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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-panchayat-adhyaksh-chunav-om-prakash-rajbhar-party-to-increase-bjp-problems-794974
पंचायत अध्यक्ष चुनाव: बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाएगी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी! करने जा रही है ये काम
यह पूछे जाने पर कि क्या यह रुख आगामी विधानसभा चुनाव में भी रहेगा, राजभर ने कहा कि मोर्चा सरकार बनाने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ेगा। राजभर ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए सपा, बसपा व कांग्रेस से गठबंधन का विकल्प खुला हुआ है।
बलिया. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी(सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवारों को समर्थन देने की घोषणा की। भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री राजभर ने मंगलवार को जिले के रसड़ा कस्बे में अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा को उत्तर प्रदेश की सत्ता से हटाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।उन्होंने कहा कि उनका ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में केवल उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेगा , जिस पर उसके उम्मीदवार जीत की स्थिति में होंगे।सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की पहल पर प्रदेश के कई क्षेत्रीय दलों ने साथ मिलकर ‘भागीदारी संकल्प मोर्चा’ बनाया था। पार्टी नेता ने कहा कि अन्य सीटों पर मोर्चा भाजपा को शिकस्त देने के लिए सपा, बसपा व कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवारों का समर्थन करेगा।यह पूछे जाने पर कि क्या यह रुख आगामी विधानसभा चुनाव में भी रहेगा, राजभर ने कहा कि मोर्चा सरकार बनाने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ेगा। राजभर ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए सपा, बसपा व कांग्रेस से गठबंधन का विकल्प खुला हुआ है। योगी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार की विदाई का समय अब आ गया है। मंहगाई व अन्य मसलों से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में द्वंद की खबरें फैला रही है।"
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https://www.indiatv.in/india/national-jharkhand-lightning-in-dumka-and-ramgarh-districts-five-killed-many-injured-795116
झारखंड: दुमका और रामगढ़ जिले में बिजली गिरने से पांच की मौत, कई घायल
झारखंड के दुमका तथा रामगढ़ जिलों में मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरने की विभिन्न घटनाओं में एक बालक समेत पांच लोगों की मौत हो गयी जबकि कई अन्य घायल हो गये।
दुमका/रामगढ़/लातेहार: झारखंड के दुमका तथा रामगढ़ जिलों में मंगलवार को आकाशीय बिजली गिरने की विभिन्न घटनाओं में एक बालक समेत पांच लोगों की मौत हो गयी जबकि कई अन्य घायल हो गये। वहीं लातेहार में एक सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हो गयी। दुमका के अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो ने बताया कि आकाशीय बिजली गिरने की एक घटना जिले के मसलिया थाना क्षेत्र के तहत आने वाले कुंजबोना गांव में हुई, जिसमें शिवशंकर मुर्मू नामक 10 वर्षीय बालक की मौत हो गयी, वहीं उसके दो मित्र बेहोश हो गये। तीनों शाम को टहलने निकले थे।अनुमंडल अधिकारी ने बताया कि वज्रपात की दूसरी घटना जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र अन्तर्गत कौड़िया गांव में हुई जहां 28 वर्षीय प्रवीण किस्कू नामक व्यक्ति अपने घर के आंगन में थे, तभी आकाशीय बिजली गिरने से उसकी मृत्यु हो गयी तथा उसकी पत्नी कुछ देर के लिये बेहोश हो गयी। अनुमंडल अधिकारी ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद दोनों मृतकों के परिजनों को नियमानुसार चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा। इस बीच रामगढ़ से मिली रिपोर्ट के अनुसार, रामगढ़ के मांडू ब्लॉक में गोसी गांव में दोपहर में वज्रपात होने से तीन किशोरों की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि इन घटनाओं में दो अन्य घायल हो गये।आकाशीय बिजली गिरने कारण जान गंवाने वालों की पहचान 16 वर्षीय अभिषेक कुमार, 19 वर्षीय गौतम कुमार एवं 19 वर्षीय आलोक संघु के रूप में की गयी है। तीनों किशोर अपने कुछ अन्य मित्रों के साथ इलाके में क्रिकेट खेल रहे थे और इस बीच आयी बारिश के चलते वे एक पेड़ के नीचे ओट लेकर छुप गए, लेकिन थोड़ी ही देर बाद पेड़ पर ही बिजली गिर गई जिसकी चपेट में आने से तीनों किशोरों की मौत हो गयी जबकि इस घटना में कुछ लोग घायल भी हुए।एक अन्य घटना में पुलिस ने बताया कि चंदवा पुलिस थानांतर्गत रांची-मेदिनीनगर मार्ग पर आज सुबह एक सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी। मृतकों की पहचान सुबेदा खातून, कासिम अंसारी एवं जोबा परवीन के रूप में की गयी है। यह परिवार चंदवा में बोडा गांव के रहने वाला था। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-kumaraswamy-challenges-siddaramaiah-to-build-a-regional-party-and-win-10-seats-in-karnataka-760716
कुमारस्वामी ने सिद्धरमैया को दिया चैलेंज, कहा- अपनी पार्टी बनाकर 10 सीटें जीतकर दिखाएं, फिर बात करें
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के बीच पिछले कई महीनों से जुबानी जंग चल रही है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता सिद्धरमैया के बीच पिछले कई महीनों से जुबानी जंग चल रही है। इसी कड़ी में कुमारस्वामी ने शनिवार को सिद्धरमैया को चुनौती दी कि वह जनता दल (सेक्युलर) और उसके नेतृत्व की आलोचना करने से पहले खुद एक स्थानीय दल का गठन करें और फिर अपने दम पर 10 सीटें जीतकर दिखाएं। कुमारस्वामी ने सिद्धरमैया पर ताजा हमला इसलिए बोला क्योंकि कांग्रेस नेता ने भारतीय जनता पार्टी और जेडीएस के बीच साठगांठ का आरोप लगाया था।‘पहले चैलेंज पूरा करें फिर हमारे बारे में बोलें’आरोपों से तिलमिलाए कुमारस्वामी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और सिद्धरमैया को चैलेंज कर दिया। उन्होंने ट्वीट किया, 'JD(S) की सीटें जीतने की क्षमता, पार्टी प्रमुख देवगौड़ा और मेरी आलोचना करने वाले सिद्धरमैया को मैं एक चुनौती देता हूं। राष्ट्रीय दल की छाया से बाहर आएं, एक स्थानीय दल का गठन करें और अपने दम पर 10 सीटें जीतकर दिखाएं, उसके बाद हमारे नेतृत्व के बारे में बोलें।' उन्होंने सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए कहा, 'JD(S) ने जितनी सीटें जीतीं हैं, उसे हल्के में ना लें। एक स्वतंत्र स्थानीय दल का गठन करने के लिए नेतृत्व क्षमता की आवश्यकता होती है। आप इन संघर्षों से वाकिफ नहीं हैं। यह आपके लिए संभव नहीं है।'ऐसा क्या कह दिया था सिद्धरमैया ने?बता दें कि कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को मैसूर में कहा था कि कुमारस्वामी पूर्व में इसलिए मुख्यमंत्री बन सके क्योंकि 2018 विधानसभा चुनाव में JDS के मात्र 37 सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस उन्हे यह पद देने पर सहमत हो गई थी। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमारस्वामी ने सिद्धरमैया को यह चुनौती दी। कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि सरकार गठन के कुछ ही महीनों बाद सिद्धरमैया ने इसे गिराने के लिए योजना बनाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के पाले में जाने वाले अधिकतर कांग्रेस विधायक सिद्धरमैया के विश्वासपात्र थे।
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https://www.indiatv.in/india/national-massive-fire-near-vaishno-devi-shrine-in-katra-795034
वैष्‍णो देवी मंदिर के पास लगी भीषण आग, आग बुझाने के लिए बचाव कार्य जारी
कटड़ा स्थित माता वैष्णो देवी के दरबार में भीषण आग लगने की सूचना है। कालिका भवन के पास काउंटर नंबर दो के नजदीक आग लगी हुई है।
जम्‍मू: कटड़ा स्थित माता वैष्णो देवी के दरबार में भीषण आग लगने की सूचना है। कालिका भवन के पास काउंटर नंबर दो के नजदीक आग लगी हुई है। आग बुझाने के लिए बचाव कार्य जारी है। बताया जा रहा है कि जहां आग लगी है उस स्थान से प्राकृतिक गुफा की दूरी तकरीबन सौ मीटर है। अभी तक किसी जनहानि की खबर नहीं आई है।आग इतनी भीषण है कि उससे उठते धुएं को दूर से देखा जा सकता है। बताया जा रहा है शॉर्ट सर्किट होने के कारण काउंटिंग रूम में आग लगी है। थोड़ी देर में ही आग बढ़ गई। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है।इस अग्निकांड में कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में अभी कोई सूचना नहीं मिल पाई है। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। बचाव कार्य जारी है।ये भी पढ़ें
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https://www.indiatv.in/india/national-odisha-coronavirus-cases-latest-updates-749577
ओडिशा में कोरोना वायरस के 1695 नए केस, 15 और मरीजों की मौत
ओडिशा में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,695 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,79,582 हो गई तथा 15 और लोगों की मौत होने के बाद संक्रमण से मरे लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,229 हो गई।
भुवनेश्वर: ओडिशा में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,695 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,79,582 हो गई तथा 15 और लोगों की मौत होने के बाद संक्रमण से मरे लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,229 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संक्रमण के नए मामलों में से 986 लोग पृथक-वास संक्रमण में थे और 709 लोगों के संक्रमित होने की जानकारी पहले से संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के दौरान मिली। खुर्दा जिले में सर्वाधिक 183, इसके बाद बालेश्वर में 128, सुंदरगढ़ में 110 और कटक में 103 नए मामले सामने आए। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘दुख के साथ सूचित किया जाता है कि अस्पतालों में उपचार करा रहे कोविड-19 से संक्रमित 15 मरीजों की मौत हो गई।’’ इन 15 लोगों में से खुर्दा, मयूरभंज और सुंदरबन जिलों में दो-दो और अंगुल, बालेश्वर, भद्रक, बरगढ़, झारसुगुड़ा, कंधमाल, पुरी और सम्बलपुर और गजपति में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। अधिकारी ने बताया कि राज्य में पहले से किसी गंभीर बीमारी के कारण कोरोना वायरस संक्रमित 53 अन्य लोगों की मौत हुई। ओडिशा में इस समय 18,882 लोग उपचाराधीन हैं और 2,59,418 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में शुक्रवार को 40,033 नमूनों समेत 42.80 लाख से अधिक नमूनों की जांच की चुकी है।
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https://www.indiatv.in/india/national-farmers-protest-against-haryana-agriculture-minister-jp-dalal-in-bhiwani-817731
हरियाणा के कृषि मंत्री के विरोध को लेकर किसानों की पुलिस से झड़प, 50 से ज्यादा हिरासत में
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्री के आने की सूचना पर सैकड़ों किसान विरोध प्रदर्शन करने के लिए गांव खरकड़ी में एकत्र होकर पहाड़ी के लिए निकले थे।
भिवानी/जींद: हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल के विरोध को लेकर गुरुवार को किसानों की पुलिस के साथ झड़प हो गई। पुलिस ने इस दौरान 50 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया। दलाल प्रथम नवरात्र पर भिवानी के प्रसिद्ध पहाड़ी माता मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे। सुरक्षा इंतजामों को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। किसानों ने बाद में कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार के मंत्री उनका गुस्सा भड़का रहे हैं।रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्री के आने की सूचना पर सैकड़ों किसान विरोध प्रदर्शन करने के लिए गांव खरकड़ी में एकत्र होकर पहाड़ी के लिए निकले लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें राज्य राजमार्ग लोहारू सिवानी पर नकीपुर मोड़ गांव मनफरा में रोक दिया। पुलिस ने किसानों को आगे नहीं जाने दिया तो किसान राजमार्ग पर ही धरने पर बैठ गए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के दौरान किसानों की पुलिस के साथ कुछ झड़प भी हुई और 50 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया गया।इस बीच भिवानी जा रहे किसानों को हिरासत में लिये जाने के बाद हिसार-चडीगढ़ राजमार्ग पर बद्दोवाल टोल प्लाजा पर किसानों ने जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल के भिवानी में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचने की सूचना आसपास के किसानों को मिली थी और इसके बाद किसान उनका विरोध करने के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने किसानों को बीच रास्ते में ही हिरासत में ले लिया। किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार के मंत्री इन्हें उग्र करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national/omicron-variant-live-updates-news-covid19-strain-india-world-uk-south-africa-coronavirus-pandemic-latest-news-827060
Omicron Variant LIVE Updates: महाराष्ट्र में दो और मामले आए, देश भर में संक्रमितों की संख्या 45 हुई
अब तक महाराष्ट्र (20), राजस्थान (9), कर्नाटक (3), गुजरात (4), केरल (1) और आंध्र प्रदेश (1) और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली (2) और चंडीगढ़ (1) में ओमिक्रॉन वेरिएंट का मामला सामने आया है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के दो और मामले सामने आने के साथ ही देश में कोविड के इस वेरिएंट से संक्रमितों की संख्या 45 हो गई है। महाराष्ट्र में जो दो नए मामले सामने आए हैं दोनों ने दुबई की यात्रा की थी। वहीं दक्षिण अफ्रीका से गुजरात लौटे एक व्यक्ति की टेस्ट भी पॉजिटिव आई है। सोमवार देर शाम तक देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमितों की कुल संख्या 41 हो गई थी। इससे पहले केरल, आंद्र पर्देश और चंडीगढ़ में भी ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं। देश में कुल 41 मामलों में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में सामने आए हैं। अब तक महाराष्ट्र (20), राजस्थान (13), कर्नाटक (3), गुजरात (4), केरल (1) और आंध्र प्रदेश (1) और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली (2) और चंडीगढ़ (1) में ओमिक्रॉन वेरिएंट का मामला सामने आया है।
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https://www.indiatv.in/india/politics/national-mathematics-day-know-about-srinivasa-ramanujan-mathematics-day-is-celebrated-know-hardy-ramanujan-no-about-1729-828200
National Mathematics Day: कौन थे श्रीन‍िवास रामानुजन, जिनकी याद में मनाया जाता है गणित दिवस? जानें हार्डी रामानुजन नं. '1729' के बारे में
साल 2012 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मद्रास विश्वविद्यालय में रामानुजन की 125वीं जयंती समारोह के दौरान National Mathematics Day मनाने की घोषणा की थी।
नयी दिल्ली: आज 22 दिसंबर को नेशनल मैथमेटिक्स डे (राष्ट्रीय गणित दिवस) है। ये महान गणितज्ञ रामानुजन के सम्मान में मनाया जाता है। दरअसल, श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को तमिलनाडु के इरोड में एक तमिल ब्राह्मण आयंगर परिवार में हुआ था। उन्होंने कुंभकोणम के सरकारी कॉलेज में पढ़ाई की थी, लेकिन गैर-गणितीय विषयों में उनकी रुचि न होने से वो 12वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे। रामानुजन ने 1912 में मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में एक क्लर्क के रूप में भी काम करना शुरू किया था। कहा जाता है कि यहीं पर पहली बार उनके एक सहकर्मी ने उनकी गणित की प्रतिभा को पहचाना था, जो खुद एक गणितज्ञ थे। जिसके बाद रामानुजन को ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएच हार्डी के पास जाने को कहा गया था।साल 2012 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मद्रास विश्वविद्यालय में रामानुजन की 125वीं जयंती समारोह के दौरान इसकी घोषणा की थी। दिलचस्प है हार्डी नंबर '1729' का किस्सा रामानुजन की जीवनी के मुताबिक एक बार प्रोफेसर हार्डी अस्पताल में रामानुजन को देखने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया की वो टैक्सी नंबर 1729 में बैठ कर यहां तक आए हैं। जिसके बाद रामानुजन ने उन्हें बताया था कि यह दो अलग क्यूब के योग को दो तरीकों से जानने के लिए सबसे छोटा अंक है। तभी से गणित की दुनिया में 1729 अंक आज भी हार्डी-रामानुजन नंबर के नाम से प्रचलित है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-11-killed-due-to-illicit-liquor-drinking-and-3-people-including-district-excise-officer-suspended-in-aligarh-792968
अलीगढ़ शराब कांड: जिला आबकारी अधिकारी समेत 3 निलंबित, अबतक 11 की मौत, एसएसपी नैथानी ने बनायी 6 टीमें
अलीगढ़ में एक अनुबंधित दुकान से खरीदी गई कथित नकली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। इस घटना के बाद राज्‍य सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी समेत तीन लोगों को निलंबित कर दिया है।
अलीगढ़/ लखनऊ (उप्र)। अलीगढ़ में एक अनुबंधित दुकान से खरीदी गई कथित नकली शराब पीने से 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। इस घटना के बाद राज्‍य सरकार ने जिला आबकारी अधिकारी समेत तीन लोगों को निलंबित कर दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी द्वारा गठित 6 टीमों ने तगड़ी कार्रवाई की है। तथाकथित ठेके के सेल्समैन ,संचालक, पर्यवेक्षक समेत ठेका मालिक चारों को तत्परता से कुछ ही घंटों में हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है। गैंगस्टर अधिनियम एवं रासुका की तैयारी शुरू कर दी गई है। अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जिले में जहरीली शराब के सेवन से 11 लोगों की मौत हो गई है और कुछ अन्य बीमार हैं जिन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि घटना की समयबद्ध मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया है और यह जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा सकता है। आबकारी विभाग के अपर मुख्‍य सचिव, संजय भूसरेड्डी ने शुक्रवार को बताया कि अलीगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, संबंधित क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जाती है। इसके पहले अलीगढ़ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) दीपक कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि आज सुबह लोधा थाना पुलिस को सूचना मिली कि अलीगढ़-टप्पल राजमार्ग पर यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर करसिया गांव में एक ठेके से खरीदी गई देसी शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान ट्रक चालकों के तौर पर हुई है। उन्होंने बताया कि दोनों चालक अलीगढ-टप्‍प्‍पल राजकीय राजमार्ग पर स्थित एक गैस डिपो में काम के सिलसिले में आये थे। उनके मुताबिक जब तक पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तब तक सूचना मिली कि करसिया और आसपास के कुछ अन्य गांवों के छह अन्य लोगों ने भी शराब पीने के बाद दम तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों को इलाके में भेजा गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। आबकारी विभाग के उपायुक्त डी शर्मा ने बताया कि गंभीर हालत में पांच ग्रामीणों को दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्‍हें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित शराब की दुकान को सील कर दिया गया है और परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किये गये हैं। स्‍थानीय निवासियों के अनुसार बृहस्पतिवार की शाम कुछ ग्रामीणों के बीमार होने की जानकारी मिली। ग्रामीणों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि आसपास के गांवों के कई लोगों ने भी शराब का सेवन किया था और उनके बारे में जानकारी अभी स्पष्ट नहीं है। अलीगढ़ को टप्पल से जोड़ने वाले राजकीय हाईवे पर स्थित अंडला समेत करसिया गांव और आसपास के कई गांवों में इस घटना को लेकर दुख का माहौल है। जैसे ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे, रोती-बिलखती विधवाओं और परिवार के सदस्यों का उन्‍हें सामना करना पड़ा। क्षेत्र के सबसे बड़े गांव अंडला के प्रधान ओम दत्त ने कहा कि मृतकों और अस्पताल में भर्ती लोगों के अलावा कल दोपहर से जहरीली शराब पीने के बाद बीमार होने वालों की संख्या अब भी बड़ी है। उन्होंने कहा कि बचाव दल पड़ोसी गांवों का दौरा कर रहे थे और जब तक आगे की सूचना नहीं मिलती है, तब तक प्रभावित व्यक्तियों के अंतिम आंकड़ों को उद्धृत करना संभव नहीं होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापक रूप से ऐसी खबरें थीं कि मौतें "नकली शराब" से जुड़े एक संगठित गिरोह के कारण हुईं। उन्होंने इस पूरे मामले की पूरी जांच की मांग की। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अलीगढ़ के लोधा थाना क्षेत्र के करसिया, निमाना, हैवतपुर और अंडला गांवों में जहरीली शराब के सेवन से हुई 11 लोगों की मौत के बाद योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार बताये कि उसके कार्यकाल में जहरीली शराब का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में चल रहा है और जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का कौन जिम्मेदार है? लगातार मौतें हो रही हैं, आखिर किन लोगों के दबाव में शराब के अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही नहीं हो रही है?” शुक्रवार को लखनऊ में जारी एक बयान में लल्लू ने नैतिकता के आधार पर राज्‍य सरकार के आबकारी मंत्री से त्यागपत्र की मांग करते हुए आरोप लगाया कि कोरोना महामारी में आम जनता अव्यवस्था और इलाज, दवाई के अभाव में जहां अपनी जान गंवा रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार आपदा में विभिन्न प्रकार के अवसर तलाश रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए अपराधी भी आपदा में अवसर तलाश कर अवैध जहरीली शराब का खुलेआम धंधा कर रहे हैं और सरकार में बैठे लोग आंख मूंदे हुए है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके पूर्व आजमगढ़, अम्बेडकरनगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों का उदाहरण देते हुए कहा कि अलीगढ़ में हुई मौतें बहुत ही दुःखद हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जहरीली शराब के कारोबारियों के विरुद्ध कार्यवाही न करना यह साबित करता है कि कहीं न कहीं जहरीली शराब का कारोबार करने वाले लोगों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
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ऑर्डर देने में देरी की तो स्विगी के डिलीवरी बॉय ने रेस्टोरेंट मालिक की गोली मारकर हत्या की
आरोप है कि नशे में धुत डिलीवरी बॉय ने नौकर के साथ एक आर्डर में देरी होने के कारण गाली-गलौज शुरू कर दी। इस पर रेस्टोरेंट संचालक सुनील मौके पर आ गया और विवाद खत्म करने का प्रयास करने लगा।
ग्रेटर नोएडा: कोतवाली बीटा-2 क्षेत्र की मित्रा सोसाइटी में स्थित ऑनलाइन फ़ूड रेस्टोरेंट्स के मालिक की आर्डर में देरी होने के कारण हुए विवाद में स्विगी के डिलीवरी बॉय ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी स्विगी के डिलीवरी ब्वॉय की तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा के मित्रा सोसाइटी में सुनील ऑनलाइन फूड डिलीवरी का झमझम के नाम से रेस्टोरेंट्स चलाता था। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात करीब 12:15 बजे ढाबे में काम करने वाले नौकर नारायण और स्विगी के डिलीवरी ब्वॉय के बीच विवाद हो गया। मौके पर मौजूद लोगो ने बताया की मंगलवार रात स्विगी का डिलीवरी ब्वॉय चिकन बिरयानी और पूड़ी सब्जी का ऑर्डर लेने आया था। इसमें चिकन बिरयानी का ऑर्डर उसे दे दिया गया जबकि पूरी सब्जी के आर्डर में कुछ समय लगने की बात नौकर नारायण द्वारा उसे बताई गई। आरोप है कि नशे में धुत डिलीवरी बॉय ने नौकर के साथ एक आर्डर में देरी होने के कारण गाली-गलौज शुरू कर दी। इस पर रेस्टोरेंट संचालक सुनील मौके पर आ गया और विवाद खत्म करने का प्रयास करने लगा। आरोप है कि अपने एक साथी की मदद से डिलीवरी बॉय ने सुनील के सिर में गोली मार दी जिससे सुनील मौके पर गिर पड़ा। गोली लगने की जानकारी होते ही नौकर नारायण अपने अन्य साथियों के साथ मालिक सुनील को घायल अवस्था में यथार्थ अस्पताल में ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।एडीसीपी ग्रेटर नोएडा जोन विशाल पांडे ने बताया कि ऑर्डर देने में देरी होने के कारण डिलीवरी ब्वॉय ने रेस्टोरेंट मालिक को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई है। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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कुपवाडा मुठभेड़ में मारा गया एक आतंकवादी पाकिस्तानी था: पुलिस
जम्मू कश्मीर के कुपवाडा जिले में मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर के साथ मारे गए एक अन्य आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान के आतंकवादी के तौर पर हुई है।
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के कुपवाडा जिले में मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर के साथ मारे गए एक अन्य आतंकवादी की पहचान पाकिस्तान के आतंकवादी के तौर पर हुई है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी आतंकवादी दानिश बुधवार को मुठभेड़ में मारा गया था। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि दोनों आतंकवादियों का मुठभेड़ में मारा जाने सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी है। कुमार ने बुधवार को कहा था कि मारे गए आतंकवादियों में से एक आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर नसीरुद्दीन लोन था, लोन इस साल की शुरुआत में सीआरपीएफ के छह जवानों की हत्या में शामिल था। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि लोन के कब्जे से एक एके -47 रायफल बरामद हुई है जो चार मई को हंदवाडा के वनगाम में सीआरपीएफ के एक जवान पर हमला करके छीनी गई थी। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि वह सीआरपीएफ के तीन जवानों की हत्या में शामिल था। उन्होंने कहा कि लोन और दानिश का मारा जाना बलों के लिए बड़ी कामयाबी है।
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प्रेमिका को भगाकर ले जा रहा शख्स लड़की के भाई और चाचा को देखकर ट्रेन से कूदा, मौत
उत्तर प्रदेश में प्रेम-प्रसंग के एक मामले में नाबालिग किशोरी को कथित रूप से भगा कर ट्रेन से मुंबई जा रहे युवक ने लड़की के परिजनों द्वारा पकड़े जाने पर चलती ट्रेन से छलांग लगा दी, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया।
भदोही: उत्तर प्रदेश में प्रेम-प्रसंग के एक मामले में नाबालिग किशोरी को कथित रूप से भगा कर ट्रेन से मुंबई जा रहे युवक ने लड़की के परिजनों द्वारा पकड़े जाने पर चलती ट्रेन से छलांग लगा दी, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बुरी तरह घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को बताया कि शनिवार को युवक का शव भदोही पहुंचने पर उसके परिजनों ने 4 घंटा तक शव को सड़क पर रख कर जाम लगा दिया। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद सड़क जाम ख़त्म करा दिया गया है।लड़की के भाई और चाचा को देखकर ट्रेन से कूद गया साहिलमामले की जानकारी देते हुए भदोही के दुर्गागंज थाने के प्रभारी निरीक्षक रामजी यादव ने बताया की 20 जून को नाबालिग किशोरी के पिता ने यहां साहिल (20) नाम के युवक के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि ये दोनों मुंबई जाने की बात कह कर घर से निकले थे। यादव ने बताया इसी बीच लड़की के घर वालों ने मुंबई में इसकी सूचना अपने परिजनों को भेजी जिस पर किशोरी के चाचा और भाई मुंबई पहुंचने से पहले ही उसी ट्रेन में सवार होकर दोनों को ढूंढ रहे थे। उन्होंने बताया कि तभी अचानक ट्रेन में लड़की के भाई और चाचा को देख साहिल बोरीवली स्टेशन के पास ट्रेन से कूद गया।साहिल के पिता ने सैकड़ों की भीड़ के साथ किया रास्ता जामथाना प्रभारी ने बताया कि किशोरी ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा की घर वालों को देख साहिल ट्रेन से कूद गया था। उधर, बुरी तरह घायल साहिल को बोरीवली थाना पुलिस साहिल को अस्पताल ले गई जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कर उसे शनिवार को भदोही भेज दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि शव के भदोही पहुंचने के बाद साहिल के पिता खलील ने लड़की के पिता, उसके भाई और चाचा पर हत्या का आरोप लगा कर सैकड़ों की भीड़ के साथ रास्ता जाम कर दिया। यादव ने बताया मामला दर्ज कर जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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रेलवे ने दी गुड न्यूज! अब जल्द ही दोबारा पटरियों पर दौड़ेगी ये ट्रेनें
भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों की सहूलियत और परस्थितियों को देखते हुए न सिर्फ नई स्पेशल ट्रेनों में इजाफा कर रहा है बल्कि कोहरे की वजह से निरस्त की गई कई अन्य ट्रेनों को भी धीरे-धीरे दोबार बहाल कर रहा है।
नई दिल्ली. कोरोना काल में भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों की सहूलियत और परस्थितियों को देखते हुए न सिर्फ नई स्पेशल ट्रेनों में इजाफा कर रहा है बल्कि कोहरे की वजह से निरस्त की गई कई अन्य ट्रेनों को भी धीरे-धीरे दोबार बहाल कर रहा है। अब भारतीय रेलवे द्वारा चार प्रमुख ट्रेनों की दोबारा से बहाल करने की घोषणा की गई है, ये ट्रेनें मकर संक्रांति के बाद से यात्रियों को पटरियों पर दौड़ती नजर आएंगी। उत्तर रेलवे ने इस चारों रेल गाड़ियों को कोहरे की वजह से 16 दिसंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक निरस्त करने की घोषणा की थी लेकिन अब कुछ ही दिनों के भीतर ये ट्रेनें यात्रियों को सेवाएं देनें लगेंगी।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, यहां है पूरी जानकारीपढ़ें- गरीब ब्राह्मणों की शादी के लिए 3 लाख से 50 हजार तक की मदद, जानिए क्या है शर्तें नई दिल्ली. कोरोना काल में भारतीय रेलवे लगातार यात्रियों की सहूलियत और परस्थितियों को देखते हुए न सिर्फ नई स्पेशल ट्रेनों में इजाफा कर रहा है बल्कि कोहरे की वजह से निरस्त की गई कई अन्य ट्रेनों को भी धीरे-धीरे दोबार बहाल कर रहा है। अब भारतीय रेलवे द्वारा चार प्रमुख ट्रेनों की दोबारा से बहाल करने की घोषणा की गई है, ये ट्रेनें मकर संक्रांति के बाद से यात्रियों को पटरियों पर दौड़ती नजर आएंगी। उत्तर रेलवे ने इस चारों रेल गाड़ियों को कोहरे की वजह से 16 दिसंबर 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक निरस्त करने की घोषणा की थी लेकिन अब कुछ ही दिनों के भीतर ये ट्रेनें यात्रियों को सेवाएं देनें लगेंगी।पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, यहां है पूरी जानकारीकौन सी ट्रेनें होने जा रही हैं बहालपढ़ें- मिशन शक्ति के तहत बेटियों के लिए योगी सरकार करने जा रही है ये बड़ा कामपढ़ें- अनोखी शादी! एक लड़के ने लिए दो लड़कियों के साथ फेरे, दोनों को नहीं है कोई एतराजCST-निजामुद्दीन राजधानी को दिया गया एक और स्टॉपेज01221/01222 छत्रपति शिवारजी महाराज टर्मिनल से राजधानी नई दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के बीच चलने वाली ये दोनों ट्रेनें आने वाली 9 जनवरी 2021 से ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर भी रूकेंगी। 01221 CST से निजामुद्दीनजाने वाली राजधानी सुबह 6.09 बजे ग्वालियर पहुंचेगी जबकि01222 निजामुद्दीन से CST जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस शाम 20.13 बजे ग्वालियर स्टेशन पर पहुंचेगी। इस स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस को दो मिनट का स्टॉपेज दिया गया है।
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यूरोपीय संघ दक्षिण एशिया में बाढ़ प्रभावित के लिए 16.5 लाख यूरो देगा
यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को कहा कि वह दक्षिण एशिया में बाढ़ से प्रभावित देशों, मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत और नेपाल को मानवीय सहायता के रूप में 16.5 लाख यूरो उपलब्ध करा रहा है।
नयी दिल्ली: यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को कहा कि वह दक्षिण एशिया में बाढ़ से प्रभावित देशों, मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत और नेपाल को मानवीय सहायता के रूप में 16.5 लाख यूरो उपलब्ध करा रहा है। यूरोपीय नागरिक संरक्षण एवं मानवीय सहायता अभियान (ईसीएचओ) ने एक बयान में कहा यह धन सिलसिलेवार आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिये इस साल की शुरूआत में की गई 10.8 लाख यूरो की घोषणा के अतिरिक्त होगी। उन आपदाओं में चक्रवात अम्फान भी शामिल था, जिसने भारत के कुछ राज्यों में और बांग्लादेश में मई महीने में तबाही मचाई थी। नयी घोषणा के साथ ही क्षेत्र में आपदा प्रभावितों के लिये यूरोपीय संघ की सहायता बढ़ कर 34.5 लाख यूरो हो जाएगी। ’’ इसने कहा है कि इसके अलावा पांच लाख यूरो का उपयोग भारत में भोजन एवं आजीविका सहायता, आपात राहत आपूर्ति और जल एवं स्वच्छता सेवाओं में किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि अब तक इस साल मॉनसून की बारिश से लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं और उनके जीवन को खतरा बढ़ गया है क्योंकि वे पहले से वैश्विक कोविड-19 महामारी का सामना कर रहे हैं। ईयू के एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में मानवीय कार्यक्रमों की निगरानी करने वाले तहीनी थाम्मनगोडा ने कहा, ‘‘पूरे दक्षिण एशिया में इस साल मॉनसून की बारिश विनाशकारी है और यह फौरी सहायता मानवीय सहायता पहुंचाने वाले साझेदारों को जमीनी स्तर पर उन लोगों को महत्वपूर्ण मदद मुहैया करने में सहायता करेगा, जो बेघर हो गये हैं और जिनकी आजीविका के स्रोत बंद हो गये हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बुरी तरह से प्रभावित देशों पर ध्यान केंद्रित कर हम लोगों को इस मुश्किल समय में जीवित रहने का जरिया मुहैया कर रहे हैं ताकि यथाशीघ्र वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें । ’’
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सीएम बनते ही चन्नी का चला चाबुक! सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी किया ये फरमान
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, चन्नी ने उन्हें सुबह 9 बजे तक कार्यालय पहुंचने और शाम को कार्यालय समय तक जनता के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश दिया।
चंडीगढ़: पंजाब के सीएम का पद संभालते ही चरणजीत सिंह चन्नी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, चन्नी ने उन्हें सुबह 9 बजे तक कार्यालय पहुंचने और शाम को कार्यालय समय तक जनता के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश दिया। बयान में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य सरकारी कार्यालयों में अनुशासन लाना है। चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ने उन्हें शपथ दिलायी। सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए चन्नी ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लोगों की शिकायतों का प्राथमिकता से निराकरण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की आधिकारिक घंटों के दौरान कार्यालयों में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, प्रशासनिक सचिवों और विभाग प्रमुखों को सप्ताह में दो बार औचक निरीक्षण करना चाहिए ताकि उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखी जा सके।’’ इस बीच, दिन में चमकौर साहिब में गुरुद्वारा श्री कटलगढ़ साहिब में मत्था टेकने के बाद, चन्नी ने कहा कि 2015 की बेअदबी की घटनाओं में जल्द ही न्याय किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में, मुख्यमंत्री ने चमकौर साहिब निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसका वह वर्तमान में विधानसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। चन्नी के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को सस्ती दरों पर रेत उपलब्ध कराने, अनुसूचित जाति, पिछड़ वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को 100 और बिजली यूनिट निशुल्क देने और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति निशुल्क करने पर चर्चा हुई। शाम को यहां चन्नी की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक हुई। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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पिता जेल में हैं, मां ने अकेला छोड़ दिया, सोशल मीडिया ने बदला बेघर अंकित का भविष्य
पिछले कुछ सालों से नौ साल का अंकित एक फुटपाथ पर रह रहा है और एक चाय स्टाल पर काम करके जिंदगी गुजार रहा है। उसका एकमात्र दोस्त एक आवारा कुत्ता है, जिसे वह प्यार से डैनी बुलाता है।
मुजफ्फरनगर (उप्र): उसके पिता जेल में हैं, उसकी मां ने उसे अकेला छोड़ दिया है और उसे अपने गांव का नाम याद नहीं है। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि एक नौ वर्षीय बेघर बच्चे अंकित की जिंदगी की कड़वी सच्चाई है। पिछले कुछ सालों से नौ साल का अंकित एक फुटपाथ पर रह रहा है और एक चाय स्टाल पर काम करके जिंदगी गुजार रहा है। उसका एकमात्र दोस्त एक आवारा कुत्ता है, जिसे वह प्यार से डैनी बुलाता है।दो हफ्ते पहले किसी ने अंकित और डैनी की एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह एक दुकान के बाहर कंबल में अपने 'दोस्त' के साथ सोता नजर आ रहा था। वह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और जिला प्रशासन ने लड़के की तलाश शुरू कर दी। आखिरकार दो दिन पहले बच्चे का पता लगा लिया गया और अब वह जिला पुलिस की देखरेख में है।मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा, "अब वह मुजफ्फरनगर पुलिस की देखरेख में हैं। हम उनके परिवार का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और उसकी तस्वीर आस-पास के जिलों के विभिन्न पुलिस थानों में भेज दी गई हैं। हमने जिला महिला एवं बाल कल्याण विभाग को भी अलर्ट कर दिया है।"शहर कोतवाली के एसएचओ अनिल कपरवान ने कहा, अंकित एक स्थानीय महिला शीला देवी के साथ है, जिसे अंकित जानता है और 'बी' कह कर बुलाता है। जब तक अंकित का परिवार मिल नहीं जाता, तब तक वह एक निजी स्कूल में पढ़ेगा। पुलिस द्वारा स्कूल प्रबंधन से अनुरोध करने के बाद स्कूल उसे मुफ्त शिक्षा देने के लिए सहमत हो गया है।अंकित जहां काम करता था, उस चाय की दुकान के मालिक ने कहा कि कुत्ता डैनी कभी भी अपनी जगह से नहीं हिलता है। उन्होंने आगे कहा, "जब तक लड़का यहां काम करता, कुत्ता एक कोने में बैठा रहता। अंकित स्वाभिमानी है और कभी भी मुफ्त में कुछ नहीं लेता था, यहां तक कि अपने कुत्ते के लिए दूध भी नहीं।"
