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ज़रूरत हुई तो ओवरटेकिंग लेन ली, फिर बीच की लेन में आ गया
वहां एक और गज़ब चीज़ देखी
अगर कोई ओवरटेकिंग लेन में है, और पीछे से कोई तेज़ गाड़ी आ रही है तो वह खुद-ब-खुद बाईं लेन में आ जाता है
तेज़ी से आ रही गाड़ी को हॉर्न बजाने की बजाए से ओवरटेक करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती
एनबीटी में जोक छपने का सिलसिला शुरू हुआ तो एक जोक पर नजर गई
एक इलाके में शेर आ गया
कई लोगों की जान ले चुका था
नरभक्षी को पकड़ने के लिए वन विभाग और शिकारियों की मदद ली गई लेकिन वे नाकाम हो गए
कोई नतीजा नहीं निकला और शेर का आतंक जारी था
आखिर पुलिस ने जिम्मा लिया और अगले ही दिन गाँव में मुनादी की गई कि शेर पकड़ लिया गया है
थाने के बाहर भीड़ जुट गई
कुछ लोग अंदर पहुँचे तो जाकर देखा कि पिंजरे में एक बंदर बंद है
वह चिल्लाकर कह रहा है कि 'मैं शेर हूँ
मैंने ही गाँव के बहुत से लोगों को मारा है
'यह मजाक नहीं, बल्कि हमारी पुलिस के काम करने का तरीका है
पुलिस इसी तरह अपने तौर पर अनेक सनसनीखेज मामले सुलझा लेती है
इस जोक को जरा गंभीरता से लेते हुए मुजफ्फरनगर की उस घटना से जोड़कर देखिए जिसमें एक युवा जोड़ा अंशु और अजित घर से भाग जाते हैं
कुछ दिन बाद एक लड़के की लाश रेल की पटरी पर मिलती है
पुलिस कहती है कि लाश अजित की है
अजित के परिवारवाले भी शिनाख्त करते हैं
अजित की हत्या के आरोप में अंशु के भाई अनुज को गिरफ्तार कर लिया जाता है
पुलिस यह दावा भी करती है कि अनुज ने अजित की हत्या करना स्वीकार कर लिया है यानी पुलिस के पास इकबालिया बयान भी है
तब पुलिस यह आशंका भी व्यक्तकर है कि शायद अंशु की भी हत्या कर दी गई है
देश इसे ऑनर किलिंग के वर्तमान ट्रेंड में जोड़कर गुस्से का इजहार भी करता है
अचानक अंशु और अजित जीवित प्रकटहो जाते हैं
माना कि रेल की पटरी पर मिली लाश को पहचानने में गलती हुई-पुलिस से भी और अजित के परिवार वालों से भी
माना कि हत्या के बाद अजित के परिवार के आरोप के कारण पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार कर लिया लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने अनुज का इकबालिया बयान कैसे ले लिया
यह ठीक वैसे ही है जैसे निठारी कांड में पंढेर एक और मामले में बरी हो गया
पंढेर ने अदालत में साबित कर दिया कि वह वारदात के समय भारत में था ही नहीं
डॉक्यूमेंट्री प्रूफ उसके इस दावे को सही साबित कर रहे थे लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि इस मामले में भी पुलिस ने पंढेर का इकबालिया बयान लिया था यानी बलात्कार और हत्या की बात उसने स्वीकार की थी
इन घटनाओं से दो संभावनाएं बनती हैं
पहली तो यह कि पुलिस की मार या अन्य दबावों के कारण गिरफ्तार हुआ व्यक्ति अपराध कबूलने के लिए मजबूर हो जाता है और दूसरा है पुलिस द्वारा सही लाइन पर जांच करने की कोशिश ही नहीं करना
यही कारण है कि अक्सर पुलिस के सामने दिया गया इकबालिया बयान अदालत में कहीं नहीं ठहर पाता
