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183 की पारी के बाद कोहली बनेंगे कप्तान? | अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मुकाबलों में भारतीय बल्लेबाजों द्वारा खेली गई 183 रन की पारी उनके लिए भाग्यशाली साबित हुई है।
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी 183 रन की पारी खेलने के बाद टीम के कप्तान बने। अब इस उपलब्धि को बल्लेबाज विराट कोहली ने हासिल किया है।
ज्ञात हो कि शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए एशिया कप के पांचवें मुकाबले में विराट कोहली ने 183 रन की शानदार पारी खेली। उनकी इस धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को छह विकेट से हराया।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर विवेक चंद्रा ने कहा, "गांगुली ने वर्ष 1999 में 183 रन की पारी खेली और वह 2000 में भारतीय टीम के कप्तान बने, जबकि धोनी ने वर्ष 2005 में 183 रन बनाए और वर्ष 2007 में उनके सिर कप्तानी का ताज सजा। अब 2012 में कोहली ने 183 रन की पारी खेली है, तो क्या कोहली शीघ्र भारतीय टीम के कप्तान बनने वाले हैं।"टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति पर छह विकेट पर 329 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 47.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 330 रन बना लिए।
भारत की ओर से विराट कोहली ने 183, सचिन तेंदुलकर ने 52 और रोहित शर्मा ने 68 रनों का योगदान दिया।
भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी 183 रन की पारी खेलने के बाद टीम के कप्तान बने। अब इस उपलब्धि को बल्लेबाज विराट कोहली ने हासिल किया है।
ज्ञात हो कि शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए एशिया कप के पांचवें मुकाबले में विराट कोहली ने 183 रन की शानदार पारी खेली। उनकी इस धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को छह विकेट से हराया।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर विवेक चंद्रा ने कहा, "गांगुली ने वर्ष 1999 में 183 रन की पारी खेली और वह 2000 में भारतीय टीम के कप्तान बने, जबकि धोनी ने वर्ष 2005 में 183 रन बनाए और वर्ष 2007 में उनके सिर कप्तानी का ताज सजा। अब 2012 में कोहली ने 183 रन की पारी खेली है, तो क्या कोहली शीघ्र भारतीय टीम के कप्तान बनने वाले हैं।"टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति पर छह विकेट पर 329 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 47.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 330 रन बना लिए।
भारत की ओर से विराट कोहली ने 183, सचिन तेंदुलकर ने 52 और रोहित शर्मा ने 68 रनों का योगदान दिया।
ज्ञात हो कि शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए एशिया कप के पांचवें मुकाबले में विराट कोहली ने 183 रन की शानदार पारी खेली। उनकी इस धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को छह विकेट से हराया।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर विवेक चंद्रा ने कहा, "गांगुली ने वर्ष 1999 में 183 रन की पारी खेली और वह 2000 में भारतीय टीम के कप्तान बने, जबकि धोनी ने वर्ष 2005 में 183 रन बनाए और वर्ष 2007 में उनके सिर कप्तानी का ताज सजा। अब 2012 में कोहली ने 183 रन की पारी खेली है, तो क्या कोहली शीघ्र भारतीय टीम के कप्तान बनने वाले हैं।"टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति पर छह विकेट पर 329 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 47.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 330 रन बना लिए।
भारत की ओर से विराट कोहली ने 183, सचिन तेंदुलकर ने 52 और रोहित शर्मा ने 68 रनों का योगदान दिया।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर विवेक चंद्रा ने कहा, "गांगुली ने वर्ष 1999 में 183 रन की पारी खेली और वह 2000 में भारतीय टीम के कप्तान बने, जबकि धोनी ने वर्ष 2005 में 183 रन बनाए और वर्ष 2007 में उनके सिर कप्तानी का ताज सजा। अब 2012 में कोहली ने 183 रन की पारी खेली है, तो क्या कोहली शीघ्र भारतीय टीम के कप्तान बनने वाले हैं।"टिप्पणियां
उल्लेखनीय है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति पर छह विकेट पर 329 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 47.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 330 रन बना लिए।
भारत की ओर से विराट कोहली ने 183, सचिन तेंदुलकर ने 52 और रोहित शर्मा ने 68 रनों का योगदान दिया।
उल्लेखनीय है कि टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने निर्धारित 50 ओवरों की समाप्ति पर छह विकेट पर 329 रन बनाए। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने 47.5 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 330 रन बना लिए।
भारत की ओर से विराट कोहली ने 183, सचिन तेंदुलकर ने 52 और रोहित शर्मा ने 68 रनों का योगदान दिया।
भारत की ओर से विराट कोहली ने 183, सचिन तेंदुलकर ने 52 और रोहित शर्मा ने 68 रनों का योगदान दिया। |
टेनिस : पूर्व नंबर वन टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर 2018 सत्र की शुरुआत होपमैन कप से करेंगे | स्विट्जरलैंड के महान टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर 2018 में ऑस्ट्रेलिया ओपन टेनिस टूर्नामेंट में खिताब की रक्षा के अपने अभियान की तैयारी पर्थ में होपमैन कप के साथ करेंगे. फेडरर इस साल भी चोट के बाद वापसी करते हुए मिश्रित टीम स्पर्धा होपमैन कप में खेले थे और इसका उन्हें अच्छा नतीजा मिला था.
फेडरर ने चिर प्रतिद्वंद्वी रफेल नडाल को हराकर इस साल ऑस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीता था. इसके बाद वह मियामी, इंडियन वेल्स और हाले में भी खिताब जीतने में सफल रहे. दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी फेडरर एक बार फिर इस टूर्नामेंट में हमवतन बेलिंडा बेनसिच के साथ जोड़ी बनाएंगे.टिप्पणियां
गौरतलब है कि फेडरर ने रविवार को हाले ओपन खिताब जीता है. उन्होंने टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में जर्मनी के एलेक्सजेंडर ज्वेरेव को हराया था. वे अब प्रतिष्ठित विंबलडन में हिस्सा लेंगे. विंबलडन का ग्रास कोर्ट इस स्विस खिलाड़ी का पसंदीदा सरफेस रहा है और वे विंबलडन का सिंगल्स खिताब सात बार जीता है. विंबलडन का आयोजन तीन से 16 जुलाई तक होगा. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फेडरर ने चिर प्रतिद्वंद्वी रफेल नडाल को हराकर इस साल ऑस्ट्रेलिया ओपन का खिताब जीता था. इसके बाद वह मियामी, इंडियन वेल्स और हाले में भी खिताब जीतने में सफल रहे. दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी फेडरर एक बार फिर इस टूर्नामेंट में हमवतन बेलिंडा बेनसिच के साथ जोड़ी बनाएंगे.टिप्पणियां
गौरतलब है कि फेडरर ने रविवार को हाले ओपन खिताब जीता है. उन्होंने टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में जर्मनी के एलेक्सजेंडर ज्वेरेव को हराया था. वे अब प्रतिष्ठित विंबलडन में हिस्सा लेंगे. विंबलडन का ग्रास कोर्ट इस स्विस खिलाड़ी का पसंदीदा सरफेस रहा है और वे विंबलडन का सिंगल्स खिताब सात बार जीता है. विंबलडन का आयोजन तीन से 16 जुलाई तक होगा. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गौरतलब है कि फेडरर ने रविवार को हाले ओपन खिताब जीता है. उन्होंने टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में जर्मनी के एलेक्सजेंडर ज्वेरेव को हराया था. वे अब प्रतिष्ठित विंबलडन में हिस्सा लेंगे. विंबलडन का ग्रास कोर्ट इस स्विस खिलाड़ी का पसंदीदा सरफेस रहा है और वे विंबलडन का सिंगल्स खिताब सात बार जीता है. विंबलडन का आयोजन तीन से 16 जुलाई तक होगा. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
वीजा नीति में बदलाव नहीं, मोदी आवेदन कर समीक्षा का इंतजार कर सकते हैं : अमेरिका | अपनी वीजा नीति में किसी प्रकार के बदलाव से इनकार करते हुए अमेरिका ने आज कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी का वीजा के लिए आवेदन करने का स्वागत है और वह समीक्षा का इंतजार कर सकते हैं।
विदेश विभाग की उप प्रवक्ता मैरी हर्फ ने अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में बताया, हमारी लंबे समय से चली आ रही वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं है। वीजा के लिए आवेदन करने का उनका स्वागत है और उन्हें किसी भी अन्य आवेदनकर्ता की तरह समीक्षा का इंतजार करना होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी ने अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन किया है, हर्फ ने कहा, वीजा आवेदन गोपनीय होते हैं और कम से कम उनकी जानकारी तो अवश्य ही। मैं इसे देख सकती हूं, लेकिन मेरी जानकारी में ऐसा नहीं है। वर्ष 2005 में मोदी को राजनयिक वीजा देने से अमेरिका ने इनकार कर दिया था। |
बिहार में पंचायत चुनाव के दूसरे दौर का मतदान | बिहार में पंचायत चुनावों के लिए 37 जिलों के 57 प्रखंडों में दूसरे चरण का मतदान कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार सुबह सात बजे शुरू हो गया। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि विभिन्न पंचायतों में मुखिया, ग्राम कचहरी सरपंच, ग्राम कचहरी पंच, ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य का चयन करने के लिए केंद्रों पर वोट डाले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुल 27,905 पदों के लिए चुनावी अखाड़े में जमे 94,776 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 5 लाख 28 हजार से अधिक मतदाता करेंगे। नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक वोट डाले जाएंगे, जबकि शेष बूथ पर सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक वोट पड़ेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने का निर्णय किया है। 20 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ था। 13 मई को 10वां और अंतिम चरण संपन्न होगा। अरवल जिले को छोड़कर 37 जिलों में वोट डाले जा रहे हैं। अरवल जिले में चौथे चरण से मतदान शुरू होगा। |
नक्सली हमले में बाल-बाल बचे नामधारी, आठ मरे | झारखण्ड के लातेहार जिले में शनिवार को नक्सलियों द्वारा लोकसभा में निर्दलीय सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर किए गए हमले में छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए और दो अन्य लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। लातेहार के पुलिस उपायुक्त राहुल पुरवा ने फोन पर आईएएनएस को बताया, "नक्सली हमले में छह पुलिसकर्मियों सहित आठ लोगों की मौत हो गई। नामधारी एक कॉलेज का उद्घाटन करने के बाद चतरा लौट रहे थे। नामधारी का काफिला जब जिले के सतबरवा गांव से होकर गुजर रहा था उसी समय नक्सलियों ने पहले बिछाए गए बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया और बाद में काफिले में शामिल पुलिस पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी।" पुलिस अधिकारी के मुताबिक, "इस बीच यात्रियों को ले जा रही एक बस गोलीबारी के बीच वहां पहुंच गई। गोलीबारी में कुछ नागरिक भी मारे गए हैं।" हमले में बाल-बाल बचे नामधारी सुरक्षित चतरा पुहंच गए। |
CBSE Practical Exam Dates: सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाओं की तारीखें जारी, जानिए डिटेल | बोर्ड ने कहा, "संबंधित स्कूलों में प्रैक्टिकल एग्जाम (CBSE Practical Exam) और प्रोजेक्ट असेसमेंट किया जाएगा. पिछले प्रैक्टिकल एग्जाम की तरह ही एक बाहरी परीक्षक के साथ-साथ एक आंतरिक परीक्षक भी होगा." सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 10 और कक्षा 12 की मेन परीक्षा मार्च और अप्रैल में आयोजित होने की उम्मीद है. |
विवेक ओबेरॉय ने शेयर किया 'पीएम नरेंद्र मोदी' फिल्म का गुजरात दंगों वाला Video, लिखा- माफी गुनहगार मांगता है... | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)' में पीएम मोदी का किरदार निभा रहे विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) ने फिल्म का एक वीडियो पोस्ट किया है. विवेक ओबेरॉय इस वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी के किरदार में नजर आ रहे हैं और गोधरा दंगों को लेकर एक पत्रकार के सवालों के जबाव देते नजर आ रहे हैं. ये वीडियो 'पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)' की बायोपिक का है और इसमें गुजरात दंगों वाला सीन है. 'पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)' की बायोपिक का ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है. 'पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)' फिल्म 5 अप्रैल को रिलीज होनी है.
“Maafi gunehgaar maangta hai aur kanoon saboot”. #PMNarendraModi@sandip_Ssingh@sureshoberoi@OmungKumar@anandpandit63@TSeries@itsBhushanKumarpic.twitter.com/Dph2GHGn1V
विवेक ओबेरॉय ने इस वीडियो के साथ लिखा हैः 'माफी गुनहगार मांगता है और कानून सबूत.' 'पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)' की बायोपिक तमिल और तेलुगू भाषा में भी रिलीज की जाएगी. इसे लेकर फिल्म के निर्माता संदीप सिंह ने कहा था कि फिल्म को जल्द रिलीज करने की मांग की जा रही थी, इसलिए फिल्म को 5 अप्रैल को रिलीज करने का फैसला लिया गया. वर्ना फिल्म को 12 अप्रैल को रिलीज होना था. लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के मद्देनजर इसकी रिलीज की तारीख को लेकर कई सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं. 'पीएम नरेंद्र मोदी' में शुरुआत से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक के नरेंद्र मोदी के सफर को दिखाया जाएगा.
'पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)' फिल्म के निर्माता और क्रिएटिव डायरेक्टर संदीप सिंह हैं और उन्होंने इसकी कहानी भी लिखी है. सुरेश ओबेरॉय और आनंद पंडित भी 'पीएम नरेंद्र मोदी' के निर्माता हैं. 'पीएम नरेंद्र मोदी' में विवेक ओबरॉय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका में नजर आएंगे. इसके साथ ही फिल्म में दर्शन कुमार, बोमन ईरानी, मनोज जोशी, जरीना वहाब और राजेंद्र गुप्ता भी हैं. |
प्रेमिका से बेवफाई अपराध नहीं : दिल्ली हाई कोर्ट | दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने कहा है कि शारीरिक संबंधों के बावजूद प्रेमिका से बेवफाई चाहे जितनी खराब बात लगे, लेकिन यह अपराध नहीं है. अदालत ने आगे कहा कि यौन सहमति पर ‘न का मतलब न' से आगे बढ़कर, अब ‘हां का मतलब हां' तक व्यापक स्वीकार्यता है.
अदालत ने यह फैसला दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति को बरी करने के फैसले को बरकरार रखते हुए दिया जिसके खिलाफ उस महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था जिससे उसने शादी का वादा किया था. अदालत ने इस मामले में पुलिस की अपील को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में व्यक्ति को बरी करने के निचली अदालत के फैसले में कोई कमी नहीं है.
अदालत ने कहा, “प्रेमी से बेवफाई, कुछ लोगों को चाहे जितनी खराब बात लगे, भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध नहीं है. दो वयस्क परस्पर सहमति से शारीरिक संबंध बनाते हैं, यह अपराध नहीं है.”
उच्च न्यायालय ने कहा कि महिला ने शादी के वादे का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपों का इस्तेमाल न सिर्फ पूर्व में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाने को सही ठहराने के लिए बल्कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी अपने आचरण को उचित ठहराने के लिये किया. उसने आंतरिक चिकित्सकीय परिक्षण से भी इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति विभु भाखरू ने कहा, “जहां तक यौन संबंध बनाने के लिये सहमति का सवाल है, 1990 के दशक में शुरू हुए अभियान ‘न मतलब न', में एक वैश्विक स्वीकार्य नियम निहित है: मौखिक ‘न' इस बात का स्पष्ट संकेत है कि यौन संबंध के लिये सहमति नहीं दी गई है.”
उन्होंने कहा, “यौन सहमति पर ‘न का मतलब न' से आगे बढ़कर, अब ‘हां का मतलब हां' तक व्यापक स्वीकार्यता है. इसलिये, यौन संबंध स्थापित करने के लिये जबतक एक सकारात्मक, सचेत और स्वैच्छिक सहमति नहीं है, यह अपराध होगा.”
उच्च न्यायालय ने कहा कि महिला का दावा कि उसकी सहमति स्वैच्छिक नहीं थी बल्कि यह शादी के वादे के प्रलोभन के बाद हासिल की गई थी, इस मामले में स्थापित नहीं हुआ.
अदालत ने कहा कि पहली बार दुष्कर्म के कथित आरोप के तीन महीने बाद, महिला 2016 में आरोपी के साथ स्वेच्छा से होटल में जाती दिखी और इस बात में कोई दम नजर नहीं आता कि उसे शादी के वादे का प्रलोभन दिया गया था.
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क्या केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार के सामाजिक समीकरण को नजरअंदाज किया गया? | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल में बिहार से छह सांसदों को शामिल किया इनमें से अधिकांश या कहिए बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय को छोड़कर सभी पुराने चेहरे हैं. लेकिन वह चाहे BJP के नेता हों या उनके सहयोगी दलों के, खासकर JDU के नेता, सभी का मानना है कि जिन नामों का चयन किया गया उससें एक बात साफ़ है कि शायद बिहार के सामाजिक संतुलन या कहिए जिन लोगों ने NDA को जमकर वोट दिया शायद उन्हें नज़रअंदाज़ किया गया है.
बिहार से मंत्रिमंडल में BJP के कोटे से रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह को जहां कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला वहीं राजकुमार सिंह को स्वतंत्र प्रभार और अश्वनी चौबे और नित्यानंद राय को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. .हालांकि यह नाम पहले से संभावित थे. इसके अलावा सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी से उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष राम विलास पासवान को एक बार फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया है.
अगर आप सामाजिक समीकरण को देखें तो BJP के नेता भी मानते हैं कि एक दलित रामविलास पासवान और पिछड़ी यादव जाति से नित्यानंद राय को छोड़कर बाक़ी सभी ऊंची जाति से आते हैं. रविशंकर प्रसाद हों या गिरिराज सिंह या अश्वनी चौबे या राजकुमार सिंह, सभी अगड़ी जाति से हैं. इसका मतलब यह हुआ कि गैर यादव पिछड़ी जाति से या अति पिछड़ी जाति से एक भी संसद को जगह नहीं मिली. BJP के नेता हालांकि सफ़ाई देते हैं कि उनका आकलन था कि जनता दल यूनाईटेड की तरफ से जो भी नाम आएगा वो गैर यादव पिछड़ी जातियां या अति पिछड़ी जाति से होगा.
लेकिन उनका भी मानना हैं कि BJP का 80% केंद्रीय मंत्री मंडल में अगड़ी जाति के लोगों को प्रतिनिधिव जोखिम भरा है. इन नेताओं का यह भी मानना है कि इस तरीक़े के नाम और जातिगत समीकरण लेकर बिहार में भविष्य में चुनाव में जाना काफ़ी मुश्किल भरा हो सकता है. इसलिए अब उनकी सारी उम्मीदें इस बात पर टिकी होंगी कि मंत्रिमंडल में जगह को लेकर जनता दल यूनाईटेड से या तो गतिरोध ख़त्म हो या कैबिनेट के अगले विस्तार में उन जातियों के सांसदों को मौका मिले जिनके कारण बिहार में एनडीए रिकॉर्ड 39 सीटें जीतने में पहली बार क़ामयाब हुआ है. |
पुराने कपड़े पहनने की कोशिश कर रही थीं सनी लियोन, फिर हुआ कुछ ऐसा...देखें Photo | बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) अपने अनोखे अंदाज के लिए हमेशा सुर्खियों में रहती हैं. हाल ही में एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) की एक फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में सनी अपने पुराने कपड़े पहनने की कोशिश करती हुए नजर आ रही हैं, हालांकि उनको पुराने कपड़े फिट नहीं हो रहे, जिसके चलते वो काफी परेशान नजर आ रही है. एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) की ये तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. फैन्स भी उनकी इस तस्वीर पर खूब कमेंट कर रहे हैं. एक्ट्रेस सनी लियोन ने अपनी इस फोटो को इंस्टाग्राम एकाउंट पर खुद फैन्स को साथ शेयर किया है.
I'm just like some of you out there. I'm delusional that it might just fit!!! NOPE...not happening!! ????????
A post shared by Sunny Leone (@sunnyleone) on Jul 27, 2019 at 7:18am PDT
बिग बॉस फेम एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) ने अपनी इस तस्वीर को शेयर करते हुए बड़ा ही मेजदार कमेंट किया है. उन्होंने तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, 'मैं भी आप में से कुछ लोगों की तरह यहां हूं, जो सोच रही थी कि मुझे ये फिट आ जाएगा. नहीं ये बिल्कुल नहीं होने वाला.' इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए सनी लियोन (Sunny Leone) बहुत ही क्यूट एक्सप्रेशन दे रही हैं.
I have my eyes on you!!
A post shared by Sunny Leone (@sunnyleone) on Jul 22, 2019 at 10:07am PDT
बता दें एक्ट्रेस सनी लियोन (Sunny Leone) ने 2012 में पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) की फिल्म 'जिस्म 2' (Jism 2) से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इसके बाद सनी ने कई फिल्मों में काम किया. सनी ने बहुत सी फिल्मों में स्पेशल सॉन्ग भी किए. अब सनी जल्द ही दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) और कृति सैनन (Kriti Sanon) स्टारर फिल्म 'अर्जुन पटियाला' में अहम भूमिका किरदार में दिखेंगी. |
अफगानिस्तान में अगवा 7 भारतीय इंजीनियरों को लेकर चश्मदीद का बड़ा दावा | (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
कटिहार : व्यापारी के घर डकैती, तीन लाख की लूट, एक डकैत गिरफ्तार | बिहार कटिहार जिले के नगर थाना अंतर्गत महिला कॉलेज रोड इलाके में सशस्त्र डकैतों ने एक कोल्ड ड्रिंक वितरक के घर में बुधवार की रात डकैती के दौरान एक लाख रुपये नकद और दो लाख रुपये के जेवरात लूट लिये. नगर थाना अध्यक्ष निर्मल कुमार यादबिंदु ने बताया कि महिला कॉलेज रोड इलाका निवासी कोल्ड ड्रिंक वितरण जगदीश महावार के घर में बीती रात डकैती के दौरान एक अलमारी की तिजोरी तोड़कर डकैतों ने एक लाख रुपये नकद और दो लाख रुपये के जेवरात लूट लिये.टिप्पणियां
उन्होंने बताया कि आठ डकैतों ने वारदात के दौरान महावार के घर के सभी सदस्यों को बंधक बना लिया था. डकैत मोबाईल भी छीन कर ले गये और भागने के क्रम में उन्होंने हवा में गोली भी चलायी. यादबिंदु ने बताया कि पुलिस ने एक डकैत की पहचान नगर थाना अंतर्गत दुर्गा स्थान मुहल्ला निवासी के रूप में हुई है. उसे गिरफ्तार कर उसके पास से कुछ जेवरात और एक कारतूस बरामद किया गया है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने बताया कि आठ डकैतों ने वारदात के दौरान महावार के घर के सभी सदस्यों को बंधक बना लिया था. डकैत मोबाईल भी छीन कर ले गये और भागने के क्रम में उन्होंने हवा में गोली भी चलायी. यादबिंदु ने बताया कि पुलिस ने एक डकैत की पहचान नगर थाना अंतर्गत दुर्गा स्थान मुहल्ला निवासी के रूप में हुई है. उसे गिरफ्तार कर उसके पास से कुछ जेवरात और एक कारतूस बरामद किया गया है. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मसूद मामले पर बोली चीनी मीडिया : चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंधों से भारत को होगा नुकसान | चीन के आधिकारिक मीडिया ने भारत को आगाह किया कि अगर वह संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित कराने में बीजिंग द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बदले अपने देश में चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध को कड़ा करने के कथित कदम पर आगे बढ़ता है तो उसे 'फायदे से ज्यादा नुकसान' होगा।
सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया, 'अगर भारत चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध कड़े करता है, अगर वह चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी को खत्म करता है तो इससे भारत को फायदे से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।'
यह लेख भारत में आधिकारिक सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रयासों में चीन द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठान का मत है कि चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी की समीक्षा की जानी चाहिए।
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस से जुड़े शोध सदस्य हू झियोंग ने कहा, 'चीनी कंपनियां संभावित सुरक्षा मंजूरी समीक्षा के चलते भारत में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में दो बार सोचने को मजबूर होंगी । इस तरह, भारत का विकास, जो इसके आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए चीन पर निर्भर है, बाधित होगा।'
हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अगले पांच वर्षों में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि भारत द्वारा चीनी कंपनियों के लिए वीजा नियमों और सुरक्षा मंजूरी में ढील दिए जाने के बावजूद चीनी निवेश का प्रवाह कम है। भारत में चीनी दूतावास के एक अधिकारी और चीन के विदेशी निवेश के जानकार ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में माना कि हाल के वर्षों में, खासकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और पिछले साल नवंबर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत की सुरक्षा मंजूरी में ढील के संकेत दिखे हैं।टिप्पणियां
अधिकारी ने कहा, 'हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।' मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया, 'अगर भारत चीनी कंपनियों पर सुरक्षा प्रतिबंध कड़े करता है, अगर वह चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी को खत्म करता है तो इससे भारत को फायदे से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा।'
यह लेख भारत में आधिकारिक सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रयासों में चीन द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठान का मत है कि चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी की समीक्षा की जानी चाहिए।
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस से जुड़े शोध सदस्य हू झियोंग ने कहा, 'चीनी कंपनियां संभावित सुरक्षा मंजूरी समीक्षा के चलते भारत में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में दो बार सोचने को मजबूर होंगी । इस तरह, भारत का विकास, जो इसके आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए चीन पर निर्भर है, बाधित होगा।'
हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अगले पांच वर्षों में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि भारत द्वारा चीनी कंपनियों के लिए वीजा नियमों और सुरक्षा मंजूरी में ढील दिए जाने के बावजूद चीनी निवेश का प्रवाह कम है। भारत में चीनी दूतावास के एक अधिकारी और चीन के विदेशी निवेश के जानकार ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में माना कि हाल के वर्षों में, खासकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और पिछले साल नवंबर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत की सुरक्षा मंजूरी में ढील के संकेत दिखे हैं।टिप्पणियां
अधिकारी ने कहा, 'हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।' मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
यह लेख भारत में आधिकारिक सूत्रों द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रयासों में चीन द्वारा रोड़ा लगाए जाने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठान का मत है कि चीनी कंपनियों को दी गई सुरक्षा मंजूरी की समीक्षा की जानी चाहिए।
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस से जुड़े शोध सदस्य हू झियोंग ने कहा, 'चीनी कंपनियां संभावित सुरक्षा मंजूरी समीक्षा के चलते भारत में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में दो बार सोचने को मजबूर होंगी । इस तरह, भारत का विकास, जो इसके आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए चीन पर निर्भर है, बाधित होगा।'
हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अगले पांच वर्षों में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि भारत द्वारा चीनी कंपनियों के लिए वीजा नियमों और सुरक्षा मंजूरी में ढील दिए जाने के बावजूद चीनी निवेश का प्रवाह कम है। भारत में चीनी दूतावास के एक अधिकारी और चीन के विदेशी निवेश के जानकार ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में माना कि हाल के वर्षों में, खासकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और पिछले साल नवंबर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत की सुरक्षा मंजूरी में ढील के संकेत दिखे हैं।टिप्पणियां
अधिकारी ने कहा, 'हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।' मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस से जुड़े शोध सदस्य हू झियोंग ने कहा, 'चीनी कंपनियां संभावित सुरक्षा मंजूरी समीक्षा के चलते भारत में अपनी विस्तार योजनाओं के बारे में दो बार सोचने को मजबूर होंगी । इस तरह, भारत का विकास, जो इसके आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए चीन पर निर्भर है, बाधित होगा।'
हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अगले पांच वर्षों में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि भारत द्वारा चीनी कंपनियों के लिए वीजा नियमों और सुरक्षा मंजूरी में ढील दिए जाने के बावजूद चीनी निवेश का प्रवाह कम है। भारत में चीनी दूतावास के एक अधिकारी और चीन के विदेशी निवेश के जानकार ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में माना कि हाल के वर्षों में, खासकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और पिछले साल नवंबर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत की सुरक्षा मंजूरी में ढील के संकेत दिखे हैं।टिप्पणियां
अधिकारी ने कहा, 'हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।' मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हालांकि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2014 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अगले पांच वर्षों में भारत में 20 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि भारत द्वारा चीनी कंपनियों के लिए वीजा नियमों और सुरक्षा मंजूरी में ढील दिए जाने के बावजूद चीनी निवेश का प्रवाह कम है। भारत में चीनी दूतावास के एक अधिकारी और चीन के विदेशी निवेश के जानकार ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में माना कि हाल के वर्षों में, खासकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद और पिछले साल नवंबर में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत की सुरक्षा मंजूरी में ढील के संकेत दिखे हैं।टिप्पणियां
अधिकारी ने कहा, 'हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।' मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अधिकारी ने कहा, 'हालांकि भारत ने चीनी कंपनियों की एक सुरक्षा समीक्षा की, फिर भी भारत में मौजूद चीनी कंपनियों का कहना है कि आम कारोबारी माहौल सुधर रहा है और चीनी कंपनियों का फीडबैक सकारात्मक है।' मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि भारत सरकार ने पिछले दो साल में लगभग 25 चीनी कंपनियों को परियोजनाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी दी है। इनमें से ज्यादातर को बिजली, दूरसंचार, रेलवे और आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में मंजूरी दी गई है।(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
शीना बोरा मर्डर केस पर बनेगी फ़िल्म, स्क्रिप्ट के लिए पुलिस जांच पर नज़र | शीना बोरा मर्डर केस की मिस्ट्री अभी सुलझी भी नहीं कि बॉलीवुड ने इस पर एक फ़िल्म बनाने का एलान कर दिया है। फ़िल्म का टाइटल अभी तय नहीं हुआ है, मगर फ़िल्म की घोषणा कर दी गई है।
इस फ़िल्म का निर्देशन मनीष सिंह करेंगे। फ़िल्म में शीना की मां और उसकी हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की भूमिका सुप्रिया नायर निभाएंगी। फ़िल्मकार की निगाह इस समय मीडिया और पुलिस की छानबीन पर टिकी है, क्योंकि इसी आधार पर उनकी फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखी जाएगी।
इस फ़िल्म का निर्देशन मनीष सिंह करेंगे। फ़िल्म में शीना की मां और उसकी हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की भूमिका सुप्रिया नायर निभाएंगी। फ़िल्मकार की निगाह इस समय मीडिया और पुलिस की छानबीन पर टिकी है, क्योंकि इसी आधार पर उनकी फ़िल्म की स्क्रिप्ट लिखी जाएगी। |
मोदी के 'भ्रष्ट नहीं किए जा सकने' की बात कभी नहीं की : विकीलीक्स | विकीलीक्स ने इस दावे को खारिज किया है कि उसके संस्थापक जुलियान असांजे ने नरेंद्र मोदी के बारे में कहा था कि वह 'भ्रष्ट नहीं हैं।' विकीलीक्स ने इसके साथ ही महाराष्ट्र के एक भाजपा नेता पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री पद के पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में उन्होंने यह 'झूठा' दावा किया है।
व्हिस्ल ब्लोअर वेबसाइट ने कई बार ट्विट करके इस बात से इनकार किया है कि उसने मोदी को ऐसा नेता बताया था जिसे 'भ्रष्ट नहीं किया जा सकता।' इसके साथ ही विकीलीक्स ने मोदी के संबंध में अमेरिकी दूतावास के वर्ष 2006 के गोपनीय केबल में की गयी कई टिप्पणियों का भी ब्यौरा दिया है जिनमें मोदी की नेतृत्व शैली के बारे में टिप्पणियां की गयी थीं।
मोदी के संबंध में जो टिप्पणियां असांजे के मुंह से कही गई होने का दावा किया गया है वे दरअसल गुजरात के कांग्रेस नेता मनोहर सिंह जडेजा ने यात्रा पर आए एक अमेरिकी दूतावास अधिकारी के समक्ष की थीं। जडेजा ने अमेरिकी दूतावास अधिकारी को बताया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री 'बेहद लोकप्रिय' हैं क्योंकि उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जिन्हें किसी भी सूरत में भ्रष्ट नहीं किया जा सकता और वह अच्छा काम करते हैं।
वेबसाइट ने कहा, 'विकीलीक्स के किसी दस्तावेज में नहीं कहा गया है कि मोदी को भ्रष्ट नहीं किया जा सकता बल्कि यह कहा गया है कि वह इसलिए लोकप्रिय हैं क्योंकि उन्हें 'ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जिसे भ्रष्ट नहीं किया जा सकता'।
वेबसाइट कहती है, 'नरेंद्र मोदी को भ्रष्ट नहीं बनाया जा सकता है.. यह बात राजकोट से कांग्रेस पार्टी के नेता मनोहर सिंह जडेजा ने कही थी।' वेबसाइट ने महाराष्ट्र भाजपा कम्युनिकेशन सेल की सह संयोजक प्रीति गांधी की पहचान की है जिन्होंने इस 'झूठे दावे' को फैलाया जिसे मोदी के आनलाइन समर्थकों ने प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार की साख की उच्च स्तरीय पुष्टि के रूप में प्रचारित किया।
वेबसाइट का स्पष्टीकरण कुछ भाजपा समर्थकों द्वारा अहमदाबाद में अंसाजे का हवाला देते हुए किए जा रहे पोस्टरों के वितरण की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें कहा गया है कि 'अमेरिका मोदी से डरता है क्योंकि उन्हें भ्रष्ट नहीं बनाया जा सकता।' हालांकि विकीलीक्स के ट्विट को कमतर करने का प्रयास करते हुए भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'हमें मोदी जी के बारे में विकीलीक्स या असांजे से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।'
विकीलीक्स ने इससे भी आगे जाकर अमेरिकी दूतावास द्वारा वर्ष 2006 में भेजे गए गोपनीय केबल का ब्यौरा दिया है जिसमें मोदी की कार्यशैली की आलोचना की गई है।
केबल कहता है, 'इस बारे में राय बंटी हुई है कि अगर मोदी राष्ट्रीय राजनीति में आते हैं तो क्या मोदी के नेतृत्व की शैली उनकी मदद करेगी या नुकसान करेगी। जनता में मोदी आकर्षक और पसंदीदा हो सकते हैं।' 'मोदी के नेतृत्व की शैली' उपशीर्षक के तहत ऐसे ही एक राजनयिक केबल में कहा गया है, 'कुल मिलाकर , हालांकि , वह संकीर्ण और संदेही व्यक्ति हैं....वह समग्रता और सर्वसम्मति के बजाय डर और डरा धमका कर शासन चलाते हैं और रूखे, दूसरों को नीचा दिखाने वाले और कई बार तो पार्टी के उच्च स्तर के नेताओं तक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति हैं। वह सत्ता को जकड़ कर रखते हैं।'
अमेरिकी दूतावास ने हालांकि इसके साथ ही कहा है कि उसके सभी वार्ताकारों ने स्वीकार किया है कि मोदी एक विनम्र इंसान हैं जिन्होंने 'भारत में कई अन्य निर्वाचित नेताओं के विपरीत अपने पद का इस्तेमाल खुद को या अपने परिवार को समृद्ध करने में नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'अधिकतर लोगों का यह भी कहना है कि उन्होंने राज्य प्रशासन में नौकरशाही के मध्यम और निचले स्तर के छुटपुट भ्रष्टाचार को साफ कर दिया है। लेकिन कई लोगों ने हमें बताया कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार अभी भी आम बात है।'
इस विवाद की जड़ें वर्ष 2006 तक पुरानी हैं। विकीलीक्स के अनुसार उस समय मुंबई स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूत माइकल एस ओवेन ने मोदी से मुलाकात की थी। विकीलीक्स ने उस मुलाकात के गोपनीय केबल को भी ट्विट किया है जिसमें यह भी कहा गया था कि दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने इस दस्तावेज को मंजूरी दी थी। |
यूनियनों की हड़ताल से बैंकों में प्रभावित हुआ कामकाज, एटीएम में भी नकदी नहीं | (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
इस बॉलीवुड एक्ट्रेस ने किया परफेक्ट कार्टव्हील, Video देखकर तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाए लोग | बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी (Disha Patani) इन दिनों अपने वीडियोज और फोटोज को लेकर काफी चर्चा में हैं. एक्ट्रेस दिशा पटानी (Disha Patani) की सोशल मीडिया अकाउंट को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड दीवा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. हाल ही में दिशा पटानी (Disha Patani) ने अपना एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, जिसमें वह बड़े ही लाजवाब अंदाज में कार्टव्हील करती दिखाई दे रही हैं. इस वीडियो में दिशा पटानी की एनर्जी और कार्टव्हील करने का उनका अंदाज देखने लाएक है. दिशा पटानी की यह वीडियो कुछ समय पहले ही सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई है, लेकिन इसे अब तक 27 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
Training after ages with my trainer @nadeemakhtarparkour88 @flyzonefitness_
A post shared by disha patani (paatni) (@dishapatani) on Jun 25, 2019 at 6:27am PDT
बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी (Disha Patani) ने इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा 'काफी समय बाद अपने ट्रेनर के साथ ट्रेनिंग.' उनके कैप्शन से लगता है कि दिशा पटानी काफी समय बाद ट्रेनिंग कर रही हैं. उनकी इस वीडियो पर एक्टर कुनाल खेमू ने 'शाबाश मेरे चीते' लिखते हुए उनकी सराहना की है.