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इस प्रदेश के अनेक इलाकों में कड़ाके की सर्दी और कोहरे का अनुमान
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक आर.एस.शर्मा ने बताया कि कम तीव्रता के पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से फिलहाल राज्य के ज्यादातर स्थानों पर दिन का अधिकतम तापमान औसत से दो से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया जा रहा है।
जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) के ज्यादातर इलाकों में बीते कुछ दिनों में तापमान में बढ़ोतरी से जहां लोगों को राहत मिली है वहीं मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि आने वाले एक दो दिन में तापमान दो से चार डिग्री गिर सकता है और तेज ठंड पड़ सकती है। विभाग ने शनिवार को कई जिलों में शीतलहर व कोहरे की चेतावनी जारी की है। जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक आर.एस.शर्मा ने बताया कि कम तीव्रता के पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से फिलहाल राज्य के ज्यादातर स्थानों पर दिन का अधिकतम तापमान औसत से दो से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया जा रहा है।पढ़ें- बकरी को लेकर हुआ भयंकर विवाद, बेहद मामूली थी वजह, दो को गंवानी पड़ी जानपढ़ें- रेलवे ने दी गुड न्यूज! किया कई नई ट्रेनों का ऐलान, ये रही पूरी डिटेलजयपुर. राजस्थान (Rajasthan) के ज्यादातर इलाकों में बीते कुछ दिनों में तापमान में बढ़ोतरी से जहां लोगों को राहत मिली है वहीं मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि आने वाले एक दो दिन में तापमान दो से चार डिग्री गिर सकता है और तेज ठंड पड़ सकती है। विभाग ने शनिवार को कई जिलों में शीतलहर व कोहरे की चेतावनी जारी की है। जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक आर.एस.शर्मा ने बताया कि कम तीव्रता के पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से फिलहाल राज्य के ज्यादातर स्थानों पर दिन का अधिकतम तापमान औसत से दो से चार डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया जा रहा है।पढ़ें- बकरी को लेकर हुआ भयंकर विवाद, बेहद मामूली थी वजह, दो को गंवानी पड़ी जानउन्होंने कहा, लेकिन एक बार पुनः हिमालय से आने वाली उत्तरी हवाओं का प्रभाव शुरू होने से अगले एक दो दिनों में न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है। उत्तरी राजस्थान के शेखावटी संभाग के जिलों में 25, 26, 27 जनवरी के दौरान न्यूनतम तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज होने के आसार हैं।पढ़ें- Aero India 2021: 3 फरवरी से हो रहा है शुरू, आसमान में दिखेगी हिंदुस्तान की ताकतपढ़ें- मायावती को बड़ा झटका! विधायक ने बदली पार्टीविभाग ने अगले 24 से 48 घंटे के दौरान झुंझुनू, सीकर, अजमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू व नागौर जिलों में शीत व अति शीत लहर चलने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही इस दौरान इन जिलों के अलावा जयपुर, टोंक, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर व जोधपुर जिलों में घने कोहरे की चेतावनी दी गयी है। इस बीच राज्य में बीते चौबीस घंटे में 5.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ पिलानी सबसे सर्द रहा। इसी तरह न्यूनतम तापमान चित्तौड़गढ़ में 8.2 डिग्री, अलवर में 8.6 डिग्री, धौलपुर में 9.8 डिग्री, गंगानगर में 9.9 डिग्री, सवाई माधोपुर में 10.0 डिग्री दर्ज किया गया। पढ़ें- IMD Alert: उत्तर भारत में कंपकंपी छुड़ाती रहेगी ठंड! दिल्ली NCR में चार डिग्री तक लुढ़केगा पारापढ़ें- Kisan Andolan: हरियाणा पुलिस ने छुट्टियां रद्द की, ट्रैक्टर रैली को देखते हुए लिया गया फैसला
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https://www.indiatv.in/india/national-air-quality-in-delhi-reaches-poor-category-746919
दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’, हवा के रुख में बदलाव से हो सकता है सुधार
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और अतिसुक्ष्म कणों - पीएम 2.5 और पीएम10 - का स्तर इस मौसम में अब तक का अधिकतम रहा।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और अतिसुक्ष्म कणों - पीएम 2.5 और पीएम10 - का स्तर इस मौसम में अब तक का अधिकतम रहा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी तंत्र ‘सफर’ ने कहा कि आने वाले दिनों में हवा के रुख में बदलाव की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक में हलका सुधार होने की उम्मीद है। शहर में सुबह 10 बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 था।रविवार और शनिवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्रमश: 216 और 221 था। जहांगीरपुरी और विवेक विहार में एक्यूआई क्रमश: 301 और 316 रहा जो “बेहद खराब” श्रेणी में था। वायु गुणवत्ता शून्य से 50 के बीच ‘ अच्छी ’, 51 से 100 तक ‘ संतोषजनक ’, 101 से 200 तक ‘ मध्यम ’, 201 से 300 तक ‘ खराब ’, 301 से 400 तक ‘ बेहद खराब ’ और 401 से 500 के बीच ‘ गंभीर ’ मानी जाती है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक सुबह नौ बजे दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 का स्तर 242 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा जो इस मौसम में अब तक का अधिकतम है। भारत में पीएम10 का स्तर जब 100 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से कम रहता है तो उसे सुरक्षित माना जाता है। पीएम 10 माप में , 10 माइक्रोमीटर के आकार का कण होता है , जो सांस लेते समय फेफड़ों में जा सकता है। इन कणों में धूल , पराग और ‘ मोल्ड ’ बीजाणु शामिल हैं। पीएम2.5 का स्तर 106 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर का रहा। पीएम2.5 का स्तर जब 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर तक रहता है तो इसे सुरक्षित माना जाता है। ये अतिसुक्ष्म कण रक्त प्रवाह में भी रह सकते हैं।दिल्ली में वायु गुणवत्ता 29 जून के बाद से पहली बार बुधवार को “खराब” हुई थी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तब 24 घंटे के दौरान एक्यूआई 215 दर्ज की थी। ‘सफर’ ने कहा कि पाकिस्तान से लगे इलाकों, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 448 जगह खेतों में आग की घटनाएं दर्ज की गईं जिससे रविवार को दिल्ली की वायुगुणवत्ता प्रभावित हुई। उसने कहा कि हवा का रुख उत्तर पश्चिम से बदलकर दक्षिणपूर्व की तरफ होगा जिससे खेतों में आग की घटनाओं का हवा पर प्रभाव यहां कम देखने को मिलेगा।सोमवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की अधिकतम गति चार किलोमीटर प्रतिघंटा रही।
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VIDEO: पीपीई किट पहन दूल्हा-दुल्हन ने की शादी, वीडियो हुआ वायरल
राजस्थान में बारा के केलवाड़ा कोविड-19 केंद्र में एक जोड़े के पीपीई किट पहनकर शादी करने का वीडियो सामने आया है। दरअसल शादी वाले दिन दुल्हन की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
राजसमंद: राजस्थान में बारा के केलवाड़ा कोविड-19 केंद्र में एक जोड़े के पीपीई किट पहनकर शादी करने का वीडियो सामने आया है। दरअसल शादी वाले दिन दुल्हन की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद शादी करने के लिए जोड़े ने सरकार के कोरोना वायरस प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए विवाह समारोह आयोजित किया। जिसमें वह पीपीई किट पहन शादी की रसम करते हुए दिख रहे है। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के 2089 नये मामले रविवार को आये। इससे अब तक राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 2,80,585 हो गई है। वहीं संक्रमण से 20 और लोगों की मौत हो गई जिसके बाद मरने वालों का कुल आंकड़ा 2429 तक पहुंच गया है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम छह बजे तक के बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से 20 और मौत हुई है, जिसके बाद मरने वालों की कुल संख्या अब बढ़कर 2429 हो गयी। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से रविवार को जयपुर व जोधपुर में तीन तीन, अजमेर, कोटा, झुंझुनू व पाली दो दो और संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। राज्य में अब तक जयपुर में 455, जोधपुर में 253, अजमेर में 198, बीकानेर में 163, कोटा में 147, भरतपुर में 113, उदयपुर में 104, और पाली में 95 संक्रमितों की मौत हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि रविवार को राज्य में 2818 लोग कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक हुए और अब तक संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की कुल संख्या बढ कर 2,55,729 हो चुकी है । इसके साथ ही शनिवार को संक्रमण के 2089 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 2,80,585 हो गयी जिनमें से 22,427 रोगी उपचाराधीन हैं। नये मामलों में जयपुर में 481, जोधपुर में 221, अजमेर में 105,कोटा में 101,अलवर में 95, उदयपुर में 91 संक्रमित शामिल हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-pm-modi-all-party-meeting-jammu-kashmir-election-leaders-reaction-latest-news-798089
पीएम मोदी बोले- कश्मीर में चुनाव होंगे, जानिए सर्वदलीय बैठक के बाद किसने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पर 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं संग करीब साढ़े 3 घंटे तक बैठक की। प्रधानमंत्री आवास पर चली बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने, पूर्ण राज्य बहाली और अनुच्छेद 370 हटाने समेत अन्य मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर चल रही बैठक खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग बैठक में कहा कि डि-लिमिटेनशन के बाद कश्मीर में चुनाव कराएंगे। कश्मीर में हर वर्ग की सुरक्षा के लिए माहौल बनाना होगा। बैठक को पीएम मोदी ने करीब 10 मिनट तक संबोधित किया। पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक में अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा।सूत्रों के हवाले से बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि डी-लिमिटेशन के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर सभी ने सहमति जताई। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी मिटाना चाहते हैं। कश्मीर के बेहतर भविष्य के लिए खुलकर बातचीत हुई। कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया मजबूत करने पर चर्चा। कश्मीर के हर वर्ग की सुरक्षा के लिए माहौल बनाना होगा। हम सभी को जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सुरक्षित रखना होगा। करीब साढ़े तीन घंटे चली बैठकपीएम मोदी के साथ जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक करीब साढ़े 3 घंटे चली। जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं ने पीएम के साथ सर्वदलीय बैठक में अपनी बात रखी। गौरतलब है कि बैठक में महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला ने धारा 370 का मुद्दा उठाया। हालांकि, मुजफ्फर बेग ने महबूबा को टोक दिया। वहीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 का जिक्र तक नहीं किया। कश्मीर को लेकर कन्फ्यूजनन दूर हुआ- अल्ताफ बुखारीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा​कि कश्मीर को लेकर कन्फ्यूजन दूर हुआ। जम्मू-कश्मीर के लिए आज बहुत बड़ा दिन। पीएम ने हमारी बात गौर से सुनी। कश्मीर में डी-लिमिटेशन के बाद चुनाव होगा। Image Source : INDIA TVपीएम मोदी की जम्मू-कश्मीर के नेताओं संग बैठक के क्या मायने? जानिए किसने क्या कहाकांग्रेस ने 5 बड़ी मांगे रखी- गुलाम नबी आजादपीएम मोदी के साथ बैठक में कांग्रेस ने 5 मांगें रखी। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक के बाद कहा कि कश्मीरी पंडितों को वापस बसाया जाए। जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव हों। चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। डोमिसाइल, जमीन की गारंटी मांगी और राजीनिक कैदियों की रिहाई हो। गुलामा नबी आजाद ने कहा कि बैठक में किसी ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। बिना एजेंडा खुले मन से बैठक में बात हुई। पीएम पिछले साल से ही कश्मीरी नेताओं से मिलना चाहते थे।आजाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में मैंने अपनी बातें रखीं। आर्टिकल-370 हटाने पर सहमति नहीं ली गई, साथ ही सुप्रीम कोर्ट को आर्टिकल-370 पर आखिरी फैसला करना चाहिए।सभी दलों ने खुलकर अपनी बात रखी- निर्मल सिंहपीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा कि सभी दलों ने खुलकर अपनी बात रखी। पीएम ने सभी दलों की बात सुनी। पीएम ने देश की अखंडता, लोकतंत्र के लिए काम करने की अपील की।370 के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे- उमर अब्दुल्लापीएम मोदी संग सर्वदलीय बैठक के बाद उमर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य की बहाली नयी दिल्ली की तरफ से विश्वास कायम करने का पहला कदम होगा। जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में विश्वास बहाली की जरूरत है। अब्दुला ने कहा कि प्रधानमंत्री से अच्छे माहौल में बात हुई। 370 का फैसला हमें कबूल नहीं है। डीलिमिटेशन की प्रक्रिया संदेहपूर्ण है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश ना रहे। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए। 370 हटाए जाने की लड़ाई कोर्ट में लड़ेंगे। कानून, संविधान के दायरे में रहकर विरोध करेंगे। एक मुलाकात में दिल की दूरी खत्म करना मुमकिन नहीं। जम्मू-कश्मीर को बाकी राज्यों की तरह बनाया जाए। पीएम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव हो। केंद्र और जम्मू-कश्मीर के बीच विश्वास टूटा।Image Source : INDIA TVPM Modi-J&K all-party meetingहर किसी ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग उठाई- मुजफ्फर हुसैन बेगपीएम मोदी संग सर्वदलीय बैठक के बाद पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लगभग हर किसी ने जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग उठाई। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर पर आयोजित बैठक काफी सौहार्दपूर्ण एवं सकारात्मक रही। प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया कि वह जम्मू-कश्मीर को संघर्ष के बजाय शांति का क्षेत्र बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को ‘सावधानीपूर्वक’ सुना और उन पर जवाब दिया। सरकार का कहना है कि परिसीमन का काम पूरा होना है और उसके बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय किया जाएगा।पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए गुरुवार को वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह सहित पीएमओ और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूख अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद मौजूद रहे। यह बैठक ऐसे समय हुई जब एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था। परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। ज्ञात हो कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और राज्य को जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।
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https://www.indiatv.in/india/national-weather-forecast-alert-delhi-uttar-pradesh-haryana-punjab-chandigarh-uttarakhand-imd-weather-report-765463
ALERT: अगले 3 दिन होगी भारी बारिश, चलेगी शीतलहर; देखें मौसम का हाल
तापमान में हो रही गिरावट के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तरी मैदानी क्षेत्रों के वास्ते अगले चार दिनों के लिए शीतलहर के पूर्वानुमान के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
नई दिल्ली: मौसम विभाग ने भारी बारिश और भीषण शीतलहर का अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरुरत है। तापमान में हो रही गिरावट के बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तरी मैदानी क्षेत्रों के वास्ते अगले चार दिनों के लिए शीतलहर के पूर्वानुमान के साथ ऑरेंज अलर्ट को जारी किया है। तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए भारी वर्षा के पूर्वानुमान के साथ ऐसा ही अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने कहा कि उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में इस दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। मौसम की तीव्रता के आधार पर विभाग के चार रंगों के कोड हैं। पढ़ें- आम जनता के लिए 2-3 महीने में आ जाएगी वैक्सीन, जानें क्या होगी कीमतपढ़ें- Indian Railways: आज की गई स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा, देखें पूरा रुट, अभी करें बुकऑरेंज, लाल, हरा अलर्ट का क्या अर्थ होता है?पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में अगले 3 दिनों तक शीतलहर चलने की आशंकाविभाग ने कहा, ‘‘शुष्क उत्तरी/ उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में अगले चार-पांच दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है जिससे पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में अगले तीन दिनों तक शीतलहर चलने की आशंका है।’’ विभाग ने कहा, ‘‘ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ हिस्सों में तथा उत्तरप्रदेश, उत्तरी मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में छिटपुट स्थानों पर अगले तीन दिन शीत लहर/ तेज शीतलहर चलने की संभावना है।’’ पढ़ें- लड़की की कथित बलात्कार के बाद हत्या, रेलवे पटरी के पास मिला शव, मचा हड़कंपपढ़ें- IRCTC ने दिया सुनहरा मौका, स्पेशल ट्रेन की जल्द करें बुकिंग, आखिरी तारीख नजदीक13-16 जनवरी के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारीआईएमडी ने कहा कि अगले चार-चार दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिमी भारत में छिटपुट स्थानों पर सामान्य से घना कोहरा छाया रह सकता है। विभाग ने 13-16 जनवरी के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उसने 13 जनवरी के लिए राजस्थान के लिए भी अलर्ट जारी किया है। कोमोरिन क्षेत्र में चक्रवात के प्रभाव से तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे और लक्षद्वीप में अगले 2-3 दिन वर्षा होने की संभावना है।
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देर रात हुआ रामविलास पासवान के दिल का ऑपरेशन, चिराग बोले- एक और सर्जरी संभव
केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान के दिल का ऑपरेशन हुआ है। उनके बेटे चिराग पासवान ने रविवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान के दिल का ऑपरेशन हुआ है। उनके बेटे चिराग पासवान ने रविवार को यह जानकारी दी। राम विलास पासवान (74) पिछले पांच दशक से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं और देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक हैं। वह पिछले कुछ सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं।चिराग पासवान ने ट्वीट किया, ‘‘पिछले कई दिनों से पिता जी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। कल (शनिवार) शाम अचानक उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह से देर रात उनके दिल का ऑपरेशन करना पड़ा।’’ इसके कारण चिराग पासवान को पार्टी की एक बैठक रद्द करनी पड़ी, ताकि वह अपने पिता के पास रह सकें।उन्होंने कहा, ‘‘जरूरत पड़ने पर सम्भवतः कुछ हफ़्तों बाद एक और ऑपरेशन करना पड़े। संकट की इस घड़ी में मेरे और मेरे परिवार के साथ खड़े होने के लिए आप सभी का धन्यवाद।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-risk-of-adverse-impact-of-coronavirus-vaccine-759920
कोरोना वायरस टीकाकरण के प्रभावों को लेकर सरकार ने जारी की चेतावनी, कहा-तैयार रहें राज्य
कोरोना वैक्सीनेशन के बाद उसके प्रतिकूल प्रभावों और घटनाओं के सामने आने के विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव मुख्य रूप से टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे गए हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में अपेक्षाकृत अच्छा कर रहा है। वहीं कोरोना वैक्सीनेशन के बाद उसके प्रतिकूल प्रभावों और घटनाओं के सामने आने के विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव मुख्य रूप से टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे गए हैं। ऐसे में कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने बाद एक प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।भूषण ने अपनी बात रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मामलों का भी हवाला दिया और कहा कि भारत कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रतिकूल घटनाओं की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, "जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, विशेष रूप से ब्रिटेन में, पहले दिन प्रतिकूल घटनाएं हुईं।"भूषण ने कहा कि ब्रिटेन समेत जिन देशों में टीकाकरण पहले ही शुरू हो चुका है, पहले दिन वहां प्रतिकूल घटनाएं हुईं। ऐसे में यह आवश्यक है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसके लिए भी तैयारी करें।इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के एक बयान ने यह आशंका पैदा कर दी है कि इस वैक्सीन को लेकर लोगों में झिझक देखने को भी मिल सकती है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया जाता है तो कुछ लोगों में उल्टा असर भी देखने को मिल जाता है।कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारियों को लेकर उन्होंने कहा कि 9000 कोल्ड चेन प्वाइंट, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45000 आइस-लाइनेड रेफ्रिजरेटर, 41000 डीप फ्री जर्स और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का उपयोग किया जायेगा। ये सभी उपकरण राज्य सरकारों तक पहुंच चुके हैं।उन्होंने आगे कहा कि इस देश में प्रति दस लाख जनसंख्या पर कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या दुनिया में सबसे कम है। भूषण ने कहा कि वैश्विक औसत जहां प्रति दस लाख जनसंख्या पर 9,000 है, वहीं भारत में मामलों की संख्या प्रति दस लाख आबादी पर 7,178 है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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https://www.indiatv.in/india/national/pm-modi-to-address-nation-from-red-fort-on-parkash-purab-of-sikh-guru-tegh-bahadur-2022-04-18-845725
21 अप्रैल को लाल किले से PM मोदी का संबोधन, 400वें प्रकाश पर्व पर जारी करेंगे सिक्का और डाक टिकट
सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया जाएगा।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अप्रैल को सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित करेंगे। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि इस मौके पर 400 रागी (सिख संगीतकार) ‘‘शबद कीर्तन’’ का गायन करेंगे।इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इस कार्यक्रम में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और देश व दुनिया की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी।सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत किया जा रहा है।बता दें कि यह पहला मौका है जब पीएम मोदी धार्मिक कार्यक्रम पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस से इतर 21 अक्टूबर 2018 को भी लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं। इससे पहले 9 जनवरी को पीएम मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।(इनपुट- एजेंसी)
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https://www.indiatv.in/india/national/amit-shah-and-chidambaram-came-face-to-face-know-what-happened-then-2022-04-05-843151
जब अमित शाह और पी. चिदंबरम संसद में आमने-सामने आए, जानिए फिर क्या हुआ?
संसद के बजट सत्र में शामिल होने के दौरान अमित शाह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम आमने-सामने आ गए तो दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का मुस्कुराते हुए अभिवादन किया। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई।
नई दिल्ली। संसद में सत्ता और विपक्ष के नेताओं की मुलाकात अमूमन आम बात है। संसद भवन में बजट सत्र चल रहा है। विपक्ष महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को घेर रहा है। इस बीच संसद भवन में एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई है जो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है। मंगलवार को संसद में जब पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई तो फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। संसद के बजट सत्र में शामिल होने के दौरान अमित शाह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम आमने-सामने आ गए तो दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का मुस्कुराते हुए अभिवादन किया। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई। संसद में तल्खी के बीच राजनीतिक हलकों में दोनों नेताओं का एक-दूसरे के प्रति कड़ा रुख अक्सर चर्चा का विषय बना रहा है। पूर्व गृहमंत्री चिंदबरम लगातार बीजेपी पर हमलावर रुख अपनाए रखते हैं।कांग्रेस नेता पी चिंदबरम आर्थिक नीतियों को लेकर अक्सर मोदी सरकार की आलोचना करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने फ्यूल टैक्स कलेक्शन को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए थे। चिंदबरम ने कहा था कि मोदी सरकार के 8 साल में केंद्र सरकार ने 26,51,919 करोड़ रुपये ईंधन कर के रूप में जुटाए। भारत में लगभग 26 करोड़ परिवार हैं। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने हर परिवार से औसतन 1,00,000 रुपये ईंधन कर के रूप में एकत्र किए हैं! हालांकि, चिदंबरम के इस दावे पर सवाल भी उठाए गए थे। मामला 2010 का है। अमित शाह गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री थे। उन दिनों सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर की खूब चर्चा थी। केंद्र सरकार में यूपीए की सरकार थी। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और पी. चिदम्बरम गृहमंत्री। केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। सीबीआई गृहमंत्री के अधीन ही होती है। सीबीआई ने 25 जुलाई 2010 को इस मामले में अमित शाह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पहले अमित शाह ने बीजेपी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका में ये मामला टिक नहीं पाएगा। इस मामले में अमित शाह को 3 महीने तक जेल में रहना पड़ा था। उन्हें 29 अक्टूबर 2010 को जमानत मिली। लेकिन जमानत के बाद भी उनके गुजरात जाने पर पाबंदी लगा दी गई।
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https://www.indiatv.in/india/politics/yogi-oath-ceremony-will-the-modi-yogi-factor-continue-in-2024-as-well-know-4-special-reasons-2022-03-24-841005
Yogi Oath Ceremony: क्या 2024 में भी मोदी-योगी फैक्टर कायम रहेगा? जानिए 4 खास वजह
पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की डबल इंजन की सरकार को यूपी का भरपूर रिस्पॉन्स मिला है। यह जनता का यह विश्वास 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रहता नजर आ रहा है।
Yogi Oath Ceremony: पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की डबल इंजन की सरकार को यूपी का भरपूर रिस्पॉन्स मिला है। यह जनता का यह विश्वास 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रहता नजर आ रहा है। जानिए क्या हैं वे कारण कि मोदी-योगी का यह मैजिक आने वाले लोकसभा चुनाव में भी नजर आएगा।ये सच है कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव अलग-अलग मुद्दों पर लड़े जाते हैं। लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव ने यह साफ जता दिया है कि व्यक्तित्व करिश्माई हो और केंद्र व राज्य के बीच अच्छा कॉर्डिनेशन या समन्वय हो, तो फिर वो चाहे केंद्र का चुनाव हो या राज्य का चुनाव, आसानी से लड़ा और जीता जा सकता है। 1. यूपी के नतीजों को देखते हुए लगता है कि सूबे में इस बड़ी सफलता के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व का काफी प्रभाव रहा है। मोदी ने अपनी जनसभाओं में योगी सरकार और केंद्र की सरकार के अच्छे समन्वय की खूब दुहाई दी थी और लगभग हर जनसभा में 'डबल इंजन की सरकार' शब्द पर जोर दिया था। वो इसलिए कि मोदी—योगी मैजिक जनता के सिर चढ़कर बोलता है, ये बात मोदी और पूरी बीजेपी पार्टी अच्छी तरह समझ गई और इसका फायदा भी चुनाव मिला। यही लाभ निश्चित ही आगामी लोकसभा में भी मिलता दिखाई दे रहा है। मोदी के काशी में दिए गए विधानसभा चुनाव की आखिरी जनसभा के भावुक कर देने वाले भाषण को कौन भूल सकता है। उनके संवाद को न सिर्फ काशी की जनता बल्कि पूरे सूबे की जनता ने हाथोंहाथ लिया था। भावुक भाषण यह दर्शाते हैं कि मोदी का करिश्माई व्यक्तित्व राज्य और केंद्र के मुद्दों पर भारी ही पड़ता है।योगी और मोदी का मैजिक यानी डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में काशी मंदिर ने नए स्वरूप में आकार लिया, अयोध्या मंंदिर निर्माण भी इस कार्यकाल में युद्धस्तर पर चल रहा है। ऐसे में मंदिर के मुद्दे केंद्र के चुनाव हो या राज्य के, एक जैसा इंपेक्ट या प्रभाव जनता पर डालते है। धार्मिक आस्था केंद्र और राज्य दोनों चुनाव में समान रूप से प्रभावित करती है। यह योगी—मोदी मैजिक से ही संभव हो सका है।योगी सरकार की 2.0 में कानून व्यवस्था को और सुधार करने के लिए इसके लिए बड़े पैमाने पर ड्रोन कैमरे की यूनिट बनाकर कानून व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। योगी के पहले कार्यकाल में भी तगड़ी कानून—व्यवस्था का अच्छा प्रभाव आम जनता पर दिखा। सूबे की जनता का मोदी—योगी सरकार पर भरोसा और बढ़ा। यह भरोसा आगामी लोकसभा चुनाव में स्पष्ट दिखाई देगा।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम जो की केंद्र सरकार का था, उसे सीएम योगी ने राज्य में शुरू किया। शुरुआत करते समय योगी ने कहा था कि इस योजना से देश में 80 करोड़ और यूपी में 15 करोड़ लोगों को फायदा होगा। वहीं महामारी के दौर में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना जो नवंबर में खत्म हो रही थी, इसको सीएम योगी ने 3 नवंबर को अयोध्या में राज्य सरकार की ओर से होली तक मुफ्त राशन वितरण की घोषणा की थी। इस फ्री राशन योजना से जनता मोदी—योगी के प्रति और विश्वास से भर गई। साथ ही उज्ज्वला योजना व आवास योजना में गरीब परिवार के साथ ही मुस्लिम बहुल इलाकों में भी काफी आवास बनाए गए,​ जिससे मोदी—योगी मैजिक काम कर गया, जबकि यह केंद्र सरकार की योजनाएं हैं। ऐसे में इन योजनाओं का लाभ निश्चित ही आगामी लोकसभा चुनाव में ​डबल इंजन की सरकार को मिलेगा।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-man-who-harrased-females-arrested-after-66-complaints-778170
मोबाइल कॉल्स के जरिए लड़कियों को परेशान करता था 3 बच्चों का बाप, 66 से ज्यादा शिकायतों के बाद गिरफ्तार हुआ 51 साल का अधेड़
खबरों के मुताबिक आरोपी, महिलाओं और लड़कियों को उनके मोबाइल पर फोन कर आपत्तिजनक टिप्पणियां करता था और उन्हें परेशान करता था। साथ ही उन्हें अश्लील गाने सुनाने और उनके साथ अश्लील बातचीत करने के लिए मजबूर करता था।
कानपुर. उत्तर प्रदेश में एक व्यक्ति के खिलाफ महिलाओं और लड़कियों ने उत्पीड़न की 66 से ज्यादा शिकायतें की थीं। अब जाकर यह आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आया है। 51 साल का आरोपी राजेश कुमार शादीशुदा है और 3 बेटों का पिता है। आरोपी को पुलिस ने ओरैया जिले से गिरफ्तार किया है। वह इस जिले के बेला पुलिस सर्कल में आने वाले गांव जीव सरसानी का रहने वाला है। महिलाओं को परेशान करने में इस्तेमाल किए गए 2 मोबाइल फोन और कई सिम भी आरोपी के पास से जब्त किए गए हैं।पढ़ें- 4.75 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा है बंगाल, बीजेपी ने बनाया बड़ा मुद्दाखबरों के मुताबिक आरोपी, महिलाओं और लड़कियों को उनके मोबाइल पर फोन कर आपत्तिजनक टिप्पणियां करता था और उन्हें परेशान करता था। साथ ही उन्हें अश्लील गाने सुनाने और उनके साथ अश्लील बातचीत करने के लिए मजबूर करता था। राज्य भर के विभिन्न जिलों की लगभग 66 महिलाओं और लड़कियों ने लखनऊ में वूमन पावर लाइन में उसके खिलाफ शिकायत की थी। बल्कि इन शिकायतों की संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि कई पीड़ित तो उसकी ब्लैकमेलिंग के डर से अब तक पुलिस के पास गई ही नहीं। वूमन पावर लाइन में राजेश के खिलाफ पहली शिकायत 2018 में आई थी।पढ़ें- संबलपुर में तीन एकलव्य स्कूलों की स्थापना करेगी ओडिशा सरकारऔरैया पुलिस ने डायल 1090 टीम के साथ मिलकर फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर आरोपी की पहचान की है। औरैया की एसपी अपर्णा गौतम ने कहा, "बेला पुलिस और वूमन पावर लाइन लखनऊ की एक संयुक्त टीम ने मिली तकनीकी जानकारी के आधार पर संदिग्ध के स्थान का पता लगाया और उसे जीवा सरसानी गांव में उसके घर से गिरफ्तार किया।"पढ़ें- कश्मीर: शोपियां में सुरक्षाबलों ने मार गिराया एक आतंकी, ऑपरेशन जारीइंस्पेक्टर बेला पप्पू सिंह ने कहा, "राजेश किसान है। पूछताछ के दौरान उसने अपराध में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है और बताया है कि उसने व्यक्तिगत संतुष्टि के लिए राज्य भर में 100 से अधिक लड़कियों और महिलाओं को अपना शिकार बनाया।"पढ़ें- आज व्हीलचेयर पर चुनावी 'रण' में लौटेंगी ममता 'दीदी', कोलकाता में निकालेंगी रोड शोउसने बताया है कि वह अलग-अलग कॉम्बिनेशन के नंबर डायल करता था और यदि कोई लड़की या महिला उसका फोन रिसीव कर लेती थी, तो वह उसका नंबर सेव कर लेता था। बाद में वह फिर से उन नंबर पर फोन करके लड़कियों और महिलाओं को उसके साथ अश्लील बातें करने के लिए मजबूर करता था। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 डी 2, 294, 504, 507 के खिलाफ मामला दर्ज करके जेल भेज दिया गया है।पढ़ें- बंगाल में औंधे मुंह गिरेगी TMC, बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बोले पीएम मोदी- सूत्र
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-illegal-property-worth-crores-of-rupees-of-liquor-mafia-was-attached-by-ssp-kalanidhi-naithani-in-aligarh-804158
शराब माफिया पर SSP नैथानी की बड़ी कार्रवाई, अनिल चौधरी की करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति कुर्क की गई
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के निर्देशन में शराब माफियाओं के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के निर्देशन में शराब माफियाओं के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई की जा रही है। रविवार को शराब अपराधियों के विरुद्ध शासन व डीजीपी मुख्यालय के निर्देश अनुसार कार्यवाही करते हुए अलीगढ़ पुलिस ने गैंगस्टर की कार्यवाही के बाद सम्पत्ती जब्तीकरण की कार्यवाही शुरु कर शराब माफिया अभियुक्त अनिल चौधरी की चल सम्पत्ति (कीमत करीब 05 करोड 30 लाख 65 हजार 600 रुपये) गैगंस्टर अधिनियम की धारा 14 (1) के अधीन की जब्त कर ली।अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के निर्देशन में जनपद पुलिस द्वारा शराब माफिया अनिल चौधरी पुत्र करन सिंह निवासी ग्राम धारा की गढ़ी थाना गौण्डा, अलीगढ़ के विरुद्ध अपमिश्रित शराब का कारोबार/व्यापार कर अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति का चिन्हीकरण/सत्यापन कराकर गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए अवैध चल सम्पत्ति कीमत 5,30,65,600/-रुपए (पांच करोड तीस लाख पैसठ हजार छः सौ रुपये) को जब्त किया गया। अभियुक्त द्वारा उपरोक्त सम्पत्ति अपमिश्रित/जहरीली शराब के अवैध कारोबार से अनाधिकृत रूप से धन कमाकर अर्जित/क्रय की गयी है ।ये है जब्त की गई संपत्ति का ब्यौराशराब माफिया अनिल कुमार पुत्र करन सिंह निवासी ग्राम धारागढ़ी थाना गौण्डा, अलीगढ़ की मौजा नगला जगदेव गाटा संख्या 1123/1.434 का 1/16 भाग जो सुधीर कुमार, अनिल कुमार पुत्रगण करन सिंह के द्वारा दिनांक 26.10.2009 को क्रय किया है जिसका वही न0 1 जिल्द 623 पृष्ठ 55/66 पर क्रम संख्या 5265 पर दर्ज है, जब्त की गई। मौजा ढाड गाटा संख्या 163/3 रकवा 0.813 है0 जो हरी ओम कालेज एजुकेशन गोण्डा अलीगढ़ द्वारा प्रबन्धक अनिल चौधरी पुत्र करन सिंह निवासी धारा की गढी के द्वारा दिनांक 15.5.2015 को कृय किया है। जिसका वही न0 1 जिल्द 1541 पृष्ठ 61/80 क्रमांक 4957 पर दर्ज है, मौजा नगला जगदेव गाटा संख्या 1123/1.434 है0 मे 1/16 भाग अनिल चौधरी पुत्र करन सिंह निवासी धारा की गढी के द्वारा दिनांक 13.12.2010 क्रय किया गया है। जिसका वही न0 1 जिल्द 767 पृष्ठ 35/50 क्रमांक 6936 पर दर्ज है, मौजा नगला जगदेव गाटा संख्या 1123/1.434 है0 का 1/16 भाग सुधीर कुमार पुत्र करन सिंह निवासी धारा की गढी के द्वारा दिनांक 29.11.2010 को क्रय किया है, जिसका वही नं. 1 जिल्द संख्या 763 पृष्ट 101/114 क्रमांक 6653 पर दर्ज है। मौजा नगला जगदेव गाटा संख्या 1868 मि0 1889, 1891, 1123, 1868 म व गाटा संख्या 1946, 1990, 2299 मौजा नगला सवल उर्फ गौण्डा जो अनिल चौधरी पुत्र करन सिंह के द्वारा दिनांक 9.6.2021 वही नं. 1 जिल्द 2909 पृष्ठ 261/270 क्रमांक 4184 पर बन्धक पत्र केनरा बैक शाखा जलालपुर पाया गया । उक्त गाटा संख्याओं में श्रीमति ममता पत्नी अनिल चौधरी से संबंधित की प्रलेख उपनिबन्धक कार्यालय इगलास के अभिलेखों के अनुसार पंजीकृत हैं।बता दें कि, एसएसपी नैथानी द्वारा पूर्व में ही अपने अधीनस्थों को शराब प्रकरण में संलिप्त अभियुक्तों के विरुद्ध गुण्डा/गैगस्टर/हिस्ट्रीशीट/एनएसए जैसी कठोर वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था जिसके क्रम में मु0अ0सं0 334/2021 धारा 2/3 गैगस्टर अधिनियम थाना खैर में वांछित अभियुक्त अनिल कुमार उपरोक्त की कुल चल सम्पत्ति कीमत लगभग 5,30,65,600/-रु0 को जब्त किया गया।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-ayodhya-diwali-celebration-latest-updates-yogi-adityanath-5-5-lakh-dia-on-saryu-bank-753817
