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मॉम करीना कपूर जिम में बहा रही है पसीना और तैमूर कुछ ऐसे ले रहा है झूले के मजे, देखें फोटो
चाहे मां बनने से पहले की बात करें या उसके बाद की, करीना कपूर खान हमेशा ही सुर्खियां बटोरती रही हैं. पहले जहां बेहद खूबसूरती से अपने बेबी बंप के साथ रैंप पर उतरने वाली करीना कपूर खान इन दिनों जिम में जी-तोड़ मेहनत कर पसीना बहा रही हैं. करीना की इसी मेहनत का परिणाम है कि प्रेग्‍नेंसी के सिर्फ 6 महीनों बाद ही करनी फिर से अपने पुराने शेप में आ गई हैं और काफी फिट दिख रही हैं. लेकिन जहां करीना जिम में कसरत कर रही हैं तो वहीं उनका बेटा नन्‍हा तैमूर अपनी नैनी (आया) के साथ झूला झूल रहा है. बुधवार को सुबह जहां करीना कपूर खान जिम में नजर आई तो वहीं तैमूर को उनके बंगले की बालकनी में झूले में झूलते हुए देखा गया.टिप्पणियां झूले में तैमूर काफी मस्‍ती करते कैमरे में कैद हुए हैं, जबकि तैमूर के आसपास उसे संभालने वाले कुछ लोग नजर आ रहे हैं. शुरुआत में तैमूर का फोटो लेना फोटोग्राफरों के लिए थोड़ा मुश्किल भरा था लेकिन बाद में खुद नैनी भी हंसते हुए नजर आई. तैमूर ने चैक शर्ट पहन रखी थी और उसके पैर में काला धागा बंधा नजर आ रहा है. यह तो कहना पड़ेगा कि मॉम करीना हमेशा अपनी ही तरह अपने बेटे को भी कैमरा-रेडी रखती हैं.   अपने घर की बालकनी में झूला झूलता तैमूर.   करीना कपूर की बात करें तो व‍ह पिछले कुछ महीनों से अपनी बेस्‍ट फ्रेंड अमृता अरोड़ा के साथ जिम में पसीना बहाती नजर आ चुकी हैं. यह मेहनत ही है कि करीना कुछ ही समय में अपनी पुरानी शेम में वापिस आ गई हैं. करीना एक दिन भी जिम मिस नहीं कर रही हैं और हर रोज जिम में नजर आ रही हैं.   करीना कपूर ने पिछले 6 महीनों में काफी वजन कम किया है. अमृता ने करीना के साथ एक्‍सरसाइज के कुछ फोटो और वीडियो भी शेयर किए हैं.    A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 17, 2017 at 1:08am PDT   A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 13, 2017 at 1:00am PDT   A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 12:09am PDT A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 1:02am PDT बता दें कि करीना कपूर खान ने पिछले साल 20 दिसंबर को तैमूर को जन्‍म दिया था. इससे पहले और इसके बाद करीना अक्‍सर इवेंट्स में नजर आती रही हैं. करीना कपूर जल्‍द ही सोनम कपूर और स्‍वरा भास्‍कर के साथ फिल्‍म 'वीरे दी वेडिंग' में नजर आने वाली हैं. झूले में तैमूर काफी मस्‍ती करते कैमरे में कैद हुए हैं, जबकि तैमूर के आसपास उसे संभालने वाले कुछ लोग नजर आ रहे हैं. शुरुआत में तैमूर का फोटो लेना फोटोग्राफरों के लिए थोड़ा मुश्किल भरा था लेकिन बाद में खुद नैनी भी हंसते हुए नजर आई. तैमूर ने चैक शर्ट पहन रखी थी और उसके पैर में काला धागा बंधा नजर आ रहा है. यह तो कहना पड़ेगा कि मॉम करीना हमेशा अपनी ही तरह अपने बेटे को भी कैमरा-रेडी रखती हैं.   अपने घर की बालकनी में झूला झूलता तैमूर.   करीना कपूर की बात करें तो व‍ह पिछले कुछ महीनों से अपनी बेस्‍ट फ्रेंड अमृता अरोड़ा के साथ जिम में पसीना बहाती नजर आ चुकी हैं. यह मेहनत ही है कि करीना कुछ ही समय में अपनी पुरानी शेम में वापिस आ गई हैं. करीना एक दिन भी जिम मिस नहीं कर रही हैं और हर रोज जिम में नजर आ रही हैं.   करीना कपूर ने पिछले 6 महीनों में काफी वजन कम किया है. अमृता ने करीना के साथ एक्‍सरसाइज के कुछ फोटो और वीडियो भी शेयर किए हैं.    A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 17, 2017 at 1:08am PDT   A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 13, 2017 at 1:00am PDT   A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 12:09am PDT A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 1:02am PDT बता दें कि करीना कपूर खान ने पिछले साल 20 दिसंबर को तैमूर को जन्‍म दिया था. इससे पहले और इसके बाद करीना अक्‍सर इवेंट्स में नजर आती रही हैं. करीना कपूर जल्‍द ही सोनम कपूर और स्‍वरा भास्‍कर के साथ फिल्‍म 'वीरे दी वेडिंग' में नजर आने वाली हैं. करीना कपूर की बात करें तो व‍ह पिछले कुछ महीनों से अपनी बेस्‍ट फ्रेंड अमृता अरोड़ा के साथ जिम में पसीना बहाती नजर आ चुकी हैं. यह मेहनत ही है कि करीना कुछ ही समय में अपनी पुरानी शेम में वापिस आ गई हैं. करीना एक दिन भी जिम मिस नहीं कर रही हैं और हर रोज जिम में नजर आ रही हैं.   करीना कपूर ने पिछले 6 महीनों में काफी वजन कम किया है. अमृता ने करीना के साथ एक्‍सरसाइज के कुछ फोटो और वीडियो भी शेयर किए हैं.    A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 17, 2017 at 1:08am PDT   A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 13, 2017 at 1:00am PDT   A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 12:09am PDT A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 1:02am PDT बता दें कि करीना कपूर खान ने पिछले साल 20 दिसंबर को तैमूर को जन्‍म दिया था. इससे पहले और इसके बाद करीना अक्‍सर इवेंट्स में नजर आती रही हैं. करीना कपूर जल्‍द ही सोनम कपूर और स्‍वरा भास्‍कर के साथ फिल्‍म 'वीरे दी वेडिंग' में नजर आने वाली हैं. करीना कपूर ने पिछले 6 महीनों में काफी वजन कम किया है. A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 17, 2017 at 1:08am PDT A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on Jun 13, 2017 at 1:00am PDT A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 12:09am PDT A post shared by Amrita Arora (@amuaroraofficial) on May 29, 2017 at 1:02am PDT
अफगान से निकलने के बाद भारत-पाक को आतंकवाद बढ़ने का डर : US
अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को ही भय है कि युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं के निकलने के बाद वहां आई अस्थिरता से दोनों देशों में आतंकवाद बढ़ सकता है। अधिकारी के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि आने वाले वर्षों में अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकते हैं।टिप्पणियां एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। अधिकारी के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि आने वाले वर्षों में अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकते हैं।टिप्पणियां एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। एशिया प्रशांत मामलों के वर्तमान उप रक्षामंत्री पीटर लेवॉय ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत भविष्य में अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। लेवॉय ने कहा, भारत को यह भय है कि अफगानिस्तान में आई कुछ अस्थिरता के बाद आतंकवाद में बढ़ोतरी हो सकती है। उसे भय है कि अस्थिरता की स्थिति पैदा होने पर ये आतंकी भला कहां जाएंगे? क्या वे भारत को निशाना बनाएंगे? लेवॉय ने कहा कि ऐसा ही डर पाकिस्तान में भी है। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, ये देश और अफगानिस्तान के पड़ोसी तथा आसपास के अन्य देश अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थितियों से प्रभावित हैं।
महाराष्ट्र में बस हादसा, 27 लोगों की मौत
महाराष्ट्र राज्य परिवहन की एक बस के गुरुवार सुबह मालशेज घाट में 400 फुट गहरे खड्ड में गिरने से कम से कम 27 लोग मारे गए और 18 अन्य लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी है। हादसा सुबह करीब 10.30 बजे हुआ। बताया गया कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) से संबंधित ठाणे-अहमदनगर बस सड़क से फिसली और गहरे खड्ड में जा गिरी।
400 भारतीयों की रोज़ मौत, इन दस तरीकों से बच सकती है ये जानें
WHO और CCS के तरफ से हुए एक सेमीनार में IIT के प्रोफेसर दिनेश मोहन, AIIMS के पूर्व डायरेक्टर एमसी मिश्रा के लेक्चर के आधार पर सड़क दुर्घटना से बचने के दस सुझाव है. जिसपर अमल करके हम सड़क दुर्घटना से बच भी सकते हैं और आपकी लापरवाही से किसी दूसरे की जान जोखिम में नहीं पड़ेगी. ये जरुरी है क्योंकि हर साल 1,50,785 भारतीयों की मौत होती है और 8000 लोग रोज़ाना हादसों का शिकार होकर अस्पताल पहुंचते हैं. इन बेशकीमती मौतों को बचाने के लिए अब ये दस बातें:-
द्रविड़ को सीनियर खिलाड़ियों की राष्ट्रीय टीम में वापसी की उम्मीद
पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान राहुल द्रविड़ ने आज उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी फार्म दोबारा हासिल करने के साथ भारतीय टीम में वापसी करने में सफल रहेंगे। सहवाग के अलावा जहीर खान और गौतम गंभीर को वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ होने वाली शृंखला के दो चार दिवसीय मैचों के लिए भारत (ए) की टीम में शामिल करके उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का मौका दिया गया है। युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। सहवाग के अलावा जहीर खान और गौतम गंभीर को वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ होने वाली शृंखला के दो चार दिवसीय मैचों के लिए भारत (ए) की टीम में शामिल करके उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का मौका दिया गया है। युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। युवराज सिंह को भी एकदिवसीय टीम में वापसी का मौका दिया गया है और उन्हें वेस्टइंडीज (ए) के खिलाफ सीमित ओवरों की शृंखला में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया है। द्रविड़ ने कहा कि इन सभी को मौके का फायदा उठाकर चयनकर्ताओं को प्रभावित करना चाहिए। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। द्रविड़ ने कहा, यह उनके पास राष्ट्रीय टीम में वापसी करने का अच्छा मौका है। वे अन्य के मुकाबले में बेहतर स्थिति में हैं, क्योंकि पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। यह इस तरह है कि मैंने इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है और इसलिए मैं दोबारा वहां पहुंच सकता हूं। टिप्पणियां उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, वे सभी (सहवाग, जहीर, गंभीर और युवराज) प्रत्येक मौके का फायदा उठाने का कड़ा प्रयास कर रहे हैं। गंभीर काउंटी क्रिकेट खेल रहा है और उम्मीद करता हूं कि सहवाग, जहीर और युवराज को सत्र से पूर्व कुछ मैच खेलने को मिलेंगे और वह अच्छा करके चयनकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है। द्रविड़ का साथ ही मानना है कि अंपायरों के फैसले की विवादास्पद समीक्षा प्रणाली तकनीक में सुधार के साथ बेहतर हो सकती है। उन्होंने कहा, अगर आप कोशिश करो तो जीवन के हर क्षेत्र में बेहतर बन सकते हो। आप इस प्रणाली में सुधार कर सकते हो। द्रविड़ ने कहा, अगर आप तकनीक में सुधार जारी रखो, जैसे कि टीवी कैमरा की तकनीक में सुधार और प्रत्येक सेकेंड में और अधिक फ्रेम का इस्तेमाल, तो मुझे लगता है कि इसमें सुधार किया जा सकता है।
एक डॉक्टर का अंधा प्यार, कैसे बदला तेजाबी इंतकाम में...
उसने पीड़ित डॉक्टर लड़की पर तेजाब डलवाने से पहले उसी सीरिंज में पानी भरवाकर ठीक उसी तरह अपने ऊपर डलवाया, और जब वह इस बात को लेकर आश्वस्त हो गया कि दोनों नाबालिग लड़के तेजाब को अच्छी तरह पीड़ित लड़की पर डाल आएंगे, तब उसने अपने दोस्त वैभव के जरिये तेजाब डालने वाले लड़कों को 25 हज़ार रुपये और 15 दिन का वक्त दिया... जी हां, यह खुलासा खुद ईएसआईसी के आरोपी सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर अशोक यादव ने किया। नाबालिगों ने पहले बाइक चुराई, फिर 17 दिसंबर को तेजाब डालने के लिए लेडी डॉक्टर का इंतजार करने लगे, लेकिन उस दिन वह कार से अस्पताल जा रही थी, सो, प्लान फेल हो गया... दोबारा कोशिश 21 दिसंबर की सुबह हुई, जब पीड़ित लेडी डॉक्टर अपनी सफेद स्कूटी से अस्पताल जा रही थी। काली पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दोनों नाबालिगों ने स्कूटी का पीछा किया, और मौका देखकर तेजाब से भरी सीरिंज से पीड़िता पर एसिड डाल दिया, जिससे लेडी डॉक्टर का चेहरा झुलस गया और दाहिनी आंख की रोशनी बचाने के लिए एम्स के डॉक्टर अब इलाज में जुटे हैं। गुरुवार सुबह खबर आई कि पुलिस ने तेजाब डालने वाले चार लोगों को पकड़ लिया। पुलिस जांच में पता चला कि चार में से दो नाबालिग हैं, जिन्होंने चंद पैसों के लालच में पहले बाइक चुराई फिर लेडी डॉक्टर पर तेजाब डाला। हालांकि पीड़ित लड़की बार-बार कह रही थी कि उसे किसी पर शक नहीं है, लेकिन जब पुलिस ने उसके दोस्तों की लिस्ट बनानी शुरू की, तो पता चला कि मायापुरी में रहने वाला डॉ अशोक यादव काफी समय से उस लेडी डॉक्टर और उसके घरवालों को जानता था। लेकिन लेडी डॉक्टर को शायद उसके एकतरफा प्यार का पता नहीं था। जब अशोक यादव को पता चला कि पीड़ित लड़की की शादी की बात दूसरे के साथ चल रही है, तो उसने अंदर ही अंदर पीड़िता को सबक सिखाने की ठान ली। इस बारे में जब उसने कॉल सेंटर में काम करने वाले अरने मित्र वैभव से बात की तो उसने दो नाबालिग लड़कों को इस काम को अंजाम देने के लिए तैयार कर लिया। कौन है डॉ अशोक यादव...? करीब छह फुट लंबाई, गोरा रंग और मासूम-सा चेहरा लिए डॉ अशोक यादव ने रूस से एमबीबीएस किया था। पिछले करीब तीन साल से वह ईएसआईसी अस्पताल में सीनियर रेसीडेंट के रूप में कार्यरत है, और पीड़ित लड़की से उसकी मुलाकात एमबीबीएस के वक्त से ही है, लेकिन वह एकतरफा प्यार करता है, इस बात का अंदाजा पीड़िता को भी नहीं था। इसी के चलते जब पुलिस ने डॉ अशोक यादव से पूछताछ करनी चाही तो पीड़ित लड़की ने यह कहकर विरोध किया कि अगर अशोक से पूछताछ हुई, तो वह अपना केस तक वापस ले लेगी। आरोपी डॉक्टर ने यह पूरा प्लान करीब 20 दिन पहले तैयार किया था। नाबालिग लड़कों ने 17 दिसंबर को भी पीड़िता पर तेजाब फेंकने की कोशिश की थी।, लेकिन उस दिन वह कार से अस्पताल जा रही थी। यह वारदात उदाहरण है कि कैसे एकतरफा अंधा प्यार अंधे इंतकाम में बदल जाता है, जो एक डॉक्टर तक को हैवान बना देता है, और किसी लड़की को जिंदगी भर का ज़ख्म दे सकता है...
सड़क सुरक्षा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया, 25 दिशानिर्देश जारी किए
अदालत ने  राज्य बोर्ड को एक अप्रैल, 2018 से सड़क सुरक्षा शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि हर जिले में कम से कम एक ट्रॉमा सेंटर हो और यूनिवर्सल एक्सीडेंट हेल्पलाइन नंबर हो. न्यायालय ने स्थाई सड़क सुरक्षा सेल का 31 जनवरी 2018 तक गठन करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सभी पब्लिक सर्विस वाहनों में जीपीएस जल्द लगाए जाएं. कोर्ट का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं में हजारों की जान बच सकती है.
गोरखपुर उपचुनाव : योगी की सीट पर पहले जैसा 'योग' नहीं, चौंका भी सकते हैं परिणाम
बसपा के मैदान में न होने और सपा को समर्थन देने से इस बार सपा और बीजेपी का सीधा मुकाबला है. इस संसदीय क्षेत्र में निषाद जाति के सबसे अधिक मतदाता हैं. इनकी संख्या लगभग 3.5 लाख है. यादव और दलित मतदाता दो-दो लाख हैं. ब्राह्मण वोटर करीब डेढ़ लाख हैं. यदि चुनाव में निषाद, यादव, मुसलमान और दलित एकजुट हो जाते हैं तो चुनाव परिणाम चौंका भी सकते हैं.
प्राइम टाइम इंट्रो : न्यायपालिका की आज़ादी में दखलंदाज़ी हुई?
नमस्कार मैं रवीश कुमार। क्या आपको इस बात से फर्क पड़ता है कि कोई सरकार अपनी संस्थाओं के बीच किस तरह का संतुलन बनाती है और उनकी स्वायत्तता को कितनी जगह देती है। मैं सीबीआई की बात नहीं कर रहा हूं। वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम जज नहीं बने तो जनता को क्यों तकलीफ होनी चाहिए। उनके जज बनने से महंगाई तो कम नहीं हो जाती है। यह निवेदन इसलिए है कि इसी बहाने कार्यपालिका जिसे हिन्दी में सरकार कहते हैं और न्यायपालिका जिसे उर्दू में अदालत कहते हैं के बीच एक जज की नियुक्ति को लेकर जो बहस चल रही है उसमें हर किसी को कूद पड़ना चाहिए। कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच के नाज़ुक रिश्तों को समझने के लिए। तभी आप या हम इस बात को ढंग से देख पाएंगे कि क्या किसी जज की नियुक्ति इस बात पर भी निर्भर हो सकती है कि सरकार उसे राजनीतिक नज़रिये से कैसे देखती है। आखिर क्यों चीफ जस्टिस को यह कहना पड़ा कि भारत सरकार ने उनके भेजे गए चार नामों में से एक को अलग करने का जो फैसला किया वो उचित नहीं था और एकतरफा तरीके से ऐसा किया गया। बिना मेरी जानकारी और सहमति के ऐसा किया गया। इसके बाद चीफ जस्टिस कहते हैं कि यह धारणा मत बनाइये कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से कोई समझौता हो सकता है। मैंने हमेशा इसकी लड़ाई लड़ी है और अगर समझौता हुआ तो मैं कुर्सी छोड़ देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मैं एक अरब बीस करोड़ भारतीयों से वादा करता हूं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता नहीं होगा।   ऐसा क्या हो गया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक अरब बीस करोड़ भारतीयों का आह्वान करना पड़ गया। आज की बहस में अंग्रेजी के दो शब्द बार-बार आ सकते हैं। पहला है कॉलेजियम− इसके अध्यक्ष होते हैं भारत के मुख्य न्यायाधीश और उनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जज इसके सदस्य होते हैं। जजों की नियुक्ति यही कॉलेजियम करता है। दूसरा शब्द है सेग्रिगेशन− इस शब्द का इस्तेमाल इस संदर्भ में आएगा कि क्यों सरकार ने कॉलेजियम के भेजे चार जजों में से एक का नाम अलग कर दिया। अलग मतलब उनकी नियुक्ति का आदेश जारी नहीं किया। मामला यह है कि भारत सरकार ने गोपाल सुब्रमण्यम के जज बनने के प्रस्ताव की फाइल सेग्रिगेट यानी अलग कर दी और बाकी तीन जजों की नियुक्ति को मंज़ूरी दे दी। उन्हें जज इन वेटिंग बना दिया गया। गोपाल सुब्रमण्यम ने इसे अपनी स्वतंत्रता पेशेवर साख ईमानदारी और निष्ठा पर कुठाराघात यानी हिन्दी में हमले के रूप में देखा। वो इस बात से खफा थे कि 15 मई को आईबी से क्लीन चिट मिल जाने के बाद भी नई सरकार के आते ही उनके बारे में मीडिया में ख़बरें लीक कराईं गई। इन बातों को लेकर गोपाल साहब ने 25 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक चिट्ठी लिख दी और उसे सार्वजनिक कर दी। 9 पन्ने की इस चिट्ठी के कुछ अंशों का मैंने अपने हिसाब से चयन किया है। जिसमें गोपाल आखिर में कहते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में जो कुछ हुआ है उससे मेरे मन में गंभीर आशंका पैदा होती है कि सरकार मेरी या न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान नहीं करेगी। मेरी समझ यह है कि मेरी फाइल कॉलेजियम के पास पुनर्विचार के लिए नहीं भेजी गई। मुझे लगता है कि न्यायपालिका सरकार की पसंद नापसंद का आदर कर अपनी स्वतंत्रता को लेकर अड़ने में नाकाम रही है। अदालत को कम से कम इतना तो करना चाहिए कि मुझमें विश्वास व्यक्त करने जैसा कोई बयान दे। कम से कम अपनी बिरादरी के सदस्यों के साथ तो इंसाफ होना ही चाहिए। अदालत अगर इसमें कामयाब नहीं होती है तो वह रेत के टीले में धंस जाएगी। 28 जून को विदेश से लौटने के बाद चीफ जस्टिस ने सार्वजनिक रूप से यकीन दिलाया है कि न्यायपालिका की आज़ादी से समझौता नहीं होने देंगे। कौन कर रहा था आज़ादी में दखल। चीफ जस्टिस ने तो यह भी कहा कि बिना उनकी रज़ामंदी या जानकारी के सरकार ने गोपाल सुब्रमण्यम की फाइल को अलग किया। जबकि कॉलेजियम ने उत्तम प्रतिभा का चुनाव किया था। क्या यह जवाब गोपाल सुब्रमण्यम के लिए काफी है। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि गोपाल सुब्रमण्यम ने अपनी बात सार्वजनिक कर ठीक नहीं किया है। 6 मई को चार व्यक्तियों के नाम सुप्रीम कोर्ट के जज के लिए भेजा गया था। लेकिन सरकार बदलते ही मीडिया में खबरें आती हैं कि सरकार ने तीन नामों पर मंज़ूरी दी और गोपाल सुब्रमण्यम की फाइल रोक ली। क्योंकि उनके खिलाफ आईबी और सीबीआई की प्रतिकूल टिप्पणी है। इस खबरबाज़ी से गोपाल सुब्रमण्यम आहत होते हैं और चीफ जस्टिस से संपर्क करते हैं चीफ जस्टिस उन्हें 28 जून तक रुकने के लिए कहते हैं ताकि वे विदेश से लौट आएं। गोपाल इस खत में लिखते हैं कि अगर नाम वापस नहीं लिया कि उनके साथ के तीन जजों की नियुक्ति संदिग्ध हो जाएगी। वे इस प्रोपैगैंडा से आहत हैं। आईबी ने मुझे 15 मई को क्लीन चीट दे दी थी। मुझे लोगों और कॉलेजियम की निगाह में शंका पैदा करने के लिए बदनाम किया जा रहा है। अगर मुझ पर शक था तो सुप्रीम कोर्ट ने कई नाज़ुक मसलों पर मुझे एमिकस क्यूरे क्यों बनाया। एमिकस क्यूरे को आप हिन्दी में मददगार वकील कह सकते हैं। आईबी और सीबीआई ने मुझे क्यों शीर्ष वकील बनाए रखा। मेरी समझ में सोहराबुद्दीन बनाम गुजरात सरकार जैसे मामलों में सुझाव देने के चलते सरकार निशाना बना रही है। गोपाल ने लिखा है कि सरकार को लगता है कि वे उनकी लाइन पर नहीं चलेंगे। सरकार ने सूत्रों से बुलवाया कि वह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करती है। पहले भी उम्मीदवारों के नाम अलग किए गए हैं। 2009 में स्वतंत्र कुमार और सीके प्रसाद के नाम का सुझाव आया था तब सिर्फ स्वतंत्र कुमार को ही मंज़ूरी मिली थी। सूत्रों द्वारा प्रचारित इन उदाहरणों की तुलना गोपाल सुब्रमण्यम मामले से की जा सकती है या नहीं यह भी एक सवाल है। जिन जस्टिस सीके प्रसाद का सरकारी सूत्रों ने उदाहरण दिया है उनकी फाइल दिसबंर 2009 में ज़रूर रोकी गई थी, मगर उस फाइल को कॉलेजियम के पास भेजा था। कॉलेजियम अपनी राय पर कायम रहा और फरवरी 2010 में जस्टिस सीके प्रसाद, सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। जस्टिस सीके प्रसाद आज उसी कॉलेजियम के सदस्य हैं जिसने गोपाल सुब्रमण्यम का चुनाव किया था। क्या सरकार ने चीफ जस्टिस या कॉलेजियम से कोई राय मांगी थी क्या सरकार ने राजनीतिक कारणों से किसी को जज बनने से रोक कर न्यायपालिका की आज़ादी में दखलंदाज़ी की है। गोपाल ने नाम वापस ले लिया मगर जो सवाल छोड़ गए हैं क्या वे भी वापस लिये जा सकते हैं। प्राइम टाइम
गिरते रुपया का आम आदमी पर क्या होगा असर?
