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17a7bbdd0fb8a3c89c1e511670aff96a | https://www.indiatv.in/india/national-sirisha-bandla-becomes-third-woman-of-indian-origin-to-fly-in-space-801357 | कल्पना और सुनीता के बाद शिरिषा बांदला ने रचा इतिहास, अंतरिक्ष यात्रा करने वाली तीसरी भारतीय महिला | शिरिषा से पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। शिरिषा अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गईं जब उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी। | नई दिल्ली: एरोनॉटिकल इंजीनियर शिरिषा बांदला रविवार को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गईं जब उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के साथ ‘वर्जिन गैलेक्टिक’ की अंतरिक्ष के लिए पहली पूर्ण चालक दल वाली सफल परीक्षण उड़ान भरी। बता दें कि शिरिषा से पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। 1 फरवरी, 2003 को स्पेस शटल कोलंबिया जब पृथ्वी पर वापस आ रहा था तो वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में कल्पना चावला सहित सात अंतरिक्ष यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। वहीं, सुनीता विलियम्स के नाम महिला के रूप में सबसे अधिक 'स्पेस वॉक' करने का रिकॉर्ड है। वहीं, सबसे पहले भारतीय नागरिक तौर पर विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे।शिरिषा बांदला ने उड़ान भरने से पहले ट्वीट किया था, 'यूनिटी 22 के शानदार चालक दल का सदस्य और कंपनी का हिस्सा बनाकर अभूतपूर्व तरीके से सम्मानित किया है जिसका मिशन अंतरिक्ष को सभी के लिए मुहैया कराना है।'बता दें कि बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ है जबकि उनकी परवरिश ह्यूस्टन में हुई है। बांदला चार साल की उम्र में अमेरिका चली गईं और 2011 में पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स से साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उन्होंने 2015 में जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की डिग्री पूरी की।वह यूएस नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के लिए एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती थीं। लेकिन, आंखों की कमजोर रोशनी के कारण वह ऐसा नहीं कर सकीं। जब वह पर्ड्यू विश्वविद्यालय में थीं, तो एक प्रोफेसर ने उन्हें वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ानों के क्षेत्र में एक अवसर के बारे में बताया। इसके बाद वह इससे जुड़ीं। |
a0c91b9a0011dcdf020e6f25e15ddaf2 | https://www.indiatv.in/india/politics/congress-names-ripun-bora-and-jebi-mather-for-rajyasabha-2022-03-19-840248 | राज्यसभा चुनाव: कांग्रेस ने Assam से रिपुन बोरा और केरल से जेबी मैथर को उम्मीदवार बनाया | कांग्रेस ने आने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए असम से रिपुन बोरा और केरल से जेबी मैथर को अपना उम्मीदवार बनाया। पार्टी की तरफ से जारी हुई जानकारी के मुताबिक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों उम्मीदवारों के नाम की स्वीकृति प्रदान कर दी है | कांग्रेस ने जहां एक तरफ रिपुन बोरा को दोबारा राज्यसभा भेजने का फैसला किया है तो वहीं दूसरी तरफ जेबी मैथर के तौर पर युवा नेता को चुना है। रिपुन बोरा राज्सभा सांसद है और उनका कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है. वो असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।वही जेबी मैथर महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. इस साथ ही वो युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी हैं।आपको बता की असम में राज्यसभा की दो और केरल में तीन सीटों के लिए 31 मार्च को मतदान होना है। |
48107e807f81233f34a9ccd8278a5545 | https://www.indiatv.in/india/national-cyclone-gulab-update-imd-alert-fishermen-killed-pm-speaks-with-odisha-andhra-cms-assures-centre-s-support-815816 | Cyclone Gulab: 2 मछुआरों की मौत और 1 लापता, PM मोदी ने ओडिशा-आंध्र प्रदेश के CM को मदद का भरोसा दिया | आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के रहने वाले दो मछुआरों की रविवार शाम को बंगाल की खाड़ी में उठे ‘गुलाब’ तूफान की चपेट में आने से मौत हो गई जबकि एक अब भी लापता है। | अमरावती (आंध्र प्रदेश): आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के रहने वाले दो मछुआरों की रविवार शाम को बंगाल की खाड़ी में उठे ‘गुलाब’ तूफान की चपेट में आने से मौत हो गई जबकि एक अब भी लापता है। वहीं, तीन अन्य मछुआरे सुरक्षित तट पर आने में सफल रहे और उन्होंने अक्कुपल्ली गांव से राज्य के मत्स्यपालन मंत्री एस अप्पाला राजू को फोन कर स्वयं के सुरक्षित होने की जानकारी दी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से बात की और चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ से उत्पन्न होने वाली किसी स्थिति से निपटने में केंद्र की ओर से मदद का भरोसा दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान गुलाब उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों को पार कर गया है।इस बीच, भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने सूचित किया कि तूफान ने तट पर दस्तक देना शुरू कर दिया है और यह अगले 3 घंटे में कलिंगपटनम से 25 किलोमीटर उत्तर में तट से गुजरेगा। जानकारी के मुताबिक, पलासा के 6 मछुआरे ओडिशा से दो दिन पहले नयी नाव खरीद कर अपने पैतृक गांव लौट रहे थे कि तभी वे तूफान से घिर गए। नाव में सवार 6 मछुआरों में से एक ने गांव में फोन कर बताया कि नाव संतुलन खो चुकी है और 5 लोग समुद्र में लापता हो गए हैं। बाद में उसका फोन भी बंद आने लगा जिससे आशंका पैदा हुई कि वह भी लापता हो गया है। हालांकि, 3 मछुआरे तैरकर सुरक्षित तट पर आ गए जबकि 2 मछुआरों की मौत हो गई। गांव में फोन कर सूचित करने वाला मछुआरा अब भी लापता है और उसके साथियों को आशंका है कि वह नाव में फंस गया होगा। भारतीय नौसेना ने रविवार को कहा कि वह चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ से उत्पन्न स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और उसके पोतों और विमानों को बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैयार रखा गया है। राज्य के मत्स्यपालन मंत्री एस अप्पाला राजू के संज्ञान में जब मामला आया तो उन्होंने तत्काल नौसेना के अधिकरियों को मछुआरों की तलाश और बचाव कार्य में मदद करने को कहा। गौरतलब है कि गुलाब तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश के तीन तटीय जिलों विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम में मध्यम से भारी बारिश हो रही है। आईएमडी ने बताया कि ‘गुलाब’ तूफान के रविवार की मध्य रात्रि ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगपट्नम तट के बीच से गुजरने की संभावना है। आंध्र प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त के कन्ना बाबू ने बताया कि गुलाब तूफान श्रीकाकुलम जिले के कलिंगपटनम से करीब 85 किलोमीटर दूर अवस्थित है और इसके कलिंगपटनम और ओडिशा के गोपालपुर के बीच मध्य रात्रि में तट से टकराने की संभावना है। उन्होंने विशाखापत्तनम में जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। बाबू ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम पहले ही तीनों तटीय जिलों में बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैनात है। श्रीकाकुलम जिले के जिलाधिकारी एल श्रीकेश बालाजी राव के मुताबिक वज्रपुकोतुरु मंडल के 182 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। 34 जोड़ी रेलगाड़ियों को रद्द किया गयाइस बीच, दक्षिण मध्य रेलवे ने एक विज्ञप्ति जारी कर सूचित किया कि तूफान की वजह से विजयवाड़ा-हावड़ा मार्ग की आठ रेल गाड़ियों का रास्ता बदलकर खडगपुर-झारसुगुडा, बिलासपुर और बल्लारशाह के रास्ते चलाने का फैसला किया गया है। वहीं, दो रेल गाड़ियां जो रविवार को रवाना होने वाली थीं उनके समय में परिवर्तन किया गया है और अब वे सोमवार को रवाना होंगी। पूर्व तटीय रेलवे ने गुलाब तूफान के चलते 34 जोड़ी रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पूर्व तटीय रेलवे ने 13 रेलगाड़ियों का समय पुनर्निधारित किया है जबकि 17 रेलगाड़ियों का रास्ता बदला गया है। रेलवे ने बताया, ‘‘चक्रवाती हवाओं के साथ भारी बारिश होने के पूर्वानुमान के चलते सभी एहतियाती उपाय पूर्व तटीय रेलवे द्वारा किए गए हैं।’’ रेलवे इसके साथ ही संभावित प्रभावित क्षेत्रों में गहन गश्त भी कर रहा है। रेलवे ने बताया कि पुलों पर नजर रखी जा रही है और बिजली और सिग्लन परिचालन को प्रभावित होने से बचाने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने केंद्र की ओर से मदद का दिया भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से बात की और चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ से उत्पन्न होने वाली किसी स्थिति से निपटने में केंद्र की ओर से मदद का भरोसा दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ ओडिशा में तूफान की स्थिति पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जी से चर्चा की। केंद्र आने वाली मुश्किल में पूरी मदद करने का भरोसा देता है।’’ इसके साथ ही उन्होंने सभी की सुरक्षा और बेहतरी की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में बताया, ‘‘आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से बात की और चक्रवाती तूफान गुलाब से उत्पन्न होने वाली स्थिति का जायजा लिया। केंद्र से हर संभव मदद का भरोसा दिया। मैं सभी की सुरक्षा और बेहतरी की प्रार्थना करता हूं।’’ इस बीच, भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि गुलाब तूफान के तट से टकराने की प्रक्रिया रविवार शाम को शुरू हो गई है। |
935e5f4dc099fb925895bc56e8c58f46 | https://www.indiatv.in/india/politics-kanhaiya-kumar-to-join-congress-party-815582 | कन्हैया कुमार 28 सितंबर को थामेंगे कांग्रेस का 'हाथ' | जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कन्हैया कुमार आने वाली 28 सितंबर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। | नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कन्हैया कुमार आने वाली 28 सितंबर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। आपको बता दें कि पिछले दिनों कन्हैया कुमार और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच मुलाकात हुई थी, जिसके बाद से लगातार ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि वो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।क्यों विचारधारा से समझौता कर रहे हैं कन्हैया?वामपंथी विचारों से प्रेरित कन्हैया क्यों कांग्रेस पार्टी का दामन थामने जा रहे हैं इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं। कन्हैया कुमार के करीबी लोगों को कहना है कि वो सीपीआई में घुटन महसूस कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि कन्हैया बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण रोल निभाना चाहते हैं। कांग्रेस भी पिछले 3 दशक से बिहार में राजनीतिक रूप से हाशिए पर है। ऐसे में दोनों एक दूसरे के काम के साबित हो सकते हैं।नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार कांग्रेस पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कन्हैया कुमार आने वाली 28 सितंबर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। आपको बता दें कि पिछले दिनों कन्हैया कुमार और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच मुलाकात हुई थी, जिसके बाद से लगातार ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि वो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।क्यों विचारधारा से समझौता कर रहे हैं कन्हैया?बिहार में कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगे कन्हैया?पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था, जबकि उसके सहयोगी दलों राजद और सीपीआई(एमएल) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। बिहार चुनाव में कांग्रेस पार्टी में को जहां 70 विधानसभा सीटों में से महज 19 नसीब हुई थीं, वहीं राजद ने जिन 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से वो आधी से ज्यादा सीटें जीतने में सफल रही थी। गठबधंन का हिस्सा CPI(ML) भी 19 सीटों में से 12 विधानसभा सीटें जीतने में सफल रही थी।कन्हैया की एंट्री से मिलेगी कांग्रेस को ताकत?कांग्रेस पार्टी के जुड़े लोगों का कहना है कि कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने से निश्चित ही कांग्रेस को ताकत मिलेगी। पार्टी के नेताओं का मानना है कि पिछले दो सालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद और प्रियंका चतुर्वेदी जैसे नेताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है, ऐसे में अगर कन्हैया कांग्रेस का दामन थामते हैं तो निश्चित ही पार्टी को बल मिलेगा। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में सभी लोग कन्हैया के स्वागत के लिए पलके बिछाए तैयार खड़े हैं। बड़ी संख्या में पार्टी के नेताओं का ये भी मानना है कि कन्हैया कुमार अपने विवादास्पद अतीत की वजह से कांग्रेस के लिए बेहद नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं। पिछले साल दिसंबर में पार्टी के पटना कार्यालय में हंगामे के लिए भाकपा में भी, उन्हें इस साल की शुरुआत में एक हल्की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। |
1ab025346f16b5fc61e863f070f37323 | https://www.indiatv.in/india/national-chhattisgarh-records-247-new-covid-19-cases-2-deaths-774498 | छत्तीसगढ़ में 247 लोगों में Coronavirus संक्रमण की पुष्टि, दो मरीजों की मौत | छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटों के दौरान 274 नए लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। राज्य में इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,11,680 हो गई है। | रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटों के दौरान 247 नए लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। राज्य में इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 3,11,680 हो गई है। राज्य में बुधवार को 26 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित दो मरीजों की मौत हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आज संक्रमण के 247 मामले आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि रायपुर जिले से 85, दुर्ग से 43, राजनांदगांव से नौ, बालोद से दो, बेमेतरा से दो, कबीरधाम से चार, धमतरी से एक, बलौदाबाजार से चार, महासमुंद से तीन, गरियाबंद से छह, बिलासपुर से 15, रायगढ़ से 10, कोरबा से सात, जांजगीर चांपा से तीन, गौरेला पेंड्रा मरवाही से दो, सरगुजा से आठ, कोरिया से 21, सूरजपुर से चार, जशपुर से 10, बस्तर से दो, कोंडागांव से एक, कांकेर से तीन, नारायणपुर से एक और बीजापुर से एक मरीज शामिल है।अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 3,11,680 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। 3,04,956 मरीज इलाज के बाद संक्रमण मुक्त हुए हैं, राज्य में 2911 मरीज उपचाराधीन हैं। राज्य में वायरस से संक्रमित 3813 लोगों की मौत हुई है। राज्य के रायपुर जिले में सबसे अधिक 55334 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि की गई है। जिले में कोरोना वायरस संक्रमित 805 लोगों की मौत हुई है। वही, भारत में एक दिन में कोविड-19 के 13,742 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,10,30,176 हो गई। इनमें से 1,07,26,702 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वायरस से 104 और लोगों की मौत से मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 1,56,567 हो गई। आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,07,26,702 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के बाद देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 97.25 प्रतिशत हो गई।वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.42 प्रतिशत है। देश में अभी 1,46,907 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.33 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 23 फरवरी तक 21,30,36,275 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की जा चुकी है। इनमें से 8,05,844 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई थी। इस बीच केन्द्र ने महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्थिति से निपटने में मदद के लिए अपने उच्च स्तरीय दल भेजे हैं।ये भी पढ़ें |
0975153901dec910003e9a6620ec8a92 | https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-active-cases-death-toll-recovery-rate-recovered-cases-and-total-testing-in-india-till-november-25th-755913 | Coronavirus को लेकर फिर बढ़ी चिंता, 24 घंटे में 6000 से ज्यादा बढ़े एक्टिव केस | पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के नए मामले ज्यादा आए हैं और ठीक होने वालों की संख्या कम रही है इस वजह से कोरोना के एक्टिव मामले बढ़े हैं | नई दिल्ली। कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए रणनीति बनाने को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है और प्रधानमंत्री ने क्यों इसकी पहल की है इसका अंदाजा देश में कोरोना के बढ़ते एक्टिव मामलों से लगाया जा सकता है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों में 6000 से ज्यादा की बढ़ोतरी है जिससे पता चलता है कि कोरोना का संक्रमण एक बार फिर से तेजी से फैल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना के एक्टिव मामलों में 6079 की बढ़ोतरी हुई है और देशभर में अब कुल 444746 एक्टिव मामले हो चुके हैं।पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के नए मामले ज्यादा आए हैं और ठीक होने वालों की संख्या कम रही है इस वजह से कोरोना के एक्टिव मामले बढ़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 24 घंटों के दौरान देशभर में 44376 नए मामले दर्ज किए गए जबकि कोरोना से 37816 लोग ठीक हुए हैं। देश में अब कोरोना वायरस के कुल एक्टिव मामलों का आंकड़ा बढ़कर 92,22,216 तक पहुंच गया है हालांकि इसमें 8642771 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है, रिकवरी रेट जरूर सुधरा है लेकिन मौतें कम नहीं हो रही, 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 481 लोगों की जान गई है और अबतक इस वायरस से पूरे देश में 134699 लोगों की मौत हो चुकी है।कोरोना मरीजों की पहचान के लिए सरकार की तरफ से टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। देशभर में रोजाना भारी संख्या में कोरोना टेस्ट हो रहे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार मंगलवार को देशभर में 11.59 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट हुए हैं और देश में कुल टेस्टिंग का आंकड़ा 13.48 करोड़ को पार कर गया है।वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 6 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 14.14 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 4.15 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 1.29 करोड़ से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 2.65 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भारत का स्थान है और भारत के बाद तीसरे नंबर पर ब्राजील है जहां पर 61.21 लाख मामले सामने आए हैं और 1.70 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है। चौथे नंबर पर फ्रांस है जहां पर 21.53 लाख मामले हैं और 50 हजार से ज्यादा की जान गई है और पांचवें नंबर पर रूस है जहां पर 21.38 लाख मामले आ चुके हैं और 37 हजार से ज्यादा की जान गई है। |
504cbb09ebad5fb8f5f5a9feefa0fa3e | https://www.indiatv.in/india/politics/navjot-singh-sidhu-meet-punjab-cm-bhagwant-mann-tomorrow-2022-05-08-849588 | Navjot Singh Sidhu: सीडब्ल्यूसी की बैठक के बीच कल पंजाब CM भगवंत मान से मिलेंगे सिद्धू, ट्वीट कर दी जानकारी | पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने सिद्धू की शिकायत की है जिसके बाद सिद्धू को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अनुशासनात्मक समिति के सदस्यों के न होने के चलते अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। चौधरी ने पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने के लिए सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा है। | Navjot Singh Sidhu: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात करेंगे। सोमवार को ही दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक है जिसमें 'चिंतन शिविर' के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा। सिद्धू ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, पंजाब की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कल शाम 5:15 बजे चंडीगढ़ में सीएम भगवंत मान से मुलाकात करेंगे। पंजाब का विकास एक ईमानदार सामूहिक प्रयास से ही संभव है।सिद्धू पर हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाईप्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने सिद्धू की शिकायत की है जिसके बाद सिद्धू को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अनुशासनात्मक समिति के सदस्यों के न होने के चलते अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। चौधरी ने पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने के लिए सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा है।'सिद्धू की हरकत अक्षम्य'पत्र में उन्होंने कहा, मैं इस पत्र के साथ श्री सिद्धू की वर्तमान गतिविधियों के संबंध में श्री राजा वारिंग का विस्तृत नोट अग्रेषित कर रहा हूं। उन्होंने लिखा कि सिद्धू की हरकत अक्षम्य है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।उदयपुर में पार्टी के 'चिंतन शिविर' के एजेंडे के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की सोमवार को बैठक हो रही है। यह सोनिया गांधी की अध्यक्षता के दौरान चौथा ऐसा शिविर होगा, जो पहले 1998, 2003 और 2013 में आयोजित किया गया था। केवल 2003 शिवर पार्टी के लिए फायदेमंद था जिसने 2004 में 10 वर्षों के लिए सत्ता हासिल करने में मदद की। |
cee5f1e31fdac5a8213ae8eb5aafd63c | https://www.indiatv.in/india/national/biren-singh-cabinet-expansion-in-manipur-6-more-ministers-takes-oath-2022-04-16-845369 | Manipur Cabinet Expansion: मणिपुर में बीरेन सिंह मंत्रिमंडल का विस्तार, 6 अन्य मंत्रियों ने ली शपथ | मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए छह और मंत्रियों को शामिल किया। नये कैबिनेट मंत्रियों में भाजपा विधायक लेत्पाओ हाओक्पी, सपम रंजन सिंह, टी. बसंत सिंह, एल सुसिन्द्रो मेतेई और एच. डिंगो सिंह और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चिंगाई विधायक खासिम वशुम शामिल हैं। | इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए छह और मंत्रियों को शामिल किया। नये कैबिनेट मंत्रियों में भाजपा विधायक लेत्पाओ हाओक्पी, सपम रंजन सिंह, टी. बसंत सिंह, एल सुसिन्द्रो मेतेई और एच. डिंगो सिंह और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चिंगाई विधायक खासिम वशुम शामिल हैं। राज्यपाल ला गणेशन ने यहां राजभवन में इन सभी को शपथ दिलाई। हालांकि उनके विभागों की घोषणा अभी नहीं की गयी है। भाजपा के राज्य में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद गत 21 मार्च को सिंह और उनके पांच सहयोगियों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में भाजपा को 32 सीट मिली थी, जबकि एनपीएफ ने पांच सीट पर कब्जा किया था। बीरेन सिंह सरकार को एनपीएफ, जद यू, कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) और निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। साठ सदस्यीय राज्य विधानसभा में पांच सीट जीतने वाली कांग्रेस एक मात्र विपक्षी दल है। बता दें कि नए मंत्रियों में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लटपाओ हाओकिप, जो पिछली भाजपा सरकार में मंत्री थे, और पूर्व आईपीएस अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री चाओबा सिंह के बेटे बसंता सिंह शामिल हैं। इसके अलावा तीन युवा नेता डॉ सपम रंजन सिंह, एल सुसिंड्रो मैतेई, और एच डिंगो सिंह भी मणिपुर के नए मंत्रिमंडल में शामिल हुए और एनपीएफ के कासिम वसुम ने भी मंत्री पद की शपथ ली।बताते चलें कि इससे पहले बीरेन सिंह और पांच अन्य मंत्रियों ने 21 मार्च को मंत्री पद की शपथ ली थी, जब भाजपा ने हाल ही में 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें जीतकर एक बार फिर से सत्ता दोहराई थी। अब शनिवार को 6 और मंत्रियों को शपथ दिलाकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। |
8958163f429ec6846787d00e349db487 | https://www.indiatv.in/india/national-kanwar-yatra-vhp-says-kerala-govt-given-relaxation-on-eid-ul-adha-802617 | कांवड यात्रा: VHP बोली- क्या केरल सरकार ने ईद-उल-अधा पर छूट नहीं दी है? | Kanwar Yatra: कल यूपी के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने शनिवार को बताया कि राज्य सरकार की अपील के बाद कांवड़ संघों ने यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया। कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी थी। | नई दिल्ली. उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी हिस्से में होने वाली कांवड यात्रा पर इस साल फिर कोरोना संक्रमण की वजह से रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड और यूपी सरकारों का ये निर्णय विश्व हिंदू परिषद को रास नहीं आया है। विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं यूपी और उत्तराखंड सरकार से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसलों पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं। हम शीर्ष अदालत से इस मुद्दे पर चयनात्मक नहीं होने का आग्रह करते हैं। क्या केरल सरकार ने ईद-उल-अधा पर छूट नहीं दी है? क्या सुप्रीम कोर्ट को इस पर स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिए?"कल यूपी ने लिया कांवड यात्रा रद्द करने का निर्णयकल यूपी के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने शनिवार को बताया कि राज्य सरकार की अपील के बाद कांवड़ संघों ने यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया। कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी थी। दरअसल कांवड़ यात्रा स्थगित करने का यह फैसला उच्चतम न्यायालय के निर्देश के एक दिन बाद आया है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि धार्मिक सहित सभी भावनाएं जीवन के अधिकार के अधीन हैं, साथ ही न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक उसे यह सूचित करने के लिए कहा कि क्या वह राज्य में “सांकेतिक” कांवड़ यात्रा आयोजित करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेगी।नई दिल्ली. उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी हिस्से में होने वाली कांवड यात्रा पर इस साल फिर कोरोना संक्रमण की वजह से रोक लगा दी गई है। उत्तराखंड और यूपी सरकारों का ये निर्णय विश्व हिंदू परिषद को रास नहीं आया है। विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं यूपी और उत्तराखंड सरकार से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसलों पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं। हम शीर्ष अदालत से इस मुद्दे पर चयनात्मक नहीं होने का आग्रह करते हैं। क्या केरल सरकार ने ईद-उल-अधा पर छूट नहीं दी है? क्या सुप्रीम कोर्ट को इस पर स्वत: संज्ञान नहीं लेना चाहिए?"कल यूपी ने लिया कांवड यात्रा रद्द करने का निर्णयन्यायालय ने कहा, ‘‘एक बात पूरी तरह से साफ है कि हम कोविड के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा लोगों की 100 फीसदी उपस्थिति के साथ आयोजित करने की इजाजत नहीं दे सकते। हम सभी भारत के नागरिक हैं। यह स्वत: संज्ञान इसलिए लिया गया है क्योंकि अनुच्छेद 21 हम सभी पर लागू होता है। यह हम सभी की सुरक्षा के लिए है।’’उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि वह कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 'कांवड़ संघों' से बात कर रही है और कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार का प्रयास है कि धार्मिक भावनाएं भी आहत न हों और महामारी से बचाव भी हो जाए। इससे पहले शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने महामारी के दौरान यात्रा के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कांवड़ यात्रा पर पुनर्विचार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जुलाई तक सूचित करने के लिए कहा था।हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण के महीने की शुरुआत के साथ शुरू होने वाली पखवाड़े की यात्रा अगस्त के पहले सप्ताह तक चलती है और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से हरिद्वार में कांवड़ियों का एक बड़ा जमावड़ा होता है। पिछले साल कांवड़ संघों ने सरकार के साथ बातचीत के बाद खुद ही यात्रा स्थगित कर दी थी।गौरतलब है कि केंद्र ने न्यायालय से कहा था कि राज्य सरकारों को महामारी के मद्देनजर कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए और टैंकरों के जरिए गंगा जल की व्यवस्था निर्दिष्ट स्थानों पर की जानी चाहिए। उत्तराखंड सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में इस वार्षिक यात्रा को रद्द कर दिया था जिसमें हजारों शिव भक्त पैदल चलकर गंगाजल लेने जाते हैं और फिर अपने कस्बों, गांवों को लौटते हैं। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार सर्वोपरि है और उत्तर प्रदेश सरकार बताए कि क्या वह यात्रा आयोजित करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को तैयार है। |
3fa6a97976fe6dba77804032d33ec700 | https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-blog-how-yogi-removed-loudspeakers-from-both-mosques-and-temples-2022-04-27-847462 | Rajat Sharma’s Blog: योगी ने मंदिर और मस्जिद से लाउडस्पीकर कैसे हटवाए | ध्यान देने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में किसी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। | एक ऐसे समय में जब महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने के बावजूद यह तय नहीं कर पा रही है कि MNS सुप्रीमो राज ठाकरे द्वारा उठाए गए लाउडस्पीकर के मुद्दे से कैसे निपटा जाए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक रास्ता दिखाया है।मस्जिदों में अजान और मंदिरों समेत अन्य धार्मिक स्थलों में भजन के लिए लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर उठे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने सोमवार को 30 अप्रैल की समय सीमा देते हुए एक आदेश जारी किया कि धार्मिक स्थलों से सभी अवैध लाउडस्पीकरों को हटाया जाए। सरकार के इस आदेश ने अपना काम कर दिया। ऐसी खबरें हैं कि मस्जिदों के इमामों और मंदिरों के पुजारियों ने खुद ही लाउडस्पीकर हटाने शुरू कर दिए हैं।यह आदेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के 5 दिन बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि जिन धार्मिक स्थलों पर पहले से ही लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल की इजाजत है, वहां इनका इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी आवाज परिसर से बाहर न जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अब नए स्थानों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं होगी।उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश में सभी पुलिस थानों को ऐसे सभी धार्मिक स्थलों की लिस्ट बनाने और 30 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है। पुलिस को धार्मिक नेताओं के साथ बातचीत करके अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने का निर्देश दिया गया है। इस का सकारात्मक असर हुआ। सोमवार तक यूपी के 38000 से ज्यादा मंदिरों और मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज तय सीमा पर कर दी गई। एक भी मामले में पुलिस ने जबरन लाउडस्पीकर नहीं हटवाया। बुधवार दोपहर तक अवैध तरीके से लगाए गए कुल 6031 लाउडस्पीकर हटा दिए गए, जबकि 29674 लाउडस्पीकरों की आवाज तय सीमा तक कर दी गई।योगी आदित्यनाथ ने इसकी शुरुआत खुद अपने मठ से की। गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के लाउडस्पीकर की आवाज सबसे पहले कम की गई। गोरखनाथ मंदिर में जो लाउडस्पीकर लगे हैं, जिन पर दिन में भजन चला करते थे, उन सभी का मुंह बाहर की तरफ से मोड़कर अंदर की तरफ कर दिया गया। आवाज दूर तक न जाए, किसी को परेशानी न हो, इसलिए आवाज का स्तर भी 45 डेसिबल से नीचे कर दिया गया। गोरखनाथ मंदिर के पास ही गोरखपुर की बड़ी मस्जिद भी है। योगी की इस पहल का असर मस्जिद पर भी पड़ा। मस्जिद के मौलवी ने भी प्रशासन की अपील पर लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी है।योगी की पहल का असर यूपी के अन्य सभी धार्मिक स्थलों पर देखने को मिला, जहां मैनेजमेंट से जुड़े लोगों ने खुद ही लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी। कई मस्जिदों ने अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटा दिया।हमारी लखनऊ संवाददाता रुचि कुमार ने बताया कि यूपी में अब तक 778 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 711 लखनऊ जोन में हैं। इसके अलावा आगरा जोन में 3, गौतम बुद्ध नगर जोन में 19, कानपुर जोन में 13, मेरठ जोन में 2, बरेली, प्रयागराज और वाराणसी जोन में एक-एक धार्मिक स्थल से लाउडस्पीकर उतारे गए हैं। इसी तरह यूपी में 21 हजार से ज्यादा जगहों पर लाउडस्पीकर की वॉल्यूम कम की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा 5469 धार्मिक स्थल बरेली जोन में हैं। इसके अलावा लखनऊ जोन में 4803, मेरठ जोन में 4711, गोरखपुर जोन में 2354 और प्रयागराज जोन में 1073 जगहों पर लाउडस्पीकर की वॉल्यूम कम की गई है।पहले पुलिस ने मंदिर, मस्जिद और दूसरे दार्मिक स्थलों से जुड़े लोगों से बात की। उन्हें साउंड लिमिट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के बारे में बताया। अब प्रशासन की टीमें जाकर मुआयना कर रही हैं। धार्मिक स्थलों पर जाकर पुलिस ये चेक कर रही है कि वहां कितने लाउडस्पीकर लगे हैं, उनकी परमिशेबल लिमिट से ज्यादा तो नहीं है। जो लोग नियम तोड़ रह हैं उन्हें नोटिस दिया जा रहा है।लखनऊ के कैसरबाग इलाके में स्थित रोशन अली मस्जिद में 4 लाउडस्पीकर लगे हुए थे। पुलिस की नोटिस के बाद 3 लाउडस्पीकर हटा दिए गए और चौथे की आवाज कम कर दी गई। मंदिर और मस्जिद से जुड़े लोगों को पुलिस आसान शब्दों में समझा रही है कि वे डेसिबल कैसे नाप सकते हैं और लाउडस्पीकर की आवाज तेज होने से क्या नुकसान हो सकते हैं। अधिकांश लोग इन बातों को समझ रहे हैं और लाउडस्पीकर की आवाज को उसी हिसाब से कम कर रहे हैं।इंडिया टीवी के रिपोर्टर मंगलवार को गाजियाबाद में मरकज मस्जिद पहुंचे और पाया कि वहां लगाए गए 4 लाउडस्पीकरों में से एक को हटा दिया गया है, 2 को बंद कर दिया गया है, और चौथे लाउडस्पीकर की आवाज को तय सीमा में करके उसका इस्तेमाल 'अज़ान' के लिए किया जा रहा है। गाजियाबाद के प्रसिद्ध दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत ने चारों लाउडस्पीकर बंद कर दिए हैं। अब मंदिर में आरती के दौरान सिर्फ घंटा-घड़ियाल और शंख बजाए जा रहे हैं।इंडिया टीवी के रिपोर्टर ने नोएडा की जामा मस्जिद में इमाम से बात की। इमाम ने कहा कि लाउडस्पीकर का वॉल्यूम कम कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रमजान और ईद के बाद लाउडस्पीकर का वॉल्यूम और कम कर दिया जाएगा। झांसी के बड़ा गांव में सबसे पहले मंदिर से लाउडस्पीकर उतारा गया और इसके बाद बगल की मस्जिद के इमाम ने भी अपना लाउडस्पीकर उतार लिया।ध्यान देने वाली सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश में किसी के साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। ये दिशानिर्देश मस्जिदों और मंदिरों दोनों पर समान रूप से लागू किए जा रहे हैं। जब कोई सरकार निष्पक्ष तरीके से काम करती है, तो उसका सकारात्मक असर पड़ता है। प्रशासन में लोगों का भरोसा मजबूत होता है और वे सरकार के कदम का समर्थन करने के लिए खुद आगे आते हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं। उन्होंने सबसे पहले अपने मठ के लाउडस्पीकर की आवाज कम करके मिसाल पेश की। इसीलिए यूपी में मंदिर-मस्जिदों या दूसरे धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर उतारने का विरोध किसी ने नहीं किया। जहां सख्ती की जरूरत होती है, योगी वहां सख्ती करते हैं, अपराधी और माफियाओं के घरों पर बुलडोजर चलवाते हैं। और जहां प्यार से बात करके रास्ता निकालने की जरूरत होती है, वहां बात करते हैं, लाउडस्पीकर के मामले में उन्होंने यही किया।बड़ी बात यह है कि योगी ने न तो अपराधियों के मामले में भेदभाव किया, न मंदिर और मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के मामले में। दूसरे राज्यों की सरकारों को इस मामले में योगी से सीखना चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 26 अप्रैल, 2022 का पूरा एपिसोड |
5b74d47f0690e7e73a8ae17f775014c7 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/mathura-woman-set-on-fire-in-police-station-due-to-negligence-of-police-died-during-treatment-2022-01-10-830897 | मथुरा: पुलिस की लापरवाही से परेशान महिला ने थाने में लगाई आग, इलाज के दौरान मौत | मथुरा में शनिवार को थाना राया में समाधान दिवस के मौके पर खुद को आग लगा पहुंची महिला की रविवार को आगरा में उपचार के दौरान मौत हो गई। महिला के पति ने ग्राम प्रधान के पिता सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। | उत्तर प्रदेश के मथुरा में शनिवार को थाना राया में समाधान दिवस के मौके पर खुद को आग लगा पहुंची महिला की रविवार को आगरा में उपचार के दौरान मौत हो गई। महिला के पति ने ग्राम प्रधान के पिता सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जनपद के थाना राया क्षेत्र के गांव गैयरा निवासी सतीश कुमार की पत्नी ज्ञानी देवी ने 11 जुलाई 2017 को गांव के ही कुछ लोगों के खिलाफ छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था। उसका आरोप था कि पुलिस ने शिकायत कर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और उस पर मामले में समझौता कर लेने का दबाव बनाया जा रहा था। पीड़िता के पति के बयान के मुताबिक, घटना के आरोपियों तथा उनके चार दर्जन से अधिक हिमायतियों ने कुछ दिन पूर्व ही गांव में पंचायत कर उसकी पत्नी को मुकदमा वापस लेने के लिए धमकाया था। सतीश ने कहा कि उसकी पत्नी को यह स्वीकार नहीं था। उसने बताया कि तब उनमें से एक हरिचंद ने उसके खिलाफ नित नए मुकदमे दर्ज कराने की धमकी दी थी। सतीश ने दावा किया कि इसी वजह से दबाव में आकर ज्ञानी ने दो दिन बाद अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डाल कर आग लगा ली और समाधान दिवस की कार्यवाही में पहुंच गई। महिला के पति ने बताया कि उसे तुरंत उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। आगरा में उपचार के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई। इस मामले में प्रधान के पिता सुरेश, वीरेंद्र, रिंकू और हरिचंद ने मुकदमा वापस न लेने पर देख लेने की धमकी दी थी। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीश चंद्र ने बताया, मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाने वाले ग्रामीणों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर ग्राम प्रधान के आरोपी पिता सुरेश को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा बाकी तीन अन्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें उनके ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ.गौरव ग्रोवर ने बताया, महिला तथा उसके पति द्वारा दर्ज कराए गए हर मुकदमे की जांच की जा रही है। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। उनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा कुछ अन्य से भी पूछताछ जारी है। |