राम मंदिर भूमिपूजन के बाद पहली दिवाली मनाएगी अयोध्या नगरी, योगी करेंगे पूजा, ये है आज का कार्यक्रम
राम की नगरी अयोध्या राममंदिर के शिलान्यास के बाद पहली दिवाली मना रही है। इस मौके पर पूरी अयोध्या नगरी रंगीन रोशनी से जगमगा रही है।
राम की नगरी अयोध्या राममंदिर के शिलान्यास के बाद पहली दिवाली मना रही है। इस मौके पर पूरी अयोध्या नगरी रंगीन रोशनी से जगमगा रही है। यहां के सरयू तट पर राम की पौढ़ी आज 5.5 लाख दीयों से रौशन होगी। इस साल 500 साल के बाद रामजन्मभूमि स्थल पर दीये जलाए जाएंगे। यहां लोगों के लिए वर्चुअल दीपोत्सव की भी सुविधा की गई है और इस ऐतिहासिक जश्न के साक्षी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। योगी आदित्यनाथ आज रामजन्म भूमि पर जाकर पूजा अर्चना करेंगे। आज का मुख्य कार्यक्रम दोपहर तीन बजे के बाद शुरू होगा, जिसका प्रसारण टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव किया जाएगा। यूपी सरकार मिशन शक्ति को चला रही है। ऐसे में इस बार के कार्यक्रम में महिलाओं की प्रतिभागिता बड़े स्तर पर रहेगी। हर बार की तरह राम की पौड़ी को लाखों दीयों से रोशन किया जाएगा, इसके अलावा अयोध्या में मौजूद सभी मंदिरों, घरों के बाहर भी दीये जलाए जाएंगे।Image Source : PTIDiwali @ Ayodhya प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि रामजन्मभूमि स्थल पर पहली बार ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जो पिछले 500 सालों से नहीं हुआ था। तिवारी ने कहा कि 500 सालों तक संघर्ष करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण शुरू करने का आदेश दे दिया।Image Source : PTIDiwali @ Ayodhya
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https://www.indiatv.in/india/national/big-action-of-delhi-police-before-republic-day-special-cell-recovered-a-huge-cache-of-weapons-2022-01-25-832928
गणतंत्र दिवस से पहले दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, स्पेशल सेल ने बरामद किया हथियारों का बड़ा जखीरा
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ये फंडिंग हवाला एंगल से हुई हैं। दोनों आरोपी में एक एमपी और एक यूपी का रहने वाला है। एमपी के आरोपी की भूमिका बेहद संदिग्ध बताई जा रही है। आरोपी से पूछताछ जारी है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 26 जनवरी से पहले एक बड़े अवैध हथियारों के रैकेट का भांडाफोड़ करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग के दो आरोपियों रवि खान जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला है और दूसरा राहुल सिंह जो मध्यप्रदेश का रहने वाला है इन्हें गिरफ्तार किया है और इनके पास से 25 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड बरामद किए है। आरोपी राहुल सिंह के विदेशों से फाइनेंशियल लिंक्स का पता लगा है और ये भी खुलासा हुआ है कि ये हवाला के जरिए मोटी रकम लेता था। असल मे अक्टूबर 2021 में स्पेशल सेल ने एक अवैध आर्म्स मॉड्यूल का खुलासा किया था जिसमे राम शाबाद और आकाश दवार को गिरफ्तार किया था और काफी हथियार बरामद किए थे और इनसे पूछताछ के आधार पर इनके बाकि सदस्यों पर नजर रखी जा रही थी, तभी राहुल सिंह नाम के हथियार सप्लायर के बारे में जानकारी मिली कि ये मध्यप्रदेश से यूपी और दिल्ली में अवैध हथियारों की सप्लाई कर रहा है। 15 जनवरी 2022 को एक जानकारी के बाद ट्रेप लगाया गया और दिल्ली के मुकुंदपुर रवि खान नाम के आर्म्स सप्लायर जो प्रयागराज का रहने वाला है इसे गिरफ्तार किया गया, ये दिल्ली में हथियारों की सप्लाई करने आया था इसके पास से 15 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल भरा बैग बरामद किया गया। स्पेशल सेल ने केस दर्ज करके जांच को आगे बढ़ाया।इसमें खुलासा किया कि एमपी के रहने वाले राहुल से ये हथियार ले रहा था इसके बाद मध्यप्रदेश से राहुल नाम के दूसरे डीलर को गिरफ़्तार किया गया। इसके बाद राहुल की निशानदेही पर मध्यप्रदेश से 10 और सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद की गई। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि रवि एमपी के रहने वाले हथियार सप्लायर राहुल और दूसरे गैंग से हथियार खरीदता था और दिल्ली यूपी के बदमाशों को 10 से 15000 में पिस्टल बेचता था। जांच में पता लगा कि आरोपी राहुल के विदेशों में बेस्ड मॉड्यूल्स से लिंक्स हैं जिनके जरिए ये हवाला से पैसे मंगाता था और विदेशी लिंक्स के जरिए मोटी रकम इसे मिला करती थी। विदेशी लिंक्स के जरिए अवैध हथियारों के अलावा और किस तरह की एक्टिविटी में ये शामिल था इस बात की जांच अभी की जा रही है।
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https://www.indiatv.in/india/politics-jaishankar-says-situation-in-ladakh-most-serious-after-1962-conflict-736481
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, लद्दाख की स्थिति 1962 के संघर्ष के बाद ‘सबसे गंभीर’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान सभी समझौतों एवं सहमतियों का सम्मान करते हुए और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव का प्रयास किए बिना ही प्रतिपादित किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान सभी समझौतों एवं सहमतियों का सम्मान करते हुए और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव का प्रयास किए बिना ही प्रतिपादित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट किया। जयशंकर ने लद्दाख की स्थिति को 1962 के संघर्ष के बाद ‘सबसे गंभीर’ बताया और कहा कि दोनों पक्षों की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अभी तैनात सुरक्षा बलों की संख्या भी ‘अभूतपूर्व’ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी सीमा स्थितियों का समाधान कूटनीति के जरिए हुआ।एस. जयशंकर ने लिखी है नई किताबअपनी पुस्तक ‘द इंडिया वे: स्ट्रैटजिज फॉर एन अंसर्टेन वर्ल्ड’ के लोकार्पण से पहले रेडिफ.डाट.कॉम को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री ने कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, हम चीन के साथ राजनयिक और सैन्य दोनों माध्यमों से बातचीत कर रहे हैं। वास्तव में दोनों साथ चल रहे हैं। लेकिन जब बात समाधान निकालने की है, तब यह सभी समझौतों एवं सहमतियों का सम्मान करके प्रतिपादित किया जाना चाहिए। और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव का प्रयास नहीं होना चाहिए।’ गौरतलब है कि भारत जोर दे रहा है कि चीन के साथ सीमा गतिरोध का समाधान दोनों देशों के बीच सीमा प्रबंधन के लिये वर्तमान समझौतों और प्रोटोकाल के अनुरूप निकाला जाना चाहिए।भारत और चीन के भविष्य पर ये बोले जयशंकरयह पूछे जाने पर कि उन्होंने सीमा विवाद से पहले लिखी अपनी पुस्तक में भारत और चीन के भविष्य का चित्रण कैसे किया है, विदेश मंत्री ने कहा कि यह दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण संबंध है और इसके लिए रणनीति और दृष्टि की जरूरत है। जयशंकर ने कहा, ‘मैंने कहा है कि भारत और चीन के साथ मिलकर काम करने की क्षमता एशिया की शताब्दी का निर्धारण करेगी लेकिन उनकी कठिनाई इसे कमतर कर सकती है। और इसलिए यह दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण संबंध है। इसमें समस्याएं भी है और मैंने स्पष्ट रूप से इसे माना है। हमें इसमें ईमानदार संवाद की जरूरत है, भारतीयों के बीच और भारत और चीन के बीच। इसलिए इस संबंध में रणनीति और सोच की जरूरत है।’‘1962 के बाद यह सबसे गंभीर स्थिति है’सीमा विवाद के संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि सीमा पर शांति हमारे संबंधों का आधार है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम पिछले तीन दशक पर ध्यान दें तब यह स्वत: ही स्पष्ट हो जाता है।’ भारत और चीन पिछले तीन महीने से पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण गतिरोध की स्थिति में है जबकि कई दौर की राजनयिक और सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। यह तनाव तब बढ़ गया जब गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए और चीनी सैन्य पक्ष में भी कुछ मौतें हुई। जयशंकर ने कहा, ‘यह निश्चित तौर पर 1962 के बाद सबसे गंभीर स्थिति है। वास्तव में 45 वर्षो के बाद इस सीमा पर सैनिकों की मौत हुई। दोनों पक्षों की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अभी तैनात सुरक्षा बलों की संख्या भी ‘अभूतपूर्व’ है।’‘सीमाओं की सुरक्षा के लिए जो कुछ करना होगा, करेंगे’विदेश मंत्री ने डोकलाम सहित चीन के साथ सीमा पर तनाव की घटनाओं का भी जिक्र किया और कहा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिये जो कुछ करना होगा, वह करेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में देपसांग, चुमार, डोकलाम आदि पर सीमा विवाद पैदा हुए। इसमें प्रत्येक एक दूसरे से अलग था। लेकिन इसमें एक बात समान थी कि इनका समाधान राजनयिक प्रयासों से हुआ। उन्होंने कहा, ‘मैं वर्तमान स्थिति की गंभीरता या जटिल प्रकृति को कम नहीं बता रहा। स्वभाविक रूप से हमें अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिये जो कुछ करना चाहिए, वह करना होगा।’कई मुद्दों पर जयशंकर ने व्यक्त किए विचारजयशंकर ने अपने इंटरव्यू में भारत रूस संबंध, जवाहर लाल नेहरू के गुटनिरपेक्षता की प्रासंगिकता, अतीत के बोझ एवं ऐतिहासिक वैश्विक घटनाओं के 1977 के बाद से भारतीय कूटनीति पर प्रभाव सहित विविध मुद्दों पर विचार व्यक्त किए। 21वीं शताब्दी में सामरिक लक्ष्यों को हासिल करने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक अरब से अधिक जनसंख्या वाले सभ्य समाज के साथ यह देश दुनिया में प्रमुख स्थान हासिल करने को उन्मुख है। उन्होंने कहा, ‘यह हमें अद्भुत स्थिति में रखता है। केवल चीन ही ऐसी स्थिति का दावा कर सकता है।’‘रूस और अमेरिका के साथ हमारे संबंध गहरे हुए हैं’अमेरिका के साथ संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि अमेरिका में व्यापक आयामों में हमें समर्थन हासिल है। यह संबंध विभिन्न प्रशासन के तहत आगे बढ़े हें और गहरे हुए हैं। रूस के साथ संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि ये पिछले तीन दशकों में कई क्षेत्रों में काफी मजबूत हुए हैं। (भाषा)
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https://www.indiatv.in/india/national-railway-planning-new-trains-737882
Unlock 4: रेलवे चलाएगा और ट्रेनें, राज्य सरकारों से चल रही है बातचीत
अब भारतीय रेल भी यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा करने जा रहा है। भारतीय रेलवे पहले से चल रही ट्रेनों के अलावा कुछ और ट्रेनों की घोषणा करेगा।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार द्वारा Unlock 4 की गाइडलाइंस जारी करने के बाद अब भारतीय रेल भी यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा करने जा रहा है। भारतीय रेलवे पहले से चल रही ट्रेनों के अलावा कुछ और ट्रेनों की घोषणा करेगा। हालांकि इससे पहले रेल मंत्रालय सभी राज्य सरकारों से बातचीत कर रहा है और उनसे परामर्श के बाद ही नई ट्रेनों की घोषणा करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे मौजूदा समय में चल रही ट्रेनों के अलावा 100 जोड़ी नई यात्री ट्रेनें चला सकता है।पढ़ें- Delhi Metro में सिर्फ डिजिटली रिचार्ज स्मार्ट कार्ड चलेगा और दिखाई देंगे ये बदलाव963 रेलवे स्टेशनों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाये गएरेलवे ने 963 स्टेशनों की छतों पर सौर पैनल लगाए हैं। रेलवे ने कहा कि 550 और स्टेशनों की छतों पर 198 मेगावाट क्षमता के सौर पैनल लगाने के आर्डर दे दिये गए हैं जिसका क्रियान्वयन जारी है। रेलवे ने 2030 तक ‘‘शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन शून्य करने’’ का लक्ष्य निर्धारित किया है। रेलवे ने अगले 10 वर्षों में 33 अरब यूनिट से अधिक की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में रेलवे की वार्षिक ऊर्जा जरूरत 20 अरब यूनिट की है।पढ़ें- Unlock 4.0: स्कूल, कॉलेजों को लेकर योगी सरकार ने जारी किए ये दिशानिर्देशरेलवे ने एक बयान में कहा, ‘‘अपनी सभी बिजली जरूरतों के लिए शत-प्रतिशत आत्मनिर्भर बनने के अपने उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु और राष्ट्रीय सौर ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देने के वास्ते भारतीय रेलवे ने अब तक 960 से अधिक स्टेशनों पर सौर पैनल लगाये हैं। साथ ही 550 स्टेशनों की छतों पर 198 मेगावाट सौर क्षमता वाले सौर पैनल लगाने के आर्डर दे दिये गए हैं जिसका क्रियान्वयन जारी है।’’पढ़ें- अब इस एक्सप्रेस-वे के लिए तैयार हैं योगी सरकार, 2023 तक जनता को सौंपना है लक्ष्यरेलवे ने कहा, ‘‘लगभग 51,000 हेक्टेयर खाली जमीन रेलवे के पास उपलब्ध है और अब रेलवे खाली भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए डेवलपर्स को सभी तरह का सहयोग देने के लिए तैयार है। उल्लेखनीय है कि रेलवे वर्ष 2023 तक 100 फीसदी विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल करने की तैयारी में है।’’ पढ़ें- एक महीने पहले ही बनकर तैयार हुआ पुल बाढ़ में बहा, उद्घाटन भी नहीं हुआ थारेलवे की योजना 2030 तक अपनी खाली पड़ी जमीन का उपयोग करके 20 गीगावाट क्षमता के सौर संयंत्र लगाने की है। जिन स्टेशनों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाये गए हैं उनमें वाराणसी, नयी दिल्ली, पुरानी दिल्ली, जयपुर, सिकंदराबाद, कोलकाता, गुवाहाटी, हैदराबाद और हावड़ा स्टेशन शामिल हैं। (With inputs from Bhasha)
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-yogi-government-breaks-its-own-record-in-wheat-procurement-796554
गेहूं खरीद में योगी सरकार ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड, जानें इस साल क्या रहा आंकड़ा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू सीजन में 53.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चालू सीजन में 53.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 2018-2019 में गेहूं की खरीद में यह अब तक का सर्वाधिक 52.92 लाख मीट्रिक टन है। इस खरीद से 12.16 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि जब तक किसान अपनी उपज बेचने नहीं आएंगे, तब तक राज्य सरकार गेहूं की खरीद जारी रखेगी। सरकार ने अब गेहूं की खरीद 22 जून तक जारी रखने का फैसला किया है।आयुक्त खाद्य एवं आपूर्ति मनीष चौहान के मुताबिक इस साल रिकॉर्ड गेहूं खरीद के पीछे कई कारण हैं। उन्होंने बताया कि खरीद केंद्रों की बढ़ी हुई संख्या, उच्च एमएसपी, कोई निश्चित समय सीमा नहीं और खरीद में पारदर्शिता कुछ ऐसे कारक हैं जिन्होंने सर्वकालिक उच्च खरीद में योगदान दिया। सरकार ने 2020-21 में गेहूं के एमएसपी को 1,925 रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 1,975 रुपये कर दिया था। इसके अलावा खरीद केंद्रों की संख्या भी पिछले साल के 5,000 से बढ़ाकर इस साल 6,000 कर दी गई है।चौहान ने कहा, ‘महामारी की स्थिति के बावजूद हम हर दिन लगभग एक लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद रहे हैं। 14 जून को किसानों से लगभग 1.14 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई थी।’ पहली बार किसानों को 'एक राष्ट्र, एक एमएसपी, एक डीबीटी' के तहत बिना किसी देरी और कटौती के अपनी गेहूं की फसल की बिक्री के खिलाफ प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ है। खरीद के 72 घंटे के भीतर भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में भेज रहे हैं। गेहूं खरीद में बिचौलियों को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने गेहूं की खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ परचेज (ई-पीओपी) मशीनें शुरू की हैं। (IANS)
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https://www.indiatv.in/india/national-narendra-singh-tomar-statement-government-ready-to-talk-farmers-on-all-acts-of-farm-laws-796903
किसान कानूनों पर किसानों से बातचीत को लेकर कृषि मंत्री का बड़ा बयान, कहा- आधी रात को बात करने को भी तैयार
किसान कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच बातचीत पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिह तोमर का बड़ा बयान आया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान कानूनों के प्रावधान पर अगर कोई भी किसान संगठन आधी रात को भी बात करना चाहता है तो सरकार उसके लिए तैयार है।
नई दिल्ली: किसान कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच बातचीत पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिह तोमर का बड़ा बयान आया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान कानूनों के प्रावधान पर अगर कोई भी किसान संगठन आधी रात को भी बात करना चाहता है तो सरकार उसके लिए तैयार है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान कानून वापस लेने की बात को छोड़ अगर किसान संगठन किसान कानूनों के एक्ट पर बात करना चाहते हैं तो सरकार उसके लिए तैयार है।पिछले हफ्ते भी कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार विरोध कर रहे किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से तीनों कृषि कानूनों के प्रावधानों में कहां आपत्ति है ठोस तर्क के साथ अपनी बात बताने को कहा था।बता दें कि सरकार और यूनियनों ने गतिरोध खत्म करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए 11 दौर की बातचीत की है, जिसमें आखिरी वार्ता 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शन में एक ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा के बाद बातचीत रुक गई थी।तीन कृषि कानूनों के विरोध में 6 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान डेरा डाले हुए हैं, जो मुख्यत: पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। इन किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानूनों के अमल में आने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की सरकारी खरीद समाप्त हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा रखी है और समाधान खोजने के लिए एक समिति का गठन किया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-75-percent-jobs-in-private-sector-for-state-youts-in-haryana-soon-as-state-government-will-introduce-bill-in-assembly-says-dushant-chautala-735270
हरियाणा में प्राइवेट कंपनियों की 75% नौकरियां राज्य के युवाओं को? राज्य सरकार लाएगी बिल
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
हरियाणा। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार (21 अगस्त) को कहा कि हरियाणा सरकार राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक पेश करेगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-whatsapp-users-have-nothing-to-fear-on-new-social-media-rules-says-ravi-shanakr-prasad-792719
Koo पर पोस्ट कर Twitter को रविशंकर प्रसाद का संदेश? कहा-Social Media का Misuse रोकने के लिए हैं नए नियम
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए जो नए नियम बनाए हैं उनको लेकर Twitter, Facebook, Instagram तथा WhatsApp के रवैए को देखते हुए सरकार सख्त नजर आ रही है...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए जो नए नियम बनाए हैं उनको लेकर Twitter, Facebook, Instagram तथा WhatsApp के रवैए को देखते हुए सरकार सख्त नजर आ रही है और ऐसा लग रहा है कि देसी सोशल मीडिया कंपनी Koo पर पोस्ट करके इन कंपनियों को संदेश दिया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को Koo पर एक पोस्ट किया जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लेकर बनाए गए नए नियमों पर सरकार का पक्ष रखा। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए नियम सिर्फ सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए ही बनाए गए हैं। सोशल मीडिया कंपनियों ने नए नियमों को लेकर प्रश्न उठाया था और कहा था कि इससे निजता खत्म होगी। Koo पर लिखे अपने पोस्ट में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार पूरी तरह से निजता के अधिकार को समझती है और उसका सम्मान करती है, तथा WhatsApp के सामान्य उपयोगकर्ताओं को इन नियमों से डरने की भी जरूरत नहीं है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए नियमों का पूरा मकसद यह पता करना है कि असल में पहली बार विवादित मैसेज का पोस्ट किसने किया था जिसकी वजह से अपराध होते हैं। प्रसाद ने आगे कहा कि ऑफेंसिव मैसेज के पहले ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देना पहले से ही प्रचलन है। ये मैसेज भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, बलात्कार, बाल यौन शोषण से संबंधित अपराधों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि नए नियम के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी स्थापित करने की आवश्यकता है जिससे सभी सोशल मीडिया यूजर्स को शिकायत निवारण के लिए एक मंच प्राप्त हो सके।
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https://www.indiatv.in/india/national-amit-shah-statement-on-mamata-banerjee-769349
ममता बनर्जी पर बरसे अमित शाह, कहा- बंगाल की धरती को रक्त-रंजित किया
पश्चिम बंगाल में एक वर्चुअली रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की मुख्यमंत्री और TMC अध्यक्ष ममता बनर्जी पर हमला किया।
नई दिल्ली/हावड़ा: पश्चिम बंगाल में एक वर्चुअली रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की मुख्यमंत्री और TMC अध्यक्ष ममता बनर्जी पर हमला किया। अमित शाह ने कहा, "ममता बनर्जी ने बंगाल की भूमि को रक्त-रंजित किया है, बंगाल की भूमि को घुसपैठियों के घुसने के लिए खुला छोड़ दिया है।"गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "10 वर्ष पहले ममता दीदी ने बंगाल में मां-माटी-मानुष का नारा दिया था, लेकिन 10 वर्ष बाद ये नारा अदृश्य हो गया है। जिस प्रकार बड़ी संख्या में टीएमसी, कम्युनिस्ट और कांग्रेस के नेता भाजपा से जुड़ रहे हैं, चुनाव आते-आते दीदी पीछे मुड़ कर देखना आप अकेली रह जाएंगी।"अमित शाह ने कहा, "मोदी जी के नेतृत्व में बंगाल में परिवर्तन होना निश्चित है। जो परिवर्तन का वादा बंगाल की जनता ने कम्युनिस्ट हटाने के समय सुना था, वो परिवर्तन करने का काम भाजपा सरकार करेगी। बंगाल में टोलबाजी और तुष्टिकरण पूर्ण रूप से समाप्त होगा।"उन्होंने कहा, "भाजपा की सरकार आने के बाद हम पहली कैबिनेट में ये प्रस्ताव करेंगे कि पूरे बंगाल में गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का पूरा फायदा मिले। बंगाल के अंदर परिवर्तन की जो लहर चली है उसे दीदी आप रोक नहीं सकती हैं।"अमित शाह ने कहा, "हमारे कम्युनिस्ट भाई बंगाल को जहां छोड़ कर गए थे, ममता बनर्जी ने बंगाल को उससे भी नीचे गिराने का काम किया है। ममता जी आपको बंगाल की जनता कभी माफ नहीं कर सकती।"
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उत्तर प्रदेश: कोरोना के नए मामलों के मुकाबले करीब 3 गुना मरीज हुए ठीक
उत्तर प्रदेश में बुधवार को (बीते 24 घंटों के दौरान) कोरोना वायरस संक्रमण के 7,336 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। हालांकि, अच्छी बात यह रही कि इस दौरान ठीक होने वाले लोगों की संख्या, नए मिले मामलों से करीब 3 गुना ज्यादा रही।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुधवार को (बीते 24 घंटों के दौरान) कोरोना वायरस संक्रमण के 7,336 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। हालांकि, अच्छी बात यह रही कि इस दौरान ठीक होने वाले लोगों की संख्या, नए मिले मामलों से करीब 3 गुना ज्यादा रही। राज्य में बुधवार को 19,669 लोग ठीक होकर अस्पतालों से अपने घर लौट गए।उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा, "पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7,336 नए मामले सामने आए हैं और 19,669 लोग डिस्चार्ज हुए। राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 1,23,579 है। अब तक कुल 15,02,918 लोग ठीक हो चुके हैं। रिकवरी रेट 91.4% है।"राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 282 कोरोना के मरीजों की जान चली गई। इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 18,352 हो गई है। सबसे ज्यादा 29 मौतें राजधानी लखनऊ में हुई हैं।इसके अलावा आगरा और एटा में 14-14, हाजीपुर तथा मेरठ में 13-13 और गाजियाबाद में 12 लोगों की मृत्यु हुई है। वहीं, विभाग के अनुसार, लखनऊ में 493, गौतम बुद्ध नगर में 355, सहारनपुर में 344, मेरठ में 342, गोरखपुर में 309 और गाजियाबाद में 307 नए कोरोना पॉजिटिव केस मिले।अमित मोहन प्रसाद ने कहा, "कल प्रदेश में 2,99,327 सैंपल्स की जांच की गई, जो एक दिन रिकॉर्ड संख्या है। अब तक कुल 4,55,31,018 टेस्ट किए गए हैं।" वहीं, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा, "प्रदेश सरकार की टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर काम किया जा रहा है। अब ज्यादा टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे हैं।"राज्य में वैक्सीनेशन भी तेजी से हो रहा है। अमित मोहन प्रसाद ने कहा, "23 जनपदों में 18-44 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अब तक कुल मिलाकर 1,21,67,184 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज़ दी गई है और 32,94,726 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाई गई है।"कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के कारण जो बच्चे अनाथ और निराश्रित हो गए हैं, उनके लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नई नीति लाने वाली है। राज्य सरकार ने बुधवार को यह फैसला लिया। उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि ऐसे बच्चे जो अनाथ और निराश्रित हो गये हैं, वह राज्य की संपत्ति हैं।सरकारी योजना के तहत कोरोना वायरस के कारण जिन बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई है, उनके भरण-पोषण सहित सभी तरह की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाएगी। राज्य सरकार जल्द ही इस योजना के तहत बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाएगी।महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में तत्काल विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जैसे ही महिला एवं बाल विकास विभाग कार्ययोजना तैयार की जाएगी, वैसे ही इसे लागू करने का भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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https://www.indiatv.in/india/national-jharkhands-covid-19-tally-mounts-to-27-241-with-941-new-cases-death-toll-climbs-to-291-735168
झारखंड में Coronavirus संक्रमण से 13 और लोगों की मौत, संक्रमितों की कुल संख्या 27,241 हुई
झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 13 लोगों की मौत हो गयी जिसे मिलाकर राज्य में मृतक संख्या 291 पर पहुंच गयी। वहीं संक्रमण के 941 नये मामले सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 27,241 हो गयी।
रांची: झारखंड में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण से 13 लोगों की मौत हो गयी जिसे मिलाकर राज्य में मृतक संख्या 291 पर पहुंच गयी। वहीं संक्रमण के 941 नये मामले सामने आये जिन्हें मिलाकर राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 27,241 हो गयी। स्वास्थ्य विभाग की बृहस्पतिवार देर रात जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटो में 13 और संक्रमितों की मौत हो गयी जिन्हें मिलाकर राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 291 पर पहुंच गयी है।इसके अलावा राज्य में संक्रमण के 941 नये मामले आए जिन्हें मिलाकर अब राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 27,241 हो गयी है। राज्य के 27,241 लोगों में से 17,445 अब तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। इसके अलावा 9505 लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है। जबकि 291 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में प्रयोगशालाओं में कुल 13863 नमूनों की जांच हुई जिनमें 941 लोग संक्रमित पाये गये।
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https://www.indiatv.in/india/national/bihar-students-angry-over-irregularities-in-railway-recruitment-train-coaches-set-on-fire-2022-01-26-833084
RRB-NTPC: बिहार में रेल भर्ती को लेकर तीसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन, ट्रेन में लगाई आग
बिहार में रेल भर्ती को लेकर छात्रों का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों ने विरोधस्वरूप ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी है। रेलवे ने भी एक कमेटी बनाई है जो इस पूरे मामले की जांच करेगी।
पटना: गया में रेल भर्ती (RRB-NTPC) में अनियमितताएं को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया है। इनमें से कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों ने विरोधस्वरूप ट्रेन के डिब्बों में आग लगा दी। गया के एसएसपी आदित्य कुमार ने कहा है कि छात्र किसी के बहकावे में न आएं। रेलवे ने एक कमेटी का गठन किया है, जो जांच करेगी। कुछ छात्रों की पहचान कर ली गई है। इस संबंध में कार्रवाई जारी है।रेल मंत्रालय ने छात्रों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे की दोनों परीक्षाओं एनटीपीएस और लेवल-1 पर फिलहाल रोक लगा दी है। रेल मंत्रालय ने एक समिति गठित की है जो परीक्षा में पास आउट स्टूडेंट और फेल किए गए स्टूडेंट की बातों को सुनेंगे। इसके बाद इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौपेंगी।गौरतलब है कि हाल ही में जारी किए गए RRB-NTPC के रिजल्ट के खिलाफ छात्रों में काफी आक्रोश है। राज्यभर में विभिन्न स्टेशनों पर छात्रों का भारी जमावड़ा है।इन छात्रों ने रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाया है और हजारों की संख्या में अभ्यर्थी एकजुट होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।. विरोध का आलम ये है कि रेल यातायात बाधित हो गया है। छात्रों पर लाठियां बरसाई जा रही है। उग्र रूप लेता जा रहा आंदोलनबता दें कि एनटीपीसी अभ्यर्थियों का यह आंदोलन सोमवार से शुरू हो गया, जो उग्र रूप लेता जा रहा है। पटना के राजेन्द्र नगर टर्मिनल पर छात्रों की एकजुटता और पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद इस विरोध की आग विभिन्न जिलों तक पहुंच गई। RRB-NTPC रिजल्ट में हुई कथित रूप से गड़बड़ी को लेकर मंगलवार को छात्रों ने बक्सर में भी प्रदर्शन किया। सैकड़ों छात्रों ने बक्सर रेल स्टेशन पर एकत्रित होकर रेलगाड़ियों को रोक दिया। घंटों तक अहमदाबाद-दानापुर एक्सप्रेस और एक पैसेंजर ट्रेन खड़ी रही थी। छात्र घंटों तक पटरी पर बैठे रहे।NTPC रिजल्ट का क्यों छात्र कर रहे हैं विरोधदरअसल, रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा एनटीपीसी भर्ती सीबीटी -1 परीक्षा के परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किए गए थे। परीक्षा में एक करोड़ से अधिक उम्मीदवार पंजीकृत हैं। इस परिणाम के आधार पर उम्मीदवारों को सीबीटी -2 यानी दूसरे चरण II परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाना है।उम्मीदवारों का आरोप है कि आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली की गई है। छात्रों का कहना है कि आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक, सीबीटी-1 सिर्फ एक स्क्रीनिंग टेस्ट है। इसके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाएंगे। इसके अलावा, आरआरबी को क्षेत्रवार कुल पदों के 20 गुना योग्य उम्मीदवारों की घोषणा करनी थी। लेकिन, आरआरबी द्वारा विभिन्न स्लॉट में पदों की संख्या को देखते हुए, उम्मीदवारों को प्रत्येक स्लॉट के लिए अलग से 20 गुना योग्य घोषित किया गया है।गौरतलब है कि देशभर में 35 हजार पदों के लिए आरआरबी एनटीपीसी भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया शुरू करने के लिए रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा 2019 में अधिसूचना जारी की गई थी। इस भर्ती में विभिन्न ग्रेड की 13 रिक्तियां हैं, जिन्हें सात स्लॉट में विभाजित किया गया है। इसमें सीबीटी-1 और सीबीटी-2 परीक्षा के माध्यम से दो चरणों के लिए क्रमश: 20 और 8 गुना अभ्यर्थियों को पास करने का प्रस्ताव था। हालांकि, नोटिफिकेशन में आरआरबी इस बात का उल्लेख कर चुका था कि इसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
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https://www.indiatv.in/india/national-president-ram-nath-kovind-and-pm-modi-condoles-demise-of-noted-hindi-author-narendra-kohli-785325
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली के निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली का शनिवार को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेंद्र कोहली के निधन पर दुख व्यक्त किया है।
नयी दिल्ली। हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली का शनिवार को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नरेंद्र कोहली के निधन पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने साहित्य में कोहली के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली के निधन से बहुत दुख हुआ। हिंदी साहित्य जगत में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने हमारे पौराणिक आख्यानों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया। पद्मश्री से सम्मानित श्री कोहली के परिवार और पाठकों के प्रति मेरी शोक संवेदना।'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उपन्यासकार नरेंद्र कोहली के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट कर कहा, ‘‘सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली जी के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!’’आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने ट्वीट कर अपने शोक संदेश में कहा, 'प्रसिद्ध साहित्यकार श्री नरेंद्र कोहली के निधन के दुखद समाचार से हृदय को अतीव दुख पहुंचा। कोहली जी ऐसे शब्द योगी थे जिन्होंने अपने लेखन से इस माटी की विरासत और समृद्ध परंपराओं को युगानुकूल संदर्भों में परिभाषित किया। उनके जाने से साहित्य के एक प्राज्ज्वलयमान अध्याय का अंत हो गया है।'कोहली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू कालेज में हिंदी के प्राध्यापक के रूप में भी काम किया था। कोहली का महाभारत पर आधारित उनका विशाल उपन्यास 'महासमर' तथा स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास 'तोड़ो कारा तोड़ो' काफी लोकप्रिय हुए। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार कोहली का कोरोना संक्रमण के कारण शनिवार को राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-lucknow-man-arrested-for-blackmailing-minors-811033
इंस्टाग्राम पर लड़की बनकर नाबालिग लड़कियों से संपर्क बनाता था AC मैकेनिक, करता था ब्लैकमेल
दिल्ली की फतेहपुर बेरी थाना पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है जो लड़की बनकर बनकर नाबालिग लड़कियों से अश्लील फोटो और वीडियो लेकर कई ग्रुप में वायरल करता था।
लखनऊ: दिल्ली की फतेहपुर बेरी थाना पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है जो लड़की बनकर बनकर नाबालिग लड़कियों से अश्लील फोटो और वीडियो लेकर कई ग्रुप में वायरल करता था। 23 वर्षीय आरोपी अब्दुल समद को उसके घर उत्तर प्रदेश में लखनऊ के ओल्ड महानगर से गिरफ्तार किया है। वह लड़की की आवाज में बात करके सबसे पहले किशोरियों का विश्वास जीतता कि वह लड़की ही है। एक बार जब लड़कियों को विश्वास हो जाता कि तो फिर ये फरेबी गंदी बात का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए उनके अश्लील वीडियो और फोटो मंगवा लेता। जब इस जालसाज की असलियत लड़कियों को पता चलती, तो ये उन पर दबाव बनाने के लिए अश्लील वीडियो और फोटो को वायरल करने की धमकी देता।एसी मैकेनिक समद लड़की की आवाज में बात कर नाबालिग लड़कियों से खुद को एनआरआई लड़की बताता था। आरोपी अब तक 9 से 15 साल की 150 से ज्यादा लड़कियों के साथ ऐसी करतूत कर चुका है। दक्षिण जिला डीसीपी अतुल कुमार ठाकुर के अनुसार, 15 वर्षीय किशोरी ने 27 जुलाई को दी शिकायत में फतेहपुर बेरी थाना पुलिस से कहा था कि उसने अपने पिता के मोबाइल से इंस्टाग्राम पर अपनी आईडी बनाई थी। इंस्टाग्राम पर वह एक लड़की के संपर्क में आई। वह उससे ‘कैसी हो छोटी’ व ‘कैसी हो मेरी गुड़िया’ आदि कहकर बात करती थी।एक महीने बाद आरोपी ने उसके पास अपने अश्लील फोटो व वीडियो भेजे और बदले में उससे भी ऐसा ही करने को कहा। उसने पीड़ित लड़की को अपना मोबाइल नंबर भी दिया। इसके बाद दोनों की वीडियो कॉल होने लगी लेकिन आरोपी लड़की वीडियो कॉल में अपना चेहरा नहीं दिखाती थी। इस पर किशोरी नाराज हो गई और उसकी अनदेखी करने लगी जिसके बाद आरोपी लड़की ने धमकी दी कि वह उसके अश्लील फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगी। बाद में पता लगा कि वह लड़की नहीं, लड़का अब्दुल समद है।थानाध्यक्ष कुलदीप सिंह की देखरेख में एसआई सतेंद्र गुलिया व महिला एसआई नितेश शर्मा की टीम ने जांच के दौरान व्हाट्स एप व इंस्टाग्राम से डिटेल मांगी। इसके बाद लखनऊ में दबिश देकर अब्दुल समद को उसके घर से दबोचकर स्मार्ट फोन जब्त कर लिया गया। इसमें करीब 150 नाबालिग लड़कियों के फोटो और वीडियो मिले हैं। इसमें बीएसएनएल का सिम भी मिला।अब्दुल समद ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह लड़की बनकर नाबालिग लड़कियों से बात करता और जाल में फंसाकर उनके अश्लील वीडियो और फोटो मंगाकर देखता था। वह खुद को एनआरआई लड़की बताता था। वह पीड़ित लड़कियों से बात करते समय टेक्स्ट नाउ एप का इस्तेमाल करता। इससे दूसरी ओर उसका नंबर कनाडा का दिखता था। समद ने लखनऊ में हजरतगंज के अमीरोदौला इस्लामिया इंटर कॉलेज से पढ़ाई की थी। 10वीं कक्षा में ही उसने पढ़ाई छोड़ दी और एसी मैकेनिक का काम करने लगा।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-30-per-cent-health-workers-across-major-hospitals-test-positive-for-covid-19-in-lucknow-785628
कोविड-19 टीका लेने के बावजूद लखनऊ में 30 प्रतिशत हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव
कोविड-19 टीका लेने के बावजूद राजधानी लखनऊ में लगभग 30 प्रतिशत हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। इनमें प्रमुख कोविड अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन, वार्ड बॉय और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इससे विभिन्न अस्पतालों में कोविड की सेवाएं पर काफी असर पड़ा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में रविवार (18 अप्रैल) को कोरोना वायरस से एक दिन में अब तक सर्वाधिक 129 लोगों की मौत हो गई जबकि 30,596 नये मामले सामने आये। वहीं कोविड-19 टीका लेने के बावजूद राजधानी लखनऊ में लगभग 30 प्रतिशत हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। इनमें प्रमुख कोविड अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन, वार्ड बॉय और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इससे विभिन्न अस्पतालों में कोविड की सेवाएं पर काफी असर पड़ा रहा है।राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भी 2,000 कर्मचारियों में से कम से कम 600 कर्मचारियों कोरोना पॉजिटिव है। आरएमएलआईएमएस के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने कहा करीब 30 फीसदी स्टाफ संक्रमित हैं। वहीं गैर-कोविड टीम कोविड पेसेंट की पहचान करते हुए भी संक्रमित हो रही है। उन्होंने आगे कहा, "हमने अपने कर्मचारियों को लगभग पूरी तरह से टीका लगाया है और काम करते समय उन्हें और सुरक्षित रहने को भी कहा है।"किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा यहां एक दिन में 40 डॉक्टरों कोरोना पॉजिटिव हुए। यह बीमारी इतनी संक्रामक है कि हर बार एक टीम 14-दिवसीय कोविड ड्यूटी पर जाती है, जिनमें से लगभग एक-चौथाई उनके साथ पॉजिटिव होकर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि उनमें से कई होम आइशोलेशन में हैं, जबकि कुछ अस्पताल में भर्ती हैं।इसी तरह की स्थिति बलरामपुर अस्पताल में भी है, जहां पिछले 72 घंटों में, 15 डॉक्टरों सहित कम से कम 24 स्टाफ सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो गए। बलरामपुर अस्पताल में कोविड फैसिलिटीज के नोडल अधिकारी डॉ वी के पांडे ने कहा कि टेस्टिंग यूनिट को स्वच्छता के लिए 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।ये भी पढ़ें
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नहीं रहे मंदिर आंदोलन के नायक कल्याण सिंह, कल नरौरा में किया जाएगा अंतिम संस्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में कल्याण सिंह के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कल्याण सिंह ने कल लखनऊ के अस्पताल में अंतिम सांस ली।
लखनऊ. कल शाम उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में कल्याण सिंह के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचे। प्रधानमंत्री इस समय मॉल एवेन्यू में मौजूद कल्याण सिंह के आवास पर हैं। मीडिया से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, कल्याण सिंह ने जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित किया और अपने नाम को सार्थक किया। कल्याण सिंह के सपनों को पूरा करना होगा। देश ने सामर्थ्यवान नेता खो दिया, प्रभु राम कल्याण सिंह जी को अपने चरणों में स्थान दे।कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही दिग्गजों का तांता लगा हुआ है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी आज सुबह कल्याण सिंह के पोते के सरकारी आवास पर पहुंचे और कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन करने पहुंचीं।लखनऊ. कल शाम उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में कल्याण सिंह के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचे। प्रधानमंत्री इस समय मॉल एवेन्यू में मौजूद कल्याण सिंह के आवास पर हैं। मीडिया से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, कल्याण सिंह ने जीवन जनकल्याण के लिए समर्पित किया और अपने नाम को सार्थक किया। कल्याण सिंह के सपनों को पूरा करना होगा। देश ने सामर्थ्यवान नेता खो दिया, प्रभु राम कल्याण सिंह जी को अपने चरणों में स्थान दे।उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग के एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने मीडिया को बताया कि कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर अभी उनके लखनऊ आवास पर रखा गया है। उनके पार्थिव शरीर को विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां लोग दोपहर 1 बजे तक उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को दोपहर 2.30 बजे तक भाजपा के कार्यालय में रखा जाएगा।अवनीश अवस्थी ने बताया कि तय कार्यक्रम के अनुसार, कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अलीगढ़ ले जाया जाएगा, जहां स्टेडियम में लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे। वहां से उन्हें पार्थिव शरीर को अतरौली ले जाया जाएगा, जहां कल नरौरा में गंगा घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह का शनिवार रात करीब सवा नौ बजे लखनऊ में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे।
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https://www.indiatv.in/india/national/merits-of-dowry-mentioned-in-the-sociology-book-2022-04-05-843268
समाजशास्त्र की किताब में दहेज की 'तारीफ', लिखा- बदसूरत लड़कियों की भी हो सकती है शादी, मचा बवाल
किताब में दहेज के पर लिखी इस पाठ्य-सामग्री ने सोशल मीडिया सहित विभिन्न हलकों में तूफान खड़ा कर दिया। लोगों ने इस तरह की चीजें लिखने वाले लेखकों और बेचने वाले प्रकाशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
मुंबई: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, दहेज प्रथा के 'वरदानों' पर आधारित कॉलेज में पढ़ाई जाने वाली समाजशास्त्र की एक पाठ्यपुस्तक के प्रकाशकों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने किताब को तत्काल बाजार से वापस लेने का फैसला किया है। नई दिल्ली स्थित जेपी ब्रदर्स मेडिकल पब्लिशर्स प्राइवेट लिमिटेड की प्रवक्ता समीना खान ने बताया, "हम सूचित करना चाहते हैं कि हमने बाजार से (पाठ्य) पुस्तक को वापस लेने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। हम ऐसे मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आंतरिक प्रक्रियाओं को मजबूत करना जारी रखेंगे।"उन्होंने कहा, जेपी ब्रदर्स 'एक जिम्मेदार प्रकाशक' हैं और पांच दशकों से अधिक समय से चिकित्सा समुदाय की सेवा कर रहे हैं। हालांकि, किताब की कितनी प्रतियां वापस ली जाएंगी और उन्हें कैसे बदला जाएगा, इसका ब्योरा नहीं दिया गया है। यह कदम एक बड़ी कामयाबी के रूप में सामने आया है, क्योंकि आईएएनएस ने सोमवार को जब इस मुद्दे को उजागर किया था, तब प्रकाशकों ने कहा था कि वे किताब के शीर्षक को संशोधित नहीं करेंगे, लेकिन पाठ्यपुस्तक के भविष्य के संस्करणों में आपत्तिजनक हिस्सों को हटा देंगे।वरिष्ठ लेखक टी. के. इंद्राणी द्वारा लिखित 'नर्सो के लिए समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तक' ने इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया है कि दहेज की घृणित प्रथा वास्तव में समाज के लिए अच्छी है और तर्क दिया है कि यह 'बदसूरत दिखने वाली लड़कियों' के माता-पिता को उनकी शादी कराने में मदद करती है। किताब के अध्याय 6 का शीर्षक है 'सामाजिक ज्ञान के रत्न' और इसकी पृष्ठ संख्या 122 में बताया गया है कि दूल्हे के माता-पिता द्वारा दहेज स्वीकार किए जाने का मुख्य कारण यह है कि उन्हें अपनी बेटियों और बहनों (निवर्तमान) को दहेज देना पड़ता है। दावा किया गया है, "वे अपनी बेटियों के लिए पति खोजने का अपना दायित्व पूरा करने के लिए स्वाभाविक रूप से अपने बेटों के (आने वाले) दहेज पर नजर रखते हैं।"इस पाठ्य-सामग्री ने सोशल मीडिया सहित विभिन्न हलकों में तूफान खड़ा कर दिया। लोगों ने इस तरह की चीजें लिखने वाले लेखकों और बेचने वाले प्रकाशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान को पत्र लिखकर बी-एससी के दूसरे वर्ष के लिए निर्धारित इस पाठ्यपुस्तक के 'प्रसार को तुरंत बंद करने' और महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में पाठ्यक्रम से इसे हटाने की मांग की। प्रियंका ने कहा, "यह भयावह है कि इस तरह के अपमानजनक और समस्यात्मक पाठ प्रचलन में हैं और एक पाठ्यपुस्तक दहेज के गुणों का बखान करती है। यह वास्तव में हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद है और देश और संविधान के लिए शर्म की बात है।" उन्होंने केंद्रीय मंत्री से शैक्षणिक पाठ्यक्रम से पाठ्यपुस्तक को हटाने और विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा सभी मौजूदा पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा कराने की भी अपील की।इंडियन नर्सिग काउंसिल (आईएनसी) ने 'घटिया, अपमानजनक सामग्री' के लिए पाठ्यपुस्तक की भी आलोचना की, जो देश के प्रचलित कानूनों के खिलाफ भी है। यह किताब स्पष्ट रूप से केवल नर्सिग पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित किया गया है, लेकिन किसी लेखक या प्रकाशन का समर्थन नहीं किया गया है, और न ही किसी ने अपने प्रकाशनों के लिए इसके नाम का उपयोग करने की अनुमति दी है। मुंबई में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर मंगल गोगटे और पूर्व व्याख्याता आर.एन. देसाई जैसे प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने 'जहरीले विचारों वाली' इस पाठ्यपुस्तक की कड़ी निंदा की है और सामग्री की गुणवत्ता की जांच कराने और भारतीय बाजार से इसकी सभी प्रतियां तुरंत वापस लेने की मांग की।पाठ्यपुस्तक में यह भी बताया गया है कि कैसे उच्च वेतन पाने वाले या होनहार पेशेवर करियर वाले युवा लड़के 'दुर्लभ वस्तुएं' बन जाते हैं और इसलिए उनके माता-पिता लड़की के माता-पिता से उसे अपनी बहू के रूप में स्वीकार करने के लिए भारी मात्रा में धन की मांग करते हैं। लेखक ने दहेज प्रथा के कई 'गुणों और लाभों' को सूचीबद्ध किया है, जो न केवल भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित हैं, बल्कि इसमें सुझाया गया है कि 'बदसूरत दिखने वाली लड़कियों की शादी भी आकर्षक दहेज देकर अच्छे दिखने वाले लड़कों के साथ की जा सकती है'।किताब में कहा गया है कि दहेज भारत के कई हिस्सों में अपने पति को खाट, गद्दे, टेलीविजन, पंखा, रेफ्रिजरेटर, बर्तन, कपड़े और यहां तक कि वाहन जैसी चीजें देने के रिवाज के रूप में अपने नए घर को स्थापित करने में मदद करता है। दहेज के रूप में लड़की को उसकी शादी के समय पैतृक संपत्ति में उसका हिस्सा स्वत: मिल जाता है, जो एक और विवाद है। दहेज प्रथा लड़कियों के बीच शिक्षा के प्रसार में मदद करती है, क्योंकि दहेज के बोझ के कारण कई लोगों ने अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है। पाठ्यपुस्तक में कहा गया है, "जब लड़कियां शिक्षित होंगी या नौकरी पर भी होंगी, तो पैसे की मांग कम होगी। इस प्रकार, यह एक अप्रत्यक्ष लाभ है।"संयोग से, लगभग 6 साल पहले महाराष्ट्र की एचएससी पाठ्यपुस्तकों में कथित 'दहेज की अच्छाई' पर इसी तरह के दावों ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।(इनपुट- IANS)
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https://www.indiatv.in/india/national/mughal-gardens-to-open-for-general-public-from-february-12-to-march-16-2022-02-10-835284
Mughal Garden Opening Date: आम जनता के लिए 12 फरवरी से 16 मार्च तक खुलेगा मुगल गार्डन
बयान के अनुसार, ‘‘पिछले साल की तरह इस साल भी एहतियाती कदमों के कारण दर्शक बिना बुकिंग के गार्डन में नहीं जा सकेंगे।’’ इस साल आकर्षण का मुख्य केन्द्र ‘उद्यानोत्सव’ होगा। आशा की जा रही है कि इसमें फरवरी के अंत तक 11 प्रजाति के ट्यूलिप खिलेंगे।
Mughal Garden Opening Date: राष्ट्रपति भवन ने गुरुवार को बताया कि आम जनता के लिए इस साल मुगल गार्डन (Mughal Garden) शनिवार से 16 मार्च तक खुलेगा। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान के अनुसार, दर्शकों को पहले से बुकिंग कराने पर ही गार्डन में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। गार्डन देखने के लिए बुकिंग राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट से करायी जा सकेगी। हालांकि इस दौरान मुगल गार्डन हर सोमवार को बंद रहेगा। बयान के अनुसार, ‘‘पिछले साल की तरह इस साल भी एहतियाती कदमों के कारण दर्शक बिना बुकिंग के गार्डन में नहीं जा सकेंगे।’’ इस साल आकर्षण का मुख्य केन्द्र ‘उद्यानोत्सव’ होगा। आशा की जा रही है कि इसमें फरवरी के अंत तक 11 प्रजाति के ट्यूलिप खिलेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में वार्षिक ‘उद्यानोत्सव’ का शुभारंभ किया। बयान के अनुसार, ‘‘मुगल गार्डन 12 फरवरी, 2022 से 16 मार्च, 2022 तक सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक आम जनता के लिए खुला रहेगा।’’ बयान के अनुसार, सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक के बीच पहले से बुक किए गए सात स्लॉट उपलब्ध रहेंगे, गार्डन में अंतिम प्रवेश शाम चार बजे हो सकेगा। प्रत्येक स्लॉट में अधिकतम 100 लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी।15 एकड़ में फैले, राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन के लिए जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के बगीचों और यहां तक कि भारत और फारस के लघु चित्रों से प्रेरणा ली गई है। राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन में इस साल आने पर लोगों को ट्यूलिप, मोगरा-मोतिया, रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चंपा-चमेली सहित विभिन्न प्रकार के फूल देखने को मिलेंगे। इसके अलावा मुगल गार्डन में गुलाब गार्डन काफी आकर्षित करेगा।
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तमिलनाडु में 21 जून तक बढ़ा लॉकडाउन लेकिन पाबंदियों में कुछ ढील भी मिली
तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लागू पाबंदियों में कुछ ढील देने की घोषणा की है। इसके तहत 35 दिनों के बाद 14 जून से सैलून, पार्क और शराब की दुकानें खुल जाएंगी।
चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लागू पाबंदियों में कुछ ढील देने की घोषणा की है। इसके तहत 35 दिनों के बाद 14 जून से सैलून, पार्क और शराब की दुकानें खुल जाएंगी। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इसकी घोषणा करते हुए लोगों से कोविड-19 के संबंध में निर्देशों का पालन करने को कहा है।एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि राज्य में कोयंबटूर और नीलगिरि समेत 11 जिलों में कोविड-19 के अपेक्षाकृत अधिक मामलों में कारण वहां कम छूट मिलेगी। बाकी 27 जिलों में ज्यादा ढील दी जाएगी।विज्ञप्ति के मुताबिक ढील संबंधी यह आदेश 14 जून से लागू होगा। सिनेमा और बस सेवा पर 21 जून तक पाबंदी लागू रहेगी। चेन्नई समेत 27 जिलों में 33 प्रतिशत कर्मियों के साथ उद्योगों का कामकाज जारी रहेगा।
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https://www.indiatv.in/india/national/jaipur-rally-will-be-beginning-of-fall-of-nda-government-ashok-gehlot-826189
'NDA सरकार के पतन की शुरुआत होगी जयपुर की रैली', अशोक गहलोत का दावा
गहलोत ने रैली की तैयारियों को लेकर यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राज्य प्रभारी अजय माकन, प्रदेश गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य पदाधिकारियों के साथ चर्चा की।
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस की जयपुर में प्रस्तावित 'महंगाई हटाओ रैली' को लेकर जनता में बहुत उत्साह है और यह रैली केंद्र में सत्तारूढ़ राजग सरकार के पतन की शुरूआत होगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में महंगाई बढ़ रही है और इससे हर व्यक्ति परेशान है। गहलोत ने रैली की तैयारियों को लेकर यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में राज्य प्रभारी अजय माकन, प्रदेश गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। बैठक के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा,‘‘रैली की हमारी बहुत शानदार तैयारी चल रही है और यह एक ऐतिहासिक रैली होगी। सोनिया गांधी ने, राहुल गांधी ने सोच-समझकर जयपुर को चुना है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ महंगाई की मार देश में हर नागरिक पर पड़ रही है। महिलाएं बहुत दुःखी हैं, आम नागरिक दुःखी है, ये सरकार की आर्थिक नीतियों का परिणाम है कि आज महंगाई बढ़ती जा रही है, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते गए और महंगाई बढ़ती गई।’’ मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ इसलिए मैंने कहा कि ये रैली जो है, इससे राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार के पतन की शुरुआत होगी और ये रैली राजस्थान में अगले चुनाव में कांग्रेस जीते उसकी शुरुआत भी होगी।’’ उन्होंने कहा कि इस रैली को लेकर जनता में बहुत शानदार उत्साह है, भारी संख्या में लोग आएंगे, एक संदेश देंगे पूरे देशवासियों को कि जयपुर की रैली राजग के पतन की शुरुआत की रैली करके आए हैं हम लोग। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने देश में बढ़ती महंगाई के विरोध में 12 दिसंबर को 'महंगाई हटाओ रैली' आहूत की है। यह रैली पहले दिल्ली में होनी थी जो अब जयपुर में होगी।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-ayodhya-ram-mandir-map-passed-in-development-authority-meeting-738087
अयोध्या राम मंदिर का नक्शा पास, 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया में बनेगा मंदिर
अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की आज अहम बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति के साथ राम मंदिर का नक्शा पास हो गया है।
अयोध्या: अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की आज अहम बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति के साथ राम मंदिर का नक्शा पास हो गया है। बैठक में 274110 वर्ग मीटर ओपन एरिया का नक्शा और लगभग 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया का नक्शा पास हुआ है। यहां 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया में राम मंदिर बनेगा। इसके डेवलपमेंट शुल्क को लेकर कैलकुलेशन जारी है।अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड बैठक में अध्यक्ष कमिश्नर एमपी अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ नीरज शुक्ला और बोर्ड के अन्य सदस्य शरीक हुए। बैठक में सर्वसम्मति से नक्शे को पास कर दिया गया। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर का नक्शा प्राधिकरण को पेश किया था।विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी ट्रस्ट को देना होगा। लगभग 5 करोड़ रुपए विकास शुल्क व अन्य शुल्क आने की उम्मीद है। हालांकि, फिलहाल अभी यह सब कैलकुलेशन्स किए जा रहे हैं।आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को लेकर भी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। बताया गया कि तांबे की पत्तियों के उपयोग से पत्थरों को जोड़ा जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता चंपत राय ने कहा कि मंदिर के निर्माण में लगभग 10 हजार तांबे की छड़ों का इस्तेमाल किया जाएगा।उन्होंने कहा कि जो लोग मंदिर निर्माण में मदद करना चाहते हैं तो वह तांबा दान कर सकते हैं।
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Rajat Sharma’s Blog: आखिरकार कोरोना को लेकर दिखी उम्मीद की किरण, लेकिन लापरवाही न बरतें
ICMR प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव ने आगाह किया कि हमें तुरंत किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए क्योंकि देश में कई जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट अभी भी ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को जब विपक्षी दलों के नेताओं के साथ कोरोना पर चर्चा कर रहे थे तो उसी दौरान एक अच्छी खबर आई। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा जारी किए गए ने चौथे नेशनल सीरो सर्वे में यह पाया गया कि 67.6 प्रतिशत भारतीयों में SARS-CoV2 वायरस यानी कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलप हो चुकी है जबकि कम से कम एक तिहाई आबादी पर अभी-भी संक्रमण का खतरा है।हालांकि, आईसीएमआर प्रमुख डॉक्टर बलराम भार्गव ने आगाह किया कि हमें तुरंत किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए क्योंकि देश में कई जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट अभी भी ज्यादा है। उन्होंने कहा-ये निष्कर्ष एक आशा की एक किरण हैं, लेकिन ढिलाई की कोई गु्ंजाइश नहीं होनी चाहिए। हमें कोविड गाइलाइंस का पालन करते रहना होगा।'आईसीएमआर के नतीजों के मुताबिक 45 से 60 साल के आयु वर्ग लोगों के बीच सबसे ज्यादा सीरो पॉजिटिविटी (77.6 प्रतिशत) पाई गई वहीं सबसे ज्यादा गतिशील रहनेवाले 18 से 44 साल के आयु वर्ग में सीरो पॉजिटिविटी कम पाई गई है। इस सर्वे में यह भी पाया गया कि अन्य उम्र के लोगों की तुलना में बच्चों में कोविड से संक्रमित होने का जोखिम कम है। इस रिपोर्ट ने पॉलिसी बनानेवाले लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों के मन में एक भरोसा पैदा किया है। उनके विश्वास को जगा दिया है।उधर, सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कोरोना प्रबंधन पर विस्तार से प्रजेंटेशन दिया। इस बैठक में डीएमके, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, बीएसपी और अन्य दलों ने हिस्सा लिया लेकिन कांग्रेस, अकाली दल, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, आरजेडी और वामपंथी दलों ने बहिष्कार किया। जिन विरोधी दलों के नेता कई दिनों से कह रहे थे कि संसद में सरकार के कोरोना कुप्रबंधन का मुद्दा उठाएंगे, उन्हीं दलों ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार कर दिया।पीएम मोदी ने विपक्ष के नेताओं के साथ चर्चा में कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए किए गए इंतजामों के बारे में भी बात की। उन्होंने वैक्सीनेशन अभियान को गति देने के लिए वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयासों के बारे में भी बताया।प्रधानमंत्री ने देश के हर जिले में कम से कम एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य के बारे में भी बताया। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से जिला स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन अभियान चलाने के लिए कहा। मोदी ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के 6 महीने बाद भी बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर्स को अभी वैक्सीन लगनी बाकी है।उधर, राज्यसभा में कोरोना के मुद्दे पर बहस हुई जिसमें 23 दलों के 26 सदस्यों ने हिस्सा लिया। ज्यादातर सांसदों ने कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर को लेकर अपनी बात रखी और लाखों लोगों की मौत की बात कही। इन सांसदों ने सरकार से तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए तैयारी करने को कहा। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा की शुरुआत की। खड़गे ने सरकार पर कोरोना से हुई मौत के गलत आंकड़े पेश करने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कोरोना से हुई मौत के आधिकारिक आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए पूछा-क्या कोरोना से हुई मौतों की संख्या हमेशा के लिए एक रहस्य बनी रहेगी?' उन्होंने आरोप लगाया कि देश के 6 लाख से ज्यादा गांवों में ही 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सरकार कोरोना से सिर्फ चार लाख लोगों की मौत का आंकड़ा दे रही है।बहस के दौरान ज्यादातर सदस्यों ने वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया जबकि कई सदस्यों ने गंगा में तैरती लाशें, मजदूरों का पलायन, ऑक्सीजन की कमी से बड़े पैमाने पर मौत का मुद्दा उठाया। स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर पहली बार इस बहस में हस्तक्षेप करते हुए मनसुख मांडविया ने सभी से अपील की कि वे कोरोना महामारी के मुद्दे का राजनीतिकरण न करें क्योंकि तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए समाज के सभी वर्गों के सहयोग की जरूरत है।मांडविया ने बेहद स्पष्ट और प्रभावी तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, वैक्सीन की आपूर्ति में सुधार हो रहा है और जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी बनाने वाली कंपनियों ने उत्पादन और वितरण की अपनी कोशिशों को बढ़ाया है और बहुत जल्द वैक्सीन की कमी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत डीएनए आधारित वैक्सीन विकसित करने वाला दुनिया का पहला देश बन सकता है। इसे जाइडस कैडिला द्वारा तैयार किया जा है। इसके ट्रायल का तीसरा चरण पूरा हो चुका है और ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई है। मांडविया ने कहा कि अगर उत्पादन शुरू होता है तो यह भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित पहली डीएनए वैक्सीन होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह कहना उचित नहीं होगा कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर ज्यादा असर डालेगी। उन्होंने अपने दावे की पुष्टि के लिए कोरोना की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों का हवाला दिया।मैं मनसुख मांडविया की प्रशंसा करूंगा। वो नए-नए मंत्री बने हैं। दो हफ्ते पहले ही स्वास्थ्य मंत्री का कामकाज संभाला है, लेकिन उन्होंने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ सारे सवालों के जवाब दिए। किसी सवाल को टालने की कोशिश नहीं की। जैसे अब तक तो सिर्फ ये दावा किया जाता था कि वैक्सीन उपलब्ध है और जब लोगों को वैक्सीन नहीं मिलती थी और लोग वैक्सीनेशन सेंटर से खाली हाथ घर लौटते थे तो अविश्वास का वातावरण पैदा होता था। मनसुख मांडविया ने ये माना कि वैक्सीन की कमी है। विभिन्न राज्यों को जितनी जरूरत है उसके हिसाब से उत्पादन नहीं हो रहा है और उन्होंने ये भी समझाया कि वैक्सीन की कमी क्यों है। मुझे लगता है कि अब देश में वैक्सीन को लेकर लोगों के बीच झिझक लगभग कम हो गई है लिहाजा इसकी मांग बढ़ गई है।पूरी दुनिया से ये रिपोर्ट्स मिल रही है कि जिन देशों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है वहां लोगों को कोरोना से संक्रमित होने के बाद अस्पातलों में नहीं जाना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि सारी ताकत इस बात पर लगाई जाए कि हमारे यहां वैक्सीन का उत्पादन तेजी से बढ़े और जहां से भी, जैसे भी इंपोर्ट की जा सकती है, उसे हासिल किया जाए। कई सांसदों ने केंद्र से कहा कि वह स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से जल्द से जल्द मान्यता दिलाए।स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की बात सुनकर इस बात का भरोसा हुआ कि सरकार सही दिशा में काम कर रही है और हम तीसरी लहर का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से बताया गया कि वैक्सीन के मामले में सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों और सभी राज्य सरकारों से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम करने की अपील की। मोदी ने कहा कि मिलकर लड़ेंगे तो कोरोना को जल्दी हरा पाएंगे। इस मामले में सियासत की कोई गुंजाइश नहीं है। 68 प्रतिशत भारतीयों में कोविड एंटीबॉडी होने की आईसीएमआर की रिपोर्ट से राहत और उम्मीद की एक किरण नजर आई है, लेकिन ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। आइए, हम सब साथ मिलकर इस जंग को लड़ें और जीत हासिल करें। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 20 जुलाई, 2021 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-jp-nadda-speaks-about-his-communist-friends-in-kanpur-824351
कानपुर में जेपी नड्डा ने सुनाया वामपंथी साथियों का किस्सा, बताया क्यों भाग्यशाली हैं BJP कार्यकर्ता
नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि BJP ही एक ऐसी पार्टी है जिसमें कार्यकर्ता कल प्रदेश या पार्टी का नेतृत्व करे। ये कांग्रेस पार्टी में संभव नहीं है, उसमें अगर आगे बढ़ना है तो एक ही परिवार में जन्म लेना पड़ता है।
कानपुर. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। यूपी चुनाव के लिहाज से उनके इस दौरे को बेहद महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। नड्डा कल गोरखपुर और लखनऊ में थे, आज वो कानपुर में हैं। कानपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने वामपंथी दलों पर निशाना साधा।जेपी नड्डा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "30 साल पहले हमें वामपंथी साथी मिलते थे, सिगरेट का धुआं उड़ाते हुए हमें कहते थे कि क्रांति ताकत से आती है। मैं अब उनसे पूछता हूं कहां गई क्रांति तो बोलते हैं नड्डा हमें क्यों छेड़ते हो। मुझे खुशी होती है कि भगवान ने मुझे जिस विचारधारा से जोड़ा था वही सही रास्ता था।उन्होंने कांग्रेस और सपा जैसे दलों पर तंज कसते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि आप भाग्यशाली हैं कि BJP के कार्यकर्ता हैं क्योंकि BJP ही एक ऐसी पार्टी है जिसमें कार्यकर्ता कल प्रदेश या पार्टी का नेतृत्व करे। ये कांग्रेस पार्टी में संभव नहीं है, उसमें अगर आगे बढ़ना है तो एक ही परिवार में जन्म लेना पड़ता है।
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https://www.indiatv.in/india/national-aiims-conducts-sero-survey-in-children-concludes-the-impact-of-covid-third-wave-disproportionate-on-kids-796767
तीसरी लहर की चपेट में आएंगे ज्यादा बच्चे? AIIMS के सीरो सर्वे में सामने आई बड़ी बात
देश की राजधानी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नेतृत्व में देश के 5 अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट आ गई है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नेतृत्व में देश के 5 अस्पतालों द्वारा किए जा रहे सीरो सर्वे के अंतरिम रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कोरोना की दूसरी लहर में वयस्कों के साथ-साथ बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए। हालांकि AIIMS ने तीसरी लहर में ज्यादा बच्चों के संक्रमण की चपेट में आने की आशंकाओं को खारिज कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2 साल 17 साल की उम्र के 55.7 फीसदी बच्चों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गई है। वहीं, वयस्क आबादी में 63.5 लोगों में इस वायरस की एंटीबॉडी मिली।55.7 फीसदी बच्चों में मिला संक्रमणसीरो सर्वे से यह साफ है कि जिन लोगों की जांच की गई उनमें से 55.7 फीसद बच्चे व 63.5 फीसद वयस्क कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, कोरोना से ठीक होने वाले बच्चों और वयस्कों के प्रतिशत में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। इस सर्वे में एक बात यह भी पता चली कि सीरो पॉजिटिव पाए गए बच्चों में 76.92 फीसदी में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं था। इस स्टडी के आधार पर AIIMS ने तीसरी लहर के बच्चों के लिए अधिक घातक होने की आशंका को खारिज कर दिया है।700 बच्चों को किया गया शामिलये नतीजे 4,509 भागीदारों के मध्यावधि विश्लेषण पर आधारित हैं। इनमें 2 से 17 साल के आयु समूह के 700 बच्चों को, जबकि 18 या इससे अधिक आयु समूह के 3,809 व्यक्तियों को शामिल किया गया। ये लोग पांच राज्यों से लिये गये थे। आंकड़े जुटाने की अवधि 15 मार्च से 15 जून के बीच की थी। इन्हें पांच स्थानों से लिया गया, जिनमें दिल्ली शहरी पुनर्वास कॉलोनी, दिल्ली ग्रामीण (दिल्ली-एनसीआर के तहत फरीदाबाद जिले के गांव), भुवनेश्वर ग्रामीण क्षेत्र, गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र और अगरतला ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।10 साल से ज्यादा के बच्चे अधिक प्रभावितबता दें कि एम्स द्वारा किए जा रहे इस सर्वे में शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों के लोगों को शामिल किया गया है। कोरोना का असर जांचने के लिए कुल 10 हजार लोगों के सैंपल पर स्टडी हो रही है। शहरी क्षेत्र के रूप में दिल्ली से सैंपल लिए गए हैं जबकि ग्रामीण इलाकों के सैंपल हरियाणा के फरीदाबाद के बल्लभगढ़, ओडिशा के भुवनेश्वर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व त्रिपुरा के अगरताला से लिए गए हैं। एम्स के नेतृत्व में किए गए इस सर्वे में पाया गया कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चे अधिक संक्रमित हुए हैं क्योंकि वे घरों से बाहर भी निकलते हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/bcpbf-cancer-foundation-will-give-help-to-cancer-victims-seminar-on-14-may-at-hotel-oberoi-2022-05-02-848434
bcpbf The Cancer Foundation: कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया bcpbf कैंसर फाउंडेशन, 14 मई को होटल ओबेरॉय में सेमिनार
भारत में हालात ये है कि यहां 50 फीसदी कैंसर मरीजों के पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में जो लोग इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, उनकी मदद के लिए bcpbf-The Cancer Foundation सामने आया है।
bcpbf The Cancer Foundation: कैंसर को एक ऐसी बीमारी माना जाता है, जिसका कोई कारगर इलाज नहीं है। जो इलाज मौजूद हैं, वे इतने ज्यादा महंगे हैं कि एक आम आदमी इसका खर्चा नहीं उठा सकता। यही वजह है कि हर साल इस बीमारी की वजह से सैंकड़ों कैंसर (Cancer) मरीजों की मौत हो जाती है। हालांकि अब 'द कैंसर फाउंडेशन' ऐसे मरीजों की मदद करने के लिए आगे आया है, जो इसका खर्चा नहीं उठा सकते।दुनियाभर में जितनी मौतें दिल की बीमारी से होती हैं, उससे ज्यादा मौतें कैंसर (Cancer) से होती हैं। आंकड़े कहते हैं कि साल 2040 तक दुनियाभर में कैंसर के मरीजों की संख्या 2 करोड़ 80 लाख के पार पहुंच जाएगी। इस बीमारी के तेजी से बढ़ने की दो वजहे हैं, एक तो लोगों में जागरुकता की कमी है और दूसरा लोगों के पास इसके इलाज के लिए पैसा नहीं है। 50 फीसदी कैंसर मरीजों के पास इलाज के लिए नहीं हैं पैसे भारत में हालात ये है कि यहां 50 फीसदी कैंसर (Cancer) मरीजों के पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में जो लोग इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, उनकी मदद के लिए bcpbf-The Cancer Foundation सामने आया है। ये एक ऐसा संगठन है, जिसमें जाने-माने डॉक्टर्स, आर्थिक सलाहकार और इंडस्ट्रलिस्ट शामिल हैं। इसी के तहत bcpbf - The Cancer Foundation दिल्ली में AFFORDABLE CANCER CARE IN INDIA 2022 नाम से पूरे दिन का सेमिनार करने जा रहा है। ये सेमिनार होटल ओबेरॉय में 14 मई को होगा और इसमें 8 सेशन होंगे, जिसमें एक्सपर्ट अपनी राय रखेंगे।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-himalaya-view-from-saharanpur-uttar-pradesh-pictures-as-pollution-level-fall-791614
सहारनपुर से करो हिमालय के साक्षत दर्शन, लॉकडाउन से प्रदूषण घटा और पहाड़ दिखा
सहारनपुर के रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी दुष्यंत कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने गुरुवार को सहारनपुर से हिमालय के देखे जाने की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की हैं।
सहारनपुर। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में जो लॉकडाउन लगा है उससे राज्य में कोरोना के मामले तो घटे हैं ही, साथ में प्रदूषण का स्तर भी काफी कम हुआ है और बारिश के बाद आसमान इतना साफ हो गया है कि सहारनपुर से ही हिमालय के साक्षात दर्शन होने लगे हैं। सहारनपुर के रहने वाले एक सरकारी कर्मचारी दुष्यंत कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने गुरुवार को सहारनपुर से हिमालय के देखे जाने की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद की हैं। दुष्यंत कुमार एक शौकिया फोटोग्राफर भी हैं। दुष्यंत कुमार एक आईटी इंस्पेक्टर हैं और सहारनपुर में ही पोस्टेड हैं। उन्होंने अपने कैमरे से सहारनपुर से हिमालय के देखे जाने की जिन तस्वीरों को खींचा है उन तस्वीरों को भारतीय वन सेवा के अधिकारी रमेश पांडेय ने अपनी ट्विटर हेंडल पर शेयर किया है। इसके अलावा उन्होंने डॉ विवेक बैनर्जी द्वारा खींची हुई तस्वीर को भी ट्विटर पर शेयर किया है, उस तस्वीर में भी दावा किया गया है कि सहारनपुर से हिमालय को देखा जा रहा है। रमेश पांडेय ने बताया कि डॉ बैनर्जी पेशे से चकित्सक हैं और उन्हें फोटोग्राफी का शौक भी है।भारतीय वन सेवा के अधिकारी रमेश पांडेय के अनुसार बारिश की वजह से मौसम साफ हो गया था और सहारनपुर में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 85 तक आ गया था। आसमान साफ होने की वजह से दूर हिमालय के दर्शन भी साक्षात हो रहे थे।
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https://www.indiatv.in/india/national-top-maoist-leader-rk-carrying-bounty-of-rs-1-crore-dies-in-chhattisgarh-819004
1 करोड़ के इनामी नक्सली की मौत, जंगल में अज्ञात बिमारी ने ली जान
छत्तीसगढ़ में नक्सली नेता की मौत को लेकर बड़ी खबर है। 1 करोड़ के इनामी नक्सली की मौत हो गई है। माओवादियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर अक्किराजु हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण उर्फ RK की 63 साल की उम्र में मौत हो गई है।
बस्तर: छत्तीसगढ़ में नक्सली नेता की मौत को लेकर बड़ी खबर है। 1 करोड़ के इनामी नक्सली की मौत हो गई है। माओवादियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर अक्किराजु हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण उर्फ RK की 63 साल की उम्र में मौत हो गई है। माओवादी प्रवक्ता अभय ने तेलुगु में प्रेस नोट जारी कर बताया कि RK की 14 अक्टूबर सुबह 6 बजे मौत हुई है। नक्सलियों ने RK के शव का दाह संस्कार भी कर दिया है।पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माओवादी नेता आरके की किडनी फेल होने से मौत हुई है। अक्की राजू उर्फ हरगोपाल, रामकृष्ण उर्फ आरके की दक्षिण बस्तर के जंगल में मौत हुई है। RK ने आंध्र के तात्कालीन मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी के समय शांति वार्ता के लिए निकले माओवादी नेताओं की अगुवाई की थी।बस्तर: छत्तीसगढ़ में नक्सली नेता की मौत को लेकर बड़ी खबर है। 1 करोड़ के इनामी नक्सली की मौत हो गई है। माओवादियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर अक्किराजु हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण उर्फ RK की 63 साल की उम्र में मौत हो गई है। माओवादी प्रवक्ता अभय ने तेलुगु में प्रेस नोट जारी कर बताया कि RK की 14 अक्टूबर सुबह 6 बजे मौत हुई है। नक्सलियों ने RK के शव का दाह संस्कार भी कर दिया है।आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तुमरुकोटा गांव के रहने वाले आरके ने आंध्र प्रदेश में वाईएस राजशेखर रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए तत्कालीन भाकपा-माले पीपुल्स वार का नेतृत्व किया था। अक्टूबर 2016 में ओडिशा के मलकानगिरी जिले में, आरके पुलिस के साथ गोलीबारी में घायल हो गया था। मुठभेड़ में तीस माओवादी मारे गए थे।
