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हर पंथ, हर वर्ग, हर जाति के लोग, भक्ति के अधिष्ठान पर स्वाभिमान और सांस्कृतिक धरोहर के लिए खड़े हो गए।
People of every creed, every class & every caste had stood for self-respect and cultural heritage at the place of devotion.
भक्ति आंदोलन वो डोर थी जिसने सदियों से संघर्षरत भारत को सामूहिक चेतना और आत्मविश्वास से भर दिया।
The Bhakti Movement had filled the struggling India with collective consciousness and confidence for centuries.
भक्ति का ये विषय तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक महान काली भक्त श्रीरामकृष्ण परमहंस की चर्चा ना हो।
This topic of devotion cannot proceed until the great devotee of Goddess Kali, Shri Ramakrishna Paramahamsa, is discussed.
वो महान संत, जिनके कारण भारत को स्वामी विवेकानंद मिले।
He is the great saint because of whom India got Swami Vivekananda.
स्वामी विवेकानंद भक्ति, ज्ञान और कर्म, तीनों को अपने में समाए हुए थे।
Swami Vivekananda was the embodiment of devotion, knowledge and karma.
उन्होंने भक्ति का दायरा बढ़ाते हुए हर व्यक्ति में दिव्यता को देखना शुरु किया।
He had begun to see divinity in every person while expanding the scope of devotion.
उन्होंने व्यक्ति और संस्थान के निर्माण पर बल देते हुए कर्म को भी अभिव्यक्ति दी, प्रेरणा दी।
He also had given an expression to Karma, emphasizing on the development of an individual and institution.
भक्ति आंदोलन के सैकड़ों वर्षों के कालखंड के साथ-साथ देश में कर्म आंदोलन भी चला।
Besides the period of hundreds of years of Bhakti movement, Karma movement also took place in the country.
सदियों से भारत के लोग गुलामी और साम्राज्यवाद से लड़ रहे थे।
For centuries, the people of India were fighting against colonialism and imperialism.
चाहे वो छत्रपति शिवाजी महाराज हों, महाराणा प्रताप हों, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई हों, कित्तूर की रानी चेनम्मा हों, या फिर भगवान बिरसा मुंडा का सशस्त्र संग्राम हो। अन्याय और शोषण के विरुद्ध सामान्य नागरिकों के तप-त्याग और तर्पण की कर्म-कठोर साधना अपने चरम पर थी।
Be it Chhatrapati Shivaji Maharaj, Maharana Pratap, Rani Laxmibai of Jhansi, Rani Chennamma of Kittur, or the armed struggle of Lord Birsa Munda, the rigorous efforts, tenacity and sacrifice of ordinary citizens against injustice and exploitation was at its peak.
ये भविष्य में हमारे स्वतंत्रता संग्राम की बहुत बड़ी प्रेरणा बनी।
This turned into a major inspiration for our freedom struggle at a later period.
जब भक्ति और कर्म की धाराएं पुरबहार थी तो उसके साथ-साथ ज्ञान की सरिता का ये नूतन त्रिवेणी संगम, आजादी के आंदोलन की चेतना बन गया था।
When the streams of devotion and efforts were flowing at a rapid speed, the new Triveni Sangam of the river of knowledge became the consciousness of freedom movement.
आजादी की ललक में भाव भक्ति की प्रेरणा भरपूर थी।
In the desire for freedom, there was a complete motivation and spirit of devotion.
समय की मांग थी कि ज्ञान के अधिष्ठान पर आजादी की जंग जीतने के लिए वैचारिक आंदोलन भी खड़ा किया जाए और साथ ही उज्ज्वल भावी भारत के निर्माण के लिए नई पीढ़ी को तैयार भी किया जाए.
The need of the hour was to create an ideological movement to win the war of independence on the basis of knowledge, as well as to prepare a new generation for a bright future of India.
और इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई, उस समय स्थापित हुई कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों ने, विश्वविद्यालयों ने।
Many institutions at that time, several reputed educational institutions and universities had played a major role in the same.