डॉलर के मुक़ाबले रुपये की राजनीति घूम फिर कर 2013-14 आ जाती है जब यूपीए के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को नकारा साबित करने के लिए रुपये की कीमत का ज़िक्र होता था. आप मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी के उस समय के ट्वीट को देखें या भाषण सुने तो रुपये के गिरते दाम को भारत के गिरते स्वाभिमान से जोड़ा करते थे. विपक्ष के नेताओं से लेकर रविशंकर और रामदेव भी कहा करते थे कि मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे तो डॉलर के मुकाबले रुपया मज़बूत हो जाएगा. जब भी रुपया कमज़ोर होता है ट्‌विटर पर रविशंकर का ट्वीट चलने लगता है कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही एक डॉलर की कीमत 40 रुपये हो जाएगी यानी रुपया मज़बूत हो जाएगा. वे किस आधार पर कह रहे थे, वही बता सकते हैं अगर वे इस पर कुछ कहें. आज भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले इतना कमज़ोर हो गया जितना कभी नहीं हुआ था. पहली बार एक डॉलर की कीमत 70 रुपये हो गई है. तब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मोदी कहते थे कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. अब विपक्ष कह रहा है कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेता के तौर पर गंभीरता से आरोप लगाए और कहा कि देश जानना चाहता है. क्या देश अब नहीं जानना चाहता है कि 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर भारत का रुपया डॉलर के सामने क्यों लड़खड़ा गया. क्या इसके सिर्फ आर्थिक कारण नही हैं, क्या इसके राजनीतिक कारण भी हैं. प्रधानमंत्री का पुराना बयान जिसे उन्होंने गंभीरता से दिया था सुनते हुए अजीब लगता है. जून 2013 से प्रधानमंत्री बनने तक रुपये को लेकर कितनी बार उन्होंने गंभीरता से आरोप लगाए होंगे, कम से कम एक बार तो बनता है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इस पर बोलें खास कर तब 14 अगस्त के दिन भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया जितना कभी इतिहास में नहीं गिरा था. रुपये की राजनीति शुरू होती है 2013 से. इस तरह के बयान आने लगे कि जब देश आज़ाद हुआ था तब एक डॉलर के बराबर एक रुपया था. फिर रुपया कमज़ोर होने लगा. लोगों को भी लगा कि यह कोई बहुत बड़ा धोखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बड़े नेता इसे मुद्दा बनाना शुरू करते हैं.  इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं. हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था. क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. तब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर मोदी कहते थे कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. अब विपक्ष कह रहा है कि दिल्ली की सरकार जवाब नहीं दे रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के नेता के तौर पर गंभीरता से आरोप लगाए और कहा कि देश जानना चाहता है. क्या देश अब नहीं जानना चाहता है कि 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर भारत का रुपया डॉलर के सामने क्यों लड़खड़ा गया. क्या इसके सिर्फ आर्थिक कारण नही हैं, क्या इसके राजनीतिक कारण भी हैं. प्रधानमंत्री का पुराना बयान जिसे उन्होंने गंभीरता से दिया था सुनते हुए अजीब लगता है. जून 2013 से प्रधानमंत्री बनने तक रुपये को लेकर कितनी बार उन्होंने गंभीरता से आरोप लगाए होंगे, कम से कम एक बार तो बनता है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इस पर बोलें खास कर तब 14 अगस्त के दिन भारत का रुपया डॉलर के मुकाबले इतना गिर गया जितना कभी इतिहास में नहीं गिरा था. रुपये की राजनीति शुरू होती है 2013 से. इस तरह के बयान आने लगे कि जब देश आज़ाद हुआ था तब एक डॉलर के बराबर एक रुपया था. फिर रुपया कमज़ोर होने लगा. लोगों को भी लगा कि यह कोई बहुत बड़ा धोखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बड़े नेता इसे मुद्दा बनाना शुरू करते हैं.  इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं. हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था. क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. रुपये की राजनीति शुरू होती है 2013 से. इस तरह के बयान आने लगे कि जब देश आज़ाद हुआ था तब एक डॉलर के बराबर एक रुपया था. फिर रुपया कमज़ोर होने लगा. लोगों को भी लगा कि यह कोई बहुत बड़ा धोखा है. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी के बड़े नेता इसे मुद्दा बनाना शुरू करते हैं.  इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं. हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था. क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. इसी बीच रुपया 28 अगस्त 2013 को रिकॉर्ड स्तर पर कमज़ोर हो जाता है. उस दिन एक डॉलर की कीमत हो गई थी 68 रुपये. नवंबर 2014 में एक डॉलर की कीमत 62 रुपये हो जाती है. 27 जनवरी 2016 को एक डॉलर 68 रुपये का हो जाता है. जो भाव 28 अगस्त 2013 को था, वही 27 जनवरी 2016 को हो जाता है. इस साल जून-जुलाई में जब कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे तभी कहा जाने लगा था कि इस साल के अंत तक भारत का रुपया कमज़ोर होकर डॉलर के मुकाबले 70 के भाव को छू लेगा. 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर रुपये की यह ऐतिहासिक गिरावट का संबंध देश के स्वाभामिन से है या नहीं, ये तो वही बेहतर बता सकते हैं जो इसे लेकर राजनीति करते रहे हैं. वैसे सरकार को बताना चाहिए ताकि जनता में यह बात साफ हो कि रुपये के गिरने के पीछे कारण कुछ और भी हो सकते हैं. हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था. क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. हमने प्रभारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर हैंडल चेक किया. दोपहर तीन बजे ट्वीट करते हैं कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में हमारा सम्मान बढ़ रहा है. नतीजे ही खुद बता रहे हैं क्योंकि हम तेज़ी से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था की तरफ बढ़ रहे हैं. स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत अभियान पर उनका ट्वीट है. हम स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत योजना लाते हैं, किसानों के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करते हैं. सोचिए पीयूष गोयल विपक्ष में होते तो क्या ट्वीट कर रहे होते, कैसे 15 अगस्त से जोड़ रहे होते. भारत की राजनीति में अब यही बचा है कि कब कौन क्या करेगा या कहेगा यह पैटर्न फिक्स हो गया है. अच्छा होता प्रभारी वित्त मंत्री एक ट्वीट रुपये की कमज़ोरी को लेकर भी होता ताकि लोग समझते कि यह सब क्यों होता है. खासकर तब जब चार साल पहले रुपये का कमज़ोर होना उनका प्रिय मुद्दा था. क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. क्या रुपये के कमज़ोर होने में सरकार का रोल होता है? नहीं. फिर यही बात सरकार खुद से क्यों नहीं कहती है. इस उत्तर सरकार ही दे सकती है मगर आप गेस कर सकते हैं कि सरकार क्यों नहीं कहती है कि रुपया उसके कारण कमज़ोर नहीं हुआ है. क्योंकि जैसे ही वह यह बात कहेगी लोग पूछेंगे कि फिर वह कैसे कहा करती थी कि रुपया यूपीए सरकार की नीतियों के कारण कमज़ोर हो रहा था. हमने प्रांजय गुहा ठाकुर्ता से पूछा है कि क्या वे उन कारणों को बता सकते हैं जिसके कारण रुपया कमज़ोर होता है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. सरकार का रोल नहीं होता है. भारतीय रिज़र्व बैंक का होता है. वो चाहे तो डॉलर बेच कर बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ा दे और रुपये को गिरने से रोक ले. डॉलर के मुकाबले रुपया कमज़ोर होने से सबसे अधिक असर पेट्रोल डीज़ल के दाम पर पड़ता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने लगते हैं. साथ ही बाहर से चीज़ों का आयात महंगा होने लगता है. रुपया कमज़ोर होगा तो विदेशी निवेशक को रिटर्न कम मिलेगा. बहरहाल रुपये की राजनीति से सरकार ने किनारा कर लिया है. विपक्ष ने उसे गले लगा लिया है. वैसे बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने जो कहा है वो काम की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जो लोग अखबार पढ़ते हैं उन्हें पता है कि क्यों हो रहा है ये सब. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. भारत के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने रायटर से कहा है कि इसे लेकर चिन्ता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योकि रुपये में यह गिरावट बाहरी फैक्टर के कारण आ रही है. दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी भी कमज़ोर हो रही है. इस स्तर पर रिज़र्व बैंक के डॉलर बेच कर गिरावट को रोकने की कोशिश का खास फायदा नहीं होगा. अगर रुपया गिर कर 80 पर भी आ जाए तो भी यह चिंता की बात नहीं होगी. बर्शते दूसरी करेंसी भी कमज़ोर होती रही.  कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. कहां वो भारत था जहां 68 रुपये हो जाने पर देश का स्वाभामिन खतरे में था, आज आर्थिक मामलों के सचिव कहते हैं कि एक डॉलर 80 रुपये का भी हो जाएगा तो भी चिंता की बात नहीं बस अन्य देशों की करेंसी का भाव भी कमज़ोर होता रहे. या तो तर्क बदल गया है या वाकई ज़माना बदल गया है. तो क्या 80 रुपया हो जाएगा. क्या 2013 के पहले सिर्फ भारतीय रुपया गिर रहा था, अन्य देशों की करेंसी में गिरावट नहीं आ रही थी. बिल्कुल उस वक्त भी यही हो रहा था. लाइव मिंट के एक लेख के अनुसार इस वक्त भारतीय रुपये के अलावा तुर्की के लीरा में सबसे अधिक गिरावट दर्ज हुई है. इस साल लीरा का मूल्य 45 प्रतिशत कम हो गया है. इस कारण यूरो का भाव भी डॉलर के मुकाबले कमज़ोर हुए है. न्यूज़ीलैंड का डॉलर भी दो साल में सबसे अधिक टूटा है. दक्षिण अफ्रीका डॉलर का भाव भी 8 प्रतिशत गिर गया है. अर्जेंटीना का पेसो इतना गिरा कि बैंकों ने 5 प्रतिशत ब्याज़ दरें बढ़ा दी हैं. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. क्या जब अन्य देशों की मुद्राएं कमज़ोर होती हैं तो भारत का रुपया भी कमज़ोर होता है. क्या ऐसा कोई संबंध है. 2013 में भी जब भारतीय रुपया कमज़ोर हो रहा था तब टर्की का लीरा भी कमज़ोर हो रहा था. इसका मतलब यह नहीं कि दोनों का आपस में कोई संबंध है. बीच में भी कई अन्य कारण होते हैं. अन्य देशों की मुद्राओं का असर पड़ता है लेकिन कई बार भारतीय रुपया तब भी कमज़ोर होता है जब अन्य देशों की मुद्राएं मज़बूत हो रही होती हैं. लाइव मिंट पर 17 दिसंबर 2014 का एक लेख देख रहा था. तब भारतीय रुपया 13 महीने के सबसे न्यूनतम स्तर पर था. डॉलर के मुकाबले. उस वक्त दक्षिण कोरिया की करेंसी won मज़बूत हो रही थी. जापाना का येन भी 1.17 प्रतिशत भी मज़बूत हुआ था. सिंगापुर का डॉलर, मलेशिया का रिंगेट भी मज़बूत हुआ था. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. 2011 में यूरोपीय यूनियन के संकट के कारण करेंसी के भाव बिखर रहे थे तो 2012 में ग्रीस में आए वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर की मुद्राओं पर असर पड़ा था. 28 अगस्त 2013 को जब भारत का रुपया एक डॉलर के मुकाबले 68 पर पहुंचा था तब एक प्रमुख कारण टेंपर टैंटरम भी था. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जान डालने के लिए वहां की फेडरल रिज़र्व ने डॉलर की मात्रा बढ़ा दी और कह दिया कि अब फेडरेल रिज़र्व बांड नहीं खरीदेगा. इसका असर दुनिया भर की बाज़ारों और करेंसी पर पड़ा था. इसी को टेंपर टैंटरम कहते हैं. कभी दुनिया के बाज़ार में कच्चे तेल का दाम बढ़ता है तो करेंसी कमज़ोर होने लगती है. इस बार टर्की के कारण ये गिरावट आई है. बस राजनीति को चुनना होता है कि उसे कब इन तर्कों को किनारे कर अपनी दुकान चलानी होती है. झूठ बोलना होता है. आप जानते हैं कि इस वक्त अमरीका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है. आए दिन दोनों मुल्क एक दूसरे के आयात पर टैक्स बढ़ा देते हैं. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. इस वक्त अमरीका की अर्थव्यवस्था मज़बूत स्थिति में है इस कारण भी दुनिया भर डॉलर का प्रवाह अमरीका की तरफ हो रहा है. अमेरिकी निवेशक दूसरे बाज़ारों से पैसा निकालकर अपने मार्केट में लगा रहे हैं. इस मज़बूती का लाभ उठाकर ट्रंप ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीन भी अमरीका से आयातित चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ाते जा रहा है. इसका असर दूसरे मुल्कों पर भी पड़ रहा है. अमरीका एक साथ चीन, ईरान, टर्की, भारत सहित कई देशों के खिलाफ भिड़ा हुआ है. भारत ने भी कई अमरीकी चीज़ों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है. एक एंगल अमरीका और टर्की आपस में भिड़े हुए हैं. अमरीका ने टर्की से स्टील और अल्युमूनियम का आयात शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है. इससे होगा यह कि टर्की के स्टील की मांग कम हो जाएगी. इससे गुस्सा होकर टर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि उनका देश अमरीकी इलेक्ट्रॉनिक्स का बहिष्कार करेगा. उनके स्टैंड को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वाकई ऐसा करेंगे या सिर्फ धमकी के लेवल पर कहा है. एर्दोगन ने कहा है कि हम जो भी अमरीका से मंगाते हैं उससे बेहतर अपने देश में बना लेंगे. अगर उनके पास आई फोन है तो सैमसंग भी है. हमारे देश में वीनस है. ये सभी फोन के ब्रांड हैं. यह अभी साफ नही है कि एर्गोदन इसे औपचारिक रूप देंगे या अभी मामला धमकी तक ही सीमित है. इस व्यापारिक जंग में टर्की लीरा पिछले महीने 25 फीसदी कमज़ोर हो गया.टिप्पणियां 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. 2016 में साइबर हैकरों ने बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक को हैक कर लिया और 101 मिलयन डॉलर निकाल लिए. इसमें से 20 मिलयन डॉलर श्रीलंका के हैकरों के पास गया था, जिसे वापस हासिल कर लिया गया. 81 मिलियन डॉलर फिलिपिन्स चला गया था जिसमें से 18 मिलियन डॉलर वापस मिल गया था. इसके आगे की जानकारी नहीं है मगर ये इसलिए बता रहा हूं कि भारत में भी इस तरह का प्रयास हुआ है. पुणे के एक कॉपरेटिव बैंक से हैकरों ने 94 करोड़ उड़ा लिए हैं. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है. हमारे सहयोगी सुनील सिंह ने रिपोर्ट भेजी है कि भारत सहित 29 देशों में डेबिट कार्ड के ज़रिए पैसे निकाले गए हैं. भारत में इससे पहले इतनी बड़ी साइबर डकैती नहीं हुई थी. 11 अगस्त को बैंक के स्वीचिंग सिस्टम को हैक कर 7 घंटे के भीतर 28 देशों में 12 हज़ार बार ट्रांजेक्शन हुआ और 78 करोड़ निकाल लिए गए. भारत के भीतर 2849 बार ट्रांजेक्शन हुआ और ढाई करोड़ निकाल लिए गए. फिर 13 अगस्त को 14 करोड़ और उड़ा लिए. कासमास बैंक ने दो दिनों के लिए अपना पेमेंट सिस्टम बंद कर दिया है मगर ग्राहकों को दिलासा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. चिन्ता न करें. बैंक ने एफ आई आर दर्ज करा दिया है.
शत्रु सम्पत्ति अध्यादेश फिर जारी करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी, चौथी बार जारी किया गया है अध्यादेश
सरकार ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन करने वाले अध्यादेश को जारी किए जाने को कार्योत्तर प्रभाव से आज स्वीकृति प्रदान की. यह अध्यादेश चौथी बार जारी किया गया है. शत्रु सम्पत्ति अधिनियम करीब पांच दशक पुराना है. इसे देश में उन लोगों की सम्पत्तियों पर उत्तराधिकार या हस्तांरण की दावेदारी के निषेध के लिए बनाया गया जो विभिन्न लड़ाइयों में भारत को छोड़ कर पाकिस्तान या चीन चले गए है.टिप्पणियां अध्यादेश पुन:जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, ‘मंत्रिमंडल ने आज इस अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति दी.’ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया. शत्रु सम्पत्ति अधिनियम करीब पांच दशक पुराना है. इसे देश में उन लोगों की सम्पत्तियों पर उत्तराधिकार या हस्तांरण की दावेदारी के निषेध के लिए बनाया गया जो विभिन्न लड़ाइयों में भारत को छोड़ कर पाकिस्तान या चीन चले गए है.टिप्पणियां अध्यादेश पुन:जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, ‘मंत्रिमंडल ने आज इस अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति दी.’ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया. अध्यादेश पुन:जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गयी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, ‘मंत्रिमंडल ने आज इस अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को कार्योत्तर स्वीकृति दी.’ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम (1971) के अनाधिकृत निवासियों का निष्कासन अधिनियम को संशोधन करने वाले अध्यादेश को रविवार की रात पुन: जारी किया. इस मामले से संबंधित विधेयक राज्य सभा में लंबित है. शत्रु सम्पत्ति का अर्थ ऐसी सम्पत्ति से है जो किसी शत्रु देश, उसके आश्रित या शत्रु देश की फर्म की है या उसके द्वारा प्रबंधित है. ये संपत्तियां शत्र संपत्ति कानून के तहत नियुक्त कस्टोडियन की देखरेख में रहती हैं. कस्टोडियन का यह कार्यालय केन्द्र सरकार के तहत आता है. वर्ष 1965 की भारत- पाकिस्तान लड़ाई के बाद वर्ष 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया. इस कानून के तहत इन संपत्तियों का नियमन किया जाता है. अध्यादेश को पहली बार 7 जनवरी को जारी किया गया. इससे संबंधित विधेयक 9 मार्च को लोकसभा ने पारित कर दिया और बाद में इसे राज्य सभा में प्रवर समिति के सुपुर्द किया गया.
पवार, फारुख की आपत्ति से खाद्य सुरक्षा बिल अटका
कृषि मंत्री शरद पवार और वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री फारुक अब्दुल्ला की आपत्ति के बाद केंद्रीय कैबिनेट में मंगलवार को खाद्य सुरक्षा बिल पर फैसला नहीं हो सका। बैठक में पवार ने कहा कि इस स्कीम के दायरे और अनाज की कीमतों के मामले में और स्पष्टीकरण की जरूरत है। कृषि मंत्री का कहना था कि अगर अकाल जैसी स्थिति बनती है तो गरीबों के लिए अनाज कहां से आएगा? उन्होंने ये बात भी उठाई कि रुपया कमजोर हो रहा है औद्योगिक उत्पादन घटा है ऐसे में सरकार एक लाख करोड़ का बोझ कैसे उठाएगी। पवार ने कहा कि अनाज का वितरण कैसे होगा इसके इंतजाम भी देखने होंगे?
राम मंदिर बनाओ और उसका श्रेय लो : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी सांसद से कहा
उपनगरीय रेलवे नेटवर्क पर नए 'राम मंदिर' स्टेशन का श्रेय लेने के लिए भाजपा और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी की जंग के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया. ठाकरे ने कहा, 'भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे. किसी और को ही राम मंदिर स्टेशन का श्रेय ले लेने दो. कोई भी इस नाम का श्रेय ले सकता है, लेकिन राम मंदिर बनाने का श्रेय लीजिए और मैं आपकी सराहना करता हूं'.टिप्पणियां उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ठाकरे ने कहा, 'भूल जाओ कि लोग क्या कहेंगे या करेंगे. किसी और को ही राम मंदिर स्टेशन का श्रेय ले लेने दो. कोई भी इस नाम का श्रेय ले सकता है, लेकिन राम मंदिर बनाने का श्रेय लीजिए और मैं आपकी सराहना करता हूं'.टिप्पणियां उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उद्धव ने उपनगर अंधेरी में कहा कि शिवसेना चुनाव में फिर से मुंबई के नगर निकाय का नियंत्रण हासिल कर लेगी. ये चुनाव अगले साल की शुरआत में होने वाले हैं. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रही है पुलिस
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में पुलिस ने शशि थरूर से पहली बार पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब निकालने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके भी अपनाए। दरअसल, दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने पूछताछ के लिए कई तरीके से तैयारियां कीं, और थर्ड डिग्री के लिए 'मशहूर' पुलिस थरूर को मनोवैज्ञानिक तरीके से घेरना चाहती है। इस कड़ी की शुरुआत हो गई है और पुलिस थरूर से पहले दौर की पूछताछ कर चुकी है। मामले से जुड़े पुलिस सूत्रों के मुताबिक थरूर से पूछताछ के लिए दक्षिण जिले के एंटी-ऑटो थेफ्ट स्क्वाड के वसंत विहार स्थित पुराने ऑफिस को चुना गया। असलियत में पुलिस को लगा कि यहां पूछताछ के लिए थरूर पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जा सकता है। दरअसल काफी अरसे से खाली पड़े इस ऑफिस को देखने पर यह फिल्मों में दिखाई देने वाले थर्ड डिग्री रूम जैसा ही दिखता है। इसके अलावा पूछताछ में शामिल एसआईटी के अफसरों ने थरूर पर चार घंटे तक लगातार सवाल दागे, और इस बीच पुलिस अफसर थरूर के चेहरे और आंखों में झांकते रहे। पूछताछ के दौरान कई बार पुलिसिया सवालों ने थरूर को परेशान भी किया, और वह लगातार पानी पीते रहे। अब थरूर से दूसरी बार पूछताछ के लिए नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है। पुलिस के मुताबिक थरूर से पूछताछ के अलावा जांच दूसरी ओर भी जारी है, और खासकर यह पता लगाया जा रहा है कि 16 जनवरी, 2014 की दोपहर 12 बजे से दो बजे तक होटल लीला से सुनंदा कहां-कहां गईं। सीसीटीवी से पता चला है कि वह किसी कार में बाहर गई थीं, और इसी के चलते पुलिस थरूर के अलावा कई और लोगों से भी पूछताछ कर रही है।
...जब नीतीश कुमार ने जीएसटी के लिए स्‍पेशल ऑफर के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली को किया फोन
सरकार को वस्‍तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी की डेडलाइन अप्रैल 2017 है और इसे लागू करने के लिए सरकार को काफी मशक्‍कत करनी होगी. भारत के सबसे बड़े टैक्‍स सुधार कहे जा रहे जीएसटी को बुधवार को राज्‍यसभा ने पास कर दिया. इसे सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी जीत बताया जा रहा है. अब लोकसभा में इसके पास होने का रास्‍ता आसान हो गया है क्‍योंकि सरकार वहां बहुमत में है. उसके बाद जीएसटी को देश के 29 राज्‍यों में से कम से कम 15 राज्‍यों से पारित होना आवश्‍यक है. सरकार चाहती है कि यह काम अगले 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाए. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्‍होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. भारत के सबसे बड़े टैक्‍स सुधार कहे जा रहे जीएसटी को बुधवार को राज्‍यसभा ने पास कर दिया. इसे सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी जीत बताया जा रहा है. अब लोकसभा में इसके पास होने का रास्‍ता आसान हो गया है क्‍योंकि सरकार वहां बहुमत में है. उसके बाद जीएसटी को देश के 29 राज्‍यों में से कम से कम 15 राज्‍यों से पारित होना आवश्‍यक है. सरकार चाहती है कि यह काम अगले 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाए. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्‍होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मधुर संबंध नहीं हैं, लेकिन उन्‍होंने कहा कि वे अपनी तरफ से जो कर सकते हैं, जीएसटी के लिए वह करने को तैयार हैं. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार को समाप्‍त हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को फोन कर प्रस्‍ताव दिया कि जीएसटी को पास करने के लिए वह सदन का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं. मुख्‍यमंत्री ने पहले कहा था कि जीएसटी लागू होने से बिहार के राजस्‍व में हर साल करीब 8000 करोड़ रुपये का इजाफा होगा. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. संसद और उसके बाद राज्‍य जिसे पारित करने की प्रक्रिया में हैं वह एक संविधान संशोधन है जो सरकार को नई कर शक्ति प्रदान करेगा. बाद में जीएसटी की नई दर और उसके पैमाने को लेकर नया कानून अलग से रिव्‍यू के लिए भेजा जाएगा. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. राज्‍य सरकारें व्‍यापक रूप से जीएसटी का समर्थन कर रही हैं क्‍योंकि इससे केंद्रीय करों के उनके हिस्‍से में बढ़ोतरी होगी और अतर्राज्‍यीय व्‍यापार और सुगम हो जाएगा. राज्‍यों के प्रतिनिधि जीएसटी की दर तय करने के लिए वित्त मंत्री के साथ सहयोग करेंगे. हालांकि सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने 18 फीसदी की दर का सुझाव दिया है लेकिन वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है इसकी दर इससे ज्‍यादा हो सकती है. मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि अगर जीएसटी की दर 18 फीसदी से अधिक होती है तो वह इसका विरोध करेगी.टिप्पणियां चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. चूंकि जीएसटी खपत पर लागू होता है, इसलिए चीजों का उत्‍पादन करने वाले राज्‍यों को होने वाले नुकसान की भरपाई 5 साल तक केंद्र द्वारा किए जाने का भरोसा दिया गया है. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे. विशेषज्ञ कह रहे हैं कि एक नए आईटी सिस्‍टम को स्‍थापित करना, हजारों टैक्‍स कर्मियों को प्रशिक्षण देना और कंपनियों को होने वाले बदलावों के बारे में बताना जीएसटी को समय पर लागू करने की राह में सबसे बड़ी चुनौती साबित होंगे.
आईएमएफ के अध्यक्ष पद चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ के अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो रही है। इस पद के दावेदारों की लिस्ट काफी लंबी है लेकिन फ्रांस के वित्तमंत्री क्रिस्टीन लेगार्ड सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। आईएमएफ़ के नए मुखिया का चुनाव 30 जून तक हो जाएगा। बलात्कार की कोशिश के मामले में फंसे डोमिनिक स्ट्रॉस के इस्तीफ़े के बाद नए अध्यक्ष की तलाश तेज़ हो गई है। विकसित और विकासशील देश इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। आईएमएफ के गठन से लेकर अब तक इस संस्था का नेतृत्व सबसे ज्यादा बार फ्रांस ने ही किया है बाकी समय इसकी कमान किसी यूरोपीय देश के प्रतिनिधि के हाथ में रही है इसलिए अब चीन और ब्राजील जैसे विकासशील देश इस बात पर अड़ गए हैं कि इस बार इस संस्था की कमान किसी विकासशील देश को सौंपनी चाहिए।
Video : घर के अंदर बने स्वीमिंग पूल में तैर रहे घड़ियाल का 'डेथ रोल' देख कांप गए सब लोग
भीषण गर्मी में जिस स्वीमिंग पूल में आप समय बिताते हों वहां पर एक दिन 8 फुट लंबा घड़ियाल तैरता मिल जाए तो क्या करेंगे. जाहिर है घबरा जाएंगे. ऐसा ही एक मामला अमेरिका के फ्लोरिडा में सामने आया है. जहां पर एक घर में बनेस स्वीमिंग पूल में विशालकाय घड़ियाल बड़े आराम से तैर रहा था. टिप्पणियां परिवार के लोगों ने जब यह नजारा देखा तो वह घबरा गए और आनन-फानन में पुलिस को इस बात की सूचना दी. खबर मिलते ही पुलिस के साथ फ्लोरिडा वन्य जीव संरक्षण की टीम भी मौके पर पहुंच गई. लेकिन घड़ियाल बेहद ही आक्रमक स्वभाव का था. उसे काबू में लाने के लिए टीम को नाकों चने चबाने पड़ गए.  जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.    घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.   परिवार के लोगों ने जब यह नजारा देखा तो वह घबरा गए और आनन-फानन में पुलिस को इस बात की सूचना दी. खबर मिलते ही पुलिस के साथ फ्लोरिडा वन्य जीव संरक्षण की टीम भी मौके पर पहुंच गई. लेकिन घड़ियाल बेहद ही आक्रमक स्वभाव का था. उसे काबू में लाने के लिए टीम को नाकों चने चबाने पड़ गए.  जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.    घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.   जैसे ही उसके जबड़े में फंदा डाला गया वह काफी तेज आवाजों के साथ पैंतरा खाने लगा. घड़ियाल और मगरमच्छ तभी पैंतरा खाते हैं जब वह शिकार करते हैं. ऐसा करने से शिकार का दम घुट जाता है और उसकी हड्डियां टूट जाती हैं. यह पानी में रहने वाले इस जीव का सबसे खतरनाक तरीका होता है. इसको 'डेथ रोल' भी कहा जाता है.    घड़ियाल को पकड़ने के इस कवायद का वीडियो भी शेयर किया गया है जिसे देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह घड़ियाल कितना खतरनाक था.
चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों ने डेढ़ साल के बच्चे को नोच-नोच कर मार डाला
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इंग्लिश क्रिकेटर इयान बेल का वनडे से संन्यास
इंग्लैंड के बल्लेबाज़ इयान बेल ने वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, हालांकि उन्होंने कहा कि उनमें अब भी टेस्ट खेलन की भूख बची हुई है। 33 साल के बेल ने ऐशेज सीरीज़ जीतने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के संकेत दिए थे, लेकिन टीम प्रबंधन, कोच और कप्तान एलिस्टर कुक से बातचीत के बाद बेल ने वनडे क्रिकेट से संन्यास का फ़ैसला लिया। बेल इंग्लैंड की ओर से वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। बेल ने 161 वनडे मैचों में चार शतक की मदद से 5,416 रन बनाए हैं। हालांकि उन्हें हाल में इंग्लैंड की दो वनडे और टी-20 टीम में जगह नहीं मिली थी।टिप्पणियां बेल ने इंग्लैंड की ओर से 115 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 22 शतकों की मदद से करीब 43 की औसत के साथ 7,569 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की ओर से केवल चार बल्लेबाज़ों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं। हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। बेल इंग्लैंड की ओर से वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ हैं। बेल ने 161 वनडे मैचों में चार शतक की मदद से 5,416 रन बनाए हैं। हालांकि उन्हें हाल में इंग्लैंड की दो वनडे और टी-20 टीम में जगह नहीं मिली थी।टिप्पणियां बेल ने इंग्लैंड की ओर से 115 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 22 शतकों की मदद से करीब 43 की औसत के साथ 7,569 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की ओर से केवल चार बल्लेबाज़ों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं। हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। बेल ने इंग्लैंड की ओर से 115 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसमें उन्होंने 22 शतकों की मदद से करीब 43 की औसत के साथ 7,569 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की ओर से केवल चार बल्लेबाज़ों ने उनसे ज्यादा रन बनाए हैं। हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। हालांकि ऐशेज सीरीज़ में वे ज्यादा कामयाब नहीं रहे। उन्होंने बल्ले से 26.87 की औसत से केवल 215 रन बनाए, लेकिन वे पांचवीं बार ऐशेज जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे।
पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर अमेरिकी दखल की मांग की
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपनी मुलाकात से पहले रविवार को कश्मीर मुद्दे के समाधान में अमेरिका से हस्तक्षेप का आग्रह किया। शरीफ ने बुधवार को ओबामा से मुलाकात करने के लिए अमेरिका जाने के रास्ते में लंदन में अपने पड़ाव के दौरान संवाददाताओं से कहा, यद्यपि भारत ऐसा (तीसरा पक्ष) हस्तक्षेप नहीं चाहता, लेकिन विश्व शक्तियों को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए शामिल होना चाहिए। पाकिस्तान की सरकारी संवाद समिति एपीपी ने नवाज शरीफ के हवाले से कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति सम्पन्न हैं और यह क्षेत्र एक परमाणु टकराव की आशंका वाला इलाका है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर पर एक सवाल के जवाब में कहा कि जुलाई, 1999 में कारगिल संघर्ष के समय अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से स्पष्ट रूप से कह दिया था कि यदि अमेरिका हस्तक्षेप करे, तो कश्मीर मुद्दा सुलझ सकता है। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा था कि वह जितना समय पश्चिम एशिया मुद्दा सुलझाने पर खर्च कर रहे हैं, उसका 10 प्रतिशत भी समय दें, तो दोनों देशों के बीच कश्मीर का मुद्दा सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि क्लिंटन ने तब वादा किया था, लेकिन उसके बाद चीजें बदल गईं। नवाज शरीफ ने कहा, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी चिंता (कश्मीर को लेकर चिंता) उठाई थी और विश्व ने इसकी प्रशंसा की थी। एक बार फिर अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान मैं इस संदेश को फिर से दोहराऊंगा। यद्यपि पाकिस्तान इस बात को लेकर इच्छुक है कि अमेरिका हस्तक्षेप करे लेकिन अमेरिका ने यह कई बार कहा है कि भारत और पाकिस्तान को अपनी बातचीत की 'गति, दायरा और स्वरूप' निर्धारित करना चाहिए। शरीफ ने कहा कि गत 60 सालों से दोनों पक्ष हथियारों की दौड़ में शामिल हैं। उनके हवाले से कहा गया, स्थिति खतरनाक बन सकती है। भारत के पास परमाणु बम है, हमारे पास भी है, भारत प्रक्षेपास्त्र विकसित करता है, हम भी करते हैं। इसकी एक सीमा होनी चाहिए। हम सभी को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह ओबामा से अपनी मुलाकात के दौरान अमेरिकी ड्रोन हमलों का भी मुद्दा उठाएंगे। ओबामा और शरीफ की मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान मुद्दे के अलावा जिन अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें भारत-पाकस्तान संबंध शामिल रहने की उम्मीद है। शरीफ की इस कार्यकाल में अमेरिका की पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा होगी। इसके साथ ही यह गत पांच सालों में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। शरीफ ने गत महीने न्यूयॉर्क की यात्रा की थी, लेकिन वह यात्रा संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए थी।
डेविस कप में भारत के रिजर्व प्लेयर लिएंडर पेस अब लियोन चैलेंजर के फाइनल में पहुंचे
उज्बेकिस्तान के खिलाफ डेविस कप मुकाबले के लिए भारतीय टीम में रिजर्व के रूप में शामिल किए गए लिएंडर पेस चैलेंजर टूर में अपने जोड़ीदार कनाडा के आदिल शमासदीप के साथ फाइनल में पहुंच गए. तीसरे वरीय पेस और आदिल ने ल्यूक सेविले और जान पैट्रिक स्मिथ की आस्ट्रेलिया की जोड़ी को 75000 डालर इनामी हार्ड कोर्ट प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में 6-7 6-4 10-5 से हराया. फाइनल में पेस और आदिल की जोड़ी का सामना स्विट्जरलैंड के लुका मार्गारोली और ब्राजील के कारो जाम्पियेरी की जोड़ी से होगा. इस सत्र में पेस पहली बार किसी प्रतियोगिता के फाइनल में खेलेंगे. वह इससे पहले दुबई चैम्पियनशिप और डेलरे बीच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे.टिप्पणियां पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फाइनल में पेस और आदिल की जोड़ी का सामना स्विट्जरलैंड के लुका मार्गारोली और ब्राजील के कारो जाम्पियेरी की जोड़ी से होगा. इस सत्र में पेस पहली बार किसी प्रतियोगिता के फाइनल में खेलेंगे. वह इससे पहले दुबई चैम्पियनशिप और डेलरे बीच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे.टिप्पणियां पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इस सत्र में पेस पहली बार किसी प्रतियोगिता के फाइनल में खेलेंगे. वह इससे पहले दुबई चैम्पियनशिप और डेलरे बीच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचे थे.टिप्पणियां पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) पेस ने एटीपी विश्व टूर पर पिछला खिताब 2015 में जीता था और उन्होंने और दक्षिण अफ्रीका के रावेन क्लासेन ने आकलैंड में टूर्नामेंट अपने नाम किया था. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आईपीएल-7 : अविजित किंग्स इलेवन की लगातार चौथी जीत
गेंदबाजों की धारदार गेंदबाजी के बल पर किंग्स इलेवन पंजाब ने शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के सातवें संस्करण के तहत शेख जायेद स्टेडियम में खेले गए अपने चौथे मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स को 23 रनों से मात दे दी। किंग्स इलेवन से मिले 133 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए नाइट राइडर्स टीम 18.2 ओवरों में 109 रनों पर ढेर हो गई। सर्वाधिक तीन विकेट चटकाने वाले संदीप शर्मा प्लेयर ऑफ द मैच रहे। किंग्स इलेवन की आईपीएल-7 में यह लगातार चौथी जीत है, जिसकी बदौलत अंकतालिका में किंग्स इलेवन शीर्ष पर और भी मजबूत हो गया। लक्ष्य के हिसाब से नाइट राइडर्स ने शुरुआत संभलकर की और तीन पारियों से शून्य पर आउट होने वाले गौतम गंभीर की जगह सलामी जोड़ी के रूप में जैक्स कैलिस का साथ देने मनीष पांडेय उतरे, लेकिन संदीप शर्मा द्वारा लाए गए तीसरे ओवर की चौथी गेंद पर मनीष पगबाधा करार दे दिए गए। मनीष के बाद बल्लेबाजी की कमाल संभालने उतरे गौतम गम्भीर (1) इस बार भी शून्य पर आउट होने से बाल-बाल बच गए। संदीप ने अगली ही गेंद पर गम्भीर का कैच छोड़ दिया। हालांकि गम्भीर इस जीवनदान का भी कोई फायदा नहीं उठा सके। संदीप ने अपने अगले ही ओवर की पहली गेंद पर गम्भीर को अक्षर पटेल के हाथों कैच आउट करा दिया। लक्ष्मीपति बालाजी ने छठे ओवर की पहली गेंद पर जैक्स कैलिस (9) को पवेलियन की राह दिखा दी और नाइट राइडर्स को तीसरा बड़ा झटका दे दिया। नाइट राइडर्स अब संकट की स्थिति में जाती लगने लगी थी। हालांकि रोबिन उथप्पा (19) और क्रिस लिन (13) ने चौथे विकेट के लिए 31 रनों की साझेदारी कर टीम को संभालने की पूरी कोशिश की। अक्षर पटेल ने 12वें ओवर की पहली गेंद पर लिन को क्लीन बोल्ड कर इस जोड़ी को तोड़ा। ऋषि धवन ने 13वें ओवर में यूसुफ पठान (3) और उथप्पा के विकेट चटकाकर नाइट राइडर्स को हार की ओर अग्रसर कर दिया। 14वें ओवर की चौथी गेंद पर अक्षर पटेल ने पीयूष चावला को खाता खोले बगैर पवेलियन लौटा दिया। आखिरी ओवरों में सूर्यकुमार यादव (34) ने जरूर कुछ संघर्ष किया। लेकिन 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर संदीप शर्मा ने सूर्यकुमार का संघर्ष भी समाप्त कर दिया। सूर्यकुमार का कैच मिशेल जॉनसन ने लपका। सूर्यकुमार ने 17 गेंदों का सामना कर तीन चौके और एक छक्का लगाया। हालांकि तब तक किंग्स इलेवन ने मैच पर शिकंजा कस लिया था, और जॉनसन ने उमेश यादव का विकेट चटकाकर हार की औपचारिकता पूरी कर दी। किंग्स इलेवन के लिए संदीप शर्मा ने तीन और जॉनसन तथा पटेल ने दो-दो विकेट चटकाए। इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी किंग्स इलेवन ने निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट पर 132 रन बना सकी थी। पिछले दो मैचों में संयमभरी पारियां खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा (8) शनिवार को जल्द ही पवेलियन लौट गए। दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर नौ रनों के कुल योग पर पुजारा रन आउट हुए। पुजारा के बाद रिद्धिमान साहा (14) विरेंद्र सहवाग (37) का साथ देने आए। हालांकि जैक्स कैलिस द्वारा लाए गए पांचवें ओवर की पहली ही गेंद पर साहा पगबाधा करार दे दिए गए। साहा के बाद किंग्स इलेवन के अब तक खेवनहार साबित हुए ग्लेन मैक्सवेल (15) सहवाग का साथ देने आए। सहवाग और मैक्सवेल की जोड़ी ने कैलिस के बाद अगला ओवर लेकर आए सुनील नरेन के ओवर में 14 रन जड़कर जैसे तूफानी साझेदारी शुरू करने का संकेत दे दिया। हालांकि कैलिस के अगले ही ओवर में वे सिर्फ पांच रन जोड़ सके। 21 गेंदों पर 30 रन जोड़ चुकी यह जोड़ी आक्रामक हो पाती, कि मैक्सवेल मोर्ने मोर्केल की यॉर्कर गेंद चूक गए और गेंद ने उनकी लेग स्टंप की गिल्लियां बिखेर दीं। आईपीएल-7 में सर्वाधिक छक्के लगा चुके मैक्सवेल 12 गेंद में सिर्फ दो चौके लगा सके। खराब फॉर्म से जूझ रहे सहवाग ने थोड़ा संयम से काम लेते हुए अपनी पारी आगे बढ़ाना जारी रखा, लेकिन किंग्स इलेवन की जीत में अहम भूमिका निभा चुके तथा दो अर्धशतक लगा चुके डेविड मिलर (14) भी कुछ खास नहीं कर सके। पियूष चावला ने 10वें ओवर की चौथी गेंद पर मिलर को मोर्कल के हाथों कैच आउट करवा किंग्स इलेवन को चौथा झटका दे दिया। मिलर का विकेट गिरने के साथ ही किंग्स इलेवन थोड़ा संकट में दिखने लगी, और सहवाग के साथ पांचवे विकेट की साझेदारी निभाने आए कप्तान जॉर्ज बैली (11) बल्ले से सहज नही हो पाए। हालांकि बैली और सहवाग ने 27 रनों की साझेदारी कर टीम को संभालने की पूरी कोशिश की। अपना तीसरा ओवर लेकर आए चावला ने बैली और सहवाग दोनों के विकेट चटकाकर किंग्स इलेवन को बैकफुट पर धकेल दिया। सहवाग 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर 103 के कुल योग पर क्लीन बोल्ड हो गए। उन्होंने 30 गेंदों का सामना कर तीन चौके और एक छक्का लगाया। पुछल्ले बल्लेबाज अक्षर पटेल (7) और ऋषि धवन (नाबाद 19) ने सातवें विकेट के लिए संभलकर खेलते हुए 25 गेंदों में 23 रनों की साझेदारी निभाई, और किंग्स इलेवन को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन नरेन ने 19वें ओवर में तीन विकेट चटकाकर किंग्स इलेवन को आखिरी ओवरों में अधिक रन जुटाने से रोक दिया। नरेन ने 19वें ओवर की पहली दो गेंदों पर लगातार पटेल और मिशेल जॉनसन (0) के विकेट चटकाए। इसके बाद नरेन हैट्रिक का मौका भले चूक गए, लेकिन चौथी गेंद पर ही उन्होंने लक्ष्मीपति बालाजी (0) को पगबाधा कर दिया। नरेन और चावला ने तीन-तीन विकेट चटकाए। इसके साथ ही नरेन ने पर्पल कैप पर दोबारा कब्जा जमा लिया। नरेन ने आईपीएल-7 में अब तक चार मैचों में नौ विकेट हासिल कर लिए हैं।
'कुछ ऐसे' इरफान पठान ने लिया वसीम जाफर के पदचिह्नों पर चलने का फैसला
Thanks @robbieuthappa for the challenge. Here is my pic #itsoknotToBeOk#StampOutStigmapic.twitter.com/UHYj1wgDWA Thank u so much to every one of the 4 million tweeples for the never ending support #greatfulpic.twitter.com/9Dj7n2Abym
हथियार की नोक पर टैक्सी लूटी, कुछ दूर गए, हुआ एक्सिडेंट, एक बदमाश की मौत, दूसरा फरार
चश्मदीद के मुताबिक द्वारका के गोलाडेरी चौक पर एक टैक्सी चालक अपनी टैक्सी रोककर कुछ काम कर रहा था तभी दो बदमाश वहां पहुंचे उन्होंने टैक्सी चालक से हथियारों की नोंक पर टैक्सी को लूटा और मौके से फरार हो गए. चश्मदीद की बात मानें तो कुछ दूर जाने के बाद टैक्सी ने रोड पर खड़े ट्रक में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक बदमाश की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरा बादमाश गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद मौके से फरार हो गया. टिप्पणियां VIDEO- यूपी में 24 घंटे में पुलिस और बदमाशों के बीच दो मुठभेड़ फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है. साथ ही दिल्ली पुलिस फरार हुए बदमाश की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है क्योंकि पुलिस ये अच्छी तरह से जानती है कि गंभीर रूप से घायल हुआ बदमाश ज़्यादा दूर तक नहीं जा सकता.   VIDEO- यूपी में 24 घंटे में पुलिस और बदमाशों के बीच दो मुठभेड़ फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है. साथ ही दिल्ली पुलिस फरार हुए बदमाश की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है क्योंकि पुलिस ये अच्छी तरह से जानती है कि गंभीर रूप से घायल हुआ बदमाश ज़्यादा दूर तक नहीं जा सकता.
UPelections: SP-Congress में आज गठबंधन की घोषणा संभव, राज बब्‍बर पहुंच रहे लखनऊ
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है. आज इसकी घोषणा होने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में आज कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राज बब्‍बर दिल्‍ली से लखनऊ पहुंच रहे हैं. इस बात की भी संभावना व्‍यक्‍त की जा रही है कि लखनऊ पहुंचने के बाद सपा के नए प्रदेश अध्‍यक्ष नरेश उत्‍तम के साथ शाम तक उनकी संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस हो सकती है जिसमें औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है.टिप्पणियां दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्‍यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्‍ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्‍य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है. अब 403 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्‍यादा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्‍मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्‍मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है. दरअसल अभी तक दो-तीन वजहों से गठबंधन नहीं हो सका है. पहली वजह यह मानी जा रही है कि कांग्रेस 100 से भी अधिक सीटें मांग रही थी. दूसरी ओर रालोद के भी इस गठबंधन में शामिल होने की चर्चाएं थीं. लेकिन सीटों पर सहमति नहीं होने के कारण अब रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. दरअसल रालोद 30 से भी अधिक सीटें चाहती थी लेकिन सपा उसको 20 सीटों से ज्‍यादा देने को तैयार नहीं थी. हालांकि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों की पृष्‍ठभूमि को इस गठबंधन के नहीं होने की मुख्‍य वजह माना जा रहा है. दरअसल सपा और कांग्रेस दोनों को लगता है कि रालोद से गठजोड़ होने की स्थिति में उनको मुस्लिम मतों का नुकसान हो सकता है. अब 403 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्‍यादा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्‍मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्‍मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है. अब 403 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस और सपा के बीच माना जा रहा है कि मोटे तौर पर सपा 300 से भी ज्‍यादा सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी और कांग्रेस तकरीबन 100 सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतारेगी. कई सीटों पर माना जा रहा है कि सपा के उम्‍मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरेंगे. इसी तरह कांग्रेस के कुछ उम्‍मीदवारों के सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है.
मध्य प्रदेश सरकार अगले चार महीने के भीतर खोलेगी 1000 गौशाला
मध्य प्रदेश सरकार ने अगले चार महीने के भीतर 1000 गौ-शालाएं खोलने का निर्णय लिया है. इसमें एक लाख निराश्रित गौ-वंश की देख-रेख होगी. मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आज मंत्रालय प्रोजेक्ट गौ-शाला को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए. ग्रामीण विकास विभाग प्रोजेक्ट गौ-शाला का नोडल विभाग होगा. ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड से संबद्ध संस्थाएं एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएं प्रोजेक्ट गौ-शाला का क्रियान्वयन करेंगी. मुख्यमंत्री ने निजी संस्थाओं से भी इस परियोजना में भाग लेने का आग्रह किया. उन्होंने स्वामित्व संचालन और प्रबंधन के आधार गौ-शालाओं के संचालन की सम्भावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट गौ-शाला से शहरों और गांवों में निराश्रित पशुओं द्वारा पहुंचाये जा रहे नुकसान से निजात मिलेगी. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 614 गौ-शालाएं हैं जो निजी क्षेत्र में संचालित है. अब तक एक भी शासकीय गौ-शाला संचालित नहीं है. गौ-शाला प्रोजेक्ट के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति होगी. विकासखंड स्तर की समिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अध्यक्ष होंगे. गौ-शाला में शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट, नाडेप, आदि व्यवस्थाएं होंगी. फंड की व्यवस्था पंचायत, मनरेगा, एमपी-एमएलए फंड तथा अन्य कार्यक्रमों के समन्वय से होगी. जिला समिति गौ-शालाओं के लिए स्थल चुनेंगी.
हैदराबाद में 'हत्या' हुई या 'आत्महत्या' : ऑस्ट्रेलियाई मीडिया
हैदराबाद के उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत के हाथों अपनी टीम को मिली करारी शिकस्त को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने बेहद आलोचनात्मक तौर पर लिया है। एक समाचार पत्र ने तो यहां तक लिखा है कि 'हैदराबाद में हत्या हुई है या आत्महत्या'? देश से प्रकाशित होने वाले ज्यादातर समाचार पत्रों ने इस हार को शर्मनाक करार दिया। किसी ने इसे 'हैदराबाद हॉरर शो' नाम दिया जबकि किसी ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के लिए काला दिन करार दिया। समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" देश से प्रकाशित होने वाले ज्यादातर समाचार पत्रों ने इस हार को शर्मनाक करार दिया। किसी ने इसे 'हैदराबाद हॉरर शो' नाम दिया जबकि किसी ने इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के लिए काला दिन करार दिया। समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" समाचार पत्र 'द ऑस्ट्रेलियन' लिखता है, "यह निश्चित तौर पर एक 'अपराधस्थल' था। ऐसी किसी घटना का गवाह कम से कम ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसक नहीं बनना चाहते होंगे। हैदराबाद में हार की सबसे खराब बात यह रही कि ऑस्ट्रेलियाई टीम कुचली नहीं गई बल्कि खुद को कुलचने का मौका दिया।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" पत्र लिखता है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने अब तक इस सीरीज में जिस तरह का खेल दिखाया है, वह आत्महत्या से कम नहीं लेकिन मंगलवार को हैदराबाद में जो कुछ हुआ वह एक लिहाज से 'हत्या' के बराबर है। टिप्पणियां एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" एक अन्य समाचार पत्र 'द एज' लिखता है कि ऐसे में जबकि एशेज सिर्फ 16 सप्ताह दूर रह गई है, इस तरह का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के काले दिन की ओर इशारा करता है। पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।" पत्र के मुताबिक, "दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भोजनकाल से पहले हैदराबाद में एक हॉरर शो हुआ। हमारे बल्लेबाज विकेट पर गए और फिर लौट आए। यह हमारे लिए काला दिन था।"
कोंकणा सेन शर्मा को न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल में मिले 2 बेस्‍ट अवॉर्ड, 'मुक्ति भवन' बेस्‍ट फिल्‍म
कोंकणा सेन शर्मा के लिए न्यूयॉर्क भारतीय फिल्म महोत्सव के पुरस्‍कारों के पुरस्‍कारों की घोषणा के साथ खुश खबरी आई है. कोंकणा को उनकी पहली ही फिल्‍म के लिए बेस्‍ट डायरेक्‍टर का अवॉर्ड मिल गया है. न्‍यूयॉर्क इंडियन फिल्‍म फेस्टिवल (एनवाईआईएफएफ) में कोंकणा सेन शर्मा को उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘ए डेथ इन द गुंज’ के लिए सर्वश्रेष्‍ठ निर्देशक और ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कोंकणा ने अपनी ट्रॉफी की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है और इस फोटो में न्‍यूयॉक शहर की झलक भी दिखाई दे रही है. कोंकणा ने इस फोटो को कैप्‍शन दिया है, 'गुड बाय न्‍यूयॉर्क, #bestdirector #bestactress'.    Goodbye New York! #bestdirector #bestactressA post shared by Konkona Sensharma (@konkona) on May 8, 2017 at 6:18am PDT कोंकणा की इस फिल्‍म में एक्‍ट्रेस काल्‍की कोचलिन, विक्रांत मेस्‍सी, जिम सरभ और तनुजा प्रमुख किरदार में हैं. एनवाईआईएफएफ के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इस बारे में घोषणा की गई है. ट्विटर पर लिखा गया है, 'एनवाईआईएफएफ 2017 में बेहतरीन निर्देशक की पुरस्कार विजेता कोंकणा सेन शर्मा हैं.' कोंकणा को यह अवॉर्ड 'ए डेथ इन द गुंज' के लिए मिला है. इस फिल्म में मशहूर अभिनेता ओम पुरी भी थे. इस अभिनेता का निधन इस साल जनवरी में हो गया.   #NYIFF2017 Awards Winner Best Director is Konkona Sensharma @konkonas@chhabs@aroonshiv — NY Indian FilmFest (@nyindianff) May 8, 2017#NYIFF2017 Awards Winner Best Actress is @konkonas@chhabs@aroonshiv — NY Indian FilmFest (@nyindianff) May 8, 2017 वहीं आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर बेहतरीन अभिनेत्री का पुरस्कार भी कोंकणा सेन शर्मा को देने की घोषणा हुई है. यह अवॉर्ड उन्हें ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ के लिए दिया गया है. सुभाशीष भूटियानी की फिल्म ‘मुक्ति भवन’ को यहां सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म घोषित किया गया है. इस फिल्‍म में प्रमुख भूमिका एक्‍टर आदिल हुसैन ने निभाई थी. इस फिल्‍म को हाल ही में नेशनल फिल्‍म अवॉर्ड्स में भी पुरस्‍कार मिला है.   At the New York Indian Film festival @nyindianff with @MuktiBhawan which was Chosen as the Best Film by Jury Here! Take a bow @shubhashishbpic.twitter.com/xv8zbetTck — Adil hussain (@_AdilHussain) May 8, 2017 इस फिल्म महोत्सव का आयोजन 30 अप्रैल से सात मई तक हुआ.टिप्पणियां Goodbye New York! #bestdirector #bestactress A post shared by Konkona Sensharma (@konkona) on May 8, 2017 at 6:18am PDT #NYIFF2017 Awards Winner Best Director is Konkona Sensharma @konkonas@chhabs@aroonshiv #NYIFF2017 Awards Winner Best Actress is @konkonas@chhabs@aroonshiv At the New York Indian Film festival @nyindianff with @MuktiBhawan which was Chosen as the Best Film by Jury Here! Take a bow @shubhashishbpic.twitter.com/xv8zbetTck
शिक्षिका को थप्पड़ : कलेक्टर, एसएसपी तलब
पंजाब में महिला टीचर को थप्पड़ मारने के मामले में महिला आयोग ने कलेक्टर और एसपी को तलब किया है। इन अधिकारियों को 13 दिसंबर को दिल्ली बुलाया गया है। इस मामले में सरपंच और पीड़ित शिक्षिका को भी हाजिर होने के लिए कहा गया है। महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के मुताबिक कलेक्टर, एसएसपी और पीड़ित महिला की बात सुनने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वातावरण में घुला ज़हर अगर कर रहा है बीमार तो एम्स की लैब बता देगी
Pollution: अगर पर्यावरण में घुले ज़हर ने आपको बीमार किया है तो एम्स (AIIMS) उसका पता अपने Clinical Ecotoxicology lab से लगा लेगा. मरीज़ के सैंपल से मर्ज़ के कारण का पता चलेगा और कोशिश है कि परिवार का कोई और भी उस वजह से बीमारी की चपेट में न आ पाए. ज़हरीली हवा, पानी या खाने ने अगर आपको बीमार किया है तो एम्स की ये लैब बता देगी. पर्यावरण में घुले ज़हर से होने वाली बीमारी पता लगाने को लेकर देश की ये पहली लैब है. एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि चाहे एयर पॉल्युशन की बात करें. Soil पॉल्युशन की बात करें. वाटर पॉल्युशन की बात करें. जितना प्योर हमारा एनवायरनमेंट 30-40 साल पहले था, वैसा तो अब नहीं रहा. तो जो ज़हर वातारण में मौजूद है और लोगों को बीमार कर रहा है उसका पता अलग अलग सैंपल के ज़रिए लगाया जाए. पराली से प्रदूषण कैसे रुके? सीएम केजरीवाल ने दिल्ली वासियों से मांगे सुझाव अक्सर हमने देखा भी है और सुना भी कि बिना किसी लत के भी लोग उस बीमारी की गिरफ्त में होते हैं जो शायद उन्हें नहीं होनी चाहिए. पर्यावरण में घुला ज़हर भी लोगों को बीमार कर रहा है और उस वजह को ये लैब पता लगा रही है. एम्स की ये लैब करीब 1 करोड़ की लागत से तैयार हुई है जिसके जरिये सैंपल में हेवी केमिकल्स की मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है. सैंपल के लिए मरीज़ों को 25 रुपये से लेकर 1500 रुपये देने होंगे. Ecotoxicology विभाग के डॉ. जावेद ए कादिरी ने इस बात की पुष्टि की कि करीब 262 सैंपल में से 32 सैंपल पॉजिटिव आये हैं जिसमें अलग अलग एलिमेंट्स की मौजूदगी आई है. सीएम केजरीवाल ने 7 प्‍वाइंट में बताया प्रदूषण रोकने का प्‍लान आर्सेनिक, floride, लेड, कैडमियम, मैगनीज़, आयरन जैसे हैवी मेटल्स की मौजूदगी मिली है. इससे कैंसर, किडनी की बीमारी, बच्चों में ऑटिज़्म जैसी समस्या दिखी है. बीमारी के बढ़ते ग्राफ के बीच वजहों को तलाशने की ये कोशिश इस बात को लेकर है कि परिवार में उनको आगाह किया जाए जो अनजाने में उस चीज का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसने उनके किसी अपने को बीमार किया है.
पीएम मोदी पर बॉलीवुड के म्यूजिक डायरेक्टर ने साधा निशाना, Tweet हो गया वायरल...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को महराष्ट्र के लातूर में लोगों को संबोधित किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और फर्स्ट टाइम वोटरों (First Time Voters) से खास अपील की.  अब उनके इस संबोधन पर बॉलीवुड के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर विशाल डडलानी (Vishal Dadlani) ने हमला किया है. उन्होंने पीएम मोदी का वीडियो शेयर कर उस पर ट्वीट किया है. विशाल डडलानी (Vishal Dadlani) का यह ट्वीट खूब वायरल भी हो रहा है. उनके इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स ने खूब रिएक्शन दिया है. यह पहला मौका नहीं है जब  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर बॉलीवुड गलियारे से निशाना साधा गया है. उनसे पहले भी कई कलाकारों ने निशाना साधा था. WATCH | “Will you dedicate your vote to the brave men who conducted Balakot airstrikes, to the CRPF men who lost their lives in Pulwama attack?” PM Modi asks first-time voters pic.twitter.com/wijaPHXt8K लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के मद्देनजर रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने फर्स्ट टाइम वोटरों से अपील करते हुए कहा: "आपका पहला वोट बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के लिए समर्पित हो सकता है क्या? आपका पहला वोट पुलवामा में शहीद हुए वीरों के नाम समर्पित हो सकता है क्या?' पीएम मोदी ने आगे कहा, मैं फर्स्ट टाइम वोटर्स (First Time Voters) को कहना चाहता हूं कि आप 18 साल के हो गए हैं और आप अपना पहला वोट देश के लिए दीजिए. देश को मजबूत बनाने के लिए दीजिए, एक मजबूत सरकार बनाने के लिए दीजिए." उनके इसी बयान पर विशाल डाडलानी (Vishal Dadlani) ने निशाना साधा है. Did he just say "Pulgama"? Also, did he not say that there should be no politics over the dead-bodies of martyred soldiers? So now? Also, 1st-time voters should ask how 350kg of Explosives were undetected in a hi-security area, & how a civilian car joined a hi-security convoy. https://t.co/IsSQJm3Gej म्यूजिक डायरेक्टर विशाल डडलानी (Vishal Dadlani) ने लिखा:  उन्होंने अभी पुलगामा कहा? "साथ ही, क्या उन्होंने यह नहीं कहा कि शहीद सैनिकों के शवों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए? तो अब? साथ ही, फर्स्ट टाइम वोटर्स (First Time Voters)को पूछना चाहिए कि 350 किलोग्राम विस्फोटक कैसे एक उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में आ गए.  एक सिविलियन कार कैसे एक उच्च सुरक्षा के काफिले में शामिल हो गई." इस तरह  विशाल डडलानी (Vishal Dadlani) ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. विशाल डडलानी (Vishal Dadlani) को सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखने के लिए जाना जाता है.
लीबिया में विद्रोहियों को हथियार देगा अमेरिका!
अमेरिका ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लीबिया के तानाशाह मुअम्मार गद्दाफी के खिलाफ संघर्ष कर रहे विद्रोहियों को हथियार उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्ने ने कहा, "हथियार उपलब्ध कराने का विकल्प भी विचाराधीन विकल्पों में शामिल है।" लीबिया में मानवाधिकारों का सम्मान करने वाली लोकतांत्रिक सरकार का गठन सुनिश्चित कराने के लिए अमेरिकी सरकार यहां के विपक्षी दलों से सम्पर्क कर रही है। कार्ने ने कहा कि लीबिया के लोग जो चाहते हैं हम उससे सहमत हैं। उन्होंने कहा, "पूर्वी लीबिया के डाक घर में हथियारों की खेप भेजने जैसा कोई तरीका अभी जल्दबाजी होगी। हमें मौजूदा विकल्पों से आगे बढ़ने की जरूरत नहीं है।" विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने कहा कि फिलहाल विद्रोहियों को हथियार भेजना कोई कानूनी विकल्प नहीं है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 27 फरवरी के अपने प्रस्ताव में लीबिया के सभी समूहों पर हथियार प्रतिबंध लगाया है।
ब्रिटनी स्पीयर्स ने परफॉर्मेंस से मचाया ऐसा धमाल, वीडियो शेयर करके बोलीं- आग लगा डाला...
A post shared by Britney Spears (@britneyspears) on Aug 7, 2018 at 9:04am PDT
गुरुग्राम के भोंडसी में भीड़ का हमला: पीड़ित परिवार ने सामूहिक रूप से खुदकुशी की धमकी दी
परिवार ने सोहना के एसडीएम को एक ज्ञापन देकर मामले की जांच में तेजी लाने की गुजारिश की है और कहा कि अगर इंसाफ नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से खुदकुशी कर लेंगे. अख्तर ने कहा,  "हम घटना के पीड़ित हैं, लेकिन गुड़गांव पुलिस ने हमारे परिवार के दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है जो हम पर दबाव बनाने की कोशिश है." पुलिस उपायुक्त हिमांशु गर्ग ने कहा कि हमने अबतक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य तलाश की जा रही है. हम किसी का पक्ष नहीं ले रहे हैं. गौततलब है कि गुरुग्राम में होली के दिन दिल दहला देने वाली घटना घटी थी. यहां भीड़ ने घर में घुसकर पूरे परिवार पर लाठी-डंडों और तलवार से हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि होली के दिन भोंडसी इलाके में तीन-चार लोगों के परिवार पर करीब 40 लोगों की भीड़ ने कथित तौर पर हमला कर दिया. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो हुआ था. गुरुग्राम में घटी घटना के बाद पूरे देश में रोष का माहौल व्याप्त हो गया था.
