप, सिर्फ पर्सनालिटी ही नहीं निखारता, जलन भी देता है!टिप्पणियां
समर आउटफिट हमेशा ऐसे होने चाहिए, जो हवादार हों और जिन्हें पहनने के बाद आप अनकर्म्फटेबल महसूस न करें। इस मौसम में कोल्हापुरी सिल्पर ट्राई करें। इसके अलावा वैलिस, रबर शूज और कैनवास जूते भी ट्राई किए जा सकते हैं।
इस मौसम में सफेद कपड़े पहनने से जितना हो सके बचें। अगर आपकी जॉब में सफेद पहनना जरूरी है तो इसके ऊपर जैकेट पहनी जा सकती है। बेहतर होगा कि आप ग्रे, नेवी ब्लू और ब्लैक कलर ट्राई करें।
आप छोले भठूरे और ब्रेड पकौड़े खाने के बहुत शौकिन हैं तो इस बार इन्हें घर पर बनाकर ही खाएं। इस मौसम में स्ट्रीट फूड आपके पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस बीच कॉफी और घर के बने नाश्ता का आनंद लें।
यह भी पढ़ें: 7 तरह के ट्रिप के लिए 7 तरह के आउटफिट, स्टाइल, फैशन, कंफर्ट सब मिलेगा यहां...
तेज हवाएं, पर्दों का उड़ना और दरवाजों का खड़खड़ाना आपको किसी हॉरर मूवी का सीन लग रहा होगा। लेकिन बारिश के मौसम में डर को महसूस करने की बजाए इन पर लगाम लगाएं। सभी दरवाजों और खिड़कियों को अच्छे से बंद करके रखें।
अपने चार्जर को प्लग में लगाकर छोड़ना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हो सकता है बारिश में शॉर्ट सर्किट आपको मुसीबत में डाल दें। तो बेहतर होगा कि फोन चार्ज करने के बाद सभी प्लग बंद कर दिए जाएं।
बारिश में कहीं आपका मेकअप भी धुल न जाएं इसके लिए वॉटर प्रुफ मेकअप ट्राई करें। अपना मेकअप लाइट रखें और हो सके तो अपने पर्स में लिपस्टिक और लाइनर जरूर रखें। जो जरूरत में आपके काम आ सके।
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समर आउटफिट हमेशा ऐसे होने चाहिए, जो हवादार हों और जिन्हें पहनने के बाद आप अनकर्म्फटेबल महसूस न करें। इस मौसम में कोल्हापुरी सिल्पर ट्राई करें। इसके अलावा वैलिस, रबर शूज और कैनवास जूते भी ट्राई किए जा सकते हैं।
इस मौसम में सफेद कपड़े पहनने से जितना हो सके बचें। अगर आपकी जॉब में सफेद पहनना जरूरी है तो इसके ऊपर जैकेट पहनी जा सकती है। बेहतर होगा कि आप ग्रे, नेवी ब्लू और ब्लैक कलर ट्राई करें।
आप छोले भठूरे और ब्रेड पकौड़े खाने के बहुत शौकिन हैं तो इस बार इन्हें घर पर बनाकर ही खाएं। इस मौसम में स्ट्रीट फूड आपके पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस बीच कॉफी और घर के बने नाश्ता का आनंद लें।
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तेज हवाएं, पर्दों का उड़ना और दरवाजों का खड़खड़ाना आपको किसी हॉरर मूवी का सीन लग रहा होगा। लेकिन बारिश के मौसम में डर को महसूस करने की बजाए इन पर लगाम लगाएं। सभी दरवाजों और खिड़कियों को अच्छे से बंद करके रखें।
अपने चार्जर को प्लग में लगाकर छोड़ना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हो सकता है बारिश में शॉर्ट सर्किट आपको मुसीबत में डाल दें। तो बेहतर होगा कि फोन चार्ज करने के बाद सभी प्लग बंद कर दिए जाएं।
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इस मौसम में सफेद कपड़े पहनने से जितना हो सके बचें। अगर आपकी जॉब में सफेद पहनना जरूरी है तो इसके ऊपर जैकेट पहनी जा सकती है। बेहतर होगा कि आप ग्रे, नेवी ब्लू और ब्लैक कलर ट्राई करें।
आप छोले भठूरे और ब्रेड पकौड़े खाने के बहुत शौकिन हैं तो इस बार इन्हें घर पर बनाकर ही खाएं। इस मौसम में स्ट्रीट फूड आपके पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस बीच कॉफी और घर के बने नाश्ता का आनंद लें।
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2012 में 12 फीसदी बढ़ेगी सैलरी! | कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। एक सर्वे में कहा गया है कि आर्थिक नरमी के बावजूद नए साल में कर्मचारियों के वेतन में 12 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। वैश्विक प्रबंधन परामर्श कंपनी हे ग्रुप ने कहा, 2011 में कर्मचारियों के वेतन में औसतन 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2012 में औसतन 12 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। यह वृद्धि न केवल कनिष्ठ एवं मझोले स्तर पर होगी, बल्कि वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर भी यह वृद्धि देखने को मिल सकती है। हे ग्रुप का कहना है कि मंदी के दौरान भारतीय कंपनियों में विदेशी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा स्थिरता देखने को मिली है। कंपनी के बयान के अनुसार इंजीनियरिंग, बिक्री तथा विपणन जैसे क्षेत्रों में भर्ती गतिविधियों में तेजी देखने को मिल रही है। सर्वे में देश के 300 संगठनों को शामिल किया गया है। हे ग्रुप इंडिया के प्रबंध सलाहकार श्रीधर गणेशन ने कहा कि शोध से पता चला है कि इस साल देश में कर्मचारियों के वेतन में औसतन 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि स्थान, क्षेत्र तथा वरिष्ठता के आधार पर अलग-अलग है। अगले साल इसमें 12 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। |
कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आई : सरकार | सरकार ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और पिछले तीन वर्षों में ऐसे मामलों में लगातार कमी आई है.
लोकसभा में हरीश द्विवेदी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए डायग्नोस्टिक तकनीकों के दुरूपयोग पर रोक लगाने सहित कई कदम उठाए गए हैं.टिप्पणियां
उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 में कन्या भ्रूण हत्या के 50 मामले प्रकाश में आए थे. इसके बाद साल 2015 में 45 और साल 2016 में 40 मामले सामने आए.
मंत्री ने कहा कि सरकार ने गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व डायग्नोस्टिक तकनीक :लिंग चयन निषेध: अधिनियम-1994 को अधिनियमित किया है.
लोकसभा में हरीश द्विवेदी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए डायग्नोस्टिक तकनीकों के दुरूपयोग पर रोक लगाने सहित कई कदम उठाए गए हैं.टिप्पणियां
उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 में कन्या भ्रूण हत्या के 50 मामले प्रकाश में आए थे. इसके बाद साल 2015 में 45 और साल 2016 में 40 मामले सामने आए.
मंत्री ने कहा कि सरकार ने गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व डायग्नोस्टिक तकनीक :लिंग चयन निषेध: अधिनियम-1994 को अधिनियमित किया है.
उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 में कन्या भ्रूण हत्या के 50 मामले प्रकाश में आए थे. इसके बाद साल 2015 में 45 और साल 2016 में 40 मामले सामने आए.
मंत्री ने कहा कि सरकार ने गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व डायग्नोस्टिक तकनीक :लिंग चयन निषेध: अधिनियम-1994 को अधिनियमित किया है.
मंत्री ने कहा कि सरकार ने गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व डायग्नोस्टिक तकनीक :लिंग चयन निषेध: अधिनियम-1994 को अधिनियमित किया है. |
उत्तराखंड के औली में कचरा बिखेरने वाले गुप्ता बंधुओं पर लगा 2.5 लाख रुपये का जुर्माना | उत्तराखंड के औली में कचरा बिखरने के लिए दक्षिण अफ्रीका के व्यवसायी बंधुओं अजय और अतुल गुप्ता पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. औली में पिछले सप्ताह उनके बेटों की शादियां हुई थीं. जोशीमठ नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी एस.पी. नौटियाल ने कहा, "हमने गुप्ता बंधुओं पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है." उन्होंने कहा है कि 'खुले में शौच' को लेकर एक लाख रुपये और 1.5 लाख रुपये कचरा फैलाने के लिए जुर्माना लगाया गया है. उन्होंने बताया कि चालान की एक प्रति शादी के कार्यक्रम की देखरेख करने वाली कंपनी को भी भेज दी गई है. इसके अलावा, पर्यावरणीय चिंताओं के बीच हुई शादियों के बाद बचा हुआ कचरा इकट्ठा करने के लिए नगरपालिका 8.14 लाख रुपये का बिल भी तैयार कर रही है.
गुप्ता बंधु पहले ही 5.54 लाख रुपये नगरपालिका में जमा करा चुके हैं, जिसमें 54 हजार रुपये उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में शामिल हैं. हाई-प्रोफाइल शादियों के बाद जोशीमठ नगरपालिका ने अब तक 306 क्विंटल कचरा विवाह स्थल से इकट्ठा किया है. अधिकारियों ने कहा है कि नगरपालिका प्रतिदिन 3-4 ट्रकों को भरकर कचरा इकट्ठा कर रहा है. उन्हें उम्मीद है कि वह स्थल से रविवार तक संपूर्ण स्थान को साफ कर लेंगे. इस बीच, चमोली के जिला प्रशासन के पास गुप्ता बंधुओं द्वारा जमा की गई 3 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि की वापसी का मुद्दा उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा 8 जुलाई को तय किया जाएगा.
उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार, वन विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, चमोली जिला प्रशासन, उत्तराखंड जल संस्थान, राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग के 13 अधिकारियों के एक समूह ने शादी की निगरानी और वीडियोग्राफी की. शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि समारोह में औली के वनस्पतियों और जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. चूंकि अदालत ने औली में हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी, इसलिए हेलीकॉप्टर जोशीमठ हेलीपैड के पास रविग्राम में उतरे, जहां से मेहमानों को कारों में विवाह स्थल तक लाया गया. अदालत ने मेहमानों की संख्या 150 तय की थी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और योगगुरु बाबा रामदेव उन वीआईपी लोगों में शामिल थे, जिन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया. कैटरीना कैफ सहित बॉलीवुड सितारों की एक समूह ने शादियों में प्रस्तुति दी थी. |
सपा की हार से कई मंत्रियों पर गिर सकती है गाज | लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी संगठन के पदाधिकारियों और सपा सरकार के मंत्रियों पर गाज गिर सकती है।
सपा की करारी हार से पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव बेहद नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक शनिवार शाम को दिल्ली लौटे मुलायम रविवार देर शाम मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से अपने आवास पर मिल सकते हैं।
सपा सूत्रों के मुताबिक अगले एक-दो दिन में सरकार और संगठन में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। कहा जा रहा है कि सपा प्रमुख सबसे ज्यादा नाराज दर्जा प्राप्त मंत्रियों से हैं। कई दर्जा प्राप्त मंत्रियों के खिलाफ शिकायत है कि पार्टी ने चुनाव में उन्हें जो जिम्मेदारी दी, उन्होंने उनका ईमानदारी से निर्वाहन नहीं किया। राज्य में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों की संख्या करीब 90 है।
ऐसी भी अटकलें हैं कि अखिलेश सरकार के कई कैबिनेट और राज्य मंत्रियों पर भी हार की गाज गिर सकती है। साथ ही पार्टी संगठन के कुछ पदाधिकारी हटाए जा सकते हैं।
लोकसभा चुनाव में सपा मुखिया (दो सीटों) और उनके परिवार के तीन सदस्यों को छोड़कर सपा का कोई अन्य उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। |
बिहार चुनाव : बाहुबली अनंत सिंह, जो बिना प्रचार के ही इलेक्शन जीत गए | बिहार चुनाव में मोकामा सीट से जीते अनंत सिंह ने इस चुनाव में एक दिन भी अपना प्रचार नहीं किया, लेकिन इस सीट से उन्होंने 18 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की। गौर करने वाली बात यह है कि जेल में बंद अनंत सिंह पर हत्या के पांच, हत्या की कोशिश के छह जबकि अपहरण और जबरन वसूली के कुल मिलाकर 16 मामले चल रहे हैं।
अनंत सिंह का परिवार उन्हें 'रॉबिन हुड' जबकि मतदाता 'छोटे सरकार' कहकर बुलाते हैं। लोग अपने विवादित मसले उन तक लेकर जाते हैं। जब किसी दूल्हे का परिवार शादी में अनुचित मांग करता है तो अनंत सिंह के एक इशारे पर दुल्हन के परिवार की चिंता का समाधान हो जाता है।
अनंत सिंह के भतीजे विश्वजीत सिंह कहते हैं, 'वह मोकामा के रॉबिन हुड हैं। हर कोई उन्हें जानता है। उनके खिलाफ मामले हैं, जबकि अभी तक किसी में दोषिसिद्ध नहीं है। ये मामले झूठे हैं।'
सिर्फ अनंत सिंह ही बिहार के ऐसे नए विधायक नहीं बने हैं, जिन्होंने जेल से चुनाव लड़ा। सीपीआई-एमएल (एल) के सत्यदेव राम के खिलाफ भी हत्या का एक, हत्या के प्रयास के तीन, जबकि अपहरण के केस भी चल रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के केदारनाथ सिंह पर भी मर्डर के दो मामले हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के अमरेंद्र पांडे, जोकि कुचायकोट सीट से चुनाव जीते हैं, के विरुद्ध भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें जबरन वसूली के केस भी शामिल हैं।
क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे अन्य बाहुबलियों ने भी बिहार विधानसभा जाने के लिए दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वाया। नतीजतन, जेडीयू प्रत्याशी बीमा भारती रूपौली से विधायक बनीं, जबकि इसी दल से पूनम यादव खगडि़या से तो कविता सिंह दरौंदा से विधायक चुनी गईं। इन सभी के पति जेल में हैं। खास बात यह है कि खुद बीमा भारती और पूनम यादव पर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
अनंत सिंह का परिवार उन्हें 'रॉबिन हुड' जबकि मतदाता 'छोटे सरकार' कहकर बुलाते हैं। लोग अपने विवादित मसले उन तक लेकर जाते हैं। जब किसी दूल्हे का परिवार शादी में अनुचित मांग करता है तो अनंत सिंह के एक इशारे पर दुल्हन के परिवार की चिंता का समाधान हो जाता है।
अनंत सिंह के भतीजे विश्वजीत सिंह कहते हैं, 'वह मोकामा के रॉबिन हुड हैं। हर कोई उन्हें जानता है। उनके खिलाफ मामले हैं, जबकि अभी तक किसी में दोषिसिद्ध नहीं है। ये मामले झूठे हैं।'
सिर्फ अनंत सिंह ही बिहार के ऐसे नए विधायक नहीं बने हैं, जिन्होंने जेल से चुनाव लड़ा। सीपीआई-एमएल (एल) के सत्यदेव राम के खिलाफ भी हत्या का एक, हत्या के प्रयास के तीन, जबकि अपहरण के केस भी चल रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के केदारनाथ सिंह पर भी मर्डर के दो मामले हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के अमरेंद्र पांडे, जोकि कुचायकोट सीट से चुनाव जीते हैं, के विरुद्ध भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें जबरन वसूली के केस भी शामिल हैं।
क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे अन्य बाहुबलियों ने भी बिहार विधानसभा जाने के लिए दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वाया। नतीजतन, जेडीयू प्रत्याशी बीमा भारती रूपौली से विधायक बनीं, जबकि इसी दल से पूनम यादव खगडि़या से तो कविता सिंह दरौंदा से विधायक चुनी गईं। इन सभी के पति जेल में हैं। खास बात यह है कि खुद बीमा भारती और पूनम यादव पर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
अनंत सिंह के भतीजे विश्वजीत सिंह कहते हैं, 'वह मोकामा के रॉबिन हुड हैं। हर कोई उन्हें जानता है। उनके खिलाफ मामले हैं, जबकि अभी तक किसी में दोषिसिद्ध नहीं है। ये मामले झूठे हैं।'
सिर्फ अनंत सिंह ही बिहार के ऐसे नए विधायक नहीं बने हैं, जिन्होंने जेल से चुनाव लड़ा। सीपीआई-एमएल (एल) के सत्यदेव राम के खिलाफ भी हत्या का एक, हत्या के प्रयास के तीन, जबकि अपहरण के केस भी चल रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के केदारनाथ सिंह पर भी मर्डर के दो मामले हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के अमरेंद्र पांडे, जोकि कुचायकोट सीट से चुनाव जीते हैं, के विरुद्ध भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें जबरन वसूली के केस भी शामिल हैं।
क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे अन्य बाहुबलियों ने भी बिहार विधानसभा जाने के लिए दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वाया। नतीजतन, जेडीयू प्रत्याशी बीमा भारती रूपौली से विधायक बनीं, जबकि इसी दल से पूनम यादव खगडि़या से तो कविता सिंह दरौंदा से विधायक चुनी गईं। इन सभी के पति जेल में हैं। खास बात यह है कि खुद बीमा भारती और पूनम यादव पर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
सिर्फ अनंत सिंह ही बिहार के ऐसे नए विधायक नहीं बने हैं, जिन्होंने जेल से चुनाव लड़ा। सीपीआई-एमएल (एल) के सत्यदेव राम के खिलाफ भी हत्या का एक, हत्या के प्रयास के तीन, जबकि अपहरण के केस भी चल रहे हैं।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के केदारनाथ सिंह पर भी मर्डर के दो मामले हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के अमरेंद्र पांडे, जोकि कुचायकोट सीट से चुनाव जीते हैं, के विरुद्ध भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें जबरन वसूली के केस भी शामिल हैं।
क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे अन्य बाहुबलियों ने भी बिहार विधानसभा जाने के लिए दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वाया। नतीजतन, जेडीयू प्रत्याशी बीमा भारती रूपौली से विधायक बनीं, जबकि इसी दल से पूनम यादव खगडि़या से तो कविता सिंह दरौंदा से विधायक चुनी गईं। इन सभी के पति जेल में हैं। खास बात यह है कि खुद बीमा भारती और पूनम यादव पर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के केदारनाथ सिंह पर भी मर्डर के दो मामले हैं। नीतीश कुमार की जेडीयू के अमरेंद्र पांडे, जोकि कुचायकोट सीट से चुनाव जीते हैं, के विरुद्ध भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें जबरन वसूली के केस भी शामिल हैं।
क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे अन्य बाहुबलियों ने भी बिहार विधानसभा जाने के लिए दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वाया। नतीजतन, जेडीयू प्रत्याशी बीमा भारती रूपौली से विधायक बनीं, जबकि इसी दल से पूनम यादव खगडि़या से तो कविता सिंह दरौंदा से विधायक चुनी गईं। इन सभी के पति जेल में हैं। खास बात यह है कि खुद बीमा भारती और पूनम यादव पर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
क्रिमिनल केसों का सामना कर रहे अन्य बाहुबलियों ने भी बिहार विधानसभा जाने के लिए दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने अपनी पत्नियों को चुनाव लड़वाया। नतीजतन, जेडीयू प्रत्याशी बीमा भारती रूपौली से विधायक बनीं, जबकि इसी दल से पूनम यादव खगडि़या से तो कविता सिंह दरौंदा से विधायक चुनी गईं। इन सभी के पति जेल में हैं। खास बात यह है कि खुद बीमा भारती और पूनम यादव पर कई क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
अतरी विधानसभा सीट से कुंती देवी आरजेडी के टिकट से दूसरी बार चुनाव जीती हैं। उनके पति राजेंद्र यादव हत्या के एक केस में 10 साल की सजा काट रहे हैं। अपने पति का बचाव करते हुए कुंती देवी कहती हैं, 'क्या लालू यादव जेल नहीं गए? उनके खिलाफ मामला गलत है। यहां तक कि मेरे पति और मेरे के खिलाफ भी मामले झूठे हैं।'टिप्पणियां
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
बिहार के 243 विधायकों में से 50 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। 54 वर्षीय अनंत सिंह इस फेहरिस्त में 16 केसों के साथ सबसे ऊपर हैं। इनमें से 30 से अधिक विधायक विधानसभा में सत्ता पक्ष में बैठेंगे, जोकि जदयू, राजद और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य हैं।
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे?