विश्व भारती यूनिवर्सिटी हो, बनारस हिंदु विश्वविद्यालय हो, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हो, नेशनल कॉलेज हो जो अब लाहौर में है, मैसूर यूनिवर्सिटी हो, त्रिचि नेशनल कॉलेज हो, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ हो, गुजरात विद्यापीठ हो, विलिंगडन कॉलेज हो, जामिया मिलिया इस्लामिया हो, लखनऊ यूनिवर्सिटी हो, पटना यूनिवर्सिटी हो, दिल्ली विश्वविद्यालय हो, आंध्रा यूनिवर्सिटी हो, अन्नामलाई यूनिवर्सिटी हो, ऐसे अनेक संस्थान उसी एक कालखंड में देश में स्थापित हुए।
- be it Vishwa Bharati University, Banaras Hindu University, Aligarh Muslim University, National College which is now in Lahore, Mysore University, Trichy National College, Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth, Gujarat Vidyapeeth, Willingdon College, Jamia Millia Islamia, Lucknow University, Patna University, Delhi University, Andhra University or the Annamalai University.
इन यूनिवर्सिटीज़ में भारत की एक बिल्कुल नई विद्वता का विकास हुआ।
A completely new group of scholars developed in these universities of India.
इन शिक्षण संस्थाओं ने भारत की आज़ादी के लिए चल रहे वैचारिक आंदोलन को नई ऊर्जा दी, नई दिशा दी, नई ऊंचाई दी।
These educational institutions gave a new energy, a new direction, and a new height to the ideological movement going on for India's independence.
भक्ति आंदोलन से हम एकजुट हुए, ज्ञान आंदोलन ने बौद्धिक मज़बूती दी और कर्म आंदोलन ने हमें अपने हक के लिए लड़ाई का हौसला और साहस दिया।
We were united by the Bhakti Movement; while the knowledge movement gave intellectual strength and the Karma movement gave us the courage to fight for our rights.
सैकड़ों वर्षों के कालखंड में चले ये आंदोलन त्याग, तपस्या और तर्पण की अनूठी मिसाल बन गए थे।
These movements, which lasted for a period of hundreds of years, had become a unique example of sacrifice, penance and determination.
इन आंदोलनों से प्रभावित होकर हज़ारों लोग आजादी की लड़ाई में बलिदान देने के लिए एक के बाद एक आगे आते रहे।
Influenced by these movements, thousands of people had come forward one after another to sacrifice their lives in the freedom struggle.
ज्ञान के इस आंदोलन को गुरुदेव द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय ने नई ऊर्जा दी थी।
This movement of knowledge was given a boost by Visva-Bharati University established by Gurudev.
गुरुदेव ने जिस तरह भारत की संस्कृति से जोड़ते हुए, अपनी परंपराओं से जोड़ते हुए विश्वभारती को जो स्वरूप दिया, उसने राष्ट्रवाद की एक मजबूत पहचान देश के सामने रखी।
The way Gurudev had given Visva-Bharati the form he had associated with India's culture while connecting with his traditions, he had put a strong identity of nationalism in front of the country.
साथ-साथ, उन्होंने विश्व बंधुत्व पर भी उतना ही जोर दिया।
At the same time, he had laid equal emphasis on world brotherhood.
आपने पूरी सफलता के साथ एक अत्यंत कठिन स्थिति पर शीघ्रता से काबू पाया और पूरे देश को संगठित किया।
You quickly controlled a very difficult situation with complete success and organized the entire country.
महामारी के उन पहले महीनों में इटली की सफलता ने हम सभी को प्रेरित किया।
Italy's success in those first months of the pandemic inspired us all.
आपके अनुभवों ने हम सबका मार्गदर्शन किया।
Your experiences guided us all.
आप की तरह मैं भी भारत और इटली के संबंधों को और व्यापक और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।
Like you, I am also committed to further broadening and deepening the relations between India and Italy.
2018 में टेक समिट के लिए आपकी भारत यात्रा और हमारी मुलाकात अनेक पहलुओ को स्पर्श करने वाली रही भारत के लोगो के मन मे भी इटली के प्रति एक नई जिज्ञासा पैदा करने वाली रही ।
Your visit to India for the Tech Summit in 2018 and our meeting touched on many aspects and the people of India also developed a new inquisitiveness towards Italy.
यह ख़ुशी की बात है कि 2018 में हमारी बातचीत के बाद आपसी आदान-प्रदान में काफी गति आई है।
It is a matter of happiness that there has been a lot of momentum in mutual exchanges after our talks in 2018.
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इतालवी संसद ने पिछले साल भारत-इटली मैत्री समूह की स्थापना की है।
I am happy to know that the Italian Parliament has set up the India-Italy Friendship Group last year.