एयरसेल-मैक्सिस डील में चिदंबरम की भूमिका पर हंगामा
एयरसेल−मैक्सिस डील में चिदंबरम का नाम उछाले जाने के बाद सरकार एक बार फिर उनके बचाव में उतर गई है। इस मसले पर बीजेपी ने आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों में जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा।टिप्पणियां दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।   हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए। दरअसल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी ने चिदंबरम पर इस डील में जान बूझकर देरी करने का आरोप लगाया था। आज अंग्रेजी अखबार पॉयनियर में छपी खबर के मुताबिक डील को अक्टूबर 2006 में मंजूरी मिली जबकि वित्तमंत्रालय ने जारी प्रेस रिलीज में चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा गया था कि मार्च 2006 में ही डील को मंजूरी दे दी गई थी।   हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए। हंगामे पर सरकार ने सफाई दी है। कांग्रेस के नेता राजीव शुक्ला ने साफ किया कि अंग्रेजी अखबार में छपी खबर पूरी तरह से बेबुनियाद है और सरकार वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज पर कायम है। अखबार ने छापा है कि वित्त मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज में डील के समय को छह महीने पहले का बताया गया जिससे चिदंबरम को बचाया जा सके। इधर, बीजेपी ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए मांग की सरकार यह बताए कि इस छह महीने के अंदर इस कंपनी के शेयर किन लोगों को ट्रांसफर किए गए।
दादरी कांड : अखलाक को पीट-पीटकर मार डालने के मामले में नाबालिग समेत 15 नामजद
उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति को गोमांस रखने की अफवाह के बाद भीड़ द्वारा मार डाले जाने के तीन महीने बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें एक नाबालिग समेत 15 लोगों को नामजद किया गया है। दरअसल, इसी साल 28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है, और इसके बाद भीड़ ने 52-वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।टिप्पणियां इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है। सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में 'गोमांस' शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..." दरअसल, इसी साल 28 सितंबर को दादरी इलाके के एक मंदिर में घोषणा की गई कि गाय का एक बछड़ा मार दिया गया है, और इसके बाद भीड़ ने 52-वर्षीय मोहम्मद अखलाक को उसके घर से बाहर घसीटा और पीट-पीटकर मार डाला। भीड़ ने अखलाक के पुत्र दानिश को भी पीटा, जिसके इलाज के लिए कई ऑपरेशन किए जा चुके हैं।टिप्पणियां इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है। सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में 'गोमांस' शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..." इस भीड़ को कथित रूप से कुछ ऐसे युवाओं ने भड़काया था, जिनके ताल्लुकात स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा से थे, और अब चार्जशीट में नामजद लोगों में से एक संजय राणा का पुत्र विशाल है। सूत्रों का कहना है कि चार्जशीट में 'गोमांस' शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..." विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीदेपी को निशाना बनाया था, और इस वारदात को देश में बढ़ती असहिष्णुता के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में दिए भाषण में कड़ा संदेश देकर इस आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मन की बात कहने का अधिकार है... लेकिन हिन्दुओं को तय करना होगा कि वे मुस्लिमों से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से... मुस्लिमों को भी तय करना होगा कि वे हिन्दुओं से लड़ना चाहते हैं, या गरीबी से..."
ऊर्जा के मोर्चे पर विकट स्थिति का सामना कर रहा देश : मनमोहन
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत ऊर्जा के मोर्चे पर विकट स्थिति का सामना कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से देश का आयात खर्च बढ़ता जा रहा है, ऐसे में घरेलू कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। बठिंडा में चार अरब डॉलर की लागत से बनी रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।’’ गौरतलब है कि सरकारी कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरी जरूरी लागतों के दाम में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पिछले एक वर्ष से घरेलू एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। बठिंडा में चार अरब डॉलर की लागत से बनी रिफाइनरी का औपचारिक उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कुल तेल खपत में करीब 80 प्रतिशत आयात होता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से आयात खर्च पर भारी दबाव है।’’ गौरतलब है कि सरकारी कंपनियों ने कच्चे तेल और दूसरी जरूरी लागतों के दाम में भारी बढ़ोतरी के बावजूद पिछले एक वर्ष से घरेलू एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें कीमतों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित नहीं हो।’’ हालांकि, सरकार ने जून, 2010 से पेट्रोल कीमतों के निर्धारण पर से अपना नियंत्रण हटा लिया है, लेकिन सरकारी तेल कंपनियां राजनीतिक दबावों की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं कर पा रही है। टिप्पणियां दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 65.64 रुपये है, जो कि उसकी लागत से करीब नौ रुपये कम है। डीजल, घरेलू एलपीजी और मिट्टी तेल के दाम निर्धारण पर सरकारी नियंत्रण बना हुआ है। तेल कंपनियां को मौजूदा दाम पर डीजल की बिक्री पर 16.16 रुपये, राशन में बेचे जाने वाले मिट्टी तेल पर 32.59 रुपये लीटर और 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 570.50 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। प्रधानमंत्री ने कहा कहा, ‘‘तेल की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से आम आदमी को बचाने के लिए डीजल, केरोसिन और घरेलू एलपीजी के दामों को उनकी वास्तविक बाजार लागत से कम पर रख सरकार इनका भारी बोझ वहन कर रही है।’’ वित्तवर्ष 2011-12 के दौरान इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को लागत से कम कीमत पर डीजल, घरेलू एलपीजी और केरोसिन की बिक्री से 1,38,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा ऊंची कीमतों को देखते हुए चालू वित्तवर्ष में इसके 2,08,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है।
एटीएस और स्पेशल सेल ने नोएडा से 6 संदिग्ध हिरासत में लिए, हथियार भी जब्त
नोएडा में ATS और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 6 संदिग्ध लोगों को पकड़ा है. पुलिस पकड़े गए लोगों को नक्सली बता रही है, जो दिल्ली और आसपास बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. पुलिस के मुताबिक ये लोग कमांडो की ड्रेस में थे और इनके पास से हथियार भी बरामद हुए हैं.टिप्पणियां पुलिस का दावा है कि ये लोग इस इलाके में एक महीने से रुके हुए थे और 5 बड़े नक्सली नेताओं के संपर्क में थे. इन्हें नोएडा में हिंडन विहार के पास से हिरासत में लिया गया है. बाद में वहां स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई. अभी तक यह साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकवादी हैं या नक्सली, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में उन्हें नक्सली मान रही है. इनके पास से 5 हथियार भी मिले हैं. पुलिस का दावा है कि ये लोग इस इलाके में एक महीने से रुके हुए थे और 5 बड़े नक्सली नेताओं के संपर्क में थे. इन्हें नोएडा में हिंडन विहार के पास से हिरासत में लिया गया है. बाद में वहां स्थानीय पुलिस भी पहुंच गई. अभी तक यह साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकवादी हैं या नक्सली, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में उन्हें नक्सली मान रही है. इनके पास से 5 हथियार भी मिले हैं. अभी तक यह साफ नहीं है कि हिरासत में लिए गए संदिग्ध आतंकवादी हैं या नक्सली, लेकिन पुलिस शुरुआती जांच में उन्हें नक्सली मान रही है. इनके पास से 5 हथियार भी मिले हैं.
जम्मू-कश्मीर के लेह में अचानक आई बाढ़ में पूरा गांव बहा
जम्मू-कश्मीर के लेह में अचानक आई बाढ़ में एक गांव बह गया है। यह गांव लेह एयरपोर्ट से सात किमी दूर मनाली-लेह हाइवे पर था। रात से अभी तक कोई मदद नहीं पहुंच पाई है। इस इलाके में स्थानीय नागरिकों के अलावा विदेशी पर्यटक भी फंसे हैं। खास बात यह है कि यह पूरी घटना फ़िल्म निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की टीम ने कैमरे में कैद भी की है, लेकिन वे इसे अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल उनकी टीम एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में यहां पहुंची हुई थी। मेहरा ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि रात को वे जब अपनी टीम के साथ गांव में बने एक रिसॉर्ट में खाना खा रहे थे, तभी तेज बारिश शुरू हुई, जो रात भर जारी रही।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे। उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं। खास बात यह है कि यह पूरी घटना फ़िल्म निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा की टीम ने कैमरे में कैद भी की है, लेकिन वे इसे अपलोड नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल उनकी टीम एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में यहां पहुंची हुई थी। मेहरा ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि रात को वे जब अपनी टीम के साथ गांव में बने एक रिसॉर्ट में खाना खा रहे थे, तभी तेज बारिश शुरू हुई, जो रात भर जारी रही।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे। उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं। दरअसल उनकी टीम एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में यहां पहुंची हुई थी। मेहरा ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि रात को वे जब अपनी टीम के साथ गांव में बने एक रिसॉर्ट में खाना खा रहे थे, तभी तेज बारिश शुरू हुई, जो रात भर जारी रही।टिप्पणियां उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे। उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं। उन्होंने कहा कि रिसॉर्ट चूंकि थोड़ी ऊंची जगह पर है, इसलिए वहां बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन जब नीचे काफी पानी भरने लगा तो गांव वालों में काफी दहशत फैल गई और वे चीखते-चिल्लाते हुए सुरक्षित जगहों की ओर भागे। उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं। उन्होंने बताया कि सुबह होने पर बाहर बिल्कुल तबाही पसरी नजर आई। जहां सड़कें थीं, वहां काफी गहरे गड्ढे हो गए हैं। हमने कई तस्वीरें ली हैं, लेरिन वे अपलोड नहीं हो पा रही हैं। मेहरा के मुताबिक गांव वालों ने बताया है कि जान का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई घरें तबाह हो गई हैं।
Sridevi की मौत के तुरंत बाद जब होटल पहुंचे ये पाकिस्तानी एक्टर, बताई आपबीती
Candid moments at Boney Kapoor’s family wedding at #waldrofastoria #uae A post shared by Adnan Siddiqui (@adnansid1) on Feb 20, 2018 at 3:46pm PST
Election Results 2019: विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने किया खारिज
चुनाव आयोग के विपक्षी दलों की मतगणना से पहले VVPAT-EVM का मिलान करने की मांग को ठुकरा दिया है. मंगलवार को 22 विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से यह मांग की थी. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के नतीजे आने से पहले विपक्ष की VVPAT-EVM का मिलान पहले करने की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को चुनाव आयोग का रुख किया और उससे यह आग्रह किया था कि मतगणना से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए. विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए. विपक्षी नेताओं ने कई स्थानों पर स्ट्रांगरूम से ईवीएम के कथित स्थानांतरण से जुड़ी शिकायतों पर कार्रवाई की मांग की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं कहा था ‘‘हमनें मांग की है कि वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान पहले किया जाए और फिर मतगणना की जाए। यह हमारी सबसे बड़ी मांग हैं.'' वहीं, बसपा के दानिश अली ने कहा था कि स्ट्रॉन्ग रूम को लेकर जो शिकायतें थीं वे हमने चुनाव आयोग के समक्ष रखी हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश का प्रशासन मनमानी कर रहा है क्योंकि भाजपा को पता है कि जनता का क्या फैसला दिया है. अब वे हेराफेरी करना चाहते हैं. तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि जनादेश के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो. चुनाव आयोग का रुख करने से पहले विपक्षी नेताओं ने कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक की थी. विपक्षी नेताओं की बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद और अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, तेदेपा से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा एवं दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल एवं माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए.
आमिर को लेकर हाइप से नाराज रोहित शर्मा बोले- उसके बजाय बुमराह की तारीफ करें
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मध्य प्रदेश में हैवानियत: खुले में शौच के लिए गए दो दलित बच्चों की पीट-पीट कर हत्या
मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित भावखेड़ी गांव में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां कथित रूप से दो दलित बच्चों की खुले में शौच करने के लिए एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 12 साल की रोशनी और 10 साल के अविनाश नाम के बच्चे को गंभीर चोटे आईं, जिसके तुरंत बाद जब उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अविनाश और रोशनी के बीच बुआ भतीजे का रिश्ता है. फिलहाल इस मामले में अविनाश के पिता का कहना है कि सुबह करीब 6 बजे बच्चे चाय पीकर शौच के लिए गए थे, इस दौरान सड़क किनारे शौच कर रहे बच्चों को मोटर ऑन करने आए लोगों ने देखा और पीटना शुरू कर दिया. रोशनी के भाई और अविनाश के पिता ने रामेश्वर और आगम का नाम लेते हुए आरोप लगाया. उसने बताया कि कोई पुराना झगड़ा या रंजिश नहीं था. वहीं स्थानीय पुलिस ने इस मामले में बताया कि जैसे ही खबर आई तो हम लोग घटनास्थल पर पहुंचे और ऐसा बताया गया कि किसी सिरफिरे ने लाठी से दोनों बच्चों को पीटा. जो भी हकीकत है वह जांच के बाद सामने आएगी. शुरुआत में ऐसा मालूम पड़ता है कि सड़क के किनारे शौच के दौरान बच्चों को पीटा गया. आरोपियों को पकड़ने का प्रयास जारी है. इस मामले में बसपा प्रमुख मायावती ने घटना की निंदा करते हुये इस घटना पर दुःख व्यक्त किया है. मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “देश के करोड़ों दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों को सरकारी सुविधाओं से काफी वंचित रखने के साथ-साथ उन्हें हर प्रकार की द्वेषपूर्ण जुल्म-ज्यादतियों का शिकार भी बनाया जाता रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में दो दलित बच्चों की नृशंस हत्या अति-दुःखद व अति-निन्दनीय है.” मायावती ने इस तरह की घटनाओं के लिये कांग्रेस और भाजपा की दलित विरोधी सोच को ज़िम्मेदार ठहराया है. 2. कांग्रेस व बीजेपी की सरकार बताए कि गरीब दलितों व पिछड़ों आदि के घरों में शौचालय की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई है? यह सच बहुत ही कड़वा है तो फिर खुले में शौच को मजबूर दलित युवकों की पीट-पीट कर हत्या करने वालों को फांसी की सजा अवश्य दिलायी जानी चाहिए। उन्होंने दोनों दलों से पूछा, “कांग्रेस और भाजपा की सरकार बताये कि गरीब दलितों व पिछड़ों आदि के घरों में शौचालय की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई है?” मायावती ने इस मामले में दोषियों को सख़्त सज़ा दिलाने की मांग करते हुये कहा, “यह सच बहुत ही कड़वा है तो फिर खुले में शौच को मजबूर दलित बच्चों की पीट-पीट कर हत्या करने वालों को फांसी की सजा अवश्य दिलायी जानी चाहिए.”
ओमप्रकाश चौटाला की जमानत दिल्ली हाईकोर्ट ने की रद्द, कल करना होगा सरेंडर
दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला की जमानत रद्द कर दी है और उन्हें कल सरेंडर करना होगा। कोर्ट ने कहा कि जेल के चिकित्सकीय अधीक्षक को जरूरी लगे, तो चौटाला को एम्स ले जाया जा सकता है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अब चौटाला प्रचार नहीं कर पाएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर चौटाला को उसके सामने हाजिर होने का निर्देश दिया था। गुरुवार को अदालत ने कहा कि चौटाला का पक्ष सुनने की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने चिकित्सकीय आधार पर चौटाला को जमानत पर रिहा किया था, लेकिन अब वह हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं। राज्य में 15 अक्टूबर को मतदान होना है, इसलिए प्रचार की समयसीमा 13 अक्टूबर की शाम को खत्म हो जाएगी। अदालत ने जेबीटी अध्यापक भर्ती घोटाला मामले में दोषी साबित होने के बाद 10 साल की सजा पाए इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता ओमप्रकाश चौटाला को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि चौटाला चिकित्सा प्रमाण पत्रों का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिस पर न्यायाधीश ने जवाब दिया, मुझे इस बात की जानकारी मिली है, जिसका मुझे दुख है। अदालत ने निर्देश दिया कि चौटाला और उनके वकील को नोटिस जारी किया जाए। कार्यवाही के दौरान, सीबीआई ने दावा किया कि चौटाला अदालत का मजाक बना रहे हैं। सीबीआई ने अदालत से उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया। सीबीआई ने अपनी ताजा याचिका में गुड़गांव के मेदांता अस्पताल को यह बताने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया कि 'बीमार' चौटाला को चुनावी सभा में भाग लेने की अनुमति कैसे दी गई। आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला आज दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में भी पेश हुए। कुछ देर की बहस के बाद इस मामले की अगली सुनवाई को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया। कोर्ट ने चौटाला को कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट में जो कुछ भी होता है, उसके बारे में 20 अक्टूबर तक तीस हजारी कोर्ट को सूचित करें।
Kedarnath स्टार सुशांत सिंह राजपूत ने शेयर किया 'दादी' का वीडियो, इस तरह कहा - I Love You
And my favourite video of all... the best I love you...:)pic.twitter.com/4onIieXmr6
सत्य साईं बाबा के कमरे से मिली करोड़ों की संपत्ति
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टापर्थी स्थित प्रशांति निलयम आश्रम मेंस्थित आध्यात्मिक गुरु सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर से करीब 100 किलोग्राम सोना और लगभग 12 करोड़ रुपये मिले हैं। सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट द्वारा सत्य साईं बाबा के निजी कक्ष यजुर मंदिर के द्वार खोले जाने के अगले दिन शुक्रवार शाम ट्रस्ट के सदस्य एवं बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर ने पाई गई नकदी तथा अन्य बहुमूल्य वस्तुओं की घोषणा की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पुट्टापर्थी में 11.56 करोड़ रुपये, 98 किलोग्राम सोना तथा 307 किलोग्राम चांदी पाई गई। रत्नाकर ने कहा कि नकदी भारतीय स्टेट बैंक (एबीआई) में जमा की जाएगी। नकदी की गिनती एवं सोने के आभूषणों के मूल्य का आकलन करने में कुछ बैंक अधिकारी तथा बाबा के लगभग 15 शिष्य गुरुवार से ही जुटे हुए थे। रत्नाकर ने हालांकि बाबा का कोई वसीयतनामा मिलने से इनकार किया। वह इस सवाल का जवाब देने से भी बचते रहे कि यदि ट्रस्ट को बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत के बारे में कोई दस्तावेज मिला तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी। कहा जा रहा है कि आध्यात्मिक गुरु चाहते थे कि सत्यजीत को ट्रस्ट का प्रभावी सदस्य बनाया जाए। ज्ञात हो कि यजुर मंदिर को यजुर्वेद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अस्वस्थ होने पर सत्य साईं बाबा को 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से ही बंद था। बाबा का निधन 24 अप्रैल को हुआ था। बाबा के विशाल आध्यात्कि साम्राज्य का प्रबंधन ट्रस्ट के जिम्मे है। बाबा की सम्पत्ति पुट्टापर्थी, बेंगलुरू, हैदराबाद एवं अन्य शहरों में है।     गौरतलब है कि सत्य साईं बाबा के निधन के लगभग दो महीने बाद गुरुवार को कुछ वरिष्ठ न्यायिक व पुलिस अधिकारियों के सामने ट्रस्ट के सदस्यों ने उनके आवास का ताला खोला था। इस दौरान मीडियाकर्मियों को मौजूद रहने की इजाजत नहीं थी। ट्रस्ट द्वारा यजुर मंदिर खोलने का निर्णय लिए जाने के दो दिन बाद ट्रस्ट के सदस्यों ने उसमें अंदर प्रवेश किया। बुधवार की रात ट्रस्ट की सदस्यता से अपने इस्तीफे की घोषणा करने वाले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश पीएन भगवती भी इस दौरान मौजूद थे। वैसे भगवती ने कहा है कि वह श्री सत्य साईं विश्वविद्यालय के कुलपति बने रहेंगे। सत्य साईं बाबा की देखभाल करने वाले सत्यजीत को ही यजुर मंदिर के बायोमीट्रिक ताले को खोलने के सम्बंध में जानकारी थी। वह भी ट्रस्ट के सदस्यों व अधिकारियों के साथ मौजूद थे। सत्य साईं बाबा के जीवनकाल में सत्यजीत अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें उनके निजी कक्ष में जाने की इजाजत थी। सत्य साईं बाबा के भतीजे व ट्रस्ट के सदस्य रत्नाकर, एसवी गिरी, वी. श्रीनिवासन और ट्रस्ट सचिव के. चक्रवर्ती भी इस दौरान मौजूद थे। अटकलें लगाई जा रही थीं कि यजुर मंदिर में दुनियाभर के भक्तों से दान में मिला सोना, आभूषण और नकदी भारी मात्रा में जमा है। भक्तों के एक वर्ग का आरोप है कि जब सत्य साईं जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे तब प्रशांति निलयम से सभी बहुमूल्य वस्तुएं निकाल ली गई थीं। वैसे ट्रस्ट ने इस बात से इनकार किया है। कुछ भक्तों की मांग थी कि उनकी मौजूदगी में यजुर मंदिर के ताले खोले जाएं।
साइरस मिस्‍त्री को हटाने के बाद टाटा ग्रुप ने की बचाव की तैयारी, कैविएट दाखिल की
टाटा संस ने मंगलवार को अदालतों और अन्‍य फोरम में कई कैविएट दाखिल कीं ताकि टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के फैसले के खिलाफ साइरस मिस्‍त्री या शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के कोर्ट के शरण लेने की स्थिति में एकतरफा आदेश से बचा जा सके. टाटा की ओर से मुंबई हाईकोर्ट, दिल्‍ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल में कैविएट फाइल की गई है. उधर, शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कहा है कि 'इस वक्त' मीडिया की इन ख़बरों में कोई आधार नहीं है कि टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से अचानक हटा दिए जाने की वजह से साइरस मिस्त्री उन्हें अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं.   साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. टाटा की ओर से मुंबई हाईकोर्ट, दिल्‍ली हाईकोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल में कैविएट फाइल की गई है. उधर, शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कहा है कि 'इस वक्त' मीडिया की इन ख़बरों में कोई आधार नहीं है कि टाटा सन्स के चेयरमैन के पद से अचानक हटा दिए जाने की वजह से साइरस मिस्त्री उन्हें अदालत में ले जाने पर विचार कर रहे हैं.   साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. साइरस मिस्त्री के परिवार के स्वामित्व वाले शापूरजी पैलोनजी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "न शापूरजी पैलोनजी ग्रुप ने कोई बयान दिया है, न साइरस मिस्त्री ने... अभी परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है, सो, इस समय मुकदमा किए जाने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं... जब भी सार्वजनिक रूप से बयान जारी करना ज़रूरी होगा, जारी कर दिया जाएगा..."टिप्पणियां सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. सूत्रों ने NDTV को बताया था कि टाटा संस की सोमवार की बैठक में साइरस मिस्त्री उन्‍हें हटाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था. उन्‍होंने तर्क दिया था कि टाटा ग्रुप की नियमावली के अनुसार, उन्‍हें अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए. जानकारी के अनुसार, जब बोर्ड ने साइरस से कहा कि उन्‍हें हटाए जाने के फैसले के पक्ष में बोर्ड के पास कानूनी राय है तो उन्‍होंने कहा कि वे इस फैसले को चुनौती देंगे.  नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है. नौ सदस्‍यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्‍य ने प्रक्रिया का हिस्‍सा बनने से इनकार कर दिया था. साइरस मिस्त्री को हटाए जाने से बाज़ारों तथा कॉरपोरेट जगत को झटका लगा है, और मंगलवार को टाटा के अधिकतर शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. शापूरजी पैलोनजी ग्रुप कंस्‍ट्रक्‍शन के कारोबार से जुड़ा है और टाटा सन्स की लगभग 18 फीसदी हिस्सेदारी पर इसका मालिकाना हक है और साइरस मिस्त्री टाटा सन्स के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) के सदस्य बने रहेंगे. साइरस को हटाए जाने के बाद 78 वर्षीय रतन टाटा को चार माह के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है. टाटा ग्रुप की ओर से नए चेयरमैन की तलाश की जा रही है.
JNUSU Election Result 2018 Live Updates: लेफ्ट यूनिटी के उम्मीदवारों ने चारों सीटों पर दर्ज की जीत
दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आज आने की उम्मीद है. बशर्ते शनिवार की तरह कोई बाधा उत्पन्न न हो. जेएनयूएसयू यानी जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ चुनाव में हिंसा, विरोध-प्रदर्श और तवान के बाद रात में वोटों की गिनती शुरू हुई. इससे पहले  जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) चुनावों में मतों की गिनती को निर्वाचन अधिकारियों ने मतगणना स्थल पर ‘‘जबरन प्रवेश’’ और ‘‘मतपेटियों को छीनने के प्रयासों’’ का हवाला देकर शनिवार को स्थगित कर दिया. इससे पहले मतगणना प्रक्रिया के शुरू होने की जानकारी न मिलने का दावा करते हुए एबीवीपी ने प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने चुनाव अधिकारियों पर वामपंथी संगठनों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए अदालत जाने की धमकी दी. इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गतिरोध 12 घंटे से बरकरार है. वामपंथी संगठनों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी कार्यकर्ता हिंसा में शामिल थे हालांकि भगवा संगठन ने इससे इनकार किया है.
अमेरिका में दो ट्रेनों की टक्कर में 60 लोग घायल
अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम कनेक्टिकट राज्य में अतिव्यस्त समय में विपरीत दिशा से आ रही दो यात्री रेलगाड़ियों के बीच हुई टक्कर में 60 लोग घायल हो गए, जिनमें पांच की हालत नाजुक बताई गई है। इस घटना से बोस्टन और न्यूयॉर्क के बीच मुख्य रेलमार्ग बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो नॉर्थ की एक रेलगाड़ी न्यू हैवन से न्यूयार्क शहर जाने के दौरान शाम 6.10 बजे ब्रिजपोर्ट में पटरी से उतर गई और एक रेलगाड़ी से जा टकराई। सीएनएन के मुताबिक, मेट्रो नॉर्थ के प्रवक्ता ने बताया कि इससे दूसरी रेलगाड़ी पर कुछ डिब्बे चढ़ गए।टिप्पणियां कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। इस घटना से बोस्टन और न्यूयॉर्क के बीच मुख्य रेलमार्ग बाधित हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो नॉर्थ की एक रेलगाड़ी न्यू हैवन से न्यूयार्क शहर जाने के दौरान शाम 6.10 बजे ब्रिजपोर्ट में पटरी से उतर गई और एक रेलगाड़ी से जा टकराई। सीएनएन के मुताबिक, मेट्रो नॉर्थ के प्रवक्ता ने बताया कि इससे दूसरी रेलगाड़ी पर कुछ डिब्बे चढ़ गए।टिप्पणियां कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। कनेक्टिकट के गवर्नर डैनेल मैलॉय ने शुक्रवार रात संवाददाताओं को बताया कि पांच घायलों की हालत नाजुक है तथा इनमें से एक की हालत गंभीर है। मैलॉय ने बताया कि नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड घटना की जांच करेगा तथा इसकी टीम शनिवार सुबह तक घटनास्थल पहुंचेगी। गवर्नर ने कहा, यह दुर्घटना से ज्यादा कुछ नहीं है। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था। इस दुर्घटना के बाद इस रेलपथ में बिजली काट दी गई तथा रेल सेवा बंद कर दी गई। ब्रिजपोर्ट के मेयर बिल फिंच ने बताया कि इस घटना की वजह से एक सप्ताह तक रेल यातायात बाधित रहेगा। यहां रेलवे पुल ठीक किए जाने का काम चल रहा था इस वजह से कनेक्टिकट के ब्रिजपोर्ट से न्यूयॉर्क जाने वाला यह अकेला रेलपथ था।
यह तो सेमीफाइनल है, नरेंद्र मोदी बनेंगे प्रधानमंत्री : वसुंधरा राजे
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की दावेदार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने भाजपा को मिल रहे रुझान पर रविवार को कहा कि जनता राजस्थान सरकार से तंग आ चुकी थी और वह पार्टी की जीत को कार्यकर्ताओं को समर्पित करती हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'जनता राजस्थान सरकार से तंग आ चुकी थी। मैं पार्टी की जीत को कार्यकर्ताओं को समर्पित करती हूं।' राजे ने कहा कि यह तो सेमीफाइनल है, फाइनल कुछ महीने में होगा और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे। विधानसभा चुनाव के तहत आज हो रही मतगणना में प्रदेश में भाजपा बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है।
दिल्ली में 12 करोड़ रुपये की हेरोइन बरामद, दो गिरफ्तार
दिल्ली में पुलिस ने उम्दा गुणवत्ता वाली तीन किलोग्राम हेरोइन के साथ दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. दोनों के पास से जब्त हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 12 करोड़ रुपये बताई जाती है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में यह भी जांच की जा रही है कि कहीं आरोपियों के पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में मादक पदार्थ तस्करों के साथ संपर्क तो नहीं हैं .टिप्पणियां डीसीपी (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि बरेली के रहने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद जफर और परवेज सैफी को रिंग रोड दरियागंज स्थित घाटा मस्जिद के पास से 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. जफर के बैग से दो किलोग्राम हेरोइन जबकि सैफी के बैग से एक किलोग्राम हेरोइन जब्त किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) डीसीपी (विशेष प्रकोष्ठ) संजीव कुमार यादव ने बताया कि बरेली के रहने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद जफर और परवेज सैफी को रिंग रोड दरियागंज स्थित घाटा मस्जिद के पास से 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. जफर के बैग से दो किलोग्राम हेरोइन जबकि सैफी के बैग से एक किलोग्राम हेरोइन जब्त किया गया. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मेरा काम ऐक्टिंग है, मैं कोई गुड़िया नहीं जो हमेशा खूबसूरत दिखूं- करीना कपूर
करीना कपूर खान का कहना है कि वह घर से निकलने पर हर समय खूबसूरत दिखने में अपनी उर्जा लगाने के बजाय अपने अभिनय पर और भूमिकाओं को चुनने पर ध्यान केंद्रित करना ज्यादा पसंद करेंगी. ‘की एंड का’ की स्टार अभिनेत्री ने कहा कि वह किसी भी अन्य सामान्य लड़की से अलग नहीं हैं और उनका लक्ष्य यह है कि उन्हें अच्छे काम के लिए पहचाना जाए, न सिर्फ प्यारे चेहरे की वजह से. करीना ने कहा, ‘‘अच्छा दिखना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. मैं किसी भी अन्य लड़की की तरह सामान्य हूं. कई बार मैं चप्पलें पहनकर बाहर चली जाती हूं और मेरे आसपास के लोग उसपर नाराज हो जाते हैं. मैं हमेशा संवरे हुए बालों और मेकअप के साथ नहीं रह सकती.’’टिप्पणियां करीना ने कहा, ‘‘मैं अपने बिस्तर से किसी फैशन दीवा की तरह नहीं निकल सकती. मेरा काम अभिनय करना है न कि हर समय खूबसूरत दिखना. मैं चाहूंगी कि मुझे मेरे अभिनय कौशल के आधार पर आंका जाए. मैं कोई गुड़िया नहीं हूं.’’ फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए एक बिना ग्लैमर वाली भूमिका के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाली करीना ने कहा कि नई पीढ़ी के कलाकार कई बार अपना असली काम भूल जाते हैं और स्टाइल के खेल में उलझ जाते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) ‘की एंड का’ की स्टार अभिनेत्री ने कहा कि वह किसी भी अन्य सामान्य लड़की से अलग नहीं हैं और उनका लक्ष्य यह है कि उन्हें अच्छे काम के लिए पहचाना जाए, न सिर्फ प्यारे चेहरे की वजह से. करीना ने कहा, ‘‘अच्छा दिखना मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं है. मैं किसी भी अन्य लड़की की तरह सामान्य हूं. कई बार मैं चप्पलें पहनकर बाहर चली जाती हूं और मेरे आसपास के लोग उसपर नाराज हो जाते हैं. मैं हमेशा संवरे हुए बालों और मेकअप के साथ नहीं रह सकती.’’टिप्पणियां करीना ने कहा, ‘‘मैं अपने बिस्तर से किसी फैशन दीवा की तरह नहीं निकल सकती. मेरा काम अभिनय करना है न कि हर समय खूबसूरत दिखना. मैं चाहूंगी कि मुझे मेरे अभिनय कौशल के आधार पर आंका जाए. मैं कोई गुड़िया नहीं हूं.’’ फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए एक बिना ग्लैमर वाली भूमिका के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाली करीना ने कहा कि नई पीढ़ी के कलाकार कई बार अपना असली काम भूल जाते हैं और स्टाइल के खेल में उलझ जाते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) करीना ने कहा, ‘‘मैं अपने बिस्तर से किसी फैशन दीवा की तरह नहीं निकल सकती. मेरा काम अभिनय करना है न कि हर समय खूबसूरत दिखना. मैं चाहूंगी कि मुझे मेरे अभिनय कौशल के आधार पर आंका जाए. मैं कोई गुड़िया नहीं हूं.’’ फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के जरिए एक बिना ग्लैमर वाली भूमिका के साथ अपने करियर की शुरूआत करने वाली करीना ने कहा कि नई पीढ़ी के कलाकार कई बार अपना असली काम भूल जाते हैं और स्टाइल के खेल में उलझ जाते हैं. (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
किचन कर सकती है आपकी इस चाहत को पूरा....