अब देखना यह है कि क्या अगले सप्ताह नीतीश कुमार की कैबिनट में इनमें से कुछ शामिल भी होंगे? |
कंगना रनौत ने करणी सेना को फिर दे डाली सख्त चेतावनी, माफी मांगने से किया साफ इनकार, देखें Video | A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani) on Jan 23, 2019 at 5:09am PST
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने इस मौके पर कहा, "हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है. करणी सेना (Karni Sena) को भी इस फिल्म को सहयोग देना चाहिए. सबको मिलकर इस फिल्म को आगे बढ़ाना चाहिए, क्योंकि 'मणिकर्णिका' भारत की बेटी है. फालतू का इगो इशू मेरे साथ करने की जरूरत नहीं है. मैं यहां किसी को सॉरी कहने के लिए नहीं हूं" बता दें कि करणी सेना (Karni Sena) ने बुधवार को कहा कि उन्हें फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' (Manikarnika: The Queen Of Jhansi) की रिलीज से कोई परेशानी नहीं है,क्योंकि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
करणी सेना (Karni Sena) का यह भी कहना है कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. लेकिन कंगना रनौत ने करणी सेना से माफी मांगने के लिए साफ-साफ माफ मना कर दिया. अब देखना होगा कि कंगना के इस बयान के बाद करणी सेना का कैसा रिएक्शन आता है. कंगना रनौत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो पर लोग कमेंट कर कंगना की तारीफ भी कर रहे हैं.
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर आधारित फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' (Manikarnika: The Queen Of Jhansi) इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी. इस फिल्म को रिलीज होने के लिए सेंट्रेल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (Central Board Of Film Certification) ने प्रमाण पत्र भी दे दिया है. |
राजस्थान निकाय चुनावों में बीजेपी आगे, लेकिन गढ़ में 'हारीं' वसुंधरा | राजस्थान में नगर निगम और नगरपालिका चुनावों के नतीजों में बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़ दिया है। 113 निकायों में से 95 के नतीजे अब तक आ चुके हैं, जिनमें से 49 पर बीजेपी को जीत मिली है। कांग्रेस के हिस्से में 26 स्थानीय निकाय आए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र झालावाड़ में BJP को झटका लगा है। झालावाड़ में कांग्रेस को 35 में से 22 सीटें मिली हैं, जबकि झालरापाटन में कांग्रेस को 25 में 15 सीटें मिली हैं। 20 स्थानीय निकाय न कांग्रेस को मिल सके हैं और न ही बीजेपी को। अजमेर नगर निगम पर बीजेपी ने कब्जा किया है। सोमवार को 129 निकाय पर हुए चुनाव में 76.05 फीदसी वोटिंग हुई थी।
वोटों की गिनती आज सुबह 8 बजे शुरू हुई, जिसके नतीजे सुबह 10 बजे के बाद से आने शुरू हो गए थे। दरअसल, ललित मोदी की मदद को लेकर विवादों में घिरी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए आज का दिन काफ़ी अहम है। राजस्थान के 31 ज़िलों के 129 निकायों के लिए हुए चुनाव के परिणाम आज आने हैं।
इस चुनाव में 37,58,574 मतदाता रहे, जिनमें से 18 लाख महिला वोटर हैं। चुनाव में करीब 10,000 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े हुए थे। ये चुनाव अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीजेपी की कोशिश है कि विधानसभा और लोकसभा में मिली बढ़त को वह कायम रखे। उधर, डेढ़ साल से कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में जुटे सचिन पायलट की कोशिश है कि इन चुनावों में कांग्रेस खोए हुए समर्थन को वापस हासिल करे। टिप्पणियां
ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि देश में पहली बार उम्मीदवारों को शपथ पत्र देना पड़ा था कि उनके घर में शौचालय है और उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच करने नहीं जाता है। चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना जरूरी शर्त था और चुनाव के पहले राजस्थान सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश भी जारी किया था।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी।
वोटों की गिनती आज सुबह 8 बजे शुरू हुई, जिसके नतीजे सुबह 10 बजे के बाद से आने शुरू हो गए थे। दरअसल, ललित मोदी की मदद को लेकर विवादों में घिरी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए आज का दिन काफ़ी अहम है। राजस्थान के 31 ज़िलों के 129 निकायों के लिए हुए चुनाव के परिणाम आज आने हैं।
इस चुनाव में 37,58,574 मतदाता रहे, जिनमें से 18 लाख महिला वोटर हैं। चुनाव में करीब 10,000 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े हुए थे। ये चुनाव अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीजेपी की कोशिश है कि विधानसभा और लोकसभा में मिली बढ़त को वह कायम रखे। उधर, डेढ़ साल से कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में जुटे सचिन पायलट की कोशिश है कि इन चुनावों में कांग्रेस खोए हुए समर्थन को वापस हासिल करे। टिप्पणियां
ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि देश में पहली बार उम्मीदवारों को शपथ पत्र देना पड़ा था कि उनके घर में शौचालय है और उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच करने नहीं जाता है। चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना जरूरी शर्त था और चुनाव के पहले राजस्थान सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश भी जारी किया था।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी।
इस चुनाव में 37,58,574 मतदाता रहे, जिनमें से 18 लाख महिला वोटर हैं। चुनाव में करीब 10,000 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े हुए थे। ये चुनाव अपने आप में इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बीजेपी की कोशिश है कि विधानसभा और लोकसभा में मिली बढ़त को वह कायम रखे। उधर, डेढ़ साल से कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में जुटे सचिन पायलट की कोशिश है कि इन चुनावों में कांग्रेस खोए हुए समर्थन को वापस हासिल करे। टिप्पणियां
ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि देश में पहली बार उम्मीदवारों को शपथ पत्र देना पड़ा था कि उनके घर में शौचालय है और उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच करने नहीं जाता है। चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना जरूरी शर्त था और चुनाव के पहले राजस्थान सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश भी जारी किया था।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी।
ये चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि देश में पहली बार उम्मीदवारों को शपथ पत्र देना पड़ा था कि उनके घर में शौचालय है और उनके परिवार का कोई भी सदस्य खुले में शौच करने नहीं जाता है। चुनाव लड़ने के लिए शौचालय का होना जरूरी शर्त था और चुनाव के पहले राजस्थान सरकार ने इस बारे में एक अध्यादेश भी जारी किया था।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी।
साथ ही सभी उम्मीदवारों का 10वीं पास होना भी जरूरी है। किसी चुनाव के लिए ये सब देश में पहली बार हुआ है। जनवरी में हुए पंचायत चुनावों में भी राजस्थान सरकार ने शर्त रखी थी कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी होगी। |
विश्व कबड्डी लीग के बाकी मैच भारत में ही, फाइनल पाकिस्तान में | विश्व कबड्डी लीग के आयोजकों ने बाकी के मैच भारत में ही कराने का फैसला किया है जबकि फाइनल पाकिस्तान में होगा।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, फाइनल लाहौर में खेला जाएगा। दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखकर नए आयोजन स्थलों का निर्धारण किया गया। बठिंडा, मोहाली और जालंधर के अलावा अब लीग के मैच भोपाल और मुंबई में भी कराए जाएंगे।
लीग के सीईओ रमन रहेजा ने बताया, हमें हिन्दी भाषी बाजार में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला है और फ्रेंचाइजी मालिकों का भी मानना है कि लीग के मैच भारत में ही होने चाहिए ताकि समर्थकों, टीवी दर्शकों और टूर्नामेंट की लोकप्रियता में इजाफा हो। लीग के कमिश्नर परगट सिंह ने कहा, हमने भारत में इस लीग की लोकप्रियता देखी है और इसे ध्यान में रखते हुए बाकी मैच यहीं कराने का फैसला किया गया है। फाइनल पाकिस्तान में होंगे क्योंकि वहां सरकार ने पूरा सहयोग देने का वादा किया है। |
मुजफ्फरनगर : नाबालिग से बलात्कार का आरोप, आरोपी ने फिल्म भी बनाई | जिले के पुरकाजी शहर में एक युवक ने 17 वर्ष की एक लड़की का कथित तौर पर बलात्कार किया और घटना की फिल्म भी बनाई।
पीड़ित के पिता ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है कि लड़की को 13 मार्च को युवक की बहन के घर ले जाया गया जहां उसके साथ नदीम (25) ने कथित बलात्कार किया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पीड़ित को धमकाया कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को भी बताया तो वह वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर डाल देगा।
उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई थी तब आरोपी के परिवार वाले घर पर ही थे। एसपी (सिटी) के आदेश पर नदीम, उसकी बहन अफसाना, पिता इकराम, चाचा कामिल और मां सरवरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 120 (बी) (आपराधिक षड़यंत्र) और 506 (धमकाना) तथा पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।टिप्पणियां
इसी बीच, सुरजू गांव में कल एक अन्य घटना में एक युवक ने 30 वर्षीय एक महिला के घर में घुस कर कथित तौर पर उसका बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी जाहिद (30) को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पीड़ित के पिता ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है कि लड़की को 13 मार्च को युवक की बहन के घर ले जाया गया जहां उसके साथ नदीम (25) ने कथित बलात्कार किया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पीड़ित को धमकाया कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को भी बताया तो वह वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर डाल देगा।
उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई थी तब आरोपी के परिवार वाले घर पर ही थे। एसपी (सिटी) के आदेश पर नदीम, उसकी बहन अफसाना, पिता इकराम, चाचा कामिल और मां सरवरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 120 (बी) (आपराधिक षड़यंत्र) और 506 (धमकाना) तथा पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।टिप्पणियां
इसी बीच, सुरजू गांव में कल एक अन्य घटना में एक युवक ने 30 वर्षीय एक महिला के घर में घुस कर कथित तौर पर उसका बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी जाहिद (30) को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पीड़ित को धमकाया कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को भी बताया तो वह वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर डाल देगा।
उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई थी तब आरोपी के परिवार वाले घर पर ही थे। एसपी (सिटी) के आदेश पर नदीम, उसकी बहन अफसाना, पिता इकराम, चाचा कामिल और मां सरवरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 120 (बी) (आपराधिक षड़यंत्र) और 506 (धमकाना) तथा पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।टिप्पणियां
इसी बीच, सुरजू गांव में कल एक अन्य घटना में एक युवक ने 30 वर्षीय एक महिला के घर में घुस कर कथित तौर पर उसका बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी जाहिद (30) को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने बताया कि जब यह घटना हुई थी तब आरोपी के परिवार वाले घर पर ही थे। एसपी (सिटी) के आदेश पर नदीम, उसकी बहन अफसाना, पिता इकराम, चाचा कामिल और मां सरवरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (बलात्कार), 120 (बी) (आपराधिक षड़यंत्र) और 506 (धमकाना) तथा पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।टिप्पणियां
इसी बीच, सुरजू गांव में कल एक अन्य घटना में एक युवक ने 30 वर्षीय एक महिला के घर में घुस कर कथित तौर पर उसका बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी जाहिद (30) को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इसी बीच, सुरजू गांव में कल एक अन्य घटना में एक युवक ने 30 वर्षीय एक महिला के घर में घुस कर कथित तौर पर उसका बलात्कार किया। पुलिस ने आरोपी जाहिद (30) को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
जीएसटी समारोह के बहिष्कार पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले - कांग्रेस भ्रमित और गैर-जिम्मेदार है | केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस द्वारा जीएसटी समारोह का बहिष्कार करने पर तीखी प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस भ्रमित और गैर-जिम्मेदार है. दरअसल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा था कि जीएसटी को आधे अधूरे स्वरूप में जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है. नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को एक अक्षम और असंवेदनशील सरकार द्वारा संस्थागत तैयारी के बगैर लागू किया जा रहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गडकरी ने कहा कि यह बचकानी हरकत है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम ऐसे टिप्पणियां नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि जीएसटी शुक्रवार आधी रात को लॉन्च हो जाएगा. इसके लिए संसद भवन में व्यापक तैयारियां की गई हैं. सरकार ने कांग्रेस से अपनी जिद छोड़कर समारोह में शामिल होने की अपील की थी लेकिन उसे मुख्य विपक्षी पार्टी द्वारा ठुकरा दिया गया है.
एनडीटीवी से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राज्यों में और संसद में कांग्रेस ने जीएसटी बिल का समर्थन किया था. अब वे उसे तमाशा कह रहे हैं. यह राजनीतिक बाध्यता है." उन्होने तीखे स्वर में कहा कि पहले वे जीएसटी को अपनी (कांग्रेस) देन बताते थे लेकिन अब वे अब उसका ही विरोध कर रहे हैं.
उधर, कांग्रेस ने दावा किया है कि 2011 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी जीएसटी का समर्थन करने के लिए तैयार थे लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसको रोककर रखा.
पूरे देश के व्यापारियों द्वारा जीएसटी का विरोध किए जाने के संबंध में सवाल पूछने पर गडकरी ने कहा कि इससे उन्हें फायदा होगा और केंद्र तथ राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. इंस्पेकटर राज समाप्त होगा. इससे व्यापारियों, ग्राहकों, सरकारों सभी को फायदा होगा. टिप्पणियां
गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल भी जीएसटी समारोह का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी ने जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा.
गौरतलब है कि जीएसटी शुक्रवार आधी रात को लॉन्च हो जाएगा. इसके लिए संसद भवन में व्यापक तैयारियां की गई हैं. सरकार ने कांग्रेस से अपनी जिद छोड़कर समारोह में शामिल होने की अपील की थी लेकिन उसे मुख्य विपक्षी पार्टी द्वारा ठुकरा दिया गया है.
एनडीटीवी से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राज्यों में और संसद में कांग्रेस ने जीएसटी बिल का समर्थन किया था. अब वे उसे तमाशा कह रहे हैं. यह राजनीतिक बाध्यता है." उन्होने तीखे स्वर में कहा कि पहले वे जीएसटी को अपनी (कांग्रेस) देन बताते थे लेकिन अब वे अब उसका ही विरोध कर रहे हैं.
उधर, कांग्रेस ने दावा किया है कि 2011 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी जीएसटी का समर्थन करने के लिए तैयार थे लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसको रोककर रखा.
पूरे देश के व्यापारियों द्वारा जीएसटी का विरोध किए जाने के संबंध में सवाल पूछने पर गडकरी ने कहा कि इससे उन्हें फायदा होगा और केंद्र तथ राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. इंस्पेकटर राज समाप्त होगा. इससे व्यापारियों, ग्राहकों, सरकारों सभी को फायदा होगा. टिप्पणियां
गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल भी जीएसटी समारोह का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी ने जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा.
एनडीटीवी से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राज्यों में और संसद में कांग्रेस ने जीएसटी बिल का समर्थन किया था. अब वे उसे तमाशा कह रहे हैं. यह राजनीतिक बाध्यता है." उन्होने तीखे स्वर में कहा कि पहले वे जीएसटी को अपनी (कांग्रेस) देन बताते थे लेकिन अब वे अब उसका ही विरोध कर रहे हैं.
उधर, कांग्रेस ने दावा किया है कि 2011 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी जीएसटी का समर्थन करने के लिए तैयार थे लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसको रोककर रखा.
पूरे देश के व्यापारियों द्वारा जीएसटी का विरोध किए जाने के संबंध में सवाल पूछने पर गडकरी ने कहा कि इससे उन्हें फायदा होगा और केंद्र तथ राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. इंस्पेकटर राज समाप्त होगा. इससे व्यापारियों, ग्राहकों, सरकारों सभी को फायदा होगा. टिप्पणियां
गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल भी जीएसटी समारोह का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी ने जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा.
उधर, कांग्रेस ने दावा किया है कि 2011 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी जीएसटी का समर्थन करने के लिए तैयार थे लेकिन गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसको रोककर रखा.
पूरे देश के व्यापारियों द्वारा जीएसटी का विरोध किए जाने के संबंध में सवाल पूछने पर गडकरी ने कहा कि इससे उन्हें फायदा होगा और केंद्र तथ राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. इंस्पेकटर राज समाप्त होगा. इससे व्यापारियों, ग्राहकों, सरकारों सभी को फायदा होगा. टिप्पणियां
गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल भी जीएसटी समारोह का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी ने जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा.
पूरे देश के व्यापारियों द्वारा जीएसटी का विरोध किए जाने के संबंध में सवाल पूछने पर गडकरी ने कहा कि इससे उन्हें फायदा होगा और केंद्र तथ राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. इंस्पेकटर राज समाप्त होगा. इससे व्यापारियों, ग्राहकों, सरकारों सभी को फायदा होगा. टिप्पणियां
गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल भी जीएसटी समारोह का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी ने जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा.
गौरतलब यह भी है कि कांग्रेस के अलावा कई अन्य दल भी जीएसटी समारोह का विरोध कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस और आरजेडी ने जीएसटी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा.
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे बड़ा कर सुधार, गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स, यानी जीएसटी या वस्तु एवं सेवा कर, शुक्रवार की मध्यरात्रि (यानी शनिवार, 1 जुलाई, 2017) को संसद के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया जाएगा. आज़ादी के बाद से यह चौथा मौका होगा, जब सेंट्रल हॉल में आधी रात को कोई समारोह आयोजित होगा. |
सीबीआई ने सपा नेता अमन मणि को अपनी पत्नी की कथित हत्या के मामले में गिरफ्तार किया | समाजवादी पार्टी के नेता अमन मणि त्रिपाठी को उनकी पत्नी की कथित हत्या के संबंध में सीबीआई द्वारा शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया. अमन मणि त्रिपाठी, जेल में बंद नेता अमर मणि त्रिपाठी के पुत्र हैं.
पिछले साल 2 जुलाई को फैजाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर एक कार दुर्घटना में अमन मणि त्रिपाठी की 27 वर्षीय पत्नी सारा की मृत्यु हो गई थी. हालांकि अमन मणि इस दुर्घटना में बच गए थे.
सारा की मां सीमा सिंह द्वारा की गई एक शिकायत के आधार पर फिरोजाबाद जिले में अमन मणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. सारा सिंह ने आरोप लगाया था कि लखनऊ में जुलाई, 2013 में आर्य समाज मंदिर में अमन मणि के साथ विवाह करने वाली उनकी बेटी की हत्या की गई.
उन्होंने कहा था कि अमन मणि के माता-पिता अमर मणि और मधु मणि इस शादी के खिलाफ थे. अमन मणि ने दावा किया था कि सारा की मृत्यु उस सड़क दुर्घटना में हुई थी, जब वह छुट्टियां मनाने दिल्ली जा रहे थे. टिप्पणियां
सारा सिंह द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने के बाद इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया, जिसने कुछ दिन बाद इसकी जांच यूपी पुलिस से अपने हाथ में ले ली.
अमन मणि को हाल ही में समाजवादी पार्टी द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पिछले साल 2 जुलाई को फैजाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर एक कार दुर्घटना में अमन मणि त्रिपाठी की 27 वर्षीय पत्नी सारा की मृत्यु हो गई थी. हालांकि अमन मणि इस दुर्घटना में बच गए थे.
सारा की मां सीमा सिंह द्वारा की गई एक शिकायत के आधार पर फिरोजाबाद जिले में अमन मणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. सारा सिंह ने आरोप लगाया था कि लखनऊ में जुलाई, 2013 में आर्य समाज मंदिर में अमन मणि के साथ विवाह करने वाली उनकी बेटी की हत्या की गई.