मुझे उम्मीद है कि कोविड की स्थिति सुधरने के बाद हमारे पास इतालवी संसद सदस्यों का भारत में स्वागत करने का अवसर होगा।
I hope that we will have the opportunity to welcome Italian Parliament members to India once the COVID situation improves.
यह स्पष्ट है कि कोविड-19 महामारी द्वितीय विश्व युद्ध की तरह इतिहास में एक वाटरशेड रहेगी।
It's clear that the COVID-19 pandemic will remain a watershed in history like the Second World War.
हम सभी को इस नई दुनिया, कोरोना दुनिया के बाद के लिए खुद को अनुकूल बनाना होगा और इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए नए तरीके से तैयार रहना होगा।
We all have to adapt ourselves to this new world, the post-Corona world, and have to be prepared in a new way for the challenges and opportunities arising from this.
मुझे विश्वास है कि आज की हमारी बातचीत से हमारे संबंध और मजबूत होंगे, आपसी समझ बढ़ेगी और सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता मिलेगी।
I am confident that our today's discussions will further strengthen our relations, enhance mutual understanding and help identify new areas of cooperation.
अस्वीकरण: यह पीएम के भाषण का अनुमानित अनुवाद है।
DISCLAIMER: This is the approximate translation of PM’s speech.
मूल भाषण हिंदी में दिया गया था।
Original speech was delivered in Hindi.
प्रधानमंत्री 8 नवंबर को हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का शुभारम्भ करेंगे और हजीरा एवं घोघा के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे
PM to inaugurate Ro-Pax terminal at Hazira and flag off Ro-Pax ferry service between Hazira and Ghogha on 8th November
रो-पैक्स फेरी सेवा से यात्रा अवधि, ढुलाई लागत घट जाएगी और पर्यावरण पर पड़ने वाला असर कम होगा
Ro-Pax ferry service will reduce travel time, logistics cost and lower environmental footprint
इससे रोजगार और उद्यमों के लिए नए अवसर पैदा होंगे, क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा
It will create new avenues for jobs & enterprises and give a boost to tourism in the region
प्रधानमंत्री के जलमार्गों के दोहन और इन्हें देश के आर्थिक विकास के साथ एकीकृत करने के विजन की दिशा में अहम है यह कदम
Event marks a big step towards PM’s vision of harnessing waterways and integrating them with economic development of the country
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 8 नवंबर, 2020 को पूर्वाह्न 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के हजीरा में रो-पैक्स टर्मिनल का शुभारम्भ करेंगे और हजीरा एवं घोघा के बीच रो-पैक्स सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे।
Prime Minister Shri Narendra Modi will inaugurate the Ro-Pax terminal at Hazira and flag off Ro-Pax service between Hazira and Ghogha in Gujarat on 8th November 2020 at 11 AM via video conferencing.
यह जलमार्गों के उपयोग और उन्हें देश के आर्थिक विकास के साथ एकीकृत करने के प्रधानमंत्री के विजन की दिशा में एक अहम कदम है।
This marks a big step towards the Prime Minister’s vision of harnessing waterways and integrating them with the economic development of the country.
प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के दौरान इस सेवा का उपयोग करने वाले स्थानीय लोगों के साथ संवाद भी करेंगे।
Prime Minister will also interact with local users of the service during the event.
इस अवसर पर पोत परिवहन राज्य मंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
Union MoS for Shipping and Chief Minister of Gujarat will also be present on the occasion.
हजीरा में शुरू किए जा रहे रो-पैक्स टर्मिनल की 100 मीटर लंबाई और 40 मीटर चौड़ाई है, जिस पर अनुमानित रूप से 25 करोड़ रुपये की लागत आई है।
The Ro-Pax Terminal being inaugurated at Hazira is of 100 meters length and 40 meters width, with cost implications of approx. Rs. 25 crores.
इस टर्मिनल में प्रशासनिक कार्यालय इमारत, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन और वाटर टॉवर आदि कई सुविधाएं हैं।
The terminal has wide ranging facilities including administrative office building, parking area, substation and water tower etc.
रो-पैक्स फेरी वीसल ‘वोयेज सिम्फनी’ डीडब्ल्यूटी 2500-2700 एमटी, 12000 से 15000 जीटी विस्थापन के साथ एक तीन मंजिला जहाज है।
The Ro-Pax Ferry Vessel ‘Voyage Symphony’ is a three decks vessel with DWT 2500-2700 MT, with displacement of 12000 to 15000 GT.