दिशा पटानी (Disha Patani) फिटनेस के मामले में भी काफी आगे रहती हैं. दिशा पटानी के सोशल मीडिया अकाउंट पर मौजूद जिम वीडियो से लगता है कि वह अपनी फिटनेस और हेल्थ को लेकर बहुत मेहनत करती हैं. बता दें कि दिशा पटानी एक बेहतरीन एक्ट्रेस के साथ ही एक शानदार डांसर भी हैं. कुछ समय पहले दिशा पटानी अपना एक डांस वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उनके स्टेप्स काफी लाजवाब थे.
Chilling with my lovely @dimplekotecha choreography @lando_coffy
A post shared by disha patani (paatni) (@dishapatani) on Jun 20, 2019 at 8:06am PDT
बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पटानी (Disha Patani) ने सलमान खान की फिल्म 'भारत' में अपना किरदार बखूबी निभाया था. भारत में दिशा पटानी की भूमिका ने दर्शकों का भी खूब दिल जीता था. यहां तक कि 'भारत' के डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने भी खुद दिशा पटानी की एक्टिंग की सराहना की थी.अब दिशा पटानी जल्द ही फिल्म 'मलंग' में नजर आने वाली हैं, जिसमें वह बॉलीवुड एक्टर आदित्य रॉय कपूर के साथ मुख्य भूमिका निभाएंगी. इनके अलावा फिल्म में अनिल कपूर और कुनाल खेमू भी अपना रोल अदा करेंगे. |
विकिलीक्स के संस्थापक जुलियन असांज को 50 हफ्तों की जेल, लगे थे यौन उत्पीड़न के आरोप | ब्रिटेन की एक अदालत ने विकिलीक्स के संस्थापक जुलियन असांज (Julian Assange) को 2012 में स्वीडन की प्रत्यर्पण याचिका से बचने के लिए जमानत शर्तों का उल्लंघन करने के लिए 50 हफ्तों के जेल की सजा सुनाई.
असांज, लंदन में साउथवार्क क्राउन कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्हें जेल की सजा सुनाई गई. उन्हें पहले ही 11 अप्रैल को उल्लंघन का दोषी घोषित किया गया था. असांज को 11 अप्रैल को लंदन में इक्वाडोर दूतावास में सात साल बिताने के बाद गिरफ्तार किया गया.
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असांज ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर स्वीडन के प्रत्यर्पण से बचने के लिए 2012 में दूतावास में शरण ली थी. असांज ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया.
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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत को लिखे एक पत्र में असांज ने कहा कि उन्होंने खुद का मुश्किल परिस्थितियों से जूझते हुए पाया है. उन्होंने उन लोगों से माफी मांगी, जो मानते हैं कि मैंने उनका अनादर किया है.
उन्होंने कहा, "मैंने वही किया जो मुझे उस समय सबसे सही लगा या शायद वही चीज जो मैं कर सकता था." |
चीन : भूस्खलन से भीषण तबाही, 15 की मौत और 120 लापता | चीन के सिचुआन प्रांत में शनिवार को भूस्खलन में 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 62 घरों के 120 से अधिक लोग लापता .उनके मलबे में दबे होने की आशंका है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, बचाव दल के मुख्यालय ने बताया कि शनिवार रात मलबे से 15 लोगों के शव निकाले गए. खोज एवं बचाव अभियान रात भर जारी रहा. बचाव दल के सदस्य जीवन के संकेत मिलने वाले यंत्रों और खोजी कुत्तों के साथ क्षेत्र की तालाशी कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है.
एक बचाव दल ने कहा, 'हम हार नहीं मानेंगे.' एबा तिब्बती एवं कियांग स्वायत्त प्रांत के कार्यकारी उप-गवर्नर शु झीवेन ने बताया कि लापता 118 लोगों की पहचान जल्द ही वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी. शु ने यह भी कहा कि भूस्खलन में कुछ पर्यटक भी फंसे हो सकते हैं, क्योंकि यह गांव पर्यटक स्थल है. भूस्खलन के कारण एक नदी का दो किलोमीटर का हिस्सा बाधित हो गया और 1600 मीटर सड़क भी धंस गई.टिप्पणियां
प्रांतीय सरकार ने उच्चतम स्तर पर आपदा राहत कार्य शुरू कर दिया है और साइट पर बचाव टीम भेजी गई है. हाल में, जीवन की पहचान करने वाले यंत्रों के साथ 3,000 से अधिक कर्मी जीवित लोगों की तलाश में लगे हैं. भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों ने कहा कि दबे लोगों के लिए जीवित होने की संभावना वास्तव में कम ही है. एक परिवार के तीन सदस्यों को भूस्खलन में पांच घंटे दफन होने के बाद बाहर निकाला गया, जिन्हें मॉक्सिकन काउंटी अस्पताल ले जाया गया. उनके जीवन को खतरा नहीं है. लेकिन उसी परिवार का एक तीन साल का बच्चा अब भी मलबे में दबा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक बचाव दल ने कहा, 'हम हार नहीं मानेंगे.' एबा तिब्बती एवं कियांग स्वायत्त प्रांत के कार्यकारी उप-गवर्नर शु झीवेन ने बताया कि लापता 118 लोगों की पहचान जल्द ही वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी. शु ने यह भी कहा कि भूस्खलन में कुछ पर्यटक भी फंसे हो सकते हैं, क्योंकि यह गांव पर्यटक स्थल है. भूस्खलन के कारण एक नदी का दो किलोमीटर का हिस्सा बाधित हो गया और 1600 मीटर सड़क भी धंस गई.टिप्पणियां
प्रांतीय सरकार ने उच्चतम स्तर पर आपदा राहत कार्य शुरू कर दिया है और साइट पर बचाव टीम भेजी गई है. हाल में, जीवन की पहचान करने वाले यंत्रों के साथ 3,000 से अधिक कर्मी जीवित लोगों की तलाश में लगे हैं. भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों ने कहा कि दबे लोगों के लिए जीवित होने की संभावना वास्तव में कम ही है. एक परिवार के तीन सदस्यों को भूस्खलन में पांच घंटे दफन होने के बाद बाहर निकाला गया, जिन्हें मॉक्सिकन काउंटी अस्पताल ले जाया गया. उनके जीवन को खतरा नहीं है. लेकिन उसी परिवार का एक तीन साल का बच्चा अब भी मलबे में दबा है.
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प्रांतीय सरकार ने उच्चतम स्तर पर आपदा राहत कार्य शुरू कर दिया है और साइट पर बचाव टीम भेजी गई है. हाल में, जीवन की पहचान करने वाले यंत्रों के साथ 3,000 से अधिक कर्मी जीवित लोगों की तलाश में लगे हैं. भूवैज्ञानिक विशेषज्ञों ने कहा कि दबे लोगों के लिए जीवित होने की संभावना वास्तव में कम ही है. एक परिवार के तीन सदस्यों को भूस्खलन में पांच घंटे दफन होने के बाद बाहर निकाला गया, जिन्हें मॉक्सिकन काउंटी अस्पताल ले जाया गया. उनके जीवन को खतरा नहीं है. लेकिन उसी परिवार का एक तीन साल का बच्चा अब भी मलबे में दबा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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हमले के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति के भाई की मौत | श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के सबसे छोटे भाई की शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई। उन पर दो दिन पहले एक व्यक्ति ने कुल्हाड़ी से हमला किया था।
पुलिस प्रवक्ता रूवान ज्ञानसेखरा ने कहा, 'प्रियंथा सिरिसेना की अस्पताल में शनिवार सुबह मौत हो गई।' 40 वर्षीय व्यापारी सिरिसेना पर गुरुवार रात को निजी विवाद के कारण उनके गृह नगर पोलोन्नरूवा में हमला किया गया था। पोलोन्नरूआ राजधानी कोलंबो से 215 किलोमीटर उत्तर पूर्व में है। उन्हें उसी रात विमान से पोलोन्नरूवा से कोलंबो पहुंचाया गया था।
सिर में गंभीर चोट आने की वजह से उन्हें सघन निगरानी कक्ष में भर्ती कराया गया था। उनकी मृत्यु उस समय हुई है जब उनके भाई और देश के राष्ट्रपति चीन की राजकीय यात्रा पर हैं। पुलिस ने बताया कि हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे 8 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया गया है। हमलावर सिरिसेना का दोस्त था। |
कसरत जितना ही असरकारक है चॉकलेट | चॉकलेट प्रेमियों के लिए खुशखबरी! एक नए अध्ययन में कहा गया है कि चॉकलेट खाना कसरत करने जितना ही असरकारक होता है। अमेरिका के वायन स्टेट विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया कि डार्क चॉकलेट की हल्की मात्रा स्वास्थ्य के लिए कसरत जैसी ही लाभदायक हो सकती है। 'डेली टेलीग्राफ' की खबर में बताया गया कि अनुसंधानकर्ताओं ने कोशिकाओं के ऊर्जा केंद्र माइटोकॉंड्रिया का अध्ययन किया और पाया कि चॉकलेट में पाये जाने वाला तत्व इपिकाटेचिन व्यायाम की तरह मांसपेशियों पर असर करता है। चूहों पर परीक्षण करने वाले डॉ मोह मलेक ने बताया कि माइटोकॉंड्रिया ऊर्जा पैदा करता है, जिसका इस्तेमाल कोशिकाएं करती हैं। ज्यादा माइटोकॉंड्रिया का मतलब ज्यादा ऊर्जा, जिससे ज्यादा काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा, हमारे अध्ययन में पाया गया कि इपिकाटेचिन दिल और अन्य मांसपेशियों में माइटोकॉंड्रिया की संख्या को बढा़ते है, जैसे साइकलिंग और दूसरे कसरतें बढा़ती हैं। |
भारत रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ : विदेश मंत्रालय | हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत कहीं भी, किसी के भी द्वारा, किसी भी स्थिति में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किए जाने के खिलाफ है. हम उम्मीद करते हैं कि मुद्दे का समाधान रासायनिक हथियार संधि के प्रावधानों के अनुरूप होगा. सीरिया के दुमा शहर में कथित रासायनिक हमले की खबरों के बीच कुमार ने कहा कि इस तरह के हथियारों का कहीं भी इस्तेमाल रासायनिक हथियार संधि के खिलाफ है और ऐसा कृत्य करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. (इनपुट भाषा से) |
रिलायंस Jio ने की ट्राई से शिकायत, ग्राहकों को रोकने के लिए अनुचित तरीके अपना रही हैं कंपनियां | रिलायंस जियो ने आरोप लगाया है कि मौजूदा दूरसंचार कंपनियां अपने ग्राहकों को रोके रखने के लिए 'अनुचित और छली' तरीके अपना रही हैं. जियो के अनुसार बड़ी संख्या में ग्राहक इन कंपनियों के नेटवर्क से हटना चाहते हैं, लेकिन कंपनियां उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहीं.
जियो की यह शिकायत भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर के खिलाफ है और उसने इस बारे में दूरसंचार नियामक को पत्र लिखकर 'कड़ी कार्रवाई' का आग्रह किया है. जियो का कहना है कि इन कंपनियों को यह कथित व्यवहार लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन है. मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने 10 अप्रैल के अपने पत्र में कहा है कि ये कंपनियां, नेटवर्क छोड़कर जाने के इच्छुक ग्राहकों को रोके रखने के लिए विशेष पैकेज और प्लान जैसे अनेक तरीके अपना रही हैं.टिप्पणियां
वोडाफोन के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि कंपनी ग्राहक की जरूरत के हिसाब से पेशकश करती है और वह सभी नियमों के अनुसार ही होती है. भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने उक्त आरोपों को खारिज किया और कहा कि कंपनी सभी नियामकी निर्देशों का पालन करती है. आइडिया सेल्यूलर से इस बारे में भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जियो की यह शिकायत भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर के खिलाफ है और उसने इस बारे में दूरसंचार नियामक को पत्र लिखकर 'कड़ी कार्रवाई' का आग्रह किया है. जियो का कहना है कि इन कंपनियों को यह कथित व्यवहार लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन है. मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो ने 10 अप्रैल के अपने पत्र में कहा है कि ये कंपनियां, नेटवर्क छोड़कर जाने के इच्छुक ग्राहकों को रोके रखने के लिए विशेष पैकेज और प्लान जैसे अनेक तरीके अपना रही हैं.टिप्पणियां
वोडाफोन के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि कंपनी ग्राहक की जरूरत के हिसाब से पेशकश करती है और वह सभी नियमों के अनुसार ही होती है. भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने उक्त आरोपों को खारिज किया और कहा कि कंपनी सभी नियामकी निर्देशों का पालन करती है. आइडिया सेल्यूलर से इस बारे में भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वोडाफोन के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि कंपनी ग्राहक की जरूरत के हिसाब से पेशकश करती है और वह सभी नियमों के अनुसार ही होती है. भारती एयरटेल के प्रवक्ता ने उक्त आरोपों को खारिज किया और कहा कि कंपनी सभी नियामकी निर्देशों का पालन करती है. आइडिया सेल्यूलर से इस बारे में भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मुंबई मास्टर्स को हराकर सेमीफाइनल के करीब पहुंचे अवध वारियर्स | पीवी सिंधु की अगुवाई में अवध वारियर्स ने इंडियन बैडमिंटन लीग में मुंबई मास्टर्स को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त कर लिया।
दोनों टीमों के बीच चौथे मैच तक मुकाबला बराबरी का था लेकिन निर्णायक मुकाबले में वारियर्स की एम किडो और पिया बेर्नाडेथ की जोड़ी ने मास्टर्स के इवानोह ब्लादीमिर और सिकि रेड्डी को 21-19, 21-15 से हराया।
वारियर्स अब दो जीत और दो हार के बाद 12 अंक लेकर तालिका में चौथे स्थान पर हैं। उनका सामना 26 अगस्त को हैदराबाद में दूसरे स्थान पर काबिज पुणे पिस्टंस से होगा। मास्टर्स हारने के बाद भी पांच मैचों में 15 अंक लेकर तीसरे स्थान पर हैं।
वारियर्स की पीवी सिंधु और मास्टर्स के इवानोह ने अपने-अपने एकल मैच जीतकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया था।टिप्पणियां
इवानोह ने आरएमवी गुरूसाइदत्त को 21-18, 21-20, 11-9 से मात दी। इसके बाद सिंधु ने टाइने बाउन को 21-12, 19-21, 11-8 से हराकर स्कोर बराबर कर दिया।
तीसरे मैच में किडो और मथियास बोए ने मास्टर्स के बी सुमीत रेड्डी और मनु अत्री को 21-16, 21-14 से हराकर वारियर्स की उम्मीदें कायम रखीं। मास्टर्स ने हालांकि शानदार वापसी की जब दूसरे पुरुष एकल मैच में ली चोंग वेइ ने वारियर्स के के श्रीकांत को 21-15, 20-21 (11-5) से हरा दिया। इसके बाद मिश्रित युगल में वारियर्स ने बाजी मार ली।
दोनों टीमों के बीच चौथे मैच तक मुकाबला बराबरी का था लेकिन निर्णायक मुकाबले में वारियर्स की एम किडो और पिया बेर्नाडेथ की जोड़ी ने मास्टर्स के इवानोह ब्लादीमिर और सिकि रेड्डी को 21-19, 21-15 से हराया।
वारियर्स अब दो जीत और दो हार के बाद 12 अंक लेकर तालिका में चौथे स्थान पर हैं। उनका सामना 26 अगस्त को हैदराबाद में दूसरे स्थान पर काबिज पुणे पिस्टंस से होगा। मास्टर्स हारने के बाद भी पांच मैचों में 15 अंक लेकर तीसरे स्थान पर हैं।
वारियर्स की पीवी सिंधु और मास्टर्स के इवानोह ने अपने-अपने एकल मैच जीतकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया था।टिप्पणियां
इवानोह ने आरएमवी गुरूसाइदत्त को 21-18, 21-20, 11-9 से मात दी। इसके बाद सिंधु ने टाइने बाउन को 21-12, 19-21, 11-8 से हराकर स्कोर बराबर कर दिया।
तीसरे मैच में किडो और मथियास बोए ने मास्टर्स के बी सुमीत रेड्डी और मनु अत्री को 21-16, 21-14 से हराकर वारियर्स की उम्मीदें कायम रखीं। मास्टर्स ने हालांकि शानदार वापसी की जब दूसरे पुरुष एकल मैच में ली चोंग वेइ ने वारियर्स के के श्रीकांत को 21-15, 20-21 (11-5) से हरा दिया। इसके बाद मिश्रित युगल में वारियर्स ने बाजी मार ली।
वारियर्स अब दो जीत और दो हार के बाद 12 अंक लेकर तालिका में चौथे स्थान पर हैं। उनका सामना 26 अगस्त को हैदराबाद में दूसरे स्थान पर काबिज पुणे पिस्टंस से होगा। मास्टर्स हारने के बाद भी पांच मैचों में 15 अंक लेकर तीसरे स्थान पर हैं।
वारियर्स की पीवी सिंधु और मास्टर्स के इवानोह ने अपने-अपने एकल मैच जीतकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया था।टिप्पणियां
इवानोह ने आरएमवी गुरूसाइदत्त को 21-18, 21-20, 11-9 से मात दी। इसके बाद सिंधु ने टाइने बाउन को 21-12, 19-21, 11-8 से हराकर स्कोर बराबर कर दिया।
तीसरे मैच में किडो और मथियास बोए ने मास्टर्स के बी सुमीत रेड्डी और मनु अत्री को 21-16, 21-14 से हराकर वारियर्स की उम्मीदें कायम रखीं। मास्टर्स ने हालांकि शानदार वापसी की जब दूसरे पुरुष एकल मैच में ली चोंग वेइ ने वारियर्स के के श्रीकांत को 21-15, 20-21 (11-5) से हरा दिया। इसके बाद मिश्रित युगल में वारियर्स ने बाजी मार ली।
वारियर्स की पीवी सिंधु और मास्टर्स के इवानोह ने अपने-अपने एकल मैच जीतकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया था।टिप्पणियां
इवानोह ने आरएमवी गुरूसाइदत्त को 21-18, 21-20, 11-9 से मात दी। इसके बाद सिंधु ने टाइने बाउन को 21-12, 19-21, 11-8 से हराकर स्कोर बराबर कर दिया।
तीसरे मैच में किडो और मथियास बोए ने मास्टर्स के बी सुमीत रेड्डी और मनु अत्री को 21-16, 21-14 से हराकर वारियर्स की उम्मीदें कायम रखीं। मास्टर्स ने हालांकि शानदार वापसी की जब दूसरे पुरुष एकल मैच में ली चोंग वेइ ने वारियर्स के के श्रीकांत को 21-15, 20-21 (11-5) से हरा दिया। इसके बाद मिश्रित युगल में वारियर्स ने बाजी मार ली।
इवानोह ने आरएमवी गुरूसाइदत्त को 21-18, 21-20, 11-9 से मात दी। इसके बाद सिंधु ने टाइने बाउन को 21-12, 19-21, 11-8 से हराकर स्कोर बराबर कर दिया।
तीसरे मैच में किडो और मथियास बोए ने मास्टर्स के बी सुमीत रेड्डी और मनु अत्री को 21-16, 21-14 से हराकर वारियर्स की उम्मीदें कायम रखीं। मास्टर्स ने हालांकि शानदार वापसी की जब दूसरे पुरुष एकल मैच में ली चोंग वेइ ने वारियर्स के के श्रीकांत को 21-15, 20-21 (11-5) से हरा दिया। इसके बाद मिश्रित युगल में वारियर्स ने बाजी मार ली।
तीसरे मैच में किडो और मथियास बोए ने मास्टर्स के बी सुमीत रेड्डी और मनु अत्री को 21-16, 21-14 से हराकर वारियर्स की उम्मीदें कायम रखीं। मास्टर्स ने हालांकि शानदार वापसी की जब दूसरे पुरुष एकल मैच में ली चोंग वेइ ने वारियर्स के के श्रीकांत को 21-15, 20-21 (11-5) से हरा दिया। इसके बाद मिश्रित युगल में वारियर्स ने बाजी मार ली। |
सैयद मोदी मास्टर्स : विश्व चैम्पियन को हरा साइना ने जीता खिताब | देश की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी एवं मौजूदा चैम्पियन साइना नेहवाल ने रविवार को मौजूदा विश्व चैम्पियन स्पेन की कैरोलीना मैरीन को मात देकर लगातार दूसरी बार सैयद मोदी इंटरनेशनल इंडिया मास्टर्स खिताब जीत लिया।
बाबू बनारसी दास इनडोर स्टेडियम में हुए 1,20,000 डॉलर इनामी राशि वाले टूर्नामेंट में करीब एक घंटा 19 मिनट तक चले इस फाइनल मुकाबले में दोनों स्टार खिलाड़ियों ने उच्चस्तर का खेल दिखाकर दर्शकों को अपनी जगह से ना हिलने को मजबूर कर दिया। दोनों धुरंधर खिलाड़ियों के बीच शुरुआत से ही कांटे का मुकाबला रहा।
पहले गेम में साइना और कैरोलीन दोनों ने ही एक-दूसरे पर बढ़त लेने की होड़ दिखाई। दोनों शटलरों ने एक-दूसरे की कमजोरी भांपने की कोशिश की और शह-मात के इस खेल ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। साइना पहला गेम 19-21 के नजदीकी अंतर से गंवा बैठी।
दूसरे गेम के शुरू में ही साइना ने बेहद आक्रामक तेवर दिखाए लेकिन कैरोलीन ने भी खुद पर दबाव नहीं पड़ने दिया और भारतीय खिलाड़ी के हर दांव का जवाब देने की कोशिश की। रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे इस गेम में आखिरकार साइना भारी पड़ीं और उन्होंने इसे 25-23 से अपने नाम करके खेल को तीसरे गेम में पहुंचा दिया।
तीसरे और आखिरी गेम में साइना की आक्रामकता जहां बरकरार रही वहीं स्पैनिश खिलाड़ी ने कई गलतियां की, नतीजतन भारतीय शीर्ष वरीय साइना ने इस गेम को 21-16 से जीतकर खिताब भी अपने नाम कर लिया। |
दुश्मन ने पलटवार को महसूस कर पिछले दो दिनों से गोलीबारी रोक दी है: मनोहर पर्रिकर | रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पिछले दो दिनों से सीमा पार से होने वाली गोलीबारी थम गई है, क्योंकि दुश्मन पलटवार को महसूस कर रहा है.
पाकिस्तान की ओर से डीजीएमओ स्तर की बातचीत का अनुरोध किए जाने की तरफ इशारा करते हुए पर्रिकर ने कहा, 'लक्षित हमले के बाद कायराना हरकतें जारी थीं, जिस पर हमारे सशस्त्र बलों ने सीमा पर कड़ा पलटवार किया. उनके हमलों पर हमारा पलटवार करारा था.'टिप्पणियां
गोवा के संखलिम गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, 'परसों हमें उनकी तरफ से फोन आया, जिसमें पलटवार रोकने का अनुरोध किया गया.' उन्होंने कहा, 'हमने उनसे कहा कि हमें (पलटवार) रोकने में कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि हमें इसमें दिलचस्पी नहीं है, लेकिन उन्हें भी ये सब रोकना होगा. पिछले दो दिन से सीमा पार से गोलीबारी थम गई है.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तान की ओर से डीजीएमओ स्तर की बातचीत का अनुरोध किए जाने की तरफ इशारा करते हुए पर्रिकर ने कहा, 'लक्षित हमले के बाद कायराना हरकतें जारी थीं, जिस पर हमारे सशस्त्र बलों ने सीमा पर कड़ा पलटवार किया. उनके हमलों पर हमारा पलटवार करारा था.'टिप्पणियां
गोवा के संखलिम गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, 'परसों हमें उनकी तरफ से फोन आया, जिसमें पलटवार रोकने का अनुरोध किया गया.' उन्होंने कहा, 'हमने उनसे कहा कि हमें (पलटवार) रोकने में कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि हमें इसमें दिलचस्पी नहीं है, लेकिन उन्हें भी ये सब रोकना होगा. पिछले दो दिन से सीमा पार से गोलीबारी थम गई है.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गोवा के संखलिम गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, 'परसों हमें उनकी तरफ से फोन आया, जिसमें पलटवार रोकने का अनुरोध किया गया.' उन्होंने कहा, 'हमने उनसे कहा कि हमें (पलटवार) रोकने में कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि हमें इसमें दिलचस्पी नहीं है, लेकिन उन्हें भी ये सब रोकना होगा. पिछले दो दिन से सीमा पार से गोलीबारी थम गई है.' (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मायावती ने किया भू-अधिग्रहण नीति का ऐलान | भट्टा पारसौल के मुद्दे पर घिरी मायावती सरकार ने यूपी में किसानों की ज़मीन लेने की नई नीति का ऐलान किया है। मायावती ने बृहस्पतिवार को किसानों के साथ महापंचायत के बाद कहा कि कोई भी ज़मीन किसानों की रज़ामंदी से ही ली जाएगी। साथ ही उनके पुनर्वास का इंतज़ाम भी किया जाएगा। मायावती ने कहा कि किसानों से ली गई ज़मीन का 16 फीसदी हिस्सा विकसित करके किसानों को वापस दिया जाएगा और इसके लिए कोई विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। मायावती ने यह भी कहा कि अगर केन्द्र सरकार ज़मीन अधिग्रहण के मसले पर मानसून सत्र में कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो बीएसपी संसद का घेराव करेगी। नई नीति के अनुसार किसानों के पुनर्वास की व्यवस्था होगी। किसानों की मर्ज़ी से ही ज़मीन ली जाएगी। ज़मीन सीधे विकास करने वाले को ही मिलेगी। ज़मीन पर किसानों से विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। किसान को 33 साल के लिए 23 हज़ार हर साल दिए जाएंगे। हर साल 800 रुपये की सालाना बढ़ोतरी भी की जाएगी। कंपनी के ज़मीन लेने पर किसानों को शेयर दिया जाएगा। किसान के परिवार के एक शख्स को नौकरी भी दी जाएगी। साथ ही भूमि अधिग्रहित गांव में किसान भवन बनेगा और विकासकर्ता गांव में स्कूल भी बनाकर देंगे। ली गई ज़मीन का 16 प्रतिशत विकसित कर किसान को दिया जाएगा। |
घाटी में तनाव पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी, बताया हिंसा में 42 नागिरक मारे गए हैं | गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि जम्मू कश्मीर में जमीनी हकीकत क्या है? दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में पिछले दो हफ्ते से 'बंदूक का राज' चल रहा है. लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, राज्य में जैसे मार्शल लॉ चल रहा है. लोग जेल कैदियों से भी बदतर हालात में रह रहे हैं, उनके पास ना खाना है, नलों में पानी नहीं है और दवा तक नहीं है. राज्य में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है.
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल को निर्देश दे कि वह राज्य के संविधान के सेक्शन 92 के तहत सारा प्रशासनिक कामकाज अपने हाथों में ले लें ताकि राज्य में सुरक्षा बहाल हो सके. साथ ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके, यही नहीं राज्यपाल को विधानसभा भंग करने के निर्देश दिए जाएं क्योंकि वह वर्तमान हालात में अपना दायित्व निभाने में नाकाम रही है. याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकार को अमरनाथ यात्रा पर लगाई रोक हटाने के आदेश जारी किए जाने चाहिए. |
आनंद चौथे राउंड में कारूआना से भिड़ेंगे | ज्यूरिख शतरंज चैलेंज के चौथे राउंड में विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद इटली के फैबियानो कारूआना से भिड़ेंगे।टिप्पणियां
चार प्रतिभागियों के बीच छह पहले तीन राउंड के छह मुकाबले ड्रा पर समाप्त हुए हैं, जिससे डबल राउंड रोबिन टूर्नामेंट के फाइनल के लिए मंच सभी के लिए खुला है।
आनंद अन्य प्रतिद्वंद्वियों रूस के व्लादिमीर क्रैमनिक, इस्राइल के बोरिस गेलफैंड और कारूआना के साथ 1.5 अंक लेकर संयुक्त रूप से शीर्ष पर बने हुए हैं। गेलफैंड चौथे राउंड में क्रैमनिक के सामने होंगे।
चार प्रतिभागियों के बीच छह पहले तीन राउंड के छह मुकाबले ड्रा पर समाप्त हुए हैं, जिससे डबल राउंड रोबिन टूर्नामेंट के फाइनल के लिए मंच सभी के लिए खुला है।
आनंद अन्य प्रतिद्वंद्वियों रूस के व्लादिमीर क्रैमनिक, इस्राइल के बोरिस गेलफैंड और कारूआना के साथ 1.5 अंक लेकर संयुक्त रूप से शीर्ष पर बने हुए हैं। गेलफैंड चौथे राउंड में क्रैमनिक के सामने होंगे।
आनंद अन्य प्रतिद्वंद्वियों रूस के व्लादिमीर क्रैमनिक, इस्राइल के बोरिस गेलफैंड और कारूआना के साथ 1.5 अंक लेकर संयुक्त रूप से शीर्ष पर बने हुए हैं। गेलफैंड चौथे राउंड में क्रैमनिक के सामने होंगे। |
Samsung Galaxy A70, Vivo V15 Pro, Honor 20i: 32 मेगापिक्सल वाले सेल्फी कैमरा स्मार्टफोन | सेल्फी के शौकीन लोगों को ध्यान में रखते हुए अब हैंडसेट निर्माता कंपनियां 32 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरे वाले स्मार्टफोन लॉन्च करने लगी हैं। अबतक भारत में 32 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरे वाले तीन स्मार्टफोन लॉन्च किए जा चुके हैं। 24 अप्रैल को भारत में लॉन्च होने वाले आगामी स्मार्टफोन रेडमी वाई3 (Redmi Y3) में भी 32 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा दिए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा अभी हाल ही में हुवावे (Huawei) के सब-ब्रांड हॉनर (Honor) ने चीन में एक नए 32 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा स्मार्टफोन को लॉन्च किया है। हम साफ कर दें कि ये 32 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरे वाले स्मार्टफोन की एक लिस्ट मात्र है, इसमें कहीं भी हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसमें से कौन सा स्मार्टफोन बेहतर है।
सैमसंग गैलेक्सी ए70 को कुछ दिनों पहले ही भारत में लॉन्च किया गया है। फोन इनफिनिटी यू डिस्प्ले और ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप के साथ आता है। अहम खासियतों की बात करें तो Galaxy A70 इन-स्क्रीन फिंगरप्रिंट सेंसर, ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर, 4,500 एमएएच बैटरी और 25 वॉट सुपर-फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी के साथ आता है।
भारत में सैमसंग गैलेक्सी ए70 को 28,990 रुपये में बेचा जाएगा। फोन का एक मात्र वेरिएंट उपलब्ध कराया गया है जो 6 जीबी रैम + 128 जीबी स्टोरेज से लैस है। फोन ब्लैक, ब्लू और व्हाइट रंग में मिलेगा।
Samsung Galaxy A70 के स्पेसिफिकेशन की बात करें तो यह फोन एंड्रॉयड पाई (Android Pie) पर आधारित सैमसंग वन यूआई (Samsung One UI) पर चलता है। डुअल-सिम वाले इस फोन में 6.7 इंच का फुल-एचडी+ (1080x2400 पिक्सल) सुपर एमोलेड इनफिनिटी-यू डिस्प्ले है, इसका आस्पेक्ट रेशियो 20:9 है। स्पीड और मल्टीटास्किंग के लिए ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर के साथ 6 जीबी है।
फोटो, वीडियो और अन्य चीजों को सेव करने के लिए 128 जीबी की स्टोरेज है, माइक्रोएसडी कार्ड की मदद से स्टोरेज को 512 जीबी तक बढ़ाना संभव है। अब बात कैमरा सेटअप की। सैमसंग गैलेक्सी ए70 (Samsung Galaxy A70) में 32 मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर है, इसका अपर्चर एफ/1.7 है, 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड सेंसर है, इसका अपर्चर एफ/ 2.2 है। तीसरा सेंसर 5 मेगापिक्सल का है, इसका अपर्चर एफ/ 2.2 है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 32 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है, जिसका अपर्चर एफ/2.0 है।
Galaxy A70 में जान फूंकने के लिए 4,500 एमएच की बैटरी दी गई है जो 25 वाट सुपर-फास्ट चार्जिंग के साथ आता है। फोन इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर से लैस है। यह फोन फेस रिकग्निशन सपोर्ट के साथ आता है। फोन की लंबाई-चौड़ाई 164.3x76.7x7.9 मिलीमीटर है।
वीवो वी15 को पिछले महीने भारत में लॉन्च किया गया है। Vivo V15 की अहम खासियतों की बात करें तो यह फोन मीडियाटेक हीलियो पी70 प्रोसेसर, 4,000 एमएएच की बैटरी और 32 मेगापिक्सल के पॉप-अप सेल्फी कैमरे के साथ आता है। भारत में Vivo V15 की कीमत 23,990 रुपये है। इस दाम में 6 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज वेरिएंट मिलेगा। Vivo V15 को फ्रोज़न ब्लैक, ग्लैमर रेड रंग में उतारा गया था।
Vivo V15 के स्पेसिफिकेशन की बात करें तो डुअल-सिम (नैनो) वाले इस फोन में 6.53 इंच का फुल-एचडी+ (1080x2340 पिक्सल) इनसेल फुलव्यू डिस्प्ले है, इसका आस्पेक्ट रेशियो 19.5:9 है। स्क्रीन प्रोटेक्शन के लिए कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लॉस 5 का इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा वीवो वी15 एंड्रॉयड 9 पाई पर आधारित फनटच ओएस 9 पर चलता है। स्पीड और मल्टीटास्किंग के लिए हैंडसेट में ऑक्टा-कोर मीडियाटेक हीलियो पी70 प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है। Vivo V15 में 6 जीबी रैम और 64 जीबी की इनबिल्ट स्टोरेज है, माइक्रोएसडी कार्ड की मदद से स्टोरेज को 256 जीबी तक बढ़ाना संभव है।
अब बात कैमरा सेटअप की। Vivo V15 के पिछले हिस्से में तीन रियर कैमरे हैं, 12 मेगापिक्सल (डुअल-पिक्सल) प्राइमरी सेंसर है, जिसका अपर्चर एफ/1.78 है, 8 मेगापिक्सल का सेंसर है जिसका अपर्चर एफ/2.2 है और तीसरा सेंसर 5 मेगापिक्सल का है जिसका अपर्चर एफ/2.4 है। Vivo V15 में 32 मेगापिक्सल का पॉप-अप सेल्फी कैमरा है, जिसका अपर्चर एफ/2.0 है। फोन में जान फूंकने के लिए 4,000 एमएएच की बैटरी दी गई है और फोन के पिछले हिस्से में ग्रेडिएंट बैक पैनल मिलेगा।
एक्सेलेरोमीटर, एंबियंट लाइट सेंसर, डिजिटल कंपास, जायरोस्कोप और प्रॉक्सिमिटी सेंसर फोन का हिस्सा हैं। सिक्योरिटी के लिए फोन के पिछले हिस्से में फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है। कनेक्टिविटी के लिए 4 जी वीओएलटीई, ब्लूटूथ वर्जन 5.0, माइक्रो-यूएसबी (ओटीजी के साथ), जीपीएस/ए-जीपीएस और 3.5 मिलीमीटर हेडफोन जैक है। Vivo V15 की लंबाई-चौड़ाई 161.97x75.93x8.54 मिलीमीटर और वज़न 189.5 ग्राम है।
भारत में वीवो वी15 प्रो को इस साल फरवरी में लॉन्च किया गया था। Vivo V15 Pro की अहम खासियतों की बात करें तो यह फोन 32 मेगापिक्सल के पॉप-अप सेल्फी कैमरे के साथ आता है। वीवो वी15 प्रो हैंडसेट में 19.5:9 आस्पेक्ट रेशियो वाला अल्ट्रा फुलव्यू डिस्प्ले पैनल दिया है। स्मार्टफोन पांचवें जेनरेशन वाले इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर और स्नैपड्रैगन 675 प्रोसेसर से लैस है।
भारत में वीवो वी15 प्रो (Vivo V15 Pro) की कीमत 28,990 रुपये है। यह दाम 6 जीबी रैम/ 128 जीबी स्टोरेज वेरिएंट का है। स्मार्टफोन टोपाज़ ब्लू और रूबी रेड रंग में मिलेगा।
Vivo V15 Pro के स्पेसिफिकेशन की बात करें तो इसकी सबसे अहम खासियत है पॉप अप सेल्फी कैमरा। इस फीचर को पहली बार बीते साल भारत में लॉन्च किए गए Vivo Nex में दिया गया था। पॉप-अप सेल्फी कैमरा पोर्ट्रेट लाइटनिंग इफेक्ट्स और एआई आधारित ब्यूटिफिकेशन के साथ आता है। स्मार्टफोन में पांचवें जेनरेशन वाले इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर का इस्तेमाल हुआ है।
डुअल सिम (नैनो) वीवो वी15 प्रो एंड्रॉयड 9.0 पाई पर आधारित फनटच ओएस 9 पर चलता है। इसमें 6.39 इंच का फुल-एचडी+ (1080x2340 पिक्सल) अल्ट्रा फुलव्यू डिस्प्ले है। यह सुपर एमोलेड पैनल है। हैंडसेट में ऑक्टा-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 675 एआईई प्रोसेसर के साथ 6 जीबी रैम दिए गए हैं।
Vivo V15 Pro में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप है। पिछले हिस्से पर 48 मेगापिक्सल का प्राइमरी क्वाड पिक्सल सेंसर है। यह एफ/1.8 अपर्चर वाला लेंस है। इसके साथ 8 मेगापिक्सल का एआई सुपर वाइड सेंसर और 5 मेगापिक्सल का डेप्थ सेंसर दिया गया है। रियर कैमरे में एआई बॉडी शेपिंग और एआई पोर्ट्रेट लाइटनिंग का इस्तेमाल किया गया है। सेल्फी के लिए 32 मेगापिक्सल का सेंसर है।
Vivo V15 Pro की इनबिल्ट स्टोरेज 128 जीबी है और ज़रूरत पड़ने पर 256 जीबी तक का माइक्रोएसडी कार्ड इस्तेमाल किया जा सकेगा। कनेक्टिविटी फीचर में 4जी वीओएलटीई, वाई-फाई 802.11 ए/बी/जी/एन, ब्लूटूथ 5.0, जीपीएस/ ए-जीपीएस, माइक्रो-यूएसबी पोर्ट और 3.5 एमएम हेडफोन जैक है। स्मार्टफोन में एक्सेलेरोमीटर, एंबियंट लाइट सेंसर, डिजिटल कंपास, जायरोस्कोप और प्रॉक्सिमिटी सेंसर के अलावा इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर है। 3,700 एमएएच की बैटरी है जो डुअल इंजन फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करती है। हैंडसेट का डाइमेंशन 157.25x74.71x8.21 मिलीमीटर है और वज़न 185 ग्राम।
भारत में रेडमी वाई3 को 24 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा। याद रहे कि Xiaomi कई दिनों से सेल्फी के दीवानों के लिए बनी अपनी रेडमी वाई सीरीज़ के हैंडसेट को लॉन्च करने के संबंध में टीज़र ज़ारी करती रही है। ट्विटर पर Xiaomi के खुलासे से यह भी साफ हो गया है कि यह डिवाइस 32 मेगापिक्सल के फ्रंट कैमरे के साथ आएगा। Xiaomi इस फोन के टीज़र के लिए “32MP Super Selfie” टैगलाइन का इस्तेमाल कर रही है।
सेल्फी के दीवानों के लिए बने रेडमी ब्रांड के इस फोन के सारे टीज़र में 32 का इस्तेमाल बार-बार किया गया है जो फोन में 32 मेगापिक्सल सेल्फी सेंसर होने की पुष्टि है। सेंसर की बात करें तो दावा किए जा रहे हैं कि Redmi Y3 में Samsung के 32 मेगापिक्सल ISOCELL Bright GD1 इमेज सेंसर का इस्तेमाल हो सकता है।
Redmi Y3 को छोड़कर ऊपर बताए गए सभी स्मार्टफोन भारत में लॉन्च हो चुके हैं लेकिन हॉनर 20आई को अभी फिलहाल चीन में लॉन्च किया गया है। हॉनर ब्रांड के इस फोन की अहम खासियतों की बात करें तो इसमें तीन रियर कैमरे हैं और फ्रंट पैनल पर वाटरड्रॉप नॉच में 32 मेगापिक्सल के सेल्फी कैमरे को जगह मिली है। Honor 20i में किरिन 710 प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है।
हॉनर 20आई (Honor 20i) के रैम और स्टोरेज पर आधारित चार वेरिएंट मार्केट में उतारे गए हैं। यह ग्रेडिएंट रेड, ग्रेडिएंट ब्लू और मैजिक नाइट ब्लैक रंग में मिलेगा। Honor 20i के 4 जीबी +128 जीबी वेरिएंट का दाम 1,599 चीनी युआन (करीब 16,600 रुपये) है। इसके 6 जीबी +64 जीबी मॉडल को 1,599 चीनी युआन (करीब 16,600 रुपये) में बेचा जाएगा। Honor 20i का 6 जीबी +128 जीबी वेरिएंट 1,899 चीनी युआन (करीब 19,700 रुपये) का है। वहीं, Honor 20i AAPE Edition को ग्राहक 2,199 चीनी युआन (करीब 22,800 रुपये) में खरीद पाएंगे।
Honor 20i के स्पेसिफिकेशन की बात करें तो डुअल-सिम (नैनो) वाला यह फोन एंड्रॉयड पाई आधारित EMUI 9.0.1 पर चलता है। इसमें 6.21 इंच का फुल-एचडी+ (1080x2340 पिक्सल) डिस्प्ले है, 19.5:9 आस्पेक्ट रेशियो के साथ। फोन में टॉप पर वाटरड्रॉप नॉच भी है। नए हॉनर हैंडसेट में ऑक्टा-कोर किरिन 710 प्रोसेसर का इस्तेमाल हुआ है। ग्राफिक्स के लिए माली जी51एमपी4 इंटिग्रेटेड है। यह 8 जीबी तक रैम और 256 जीबी तक की स्टोरेज के साथ आता है। फोन में जीपीयू टर्बो 2.0 फीचर भी है। यानी गेमिंग परफॉर्मेंस बेहतर होने की उम्मीद की जा सकती है।
अब बात कैमरा सेटअप की। Honor 20i में पिछले हिस्से पर तीन कैमरे हैं। यहां एफ/ 1.8 अपर्चर वाला 24 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा, एफ/ 2.4 अपर्चर वाला 8 मेगापिक्सल का सेकेंडरी कैमरा और साथ में 2 मेगापिक्सल का डेप्थ सेंसर है। फ्रंट पैनल पर एचडीआर सपोर्ट वाला एफ/ 2.0 अपर्चर से लैस 32 मेगापिक्सल का सेंसर है।
कनेक्टिविटी फीचर में 4जी एलटीई, वाई-फाई 802.11 ए/बी/जी/एन/एसी और ब्लूटूथ 4.2 शामिल हैं। Honor 20i की बैटरी 3,400 एमएएच की है। लेकिन यह फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट नहीं करती है। फोन का डाइमेंशन 154.8x73.64x7.95 मिलीमीटर है और वज़न 164 ग्राम। |
रवीना टंडन के साथ अमेरिका में बदसलूकी, आयोजकों में से एक ने किए भद्दे कमेंट्स | बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने लॉस एंजिलिस में स्वतंत्रता दिवस से जुड़े एक समारोह में एक व्यक्ति द्वारा उनके साथ बदतमीजी किए जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आयोजकों में से एक नशे की हालत में मंच पर आ गया और उनके साथ बदतमीजी करने लगा।
रवीना ने यह बात ट्विटर के जरिए बताई है। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा, 'लॉस एंजिलिस में स्वतंत्रता दिवस से जुड़े एक उत्सव में शानदार दो दिन बिताने के बाद अंत थोड़ा बुरा रहा। सब ठीक चल रहा था जब तक कि नशे की हालत में एक व्यक्ति मंच पर नहीं चढ़ आया।'
In LA after two glorious days,of spending the Independence Day celebrations- sadly a bad ending.all was going well.Till a drunk got on stage
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) August 16, 2015
'बॉम्बे वेलवेट' में नजर आने वाली 40 वर्षीय इस एक्ट्रेस रवीना ने लिखा है कि उस आदमी ने उनके साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। यह आदमी उन पर फब्तियां कसने लगा। दुख की बात यह है कि यह व्यक्ति जब कमेंट्स कर रहा था, उनकी सुरक्षा के लिए तैनात लोग नीचे थे और उसे पकड़ नहीं सके। वह आयोजकों में से एक था।'
Some chap called Neeraj agnihotri started misbehaving, and padding comments,sadly all security was down Nd couldn't get to him first
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) August 16, 2015was 1of the organisers n was upset dat his kids didn't get to travel in my car with me to the event, which security n protocol didn't allow
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) August 16, 2015Started making nasty remarks till I had to yell out to the others to get some other guys up .. And that's when they took him away! But yes
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) August 16, 2015 उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वह आदमी इस बात से नाराज था कि उसके बच्चों को उनके (रवीना) के साथ कार में इवेंट तक ट्रैवल करने नहीं दिया गया। googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
रवीना ने यह बात ट्विटर के जरिए बताई है। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा, 'लॉस एंजिलिस में स्वतंत्रता दिवस से जुड़े एक उत्सव में शानदार दो दिन बिताने के बाद अंत थोड़ा बुरा रहा। सब ठीक चल रहा था जब तक कि नशे की हालत में एक व्यक्ति मंच पर नहीं चढ़ आया।'
In LA after two glorious days,of spending the Independence Day celebrations- sadly a bad ending.all was going well.Till a drunk got on stage
— Raveena Tandon (@TandonRaveena) August 16, 2015
'बॉम्बे वेलवेट' में नजर आने वाली 40 वर्षीय इस एक्ट्रेस रवीना ने लिखा है कि उस आदमी ने उनके साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी। यह आदमी उन पर फब्तियां कसने लगा। दुख की बात यह है कि यह व्यक्ति जब कमेंट्स कर रहा था, उनकी सुरक्षा के लिए तैनात लोग नीचे थे और उसे पकड़ नहीं सके। वह आयोजकों में से एक था।'
Some chap called Neeraj agnihotri started misbehaving, and padding comments,sadly all security was down Nd couldn't get to him first
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— Raveena Tandon (@TandonRaveena) August 16, 2015 उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वह आदमी इस बात से नाराज था कि उसके बच्चों को उनके (रवीना) के साथ कार में इवेंट तक ट्रैवल करने नहीं दिया गया। googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); });
In LA after two glorious days,of spending the Independence Day celebrations- sadly a bad ending.all was going well.Till a drunk got on stage
Some chap called Neeraj agnihotri started misbehaving, and padding comments,sadly all security was down Nd couldn't get to him first
was 1of the organisers n was upset dat his kids didn't get to travel in my car with me to the event, which security n protocol didn't allow
Started making nasty remarks till I had to yell out to the others to get some other guys up .. And that's when they took him away! But yes |
आरएसएस कोई रिमोट कंट्रोल नहीं, मजबूत भारत चाहता है : मोहन भागवत | आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि संगठन रिमोर्ट कंट्रोल नहीं है तथा उसका लक्ष्य एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण है, जिसके मूल में हिन्दुत्व होना चाहिए.