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https://www.indiatv.in/india/national/anil-vij-attack-on-rahul-gandhi-whoever-is-not-a-hindutvawadi-even-though-he-is-a-hindu-he-is-a-fake-hindu-826880
राहुल गांधी पर अनिल विज का हमला, कहा- 'जो हिन्दू होकर भी हिन्दुत्ववादी नहीं, वह नकली हिन्दू है'
राहुल गांधी ने महंगाई के खिलाफ रैली को संबोधित करते हुए कहा, "यह हिन्दुओं का देश है, हिन्दुत्ववादियों का नहीं। अगर देश में महंगाई है और पीड़ा है, तो यह हिन्दुत्ववादियों ने किया है। हिन्दुत्ववादी किसी भी कीमत पर सत्ता चाहते हैं।"
चंडीगढ़: कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने रविवार को कहा कि जो हिन्दू होकर भी हिन्दुत्ववादी नहीं है, वह नकली हिन्दू है। विज की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता द्वारा जयपुर में रविवार को एक रैली में यह कहे जाने के कुछ घंटे बाद आई कि भारत हिन्दुओं का देश है, हिन्दुत्ववादियों का नहीं। इसके जवाब में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया और ट्वीट कर हमला बोला। अनिल विज ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जो हिन्दू होकर भी हिन्दुत्ववादी नहीं है, वह नकली हिन्दू है।’’राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा था?राहुल गांधी ने महंगाई के खिलाफ रैली को संबोधित करते हुए कहा, "यह हिन्दुओं का देश है, हिन्दुत्ववादियों का नहीं। अगर देश में महंगाई है और पीड़ा है, तो यह हिन्दुत्ववादियों ने किया है। हिन्दुत्ववादी किसी भी कीमत पर सत्ता चाहते हैं।" हिन्दू और हिंदुत्व को दो अलग-अलग शब्दों के रूप में वर्णित करते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि जैसे दो जीवित प्राणियों में एक आत्मा नहीं हो सकती, वैसे ही दो शब्दों का एक ही अर्थ नहीं हो सकता।राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ मैं हिंदुत्ववादी नहीं, मैं हिंदू हूं।’’ उन्होंने कहा कि हिंदू वह है जो किसी से नहीं डरता जो सबको गले लगता है। उन्होंने कहा कि देश से 'हिंदुत्ववादियों को वापस निकालना है हिंदुओं का राज लाना है।' राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके तीन चार मित्रों ने देश को सात साल में बर्बाद कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि महात्मा गांधी ने पूरी जिंदगी सच को ढूंढने बीता दी और अंत में एक हिंदुत्ववादी ने उनकी छाती में तीन गोली मारी। हिंदुत्ववादी अपनी पूरी जिंदगी सत्ता को खोजने में लगा देता है उसको सत्य से कुछ लेना देना नहीं है उसे सिर्फ सत्ता चाहिए और उसके लिए वो कुछ भी कर देगा।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-5-deaths-and-61-fresh-new-coronavirus-cases-in-uttar-pradesh-803773
UP Corona Updates: यूपी में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 61 नये रोगी जबकि 86 ठीक हुए
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 61 नये मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 17,08,114 हो गयी है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 61 नये मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 17,08,114 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गयी है।बुलेटिन में कहा गया है कि पांच और रोगियों की मौत के साथ ही मरने वालों का कुल आंकड़ा बढ़ कर 22,748 पर पहुंच गया है। इसके मुताबिक प्रदेश में हुई पांच मौतों में से दो बांदा में, दो लखीमपुर में तथा एक मौत बाराबंकी जिले में हुई हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटे 86 रोगी संक्रमण से ठीक हुये हैं और इसके साथ ही प्रदेश में अब तक 16,84,369 रोगी ठीक हो चुके हैं।बुलेटिन में कहा गया है कि प्रदेश में उपचाराधीन मामलों की संख्या 994 है । प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक कोविड टीकाकरण का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में टीकों की 7,50,034 खुराक दी गयी है और अब तक कुल 4,27,97,138 खुराक दी जा चुकी है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-cm-yogi-adityanath-on-hathras-incident-latest-news-update-775863
हाथरस की घटना ने 'टोपी' को फिर से कठघरे में खड़ा किया : योगी
समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा धारण की जाने वाली 'टोपी' पर पूर्व में तल्ख टिप्पणी कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हाथरस में हाल में हुई घटना ने इस टोपी को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा धारण की जाने वाली 'टोपी' पर पूर्व में तल्ख टिप्पणी कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हाथरस में हाल में हुई घटना ने इस टोपी को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए हाथरस की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा "कल हाथरस में भी साबित हुआ है। दिनभर सोशल मीडिया पर यह चला कि टोपी वाला कौन था? हाथरस की घटना ने इस टोपी को फिर से कटघरे में खड़ा किया है।" उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा "कल हाथरस में जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, क्या समाजवादी पार्टी का उस अपराधी से कोई संबंध नहीं है? हर अपराधी के साथ समाजवादी शब्द क्यों जुड़ जाता है। मैं यह पूछना चाहता हूं यह कौन सी स्थिति है, कौन सी मजबूरी है?" इस पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री के बयान का विरोध किया और एक फोटो दिखाते हुए कहा कि हाथरस मामले का आरोपी भाजपा के सांसद के साथ बैठा है। योगी ने इसका जवाब देते हुए कहा "आज अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी की एक रैली है और रैली के पोस्टर उस अपराधी द्वारा लगाए गए हैं। वह भी समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ लगाए गए हैं। यह क्या साबित करता है? वह पीड़ित लड़की भी चिल्ला चिल्ला कर कह रही है कि उस अपराधी का संबंध किससे है?"पढ़ें:-राहुल गांधी को RSS को समझने में बहुत समय लगेगा: जावड़ेकर गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली 24 फरवरी को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा था कि दो ढाई साल का एक बच्चा भी टोपी पहने व्यक्ति को गुंडा समझता है। उनका इशारा मुख्य रूप से विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों की तरफ था जो लाल टोपी पहनकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे थे। सोमवार को हाथरस के सासनी क्षेत्र स्थित नोजल पुर गांव में कथित रूप से बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ का मुकदमा वापस नहीं लेने पर अंबरीश शर्मा नामक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले का मुख्य आरोपी गौरव शर्मा सपा का नेता बताया जा रहा है। हालांकि सपा ने इससे इंकार करते हुए उसे भाजपा का नेता बताया है।
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https://www.indiatv.in/india/national/jaunpur-news-after-the-killing-of-wrestler-in-jaunpur-vehicles-were-vandalized-know-the-matter-2022-05-07-849282
Jaunpur News: जौनपुर में पहलवान की हत्या के बाद बवाल, वाहनों में की तोड़फोड़, जानें मामला
जौनपुर में युवा पहलवान की हत्या के बाद बवाल हो गया। गौराबादशाहपुर के धर्मापुर में आक्रोशित ग्रामीणों ने लाठी डंडा लेकर प्रसाद तिराहे के पास कई वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
Jaunpur News: जौनपुर में युवा पहलवान की हत्या के बाद बवाल हो गया। गौराबादशाहपुर के धर्मापुर में आक्रोशित ग्रामीणों ने लाठी डंडा लेकर प्रसाद तिराहे के पास कई वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इससे कई यात्रियों को भी चोटें आईं। सूचना पर पहुंची पुलिस और 112 के दस्ते को भी ग्रामीणों ने दौड़ा लिया। गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर शाम युवा पहलवान की हत्या के बाद बवाल हो गया। उपद्रवियों ने एक 108 एंबुलेंस में आग लगा दी तो वहीं पुलिस के वाहनों समेत कई निजी वाहनों में भी तोड़फोड़ की। एक घंटे तक चले बवाल में कई लोगों के घायल होने की भी सूचना है।थाना क्षेत्र के धर्मापुर बाजार में शुक्रवार देर शाम अंडे की दुकान पर हुए विवाद में बदमाशों ने युवा पहलवान बादल यादव (22) पुत्र लक्ष्मीनारायण की चाकू मारकर हत्या कर दी। साथ ही पहलवान के साथी अंकित यादव को भी चाकू से घायल कर दिया।युवक की हत्या की सूचना मिलते ही आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीण लाठी डंडे लेकर मौके पर पहुंच गए और दुकान को क्षतिग्रस्त कर दुकानदार की पिटाई कर दी। इसके बाद ग्रामीण प्रसाद तिराहे के पास पहुंच कर बवाल करने लगे।सूचना मिलते ही गौरा पुलिस व 112 पुलिस पहुंची तो ग्रामीणों ने पुलिस को भी दौड़ा लिया। 112 पुलिस के वाहन के साथ एक दर्जन निजी वाहनों में भी तोड़फोड़ की। वहीं एक एंबुलेंस को भी आग के हवाले कर दिया।
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https://www.indiatv.in/india/politics-rajasthan-sachin-pilot-issue-ajay-makan-said-vacant-posts-in-cabinet-and-government-will-be-filled-soon-795559
सचिन पायलट नाराज नहीं, कैबिनेट और सरकार के भीतर खाली पद जल्द भरे जाएंगे: माकन
कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने  शुक्रवार को यहां कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट नाराज नहीं हैं तथा राज्य कैबिनेट एवं सरकार के निगमों एवं बोर्ड में खाली पदों को जल्द ही सबसे बातचीत करके भर दिया जाएगा।
नयी दिल्ली: कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने पार्टी की राजस्थान इकाई में फिर से टकराव की स्थिति बनने की खबरों के बीच शुक्रवार को यहां कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट नाराज नहीं हैं तथा राज्य कैबिनेट एवं सरकार के निगमों एवं बोर्ड में खाली पदों को जल्द ही सबसे बातचीत करके भर दिया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि पायलट के साथ उनकी रोजाना बातचीत हो रही है। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी माकन ने पायलट समर्थक विधायकों की कथित नाराजगी से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं है। सबकी सुनी जा रही है। सबके साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘ जो रिक्त पद हैं, चाहे वह कैबिनेट में हों या सरकार के अंदर बोर्डों या निगमों में हों, सबसे बातचीत करके इनको जल्द भरा जाएगा। जल्द ही नियुक्तियां होंगी।’’पायलट की नाराजगी से जुड़े प्रश्न पर माकन ने कहा, ‘‘ऐसा बिल्कुल नहीं है। मेरी उनसे रोज बात हो रही है। अगर नाराज होते तो क्या हमारी बात होती?’’ गौरतलब है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की नाराजगी की खबरों के बीच उनके समर्थक विधायकों ने उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों के समाधान में देरी पर नाराजगी जताई है। पायलट के करीबी करीब आधा दर्जन विधायकों ने बृहस्पतिवार को सिविल लाइन्स स्थित उनके निवास पर उनसे मुलाकात भी की। इनपुट-भाषा
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https://www.indiatv.in/india/national/deoghar-ropeway-accident-maintenance-was-neglected-these-steps-will-have-to-be-taken-for-safety-in-future-2022-04-13-844755
देवघर रोप-वे हादसा एक सबक: मेंटेनेंस की अनदेखी पड़ी भारी, भविष्य में सुरक्षा के लिए उठाने होंगे ये कदम
यह पहला रोप-वे हादसा नहीं है जब लोगों की मौत हुई है। इससे पहले पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुए रोप-वे हादसे में कई लोग काल कवलित हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि देवघर रोप-वे हादसा एक सबक है।
नई दिल्ली: झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर रोप-वे का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो गया। रोप-वे की ट्रॉलियों में फंसे 46 को बचा लिया गया है जबकि 4 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। आपको बता दें कि यह पहला रोप-वे हादसा नहीं है जब लोगों की मौत हुई है। इससे पहले पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुए रोप-वे हादसे में कई लोग काल कवलित हुए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि देवघर रोप-वे हादसा एक सबक है। भविष्य में इस तरह के हादसे नहीं हो इसके लिए रोप-वे की प्रोपर मेंटेनेंस सहित राज्य सरकारों को सख्त कदम उठाने होंगे। आइए, जानते हैं कि इस तरह के हादसे रोकने के लिए सुरक्षा विशेषज्ञ क्या सलाह दे रहे हैं। हफ्ते में एक बार हो प्रोपर मेंटेनेंसशापूरजी पालोनजी इंफ्रा के सेफ्टी एक्सपर्ट मुकेश कुमार ने बताया कि रोप-वे हादसे होने की सबसे बड़ी वजह है प्रोपर मेंटेनेंस का नहीं होना है। अभी अधिकांश कंपनियां महीने में एक बार रोप-वे को मेंटेनेंस करती है। कई जगह तीन महीने में कराया जाता है। कोरोना के कारण कई रोप-वे बीते दो साल से बंद थे। अब एकदम से शुरू कर दिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से रोप-वे को हफ्ते में एक बार प्रोपर तरीके से मेंटेनेंस करना जरूरी है। इसके तहत लिमिट स्वीच, सेंसेर, केबल, रोलर्स, ड्राइविंग व्हील, अपर स्टेशन, डाउन स्टेशन आदि की जांच और मेंटेनेंस शामिल है। ऐसा करने से ट्रॉली फंसने, केबल टूटने, अटकने, ट्रॉलियां केबल से अलग होकर गिरने की घटना नहीं होगी और भविष्य में बड़े हादसे को टाला जा सकता है। रेस्क्यू करने के तरीके पर उठाए सवालझारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज यादव ने इंडिया टीवी से बात करते हुए रोप-वे रेस्क्यू के पूरे तरीके पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन भीड़ इकट्ठा होने के बाद एक साथ 26 ट्रॉलियां चला दी गई जिससे यह अनहोनी हुई लेकिन जिस तरह से रेस्क्यू का ऑपरेशन चलाया गया है और चार लोगों की जान गई वह भी सवालों के घेरे में है। हाई कोर्ट से इस मामले पर स्वत: सज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। वैसे बता दें कि 10 साल पहले ही इसी रोप-वे कंपनी द्वारा इसे बनाने में अनियमितता सामने आने पर कोर्ट में मामला दर्ज हुआ था। वो अभी तक लंबित है। इस मामले में राज्य सरकार भी कठघरे में है। वो अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती है।क्या होता है रोप-वेरोप-वे यानी रस्सी (केबल) के सहारे बनने वाला रास्ता। आमतौर पर इसका प्रयोग पहाड़ी इलाकों में आवागमन सुगम बनाने के लिए किया जाता है। रोप-वे भारत के पर्वतीय प्रदेशों में नया ट्रांसपोर्ट सिस्टम है। दुनिया का सबसे ऊंचा रोपवे Merida Cable Car है जो Venezuela में है, जोकि पंद्रह हजार छह सौ तेईस फीट की ऊंचाई पर है। देश के शीर्ष 10 रोप-वे, जहां बड़ी संख्या में आते हैं पर्यटकजम्मू और कश्मीर का गुलमर्ग रोप-वेजम्मू और कश्मीर का पटनीटॉप रोप-वेहिमाचल प्रदेश का मनाली रोप-वेउत्तराखंड का मसूरी रोप-वेसिक्किम का गंगटोक रोप-वेराजस्थान का उदयपुर रोप-वेउत्तराखंड का औली रोप-वेबिहार का नालंदा रोप-वेपश्चिम बंगाल का दार्जिलिंग रोप-वेहरिद्वार में मनसा देवी रोप-वे
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https://www.indiatv.in/india/national-rajat-sharma-s-blog-singhu-border-brutal-killing-farmer-leaders-must-hand-over-the-real-killers-to-police-819174
Rajat Sharma’s Blog | बर्बर हत्या: किसान नेता असली हत्यारे को पुलिस के हवाले करें
इस घटना से किसान आंदोलन की साख कम हुई है। अब किसान संगठनों के नेताओं को चाहिए कि वो पुलिस का सहयोग करें।
विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन है, यह अन्याय पर न्याय की जीत का दिन है, लेकिन किसान आंदोलन के धरने का केंद्र दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से जो दर्दनाक तस्वीरें आईं वो अन्याय की ऐसी दास्तान है जो किसी को भी अंदर तक हिलाकर रख देगी। सिंघु बॉर्डर पर हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। किसानों के धरनास्थल पर निहंगों के एक समूह ने एक शख्स की काट-काट कर हत्या कर दी गई, उसका अंगभंग कर उसे पुलिस बैरिकेड पर लटका दिया गया। जिस शख्स की हत्या की गई उसका नाम लखबीर सिंह था। वह पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला एक दैनिक वेतनभोगी मजदूर था और किसानों के धरनास्थल पर ही रहता था। लखबीर की हत्या के आरोप में पुलिस सरबजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। प्रताड़ना देकर हत्या करने की इस बर्बर घटना से पिछले कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन एक बार फिर बदनाम हुआ है। इस अमानवीय और बर्बर कृत्य ने सारी हदें पार कर दी हैं। यह घटना शुक्रवार तड़के 3.30 बजे के करीब हुई। निहंगों ने आरोप लगाया कि इस शख्स ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की थी इसलिए उसे सजा दी गई। लखबीर पर आरोप लगाया गया कि उसने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की इसलिए उसे 'दंडित' किया गया। उसका अंग भंग करके उसकी हत्या की गई। उसका दाहिना हाथ काट दिया गया और पांव की हड्डियां तोड़ दी गईं। यह सब उस मंच के पास हुआ जहां किसान नेता आम तौर पर बैठकर भाषण देते हैं। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने दर्द से कराहते इस शख्स का वीडियो तो बनाया लेकिन किसी ने उसकी जान बचाने की कोशिश नहीं की। किसी को उस पर रहम नहीं आया। अंगभंग करने के बाद उसे पुलिस बैरिकेड्स पर लटका दिया गया। पुलिस को भी धरनास्थल पर घटना के चार घंटे बाद दाखिल होने की इजाजत दी गई। जब सोशल मीडिया पर इस बर्बर हत्याकांड के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे तब किसान नेताओं ने ऐलान किया कि इस बर्बर घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है। जो वीडियो और तस्वीरे सामने आईं हैं वे दिल दहलाने वाली हैं। कलेजे को छलनी करनेवाली हैं। पहले लखबीर सिंह को पीटकर उसे अधमरा कर दिया गया। वो अपनी जान की भीख मांग रहा था लेकिन वहां मौजूद लोगों ने एक बात नहीं सुनी। 35 साल का यह शख्स अपनी आखिरी सांस तक गिड़गिड़ाता रहा लेकिन उसका हाथ काटकर अलग कर दिया गया, शरीर से खून निकलता रहा और फिर किसान आंदोलन के मंच के पास पुलिस बैरिकेड्स पर उल्टा लटका दिया गया। ये बात सही है कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी नहीं होनी चाहिए थी लेकिन ये भी सही है कि आरोपी की हत्या भी नहीं होनी चाहिए थी। उसे कानून के द्वारा दंडित किया जाना चाहिए थ। कुछ लोगों या फिर किसी समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। जब लखबीर खून ज्यादा बह जाने के कारण होश खो बैठा तब कुछ लोगों ने उसके हाथ-पैर में रस्सी बांधी। वहां निहंगों द्वारा खुलेआम तलवारें लहराई गईं और धार्मिक नारे लगाए गए। पांव में रस्सी बांधकर उसे घसीटकर किसान आंदोलन के मंच के पास ले जाया गया। वहां उसे उल्टा लटकाया गया। कुछ देर बाद उसके शव को पुलिस बैरिकेड पर ले जाकर लटका दिया गया। सिंघु बॉर्डर पर पांच किलोमीटर का इलाका ऐसा है जो किसानों के कब्जे में है। इस इलाके में किसानों का आंदोलन चल रहा है। यहां सुरक्षा के लिए किसान नेताओं ने खुद अपने वॉलेंटियर लगाए हुए हैं। उनका कहना है कि इस जगह पुलिस की कोई जरूरत नहीं क्योंकि धरना शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। लॉ एंड ऑर्डर की कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन इस बर्बर हत्या का वीडियो जब सर्कुलेट होने लगा तो सोनीपत पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। लेकिन पुलिस की टीम को भी काफी देर तक घटनास्थल तक नहीं पहुंचने दिया गया। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस को घटनास्थल पर जाने दिया गया। पुलिस ने बैरिकेड से शव को उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इंडिया टीवी के रिपोर्टर पवन नारा ने घटनास्थल पर मौजूद कुछ निहंगों से बात की। निहंगों का कहना था कि ये मामला सुबह साढे तीन बजे के आसपास का है। उस वक्त लखबीर सिंह पवित्र गुरु ग्रंथ साहब को उठाकर ले जा रहा था। उसने तलवार भी ली हुई थी। वो महाराज साहब की बेअदबी कर रहा था इसीलिए उसे पकड़कर निहंगों की फौज के हवाले कर दिया। एक निहंग ने बताया-'हमने उसके हाथ से तलवार छीनी फिर उससे पवित्र ग्रंथ के बारे में पूछा, उसने वह जगह बताई और फिर पवित्र ग्रंथ को वहां से उठाया गया। इसके बाद उसे सजा दी गई।' निहंगों का कहना था कि लखबीर के साथ जो कुछ हुआ उसका कोई अफसोस नहीं क्योंकि उसने पवित्र ग्रंथ के साथ बेअदबी की थी। एक निहंग ने कहा-'हम उसे मंच के पीछे ले गए और उसका हाथ काट दिया।' एक चश्मदीद ने कहा, 'जब उसके शरीर से बहुत सारा खून बह गया तो उसकी मौत हो गई।' एक निहंग ने कहा- 'उसने हमारे पवित्र महाराज, उनके कपड़े और तलवार को अपवित्र किया। जो कोई भी फिर से ऐसा करने की हिम्मत करेगा उसका सिर काट दिया जाएगा।' किसान नेता पिछले 10 महीने से यह दावा कर रहे हैं कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है लेकिन उनके मंच के सामने इस तरह से एक शख्स की बर्बर हत्या से सवाल उठना स्वभाविक है, चाहे इस हत्या की वजह कुछ भी रही हो। किसान नेताओं को इन सवालों का जवाब देने की जरूरत है। पुलिस द्वारा शव ले जाने के कुछ घंटे बाद संयुक्त किसान मोर्चा का बयान आया। बयान में कहा गया-'संयुक्त किसान मोर्चा इस नृशंस हत्या की निंदा करते हुए यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि इस घटना के दोनों पक्षों, इस निहंग समूह/ग्रुप या मृतक व्यक्ति, का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। हम किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ हैं, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। हम यह मांग करते हैं कि इस हत्या और बेअदबी के षड़यंत्र के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानून सम्मत कार्यवाही में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।' ये तो किसान मोर्चा की तरफ से एक लिखित बयान था लेकिन जब किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो इस घटना में उन्हें साजिश नजर आने लगी। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा- 'लगता है कि लखबीर सिंह को जानबूझकर किसी ने धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए भेजा था और इसके लिए उसे 30 हजार रुपए दिए गए।' मृतक लखबीर सिंह पंजाब में तरनतारन के चीमाखुर्द गांव का रहनेवाला दलित युवक था। लखबीर का कोई आपराधिक इतिहास नहीं और किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से भी कोई संबंध नहीं था। वह निहंग समूह के साथ सेवादार का काम करता था। डल्लेवाल ने बताया कि लखबीर कुछ दिन पहले धरना स्थल पर आया था। एक अन्य किसान नेता हन्नान मुल्ला ने आरोप लगाया कि ये सबकुछ किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए हो रहा है, यह एक साजिश है। सिंघु बॉर्डर पर जो हुआ उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। किसी शख्स को सरेआम लटका देना, उसके हाथ काटना, पैर तोड़ना,तड़पा-तड़पा कर मार डालना..कोई धर्म, समाज या कोई कानून इसकी इजाजत नहीं देता। साथ ही अगर किसी शख्स ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान या बेअदबी की तो उसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। सही तरीका तो यह होता कि जिस शख्स ने पवित्र ग्रंथ के साथ बेअदबी की उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए था। लेकिन किसान आंदोलन में जो लोग धरने में बैठे हैं वो ना तो पुलिस को कुछ समझते हैं, ना किसी कानून को मानते हैं। वे लोग ना संसद, ना सरकार और ना सुप्रीम कोर्ट को मानते हैं, इसीलिए ऐसी घटनाएं होती हैं। मुझे आश्चर्य है कि सिंघु बॉर्डर पर इतना बर्बर हत्याकांड हुआ। वहां बैठे लोगों ने किया और उसके वीडियो हैं, सारे सबूत हैं तो भी किसान नेता इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। वो कहते हैं कि पुलिस को एक्शन लेना चाहिए था। लेकिन सच ये है कि सिंघु बॉर्डर पर जहां किसान संगठन धरना दे रहे हैं वहां तो पुलिस की एंट्री बैन है। इतनी भयानक घटना होने के बाद भी पुलिस को वहां कई घंटे बाद आने दिया गया। वहां बाहर से कोई आ-जा नहीं सकता। तो फिर किसान संगठनों के नेता ये कैसे कह सकते हैं कि निहंग ग्रुप से या मरने वाले व्यक्ति से उनका कोई लेना देना नहीं है। जिस जगह पर पूरी तरह से किसान संगठनों का कब्जा है वहां इस तरह की घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। एक बार एक युवक को जिंदा जला दिया गया था। एक बार बलात्कार की घटना हुई थी। उस महिला की बाद में मौत भी हो गई थी। इसी जगह पर पुलिस के दो ASI पर हमला हुआ था। इसी जगह से लालकिले पर पहुंचे लोगों ने तलवार और फरसे चलाए थे और तिरंगे का अपमान किया था। अगर उस समय किसान नेता संभल जाते और उन घटनाओं को आंदोलन को बदनाम करने की साजिश बताकर दबाने की कोशिश ना की जाती तो आज इतनी भयानक घटना नहीं होती। तीन बच्चियों के सिर से उसके पिता का साया नहीं उठता। इस घटना से किसान आंदोलन की साख कम हुई है। अब किसान संगठनों के नेताओं को चाहिए कि वो पुलिस का सहयोग करें। ये नेता जानते हैं कि अपराधी कौन हैं, हत्यारे कौन हैं। उन्हें पुलिस को सौंप कर सजा दिलवाई जानी चाहिए। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 अक्टूबर, 2021 का पूरा एपिसोड
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https://www.indiatv.in/india/national-hp-hc-orders-govt-to-provide-e-mail-id-to-all-employees-743150
हिमाचल प्रदेश में क्लास तीन स्तर के कर्मचारियों के लिए ई-मेल आईडी अनिवार्य
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह राज्य सरकार, विभिन्न बोर्डों और निगमों के कम से कम क्लास तीन स्तर के कर्मचारियों की अनिवार्य रूप से ई-मेल आईडी बनवाएं।
शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह राज्य सरकार, विभिन्न बोर्डों और निगमों के कम से कम क्लास तीन स्तर के कर्मचारियों की अनिवार्य रूप से ई-मेल आईडी होने के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें।अटल सुरंग से लाहौल-स्पीति में अभूतपूर्व विकास होगा: जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन अक्टूबर को रोहतांग की अटल सुरंग का उद्घाटन करने के बाद राज्य की लाहौल घाटी अभूतपूर्व विकास की गवाह बनेगी। मुख्यमंत्री ने लाहौल-स्पीति तांडी पंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस सुरंग का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि के चलते किया गया है। उन्होंने कहा कि रोहतांग में सुरंग के उद्घाटन के साथ ही घाटी में समृद्धि के युग की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल विकास का प्रतीक है, बल्कि दुनिया के लिए प्रौद्योगिकी का एक प्रतिमान भी है। उन्होंने कहा कि सुरंग का रणनीतिक महत्व है और प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करने के लिए तीन अक्टूबर को राज्य का दौरा करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने केलांग में लाहौल-स्पीति जिले के अधिकारियों के साथ उद्घाटन समारोह की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ठाकुर ने कहा कि सुरंग के निर्माण से पहले, लाहौल घाटी को खराब मौसम के कारण लगभग छह महीने तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाता था, लेकिन अब लोगों के पास एक सुविधा होगी जो पूरे वर्ष आवाजाही को संभव बनाएगी। उन्होंने अधिकारियों को कोविड​​-19 के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए, वीवीआईपी यात्राओं के लिए विशेष व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया।
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https://www.indiatv.in/india/national-first-consignment-of-covishield-vaccine-dispatched-to-bhutan-and-maldives-767018
भारत सरकार का पड़ोसी देशों को तोहफा, 6 देशों को शुरू हुई कोरोना वैक्‍सीन की फ्री डिलीवरी
भारत ने भूटान और मालदीव के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और सेशल्स जैसे देशों को फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराने का वादा किया है।
नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर भारत पहले ही इतिहास रच चुका है और अब 130 अरब भारतीयों की तरफ से भारत सरकार ने 6 पड़ोसी देशों को मुफ्त में कोरोना वैक्‍सीन की डिलीवरी शुरू कर दी है। बुधवार सुबह मुंबई एयरपोर्ट से भूटान के लिए 1.5 लाख वैक्सीन और मालदीव के लिए 1 लाख वैक्‍सीन की पहली खेप को रवाना किया गया। वैक्सीन की कन्साइनमेंट पर तिरंगे के साथ एक संदेश लिखा गया है, जिसमें कहा गया है भारत की जनता और सरकार का तोहफा।भारत ने भूटान और मालदीव के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और सेशल्स जैसे देशों को फ्री वैक्‍सीन उपलब्‍ध कराने का वादा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा था भारत उन गिने-चुने देशों में है, जिसने मुश्किल के बावजूद दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में जरूरी दवाएं और जरूरी मेडिकल सहायता पहुंचाई। पैरासिटामोल हो, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन हो, टेस्टिंग से जुड़ा सामान हो भारत ने दूसरे देश के लोगों को भी बचाने की हरसंभव कोशिश की। आज जब हमने अपनी वैक्सीन बना ली है तब भी भारत की तरफ दुनिया आशा और उम्मीद की नजरों से देख रही है।कोरोना से जंग में भारत कई देशों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है। संकट की घड़ी में जहां ज्यादातर देश अपने हित की सोच रहे हैं, लेकिन भारत पड़ोसी देशों को कोरोना वैक्सीन दे रहा है वो भी मुफ्त में। भारत 45 लाख वैक्सीन पड़ोसी देशों को उपलब्‍ध कराएगा।वैक्सीन भेजने की प्रक्रिया को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'वैक्सीन मैत्री' का नाम देते हुए ट्वीट किया है वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक लंबे समय तक भरोसेमंद साझेदार रहने पर भारत सम्मानित महसूस करता है। कई देशों को कोविड वैक्सीन की सप्लाई शुरू हो जाएगी, आने वाले दिनों में इसे और ज्यादा देशों को भेजा जाएगा।Image Source : ANIfirst consignment of Covishield vaccine dispatched to Bhutan and Maldivesमालदीव को कोविशील्ड की 1 लाख डोज़ भेजी जा रही हैं। बांग्लादेश को कोविशील्ड की 20 लाख डोज़ भेजी जा रही हैं। ये वैक्सीन इन देशों को अनुदान सहायता के रूप में दी जाएगी। इसके बाद जिन देशों को जिनती डोज़ चाहिए, वो वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ समझौता करेंगे।ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, मोरक्को, कंबोडिया, सऊदी अरब और मंगोलिया भी भारत से वैक्सीन की डिमांड कर चुके हैं। ब्राजील सरकार पहले ही भारत से वैक्सीन लाने के लिए विमान भेज चुकी है, वहीं दक्षिण अफ्रीका को उम्मीद है कि उसे वैक्सीन की पहली खेप फरवरी के पहले हफ्ते तक मिल जाएगी।मंगलवार को शाम 6 बजे तक एक लाख 77 हजार 368 लोगों को टीका लगाया गया। 16 जनवरी को शुरू होने के बाद अब तक कुल 6 लाख 31 हजार 417 हेल्थ केयर वर्कर्स को टीका लगा दिया गया है। वहीं नौ लोगों में AEFI यानी साइड इफेक्ट की शिकायत सामने आई है।यह भी पढ़ें: खुशखबरी: अब credit cards पर मिलेगी ब्‍याज-फ्री कैश लेने की सुविधायह भी पढ़ें: SBI, HDFC और ICICI बैंक के ग्राहक जरूर पढ़ें ये खबर, RBI ने किया इनके बारे में बड़ा खुलासायह भी पढ़ें: अगर आपके पास हैं 14504 रुपये, तो आप भी उठा सकते हैं मोटी कमाई के इस मौके का फायदायह भी पढ़ें: WhatsApp से प्रतियोगिता में हारी ये कंपनी, की अपनी मैसेजिंग सर्विस बंद करने की घोषणा
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https://www.indiatv.in/india/national-farmers-tractor-rally-republic-day-parade-helpline-number-released-767935
किसानों ने गणतंत्र दिवस परेड को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया, इस नंबर पर कॉल करके पूछे सवाल
संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान गणतंत्र दिवस परेड को लेकर विज्ञपति जारी की है। किसान मोर्चा ने इसमें कहा है कि आज तक देश में गणतंत्र दिवस पर इस देश के गण यानी कि हम लोगों ने कभी इस तरह परेड नहीं निकाली है।
नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान गणतंत्र दिवस परेड को लेकर विज्ञपति जारी की है। किसान मोर्चा ने इसमें कहा है कि आज तक देश में गणतंत्र दिवस पर इस देश के गण यानी कि हम लोगों ने कभी इस तरह परेड नहीं निकाली है। हमे इस परेड के जरिए देश और दुनिया को अपना दुख दर्द दिखाना है, तीनों किसान विरोधी कानूनों की सच्चाई को बताना है। हमें ध्यान रखना है कि इस ऐतिहासिक परेड में किसी किस्म का धब्बा ना लगने पाए। परेड शांति पूर्वक और बिना किसी वारदात के पूरी हो इसमें हमारी जीत है। याद रखिए, हम दिल्ली को जीतने नहीं जा रहे हैं, हम देश की जनता का दिल जीतने जा रहे हैं।इस को ध्यान में रखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सर्वसम्मति से परेड के लिए हिदायतें जारी की है। अगर आपको किसान आंदोलन के संबंध में कुछ पूछना हो तो अपने संगठन के नेताओं से पूछें या फिर हेल्पलाइन नंबर 7428384230 पर कॉल कर जानकारी प्राप्त कर सकते है।पढ़ें- दिल्ली में 26 जनवरी पर कौनसे रास्ते खुलेंगे और बंद रहेंगे, दिल्ली मेट्रों की भी जानें पूरी डिटेलपढ़ें- पेट्रोल की कीमत में लगी आग, यहां 100 रुपए से ऊपर पहुंची कीमतपरेड से पहले की तैयारीपढ़ें- फायदे की खबर! रेलवे ने लॉन्च किया rail madad app, हजारों लोगों को होगा फायदापढ़ें- Paytm से रेलवे टिकट ऐसे करें बुक, देखें आसान तरीकापरेड के दौरान हिदायतेंपरेड की शुरुआत किसान नेताओं की गाड़ी से होगी। उनसे पहले कोई ट्रैक्टर या गाड़ी रवाना नहीं होगी। हरे रंग की जैकेट पहने हमारे ट्रैफिक वॉलिंटियर की हर हिदायत को माने।इमरजेंसी की हिदायतेंसंयुक्त किसान मोर्चा ने हर किसम की इमरजेंसी का इंतजाम किया है इसलिए कोई दिक्कत होने पर घबराएं नहीं, बस इन हिदायतों का पालन करें:
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https://www.indiatv.in/india/national-india-s-total-covid-19-vaccine-doses-administered-crosses-99-crore-819664
देश में अब तक 99 करोड़ से अधिक लोगों को लग चुका है कोविड-19 वैक्सीन
बयान में कहा गया कि राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे उन जिलों को प्राथमिकता दें, जहां वैक्सीन कम लगे हैं और अतिरिक्त कोविड-19 वैक्सीनेशन केन्द्रों की जरूरत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच में सुधार की आवश्यकता का पता लगाएं।
नयी दिल्ली: देश में मंगलवार तक कोविड-19 वैक्सीन की 99 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंगलवार को शाम सात बजे तक वैक्सीन की 37,92,737 खुराक दी गई। देर रात जारी होने वाले आंकड़ों के बाद इस संख्या में वृद्धि हो सकती है। देशव्यापी वैक्सीनेशन 16 जनवरी को शुरू हुआ था। पहले चरण में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को टीका दिया गया उसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का वैक्सीनेशन हुआ। वैक्सीनेशन का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ जब पहले से किसी बीमारी से पीड़ित 45 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों तथा 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन दिया गया। देश में एक मई से 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी लोगों को कोविड वैक्सीन दिया जा रहा है। अब वैक्सीनेशन को और बेहतर बनाने के लिए केन्द्र ने राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से दूसरी खुराक लगाने पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा है। केन्द्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए नए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से भी सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों के साथ वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा की। भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि देश में जल्द ही वैक्सीन की एक अरब खुराक दे दी जाएंगी। उन्होंने राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों का सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने की दिशा में किए प्रयासों के लिए शुक्रिया अदा किया। बयान के अनुसार इस बात पर जोर दिया गया कि बड़ी संख्या में लोगों को दूसरी खुराक नहीं दी गई है। राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को दूसरी खुराक पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। कई राज्यों के पास दूसरे वैक्सीन के लिए पर्याप्त खुराक हैं। भारत सरकार, राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को अतिरिक्त खुराक मुहैया कराने की स्थिति में है, ताकि इस कार्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने साथ ही वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने का भी आह्वान किया। बयान में कहा गया कि राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई थी कि वे उन जिलों को प्राथमिकता दें, जहां वैक्सीन कम लगे हैं और अतिरिक्त कोविड-19 वैक्सीनेशन केन्द्रों की जरूरत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच में सुधार की आवश्यकता का पता लगाएं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए पिछले एक साल में मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की हैं। बयान में कहा गया कि गृह मंत्रालय, आप्रवासन ब्यूरो, नागर विमानन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर इन दिशानिर्देशों की समीक्षा की जा रही है। राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को भी इस संबंध में अपने विचार साझा करने को कहा गया है।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/up-news-dms-of-6-districts-including-meerut-rae-bareilly-changed-in-up-know-who-got-posted-where-2022-04-15-845114
UP News: यूपी में मेरठ-रायबरेली समेत 6 जिलों के DM बदले गए, जानिए किसे कहां मिली तैनाती
योगी सरकार ने रायबरेली के डीएम वैभव श्रीवास्तव (IAS 2009) को प्रतीक्षारत किया है, उनकी जगह पर माला श्रीवास्तव (IAS 2009) रायबरेली की नई DM बनायी गई हैं। दीपक मीणा (IAS 2011) को मेरठ का नया डीएम बनाया गया है।