60e445deee42e4d48e793ba8695ed541 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-bjp-mla-s-car-attacked-in-up-s-muzaffarnagar-808003 | यूपी के मुजफ्फरनगर में BJP विधायक की कार पर हमला, VIDEO में दिखा डरावना मंजर | मुजफ्फरनगर में कथित तौर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों ने भाजपा के एक विधायक की कार पर हमला कर दिया। | मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश): मुजफ्फरनगर में कथित तौर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों ने भाजपा के एक विधायक की कार पर हमला कर दिया। बुढाना विधानसभा क्षेत्र के विधायक उमेश मलिक शनिवार को सिसौली गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे, तभी उनकी कार पर कीचड़ और काला रंग फेंका गया। कार के शीशे भी तोड़ दिए गए।मलिक ने आरोप लगाया है कि घटना के पीछे किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थकों का हाथ हैं। पुलिस केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब विधायक एक कार्यक्रम के लिए गांव पहुंचे थे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने विधायक को बचा लिया।घटना के बाद भाजपा समर्थक स्थानीय थाने में जमा हो गए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। घटना के बाद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी थाने पहुंचे।राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने हमले पर आश्चर्य व्यक्त किया है और आरोपों का खंडन किया है कि घटना में उनके लोग शामिल थे। इस बीच, घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए जा रहे हैं। उनमें से एक में, विधायक यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हमलावर राकेश टिकैत के भारतीय किसान संघ (बीकेयू) से जुड़े थे। |
6aa6858900d5404dc346e54bd82bc261 | https://www.indiatv.in/india/national-west-bengal-coronavirus-cases-till-9-october-746398 | पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 3,573 नये मामले सामने आये, 62 और मरीजों की मौत | पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को कोविड-19 के 3,573 नये मामले सामने आये जिससे राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,87,603 हो गई। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की एक बुलेटिन में दी गई। | कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को कोविड-19 के 3,573 नये मामले सामने आये जिससे राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,87,603 हो गई। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग की एक बुलेटिन में दी गई। विभाग ने कहा कि 62 और मरीजों की संक्रमण से मौत हो जाने से राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 5,501 हो गई। विभाग ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 3,069 मरीज संक्रमण से ठीक हो गए। राज्य में वर्तमान में 29,296 उपचाराधीन मामले हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि बृहस्पतिवार से पश्चिम बंगाल में 42,532 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई है।पश्चिम बंगाल में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई नए दावे किए हैं। उन्होंने राज्य में फैल रहे संक्रमण के लिए अन्य राज्यों से आने वाले ट्रकों को जिम्मेदार ठहराया है। सीएम ममता बनर्जी ने जिले में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान हाल ही में झारग्राम में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि पर चिंता जताते हुए कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले ट्रक और लॉरी से संक्रमण फैल रहा है।बनर्जी ने यह भी कहा कि संक्रमण किस माध्यम से आ रहा है इस पर अभी कोई पुष्ट जानकारी नहीं है और ट्रकों के टायर की फॉरेंसिक जांच करना आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह संक्रमित नहीं हैं।उन्होंने कहा, 'हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि झारग्राम की सीमा झारखंड से लगती है। मुंबई, चेन्नई और अन्य राज्यों से आने वाले ट्रक जिले से होकर गुजरते हैं। टोल प्लाजा से गुजरने वाली कुछ लॉरी की हम फॉरेंसिक जांच करवा सकते हैं जिससे पता चल सकता है इनके माध्यम से संक्रमण फैल रहा है या नहीं।' |
d362f58a44581726a066cc0bd878df4b | https://www.indiatv.in/india/national-delhi-air-pollution-latest-updates-delhi-ncr-air-quality-753243 | दिल्ली-NCR में छाई दमघोंटू धुंध, कई जगह 500 के पार पहुंचा एयर क्वालिटी इंडेक्स | स्थिति यह है कि दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण मंगलवार सुबह भी गहरी धुंध छाई रही। कई इलाकों में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक भी दर्ज किया गया। | नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हवा जहरीली होती जा रही है। यहां सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। दिल्ली के ही कई क्षेत्रों में हवा की क्वालिटी 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई है। स्थिति यह है कि दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ने के कारण मंगलवार सुबह भी गहरी धुंध छाई रही। कई इलाकों में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक भी दर्ज किया गया। इन इलाकों में दिल्ली का द्वारका भी शामिल है।सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के अलीपुर में AQI 486, आनंद विहार में AQI 487, द्वारका में AQI 500, जहांगीर पुरी में AQI 493, मुंडका में AQI 500, नरेला में AQI 489 और रोहिणी में AQI 500 दर्ज किया गया है, जो 'गंभीर श्रेणी' में आता है। इसके अलावा ITO पर 469, IGI एयरपोर्ट पर 497 AQI और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम पर 500 AQI दर्ज किया गया है। यह भी 'गंभीर' श्रेणी में आता है।उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। ऐसे में दिल्ली की बहुत सी जगहों पर AQI का स्तर गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।इतना ही नहीं, दिल्ली के साथ-साथ नोएडा और गुरुग्राम में भी बढ़ते प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता बिगड़ी है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, नोएडा के सेक्टर-62 में AQI 481 (गंभीर), सेक्टर- 116 में AQI 499 (गंभीर) दर्ज किया गया है। वहीं, गुरुग्राम सेक्टर 51 में AQI 497 (गंभीर) और विकास सदन में AQI 492 दर्ज किया गया है। |
768968bbc0ab8fac0215913ba71b18b8 | https://www.indiatv.in/india/national-can-kadha-damage-liver-kadha-benefits-ayush-ministry-745746 | काढ़ा पीने से लीवर डैमेज होने का खतरा? आयुष मंत्रालय ने जारी किया बयान | आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को उन दावों को सिरे से खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचता है। | नई दिल्ली: आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को उन दावों को सिरे से खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि लंबे समय तक काढ़े का सेवन करने से लीवर को नुकसान पहुंचता है। मंत्रालय का कहना है कि ‘‘यह गलत धारणा’’ है क्योंकि काढ़ा बनाने में उपयोग होने वाली सभी चीजें घरों में खाना पकाते समय इस्तेमाल की जाती हैं। गौरतलब है कि कोविड-19 के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े के सेवन का सुझाव दिया है।संवाददाता सम्मेलन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि दालचीनी, तुलसी और काली मिर्च का उपयोग काढ़ा बनाने के लिए किया जाता है और उनका श्वसन तंत्र पर अनुकूल प्रभाव होता है। मंत्रालय ने अन्य चीजों के साथ-साथ तुलसी, दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ (अदरक का पाऊडर) और किशमिश का उपयोग कर काढ़ा बनाने और दिन में एक-दो बार उसका सेवन करने की सलाह दी थी। कोटेचा ने कहा, ‘‘ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि काढ़ा से लीवर को नुकसान पहुंचता है। यह गलत धारणा है क्योंकि काढ़े की सारी सामग्री का उपयोग घरों में भोजन पकाने में होता है।’’ वहीं, उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ यह कितना प्रभावी है, इसका पता लगाने के लिए अनुसंधान जारी है।बता दें कि आयुष मंत्रालय 9 नवंबर 2014 में बनाया गया है। पहले भारतीय चिकित्सा और होम्योपैथी विभाग (ISMH) मार्च 1995 में बनाया गया था और नवंबर 2003 में इस विभाग का नाम बदलकर आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी विभाग (आयुष) रखा गया। फिर 2014 में मंत्रालय बनाया गया।प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी प्रणाली में शिक्षा और अनुसंधान के विकास को ध्यान में रखते हुए यह काम करता है। यह मंत्रालय कई महत्वपूर्व उद्देश्यों के साथ काम करता है। इसके आयुष मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर मंत्रालय के उद्देश्यों के बारे में बताया गया है।वेबसाइट के अनुसार, देश में दवाओं और होम्योपैथी कॉलेजों में भारतीय सिस्टम के अनुसार शिक्षा के स्तर को उन्नत करना, मौजूदा अनुसंधान संस्थानों को मजबूत बनाना, समयबद्ध कार्यक्रम से अनुसंधान सुनिश्चित करना तथा पहचान किए गए रोगों पर इन प्रणालियों के लिए प्रभावी उपचार तैयार करना मंत्रालय के मुख्य उद्देश्य हैं।इसके अलावा औषधीय पौधों के उत्थान के लिए और इन प्रणालियों में इस्तेमाल के लिए प्रोन्नति, खेती की योजनाएं तैयार करना तथा चिकित्सा और होम्योपैथिक दवाओं के भारतीय सिस्टम के लिए भेषज मानक विकसित करना भी मंत्रालय के मुख्य उद्देश्यों का ही ही हिस्सा है।सबसे ज्यादा UP और दिल्ली में फर्जी यूनिवर्सिटीज, UGC ने जारी की लिस्टये है पीएम मोदी का मोबाइल नंबर और पता, मिलना है तो अभी नोट करें |
810083a9e6af8c5375e29ce27a1a5932 | https://www.indiatv.in/india/politics-sanjay-raut-attacks-bjp-nda-bihar-says-tejashwi-yadav-real-hero-754020 | 'तेजस्वी युद्ध के असली हीरो, NDA की सरकार बनी तो भी स्थिरता को लेकर शंका' | संजय राउत ने कहा कि अगर बिहार में NDA की सरकार बनती है तो आज भी मेरे मन में सरकार की स्थिरता को लेकर शंका है, बहुत ही कमजोर बहुमत है। | मुंबई. शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने एकबार फिर भारतीय जनता पार्टी और एनडीए पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि अगर बिहार में NDA की सरकार बनती है तो आज भी मेरे मन में सरकार की स्थिरता को लेकर शंका है, बहुत ही कमजोर बहुमत है। लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जिस तरह से युद्ध को जीत लिया है, ठीक है आंकड़ों में नहीं जीता। लेकिन बिहार की रणभूमि पर युद्ध के असली हीरो तेजस्वी यादव हैं।पहले भी तेजस्वी की तारीफ कर चुके हैं राउतमुंबई. शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने एकबार फिर भारतीय जनता पार्टी और एनडीए पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि अगर बिहार में NDA की सरकार बनती है तो आज भी मेरे मन में सरकार की स्थिरता को लेकर शंका है, बहुत ही कमजोर बहुमत है। लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जिस तरह से युद्ध को जीत लिया है, ठीक है आंकड़ों में नहीं जीता। लेकिन बिहार की रणभूमि पर युद्ध के असली हीरो तेजस्वी यादव हैं।बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी शिवसेना सांसद संजय राउत ने बुधवार को राजद नेता तेजस्वी यादव की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में "मैन ऑफ द मैच" बनकर उभरे हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में "महत्त्वपूर्ण भूमिका" निभाएंगे।राउत ने कहा कि भले ही तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, लेकिन वह ‘मैन ऑफ द मैच’ बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहा, "बिहार विधानसभा चुनाव ने तेजस्वी जैसा एक बड़ा चेहरा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं को तेजस्वी को मुकाबले को कड़ा बनाने के लिए बधाई देनी चाहिए। अगले लोकसभा चुनाव में तेजस्वी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।"राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अलावा देवेन्द्र फडणवीस को भी बिहार में भाजपा की सफलता का श्रेय दिया जाना चाहिए क्योंकि वह पार्टी के चुनाव प्रभारी थे। उन्होंने कहा, "अगर भाजपा नीतीश को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए रखने के वादे को बरकरार रखती है, तो उन्हें इसका श्रेय शिवसेना को देना चाहिए। महाराष्ट्र में सभी ने देखा है कि जब वादा-खिलाफी की जाती है, तो क्या होता है।"आपको बता दें कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में NDA ने 125 सीटें जीती हैं, जबकि विपक्षी महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। राज्य विधानसभा में साधारण बहुमत के लिये 122 सीटों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘बहुमत बहुत मामूली है और कुछ भी हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी- जद(यू) तीसरे स्थान पर रही और अगर कोई जीत का जश्न मना रहा है, तो यह एक मजाक है। भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसके लिए उसे काफी रणनीति बनानी पड़ी।’ |
67010d59f7f9180540f8130517531619 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/bulldozer-ran-at-the-house-of-relative-of-sp-leader-illegal-construction-was-done-on-10-bighas-of-land-2022-04-06-843374 | सपा नेता के रिश्तेदार के घर पर चला बुलडोजर, 10 बीघा ज़मीन पर हुआ था अवैध निर्माण | शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि कैराना के उपजिलाधिकारी संदीप कुमार की अगुवाई में राजस्व विभाग के अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति की 10 बीघा जमीन पर बनाए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करा दिया। | मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में कैराना से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक नाहीद हसन के रिश्तेदार के कथित अवैध कब्जे वाली 10 बीघा जमीन पर किए गए निर्माण को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करा दिया है। शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बुधवार को बताया कि कैराना के उपजिलाधिकारी संदीप कुमार की अगुवाई में राजस्व विभाग के अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को मंडी समिति की 10 बीघा जमीन पर बनाए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करा दिया। उन्होंने बताया कि यह अतिक्रमण कैराना से सपा विधायक नाहीद हसन के रिश्तेदार सरवर हसन ने कई साल पहले किया था। कौर ने बताया कि जिला प्रशासन सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ अभियान चला रहा है और उसी के तहत यह कार्रवाई की गई है। इनपुट-भाषा |
299adc464fca016695115a52b57fc707 | https://www.indiatv.in/india/national-can-nirav-modi-still-escape-extradition-to-india-774640 | क्या अब भी बच सकता है नीरव मोदी? जानें क्या हैं उसके बचने के रास्ते | यहां सवाल यह उठता है कि यूके कोर्ट की प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के बाद नीरव मोदी को भारत लाने में और कितना वक्त लगेगा? क्या नीरव मोदी अब भी बच सकता है या फिर कानूनी कार्रवाई और लंबी खिंच सकती है? | नई दिल्ली: हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत लाया जाएगा। यूके की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने माना है नीरव के लिए मुंबई का ऑर्थर रोड जेल ठीक है और वो वहां रह सकता है। कोर्ट ने नीरव मोदी की अपील खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि जेल में बैरक नंबर 12 ठीक है और वहां संतोषजनक सुविधाएं हैं। अब यहां सवाल यह उठता है कि यूके कोर्ट की प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के बाद नीरव मोदी को भारत लाने में और कितना वक्त लगेगा? क्या नीरव मोदी अब भी बच सकता है या फिर कानूनी कार्रवाई और लंबी खिंच सकती है? बता दें कि नीरव मोदी से जुड़े इस फैसले की कॉपी यूके के होम ऑफिस भेजी जा चुकी है। इसके बाद होम ऑफिस के पास 28 दिन का समय होगा, जिस पर वहां के सचिव हस्ताक्षर करेंगे।ऐसे देखा जाए तब नीरव मोदी को भारत लाने में 28 दिन और लग सकते हैं लेकिन अगर नीरव मोदी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी तब उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है। अगर वह हाईकोर्ट में भी हार जाता है तो इसके बाद भी उसके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प होगा। इसके अलावा उसके पास मानवाधिकारों का विकल्प भी खुला हुआ है। अगर नीरव मोदी अपनी मेंटल हेल्थ और मानवाधिकारों को आधार बनाता है, या ये बहाना बनाता है कि भारत की जेलों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं तो नीरव मोदी यूके की मानवाधिकार अदालतों में भी जा सकता है। इसका अर्थ है कि इस पूरी प्रक्रिया में अभी एक से दो साल और लग सकते हैं। अगर नीरव मोदी इस फैसले को चुनौती नहीं देता है तो 28 दिन के अंदर ही उन्हें भारत लाया जा सकेगा।बता दें कि अदालत ने कहा कि नीरव के खिलाफ भारत में एक मामला है जिसका उसे जवाब देना है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची। यूके की कोर्ट ने नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण करने के फैसले को अपनी मंजूरी दे दी है। नीरव मोदी 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है। उसने यह घोटाला अपने मामा मेहुल चौकसे के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के साथ किया था।यूके के जज ने कहा कि नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था की जाए। ब्रिटेन के न्यायाधीश ने नीरव मोदी के बचाव के दावे को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उनके खिलाफ मामले को प्रभावित करने की कोशिश की। नीरव मोदी इस समय लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है और उसका प्रत्यर्पण कर भारत लाने के लिए अदालत में मामला चल रहा है।ये भी पढ़ें |
7bcfaa6ef62397e561fb1535c3522334 | https://www.indiatv.in/india/politics-farmers-protest-bjp-badly-missing-arun-jaitley-kisan-andolan-773209 | किसान आंदोलन: दिग्गज नेता अरुण जेटली की कमी सबसे ज्यादा महसूस कर रही है बीजेपी | कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन के बीच बीजेपी अपने संकटमोचक नेता अरूण जेटली को मिस कर रही है। साल 2014 में सत्ता संभालने के एक साल बाद हीं 2015 में मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद मोदी सरकार पर "किसान विरोधी" का ठप्पा लगाया गया था। | नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन के बीच बीजेपी अपने संकटमोचक नेता अरूण जेटली को मिस कर रही है। साल 2014 में सत्ता संभालने के एक साल बाद हीं 2015 में मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद मोदी सरकार पर "किसान विरोधी" का ठप्पा लगाया गया था। विपक्षी नेता संसद के अंदर और संसद के बाहर यह प्रचारित करने में जुटी थी कि मोदी सरकार, किसानों की जमीन हड़पकर पूंजीपतियों को देने के लिए यह अध्यादेश लाई है। जंतर मंतर पर प्रदर्शन का दौर भी शुरू हो गया था। तब पार्टी और सरकार की तरफ से मोर्चा संभाला अरूण जेटली ने।एक ओर अरूण जेटली ने जहां संसद में अलग-अलग दलों के नेताओं को समझाने की कोशिश की वहीं किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से लंबी बैठकें कर उनका पक्ष समझा और अपनी बात समझाई। मीडिया के मार्फत देश को भी अपडेट करते रहे। बैठक में सरकार की तरफ से अरूण जेटली अकेले मोर्चा संभालते थे और दूसरी तरफ कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि होते थे। जेटली इस बात के लिए खासे सतर्क रहते थे कि तर्क से पूरी बात समझाने और समझने के बावजूद कटुता ना आए।2019 में मोदी सरकार के दुबारा सत्ता में आने के एक साल के बाद एक बार फिर से मोदी सरकार और बीजेपी पर "किसान विरोधी" का ठप्पा लगाया जा रहा है। सरकार और किसान संगठनों के बीच मैराथन बैठकें भी बेनतीजा रही हैं और बीजेपी ने किसान विरोधी छवि को काउंटर करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। पंजाब, पश्चिम यूपी और ब्रज क्षेत्र और हरियाणा में पंचायत स्तर पर पार्टी का आक्रामक प्रचार अभियान चलाया जा रहा है लेकिन अभियान में शामिल बीजेपी नेता बार बार इस कमी को बता रहे हैं --"काश! संकटमोचक अरूण जेटली जी होते।"ये भी पढ़ें |
f2fbfc79cdb17e18ee35d736be855886 | https://www.indiatv.in/india/national-delhi-air-quality-turns-very-poor-no-relief-likely-till-oct-31-750158 | Delhi Air Pollution: ‘बेहद खराब’ हुई दिल्ली की हवा, 31 अक्टूबर तक कोई राहत नहीं | राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता मंगलवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है। | नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता मंगलवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, रोहिणी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 346, आरके पुरम में 329, आनंद विहार में 377 और मुंडका में 363 है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है। यहां सोमवार को 243 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 353 दर्ज किया। यह रविवार को 349, शनिवार को 345 और शुक्रवार को 366 था।वहीं, आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाएगी। पर्यावरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता ने कहा, ''नया कानून केवल दिल्ली और एनसीआर के लिए होगा। यह जल्द ही सामने आएगा। इसके जुर्माने संबंधी सूचना पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। यह नया कानून केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए है। वायु कानून राष्ट्र के लिए है और यह जस का तस रहेगा।'' उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खराब होते स्तर को लेकर चिंता जताई थी और केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नया कानून लाएगा और उसके समक्ष चार दिन के भीतर एक प्रस्ताव पेश करेगा। इसके बाद ही गुप्ता की यह प्रतिक्रिया सामने आई है। वहीं, सोमवार को भी लगातार चौथे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत वायु गुणवत्ता का स्तर 353 रहा जो 'बेहद खराब' की श्रेणी में आता है। |
fb5e38a129835460fbaad9fd92256450 | https://www.indiatv.in/india/national-rakesh-tikait-warns-narendra-modi-government-821501 | राकेश टिकैत की धमकी, कहा- सरकार नहीं मानी तो पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन स्थल को किया जाएगा मजबूत | राकेश टिकैत ने कल कहा था कि अगर सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे। | नई दिल्ली. किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने केंद्र सरकार को किसान संगठनों की बात मानने के लिए 15 दिन का समय दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर सरकार नहीं मानी तो आंदोलन स्थल पर तंबूओं को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "केंद्र सरकार को 26 नवंबर तक का समय है, उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आन्दोलन स्थल पर तंबूओं को मजबूत करेगा।"इससे पहले राकेश टिकैत कह चुके हैं कि अगर सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे। आपको बता दें कि दिल्ली के टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली पुलिस ने अपनी बैरिकेडिंग हटा ली है लेकिन इन मार्गों पर अभी भी किसानों का कब्जा है। इस वजह से इन रास्तों पर आवाजाही अभी बंद है। यहां प्रदर्शनकारियों के टेंट-तंबू लगे हुए हैं। किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर सिर्फ 5 फिट का रास्ता दिया है लेकिन शर्त ये रखी है कि सिर्फ टू व्हीलर और एंबुलेंस ही जाएंगे। गाजीपुर बॉर्डर से पुलिस के बैरिकेड हट गए हैं लेकिन अभी भी आवाजाही बंद है।रास्ता बंद होने से समस्याकिसान आंदोलन की वजह से दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग बंद हैं। इन रास्तों से हर रोज लाखों लोग गुजरते हैं। जो रास्ता महज कुछ मिनटों में तय हो सकता है। उसको तय करने के लिए लोगों को सात-आठ किलोमीटर ज्यादा चलकर जाना पड़ रहा है। आम जनता ये मुसीबत पिछले 11 महीने से झेल रही है। एक तरफ किसानों के इस आंदोलन से जनता परेशान है तो राकेश टिकैत लगातार धमकी देते नजर आ रहे हैं।नई दिल्ली. किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने केंद्र सरकार को किसान संगठनों की बात मानने के लिए 15 दिन का समय दिया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि अगर सरकार नहीं मानी तो आंदोलन स्थल पर तंबूओं को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "केंद्र सरकार को 26 नवंबर तक का समय है, उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेगा और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आन्दोलन स्थल पर तंबूओं को मजबूत करेगा।"इससे पहले राकेश टिकैत कह चुके हैं कि अगर सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे। आपको बता दें कि दिल्ली के टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली पुलिस ने अपनी बैरिकेडिंग हटा ली है लेकिन इन मार्गों पर अभी भी किसानों का कब्जा है। इस वजह से इन रास्तों पर आवाजाही अभी बंद है। यहां प्रदर्शनकारियों के टेंट-तंबू लगे हुए हैं। किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर सिर्फ 5 फिट का रास्ता दिया है लेकिन शर्त ये रखी है कि सिर्फ टू व्हीलर और एंबुलेंस ही जाएंगे। गाजीपुर बॉर्डर से पुलिस के बैरिकेड हट गए हैं लेकिन अभी भी आवाजाही बंद है।रास्ता बंद होने से समस्या |
d0dde8b590b997c839065da731044b86 | https://www.indiatv.in/india/national-bus-dumper-accident-in-sambhal-up-killed-injured-760036 | उत्तर प्रदेश: रोडवेज बस और टैंकर के बीच आमने-सामने भिडंत, सात की मौत, 25 घायल | उत्तर प्रदेश के संभल जिले के धनारी थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह कोहरे के चलते रोडवेज की बस ओर गैस टैंकर की भिडंत हो गई | सम्भल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के धनारी थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह कोहरे के चलते रोडवेज की बस ओर गैस टैंकर की भिडंत हो गई, जिसमे कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और लगभग 25 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है । जिले के आलाधिकारी मौके पर राहत बचाव कार्य में लगे हैं। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बताया कि बुधवार सुबह धनारी थाना अंतर्गत आगरा-मुरादाबाद राजमार्ग पर अलीगढ़ डिपो की रोडवेज बस और गैस टैंकर में आमने-सामने भिडंत हो गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं जिन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है । उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। उक्त घटना में पूरा जिला प्रशासन लगा हुआ है व मौके पर बचाव और राहत कार्य चल रहा है ।सुल्तानपुर जिले के कोतवाली नगर के प्रधान डाकघर चौराहे पर मंगलवार सुबह ट्रक ने एक बोलेरो गाड़ी को टक्कर मार दी, जिससे उसमें सवार दो लोगों की मौके पर मौत हो गयी और चार घायल हो गए। घायलों में दो लोगों की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने लखनऊ के लिए रेफर कर दिया। पुलिस उपाधीक्षक सतीश चंद्र शुक्ल ने बताया कि इस मामले में विधिक कार्यवाही की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह यह हादसा उस समय हुआ जब गन्दानाला रोड की ओर से एक बोलेरो गाड़ी डाकघर चौराहे की ओर आ रही थी और उसी समय बस स्टेशन की ओर से तेजी से एक ट्रक भी आ गया। बोलेरो जैसे ही चौराहे पर पहुंची, अनियंत्रित ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। जबरदस्त टक्कर से बोलेरो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और ट्रक चालक वाहन लेकर फरार हो गया। इस दुर्घटना में दो महिलाओं की मौत हो गई जिनकी पहचान जाहरा देवी (45) और प्रतिमा पाल (40) के रुप में हुई है। वहीं, गंभीर रूप से घायल रामविलास पाल (55) व शिवराम पाल (50) को ट्रामा सेंटर लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। सभी चांदा थाना क्षेत्र के राजोपुर गांव के एक ही परिवार के हैं। |
99eae2baf67caccfa23579e482d26948 | https://www.indiatv.in/india/national-kerala-hc-admits-plea-to-protect-wild-animals-from-attacks-741337 | केरल HC पहुंचा जंगली जानवरों पर हमलों का मामला, सरकार को जारी किया नोटिस | केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार (Kerala government) को एक जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया है। | तिरुवनंतपुरम: केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने केंद्र और राज्य सरकार (Kerala government) को एक जनहित याचिका (PIL) पर नोटिस जारी किया है। याचिका में राज्य सरकार को जंगलों के अंदर पानी के कुंड और चेकडैम बनाने के साथ-साथ कई उपाय करने के निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी ताकि जंगली जानवरों को मानव बस्तियों में जाने से रोका जा सके।यह जनहित याचिका (PIL) गौरव तिवारी नाम के शख्स ने दायर की थी। याचिका को स्वीकार करते हुए केरल उच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने यह याचिका केरल में हाल ही में हुई उस घटना की पृष्ठभूमि में दायर की है, जिसमें एक गर्भवती हथनी को कथित रूप से पटाखों से भरा खाना दिया गया और उसकी मौत हो गई।गौरतलब हो कि केरल के पलक्कड जिले के साइलेंट वैली जंगल में गर्भवती हथनी ने पटाखों से भरा एक अनानास खा लिया था, जो उसके मुंह में फट गया और करीब एक सप्ताह के बाद उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद लोगों में रोष फैल गया था। केंद्र सरकार ने भी इस पर कड़ा रुख अपनाया था। केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि यह भारतीय संस्कृति नहीं है।PIL दायर करने वाले गौरव तिवारी का कहना है कि कई जंगली जानवर इंसानों द्वारा किए गए क्रूर हमलों के शिकार होते हैं। ऐसा गर्मियों के दौरान ज्यादा होता है जब यह जानवर मानव बस्तियों में आ जाते हैं। इसका एक मुख्य कारण यह है कि वह अपनी प्यास बुझाने के लिए बस्तियों की ओर आ जाते हैं। ऐसे में उन्होंने केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।याचिका में राज्य सरकार और केंद्र सरकार से जानवरों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए उपाये करने की मांग की गई है और हाई कोर्ट से इसके लिए सरकारों को आदेश देने की अपील की गई है। |
fe80dd4e530359bc3270be6409a1d58d | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/up-news-minor-girl-alleges-she-was-raped-by-sho-in-police-station-dig-to-probe-incident-2022-05-04-848784 | UP News: नाबालिग से थाने में ही रेप, गैंगरेप की शिकायत करने पहुंची बच्ची से SHO ने की दरिंदगी | लड़की ने स्वैच्छिक संस्था चाइल्डलाइन पहुंचकर काउंसलिंग के दौरान पूरी घटना बताई। इस पर संस्था ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जिनके हस्तक्षेप पर मंगलवार को इस मामले में बलात्कार, अपहरण और आपराधिक साजिश के आरोपों तथा पोक्सो और एससी/एसटी एक्ट की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। | UP News: ललितपुर जिले में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराने गई 13 साल की एक लड़की से थानाध्यक्ष ने कथित रूप से दुष्कर्म किया। इस मामले में आरोपी पुलिस अफसर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही थाने के बाकी सभी पुलिसकर्मियों को भी लाइनहाजिर कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कथित पीड़िता की मां ने दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि उसकी बेटी पिछली 27 अप्रैल को पाली थाने में मुकदमा दर्ज कराने गई थी। इसी दौरान बयान दर्ज कराने के बहाने थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज उसे अपने कमरे में ले गया और उससे दुष्कर्म किया।आरोपी थानाध्यक्ष सस्पेंडउन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण के पांच में से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। फरार थानाध्यक्ष की तलाश की जा रही है। कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने बताया कि झांसी के पुलिस उप महानिरीक्षक जोगेन्द्र कुमार को मामले की जांच सौंपी गई है। उन्हें 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पाली थानाध्यक्ष को निलंबित करने के साथ-साथ थाने के बाकी सभी पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया गया है।लड़की ने काउंसलिंग के दौरान बताई पूरी घटनालड़की की मां का आरोप है कि पिछली 22 अप्रैल को चार लोग उसकी बेटी को भोपाल ले गए थे जहां उन्होंने उसे तीन दिन तक अपनी हवस का शिकार बनाया था। उसके बाद वे उसे पाली थाने के बाहर छोड़कर भाग गए। लड़की जब 27 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कराने थाने गई तो थानाध्यक्ष ने भी उससे बलात्कार किया। बाद में लड़की ने स्वैच्छिक संस्था चाइल्डलाइन पहुंचकर काउंसलिंग के दौरान पूरी घटना बताई। इस पर संस्था ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जिनके हस्तक्षेप पर मंगलवार को इस मामले में बलात्कार, अपहरण और आपराधिक साजिश के आरोपों तथा पोक्सो और एससी/एसटी एक्ट की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।सपा, कांग्रेस ने योगी सरकार पर बोला हमलापुलिस सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जबकि आरोपी थानाध्यक्ष तथा अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के छह दल गठित कर उनकी तलाश की जा रही है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने इस घटना को लेकर सरकार पर हमला किया है। सपा ने एक ट्वीट किया, ‘‘भाजपा सरकार में सबसे बड़ा सवाल ये है कि किस पर भरोसा किया जाए किस पर नहीं? ललितपुर में रेप की शिकायत करने पहुंची नाबालिग से थाने में ही एसओ ने की दरिंदगी। अब मुख्यमंत्री बताएं कि पीड़ित बेटियां जाएं तो जाएं कहां? पीड़िता की सुरक्षा का इंतजाम कर दोषियों को मिले कठोरतम सजा।’’पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़ित बच्ची के परिजन से मुलाकात के लिए ललितपुर रवाना हो गए हैं। कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी सिलसिलेवार ट्वीट कर इस घटना पर सरकार को घेरा। प्रियंका ने कहा कि ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि ‘बुलडोजर’ के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वे शिकायत लेकर कहां जाएंगी?प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में सवाल किया कि क्या उप्र सरकार ने थानों में महिलाओं की तैनाती बढ़ाने, थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से सोचा है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने महिला घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु रखे थे, लेकिन.....आज ललितपुर है। प्रियंका ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिला सुरक्षा और महिला हितैषी कानून व्यवस्था के लिए गंभीर कदम उठाने ही होंगे।(इनपुट- भाषा) |
7d10b8802ce3794025e5b4ab10487edc | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/crocodile-ate-8-year-old-boy-who-was-bathing-in-the-pond-2022-05-08-849527 | यूपी: तालाब में नहा रहे 8 साल के मासूम को खा गया मगरमच्छ, इलाके में दहशत का माहौल | पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोतीपुर थाना क्षेत्र स्थित गूढ़ इलाके का निवासी 8 साल का वीरेंद्र शनिवार दोपहर अपनी छोटी बहन के साथ कतर्नियाघाट जंगल किनारे स्थित तालाब पर गया था। | UP: यूपी के बहराइच से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां के कतर्नियाघाट जंगल से सटे गूढ़ गांव के एक तालाब में शनिवार को 8 साल का मासूम नहा रहा था। इसी दौरान अचानक कहीं से मगरमच्छ आया और मासूम को तालाब की गहराई में खींच ले गया।रात करीब 12 बजे के बाद इस बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद हो सका है। पुलिस सूत्रों ने रविवार को ये जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क पर रास्ता भी जाम कर दिया और प्रदर्शन किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मोतीपुर थाना क्षेत्र स्थित गूढ़ इलाके का निवासी 8 साल का वीरेंद्र शनिवार दोपहर अपनी छोटी बहन के साथ कतर्नियाघाट जंगल किनारे स्थित तालाब पर गया था। वीरेंद्र तालाब में नहा रहा था तभी एक मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया और खींचकर गहरे पानी में ले गया। तालाब किनारे खड़ी छोटी बहन का शोर सुनकर जब तक आसपास मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचते, तब तक मगरमच्छ बच्चे को लेकर गहरे पानी में ओझल हो गया। इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने नानपारा-लखीमपुर मार्ग पर रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों की मांग थी कि तालाब में मौजूद मगरमच्छ को पकड़कर कहीं और ले जाया जाए। हालांकि पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया और देर रात करीब 12 बजे बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद हो सका। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मगरमच्छ को पकड़ने के लिए तालाब के चारों तरफ जाल लगाया गया है। अब मगरमच्छ को पकड़कर उसे जंगल से बहने वाली नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे दोबारा ऐसी घटना ना हो। (इनपुट:एजेंसी) |
c778a7d8809a459ef4b15ea21c329930 | https://www.indiatv.in/india/national/67-crore-22-lakh-budget-of-badrinath-kedarnath-temple-committee-passed-chardham-yatra-from-may-3-2022-03-29-841857 | बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का 67 करोड़ 22 लाख का बजट पारित, चारधाम यात्रा 3 मई से | वित्तवर्ष 2022-23 का 67 करोड़ 22 लाख 62 हजार 137 रुपये का बजट पारित किया गया। बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 34 करोड़ 44 लाख एक हजार, 323 जबकि केदारनाथ प्रतिष्ठान के लिए 32 करोड़ 78 लाख 60 हजार 814 रुपये आय प्रस्तावित की गई। | देहरादून: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का वित्तवर्ष 2022-23 का 67 करोड़ 22 लाख 62 हजार 137 रुपये का बजट मंगलवार को पारित किया गया। इसमें बदरीनाथ और केदारनाथ यात्रा की तैयारियों को बेहतर बनाने, तीर्थयात्रियों की अधिक सुविधा उपलब्ध कराने, कपाट खुलने से पहले अप्रैल के शुरू में बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में अग्रिम दल भेजने पर जोर दिया गया। बैठक कैनाल रोड स्थित कार्यालय सभागार में समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजेय की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस दौरान वित्तवर्ष 2022-23 का 67 करोड़ 22 लाख 62 हजार 137 रुपये का बजट पारित किया गया। बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 34 करोड़ 44 लाख एक हजार, 323 जबकि केदारनाथ प्रतिष्ठान के लिए 32 करोड़ 78 लाख 60 हजार 814 रुपये आय प्रस्तावित की गई।मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजेय ने कहा कि दो वर्ष बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के कारण इस वर्ष चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के अलावा अधीनस्थ मंदिरों की व्यवस्था, विद्यापीठ फार्मेसी, पेयजल, आवास सुविधा, विश्राम गृहों का रख-रखाव, पूजा व्यवस्था आदि व्यवस्था के साथ यात्रा सुविधाओं का प्रविधान किया है। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने बताया कि इस वर्ष केदारनाथ धाम के छह मई, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुलेंगे।समिति की ओर से पारित बजट में तीर्थ यात्रियों को अधिक सुविधा देने पर जोर दिया गया। बैठक में बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा की तैयारी, यात्रियों के लिए धामों की दर्शन व्यवस्था, यात्रा मार्ग पर आस्था पट लगाने, मंदिर समिति की वेबसाइट अपडेट करने, मंदिर समिति का लोगो निर्धारित करने, केदारनाथ धाम में कर्मचारी आवास निर्माण, प्राथमिक उपचार सुविधा, संस्कृत महाविद्यालयों की मजबूत स्थिति, कर्मचारियों का स्वास्थ्य, बीमा कराने, तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में यज्ञ करने के अलावा कर्मचारियों के पदोन्नति, अस्थायी कर्मचारियों के स्थायीकरण पर भी चर्चा हुई।चारधाम यात्रा के दौरान हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए फिजिशियन को भी हृदय रोग के उपचार से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्देश्य यह है कि यात्रा के दौरान किसी श्रद्धालु को जरूरत पड़ने पर फिजिशियन उन्हें प्राथमिक उपचार दे सकें। इसके साथ ही चारधाम यात्रा मार्ग पर इस बार नए पार्किं ग स्थल भी विकसित किए जाएंगे।प्रदेश में तीन मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों के कारण बेहद सीमित संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आए। इस वर्ष सरकार ने सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। ऐसे में इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए तैयारियां भी जोरों पर हैं।मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि यात्रा को सुगम व सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए। हर जगह विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। मार्गो पर दुर्घटना रोकने के लिए क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था की जाए। पर्वतीय मार्गो पर यातायात प्रबंधन और पार्किंग पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा नए पार्किंग स्थल विकसित किए जाएं।उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वेबसाइट और मोबाइल एप भी विकसित किए जाएं, ताकि यात्रियों के रजिस्ट्रेशन में अधिक समय न लगे। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के कारण खराब हुए हैंडपंप को फिर से दुरुस्त कर इस्तेमाल योग्य बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मोबाइल एप पर यात्रा के साथ ही मौसम की जानकारी भी दी जाए और इसका उचित प्रचार-प्रसार किया जाए। |
