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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-mayawati-to-kick-off-bsp-election-campaign-with-big-brahmin-sammelan-in-lucknow-810495
बड़े ब्राह्मण सम्मेलन के साथ मायावती करेंगी बसपा के चुनाव अभियान का आगाज
बसपा प्रमुख मायावती अगले महीने की 7 तारीख को लखनऊ में ब्राह्मण सम्मेलन के ज़रिए 2022 विधान सभा चुनाव के अभियान की आधिकारिक शुरू करेगी।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियों की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। बहुजन समाज पार्टी ने भी आने वाले चुनाव के लिए अपने कैडर को मेहनत में जुट जाने के आदेश दे दी दिए हैं। पार्टी की तरफ से ब्राह्मणों को लुभान के लिए विभिन्न शहरों में ब्राह्मण सम्मेलन चल रहे हैं। अब बसपा प्रमुख मायावती अगले महीने की 7 तारीख को लखनऊ में ब्राह्मण सम्मेलन के ज़रिए 2022 विधान सभा चुनाव के अभियान की आधिकारिक शुरू करेगी। इस ब्राह्मण सम्मेलन से पहले बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए 4 सितम्बर तक 74 ज़िलों ब्राह्मण सम्मेलन कर चुके होंगे। सात सितंबर को लखनऊ में बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन होगा जिसमें लखनऊ के अलावा पूरे यूपी के ब्राह्मण शामिल होंगे।मैं पूरी तरह फिट, अभी उत्तराधिकारी घोषित करने की जरूरत नहीं: मायावतीबहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि वह अभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं और पार्टी को किसी उत्तराधिकारी की कोई जरूरत नही हैं और भविष्य में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने वाले दलित नेता को ही उनका उत्तराधिकारी बनाया जाएगा।लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियों की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। बहुजन समाज पार्टी ने भी आने वाले चुनाव के लिए अपने कैडर को मेहनत में जुट जाने के आदेश दे दी दिए हैं। पार्टी की तरफ से ब्राह्मणों को लुभान के लिए विभिन्न शहरों में ब्राह्मण सम्मेलन चल रहे हैं। अब बसपा प्रमुख मायावती अगले महीने की 7 तारीख को लखनऊ में ब्राह्मण सम्मेलन के ज़रिए 2022 विधान सभा चुनाव के अभियान की आधिकारिक शुरू करेगी। इस ब्राह्मण सम्मेलन से पहले बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए 4 सितम्बर तक 74 ज़िलों ब्राह्मण सम्मेलन कर चुके होंगे। सात सितंबर को लखनऊ में बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन होगा जिसमें लखनऊ के अलावा पूरे यूपी के ब्राह्मण शामिल होंगे।मैं पूरी तरह फिट, अभी उत्तराधिकारी घोषित करने की जरूरत नहीं: मायावतीमायवती ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मेरा स्वास्थ्य अभी ठीक है, मुझे अभी किसी को भी अपना उत्तराधिकारी बनाने की जरूरत नही हैं। लेकिन जब मेरा स्वास्थ्य ठीक नही रहेगा तब मैं जरूर अपना उत्तराधिकारी घोषित करूंगी। मैं अभी फिट हूं और अनफिट होने में मुझे काफी वर्ष लगेंगे। पिछले दो वर्ष से कोरोना चल रहा हैं लेकिन कुदरत का शुक्र है कि मुझे कोरोना जैसी बीमारी भी नही हुई।’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब मैं अपना उत्तराधिकारी घोषित करूंगी तो वह केवल दलित वर्ग से ही होगा, जिन्होंने हर मुश्किल की घड़ी में मेरा और पार्टी का पूरी इमानदारी व पूरे तन मन धन से साथ दिया है। पार्टी में बड़े उतार चढाव आये लेकिन जो दलित वर्ग के लोग हैं वह टस से मस नही हुये।’’
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-priyanka-gandhi-s-advisor-harendra-malik-and-his-son-quit-congress-819661
यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका, प्रियंका गांधी के सलाहकार के साथ-साथ प्रदेश उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी
प्रियंका को 17 अक्टूबर से सहारनपुर से प्रतिज्ञा यात्रा शुरू करनी थी लेकिन इलाक़े के कांग्रेस नेताओं के समर्थन न मिलने से ये कार्यक्रम शुरू नहीं हो पाया। इस बात की भी बड़ी चर्चा है कि सहारनपुर के रहने वाले कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां कांग्रेस नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। प्रियंका के सलाहकार हरेन्द्र मलिक और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने इस्तीफ़ा दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेता जल्द ही समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हरेंद्र मलिक और पंकज मलिक पिता-पुत्र हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दोनों बड़े और ताकतवर नेता माने जाते हैं। गौरतलब है कि पंकज मलिक दो बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं, वहीं हरेंद्र भी सांसद रह चुके हैं।हरेंद्र मलिक नेशनल लोकदल पार्टी हरियाणा से 2005 में राज्यसभा सांसद चुने गए थे। वहीं पंकज मलिक दो बार विधायक रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से वे 2007 में बघरा सीट से विधायक बने थे। इसके बाद 2012 में वे शामली सीट से विधायक चुने गए। फिलहाल वे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इंचार्ज थे।मलिक परिवार मुज़फ़्फ़रनगर के रहने वाले हैं। 22 अक्टूबर को अखिलेश यादव वहां रैली करने वाले हैं। खबर है कि उस दिन हरेन्द्र और पंकज मलिक मंच पर अखिलेश यादव के साथ हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद हरेन्द्र मलिक ने प्रियंका गांधी के करीबी लोगों पर पार्टी को हाईजैक करने का आरोप लगाया।प्रियंका को 17 अक्टूबर से सहारनपुर से प्रतिज्ञा यात्रा शुरू करनी थी लेकिन इलाक़े के कांग्रेस नेताओं के समर्थन न मिलने से ये कार्यक्रम शुरू नहीं हो पाया। इस बात की भी बड़ी चर्चा है कि सहारनपुर के रहने वाले कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी पार्टी छोड़ सकते हैं। वे कई बार कह चुके हैं कि सिर्फ़ समाजवादी पार्टी ही यूपी में बीजेपी को हरा सकती है। हरेन्द्र और पंकज मलिक का कांग्रेस से निकल जाना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-varun-gandhi-tweets-in-favour-of-kisan-mahapanchayat-811811
Kisan Mahapanchayat: प्रदर्शनकारी किसानों के पक्ष में वरुण गांधी ने किया ट्वीट!
भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों की संख्या में किसान जुटे हैं। वो हमारे भाई हैं। हमें उनसे दोबारा से सम्मानजनक तरीके से जुड़ना शुरू करने की जरूरत है।
नई दिल्ली. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत चल रही है। बहुत बड़ी तादाद में किसान 'जाट लैंड' में चल रही इस महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए जुटे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों की संख्या में किसान जुटे हैं। वो हमारे भाई हैं। हमें उनसे दोबारा से सम्मानजनक तरीके से जुड़ना शुरू करने की जरूरत है: उनके दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें और समाधान निकालने के लिए उनके साथ काम करें।बड़ी संख्या में किसान मुजफ्फरनगर पहुंचे, रालोद को पुष्प वर्षा की अनुमति नहीं मिलीनई दिल्ली. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत चल रही है। बहुत बड़ी तादाद में किसान 'जाट लैंड' में चल रही इस महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए जुटे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों की संख्या में किसान जुटे हैं। वो हमारे भाई हैं। हमें उनसे दोबारा से सम्मानजनक तरीके से जुड़ना शुरू करने की जरूरत है: उनके दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें और समाधान निकालने के लिए उनके साथ काम करें।केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में रविवार की सुबह विभिन्न राज्यों के किसान मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में होने वाली किसान महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं। अगले वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस आयोजन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 'किसान महापंचायत' का आयोजन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किया जा रहा है।भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक के अनुसार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे विभिन्न राज्यों में फैले 300 किसान संगठनों के किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं, जहां 5,000 से अधिक लंगर (भोजन स्टाल) लगाए गए हैं। संगठनों के झंडे और अलग-अलग रंग की टोपी पहने किसान बसों, कारों और ट्रैक्टरों के जरिए यहां पहुंचते देखे गए। आयोजन स्थल के आसपास कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं। जीआईसी कॉलेज के मैदान तक पहुंचने में असमर्थ लोगों को कार्यक्रम देखने की सुविधा प्रदान करने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई हैं। इस बीच, मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने आयोजन स्थल और महापंचायत के प्रतिभागियों पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने के राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अनुरोध को खारिज कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह ने रालोद के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि सुरक्षा कारणों से इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती है। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने जिला प्रशासन से आंदोलन कर रहे किसानों के सम्मान में महापंचायत पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की अनुमति मांगी थी। जिला प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक उमेश मलिक के आवासों पर पुलिस तैनात कर दी है।
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https://www.indiatv.in/india/politics/mayawati-did-not-contest-elections-out-of-fear-of-cbi-and-ed-we-proposed-an-alliance-get-cm-post-rahul-gandhi-2022-04-09-843950
मायावती सीबीआई और ईडी के डर से चुनाव नहीं लड़ीं, हमने गठबंधन का प्रस्ताव दिया था : राहुल गांधी
मायावती ने चुनाव ही नहीं लड़ा। हमने मायावती को संदेश दिया कि गठबंधन कीजिए और मुख्यमंत्री बनिए। उन्होंने बात तक नहीं की।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दबाव व डर की वजह से बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा।राहुल गांधी ने शनिवार को 'द दलित ट्रुथ' किताब की लॉन्चिंग पर दिल्ली के जवाहर भवन में कहा कि 'संस्थान के बिना संविधान' का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि संस्थान के बिना संविधान को लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि देश के सबके सब संस्थान आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हाथों में हैं। उन्होंने मायावती का उदाहरण देते हुए कहा, हमने मायावती को मैसेज दिया गठबंधन करिए, मुख्यमंत्री बनिए, उन्होंने बात तक नहीं की। सीबीआई और ईडी से डरती हैं वो। कांशीराम ने दलितों को आवाज दी, दलितों को जगाया लेकिन आज मायावती कहती हैं कि वह दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ेंगी।राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर यह आक्रमण उस दिन से शुरू हुआ था जब महात्मा गांधी की छाती में तीन गोलियां भेदी गई। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने हमें संविधान जैसा अधिकार दिया मगर आज इसका कोई मतलब नहीं है, क्योंकि पैगसेस, सीबीआई, ईडी आदि संस्थान मिलकर संविधान को लागू किए जाने से रोक रहे हैं।उन्होंने कहा कि जब तक जनता के अंदर से आवाज नहीं निकलेगी संविधान अपना काम नहीं कर सकता। संविधान पर चोट यानी सीधी चोट देश के सबसे कमजोर आदमी पर पड़ती है। आज अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी का हाल देश में सबके सामने है। इनसे लड़ने की जरूरत है अंबेडकर ने, महागांधी ने जो रास्ता दिखाया था उस पर चलने की जरूरत है।राहुल गांधी ने कहा, मैं सत्ता के बीच में पैदा हुआ और बड़ी अजीब सी बीमारी है कि मुझे उसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं अपने देश को समझने की कोशिश कर रहा हूं। इस कोशिश में ही मुझे पता चला कि दुनिया में एकमात्र भारत ऐसा देश है जहां पर छुआछूत आज भी मौजूद है। एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को केवल उसकी जाति की वजह से तू ना पसंद नहीं करता है। उन्होंने कहा कि देश को इस सोच से उभरने की जरूरत है।राहुल गांधी ने कहा, मेरे देश ने बिना कोई कारण मुझे इतना प्यार दिया। यह देश का कर्ज है मेरे ऊपर इसलिए मैं देश को लगातार समझने की कोशिश में जुटा हूं। हालांकि देश ने मुझे बहुत जूते भी मारे, मुझे दर्द भी हुआ पर मैं जानता हूं विदेश मुझे सिखाना चाहता है इसलिए मैं देश को समझने की कोशिश करता हूं।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जवाहर भवन में पूर्व आईएएस अधिकारी के राजू द्वारा संपादित निबंध संग्रह का विमोचन किया। यह पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की 'रिथिंकिंग इंडिया' श्रृंखला का आठवां खंड है।इनपुट-आईएएनएस
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https://www.indiatv.in/india/national-amit-khare-appointed-as-pm-narendra-modi-s-advisor-818554
PM मोदी के सलाहकार बने पूर्व IAS अमित खरे, नई शिक्षा नीति बनाने में निभा चुके हैं अहम भूमिका
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को पीएम मोदी का सलाहकार बनाए जाने को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली: मानव संसाधन और सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। मंगलवार को खरे की नियुक्ति आदेश जारी किया गया। 1985 बैच के आईएएस अफसर अमित खरे 30 सितंबर को ही उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे।सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को पीएम मोदी का सलाहकार बनाए जाने को मंजूरी दी है। पीएमओ में उनकी संविदा नियुक्ति भारत सरकार के सचिव की रैंक व स्कैल पर की गई है। वह दो वर्ष तक इस पद पर रहेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में नई शिक्षा नीति 2020 बनाने और सूचना व प्रसारण मंत्रालय में रहते हुए डिजिटिल मीडिया नियमों में बदलाव में भी अहम भूमिका निभाई थी।इन सबके अलावा पुनर्नियुक्ति को लेकर सरकार के सभी नियम अमित खरे पर लागू होंगे। अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाहों में शुमार किया जाता रहा है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-inaugurates-pradhan-mantri-sangrahalaya-pm-museum-dedicated-to-the-country-s-prime-ministers-since-independence-2022-04-14-844911
Pradhan Mantri Sangrahalay: पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया, खरीदा म्यूजियम का पहला टिकट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति भवन में 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' (Pradhanmantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' में पहला टिकट भी ख़रीदा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति भवन में 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' (Pradhanmantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री संग्रहालय' में पहला टिकट भी ख़रीदा। यह संग्रहालय आज़ादी के बाद से देश के प्रधानमंत्रियों को समर्पित है। पहले इसे नेहरू संग्रहालय भवन के नाम से जाना जाता था। पिछले माह पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नेहरू संग्रहालय को पीएम म्यूजियम में तब्दील करने का फैसला किया गया था। बता दें कि, प्रधानमंत्री संग्रहालय के जरिए देश की आजादी के बाद बने प्रधानमंत्रियों के योगदान के बारे में बताया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान का सम्मान करने के लिए पीएम मोदी की दृष्टि से निर्देशित ये संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री को एक श्रद्धांजलि है। इसके अलावा संग्रहालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक समावेशी प्रयास है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सभी भारतीय प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदर्शिता और उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील और प्रेरित करना है।प्रधानमंत्री संग्रहालय को तीन मूर्ति भवन में बनाया गया है। इसे नेहरू म्यूजियम के नाम से जाना जाता था। हालांकि, इसे अब प्रधानमंत्री संग्रहालय के तौर पर जाना जाएगा। इसका निर्माण 15,600 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में हुआ है। होलोग्राम, वर्चुअल रिएलिटी, ऑग्मेंटिड रिएलिटी, मल्टी टच, मल्टीमीडिया, इंट्रेक्ट्विक कियोस्क, कंप्यूटराइज काइनेटिक स्कल्पचर, स्मार्टफोन एप्लीकेशन, इंट्रेक्टिव स्क्रीन जैसी टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस संग्रहालय को सजीव बनाया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-to-lay-foundation-stone-of-delhi-amritsar-katra-expressway-on-wednesday-830062
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को करेंगे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास
लगभग 39,500 करोड़ रुपये की कुल लागत से 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जाएगा। यह दिल्ली से अमृतसर और दिल्ली से कटरा की यात्रा में लगनेवाले समय को आधा कर देगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे। इससे प्रमुख सिख धार्मिक स्थलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। इसके अलावा, वैष्णो देवी पहुंचना भी आसान हो जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 जनवरी को फिरोजपुर, पंजाब का दौरा करेंगे और दोपहर लगभग 1 बजे 42,750 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, अमृतसर-ऊना खंड को चार-लेन में बदलना, मुकेरियां-तलवाड़ा नयी बड़ी रेलवे लाइन, फिरोजपुर में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर तथा कपूरथला और होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।मंत्रालय के अनुसार पंजाब राज्य में कई राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास की शुरूआत हुई है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 2014 के लगभग 1700 किलोमीटर से बढ़कर साल 2021 में 4100 किलोमीटर से अधिक हो गई है। इस तरह के प्रयासों को जारी रखते हुए पंजाब में दो प्रमुख सड़क गलियारों की आधारशिला रखी जाएगी। प्रमुख धार्मिक केंद्रों तक पहुंच बढ़ाने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।लगभग 39,500 करोड़ रुपये की कुल लागत से 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जाएगा। यह दिल्ली से अमृतसर और दिल्ली से कटरा की यात्रा में लगनेवाले समय को आधा कर देगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, प्रमुख सिख धार्मिक स्थलों- सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरनतारन और कटरा स्थित वैष्णो देवी के पवित्र हिंदू मंदिर को आपस में जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे, तीन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों- हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू और कश्मीर के अंबाला, चंडीगढ़, मोहाली, संगरूर, पटियाला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, कठुआ और सांबा जैसे प्रमुख आर्थिक केंद्रों को भी जोड़ेगा।लगभग 1700 करोड़ रुपये की लागत से अमृतसर-ऊना खंड को चार-लेन का बनाया जाएगा। कुल 77 किलोमीटर लंबा यह खंड उत्तरी पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच लंबवत विस्तार में फैले वृहद अमृतसर से भोटा कॉरिडोर का हिस्सा है, जो चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों- यानी अमृतसर-भटिंडा-जामनगर आर्थिक कॉरिडोर, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर और कांगड़ा-हमीरपुर-बिलासपुर-शिमला कॉरिडोर- को जोड़ता है। यह घोमन, हरगोबिंदपुर और पुलपुक्ता शहर (प्रसिद्ध गुरुद्वारा पुलपुक्ता साहिब का स्थान) में स्थित धार्मिक स्थलों के लिए आवागमन को बेहतर करने में मदद करेगा।प्रधानमंत्री 410 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मुकेरियां और तलवाड़ा के बीच बनने वाली लगभग 27 किलोमीटर लंबी एक नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की आधारशिला रखेंगे। यह रेल लाइन नंगल बांध-दौलतपुर चौक रेलवे खंड का विस्तार होगी। इससे इस इलाके में सभी मौसम में आवागमन लायक परिवहन का साधन उपलब्ध होगा। इस परियोजना का सामरिक महत्व भी है क्योंकि यह मुकेरियां में मौजूदा जालंधर-जम्मू रेलवे लाइन से जुड़कर जम्मू एवं कश्मीर के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी। यह परियोजना पंजाब के होशियारपुर और हिमाचल प्रदेश के ऊना के लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगी। इससे इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हिल-स्टेशनों के साथ-साथ धार्मिक महत्व के स्थानों के लिए आसान संपर्क (कनेक्टिविटी) सुविधा भी उपलब्ध होगी।इनपुट-आईएएनएस
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https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-blog-a-victory-both-for-democracy-and-the-people-of-kashmir-761427
Rajat Sharma’s Blog: ये कश्मीर की जनता और लोकतंत्र, दोनों की जीत है
चुनावों के बाद सड़कों पर जो जश्न मना, उससे लगता है कि कश्मीर की आवाम का लोकतांत्रिक और राजनीतिक प्रक्रिया में भरोसा बढ़ा है।
संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में आयोजित पहले बड़े चुनावों में घाटी की जनता ने एक बेहद ही जरूरी इम्तिहान पास करके दुनिया को यह जता दिया कि घाटी में लोकतंत्र था, है और आगे भी रहेगा। बीजेपी जहां जम्मू क्षेत्र में जिला विकास परिषद (DDC) चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं घाटी के इतिहास में बीजेपी ने पहली बार अपना खाता खोला।पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन, जिसमें फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित 7 पार्टियां शामिल हैं, ने घाटी में अच्छी कामयाबी हासिल की है। इस गठबंधन को गुपकार अलायंस के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, इन चुनावों मं सबसे रोचक बात ये रही कि बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों की भी जीत हुई ।अब जबकि जनता का फैसला आ चुका है, कोई भी यह आरोप नहीं लगा सकता है कि ये चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे। घाटी में लोगों ने बड़ी संख्या में बगैर किसी डर के अपने वोट डाले, पार्टियों ने पूरी तरह खुलकर चुनाव लड़ा, और नतीजे सामने आने के बाद एक भी बड़े नेता को चुनावों के स्वतंत्र और निष्पक्ष होने को लेकर कोई शिकायत नहीं थी।गुपकार गठबंधन को उम्मीद थी कि डीडीसी चुनावों में उसकी बड़ी जीत होगी, लेकिन वह बहुमत हासिल करने में भी नाकाम रहा। बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा और कश्मीर घाटी में 3 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि जम्मू के इलाके में कुल 72 सीटों पर उसके उम्मीदवार विजयी हुए। घाटी के कई निर्वाचन क्षेत्रों में तो बीजेपी बहुत ही कम मार्जिन से हार हुई। सबसे ज्यादा हैरानी की बात बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत रही। वे आम कश्मीरियों के बीच गए, उनसे सड़क, बिजली, पानी, स्कूल और अस्पताल का वादा किया, और कश्मीर की आवाम ने उनके ऊपर भरोसा किया।कुल मिलाकर, इन चुनावों में लोकतंत्र की जीत हुई है। आतंकवादियों के खतरे के चलते कुल 8 चरणों में वोट डाले गए। कुलगाम जैसी जगहों पर भी 60 से 70 पर्सेंट वोटिंग हुई, जो कि हाल के दिनों में कभी नहीं सुना गया। अलगाववादियों और आतंकवादियों की धमकियों के बावजूद लोग अपने घरों से बाहर निकले और अपने मताधिकार का प्रयोग किया। घाटी में लोग अपने-अपने उम्मीदवारों के जीत के बाद जश्न मनाते नजर आए।चुनावों के बाद सड़कों पर जो जश्न मना, उससे लगता है कि कश्मीर की आवाम का लोकतांत्रिक और राजनीतिक प्रक्रिया में भरोसा बढ़ा है। कश्मीर के आम मतदाता ने उन लोगों को सबक सिखा दिया जो सीमा पार बैठे अपने आकाओं के बताए गए एजेंडे पर काम कर रहे थे। आम वोटर, और खासकर महिलाएं जब स बार वोट देने पहुंचीं, तो उन्होने अपनी बुनियादी जरूरतों की बात की, जैसे बिजली, पानी, स्कूल और अस्पताल। लोगों के बीच से ही एक नई पार्टी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी, भी उभर कर सामने आई। इस पार्टी का गठन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुआ था।नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने भी माना कि इस बार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हुए हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बहुत बड़ी उपलब्थि है। उनकी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर जल्द से जल्द लोकतंत्र लाने का वादा किया था। आम लोग अलगाववादियों द्वारा लगभग हर दिन बुलाए जाने वाले बंद से तंग आ चुके थे। वे सुरक्षाबलों पर नौजवानों द्वारा बगैर किसी उकसावे के पत्थर फेंके जाने की घटनाओं से भी दुखी थे।मैं यहां बताना चाहता हूं कि धारा 370 के हटने और जम्मू एवं कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र घोषित करने के बाद, 7 अगस्त 2019 से अक्टूबर 2020 के बीच ग्रामीण इलाकों में औसतन हर रोज 30 किलोमीटर सड़क बन रही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 212 सड़कें और 38 छोटे पुल बनाए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज बनकर तैयार हैं। इसके अलावा कम से कम 40 छोटे-बड़े पावर प्रॉजेक्ट्स शुरू किए गए हैं ताकि बिजली की कमी को पूरा किया जा सके।बेशक, अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। अभी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण करना होगा और कई घरों तक अभी भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। सिनेमाघरों की हालत खस्ता है। आम लोग अभी भी अच्छे 4जी नेटवर्क का इंतजार कर रहे हैं।यह केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन की जिम्मेदारी है कि विकास और कल्याणकारी योजनाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिला विकास परिषद में कौन-सी राजनीतिक पार्टी सत्ता में है। एनसी, पीडीपी, बीजेपी या कांग्रेस, सभी पार्टियों के नेताओं को घाटी में शांति और तरक्की लाने के लिए हाथ मिलाना होगा। यही लोकतंत्र और कश्मीर की आवाम, दोनों के लिए सबसे बड़ी जीत होगी। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 22 दिसंबर, 2020 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/politics-navjot-singh-sidhu-s-dream-of-becoming-punjab-s-cm-can-remain-a-dream-till-2024-814625
कहीं सिद्धू का मुख्यमंत्री बनने का सपना 2024 तक सपना ही ना रह जाए!
चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी देशभर में यह छवि दिखाने का प्रयास कर रही है कि वही एक पार्टी है जो दलितों के उत्थान के लिए काम करती है और क्योंकि पंजाब के साथ उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और उत्तर प्रदेश में भी दलित वोट किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी दलितों के उत्थान के लिए काम करने वाली छवि का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कर सकती है।
चंडीगढ़. पंजाब में पहला दलित मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी ने जो दांव चला है उस दांव को 2024 के लोकसभा चुनाव तथा अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके चरणजीत सिंह चन्नी सिद्धू कैंप के नेता हैं। अंदरखाने की खबरों के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ही चन्नी का नाम आगे किया था ताकि आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों में दलित वोटों को साधा भी जा सके और चुनावों के प्रमुख चेहरे के तौर पर सिद्धू आगे भी रहें। बीते चार महीनों से जब पंजाब में सिद्धू और कैप्टन की अदावत चल रही थी तो ऐसा लग रहा था कि कैप्टन को हटा कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सिद्धू खुद बैठना चाह रहे थे। सिद्धू को जब कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया तो उस वक्त भी सिद्धू अपने साथ कांग्रेस विधायकों का जत्था लेकर स्वर्ण मंदिर पहुंच गए थे। स्वर्ण मंदिर जाकर सिद्धू ने आस्था का प्रर्दशन तो किया है अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया था।सिद्धू खेमे के कई विधायक और सलाहकार लगातार कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोले बहुत कुछ कहते जा रहे थे और हर मौके को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए सिद्धू भी रह-रहकर दिल्ली पहुंच जाते थे। कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला किया तो ऐसा लगा कि सिद्धू कामयाब हो गए हैं और उनके लिए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन कैप्तान अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को देश विरोधी बताकर शायद उनके सपनों पर पानी फेर दिया। हालांकि सिर्फ अमरिंदर सिंह की टिप्पणियों की वजह से ही नहीं, बल्कि जातीय समीकरण को सधने के लिए भी कांग्रेस ने सिद्धू की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी। हालांकि कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने यह संकेत भी दिए कि अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव को पार्टी सिद्धू के नेतृत्व में लड़ेगी। अब बड़ा सवाल उठता है कि अगर सिद्धू के नेतृत्व में कांग्रेस पंजाब का विधानसभा चुनाव लड़ती है और जीत भी जाती है तो फिर मुख्यमंत्री कौन बनेगा? क्या चरणजीत सिंह चन्नी पर ही दांव खेला जाएगा या फिर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने जो दांव खेला है उसे देखें, तो ऐसा लगता नहीं कि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने पर सिद्धू मुख्यमंत्री बनेंगे। कम से कम 2024 के लोकसभा चुनाव तक तो कांग्रेस पार्टी चन्नी को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाएगी और अगर उससे पहले ही चन्नी को हटाकर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो लोकसभा चुनाव में ऐसा संकेत जाएगा कि कांग्रेस ने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए दलित चेहरे का इस्तेमाल किया। कांग्रेस पार्टी कम से कम लोकसभा चुनाव में तो इस छवि के साथ नहीं उतरना चाहेगी। 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस पार्टी की जीत होती है तो ऐसी पूरी संभावना है कि चरणजीत सिंह चन्नी ही मुख्यमंत्री रहेंगे और कम से कम 2024 तक सिद्धू का पंजाब का मुख्यमंत्री बन पाना मुश्किल है। दरअसल चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी देशभर में यह छवि दिखाने का प्रयास कर रही है कि वही एक पार्टी है जो दलितों के उत्थान के लिए काम करती है और क्योंकि पंजाब के साथ उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होने हैं और उत्तर प्रदेश में भी दलित वोट किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी दलितों के उत्थान के लिए काम करने वाली छवि का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कर सकती है। 2022 में ही पंजाब से लगते हिमाचल प्रदेश तथा गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस पार्टी वहां पर भी अपने 'दलित कार्ड' का इस्तेमाल कर सकती है। इसके अलावा 2024 में लोकसभा चुनाव है और पंजाब से लगते हरियाणा में भी उसी साल विधानसभा चुनाव है। कांग्रेस पार्टी का पूरा प्रयास रह सकता है कि वह अपने 'दलित कार्ड' का इस्तेमाल आने वाले हर चुनाव में करे।
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नारायण राणे, आरसीपी सिंह और भूपेंद्र यादव समेत कुल 32 नेता पहली बार बने केंद्रीय मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में मंत्री बनने वाले कुल 43 नेताओं में 32 ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में मंत्री बनने वाले कुल 43 नेताओं में 32 ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे। ऐसे नेताओं में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष आरसीपी सिंह, बीजेपी के महामंत्री भूपेंद्र यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के पारस गुट के नेता पशुपति कुमार पारस प्रमुख हैं। वहीं, शपथ लेने वाले मंत्रियों में से 11 ऐसे हैं जो पहले भी केंद्र में जिम्मेदारी निभा चुके हैं।कभी शिवसेना के बड़े नेता रहे राणे 1999 में करीब नौ महीने तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। बाद में कांग्रेस में शामिल हुए और महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री रहे। साल 2017 में वह बीजेपी में शामिल हुए और कुछ समय बाद राज्यसभा सदस्य बने। वह पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं। जेडीयू के अध्यक्ष आरसीपी सिंह भी पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं। राज्यसभा सदस्य अपनी पार्टी के कोटे से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में इकलौते सदस्य हैं। पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे सिंह कुछ महीने पहले ही जेडीयू के अध्यक्ष बने थे। बीजेपी के कद्दावर नेता और पार्टी की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भूपेंद्र यादव भी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। वह पेशे से वकील हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।LJP (पारस गुट) के नेता पशुपति पारस भी पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल हुए हैं। इससे पहले उनके भाई रामविलास पासवान मोदी सरकार में मंत्री थे जिनका पिछले साल निधन हो गया था। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे अश्विनी वैष्णव भी पहली बार मंत्री बने हैं। वह ओडिशा से राज्यसभा सदस्य हैं। इनके अलावा, एसपी सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, बीएल वर्मा, अजय भट्ट, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, एल मुरुगन, निशीत प्रमाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं।जिन मंत्रियों ने बुधवार को शपथ ली उनमें डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप पुरी, मनसुख मनडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुर और अनुप्रिया पटेल ही ऐसे मंत्री हैं जो पहले भी केंद्रीय मंत्री के दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national/corona-case-more-than-16-thousand-new-cases-in-24-hours-206-people-died-2022-02-21-836755
Corona Case: 24 घंटे में 16 हजार से ज्यादा नए मामले, 206 लोगों की हुई मौत
बीते 24 घंटे में 16 हजार 51 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 206 लोगों की मौत हुई। नए मामलों के बाद देश में एक्टिव केस की संख्या 2 लाख 2 हजार 131 पहुंच गई है। वहीं, पॉजिटिविटी रेट 1.93 प्रतिशत पर बनी हुई है।
देश में कोरोना की रफ्तार थमती नज़र आ रही है। बीते 24 घंटे में 16 हजार 51 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस दौरान 206 लोगों की मौत हुई। नए मामलों के बाद देश में एक्टिव केस की संख्या 2 लाख 2 हजार 131 पहुंच गई है। वहीं, पॉजिटिविटी रेट 1.93 प्रतिशत पर बनी हुई है। कोरोना से अब तक 5 लाख 12 हजार 109 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को 19 हजार 968 नए मामलों की पुष्टि हुई थी। इस दौरान 48 हजार 847 मरीज रिकवर हुए थे और 673 मरीजों की मौत हुई थी। रविवार को पॉजिटिविटी रेट भी 1.68 प्रतिशत पहुंच गई थी। भारत में शनिवार को 22,270 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के कारण महामारी के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,28,02,505 हो गई थी, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 2,53,739 रह गई थी।देश में गुरुवार को 24 घंटे में कोरोना के 30 हजार 757 नए मामलों की पुष्टि हुई थी। इस दौरान 541 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। 24 घंटे में 67 हजार 538 कोरोना के मरीज ठीक हुए थे। अभी देश में 3 लाख 32 हजार 918 एक्टिव केस थे। वहीं, पॉजिटिविटी रेट 2.61 प्रतिशत पहुंच गई थी। कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई थी।
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https://www.indiatv.in/india/national-corona-restrictions-do-not-affect-vaccination-center-advises-states-785472
कोरोना पाबंदियों का टीकाकरण पर बुरा असर न पड़े, केंद्र की राज्यों को सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा आवाजाही पर लगायी गई पाबंदियों से टीकाकरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा आवाजाही पर लगायी गई पाबंदियों से टीकाकरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें कुछ राज्यों और जिलों में कुछ अवधि के लिए कर्फ्यू और आंशिक/पूर्ण लॉकडाउन लगाना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इसी तरह से कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के प्रबंधन के लिए कुछ अस्पतालों को केवल कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के लिए समर्पित कोविड-19 अस्पतालों के रूप में चिह्नित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस संबंध में सलाह दी जाती है कि कोविड-19 टीकाकरण सेवाएं कोविड-19 कर्फ्यू/लॉकडाउन से प्रभावित नहीं होनी चाहिए और ऐसे कदमों के दौरान लाभार्थियों की कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के लिए आवाजाही प्रतिबंधित नहीं की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, उन सीवीसी को जिन्हें समर्पित कोविड-19 अस्पतालों के रूप में पहचाना गया है, उन्हें निरंतर कोविड-19 टीकाकरण सेवाएं प्रदान करते रहना चाहिए। इन अस्पतालों में एक अलग इमारत/ब्लॉक में टीकाकरण सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए, जो उस भवन या ब्लॉक से अलग होती हो, जहां कोविड-19 के रोगियों का प्रबंधन किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इससे सुनिश्चित होगा कि इन अस्पतालों में टीकाकरण के लाभार्थी अनजाने में कोविड-19 के संपर्क में न आयें। अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं आपसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 टीकाकरण की निर्बाध निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का विनम्र अनुरोध करता हूं। भारत सरकार कोविड-19 टीकाकरण के लिए हर संभव सहयोग करेगी, जो महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को अब तीन महीने पूरे हो चुके हैं, जिस दौरान कोविड-19 टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय किये गए प्राथमिकता वाले लाभार्थियों को 12.26 करोड़ खुराक दी गई है।
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https://www.indiatv.in/india/national-government-reconstitutes-powerful-cabinet-committees-includes-smriti-irani-bhupender-yadav-sarbananda-sonowal-801572
मंत्रिमंडल समितियों में बदलाव; स्मृति, भूपेंद्र, सोनोवाल राजनीतिक मामलों की समिति में शामिल
सुरक्षा मामलों पर निर्णय लेने वाली देश की सर्वोच्च संस्था - सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति- और नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडल समिति की संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नई दिल्ली. सरकार ने मंत्रिमंडल की शक्तिशाली समितियों का पुनर्गठन किया है, जिसके तहत केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी, भूपेंद्र यादव और सर्वानंद सोनोवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की महत्वपूर्ण मंत्रिमंडल समिति का सदस्य बनाया गया है।मंत्रिमंडल सचिवालय की सोमवार रात जारी अधिसूचना के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति में केंद्रीय मंत्रियों वीरेंद्र कुमार, किेरेन रीजीजू और अनुराग सिंह ठाकुर को शामिल किया गया है।हालांकि, सुरक्षा मामलों पर निर्णय लेने वाली देश की सर्वोच्च संस्था - सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति- और नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडल समिति की संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडल समिति संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के पद पर सरकारी नियुक्तियों के संबंध में फैसला करती है।सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति के सदस्यों में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर हैं। नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडल समिति में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री शामिल हैं।केंद्रीय मंत्रियों नारायण राणे, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया और अश्विनी वैष्णव को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली निवेश एवं विकास संबंधी मंत्रिमंडल समिति में नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली रोजगार और कौशल विकास संबंधी मंत्रिमंडल समिति में केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, रामचंद्र प्रसाद सिंह और जी.किशन रेड्डी को नये सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है।
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चमोली आपदा: कुल 26 लोगों के शव मिले, 171 अब भी लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा के बाद अभी तक कुल 26 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने सोमवार रात को यह जानकारी ट्वीट कर दी।
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई आपदा के बाद अभी तक कुल 26 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने सोमवार रात को यह जानकारी ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "8 फरवरी को रात 8 बजे तक तपोवन में बरामद किए गए शवों की संख्या 26 है। 171 लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से लगभग 35 सुरंग में हैं, जहां बचाव अभियान अभी भी जारी है।"लापता लोगों की तलाश के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों के बचाव और राहत अभियान में जुट जाने से उसमें तेजी आ गई है। उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, आपदा में 171 लोगों के लापता होने की सूचना है जबकि अभी तक 26 शव बरामद हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि लापता लोगों में पनबिजली परियोजनाओं में कार्यरत लोगों के अलावा आसपास के गांवों के स्थानीय लोग भी है जिनके घर बाढ के पानी में बह गए। वहीं, केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और बताया कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड परियोजना को अनुमानित 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी को परियोजना में मरने वालों के परिजनों को 20—20 लाख रुपये मुआवजा देने को भी कहा गया है ताकि वह इस त्रासदी से उबर सकें। आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन क्षेत्र में बिजली परियोजना की छोटी सुरंग से 12 लोगों को रविवार को ही बाहर निकाल लिया गया था जबकि 250 मीटर लंबी दूसरी सुरंग में फंसे 35 लोगों को बाहर निकालने के लिए अभियान जारी है। बचाव और राहत अभियान में बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और स्निफर कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, सुरंग के घुमावदार होने के कारण उसमें से मलबा निकालने तथा अंदर तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। रविवार को मुख्यमंत्री रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था और सोमवार को वह फिर बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए तपोवन पहुंचे। तपोवन के लिए रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘मैं प्रभावित क्षेत्रों में जा रहा हूं और रात्रि प्रवास वहीं करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं और सरकार इसमें कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने इस हादसे को विकास के खिलाफ दुष्प्रचार का कारण नहीं बनाने का भी लोगों से अनुरोध किया। सीएम रावत ने कहा कि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं जबकि गढ़वाल आयुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल को भी सोमवार से वहीं कैंप करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक, गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत आदि ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। संपर्क से कट गए 13 गांवों में हैलीकॉटर की मदद से राशन, दवाइयां तथा अन्य राहत सामग्री पहुंचाई जा रही हैं।राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल मद से 20 करोड़ रुपये तत्काल जारी कर दिए गए हैं। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि सरकार की मंशा लापता लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की है जिसकी जल्द ही प्रक्रिया तय की जाएगी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-overnment-is-supporting-hundreds-of-projects-in-the-fight-against-coronavirus-harshvardhan-758369
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सैकड़ों परियोजनाओं को समर्थन दे रही है सरकार: हर्षवर्धन
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि सरकार कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सैकड़ों परियोजनाओं को समर्थन दे रही है और 100 से अधिक स्टार्ट-अप ने कोविड-19 से निपटने के लिए अभिनव उत्पाद विकसित किये हैं।
नई दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि सरकार कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सैकड़ों परियोजनाओं को समर्थन दे रही है और 100 से अधिक स्टार्ट-अप ने कोविड-19 से निपटने के लिए अभिनव उत्पाद विकसित किये हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित भारत-पुर्तगाल टेक समिट को संबोधित करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 टीका अनुसंधान के लिए 12 करोड़ डॉलर के अनुदान की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कोविड सुरक्षा मिशन के लिए ऐसा किया जा रहा है और इसका मकसद पूरी तरह इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास करना है। मंत्री ने कहा, ‘‘स्वदेशी टीकों के विकास, परंपरागत ज्ञान पर आधारित अभिनव निदान और उपचार तरीकों से लेकर अनुसंधान तथा सेवाएं देने तक भारतीय निजी और सरकारी अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) संस्थाएं महामारी से लड़ने के प्रभावी तरीके इजाद करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।’’ हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘सैकड़ों परियोजनाओं का समर्थन किया जा रहा है। 100 से अधिक स्टार्ट-अप ने कोविड-19 के लिए अभिनव उत्पाद विकसित किये हैं।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-pranab-mukherjee-still-in-deep-coma-renal-parameters-slightly-deranged-hospital-737396
प्रणब मुखर्जी अब भी गहन कोमा में, रक्त संचार स्थिर: अस्पताल
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब भी गहन कोमा में हैं लेकिन रक्त संचार सामान्य है। यह जानकारी रविवार को उनका इलाज कर रहे अस्पताल ने दी। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि 84 वर्षीय मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया है और फेफड़े में संक्रमण का इलाज किया जा रहा है।
नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब भी गहन कोमा में हैं लेकिन रक्त संचार सामान्य है। यह जानकारी रविवार को उनका इलाज कर रहे अस्पताल ने दी। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि 84 वर्षीय मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया है और फेफड़े में संक्रमण का इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों ने कहा कि मरीज का रक्त संचार सभी मानकों पर स्थिर है जैसे रक्तचाप, हृदय एव नाड़ी की गति स्थिर और सामान्य है।गौरतलब है कि मुखर्जी को 10 अगस्त को दिल्ली स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी दिन दिमाग में जमे खून के थक्के को निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया था। अस्पताल में भर्ती के दौरान की गई जांच में उनके कोरानो वायरस से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई थी। बाद में उनके फेफड़े में संक्रमण हो गया और गुर्दे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुखर्जी वर्ष 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-controversy-over-asaduddin-owaisi-bow-down-at-dargah-in-bahraich-800830
Controversy: ओवैसी ने गाजी मियां दरगाह पर चढ़ाई चादर, लेकिन राजा सुहेलदेव के स्मारक पर नहीं गए
मिशन 2022 के लिए उत्तर प्रदेश पहुंचे एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी नई कॉन्ट्रोवर्सी में घिर गए हैं। ओवैसी कल बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर गए थे जहां उन्होंने चादर चढ़ाई...
लखनऊ: मिशन 2022 के लिए उत्तर प्रदेश पहुंचे एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी नई कॉन्ट्रोवर्सी में घिर गए हैं। ओवैसी कल बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर गए थे जहां उन्होंने चादर चढ़ाई लेकिन उसी बहराइच में मौजूद राजा सुहेलदेव की स्मारक पर नहीं गए। राजा सुहेलदेव ने ही युद्ध में सैयद सालार मसूद गाजी को हराया था इसीलिए अब बीजेपी ने इसे लेकर ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर को निशाने पर ले लिया है। दिलचस्प बात ये है कि ओवैसी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर के साथ मिलकर ही यूपी में चुनाव लड़ रहे हैं और राजभर समाज के नायक राजा सुहेलदेव के स्मारक पर ना जाना सवाल खड़े करता है।तो सवाल ये है कि क्या गाजी के सम्मान के चक्कर में ओवैसी ने राजभर समाज का अपमान कर दिया। दरअसल राजा सुहेलदेव की छवि राजभर समाज में हिंदू नायक के तौर पर है। भारत पर 17 बार आक्रमण करने वाले महमूद गजनवी के भांजे सैय्यद सालार मसूद गाजी को महाराजा सुहेलदेव ने 5 दिनों तक चले युद्ध में हराया था और मार दिया था। सुहेलदेव का सियासी महत्व ओम प्रकाश राजभर के लिए कितना अधिक है, इसका अंदाजा उनकी पार्टी के नाम से ही लगाया जा सकता है लेकिन ओवैसी के राजा सुहेलदेव के स्मारक पर ना जाने के बाद ओमप्रकाश राजभर पर भी सवाल उठ रहे हैं।ओवैसी के साथ बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की मजार पर जाने के मसले पर सफाई देते हुए राजभर ने कहा कि वह गाजी की मजार पर नहीं गए थे। सुभासपा के अध्यक्ष राजभर ने ओवैसी के साथ बृहस्पतिवार को बहराइच में एक कार्यक्रम को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि वह ओवैसी के साथ उनकी पार्टी के कार्यालय के उद्घाटन के कार्यक्रम में शरीक हुए थे। ओवैसी सैयद सालार मसूद गाजी के मजार पर सजदा करने गए लेकिन वह उनके साथ मजार पर नहीं गए थे। उन्होंने कहा ओवैसी जी की व्यक्तिगत आस्था है, वह कहीं भी आने जाने के लिए स्वतंत्र हैं। योगी सरकार के जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाने के मसले पर उन्होंने कहा कि भाजपा को शिगूफा छोड़ने की आदत हो गई है।वहीं, बीजेपी ने इसे राजभर समाज का अपमान बताया है। योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि राजभर समाज सब देख रहा है और इसका जबाव देगा।
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https://www.indiatv.in/india/national-chinese-actions-last-year-responsible-for-eastern-ladakh-standoff-says-india-798136
विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन का सैनिकों को इकट्ठा करना पूर्वी लद्दाख गतिरोध के लिए जिम्मेदार
भारत ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले वर्ष चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने जैसे कदम इस क्षेत्र में जारी सैन्य गतिरोध के लिये जिम्मेदार हैं।
नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले वर्ष चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करना और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश करने जैसे कदम इस क्षेत्र में जारी सैन्य गतिरोध के लिये जिम्मेदार हैं और ये कदम भारत-चीन द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन भी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह प्रतिक्रिया तब दी जब उनसे चीनी विदेश मंत्रालय के इस वक्तव्य के बारे में पूछा गया कि सीमावर्ती क्षेत्र में चीन की सैन्य तैनाती भारत के अतिक्रमण या खतरे को रोकने के लिए है तथा इस क्षेत्र में चीन की सैन्य तैनाती सामान्य रक्षात्मक व्यवस्था है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि पिछले साल की चीनी कार्रवाई (पश्चिमी सेक्टर में) ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति को गंभीर रूप से प्रभावित किया।’ उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश करने से शांति भंग हुयी। इससे सीमावर्ती क्षेत्र में शांति एवं समरसता को गंभीर नुकसान पहुंचा है। बागची ने कहा कि पिछले साल की चीनी कार्रवाई 1993 और 1996 के समझौते सहित उन द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन थी जिनके तहत दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान करने तथा न्यूनतम संख्या में सैनिक रखने की आवश्यकता है।गौरतलब है कि कतर इकॉनोमिक फोरम में ऑनलाइन संबोधन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से जुड़े मामले में बड़ा मुद्दा यह है कि क्या भारत और चीन पारस्परिक संवेदनशीलता एवं सम्मान पर आधारित रिश्ते बना सकते हैं और क्या बीजिंग उस लिखित प्रतिबद्धता पर कायम रहेगा जिसमें दोनों पक्षों द्वारा सीमा पर बड़ी संख्या में सशस्त्र बलों की तैनाती नहीं करना शामिल है। जयशंकर ने यह भी साफ किया था कि भारत के क्वाड का हिस्सा बनने और चीन के साथ सीमा विवाद के बीच आपस में कोई संबंध नहीं है।जयशंकर ने कहा था, 'भारत-चीन सीमा विवाद क्वाड के अस्तित्व में आने से पूर्व का है। कई मायनों में यह एक चुनौती और समस्या है जो कि क्वाड से बिलकुल अलग है। बेशक, फिलहाल यहां दो बड़े मुद्दे हैं, जिनमें से एक सैनिकों की तैनाती का मुद्दा है, विशेषकर लद्दाख में।' इसके बाद चीन ने बुधवार को कहा था कि भारत के साथ लंबित सीमा मुद्दे को शांतिपूर्ण बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए और इसे द्विपक्षीय संबंधों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि सीमा के पश्चिमी सेक्टर में चीन की सैन्य तैनाती सामान्य रक्षात्मक व्यवस्था है। यह संबंधित देश द्वारा चीन के क्षेत्र के खिलाफ अतिक्रमण या खतरे को रोकने के लिए है।एक अन्य सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध को लेकर सीमा मामलों के संबंध में परामर्श एवं समन्वय कार्य तंत्र (WMCC) की अगली बैठक को लेकर ताजा जानकारी नहीं है। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पिछले वर्ष मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैन्य गतिरोध है। हालांकि, दोनों पक्षों ने कई दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी। समझा जाता है कि कुछ क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने को लेकर अभी गतिरोध बरकरार है।पिछले महीने सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूरी तरह से पीछे हटे बिना स्थिति सामान्य नहीं हो सकती है और भारतीय सेना क्षेत्र में सभी स्थितियों के लिये तैयार है।
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https://www.indiatv.in/india/national-punjab-chief-minister-capt-amrinder-singh-table-bill-against-3-news-agriculture-laws-in-state-assembly-748636
नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश
विपक्ष और कांग्रेस पार्टी इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार के इस कानून से कृषि उपज मंडियां खत्म हो जाएंगी। विपक्ष यह भी कह रहा है कि सरकार के इन कानूनों से किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य मिलना बंद हो जाएगा।
चंडीगढ़। कृषि और किसानों को लेकर हाल में बने 3 नए कानूनों को लेकर पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश कर दिया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को प्रस्ताव पेश किया। पंजाब की कांग्रेस सरकार लगातार 3 नए कानूनों का विरोध कर रही है और इसको लेकर पिछले दिनों धरना प्रदर्शन भी हुए हैं। पंजाब सरकार ने अपने यहां इन तीनों कानूनों को लागू करने से मना किया है और इसी को लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया गया है। केंद्र ने जो 3 नए कृषि कानून बनाए हैं उनके तहत किसानों को अपनी फसल कृषि उपज मंडी के बाहर बेचने की आजादी दी है, किसान चाहे अपनी फसल मंडी में बेचे या मंडी के बाहर। इसके अलावा कुछ कृषि उत्पादों को स्टॉक लिमिट से हटाया गया है और साथ में किसानों के लिए कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को सुगम किया गया है। विपक्ष और कांग्रेस पार्टी इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि सरकार के इस कानून से कृषि उपज मंडियां खत्म हो जाएंगी। विपक्ष यह भी कह रहा है कि सरकार के इन कानूनों से किसानों को फसलों का समर्थन मूल्य मिलना बंद हो जाएगा। हालांकि सरकार पहले ही यह साफ कर चुकी है कि समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है और आगे भी पहले की तरह किसानों से समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद होती रहेगी। हालांकि विपक्ष मांग कर रहा है कि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद को कानून बनाए।
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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-to-host-india-central-asia-summit-today-discuss-regional-security-and-mutual-relations-2022-01-27-833174
India-Central Asia Summit: पीएम मोदी आज करेंगे भारत-मध्य एशिया समिट की मेजबानी, क्षेत्रीय सुरक्षा और आपसी संबंधों पर होगी चर्चा
India-Central Asia Summit: नरेंद्र मोदी गुरुवार को भारत और मध्य एशिया के बीच पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। वर्चुअल माध्यम से हो रही इस समिट के दौरान इसमें शामिल होने वाले नेता क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कदमों पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे लेकर अपने विचार साझा करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को भारत और मध्य एशिया के बीच पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। वर्चुअल माध्यम से हो रही इस समिट के दौरान इसमें शामिल होने वाले नेता क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कदमों पर विचार-विमर्श करेंगे और इसे लेकर अपने विचार साझा करेंगे।पांच देशों के प्रेसीडेंट लेंगे हिस्साइस शिखर सम्मेलन में पांच देशों के राष्ट्रपति हिस्सा लेंगे। इनमें कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोटाएव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्डिमोहम्मद और किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति सादिर जापारोव के नाम शामिल हैं।बता दें कि जिस भारत-मध्य एशिया की वर्चुअल समिट पहली बार होने जा रही है।‌ उसकी शुरुआत विदेश मंत्रियों के स्तर पर पहले भी की जा चुकी है।‌ विदेश मंत्रियों द्वारा इसकी तीसरी बैठक 18-20 दिसंबर, 2021 तक नई दिल्ली में हुई थी, जिसने भारत-मध्य एशिया संबंधों को गति प्रदान की है।भारत-मध्य एशिया की साझेदारी का प्रतीक है यह समिटविदेश मंत्रालय के अनुसार यह भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच अपनी तरह का पहला आयोजन होगा। मंत्रालय ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं की ओर से व्यापक और स्थायी भारत-मध्य एशिया साझेदारी के महत्व का प्रतीक है।विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल बैठक को सकारात्मक पहल बताते हुए कहा कि पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान उम्मीद है कि नेता भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कदमों पर चर्चा करेंगे।
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https://www.indiatv.in/india/national-ats-gujarat-indian-coast-guard-apprehended-one-pakistani-boat-with-8-pakistani-nationals-and-30-kg-of-heroin-784786
आतंकवाद रोधी दस्ते ने 8 पाकिस्तानियों सहित बोट पकड़ी, 30 किलो हेरोईन भी बरामद
भारतीय तटरक्षक दल और गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते ने अरब सागर से लगी भारतीय समुद्री सीमा के अंदर एक बोट को पकड़ा है जिसमें 8 पाकिस्तानी सवार थे, तटरक्षक दल और आतंकवाद रोधी दस्ते को 8 पाकिस्तानियों से 30 किलो हेरोईन भी बरामद हुई है।
कच्छ: भारतीय तटरक्षक दल और गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) ने अरब सागर से लगी भारतीय समुद्री सीमा के अंदर एक बोट को पकड़ा है जिसमें 8 पाकिस्तानी सवार थे, तटरक्षक दल और आतंकवाद रोधी दस्ते को 8 पाकिस्तानियों से 30 किलो हेरोईन भी बरामद हुई है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार कच्छ जिले के जाखू समुद्री तट के पास बोट को पकड़ा गया है। इंडियन कोस्ट गार्ड ने थोड़ी देर पहले ही पकड़े गए पाकिस्तानियों और हेरोईन के बारे में जानकारी दी है।आईसीजी ने टि्वटर पर कहा, ‘‘आईसीजी ने एटीएस गुजरात के साथ एक संयुक्त अभियान में आज भारतीय समुद्री क्षेत्र में आईएमबीएल (अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा) के समीप जखाऊ तट से पाकिस्तानी नौका पीएफबी (पाकिस्तानी फिशिंग बोट) पकड़ी। इसमें आठ पाकिस्तानी नागरिक सवार थे और 30 किग्रा हेरोइन रखी हुई थी।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-twitter-parliamentary-committee-summons-twitter-on-misuse-of-platform-796277
संसदीय समिति ने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग पर ट्विटर को किया तलब
सूचना और प्रौद्योगिकी मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने ट्विटर को 18 जून को पेश होने और अपने मंच के दुरुपयोग को रोकने पर अपने विचार रखने को कहा है।
नई दिल्ली. सूचना और प्रौद्योगिकी मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने ट्विटर को 18 जून को पेश होने और अपने मंच के दुरुपयोग को रोकने पर अपने विचार रखने को कहा है। बैठक संसद परिसर में आयोजित की जाएगी, जहां ट्विटर के प्रतिनिधियों, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों और समिति के सदस्यों की उपस्थिति में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के 31 सांसद शामिल हैं।इस बातचीत में डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सोशल मीडिया के बेजा इस्तेमाल को रोकने के मुद्दे पर बातचीत के लिए ट्विटर को तलब किया गया है। बैठक में संसदीय समिति ट्विटर के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनेगी।बैठक के लिए एजेंडा पेपर सदस्यों के ई-पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे और साथ ही इन्हें सदस्यों को मेल पर भी भेजा जाएगा। सदस्यों से बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि सोशल नेटवकिर्ंग साइटों के दुरुपयोग की पृष्ठभूमि में यह मुद्दा बहुत संवेदनशील है। कांग्रेस नेता शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष हैं, जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सहित 31 सदस्य शामिल हैं।सोशल नेटवकिर्ंग साइटों के दुरुपयोग का संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार को ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम से इन सोशल नेटवकिर्ंग साइटों पर एक पोस्ट के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी थी। इसमें चल रही कोविड-19 महामारी के बीच अनाथ बच्चों को अवैध रूप से गोद लेने की पेशकश की गई थी।शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने इन चार सोशल मीडिया संस्थाओं को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वे इस तरह के पोस्ट के बारे में रिपोर्ट करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सोशल नेटवकिर्ंग साइटों को लिखे एक पत्र में, एनसीपीसीआर ने सुझाव दिया कि यदि कोई व्यक्ति ऐसी कोई सामग्री पोस्ट करता है, तो तत्काल रिपोर्ट आयोग या कानून प्रवर्तन अधिकारियों या राज्य आयोग को यूजर के विस्तृत आईपी एड्रेस के साथ भेजी जानी चाहिए।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-congress-captured-by-left-workers-its-leaders-joining-bjp-795930
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 'लेफ्ट' की ओर तो, उसके नेता 'राइट' की ओर खिसके
राज्य के लगभग हर कांग्रेसी व्यक्ति, जो एक दशक से पार्टी में है, की एक ही शिकायत है - वामपंथी विचारधारा के बहुत सारे नेता हैं जिन्हें पार्टी संगठन पर थोपा गया है। अचानक ही ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और रिहाई मंच जैसे वामपंथी संगठनों से लाए गए नेता प्रमुख पदों पर काबिज हो गए हैं।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का झुकाव वामपंथ की ओर हो रहा है, तो उसके नेता एक के बाद एक दक्षिणपंथ की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। पार्टी उस राज्य में तेजी से अलग-थलग होती जा रही है, जो कभी उसका गढ़ माना जाता था। पार्टी के अपने ही नेताओं का दावा है कि वामपंथी संगठनों के युवा नेताओं द्वारा इसपर कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "पार्टी में जो नया नेतृत्व थोपा जा रहा है, वह वामपंथी है । पार्टी आलाकमान को लगता है कि वे कांग्रेस को पुनर्जीवित कर सकते हैं।"पूर्व कांग्रेस नेता नदीम अशरफ जायसी ने कहा, "तथ्य यह है कि ये नेता पार्टी की विचारधारा और संस्कृति को भी नहीं समझते हैं। यही कारण है कि अन्य नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं।" जायसी अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। एक के बाद एक नेता के रूप में कांग्रेस से बाहर चले जाने के बाद, प्रियंका गांधी वाड्रा की टीम के एक प्रमुख सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "उत्तर प्रदेश में, पार्टी संगठन और नेतृत्व एक क्रांतिकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पुराने और स्थापित चेहरों की अनदेखी की जा रही है।" उन्होंने आगे कहा, "जितिन प्रसाद, या उस मामले के लिए किसी अन्य दिग्गज को यह समझने की जरूरत है कि राजनीति एक स्थिर मामला नहीं हो सकता है। नेतृत्व और जिम्मेदारियां समय के साथ बदलती हैं।"नवंबर 2019 में, यूपी कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 10 वरिष्ठ नेताओं - जिनमें से दो पूर्व मंत्री थे - उनको निष्कासित कर दिया था। 'पार्टी विरोधी गतिविधियां' यह थीं कि वे नेहरू जयंती पर एक नेता के आवास पर पार्टी की स्थिति पर चर्चा करने के लिए मिले थे।एक पूर्व एमएलसी और 10 निष्कासित नेताओं में से एक हाजी सिराज मेहंदी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में और केंद्र में भी कांग्रेस के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे नेता सुनना और चर्चा नहीं करना चाहते हैं। पिछले दो वर्षों से, हम सोनिया गांधी के साथ मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन असफल रहे हैं। यदि कोई पार्टी कार्यकर्ता अपने नेता से नहीं मिल सकता है, तो आप किसी पार्टी के जीवित रहने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?"राज्य के लगभग हर कांग्रेसी व्यक्ति, जो एक दशक से पार्टी में है, की एक ही शिकायत है - वामपंथी विचारधारा के बहुत सारे नेता हैं जिन्हें पार्टी संगठन पर थोपा गया है। अचानक ही ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और रिहाई मंच जैसे वामपंथी संगठनों से लाए गए नेता प्रमुख पदों पर काबिज हो गए हैं। शुरुआत प्रियंका गांधी के निजी सहायक संदीप सिंह से करें, तो वो आइसा से आए हैं। इसके अलावा प्रशासन प्रमुख और सोशल मीडिया प्रभारी जैसे प्रमुख पदों को संभालने वाले वामपंथी संगठनों के युवा नेता हैं।संदीप सिंह जेएनयू में आइसा के पूर्व अध्यक्ष थे। आइसा के एक अन्य पूर्व पदाधिकारी मोहित पांडे यूपीसीसी के सोशल मीडिया प्रमुख हैं। शाहनवाज हुसैन, जो पहले रिहाई मंच के साथ थे, जो आतंकवादी संदिग्धों की वकालत के लिए जाने जाते हैं, अब यूपीसीसी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख हैं। यूपीसीसी के एक पूर्व प्रवक्ता ने कहा, "मैंने पार्टी कार्यालय आना बंद कर दिया है क्योंकि यह वह संस्कृति नहीं है जिसके साथ मैं रहता हूं। आपके पास जूते पहने हुए और टेबल पर पैर रखने वाले नेता हैं। वे हाथों में सिगरेट लेकर घूमते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करने से पहले नहीं सोचते हैं। वे अभी तक छात्र राजनीति से बाहर नहीं निकले हैं और एक राजनेता को जो गरिमा बनाए रखनी चाहिए उसे नहीं जानते हैं।"जैसे-जैसे कांग्रेस अपने वामपंथी नेताओं पर निर्भर होती जा रही है, उसके अपने नेता दक्षिणपंथी हो गए हैं और भाजपा की ओर जा रहे हैं। जितिन प्रसाद नवीनतम उदाहरण हैं। पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस ने भाजपा के हाथों कई वरिष्ठ नेताओं को खो दिया है। यूपीसीसी की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले दक्षिणपंथी बनने वालों में सबसे पहली नेता थीं। कांग्रेस एमएलसी दिनेश सिंह ने 2018 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।2019 में, पूर्व सांसद रत्ना सिंह और संजय सिंह भाजपा में चले गए, उसके बाद पूर्व विधायक अमीता सिंह का स्थान आया। पूर्व विधायक जगदंबिका पाल ने 2014 में बीजेपी को चुना था। भाजपा में शामिल हुए पूर्व कांग्रेसी नेताओं में से एक ने IANS से बात करते हुए कहा, "कांग्रेस नेतृत्व के साथ समस्या यह है कि वे परवाह नहीं करते हैं। मैं कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहता था, लेकिन जब मैंने पाया कि मैं जो कहना चाहता था, मेरे नेता ने उसका जवाब भी नहीं दिया, मैंने पार्टी से बाहर निकलने का फैसला किया। "उन्होंने स्वीकार किया कि यदि नेतृत्व ने उन्हें उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए समय दिया होता तो वे कांग्रेस नहीं छोड़ते। हाजी सिराज मेहंदी ने कहा " जैसा कि आइसा और रिहाई मंच के लोग पार्टी की धुरी बन गए हैं, कट्टर गांधी वफादार, जो कांग्रेस विरोधी शासनों की कार्रवाई का खामियाजा भुगतते हैं और हर सुख दुख में पार्टी के साथ खड़े रहते हैं। उन्हें किसी और ने नहीं, बल्कि इंदिरा की पोती प्रिंयका ने बाहर कर दिया है।"यूपीसीसी के अधिकांश पूर्व अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं ने राज्य पार्टी इकाई से नाम वापस ले लिया है। वे न तो पार्टी कार्यालय जाते हैं और न ही उनका स्वागत किया जाता है।उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस नब्बे के दशक से संकट में है जब 'मंडल' की राजनीति ने जाति की राजनीति को बढ़ावा दिया और लगभग साथ ही अयोध्या आंदोलन ने सांप्रदायिक राजनीति को हवा दी।कांग्रेस धीरे-धीरे खेल के मैदान से बाहर हो गई थी।पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले खुद को पुनर्जीवित करने के लिए एक गंभीर प्रयास किया, जब शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया और राज बब्बर राज्य प्रमुख थे। '27 साल, यूपी बेहाल' के नारे के साथ, कांग्रेस ने एक गति पकड़ी और राहुल गांधी एक राजनेता के रूप में उभरने लगे। हालांकि, अभियान के बीच में, कांग्रेस आलाकमान ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने का फैसला किया। पार्टी ने विश्वसनीयता खो दी और कार्यकर्ताओं का उत्साह भी खत्म हो गया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अब अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, पुनरुत्थान के लिए नहीं। पार्टी के एक विधायक ने कहा, "यह समय है कि कांग्रेस नेतृत्व वास्तविकता के लिए जाग जाए। अगर वे सुनने, बात करने और चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो वे लोगों से उनके साथ रहने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?"