UP News: योगी सरकार ने बीती गुरुवार देर रात पुलिस विभाग में कई फेरबदल किए। योगी सरकार ने 14 आईपीएस अफसरों के तबादले करते हुए उन्हें नई तैनाती दे दी है और कई जिलों के पुलिस कप्तान भी बदल दिए गए हैं। हालांकि, कुछ अफसरों को वेटिंग लिस्ट में भी डाल दिया गया है। मेरठ, संभल, सिद्धार्थनगर, कानपुर देहात, देवरिया और रायबरेली में नए डीएम की तैनाती की गई है। सिद्धार्थनगर के डीएम रहे दीपक मीणा को मेरठ का नया डीएम बनाया गया है।योगी सरकार ने रायबरेली के डीएम वैभव श्रीवास्तव (IAS 2009) को प्रतीक्षारत किया है, उनकी जगह पर माला श्रीवास्तव (IAS 2009) रायबरेली की नई DM बनायी गई हैं। दीपक मीणा (IAS 2011) को मेरठ का नया डीएम बनाया गया है। नेहा जैन (IAS 2014) अब कानपुर देहात की नई डीएम होंगी। जितेंद्र प्रताप सिंह (IAS 2013) को का नया डीएम बनाया गया है। संजीव रंजन (IAS 2013) को डीएम सिद्धार्थनगर के रूप में तैनाती दी गई है। मेरठ के नगर आयुक्त रहे मनीष बंसल (IAS 2014) को संभल का डीएम बनाया गया है। देवरिया के डीएम आशुतोष निरंजन को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। समीर वर्मा सचिव लोक निर्माण को हटाकर सचिव समाज कल्याण बनाया गया है। मेरठ के डीएम रहे के बालाजी (IAS 2010) को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया गया है। बलकार सिंह (IAS 2004) को एमडी जल निगम बनाया गया है। अनुराग यादव (IAS 2000) सचिव कृषि बनाये गये हैं।UP News: योगी सरकार ने बीती गुरुवार देर रात पुलिस विभाग में कई फेरबदल किए। योगी सरकार ने 14 आईपीएस अफसरों के तबादले करते हुए उन्हें नई तैनाती दे दी है और कई जिलों के पुलिस कप्तान भी बदल दिए गए हैं। हालांकि, कुछ अफसरों को वेटिंग लिस्ट में भी डाल दिया गया है। मेरठ, संभल, सिद्धार्थनगर, कानपुर देहात, देवरिया और रायबरेली में नए डीएम की तैनाती की गई है। सिद्धार्थनगर के डीएम रहे दीपक मीणा को मेरठ का नया डीएम बनाया गया है।योगी सरकार ने रायबरेली के डीएम वैभव श्रीवास्तव (IAS 2009) को प्रतीक्षारत किया है, उनकी जगह पर माला श्रीवास्तव (IAS 2009) रायबरेली की नई DM बनायी गई हैं। दीपक मीणा (IAS 2011) को मेरठ का नया डीएम बनाया गया है। नेहा जैन (IAS 2014) अब कानपुर देहात की नई डीएम होंगी। जितेंद्र प्रताप सिंह (IAS 2013) को का नया डीएम बनाया गया है। संजीव रंजन (IAS 2013) को डीएम सिद्धार्थनगर के रूप में तैनाती दी गई है। मेरठ के नगर आयुक्त रहे मनीष बंसल (IAS 2014) को संभल का डीएम बनाया गया है। देवरिया के डीएम आशुतोष निरंजन को हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया है। समीर वर्मा सचिव लोक निर्माण को हटाकर सचिव समाज कल्याण बनाया गया है। आईपीएस विकास वैद्य हाथरस के नए पुलिस कप्तान बनाए गए हैं। सहारनपुर ग्रामीण के अपर पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा को चित्रकूट का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं, पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल को कुशीनगर का पुलिस कप्तान बनाया गया है, जबकि पुलिस अधीक्षक कुशीनगर रहे सचिन्द्र पटेल को वेटिंग में डाल दिया गया है। इसी तरह बलरामपुर के एसपी हेमंत कुटियाल को एसएसपी बनाकर मुरादाबाद में तैनाती दी गई है। मुरादाबाद के एसएसपी रहे बबलू कुमार को तैनाती नहीं मिली है और उन्हें प्रतीक्षा सूची में दाल दिया गया है। हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल को अमरोहा का पुलिस कप्तान बनाया गया है, जबकि अमरोहा की पुलिस अधीक्षक रहीं पूनम को वेटिंग लिस्ट में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक आईपीएस पूनम के खिलाफ जिले के बड़े नेताओं ने शिकायत की थी, जिसके बाद उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-naval-top-commanders-3-days-conference-start-18-august-amid-border-dispute-with-china-734465
नौसेना के टॉप कमांडर्स का 3 दिवसीय सम्मेलन कल से, चीन समेत भारत की समुद्री सुरक्षा की समीक्षा करेंगे
भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर बुधवार (19 अगस्त) से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में क्षेत्र में उभरती समुद्री सुरक्षा संरचना और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे।
नयी दिल्ली। चीन के साथ लद्दाख में तनाव के बीच भारतीय वायुसेना के बाद अब भारतीय नौसेना ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडर बुधवार (19 अगस्त) से शुरू होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में क्षेत्र में उभरती समुद्री सुरक्षा संरचना और पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं। यह डिपोर्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) बनाये जाने और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) पद सृजित किये जाने के बाद नौसेना कमांडरों का होने वाला पहला सम्मेलन है। अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन का प्रमुख जोर भारतीय नौसेना की तैयारियों के साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के सुरक्षा हितों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करना होगा, जहां चीन तेजी से अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। भारतीय नौसेना ने सीमा विवाद बढ़ने के बाद चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती की है। 50 रुपए क्यों किया गया प्लेटफॉर्म का टिकट? रेलवे ने बताई इसकी वजहभारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, 'यह सम्मेलन हमारी उत्तरी सीमाओं पर हाल की घटनाओं और कोविड-19 के चलते उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों की पृष्ठभूमि में अधिक महत्व रखता है।' इसमें कहा गया है कि नौसेना के कमांडर सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के साथ ही दक्षता में सुधार करने के लिए नौसेना में कार्यात्मक पुनर्गठन पर भी विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही सम्मेलन में हिंद-प्रशांत में बड़ी सुरक्षा जरूरतों पर भी चर्चा होगी। पानी-पानी जिंदगानी: अबतक 1 हजार से ज्यादा की मौत, लाखों लोग घर से हुए बेघरकमांडर-इन-चीफ के साथ चीफ आफ नेवल स्टाफ नौसेना में संचालन, साजोसामान, मानव संसाधन, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे जो वर्ष के दौरान हुई हैं और भविष्य के कदमों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किए स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस भारत की कोरोना वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल आज-कल में होगा शुरू: नीति आयोगचुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा, एडीबी बैंक में संभालेंगे उपाध्यक्ष की जिम्मेदारीपाकिस्तान भी बना रहा है कोरोना की वैक्सीन, तीसरे चरण के ट्रायल को शुरू करने का दावासिर्फ सांस से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स ही नहीं बल्कि इनके जरिए भी फैलता है वायरस!
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https://www.indiatv.in/india/national-rafale-fighter-aircraft-to-feature-in-air-force-day-parade-745077
वायु सेना दिवस की परेड में पहली बार शामिल होगा राफेल लड़ाकू विमान
वायु सेना में औपचारिक रूप से 10 सितंबर को पांच राफेल लड़ाकू विमान शामिल किए गए थे। इससे देश की वायु क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बहु-उद्देश्यीय भूमिका में कामयाब राफेल विमानों को सटीकता से हमला करने और वायु क्षेत्र में दबदबा कायम करने के लिए जाना जाता है।
नयी दिल्ली: राफेल लड़ाकू विमान की गर्जना एक बार फिर देश के दुश्मनों की नींद उड़ाने वाली है। राफेल लड़ाकू विमान एक बार फिर उड़ान भरने वाले हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) आठ अक्तूबर, 2020 को अपनी 88वीं वर्षगांठ पूरे गर्व से मनाएगी।आईएएफ के एक अधिकारी ने बताया कि राफेल लड़ाकू विमान आठ अक्टूबर को वायु सेना दिवस की परेड में हिस्सा लेगा। वर्ष 1932 में भारतीय वायु सेना की स्थापना के उपलक्ष्य में वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस साल वायुसेना 88वीं वर्षगांठ मनाएगी। गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर वार्षिक परेड में विभिन्न विमानों को प्रदर्शित किया जाएगा। वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘आठ अक्टूबर को वायु सेना दिवस की परेड में दूसरे विमानों के साथ ही राफेल विमान भी हिस्सा लेगा।’’ वायु सेना ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘राफेल 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। दोहरे इंजन ओम्नीरोल के साथ हवाई टोही, सटीकता से वार, जहाज रोधी और परमाणु संपन्न, हथियारों से लैस है।’’ वायु सेना में औपचारिक रूप से 10 सितंबर को पांच राफेल लड़ाकू विमान शामिल किए गए थे। इससे देश की वायु क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। बहु-उद्देश्यीय भूमिका में कामयाब राफेल विमानों को सटीकता से हमला करने और वायु क्षेत्र में दबदबा कायम करने के लिए जाना जाता है। पांच राफेल विमान की पहली खेप 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आ गयी थी। नवंबर तक चार से पांच और राफेल लड़ाकू विमानों के आने की संभावना है।
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मुस्लिम नेतृत्‍व तैयार करने का मुद्दा: ओवैसी के लिये कैसी है उत्तर प्रदेश की डगर?
उत्तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्व है, मगर जनसंख्या में 19 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्य नेतृत्व नजर नहीं आता।
लखनऊ. मुसलमानों को नेतृत्‍व मुहैया कराने के मुख्‍य मुद्दे के साथ उत्‍तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने जा रही असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने परम्‍परागत रूप से मुस्लिम वोट हासिल करने वाली पार्टियों में बेचैनी पैदा कर दी है। ओवैसी ने आरोप लगाया है कि चाहे मुसलमानों के सबसे ज्‍यादा वोट हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) हो या फिर सामाजिक न्‍याय के लिये दलित-मुस्लिम एकता की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) हो, किसी ने भी मुसलमानों को नेतृत्‍व नहीं दिया। वह इसी आरोप को उत्‍तर प्रदेश में अपने चुनावी अभियान का आधार बना रहे हैं।उत्‍तर प्रदेश की आबादी में अपेक्षाकृत कम हिस्‍सेदारी रखने वाली जाटव, यादव, राजभर और निषाद समेत विभिन्‍न जातियों का कमोबेश अपना-अपना नेतृत्‍व है, मगर जनसंख्‍या में 19 प्रतिशत से ज्‍यादा भागीदारी रखने वाले मुसलमानों का कोई सर्वमान्‍य नेतृत्‍व नजर नहीं आता। राज्‍य में 82 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां पर मुसलमान मतदाता जीत-हार तय करने की स्थिति में हैं, मगर राजनीतिक हिस्‍सेदारी के नाम पर उनकी झोली में कुछ खास नहीं है।एआईएमआईएम के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता सैयद आसिम वकार ने रविवार को 'भाषा' से कहा कि उनकी पार्टी का मुख्‍य लक्ष्‍य मुसलमानों को अपनी कौम की तरक्‍की और बेहतर भविष्‍य के लिये एक राजनीतिक चिंतन करने और नेतृत्व चुनने के लिए जागरुक करना है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट हासिल करती आयीं ‘‘तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों’’ ने भी कभी मुस्लिम नेतृत्‍व को उभरने नहीं दिया और सच्‍चर कमेटी की रिपोर्ट से जाहिर हो गया है कि मुसलमानों की हितैषी बनने वाली पार्टियों ने उन्‍हें किस हाल में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि अब जब ओवैसी मुसलमानों को नेतृत्‍व देने की बात कर रहे हैं तो इस कौम को अपना सियासी गुलाम समझने वाली पार्टियों में खलबली मच गयी है।मुसलमानों को नेतृत्‍व देने की कोशिश पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन सवाल यह है कि मुखर हिंदुत्‍ववादी राजनीति के उभार के बाद क्‍या मुसलमान इतने जागरुक हो चुके हैं कि वे अपना सर्वमान्‍य नेतृत्‍व तैयार कर सकें। इस बारे में विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। राजनीतिक विश्‍लेषक परवेज अहमद ने कहा, "ओवैसी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नहीं, बल्कि उन पार्टियों के निशाने पर हैं जो अभी तक मुसलमानों को भाजपा का डर दिखाकर उनका वोट हासिल करती रही हैं। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां प्रचार कर रही हैं कि ओवैसी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट काटकर भाजपा को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।"जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक उत्‍तर प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की हिस्‍सेदारी 19.26 प्रतिशत है। ऐसा माना जाता है कि राज्‍य की 403 में से 82 विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमान निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। राजनीतिक विश्‍लेषक रशीद किदवाई का मानना था कि ओवैसी को बिहार में कामयाबी इसलिये मिली क्‍योंकि उनके पास कुछ अच्‍छे प्रत्‍याशी आ गये थे, जिनका अपना जनाधार था। उन्होंने कहा, "उत्‍तर प्रदेश में ऐसा नहीं लगता कि ओवैसी को कुछ खास कामयाबी मिलेगी, क्‍योंकि उत्‍तर प्रदेश में ज्‍यादातर मुसलमान उसी पार्टी को वोट देते रहे हैं जो भाजपा को हराने में सक्षम हो।"गौरतलब है कि AIMIM ने उत्‍तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी पूर्वांचल में दबदबा रखने वाली राजभर बिरादरी के नेता सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्‍यक्ष ओम प्रकाश राजभर के साथ जुगलबंदी कर रहे हैं। इसके जरिये वह पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम मतदाताओं का नया फार्मूला कारगर साबित होने की उम्‍मीद कर रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national/this-state-has-increased-the-retirement-age-of-doctors-by-2-years-know-now-what-will-be-the-retirement-age-2022-04-23-846537
इस राज्य ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 2 साल बढ़ाई, जानिए अब कितनी होगी रिटायरमेंट की उम्र
नागालैंड सरकार ने अस्पतालों और क्लीनिकों में काम करने के लिए सलाहकार, वरिष्ठ सलाहकार और विशेषज्ञ के रूप में पुन: रोजगार के माध्यम से आयुष और दंत चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का निर्णय लिया।
कोहिमा। मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा से प्रेरित होकर, नागालैंड सरकार ने अस्पतालों और क्लीनिकों में काम करने के लिए सलाहकार, वरिष्ठ सलाहकार और विशेषज्ञ के रूप में पुन: रोजगार के माध्यम से आयुष और दंत चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने का निर्णय लिया। चिकित्सा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री द्वारा 26 मई 2016 को सहारनपुर में की गई घोषणा और बाद में केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के आधार पर निर्णय लिया। अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने 31 मई 2016 को केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीएचएस) के विभिन्न श्रेणियों के चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष करने का आदेश जारी किया था।सीएमओ अधिकारी ने कहा कि सेवा विस्तार का विकल्प चुनने वाले इच्छुक सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारियों को बिना साक्षात्कार के शामिल होने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन शारीरिक फिटनेस आदि के लिए उनकी जांच की जाएगी।नागालैंड इन-सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन ने हाल ही में 18 अप्रैल से तीन दिवसीय 'सामूहिक आकस्मिक अवकाश' आंदोलन की घोषणा की, जिसमें सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि की मांग की गई थी। हालांकि, मुख्य सचिव जे.आलम और एनआईडीए नेताओं के बीच बैठक और उसके बाद सरकार की अपील के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया था।मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 60 नए पद सृजित करने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें कोहिमा में मेडिकल कॉलेज के लिए निदेशक का एक पद, चिकित्सा अधीक्षक का एक पद, प्रोफेसर के 6 पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 22 पद और ट्यूटर और सीनियर रेजिडेंट के 25 पद शामिल हैं।इनपुट: आईएएनएस
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https://www.indiatv.in/india/national/jammu-and-kashmir-security-forces-killed-three-terrorists-in-an-encounter-search-operation-continues-in-the-entire-area-829274
जम्मू-कश्मीर: मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकी किए ढेर, पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। इसके अलावा जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग इलाके में भी एनकाउंटर जारी है। दोनों ही इलाकों में ऑपरेशन जारी है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में शोपियां के चौगाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। खबरों के मुताबिक इस ऑपरेशन में दो आतंकी फंस गए थे। अब उन्हें मार गिराया गया था। सुरक्षा बलों ने दहशतगर्दों को ढेर कर दिया था।कथित तौर पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी मार गिराया था। सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों की पहचान ब्रारीपोरा के सज्जाद अहमद चेक, शोपियां और आचन पुलवामा के राजा बासित नजीर के रूप में हुई थी। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में कल हुई मुठभेड़ में हिज्बुल का एक आतंकवादी मारा गया था।अनंतनाग में CRPF के बंकर पर फेंका था ग्रेनेडजम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकियों ने CRPF के बंकर पर ही ग्रेनेड हमला कर दिया था। ये ग्रेनेड बंकर से थोड़ा दूर एक खुली जगह पर गिरा था, इससे किसी प्रकार का कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था। हमले के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के अरवानी इलाके को घेर लिया और छानबीन शुरू कर दी थी। फिलहाल पूरे इलाके को खाली करवा दिया गया था। इससे पहले रविवार को जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में स्थित एक पोस्ट ऑफिस पर आतंकियों ने ग्रेनेड हमला हुआ था। 'ग्रेटर कश्मीर' के मुताबिक, इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। घायलों को नज़दीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हमले के तुरंत बाद पूरे इलाके में गतिविधियों को रोक दिया गया था और चारों तरफ सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए थे। आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। किसी की गिरफ्तारी की जानकारी नहीं दी गई थी।
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गोमती रिवर फ्रंट घोटाला! नोएडा, गाजियाबाद और लखनऊ सहित 42 जगहों पर CBI की छापेमारी
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के दौरान गोमती नदी पर रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट शुरू गिया गया था और आरोप है कि उस प्रोजेक्ट में घोटाला हुआ है। लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के लिए अखिलेश सरकार ने 1513 करोड़ मंजूर किए थे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट में घोटाले के आरोप में FIR के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 42 जगहों पर सोमवार को छापेमारी हुई है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली और इटावा में CBI ने छापेमारी की है। यूपी की कुल 40 जगहों पर छापेमारी हुई है, इसके अलावा राजस्थान और पश्चिम बंगाल में भी छापे पड़े हैं। CBI ने इस मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज की है और कुल 189 लोगों को आरोपी बनाया है जिनमें 173 प्राइवेट पर्सन हैं और 16 सरकारी अधिकारी हैं। सरकारी अधिकारियों में 3 चीफ इंजीनियरों और 6 सहायक इंजीनियरों के यहां छापेमारी हो रही है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार के दौरान गोमती नदी पर रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट शुरू गिया गया था और आरोप है कि उस प्रोजेक्ट में घोटाला हुआ है। लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के लिए अखिलेश सरकार ने 1513 करोड़ मंजूर किए थे, लेकिन बाद में 1437 करोड़ रुपए जारी होने के बावजूद रिवर फ्रंट का सिर्फ 60 प्रतिशत ही काम हो पाया था। आरोप है कि इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनियों ने 95 प्रतिशत पैसा लेने के बावजूद 60 प्रतिशत ही काम किया था।2017 में जब उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो गोमती रिवर फ्रंट में हुए कथित घोटाले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया किया था। जांच में सामने आया कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया, पूरे प्रोजेक्ट में करीब 800 टेंडर निकाले गए थे, जिसका अधिकार चीफ इंजीनियर को दे दिया गया था। मई 2017 में रिटायर्ड जज आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट भेजी और प्रोजेक्ट में कई खमियां बताईं। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र को पत्र भेजा था।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh-up-s-sultanpur-to-be-renamed-as-kush-bhawanpur-810216
सुल्तानपुर का नाम बदलकर होगा कुश भवनपुर? योगी सरकार करेगी फैसला
अभी उन्नाव के डीएम ने मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने की सिफारिश सरकार से की है। अलीगढ़ की ज़िला पंचायत ने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ, मैनपुरी ज़िला पंचायत ने मैनपुरी का नाम मयन नगरी और फ़िरोज़ाबाद ज़िला पंचायत ने फ़िरोज़ाबाद जा नाम चंद्रनगर करने का प्रस्ताव पास भी कर दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुश भवनपुर करने की तैयारी कर रही है। भगवान श्री राम के पुत्र का नाम कुश था। राजस्व परिषद ने सुल्तानपुर का नाम बदलने का प्रस्ताव योगी सरकार को भेज दिया है। सुल्तानपुर के लम्भुआ से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुश के नाम पर करने की मांग विधानसभा में की थी। इसके बाद सुल्तानपुर के डीएम ने गज़ेटियर का हवाला देते हुए सुल्तानपुर का नाम कुश भवनपुर करने की सिफारिश रेवन्यू बोर्ड को भेजी थी।अब रेवन्यू बोर्ड ने सुल्तानपुर का नाम बदलने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट इसपर फैसला करेगी। योगी सरकार पहले ही फैज़ाबाद का नाम बदलकर अयोध्या, इलाहाबाद का प्रयागराज कर चुकी है। इसके अलावा अलीगढ़, फिरोजाबाद, देवबंद, गाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर ,बस्ती, मैनपुरी का नाम बदलने की भी मांग हो रही है।अभी उन्नाव के डीएम ने मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने की सिफारिश सरकार से की है। अलीगढ़ की ज़िला पंचायत ने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ, मैनपुरी ज़िला पंचायत ने मैनपुरी का नाम मयन नगरी और फ़िरोज़ाबाद ज़िला पंचायत ने फ़िरोज़ाबाद जा नाम चंद्रनगर करने का प्रस्ताव पास भी कर दिया है। /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप गांधी का कोरोना से निधन, दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था इलाज
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता दिलीप गांधी का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। उनका दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। दिलीप गांधी की उम्र 69 वर्ष थी
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता दिलीप गांधी का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। उनका दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। दिलीप गांधी की उम्र 69 वर्ष थी। जानकारी के मुताबिक वे कुछ आवश्यक कार्य से दिल्ली आए हुए थे जहां उन्हें स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ हुई। इसके बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उनका इलाज शुरू हुआ। लेकिन इलाज के दौरान ही आज सुबह उनका निधन हो गया। दिलीप गांधी अहमदनगर दक्षिम से लगातार तीन बार (1999 , 2009, और 2014 )भारतीय जनता पार्टी के सांसद रहे। वर्ष 2003 से 2004 तक उन्होंने केंद्रीय मंत्री के तौर पर शिपिंग मंत्रालय का काम भी संभाला। वर्ष 2019 में दिलीप गांधी के बजाए राधाकृष्ण विखेपाटील के बेटे सुजय विखेपाटील को बीजेपी ने लोकसभा का टिकट दिया था। दिलीप गांधी नितीन गडकरी के भरोसेमंद सहकारी माने जाते थे।
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'असदुद्दीन ओवैसी भी बन सकते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री'
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कहा कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी यदि उत्तर प्रदेश के मतदाता बन जाये तो वह भी यहां के मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
बलिया. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी यदि उत्तर प्रदेश के मतदाता बन जाये तो वह भी प्रदेश के मुख्यमंत्री हो सकते हैं। भाजपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री राजभर ने शुक्रवार रात जिले के रसड़ा स्थित अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए ये बात कही।ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि कहा कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी यदि उत्तर प्रदेश के मतदाता बन जाये तो वह भी यहां के मुख्यमंत्री हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में मुसलमान करीब 20 फीसदी हैं। उनकी हिस्सेदारी है तो सत्ता में भी उनकी भागीदारी होनी चाहिए, उनका अधिकार है, मुसलमानों का भी हिस्सा है।"उन्होंने सवाल किया कि मुसलमान का बेटा क्यों नहीं मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री बन सकता है? क्या मुसलमान होना गुनाह है? उन्होंने कहा कि अलगाववाद व पाकिस्तान की बात हमेशा करने वाली महबूबा मुफ्ती से समझौता कर भाजपा ने जम्मू कश्मीर में सरकार बनाई। राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिये बिना कहा कि वह चालाक निकले तथा उत्तराखंड से आकर उत्तर प्रदेश का मतदाता बनकर मुख्यमंत्री बन गए।
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बुलंदशहर: PM मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने वाला गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 31 वर्षीय एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर गिरफ्तार किया गया है।
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 31 वर्षीय एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी के अनुसार शनिवार को इस मामले में जिले की साइबर इकाई द्वारा शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद आरोपी सलीम खान को कोतवाली देहात पुलिस की एक टीम ने पकड़ लिया।कोतवाली देहात के थाना प्रभारी नरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा, ‘‘आरोपी ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला था, जिसमें उसने प्रधानमंत्री के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। कई लोगों ने स्थानीय पुलिस को इस आपत्तिजनक सामग्री के बारे में बताया, जिसके बाद कार्रवाई की गयी।’’शर्मा के अनुसार, आरोपी स्थानीय निवासी है और पढ़ा-लिखा है लेकिन उसके कामकाज के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ सामने नहीं आया है। शर्मा के मुताबिक, खान पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम एवं भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
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UP Vaccination: देश के 100 करोड़ वैक्सीनेशन में 43 लाख से ज्यादा लखनऊ का योगदान
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में अबतक कुल 43,30,290 कोरोनी की खुराकें लगाई जा चुकी हैं। लखनऊ के 80 प्रतिशत लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी चुकी है और 36 प्रतिशत लोगों को कोविड टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।
लखनऊ। देश में कोविड-19 टीकों की अब तक दी गई खुराकों की संख्या गुरुवार को 100 करोड़ के पार पहुंच गई है। देश में तेजी से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन प्रोग्राम में उत्तर प्रदेश का भी अहम योगदान है। देश के 100 करोड़ वैक्सीनेशन में यूपी के लखनऊ में 43 लाख से ज्यादा खुराकें लगाने के साथ पहले पायदान पर है। प्रयागराज 33.26 लाख के साथ दूसरे, गाजियाबाद 31.34 लाख डोज के साथ तीसरे स्थान पर है।लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में अबतक कुल 43,30,290 कोरोनी की खुराकें लगाई जा चुकी हैं। लखनऊ के 80 प्रतिशत लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी चुकी है और 36 प्रतिशत लोगों को कोविड टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि, लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने राजधानी लखनऊ में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर कमान संभाली हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी देश में 100 करोड़ टीकाकरण को लेकर बधाई दी है। सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा कि 'देश में अब तक रिकॉर्ड 100 करोड़ कोविड टीके का सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। यह आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व, प्रतिबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों के परिश्रम एवं अनुशासित नागरिकों की सहभागिता का सुफल है। कोरोना की हार तय है।'जानिए वैक्सीनेशन से जुड़े आंकड़ेसबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने के मामले में सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश का नाम है। उत्तर प्रदेश में 12,21,60,335 वैक्सीन डोज लग चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कुल 100.32 करोड़ टीकाकरण किया जा चुका है। 70.95 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है जबकि 29.36 करोड़ से अधिक लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। भारत में 60 साल से ऊपर वालों का 17.08 लाख टीकाकरण 45-60 साल के बीच वालों का 27.05 लाख टीकाकरण और 18-44 साल वालों का 55.76 लाख टीकाकरण किया जा चुका है। 51.78 लाख से अधिक पुरुषों का टीकाकरण जबकि 48.09 लाख से अधिक महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। देश में ज्यादातर आबादी को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई है। 88.35 लाख कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लगी है जबकि 11.44 लाख कोवैक्सीन की डोज लगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-cases-30-549-new-cases-death-latest-news-805859
Covid 19: पिछले 24 घंटे में 30,549 नए मामले आए, 422 लोगों की मौत
देशभर में कोरोना वायरस के 30,549 नए मामले सामने आए हैं जबकि पिछले 24 घंटे में 422 लोगों की मौत हो गई है।
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस के 30,549 नए मामले सामने आए हैं जबकि पिछले 24 घंटे में 422 लोगों की मौत हो गई है। देश में अबतक कोरोना संक्रमण के कुल 3,17,26,507 मामले सामने आए हैं जबकि 4,25,195 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक देश में इस समय कोरोना के कुल एक्टिव मामले 4,25,195 हैं। वहीं संक्रमण से अबतक 3,08,96,354 लोग रिकवर हो चुके हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या घटकर 4,04,958 हो गयी है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.28 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.38 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के मरीजों में 8,760 की कमी आई है। दैनिक संक्रमण दर 1.85 प्रतिशत है । साप्ताहिक संक्रमण दर 2.39 प्रतिशत है। मंत्रालय ने बताया कि रविवार को 16,49,295 नमूनों की जांच की गई जिससे देश में अब तक हुई कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या बढ़कर 47,12,94,789 हो गई है। इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,08,96,354 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। देश में अब तक कोविड-19 रोधी टीके की 47.85 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। देश में पिछले साल सात अगस्त में संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
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ग्रेटर नोएडा में बुजुर्ग दंपति की उन्हीं के घर में हत्या, मध्य प्रदेश के पूर्व CM के थे रिश्तेदार
ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-दो क्षेत्र के अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले एक बुजुर्ग दम्पत्ति की बृहस्पतिवार देर रात उनके ही घर में कथित तौर पर हत्या कर दी गई।
नोएडा (उप्र): जिले के थाना बीटा-दो क्षेत्र के अल्फा-2 सेक्टर में रहने वाले एक बुजुर्ग दम्पत्ति की बृहस्पतिवार देर रात उनके ही घर में कथित तौर पर हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस आयुक्त आलोक सिंह, अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था लव कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। मृतक दम्पत्ति को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बताया जा रहा है।पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने बताया कि थाना बीटा-दो क्षेत्र के अल्फा-2 सेक्टर के आई-24 नंबर मकान में रहने वाले नरेन्द्र नाथ (74) तथा उनकी पत्नी सुनीता नाथ (70) की उन्हीं के घर में हत्या कर दी गई। सुनीता का शव उनके घर के प्रथम तल पर मिला, जबकि नरेन्द्र नाथ का शव उनके घर के भूमिगत तल में बने एक स्टोर में मिला। उनके मुंह पर टेप लगी थी और हाथ बंधे थे।सुमननाथ भारतीय योग संस्थान में योग प्रशिक्षिका थी। घर की अलमारियां खुली पड़ी थी और सामान बिखरा हुआ थी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि मृतक दंपति के मार्केट में काफी पैसे दे दिए हुए हैं, जिसके चलते इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। हालांकि घर के अंदर सामान पूरी तरीके से बिखरा पड़ा हुआ है। लूटपाट के दौरान विरोध करने पर हत्या करने की आशंका जताई जा रही है।पुलिस आयुक्त ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि देर रात उनके घर पर कुछ लोग आए थे और वहां पार्टी हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। इस बीच, मृतक के बेटे रोहित नाथ ने पत्रकारों को बताया कि उनके तथा उनके परिवार की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है।
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आगरा में डंपर और कार के बीच भीषण टक्कर, 3 लोगों की मौके पर ही मौत
उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित फतेहाबाद में मंगलवार को एक तेज रफ्तार डंपर ने कार को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई।
आगरा| उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित फतेहाबाद में मंगलवार को एक तेज रफ्तार डंपर ने कार को टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। फतेहाबाद थाना के प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि मामला आगरा जनपद के डौकी थाना क्षेत्र के कुंडौल का है। पेट्रोल पंप से तेल भरवाने के बाद एक कार निकल रही थी इसी दौरान आगरा की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार डंपर ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायल को उपचार के लिए भेजा है। मरने वाले कुंडौल क्षेत्र के बताए गए हैं। इस घटना में एक साइकिल सवार भी चपेट में आ गया जो गंभीर रूप से घायल हुआ है।पुलिस टीम ने राहत बचाव शुरू किया। इस दौरान कार में फंसे शवों को बाहर निकालने में पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। कार को गैस कटर से काटा गया। करीब दो घंटे के बाद शवों को बाहर निकाला गया।पुलिस ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त हो गयी है। ये सभी कुंडौल के रहने वाले थे। वहीं, साइकिल सवार पानी लेने जा रहा था। उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इसके अलावा अज्ञात कैंटर ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
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Ram Navmi Shobha Yatra: कहीं हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, कहीं मुस्लिमों ने दिखाया भाईचारा... रामनवमी पर शोभायात्रा के अद्भुत नजारे
आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों में रामनवमी के अद्बुत नजारे देखने को मिल रहे हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक रामनवमी के मौके पर पूरे उल्लास के साथ शोभायात्राएं निकाली गईं।
नई दिल्ली: आज देशभर में धूमधाम से रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों में रामनवमी के अद्बुत नजारे देखने को मिल रहे हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक रामनवमी के मौके पर पूरे उल्लास के साथ शोभायात्राएं निकाली गईं। महाराष्ट्र की शोभायात्रा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए तो राजस्थान के सीकर में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। राजस्थान के सीकर में भगवान राम की शोभायात्रा के दौरान हजारों का हुजूम सड़क पर दिखाई पड़ा। करीब डेढ किलोमीटर लंबी शोभायात्रा में जगह- जगह पुष्पवर्षा हो रही है। इस दौरान हेलीकॉप्टर की पुष्पवर्षा ने शोभायात्रा की शोभा और बढ़ा दी। बताते चलें कि इस विशाल जुलूस की निगरानी के लिए 10 ड्रोन कैमरा से पूरी शोभायात्रा और आसपास के इलाके पर नजर रखी गई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 11,100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।वहीं राजस्थान के ही जैसलमेर में एक हाथी, 101 ऊंट और 51 घोड़े की अद्भुत शोभायात्रा निकली गई। हजारों लोगों के जनसैलाब ने इस त्योहार को धूमधाम से मनाया। वहीं इस दौरान एक सुखद चित्रा देखने को मिला। जुलूस के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने शोभायात्रा पर फूलों की बरसात करके आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की। महाराष्ट्र में पश्चिम नागपुर नागरिक संघ की ओर से राम नवमी के अवसर पर आज राम नगर स्थित श्रीराम मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में भगवान श्री राम की पालकी, राम रथ के साथ आकर्षक झांकियां निकाली गईं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरती की। पश्चिम नागपुर में शोभायात्रा 1973 से राम मंदिर से निकाली जा रही है, पिछले 3 सालों से कोरोना के चलते धार्मिक और सामूहिक आवाज दोनों पर प्रशासन द्वारा रोक लगाई गई थी। इस बार प्रशासन ने शोभा यात्रा के लिए अनुमति दी है जिसका नजारा आज देखने को मिला।
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https://www.indiatv.in/india/national/rajat-sharma-blog-the-kashmir-files-ask-farooq-abdullah-again-2022-03-23-840878
Rajat Sharma’s Blog | द कश्मीर फाइल्स: फारूक अब्दुल्ला से फिर पूछा जाए!