उन्होंने कहा था कि अमन मणि के माता-पिता अमर मणि और मधु मणि इस शादी के खिलाफ थे. अमन मणि ने दावा किया था कि सारा की मृत्यु उस सड़क दुर्घटना में हुई थी, जब वह छुट्टियां मनाने दिल्ली जा रहे थे. टिप्पणियां
सारा सिंह द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने के बाद इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया, जिसने कुछ दिन बाद इसकी जांच यूपी पुलिस से अपने हाथ में ले ली.
अमन मणि को हाल ही में समाजवादी पार्टी द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सारा की मां सीमा सिंह द्वारा की गई एक शिकायत के आधार पर फिरोजाबाद जिले में अमन मणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. सारा सिंह ने आरोप लगाया था कि लखनऊ में जुलाई, 2013 में आर्य समाज मंदिर में अमन मणि के साथ विवाह करने वाली उनकी बेटी की हत्या की गई.
उन्होंने कहा था कि अमन मणि के माता-पिता अमर मणि और मधु मणि इस शादी के खिलाफ थे. अमन मणि ने दावा किया था कि सारा की मृत्यु उस सड़क दुर्घटना में हुई थी, जब वह छुट्टियां मनाने दिल्ली जा रहे थे. टिप्पणियां
सारा सिंह द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने के बाद इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया, जिसने कुछ दिन बाद इसकी जांच यूपी पुलिस से अपने हाथ में ले ली.
अमन मणि को हाल ही में समाजवादी पार्टी द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा था कि अमन मणि के माता-पिता अमर मणि और मधु मणि इस शादी के खिलाफ थे. अमन मणि ने दावा किया था कि सारा की मृत्यु उस सड़क दुर्घटना में हुई थी, जब वह छुट्टियां मनाने दिल्ली जा रहे थे. टिप्पणियां
सारा सिंह द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने के बाद इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया, जिसने कुछ दिन बाद इसकी जांच यूपी पुलिस से अपने हाथ में ले ली.
अमन मणि को हाल ही में समाजवादी पार्टी द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सारा सिंह द्वारा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करने के बाद इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया, जिसने कुछ दिन बाद इसकी जांच यूपी पुलिस से अपने हाथ में ले ली.
अमन मणि को हाल ही में समाजवादी पार्टी द्वारा राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
ओलिंपिक के लिए स्पीड और स्टेमिना बढ़ाना चाहती हूं : साइना | भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल अपने व्यस्त अभ्यास कार्यक्रम से समय निकालकर इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी घरेलू टीम डेक्कन चार्जर्स का समर्थन करने के लिए पहुंची। हैदराबाद स्थित आईपीएल टीम की ब्रांड एंबेसडर साइना ने कहा कि वह लंदन ओलिंपिक के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।टिप्पणियां
साइना ने डेक्कन चार्जर्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच के दौरान कहा, ‘‘ओलिंपिक अभी तीन महीने दूर है और मेरी तैयारियां अच्छी चल रही हैं। मैं अपना स्टेमिना और स्पीड बढ़ाना चाहती हूं और उम्मीद है कि मैं पिछली बार की तुलना में अच्छा प्रदर्शन करूंगी।’’
यह 22 वर्षीय खिलाड़ी डेक्कन के अधिक मैचों में उपस्थित नहीं रह पाई क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में व्यस्त थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ओलिंपिक की तैयारियों और टूर्नामेंट खेलने में व्यस्त थी। इसलिए मैं मैच नहीं देख पाई लेकिन मैं टीम के प्रदर्शन पर नजर रख रही थी। उन्होंने कई करीबी मैच गंवाये। हार खेल का हिस्सा होता है। उम्मीद है कि वे आज जीत दर्ज करेंगे और टूर्नामेंट में आगे टीम का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।’’
साइना ने डेक्कन चार्जर्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच के दौरान कहा, ‘‘ओलिंपिक अभी तीन महीने दूर है और मेरी तैयारियां अच्छी चल रही हैं। मैं अपना स्टेमिना और स्पीड बढ़ाना चाहती हूं और उम्मीद है कि मैं पिछली बार की तुलना में अच्छा प्रदर्शन करूंगी।’’
यह 22 वर्षीय खिलाड़ी डेक्कन के अधिक मैचों में उपस्थित नहीं रह पाई क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में व्यस्त थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ओलिंपिक की तैयारियों और टूर्नामेंट खेलने में व्यस्त थी। इसलिए मैं मैच नहीं देख पाई लेकिन मैं टीम के प्रदर्शन पर नजर रख रही थी। उन्होंने कई करीबी मैच गंवाये। हार खेल का हिस्सा होता है। उम्मीद है कि वे आज जीत दर्ज करेंगे और टूर्नामेंट में आगे टीम का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।’’
यह 22 वर्षीय खिलाड़ी डेक्कन के अधिक मैचों में उपस्थित नहीं रह पाई क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में व्यस्त थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ओलिंपिक की तैयारियों और टूर्नामेंट खेलने में व्यस्त थी। इसलिए मैं मैच नहीं देख पाई लेकिन मैं टीम के प्रदर्शन पर नजर रख रही थी। उन्होंने कई करीबी मैच गंवाये। हार खेल का हिस्सा होता है। उम्मीद है कि वे आज जीत दर्ज करेंगे और टूर्नामेंट में आगे टीम का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।’’ |
कई साझा उपलब्धियों की शुरुआत है भारतीय PM की इस्राइल यात्रा : संयुक्त संपादकीय में नेतन्याहू और पीएम मोदी | प्रधानमंत्री-द्वय ने लिखा, "हमें पूरा विश्वास है कि आज से 25 साल बाद भारतीय और इस्राइली इस यात्रा को उन बहुत-से ऐतिहासिक मील के पत्थरों में से पहले पत्थर के रूप में याद करेंगे, जिन्हें हमारे लोगों के बीच गहरी मित्रता के बूते हम मिलकर हासिल करेंगे..."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह इस्राइल के लिए रवाना हुए हैं, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इस्राइल यात्रा है. इस तीन-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, जल प्रबंधन, विज्ञान एवं तकनीक, शिक्षा, कृषि व अन्य कई मुद्दों पर गहन चर्चा होगी.
संयुक्त संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने उन क्षमताओं, विशेषकर तकनीक के क्षेत्र में, पर ज़ोर दिया है, जो उनके शब्दों में 'एक दूसरे की पूरक बन सकने वाली क्षमताओं का अद्भुत सम्मिश्रण' हैं, और जिनके बूते भारत और इस्राइल के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है.टिप्पणियां
भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह इस्राइल के लिए रवाना हुए हैं, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इस्राइल यात्रा है. इस तीन-दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा, जल प्रबंधन, विज्ञान एवं तकनीक, शिक्षा, कृषि व अन्य कई मुद्दों पर गहन चर्चा होगी.
संयुक्त संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने उन क्षमताओं, विशेषकर तकनीक के क्षेत्र में, पर ज़ोर दिया है, जो उनके शब्दों में 'एक दूसरे की पूरक बन सकने वाली क्षमताओं का अद्भुत सम्मिश्रण' हैं, और जिनके बूते भारत और इस्राइल के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है.टिप्पणियां
भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं.
संयुक्त संपादकीय में दोनों प्रधानमंत्रियों ने उन क्षमताओं, विशेषकर तकनीक के क्षेत्र में, पर ज़ोर दिया है, जो उनके शब्दों में 'एक दूसरे की पूरक बन सकने वाली क्षमताओं का अद्भुत सम्मिश्रण' हैं, और जिनके बूते भारत और इस्राइल के बीच मजबूत संबंध स्थापित हुए हैं.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है.टिप्पणियां
भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं.
दोनों नेताओं ने आतंकवाद से निपटने पर भी ज़ोर दिया है, जिसकी वजह से दोनों देशों तथा समूचे विश्व में शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो गया है.टिप्पणियां
भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं.
भारत परंपरागत रूप से इस्राइल के साथ अपने संबंधों में सतर्कता बरतता रहा है, और उसकी एक वजह कथित रूप से अरब देशों की नाराज़गी के प्रति सतर्क रहना है, क्योंकि अपने तेल के भारी आयात के लिए वह इन्हीं अरब देशों पर निर्भर करता है, और इसके अलावा भारत में मुस्लिमों की भी काफी बड़ी आबादी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान रामल्ला नहीं जाएंगे, जो फिलस्तीनी प्रभुत्व वाला इलाका है, और आमतौर पर सभी विदेशी नेता राजनैतिक संबंधों में संतुलन बनाए रखने के लिए वहां ज़रूर जाया करते हैं. |
तमिलनाडु : बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एक व्यक्ति गिरफ्तार | (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
सोने-चांदी के दामों में बड़ी गिरावट, दिल्ली में गोल्ड 730 तो चांदी के भाव 1,750 रुपये गिरे | अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की अटकलों के बीच विदेशों में कमजोरी के रुख से यहां भी कीमती धातुओं में गिरावट का रुख रहा, जिससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सर्राफा बाजार में इसकी कीमत 730 रुपये गिरकर 30,520 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई.
चांदी भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 44,000 रुपये के स्तर से नीचे 43,250 रुपये प्रति किग्रा रह गई.
बाजार सूत्रों ने कहा कि निवेशकों का अनुमान है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के बीच फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दर में वृद्धि कर सकता है, जिससे डॉलर मजबूत होता चला गया और बहुमूल्य धातुओं की मांग प्रभावित हुई. इस बीच वैश्विक बाजार में जून के बाद पहली बार सोना 1,300 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे चला गया और इसके कारण स्थानीय कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.
वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में कल के कारोबार में सोना 3.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,268.40 डालर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी 5.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17.78 डॉलर प्रति औंस रह गई.
राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता का भाव 730. 730 रपये की गिरावट के साथ क्रमश: 30,520 रुपये और 30,370 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया. यह 18 जुलाई के बाद का न्यूनतम स्तर है. कल इस बहुमूल्य धातु की कीमत में 50 रपये की तेजी आई थी.
गिन्नी का भाव भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 24,350 रुपये प्रति आठ ग्राम रह गया. सोने की ही तरह चांदी तैयार का भाव भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 43,250 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ, जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी भी 1,975 रुपये की भारी गिरावट दर्शाता 43,060 रुपये किलो पर बंद हुआ.टिप्पणियां
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चांदी भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 44,000 रुपये के स्तर से नीचे 43,250 रुपये प्रति किग्रा रह गई.
बाजार सूत्रों ने कहा कि निवेशकों का अनुमान है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के बीच फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दर में वृद्धि कर सकता है, जिससे डॉलर मजबूत होता चला गया और बहुमूल्य धातुओं की मांग प्रभावित हुई. इस बीच वैश्विक बाजार में जून के बाद पहली बार सोना 1,300 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे चला गया और इसके कारण स्थानीय कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.
वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में कल के कारोबार में सोना 3.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,268.40 डालर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी 5.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17.78 डॉलर प्रति औंस रह गई.
राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता का भाव 730. 730 रपये की गिरावट के साथ क्रमश: 30,520 रुपये और 30,370 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया. यह 18 जुलाई के बाद का न्यूनतम स्तर है. कल इस बहुमूल्य धातु की कीमत में 50 रपये की तेजी आई थी.
गिन्नी का भाव भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 24,350 रुपये प्रति आठ ग्राम रह गया. सोने की ही तरह चांदी तैयार का भाव भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 43,250 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ, जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी भी 1,975 रुपये की भारी गिरावट दर्शाता 43,060 रुपये किलो पर बंद हुआ.टिप्पणियां
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बाजार सूत्रों ने कहा कि निवेशकों का अनुमान है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के बीच फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दर में वृद्धि कर सकता है, जिससे डॉलर मजबूत होता चला गया और बहुमूल्य धातुओं की मांग प्रभावित हुई. इस बीच वैश्विक बाजार में जून के बाद पहली बार सोना 1,300 डॉलर प्रति औंस के स्तर से नीचे चला गया और इसके कारण स्थानीय कारोबारी धारणा प्रभावित हुई.
वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में कल के कारोबार में सोना 3.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,268.40 डालर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी 5.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17.78 डॉलर प्रति औंस रह गई.
राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता का भाव 730. 730 रपये की गिरावट के साथ क्रमश: 30,520 रुपये और 30,370 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया. यह 18 जुलाई के बाद का न्यूनतम स्तर है. कल इस बहुमूल्य धातु की कीमत में 50 रपये की तेजी आई थी.
गिन्नी का भाव भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 24,350 रुपये प्रति आठ ग्राम रह गया. सोने की ही तरह चांदी तैयार का भाव भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 43,250 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ, जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी भी 1,975 रुपये की भारी गिरावट दर्शाता 43,060 रुपये किलो पर बंद हुआ.टिप्पणियां
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में कल के कारोबार में सोना 3.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,268.40 डालर प्रति औंस रह गया, जबकि चांदी भी 5.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17.78 डॉलर प्रति औंस रह गई.
राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता का भाव 730. 730 रपये की गिरावट के साथ क्रमश: 30,520 रुपये और 30,370 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया. यह 18 जुलाई के बाद का न्यूनतम स्तर है. कल इस बहुमूल्य धातु की कीमत में 50 रपये की तेजी आई थी.
गिन्नी का भाव भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 24,350 रुपये प्रति आठ ग्राम रह गया. सोने की ही तरह चांदी तैयार का भाव भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 43,250 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ, जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी भी 1,975 रुपये की भारी गिरावट दर्शाता 43,060 रुपये किलो पर बंद हुआ.टिप्पणियां
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता का भाव 730. 730 रपये की गिरावट के साथ क्रमश: 30,520 रुपये और 30,370 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया. यह 18 जुलाई के बाद का न्यूनतम स्तर है. कल इस बहुमूल्य धातु की कीमत में 50 रपये की तेजी आई थी.
गिन्नी का भाव भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 24,350 रुपये प्रति आठ ग्राम रह गया. सोने की ही तरह चांदी तैयार का भाव भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 43,250 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ, जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी भी 1,975 रुपये की भारी गिरावट दर्शाता 43,060 रुपये किलो पर बंद हुआ.टिप्पणियां
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गिन्नी का भाव भी 150 रुपये की गिरावट के साथ 24,350 रुपये प्रति आठ ग्राम रह गया. सोने की ही तरह चांदी तैयार का भाव भी 1,750 रुपये की गिरावट के साथ 43,250 रुपये प्रति किग्रा पर बंद हुआ, जबकि चांदी साप्ताहिक डिलीवरी भी 1,975 रुपये की भारी गिरावट दर्शाता 43,060 रुपये किलो पर बंद हुआ.टिप्पणियां
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चांदी सिक्का 3,000 रुपये की गिरावट के साथ लिवाल 74,000 रुपये और बिकवाल 75,000 रुपये प्रति सैंकड़ा पर बंद हुआ.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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Winter Diet: सर्दियों में इन 5 चीजों को खाने से नहीं होंगे बीमार! आपके किचन में है सेहत का ये खजाना | Winter Diet: हल्की ठंड शुरू हो चुकी है और ठंड आपको बीमार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती. लेकिन खानपान और तौर-तरीकों में कुछ चीजों का जोड़-घटाव आपको सर्दी की बीमारियों से बचाए रखता है ठंड के दिनों की शुरुआत तापमान में परिवर्तन के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं (Health Problems) को भी साथ लाती है. इनसे बचने के लिए सही समय पर बचाव और इलाज (Prevention And Treatment) तो जरूरी है ही, इससे भी ज्यादा जरूरी है इन बीमरियों की पहचान. बीमारियों के बारे में जानकारी होने पर ही आप इनसे बच सकते हैं. सर्दियों का मौसम जितना खुशगवार होता है उतना ही अपने साथ बीमारियां और इंफेक्शन्स (Infections) का घर भी. सर्दी-जुकाम (Cold And Cough) तो आम समस्या है लेकिन दमा के मरीजों को सर्दियों में खासतौर से कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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तो हमारे किचन में ऐसी कई सारी चीज़ें मौजूद है जिनका सेवन करके हम इन सारी बीमारियों से कोसों दूर रह सकते हैं. जानें कौन सी वह चीजों जो हमें बीमार नहीं होने देंगी और वह कैसे करेंगी सर्दियों में फायदा...
सर्दी हो या गर्मी, नींबू का सेवन हर मौसम में फायदेमंद होता है. इसमें विटमिन सी व बी के अलावा प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन और कॉपर भरपूर मात्रा में होता है. विटमिन सी से भरपूर नीबू रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाता है, सर्दी में होने वाली कई समस्याओं को दूर भगाता है. एंटी-ऑक्सीडेंट है, कोलेस्ट्रॉल घटाता है. डायबिटीज में इसका नियमित सेवन करें.
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आयुर्वेद में गुड को गुणों की खान कहा गया है. इसमें आयरन, कैल्शियम, गंधक, पोटैशियम, मैग्नीज, मैग्नीशियम और विटमिंस से भरपूर हैं. सर्दी-जुकाम की आम समस्याओं के अलावा एनीमिया, गले या पेट संबंधी तकलीफों में गुड लाभदायक है. थकान मिटा कर तुरंत ऊर्जा देता है. नियमित गुड का सेवन फायदेमंद है. प्रेग्नेंसी के बाद स्त्रियों को आमतौर पर गुड और इससे बनी कई चीजें दी जाती हैं.
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सर्दियों में मिलने वाला संतरे में विटामिनसी के अलावा ग्लूकोज, विटमिन ए, बी1, पोटैशियम, फोलिक एसिड, कैल्शियम और फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है. संतरे में मौजूद ग्लूकोज बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी देता है. वहीं पोटैशियम मस्तिष्क में ऑक्सीजन सप्लाई करके स्ट्रेस और अवसाद से राहत दिलाता है. डायबिटीज के मरीजों के साथ ही कब्ज से हैं परेशान तो काले नमक के साथ इसे खाना फायदेमंद रहेगा.
Weight Loss: सुबह खाली पेट पानी पीने से तेजी से कम होता है मोटापा? जानें और कई गजब फायदे
छोटी सी नजर आने वाली काली मिर्च कई तरह के गुणों से भरपूर है. सर्दियों में इसका सेवन सर्दी-जुकाम और वायरल इन्फेक्शन्स से राहत दिलाता है. एंटी-बैक्टीरियल व एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काली मिर्च में मैग्नीज, आयरन, कॉपर, फाइबर और विटमिंस भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है. जो पाचन के साथ फेफड़ों और श्वास नलिकाओं के इंफेक्शन को दूर करता है.
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अंडा विटमिन ए और बी, फोलिक एसिड, बायोटिन का भी अच्छा स्रोत है. सर्दियों का सुपर हेल्थ फूड है. प्रोटीन की वजह से ये हड्डियों और मांसपेशियों के ग्रोथ में सहायक है. जो लोग अपनी डाइट में कार्ब कम करके वजन घटाना चाहते हैं, उन्हें रोज ब्रेकफस्ट में उबला अंडा खाना चाहिए.