उन्होंने वड़ोदरा में गुजरात, महाराष्ट्र एवं गोवा के आरएसएस प्रचारकों की चार-दिवसीय बैठक के समापन कार्यक्रम में यह बात कही. उन्होंने कहा, 'संघ का लक्ष्य एक सही नेता के साथ एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसके मूल में हिन्दुत्व हो.' भागवत ने कहा, 'समाज में हिन्दुत्व विचाराधार के आधार पर सही तरह के बदलाव लाने की आवश्यकता है.'
उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज में सही बदलाव लाने का प्रयास करेगा, ताकि एक सही नेता के हाथों से राष्ट्र मजबूत बन सके. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
भाजपा नीत राजग सरकार को निर्देश देने के विपक्षी दलों के आरोपों की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा, 'आरएसएस कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है.' उन्होंने कहा, 'समाज में विभिन्न कारणों से संघ के बारे में कई गलत धारणाएं हैं तथा लोग संघ को तथा उसकी गतिविधियों के मूल को जाने बिना इसके बारे में बात करते रहते हैं.' टिप्पणियां
भागवत ने कहा, 'आरएसएस विश्व एवं भारत के समक्ष उपस्थित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान एवं शांति के लिए है तथा हिन्दुत्व हिन्दुस्तान के मूल में है. यह इसकी पहचान है.' उन्होंने कहा, 'हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है. संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने वड़ोदरा में गुजरात, महाराष्ट्र एवं गोवा के आरएसएस प्रचारकों की चार-दिवसीय बैठक के समापन कार्यक्रम में यह बात कही. उन्होंने कहा, 'संघ का लक्ष्य एक सही नेता के साथ एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसके मूल में हिन्दुत्व हो.' भागवत ने कहा, 'समाज में हिन्दुत्व विचाराधार के आधार पर सही तरह के बदलाव लाने की आवश्यकता है.'
उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज में सही बदलाव लाने का प्रयास करेगा, ताकि एक सही नेता के हाथों से राष्ट्र मजबूत बन सके. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
भाजपा नीत राजग सरकार को निर्देश देने के विपक्षी दलों के आरोपों की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा, 'आरएसएस कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है.' उन्होंने कहा, 'समाज में विभिन्न कारणों से संघ के बारे में कई गलत धारणाएं हैं तथा लोग संघ को तथा उसकी गतिविधियों के मूल को जाने बिना इसके बारे में बात करते रहते हैं.' टिप्पणियां
भागवत ने कहा, 'आरएसएस विश्व एवं भारत के समक्ष उपस्थित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान एवं शांति के लिए है तथा हिन्दुत्व हिन्दुस्तान के मूल में है. यह इसकी पहचान है.' उन्होंने कहा, 'हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है. संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज में सही बदलाव लाने का प्रयास करेगा, ताकि एक सही नेता के हाथों से राष्ट्र मजबूत बन सके. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
भाजपा नीत राजग सरकार को निर्देश देने के विपक्षी दलों के आरोपों की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा, 'आरएसएस कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है.' उन्होंने कहा, 'समाज में विभिन्न कारणों से संघ के बारे में कई गलत धारणाएं हैं तथा लोग संघ को तथा उसकी गतिविधियों के मूल को जाने बिना इसके बारे में बात करते रहते हैं.' टिप्पणियां
भागवत ने कहा, 'आरएसएस विश्व एवं भारत के समक्ष उपस्थित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान एवं शांति के लिए है तथा हिन्दुत्व हिन्दुस्तान के मूल में है. यह इसकी पहचान है.' उन्होंने कहा, 'हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है. संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भाजपा नीत राजग सरकार को निर्देश देने के विपक्षी दलों के आरोपों की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा, 'आरएसएस कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है.' उन्होंने कहा, 'समाज में विभिन्न कारणों से संघ के बारे में कई गलत धारणाएं हैं तथा लोग संघ को तथा उसकी गतिविधियों के मूल को जाने बिना इसके बारे में बात करते रहते हैं.' टिप्पणियां
भागवत ने कहा, 'आरएसएस विश्व एवं भारत के समक्ष उपस्थित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान एवं शांति के लिए है तथा हिन्दुत्व हिन्दुस्तान के मूल में है. यह इसकी पहचान है.' उन्होंने कहा, 'हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है. संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भागवत ने कहा, 'आरएसएस विश्व एवं भारत के समक्ष उपस्थित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान एवं शांति के लिए है तथा हिन्दुत्व हिन्दुस्तान के मूल में है. यह इसकी पहचान है.' उन्होंने कहा, 'हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है. संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता.'(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
Kesari Box Office Collection Day 11: अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी' की धांसू कमाई, अब तक हुआ इतना कलेक्शन | Kesari Box Office Collection Day 11: बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म 'केसरी' (Kesari) बॉक्स ऑफिस पर अभी भी जमकर धमाल मचा रही है. फिल्म ने दूसरे हफ्ते में भी शानदार कलेक्शन करते हुए 125 करोड़ रुपए के करीब पहुंच गए. बॉक्स ऑफिस (Kesari Box Office Collection) पर इस फिल्म के अलावा कोई भी बड़ी फिल्म नहीं है, जिसकी वजह से लोगों में इसकी काफी डिमांड भी है. फिल्म ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श ने इस बात की जानकारी अपने ट्वीटर अकाउंट पर दी है. तरण आदर्श के मुताबिक केसरी (Kesari) को रिलीज हुई नई फिल्मों से ज्यादा दर्शक मिल रहे हैं. खासकर उत्तर भारत में फिल्म अच्छा कलेक्शन कर रही है. दूसरे हफ्ते भी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त पकड़ बनाई रखी है.
बॉक्स ऑफिस इंडिया के मुताबिक केसरी फिल्म का दूसरा वीकेंड काफी शानदार रहा. शनिवार को जहां 6.50 करोड़ का कलेक्शन देखने को मिला तो वहीं रविवार को करीब 6 से 8 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया. ऐसे में टोटल कलेक्शन करीब 125 करोड़ के आस-पास पहुंच रही है. जिस हिसाब से फिल्म (Kesari) प्रदर्शन कर रही है उसके हिसाब से कहा जा सकता है कि यह सिनेमा घरों में तीसरे हफ्ते बरकरार रहेगी और कमाई जारी रखेगी. सबसे खास बात ये है कि केसरी (Kesari) की यह कमाई उस सीजन में हो रही है जब IPL शुरू हो चुका है और बोर्ड एग्जाम के कुछ पेपर्स बचे हुए हैं. फिल्म को न सिर्फ दर्शकों का प्यार मिल रहा है बल्कि समीक्षकों ने भी इसे खासा सराहा है.
अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) की फिल्म 'केसरी' (kesari) देश और विदेशों में कुल 4200 स्क्रीन पर रिलीज हुई थी. अक्षय कुमार ने जबरदस्त एक्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया है. . अक्षय कुमार और परिणीति चोपड़ा की फिल्म 'केसरी' (Kesari) 'सारागढ़ी के युद्ध (Battle of Saragarhi)' पर आधारित है. उनकी फिल्म को साल 2019 की सबसे बड़ी ओपनिंग भी मिली है. अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की 'केसरी' को आलोचकों की खूब वाहवाही भी मिली और क्रिटिक्स से अच्छी रेटिंग भी मिली. 'केसरी' को अनुराग सिंह ने डायरेक्ट किया है और करण जौहर ने इसे प्रोड्यूस किया है. |
कावेरी जल विवाद में कर्नाटक पीड़ित है, विलेन नहीं : सीएम सिद्धरमैया | कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि उनका राज्य कावेरी विवाद में ‘पीड़ित’ है न कि खलनायक, जैसा कि कुछ लोग पेश करने का प्रयास कर रहे हैं .
सिद्धरमैया ने कहा, ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ लोग कह रहे हैं कि कर्नाटक की ओर से तमिलनाडु को पानी नहीं दिया जा रहा है. एक तरह से वे कर्नाटक को खलनायक के रूप में पेश कर रहे हैं लेकिन वास्तव में हमारा राज्य पीड़ित है और उसके साथ अन्याय हुआ है. ’
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर गांधी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में सिद्धरमैया ने कहा कि कावेरी बेसिन में दबाव की स्थिति होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुरूप हमने तमिलनाडु को पर्याप्त पानी जारी किया. उन्होंने कहा कि हालांकि 30 सितंबर के शीर्ष अदालत के निर्देश के कारण राज्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.टिप्पणियां
बहरहाल, इस मामले में राज्य के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगी और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने को चुनौती देगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सिद्धरमैया ने कहा, ‘राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ लोग कह रहे हैं कि कर्नाटक की ओर से तमिलनाडु को पानी नहीं दिया जा रहा है. एक तरह से वे कर्नाटक को खलनायक के रूप में पेश कर रहे हैं लेकिन वास्तव में हमारा राज्य पीड़ित है और उसके साथ अन्याय हुआ है. ’
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर गांधी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में सिद्धरमैया ने कहा कि कावेरी बेसिन में दबाव की स्थिति होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुरूप हमने तमिलनाडु को पर्याप्त पानी जारी किया. उन्होंने कहा कि हालांकि 30 सितंबर के शीर्ष अदालत के निर्देश के कारण राज्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.टिप्पणियां
बहरहाल, इस मामले में राज्य के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगी और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने को चुनौती देगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर गांधी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में सिद्धरमैया ने कहा कि कावेरी बेसिन में दबाव की स्थिति होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुरूप हमने तमिलनाडु को पर्याप्त पानी जारी किया. उन्होंने कहा कि हालांकि 30 सितंबर के शीर्ष अदालत के निर्देश के कारण राज्य को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.टिप्पणियां
बहरहाल, इस मामले में राज्य के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगी और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने को चुनौती देगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बहरहाल, इस मामले में राज्य के विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर करेगी और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने को चुनौती देगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
CAG रिपोर्ट में 50 से ज्यादा मामलों में सामने आई गड़बड़ी, CM केजरीवाल बोले- बख्शा नहीं जाएगा | दिल्ली विधानसभा में कैग रिपोर्ट पेश करने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी नगर निगम की सड़कों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से जुड़ी रिपोर्ट के निष्कर्ष को लेकर बैजल और नौकरशाहों पर हमला किया. विभिन्न खामियों के संबंध में कैग की रिपोर्ट के अंश का हवाला देते हुए केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘जब वह लोगों के घरों तक राशन आपूर्ति को खारिज करते हैं तो यह वही है जिसे उपराज्यपाल बचाने की कोशिश करते हैं. पूरी राशन प्रणाली माफिया की जकड़ में है जिसे राजनीतिक मास्टरों का संरक्षण प्राप्त है.’
उधर, सिसोदिया ने कहा, ‘कैग रिपोर्ट ने हमें इस व्यवस्था की कठोरताओं की पहचान करने में मदद की है. हम कमियों को दूर करेंगे तथा जो लोग जिम्मेदार हैं, चाहे मंत्री हों या अधिकारी, उनके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे.’
उधर, सिसोदिया ने कहा, ‘कैग रिपोर्ट ने हमें इस व्यवस्था की कठोरताओं की पहचान करने में मदद की है. हम कमियों को दूर करेंगे तथा जो लोग जिम्मेदार हैं, चाहे मंत्री हों या अधिकारी, उनके विरुद्ध कार्रवाई करेंगे.’ |
संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के खिलाफ वोट कर सकता है भारत, चीन करेगा समर्थन | संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत श्रीलंका के खिलाफ वोट कर सकता है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने यूएनएचआरसी प्रस्ताव के खिलाफ श्रीलंका का विरोध करने का संकेत दिया है।
नई दिल्ली इस बात से सहमत है कि द्वीप के उत्तर पूर्वी हिस्से में विस्थापितों के पुनर्वास का काम कुछ हद तक हुआ है, लेकिन श्रीलंका राष्ट्रीय सामंजस्य के मामले में गंभीर नहीं दिख रहा है।
इधर, नव निर्वाचित चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने श्रीलंका के प्रति अपने समर्थन की पेशकश करते हुए संयुक्त राष्ट्र मावाधिकार परिषद में देश के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव की मुखालफत का संकेत दिया।टिप्पणियां
शी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे से फोन पर कहा कि श्रीलंका की राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा का चीन समर्थन करता है और आगे भी सहयोग बरकरार रखेगा।
चीन ने श्रीलंका का पिछले साल भी समर्थन किया था, जब देश में तीन दशक के लंबे गृहयुद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका इसी तरह का प्रस्ताव लाया था।
नई दिल्ली इस बात से सहमत है कि द्वीप के उत्तर पूर्वी हिस्से में विस्थापितों के पुनर्वास का काम कुछ हद तक हुआ है, लेकिन श्रीलंका राष्ट्रीय सामंजस्य के मामले में गंभीर नहीं दिख रहा है।
इधर, नव निर्वाचित चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने श्रीलंका के प्रति अपने समर्थन की पेशकश करते हुए संयुक्त राष्ट्र मावाधिकार परिषद में देश के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव की मुखालफत का संकेत दिया।टिप्पणियां
शी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे से फोन पर कहा कि श्रीलंका की राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा का चीन समर्थन करता है और आगे भी सहयोग बरकरार रखेगा।
चीन ने श्रीलंका का पिछले साल भी समर्थन किया था, जब देश में तीन दशक के लंबे गृहयुद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका इसी तरह का प्रस्ताव लाया था।
इधर, नव निर्वाचित चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने श्रीलंका के प्रति अपने समर्थन की पेशकश करते हुए संयुक्त राष्ट्र मावाधिकार परिषद में देश के खिलाफ अमेरिका समर्थित प्रस्ताव की मुखालफत का संकेत दिया।टिप्पणियां
शी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे से फोन पर कहा कि श्रीलंका की राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा का चीन समर्थन करता है और आगे भी सहयोग बरकरार रखेगा।
चीन ने श्रीलंका का पिछले साल भी समर्थन किया था, जब देश में तीन दशक के लंबे गृहयुद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका इसी तरह का प्रस्ताव लाया था।
शी ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे से फोन पर कहा कि श्रीलंका की राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा का चीन समर्थन करता है और आगे भी सहयोग बरकरार रखेगा।
चीन ने श्रीलंका का पिछले साल भी समर्थन किया था, जब देश में तीन दशक के लंबे गृहयुद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका इसी तरह का प्रस्ताव लाया था।
चीन ने श्रीलंका का पिछले साल भी समर्थन किया था, जब देश में तीन दशक के लंबे गृहयुद्ध के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका इसी तरह का प्रस्ताव लाया था। |
कैश फॉर वोट : तीन आरोपियों की जमानत रद्द | कैश फॉर वोट मामले में जेल में बंद तीन आरोपियों की जमानत तीस हजारी कोर्ट ने रद्द कर दी है। कोर्ट ने सुधींद्र कुलकर्णी, महावीर सिंह भगोरा और फग्गन सिंह कुलस्ते की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने इन तीनों को कैश फॉर वोट केस में अहम भूमिका निभाने का आरोपी बनाया है। कैश फॉर वोट मामले में सुधींद्र कुलकर्णी को 27 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था जबकि कुलस्ते और भगोरे 6 सितंबर को गिरफ्तार हुए थे ये केस 2008 का है जब बीजेपी के तीन सांसद संसद में नोट से भरे बैग लेकर पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें ये पैसा सरकार बचाने के लिए दिया गया है। |
नोबेल विजेता मलाला ने पहनी जीन्स, लोग कह रहे- 'अगली मिया खलीफा' | A nation that doesn’t have enough electricity, food or water resources but it debates about what a woman should and shouldn’t wear. #Malala
Malala wears basic Western attire & moral police come out. Let a girl breatheee. How many tell a guy to stick to cultural wear? Btw its Fall pic.twitter.com/TpqPqnWHNx |
यूडीआरएस मेरी समझ से परे है : युवराज | अपने हरफनमौला खेल से आयरलैंड के खिलाफ विश्व कप में शानदार जीत दिलाने वाले भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह का कहना है कि मैदान पर किसी फैसले को तीसरे अंपायर के पास स्थानांतरित करने की व्यवस्था (यूडीआरएस) भ्रामक है। मैच के बाद बाएं हाथ के इस धुरंधर बल्लेबाज ने कहा, यह असमंजस में डालने वाला है। मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं जानता और मुझे यह पूरा समझ में भी नहीं आता। युवराज ने मैच में न सिर्फ पांच आयरिश बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई, बल्कि 50 रनों की नाबाद पारी भी खेली। उन्हें मैन ऑद मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। अपने खेल के बारे में युवराज ने कहा, इस बात से बहुत खुश हूं कि मैं टीम को जीत दिलाने तक मैदान पर डंटा रहा। इससे मेरा हौसला बढ़ा है। मैच के अंत तक खेलना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। |
अपना विवाह बचाना चाहते हैं आर्नोल्ड 'टर्मिनेटर' श्वार्ज़नेगर | ऑस्ट्रियाई मूल के हॉलीवुड अभिनेता तथा अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के गवर्नर रह चुके आर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर अपनी पत्नी मारिया श्राइवर के साथ अपने विवाह को बचाना चाहते हैं।
उन्होंने श्राइवर के सामने स्वीकार किया था कि वह उनकी घरेलू नौकरानी के बच्चे के पिता हैं, और इसके बाद श्राइवर ने अपने 25 साल पुराने विवाह को समाप्त करने के लिए तलाक के कागज़ात अदालत में दाखिल किए थे।टिप्पणियां
वेबसाइट डेलीमेल.को.यूके के मुताबिक मुकदमे की कार्यवाही जारी है और श्वार्ज़नेगर को अब भी अपना विवाह बचा लेने की उम्मीद है। उन्होंने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि वह अब भी श्राइवर से प्यार करते हैं।
श्वार्ज़नेगर ने अपनी किताब 'टोटल रीकॉल' में लिखा है, "तलाक का मामला आगे बढ़ रहा है, लेकिन मुझे अब भी उम्मीद है कि श्राइवर और मैं दोबारा पति-पत्नी के रूप में व अपने बच्चों के साथ एक परिवार की तरह रहेंगे।"
उन्होंने श्राइवर के सामने स्वीकार किया था कि वह उनकी घरेलू नौकरानी के बच्चे के पिता हैं, और इसके बाद श्राइवर ने अपने 25 साल पुराने विवाह को समाप्त करने के लिए तलाक के कागज़ात अदालत में दाखिल किए थे।टिप्पणियां
वेबसाइट डेलीमेल.को.यूके के मुताबिक मुकदमे की कार्यवाही जारी है और श्वार्ज़नेगर को अब भी अपना विवाह बचा लेने की उम्मीद है। उन्होंने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि वह अब भी श्राइवर से प्यार करते हैं।
श्वार्ज़नेगर ने अपनी किताब 'टोटल रीकॉल' में लिखा है, "तलाक का मामला आगे बढ़ रहा है, लेकिन मुझे अब भी उम्मीद है कि श्राइवर और मैं दोबारा पति-पत्नी के रूप में व अपने बच्चों के साथ एक परिवार की तरह रहेंगे।"
वेबसाइट डेलीमेल.को.यूके के मुताबिक मुकदमे की कार्यवाही जारी है और श्वार्ज़नेगर को अब भी अपना विवाह बचा लेने की उम्मीद है। उन्होंने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा कि वह अब भी श्राइवर से प्यार करते हैं।
श्वार्ज़नेगर ने अपनी किताब 'टोटल रीकॉल' में लिखा है, "तलाक का मामला आगे बढ़ रहा है, लेकिन मुझे अब भी उम्मीद है कि श्राइवर और मैं दोबारा पति-पत्नी के रूप में व अपने बच्चों के साथ एक परिवार की तरह रहेंगे।"
श्वार्ज़नेगर ने अपनी किताब 'टोटल रीकॉल' में लिखा है, "तलाक का मामला आगे बढ़ रहा है, लेकिन मुझे अब भी उम्मीद है कि श्राइवर और मैं दोबारा पति-पत्नी के रूप में व अपने बच्चों के साथ एक परिवार की तरह रहेंगे।" |
बांग्लादेश : राष्ट्रपति प्रणब के होटल के बाहर हुआ धमाका | ढाका के सोनारगांव पैनपैसिफिक होटल के बाहर आज कम तीव्रता का एक देसी बम फेंका गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इसी होटल में ठहरे हैं।
तेजगांव पुलिस थाने के प्रभारी अपूर्व हसन ने कहा कि दोपहर करीब दो बजे हुए इस विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि दो लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्होंने होटल से करीब 50 गज की दूरी पर स्थित दक्षेस फाउंडेशन के पास टोपी में ढका एक बम फेंका।
उन्होंने कहा कि दोनों लोग फरार होने में कामयाब रहे और इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। घटना के बाद होटल के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर आए राष्ट्रपति होटल के अंदर थे या नहीं।
इस घटना से एक दिन पहले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने 1971 युद्ध अपराध के मामलों में उसके तीन शीर्ष नेताओं को सजा के खिलाफ 48 घंटे की हड़ताल आहूत की थी।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
तेजगांव पुलिस थाने के प्रभारी अपूर्व हसन ने कहा कि दोपहर करीब दो बजे हुए इस विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि दो लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्होंने होटल से करीब 50 गज की दूरी पर स्थित दक्षेस फाउंडेशन के पास टोपी में ढका एक बम फेंका।
उन्होंने कहा कि दोनों लोग फरार होने में कामयाब रहे और इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। घटना के बाद होटल के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर आए राष्ट्रपति होटल के अंदर थे या नहीं।
इस घटना से एक दिन पहले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने 1971 युद्ध अपराध के मामलों में उसके तीन शीर्ष नेताओं को सजा के खिलाफ 48 घंटे की हड़ताल आहूत की थी।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि दो लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्होंने होटल से करीब 50 गज की दूरी पर स्थित दक्षेस फाउंडेशन के पास टोपी में ढका एक बम फेंका।
उन्होंने कहा कि दोनों लोग फरार होने में कामयाब रहे और इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। घटना के बाद होटल के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर आए राष्ट्रपति होटल के अंदर थे या नहीं।
इस घटना से एक दिन पहले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने 1971 युद्ध अपराध के मामलों में उसके तीन शीर्ष नेताओं को सजा के खिलाफ 48 घंटे की हड़ताल आहूत की थी।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि दोनों लोग फरार होने में कामयाब रहे और इस संबंध में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। घटना के बाद होटल के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर आए राष्ट्रपति होटल के अंदर थे या नहीं।
इस घटना से एक दिन पहले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने 1971 युद्ध अपराध के मामलों में उसके तीन शीर्ष नेताओं को सजा के खिलाफ 48 घंटे की हड़ताल आहूत की थी।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश के तीन दिवसीय राजकीय दौरे पर आए राष्ट्रपति होटल के अंदर थे या नहीं।
इस घटना से एक दिन पहले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने 1971 युद्ध अपराध के मामलों में उसके तीन शीर्ष नेताओं को सजा के खिलाफ 48 घंटे की हड़ताल आहूत की थी।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
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बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
इस घटना से एक दिन पहले कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने 1971 युद्ध अपराध के मामलों में उसके तीन शीर्ष नेताओं को सजा के खिलाफ 48 घंटे की हड़ताल आहूत की थी।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
इस बीच, राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश के अधिकारियों ने सूचित किया है कि वहां एक देसी विस्फोटक पाया गया और वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने किसी विस्फोट की आवाज नहीं सुनी और न ही किसी को इस तरह की घटना के बारे में पता है।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
इसमें कहा गया कि भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का नजरिया है कि यह छोटा धमाका था। हड़ताल के दौरान इस तरह के सामान्य विस्फोटक का धमाका बांग्लादेश में आम बात है और इसे बम नहीं कहा जा सकता।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
बयान में कहा गया कि ढाका में जिस होटल में राष्ट्रपति ठहरे हैं उस होटल में और इसके आसपास जिंदगी पूरी तरह से सामान्य है।टिप्पणियां
राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
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राष्ट्रपति ने सुबह ढाका विश्वविद्यालय में खुले पंडाल में 10 हजार छात्रों को संबोधित किया।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उन्हें डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
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15 चुनाव हारने के बाद इस बुजुर्ग 'अब्राहम लिंकन' ने केरल में कराई BJP की एंट्री | केरल से बीजेपी के अब तक के पहले विधायक ओ. राजगोपाल हैं। उन्होंने 15 बार मिली हार के बाद 86 वर्ष की उम्र में यहां अपना पहला चुनाव जीता है। पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव लड़ रहे राजगोपाल अपने समर्थकों के बीच 'राजेतन' के नाम से जाने जाते हैं।
राजगोपाल ने NDTV से चर्चा में बताया, 'यह पहली बार नहीं है। अब्राहम लिंकन ने कई चुनाव महज हारने के लिए लड़े और आखिरकार वे अमेरिका के राष्ट्रपति बने। हम ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि हमारे सामने एक लक्ष्य है।' उन्हें इस बार जीत कुछ आसानी से मिली। बकौल राजगोपाल, 'मैं थक गया हूं और चुनाव लड़ने की 'आदत' को छोड़ना चाहता था लेकिन मेरी पार्टी में मुझे चुनाव लड़ना जारी रखने को कहा।'
वर्ष 2014 के आम चुनाव में राजगोपाल ने कांग्रेस प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री रह चुके शशि थरूर को कड़ी टक्कर दी थी। इस चुनाव में हारने के बावजूद आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और माकपा के कद्दावर प्रत्याशी और पूर्व विधायक वी. सिवनकुट्टी को शिकस्त देते हुए वे विधानसभा में जगह बनाने में सफल हो गए। टिप्पणियां
जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े राजगोपाल राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। वे अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री भी थे। लंबे सियासी करियर में में उनकी हाल की कामयाबी बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी जीत के फलस्वरूप बीजेपी 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा में 'एंट्री' करने में सफल रही। केरल में आम तौर पर वाम दलों और कांग्रेस का प्रभुत्व रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-माकपा हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है।राजगोपाल कहते हैं, 'मैं सीएम पद के लिए नामित पी. विजयन से भी मिलने गया था। राजनीतिक हिंसा सत्तारूढ़ पार्टी के लिए भी चिंता का विषय है और हमें मिलकर राज्य में शांति बनी रहने के लिए काम करना चाहिए।'
राजगोपाल की इस जीत के बावजूद विपक्षी उन्हें इस जीत का पूरा श्रेय देना नहीं चाहते। कांग्रेस के विधायक केसी जोसेफ कहते हैं, 'बीजेपी और माकपा मिले हुए हैं। जहां बीजेपी जीती है, माकपा का वोट शेयर भी उसके खाते में गया है।' माकपा महासचिव सीताराम केसरी ने कहा, 'बीजेपी ने पीएम और अपने अध्यक्ष की अगुवाई में सांप्रदायिक प्रचार अभियान चलाया और एक सीट के साथ केरल विधानसभा में प्रवेश करने में किसी तरह कामयाब हो गई।'
राजगोपाल ने NDTV से चर्चा में बताया, 'यह पहली बार नहीं है। अब्राहम लिंकन ने कई चुनाव महज हारने के लिए लड़े और आखिरकार वे अमेरिका के राष्ट्रपति बने। हम ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि हमारे सामने एक लक्ष्य है।' उन्हें इस बार जीत कुछ आसानी से मिली। बकौल राजगोपाल, 'मैं थक गया हूं और चुनाव लड़ने की 'आदत' को छोड़ना चाहता था लेकिन मेरी पार्टी में मुझे चुनाव लड़ना जारी रखने को कहा।'
वर्ष 2014 के आम चुनाव में राजगोपाल ने कांग्रेस प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री रह चुके शशि थरूर को कड़ी टक्कर दी थी। इस चुनाव में हारने के बावजूद आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और माकपा के कद्दावर प्रत्याशी और पूर्व विधायक वी. सिवनकुट्टी को शिकस्त देते हुए वे विधानसभा में जगह बनाने में सफल हो गए। टिप्पणियां
जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े राजगोपाल राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। वे अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री भी थे। लंबे सियासी करियर में में उनकी हाल की कामयाबी बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी जीत के फलस्वरूप बीजेपी 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा में 'एंट्री' करने में सफल रही। केरल में आम तौर पर वाम दलों और कांग्रेस का प्रभुत्व रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-माकपा हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है।राजगोपाल कहते हैं, 'मैं सीएम पद के लिए नामित पी. विजयन से भी मिलने गया था। राजनीतिक हिंसा सत्तारूढ़ पार्टी के लिए भी चिंता का विषय है और हमें मिलकर राज्य में शांति बनी रहने के लिए काम करना चाहिए।'
राजगोपाल की इस जीत के बावजूद विपक्षी उन्हें इस जीत का पूरा श्रेय देना नहीं चाहते। कांग्रेस के विधायक केसी जोसेफ कहते हैं, 'बीजेपी और माकपा मिले हुए हैं। जहां बीजेपी जीती है, माकपा का वोट शेयर भी उसके खाते में गया है।' माकपा महासचिव सीताराम केसरी ने कहा, 'बीजेपी ने पीएम और अपने अध्यक्ष की अगुवाई में सांप्रदायिक प्रचार अभियान चलाया और एक सीट के साथ केरल विधानसभा में प्रवेश करने में किसी तरह कामयाब हो गई।'
वर्ष 2014 के आम चुनाव में राजगोपाल ने कांग्रेस प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री रह चुके शशि थरूर को कड़ी टक्कर दी थी। इस चुनाव में हारने के बावजूद आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और माकपा के कद्दावर प्रत्याशी और पूर्व विधायक वी. सिवनकुट्टी को शिकस्त देते हुए वे विधानसभा में जगह बनाने में सफल हो गए। टिप्पणियां
जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े राजगोपाल राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। वे अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री भी थे। लंबे सियासी करियर में में उनकी हाल की कामयाबी बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी जीत के फलस्वरूप बीजेपी 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा में 'एंट्री' करने में सफल रही। केरल में आम तौर पर वाम दलों और कांग्रेस का प्रभुत्व रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-माकपा हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है।राजगोपाल कहते हैं, 'मैं सीएम पद के लिए नामित पी. विजयन से भी मिलने गया था। राजनीतिक हिंसा सत्तारूढ़ पार्टी के लिए भी चिंता का विषय है और हमें मिलकर राज्य में शांति बनी रहने के लिए काम करना चाहिए।'
राजगोपाल की इस जीत के बावजूद विपक्षी उन्हें इस जीत का पूरा श्रेय देना नहीं चाहते। कांग्रेस के विधायक केसी जोसेफ कहते हैं, 'बीजेपी और माकपा मिले हुए हैं। जहां बीजेपी जीती है, माकपा का वोट शेयर भी उसके खाते में गया है।' माकपा महासचिव सीताराम केसरी ने कहा, 'बीजेपी ने पीएम और अपने अध्यक्ष की अगुवाई में सांप्रदायिक प्रचार अभियान चलाया और एक सीट के साथ केरल विधानसभा में प्रवेश करने में किसी तरह कामयाब हो गई।'
जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े राजगोपाल राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। वे अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री भी थे। लंबे सियासी करियर में में उनकी हाल की कामयाबी बेहद महत्वपूर्ण है। उनकी जीत के फलस्वरूप बीजेपी 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा में 'एंट्री' करने में सफल रही। केरल में आम तौर पर वाम दलों और कांग्रेस का प्रभुत्व रहा है। विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में बीजेपी-माकपा हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है।राजगोपाल कहते हैं, 'मैं सीएम पद के लिए नामित पी. विजयन से भी मिलने गया था। राजनीतिक हिंसा सत्तारूढ़ पार्टी के लिए भी चिंता का विषय है और हमें मिलकर राज्य में शांति बनी रहने के लिए काम करना चाहिए।'
राजगोपाल की इस जीत के बावजूद विपक्षी उन्हें इस जीत का पूरा श्रेय देना नहीं चाहते। कांग्रेस के विधायक केसी जोसेफ कहते हैं, 'बीजेपी और माकपा मिले हुए हैं। जहां बीजेपी जीती है, माकपा का वोट शेयर भी उसके खाते में गया है।' माकपा महासचिव सीताराम केसरी ने कहा, 'बीजेपी ने पीएम और अपने अध्यक्ष की अगुवाई में सांप्रदायिक प्रचार अभियान चलाया और एक सीट के साथ केरल विधानसभा में प्रवेश करने में किसी तरह कामयाब हो गई।'
राजगोपाल की इस जीत के बावजूद विपक्षी उन्हें इस जीत का पूरा श्रेय देना नहीं चाहते। कांग्रेस के विधायक केसी जोसेफ कहते हैं, 'बीजेपी और माकपा मिले हुए हैं। जहां बीजेपी जीती है, माकपा का वोट शेयर भी उसके खाते में गया है।' माकपा महासचिव सीताराम केसरी ने कहा, 'बीजेपी ने पीएम और अपने अध्यक्ष की अगुवाई में सांप्रदायिक प्रचार अभियान चलाया और एक सीट के साथ केरल विधानसभा में प्रवेश करने में किसी तरह कामयाब हो गई।' |
बिहार के बाहर NDA से अलग चुनाव लड़ने के नीतीश कुमार के ऐलान पर ममता बनर्जी का ऐसा आया Reaction | West Bengal CM Mamata Banerjee: I have come across a statement from Nitish Ji that he won't form alliance with NDA outside Bihar. I would like to congratulate him. Thank you to him. pic.twitter.com/lYpThkAnSW
पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर रविवार को आयोजित जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जद (यू) का विस्तार करने और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी का दर्जा पाने का निर्णय लिया गया है. जेडीयू के महासचिव पवन वर्मा और संजय झा ने कहा था कि उनकी पार्टी बिहार के बाहर राजग का हिस्सा नहीं है. हम चार राज्यों (झारखंड, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू कश्मीर) में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. हम जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं.
जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने कहा कि मीडिया में चल रही हम दोनों पार्टियों के बीच की गलतफहमियों की खबर को सिरे से खारिज करते हैं. इस सरकार को हमारा बाहर से समर्थन जारी रहेगा. नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 171 सभाएं की. हमारा गठबंधन मजबूत है और जारी रहेगा. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हमसे कहा था कि हमारा बहुमत है, लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं कि सबको बराबर मौका दिया जाए. उन्होंने कहा कि शपथ समारोह के दिन भी अमित शाह ने फोन किया था. हमने किसी का नाम नहीं दिया था. लोगों के नामों से चलने वाली चर्चाएं गलत हैं.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish kumar) ने इससे पहले कहा था कि जेडीयू के किसी भी नेता को केंद्र (PM Modi) में मंत्रिमंडल न देने का मुद्दा अब खत्म हो गया है. उन्होंने (Nitish Kumar) कहा कि केंद्र (PM Modi) में बीजेपी की अपनी बहुमत की सरकार है और सरकार चलाने के लिए उनको किसी सहयोगी दल की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर भविष्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र और बिहार सरकार साथ मिलकर काम कर रही है. बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जेडीयू-बीजेपी साथ मिलकर लड़ेगी. इस पर कोई सवाल खड़ा करना गलत होगा.
नीतीश कुमार पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर आपकी राय है तो उन्होंने कहा कि जो सांकेतिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एक मंत्री शामिल किए जाने का ऑफ़र दिया गया था उसका कोई मतलब नहीं था. उसकी कोई आवश्यकता नहीं है . नीतीश ने कहा कि जो होना होता है वो प्रारंभ में होता है. उन्होंने कहा कि सरकार चलाने का जनादेश ख़ुद जनता ने उनको दिया है, तो उसमें सहयोगी दलों की क्या ज़रूरत है. |
मराठा आंदोलन के समर्थन में महाराष्ट्र बीजेपी, मुख्यमंत्री फडणवीस ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई | गौरतलब है कि बुधवार को नवी मुंबई में हुए मराठा आन्दोलन के दौरान हिंसक प्रदर्शन में 3 शख्स घायल हो गए थे. उसमें से एक की गुरुवार को जेजे अस्पताल में इलाज दौरान हो मौत हो गई. मृतक का नाम रोहन तोड़कर (21) है. देर रात जेजे हॉस्पिटल में रोहन के शव का पोस्टमार्टम कर शव को परिवार वालो को सौप दिया गया. मृतक नवी मुम्बई के कोपरखैरने का रहने वाला था. रात में एतिहातन अस्पताल की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी. |
'असत्य के सौदागर' हैं राहुल गांधी : भाजपा नेता निर्मला सीतारमन | राहुल गांधी को 'असत्य का सौदागर' बताते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि गुजरात की भूमि अधिग्रहण नीति के बारे में उनके कथित झूठ का खुलासा उनकी पार्टी की सरकार से ही हो गया है और अब उन्हें 'झूठ की इस सौदागरी' के लिए माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मोदी के बारे में 'मौत का सौदागर' वाली टिप्पणी के उल्लेख में भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज राहुल गांधी 'असत्य का सौदागर' बन गए हैं।
औद्योगिक संवर्धन एवं नीति विभाग की ओर से तैयार इस रिपोर्ट का जिक्र करते हुए निर्मला ने कहा कि हर रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने 'टॉफी मॉडल' की बात करते हुए कहा कि एक रुपये में टॉफी मिल जाती है, लेकिन गुजरात में आपको एक रुपये में भूमि मिल जाएगी जबकि रिपोर्ट में गुजरात के मॉडल की सराहना करते हुए इसके भूमि अधिग्रहण मॉडल को अनुकरणीय बताया गया है।
उन्होंने कहा, 'अब राहुल गांधी कहां हैं? अब वह कहां हैं? उनकी खुद की सरकार ने आज कहा कि गुजरात की भूमि अधिग्रहण नीति अनुकरणीय है, मंच से आप पूरी दुनिया को कुछ बता रहे थे, जिसकी पुष्टि आपकी खुद की सरकार नहीं करती।'
निर्मला ने कहा, 'आप (राहुल) अपने चुनाव प्रचार के हिस्से के रूप में मंच से असत्य बोलते रहे... उनके भाषण लेखकों ने उन्हें इस बारे में नहीं बताया।'
निर्मला ने कहा कि कांग्रेस को इस तरह का असत्य बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उसने जनता को गुमराह किया है। नरेंद्र मोदी और भाजपा के प्रति दुष्प्रचार पर आपत्ति करते हुए निर्मला ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री से इस संबंध में जवाब मांगा।
उन्होंने कहा, 'चाहे कुपोषण हो या मुठभेड़, गुजरात को हमेशा निशाना बनाया गया। मोदी और गुजरात से जुड़ी कोई भी बात हो, उसे लेकर असत्य बोला जाता है।'
निर्मला ने कहा कि हम इस पर आपत्ति करते हैं और इसे गंभीरता से लेते हैं। मंत्री आनंद शर्मा को इस बारे में जवाब देना चाहिए।
'नीच स्तर' की राजनीति की प्रियंका गांधी की टिप्पणी के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए निर्मला ने राहुल से सवाल किया कि क्या गुजरात के विकास मॉडल के बारे में नीच सोच है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इरादा मोदी को किसी भी कीमत पर रोकना है। लेकिन ऐसा करते हुए उसी का दिन-ब-दिन पर्दाफाश होता जा रहा है। |
सीरिया के एलेप्पो शहर पर हवाई हमलों में 37 लोगों की मौत | सीरिया में विद्रोहियों का गढ़ माने जाने वाले एलेप्पो पर असद समर्थक सेना के हवाई हमलों में 16 बच्चों सहित कम से कम 37 लोग मारे गए हैं।
ब्रिटेन स्थित सीरियाई मानवाधिकार संस्था ने कहा कि पूर्वी एलेप्पो के शखुर, अर्द अल हमरा, हैदरिया जिले पर हुए हवाई हमलों में कम से कम 37 लोग मारे गए हैं, जिनमें 16 बच्चे भी शामिल हैं।
विद्रोहियों के कब्जे वाले हिस्सों पर हेलीकॉप्टरों से कई हमले किए गए। संस्था के निदेशक रामी अब्दुररहमान ने कहा कि सीरियाई वायुसेना के विमान भी इन जिलों के ऊपर उड़ान भर रहे हैं।
एक समय, सीरिया की आर्थिक राजधानी रहे एलेप्पो पर पिछले वर्ष जुलाई में विद्रोहियों के हमले के बाद से यह शहर भारी तबाही से गुजरा है। |
मध्य प्रदेश : नर्स से छेड़छाड़ के आरोप में 58 वर्षीय डॉक्टर गिरफ्तार | उन्होंने बताया कि पुलिस ने गुप्ता को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी गौरव प्रज्ञानन की अदालत में पेश किया. वहां से आरोपी को 25,000 रुपये की जमानत पर रिहा किया गया है. भेल के जनसम्पर्क अधिकारी विनोदानंद झा ने कहा, 'यह मामला अदालत में विचाराधीन है. इसलिये वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगें.'(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
भारत में इंग्लिश प्रीमियर लीग का प्रचार करेंगे धोनी | भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आगामी बार्कलेज इंग्लिश प्रीमियर लीग का भारत में ब्रांड एम्बैसेडर बनाया गया है, लिहाजा वह अब स्टार स्पोर्ट्स पर अपने दूसरे प्यार फुटबॉल का प्रचार करते दिखेंगे।
चैनल ने एक विज्ञप्ति में कहा, फुटबॉल के शौकीन और मैनचेस्टर युनाइटेड के प्रशंसक धोनी सभी खेलप्रेमियों को अगले सप्ताह शुरू हो रहे एक मार्केटिंग अभियान 'ज्वाइन द गेम' में भाग लेने का न्योता देंगे।टिप्पणियां
विज्ञापन में दिखाया गया है कि कैसे धोनी हर सप्ताहांत पर टीवी सेट के आगे नजरें गड़ाए बैठे रहते हैं, जबकि उनका परिवार और दोस्त उन्हें तलाशता रहता है। धोनी ने कहा, मैं बीपीएल का जबर्दस्त प्रशंसक हूं और मैंने कैमरे के सामने अपनी असल स्थिति ही पेश की है। यदि मैं क्रिकेट नहीं खेल रहा होता हूं, तो हमेशा सप्ताह के आखिर में बीपीएल देखता हूं। फुटबॉल बहुत रोमांचक खेल है और मेरे दिल के करीब है। मैं अपने स्कूली दिनों में गोलकीपर था और आज भी अहम क्रिकेट मैचों से पहले अभ्यास के तौर पर फुटबॉल खेलता हूं।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय खेलप्रेमियों को हर खेल देखना चाहिए। क्रिकेट के प्रति अपना जुनून बरकरार रखते हुए दूसरे खेलों का भी सम्मान करें। इससे पहले चैनल ने पहली बार बीपीएल की कमेंट्री हिन्दी में कराने का ऐलान किया था।
चैनल ने एक विज्ञप्ति में कहा, फुटबॉल के शौकीन और मैनचेस्टर युनाइटेड के प्रशंसक धोनी सभी खेलप्रेमियों को अगले सप्ताह शुरू हो रहे एक मार्केटिंग अभियान 'ज्वाइन द गेम' में भाग लेने का न्योता देंगे।टिप्पणियां
विज्ञापन में दिखाया गया है कि कैसे धोनी हर सप्ताहांत पर टीवी सेट के आगे नजरें गड़ाए बैठे रहते हैं, जबकि उनका परिवार और दोस्त उन्हें तलाशता रहता है। धोनी ने कहा, मैं बीपीएल का जबर्दस्त प्रशंसक हूं और मैंने कैमरे के सामने अपनी असल स्थिति ही पेश की है। यदि मैं क्रिकेट नहीं खेल रहा होता हूं, तो हमेशा सप्ताह के आखिर में बीपीएल देखता हूं। फुटबॉल बहुत रोमांचक खेल है और मेरे दिल के करीब है। मैं अपने स्कूली दिनों में गोलकीपर था और आज भी अहम क्रिकेट मैचों से पहले अभ्यास के तौर पर फुटबॉल खेलता हूं।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय खेलप्रेमियों को हर खेल देखना चाहिए। क्रिकेट के प्रति अपना जुनून बरकरार रखते हुए दूसरे खेलों का भी सम्मान करें। इससे पहले चैनल ने पहली बार बीपीएल की कमेंट्री हिन्दी में कराने का ऐलान किया था।
विज्ञापन में दिखाया गया है कि कैसे धोनी हर सप्ताहांत पर टीवी सेट के आगे नजरें गड़ाए बैठे रहते हैं, जबकि उनका परिवार और दोस्त उन्हें तलाशता रहता है। धोनी ने कहा, मैं बीपीएल का जबर्दस्त प्रशंसक हूं और मैंने कैमरे के सामने अपनी असल स्थिति ही पेश की है। यदि मैं क्रिकेट नहीं खेल रहा होता हूं, तो हमेशा सप्ताह के आखिर में बीपीएल देखता हूं। फुटबॉल बहुत रोमांचक खेल है और मेरे दिल के करीब है। मैं अपने स्कूली दिनों में गोलकीपर था और आज भी अहम क्रिकेट मैचों से पहले अभ्यास के तौर पर फुटबॉल खेलता हूं।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय खेलप्रेमियों को हर खेल देखना चाहिए। क्रिकेट के प्रति अपना जुनून बरकरार रखते हुए दूसरे खेलों का भी सम्मान करें। इससे पहले चैनल ने पहली बार बीपीएल की कमेंट्री हिन्दी में कराने का ऐलान किया था।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारतीय खेलप्रेमियों को हर खेल देखना चाहिए। क्रिकेट के प्रति अपना जुनून बरकरार रखते हुए दूसरे खेलों का भी सम्मान करें। इससे पहले चैनल ने पहली बार बीपीएल की कमेंट्री हिन्दी में कराने का ऐलान किया था। |
जैकलीन फर्नांडिस ने कुछ इस अंदाज में की ऑटो की सवारी, Photo हुईं वायरल | जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं. इन तस्वीरों में एक्ट्रेस ऑटो की सवारी करती नजर आ रही हैं. जैकलीन फर्नांडिस ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से ऑटो राइड की कुछ तस्वीरें फैन्स की साथ शेयर की. अपनी इस फोटो को शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि उनकी फेवरेट सवारी 'टुक टुक' यानी ऑटो की है. वायरल हो रही इन तस्वीरों में जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) बेहद खूबसूरत लग रही है. इन तस्वीरों में एक्ट्रेस ने क्रीम कलर की ड्रेस पहनी है. जैकलीन फर्नांडिस की इन तस्वीरों पर फैन्स खूब कमेंट कर रहे हैं.
My favorite ride is TukTuk #colombonights
A post shared by Jacqueline Fernandez (@jacquelinef143) on Aug 13, 2019 at 5:01am PDT
Mirror selfies for life #thetravelankas
A post shared by Jacqueline Fernandez (@jacquelinef143) on Aug 12, 2019 at 11:03pm PDT
हाल ही में एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) ने अपना 34वां जन्मदिन मनाया. सलमान खान (Salman Khan) की फिल्म 'किक' से बॉलीवुड में फेमस हुई एक्ट्रेस अपना बर्थडे परिवार के साथ सेलिब्रेट किया था, जिनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं. जैकलीन फर्नांडिस ने अपना बर्थडे श्रीलंका में मनाया था.
August 11, 1985. Happiest Birthday @jacquelinef143I hope this year brings you all the happiness, love and success in the world. She turns 34. #QueensBollyVideo . Courtesy @neverendingdrama @inherchair . . . . . . . . #jacquelinefernandez #birthday #birthdaygirl #birthdayparty #birthdaycake #KareenaKapoor #priyankachopra #aliabhatt #AishwaryaRai #katrinakaif #sonamkapoor #sonakshisinha #janhvikapoor #sushmitasen #saraalikhan
A post shared by Queens Of Bollywood (@queensbolly) on Aug 10, 2019 at 11:03pm PDT
बता दें एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) ने फिल्म 'अलादीन' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. इस फिल्म में उनके साथ रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh) भी लीड किरदार में नजर आए थे. हालांकि उनको पहचान सलमान खान के साथ की गई फिल्म 'किक' से मिली. इस फिल्म में जैकलीन फर्नांडिस की एक्टिंग को काफी सराहा गया था. अब जल्द ही एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस, सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म 'ड्राइव (Drive)' में नजर आने वाली है. |
'स्कर्ट' वाले बयान पर महेश शर्मा की सफाई, कहा 'मेरी भी बेटियां हैं, बैन की सोच भी नहीं सकते' | Women had greater freedom to wear clothes of their choice in Vedic times than they have in Modi times https://t.co/8nKdRAhXIC
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 29, 2016
https://t.co/8nKdRAhXIC
मंत्री ने यह भी कहा था कि 'भारत एक सांस्कृतिक देश है और मंदिरों में जाने के लिए हमारे अलग अलग ड्रेस कोड हैं. विदेशियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.' इस बीच जब एक रिपोर्टर ने उनके स्कर्ट से जुड़े बयान पर सवाल किया तो शर्मा ने कहा 'हमें किसी के कपड़े या सोच बदलने का कोई अधिकार नहीं है.' हालांकि सफाई देने के बावजूद भी ट्विटर पर शर्मा के बयान की आलोचना शुरू हो चुकी थी.
इससे पहले भी शर्मा ने पिछले साल यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि लड़कियों का रात को बाहर निकलना भारत में स्वीकार्य नहीं है.
इससे पहले भी शर्मा ने पिछले साल यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि लड़कियों का रात को बाहर निकलना भारत में स्वीकार्य नहीं है. |
RRB Group D: आईआईटी बॉम्बे का स्टूडेंट बना ट्रैकमैन, जानिए क्यों चुनी रेलवे ग्रुप डी की नौकरी | लेकिन आखिर आईआईटी बॉम्बे से पढ़े श्रवण कुमार ने बहु राष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी की जगह रेलवे ग्रुप डी के पद पर नौकरी करने की क्यों सोची? इसके पीछे श्रवण का कहना है कि सरकारी नौकरी में जॉब सिक्योरिटी होती है. मेरे कई दोस्त प्राइवेट सेक्टर में हैं, लेकिन वह सरकारी नौकरी ही करना चाहते थे.
श्रवण कहते हैं मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं भविष्य में एक दिन बड़ा अधिकारी बनूंगा. फिलहाल श्रवण रेलवे की ओर से मिली जिम्मेदारी का वहन कर रहे हैं. बता दें कि श्रवण के बड़े भाई रंजीत कुमार पटना में पीडब्ल्यूडी में नौकरी करते हैं. |
बिहार पुलिस को नीतीश का आदेश मानने में क्यों है परेशानी? | बिहार में 15 अगस्त से पुलिस विभाग में बहुत सारे फेरबदल किए जा रहे हैं. इनमें प्रमुख है कि किसी दाग़ी पुलिस अधिकारी के ज़िम्मे अब थाने का प्रभार नहीं होगा. लेकिन पुलिस वालों का कहना है कि इससे पुलिस बल का मनोबल गिरेगा.
बिहार में विधि व्यवस्था का ये हाल है कि सब तरह के अपराध जैसे हत्या, लूट और डकैती की घटनाओं में वृद्धि हुई है. इसलिए गुरुवार से आपको बिहार के किसी थाने में कोई दाग़ी अधिकारी नहीं दिखेगा. इसके अलावा जांच और विधि व्यवस्था का ज़िम्मा अलग-अलग टीम और अधिकारी के ऊपर होगा.
पुलिस महानिदेशक बाइट गुप्तेशवर पांडेय ने कहा, 'जो दाग़ी पुलिसकर्मी हैं, ऐसे लगभग 400 थानेदारों को जो इन्स्पेक्टर सब-इन्स्पेक्टर रैंक के हैं उनको चिन्हित कर अलग कर दिया गया है. नये लोगों को ज़िम्मेवारी दी गयी है. दो दर्जन डीएसपी पर कारवाई की जा रही है.'
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगता है कि जब तक थाने को ठीक नहीं किया जायेगा तब तक अपराध और अपराधियों पर अंकुश नहीं लगेगा. लेकिन पुलिस कर्मियों को लगता है चूक के कारण दस साल तक ज़िम्मेवारी के काम से अलग रखना बहुत कड़ी सज़ा है.
बिहार पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री कपिलेश्वर पासवान ने कहा, ‘दाग़ी कोई नहीं है. कोई संगीन अपराध किया हो तब ना दाग़ी है.'
वहीं पुलिस महानिदेशक का कहना है कि हमारी तो एक लाख की फ़ौज है, सौ पचास नाराज़ हैं तो हम क्या करें.' |
TBSE Class 12 Science Results 2017: नतीजे जारी, ऐसे करें चेक | परीक्षाएं 2 मार्च से शुरू होकर अप्रैल तक चली थीं.
HBSE Result 2017: हरियाणा बोर्ड 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम आजJEE Advanced 2017 रविवार को, आपकी सफलता पक्की कर सकते हैं ये 5 लास्ट मिनट टिप्सIIT खड़गपुर के छात्रों ने ईजाद किया AC का ऑप्शनटिप्पणियां
JEE Advanced 2017 रविवार को, आपकी सफलता पक्की कर सकते हैं ये 5 लास्ट मिनट टिप्सIIT खड़गपुर के छात्रों ने ईजाद किया AC का ऑप्शनटिप्पणियां
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लैंडिंग करने के लिए पायलट प्लेन के साथ करता है ऐसा, लोगों की अटक जाती है सांस, देखें VIDEO | सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाला वीडियो वारयल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक प्लेन जमीन के बेहद पास आकर लैंड कर रहा है. ये लैंडिंग इतनी खतरनाक है कि जरा-सी चूक कई लोगों की जान ले सकती थी. इस वीडियो में आप देखेंगे कि ये हवाई जहाज अचानक आता है और समुद्र किनारे एन्जॉय कर रहे लोग सहम जाते हैं.
ये वीडियो ग्रीस शहर के स्कियाथॉस एयरपोर्ट (Skiathos Airport) का है, जो यूट्यूब पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को अभी तक 2 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
द सन के मुताबिक, Embraer E190 जमीन के बहुत पास आकर लैंड करता है और समुद्र के किनारे मौजूद लोग प्लेन के शोर और उसे पास आता देख झुक जाते हैं.
जहरीले पानी पर तैर रहा है ये पूरा Airport, अब तक लोगों से छिपा रखी थी बात
बता दें, स्कियाथॉस एयरपोर्ट (Skiathos Airport) समुद्र के बेहद पास मौजूद है. यहां आने वाले टूरिस्ट समुद्र किनारे बीच पर जाकर तस्वीरें लेते हैं. इस एयरपोर्ट की वजह से यहां घूमने आने वाले लोगों को ये जगह बहुत पसंद आती है.
जिस यूट्यूब चैनल ने ये वीडियो शूट किया उसके मुताबिक इस एयरपोर्ट पर आने और जाने वाले प्लेन्स जमीन के बहुत पास आकर लैंड और टेक ऑफ होते हैं. इस एयरपोर्ट की वजह से ही यहां टूरिस्ट ज्यादा आते हैं.
PHOTOS: ऐसा है बना दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, हर साल यात्रा करेंगे 9 करोड़ लोग, दिखता है इतना खूबसूरत |
महाराष्ट्र के सियासी उटलफेर पर क्या-क्या बोले बीजेपी नेता... | महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर पर जहां दिनभर विपक्ष हमलावर रहा वहीं बीजेपी नेताओं ने इस फैसले की जमकर तारीफ की. आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendera Modi) ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis)और अजीत पवार (Ajit Pawar)को शपथ लेने पर बधाई दी. प्रधानमंत्री ने लिखा है कि मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों नेता महाराष्ट्र के बेहतर भविष्य के लिए काम करेंगे.
Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.
गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने लिखा कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को हार्दिक बधाई. मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी.
श्री @Dev_Fadnavis जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और श्री @AjitPawarSpeaks को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई।
मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी।
इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बधाई दी. राजनाथ सिंह ने लिखा कि मुझे पूरा भरोसा है कि फडणवीस और पवार मिलकर राज्य की समृद्धि के लिए काम करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ ने महाराष्ट्र में राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाए जाने को राज्यपाल का विशेष अधिकार भी बताया है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लिखा 'ज्यादा लोभ और अहंकार नाश का कारण होता है ..देख तमाशा देख.' केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने लिखा कि फडणवीस का सीएम बनना जनादेश का सम्मान है क्योंकि जो खिचड़ी पक रही थी वह घोर जनादेश विरोधी था. महाराष्ट्र की जनता की विजय है. उनको बधाई.
.@Dev_Fadnavis को महाराष्ट्र का दोबारा मुख्यमंत्री बनने की बधाई। उनका सीएम बनना जनादेश का सम्मान है क्योंकि जो खिचड़ी पक रही थी वह घोर जनादेश विरोधी था। महाराष्ट्र की जनता का विजय है। उनको बधाई।#Maharashtra@BJP4Maharashtra@BJP4India
इसी तरह दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा 'जब तक ये जोड़ी है तब तक न राष्ट्र का नुक़सान होने देंगे न महाराष्ट्र का. उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ लेने पर बधाई भी दी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि दोनों नेताओं के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास के नित नए आयाम छुएगा. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा 'मुझे विश्वास है कि यह सरकार जनकल्याण के प्रति समर्पित होकर प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी तथा उन्नति और समृद्धि के नए आयाम स्थापित करेगी.' उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा कि नई सरकार महाराष्ट्र की विकास यात्रा को निरंतर जारी रखते हुए और तीव्र गति से प्रगति करेगी.
महाराष्ट्र में शिवसेना की हालत तो यह हो गई है कि ना खुदा मिला ही ना विसाले सनम। ना इधर के रहे ना उधर के। श्री @Dev_Fadnavis महाराष्ट्र के विकास और जनता के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री बने हैं। महाराष्ट्र की जनता को शुभकामनाएं! pic.twitter.com/YshdZoArKx
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना की हालत तो यह हो गई है कि ना खुदा मिला ही ना विसाले सनम. ना इधर के रहे ना उधर के. फडणवीस महाराष्ट्र के विकास और जनता के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री बने हैं. महाराष्ट्र की जनता को शुभकामनाएं. इसी तरह गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी फडणवीस को बधाई दी. |
बॉलीवुड कभी नहीं रह सका महात्मा गांधी से दूर | अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के जीवन दर्शन और सुविचारों की प्रासंगिकता को इसी बात से समझा जा सकता है कि आज, उनके जन्म के 144वें वर्ष में भी कई फिल्मकार उनके दर्शन और उपदेशों को अपनी फिल्मों में उतारना चाहते हैं, और कई फिल्मकार इस दिशा में लगे भी हुए हैं।
आइए, ऐसी ही कुछ फिल्मों पर एक दृष्टि डालते हैं, जो राष्ट्रपिता के जीवन पर आधारित हैं, साथ-साथ हम ऐसी भी फिल्मों पर दृष्टिपात करेंगे जो गांधी के जीवन पर भले न हों, पर उनमें उनके विचारों को प्रमुखता से रखा गया है :
गांधी (1982) : रिचर्ड एटनबरो के निर्देशन में बनी यह फिल्म गांधी के जीवन पर बनी सबसे उत्कृष्ट फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में बेन किंग्स्ले ने गांधी के चरित्र को इतनी खूबसूरती से निभाया है कि उन्हें इस फिल्म में अभिनय के लिए ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया। फिल्म को सात आस्कर अवार्ड मिले।
द मेकिंग ऑफ द महात्मा (1996) : फातिमा मीर की पुस्तक 'द एप्रेंटिसशिप ऑफ ए महात्मा' का श्रेष्ठ भारतीय फिल्मकार श्याम बेनेगल ने फिल्मी रूपांतर कर इस फिल्म की रचना की। फिल्म में गांधी की भूमिका करने वाले रजित कपूर को उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
लगे रहो मुन्नाभाई (2006) : निर्देशक राजकुमार हिरानी ने अपनी इस फिल्म में गांधी के विचारों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बेहद सहज अंदाज में पेश किया, और 'गंधीगीरी' के रूप में उनके विचारों को लोकप्रिय बनाया।
गांधी माई फादर (2007) : देश के लिए समर्पित गांधी के अपने परिवार से खासकर अपने बड़े बेटे हरीलाल से संबंधों को इस फिल्म में निर्देशक फीरोज अब्बास खान ने बहुत बारीकी से बुना है। फिल्म को तीन वर्गों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
आइए, ऐसी ही कुछ फिल्मों पर एक दृष्टि डालते हैं, जो राष्ट्रपिता के जीवन पर आधारित हैं, साथ-साथ हम ऐसी भी फिल्मों पर दृष्टिपात करेंगे जो गांधी के जीवन पर भले न हों, पर उनमें उनके विचारों को प्रमुखता से रखा गया है :
गांधी (1982) : रिचर्ड एटनबरो के निर्देशन में बनी यह फिल्म गांधी के जीवन पर बनी सबसे उत्कृष्ट फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में बेन किंग्स्ले ने गांधी के चरित्र को इतनी खूबसूरती से निभाया है कि उन्हें इस फिल्म में अभिनय के लिए ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया। फिल्म को सात आस्कर अवार्ड मिले।
द मेकिंग ऑफ द महात्मा (1996) : फातिमा मीर की पुस्तक 'द एप्रेंटिसशिप ऑफ ए महात्मा' का श्रेष्ठ भारतीय फिल्मकार श्याम बेनेगल ने फिल्मी रूपांतर कर इस फिल्म की रचना की। फिल्म में गांधी की भूमिका करने वाले रजित कपूर को उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
लगे रहो मुन्नाभाई (2006) : निर्देशक राजकुमार हिरानी ने अपनी इस फिल्म में गांधी के विचारों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बेहद सहज अंदाज में पेश किया, और 'गंधीगीरी' के रूप में उनके विचारों को लोकप्रिय बनाया।
गांधी माई फादर (2007) : देश के लिए समर्पित गांधी के अपने परिवार से खासकर अपने बड़े बेटे हरीलाल से संबंधों को इस फिल्म में निर्देशक फीरोज अब्बास खान ने बहुत बारीकी से बुना है। फिल्म को तीन वर्गों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
गांधी (1982) : रिचर्ड एटनबरो के निर्देशन में बनी यह फिल्म गांधी के जीवन पर बनी सबसे उत्कृष्ट फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में बेन किंग्स्ले ने गांधी के चरित्र को इतनी खूबसूरती से निभाया है कि उन्हें इस फिल्म में अभिनय के लिए ऑस्कर अवार्ड से नवाजा गया। फिल्म को सात आस्कर अवार्ड मिले।
द मेकिंग ऑफ द महात्मा (1996) : फातिमा मीर की पुस्तक 'द एप्रेंटिसशिप ऑफ ए महात्मा' का श्रेष्ठ भारतीय फिल्मकार श्याम बेनेगल ने फिल्मी रूपांतर कर इस फिल्म की रचना की। फिल्म में गांधी की भूमिका करने वाले रजित कपूर को उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
लगे रहो मुन्नाभाई (2006) : निर्देशक राजकुमार हिरानी ने अपनी इस फिल्म में गांधी के विचारों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बेहद सहज अंदाज में पेश किया, और 'गंधीगीरी' के रूप में उनके विचारों को लोकप्रिय बनाया।
गांधी माई फादर (2007) : देश के लिए समर्पित गांधी के अपने परिवार से खासकर अपने बड़े बेटे हरीलाल से संबंधों को इस फिल्म में निर्देशक फीरोज अब्बास खान ने बहुत बारीकी से बुना है। फिल्म को तीन वर्गों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
द मेकिंग ऑफ द महात्मा (1996) : फातिमा मीर की पुस्तक 'द एप्रेंटिसशिप ऑफ ए महात्मा' का श्रेष्ठ भारतीय फिल्मकार श्याम बेनेगल ने फिल्मी रूपांतर कर इस फिल्म की रचना की। फिल्म में गांधी की भूमिका करने वाले रजित कपूर को उनके अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनय का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
लगे रहो मुन्नाभाई (2006) : निर्देशक राजकुमार हिरानी ने अपनी इस फिल्म में गांधी के विचारों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बेहद सहज अंदाज में पेश किया, और 'गंधीगीरी' के रूप में उनके विचारों को लोकप्रिय बनाया।
गांधी माई फादर (2007) : देश के लिए समर्पित गांधी के अपने परिवार से खासकर अपने बड़े बेटे हरीलाल से संबंधों को इस फिल्म में निर्देशक फीरोज अब्बास खान ने बहुत बारीकी से बुना है। फिल्म को तीन वर्गों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
लगे रहो मुन्नाभाई (2006) : निर्देशक राजकुमार हिरानी ने अपनी इस फिल्म में गांधी के विचारों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में बेहद सहज अंदाज में पेश किया, और 'गंधीगीरी' के रूप में उनके विचारों को लोकप्रिय बनाया।
गांधी माई फादर (2007) : देश के लिए समर्पित गांधी के अपने परिवार से खासकर अपने बड़े बेटे हरीलाल से संबंधों को इस फिल्म में निर्देशक फीरोज अब्बास खान ने बहुत बारीकी से बुना है। फिल्म को तीन वर्गों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
गांधी माई फादर (2007) : देश के लिए समर्पित गांधी के अपने परिवार से खासकर अपने बड़े बेटे हरीलाल से संबंधों को इस फिल्म में निर्देशक फीरोज अब्बास खान ने बहुत बारीकी से बुना है। फिल्म को तीन वर्गों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
आइए, कुछ ऐसी फिल्मों पर भी नजर डालते हैं, जो सीधे तौर पर तो महात्मा गांधी पर केंद्रित तो नही थीं, लेकिन उनमें गांधी और उनके विचारों का उल्लेख अवश्य है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
सरदार (1993) : मुख्यत: सरदार वल्लभभाई पटेल पर बनी इस फिल्म में निर्देशक केतन मेहता ने गांधी और उनके विचारों को भी गंभीरता से चित्रित किया है।टिप्पणियां
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
हे राम (2000) : हिंदी और तमिल, दो भाषाओं में बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रख्यात अभिनेता कमल हासन ने किया है। यह फिल्म विभाजन और गांधी की हत्या पर केंद्रित है। फिल्म में गांधी का किरदार मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस : द फॉरगॉटेन हीरो (2005) : श्याम बेनेगल ने एकबार फिर जब आजादी से पूर्व के काल को सुभाष चंद्र बोस की कहानी के माध्यम से फिल्म में उतारा तो गांधी की जिक्र किए बगैर उन्हें फिल्म बनाना अधूरा सा लगा। यह गांधी के दौर की दो विचारधाराओं पर केंद्रित फिल्म है। |
देश में पहली बार मदरसे के छात्रों के लिए ऑल इंडिया स्तर की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन | इंडिया मदरसा चैंपियनशिप का आयोजन मंगलवार को किया गया. इसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से आये मदरसों के 400 बच्चों से अधिक छात्रों ने भाग लिया. एमएसके इवेंट द्वारा किये गये इस कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ ईदगाह के इमाम व शहरकाजी मौलाना खालिद रशीद तथा आल इंडिया रेलवे मेन्सफेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा मौजूद थे. चैंपियनशिप के आयोजक मौलाना खालिद फरंगी महली ने एनडीटीवी को बताया कि मदरसे के छात्रों के लिए पहली बार आल इंडिया स्तर की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. इस तरह का आयोजन न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क होता है. उन्होंने चैम्पियनशिप के विजयी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि जिन छात्रों ने चैम्पियन शिप में भाग लिया और किन्हीं कारणों से विजयी नहीं हो पाये उनको और मेहनत करके अगले चैम्पियनशिप के लिए तैयारी करना चाहिए. ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने इस चैम्पियनशिप के सभी प्रतिभागियों व आयोजक टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह चैम्पियनशिप मदरसों के छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम करेगी. हमने इस चैम्पियनशिप में देखा कि मदरसों के छात्रों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं है.