c8df078b7dde559e43abfdee0010454e | https://www.indiatv.in/india/national-no-extra-attempt-for-upsc-preliminary-examination-centre-tells-supreme-court-exam-latest-news-767586 | सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा, UPSC के ऐसे अभ्यर्थियों को नहीं दिया जाएगा एक और मौका | अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने पीठ से हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा। उन्होंने अदालत के सामने कहा कि उन्हें इस संबंध में कल रात (गुरुवार) ही निर्देश मिला है और केंद्र इस मामले में अतिरिक्त मौका देने के लिए तैयार नहीं है। | नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू के निवेदन का संज्ञान लिया कि सरकार कोविड-19 महामारी के कारण सिविल सेवा अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने को तैयार नहीं है।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने पीठ से हलफनामा दाखिल करने का समय मांगा। उन्होंने अदालत के सामने कहा कि उन्हें इस संबंध में कल रात (गुरुवार) ही निर्देश मिला है और केंद्र इस मामले में अतिरिक्त मौका देने के लिए तैयार नहीं है।पीठ में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल थे। पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना सिंह की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और साथ ही केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।इस मामले में पिछले सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सरकार यूपीएससी के उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त प्रयास देने के मुद्दे पर विचार कर रही है, जो अपने आखिरी मौके से चूक गए हैं।बता दें कि सिविल सर्विसेज के कोविड-19 प्रभावित उम्मीदवारों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही थी। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका पाने की उम्मीद थी।पिछले साल 30 सितंबर को शीर्ष अदालत ने देश के कई हिस्सों में चल रही महामारी और बाढ़ का हवाला देते हुए चार अक्टूबर को होने वाली यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने के निर्देश देने की याचिका खारिज कर दी थी। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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3ddbb5491aae717872c0b31868b82ea5 | https://www.indiatv.in/india/national-pm-holds-discussions-with-two-warring-kerala-based-syrian-church-groups-762693 | पीएम मोदी ने विवाद के समाधान के लिए केरल के 2 प्रतिद्वंद्वी सीरियन गिरजाघर समूहों से की बातचीत | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के दो सीरियन चर्च समूहों के बीच सालों पुराने विवाद के समाधान के लिए मंगलवार को नयी दिल्ली में जैकबाइट सीरियन क्रिस्चियन चर्च के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की | कोच्चि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के दो सीरियन चर्च समूहों के बीच सालों पुराने विवाद के समाधान के लिए मंगलवार को नयी दिल्ली में जैकबाइट सीरियन क्रिस्चियन चर्च के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने अपने कार्यालय में गिरजाघरों के वरिष्ठ पादरियों से मुलाकात की। एक दिन पहले ही उन्होंने मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। दोनों समूहों ने मोदी के साथ अपनी मुलाकात को ‘सौहार्दपूर्ण और लाभदायक’ बताते हुए मंगलवार को अलग-अलग बयान जारी किये। उच्चतम न्यायालय के 2017 के ऑर्थोडॉक्स धड़े को 1,000 से अधिक गिरजाघरों और उनसे जुड़ी संपत्तियों का कब्जा देने के एक आदेश के क्रियान्वयन के बाद दोनों धड़ों के बीच विवाद बढ़ गया था। प्रधानमंत्री के साथ दो अलग-अलग मुलाकातों के बाद दोनों समूहों के प्रतिनिधियों ने नयी दिल्ली स्थित मिजोरम भवन में राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लै द्वारा दिये गये भोज पर मुलाकात की। राज्यपाल ने ही मोदी के साथ उनकी बैठक की व्यवस्था की थी। जैकबाइट समूह ने कहा कि उनके प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री का ध्यान समूह को ‘धार्मिक स्वतंत्रता, उपासना की आजादी और न्याय नहीं मिलने’ की ओर आकृष्ट किया और विवाद के समाधान के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने बयान में ऑर्थोडॉक्स धड़े को ‘असंतुष्ट समूह’ बताया जो उनसे अलग हो गया था और चर्च विवाद मामले में शीर्ष अदालत के 2017 के एक आदेश का ‘दुरुपयोग कर मुद्दे खड़े कर रहा है’। उसने कहा कि विशेष रूप से आस्था से जुड़े मसलों का हल लगातार मुकदमेबाजी से नहीं निकल सकता और इन मुद्दों का समाधान अलग तरीकों से निकाला जाना चाहिए। जैकबाइट समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री की सहभागिता मूल्यवान है।’’ चर्च ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से उनके ‘संवैधानिक और मौलिक अधिकारों’ के संरक्षण के लिए ‘दखल’ देने की अपील की थी। इसमें कहा गया, ‘‘भारत में इस प्राचीन गिरजाघर, जैकबाइट सीरियन क्रिस्चियन चर्च के अनुयायियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित करना भी जरूरी है।’’ जैकबाइट चर्च ने कहा कि मोदी ने पूरे ध्यान से उनकी शिकायतों को सुना और आश्वासन दिया कि वह सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए हरसंभव सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री मोदीजी खुद ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा वंचितों का ध्यान रखते हैं। हमें लगता है कि आज की बैठकें सही दिशा में उठाया गया कदम था।’’ ऑर्थोडॉक्स समूह ने कहा कि प्रधानमंत्री के सामने एक मुख्य विषय में उच्चतम न्यायालय के तीन जुलाई 2017 के फैसले को रखा गया जिसमें कहा गया है कि मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च के 1934 के विधान के आधार पर एक संगठित चर्च होना चाहिए। उसके बयान में कहा गया कि जनता के विश्वास के रूप में चर्च के भीतर चर्चों का विभाजन नहीं किया जा सकता। ऑर्थोडॉक्स समूह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ध्यान से अनेक विषयों को सुना और मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च की प्राचीन जड़ों की जानकारी होते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आधार पर सुलह का कोई तरीका निकाला जाना चाहिए। कोच्चि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के दो सीरियन चर्च समूहों के बीच सालों पुराने विवाद के समाधान के लिए मंगलवार को नयी दिल्ली में जैकबाइट सीरियन क्रिस्चियन चर्च के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने अपने कार्यालय में गिरजाघरों के वरिष्ठ पादरियों से मुलाकात की। एक दिन पहले ही उन्होंने मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। दोनों समूहों ने मोदी के साथ अपनी मुलाकात को ‘सौहार्दपूर्ण और लाभदायक’ बताते हुए मंगलवार को अलग-अलग बयान जारी किये। उच्चतम न्यायालय के 2017 के ऑर्थोडॉक्स धड़े को 1,000 से अधिक गिरजाघरों और उनसे जुड़ी संपत्तियों का कब्जा देने के एक आदेश के क्रियान्वयन के बाद दोनों धड़ों के बीच विवाद बढ़ गया था। प्रधानमंत्री के साथ दो अलग-अलग मुलाकातों के बाद दोनों समूहों के प्रतिनिधियों ने नयी दिल्ली स्थित मिजोरम भवन में राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लै द्वारा दिये गये भोज पर मुलाकात की। राज्यपाल ने ही मोदी के साथ उनकी बैठक की व्यवस्था की थी। जैकबाइट समूह ने कहा कि उनके प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री का ध्यान समूह को ‘धार्मिक स्वतंत्रता, उपासना की आजादी और न्याय नहीं मिलने’ की ओर आकृष्ट किया और विवाद के समाधान के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने बयान में ऑर्थोडॉक्स धड़े को ‘असंतुष्ट समूह’ बताया जो उनसे अलग हो गया था और चर्च विवाद मामले में शीर्ष अदालत के 2017 के एक आदेश का ‘दुरुपयोग कर मुद्दे खड़े कर रहा है’। उसने कहा कि विशेष रूप से आस्था से जुड़े मसलों का हल लगातार मुकदमेबाजी से नहीं निकल सकता और इन मुद्दों का समाधान अलग तरीकों से निकाला जाना चाहिए। जैकबाइट समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री की सहभागिता मूल्यवान है।’’ चर्च ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से उनके ‘संवैधानिक और मौलिक अधिकारों’ के संरक्षण के लिए ‘दखल’ देने की अपील की थी। इसमें कहा गया, ‘‘भारत में इस प्राचीन गिरजाघर, जैकबाइट सीरियन क्रिस्चियन चर्च के अनुयायियों के लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित करना भी जरूरी है।’’ जैकबाइट चर्च ने कहा कि मोदी ने पूरे ध्यान से उनकी शिकायतों को सुना और आश्वासन दिया कि वह सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए हरसंभव सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री मोदीजी खुद ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा वंचितों का ध्यान रखते हैं। हमें लगता है कि आज की बैठकें सही दिशा में उठाया गया कदम था।’’ बयान के अनुसार उन्होंने समुदाय के लोगों के बीच शांति और भाईचारा बनाकर रखने की अपनी गहन प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। इससे पहले माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने करीब एक हजार गिरजाघरों के प्रबंधन को लेकर विवाद के समाधान के लिए दोनों धड़ों के बीच मध्यस्थता का प्रयास किया था। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकला। ऑर्थोडॉक्स धड़ा जहां अपनी इस मांग पर कायम रहा कि 2017 के उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू किया जाए, वहीं जैकबाइट धड़े ने आरोप लगाया कि दूसरा समूह आदेश का गलत मतलब निकाल रहा है और अनैतिक तरीके से गिरजघरों का प्रबंधन अपने हाथ में ले रहा है। दोनों समूहों के विरोध प्रदर्शन की वजह से कई बार राज्य में कई गिरजाघरों में कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो चुकी है। |
ff1817b741de986ba482cda199cdbf32 | https://www.indiatv.in/india/politics-bjp-could-have-won-over-100-seats-in-ghmc-polls-bandi-sanjay-kumar-758048 | तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, प्रचार के लिए अगर और समय रहता तो भाजपा 100 से ज्यादा सीटें जीतती | तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बांडी संजय कुमार ने शनिवार को कहा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनावों में उनकी पार्टी 100 से ज्यादा सीटें जीत सकती थी। | हैदराबाद: तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बांडी संजय कुमार ने शनिवार को कहा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) चुनावों में उनकी पार्टी 100 से ज्यादा सीटें जीत सकती थी। उन्होंने कहा कि यदि इन चुनावों में प्रचार के लिए अगर और समय रहता तो बीजेपी 100 से ज्यादा वॉर्ड में चुनाव जीतती। साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी विकास को लेकर तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार है। बता दें कि इन चुनावों में TRS बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई है।‘हम निश्चित रूप से 100 से ज्यादा सीटें जीतते’कुमार ने बीजेपी के अन्य नेताओं के साथ हैदराबाद में पार्टी के नवनिर्वाचित पार्षदों से मुलाकात कर दावा किया कि अगर TRS, निर्वाचन प्राधिकारी, पुलिस और अन्य अधिकारी निष्पक्षता से काम करते तो पार्टी कम से कम 20 और सीटों पर जीत हासिल करती। लोकसभा सदस्य कुमार ने कहा, ‘प्रचार के लिए अगर और समय रहता तो निश्चित रूप से हम 100 से ज्यादा सीटें जीतते।’ बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने जीएचएमसी के 150 वॉर्ड में से 48 वॉर्ड में जीत हासिल की, जो कि 2016 में हुए चुनावों में उसे मिली चार सीटों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं।सिर्फ 55 सीटें जीत पाई तेलंगाना राष्ट्र समितिGHMC चुनावों में सबसे ज्यादा घाटा सत्ताधारी टीआरएस को हुआ जिसे सिर्फ 55 वॉर्ड में जीत हासिल हुई। 2016 के चुनावों में TRS ने 99 वॉर्ड में जीत हासिल की थी। वहीं, लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली AIMIM ने इन चुनावों में 44 वॉर्ड में जीत हासिल की जो कि 2016 के बराबर है। माना जा रहा है कि बीजेपी हैदराबाद के नगर निगम चुनावों में मिली कामयबादी के सहारे दक्षिण भारत में अपने आपको मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। बता दें कि दक्षिण भारत में सिर्फ कर्नाटक को छोड़कर बाकी किसी राज्य में पार्टी का मजबूत आधार नहीं है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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e057422412165ee8148f20710333531c | https://www.indiatv.in/india/national-imd-weather-alert-snowfall-rainfall-predicted-in-jammu-srinagar-kashmir-kargil-leh-ladakh-767268 | IMD Alert: यहां पर फिर हो सकती है बर्फबारी और बारिश, मौसम विभाग ने जताई आशंका | IMD Alert: शुक्रवार से कश्मीर की पहाड़ियों, मैदानी इलाकों व जम्मू के पहाड़ी इलाकों में हिमपात होने और जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। | श्रीनगर. भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से गुरुवार को कश्मीर घाटी (Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) में अगले तीन दिनों में फिर से बर्फबारी (Snowfall) और बारिश (Rainfall) होने की भविष्यवाणी जताई गई है, जिसके चलते यहां के न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) में भारी गिरावट दर्ज की गई है। रात में आसमान साफ रहने से घाटी सहित लद्दाख (Ladakh) में गुरुवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।पढ़ें- Tractor Rally: पुलिस और किसान नेताओं की बैठक बेनतीजा, किसान दिल्ली में ही रैली निकालने पर अड़ेपढ़ें- राशन कार्ड धारकों को घर बैठे मिलेगा राशन, मुख्यमंत्री ने 9260 वाहनों को दिखाई हरी झंडीश्रीनगर. भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से गुरुवार को कश्मीर घाटी (Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) में अगले तीन दिनों में फिर से बर्फबारी (Snowfall) और बारिश (Rainfall) होने की भविष्यवाणी जताई गई है, जिसके चलते यहां के न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) में भारी गिरावट दर्ज की गई है। रात में आसमान साफ रहने से घाटी सहित लद्दाख (Ladakh) में गुरुवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।पढ़ें- Tractor Rally: पुलिस और किसान नेताओं की बैठक बेनतीजा, किसान दिल्ली में ही रैली निकालने पर अड़ेशुक्रवार से कश्मीर की पहाड़ियों, मैदानी इलाकों व जम्मू के पहाड़ी इलाकों में हिमपात होने और जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "23 और 24 जनवरी को इसकी अधिक सक्रियता देखने को मिलेगी।" यहां 'चिलाई कलां' 31 जनवरी को खत्म होगी। यह हाड़ कंपाने वाली ठंड की एक स्थिति है, जिसकी अवधि 40 दिनों तक की होती है। यहां के स्थानीय लोग इसे इसी नाम से पुकारते हैं।पढ़ें- रेलवे ने किया नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, जानिए रूट, टाइम और स्टॉपेजपढ़ें- चोरी के नए-नए आईडिया खोज रहे हैं चोर! अब PPE Kit पहनकर की चोरी, उड़ाया 25 किलो सोना, देखिए वीडियोश्रीनगर में रात के वक्त न्यूनतम तापमान शून्य से सात डिग्री नीचे, पहलगाम में शून्य से 9.3 डिग्री नीचे और गुलमर्ग में शून्य से 7.8 डिग्री नीचे दर्ज की गई। लद्दाख के लेह शहर में तापमान इस वक्त शून्य से 16.2 डिग्री नीचे, कारगिल में शून्य से 18.4 डिग्री नीचे और द्रास में शून्य से 27.1 डिग्री नीचे बनी हुई है। इनके अलावा, जम्मू, कटरा, बटोत, बनिहाल और भदेरवाह में न्यूनतम तापमान क्रमश: 5.7, 7.5, 4.3, 4.8 और 0.5 डिग्री सेल्सियस रहा।पढ़ें- उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए गुड न्यूज!पढ़ें- भारत में हुआ बेहद खास सर्वे, नतीजे जानकर चीन की उड़ जाएंगी नींद |
b93344881f539827685c6d92e2817ed8 | https://www.indiatv.in/india/national-imd-predicts-snow-or-rain-in-jammu-kashmir-ladakh-for-next-four-days-779721 | इन दो प्रदेशों में 4 दिनों तक खराब रहेगा मौसम, मौसम विभाग ने जताया अनुमान | IMD Weather Forecast: अनुमानों के बीच श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में 2.8 डिग्री और गुलमर्ग में 2.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं लेह शहर में रात का न्यूनतम तापमान माइनस 3.1, कारगिल में माइनस 3.6 और द्रास में माइनस 7.6 डिग्री रहा। | श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) में 4 दिनों तक मौसम विभाग (IMD) द्वारा बारिश या बर्फबारी की भविष्यवाणी (Rain or Snowfall Prediction) किए जाने के बावजूद रविवार को घाटी में न्यूनतम तापमान (minimum temperature) फ्रीजिंग पॉइंट (freezing point) से ऊपर ही रहा।पढ़ें- परमबीर के लेटर बम के बाद शिवसेना और NCP आमने-सामने, बढ़ सकता है टकरावपढ़ें- Coronavirus: देशभर में 43,846 नए मामले, इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक संख्याश्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) में 4 दिनों तक मौसम विभाग (IMD) द्वारा बारिश या बर्फबारी की भविष्यवाणी (Rain or Snowfall Prediction) किए जाने के बावजूद रविवार को घाटी में न्यूनतम तापमान (minimum temperature) फ्रीजिंग पॉइंट (freezing point) से ऊपर ही रहा।पढ़ें- परमबीर के लेटर बम के बाद शिवसेना और NCP आमने-सामने, बढ़ सकता है टकरावमौसम में बदलाव को लेकर मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर और आस-पास के क्षेत्रों में आने वाले 2 पश्चिमी विक्षोभ के कारण मुख्य रूप से कश्मीर -- गुलमर्ग, सोनमर्ग, बारामूला, बांदीपोरा (गुरेज और तुलियाल घाटी) और कुपवाड़ा (कर्नाह सेक्टर), शोपियां, काजीगुंड-बेनिहाल एक्सिस, जम्मू डिवीजन के पीरपंजाल रेंज, द्रास (गुमरी और मीनमर्ग) और लद्दाख के जांस्कर सब-डिवीजन के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है।"पढ़ें- Parambir Singh Letter: इंडिया टीवी से परमबीर ने कहा- इस मसले पर कुछ नहीं बोलूंगापढ़ें- लेटर बम: मुंबई से दिल्ली तक हलचल तेज, शरद पवार ने अजित पवार और जयंत पाटिल को दिल्ली बुलायाइन अनुमानों के बीच श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में 2.8 डिग्री और गुलमर्ग में 2.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं लेह शहर में रात का न्यूनतम तापमान माइनस 3.1, कारगिल में माइनस 3.6 और द्रास में माइनस 7.6 डिग्री रहा। उधर जम्मू शहर का न्यूनतम तापमान 16.8, कटरा का 16.4, बटोटे का 10.4, बनिहाल का 7.2 और भद्रवाह का तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस रहा।पढ़ें- परमबीर सिंह की चिट्ठी से महाराष्ट्र में सियासी हड़कंप, आज भाजपा करेगी प्रदर्शनपढ़ें- महाराष्ट्र के बवाल में कूदीं कंगना रनौत, उद्धव सरकार पर किया प्रहार |
cbcd5879c712cdac2d2593394159c436 | https://www.indiatv.in/india/national-ed-attaches-rs-203-crore-worth-dubai-assets-of-iqbal-mirchi-s-family-742680 | ईडी ने इकबाल मिर्ची पर की बहुत बड़ी कार्रवाई, दुबई में 203.27 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दुबई में इकबाल मिर्ची की 15 संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों में मिडवेस्ट होटल अपार्टमेंट और 14 अन्य वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 203.27 करोड़ रुपये बताई जा रही है। | नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दुबई में इकबाल मिर्ची की 15 संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों में मिडवेस्ट होटल अपार्टमेंट और 14 अन्य वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 203.27 करोड़ रुपये बताई जा रही है। बता दें कि यह संपत्ति इकबाल मिर्ची और उसके परिवार के सदस्यों से संबंधित है। बता दें कि धन शोधन कानून के तहत इन संपत्तियों को जब्त किया गया है। ईडी ने दिसंबर 2019 में इकबाल मिर्ची, उसकी पत्नी और बेटों समेत 16 आरोपियों के खिलाफ मुंबई की अदालत में मनी लॉड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। 12000 पन्नों की चार्जशीट के मुताबिक इकबाल मिर्ची ने मुंबई के वर्ली इलाके में 225 करोड़ की तीन संपत्ति खरीदी थी, ये सारी संपत्ति इकबाल मिर्ची ने 1986 में अवैध तरीके से कमाई गये पैसों से खरीदी थी। इसके बाद मिर्ची के खिलाफ काफी सारे केस दर्ज हुए और वो देश छोड़ कर भाग गया था।इस मामले में ईडी ने पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी कपिल वधावन और धीरज वधावन समेत हुमायूं मर्चेंट सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही ईडी ने इस बारे में 9 दिसंबर 2019 को एक आरोप पत्र मनी लॉन्ड्रिंग की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया था। इसी साल जून के महीने में पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची की पत्नी हजरा मेमन और उसके दोनों बेटे आसिफ इकबाल मेमन और जुनैद इकबाल मेमन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि इकबाल मिर्ची की मौत तो लंदन में साल 2013 में ही हो चुकी है लेकिन उससे जुड़े मामले अब तक चल रहे हैं। दाऊद इब्राहिम के इशारे पर 1993 में जब मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुआ था, तब उसमें इकबाल मिर्ची का भी नाम सामने आया था। मुंबई धमाके के बाद इकबाल मिर्ची दुबई भाग गया था। 1994 में भारत के कहने पर इंटरपोल ने इकबाल मिर्ची के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। हालांकि इकबाल मिर्ची एजेंसियों की गिरफ्त में आने से बचता रहा और फिर लंदन में उसकी मौत हो गई। मरने से पहले दुबई से लेकर लंदन में रहने के दौरान इकबाल मिर्ची अंडरवर्ल्ड की धौंस दिखाते हुए मुंबई में संपत्तियों की सौदेबाजी में सक्रिय भूमिका निभाता रहा। मुंबई में उसके गैंग के लोग इसमें उसकी मदद करते रहे। इसी सौदेबाजी से जुड़े मामले अब रडार पर हैं।नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दुबई में इकबाल मिर्ची की 15 संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों में मिडवेस्ट होटल अपार्टमेंट और 14 अन्य वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 203.27 करोड़ रुपये बताई जा रही है। बता दें कि यह संपत्ति इकबाल मिर्ची और उसके परिवार के सदस्यों से संबंधित है। बता दें कि धन शोधन कानून के तहत इन संपत्तियों को जब्त किया गया है। ईडी ने दिसंबर 2019 में इकबाल मिर्ची, उसकी पत्नी और बेटों समेत 16 आरोपियों के खिलाफ मुंबई की अदालत में मनी लॉड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। 12000 पन्नों की चार्जशीट के मुताबिक इकबाल मिर्ची ने मुंबई के वर्ली इलाके में 225 करोड़ की तीन संपत्ति खरीदी थी, ये सारी संपत्ति इकबाल मिर्ची ने 1986 में अवैध तरीके से कमाई गये पैसों से खरीदी थी। इसके बाद मिर्ची के खिलाफ काफी सारे केस दर्ज हुए और वो देश छोड़ कर भाग गया था।इस मामले में ईडी ने पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी कपिल वधावन और धीरज वधावन समेत हुमायूं मर्चेंट सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही ईडी ने इस बारे में 9 दिसंबर 2019 को एक आरोप पत्र मनी लॉन्ड्रिंग की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया था। इसी साल जून के महीने में पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची की पत्नी हजरा मेमन और उसके दोनों बेटे आसिफ इकबाल मेमन और जुनैद इकबाल मेमन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। बता दें कि इकबाल मिर्ची की मौत तो लंदन में साल 2013 में ही हो चुकी है लेकिन उससे जुड़े मामले अब तक चल रहे हैं। दाऊद इब्राहिम के इशारे पर 1993 में जब मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुआ था, तब उसमें इकबाल मिर्ची का भी नाम सामने आया था। मुंबई धमाके के बाद इकबाल मिर्ची दुबई भाग गया था। 1994 में भारत के कहने पर इंटरपोल ने इकबाल मिर्ची के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। हालांकि इकबाल मिर्ची एजेंसियों की गिरफ्त में आने से बचता रहा और फिर लंदन में उसकी मौत हो गई।इक़बाल मिर्ची-दावूद इब्राहिम कासकर सिंडिकेट डी कंपनी का वो सबसे बड़ा प्यादा था जो डी कंपनी के पूरे ड्रग सिंडिकेट का नेटवर्क अकेले संभालता रहा--1994 से लेकर 2013 तक इक़बाल मिर्ची 1995 में दुबई से यूरोपियन कंट्रीज में शिफ्ट हो गया जहां उसने लंदन में अपना बेस्ड बनाकर ड्रग कारोबार के पूरे सेंटर को साउथ अफ्रीकन कंट्रीज और यूरिपियन कंट्रीज में सेंट्रिक कर लिया--इक़बाल मिर्ची की खासियत पानी के रास्ते ड्रग की खेप को भारत पहुंचाने की रही और ड्रग का काला पैसा अंडरवर्ल्ड और बाद में माइक्रो टेरोरिसम में लगवाया। |
da125175c7fb10d12db6a750ecb4522d | https://www.indiatv.in/india/national/uttarakhand-the-portals-of-badrinath-temple-dham-to-reopen-on-may-8th-at-6-15-am-2022-02-05-834531 | Badrinath Dham Reopen: बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 8 मई को खुलेंगे, बसंत पंचमी के अवसर पर की गई घोषणा | भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6:15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर धाम के कपाट खोलने की तारीख की घोषणा की गई। | नयी टिहरी: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आठ मई को सुबह 6.15 बजे खोले जाएंगे। पुजारियों ने शनिवार को यह घोषणा की। हिंदू देवता विष्णु को समर्पित यह मंदिर हर साल सर्दियों के आगमन पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है और गर्मियों की शुरुआत में इसे दोबारा खोला जाता है। यह मंदिर पूरी सर्दियों में बर्फ से ढका रहता है। बता दें कि, विश्व-प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर अभी शीतकालीन अवकाश के चलते बंद है। पूर्व टिहरी नरेश मनुजेंद्र शाह के शाही पुजारियों ने बसंत पंचमी के मौके पर मंदिर के कपाट खोलने की तारीख और समय की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होते ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियां शुरू हो गई है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने और बंद होने की एक विशेष प्रकिया है। नरेंद्र नगर (टिहरी) स्थित राजमहल में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर सादे धार्मिक समारोह में पूजा अर्चना तथा पंचाग गणना पश्चात राज परिवार, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की उपस्थिति में धर्माचार्यों द्वारा पंचाग गणना के पश्चात श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की गयी। परंपरा के अनुसार, मंदिर के कपाट खोलने की तिथि पूर्व टिहरी नरेश की कुंडली के आधार पर तय की जाती है। तिथि के ऐलान के समय बद्रीनाथ मंदिर के पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदी, राजेश नंबूदरी, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और उपाध्यक्ष किशोर पंवार मौजूद थे। |
e0b866ae21381b0c67f2603755f8ca5b | https://www.indiatv.in/india/national/rss-leader-indresh-kumar-says-india-will-have-to-take-responsibility-for-the-end-of-global-terrorism-826788 | संबोधन में बोले इंद्रेश कुमार, जाति और धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए | आरएसएस से जुडे़ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, विश्वग्राम और ‘वैश्विक आतंकवाद बनाम मानवता, शांति और संभावनाओं’ पर विचार-विमर्श से संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने यह बात कही। | नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें कथित भगवा आतंकवाद के मामलों में फंसाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन वह असफल रही। आरएसएस से जुडे़ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, विश्वग्राम और ‘वैश्विक आतंकवाद बनाम मानवता, शांति और संभावनाओं’ पर विचार-विमर्श से संबंधित राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने यह बात कही। दिनभर चले सम्मेलन के समापन पर एक प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि सरकार आतंकवाद से जाति या धर्म को जोड़ने पर रोक लगाए और इसे कानून के तहत एक दंडात्मक अपराध घोषित करे। कुमार ने प्रस्ताव पारित करते समय कहा, ‘‘जाति और धर्म को आतंकवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि ऐसा होने पर इसका इस्तेमाल उन लोगों द्वारा किया जाता है जो आतंकवाद का प्रसार करते हैं। इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और कानून के तहत दंडात्मक अपराध बनाना चाहिए। जाति और धर्म के नाम पर किसी के भी उत्पीड़न को रोका जाना चाहिए, निंदा की जानी चाहिए और कानून के तहत दंडित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठें और ‘‘इस अपराध को ना कहें।’’कुमार ने दावा किया, ‘‘भारत सरकार (पूर्ववर्ती संप्रग सरकार) ने मेरे खिलाफ ‘भगवा’ आतंकवाद मामले के लिए 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च किए। यहां तक कि पूरी सरकारी मशीनरी लगाने के बावजूद वे मेरा नाम आरोपियों में नहीं ला सके। उसके बाद बेचारी सरकार (वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में) सत्ता से बाहर हो गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा नाम न तो गवाहों की सूची में था और न ही आरोपियों की सूची में। लेकिन पूरी दुनिया को बताया गया कि इंद्रेश जी लिप्त हैं और उनके खिलाफ मामला है। मैंने ऐसे बड़े झूठ देखे हैं।’’ कुमार ने कहा कि अगर एक-दूसरे के धर्म का सम्मान किया जाए तो कोई जिहाद, भीड़ हत्या (लिंचिंग) या सांप्रदायिक दंगे नहीं होंगे। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र से मांग की गई कि वैश्विक स्तर पर दूसरे धर्मों की आलोचना को अपराध बनाया जाए। कुमार ने धर्मों के वर्गीकरण पर आपत्ति जताई और इसे ‘दयनीय स्थिति’ बताया।भारत में धर्म का वर्गीकरण अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक में किया जाता है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने उन कदमों को गिनाया जो नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ उठाए हैं। उन्होंने कहा कि गत सात साल में स्थिति बदली है। उन्होंने कहा, ‘‘देखिए वर्ष 2014 से क्या बदलाव आया है। पहले, हम दिल्ली, असम, जयपुर और पुणे में आतंकवादी घटनाओं और बम धमाकों की श्रृंखला देखते थे। गत सात साल में आप पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों और कश्मीर को छोड़कर ऐसी खबरें नहीं सुनते।’’ जावडे़कर ने कहा, ‘‘माओवादी हिंसा में भी कमी आई है।’’ यह सम्मेलन ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से आयोजित किया गया जिसमें केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी हिस्सा लिया। कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रोफेसर, पूर्व राजनयिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस सम्मेलन में शामिल हुए।(इनपुट भाषा से लिया गया है) |
3fdad2eea808a5e6303b71bc6c7108cf | https://www.indiatv.in/india/national-states-still-have-more-than-1-77-crore-doses-of-covid-19-vaccines-ministry-of-health-792520 | राज्यों के पास कोरोना वैक्सीन की 1.77 करोड़ से ज्यादा डोज अब भी मौजूद: स्वास्थ्य मंत्रालय | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीकों की 1.77 करोड से अधिक खुराक अब भी मौजूद हैं और अगले तीन दिन में उन्हें टीकों की और एक लाख खुराकें मिल जाएंगी। | नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीकों की 1.77 करोड से अधिक खुराक अब भी मौजूद हैं और अगले तीन दिन में उन्हें टीकों की और एक लाख खुराकें मिल जाएंगी। मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक नि:शुल्क श्रेणी तथा राज्य द्वारा सीधे खरीद की श्रेणी में टीके की 22,00,59,880 खुराकें उपलब्ध करवाई हैं। मंत्रालय ने बुधवार सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से बताया कि इसमें से टीकों की कुल 20,13,74,636 खुराकों (जिसमें बेकार गए टीके भी शामिल हैं) का इस्तेमाल हुआ है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीकों की 1.77 करोड़ से अधिक (1,77,52,594) खुराक अब भी मौजूद हैं। इसके अलावा, अगले तीन दिन में उन्हें और 1,00,000 खुराक मिल जाएगी।’’राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत केंद्र राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के नि:शुल्क टीके उपलब्ध करवा रहा है, इसके अलावा उन्हें टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी दे रहा है। मंत्रालय ने बताया कि सरकार की महामारी से निबटने की एक व्यापक रणनीति जिसका एक अहम हिस्सा टीकाकरण है। इस रणनीति के तहत सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी द्वारा मंजूर किए गए किसी भी टीका निर्माता की टीका खुराकों में से 50 फीसदी भारत सरकार हर महीने खरीदेगी। वह ये खुराकें पहले की तरह राज्य सरकारों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाना जारी रखेगी। |
c6dae4f802012f474deeb13848ed53f8 | https://www.indiatv.in/india/national-covaxin-dose-volunteer-died-bharat-biotech-statement-764937 | कोवैक्सीन की डोज के बाद व्यक्ति की मौत, कंपनी ने दी सफाई | मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है। | नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है। भारत बायोटेक ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि व्यक्ति की मौत कोरोना वैक्सीन के डोज के कारण ही हुई है। हैदराबाद स्थित कंपनी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह मृत्यु वैक्सीन से संबंधित नहीं है, बल्कि व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है। इसके अलावा जांच में जहर के कारण मौत की वजह बताई जा रही है।भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, "गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार और भोपाल पुलिस की जांच रिपोर्ट में जो बताया गया है, उसके अनुसार व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है। इसके अलावा जांच में जहर भी मौत की वजह बताई जा रही है।" कंपनी ने कहा कि वैक्सीन की डोज के नौवें दिन वालंटियर की मौत इस बात को स्पष्ट करती है कि यह ट्रायल से जुड़ा मामला नहीं है।कंपनी ने कहा, "प्रारंभिक समीक्षाओं के नौ दिनों के बाद स्वयंसेवक का निधन हो गया, यह दर्शाता है कि मृत्यु अध्ययन डोजिंग से संबंधित नहीं है।" दरअसल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल के एक निजी अस्पताल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल के दौरान टीका लगवाने वाले 42 वर्षीय वालंटियर की कुछ दिनों बाद ही कथित तौर पर 21 दिसंबर को मौत हो गई थी।कोवैक्सीन के लिए चल रहे नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) में भाग लेने वाले व्यक्ति की मौत के बाद वैक्सीन पर सवाल खड़े होने लगे, जिसके बाद अब कंपनी ने सफाई दी है।कंपनी ने स्पष्टीकरण देने के साथ ही मृतक के परिवार के साथ सहानुभूति भी व्यक्त की है। कंपनी ने कहा, "हमारी सहानुभूति मृतक के परिवार के साथ है।" भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि तीसरे चरण के ट्रायल के सभी मानदंडों को पूरा किया गया था और सात दिनों के पोस्ट कॉल में वांलटियर में कोई प्रभाव भी नहीं पाया गया था और व्यक्ति स्वस्थ था तथा उसकी सारी रिपोर्ट भी ठीक थी।नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है। भारत बायोटेक ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है कि व्यक्ति की मौत कोरोना वैक्सीन के डोज के कारण ही हुई है। हैदराबाद स्थित कंपनी ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह मृत्यु वैक्सीन से संबंधित नहीं है, बल्कि व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है। इसके अलावा जांच में जहर के कारण मौत की वजह बताई जा रही है।भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, "गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल द्वारा जारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार और भोपाल पुलिस की जांच रिपोर्ट में जो बताया गया है, उसके अनुसार व्यक्ति की मौत कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होने के कारण हुई है। इसके अलावा जांच में जहर भी मौत की वजह बताई जा रही है।" कंपनी ने कहा कि वैक्सीन की डोज के नौवें दिन वालंटियर की मौत इस बात को स्पष्ट करती है कि यह ट्रायल से जुड़ा मामला नहीं है।कंपनी ने कहा, "प्रारंभिक समीक्षाओं के नौ दिनों के बाद स्वयंसेवक का निधन हो गया, यह दर्शाता है कि मृत्यु अध्ययन डोजिंग से संबंधित नहीं है।" दरअसल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल के एक निजी अस्पताल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल के दौरान टीका लगवाने वाले 42 वर्षीय वालंटियर की कुछ दिनों बाद ही कथित तौर पर 21 दिसंबर को मौत हो गई थी।कोवैक्सीन के लिए चल रहे नैदानिक परीक्षण (क्लीनिकल ट्रायल) में भाग लेने वाले व्यक्ति की मौत के बाद वैक्सीन पर सवाल खड़े होने लगे, जिसके बाद अब कंपनी ने सफाई दी है।ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने तीन जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशिल्ड के साथ ही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी प्रदान की थी। इस मंजूरी के साथ ही वैक्सीन निर्माता कंपनियों का बड़े पैमाने पर अपना टीकाकरण अभियान चलाने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। भारत बायोटेक की ओर से निर्मित की गई कोवैक्सीन एक स्वदेशी वैक्सीन है। |