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https://www.indiatv.in/india/national-farmer-at-ghaziabad-border-to-march-parliament-and-jantar-mantar-756727
आज संसद की ओर कूच करेंगे गाजियाबाद बॉर्डर पर जुटे किसान, बुराड़ी जाने से किया इंकार
हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान अब यूपी बॉर्डर पर नया मोर्चा खोलने के लिए तैयार दिख रहे हैं। गाजियाबाद दिल्ली बॉर्डर पर किसान धीरे धीरे जुट रहे हैं।
हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान अब यूपी बॉर्डर पर नया मोर्चा खोलने के लिए तैयार दिख रहे हैं। गाजियाबाद दिल्ली बॉर्डर पर किसान धीरे धीरे जुट रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे आज दिल्ली की ओर कूच करेंगे और संसद या फिर जंतरमंतर पर धरना देंगे। किसानों के अनुसार उन्हें सरकार का प्रस्ताव किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है। किसानों ने धरने के लिए सरकार द्वारा निर्देशित बुराड़ी मैदान जाने से भी मना कर दिया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की कि वे अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में चले जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के निर्धारित स्थल पर जाते ही केंद्र सरकार उनके साथ वार्ता करने के लिए तैयार है। उनकी इस अपील पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक संगठन की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भारतीय किसान यूनियन ने अमित शाह की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि गृह मंत्री ने सशर्त जल्दी मिलने की बात कही है जो कि ठीक नहीं है।बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रदर्शन कर रहे किसानों से शनिवार को अपील की थी कि वे गृह मंत्री अमित शाह की बात मान लें, और बताई गई जगह पर जाकर प्रदर्शन करें। हालांकि दूसरी ओर कुछ किसान संगठन लगातार कह रहे हैं कि वे बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे और उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए। किसानों का कहना है कि वे राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में तब तक बैठेंगे जब तक जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाती। बता दें कि किसान पूरी तैयारी के साथ आए हैं और अपने साथ ट्रॉलियों में लकड़ियां, दूध,सब्जियां, सिलिंडर व अन्य सामान लेकर चल रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-if-there-was-a-government-of-sp-bsp-or-congress-the-construction-of-ram-temple-would-never-have-been-allowed-says-yogi-adityanath-820830
सपा, बसपा या कांग्रेस की सरकार होती तो राम मंदिर निर्माण कभी नहीं होने देते: योगी आदित्यनाथ
योगी ने दलित समाज का आह्वान किया कि वे घर-घर जाकर लोगों को शासन की योजनाओं और नीतियों से अवगत कराएं तथा यह बताएं कि भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के दलितों, वंचितों का विकास करती है और भाजपा में दलित समाज का कोई उत्पीड़न नहीं कर सकता
गोंडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कहा कि अगर सपा, बसपा या कांग्रेस सत्ता में होतीं तो अयोध्या में राम मंदिर कभी न बनने देतीं। मुख्यमंत्री ने गोंडा जिले में 1132 करोड़ रुपये की 144 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ''अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का भव्य निर्माण शुरू हो चुका है। अगर सपा, बसपा या कांग्रेस सत्ता में होतीं तो मंदिर कभी बनने नहीं देतीं।''मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग पहले भगवान राम के अस्तित्व को नकारते थे, वे आज भगवान राम को अपना बता रहे हैं। योगी ने आतंकवाद को कांग्रेस की देन करार देते हुए कहा कि कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करके सरकार ने अपने वादे पर अमल करके दिखाया है और सरकार सामूहिक प्रयास के साथ काम कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के शासनकाल में गरीबों को न आवास, न बिजली, न शौचालय और न ही रसोई गैस मिलती थी। उन्होंने कहा कि पहले गोंडा में जो योजनाएं आती थीं वे भ्रष्टाचार की शिकार हो जाती थीं तथा वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त थी। उन्होंने कहा कि तब माफिया सत्ता का सुख भोगते थे और होली, दीवाली तथा जन्माष्टमी से पहले कर्फ्यू लग जाता था, मगर भाजपा की सरकार आने के बाद परिवर्तन साफ देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले गोंडा और बलरामपुर दंगों की चपेट में होते थे, लेकिन आज दंगाइयों की सात पीढ़ी भरपाई करते खत्म हो जाएंगी।मुख्यमंत्री ने लखनऊ में भाजपा के पाल और बघेल समाज के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को संबोधित करते हुए परोक्ष रूप से प्रदेश की पिछली सपा सरकार पर एक बार फिर हमला किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर हमलावर हुए आतंकवादियों और दंगाइयों पर से मुकदमा वापस लेने वाली सरकार दलितों पर झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें फंसाती थी और ऐसे लोग दलित समाज के कभी हितैषी नहीं हो सकते।योगी ने दलित समाज का आह्वान किया कि वे घर-घर जाकर लोगों को शासन की योजनाओं और नीतियों से अवगत कराएं तथा यह बताएं कि भाजपा सरकार बिना किसी भेदभाव के दलितों, वंचितों का विकास करती है और भाजपा में दलित समाज का कोई उत्पीड़न नहीं कर सकता।
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https://www.indiatv.in/india/national/petrol-and-diesel-prices-increased-for-the-third-time-in-four-days-union-minister-nitin-gadkari-gave-this-statement-2022-03-26-841220
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्यों हो रही बढ़ोतरी? केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताई वजह
पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों पर गडकरी ने कहा कि भारत में 80 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बीते 4 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हुई तीन बार की बढ़ोतरी को सही ठहराया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और यह स्थिति भारत सरकार के नियंत्रण से बाहर है। इस दौरान उन्होंने हिंदुत्व पर भी बात की और कहा कि कभी-कभी हिंदुत्व को गलत तरीके से पेश किया जाता है।पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों पर गडकरी ने कहा कि भारत में 80 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं।उन्होंने कहा कि हम 2004 से भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रहे हैं, इसलिए अब हमें स्वदेशी ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देना होगा और अपना खुद का ईंधन बनाना होगा। गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शुक्रवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी, ये कीमतें चार दिनों में तीसरी बार बढ़ी हैं। वहीं गडकरी ने हिंदुत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि धर्म और समुदाय एक-दूसरे से अलग हैं। कभी-कभी, हिंदुत्व की व्याख्या ईसाई विरोधी और मुस्लिम विरोधी के रूप में की जाती है। जबकि पिछले सात वर्षों में केंद्र सरकार की कोई भी योजना किसी के साथ भेदभावपूर्ण वाली नहीं रही है। हमारी योजनाओं में कोई सांप्रदायिक नजरिया नहीं था। (इनपुट: एजेंसी)
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https://www.indiatv.in/india/national/farmers-agitation-will-continue-govt-shoul-make-law-on-msp-rakesh-tikait-825740
एमएसपी पर बिना कानून बने नहीं हटेंगे किसान,आंदोलन चलता रहेगा-राकेश टिकैत
अलग-अलग किसान नेता अलग-अलग बात कर रहे हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बन जाता है तब तक किसान धरना स्थल से नहीं हटेंगे।
नयी दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बने किसान धरनास्थल से नहीं हटेंगे। यह बात उन्होंने संयुक्त मोर्चा की बैठक में जाने से पहले कही है। उन्होंने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का भी ऐलान किया है। वहीं सरकार किसानों के फैसले का इंतजार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसान नेताओं से बातचीत में इसलिए परेशानी हो रही है क्योंकि अलग अलग किसान नेता अलग अलग बात कर रहे हैं । कोई एक नेता या नेताओं का समूह नहीं है जिनसे बात करके सरकार अपनी बात समझाए या उनकी बात समझे। सरकार का कहना है कि किसान आपस में एक राय बनाकर सरकार को बताएं ,सरकार को इस बात का इंतजार है।आपको बता दें कि किसान आंदोलन की आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए आज संयुक्त किसान मोर्चा की बड़ी बैठक चल रही है। कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में किसान आंदोलन खत्म करने पर फैसला हो सकता है क्योंकि पंजाब के ज्यादातर किसान संगठन तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद अब आंदोलन जारी रखने के मूड में नहीं हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/omicron-covid-new-variant-odisha-govt-imposes-restrictions-for-new-year-and-christmas-celebrations-828540
Omicron: ओडिशा में नये साल और क्रिसमस के जश्न पर नयी पाबंदियां, इन नियमों का करना होगा पालन
आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य में शादियों के अलावा किसी भी समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी। विवाह से जुड़े ‘रिसेप्शन’ और अन्य संबंधिक कार्यक्रमों की भी अनुमति नहीं होगी।
भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के मामले सामने आने के मद्देनजर क्रिसमस, नये साल के जश्न और इस तरह की अन्य गतिविधियों पर शुक्रवार को नयी पाबंदियां लगा दीं। सरकार ने एक आदेश में कहा कि नयी पाबंदियां 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक लागू रहेंगी। मुख्य सचिव एस सी महापात्र ने एक आदेश में कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और नये स्वरूप के प्रसार को रोकने के मद्देनजर सरकार ने क्रिसमस के जश्न को सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल और जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों और स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा इसकी अनुमति देते हुए लगाई गई विशिष्ट शर्तों का कड़ाई से पालन करते हुए अधिकतम 50 व्यक्ति क्रिसमस के सामूहिक प्रार्थना में शामिल हो सकते हैं। आदेश के अनुसार पूरे राज्य में होटल, क्लब, रेस्तरां, उद्यान, कन्वेंशन हॉल, कल्याण मंडप और ऐसे अन्य स्थानों पर नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित समारोह पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि राज्य में शादियों के अलावा किसी भी समारोह की अनुमति नहीं दी जाएगी। विवाह से जुड़े ‘रिसेप्शन’ और अन्य संबंधिक कार्यक्रमों की भी अनुमति नहीं होगी। आदेश में कहा गया है कि अंतिम संस्कार संस्कार कोविड​​​​-19 प्रोटोकॉल के कठोर अनुपालन के साथ अनुमति है। आदेश में कहा गया है कि कार्यक्रमों के दौरान भीड़ के इकट्ठा होने पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। आदेश में कहा गया है, ‘‘किसी भी सामुदायिक दावत की अनुमति नहीं है और किसी भी सामाजिक सभा, रैलियों, आर्केस्ट्रा, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं है।’’ आदेश में कहा गया है कि जिलाधिकारी और कलेक्टर, कटक-भुवनेश्वर पुलिस आयुक्तालय के पुलिस आयुक्त और नगर आयुक्त इन दिशानिर्देशों को ईमानदारी से लागू करेंगे और उन्हें लागू करने के लिए सभी उपाय करेंगे। आदेश में कहा गया है, ‘‘वे कोई भी अतिरिक्त प्रतिबंध लगा सकते हैं, जो कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक महसूस किया जाए।’’ इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 सहित विभिन्न कानूनों के प्रावधानों के तहत मामला चलाया जा सकता है। ओडिशा में अब तक ओमीक्रोन के कुल चार मामले सामने आ चुके हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-narendra-modi-meeting-on-coronavirus-chief-ministers-of-6-states-802223
कोरोना: महाराष्ट्र-केरल सहित चपेट में फंसे 6 राज्यों से पीएम मोदी का आग्रह, ट्रेसिंग-टेस्टिंग-ट्रीटमेंट को बढ़ाओ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र-करेल सहित कोरोना की चपेट में फंसे 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने कहा, कुछ राज्यों में मामलों की बढ़ती हुई संख्या अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र-करेल सहित कोरोना की चपेट में फंसे 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा, ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, सभी राज्य सरकारों ने जिस तरह एक दूसरे से सीखने का प्रयास किया है, बेस्ट प्रैक्टिस को समझने का प्रयास किया है, एक दूसरे को सहयोग करने की कोशिश की है, ऐसे ही प्रयत्नों से हम आगे इस लड़ाई में विजयी हो सकते है।उन्होंने कहा, आप सभी इस बात से परिचित हैं कि हम इस समय एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां तीसरी लहर की आशंका लगातार जताई जा रही है। देश अधिकांश राज्यों में मामलों की संख्या जिस तरह कम हुई थी, उसने कुछ राहत मनोवैज्ञानिक तौर पर जरूर दी है लेकिन विशेषज्ञ इस घटते ट्रेंड को देखकर उम्मीद भी कर रहे थे कि जल्द ही देश दूसरी लहर से पूरी तरह बाहर आ जाएगा। लेकिन कुछ राज्यों में मामलों की बढ़ती हुई संख्या अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।उन्होंने कहा, आज 6 राज्य हमारे साथ इस चर्चा में शामिल हुए हैं, पिछले हफ्ते के करीब 80 प्रतिशत नए मामले इन्हीं राज्यों से आए हैं, 84 प्रतिशत दुखद मौतें भी इन्हीं राज्यों में हुई है। शुरुआत में विशेषज्ञ मान रहे थे कि जहां दूसरी लहर की शुरुआत हुई थी वहां पर स्थिति अन्य की तुलना में कम होगी लेकिन महाराष्ट्र और केरल में मामलों की बढ़ोतरी लगातार हो रही है। यह हम सबके लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, ऐसे ही ट्रेंड हमें दूसरी लहर के पहले जनवरी और फरवरी में भी देखने को मिले थे इसलिए आशंका स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है कि स्थिति नियंत्रण में नहीं आई तो मुश्किल हो सकती है।पीएम ने कहा, जिन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं उनके समय रहते कदम उठाने होंगे और तीसरी लहर की आशंका को रोकना होगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि लंबे समय तक लगातार मामले बढ़ने से कोरोना के वायरस में म्यूटेशन की आशंका बढ़ जाती है, नए नए वेरिएंट्स का खतरा बढ़ता है इसलिए तीसरी लहर को रोकने के लिए कोरोना के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जाना नितांत आवश्यक है, इस दिशा में रणनीति वही है जो आप अपने राज्यों में अपना चुके हैं और पूरे देश ने उसको लागू किया है।उन्होंने कहा, टेस्ट, ट्रैक, ट्रीक और टीका की रणनीति से हमें आगे बढ़ना है, माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर हमें विशेष ध्यान देना होगा, जिन जिलों में संक्रमण की दर ज्यादा है जहां मामले ज्यादा आ रहे हैं वहां ज्यादा फोकस होना चाहिए। पूर्वोत्तर के राज्यों से बात करने पर पता चला कि कुछ राज्यों ने लॉकडाउन नहीं लगाया लेकिन माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर जोर दिया जिस वजह से संक्रमण काबू में आया। टेस्टिंग को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाना चाहिए, जिन जिलों में और जिन इलाकों में संक्रमण ज्यादा है वहां वैक्सीन भी हमारे लिए एक रणनीतिक टूल है, वैक्सीन के प्रभावी इस्तेमाल से कोरोना की वजह से पैदा हुई परेशानियों को कम किया जा सकता है। इस समय हमें जो विंडो मिली है उसका इस्तेमाल अपनी आरटीपीसीआर टेस्टिंग को बढ़ाने में भी कर रहे हैं जो कि एक जरूरी कदम है।
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https://www.indiatv.in/india/national-lowest-covid-cases-in-199-days-latest-news-816979
Covid: कोरोना की घट रही रफ्तार! 199 दिन बाद सबसे कम एक्टिव मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 22 हजार 842 नए मरीज सामने आए जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 25 हजार 930 रही।
नई दिल्ली. देश के ज्यादात्तर राज्यों में कोरोना की रफ्तार लगातार घट रही है। अच्छी खबर ये है कि पिछले 199 दिनों बाद कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। इस वक्त देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 2 लाख 70 हजार 557 है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 22 हजार 842 नए मरीज सामने आए जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 25 हजार 930 रही।स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण की वजह से 244 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद इस बीमारी से मरने वालों का आकड़ा बढ़कर 4 लाख 48 हजार 817 पर पहुंच गया। पूरे देश में पिछले 24 घंटों में सामने आए कोरोना के कुल मामलों में से 13,217 मामले केरल राज्य से सामने आए हैं। राज्य से पिछले 24 घंटों में 121 मौतें रिपोर्ट की गई हैं।मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को कोविड-19 के लिए 14,29,258 नमूनों की जांच की गयी और इसी के साथ अब तक जांचें गए नमूनों की संख्या 57,19,94,990 पर पहुंच गयी है। दैनिक संक्रमण दर 1.80 प्रतिशत है। यह पिछले 34 दिनों से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है। साप्ताहिक संक्रमण दर 1.66 प्रतिशत दर्ज की गयी जो पिछले 100 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,30,94,529 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गयी। देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीके की 90.15 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है।आंकड़ों के अनुसार, देश में जिन 244 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 121 की मौत केरल में और 49 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में हुई। इस महामारी से अब तक 4,48,817 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक 1,39,166 मरीजों की मौत महाराष्ट्र में, 37,811 की कर्नाटक, 35,627 की तमिलनाडु, 25,303 की केरल, 25,088 की दिल्ली, 22,894 की उत्तर प्रदेश और 18,815 मरीजों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cough-cold-sore-throat-fever-symptoms-person-should-isolate-yourself-suggest-dr-naresh-trehan-medanta-790540
खांसी-जुकाम वाले अधिकतर लोग निकल रहे हैं कोरोना पॉजिटिव, ऐसे लक्ष्ण पर खुद हो जाएं आइसोलेट: डॉ त्रेहन
मेदांता के डॉक्टर नरेश त्रेहन ने भी मरीजों को यहीं सलाह दी है। उन्होंने कहा कि लक्षण विकसित होते ही लोगों को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। डॉ. त्रेहन ने कहा कि ज्यादातर लोग जिन्हें खांसी, जुकाम, गले में खराश या बुखार होता है, वे ज्यादातर पॉजिटिव निकलते हैं।
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचाया हुआ है। सरकार और एक्सपर्ट्स लगातार देश की आम, जनता से कह रहे हैं कि हल्के से भी लक्षण महसूस होते ही वो खुद को आइसोलेट कर लें ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। अब मेदांता के डॉक्टर नरेश त्रेहन ने भी मरीजों को यहीं सलाह दी है। उन्होंने कहा कि लक्षण विकसित होते ही लोगों को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। डॉ. त्रेहन ने कहा कि ज्यादातर लोग जिन्हें खांसी, जुकाम, गले में खराश या बुखार होता है, वे ज्यादातर पॉजिटिव निकलते हैं। उन्हें तुरंत खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। ताकि दूसरों की सुरक्षा हो सके।वैक्सीन के सवाल पर डॉ. त्रेहन ने कहा कि आज वैक्सीन के लिए पैनिक करना उचित नहीं है। मेरा विचार है कि जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं वहां 6 हफ़्ते में वैक्सीन लगनी चाहिए लेकिन जहां केस कम हो रहे है वहां डोज़ के बीच का समय बढ़ाया जा सकता है।वैक्सीन के सवाल पर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन की हमेशा कुछ ना कुछ कमी होगी। संभवत दो महीने में बड़ी संख्या में वैक्सीन उपलब्ध होगी क्योंकि वैक्सीन उत्पादक कंपनियां अपने उत्पादन प्लांट खोलना शुरू कर देंगी और बाहर से भी हमें वैक्सीन मिलेगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन स्ट्रेटजी का एक हिस्सा है, हमें स्वास्थ्य के अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर और कोविड उपयुक्त व्यवहार को सुनिश्चित करना होगा।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-assembly-elections-bjp-preparation-jp-nadda-805018
UP विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कमर कस लें सांसद: नड्डा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के सांसदों को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने और अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में शत-प्रतिशत टीकाकरण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने का निर्देश दिया...
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के सांसदों को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने और अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में शत-प्रतिशत टीकाकरण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने का निर्देश दिया। बृज और कानपुर क्षेत्र के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सांसदों से बुधवार को संवाद करने के बाद नड्डा ने अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र के 44 सांसदों के साथ बैठक की और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और रणनीति को लेकर मंथन किया।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस बैठक में शामिल हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नड्डा ने सांसदों से कहा कि मानसून सत्र समाप्त होते ही वह अपने संसदीय क्षेत्रों में जुट जाएं और गांव-गांव जाकर केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाएं तथा सुनिश्चित करें कि उन्हें इनके लाभ मिल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक भाजपा अध्यक्ष ने सभी सांसदों को सप्ताह में कम से कम दो दिन क्षेत्र के टीकाकरण केंद्रों का दौरा करने और इस साल के अंत तक अपने संसदीय क्षेत्रों में शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा।ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने इस साल के अंत तक पूरे देश के पात्र लोगों का टीकाकरण कर लेने का लक्ष्य रखा है। राजधानी स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह, राज्य इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और राज्य के संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी शामिल हुए। स्मृति ईरानी सहित उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल कई अन्य सदस्य भी बैठक में उपस्थित थे। इससे पहले, बुधवार को सांसदों के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए उत्तर प्रदेश के सांसद अपने-अपने संसदीय व आसपास के क्षेत्रों में ‘‘जन आशीर्वाद यात्रा’’ निकालेंगे। पार्टी ने इन यात्राओं के जरिए कम से कम 200 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने का लक्ष्य रखा है। इन यात्राओं में पार्टी के वरिष्ठ केंद्रीय नेता भी शामिल होंगे।ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में पिछले दिनों हुए विस्तार में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश को मिला। विभिन्न जाति व वर्ग से आने वाले प्रदेश के सात सांसदों को मंत्री बनाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल में अब 15 मंत्री उत्तर प्रदेश से हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब केंद्र सरकार में इतनी बड़ी संख्या में राज्य को प्रतिनिधित्व मिला है। अब पार्टी इसे आगामी विधानसभा चुनाव में भुनाने में जुट गई है। जिन सात सांसदों को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया था उनमें तीन अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति से हैं। पार्टी इन सांसदों से यात्रा के जरिए सामाजिक समीकरण भी साधना चाहती है। उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा होने हैं। भाजपा के लिए वहां सत्ता में लौटना बड़ी चुनौती है क्योंकि पिछले कुछ दशकों में कोई भी पार्टी सत्ता में वापस नहीं लौट सकी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-ncp-minister-objectionable-comment-on-kangana-ranaut-sanjay-raut-shiv-sena-739945
राउत के बाद NCP के मंत्री की कंगना रनौत पर आपत्तिजनक टिप्पणी, दिया ये विवादित बयान
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के बाद अब NCP नेता तथा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर विवादित टिप्पणी की है।
मुंबई: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत के बाद अब NCP नेता तथा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कंगना रनौत पर आपत्तिजनक ट्वीट किया। जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट में लिखा, "सुअर चिल्लाता हुआ कुश्ती के लिए खड़ा है। इसे बिना कारण के हेडलाइन मत बनने दो।"आपको बता दें कि इससे पहले शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत उन्होंने (कंगना रनौत) हरामखोर कह चुके हैं। हालांकि, उन्होंने बाद में सफाई दी थी। उन्होंने कहा था, "शिवसेना महान हिंदुत्व के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज और महान महाराणा प्रताप की विचारधारा का अनुसरण करती है। उन्होंने हमें महिलाओं का सम्मान करना सिखाया है।"उन्होंने कहा था, "दुर्भावनापूर्ण इरादे से कुछ लोग गलत सूचना फैला रहे हैं कि शिवसेना ने महिलाओं का अपमान किया है। लेकिन किसी को इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि आरोपों को लगाने वालों ने मुंबई और मुंबा देवी का अपमान किया है। शिवसेना महिलाओं के गौरव के लिए लड़ती रहेगी, यही हमारे महान शिवसेना सुप्रीमो ने हमें सिखाया है।''हालांकि, उनके सफाई देने के बाद भी यह विवाद खत्म नहीं हुआ। अब NCP नेता तथा महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट कर उनके लिए सुअर जैसे प्रतिकात्मक शब्द का इस्तेमाल किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कंगना रनौत और शिवसेना के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है।शिवसेना शासित बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के बांद्रा स्थित दफ्तर का 'अवैध निर्माण' भी गिरा दिया था। हालांकि, बाद में कंगना रनौत ने BMC की दफ्तर तोड़ने वाली कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने उसपर रोक लगा दी थी।BMC का मानना है कि कंगना के दफ्तर के कुछ हिस्से का अवैध रूप से निर्माण किया गया है। लेकिन, BMC की इस कार्रवाई को शिवसेना के साथ कंगना के विवाद के कारण बदले की कार्रवाई के रूप में देखा गया। हालांकि, मुंबई के मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा, "ये शिवसेना की कार्रवाई नहीं है बल्कि BMC की कार्रवाई है।"गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कंगना रनौत द्वारा मुंबई को असुरक्षित बताए जाने के बाद अभिनेत्री और राउत के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी। वह सुशांत की मौत के बाद से लगातार बॉलीवुड और राज्य सरकार पर सवाल खड़े कर रही थीं। तभी से लेकर उनके और शिवसेना के बीच तनातनी चल रही है।
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https://www.indiatv.in/india/national-live-hindi-breaking-news-coronavirus-politics-india-world-latest-updates-nov-1-751235
निकिता हत्याकांड को लेकर बल्लभगढ़ में हंगामा, महापंचायत के बाद 'महासंग्राम'
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संकट की घड़ी में भारतीय वायुसेना ने संभाला मोर्चा, एयरलिफ्ट कर पहुंचा रही ऑक्सीजन टैंकर
देश में जारी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच देश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ गई है। संकट की इस स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना सरकार और जनता की मदद के लिए आगे आई है।
नई दिल्ली: देश में जारी कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच देश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ गई है। संकट की इस स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना सरकार और जनता की मदद के लिए आगे आई है। सरकार को मदद देने के लिए भारतीय वायुसेना ने मोर्चा संभाला है और ऑक्सीजन कंटेनर, सिलिंडर, जरूरी दवाओं, उपकरणों और स्वास्थ्यकर्मियों तक को एयरलिफ्ट कर रहा है। भारतीय वायुसेना के सी-17 और आईएल -76 विमानों ने देश भर के स्टेशनों पर बड़े ऑक्सीजन टैंकरों को एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है, ताकि ऑक्सीजन के वितरण में तेजी लाई जा सके।बता दें कि भारत मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना कर रहा है और देशभर के कई अस्पताल अब दहशत की स्थिति में आ गए हैं। कल वायु सेना ने अपने एक ट्वीट में कहा था, 'कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वायु सेना का परिवहन बेड़ा सहयोग कर रहा है। देशभर में चिकित्सा सुविधाओं को पहुंचाने और कोविड अस्पतालों के निर्माण के लिए वह चिकित्साकर्मियों, उपकरणों व दवाओं को एयरलिफ्ट कर रहा है।'वहीं, देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के चलचे बेकाबू होते हालातों को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अहम बैठक करेंगे। पीएम मोदी सबसे पहले शुक्रवार सुबह 9 बजे इंटरनल मीटिंग करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी सुबह 10 बजे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे पीएम मोदी ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनियों के साथ बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी बैठक के बाद देश में तेजी से फैल रही कोरोना वायरस की दूसरी लहर को लेकर कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-niti-aayog-to-plan-improvement-in-health-sector-749766
स्वास्थ्य क्षेत्र में जल्द होंगे सुधार, विचार कर रहा है नीति आयोग
नीति आयोग बृहत्तर भलाई के लिये पारंपरिक और आधुनिक रवैये को एक साथ मिलाते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के कई विचारों पर गौर कर रहा है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
नई दिल्ली: नीति आयोग बृहत्तर भलाई के लिये पारंपरिक और आधुनिक रवैये को एक साथ मिलाते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के कई विचारों पर गौर कर रहा है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने रविवार को इसकी जानकारी दी। पॉल ने कहा कि सरकार चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली (होम्योपैथी और आयुर्वेद) के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा पद्धति (एलोपैथी) को मजबूत करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बढ़िया विचार है कि लोगों की भलाई के लिये पारंपरिक चिकित्सा तथा आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों को एक साथ लाया जाये। एकीकृत चिकित्सा के अभ्यास के तरीके भी उपलब्ध हैं।’’ पॉल ने कहा कि यह काफी हद तक पहले से ही शुरू हो चुका है और अब हाइपरटेंशन समेत कई बीमारियों के लिये उपचार में योग हिस्सा बनाया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘समाज के बड़े लाभ के लिये इन दृष्टिकोणों को तारतम्य बिठाने की गुंजाइश है। एक शोध संस्थान के रूप में, हम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के कई विचारों को देख रहे है और लोगों की भलाई के लिए पारंपरिक तथा आधुनिक दृष्टिकोणों अधिक तालमेल की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-indian-army-kalyani-m4-vehicles-bharat-forge-received-order-emergency-procurement-defence-ministry-774175
सेना को मिलेगी ये बख्तरबंद गाड़ी, रक्षा मंत्रालय ने दिया ऑर्डर
कल्याणी एम-4 बख्तरबंद गाड़ियों की सप्लाई के लिए भारत फोर्ज को रक्षा मंत्रालय से 177.5 करोड़ रुपए का आर्डर मिला है।
नई दिल्ली: सेना को कल्याणी एम-4 बख्तरबंद गाड़ियों की सप्लाई के लिए भारत फोर्ज को रक्षा मंत्रालय से 177.5 करोड़ रुपए का आर्डर मिला है। सेना ने आपातकालीन खरीद के तहत भारत फोर्ज को यह ऑर्डर दिया है। इसकी घोषणा भारत फोर्ज कंपनी की ओर से की गई है। यह वाहन परीक्षण के कई स्टेज से गुजरा जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए इस वाहन की खरीद को मंजूरी दी है। इसका इस्तेमाल हाल में लेह में भी किया गया था।पढ़ें:- खुशखबरी! अब हफ्ते में 6 दिन चलेगी यह स्पेशल ट्रेन, जानिए रूट, टाइमिंग, स्टॉपेजआपको बता दें कि अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु दौरे के दौरान चेन्नई में सेना प्रमुख एमएम नरवणे को अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) सौंपा। इस स्वदेशी युद्ध टैंक का डिजाइन, विकास और निर्माण सीवीआरडीई, डीआरडीओ ने 15 अकादमिक संस्थानों, 8 प्रयोगशालाओं और कई एमएसएमई के साथ मिलकर किया है।नए अर्जुन टैंक में 71 एडवांस फीचर्स जोड़े गए हैं। जिसकी मदद से टैंक ज्यादा सटीकता और तेजी के साथ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसके साथ ही टैंक मारक क्षमता में और बढ़ोतरी की गई है। टैंक पहले से ज्यादा सुरक्षित भी बनाया गया है। फिलहाल भारत के पास अर्जुन टैंक की दो रेजीमेंट पहले से हैं जिसमें कुल 124 अर्जुन मार्क 1 एस है। अब सेना 118 एमके-1ए के साथ दो और रेजीमेंट तैयार करेगी। पढ़ें:- यात्रीगण ध्यान दें! स्पेशल ट्रेन को रेलवे ने किया डायवर्ट, अब इस रूट से पूरा होगा सफरसेना को 8500 करोड़ रुपये की कीमत के प्रोजेक्ट के तहत 118 टैंक मिलने हैं। इसको तैयार करने में 200 अलग अलग कंपनियां शामिल हैं और इससे हजारों लोगों को कारोबार मिला है। सेना अब चीन के साथ तनातनी के बीच हल्के टैंक पर जोर दे रही है। डीआरडीओ पहले ही संकेत दे चुका है कि अर्जुन टैंक को तैयार करने में मिली जानकारी और अनुभव देश में ही बेहद एडवांस टैंक और बख्तरबंद वाहन तैयार करने में काफी मदद करेगा और अगले कुछ सालों में अगली पीढी के हमलावर वाहनों को तैयार करने में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/cm-yogi-adityanath-uttarakhand-visit-cm-yogi-reached-his-village-and-took-blessings-of-his-mother-2022-05-03-848656
CM Yogi Adityanath Uttarakhand Visit: सीएम योगी ने पैतृक गांव पहुंचकर लिया मां का आशीर्वाद, सामने आई खूबसूरत तस्वीर
पंचूर से 2 किमी दूर बिथ्याणी में सीएम योगी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में गुरु अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस दौरान वह भावुक भी हो गए थे और उन्होंने कहा कि मैं 35 साल बाद अपने गुरुजनों से मिला हूं।
CM Yogi Adityanath Uttarakhand Visit: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस समय उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव पंचूर में हैं। इस मौके पर उन्होंने अपनी मां के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। संन्यास लेने के बाद ये सीएम योगी के लिए अहम मौका है, जब वह अपने घर में रात बिताएंगे। योगी से मिलने के लिए उनकी बहनें और भाई पहले ही घर पहुंच चुके हैं। इससे पहले पंचूर से 2 किमी दूर बिथ्याणी में सीएम योगी (CM Yogi) ने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में गुरु अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण भी किया था। इस दौरान वह भावुक भी हो गए थे और उन्होंने कहा कि मैं 35 साल बाद अपने गुरुजनों से मिला हूं। मैं आज जो भी हूं, वह अपने माता-पिता और गुरु अवेद्यनाथ की वजह से हूं।मंगलवार को अक्षय तृतीया का पुण्य पर्व भी मनाया जा रहा है। ऐसे में सीएम योगी की मां सावित्री देवी बहुत खुश भी हैं क्योंकि उनका बेटा उनसे मिलने के लिए आया है। सीएम की मां की उम्र 83 साल है। उनसे मिलने के लिए सीएम योगी आखिरी बार 11 फरवरी 2017 को आए थे। इस दौरान वह एक रात अपने पैतृक आवास में रुके भी थे। अब वह करीब पांच वर्ष बाद अपने गांव पहुंचे हैं। सीएम योगी ने मां से पूछा- पहचानती हो ना?अपनी मां से मिलने के दौरान सीएम योगी ने उनसे पूछा कि क्या वो उन्हें पहचानती हैं या नहीं? जिसके बाद मां ने सिर हिलाकर अपना जवाब दिया। मुलाकात के दौरान कई बार मां-बेटे भावुक भी दिखे। योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने पैतृक आवास पर ही रुकेंगे। उनके लिए एक कमरा तैयार किया गया है और यहां की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा रखा गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national/after-getting-covishield-vaccine-person-lying-on-the-bed-started-talking-doctors-claimed-2022-01-13-831398
Covishield टीका लगने के बाद चलने-बोलने लगा बिस्तर पर पड़ा व्यक्ति, चिकित्सकों ने किया दावा
पीतरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक अलबेला केरकेट्टा ने कहा, ‘‘एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने चार जनवरी को मुंडा के आवास पर उन्हें कोविशील्ड का टीका लगाया। अगले दिन, परिवार वाले मुंडा को चलते/बोलते देख हैरान हो गए।’’