जो दस्तावेज सामने आ रहे हैं वे इस बात का सबूत हैं कि फारूक अब्दुल्ला को कश्मीर में पंडितों के खिलाफ हो रही साजिश का अंदेशा था।
'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म पर अब तक खामोश रहे नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को पहली बार खुलकर बात की।एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने 'द कश्मीर फाइल्स' को ‘एक प्रॉपेगेंडा फिल्म’ बताया। उन्होंने कहा, ‘इसमें एक ऐसी त्रासदी का ज़िक्र है जिसने राज्य के हर शख्स को प्रभावित किया, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान। मेरा दिल आज भी उस त्रासदी पर रोता है। राजनीतिक दलों के कई ऐसे तत्व थे जो एक खास समुदाय का सफाया चाहते थे।’फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'मेरा मानना है कि केन्द्र सरकार एक आयोग नियुक्त करे जो बताये कि इन नरसंहारों के लिए कौन जिम्मेवार था। अगर आप सच जानना चाहते हैं तो आपको एक आयोग नियुक्त करना होगा।'नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, 'अगर इसमें मुझे दोषी पाया गया तो मुझे बेशक देश में कहीं भी फांसी पर लटका दिया जाए। आयोग का नेतृत्व करने के लिए एक ईमानदार जज या कमिटी नियुक्त की जाय जो सच को सामने ला सके। आपको पता चल जाएगा कि कौन जिम्मेदार था। मुझे नहीं लगता कि मैं जिम्मेदार था। अगर लोग कड़वा सच जानना चाहते हैं, तो उस समय के इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ या केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से बात करें, जो उस वक्त केंद्रीय मंत्री थे।‘पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘नब्बे के दशक में न सिर्फ कश्मीरी पंडितों के साथ, बल्कि घाटी में सिखों और मुसलमानों के साथ क्या हुआ, इसकी जांच के लिए आयोग तो बनना ही चाहिए। मेरे विधायक, मेरे कार्यकर्ता, मेरे मंत्री भी मारे गए। उनमें से कुछ की लाशों को हमें पेड़ों से उतारना पड़ा था। ऐसे हालात थे।’फारूक अब्दुल्ला आयोग से जांच कराने की बात कहकर तो निकल गए, लेकिन वह शायद ये भूल गए कि जब सवाल उठेंगे तो आंच कहां तक पहुंचेंगी।मंगलवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने उस वक्त कश्मीर में तैनात अफसरों की बातें सुनवाईं, जिन्होंने बताया कि कश्मीर घाटी से पंडितों को क्यों भागना पड़ा? उस वक्त कश्मीर के हालात क्या थे? क्या सब कुछ 24 घंटों में हो गया या फिर कश्मीरी पंडितों के खिलाफ साजिश सालों से चल रही थी? और इस साजिश के लिए कौन जिम्मेदार था?मैं भी चाहता हूं कि 32 साल पहले किए गए गुनाहों का सच सामने लाने के लिए एक आयोग गठित किया जाए। आयोग को अपना काम पूरा करने में कई साल लगेंगे, लेकिन हकीकत बाहर आनी ही चाहिए। फारूक से यह भी पूछा जाएगा कि क्या कश्मीरी पंडितों का नरसंहार उनके पद छोड़ने के 10 घंटे के भीतर हुआ था, या यह उनके शासन के दौरान हुए खून-खराबे का नतीजा था?फारूक से पूछा जाएगा कि क्या उनकी सरकार को कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हो रही साजिश का कोई इल्म था या नहीं? उन्हें ये भी बताना पड़ेगा कि जब कश्मीर में हालात खराब हो रहे थे तो वह अचानक इस्तीफा देकर लंदन क्यों चले गए? उनसे पूछा जाएगा कि उनके लंदन जाने के कुछ घंटे बाद ही कश्मीरी पंडितों कत्लेआम क्यों हुआ, उनके घर क्यों जलाए गए और उन्हें घाटी छोड़ने की धमकी क्यों दी गई?जो दस्तावेज सामने आ रहे हैं वे इस बात का सबूत हैं कि फारूक अब्दुल्ला को कश्मीर में पंडितों के खिलाफ हो रही साजिश का अंदेशा था। फारूक अब्दुल्ला को इस बात की जानकारी थी कि कश्मीरी पंडितों को घरबार छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। इस बात के भी सबूत हैं कि 19 जनवरी 1990 से 3 महीने पहले ही कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया था।1997 में जम्मू-कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला की सरकार थी। उस वक्त उनकी सरकार ने Jammu and Kashmir Migrant Immovable Property Act, 1997 बनाया था। इस ऐक्ट में जम्मू-कश्मीर से पंडितों के पलायन के लिए कट ऑफ डेट 1 नवंबर 1989 लिखी गई है। कश्मीरी पंडितों के पलायन की जो कट ऑफ डेट इस ऐक्ट में बताई गई है, उस वक्त भी कश्मीर में फारूक अब्दुल्ला की ही सरकार थी। ऐक्ट में साफ-साफ जिक्र है कि जनवरी 1990 में फारूक के इस्तीफा देने से तीन महीने पहले ही घाटी से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया था!अब सवाल ये है कि फारूक और उनकी सरकार ने उन बेहद महत्वपूर्ण 79 दिनों के दौरान, 1 नवंबर 1989 से 18 जनवरी 1990 तक, कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम और पलायन को रोकने के लिए क्या किया। फारूक रेंजू शाह 1989 में श्रीनगर में सूचना विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर तैनात थे। फारूक रेंजू शाह ने कहा कि कश्मीरी पंडितों पर जुल्म साजिश थी, पाकिस्तान से आतंकवादियों को सियासी साजिश के तहत लाया गया था। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों पर जुल्म सितंबर 1989 से ही शुरू हो गए थे, .छोटी-मोटी घटनाएं और हमले उससे भी पहले से हो रहे थे। रेंजू शाह ने कहा कि अगर फारूक अब्दुल्ला चाहते तो हालात ऐसे खराब न हो पाते।फारूक रेंजू शाह ने यह भी कहा कि कश्मीर में 6 साल 264 दिन तक राष्ट्रपति शासन रहा, और इस दौरान कश्मीरी पंडित अपनी जो जमीन और मकान छोड़कर भागे थे, उनकी खरीद-बिक्री नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जैसे ही 1996 में फारूक अब्दुल्ला की सरकार आई, उन्होंने कानून बनाकर कश्मीरी पंडितों की प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री को मंजूरी दे दी। तब तक कश्मीरी पंडित वापस लौटने की आस खो चुके थे, और इसलिए उन्होंने मजबूरी में अपनी संपत्ति कौड़ियों के भाव बेच दी। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी का रास्ता भी बंद हो गया।मंगलवार की रात अपने शो 'आज की बात' में हमने श्रीनगर, गुलमर्ग, कुलगाम और नंदीमार्ग जैसी जगहों पर कश्मीरी पंडितों के तमाम जली हुई हवेलियां और मकानों की तस्वीरें दिखाई, जो खंडहर बनकर खड़े हैं अभी भी बिना बिके पड़े हैं। ये जले हुए और खंडहर बन चुके मकान जनवरी, 1990 में हुई कश्मीरी पंडितों की बर्बादी का जीता जागता सबूत हैं।1990 में पंडितों के कत्लेआम के समय एस पी वैद्य बडगाम के एडिशनल एसपी थे, जो बाद में राज्य पुलिस महानिदेशक बने। वैद्य ने इंडिया टीवी को बताया कि पंडितों की हत्या और पलायन के लिए तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व जिम्मेदार था। वैद्य ने कहा, जब जगमोहन ने राज्यपाल का पद संभाला तो हालात पूरी तरह बदल चुके थे। मस्जिदों के लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अज़ान की बजाय कश्मीरी पंडितों को इस्लाम कबूल करने या घाटी छोड़ने की धमकी देने के लिए किया जा रहा था। मस्जिदें उस वक्त अमन की बजाए खौफ का पैगाम दे रही थीं।वैद्य ने जो बताया उससे एक बात तो साफ है कि 18 जनवरी 1990 की शाम फारूक ने इस्तीफा दिया, और आधी रात के बाद मस्जिदों से ऐलान होने लगा कि कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ दें। कश्मीरी पंडितों पर हमले और आगजनी शुरू हो गई। सुबह तक घाटी का मंजर बदल चुका था और ज्यादातर पंडित अपना घरबार छोड़कर निकलने लगे थे। फारूक अब्दुल्ला से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों को बचाने के लिए क्या किया।वैद्य ने बताया कि कश्मीरी पंडितों को घाटी से भगाने की साजिश पाकिस्तान ने रची थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर में गड़बड़ी फैलाने के लिए 70 आतंकवादियों का पहला बैच भेजा था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनमें से कई आतंकवादियों को पकड़ लिया था, लेकिन 1989 में फारूक अब्दुल्ला की सरकार ने सभी आतंकवादियों को रिहा कर दिया। इससे कश्मीर में आतंकवाद को जड़ मिल गई और कश्मीरी पंडितों ने डर के साये में जीना शुरू कर दिया।मेरा केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि वह फारूक अब्दुल्ला की राय मान ले और हिंसा भड़काने में शामिल नेताओं, प्रशासकों और स्थानीय स्तर के नेताओं की भूमिका का पता लगाने के लिए एक जांच आयोग का गठन करे। एक बार पुरानी फाइलें दोबारा खुलने के बाद कई सवाल उठना लाजिमी है।फारूक अब्दुल्ला, सैफुद्दीन सोज़ और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को सारे आरोपों का जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिए। फारूक अब्दुल्ला को यह बताना चाहिए कि क्या उन्हें सत्ता में रहते हुए कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम की साजिश के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी। उन्हें यह भी बताना होगा कि पाकिस्तान द्वारा भेजे गए आतंकवादियों को पुलिस ने क्यों छोड़ा।फारूक अब्दुल्ला को यह भी बताना होगा कि पलायन कर गए कश्मीरियों की संपत्ति की खरीद-फरोख्त को कानूनी मान्यता देने का कानून किस नीयत से बनाया गया। महबूबा मुफ्ती को बताना पड़ेगा कि आज वह कश्मीरी पंडितों के लिए हमदर्दी दिखा रही हैं, लेकिन 1986 में जब कश्मीरी पंडितों पर जुल्म शुरू हुए, जब कश्मीर में मंदिरों को तोड़ा गया, उस वक्त अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के रोल पर वह क्या कहेंगी? उन्हें बताना होगा कि 1989 में रुबैया सईद अपहरण मामले में उनके पिता और तत्कालीन गृह मंत्री ने 5 खूंखार आतंकवादियों को रिहा करने का आदेश क्यों दिया था।मैं जानता हूं कि महबूबा मुफ्ती इन सब सवालों पर खामोश रहेंगी, वह इन सवालों पर नहीं बोलेंगी। मंगलवार को महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म को भी हिंदू-मुसलमान का रंग देने की कोशिश की। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘सिर्फ फिल्म बनाने से सच नहीं बदल सकता। घाटी में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे की सच्चाई हर कश्मीरी जानता है।’उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद अपनी आंखों से हिंसा देखी है, हमें और हमारे परिवार के लोगों को हिंसा का सामना करना पड़ा और अब ये लोग आकर सच बोलने का दावा कर रहे हैं। मेरे मामा और चाचा दोनों मार डाले गए, मेरी बहन की हत्या हुई, 19 मुसलमानों को मारा गया, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि मुसलमान भी मारे गए। किसी भी इंसान की हत्या दुखद है और इसे हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।’महबूबा ने आरोप लगाया कि बीजेपी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है, और भारत में कई पाकिस्तान बनवाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने अपने 60 साल से ज्यादा शासन के दौरान कई गलतियां की , लेकिन कांग्रेस पार्टी को इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए कि उसने मज़हब के नाम पर कभी लोगों को बांटा नहीं।’छत्तीसिंहपोरा, नंदीमर्ग, किश्तवाड़ और सूरनकोट में हुए नरसंहारों का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा, 'आतंकी हिंसा में हिंदू, मुस्लिम और सिख मारे गए, और कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़नी पड़ी। यहां तक कि हमारे करीबी रिश्तेदार भी मारे गए लेकिन हम चाहते हैं कि अच्छे दिन लौट आएं। लेकिन वे (बीजेपी) अमन नहीं चाहते, वे चाहते हैं, हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते रहें। वे 800 और 500 साल पहले हुकूमत करने वाले बाबर और औरंगजेब की बात कर रहे हैं। बाबर और औरंगजेब से हमारा क्या लेना-देना? ये ऐसे मुद्दे हैं जिनका आज से कोई लेना-देना नहीं हैं।'ये एक कड़वा सच है कि कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ और इसके कारण उन्हें अपना सब कुछ छोड़कर घाटी से पलायन करना पड़ा। ये भी सच है कि इस सच्चाई को तीन दशकों से ज्यादा समय से दफनाने की कोशिश की गई। 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म ने हजारों कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म, उनके साथ हुई बर्बरता और उन्हें कश्मीर छोड़कर भागने के लिए मजबूर करने की साजिश का पर्दाफाश किया है। इस फिल्म की वजह से ही कश्मीरी पंडितों के मसले पर देश भर के लोगों का ध्यान गया कि कैसे कश्मीरी पंडितों को अपना सब कुछ छोड़कर घाटी से भागना पड़ा, जहां उनके खानदान पुश्त-दर-पुश्त सदियों से रह रहे थे। इस त्रासदी को हिंदू-मुस्लिम रंग देकर छुपाया नहीं जा सकता।कश्मीरी पंडितों को इंसाफ मिलना चाहिए। कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म के लिए जिम्मेदार कौन है, इसका जवाब सामने आना चाहिए। अगर मुसलमानों के साथ कश्मीर में नाइंसाफी हुई है तो इसके लिए भी महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को जबाव देना चाहिए, क्योंकि पिछले 5 दशकों में जम्मू-कश्मीर में ज्यादातर वक्त इन्हीं दोनों के परिवारों की सरकारें रही।जब फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में मंत्री रहे, तब उन्होंने जगमोहन पर सवाल क्यों नहीं उठाए? जब महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई, तब उन्होंने एक बार भी क्यों नहीं कहा कि बीजेपी देश में कई पाकिस्तान बनाना चाहती है? मुझे अभी भी याद है कि जब संसद में कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का बिल पास हो रहा था, उसके कुछ ही दिन पहले महबूबा मुफ्ती ने धमकी दी थी कि ‘अगर ऐसा हुआ तो कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी।‘ तब उन्होंने कहा था, ‘कश्मीर घाटी में हिन्दुस्तान का तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा।’ ये अच्छी बात है कि कश्मीर में खून की नदियां नहीं बहीं, और उससे भी अच्छी बात ये है कि अब महबूबा मुफ्ती तिरंगा उठाने की बात करने लगी हैं। (रजत शर्मा)देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 22 मार्च, 2022 का पूरा एपिसोड /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var 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नगालैंड का दौरा करेगा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, एक सप्ताह में सौंपेगा रिपोर्ट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नगालैंड के स्थानीय कांग्रेस नेताओं के मौके का दौरा करने का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य के लोगों के साथ खड़ी है।
नई दिल्ली: कांग्रेस का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी से जुड़ी घटना के मद्देनजर जल्द ही घटनास्थल का दौरा करेगा और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस प्रतिनिधिमंडल का गठन किया। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह, नगालैंड के पार्टी प्रभारी अजय कुमार, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और एंटो एंटनी शामिल हैं। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नगालैंड के स्थानीय कांग्रेस नेताओं के मौके का दौरा करने का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राज्य के लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘इस घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है। नगालैंड, हम आपके साथ हैं।’’ गौरतलब है कि नगालैंड के मोन जिले में गत सप्ताहांत सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में कई नागरिकों की मौत की घटना पर बयान दिया। अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है। उन्‍होंने फायरिंग पर अफसोस जताते हुए कहा कि गलत पहचान की वजह से यह घटना हुई। उन्‍होंने कहा कि मामले में उच्‍चस्‍तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और राज्‍य में शांति व्‍यवस्‍था को बरकरार रखने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। मैंने नगालैंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि नगालैंड की घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है। सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।अमित शाह ने बताया कि भीड़ के हिंसा करने पर सुरक्षाबलों को गोलियां चलानी पड़ी। शाह ने बताया कि सुरक्षाबलों ने गाड़ी को रुकने का इशारा किया था, रुकने की बजाए गाड़ी तेजी से निकली। जांच के बाद ये गलत पहचान का मामला निकला। गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि 14 नागरिकों की मौत पर केंद्र सरकार को अफसोस है। अमित शाह ने सुरक्षा बलों का बचाव करते हुए कहा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए जवानों को गोली चलानी पड़ी थी। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को संभालने की कोशिश की है। राज्य के डीजीपी और कमिश्नर ने भी इलाके का दौरा किया है। इलाके में शांति के लिए आवश्यकतानुसार उपाय भी किए जा रहे हैं।
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https://www.indiatv.in/india/uttar-pradesh/sp-alliance-lost-up-assembly-polls-because-of-dishonesty-and-cunningness-of-bjp-shivpal-yadav-2022-03-18-840217
सपा नीत गठबंधन BJP की बेईमानी और चालाकी के कारण विधानसभा चुनाव हारा: शिवपाल
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “आगामी विधान परिषद चुनाव में अगर बेईमानी नहीं की गई तो हम विधान परिषद का चुनाव जीतेंगे।”
इटावा (उप्र): प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) के नेता शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया किया कि समाजवादी पार्टी (सपा) नीत गठबंधन भाजपा की “बेईमानी और चालाकी” के कारण हालिया विधानसभा चुनाव हार गया। यादव ने कहा, “ प्रदेश की जनता हमारे साथ है। हमें डर किस बात का है। हम चुनौतियों-मुसीबतों का डटकर मुकाबला करेंगे और जनता को न्याय दिलाने का काम करते रहेंगे।” जसवंत नगर सीट से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा,''चुनाव में हमारी (सपा नीत गठबंधन की) सीटें और वोट प्रतिशत बढ़ा है।” उन्होंने आरोप लगाया, “प्रदेश की जनता ने सपा को नहीं हराया। हमें तो भाजपा की चालाकियों और बेईमानी ने हराया है।'' प्रदेश के पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा की इस साजिश में केंद्र सरकार के कुछ मंत्री और सरकार के कई अधिकारी भी शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने कहा, “आगामी विधान परिषद चुनाव में अगर बेईमानी नहीं की गई तो हम विधान परिषद का चुनाव जीतेंगे।” शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव के साथ विवाद के बाद 2017 में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था, लेकिन हाल में संपन्न हुए चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर लिया था। गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election Result 2022) में 403 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिस्से में 255 जबकि सपा के हिस्से में 111 सीटें आयी हैं। इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में खुलेआम बेईमानी की। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने गांवों में पैसे बांटे हैं और उनको सबकुछ पता है।
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https://www.indiatv.in/india/national-earthquake-felt-in-srinagar-of-jammu-and-kashmir-742695
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 3.6 तीव्रता के भूकंप के झटके, यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र ने दी जानकारी
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार रात के समय भूकंप के झटके महसूस किए गए है। ज्यादा विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है। यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने इसकी जानकारी दी है।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार रात के समय भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने इसकी जानकारी दी है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई है। यह भूकंप के झटके आज रात 9:40 बजे श्रीनगर में महसूस किए गए। हालांकि कई स्थानीय लोगों ने इसे बम धमाका होने की बता भी कही। इसे लेकर वहां स्थानीय लोगों के बीच डर का माहौल भी बन गया। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। लेकिन यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र की जानकारी के बाद यह साफ हो गया है कि यह भूंकप के झटके ही थे।इससे पहले हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया था कि नेशनल सिस्मोलॉजिकल नेटवर्क (एनएसएन) ने देश में एक मार्च से आठ सितंबर तक 413 भूकंप रिकॉर्ड किए हैं। मंत्रालय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि देश में और आसपास भूकंप का पता लगाने और ऐसी गतिविधियों की खोज के लिए नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस), एनएसएन का प्रबंधन करता है। साथ ही मंत्रालय ने बताया ‘‘एनएसएन ने एक मार्च 2020 से आठ सितंबर 2020 तक देश में कुल 413 भूकंप दर्ज किए हैं।’’ मंत्रालय के अनुसार, 413 में से 135 भूकंप की तीव्रता 3.0 या इससे कम थी ओर इतनी कम तीव्रता के भूकंप आम तौर पर महसूस नहीं होते। जम्मू: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मंगलवार रात के समय भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने इसकी जानकारी दी है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई है। यह भूकंप के झटके आज रात 9:40 बजे श्रीनगर में महसूस किए गए। हालांकि कई स्थानीय लोगों ने इसे बम धमाका होने की बता भी कही। इसे लेकर वहां स्थानीय लोगों के बीच डर का माहौल भी बन गया। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने इसपर प्रतिक्रिया दी है। लेकिन यूरोपीय-भूमध्य भूकंपीय केंद्र की जानकारी के बाद यह साफ हो गया है कि यह भूंकप के झटके ही थे।इससे पहले हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया था कि नेशनल सिस्मोलॉजिकल नेटवर्क (एनएसएन) ने देश में एक मार्च से आठ सितंबर तक 413 भूकंप रिकॉर्ड किए हैं। मंत्रालय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि देश में और आसपास भूकंप का पता लगाने और ऐसी गतिविधियों की खोज के लिए नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस), एनएसएन का प्रबंधन करता है। मंत्रालय ने बताया कि कम से कम 153 भूकंप की तीव्रता 3.0 और 3.9 के बीच थी। यह हल्के भूकंप थे जिन्हें लोगों ने महसूस किया लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। मंत्रालय ने बताया कि कुल 114 भूकंप की तीव्रता 4.0 और 4.9 के बीच थी। इस श्रेणी का भूकंप बहुत बड़े क्षेत्र में महसूस किया जाता है और इससे थोड़ा-बहुत नुकसान होता है। मंत्रालय के अनुसार, केवल 11 भूकंप की तीव्रता 5.0 से 5.7 थी।
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https://www.indiatv.in/india/national/republic-day-why-the-controversy-over-the-removal-of-abide-with-me-tune-from-beating-retreat-ceremony-these-changes-have-already-happened-2022-01-23-832673
गणतंत्र दिवस: 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी से 'अबाइड विद मी' धुन हटाने पर विवाद क्यों? पहले भी हो चुके हैं ये बदलाव
समय के साथ पहले भी कई बदलाव किए गए हैं। उदाहरण के रूप में साल 2012 हमारे सामने है, जब पहली बार शहनाई को 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी में शामिल किया गया था। जनवरी 2014 में 'रघुपति राघव राजा राम' और 'जहां डाल डाल पर सोने की चिढ़िया' गीतों की धुन बजाई गई थी।
गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर इस बार काफी बदलाव किए जा रहे हैं। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। इसके अलावा इस बार कार्यक्रमों में भी कई बदलाव किए गए हैं। 29 जनवरी को 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी में बजाई जाने वाली धुनों में भी बदलाव हुए हैं। खास मौके पर बजाई जाने वाली 'अबाइड विद मी' धुन भी इस साल सुनाई नहीं देगी। इस धुन को महात्मा गांधी की सबसे पसंदीदा धुन कहा जाता था। कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और राष्ट्रपिता की विरासत को मिटाने तक का आरोप लगाया है। सरकारी सूत्रों ने इस पर सफाई देते हुए कहा, 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी में शामिल धुनों में बदलाव कोई पहली बार नहीं किए जा रहे हैं। पहले हमें ये समझने की जरूरत है कि ये कोई मिलिट्री सेरेमनी नहीं है जो कि आमतौर पर आर्मी डे, नेवी डे या एयरफोर्स डे पर होती है। ये भारत की संस्कृति को दर्शाने वाली सेरेमनी है, जिसमें भारत की संस्कृति की झलक नज़र आती है।बकौल सरकारी सूत्र, समय के साथ पहले भी कई बदलाव किए गए हैं। उदाहरण के रूप में साल 2012 में हुआ बदलाव भी शामिल है, जब पहली बार शहनाई को 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी में शामिल किया गया था। जनवरी 2014 में 'रघुपति राघव राजा राम' और 'जहां डाल डाल पर सोने की चिढ़िया' गीतों की धुन बजाई गई थी। यहां तक कि यूके की बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में भी साल 2001 में बदलाव किया गया था जब 'स्टार वॉर' फिल्म के थीम म्यूजिक को इस समारोह में जगह दी गई थी। जिन्होंने हमें उपनिवेश बनाया, जब वो समय के साथ बदलाव कर रहे हैं तो लुटियंस दिल्ली के चुनिंदा गुलाम मानसिकता वाले लोगों को इससे क्या परेशानी हो रही है, वो भी तब जब भारत आगे बढ़ने की तरफ देख रहा है।पहले भी हुए हैं बदलावयाद रहे, 2012 में 7 विदेशी धुनों को बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में स्थान दिया गया था, जबकि 2013 में ये घटकर 5 रह गई थीं। यानी एक साल के अंदर 2 विदेशी धुनों को हटा दिया गया था। धुनों को शामिल करना और हटाना एक प्रक्रिया है जो बिल्कुल भी नई नहीं है। इससे पहले भी कई प्रकार के बदलाव हो चुके हैं। उदाहरण के रूप में 2011 में 'द हाई रोड टू लिंटन' की धुन इस विशेष समारोह में बजाई गई थी, लेकिन 2013 में उसे हटा दिया गया था। ये एक साधारण सी बात है कि अगर अंग्रेजी सरकार के जवान इस धुनों पर गर्व महसूस करते थे तो ये भारतीयों पर जबरन क्यों थोपी जा रही है। अबाइड विद मी क्यों हटाई गई?'ऐ मेरे वतन के लोगों' धुन से भारतीयों को ज्यादा गर्व महसूस होगा क्योंकि ये हमारे देश के जवानों के बलिदानों को दर्शाता है। ये 'अबाइड विद मी' के मुकाबले हमारे देश के जवानों के बलिदान को याद करने के लिए ज्यादा उपयुक्त है। ये गीत सभी भारतीयों में देशभक्ति की एक मजबूत भावना पैदा करता है। इसलिए इस साल किए गए बदलाव को भारतीयों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-live-hindi-breaking-news-coronavirus-politics-india-world-latest-updates-november-30-756872
PM मोदी बोले- विरासत का मतलब है देश की धरोहर, हमारी संस्कृति और आस्था, कुछ लोगों के लिए अपना परिवार
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Hijab Controversy: ओवैसी बोले- नरेंद्र मोदी दाढ़ी के साथ संसद जा सकते हैं, बच्ची को क्यों रोक रहे हो
कर्नाटक में हिजाब पहनकर स्कूल कॉलेज में एंट्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस पर असदुद्दीन ओवैसी की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कुछ ऐसा कहा है।
कर्नाटक में हिजाब पहनकर स्कूल कॉलेज में एंट्री को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को इस मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में भी सुनवाई होगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई बड़ी बेंच के समक्ष करने की सिफारिश कर दी है।हिजाब विवाद पर लोगों की भी अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है। अब इस विवाद में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी कूद गए हैं। मुरादाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, 'हम आपको मुबारकबाद देते हैं। हम आपको बताना चाह रहे हैं कि बुर्का, हिजाब, केरल हाईकोर्ट ने कहा कि ये इस्लाम का एसेंशियल फीचर है।'ओवैसी आगे कहते हैं, 'ये हमारे लिए एसेंशियल है और जो नहीं करता कोई बात नहीं है। संसद में जब दाढ़ी और टोपी के साथ बीजेपी और नरेंद्र मोदी एंट्री कर सकते हैं तो ये बच्ची हिजाब पहनकर जा रही है तो क्यों रोक रहे हैं आप? अपनी बेटियों को डॉक्टर, कलेक्टर बनाइये। हमारा मकसद यही है कि जब तक भारत की महिला की तरक्की नहीं होगी, तब तक भारत की भी तरक्की नहीं हो पाएगी।'बता दें, कर्नाटक में ह‍िजाब को लेकर बढ़ते बवाल को देखते हुए मुख्‍यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्‍य में हाई स्‍कूलों और कॉलेजों को अगले 3 दिनों तक बंद रखने का आदेश दिया है। ये विवाद बढ़ता-बढ़ता दिल्ली तक पहुंच गया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में एक छात्र संगठन ने कर्नाटक में उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में हिजाब प्रतिबंधों के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया।
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https://www.indiatv.in/india/politics-pdp-leaders-not-allowed-to-attend-party-meeting-in-srinagar-738433
श्रीनगर में PDP की बैठक नाकाम, पुलिस ने मीटिंग के लिए जाने से रोका
जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की गुरुवार को होने वाली बैठक को पुलिस ने नहीं होने दी। पुलिस ने PDP के कई नेताओं को घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी।
श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की गुरुवार को होने वाली बैठक को पुलिस ने नहीं होने दी। पुलिस ने PDP के कई नेताओं को घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी। पार्टी के महासचिव जी.एन. लोन हंजुरा ने श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय पर ये बैठक गुरुवार को बुलाई थी। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पीडीपी की ये पहली बैठक होने वाली थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने ट्विटर पर एक वीडियो डाला है जिसमें पुलिस उन्हें मीटिंग के लिए जाने से रोकते हुए दिखाई दे रही है।वीडियो के साथ अख्तर ने लिखा, सरकार कह रही है कि हम सब स्वतंत्र हैं। यहां तक कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने ये बात कही है लेकिन हकीकत में हम लोग अभी भी नजरबंद हैं और वो भी बिना किसी सरकारी आदेश के। मुझे और मेरे साथियों को आज PDP की बैठक में जाने से रोका गया। पार्टी के नेता वहीद उर रहमान ने कहा, एक साल से हम बंदी में हैं। हमें कहा गया कि हम स्वतंत्र हैं, लेकिन जब हम पार्टी बैठक के लिए जाने लगे तो कहा गया कि नजरबंद हैं, उन्होंने कहा।जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी मां के ट्विटर अकाउंट से लिखा, ये शर्मनाक है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने हमारी पार्टी के नेताओं को घर से बाहर नहीं जाने दिया। ये लोग अदालत में झूठ बोलते रहते हैं कि हमें यहां पूरी स्वतंत्रता है और हम जहां चाहें जा सकते हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट हैं, हमें बाहर जाने से रोक दिया जाता है।
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https://www.indiatv.in/india/national/gyanvapi-masjid-mathura-janmabhoomi-taj-mahal-dhar-bhojshala-what-happened-in-court-hearing-on-these-cases-2022-05-12-850407
Gyanvapi-Taj Mahal-Janmabhoomi-Bhojshala: काशी, मथुरा, आगरा, धार: इन 4 बड़े धार्मिक विवादों पर अदालत की सुनवाई में क्या हुआ?