इसकी मुख्य डेक की भार क्षमता 30 ट्रक (प्रत्येक 50 एमटी), ऊपरी डेक की 100 यात्री कार और यात्री डेक की क्षमता 500 यात्रियों व 34 क्रू एवं आतिथ्य सेवा कर्मचारियों की है।
It has a load capacity of 30 trucks (of 50 MT each) on the main deck, 100 passengers cars on the upper deck and 500 passengers plus 34 crew & hospitality staff on the passenger deck.
हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सेवा के कई फायदे होंगे।
There will be several wide-ranging benefits of the Hazira-Ghogha Ro-Pax ferry service.
यह दक्षिणी गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र के द्वार के रूप में काम करेगा।
It will work as a Gateway to South Gujarat and Saurashtra region.
इससे घोघा और हजीरा के बीच की दूरी 370 किमी से घटकर 90 किमी रह जाएगी।
It will reduce the distance between Ghogha and Hazira from 370 Km to 90 Km.
ढुलाई की अवधि 10-12 घंटे से घटकर लगभग 4 घंटे होने के परिणामस्वरूप ईंधन (लगभग 9,000 लीटर प्रति दिन) की भारी बचत होगी और वाहनों की रख-रखाव की लागत में खासी कमी आएगी।
The reduced cargo travel time from 10 to 12 hours to about 4 hours will result in huge savings of fuel (approx 9000 litres per day) and lower the maintenance cost of vehicles drastically.
फेरी सेवा हजीरा-घोघा मार्ग पर प्रति दिन 3 राउंड ट्रिप के माध्यम से सालाना लगभग 5 लाख यात्रियों, 80,000 यात्री वाहनों, 50,000 दोपहिया वाहनों और 30,000 ट्रकों की ढुलाई करेगी।
The ferry service, while making 3 round trips/day on the Hazira-Ghogha route, would annually transport about 5 lakh passengers, 80,000 passenger vehicles, 50,000 two-wheelers and 30,000 trucks.
इससे ट्रक चालकों की थकान कम होगी और अतिरिक्त ट्रिप के ज्यादा अवसर मिलने से उनकी आय में भी इजाफा होगा।
It will reduce fatigue of the truck drivers and enhance their incomes by giving them more opportunity to do extra trips.
इससे सीओ2 के उत्सर्जन में प्रतिदिन लगभग 24 एमटी तक की कमी भी आएगी और सालाना लगभग 8653 एमटी की कुल बचत होगी।
It will also lead to reduction in CO2 emission by approximately 24 MT per day and net saving of approximately 8653 MT per annum.
इससे सौराष्ट्र क्षेत्र तक पहुंच आसान होने के साथ पर्यटन उद्योग को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।
It will give an impetus to the tourism industry with ease of access to Saurashtra region and lead to creation of new job opportunities.
फेरी सेवाओं की शुरुआत के साथ, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में बंदरगाह क्षेत्र, फर्नीचर और उर्वरक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
With the onset of Ferry services, the port sector, furniture and fertilizer industries in Saurashtra and Kutch region will get a big boost.
गुजरात विशेषकर पोरबंदर, सोमनाथ, द्वारका और पलिताना में पारिस्थितिकी पर्यटन और धार्मिक पर्यटन में खासी बढ़ोतरी होगी।
Eco-tourism and religious-tourism in Gujarat, especially in Porbandar, Somnath, Dwarka and Palitana will grow exponentially.
इस फेरी सेवा के माध्यम से कनेक्टिविटी में सुधार से गिर के प्रसिद्ध एशियाई शेर वन्यजीव अभ्यारण्य में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी।
The benefits of enhanced connectivity through this ferry service will also result in increased inflow of tourists in the famous Asiatic lion wildlife sanctuary at Gir.
प्रधानमंत्री 9 नवंबर को वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे
PM to inaugurate and lay foundation stone of various development projects in Varanasi on 9th November
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 9 नवंबर को सुबह 10:30 बजे वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
Prime Minister Shri Narendra Modi will inaugurate and lay the foundation stone of various development projects in Varanasi on 9th November at 10:30 AM via video conferencing.
इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 614 करोड़ रुपये है।
The total cost implication of these projects is Rs. 614 crores.