नॉर्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन के मंडल मंत्री आरके पाण्डेय ने खेल की एहमियत पर जो दिया और कहा कि इस तरह के खेलकूद से मदरसों और वहां पढ़ने वाले छात्रों के बारे में फैलायी जा रही तरह-तरह की भ्रांतियों पर रोक लगेगी. बता दें कि चैम्पियनशिप में केरल के एथलीट मोहम्मद एम को बेस्ट एथलीट जूनियर तथा सीनियर वर्ग में अर्श अहमद को प्रथम स्थान मिला. |
राहुल बोलेंगे तो बची-खुची कांग्रेस भी हो जाएगी 'स्वाहा' : मुख्तार अब्बास नकवी ने ली चुटकी | केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए शनिवार को कहा कि राहुल अगर बोलेंगे तो बची-खुची कांग्रेस भी 'स्वाहा' हो जाएगी.
नकवी ने राहुल के उस बयान पर यह टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार अगर उन्हें (संसद में) बोलने देगी तो भूचाल आ जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने भाजपा की परिवर्तन रैली के तहत आयोजित जनसभा में कहा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि अगर वह बोलेंगे तो भूचाल आ जाएगा. ये बात सही है कि वह अगर बोलेंगे तो जो बची-खुची कांग्रेस है, वह भी स्वाहा हो जाएगी'. उन्होंने कहा, 'राहुल का कहना है कि हम तो डूबे हैं सनम, तुमको भी ले डूबेंगे. राहुल कांग्रेस के राजनीतिक पाखंड के पार्टनर बन गए हैं. इस भूचाल में वह भी जाएंगे'.टिप्पणियां
नोटबंदी को लेकर नकवी ने चुटकी ली कि बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी और राहुल नोटबंदी से इतना परेशान क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मायावती, मुलायम, ममता और राहुल सहित कुछ खास लोग परेशान हैं. काला धन रखने वाले ध्यान रखें कि नोटबंदी हुई है तो उनकी भी नाकेबंदी हो जाएगी. नोटबंदी से तो बेईमान और भ्रष्टाचारियों को चिंता करनी चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नकवी ने राहुल के उस बयान पर यह टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार अगर उन्हें (संसद में) बोलने देगी तो भूचाल आ जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने भाजपा की परिवर्तन रैली के तहत आयोजित जनसभा में कहा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि अगर वह बोलेंगे तो भूचाल आ जाएगा. ये बात सही है कि वह अगर बोलेंगे तो जो बची-खुची कांग्रेस है, वह भी स्वाहा हो जाएगी'. उन्होंने कहा, 'राहुल का कहना है कि हम तो डूबे हैं सनम, तुमको भी ले डूबेंगे. राहुल कांग्रेस के राजनीतिक पाखंड के पार्टनर बन गए हैं. इस भूचाल में वह भी जाएंगे'.टिप्पणियां
नोटबंदी को लेकर नकवी ने चुटकी ली कि बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी और राहुल नोटबंदी से इतना परेशान क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मायावती, मुलायम, ममता और राहुल सहित कुछ खास लोग परेशान हैं. काला धन रखने वाले ध्यान रखें कि नोटबंदी हुई है तो उनकी भी नाकेबंदी हो जाएगी. नोटबंदी से तो बेईमान और भ्रष्टाचारियों को चिंता करनी चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
केंद्रीय मंत्री ने भाजपा की परिवर्तन रैली के तहत आयोजित जनसभा में कहा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि अगर वह बोलेंगे तो भूचाल आ जाएगा. ये बात सही है कि वह अगर बोलेंगे तो जो बची-खुची कांग्रेस है, वह भी स्वाहा हो जाएगी'. उन्होंने कहा, 'राहुल का कहना है कि हम तो डूबे हैं सनम, तुमको भी ले डूबेंगे. राहुल कांग्रेस के राजनीतिक पाखंड के पार्टनर बन गए हैं. इस भूचाल में वह भी जाएंगे'.टिप्पणियां
नोटबंदी को लेकर नकवी ने चुटकी ली कि बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी और राहुल नोटबंदी से इतना परेशान क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मायावती, मुलायम, ममता और राहुल सहित कुछ खास लोग परेशान हैं. काला धन रखने वाले ध्यान रखें कि नोटबंदी हुई है तो उनकी भी नाकेबंदी हो जाएगी. नोटबंदी से तो बेईमान और भ्रष्टाचारियों को चिंता करनी चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नोटबंदी को लेकर नकवी ने चुटकी ली कि बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी और राहुल नोटबंदी से इतना परेशान क्यों हैं? उन्होंने कहा कि मायावती, मुलायम, ममता और राहुल सहित कुछ खास लोग परेशान हैं. काला धन रखने वाले ध्यान रखें कि नोटबंदी हुई है तो उनकी भी नाकेबंदी हो जाएगी. नोटबंदी से तो बेईमान और भ्रष्टाचारियों को चिंता करनी चाहिए. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद पाक में अब भी सक्रिय हैं आतंकियों के करीब 50 ट्रेनिंग कैंप | सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी न तो पाकिस्तान में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप बंद हुए है और न ही लॉन्चिंग पैड. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जो कैंप पीछे चले गए थे, वो फिर से लाइन ऑफ कंट्रोल के पास आ गए हैं. सेना की मानें तो अभी पाकिस्तान में 50 के करीब आतंकी कैंप हैं. 48 लॉन्चिंग पैड हैं और चार से पांच पाक के बॉर्डर एक्शन टीम के कैंप भी मौजूद हैं.
खुफिया सुत्रों के मुताबिक 50 आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप में से 15 बड़े कैंप हैं, जो खासे सक्रिय हैं. इनमें से 10 कैंप तो नियंत्रण रेखा के पास पाक के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे हैं, जबकि पांच पाकिस्तान में सक्रिय हैं. इन कैंपों में सबसे बड़ा है मुरीदके का लश्कर-ए-तैयबा का कैंप. इसके अलावा बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का और मुजफ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिद्दीन का कैंप है.टिप्पणियां
ये सारे कैंप सीमा से 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, ताकि भारतीय सेना आसानी से इन्हें निशाना न बना सकें. इन सबसे अलग सरहद से बिल्कुल करीब 48 लॉन्चिंग पैड हैं, यानि वो जगह जहां आतंकी घुसपैठ को तैयार बैठे रहते हैं. पिछले सितंबर में जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो यह लॉन्चिंग पैड पर ही की गई थी.
सेना के मुताबिक इस साल अब तक पाकिस्तान की ओर से 65 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. 49 दफा तो इसकी आड़ में घुसपैठ की कोशिश भी हुई और करीब 20 आतंकी घुसपैठ कर भी चुके हैं. घुसपैठ की कोशिश के दौरान अब तक आठ आतंकी मारे जा चुके हैं. एलओसी पर ही इस साल तीन सैनिक शहीद हुए हैं. पिछले छह महीनों के भीतर ये तीसरी बार है कि जब जवानों के शव के साथ बर्बरता हुई है.
खुफिया सुत्रों के मुताबिक 50 आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप में से 15 बड़े कैंप हैं, जो खासे सक्रिय हैं. इनमें से 10 कैंप तो नियंत्रण रेखा के पास पाक के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे हैं, जबकि पांच पाकिस्तान में सक्रिय हैं. इन कैंपों में सबसे बड़ा है मुरीदके का लश्कर-ए-तैयबा का कैंप. इसके अलावा बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का और मुजफ्फराबाद में हिजबुल मुजाहिद्दीन का कैंप है.टिप्पणियां
ये सारे कैंप सीमा से 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, ताकि भारतीय सेना आसानी से इन्हें निशाना न बना सकें. इन सबसे अलग सरहद से बिल्कुल करीब 48 लॉन्चिंग पैड हैं, यानि वो जगह जहां आतंकी घुसपैठ को तैयार बैठे रहते हैं. पिछले सितंबर में जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो यह लॉन्चिंग पैड पर ही की गई थी.
सेना के मुताबिक इस साल अब तक पाकिस्तान की ओर से 65 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. 49 दफा तो इसकी आड़ में घुसपैठ की कोशिश भी हुई और करीब 20 आतंकी घुसपैठ कर भी चुके हैं. घुसपैठ की कोशिश के दौरान अब तक आठ आतंकी मारे जा चुके हैं. एलओसी पर ही इस साल तीन सैनिक शहीद हुए हैं. पिछले छह महीनों के भीतर ये तीसरी बार है कि जब जवानों के शव के साथ बर्बरता हुई है.
ये सारे कैंप सीमा से 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, ताकि भारतीय सेना आसानी से इन्हें निशाना न बना सकें. इन सबसे अलग सरहद से बिल्कुल करीब 48 लॉन्चिंग पैड हैं, यानि वो जगह जहां आतंकी घुसपैठ को तैयार बैठे रहते हैं. पिछले सितंबर में जब सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो यह लॉन्चिंग पैड पर ही की गई थी.
सेना के मुताबिक इस साल अब तक पाकिस्तान की ओर से 65 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. 49 दफा तो इसकी आड़ में घुसपैठ की कोशिश भी हुई और करीब 20 आतंकी घुसपैठ कर भी चुके हैं. घुसपैठ की कोशिश के दौरान अब तक आठ आतंकी मारे जा चुके हैं. एलओसी पर ही इस साल तीन सैनिक शहीद हुए हैं. पिछले छह महीनों के भीतर ये तीसरी बार है कि जब जवानों के शव के साथ बर्बरता हुई है.
सेना के मुताबिक इस साल अब तक पाकिस्तान की ओर से 65 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. 49 दफा तो इसकी आड़ में घुसपैठ की कोशिश भी हुई और करीब 20 आतंकी घुसपैठ कर भी चुके हैं. घुसपैठ की कोशिश के दौरान अब तक आठ आतंकी मारे जा चुके हैं. एलओसी पर ही इस साल तीन सैनिक शहीद हुए हैं. पिछले छह महीनों के भीतर ये तीसरी बार है कि जब जवानों के शव के साथ बर्बरता हुई है. |
कैसे हैं हमारे बैंकों में कामकाज के हालात? | एक सवाल आप ख़ुद से कीजिए. 24 साल की उम्र में भगत सिंह नाम का नौजवान फांसी पर चढ़ गया. क्या इसलिए कि 2018 के साल में उसके हिन्दुस्तान में लाखों की संख्या में बैंकर और उनमें भी महिला बैंकर ख़ुद को कहें कि वे ग़ुलाम हैं. वे झूठ की बुनियाद पर खड़े आंकड़ों का संसार कब तक बचाए रखेंगे, कभी न कभी यह आंकड़ों की छत उन्हीं के सर पर गिरने वाली है. गिर रही है. 23 साल के भगत सिंह की चर्चा इसलिए कर रहा हूं कि तनाव और अपमान के कारण 23 साल का एक बैंकर अस्पताल में भर्ती हो गया. यह कोई एक दिन का किस्सा नहीं है, रोज़ का है.
बैंकों की दुनिया की भाषा की अपनी शब्दावली है. वे ट्रांसफर को trf कहते हैं, अटल पेंशन योजना को एपीवाई कहते हैं. टीएमटी का मतलब हुआ टाप मैनेजमेंट टाक. ऐसे ही एक बैंक के टीएमटी में कहा गया कि एनडीटीवी न देखें. बैंकों के चेयरमैनो और रीजनल मैनेजरों को क्यों ऐसा लगता है कि वे लोगों की पसंद को भी नियंत्रित कर लेंगे. एक न एक दिन लेदर की कुर्सी और उस पर रखा सफेद तौलिया छूट जाता है. सत्यनारायण बाबा की कथा से मुक्ति नहीं मिलती है, वहां भी बाबा देखते हैं कि इनके पीछे झूठ का अंबार कितना बड़ा है. इसलिए टीएमटी कीजिए टाप मैनेजमेंट टाक कीजिए, एनडीटीवी भी मत देखिए लेकिन 13 लाख लोगों की ज़िंदगी जिस झूठ को जी रही थी, वो बाहर आ चुकी है. सत्य तो एक दिन बाहर आ जाता है. सत्य नहीं आएगा तो एक दिन बैंकरों के चेहरे की उदासियां बाहर जाएंगी, उनके शरीर की बीमारियों से सत्य बाहर आ जाएगा. कोई ज़रूरी नहीं कि आप तथ्य के सहारे ही सत्य तक पहुंचें, चेहरे की झुर्रियां भी अपने आप में तथ्य बन जाती हैं. हमारी बातों में वज़न नहीं होता तो ऐसे आदेश न निकाले जाते. सभी चीफ मैनेजर/ब्रांच मैनेजर को यह आदेश भेजा गया है. इसमें सब्जेक्ट में एनडीटीवी इंडिया का प्रोग्राम लिखा है. लिखा है कि कंफर्म करें महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था कर दी गई है. ये सारी जानकारी 7 मार्च की शाम प्रशासनिक मुख्यालय तक पहुंच जानी चाहिए.
इसका मतलब है मुझ तक लोग सही जानकारी पहुंचा रहे हैं. सिंडिकेट बैंक ने भी 8 मार्च को अपने कार्यालयों में आदेश जारी किया है कि ग्राहकों के बैठने की उचित व्यवस्था की जाए, साफ सुथरा माहौल रहे. साफ सुथरा शौचालय हो. इस तरह के आदेश कई बैंकों ने जारी किए तब जब बैंकों के भीतर से तस्वीरें चल कर आने लगीं कि देखिए हमारी हालत है. यह न समझें कि यह सब दफ्तरों की आम शिकायतें हैं. सैंकड़ों लोगों से बात करने के बाद यह पैटर्न समझ आया है कि ब्रांच स्तर के मैनेजरों से किस तरह का व्यवहार हो रहा है. किस तरह फर्जी तरह से अटल बीमा योजना कराई जा रही है ताकि वो आंकड़े में बदल जाए और कामयाबी का दावा कर लिया जाए. यही हाल मुद्रा लोन का भी है. सिर्फ खंडन कर देने से सत्य नहीं ढंक जाता है. 8 मार्च को हमने बैंकों में ग़ुलामी पर चौथा लेख लिखा. इस लेख में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के एक आदेश का ज़िक्र किया. आप उस आदेश को देखिए. भाषा देखिए. ऐसा लगता है कि बैंक के मैनजरों को शिकंजे से बांध कर किसी गुलाम की तरह हीरे के खान में ले जाया जा रहा है.
प्रधान कार्यालय द्वारा सभी कार्मिकों के लिए अवकाश में नहीं जाने देने का आदेश दिया गया है. आपको आदेश दिया जाता है कि यदि कोई कार्मिक बीमार होते हैं एवं चिकित्सा अवकाश में प्रस्थान करते हैं तो वे मुख्यालय में ही रहकर अपना इलाज करवाएंगे और संबंधित कापी क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करेंगे. अन्यथा आपके चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति नहीं दी जाएगी साथ ही आपको अवैतनिक किया जाएगा.
अवैतनिक करना यानी सैलरी नहीं मिली. इस आदेश में ये लिखा है कि आपका जहां ब्रांच है उस जगह से बाहर नहीं जा सकते. मतलब ये हुआ कि मुज़फ्फरपुर के ब्रांच में किसी को हार्ट अटैक आया, लीवर में समस्या हुई तो वे ज़िले से बाहर पटना तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं. क्या इस तरह के आदेश जारी किए जा सकते हैं, हकीकत यह है कि इस तरह के भयानक भयानक आदेश जारी किए गए हैं जो मानवाधिकार का सीधा सीधा उल्लंघन हैं. हमारे जीने के अधिकार, मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. संविधान पढ़ते तो पता चलता कि आदेश देने वाले अफसर को ही जेल भेज देना चाहिए था. मगर जब हमने लिखा और बोला तो चंद घंटे में नया आदेश टाइप हो गया. पहला आदेश 5 मार्च का. नया वाला आदेश 8 मार्च का है. इसमें लिखा है, 'उक्त पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए सभी शाखाओं को निर्देश दिया जाता है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मी चिकित्सा अवकाश में मुख्यालय में प्रस्थान करते हैं तो इसकी सूचना सक्षम पदाधिकारी को देकर अनुमति लेना सुनिश्चित करेंगे.'
बैंकों में किसी को छुट्टी आसानी से नहीं मिलती है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भी काफी समस्या है. आम तौर पर हम ऐसे बैंक के बारे में कम जानते हैं मगर इन बैंकों में ग्राहकों की कोई कमी नहीं रहती है. इनकी भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है. आम तौर पर ग्रामीण बैंक वैसी जगहों पर होते हैं जहां पर सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं पहुंच पाते हैं. हम आज इसके एक ब्रांच का हाल बताना चाहते हैं. पूर्वी चंपारण के एक गांव में एक बैंक है जहां हज़ारों लोग सीढ़ियों से चढ़कर रोज़ आते हैं. इस छोटे से कमरे में यह ब्रांच चल रही है जिसके पास 12,000 खाताधारक हैं और कर्मचारी सिर्फ दो हैं. बैंक के भीतर बहुत दिनों से कोई शौचालय नहीं था. अब जाकर छत पर शौचालय बनना शुरू हुआ है. चौकी पर फाइलें रखी हुई हैं. यहां पता चला कि ग्रामीण इलाके के कारण यहां पर इंटरनेट का लिंक कमज़ोर होता है. स्पीड कम होती है जिसके कारण फाइल अपलोड करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है. थूकने के लिए तो सारा संसार है मगर बैंक के ग्राहक बैंक की दीवार पर ही ये कृपा करते हैं. यह बैंक का थूक केंद्र है. इसी के ऊपर आग बुझाने का यंत्र रखा है.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
बैंकों की दुनिया की भाषा की अपनी शब्दावली है. वे ट्रांसफर को trf कहते हैं, अटल पेंशन योजना को एपीवाई कहते हैं. टीएमटी का मतलब हुआ टाप मैनेजमेंट टाक. ऐसे ही एक बैंक के टीएमटी में कहा गया कि एनडीटीवी न देखें. बैंकों के चेयरमैनो और रीजनल मैनेजरों को क्यों ऐसा लगता है कि वे लोगों की पसंद को भी नियंत्रित कर लेंगे. एक न एक दिन लेदर की कुर्सी और उस पर रखा सफेद तौलिया छूट जाता है. सत्यनारायण बाबा की कथा से मुक्ति नहीं मिलती है, वहां भी बाबा देखते हैं कि इनके पीछे झूठ का अंबार कितना बड़ा है. इसलिए टीएमटी कीजिए टाप मैनेजमेंट टाक कीजिए, एनडीटीवी भी मत देखिए लेकिन 13 लाख लोगों की ज़िंदगी जिस झूठ को जी रही थी, वो बाहर आ चुकी है. सत्य तो एक दिन बाहर आ जाता है. सत्य नहीं आएगा तो एक दिन बैंकरों के चेहरे की उदासियां बाहर जाएंगी, उनके शरीर की बीमारियों से सत्य बाहर आ जाएगा. कोई ज़रूरी नहीं कि आप तथ्य के सहारे ही सत्य तक पहुंचें, चेहरे की झुर्रियां भी अपने आप में तथ्य बन जाती हैं. हमारी बातों में वज़न नहीं होता तो ऐसे आदेश न निकाले जाते. सभी चीफ मैनेजर/ब्रांच मैनेजर को यह आदेश भेजा गया है. इसमें सब्जेक्ट में एनडीटीवी इंडिया का प्रोग्राम लिखा है. लिखा है कि कंफर्म करें महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था कर दी गई है. ये सारी जानकारी 7 मार्च की शाम प्रशासनिक मुख्यालय तक पहुंच जानी चाहिए.
इसका मतलब है मुझ तक लोग सही जानकारी पहुंचा रहे हैं. सिंडिकेट बैंक ने भी 8 मार्च को अपने कार्यालयों में आदेश जारी किया है कि ग्राहकों के बैठने की उचित व्यवस्था की जाए, साफ सुथरा माहौल रहे. साफ सुथरा शौचालय हो. इस तरह के आदेश कई बैंकों ने जारी किए तब जब बैंकों के भीतर से तस्वीरें चल कर आने लगीं कि देखिए हमारी हालत है. यह न समझें कि यह सब दफ्तरों की आम शिकायतें हैं. सैंकड़ों लोगों से बात करने के बाद यह पैटर्न समझ आया है कि ब्रांच स्तर के मैनेजरों से किस तरह का व्यवहार हो रहा है. किस तरह फर्जी तरह से अटल बीमा योजना कराई जा रही है ताकि वो आंकड़े में बदल जाए और कामयाबी का दावा कर लिया जाए. यही हाल मुद्रा लोन का भी है. सिर्फ खंडन कर देने से सत्य नहीं ढंक जाता है. 8 मार्च को हमने बैंकों में ग़ुलामी पर चौथा लेख लिखा. इस लेख में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के एक आदेश का ज़िक्र किया. आप उस आदेश को देखिए. भाषा देखिए. ऐसा लगता है कि बैंक के मैनजरों को शिकंजे से बांध कर किसी गुलाम की तरह हीरे के खान में ले जाया जा रहा है.
प्रधान कार्यालय द्वारा सभी कार्मिकों के लिए अवकाश में नहीं जाने देने का आदेश दिया गया है. आपको आदेश दिया जाता है कि यदि कोई कार्मिक बीमार होते हैं एवं चिकित्सा अवकाश में प्रस्थान करते हैं तो वे मुख्यालय में ही रहकर अपना इलाज करवाएंगे और संबंधित कापी क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करेंगे. अन्यथा आपके चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति नहीं दी जाएगी साथ ही आपको अवैतनिक किया जाएगा.
अवैतनिक करना यानी सैलरी नहीं मिली. इस आदेश में ये लिखा है कि आपका जहां ब्रांच है उस जगह से बाहर नहीं जा सकते. मतलब ये हुआ कि मुज़फ्फरपुर के ब्रांच में किसी को हार्ट अटैक आया, लीवर में समस्या हुई तो वे ज़िले से बाहर पटना तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं. क्या इस तरह के आदेश जारी किए जा सकते हैं, हकीकत यह है कि इस तरह के भयानक भयानक आदेश जारी किए गए हैं जो मानवाधिकार का सीधा सीधा उल्लंघन हैं. हमारे जीने के अधिकार, मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. संविधान पढ़ते तो पता चलता कि आदेश देने वाले अफसर को ही जेल भेज देना चाहिए था. मगर जब हमने लिखा और बोला तो चंद घंटे में नया आदेश टाइप हो गया. पहला आदेश 5 मार्च का. नया वाला आदेश 8 मार्च का है. इसमें लिखा है, 'उक्त पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए सभी शाखाओं को निर्देश दिया जाता है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मी चिकित्सा अवकाश में मुख्यालय में प्रस्थान करते हैं तो इसकी सूचना सक्षम पदाधिकारी को देकर अनुमति लेना सुनिश्चित करेंगे.'
बैंकों में किसी को छुट्टी आसानी से नहीं मिलती है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भी काफी समस्या है. आम तौर पर हम ऐसे बैंक के बारे में कम जानते हैं मगर इन बैंकों में ग्राहकों की कोई कमी नहीं रहती है. इनकी भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है. आम तौर पर ग्रामीण बैंक वैसी जगहों पर होते हैं जहां पर सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं पहुंच पाते हैं. हम आज इसके एक ब्रांच का हाल बताना चाहते हैं. पूर्वी चंपारण के एक गांव में एक बैंक है जहां हज़ारों लोग सीढ़ियों से चढ़कर रोज़ आते हैं. इस छोटे से कमरे में यह ब्रांच चल रही है जिसके पास 12,000 खाताधारक हैं और कर्मचारी सिर्फ दो हैं. बैंक के भीतर बहुत दिनों से कोई शौचालय नहीं था. अब जाकर छत पर शौचालय बनना शुरू हुआ है. चौकी पर फाइलें रखी हुई हैं. यहां पता चला कि ग्रामीण इलाके के कारण यहां पर इंटरनेट का लिंक कमज़ोर होता है. स्पीड कम होती है जिसके कारण फाइल अपलोड करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है. थूकने के लिए तो सारा संसार है मगर बैंक के ग्राहक बैंक की दीवार पर ही ये कृपा करते हैं. यह बैंक का थूक केंद्र है. इसी के ऊपर आग बुझाने का यंत्र रखा है.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
इसका मतलब है मुझ तक लोग सही जानकारी पहुंचा रहे हैं. सिंडिकेट बैंक ने भी 8 मार्च को अपने कार्यालयों में आदेश जारी किया है कि ग्राहकों के बैठने की उचित व्यवस्था की जाए, साफ सुथरा माहौल रहे. साफ सुथरा शौचालय हो. इस तरह के आदेश कई बैंकों ने जारी किए तब जब बैंकों के भीतर से तस्वीरें चल कर आने लगीं कि देखिए हमारी हालत है. यह न समझें कि यह सब दफ्तरों की आम शिकायतें हैं. सैंकड़ों लोगों से बात करने के बाद यह पैटर्न समझ आया है कि ब्रांच स्तर के मैनेजरों से किस तरह का व्यवहार हो रहा है. किस तरह फर्जी तरह से अटल बीमा योजना कराई जा रही है ताकि वो आंकड़े में बदल जाए और कामयाबी का दावा कर लिया जाए. यही हाल मुद्रा लोन का भी है. सिर्फ खंडन कर देने से सत्य नहीं ढंक जाता है. 8 मार्च को हमने बैंकों में ग़ुलामी पर चौथा लेख लिखा. इस लेख में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के एक आदेश का ज़िक्र किया. आप उस आदेश को देखिए. भाषा देखिए. ऐसा लगता है कि बैंक के मैनजरों को शिकंजे से बांध कर किसी गुलाम की तरह हीरे के खान में ले जाया जा रहा है.
प्रधान कार्यालय द्वारा सभी कार्मिकों के लिए अवकाश में नहीं जाने देने का आदेश दिया गया है. आपको आदेश दिया जाता है कि यदि कोई कार्मिक बीमार होते हैं एवं चिकित्सा अवकाश में प्रस्थान करते हैं तो वे मुख्यालय में ही रहकर अपना इलाज करवाएंगे और संबंधित कापी क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करेंगे. अन्यथा आपके चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति नहीं दी जाएगी साथ ही आपको अवैतनिक किया जाएगा.
अवैतनिक करना यानी सैलरी नहीं मिली. इस आदेश में ये लिखा है कि आपका जहां ब्रांच है उस जगह से बाहर नहीं जा सकते. मतलब ये हुआ कि मुज़फ्फरपुर के ब्रांच में किसी को हार्ट अटैक आया, लीवर में समस्या हुई तो वे ज़िले से बाहर पटना तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं. क्या इस तरह के आदेश जारी किए जा सकते हैं, हकीकत यह है कि इस तरह के भयानक भयानक आदेश जारी किए गए हैं जो मानवाधिकार का सीधा सीधा उल्लंघन हैं. हमारे जीने के अधिकार, मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. संविधान पढ़ते तो पता चलता कि आदेश देने वाले अफसर को ही जेल भेज देना चाहिए था. मगर जब हमने लिखा और बोला तो चंद घंटे में नया आदेश टाइप हो गया. पहला आदेश 5 मार्च का. नया वाला आदेश 8 मार्च का है. इसमें लिखा है, 'उक्त पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए सभी शाखाओं को निर्देश दिया जाता है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मी चिकित्सा अवकाश में मुख्यालय में प्रस्थान करते हैं तो इसकी सूचना सक्षम पदाधिकारी को देकर अनुमति लेना सुनिश्चित करेंगे.'
बैंकों में किसी को छुट्टी आसानी से नहीं मिलती है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भी काफी समस्या है. आम तौर पर हम ऐसे बैंक के बारे में कम जानते हैं मगर इन बैंकों में ग्राहकों की कोई कमी नहीं रहती है. इनकी भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है. आम तौर पर ग्रामीण बैंक वैसी जगहों पर होते हैं जहां पर सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं पहुंच पाते हैं. हम आज इसके एक ब्रांच का हाल बताना चाहते हैं. पूर्वी चंपारण के एक गांव में एक बैंक है जहां हज़ारों लोग सीढ़ियों से चढ़कर रोज़ आते हैं. इस छोटे से कमरे में यह ब्रांच चल रही है जिसके पास 12,000 खाताधारक हैं और कर्मचारी सिर्फ दो हैं. बैंक के भीतर बहुत दिनों से कोई शौचालय नहीं था. अब जाकर छत पर शौचालय बनना शुरू हुआ है. चौकी पर फाइलें रखी हुई हैं. यहां पता चला कि ग्रामीण इलाके के कारण यहां पर इंटरनेट का लिंक कमज़ोर होता है. स्पीड कम होती है जिसके कारण फाइल अपलोड करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है. थूकने के लिए तो सारा संसार है मगर बैंक के ग्राहक बैंक की दीवार पर ही ये कृपा करते हैं. यह बैंक का थूक केंद्र है. इसी के ऊपर आग बुझाने का यंत्र रखा है.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
प्रधान कार्यालय द्वारा सभी कार्मिकों के लिए अवकाश में नहीं जाने देने का आदेश दिया गया है. आपको आदेश दिया जाता है कि यदि कोई कार्मिक बीमार होते हैं एवं चिकित्सा अवकाश में प्रस्थान करते हैं तो वे मुख्यालय में ही रहकर अपना इलाज करवाएंगे और संबंधित कापी क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करेंगे. अन्यथा आपके चिकित्सा अवकाश की स्वीकृति नहीं दी जाएगी साथ ही आपको अवैतनिक किया जाएगा.
अवैतनिक करना यानी सैलरी नहीं मिली. इस आदेश में ये लिखा है कि आपका जहां ब्रांच है उस जगह से बाहर नहीं जा सकते. मतलब ये हुआ कि मुज़फ्फरपुर के ब्रांच में किसी को हार्ट अटैक आया, लीवर में समस्या हुई तो वे ज़िले से बाहर पटना तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं. क्या इस तरह के आदेश जारी किए जा सकते हैं, हकीकत यह है कि इस तरह के भयानक भयानक आदेश जारी किए गए हैं जो मानवाधिकार का सीधा सीधा उल्लंघन हैं. हमारे जीने के अधिकार, मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. संविधान पढ़ते तो पता चलता कि आदेश देने वाले अफसर को ही जेल भेज देना चाहिए था. मगर जब हमने लिखा और बोला तो चंद घंटे में नया आदेश टाइप हो गया. पहला आदेश 5 मार्च का. नया वाला आदेश 8 मार्च का है. इसमें लिखा है, 'उक्त पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए सभी शाखाओं को निर्देश दिया जाता है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मी चिकित्सा अवकाश में मुख्यालय में प्रस्थान करते हैं तो इसकी सूचना सक्षम पदाधिकारी को देकर अनुमति लेना सुनिश्चित करेंगे.'
बैंकों में किसी को छुट्टी आसानी से नहीं मिलती है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भी काफी समस्या है. आम तौर पर हम ऐसे बैंक के बारे में कम जानते हैं मगर इन बैंकों में ग्राहकों की कोई कमी नहीं रहती है. इनकी भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है. आम तौर पर ग्रामीण बैंक वैसी जगहों पर होते हैं जहां पर सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं पहुंच पाते हैं. हम आज इसके एक ब्रांच का हाल बताना चाहते हैं. पूर्वी चंपारण के एक गांव में एक बैंक है जहां हज़ारों लोग सीढ़ियों से चढ़कर रोज़ आते हैं. इस छोटे से कमरे में यह ब्रांच चल रही है जिसके पास 12,000 खाताधारक हैं और कर्मचारी सिर्फ दो हैं. बैंक के भीतर बहुत दिनों से कोई शौचालय नहीं था. अब जाकर छत पर शौचालय बनना शुरू हुआ है. चौकी पर फाइलें रखी हुई हैं. यहां पता चला कि ग्रामीण इलाके के कारण यहां पर इंटरनेट का लिंक कमज़ोर होता है. स्पीड कम होती है जिसके कारण फाइल अपलोड करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है. थूकने के लिए तो सारा संसार है मगर बैंक के ग्राहक बैंक की दीवार पर ही ये कृपा करते हैं. यह बैंक का थूक केंद्र है. इसी के ऊपर आग बुझाने का यंत्र रखा है.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
अवैतनिक करना यानी सैलरी नहीं मिली. इस आदेश में ये लिखा है कि आपका जहां ब्रांच है उस जगह से बाहर नहीं जा सकते. मतलब ये हुआ कि मुज़फ्फरपुर के ब्रांच में किसी को हार्ट अटैक आया, लीवर में समस्या हुई तो वे ज़िले से बाहर पटना तक इलाज के लिए नहीं जा सकते हैं. क्या इस तरह के आदेश जारी किए जा सकते हैं, हकीकत यह है कि इस तरह के भयानक भयानक आदेश जारी किए गए हैं जो मानवाधिकार का सीधा सीधा उल्लंघन हैं. हमारे जीने के अधिकार, मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. संविधान पढ़ते तो पता चलता कि आदेश देने वाले अफसर को ही जेल भेज देना चाहिए था. मगर जब हमने लिखा और बोला तो चंद घंटे में नया आदेश टाइप हो गया. पहला आदेश 5 मार्च का. नया वाला आदेश 8 मार्च का है. इसमें लिखा है, 'उक्त पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए सभी शाखाओं को निर्देश दिया जाता है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मी चिकित्सा अवकाश में मुख्यालय में प्रस्थान करते हैं तो इसकी सूचना सक्षम पदाधिकारी को देकर अनुमति लेना सुनिश्चित करेंगे.'