बोकारो (झारखंड): झारखंड के बोकारो जिले में चिकित्सकों ने गुरुवार को दावा किया कि पांच साल पहले हुई सड़क दुर्घटना के बाद से बिस्तर पर पड़ा 55 वर्षीय एक व्यक्ति कोविड रोधी कोविशील्ड टीके की पहली खुराक लेने के बाद चलने-बोलने लगा है। उन्होंने कहा कि मरीज के ‘‘चमत्कारिक रूप से स्वस्थ’’ होने के मामले की जांच करने के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया है। चिकित्सकों ने कहा कि बोकारो जिले के पीतरवार प्रखंड में उत्तासरा पंचायत के सल्गाडीह गांव निवासी दुलारचंद मुंडा पांच साल पहले हुई सड़क दुर्घटना के बाद से बोलने/चलने में असमर्थ थे। पीतरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक अलबेला केरकेट्टा ने कहा, ‘‘एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने चार जनवरी को मुंडा के आवास पर उन्हें कोविशील्ड का टीका लगाया। अगले दिन, परिवार वाले मुंडा को चलते/बोलते देख हैरान हो गए।’’ बोकारो के सिविल सर्जन डॉक्टर जितेन्द्र कुमार ने बताया कि इस ‘चमत्कारिक घटना’ की जांच के लिए तीन सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया गया है। चिकित्सकों ने बताया कि रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी समस्या के कारण मुंडा पिछले एक साल से पूरी तरह से बिस्तर पर पड़े थे। उन्होंने दावा किया कि कोविशील्ड टीके की पहली खुराक के बाद मुंडा ना सिर्फ चलने लगे हैं बल्कि बोलने भी लगे हैं। केरकेट्टा ने कहा, ‘‘हमने उनकी रिपोर्ट देखी है। यह जांच का विषय है।’’ \
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https://www.indiatv.in/india/politics-rahul-gandhi-linked-gdp-data-with-note-ban-watch-video-738319
GDP में भारी गिरावट को राहुल गांधी ने नोटबंदी से जोड़ा, जारी किया वीडियो
Rahul Gandhi : मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर मुखर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी जीडीपी के आंकड़ों के बाद और हमलावर हो गए हैं।
मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर मुखर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी जीडीपी के आंकड़ों के बाद और हमलावर हो गए हैं। राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने 4 वीडियो की सीरीज का दूसरा वीडिया जारी किया। इसमें जीडीपी के मौजूदा आंकड़ों को नोटबंदी से जोड़ा है। राहुल ने कहा कि मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। मोदी सरकार द्वारा जो पांसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया। बता दें कि 31 जुलाई को 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। राहुल ने इस वीडियो में GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा, इस पर विचार दिए। राहुल ने कहा, नोटबंदी देश के असंगठित मजदूरों और किसानों पर हमला थी। 8 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का जो फैसला लिया था वह करोड़ों मजदूरों पर एक आक्रमण था। अगले दिन से ही पूरा हिंदुस्तान बैंकों के आगे लाइन लगा कर खड़ा हो गया। इसका असली फायदा अरबपतियों को मिला। यहां सवाल उठाता है कि क्या काला धन मिला? दूसरा सवाल देश की गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा हुआ? जवाब, कुछ भी नहीं। राहुल ने आरोप लगाया कि 2016 से 18 के बीच 50 लाख लोगों की नौकरी गई। तो फिर इसका फायदा किसे मिला। इससे उद्योगपतियों का 68000 करोड़ रुपए का कर्ज उतारा गया। राहुल ने कहा इस फैसले का दूसरा लक्ष्य जमीन साफ करना था। असंगठित क्षेत्र जो नकदी पर चलता है, उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।
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https://www.indiatv.in/india/politics-shivpal-singh-yadav-on-merger-with-samajwadi-party-733701
क्या सपा में वापसी के लिए तैयार हैं शिवपाल? दिया ये बयान
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को कहा कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं।
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के दो फाड़ हो चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नाम से अलग दल बना चुके हैं, जिसका नुकसान 'सैफई के यादव कुनबे' को झेलना पड़ा है। लोकसभा चुनाव के बाद ये ही ये बातें उठती रही हैं कि दोनों दलों को फिर से एक हो जाना चाहिए। अब शिवपाल सिंह यादव ने भी बड़ा बयान दिया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को कहा कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं। शिवपाल ने इटावा में संवाददाताओं से कहा, ''देखिये हम चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर से एक हो जाएं । इसके लिए हमने तो पूरा त्याग करने के लिए कह ही दिया है।''उन्होंने हिन्दी में ट्वीट कर यह बात कही। शिवपाल ने चौधरी चरण सिंह कालेज में ध्वजारोहण किया। शिवपाल ने सपा से अलग होकर अक्टूबर 2018 में नयी पार्टी बनायी थी। अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद जनवरी 2017 में यादव परिवार की कलह खुलकर सामने आ गयी थी।
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-narendra-modi-birthday-17-september-celebrations-across-the-nation-813994
PM नरेन्द्र मोदी का 71वां जन्मदिन आज, देश में रिकॉर्ड टीकाकरण का लक्ष्य, BJP ने शुरू किया सेवा-समर्पण अभियान
Narendra Modi Birthday: पीएम के जन्मदिन के मौके पर आज सबसे बड़ा प्रोग्राम कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर है। आज देशभर में डेढ़ करोड़ वैक्सीन लगाने का टारगेट है। इसके अलावा बीजेपी आज से सेवा और समर्पण अभियान की शुरुआत कर रही है।
नई दिल्ली. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 71वां जन्मदिन (Narendra Modi Birthday) है और आज इस मौके पर देशभर में कई बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं लेकिन पीएम मोदी के समर्थकों ने कल से ही जन्मदिन के जश्न की शुरुआत कर दी है। समर्थक अपने-अपने तरीके से प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मना रहे हैं। किसी ने 71 किलो के लड्डू वाला केक काटा तो किसी ने वैक्सीन शेप में बने 71 फीट का केक काटा, वाराणसी के गंगा घाट पर भी पीएम के बर्थडे पर विशेष गंगा आरती की गई।पीएम मोदी के जन्मदिन पर मेगा वैक्सीन अभियान आज देश भर में 1.5 करोड़ को वैक्सीन लगाने का टारगेटपीएम मोदी को मिले 1300 तोहफों की नीलामी होगी आज 1.5 करोड़ लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीनपीएम के जन्मदिन के मौके पर आज सबसे बड़ा प्रोग्राम कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर है। आज देशभर में डेढ़ करोड़ वैक्सीन लगाने का टारगेट है। इसके अलावा बीजेपी आज से सेवा और समर्पण अभियान की शुरुआत कर रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सुबह पौने ग्यारह बजे दिल्ली में बीजेपी के हेडक्वार्टर से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। मेगा वैक्सीनेशन के इस प्रोग्राम में भी बीजेपी के हेल्थ वॉलंटियर्स की फौज जुटेगी और इस टारगेट को हासिल करने की कोशिश करेगी।नई दिल्ली. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 71वां जन्मदिन (Narendra Modi Birthday) है और आज इस मौके पर देशभर में कई बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं लेकिन पीएम मोदी के समर्थकों ने कल से ही जन्मदिन के जश्न की शुरुआत कर दी है। समर्थक अपने-अपने तरीके से प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन मना रहे हैं। किसी ने 71 किलो के लड्डू वाला केक काटा तो किसी ने वैक्सीन शेप में बने 71 फीट का केक काटा, वाराणसी के गंगा घाट पर भी पीएम के बर्थडे पर विशेष गंगा आरती की गई।आज 1.5 करोड़ लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीनइसके साथ ही आज पीएम मोदी को मिलने वाले उपहारों की नीलामी भी की जाएगी और इस रकम को नमामि गंगे प्रोजेक्ट में इस्तेमाल किया जाता है। बीजेपी से जुड़े दूसरे संगठन भी आज से कई प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं।पीएम मोदी के जन्मदिन के लिए बीजेपी ने पूरे देश में 20 दिन के एक अभियान की योजना बनाई है जिसे 'सेवा और समर्पण अभियान' का नाम दिया गया है। इसके लिए बीजेपी ने चार सदस्यीय एक समिति बनाई है, जिससे अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें। इस समिति का नेतृत्व कैलाश विजयवर्गीय कर रहे हैं। बीजेपी सांसद विजय गोयल सुबह 11 बजे आईटीओ से लालकिले तक तिरंगा यात्रा निकाल कर पीएम का जन्मदिन मनाएंगे।वाराणसी में की गई विशेष गंगा आरतीपीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विशेष गंगा आरती की गई। इस आरती के दौरान पीएम मोदी की लंबी उम्र की कामना की गई। गंगा के तटों पर दीये जलाकर भी प्रार्थना की गई। पीएम मोदी जन्मदिन के मौके पर काशी नहीं जा पा रहे हैं लेकिन उनके प्रशंसक कल से ही उनको शुभकामनाएं देने के लिए कई तरह के प्रोग्राम कर रहे हैं। इस मौके पर मंत्रोच्चार के ज़रिए पीएम मोदी की लंबी उम्र की कामना की गई, साथ ही 71 किलो का लड्डू केक भी काटा गया। इस मौके पर पीएम मोदी के जीवन और कामों को समेटे एक पुस्तक भी लॉन्च की गई। आज से वाराणसी में और भी कई कार्यक्रम होने हैं, जिनमें गंगा की सफाई का सबसे बड़ा अभियान भी शामिल है। भोपाल में काटा गया 71 फीट का केकभोपाल में पीएम मोदी के लिए 71 फीट लंबा केक काटा गया। खास बात ये रही कि इस केक की थीम कोरोना वैक्सीन की तर्ज पर रखी गई थी, पूरे केक का लुक एक वैक्सीन की तरह नज़र आ रहा था। पीएम मोदी के समर्थकों ने इस मौके पर अपने हाथों में टैटू भी बनवाए और वैक्सीन लगवाकर जागरुकता का संदेश दिया।
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https://www.indiatv.in/india/national-student-return-from-america-to-support-farmers-protest-764476
किसानों का साथ देने के लिए अमेरिका से लौट आया छात्र, कहा- "....नहीं जी पाऊंगा"
नवपाल सिंह ने कहा, "मैं किसानों के बिना अमेरिका में जीवन नहीं जी पाऊंगा और अभी मेरी यह जिम्मेदारी है कि मैं आगे आकर अधिकारों की लड़ाई में उनके साथ खड़ा रहूं।"
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अगर नहीं चल रहा होता तो पंजाब के 22 वर्षीय छात्र नवपाल सिंह अमेरिका के टेक्सास से इस समय वापस आने की कोई योजना नहीं बनाते। सिंह ने कहा, "इस प्रदर्शन ने मुझे यहां आने के लिए बाध्य कर दिया।’’ सिंह मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उनके पिता तथा दादा किसान हैं। सिंह ने कहा, ‘‘पिछली बार मैं एक साल से भी कम समय पहले मार्च में घर आया था, इसलिए फिर से आने की कोई योजना नहीं थी, लेकिन जिस तरह से यह आंदोलन हो रहा है, मैं इससे दूर नहीं रह सकता था।" उल्लेखनीय है कि हजारों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं। सिंह सोमवार को भारत आए और उसके बाद से वह हर दिन पंजाब के जालंधर में अपने पैतृक गांव तथा सिंघू बोर्डर के बीच की यात्रा कर रहे हैं। सिंह भले ही खुद किसान नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपनी कृषि पृष्ठभूमि के कारण आंदोलन का हिस्सा बनने की जरूरत महसूस की क्योंकि खेती से ही उन्हें शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिला। सिंह ने कहा, ‘‘लोग सोच सकते हैं कि मेरा खेती से सीधा संबंध नहीं है कि मैं अमेरिका में पढ़ रहा हूं, मैं वहीं काम करूंगा और वहां शादी करूंगा, लेकिन मेरे पिता और दादा किसान हैं।’’ उन्होंने कहा, "मैं किसानों के बिना अमेरिका में जीवन नहीं जी पाऊंगा और अभी मेरी यह जिम्मेदारी है कि मैं आगे आकर अधिकारों की लड़ाई में उनके साथ खड़ा रहूं।" उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि, इसके बाद भी गतिरोध दूर नहीं हो सका है। अगले दौर की वार्ता शुक्रवार को निर्धारित है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-cm-announces-to-set-up-country-s-biggest-film-city-in-noida-741898
सीएम योगी का ऐलान, UP में बनेगी देश की सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की आवश्यकता है। प्रदेश यह जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार है और एक बेहतरीन फ़िल्म सिटी बनाई जाएगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की आवश्यकता है। प्रदेश यह जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार है और एक बेहतरीन फ़िल्म सिटी बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि फ़िल्म सिटी के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे का क्षेत्र बेहतर होगा। यह फ़िल्म सिटी फ़िल्म निर्माताओं को एक बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएगी, साथ ही, रोजगार सृजन की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी प्रयास होगा। उन्होंने इस सिलसिले में भूमि के विकल्पों के साथ यथाशीघ्र कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार शाम अपने सरकारी आवास पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मेरठ मंडल (मेरठ, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर जनपद) के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। कैलाश मानसरोवर भवन निर्माण की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु प्रस्तावित केंद्र के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए।योगी ने कहा कि मेरठ व गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना महत्वपूर्ण है। इसे शीघ्रता से प्रारंभ किया जाए। गन्ना किसानों को हुए भुगतान की स्थिति की समीक्षा करते हुए योगी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नया पेराई सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछला सारा बकाया भुगतान हो जाए। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बना रही है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि यह कार्य दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण होने कर लिया जाए।उन्होंने यह भी कहा कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस कॉरिडोर) एक रेल आधारित तीव्र गति, उच्च क्षमतायुक्त, सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन परियोजना है, जिससे राजधानी दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी एक घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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बंगाल में भीषण रेल दुर्घटना, पिछले 5 सालों में पटरी से ट्रेन उतरने की हुईं ये बड़ी घटनाएं
इससे पहले ट्रेन के पटरी से उतरने का बड़ा हादसा 3 फरवरी 2019 को पटना के पास हुआ था जब सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी।
कोलकाता: बीकानेर गुवाहाटी एक्सप्रेस गुरुवार की शाम बंगाल के उत्तरी भाग में मैनागुरी के पास डोमोहानी के पास पटरी से उतर गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रेन बीकानेर से गुवाहाटी जा रही थी तभी यह हादसा हो गया। हादसे में ट्रेन की 12 बोगियां पटरी से उतर गईं जिसमें अब तक 3 यात्रियों की मौत की खबर आ रही है। हादसे में बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की भी खबर है। रेलवे ने हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर 8134054999 जारी किया है। ट्रेन के 7 डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बता दें कि पिछले कुछ समय से ट्रेन हादसों में कमी आई थी, लेकिन गुरुवार को हुए हादसे ने एक बार फिर देश को झकझोर कर रख दिया है।पिछले कुछ सालों में रेल हादसों में आई थी कमीहाल के कुछ वर्षों में रेलवे की कार्यप्रणाली दुरुस्त होने की वजह से हादसों में कमी आई थी। इससे पहले ट्रेन के पटरी से उतरने का बड़ा हादसा 3 फरवरी 2019 को पटना के पास हुआ था जब सीमांचल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। उस हादसे में कम से कम 7 यात्रियों की मौत हो गई थी। इसके पहले अक्टूबर 2018 में एक हादसे में न्यू फारक्का एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी जिसमें 7 यात्रियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। वहीं, जनवरी 2017 में हीराखंड एक्सप्रेस विजयनगरम के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई थी जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी और 69 घायल हो गए थे।पीएम मोदी ने सीएम ममता बनर्जी से की बातपश्चिम बंगाल में हुए इस ट्रेन हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जानकारी ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी ने ममता बनर्जी से बात की। राहत ट्रेन और मेडिकल वैन जलपाईगुड़ी पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि कम से कम 15 घायल यात्रियों की हालत नाजुक है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-uttar-pradesh-weekend-lockdown-curfew-on-sunday-will-not-be-imposed-808918
यूपी में रविवार का लॉकडाउन खत्म, रक्षाबंधन से उत्तर प्रदेश पूरी तरह अनलॉक
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड की बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत रविवार की प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी की व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। अब से सभी शहरों/बाजारों/उद्योगों/कारखानों में, कोविड काल से पूर्व में प्रभावी रही साप्ताहिक बंदी की तिथि पर अवकाश लागू किया जाए।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम 9 के अधिकारियों के साथ 5 कालिदास मार्ग आवास पर बैठक की। बैठक में उत्तर प्रदेश में रविवार के साप्ताहिक बंदी के समाप्ति की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 9 की बैठक में निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में रविवार का लॉकडाउन हटा दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड की बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत रविवार की प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी की व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। अब से सभी शहरों/बाजारों/उद्योगों/कारखानों में, कोविड काल से पूर्व में प्रभावी रही साप्ताहिक बंदी की तिथि पर अवकाश लागू किया जाए। बता दें कि, पिछले कुछ महीनों से यूपी में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नए आदेश के मुताबिक इस रक्षाबंधन से यूपी को पूरी तरह अनलॉक कर दिया गया है। यानी रविवार को लगने वाला लॉकडाउन अब खत्म हो गया है। उत्तर प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रहेगा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार के मद्देनजर 22 अगस्त से रविवार की बंदी समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों तथा अन्य मंडलीय अधिकारियों को भेजे गये पत्र में कहा है कि सरकार के निर्देशानुसार 22 अगस्त से रविवार की साप्ताहिक बंदी समाप्त की जाती है और अब प्रत्येक सोमवार से रविवार तक प्रात: छह बजे से रात्रि 10 बजे तक मास्क की अनिवार्यता, दो गज की दूरी व सेनिटाइजर के प्रयोग की शर्त के साथ गतिविधियां अनुमन्य किये जाने की अनुमति होंगी। रात्रिकालीन कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बाजार की पूर्व में निर्धारित साप्ताहिक बंदी यथावत लागू रहेगी।इससे पहले प्रदेश में कोरोना की स्थिति में सुधार के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से रविवार की साप्ताहिक बंदी समाप्त करने पर विचार करने को कहा था। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया था, ‘‘प्रदेश में कोविड की बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत रविवार की प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी की व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। अब से सभी शहरों/बाजारों/उद्योगों/कारखानों में, कोविड काल से पूर्व में प्रभावी रही साप्ताहिक बंदी की तिथि पर अवकाश लागू किया जाए। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया जाए।''इससे पहले 11 अगस्त को शनिवार की बंदी खत्म करने का निर्देश जारी किया गया था। गौरतलब है कि जुलाई में, राज्य सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल जारी किया था जिसके तहत सोमवार से शुक्रवार तक बाजार, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक काम करने की अनुमति दी गई थी, जबकि शनिवार और रविवार साप्ताहिक बंदी रखा गया था।बयान में कहा गया कि सतत प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। आज प्रदेश के 15 जनपदों (अलीगढ़, अमेठी, बदायूं, बस्ती, देवरिया फर्रुखाबाद, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, कासगंज, महोबा, मिर्जापुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती और शामली) में फिलहाल कोविड का एक भी मरीज नहीं है। लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम 9 के अधिकारियों के साथ 5 कालिदास मार्ग आवास पर बैठक की। बैठक में उत्तर प्रदेश में रविवार के साप्ताहिक बंदी के समाप्ति की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम 9 की बैठक में निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में रविवार का लॉकडाउन हटा दिया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोविड की बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत रविवार की प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी की व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। अब से सभी शहरों/बाजारों/उद्योगों/कारखानों में, कोविड काल से पूर्व में प्रभावी रही साप्ताहिक बंदी की तिथि पर अवकाश लागू किया जाए। बता दें कि, पिछले कुछ महीनों से यूपी में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नए आदेश के मुताबिक इस रक्षाबंधन से यूपी को पूरी तरह अनलॉक कर दिया गया है। यानी रविवार को लगने वाला लॉकडाउन अब खत्म हो गया है। उत्तर प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रहेगा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार के मद्देनजर 22 अगस्त से रविवार की बंदी समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों तथा अन्य मंडलीय अधिकारियों को भेजे गये पत्र में कहा है कि सरकार के निर्देशानुसार 22 अगस्त से रविवार की साप्ताहिक बंदी समाप्त की जाती है और अब प्रत्येक सोमवार से रविवार तक प्रात: छह बजे से रात्रि 10 बजे तक मास्क की अनिवार्यता, दो गज की दूरी व सेनिटाइजर के प्रयोग की शर्त के साथ गतिविधियां अनुमन्य किये जाने की अनुमति होंगी। रात्रिकालीन कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बाजार की पूर्व में निर्धारित साप्ताहिक बंदी यथावत लागू रहेगी।इससे पहले प्रदेश में कोरोना की स्थिति में सुधार के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से रविवार की साप्ताहिक बंदी समाप्त करने पर विचार करने को कहा था। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया था, ‘‘प्रदेश में कोविड की बेहतर होती स्थिति के दृष्टिगत रविवार की प्रदेशव्यापी साप्ताहिक बंदी की व्यवस्था को समाप्त किया जा सकता है। अब से सभी शहरों/बाजारों/उद्योगों/कारखानों में, कोविड काल से पूर्व में प्रभावी रही साप्ताहिक बंदी की तिथि पर अवकाश लागू किया जाए। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिया जाए।''इससे पहले 11 अगस्त को शनिवार की बंदी खत्म करने का निर्देश जारी किया गया था। गौरतलब है कि जुलाई में, राज्य सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल जारी किया था जिसके तहत सोमवार से शुक्रवार तक बाजार, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक काम करने की अनुमति दी गई थी, जबकि शनिवार और रविवार साप्ताहिक बंदी रखा गया था।बयान में कहा गया कि सतत प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। आज प्रदेश के 15 जनपदों (अलीगढ़, अमेठी, बदायूं, बस्ती, देवरिया फर्रुखाबाद, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, कासगंज, महोबा, मिर्जापुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती और शामली) में फिलहाल कोविड का एक भी मरीज नहीं है।
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https://www.indiatv.in/india/national/congress-reaction-on-modi-lok-sabha-speech-says-pm-only-laughed-in-lok-sabha-his-arrogance-awaits-election-defeat-2022-02-07-834862
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में सिर्फ ‘हंसी-ठिठोली’ की, उनके अहंकार को चुनावी हार का इंतजार: कांग्रेस
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘आज सदन में खूब “प्रोपगैंडा”- भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। हक़ीकत- भारत में मुट्ठी भर अमीरों की ग़ुलाम सरकार है, अमीरी और ग़रीबी में विभाजित अर्थव्यवस्था है,142 अमीरों की सम्पति 23,14,000 करोड़ रुपये से बढ़ 53,16,000 करोड़ रुपये हो गई और 84 प्रतिशत घरों की आय टूट गई।’’
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए लॉकडाउन में परेशान में होने वाले मजदूरों तथा कोरोना वायरस से प्रभावित परिवारों से माफी मांगने की बजाय ‘हंसी-ठिठोली’ की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री ने एक ‘राजा’ की तरह ‘दुष्प्रचार’ किया है, लेकिन हकीकत उनके दावों से अलग है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लॉकडाउन लगा मज़दूरों व उनके परिवारों को बेहाली के भंवर में धकेलने वाले, ‘माफ़ी मांगने’ की बजाय मदद के लिए जुटे 'हाथ' पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। सरकार के निकम्मेपन के कारण लाखों लोगों ने अपनों को खो दिया, मग़र आज बेशर्मी से संसद में उनकी पीड़ा पर हंसी-ठिठोली की गई। याद रखा जाएगा।’’रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री के ‘इको-सिस्टम’ वाले प्रहार पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आज सदन से साफ़ संदेश आया है-"हम एक भी चुनाव हार जाएं तो ही पूरा 'इको सिस्टम' काम करता "मतलब साफ़ है भयंकर बेरोजगारी, बेतहाशा महंगाई, घटती आमदनी और बेतहाशा ग़रीबी से राहत चाहिए तो इन्हें चुनाव में हराना होगा - तो ही इको सिस्टम काम करेगा।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ संसद में बात होनी थी: खत्म हुए 12 करोड़ रोज़गारों की, 23 करोड़ मजबूर ग़रीबों की, 700 किसानों की शहादत की, किसान की आय 27 रुपये प्रतिदिन रह जाने की, 84 प्रतिशत घरों की घटी आमदनी की, 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई की, 40-60 लाख कोरोना से मरने वालों की, मग़र अहंकार को तो अभी भी चुनाव हारने का इंतज़ार है।’’कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘राजा ने 20 जून, 2020 को कहा, “न कोई देश में घुसा, न कोई आया”। आज फिर संसद ने खुद की मज़बूती की दुहाई दी। हक़ीक़त- चीन से लद्दाख़ में क़ब्ज़े को लेकर 14 बार वार्ता। चीन ने वाई जंक्शन तक डेपसांग प्लेन में क़ब्ज़ा किया। चीन ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग में क़ब्ज़ा किया।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘राजा ने 13 दिसंबर, 2016 को “मेक इन इंडिया” का नारा देकर विनिर्माण को साल 2022 तक जीडीपी का 25 प्रतिशत करने का वादा किया। आज फिर दोहराया। हक़ीक़त - विनिर्माण साल 2015-16 में जीडीपी का 17 प्रतिशत से घट कर साल 2020-21 में 14 प्रतिशत हुआ। हां, चीन से एक साल में आयात 46 प्रतिशत बढ़ 66 अरब डॉलर से 97 अरब डॉलर हुआ।’’सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘आज सदन में खूब “प्रोपगैंडा”- भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। हक़ीकत- भारत में मुट्ठी भर अमीरों की ग़ुलाम सरकार है, अमीरी और ग़रीबी में विभाजित अर्थव्यवस्था है,142 अमीरों की सम्पति 23,14,000 करोड़ रुपये से बढ़ 53,16,000 करोड़ रुपये हो गई और 84 प्रतिशत घरों की आय टूट गई।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने आलोचना को जीवंत लोकतंत्र का ‘आभूषण’ और ‘अंध विरोध’ को लोकतंत्र का अनादर बताते हुए सोमवार को कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि ‘‘बहुत से लोगों का कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिसका उन्हें नतीजा भुगतना पड़ रहा है।’’राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए PM ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी को दशकों से अनेक राज्यों की जनता नकार चुकी है, लेकिन उसका अहंकार नहीं जाता और वह अब भी ‘अंध विरोध’ में लगी है। कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि ‘‘इस कोरोना काल में तो कांग्रेस ने हद कर दी। पहली लहर के दौरान देश जब लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) दुनिया भर को सलाह देता था, सारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ कह रहे थे कि जो जहां है वहीं पर रुके। तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर मुंबई के श्रमिकों को जाने के लिए मुफ्त टिकट दिया, लोगों को जाने के लिए प्रेरित किया गया।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-muzeeb-jackets-to-be-centre-of-attraction-during-pm-narendra-modi-bangladesh-visit-779552
पीएम की बांग्लादेश यात्रा के दौरान खादी का 'मुजीब जैकेट्स' बनेगा आकर्षण का केंद्र
केवीआईसी के अध्यक्ष, विनाई कुमार सक्सेना ने कहा, "26-27 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्र की राजनयिक यात्रा के दौरान परिधान गणमान्य लोगों की प्रमुख पोशाक होगी।"
नई दिल्ली. खादी 'मुजीब जैकेट्स' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले सप्ताह ढाका की दो दिवसीय यात्रा के दौरान आकर्षण का केंद्र होगा। भारतीय उच्चायोग में अधिकारी बांग्लादेश के फादर ऑफ नेशन शेख मुजीबुर रहमान के सम्मान में उनके सिगनेचर परिधान को पहनेंगे। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने ढाका में भारतीय उच्चायोग को 100 ऐसे कस्टम-डिजाइन किए गए 'मुजीब जैकेट्स' की आपूर्ति की है।केवीआईसी के अध्यक्ष, विनाई कुमार सक्सेना ने कहा, "26-27 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्र की राजनयिक यात्रा के दौरान परिधान गणमान्य लोगों की प्रमुख पोशाक होगी।"पुरानी पीढ़ी के लिए, यह उनके महान नेता की विचारधारा का प्रतीक है, जबकि यह बांग्लादेश के युवाओं के लिए एक फैशन स्टेटमेंट बन गया है। मोदी हमेशा देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए खादी और इसकी विरासत और सांस्कृतिक मूल्य के पक्षधर रहे हैं। 2016 में, ब्रिक्स नेताओं, जिसमें मोदी भी शामिल हैं, ने गोवा में खादी जैकेट में शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।सक्सेना ने कहा, "प्रधानमंत्री ने अपनी राजनयिक यात्राओं के दौरान हमेशा खादी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। यह महात्मा गांधी की विरासत को आगे ले जाने के लिए है, जो हमेशा खादी उत्पादों को विशेष रूप से खादी के रूमाल विदेशी दौरे के दौरान वहां के पदाधिकारी को सम्मान स्वरूप देते थे।"विशेष रूप से डिजाइन किया गया 'मुजीब जैकेट' उच्च गुणवत्ता वाले दस्तकारी खादी कपड़े से बना है। ब्लैक मुजीब जैकेट को छह बटन, निचले आधे हिस्से पर दो जेब और बाईं ओर एक फ्रंट पॉकेट के साथ डिजाइन किया गया है। कपड़े के पर्यावरण के अनुकूल प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, इन जैकेटों के लिए जिप-कवर भी 'खादी इंडिया' लोगो के साथ काले सूती कपड़े से बने हैं।'मुजीब जैकेट' बांग्लादेश में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और यह बहुत गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश यात्रा के दौरान खादी के कपड़े से बने इन जैकेटों को सुशोभित किया जाएगा, जो खादी के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा, "खादी से बने मुजीब जैकेट इस समारोह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों में महत्वपूर्ण वृद्धि करेंगे। यह खादी को वैश्विक और राजनयिक मंच पर भी बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा।"
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-baghpat-become-number-one-on-development-index-in-uttar-pradesh-764939
उत्तर प्रदेश में विकास सूचकांक पर बागपत नंबर 1 पर पहुंचा, सांसद ने मोदी को लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के अनुसार नवंबर 2020 तक जारी जिलों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश का बागपत विकास के पैमाने पर सबसे अच्छा जिला बन गया है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के अनुसार नवंबर 2020 तक जारी जिलों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश का बागपत विकास के पैमाने पर सबसे अच्छा जिला बन गया है। बागपत के सांसद और पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बाबत सूचित करने के लिए 8 जनवरी को उन्हें एक पत्र लिखा।प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में, सिंह ने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि जिलों के विकास सूचकांक पर नवीनतम रैंकिंग में, बागपत, कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग (पीआईडी) द्वारा नवंबर 2020 के महीने के लिए हाल ही में जारी रिपोर्ट में नंबर एक जिला के रूप में उभरा है।" सिह ने मुंबई में पुलिस आयुक्त के रूप में भी काम किया है।सिंह ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि 2016 में बागपत 41 वें स्थान पर था और इससे पहले यह 75 जिलों में से 56 वें स्थान पर था। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में उन्होंने लंबे समय से लंबित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की है और जिले में एक केन्द्रीय विद्यालय खोला है।सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा कि यह उनका नेतृत्व था जिसने भारत को वंशवाद, तुष्टिकरण की राजनीति से बाहर निकाला और उन्होंने देश के विकास के लिए लगातार काम किया है।
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https://www.indiatv.in/india/national/imd-alert-weather-forecast-delhi-uttar-pradesh-haryana-bihar-punjab-rain-next-3-days-cold-wave-2022-01-20-832319
IMD Alert: दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में होगी बारिश! शीतलहर से और बढ़ेगी ठंड
मौसम विभाग का अनुमान है कि बारिश के चलते पारा थोड़ा और लुढ़क सकता है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों के अलावा सिक्किम, बंगाल, बिहार, झारखंड यानी पूर्वी भारत में भी 22 और 23 जनवरी को बारिश होने की संभावना है।
IMD Alert: दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, बिहार और पंजाब समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लोगों को अभी ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, आगामी शुक्रवार-शनिवार और रविवार (21, 22 और 23 जनवरी) को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, बिहार समेत उत्तर पश्चिम भारत के कई राज्यों में बारिश हो सकती है। 21 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर पश्चिमी भारत में मौसम में हलचल हो सकती है। इससे साफ है कि इस महीने के अंत तक सर्दी का सितम फिलहाल जारी रहेगा।मौसम विभाग का अनुमान है कि बारिश के चलते पारा थोड़ा और लुढ़क सकता है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों के अलावा सिक्किम, बंगाल, बिहार, झारखंड यानी पूर्वी भारत में भी 22 और 23 जनवरी को बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा सुबह और रात में मैदानी इलाकों में घना कोहरा जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 दिनों में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान, हिमाचल प्रदेश, मुजफ्फराबाद और उत्तराखंड के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। खासतौर पर यूपी और बिहार के इलाकों में अगले 2 दिनों तक शीत लहर का प्रकोप जारी रह सकता है। वहीं हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। आईएमडी ने उत्तर भारत में एक नए पश्चिमी विक्षोभ की चेतावनी जारी है। इसकी वजह से 21, 22 और 23 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश की संभावना बनी हुई है। 22 जनवरी को इसके लिए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। ठंड में मौसम विभाग का येलो अलर्ट (IMD Yellow Alert in Winter) दर्शाता है कि मौसम अधिक खराब हो सकता है, इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। दिल्ली में गुरुवार को वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब'आईएमडी के अनुसार, गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 95 प्रतिशत रहा। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में आज वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब' श्रेणी में रही। 22 जनवरी को हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी और बारिश हो सकती है। इसके अलावा चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तर राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में 21 जनवरी से बारिश शुरू हो सकती है, जो 22 और 23 जनवरी को भी होगी। हरियाणा और पंजाब में 22 जनवरी को ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-captain-amarinder-singh-hits-back-harish-rawat-maharashtra-shiv-sena-congress-alliance-819953
रावत के बयान पर कैप्टन का पलटवार, पूछा, ‘महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ क्या कर रही है कांग्रेस?’