गुलाबी गाल पाने के लिए चुकंदर से बेहतर कुछ नहीं है. पहले दो से तीन चुकंदरों को उबालकर मैश कर लें, फिर उसमें तीन चम्मच पाउडर मिलाएं. इसे अपने चेहरे और गले पर लगाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर धो लें. अगर आपके चेहरे पर झुर्रियां या फाइन लाइन्स आ गईं हो तो, परेशान होने की जरुरत नहीं है. इसके लिए आंवला और शहद का मिश्रण काफी फायदेमंद होता है. रोज़ाना शहद में भीगे आंवला का एक चम्‍मच खाएं. 2-3 चम्मच बेसन लें. इसमें एक चम्मच दूध की क्रीम और एक-एक चम्मच गेहूं की भूसी और दही मिलाएं. फिर इसे चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाएं और धो लें. इससे आपके गाल नरम और मुलायम हो जाएंगे. रंग निखारने के लिए नींबू का रस चेहरे पर लगाएं. कुछ देर बाद चेहरा धो लें. नींबू के रस में टमाटर का रस मिलाकर लगाने से भी त्वचा की सफाई हो जाती है और रंग गोरा होने लगता है. प्रोटीन से भरपूर तिल के तेल में चिपचिपाहट नहीं होती. इसके इस्तेमाल से बालों में चमक और मजबूती आती है. रोज़ाना इस तेल के प्रयोग से बालों के असमय सफेद होने की समस्या से मुक्ति मिलती है. गुलाब जल रंगत निखारने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है. घर पर ही गुलाबजल बनाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में डालें. जल्दी फायदे के लिए इसका पेस्ट बनाकर पानी में मिलाएं. एक दिन के लिए पानी में छोड़ दें. इस पानी से चेहरा धोने से चेहरे की रंगत गुलाबी होने लगती है और रंग भी निखरने लगता है.
अदम्य साहसी 25 बच्चों को पीएम नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को देंगे वीरता पुरस्कार
हर साल भारतीय बाल कल्याण परिषद की ओर से छह से अठारह साल की उम्र के बच्चों को अपने अदम्य साहस के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाते हैं. इन बच्चों ने अपने साहस, संयम, सूझ-बूझ और हिम्मत के बल पर दूसरों की जिंदगियां बचाई हैं. बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने की शुरुआत 1957 में हुई. गांधी जयंती पर दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक कार्यक्रम के दौरान पंडाल में आग लग गई और तकरीबन 100 लोग उसमें फंस गए. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल हुए थे. तभी 14 साल के हरिशचंद्र मेहरा ने शामियाने का एक हिस्सा अपने चाकू से काट दिया. इससे आग का फैलाव  रुक गया और लोगों के निकलने का रास्ता भी बन गया. हरिशचंद्र की बहादुरी से प्रेरित होकर जवाहरलाल नेहरू ने बहादुर बच्चों के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की घोषणा की थी. पहला राष्ट्रीय पुरस्कार चार फरवरी 1958 को हरिशचंद्र और एक अन्य बच्चे को दिया गया था. अब तक 945 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 669 लड़के और 276 लड़कियां शामिल हैं. इन बच्चों पर देश को नाज है. बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने की शुरुआत 1957 में हुई. गांधी जयंती पर दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक कार्यक्रम के दौरान पंडाल में आग लग गई और तकरीबन 100 लोग उसमें फंस गए. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल हुए थे. तभी 14 साल के हरिशचंद्र मेहरा ने शामियाने का एक हिस्सा अपने चाकू से काट दिया. इससे आग का फैलाव  रुक गया और लोगों के निकलने का रास्ता भी बन गया. हरिशचंद्र की बहादुरी से प्रेरित होकर जवाहरलाल नेहरू ने बहादुर बच्चों के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की घोषणा की थी. पहला राष्ट्रीय पुरस्कार चार फरवरी 1958 को हरिशचंद्र और एक अन्य बच्चे को दिया गया था. अब तक 945 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें 669 लड़के और 276 लड़कियां शामिल हैं. इन बच्चों पर देश को नाज है.
मुंबई में हुई खोज की बदौलत अब 100 गुना तक कम हो सकती है MRI मशीनों की कीमत
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मुंबई में हुई एक महत्‍वपूर्ण खोज की बदौलत मैग्‍नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग यानी एमआरआई मशीनों की कीमत 100 गुना तक कम हो सकती है. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों की एक टीम ने खोज की है कि बाइस्मथ (Bismuth) नाम की धातु बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत को संचालित कर सकती है और इसका यह गुण इसे सुपरकंडक्‍टर बनाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरकंडक्‍टर होने का गुण किसी पदार्थ का अदि्वतीय गुण है जिसके कई उपयोग संभव हैं और इसे प्राप्‍त करना बेहद खर्चीला है. माना जा रहा है कि इस नई खोज के बाद 4 दशक पुरानी नोबेल पुरस्‍कार विजेता थ्‍योरी को पुनर्परिभाषित किया जाएगा जो बताती है कि धातु कैसे सुपरकंडक्‍टर बन जाते हैं. मुंबई के टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्‍णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्‍योरी और एक नई व्‍यवस्‍था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्‍टर्स की नई श्रेणी होगी.' दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को ब‍हुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्‍म हो जाए. वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वैज्ञानिकों की एक टीम ने खोज की है कि बाइस्मथ (Bismuth) नाम की धातु बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत को संचालित कर सकती है और इसका यह गुण इसे सुपरकंडक्‍टर बनाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरकंडक्‍टर होने का गुण किसी पदार्थ का अदि्वतीय गुण है जिसके कई उपयोग संभव हैं और इसे प्राप्‍त करना बेहद खर्चीला है. माना जा रहा है कि इस नई खोज के बाद 4 दशक पुरानी नोबेल पुरस्‍कार विजेता थ्‍योरी को पुनर्परिभाषित किया जाएगा जो बताती है कि धातु कैसे सुपरकंडक्‍टर बन जाते हैं. मुंबई के टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्‍णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्‍योरी और एक नई व्‍यवस्‍था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्‍टर्स की नई श्रेणी होगी.' दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को ब‍हुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्‍म हो जाए. वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरकंडक्‍टर होने का गुण किसी पदार्थ का अदि्वतीय गुण है जिसके कई उपयोग संभव हैं और इसे प्राप्‍त करना बेहद खर्चीला है. माना जा रहा है कि इस नई खोज के बाद 4 दशक पुरानी नोबेल पुरस्‍कार विजेता थ्‍योरी को पुनर्परिभाषित किया जाएगा जो बताती है कि धातु कैसे सुपरकंडक्‍टर बन जाते हैं. मुंबई के टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्‍णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्‍योरी और एक नई व्‍यवस्‍था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्‍टर्स की नई श्रेणी होगी.' दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को ब‍हुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्‍म हो जाए. वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. मुंबई के टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर एस रामकृष्‍णन कहते हैं, 'हम लोगों ने बाइस्मथ में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की है और इसे समझाने के लिए हमें एक नई थ्‍योरी और एक नई व्‍यवस्‍था की जरूरत है. एक बार जब यह हो जाएगा तो शायद हमारे पास सुपरकंडक्‍टर्स की नई श्रेणी होगी.' दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को ब‍हुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्‍म हो जाए. वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. दशकों के नाकाम वैश्विक प्रयासों के बाद अब ये टीम इसे मूलभूत वैज्ञानिक खोज बता रही है. इस लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए वैज्ञानिकों ने धातु बाइस्मथ को ब‍हुत ही ठंडे तापमान पर रखा, ताकि विद्युत के प्रति उसका सारा प्रतिरोध खत्‍म हो जाए. वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कीमत करीब 10 करोड़ रुपये होती है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. खोजकर्ता टीम का कहना है कि इस खोज के अनुप्रयोगों में हो सकता है कि कुछ वर्ष लग जाएं लेकिन इतना जरूर है कि इससे उच्‍च गुणवत्ता वाली डाइअग्नास्टिक मशीनों की कीमत जरूर कम होगी. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अरुमुगम कहते हैं, 'वर्तमान में ऐसी कोई थ्‍योरी नहीं है, जो बाइस्मथ के सुपरकंडक्‍टर गुण की व्‍याख्‍या कर सके. बाकियों की तुलना में यह बिल्‍कुल अलग किस्‍म की सुपरकंडक्टिविटी है. थ्‍योरिस्‍ट इसपर काम कर रहे हैं और शायद कुछ नई थ्‍योरी जल्‍द सामने आए. वर्तमान में एमआरआई स्‍कैन एक सुपरकंडक्‍टर चुंबक की बदौलत ही संभव हो पाता है, इसलिए इस खोज का अगले कुछ वर्षों में प्रायोगिक इस्‍तेमाल संभव है.टिप्पणियां वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में एमआरआई मशीनों में जिस सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होता है उसे मिश्रधातु नियोबियम-टाइटेनियम (Niobium-Titanium) से बनाया जाता है और अगर बाइस्मथ से बने सुपरकंडक्‍टर का इस्‍तेमाल होगा तो एमआरआई मशीन की कीमत में 100 गुना की कमी आ सकती है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है. वर्तमान में एक अच्‍छी एमआरआई मशीन की कमीत 10 करोड़ रुपये के करीब होती है. यह खोज साइंस जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित की गई है.
चलते झूले में हुआ दिल दहला देने वाला हादसा, सीट से उछलकर नीचे गिरे लोग... देखें Video
थाईलैंड (Thailand) के कार्निवाल (Carnival) में अम्यूजमेंट राइड (Amusement Ride) के दौरान ऐसा हादसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. चलते झूले से अचानक लोग सीट से गिर पड़े. सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है. एक मिनट के इस वीडियो को सीजीटीएन ने ट्विटर पर शेयर किया है. देखा जा सकता है कि पायरेट्स ऑफ द कैरेबियन थीम राइड (Pirates of the Caribbean-Themed Ride) में क्राउड एन्जॉय कर रहा था. ऊपर से नीचे की तरफ आते समय 5 लोग सीट से उछलकर गिर गए. जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई. पांचों लोग स्टील प्लेटफॉर्म पर गिरे. सेफ्टी बार्स ढीले होने के कारण ये हादसा हुआ. CGTN की खबर के मुताबिक, हादसे के बाद ऑपरेटर ने मशीन को तुरंत बंद कर दिया. Video: Revelers escaped serious injuries when they were thrown from a fairground ride on to the floor after the safety bars came loose at a carnival in Thailand pic.twitter.com/i1bq738Amh गिरने वाले सभी लोग उठकर राइड से दूर चले गए. हादसे में शिकार एक लड़के के सिर में चोट लगी है. उसे रोता देखा गया, लेकिन वो जल्द ही ठीक हो गया. इस बीच, ऑपरेटर ने दुर्घटना के बाद माफी मांगी. उसने कहा, "कंट्रोल सेंटर मेरे चार्ज में थे, मेरे साथ एक और दोस्त था, जो ब्रेक पर गया था. मैं घायलों से माफी मांगता हूं. जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था.'' पुलिस अधिकारियों ने आदेश दिया कि राइड अस्थायी रूप से बंद की जाएगी और मालिक के लाइसेंस की जांच की जाएगी.
पापाराजी से निपटने के लिए शाहरुख खान ने बच्चों को दी यह खास सलाह, आप भी पढ़ें...
VIDEO: अनुष्‍का शर्मा के साथ एक फैशन शो में नजर आए शाहरुख खान.
अब 'बाहुबली' प्रभास के साथ नजर आएंगे नील नितिन मुकेश, सीख रहे हैं तमिल और तेलुगू भाषा
अभिनेता नील नितिन मुकेश 'बाहुबली' से मशहूर हुए अभिनेता प्रभास के साथ फिल्म में काम करने को तैयार हैं. यह फिल्म अगले साल रिलीज होगी. फिल्म का नाम अभी तय नहीं है, यह वाई सुजीत रेड्डी द्वारा निर्देशित होगी. फिल्म के बारे में नील ने कहा, 'मैं पिछले एक साल से इस फिल्म को अंतरिम रूप देने की कोशिश में हूं. यह मेरे लिए उत्साहजनक इसलिए है, क्योंकि इसकी कहानी जटिल है और एक बार मुझे इस पर प्रयोग करने का मौका मिले. मैं प्रभास और उनके साथ काम करने को उत्साहित हूं.'टिप्पणियां नील इन दिनों अपने किरदार के लिए तमिल और तेलुगू भाषा सीख रहे हैं. फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) फिल्म के बारे में नील ने कहा, 'मैं पिछले एक साल से इस फिल्म को अंतरिम रूप देने की कोशिश में हूं. यह मेरे लिए उत्साहजनक इसलिए है, क्योंकि इसकी कहानी जटिल है और एक बार मुझे इस पर प्रयोग करने का मौका मिले. मैं प्रभास और उनके साथ काम करने को उत्साहित हूं.'टिप्पणियां नील इन दिनों अपने किरदार के लिए तमिल और तेलुगू भाषा सीख रहे हैं. फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) नील इन दिनों अपने किरदार के लिए तमिल और तेलुगू भाषा सीख रहे हैं. फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी. (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पंजाब में 35 वर्षीय विधवा के साथ सामूहिक बलात्कार
जिले में तीन युवकों द्वारा कथित रूप से एक 35 वर्षीय विधवा का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने की खबर आई है।टिप्पणियां पुलिस ने बताया कि तीनों ने मंगलवार की शाम को पीड़िता का उस समय अपहरण कर लिया जब वह धरमकोट से लौट रही थी। ये तीनों उसे कोटिसेकान गांव में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। तीनों की पहचान संदीप सिंह, हरदीप सिंह और तारा सिंह के रूप में की गई है। एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं। पुलिस ने बताया कि तीनों ने मंगलवार की शाम को पीड़िता का उस समय अपहरण कर लिया जब वह धरमकोट से लौट रही थी। ये तीनों उसे कोटिसेकान गांव में ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। तीनों की पहचान संदीप सिंह, हरदीप सिंह और तारा सिंह के रूप में की गई है। एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं। एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भी इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है, जो उस वाहन को चला रहा था जिसमें पीड़िता को अपहृत करके ले जाया गया था। इस संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, क्योंकि चारों आरोपी फरार हैं।
डीयू में जल्द खत्म हो सकता है चार साल का अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम
दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले साल से शुरू किए गए चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को खत्म किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मानव संसाधन मंत्रालय ने पिछले साल शुरू किए गए इस प्रोग्राम को खत्म करने का मन बना लिया है और एक बार फिर पहले की तरह तीन साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम की वापसी हो सकती है। दरअसल, डीयू के वाइस चांसलर दिनेश सिंह और शिक्षा सचिव के बीच इस मुद्दे पर मुलाकात हुई थी, जिसमें दिनेश सिंह ने चार साल के प्रोग्राम के पक्ष में तर्क रखे, लेकिन खबर है कि वह मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों को संतुष्ट नहीं कर पाए। आरएसएस और बीजेपी समर्थित डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट भी चार साल के पाठयक्रम के विरोध में हैं और स्मृति ईरानी की अगुवाई वाले मंत्रिमंडल पर चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को खत्म करने का दबाव है। बीजेपी की तरफ से भी चुनाव के दौरान इस नए पाठयक्रम को खत्म करने का वादा किया गया था हालांकि मंत्रालय कोई भी फैसला जल्दीबाजी में लेने के पक्ष में नहीं हैं। खास बात यह है कि इस मुद्दे पर शिक्षकों के लेफ्ट और राइट विंग, के बीच भी एक राय है और दोनों ही ग्रुप चार साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं हालांकि अगर तीन साल के पाठयक्रम की वापसी होती है तो उन छात्रों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी जिन्होंने पिछले साल चार साल के अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में दाखिला लिया है, क्योंकि इन छात्रों के पहले साल में सिर्फ फाउंडेशन कोर्स ही कराया गया है हालांकि मंत्रालय इस समस्या से निपटने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
पिछले साल की तुलना में अब बेहतर खिलाड़ी हूं : सानिया
शीर्ष भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने प्रतिष्ठित डब्ल्यूटीए चाइना ओपन खिताब जीतकर 2013 सत्र खत्म किया और उनका मानना है कि वह पिछले साल की तुलना में अब बेहतर खिलाड़ी हैं। चाइना ओपन से महिला युगल खिलाड़ियों को विजेता पुरुष टीम की तुलना में 500 से अधिक रैंकिंग अंक और 1,26,420 डॉलर की इनामी राशि मिलती है। सानिया का सत्र का यह पांचवां खिताब था और इस दौरान उन्हें कई कारणों से लगातार जोड़ीदार बदलने पड़े। वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ चाइना ओपन से महिला युगल खिलाड़ियों को विजेता पुरुष टीम की तुलना में 500 से अधिक रैंकिंग अंक और 1,26,420 डॉलर की इनामी राशि मिलती है। सानिया का सत्र का यह पांचवां खिताब था और इस दौरान उन्हें कई कारणों से लगातार जोड़ीदार बदलने पड़े। वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ सानिया का सत्र का यह पांचवां खिताब था और इस दौरान उन्हें कई कारणों से लगातार जोड़ीदार बदलने पड़े। वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ वर्ष 2012 में सानिया ने दो खिताब जीते थे लेकिन वह तीन अन्य में उप-विजेता रही थीं जिसमें चाइना ओपन भी शामिल है।टिप्पणियां सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ सानिया ने अपना सत्र जिम्बाब्वे की कारा ब्लैक के साथ लगातार दो खिताब जीतकर समाप्त किया। वह जापान ओपन में कारा से जुड़ी थीं और पहले ही टूर्नामेंट में दोनों ट्राफी जीतने में सफल रही थीं। सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’ सानिया ने बीजिंग से कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने हर चीज में सुधार किया है। मेरी फिटनेस बेहतर बन गयी है। मैंने नेट में भी खुद में काफी सुधार किया है। मेरी सर्विस भी पहले से सुधर गई है इसलिए अब मैं पिछले साल की तुलना में कहीं बेहतर खिलाड़ी हूं।’
Republic Day 2019: 'सर्जिकल स्ट्राइक' के बाद वाघा बॉर्डर जाएंगे विक्की कौशल, 26 जनवरी को मनाएंगे जश्न- Exclusive
बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल (Vicky Kaushal) की फिल्म 'उरी' ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ ऐसा धमाल मचाया कि अब हर किसी के जुबां पर 'How is the Josh?' (कैसा है जोश?) है. इसी जोश के साथ विक्की कौशल (Vicky Kaushal) शनिवार को 26 जनवरी के मौके पर वाघा बॉर्डर (Wagha Border) पर जा रहे हैं. वहां पर विक्की कौशल शाम को होने वाले बीटिंग रिट्रीट (Beating Retreat) में सैनिकों के साथ शामिल होंगे. 'उरी' फिल्म में अपने दमदार जोश से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आकर्षित किया था. यहां तक कि पीएम मोदी ने भी एक प्रोग्राम के दौरान 'How is the Josh?' (कैसा है जोश?) का यूज मंच से किया था. फिलहाल विक्की कौशल (Vicky Kaushal) इस फिल्म से बॉलीवुड में अपनी धमक जमा दी है.   #UriTheSurgicalStrike biz at a glance... Week 1: ₹ 71.25 cr Week 2: ₹ 62.54 cr Total: ₹ 133.79 cr India biz. BLOCKBUSTER.#Uri#HowsTheJosh   बता दें, उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय फौज द्वारा पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जीकल स्ट्राइक्स करने की कहानी पर बनी उरी- द सर्जीकल स्ट्राइक' (Uri: The Surgical Strike)  ने 25 जनवरी को रिलीज़ के 15 दिन पूरे कर लिये. ट्रेड एनलिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक अभी तक फिल्म ने कुल 133.79 करोड़ रुपए कमा लिए हैं.  विक्की कौशल (Vicky Kaushal) की एक्टिंग तो पहले भी लोगों को पसंद आती थी लेकिन इस बार उनकी फिल्म कमाई के रिकॉर्ड बना रही है. विक्की कौशल (Vicky Kaushal) की फिल्म उरी- द सर्जीकल स्ट्राइक' (Uri: The Surgical Strike)  को लेकर फिल्म समीक्षकों के अच्छे रिव्यू आए थे, जिसके बाद बॉक्स ऑफिस (URI The Surgical Strikes Box Office Collection) पर इसके अच्छे नतीजे आने शुरू हो गए.   'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' (URI The Surgical Strikes) को पब्लिक रिव्यू भी काफी अच्छा मिल रहा है. बता दें कि विक्की कौशल (Vicky Kaushal) और  यामी गौतम (Yami Gautam) की फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' (URI The Surgical Strikes) 25 करोड़ के बजट में बनी है और इसे लगभग 800 स्क्रीन पर रिलीज किया गया था.
'ममता को लामा के कार्यक्रम में न भेजे भारत'
दलाई लामा की भारत की मौजूदगी को लेकर हो हंगामा मचा चुके चीन ने अब सरकार से गुजारिश की है कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल एमके नारायणन को दलाई लामा के कार्यक्रम में शामिल होने से रोके। भारत में चीन के राजदूत यू ली ने इस बात को माना है कि इस बाबत चीन की तरफ से बकायदा ऑफिशियल नोट सरकार को सौंप दिया गया है। चीन का मानना है कि ममता बनर्जी या एमके नारायणन के दलाई लामा के कार्यक्रम में शामिल होने से इस बात का संदेश जाएगा कि दलाई लामा को सरकार का समर्थन मिला हुआ है। दरअसल, दलाई लामा ने मदर टरेसा पर आयोजित एक कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्यपाल को निमंत्रण भेजा है। इस बीच सरकार ने साफ कर दिया है कि दलाई लामा के कार्यक्रम में शामिल होना या न होना दोनों का निजी मामला है।
फोर्ब्स की 'ताकतवर हस्तियों' की सूची में पीएम मोदी नौवें नंबर पर, पिछले साल से छह स्थान ऊपर
धानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी को फोर्ब्स पत्रिका की 2015 की ताकतवर हस्तियों की सूची में नौवें स्थान पर रखा गया है। 2014 की फोर्ब्स की ताकतवर हस्तियों की सूची में मोदी 15वें स्थान पर थे। इस सूची में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन पहले स्थान पर हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को सूची में दूसरे स्थान पर रखा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा तीसरे, पोप फ्रांसिस चौथे और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पांचवें स्थान पर हैं। इस सूची में शीर्ष 10 में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स छठे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जैनेट येलेन सातवें, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन आठवें और गूगल के लैरी पेज 10वें स्थान पर हैं।टिप्पणियां फोर्ब्स ने बुधवार को यह सूची जारी करते हुए कहा कि भारत में 1.2 अरब लोगों की देखरेख करने को 'हाथ मिलाने' से अधिक बहुत कुछ करने की जरूरत होती है। मोदी को अपनी पार्टी बीजेपी के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाना चाहिए और 'झगड़ालू विपक्ष' को नियंत्रण में रखना चाहिए। मोदी के बारे में पत्रिका ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री के पहले साल के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही। बराक ओबामा और शी चिनफिंग के साथ अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान उन्होंने वैश्विक नेता के रूप में अपना कद बढ़ाया है। इस सूची में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन पहले स्थान पर हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को सूची में दूसरे स्थान पर रखा गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा तीसरे, पोप फ्रांसिस चौथे और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पांचवें स्थान पर हैं। इस सूची में शीर्ष 10 में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स छठे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जैनेट येलेन सातवें, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन आठवें और गूगल के लैरी पेज 10वें स्थान पर हैं।टिप्पणियां फोर्ब्स ने बुधवार को यह सूची जारी करते हुए कहा कि भारत में 1.2 अरब लोगों की देखरेख करने को 'हाथ मिलाने' से अधिक बहुत कुछ करने की जरूरत होती है। मोदी को अपनी पार्टी बीजेपी के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाना चाहिए और 'झगड़ालू विपक्ष' को नियंत्रण में रखना चाहिए। मोदी के बारे में पत्रिका ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री के पहले साल के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही। बराक ओबामा और शी चिनफिंग के साथ अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान उन्होंने वैश्विक नेता के रूप में अपना कद बढ़ाया है। फोर्ब्स ने बुधवार को यह सूची जारी करते हुए कहा कि भारत में 1.2 अरब लोगों की देखरेख करने को 'हाथ मिलाने' से अधिक बहुत कुछ करने की जरूरत होती है। मोदी को अपनी पार्टी बीजेपी के सुधार एजेंडा को आगे बढ़ाना चाहिए और 'झगड़ालू विपक्ष' को नियंत्रण में रखना चाहिए। मोदी के बारे में पत्रिका ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री के पहले साल के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही। बराक ओबामा और शी चिनफिंग के साथ अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान उन्होंने वैश्विक नेता के रूप में अपना कद बढ़ाया है। मोदी के बारे में पत्रिका ने लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री के पहले साल के कार्यकाल में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रही। बराक ओबामा और शी चिनफिंग के साथ अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान उन्होंने वैश्विक नेता के रूप में अपना कद बढ़ाया है।
म्यांमार में रखाइन की राजधानी सितवे में आज तड़के अलग- अलग स्थानों पर तीन विस्फोट
म्यांमा में रखाइन राज्य की राजधानी सितवे में आज तड़के एक वरिष्ठ अधिकारी के घर समेत अलग अलग स्थानों पर तीन विस्फोट हुए. एक आला अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तीन बमों में विस्फोट हुआ जबकि तीन जिंदा बम मिले. पुलिस का एक कर्मी जख्मी हुआ है, लेकिन उसकी हालत गंभीर नहीं है.टिप्पणियां उन्होंने बताया कि इन विस्फोटों में किसी की मौत नहीं हुई है. अधिकारी ने बताया कि ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह करीब चार बजे हुए.  इनमें से एक विस्फोट राज्य सरकार के सचिव के आवास के परिसर में, एक दफ्तर में और एक तट पर जाने वाली सड़क पर हुआ. इनपुट- भाषा उन्होंने बताया कि इन विस्फोटों में किसी की मौत नहीं हुई है. अधिकारी ने बताया कि ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार सुबह करीब चार बजे हुए.  इनमें से एक विस्फोट राज्य सरकार के सचिव के आवास के परिसर में, एक दफ्तर में और एक तट पर जाने वाली सड़क पर हुआ. इनपुट- भाषा इनपुट- भाषा
WWE SummerSlam 2019 RESULTS: सेथ रॉलिन्स ने पटक-पटककर किया Brock Lesnar का बुरा हाल, ये बना यूनिवर्सल चैंपियन- देखें Video
WWE SummerSlam 2019 RESULTS: WWE में 'समरस्लैम (SummerSlam 2019)'  का आयोजन हो चुका है. टोरंटो में रविवार को WWE के 32वें 'समरस्लैम' इवेंट में जबरदस्त मुकाबले हुए. यूनिवर्सल चैपिंयनशिप के लिए मुकाबला हुआ, जिसमें मुकाबला ब्रॉक लेसनर (Brock Lesnar) और  सेथ रॉलिन्स के बीच हुआ. इन दोनों सुपरस्टार के बीच कांटे की टक्कर हुई. सेथ रॉलिन्स (Seth Rollins) ने ब्रॉक लेसनर को उठा-उठाकर पटका. अब शो के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को WWE ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से शेयर किया है. इंटरनेट पर तेजी से  वायरल हो रहे इस वीडियो में दोनों सुपरस्टार एक दूसरे के जान के दुश्मन बने बैठे हैं. Suplex. Stomp. Repeat. #BrockLesnar vs. @wwerollins was pure . #SummerSlam #UniversalTitle A post shared by WWE (@wwe) on Aug 11, 2019 at 7:44pm PDT सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सेथ रॉलिन्स (Seth Rollins) और ब्रॉक लेसनर (Brock Lesnar) यूनिवर्सल टाइटल को पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हालांकि आखिरकार सेथ रॉलिन्स, ब्रॉक लेसनर को हराकर यूनिवर्सल चैंपनियनशिप अपने नाम किया. Beast: Slayed. @wwerollins is your NEW #UniversalChampion! #SummerSlam A post shared by WWE (@wwe) on Aug 11, 2019 at 7:38pm PDT सेथ रॉलिन्स (Seth Rollins) और ब्रॉक लेसनर (Brock Lesnar) के बीच हुआ ये पहला मुकाबला काफी दिलचस्प रहा. हालांकि WWE चैंपियनशिप के लिए कोफी किंग्स्टन (Kofi Kingston) और रैंडी ऑर्टन (Randy Ortan) के बीच भी मुकाबला हुआ. इस तरह WWE SummerSlam में कई महामुकाबले देखने को मिले. लेकिन दिलचस्प मुकाबला रिक फ्लेयर (Rick Flair) की बेटी शार्लट फ्लेयर और ट्रिश स्ट्रेटस (Charlotte Flair vs Trish Stratus) में हुआ .