प्रधानमंत्री इस आयोजन के दौरान इन परियोजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे।
Prime Minister will also interact with the beneficiaries of these projects during the event.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।
Chief Minister of Uttar Pradesh will also be present on the occasion.
जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जायेगा उनमें सारनाथ लाइट एंड साउंड शो, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल रामनगर का उन्नयन, सीवरेज संबंधित कार्य, गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का प्रबंध, बहुउद्देशीय बीज भंडार गृह, 100 मीट्रिक टन कृषि उपज क्षमता वाले गोदाम, आईपीडीएस चरण-2, संपूर्णानंद स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिये एक आवास, वाराणसी शहर के स्मार्ट लाइटिंग कार्य, 105 आंगनवाड़ी केंद्र और 102 गौ आश्रय केंद्र शामिल हैं।
The projects to be inaugurated include Sarnath Light and Sound show, upgradation of Lal Bahadur Shastri Hospital Ramnagar, sewerage related works, infrastructure facilities for protection and conservation of cows, multipurpose seed storehouse, agriculture produce warehouse of 100 MT, IPDS phase 2, a housing complex for players in Sampurnanand Stadium, Varanasi city smart lighting work, along with 105 Anganwadi Kendras and 102 Gau Ashray Kendras.
आयोजन के दौरान, प्रधानमंत्री दशाश्वमेध घाट और खिड़किया घाट का पुनर्विकास, पीएसी पुलिस बल के लिए बैरक, काशी के कुछ वार्डों का पुनर्विकास, बनिया बाग में पार्क के पुनर्विकास के साथ पार्किंग सुविधा, गिरिजा देवी संस्कृत शंकुल में बहुउद्देश्यीय हॉल के उन्नयन सहित शहर में सड़कों की मरम्मत और पर्यटन स्थलों के विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
During the event, Prime Minister will also lay the foundation stone for projects including the redevelopment of Dashashwamedh Ghat and Khidkiya Ghat, barracks for PAC police force, redevelopment of certain wards of Kashi, parking facility along with redevelopment of park in Beniya Bagh, upgradation of the multi-purpose hall in Girija Devi Sanskritik Sankul, repair work of roads in the city and development of tourist places.
प्रधानमंत्री ने ओआरओपी के पांच साल पूरा होने पर पूर्व सैनिकों के प्रति आभार प्रकट किया
PM salutes veteran soldiers for their remarkable service on 5th years of OROP
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के पांच साल पूर होने के अवसर पर पूर्व सैनिकों के योगदान पर आभार प्रकट किया है।
The Prime Minister, Shri Narendra Modi has saluted veteran soldiers for their remarkable service on completion of 5th years of OROP today.
उन्होंने कहा “आज से पांच साल पहले, भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया था, जिसके तहत, देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के बेहतर भविष्य के लिए फैसला किया गया था।
He said, today five years ago, India took a historic step towards ensuring the well-being of our great soldiers, who courageously protect our nation.
ओआरओपी का पांच साल पूरा होना एक उल्लेखनीय पल है।
5 years of OROP is a momentous occasion.
भारत के लोग दशकों से ओआरओपी का इंतजार कर रहे थे।
India waited for OROP for decades.
मैं अपने पूर्व सैनिकों की सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
I salute our veterans for their remarkable service!
प्रधानमंत्री ने इसरो को पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई दी
PM congratulates ISRO for the successful launch of PSLV-C49/EOS-01 Mission
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई दी है।
The Prime Minister, Shri Narendra Modi has congratulated Indian Space Research Organisation (ISRO) and India's space industry for the successful launch of PSLV-C49/EOS-01 Mission.
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा है “मैं इसरो और भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 मिशन के आज सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के लिए बधाई देता हूं।
The Prime Minister said in his message, I congratulate ISRO and India's space industry for the successful launch of PSLV-C49/EOS-01 Mission today.
कोविड-19 के दौर में वैज्ञानिकों ने सभी चुनौतियों का सामना करते हुए समय सीमा का पालन किया है।
In the time of COVID-19, our scientists overcame many constraints to meet the deadline.
इस मिशन में नौ सेटेलाइट को भी लांच किया गया है, जिसमें अमेरिका और लक्जमबर्ग के 4 और लिथुआनिया का एक सेटेलाइट भी शामिल हैं।
Nine satellites, including four each from the US and Luxembourg and one from Lithuania, have also been launched in the Mission.