कैप्टन के मीडिया अडवाइजर रवीन ठुकराल ने पंजाब के पूर्व सीएम के हवाले से एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए।
नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस नेता हरीश रावत के बयानों पर गुरुवार को पलटवार किया है। कैप्टन द्वारा नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद रावत ने कहा था कि पंजाब के पूर्व सीएम ने अपने अंदर के ‘सेक्युलर अमरिंदर’ को मार दिया है। रावत के बयान से भड़के अमरिंदर ने ट्वीट्स के जरिए कहा कि उन्हें सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद कर देना चाहिए। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के पहले बीजेपी में होने और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार चलाने का हवाला देते हुए कैप्टन ने पूछा कि तब पार्टी का सेक्युलरिज्म कहां था।‘सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद कीजिए’कैप्टन के मीडिया अडवाइजर रवीन ठुकराल ने पंजाब के पूर्व सीएम के हवाले से एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए। उन्होंने कैप्टन के हवाले से कहा, ‘हरीश रावत जी, सेक्युलरिज्म के बारे में बात करना बंद कीजिए। यह मत भूलिए कि कांग्रेस ने 14 साल तक बीजेपी में रहने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में शामिल किया था। और नाना पटोले एवं रेवनाथ रेड्डी आरएसएस से नहीं आए तो कहां से आए? और परगट सिंह 4 साल तक अकाली दल के साथ थे।’‘महाराष्ट्र में आप शिवसेना के साथ क्या कर रहे’एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पूछा, ‘और महाराष्ट्र में आप शिवसेना के साथ क्या कर रहे हैं? या हरीश रावत जी आप यह कह रहे हैं कि जब तक कांग्रेस का मकसद पूरा होता रहे तब तक कथित सांप्रदायिक पार्टियों के साथ जाना ठीक है। यह राजनीतिक अवसरवाद नहीं तो फिर क्या है? हरीश रावत जी, आज आप हमारे ऊपर अपने प्रतिद्वंदी अकाली दल की 4.5 साल तक मदद करने का आरोप लगा रहे हैं। क्या आपको लगता है कि पिछले 10 सालों से मैं इसीलिए उनके खिलाफ अदालत में मुकदमे लड़ रहा हूं? और मैंने 2017 के बाद से पंजाब में होने वाले हर चुनाव में कांग्रेस को जीत क्यों दिलवाई?’‘कांग्रेस ने पंजाब में खुद ही नुकसान पहुंचाया’कैप्टन ने कहा, ‘हरीश रावत जी, आपको आशंका है कि मेरी वजह से पंजाब में पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचेगा। हकीकत तो यह है कि पार्टी ने मेरे ऊपर भरोसा न करके और सिद्धू जैसे अस्थिर शख्स के हाथों में, जो कि सिर्फ स्वयं के प्रति वफादार है, पंजाब कांग्रेस की कमान देकर खुद अपने हितों को नुकसान पहुंचाया है।’ बता दें कि अपने बयान में कैप्टन को ‘भटका’ हुआ शख्स बताते हुए रावत ने कहा था, ‘नई पार्टी बनाने का मतलब यही हुआ कि कौआ खाना है लेकिन उसे तीतर बताकर खाना है। जिसको बीजेपी, अकाली दल की मदद करनी है वही इस तरह का कदम उठाएगा।’
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https://www.indiatv.in/india/national-supreme-court-50-percent-staff-tests-coronavirus-positive-784109
सुप्रीम कोर्ट का आधा स्टाफ कोरोना पॉजिटिव, अब घर से ही काम करेंगे जज
सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट का 50 फीसदी स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ऐसे में एहतियात के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सभी सुनवाई अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की जाएंगी...
नई दिल्‍ली: देश में कोरोना की दूसरी चाल डरावनी होती जा रही है। पिछले 24 घंटों में नए कोरोना केसों का रिकॉर्ड बना। एक लाख 70 हजार नए केस दर्ज किए गए, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा 24 घंटों में 904 लोगों की मौत हो गई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट का 50 फीसदी स्‍टाफ कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ऐसे में एहतियात के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सभी सुनवाई अब वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग से की जाएंगी और सभी जज अब घर से ही काम करेंगे। आपको बता दें कि रविवार तक यहां 44 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।शीर्ष अदालत में करीब 3,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जहां कुछ न्यायाधीश अदालती कार्यवाही के लिए शीर्ष अदालत के परिसर में आ रहे थे वहीं कुछ अन्य न्यायाधीश अब भी अपने-अपने घरों से अदालतें लगा रहे थे। कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच, शीर्ष अदालत ने दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। इनमें से एक में कहा गया है कि जो पीठें सुनवाई के लिए साढ़े 10 बजे और 11 बजे बैठती हैं वे सोमवार को अपने निर्धारित समय से एक घंटे की देरी से बैठेंगी। सभी न्यायाधीश अपने-अपने निवास स्थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले सुनेंगे और इस बीच, अदालती कक्षों के साथ ही समूचे न्यायालय परिसर को संक्रमण मुक्त किया जा रहा है।अन्य अधिसूचना में वकीलों द्वारा अत्यावश्यक मामलों का अदालत आकर उल्लेख करने पर सोमवार से लेकर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।बता दें कि दिल्ली में कोरोना का मीटर सबसे बड़ी टेंशन बन गया। कोरोना हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहा है और इस पर कंट्रोल कैसे करेंगे। इसे लेकर आज एक बार फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल अहम बैठक करने वाले हैं। दोपहर 12 बजे केजरीवाल स्वास्थ्य मंत्री समेत कई अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे और एक्शन प्लान पर चर्चा होगी। दिल्ली में पिछली 24 घंटे में कोरोना के 10774 नए केस आए हैं जबकि 48 लोगों की मौत हुई है। ये लगातार दूसरा दिन है जब दिल्ली में 10 हज़ार से ज़्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-hemkund-sahib-and-lokpal-laxman-temple-to-be-opened-for-devotees-on-september-4-734658
हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर 4 सितंबर को खुलेंगे, यात्रा संबंधी सभी इंतजाम पूरे हुए
सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर को 4 सितंबर को सुबह 4:00 बजे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यात्रा के लिए सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं।
नई दिल्ली: सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर को 4 सितंबर को सुबह 4:00 बजे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। जिला प्रशासन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यात्रा के लिए सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं। स्वाति एस भदौरिया, डीएम, चमोली, उत्तराखंड ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली हेमकुंड साहिब के कपाट हर वर्ष मई महीने के दौरान खुलते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते एहतियातन चार सितबर से हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने का फैसला लिया गया। हेमकुंड साहिब की यात्रा पर उत्तराखंड के बाहर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले कोविड का पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट से ई-पास लेकर ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। यात्रा के दौरान गुरूद्वारों में शारीरिक दूरी, मास्क पहनना एवं कोविड के सभी नियमों का पालन करना भी अनिवार्य रहेगा। तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी। हेमकुण्ड साहिब की सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के लिए जिलाधिकारी ने लोनिवि, विद्युत एवं जल संस्थान को यात्रामार्ग पर जरूरी व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के निर्देश कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सकों की तैनाती एवं दवाइयों का स्टाक रखने, जिला पंचायत को यात्रामार्ग में नियमित सफाई के लिए कार्मिकों की तैनाती तथा गुरुद्वारा प्रबंधन समिति को गोविन्द घाट, घांघरिया आदि स्थानों पर आवासीय व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। हेमकुंड मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्र जीत सिंह बिद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के कपाट 4 सिंतबर को सुबह 10 बजे श्रद्वालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
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https://www.indiatv.in/india/national-imd-snowfall-alert-in-jammu-kashmir-himachal-pradesh-uttarakhand-weather-forecast-minimum-temperature-updates-767465
कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड में बर्फबारी का अनुमान, मैदान में चार डिग्री तक गिर सकता है पारा, IMD ने जताया अनुमान
पुरवाई हवाएं बर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से आने वाली उत्तर पश्चिमी हवाओं के मुकाबले कम सर्द होती हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार से हालांकि न्यूनतम तापमान फिर चार डिग्री तक गिर सकता है।
नई दिल्ली. शुक्रवार को राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) में न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) सामान्य से तीन डिग्री कम 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे (Fog) के कारण यातायात (traffic) भी प्रभावित हुआ। इसकी जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने। IMD ने बताया कि हल्का कोहरा छाने से सफदरजंग और पालम में दृश्यता 350 मीटर दर्ज की गई।पढ़ें- कब होंगे यूपी बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम? ये रही पूरी जानकारीपढ़ें- Kisan Andolan: हरियाणा पुलिस ने छुट्टियां रद्द की, ट्रैक्टर रैली को देखते हुए लिया गया फैसलाठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीदनए पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करने से ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। पुरवाई हवाएं चलने और बादल छाने से रविवार तक न्यूनतम तापमान के नौ डिग्री तक बढ़ने का अनुमान है। IMD के स्थानीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में पुरवाई हवाएं चलने लगी हैं। बादल छाने से शनिवार और रविवार को न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।"पढ़ें- उत्तर रेलवे ने दी सौगात, इन रूट पर चलेंगी नई स्पेशल ट्रेनें, यहां है पूरी जानकारीपढ़ें- भारत-अमेरिका संबंधों पर बायडेन सरकार की तरफ से की कही गई अहम बातनई दिल्ली. शुक्रवार को राजधानी नई दिल्ली (New Delhi) में न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) सामान्य से तीन डिग्री कम 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे (Fog) के कारण यातायात (traffic) भी प्रभावित हुआ। इसकी जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने। IMD ने बताया कि हल्का कोहरा छाने से सफदरजंग और पालम में दृश्यता 350 मीटर दर्ज की गई।पढ़ें- कब होंगे यूपी बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम? ये रही पूरी जानकारीपढ़ें- Kisan Andolan: हरियाणा पुलिस ने छुट्टियां रद्द की, ट्रैक्टर रैली को देखते हुए लिया गया फैसलाठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीदनए पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करने से ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। पुरवाई हवाएं चलने और बादल छाने से रविवार तक न्यूनतम तापमान के नौ डिग्री तक बढ़ने का अनुमान है। IMD के स्थानीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में पुरवाई हवाएं चलने लगी हैं। बादल छाने से शनिवार और रविवार को न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।"पहाड़ों में बर्फबारी का अनुमानपुरवाई हवाएं बर्फ से ढके पश्चिमी हिमालय से आने वाली उत्तर पश्चिमी हवाओं के मुकाबले कम सर्द होती हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार से हालांकि न्यूनतम तापमान फिर चार डिग्री तक गिर सकता है। उन्होंने कहा, "पश्चिमी विक्षोभ से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का अनुमान है। बर्फ से ढंके पहाड़ों से आने वाली सर्द, शुष्क हवाओं से सोमवार तक तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।"पढ़ें- जब राबड़ी देवी के आवास के बाहर भिड़ गए 'वर्दी वाले', देखिए वीडियो, समझिए क्या है मामलापढ़ें- IMD Alert: यहां पर फिर हो सकती है बर्फबारी और बारिश, मौसम विभाग ने जताई आशंकायूपी में अगले हफ्ते और बढ़ सकती है ठंडउत्तर प्रदेश में आने वाले दो-तीन दिनों तक राहत के बाद ठंड में फिर इजाफा होने की संभावना है। आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक जे पी गुप्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि एक-दो दिन बाद तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी होगी लेकिन उसके बाद इसमें गिरावट आएगी। उन्होंने बताया कि पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवा के कारण तापमान में गिरावट के साथ गलन बढ़ेगी और ठिठुरन भरी सर्दी महसूस की जाएगी। ऐसी सर्दी अगले पूरे हफ्ते तक रहने की संभावना है।पढ़ें- रेलवे ने किया नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, जानिए रूट, टाइम और स्टॉपेजपढ़ें- चोरी के नए-नए आईडिया खोज रहे हैं चोर! अब PPE Kit पहनकर की चोरी, उड़ाया 25 किलो सोना, देखिए वीडियोमौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के पश्चिमी हिस्सों के कुछ इलाकों में घना कोहरा रहा। मौसम केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान प्रयागराज मंडल में रात के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में इटावा राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार अगले 24 घंटे में प्रदेश में मौसम आमतौर पर सूखा रहने की संभावना है, कुछ स्थानों पर कोहरा गिर सकता है।
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https://www.indiatv.in/india/national-ljp-leader-chirag-paswan-statement-on-kangana-ranaut-case-739825
कंगना के समर्थन में आए चिराग पासवान, बोले- बिहारी लड़के की लड़ाई लड़ रही देश की बेटी का साथ दें
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना समर्थन दिया है।
नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना समर्थन दिया है। चिराग पासवान ने कंगना के समर्थन में अपने ट्वीट में लिखा है कि 'सभी देश भक्त @KanganaTeam के साथ है। बिहारी लड़के की लड़ाई लड़ने के साथ बॉलीवुड की सच्चाई बताने पर कई लोग इनके खिलाफ हो गए हैं। मुंबई में रह रहे बिहारी व उत्तर भारतीय समेत सभी से अपील करता हूं कि कंगना देश की बेटी है और आज मुंबई पहुंची है आप सभी इस समय इनका साथ दें।'अपने एक अन्य ट्वीट में लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने लिखा है 'महाराष्ट्र भी भारतीय संविधान के अंतर्गत आने वाला प्रदेश है। आज कंगना के साथ जो हुआ है वह कल पूरे देश के विभिन्न प्रान्तों से आए लोगों के साथ हो सकता है। मुम्बई को सबने मिलकर बनाया है वह किसी अकेले की विरासत नहीं।' चिराग पासवान ने मुंबई में रहने वाले बिहार व उत्तर भारतीय समेत सभी से अपील की है कि कंगना देश की बेटी हैं और आज मुंबई पहुंची हैं। सभी को इस समय उनका साथ देना चाहिए। गौरतलब है कि पटना में लोग फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के समर्थन में सड़क पर उतर आए हैं। कंगना के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए लोगों ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार बॉलीवुड अभिनेत्री के साथ अन्याय कर रही है। कंगना रनौत के सपोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति उतरी हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘आज मैं कंगना रनौत के साथ खड़ी हूं। कंगना न सिर्फ खुद के लिए चीजें बना रही हैं बल्कि कई महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बन रही हैं। उनके साथ, आप, मैं, हम सब कर सकते हैं। यह पैट्रिआर्की है, महिला की इज्जत को मिट्टी में मिलाना, उसके द्वारा बनाई चीजों को तोड़ना और सेल्फ रिस्पेक्ट को चोट पहुंचाना।’
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-nitish-kumar-party-jdu-planning-to-contest-200-seats-in-up-if-no-alliance-with-bjp-799081
उत्तर प्रदेश चुनाव: यूपी में नीतीश कुमार बढ़ाएंगे योगी की मुश्किलें! बनाया ये प्लान
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, JDU ने मंगलवार को कहा कि अगर भाजपा 2022 के लिए गठबंधन के उसके आह्वान का जवाब नहीं देती है तो वह पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
पटना. उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को दावा है कि उसे राज्य में फिर से 300 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। इस चुनाव में भाजपा की गठबंधन को लेकर भी कई पार्टियों से बातचीत चल रही है। इस बीच बिहार में भाजपा की सहयोगी जेडीयू की तरफ से एक ऐसा बयान सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर भाजपा ने उनके साथ गठबंधन नहीं किया तो पार्टी 200 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में ये जानकारी दी गई है।अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, JDU ने मंगलवार को कहा कि अगर भाजपा 2022 के लिए गठबंधन के उसके आह्वान का जवाब नहीं देती है तो वह पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जानकार इसे जेडीयू की दबाव की रणनीति बता रहे हैं, हालांकि जेडीयू के लोगों का कहना है कि उनकी पार्टी बिहार के बाहर भी आधार रखती है, जिसे विस्तार दिया जा रहा है। आपको बता दें कि JD(U) 2017 के यूपी चुनावों से पहले आखिरी क्षणों में मुकाबले से हट गई थी क्योंकि पार्टी एनडीए में वापसी की तैयारी कर रही थी। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जेडीयू के जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, "मैं पहले ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को बीजेपी के साथ गठबंधन की अपनी पार्टी की इच्छा से अवगत करा चुका हूं। उन्होंने अभी तक हमारे कॉल का जवाब नहीं दिया है।"त्यागी ने आगे कहा कि पार्टी ने खुद को यूपी में आयोजित किया है और राज्य में कई बैठकें की हैं, खासकर पूर्वांचल बेल्ट में। उन्होंने कहा कि अगर दोनों पार्टियों के बीच में गठबंधन नहीं होता, तो जेडीयू राज्य में 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जहां कोइरी-कुर्मी वोटर्स की अच्छी खासी आबादी है।उन्होंने कहा कि हम रूहेलखंड (बरेली और आसपास के क्षेत्र), मध्य यूपी और पूर्वांचल (वाराणसी और पड़ोसी जिले) में काम कर रहे हैं। कम से कम 16 जिले ऐसे हैं जहां हम उम्मीदवार उतार सकते हैं। केसी त्यागी ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार के साथ पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का यूपी के मतदाताओं पर भी प्रभाव पड़ेगा।यह पूछे जाने पर कि क्या यह दबाव की रणनीति है, क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनुमानित विस्तार में जद (यू) की सीट पर कोई बात सामने नहीं आई है। त्यागी ने कहा, "दोनों के बीच कोई संबंध नहीं है। हमारे नेता नीतीश कुमार ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका हाल का दिल्ली दौरा व्यक्तिगत था और इसका किसी कैबिनेट विस्तार से कोई लेना-देना नहीं था...हमने अतीत में अन्य राज्यों में चुनाव लड़ा है क्योंकि हर राजनीतिक दल को अपना आधार बढ़ाने का प्रयास करने का अधिकार है।"
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https://www.indiatv.in/india/national-uttar-pradesh-ahead-of-all-states-on-day-one-of-coronavirus-vaccination-766464
पहले दिन उत्तर प्रदेश में लगाए गए सबसे ज्यादा कोरोना टीके, जानिए अन्य राज्यों में कितने लोगों को दी गई डोज
कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीके लगाए गए। देश में पहले दिन 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई, इनमें से सबसे ज्यादा 21 हजार 291 टीके उत्तर प्रदेश में लगाए गए।
नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है। शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत की। कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीके लगाए गए। देश में पहले दिन 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई, इनमें से सबसे ज्यादा 21 हजार 291 टीके उत्तर प्रदेश में लगाए गए। यूपी के बाद आंध्र प्रदेश में 18 हजार 412 और महाराष्ट्र में 18 हजार 328 लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई।पढ़ें- IMD Alert: बढ़ेगा ठंड का सितम, यहां जल्द हो सकती है हल्की बर्फबारी और बारिश, मौसम विभाग ने जताई संभावनादेशभर में चिकित्सकीय केंद्रों पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगाने आरंभ कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और लोगों को कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही इसके उपयोग की अनुमति दी गई है। उन्होंने लोगों से दुष्प्रचार और अफवाहों से बचने की अपील की।पढ़ें- भोपाल के तीन थाना क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू, 11 थाना क्षेत्रों में धारा-144अन्य राज्यों में लगे कितने टीकेबिहार- 18,169ओडिशा- 13,746कर्नाटक- 13,594गुजरात- 10,787पश्चिम बंगाल- 9730राजस्थान- 9,279मध्य प्रदेश- 9,219केरल- 8062छत्तीसगढ़- 5592हरियाणा- 5589दिल्ली- 4319तेलंगाना- 3653असम-3528झारखंड- 3096उत्तराखंड- 2276जम्मू-कश्मीर- 2044हिमाचल प्रदेश- 1517पंजाब-1319भारत में अबतक कोरोना ले चुका है 1.5 लाख से ज्यादा जानहमारे देश में अबतक कोरोना संक्रमण 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 15,144 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,05,57,985 हो गई है, जिनमें से 1,01,96,885 लोगों के संक्रमणमुक्त हो जाने के कारण लोगों के स्वस्थ होने की दर 96.58 प्रतिशत हो गई है।पढ़ें- औरंगाबाद या संभाजीनगर? महाराष्ट्र में बवाल तय! शिवसेना अड़ी, कांग्रेस-NCP ने उठाए सवालकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह आठ बजे दिए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में इस समय कोरोना वायरस से संक्रमित 2,08,826 लोगों का उपचार चल रहा है, जो संक्रमितों की कुल संख्या का 1.98 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से अब तक 1,05,57,985 लोग संक्रमित पाए गए हैं। पिछले 24 घंटे में 181 और लोगों की मौत हो जाने के बाद देश में संक्रमण के कारण अब तक मारे गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,52,274 हो गई है। कोविड-19 के मरीजों की मृत्युदर 1.44 प्रतिशत है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 16 जनवरी तक कुल 18,65,44,868 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। उनमें से 7,79,377 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।पढ़ें- देश के विभिन्न हिस्सों से चली केवडिया के लिए 8 ट्रेनें, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी, यहां है पूरी डिटेलनई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है। शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत की। कोरोना वैक्सीनेशन ड्राइव के पहले दिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीके लगाए गए। देश में पहले दिन 1 लाख 91 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई, इनमें से सबसे ज्यादा 21 हजार 291 टीके उत्तर प्रदेश में लगाए गए। यूपी के बाद आंध्र प्रदेश में 18 हजार 412 और महाराष्ट्र में 18 हजार 328 लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई।पढ़ें- IMD Alert: बढ़ेगा ठंड का सितम, यहां जल्द हो सकती है हल्की बर्फबारी और बारिश, मौसम विभाग ने जताई संभावनादेशभर में चिकित्सकीय केंद्रों पर कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगाने आरंभ कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और लोगों को कहा कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही इसके उपयोग की अनुमति दी गई है। उन्होंने लोगों से दुष्प्रचार और अफवाहों से बचने की अपील की।पढ़ें- भोपाल के तीन थाना क्षेत्रों में लगा कर्फ्यू, 11 थाना क्षेत्रों में धारा-144अन्य राज्यों में लगे कितने टीकेभारत में अबतक कोरोना ले चुका है 1.5 लाख से ज्यादा जानहमारे देश में अबतक कोरोना संक्रमण 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 15,144 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,05,57,985 हो गई है, जिनमें से 1,01,96,885 लोगों के संक्रमणमुक्त हो जाने के कारण लोगों के स्वस्थ होने की दर 96.58 प्रतिशत हो गई है।पढ़ें- औरंगाबाद या संभाजीनगर? महाराष्ट्र में बवाल तय! शिवसेना अड़ी, कांग्रेस-NCP ने उठाए सवालकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार सुबह आठ बजे दिए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में इस समय कोरोना वायरस से संक्रमित 2,08,826 लोगों का उपचार चल रहा है, जो संक्रमितों की कुल संख्या का 1.98 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से अब तक 1,05,57,985 लोग संक्रमित पाए गए हैं। पिछले 24 घंटे में 181 और लोगों की मौत हो जाने के बाद देश में संक्रमण के कारण अब तक मारे गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,52,274 हो गई है। कोविड-19 के मरीजों की मृत्युदर 1.44 प्रतिशत है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 16 जनवरी तक कुल 18,65,44,868 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। उनमें से 7,79,377 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।रत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। पिछले 24 घंटे में जिन 181 लोगों की मौत हुई है, उनमें से महाराष्ट्र में 52, केरल में 27, पश्चिम बंगाल में 15, उत्तर प्रदेश में 12, दिल्ली और तमिलनाडु में छह-छह लोगों की मौत हुई। संक्रमण से अब तक 1,52,274 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से महाराष्ट्र में 50,388, तमिलनाडु में 12,257, कर्नाटक में 12,162, दिल्ली में 10,738, पश्चिम बंगाल में 10,041, उत्तर प्रदेश में 8,570, आंध्र प्रदेश में 7,139, पंजाब में 5,499 और गुजरात में 4363 लोगों की मौत हुई है।पढ़ें- ठंड से बचाने के लिए मां ने बच्चे की खाट के नीचे रखी थी अंगीठी, घर में लग गई आग
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https://www.indiatv.in/india/national-dcgi-approves-anti-covid-drug-developed-by-drdo-for-emergency-use-789271
Good News: DRDO द्वारा तैयार एंटी कोरोना दवा को मिली आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी
इस दवा का नाम 2-deoxy-D-glucose (2-DG) है, जिसकी मैनुफैक्चरिंग की जिम्मेदार हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज को दी गई है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार को एक राहत भरी खबर आई। दरअसल, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए एक दवाई के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। इस दवा का नाम 2-deoxy-D-glucose (2-DG) है, जिसकी मैनुफैक्चरिंग की जिम्मेदार हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज को दी गई है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) ने बनाया है।दवा के क्लीनिकल ट्रायल्स सफल रहे हैं, जो बताते हैं कि यह अस्पताल में भर्ती मरीजों की जल्दी रिकवरी सुनिश्चित करती है। इसके अलावा यह दवा मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करती है। इतना ही नहीं, दावा यह भी किया गया है कि इसके इस्तेमाल के बाद मरीजों की कोरोना रिपोर्ट दूसरे मरीजों की तुलना में जल्दी निगेटिव हो जाती है यानी वह जल्दी कोरोना वायरस संक्रमण से रिकवर हो जाते हैं। अप्रैल 2020 में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (हैदराबाद) के साथ मिलकर इस दवा के लैब एक्सपेरिमेंट किए, जिनमें सामने आया कि यह कोरोना को रोकने में मदद करती है। इसके आधार पर DCGI ने मई 2020 में फेज-II ट्रायल्स को मंजूरी दी।देशभर के अस्पतालों में इस दवा का ट्रायल हुआ। फेज-IIa ट्रायल को 6 अस्पतालों और फेज-IIb ट्रायल को 11 अस्पतालों में किया गया। पूरे फेज-II ट्रायल में 110 मरीजों को शामिल किया गया। यह मई 2020 से अक्टूबर 2020 के बीच किए गए। ट्रायल का नतीजा यह रहा कि जिन मरीजों को यह दवा दी गई वह दूसरे मरीजों की तुलना में कोरोना से जल्दी ठीक हुए। ट्रायल में शामिल मरीज दूसरों की तुलना में 2.5 दिन पहले सही हो गए।देशभर के 27 अस्पतालों में फेज-III के ट्रायल्स हुए। यह दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच हुए। इसमें 220 मरीजों को शामिल किया गया। दिल्ली, यूपी, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में इस ट्रायल को किया गया। ट्रायल में पता चला कि जिन्हें यह दवा दी गई, उनमें से 42% मरीजों की ऑक्सीजन की निर्भरता तीसरे दिन खत्म हो गई जबकि जिन्हें दवा नहीं दी गई ऐसे केवल 31% मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता खत्म हुई। दवा का यह असर 65 साल से ऊपर के लोगों पर भी देखा गया।
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https://www.indiatv.in/india/national-assam-flood-condition-worsens-5-death-6-48-lakh-people-affected-811191
असम में बाढ़ से हालात गंभीर, पांच लोगों की मौत, 6.48 लाख लोग प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार बारपेटा और माजुली जिलों में बाढ़ के कारण एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जिससे मृतकों की कुल संख्या बढ़कर पांच हो गयी
गुवाहाटी: असम में बाढ़ की स्थिति बुधवार को और बिगड़ गई, जिसमें दो और लोगों की मौत हो गई जबकि 17 जिलों के करीब 6.48 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार बारपेटा और माजुली जिलों में बाढ़ के कारण एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जिससे मृतकों की कुल संख्या बढ़कर पांच हो गयी। एएसडीएमए ने कहा कि 17 जिलों में बाढ़ से 6,47,600 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। नलबाड़ी सबसे अधिक प्रभावित जिला है जहां 1.11 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद दरांग में 1.09 लाख से अधिक लोग जबकि लखीमपुर जिले में 1.04 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। एएसडीएमए ने कहा कि 1,295 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 39,449.58 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन की ओर से राज्य के 10 जिलों में 85 राहत शिविर और वितरण केंद्र चलाए जा रहे हैं, जहां 648 बच्चों सहित 3,584 लोगों ने शरण ली है। बुलेटिन के मुताबिक राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हुईं विभिन्न एजेंसियों ने राज्य के विभिन्न बाढ़ प्रभावित हिस्सों से 1,617 लोगों को सुरक्षित निकाला है। राज्य के 17 प्रभावित जिलों में बारपेटा, विश्वनाथ, चिरांग, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर और तिनसुकिया शामिल हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/this-is-not-a-joke-many-schools-in-bengaluru-get-bomb-threat-police-in-action-2022-04-08-843790
‘यह मजाक नहीं है’, बेंगलुरु के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, ऐक्शन में आई पुलिस
बेंगलुरु के कमिश्नर ने कहा कि हमारे दल ई-मेल के आधार पर मौके पर जांच कर रहे हैं और जानकारी मिलने पर मीडिया के साथ उसे साझा किया जाएगा।
बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के 6 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ईमेल के जरिए इन सभी स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। इस बारे में बात करते हुए बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने शुक्रवार को बताया कि शहर के इन स्कूलों को ‘ई-मेल’ के जरिए बम से विस्फोट की धमकी मिली है और पुलिस के दल मौके पर पहुंचकर जांच कर रहे हैं। वहीं, स्कूलों को भेजे गए ईमेल में लिखा है कि यह कोई मजाक नहीं है और तुरंत पुलिस बुलाएं।‘बेंगलुरु के स्कूलों को ई-मेल से बम विस्फोट की धमकी मिली है’कमिश्नर पंत ने कहा, ‘बेंगलुरु के स्कूलों को ई-मेल से बम विस्फोट की धमकी मिली है। हमारी स्थानीय पुलिस इसकी जांच कर रही है।’ उन्होंने कहा कि बम निरोधक दस्ते भी मौके पर पहुंच कर जांच कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मौके पर कुछ मिला है, आयुक्त ने कहा, ‘हमारे दल ई-मेल के आधार पर मौके पर जांच कर रहे हैं और जानकारी मिलने पर मीडिया के साथ उसे साझा किया जाएगा।’ वहीं, एक अन्य पुलिस अफसर ने कहा कि ऐसे कॉल अक्सर फर्जी होते हैं लेकिन हम कोई चांस नहीं लेना चाहते और हर स्कूल की गहनता से छानबीन कर रहे हैं।‘स्कूलों को खाली करा लिया गया है और जांच चल रही है’जिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है उनमें बेंगलुरु ईस्ट का डीपीएस, महादेवपुरा का गोपालन इंटरनैशनल स्कूल, मराठाहल्ली का न्यू एकैडमी स्कूल, गोविंदपुरा का इंडियन पब्लिक स्कूल, हेन्नूर का सेंट विंसेंट पॉल स्कूल और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी का एबेंजर इंटरनेशनल स्कूल शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इन स्कूलों को खाली करा लिया गया है और जांच चल रही है। स्कूलों के भेजे गए ईमेल में लिखा था कि तुम्हारे स्कूल में एक बहुत ताकतवर बम लगाया गया है, और यह मजाक नहीं है। इसमें लिखा ता कि तुरंत पुलिस को बुलाओ क्योंकि सैकड़ों जिंदगियां दांव पर है। अब सब कुछ तुम्हारे हाथ में है।
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https://www.indiatv.in/india/national/karnataka-bajrang-dal-worker-big-action-by-police-for-the-murder-of-3-accused-taken-into-custody-2022-02-22-836900
Karnataka: Bajrang Dal कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 3 आरोपियों को लिया हिरासत में
बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है। अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि ये हत्या पहले की दुश्मनी के कारण हुई थी।
कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस भी लगातार आरोपियों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। DIG ईस्टर्न रेंज ने बताया, बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के आरोप में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है। अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि ये हत्या पहले की दुश्मनी के कारण हुई थी। अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है। कानून एवं व्यवस्था अभी नियंत्रण में है।गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बताया था कि इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों की पहचान की है। जांच जारी है और आरोपियों को पकड़ने के लिए भी लगातार प्रयास किया जा रहा है। हर्ष की हत्या के बाद से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। ऐसे में सभी लोगों को धैर्य से काम लेना होगा। फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें, रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे 26 वर्षीय हर्ष की कुछ लोगों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। घायल स्थिति में हर्ष को अस्पताल ले जाया गया था जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद शिवमोगा में कई जगह स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी। कुछ लोगों ने पुलिस पार्टी पर भी पथराव किया था। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद हर्ष की शवयात्रा के दौरान भारी भीड़ देखी गई थी। कुछ जगह बवाल होने के बाद पुलिस ने हल्के बल का भी प्रयोग किया था। पहले इस मामले को कर्नाटक में जारी हिजाब में स्कूल-कॉलेज में एंट्री को लेकर मचे विवाद से जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन गृह मंत्री ने साफ कर दिया था कि ये मामला उससे बिल्कुल अलग है। अब शुरुआती जांच में भी सामने आया है कि पिछली दुश्मनी के कारण इस घटना को अंजाम दिया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-mamta-should-contest-from-anywhere-in-uttar-pradesh-she-will-be-defeated-maurya-782227
'उत्तर प्रदेश में ममता बनर्जी कहीं से भी चुनाव लड़ें, पराजय ही मिलेगी'
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को दावा किया कि ममता बनर्जी इस राज्य में कहीं से भी चुनाव लड़ लें, उन्हें पराजय ही मिलेगी।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को दावा किया कि ममता बनर्जी इस राज्य में कहीं से भी चुनाव लड़ लें, उन्हें पराजय ही मिलेगी। मौर्य अधिकारियों के साथ बैठक के लिए वाराणसी आये हुए थे। संवाददाताओं ने उनसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ने की चुनौती के बारे में सवाल किया था।मौर्य ने दावा किया कि ममता वाराणसी ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं से भी चुनाव लड़ेंगी तो भी उनकी हार ही होगी। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या पर उन्होंने कहा कि सरकार जरूरी कदम उठा रही है।उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही मास्क का उपयोग करें।
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https://www.indiatv.in/india/national/uttarakhand-cm-pushkar-singh-dhami-big-decision-regarding-chardham-yatra-2022-04-19-845907
चारधाम यात्रा को लेकर CM धामी ने किया बड़ा फैसला, कहा, संदिग्धों पर रहेगी नजर
बीते दिनों संतों ने मांग की थी कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। इस पर सीएम धामी ने कहा कि सरकार के संज्ञान में यह विषय है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून: उत्तराखंड में अगले माह से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लिया है। धामी ने कहा कि यात्रा के दौरान संदिग्धों पर नजर रखी जा सके, इसलिए सत्यापन की व्यवस्था शुरू की जाएगी। सीएम धामी ने आज कहा कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में आने वाले संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जाएगी। इतना ही नहीं मिल रही शिकायतों के आधार पर सरकार जल्द ही इस क्षेत्र में बाहरी लोगों का सत्यापन ड्राइव भी कराएगी।आपको बता दें कि उत्तराखंड में अगले माह से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल बीते दिनों संतों ने मांग की थी कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। इस पर सीएम धामी ने कहा कि सरकार के संज्ञान में यह विषय है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर जाने से पहले लोगों का सत्यापन किया जाएगा। धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यूपी, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से प्रदेश में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के लिए सत्यापन की व्यवस्था की जाएगी। ताकि चारधाम यात्रा में किसी भी तरह की अव्यवस्था होने पर स्थिति से निपटा जा सके। मुख्यमंत्री ने सत्यापन व्यवस्था किसी धर्म विशेष के लिए रखे जाने की बात नहीं की।