दिल्‍ली सरकार के धरने का चौथा दिन: CM केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, पढ़ें उसमें क्‍या है खास
"Delhi facing unprecedented situation, Request you to get IAS officers to end strike"- CM @ArvindKejriwal to PM @narendramodi#DelhiWithKejriwalpic.twitter.com/RMzw9Cjmgt
क्या काजू खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है? ऋजुता दिवेकर ने बताया सच...
सर्दी को सुपरफूड और सुपरकूल होने के लिए जाना जाता है. इस मौसम का फूडीज को तो दिल से इंतजार रहता है; वहज है इस मौसम में आने वाले फल और सब्जियां. इसके साथ ही साथ सर्दियों के मौसम में एक और चीज है जो आपकी जुबां और सेहत दोनों के लिए अच्छी है. वह यह कि इस मौसम में आप बेफिक्र होकर नट्स खा सकते हैं; मतलब जहां गर्मियों में आप यह सोचते हैं कि मेवों की तासीर गर्म होती है इसलिए आप इन्हें ज्यादा नहीं खा सकते वहीं सर्दियों में आप इसी तासीर की वजह से जी भर मेवे खा सकते हैं. यह शरीर में गर्मी पैदा करने में मददगार हैं. इतना ही नहीं मेवे प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और बीमार पड़ने से खुद को बचाने के लिए अपने आहार में शामिल करने जैसे के आपके पास कई बहाने भी होते हैं. सर्दी के मौस में मूंगफली, बादाम, अखरोट और यहां तक कि काजू जैसे नट्स खूब पसंद किए जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों को इस बात की चिंता सताने लगती है कि कहीं इनसे कोलेस्ट्रॉल तो नहीं बढ़ जाएगा. खासकर काजू का सेवन अक्सर कोलेस्ट्रॉल के बढ़े हुए स्तर और यहां तक कि वजन बढ़ने से भी जुड़ा हुआ माना जाता है. लेकिन सच्चाई इससे बिलकुल अलग है.  Belly Fat: ये 4 एक्सरसाइज घटाएंगी आपका मोटापा, कम टाइम में होगा ज्यादा फायदा! काजू के बारे में कुछ मिथकों को तोड़ा है सोशल मीडिया पर सेलेब न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने. अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की गई एक छोटी क्लिप में रुजुता ने कहा कि आपको अपने आहार में काजू को शामिल करना चाहिए. "काजू, भारत और अफ्रीका में उगाया जाता है और ये भी बादाम और अखरोट की ही तरह अच्छे हैं. लेकिन फिर भी आपके डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ बादाम और अखरोट खाने की सलाह देते होंगे, क्योंकि काजू में कोलेस्ट्रॉल होता है." वीडियो में रुजुता कहती हैं. Weight Loss: तोंद घटाना चाहते हैं तो इन 5 फूड को आज ही खाना छोड़ें, तेजी से कम होगी पेट की चर्बी! Remedies For Diabetes: सर्दियों में खाएं ये बस 4 चीजें, ड़ायबीटिज होगी कंट्रोल हालांकि, सच यह है कि काजू में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता. असल में काजू पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है, जो पैर में कभी-कभी सुन्नता का इलाज करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा काजू को मधुमेह यानी डायबिटीज के रोगी भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. हर दिन एक मुट्ठी काजू खाने से रात में पैर की ऐंठन को कम करने में भी मदद मिलेगी. ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करने में भी काजू फायदेमंद है. Premature Ejaculation: शीघ्रपतन की समस्या को दूर करेंगे ये 8 फूड रुजुता ने बताया कि काजू का फल एक नारंगी की तुलना में विटामिन सी से पांच गुना अधिक समृद्ध है. प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए अच्छा होने के अलावा, विटामिन सी कार्डियो के लिए भी अच्छा है. काजू में मौजूद पोषक तत्व आपको स्वस्थ जोड़ और दिल दे सकते हैं. 1. काजू प्रोटीन का बहुत अच्छा सोर्स है. काजू कोलेस्टेरॉल को कंट्रोल करने में मददगार है. इसे साथ ही काजू स्किन के लिए भी अच्छा है. काजू से आप त्वचा की झुर्रियों को कम कर सकते हैं. साथ ही यह याद्दाश्त को तेज़ करने में भी मदद करता है.  2. शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है, हड्डियों और पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है.   3. काजू में हृदय-स्वस्थ गुण होते हैं, जो रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं. पोटेशियम, विटामिन ई और बी 6 और फोलिक एसिड जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व हृदय रोग से सुरक्षा प्रदान करते हैं. Attention Girls! ये हैं वो 6 काम जो पीरियड्स में नहीं करने चाहिए... Diabetes Mistakes: ये 5 गलतियां बढ़ा सकती हैं आपका बल्ड शुगर लेवल, ऐसे करें कंट्रोल... Cashew Benefits: काजू खाने के फायदे आपकी आंखों के लिए भी हो सकते हैं. Photo Credit: iStock 4. काजू में ज़ेक्सैन्थिन और ल्यूटिन एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. काजू के नियमित सेवन से आंखों को नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है और उम्र के साथ होने वाली दृष्टि की हानि को रोका जा सकता है. 5. आप वजन घटाने के आहार (Weight Loss Diet) में भी काजू को शामिल कर सकते हैं. माना कि यह कैलोरी में उच्च है, लेकिन साथ ही यह सुपर हेल्दी भी हैं. वज़न कम करने के लिए आहार में संतुलित तरीके से नट्स को शामिल कर फायदा लिया जा सकता है.  फोन देखने के तरीके का सेक्स और हाइट पर पड़ता है असर : शोध जानें कैसे आपकी आंखें बता सकती हैं आपको डायबिटीज है कि नहीं 6. काजू में कॉपर और आयरन भी होता है. लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करने के लिए दोनों पोषक तत्व एक साथ काम करते हैं. काजू के नियमित सेवन से हड्डियों की सेहत भी बेहतर हो सकती है. Ayurvedic Remedies: डायबिटीज को दूर भगा देंगी ये 4 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (रुजुता दिवेकर मुंबई बेस्ड न्यूट्रिशनिस्ट हैं.) (अस्वीकरण: यहां दी गई सामग्री या सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.) और खबरों के लिए क्लिक करें. Weight Loss: लाल रंग के ये 5 फल वजन घटाने के लिए हैं अचूक उपाय! जानें इनके कमाल के फायदे Belly Fat Exercises: जानें उस वर्कआउट के बारे में जिससे वजन के साथ ही बैली फैट होगा कम Weight Loss: ये 3 डाइट टिप्स करेंगे वजन कम, गायब होगा बैली फैट... Type 2 Diabetes: दालचीनी है ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए असरदार उपाय! जानें दालचीनी के कई और फायदे बॉलीवुड के इन 5 हीरो ने चुना अपने से आधी उम्र का जीवनसाथी, इनसे सीखें रिश्ता निभाने के गुर
फतेहपुर सीकरी में चिश्ती की दरगाह की गद्दी को लेकर दो गुटों में विवाद
फतेहपुर सीकरी में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह की गद्दी को लेकर दो गुटों में रविवार को मारपीट हो गई. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस विवाद के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और स्मारक के अंदर मौजूद दरगाह को फिलहाल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. दरगाह की गद्दी को लेकर विवाद अब्दुल कादिर और सज्जाद मियां के गुट और अब्बाजुद्दीन चिश्ती उर्फ रईस मियां के गुट के बीच है. फतेहपुर सीकरी की एएसपी दीक्षा शर्मा और निरीक्षक क्षेत्रपाल सिंह ने दोनों पक्षों से बात करके उनसे अपने-अपने कागजात मंगवाए हैं.
बंधक बनाए गए भारतीय नाविकों को छुड़ाया गया
नौसेना कमांडो ने कार्रवाई कर उन 10 भारतीय नागरिकों सहित कुल 24 लोगों को छुड़ा लिया जिनके नाव को सोमालियाई तट के पास अगवा कर लिया गया था। जहाजरानी महानिदेशक एसबी अग्निहोत्री ने कहा, मुझे ऐसी सूचना मिली है कि नौसेना कमांडो ने नाव को छुड़ा लिया है और चालक दल से सभी सदस्य सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि किस देश की नौसेना ने यह कार्रवाई की है इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। गौरतलब है कि इटली के एमवी मोंटेक्रिस्डो को समुद्री डाकुओं ने सोमालियाई तट से 620 नॉटिकल मील दूर अगवा कर लिया था।
स्थानीय लोगों की संतुष्टि के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान करें अधिकारी : डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संबद्ध अधिकारियों को शनिवार को निर्देश दिया कि वे इलाकों में निर्माण कार्यों को लेकर स्थानीय लोगों की संतुष्टि के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान करें. सिसोदिया ने लोक निर्माण कार्यों - नालियों, गलियों आदि का निरीक्षण करने के लिए शनिवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र पटपड़गंज में कई इलाकों का दौरा किया.टिप्पणियां उप मुख्यमंत्री द्वारा उनके फेसबुक पेज पर जारी एक वीडियो के मुताबिक, इस दौरे में ज्यादातर स्थानीय लोग इन लोक निर्माण कार्यों से संतुष्ट दिखे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'लोगों की मंजूरी के बाद उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन ठेकेदारों को भुगतान करने को कहा.' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सिसोदिया ने लोक निर्माण कार्यों - नालियों, गलियों आदि का निरीक्षण करने के लिए शनिवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र पटपड़गंज में कई इलाकों का दौरा किया.टिप्पणियां उप मुख्यमंत्री द्वारा उनके फेसबुक पेज पर जारी एक वीडियो के मुताबिक, इस दौरे में ज्यादातर स्थानीय लोग इन लोक निर्माण कार्यों से संतुष्ट दिखे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'लोगों की मंजूरी के बाद उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन ठेकेदारों को भुगतान करने को कहा.' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उप मुख्यमंत्री द्वारा उनके फेसबुक पेज पर जारी एक वीडियो के मुताबिक, इस दौरे में ज्यादातर स्थानीय लोग इन लोक निर्माण कार्यों से संतुष्ट दिखे. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'लोगों की मंजूरी के बाद उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन ठेकेदारों को भुगतान करने को कहा.' (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा
बहुस्तरीय सुरक्षा के बीच 40 दिवसीय अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई. 2,280 श्रद्धालुओं का पहला जत्था यात्रा पर रवाना हुआ. पर्यटन राज्यमंत्री प्रिया सेठी और जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह ने काफिले को दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित भगवान शिव को समपर्ति गुफा की ओर सुबह लगभग साढ़े पांच बजे रवाना किया. यहां भगवती नगर यात्री निवास से 72 वाहनों का काफिला जय भोलेनाथ और बम बम भोले के जयकारे के बीच रवाना हुआ. अधिकारियों ने बताया कि खुफिया चेतावनी मिलने के चलते सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा बंदोबस्त किए गए. इनमें सैटेलाइट ट्रेकिंग प्रणाली, जैमर, बुलेटप्रूफ बंकर, श्वान दस्ते, सीसीटीवी कैमरे और त्वरित प्रतिक्रिया बलों के अतिरिक्त हजारों सुरक्षा कर्मी शामिल हैं जो घाटी में बढ़ी हिंसा और खतरे के मद्देनजर मार्ग में तैनात हैं. एक अधिकारी ने बताया कि पहले जत्थे के श्रद्धालुओं में 1,811 पुरूष, 422 महिलाएं, 47 साधु हैं जिनकी सुरक्षा में केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहन साथ चल रहे हैं. इनमें से 698 श्रद्धालु 25 वाहनों में सवार होकर बालटाल आधार शिविर की ओर रवाना हो गए जबकि जम्मू बेस कैंप से 1,535 श्रद्धालु और 47 साधु 47 वाहनों में सवार होकर पहलगाम आधार शिविर की ओर रवाना हो गए. सिंह ने कहा कि यात्रा में कोई व्यवधान ना आए इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा, सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सड़क के रास्ते यात्रा और आधार शिविरों के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का खास ध्यान रखा गया है. सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक एसएन श्रीवास्तव ने कल कहा था कि वार्षिक यात्रा एक बड़ी चुनौती है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है. राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं जिनमें 25,000 जवान हैं. बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है.टिप्पणियां श्रीवास्तव ने कहा, यात्रा को व्यवधान रहित रखने के लिए इस बार सर्वोच्च सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है. इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले आठ दिन कम है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) अधिकारियों ने बताया कि खुफिया चेतावनी मिलने के चलते सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा बंदोबस्त किए गए. इनमें सैटेलाइट ट्रेकिंग प्रणाली, जैमर, बुलेटप्रूफ बंकर, श्वान दस्ते, सीसीटीवी कैमरे और त्वरित प्रतिक्रिया बलों के अतिरिक्त हजारों सुरक्षा कर्मी शामिल हैं जो घाटी में बढ़ी हिंसा और खतरे के मद्देनजर मार्ग में तैनात हैं. एक अधिकारी ने बताया कि पहले जत्थे के श्रद्धालुओं में 1,811 पुरूष, 422 महिलाएं, 47 साधु हैं जिनकी सुरक्षा में केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहन साथ चल रहे हैं. इनमें से 698 श्रद्धालु 25 वाहनों में सवार होकर बालटाल आधार शिविर की ओर रवाना हो गए जबकि जम्मू बेस कैंप से 1,535 श्रद्धालु और 47 साधु 47 वाहनों में सवार होकर पहलगाम आधार शिविर की ओर रवाना हो गए. सिंह ने कहा कि यात्रा में कोई व्यवधान ना आए इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा, सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सड़क के रास्ते यात्रा और आधार शिविरों के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का खास ध्यान रखा गया है. सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक एसएन श्रीवास्तव ने कल कहा था कि वार्षिक यात्रा एक बड़ी चुनौती है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है. राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं जिनमें 25,000 जवान हैं. बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है.टिप्पणियां श्रीवास्तव ने कहा, यात्रा को व्यवधान रहित रखने के लिए इस बार सर्वोच्च सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है. इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले आठ दिन कम है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) इनमें से 698 श्रद्धालु 25 वाहनों में सवार होकर बालटाल आधार शिविर की ओर रवाना हो गए जबकि जम्मू बेस कैंप से 1,535 श्रद्धालु और 47 साधु 47 वाहनों में सवार होकर पहलगाम आधार शिविर की ओर रवाना हो गए. सिंह ने कहा कि यात्रा में कोई व्यवधान ना आए इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. उप मुख्यमंत्री ने कहा, सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सड़क के रास्ते यात्रा और आधार शिविरों के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का खास ध्यान रखा गया है. सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक एसएन श्रीवास्तव ने कल कहा था कि वार्षिक यात्रा एक बड़ी चुनौती है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है. राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं जिनमें 25,000 जवान हैं. बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है.टिप्पणियां श्रीवास्तव ने कहा, यात्रा को व्यवधान रहित रखने के लिए इस बार सर्वोच्च सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है. इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले आठ दिन कम है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) उप मुख्यमंत्री ने कहा, सर्वोच्च स्तर के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सड़क के रास्ते यात्रा और आधार शिविरों के लिए आवश्यक सुरक्षा इंतजाम जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का खास ध्यान रखा गया है. सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक एसएन श्रीवास्तव ने कल कहा था कि वार्षिक यात्रा एक बड़ी चुनौती है और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है. राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं जिनमें 25,000 जवान हैं. बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है.टिप्पणियां श्रीवास्तव ने कहा, यात्रा को व्यवधान रहित रखने के लिए इस बार सर्वोच्च सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है. इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले आठ दिन कम है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है. राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं जिनमें 25,000 जवान हैं. बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है.टिप्पणियां श्रीवास्तव ने कहा, यात्रा को व्यवधान रहित रखने के लिए इस बार सर्वोच्च सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है. इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले आठ दिन कम है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) श्रीवास्तव ने कहा, यात्रा को व्यवधान रहित रखने के लिए इस बार सर्वोच्च सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिदेशक मुनीर खान की ओर से सेना, सीआरपीएफ और राज्य के रेंज डीआईजी को भेजे गए पत्र में एसएसपी अनंतनाग को प्राप्त खुफिया जानकारी के बारे में बताया गया है जिसके मुताबिक आतंकियों को 100 से 150 श्रद्धालुओं तथा करीब 100 पुलिस अफसरों तथा अधिकारियों को खत्म करने का निर्देश दिया गया है. इस वर्ष यात्रा की अवधि पिछले वर्ष के मुकाबले आठ दिन कम है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
असम में कांग्रेस की पराजय के बाद पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर दारोमदार बढ़ा
उल्‍लेखनीय है कि यूपी में जब पार्टी उनको लाई थी तो अंदर ही अंदर पार्टी में सवाल भी खड़े किए गए। सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में यूपी में प्रशांत किशोर ने 60 से भी अधिक जिलों के कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की है और उनको चेताया है कि यदि वे पार्टी का टिकट चाहते हैं तो उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र में समर्थन करने वाले हजारों कार्यकर्ताओं की अपडेट सूची और उनका पूरा विवरण देना होगा। उन्‍होंने जिला-स्‍तर के नेताओं से अलग-अलग इलाकों में विरोधी भाजपा की तुलना में अपनी पार्टी की ताकत और कमजोरियों का लिखित ब्‍योरा भी मांगा है।
वीके सिंह का विवादों से चोली दामन का साथ; पढ़ें कब-कब क्या-क्या बोले
सिंह ने इस साजिश में एक पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा, जब मैं सेना प्रमुख था, तो वे मुझे हरा नहीं पाए थे। उनकी मुहिम चालू है। उन्होंने कहा था, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि विभिन्न लोगों के साथ उनके क्या संबंध हैं। कई लोग हैं, जिन्हें वे भुगतान करते हैं। ऐसे में, निश्चित ही कुछ पत्रकार और अन्य लोग होंगे, जो उस तरह का लिखेंगे, जैसा उनसे कहा जाएगा।'
हार गए, लेकिन हमारे लिए भी कुछ सकारात्मक पहलू रहे : इशांत
भारत भले ही बुधवार को समाप्त हुई एक-दिवसीय शृंखला में दक्षिण अफ्रीका से हार गया हो, लेकिन तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने कहा कि उनकी टीम के लिए भी कुछ सकारात्मक पहलू रहे जिनका उपयोग वह दो टेस्ट मैचों की आगामी शृंखला में करेगी। भारत को पहले दो एक-दिवसीय मैचों में करारी हार झेलनी पड़ी जबकि तीसरा मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो पाया। रद्द कर दिए गए इस मैच में 40 रन के एवज में चार विकेट लेकर फार्म में लौटने वाले इशांत ने कहा कि स्थिति उतनी बुरी नहीं है जितनी लग रही है। इस तेज गेंदबाज ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'दोनों टीमों में प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और सभी के दिमाग में यह बात होती है। यदि आप अपने विचारों पर नियंत्रण रख सकते हो और आप आत्मविश्वासी हो तो फिर जानते हो कि क्या करना है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह बड़ी हार है।' उन्होंने कहा, 'हां हमने शृंखला गंवाई है, लेकिन हमारे लिए भी इसमें कुछ सकारात्मक पहलू रहे और हम टेस्ट शृंखला में उनका उपयोग करेंगे।' इशांत ने कल रेयान मैकलारेन को आउट करके 70वें मैच में 100 विकेट भी पूरे किए। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के आठ विकेट पर 301 रन बनाने के संबंध में कहा, 'शुरू में विकेट में उछाल थी, लेकिन बाद में वह थोड़ा धीमा हो गया।' इशांत ने कहा, 'हमें इस तरह के विकेटों पर वैरीएशन का उपयोग करने की जरूरत है क्योंकि पिच थोड़ा शुष्क रहती है। हवा अलग अलग दिशाओं से बहती हैं और कप्तान को अपने गेंदबाजों को रोटेट करना पड़ता है। हम प्रत्येक अलग अलग तरह के गेंदबाज हैं और हमें मौका दिया गया जो कि अच्छी बात है।' भारतीय पारी शुरू होने से पहले ही बारिश आ गयी और बल्लेबाजों को मौका नहीं मिला। भारतीय बल्लेबाज अभी तक इस दौरे में छाप नहीं छोड़ पाए हैं। दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज क्विंटन डि काक ने तीनों मैच में शतक जमाया। इशांत ने कहा, 'यह उसके लिए अच्छा है वह रन बनाने में सफल रहा, लेकिन मुझे लगता है कि वह विशेषकर आज काफी भाग्यशाली रहा। सभी तीनों मैचों में गेंद उसके बल्ले से ऊपरी हिस्से से लगकर खाली स्थानों से होकर गई। इनमें संभावना बन सकती थी। आज तो उसे दो जीवनदान मिले।' इशांत ने भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन पर कहा, 'सभी बोल रहे हैं कि हमने कितने मैच खेले हैं, लेकिन यदि आप औसत उम्र को देखो तो गेंदबाजी इकाई के रूप में हम काफी युवा हैं। सभी सीख रहे हैं। हमने गलतियां की और हमने उनसे सबक भी लिया।' इस तेज गेंदबाज को स्वयं आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्हें उम्मीद है बुरा दौर पीछे छूट चुका है। इशांत ने कहा, 'यह जिंदगी का हिस्सा है। प्रत्येक उतार चढ़ाव से गुजरता है। मैंने रन लुटाए और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं। लेकिन लोगों को सोचना चाहिए कि यह आखिर में खेल है और गलतियां होती हैं। जब मैं वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैचों में नहीं खेला तो मैंने विश्लेषण किया कि मैं अपने गेंदबाजी में क्या सुधार कर सकता हूं।' उन्होंने कहा, 'महत्वपूर्ण यह है कि चयनकर्ताओं ने मुझे मौका दिया और टीम में वापसी की। सहयोगी स्टाफ और कप्तान भी यह मानता है कि मैं वापसी कर सकता हूं और अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। यह मेरे लिए काफी मायने रखता है।'
मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिये भारत सरकार के अनुरोध का 'सम्मान' करेगा एंटीगुआ : रिपोर्ट
मंत्रिमंडल ने इस बात को रेखांकित किया कि उनकी भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है और चौकसी पर किसी अपराध के लिये मामला दर्ज नहीं है. अखबार ने यह भी कहा कि कैबिनेट ने इस बात पर भी संज्ञान लिया कि एंटीगुआ और बारबूडा सरकार से चौकसी के  खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई का कोई अनुरोध नहीं किया गया है.  (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फगवाड़ा में बंद कमरे से मिला छात्र का शव,पुलिस ने शुरू की अपनी जांच
पुलिस ने कार्तिक के माता-पिता को इस घटना की सूचना दी है. वह विशाखापत्तनम का रहने वाला था.