देश में आज 4 अलग-अलग बड़े धार्मिक विवादों पर संबंधित अदालतों में सुनवाई हुई। जहां एक ओर काशी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई तो दूसरी तरफ आगरा के ताजमहल में 22 कमरों को खुलवाने को लेकर दाखिल याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया।
Gyanvapi-Taj Mahal-Janmabhoomi-Bhojshala: देश में आज 4 अलग-अलग बड़े धार्मिक विवादों पर संबंधित अदालतों में सुनवाई हुई। जहां एक ओर काशी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई तो दूसरी तरफ आगरा के ताजमहल में 22 कमरों को खुलवाने को लेकर दाखिल याचिका पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया। गुरुवार को ही मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी आदेश दिया है। मध्य प्रदेश के धार में भी भोजशाला विवाद को लेकर उच्च न्यायालय ने हिंदू संगठन की याचिका स्वीकार कर ली।ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को झटकावाराणसी की एक जिला अदालत ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वेक्षण करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। कोर्ट के निर्देश के अनुसार कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा नहीं बदले जाएंगे। उनके साथ दो और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से एक अधिवक्ता ने अदालत के अधिकारी अजय कुमार मिश्रा को बदलने की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहे हैं।ताजमहल केस में याचिकाकर्ता को फटकारआगरा के ताजमहल में 22 कमरों को खुलवाने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हम यहां इसलिए नहीं बैठे हैं कि किस सब्जेक्ट रिसर्च होना चाहिए या नहीं। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह मामला कोर्ट के बाहर का है और इतिहासकारों के ऊपर इसे छोड़ देना चाहिए।जस्टिस डीके उपाध्याय ने कहा कि PIL व्यवस्था का मजाक ना बनाया जाए, इसका दुरुपयोग ना किया जाए। कोर्ट ने कहा कि ताजमहल किसने बनवाया इस पर जाकर रिसर्च करो। यूनिवर्सिटी जाओ, PHD करो तब कोर्ट आना। जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकारते हुए पूछा कि क्या इतिहास आपके मुताबिक पढ़ा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई रिसर्च करने से रोके, तब हमारे पास आना।मथुरा विवाद में 4 महीने में हो अर्जियों का निपटारामथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनाया की। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा कोर्ट को चार महीने में मूल वाद से जुड़े सभी प्रार्थना पत्रों को जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं उच्च न्यायलय ने सुन्नी वक्फ बोर्ड व अन्य पक्षकारों के सुनवाई में शामिल ना होने पर एकपक्षीय आदेश जारी करने का दिया निर्देश दिया है। बता दें कि मथुरा की एक अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। ये अर्जी मथुरा की अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़े सभी मुकदमों की सुनवाई जल्द से जल्द पूरी करने और उनका निस्तारण किए जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई थी।भोजशाला पर दावे को लेकर कोर्ट ने मांगा जवाबमध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक धार शहर की भोजशाला पर हिंदू पक्ष के दावे को लेकर बुधवार को केंद्र और राज्य की सरकारों के साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। इसके साथ ही भोजशाला का पुराना विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति अमरनाथ केशरवानी ने "हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस" नामक संगठन और हिन्दू पक्ष के अन्य लोगों की ओर से दायर दो जनहित याचिकाओं को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए नोटिस जारी किए। अदालत ने धार के भोजशाला परिसर की मस्जिद से जुड़ी मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायटी को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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https://www.indiatv.in/india/national-nagaland-villagers-pull-out-truck-like-bahubali-movie-watch-video-765162
दम लगा के हईशा! खाई में गिरे ट्रक को निकालने जब नहीं पहुंची क्रेन तो गांववालों ने किया अद्भुत काम, देखिए वीडियो
सुनने में तो ये नामुमकिन सा लगता है, लेकिन नार्थ ईस्ट के राज्य नागालैंड के एक गांव के लोगों ने इस नामुमकिन लगने वाली कल्पना को सच में बदल दिया। दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सैंकड़ों की संख्या में मौजद लोग मिलकर रस्सियों के जरिए खाई में गिरे एक ट्रक को बाहर खिंच लेते हैं।
पहाड़ों में यात्रा के दौरान अगर आपने खाई में गिरा कोई वाहन देखा होगा तो आपने ये भी सोचा ही होगा कि ये वाहन कैसे खाई में से निकाला जाएगा। कई बार खाई से वाहन निकालना न मुमुकिन होता है तो प्रशासन दुर्घटनाग्रस्त वाहन को वहीं पड़ा छोड़ देते हैं और अगर मुमकिन होता है तो क्रेन या अन्य किसी मदद से वाहन को खाई से निकाल लिया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोग मिलकर ट्रक जैसे किसी वाहन को अपने हाथों के जरिए गहरी खाई में से खिंच निकालें।पढ़ें- 'घर' नहीं संभाल रहा तो ध्यान भटकाने में लगे नेपाली पीएम ओली, भारत को लेकर फिर दिया बयानपढ़ें- होटल मालिक को चिकन न खिलाना पड़ा भारी, नशे में धुत्त शराबियों ने किया 'गलत काम'पहाड़ों में यात्रा के दौरान अगर आपने खाई में गिरा कोई वाहन देखा होगा तो आपने ये भी सोचा ही होगा कि ये वाहन कैसे खाई में से निकाला जाएगा। कई बार खाई से वाहन निकालना न मुमुकिन होता है तो प्रशासन दुर्घटनाग्रस्त वाहन को वहीं पड़ा छोड़ देते हैं और अगर मुमकिन होता है तो क्रेन या अन्य किसी मदद से वाहन को खाई से निकाल लिया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लोग मिलकर ट्रक जैसे किसी वाहन को अपने हाथों के जरिए गहरी खाई में से खिंच निकालें।पढ़ें- 'घर' नहीं संभाल रहा तो ध्यान भटकाने में लगे नेपाली पीएम ओली, भारत को लेकर फिर दिया बयानसुनने में तो ये नामुमकिन सा लगता है, लेकिन नार्थ ईस्ट के राज्य नागालैंड के एक गांव के लोगों ने इस नामुमकिन लगने वाली कल्पना को सच में बदल दिया। दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सैंकड़ों की संख्या में मौजद लोग मिलकर रस्सियों के जरिए खाई में गिरे एक ट्रक को बाहर खिंच लेते हैं।पढ़ें- सियाचीन, लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए DRDO ने बनाया 'Him Tapak', जानिए इसकी खासियतपढ़ें- बर्फबारी के बीच भारतीय रेलवे, वीडियो में देखिए बेहद सुंदर नजारानागालैंड के ये गांव वाले न सिर्फ मिलकर ट्रक को गहरी खाई से बाहर निकाल लेते हैं बल्कि मिलकर किए गए इस काम से ये संदेश भी देते हैं कि एकता, दृढ़ संकल्प और टीम वर्क किसी भी पहाड़ जैसे काम को न सिर्फ बेहद छोटा बना देते बल्कि बेहद कम समय में लक्ष्य को हासिल करने में मदद भी करते हैं।पढ़ें- किसानों का हंगामा, तोड़ दिए बैरिकेडिंग, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोलेपढ़ें- स्कूल में ही होंगे 9वीं और 11वीं क्लास के एग्जाम, इस राज्य के बोर्ड ने दी जानकारीआपको बता दें कि लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस ट्रक को गांव वालों ने मिलकर बाहर निकाला है। उसमें अदरक लाई जा रही थी, लेकिन वो रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गया और खाई में गिर गई। चूंकि यहां ट्रक को निकालने के लिए कोई मशीनरी मौजूद नहीं थे, ऐसे में गांव वालों ने मिलकर खुद की ट्रक को बाहर निकाल लिया।पढ़ें- भारत ने फिर की छोटे भाई नेपाल की मदद, सौंपा 306 मिलियन रुपयों का चेकपढ़ें- क्या नेपाल को दूसरा पाकिस्तान बनाना चाहता है चीन?देखिए वीडियो
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https://www.indiatv.in/india/national-no-evidence-that-vaccines-will-not-work-against-new-covid-variant-government-762677
कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर टीके के कारगर न होने के कोई साक्ष्य नहीं: सरकार
सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम करेगा और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका से आए सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से सुरक्षा में नाकाम रहेगा।
नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का टीका वायरस के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम करेगा और ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौजूदा टीका ब्रिटेन या दक्षिण अफ्रीका से आए सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से सुरक्षा में नाकाम रहेगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब तक यह नहीं पाया गया है कि नया स्वरूप बीमारी की गंभीरता को बढ़ा देता है। उन्होंने कहा, “ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि मौजूदा टीका ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोविड-19 के नए स्वरूप के खिलाफ नाकाम रहेगा। अधिकांश टीके संक्रमित स्पाइक प्रोटीन को लक्षित करते हैं, जिसमें परिवर्तन होते हैं लेकिन टीका हमारे प्रतिरोधी तंत्र को व्यापक सुरक्षात्मक एंटीबॉडी तैयार करने के लिये उत्प्रेरित करते हैं।” नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वी के पॉल ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों और इससे जान गंवाने वालों की संख्या में लगातार कमी आ रही है, जो दुनियाभर की स्थिति को देखते हुए आश्वस्त करती है। पॉल ने कहा, “हम कोविड-19 के नए मामलों, उपचाराधीन मरीजों और मौतों को लेकर लगातार गिरावट देख रहे हैं, जो काफी आश्वस्त करने वाला है। यह इस वक्त खास तौर पर महत्वपूर्ण है, जब कुछ राष्ट्र लगातार विनाशकारी स्थिति का सामना कर रहे हैं।” पॉल ने कहा कि सर्दी के मौसम में अधिसंख्य आबादी के लिये यह बीमारी अब भी चुनौती है। उन्होंने कहा, “वायरस का ब्रिटिश स्वरूप भारत समेत कई देशों में पहुंच चुका है, इस स्वरूप का अपना दौर हो सकता है और हमें बेहद सावधान रहना होगा।” कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का लैंगिक और उम्र के आधार पर आंकड़ा उपलब्ध कराते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोविड-19 के कुल 63 प्रतिशत मामले पुरुषों में सामने आए जबकि 37 प्रतिशत महिलाएं संक्रमित हुईं। वहीं, कोविड-19 से हुई मौत के कुल मामलों में 70 प्रतिशत मरीज पुरुष थे। उन्होंने कहा, “आठ प्रतिशत मामले 17 साल से कम उम्र वालों में सामने आए जबकि 18 से 25 साल की उम्र के लोगों में संक्रमण का आंकड़ा 13 प्रतिशत रहा। 26-44 साल आयुवर्ग के 39 प्रतिशत लोग, 45-60 साल आयुवर्ग के 26 प्रतिशत लोग और 60 साल से ज्यादा उम्र के 14 प्रतिशत मरीज संक्रमित हुए।” भूषण ने कहा कि कोविड-19 से मरने वालों में 70 प्रतिशत पुरुष थे जबकि इस बीमारी से जान गंवाने वाले 45 प्रतिशत मरीजों की उम्र 60 साल से कम थी। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या छह महीने बाद 2.7 लाख दर्ज की गई, वहीं, कुल संक्रमण दर अब 6.02 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते के दौरान संक्रमण दर 2.25 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि देश में उपचाराधीन मरीजों के कुल मामलों में से 60 प्रतिशत पांच राज्यों से सामने आए हैं जिनमें महाराष्ट्र, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
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https://www.indiatv.in/india/national-muslims-confused-about-the-corona-vaccine-764605
Corona Vaccine पर छाया धर्म का रंग, असमंजस की स्थिति में हैं मुसलमान
देश को दो कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से लेकर डॉक्टर्स तक दावा कर रहे हैं कि ये पूरी तरह सुरक्षित है। वैक्सीनेशन से पहले फाइनल रिहर्सल भी चल रहा है ताकि कोई चूक न हो जाए लेकिन पटना में कुछ लोगों ने कोरोना और टीके में मज़हब का एंगल ढूंढ लिया है।
नई दिल्ली: देश को दो कोरोना वैक्सीन मिल गई हैं। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से लेकर डॉक्टर्स तक दावा कर रहे हैं कि ये पूरी तरह सुरक्षित है। वैक्सीनेशन से पहले फाइनल रिहर्सल भी चल रहा है ताकि कोई चूक न हो जाए लेकिन पटना में कुछ लोगों ने कोरोना और टीके में मज़हब का एंगल ढूंढ लिया है। ऐसी बड़ी जमात है जो लोगों को धर्म के नाम पर गुमराह कर रही हैं। यही वजह है कि लोगों में वैक्सीन को लेकर बहुत कंफ्यूज़न है। अहमदाबाद में भी स्वास्थ्य कर्मचारी वैक्सीनेशन को सफल बनाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे है लेकिन कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों में उनके लिए कदम कदम पर मुश्किल आ रही है।लोग वैक्सीन लगवाने से सीधे मना कर रहे हैं और इसकी वजह बेहद हैरान करने वाली है। बता दें कि अहमदाबाद और पटना के लोगों को मुंबई से सीखने की ज़रूरत है। मुंबई के मुस्लिम कोरोना वैक्सीन पर क्या सोचते हैं। जब हमारे चैनल इंडिया टीवी की संवाददाता नम्रता ने इस पर सवाल किया तो बहुत से ऐसे लोग मिले जो जागरूक हैं और कोरोना का खात्मा करने वाले टीके का इंतज़ार कर रहे हैं।देखें वीडियो- /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); 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}वहीं, आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि उन्हें कोविड-19 टीके की पहली खेप जल्दी ही मिल सकती है और इसे प्राप्त करने के लिए वे तैयार रहें। मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि आपूर्तिकर्ता टीके की आपूर्ति 19 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के केंद्रों पर करेगा। इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। शेष 18 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को टीका उनके संबंधित सरकारी चिकित्सा भंडारण डिपो से मिलेगा। इनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, अरूणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दमन और नागर हवेली, दमन एवं दीव, गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड शामिल हैं।स्वास्थ्य मंत्रालय में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) के सलाहकार डॉ प्रदीप हलदर ने पांच जनवरी के पत्र में कहा, "सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 टीके की पहली खेप जल्द मिल सकती है।" उन्होंने कहा, " इस संबंध में, आपसे आग्रह किया जाता है कि टीके की आपूर्ति को प्राप्त करने के लिए पहले से ही तैयारी रखें।" पत्र में कहा गया है कि टीके का जिलों में वितरण पंजीकृत लाभार्थियों के मुताबिक होगा, जिसके लिए जल्दी अलग से एक पत्र भेजा जाएगा।
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https://www.indiatv.in/india/national-viral-video-delhi-police-catches-arm-dealer-car-full-of-weapon-764612
कार के दरवाजे से डिग्गी तक, हर जगह पिस्टल ही पिस्टल, जखीरा देख चौंक गई पुलिस, देखिए वीडियो
पुलिस ने जब मुखबीर द्वारा दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर इस सप्लायर को रोका था। पुलिस ने जब हथियारों के इस सौदागर की ड्राइविंग सीट का दरवाजा चेक किया तो उसमें से एक-एक करके 4 पिस्टल बरामद किए। इसके बाद पुलिस ने पूरी कार को तसल्ली से चेक किया। कार की अगली सीट के दूसरे दरवाजे से 4 सेमीऑटोमैटिक पिस्टल बरामद हुए।
नई दिल्ली. देश की राजधानी नई दिल्ली की पुलिस ने शहर में एक साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने एक आर्म्स सप्लायर को गिरफ्तार किया है। हथियारों की तस्करी करने वाले इस क्रमिनल के पास से 35 पिस्टल और 60 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार किए गए सप्लायर ने ये पूरा अपनी कार में इस तरह से छिपाया हुआ था कि चेकिंग करने पर किसी को इसकी भनक न लगे सके। जब पुलिस ने कार के गेटों की तलाशी ली तो उसमें से पिस्टलें बरामद हुईं और कार की डिग्गी में तो हथियारों का अंबार बरामद हुआ, जिसे देखकर खुद पुलिसकर्मी चौंक गए। पुलिस को सप्लायर की कार की डिग्गी से 19 पिस्टल जबकि चारों गेट से 16 पिस्टल मिले हैं।पढ़ें- कश्मीर: सेना के कैंप में आई मजीद अहमद की कॉल, फिर जवानों ने किया ऐसा काम कि सभी करने लगे तारीफदरअसल पुलिस ने जब मुखबीर द्वारा दी गई खुफिया जानकारी के आधार पर इस सप्लायर को रोका था। पुलिस ने जब हथियारों के इस सौदागर की ड्राइविंग सीट का दरवाजा चेक किया तो उसमें से एक-एक करके 4 पिस्टल बरामद किए। इसके बाद पुलिस ने पूरी कार को तसल्ली से चेक किया। कार की अगली सीट के दूसरे दरवाजे से 4 सेमीऑटोमैटिक पिस्टल बरामद हुए।पढ़ें- चोरों का सिर मुंडवाने के बाद बिना कपड़े निकाली गई बारात, अब पुलिस कर रही है ये कामइसके बाद पुलिस ने एक-एक करके कार के पीछे वाले दोनों दरवाजों को भी चेक किया। पुलिस ने पिछली सीट के पहले दरवाजे से भी चार और दूसरे दरवाजे से भी चार पिस्टलें बरामद हुईं। इसके बाद बाद पुलिस ने कार की डिग्गी को भी चेक किया। कार की डिग्गी को एकबार को देखने पर तो ये खाली लगी, लेकिन जब सही से देखा तो स्टेपनी की जगह दर्जनों पिस्टलें और 60 जिंदा कारतूस देखकर पुलिस के होश उड़ गए। इतनी ज्यादा संख्या में हथियार किसी लिए दिल्ली लाए गए, इसपर दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। कहीं ये 26 जनवरी से पहले किसी साजिश को अंजाम देने की तैयारी नहीं थी।पढ़ें- रेलवे ने दी गुड न्यूज! अब जल्द ही दोबारा पटरियों पर दौड़ेगी ये ट्रेनें /*.jw-reset-text, .jw-reset{line-height: 2em;}*/ .jw-time-tip .jw-time-chapter{display:none;} if ('' == comscore_jw_loaded || 'undefined' == comscore_jw_loaded || undefined == comscore_jw_loaded) {var comscore_jw_loaded = 1;firstjw = document.getElementsByClassName('jwvidplayer')[0];cs_jw_script = document.createElement('script');cs_jw_script.src = 'https://sb.scorecardresearch.com/internal-c2/plugins/streamingtag_plugin_jwplayer.js';firstjw.parentNode.insertBefore(cs_jw_script, firstjw.nextSibling); } var jwconfig_2605648063 = {"file": "https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/01/0_non1pkl4/master.m3u8","image": "https://resize.indiatv.in/resize/vod/1200_-/2021/01/0_non1pkl4.jpg","title": "स्पेशल सेल ने आर्म्स सप्लायर को किया गिरफ्तार","height": "440px","width": "100%","aspectratio": "16:9","autostart": false,"controls": true,"mute": false,"volume": 100,"floating": false,"sharing": {"code": "","sites": ["facebook","twitter","email"]},"stretching": "exactfit","primary": "html5","hlshtml": true,"duration": 235,"advertising": {"client": "vast","autoplayadsmuted": true,"skipoffset": 5,"cuetext": "","skipmessage": "Skip ad in xx","skiptext": "SKIP","preloadAds": true,"schedule": [{"offset": "pre","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PreRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"},{"offset": "50%","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_MidRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator="},{"offset": "post","tag": "https://pubads.g.doubleclick.net/gampad/ads?iu=/8323530/Hindi_Video_Desktop_PostRoll&description_url=http%3A%2F%2Fwww.indiatv.in&tfcd=0&npa=0&sz=640x480&gdfp_req=1&output=vast&unviewed_position_start=1&env=vp&impl=s&correlator=","type": "linear"}]}}; var jwvidplayer_2605648063 = ''; jwsetup_2605648063(); function jwsetup_2605648063() {jwvidplayer_2605648063 = jwplayer("jwvidplayer_2605648063").setup(jwconfig_2605648063);jwvidplayer_2605648063.on('ready', function () { ns_.StreamingAnalytics.JWPlayer(jwvidplayer_2605648063, {publisherId: "20465327",labelmapping: "c2=\"20465327\", c3=\"India TV Hindi\", c4=\"null\", c6=\"null\", ns_st_mp=\"jwplayer\", ns_st_cl=\"0\", ns_st_ci=\"0_non1pkl4\", ns_st_pr=\"स्पेशल सेल ने आर्म्स सप्लायर को किया गिरफ्तार\", ns_st_sn=\"0\", ns_st_en=\"0\", ns_st_ep=\"स्पेशल सेल ने आर्म्स सप्लायर को किया गिरफ्तार\", ns_st_ct=\"null\", ns_st_ge=\"News\", ns_st_st=\"स्पेशल सेल ने आर्म्स सप्लायर को किया गिरफ्तार\", ns_st_ce=\"0\", ns_st_ia=\"0\", ns_st_ddt=\"2021-01-08\", ns_st_tdt=\"2021-01-08\", ns_st_pu=\"India TV Hindi\", ns_st_cu=\"https://vod-indiatv.akamaized.net/hls/2021/01/0_non1pkl4/master.m3u8\", ns_st_ty=\"video\"" });});jwvidplayer_2605648063.on('all', function (r) { if (jwvidplayer_2605648063.getState() == 'error' || jwvidplayer_2605648063.getState() == 'setupError') {jwvidplayer_2605648063.stop();jwvidplayer_2605648063.remove();jwvidplayer_2605648063 = '';jwsetup_2605648063();return; }});jwvidplayer_2605648063.on('error', function (t) { jwvidplayer_2605648063.stop(); jwvidplayer_2605648063.remove(); jwvidplayer_2605648063 = ''; jwsetup_2605648063(); return;});jwvidplayer_2605648063.on('mute', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_2605648063.on('adPlay', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_2605648063.on('adPause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_2605648063.on('pause', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_2605648063.on('error', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_2605648063.on('adBlock', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);});jwvidplayer_2605648063.on('adSkipped', function (event) { ga('send', 'event', 'JW Player Events', 'Errors', event.message);}); }
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https://www.indiatv.in/india/national-india-welcomes-removal-of-sudan-from-state-sponsors-of-terrorism-list-753170
आतंकवाद प्रायोजक देशों की सूची से इस देश को बाहर करने की पहल, भारत ने स्वागत किया
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बयान जारी कर जुबा शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे लोकतांत्रिक बदलाव होगा।
नयी दिल्ली: भारत ने सूडान को आतंकवाद के प्रायोजक देशों की अमेरिकी सूची से बाहर निकाले जाने का सोमवार को स्वागत किया। साथ ही इसने अफ्रीकी देश और इजराइल के बीच संबंधों के सामान्य होने का भी स्वागत किया। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बयान जारी कर जुबा शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इससे लोकतांत्रिक बदलाव होगा और सूडान के विकास, शांति और सुरक्षा को बढ़ाने में योगदान मिलेगा।सूडान की अस्थायी सरकार ने पिछले महीने कई आतंकवादी समूहों के साथ शांति समझौता किया ताकि वर्षों से चल रहे गृह युद्ध को समाप्त किया जा सके जिसमें देश के लाखों लोग मारे गए। इसी सिलसिले में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि वॉशिंगटन, सूडान को आतंकवाद के प्रायोजक देशों की सूची से हटा देगा।इसके कुछ दिनों बाद सूडान तीसरा देश बना जिसने अमेरिकी मध्यस्थता में इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘सूडान के साथ भारत के रिश्ते ऐतिहासिक और विशिष्ट हैं और साझे मूल्यों तथा लोगों के बीच निकट संपर्क पर आधारित हैं। हम सूडान को आतंकवाद के प्रायोजक देशों की सूची से हटाने और इजराइल के साथ संबंधों को सामान्य करने की पहल का स्वागत करते हैं।’’इसने कहा, ‘‘हम सूडान की अस्थायी सरकार और जनता को जुबा शांति समझौते पर हस्ताक्षर के लिए बधाई देते हैं और उम्मीद करते हैं कि इन सकारात्मक पहल से वहां लोकतंत्र की शुरुआत होगी और सूडान के विकास, शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने में सहयोग मिलेगा।’’
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https://www.indiatv.in/india/national-coronavirus-third-wave-is-round-the-corner-may-impact-our-children-says-supreme-court-788865
बच्चों पर असर डाल सकती है कोरोना की तीसरी लहर, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
गुरुवार को दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर सामने दिख रही है और इसका असर हमारे बच्चों पर भी पड़ सकता है
नई दिल्ली। देश अभी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ रहा है और अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी आशंका हो रही है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंता जताई है और सरकार से उसके लिए तैयारी करने के लिए कहा है। गुरुवार को दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर सामने दिख रही है और इसका असर हमारे बच्चों पर भी पड़ सकता है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि तीसरी लहर से पहले वैक्सीनेशन के मौजूदा अभियान को तेजी से पूरा करने की जरूरत है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि देश कोरोना की तीसरी लहर में प्रवेश कर सकता है और उसको लेकर अगह हम आज तैयारी करेंगे तो उससे लड़ पाएंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मौजूदा समय में देश के अंदर लगभग 1.5 लाख डॉक्टर ऐसे हैं जो कोर्स पूरा कर चुके हैं लेकिन NEET परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं, इसी तरह लगभग 2.5 लाख नर्स हैं जो परीक्षा पास करके घर पर बैठे हुए हैं, ये सब लोग तीसरी लहर में कारगर साबित हो सकते हैं, उन्होंने सरकार से पूछा कि इनका कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा असर युवाओं पर पड़ा है, पहली लहर में ज्यादा उम्रदराज वाले लोग प्रभावित हुए थे। अब कुछ रिपोर्ट्स सामने आई हैं जो कह रही हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा पड़ सकता है। कई देशों में युवा दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। कनाडा में तो 12-15 साल के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगाने की अनुमति दे दी गई है। इस बीच देश में कोरोना की दूसरी लहर ही आउट ऑफ कंट्रोल नजर आ रही है। रोजाना रिकॉर्ड संख्या में नए कोरोना मामले सामने आ रहे हैं और रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 4.12 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 3980 लोगों की जान गई है।
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https://www.indiatv.in/india/national-third-covid-wave-of-magnitude-comparable-to-first-two-unlikely-to-hit-india-delhi-aiims-director-dr-randeep-guleria-824418
कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में ज्यादा तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं: गुलेरिया
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘‘देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। समय के साथ महामारी स्थानीय बीमारी का रूप लेगी। मामले आते रहेंगे लेकिन प्रकोप बहुत कम हो जाएगा।’’
नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दर्शाता है कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव की लिखी पुस्तक ‘गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सीन-द इनसाइड स्टोरी’ के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए गुलेरिया ने कहा कि जिस तरह से टीके संक्रमण की गंभीरता को रोकने और अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति से बचाने के मामले में कारगर हो रहे हैं, अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोगों के भर्ती होने समेत किसी बड़ी लहर की संभावना हर दिन क्षीण हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में कोविड की पहली दो लहरों की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। समय के साथ महामारी स्थानीय बीमारी का रूप लेगी। मामले आते रहेंगे लेकिन प्रकोप बहुत कम हो जाएगा।’’ टीके की बूस्टर खुराक के संदर्भ में गुलेरिया ने कहा कि इस समय मामलों में इजाफा नहीं देखा जा रहा, जिससे लगता है कि टीकों से कोरोना वायरस के खिलाफ अब भी सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए टीके की बूस्टर या तीसरी खुराक की फिलहाल जरूरत नहीं है।’’ नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि तीसरी खुराक पर निर्णय विज्ञान के आधार पर लिया जाना चाहिए। रूपा प्रकाशन से आई पुस्तक के बारे में बात रखते हुए भार्गव ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ संरक्षण के लिए टीके की बूस्टर खुराक की जरूरत के समर्थन में अभी तक कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों, सरकार और लोगों के काम में स्पष्टता तथा गंभीरता थी। उन्होंने कहा कि महामारी से लोगों ने सीख ली है और स्वास्थ्य संबंधी ढांचा मजबूत हुआ है, वहीं हमें दुनिया में सभी वायरसों पर नजर रखनी होगी।
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https://www.indiatv.in/india/national-j-k-bjp-chief-says-he-received-death-threat-from-pakistan-based-let-terrorist-786714
पाकिस्तानी आतंकवादी ने जान से मारने की धमकी दीः जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष
भाजपा की जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक पाकिस्तानी आतंकवादी ने जान से मारने की धमकी दी है।
जम्मू: भाजपा की जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक पाकिस्तानी आतंकवादी ने जान से मारने की धमकी दी है। रैना ने कहा कि उन्होंने यह मसला जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह के समक्ष भी उठाया है, जिन्होंने पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया है। हालांकि, पुलिस ने रैना को मिली जान से मारने की धमकी के संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। भाजपा नेता ने दावा किया कि शनिवार शाम करीब 5:30 बजे उन्हें पाकिस्तानी मोबाइल नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने खुद को लश्कर का कमांडर बताया। रैना ने कहा कि फोन करने वाले ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक वीडियो संदेश भेजकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आजाद कराने और वहां मंदिर बनाने जैसे बयान देने पर जान से मारने की धमकी दी।भाजपा नेता ने कहा कि वह ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
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कृषि विधेयकों और सांसदों के निलंबन पर राष्ट्रपति से मिलेंगे गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद कृषि विधेयकों और ऊपरी सदन के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दों पर बुधवार को शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद कृषि विधेयकों और ऊपरी सदन के आठ सांसदों के निलंबन के मुद्दों पर बुधवार को शाम पांच बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘राष्ट्रपति ने हमें मिलने का समय दिया है और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद उनसे शाम पांच बजे मुलाकात करेंगे।’’ विपक्ष की करीब 16 पार्टियों ने इन मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। इससे पहले फैसला हुआ था कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सदन में सदस्यों की संख्या के आधार पर पांच प्रमुख विपक्षी दलों कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और द्रमुक के पांच प्रतिनिधि राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के लिए जाएंगे। बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस ने आग्रह किया कि उसकी जगह किसी छोटी पार्टी के प्रतिनिधि को भेजा जाए क्योंकि कृषि विधेयकों के खिलाफ लड़ाई मिलकर लड़ी गई है और यह प्रयास सदन में संख्या के आधार पर निर्भर नहीं करता है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि शिवसेना अथवा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधि भी विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगा। सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों की बुधवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि सिर्फ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ही राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दल इस बात पर एकमत थे कि वे इस मुलाकात से किसी पार्टी को अलग नहीं रखना चाहते, लेकिन कोरोना संकट से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। राज्यसभा के विपक्षी सांसद कृषि विधेयकों और आठ सांसदों के निलंबन के खिलाफ आज दोपहर को प्रदर्शन की तैयारी में हैं, जबकि लोकसभा में विपक्षी नेता दिन में दो बजे बैठक कर धरने के बारे में फैसला करेंगे।गौरतलब हो कि बीते सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी (AAP) के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, रिपुन बोरा तथा नाजिर हुसैन, केके रागेश, डोला सेन और इलामरन करीम को राज्यसभा से निलंबित किया गया था।