बैंकों में किसी को छुट्टी आसानी से नहीं मिलती है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भी काफी समस्या है. आम तौर पर हम ऐसे बैंक के बारे में कम जानते हैं मगर इन बैंकों में ग्राहकों की कोई कमी नहीं रहती है. इनकी भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है. आम तौर पर ग्रामीण बैंक वैसी जगहों पर होते हैं जहां पर सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं पहुंच पाते हैं. हम आज इसके एक ब्रांच का हाल बताना चाहते हैं. पूर्वी चंपारण के एक गांव में एक बैंक है जहां हज़ारों लोग सीढ़ियों से चढ़कर रोज़ आते हैं. इस छोटे से कमरे में यह ब्रांच चल रही है जिसके पास 12,000 खाताधारक हैं और कर्मचारी सिर्फ दो हैं. बैंक के भीतर बहुत दिनों से कोई शौचालय नहीं था. अब जाकर छत पर शौचालय बनना शुरू हुआ है. चौकी पर फाइलें रखी हुई हैं. यहां पता चला कि ग्रामीण इलाके के कारण यहां पर इंटरनेट का लिंक कमज़ोर होता है. स्पीड कम होती है जिसके कारण फाइल अपलोड करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है. थूकने के लिए तो सारा संसार है मगर बैंक के ग्राहक बैंक की दीवार पर ही ये कृपा करते हैं. यह बैंक का थूक केंद्र है. इसी के ऊपर आग बुझाने का यंत्र रखा है.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
बैंकों में किसी को छुट्टी आसानी से नहीं मिलती है. उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की भी काफी समस्या है. आम तौर पर हम ऐसे बैंक के बारे में कम जानते हैं मगर इन बैंकों में ग्राहकों की कोई कमी नहीं रहती है. इनकी भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण होती है. आम तौर पर ग्रामीण बैंक वैसी जगहों पर होते हैं जहां पर सरकारी या प्राइवेट बैंक नहीं पहुंच पाते हैं. हम आज इसके एक ब्रांच का हाल बताना चाहते हैं. पूर्वी चंपारण के एक गांव में एक बैंक है जहां हज़ारों लोग सीढ़ियों से चढ़कर रोज़ आते हैं. इस छोटे से कमरे में यह ब्रांच चल रही है जिसके पास 12,000 खाताधारक हैं और कर्मचारी सिर्फ दो हैं. बैंक के भीतर बहुत दिनों से कोई शौचालय नहीं था. अब जाकर छत पर शौचालय बनना शुरू हुआ है. चौकी पर फाइलें रखी हुई हैं. यहां पता चला कि ग्रामीण इलाके के कारण यहां पर इंटरनेट का लिंक कमज़ोर होता है. स्पीड कम होती है जिसके कारण फाइल अपलोड करने में इन्हें काफी दिक्कत आती है. थूकने के लिए तो सारा संसार है मगर बैंक के ग्राहक बैंक की दीवार पर ही ये कृपा करते हैं. यह बैंक का थूक केंद्र है. इसी के ऊपर आग बुझाने का यंत्र रखा है.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
इसी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का आदेश था कि बीमार पड़ जाएंगे तो ज़िले से बाहर इलाज के लिए नहीं जा सकेंगे, अब नए आदेश में इसका ज़िक्र नहीं है. 24 घंटे से कम समय में आदेश की भाषा बदल गई. अगर केबल वालों ने प्राइम टाइम के समय आवाज़ गायब कर देना, कार्यक्रम ही बंद कर देना, इस तरह का काम न किया होता तो ज़्यादा लोगों तक पहुंच कर बैंकों के भीतर की ज़िंदगी पर तेज़ी से असर हो सकता था. आपने देखा कि कैसे एक लेख लिखने से, सही सवाल उठाने से आदेश की भाषा बदल जाती है. पहले आदेश में साफ कहा गया है कि आप मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकते, अब के आदेश में यह गायब है और कहा गया है कि अनुमति लेकर प्रस्थान कर सकते हैं. इसीलिए कहता हूं कि जिस तरह दर्शकों ने तीन महीने तक एक फिल्म पर डिबेट देखा है अगर दो महीने तक मेरे साथ बैंकों पर यह सीरीज़ देखे लें तो बैंकरों की जिंदगी में ख़ुशियां लौट आएंगी और बहुत सारे सरकारी झूठ की पोल खुल जाएगी. महिला दिवस पर महिला बैंकरों की दास्तान पर पुरुषों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कइयों ने मेसेज किया है कि एक एक बात सही है.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
एक महिला ने अपनी ज़िंदगी का हाल लिखा है, आप भी पढ़िए.. 'रवीश जी, हमारी शादी को सात साल हो गए, सात साल में हमारा तबादला सात जगहों पर हुआ है. वो भी कभी एक राज्य में नहीं हुआ. अलग-अलग राज्य में हुआ. मैं छत्तीसगढ़ में काम करती हूं तो पति का तबादला बंगाल में हो जाता है. शादी के सात साल हो गए मगर हम दोनों साथ नहीं रहे. ट्रांसफर का आदेश मिलने के आठ दिन के भीतर शिफ्ट होना पड़ता है. शिफ्ट होने का ख़र्चा भी हमें ही उठाना पड़ता है. कई बार एक लाख तक खर्च हो जाता है. बैंक देने में देरी करता है और देते समय भी 40-50 हज़ार काट लेता है. महिला दिवस पर आपने तकलीफ बताई अच्छा लगा. महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. टारगेट दूर करने के लिए घर परिवार से दूर रहना पड़ता है. हमारी तो कोई ज़िंदगी ही नहीं है. आपको कितना और क्या क्या बताएं.'
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
हम काफी कुछ जान गए हैं. बैंक के कर्मचारियों ने कभी ये नहीं कहा कि वे बैंक का काम नहीं करना चाहते हैं. वे काम तो कर ही रहे हैं. आजकल सीबीएसई के प्रश्न पत्रों का भी ठेका इन्हीं के सर पर है. सुबह आठ बजे आते और रात के आठ बजे जाते हैं. ये रूटीन सामान्य है और इतने काम के बाद भी टारगेट और ट्रांसफर की धमकी और तनाव. पति-पत्नी को साथ या नज़दीक पोस्टिंग के आदेश हैं, सरकार के आदेश हैं मगर लागू नहीं होता है. महिला बैंकरों को चाइल्ड केयर लीव आखिर किस साज़िश के तहत नहीं दी गई. जबकि केंद्र सरकार के सभी विभागों में मां बनने के बाद महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव मिलता है. बैंक सीरीज़ का यह 11वां अंक है. अब तक तो कम से कम चाइल्ड केयर लीव की घोषणा हो जानी चाहिए थी. काश कि हमारे पास आंकड़े होते तो पता चलता कि कितनी महिलाओं ने टारगेट और ट्रांसफर की यातना से बचने के लिए प्रमोशन नहीं लिया है. यह तो महिला बैंकरों के साथ किया जाने वाला अपराध है. हमारी सीरीज़ के बाद एक महिला ने बताया कि पॉलिसी बेचने के लिए उनसे सजने संवरने के लिए कहा गया. यकीन नहीं होता है कि यह सब सरकारी बैंकों के भीतर हो रहा है. और हम टीवी पर दिखा रहे हैं कि एक महिला लड़ाकू विमान उड़ा रही है. उसके लिए बधाई लेकिन उन लाखों महिलाओं का क्या जो बैंकों के भीतर घुटन की ज़िंदगी जी रही हैं. जिनके सपने उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. बैंक सीरीज़ के 9वें अंक में हमने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के आदेश का ज़िक्र किया था. उसमें कहा गया था कि ब्रांच मैनेजर, डिप्टी मैनेजर की सैलरी रोक दी जाएगी, एसी और जनरेटर हटा लिया जाएगा, मेडिकल बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की. युनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपना वो आदेश वापस ले लिया है. बैंक का एनपीए होगा तो सैलरी ब्रांच मैनेजर की बंद होगी या चेयरमैनों की होगी. सिम्पल सवाल है. क्या ऐसा भी आदेश जारी हो सकता है कि सैलरी नहीं दी जाएगी. क्या बैंकों के भीतर जो काम करते हैं उनके मौलिक अधिकार कुछ भी नही हैं.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
बैंकरों की सैलरी नहीं बढ़ रही है. आईडीबीआई वाले तो 2012 से इंतज़ार कर रहे हैं. बाकी बैंकरों का कहना है कि 20 से 24000 की सैलरी में दिल्ली क्या छोटे शहर में भी रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके लिए बैंकर अब बोलने लगे हैं. 21 मार्च को जंतर-मंतर पर बैंकरों का एक समूह जमा होने वाला है. उनके पोस्टरों की भाषा और तेवर में बदलाव आने लगा है. उन्हें सैलरी बहुत कम मिल रही है. वे सिर्फ सैलरी की बढ़ोत्तरी नहीं चाहते बल्कि केंद्रीय कर्मचारियों की बराबरी चाहते हैं. दोनों में काफी अंतर है.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
कुछ बैंकों में बैंकर ने एक बैज लगा लिया है कि मैं बैंकर हूं लेकिन मेरी सैलरी कम है. लोग धीरे धीरे अपना चेहरा पोस्टर पर डालने लगे हैं. जब चेहरा बाहर आ जाएगा तो एक दिन सच भी आ जाएगा. सरकारें अपने कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर बोलने नहीं देती हैं. मंत्री ही बोलते रहते हैं. मामला अनुशासन का नहीं है, हर कर्मचारी अपना दायरा जानता है, मामला है कि झूठ कहीं बाहर न आ जाए.टिप्पणियां
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
तबादले की कहानी तो ऐसी है कि पति और पत्नी के बीच 1400 किमी का फासला है. नौकरी में सिर्फ सैलरी ही सब कुछ नहीं होती. उसके साथ काम का माहौल भी महत्वपूर्ण होता. ऐसा कैसे हो सकता है कि सारे बैंक में इसके कारण लोग परेशान हैं. इस परेशानी का कारण है मिस सेलिंग, क्रांस सेलिंग. धोखे से बीमा बेचना, बिना जानकारी के बीमा बेचना. आज ही एक सज्जन ने लिखा कि उसके खाते से 500 रुपये कट गया और बीमा हो गया. बैंक गया तो उसी से कहा गया कि आप आवेदन दीजिए. इस तरह के अनुभव से न जाने कितने लोग गुज़रे होंगे. हालत यह हो गई है कि बैंकर के मां बाप, और अब उनके बच्चे भी पत्र लिख रहे हैं या उनसे लिखवाया जा रहा है ताकि कुछ तो असर हो.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था.
मैं करीब करीब दो साल से बिजनेस अखबारों में बैंक पर छपने वाली हर खबर को एक बार देख लेता हूं. उसका हिन्दी अनुवाद कर अपने हिन्दी के पाठकों के लिए अपने ब्लॉग या फेसबुक पेज पर नियमित रूप से लिखता हूं. सारे लेख से बड़ी बड़ी बातों का पता चलता है मगर बैंक के भीतर की ज़िंदगी इतनी मुश्किल हो चुकी है इसका पता नहीं चलता है. मुमकिन है छपा भी हो और मुझसे छूट गया लेकिन आप भी गूगल कर देखिएगा कि छपा था या नहीं. इस सीरीज़ के कारण लोगों ने इतनी जानकारी दी है जितनी मैं जीवन भर में हासिल नहीं कर सकता था. |
दिल्ली के 'स्टिंग मास्टर' चेतन शर्मा पर फायरिंग, केजरीवाल मिलने पहुंचे | राजधानी दिल्ली के डाबड़ी इलाके में शुक्रवार देर रात चेतन शर्मा नाम के एक शख़्स पर कुछ अज्ञात लोगों ने फ़ायरिंग की। गोली चेतन शर्मा के हाथ में गोली लगी और वे घायल अवस्था में दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उनसे मिलने पहुंचे।टिप्पणियां
चेतन शर्मा वही शख़्स हैं जो अब तक कई स्टिंग ऑपरेशन कर चुके हैं। 2008 में उनके स्टिंग ऑपरेशन से 98 ट्रैफ़िक पुलिस वाले निलंबित किए गए थे। इसके अलावा संगम विहार में शराब माफ़ियाओं से घूस लेने वाले 30 पुलिसकर्मियों पर भी शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन से कार्रवाई हुई थी। शर्मा एमसीडी के कई घूसखोर अधिकारियों का भी स्टिंग कर चुके हैं। हालांकि चेतन शर्मा पर भी दिल्ली पुलिस ने कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। 7 महीने पहले ही वो ज़मानत पर जेल से बाहर आए थे। उन्हें दिल्ली पुलिस की सुरक्षा भी मिली हुई है।
चेतन शर्मा वही शख़्स हैं जो अब तक कई स्टिंग ऑपरेशन कर चुके हैं। 2008 में उनके स्टिंग ऑपरेशन से 98 ट्रैफ़िक पुलिस वाले निलंबित किए गए थे। इसके अलावा संगम विहार में शराब माफ़ियाओं से घूस लेने वाले 30 पुलिसकर्मियों पर भी शर्मा के स्टिंग ऑपरेशन से कार्रवाई हुई थी। शर्मा एमसीडी के कई घूसखोर अधिकारियों का भी स्टिंग कर चुके हैं। हालांकि चेतन शर्मा पर भी दिल्ली पुलिस ने कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। 7 महीने पहले ही वो ज़मानत पर जेल से बाहर आए थे। उन्हें दिल्ली पुलिस की सुरक्षा भी मिली हुई है।
शर्मा एमसीडी के कई घूसखोर अधिकारियों का भी स्टिंग कर चुके हैं। हालांकि चेतन शर्मा पर भी दिल्ली पुलिस ने कई आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। 7 महीने पहले ही वो ज़मानत पर जेल से बाहर आए थे। उन्हें दिल्ली पुलिस की सुरक्षा भी मिली हुई है। |
लड़के की तरह लड़की को भी समान संवैधानिक अधिकार : सुप्रीम कोर्ट | हर निगम क्षेत्र, जिला, ग्राम पंचायत व इलाकों में पैदा हुए लड़के और लड़कियों का डाटा इकट्ठा किया जाये ताकि लिंगानुपात के लिए चार्ट बनाया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश एक जनहित याचिका पर जारी किए हैं जिनमें कहा गया था कि कोर्ट ने 2013 में ही भ्रूण हत्या और लिंगानुपात को लेकर आदेश दिए थे लेकिन सरकारों ने उस पर कोई कदम नहीं उठाया.
सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश एक जनहित याचिका पर जारी किए हैं जिनमें कहा गया था कि कोर्ट ने 2013 में ही भ्रूण हत्या और लिंगानुपात को लेकर आदेश दिए थे लेकिन सरकारों ने उस पर कोई कदम नहीं उठाया. |
Surya Grahan: 26 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण, देश के इन राज्यों से दिखेगा साफ | इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर, 2019 (5 पौष, शक संवत 1941) को लगने जा रहा है जो वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा अर्थात पूर्णग्रास नहीं बल्कि खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा. इससे पहले इस साल छह जनवरी और दो जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा एक बयान में बताया गया कि भारत में सूर्योदय के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा.
भारतीय मानक समय अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ होगा जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी. सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनटर पर समाप्त होगी.
ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा. भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा.
सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं.
वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी. आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा.
सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा. वलयाकार पथ सऊदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा.
अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा. देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा. |
शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज का ट्रांसफर | हत्या के मामले में आरजेडी के बहाबुली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाने वाले अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव का तबादला पटना कर दिया गया है.
न्यायाधीश के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने 'पारिवारिक कारणों' से अपने तबादले के लिए अनुरोध किया था और यह किसी प्रकार की 'धमकी' के मद्देनजर नहीं किया गया. यह तबादला एक 'नियमित' प्रक्रिया है. श्रीवास्तव का तबादला उसी पद पर किया गया है, जिस पद पर वह सीवान में थे.
न्यायाधीश श्रीवास्तव ने वर्ष 2014 में दो सगे भाइयों की हत्या मामले में चश्मदीद गवाह तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में 11 दिसंबर, 2015 को शहाबुद्दीन को दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
इस मामले में गत 7 सितबंर को पटना हाईकोर्ट द्वारा जमानत दे दिए जाने पर भागलपुर जेल में बंद शहाबुद्दीन गत 10 सितंबर को रिहा होकर अपने पैतृक जिला सीवान पहुंचे थे. जेल से बाहर आने पर शहाबुद्दीन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'परिस्थितियों का मुख्यमंत्री' बताया था. टिप्पणियां
शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी. बिहार सरकार ने भी अलग से इस मामले में अपील दायर किया है. शीर्ष न्यायालय ने इसको लेकर शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सोमवार को सुनवाई होगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायाधीश के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने 'पारिवारिक कारणों' से अपने तबादले के लिए अनुरोध किया था और यह किसी प्रकार की 'धमकी' के मद्देनजर नहीं किया गया. यह तबादला एक 'नियमित' प्रक्रिया है. श्रीवास्तव का तबादला उसी पद पर किया गया है, जिस पद पर वह सीवान में थे.
न्यायाधीश श्रीवास्तव ने वर्ष 2014 में दो सगे भाइयों की हत्या मामले में चश्मदीद गवाह तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में 11 दिसंबर, 2015 को शहाबुद्दीन को दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
इस मामले में गत 7 सितबंर को पटना हाईकोर्ट द्वारा जमानत दे दिए जाने पर भागलपुर जेल में बंद शहाबुद्दीन गत 10 सितंबर को रिहा होकर अपने पैतृक जिला सीवान पहुंचे थे. जेल से बाहर आने पर शहाबुद्दीन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'परिस्थितियों का मुख्यमंत्री' बताया था. टिप्पणियां
शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी. बिहार सरकार ने भी अलग से इस मामले में अपील दायर किया है. शीर्ष न्यायालय ने इसको लेकर शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सोमवार को सुनवाई होगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायाधीश श्रीवास्तव ने वर्ष 2014 में दो सगे भाइयों की हत्या मामले में चश्मदीद गवाह तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में 11 दिसंबर, 2015 को शहाबुद्दीन को दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
इस मामले में गत 7 सितबंर को पटना हाईकोर्ट द्वारा जमानत दे दिए जाने पर भागलपुर जेल में बंद शहाबुद्दीन गत 10 सितंबर को रिहा होकर अपने पैतृक जिला सीवान पहुंचे थे. जेल से बाहर आने पर शहाबुद्दीन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'परिस्थितियों का मुख्यमंत्री' बताया था. टिप्पणियां
शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी. बिहार सरकार ने भी अलग से इस मामले में अपील दायर किया है. शीर्ष न्यायालय ने इसको लेकर शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सोमवार को सुनवाई होगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस मामले में गत 7 सितबंर को पटना हाईकोर्ट द्वारा जमानत दे दिए जाने पर भागलपुर जेल में बंद शहाबुद्दीन गत 10 सितंबर को रिहा होकर अपने पैतृक जिला सीवान पहुंचे थे. जेल से बाहर आने पर शहाबुद्दीन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'परिस्थितियों का मुख्यमंत्री' बताया था. टिप्पणियां
शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी. बिहार सरकार ने भी अलग से इस मामले में अपील दायर किया है. शीर्ष न्यायालय ने इसको लेकर शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सोमवार को सुनवाई होगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी. बिहार सरकार ने भी अलग से इस मामले में अपील दायर किया है. शीर्ष न्यायालय ने इसको लेकर शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. इस मामले की अगली सोमवार को सुनवाई होगी.(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
मानहानि के मामले में दिग्विजय सिंह पर चलेगा केस? फैसला आज | दिल्ली की एक अदालत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में कांग्रेस नेता को आरोपी के तौर पर समन जारी करने के बारे में आज फैसला सुनाए जाने की संभावना है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 16 अक्टूबर को इस सिलसिले में अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रखा था।
शिकायतकर्ता के दो गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने कहा था कि दिग्विजय सिंह को आरोपी के तौर पर समन जारी करने के बारे में 2 नवंबर को आदेश सुनाया जाएगा।टिप्पणियां
गौरतलब है कि गडकरी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। दिग्विजय ने गडकरी पर आरोप लगाया था कि उनके और पार्टी के सांसद अजय संचेती के बीच व्यवसायिक संबंध हैं और संचेती ने बीजेपी अध्यक्ष को कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये दिए थे।
अदालत ने इससे पहले गडकरी और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एवं राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव के बयान दर्ज किए थे। गडकरी ने अदालत में दर्ज कराए अपने बयान में संचेती के साथ किसी तरह के व्यवसायिक संबंध की बात से इनकार कर दिया था और कहा था कि दिग्विजय ने उनके खिलाफ पूरी तरह से झूठा और अपमानजनक आरोप लगाए हैं, ताकि कोयला खानों के आवंटन के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया जा सके।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 16 अक्टूबर को इस सिलसिले में अपना फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रखा था।
शिकायतकर्ता के दो गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद कोर्ट ने कहा था कि दिग्विजय सिंह को आरोपी के तौर पर समन जारी करने के बारे में 2 नवंबर को आदेश सुनाया जाएगा।टिप्पणियां
गौरतलब है कि गडकरी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। दिग्विजय ने गडकरी पर आरोप लगाया था कि उनके और पार्टी के सांसद अजय संचेती के बीच व्यवसायिक संबंध हैं और संचेती ने बीजेपी अध्यक्ष को कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये दिए थे।
अदालत ने इससे पहले गडकरी और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एवं राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव के बयान दर्ज किए थे। गडकरी ने अदालत में दर्ज कराए अपने बयान में संचेती के साथ किसी तरह के व्यवसायिक संबंध की बात से इनकार कर दिया था और कहा था कि दिग्विजय ने उनके खिलाफ पूरी तरह से झूठा और अपमानजनक आरोप लगाए हैं, ताकि कोयला खानों के आवंटन के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया जा सके।
गौरतलब है कि गडकरी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर कर रखा है। दिग्विजय ने गडकरी पर आरोप लगाया था कि उनके और पार्टी के सांसद अजय संचेती के बीच व्यवसायिक संबंध हैं और संचेती ने बीजेपी अध्यक्ष को कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित तौर पर 500 करोड़ रुपये दिए थे।
अदालत ने इससे पहले गडकरी और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एवं राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव के बयान दर्ज किए थे। गडकरी ने अदालत में दर्ज कराए अपने बयान में संचेती के साथ किसी तरह के व्यवसायिक संबंध की बात से इनकार कर दिया था और कहा था कि दिग्विजय ने उनके खिलाफ पूरी तरह से झूठा और अपमानजनक आरोप लगाए हैं, ताकि कोयला खानों के आवंटन के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया जा सके।
अदालत ने इससे पहले गडकरी और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एवं राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव के बयान दर्ज किए थे। गडकरी ने अदालत में दर्ज कराए अपने बयान में संचेती के साथ किसी तरह के व्यवसायिक संबंध की बात से इनकार कर दिया था और कहा था कि दिग्विजय ने उनके खिलाफ पूरी तरह से झूठा और अपमानजनक आरोप लगाए हैं, ताकि कोयला खानों के आवंटन के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया जा सके। |
टूट गई भूपति-बोपन्ना की जोड़ी, नए साथियों के नाम का किया ऐलान | रोहन बोपन्ना अगले एटीपी सत्र में अमेरिका के राजीव राम के साथ खेलेंगे जबकि महेश भूपति के जोड़ीदार कनाडा के डेनियल नेस्टर होंगे।टिप्पणियां
यह कदम भूपति और बोपन्ना के अलग खेलने के फैसले के बाद उठाया गया है। बोपन्ना का प्रबंधन देखने वाली फर्म प्ले राइट की एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘रोहन और राजीव ने कुछ महीने पहले साथ खेलने का फैसला किया था। दोनों जबर्दस्त सर्विस गेम खेलते हैं और एक दूसरे की शैली के पूरक हो सकते हैं।’’ बोपन्ना ने भूपति के साथ दुबई और पेरिस में खिताब जीते जबकि लंदन मास्टर्स में उपविजेता रहे। वह इस साल मार्च की करियर की सर्वश्रेष्ठ आठवीं रैंकिंग पर भी पहुंचे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2012 में लंदन ओलिंपिक पर फोकस करते हुए महेश के साथ खेला। अब ओलिंपिक हो चुके हैं और मुझे एटीपी सर्किट पर ध्यान केंद्रित करना है लिहाजा मैं मजबूत और लंबी चलने वाली साझेदारी चाहता हूं।’’ राजीव और बोपन्ना ने 2008 ऑस्ट्रेलियाई ओपन साथ में खेला था और प्री क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे।
यह कदम भूपति और बोपन्ना के अलग खेलने के फैसले के बाद उठाया गया है। बोपन्ना का प्रबंधन देखने वाली फर्म प्ले राइट की एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘रोहन और राजीव ने कुछ महीने पहले साथ खेलने का फैसला किया था। दोनों जबर्दस्त सर्विस गेम खेलते हैं और एक दूसरे की शैली के पूरक हो सकते हैं।’’ बोपन्ना ने भूपति के साथ दुबई और पेरिस में खिताब जीते जबकि लंदन मास्टर्स में उपविजेता रहे। वह इस साल मार्च की करियर की सर्वश्रेष्ठ आठवीं रैंकिंग पर भी पहुंचे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2012 में लंदन ओलिंपिक पर फोकस करते हुए महेश के साथ खेला। अब ओलिंपिक हो चुके हैं और मुझे एटीपी सर्किट पर ध्यान केंद्रित करना है लिहाजा मैं मजबूत और लंबी चलने वाली साझेदारी चाहता हूं।’’ राजीव और बोपन्ना ने 2008 ऑस्ट्रेलियाई ओपन साथ में खेला था और प्री क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2012 में लंदन ओलिंपिक पर फोकस करते हुए महेश के साथ खेला। अब ओलिंपिक हो चुके हैं और मुझे एटीपी सर्किट पर ध्यान केंद्रित करना है लिहाजा मैं मजबूत और लंबी चलने वाली साझेदारी चाहता हूं।’’ राजीव और बोपन्ना ने 2008 ऑस्ट्रेलियाई ओपन साथ में खेला था और प्री क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे। |
'मौत से आधे घंटे पहले शांत और बिल्कुल स्वस्थ थे पत्रकार अक्षय सिंह' | व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद संदिग्ध अवस्था में नम्रता दामोर की मौत हो गई थी और आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह शनिवार को उसी नम्रता के माता-पिता का इंटरव्यू लेने उनके घर गए थे। लेकिन आधे घंटे बाद ही अक्षय सिंह की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
रविवार को 38 वर्षीय अक्षय का दिल्ली में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होना जरूरी है।
नम्रता के पिता पत्रकार अक्षय सिंह के अंतिम एक घंटे में उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि अक्षय दोपहर करीब 1 बजे उनके घर पर आए। नम्रता पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2010 में पीएमटी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास की थी। 2012 में उज्जैन में रेलवे पटरी के पास नम्रता की लाश संदिग्ध अवस्था में मिली थी।
नम्रता के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'अक्षय मेरी बेटी के बारे में बात करना चाहते थे और कुछ फाइलों की जांच करना चाहते थे। वो कुछ कागजात की फोटोकॉपी करके अपने पास भी रखना चाहते थे।' दरअसल अक्षय जिन कागजात की जांच करना चाहते थे ये वही कागजात थे, जो नम्रता के परिवार ने उसकी मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कोर्ट में दिए थे। नम्रता के पिता ने बताया, 'चश्मदीदों के अनुसार नम्रता को मारने के बाद रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया था।' टिप्पणियां
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
रविवार को 38 वर्षीय अक्षय का दिल्ली में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। बीजेपी नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होना जरूरी है।
नम्रता के पिता पत्रकार अक्षय सिंह के अंतिम एक घंटे में उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि अक्षय दोपहर करीब 1 बजे उनके घर पर आए। नम्रता पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2010 में पीएमटी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास की थी। 2012 में उज्जैन में रेलवे पटरी के पास नम्रता की लाश संदिग्ध अवस्था में मिली थी।
नम्रता के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'अक्षय मेरी बेटी के बारे में बात करना चाहते थे और कुछ फाइलों की जांच करना चाहते थे। वो कुछ कागजात की फोटोकॉपी करके अपने पास भी रखना चाहते थे।' दरअसल अक्षय जिन कागजात की जांच करना चाहते थे ये वही कागजात थे, जो नम्रता के परिवार ने उसकी मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कोर्ट में दिए थे। नम्रता के पिता ने बताया, 'चश्मदीदों के अनुसार नम्रता को मारने के बाद रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया था।' टिप्पणियां
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
नम्रता के पिता पत्रकार अक्षय सिंह के अंतिम एक घंटे में उनके साथ थे। उन्होंने बताया कि अक्षय दोपहर करीब 1 बजे उनके घर पर आए। नम्रता पर आरोप लगा था कि उन्होंने 2010 में पीएमटी की परीक्षा फर्जी तरीके से पास की थी। 2012 में उज्जैन में रेलवे पटरी के पास नम्रता की लाश संदिग्ध अवस्था में मिली थी।
नम्रता के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'अक्षय मेरी बेटी के बारे में बात करना चाहते थे और कुछ फाइलों की जांच करना चाहते थे। वो कुछ कागजात की फोटोकॉपी करके अपने पास भी रखना चाहते थे।' दरअसल अक्षय जिन कागजात की जांच करना चाहते थे ये वही कागजात थे, जो नम्रता के परिवार ने उसकी मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कोर्ट में दिए थे। नम्रता के पिता ने बताया, 'चश्मदीदों के अनुसार नम्रता को मारने के बाद रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया था।' टिप्पणियां
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
नम्रता के पिता ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'अक्षय मेरी बेटी के बारे में बात करना चाहते थे और कुछ फाइलों की जांच करना चाहते थे। वो कुछ कागजात की फोटोकॉपी करके अपने पास भी रखना चाहते थे।' दरअसल अक्षय जिन कागजात की जांच करना चाहते थे ये वही कागजात थे, जो नम्रता के परिवार ने उसकी मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कोर्ट में दिए थे। नम्रता के पिता ने बताया, 'चश्मदीदों के अनुसार नम्रता को मारने के बाद रेलवे ट्रैक के पास फेंका गया था।' टिप्पणियां
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
उन्होंने बताया 'जब अक्षय हमारे पास आए तो वह बिल्कुल सही सलामत थे, उन्होंने शांति से बात की। लेकिन जब वे कमरे में बैठे तो उनके मुंह के अचानक झाग निकलने लगा। हम लोग उन्हें लेकर अस्पताल की ओर दौड़े।' उन्होंने बताया कि वे लोग अक्षय को तीन अस्पतालों में ले गए, लेकिन कोई भी उन्हें बचा नहीं पाया।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी।
सिविल अस्पताल के डॉक्टर कैलाश पाटिदार के कहना है कि हो सकता है उन्हें हार्ट अटैक आया हो। लेकिन अक्षय के परिवार ने इस तरह की आशंका को सिरे से खारिज किया है और बताया कि अक्षय को इस तरह की कोई समस्या नहीं थी। |
डॉन ब्रैडमैन के बाद सर्वश्रेष्ठ हैं सचिन तेंदुलकर : माइकल क्लार्क | सचिन तेंदुलकर के लंबे समय से क्रिकेट में बने रहने के लिए उनकी तारीफ करते हुए ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि यह भारतीय दिग्गज 'अतुलनीय' डॉन ब्रैडमैन के बाद सर्वकालिक महान बल्लेबाज है।
तेंदुलकर भारत और वेस्ट इंडीज के बीच मुंबई में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लेंगे। यह उनका 200वां टेस्ट मैच भी है। पिछले 24 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल रहे तेंदुलकर का गुणगान करते हुए क्लार्क ने कहा कि उन्हें वास्तव में विश्वास नहीं हो रहा है कि यह भारतीय स्टार उम्रदराज हो गया है।
क्लार्क ने 'डेली टेलीग्राफ' में अपने कॉलम में लिखा है, सचिन तेंदुलकर के बिना भारतीय टेस्ट टीम बहुत अजीब नजर आएगी, जिनका मध्यक्रम में स्थान तय था। वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, जब उन्होंने अपना टेस्ट करियर शुरू किया और 18 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के अपने पहले दौरे में दो शतक जमाए, तो मैं प्राइमरी स्कूल में था। मैंने उनके खिलाफ अपना पहला टेस्ट लगभग एक दशक पहले खेला था तथा मैंने अपने पूरे करियर के दौरान कभी नहीं सोचा कि वह उम्रदराज हो गए हैं। मैं विश्वास नहीं कर सकता कि वह 40 साल के हो गए हैं।
उन्होंने कहा, मैं बहुत भाग्यशाली रहा कि मैं कुछ महान बल्लेबाजों के साथ और खिलाफ खेला हूं, लेकिन मेरे समय में सचिन से बेहतर कोई नहीं था। उन्होंने जो कुछ किया, उसे देखते हुए सचिन को अतुलनीय ब्रैडमैन के बाद सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में दूसरे स्थान पर होना चाहिए।
क्लार्क ने कहा कि उनके अनुसार तेंदुलकर की सबसे बड़ी उपलब्धि 20 साल से अधिक समय से सक्रिय क्रिकेटर बने रहना है। उन्होंने कहा, जब भी मैंने सचिन को खेलते हुए देखा तो पूरे मनोयोग और युवाओं जैसे उत्साह के साथ खेलते हुए देखा। इससे पता चलता है कि वह इस खेल को अब भी कितना चाहते हैं।
क्लार्क ने कहा, सचिन की उपलब्धियों के बारे में पिछले कई सालों से काफी कुछ कहा जा चुका है। उनके टेस्ट और वनडे में रिकॉर्ड रन, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक, ये ऐसे रिकॉर्ड है, जो शायद कभी नहीं टूट पाएंगे। उन्होंने कहा, हालांकि मेरा मानना है कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि वह पिछले लगभग 25 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल रहे हैं। यह उल्लेखनीय है। |
UP Polls 2017: तीसरे दौर के लिए मतदान प्रचार आज थमेगा, प्रियंका आज रायबरेली में होंगी | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे दौर के मतदान के लिए चुनाव प्रचार का शोरगुल आज शाम थम जाएगा. 19 फरवरी यानी रविवार को 12 जिलों की 69 सीटों पर प्रचार का शोर आज शाम 5 बजे थम जाएगा. जहां वोट डाले जाने हैं. उनमें फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर ज़िले हैं. ये इलाक़े सपा के गढ़ माने जाते हैं. 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने इन 69 में से 55 सीटें जीती थीं. वहीं बीएसपी को छह और बीजेपी को पांच सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ़ दो सीटें आई थीं.
कांग्रेस की स्टार कैंपेनर और यूपी में सपा-कांग्रेस के गठबंधन की सूत्रधार रहीं प्रियंका गांधी आज पहली बार यूपी में चुनाव प्रचार के लिए निकलेंगी. प्रचार के लिए उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली को चुना है. उनके साथ उनके भाई और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आज रायबरेली में चुनाव प्रचार करेंगे. यहां पांचवें दौर में वोट डाले जाने हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रियंका पर तंज कसते हुए एक सभा में कहा था कि गठबंधन बनवाने वाले मैदान में क्यों नहीं आ रहे हैं.
कांग्रेस की स्टार कैंपेनर और यूपी में सपा-कांग्रेस के गठबंधन की सूत्रधार रहीं प्रियंका गांधी आज पहली बार यूपी में चुनाव प्रचार के लिए निकलेंगी. प्रचार के लिए उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली को चुना है. उनके साथ उनके भाई और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आज रायबरेली में चुनाव प्रचार करेंगे. यहां पांचवें दौर में वोट डाले जाने हैं. इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने प्रियंका पर तंज कसते हुए एक सभा में कहा था कि गठबंधन बनवाने वाले मैदान में क्यों नहीं आ रहे हैं. |
बर्लिन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते करेंगे पीएम मोदी से मुलाकात | नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी रिश्तेदारों की कथित जासूसी से जुड़े विवाद के बीच उनके पोते ने कहा कि वह जर्मनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पर मांग करेंगे कि इस महान स्वतंत्रा सेनानी से जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया जाए।
बोस के पोते सूर्य कुमार बोस ने कहा, 'सुभाष बोस केवल अपने परिवार के ही नहीं हैं। उन्होंने खुद कहा था कि सारा देश उनका परिवार है। मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ उनके परिवार का कर्तव्य है कि वह इस मुद्दे (गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने) को उठाए।'
नेताजी के भतीजे अर्धेंदु बोस ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह काफी कड़वी बात है कि वे (परिवार के सदस्यों पर) नजर रखे हुए हैं।' उन्होंने कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि खुफिया सेवाओं और विदेशों में राजनयिकों से कहा गया है कि वे यह नजर रखें कि वे (नेताजी के संबंधी) क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इससे संभवत: साबित होता है कि उन्हें मालूम है कि नेताजी का निधन नहीं हुआ है। वे जानते हैं कि विमान दुर्घटना में वह नहीं मारे गए हैं।'
अर्धेंदु ने कहा, 'परिवार ठगा सा महसूस कर रहा है। सच सामने आना चाहिए। सब उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार सचाई सामने लाएगी।' सूर्य ने कहा, 'यह भारत की जनता का कर्तव्य है कि वे इस मामले को उठाएं। अगर मुझे प्रधानमंत्री मोदी से कुछ मिनट के लिए बात करने का मौका मिला तो निश्चित रूप से इस मामले को उठाउंगा।'
हैमबर्ग में भारत-जर्मन संघ के अध्यक्ष सूर्य को सोमवार को भारतीय दूतावास में आयोजित मोदी के स्वागत कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। |
हिप्पो ने खोला जबड़ा तो शख्स ने डाल दिया तरबूज, देखें क्या हुआ फिर...TikTok Video 80 लाख के पार | विदेशों में जेंडर रिविल पार्टी (Gender Reveal Party) यानी कि होने वाले बच्चा लड़का होगा या लड़की इसको लेकर पार्टी देने का ट्रेंड काफी ज्यादा है. हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस एमी जैक्सन (Amy Jackson) ने भी जेंडर रिविल पार्टी दी थी. टेक्सास के एक कपल ने भी अपना बेबी होने से पहले जेंडर रिविल पार्टी दी, लेकिन ज़रा हटके स्टाइल में. जोनाथन और बिर्गेट जोसेफ नाम के इस कपल ने एक दरियाई घोड़े के मुंह में तरबूज डालकर होने वाले बच्चें के जेंडर के बारे में खुलासा किया.