आईआईटी, दिल्ली के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
Text of PM's address at the convocation of IIT, Delhi
मेरे कैबिनेट सहयोगियों, श्री रमेश पोखरियाल निशंक जी, श्री संजय धोत्रे जी, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन, डॉ. आर. चिदंबरम जी, आईआईटी दिल्ली के निदेशक, प्रोफेसर वी रामगोपाल राव जी, बोर्ड के सदस्य और सीनेट, संकाय सदस्य, अभिभावक, युवा दोस्तों, महिलाओं और सज्जनों !!
My cabinet colleagues, Shri Ramesh Pokhriyal Nishank ji, Shri Sanjay Dhotre ji, Chairman of Board of Governors, Dr. R. Chidambaram ji, IIT Delhi Director, Professor V. Ramgopal Rao ji, members of the Board and the Senate, faculty members, parents, young friends, ladies and gentlemen!!
आज का दिन टेक्नोलॉजी की दुनिया में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है।
Today is a very important day in the world of technology.
आज, देश को आईआईटी दिल्ली के माध्यम से 2,000 से अधिक प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ मिल रहे हैं।
Today, the country is getting more than 2,000 technology experts through IIT Delhi.
इस महत्वपूर्ण अवसर पर, मैं उन छात्रों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं, जिन्हें डिग्री मिल रही है, विशेष रूप से उनके माता-पिता, उनके मार्गदर्शक और संकाय सदस्य।
On this important occasion, I extend my best wishes to the students, who are getting the degrees, specially their parents, their guides and faculty members.
आज आईआईटी दिल्ली का 51 वां दीक्षांत समारोह है और यह महान संस्थान अपनी हीरक जयंती भी मना रहा है।
Today is the 51st Convocation of IIT Delhi and this great institution is also celebrating its diamond jubilee.
आईआईटी दिल्ली ने इस दशक के लिए अपना विज़न डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है।
IIT Delhi has also prepared its vision document for this decade.
इस वर्ष के लिए हीरक जयंती वर्ष और आपके लक्ष्यों के लिए आपको मेरी शुभकामनाएं और आपको भारत सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन।
My best wishes to you for the diamond jubilee year and your goals for this decade and assure you full support from the Indian government.
आज महान वैज्ञानिक डॉ सी वी रमन की जयंती है।
Today is the birth anniversary of great scientist Dr. C.V. Raman.
यह एक बहुत ही शुभ अवसर है कि यह दीक्षांत समारोह उनके जन्मदिन के साथ आता है।
It is a very auspicious occasion that this convocation coincides with his birthday.
मैं भी उन्हें सम्मानपूर्वक सलाम करता हूं।
I also salute him respectfully.
उनके नेक कार्य हम सभी को प्रेरणा देते रहेंगे, विशेषकर मेरे युवा वैज्ञानिक मित्रों को।
His noble works will continue to inspire all of us, specially my young scientist friends.
कोरोना के इस संकट ने दुनिया में एक बड़ा बदलाव लाया है।
This crisis of corona has brought about a major change in the world.
पोस्ट-कोविद दुनिया बहुत अलग होने जा रही है और इसमें प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
Post-Covid world is going to be very different and technology will have an important role in it.
एक साल पहले किसी ने कल्पना नहीं की थी कि बैठकों, परीक्षाओं, विवा या दीक्षांतों की प्रकृति बदल जाएगी।
Nobody had imagined a year ago that the nature of meetings, exams, viva or convocations will change.
वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी वर्किंग रियलिटी की जगह ले रही है।
Virtual Reality and Augmented Reality are replacing the Working Reality.
आपको लग रहा होगा कि आपका बैच बहुत भाग्यशाली नहीं है।
You may be feeling your batch is not very lucky.
मुझे यकीन है कि आप खुद से पूछ रहे हैं - क्या यह सब हमारे स्नातक वर्ष में ही होना था?
I am sure you are asking yourself - did all this have to happen in our graduating year only?
लेकिन, इसे अलग तरह से सोचें।
But, think of it differently.
आपके पास पहला प्रस्तावक लाभ है।
You have a first mover advantage.
आपके पास कार्यस्थल में और उससे आगे के नए मानदंडों को सीखने और उनके अनुकूल होने के लिए अधिक समय है।
You have more time to learn and adapt to the new norms emerging in the work place and beyond.
इसलिए, इसका अधिकतम उपयोग करें।
So, make most use of this.