5105ec2da956ef73bc65234db54431ea | https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-blog-agenda-24-key-to-selection-of-yogi-s-ministers-2022-03-26-841323 | Rajat Sharma’s Blog: एजेंडा ’24 रहा योगी के मंत्रियों के चयन का पैमाना | शपथ समारोह का आयोजन यह संदेश देने के लिए किया गया था कि ये तो सेमीफाइनल की जीत का जश्न है, फाइनल तो 2024 लोकसभा चुनाव में होगा। | लखनऊ के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को एक भव्य समारोह में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक नई सरकार ने शपथ ली। इस नये मंत्रिमंडल के गठन पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति की छाप स्पष्ट दिखाई दे रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी समेत कई केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और हजारों बीजेपी समर्थक, योगी और उनके कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बने। उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार 5 साल तक रहे किसी मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली। इस मौके को खास बनाने के लिए पूरे राज्य में जश्न मनाया गया और कई जगहों पर धार्मिक अनुष्ठान किए गए।सभी की निगाहें योगी के 32 नए मंत्रियों पर थीं और उन 26 मंत्रियों के बारे में भी काफी चर्चा थी जिनकी इस बार छुट्टी हो गई। दिनेश शर्मा की जगह कभी बसपा में रहे ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। ये दोनों नेता ब्राह्मण हैं। यूपी में बीजेपी के ओबीसी चेहरे के रूप में उभरे केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव में हार के बावजूद उपमुख्यमंत्री के रूप में बरकरार रखा गया। जिन मंत्रियों की छुट्टी हुई उनमें आशुतोष टंडन, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थ नाथ सिंह, 8 बार विधायक सतीश महाना, बीजेपी का मुस्लिम चेहरा मोहसिन रजा समेत कई अन्य नाम शामिल हैं।योगी की टीम में सवर्ण जातियों के 21 और अन्य पिछड़ी जातियों के 20 मंत्रियों को शामिल कर एकदम सही सन्तुलन ऱखा गया। इसके अलावा 8 दलित मंत्री बनाए गए हैं, साथ ही अनुसूचित जनजाति, मुस्लिम और सिख समुदाय से एक-एक मंत्री बनाया गया है। उच्च जाति के मंत्रियों में 7 ब्राह्मण, 6 ठाकुर, 2 भूमिहार, 5 वैश्य और एक कायस्थ हैं। 20 ओबीसी मंत्रियों में 4 कुर्मी, 3 जाट, 2 निषाद, 2 लोध और सैनी, गुर्जर, तेली, मौर्य, गडरिया, कुम्हार, यादव, राजभर और कश्यप जाति के एक-एक मंत्री शामिल हैं।बीजेपी के दोनों सहयोगी दल, निषाद पार्टी और अपना दल, दोनों को नए मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया गया है। विद्यार्थी परिषद के पूर्व छात्र नेता रहे दानिश आजाद अंसारी अकेले मुस्लिम मंत्री हैं, जिन्होंने मोहसिन रजा की जगह ली है। गुजरात आईएएस कैडर के पूर्व नौकरशाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद एके शर्मा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लेने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी और कानपुर के पूर्व पुलिस चीफ असीम अरुण को स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बनाया गया है।शपथ समारोह का आयोजन यह संदेश देने के लिए किया गया था कि ये तो सेमीफाइनल की जीत का जश्न है, फाइनल तो 2024 लोकसभा चुनाव में होगा।इस मेगा इवेंट के सियासी असर का अंदाजा उन सभी वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की कतार देखकर लगाया जा सकता है, जिन्होंने शपथ समारोह में शिरकत की। पार्टी के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि इस आयोजन का तत्काल प्रभाव गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पड सकता है, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।संक्षेप में इसे 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत कहा जा सकता है। यूपी में पार्टी को मिली लगातार बड़ी सफलता को देखते हुए योगी निश्चित रूप से कल के हीरो थे।मोदी ने योगी को अपनी टीम और इस कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए खुली छूट दी थी। स्टेडियम में बने विशाल मंच की पृष्ठभूमि में 'शपथ, शपथ, शपथ: राष्ट्रवाद की, सुशासन की, सुरक्षा की, विकास की' लिखा हुआ था। ये शब्द, जिनका इस्तेमाल मोदी और योगी ने अपने यूपी अभियान के दौरान प्रभावी ढंग से किया था, 2024 में पार्टी के चुनावी एजेंडा, रोडमैप और लक्ष्य का आधार बन सकते हैं।यह रोडमैप मंत्रियों के चुनाव में साफ झलकता है। केशव प्रसाद मौर्य सिराथू से अपना चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया गया क्योंकि उन्होंने ही 2017 और इस साल के विधानसभा चुनावों में पिछड़ी जातियों की लामबंदी का नेतृत्व किया था। वह 2017 में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे और उन्होंने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। इसीलिए पार्टी आलाकमान ने उन्हें चुनाव हारने के बावजूद इस बार भी नंबर दो की पोजीशन पर रखा है।ब्रजेश पाठक को उपमुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने एक साथ कई संदेश दिए हैं। पहला, पार्टी नौजवान नेताओं को तरजीह देगी, दूसरा, पार्टी क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का भी ख्याल रखेगी, यानी एक ब्राह्मण के स्थान पर दूसरे ब्राह्मण को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। तीसरा संदेश यह है कि पार्टी प्रतिभा और प्रतिबद्धता का सम्मान करेगी, और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कौन किस पार्टी से आया है। ब्रजेश पाठक पहले BSP में थे, लोकसभा के सदस्य रहे और काफी मुखर सांसद के रूप में जाने जाते थे। बाद में उन्होंने मायावती का खेमा छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए। चुनाव जीतकर वह विधानसभा के सदस्य बने और उन्हें योगी की सरकार में मंत्री बना दिया गया। उन्होंने अपनी काबलियत साबित की है।योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छाप बिल्कुल साफ देखी जा सकती है। मंत्रियों का चुनाव क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों के हिसाब से दुरूस्त है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से इस बार ज्यादा नौजवान विधायक चुनकर आए हैं, उसी तरह मंत्रिमंडल में भी नए और अनुभवी नेताओं का बेहतर कॉबिनेशन है। पूरे शपथग्रहण के दौरान मोदी और योगी के बीच अच्छी केमिस्ट्री दिखाई दी, और करीब सवा घंटे तक दोनों नेता मंच पर एक दूसरे से गुफ्तगू करते दिखे। दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री से साफ था कि अगले लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के रोडमैप की रूपरेखा तैयार हो चुकी है।असल में यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन था कि यूपी में योगी की इस ऐतिहासिक जीत के जश्न को राजभवन के हॉल में राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच मनाने के बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं से भरे स्टेडियम में एक भव्य समारोह में मनाया जाए।मोदी जानते हैं कि यूपी में यह चुनावी जीत उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कड़े और अथक प्रयासों का नतीजा है। इसलिए, उन्होंने फैसला किया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को शपथ समारोह के जश्न में भागीदार बनाया जाना चाहिए। इसका मकसद कार्यकर्ताओं में और ज्यादा जोश पैदा करना था ताकि 2 साल बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान उन्हें अच्छी तरह से लामबंद किया जा सके। यही मोदी का स्टाइल है।सिर्फ चुनाव जीतना ही मंत्री पद के लिए एकमात्र पैमाना नहीं था। लिस्ट बनाते समय एक प्रमुख पैमाना यह भी रखा गया कि संगठन के लिए किसने कितनी कड़ी मेहनत की है। मिसाल के तौर पर दयाशंकर सिंह अब तक पार्टी संगठन के लिए काम कर रहे थे और उन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया। उनकी पत्नी स्वाति सिंह, जो पिछली बार मंत्री थीं, को टिकट नहीं दिया गया था, और इस बार दयाशंकर सिंह को बलिया शहर सीट से समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता नारद राय के खिलाफ खड़ा किया गया था। सिंह को समाजवादी पार्टी के नेता को हराने का इनाम मिला है।मोदी और योगी दोनों के सामने अब यह चुनौती है: 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बड़ी चुनावी जीत कैसे हासिल की जाए। योगी जानते हैं कि उन्हें लोकसभा चुनाव में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करना होगा, पिछला रिकॉर्ड तोड़ना होगा। यूपी में कांग्रेस का लगभग सफाया हो चुका है और मायावती की बहुजन समाज पार्टी की हालत पहले से ज्यादा खराब हो गई है और वह अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।उत्तर प्रदेश में सबसे कठिन चुनौती अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से मिलेगी। पार्टी ने इस बार यूपी में अपना वोट शेयर और सीटों की संख्या बढ़ाई है। इस बात को बीजेपी नेतृत्व भी जानता है। चाहे वह कैबिनेट का गठन हो, या अगले 2 सालों के लिए सरकार का रोडमैप, मुख्य उद्देश्य यही होगा कि 2024 का लोकसभा चुनाव कैसे जीता जाए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 25 मार्च, 2022 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_3049215462 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2022/03/0_0hb5d15d/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2022/03/0_0hb5d15d.jpg","title": "आज की बात: 52 मंत्रियों का चयन करते समय योगी के दिमाग़ में क्या चल रहा था?","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": 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bf6faeb902c45f68e213aecd58319f85 | https://www.indiatv.in/india/national-baba-ram-singh-a-sikh-priest-died-by-alleged-suicide-at-singhu-border-760170 | किसान आंदोलन: कोंडली बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार आत्महत्या की | किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली। | नई दिल्ली: किसान आंदोलन से एक दुखद खबर आई है। कोंडली बॉर्डर पर किसान आोदलन को सपोर्ट करने पहुंचे संत बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली है। संत बाबा राम सिंह ने अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली। बाबा राम सिंह सिख समुदाय के बड़े संत थे। उन्हें मानने वाले हजारों की संख्या में हैं। बताया जा रहा है कि बाबा राम सिंह कई दिनों से किसानों के आंदोलन में सेवा करने में जुटे थे। वो लोगों को कंबल और भोजन बांट रहे थे। कल तक बाबा किसान संगत में प्रवचन दे रहे थे सलिए आज जब अचानक उनकी सुसाइड की खबर आई तो आंदोलन में शामिल किसानों को भी यकीन नहीं हुआ। पुलिस इस केस की जांच कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को संकेत दिया कि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच व्याप्त गतिरोध दूर करने के लिये वह एक समिति गठित कर सकता है क्योंकि ‘‘यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है।’’ प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘‘आपकी बातचीत से ऐसा लगता है कि बात नहीं बनी है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘यह विफल होना ही है। आप कह रहे हैं कि हम बातचीत के लिये तैयार हैं।’’ इस पर मेहता ने जवाब दिया, ‘‘हां, हम किसानों से बातचीत के लिये तैयार हैं।’’ पीठ ने जब केन्द्र की ओर से पेश तुषार मेहता से कहा कि उन किसान संगठनों के नाम दीजिये जो दिल्ली सीमा को अवरूद्ध किये हैं तो उन्होंने कहा कि वह सिर्फ उन लोगों के नाम बता सकते हैं, जिनके साथ सरकार की वार्ता चल रही है। मेहता ने कहा, ‘‘वे भारतीय किसान यूनियन और दूसरे संगठनों के सदस्य हैं, जिनके साथ सरकार बात कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठनों से बातचीत कर रही है और उन्होंने न्यायालय को उनके नाम बताये। मेहता ने कहा, ‘‘अब, ऐसा लगता है कि दूसरे लोगों ने किसान आन्दोलन पर कब्जा कर लिया है।’’ मेहता ने कहा कि किसान और सरकार बातचीत कर रहे हैं और सरकार उनके साथ बातचीत के लिये तैयार है। सॉलिसीटर जनरल ने कहा, ‘‘समस्या उनके (किसानों) इस नजरिये में है कि आप या तो इन कानूनों को खत्म कीजिये अन्यथा हम बात नहीं करेंगे। वे बातचीत के दौरान ‘हां’ या ‘न’ के पोस्टर लेकर आये थे। उनके साथ मंत्रीगण बातचीत कर रहे थे और वे किसानों के साथ चर्चा करना चाहते थे लेकिन वे (किसान संगठनों के नेताओं) कुर्सियां मोड़कर पीठ दिखाते हुये ‘हां’ या ‘न’ के पोस्टरों के साथ बैठ गये।’’ इन कथन का संज्ञान लेते हुये न्यायालय ने विभिन्न पक्षकारों की ओर से पेश वकीलों से कहा कि वह क्या करने की सोच रहा है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस विवाद को हल करने के लिये एक समिति गठित करेंगे। हम समिति में सरकार और किसानों के संगठनों के सदस्यों को शामिल करेंगे। यह जल्द ही एक राष्ट्रीय मुद्दा बन सकता है। हम इसमें देश के अन्य किसान संगठनों के सदस्यों को भी शामिल करेंगे। आप समिति के लिये प्रस्तावित सदस्यों की सूची दीजिये।’’ न्यायालय ने जिन किसान यूनियनों को नोटिस जारी किये हैं, उनमें भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू-राकेश टिकैत), बीकेयू-सिदधुपुर (जगजीत एस दल्लेवाल), बीकेयू-राजेवाल (बलबीर सिंह राजेवाल), बीकेयू-लाखोवाल (हरिन्दर सिंह लाखोवाल) जम्हूरी किसान सभा (कुलवंत सिंह संधू), बीकेयू डकौंदा (बूटा सिंह बुर्जगिल), बीकेयू-दोआबा (मंजीत सिंह राय) और कुल हिंद किसान फेडरेशन (प्रेम सिंह भंगू) शामिल हैं। इस मामले में कई याचिकायें दायर की गयी हैं, जिनमें दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को तुरंत हटाने के लिये न्यायालय में कई याचिकायें दायर की गयी हैं। इनमें कहा गया है कि इन किसानों ने दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं अवरूद्ध कर रखी हैं, जिसकी वजह से आने जाने वालों को बहुत परेशानी हो रही है और इतने बड़े जमावड़े की वजह से कोविड-19 के मामलों में वृद्धि का भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। न्यायालय ने इन याचिकाओं पर केन्द्र और अन्य को भी नोटिस जारी किये। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे विरोध प्रदर्शन कर रही किसान यूनियनों को भी इसमें पक्षकार बनायें। न्यायालय इस मामले में बृहस्पतिवार को आगे सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है। मेहता ने कहा कि सकारात्मक और रचनात्मक बातचीत चल रही थी और ‘‘सरकार ऐसा कुछ भी नहीं करेगी जो किसानों के हित के खिलाफ हो।’’ न्यायालय में याचिका दायर करने वालों में कानून के छात्र ऋषभ शर्मा, अधिवक्ता रीपक कंसल और जी एस मणि भी शामिल हैं। याचिकाओं में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने और इस विवाद का सर्वमान्य समाधान खोजने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा, ‘‘हम नोटिस जारी करेंगे और इसका जवाब कल तक देना होगा क्योंकि शीतकालीन अवकाश के लिये शुक्रवार से न्यायालय बंद हो रहा है।’’ पीठ ने मेहता को विरोध प्रदर्शन कर रही किसान यूनियन के नाम पेश करने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ताओं से कहा कि उन्हें भी इसमें पक्षकार बनाया जाये। मामले की सुनवाई शुरू होते ही ऋषभ शर्मा की ओर से अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली की सीमायें अवरूद्ध कर रखी हैं, जिससे जनता को असुविधा हो रही है। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में सड़कें अवरूद्ध किये जाने के खिलाफ अधिवक्ता अमित साहनी की याचिका पर शीर्ष अदालत के सात अक्टूबर के फैसले का भी हवाला दिया और कहा कि विरोध प्रदर्शन के लिये सार्वजनिक स्थलों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में कोई नजीर हो सकती है और वह सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई आदेश पारित करेगी। याचिकाकर्ता जी एस मणि ने पीठ से कहा कि वह बातचीत के माध्यम से इस विवाद का सर्वमान्य समाधान चाहते हैं। पीठ ने मेहता से कहा कि हमारे सामने पेश अधिकांश याचिकायें लगता है कि गलत धारणा पर आधारित है और ‘‘इनमें याचिकाओं में देश में निर्बाध रूप से आवागमन का अधिकार बाधित होने के अलावा कोई अन्य कानूनी मुद्दा नहीं उठाया गया है और ऐसा करने वाले लोग हमारे सामने नहीं हैं।’’ पीठ ने कहा कि उसके सामने सिर्फ एक ही व्यक्ति है जिसने सड़कें अवरूद्ध की हैं और वह सरकारी प्राधिकारी हैं। नये कृषि कानूनों के विरोध मे नवंबर के अंतिम सप्ताह से ही दिल्ली सीमा पर चल रहे किसान आन्दोलन, जिसमें मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान हैं, के समाधान के लिये केन्द्र और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। किसान संगठन इन कानूनों को खत्म करने की मांग पर अड़े हुये हैं और उन्होंने इन कानूनों में कुछ संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बार- बार ठुकरा दिया है। |
9484780d3ea9ad8f3fce758ef7e55b5b | https://www.indiatv.in/india/national-dog-outside-tapovan-tunnel-waiting-for-owner-getting-rescued-771295 | चमोली: तपोवन सुरंग के बाहर दो दिन से मालिक के इंतजार में बैठा कुत्ता | उत्तराखंड के चमोली जिले के रेंणी क्षेत्र में आई विकराल बाढ़ में लापता हुए शख्स का कुत्ता पिछले दो दिनों से तपोवन टनल के बाहर अपने मालिक का इंतजार कर रहा है। | चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के रेंणी क्षेत्र में आई विकराल बाढ़ में लापता हुए शख्स का कुत्ता पिछले दो दिनों से तपोवन टनल के बाहर अपने मालिक का इंतजार कर रहा है। कुत्ते का वहां से बार-बार भगाया जाता है लेकिन वह हर बार लौट आता है और टनल के बाहर आकर खड़ा हो जाता है। कुत्ता यहां अपने मालिक को गंध सूंघ रहा है लेकिन फिलहाल उसे नाउम्मीदी का ही सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, वह अपने प्रयास जारी रखे हुए है।चमोली के रैणी गांव से 4 शव और बरामद किए गए हैं। एनडीआरएफ की टीम ने शव को बरामद किया। इन शवों के मिलने के बाद चमोली आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 33 तक पहुंचा गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तपोवन टनल में क़रीब 35 श्रमिक फंसे हैं, उनके लिए ड्रिल करके टनल में रस्सी लगाने की कोशिश की जा रही है।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा सफलता में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सीएम रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री का सुबह फोन आया था, प्रधानमंत्री लगातार यहां का अपडेट ले रहे हैं। पीएम मोदी खुद भी इस बात को कह चुके हैं कि वह अधिकारियों के संपर्क में हैं।वहीं, इससे पहले केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने बताया कि NTPC के 93 श्रमिक अभी भी लापता हैं। 39 लोग अभी भी सुरंग में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी परियोजनाएं जहां हैं हर जगह अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएंगे। मारे गए श्रमिकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये देने को कहा गया है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को इसरो के वैज्ञानिकों के हवाले से कहा कि रविवार को चमोली जिले में आपदा हिमखंड टूटने के कारण नहीं बल्कि लाखों मीट्रिक टन बर्फ के एक साथ फिसलकर नीचे आने की वजह से आई। रैंणी क्षेत्र में ऋषिगंगा और धौलीगंगा में अचानक आई बाढ के कारणों पर यहां सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों और इसरो के वैज्ञानिकों के साथ उन्होंने बैठक की थी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘दो तीन दिन पहले वहां जो बर्फ गिरी थी, उसमें एक ट्रिगर प्वाइंट से लाखों मीट्रिक टन बर्फ एक साथ स्लाइड हुई और उसके कारण यह आपदा आई है।’’ उन्होंने कहा कि वहां कोई हिमखंड नहीं टूटा है। रावत ने कहा कि इसरो की तस्वीरों में कोई ग्लेशियर नजर नहीं आ रहा है और पहाड़ साफ दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे भी हादसे वाली जगह आपदाओं के प्रति संवेदनशील नहीं है। सीएम रावत ने कहा कि तस्वीरों में पहाड़ की चोटी पर कुछ दिखाई दे रहा है जो ट्रिगर प्वाइंट हो सकता है जहां से बड़ी मात्रा में बर्फ फिसलकर नीचे आई होगी और नदियों में बाढ आ गई। |
720d8aae9da7d9e5d6923151ed7dd59a | https://www.indiatv.in/india/politics-pm-narendra-modi-speech-on-bjp-41th-fondation-day-latest-news-update-782846 | BJP की जीत चुनाव जीतने की मशीन तो दूसरों की जीत पार्टी या नेता की वाहवाही, दिख रहे हैं दोहरे मापदंड: पीएम मोदी | उन्होंने कहा कि पार्टी की इस गौरवशाली यात्रा के आज 41 साल पूरे हुए, ये 41 वर्ष इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी कैसे काम करती है | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के 41वें स्थापना दिवस पर कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन है लेकिन मेरा मानना है कि बीजेपी चुनाव जीतने की मशीन नहीं बल्कि देशवासियों का दिल जीतनेवाला अनवरत अभियान है। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा-भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय जेपी नड्डा जी, और विशान भाजपा परिवार के सभी सदस्य आप सभी को भाजपा के स्थापना दिवस की बहुत बहुत बधाई। उन्होंने कहा कि पार्टी की इस गौरवशाली यात्रा के आज 41 साल पूरे हुए, ये 41 वर्ष इस बात के साक्षी हैं कि सेवा और समर्पण के साथ कोई पार्टी कैसे काम करती है, ये 41 वर्ष इस बात के शाक्षी हैं कि सामान्य कार्यकर्ता का तप और त्याग किसी भी दल को कहां से कहां पहुंचा सकता है। देश का शायद ही कोई राज्य होगा कोई जिला होगा जहां पार्टी के लिए 2-2 या 3-3 पीढ़ियां न खप गई हों। पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें |
0b56bec5245faf7d827ef0ce6d4c6705 | https://www.indiatv.in/india/national/amarnath-yatra-ssp-ganderbal-nikhil-borkar-alongwith-other-officers-inspected-yatra-route-2022-05-16-851309 | Amarnath Yatra: 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, निरीक्षण करने बालटाल से बाबा बर्फानी के द्वार पहुंचे SSP गांदरबल | कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकी थी। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इस तीर्थयात्रा में कटौती कर दी गई थी। इस साल यह यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होने की उम्मीद है। | Amarnath Yatra: दो साल के अंतराल के बाद 30 जून से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं। सोमवार को एसएसपी गांदरबल निखिल बोरकर अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आधार शिविर बालटाल पहुंचे। उन्होंने दोमेल और बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। एसएसपी गांदरबल ने सुगम यात्रा के लिए पवित्र गुफा की ओर जाने वाले सभी मार्गों का निरीक्षण किया।Image Source : INDIA TVAmarnath उन्होंने आगामी यात्रा के दौरान मार्ग में तैनात जवानों से मुलाकात की और अन्य सुरक्षा उपायों का जायजा लिया। एसएसपी निखिल बोरकर ने यात्रा मार्ग के साथ अन्य रणनीतिक स्थानों, शिविर स्थलों के अलावा बालटाल और दोमेल में आधार शिविरों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने यात्रा के दौरान बनाए गए पार्किंग स्थलों की उपलब्धता और यातायात प्रबंधन का भी जायजा लिया।Image Source : INDIA TVAmarnath Routeएसएसपी गांदरबल ने सभी अधिकारियों को उच्चतम स्तर की सतर्कता बनाए रखने, यात्रा से पहले और यात्रा के दौरान सभी वाहनों की जांच किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान एसएसपी गांदरबल के साथ एसडीपीओ कंगन यासिर कादरी, एसएचओ सोनमर्ग मोहम्मद यूनुस और अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।Image Source : INDIA TVAmarnath Routeइससे पहले जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने भी यहां अमरनाथ यात्रियों के ठहरने के स्थान का दौरा किया। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि कुमार ने भगवती नगर में परिसर का दौरा किया और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को रोशनी का उचित इंतजाम करने, नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने और अन्य आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। संभागीय आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी की।Image Source : INDIA TVAmarnath Routeकोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकी थी। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इस तीर्थयात्रा में कटौती कर दी गई थी। इस साल यह यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होने की उम्मीद है। |
c3b06759d2ac3cbd674b09113669acce | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-mayawati-attacks-cm-yogi-over-covid-in-villages-792503 | BSP की योजना को जारी रखा होता तो गांवों की हालत इतनी गंभीर नहीं होती- मायावती | बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकारों ने भी बसपा सरकार की तरह गांवों के विकास पर अगर ध्यान देना जारी रखा होता तो आज कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इतनी गंभीर और जानलेवा नहीं होती। | लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि पिछली सरकारों ने भी बसपा सरकार की तरह गांवों के विकास पर अगर ध्यान देना जारी रखा होता तो आज कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इतनी गंभीर और जानलेवा नहीं होती। मायावती ने बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर अपने संदेश में कहा, "गौतम बुद्ध के जन हिताय के आदर्शों के तहत बसपा की सरकार ने ज्यादातर गाँवों में बसने वाले सर्वसमाज के सुविधा-विहीन गरीबों और उपेक्षित लोगों के जीवन को थोड़ा बदलकर उन्हें संवारने के लिए 'डॉक्टर आम्बेडकर ग्रामसभा समग्र विकास योजना' के अन्तर्गत गाँवों को 18 बुनियादी सुविधाओं से लैस करने का काफी बड़े स्तर पर प्रभावी प्रयास किया, जो विरोधियों को कतई नहीं भाया और बाद के वर्षों में उस योजना की घोर उपेक्षा की गई।"उन्होंने कहा, "यह कड़वा सच जग-जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास की इस खास व प्रमुख योजना को अगर यहाँ की पिछली सरकारों ने भी जारी रखा होता तो आज कोरोना महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जो दुःख, तड़प और अति-बदहाली की स्थिति छाई हुई है, वह इतनी गंभीर और अति-जानलेवा शायद कभी नहीं होती।"बसपा अध्यक्ष ने कहा, "राजनीतिक व जातिवादी द्वेष से ऊपर उठकर तथागत गौतम बुद्ध के जीवन आदर्शों पर चलकर उत्तर प्रदेश और भारत देश को फिर से जगद्गुरु बनाने के प्रयास की जरूरत है। इसके लिए समाज के साथ-साथ सभी सरकारों को भी अपनी नीयत साफ और ईमानदार बनाकर कथनी तथा करनी के अन्तर को मिटाना होगा।"उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने गौतमबुद्ध के अनुयायियों को ’बुद्ध पूर्णिमा’ की हार्दिक बधाई और कोरोना के इस अति-विपदा काल में बेहतर स्वास्थ्य एवं सुखद जीवन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी लगातार घातक होने के कारण देश में हर तरफ जो त्रासदी है, उसमें दूसरों के प्रति दया, करुणा, दानशीलता और इन्सानियत को जिन्दा रखना बहुत जरूरी है। |
e7884c4cd86352049e0aa7987922106e | https://www.indiatv.in/india/national-12-more-dead-body-recovered-from-tapovan-tunnel-chamoli-flood-772328 | चमोली आपदा: तपोवन और रैंणी में 12 शव मिले, मृतकों की संख्या 50 हुई | उत्तराखंड में चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 और शव मिलने से बाढ़ में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है। | देहरादून/तपोवन: उत्तराखंड में चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 और शव मिलने से बाढ़ में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से पांच शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं, जहां फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस के अनुसार, इसके अलावा छह शव रैंणी गांव से और एक शव रूद्रप्रयाग जिले से मिला है। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि सुरंग से मिले शवों में से दो की पहचान हो गयी है। एक की शिनाख्त टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के रहने वाले आलम सिंह तथा दूसरे की पहचान देहरादून के कालसी के रहने वाले अनिल के तौर पर की गई है। उन्होंने कहा कि मौके पर एक हेलीकॉप्टर भी तैयार है, जिससे अगर सुरंग से कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। रविवार को मिले शवों में से 11 की शिनाख्त हो गयी है जिनमें टिहरी निवासी आलम सिंह, जितेंद्र धनाई, देहरादून के कालसी के अनिल, जम्मू—कश्मीर के जीतेंद्र कुमार, फरीदाबाद के शेषनाथ, कुशीनगर के सूरज ठाकुर, पंजाब के जुगल किशोर, हिमाचल प्रदेश के राकेश कपूर, चमोली के हरपाल सिंह, और गोरखपुर के राजेंद्र सिंह और धनुर्धारी शामिल हैं।गौरतलब है कि चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 154 अन्य अभी भी लापता हैं। इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं। बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी। |
bc16c976987ed0ecf44abd241faa89f0 | https://www.indiatv.in/india/national/karnataka-covid-19-new-cases-1093-registered-omicron-latest-news-829736 | कर्नाटक में भी कोरोना ने बढ़ाई चिंता, एक दिन में 1,033 नए मामले दर्ज, शिक्षा मंत्री संक्रमित | इस बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश शनिवार को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करने वाले मंत्री ने अपने संपर्क में आए सभी लोगों से आइसोलेट कर जांच कराने का अनुरोध किया है। | कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का एक बड़ा कारण शनिवार को राज्यभर में 1,033 मामले सामने आए, जिनमें अकेले राजधानी बेंगलुरु में 810 मामले सामने आए, साथ ही पांच लोगों की मौत भी हुई। अधिकारी भविष्यवाणी कर रहे हैं कि राज्य में कोविड की तीसरी लहर धीरे-धीरे अपना सिर उठा रही है। अधिकारियों ने जांच बढ़ा दी है और 1,19,225 परीक्षण किए गए हैं। राज्य में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 30,08,370 हो गई।इस बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश शनिवार को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करने वाले मंत्री ने अपने संपर्क में आए सभी लोगों से आइसोलेट कर जांच कराने का अनुरोध किया है। मामूली लक्षण सामने आने के बाद उनकी जांच की गई। उन्हें क्वारंटाइन कर इलाज किया जा रहा है।राज्य में सक्रिय मामले 9,386 हैं। डिस्चार्ज किए गए मरीजों की संख्या 354 है और संक्रमण दर 0.86 फीसदी है। बेंगलुरु में, 218 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और सक्रिय मामले 7,876 हैं।इनपुट- भाषाअधिकारियों ने जोखिम वाले देशों से 597 अंतर्राष्ट्रीय आगमन सहित 1,702 अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की जांच की है। राज्य में 2,569 डेल्टा मामले हैं और अब तक 66 व्यक्ति ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए गए हैं। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का एक बड़ा कारण शनिवार को राज्यभर में 1,033 मामले सामने आए, जिनमें अकेले राजधानी बेंगलुरु में 810 मामले सामने आए, साथ ही पांच लोगों की मौत भी हुई। अधिकारी भविष्यवाणी कर रहे हैं कि राज्य में कोविड की तीसरी लहर धीरे-धीरे अपना सिर उठा रही है। अधिकारियों ने जांच बढ़ा दी है और 1,19,225 परीक्षण किए गए हैं। राज्य में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 30,08,370 हो गई।इस बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश शनिवार को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं।सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करने वाले मंत्री ने अपने संपर्क में आए सभी लोगों से आइसोलेट कर जांच कराने का अनुरोध किया है। मामूली लक्षण सामने आने के बाद उनकी जांच की गई। उन्हें क्वारंटाइन कर इलाज किया जा रहा है।राज्य में सक्रिय मामले 9,386 हैं। डिस्चार्ज किए गए मरीजों की संख्या 354 है और संक्रमण दर 0.86 फीसदी है। बेंगलुरु में, 218 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और सक्रिय मामले 7,876 हैं।इनपुट- भाषाअधिकारियों ने जोखिम वाले देशों से 597 अंतर्राष्ट्रीय आगमन सहित 1,702 अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की जांच की है। राज्य में 2,569 डेल्टा मामले हैं और अब तक 66 व्यक्ति ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाए गए हैं। |
c5c9b385d8db52fa021400cfe8772ac1 | https://www.indiatv.in/india/national/jharkhand-dhanbad-several-feared-trapped-in-bccl-abandoned-coal-mine-collapse-2022-04-21-846250 | झारखंड के धनबाद में कोयले की खदान धंसी, कई लोगों के फंसे होने की आशंका | झारखंड सरकार के खान विभाग के निदेशक अमित कुमार ने बताया, ‘‘कुछ ग्रामीणों के खदान में फंसे होने की आशंका है और बचाव अभियान चल रहा है।’’ | धनबाद (झारखंड): झारखंड के धनबाद में बृहस्पतिवार को खाली छोड़ी गई कोयला खदान धंसने से उसमें कई लोगों के फंसे होने की आशंका है।अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अबतक पता नहीं चला है कि खदान में वास्तव में कितने लोग फंसे हैं। झारखंड सरकार के खान विभाग के निदेशक अमित कुमार ने बताया, ‘‘कुछ ग्रामीणों के खदान में फंसे होने की आशंका है और बचाव अभियान चल रहा है।’’भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) के प्रवक्ता से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि यहां से करीब 45 किलोमीटर दूर निरसा के चांच विक्टोरिया कोयलरी इलाके में बीसीसीएल द्वारा छोड़े गए कोयला खदान में हुई घटना की सूचना मिली है लेकिन लोगों की उसमें फंसे होने की पुष्टि नहीं हुई है। बार-बार संपर्क करने के बावजूद धनबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) से संपर्क नहीं हो सका।गौरतलब है कि इस साल फरवरी में पांच लोगों की मौत धनबाद के गोपीनाथपुर में ईसीएन की छोड़ दी गई खदान धंसने से हो गई थी।(इनपुट- भाषा) |
56423469020748b66cbfd1a40620c72d | https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-blog-akhilesh-jayant-alliance-confusion-on-ground-in-western-up-2022-01-21-832421 | Rajat Sharma’s Blog : अखिलेश-जयंत गठबंधन को लेकर पश्चिमी यूपी में असमंजस ! | आमतौर पर नेता और कार्यकर्ता तब तक आपस में लड़ते हैं जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने के बाद बगावत होना अच्छे संकेत नहीं हैं। | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं। पश्चिमी यूपी में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच सीटों को लेकर हुए समझौते पर भी मुश्किलों के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल,अखिलेश यादव ने जिन सीटों के लिए राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) से समझौता किया था और जिन सीटों पर आरएलडी के लोगों को टिकट दिए, उनमें से कई उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत हो गई है। स्थानीय जाट नेता समाजवादी पार्टी द्वारा मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारने का विरोध कर रहे हैं। आरएलडी सुप्रीमो जयंत चौधरी के लिए इन उम्मीदवारों को संभालना मुश्किल हो गया है। वहीं एक अन्य घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उधर, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के एक और करीबी रिश्तेदार ने गुरुवार बीजेपी का दामन थाम लिया। सबसे पहले आपको मथुरा की मांट विधानसभा सीट का हाल बताता हूं। सपा और आरएलडी के बीच मतभेदों का जीता-जागता उदाहरण इस सीट पर देखा जा सकता है। यहां समाजवादी पार्टी और आरएलडी गठबंधन का एक उम्मदीवार पहले ही आरएलडी के चुनाव निशान पर पर्चा भर चुका है। अब इसी सीट पर समाजवादी पार्टी के टिकट पर दूसरे उम्मीदवार ने भी नामांकन कर दिया है। इस सीट पर सपा प्रत्याशी संजय लाठर और आरएलडी प्रत्याशी योगेश नौहवार ने पर्चा दाखिल किया है। यह कंफ्यूजन इसलिए हुआ क्योंकि पहले यह सीट आरएलडी को देने का फैसला हुआ था। इसलिए जयंत चौधरी ने योगेश नौहवार को चुनाव निशान एलॉट कर नामांकन दाखिल करने को कहा और योगेश नौहवार ने पर्चा भर दिया। लेकिन बाद में अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी से बात की और यह सीट समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को देने को कहा। अखिलेश की बात जयंत चौधरी मान गए और मांट सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संजय लाठर ने पर्चा भर दिया। संजय लाठर कह रहे हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि योगेश नौहवार मान जाएंगे। लेकिन नौहवार अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे तभी इस सीट से अपना नामांकन वापस लेंगे जब आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी खुद यहां से चुनाव लड़ेंगे। नौहवार का कहना है कि वे केवल 432 वोटों के मामूली अंतर से पिछला चुनाव हारे थे और इस बार इस सीट को नहीं बचा सके तो इसे दुर्भाग्य समझेंगे। योगेश नौहवार अगर किसी दबाव में जयंत चौधरी की बात मानते हुए पर्चा वापस ले लेते हैं तब भी वे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के लिए उतनी मेहनत तो नहीं करेंगे जिसकी उम्मीद जयंत चौधरी और अखिलेश यादव को होगी। अब इन दोनों में से जो उम्मीदवार भी मैदान से हटेगा वह दूसरे को जिताने के लिए जमीन पर काम तो नहीं करेगा। ऐसी मुश्किल कई सीटों पर है। मेरठ की सिवालखास विधानसभा सीट को लेकर सपा और आरएलडी के अंदर तीन दिन से जंग छिड़ी हुई है। समाजवादी पार्टी के साथ हुए समझौते के तहत यह सीट आरएलडी को मिली है। लेकिन जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी के नेता गुलाम मोहम्मद को आरएलडी का चुनाव चिन्ह दे दिया है। यानि चुनाव निशान राष्ट्रीय लोकदल का लेकिन उम्मीदवार समाजवादी पार्टी का। इस बात से आरएलडी के नेता नाराज हैं। सिवालखास से समाजवादी पार्टी के नेता गुलाम मोहम्मद पिछला चुनाव हार गए थे। सीटों के बंटवारे के तहत अखिलेश यादव ने यह सीट आरएलडी को दे दी। आरएलडी के नेता चाहते थे कि किसी जाट नेता को मैदान में उतारा जाए और राजकुमार सांगवान को टिकट दिया जाए। लेकिन सिवालखास सीट आरएलडी को देने पर गुलाम मोहम्मद ने विरोध कर दिया। तब रास्ता यह निकाला गया कि गुलाम मोहम्मद आरएलडी के टिकट पर चुनाव लड़ लें। लेकिन अब आरएलडी में बगावत हो गई। राजकुमार सांगवान के समर्थकों ने जगह-जगह हंगामा शुरू कर दिया। सिवालखास विधानसभा क्षेत्र में कई जगह समाजवादी पार्टी और आरएलडी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हुई है। आरएलडी के समर्थक गुलाम मोहम्मद के समर्थकों को प्रचार से रोक रहे हैं, गांवों में घुसने नहीं दे रहे हैं। गुलाम मोहम्मद को टिकट देने पर आरएलडी में इस हद तक नाराजगी है कि कई जगह पार्टी सुप्रीमो जयंत चौधरी के खिलाफ नारेबाजी की गई। आरएलडी के झंडे और बैनर तक जलाए गए। उधर, गुलाम मोहम्मद ने कहा कि कोई विरोध नहीं हैं, राजकुमार सांगवान से उनकी बात हो गई है और वो मान गए हैं। हालांकि गुलाम मोहम्मद को टिकट देने से जाटों की उपेक्षा का मैसेज निचले स्तर तक गया है। जाट समर्थकों के बीच यह संदेश गया है कि उनके दावों की अनदेखी की गई है। उधर, गौतमबुद्धनगर जिले की जेवर विधानसभा सीट पर गुर्जर नेता अवतार सिंह भड़ाना ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि वे कोरोना से पीड़ित होने के चलते चुनाव मैदान से बाहर हो रहे हैं। भड़ाना बीजेपी छोड़कर आरएलडी में शामिल हुए थे। उन्होंने तीन दिन पहले पर्चा भी दाखिल कर दिया था। भड़ाना के इस ऐलान के बाद पार्टी की ओर से एडवोकेट इंद्रवीर भाटी को मैदान में उतारने का फैसला किया गया लेकिन देर रात भड़ाना ने ट्वीट किया कि उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आई है, वह आरएलडी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों के कहना है कि भड़ाना ने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक सर्वे कराया था और उसमें यह पाया कि बीजेपी बड़े अंतर से चुनाव जीतने जा रही है। इस वजह से उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था लेकिन देर रात उन्होंने अपना मन बदल लिया। उधर, बागपत के पास छपरौली विधानसभा सीट से आरएलडी ने पूर्व विधायक वीरपाल राठी को उम्मीदवार बनाया था जिसका जबरदस्त विरोध हुआ। नाराज लोग दिल्ली में चौधरी जयंत सिंह के घर पहुंच गए और उम्मीदवार बदलने की मांग करने लगे। लोगों ने जयंत चौधरी से यहां तक कह दिया कि अगर छपरौली से उम्मीदवार नहीं बदला गया तो जाट पंचायत बुलाई जाएगी और नए उम्मीदवार को निर्दलीय लड़ाया जाएगा। लोगों के विरोध के बाद जयंत चौधरी ने छपरौली से वीरपाल राठी को हटाकर अजय कुमार को उम्मीदवार बनाया है। आमतौर पर नेता और कार्यकर्ता तब तक आपस में लड़ते हैं जब तक टिकट फाइनल नहीं हो जाता लेकिन समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने के बाद बगावत होना अच्छे संकेत नहीं हैं। इसके दो मतलब हो सकते हैं, पहली बात यह हो सकती है कि पार्टी के बड़े नेताओं अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने तो हाथ मिला लिया लेकिन निचले स्तर पर दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के दिल नहीं मिल पाए। दूसरी बात यह हो सकती है कि उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि उनके खिलाफ अपने ही लोग आवाज उठा सकते हैं। अगर पहले फेज से ऐसा माहौल बना तो अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पश्चिमी यूपी में पहले चरण के चुनाव में सपा का सिर्फ आरएलडी के साथ गठबंधन है। लेकिन यूपी के बाकी इलाकों में तो बहुत सारी छोटी-छोटी पार्टियां हैं। सबकी अपनी-अपनी मांग है। इन पार्टियों के नेता काफी मुखर हैं। वे अपनी पार्टी के लिए और अपनी जाति के लिए खुलकर लड़ते हैं। अगर उन सबकी बात मान ली गई तो अखिलेश की अपनी पार्टी के लिए सीटें कम पड़ जाएंगी और अपनी पार्टी के नेता नाराज हो जाएंगे। भारतीय राजनीति में अक्सर कहा जाता है कि गठबंधन बनाना आसान होता है लेकिन चलाना बहुत मुश्किल। इसी तरह से परिवार के नाम पर राजनीति करना आसान होता है लेकिन पूरे परिवार को साथ लेकर चलना मुश्किल होता है। अखिलेश की लीडरशिप में मुलायम सिंह यादव का परिवार टुकड़ों में बिखर रहा है। गुरुवार को मुलायम सिंह यादव के नजदीकी रिश्तेदार प्रमोद गुप्ता ने भी समाजवादी पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। गुप्ता औरैया जिले की बिधूना सीट से सपा के विधायक रह चुके हैं। वे मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता के जीजा लगते हैं। पांच साल पहले विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। जिसके बाद प्रमोद गुप्ता अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। अब जबकि अखिलेश के चाचा सपा गठबंधन में शामिल हो गए तब प्रमोद गुप्ता को बिधूना सीट से टिकट मिलने की उम्मीद थी। लेकिन बिधूना से बीजेपी विधायक विनय शाक्य और उनके भाई के सपा में शामिल होने के बाद समीकरण पूरी तरह से बदल गए। लिहाजा, टिकट न मिल पाने पर गुप्ता बीजेपी में शामिल हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश 'वन मैन शो' चला रहे हैं और अपने पिता की भी नहीं सुन रहे हैं। गुप्ता ने आरोप लगाया कि अखिलेश अपने परिवार के एक-एक रिश्तेदार को दरकिनार कर रहे हैं। अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि वे अपने परिवार में 'वंशवादी राजनीति को खत्म' करने के लिए बीजेपी के आभारी है। यह बात गौर करनेवाली है कि जब मंत्री और नेता बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहेथे तो अखिलेश खुशी से माला पहनाकर उनका स्वागत कर रहे थे। ठीक उसी उत्साह से बीजेपी के नेता भी मुलायम सिंह परिवार से बीजेपी में आनेवाले लोगों को भगवा पट्टे पहनाकर स्वागत कर रहे हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अखिलेश मुलायम सिंह के अपने इलाके में दबदबे का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। गुरुवार को समाजवादी पार्टी की ओर से यह ऐलान किया गया कि अखिलेश मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। मैनपुरी से ही मुलायम सिंह लोकसभा के सांसद हैं। मुलायम सिंह की प्रारंभिक शिक्षा करहल में ही हुई थी। उन्होंने जैन इंटर कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और उसी कॉलेज में लेक्चरर बने थे। मुलायम सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत मैनपुरी से ही की थी। उन्होंने मैनपुरी, आजमगढ़ और इटावा में कड़ी मेहनत की और अपना जनाधार बनाया। उन्होंने लगातार इन इलाकों के गांवों की यात्रा की और समाजवादी पार्टी की स्थापना की। इस इलाके में मुलायम सिंह के प्रभाव की बड़ी वजह यह भी है कि यहां यादव और मुसलमान एकजुट हैं, और दोनों के बीच सह-अस्तित्व की भावना है। इलाके के यादव और मुसलमान मुलायम सिंह और उनके परिवार का काफी सम्मान करते हैं। करहल से चुनाव लड़ना राजनीतिक तौर पर अखिलेश यादव के लिए प्लस प्वाइंट है। वहीं समाजवादी पार्टी के इस फैसले पर बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि हार के डर से अखिलेश ने अपने पिता के चुनाव क्षेत्र की सुरक्षित सीट चुनी है। बीजेपी के नेता चाहे जो भी कहें लेकिन वर्ष 2002 को छोड़कर कई दशकों से करहल की सीट समाजवादी पार्टी के लिए एक सुरक्षित सीट रही है। 2002 में इस सीट से जीत हासिल करनेवाले बीजेपी उम्मीदवार भी बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर की तरह मैनपुरी को भी समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी की चार में से तीन विधानसभा सीटें जीती थी। इस बीच गुरुवार को भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद 'रावण' ने भी ऐलान कर दिया कि वह गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। चुनाव का नतीजा क्या होगा, यह बताने की ज़रूरत नहीं है। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 20 जनवरी, 2022 का पूरा एपिसोड |