अफजल को क्षमादान देने पर कश्मीर विधानसभा में चर्चा 28 को
संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को क्षमादान देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव 28 सितम्बर को सदन पटल पर रखा जाएगा। निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद ने इस आशय का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश किया है। सदन पटल पर रखे जाने वाले प्रस्तावों की जानकारी शनिवार को विधानसभा सचिवालय में मीडिया की मौजूदगी में दी गई। बताया गया कि सदन पटल पर कुल सात प्रस्ताव रखे जाएंगे जिनमें लंगाते विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले इंजीनियर राशिद का प्रस्ताव दूसरे स्थान पर है। विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा, "सदन पटल पर राशिद का प्रस्ताव अब 28 सितम्बर को रखा जाएगा।" ज्ञात हो कि राशिद ने अफजल गुरु को माफी दिए जाने की मांग सम्बंधी प्रस्ताव विधानसभा में लाने के निर्णय की घोषणा इस महीने की शुरुआत में ही की थी। विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पहले ही कह चुकी है कि वह प्रस्ताव के पक्ष में मत देगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा जारी बयान के मुताबिक सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस इस मुद्द पर फैसला पार्टी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में होने वाली विधायक दल की बैठक में लेगी।
बुंदेलखंड डायरी पार्ट 3 : डाकू ददुआ के इलाके में बुंदेलखंड पैकेज की एक खोज
आठ साल पहले जिस कोल्हुवा के जंगल में ददुआ को एसटीएफ ने मार गिराया था उसी जंगल में बुंदेलखंड पैकेज को हम खोजने निकले। बुंदेलखंड के किसानों को आत्महत्या और सूखे से बचाने के लिए केंद्र सरकार 7266 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिलों को दिया। लेकिन पैसे का बड़ा हिस्सा नेता और अधिकारियों की जेब में गया। किसानों को इसका कितना फायदा मिला, ये देखने के लिए बांदा से करीब 60 किमी दूर अतर्रा तहसील से कोल्हुवा के जंगल में चल पड़े। रास्ते में आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार आशीष सागर ने हमें बताया कि रसिन गांव में 76 करोड़ रुपये की लागत से रसिन बांध बनाया गया है जिसका मकसद करीब 5 हज़ार एकड़ खेत तक सूखे के हालात में पानी पहुंचाना है। इस साल मानसून नहीं के बराबर रहा है। इसलिए पहले हमें रसिन बांध का जायजा लेना चाहिए। 2012 में बांध बनकर तैयार हुआ। विध्यांचल पहाड़ियों की गोद में बने इस बांध पर सिंचाई विभाग का कोई कारिंदा मौजूद नहीं था। रसिन गांव के नाम पर इस बांध का नाम रसिन बांध रखा गया। यहां हमें भूषण नाम के किसान मिले जिनकी 12 बीघे ज़मीन का अधिग्रहण इस बांध को बनाने में किया गया था। इनकी जमीन का मुआवजा 24 हज़ार रुपये बीघे के हिसाब से मिला। भूषण ने हमें बताया कि बांध को बने 3 साल से ज्यादा हो गया लेकिन आज तक इस गेट नहीं खुला। इससे लगती नहरें सूखी पड़ी है। यही नहीं इस बांध का पानी आज तक रसिन गांव के खेतों में नहीं पहुंचा। कैमरे को देखकर कुछ और गांव वाले आ गए। हमारी नजर खंडहरनुमा बनी एक इमारत पर ठहर गई। बताया गया कि ये बांध का कंट्रोल रुम है। टूटी खिड़कियां-दरवाजे को चोर उठा ले गए थे। आजकल ये आवारा पशु और नशेड़ियों के बैठने का अड्डा बना हुआ है। जिस बांध का कंट्रोल रूम बदहाल हो चुका है वो सूखे खेतों को कैसे हरा करेगा, हमारी समझ में आ चुका था। यहीं से कुछ दूरी पर हमें दो पार्क दिखाई पड़े। किसी तरह जानलेवा ढलान को पारकर हम इस पार्क पहुंचे।   गांव वालों ने बताया यहां गौतम बुद्ध की मूर्ति लगी थी। पार्क में बहुत खोजने पर बुद्ध की प्रतिमा के कुछ अवशेष हमें भी मिले। आशीष सागर और शिव नारायण ने बकायदा उसे लेकर फोटो खींचे। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि दो करोड़ रुपये में आखिर किसानों के पैसे से ये पार्क क्यों बनवाए गए। यहां लगे सफेद खंबों को पहले मैं सीमेंट का मान रहा था लेकिन तभी मेरी नजर आंधी में गिरे एक खंबे पर पड़ी। ये देखकर हैरान रह गया कि दूर से सीमेंट के दिखने वाले ये खंबे फाइबर के थे और इसके अंदर बालू और मौरंग को भर दिया गया था। पार्क और बांध की हालत देखकर मुझे दुख भी हो रहा था और गुस्सा भी आ रहा था। आशीष ने बताया कि ये तो ट्रेलर है, बुंदेलखंड पैकेज की कहानी अभी बाकी है। यहां से 30 किमी दूर कोल्हुवा के घने जंगल में चल पड़े। हमें बताया गया कि ददुआ, ठोंकिया, बड़खड़िया के मारे जाने के बाद अभी बबली नाम का एक डाकू सक्रिय है। ये सुनकर कुछ घबराहट हुई, हमने कार गांव में छोड़ दी और पैदल पटपर पहाड़ी नाले पर बने चेक डैम को देखने चल पड़े।टिप्पणियां कोल्हुवा के जंगल में जंगल विभाग ने 55 चेकडैम बनाए हैं और हर एक की कीमत 5 लाख रुपये है। कुछ दूर आगे चलकर कुछ पत्थर रखकर एक हदबंदी देखने को मिली। हमें बताया गया कि पांच लाख का चेक डैम यही है। आशीष ने बताया कि यहीं के आदिवासियों को बुलाकर नदी के पत्थर रख दिए गए। इससे आगे बढ़ने पर चेकडैमनुमा चीज भी नहीं मिली। आशीष सागर ने बताया कि यहां आकर कोई काम को चेक नहीं कर सकता लिहाजा कागजी चेकडैम बनाकर पैसा डकार लिया गया। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। किसानों को इसका कितना फायदा मिला, ये देखने के लिए बांदा से करीब 60 किमी दूर अतर्रा तहसील से कोल्हुवा के जंगल में चल पड़े। रास्ते में आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार आशीष सागर ने हमें बताया कि रसिन गांव में 76 करोड़ रुपये की लागत से रसिन बांध बनाया गया है जिसका मकसद करीब 5 हज़ार एकड़ खेत तक सूखे के हालात में पानी पहुंचाना है। इस साल मानसून नहीं के बराबर रहा है। इसलिए पहले हमें रसिन बांध का जायजा लेना चाहिए। 2012 में बांध बनकर तैयार हुआ। विध्यांचल पहाड़ियों की गोद में बने इस बांध पर सिंचाई विभाग का कोई कारिंदा मौजूद नहीं था। रसिन गांव के नाम पर इस बांध का नाम रसिन बांध रखा गया। यहां हमें भूषण नाम के किसान मिले जिनकी 12 बीघे ज़मीन का अधिग्रहण इस बांध को बनाने में किया गया था। इनकी जमीन का मुआवजा 24 हज़ार रुपये बीघे के हिसाब से मिला। भूषण ने हमें बताया कि बांध को बने 3 साल से ज्यादा हो गया लेकिन आज तक इस गेट नहीं खुला। इससे लगती नहरें सूखी पड़ी है। यही नहीं इस बांध का पानी आज तक रसिन गांव के खेतों में नहीं पहुंचा। कैमरे को देखकर कुछ और गांव वाले आ गए। हमारी नजर खंडहरनुमा बनी एक इमारत पर ठहर गई। बताया गया कि ये बांध का कंट्रोल रुम है। टूटी खिड़कियां-दरवाजे को चोर उठा ले गए थे। आजकल ये आवारा पशु और नशेड़ियों के बैठने का अड्डा बना हुआ है। जिस बांध का कंट्रोल रूम बदहाल हो चुका है वो सूखे खेतों को कैसे हरा करेगा, हमारी समझ में आ चुका था। यहीं से कुछ दूरी पर हमें दो पार्क दिखाई पड़े। किसी तरह जानलेवा ढलान को पारकर हम इस पार्क पहुंचे।   गांव वालों ने बताया यहां गौतम बुद्ध की मूर्ति लगी थी। पार्क में बहुत खोजने पर बुद्ध की प्रतिमा के कुछ अवशेष हमें भी मिले। आशीष सागर और शिव नारायण ने बकायदा उसे लेकर फोटो खींचे। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि दो करोड़ रुपये में आखिर किसानों के पैसे से ये पार्क क्यों बनवाए गए। यहां लगे सफेद खंबों को पहले मैं सीमेंट का मान रहा था लेकिन तभी मेरी नजर आंधी में गिरे एक खंबे पर पड़ी। ये देखकर हैरान रह गया कि दूर से सीमेंट के दिखने वाले ये खंबे फाइबर के थे और इसके अंदर बालू और मौरंग को भर दिया गया था। पार्क और बांध की हालत देखकर मुझे दुख भी हो रहा था और गुस्सा भी आ रहा था। आशीष ने बताया कि ये तो ट्रेलर है, बुंदेलखंड पैकेज की कहानी अभी बाकी है। यहां से 30 किमी दूर कोल्हुवा के घने जंगल में चल पड़े। हमें बताया गया कि ददुआ, ठोंकिया, बड़खड़िया के मारे जाने के बाद अभी बबली नाम का एक डाकू सक्रिय है। ये सुनकर कुछ घबराहट हुई, हमने कार गांव में छोड़ दी और पैदल पटपर पहाड़ी नाले पर बने चेक डैम को देखने चल पड़े।टिप्पणियां कोल्हुवा के जंगल में जंगल विभाग ने 55 चेकडैम बनाए हैं और हर एक की कीमत 5 लाख रुपये है। कुछ दूर आगे चलकर कुछ पत्थर रखकर एक हदबंदी देखने को मिली। हमें बताया गया कि पांच लाख का चेक डैम यही है। आशीष ने बताया कि यहीं के आदिवासियों को बुलाकर नदी के पत्थर रख दिए गए। इससे आगे बढ़ने पर चेकडैमनुमा चीज भी नहीं मिली। आशीष सागर ने बताया कि यहां आकर कोई काम को चेक नहीं कर सकता लिहाजा कागजी चेकडैम बनाकर पैसा डकार लिया गया। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। 2012 में बांध बनकर तैयार हुआ। विध्यांचल पहाड़ियों की गोद में बने इस बांध पर सिंचाई विभाग का कोई कारिंदा मौजूद नहीं था। रसिन गांव के नाम पर इस बांध का नाम रसिन बांध रखा गया। यहां हमें भूषण नाम के किसान मिले जिनकी 12 बीघे ज़मीन का अधिग्रहण इस बांध को बनाने में किया गया था। इनकी जमीन का मुआवजा 24 हज़ार रुपये बीघे के हिसाब से मिला। भूषण ने हमें बताया कि बांध को बने 3 साल से ज्यादा हो गया लेकिन आज तक इस गेट नहीं खुला। इससे लगती नहरें सूखी पड़ी है। यही नहीं इस बांध का पानी आज तक रसिन गांव के खेतों में नहीं पहुंचा। कैमरे को देखकर कुछ और गांव वाले आ गए। हमारी नजर खंडहरनुमा बनी एक इमारत पर ठहर गई। बताया गया कि ये बांध का कंट्रोल रुम है। टूटी खिड़कियां-दरवाजे को चोर उठा ले गए थे। आजकल ये आवारा पशु और नशेड़ियों के बैठने का अड्डा बना हुआ है। जिस बांध का कंट्रोल रूम बदहाल हो चुका है वो सूखे खेतों को कैसे हरा करेगा, हमारी समझ में आ चुका था। यहीं से कुछ दूरी पर हमें दो पार्क दिखाई पड़े। किसी तरह जानलेवा ढलान को पारकर हम इस पार्क पहुंचे।   गांव वालों ने बताया यहां गौतम बुद्ध की मूर्ति लगी थी। पार्क में बहुत खोजने पर बुद्ध की प्रतिमा के कुछ अवशेष हमें भी मिले। आशीष सागर और शिव नारायण ने बकायदा उसे लेकर फोटो खींचे। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि दो करोड़ रुपये में आखिर किसानों के पैसे से ये पार्क क्यों बनवाए गए। यहां लगे सफेद खंबों को पहले मैं सीमेंट का मान रहा था लेकिन तभी मेरी नजर आंधी में गिरे एक खंबे पर पड़ी। ये देखकर हैरान रह गया कि दूर से सीमेंट के दिखने वाले ये खंबे फाइबर के थे और इसके अंदर बालू और मौरंग को भर दिया गया था। पार्क और बांध की हालत देखकर मुझे दुख भी हो रहा था और गुस्सा भी आ रहा था। आशीष ने बताया कि ये तो ट्रेलर है, बुंदेलखंड पैकेज की कहानी अभी बाकी है। यहां से 30 किमी दूर कोल्हुवा के घने जंगल में चल पड़े। हमें बताया गया कि ददुआ, ठोंकिया, बड़खड़िया के मारे जाने के बाद अभी बबली नाम का एक डाकू सक्रिय है। ये सुनकर कुछ घबराहट हुई, हमने कार गांव में छोड़ दी और पैदल पटपर पहाड़ी नाले पर बने चेक डैम को देखने चल पड़े।टिप्पणियां कोल्हुवा के जंगल में जंगल विभाग ने 55 चेकडैम बनाए हैं और हर एक की कीमत 5 लाख रुपये है। कुछ दूर आगे चलकर कुछ पत्थर रखकर एक हदबंदी देखने को मिली। हमें बताया गया कि पांच लाख का चेक डैम यही है। आशीष ने बताया कि यहीं के आदिवासियों को बुलाकर नदी के पत्थर रख दिए गए। इससे आगे बढ़ने पर चेकडैमनुमा चीज भी नहीं मिली। आशीष सागर ने बताया कि यहां आकर कोई काम को चेक नहीं कर सकता लिहाजा कागजी चेकडैम बनाकर पैसा डकार लिया गया। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। यही नहीं इस बांध का पानी आज तक रसिन गांव के खेतों में नहीं पहुंचा। कैमरे को देखकर कुछ और गांव वाले आ गए। हमारी नजर खंडहरनुमा बनी एक इमारत पर ठहर गई। बताया गया कि ये बांध का कंट्रोल रुम है। टूटी खिड़कियां-दरवाजे को चोर उठा ले गए थे। आजकल ये आवारा पशु और नशेड़ियों के बैठने का अड्डा बना हुआ है। जिस बांध का कंट्रोल रूम बदहाल हो चुका है वो सूखे खेतों को कैसे हरा करेगा, हमारी समझ में आ चुका था। यहीं से कुछ दूरी पर हमें दो पार्क दिखाई पड़े। किसी तरह जानलेवा ढलान को पारकर हम इस पार्क पहुंचे।   गांव वालों ने बताया यहां गौतम बुद्ध की मूर्ति लगी थी। पार्क में बहुत खोजने पर बुद्ध की प्रतिमा के कुछ अवशेष हमें भी मिले। आशीष सागर और शिव नारायण ने बकायदा उसे लेकर फोटो खींचे। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि दो करोड़ रुपये में आखिर किसानों के पैसे से ये पार्क क्यों बनवाए गए। यहां लगे सफेद खंबों को पहले मैं सीमेंट का मान रहा था लेकिन तभी मेरी नजर आंधी में गिरे एक खंबे पर पड़ी। ये देखकर हैरान रह गया कि दूर से सीमेंट के दिखने वाले ये खंबे फाइबर के थे और इसके अंदर बालू और मौरंग को भर दिया गया था। पार्क और बांध की हालत देखकर मुझे दुख भी हो रहा था और गुस्सा भी आ रहा था। आशीष ने बताया कि ये तो ट्रेलर है, बुंदेलखंड पैकेज की कहानी अभी बाकी है। यहां से 30 किमी दूर कोल्हुवा के घने जंगल में चल पड़े। हमें बताया गया कि ददुआ, ठोंकिया, बड़खड़िया के मारे जाने के बाद अभी बबली नाम का एक डाकू सक्रिय है। ये सुनकर कुछ घबराहट हुई, हमने कार गांव में छोड़ दी और पैदल पटपर पहाड़ी नाले पर बने चेक डैम को देखने चल पड़े।टिप्पणियां कोल्हुवा के जंगल में जंगल विभाग ने 55 चेकडैम बनाए हैं और हर एक की कीमत 5 लाख रुपये है। कुछ दूर आगे चलकर कुछ पत्थर रखकर एक हदबंदी देखने को मिली। हमें बताया गया कि पांच लाख का चेक डैम यही है। आशीष ने बताया कि यहीं के आदिवासियों को बुलाकर नदी के पत्थर रख दिए गए। इससे आगे बढ़ने पर चेकडैमनुमा चीज भी नहीं मिली। आशीष सागर ने बताया कि यहां आकर कोई काम को चेक नहीं कर सकता लिहाजा कागजी चेकडैम बनाकर पैसा डकार लिया गया। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। पार्क और बांध की हालत देखकर मुझे दुख भी हो रहा था और गुस्सा भी आ रहा था। आशीष ने बताया कि ये तो ट्रेलर है, बुंदेलखंड पैकेज की कहानी अभी बाकी है। यहां से 30 किमी दूर कोल्हुवा के घने जंगल में चल पड़े। हमें बताया गया कि ददुआ, ठोंकिया, बड़खड़िया के मारे जाने के बाद अभी बबली नाम का एक डाकू सक्रिय है। ये सुनकर कुछ घबराहट हुई, हमने कार गांव में छोड़ दी और पैदल पटपर पहाड़ी नाले पर बने चेक डैम को देखने चल पड़े।टिप्पणियां कोल्हुवा के जंगल में जंगल विभाग ने 55 चेकडैम बनाए हैं और हर एक की कीमत 5 लाख रुपये है। कुछ दूर आगे चलकर कुछ पत्थर रखकर एक हदबंदी देखने को मिली। हमें बताया गया कि पांच लाख का चेक डैम यही है। आशीष ने बताया कि यहीं के आदिवासियों को बुलाकर नदी के पत्थर रख दिए गए। इससे आगे बढ़ने पर चेकडैमनुमा चीज भी नहीं मिली। आशीष सागर ने बताया कि यहां आकर कोई काम को चेक नहीं कर सकता लिहाजा कागजी चेकडैम बनाकर पैसा डकार लिया गया। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। कोल्हुवा के जंगल में जंगल विभाग ने 55 चेकडैम बनाए हैं और हर एक की कीमत 5 लाख रुपये है। कुछ दूर आगे चलकर कुछ पत्थर रखकर एक हदबंदी देखने को मिली। हमें बताया गया कि पांच लाख का चेक डैम यही है। आशीष ने बताया कि यहीं के आदिवासियों को बुलाकर नदी के पत्थर रख दिए गए। इससे आगे बढ़ने पर चेकडैमनुमा चीज भी नहीं मिली। आशीष सागर ने बताया कि यहां आकर कोई काम को चेक नहीं कर सकता लिहाजा कागजी चेकडैम बनाकर पैसा डकार लिया गया। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। जब हम लौटने लगे तो कुछ किसान बैठे मिले। किसानों ने बताया कि इस साल बारिश बिल्कुल नहीं हुई लिहाजा हालात काफी खराब हैं। जानवर अगर नहीं हों तो हम भूखों मर जाएं। जब बदहाल किसानों के लिए योजनाएं एसी के बंद कमरों में बैठकर बने तो उससे खुशहाल केवल अधिकारी और नेता हो सकते हैं। ये बात हमें समझ आ चुकी थी। बुंदेलखंड के चार रोज़ा यात्रा का विवरण मैने तीन भाग में दिया। किसान और पैकेज की राजनीति के बारे में थोड़ा बहुत सोच में अगर बदलाव आए तो समझ लीजिएगा कि हम किसान के लिए कुछ कर नहीं रहे हैं बस सोचने की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है।
गो कशी रोकने के लिए खट्टर सरकार का नया कानून विधानसभा में पारित
गो कशी रोकने के लिए हरियाणा की बीजेपी सरकार का कानून विधानसभा में पारित हो गया है। नए कानून में गो हत्या के लिए 10 साल तक की सजा होगी, पुराने कानून में ये सजा 5 साल तक ही थी। हरियाणा में देसी नस्ल की गाय को बचाने और गाय पालन को बढ़ावा देने के मक़सद से बनाया गया गौ वंश संरक्षण और संवर्द्धन बिल बिना किसी विरोध के सदन में पारित हो गया। नए कानून में सजा के कड़े प्रावधान किये गए हैं। लेकिन कयासों के उलट नए कानून में गो कशी के लिए सजा ए मौत का कोई प्रावधान नहीं है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिल पास होने के बाद कहा कि गो कशी रोकने के लिए पहले भी कानून था लेकिन हमने नए को और बेहतर बनाया है। इससे गौ संरक्षण और संवर्धन दोनों होगा। नए कानून के तहत प्रदेश में ऐसी लैब बनाई जाएंगी जिनमें गौ मांस और बाकी जानवरों के मीट की जांच की जा सकेगी। विवाद की स्थिति में लैब की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जा सकेगी। गाय के लिए अभ्यारण्य बनाने का भी प्रावधान किया गया है। सरकार की नज़र दूध उत्पादन बढ़ाने की भी है। पशु पालन मंत्री ओम प्रकाश धनकड़ ने कहा कि जो लोग छोटी डेरी लगाएंगे उन्हें सरकार 50 परसेंट की सब्सिडी देगी। ऐसे ही बड़ी डेरी के लिए भी 25 फ़ीसदी सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि बिल का विपक्षी दलों ने कोई विरोध नहीं किया लेकिन कुछ खामियों की तरफ सरकार का ध्यान ज़रूर खींचा। इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक ज़ाकिर हुसैन ने बिल पर बहस में दो संशोधन सुझाए। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट का जो प्रावधान रखा गया है उसमें राज्य के भीतर के लिए कानून होना चाहिए ताकि कोई जो वैध तरीके से काम रहे हैं। उन्हें कोई तंग न करे, इसके अलावा अगर कोई अधिकारी भी इस मामले में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी सजा का प्रावधान होना चाहिए।
प्रदीप कुमार की कलम से : कप्तानों के प्रदर्शन के चलते याद रहेगी सीरीज़
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूदा सीरीज़ में दोनों टीमों के कप्तान जोरदार प्रदर्शन के चलते लंबे समय तक याद किए जाएंगे। टेस्ट इतिहास में पहली बार किसी सीरीज़ में कप्तानों ने सात शतक बनाए हैं। कप्तान के तौर पर विराट कोहली ने इस सीरीज़ में तीन शतक जमाए, वहीं दूसरी ओर से स्टीवन स्मिथ के बल्ले से भी इतने ही शतक निकले, जबकि एडिलेड टेस्ट में कप्तान माइकल क्लार्क ने बेहतरीन शतक बनाया। इस लिहाज से देखें तो विराट कोहली और स्टीवन स्मिथ इस सीरीज़ के हीरो रहे। इन दोनों को पहली बार टेस्ट में कप्तानी का मौका मिला और दोनों ने दिखाया कि कप्तानी के दबाव में उनका प्रदर्शन कहीं निखर कर सामने आता है। स्टीवन स्मिथ ने इस सीरीज़ में बल्ले से धमाल दिखाते हुए चार शतकों की बदौलत 769 रन बनाए। 128 से ज्यादा की औसत से चार या उससे कम टेस्ट मैचों की एक सीरीज़ में वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बन गए हैं। वहीं दूसरी ओर विराट कोहली ने सीरीज़ के चार टेस्ट मैचों की आठ पारियों में चार शतक की बदौलत 692 रन बनाए। भारत की ओर से ऑस्ट्रेलियाई मैदान पर किसी भी बल्लेबाज़ का एक सीरीज़ में यह सबसे बड़ा स्कोर है। एडिलेड में सीरीज़ के पहले टेस्ट में विराट कोहली को टीम इंडिया की ओर से कप्तानी का मौका मिला और उन्होंने दोनों पारियों में जोरदार शतक जड़कर इतिहास बना दिया। कोहली की शतकीय पारी की बदौलत टीम इंडिया एडिलेड में ऐतिहासिक जीत के करीब पहुंच गई थी, हालांकि कोहली टीम को जीत नहीं दिला पाए, लेकिन उन्होंने अपने आलोचकों का भी दिल जीत लिया। एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी माइकल क्लार्क कर रहे थे। अपने दोस्त फिलिफ ह्यूज़ की मौत के सदमे और पीठ की तकलीफ के बावजूद उन्होंने गजब की हिम्मत दिखाते हुए एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में शानदार शतक बनाया। ब्रिसबेन और मेलबर्न में टीम इंडिया के कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी के जिम्मे थी। ब्रिसबेन टेस्ट में कप्तान धोनी बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए, लेकिन दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को जब जीत के लिए महज 128 रन बनाने थे, तो उन्होंने अपने गेंदबाज़ों का बखूबी इस्तेमाल किया। ऑस्ट्रेलिया के छह विकेट गिर गए, जिसमें तीन के कैच धोनी ने ही लपके थे। लेकिन दूसरी ओर महज 25 साल में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान बने स्टीव स्मिथ ने लगातार दूसरे टेस्ट में शतक बना दिया। एडिलेड के पहले टेस्ट में उन्होंने नॉट आउट 162 रन और नॉटआउट 52 रन बनाए थे। ब्रिसबेन की पहली पारी में कप्तान के तौर पर स्टीवन स्मिथ ने 133 रन बनाए, जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 28 रनों का योगदान दिया। मेलबर्न टेस्ट में स्टीवन स्मिथ ने लगातार तीसरे टेस्ट में तीसरा शतक ठोक दिया। उन्होंने पहली पारी में 192 रन की जोरदार पारी खेली। स्मिथ अगर दोहरा शतक पूरा कर लेते तो सबसे कम उम्र में दोहरा शतक बनाने वाले कप्तान का रिकॉर्ड उनके नाम होता। डॉन ब्रैडमैन ने 1937 में 28 साल और 131 दिन की उम्र में ये रिकॉर्ड बनाया था। स्टीवन स्मिथ इस टेस्ट की दूसरी पारी में महज 14 रन बना पाए। इस टेस्ट में भारत के कप्तान थे, महेंद्र सिंह धोनी, जिन्होंने नाज़ुक मौके पर दूसरी पारी में विकेट पर टिक कर भारत के लिए मैच बचाया। 24 रन की अहम पारी के दौरान ही वह भारत की ओर से टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कप्तान बन गए। टेस्ट में बतौर कप्तान धोनी के नाम भारत की ओर से सबसे ज्यादा 3454 रन हैं। इतना ही नहीं उन्होंने विकेट के पीछे पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में चार शिकार बनाए। इसी दौरान विकेट के पीछे सबसे ज्यादा स्टंपिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम कर लिया। इसी टेस्ट के दौरान एमएस धोनी ने टेस्ट से संन्यास लेकर क्रिकेट की दुनिया को चौंका दिया। 90 टेस्ट मैचों में 60 टेस्ट मैच में धोनी ने कप्तानी की, भारत की ओर से सबसे ज्यादा और सबसे ज्यादा टेस्ट जीत का भारतीय रिकॉर्ड भी उनके नाम रहा। सीरीज़ के आखिरी टेस्ट सिडनी में स्टीवन स्मिथ ने पहली पारी में 117 रन और दूसरी पारी में 71 रन ठोक दिए। वहीं भारत की ओर से विराट कोहली ने कप्तान के तौर पर लगातार तीसरी पारी में शतक बनाकर इतिहास बना दिया। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाले इकलौते क्रिकेटर हैं। पहली पारी में कोहली ने 147 रन और दूसरी पारी में 46 रन बनाए। स्टीवन स्मिथ को जोरदार बल्लेबाज़ी के लिए मैन ऑफ द सीरीज़ भले चुना गया हो लेकिन विराट कोहली का दावा किसी लिहाज से स्मिथ से कमतर नहीं था। जाहिर है कि यह सीरीज़ बतौर कप्तान विराट कोहली की पहली सीरीज़ थी, लेकिन जिस तरह से उन्होंने आक्रामक और जिम्मेदारी भरे क्रिकेट का परिचय दिया है, उससे जाहिर है कि वह महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने के लिए तैयार कर चुके हैं। टेस्ट मैचों में धोनी के बाद विराट कोहली का नया दौर शुरू हो चुका है। जबकि दूसरी ओर माइकल क्लार्क के दावेदार की भूमिका में स्टीवन स्मिथ पूरी तरह फिट नजर आ रहे हैं। हालांकि दोनों के पास अनुभव की कमी जरूर है, लेकिन आने वाले समय में यह दोनों विश्व क्रिकेट के सबसे जोरदार कप्तान के तौर पर उभरने के लिए तैयार हैं।
ऋषभ पंत के 'इस बड़े धमाके' में उड़ गया हिमाचल प्रदेश, बना डाला 'स्पेशल रिकॉर्ड'
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रेड्डी के रिश्तेदार के बैंक लॉकरों से नकदी, आभूषण जब्त
खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी के ओबुलापुरम खनन कम्पनी के प्रबंध निदेशक बी. श्रीनिवास रेड्डी के कई बैंक लाकरों से शनिवार को नकदी, स्वर्ण आभूषण और दस्तावेज जब्त किए। इसके अलावा पुलिस ने जनार्दन रेड्डी के वाहन चालक के आवास से चार लाख रुपये जब्त किए। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने एक्सिस बैंक की एक शाखा के लाकरों से करीब 10 लाख रुपये, स्वर्ण आभूषण और भूमि दस्तावेज जब्त किए। भूमि दस्तावेजों के मुताबिक रेड्डी ने कर्नाटक और पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में भूमि ख्ररीदी है। ज्ञात हो कि बैंक लाकरों को खोलने में मदद के लिए जनार्दन रेड्डी के साले श्रीनिवास रेड्डी को शनिवार तड़के हैदराबाद से रेड्डी बंधुओं के राजनीतिक गढ़ बेल्लारी लाया गया। सूत्रों ने बताया कि बैंक के दो लाकरों को तोड़ना पड़ा क्योंकि श्रीनिवास रेड्डी और बैंक दोनों ने कहा कि लाकरों की चाबी गुम हो गई है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने जनार्दन रेड्डी के वाहन चालक के आवास से चार लाख रुपये जब्त किए। पुलिस ने अवैध खनन मामले में एक पूर्व सरकारी अधिकारी के रिश्तेदारों के आवासों की भी तलाशी ली। पुलिस ने अनंतपुर शहर में कर्नाटक के पूर्व मंत्री के वाहन चालक बाशा के घर की तलाशी ली और वहां से चार लाख रुपये, दो किलोग्राम चांदी की सामग्री और कुछ दस्तावेज जब्त किए। सूत्रों ने बताया कि पुलिस चालक से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा पुलिस ने खनन विभाग के पूर्व निदेशक वी.डी. राजगोपाल के आवासों की तलाशी ली और वहां से कुछ दस्तावेज जब्त किए। ज्ञात हो कि तलाशी अभियान ऐसे समय में चलाया गया जब अनंतपुर जिला स्थित एक न्यायालय ने शनिवार को ट्रक चालक वेंकटरामी रेड्डी और उसके सहायक ईश्वर रेड्डी को पुलिस हिरासत में भेजा है। इनके ट्रक से तीन बैगों में 4.9 करोड़ रुपये बरामद हुए। पुलिस ने इन दोनों को अनंतपुर जिले के गुंतकाल में गुरुवार को गिरफ्तार किया। दोनों कर्नाटक के बेल्लारी जिले से नकदी आंध्र प्रदेश पहुंचाने जा रहे थे। उन्होंने पूछताछ में कथित रूप से बताया कि यह नकदी ओबुलापुरम खनन कम्पनी (ओएमसी) के प्रबंध निदेशक बी.वी. श्रीनिवास रेड्डी की है जो जनार्दन रेड्डी के साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।
राहुल को जीएसटी की कोई जानकारी ही नहीं : अरुण जेटली
गुजरात चुनाव के प्रभारी जेटली ने कहा, राज्य को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश का खेल काफी खतरनाक है. उन्होंने कहा, 'जब विकास होता है, राजमार्ग बनाए जाते हैं, विश्वविद्यालय बनाए जाते हैं. बिजली की आपूर्ति होती है. इससे समाज के हर तबके को लाभ होता है. विकास सभी की मदद करता है.(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।) (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली चुनाव : किसके खाते में जाएंगे मुस्लिम वोट?