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लुई बर्जर केस : गोवा पुलिस ने पूर्व सीएम कामत को बताया 'आदतन अपराधी' | पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को 'भ्रष्टाचार में लिप्त आदतन अपराधी' बताते हुए गोवा पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अदालत में उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने लुई बर्जर रिश्वतखोरी मामले की साजिश में 'सक्रिय रूप से भाग' लिया और वह लाभान्वित होने वालों में एक हैं।
लुई बर्जर शाखा ने 61 साल नेता की अग्रिम जमानत अर्जी पर शुक्रवार शाम जिला अदालत में अपने जवाब में आरोप लगाया कि कामत ने परियोजना की फाइल उस समय तक दबाकर रखी जब तक उन्हें रिश्वत की रकम नहीं मिल गई। क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग की है।टिप्पणियां
इससे पहले, अदालत ने शुक्रवार कामत को राहत प्रदान करते हुए रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि 12 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी थी, क्योंकि अपराध शाखा ने उनकी अर्जी पर जवाब देने के लिए और वक्त मांगा था।
क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को ही बाद में अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें उसने कहा कि कामत ने अपने आचरण से भारत और गोवा की छवि खराब की। उसने कहा, 'आरोपी आवेदक गोवा में खनन उद्योग के क्षेत्र में कथित अनियमितताओं के मामले में शाह आयोग की रिपार्ट और लोक लेखा समिति रिपोर्ट के अनुसार खनन घोटाले में फंसे हैं। यह दर्शाता है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल आदतन अपराधी हैं।'
लुई बर्जर शाखा ने 61 साल नेता की अग्रिम जमानत अर्जी पर शुक्रवार शाम जिला अदालत में अपने जवाब में आरोप लगाया कि कामत ने परियोजना की फाइल उस समय तक दबाकर रखी जब तक उन्हें रिश्वत की रकम नहीं मिल गई। क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग की है।टिप्पणियां
इससे पहले, अदालत ने शुक्रवार कामत को राहत प्रदान करते हुए रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि 12 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी थी, क्योंकि अपराध शाखा ने उनकी अर्जी पर जवाब देने के लिए और वक्त मांगा था।
क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को ही बाद में अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें उसने कहा कि कामत ने अपने आचरण से भारत और गोवा की छवि खराब की। उसने कहा, 'आरोपी आवेदक गोवा में खनन उद्योग के क्षेत्र में कथित अनियमितताओं के मामले में शाह आयोग की रिपार्ट और लोक लेखा समिति रिपोर्ट के अनुसार खनन घोटाले में फंसे हैं। यह दर्शाता है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल आदतन अपराधी हैं।'
इससे पहले, अदालत ने शुक्रवार कामत को राहत प्रदान करते हुए रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि 12 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी थी, क्योंकि अपराध शाखा ने उनकी अर्जी पर जवाब देने के लिए और वक्त मांगा था।
क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को ही बाद में अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें उसने कहा कि कामत ने अपने आचरण से भारत और गोवा की छवि खराब की। उसने कहा, 'आरोपी आवेदक गोवा में खनन उद्योग के क्षेत्र में कथित अनियमितताओं के मामले में शाह आयोग की रिपार्ट और लोक लेखा समिति रिपोर्ट के अनुसार खनन घोटाले में फंसे हैं। यह दर्शाता है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल आदतन अपराधी हैं।'
क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को ही बाद में अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें उसने कहा कि कामत ने अपने आचरण से भारत और गोवा की छवि खराब की। उसने कहा, 'आरोपी आवेदक गोवा में खनन उद्योग के क्षेत्र में कथित अनियमितताओं के मामले में शाह आयोग की रिपार्ट और लोक लेखा समिति रिपोर्ट के अनुसार खनन घोटाले में फंसे हैं। यह दर्शाता है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल आदतन अपराधी हैं।' |
मिल्खा की ख्वाहिश, उनके जीवित रहते एथलेटिक्स में मिले ओलिंपिक मेडल | फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह ने रविवार को कहा कि भारतीय युवाओं को उनकी कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके जीवित रहते एथलेटिक्स में ओलिंपिक पदक जीतना चाहिए।
मिल्खा ने रविवार को पुणे में मलाल के साथ कहा, 'मैं 1960 रोम ओलिंपिक में पदक जीतने से चूक गया था और अब तक मुझे इसका मलाल है। तब से आधी शताब्दी से अधिक बीत चुकी है, लेकिन कोई भारतीय एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक नहीं जीत पाया।'
उन्होंने कहा, 'यह मेरी आखिरी ख्वाहिश है कि ओलिंपिक खेलों के पोडियम पर किसी भारतीय एथलीट के गले में ओलंपिक पदक देखूं।' पुणे अंतरराष्ट्रीय खेल एक्सपो ने रविवार को कार्यक्रम के अंतिम दिन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित किया और इस दौरान मिल्खा ने अपनी यह ख्वाहिश जताई।टिप्पणियां
मिल्खा ने कहा, 'मैं अंतिम प्रतिस्पर्धी रेस लगभग 50 साल पहले दौड़ा था, लेकिन इसके बाद इतने वर्षों में इतने बड़े देश में कोई मिल्खा पैदा नहीं हुआ। मैं विशेष तौर पर पुणे आया, क्योंकि जब मैं भारतीय सेना से जुड़ा तो यहां मैंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान छह से सात साल बिताए और इस शहर ने मुझे काफी कुछ दिया।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मिल्खा ने रविवार को पुणे में मलाल के साथ कहा, 'मैं 1960 रोम ओलिंपिक में पदक जीतने से चूक गया था और अब तक मुझे इसका मलाल है। तब से आधी शताब्दी से अधिक बीत चुकी है, लेकिन कोई भारतीय एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक नहीं जीत पाया।'
उन्होंने कहा, 'यह मेरी आखिरी ख्वाहिश है कि ओलिंपिक खेलों के पोडियम पर किसी भारतीय एथलीट के गले में ओलंपिक पदक देखूं।' पुणे अंतरराष्ट्रीय खेल एक्सपो ने रविवार को कार्यक्रम के अंतिम दिन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित किया और इस दौरान मिल्खा ने अपनी यह ख्वाहिश जताई।टिप्पणियां
मिल्खा ने कहा, 'मैं अंतिम प्रतिस्पर्धी रेस लगभग 50 साल पहले दौड़ा था, लेकिन इसके बाद इतने वर्षों में इतने बड़े देश में कोई मिल्खा पैदा नहीं हुआ। मैं विशेष तौर पर पुणे आया, क्योंकि जब मैं भारतीय सेना से जुड़ा तो यहां मैंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान छह से सात साल बिताए और इस शहर ने मुझे काफी कुछ दिया।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा, 'यह मेरी आखिरी ख्वाहिश है कि ओलिंपिक खेलों के पोडियम पर किसी भारतीय एथलीट के गले में ओलंपिक पदक देखूं।' पुणे अंतरराष्ट्रीय खेल एक्सपो ने रविवार को कार्यक्रम के अंतिम दिन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित किया और इस दौरान मिल्खा ने अपनी यह ख्वाहिश जताई।टिप्पणियां
मिल्खा ने कहा, 'मैं अंतिम प्रतिस्पर्धी रेस लगभग 50 साल पहले दौड़ा था, लेकिन इसके बाद इतने वर्षों में इतने बड़े देश में कोई मिल्खा पैदा नहीं हुआ। मैं विशेष तौर पर पुणे आया, क्योंकि जब मैं भारतीय सेना से जुड़ा तो यहां मैंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान छह से सात साल बिताए और इस शहर ने मुझे काफी कुछ दिया।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मिल्खा ने कहा, 'मैं अंतिम प्रतिस्पर्धी रेस लगभग 50 साल पहले दौड़ा था, लेकिन इसके बाद इतने वर्षों में इतने बड़े देश में कोई मिल्खा पैदा नहीं हुआ। मैं विशेष तौर पर पुणे आया, क्योंकि जब मैं भारतीय सेना से जुड़ा तो यहां मैंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान छह से सात साल बिताए और इस शहर ने मुझे काफी कुछ दिया।' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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Teachers Day 2019: इस टीचर्स डे पर जानिए उन बॉलीवुड फिल्मों के बारे में, जिनसे मिली प्रेरणा | Teachers' Day 2019: हर साल 5 सितंबर को टीचर्स डे (Teachers' Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म हुआ था. शिक्षक दिवस के दिन बच्चे टीचर्स के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. इस दिन स्टूडेंट्स, शिक्षकों के प्रति अपना प्यार और सम्मान जाहिर करते हैं. स्कूलों में बच्चे टीचर बनकर आते हैं और अपनी से छोटी कक्षाओं के बच्चों के पढ़ाते हैं. ऐसा करने से वो शिक्षकी जिम्मेदारी और उनके प्रभाव को समझने की कोशिश करते हैं. इस शिक्षक दिवस (Teachers' Day) के मौके पर जानिए बॉलीवुड की उन फिल्मों के बारे में जिन्होंने अपनी कहानियों से दर्शकों को एक नया पाठ पढ़ाया. |
पत्नी की आदतों से तंग आकर इंजीनियर पति ने दी जान, सुसाइड नोट में लिखी यह बात | पत्नी से आए-दिन होने वाली चिक-चिक से परेशान होकर एक इंजीनियर ने जहर खाकर जान दे दी. सूत्रों के अनुसार, जहर खाने के बाद पहले उसे गंभीर हाल में अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इंजीनियर का नाम शिव कुमार है. फरीदाबाद पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 45 साल के शिवकुमार पेशे से सिविल इंजीनियर थे. पुलिस को मिले सुसाइड नोट में शिवकुमार ने अपनी मौत के लिए बदचलन और लड़ाकू पत्नी और उसके प्रेमी को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. बता दें, इस सुसाइड नोट के आधार पर ही सिविल इंजीनियर के बड़े भाई ने उसकी पत्नी और प्रेमी के खिलाफ फरीदाबाद सेक्टर-16 थाने में केस दर्ज कराया है. परिजनों के मुताबिक, शिवकुमार संत नगर में रहते थे. पत्नी और उसके प्रेमी से होने वाले रोज-रोज झगड़ों से दूर रहने के लिए उन्होंने सेक्टर-55 में रहना शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया कि जब सन् 1999 में शिवकुमार की शादी हुई तब वह गुजरात में नौकरी करता था. पत्नी और बच्चों के चलते वह कुछ समय पहले गुजरात से भिवानी में नौकरी करने चला आया. सप्ताहंत में वह भिवानी से फरीदाबाद स्थित घर आता था. इसी बीच पत्नी के पड़ोस में रहने वाले एक टैक्सी कैब चालक से अवैध संबंध बन गए. उसके बाद घर में रोज-रोज का कलेश और बढ़ गया. इतना ही नहीं 22 अप्रैल को पत्नी छोड़कर भी चली गई. आरोप है कि पत्नी ने मायके वालों की मदद से शिवकुमार की कार भी हड़प ली. इसके बाद भी बीबी ने पीड़ित के ऊपर दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करा डाला, जो कि बाद में राजीनामा होने पर खत्म हो गया.
वहीं पुलिस के मुताबिक, 10-12 दिन पहले ही पत्नी फरीदाबाद लौटी थी. घर में फिर कलेश शुरू हो गया. मंगलवार को भी दोनों के बीच कहासुनी हुई. इसी से परेशान होकर शिवकुमार ने घर में ही जहर खा लिया. बी.के. सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. |
अवमानना मामले में कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी | त्रिपाठी ने बताया कि अंबिकापुर के एक बिल्डर के एन सिंह ने कुंडला वसुंधरा नाम से एक आवासीय कॉलोनी विकसित की थी. इस कॉलोनी में अधिकतर भूमि पर अवैध कब्ज़ा कर निर्माण कराया गया था.मामले की शिकायत होने पर इसकी जांच की गई. प्रशासन ने आठ जुलाई 2008 के बाद के निर्माण को अवैध पाया और अवैध मकानों को तोड़ने का आदेश दे दिया था.टिप्पणियां
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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फूलपुर लोकसभा उपचुनावः 37.39 प्रतिशत मतदाताओं ने किया मतदान | इसके बाद विजयलक्ष्मी पंडित के 1969 में संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधि बनने के बाद इस्तीफा देने से रिक्त हुई सीट पर दोबारा उपचुनाव हुआ और तब कांग्रेस ने केशव देव मालवीय को मैदान में उतारा. हालांकि वह संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार जनेश्वर मिश्र से हार गए थे. |
प्राइम टाइम इंट्रो : बेरोजगारी हमें परेशान क्यों नहीं कर रही? | मंगलवार के प्राइम टाइम में हमने यूपी में पिछले तीन साल में हुईं सांप्रदायिक घटनाओं पर बात की थी. हिन्दुस्तान टाइम्स के अप्पू एस्थोस सुरेश ने वहां के 75 ज़िलों के पुलिस रिकॉर्ड की छानबीन कर ये बताया था कि 2013 से लेकर अब तक राज्य में दस हज़ार से ज्यादा सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं. अगर राजनीतिक दल इन घटनाओं के पीछे हैं या लाभ उठा रहे हैं तो यूपी की जनता को ही आगे आना चाहिए और अपने सामाजिक तानेबाने को बचाना चाहिए। क्या वाकई यूपी की जनता का नौकरी, अच्छे अस्पताल, बेहतर सरकारी स्कूल जैसे मुद्दों की जगह ऐसे मुद्दों में ही मन रमता है, जिनका संबंध भड़काने से होता है. मुझे नहीं लगता कि जनता ऐसी होती है, लेकिन दस हज़ार घटनाओं को आप कैसे अनदेखा कर सकते हैं. अगर तादाद इतनी है तो लोगों को खुद बाहर आकर समाज को बचाना चाहिए. आज मैं नौकरी पर बात करूंगा, क्या जिस तादाद में सांप्रदायिक तनाव की संख्या बढ़ रही है, नौकरियां भी बढ़ रही हैं. क्या नौकरी का सवाल बिल्कुल ज़रूरी नहीं है. दिल्ली स्थित एक संस्था है 'प्रहार', जिसके अध्ययन की रिपोर्ट समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से तमाम अख़बारों में प्रकाशित हुई। इसके मुताबिक...
पिछले चार साल से हर दिन 550 नौकरियां ग़ायब होती चली जा रही हैं.किसान,छोटे खुदरा वेंडर, दिहाड़ी मज़दूर और इमारती मज़दूरों के सामने जीनव का संकट खड़ा होता जा रहा है.इस हिसाब से 2050 तक भारत में 70 लाख नौकरियों की कमी हो जाएगी.
2050 तक क्या होगा, ये सर्वे टिका रहेगा या नहीं कोई नहीं जान सकता, लेकिन जो समय बीत चुका है उसके बारे में जो नतीजा है उस पर तो बात कर सकते हैं. प्रहार के अध्ययन को चुनौती देते हुए एनडीटी डॉट काम पर अनपुम मनुर ने लिखा है कि नौकरियां कम तो हुई हैं, मगर सब कुछ समाप्त नहीं हो गया है. प्रहार ने भी नहीं कहा है कि सब कुछ समाप्त हो गया है. बहरहाल प्रहार ने अपने सर्वे में लेबर ब्यूरो के एक आंकड़ों का बारीक अध्ययन करने का दावा किया है, जिसके अनुसार...
2015 में सिर्फ 1 लाख 35 हज़ार नौकरियों का ही सृजन किया गया.2013 में 4 लाख 19 हज़ार नौकरियां पैदा हुई थीं.2013 से 2015 के बीच भारी गिरावट आई है.
अप्रैल 2015 में केयर रेटिंग्स के चीफ इकोनोमिस्ट मदन सबनविस और अनुजा शाह ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. कंपनियां अपनी बैलेंस शीट में नौकरियां का जो आंकड़ा पेश करती हैं, इन दोनों ने पिछले चार साल में 1072 कंपनियों का अध्ययन कर बताया कि...
2014 में 11 लाख 88 हज़ार से अधिक नौकरियां जोड़ी गई हैं.2015 में सिर्फ 12,760 नई नौकरियां ही जोड़ी गई हैं.
1000 से अधिक कंपनियों में नौकरियों में इतनी तेज़ी से गिरावट से किसी को फिक्र नहीं है और लोग इस बात में उलझे हैं कि मंदिर के सामने से ताजिये का जुलूस कैसे निकलेगा और मस्जिद के सामने से प्रतिमा विसर्जन का जुलूस. मदन सबनविस और अनुजा शाह की रिपोर्ट में सेक्टर के हिसाब से नौकरियां का विश्लेषण है...
2015 के साल में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में -43.7 फीसदी नौकरियां घटी हैं.2015 के साल में केबल में -20.6 फीसदी.डायमंड और जुलरी में -28.4 फीसदी.इंजीनियरिंग में -26.4 फीसदी नौकरियों में गिरावट आई है.अस्पताल और हेल्थकेयर सेवाओं में -20.5 फीसदी.
केयर रेटिग्स की रिपोर्ट में आईटी सेक्टर में 20 प्रतिशत की वृद्धि है, लेकिन 19 अक्तूबर यानी आज के बिजनेस स्टैंडर्ड में एक रिपोर्ट छपी है, जिसके अनुसार आईटी सेक्टर में नौकरियां बहुत तो नहीं, मगर कम हो रही हैं. अहमदाबाद, पुणे और मुंबई से बिजनेस स्टैंडर्ड के तीन संवाददाताओं ने रिपोर्ट फाइल की है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में नौकरियां कम आ रही हैं और सैलरी में उछाल नहीं है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, आई टी सेक्टर में पिछले साल के मुकाबले इस साल कैंपस की नौकरियों में 20 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है.
आईटी सेक्टर में पिछले छह साल से बेसिक ऑफर 3 से साढ़े तीन लाख प्रति वर्ष ही बना हुआ है.मिड लेवल के इंजीनियरिंग कालेजों में इसी सैलरी पर ज़्यादातर को नौकरी मिलती है.इस हिसाब से देखें तो सैलरी में निगेटिव ग्रोथ हो जाती है.
एक कारण यह भी है कि बाज़ार में बहुत बड़ी तादाद में इंजीनियर हो गए हैं. इसलिए भी उनकी शुरुआती सैलरी में पिछले छह साल में कोई वृद्धि नहीं है. यानी छह साल पहले कोई इंजीनियर तीन लाख पर नौकरी पाता है, छह साल बाद का बैच भी इसी वेतन पर ज्वाइन करता है, जबकि इन छह सालों में कॉलेजों की फीस और पढ़ाई का ख़र्चा कितना गुना बढ़ गया होगा. बिजनेस स्टैंडर्ड ने कई कॉलेजों के प्लेसमेंट सेल से बात कर लिखा है कि कैंपस आने वाली कंपनियों की संख्या में तो कमी नहीं है, मगर नौकरियों की संख्या कम रहने के अनुमान हैं.
पहले कंपनियां चार लोगों को नौकरी पर रखती थीं, तो अब दो लोगों को रख रही हैं.90 प्रतिशत कंपनियां पिछले साल की ही सैलरी दे रही हैं.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में हेड हंटर इंडिया के चेयरमैन क्रिस लक्ष्मीकांत का बयान छपा है कि इंफोसिस, विप्रो और टीसीएस जैसी चोटी की तीन कंपनियां हर साल दो लाख नए इंजीनियरों को नौकरी पर रखती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर 70 से 80 हज़ार हो गई है. इसका कारण यह भी है कि बैंकिंग, फाइनांस सेक्टर और बीमा क्षेत्र में ठहराव आया है. वहां से इन आईटी कंपनियों को बिजनेस नहीं मिल रहा है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में नौकरियां बढ़ सकती हैं. अगर आप केयर रेटिंग्स के आंकड़े देखेंगे तो...
2015 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियों में वृद्धि दर -5.2 प्रतिशत दर्ज हुई है.बैंकिंग सेक्टर में पिछले साल मात्र 2.1 फीसदी रही है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियों में वृद्धि की किसी भी संख्या को हमें -5.2 प्रतिशत के अनुपात में ही देखना होगा. एक और बात का ध्यान रखियेगा कि ये सारे आंकड़े सरकारी नहीं हैं. अलग-अलग रिसर्च एजेंसियों के हैं. अच्छा होता है कि इस तरह के आंकड़े सरकार जारी करती, लेकिन लेबर ब्यूरो के आंकड़े को क्या सरकार भी स्वीकार करेगी कि 2015 में एक लाख पैंतीस हज़ार से ज्यादा नौकरियां नहीं बढ़ी हैं. लेबर ब्यूरो तो सरकारी है. उसका एक और सर्वे आया है, जिसके आधार पर 1 अक्तूबर को टाइम्म ऑफ इंडिया में सुबोध वर्मा ने ख़बर लिखी है. जिसके अनुसार...