ff682a614e3579d9a959148d5047b174 | https://www.indiatv.in/india/national-dengue-special-teams-sent-in-9-states-including-haryana-kerala-punjab-uttar-pradesh-821771 | डेंगू: स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में स्पेशल टीमें भेजीं | बयान में कहा गया कि मांडविया ने मंत्रालय को उन राज्यों की मदद करने का निर्देश दिया था, जहां डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। देश में डेंगू के अभी तक 1,16,991 मामले सामने आ आए हैं। बयान में कहा गया, कुछ राज्यों में अक्टूबर में डेंगू के मामले पिछले साल इसी अवधि में सामने आए मामलों से काफी अधिक हैं। | नई दिल्ली. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन नौ राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में अपने विशेषज्ञों के दल भेजे हैं, जहां डेंगू के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इन दलों को राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को प्रभावी जन स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में सहायता तथा सहयोग करने का काम सौंपा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा दिल्ली में डेंगू की स्थिति की समीक्षा बैठक में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप यह कदम उठाया गया।ये नौ राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश हरियाणा, केरल, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर हैं।बयान में कहा गया कि मांडविया ने मंत्रालय को उन राज्यों की मदद करने का निर्देश दिया था, जहां डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। देश में डेंगू के अभी तक 1,16,991 मामले सामने आ आए हैं। बयान में कहा गया, कुछ राज्यों में अक्टूबर में डेंगू के मामले पिछले साल इसी अवधि में सामने आए मामलों से काफी अधिक हैं। 15 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं। 31 अक्टूबर तक देश में सामने आए कुल मामलों में 86 प्रतिशत इन्हीं राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से थे।बयान में बताया गया कि केन्द्र के इन दलों में, मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) और क्षेत्रीय कार्यालयों के विशेषज्ञ शामिल हैं। इन्हें उन नौ राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में भेजा गया है, जहां सितंबर की तुलना में अक्टूबर में डेंगू के अधिक मामले सामने आए थे।मंत्रालय के बयान के अनुसार, इन दलों को राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को प्रभावी जन स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में सहायता तथा सहयोग करने का काम सौंपा गया है। उन्हें मच्छर जनित रोग की स्थिति, किट तथा दवाइयों की उपलब्धता, बीमारी को नियंत्रित करने के लिए उठाए कदमों आदि पर रिपोर्ट देने को कहा गया है। वे राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी अपनी समीक्षा के बारे में जानकारी देंगे। |
0c813f2168012fbb051e9993fd7caf3d | https://www.indiatv.in/india/national-khalistan-supporter-gurpatwant-singh-pannu-threatens-haryana-cm-805912 | खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हरियाणा सीएम को दी धमकी | खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को फोन कॉल के जरिए धमकी देने की खबर को लेकर सीएम ने अपना बयान दिया है। | नई दिल्ली. किसान आंदोलन के बहाने इन दिनों विदेश में बैठे कुछ खालिस्तानी अलगावादी अपने चेहरे चमकाने में लगे हैं। अब 15 अगस्त नजदीक है, इस मौके पर खालिस्तानियों ने फिर हरकतें शुरू कर दी हैं। दरअसल ताजा खबर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़ी है। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को धमकी दी है कि वो स्वतंत्रता दिवस की दिन तिरंगा न फहराएं।गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से दी जा रही धमकी में कहा गया है कि मनोहर लाल खट्टर 15 अगस्त को झंडा न फहराएं, अपने घर पर ही रहें, यही उनके लिए अच्छा होगा। ये धमकियां गुरपतवंत सिंह पन्नू के नाम से रिकॉर्ड की गई रेंडम फोन कॉल के जरिए दी जा रही हैं। अबतक कई लोगों के मोबाइल फोन पर ऐसे पोन कॉल आ चुके हैं। इससे पहले पन्नू की तरफ से हिमाचल के मुख्यमंत्री को भी तिरंगा न फहराने की धमकी दी जा चुकी है।खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को फोन कॉल के जरिए धमकी देने की खबर को लेकर सीएम ने अपना बयान दिया है। 15 अगस्त को लेकर धमकी भरी कॉल पर सीएम खट्टर ने कहा कि मेरे पास सीधी कोई कॉल नहीं आई है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से हमारी व्यवस्था चाक चौबंद हैं और एजेंसियां भी मुस्तैद हैं। उन्होंने कहा कि पन्नू का विषय बहुत पुराना है और ऐसे किसी भी विषय को पनपने नहीं देंगे।बता दें कि ऐसी खबर आ रही थी कि सीएम खट्टर को आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 15 अगस्त को तिरंगा नहीं फहराने देने की चेतावनी भी दी है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हिमाचल बीजेपी और कांग्रेस के तमाम नेताओं को भी इस तरह की धमकी भरे कॉल आए हैं जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं धमकी भरे कॉल के बाद नेताओं की सुरक्षा भी कड़ी की गई है। |
ce4029b4a708df66d98f8fbd2e0cb4c5 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-pm-modi-birthday-cm-yogi-adityanath-wishes-741528 | पीएम मोदी का 70वां जन्मदिन : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अन्य नेताओं ने दी बधाई | पीएम मोदी के जन्मदिन पर गुरुवार सुबह से ही सोशल मीडिया में बधाईयों का तांता लगा हुआ है। लोग उनकी लंबी उम्र की कामना कर रहे हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी उन्हें बधाई दी। | लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वां जन्मदिन है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता सेवा सप्ताह मना रहे हैं। मोदी के जन्मदिन पर गुरुवार सुबह से ही सोशल मीडिया में बधाईयों का तांता लगा हुआ है। लोग उनकी लंबी उम्र की कामना कर रहे हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर के माध्यम से लिखा, "अंत्योदय से राष्ट्रोदय की संकल्पना को साकार करते यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम की कृपा से आप, इसी प्रकार 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के दिव्य ध्येय की ओर बढ़ते हुए मां भारती को गौरवभूषित करते रहें। दीर्घायुरारोग्यमस्तु। सुयश: भवतु।उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा, "एक-एक पल मां भारती की सेवा में समर्पित रहने वाले, विश्व के सबसे शक्तिशाली नेता, करोड़ों देशवासियों के हृदय सम्राट, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु हों व सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।यूपी के उपमुख्यमंत्री डा़ दिनेश शर्मा ने लिखा, "विश्व पटल पर देश को उच्चतम स्थान में ले जाने वाले कर्मयोगी, देश के यशस्वी प्रधानमन्त्री परमश्रद्घेय नरेन्द्र मोदी जी को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। आप स्वस्थ रहे, दीर्घायु रहे, सदा भारत मां की सेवा करें।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने लिखा, "आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी देश के गरीब परिवारों के संरक्षक व सेवक हैं। उन्हें कोई अपना बेटा मानता है, कोई भाई मानता है, कोई अभिभावक मानता है। आज देश के गरीब, वंचित, दलित, शोषित, आदिवासी व किसान गर्व से कहते है कि विश्व का सबसे लोकप्रिय नेता उन्ही का कोई अपना है।उन्होंने लिखा, दीर्घायुरारोग्यमस्तु सुयश: भवतु। विजय: भवतु जन्मदिनशुभेच्छा:। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को उनके 70वें जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। देशवासियों का असीम स्नेह आपके साथ बना रहे जिससे आप मां भारती के परम वैभव को सम्पूर्ण विश्व में और अधिक फैला सके। |
e39e72359e48b85c1ab62531fe12ab00 | https://www.indiatv.in/india/politics-rahul-gandhi-tweet-on-phone-tapping-802828 | राहुल ने फोन टैपिंग पर कहा, 'वह आपके फोन पर सब कुछ पढ़ रहा' | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को फोन टैपिंग का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री पर परोक्ष रूप से हमला किया। | नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को फोन टैपिंग का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री पर परोक्ष रूप से हमला किया। राहुल ने ट्वीट किया, "हम जानते हैं कि वह क्या पढ़ रहा है-आपके फोन पर सब कुछ! हैशटैग पेगासस।"इसके साथ उन्होंने अपने 16 जुलाई के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, "मैं सोच रहा हूं कि आप लोग इन दिनों क्या पढ़ रहे हैं।"कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सरकार 'टैपिंग जीवी' है और आरएसएस नेतृत्व को भी नहीं बख्शा है, यह 'जासूसी सरकार' है।दरअसल एक न्यूज पोर्ट की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, जासूसी डेटाबेस में भारतीयों में 40 से अधिक पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी हस्तियां, एक संवैधानिक प्राधिकरण, नरेंद्र मोदी सरकार में दो सेवारत मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख और अधिकारी और कई कारोबारी शामिल हैं। |
f99274b027e2df793ceda8b5f2c3c149 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-investigation-completed-in-case-of-leaving-cloth-in-woman-s-stomach-during-operation-805483 | ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ने के मामले की जांच पूरी | सीटी स्कैन से ज्ञात हुआ कि नीलम के पेट में कोई बाहरी चीज है। पेट का ऑपरेशन किया गया तो उसमें से कपड़ा निकला, जो आंत से चिपक गया था और इससे आंत में छेद हो गया था। | शाहजहांपुर. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में कपड़ा छोड़ने के मामले की जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि तिलहर क्षेत्र के रामापुर उत्तर निवासी मनोज ने आरोप लगाया था कि छह जनवरी को उसने अपनी पत्नी नीलम को राजकीय चिकित्सकीय कॉलेज में प्रसव के लिए भर्ती कराया था, जहां उसका ऑपरेशन किया गया। मनोज ने आरोप लगाया कि इसी दौरान डॉ.पंकज ने सुविधा शुल्क की मांग की तथा सुविधा शुल्क न देने के कारण ऑपरेशन के दौरान उसकी पत्नी के पेट में कपड़ा छोड़ दिया था।जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जिम्मेदारी राजकीय चिकित्सकीय कॉलेज के प्राचार्य को सौंपी गई और प्राचार्य ने जांच रिपोर्ट शनिवार शाम को उनके कार्यालय में भेज दी। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के पश्चात दोषी के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।उल्लेखनीय है कि शाहजहांपुर जिले की रहने वाली नीलम ने राजकीय चिकित्सकीय कॉलेज में छह जनवरी को ऑपरेशन के दौरान एक बेटी को जन्म दिया था। महिला के पति का आरोप है कि इस ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने नीलम के पेट में कपड़ा छोड़ दिया था, जिसके बाद उसे दर्द की शिकायत हुई और यहां के एक निजी चिकित्सकीय कॉलेज में उसका ऑपरेशन करके कपड़ा निकाला गया।शिकायत में कहा गया है कि इस दौरान नीलम की आंत में छेद हो जाने और संक्रमण के कारण उसकी आंत फट गई और लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में उसका पुनः ऑपरेशन किया गया। इसके बाद 26 जुलाई को नीलम की लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में ही इलाज के दौरान मौत हो गई।राजकीय चिकित्सकीय कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने बताया के मामले की जांच के लिए डॉ.सरोज समेत तीन चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई थी, जिसने जांच पूरी होने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को शनिवार को भेज दी।इस बीच, वरुण अर्जुन चिकित्सकीय कॉलेज के प्राचार्य डॉ ए के त्रिवेदी ने बताया कि नीलम (30) इसी वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में उनके अस्पताल आई थी और उसे पेट में लगातार दर्द की शिकायत थी। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने जब उसका परीक्षण किया तो उसके पेट में ऑपरेशन वाली जगह से पस तथा मल निकल रहा था। उन्होंने बताया कि इसके बाद सीटी स्कैन से ज्ञात हुआ कि नीलम के पेट में कोई बाहरी चीज है। पेट का ऑपरेशन किया गया तो उसमें से कपड़ा निकला, जो आंत से चिपक गया था और इससे आंत में छेद हो गया था। राजकीय चिकित्सकीय कॉलेज के सूत्रों ने बताया कि आरोपी डॉ पंकज जांच समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने बृहस्पतिवार को मेल के जरिए अपना पक्ष जांच समिति को बताया, जिसमें उसने ऑपरेशन करने की बात स्वीकार की है तथा यह भी कहा कि उसने ऑपरेशन अपने वरिष्ठ डॉक्टर को बताकर किया था। |
9f7f79fec867e77bcaeba71cca5723fe | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-priyanka-gandhi-statement-on-her-arrest-lakhimpur-kheri-sitapur-817220 | लखीमपुर खीरी जाते वक्त प्रियंका गांधी के साथ क्या-क्या हुआ? इंडिया टीवी को खुद बताया | लखीमपुर खिरी हिंसा पीड़ितों से मिलने जाते वक्त हिरासत में लिए जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से बातचीत की। जो-जो हुआ, उन्होंने उसके बारे में विस्तार में बताया। | नई दिल्ली/लखनऊ: लखीमपुर खिरी हिंसा पीड़ितों से मिलने जाते वक्त हिरासत में लिए जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से बातचीत की। जो-जो हुआ, उन्होंने उसके बारे में विस्तार में बताया। उन्होंने कहा, "लखनऊ में जहां मैं रहती हूं, उस आवास से कांग्रेस का ऑफिस 10 मिनट की दूसरी पर है, मैं वहां के लिए अपनी गाड़ी में बैठकर निकली तो गेट के बाहर पुलिस खड़ी थी। काफी बड़ी तादाद में पुलिस खड़ी खड़े थे, महिलाएं थीं और उनके पीछे पुरुष भी थे। उन्होंने गाड़ी को घेरा और कहा कि आप आगे नहीं बढ़ सकते। तो मैं गाड़ी से उतरी और मैंने पूछा कि आगे क्यों नहीं बढ़ सकते, क्या आपके पास कोई आर्डर है, कोई कागज दिखाइए, कैसे रोक सकते हैं? हम तो सिर्फ अपने ऑफिस जाना चाहते हैं।"प्रियंका गांधी ने बताया, "उन्होंने (पुलिस) ना कोई कागज दिखाया, मैंने उनसे अफसर के बारे में पूछा तो कोई अफसर भी आगे नहीं आया, फिर मैंने कहा कि ठीक है अगर गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने देंगे तो मैं पैदल निकल गई, पैदल आगे निकलकर मैंने किसी और की गाड़ी में बैठकर फिर डिसाइड किया कि लखीमपुर ही चलते हैं। ओरिजिनली मेरा प्रोग्राम था कि सुबह लखीमपुर खीरी जाऊंगी लेकिन मुझे पता चल गया कि यह लोग जाने नहीं देंगे, तो मैं गाड़ी में बैठी और लखीमपुर के लिए रवाना हो गई। कुछ दूरी पर टोल का जो गेट है, वहां पर भी उन्होंने पूरा ब्लॉक कर रखा था और वहां पर रोक कर कहा कि आप आगे नहीं बढ़ सकते। इस तरह से दो-तीन बार हुआ।उन्होंने बताया, "उसके बाद हमनें एक कच्चा रास्ता ले लिया और पुलिस वाले गुम गए, वह हमारे पीछे नहीं दिखे। तो फिर हम उस कच्चे रास्ते से, गांव से होकर आगे बढ़े और तकरीबन दो-तीन घंटे गांव के रास्ते पर ही चल के हम लखीमपुर की तरफ जब हम आए तो सीतापुर और लखीमपुर के बॉर्डर से तकरीबन 10-15 किलोमीटर पहले लखीमपुर की तरफ जाते हुए बहुत सारी पुलिस की जीप मिलीं, हम एक ही गाड़ी में सिर्फ 5 लोग थे। पुलिस ने गाड़ी को घेरा, गाड़ी की चाबी ले ली और कहा कि आप आगे नहीं बढ़ सकते। तो फिर से मैंने उनसे पूछा कि कौनसी धारा है तो उन्होंने बताया की 144 धारा है जो कि एक्चुअली मेरी जानकारी में सीतापुर में लागू भी नहीं है।प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से कहा, "फिर भी मैंने कहा कि हम 144 धारा का उल्लंघन तो कर नहीं रहे हैं, 5 लोग हैं आप अगर चाहें तो हम 4 गाड़ियों में बैठकर निकल जाएं और कोई तो है नहीं, तो जब मैंने थोड़ा सा रिजिस्ट किया तो मेरे इर्द-गिर्द जो महिला पुलिसकर्मी थी, 8-10 महिलाओं ने अपने हाथों से चैन लिंक बनाई और मुझे पास से गिरा और आग मुझे आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। उन्होंने भी मुझे थोड़ा पुछ किया और मुझे चलने नहीं दे रहे थे। उन्होंने फिर जो मेरे साथ थे, दीपेंद्र हुड्डा जी और जो दूसरे साथी थे, उनको उन्होंने खींचा और गाड़ी में ठूंसने की जबरदस्ती करने की कोशिश की, उनको हड़काया भी, एक साथी को घूसे भी मारे।"प्रियंका गांधी ने बताया, "तो जो आप गुस्सा देख रहे थे, वह यही गुस्सा था कि आपके पास कोई ऑर्डर नहीं है, वारंट नहीं है, कोई लीगल आधार भी नहीं है, आप मुझे बता भी नहीं पा रहे हैं कि मुझे क्यों रोक रहे हैं और फिर भी आप इस तरह की जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे हैं। फिर जब मैंने थोड़ा सा डांटा तो फिर से उन्होंने घेरा मुझे और जबरदस्ती करके मुझे गाड़ी में डालने की कोशिश की। तो मैंने फिर डांटा कि आप पुलिस के कर्मी तो है लेकिन आपके पास कोई लीगल ऑर्डर नहीं है, तो जो आप कर रहे हैं वह अपहरण होगा और बहुत सारी धाराएं आप पर लग सकती हैं।"प्रियंका गांधी ने बताया, "धक्का-मुक्की हुई, फिर अंत में मैंने कहा कि मुझे बताओ कि अरेस्ट करना है तो करो, अगर अरेस्ट करोगी तो मैं चुपचाप चलूंगी आपके साथ लेकिन बिना किसी गिरफ्तारी के, बिना किसी वारंट के, कैसे रोक सकते हैं, कैसे हमें मार सकते हैं और रप व्यव्हार कर सकते हैं। फिर उन्होंने कहा कि आपको हम अरेस्ट कर रहे हैं और सेक्शन 151 के तहत अरेस्ट कर रहे हैं। मुझे 4 पुलिसकर्मियों के साथ जीप में डाला, कोई अपसर मेरे साथ नहीं आया, कोई सुरक्षा भी नहीं थी, कोई मेरा साथी भी नहीं था। उनको उन्होंने गाड़ी से धकेल दिया कि उतर जाओ। और, मुझे सीतापुर के पीएसी में ले आए।" |
f6cd6cd04896feb71c4ae44ac6929b0b | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-delhi-cm-arvind-kejriwal-performs-saryu-aarti-in-ayodhya-820510 | अयोध्या में सरयू आरती में शामिल हुए केजरीवाल, देश के कल्याण की कामना की; कल करेंगे रामलला के दर्शन | सरयू मैया के नारों के जयघोष के बीच आरती समाप्त होने पर संतों ने केजरीवाल को पीले वस्त्र दिये। केजरीवाल के साथ आप के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी मौजूद थे। | लखनऊ: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में सरयू नदी के तट पर वैदिक मंत्रों और भजनों के बीच सरयू की आरती की और मां सरयू, भगवान श्रीराम तथा देवताओं से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पूरे देश के कल्याण की कामना की। वे कल सुबह यानी मंगलवार को हनुमानगढ़ी व रामलला का दर्शन और पूजन करेंगे।इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, “मां सरयू नदी से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पूरे भारत वर्ष के कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं। पूरा देश कोरोना नाम की महामारी से पीड़ित है, पिछले कुछ दिनों से कुछ नियंत्रण है, लेकिन मैं समझता हूं कि भगवान राम, देवताओं की और मां सरयू नदी की कृपा होगी तो जरूर हम सब लोगों को इस महामारी से मुक्ति मिलेगी।”अरविंद केजरीवाल ने कहा, “आज अयोध्या आने का सौभाग्य मिला और इस अवसर पर मैं सभी देवताओं से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि देश को महामारी से मुक्ति मिले।” आप नेता ने कहा, “मैं हमेशा मानता हूं कि हमारे देश के लोग बहुत अच्छे हैं, हमारे देश को अभी तक बहुत आगे पहुंच जाना चाहिए था, दुनिया का नंबर एक देश बनना चाहिए था लेकिन आज हमारे देश के अंदर गरीबी है, आज हमारे देश के अंदर अशिक्षा है, तरह-तरह की बीमारियां हैं, भिन्न-भिन्न समस्याएं हैं। मैं सभी देवताओं से प्रार्थना करता हूं कि मेरा भारत वर्ष जल्दी दुनिया का नंबर वन देश बने और हम 130 करोड़ भारतवासी मिलकर इसको संभव कर सकते हैं।”उन्होंने कहा, “मैं उम्र और अनुभव में छोटा हूं लेकिन मेरा दिल्ली सरकार चलाने का जो पांच साल का अनुभव है, उससे लगता है कि अगर सब लोग मिलकर एक परिवार की तरह, एक टीम की तरह एक साथ काम करें, अपने बीच की दीवारों और भेदभाव को गिराकर एक साथ काम करें तो इस देश को दुनिया की शक्ति बनाने से कोई नहीं रोक सकता है। यह संभव है और दिल्ली के अंदर स्कूल, अस्पताल, पानी और सड़कों के लिए यह करके दिखाया है।”केजरीवाल ने कहा, “कल मुझे राम लला और हनुमान के दर्शन करने के अवसर मिलेंगे, मुझे भगवान ने बहुत कुछ दिया है, मुझे जो अयोध्या आने का सौभाग्य मिला है, मैं चाहूंगा कि भारतवर्ष के हर नागरिक को यह सौभाग्य मिले।”सरयू मैया के नारों के जयघोष के बीच आरती समाप्त होने पर संतों ने केजरीवाल को पीले वस्त्र दिये। केजरीवाल के साथ आप के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी मौजूद थे। अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी ने औपचारिक रूप से सितंबर में अयोध्या में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, संजय सिंह ने राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की। आप ने अयोध्या में नवाब शुजाउद्दौला के मकबरे से तिरंगा यात्रा भी शुरू की थी जो गांधी पार्क में समाप्त हुई। |
e5fc2416285e1e01f846817ccd47c6c5 | https://www.indiatv.in/india/national/now-in-noida-before-leaving-the-house-you-can-book-online-parking-slots-for-the-vehicle-2022-04-13-844804 | नोएडा में अब घर से निकलने से पहले ऑनलाइन बुक कर सकेंगे वाहन के लिए पार्किंग ‘स्लॉट’ | नोएडा के विभिन्न बाजारों में खरीदारी करने वाले लोगों का पार्किंग के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। लोग घर से निकलने से पहले ही अपनी कार की पार्किंग के लिए स्लॉट की ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे। | नोएडा के विभिन्न बाजारों में खरीदारी करने वाले लोगों का पार्किंग के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। लोग घर से निकलने से पहले ही अपनी कार की पार्किंग के लिए स्लॉट की ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ऋतु महेश्वरी ने इस बाबत ‘नोएडा अथॉरिटी पार्क स्मार्ट’ ऐप लांच की शुरुआत की है। एक प्रेस वार्ता महेवश्वरी ने बताया कि अगर आपके पास आपके मोबाइल में ‘नोएडा प्राधिकरण पार्किंग स्मार्ट’ ऐप है तो आपको पार्किंग ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी। आप कहीं से भी बैठकर शहर में पार्किंग ढूंढ सकते हैं। यह सुविधा एपल और एंड्रॉयड दोनों मोबाइल फोन पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि ऐप डाउनलोड करने के बाद उपयोगकर्ता को पंजीकरण कराना होगा। उपयोगकर्ता के मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद रजिस्ट्रेशन पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के दौरान आपको अपने एक वाहन की जानकारी ऐप पर अपलोड करनी होगी। उसके बाद आप नोएडा प्राधिकरण स्मार्ट पार्किंग ऐप का घर बैठकर फायदा ले सकते हो। आप एप्लिकेशन पर यह भी तय कर सकते हो कि आपको कितनी देर के लिए पार्किंग चाहिए। उसी हिसाब से आपको ऑनलाइन भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि नोएडा अथॉरिटी ने ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा देते हुए तीन महीनों तक के लिए एक ‘ऑफर’ भी दिया है। ऑनलाइन भुगतान करने वाले लोगों को शुरुआत के तीन महीने तक 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। बुकिंग करने के बाद ग्राहक की ईमेल आईडी पर एक क्यूआर कोड आएगा। जो पार्किंग की बुकिंग की पुष्टि करेगा। जब वाहन मालिक अपने वाहन को खड़ा करने पार्किंग में जाएंगे तो उन्हें वहां पर तैनात कर्मचारी को अपनी ईमेल आईडी पर आया हुआ क्यूआर कोड दिखाना होगा, जिसको स्कैन करने के बाद पार्किंग में प्रवेश मिलेगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि सेक्टर-1,3,5,16-ए में चारपहिया वाहन के लिए पार्किंग की दो घंटे की दर 20 रुपये होगी। उसके बाद यह 10 रुपये प्रति घंटा अधिकतम 80 रुपये तक होगी। दोपहिया वाहन के लिए दो घंटे का पार्किंग शुल्क 10 रुपये (उसके बाद 5 रुपये घंटा अधिकतम 40 रुपये) होगा। सेक्टर-18 पार्किंग की दरें चारपहिया वाहन दो घंटे के लिए - 30 रुपये (उसके बाद 10 रुपए प्रति घंटा) दोपहिया वाहन दो घंटे के लिए 10 रुपये (उसके बाद पांच रुपये प्रति घंटा)। सेक्टर-38ए में पार्किंग की दर चारपहिया वाहन छह घंटे तक - 15 रुपये, चारपहिया वाहन 12 घंटे तक 25 रुपये, चारपहिया वाहन 24 घंटे तक 30 रुपये होगी। दोपहिया वाहन छह घंटे तक - आठ रुपये, दोपहिया वाहन 12 घंटे तक 13 रुपये, दोपहिया वाहन 24 घंटे तक - 15 रुपये होगी। |
fad96d5ab1b9ca594f90b7a38ec86d6d | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/8-killed-including-3-policemen-in-two-road-accidents-in-uttar-pradesh-2022-02-05-834456 | उत्तर प्रदेश में दो सड़क दुर्घटनाओं में 3 पुलिसकर्मियों सहित 8 लोगों की मौत | उत्तर प्रदेश में दो अलग-अलग सड़क हादसों में 3 पुलिस कर्मियों सहित 8 लोगों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश के रामपुर में टांडा थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात एक गाड़ी की दुर्घटना होने से 5 लोगों की मृत्यु हुई। | उत्तर प्रदेश में दो अलग-अलग सड़क हादसों में 3 पुलिस कर्मियों सहित 8 लोगों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश के रामपुर में टांडा थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात एक गाड़ी की दुर्घटना होने से 5 लोगों की मृत्यु हुई। SDM राजेश कुमार ने बताया कि गाड़ी में 6 लोग सवार थे। इस हादसे में ड्राइवर की हालत गंभीर है और उसे ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा दिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा टांडा थाना क्षेत्र में सीकमपुर चौराहे के पास शुक्रवार रात करीब 10 बजे हुआ। गाड़ी में सवार कुल 6 लोग शादी समारोह से वापस मुरादाबाद के जयंतीपुर स्थित अपने घर लौट रहे थे। सीकमपुर चौराहे के पास रोड ब्रेकर का अंदाजा नहीं मिला और तेज स्पीड से आ रही कार पलट गई। इस दर्दनाक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई।पुलिस वैन पर ट्रक पलटायूपी के ही उन्नाव में शुक्रवार को भीषण सड़क हादसा हुआ। उन्नाव के सफीपुर थानाक्षेत्र में शुक्रवार रात एक ट्रक के पुलिस वाहन पर पलट जाने से 3 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई तथा एक अन्य घायल हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख प्रकट किया और जिले के अधिकारियों को हादसे में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारों की यथासंभव सहायता करने का निर्देश दिया। पुलिस के अनुसार यह हादसा रात करीब साढे नौ बजे हुआ और उसमें एक हेडकांस्टेबल एवं दो महिला कांस्टेबलों की मौक पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया। पुलिस के अनुसार पुलिस वाहन करूंडी से सफीपुर में पेट्रोल पंप की ओर जा रहा था। मृतक पुलिसकर्मियों की पहचान हेड कांस्टेबल कृष्णकांत यादव और महिला कांस्टेबल शशिकला एवं रीता कुशहवाहा के रूप में हुई है। वहीं, घायल कांस्टेबल आनंद प्रकाश को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। |
1bed432447a7ea8679789b5091c4dc77 | https://www.indiatv.in/india/national-indian-navy-to-commission-submarine-ins-vela-today-824566 | समंदर में भारत की और बढ़ी ताकत, आज नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ INS वेला | इस पनडुब्बी के सेवा में शामिल होने से नौसेना की युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। ‘प्रोजेक्ट 75’ में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है। इनमें से तीन पनडुब्बियों - कलवरी, खंडेरी, करंज - को पहले ही सेवा में शामिल किया जा चुका है। | मुंबई: भारतीय नौसेना ने आज ‘प्रोजेक्ट 75’ के तहत वह अपनी चौथी स्टील्थ स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वेला को आज सेवा में शामिल किया। नौसेना ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि इस पनडुब्बी के सेवा में शामिल होने से उसकी युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। ‘प्रोजेक्ट 75’ में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का निर्माण शामिल है। इनमें से तीन पनडुब्बियों - कलवरी, खंडेरी, करंज - को पहले ही सेवा में शामिल किया जा चुका है।नौसेना ने एक बयान में कहा था, ‘‘भारतीय नौसेना की चौथी स्टील्थ स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी, आईएनएस वेला, 25 नवंबर 2021 को सेवा में शामिल होने के लिए तैयार है।’’ पनडुब्बी का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने मेसर्स नेवल ग्रुप आफ फ्रांस के सहयोग से किया है।आईएनएस वेला का पिछला अवतार 31 अगस्त, 1973 को सेवा में शामिल किया गया था और यह 25 जून, 2010 को सेवा से हटी थी। इसने 37 वर्षों तक राष्ट्र की महत्वपूर्ण सेवा की थी। |
b672cd40a2f0ab503c409ad3d76cea01 | https://www.indiatv.in/india/national-kerala-coronavirus-cases-latest-updates-810407 | केरल में कोरोना 'आउट ऑफ कंट्रोल', लगातार चौथे दिन 30 हजार से ज्यादा केस मिले | केरल में लगातार चौथे दिन शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 30 हजार से अधिक मामले सामने आए, जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 39,77,572 हो गए। | तिरुवनंतपुरम: केरल में लगातार चौथे दिन शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 30 हजार से अधिक मामले सामने आए, जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 39,77,572 हो गए। इसके साथ ही, संक्रमण की दर घटकर 18.67 प्रतिशत रह गई जो 27 अगस्त को 19.22 प्रतिशत थी। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि पिछले एक दिन में राज्य में संक्रमण के 31,265 नए मामले सामने आए तथा महामारी से 153 और लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद मृतकों की संख्या 20,466 पर पहुंच गई। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पिछले 24 घंटे में 1,67,497 नमूनों की जांच की गई। राज्य में अब तक कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद 37,51,666 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 2,04,896 मरीज उपचाराधीन हैं।केरल सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए अगले सप्ताह से रात में कर्फ्यू लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में अगले सप्ताह से राज्य में रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया। विजयन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ऐसे इलाके में जहां साप्ताहिक संक्रमण जनसंख्या दर सात प्रतिशत से ज्यादा है, वहां सरकार ने लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है। अगले सप्ताह से रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। कल के लिए रात्रिकालीन कर्फ्यू का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है।’’गौरतलब है कि राज्य में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर रविवार का लॉकडाउन जारी रहेगा। केरल सरकार ने शुक्रवार को यह निर्णय लिया। जारी आदेश में कहा गया कि रविवार को लॉकडाउन जारी रहेगा और केवल कुछ गतिविधियों की ही अनुमति होगी। |
eaae9385ffd9a6cdffe41d58ae009b36 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-isi-blackmailed-gorakhpur-man-through-sex-worker-735905 | ISI ने सेक्स वर्कर का इस्तेमाल कर गोरखपुर के शख्स को किया ब्लैकमेल, ये काम करने के लिए कहा | अधिकारियों ने IANS को बताया कि जून में एमआई यूनिट को गोरखपुर स्थित मोबाइल नंबर पर संदिग्ध गतिविधि को लेकर जम्मू और कश्मीर से एक गुप्त सूचना मिली थी। तब लखनऊ एमआई यूनिट ने कार्रवाई शुरू की और भारत-नेपाल सीमा के पास पूर्वी उप्र के शहर गोरखपुर में संदिग्ध पर नजर रखी। | नई दिल्ली/लखनऊ. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने अपने रिश्तेदारों से मिलने कराची गए एक भारतीय मुस्लिम विधुर को सेक्स वर्कर का इस्तेमाल कर ब्लैकमेल किया, ताकि वह उनके लिए काम करे। सीमा पार से आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए कुख्यात आईएसआई ने कराची की एक सेक्स वर्कर का इस्तेमाल उप्र के गोरखपुर निवासी 51 वर्षीय मोहम्मद आरिफ को ब्लैकमेल करने के लिए किया।पढ़ें- सोनिया गांधी फिलहाल कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी, इस्तीफा नामंजूर- सूत्रयह तथ्य उप्र के आतंक-रोधी दस्ते (एटीएस) और मिल्रिटी इंटेलीजेंस (एमआई) द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए 'ऑपरेशन गोरखधंधा' के तहत सामने आए हैं। इसका मकसद कराची स्थित आईएसआई यूनिट द्वारा भारत में की जा रही जासूसों की भर्ती का पता लगाना था। एटीएस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.के. ठाकुर ने पुष्टि की है कि आरिफ को नजरबंद किया गया था।पढ़ें- सोनिया चाहती हैं अनुशासनहीनता करने वालों पर हो एक्शन, सूत्रों के हवाले से खबरअधिकारियों ने IANS को बताया कि जून में एमआई यूनिट को गोरखपुर स्थित मोबाइल नंबर पर संदिग्ध गतिविधि को लेकर जम्मू और कश्मीर से एक गुप्त सूचना मिली थी। तब लखनऊ एमआई यूनिट ने कार्रवाई शुरू की और भारत-नेपाल सीमा के पास पूर्वी उप्र के शहर गोरखपुर में संदिग्ध पर नजर रखी। एमआई ने इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन गोरखधंधा' नाम दिया है।पढ़ें- आखिर CWC की बैठक में बात क्या हुई थी? गुलाम नबी आजाद ने दी जानकारीइनपुट की इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पुष्टि होने के बाद संदिग्ध की पहचान मोहम्मद आरिफ के रूप में की गई, जिसके पाकिस्तान के साथ संदिग्ध संबंध थे। इसके बाद एमआई यूनिट ने जुलाई के पहले सप्ताह में यूपी एटीएस के साथ सारे निष्कर्ष साझा किए और मामले की जांच के लिए एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। पर्याप्त सबूत इकट्ठा होने के बाद यूपी एटीएस की टीम ने शुक्रवार को संदिग्ध मोहम्मद आरिफ से लखनऊ में एटीसी मुख्यालय में पूछताछ की।पढ़ें- भाजपा के ये तीन नेता मिले कोरोना संक्रमितसूत्रों ने कहा कि पूछताछ के दौरान संदिग्ध ने पाकिस्तान में आईएसआई द्वारा भर्ती किए जाने का पूरा विवरण साझा किया। पूछताछ में पता चला कि गोरखपुर में चाय-नाश्ते की दुकान चलाने वाले आरिफ की पत्नी की 2014 में मौत हो गई थी। पाकिस्तान के कराची में उसके कई रिश्तेदार हैं। उसकी बहन जरीना की शादी भी कराची निवासी शाहिद से हुई है।पढ़ें- अरुण जेटली की क्यों खलती है कमी, बीजेपी नेताओं ने बताए कारणआरिफ चार बार- 2014, 2016, 2017 और दिसंबर, 2018 में पाकिस्तान गया था। आखिरी यात्रा के दौरान कराची में उसकी बहन के घर दो पाकिस्तानी आईएसआई अधिकारी फहद और राणा वीजा अधिकारी बनकर आए। बाद में उनका आना-जाना बढ़ गया और वे दोस्त की तरह आरिफ को कराची शहर के आसपास मॉल, समुद्री तट, रेस्तरां में घुमाने लगे और उसके साथ लंच-डिनर करने लगे।पढ़ें- दिल्ली दंगों पर लिखी गई किताब को मिला अब नया पब्लिशरआरिफ के भारत लौटने से 10 दिन पहले, फहद और राणा अकील उसे एक सुरक्षित घर में ले गए और वहां उसे एक युवा और सुंदर सेक्स वर्कर की सेवाएं ऑफर कीं। विधुर इस प्रलोभन का विरोध नहीं कर सका और उसने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। बाद में पता चला कि उस रात सेक्स वर्कर के साथ उसकी हरकतों को कई कैमरों में कैद किया जा रहा है। आरिफ के भारत आते वक्त फहद और राणा ने उसे अपने '+92' वाले मोबाइल नंबर की एक चिट दी। गोरखपुर आने के बाद आरिफ को उसी नंबर से व्हाट्सएप पर कॉल आया। फोन करने वाले फहद ने आरिफ से कुशलक्षेम पूछी और अपना नंबर सेव करने के लिए कहा।पढ़ें- कोरोना को लेकर अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए ये आदेशकुछ दिनों के बाद फहद ने फिर फोन किया और उससे गोरखपुर के जाफरा बाजार की तस्वीरें भेजने को कहा। इसके बाद फहद ने उसे गोरखपुर वायुसेना स्टेशन की तस्वीरें भेजने के लिए कहा, जिसके लिए आरिफ ने इनकार कर दिया। तब आईएसआई एजेंट ने उसे सेक्स वर्कर के साथ के वीडियो-फोटो भेजे और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उससे कहा गया कि यदि वह उनका काम नहीं करेगा तो वे ये सब उसकी बहन जरीना तक पहुंचा देंगे। इसके बाद आरिफ ने ओटीपी साझा कर उन्हें भारतीय व्हाट्सएप अकाउंट बनाने में मदद की। इसके लिए उसने अपने नाम पर सिम भी ली, जिसे उसने हटा दिया।सूत्रों ने बताया कि फिर आईएसआई ने भारतीय सुरक्षाकर्मियों तक पहुंचने और उनसे रक्षा संबंधी जानकारी हासिल करने के लिए इस व्हाट्सएप अकाउंट का इस्तेमाल किया। इसी नंबर से कई सेवा दे रहे सुरक्षा कर्मियों को सदस्य बनाकर व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए।आरिफ ने पूछताछकर्ताओं को बताया कि उसने गोरखपुर रेलवे स्टेशन और भारतीय वायुसेना स्टेशन के मुख्यद्वार और कुंद्रा घाट मिल्रिटी स्टेशन की तस्वीरें कराची में अपने हैंडलर को भेजी थीं। उसे इन फोटो के लिए 5,000 रुपये भी मिले। आरिफ ने यह भी खुलासा किया है कि उसे दो आईएसआई एजेंटों ने भारतीय सैनिकों या ऐसे किसी भी व्यक्ति से परिचित कराने के लिए भी कहा गया जो भारत में सैन्य प्रतिष्ठान तक पहुंच रखते हों।उनकी मांगों को पूरा करने में असमर्थ, आरिफ उनसे बचने लगा और उसने इंटरनेट का उपयोग करना बंद कर दिया। इस बीच उन्होंने शमा परवीन से शादी कर ली और अपनी दूसरी पत्नी के साथ परेशानी-मुक्त जीवन जीने की ख्वाहिश रखी। 14 जुलाई को उसने अपना फोन भी फॉर्मेट कर लिया। आरिफ के मोबाइल डिवाइस, सिम कार्ड और अन्य सामानों की जांच के दौरान ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिसे अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। लिहाजा, जांचकर्ताओं ने केवल उसके बयानों के आधार पर मामला दर्ज करने का फैसला किया है।आरिफ की उम्र, आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए और यह देखते हुए कि उसे अपने गलत काम का अहसास है और उसने आईएसआई एजेंटों की ज्यादा मदद नहीं की है, जांचकर्ताओं ने उसे सलाह और चेतावनी देने के बाद घर जाने दिया। एक अधिकारी ने कहा, "इस मामले ने गरीब या निम्न-मध्य वर्ग के उन भारतीय मुस्लिम परिवारों के सदस्यों के खिलाफ आईएसआई के नापाक मंसूबों का खुलासा किया है, जो पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में अपने रिश्तेदारों के यहां जाते हैं।" (IANS) |
1640735a9d0b62548057d39cb61908b9 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/yogi-government-will-give-return-gift-to-youth-in-100-days-target-of-20-thousand-jobs-2022-03-28-841684 | योगी सरकार 100 दिन में युवाओं को देगी रिटर्न गिफ्ट, 20 हजार नौकरी का होगा लक्ष्य | योगी सरकार ने घोषणा की है कि 100 दिनों में युवाओं को 20 हजार सरकारी नौकरियां और 50 हजार रोजगार के अवसर मिलेंगे। अगले पांच साल में यूपी में 5 करोड़ लोगों को स्वरोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। उनका संकल्प युवाओं को आगे बढ़ाना और रोजगार देने के संकल्प को तेजी से पूरा करना है। | लखनऊ: यूपी विधानसभा में युवाओं का वोट पाने वाली भाजपा सरकार ने नए लक्ष्य तय किया है। युवाओं को जीत का सबसे बड़ा रिटर्न गिफ्ट देने 100 दिन में देने जा रही है। सरकार ने घोषणा की है कि 100 दिनों में युवाओं को 20 हजार सरकारी नौकरियां और 50 हजार रोजगार के अवसर मिलेंगे।अगले पांच साल में यूपी में 5 करोड़ लोगों को स्वरोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। उनका संकल्प युवाओं को आगे बढ़ाना और रोजगार देने के संकल्प को तेजी से पूरा करना है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2022 के लोककल्याण संकल्प पत्र में अगले पांच सालों में हर परिवार को कम से कम एक रोजगार या स्वरोजगार दिया जाएगा।सत्ता में आते ही अपने वादे को पूरा करने में योगी सरकार जुट गई है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि योगी सरकार ने तय किया है कि 100 दिन में 20 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियां और 50 हजार लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाएं।योगी सरकार की रोजगार देने की नीतियों से उत्तर प्रदेश नित नए आयाम लिखने के साथ रोजगार सेंटर के रूप में विकसित हो रहा है। युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर देने में सरकार ने पूर्व के कार्यकाल में भी कोई कमी नहीं रखी। स्टार्टअप और औद्योगिक इकाईयों को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार दिये। एमएसएमई और ओडीओपी योजना ने युवाओं की प्रतिभा और कौशल को रोजगार में बदलने का काम किया। कामगारों और श्रमिकों की स्किल मैपिंग के बाद उनको रोजगार भी दिए।अब दूसरी पारी में सरकार ने बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के युवाओं को सरकारी नौकरियों के अवसर देने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। भर्तियों में ईमानदारी और शुचिता को प्राथमिकता पर रखने के निर्देश दिए हैं। युवाओं को रोजगार मिल सके इसके लिए जिला और मंडल स्तर पर स्टार्टअप्स को खोलने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में योगी सरकार ढाई करोड़ रोजगार और 5 लाख सरकारी नौकरियां युवाओं को दे चुकी है।(इनपुट- एजेंसी) |