भोपाल के गैस पीड़ितों को काम दिलाने और उनके कल्याण के लिए उचित कदम उठाने के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा गठित मंत्री समूह की बैठक सोमवार को भी होगी
: 2: पिछले तीनदिन से चल रही बैठक में निकले नतीजों और सुझावों को सोमवार को अंतिम रूप दिया जाएगा
: 3: उसके बाद प्रधानमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी
: 4: सूत्रों ने बताया कि जीओएमयूनियनकार्बाइडफैक्ट्री के दुर्घटनास्थल के जहरीले कचरे को दफनाने पर विचार कर रहा है
: 5: यह जिम्मेदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी, लेकिन केंद्र इस काम में तकनीकी और आर्थिक मदद देगा
: 6: सूत्रों ने यह भी कहा कि जीओएम ने इस प्लांट को ध्वस्त कर वहां एक मेमोरियल पार्क बनाने का फैसला किया है
: 7: भोपाल में आईसीएमआर का एक नया रिसर्च सेंटर भी स्थापित किया जाएगा
: 8: रविवार को मंत्री समूह की बैठक के बाद समूह के अध्यक्ष गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि आज हमने पीड़ितों के उपकार एवं पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर विचार किया
: 9: हमने यह महसूस किया है कि यूनियनकार्बाइडपरिसर में इकट्ठा जहरीले कचरे, वहां की प्रदूषित मिट्टी और आसपास के इलाकों में प्रदूषित पेयजल के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है
: 10: उन्होंने कहा कि अपनी रिपोर्ट में हम हर पहलू का जिक्र करेंगे
: 11: इस बीच विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मंत्री समूह ने भोपाल के गैस पीड़ितों को मिले मुआवजे पर भी विचार किया
: 12: मंत्रियों का मानना है कि पीड़ितों को अभीतक जो मुआवजा दिया गया है वह काफी कम है
: 13: उन्हें अतिरिक्त मुआवजा दिया जाना चाहिए
: 14: मंत्री समूह ने स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी चर्चा की
: 15: सूत्रों के मुताबिक मंत्री समूह इस पूरे मामले में आपराधिक जिम्मेदारी तय करने के लिए सुप्रीमकोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल करने की सिफारिश के साथ-साथ यूनियनकार्बाइड के पूर्व मुखिया वॉरेनएंडरसन के प्रत्यर्पण और यूनियनकार्बाइडपरिसर में पड़े कचरे की सफाई के संबंध में भी अपनी राय देगा
: 16: भोपाल गैस कांड से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच करने के लिए गठित मंत्री समूह की पहली बैठक शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री पीचिदंबरम की अध्यक्षता में हुई
: 17: आज से रोज इसकी बैठक होगी और सोमवार को मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट दे देगा
: 18: बैठक के बाद हमारे सहयोगी समाचार चैनल 'टाइम्सनाउ' से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि बैठक में एंडरसन के मामले पर फोकस नहीं था
: 19: मंत्री समूह इस पूरे मामले से जुड़े सभी अहम पहलुओं पर विचार करेगा
: 20: ये सारे मसले मंत्री समूह के सामने आएंगे
: 21: उन्होंने कहा कि मंत्री समूह की बैठक की कार्यवाही के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी जा सकती
: 22: सोमवार को मंत्री समूह अपनी रिपोर्ट सौंप देगा