I did it. I found the worst gender reveal. pic.twitter.com/37b5GkrTbN
दरअसल, इस कपल ने बेटा होगा या बेटी ये जानने के लिए तरबूज़ को नीले रंग की जैली से भरा और हिप्पो यानी दरियाई घोड़े के पास जाकर उसके मुंह में डाल दिया. ये दिखाने के लिए इसमें ब्लू जैली है तो बेटा होगा.
जेंडर रिविल पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कई लोगों का कहना है कि आर्टिफिशियल डाई से बना खाना यानी जैली जानवरों को खिलाना गलत है. तो किसी ने इसे सबसे खराब जेंडर रिवील पार्टी बताया.
The joy on his face knowing it's going to be a boy is simply the worst. Along with making a hippo behind a gated fence eating a food coloring watermelon.
I initially didn't understand why th watermelon had that strange color XD
हालांकि कपल का दावा है कि जैली पूरी तरह से ऑर्गेनिक थी. साथ ही कहा कि चिड़ियाघर अधिकारियों ने भी बताया है कि हिप्पो के लिए ये जैली तरबूज हानिकारक नहीं है.
आपको बता दें, ये वीडियो टिकटॉक (Tik) पर पोस्ट किया गया था. जो बाद में ट्विटर पर भी वायरल हुआ. ट्विटर पर इस वीडियो को 80 लाख से ज्यादा बार देखा चुका है.
Dubai Airport पर 2 आम चुराते पकड़े जाने वाले भारतीय को मिली सजा, '115 रुपये के बदले देने होंगे इतने हजार और...'
बीयर पीकर सड़क पर घूम रहा था बौद्ध भिक्षु, पकड़ा लड़की का हाथ, शोर मचाया तो...
पाकिस्तान का ये शहर है दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर, जानिए किस नंबर पर है दिल्ली |
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत बोले- कश्मीर में स्थिति को लेकर चिंतित हैं, सामान्य हालात बहाल करना जरुरी | भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो ने मंगलवार को कहा कि संघ कश्मीर में स्थिति को लेकर चिंतित है और वहां आवाजाही की आजादी देना तथा हालात सामान्य करना बहुत महत्वपूर्ण है. राजदूत ने यह भी कहा कि यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) की कश्मीर यात्रा यूरोपीय संघ के नीतिगत फैसलों की अभिव्यक्ति नहीं है. अस्तुतो ने कहा, ‘‘हम कश्मीर में हालात को लेकर चिंतित हैं.... कश्मीर में आवाजाही की आजादी और सामान्य हालात बहाल करना आवश्यक है.''
नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में अस्तुतो ने कहा कि समानता का सिद्धांत भारतीय संविधान में प्रतिष्ठापित है और आशा करते हैं कि उसका सम्मान किया जाएगा. सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के संबंध में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसकी धरती से गतिविधियां चलाने वाले चरमपंथियों और आतंकवादियों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करनी चाहिए. अस्तुतो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए. |
'सुल्तान' में सलमान खान का होगा बनावटी जिस्म, बुलाये गए विशेषज्ञ | बॉलीवुड में कई बार कई किरदारों के लिए कुछ बनावटी लुक तैयार किए जाते हैं और कुछ ऐसा ही होगा सलमान खान के साथ उनकी आने वाली फिल्म 'सुल्तान' में। बताया जा रहा है कि सलमान की बॉडी प्रोस्थेटिक होगी, जिसके लिए प्रोस्थेटिक के अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञ बुलाये जा रहे हैं।टिप्पणियां
दरअसल, सलमान खान फिल्म 'सुल्तान' में एक पहलवान की भूमिका निभा रहे हैं और इसमें दो तरह का शरीर दिखाना है। हालांकि सलमान ने करीब 10 किलो वज़न बढ़ाया है अपना मगर इस भूमिका के लिए यह काफी नहीं है इसलिए इन्हें इनके कुछ लुक को बनावटी बनाया जाएगा और भारी भरकम दिखाने के लिए और इसके लिए अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञ बुलाए जा रहे हैं।
सलमान के अलावा आमिर खान भी फिल्म 'दंगल' में पहलवान की भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने करीब 30 किलो वज़न बढ़ाया है। बड़े हुए वज़न के साथ शूटिंग के बाद आमिर दो महीने का ब्रेक लेंगे और जवानी के दृश्यों के लिए वजन कम करेंगे। मगर सलमान खान के पास समय की कमी है और 'सुल्तान' एक शेड्यूल में पूरी की जाएगी। ऐसे में सलमान के पास वजन बढ़ाने और दोबारा घटाकर शूट करने का समय नहीं है इसलिए इनके कई सीन को प्रोस्थेटिक का सहारा लेकर शूट किया जाएगा।
दरअसल, सलमान खान फिल्म 'सुल्तान' में एक पहलवान की भूमिका निभा रहे हैं और इसमें दो तरह का शरीर दिखाना है। हालांकि सलमान ने करीब 10 किलो वज़न बढ़ाया है अपना मगर इस भूमिका के लिए यह काफी नहीं है इसलिए इन्हें इनके कुछ लुक को बनावटी बनाया जाएगा और भारी भरकम दिखाने के लिए और इसके लिए अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञ बुलाए जा रहे हैं।
सलमान के अलावा आमिर खान भी फिल्म 'दंगल' में पहलवान की भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने करीब 30 किलो वज़न बढ़ाया है। बड़े हुए वज़न के साथ शूटिंग के बाद आमिर दो महीने का ब्रेक लेंगे और जवानी के दृश्यों के लिए वजन कम करेंगे। मगर सलमान खान के पास समय की कमी है और 'सुल्तान' एक शेड्यूल में पूरी की जाएगी। ऐसे में सलमान के पास वजन बढ़ाने और दोबारा घटाकर शूट करने का समय नहीं है इसलिए इनके कई सीन को प्रोस्थेटिक का सहारा लेकर शूट किया जाएगा।
सलमान के अलावा आमिर खान भी फिल्म 'दंगल' में पहलवान की भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने करीब 30 किलो वज़न बढ़ाया है। बड़े हुए वज़न के साथ शूटिंग के बाद आमिर दो महीने का ब्रेक लेंगे और जवानी के दृश्यों के लिए वजन कम करेंगे। मगर सलमान खान के पास समय की कमी है और 'सुल्तान' एक शेड्यूल में पूरी की जाएगी। ऐसे में सलमान के पास वजन बढ़ाने और दोबारा घटाकर शूट करने का समय नहीं है इसलिए इनके कई सीन को प्रोस्थेटिक का सहारा लेकर शूट किया जाएगा। |
प्यार में नाकाम प्रेमी ने प्रेमिका पर हथौड़े से हमला कर दिया | प्यार में नाकाम रहने पर एक शख्स ने अपनी प्रेमिका पर हथौड़े से हमला कर दिया. हमले में प्रेमिका बुरी तरह घायल हो गई. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक आरोपी का नाम निशांत सैनी है, जिसने वारदात को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया.
निशांत सैनी ने अपनी दोस्त को पहले महिपालपुर के होटल द क्लास में बुलाया और फिर हथौड़े से हमला कर दिया.
पुलिस के मुताबिक निशांत और इसकी गर्ल फ्रेंड की दोस्ती कई सालों से थी. निशांत कोई काम नहीं करता था इसलिए उसकी दोस्त ने रिश्ता तोड़ दिया. यह बेरुखी निशांत को बर्दाश्त नहीं हुई और उसने अपनी दोस्त को मारने की साजिश रच डाली.
निशांत ने अपनी दोस्त को बताया कि उसे मुंबई में एक सीरियल में काम मिल गया है. वह मुंबई जाने वाला है. उसने अपनी दोस्त को महिपालपुर के एक होटल में रविवार को बुलाया. वहां उसने लड़की को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब लड़की नहीं मानी तो उसने सोमवार को एक बार फिर अपना आधार कार्ड ले जाने के बहाने उसे दोबारा होटल में बुलाया. वहां उसने लड़की पर हथौड़े से हमला कर दिया.
पुलिस के मुताबिक जब होटल स्टाफ ने लड़की के चिल्लाने की आवाज सुनी तो निशांत के साथ ही लड़की को पास के अस्पताल ले जाया गया. पुलिस ने पीड़ित लड़की के बयान दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अपनी गलती मान रहा है. पुलिस उससे पूछताछ कर यह पता लगाने में जुटी है कि उसने हथौड़ा कब और कहां से खरीदा था. |
Exclusive : IFS संजीव चतुर्वेदी ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- मंत्री से फोन पर हुई बातचीत का ब्यौरा दें, जिसके बाद मेरा उत्पीड़न हुआ | देश के चर्चित व्हिसिलब्लोवर आईएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी(Sanjiv Chaturvedi) ने पीएम मोदी(PM Modi) को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मंत्री से टेलीफोन पर हुई उस बातचीत के ब्यौरे का खुलासा करने की मांग की है, जिसके बाद से उन्हें एम्स के सीवीओ पद से हटाए जाने और उत्पीड़न का सिलसिला शुरू हो गया. आरटीआई से इस बात का खुलासा हो चुका है कि 23 अगस्त 2014 को एम्स के इस बहुचर्चित केस में पीएम मोदी ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से टेलीफोनिक बातचीत की थी, मगर उन्होंने क्या बातचीत की थी, इसका जिक्र अब तक सार्वजनिक नहीं हुआ है. बातचीत के कंटेंट को अब चतुर्वेदी ने उजागर करने की मांग की है. चतुर्वेदी के मुताबिक, उनकी आरटीआई अर्जी पर खुद मंत्रालय ने बताया था कि केस के सिलसिले मे पीएम ने स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत की. आरटीआई जवाब के मुताबिक, 23 अगस्त 2014 को केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव लव वर्मा ने पीएमओ को लिखा,"माननीय प्रधानमंत्री ने एम्स के सीवीओ पद से संजीव चतुर्वेदी को हटाने से जुड़े मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से टेलीफोन पर बातचीत की. इस सबंध में एक विस्तृत नोट भारत के माननीय पीएम के अवलोककनार्थ प्रस्तुत किया गया है."
संजीव ने पीएम मोदी से पूछा है कि केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों के उन मामलों में अब तक क्या कार्रवाई हुई, जिसे केंद्रीय सूचना आयोग पहले ही सार्वजनिक करने के लिए पीएमओ को कह चुका है. चतुर्वेदी ने यह भी कहा है कि करप्शन के खिलाफ लड़ाई के कारण उन्हें परेशान करने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ हुई कार्रवाई की भी जानकारी दी जाए. पीएम मोदी को भेजे पत्र में चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री की टेलीफोनिक कॉल के बाद उन्हें न केवल तमाम तरह के उत्पीड़नों से गुजरना पड़ा, बल्कि 'अंतहीन मुकदमेबाजी' भी झेलनी पड़ी. एक अफसर की आवाज को दबाने के लिए सरकार की तरफ से करीब 15 केस अलग-अलग न्यायालयों में ठोक दिए गए, जिसमें चार केस तो हाई कोर्ट में किए गए, वहीं एक सुप्रीम कोर्ट में.
जब पीएम मोदी ने पद से हटाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री से बात की तो चतुर्वेदी ने 26 सितंबर 2014 को पीएम मोदी को केस के सभी पहलुओं से अवगत कराने के लिए 56 दस्तावेजों के साथ प्रत्यावेदन भेज कर केस में जांच की मांग की. चतुर्वेदी ने पीएम मोदी को भेजे प्रत्यावेदन मे एम्स मामले में जेपी नड्डा की भूमिका पर सवाल उठाए. जिस पर पीएमओ ने आठ अक्टूबर 2014 और 10 फरवरी 2015 को इस मामले में हेल्थ मिनिस्टी से रिपोर्ट मांगी. हालांकि चतुर्वेदी ने दावा किया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट देने के बावजूद आज तक पीएमओ ने इस मामले में कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी. खुद एक आरटीआई के जवाब में पीएमओ यह बता चुका है. बकौल चतुर्वेदी,"उम्मीद थी कि मसले पर गंभीर पीएम मोदी कुछ एक्शन लेंगे, मगर धक्का तब लगा, जब उन्होंने एम्स में गड़बड़ी करने वाले आरोपियों के खिलाफ ऐक्शन का निर्देश देने की जगह उन नड्डा को ही स्वास्थ्य मंत्री बना दिया." जिसके बाद नड्डा के अंडर में वह एम्स आ गया, जहां घपले की जांचें वह रुकवाना चाहते थे. |
Kabir Singh Box Office Collection Day 15: शाहिद कपूर की फिल्म की अच्छी कमाई जारी, कमाए इतने करोड़ | Kabir Singh Box Office Collection Day 15: बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की फिल्म 'कबीर सिंह' (Kabir Singh)' दिन पर दिन बॉक्स ऑफिस पर अपना नया रिकॉर्ड दर्ज कर रही है. 'कबीर सिंह' (Kabir Singh)' की धुआंदार कमाई हो या शानदार ओपनिंग, हर मामले में शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की फिल्म ने साल की दूसरी बड़ी मूवी का रिकॉर्ड तोड़ा है. खास बात तो यह कि 'कबीर सिंह' (Kabir Singh)' ने 13 दिन में ही 200 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर सलमान खान की 'भारत' को भी पीछे छोड़ दिया. वहीं कमाई की बात करें तो शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की कबीर सिंह का तूफान अभी भी जारी है. तरण आदर्श के ट्वीट के मुताबिक फिल्म ने बीते शुक्रवार यानी 5 जून को करीब 5.40 करोड़ रुपए की कमाई की है. इसके जरिए कबीर सिंह ने 218. 60 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है.
#KabirSingh remains steady on [third] Fri... Should gather speed on [third] Sat and Sun... Will cross ₹ 225 cr today [Sat]... [Week 3] Fri 5.40 cr. Total: ₹ 218.60 cr. India biz.
फिल्म समीक्षक तरण आदर्श के ट्वीट से ऐसा माना जा रहा कि 'कबीर सिंह' (Kabir Singh)' रविवार तक 230 करोड़ रुपए का ग्राफ पार कर सकती है. शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की फिल्म 'कबीर सिंह' ने पहले दिन 20.21 करोड़ रुपये, दूसरे दिन 22 करोड़ रुपये, तीसरे दिन 27 करोड़ रुपये, चौथे दिन 17 करोड़ रुपये, पांचवें दिन 16 करोड़ रुपये, छठे दिन 16 करोड़ रुपये, सातवें दिन 15 करोड़ और आठवें दिन करीब 15 करोड़ नौवें दिन 16.50 और दसवें दिन 16.25 करोड़ और बारहवें दिन 17.75 करोड़ और तेरहवें दिन 9 करोड़ और चौदहवें दिन 6.72 करोड़ रुपए कमाए.
शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) और कियारा अडवाणी (Kiara Advani) की फिल्म 'कबीर सिंह' (Kabir Singh)' को समीक्षकों से ज्यादा अच्छे रिव्यू नहीं मिले हैं, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर कब्जा जमाने वाली फिल्म 'कबीर सिंह' ने आयुष्मान खुराना की आर्टिकल 15 को भी पीछे छोड़ दिया है. शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) और कियारा आडवाणी (Kiara Advani) की मूवी 'कबीर सिंह' साउथ की ब्लॉकबास्टर फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' (Arjun Reddy) का हिंदी रीमेक है. हिंदी में बनाई गई इस फिल्म को भी संदीप रेड्डी वांगा (Sandip Reddy Vanga) ने ही निर्देशित किया है. शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की फिल्म 'कबीर सिंह' (Kabir Singh) में फैन्स उनकी परफॉर्मेंस की जमकर तारीफ कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं. |
हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर की यात्रा के दौरान आत्मदाह की कोशिश करने वाले व्यक्ति की मौत | हरियाणा में सोनीपत जिले के राठधना गांव से पिछले महीने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा के गुजरने के दौरान आत्मदाह की कोशिश करने वाले व्यक्ति की गुरुवार को रोहतक के एक अस्पताल में मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि राजेश नाम के इस व्यक्ति की पीजीआईएमईआर रोहतक में मौत हो गई.
राजेश ने 26 अगस्त को खुद को आग के हवाले के करने के बाद पत्रकारों से कहा था कि मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान उसके बेटे के लिए नौकरी का आश्वासन दिया था, इसके बावजूद उसका बेटा बेरोजगार है. इसलिए उसने यह कठोर कदम उठाया है. |
PHOTOS: ग्लैमर और स्टाइल के मामले में सनी लियोन से कम नहीं उनकी भाभी | A post shared by Karishma Vohra (@karishmanaidu14) on Aug 24, 2017 at 10:17am PDT
A post shared by Karishma Vohra (@karishmanaidu14) on Aug 27, 2017 at 10:37pm PDT
A post shared by Karishma Vohra (@karishmanaidu14) on Aug 1, 2017 at 10:22pm PDT
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A post shared by Karishma Vohra (@karishmanaidu14) on May 13, 2017 at 1:14pm PDT |
'द कपिल शर्मा शो' में कपिल शर्मा को रिप्लेस करने आया ये एक्टर, बोला- अर्चना पूरन सिंह से सीखा है... | टीवी का सबसे धमाकेदार कार्यक्रम 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma) हर हफ्ते अपने दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ उनका खूब मनोरंजन करता है. केवल कपिल शर्मा (Kapil Sharma) ही नहीं, बल्कि शो के सभी किरदार अपने अंदाज से लोगों को हंसाने की हर संभव कोशिश करते हैं. लेकिन हाल ही में 'द कपिल शर्मा शो' का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रहा है. इस वीडियो में होस्ट कपिल शर्मा की जगह लेने के लिए एक बॉलीवुड एक्टर आ गए हैं. ये कोई और नहीं, बल्कि बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार (Akshay Kumar) हैं. द कपिल शर्मा शो का यह वीडियो खुद सोनी टीवी ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से शेयर किया है.
Iss weekend raat 9:30 baje, #TheKapilSharmaShow ka hoga 100th episode aur issi #GoodNewwz par aayenge Akshay, Kareena, Diljit, Kiara dene hassi aur entertainment ka double dose. @kapilsharma @kikusharda @chandanprabhakar @krushna30 @bharti.laughterqueen @sumonachakravarti @banijayasia @archanapuransingh @akshaykumar @therealkareenakapoor @diljitdosanjh @kiaraaliaadvani
A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial) on Dec 18, 2019 at 12:53am PST
दरअसल, 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma) के शुरू होते ही अक्षय कुमार (Akshay Kumar) धमाकेदार एंट्री करते हैं. उनके आने पर अर्चना पूरन सिंह अक्षय से कहती हैं कि आज शो आप होस्ट कर रहे हो. अर्चना पूरन सिंह (Archana Puran Singh) की बातें सुनकर अक्षय कुमार ने कहा, "आप ही से तो सीखा है मैंने, कैसे दूसरों के काम छीनो. पहले वहां कोई और बैठता था, कैसे आपने छीना है." हालांकि, इसके बाद कपिल शर्मा शो में एंट्री करते हैं और फिर शुरू होती है गुड न्यूज की टीम के साथ उनकी मस्ती और धमाल. इन सबसे इतर अक्षय कुमार ने 'द कपिल शर्मा शो' के सेट पर ही कपिल को उनकी बेटी के जन्म की खूब सारी बधाइयां भी दीं.
अक्षय कुमार के साथ 'द कपिल शर्मा शो' (The Kapil Sharma) में करीना कपूर (Kareena Kapoor), कियारा अडवाणी (Kiara Advani) और दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) ने भी एंट्री की. इनमें से करीना कपूर के आते ही कपिल शर्मा के होश उड़ गए साथ ही उनकी खुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहा. बता दें कि अक्षय कुमार, करीना कपूर, कियारा अडवाणी और दिलजीत दोसांझ की फिल्म 'गुड न्यूज' (Good Newwz) इसी महीने 27 तारीख को रिलीज हो रही है. ऐसे में उनकी फिल्म के रिलीज में ज्यादा वक्त नहीं बचा है. धर्मा प्रोडक्शन्स के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन राज मेहता ने किया है. |
आधार बिल पर वोटिंग : व्हिप के बाद भी नदारद रहे कुछ बीजेपी सांसद | बीजेपी ने आधार बिल के समय राज्यसभा में सांसदों को मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था। बावजूद इसके कुछ सांसद वोटिंग के दौरान सभा में मौजूद नहीं रहे।टिप्पणियां
पार्टी ने अनुपस्थित सांसदों से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है। बीजेपी का मानना है कि अगर ये सांसद सदन में मौजूद रहते तो वोटिंग में 'हां' और 'ना' के अंतर को और कम किया जा सकता था।
वोटिंग में जहां संशोधन के हक में 76 जबकि इसके खिलाफ महज 64 वोट पड़े। इसके चलते बिल में राज्यसभा ने चार संशोधन कर डाले। इससे पहले ही बीजेपी ने कई संसदीय कमेटी से पार्टी के 12 सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
पार्टी ने अनुपस्थित सांसदों से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया है। बीजेपी का मानना है कि अगर ये सांसद सदन में मौजूद रहते तो वोटिंग में 'हां' और 'ना' के अंतर को और कम किया जा सकता था।
वोटिंग में जहां संशोधन के हक में 76 जबकि इसके खिलाफ महज 64 वोट पड़े। इसके चलते बिल में राज्यसभा ने चार संशोधन कर डाले। इससे पहले ही बीजेपी ने कई संसदीय कमेटी से पार्टी के 12 सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
वोटिंग में जहां संशोधन के हक में 76 जबकि इसके खिलाफ महज 64 वोट पड़े। इसके चलते बिल में राज्यसभा ने चार संशोधन कर डाले। इससे पहले ही बीजेपी ने कई संसदीय कमेटी से पार्टी के 12 सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। |
पाक कलाकारों पर बैन का मामला : सैफ अली खान ने कहा- सरकार तय करे भारत में कौन काम करेगा | अभिनेता सैफ अली खान ने कहा है कि भारतीय फिल्म उद्योग सीमा पार की प्रतिभाओं के लिए खुला है, लेकिन यह सरकार को निर्णय करना है कि किसे यहां काम करने की इजाजत दी जाए.
उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर, पिछले हफ्ते महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने फवाद खान और माहिरा खान जैसे पाकिस्तानी कलाकारों को भारत छोड़ने की धमकी दी थी और कहा था कि यदि वे भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनकी फिल्म की शूटिंग में खलल डाला जाएगा.
46 वर्षीय अभिनेता ने जीक्यू मैन ऑफ द ईयर अवॉर्ड में कहा, इसे (सांस्कृतिक आदान प्रदान) को निश्चित तौर पर बढ़ावा देना चाहिए. उद्योग वैश्विक प्रतिभा के लिए खुला है, खासतौर पर सीमा पार से आने वालों के लिए, लेकिन सरकार को इन चीजों पर फैसला करना है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, हम कलाकार हैं और हम प्यार तथा शांति के बारे में बात करते हैं, लेकिन सरकार को कानून के बारे में और किसे यहां काम करने की इजाजत देनी है और किसे नहीं, ऐसे फैसले लेने होते हैं. करण जौहर, हंसल मेहता, अनुराग कश्यप, वरुण धवन और राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसी हस्तियां पहले ही भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के बहिष्कार की मांग पर अपने विचार रख चुकी हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर, पिछले हफ्ते महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने फवाद खान और माहिरा खान जैसे पाकिस्तानी कलाकारों को भारत छोड़ने की धमकी दी थी और कहा था कि यदि वे भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनकी फिल्म की शूटिंग में खलल डाला जाएगा.
46 वर्षीय अभिनेता ने जीक्यू मैन ऑफ द ईयर अवॉर्ड में कहा, इसे (सांस्कृतिक आदान प्रदान) को निश्चित तौर पर बढ़ावा देना चाहिए. उद्योग वैश्विक प्रतिभा के लिए खुला है, खासतौर पर सीमा पार से आने वालों के लिए, लेकिन सरकार को इन चीजों पर फैसला करना है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, हम कलाकार हैं और हम प्यार तथा शांति के बारे में बात करते हैं, लेकिन सरकार को कानून के बारे में और किसे यहां काम करने की इजाजत देनी है और किसे नहीं, ऐसे फैसले लेने होते हैं. करण जौहर, हंसल मेहता, अनुराग कश्यप, वरुण धवन और राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसी हस्तियां पहले ही भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के बहिष्कार की मांग पर अपने विचार रख चुकी हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
46 वर्षीय अभिनेता ने जीक्यू मैन ऑफ द ईयर अवॉर्ड में कहा, इसे (सांस्कृतिक आदान प्रदान) को निश्चित तौर पर बढ़ावा देना चाहिए. उद्योग वैश्विक प्रतिभा के लिए खुला है, खासतौर पर सीमा पार से आने वालों के लिए, लेकिन सरकार को इन चीजों पर फैसला करना है.टिप्पणियां
उन्होंने कहा, हम कलाकार हैं और हम प्यार तथा शांति के बारे में बात करते हैं, लेकिन सरकार को कानून के बारे में और किसे यहां काम करने की इजाजत देनी है और किसे नहीं, ऐसे फैसले लेने होते हैं. करण जौहर, हंसल मेहता, अनुराग कश्यप, वरुण धवन और राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसी हस्तियां पहले ही भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के बहिष्कार की मांग पर अपने विचार रख चुकी हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, हम कलाकार हैं और हम प्यार तथा शांति के बारे में बात करते हैं, लेकिन सरकार को कानून के बारे में और किसे यहां काम करने की इजाजत देनी है और किसे नहीं, ऐसे फैसले लेने होते हैं. करण जौहर, हंसल मेहता, अनुराग कश्यप, वरुण धवन और राकेश ओमप्रकाश मेहरा जैसी हस्तियां पहले ही भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के बहिष्कार की मांग पर अपने विचार रख चुकी हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) |
तो क्या दूसरी क्लास तक के बच्चों को नहीं ले जाना पड़ेगा स्कूल बैग | छात्रों के स्कूल बैग को हल्का करने के लिए केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें अच्छी तरह से बनाई गई समय सारिणी और बच्चों के अनुकूल बैग का उपयोग करने जैसे कदम उठाने का सुझाव दिया गया है।
जो अन्य उपाय सुझाए गए हैं उनमें रेफरेंस किताबों का इस्तेमाल नहीं करने और दूसरी कक्षा तक के बच्चों के बैग स्कूलों में ही रखा जाना शामिल है।टिप्पणियां
इन दिशानिर्देशों को 19 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के समक्ष विचारार्थ रखा जाएगा। इसमें छात्रों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए ‘कक्षा पुस्तकालय’की अवधारणा का भी समर्थन किया गया है।
दिशानिर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब स्कूल बैग का वजन बढ़ने और इसका छात्रों की सेहत पर हो रहे असर को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
जो अन्य उपाय सुझाए गए हैं उनमें रेफरेंस किताबों का इस्तेमाल नहीं करने और दूसरी कक्षा तक के बच्चों के बैग स्कूलों में ही रखा जाना शामिल है।टिप्पणियां
इन दिशानिर्देशों को 19 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के समक्ष विचारार्थ रखा जाएगा। इसमें छात्रों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए ‘कक्षा पुस्तकालय’की अवधारणा का भी समर्थन किया गया है।
दिशानिर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब स्कूल बैग का वजन बढ़ने और इसका छात्रों की सेहत पर हो रहे असर को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
इन दिशानिर्देशों को 19 अगस्त को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के समक्ष विचारार्थ रखा जाएगा। इसमें छात्रों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए ‘कक्षा पुस्तकालय’की अवधारणा का भी समर्थन किया गया है।
दिशानिर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब स्कूल बैग का वजन बढ़ने और इसका छात्रों की सेहत पर हो रहे असर को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।
दिशानिर्देश ऐसे समय में आए हैं, जब स्कूल बैग का वजन बढ़ने और इसका छात्रों की सेहत पर हो रहे असर को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। |
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मुख्य कोच डेरेन लीमैन का कार्यकाल बढ़ाया | क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अपनी राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच डेरेन लीमैन का कार्यकाल 2019 में इंग्लैंड में होने वाले आईसीसी वर्ल्ड कप तक के लिए बढ़ा दिया है। लीमैन ने 2013 में एशेज सीरीज में टीम के मुख्य कोच का पद संभाला था। उनका कार्यकाल 2017 में खत्म होने वाला था।
इंग्लैंड में मिली 3-0 से हार के बाद लीमैन ने टीम को दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, भारत, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम को जीत दिलाई थी।
लीमैन के कोच रहते ही टीम ने 2015 में अपने घर में हुए वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था। टीम इस समय टेस्ट और वनडे आईसीसी रैकिंग में पहले स्थान पर है।
सीए के कार्यकारी महाप्रबंधक पैट हॉवार्ड ने कहा कि यह फैसला 2019 तक टीम को स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हॉवार्ड ने कहा, "हम टीम के साथ मुख्य कोच और सहायक कोच के बीच निश्चितता और स्थिरता चाहते हैं और एशेज सीरीज एवं 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, " लीमैन ने काफी सफलता हासिल की है और उनको एवं चयन समिति को खेल के तीन में से दो प्रारूपों में युवा टीम को नंबर-1 बनाने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए।"टिप्पणियां
लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।"
इंग्लैंड में मिली 3-0 से हार के बाद लीमैन ने टीम को दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, भारत, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम को जीत दिलाई थी।
लीमैन के कोच रहते ही टीम ने 2015 में अपने घर में हुए वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था। टीम इस समय टेस्ट और वनडे आईसीसी रैकिंग में पहले स्थान पर है।
सीए के कार्यकारी महाप्रबंधक पैट हॉवार्ड ने कहा कि यह फैसला 2019 तक टीम को स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हॉवार्ड ने कहा, "हम टीम के साथ मुख्य कोच और सहायक कोच के बीच निश्चितता और स्थिरता चाहते हैं और एशेज सीरीज एवं 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, " लीमैन ने काफी सफलता हासिल की है और उनको एवं चयन समिति को खेल के तीन में से दो प्रारूपों में युवा टीम को नंबर-1 बनाने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए।"टिप्पणियां
लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।"
लीमैन के कोच रहते ही टीम ने 2015 में अपने घर में हुए वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था। टीम इस समय टेस्ट और वनडे आईसीसी रैकिंग में पहले स्थान पर है।
सीए के कार्यकारी महाप्रबंधक पैट हॉवार्ड ने कहा कि यह फैसला 2019 तक टीम को स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हॉवार्ड ने कहा, "हम टीम के साथ मुख्य कोच और सहायक कोच के बीच निश्चितता और स्थिरता चाहते हैं और एशेज सीरीज एवं 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, " लीमैन ने काफी सफलता हासिल की है और उनको एवं चयन समिति को खेल के तीन में से दो प्रारूपों में युवा टीम को नंबर-1 बनाने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए।"टिप्पणियां
लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।"
सीए के कार्यकारी महाप्रबंधक पैट हॉवार्ड ने कहा कि यह फैसला 2019 तक टीम को स्थिरता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हॉवार्ड ने कहा, "हम टीम के साथ मुख्य कोच और सहायक कोच के बीच निश्चितता और स्थिरता चाहते हैं और एशेज सीरीज एवं 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, " लीमैन ने काफी सफलता हासिल की है और उनको एवं चयन समिति को खेल के तीन में से दो प्रारूपों में युवा टीम को नंबर-1 बनाने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए।"टिप्पणियां
लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।"
हॉवार्ड ने कहा, "हम टीम के साथ मुख्य कोच और सहायक कोच के बीच निश्चितता और स्थिरता चाहते हैं और एशेज सीरीज एवं 2019 वर्ल्ड कप के लिए टीम तैयार करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, " लीमैन ने काफी सफलता हासिल की है और उनको एवं चयन समिति को खेल के तीन में से दो प्रारूपों में युवा टीम को नंबर-1 बनाने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए।"टिप्पणियां
लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।"
उन्होंने कहा, " लीमैन ने काफी सफलता हासिल की है और उनको एवं चयन समिति को खेल के तीन में से दो प्रारूपों में युवा टीम को नंबर-1 बनाने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए।"टिप्पणियां
लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
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लीमैन इस समय तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम के साथ श्रीलंका में हैं। उन्होंने अपना कार्यकाल बढ़ाने के लिए सीए का शुक्रिया अदा किया है।
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।"
उन्होंने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए उनका शुक्रगुजार हूं। मुझे इस काम से प्यार है और जहां तक मेरा सवाल है यह पूरे विश्व में मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी है।" |
ओडिशा में चलती बस में बलात्कार, आरोपी गिरफ्तार | ओडिशा में चलती बस में एक महिला यात्री से बलात्कार करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मामले की जांच कर रही सुजाता जेना ने बताया कि बस के एक हेल्पर सुशांत हेम्ब्रम (25) कथित रूप से बस के शयन बर्थ पर चढ़ गया और वहां सो रही महिला के का मुंह बंद कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना सोमवार तड़के की है। बस मयूरभंज से कटक जा रही थी। मयूरभंज से कटक की दूरी 25 किमी है।
जेना ने कहा कि बस में उस समय दूसरे लोग भी यात्रा कर रहे थे, लेकिन घटना की किसी को खबर नहीं हुई। आरोपी ने पीड़ित का मुंह दबा रखा था जिसके कारण वह शोर नहीं मचा सकी। आरोपी ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी।टिप्पणियां
मामला तब सामने आया, जब कटक में बस से उतरने के बाद लोगों ने महिला को रोते देखा और उसे पुलिस स्टेशन ले कर गए।
पुलिस ने कहा, पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता मयूरभंज की रहने वाली है और कटक में नौकरानी का काम करती है।
मामले की जांच कर रही सुजाता जेना ने बताया कि बस के एक हेल्पर सुशांत हेम्ब्रम (25) कथित रूप से बस के शयन बर्थ पर चढ़ गया और वहां सो रही महिला के का मुंह बंद कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना सोमवार तड़के की है। बस मयूरभंज से कटक जा रही थी। मयूरभंज से कटक की दूरी 25 किमी है।
जेना ने कहा कि बस में उस समय दूसरे लोग भी यात्रा कर रहे थे, लेकिन घटना की किसी को खबर नहीं हुई। आरोपी ने पीड़ित का मुंह दबा रखा था जिसके कारण वह शोर नहीं मचा सकी। आरोपी ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी।टिप्पणियां
मामला तब सामने आया, जब कटक में बस से उतरने के बाद लोगों ने महिला को रोते देखा और उसे पुलिस स्टेशन ले कर गए।
पुलिस ने कहा, पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता मयूरभंज की रहने वाली है और कटक में नौकरानी का काम करती है।
घटना सोमवार तड़के की है। बस मयूरभंज से कटक जा रही थी। मयूरभंज से कटक की दूरी 25 किमी है।
जेना ने कहा कि बस में उस समय दूसरे लोग भी यात्रा कर रहे थे, लेकिन घटना की किसी को खबर नहीं हुई। आरोपी ने पीड़ित का मुंह दबा रखा था जिसके कारण वह शोर नहीं मचा सकी। आरोपी ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी।टिप्पणियां
मामला तब सामने आया, जब कटक में बस से उतरने के बाद लोगों ने महिला को रोते देखा और उसे पुलिस स्टेशन ले कर गए।
पुलिस ने कहा, पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता मयूरभंज की रहने वाली है और कटक में नौकरानी का काम करती है।
जेना ने कहा कि बस में उस समय दूसरे लोग भी यात्रा कर रहे थे, लेकिन घटना की किसी को खबर नहीं हुई। आरोपी ने पीड़ित का मुंह दबा रखा था जिसके कारण वह शोर नहीं मचा सकी। आरोपी ने घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी।टिप्पणियां
मामला तब सामने आया, जब कटक में बस से उतरने के बाद लोगों ने महिला को रोते देखा और उसे पुलिस स्टेशन ले कर गए।
पुलिस ने कहा, पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता मयूरभंज की रहने वाली है और कटक में नौकरानी का काम करती है।
मामला तब सामने आया, जब कटक में बस से उतरने के बाद लोगों ने महिला को रोते देखा और उसे पुलिस स्टेशन ले कर गए।
पुलिस ने कहा, पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता मयूरभंज की रहने वाली है और कटक में नौकरानी का काम करती है।
पुलिस ने कहा, पीड़िता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पीड़िता मयूरभंज की रहने वाली है और कटक में नौकरानी का काम करती है। |
पूर्व खिलाड़ी बोला, इसलिए लियोनेल मेसी हैं विश्व कप जीतने के हकदार | Signature Agility.