15 साल से अधिक उम्र के लोगों में बेरोज़गारी पिछले पांच साल में सबसे अधिक है.काम कर सकने वाली आबादी का एक तिहाई बेकार है.68 फीसदी कामगार परिवारों की मासिक कमाई 10,000 से अधिक नहीं है.
सोचिये 68 प्रतिशत लोग मात्र 10,000 रुपया महीना कमाते हैं, लेकिन बहस किस पर हो रही है कि ताजिये का जुलूस किधर से निकले और प्रतिमा विसर्जन का जुलूस किधर से. मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर बजे या मंदिर की आरती के समय अजान. क्या किसी नेता ने नौकरियां बढ़ाने की मांग की है, या किसी ने दावा किया है. लेकिन अखबार रंगे हैं इस बात से कि राम मंदिर बनेगा या अयोध्या में म्यूज़ियम बनेगा. सुबोध वर्मा ने लिखा है कि लेबर ब्यूरो ने अपने नए सर्वे में...
अप्रैल से लेकर दिसंबर 2015 के बीच एक लाख साठ हज़ार परिवारों में सात लाख अस्सी हज़ार से अधिक लोगों को शामिल किया है.भारत में 15 साल से अधिक उम्र के कामगारों की आबादी 45 करोड़ के करीब बैठती है.इस 45 करोड़ में से दो करोड़ तीस लाख लोग बेरोज़गार हैं.जिन्हें काम मिल रहा है, उन्हें साल भर काम नहीं मिलता है.इसे अंडर एम्लॉयपेंट की कैटगरी में रखा गया है, इसकी संख्या 16 करोड़ है.
16 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें पूरे साल काम नहीं मिलता है. क्या वाकई इतनी गंभीर स्थिति है. क्या आज का नौजवान जिसे नौकरी चाहिए वो इन आश्वासनों पर घर बैठ सकता है कि 2025 या 30 तक नौकरियां बढ़ने लगेंगी. आए दिन बिजनेस अख़बारों में अर्थव्यवस्था को लेकर तरह-तरह की ख़बरें पढ़ने को मिलती हैं. कुछ ख़बरों में संकट की तस्वीर दिखती है, कुछ ख़बरों में संकट से उबरने की तस्वीर दिखती है तो कुछ ख़बरों में बहुत अच्छी तस्वीर दिखती है... लेकिन कोई एक तस्वीर नहीं दिखती है. |
कश्मीर में सीमित स्टेशनों पर रुकने वाली ट्रेनें अगले माह से | कश्मीर में व्यस्त समय की भारी भीड़ से निबटने के लिए अगले माह से सीमित स्थानों पर रुकने वाली ट्रेनें शुरू की जाएंगी।टिप्पणियां
आधिकारिक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया, ‘सीमित स्टेशनों पर रुकने वाली ट्रेनें अप्रैल में शुरू की जाएंगी।’ प्रवक्ता ने बताया कि संभागीय आयुक्त असगर हसन समून की अध्यक्षता में गुरुवार को एक बैठक के दौरान कश्मीर घाटी में रेलवे परिचालन की समीक्षा की गई। इस बैठक में उत्तरी रेलवे के मुख्य क्षेत्र प्रबंधन और रेलवे के पुलिस अधीक्षक के साथ अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। रेलवे के अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के 26 अतिरिक्त डिब्बे और छह रेल इंजन यहां पहुंच चुके हैं और यह जल्द ही परिचालन में आ जाएंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
आधिकारिक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया, ‘सीमित स्टेशनों पर रुकने वाली ट्रेनें अप्रैल में शुरू की जाएंगी।’ प्रवक्ता ने बताया कि संभागीय आयुक्त असगर हसन समून की अध्यक्षता में गुरुवार को एक बैठक के दौरान कश्मीर घाटी में रेलवे परिचालन की समीक्षा की गई। इस बैठक में उत्तरी रेलवे के मुख्य क्षेत्र प्रबंधन और रेलवे के पुलिस अधीक्षक के साथ अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। रेलवे के अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के 26 अतिरिक्त डिब्बे और छह रेल इंजन यहां पहुंच चुके हैं और यह जल्द ही परिचालन में आ जाएंगे।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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बिना UPSC पास किए मोदी सरकार में बन सकते हैं नौकरशाह, 10 पदों के लिए निकली वैकेंसी | नरेंद्र मोदी सरकार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास किए बिना अनुभवी लोगों को नौकरशाह बनाने जा रही है. सरकार के इस फैसले के बाद प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले भी UPSC परीक्षा पास किए बिना बड़े अधिकारी बन सकते हैं. मोदी सरकार ने एक नई नीति के तहत अपनी सरकार में 10 अलग-अलग विभागों में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है. इन पदों पर आमतौर पर उन्हीं की नियुक्ति होती थी, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की हो, लेकिन सरकार ने इन पदों के लिए लैटरल वैकेन्सी निकाली है.
सरकार की तरफ से इस बारे में कहा गया कि इससे मंत्रालय देश के ज्यादा से ज्यादा अनुभवी लोगों का लाभ ले पाएगा. कार्मिक विभाग की ओर जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारत सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर शामिल होने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान देने के लिए इच्छुक प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं. सरकार ने कुल 10 अलग-अलग विभागों के लिए दक्षता प्राप्त लोगों से आवेदन मंगाए हैं. टिप्पणियां
ये सभी नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर होंगी और 3 से पांच वर्षों के लिए होंगी. जिन विभागों में नियुक्तियां होंगी उनमें राजस्व, वित्तीय सेवाएं, आर्थिक कार्यों, नागर विमानन और वाणिज्य प्रमुख हैं. इन सभी पदों के लिए आवेदक की उम्र सीमा 1 जुलाई 2018 को कम से कम 40 साल होनी चाहिए. आवेदकों का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ने स्नातक होना अनिवार्य है, हालांकि इससे ऊंची योग्यता वालों को महत्व दिया जाएगा.
यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है।
कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे। इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है। pic.twitter.com/8shIHodMew
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 10, 2018
मोदी सरकार के इस बड़े बदलाव को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है. कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे. इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है.'
सरकार की तरफ से इस बारे में कहा गया कि इससे मंत्रालय देश के ज्यादा से ज्यादा अनुभवी लोगों का लाभ ले पाएगा. कार्मिक विभाग की ओर जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारत सरकार में वरिष्ठ प्रबंधन स्तर पर शामिल होने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान देने के लिए इच्छुक प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं. सरकार ने कुल 10 अलग-अलग विभागों के लिए दक्षता प्राप्त लोगों से आवेदन मंगाए हैं. टिप्पणियां
ये सभी नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर होंगी और 3 से पांच वर्षों के लिए होंगी. जिन विभागों में नियुक्तियां होंगी उनमें राजस्व, वित्तीय सेवाएं, आर्थिक कार्यों, नागर विमानन और वाणिज्य प्रमुख हैं. इन सभी पदों के लिए आवेदक की उम्र सीमा 1 जुलाई 2018 को कम से कम 40 साल होनी चाहिए. आवेदकों का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ने स्नातक होना अनिवार्य है, हालांकि इससे ऊंची योग्यता वालों को महत्व दिया जाएगा.
यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है।
कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे। इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है। pic.twitter.com/8shIHodMew
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मोदी सरकार के इस बड़े बदलाव को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है. कल को ये बिना चुनाव के प्रधानमंत्री और कैबिनेट बना लेंगे. इन्होंने संविधान का मजाक बना दिया है.'
ये सभी नियुक्तियां अनुबंध के आधार पर होंगी और 3 से पांच वर्षों के लिए होंगी. जिन विभागों में नियुक्तियां होंगी उनमें राजस्व, वित्तीय सेवाएं, आर्थिक कार्यों, नागर विमानन और वाणिज्य प्रमुख हैं. इन सभी पदों के लिए आवेदक की उम्र सीमा 1 जुलाई 2018 को कम से कम 40 साल होनी चाहिए. आवेदकों का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ने स्नातक होना अनिवार्य है, हालांकि इससे ऊंची योग्यता वालों को महत्व दिया जाएगा.
यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है।
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यह मनुवादी सरकार UPSC को दरकिनार कर बिना परीक्षा के नीतिगत व संयुक्त सचिव के महत्वपूर्ण पदों पर मनपसंद व्यक्तियों को कैसे नियुक्त कर सकती है? यह संविधान और आरक्षण का घोर उल्लंघन है।
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मुंबई हमले के गवाहों से पूछताछ को आएगी पाकिस्तानी टीम | पाकिस्तान का एक आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के गवाहों से जिरह करने के लिए अगले सप्ताह भारत का दौरा करेगा। रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तानी अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकील शामिल होंगे।
समाचार पत्र डॉन ने फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के एक अभियोजक का हवाला देते हुए यह सूचना दी।
एफआईए के विशेष अभियोजक मोहम्मद अजहर चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने बयान दर्ज करने और चार गवाहों से जिरह के लिए एक कार्यक्रम जारी कर दिया था।
डॉन की खबर में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को 5-6 सितंबर तक मुंबई पहुंचने के लिए कहा था। लेकिन उड़ानों की उपलब्धता न होने के कारण पैनल सात सितंबर को रवाना होगा।टिप्पणियां
पाकिस्तानी पैनल बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हरिस अहमद, रियाज अकरम चीमा, खीजर हयात, राजा एहसान्नुल्लाह सत्ती, एफआईए प्रमुख अभियोजक चौधरी मोहम्मद अजहर, सैयद हुसैन अबुजार पीरजादा, एफआईए उपनिदेशक फकीर मोहम्मद और अदालत के अधिकारी अब्दुल हमीद शामिल होंगे।
बचाव पक्ष के एक वकील रियाज चीमा ने कहा कि भारतीय गवाहों की जिरह सात पाकिस्तानी संदिग्धों की जांच के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों की मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पैनल 14 सितंबर को वापस पाकिस्तान लौटेगा।
समाचार पत्र डॉन ने फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के एक अभियोजक का हवाला देते हुए यह सूचना दी।
एफआईए के विशेष अभियोजक मोहम्मद अजहर चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने बयान दर्ज करने और चार गवाहों से जिरह के लिए एक कार्यक्रम जारी कर दिया था।
डॉन की खबर में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को 5-6 सितंबर तक मुंबई पहुंचने के लिए कहा था। लेकिन उड़ानों की उपलब्धता न होने के कारण पैनल सात सितंबर को रवाना होगा।टिप्पणियां
पाकिस्तानी पैनल बचाव पक्ष के वकील ख्वाजा हरिस अहमद, रियाज अकरम चीमा, खीजर हयात, राजा एहसान्नुल्लाह सत्ती, एफआईए प्रमुख अभियोजक चौधरी मोहम्मद अजहर, सैयद हुसैन अबुजार पीरजादा, एफआईए उपनिदेशक फकीर मोहम्मद और अदालत के अधिकारी अब्दुल हमीद शामिल होंगे।
बचाव पक्ष के एक वकील रियाज चीमा ने कहा कि भारतीय गवाहों की जिरह सात पाकिस्तानी संदिग्धों की जांच के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों की मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पैनल 14 सितंबर को वापस पाकिस्तान लौटेगा।
एफआईए के विशेष अभियोजक मोहम्मद अजहर चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने बयान दर्ज करने और चार गवाहों से जिरह के लिए एक कार्यक्रम जारी कर दिया था।
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बचाव पक्ष के एक वकील रियाज चीमा ने कहा कि भारतीय गवाहों की जिरह सात पाकिस्तानी संदिग्धों की जांच के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों की मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पैनल 14 सितंबर को वापस पाकिस्तान लौटेगा।
बचाव पक्ष के एक वकील रियाज चीमा ने कहा कि भारतीय गवाहों की जिरह सात पाकिस्तानी संदिग्धों की जांच के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों की मदद करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पैनल 14 सितंबर को वापस पाकिस्तान लौटेगा। |
Bigg Boss: बिग बॉस के दूसरे सीजन में राहुल महाजन और राजा चौधरी ने खूब बटोरी थीं सुर्खियां, जानें कौन बना था Winner | Bigg Boss 13: बिग बॉस सीजन 1 (Bigg Boss) के सफलता के बाद साल 2008 में सीजन 2 में अरशद वारसी की जगह नए होस्ट के रूप में शिल्पा शेट्टी आईं थी. इस बार अगस्त महीने के 21 तारीख से शुरू हुआ और 98 दिन तक लगातार शो चला. शो का फिनाले 22 नवंबर 2008 को हुआ था. 14 हफ्ते चले सीजन में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले. शुरुआत में कुल 32 कैमरों के साथ मुंबई से करीब 100 किमी. दूर लोनावला में बिग बॉस का नया सेट बना और 14 कंटेस्टेंट ने एंट्री ली. इस बार भी सभी कंटेस्टेंट सेलिब्रेटी ही थीं, लेकिन शो के दूसरे दिन ही जेड गूडी (ब्रिटिश टीवी एक्ट्रेस) को कैंसर के लक्षण होने की वजह से घर छोड़कर जाना पड़ा. फिलहाल 15वें कंटेस्टेंट के रूप में 30 दिन बीत जाने के बाद डियाना हेडेन (इंडियन मॉडल) ने शो में उनकी जगह ली. |
पहली तिमाही में नकदी की स्थिति संतोषजनक : वित्त मंत्रालय रिपोर्ट | वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अग्रिम कर प्रवाह अवधि को छोड़कर, नकदी की स्थिति संतोषजनक रही है।
वित्त मंत्रालय की ऋण प्रबंधन रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही के दौरान सरकार की नकदी की स्थिति, राजस्व भुगतान के लिए धन की निकासी अवधि को छोड़कर, संतोषजनक रही और पूरी तिमाही में अधिशेष की स्थिति रही।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान सकल और शुद्ध बाजार ऋण क्रमश: 6 लाख करोड़ और 4.61 लाख करोड़ रुपये पर पिछले साल की तुलना में 6.4 प्रतिशत और 1.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2013-14 में सकल बाजार उधार 5.63 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध उधार 4.53 लाख करोड़ रुपये रहा था।
विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 की पहली तिमाही में सरकार ने 1.98 लाख करोड़ रुपये की दिनांकित प्रतिभूतियां जारी कीं, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 1.51 लाख करोड़ रुपये थी।
इसमें कहा गया है कि 6 लाख करोड़ रुपये के लोक ऋण में सार्वजनिक खाते की देनदारियां शामिल नहीं हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि पहली तिमाही के दौरान केन्द्र सरकार की नकदी स्थिति संतोषजनक रही और यह कुछ मौकों को छोड़कर तिमाही के दौरान अधिशेष की स्थिति बनी रही।
सरकार के लोक ऋण में जून 2014 के अंत में आंतरिक ऋण का हिस्सा 91.4 प्रतिशत रहा है, जिसमें कि विपणन योग्य प्रतिभूतियां 83.4 प्रतिशत थी। |
International Tea Day: पुदीने की चाय वजन घटाने और पाचन के लिए है फायदेमंद! जानें कैसे बनाएं, और भी हैं कई लाभ | International Tea Day: चाय के शौकीन हमेशा ही चाय पीना पसंद करते हैं लेकिन समय हो सर्दियों का तो चाय (Tea) दिल खुश कर देती है. आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जा रहा है. आपने भी आमतौर पर कई तरह की चाय पी होंगी जिनमें अदरक की चाय (Ginger Tea), नींबू की चाय (Lemon Tea) या फिर ग्रीन टी (Green Tea) लेकिन आज इस खास दिन जिस चाय के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वह न सिर्फ स्वाद में बल्कि फायदों में भी दमदार है. हम यहां बात कर रहे हैं पुदीने की चाय (Mint Tea) की. जी हां क्या आपने कभी ट्राई की है पुदीने की चाय. पुदीना दुनिया में सबसे ज्यादा मिलने और आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली जड़ी बूटियों में से एक है. पुदीने में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य को ठीक रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. दिलचस्प बात है कि बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि पुदीना वजन घटाने (Weight Loss) में भी मदद करता है. पुदीने की पत्तियों में मौजूद मेंथोल पाचन (Digestion) शक्ति को मजबूत करने में भी फायदेमंद हो सकता है.
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पाचन शक्ति का ठीक न होना वजन के बढ़ने का एक बड़ा कारण होता है. पुदीने (Mint) को कई तरीकों से अपनी डाइट (Diet) या खान-पान में शामिल किया जा सकता है, लेकिन अगर आप वजन घटाने की सोच रहे हैं तो पुदीने की चाय आपके लिए सबसे बेहतर उपाय है. यह बिना किसी साइड-इफेक्ट के फायदा पहुंचा सकती है...
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पुदीने की चाय बनाने के लिए ज्यादा चीजों की जरूरत नहीं होती है और इसे बनाना भी आसान है. इसमें 5 से 7 पुदीने की पत्ती और एक कप गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता है. पुदीने की चाय बनाने के लिए एक बर्तन के अंदर पानी और कटी हुई पुदीने की पत्तियों को डाले और उसे पांच से सात मिनट तक उबलने दें. इसके बाद इसे एक कप में डाल लें और आप चाहे तो इसका टेस्ट बढ़ाने के लिए शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
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बताया जाता है कि पुदीने की चाय वजन घटाने के लिए ग्रीन टी को भी टक्कर देती है. पुदीने की चाय में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, जो किसी भी समय लगने वाली भूख को तो खत्म करती है, साथ ही पाचन क्रिया को भी ठीक करती है. पुदीने में कैफीन और कैटेचिन होने के कारण ये आपके शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करता है और इससे बॉडी में मौजूद एक्सट्रा फैट घटाया जा सकता है. जो लोग वर्क आउट करते हैं उन्हें पुदीने की बनी चाय पीने की सलाह दी जाती है.
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अदरक के साथ पुदीने की चाय बनाने के लिए आपको 1 चम्मच पुदीने की पत्तियों से बना पाउडर या फिर 3-4 कटी हुई पत्तियों की जरूरत पड़ेगी. साथ ही आधा चम्मच कटी हुई अदरक और एक कप पानी लें. अब किसी बर्तन में जरूरत के हिसाब से लिया हुआ पानी डालें और कटी हुई पुदीने की पत्तियों और अदरक को डाल दें. करीब 3 से 4 मिनट तक उबालने के बाद इसे आप पी सकते हैं.
वजन घटाने के लिए पुदीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसके सेवन से पहले आप अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
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मारुति के मानेसर संयंत्र में हड़ताल का आज 13वां दिन | देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में कर्मचारियों की हड़ताल का आज 13वां दिन है। मंगलवार को कंपनी प्रबंधन के साथ हड़ताली कर्मचारियों की बातचीत बेनतीजा रही। सुजुकी पावरट्रेन इंडिया और सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया के कर्मचारी भी मारुति सुजुकी के कर्मचारियों की हड़ताल के समर्थन में 7 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि स्थिति मंगलवार की तरह ही है। हड़ताल जारी है, लेकिन हम संयंत्र में आंशिक उत्पादन जारी रखेंगे। हरियाणा सरकार की मध्यस्थता से मंगलवार को कंपनी प्रबंधन और हड़ताली कर्मचारियों के बीच बातचीत विफल रही। हरियाणा श्रम विभाग के अधिकारियों ने मारुति सुजुकी और सुजुकी पावरट्रेन के कर्मचारियों एवं उनके प्रबंधनों से बातचीत की। जहां कंपनी का आरोप है कि उसके कर्मचारी अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं, कर्मचारियों ने सख्त रुख अपनाने की बात से इनकार किया और हड़ताल खत्म कराने के लिए दबाव डालने का कंपनी पर आरोप लगाया। कंपनी का दावा है कि उसने मंगलवार को मानेसर संयंत्र से 350 कारों का उत्पादन किया। कंपनी के गुड़गांव संयंत्र में भी 1,750 वाहनों का उत्पादन किया गया। |
साल 2017 इतिहास का सबसे सुरक्षित साल, लेकिन 2018 में विमान हादसों में हुई रिकॉर्ड मौतें | विमान दुर्घटना में होने वाली मौतों में वर्ष 2017 की तुलना में 2018 में तीव्र वृद्धि आई है लेकिन यह साल अभी भी नौवें सुरक्षित स्थान पर है.