रेलवे की भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला खुद में एक पूरी कहानी समेटे हुए है
इसे महज एक रेलवेरिक्रूटमेंटबोर्ड के चेयरमैन, एक पूर्व रेल अधिकारी और उन दोनों के नौनिहालों तक समेट कर देखना गलत होगा
मुंबई, कोलकाता, बेंगलूर, हैदराबाद और रायपुर में फैले सीबीआई के छापे भी इसका सिर्फ एक पहलू बयान करते हैं
असल में इस घटना से देश के सबसे बड़े सार्वजनिक संस्थान की हद दर्जे की दुर्दशा जाहिर होती है
और यह दुर्भाग्य कि इतना सब हो जाने के बाद भी रेल मंत्रालय की हालत सुधारने के लिए राजनीतिक स्तर पर कुछ भी नहीं किया जा सकता
ममताबनर्जी के आने से पहले भी भारतीय रेलवे में सब कुछ अच्छा ही अच्छा नहीं था
उनके पूर्ववर्ती लालूप्रसादयादव के गृह जिले में कुछ लोगों ने सार्वजनिक रूप से यह माना था कि रेलवे में नियुक्ति के लिए उन्हें अपने खेत बेच कर रेलमंत्री के संपर्कों के पास पैसे पहुंचाने पड़े थे
इसे आधार बनाकर ममताबनर्जी ने आते ही रेलवे नियुक्तियों के संबंध में तीन काम किए
सबसे पहले उन्होंने देश में मौजूद बीसकेबीस रेलवेरिक्रूटमेंटबोर्डों के प्रमुखों को उनके पद से हटा दिया और एक-एक कर उन सभी पर नए लोगों को ला बिठाया
ममता का कहना था कि ये लोग रिवायती तौर पर एक राज्य विशेष के लोगों को ही रेलवे में लाने के आदी हो गए हैं, लिहाजा इनकी जगह नए लोगों को लाए बगैर रेलवे का पुनरुद्धार संभव नहीं है
दूसरा काम हर रिक्रूटमेंटबोर्ड द्वारा अपनी परीक्षा अलग-अलग कराए जाने की परंपरा खत्म करने का था
ममता को एतराज था कि अलग-अलग इम्तहान कराए जाने से एक ही राज्य के लोग पूरे देश के रेलवे ढांचे में भरते जा रहे हैं
लिहाजा सभी क्षेत्रों के इम्तहान एक साथ कराए जाएं, ताकि इस आशंका को यथासंभव कम किया जा सके
तीसरे कदम के रूप में उन्होंने यह आदेश जारी किया कि जब तक ऊपर से नीचे तक रिक्रूटमेंट मशीनरी की ओवरहॉलिंग नहीं हो जाती, तब तक रेलवे में सारी नई नियुक्तियां रोक दी जाएं
इधर जब रेल दुर्घटनाओं की तादाद तेजी से बढ़ी तो जहां-तहां से यह सवाल भी उठा कि रेलवे में फिलहाल जो दोलाख पद खाली हैं, उन्हें भरा क्यों नहीं जा रहा है
इस तरह काफी हंगामे के बाद, खासकर मिदनापुर रेल हादसे के बाद ममता बनर्जी ने नियुक्तियों पर लगा ढक्कन हटाने का फैसला किया
ओरिजिनल सर्टिफिकेट रखकर भारी रकम के एवज में पर्चे बेचने का मौजूदा घपला बताता है कि रेलवे नियुक्तियों को लेकर ममता बनर्जी के तीनों ही कदम भारतीय रेलवे के लिए आत्मघाती साबित हो रहे हैं
देश में सबसे ज्यादा सरकारी नौकरियां मुहैया कराने वाली रेलवे को किसी महत्वाकांक्षी मंत्री की सनक के सहारे नहीं छोड़ा जा सकता
एक जन नेता के रूप में ममता बनर्जी की क्षमताओं को नकारा नहीं जा सकता
लेकिन इतने ऐड हॉक रवैये और बदले की भावना से काम करने वाले राजनेता को इतनी दुर्घटनाओं और घपलों के बाद भी बर्दाश्त करना देश के धीरज की परीक्षा लेने जैसा है
चंद्रमा पर जितना पानी होने का अनुमान अबतक लगाया जा रहा था, दरअसल उससे 100गुना ज्यादा पानी वहां मौजूद है