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https://www.indiatv.in/india/national-mumbai-local-train-services-begins-for-all-passengers-from-today-know-train-timings-769426
आम यात्रियों के लिए आज से शुरू हुईं लोकल ट्रेनें, जानिए किस समय कर सकते हैं यात्रा
आज से हार्बर, सेंट्रल और वेस्टर्न तीनों लोकल रूट के आम यात्री भी लोकल ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं। हालांकि सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक पिक ऑवर्स में आम यात्रियों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
मुंबई. देश की 'आर्थिक राजधानी' मुम्बई की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेन आम यात्रियों के लिए लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज से शुरू हो गयी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देख मार्च 2020 से लोकल सेवाएं आम यात्रियों के लिए बंद की थी। सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओ में कार्यरत कर्मचारियों के लिए ही लोकल ट्रेन की सेवाएं शुरू थी।पढ़ें- भारतीय रेल ने फिर दी गुड न्यूज, अब किया इन ट्रेनों का ऐलान, देखिए लिस्टअब आज से हार्बर, सेंट्रल और वेस्टर्न तीनों लोकल रूट के आम यात्री भी लोकल ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं। हालांकि सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक पिक ऑवर्स में आम यात्रियों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति नहीं है। आम यात्री सुबह 4 बजे से 7 बजे तक, दोपहर में 12 से 4 बजे तक और रात में 9 बजे से देर रात सवा एक बजे आखिरी ट्रेन छूटने तक लोकल ट्रेनों में सफर कर सकते है।पढ़ें- Kisan Andolan: भाजपा नेता ने ही कर दी विधायक को पार्टी से निकालने की मांग, लगाया बड़ा आरोपलोकल ट्रेनों में यात्रा के लिए कोरोना के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यात्रियों को स्टेशन परिसर में और लोकल ट्रेनों में मास्क लगाकर रखना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना होगा। आज हालांकि पहले दिन पहली ट्रेन में यात्रियों की ज्यादा भीड़ तो नहीं दिखी लेकिन लोगो ने लोकल ट्रेन शुरू होने से राहत की सांस ली है। लोकल ट्रेनों में आम यात्रियों को पहले अनुमति नही होने से सड़क के रास्ते भीड़ से भरी बसों, टैक्सी, ऑटो में ट्रैवल करना पड़ता था जिस कारण ट्रैफिक में समय और पैसे भी ज्यादा लगते थे। अब पैसे और समय दिनों की बचत हो रही है।पढ़ें- Tourist Highway में बदलेगी लेह से कारगिल की सड़क, जानिए क्या है सरकार का प्लान
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https://www.indiatv.in/india/politics-india-vs-china-pakistan-war-rahul-gandhi-statement-777101
देश को सीमा से अलग युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए: राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय शस्त्र बलों को 2.5 फ्रंट के युद्ध लड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अब बीते दौर की बात हो गई है। फिर भी हमें एक सीमाहीन युद्ध की तैयारी करनी चाहिए।’’
नई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि देश को सीमा से अलग युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि ‘2.5 फ्रंट’ के युद्ध का चलन अब पुराने दौर की बात हो चुकी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय शस्त्र बलों को 2.5 फ्रंट के युद्ध लड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अब बीते दौर की बात हो गई है। फिर भी हमें एक सीमाहीन युद्ध की तैयारी करनी चाहिए।’’कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह पिछली परंपराओं और विरासत में मिली व्यवस्थाओं के बारे में बात नहीं है। यह हमारे सोचने के तरीके को बदलने और एक राष्ट्र के रूप में कार्य करने के बारे में है।’’ समझा जाता है कि उनके दो मोर्चे से राहुल का आशय चीन और पाकिस्तान और आधे मोर्चे से उनका मतलब आंतरिक सुरक्षा खतरे जैसे आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद जैसी चुनौतियों से है।ये भी पढ़ेंTamil Nadu Election: कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ आईं 25 सीटें, पिछली बार 41 पर लड़ा था चुनाव किसानों के कृषि ऋण होंगे माफ, पंजाब सरकार ने बजट में किया ऐलानवेंकैया नायडू ने दिल्ली में रहने के बावजूद सांसदों के सदन में नहीं आने पर जतायी हैरतबेटे ने रचा ऐसा ड्रामा, जमीन बेचने को मजबूर हो गया बूढ़ा बाप, अच्छा रहा पुलिस ने टाइम रहते किया खुलासाDelhi Metro के कई स्टेशनों के एंट्री और एग्जिट गेट्स बंदनई दिल्ली. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि देश को सीमा से अलग युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि ‘2.5 फ्रंट’ के युद्ध का चलन अब पुराने दौर की बात हो चुकी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय शस्त्र बलों को 2.5 फ्रंट के युद्ध लड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। यह अब बीते दौर की बात हो गई है। फिर भी हमें एक सीमाहीन युद्ध की तैयारी करनी चाहिए।’’कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह पिछली परंपराओं और विरासत में मिली व्यवस्थाओं के बारे में बात नहीं है। यह हमारे सोचने के तरीके को बदलने और एक राष्ट्र के रूप में कार्य करने के बारे में है।’’ समझा जाता है कि उनके दो मोर्चे से राहुल का आशय चीन और पाकिस्तान और आधे मोर्चे से उनका मतलब आंतरिक सुरक्षा खतरे जैसे आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद जैसी चुनौतियों से है।ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-126-fresh-cases-take-arunachals-covid-19-tally-to-10-548-745408
अरुणाचल प्रदेश में सामने आए Coronavirus के 126 नए मामले, संक्रमितों की संख्या 10,548 हुई
अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के कम से कम 126 नए मरीज सामने आए हैं, जिनमें से छह सुरक्षाकर्मी हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10,548 हो गई है।
ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के कम से कम 126 नए मरीज सामने आए हैं, जिनमें से छह सुरक्षाकर्मी हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10,548 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नए मामलों में से सब से ज्यादा 48 रोगी राजधानी परिसर क्षेत्र से सामने आए हैं। इसके बाद चांगलांग से 15, पश्चिमी सियांग से 10, तवांग, पश्चिमी कामेंग और निम्न सुबनसिरी से सात-सात नए मामले सामने आए हैं। अधिकारी ने बताया कि लेपा रादा से छह और ऊपरी सियांग और पापुमपारे जिले से पांच-पांच नए मामले सामने आए हैं। राज्य निगरानी अधिकारी डॉक्टर एल जाम्पा ने बताया कि सेना के एक जवान, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के दो जवान और राज्य पुलिस के तीन कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। डॉक्टर एल जाम्पा ने बताया कि नए संक्रमितों में से 15 को छोड़कर बाकी में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं और उन्हें कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि कम से कम 190 मरीज को स्वस्थ होने के बाद रविवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राज्य में संक्रमण से मुक्त होने वाले लोगों की संख्या 7,577 हो गई। जाम्पा ने कहा कि फिलहाल राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71.83 फीसदी है। अरुणाचल प्रदेश में अब 2,953 मरीजों का इलाज चल रहा है और 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-investigation-of-call-data-records-to-locate-contacts-of-covid-19-patients-734148
उत्तर प्रदेश: अब इस तरह से कोविड-19 मरीजों के संपर्क में आए लोगों का लगाया जा रहा है पता
गौतम बुद्ध नगर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के प्रभारी डा. भारत भूषण ने कहा कि पहले तो स्वास्थ्य एवं प्रशासन के अधिकारियों की टीम यह कार्य करती है। उन्होंनें बताया कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के पांच तरीके हैं। मरीजों को फोन कर उनके संपर्कों का पता लगाया जाता है और रैपिड रेस्पांस टीम मौके पर पहुंचकर मरीज से पूरी जानकारी लेती हैं।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए जिलों में कॉल डाटा रिकार्ड (सीडीआर) की छानबीन की जा रही है। सीडीआर का इस्तेमाल पुलिस अपराधों की जांच में करती है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ मरीज जानबूझ कर अपनी जानकारी छिपाने का प्रयास कर रहे हैं या फिर उपचार के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को गलत एवं अपूर्ण सूचना दे रहे हैं। इससे उनके संपर्कों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है।अधिकारियों ने उदाहरण दिया कि गाजियाबाद में अब तक 6,567 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 637 संपर्कों (लगभग दस फीसदी) का जिला पुलिस ने पता लगाया। इसके लिए अन्य उपायों के साथ साथ सर्विलांस का सहारा लिया गया। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि ‘कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग’ (संपर्कों का पता लगाना) होनी चाहिए लेकिन कैसे हो, यह जिला प्रशासन तय करेगा।पढ़ें- Ram Mandir को लेकर ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस पर किया बड़ा हमलागौतम बुद्ध नगर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के प्रभारी डा. भारत भूषण ने कहा कि पहले तो स्वास्थ्य एवं प्रशासन के अधिकारियों की टीम यह कार्य करती है। उन्होंनें बताया कि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के पांच तरीके हैं। मरीजों को फोन कर उनके संपर्कों का पता लगाया जाता है और रैपिड रेस्पांस टीम मौके पर पहुंचकर मरीज से पूरी जानकारी लेती हैं।पढ़ें- नोएडा पुलिस को बड़ी सफलता! कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी का बड़ा भाई गिरफ्तारउन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तर पर टीमें एंटीजन आधारित कोविड-19 जांच परिणामों के आधार पर ब्यौरा एकत्र करती हैं। परिणाम तेजी से आते हैं, जिससे संक्रमित व्यक्ति के परिवार वालों और उनके संपर्क में आये लोगों को पृथक करने में आसानी होती है। अधिकारी कोविड-19 की जांच करने वाली सरकारी एवं निजी प्रयोगशालाओं के संपर्क में रहते हैं। इन प्रयोगशालाओं के लिए अनिवार्य है कि वे आईसीएमआर के फार्म को भरवायें, जिसमें जांच कराने वाले व्यक्ति का ब्यौरा हो। इससे बाद में संक्रमितों के संपर्कों को खोजने में मदद मिलती है।पढ़ें- नेताजी की मौत विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी: राजश्री चौधरीउन्होंने बताया कि पांचवा तरीका एल-1, एल-2 और एल-3 अस्पतालों से मरीजों का ब्यौरा एकत्र करने का है। भूषण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 90 से 95 फीसदी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग उक्त तरीकों से होती है। जो रह जाते हैं, उनके लिए पुलिस की मदद ली जाती है क्योंकि कभी कभी मरीज के फोन स्विच ऑफ रहते हैं या कोई जवाब नहीं मिलता जिससे कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में दिक्कत आती है।पढ़ें- पाकिस्तान के चिड़ियाघर से करीब 500 जानवर ''लापता''गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक (अपराध) ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने अपने संपर्को का ब्यौरा छिपाने की कोशिश की या गलत एवं अपूर्ण सूचना दी। हमें जिला इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम (जिला एकीकृत नियंत्रण कक्ष) से ऐसे संक्रमित लोगों के लिए फोन आते हैं, जिनके संपर्कों का पता लगाया जाना है। उन्होंने बताया कि ऐसे में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए पुलिस सीडीआर या सर्विलांस का सहारा लेती है। फोन सर्विलांस पर लगाने में निजता का मुद्दा आडे आता है, इस बारे में पूछने पर सिंह ने बताया कि कोविड-19 के बारे में सूचना छिपाना या गलत सूचना देना कानूनी अपराध है।इनपुट- भाषा
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-impose-presidents-rule-in-uttar-pradesh-says-mayawati-over-hathras-balrampur-incidents-744579
मायावती की अपील, योगी की जगह किसी 'काबिल' को बनाए मुख्यमंत्री या लगाएं राष्ट्रपति शासन
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करना चाहिए।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने पर विचार करना चाहिए। मायावती ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार चलाने में सक्षम नहीं है। बेहतर यही है कि आप या तो नेतृत्व परिवर्तन करें और यदि आप नहीं कर पा रहे हैं तो यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाएं। कम से कम उत्तर प्रदेश की जनता के पर रहम करें। यही मेरी अपील है।राज्य सरकार ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मायावती के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में एक हजार से ज्यादा दलितों की हत्या हुई थी और आज वह सरकार पर उंगली उठा रही हैं। मायावती ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था और महिलाओं के प्रति अपराधों की बाढ़ के मद्देनजर जो हालात बन गए हैं, उनमें केंद्र सरकार को प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जगह किसी 'काबिल' व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद दो युवतियों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं दिल्ली के निर्भया कांड की याद दिला रही हैं। मायावती ने कहा, "मैं योगी आदित्यनाथ से कहना चाहती हूं कि आपने एक महिला के पेट से जन्म लिया है और आपको दूसरों की बहन बेटियों को भी अपनी बहन बेटी समझना चाहिए और अगर आप उनकी हिफाजत नहीं कर पा रहे हैं तो आपको खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए।" उन्होंने कहा कि बहन बेटियों पर लगातार हो रहे अत्याचार के बावजूद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नहीं जाग रही है, लिहाजा उन्होंने सोचा कि इस बारे में केंद्र सरकार को जगाया जाए। बसपा अध्यक्ष ने कहा, "मेरा सरकार से कहना है कि बेहतर होगा अगर योगी आदित्यनाथ को उनकी असली जगह, यानी गोरखपुर के मठ में बैठा दें। और अगर उन्हें गोरखपुर का मठ भी अच्छा नहीं लग रहा है तो उन्हें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम सौंप दें। योगी के स्थान पर किसी ऐसे काबिल आदमी को मुख्यमंत्री बनाएं जो देश प्रदेश की जनता को अच्छी कानून व्यवस्था दे सके।'' उन्होंने कहा, "भाजपा हाईकमान अगर यह नहीं कर सकता है तो मेरा यही कहना है कि उत्तर प्रदेश की आबादी पर थोड़ा रहम करें और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा कर कानून व्यवस्था को बेहतर बनाएं। यह मेरी मांग भी है।" इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मायावती पर पलटवार करते हुए कहा, ''मायावती जीश् आप अनुसूचित—जाति, अनुसूचित जाति के लोगों की नेता बनती हैं। मगर आप यह भूल गयीं कि आपके कार्यकाल में एक हजार दलितों का खून हुआ था और आज आप हमें लेक्चर दे रही हैं।'' उन्होंने कहा ''आप हम पर एक उंगली उठाएंगी तो आप पर दो उठेंगी। यह आपका राजनीतिक सफर है। यही दृष्टिकोण और यही सिद्धांत है।''
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-a-man-sleeping-roadside-was-mistake-as-dead-body-caused-panic-in-ghaziabad-739720
सफेद प्लास्टिक शीट ओढ़े सड़क किनारे सोया था व्यक्ति, लोगों ने कफन में लिपटी डेड बॉडी समझकर बुला ली पुलिस
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंगलवार को एक ऐसा वाकया घटा जिससे लोग दहशत में आ गए। बता दें कि सड़क किनारे एक व्यक्ति सो रहा था लेकिन उसकी गलती इतनी थी कि वो सफेद कपड़ा ओढ़कर सोया हुआ था।
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंगलवार को एक ऐसा वाकया घटा जिससे लोग दहशत में आ गए। बता दें कि सड़क किनारे एक व्यक्ति सो रहा था लेकिन उसकी गलती इतनी थी कि वो सफेद कपड़ा ओढ़कर सोया हुआ था। इसके बाद जितने भी लोग उस रास्ते से गुजरे सभी घबरा गए। लोगों ने कफन में लिपटी डेड बॉडी समझकर पुलिस को बुला लिया। इस पूरी घटना को एक राहगीर ने रिकॉर्ड कर लिया जिसके बाद सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।वीडियो में दिख रहा है कि सड़क किनारे सफेद कपड़ा ओढ़कर आदमी चैन की नींद में सो रहा है लेकिन तभी उस रास्ते से गुजर रहे लोगों का वहां जमावड़ा लग जाता है। एक स्थानीय व्यक्ति शव समझकर पीसीआर कॉल करता है जिसके बाद पुलिस शव की जांच करने पहुंचती है तो पता चलता है कि एक आदमी प्लास्टिक की चादर के अंदर सो रहा था।देखें वीडियो-इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर मजे ले रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/india-conducts-two-successful-tests-of-surface-to-air-missile-mrsam-in-odisha-2022-03-30-842012
भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के दो सफल परीक्षण किए
डीआरडीओ ने ये दोनों परीक्षण आज सुबह 10 बजकर 14 मिनट और 11 बजकर 3 मिनट पर किया। इस मिसाइल को आज विभिन्न एंगल से जमीन से हवा में छोड़ा गया। इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को भेंदने में सफल रही।
बालासोरः भारत ने बुधवार को ओडिशा तट से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली दो और मिसाइलों का परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने यह जानकारी दी। चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज लॉन्च पैड-3 से सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (एमआरएसएएम) का परीक्षण किया गया। ये दोनों परीक्षण सफल रहे। डीआरडीओ के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्षेपास्त्र प्रणाली भारतीय सेना की है। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्य पर अचूक निशाना साधा। बता दें कि डीआरडीओ ने ये दोनों परीक्षण आज सुबह 10 बजकर 14 मिनट और 11 बजकर 3 मिनट पर किया। इस मिसाइल को आज विभिन्न एंगल से जमीन से हवा में छोड़ा गया। इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को भेंदने में सफल रही।मिसाइल परीक्षण को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से परीक्षण स्थल के दो किलोमीटर तक के दायरे में आने वाले गांव के करीब 800 परिवार के 10 हजार लोगों को स्थाई शिविर में लाकर सुबह से ही रखा गया था। इसके लिए इन लोगों को भोजन के साथ-साथ मुआवजे की भी व्यवस्था की गई थी। जिला प्रशासन की ओर से ग्रीन सिगनल मिलने के बाद रक्षा विभाग ने एमआरएसएएम मिसाइल का लगातार दो बार सफलता पूर्वक परीक्षण किया। बता दें कि इस मिसाइल सिस्टम को इजराइल के सहयोग से डीआरडीएल हैदराबाद और डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। (इनपुट भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/national/weather-update-yellow-alert-of-severe-heat-heatwave-condition-in-many-states-know-weather-condition-2022-04-28-847550
Weather Update: भीषण गर्मी का यलो अलर्ट, कई राज्यों में हीटवेव की स्थिति, जानिए मौसम का हाल
श के अधिकांश इलाकों में भीषण गर्मी से हाल बेहाल हैं। कई राज्य लू की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आगामी दिनों में दिल्ली के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
Weather Update: देश के अधिकांश इलाकों में भीषण गर्मी से हाल बेहाल हैं। कई राज्य लू की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि आगामी दिनों में दिल्ली के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। दिल्ली—एनसीआर के कुछ इलाकों में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच चुका है। उत्तर पश्चिम भारत में भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में बुधवार को पारा 40 के पार पहुंचा। दिनभर गर्म हवाओं का कारण लोगों का बुरा हाल रहा। दिल्ली के कुछ इलाकों में पारा 44 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर गया। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी करते हुए भीषण गर्मी पड़ने के साथ लू चलने की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को देश के बड़े हिस्से में कम से कम अगले पांच दिनों तक लू चलने की संभावना जताई है, इसके साथ ही दिल्ली में यलो अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी ने कहा कि अगले पांच दिनों के दौरान पूर्व, मध्य और उत्तर पश्चिम भारत में हीटवेव की स्थिति रहेगी। आईएमडी के अनुसार उत्तर भारत में 29 अप्रैल को धूल भरी आंधी की संभावना है। इसके बाद एक मई से तापमान में गिरावट आएगी।मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन अधिक 41.5 व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो कम 22.2 डिग्री सेल्सियस रहा। हवा में नमी का स्तर 14 से 68 फीसदी रहा। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स 44.2 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे गर्म इलाका दर्ज किया गया है। इसके अलावा पीतमपुरा (43.6 डिग्री सेल्सियस) और मुंगेशपुर (44.1 डिग्री सेल्सियस) के साथ गर्मी की चपेट में रहा। वहीं, नजफगढ़ 43.7 डिग्री सेल्सियस पारा रहा।राजधानी में 21 अप्रैल 2017 को अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 29 अप्रैल, 1941 को महीने का सर्वकालिक उच्च अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस साल अप्रैल में आठ लू वाले दिन दर्ज किए गए हैं, जो 2010 में महीने में देखे गए ऐसे 11 दिनों के बाद से सबसे अधिक हैं। विभाग का पूर्वानुमान है कि दिल्ली में शुक्रवार और रविवार को 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ आंशिक रूप से बादल छाए रहने, हल्की बारिश और धूल भरी आंधी चल सकती है, जिससे अस्थायी राहत मिल सकती है।पटना स्थि​त IMD के वैज्ञानिक आनंद शंकर का कहना है कि बिहार की राजधानी पटना में बढ़ती गर्मी और लू से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। लोग गर्मी से हम बहुत ज़्यादा परेशान है। गर्मी के साथ लू भी बहुत ज़्यादा चल रही है। लोग सावधानी के साथ बाहर निकल रहे हैं। वहीं दक्षिण बिहार में तापमान 40 डिग्री के आसपास है। उत्तर बिहार में लोगों को थोड़ी राहत मिली है। अगले 3 दिन तक ज़्यादा गर्मी दक्षिण, पश्चिम बिहार के ज़िलों में रहने की उम्मीद है। 3 दिन के बाद से तापमान में 3 डिग्री तक की कमी होने की उम्मीद है।आईएमडी के अनुसार, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, बिहार में अलग-अलग इलाकों में हीटवेव की स्थिति की संभावना है। झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंतरिक ओडिशा और गुजरात राज्य के उत्तरी भाग में भी ऐसे ही हालात रह सकते हैं। अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और उसके बाद लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-pm-narendra-modi-condemns-killing-of-3-bjp-karyakartas-in-terror-attack-in-kulgam-of-jammu-and-kashmir-750787
पीएम नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के कुलगाम में हुए आतंकी हमले में 3 बीजेपी नेताओं की हत्या की निंदा की
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के 3 नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में गुरुवार को आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के 3 नेताओं की गोली मारकर हत्या कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने घात लगाकर बीजेपी नेताओं पर उस समय हमला किया जब वे अपने घर जा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने मृत नेताओं के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। बता दें कि घाटी में पिछले कुछ महीनों में बीजेपी से जुड़े कई नेताओं और नेताओं पर आतंकी हमलों की घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है।पीएम मोदी ने ट्वीट कर की हत्या की निंदाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BJP नेताओं की हत्या की ट्वीट कर निंदा की है। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं भारतीय जनता पार्टी के 3 युवा नेताओं की हत्या की निंदा करता हूं। वे जम्मू-कश्मीर में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभावान युवा थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।’ बता दें कि कश्मीर में बीजेपी नेताओं की हत्या से डरकर पार्टी के कई पदाधिकारी अपने-अपने पदों से इस्तीफा भी दे चुके हैं।मृतकों में बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव भीएक पुलिस अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार देर शाम कुलगाम जिले के वाई के पोरा इलाके में भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन और नेताओं उमर हाजम एवं उमर राशीद बेग की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि पीड़ितों को काजीगुंड के एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन माने जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली है। सोशल मीडिया अकाउंट पर डाले संदेश में TRF ने कहा कि ‘कब्रिस्तान भर जाएंगे।’
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https://www.indiatv.in/india/national-no-nationwide-lockdown-centre-asks-states-to-implement-containment-measures-till-may-31-787901
संपूर्ण लॉकडाउन पर गृह मंत्रालय का राज्यों को संदेश, दी यह सलाह
कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना रिकॉर्ड नए मामले और मौतें दर्ज की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर देश में फिर से संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना रिकॉर्ड नए मामले और मौतें दर्ज की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर देश में फिर से संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने पर राज्यों को सलाह दी है। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को सलाह दी है कि वे संपूर्ण लॉकडाउन के बजाय उन जिलों और क्षेत्रों में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए रोकथाम के उपाय करें, जहां दूसरी लहर बढ़ी है।मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे 31 मई तक स्थिति के आकलन के आधार पर सभाओं, बाजारों, कार्यालयों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों के संचालन पर तत्काल प्रतिबंध जैसे उपायों पर विचार करें। मंत्रालय ने पिछले एक सप्ताह में कोरोना संक्रमण के 10 प्रतिशत या अधिक मामले वाले जिलों और क्षेत्रों में गहन नियंत्रण उपायों का सुझाव दिया है, जहां 60 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन लगे या आईसीयू बेड पर भर चुके हैं।अप्रैल में कोविड-पॉजिटिव मामलों और मौतों में वृद्धि के बावजूद, कोविड नियंत्रण पर गृह मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों में लॉकडाउन लागू करने के बारे में स्पष्ट किया कि राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को प्रतिबंध की रणनीतियां अपने स्तर पर तैयार करने की छूट है। दी गई सलाह राज्यों में लोगों के घर से काम को प्रोत्साहित करने के लिए कहता है। सभी जिला मजिस्ट्रेटों को कड़ाई से राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के साथ-साथ राज्यस्तरीय निर्देशों को लागू करना आवश्यक है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रात के कर्फ्यू जैसे उपायों, राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, खेल या मनोरंजन के उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक समारोहों पर रोक लगाने, विवाह में अधिकतम 50 लोगों और अंतिम संस्कार में 20 लोगों की उपस्थिति तय करने और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सिनेमा हॉल, जिम, स्पा बंद करने का आह्वान किया था। रेस्तरां, स्टेडियम, सार्वजनिक परिवहन और सरकारी व निजी कार्यालयों में 50 फीसदी उपस्थिति की सीमा तय की है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "हालांकि ये सांकेतिक गतिविधियां हैं, और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को स्थानीय स्थिति, कवर किए जाने वाले क्षेत्रों और ट्रांसमिशन की संभावना का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिए और फिर निर्णय लेना चाहिए।" कंटेनमेंट जोन में 14 दिनों के लिए प्रतिबंध रखने, टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीन दृष्टिकोण अपनाने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने पात्र आयु समूहों के 100 प्रतिशत टीकाकरण का सुझाव देने के अलावा यह भी कहा कि अस्पताल में बेड भरे और खाली होने की स्थिति का विवरण दैनिक आधार पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए। मंत्रालय ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन, दवा, टीके की उपलब्धता और टीकाकरण केंद्रों का विवरण के अलावा रेमडेसिविर और टोसीलिजुमाब जैसी दवाओं के उपयोग से संबंधित दिशा-निर्देश को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए।इसी तरह की एक सलाह 26 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर जारी की गई थी, जिसमें राज्यों को कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए कम से कम 14 दिनों के लिए स्थानीय प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया था। दिशानिर्देश 31 मई तक लागू होंगे। 23 मार्च को जारी किए गए पिछले दिशानिर्देश 30 अप्रैल तक प्रभावी हैं।दिल्ली जैसे देश के कुछ हिस्सों में मामलों की संख्या और बेड की कमी, आईसीयू और ऑक्सीजन की कमी के बीच कोविड-19 प्रबंधन के लिए ताजा दिशानिर्देश आया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में समुदाय नियंत्रण और बड़े नियंत्रण क्षेत्र के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई सलाह को भी संलग्न किया गया है।(Input IANS)ये भी पढ़ें
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‘‘पूरे देश में खेला होगा”, दिल्ली में ममता बनर्जी ने दिया बयान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि पूरे देश में ‘खेल होगा।’ वहीं, उन्होंने चुनाव में मशहूर हुए अपने नारे ‘खेला होबे’ (खेल होगा) से भाजपा को चुनौती दी, जिससे उन्होंने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विधानसभा चुनाव में शिकस्त दी थी।
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि पूरे देश में ‘खेल होगा।’ वहीं, उन्होंने चुनाव में मशहूर हुए अपने नारे ‘खेला होबे’ (खेल होगा) से भाजपा को चुनौती दी, जिससे उन्होंने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विधानसभा चुनाव में शिकस्त दी थी। बनर्जी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा, “अगर यह बंगाल में हो पाया तो अन्य राज्यों में भी हो सकता है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कटु आलोचक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख बनर्जी ने हल्के अंदाज़ में कहा कि उन्होंने हिंदी मोदी से सीखी है जबकि गुजराती का ‘केम छो’ (कैसे हैं) को गृह मंत्री अमित शाह से सीखा है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने संयुक्त विपक्ष के लिए ‘खेला होबे’ जैसा कोई नारा तय किया है तो बनर्जी ने कहा, ‘‘पूरे देश में खेला होगा।” उन्होंने कहा, “यह सतत प्रक्रिया है, जब मोदी अगला चुनाव लड़ेंगे तो यह देश के साथ होगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मतलब है कि अगला लोकसभा चुनाव मोदी बनाम संयुक्त विपक्ष होगा। वह बंगाल में भाजपा को पराजित करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की पहली यात्रा पर आई हुई हैं। पूछा गया कि पिछले कुछ सालों में उनकी हिंदी में काफी सुधार आया है तो बनर्जी ने कहा, “ हिंदी नरेंद्र मोदी से सीखी है और गुजराती अमित शाह से।” गुजरात मोदी और शाह का गृह राज्य है, जहां अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाती है और टीएमसी ने बनर्जी के भाषण का गुजराती अनुवाद राज्य के सभी जिलों में प्रसारित कराया है। यह पहली बार है कि तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी भाषण को प्रसारित किया गया है। पश्चिम बंगाल के हाल के विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत ने ममता बनर्जी को यह आत्मविश्वास दिया है कि वह देश के बाकी हिस्सों तक पहुंच बनाने की कोशिश करें। उनकी पार्टी के नेता 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए संयुक्त विपक्ष के चेहरे के तौर पर उन्हें आगे कर रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसपर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। संयुक्त विपक्ष से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “ आप मुझसे बच्चे के जन्म से पहले ही उसका नाम पूछ रहे हैं।” मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के "कुप्रबंधन" से भगवा पार्टी को नुकसान होगा। टीएमसी प्रमुख ने भाजपा के 2014 के चुनावी नारे ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ पर तंज कसते हुए कहा, “ मैं अच्छे दिन देखना चाहती हूं, बहुत अच्छे दिन देख लिए हैं।” मीडिया के साथ बातचीत के दौरान वह मोदी सरकार पर तंज कसती रहीं। उन्होंने कहा, “2019 में नरेंद्र मोदी लोकप्रिय थे। आज, उन्होंने शवों का रिकॉर्ड नहीं रखा है, शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका और शवों को गंगा नदी में फेंक दिया गया था। जिन लोगों ने अपनों को खोया वे भूलेंगे नहीं और माफ नहीं करेंगे।”
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https://www.indiatv.in/india/national-decision-on-emergency-use-listing-of-covaxin-likely-in-4-6-weeks-who-801052
कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची में शामिल करने पर फैसला 4-6 सप्ताह में: डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची (ईयूएल) में शामिल करने पर फैसला चार से छह सप्ताह में कर सकता है।
नयी दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन को आपात उपयोग की सूची (ईयूएल) में शामिल करने पर फैसला चार से छह सप्ताह में कर सकता है। डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या विश्वनाथन ने यह बात कही। स्वामीनाथन ने शुक्रवार को सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (सीएसई) द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोवैक्सीन के निर्माता भारत बायोटेक उसके समस्त आंकड़े को हमारे पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं और डब्ल्यूएचओ इस टीके की समीक्षा कर रहा है। डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार ईयूएल एक प्रक्रिया है जिसके तहत नये या गैर-लाइसेंस प्राप्त उत्पादों का इस्तेमाल सार्वजनिक स्वास्थ्य की आपात स्थितियों में किया जा सकता है। स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘ईयूएल की एक प्रक्रिया होती है जिसमें किसी कंपनी को तीसरे चरण के परीक्षण पूरे करने होते हैं और सारे आंकड़े डब्ल्यूएचओ के नियामक विभाग को जमा करने होते हैं जिनका एक विशेषज्ञ परामर्शदाता समूह अध्ययन करता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘पूरे आंकड़े प्रदान किये जाते हैं जिनमें सुरक्षा और प्रभाव तथा उत्पादन गुणवत्ता, मानक शामिल हैं। भारत बायोटेक ने पहले ही आंकड़े जमा कर दिये हैं और मुझे उम्मीद है कि चार से छह सप्ताह में टीके को शामिल करने पर फैसला ले लिया जाएगा।’’ इस समय डब्ल्यूएचओ ने फाइजर-बायोएनटेक, एस्ट्राजेनेका-एसके बायो-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, एस्ट्राजेनेका ईयू, जानसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म के टीकों को आपात उपयोग के लिए मंजूरी दी है।स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘अभी हमने छह टीकों को ईयूएल के साथ मंजूरी दी है और हमारे रणनीतिक विशेषज्ञ परामर्श समूह से सिफारिशें प्राप्त हुई हैं। हम कोवैक्सीन को लेकर आशान्वित हैं। भारत बायोटेक ने हमारे पोर्टल पर उनके आंकड़े डालना शुरू कर दिया है और यह अगला टीका होगा जिसकी समीक्षा हमारी विशेषज्ञ समिति करेगी।’’उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप तेजी से फैलता है। इसके खिलाफ सुरक्षा के लिए टीके की दो खुराक लेना जरूरी है। लेकिन टीका लगवाने के बाद भी संक्रमण फैल सकता है। इसलिए मास्क लगाना और अन्य सावधानियां बरतते रहना जरूरी है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/politics-pm-modi-lashes-out-at-opposition-members-for-their-conduct-in-parliament-805894
संसद में विपक्षी सदस्यों का आचरण संविधान, जनता का अपमान: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कागज फाड़ने और उसके टुकड़े कर हवा में लहराने तथा विधेयकों के पारित किए जाने के तौर तरीकों के लिए ‘‘आपत्तिजनक’’ टिप्पणियां करने के लिए मंगलवार को विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया ।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कागज फाड़ने और उसके टुकड़े कर हवा में लहराने तथा विधेयकों के पारित किए जाने के तौर तरीकों के लिए ‘‘आपत्तिजनक’’ टिप्पणियां करने के लिए मंगलवार को विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि अपने आचरण से वह विधायिका और संविधान का अपमान कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण ओर उनका व्यवहार जनता का भी ‘‘अपमान’’ है। अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए बैठक में प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘कल तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था। प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनती है। प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई। पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है। कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी ना मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है।’’ ज्ञात हो कि तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए सोमवार को दावा किया कि सात-सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया। ओ’ब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था, ‘‘पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराये और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस के ही सदस्य शांतनु सेन ने पिछले दिनों सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से पेगासस मुद्दे पर बयान की प्रति छीन ली थी और उसे हवा में लहरा दिया था। बाद में सेन को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। पिछले दिनों ऐसी ही एक घटना लोकसभा में हुई थी। जोशी ने इस बीच यह भी बताया कि संसदीय दल ने ओबीसी और ईडबल्यूएस आरक्षण का स्वागत किया ओर इसके लिए प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। पेगासस जासूसी विवाद और तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों पर मानसून सत्र के पहले दो सप्ताह विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-shivpal-yadav-meets-aimim-chief-asaduddin-owaisi-in-azamgarh-773698
अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में मिले ओवैसी और शिवपाल, क्या बिगाड़ेंगे SP-BSP का खेल?