नीदरलैंड्स स्थित एविएशन सेफ्टी नेटवर्क (एएसएन) के अनुसार, विमान दुर्घटनाओं में 2018 में 556 लोगों की मौत हुई है जबकि 2017 में यह आंकड़ा 44 था.
सबसे भीषण विमान हादसा इंडोनेशिया में अक्टूबर में हुआ जब लॉयन एयर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और 189 यात्रियों की मौत हो गई.
वहीं, 2017 व्यवसायिक उड़ानों के लिहाज से इतिहास का सबसे सुरक्षित साल रहा जब कोई जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ.
स्थिति में हालांकि पिछले 20 सालों में सुधार आया है.
इनपुट - आईएएनएस |
कमजोर कहानी और अभिनय की मारी 'वंस अपॉन...' | 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा' रिलीज़ हुई है इस गुरुवार को। यह कहानी है गैंगस्टर सोहेब यानी अक्षय कुमार की जो अपने दुश्मन रवैल से बदला लेने मुंबई पहुच जाता है पर यहां वह गिरफ़्तार हो जाता है जैसमीन यानी सोनाक्षी सिन्हा के इश्क में जो फिल्मों में हीरोइन बनने की ख्वाहिश रखती है।
दूसरी तरफ हैं असलम यानी कि इमरान खान जिन्हें सोहेब ने बचपन में अपने गिरोह में शामिल कर लिया था और असलम भी जैसमीन को दिल दे बैठा है। बस यही कहानी है इस फिल्म की… इसके आगे क्या होगा यह आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा पर मैं आपको अपना नज़रिया बता दूं...
फिल्म की कहानी बहुत कमज़ोर है… फिल्म में डायलॉग्स को दमदार बनाने की कोशिश की गई है पर अफ़सोस इनमें वह वज़न नहीं है जो पहली 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई' में थे…। डायलॉग्स को ज़बरदस्त तरीके से भारी भरकम बनाने की कोशिश लगती है। ऊपर से अक्षय के डायलॉग डिलीवरी में नकलीपन दिखता है। पता नहीं, अक्षय ने डायलॉग डिलिवरी में यह सुर क्यों पकड़ा। यह अक्षय का खुद का फ़ैसला था या डायरेक्टर मिलन की हिदायत यह तो वह ही बेहतर जानें। पर ये डायलॉग्स और उनकी अदायगी आपको हंसने पर मजबूर कर देगी। इमरान ख़ान कास्टिंग में मिसफिट लगते हैं और वह भी कोई छाप नहीं छोड़ पाते हैं।टिप्पणियां
सोनाक्षी ठीक हैं… महेश मांजरेकर जितनी देर के लिए आते हैं स्क्रीन को चार्ज कर देते हैं।
गाना 'ये तूने क्या किया…' ज़ुबान पर चढ़ता है और नए रूप में तैयब अली आपका मनोरंजन करता है। कुल मिलाकर एक कमज़ोर कहानी, कमज़ोर स्क्रिप्ट और कमज़ोर अभिनय की मारी है यह फिल्म। इस फिल्म के लिए मेरी ओर से 1.5 स्टार्स।
दूसरी तरफ हैं असलम यानी कि इमरान खान जिन्हें सोहेब ने बचपन में अपने गिरोह में शामिल कर लिया था और असलम भी जैसमीन को दिल दे बैठा है। बस यही कहानी है इस फिल्म की… इसके आगे क्या होगा यह आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा पर मैं आपको अपना नज़रिया बता दूं...
फिल्म की कहानी बहुत कमज़ोर है… फिल्म में डायलॉग्स को दमदार बनाने की कोशिश की गई है पर अफ़सोस इनमें वह वज़न नहीं है जो पहली 'वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई' में थे…। डायलॉग्स को ज़बरदस्त तरीके से भारी भरकम बनाने की कोशिश लगती है। ऊपर से अक्षय के डायलॉग डिलीवरी में नकलीपन दिखता है। पता नहीं, अक्षय ने डायलॉग डिलिवरी में यह सुर क्यों पकड़ा। यह अक्षय का खुद का फ़ैसला था या डायरेक्टर मिलन की हिदायत यह तो वह ही बेहतर जानें। पर ये डायलॉग्स और उनकी अदायगी आपको हंसने पर मजबूर कर देगी। इमरान ख़ान कास्टिंग में मिसफिट लगते हैं और वह भी कोई छाप नहीं छोड़ पाते हैं।टिप्पणियां
सोनाक्षी ठीक हैं… महेश मांजरेकर जितनी देर के लिए आते हैं स्क्रीन को चार्ज कर देते हैं।
गाना 'ये तूने क्या किया…' ज़ुबान पर चढ़ता है और नए रूप में तैयब अली आपका मनोरंजन करता है। कुल मिलाकर एक कमज़ोर कहानी, कमज़ोर स्क्रिप्ट और कमज़ोर अभिनय की मारी है यह फिल्म। इस फिल्म के लिए मेरी ओर से 1.5 स्टार्स।
सोनाक्षी ठीक हैं… महेश मांजरेकर जितनी देर के लिए आते हैं स्क्रीन को चार्ज कर देते हैं।
गाना 'ये तूने क्या किया…' ज़ुबान पर चढ़ता है और नए रूप में तैयब अली आपका मनोरंजन करता है। कुल मिलाकर एक कमज़ोर कहानी, कमज़ोर स्क्रिप्ट और कमज़ोर अभिनय की मारी है यह फिल्म। इस फिल्म के लिए मेरी ओर से 1.5 स्टार्स।
गाना 'ये तूने क्या किया…' ज़ुबान पर चढ़ता है और नए रूप में तैयब अली आपका मनोरंजन करता है। कुल मिलाकर एक कमज़ोर कहानी, कमज़ोर स्क्रिप्ट और कमज़ोर अभिनय की मारी है यह फिल्म। इस फिल्म के लिए मेरी ओर से 1.5 स्टार्स। |
सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान का क्रिकेट शॉट सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, देखें Video | बॉलीवुड के नवाब यानी सैफ अली खान (Saif Ali Khan) और एक्ट्रेस अमृता सिंह (Amrita Singh) के बेटे इब्राहिम अली खान (Ibrahim Ali Khan) फिल्मों से दूर रहने के बावजूद भी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. मशहूर स्टार किड्स में से एक इब्राहिम अली खान इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. हाल ही में उनके कुछ फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर सबका खूब ध्यान खींच रहे हैं. इन्हें देखकर लग रहा है कि सैफ अली खान के बेटे अब उनकी राह पर नहीं बल्कि अपने दादा मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) के नक्शे कदम पर चलने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल, इब्राहिम अली खान इन फोटो और वीडियो में क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं.
#IbrahimAliKhan playing cricket at juhu . #bollywood #bollywoodactor #bollywoodactress #bollywoodcelebs #bollywoodcelebrity #bollywoodstylefile #bollywoodstyle #bollywoodmovies #bollywoodmovie #bollywoodlovers #bollywoodfashion #instagood #instadaily #instacool #instalove . Follow @bollywoodspy For More #bollywoodupdates
A post shared by Bollywood Spy (@bollywoodspy) on Dec 17, 2019 at 10:01pm PST
When Sharmila ma'am said he looks like a perfect Pataudi !!! These pictures prove that again !!! . @______iak______ . #ibrahimalikhan #lovehim
A post shared by Ibrahim Ali Khan (@iak.fangirl) on Dec 17, 2019 at 9:02pm PST
सोशल मीडिया पर छाए इब्राहिम अली खान (Ibrahim Ali Khan) के इन फोटो और वीडियो में उनके अंदाज के साथ-साथ उनका व्यवहार भी काफी जबरदस्त लग रहा है. हाथ में बैट लिए इब्राहिम अली खान क्रिकेट खेलते हुए काफी जबरदस्त लग रहे हैं. उनके इन फोटो और वीडियो को देखकर लग रहा है मानो उन्हें क्रिकेट काफी पसंद हो. इसके अलावा अपने वीडियो में इब्राहिम जैसे ही क्रिकेट की प्रैक्टिस खत्म कर बाहर आते हैं, वहां मौजूद फोटोग्राफर्स उनकी फोटो खींचना और वीडियो बनाना शुरू कर देते हैं. इसके साथ ही एक फैन उनके साथ सेल्फी लेने के लिए भी आता है, जिसके साथ इब्राहिम अली खान बड़ी ही सादगी के साथ सेल्फी क्लिक करते हैं.
The cameras spotted him as he wrapped up a round of cricket practice sesh and dayyyumm! He's ALREADY got fans!! A boy came outta nowhere and asked him for a selfie After the selfie he's like 'Arre gaadi aage lo bhaaai' followed by a 'Main jaa raha hoon, main jaa raha hoon' And look at him bat.. after all he's got those Pataudi genes innit FOLLOW @bollycode . #voompla #bollywood #saifalikhan #ibrahimalikhan #saraalikhan #bollywoodstyle #bollywoodfashion #mumbaidiaries #delhidiaries #nawab #pataudi #kareenakapoorkhan #taimuralikhan #indianactress #bollywoodactress #bollywoodactresses
A post shared by bollycode (@bollycode) on Dec 18, 2019 at 12:52am PST
बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले एक्ट्रेस और सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पत्नी करीना कपूर (Kareena Kapoor) ने अपनी सासू मां शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) से पूछा था कि सारा, इब्राहिम, तैमूर और इनाया में से उनकी आंखों का तारा कौन है. इसपर शर्मिला टैगोर ने कहा था कि वह सभी एक-दूसरे से काफी अलग हैं. उन्होंने इब्राहिम (Ibrahim Ali Khan) के बारे में बात करते हुए कहा कि वह असल में पटौदी लगते हैं. इब्राहिम को क्रिकेट भी बहुत पसंद है और उनकी हाइट भी काफी अच्छी है. वहीं, शर्मिला टैगोर ने सारा अली खान के बारे में बात करते हुए कहा था कि उन्हें एक्ट्रेस पर बहुत गर्व है. |
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की विनाशलीला, पीएम ने 1000 करोड़ रुपये मदद की घोषणा की | जम्मू कश्मीर में बाढ़ से भारी विनाश के बीच अब तक इससे करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि कई अन्य प्रभावित हुए हैं। राहत अभियान आज तेज कर दिया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित इस राज्य के लिए 1000 करोड़ रुपये की सहायता मुहैया कराने की घोषणा की।
नदियों और अन्य जल धाराओं में बाढ़ से अस्पतालों सहित कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयी हैं और कई क्षेत्रों से सड़क और संचार सम्पर्क टूट गया है। श्रीनगर स्थित सैन्य छावनी, सिविल सचिवालय और उच्च न्यायालय भी जलमग्न हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। सुबह जम्मू पहुंचे मोदी ने जम्मू के टेक्नीकल हवाई अड्डे पर बैठक की। अब्दुल्ला ने उन्हें बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी दी। बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पीएम ने श्रीनगर क्षेत्र में हवाई सर्वेक्षण भी किया।
जम्मू-कश्मीर के पिछले 50 सालों के इतिहास में आई अब तक की सबसे भीषण बाढ़ में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 350 गांव पानी में डूब चुके हैं और 2300 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। बचाव और राहत अभियान जोरों पर है।
हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य में आई भयावह बाढ़ की तुलना पिछले साल की केदारनाथ त्रासदी से करते हुए उम्मीद जताई कि उनकी सरकार मृतकों की संख्या उसके मुकाबले कम रखने और त्वरित बचाव अभियान में सफल रहेगी।
इस बीच, जम्मू में स्थिति सुधरने लगी है, लेकिन बुधवार से हो रही बारिश से कश्मीर का बड़ा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। राज्य सरकार ने 12 सितंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
मौसम में सुधार के संकेत मिलते ही राहत प्रयास तेज कर दिए गए हैं और सेना ने 184 कॉलम (प्रत्येक में 75 से 100 कर्मी) तैनात किए हैं, जबकि वायुसेना ने 29 विमान और हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया है, आपदा निगरानी इकाई गठित की है और अपने सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा है।
सेना और वायुसेना ने विभिन्न क्षेत्रों से 13 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। हालांकि निचले इलाकों में इमारतों की उपरी मंजिलों में कई लोग अब भी फंसे हुए हैं और मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मदद उनके पास जल्द पहुंचेगी।
उमर ने कहा कि केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष के 1,000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। उन्होंने कहा, ...यहां भी स्थिति उसी तरह (केदारनाथ) है। वहां भी बारिश के कारण नुकसान हुआ था और यहां भी बारिश के कारण नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, उस राज्य ने इस तरह की स्थिति का सामना किया है और यह राज्य ऐसी स्थिति का सामना कर रहा है। बहरहाल, वहां यहां के मुकाबले ज्यादा मौतें हुई थीं। |
घोड़ी पर नहीं, इस पर बैठ दुल्हन को लेने पहुंचा दूल्हा, देखते रह गए लड़की वाले, वायरल हुआ VIDEO | अभी तक दूल्हे घोड़ी या बाइक पर ही बारात लेकर आते हैं. या फिर दूल्हा कार में बैठकर दुल्हन के घर आता है. लेकिन पश्चिम बंगाल में एक ऐसी बारात निकली, जिसे देख हर कोई हैरान रह गया. क्योंकि इस बारात में दूल्हा रोड रोलर पर बैठकर आया. जी हां, उस रोड रोलर पर जिससे सड़कें बनाई जाती हैं.
यह बारात पश्चिम बंगाल के शहर नादिया में आई. जहां दूल्हा-दुल्हन अपनी शादी को 'वाइल्ड' बनाना चाहते थे. इसलिए आम तौर पर घोड़े या बाइक पर नहीं बल्कि कुछ अलग रोड रोलर पर दूल्हा अपनी होने वाली दुल्हनियां लेने पहुंचा.
इस बारात को जिसने भी देखा वो कैमरे में कैद किए बिना रह नही पाया. जी हां, रोड रोलर को अच्छे से फूल और लाइटें लगाकर सजाया गया. उसपर झालरें लटकाई गईं और दूल्हा ड्राइवर के साथ ही बैठा. इतना ही नहीं रोड रोलर के ऊपर फ्रंट पर अपना और होने वाली पत्नी का नाम लिखवाया.
दूल्हा अरका पत्रा (Arka Patra) का कहना है कि वो सिर्फ अपनी शादी को स्पेशल बनाना चाहता था. घोड़ी या कार में एंट्री बहुत पुरानी हो चुकी है, इसलिए वह रोड रोलर पर बैठकर आया. आगे उसने बताया कि वो एक विंटेज कार में अपनी शादी में आना चाहता था, लेकिन रोड रोलर ही मिला. यह मुझे बहुत सस्ता पड़ा.
वहीं, दुल्हन अरुंधती तरफदार (Arundhati Tarafdar) का कहना है कि अपने होने वाले पति कि इस एंट्री से बह बेहद इंप्रेस हैं. |
चाय देने में देरी हो गई तो पति ने पत्नी को कुल्हाड़ी से काटकर कर दी हत्या | (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
प्राइम टाइम इंट्रो : नितिन पटेल का मीडिया में नाम, नहीं मिली कमान! | जिस दिन आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफे का एलान किया था उस दिन प्राइम टाइम पर अहमदाबाद के एक पत्रकार प्रशांत दयाल ने कहा कि वे जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझते हैं उसके आधार पर कह सकते हैं कि उन्हें मीडिया को ग़लत साबित करने में मज़ा आता है. जिसका भी नाम मीडिया में नए मुख्यमंत्री के तौर पर चलेगा हो सकता है वो न बने. लगता है प्रशांत दयाल की बात आज भी सही हो गई. आज दिन भर गुजरात के नए मुख्यमंत्री के रूप में नितिन पटेल का नाम चलता रहा. संभावित उम्मीदवार और सूत्रों के हवाले से नितिन पटेल का नाम चलता रहा. इस भरोसे के साथ कि शाम को होने वाली पार्टी विधायक दल में सिर्फ एलान की औपचारिकता पूरी की जाएगी और नितिन पटेल नए मुख्यमंत्री के रूप में सामने आएंगे. मगर ऐसा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मीडिया को ग़लत साबित कर दिया. गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष विजय रुपानी नए मुख्यमंत्री होंगे. आज सुबह से चैनलों पर रुपानी का इंटरव्यू नहीं चला, नितिन पटेल का नाम आगे था और वही कैमरों पर थे. हमारे सहयोगी राजीव पाठक ने भी संभावित उम्मीदवार के तौर पर उनका इंटरव्यू किया.
लेकिन जब विधायक दल की बैठक के बाद नाम का एलान हुआ तो जिसका नाम सीएम के लिए चल रहा था, वो डिप्टी सीएम बनकर बाहर निकला. फैसले का एलान करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे मीडिया का धन्यवाद करना चाहते हैं. प्रशांत दयाल की बात याद आ गई और मुझे हंसी आ गई. यह सोच कर कि कहीं नितिन गडकरी जी मीडिया का धन्यवाद इसलिए तो नहीं कर रहे थे कि उसने नितिन पटेल का नाम चलाकर रुपानी का रास्ता आसान कर दिया है या इसलिए तो थैक्यू नहीं किया कि दिन भर जो ख़बर चलाई है वो अब ग़लत हो चुकी है. सही ख़बर मैं दे रहा हूं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि विजय रुपानी का नाम आनंदीबेन पटेल ने प्रस्तावित किया और गुजरात के विधायकों ने उनके नाम का समर्थन कर दिया.
नाम की घोषणा के बाद जो माला पहनाई गई उसमें विजय रुपानी, नितिन पटेल और आनंदी पटेल भी आ गए. आनंदी पटेल ने भी दोनों के साथ विक्ट्री साइन बनाकर अपनी खुशी ज़ाहिर की. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने गुलदस्ता देकर विजय रुपानी का अभिनंदन किया तो उन्होंने बकायदा दोनों हाथ जोड़कर झुककर अमित शाह का आभार जताया लेकिन जब अमित शाह गुलदस्ता लेकर गए तो नितिन पटेल ने खड़े खड़े स्वीकार किया. उन्होंने बिना झुके ही गुलदस्ता ले लिया. हो सकता है इन तस्वीरों का कुछ मतलब न हो मगर ये तस्वीरें दिलचस्प तो हैं ही. मीडिया में यह बात चल रही थी कि अमित शाह विजय रुपानी को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं लेकिन आनंदीबेन पटेल नहीं चाहती थीं कि विजय रुपानी मुख्यमंत्री बनें.
यह ख़बर अपने आप में झटके की तरह है. क्या नितिन पटेल जैसा वरिष्ठ मंत्री और मोदी युग के गुजरात को रग रग से जानने वाला नेता ऐसी नादानी करेगा कि मीडिया के कहने पर इंटरव्यू देने लगे. क्या कभी नितिन पटेल बता सकेंगे कि उन्हें सुबह तो मुख्यमंत्री के लिए कहा गया था या उनसे सीएम के तौर पर इंटरव्यू देकर गलती हो गई. वो खुद तो ऐसी गलती नहीं करेंगे. पत्रकारों से ज्यादा बीजेपी के विधायक और मंत्री जानते हैं कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की शैली क्या है. नितिन पटेल 2002 से 2007 को छोड़ 1995 से मंत्री हैं. आनंदीबेन पटेल सरकार में भी महत्वपूर्ण मंत्री रहे.