755b965696b43020a1dd36856bd21c55 | https://www.indiatv.in/india/politics-modi-reversal-of-vaccine-policy-seems-to-be-result-of-sc-says-asaduddin-owaisi-794874 | वैक्सीनेशन पर पीएम मोदी की घोषणा पर आया असदुद्दीन ओवैसी का बयान, जानें क्या कहा | ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के वैक्सीनेशन के वास्ते राज्यों को केंद्र द्वारा निशुल्क टीका उपलब्ध कराए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का परिणाम जान पड़ती है। | नयी दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के वैक्सीनेशन के वास्ते राज्यों को केंद्र द्वारा निशुल्क टीका उपलब्ध कराए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का परिणाम जान पड़ती है। मोदी के संबोधन को लेकर हैदराबाद के सांसद ने एक के बाद एक ट्वीट करके कहा कि निजी अस्पतालों का 25 फीसदी कोटा जारी रहेगा ताकि अमीर लोगों को आसानी हो जबकि गरीबों को टीके की उपलब्धता का इंतजार करना होगा।ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, ''एक और गैर-जरूरी भाषण के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद, जिसकी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिए भी दी जा सकती थी। टीका नीति को लेकर बदलाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परिणाम जान पड़ता है। हालांकि, भयानक टीका नीति का आरोप राज्यों पर मढ़ दिया गया। मोदी टीका आपूर्ति सुनिश्चित करने में नाकाम रहे।'' उन्होंने आरोप लगाया कि टीका उत्पादन बढ़ाने को लेकर अप्रैल तक कोई पैसा खर्च नहीं किया गया और कहा कि जुलाई तक टीके की 60 करोड़ खुराक के मुकाबले देश को प्रतिमाह केवल आठ करोड़ खुराक ही मिल पाईं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए राज्यों को 21 जून से मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा और आने वाले दिनों में टीकों की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह ऐलान भी किया कि कुल टीके में 75 प्रतिशत की खरीद सरकार करेगी और 25 फीसदी अब भी निजी अस्पतालों को मिलेंगे, लेकिन वे प्रति खुराक 150 रुपये से ज्यादा सेवा शुल्क नहीं ले सकेंगे। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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4375d1d25d16adfff274e947959183bf | https://www.indiatv.in/india/national-imd-alert-weather-forecast-cold-wave-new-delhi-uttar-pradesh-punjab-haryana-fog-latest-news-768545 | IMD Alert: बर्फीली हवाओं के कारण पारा और नीचे गिरने का अनुमान, जानें मौसम का हाल | आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि अगले दो दिन में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट का अनुमान है, इसलिए शीतलहर की स्थिति वापस आ सकती है। | नयी दिल्ली: दिल्ली के न्यूनतम तापमान में बुधवार को बढ़ोतरी हुई और यह 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि न्यूनतम तापमान अभी भी सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। शहर का अधिकतम तापमान 21.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी शीतलहर की चपेट में रही और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम था। न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट का अनुमानआईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि अगले दो दिन में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट का अनुमान है, इसलिए शीतलहर की स्थिति वापस आ सकती है। उन्होंने कहा, “मैदानी इलाकों में चल रही बर्फीली हवाओं से पारा और नीचे गिर सकता है।” रविवार को दर्ज किया गया इस महीने सबसे कम तापमान बता दें कि मैदानी इलाकों में यदि न्यूनतम तापमान गिरकर चार डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है तो आईएमडी शीतलहर की घोषणा कर देता है। गंभीर शीतलहर की स्थिति तब होती है जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज किया जाता है। दिल्ली में रविवार को सर्द दिन दर्ज किया गया था। उस दिन अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था जो सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस कम था। यह इस महीने सबसे कम तापमान था।उत्तर प्रदेश में गलन और ठिठुरन भरी सर्दी का दौर जारीपहाड़ों से होकर आ रही बर्फीली हवा के कारण उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाके गलन और ठिठुरन भरी सर्दी की चपेट में हैं और इस पूरे हफ्ते राहत की कोई उम्मीद नहीं है। आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक जे पी गुप्ता ने बताया की पहाड़ी इलाकों में हाल में हुई बर्फबारी के बाद वहां से होकर आ रही बर्फीली हवा की वजह से मैदानी इलाकों में गलन भरी सर्दी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि बर्फीली हवा के अलावा कोहरे और धुंध के कारण खिली धूप नहीं निकलने की वजह से भी गलन से राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि ठिठुरन भरी सर्दी का यह सिलसिला इस पूरे हफ्ते जारी रहने का अनुमान है, उसके बाद कुछ राहत महसूस होगी। पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचेहरियाणा और पंजाब में बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया और दोनों राज्यों में आदमपुर सबसे ठंडा स्थान रहा जहां तापमान एक डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने बताया कि अमृतसर में गंभीर शीतलहर की स्थिति है और तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस रहा। दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा। हरियाणा के नारनौल में दो डिग्री सेल्सियस और अंबाला में 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।मुम्बई में सर्द सुबहमुम्बई में न्यूनतम तापमान में गिरावट से बुधवार की सुबह सर्द रही। यहां न्यूनतम तापमान 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस साल का अभी तक का सबसे कम तापमान है। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी हवाओं के कारण मुम्बई और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में ठंड पड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आईएमडी ने बुधवार से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज किए जाने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था। मुम्बई में आज सुबह न्यूनतम तापमान 15.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस साल का अभी तक का सबसे कम तापमान है।’’ उन्होंने कहा कि उत्तरी हवाओं के कारण पूरे उत्तर भारत में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों तक ऐसी स्थिति रहने का अनुमान है।ये भी पढ़ें |
f63d9a816d76afd1c14132e2cbe8d4d2 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-leaders-of-opposition-parties-still-in-quarantine-says-yogi-adityanath-767588 | योगी का विरोधियों पर तंज, दस माह बीतने के बावजूद बहुत से दलों के नेता पृथक-वास में | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तंज कसते हुये कहा कि प्रदेश में कोरोना का पहला मामला पिछले मार्च में आया था और दस महीना बीत जाने के बावजूद कई दलों के नेता पृथक-वास में हैं और उनके सिर्फ ट्वीट आते हैं। | लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तंज कसते हुये कहा कि प्रदेश में कोरोना का पहला मामला पिछले मार्च में आया था और दस महीना बीत जाने के बावजूद कई दलों के नेता पृथक-वास में हैं और उनके सिर्फ ट्वीट आते हैं। शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ''जब नेता ही पृथक-वास में रहेंगे तो जाहिर है कि उनके कार्यकर्ता भी पृथक ही होंगे।'' योगी ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर सरकार और संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश और दुनिया के सामने कोरोना प्रबंधन का सफलतम मॉडल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने एक साथ 43 हजार बूथ अध्यक्षों से एक साथ वर्चुअल संवाद बनाया और कोरोना में आमजन की सेवा का महत्वपूर्ण कार्य किया। मोदी की सराहना करते हुए योगी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावाधानों को हटाने और अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण शिलान्यास की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि अयोध्या में किसने क्या किया हर व्यक्ति जानता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर निर्माण को आगे बढ़ा दिया है। योगी ने विपक्षी नेताओं पर तंज किया और कहा कि लोग कहते थे भगवान राम मिथक हैं, लेकिन अब भगवान राम को अपना बताने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सपा और बसपा की सरकारों को आपने देखा। एक परिवार मिलकर पूरे राज्य को लूटता था लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में माफिया और गुंडों के घरों पर बुल्डोजर चल रहा है। सिंह ने कहा कि सज्जनों की निष्क्रियता से समाज का बहुत नुकसान होता है। |
80e6e2200173759db1f2dd4b3d1395c4 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-bjp-mp-kaushal-kishore-daughter-in-law-attempts-suicide-778328 | भाजपा के सांसद कौशल किशोर की बहू अंकिता ने आत्महत्या की कोशिश की | अंकिता ने पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की अपील की है, साथ ही आयुष और उसके घरवालों का नार्को टेस्ट कराने की भी मांग की है। | लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर की बहू अंकिता ने आत्महत्या की कोशिश की। अंकिता ने लखनऊ में रविवार देर रात घर के बाहर अपनी कलाई की नस काट ली। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में अंकिता को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। अंकिता की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। अंकिता ने पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की अपील की है, साथ ही आयुष और उसके घरवालों का नार्को टेस्ट कराने की भी मांग की है।पढ़ें- आज से दो दिन की हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, करना पड़ सकता है मुश्किल का सामनापढ़ें- दिल्ली से गाजियाबाद, नोएडा जाने वालों के अच्छी खबर, आज से खोला गया NH-24 का एक हिसलखनऊ. उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर की बहू अंकिता ने आत्महत्या की कोशिश की। अंकिता ने लखनऊ में रविवार देर रात घर के बाहर अपनी कलाई की नस काट ली। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में अंकिता को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। अंकिता की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। अंकिता ने पूरे मामले की सीबीआई जांच करने की अपील की है, साथ ही आयुष और उसके घरवालों का नार्को टेस्ट कराने की भी मांग की है।पढ़ें- आज से दो दिन की हड़ताल पर बैंक कर्मचारी, करना पड़ सकता है मुश्किल का सामनाखबरों के मुताबिक जान देने की कोशिश करने से पहले अंकिता ने सोशल मीडिया पर 2 वीडियो पोस्ट किए थे जिसमें उसने कहा कि वह अपनी जिंदगी खत्म कर रही है। वीडियो में अंकिता "अपने पति आयुष, ससुर सांसद कौशल किशोर, सास विधायक जय देवी और आयुष के भाई को अपनी जिम्मेदार ठहरा रही हैं।" अंकिता वीडियो में रोते हुए सांसद के बेटे, अपने पति आयुष पर गंभीर आरोप लगाती हुई नजर आ रही हैं। वह यह भी कहती है कि आयुष ने उसे धोखा दिया है। उसे उम्मीद थी कि उसका पति उसके पास लौटकर आएगा लेकिन वह नहीं आया।पढ़ें- राजनीति से लेकर खेल की दुनिया तक, एक क्लिक पर पढ़िए पूरे दिन की सभी बड़ी खबरेंपढ़ें- अभय चौटाला ने हरियाणा के डिप्टी सीएम के परिवार को दी बड़ी चुनौती, क्या करेंगे स्वीकार?बता दें कि आयुष ने पिछले साल अंकिता के साथ प्रेम विवाह किया था। परिवार के लोग उसकी शादी से खुश नहीं थे। लिहाजा आयुष अपनी पत्नी के साथ लखनऊ के मंडिया मुहल्ले में किराए के मकान में रह रहा था। 3 मार्च को आयुष को किसी ने गोली मारी थी, बाद में जांच में सामने आया कि गोली मारने का यह नाटक रचा गया था। इसके बाद आयुष अस्पताल से लापता हो गया था और फिर रविवार को अपने बयान दर्ज करने के लिए मंडिया पुलिस के सामने पेश हुआ।पढ़ें- 2 फीट के व्यक्ति को है दुल्हन की तलाश, सीएम योगी को लिख चुके हैं पत्र, अब यूपी पुलिस से मांगी मददपढ़ें- पुलिस ने ग्राम प्रधान से आदमी के पैरों पर रगड़वाई नाक |
dd2e4801dff4dde48e679bb8a74e009d | https://www.indiatv.in/india/politics-sidhu-meets-amarinder-over-tea-patch-up-on-menu-779041 | रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी? चाय पर मिले सिद्धू और अमरिंदर सिंह, हो सकती है कैबिनेट में वापसी | नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मंत्रिमंडल में वापसी की संभावना बढ़ गई है। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से है। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की मुलाकात पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनके मोहाली स्थित फार्महाउस पर बुधवार को हुई। | नई दिल्ली/चंडीगढ़: नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब मंत्रिमंडल में वापसी की संभावना बढ़ गई है। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से है। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की मुलाकात पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से उनके मोहाली स्थित फार्महाउस पर बुधवार को हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिद्धू को पंजाब कैबिनेट में दो विभाग दिए जाएंगे। सिद्धू अपने पुराने विभाग वापस चाहते हैं, लेकिन लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें एक फॉर्मूले पर सहमत होने के लिए राजी कर लिया है।सिद्धू के साथ अमरिंदर सिंह से मिलने आए खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है। शाम की चाय पर आयोजित बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। जबकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन सीएम के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने अपने ट्विटर हैंडल पर दोनों नेताओं की एक तस्वीर जारी कि जिस पर कैप्शन में लिखा है, "एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर है"।इसके साथ ही, सिद्धू ने अपने अंदाज में यह कहते हुए ट्वीट किया, "आजाद रहो विचारों से, लेकिन रहो संस्कारो से.."अपना विभाग छीन लिए जाने के बाद जुलाई 2019 में सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वह स्थानीय निकाय के प्रभारी थे लेकिन तब उन्हें बिजली विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच मतभेद तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच गई थी जब सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने टिकट नहीं दिया था।सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने पिछले हफ्ते अमरिंदर सिंह और सिद्धू दोनों से मुलाकात की थी। |
363354f7855559b30a992e10c301687e | https://www.indiatv.in/india/national-kerala-lockdown-restrictions-to-be-relaxed-on-18-19-20-july-due-to-bakrid-802309 | केरल: बकरीद पर लॉकडाउन में रहेगी छूट, मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी जानकारी | केरल सरकार ने बकरीद को ध्यान में रखते हुए 18-20 जुलाई के दौरान लॉकडाउन की शर्तों में छूट देने की घोषणा की है। केरल मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि 18-19-20 जुलाई को जरूरी सामाने बेचने वाली दुकानों के अलावा कपड़े, जूते, इलेक्ट्रोनिक्स का सामान बेचने वाली दुकानों को खोलने की भी अनुमति रहेगी। | कोच्चि: केरल सरकार ने बकरीद को ध्यान में रखते हुए 18-20 जुलाई के दौरान लॉकडाउन की शर्तों में छूट देने की घोषणा की है। केरल मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि 18-19-20 जुलाई को जरूरी सामाने बेचने वाली दुकानों के अलावा कपड़े, जूते, इलेक्ट्रोनिक्स का सामान और ज्वैलरी बेचने वाली दुकानों को खोलने की भी अनुमति रहेगी, इस दौरान शाम 8 बजे तक यह सब दुकाने खोली जा सकेंगी। कोरोना की दूसरी लहर में देश के अधिकतर राज्यों में मामले कम हुए हैं लेकिन केरल में केस तेजी से बढ़ रहे हैं, मौजूदा समय में केरल में ही सबसे ज्यादा एक्टिव कोरोना मामले हैं। मौजूदा समय में देश में कुल एक्टिव कोरोना मामलों में लगभग 28 प्रतिशत केस अकेले केरल के हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 16 जुलाई तक देशभर में कोरोना वायरस के 4.30 लाख एक्टिव मामले दर्ज किए गए हैं, और इसमें अकेले केरल से लगभग 1.20 लाख एक्टिव केस हैं। ज्यादा कोरोना मामले होने के बावजूद राज्य सरकार ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन की शर्तों में ढील देने का ऐलान किया है। आज ही प्रधानमंत्री मोदी ने केरल और महाराष्ट्र सहित उन 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है जहां पर कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों को ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट तथा वैक्सीनेशन को बढ़ाने का आग्रह किया है। लेकिन इसके बावजूद केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन में ढील देने का ऐलान किया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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b827ffb127a2b5659a6765dcad040256 | https://www.indiatv.in/india/national/where-and-how-you-will-infected-with-covid-this-study-will-tell-2022-01-12-831216 | Coronaviorus से सावधान! जानिए कहां और कैसे आप संक्रमण की पकड़ में आ सकते हैं | सार्स-कोव-2, वायरस जो कोविड का कारण बनता है, मुख्य रूप से हवा के माध्यम से फैलता है। तो संचरण को रोकने की कुंजी यह समझना है कि हवा के कण कैसे व्यवहार करते हैं, जिसके लिए भौतिकी और रसायन विज्ञान से ज्ञान की आवश्यकता होती है। | नई दिल्ली: महामारी को अस्तित्व में आए दो साल हो चुके हैं और हम में से अधिकांश लोग इससे तंग आ चुके हैं। कोविड मामलों की दर पहले से कहीं अधिक है और कई देशों में अस्पताल में भर्ती होने की दर एक बार फिर तेजी से बढ़ रही है। इस धूमिल तस्वीर की पृष्ठभूमि में, हम वापस सामान्य होने के लिए तरस रहे हैं। हम दोस्तों से पब में मिलना चाहते हैं या उन्हें डिनर पर ले जाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा लगातार गिरता व्यवसाय उसी तरह फले-फूले जैसे महामारी से पहले था। हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे फिर पहले की तरह स्कूल जाएं और स्कूल के बाद की अपनी गतिविधियों के साथ अपनी पुरानी दिनचर्या पर लौट आएं।हम बस में सवारी करना चाहते हैं, समूह में गाना चाहते हैं, जिम वापस जाना चाहते हैं, या नाइट क्लब में नृत्य करना चाहते हैं, बिना कोविड के डर के। इनमें से कौन सी गतिविधि सुरक्षित है? और वास्तव में कितनी सुरक्षित? ये वे प्रश्न थे जिनका उत्तर हमने अपने नवीनतम शोध में देना चाहा। सार्स-कोव-2, वायरस जो कोविड का कारण बनता है, मुख्य रूप से हवा के माध्यम से फैलता है। तो संचरण को रोकने की कुंजी यह समझना है कि हवा के कण कैसे व्यवहार करते हैं, जिसके लिए भौतिकी और रसायन विज्ञान से ज्ञान की आवश्यकता होती है। वायु अदृश्य, तेजी से और बेतरतीब ढंग से चलने वाले अणुओं से बना एक तरल पदार्थ है, इसलिए हवा के कण समय के साथ घर के अंदर फैल जाते हैं, जैसे कि एक कमरे में या बस में।एक संक्रमित व्यक्ति अपनी सांस के साथ वायरस युक्त कणों को बाहर निकाल सकता है, और आप उनके जितने करीब होंगे, उतनी ही अधिक संभावना है कि आप कुछ वायरस युक्त कणों को अपने भीतर ले लेंगे। लेकिन आप दोनों जितनी देर कमरे में बिताएंगे, वायरस उतना ही ज्यादा फैलता जाएगा। अगर आप बाहर हैं, तो जगह लगभग अनंत है, इसलिए वायरस उस तरह जमा नहीं होगा। हालांकि, कोई व्यक्ति अब भी वायरस संचारित कर सकता है, अगर आप उसके करीब हैं तो। हर बार जब कोई संक्रमित व्यक्ति सांस लेता है तो वायरल कण उत्सर्जित हो सकते हैं, लेकिन खासकर अगर उनकी सांस गहरी हो (जैसे कि व्यायाम करते समय) या इसमें मुखरता (जैसे बोलना या गाना) शामिल हो।अच्छी तरह से फिट होने वाला मास्क पहनने से संचरण कम होता है क्योंकि मास्क वायरस को रोकता है, बिना मास्क पहना संक्रमित व्यक्ति जो चुपचाप एक कोने में बैठता है, उससे आपके संक्रमित होने की संभावना आपके पास आकर बहस करने वाले व्यक्ति की तुलना में कहीं कम है। सार्स-कोव-2 के सभी प्रकार समान रूप से हवा के माध्यम से फैलते हैं, लेकिन कोविड से संक्रमित होने की आशंका वैरिएंट की संप्रेषण (या संक्रामकता) पर निर्भर करती है (डेल्टा पिछले वेरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक था, लेकिन ओमिक्रॉन अभी भी अधिक संक्रामक है) और कितने लोग वर्तमान में संक्रमित हैं (बीमारी की व्यापकता)। लेखन के समय, यूके में 97% से अधिक कोविड संक्रमण ओमिक्रोन हैं और 15 में से एक व्यक्ति वर्तमान में संक्रमित है (प्रसार 6.7%)। जबकि ओमिक्रॉन अधिक संचरित प्रतीत होता है, यह भी कम गंभीर बीमारी पैदा करता है, खासकर टीकाकरण वाले लोगों में।संक्रमित होने की संभावना हमारे अध्ययन में, हमने यह निर्धारित किया है कि संचरण पर विभिन्न प्रभाव आपके बीमार होने के जोखिम को कैसे बदलते हैं: वायरल कारक (ट्रांसमिसिबिलिटी/प्रचलन), लोग कारक (मास्क पहने/बिना मास्क, व्यायाम करते/बैठे हुए, मुखर/शांत) और वायु-गुणवत्ता कारक (घर के अंदर/बाहर, बड़ा कमरा/छोटा कमरा, भीड़-भाड़ वाला/बिना भीड़भाड़ वाला, हवादार/बिना हवादार)। हमने सुपरस्प्रेडर घटनाओं में कितने लोग संक्रमित हुए, इस पर अनुभवजन्य डेटा का सावधानीपूर्वक अध्ययन करके ऐसा किया, जहां कमरे के आकार, कमरे में रहने और वेंटिलेशन के स्तर जैसे प्रमुख मापदंडों को अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया था और यह दर्शाता है कि एक गणितीय मॉडल के साथ संचरण कैसे होता है।कोविड से संक्रमित होने का एक निश्चित तरीका निम्नलिखित चीजों का संयोजन करना है। उदाहरण के लिए:- खराब वायु गुणवत्ता वाले एक संलग्न स्थान में बहुत से लोगों के साथ इकट्ठा हों, जैसे कि एक कम हवादार जिम, नाइट क्लब या स्कूल की कक्षा में।- कुछ शारीरिक गतिविधियां करें जैसे व्यायाम करना, गाना या चिल्लाना, अपने मास्क को उतार दें वहां लंबे समय तक रहें।कोविड की पकड़ में आने से बचने के लिए, निम्न कार्य करने का प्रयास करें। उदाहरण के लिए:- यदि आपको अन्य लोगों से मिलना है, तो ऐसी जगह पर मिलें, जो अच्छी तरह हवादार हो या ऐसी जगह पर मिलें जहां वेंटिलेशन अच्छा हो और हवा की गुणवत्ता ज्ञात हो, लोगों की संख्या कम से कम रखें।- साथ में जितना हो सके कम से कम समय बिताएं और इस दौरान चिल्लाएं, गाएं या भारी व्यायाम न करें।- भवन में प्रवेश करने से लेकर बाहर निकलने तक उच्च गुणवत्ता वाले, अच्छी तरह से फिट होने वाले मास्क पहनें।- वास्तविक जोखिम विशिष्ट मापदंडों पर निर्भर करेगा, जैसे कि वास्तव में कितने लोग किस आकार के कमरे में हैं।(इनपुट- एजेंसी) |
a96046ca152207a135a8c9a0c3da3e9e | https://www.indiatv.in/india/politics-nitin-gadkari-meets-shivsena-leader-maharashtra-former-cm-manohar-joshi-764373 | गडकरी ने लिया शिवसेना के पहले CM से आशीर्वाद, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में आएगा ट्विस्ट? | नितिन गडकरी ने आज अपने एकदिवसीय मुम्बई दौरे पर दादर जाकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और महाराष्ट्र में शिवसेना के पहले सीएम रहे मनोहर जोशी के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। | मुंबई. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज अपने एकदिवसीय मुम्बई दौरे पर दादर जाकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और महाराष्ट्र में शिवसेना के पहले सीएम रहे मनोहर जोशी के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। नितिन गडकरी महाराष्ट्र में साल 1995 से 1999 तक मनोहर जोशी के कार्यकाल वाली सरकार में में सार्वजनिक निर्माण मंत्री थे। मनोहर जोशी सरकार में मंत्री रहते हुए नितिन गडकरी ने मुम्बई में 55 फ्लाईओवर और पुणे-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे, वर्ली सी लिंक, कोस्टल रोड, ट्रांस हार्बर का निर्माण किया था। नितिन गडकरी की मनोहर जोशी से इस मुलाकात के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जाने लगे हैं। राज्य में राजनीतिक पंडित इस मुलाकात को राजनीतिक चश्में से देख रहे हैं और महाराष्ट्र में भविष्य की राजनीति के विश्लेषण में जुट गए हैं।ये भी पढ़ें-पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में प्रणब मुखर्जी क्या सोचते थे? अपनी किताब में किया है खुलासाभारतीय रेलवे ने किया नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, यहां है पूरी जानकारीप्रदर्शनकारी किसान निकाल रहे हैं ट्रैक्टर रैली, टिकैत बोले- 2024 तक जारी रहेगा आंदोलनट्रंप बोले- नहीं करेंगे हार स्वीकार, यूएस कैपिटोल में 'lockdown', पुलिस एवं ट्रंप समर्थकों के बीच हुई झड़पदिल्ली के इन इलाकों में अगले दो घंटे में हो सकती है बारिश, मौसम विभाग ने जताई संभावनामुंबई. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज अपने एकदिवसीय मुम्बई दौरे पर दादर जाकर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और महाराष्ट्र में शिवसेना के पहले सीएम रहे मनोहर जोशी के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। नितिन गडकरी महाराष्ट्र में साल 1995 से 1999 तक मनोहर जोशी के कार्यकाल वाली सरकार में में सार्वजनिक निर्माण मंत्री थे। मनोहर जोशी सरकार में मंत्री रहते हुए नितिन गडकरी ने मुम्बई में 55 फ्लाईओवर और पुणे-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे, वर्ली सी लिंक, कोस्टल रोड, ट्रांस हार्बर का निर्माण किया था। नितिन गडकरी की मनोहर जोशी से इस मुलाकात के कई राजनीतिक अर्थ निकाले जाने लगे हैं। राज्य में राजनीतिक पंडित इस मुलाकात को राजनीतिक चश्में से देख रहे हैं और महाराष्ट्र में भविष्य की राजनीति के विश्लेषण में जुट गए हैं।ये भी पढ़ें-पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में प्रणब मुखर्जी क्या सोचते थे? अपनी किताब में किया है खुलासा |
1801416c664ef1f189592897f52420bb | https://www.indiatv.in/india/national-aap-slams-haryana-government-for-delhi-pollution-747543 | दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण तो हरियाणा सरकार पर बरसी AAP, कहा- कुछ काम नहीं किया | आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा, "जहां दिल्ली सरकार ने ईपीसीए द्वारा तय नियमों का कर्तव्य की तरह पालन किया, हमारा पड़ोसी हरियाणा कोई कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है।" | नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने बुधवार को दावा किया कि हरियाणा की भाजपा नीत सरकार की ‘अति निष्क्रियता’ दिल्ली के प्रदूषण में वृद्धि का प्रमुख कारण है। उन्होंने आगे दावा किया कि पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईसीपीए) द्वारा श्रेणीवार प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (जीआरएपी) लागू किए जाने के बावजूद हरियाणा ने डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है जिससे और वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। राघव चड्ढा ने कहा, ‘‘पड़ोसी हरियाणा की भाजपा नीत सरकार की अति निष्क्रियता दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण है और इसी का नतीजा खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) है।’’उन्होंने कहा, ‘‘जीआरएपी के 15 अक्टूबर को प्रभावी होने के साथ दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लग जाएगा।" उन्होंने कहा, "जहां दिल्ली सरकार ने ईपीसीए द्वारा तय नियमों का कर्तव्य की तरह पालन किया, हमारा पड़ोसी हरियाणा कोई कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है। उनकी सरकार ने लगातार ईपीएसीए को कठिनाई बताते हुए पत्र लिखा और कहा कि वे अपने राज्य में इस प्रतिबंध को लागू नहीं करा सकते।’’ AAP नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित निकाय ईपीसीए को कहा कि गुरुग्राम और फरीदाबाद के हजारों घरों में बिजली नहीं है और ये घर पूरी तरह से डीजल जनरेटर पर निर्भर है और ऐसे में प्रतिबंध सहायक नहीं होगा।’’वहीं, आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने गुरुवार से नए अभियान की शुरुआत की है और दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी चलाने वालों से अपील की है कि सड़क पर जब भी ट्रैफिक सिग्नल लाल हो जाए और गाड़ी रोकना पड़े तो अपनी गाड़ी को बंद कर दें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस अभियान का नाम 'रेड लाइट ऑन तो गाड़ी ऑफ' दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में करीब 1 करोड़ पंजीकृत वाहन हैं और मौजूदा समय में रोजाना 30-40 लाख गाड़ियां रोजाना सड़कों पर निकल रही हैं।मुख्यमंत्री ने बताया कि अगर 10 लाख गाड़ियां भी रोजाना इस अभियान के तहत रेड लाइट पर अपना इंजन बंद करेंगी तो इससे सालभर में PM 10 प्रदूषण 1.5 टन तथा PM 2.5 प्रदूषण 0.4 टन कम हो जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि दिल्ली में रोजाना औसतन एक गाड़ी 15-20 मिनट रेड लाइट पर बिताती है और इस दौरान इंजन के चलते रहने से लगभग 200 मिलीलीटर तेल की खपत होती है, लेकिन इंजन अगर बंद होगा तो उस तेल की बचत होगी और सालाना लगभग हर गाड़ी वाले को 7000 रुपए बचेंगे। अरविंद केजरीवाल ने बताया कि गाड़ी रेड लाइट पर खड़ी होने के समय अगर इंजन चलता है तो ज्यादा तेल की खपत होती है जबकि चलती गाड़ी में कम तेल इस्तेमाल होता है। |
26af57ea56780766581cd0e7da065609 | https://www.indiatv.in/india/national-on-the-death-of-women-farmers-due-to-truck-collision-rahul-said-cruelty-and-hatred-is-hollowing-the-country-820927 | ट्रक की टक्कर से महिला किसानों की मौत पर राहुल बोले- क्रूरता और नफरत देश को खोखला कर रही है | बहादुरगढ़ जिले के टिकरी बॉर्डर के पास आज सुबह एक ट्रक के टक्कर मारने से तीन महिला किसानों की मौत हो गई। टिकरी बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद महिलाएं पंजाब के मानसा जिले स्थित अपने गांव लौट रही थीं। | नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा के बहादुरगढ़ में ट्रक की टक्कर से तीन महिला किसानों की मौत को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि यह क्रूरता और नफरत इस देश को खोखला कर रही है। उन्होंने इस घटना से जुड़ी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत माता- देश की अन्नदाता- को कुचला गया है। यह क्रूरता और नफ़रत हमारे देश को खोखला कर रही है। मेरी शोक संवेदनाएं।''गौरतलब है कि बहादुरगढ़ जिले के टिकरी बॉर्डर के पास बृहस्पतिवार की सुबह एक ट्रक के टक्कर मारने से तीन महिला किसानों की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि हादसा पकोड़ा चौक पर हुआ, जहां महिलाएं बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन जाने के लिए ऑटो रिक्शा का इंतजार कर रही थीं। टिकरी बॉर्डर पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद महिलाएं पंजाब के मानसा जिले स्थित अपने गांव लौट रही थीं। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया।उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में दो किसानों की मौत की खबर का हवाला देते हुए राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘किसान मेहनत कर फसल तैयार करे तो फसल का दाम नहीं....। किसान फसल उगाने की तैयारी करे, तो खाद नहीं......। खाद न मिलने के चलते बुंदेलखंड के दो किसानों की मौत हो चुकी है। लेकिन किसान विरोधी भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इनकी नीयत और नीति दोनों में किसान विरोधी रवैया स्पष्ट है।’’ |
4b2448045d09953650c84abf8039ca09 | https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-revovery-rate-and-total-testing-in-india-till-august-26th-736240 | 32 लाख के पार पहुंचे कोरोना वायरस के मामले, 24 घंटों में 1059 लोगों की गई जान | पिछले 24 घंटों यानि मंगलवार सुबह 8 बजे से लेकर बुधवार सुबह 8 बजे तक देशभर में कोरोना वायरस के 67151 नए मामले सामने आए हैं । | नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का रिकवरी रेट भले ही सुधर रहा हो लेकिन संक्रमण के नए मामले और संक्रमण की वजह से मरने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है और लगातार बढ़ती ही जा रही है। पिछले 24 घंटों यानि मंगलवार सुबह 8 बजे से लेकर बुधवार सुबह 8 बजे तक देशभर में कोरोना वायरस के 67151 नए मामले सामने आए हैं और कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा अब बढ़कर 32,34,474 हो गया है।हालांकि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है जिस वजह से कोरोना का रिकवरी रेट तेजी से ऊपर उठ रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना से 63173 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस का रिकवरी रेट 76.29 प्रतिशत हो गया है। देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की बात करें तो 24 घंटों के दौरान एक्टिव मामलों में 2919 की बढ़ोतरी हुई है जिस वजह से अब देश में कुल एक्टिव मामलों का आंकड़ा 707267 हो गया है।लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से मौतें बढ़ती ही जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस की वजह से 1059 लोगों की जान गई है और अबतक यह वायरस देश में कुल 59449 लोगों की मौत का कारण बन चुका है। कोरोना के मामलों की पहचान के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार अबतक देश में कुल 3.76 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं। मंगलवार को देशभर में 823992 कोरोना टेस्ट किए गए हैं।वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के मामलों की बात करें तो दुनियाभर में कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 2.4 करोड़ के पार पहुंच गया है, अबतक दुनियाभर में कोरोना वायरस की वजह से 8.23 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि पूरी दुनिया में 1.66 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से ठीक भी हो चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले अमेरिका में हैं जहां पर 59.55 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 1.82 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, इसके बाद ब्राजील में 36.74 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं और 1.16 लाख से ज्यादा की जान गई है। रूस में भी 9.66 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है। |
40f2c53be033047c726e7473853fa9f2 | https://www.indiatv.in/india/national-indian-air-force-air-show-hindon-base-88th-iaf-day-live-updates-745979 | हिंडन एयरबेस पर भारतीय वायुसेना का 88 वां स्थापना दिवस समारोह, पीएम मोदी ने दी बधाई | भारतीय वायुसेना आज अपना 88वां स्थापना दिवस मना रही है। दिल्ली से सजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है | नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना आज अपना 88वां स्थापना दिवस मना रही है। दिल्ली से सजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें भारतीय वायुसेना के विमान आसमान में कलाबाजियां दिखाते हुए नजर आए। पहली बार इस कार्यक्रम में राफेल जेट, चिनुक और अपाचे हेलिकॉप्टकर को शामिल किया गया है। नभ: स्पर्शम दीप्तम, इस ध्येय वाक्य के साथ आकाश में राफेल और सुखोई पराक्रम दिखा रहे हैं। इस कार्यक्रम में तीनों सेना के अध्यक्ष मौजूद हैं।पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाईउधर, पीएम मोदी ने वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस पर ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा-'एयर फोर्स डे पर भारतीय वायुसेना के सभी वीर योद्धाओं को बहुत-बहुत बधाई। आप न सिर्फ देश के आसमान को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि आपदा के समय मानवता की सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं। मां भारती की रक्षा के लिए आपका साहस, शौर्य और समर्पण हर किसी को प्रेरित करने वाला है।'भारतीय वायु सेना देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार इस अवसर पर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने युद्ध सेवा मेडल, वायु सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मंडल और यूनिट प्रशंसा पत्र प्रदान किए। उन्होंने कहा-'मैं राष्ट्र को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारतीय वायु सेना हमारे देश की संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए सभी परिस्थितियों में हमेशा तैयार रहेगी।'वायुसेना विमानों के आसमानी करतबइससे पहले भारतीय वायुसेना ने 88वें स्थापना दिवस की तैयारियों के तहत मंगलवार को हिंडन बेस पर फुल ड्रेस रिहर्सल किया गया। इस रिहर्सल में तेजस एलसीए, मिग-29, जगुआर, मिग-21 और सुखोई-30 युद्धक विमानों के अलावा हाल ही वायुसेना बेड़े में शामिल राफेल जेट विमान ने भी हिस्सा लिया। रिहर्सल में वायु सेना के एमआई-17 वी5, एएलएच मार्क-4, चिनूक, एमआई-35 और अपाचे हेलीकॉप्टरों ने भी हिस्सा लिया। इसके अलावा वायु सेना के परिवहन विमानों सी-17, सी-130, डोर्नियर और डीसी-3 डकोटा विमानों ने भी भाग लिया। सूर्यकिरण विमानों के एरोबेटिक दल और सारंग विमानों ने भी फ्लाई पास्ट में करतब दिखाए। भारतीय वायु सेना की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 को हुई थी।दुश्मनों को कड़ा संदेश माना जा रहा है कि वायुसेना अध्यक्ष इस मौके पर अपने संबोधन में चीन को कड़ा संदेश दे सकते हैं। इस कार्यक्रम में तीनों सेना के प्रमुख शामिल होंगे। वहीं इस कार्यक्रम को लेकर दिल्ली और नोएडा से गाजियाबाद की ओर आने-जाने वाले वाहनों का रूट भी डायवर्ट किया गया है। |
b9df7fc8bc80532a88ce16afee46d18a | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-priyanka-gandhi-convoy-collided-with-vehicles-accident-occurred-on-hapur-770165 | प्रियंका गांधी के काफिले की गाड़ियां आपस में टकराईं, हापुड़ रोड पर हुआ हादसा | रामपुर जा रहीं प्रियंका गांधी के काफिले की गाड़ियां हापुड़ रोड पर टकरा गई हैं। प्रियंका गांधी 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान मृत किसान नवरीत के परिजनों से मिलने रामपुर जा रही थीं। | नई दिल्ली: रामपुर जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफिले की गाड़ियां हापुड़ रोड पर टकरा गई हैं। प्रियंका गांधी 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान मृत किसान नवरीत के परिजनों से मिलने रामपुर जा रही हैं। इसी दौरान प्रियंका के काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हालांकि प्रियंका गांधी इस हादसे में सुरक्षित हैं। प्रियंका गांधी किसान नवरीत सिंह के परिजनों से मिलने और शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के रामपुर जा रही हैं। इसी दौरान उनके काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं।पढ़ें: एटीएम से कैश निकालने जा रहे हैं तो एकदम अलर्ट रहिए, वरना.. आपके साथ भी हो सकता है ऐसा कुछ....आपको बता दें कि पिछले महीने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान नवरीत का ट्रैक्टर एक पुलिस बैरिकेड से टकरा गया था और उस हादसे में उसकी जान चली गई थी। इस हादसे के बाद दिल्ली पुलिस ने एक वीडियो फुटेज भी जारी किया था जिसमें यह देखा गया था कि आईटीओ के पास पुलिस बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश में तेज रफ्तार से आ रहा एक ट्रैक्टर पलट जाता है और कुछ लोगों के ऊपर गिर जाता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि इस दुर्घटना के कारण ही उसकी मौत हुई थी।पढ़ें: किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, जानिए कोर्ट ने क्या कहायह घटना 26 जनवरी को उस समय घटित हुई, जब ट्रैक्टरों पर सवार सैकड़ों किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ने के बाद नई दिल्ली के आईटीओ क्षेत्र में खूब उत्पात मचाया था। उग्र हो चुके किसानों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू-गैस के गोले भी दागे। पुलिस उन्हें मध्य दिल्ली में इंडिया गेट और राजपथ की ओर बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही थी। |