दिल्ली में चुनाव को ज्यादा वक्त नहीं बचा है। 7 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले सभी पार्टियां अपना पूरा जोर लगा रही हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि दिल्ली में मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच ही है। सबकी नजर इस बात पर है कि मुस्लिम मतदाता किस पार्टी को वोट देता है। दिल्ली में मुस्लिम मतदाताओं की तादाद करीब 11 फीसदी है, जो दिल्ली की 70 में से आठ सीटों के नतीजों को सीधे तौर पर प्रभावित करने की ताकत रखती है। सेंट्रल दिल्ली की तीन और ईस्ट दिल्ली की पांच सीटों पर 35 से 40 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं। पिछली बार कांग्रेस के आठ विधायकों में से चार विधायक इन्हीं सीटों से जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस को यह डर सता रहा है कि बीजेपी से सीधे टक्कर में न होने की वजह से कहीं उनका यह वोट बैंक आम आदमी के झोली में न चला जाए। जहां इस बार कांग्रेस ने 70 में से छह सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है, वहीं आम आदमी पार्टी की टिकट पर पांच मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि बीजेपी ने सिर्फ एक मुसलमान उम्मीदवार को मटिया महल से टिकट दिया है। दिल्ली में मुकाबला कांटे का है, ऐसे में एक-एक वोट सभी पार्टियों के लिए अहमियत रखता है।
इशरत जहां के हलफनामों पर ‘फर्जी विवाद’ पैदा कर रही है सरकार : चिदंबरम
गौरतलब है कि इशरत जहां मामले की फ़ाइल ग़ायब होने की जांच में बड़ी धांधली का ख़ुलासा हुआ है। अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने जांच समिति के मुखिया बीके प्रसाद और मामले के गवाह अशोक कुमार के बीच की बातचीत का ऑडियो जारी किया है जिसमें बीके प्रसाद कथित तौर पर गवाह को जांच से जुड़े सवाल और उसके जवाब बताते हुए सुने जा रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय का बयान आया है कि दोनों अफसरों ने ऐसी किसी भी बातचीत के होने से इंकार किया है।
सिंहस्थ कुंभ 2016: साधु-संतों को रसोई गैस सिलिंडर के लिए दी जाएगी 100 रुपये की सब्सिडी
सब्सिडी लेने के लिए बैंक खाता नंबर और पासबुक की फोटोकॉपी उपलब्ध कराना होगी। मेला क्षेत्र में अब तक 2000 रसोई गैस सिलेंडर का उठाव हो चुका है।
गवाहों के पेश नहीं होने पर मुंबई हमलों की सुनवाई फिर टली
मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्त रहने के आरोप का सामना कर रहे सात संदिग्ध लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई आज तीन हफ्ते के लिए मुल्तवी कर दी गई क्योंकि अभियोजन पक्ष के तीन गवाह जिरह के लिए पेश नहीं हो सके। अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों ने पीटीआई को बताया कि रावलपिंडी में अदियाला जेल के अंदर इस मामले की सुनवाई कर रहे आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश चौधरी हबीब उर रहमान ने इस मामले की सुनवाई नौ फरवरी तक के लिए मुल्तवी कर दी। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सके क्योंकि उड़ानों के रद्द हो जाने के चलते वे कराची से रावलपिंडी नहीं पहुंच सकते थे। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों ने पीटीआई को बताया कि रावलपिंडी में अदियाला जेल के अंदर इस मामले की सुनवाई कर रहे आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश चौधरी हबीब उर रहमान ने इस मामले की सुनवाई नौ फरवरी तक के लिए मुल्तवी कर दी। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सके क्योंकि उड़ानों के रद्द हो जाने के चलते वे कराची से रावलपिंडी नहीं पहुंच सकते थे। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष के गवाह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सके क्योंकि उड़ानों के रद्द हो जाने के चलते वे कराची से रावलपिंडी नहीं पहुंच सकते थे। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि एक नेता की हत्या हो जाने के बाद कराची में हिंसा होने के चलते उड़ानों को रद्द कर दिया गया। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले करीब चार हफ्तों से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के वकीलों के अनुरोध पर इस मामले की सुनवाई 22 दिसंबर तक के लिए मुल्तवी कर दी थी।टिप्पणियां अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। अदालत में आज की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी और खुफिया एजेंसियों के तीन अधिकारियों से जिरह होनी थी। मुंबई हमलों को लेकर आतंकवादियों को प्रशिक्षण मिलने के बारे में उनसे जिरह होनी है। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले के इन सात संदिग्धों पर मुंबई हमलों की साजिश रचने, धन मुहैया कराने और इसे अंजाम देने का आरोप है। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।
शेयर बाजार में गिरावट जारी, सेंसेक्स 37 अंक टूटा
कमजोर वैश्विक रुख के बीच बाद बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 157 अंक नीचे जाने के बाद अंतत: 37 अंक नीचे बंद हुआ। वाहन कंपनियों की बिक्री के कमजोर आंकड़ों व निवेशकों द्वारा बिजली व मशीनरी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली किए जाने से पिछले दो सत्रों में 289 अंक टूट चुका सेंसेक्स शुक्रवार को और 37 अंक गिरकर 20,851.33 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10 अंक नीचे 6,211.15 अंक पर आ टिका। वहीं, एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज का एसएक्स-40 सूचकांक 50.62 अंक नीचे 12,384.67 अंक पर बंद हुआ। ब्रोकरों ने कहा कि दिसंबर में वाहनों की बिक्री में गिरावट ने निवेशकों की उम्मीद पर पानी फेर दिया। वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से टाटा मोटर्स 2.49 प्रतिशत, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा 3.85 प्रतिशत टूटकर बंद हुआ। उन्होंने कहा कि दिसंबर में चीन के विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट से भी घरेलू बाजार की धारणा प्रभावित हुई। हालांकि, आईटी शेयरों में लिवाली समर्थन ने बाजार को और गिरने से बचा दिया। इनफोसिस 2.61 प्रतिशत, जबकि टीसीएस 2.76 प्रतिशत बढ़त के साथ बंद हुआ।
'करो या मरो' मैच में बांग्लादेश से हारकर अंडर-19 एशिया कप से बाहर हुआ मौजूदा चैंपियन भारत
इस बीच ग्रुप-ए के अन्य मैच में नेपाल ने मलेशिया को 8 विकेट से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. मलेशिया का स्कोर एक समय बिना किसी नुकसान के 33 रन था, लेकिन उसकी पूरी टीम 45 रन पर आउट हो गई. नेपाल ने 5.2 ओवर में लक्ष्य हासिल कर दिया. उधर ग्रुप-बी के एक मैच में अफगानिस्तान ने यूएई को आसानी से 134 रन से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई.
पूरी हुई 'टॉयलेटः एक प्रेमकथा' की शूटिंग, अक्षय कुमार ने शेयर की 'शादी' की तस्वीर
अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर ने अपनी आगामी फिल्म 'टॉयलेटः एक प्रेमकथा' की शूटिंग पूरी कर ली है. अक्षय कुमार ने सोशल मीडिया में अपनी और भूमि की एक तस्वीर शेयर करते हुए यह खबर साझा की. फोटो में अक्षय और भूमि दूल्हा-दुल्हन के जोड़े में नजर आ रहे हैं. नीरज पांडे के निर्देशन में बनी यह फिल्म 2 जून को रिलीज होने वाली है, यह नीरज और अक्षय की साथ में तीसरी फिल्म है. इससे पहले वे दोनों 'स्पेशल 26' और 'बेबी' में साथ काम कर चुके हैं. नीरज ने अक्षय की फिल्म 'रुस्तम' को प्रोड्यूस भी किया था.टिप्पणियां फोटो शेयर करते हुए अक्षय ने लिखा, "टॉयलेटः एक प्रेमकथा की शूटिंग समाप्त होने पर आप सभी के लिए तस्वीर के रूप में एक ट्रीट. केशव और जया की यूनीक लव स्टोरी 2 जून को आप तक पहुंचेगी."   With the wrap of @ToiletTheFilm treating you guys to a still from the film...Keshav and Jaya's unique love story coming to you on June 2 :) pic.twitter.com/pBkLgAUH4d — Akshay Kumar (@akshaykumar) February 21, 2017 यह पहली बार होगा जब अक्षय कुमार और भूमि एक साथ किसी फिल्म में नजर आएंगे. तस्वीरों को देखकर लग रहा है कि फिल्म में अक्षय और भूमि एक शादीशुदा जोड़े के रूप में नजर आएंगे. googletag.cmd.push(function() { googletag.display('adslotNativeVideo'); }); इस बीच हाल ही में रिलीज हुई अक्षय कुमार की 'जॉली एलएलबी 2' ने बॉक्स ऑफिस पर 97 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर लिया है. यह फिल्म कानून व्यवस्था पर एक व्यंग्य है. इस साल अक्षय रजनीकांत की फिल्म '2.0' में विलेन के रूप में दिखेंग. वह ट्विंकल खन्ना के प्रोडक्शन में बन रही 'पैडमैन' में भी नजर आएंगे. वहीं आयुष्मान खुराना के साथ 'दम लगा के हाइशा' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली भूमि पेडनेकर 'शुभ मंगल सावधान' में एक बार फिर उनके साथ नजर आएंगी.   फोटो शेयर करते हुए अक्षय ने लिखा, "टॉयलेटः एक प्रेमकथा की शूटिंग समाप्त होने पर आप सभी के लिए तस्वीर के रूप में एक ट्रीट. केशव और जया की यूनीक लव स्टोरी 2 जून को आप तक पहुंचेगी."   With the wrap of @ToiletTheFilm treating you guys to a still from the film...Keshav and Jaya's unique love story coming to you on June 2 :) pic.twitter.com/pBkLgAUH4d — Akshay Kumar (@akshaykumar) February 21, 2017 यह पहली बार होगा जब अक्षय कुमार और भूमि एक साथ किसी फिल्म में नजर आएंगे. तस्वीरों को देखकर लग रहा है कि फिल्म में अक्षय और भूमि एक शादीशुदा जोड़े के रूप में नजर आएंगे. इस बीच हाल ही में रिलीज हुई अक्षय कुमार की 'जॉली एलएलबी 2' ने बॉक्स ऑफिस पर 97 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर लिया है. यह फिल्म कानून व्यवस्था पर एक व्यंग्य है. इस साल अक्षय रजनीकांत की फिल्म '2.0' में विलेन के रूप में दिखेंग. वह ट्विंकल खन्ना के प्रोडक्शन में बन रही 'पैडमैन' में भी नजर आएंगे. वहीं आयुष्मान खुराना के साथ 'दम लगा के हाइशा' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली भूमि पेडनेकर 'शुभ मंगल सावधान' में एक बार फिर उनके साथ नजर आएंगी.   With the wrap of @ToiletTheFilm treating you guys to a still from the film...Keshav and Jaya's unique love story coming to you on June 2 :) pic.twitter.com/pBkLgAUH4d इस बीच हाल ही में रिलीज हुई अक्षय कुमार की 'जॉली एलएलबी 2' ने बॉक्स ऑफिस पर 97 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर लिया है. यह फिल्म कानून व्यवस्था पर एक व्यंग्य है. इस साल अक्षय रजनीकांत की फिल्म '2.0' में विलेन के रूप में दिखेंग. वह ट्विंकल खन्ना के प्रोडक्शन में बन रही 'पैडमैन' में भी नजर आएंगे. वहीं आयुष्मान खुराना के साथ 'दम लगा के हाइशा' से बॉलीवुड में कदम रखने वाली भूमि पेडनेकर 'शुभ मंगल सावधान' में एक बार फिर उनके साथ नजर आएंगी.
INDvsENG वनडे : टीम इंडिया के खिलाफ इंग्लैंड के कप्तान होंगे इयोन मॉर्गन, रूट-हेल्स की वापसी
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पिछले आठ साल में मैं बूढ़ा हुआ हूं, लेकिन मिशेल की उम्र नहीं बढ़ी : बराक ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि राष्ट्रपति पद के आठ साल के कार्यकाल के दौरान उनकी उम्र तो बढ़ी है, लेकिन प्रथम महिला के तौर पर देश को लगातार 'प्रेरित' करती रहने वाली उनकी 'प्रतिभावान पत्नी' मिशेल ओबामा की उम्र नहीं बढ़ी है। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए 54-वर्षीय बराक ओबामा ने अपनी पार्टी के हजारों डेलीगेटों, नेताओं और समर्थकों से कहा, ''आज से 12 साल पहले आज की रात मैंने पहली बार इस कन्वेंशन को संबोधित किया था...'' वह वर्ष 2004 में बोस्टन में हुए डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन की बात कर रहे थे। बराक ओबामा ने कहा, ''तब आप मेरी दो छोटी बच्चियों - मालिया और साशा से मिले थे, जो आज दो बेहतरीन युवतियां बन गई हैं, जो मुझे गर्व से भर देती हैं... आपने मेरी होनहार पत्नी और साथी मिशेल को पसंद किया था, जिन्होंने मुझे बेहतर पिता और बेहतर पुरुष बनाया... उन्होंने प्रथम महिला के तौर पर हमारे देश को प्रेरित किया... वह ऐसी महिला हैं, जिनकी उम्र एक दिन भी नहीं बढ़ी है...''टिप्पणियां ओबामा ने कहा, ''मैं जानता हूं कि मेरे लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता... मेरी बच्चियां मुझे हर समय इस बात की याद दिलाती हैं, और कहती हैं... वाह, डैडी... आप बहुत बदल गए हैं... और यह सच है...'' ओबामा की इस बात पर श्रोता ठहाके लगाने लगे। उन्होंने आगे कहा, ''बोस्टन में पहली बार (संबोधन के दौरान) मैं बहुत युवा था... मुझे इतनी बड़ी भीड़ को संबोधित करने में शायद थोड़ी घबराहट भी हो रही थी...'' ओबामा ने कहा, ''लेकिन मैं विश्वास से भरपूर था... अमेरिका में विश्वास... एक उदार, बड़े दिल वाला देश, जिसने मेरी कहानी को, हम सबकी कहानियों को संभव बनाया...'' अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए 54-वर्षीय बराक ओबामा ने अपनी पार्टी के हजारों डेलीगेटों, नेताओं और समर्थकों से कहा, ''आज से 12 साल पहले आज की रात मैंने पहली बार इस कन्वेंशन को संबोधित किया था...'' वह वर्ष 2004 में बोस्टन में हुए डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन की बात कर रहे थे। बराक ओबामा ने कहा, ''तब आप मेरी दो छोटी बच्चियों - मालिया और साशा से मिले थे, जो आज दो बेहतरीन युवतियां बन गई हैं, जो मुझे गर्व से भर देती हैं... आपने मेरी होनहार पत्नी और साथी मिशेल को पसंद किया था, जिन्होंने मुझे बेहतर पिता और बेहतर पुरुष बनाया... उन्होंने प्रथम महिला के तौर पर हमारे देश को प्रेरित किया... वह ऐसी महिला हैं, जिनकी उम्र एक दिन भी नहीं बढ़ी है...''टिप्पणियां ओबामा ने कहा, ''मैं जानता हूं कि मेरे लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता... मेरी बच्चियां मुझे हर समय इस बात की याद दिलाती हैं, और कहती हैं... वाह, डैडी... आप बहुत बदल गए हैं... और यह सच है...'' ओबामा की इस बात पर श्रोता ठहाके लगाने लगे। उन्होंने आगे कहा, ''बोस्टन में पहली बार (संबोधन के दौरान) मैं बहुत युवा था... मुझे इतनी बड़ी भीड़ को संबोधित करने में शायद थोड़ी घबराहट भी हो रही थी...'' ओबामा ने कहा, ''लेकिन मैं विश्वास से भरपूर था... अमेरिका में विश्वास... एक उदार, बड़े दिल वाला देश, जिसने मेरी कहानी को, हम सबकी कहानियों को संभव बनाया...'' बराक ओबामा ने कहा, ''तब आप मेरी दो छोटी बच्चियों - मालिया और साशा से मिले थे, जो आज दो बेहतरीन युवतियां बन गई हैं, जो मुझे गर्व से भर देती हैं... आपने मेरी होनहार पत्नी और साथी मिशेल को पसंद किया था, जिन्होंने मुझे बेहतर पिता और बेहतर पुरुष बनाया... उन्होंने प्रथम महिला के तौर पर हमारे देश को प्रेरित किया... वह ऐसी महिला हैं, जिनकी उम्र एक दिन भी नहीं बढ़ी है...''टिप्पणियां ओबामा ने कहा, ''मैं जानता हूं कि मेरे लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता... मेरी बच्चियां मुझे हर समय इस बात की याद दिलाती हैं, और कहती हैं... वाह, डैडी... आप बहुत बदल गए हैं... और यह सच है...'' ओबामा की इस बात पर श्रोता ठहाके लगाने लगे। उन्होंने आगे कहा, ''बोस्टन में पहली बार (संबोधन के दौरान) मैं बहुत युवा था... मुझे इतनी बड़ी भीड़ को संबोधित करने में शायद थोड़ी घबराहट भी हो रही थी...'' ओबामा ने कहा, ''लेकिन मैं विश्वास से भरपूर था... अमेरिका में विश्वास... एक उदार, बड़े दिल वाला देश, जिसने मेरी कहानी को, हम सबकी कहानियों को संभव बनाया...'' ओबामा ने कहा, ''मैं जानता हूं कि मेरे लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता... मेरी बच्चियां मुझे हर समय इस बात की याद दिलाती हैं, और कहती हैं... वाह, डैडी... आप बहुत बदल गए हैं... और यह सच है...'' ओबामा की इस बात पर श्रोता ठहाके लगाने लगे। उन्होंने आगे कहा, ''बोस्टन में पहली बार (संबोधन के दौरान) मैं बहुत युवा था... मुझे इतनी बड़ी भीड़ को संबोधित करने में शायद थोड़ी घबराहट भी हो रही थी...'' ओबामा ने कहा, ''लेकिन मैं विश्वास से भरपूर था... अमेरिका में विश्वास... एक उदार, बड़े दिल वाला देश, जिसने मेरी कहानी को, हम सबकी कहानियों को संभव बनाया...'' उन्होंने आगे कहा, ''बोस्टन में पहली बार (संबोधन के दौरान) मैं बहुत युवा था... मुझे इतनी बड़ी भीड़ को संबोधित करने में शायद थोड़ी घबराहट भी हो रही थी...'' ओबामा ने कहा, ''लेकिन मैं विश्वास से भरपूर था... अमेरिका में विश्वास... एक उदार, बड़े दिल वाला देश, जिसने मेरी कहानी को, हम सबकी कहानियों को संभव बनाया...''
यूपी: सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील में खिलाया जा रहा है रोटी और नमक, देखें VIDEO
पूर्वी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक सरकारी स्कूल में कक्षा 1 से 8वीं तक की पढ़ाई करने वाले लगभग 100 छात्रों का मिड-डे मील के तौर पर रोटियां और नमक खाते हुए वीडियो सामने आया है. सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवार के बच्चों को उचित पोषण और आहर देने के लिए केंद्र सरकार ने मिड-डे मील योजना शुरू की थी. उत्तर प्रदेश मिड-डे मील अथॉरिटी पूरे राज्य में इसकी देखरेख का काम करती है, उसकी वेबसाइट पर इसका मिड-डे मील का मेन्यू दिया गया है. मेन्यू में दाल चावल, रोटी और सब्जी शामिल हैं. मील चार्ट के मुताबिक खास दिनों पर फल और दूध भी दिया जाता है. सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चे स्कूल के बरामदे में फर्श पर बैठे हैं और वे नमक के साथ रोटियां खा रहे हैं.  एक छात्र के परिजन ने स्थानीय पत्रकार को बताया, 'यहां बहुत बुरे हालात हैं. कई बार वह बच्चों को खाने में नमक और रोटियां देते हैं, कई बार नमक और चावल. यहां कभी-कभार दूध आता है, अधिकत्तर समय वह बांटा ही नहीं जाता. केले कभी नहीं दिए गए. पिछले एक साल से ऐसा ही है.' This clip is from a @UPGovt school in east UP's #Mirzapur . These children are being served what should be a 'nutritious' mid day meal ,part of a flagship govt scheme .On the menu on Thursday was roti + salt !Parents say the meals alternate between roti + salt and rice + salt ! pic.twitter.com/IWBVLrch8A मिर्जापुर में शीर्ष सरकारी अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'मैंने जांच करवाई और यह घटना सही पाई गई. शुरुआती तौर पर यह स्कूल के शिक्षक प्रभारी और ग्राम पंचायत के सुपरवाइजर की गलती लग रही है. दोनों को निलंबित कर दिया गया है.' उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि वह दिसंबर 2018 के आंकड़ों के मुताबिक राज्य भर में 1.5 लाख से अधिक प्राइमेरी और मिडल स्कूल में मिड-डे मील मुहैया करवा रही है. इस स्कीम के तहत 1 करोड़ से अधिक बच्चों को योजना का लाभ दिया जाना है. केंद्र सरकार के अनुसार, मिड-डे मील योजना को प्रति बच्चे को प्रति दिन न्यूनतम 450 कैलोरी प्रदान करने के हिसाब से डिजाइन किया गया था, इसमें प्रति दिन कम से कम 12 ग्राम प्रोटीन भी शामिल होना चाहिए. यह भोजन प्रत्येक बच्चे को वर्ष में कम से कम 200 दिन परोसा जाना चाहिए.
'पीके' : आमिर खान और हिरानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान, निर्माणाधीन फिल्म ‘पीके’ के निर्देशक और अन्य अभिनेताओं के खिलाफ गुरुवार को चांदनी चौक इलाके में शूटिंग के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी तब दर्ज की गई जब स्थानीय लोगों ने एक दृश्य पर आपत्ति जताई, जिसमें भगवान शिव की वेशभूषा धारण किए एक व्यक्ति को रिक्शा खींचते दिखाया गया, जिसमें बुर्का पहने दो महिलाएं बैठी थीं। शुरुआत में लोगों ने सोचा कि अभिनेता रामलीला पार्टी के सदस्य हैं, लेकिन कैमरे को देखने पर उन्होंने मुद्दे के बारे में जांच-पड़ताल की। भगवान शिव की तरह वेशभूषा धारण किए व्यक्ति को लोगों ने पकड़ लिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गश्त ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने मामले के बारे में पूछताछ की और तीनों अभिनेताओं को कोतवाली थाने ले गया। तीनों अभिनेताओं ने पुलिस से कहा कि यह फिल्म का स्वप्न दृश्य था और उनके पास शूटिंग के लिए अनुमति और सभी कानूनी दस्तावेज हैं, लेकिन उग्र भीड़ थाने पहुंच गई थी और उसने यह आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी कि वे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे थे। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हमने अभिनेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए :किसी वर्ग की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की मंशा से पूजा स्थल को अपवित्र करने और 153 ए :विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को प्रोत्साहन देने: को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। एक पुलिस सूत्र ने बताया कि आमिर खान और फिल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी को प्राथमिकी में नामजद किया गया है।
Haryana Board (BSEH) Class 10 Result: 57.39 प्रतिशत स्टूडेंट्स हुए पास, ऐसे चेक करें रिजल्ट
HBSE 10th Result 2019: आज हरियाणा बोर्ड (HBSE) के 10वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है. 57.39 प्रतिशत स्टूडेंट्स हुए पास हुए हैं. हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (Haryana Board of School Education) ने दोपहर 3 बजे रिजल्ट घोषित किया. 10वीं (HBSE 10th Result 2019) की परीक्षा करीब 4 लाख स्टूडेंट्स ने दी थी. ये परीक्षा 8 मार्च से 30 मार्च के बीच हुई थी. स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट ऑफीशियल वेबसाइट Bseh.org.in पर चेक कर सकते हैं. बोर्ड की पार्टनर वेबसाइट indiaresults.com पर भी रिजल्ट चेक किया जा सकता है. हरियाणा बोर्ड के अलावा तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलांगना, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और पंजाब पहले ही 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर चुका है. नेशनल एजुकेशन बोर्ड सीबीएसई और सीआईएकसीई भी 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर चुका है.
पीएम मोदी मिले शिंजो आबे से, वाराणसी और क्योटो के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर करार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जापान दौरे पर आज दोनो देशों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके मुताबिक क्योटो शहर के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 'स्मार्ट सिटी' के रूप में विकसित किया जाएगा। साझीदार शहर संबंधी सहमति पत्र पर भारतीय राजदूत दीपा वाधवा और क्योटो शहर के मेयर दाईसाका कोदोकावा ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो एबे मौजूद थे। मोदी के पांच दिवसीय जापान दौरे पर पहुंचने के तत्काल बाद दोनों देशों ने इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने संवाददाताओं से कहा कि इस समझौते के तहत धरोहर के संरक्षण में सहयोग, शहर के आधुनिकीरण तथा कला, संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग की बातें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच स्मार्ट प्राचीन शहर कार्यक्रम के लिए एक रूपरेखा का काम करेगा। क्योटो जापान में बौद्ध संस्कृति से जुड़ा एक प्राचीन शहर है जो प्रधानमंत्री के इस दौरे का विशेष प्रतीक है, क्योंकि मोदी भारत के शहरों का कायाकल्प करने का इरादा रखते हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है और इस यात्रा से भारत को काफी उम्मीदें हैं। प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा के दौरान परमाणु करार और बुलेट ट्रेन पर अहम समझौतों को अंजाम दे सकते हैं। साथ ही 85 अरब डॉलर के व्यापारिक समझौतों की भी उम्मीद जताई जा रही है। अपनी इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए 'उत्साहित' मोदी ने जापान यात्रा की पूर्व संध्या पर कहा कि भारत के विकास और तरक्की के उनके दृष्टिकोण में जापान बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत में 100 स्मार्ट सिटी के निर्माण की अपनी परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए जापान के अनुभवों को देखने के लिए प्रधानमंत्री अपनी जापान यात्रा के पहले चरण में जापान की स्मार्ट सिटी क्योटो की यात्रा करेंगे। दोनों नेताओं के बीच 1 सितंबर को टोक्यो में महत्वपूर्ण शिखर बैठक होगी। इस दौरान दोनों पक्ष सामरिक और वैश्विक भागीदारी को आगे बढ़ाने के उपायों पर गौर करेंगे। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को लेकर कहा है कि भारत को इस यात्रा से 'बड़ी उम्मीदें' हैं। दोनों पक्षों के बीच शीर्ष स्तर की वार्ता के दौरान रक्षा, असैन्य परमाणु, ढांचागत विकास और पृथ्वी की दुर्लभ खनिज संपदा के क्षेत्र में सहयोग जैसे मुद्दे विचार-विमर्श के लिए एजेंडे पर शीर्ष पर रहने की संभावना है। इस दौरान रक्षा और असैन्य परमाणु क्षेत्रों सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की भी उम्मीद है। इनमें से एक समझौता दुर्लभ खनिज संपदा के संयुक्त उत्पादन से संबंधित है। मोदी ने जापान यात्रा पर रवाना होने से पूर्व अपने बयान में कहा, अपने अच्छे मित्र प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निमंत्रण पर मैं भारत और जापान के बीच वार्षिक शिखर बैठक के लिए उत्सुकता से अपनी जापान यात्रा का इंतजार कर रहा हूं।
शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 163 अंक नीचे
देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 162.58 अंकों की गिरावट के साथ 18,683.68 पर और निफ्टी 52.50 अंकों की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 13.51 अंकों की गिरावट के साथ 18,832.75 पर खुला और 162.58 अंकों यानी 0.86 फीसदी की गिरावट के साथ 18,683.68 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,894.42 के ऊपरी और 18,656.41 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। एसबीआई (3.89 फीसदी), टाटा स्टील (3.25 फीसदी), ओएनजीसी (3.05 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.38 फीसदी) और भेल (2.13 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। सेंसेक्स की तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (0.36 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.32 फीसदी), सिप्ला (0.14 फीसदी) और एचएफडीसी (0.09 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.65 अंकों की गिरावट के साथ 5,731.10 पर खुला और 52.50 अंकों यानी 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।टिप्पणियां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 13.51 अंकों की गिरावट के साथ 18,832.75 पर खुला और 162.58 अंकों यानी 0.86 फीसदी की गिरावट के साथ 18,683.68 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 18,894.42 के ऊपरी और 18,656.41 के निचले स्तर को छुआ। सेंसेक्स के 30 में से 26 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। एसबीआई (3.89 फीसदी), टाटा स्टील (3.25 फीसदी), ओएनजीसी (3.05 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.38 फीसदी) और भेल (2.13 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। सेंसेक्स की तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (0.36 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.32 फीसदी), सिप्ला (0.14 फीसदी) और एचएफडीसी (0.09 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.65 अंकों की गिरावट के साथ 5,731.10 पर खुला और 52.50 अंकों यानी 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।टिप्पणियां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। एसबीआई (3.89 फीसदी), टाटा स्टील (3.25 फीसदी), ओएनजीसी (3.05 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2.38 फीसदी) और भेल (2.13 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। सेंसेक्स की तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे बजाज ऑटो (0.36 फीसदी), मारुति सुजुकी (0.32 फीसदी), सिप्ला (0.14 फीसदी) और एचएफडीसी (0.09 फीसदी)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.65 अंकों की गिरावट के साथ 5,731.10 पर खुला और 52.50 अंकों यानी 0.91 फीसदी की गिरावट के साथ 5,686.25 पर बंद हुआ।टिप्पणियां मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप 66.27 अंकों की गिरावट के साथ 6660.68 पर और स्मॉलकैप 49.37 अंकों की गिरावट के साथ 7,069.65 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। सार्वजनिक कम्पनियां (1.70 फीसदी), रियल्टी (1.64 फीसदी), धातु (1.49 फीसदी), तेल एवं गैस (1.33) और बैंकिंग (1.20 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट रही। बीएसई के कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1122 शेयरों में तेजी और 1733 में गिरावट दर्ज की गई जबकि 123 शेयरों के भाव में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
जलवायु वार्ता में विघ्नकारी नहीं हैं हम : भारत
जलवायु वार्ता के दौरान दादागिरी और इसमें बाधक बनने संबंधी आरोपों को दरकिनार करते हुए भारत के वार्ताकारों ने कहा कि उनका दृढ़ मत है कि नई दिल्ली कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर किसी भी वैधानिक बंधन को स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि इस मुद्दे पर उसकी नीति एकदम स्पष्ट, सतत और सहानुभूतिपूण है। डरबन में जलवायु परिवर्तन को लेकर चल रहे वार्षिक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पहले हफ्ते के समाप्त होने के मौके पर गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या भारत इस मुद्दे को लेकर बनाए जा रहे दबाव के आगे झुक जाएगा। बेसिक देशों के साथ साथ भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि क्योटो प्रोटोकोल जलवायु संधि का आधार होगा और डरबन सम्मेलन की सफलता के लिए इस पर दोबारा प्रतिबद्धता जताया जाना एक आवश्यक प्राथमिकता है।
जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात से वहां के छात्र परेशान, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
जम्मू-कश्मीर के हालात से 2400 छात्र परेशानी में फंस गए हैं. प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृति योजना के तहत देश के अन्य कॉलेजों में वे दाखिला नहीं ले पा रहे हैं. छात्रों के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. कोर्ट से इंजीनियरिंग में दाखिले की समय सीमा बढ़ाने की मांग जम्मू-कश्मीर के हालात को देखते हुए समय सीमा एक माह बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. मंगलवार को इस पर सुनवाई की जाएगी. जम्मू-कश्मीर के वकील शोएब आलम ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमना को बताया कि राज्य में इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और 15 अगस्त तक छात्रों को देश के कॉलेजों में दाखिला लेना है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लगी होने और हालत को देखते हुए यह संभव नहीं है. छात्र जम्मू-कश्मीर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन हालात में सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर के छात्रों के भविष्य को देखते हुए यह समय 15 सितंबर तक बढ़ा दे. कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. 13 अगस्त को याचिका पर सुनवाई तय की गई है.