उनके पास आनंदीबेन सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिल्डिंग जैसे मंत्रालय थे. मेहसाणा से विधायक हैं. गुजरात के पत्रकार प्रशांत दयाल ने पुरानी बात की याद दिला दी. कहा कि 90 के दशक में पटेल आरक्षण का भूत नितिन पटेल ने ही खड़ा किया था. वही यह कहकर पटेलों को एकजुट करते थे कि कांग्रेस ने चौधरी को आरक्षण दे दिया और पटेल पीछे रह गए. मगर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जो पटेल आरक्षण का मसला उभरा उसमें नितिन पटेल ने किनारा कर लिया. वे सत्ता के साथ रहे, समाज के साथ नहीं. शुक्रवार को दिन भर इंटरव्यू देते देते नितिन पटेल ने मीडिया ने पटेल आरक्षण और दलित आंदोलन से निपटने के उपाय भी बता दिये. इतना वरिष्ठ राजनेता बिना ऊपर से मिले आदेश के अपने घर मजमा नहीं लगाएगा. हालांकि उनका इंटरव्यू संभावित उम्मीदवार के तौर पर ही हो रहा था मगर वे इंटरव्यू तो दे ही रहे थे भावी सीएम के रूप में।
गुजरात में बीजेपी की सरकार में पहली बार किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इससे पहले कांग्रेस के चिमनभाई पटेल की सरकार में नरहरी अमीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. क्या डिप्टी सीम का पद किसी सत्ता संतुलन के लिए है या नितिन पटेल का मान रखने के लिए कि झटका तो ठीक है, बहुत ज़्यादा झटका शायद ठीक न हो. एक वरिष्ठ विधायक और मंत्री को छोड़ कर पहली बार विधायक बने विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि नितिन पटेल और विजय रुपाणी दोनों ही 1956 के साल में पैदा हुए हैं. नितिन पटेल डेढ़ महीना बड़े हैं विजय रुपानी से. मगर सरकार में रुपाणी से पटेल डेढ़ महीना छोटे हो गए. उनके डिप्टी हबन गए. होता है.टिप्पणियां
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
लेकिन जब विधायक दल की बैठक के बाद नाम का एलान हुआ तो जिसका नाम सीएम के लिए चल रहा था, वो डिप्टी सीएम बनकर बाहर निकला. फैसले का एलान करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे मीडिया का धन्यवाद करना चाहते हैं. प्रशांत दयाल की बात याद आ गई और मुझे हंसी आ गई. यह सोच कर कि कहीं नितिन गडकरी जी मीडिया का धन्यवाद इसलिए तो नहीं कर रहे थे कि उसने नितिन पटेल का नाम चलाकर रुपानी का रास्ता आसान कर दिया है या इसलिए तो थैक्यू नहीं किया कि दिन भर जो ख़बर चलाई है वो अब ग़लत हो चुकी है. सही ख़बर मैं दे रहा हूं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि विजय रुपानी का नाम आनंदीबेन पटेल ने प्रस्तावित किया और गुजरात के विधायकों ने उनके नाम का समर्थन कर दिया.
नाम की घोषणा के बाद जो माला पहनाई गई उसमें विजय रुपानी, नितिन पटेल और आनंदी पटेल भी आ गए. आनंदी पटेल ने भी दोनों के साथ विक्ट्री साइन बनाकर अपनी खुशी ज़ाहिर की. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने गुलदस्ता देकर विजय रुपानी का अभिनंदन किया तो उन्होंने बकायदा दोनों हाथ जोड़कर झुककर अमित शाह का आभार जताया लेकिन जब अमित शाह गुलदस्ता लेकर गए तो नितिन पटेल ने खड़े खड़े स्वीकार किया. उन्होंने बिना झुके ही गुलदस्ता ले लिया. हो सकता है इन तस्वीरों का कुछ मतलब न हो मगर ये तस्वीरें दिलचस्प तो हैं ही. मीडिया में यह बात चल रही थी कि अमित शाह विजय रुपानी को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं लेकिन आनंदीबेन पटेल नहीं चाहती थीं कि विजय रुपानी मुख्यमंत्री बनें.
यह ख़बर अपने आप में झटके की तरह है. क्या नितिन पटेल जैसा वरिष्ठ मंत्री और मोदी युग के गुजरात को रग रग से जानने वाला नेता ऐसी नादानी करेगा कि मीडिया के कहने पर इंटरव्यू देने लगे. क्या कभी नितिन पटेल बता सकेंगे कि उन्हें सुबह तो मुख्यमंत्री के लिए कहा गया था या उनसे सीएम के तौर पर इंटरव्यू देकर गलती हो गई. वो खुद तो ऐसी गलती नहीं करेंगे. पत्रकारों से ज्यादा बीजेपी के विधायक और मंत्री जानते हैं कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की शैली क्या है. नितिन पटेल 2002 से 2007 को छोड़ 1995 से मंत्री हैं. आनंदीबेन पटेल सरकार में भी महत्वपूर्ण मंत्री रहे.
उनके पास आनंदीबेन सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिल्डिंग जैसे मंत्रालय थे. मेहसाणा से विधायक हैं. गुजरात के पत्रकार प्रशांत दयाल ने पुरानी बात की याद दिला दी. कहा कि 90 के दशक में पटेल आरक्षण का भूत नितिन पटेल ने ही खड़ा किया था. वही यह कहकर पटेलों को एकजुट करते थे कि कांग्रेस ने चौधरी को आरक्षण दे दिया और पटेल पीछे रह गए. मगर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जो पटेल आरक्षण का मसला उभरा उसमें नितिन पटेल ने किनारा कर लिया. वे सत्ता के साथ रहे, समाज के साथ नहीं. शुक्रवार को दिन भर इंटरव्यू देते देते नितिन पटेल ने मीडिया ने पटेल आरक्षण और दलित आंदोलन से निपटने के उपाय भी बता दिये. इतना वरिष्ठ राजनेता बिना ऊपर से मिले आदेश के अपने घर मजमा नहीं लगाएगा. हालांकि उनका इंटरव्यू संभावित उम्मीदवार के तौर पर ही हो रहा था मगर वे इंटरव्यू तो दे ही रहे थे भावी सीएम के रूप में।
गुजरात में बीजेपी की सरकार में पहली बार किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इससे पहले कांग्रेस के चिमनभाई पटेल की सरकार में नरहरी अमीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. क्या डिप्टी सीम का पद किसी सत्ता संतुलन के लिए है या नितिन पटेल का मान रखने के लिए कि झटका तो ठीक है, बहुत ज़्यादा झटका शायद ठीक न हो. एक वरिष्ठ विधायक और मंत्री को छोड़ कर पहली बार विधायक बने विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि नितिन पटेल और विजय रुपाणी दोनों ही 1956 के साल में पैदा हुए हैं. नितिन पटेल डेढ़ महीना बड़े हैं विजय रुपानी से. मगर सरकार में रुपाणी से पटेल डेढ़ महीना छोटे हो गए. उनके डिप्टी हबन गए. होता है.टिप्पणियां
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
नाम की घोषणा के बाद जो माला पहनाई गई उसमें विजय रुपानी, नितिन पटेल और आनंदी पटेल भी आ गए. आनंदी पटेल ने भी दोनों के साथ विक्ट्री साइन बनाकर अपनी खुशी ज़ाहिर की. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने गुलदस्ता देकर विजय रुपानी का अभिनंदन किया तो उन्होंने बकायदा दोनों हाथ जोड़कर झुककर अमित शाह का आभार जताया लेकिन जब अमित शाह गुलदस्ता लेकर गए तो नितिन पटेल ने खड़े खड़े स्वीकार किया. उन्होंने बिना झुके ही गुलदस्ता ले लिया. हो सकता है इन तस्वीरों का कुछ मतलब न हो मगर ये तस्वीरें दिलचस्प तो हैं ही. मीडिया में यह बात चल रही थी कि अमित शाह विजय रुपानी को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं लेकिन आनंदीबेन पटेल नहीं चाहती थीं कि विजय रुपानी मुख्यमंत्री बनें.
यह ख़बर अपने आप में झटके की तरह है. क्या नितिन पटेल जैसा वरिष्ठ मंत्री और मोदी युग के गुजरात को रग रग से जानने वाला नेता ऐसी नादानी करेगा कि मीडिया के कहने पर इंटरव्यू देने लगे. क्या कभी नितिन पटेल बता सकेंगे कि उन्हें सुबह तो मुख्यमंत्री के लिए कहा गया था या उनसे सीएम के तौर पर इंटरव्यू देकर गलती हो गई. वो खुद तो ऐसी गलती नहीं करेंगे. पत्रकारों से ज्यादा बीजेपी के विधायक और मंत्री जानते हैं कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की शैली क्या है. नितिन पटेल 2002 से 2007 को छोड़ 1995 से मंत्री हैं. आनंदीबेन पटेल सरकार में भी महत्वपूर्ण मंत्री रहे.
उनके पास आनंदीबेन सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिल्डिंग जैसे मंत्रालय थे. मेहसाणा से विधायक हैं. गुजरात के पत्रकार प्रशांत दयाल ने पुरानी बात की याद दिला दी. कहा कि 90 के दशक में पटेल आरक्षण का भूत नितिन पटेल ने ही खड़ा किया था. वही यह कहकर पटेलों को एकजुट करते थे कि कांग्रेस ने चौधरी को आरक्षण दे दिया और पटेल पीछे रह गए. मगर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जो पटेल आरक्षण का मसला उभरा उसमें नितिन पटेल ने किनारा कर लिया. वे सत्ता के साथ रहे, समाज के साथ नहीं. शुक्रवार को दिन भर इंटरव्यू देते देते नितिन पटेल ने मीडिया ने पटेल आरक्षण और दलित आंदोलन से निपटने के उपाय भी बता दिये. इतना वरिष्ठ राजनेता बिना ऊपर से मिले आदेश के अपने घर मजमा नहीं लगाएगा. हालांकि उनका इंटरव्यू संभावित उम्मीदवार के तौर पर ही हो रहा था मगर वे इंटरव्यू तो दे ही रहे थे भावी सीएम के रूप में।
गुजरात में बीजेपी की सरकार में पहली बार किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इससे पहले कांग्रेस के चिमनभाई पटेल की सरकार में नरहरी अमीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. क्या डिप्टी सीम का पद किसी सत्ता संतुलन के लिए है या नितिन पटेल का मान रखने के लिए कि झटका तो ठीक है, बहुत ज़्यादा झटका शायद ठीक न हो. एक वरिष्ठ विधायक और मंत्री को छोड़ कर पहली बार विधायक बने विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि नितिन पटेल और विजय रुपाणी दोनों ही 1956 के साल में पैदा हुए हैं. नितिन पटेल डेढ़ महीना बड़े हैं विजय रुपानी से. मगर सरकार में रुपाणी से पटेल डेढ़ महीना छोटे हो गए. उनके डिप्टी हबन गए. होता है.टिप्पणियां
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
यह ख़बर अपने आप में झटके की तरह है. क्या नितिन पटेल जैसा वरिष्ठ मंत्री और मोदी युग के गुजरात को रग रग से जानने वाला नेता ऐसी नादानी करेगा कि मीडिया के कहने पर इंटरव्यू देने लगे. क्या कभी नितिन पटेल बता सकेंगे कि उन्हें सुबह तो मुख्यमंत्री के लिए कहा गया था या उनसे सीएम के तौर पर इंटरव्यू देकर गलती हो गई. वो खुद तो ऐसी गलती नहीं करेंगे. पत्रकारों से ज्यादा बीजेपी के विधायक और मंत्री जानते हैं कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की शैली क्या है. नितिन पटेल 2002 से 2007 को छोड़ 1995 से मंत्री हैं. आनंदीबेन पटेल सरकार में भी महत्वपूर्ण मंत्री रहे.
उनके पास आनंदीबेन सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिल्डिंग जैसे मंत्रालय थे. मेहसाणा से विधायक हैं. गुजरात के पत्रकार प्रशांत दयाल ने पुरानी बात की याद दिला दी. कहा कि 90 के दशक में पटेल आरक्षण का भूत नितिन पटेल ने ही खड़ा किया था. वही यह कहकर पटेलों को एकजुट करते थे कि कांग्रेस ने चौधरी को आरक्षण दे दिया और पटेल पीछे रह गए. मगर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जो पटेल आरक्षण का मसला उभरा उसमें नितिन पटेल ने किनारा कर लिया. वे सत्ता के साथ रहे, समाज के साथ नहीं. शुक्रवार को दिन भर इंटरव्यू देते देते नितिन पटेल ने मीडिया ने पटेल आरक्षण और दलित आंदोलन से निपटने के उपाय भी बता दिये. इतना वरिष्ठ राजनेता बिना ऊपर से मिले आदेश के अपने घर मजमा नहीं लगाएगा. हालांकि उनका इंटरव्यू संभावित उम्मीदवार के तौर पर ही हो रहा था मगर वे इंटरव्यू तो दे ही रहे थे भावी सीएम के रूप में।
गुजरात में बीजेपी की सरकार में पहली बार किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इससे पहले कांग्रेस के चिमनभाई पटेल की सरकार में नरहरी अमीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. क्या डिप्टी सीम का पद किसी सत्ता संतुलन के लिए है या नितिन पटेल का मान रखने के लिए कि झटका तो ठीक है, बहुत ज़्यादा झटका शायद ठीक न हो. एक वरिष्ठ विधायक और मंत्री को छोड़ कर पहली बार विधायक बने विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि नितिन पटेल और विजय रुपाणी दोनों ही 1956 के साल में पैदा हुए हैं. नितिन पटेल डेढ़ महीना बड़े हैं विजय रुपानी से. मगर सरकार में रुपाणी से पटेल डेढ़ महीना छोटे हो गए. उनके डिप्टी हबन गए. होता है.टिप्पणियां
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
उनके पास आनंदीबेन सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिल्डिंग जैसे मंत्रालय थे. मेहसाणा से विधायक हैं. गुजरात के पत्रकार प्रशांत दयाल ने पुरानी बात की याद दिला दी. कहा कि 90 के दशक में पटेल आरक्षण का भूत नितिन पटेल ने ही खड़ा किया था. वही यह कहकर पटेलों को एकजुट करते थे कि कांग्रेस ने चौधरी को आरक्षण दे दिया और पटेल पीछे रह गए. मगर हार्दिक पटेल के नेतृत्व में जो पटेल आरक्षण का मसला उभरा उसमें नितिन पटेल ने किनारा कर लिया. वे सत्ता के साथ रहे, समाज के साथ नहीं. शुक्रवार को दिन भर इंटरव्यू देते देते नितिन पटेल ने मीडिया ने पटेल आरक्षण और दलित आंदोलन से निपटने के उपाय भी बता दिये. इतना वरिष्ठ राजनेता बिना ऊपर से मिले आदेश के अपने घर मजमा नहीं लगाएगा. हालांकि उनका इंटरव्यू संभावित उम्मीदवार के तौर पर ही हो रहा था मगर वे इंटरव्यू तो दे ही रहे थे भावी सीएम के रूप में।
गुजरात में बीजेपी की सरकार में पहली बार किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इससे पहले कांग्रेस के चिमनभाई पटेल की सरकार में नरहरी अमीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. क्या डिप्टी सीम का पद किसी सत्ता संतुलन के लिए है या नितिन पटेल का मान रखने के लिए कि झटका तो ठीक है, बहुत ज़्यादा झटका शायद ठीक न हो. एक वरिष्ठ विधायक और मंत्री को छोड़ कर पहली बार विधायक बने विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि नितिन पटेल और विजय रुपाणी दोनों ही 1956 के साल में पैदा हुए हैं. नितिन पटेल डेढ़ महीना बड़े हैं विजय रुपानी से. मगर सरकार में रुपाणी से पटेल डेढ़ महीना छोटे हो गए. उनके डिप्टी हबन गए. होता है.टिप्पणियां
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
गुजरात में बीजेपी की सरकार में पहली बार किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. इससे पहले कांग्रेस के चिमनभाई पटेल की सरकार में नरहरी अमीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था. क्या डिप्टी सीम का पद किसी सत्ता संतुलन के लिए है या नितिन पटेल का मान रखने के लिए कि झटका तो ठीक है, बहुत ज़्यादा झटका शायद ठीक न हो. एक वरिष्ठ विधायक और मंत्री को छोड़ कर पहली बार विधायक बने विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि नितिन पटेल और विजय रुपाणी दोनों ही 1956 के साल में पैदा हुए हैं. नितिन पटेल डेढ़ महीना बड़े हैं विजय रुपानी से. मगर सरकार में रुपाणी से पटेल डेढ़ महीना छोटे हो गए. उनके डिप्टी हबन गए. होता है.टिप्पणियां
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
विजय रुपानी की राजनीतिक यात्रा बहुत पुरानी है. सरकार का अनुभव भले ही कम हो मगर संगठन का खूब है. वे आपातकाल में जेल गए हैं. 2006 से 2012 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. राजकोट के मेयर और पार्षद भी रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं. 2014 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने क्योंकि विधायक वजूभाईवाला को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया था. पहली बार विधायक बनते ही कैबिनेट मंत्री बन गए. आनंदीबेन की सरकार में परिवहन और जल आपूर्ति मंत्री बने. दो साल के भीतर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. कानून की डिग्री है. 24 साल की उम्र से ही बीजेपी में सक्रिय रहे हैं. विजय रुपानी की पत्नी अंजिली रुपानी भी अखिल विद्यार्थी परिषद से जुड़ी रही हैं.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था.