ee49a509e42295b7d46cfc126db357ce | https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-likely-to-visit-us-and-meet-president-joe-biden-812710 | इसी महीने अमेरिका जा सकते हैं PM मोदी, राष्ट्रपति बायडेन से होगी पहली मुलाकात! | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका में राष्ट्रपति के साथ मुलाकात कर सकते हैं और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हो सकती है। पीएम मोदी और जो बायडेन की ये मुलाकात 23 सितंबर को हो सकती है। | नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका में राष्ट्रपति के साथ मुलाकात कर सकते हैं और दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी हो सकती है। पीएम मोदी और जो बायडेन की ये मुलाकात 23 सितंबर को हो सकती है। बता दें कि QUAD समिट के लिए पीएम मोदी के अमेरिका जाने की तैयारी हो रही है हालांकि अभी इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। जो प्रोग्राम अब तक सामने आया है उसके मुताबिक पीएम मोदी 22 सितंबर को वॉशिंगटन जा सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ 23 सितंबर को द्विपक्षीय वार्ता हो सकती है उसके बाद 24 सितंबर को QUAD समिट हो सकता है। क्वाड समिट के बाद पीएम मोदी वॉशिंगटन से न्यूयॉर्क के लिए रवाना हो जाएंगे जहां 25 सितंबर को UNGA के 76वें सत्र में पीएम मोदी का संबोधन होगा।24 सितंबर को होनी है QUAD देशों की बैठकखबर ये भी है कि 24 सिंतबर पीएम मोदी क्वाड देशों की बैठक में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी इस अमेरिका दौरे में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर सकते हैं। क्वाड देशों की बैठक को लेकर 24 सितंबर की तारीख का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है लेकिन कोरोना महामारी बीच पूरी कोशिश हो रही है क्वाड देशों के नेताओं की आमने सामने की बैठक की। क्वाड संगठन में चार देश हैं अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत।सूत्रों के मुताबिक मौजूदा हालात में क्वाड नेताओं के बीच आमने सामने की ये बैठक बेहद अहम होने वाली है। क्वाड की आखिरी बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति ने मार्च में बुलाई थी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र के मुद्दों पर बात हुई थी। |
c80ee1d5578e39430df706f9234bc217 | https://www.indiatv.in/india/national-kanwar-yatra-2021-cancled-by-uttarakhand-government-801697 | उत्तराखंड ने रद्द की कांवड़ यात्रा, कोरोना महामारी को देखते हुए उठाया कदम | कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से कांवड़िए उत्तराखंड जाते हैं और वहां से कांवड़ में गंगाजल भरकर अपने अपने घरों को वापस आते हैं। | देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद्द किया है। हाल ही में नए बने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के संदर्भ में कहा था कि भगवान नहीं चाहेंगे कि किसी की मृत्यु हो।कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से कांवड़िए उत्तराखंड जाते हैं और वहां से कांवड़ में गंगाजल भरकर अपने अपने घरों को वापस आते हैं। ऐसी आशंका थी कि कांवड़ यात्रा से कोरोना महामारी का खतरा फिर से बढ़ सकता है क्योंकि इससे संक्रमण फैलने की आशंका थी, इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला किया है। पिछले साल भी कोरोना महामारी की वजह से कांवड़ यात्रा को रद्द किया गया था। देहरादून में कांवड़ यात्रा को लेकर मंगलवार को उत्तराखंड सरकार की एक बैठक हुई थी और उस बैठक के बाद यात्रा को रद्द करने का फैसला किया गया है। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह कोरोना को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है और उस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने बाजारों में खरीदारी करने वालों तथा हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भारी भीड़ का जिक्र करते हुए चिंता जताई थी। |
3f07216d817106b5e94a425159742a7e | https://www.indiatv.in/india/national-containers-carrying-radioactive-substances-seized-at-gujarat-mundra-port-pakistan-to-china-824035 | पाकिस्तान से चीन ले जाया जा रहा था रेडियोएक्टिव सब्सटेंस! गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर कई कंटेनर जब्त | बयान में कहा गया, ‘‘इन कंटेनरों को मुंद्रा पोर्ट या देश के किसी अन्य पोर्ट के लिए रवाना नहीं किया गया था। इन्हें कराची से चीन के शंघाई भेजा जा रहा था।" | कच्छ: अडाणी पोर्ट्स ने शुक्रवार को बताया कि सीमा शुल्क और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की एक संयुक्त टीम ने खतरनाक माल की ढुलाई के संदेह को लेकर मुंद्रा पोर्ट पर एक विदेशी पोत से कई कंटेनर जब्त किए हैं। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) के अनुसार, जब्त किये गए कंटेनर पाकिस्तान के कराची से चीन के शंघाई रवाना किये थे और इन्हें मुद्रा पोर्ट के लिए नहीं भेजा गया था। बयान में कहा कि माल को गैर-खतरनाक श्रेणी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था जबकि जब्त किए गए कंटेनरों में खतरनाक श्रेणी 7 के निशान लगे हुए थे, जो रेडियोएक्टिव पदार्थों की तरफ इशारा करते हैं। एपीएसईजेड ने कहा, ‘‘सीमा शुल्क और डीआरआई की एक संयुक्त टीम ने 18 नवंबर को मुंद्रा पोर्ट पर एक विदेशी पोत से कई कंटेनर जब्त किये। यह कंटेनर बिना जानकारी दिए खतरनाक माल की ढुलाई के संदेह को लेकर जब्त किये गए।’’ बयान में कहा गया, ‘‘इन कंटेनरों को मुंद्रा पोर्ट या देश के किसी अन्य पोर्ट के लिए रवाना नहीं किया गया था। इन्हें कराची से चीन के शंघाई भेजा जा रहा था। सरकारी अधिकारियों ने जांच के लिए इन कंटेनरों को मुंद्रा बंदरगाह पर उतार दिया है।’’ |
0430401ac4013a97f69d58406f171e82 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-rakesh-tikait-surrender-news-ghaziabad-administration-farmers-protest-latest-news-768743 | राकेश टिकैत का ऐलान-जारी रहेगा किसान आंदोलन, सरेंडर के सवाल पर दिया यह जवाब | दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के उपद्रव के मामले में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरेंडर करने से इंकार कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे। | नई दिल्ली: दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों के उपद्रव के मामले में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरेंडर करने से इंकार कर दिया है। साथ ही टिकैत ने कहा है कि जो किसान धरनास्थल से चले गए हैं वे वापस भी आएंगे। बता दें के इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे। हमारा धरना जारी रहेगा। राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना के लिए जो जिम्मेदार हैं उनकी कॉल डिटेल निकाली जाए। राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रहा है।राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है। उत्तर प्रदेश गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है। इसके बावजूद सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है। राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। कमेटी जांच करे और पता लगाए कि वहां झंडा लगाने वाले कौन थे।बता दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया था जो 21 जनवरी का बताया गया। वीडियो में टिकैत किसानों को लाठी-डंडे लाने की बात कर रहे है। लाठी-डंडे लाने की बात करने के बाद टिकैत कह रहे हैं कि समझ जाना। दंगे के बाद पुलिस ने किसान नेताओं पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को किसानों का धरना खत्म कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सूबे के बड़ौत जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के पहले ही बागपत जिले में धरना दे रहे किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। बड़ौत इलाके में किसान बीते 19 दिसंबर से धरने पर बैठे थे। पुलिस ने हालांकि धरना जबरन समाप्त कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने स्वेच्छा से अपना प्रदर्शन खत्म किया है। वहीं, किसानों का कहना है कि पुलिस ने उनके ऊपर लाठियां चलाईं, उनके तंबू हटाए और वहां से खदेड़ दिया।बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इसके लिए बकायदा दिल्ली पुलिस के साथ कई दौर की बातचीत हुई और इसके लिए रूट निर्धारित किए गए थे। लेकिन किसानों ने तय समय से पहले ही ट्रैक्टर रैली निकाली और निर्धारित रूट का पालन नहीं करते हुए आईटीओ और लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान पुलिस ने हुड़दंगियों को रोकने की कोशिश की लेकिन इन लोगों ने कई जगह ट्रैक्टर से बैरिकेड्स को ध्वस्त कर दिया। कई जगह ट्रैक्टर से पुलिसवालों को कुचलने की भी कोशिश की गई। उपद्रवियों की हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।ये भी पढ़ें /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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23806172897413d5daa28480008b76d5 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/rakesh-tikait-received-death-threats-over-the-phone-2022-03-28-841529 | राकेश टिकैत को फोन पर मिली जान से मारने की धमकी | भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कहना है कि उन्हें फोन कर एक युवक ने अभद्र टिप्पणी की और जान से मारने की धमकी दी। | मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कहना है कि उन्हें फोन कर एक युवक ने अभद्र टिप्पणी की और जान से मारने की धमकी दी। राकेश टिकैत को रविवार करीब 11 बजे एक व्यक्ति को फोन आया। फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम संजू बताया। उसने अभद्रता करते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। मामले की सूचना थाना मुजफ्फरनगर सिविल लाइन पुलिस को दी गई। सूचना पर अंचल अधिकारी राकेश शर्मा सरकुलर रोड स्थित राकेश टिकैत के आवास पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली।अंचल अधिकारी राकेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने धमकी देने वाले मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लेकर जांच शुरू कर दी। इस संबंध में सिविल लाइन थाने में निवासी रामपुरी प्रज्ज्वल त्यागी की तरफ से अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथामिक दर्ज कराई गई है।राकेश टिकैत ने कहा कि जिस अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया, उसने परिवार तक को गाली दी। उन्होंने कहा कि केवल उनके ही नहीं, बल्कि फोन करने वाले के नंबर से परिवार के सदस्यों को फोनकर जान से मारने की धमकी दी जा रही है।टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 13 महीने में उन्हें कई बार धमकी दी गई थी, जिसकी सूचना वह गाजियाबाद पुलिस को करते रहे। कुछ में मामले दर्ज हुए और कुछ में जांच हुई, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई। मुजफ्फरनगर में भी पहले एक मामले में धमकी देने की प्राथामिक दर्ज कराई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब दोबारा धमकी मिलने पर रिपोर्ट तो दर्ज हो गई, लेकिन पुलिस कार्रवाई का इंतजार रहेगा।उन्होंने कहा कि पुलिस पहले की शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई कर आरोपियों की गिरफ्तारी करती, तो इस तरह की धमकी रुक जाती। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने कहा कि राकेश टिकैत को धमकी दिए जाने की शिकायत पर सिविल लाइन्स थाने पर प्राथामिक दर्ज करा दी गई है। मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लेकर आरोपी जल्द ही पता लगाकर आरोपी की जल्द गिरफ्तार करने दावा किया गया।इनपुट:आईएएनएस |
5e5a6a55babef0e304d2c4ac6ff95dad | https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-in-india-today-15-july-802008 | कोरोना वायरस: 24 घंटे में आए 41,806 नए मामले, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ी | भारत में 41,806 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,09,87,880 पर पहुंच गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 4,32,041 हो गई है। | नई दिल्ली: भारत में 41,806 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 3,09,87,880 पर पहुंच गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 4,32,041 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, इस संक्रमण से 581 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,11,989 हो गई।पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,095 मामलों की वृद्धि हुई है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों की 1.39 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 97.28 प्रतिशत है। मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को कोविड-19 के लिए 19,43,488 नमूनों की जांच की गयी जिससे अभी तक देश में इस महामारी का पता लगाने के लिए किए गए नमूनों की जांच की संख्या 43,80,11,985 हो गई है जबकि दैनिक संक्रमण दर 2.15 प्रतिशत दर्ज की गई। यह लगातार 24 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.21 प्रतिशत है।आंकड़ों के मुताबिक, इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,01,43,850 हो गई है जबकि मृत्यु दर बढ़कर 1.39 प्रतिशत हो गई है। देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 39.13 करोड़ खुराक लगाई गई हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए।देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे। जिन 581 और लोगों ने जान गंवायी है उनमें से 170 की मौत महाराष्ट्र और 128 की केरल में हुई। देश में अभी तक कुल 4,11,989 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 1,26,390 लोगों की मौत महाराष्ट्र, 35,989 की मौत कर्नाटक, 33,557 की तमिलनाडु, 25,021 की दिल्ली, 17,958 की पश्चिम बंगाल और 16,207 लोगों की मौत पंजाब में हुई।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है। |
35e46af5e9e3d389dee1f8b05b6a9bba | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-cm-yogi-adityanath-says-opposition-plotting-riots-in-uttar-pradesh-745248 | यूपी में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रच रहा विपक्ष, CM योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान | हाथरस और बलरामपुर कांड के बाद गरमाती राजनीति के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। | लखनऊ। हाथरस और बलरामपुर कांड के बाद गरमाती राजनीति के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान सामने आया है। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा है। देश भर में जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (4 अक्टूबर) को कहा कि 'जिसे विकास अच्छा नहीं लग रहा, वे लोग देश में और प्रदेश में भी जातीय दंगा, सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं, इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा। इस दंगे की आड़ में उनकी रोटियां सेंकने के लिए उनको अवसर मिलेगा, इसलिए नए-नए षड्यंत्र करते रहते हैं।' बता दें कि, उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप व हत्या की घटना के खिलाफ जहां पूरे देश भर में विरोध-प्रदर्शन जारी है वहीं इस मामले में राजनीति भी जोर पकड़ रही है। बीते दिनों कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हाथरस का दौरा किया और वहां पीड़ित परिवार से मुलाकात की। विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष हाथरस मामले को लेकर जातीय तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्हें ये विकास अच्छा नहीं लग रहा है इसलिए वे जातीय व सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहता है। इस दंगे की आड़ में उन्हें अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का अवसर मिलेगा। लेकिन उनके इन षड़यंत्रों से आगाह होते हुए हमें विकास की इस प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाना होगा।फर्जी पोस्ट डालकर मुख्यमंत्री को बदनाम करने की साजिशदूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक फर्जी बयान सोशल मीडिया पर वायरल कर उन्हें बदनाम करने की साजिश का खुलासा हुआ है। लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली की नरही चौकी के प्रभारी सब-इंस्पेक्टर भूपेन्द्र कुमार सिंह की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई। इस वायरल मैसेज में एक स्क्रीन शॉट लगाकर उसमें मुख्यमंत्री को विवादित बयान देते दिखाया गया है। यह स्क्रीनशॉट फर्जी पाए जाने पर पुलिस ने फेसबुक यूजर मुन्ना यादव के खिलाफ 11 धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इससे विभिन्न समुदायों के बीच कटुता फैलाने का प्रयास किया गया था। विपक्ष जातीय दंगे कराना चाहता है: रमापति शास्त्रीउत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री और भाजपा के प्रमुख दलित नेता रमापति शास्त्री ने हाथरस मामले पर रविवार को कहा है कि 'विपक्ष गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना रहा है, विपक्ष नहीं चाहता सच सामने आए।' इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में शनिवार की रात भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 153-बी (किसी भी जाति, समुदाय आदि के विरूद्ध किसी भी प्रकार से बोलना, लिखना और नफरत फैलाना) समेत कई गंभीर धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस की तहरीर में मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की साजिश और जातीय विद्धेष भड़काने का आरोप है।हजरतगंज कोतवाली के नरही चौकी प्रभारी की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि ''सोशल मीडिया पर मुन्ना यादव नाम के उपयोगकर्ता के अकाउंट के साथ एक न्यूज चैनल के फर्जी समाचार का स्क्रीन शाट संलग्न है जिसमें मुख्यमंत्री की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है।'' तहरीर में लिखा है कि ''स्क्रीन शाट में मुख्यमंत्री की फोटो के साथ यह बयान दिया गया है कि ठाकुरों से गलतियां हो जाती हैं-योगी।'' चौकी प्रभारी ने तहरीर में यह आशंका जताई है कि इससे लोक शांति भंग हो सकती है।कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्जउल्लेखनीय है कि हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के शनिवार को हाथरस जाने के दौरान यहां डीएनडी फ्लाईओवर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के कथित तौर पर हंगामा करने को लेकर करीब 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर धारा 144 का उल्लंघन करने और महामारी अधिनियम के तहत यह मामला शनिवार देर रात थाना सेक्टर-20 में दर्ज किया गया। |
88b748ca1e7202700113f1927acfe500 | https://www.indiatv.in/india/national-after-cyclone-nivar-another-storm-likely-to-affect-tamil-nadu-imd-756994 | निवार के बाद तमिलनाडु, केरल में एक और चक्रवाती तूफान आने का पूर्वानुमान, IMD ने जारी किया अलर्ट | तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान निवार के दस्तक देने के एक सप्ताह से कम समय के अंदर दक्षिणी राज्य में एक और तूफान के आने की आशंका है। | चेन्नई। तमिलनाडु में चक्रवाती तूफान निवार के दस्तक देने के एक सप्ताह से कम समय के अंदर दक्षिणी राज्य में एक और तूफान के आने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर सोमवार को कम दबाव का क्षेत्र बना और इसके गहरे कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है और आगे जाकर यह चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। इस वजह से दो और तीन दिसंबर के बीच दक्षिणी तमिलनाडु और दक्षिणी केरल में भारी बारिश का अंदेशा है। आईएमडी ने बताया कि तूफान दो दिसंबर की शाम या रात में श्रीलंका के तट को पार कर सकता है और फिर यह अगली सुबह में कोमोरिन क्षेत्र-तमिलनाडु में कन्याकुमारी के पास- में उभरेगा। विभाग ने अपने ताजे बुलेटिन में कहा कि इसके प्रभाव से तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे, लक्ष्यद्वीप, आंध्र प्रदेश में एक से चार दिसंबर के बीच बारिश होने के आसार हैं। इन सभी क्षेत्रों में कुछ में सोमवार को भी बारिश होने की संभावना है। दक्षिणी तमिलनाडु और दक्षिणी केरल के कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है और तीन दिसंबर को अलग अलग इलाकों में मूसलाधार बारिश का अनुमान है। आईएमडी ने बताया कि दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर सोमवार को एक दबाव का क्षेत्र बना है। यह पश्चिम–उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ा है। उसने बताया कि इसके अगले 12 घंटे में गहरे कम दबाव के क्षेत्र में बदलने और उसके बाद के अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। दो दिसंबर की पूर्वाह्न से कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी और दक्षिण तमिलनाडु-केरल में तेज हवाएं चलने की संभावना है और समंदर के अशांत रहने की अनुमान है।विभाग ने इसके प्रभाव में आने वाले सभी क्षेत्रों में सोमवार से चार दिसंबर तक मछली पकड़ने की सभी गतिविधियों को बंद करने की सलाह दी है। अंडमान सागर और सटे हुए बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में 28 नवंबर को कम दबाव का क्षेत्र बना था। कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु और पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान निवार गुजरा था, जिसे भारी बारिश हुई थी। बता दें कि, पिछले सप्ताह ‘बहुत भीषण चक्रवाती तूफान’ निवार तमिलनाडु के तट से टकराया था। राज्य में सुरक्षा उपायों के तहत करीब ढाई लाख लोगों को आश्रय शिविरों में ठहराया गया। तूफान से किसी की जान जाने की कोई खबर नहीं है। IMD ने ‘रेड-कलर कोडेड’ चेतावनी जारी कीआईएमडी ने संभावित तूफान के मद्देनजर तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी इलाकों में ‘रेड-कलर कोडेड’ चेतावनी जारी की है और कहा है कि इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान मछुआरों को एक दिसंबर की रात से दक्षिण पूर्व तथा पास के लगे दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में तथा दो दिसंबर से अगले 24 घंटे के लिए पूर्वी श्रीलंका के तटीय क्षेत्रों, कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु-केरल के तटों के पास नहीं जाने की सलाह दी गयी है। मछुवारों को तटों पर लौटने की सलाह दी गईमौसम विभाग ने कहा कि जो लोग समुद्र में गये हैं, उन्हें 30 नवंबर तक तटों पर लौटने की सलाह दी जाती है। आईएमडी के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। आईएमडी ने कहा, ‘‘इसके अगले 24 घंटे में और गहरे दबाव में बदलने की संभावना है। यह चक्रवाती तूफान का आकार भी ले सकता है।’’ आईएमडी के चक्रवात चेतावनी विभाग ने कहा, ‘‘यह तीन दिसंबर की सुबह करीब के पश्चिमी इलाकों की ओर बढ़ सकता है और उसके बाद कोमोरिन क्षेत्र में पहुंच सकता है।’’ |
e416cc7cbf4ed62cb0d430fa111203d6 | https://www.indiatv.in/india/politics/bihar-rabri-devi-took-a-jibe-at-law-and-order-then-deputy-cm-said-incidents-of-crime-trouble-us-too-2022-04-04-842959 | बिहार: कानून व्यवस्था पर रावड़ी देवी ने कसा तंज तो डिप्टी सीएम बोले- हमें भी परेशान करती हैं अपराध की घटनाएं | हालही में रावड़ी देवी ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जोरदार हमला बोला था और कहा था कि बिहार में कानून व्यवस्था फेल है। | पटना: बिहार में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Rabri Devi) द्वारा निशाना साधने के बाद सियासी गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। रावड़ी के बयान के बाद अब बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने भी जवाब दिया है। दरअसल हालही में रावड़ी देवी ने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जोरदार हमला बोला था और कहा था कि बिहार में कानून व्यवस्था फेल है और अपराधियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। रावड़ी ने ये भी कहा था कि लोगों की सरेआम हत्या हो रही है। इसलिए नीतीश कुमार यूपी चले जाएं और योगी को बिहार ले आएं। रावड़ी के इस बयान पर बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राबड़ी देवी पूर्व मुख्यमंत्री हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। लेकिन यूपी और बिहार के सीएम पर उन्होंने जो कमेंट किया है, उस पर मैं कुछ नहीं कहूंगा। प्रसाद ने कहा कि यूपी में योगी बेहतर शासन दे रहे हैं लेकिन बिहार में भी हम कई चीजों में बदलाव लाए हैं। प्रसाद ने कहा कि अपराध की घटनाएं हमें भी परेशान करती हैं और हमारे लोग भी इसका शिकार होते हैं। ये हमारे लिए एक चुनौती है। लेकिन बिहार इन घटनाओं के बारे में अपने आप में सक्षम भी है। |
85b0fc4587a77a6f675bab95bd545c0b | https://www.indiatv.in/india/national-southwest-monsoon-advances-further-in-more-parts-of-bay-of-bengal-likely-to-hit-kerala-by-may-31-792848 | दक्षिण पश्चिम मॉनसून बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ा, 31 मई तक केरल पहुंचने की संभावना | भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण पश्चिम तथा पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ गया है एवं केरल में 31 मई तक इसके पहुंचने के आसार हैं। | नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण पश्चिम तथा पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ गया है एवं केरल में 31 मई तक इसके पहुंचने के आसार हैं। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में पिछले दो सप्ताह में चक्रवाती तूफान ताउते और यास आए। इन दोनों तूफानों की वजह से देश में कई जगहों पर भारी बारिश हुई।मौसम विभाग ने कहा, ‘‘दक्षिण पश्चिम मॉनसून 27 मई की सुबह मालदीव-कोमोरिन इलाके, दक्षिण पश्चिम तथा पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों की ओर, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के अधिकतर हिस्सों और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों की ओर बढ़ गया है।’’उसने कहा, ‘‘केरल में 31 मई के आसपास दक्षिण पश्चिम मॉनसून की शुरूआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो सकती हैं।’’ केरल में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख एक जून है। |
ea6dfcbca9d57ab3f08b72bd53b97def | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-rohingya-muslim-arrested-in-aligarh-uttar-pradesh-by-up-ats-796745 | यूपी एटीएस ने 2 रोहिंग्याओं को किया गिरफ्तार, इनके साथियों का भी लगाया जाएगा पता | यूपी एटीएस (UP ATS) ने गुरुवार को अलीगढ़ से दो रोहंगियाओं को गिरफ्तार किया है। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार रफीक और आमीन अवैध रूप से रह रहे थे। अब इनसे पूछताछ की जाएगी कि कौन-कौन इनके सहयोगी थे। | अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले रोहिंग्याओं पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यूपी एटीएस (UP ATS) ने गुरुवार को अलीगढ़ से दो रोहंगियाओं को गिरफ्तार किया है। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार रफीक और आमीन अवैध रूप से रह रहे थे। अब इनसे पूछताछ की जाएगी कि कौन-कौन इनके सहयोगी थे। साथ ही अब ये भी जांच की जाएगी कि आखिर अलीगढ़ में ये किसकी मदद से पहुंचे और किसकी मदद से भारत के जाली दस्तावेज बनवाए। यूपी एटीएस इनके और कौन-कौन से साथी भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं इसकी भी जांच करेगी। |
0d66ec96a1947a3022fe803e55bcfc57 | https://www.indiatv.in/india/national-why-was-the-number-of-beds-in-hospitals-reduced-says-priyanka-gandhi-794426 | संसदीय समिति की चेतावनी को अनसुना कर अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या क्यों घटाई गई: प्रियंका | प्रियंका गांधी ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की संख्या कम पड़ जाने का उल्लेख करते हुए शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि आखिर पहली लहर के बाद विशेषज्ञों और संसदीय समिति की चेतावनियों को अनसुना करते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या क्यों घटाई गई। | नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की संख्या कम पड़ जाने का उल्लेख करते हुए शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि आखिर पहली लहर के बाद विशेषज्ञों और संसदीय समिति की चेतावनियों को अनसुना करते हुए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या क्यों घटाई गई। उन्होंने सरकार से प्रश्न करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत किए गए फेसबुक पोस्ट में यह भी पूछा कि ‘‘क्या देश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री निवास और नयी संसद का निर्माण है?’’प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से युद्ध जीत लेने की घोषणा कर रहे थे उसी समय देश में ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर बेडों की संख्या कम की जा रही थी, लेकिन ‘झूठे प्रचार में लिप्त’ सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सितम्बर 2020 में भारत में 2,47,972 ऑक्सीजन बेड थे, जो 28 जनवरी 2021 तक 36 प्रतिशत घटकर 1,57,344 रह गए। इसी दौरान आईसीयू बेड 66,638 से 46 प्रतिशत घटकर 36,008 और वेंटिलेटर बेड 33,024 से 28 प्रतिशत घटकर 23,618 रह गए।’’प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पिछले साल स्वास्थ्य मामलों की संसद की स्थाई समिति ने कोरोना की भयावहता का जिक्र करते हुए अस्पताल के बिस्तरों, ऑक्सीजन आदि की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने की बात कही थी। मगर सरकार का ध्यान कहीं और था।’’ प्रियंका गांधी ने कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता और आम लोगों की परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जिस समय देश भर में लाखों लोग अस्पतालों में बिस्तरों की गुहार लगा रहे थे उस समय सरकार के आरोग्य सेतु जैसे ऐप और अन्य डाटाबेस किसी काम के नहीं निकले।’’कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘2014 में सरकार में आते ही स्वास्थ्य बजट में 20 प्रतिशत की कटौती करने वाली मोदी सरकार ने 2014 में 15 एम्स बनाने की घोषणा की थी। इनमें से एक भी एम्स आज सक्रिय अस्पताल के रूप में काम नहीं कर रहा है। 2018 से ही संसद की स्थाई समिति ने एम्स अस्पतालों में शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों की कमी की बात सरकार के सामने रखी है, लेकिन सरकार ने उसे अनसुना कर दिया।’’उन्होंने सरकार से पूछा, ‘‘तैयारी के लिए एक साल होने के बावजूद आखिर क्यों केंद्र सरकार ने ये समय “हम कोरोना से युद्ध जीत गए हैं” जैसी झूठी बयानबाजी में गुजार दिया और अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के बजाय कम क्यों होने दी?’’ प्रियंका ने यह सवाल भी किया कि मोदी सरकार ने विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मामलों की संसद की स्थाई समिति की चेतावनी को नकारते भारत के हर ज़िले में उन्नत स्वास्थ सुविधाओं को उपलब्ध करने का कार्य क्यों नहीं किया? |
1bc192b268fd11ef102ea5f9e6c6bb53 | https://www.indiatv.in/india/politics-rahul-gandhi-attacks-pm-narendra-modi-over-new-agriculture-laws-748113 | किसानों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने बोला पीएम मोदी पर हमला, कह दी बड़ी बात | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नए कृषि कानूनों को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा और दावा किया कि ये कानून ‘‘हर किसान की आत्मा पर आक्रमण’’ हैं तथा इस तरह के कानून ने देश की नींव को कमजोर किया है। | चंडीगढ़. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नए कृषि कानूनों को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा और दावा किया कि ये कानून ‘‘हर किसान की आत्मा पर आक्रमण’’ हैं तथा इस तरह के कानून ने देश की नींव को कमजोर किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ये तीनों कानून इस देश के हर किसान की आत्मा पर आक्रमण हैं, ये उनके (किसानों के) खून-पसीने पर आक्रमण हैं। और इस देश के किसान एवं मजदूर इस बात को समझते हैं।’’पढ़ें- मदरसा बोर्ड को भंग करेगी असम सरकार, हिमंत बिस्वा सरमा का ऐलानराहुल ने पंजाब और हरियाणा की अपनी हालिया यात्रा के दौरान नए कृषि कानूनों के खिलाफ की गई ‘ट्रैक्टर रैलियों’’ का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं कुछ दिन पहले पंजाब और हरियाणा आया तथा हर किसान एवं मजदूर को मालूम है कि ये तीनों कानून उन पर आक्रमण हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि पंजाब सरकार ने केंद्र के इन नये कृषि कानूनों को लेकर 19 अक्टूबर को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है, जहां विधायक इन कृषि कानूनों के बारे में फैसला करेंगे। पंजाब में ‘स्मार्ट गांव अभियान’ के दूसरे चरण की शुरुआत पर डिजिटल संबोधन के दौरान उन्होंने यह कहा।पढ़ें- राजस्थान: आरक्षण के लिए गुर्जरों की महापंचायत, बयाना के कई इलाकों में इंटरनेट बंदइस अभियान के तहत करीब 50,000 विभिन्न विकास कार्यों के लिये 2,663 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, उनके मंत्रिमंडल के कुछ सहकर्मी भी इस अवसर पर मौजूद थे। राहुल ने नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘यदि हम देश की नींव (किसानों) को कमजोर करेंगे, तो भारत कमजोर हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी नींव की रक्षा करने और उसे मजबूत करने का काम करती है। यह हमारे और केंद्र सरकार के बीच अंतर है। वे (केंद्र) पंचायतों और लोगों को ध्यान में रखे बगैर शीर्ष स्तर से योजनाओं पर जोर देते हैं और उनके कानूनों ने भारत की नींव कमजोर कर दी है।’’पढ़ें- Kashmir: भारतीय सेना को बड़ी सफलता, आतंकी से करवाया सरेंडर, देखिए वीडियोकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यदि ये कानून किसानों और मजदूरों के हित में हैं, तो सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इन्हें पारित कराने से पहले चर्चा क्यों नहीं होने दी? वे चर्चा से क्यों डर गये थे? पूरा देश चर्चा देखता और यह फैसला करता कि क्या ये कानून किसानों के हित में हैं।’’ राहुल ने कहा, ‘‘लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में, हिन्दुस्तान के किसानों की आवाज दबा दी गई। मैं खुश हूं कि पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में किसानों और मजदूरों की आवाज सुनी जाएगी।’’पढ़ें- पाकिस्तान छोड़ने जा रही है मशहूर TikTok स्टार जन्नत मिर्जा, बोली- यहां के लोगों की mentality अच्छी नहींउल्लेखनीय है कि हाल ही में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान कृषि से संबद्ध तीन विधेयक पारित किये गये थे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन गये हैं। कांगेस, कई विपक्षी दल और कई किसान संगठन इन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि ये किसानों के हितों को नुकसान और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाएंगे। हालांकि, सरकार ने इससे इनकार किया है। |
6ff3fe06748d00ba9aa07d3556117cb5 | https://www.indiatv.in/india/politics-pegasus-is-a-matter-related-to-nationalism-treason-says-rahul-gandhi-804684 | 'पैगसस पर चर्चा से पहले हम कहीं नहीं जाएंगे, इसका इस्तेमाल देशद्रोहियों के खिलाफ होना चाहिए' | पैगसस जासूसी मामले पर आज कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी आवाज़ को संसद में दबाया जा रहा है। | नई दिल्ली. पैगसस जासूसी मामले पर आज कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी आवाज़ को संसद में दबाया जा रहा है। हमारा एक सवाल है कि क्या केंद्र सरकार ने पैगसस को खरीदा था कि नहीं? क्या केंद्र सरकार ने उसका इस्तेमाल अपने देश के लोगों के ख़िलाफ़ किया था कि नहीं? हम यह जानना चाहते हैं।राहुल गांधी ने कहा कि इस हथियार को आतंकवादियों के खिलाफ, देशद्रोहियों के खिलाफ प्रयोग किया जाना चाहिए। हम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछना चाहते हैं कि इस हथियार का इस्तेमाल लोकतंत्र के खिलाफ क्यों किया गया? पैगसस पर चर्चा होने से पहले हम कहीं नहीं जाएंगे। राहुल गांधी ने कहा कि हम पैगसस पर चर्चा चाहते हैं। सरकार पैगसस पर चर्चा करने से मना कर रही है। स्पष्ट तौर पर सरकार ने कुछ ग़लत किया है, स्पष्ट तौर पर सरकार ने कुछ ऐसा किया है जो देश के लिए ख़तरनाक है। वर्ना वे कहते कि आइए और चर्चा कीजिए।राहुल गांधी ने आगे कहा, "मैं हिंदुस्तान के युवाओं से जनता से पूछना चाहता हूं कि आपके फोन के अंदर नरेंद्र मोदी जी ने एक हथियार डाला है, मेरे खिलाफ वो हथियार का प्रयोग किया गया, सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ उस हथियार का प्रयोग किया गया, बाकी नेताओं के खिलाफ हथियार का प्रयोग किया गया, प्रेस के लोगों के खिलाफ, एक्टिविस्ट के खिलाफ प्रयोग हुआ, तो फिर सदन में बात क्यों नहीं होनी चाहिए, क्या कारण है कि सदन में बात नहीं हो रही है।"उन्होंने कहा, "अगर हमने अभी कह दिया कि हम पैगसस पर चर्चा नहीं करेंगे तो यह मुद्दा खत्म हो जाएगा, लेकिन जो पैगसस का मामला है वो हमारे लिए राष्ट्रीयता का मामला है। यह जो हथियार है यह लोकतंत्र के खिलाफ इस्तेमाल किया गया, यह निजता का मामला नहीं है मेरे लिए, मेरे लिए यह राष्ट्र विरोधी काम है, नरेंद्र मोदी जी ने और अमित शाह जी ने हिंदुस्तान की आत्मा पर चोट मारी है, इसलिए पैगसस पर चर्चा से पहले हम कही नहीं जाएंगे।" |
c3f400dd4bc6c634d9cda799352f9aca | https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-wore-this-cap-now-there-is-demand-from-country-to-abroad-stock-runs-out-as-soon-as-it-comes-to-market-2022-03-23-840870 | पीएम मोदी ने जबसे इस ‘टोपी’ को पहना, देश से लेकर विदेशों तक है मांग, मार्केट में आते ही स्टॉक हो जाता है खत्म | उत्तराखंड में सीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह में जब पीएम मोदी पहुंचें तो वह एक बार फिर पहाड़ी टोपी पहने हुए नजर आए हैं। खास बात ये कि पीएम मोदी ने जब से इस टोपी को पहना है तभी से देश और दुनिया में इसे एक अलग पहचान मिल रही है। | नई दिल्ली: आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक खास टोपी पहनकर कार्यक्रम में पहुंचें तो सभी की नजर इस खास टोपी पर ठहर गई। इस खास टोपी में राज्य पुष्प ब्रह्मकमल अंकित होता है। सोशल मीडिया के साथ-साथ आम लोगों में भी इस टोपी को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। इसे लोग ब्रह्मकमल टोपी भी कहते हैं। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय फूल है। अक्सर उत्तराखंड के लोग इस टोपी को पहना करते हैं। लेकिन इसमे कोई दोराय नही है कि पीएम मोदी के इस टोपी पहनने के बाद से ये आम लोगों की भी खासा पसंद हो गई है।पहाड़ी टोपी की खासियतइस टोपी की डिमांड काफी बढ़ गई है। आम आदमी से लेकर खास तक हर कोई इस टोपी को पसंद कर रहा है। सिर्फ उत्तराखंडवासी ही नही बल्कि दूसरे राज्यों के लोग भी इस टोपी की मांग कर रहे हैं। टोपी में लगा ब्रह्मकमल शुभता का प्रतिक है। इस टोपी में चार रंग की एक पट्टी भी लगी हुई है जो जीव, प्रकृति,धरती औऱ नभ के आपसी सामंजस्य को दर्शाता है।खास कपड़े का होता है इस्तेमाल वैसे तो आज मार्किट में अलग-अलग कपड़े की बनी हुई टोपी मौजूद हैं। लेकिन लोग विशेष तौर पर भूटिया रिवर्स या खादी के कपड़े की बनी टोपी पंसद करते हैं। गर्मी में खादी कपड़े में बनी टोपी को लोग काफी खरीदतें हैं। वहीं सर्दियों के वक्त गर्म कपड़े में बनी टोपी मार्किट में मिलती है। सर्दियों में ट्वीड कपड़े में इस टोपी को बनाया जाता है। इस टोपी में पहले सिलाई का काम होता है बाद में इस टोपी में हाथ से इस पर पट्टी को लगाया जाता है। ब्रह्मकमल का महत्वइस टोपी में लगे ब्रह्मकमल का भी खास महत्व है। ये उत्तराखंड राज्य का फूल है। धार्मिख अनुष्ठानों में भी इस फूल का इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य तौर पर ये फूल हिमालयी इलाकों में ही पाया जाता है। इस फूल के उगने का भी खास वक्त होता है। ये फूल अगस्त के महीने में ही उगता है। फूल को कई देसी औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है। फूल के बारे में हिंदू धर्म के ग्रंथों में भी उल्लेख किया गया है सोशल मीडिया पर छाई टोपीसोशल मीडिया में अगर आप देंखेंगे तो उत्तराखंडी टोपी को सर्च करने वाले लोगों की संख्या पिछले कुछ ही महीनों में काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग इस टोपी को लेकर ना सिर्फ चर्चा कर रहें हैं बल्कि टोपी को पहनकर अपनी तस्वीर भी अपलोड कर रहे हैं। क्योंकि ये एक पहाड़ी टोपी है इसलिए दूसरे राज्यों में कहां और किसी शॉप पर आसानी से मिल सकती है, सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी असानी से उपल्बध है। युवाओं के बीच ये टोपी अब खासा पंसद की जाती है। |