धरती की सतह पर जितना फ्रेश वॉटर मौजूद है, उसके 20पर्सेंट से भी ज्यादा पानी चंद्रमा पर है
वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने अपोलो मिशन के दौरान चंद्रमा से लाए गए चट्टानों के टुकड़ों और उत्तरीअफ्रीका में गिरे चंद्रमा के एक उल्कापिंड की जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है
चंद्रमा पर पानी के सबूत ढूँढने के अभियान में जुटे अलग-अलग तमाम वैज्ञानिकों के इस ग्रुप का कहना है
भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-1 और अन्य उपकरणों से मिले रिमोट सेंसिंग डेटा के अध्ययन के बाद चंद्रमा पर जितना पानी होने का आकलन किया जा रहा था, उससे 100गुना ज्यादा पानी वहां की चट्टानों में मौजूद है
भारतीयअंतरिक्षअनुसंधानसंगठन इसरो द्वारा अक्टूबर2008 में छोड़े गए चंदयान-1 पर मौजूद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के एक रेडार ने इस साल मार्च में पता लगाया था कि चंद्रमा के नॉर्थ पोल पर बर्फ के रूप में भारी मात्रा में पानी मौजूद है
वॉशिंगटन स्थित जियोफिजिकललैब के कार्नेगीइंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि चंद्रमा की सतह के अंदर मिनरल्स में पानी के तमाम कण है
नासा की वित्तीय मदद से हुई इस रिसर्च से पता चला है कि चंद्रमा जब अस्तित्व में आया था, तभी से वहां पानी मौजूद था
मिनरल्स और ऑर्गनिक तत्वों का गर्म लावा जब ठंडा हुआ तो क्रिस्टलों के रूप में जम गया था
इन्हीं में पानी के कण भी थे
चंद्रमा पर अलग-अलग तरह की चट्टानों में पानी की पहचान से यह संकेत मिलता है कि वहां पानी हरजगह मौजूद है लेकिन थोड़ा-थोड़ा
रिसर्च टीम के हेड फ्रैंसिसमककबिन का कहना था कि पिछले 40साल से हम मानकर चल रहे थे कि चंद्रमा सूखा है
लेकिन जब हमने अपोलो अभियान के दौरान लाए गए चट्टानों के सैंपलों और धरती पर गिरे चंद्रमा के उल्कापिंड की जांच की तो पता चला कि वहां के खनिजों के टुकड़ों में पानी वाले मिनरल्स मौजूद हैं
हमने उनमें हाइड्रोक्सिल देखे, जो हाइड्रोजन के साथ बंधे ऑक्सिजन एटम का कंपाउंड है
फ्रैंसिस की टीम ने ऐसा मॉडल बताया, जिससे पता लगा कि चंद्रमा की सतह ठंडी हुई तो कैसे वहां मौजूद तत्व क्रिस्टल में बदले
टीम ने नतीजा निकाला कि मिनरल्स के एक अरब कणों में 64 कण से लेकर 10लाख मिनरल कणों में से पांच कण पानी के हैं
यह इस मायने में अहम है क्योंकि पहले एकअरब कणों में से सिर्फ एक कण ही पानी का होने का अनुमान था
माना जाता है कि मंगलग्रह जितना बड़ा उल्कापिंड आज से करीब साढ़ेचारअरबसाल पहले धरती से टकराया था तो उसका एक हिस्सा टूटकर अलग हो गया था, जो धरती की परिक्रमा करने लगा
इसे ही चंद्रमा कहते हैं
चंद्रमा का लावा जब ठंडा होकर सिकुड़ने लगा, तब मिनरल्स और ऑर्गनिक के पेस्ट जैसा समुद्र बन गया
इस प्रक्रिया के दौरान ही पानी या तो लुप्त हो गया या फिर हाइड्रोक्सिल कणों के रूप में जम गया
एक और फर्जी मेल का पर्दाफाश हुआ
पिछले कुछ दिनों से एक मेल के जरिए कहा जा रहा था कि 21जून को आसमान में दो सूरज दिखाई देंगे
इसमें उनकी तस्वीर तक दी गई थी
वैज्ञानिकों ने इसे बकवास करार दिया है