जब आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तब इंडियन एक्सप्रेस में शीला भट्ट ने लिखा था कि गुजरात सरकार में बाहर से अमित शाह की बढ़ती दखलदांजी और राष्ट्रीय स्तर पर उनके बढ़ते प्रभाव के कारण आनंदीबेन ने ये रास्ता अपनाया ताकि एक खास मौके का लाभ उठाकर उन्हें चेक किया जा सके. आनंदीबेन को शिकायत थी कि पटेल और दलित आंदोलनों के वक्त पार्टी ने भी उनका साथ नहीं दिया. लेकिन अंत में अमित शाह की ही चली. विजय रुपानी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. कुछ दिन पहले विजय रुपानी ने बयान दिया था कि मुझे पार्टी और संगठन का काम दिया गया है, इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण क्या हो सकता है. यही मेरी प्राथमिकता भी है. मीडिया ने समझा कि विजय रुपानी ने खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर लिया है. मगर ये सब तो कहने के लिए होता है. मीडिया को समझना चाहिए था. |
सैफ़ ने ठुकराई 'भाईजान' सलमान की फ़िल्म | सैफ अली खान इन दिनों हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं। और शायद यही वजह है कि कोई भी फ़िल्म साईन करने से पहले ख़ूब सोच विचार कर रहे हैं।
अभी खबर आयी है कि सैफ़ अली ख़ान ने 2 फिल्में करने से मना कर दिया, जिसमें एक फ़िल्म सलमान ख़ान की है और दूसरी फ़िल्म निर्माता निर्देशक विपुल शाह की है।
सूत्रों के अनुसार सलमान ख़ान के होम प्रोडक्शन में बनने वाली एक फ़िल्म के लिए सैफ़ अली ख़ान को ऑफर दिया गया था, जिसे सैफ़ ने मना कर दिया। विपुल शाह ने भी सैफ़ के साथ एक फ़िल्म करने की इच्छा जताई थी और इस फ़िल्म को भी सैफ़ से मना कर दिया।टिप्पणियां
सूत्र बताते हैं कि 'हैप्पी एंडिंग', 'एजेंट वनोद' और 'बुलेट राजा' जैसी बड़ी फिल्मों के बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद सैफ़ बहुत ही संभल-संभल कर क़दम रख रहे हैं और इसलिए वो कोई भी फ़िल्म साईन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि सैफ़ अपने आपको पूरी तरह तैयार और समर्पित करना चाहते हैं विशाल भरद्वाज के निर्देशन में बनने वाली फ़िल्म 'रंगून' के लिए।
फ़िलहाल सैफ़ व्यस्त हैं कबीर ख़ान के निर्देशन में बनने वाली अपनी आने वाली फ़िल्म 'फैंटम' के प्रचार में।
अभी खबर आयी है कि सैफ़ अली ख़ान ने 2 फिल्में करने से मना कर दिया, जिसमें एक फ़िल्म सलमान ख़ान की है और दूसरी फ़िल्म निर्माता निर्देशक विपुल शाह की है।
सूत्रों के अनुसार सलमान ख़ान के होम प्रोडक्शन में बनने वाली एक फ़िल्म के लिए सैफ़ अली ख़ान को ऑफर दिया गया था, जिसे सैफ़ ने मना कर दिया। विपुल शाह ने भी सैफ़ के साथ एक फ़िल्म करने की इच्छा जताई थी और इस फ़िल्म को भी सैफ़ से मना कर दिया।टिप्पणियां
सूत्र बताते हैं कि 'हैप्पी एंडिंग', 'एजेंट वनोद' और 'बुलेट राजा' जैसी बड़ी फिल्मों के बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद सैफ़ बहुत ही संभल-संभल कर क़दम रख रहे हैं और इसलिए वो कोई भी फ़िल्म साईन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि सैफ़ अपने आपको पूरी तरह तैयार और समर्पित करना चाहते हैं विशाल भरद्वाज के निर्देशन में बनने वाली फ़िल्म 'रंगून' के लिए।
फ़िलहाल सैफ़ व्यस्त हैं कबीर ख़ान के निर्देशन में बनने वाली अपनी आने वाली फ़िल्म 'फैंटम' के प्रचार में।
सूत्रों के अनुसार सलमान ख़ान के होम प्रोडक्शन में बनने वाली एक फ़िल्म के लिए सैफ़ अली ख़ान को ऑफर दिया गया था, जिसे सैफ़ ने मना कर दिया। विपुल शाह ने भी सैफ़ के साथ एक फ़िल्म करने की इच्छा जताई थी और इस फ़िल्म को भी सैफ़ से मना कर दिया।टिप्पणियां
सूत्र बताते हैं कि 'हैप्पी एंडिंग', 'एजेंट वनोद' और 'बुलेट राजा' जैसी बड़ी फिल्मों के बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद सैफ़ बहुत ही संभल-संभल कर क़दम रख रहे हैं और इसलिए वो कोई भी फ़िल्म साईन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि सैफ़ अपने आपको पूरी तरह तैयार और समर्पित करना चाहते हैं विशाल भरद्वाज के निर्देशन में बनने वाली फ़िल्म 'रंगून' के लिए।
फ़िलहाल सैफ़ व्यस्त हैं कबीर ख़ान के निर्देशन में बनने वाली अपनी आने वाली फ़िल्म 'फैंटम' के प्रचार में।
सूत्र बताते हैं कि 'हैप्पी एंडिंग', 'एजेंट वनोद' और 'बुलेट राजा' जैसी बड़ी फिल्मों के बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद सैफ़ बहुत ही संभल-संभल कर क़दम रख रहे हैं और इसलिए वो कोई भी फ़िल्म साईन नहीं कर रहे हैं, क्योंकि सैफ़ अपने आपको पूरी तरह तैयार और समर्पित करना चाहते हैं विशाल भरद्वाज के निर्देशन में बनने वाली फ़िल्म 'रंगून' के लिए।
फ़िलहाल सैफ़ व्यस्त हैं कबीर ख़ान के निर्देशन में बनने वाली अपनी आने वाली फ़िल्म 'फैंटम' के प्रचार में।
फ़िलहाल सैफ़ व्यस्त हैं कबीर ख़ान के निर्देशन में बनने वाली अपनी आने वाली फ़िल्म 'फैंटम' के प्रचार में। |
लापता पाकिस्तानी पत्रकार शहजाद का शव मिला | पाकिस्तान में बीते रविवार से लापता एक पत्रकार का शव पंजाब प्रांत से बरामद किया गया। उनके शरीर पर घाव के निशान पाए गए हैं। पुलिस के मुताबिक नाम सैयद सलीम शहजाद का शव बरामद किया गया। एशिया टाइम्स ऑनलाइन के पाकिस्तान ब्यूरो चीफ शहजाद बीते रविवार से लापता थे। वह एक समाचार चैनल के दफ्तर के लिये रवाना हुए थे लेकिन उसके बाद नहीं लौटे। इससे पहले खबरों में कहा गया था कि शहजाद की कार झेलम शहर के सराय आलमगीर इलाके में मिली। उनका शव कार के निकट मिला। शहजाद के एक परिजन ने उनके शव की शिनाख्त की। पुलिस का कहना है शहजाद के शरीर पर घाव के निशान हैं और इससे लगता है कि उन्हें यातनाएं दी गईं। कई अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संगठनों ने पाकिस्तानी सरकार से शहजाद का पता लगाने की अपील की थी। शहजाद की हत्या की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है। उनके परिवार का कहना है कि उनकी किसी के साथ दुश्मनी भी नहीं थी। कराची दो साल पहले ही कराची से इस्लामाबाद आ गए थे। |
जेल में बैठे कुछ नेता जम्मू-कश्मीर के लोगों को संदेश भिजवा रहे हैं- बंदूक उठाओ और कुर्बान हो जाओ : राम माधव | बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि जेल में बैठे कुछ नेता संदेश भेजकर जम्मू-कश्मीर की जनता को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. राम माधव ने यह बात श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कही है. उन्होंने कहा, जेल में बैठकर बाहर संदेश भिजवा रहे हैं कि बंदूक उठाओ और खुद को कुर्बान कर दो.' राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को ऐसे नेताओं से कहना चाहिए कि पहले वह आगे आएं और कुर्बानी दें. राम माधव का यह बयान ऐसे समय में है जब सरकार नजरबंद नेताओं के अब रिहा करने पर विचार कर रही है. कुछ दिन पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने नजरबंदी झेल रहे पार्टी के नेता फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की है.
#WATCH BJP National General Secretary Ram Madhav at a party event in Srinagar(J&K): Some leaders sitting in jail are sending messages to people, 'pick up gun and sacrifice yourselves'. People of J&K should tell such leaders to come forward & sacrifice themselves first. (20.10.19) pic.twitter.com/SbTVTNoVcK
राम माधव ने कहा, 'अभी तक कश्मीर में सिर्फ कुछ परिवारों या कुछ नेताओं के लिए काम किया जाता था, लेकिन अब जो कुछ हो रहा है, वह इस राज्य के लाखों परिवारों के लिए. आम कश्मीरियों के लिए हो रहा है.' उन्होंने कहा, टजम्मू कश्मीर के लिए अब दो ही मार्ग होंगे.. शांति एवं विकास, और जो कोई इसके बीच में आएगा, उससे कड़ाई से निपटा जाएगा.त उनके लिए भारत में कई जेल हैं.' बीजेपी नेता यहां टैगोर हॉल में पार्टी की युवा इकाई के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
बीते 5 अगस्त को सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित कर दिया. एक भाग को हिस्से जम्मू-कश्मीर और दूसरे भाग में लद्दाख बनाया गया. इस फैसले की गंभीरता को देखते हुए राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं, जिसमें नेताओं की नजरबंदी, धारा 144 और मोबाइल फोन और इंटरनेट पर प्रतिबंध शामिल थे. हालांकि सरकार का दावा है कि राज्य में हालात सामान्य हो रहे हैं और अब कुछ दिन पहले मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. इससे पहले कई जिलों में धारा-144 भी हटाई गई थी. इसके साथ ही राज्य में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध हटा लिया गया है. |
इस साल दाल-तिलहन का हो सकता है रिकॉर्ड उत्पादन, हुई बंपर बुआई | इस साल खरीफ सीज़न के दौरान दाल, तिलहन और मोटे अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक इन तीनों फसलों की काफी अच्छी बुआई हुई है, जिसकी वजह से इनका उत्पादन काफी अच्छा हो सकता है।
कृषि मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 17 जुलाई तक पिछले साल के मुकाबले इस साल दाल की बुआई काफी बड़े इलाके में हुई है। पिछले साल 17 जुलाई तक दाल की फसल 23.92 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी, जो कि इस साल 17 जुलाई को बढ़कर 55.99 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। यानी एक साल में करीब 130 फीसदी की बढ़ोत्तरी।
इसी तरह साल 2014 में पिछले हप्ते के अंत तक तिलहन की फसल 38.07 लाख हेक्टेयर में बोई गयी थी जबकि इस साल 17 जुलाई तक तिलहन की बुआई 127.12 लाख हेक्टेयर इलाके में हो चुकी है, यानी दो सौ फीसदी से भी ज़्यादा की बढ़ोत्तरी।
इसी तरह का ट्रेंड मोटे अनाज में देखने को सामने आया है। पिछले साल 17 जुलाई तक 47.65 लाख हेक्टेयर इलाके में मोटा अनाज बोया गया था जो इस साल अब तक 102.35 लाख हेक्टेयर इलाके में बोया जा चुका है। यानी दोगुने से भी ज़्यादा। टिप्पणियां
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मुताबिक महत्वपूर्ण फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जो नीतियां सरकार ने तैयारी की हैं... ये उन्हीं कोशिशों का नतीजा है।
अगर दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होता है तो इससे इन दोनों खाद्य पदार्थों के आयात पर देश की निर्भरता घटाने में काफी मदद मिलेगी।
कृषि मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 17 जुलाई तक पिछले साल के मुकाबले इस साल दाल की बुआई काफी बड़े इलाके में हुई है। पिछले साल 17 जुलाई तक दाल की फसल 23.92 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी, जो कि इस साल 17 जुलाई को बढ़कर 55.99 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुका है। यानी एक साल में करीब 130 फीसदी की बढ़ोत्तरी।
इसी तरह साल 2014 में पिछले हप्ते के अंत तक तिलहन की फसल 38.07 लाख हेक्टेयर में बोई गयी थी जबकि इस साल 17 जुलाई तक तिलहन की बुआई 127.12 लाख हेक्टेयर इलाके में हो चुकी है, यानी दो सौ फीसदी से भी ज़्यादा की बढ़ोत्तरी।
इसी तरह का ट्रेंड मोटे अनाज में देखने को सामने आया है। पिछले साल 17 जुलाई तक 47.65 लाख हेक्टेयर इलाके में मोटा अनाज बोया गया था जो इस साल अब तक 102.35 लाख हेक्टेयर इलाके में बोया जा चुका है। यानी दोगुने से भी ज़्यादा। टिप्पणियां
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मुताबिक महत्वपूर्ण फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जो नीतियां सरकार ने तैयारी की हैं... ये उन्हीं कोशिशों का नतीजा है।
अगर दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होता है तो इससे इन दोनों खाद्य पदार्थों के आयात पर देश की निर्भरता घटाने में काफी मदद मिलेगी।
इसी तरह साल 2014 में पिछले हप्ते के अंत तक तिलहन की फसल 38.07 लाख हेक्टेयर में बोई गयी थी जबकि इस साल 17 जुलाई तक तिलहन की बुआई 127.12 लाख हेक्टेयर इलाके में हो चुकी है, यानी दो सौ फीसदी से भी ज़्यादा की बढ़ोत्तरी।
इसी तरह का ट्रेंड मोटे अनाज में देखने को सामने आया है। पिछले साल 17 जुलाई तक 47.65 लाख हेक्टेयर इलाके में मोटा अनाज बोया गया था जो इस साल अब तक 102.35 लाख हेक्टेयर इलाके में बोया जा चुका है। यानी दोगुने से भी ज़्यादा। टिप्पणियां
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मुताबिक महत्वपूर्ण फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जो नीतियां सरकार ने तैयारी की हैं... ये उन्हीं कोशिशों का नतीजा है।
अगर दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होता है तो इससे इन दोनों खाद्य पदार्थों के आयात पर देश की निर्भरता घटाने में काफी मदद मिलेगी।
इसी तरह का ट्रेंड मोटे अनाज में देखने को सामने आया है। पिछले साल 17 जुलाई तक 47.65 लाख हेक्टेयर इलाके में मोटा अनाज बोया गया था जो इस साल अब तक 102.35 लाख हेक्टेयर इलाके में बोया जा चुका है। यानी दोगुने से भी ज़्यादा। टिप्पणियां
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मुताबिक महत्वपूर्ण फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जो नीतियां सरकार ने तैयारी की हैं... ये उन्हीं कोशिशों का नतीजा है।
अगर दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होता है तो इससे इन दोनों खाद्य पदार्थों के आयात पर देश की निर्भरता घटाने में काफी मदद मिलेगी।
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के मुताबिक महत्वपूर्ण फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए जो नीतियां सरकार ने तैयारी की हैं... ये उन्हीं कोशिशों का नतीजा है।
अगर दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होता है तो इससे इन दोनों खाद्य पदार्थों के आयात पर देश की निर्भरता घटाने में काफी मदद मिलेगी।
अगर दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड प्रोडक्शन होता है तो इससे इन दोनों खाद्य पदार्थों के आयात पर देश की निर्भरता घटाने में काफी मदद मिलेगी। |
प्रधानमंत्री मोदी ने दी हिन्दी दिवस पर शुभकामनाएं, भाषा सीखने के लिए आया लीला ऐप | (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
'बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं है गाय का दूध' | अगर आप अपने बच्चे को गाय का दूध पिला रहे हों तो सावधान हो जाइए। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि गाय का दूध बच्चों के लिए पोषण के रूप में अनुपयुक्त होता है और इससे बच्चे के गुर्दों पर विपरीत असर पड़ सकता है।
‘अखिल भारतीय स्वच्छता एवं जन स्वास्थ्य संस्थान’ में जैव प्रौद्योगिकी एवं पोषण विभाग के प्रमुख देवनाथ चौधरी ने कहा, ‘गाय का दूध बच्चों को उचित पोषण से उपेक्षित रखता है क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो बच्चों के अपरिपक्व गुर्दों के लिए अनुपयुक्त है।’ उन्होंने ‘राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3’ नामक अध्ययन में कहा है, जो मां स्वास्थ्य कारणों से बच्चों को दूध के तौर पर आहार नहीं दे सकतीं, उन्हें सुरक्षित विकल्प के लिए अपने पारिवारिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। उन्हें गाय का दूध नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि बच्चों के तेजी से विकास के लिए यह उचित नहीं है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के निदेशक बी शशिकरन का कहना है कि गाय के दूध में पोषक तत्वों कमी होती है और इसमें आयरन की मात्रा भी कम होती है।
शशिकरन ने कहा, बच्चों को दूध पिलाना विशेषज्ञ के सलाह के आधार पर होना चाहिए। बच्चे के जन्म के बाद एक साल तक उसे गाय का दूध देना ठीक नहीं है क्योंकि पोषक तत्वों की दृष्टि से यह अनुचित, असुरिक्षत और अनुपयुक्त है। उन्होंने कहा कि मां के दूध बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण कहा जाता है क्योंकि इसमें पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और कई बीमारियों से बचाने के अवयव पाए जाते हैं। टिप्पणियां
अध्ययन में कहा गया है कि पहले के दौर में मां लंबे वक्त तक बच्चों को अपना दूध पिलाती थीं, लेकिन बदलते वक्त के साथ यह चलन भी बदल गया और अब मां कुछ समय बाद ही बच्चों को अपना दूध पिलाना बंद कर देती हैं।
इसमें कहा गया है, दो-तीन महीने के दूध पिलाने वाली मां का आंकड़ा 51 फीसदी है, जबकि चार-पांच महीने का आंकड़ा तो सिर्फ 28 फीसदी तक रह जाता है।
‘अखिल भारतीय स्वच्छता एवं जन स्वास्थ्य संस्थान’ में जैव प्रौद्योगिकी एवं पोषण विभाग के प्रमुख देवनाथ चौधरी ने कहा, ‘गाय का दूध बच्चों को उचित पोषण से उपेक्षित रखता है क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो बच्चों के अपरिपक्व गुर्दों के लिए अनुपयुक्त है।’ उन्होंने ‘राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3’ नामक अध्ययन में कहा है, जो मां स्वास्थ्य कारणों से बच्चों को दूध के तौर पर आहार नहीं दे सकतीं, उन्हें सुरक्षित विकल्प के लिए अपने पारिवारिक डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। उन्हें गाय का दूध नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि बच्चों के तेजी से विकास के लिए यह उचित नहीं है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के निदेशक बी शशिकरन का कहना है कि गाय के दूध में पोषक तत्वों कमी होती है और इसमें आयरन की मात्रा भी कम होती है।
शशिकरन ने कहा, बच्चों को दूध पिलाना विशेषज्ञ के सलाह के आधार पर होना चाहिए। बच्चे के जन्म के बाद एक साल तक उसे गाय का दूध देना ठीक नहीं है क्योंकि पोषक तत्वों की दृष्टि से यह अनुचित, असुरिक्षत और अनुपयुक्त है। उन्होंने कहा कि मां के दूध बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण कहा जाता है क्योंकि इसमें पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और कई बीमारियों से बचाने के अवयव पाए जाते हैं। टिप्पणियां
अध्ययन में कहा गया है कि पहले के दौर में मां लंबे वक्त तक बच्चों को अपना दूध पिलाती थीं, लेकिन बदलते वक्त के साथ यह चलन भी बदल गया और अब मां कुछ समय बाद ही बच्चों को अपना दूध पिलाना बंद कर देती हैं।
इसमें कहा गया है, दो-तीन महीने के दूध पिलाने वाली मां का आंकड़ा 51 फीसदी है, जबकि चार-पांच महीने का आंकड़ा तो सिर्फ 28 फीसदी तक रह जाता है।
शशिकरन ने कहा, बच्चों को दूध पिलाना विशेषज्ञ के सलाह के आधार पर होना चाहिए। बच्चे के जन्म के बाद एक साल तक उसे गाय का दूध देना ठीक नहीं है क्योंकि पोषक तत्वों की दृष्टि से यह अनुचित, असुरिक्षत और अनुपयुक्त है। उन्होंने कहा कि मां के दूध बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण कहा जाता है क्योंकि इसमें पोषक तत्व, विटामिन, खनिज और कई बीमारियों से बचाने के अवयव पाए जाते हैं। टिप्पणियां
अध्ययन में कहा गया है कि पहले के दौर में मां लंबे वक्त तक बच्चों को अपना दूध पिलाती थीं, लेकिन बदलते वक्त के साथ यह चलन भी बदल गया और अब मां कुछ समय बाद ही बच्चों को अपना दूध पिलाना बंद कर देती हैं।
इसमें कहा गया है, दो-तीन महीने के दूध पिलाने वाली मां का आंकड़ा 51 फीसदी है, जबकि चार-पांच महीने का आंकड़ा तो सिर्फ 28 फीसदी तक रह जाता है।
अध्ययन में कहा गया है कि पहले के दौर में मां लंबे वक्त तक बच्चों को अपना दूध पिलाती थीं, लेकिन बदलते वक्त के साथ यह चलन भी बदल गया और अब मां कुछ समय बाद ही बच्चों को अपना दूध पिलाना बंद कर देती हैं।
इसमें कहा गया है, दो-तीन महीने के दूध पिलाने वाली मां का आंकड़ा 51 फीसदी है, जबकि चार-पांच महीने का आंकड़ा तो सिर्फ 28 फीसदी तक रह जाता है।
इसमें कहा गया है, दो-तीन महीने के दूध पिलाने वाली मां का आंकड़ा 51 फीसदी है, जबकि चार-पांच महीने का आंकड़ा तो सिर्फ 28 फीसदी तक रह जाता है। |