3fbdeeb731a88cbf02fac43a4c40be6b | https://www.indiatv.in/india/national-delhi-march-warmest-in-11-years-weather-latest-news-updates-781808 | मौसम: दिल्ली में 2010 के बाद सबसे गर्म रहा मार्च महीना, भुवनेश्वर में तापमान 44.2 डिग्री पहुंचा | फरवरी के बाद मार्च महीने ने भी गर्मी का एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मौसम विभाग की मानें तो पिछले 11 वर्षों में इस साल मार्च का महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा है। 2010 के बाद इस साल मार्च महीने में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी है। | नई दिल्ली: 1901 के बाद सबसे ज्यादा गर्म फरवरी महीने का रिकॉर्ड कायम करने के बाद अब मार्च महीने ने भी गर्मी का एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मौसम विभाग की मानें तो पिछले 11 वर्षों में इस साल मार्च का महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा है। 2010 के बाद इस साल मार्च महीने में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी है। उधर, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर का तापमान बुधवार को 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि राज्य के 18 स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। भुवनेश्वर में मार्च में उच्चतम तापमान का पिछला रिकॉर्ड टूट गया। पिछले साल 21 मार्च 2016 को 42.2 डिग्री सेल्सियस रहा था।क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बारीपदा में 43.6 डिग्री सेल्सियस, बालासोर में 43 डिग्री, चंदबली में 42.6, तालचेर में 42.5, और मलकानगिरि, गजपति और बौध में 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।अंगुल 41.7 डिग्री सेल्सियस, बोलनगीर और भवानीपटना में 41.5 डिग्री और टिटलागढ़ और नयागढ़ में तापमान 41.2 पर ठहरा। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच.आर. बिस्वास ने कहा कि भीषण गर्मी से जल्द राहत नहीं मिलेगी, अगले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में गर्म हवाएं चलने की स्थिति बनी रहेगी। |
6ee8c72ee7a7a9596cb900cd7e7915d0 | https://www.indiatv.in/india/national-opposition-questions-pm-over-atmanirbhar-bharat-733772 | विपक्षी दलों ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल किए | कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘आत्मनिर्भर’ भारत का आह्वान किए जाने को लेकर सवाल किया और कहा कि जब सरकार राष्ट्रीय संपत्तियों का निजीकरण कर रही है तो ऐसे समय आत्मनिर्भर भारत की बात करना सिर्फ ‘बयानबाजी’ है। | नयी दिल्ली: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘आत्मनिर्भर’ भारत का आह्वान किए जाने को लेकर सवाल किया और कहा कि जब सरकार राष्ट्रीय संपत्तियों का निजीकरण कर रही है तो ऐसे समय आत्मनिर्भर भारत की बात करना सिर्फ ‘बयानबाजी’ है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह सवाल करना जरूरी है कि क्या यह सरकार जनमत और प्रजातंत्र में विश्वास करती है? उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहले देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की कोटि-कोटि बधाई। हर भारतवासी को सोचना है कि आज आजादी के मायने क्या हैं? क्या हमारी सरकार प्रजातंत्र में विश्वास रखती है, जनमत और बहुमत में विश्वास रखती है? इस देश में बोलने, सोचने, कपड़ा पहनने और आजीविका कमाने की आजादी है या कहीं न कहीं इन पर अंकुश लग गया है?’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल और दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों ने रखी थी। अब जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो यह सवाल पूछना पड़ेगा कि जो सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को बेच दे और रेलवे एवं हवाई अड्डों का निजीकरण कर रही हो, वो इस देश की आजादी को सुरक्षित रख पाएगी?’’ देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद आरोप लगाया कि मोदी का ‘न्यू इंडिया’ आत्मनिर्भर नहीं, बल्कि कारपोरेट का मददगार है। देश के लोगों से सरकारी संपत्तियों के निजीकरण से जुड़े कदमों के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हुए कम्युनिस्ट पार्टियों ने यह भी कहा कि सिर्फ जनांदोलन के माध्यम से ही मौजूदा सरकार से लड़ा जा सकता है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी की ओर से आयोजित एक वीडियो कांफ्रेस में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने लाल किले से जिस ‘न्यू इंडिया’ के बारे में बात की, वह उस भारत को नकारना है जो संविधान के तहत बना था। यह भारत आत्मनिर्भर नहीं है, बल्कि विदेशी कारपोरेट का मददगार है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान पर हो रहे हमलों से निपटने का एकमात्र रास्ता जनांदोलन है। भाकपा महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया कि पहले के प्रधानमंत्री अपने विकास के एजेंडे के बारे में बात करते थे, लेकिन मोदी को कारपोरेट के हितों की सेवा करने वाले प्रधानमंत्री के तौर पर याद किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर जोर दिया और इसके लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं भी कीं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ को विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है। |
e9adb8a707429ad283e6825c9189d4a5 | https://www.indiatv.in/india/national-researchers-identify-73-new-variants-of-coronavirus-strain-in-odisha-733636 | रूप बदल-बदलकर सामने आ रहा है कोरोना, स्ट्रेन के 73 नए स्वरूपों की हुई पहचान | जीनोम का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम ने ओडिशा में कोविड-19 स्ट्रेन के 73 नए स्वरूपों की पहचान की है। | भुवनेश्वर: जीनोम का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम ने ओडिशा में कोविड-19 स्ट्रेन के 73 नए स्वरूपों की पहचान की है। नई दिल्ली स्थित सीएसआईआर-जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) तथा भुवनेश्वर स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) एवं एसयूएम अस्पताल के विशेषज्ञों ने इसकी पड़ताल की है। प्रमुख अनुसंधानकर्ता और आईएमएस एवं एसयूएम अस्पताल के निदेशक (अनुसंधान) डॉ जयशंकर दास ने शुक्रवार को बताया, ‘‘अध्ययन टीम ने 752 क्लिनिकल नमूने समेत 1536 नमूनों का अनुक्रमण तैयार किया। भारत में पहली बार वायरस के बी 1.112 और बी1.99 स्वरूप मिले।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की विस्तृत प्रकृति का पता लग जाए तो मरीजों का उपचार करने और उनके ठीक होने में मदद मिलेगी। अनुसंधान टीम को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की मदद मिली है। दास ने सीक्वेंस के संबंध में प्रौद्योगिकी कंपनी इलुमिना की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस नए अध्ययन से भारत ने अनुसंधान की पुष्टि और डाटा को ऑनलाइन तरीके से जारी कर 10 देशों में 12 संगठनों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि आईएमएस और एसयूएम अस्पताल के अनुसंधानकर्ता भी सीक्वेंस का काम कर रहे हैं और हल्के, मध्यम और गंभीर स्तर के संक्रमण को समझने के लिए 500 वायर जीनोम का विश्लेषण कर रहे हैं। इससे संक्रमण के प्रसार को भी जानने में मदद मिलेगी। दास ने कहा कि इस अध्ययन से पूर्वी भारत खासकर ओडिशा में वायरस के स्वरूप के असर, नुकसान और प्रसार को समझने में आसानी होगी । उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के तेजी से हुए प्रसार को देखते हुए इसके निदान के लिए सार्स-कोविड-दो के जीनोम को जानना जरूरी है । |
ec4b80b54eb7ab33c0677e1fa2f4906e | https://www.indiatv.in/india/national-elaborate-precautionary-measures-in-sabarimala-in-view-of-covid-19-754068 | Coronavirus के मद्देनजर सबरीमला मंदिर में व्यापक एहतियाती उपाय किए गए | केरल में वार्षिक मंडलम-मकरविलाक्कु सीजन के लिए सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर के खुलने में सिर्फ एक दिन रह गया है और ऐसे में केरल सरकार ने कहा है कि मंदिर में दर्शन की व्यवस्था के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। | तिरुवनंतपुरम: केरल में वार्षिक मंडलम-मकरविलाक्कु सीजन के लिए सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर के खुलने में सिर्फ एक दिन रह गया है और ऐसे में केरल सरकार ने कहा है कि मंदिर में दर्शन की व्यवस्था के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। कोविड-19 से संक्रमित किसी भी व्यक्ति को तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी, इसके लिए पर्याप्त जांच की व्यवस्था की गई है।मंदिर में अंतिम तैयारियों की समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रदेश सरकार के मंत्री कदकम्पल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि संपूर्ण तीर्थयात्रा इस बार डिजिटल कतार प्रणाली के माध्यम से होगी, ताकि सामान्य रूप से भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।महामारी के मद्देनजर सुचारू रूप से तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों का उल्लेख करते हुए सुरेंद्रन ने कहा कि तीर्थ यात्रा पर जानने वाले प्रत्येक तीर्थयात्री को पिछले 24 घंटों के भीतर की कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट वाला प्रमाणपत्र साथ रखना होगा। यात्रा शुरू करने से पहले भक्तों की जांच करने में मदद के लिए आधार शिविर पम्पा और नीलक्कल में कोविड-19 जांच बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तिरुवनंतपुरम, तिरुवल्ला, चेंगन्नूर और कोट्टायम के सभी बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों सहित विभिन्न केंद्रों पर एंटीजन जांच की व्यवस्था की जाएगी, जहां तीर्थयात्री भगवान अय्यप्पा मंदिर जाने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में दर्शन के समय सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। |
8def10108817abdc7061515e671db526 | https://www.indiatv.in/india/national-jammu-kashmirterror-module-busted-two-terrorist-arrested-arms-recovered-761996 | जम्मू में दो आतंकवादी गिरफ्तार, हथियार एवं गोला-बारूद जब्त | तंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फोर्स’ (टीआरएफ) के दो आतंकवादियों को शुक्रवार शाम को स्थानीय पुलिस ने यहां गिरफ्तार किया। पुलिस ने शनिवार को बताया कि आतंकवादियों के कब्जे से हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। | जम्मू: आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फोर्स’ (टीआरएफ) के दो आतंकवादियों को शुक्रवार शाम को स्थानीय पुलिस ने यहां गिरफ्तार किया। पुलिस ने शनिवार को बताया कि आतंकवादियों के कब्जे से हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने काजीगुंड के चुरथ के रहने वाले रईस अहमद डार और कुलगाम के अश्मुजी के रहने वाले सबजार अहमद शेख को गिरफ्तार किया। ये दोनों एक कार से श्रीनगर जा रहे थे तभी नरवल बाइपास पर शुक्रवार शाम पुलिस ने उन्हें रोका और गिरफ्तार किया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि स्वचालित हथियारों से लैस आतंकवादियों के आने की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद एसओजी ने इलाके में विशेष जांच बिंदु बनाए थे। उन्होंने बताया, ‘‘शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे जब एसओजी दल इलाके में वाहनों की जांच कर रहा था, तब एक कार में सवार लोगों ने वाहन को वहां से भगाने की कोशिश की। संदिग्ध हरकत नजर आने पर दल ने तुरंत वाहन का पीछा किया और दो संदिग्धों को पकड़ लिया, उनके पास से एक बैग भी मिला।’’ अधिकारी ने बताया कि बैग डार के पास से मिला तथा उसमें एक एके राइफल, दो मैगजीन तथा 60 कारतूस, एक पिस्तौल, दो मैगजीन तथा 15 कारतूस मिले। प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, शस्त्र अधिनियम एवं गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को गिरफ्तार करने के साथ पुलिस ने टीआरएफ के मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। टीआरएफ लश्कर ए तैयबा से जुड़ा संगठन माना जाता है। अधिकारी ने बताया कि डार पहले भी आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा है और उनके खिलाफ चार मामले दर्ज हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि वह टीआरएफ के लिए काम कर रहा था। उसके साथी की भूमिका के बारे में पता लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जम्मू पुलिस पता लगा रही है कि आतंकवादी गतिविधियों को कौन लोग समर्थन दे रहे थे।इनपुट-भाषा |
be3aa2e8d596c034c8d189acd8a36754 | https://www.indiatv.in/india/national-delhi-metro-blue-line-to-get-affected-between-janakpuri-west-and-dwarka-metro-station-773569 | Delhi Metro का सफर करने वालों के लिए बड़ा अपडेट, इस लाइन पर रविवार को सेवाएं होंगी प्रभावित | नोएडा सिटी सेंटर (Noida City Centre Metro Station) से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी (Noida Electronic City Metro Station) सेक्शन तक मेट्रो सेवा सुबह 8 बजे से शुरू होगी। इस खंड पर चल रहे ट्रैक के रखरखाव के कारण जनकपुरी पश्चिम-द्वारका खंड पर सेवाओं को निलंबित कर दिया जाएगा। | नई दिल्ली. रविवार को द्वारका मेट्रो स्टेशन (Dwarka Metro Station) पर ट्रैक की मरम्मत के कारण दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की ब्लू लाइन सेवाएं (Blue Line Services) थोड़ी देर के लिए प्रभावित रहेंगी। सुबह 9.30 बजे से पूरी ब्लू लाइन में सामान्य ट्रेन सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी (Noida Electronic City Metro Station)/ वैशाली (Vaishali Metro Station) से जनकपुरी पश्चिम (Janakpuri West) खंड पर मेट्रो सेवाएं रविवार के समय सारणी के अनुसार एक लूप में उपलब्ध रहेंगी।पढ़ें- सेंट्रल रेलवे ने यूपी वालों को दी खुशखबरी, चलाईं स्पेशल ट्रेनें, जानिए रूट, स्टॉपेज और टाइमिंगपढ़ें- बदला जाएगा होशंगाबाद का नाम, मुख्यमंत्री शिवराज ने किया ऐलाननई दिल्ली. रविवार को द्वारका मेट्रो स्टेशन (Dwarka Metro Station) पर ट्रैक की मरम्मत के कारण दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की ब्लू लाइन सेवाएं (Blue Line Services) थोड़ी देर के लिए प्रभावित रहेंगी। सुबह 9.30 बजे से पूरी ब्लू लाइन में सामान्य ट्रेन सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी (Noida Electronic City Metro Station)/ वैशाली (Vaishali Metro Station) से जनकपुरी पश्चिम (Janakpuri West) खंड पर मेट्रो सेवाएं रविवार के समय सारणी के अनुसार एक लूप में उपलब्ध रहेंगी।पढ़ें- सेंट्रल रेलवे ने यूपी वालों को दी खुशखबरी, चलाईं स्पेशल ट्रेनें, जानिए रूट, स्टॉपेज और टाइमिंगनोएडा सिटी सेंटर (Noida City Centre Metro Station) से नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी (Noida Electronic City Metro Station) सेक्शन तक मेट्रो सेवा सुबह 8 बजे से शुरू होगी। इस खंड पर चल रहे ट्रैक के रखरखाव के कारण जनकपुरी पश्चिम-द्वारका खंड पर सेवाओं को निलंबित कर दिया जाएगा। हालांकि, मेट्रो ट्रेनें द्वारका सेक्टर 21 (Dwarka Sector 21 Metro Station) से द्वारका (Dwarka) के बीच चलती रहेंगी। इस अवधि के दौरान स्टेशनों और ट्रेनों के अंदर यात्रियों को सूचित करने के लिए नियमित रूप से घोषणा की जाएगी।पढ़ें- मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिए 11 लाख, परिवार को लेकर कही बड़ी बातपढ़ें- गुड न्यूज! लगातार नई ट्रेनों का ऐलान कर रहा है रेलवे, अब इन रूट्स पर दौड़ेंगी स्पेशल ट्रेनें, देखिए पूरी लिस्टCISF जवान ने दिल्ली मेट्रो के यात्री की जान बचाईCISF के एक जवान ने दिल्ली मेट्रो में बेहोश हो गए 45 वर्षीय एक व्यक्ति की जान बचाई। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह घटना इंद्रप्रस्थ स्टेशन पर बृहस्पतिवार शाम सात बजकर 40 मिनट पर हुई। व्यक्ति (द्वारका-नोएडा) मेट्रो से उतरने के बाद प्लेटफॉर्म पर बेहोश हो गया था। सीसीटीवी फीड की निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मी अनिल गुंजा ने जैसे ही यह देखा वह व्यक्ति को देखने के लिए तत्काल आए और आपात उपचार प्रक्रिया सीपीआर दी, जिसके बाद वह होश में आ पाया।पढ़ें- Kisan Andolan: क्या चुनाव लड़ेंगे राकेश टिकैत? इंडिया टीवी से कही ये बातपढ़ें- उत्तर रेलवे की कई स्पेशल ट्रेनें कैंसिल, कई का बदला गया रूट, ये रही पूरी जानकारीव्यक्ति शहर के उत्तर नगर ईस्ट के रहनेवाला है और उसे निकटतम अस्पताल ले जाया गया और जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बताई। सीपीआर एक आपात चिकित्सकीय प्रक्रिया है और इसे तब किया जाता है जब हृदय की गति रुक जाए। सीआईएसएफ के पास ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की सुरक्षा का जिम्मा है। (Inputs- IANS/Bhasha) |
ddb34ab46180fb1f44b317d35a746473 | https://www.indiatv.in/india/national/corona-cases-the-rising-global-cases-of-corona-are-again-intimidating-this-country-will-continue-with-complete-restrictions-2022-03-17-840076 | Corona Cases: फिर डरा रहे हैं कोरोना के बढ़ते वैश्विक मामले, यह देश जारी रखेगा पूरे प्रतिबंध | चीन सहित दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इन मामलों को देखते हुए कई देश कोविड प्रतिबंधों को कायम रखने का निर्णय लेने लगे हैं। | तेल अवीव। चीन सहित दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इन मामलों को देखते हुए कई देश कोविड प्रतिबंधों को कायम रखने का निर्णय लेने लगे हैं। इसी क्रम में इजराइल भी कोरोना के बढ़ते वैश्विक संक्रमण के मामलों के बीच कोरोना प्रतिबंध जारी रखेगा।इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दुनियाभर में कई स्थानों पर बढ़ते संक्रमण के बीच इजराइल और अधिक कोविड-19 प्रतिबंध नहीं हटाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कार्यालय के हवाले से एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक परामर्श बैठक के बाद प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और स्वास्थ्य मंत्री नित्जन होरोविट्ज ने फैसला किया कि मास्क मैंडेट को नहीं हटाया जाएगा, हालांकि अप्रैल में फिर से उपाय की समीक्षा की जाएगी।इसके अलावा, कक्षाओं में एयर फिल्टर सिस्टम की स्थापना को तेज किया जाएगा और सरकार 12 वर्ष से अधिक उम्र की पूरी आबादी को कोविड की तीसरी खुराक प्राप्त करने के लिए टीकाकरण अभियान जारी रखेगी। यह घोषणा इजरायल द्वारा कोरोना वायरस से जुड़ी कई पाबंदियों को हटाने के लगभग दो सप्ताह बाद आई है।1 मार्च को, सरकार ने ग्रीन पास योजना को रद्द कर दिया, जिसने केवल टीकाकरण वाले लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश की अनुमति दी थी। बुधवार को, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो इन-बाउंड यात्रियों से एक नए कोरोनावायरस स्ट्रेन का पता लगाने की घोषणा की, जो मूल ओमिक्रॉन बीए.1 और इसके सबवैरिएंट बीए.2 का एक संयुक्त स्ट्रेन है। |
81dccfd61f46d9eb837b58d8c44b5d13 | https://www.indiatv.in/india/national-farmers-protest-live-updates-include-repeal-of-new-farm-laws-in-agenda-for-fresh-talks-says-unions-761724 | आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा- वार्ता के एजेंडे में कृषि कानूनों को रद्द करना शामिल करे सरकार | आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं। | नई दिल्ली: आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं। साथ ही, किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में 3 नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा। किसान संगठनों ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग से अलग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि MSP के लिए कानूनी गारंटी का मुद्दा उनके आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हैं 40 किसान संगठनकेंद्र के पत्र पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के शुक्रवार को बैठक करने और इसका औपचारिक जवाब देने की संभावना है। दिल्ली के 3 प्रवेश स्थानों, सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 27 दिनों से इस मोर्चे के बैनर तले 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं को पत्र लिखकर उन्हें वार्ता के लिए फिर से आमंत्रित किया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित किसी भी नई मांग को एजेंडे में शामिल करना ‘तार्किक’ नहीं होगा क्योंकि नए कृषि कानूनों से इसका कोई संबंध नहीं है।‘सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं’सरकार का पत्र संयुक्त किसान मोर्चे के 23 दिसंबर के उस पत्र के जवाब में आया है, जिसमें कहा गया है कि यदि सरकार संशोधन संबंधी खारिज किए जा चुके बेकार के प्रस्तावों को दोहराने की जगह लिखित में कोई ठोस प्रस्ताव लाती है, तो किसान संगठन वार्ता के लिए तैयार हैं। मोर्चे के वरिष्ठ नेता शिवकुमार कक्का ने कहा, ‘सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है और वह रोज पत्र लिख रही है। नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि सरकार द्वारा हमारे खिलाफ किया जा रहा एक दुष्प्रचार है, ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि हम बातचीत के इच्छुक नहीं हैं। सरकार को नए सिरे से वार्ता के लिए 3 कृषि कानूनों को रद्द किए जाने (की मांग) को एजेंडे में शामिल करना चाहिए।’‘तो MSP पर हमारी फसल कौन खरीदेगा?’कक्का ने कहा कि MSP की कानूनी गारंटी किसानों की मांग का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे सरकार द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अग्रवाल ने 40 किसान संगठनों को लिखे 3 पन्नों के पत्र में कहा, ‘मैं आपसे फिर आग्रह करता हूं कि प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए सरकार सभी मुद्दों पर खुले मन से और अच्छे इरादे से चर्चा करती रही है तथा ऐसा करती रहेगी। कृपया (अगले दौर की वार्ता के लिए) तारीख और समय बताएं।’ सरकार और किसान संगठनों के बीच पिछले 5 दौर की वार्ता का अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। एक अन्य किसान नेता लखवीर सिंह ने कहा कि किसान संगठनों को सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में कोई नया प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वे (सरकार) कह सकते हैं कि ये कानून एमएसपी को प्रभावित नहीं करेंगे, लेकिन सच्चाई यह है कि यदि FCI (भारतीय खाद्य निगम) बाजार में नहीं होगा, तो MSP पर हमारी फसल कौन खरीदेगा?’‘शुक्रवार को बैठक के बाद देंगे जवाब’ऑल इंडिया किसान सभा (पंजाब) के उपाध्यक्ष सिंह ने दावा किया, ‘यहां तक कि आज की तारीख में, MSP के दायरे में जो 23 फसलें आती हैं और उनमें सिर्फ गेहूं, चावल तथा कभी-कभी कपास की खरीद MSP पर की जाती है।’ क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेस सचिव अवतार सिंह मेहमा ने कहा कि केंद्र यह दावा जारी रख सकता है कि नए कानून MSP प्रणाली को प्रभावित नहीं करेंगे, लेकिन किसान MSP गारंटी अधिनियम चाहते हैं जो यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिके। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा सरकार के पत्र पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को बैठक करेगा और फिर इसका जवाब देगा।’‘MSP का कृषि कानूनों से लेना-देना नहीं’अग्रवाल ने किसान यूनियनों के नेताओं से कहा कि वे उन अन्य मुद्दों का भी ब्योरा दें जिनपर वे चर्चा करना चाहते हैं। वार्ता मंत्री स्तर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। अग्रवाल ने आग्रह किया कि किसान संगठन अपनी सुविधा के हिसाब से अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख और समय बताएं। MSP के मुद्दे पर अग्रवाल ने कहा कि कृषि कानूनों का इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही इसका कृषि उत्पादों को तय दर पर खरीदने पर कोई असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यूनियनों को प्रत्येक चर्चा में यह बात कही जाती रही है और यह भी स्पष्ट किया गया है कि सरकार MSP पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है। सितंबर में लागू किए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान लगभग एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर किसान पंजाब से हैं। (भाषा) |
4d2256e1ca6d5a92d61d0130294c06d6 | https://www.indiatv.in/india/national-pm-narendra-modi-wear-special-paghdi-on-republic-day-gifted-by-royal-jamnagar-family-768208 | Republic Day: पीएम मोदी ने पहनी हुई है जामनगर की खास पगड़ी, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी | चाहें स्वतंत्रता दिवस का भाषण हो या कोई खास मौका, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा भारत की शान के रूप में एक खास रंग और रूप की पगड़ी पहनते हैं। | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी खास वेशभूषा के लिए हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। चाहें स्वतंत्रता दिवस का भाषण हो या कोई खास मौका, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा भारत की शान के रूप में एक खास रंग और रूप की पगड़ी पहनते हैं। 26 जनवरी की परेड के दौरान भी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सफेद कुर्ते और धूसर सदरी पर एक खास लाल रंग की पगड़ी में नजर आए। यह लाल पगड़ी पगड़ी कोई आम लाल पगड़ी नहीं है। यह जामनगर के राजपरिवार की खास पगड़ी है, जिसे प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस के मौके पर पहना है। बता दें कि ऐसी पहली पगड़ी उन्हें जामनगर के शाही परिवार ने उपहार में दी थी। अपनी शाही विरासत और सामाजिक कार्यों में अग्रणी भूमिका के चलते जामनगर के शाही परिवार को विश्व स्तर पर विशेष सम्मान की नजरों से देखा जाता है। जामनगर के राजा महाराजा जाम साहेब दिग्विजय सिंह जी ने विश्व युद्ध 2 के दौरान पोलैंड से 1000 बच्चों को बचाया था। यह विश्व युद्ध 2 के दौरान मानवता के सबसे उत्कृष्ट कार्यों में से एक था।पोलैंड अभी भी जामनगर के तत्कालीन राजा के इस सद्भाव को बेहद करुणा की नजरों से देखता है। 2016 में, जाम साहेब की मृत्यु के 50 साल बाद, पोलैंड की संसद ने सर्वसम्मति से विश्व युद्ध के दौरान पोलिश बच्चों के शरणार्थियों को उनके द्वारा दी गई सहायता के लिए जाम साहेब दिग्विजय सिंहजी को सम्मानित करते हुए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया। पोलैंड में शरणार्थी भी प्यार से जामनगर को 'लिटिल पोलैंड' के रूप में याद करते हैं, जिसके नाम पर बाद में एक फिल्म भी बनाई गई थी। |
26c1a5d2cc98da2e989c7bf5bab2edf7 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-congress-slams-back-mayawati-799935 | कांग्रेस और मायावती के बीच वार-पलटवार | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए रविवार को उसे 'कनिंग पार्टी' करार दिया। इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बसपा पर हमला करते हुये कहा था कि ‘‘बीएसपी के बी मतलब बीजेपी’’ है । | लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए रविवार को उसे 'कनिंग पार्टी' करार दिया। इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बसपा पर हमला करते हुये कहा था कि ‘‘बीएसपी के बी मतलब बीजेपी’’ है । मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में भी ऑक्सीजन पर चल रही कांग्रेस का यह कहना कि बीएसपी के 'बी' का मतलब 'बीजेपी' है’। यह घोर आपत्तिजनक है। बीएसपी के 'बी' का अर्थ बहुजन है, जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक और अन्य उपेक्षित वर्ग के लोग आते हैं, जिनकी संख्या ज्यादा होने की वजह से वे बहुजन कहलाते हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जबकि कांग्रेस के 'सी' का मतलब वास्तव में ‘कनिंग’ पार्टी है जिसने केन्द्र व राज्यों में अपने लम्बे शासनकाल में बहुजन के वोटों से सरकार बनाने के बावजूद इन्हें लाचार और गुलाम बनाकर रखा और अंततः जब बसपा बनी तब उस समय केन्द्र व राज्यों की सत्ता में भाजपा कहीं नहीं थी।" गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के चुनाव में व्यापक धांधली के सपा के आरोपों के बाद प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को देर रात एक ट्वीट में बसपा पर परोक्ष रूप से भाजपा का साथ देने का आरोप लगाते हुए कहा था ‘‘बीएसपी में 'बी' का मतलब बीजेपी है।" मायावती ने कहा, "यह भी सर्वविदित है कि उप्र में कांग्रेस, सपा व भाजपा की सरकार के चलते यहां कोई भी छोटा-बड़ा चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कभी नहीं हो सकता और ना ही इनसे इसकी किसी को उम्मीद करनी चाहिये जबकि बसपा की सरकार के समय में यहां सभी छोटे-बड़े चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष कराए गए।" कांग्रेस ने मायावती के इस बयान पर पलटवार किया है। पार्टी के प्रांतीय संयोजक (मीडिया एवं कम्युनिकेशन) ललन कुमार ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में दलितों और पिछड़ों पर जितना जुल्म हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ और अब यह जगजाहिर हो चुका है कि मायावती अंदरखाने भाजपा का साथ दे रही हैं तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि इन वर्गों का अपमान करने वालों का साथ कौन दे रहा है। उन्होंने कहा कि मायावती जिस कांग्रेस को 'कनिंग पार्टी' बता रही हैं, सिर्फ वही दल दलितों, पिछड़ों मजलूमों और अन्य दबे-कुचले वर्गों की आवाज को बुलंद कर रही है। कुमार ने कहा कि हाथरस कांड में पीड़िता के परिजन से मिलने के लिए मायावती नहीं बल्कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा गई थी और इसके अलावा दलितों पर हुए ऐसे ही अन्य जुल्मों के वक्त मायावती कहीं नजर तक नहीं आईं थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर लांछन लगाना बसपा अध्यक्ष की मानसिकता को जाहिर करता है। |
82ea845d5756727dba451a91476e2e92 | https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-anand-giri-new-video-on-mahant-narendra-giri-death-case-baghambari-math-land-purchase-latest-update-news-814882 | आनंद गिरि का नया Video सामने आया, मठ की जमीन की खरीद फरोख्त के लगाए आरोप | आनंद गिरि ने वीडियो जारी कर कहा कि अगर मेरे परिवार का संबंध है तो साबित किया जाए। सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के मध्य में जो कार्रवाई हुई वह हिटलर शासन वाली कार्रवाई है, उसका कोई औचित्य नहीं है, जहां ना आम सभा बुलाई गई और ना मुझे बताया गया कि मुझ पर कोई आरोप लगाए गए हैं, ना ही उनका स्पष्टिकरण मांगा गया और ना ही कोई कमेटी गठित हुई और ना ही कोई जानकारी मुझ तक पहुंची। | लखनऊ/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उनके शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में ले लिया गया है। इसी कड़ी में अब आनंद गिरि का नया विडियो सामने आया है। बता दें कि, आनंद गिरि को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है। 'मैंने एक आवाज उठाई थी- मठ बाघम्बरी की गद्दी को लेकर'आनंद गिरि ने वीडियो जारी कर कहा कि अगर मेरे परिवार का संबंध है तो साबित किया जाए। सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के मध्य में जो कार्रवाई हुई वह हिटलर शासन वाली कार्रवाई है, उसका कोई औचित्य नहीं है, जहां ना आम सभा बुलाई गई और ना मुझे बताया गया कि मुझ पर कोई आरोप लगाए गए हैं, ना ही उनका स्पष्टिकरण मांगा गया और ना ही कोई कमेटी गठित हुई और ना ही कोई जानकारी मुझ तक पहुंची। उससे पहले मुझे मीडिया से पता चला कि मेरा निष्कासन हो गया है। मैंने एक आवाज उठाई थी- मठ बाघम्बरी की गद्दी को लेकर। मठ बाघम्बरी गद्दी से जब से मैं जुड़ा हूं तब से लेकर आज तक मठ की सैकड़ों करोड़ की जमीन ऐसे ही निजी स्वार्त्य के हित में बेच दी गई। मैं बर बार चुप रहा, निरंजिनी अखाड़े की बहुत सारी करीब 200 बीघे की जमीन प्रयागराज और मिर्जापुर जिले में, उससे भी पेट नहीं भरा तो हरिद्वार में जमीनें बेंची गई। इन्हीं जमीनों की खरीद-फरोख्त के कारण काले पैसे को हजम करने के लिए हमारे 2 महात्मा चले गए, उनकी हत्या हुई या मौत हुई, इस राज से अभी तक पर्दा नहीं उठा। मैंने मांग की है कि महंत आशीष गिरी की हत्या या आत्महत्या की जांच निष्पक्ष हो। मठ बाघम्बरी गद्दी सैकड़ों वर्ष पुराना मठ है, हरिद्वार और प्रयागराज का एक प्रतिष्ठित मठ है।कुछ विशेष निजी शिष्यों के नाम बेनामी सम्पदा कर दी गई- आनंद गिरिआनंद गिरि ने आगे कहा कि बड़े हनुमान जी महाराज पर भारी चढ़ावा आता है, इस चढ़ावे का क्या होता है, कहां जाता है? और साथ ही मठ बाघम्बरी गद्दी जो बेची गई है उसका पैसा कहां गया? उस जमीन को परिवार के निजी स्वार्थ्य में या फिर कुछ विशेष निजी शिष्यों के नाम बेनामी सम्पदा कर दी गई। जो लोग बीपीएल कार्ड धारक हैं और एक दम गरीबी रेखा से नीचे जी रहे हैं उनके नाम पर 22 से 25 एकड़ जमीन कैसे हो गई? एक सिपाही है जो सरकारी नौकर है और केवल आरक्षी है उसके नाम पर 2-2 बड़े फ्लैट बेनामी संपत्ति कैसे हो गई? मैने केवल जांच की मांग की है, अगर मैं दोषी हूं तो मुझे सजा भुगतने में कोई ऐतराज नहीं है, अगर मैं दोषी नहीं हूं तो मेरे ऊपर बिना किसी कारण और बिना किसी नोटिस के इतनी बड़ी कार्रवाई कर दी गई। इस मांग को उठाने के कारण मेरी जन को खतरा है, मुझे धमकियां मिल रही हैं। मैं फिर से मांग करता हूं कि निष्पक्षता से जांच हो। सुसाइड नोट में है आनंद गिरि का नामगौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें आनंद गिरि का नाम था। आनंद गिरि पर नरेंद्र गिरि ने मानसिक तौर पर पीड़ित करने के आरोप लगाए थे, इसी आधार पर पुलिस ने आनंद गिरि को पहले हिरासत में लिया और बाद में गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवाद के बाद दोनों के बीच सुलह हो गई थी और इस संबंध में एक चिट्ठी भी जारी की गई थी। दोनों के संयुक्त बयान से जुड़ी यह चिट्ठी सामने आई है। इसमें आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि से अपने कृत्यों के लिए माफी मांगी थी। इसके साथ ही महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य को माफ करने और आश्रम में बुलाए जाने की बात कही थी।नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच मई महीने में हुए एक समझौते के 3 चश्मदीदों से भी यूपी पुलिस पूछताछ करने की तैयारी में है। इस मुलाकात में दो नेता और एक अफसर मौजूद थे। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले को प्रापर्टी का मामला मानकर जांच की जा रही है: योगी आदित्यनाथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां कहा कि इस पूरे मामले को संपत्ति का मामला मानते हुए पुलिस की एक टीम- यहां के अतिरिक्त महानिदेशक, महानिरीक्षक, प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं मंडलायुक्त - इस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है। मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे श्री मठ बाघंबरी गद्दी पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, कल की घटना को लेकर कई साक्ष्य एकत्र किए गए हैं क्योंकि यह मामला धर्माचार्य और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से जुड़ा हुआ मामला है। योगी ने कहा कि एक एक घटनाक्रम का पर्दाफाश होगा और दोषी अवश्य सजा पाएगा। उन्होंने कहा कि सभी से अपील है कि इस संवेदनशील मामले में अनावश्यक बयानबाजी करने से बचें और जांच एजेंसियों को निष्पक्ष ढंग से अपना काम करने दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा उसको कानून के दायरे में लाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धार्मिक परंपरा के अनुसार पंचक होने के कारण कल पांच सदस्यीय एक टीम महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम संपन्न करेगी और उसके बाद जो भी धार्मिक रीति है, शास्त्रों की पद्धति से उनकी भावनाओं के अनुरूप समाधि का कार्यक्रम यहां संपन्न होगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अपने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि के शव के पास सात-आठ पेज का एक सुसाइड नोट पाया गया, जिसमें उन्होंने कई बातें लिखी थीं। |
d60c8d9bead125ec76ca7fbfb5c148df | https://www.indiatv.in/india/national/weather-updates-imd-alert-rainfall-delhi-uttar-pradesh-uttarakhand-rajasthan-haryana-825452 | दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में बारिश की संभावना, कश्मीर और हिमाचल में हो सकती है बर्फबारी | आज दिल्ली के कुछ हिस्सों, हरियाणा के फारुखनगर, यूपी में देबई, नरौरा, सहसवान, अतरौली, अलीगढ़ और राजस्थान में भरतपुर और मेहंदीपुर बालाजी में बारिश हो सकती है। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी भी हो सकती है। | नई दिल्ली: आज देश के कई राज्यों में बारिश की संभावना है। दिल्ली के कुछ हिस्सों, हरियाणा के फारुखनगर, यूपी में देबई, नरौरा, सहसवान, अतरौली, अलीगढ़ और राजस्थान में भरतपुर और मेहंदीपुर बालाजी में बारिश हो सकती है। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी भी हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने प्रेस रिलीज जारी कर यह जानकारी दी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि आज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गरज/बिजली गिरने की संभावना है। इनके अलावा अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भी आज भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।देश के इतने राज्यों में होने वाली बारिश और बर्फबारी का ठंड पर काफी असर पड़ेगा। आने वाले दिनों में ठंड के तेजी से बढ़ने के आसार है। दिल्ली-एनसीआर में सुबह के समय कोहर देखने को मिला है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान सहित कई और राज्यों में भी कोहरा देखा गया है।नवंबर-दिसंबर में महाराष्ट्र में सामान्य तौर पर बारिश नहीं होती है लेकिन, दक्षिण पूर्व और पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर बनी चक्रवाती हवाओं की वजह से बारिश हो रही है। आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र की प्रमुख सती देवी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के संपर्क से भूमध्यसागरीय क्षेत्र में एक चक्रवाती प्रवाह उत्पन्न होता है। इस वजह से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी होती है। |
7e3ee2df8bde8fe42b6df7d357da97a1 | https://www.indiatv.in/india/national/in-the-editorial-of-saamna-mention-of-the-fourth-wave-of-corona-cases-increasing-rapidly-across-the-country-the-figures-of-delhi-and-up-scared-2022-04-22-846391 | सामना के संपादकीय में कोरोना के चौथी लहर का जिक्र, देशभर में तेजी से बढ़ रहे मामले, दिल्ली और यूपी के आंकड़ों ने डराया | नए साल (2022) के फरवरी महीने से जैसे-जैसे कोरोना के मामले कम होते गए सभी को लगने लगा अब कोरोना बहुत जल्द हमारे बीच से जाने वाला है। लेकिन एक बार फिर से कोरोना डराने लगा है। जी हां, अप्रैल के महीने में हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 19 और 20 अप्रैल को कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई। | Fourth wave of Covid-19 News: नए साल (2022) के फरवरी महीने से जैसे-जैसे कोरोना के मामले कम होते गए सभी को लगने लगा अब कोरोना बहुत जल्द हमारे बीच से जाने वाला है। लेकिन एक बार फिर से कोरोना डराने लगा है। जी हां, अप्रैल के महीने में हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 19 और 20 अप्रैल को कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई। इससे तीन दिन पहले यानी मंगलवार को देशभर में 24 घंटों में 1 हज़ार 247 मरीज मिले, परंतु बुधवार को मरीजों का आंकड़ा 2 हज़ार 63 पर पहुंच गया। गुरुवार को मरीजों की संख्या 2 हज़ार 380 दर्ज की गई।पिछले हफ्ते पॉजिटिविटी रेट 0.43 प्रतिशत था, वहीं गुरुवार को 0.53 फीसदी पर पहुंच गया। बता दें, देशभर में 12 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिविटी रेट 0.21 प्रतिशत था और 20 अप्रैल को डबल से भी ज्यादा हो गया। कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर में भले ही जनहानि कम हुई, पूरी तरह सब कुछ बंद नहीं करना पड़ा, फिर भी 2020 से देश की जो आर्थिक स्थिति कमजोर हुई थी उसमें कोई ज्यादा सुधार नहीं हुआ। हालांकि तीसरी लहर के बाद कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा था कि अब आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हो जाएगा, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले और चौथी लहर की आशंका ने एक बार फिर लोगों को डरा दिया है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली और देश के सबसे बड़े (आबादी में) राज्य उत्तर प्रदेश में मरीजों की बढ़ती संख्या डराने वाली है। 11 से 18 अप्रैल इन आठ दिनों में दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या तिगुनी बढ़ी है। और दिल्ली में संक्रमण दर भी 5.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है। तीसरी लहर में कोरोना की आर वैल्यू 1.28 प्रतिशत थी इसलिए मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ। इस बार भी वैसी ही स्थिति नज़र आ रही है। इनपुट- सामना |