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह शादी समारोह में आए हैं लेकिन उनकी AIMIM के अध्यक्ष ओवैसी के साथ बैठक हुई है। उन्होंने कहा, ''हम पहले ही कह चुके हैं कि समान विचारधारा और सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के लोग मिलकर भारतीय जनता पार्टी को देश और प्रदेश से उखाड़ फेंकेंगे।''
आजमगढ़. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Elections) होने हैं लेकिन यहां पर सियासी खिचड़ी अभी से पकनी शुरू हो गई है। भाजपा, सपा, बसपा जैसे बड़े सियासी दल जहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए मजबूत प्रत्याशियों की तलाश कर रहे हैं तो छोटे राजनीतिक दल ऐसे साथियों की तलाश कर रहे है जो चुनाव में उन्हें अपना प्रभाव दिखाने में मदद कर सके। इसी कड़ी में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के छोटे भाई और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्‍यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने मुलाकात की AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) से।पढ़ें- दिग्विजय से बोले BJP नेता- अपना नाम बदलकर यूनूस रख लो, पप्पू भैया का नाम इस्माइल रख लोदोनों की बीच में ये मुलाकात सपा प्रमुख और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में एक शादी समारोह में हुई। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वह शादी समारोह में आए हैं लेकिन उनकी AIMIM के अध्‍यक्ष ओवैसी के साथ बैठक हुई है। उन्‍होंने कहा, ''हम पहले ही कह चुके हैं कि समान विचारधारा और सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के लोग मिलकर भारतीय जनता पार्टी को देश और प्रदेश से उखाड़ फेंकेंगे।''पढ़ें- नहीं सुन रहे अधिकारी, नहीं हो रहा समस्या का समाधान, डॉयल करें ये नंबर, CM योगी तक पहुंचेगी आपकी बातशिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में BJP को हराने के लिए समाजवादी परिवार को एकजुट होने की जरूरत है। हमने सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव से भी कहा है कि सबको एकत्र करें और उसमें हमको भी साथ लें। शिवपाल ने यह भी कहा कि अपनी पार्टी का विलय किसी भी सूरत में सपा में नहीं करेंगे बल्कि सपा के साथ गठबंधन करेंगे। ओवैसी और शिवपाल यादव AIMIM के प्रदेश अध्‍यक्ष शौकत अली की पुत्री की शादी में शामिल होने के लिए शनिवार की शाम जिले के माहुल कस्‍बे में पहुंचे थे।पढ़ें- बढ़ेंगी बीजेपी की मुश्किलें! Kisan Andolan को धार देने के लिए राकेश टिकैत करने जा रहे हैं ये कामउल्‍लेखनीय है कि उत्‍तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर छोटे दलों ने गठबंधन की पहल की है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्‍यक्ष ओमप्रकाश राजभर और AIMIM के अध्‍यक्ष ओवैसी के बीच पहले ही साझा कार्यक्रम के तहत चुनाव लड़ने की बात तय हो चुकी है। राजभर इन दिनों भागीदारी संकल्‍प मोर्चा के बैनर तले छोटे दलों को एकजुट करने में जुटे हैं और पिछले दिनों उन्‍होंने शिवपाल सिंह यादव से भी इस सिलसिले में मुलाकात की थी। सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा था कि 2022 के चुनाव में वह छोटे दलों के लिए दरवाज़ा खुला रखेंगे। (Input - Bhasha)पढ़ें- बदला जाएगा होशंगाबाद का नाम, मुख्यमंत्री शिवराज ने किया ऐलान
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पिछले 70 सालों की तुलना में पीएम मोदी ने किसानों के हित में ज्यादा काम किया है: नड्डा
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को कहा कि पिछले 70 वर्षों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में ज्यादा काम किया है।
नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को कहा कि पिछले 70 वर्षों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित में ज्यादा काम किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग भ्रम फैला रहे हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य वापस ले लिया जाएगा, उन्हें गौर करना चाहिए कि इस बार गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीदारी हुई है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कारोना वायरस महामारी के दौरान किसानों के खाते में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि 4 किस्तों में भेजी गई और मोदी सरकार ने उर्वरक पर सब्सिडी भी बढ़ाई है।मंगलवार को एक बयान जारी कर नड्डा ने कहा कि गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीदारी से करोड़ों किसानों को फायदा मिला है। बयान के मुताबिक, उन्होंने नई दिल्ली में बीजेपी किसान मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक में ये टिप्पणियां कीं। नड्डा ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें बिचौलियों के चंगुल से बचाने के लिए मोदी तीन कृषि कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट योजना, नीम युक्त यूरिया से किसानों को सीधे फायदा पहुंचा है।नड्डा ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना में 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 1.36 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि का अंतरण किया गया है। उन्होंने कहा कि कारोना महामारी के दौरान किसानों के खाते में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि 4 किस्तों में भेजी गई। नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने उर्वरक पर सब्सिडी भी बढ़ाई है। किसानों के लिए प्रति महीने 3,000 रुपये पेंशन की भी व्यवस्था की गई है। किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि बैठक में बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, किसान मोर्चा के प्रभारी और पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव तथा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद थे। (भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-sunder-bhati-elder-brother-arrested-by-noida-police-734125
नोएडा पुलिस को बड़ी सफलता! कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी का बड़ा भाई गिरफ्तार
थाना सूरजपुर क्षेत्र में रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर से 45 लाख रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में फरार चल रहे कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
नोएडा. उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा की थाना सूरजपुर पुलिस ने कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। अपर उपायुक्त (जोन द्वितीय) अंकुर अग्रवाल ने बताया कि थाना सूरजपुर क्षेत्र में रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर से 45 लाख रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में फरार चल रहे कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।उन्होंने बताया कि इसकी गिरफ्तारी दिल्ली के पटपड़गंज के शशि गार्डन क्षेत्र से हुई है। अपर उपायुक्त ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शातिर किस्म का अपराधी है। इसके खिलाफ हत्या, अपहरण, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, रंगदारी वसूलने सहित विभिन्न धाराओं में करीब 18 मामले दर्ज हैं। छह अगस्त को कदीम गिरफ्तारआपको बता दें कि गौतमबुद्धनगर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में सुंदर भाटी गिरोह से जुड़े कई अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पिछली छह अगस्त को सुंदर भाटी गिरोह के एक वांछित बदमाश को थाना कासना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब अपर पुलिस उपायुक्त विशाल पांडे ने बताया था कि थाना कासना पुलिस ने गैंगस्टर कानून के तहत वांछित कदीम को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि यह बदमाश कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी के लिए काम करता है। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।नोएडा. उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा की थाना सूरजपुर पुलिस ने कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। अपर उपायुक्त (जोन द्वितीय) अंकुर अग्रवाल ने बताया कि थाना सूरजपुर क्षेत्र में रहने वाले एक ट्रांसपोर्टर से 45 लाख रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में फरार चल रहे कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी के बड़े भाई सहदेव भाटी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।उन्होंने बताया कि इसकी गिरफ्तारी दिल्ली के पटपड़गंज के शशि गार्डन क्षेत्र से हुई है। अपर उपायुक्त ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शातिर किस्म का अपराधी है। इसके खिलाफ हत्या, अपहरण, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, रंगदारी वसूलने सहित विभिन्न धाराओं में करीब 18 मामले दर्ज हैं। छह अगस्त को कदीम गिरफ्तारपढ़ें- महिला ने चाकू से पति पर किया वार, काट दिया शरीर का ये हिस्सा16 जुलाई को सुंदर भाटी गिरोह के दो बदमाश गिरफ्तारइससे पहले सुंदर भाटी के गिरोह के दो बदमाशों की थाना सूरजपुर पुलिस से 16 जुलाई की रात को मुठभेड़ हो गई थी। जिसमें पुलिस की गोलियों से घायल हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक बदमाश 50 हजार रुपये का जबकि दूसरा बदमाश 25 हजार रुपये का इनामी था। इन पर हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट सहित दर्जन भर मामले दर्ज हैं। गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम योगेश उर्फ कारतूस और कपिल भाटी हैं।इनपुट- भाषा
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https://www.indiatv.in/india/national-7-dead-13-injured-in-bus-dumper-collision-in-bhind-district-in-madhya-pradesh-816764
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में डंपर और बस में भीषण टक्कर, 7 की मौत, 16 घायल
पुलिस ने बताया कि ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया है।
भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में गोहद कस्बे के पास शुक्रवार को ड्राइवर द्वारा डंपर ट्रक से एक यात्री बस को टक्कर मारने से 7 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए। घटना के बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है। गोहद के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (SDOP) नरेंद्र सोलंकी ने बताया कि दुर्घटना सुबह करीब 7 बजे हुई जब ग्वालियर से उत्तर प्रदेश के बरेली जा रही बस को विपरीत दिशा से आ रहे डंपर ट्रक ने टक्कर मार दी।‘नशे में था डंपर ट्रक ड्राइवर’पुलिस अधिकारी ने दुर्घटना के कारणों के बारे में बताया कि उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर निवासी डंपर ट्रक ड्राइवर पारस नाथ वर्मा (59) नशे में था और वाहन चला रहा था, उसकी गलती के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा, ‘हमने जांच की और पाया कि डंपर ड्राइवर नशे के प्रभाव में था। ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर शराब पीकर गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया है।’ सोलंकी ने कहा कि डंपर ट्रक उत्तर प्रदेश के इटावा से भिंड के मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र की ओर जा रहा था। हादसा जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर गोहद थाना क्षेत्र के हरगोविंदपुरा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ।सरकार ने किया मुआवजे का ऐलानअधिकारी ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है। इस बीच, मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रत्येक मृतक के परिवार को चार-चार लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। भिंड जिले के प्रभारी मंत्री राजपूत ने कहा कि अधिकारी इस घटना की जांच करेंगे। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national-adar-poonawalla-thanks-biden-jaishankar-for-us-policy-change-says-vaccine-production-will-increase-794353
पूनावाला ने टीका उत्पादन बढ़ाने के लिये नीति में बदलाव को लेकर जो बाइडेन और एस. जयशंकर को धन्यवाद दिया
कोरोना टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शुक्रवार को नीति में बदलाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया।
नयी दिल्ली। कोरोना टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शुक्रवार को नीति में बदलाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से भारत और दुनिया में कोविड-19 टीके उत्पादन में तेजी आएगी। गौरतलब है कि, अमेरिका में कोविड-19 टीकों की उपलब्धता को लेकर भरोसे के बाद बाइडेन सरकार ने कोविड19 के एस्ट्राजेनका, नोवावैक्स और सनोफी टीकों के निर्यात पर रक्षा उत्पादन अधिनियम के तहत लागू नियंत्रण हटा दिए हैं। कंपनियां तीनों टीके बनाती रहेंगी। इस कदम से अमेरिकी कंपनियां जो इन टीकों के निर्माताओं को आपूर्ति करती हैं, वे स्वयं निर्णय ले सकेंगी कि किस आर्डर को पहले पूरा करना है। व्हाइट हाउस कोविड-19 'रिस्पांस टीम' और स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रेस को जारी बयान का लिंक साझा करते हुए पूनावाला ने ट्विटर पर लिखा है, 'पोटस (अमेरिकी राष्ट्रपति)व्हाइट हाउस, डॉ. एस जयशंकर ने जो प्रयास किये, उसके लिये उन्हें धन्यवाद। उम्मीद है कि नीति में बदलाव से कच्चे माल की आपूर्ति भारत और दूसरे देशों को बढ़ेगी। टीका उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी और महामारी के खिलाफ हमारा अभियान मजबूत होगा।' बता दें कि, इससे पहले पूनावाला ने अप्रैल में लिखा था, 'आदरणीय राष्ट्रपति जी, अगर हम वाकई में वायरस के खिलाफ एकजुट हैं तो अमेरिका के बाहर के टीका उद्योग की तरफ से, मैं आपसे विनम्र आग्रह करता हूं कि अमेरिका के बाहर कच्चे माल के निर्यात पर लगी आधिकारिक पाबंदी हटा लें। ताकि टीका उतपादन बढ़ाया जा सके।'
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https://www.indiatv.in/india/national-kisan-andolan-bharat-bandh-narendra-modi-government-patient-816072
किसान आंदोलन: 10 महीने से 'धैर्यवान' बनी बैठी है सरकार, संगठनों की तरफ से सीधे टकराव का पूरा प्रयास?
10 महीने से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कई ऐसे प्रयास हुए हैं जो सीधे सरकार के साथ टकराव को बढ़ावा देते नजर आए हैं, पहले किसान संगठनों ने विरोध के नाम पर दिल्ली के बॉर्डर सील कर दिए जिससे दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से मंगलवार को देशव्यापी भारत बंद का आहवान किया गया था और उस बंद का असर दिल्ली और दिल्ली से सटे क्षेत्रों में तो ठीकठाक रहा लेकिन देश के अन्य हिस्सों से बंद को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया नजर आई। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों के गठबंधन 'संयुक्त किसान मोर्चा' की तरफ से सरकार पर दबाव डालने की यह एक और कोशिश थी लेकिन इस कोशिश का परिणाम भी वही रहा जो पिछले 10 महीने के दौरान हुई अन्य कोशिशों का हुआ।किसान कानूनों को लेकर सरकार ने साफ किया है कि कानून रद्द नहीं होंगे लेकिन उनमें सुधार किया जा सकता है और उसके लिए किसानों को बातचीत के लिए आना होगा। सोमवार के 'भारत बंद' को लेकर भी सरकार की तरफ से भी वही धैर्य दिखाया गया जो पहले देखने को मिला था। दरअसल 10 महीने से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कई ऐसे प्रयास हुए हैं जो सीधे सरकार के साथ टकराव को बढ़ावा देते नजर आए हैं, पहले किसान संगठनों ने विरोध के नाम पर दिल्ली के बॉर्डर सील कर दिए जिससे दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद किसान संगठनों ने 26 जनवरी के दिन लालकिले में जमकर हिंसा की और पुलिस के लोगों को पीटा।लाल किले में हुई हिंसा को लेकर आरोप यह भी लगे कि खालिस्तानी आतंकियों के इशारे पर हिंसा को अंजाम दिया गया था। कई जगहों पर ट्रेनों का रोका, कुछ जगहों पर मोबाइल के टॉवर तक तोड़ दिए गए, यहां तक कि दिल्ली में किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली दंगों के आरोपियों तथा एलगार परिषद के कार्यकर्ताओं को छोड़ने की मांग भी की गई। कई किसान संगठनों की तरफ से पीएम मोदी को मारने तक की बातें कही गई। 10 महीने के दौरान किसान संगठनों की तरफ से ऐसे कई प्रयास हुए हैं जो सरकार से सीधे टकराव के संकेत देते हैं। किसान संगठनों की तरफ से टकराव के कई प्रयासों के बावजूद सरकार ने धैर्य के साथ प्रतिक्रिया दी। किसान संगठनों के साथ लगातार बातचीत का प्रयास किया गया और 11 राउंड की बात हुई भी। 26 जनवरी के दिन जब लालकिले पर किसान संगठनों ने हिंसा की थी और पुलिस के लोगों तक को पीट दिया था तब पुलिस ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की। सरकार की तरफ से हर बार कहा गया कि कृषि कानूनों में किसानों को जहां परेशानी है उसपर बातचीत के लिए सरकार तैयार है।कृषि मंत्री ने यहां तक कहा कि किसान संगठन जब भी बात करना चाहें वे सरकार को सिर्फ एक फोन कर दे, सरकार तुरंत बात के लिए तैयार हो जाएगी। किसान संगठनों को सरकार की तरफ से कोविड टेस्ट के लिए भी कहा गया लेकिन किसानों ने सरकार की बात तक नहीं मानी। लेकिन बड़ा सवाल अब भी यही बनता है कि किसान संगठनों का यह आंदोलन कबतक चलेगा? कबतक दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों को किसान संगठनों के आंदोलन की वजह से बंद पड़ी सड़कों के चलते परेशानी का सामना करना पड़ेगा? अगर बीच का कोई रास्ता नहीं निकलता है तो दिल्ली और एनसीआर में रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ती ही जाएगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-maoist-carrying-rs-15-lakh-bounty-killed-in-jharkhand-802121
झारखंड में ढेर हुआ 15 लाख रुपये का इनामी माओवादी, 20 हत्याओं का था आरोप
माओवादी कम से कम 53 आपराधिक मामलों में शामिल था, जिसमें 20 हत्याएं और हत्या के प्रयास के एक दर्जन से अधिक मामले शामिल थे।
रांची: झारखंड के गुमला जिले में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को एक इनामी माओवादी को मार गिराया है। बुदेश्वर उरांव नाम के इस कुख्यात माओवादी पर 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, गुमला के घने जंगलों वाले करूरमगढ़ इलाके में शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने भीषण गोलीबारी के दौरान खूंखार माओवादी उरांव को मार गिराया। मुठभेड़ में मारे गए इस माओवादी के सिर पर 15 लाख रुपये का इनाम था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, माओवादी कम से कम 53 आपराधिक मामलों में शामिल था, जिसमें 20 हत्याएं और हत्या के प्रयास के एक दर्जन से अधिक मामले शामिल थे।‘उरांव पर 20 हत्याओं का केस दर्ज था’सीआरपीएफ की 209 कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (COBRA) इकाई और झारखंड पुलिस की एक संयुक्त टीम ने कुख्यात माओवादी बुदेश्वर उरांव को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस बारे में जानकारी देते हुए CRPF ने कहा, ‘सुरक्षा बल बुदेश्वर पर लगातार नजर रख रहे थे, जिसने इलाके को आतंकित कर दिया था और उसके खिलाफ 20 हत्याओं और हत्या के प्रयास के एक दर्जन से अधिक मामलों सहित कम से कम 53 आपराधिक मामलों में नामजद किया गया था।’ झारखंड सरकार ने उसके सिर पर 15 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।‘एके-47 राइफल के साथ मिली माओवादी की लाश’उरांव और सशस्त्र माओवादियों की उनकी टीम को खुफिया सूचनाओं के आधार पर सुरक्षाबलों ने घेर लिया था। माओवादियों ने इसी दौरान छिपकर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। CRPF ने कहा, ‘सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की और आगामी मुठभेड़ में, 45 वर्षीय बुदेश्वर उरांव उर्फ लुल्हा को निष्प्रभावी कर दिया गया।’ सीआरपीएफ ने कहा कि कुछ देर तक फायरिंग कम होते ही जवानों ने एके-47 राइफल के साथ माओवादी का शव बरामद कर लिया। उसने कहा कि ऑपरेशन अभी भी जारी है। (IANS)
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https://www.indiatv.in/india/national-skeletal-remains-of-4-persons-found-near-kedarnath-742398
केदारनाथ क्षेत्र में मिले चार नर-कंकाल, 2013 की आपदा के दौरान हुए थे लापता
उत्तराखंड में 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान लापता लोगों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में चलाए गए खोजबीन अभियान के दौरान चार नर-कंकाल मिले हैं।
देहरादून: उत्तराखंड में 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान लापता लोगों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में चलाए गए खोजबीन अभियान के दौरान चार नर-कंकाल मिले हैं। 2013 में 16 जून की रात्रि और 17 जून की सुबह केदारनाथ क्षेत्र में आई भीषण आपदा व जलप्रलय में बहुत लोग लापता हो गए थे। लापता लोगों की उसी समय और उसके बाद भी समय-समय पर खोज की जाती रही है।आपदा के दौरान लापता लोगों के कंकाल या अस्थि अवशेषों की खोजबीन के लिए इस वर्ष भी रूद्रप्रयाग जिले में 10 टीमों का गठन किया गया जिन्होंने अलग-अलग मार्गों (ट्रैकों) पर जाकर 16 सितंबर से 20 सितंबर तक सघन अभियान चलाया। इस अभियान के पर्यवेक्षक एवं रूद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि केदारनाथ से गरुड़चट्टी होते हुए गोमुखड़ा, तोषी, त्रिजुगीनारायण से सोनप्रयाग की ओर गई टीम को गोमुखड़ा से नीचे गौरी माई खर्क के आसपास के क्षेत्र में खोजबीन के दौरान रविवार को चार कंकाल या अस्थि-अवशेष मिले।उन्होंने बताया कि नर कंकालों को उपलब्ध कराए गए बॉडी बैग में रखते हुए सोनप्रयाग लाया गया जहां विधिवत पंचायतनामा भरे जाने तथा डीएनए नमूने लेने कार्यवाही की गयी। उन्होंने बताया कि इसके बाद मंदाकिनी व सोन नदी के संगम पर सभी नर-कंकालों या अस्थि-अवशेषों का नियमानुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर चलाए गये इस खोज अभियान को समाप्त कर दिया गया है। पुलिस उपनिरीक्षक की अगुवाई में अभियान पर रवाना हुई प्रत्येक टीम में छह सदस्य थे।
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https://www.indiatv.in/india/politics-fodder-scam-jharkhand-high-court-hearing-on-lalu-prasad-bail-736775
चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा मामले में लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई
चारा घोटाले के सिलसिले में चाईबासा कोषागार से 33 करोड़ 67 लाख रुपये के गबन के एक मामले में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।
रांची: चारा घोटाले के सिलसिले में चाईबासा कोषागार से 33 करोड़ 67 लाख रुपये के गबन के एक मामले में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी। चारा घोटाला करीब साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये का है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 33 करोड़, 67 लाख रुपये गबन से जुड़े मामले में इस वर्ष तीन जुलाई को दाखिल जमानत याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई होगी।इस मामले में जमानत होने पर भी लालू अभी न्यायिक हिरासत से रिहा नहीं हो सकेंगे क्योंकि चारा घोटाले के दुमका कोषागार से गबन के मामले में उन्हें 14 वर्ष कैद की सजा मिली है और उक्त मामले में भी वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। दुमका मामले में उच्च न्यायालय से उनकी जमानत याचिका भी पहले ही खारिज हो चुकी है।
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हाथरस: वापस दिल्ली लौटे राहुल और प्रियंका गांधी, यूपी पुलिस ने छोड़ा
उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड पीड़िता के परिजन से मुलाकात करने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी घेरेबंदी के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिल्ली लेकर जा रही है।
नोएडा। उत्तर प्रदेश के हाथरस पीड़िता की मौत के मामले में सियासत तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड पीड़िता के परिजन से मुलाकात करने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी घेरेबंदी के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दिल्ली लेकर जा रही है। बता दें कि, हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल गांधी और पुलिस कर्मियों के बीच बहस भी हुई।राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को यमुना एक्सप्रेस-वे पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जाने के दौरान रोक दिया। इसके बाद दोनों नेता पैदल ही हाथरस के लिए चल पड़े। हालांकि थोड़ी दूरी पर राहुल की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद पुलिस ने राहुल और प्रियंका को जीप में बैठाकर F-1 गेस्टहाउस ले गई। यह गेस्टहाउस एक्सप्रेस वे पर स्थित है। वहीं, राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस बात की जानकारी पुलिस ने दी। इस बीच राहुल और प्रियंका F-1 गेस्ट हाउस से निकल चुके हैं और उन्हें दिल्ली ले जाया जा रहा है। इसके अलावा पीड़िता के गांव में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। राहुल गांधी ने कहा, 'किस धारा में मुझे गिरफ्तार किया जा रहा है, अकेला जाना धारा 144 का उल्लंघन कैसे है।' राहुल गांधी की इस दलील पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने कहा कि धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में हाथरस कांड पीड़िता के परिजन से मुलाकात करने के लिए करीब एक बजे राहुल गांधी अपने आवास से निकले। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहीं, उन्हें नोएडा में डीएनडी पर रोकने की कोशिश की गई। काफिले को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने रोक लिया, जिसके बाद वे पैदल ही हाथरस के लिये निकल गये। आगे कुछ दूर चलने के बाद यूपी पुलिस ने फिर उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने धक्कामुक्की की, जिसके बाद राहुल गांधी नीचे गिर गए और राहुल गांधी को चोट लगने की भी खबर आ रही है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-kuldeep-sengar-wife-sangeeta-sengar-candidature-cancelled-swatantra-dev-singh-783987
कुलदीप सेंगर की पत्नी संगीता को BJP ने दिया झटका, जिला पंजायत चुनाव की उम्मीदवारी रद्द
भाजपा ने उन्नाव की भगवंत नगर विधानसभा सीट से पार्टी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर का जिला पंजायत चुनाव का टिकट काट दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी।
लखनऊ: भाजपा ने उन्नाव की भगवंत नगर विधानसभा सीट से पार्टी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर का जिला पंजायत चुनाव का टिकट काट दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संगीता सेंगर की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। गौरतलब है कि 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव के लिए भाजपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में संगीता सेंगर का नाम शामिल था लेकिन अब उनकी उम्मीदवारी खत्म कर दी गई है।संगीता को उन्नाव जिले में जिला पंचायत सदस्य चुनाव के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवार घोषित करने के चौथे दिन यह घटनाक्रम हुआ। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को एक बयान में कहा, ''उन्नाव जिले के वार्ड नंबर 22 में संगीता सेंगर का टिकट रद्द किया जाता है।'' उन्होंने कहा, ''संगीता सेंगर भाजपा की अधिकृत उम्मीदवार नहीं रहेंगी और उन्नाव में पार्टी के जिलाध्यक्ष से शीघ्र ही वहां से तीन नाम भेजने का आग्रह किया गया है।'' गौरतलब है कि सिंह ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को जिला पंचायत सदस्य के अधिकृत उम्मीदवारों की जिले की सूची जारी की थी, जिसमें जिले के वार्ड संख्‍या 22 (फतेहपुर चौरासी तृतीय) से संगीता सेंगर को उम्मीदवार घोषित किया गया था। संगीता पूर्व में जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। संगीता सेंगर को उम्मीदवार बनाये जाने पर भगवा पार्टी की आलोचना करते हुए समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा था, ''भाजपा का दोहरा चरित्र है। एक तरफ भाजपा अपराधियों के खात्‍मे की बात करती है और दूसरी तरफ उनका महिमामंडन भी करती है। भाजपा के शासन में रहते अपराध खत्म नहीं हो सकता है।'' उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उन्नाव जिले में 17 वर्षीय एक किशोरी से दुष्कर्म मामले में दोषी करार देते हुए दिल्‍ली की तीस हजारी अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेंगर को जिस समय यह सजा सुनाई गई थी, वह उन्नाव जिले के बांगरमऊ से भाजपा विधायक थे। सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
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https://www.indiatv.in/india/national/ncp-ministers-meet-after-nawab-malik-s-arrest-sharad-pawar-to-call-on-maharashtra-cm-2022-02-23-837154
नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद NCP मंत्रियों ने बैठक की, CM ठाकरे से मिलेंगे शरद पवार
महाविकास आघाडी सरकार में, राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक के पास अल्पसंख्यक कार्य विभाग के अलावा कौशल विकास विभाग भी है। राकांपा सूत्रों ने बताया, ‘‘यह बैठक, मलिक की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने और पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी।
मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कुछ मंत्रियों ने बुधवार शाम यहां पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर बैठक की। राकांपा सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री छगन भुजबल, हसन मुशरिफ और राजेश टोपे बैठक के लिए दक्षिण मुंबई में शरद पवार के आवास सिल्वर ओक में उपस्थित थे।उन्होंने बताया, ‘‘यह बैठक, मलिक की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने और पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी।’’ उन्होंने बताया कि मलिक के इस्तीफा देने की स्थिति में उनका विभाग पार्टी के उनके सहकर्मियों को दिया जाएगा। महाविकास आघाडी सरकार में, राकांपा के वरिष्ठ नेता मलिक के पास अल्पसंख्यक कार्य विभाग के अलावा कौशल विकास विभाग भी है।वहीं, राकांपा प्रमुख के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके (ठाकरे के) दक्षिण मुंबई स्थित आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पर शाम में बाद में मुलाकात करने की संभावना है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं एमवीए सरकार में मंत्री बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण ने शरद पवार से मुलाकात की तथा मलिक की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की। कांग्रेस नेता सुनिल केदार भी बैठक में शामिल हुए। एमवीए में राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस शामिल हैं।
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https://www.indiatv.in/india/politics/rather-than-admitting-mistakes-bjp-still-blaming-nehru-for-people-s-problems-says-manmohan-singh-2022-02-17-836255
अपनी गलतियां स्वीकार करने के बजाय नेहरू पर दोषारोपण कर रही है भाजपा सरकार: मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि, कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की ख़राब नीतियों के कारण लोग आर्थिकता, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। 7.5 साल सरकार चलाने के बाद सरकार अपनी ग़लती मानने और सुधार करने की बजाए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराने पर लगी है।
चंडीगढ़: पूर्व प्रधानमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पिछले सात साल से अधिक समय से सत्ता में है, लेकिन लोगों की समस्याओं के लिए वह अब भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहरा रही है। सिंह ने किसान आंदोलन, विदेश नीति, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का राष्ट्रवाद ब्रितानी नीति ‘‘फूट डालो और राज करो’’ पर आधारित है। पंजाब विधानसभा के लिए 20 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले सिंह ने पंजाबी भाषा में एक वीडियो संदेश के जरिए यह टिप्पणी की, जिसे कांग्रेस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दिखाया। सिंह ने कहा कि सरकार विदेश नीति के मामले में ‘‘बुरी तरह असफल’’ साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी सेना ‘‘पिछले एक साल से हमारी पवित्र धरती पर कब्जा जमाए है, लेकिन इस मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पड़ोसी देशों के साथ भी हमारे संबंध खराब हो रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को देश के संविधान पर भरोसा नहीं है और ‘‘संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है।’’ मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘देश एक ओर महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर पिछले साढ़े सात साल से सत्ता पर काबिज मौजूदा सरकार अपनी गलतियां स्वीकार करने और उनमें सुधार करने के बजाय, लोगों की समस्याओं के लिए अब भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहरा रही है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले महीने फिरोजपुर में एक पुल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फंस जाने संबंधी सुरक्षा चूक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर (पंजाब के) मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य के लोगों को बदनाम करने की कोशिश की गई।’’ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि, कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की ख़राब नीतियों के कारण लोग आर्थिकता, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। 7.5 साल सरकार चलाने के बाद सरकार अपनी ग़लती मानने और सुधार करने की बजाए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराने पर लगी है। इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक है। इनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की बांटों और राज करो की नीति पर टिका है। संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है। ये सरकार विदेश नीति के मोर्चे पर भी पूरी तरह फेल साबित हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने का प्रयास किया गया।’’ सिंह ने कहा कि दुनिया पंजाब के लोगों की बहादुरी, देशभक्ति और बलिदान को सलाम करती है, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इन सब के बारे में बात नहीं करती। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब से संबंध रखने वाले एक सच्चा भारतीय होने के नाते, ये सभी बातें मुझे बहुत दुखी करती हैं।’’ उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के सामने कई चुनौतियां हैं और उनसे प्रभावी तरीके से निपटना बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के विकास और उसकी खेती तथा बेरोजगारी से जुड़े मामलों से निपटना आवश्यक है। उन्होंने पंजाब के लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘और यह काम केवल कांग्रेस कर सकती है।’’ सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 10 साल काम किया और हमेशा इस बात को प्राथमिकता दी कि उनका काम ही खुद बोले। उन्होंने कहा, ‘‘हमने राजनीतिक लाभ के लिए कभी देश को नहीं बांटा। हमने सच पर पर्दा डालने की कभी कोशिश नहीं की। हमने देश की प्रतिष्ठा कभी कम नहीं होने दी।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और भारतीयों की प्रतिष्ठा बढ़ी। उन्होंने कहा कि देश को कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में किए गए अच्छे काम याद हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-habibganj-railway-station-name-maharana-sindhuraj-viral-whatsapp-message-fact-check-by-pib-802836