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औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर में 1.8 प्रतिशत घटा | औद्योगिक उत्पादन में अक्टूबर के दौरान एक वर्ष पूर्व इसी माह की तुलना में 1.8 प्रतिशत की कमी आई। विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण यह गिरावट आई है। इससे पहले, तीन महीने औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर ऊंचा चल रहा था।
इस बीच, संशोधित आंकड़ों में सितंबर की आईआईपी वृद्धि दर को 1.96 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर इसे 2 प्रतिशत बताया गया था। इससे पहले, जून महीने में औद्योगिक उत्पादन में संकुचन हुआ था, जबकि आईआईपी में 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस वित्तवर्ष में अप्रैल-अक्टूबर (पहले सात माह) के दौरान औद्योगिक उत्पादन स्थिर रहा, जबकि इससे पूर्व वित्तवर्ष 2012-13 की इसी अवधि में इसमें 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सूचकांक में 75 प्रतिशत से अधिक भारांश रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन इस बार अक्टूबर में 2 प्रतिशत नीचे रहा, जबकि एक वर्ष इसी महीने इसमें 9.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
इस वित्तवर्ष के पहले सात महीनों अप्रैल-अक्टूबर के दौरान इस क्षेत्र के उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में इसमें 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आईआईपी में 14 प्रतिशत भारांश रखने वाला खनन क्षेत्र में अक्टूबर के दौरान 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले वर्ष के इसी महीने में इसमें 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान उत्पादन में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले वित्तवर्ष की इसी अवधि में इसमें एक प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी। हालांकि बिजली उत्पादन में आलोच्य महीने के दौरान 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसमें 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान बिजली उत्पादन में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इससे पूर्व वित्तवर्ष की इसी अवधि में इसमें 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
विनिर्माण क्षेत्र के 22 औद्योगिक समूहों में से 10 में इस साल अक्टूबर के दौरान नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन में आलोच्य माह के दौरान 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी माह में इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। वित्तवर्ष 2013-14 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान इस क्षेत्र में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इससे पूर्व वित्तवर्ष की इसी अवधि में इसमें 11.6 प्रतिशत का संकुचन दर्ज किया गया था।
टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र में अक्टूबर के दौरान 12 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि इससे पूर्व वर्ष के इसी महीने में इसमें 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उपभोकता गैर-टिकाऊ क्षेत्र में वृद्धि दर अक्टूबर में 1.8 प्रतिशत रही, जबकि इससे पूर्व वर्ष के इसी महीने में इसमें 11.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान क्षेत्र की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व वित्तवर्ष की इसी अवधि में 2.8 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन इस साल अक्टूबर में 5.1 प्रतिशत घटा, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 13.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। |
RBI प्रमुख के रूप में रघुराम राजन ने 'असाधारण' काम किया है : इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का | इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में रघुराम राजन 'असाधारण' रहे हैं और उनके पास ग्रीन कार्ड होना कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए।
इंफोसिस के सीईओ और प्रबंध निदेशक विशाल सिक्का ने कहा, 'मैं यहां हूं (इंफोसिस का सीईओ)। मैं अमेरिकी नागरिक हूं। मुझे नहीं लगता कि वह (राजन) अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन मैं अमेरिकी नागरिक हूं। यह ऐसा है कि 'फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी' और यही मायने रखता है।'
उन्होंने कहा, 'वह असाधारण गवर्नर रहे हैं और हम उनके जीवन और शिक्षण के लिए शुभकामनाएं देते हैं। मैं यह देखना चाहूंगा कि साथ काम करने का कोई तरीका निकल आए, लेकिन उन्होंने असाधारण काम किया है और हम उन्हें शुभकामनाएं देना चाहते हैं।' यह पूछने पर कि क्या राजन के पास ग्रीन कार्ड का होना कोई मुद्दा है, सिक्का ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता।टिप्पणियां
राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में पूछने पर सिक्का ने कहा, 'अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है। भारत मजबूत है। चीजें चलती रहेंगी। लेकिन उन्होंने वास्तव में बहुत अच्छा काम किया है।' राजन के उत्तराधिकारी के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा, 'मुझे कोई जानकारी नहीं है। कई अर्थशास्त्री हैं। लेकिन अंतत: यह सरकार का फैसला है। फैसला जो भी हो, हम उसका पूरा समर्थन करेंगे।' एनआईआर अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि राजन के पास ग्रीन कार्ड होने का मतलब यह नहीं है कि वह भारतीय नहीं हैं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इंफोसिस के सीईओ और प्रबंध निदेशक विशाल सिक्का ने कहा, 'मैं यहां हूं (इंफोसिस का सीईओ)। मैं अमेरिकी नागरिक हूं। मुझे नहीं लगता कि वह (राजन) अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन मैं अमेरिकी नागरिक हूं। यह ऐसा है कि 'फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी' और यही मायने रखता है।'
उन्होंने कहा, 'वह असाधारण गवर्नर रहे हैं और हम उनके जीवन और शिक्षण के लिए शुभकामनाएं देते हैं। मैं यह देखना चाहूंगा कि साथ काम करने का कोई तरीका निकल आए, लेकिन उन्होंने असाधारण काम किया है और हम उन्हें शुभकामनाएं देना चाहते हैं।' यह पूछने पर कि क्या राजन के पास ग्रीन कार्ड का होना कोई मुद्दा है, सिक्का ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता।टिप्पणियां
राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में पूछने पर सिक्का ने कहा, 'अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है। भारत मजबूत है। चीजें चलती रहेंगी। लेकिन उन्होंने वास्तव में बहुत अच्छा काम किया है।' राजन के उत्तराधिकारी के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा, 'मुझे कोई जानकारी नहीं है। कई अर्थशास्त्री हैं। लेकिन अंतत: यह सरकार का फैसला है। फैसला जो भी हो, हम उसका पूरा समर्थन करेंगे।' एनआईआर अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि राजन के पास ग्रीन कार्ड होने का मतलब यह नहीं है कि वह भारतीय नहीं हैं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उन्होंने कहा, 'वह असाधारण गवर्नर रहे हैं और हम उनके जीवन और शिक्षण के लिए शुभकामनाएं देते हैं। मैं यह देखना चाहूंगा कि साथ काम करने का कोई तरीका निकल आए, लेकिन उन्होंने असाधारण काम किया है और हम उन्हें शुभकामनाएं देना चाहते हैं।' यह पूछने पर कि क्या राजन के पास ग्रीन कार्ड का होना कोई मुद्दा है, सिक्का ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता।टिप्पणियां
राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में पूछने पर सिक्का ने कहा, 'अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है। भारत मजबूत है। चीजें चलती रहेंगी। लेकिन उन्होंने वास्तव में बहुत अच्छा काम किया है।' राजन के उत्तराधिकारी के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा, 'मुझे कोई जानकारी नहीं है। कई अर्थशास्त्री हैं। लेकिन अंतत: यह सरकार का फैसला है। फैसला जो भी हो, हम उसका पूरा समर्थन करेंगे।' एनआईआर अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि राजन के पास ग्रीन कार्ड होने का मतलब यह नहीं है कि वह भारतीय नहीं हैं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में पूछने पर सिक्का ने कहा, 'अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है। भारत मजबूत है। चीजें चलती रहेंगी। लेकिन उन्होंने वास्तव में बहुत अच्छा काम किया है।' राजन के उत्तराधिकारी के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा, 'मुझे कोई जानकारी नहीं है। कई अर्थशास्त्री हैं। लेकिन अंतत: यह सरकार का फैसला है। फैसला जो भी हो, हम उसका पूरा समर्थन करेंगे।' एनआईआर अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि राजन के पास ग्रीन कार्ड होने का मतलब यह नहीं है कि वह भारतीय नहीं हैं। (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है) |
ब्रिटेन में राजनीतिक शरण चाहता है नीरव मोदी, दो वकीलों से किया संपर्क : सूत्र | गौरतलब है कि पीएनबी घोटाले के खुलासे के बाद नीरव मोदी 1 जनवरी 2018 को भारत से फरार हो गया था. नीरव मोदी पर पीएनबी बैंक का लगभग 11 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है. सूत्रों के अनुसार नीरव मोदी सबसे पहले मुंबई से यूएई गया. इसके बाद वह हांगकांग और लंदन गया. 17 मार्च को उसने लंदन छोड़ा और अब वह न्यूयॉर्क में है. नीरव मोदी ने 2 फरवरी को यूएई छोड़ा था. |
ब्रिटेन में एयर शो के दौरान फाइटर प्लेन क्रैश होकर हाइवे पर गिरा, 7 की मौत | दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के ससेक्स में शनिवार को एक एयर शो के दौरान दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। हजारों लोग सड़क पर खड़े होकर एयर शो के दौरान विमानों के करतब देख रहे थे। तभी करतब दिखा रहा एक विमान सीधा जमीन पर आ गिरा।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार 1950 के दशक का फाइटर जेट शोरेहम एयर शो में भाग ले रहा था और भीड़ भरी सड़क पर आ गिरा। इस हादसे में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई।टिप्पणियां
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार पायलट को विमान के जलते मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान साधा ऊपर की और उड़ा और फिर स्टंट करते हुए सीधा लगभग 90 डिग्री के कोण पर नीचे की ओर मुड गया। इस बीच विमान समय पर वापस आसमान की तरफ नहीं मुड़ पाया और सीधा हाईवे पर जा गिरा। जमीन पर गिरते ही विमान आग का गोला बन गया।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार 1950 के दशक का फाइटर जेट शोरेहम एयर शो में भाग ले रहा था और भीड़ भरी सड़क पर आ गिरा। इस हादसे में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई।टिप्पणियां
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार पायलट को विमान के जलते मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान साधा ऊपर की और उड़ा और फिर स्टंट करते हुए सीधा लगभग 90 डिग्री के कोण पर नीचे की ओर मुड गया। इस बीच विमान समय पर वापस आसमान की तरफ नहीं मुड़ पाया और सीधा हाईवे पर जा गिरा। जमीन पर गिरते ही विमान आग का गोला बन गया।
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार पायलट को विमान के जलते मलबे से सुरक्षित निकाल लिया गया है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान साधा ऊपर की और उड़ा और फिर स्टंट करते हुए सीधा लगभग 90 डिग्री के कोण पर नीचे की ओर मुड गया। इस बीच विमान समय पर वापस आसमान की तरफ नहीं मुड़ पाया और सीधा हाईवे पर जा गिरा। जमीन पर गिरते ही विमान आग का गोला बन गया।
वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान साधा ऊपर की और उड़ा और फिर स्टंट करते हुए सीधा लगभग 90 डिग्री के कोण पर नीचे की ओर मुड गया। इस बीच विमान समय पर वापस आसमान की तरफ नहीं मुड़ पाया और सीधा हाईवे पर जा गिरा। जमीन पर गिरते ही विमान आग का गोला बन गया। |
सऊदी अरब में पाकिस्तान के डॉक्टरों की नौकरी खतरे में, बोले - MS और MD डिग्री की मान्यता खत्म | सऊदी देशों में अब पाकिस्तानी डॉक्टर्स जॉबलेस होने की कगार पर हैं. क्योंकि वहां की सरकार ने पाकिस्तान से MS (मास्टर ऑफ सर्जरी) और MD (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की डिग्री लेकर आए डॉक्टरों को बड़ी पोस्ट देने से इंकार कर दिया है. इनका मानना है कि पाकिस्तान के इन दोनों डिग्री वाले डॉक्टर्स की पढ़ाई इस योग्य नहीं कि इन्हें बड़ी पोज़िशन दी जाए. सबसे ज्यादा पाकिस्तानी डॉक्टर सऊदी अरब में हैं. इस फरमान के बाद हज़ारों डॉक्टरों की नौकरी खतरे में हैं. इन डॉक्टरों को वापस जाने या फिर देश-निकाला के लिए कहा जा रहा है.
इस्लामाबाद में दिखे 'अखंड भारत' के पोस्टर, पाकिस्तानी जनता और पुलिस परेशान, Video Viral
सऊदी अरब के बाद पाकिस्तानी डॉक्टरों की पढ़ाई पर सवालिया निशान अब कतर और बहरीन जैसे देश भी लगाने का सोच रहे हैं. इस फैसले की सबसे ज्यादा गाज सऊदी हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा साल 2016 में भर्ती किए गए डॉक्टरों पर गिरने वाली है. क्योंकि इस साल ऑनलाइन आवेदन द्वारा कराची, लाहौर और इस्लामाबाद से डॉक्टरों को नौकरी दी गई थी.
प्रभावित डॉक्टरों ने डॉन से बातचीत में बताया कि इस फैसले ने उन्हें शर्मिंदा किया है क्योंकि इसी तरह के डिग्री प्रोग्राम भारत, मिस्र, सूडान और बांग्लादेश में करवाए जाते हैं जो सउदी अरब समेत अन्य देशों में स्वीकार्य रहे हैं.
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डॉन के मुताबिक सऊदी कमिशन फॉर हेल्थ स्पेशलिस्ट (Saudi Commission for Health Specialties or SCFHS) ने कई डॉक्टरों को सेवा समाप्ति पत्र भी जारी कर दिया है.
इस पत्र में लिखा है कि आपकी व्यावसायिक योग्यता का आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है. क्योंकि पाकिस्तान से ली गई आपकी ये मास्टर डिग्री SCFHS में स्वीकार्य नहीं है.
एक डॉक्टर ने बताया कि, "मैंने लाहौर की यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस से पांच साल की पोस्ट-ग्रैजुएशन की. इसके बाद लाहौर के जनरल अस्पताल में ट्रेनिंग की, लेकिन अब सऊदी अरब के अचानक आए इस फैसले से मेरा जॉब कॉट्रैक्ट, घर और परिवार खतरे में है." |
बिहार के नालंदा और रोहतास जिलों में अलग-अलग हादसे में आठ की मौत, 11 अन्य जख्मी | बिहार के नालंदा और रोहतास जिलों में बुधवार को अलग अलग सडक हादसे में आठ लोगों की मौत हो गयी जबकि 11 अन्य जख्मी हो गए. बिहार के नालंदा जिला के गिरियक थाना अंतर्गत दुर्गानगर के समीप बुधवार की सुबह एक ट्रक से टक्कर लगने से ऑटोरिक्शा पर सवार एक नवजात सहित छह लोगों की मौत हो गयी जबकि तीन अन्य जख्मी हो गए. राजगीर के पुलिस उपाधीक्षक सोमनाथ प्रसाद ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में कराया गया जबकि घायलों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि नवादा जिले के वारसलीगंज थाना अंतर्गत कुटरी गांव निवासी ये लोग उक्त ऑटोरिक्शा से बिहारशरीफ आ रहे थे. सोमनाथ ने बताया कि इस हादसे के बाद से ट्रक चालक अपने वाहन को लेकर फरार हो गया.
रोहतास जिले के डेहरी थाना अंतर्गत सुअरा मोड़ के समीप मंगलवार की देर रात्रि एक बोलेरो वाहन के अनियंत्रित होकर सडक किनारे खड़े एक गैस टैंकर में पीछे से टक्कर मार देने से बोलेरो पर सवार दो लोगों की मौत हो गयी जबकि आठ अन्य जख्मी हो गए.
डेहरी थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बुधवार को बताया कि जीटी रोड राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 पर बीती देर रात्रि करीब दो बजे हुए इस हादसे में बोलेरो सवार दो व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 8 अन्य व्यक्ति जख्मी हो गए. उन्होंने बताया कि इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए पांच लोगों में से तीन का इलाज जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है जबकि दो अन्य व्यक्तियों को बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर किया गया है. |
मोहाली में मुक़ाबला : मुंबई लेगी हार का बदला या पंजाब की होगी बल्ले-बल्ले? | मुंबई ने अपने पिछले मैच में राजस्थान को 8 रनों से हराकर प्ले-ऑफ़ में अपने पहुंचने की उम्मीद को बरक़रार रखा है। पंजाब को हराकर मुंबई की टीम अपनी इस उम्मीद को और मज़बूत कर सकती है। लेकिन इसी टूर्नामेंट में पंजाब को दो में से एक जीत मुंबई के ख़िलाफ़ ही मिली है और अब उनके पास गंवाने को कुछ नहीं। इसलिए दबाव मुंबई की टीम पर ही होगा।
पहले बैंगलोर, फिर हैदराबाद और दो दिन पहले राजस्थान जैसी ताक़तवर टीम को हराने के बाद मुंबई के खिलाड़ियों से ज़्यादा मुंबई के सुपरस्टार सपोर्ट स्टाफ़ यानी सचिन तेंदुलकर और मुख्य कोच रिकी पॉन्टिंग के चेहरों पर राहत देखी जा सकती थी।
आईपीएल के सुपर संडे को शाम 4 बजे मोहाली में दो ऐसी टीमें टकराएंगी जो प्वाइंट्स टेबल में बेशक एकदम नीचे हों लेकिन दोनों फ़ितरत में भी एकदम जुदा हैं। मुंबई की टीम ने अभी जीतना शुरू किया है। दूसरी तरफ़ पिछले बार की उपविजेता पंजाब की टीम को जीत हासिल किए अरसा बीत चुका है और उसका प्वाइंट्स टेबल में नीचे से ऊपर की ओर ख़िसकना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है।
रोहित शर्मा (8 मैच- 271 रन), कीरॉन पोलार्ड (8 मैच- 226) और लेंडल सिमंस (5 मैच- 168 रन) जैसे मुंबई के ताक़तवर बल्लेबाज़ों के अलावा अंबाटी रायडू (27 गेंदों पर नाबाद 53 रन, 4 चौके और 3 छक्के) जैसे बल्लेबाज़ों का फ़ॉर्म में आना मुंबई की जीत की लय को बरक़रार रख सकता है।
माना जा सकता है कि न्यूज़ीलैंड के मिचेल मैक्लेनिघन के आने से मुंबई के हालात बदल गए हैं। मिचेल मैक्लेनिघन (4 मैच- 9 विकेट), लसिथ मलिंगा (8 मैच- 11 विकेट)और हरभजन सिंह (7 मैच- 8 विकेट) के सहारे ये टीम अब बड़ी जीत की हक़दार नज़र आने लगी है।
दूसरी तरफ़ पंजाब के लिए कप्तान जॉर्ज बेली (7 मैच- 205 रन), डेविड मिलर (7 मैच- 166 रन) और मुरली विजय (7 मैच- 158 रन) के अलावा ऋद्धिमान साहा (8 मैच- 140 रन) ने भी रन जोड़े हैं।
इसी तरह मिचेल जॉनसन (7 मैच- 8 विकेट) के अलावा अनुरीत सिंह (8मैच- 10 विकेट), अक्षर पटेल (8 मैच- 9 विकेट) और संदीप शर्मा (8 मैच- 9 विकेट) ने विकेट भी लिए हैं, लेकिन ये सब उनकी जीत के लिए नाकाफ़ी साबित हुए हैं।
फिर भी पंजाब ने इस बार राजस्थान और मुंबई को शिकस्त दी है। मुंबई हार का बदला लेगी या पंजाब जीत की पटरी पर लौटेगी इसे लेकर दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। |
बिहार की विशेष दर्जा देने की हमारी मांग पूरी करें, तो हम भी मोदी समर्थक हो जाएंगे : मांझी | बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के साथ ही इस प्रदेश की दूसरी लंबित मांगों को पूरा करें तो हम उनके समर्थक हो जाएंगे।
मांझी ने पटना जिले के बाढ़ में एनटीपीसी के सुपर विद्युत स्टेशन की पहली इकाई से वाणिज्यिक परिचालन और मुजफ्फरपुर में कांटी बिजली उत्पादन निगम लिमिटेड के 110 मेगावाट की दूसरी इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के साथ प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण पर खर्च किए गए एक हजार करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति सहित अन्य लंबित मांग को पूरा किए जाने पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक हो जाएंगे।
बाढ़ स्थित एनटीपीसी के सुपर विद्युत स्टेशन की इकाई से वाणिज्यिक परिचालन के शुभारंभ के अवसर पर मांझी ने केंद्र की राजग सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'मंत्रियों के जोर-जोर से बोलने से ऐसा लगता है कि बिहार की सभी समस्याओं को निदान हो गया।' उन्होंने कहा कि बिहार की समस्याओं के निदान के लिए जोरदार दावे के बजाय ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
मांझी ने बाढ़ स्थित एनटीपीसी के सुपर विद्युत स्टेशन की इकाई से वाणिज्यिक परिचालन के शुभारंभ के अवसर पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनदेखी किए जाने का मामला उठाते हुए कहा कि इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने मजाकिया लहजे में समारोह में मौजूद बिहार के सातों केंद्रीय मंत्रियों को 'सतभईया' के रूप में निरूपित किया और उनसे बिहार की लंबित मांगों को केंद्र से पूरा कराए जाने का आग्रह किया। |
स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट: ‘ऑपरेशन क्लीन’ की 15 टीमों ने ऐसे किया भंडाफोड़, न्यायिक हिसरात में भेजे गए 35 लोग | नोएडा में पुलिस ने रविवार रात 14 स्पा सेंटरों पर छापा मारकर 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इनमें से कुछ स्पा सेंटरों में देह व्यापार होता था. गिरफ्तार लोगों को सोमवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतम बुद्ध नगर वैभव कृष्ण ने सोमवार को बताया कि ‘ऑपरेशन क्लीन' के तहत रविवार रात को पुलिस की 15 टीमें बनाई गईं, जिसमें एसपी देहात विनीत जायसवाल, पुलिस उपाधीक्षक श्वेताभ पांडे सहित सात क्षेत्राधिकारी, आठ थाना प्रभारी, 30 उप निरीक्षक तथा महिला एवं पुरुष कांस्टेबल को शामिल किया गया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने 14 स्पा सेंटरों पर एक साथ छापा मारा. आरोप है कि इनमें से तीन स्पा सेंटर में देह व्यापार होता था. एसएसपी ने कहा कि छापेमारी के दौरान बैंकॉक की 10 युवतियों सहित 25 लड़कियों तथा 10 ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि स्पा की आड़ में देह व्यापार का धंधा करने के आरोप में पकड़े गए लोगों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि अभी और कुछ स्पा सेंटरों पर छापेमारी की जाएगी. एसएसपी ने कहा कि इस कारोबार में कुछ पुलिस वालों की संलिप्तता की बात सामने आने पर उनकी भूमिका की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि जांच में आरोप सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिन स्पा सेंटरों पर पुलिस ने छापेमारी की थी उन्हें सील कर दिया गया है. पुलिस की जांच जारी है. |
रॉयल चैलेंजर्स के स्टार डिविलियर्स ने बढ़ाई मुंबई इंडियंस की चिंता | पिछले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए एबी डिविलियर्स ने जैसी तूफानी पारी खेली है, उसे देखते हुए मुंबई इंडियंस टीम जब मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सातवें संस्करण के तहत 27वें मैच में रॉयल चैलेंजर्स का सामना करने उतरेगी तो उसे न सिर्फ क्रिस गेल बल्कि अब डिविलियर्स के तूफान पर भी रोक लगाने की चिंता सता रही होगी।
निश्चित तौर पर मुंबई इंडियंस के गेंदबाज दोनों आतिशी बल्लेबाजों का समाधान खोजने में जुट गए होंगे।
वतन वापसी के साथ वानखेड़े स्टेडियम के अपने घरेलू मैदान पर अपनी पहली जीत दर्ज करने वाली मुंबई इंडियंस टीम घरेलू मैदान पर आईपीएल-7 में जीत की लय बरकरार रखने के उद्देश्य से उतरेगी।
रॉयल चैलेंजर्स से मुंबई इंडियंस का आईपीएल-7 में यह दूसरा मुकाबला है। पिछले मुकाबले में मुंबई इंडियंस की बल्लेबाजी बुरी तरह ध्वस्त हो गई थी। गत चैम्पियन मुंबई को आईपीएल-7 के शुरुआती पांच मैचों में लगातार हार का मुंह देखना पड़ा।
पिछले मैच में इंडियंस ने जिस तरह किंग्स इलेवन पंजाब के विजय रथ पर लगाम लगाई उससे टीम में नई ऊर्जा का संचार जरूर हुआ होगा। विशेष तौर पर कीरन पोलार्ड के बल्ले ने पिछले दो मैचों में जैसी धमक दिखाई है, उससे टीम का मनोबल काफी ऊंचा हुआ है। पोलार्ड के अलावा कोरी एंडरसन धीरे-धीरे ही सही पर लय में लौटते दिख रहे हैं। सीएम गौतम को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर बुलाने का फैसला भी सही साबित हुआ है।
सलामी जोड़ी हालांकि मुंबई इंडियंस के लिए अभी भी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। बेन डंक पिछले दो मैचों में कोई प्रभाव छोड़ने में असफल रहे हैं। लेकिन अंबाती रायडू, आदित्य तारे जैसे युवा खिलाड़ियों ने मध्यक्रम को जरूर मजबूती प्रदान की है।
गेंदबाजी में मुंबई इंडियंस का प्रदर्शन विशेष तौर पर खराब रहा है। अब तक खेले छह मैचों में पहले गेंदबाजी करते हुए मुंबई इंडियंस के गेंदबाजों ने 150 से अधिक रन लुटाए हैं। हरभजन सिंह ने सबसे किफायती गेंदबाजी की है, जबकि लसिथ मलिंगा को सर्वाधिक विकेट मिले हैं।
कुल मिलाकर मुंबई इंडियंस की मजबूती बल्लेबाजी में है, और जीत के लिए उसके बल्लेबाजों का चलना बेहद जरूरी है।
दूसरी ओर, रॉयल चैलेंजर्स को डिविलियर्स के रूप में क्रिस गेल के अलावा एक और तूफानी बल्लेबाज मिल गया है, हालांकि आईपीएल-7 में उनके बल्लेबाजों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 26 अप्रैल को अबु धाबी के शेख जायेद स्टेडियम में तो रॉयल चैलेंजर्स टीम आईपीएल के अपने दूसरे न्यूनतम स्कोर 70 रनों पर ढेर हो गई थी।
रन बनाने के मामले में दोनों टीमों के एक-एक बल्लेबाज ही शीर्ष 10 में स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं। पिछले मैच में नाबाद 89 रनों की पारी खेलने वाले रॉयल चैलेंजर्स के बल्लेबाज डिविलियर्स 162 रनों के साथ नौवें पायदान पर हैं, तो मुंबई इंडियंस के कीरन पोलार्ड 160 रनों के साथ 10वें क्रम पर मौजूद हैं।
गेंदबाजी में रॉयल चैलेंजर्स ने जरूर प्रभावी प्रदर्शन किया है। युवा तेज गेंदबाज वरुण आरोन और स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल ने विशेष तौर पर प्रभावित किया है। आरोन अब तक 10 विकेट लेकर रॉयल चैलेंजर्स के सर्वाधिक विकेट लेने वाले जबकि आईपीएल-7 में तीसरे क्रम के गेंदबाज हैं। दूसरी ओर, चहल कोलकाता नाइट राइर्ड्स के सुनील नरेन के बाद आईपीएल-7 के दूसरे सबसे किफायती गेंदबाज हैं।
चहल सात विकेट के साथ विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में भी 11वें पायदान पर हैं।
आईपीएल-7 के सबसे महंगे खिलाड़ी युवराज सिंह से प्रशंसकों की अपेक्षित प्रदर्शन की उम्मीद बरकरार है। पिछले मैच से आईपीएल में पदार्पण करने वाले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज रिली रोसोऊ को सलामी जोड़ी के लिए प्रमोट किया जा सकता है।
दोनों टीमों के बीच आईपीएल में अब तक कुल 14 मैच हुए हैं, जिसमें दोनों ही टीमों का पलड़ा बराबरी का रहा है। आईपीएल-7 में दोनों टीमों ने अब छह-छह मैच खेले हैं, जिसमें तीन मैच जीतकर रॉयल चैलेंजर्स चौथे स्थान पर हैं, जबकि एकमात्र मैच जीतकर मुंबई इंडियंस अभी सबसे निचले पायदान पर है।
टीमें (संभावित) :
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर : विराट कोहली (कप्तान), क्रिस गेल, पार्थिव पटेल (विकेटकीपर), रिली रोसोऊ, एबी डिविलियर्स, युवराज सिंह, मिशेल स्टार्क, हर्षल पटेल, अशोक डिंडा, वरुण एरॉन, युजवेंद्र चहल।
मुंबई इंडियंस : रोहित शर्मा (कप्तान), बेन डंक, सीएम गौतम (विकेटकीपर), अंबाती रायडू, कोरी एंडरसन, कीरन पोलार्ड, आदित्य तारे, हरभजन सिंह, जसप्रीत बुमराह, जहीर खान व लसिथ मलिंगा। |
हिट हुई रेलवे की बीमा कवर योजना, पहले ही दिन चार लाख से अधिक यात्रियों ने उठाया लाभ | ट्रेन यात्रा बीमा सुविधा शुरू किए जाने के एक दिन बाद ही चार लाख से अधिक यात्रियों ने शुक्रवार शाम तक इस योजना को चुना. रेलवे ने वैकल्पिक योजना के तहत बीमा सुविधा शुरू की है. इसके तहत यात्रियों को ऑनलाइन ट्रेन टिकट की बुकिंग के समय केवल 92 पैसा देकर 10 लाख रुपये तक के बीमा कवर लेने का विकल्प दिया गया है.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना कल गुरुवार दोपहर 2.45 बजे शुरू की गई और शाम चार बजे तक 4,03,335 यात्री ने इस सुविधा का लाभ उठाया. योजना के तहत आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये ट्रेन टिकट लेने वाले व्यक्ति को केवल 92 पैसा प्रीमियम देकर यात्रा बीमा कवर हासिल करने का विकल्प दिया गया है.
नई सुविधा बजट में किए गए वादे का हिस्सा है. उपनगरीय ट्रेन से यात्रा करने वालों को छोड़कर यह ऑनलाइन बुकिंग करने वाले सभी यात्रियों के लिए उपलब्ध है. टिप्पणियां
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योजना कल गुरुवार दोपहर 2.45 बजे शुरू की गई और शाम चार बजे तक 4,03,335 यात्री ने इस सुविधा का लाभ उठाया. योजना के तहत आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये ट्रेन टिकट लेने वाले व्यक्ति को केवल 92 पैसा प्रीमियम देकर यात्रा बीमा कवर हासिल करने का विकल्प दिया गया है.
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2200 नई नौकरियां, ग्रेटर नोएडा यूनिट में वीवो करेगी भर्तियां | चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो अपनी ग्रेटर नोएडा यूनिट में 2,200 से अधिक रोजगार का सृजन करेगी। इस महीने के अंत तक यहां पर कामकाज शुरू हो जाएगा।
कंपनी ने इस असेंबलिंग इकाई के पहले चरण में 125 करोड़ रुपए का निवेश किया है जिसकी क्षमता 10 लाख फोन प्रतिमाह होगी। वीवो ग्लोबल के सीएमओ और भारतीय परिचालन के मुख्य कार्यकारी एलेक्स फेंग ने कहा- इस महीने के अंत तक हमारी ग्रेटर नोएडा की असेंबलिंग इकाई परिचालन में आएगी जिससे कारखाने में 2,000 और प्रबंधन स्तर पर करीब 200 लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।’टिप्पणियां
कंपनी ने इस इकाई के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। फेंग ने कहा कि निवेश के कई चरण हैं और असेंबलिंग के पहले चरण में कंपनी ने 125 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
फेंग ने कहा, ‘दूसरे चरण में अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के लिए अगले साल की शुरुआत में निवेश किया जाएगा। हमें अभी इसकी पहचान करनी है कि हमें कितना निवेश करना है।’ लेनोवो, जियोनी, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स समेत कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय हैंडसेट कंपनियों ने भारत में परिचालन शुरू कर दिया है जबकि कई अन्य ने इसमें रुचि दिखाई है।
कंपनी ने इस असेंबलिंग इकाई के पहले चरण में 125 करोड़ रुपए का निवेश किया है जिसकी क्षमता 10 लाख फोन प्रतिमाह होगी। वीवो ग्लोबल के सीएमओ और भारतीय परिचालन के मुख्य कार्यकारी एलेक्स फेंग ने कहा- इस महीने के अंत तक हमारी ग्रेटर नोएडा की असेंबलिंग इकाई परिचालन में आएगी जिससे कारखाने में 2,000 और प्रबंधन स्तर पर करीब 200 लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा।’टिप्पणियां
कंपनी ने इस इकाई के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। फेंग ने कहा कि निवेश के कई चरण हैं और असेंबलिंग के पहले चरण में कंपनी ने 125 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
फेंग ने कहा, ‘दूसरे चरण में अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के लिए अगले साल की शुरुआत में निवेश किया जाएगा। हमें अभी इसकी पहचान करनी है कि हमें कितना निवेश करना है।’ लेनोवो, जियोनी, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स समेत कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय हैंडसेट कंपनियों ने भारत में परिचालन शुरू कर दिया है जबकि कई अन्य ने इसमें रुचि दिखाई है।
कंपनी ने इस इकाई के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति शुरू कर दी है। फेंग ने कहा कि निवेश के कई चरण हैं और असेंबलिंग के पहले चरण में कंपनी ने 125 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
फेंग ने कहा, ‘दूसरे चरण में अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के लिए अगले साल की शुरुआत में निवेश किया जाएगा। हमें अभी इसकी पहचान करनी है कि हमें कितना निवेश करना है।’ लेनोवो, जियोनी, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स समेत कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय हैंडसेट कंपनियों ने भारत में परिचालन शुरू कर दिया है जबकि कई अन्य ने इसमें रुचि दिखाई है।
फेंग ने कहा, ‘दूसरे चरण में अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण के लिए अगले साल की शुरुआत में निवेश किया जाएगा। हमें अभी इसकी पहचान करनी है कि हमें कितना निवेश करना है।’ लेनोवो, जियोनी, माइक्रोमैक्स और इंटेक्स समेत कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय हैंडसेट कंपनियों ने भारत में परिचालन शुरू कर दिया है जबकि कई अन्य ने इसमें रुचि दिखाई है। |
अमेरिकी बार के प्रबंधन ने दिया सिख गुरुओं की तस्वीरें हटाने का भरोसा | अमेरिका में लॉस एंजिलिस के पास हॉलीवुड शहर स्थित पब के प्रबंधन ने बार एरिया में लगी सिख गुरुओं की तस्वीरें जल्द ही हटाने का भरोसा दिया है, जिसे लेकर सिख समुदाय के सदस्यों ने नाराजगी जताई थी।
पाइक कैफे एंड बार के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने वाले नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) ने कहा है कि बार के प्रबंधन ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि तस्वीरें गुरुवार तक हटा ली जाएंगी।टिप्पणियां
एनएपीए के प्रवक्ता सतनाम सिंह चहल ने एक बयान में कहा कि बार मालिक ने इन तस्वीरों के महत्व पर अपनी अज्ञानता जताई और कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ये तस्वीरें सिख गुरुओं की हैं। बार का स्वामित्व कमिटेड इंक के पास है, जिसके दक्षिणी कैलिफोर्निया में आठ रेस्त्रां हैं।
एनएपीए ने कांग्रेस सांसद जॉन जर्मेंडी को लिखे एक पत्र में कहा कि ऐसे बार में सिख गुरुओं की बड़ी तस्वीरें लगाने से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जहां लोगों को शराब परोसी जा रही है।
पाइक कैफे एंड बार के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने वाले नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (एनएपीए) ने कहा है कि बार के प्रबंधन ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि तस्वीरें गुरुवार तक हटा ली जाएंगी।टिप्पणियां
एनएपीए के प्रवक्ता सतनाम सिंह चहल ने एक बयान में कहा कि बार मालिक ने इन तस्वीरों के महत्व पर अपनी अज्ञानता जताई और कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ये तस्वीरें सिख गुरुओं की हैं। बार का स्वामित्व कमिटेड इंक के पास है, जिसके दक्षिणी कैलिफोर्निया में आठ रेस्त्रां हैं।
एनएपीए ने कांग्रेस सांसद जॉन जर्मेंडी को लिखे एक पत्र में कहा कि ऐसे बार में सिख गुरुओं की बड़ी तस्वीरें लगाने से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जहां लोगों को शराब परोसी जा रही है।
एनएपीए के प्रवक्ता सतनाम सिंह चहल ने एक बयान में कहा कि बार मालिक ने इन तस्वीरों के महत्व पर अपनी अज्ञानता जताई और कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ये तस्वीरें सिख गुरुओं की हैं। बार का स्वामित्व कमिटेड इंक के पास है, जिसके दक्षिणी कैलिफोर्निया में आठ रेस्त्रां हैं।
एनएपीए ने कांग्रेस सांसद जॉन जर्मेंडी को लिखे एक पत्र में कहा कि ऐसे बार में सिख गुरुओं की बड़ी तस्वीरें लगाने से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जहां लोगों को शराब परोसी जा रही है।
एनएपीए ने कांग्रेस सांसद जॉन जर्मेंडी को लिखे एक पत्र में कहा कि ऐसे बार में सिख गुरुओं की बड़ी तस्वीरें लगाने से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जहां लोगों को शराब परोसी जा रही है। |
भारतीय परिचालन की आय कम दिखाने पर आईबीएम को कर विभाग का नोटिस | सॉफ्टवेयर समाधान कंपनी आईबीएम को आयकर विभाग ने कर नोटिस भेजा है। अपने भारतीय परिचालन की आय कम कर दिखाने के लिए कंपनी को यह नोटिस भेजा गया है। हालांकि, कंपनी ने आयकर विभाग के इस दावे को गलत ठहराया है।
खबरों के अनुसार आयकर विभाग का आरोप है कि आईबीएम ने वित्त वर्ष 2008-09 में अपनी एक निर्यात संवर्धन योजना के तहत आमदनी को कम कर दिखाया था।
यह नोटिस आकलन आदेश का मसौदा है, जिसे कंपनी चुनौती दे सकती है। हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि आयकर विभाग ने कंपनी को कितना कर अदा करने को कहा है। आईबीएम के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी आयकर विभाग के इस दावे को सही नहीं मानती और वह आक्रामक तरीके से अपना पक्ष रखेगी। |
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण से गहरी निराशा हुई : कांग्रेस | उन्होंने कहा, ‘‘संसद के दोनों सदनों के राष्ट्रपति के संबोधन गहरी निराशा वाला, रसहीन है और इसमें जो दावे किए गए हैं वह जमीनी हकीकत और तथ्यों से उलट है.’’ |