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम होगा 'महाराणा सिंधुराज'? जानिए सच्चाई
पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में कुछ जगहों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, ऐसे में WhatsApp पर चल रहे इस संदेश के बाद भी लोग जानना चाहते हैं कि क्या वाकई में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जा रहा है
नई दिल्ली। भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराणा सिंधुराज रेलवे स्टेशन होने जा रहा है, इस तरह का एक संदेश सोशल मीडिया और Whatsapp पर सर्कुलेट हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश में कुछ जगहों और रेलवे स्टेशनों के नाम बदले गए हैं, ऐसे में WhatsApp पर चल रहे इस संदेश के बाद भी लोग जानना चाहते हैं कि क्या वाकई में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जा रहा है और नया नाम महाराणा सिंधुराज रेलवे स्टेशन होगा? Whatsapp पर चल रहे इस संदेश के तथ्यों के बारे में भारत सरकार के प्रेस सूचना विभाग की फैक्ट चेक इकाई (PIB Fact Check) ने जानकारी दी है। PIB Fact Check की तरफ से कहा गया है कि, "एक Whatsapp मैसेज में दावा किया जा रहा कि भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदल कर महाराणा सिंधुराज रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। यह दावा#फर्जी है। रेल मंत्रालय द्वारा हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के सन्दर्भ में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।"PIB Fact Check की तरफ से दी गई इस जानकारी के बाद यह साफ हो गया है कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला नहीं जा रहा। हबीबगंज रेलवे स्टेशन को लेकर Whatsapp पर जो जानकारी दी गई है वह झूठी और भ्रामक है।
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https://www.indiatv.in/india/national-up-government-arguments-in-the-supreme-court-funeral-of-hathras-victim-745612
हाथरस पीड़िता के अंतिम संस्कार पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा, जानिए पूरी डिटेल
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कथित रूप से हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में इसलिए किया गया क्योंकि ऐसी खुफिया सूचनाएं मिली थीं कि युवती और आरोपी दोनों के समुदायों के लाखों लोग राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ उसके गांव में इकट्ठा होंगे।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कथित रूप से हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में इसलिए किया गया क्योंकि ऐसी खुफिया सूचनाएं मिली थीं कि युवती और आरोपी दोनों के समुदायों के लाखों लोग राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ उसके गांव में इकट्ठा होंगे। जिससे कानून-व्यवस्थाको लेकर बड़ी समस्या हो जाती। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत से मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश देने का भी आग्रह किया। इसने दावा किया कि निहित स्वार्थ वाले लोग निष्पक्ष जांच को विफल करने का प्रयास कर रहे हैं।राज्य ने इस बात पर जोर दिया कि, "कुछ निहित स्वार्थो द्वारा नियोजित (मुद्दे पर) जातिगत विभाजन से उत्पन्न संभावित हिंसक स्थिति को छोड़कर, दाह संस्कार जल्दी करने के पीछे कोई बुरा इरादा नहीं हो सकता।" राज्य के हलफनामे को अदालत में दायर किया गया था।अपने हलफनामे में, राज्य ने पीड़िता के दाह संस्कार को उचित ठहराया - जिसकी मृत्यु 29 सितंबर को दिल्ली के एक अस्पताल में हुई थी और 30 सितंबर को देर रात 2.30 बजे उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया क्योंकि "इस बात की आशंका थी कि प्रदर्शनकारी हिंसक हो सकते हैं।"सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भी फैसला सुनाए जाने को लेकर जिले में हाई अलर्ट था।यह कहा गया कि हाथरस जिला प्रशासन को 29 सितंबर की सुबह से कई खुफिया जानकारी मिली थी, जिस तरह से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एक धरना आयोजित किया गया था और "पूरे मामले का फायदा उठाया जा रहा है और इसे एक जातिगत और सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।"इसने कहा कि ऐसी असाधारण और गंभीर परिस्थितियों में, जिला प्रशासन ने सुबह में बड़े पैमाने पर हिंसा से बचने के लिए उसके माता-पिता को मनाकर रात में सभी धार्मिक संस्कारों के साथ शव का अंतिम संस्कार कराने का फैसला लिया। पीड़िता का शव उसकी मौत और पोस्टमार्टम के बाद 20 घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा था।उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित तौर पर 29 सितंबर को 19 वर्षीय पीड़िता के शव को दिल्ली के अस्पताल से निकाल लिया और हाथरस के बुलगड़ी गांव ले जाया गया। शोक संतप्त परिवार ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वह अंतिम बार शव को घर ले जाने की अनुमति दें और यहां तक कि शव ले जाने वाली एम्बुलेंस को भी रोकने की कोशिश की। हालांकि, परिवार ने आरोप लगाया, वे अंतिम संस्कार के दौरान अपने घर में बंद थे।इनपुट-आईएएनएस
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https://www.indiatv.in/india/politics-cm-shivraj-singh-chouhan-says-kamal-nath-ji-chanting-hanuman-chalisa-helps-devotees-not-devils-735449
कमलनाथ से बोले शिवराज- हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुष्टों के संकट और पीड़ा नहीं कटती
शनिवार को सूबे के सीएम शिवराज सिंह और भाजपा के राज्यसभा सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में थे। इस दौरान दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा।
ग्वालियर. मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का प्रयास कर रही हैं। शनिवार को सूबे के सीएम शिवराज सिंह और भाजपा के राज्यसभा सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में थे। इस दौरान दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा।पढ़ें- सोनिया और राहुल के तलवे चाटने वाला वफादार और सही बात करने वाला गद्दार: शिवराज सिंह चौहानशिवराज सिंह चौहान ने कहा, "जिस दिन शिलान्यास होना था, उस दिन कमलनाथ जी हनुमान चालीसा करने बैठ गए, 'संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा', अरे भक्तों के संकट हरते हैं। कमलनाथ जी, दुष्टों की संकट और पीरा नहीं कटती हनुमान चालीसा का पाठ करने से।"पढ़ें- ISIS ऑपरेटिव को पाक हैंडलर ने प्रशिक्षित किया, online IED बनाना सिखायाउन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस वाले राम के नाम का मजाक उड़ाते थे, कहते थे राम तो है ही नहीं, राम तो काल्पनिक है। अदालतों में कहते थे राम के नाम का तो अस्तित्व ही नहीं है। भाजपा ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा और आज वो सपना पूरा हो गयापढ़ें- Pakistan ने हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाऊद इब्राहीम पर और प्रतिबंध लगाएदेखें वीडियोज्योतिरादित्य ने भी बोला कमलनाथ पर हमलाभाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस पार्टी और पूर्व सीएम कमलनाथ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मोदी जी ने कोरोना में लोगों की जान बचाने के लिए लॉकडाउन लगाया था, लेकिन कमलनाथ जी ने मोदी जी से 15 महीने पहले ही वल्लभ भवन में जनता के लिए लॉकडाउन लगा दिया था। वल्लभ भवन में जनता नहीं आ सकती थी, उद्योगपति और व्यापारी आ सकते थे।"पढ़ें- बिहार: क्या महागठबंधन में मचेगा घमासान?पढ़ें- कमलनाथ से बोले शिवराज- हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुष्टों के संकट और पीड़ा नहीं कटतीपढ़ें- Aarogya Setu App में नया फीचर, कर्मचारियों के स्वास्थ्य की स्थिति जान सकेंगी कंपनियां
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https://www.indiatv.in/india/politics-bring-back-39-indian-sailors-stuck-in-china-sena-urges-modi-government-763042
सेना ने चीन में फंसे इन 39 लोगों को वापस लाने का मोदी सरकार से किया आग्रह
उन्होंने कहा कि देशों के बीच व्यापारिक विवाद नए नहीं हैं और ऐसे मामलों में नागरिकों को 'बलि का बकरा' नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘इस गतिरोध को जल्द से जल्द हल करके नाविकों को घर वापस लाया जाना चाहिए।”
मुंबई: शिवसेना ने बृहस्पतिवार को केंद्र से चीनी जल क्षेत्र में फंसे 39 भारतीय नाविकों को वापस लाने का आग्रह किया। पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर यह आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार से समर्थन ना मिलने के कारण 39 नाविकों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया है और उनके परिवार वाले उनकी वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नाविकों के परिवार दर-दर भटक रहे हैं और कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है, उनमें से कई नाविक महाराष्ट्र के हैं।” ये भी पढ़े: लिव-इन रिलेशनशिप पर आया हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, जानें क्या कहागौरतलब है कि 39 भारतीयों सहित दो मालवाहक जहाजों-एमवी अनास्तासिया और एमवी जग आनंद चीनी जल क्षेत्र में फंस गए हैं क्योंकि उन्हें वहां अपना सामान उतारने की अनुमति नहीं थी। चतुर्वेदी ने पत्र में कहा, ‘‘यह गतिरोध व्यापार युद्ध के कारण आया है और दोनों जहाज चीनी बंदरगाहों पर लंगर डालने के लिए मजबूर हैं। जहाजों को चीनी अधिकारियों ने अपने माल को उतारने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और चालक दल को राहत देने के लिए अन्य नाविकों को भेजने की अनुमति भी नहीं थी।” ये भी पढ़े: जिराफ ने की ऐसी हरकत कि सोशल मीडिया पर छाया वीडियो, आप भी हो जाएंगे हंस-हंसकर लोट-पोटउन्होंने कहा कि एमवी अनास्तासिया को चीन के बोहाई सागर में रोका गया है, वहीं एमवी जग आनंद जिंगतांग के बंदरगाह पर लंगर डाले हुए है । चतुर्वेदी ने कहा कि देशों के बीच व्यापारिक विवाद नए नहीं हैं और ऐसे मामलों में नागरिकों को 'बलि का बकरा' नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘इस गतिरोध को जल्द से जल्द हल करके नाविकों को घर वापस लाया जाना चाहिए।”इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि चालक दल के सदस्य गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं। मालवाहक पोत ‘एमवी जग आनंद' चीन के हुबेई प्रांत के जिंगतांग बंदरगाह के पास 13 जून से खड़ा है और इस पर 23 भारतीय नाविक सवार हैं। ये भी पढ़े: कोरोना से बचाने वाली दवा बिगाड़ सकती है आपकी ‘सेक्स लाइफ’, हो सकती है यह गंभीर बीमारी, WHO की चेतावनीएक अन्य पोत ‘एमवी अनस्तासिया' चीन के काओफीदियान बंदरगाह के पास माल उतारने के इंतजार में 20 सितंबर से खड़ा है जिस पर चालक दल के रूप में 16 भारतीय सवार हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि बीजिंग स्थित हमारा दूतावास चीन के प्रांतीय और केंद्रीय अधिकारियों के लगातार संपर्क में है और पोत को लंगर डालने या चालक दल को बदलने की अनुमति देने का आग्रह कर रहा है।
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कोरोना वायरस की रफ्तार ने उत्तर प्रदेश में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 24 घंटे में आए 20 हजार से ज्यादा नए मामले
कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में लगातार बढ़ता जा रहा है और पूरे देश में पिछले 24 घंटे में 1.84 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में भी कोविड-19 का संक्रमण तेजी के साथ फैलता जा रहा है।
लखनऊ: कोरोना वायरस का कहर पूरे देश में लगातार बढ़ता जा रहा है और पूरे देश में पिछले 24 घंटे में 1.84 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश में भी कोविड-19 का संक्रमण तेजी के साथ फैलता जा रहा है। प्रदेश में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 20,510 नए मामले सामने आए हैं। 4,517 लोग डिस्चार्ज हुए और सक्रिय मामलों की संख्या 1,11,835 है। कल प्रदेश में 2,10,121 सैंपल की जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान 67 लोगों की मौत के साथ इस वायरस से राज्य में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 9376 हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 20510 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। प्रदेश में किसी एक दिन का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 13 अप्रैल को 18021 नए मामले सामने आए थे। प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान 4517 मरीज ठीक भी हुए हैं। प्रदेश में इस वक्त 1,11,835 मामले उपचाराधीन हैं।प्रदेश में कोरोना के बिगड़ते हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा "शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने कोविड की जांच कराई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।" उन्होंने कहा, "मैं स्व-पृथकवास में हूं और चिकित्सकों के परामर्श का पूर्णतः पालन कर रहा हूं। सभी कार्य वर्चुअली (डिजिटल माध्यम से) संपादित कर रहा हूं।" उन्होंने भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए कोवैक्सीन टीके की पहली खुराक गत पांच अप्रैल को ली थी। योगी ने गत 12 अप्रैल को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी आशुतोष टंडन के साथ राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। टंडन भी कोविड-19 से संक्रमित हो गये हैं। बता दें कि योगी ने मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारियों के कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद मंगलवार को खुद को पृथक कर लिया था। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल, विशेष कार्याधिकारी अभिषेक कौशिक, विशेष सचिव अमित सिंह तथा कुछ अन्य कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-covid-19-vaccination-india-administers-over-20-crore-vaccine-doses-so-far-792600
बीस करोड़ से अधिक लोगों को कोविड टीका लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बना भारत
भारत अमेरिका के बाद कोविड-19 टीकों की 20 करोड़ से अधिक खुराक लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 130 दिन में यह टीकाकरण पूरा किया वहीं अमेरिका ने 124 दिन में इतने लोगों को टीका लगाया।
नयी दिल्ली: भारत अमेरिका के बाद कोविड-19 टीकों की 20 करोड़ से अधिक खुराक लगाने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने 130 दिन में यह टीकाकरण पूरा किया वहीं अमेरिका ने 124 दिन में इतने लोगों को टीका लगाया। ‘अवर वर्ल्ड इन डाटा’ बेवसाइट और अन्य कई स्रोतों पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण व्यापक रूप से करने वाले अन्य प्रमुख देशों में ब्रिटेन भी शामिल है जिसने 168 दिन में 5.1 करोड़ लोगों को कोविड टीका लगाया है।वहीं ब्राजील में 128 दिन में 5.9 करोड़ लोगों को और जर्मनी में 149 दिन में 4.5 करोड़ लोगों को टीके की खुराक दी जा चुकी है। मंत्रालय के अनुसार भारत में सुबह 7 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार टीकाकरण अभियान के 130वें दिन 20 करोड़ से अधिक लोगों (20,06,62,456) का टीकाकरण हो चुका है। इनमें 15,71,49,593 लोगों को टीके की पहली खुराक और 4,35,12,863 को दूसरी खुराक लग चुकी है।मंत्रालय ने कहा कि देश में अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 34 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कोविड-19 टीके की कम से कम पहली खुराक लगवा ली है। इसी तरह देश में 60 वर्ष से अधिक उम्र की 42 फीसदी से अधिक आबादी कम से कम पहला टीका लगवा चुकी है। देश में कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को की थी। ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-blog-will-modi-mediate-in-russia-ukraine-crisis-2022-04-02-842633
Rajat Sharma’s Blog : क्या मोदी रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करेंगे ?
रूस चाहता है कि भारत यूक्रेन संकट के मामले में मध्यस्थता करे, वहीं अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से दूर रहे और पुतिन के विरोध में पश्चिमी गुट में शामिल हो जाए।
आज सारी दुनिया की निगाहें भारत की ओर हैं। दुनिया भारत को इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर देख रही है। शुक्रवार को रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का 38 वां दिन था और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मोदी ने लावरोव से कहा कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशों में हर तरह के योगदान के लिए तैयार है। लावरोव मोदी के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का खास संदेश लेकर आए थे। जहां एक ओर रूस चाहता है कि भारत यूक्रेन संकट के मामले में मध्यस्थता करे, वहीं अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से दूर रहे और पुतिन के विरोध में पश्चिमी गुट में शामिल हो जाए। ब्रिटेन भी चाहता है कि भारत को यूरोपीय देशों के साथ खड़े होना चाहिए जो रूस के आक्रमण का विरोध कर रहे हैं। चीन भी भारत के साथ शांति चाहता है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी अचानक दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे। उधर, पाकिस्तान में एक बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान भी बार-बार भारत की आज़ाद विदेश नीति की तारीफ कर रहे हैं और यह चाहते हैं कि उनका देश भी भारत की तरह किसी बाहरी दबाव में न आए। रूस के विदेश मंत्री ने दिल्ली में कहा, 'भारत की अपनी आजाद विदेश नीति है और यह सही मायने में आजाद और अपने हितों को सबसे ऊपर रखने वाली है...अगर भारत रूस से कुछ भी खरीदना चाहता है तो हम इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं।' लावरोव की यह टिप्पणी अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह की भारत, रूस और चीन के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी के मद्देनजर आई है। अमेरिकी डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की। दलीप सिंह को बायडेन प्रशासन ने रूस के खिलाफ अन्तरराष्ट्रीय पाबंदियों को लागू कराने के लिए नियुक्त किया है। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात के बाद दलीप सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था, ' चीन रऊस से जितना ज्यादा फायदा उटाएगा, उतना ही यह भारत के लिए कम अनुकूल होगा। मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात पर यकीन करेगा कि अगर चीन ने एक बार फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया तो रूस भारत की रक्षा के लिए दौड़ा आएगा।' राजनयिक हलकों में इस तरह की टिप्पणी को परोक्ष रूप से धमकी माना जाती है। भारत ने शुक्रवार को इस संबंध में अमेरिका को स्पष्ट संदेश दे दिया, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लावरोव से मुलाकात की और इस मुलाकात के बाद लावरोव ने पीएम मोदी से मुलाकात की। कूटनीतिक भाषा और लहज़े में इससे ज्यादा साफ संकेत और कुछ नहीं हो सकता था। भारत ने बिना कुछ बोले, बिना कुछ कहे डिपलोमैसी की भाषा में अमेरिका को कड़ा संदेश दे दिया। भारत का संदेश था- जहां तक विदेश नीति का संबंध है, हमें डराया नहीं जा सकता। पीएम मोदी के शब्दों में-'भारत न किसी से आंख उठाकर बात करेगा, न किसी से आंख झुका कर बात करेगा, भारत आंख में आंख डाल कर बात करेगा।' अमेरिका भारत को यह डर दिखाने की कोशिश कर रहा है कि जैसे रूस ने यूक्रेन की सीमा का अतिक्रमण किया वैसे ही चीन भी भारत की सीमा का अतिक्रमण कर सकता है। लेकिन अमेरिका यह भूल गया कि भारत, यूक्रेन नहीं है। यह बात चीन भी समझता है और अमेरिका को भी समझनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण स्पष्ट है, नीयत साफ है और नीति भी साफ है। हम वही करेंगे जिसमें भारत का फायदा है। न किसी पर दबाव डालेंगे और न किसी के दबाव में आएंगे। अमेरिका के डिप्टी एनएसए ने शायद यह सोचा था कि भारत इस तरह की धमकी से डर जाएगा और वह रूस के साथ अपनी दोस्ती से पैर पीछे खींच लेगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। भारत के साथ तेल के सौदे पर रूस के विदेश मंत्री ने कहा- 'हम भारत को किसी भी तरह के सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार रहेंगे जो भारत खरीदना चाहता है.. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अवैध और एकतरफा प्रतिबंध लगाकर पश्चिम द्वारा बनाई गई कृत्रिम बाधाओं को दूर करने का कोई रास्ता निकाला जाएगा।' भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है। 24 फरवरी को रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया, तब से लेकर अब तक भारत स्पॉट टेंडर के जरिए डिसकाउंट पर रूस से तेल खरीद रहा है। उस समय से लेकर अभी तक भारत ने भारी डिस्काउंट के साथ 1 करोड़ 30 लाख बैरल रूसी तेल खरीदा है। तुलना कीजिए, वर्ष 2021 की पूरी अवधि में भारत ने रूस से कुल 1 करोड़ 60 लाख बैरल तेल की खरीद की थी। रूस के खिलाफ अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण अन्य देश रूस से तेल नहीं खरीद सकते । अमेरिकी प्रशासन के एक सीनियर अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि रूस से तेल खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि होने पर ही भारत खुद को जोखिम से घिरा पा सकता है... भारत द्वारा रूस से तेल खरीदे, इस पर अमेरिका को कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते वह पिछले वर्षों की तुलना में अपनी खरीद में कोई ज्यादा बढ़ोत्तरी न करे ।" अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण रूस भारत के साथ अपने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना चाहता है। लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए अब भारत और रूस रुबल और रूपए में व्यापार करने पर बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रूबल-रुपये का व्यापार वर्षों पहले शुरू हुआ था और अब पश्चिम के पेमेंट सिस्टम को दरकिनार करने के प्रयास तेज किए जाएंगे। कुल मिलाकर संक्षेप में कहें तो भारत अपने राष्ट्रीय हितों को सबसे ऊपर रखते हुए अपनी विदेश नीति पर चलेगा। बाहरी ताकतों के धमकाने या डराने का कोई असर नहीं होनेवाला है। अपनी ओर से भारत ने रूस से कहा है कि यूक्रेन में युद्ध खत्म कर जल्द से जल्द शांति बहाली के उपाय किए जाने चाहिए। वहीं लावरोव ने कहा-'भारत एक महत्वपूर्ण देश और उन्हें इस बात का पूरा यकीन है कि भारत यूक्रेन के साथ रूस के विवाद को सुलझाने में निष्पक्ष और न्यायसंगत भूमिका निभा सकता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के लिए एक न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाया है और वह इस तरह की (शांति) प्रक्रिया का समर्थन कर सकता है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 01 अप्रैल, 2022 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/national-suresh-angadi-death-pm-modi-said-he-was-an-exceptional-karyakarta-742933
अपने मंत्री के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक, कहा- सुरेश अंगड़ी असाधारण कार्यकर्ता थे
सुरेश अंगड़ी कर्नाटक से सांसद थे और 2004 से लगातार सांसद चुनकर आ रहे थे जिससे पता चलता है कि वे जनता के बीच कितने लोकप्रिय नेता थे।
नई दिल्ली। अपने मंत्रीमंडल के सदस्य सुरेश अंगड़ी की कोरोना वायरस की वजह से मृत्यु पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि सुरेश अंगड़ी एक असाधारण कार्यकर्ता थे जिन्होंने कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की थी। सुरेश अंगड़ी कर्नाटक से सांसद थे और 2004 से लगातार सांसद चुनकर आ रहे थे जिससे पता चलता है कि वे जनता के बीच कितने लोकप्रिय नेता थे। सुरेश अंगड़ी को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि वे एक समर्पित सांसद और असरदार मंत्री थे और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सब लोग उनकी प्रशंसा करते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने सुरेश अंगड़ी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि दुख कि इस घड़ी में उनके परिवार और मित्रों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। कोरोना वायरस की वजह से रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी का निधन हो गया है। कर्नाटक के मेडिकल एजुकेशन मनिस्टर डॉ. सुधाकर के ने इसके बारे में जानकारी दी है। सुरेश अंगड़ी AIIMS में भर्ती थे और बुधवार शाम 8.30 बजे उन्होंने 65 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। सुरेश अंगड़ी की कोरोना रिपोर्ट 11 सितंबर को पॉजिटिव पाई गई थी।केंद्रीय रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया है
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https://www.indiatv.in/india/national/opposition-erupts-over-hike-in-petrol-prices-uproar-in-rajya-sabha-proceedings-adjourned-till-2-pm-2022-04-04-842958
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर भड़का विपक्ष, राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
राज्यसभा में आज सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया, जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
नई दिल्ली। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के मुद्दे पर विपक्ष मुखर हो गया है। हाल ही में कांग्रेस ने सड़कों पर ईंधन के दाम बढ़ाने का का विरोध किया था। राज्यसभा में आज सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया, जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।आसन के पास जाकर करने लगे नारेबाजीएक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को ले कर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की भी मांग कर रहे थे। ​हंगामे के बीच दब गई पेट्रालियम मंत्री की आवाजपीठासीन उपसभापति सस्मित पात्रा ने सदस्यों से अपनी सीट पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल एक महत्वपूर्ण समय है और सदस्य एक बहुत ही अहम सवाल पूछ रहे हैं। उन्होंने सदस्यों से आसन के समीप नहीं आने की भी अपील की। पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यह उचित तरीका नहीं है और उन्हें सदन में प्रश्नकाल चलने देना चाहिए। हंगामे के बीच ही पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पूरक सवालों का जवाब देने का प्रयास किया। हालांकि सदन में हो रहे शोर के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।सुबह बैठ शुरू होने के 10 मिनट बाद ही करना पडा था स्थगितसदन में हंगामा थमते नहीं देख पात्रा ने करीब 12:05 बजे बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन विश्वास और कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने नियम 267 के तहत पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुई वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा कराने के नोटिस दिए थे।सभापति एम वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए कि वित्त और विनियोग विधेयक पर बहस के दौरान सदस्यों को इन मुद्दों पर अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर मिल चुका है। कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय सेवा नियम, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होने संबंधी केंद्र की घोषणा का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था। सभापति नायडू ने हुड्डा के इस नोटिस को भी अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया। हंगामा कर रहे सदस्यों से नायडू ने अनुरोध किया वह अपने स्थान पर चले जाएं और शून्यकाल के तहत सदस्यों को अपने मुद्दे उठाने दें। अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 11 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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https://www.indiatv.in/india/national-corona-vaccine-serum-institute-stops-trial-in-india-740086
Corona Vaccine: सीरम इंस्टीट्यूट ने भारत में ट्रायल रोका, जानिए कया है वजह
पुणे स्थित वैक्सीन निर्माता द्वारा यह घोषणा ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद की गई है।
नई दिल्ली. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किए जा रहे कोरोनावायरस वैक्सीन के लिए भारत में ह्यूमन ट्रायल कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने गुरुवार को ट्रायल्स रोक दिए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा, "हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और एस्ट्राजेनेका द्वारा परीक्षणों को फिर से शुरू किए जाने तक भारत में परीक्षणों को रोक रहे हैं। हम डीसीजीआई के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और परीक्षणों को लेकर आगे कोई टिप्पणी नहीं कर पाएंगे।"पुणे स्थित वैक्सीन निर्माता द्वारा यह घोषणा ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद की गई है। उन्होंने इस नोटिस में स्पष्टीकरण मांगा था कि जबकि रोगी की सुरक्षा के बारे में संदेह अभी तक अस्पष्ट है तो ऐसे में संस्थान ने कोविड -19 वैक्सीन उम्मीदवार के क्लीनिकल ट्रायल जारी रखने का फैसला क्यों किया।यह नोटिस उस घटना के मद्देनजर जारी किया गया था, जिसमें ब्रिटेन के एक वॉलेंटियर में संदिग्ध गंभीर रिएक्शन होने की सूचना आई थी। इस वॉलेंटियर को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए जा रहे एक वैक्सीन उम्मीदवार कोविशिल्ड का बूस्टर डोज दिया गया था।डीजीसीआई ने अपने नोटिस में लिखा, "सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे ने अब तक केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण को अन्य देशों में एस्ट्राजेनेका द्वारा किए जा रहे क्लीनिकल ट्रायल रोकने के बारे में सूचित नहीं किया है। ना ही उस घटना का विश्लेषण पेश किया है, जिसमें वॉलेंटियर में गंभीर प्रतिकूल रिएक्शन हुआ है। ऐसे में फेस 2 और 3 के देश में परीक्षण जारी रखना सुरक्षा की दृष्टि से गलत है।"डीजीसीआई ने आगे संस्थान से पूछा है कि क्यों न प्राधिकरण कोविशिल्ड के क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए एसआईआई को दी गई अनुमति को निलंबित कर दे।नोटिस में आगे कहा गया, "उपरोक्त को मद्देनजर रखते हुए मैं, डॉ.वी.जी. सोमानी, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी, आपको न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के नियम 30 के तहत कारण बताने के लिए कहते हैं कि क्यों न 2 अगस्त को आपको क्लीनिकल ट्रायल के लिए दी गई अनुमति को पेशेंट की सुरक्षा स्थापित होने तक रद्द कर दिया जाए।"बता दें कि एसआईआई वैक्सीन परीक्षण के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट का पार्टनर है। वह वर्तमान में भारत भर में 17 परीक्षण स्थलों पर इस वैक्सीन उम्मीदवार के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल कर रहा है। (IANS)
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https://www.indiatv.in/india/politics-arvind-kejriwal-says-india-one-from-kashmir-to-kanyakumari-in-punjab-sewa-singh-sekhwan-join-aap-809963
कश्मीर पर सिद्धू के सलाहकारों के बयान पर केजरीवाल बोले- कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक
पंजाब के गुरुदासपुर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे हमने दिल्ली में अच्छी सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनाएं। मुफ़्त में बिजली और साफ़ पानी दिया। वैसे ही हमारा मिशन है कि हम ऐसा पंजाब बनाए जहां सुख-शांति हो, सभी बच्चों को अच्छी और मुफ़्त शिक्षा मिले, अच्छा इलाज मिले।
पंजाब/नई दिल्ली। पंजाब के गुरुदासपुर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि एक दो दिन पहले मैंने कुछ बयान सुने थे कश्मीर और देश को लेकर, मेरा मानना है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है हमको कोई अलग नहीं कर सकता और कोई जुदा नहीं कर सकता। पंजाब के बॉर्डर स्टेट हैं, यहां पर अगर कोई बयान दिया जाता है तो बहुत सोचकर और जिम्मेदारी के साथ दिया जाना चाहिए। हम इन चीजों पर राजनीति नहीं करना चाहते, हम ऐसा पंजाब बनाना चाहते हैं जहां सबका विकास हो। बता दें कि, अरविंद केजरीवाल पंजाब के गुरदासपुर में गए हुए थे, जहां गुरदासपुर के सेखवा में पूर्व अकाली नेता सेवा सिंह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं, वहीं पर अरविंद केजरीवाल ने ये बयान दिया है। पंजाब के गुरुदासपुर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे हमने दिल्ली में अच्छी सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनाएं। मुफ़्त में बिजली और साफ़ पानी दिया। वैसे ही हमारा मिशन है कि हम ऐसा पंजाब बनाए जहां सुख-शांति हो, सभी बच्चों को अच्छी और मुफ़्त शिक्षा मिले, अच्छा इलाज मिले। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि सेवा सिंह सेखवां का AAP परिवार में स्वागत है। सेखवां जी हमारे बुजुर्ग हैं इन्होंने पंजाब के विकास के लिए बहुत कुछ किया है। वो आज हमें आशीर्वाद देकर हमारे परिवार में शामिल हुए हैं। हमारा Mission है ऐसा पंजाब बनाए जहां अमन, सुख-शांति और विकास हो।